मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018
सत्र
शुक्रवार, दिनांक 23 मार्च, 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगर परिषद
पिपलौदा में
कराये गये
कार्यों का
मूल्यांकन
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 5506 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् पिपलौदा में वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्यों यथा पुराने बस स्टैण्ड पर कराए गये नाला निर्माण, नवीन परिषद कार्यालय भवन सह शॉपिंग कॉम्पलेक्स में निर्मित दुकानें, फर्नीचर बनवाए जाने, मुख्यमंत्री पेयजल योजना अंतर्गत कराए गये कार्य, मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना के तहत् कराए गये कार्यों की जानकारी दें। (ख) साथ ही बताएं कि वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में घर-घर शौचालय निर्माण कराये जाने के अतिरिक्त भी जो-जो कार्य किये गये, वे कार्य वर्षवार किन मदों के माध्यम से कितना-कितना बजट, कब कब प्राप्त होकर कितना व्यय किया गया? (ग) उपरोक्त वर्षों में कराए गये स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा किये गये अंकेक्षण कार्य का अंकेक्षण प्रतिवेदन प्रमाणित प्रतियों सहित दें तथा आपत्तियों पर की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में किये गये कार्यों की परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव, जारी की गई विज्ञप्ति, आरक्षण रोस्टर, नीलामी हेतु मूल्यांकित दर का पत्रक, नीलामी में शामिल लगाई गई बोली का पत्रक तथा अंतिम बोलीदारों द्वारा निकाय में जमा कराई गई राशि से संबंधित दस्तावेज (प्रमाणित) एवं नियमानुसार सक्षम अधिकारी आयुक्त, उज्जैन संभाग, उज्जैन की सक्षम स्वीकृतियों पश्चात् किये गये कार्यों की नियमानुसार जानकारी से अवगत कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) स्थानीय निधि संपरीक्षा से कराये गये अंकेक्षण से संबंधित जानकारी एवं अंकेक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' क्रमांक 01 से 260 अनुसार है। ऑडिट आपत्तियों के निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) परिषद प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' क्रमांक 01 से 71 अनुसार है, जारी की गयी विज्ञप्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ड.' क्रमांक 01 से 59 अनुसार है तथा आरक्षण रोस्टर नीलामी हेतु मूल्यांकित दर पत्रक तथा अंतिम बोलीदार द्वारा निकाय में जमा कराई गयी राशि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'च' क्रमांक 01 से 21 अनुसार है। आयुक्त, उज्जैन संभाग, उज्जैन से सक्षम स्वीकृतियां प्राप्त करने से संबंधित जानकारी निरंक है।
औद्योगिक इकाईयों के पर्यावरण सुरक्षा हेतु नियत मापदण्ड
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
2. ( *क्र. 2063 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ में स्थापित औद्योगिक इकाईयों की सूची उपलब्ध करायें तथा बतायें कि शासन नियमानुसार स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के प्राथमिकता क्रम में कितने क्षेत्रीय युवाओं को औद्योगिक इकाई की स्थापना दिनांक से प्रश्नांश दिनांक तक रोजगार उपलब्ध कराये गये? वर्षवार सूची उपलब्ध करायें तथा क्षेत्र के बाहर के युवाओं को कितना रोजगार उपलब्ध कराया गया? दोनों की पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) सूची में क्या क्षेत्रीय युवाओं की तुलना में बाहरी लोगों को ज्यादा रोजगार प्रदाय किया गया? (ग) औद्योगिक इकाईयों द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिये किन-किन मापदण्डों का पालन करना जरूरी है? इनके द्वारा इस दिशा में क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? सूची उपलब्ध करायें एवं यह भी बतायें कि कुल आय की कितनी प्रतिशत राशि क्षेत्र के विकास में दिये जाने का प्रावधान है? वर्षवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? इकाईवार सूची उपलब्ध करावें। (घ) सिहोरा की जीवनदायिनी हिरन नदी में औद्योगिक इकाईयों द्वारा अपशिष्ट पानी, रासायनिक पानी को छोड़ा जा रहा है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है। इसके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ में स्थापित होकर वर्तमान में उत्पादनरत औद्योगिक इकाईयों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। औद्योगिक इकाईयों में कार्यरत व्यक्तियों की वर्षवार जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ में वर्तमान में उत्पादनरत 05 औद्योगिक इकाईयों में 303 स्थानीय एवं 29 मध्यप्रदेश के बाहर के व्यक्ति कार्यरत हैं। स्थानीय व्यक्तियों एवं बाहरी व्यक्तियों की पृथक-पृथक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम 6 एवं 7 अनुसार है। (ख) जी नहीं, स्थानीय व्यक्तियों की तुलना में बाहरी व्यक्तियों को ज्यादा रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया है, जो प्रश्नांश (क) के उत्तर में इस संबंध में दी गई जानकारी से स्पष्ट है। (ग) औद्योगिक इकाईयों को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974, वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1921 एवं पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 तथा इसके अधीन बनाये गये नियमों के प्रावधानों, सम्मति शर्तों का पालन, दूषित जल का निर्धारित मानकों तक उपचार करना एवं वायु गुणवत्ता निर्धारित मानकों तक सुनिश्चित कराने से संबंधी मापदण्डों का पालन करना अनिवार्य है। उल्लेखित उद्योगों द्वारा पर्यावरण सुरक्षा के लिये जल एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्थाएं स्थापित की गई हैं तथा दूषित जल को निर्धारित मानकों तक उपचार उपरांत उपचारित दूषित जल का पुन:प्रयोग प्रक्रिया में वृक्षारोपण, डस्ट सप्रेशन हेतु एवं जल छिड़काव आदि कार्यों में किया जाता है। उपरोक्त उद्योगों द्वारा दूषित जल का निस्तारण परिसर के बाहर नहीं किया जा रहा है। औद्योगिक इकाईयों द्वारा पर्यावरण सुरक्षा के अंतर्गत वृक्षारोपण के कार्य भी किये गये हैं। इकाईयों द्वारा पर्यावरण सुधार हेतु किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कुल आय की राशि में से क्षेत्र के विकास के लिये दी जाने वाली राशि का प्रावधान एवं वर्षवार राशि व्यय की जाने की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) जी नहीं, हरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में स्थित किसी भी औद्योगिक इकाई द्वारा वर्तमान में हिरन नदी में अपशिष्ट अथवा रासायनिक जल नहीं छोड़ा जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंहस्थ 2016 के आयोजन हेतु व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 5239 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिंहस्थ 2016 के अंतिम आकड़ों के खर्च संबंधी रिपोर्ट तैयार हो गई है? यदि हाँ, तो कुल कितना खर्च हुआ तथा जिन लगभग 40 विभागों द्वारा कार्य कराये गये? उनकी विस्तृत रिपोर्ट देवें कि किस-किस विभाग द्वारा किस कार्य के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा उत्तर दिनांक तक कितनी खर्च की गई? (ख) सिंहस्थ की कुल राशि में से निर्माण खरीदी किराया प्रशिक्षण संगोष्ठी सांस्कृति कार्यक्रम, मेला व्यवस्था, शुल्क भुगतान, भोजन खर्चा, वाहन किराया खर्च, होटल खर्च, फोटो ग्राफर/वीडियो शूटिंग का खर्च, फिल्म निर्माण का खर्च, विज्ञापन इत्यादि खर्च कलाकारों को मानदेय खर्च इवेन्ट मैनेजमेंट पर खर्च कंसलटेंसी खर्च आदि अन्य मद में कितना-कितना खर्च हुआ? (ग) सिंहस्थ 2016 में भ्रष्टाचार आर्थिक अनियमितता गड़बड़ी आदि के संज्ञान में आये प्रकरणों की विभाग अनुसार संबंधित राशि जिम्मेदार का नाम, पद प्रकरण का प्रकार सहित जानकारी दें तथा बतावें कि किस-किस पर कार्यवाही प्रचलन में है? (घ) मंत्रिमंडल समिति तथा खरीदी हेतु प्रशासकीय योजना तथा स्वीकृति प्रदान करने वाली समिति द्वारा तैयार की गई विस्तृत कार्य योजना तथा स्वीकृति (खरीदी) प्रदान की अंतिम संपूर्ण सूची प्रस्तुत करें तथा बतावें कि खरीदी में पारदर्शिता हेतु क्या-क्या किया गया? प्रत्येक खरीदी की स्वीकृति की दर मात्रा कुल राशि सप्लायर का नाम, पता, खरीदी की दिनांक भुगतान की दिनांक सहित सूची देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
शास. आदर्श विज्ञान महाविद्यालय ग्वालियर में कराये गये निर्माण कार्य
[उच्च शिक्षा]
4. ( *क्र. 4090 ) श्री कमलेश शाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 17.06.2015 से 30.10.2015 तक शास. आदर्श विज्ञान महाविद्यालय ग्वालियर में प्राचार्य के पद पर कौन पदस्थ रहा? (ख) दिनांक 17 जून, 2015 से दिनांक 30.10.2015 में महाविद्यालय में किन-किन मदों में प्रशासन, रूसा, यू.जी.सी., जनभागीदारी में कितना बजट प्राप्त हुआ? प्राप्त बजट में किन-किन फर्मों को सप्लाई का आदेश दिया गया तथा कितना भुगतान किया गया? (ग) उक्त अवधि में महाविद्यालय में मरम्मत एवं पुताई कार्य किस एजेंसी/फर्म से कराया गया? उक्त कार्य हेतु लो.नि.वि. से प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त की गई थी या नहीं एवं उक्त कार्य किसी अन्य फर्म/एजेंसी से कराने हेतु क्या विधिवत सहमति लो.नि.वि. से प्राप्त की गई थी या नहीं? (घ) क्या संधारण कार्य हेतु जिन फर्मों को कार्यादेश दिया गया था, उक्त फर्म, उक्त कार्य हेतु अधिकृत है या नहीं? यदि नहीं, तो उपरोक्त वित्तीय अनियमितता के लिये कौन दोषी है? क्या शासन उनके खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) दिनांक 17.06.2015 से दिनांक 30.10.2015 तक शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय ग्वालियर में डॉ. एम. कौशल प्राचार्य के पद पर पदस्थ रहे। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में कार्य लोक निर्माण विभाग से प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार किया गया था। (घ) संधारण का कार्य लोक निर्माण विभाग, ग्वालियर एवं पी.आई.यू. ग्वालियर के माध्यम से किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय सेवढ़ा के प्रभारी प्राचार्य का स्थानांतरण
[उच्च शिक्षा]
5. ( *क्र. 4375 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के सेवढ़ा नगर में स्थित शासकीय गोंविद महाविद्यालय में कुल कितने स्थाई/अर्द्ध स्थाई/अस्थाई/संविदाकर्मी/पारिश्रमिक/अतिथि विद्वान कर्मचारी कितने-कितने भुगतान पर कार्य कर रहे हैं, इनका वेतन/पारिश्रमिक किस मद से दिया जाता है? कर्मचारी का नाम/पदवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त महाविद्यालय में पदस्थ श्री मनोज व्यास का छात्र-छात्राओं के साथ एवं उनके अभिभावकों के साथ अभद्र व्यवहार के कारण अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया था? कुछ समय अन्यत्र रहने के बाद श्री मनोज व्यास प्रभारी प्राचार्य ने पुन: सेवढ़ा महाविद्यालय में स्थानांतरण करा लिया है? यदि हाँ, तो क्यों और कैसे एवं किसके आदेश से? (ग) क्या श्री मनोज व्यास जब से सेवढ़ा महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पुन: आये तब से कॉलेज में छात्र-छात्राओं की कॉलेज में उपस्थिति कम हुई है? यदि नहीं, तो क्या जांच कराई जायेगी। (घ) क्या ऐसे गलत आचरण के प्रभारी प्राचार्य श्री मनोज व्यास को प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र से अन्यत्र हटाये जाने हेतु विभाग को निर्देश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक इन्हें हटाया जायेगा, ताकि महाविद्यालय का वातावरण शुद्ध हो सके?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, सेवढ़ा में कुल 11 स्थाई/अस्थाई अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं। स्थाई कर्मचारियों का वेतन मांग संख्या 44 (0798) से आहरित किया जाता है। अतिथि विद्वानों का मानदेय मांग संख्या 44 (7043 मद) जनभागीदारी समितियों को महाविद्यालय में रिक्त पदों पर मानदेय हेतु भुगतान किया जाता है। शेष कर्मचारियों को जनभागीदारी मद से भुगतान किया जाता है। पदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। श्री मनोज कुमार व्यास का स्थानांतरण पूर्व में प्रशासकीय दृष्टि से किया गया था तत्पश्चात् स्वेच्छा की मांग के आधार पर पुनः स्थानांतरण किया गया है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज छिन्दवाड़ा की त्रुटिपूर्ण अंकसूचियों का सुधार
[उच्च शिक्षा]
6. ( *क्र. 5482 ) पं. रमेश दुबे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज छिन्दवाड़ा के वर्ष 2014-15 की प्रथम सेमेस्टर के परीक्षाफल की अंकसूची अब तक छात्र-छात्राओं को प्रदाय नहीं की गयी है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या उक्त सेमेस्टर की छात्र-छात्राओं को प्रदाय की गयी अंकसूची त्रुटिपूर्ण होने से उसे सुधार कर अंकसूची प्रदाय किये जाने हेतु छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के माध्यम से संबंधित विश्वविद्यालय को प्रस्तुत किया था? यदि हाँ, तो क्या सुधार कर छात्र-छात्राओं को अंकसूची वापस की गयी? नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं? (ग) प्रश्नकर्ता को छात्र-छात्राओं से उक्ताशय की शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 56 चौरई दिनांक 15.01.2018 माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो इस पत्र पर अब तक क्या सार्थक पहल हुई है? (घ) क्या शासन अंकसूचियों में सुधार कर छात्र-छात्राओं को शीघ्र वापस प्रदान किये जाने का आदेश देगा? यदि हाँ, तो कब तक सुधार की गयी अंकसूचियां इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज छिन्दवाड़ा के वर्ष 2014-15 के प्रथम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को उपलब्ध करा दी जावेंगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) डॉ. हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर द्वारा बी.कॉम. प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम अधिसूचना क्रमांक इ.एक्स./आर./418/14, दिनांक 01.01.2016 को घोषित किया गया। साथ ही 18.01.2016 को उक्त अंकसूचियां महाविद्यालय को प्रदान की गयी हैं। (ख) जी हाँ, महाविद्यालय द्वारा गलत अंक भेजने के कारण छात्र सी.सी.ई. में अनुत्तीर्ण हो गये थे, जिसे संज्ञान में लेते हुये महाविद्यालय द्वारा पत्र के माध्यम से अंकसूचियां संशोधन हेतु डॉ. हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर को भेजी गयीं थीं। संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा संशोधित परीक्षा परिणाम जारी कर संबंधित महाविद्यालय को अंकसूची उपलब्ध करा दी गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नकर्ता का पत्र उच्च शिक्षा विभाग के अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है। (घ) डॉ. हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर द्वारा इन्दिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज छिन्दवाड़ा के बी.कॉम. प्रथम सेमेस्टर वर्ष 2014-15 के छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम संशोधित कर अंकसूची सम्बन्धित महाविद्यालय को उपलब्ध करा दी गई है।
नगर पालिका/पंचायत में पदस्थ दै.वे.भो. कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 5332 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के पत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3, दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 द्वारा प्रदेश के शासकीय/अर्द्धशासकीय कार्यालय में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थायी कर्मी (नियमितीकरण) किये जाने के आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उक्त नियम के अंतर्गत्ा क्या कार्यालय आयुक्त नगर निगम ग्वालियर द्वारा आदेश क्रमांक 1/17/2/10/सा.प्र.2017, दिनांक 08.10.2017 को ग्वालियर नगर निगम में पदस्थ 01 सितम्बर, 2016 तक के दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का नियमितीकरण किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या 01 सितम्बर, 2016 तक के पदस्थ दैनिक वेतन श्रमिकों को नियमित किया गया है? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र की नगरपालिका नरसिंहगढ़, नगर पंचायत बोड़ा/कुरावर/तलेन में पदस्थ 01 सितम्बर, 2016 तक के दैनिक वेतन श्रमिकों को नियमित कर दिया गया है? (घ) यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त नगरपालिका, नगर पंचायतों में पदस्थ दैनिक वेतन भोगियों को नियमित क्यों नहीं किया गया? कब तक नियमित किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। ग्वालियर नगर पालिक निगम द्वारा दिनांक 01 सितम्बर, 2016 तक के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया गया है। राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में विनियमितीकरण किये जाने हेतु गठित संभागीय समिति द्वारा नगर पालिका परिषद नरसिंहगढ़ के 40 सफाई कामगार को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित किए जाने की कार्यवाही संपादित की गई है। नगर पालिका परिषद नरसिंहगढ़ के सफाई कामगार को छोड़कर अन्य दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। नगर परिषद बोड़ा/तलेन में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित किए जाने की कार्यवाही की जा चुकी है। नगर परिषद कुरावर के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित नहीं किया गया है। (घ) नगर परिषद कुरावर नव गठित नगरीय निकाय है। अत: नगर परिषद कुरावर के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति 16 मई, 2007 के उपरान्त होने के कारण विनियमितीकरण की कार्यवाही संपादित नहीं की गई है। नगर पालिका परिषद नरसिंहगढ़ के सफाई कामगारों को छोड़कर अन्य दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भवनों एवं परिसरों के पुनर्घनत्वीकरण योजनांतर्गत निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 4104 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहरी क्षेत्र में स्थित शासकीय भवनों एवं परिसरों के पुनर्घनत्वीकरण की योजना के संबंध में विभागीय आदेश एफ-23-13/2005/32-1, दिनांक 28.11.2005 एवं आदेश क्रमांक एफ-3-57/2015/18-5 भोपाल, दिनांक 20.04.2016 द्वारा जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में रीवा शहर में स्थित बाल-भारती स्कूल के सामने भूमि के बदले कलेक्ट्रेट भवन 54 शासकीय (एफ, जी, एच टाईप) आवास हॉकर्स मार्केट का निर्माण एवं एस.पी. बंगले के सामने स्थित भूमि से ऑडिटोरियम एवं व्ही.सी. बंगले का निर्माण किया जाना था? यदि हाँ, तो क्रमश: विकासकर्ता द्वारा शासकीय खजाने में रूपये 1216 लाख एवं 59.40 लाख रूपये जमा किया जाना था? यदि हाँ, तो राशि कब तक जमा किये जाने का प्रावधान किया गया था, बतावें? प्रावधानित के शर्त की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में नवीन कलेक्ट्रेट भवन एवं व्ही.सी. बंगले के भवन का नक्शा उपलब्ध करावें तथा भवन में प्रावधानित संरचना के आदेशित (एग्रीमेन्ट) की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या नवीन कलेक्ट्रेट भवन में सोलर ऊर्जा एवं लिफ्ट का भी प्रावधान था? यदि हाँ, तो कब से प्रारंभ करना था? क्या प्रारंभ किया गया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? इस कार्य के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? की जावेगी तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार हैं। (ख) जी हाँ। (1.) विकासकर्ता मेसर्स समदड़िया बिल्डर्स प्राईवेट लिमिटेड जबलपुर द्वारा शासकीय खजाने में बाल भारती स्कूल के सामने स्थित शासकीय भूमि की पुनर्घनत्वीकरण योजना के स्वीकृत प्रावधान के अनुसार निम्नानुसार राशि जमा कराई गई :- (अ) अनुबंध के समय - स्वीकृत बिड राशि रू. 36.9999999 करोड़ का 10 प्रतिशत प्रारंभिक राशि रू. 3.69 करोड़ एवं 2.5 प्रतिशत (शासकीय निर्माण की लागत रू. 18.60 करोड़ का) वास्तुविद शुल्क रू. 0.465 करोड़ जमा कराया गया। (ब) प्रथम चरण की 5000.00 व.मी. भूमि के लीज़ डीड पंजीयन के पूर्व रू. 9.25 करोड़ जमा कराया गया तथा ब्याज की राशि रू. 0.3261 करोड़ जमा कराई गई। इस प्रकार बिडर से अनुबंध के समय एवं प्रथम चरण की 5000.00 व.मी. भूमि देने के पूर्व कुल राशि रू. 13.74 करोड़ जमा कराई गई, जिसमें मण्डल पर्यवेक्षण शुल्क एवं वास्तुविदीय शुल्क भी शामिल था। उक्त जमा राशियों में से मण्डल के सुपरविजन की 6 प्रतिशत राशि (शासकीय निर्माण लागत रू. 18.60 करोड़ का) रू. 1.116 करोड़ एवं वास्तुविदीय शुल्क रू. 0.465 करोड़ (कुल राशि रू. 1.581 करोड़) को छोड़कर शेष राशि रू. 12.16 करोड़ शासन के खजाने में जमा कराई गई। (स) स्वीकृत योजना के अनुसार शासकीय निर्माण पूर्णतः के पश्चात् शेष राशि जमा कराई जानी है। शासकीय निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं उसका अंतिम मूल्यांकन किया जा रहा है। अंतिम मूल्यांकन के पश्चात् निकलने वाली राशि हेतु बिडर को 1 माह में राशि जमा कराने हेतु सूचना पत्र दिया जावेगा। (2.) विकासकर्ता मेसर्स समदड़िया बिल्डर्स प्राईवेट लिमिटेड जबलपुर द्वारा एस.पी. बंगले के सामने स्थित शासकीय भूमि की पुनर्घनत्वीकरण योजना हेतु स्वीकृत योजना के अनुसार निम्नानुसार राशि जमा कराई गई :- (अ) अनुबंध के समय - स्वीकृत प्रावधान के अनुसार स्वीकृत बिड राशि रू. 24.2399999 करोड़ का 10 प्रतिशत प्रांभिक राशि रू. 2.4239 करोड़ जमा कराये गए जिसमें से 3 प्रतिशत (शासकीय निर्माण की लागत रू. 18.38 करोड़ का) वास्तुविद शुल्क रू. 0.5514 करोड़, मण्डल का पर्यवेक्षण शुल्क रू. 1.1028 करोड़ एवं सफलता शुल्क रू. 0.1758 करोड़ को छोड़कर शेष राशि रू. 0.594 करोड़ शासकीय कोष में जमा कराये गए। शासकीय निर्माण की पूर्णता के पश्चात् स्वीकृत बिड की शेष राशि जमा कराने का प्रावधान है। अतः शासकीय निर्माण की पूर्णता के पश्चात् शेष राशि बिडर से जमा कराई जावेगी। प्रावधानित शर्तों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) नवीन कलेक्ट्रेट भवन एवं व्ही.सी. बंगले के भवन का नक्शा एवं प्रावधानित आदेशित एग्रीमेंट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) पुनर्घनत्वीकरण योजना अंतर्गत नवीन कलेक्ट्रेट भवन सोलर ऊर्जा एवं लिफ्ट का प्रावधान उक्त योजनांतर्गत नहीं था। सोलर ऊर्जा का कार्य नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के द्वारा कराया गया। लिफ्ट हेतु डक्ट का प्रावधान मानचित्र में था, परन्तु योजना में लिफ्ट लगाने का कार्य शामिल नहीं था। लिफ्ट लगाने हेतु जिला पंचायत रीवा के द्वारा एम.आर.एफ. फण्ड के तहत राशि स्वीकृत की गई है, जिसके अनुसार लिफ्ट लगाने का कार्य पूर्ण हो चुका है।
नगर पालिक निगमों में चिकित्सकों के पदों को यथावत रखा जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 1372 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पूछे गये प्रश्न (क्र. 233), दिनांक 30.11.2017 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में आयुक्त नगर पालिक निगमों (रीवा, भोपाल, उज्जैन, कटनी) से प्रतिवेदन चाहा गया है, तो क्या प्रश्न दिनांक तक प्रतिवेदन विभाग को प्राप्त हो गया? यदि हाँ, तो प्रति दें। यदि नहीं, तो प्रतिवेदन न देने वाले आयुक्तों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दिया गया है कि संचालनालय के कार्यालय अधीक्षक व सहायक संचालक को त्रुटिपूर्ण जानकारी के लिए नोटिस जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति दें एवं नोटिस के प्राप्त जवाबों की प्रति दें तथा जवाब उपरान्त की गई कार्यवाही बतायें? यदि नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास को दिनांक 25.01.2018 को दो पत्र एवं आयुक्त नगरीय प्रशासन को पत्र क्रमांक 549, दिनांक 25.01.2018 को लिखे गये पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई एवं क्या पत्रों पर चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी गई? यदि नहीं तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करते हुये जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रदेश के नगर पालिक निगमों में कार्यरत आयुष चिकित्सक जो संविदा/दैनिक वेतन पर कार्यरत हैं, उन्हें उनकी सेवा निवृत्ति तक निगम औषधालयों में कार्यरत रखा जावेगा? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं? उक्त आयुष चिकित्सकों की सूची प्रथम नियुक्ति दिनांक व प्रति माह दिये जा रहे वेतन के साथ सूची दें एवं दैनिक वेतन पर कार्यरत आयुष चिकित्सकों को उच्च कुशल श्रमिक का वेतन कब तक दिया जावेगा और अब तक क्यों नहीं दिया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। संचालनालय के पत्र क्रमांक 24816, दिनांक 21.11.2017 द्वारा नगर पालिक निगम रीवा, भोपाल, उज्जैन एवं कटनी से प्रतिवेदन चाहा है। नगर पालिक निगम, रीवा एवं नगर पालिक निगम, उज्जैन से प्राप्त प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। नगर पालिक निगम, भोपाल एवं नगर पालिक निगम, कटनी से प्रतिवेदन मंगाये जाने हेतु स्मरण पत्र प्रेषित किया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य का पत्र क्रमांक 549 दिनांक 25.01.2018 संचालनालय को प्राप्त हुआ है, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी नहीं। कार्य की आवश्यकता अनुसार संविदा/दैनिक वेतन भोगी के रूप में रखा जाता है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। नवीन आदर्श कार्मिक संरचना में आयुक्त चिकित्सक के पद डाईंग केडर होने से सेवा निवृत्त होने पर पद समाप्त हो जाने से यथावत रखने के संबंध में विभाग की कोई नीति नहीं है।
नर्मदा सेवा यात्रा हेतु किराये पर लिये गये वाहन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
10. ( *क्र. 5191 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा सेवा यात्रा के समापन में वाहन किराये से अनुबंधित किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट, सिवनी एवं छिन्दवाड़ा जिलों से किस-किस दर पर कितने वाहन अनुबंधित किये गये, क्या इनमें भोजन आदि की सुविधाएं भी सम्मिलित थीं? यदि हाँ, तो दर बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित जिलों में अनुबंधित किये गये वाहन के नम्बर, भुगतान प्राप्तकर्ता का नाम, बैंक खाता नम्बर, भुगतान हेतु शेष वाहन के नम्बर, वाहन मालिक का नाम, भुगतान हेतु शेष राशि, भुगतान शेष रहने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या भुगतान की गई राशि से टी.डी.एस. की कटौती की गई है? यदि हाँ, तो वाहनवार, जिलेवार, टी.डी.एस. कटौत्रों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो टी.डी.एस. की कटौती क्यों नहीं की गई? कारण सहित बतावें। कटौती नहीं करने पर जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
शासकीय शंकर साव पटेल महाविद्यालय वारासिवनी में एम.एस.सी संकाय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
11. ( *क्र. 4044 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को कब-कब उक्त विषयांकित कॉलेज में एम.एस.सी. संकाय की स्वीकृति हेतु पत्राचार किया गया? क्या बालाघाट जिले के अन्य नये शासकीय महाविद्यालयों में स्नात्कोत्तर संकाय खोला गया? यदि हाँ, तो किन-किन महाविद्यालयों में नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या शासकीय शंकर साव पटेल महाविद्यालय में विगत 50 वर्षों से विज्ञान एवं गणित संकाय की कक्षाएं संचालित हो रही हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा आज तक उक्त महाविद्यालय में एम.एस.सी. संकाय क्यों नहीं खोला गया? इसके क्या कारण थे? (ग) उक्त महाविद्यालय द्वारा कब-कब संबंधित विभाग को एम.एस.सी. संकाय की स्वीकृति हेतु पत्राचार किया गया? उक्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त विषयांकित महाविद्यालय वारासिवनी में एम.एस.सी. संकाय की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) समयावधि उल्लेखित नहीं होने से पत्राचार का विवरण नहीं दिया जा सकता है। जी हाँ वर्ष 2017 में शासकीय महाविद्यालय कटंगी में रसायन शास्त्र तथा शासकीय महाविद्यालय लालबर्रा में हिन्दी साहित्य, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र विषयों में स्नातक स्तर की कक्षाएं प्रारंभ की गईं हैं। (ख) जी नहीं, शासकीय शंकरसाव पटेल महाविद्यालय, वारासिवनी में विज्ञान एवं गणित संकाय की कक्षाएं वर्ष 1990 से प्रारंभ हैं। स्नातकोत्तर विषय प्रारंभ करने के लिए आवश्यकतानुसार नीतिगत निर्णय लिया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) महाविद्यालय द्वारा विधानसभा में उठाये गये विषयों के अतिरिक्त पृथक से एम.एस.सी. विषय प्रारंभ करने हेतु कोई पत्राचार नहीं किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायत गुरैमा में निर्माण कार्य हेतु राशि का आहरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 4882 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत गुरैमा जन.पंचा. सबलगढ़ जिला मुरैना की पंचा.सचिव श्रीमती पुष्पादेवी जादौन का स्थानांतरण सरपंच एवं अन्य ग्रामवासियों की शिकायत पर पंचायतराज संचालनालय भोपाल के आदेश क्रमांक/पं.रा./पंचा./2017/15802, भोपाल दिनांक 26.12.2017 से ग्राम-पंचा.रहूगांव जन-पंचा. सबलगढ़ में किया गया था, यदि हाँ, तो क्या इस आदेश के पालन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जन-पंचा- सबलगढ़ के द्वारा पत्र क्रमांक/ज.पं./स्था./2017/3118 सबलगढ़ दिनांक 29.12.2017 से सचिव को भारमुक्त कर दिया गया था? यदि हाँ, तो फिर पंचायत राज संचालनालय भोपाल के पत्र क्रमांक/पं.रा./पंचा-/2018/1038 भोपाल दिनांक 27.01.2018 से पूर्व में किये गये स्थानांतरण को क्यों निरस्त किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) ग्राम पंचायत गुरैमा की सरपंच अनुसूचित जाति की महिला है और उसके द्वारा पंचायत सचिव के मनमाने ढंग से पति एवं शासकीय शिक्षक देवर श्रीरामप्रकाश जादौन के द्वारा कार्य किया जाकर पंचायत खाते से 2.67 लाख रूपये अवैध रूप से निकाल कर अपने पास रखने की शिकायत बार-बार करने के बाद भी दबंग सचिव को नहीं हटाया जा रहा है? क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) गुरैमा पंचायत के सचिव के किये गये स्थानांतरण निरस्ती के आदेश को निरस्त कर पूर्व में किये गये स्थानांतरण आदेश को बहाल किया जा कर सचिव का स्थानांतरण्ा किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शिकायत के आधार पर 3 सदस्यीय समिति गठित कर जांच कराई गयी। जांच अनुसार सरपंच एवं सचिव द्वारा राशि 2.67 लाख का भुगतान सामग्री क्रय हेतु राज लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी सबलगढ़ को किया गया था। निर्माण कार्य प्रगतिरत है। अतः शिकायत असत्य होने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) ऐसा कोई स्थानांतरण का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सतपुड़ा टाईगर रिजर्व क्षेत्र के विस्थापितों का व्यवस्थापन
[वन]
13. ( *क्र. 4964 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतपुड़ा टाईगर रिजर्व क्षेत्र के ग्रामों को रिजर्व क्षेत्र से बाहर विस्थापित किया गया है? यदि हाँ, तो कब तथा कहाँ-कहाँ नए ग्राम बनाकर विस्थापित किये गये हैं? सूची उपलब्ध कराएं? (ख) क्या विस्थापित परिवारों को मुआवजा/अनुदान राशि दिए जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या तथा कितनी कितनी राशि दी जाती है? नियम निर्देश की प्रति भी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या राशि विस्थापितों को दी जा रही है? यदि हाँ, तो कब कब तथा कितनी कितनी राशि किस-किस को उसके खाते में अथवा नगद दी गई? (घ) क्या विस्थापित ग्रामों में विकास के कार्य किए गये हैं? यदि हाँ, तो क्या क्या विकास कार्य किस किस विभाग द्वारा किए गए हैं? (ड.) क्या इन विस्थापितों को शासन की अन्य योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास सौभाग्य योजना, मुख्यमंत्री नलजल योजना आदि का लाभ दिया जाएगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, नई दिल्ली के आदेश क्रमांक 3 (3) -1/94-पी.टी. दिनांक 12 जून, 1995 से विस्थापितों के लिए प्रति विस्थापन इकाई रूपये 1 लाख नगद दिये जाने का प्रावधान था तथा वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3-8/07/10-2/2129, दिनांक 30.10.2008 के दिशा-निर्देशानुसार विस्थापित ग्राम के लिए रूपये 10.00 लाख प्रति विस्थापन इकाई की दर से मुआवजा/अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। नियम निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। हितग्राहियों को कलेक्टर, जिला होशंगाबाद के माध्यम से दी गई मुआवजे की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर तथा हितग्राहियों की नाम वार बैंक खाता नं. की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ड.) जी हाँ। उक्त दिशा-निर्देश के वर्णित विकल्प-1 (10.00 लाख रूपये नगद लेकर) के तहत विस्थापित ग्रामों के विस्थापितों को मुख्यमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री नलजल योजना आदि का लाभ दिलाया जा रहा है।
नगर पंचायत राजगढ़ में गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 1779 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की नगर पंचायत राजगढ़ बस स्टैण्ड में सी.सी. रोड का निर्माण कब किया गया? इसकी लागत एवं कार्य एजेंसी के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त कार्य की गुणवत्ता स्तरहीन होने के कारण कलेक्टर धार द्वारा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद, राजगढ़ जिला धार ने यह प्रतिवेदित किया गया था कि यह कार्य नगर परिषद, राजगढ़ द्वारा नहीं कराया गया है, अत: इसकी लागत आदि की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) प्राप्त शिकायत के आधार पर कलेक्टर जिला धार द्वारा कार्य की जांच कराई गई, जिसके आधार पर आयुक्त, इन्दौर संभाग ने अपने पत्र दिनांक 18.03.2014 के अनुसार यह उल्लेख किया कि न्यू बस स्टैण्ड राजगढ़ जिला-धार में दिनांक 22.07.2013 से दिनांक 12.08.2013 तक किये गये सीमेंट क्रांकीट कार्य को बिना सक्षम स्वीकृतियों तथा बिना निविदा के पूर्व से प्रचलित कार्यरत एजेंसी से अतिरिक्त कार्य के रूप में कराया गया है। अत: निविदा प्रक्रिया का पालन किये बगैर गुणवत्ताविहीन कार्य को निरूपयोगी एवं मानकों के विरूद्ध घोषित किया जाता है। इस प्रकरण में पदीय दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण निकाय के तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, श्री संतराम चौहान को दोषी पाये जाने पर 02 वार्षिक वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की गयी है।
आजीविका मिशन बालाघाट द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( *क्र. 5351 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में आजीविका मिशन द्वारा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रशिक्षण दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रशिक्षण देने वाली संस्था का नाम, कितने लोगों को प्रशिक्षण दिया गया? उनकी संख्या व यदि उनका प्लेसमेंट हुआ तो कंपनी के नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या आजीविका मिशन बालाघाट में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में बालाघाट जिले में रोजगार मेले का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो प्रत्येक रोजगार मेले में कौन-कौन सी कंपनियों ने भाग लिया तथा कितने बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हुआ? (ग) एन.आर.एल.एम. द्वारा आजीविका मिशन सेंटर का निर्माण बालाघाट जिले में कहाँ-कहाँ किया गया? नाम बतावें। क्या ग्राम संगठन का पैसा अधोसंरचना में खर्च किया जा सकता है? क्या ग्राम संगठन की राशि उस संगठन में सम्मिलित समिति अथवा समूह को 1 % ब्याज पर लेन-देन की जाती है? यदि हाँ, तो किस-किस को दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2015-16 में संस्था नवज्योति ग्रामीण विकास समिति, सिवनी द्वारा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 82 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया, परन्तु प्लेसमेंट नहीं कराया गया, वर्ष 2016-17 में कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में आजीविका मिशन सेंटर का निर्माण नहीं किया गया। जी हाँ। ग्राम संगठन द्वारा साधारण सभा में लिये गये निर्णय के आधार पर अपनी आय के पैसों का लेन-देन निर्धारित ब्याज दर पर किया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कराये जा रहे कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( *क्र. 5261 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत शौचालयों, बड़ी आबादी वाली ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक स्थल में सामुदायिक शौचालयों एवं कूड़ा करकट के निपटान हेतु ठोस तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य कराये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत विगत 3 वर्ष में कितने-कितने व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक शौचालय एवं कूड़ा करकट के निपटान हेतु ठोस तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य कराये गये हैं? विकासखण्डवार, वर्षवार, कार्यवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के कार्यों में कितनी-कितनी राशि कब-कब किस-किस कार्य में व्यय हुई? कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन योजनांतर्गत जिले एवं ब्लाक के अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? विकासखण्डवार, वर्षवार, कार्यवार, राशिवार पृथक-पृथक विवरण दें? क्या योजना में पदस्थ जिले/ब्लाक के अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया? यदि हाँ, तो कब-कब? विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र क्र. 1001 दिनांक 31.08.2016, क्र. 140 दिनांक 27.04.2017, क्र. 162 दिनांक 28.04.2017, क्र. 178 दिनांक 02.05.2017, क्र. 337 दिनांक 05.06.2017, क्र. 498 दिनांक 07.07.2017, क्र. 589 दिनांक 22.07.2017, क्र. 611 दिनांक 31.07.2017, क्र. 967 दिनांक 14.09.2017, क्र. 1132 दिनांक 27.10.2017, क्र. 1316 दिनांक 14.12.2017, क्र. 1518 दिनांक 11.01.2018 में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विकासखण्डवार वर्षवार, पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
17. ( *क्र. 263 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्य एवं शैक्षणिक तथा अशैक्षणिक स्टॉफ के रिक्त पदों को भरने की योजना है? (ख) क्या रिक्त पदों के कारण शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं हो रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक रिक्त पदों पर पदस्थापना की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। प्राचार्यों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा द्वारा विज्ञापन जारी किया जा चुका है। अशैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु वर्ष 2013 चतुर्थ श्रेणी एवं अक्टूबर 2014 में सहायक वर्ग-3 के पदों हेतु व्यापम को मांग पत्र भेजा गया, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वानों से अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित है। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 5341 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र जबलपुर पूर्व में नगर पालिका निगम जबलपुर द्वारा वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में किन-किन वार्डों में कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये? वार्डवार सूची स्वीकृत राशि सहित बतावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत वर्षों में नगर पालिका निगम जबलपुर में क्षेत्रीय विकास एवं अन्य कार्यों हेतु अनेकों पत्रों का लेख किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के कितने पत्रों का निराकरण कर कार्य कराये गये एवं पत्रों के जबाव लिखित में प्रश्नकर्ता को भेजे गये? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस पत्र का जबाव दिया गया? यदि नहीं, तो क्या विधायक के पत्रों का उत्तर देने का दायित्व आयुक्त, नगर पालिका निगम जबलपुर/संबंधित अधिकारी का नहीं है? (ग) क्या एक-एक कार्य के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगर निगम/संबंधित कार्य के अधिकारी को अनेकों पत्र लिखने के उपरांत भी कार्य नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यह भी बताया जावे कि जनप्रतिनिधियों के पत्रों का जबाव न देने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या-क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में मान. विधायक के 29 पत्र प्राप्त हुए, जिनका निराकरण कर माननीय विधायक को दूरभाष द्वारा एवं व्यक्तिश: अवगत कराया गया है, जिसकी पत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। (ग) जी नहीं। मान. विधायक के द्वारा अनुशंसित कार्य नियमानुसार किए गए हैं। उपरोक्त प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीधी भर्ती के स्थायी प्राध्यापकों की प्राचार्य पद पर पदोन्नति
[उच्च शिक्षा]
19. ( *क्र. 5330 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्यों के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पद वाले महाविद्यालयों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्राचार्यों के रिक्त पद वाले शासकीय महाविद्यालयों में सीधी भर्ती के स्थायी प्राध्यापक उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो महाविद्यालयवार, प्राध्यापकों की सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा द्वारा जारी आदेश क्रमांक 1142/शा-2/09, दिनांक 03.06.2009 होने के बावजूद शासकीय महाविद्यालयों में सीधी भर्ती के प्राध्यापक के स्थान पर प्राचार्य के रिक्त पदों का प्रभार पदोन्नत प्राध्यापकों को दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो उस नियम, आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं, जिसमें उक्त शासनादेश को संशोधित करते हुए ऐसा किए जाने का उल्लेख हो। (घ) सीधी भर्ती के स्थायी प्राध्यापकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नत किए जाने हेतु शासन की क्या योजना है? इन्हें कब तक पदोन्नत कर दिया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य के कुल 398 पद रिक्त हैं। महाविद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। महाविद्यालयवार सीधी भर्ती के प्राध्यापकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। महाविद्यालयों में जो वरिष्ठ प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक होते हैं, उन्हें ही प्राचार्य के रिक्त पद का प्रभार दिया जाता है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्राचार्य पद पर पदोन्नति हेतु प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची पर माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
वन विभाग को पुनरीक्षण की अनुमति
[वन]
20. ( *क्र. 4794 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग के यू.ओ. 464/16, दिनांक 26.12.2016 के अनुसार न्यायालीन आदेश दिनांक 20.09.2016 की प्रति प्राप्त किये बिना वन विभाग का मत प्राप्त किये बिना दिनांक 26.12.2016 को पुनरीक्षण की अनुमति प्रदान कर दी गई? यदि हाँ, तो न्यायालीन आदेश प्राप्त किये बिना वन विभाग का मत प्राप्त किये बिना एक ही दिन में पुनरीक्षण की अनुमति प्रदान करने का क्या कारण है? (ख) वन विभाग ने किस आधार पर दिनांक 26.12.2016 को पुनरीक्षण की अनुमति मांगी एवं विधि विभाग ने किस आधार पर 26.12.2016 को ही पुनरीक्षण की अनुमति प्रदान कर दी, वन विभाग द्वारा प्रस्तुत आधार की प्रति सहित बतावें। (ग) गोदाम की तलाशी लेकर गोदाम से धावड़ा गोंद जप्त कर मध्यप्रदेश वनोपज व्यापार विनियम 1969 की धारा 2 घ एवं 5 का अपराध पंजीबद्ध करने का अधिकार क्या वन अधिकारियों को है? यदि नहीं, तो विधि विभाग ने 26.12.2016 को किन कारणों से पुनरीक्षण की अनुमति प्रदान की है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वन मुख्यालय द्वारा अनुमति हेतु प्रेषित पत्र की प्रति तथा विधि एवं विधायी कार्य विभाग की अनुमति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (च), 33 (1) (ए) एवं सहपठित 66 (क), 69 के उल्लंघन हेतु धावड़ा गोंद जप्त कर वन अपराध दर्ज करने का अधिकार वन अधिकारियों को है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिक निगम में प्राप्त राजस्व के अनुपात में वार्डों में कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 2762 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम इंदौर के वार्ड क्र. 14, 15, 16 से विगत 3 वर्षों में कितना राजस्व प्राप्त हुआ? अलग-अलग मदवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्तानुसार प्राप्त राजस्व के अनुपात में उक्त वार्डों में कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों पर खर्च की गई है? (ग) नगर पालिका निगम क्षेत्र के अंतर्गत उक्त वार्डों में सड़क, बिजली, पानी एवं ड्रेनेज से संबंधित कितना कार्य किया गया है एवं कितना कार्य किया जाना शेष है? (घ) उपरोक्त (ग) में दिए गए कार्य पर कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? ग्रीष्म ऋतु में उक्त वार्डों में पेयजल संबंधी क्या व्यवस्था की गयी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वार्डों में प्राप्त राजस्व के अनुपात में कराये गये कार्यों में खर्च की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' सड़क, ''ब'' बिजली, ''स'' पानी एवं ''द'' ड्रेनेज अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम क्षेत्रांतर्गत उक्त वार्डों में किये गये कार्यों की जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार है एवं शेष कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' सड़क, ''ब-1'' बिजली, ''स-1'' पानी एवं ''द-1'' ड्रेनेज अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये कार्यों में से अमृत योजना के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्य हेतु 02 वर्ष की समयावधि लक्षित है शेष कार्य प्रगति पर हैं उन्हें पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। ग्रीष्म ऋतु में जलसंकट वाले क्षेत्रों में टेंकर के माध्यम से जलप्रदाय व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
शाजापुर जिले के धार्मिक/पर्यटन स्थलों का विकास
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
22. ( *क्र. 4239 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिले के किन-किन धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों के विकास कार्यों के लिए वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित धार्मिक स्थलों में से कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों के लिए राशि का आवंटन क्यों नहीं किया गया? क्या कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के मोरटा केवड़ी के हिमालेश्वर, सुकलिया के देहरीघाट, अलिसरीया के भोले डूंगरी, कालापीपल गांव के तेलिया हनुमान मंदिर और अवन्तिपुर बड़ोदिया के बाबा गरीबनाथ धाम के विकास कार्य हेतु मांग की गई थी? यदि हाँ, तो फिर क्यों राशि का आवंटन नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थलों के विकास कार्यों हेतु राशि आवंटित ना करके कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के साथ क्या भेदभाव नहीं किया गया? यदि नहीं, तो क्या उक्त स्थलों के विकास कार्यों हेतु राशि का आवंटन किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित धार्मिक स्थलों में से कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के (1) श्री सिंगाजी महाराज मंदिर बावड़ी खेड़ा कालापीपल हेतु राशि रूपये 5.00 लाख (2) श्री राधाकृष्ण मंदिर ग्राम कोलवा तह. कालापीपल हेतु राशि रूपये 10.00 लाख (3) श्री गोपीचन्द्र महाराज मंदिर ग्राम सलकनखेड़ी तह. अवंतिपुर बड़ोदिया हेतु रूपये 10.00 लाख एवं (4) श्री गोपाल मंदिर ग्राम पोलायकलां तह. पोलायकलां हेतु 6.00 लाख का आवंटन विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया है। कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के मोरटा केवड़ी के हिमालेश्वर, सुकलिया के देहरी घाट, अलिसरीया के भोले डूंगरी, कालीपीपल गांव के तेलिया हनुमान मंदिर के कोई प्रस्ताव विभाग में प्राप्त नहीं होने से राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। शासन संधारित मंदिरों के प्राक्कलन प्रस्ताव कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम से विभाग में प्राप्त होने पर मंदिर के जीर्णशीर्ण होने की स्थिति में आवश्यकतानुसार राशि का आवंटन किया जाता है। यह एक सतत प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
ग्वालियर जिले में अवैध रेत उत्खनन की जाँच/कार्यवाही
[खनिज साधन]
23. ( *क्र. 5296 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में रेत उत्खनन के लिये किस-किस पंचायत में किस-किस पटवारी हल्का न. एवं, सर्वे न. की कौन-कौन सी खदान से रेत उत्खनन की स्वीकृति किस दिनांक से किस दिनांक तक के लिये किस ठेकेदार/ऐजेन्सी या व्यक्ति को ठेके पर या लीज पर कितनी दर पर दी गई है? (ख) क्या स्वीकृत स्थान से ही रेत खनन की जा रही है या खनिज विभाग, राजस्व विभाग तथा पुलिस विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा बड़े स्तर पर रेत माफियाओं से मिलकर करोड़ों रूपयों का भ्रष्टाचार कर अवैध तरीके से अन्य स्थानों से रेत उत्खनन कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस अवैध रेत खनन में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी संलिप्त हैं? उनके नाम, पद बतावें। क्या ऐसे दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) रेत के अवैध उत्खनन के प्रकरण में 01 जनवरी, 2017 से 28 फरवरी, 2018 तक कौन-कौन से वाहन पकड़े गये? वाहन मालिक का नाम, वाहन का प्रकार, किस स्थान से अवैध उत्खनन कर ले जाते वाहन किस-किस दिनांक को पकड़े गये? उन वाहनों पर तथा मालिकों पर क्या-क्या दण्डात्मक कार्यवाही किस अधिकारी द्वारा की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में रेत खनिज के उत्खनिपट्टे स्वीकृत हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा इन उत्खनिपट्टा क्षेत्रों पर रेत विक्रय के स्वीकृत ठेके की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' (1) अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में स्वीकृत रेत खदानों में ही खनन का कार्य किया जा रहा है। अपितु वर्तमान में स्वीकृत क्षेत्र से बाहर खनन किये जाने का एक प्रकरण प्रकाश में आया है, जिस पर जांच की कार्यवाही प्रचलित है। यह सही नहीं है कि प्रश्न में उल्लेखित विभाग के अधिकारियों द्वारा बड़े स्तर पर रेत माफियाओं से मिलकर करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार कर अन्य स्थानों से रेत उत्खनन कराया जा रहा है। अवैध उत्खनन का प्रकरण प्रकाश में आने पर उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में रेत खनिज के 04 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। इसी प्रकार अवैध परिवहन के 315 प्रकरण दर्ज कर 291 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इस अवधि में 14 प्रकरणों में वाहन राजसात करने की कार्यवाही की गई है। चूंकि नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
नगर पालिका अशोकनगर में संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 3126 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका अशोकनगर में सी.एम.ओ. द्वारा संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है? (ख) यदि हाँ, तो यह नियुक्ति कितने वर्ष के लिये एवं किस नियम के अंतर्गत की गई है? (ग) क्या सी.एम.ओ. को इस नियुक्ति के अधिकार प्राप्त हैं? (घ) क्या यह नियुक्ति समाचार पत्रों में बिना विज्ञप्ति जारी किये की जा सकती है एवं उपरोक्त प्रश्नांश (क) में नियुक्ति हेतु विज्ञप्ति जारी की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। परिषद संकल्प क्रमांक 59 दिनांक 10.12.2010 के पालन में कार्य की अधिकता एवं आकस्मिकता को देखते हुए समय-समय पर श्रमिक रखे गए। कार्य समाप्ति उपरांत हटा दिए जाते हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति के अधिकार प्रदाय किए गए। (घ) जी हाँ। कार्य की आकस्मिकता एवं आवश्यकता को देखते हुए बिना विज्ञप्ति जारी किए श्रमिक रखे गए हैं।
धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार हेतु स्वीकृत राशि
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
25. ( *क्र. 4970 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में दिनांक 01 जनवरी, 2014 के पश्चात् शासन द्वारा संधारित कितने मंदिरों में कितनी राशि विभाग द्वारा किस-किस कार्य के लिए प्रदान की गयी? (ख) क्या उपरोक्त सभी मंदिरों में दी गयी राशि का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, इनमें कितनों में निर्माण कार्य अधूरा है, कितनों में कितने समय से कार्य प्रारंभ ही नहीं किया गया? स्थानवार उक्त संभाग की उक्त अवधि की जानकारी देवें। (ग) क्या मंदसौर विधान सभा क्षेत्र के 7 मंदिरों श्री रामजानकी मंदिर पटेला, श्री रामजानकी मंदिर एलची, श्री राधा कृष्ण मंदिर अघोरिया, श्री चार भुजा मंदिर ज्ञानपुरा, श्री राधा कृष्ण मंदिर नाईखेड़ी, श्रीराम मंदिर/बालेश्वर महादेव मंदिर घटावदा, श्री राम लक्ष्मण मंदिर धंधोड़ा के लिए प्रश्नकर्ता विधायक ने अपने पत्र क्रमांक 307, दिनाकं 07.08.2014 को उक्त मंदिर जीर्णोद्धार के संबंध में कलेक्टर मंदसौर से कोई जानकारी चाही थी? यदि हाँ, तो उक्त मंदिरों के जीर्णोद्धार की 3 वर्ष बाद भी क्या स्थिति है? (घ) क्या धर्मस्व विभाग द्वारा सितम्बर 17 में श्री पद्मनाथ भगवान् मंदिर दलौदा सगरा जिला मंदसौर तथा दिनांक 19.05.2014 को स्वीकृत श्री धोलागड़ महादेव मंदिर खिलचीपुरा, श्री चारभुजा मंदिर ग्राम नाईखेड़ी तहसील दौलोदा, नील कंठेश्वर महादेव मंदिर निम्बोद तह. दौलोदा, मंछापुरण महादेव मंदिर पित्याखेड़ी तह. मंदसौर के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गयी थी? कितने मंदिरों का जीर्णोद्धार हो गया है, कितनों का शेष है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
स्टेडियमों
के रख-रखाव
हेतु कर्मचारी
एवं खेल
प्रशिक्षक की
पदस्थापना
[खेल और युवा कल्याण]
1. ( क्र. 18 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चंबल संभाग के अंतर्गत श्योपुर, मुरैना एवं भिण्ड जिलों में किन-किन खेलों हेतु विभागीय स्टेडियम स्थापित हैं? पूर्ण विवरण दें? (ख) उक्त स्टेडियमों में वर्ष 2017-18 में कौन-कौन सी खेल प्रतियोगिताएं कौन-कौन से स्टेडियम में आयोजित की गई? जिला स्तरीय एवं तहसील स्तरीय खेलों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? प्रत्येक स्टेडियम का अलग विवरण दें? (ग) उपरोक्त जिलों में किन-किन स्टेडियम में कौन-कौन से कर्मचारी एवं प्रशिक्षक कार्यरत है और उनको प्रतिमाह वेतन भत्ते आदि कब से दिया जा रहा हैं? नाम पद सहित बतावें? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या इंदिरा गांधी स्टेडियम लहार के क्षतिग्रस्त होने का परीक्षण कराया गया है? यदि हाँ, तो क्षतिग्रस्त स्टेडियम के सुधार हेतु कितनी राशि आवंटित की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या लहार स्टेडियम में नियुक्त कर्मचारी श्री अनिल श्रीवास द्वारा अपने कार्य पर उपस्थित न होने के कारण खेल गतिविधियों ठप्प हो गई हैं? क्या इसकी जांच करायी जाकर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर स्थानीय कर्मचारी की पदस्थापना की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) चंबल संभाग के अन्तर्गत श्योपुर, मुरैना एवं भिण्ड में स्थापित विभागीय स्टेडियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार है। (घ) जी हाँ। सुधार हेतु जिले के शासकीय निर्माण एजेंसी से एस्टीमेट प्राप्त होने के उपरांत निर्णय लिया जावेगा। (ड.) श्री अनिल श्रीवास नियमित रूप से उपस्थित होकर कार्य कर रहे है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुरानी जल संरचनाओं का सुधार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 82 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में विगत 5 वर्षों में वॉटर-शेड योजना में कितनी जल संरक्षण संरचनाएं बनाई गई, जैसे परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी एवं वॉटर-शेड कमेटी से कुल कितनी जल संरचनाएं बनाई गई? संस्थावार अलग-अलग जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बनाई गई अभी तक की संरचनाओं में से कितनी संरचनाएं काम कर रही हैं एवं कितनी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं? इन संरचनाओं को पुन: चालू कराने की कोई योजना बनाई गई? यदि हाँ, तो क्या एवं यदि नहीं, बनाई गई तो क्यों? (ग) ऐसी कितनी संरचनाएं हैं जिन्हें पुन: मरम्मत कर चालू किया जा सकता है? क्या इन संरचनाओं को वर्तमान में चलाये जा रहे जल अभिषेक अभियान में शामिल कर चालू कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा 37 तथा वॉटर-शेड समितियों द्वारा 817 जल संरक्षण संरचनाएं बनाई गई है। (ख) एवं (ग) समस्त संरचनाएं काम कर रही है तथा क्षतिग्रस्त नहीं हुई है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
ई-टेण्डरिंग
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 160 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में 2.00 लाख रूपये तक के कार्य ई-टेण्डरिंग से कराये जाने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो प्रावधानों की गाइड लाइन दी जावे? (ख) क्या आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा 1.00 लाख रूपये तक के कार्य ई-टेण्डरिंग से कराये जाने के आदेश किये गये? (ग) यदि हाँ, तो क्या आदेश नियम प्रक्रिया के तहत जारी किये गये? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रम कार्डधारियों को योजनाओं के लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 161 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक जनपदों द्वारा बनाये गये? जॉबकार्ड की विकासखण्डवार कितनी संख्या है? बनाये गये जॉबकार्ड पर किन-किन योजनाओं का लाभ दिया जाता है? (ख) शासन के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कितने दिवस कार्य कराये गये? विकासखण्डवार जानकारी दें? (ग) जॉबकार्ड जारी करने में एवं मजदूरी कार्य आवंटन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत की क्या भूमिका है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (ग) तक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की निगरानी की क्या भूमिका हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में क्रमशः 10713, 13756 एवं प्रश्न दिनांक तक 133367, जनपदों द्वारा बनाये गये जाबकार्ड की विकासखण्डवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। बनाये गये जाबकार्डों पर केवल महात्मा गाँधी नरेगा योजना का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 में 48394 परिवारों द्वारा 27.48 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है, इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में 66283 परिवारों द्वारा 34.83 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है, विकासखंडवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद की कार्यक्रम अधिकारी के रूप जॉबकार्ड जारी करने के संबंध में यह दायित्व है कि ग्राम पंचायत का कार्य का पर्यवेक्षण एवं निगरानी करें। कार्यक्रम अधिकारी यह सुनिश्चित करते है कि प्रत्येक आवेदक मजदूर को मनरेगा के प्रावधान के अनुरूप कार्य की मांग के 15 दिवस के अंदर कार्य आवंटन किया जाए। (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा मनरेगा प्रावधानों के अनुसार कार्यों की निरंतर समीक्षा की जाती है।
नवीन शासकीय महाविद्यालयों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
5. ( क्र. 264 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन शासकीय महाविद्यालयों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त हैं? (ख) क्या इन पदों को आउटसोर्स से भरे जाना प्रस्तावित है? (ग) क्या इनके लिये किसी एजेंसी का चयन हुआ है? (घ) यदि नहीं, तो क्या कारण हैं? यदि हाँ, तो कब तक भरे जायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सहायक वर्ग-3 एवं चतुर्थ श्रेणी के चिन्हित पदों को आउटसोर्स से भरा जाना प्रस्तावित है। (ग) जी नहीं। (घ) आउटसोर्स के स्वीकृत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों को भरने हेतु तीन बार निविदा विज्ञापन जारी किया गया, किन्तु निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप निविदा प्राप्त न होने के कारण पद पूर्ति नहीं की जा सकी। आउटसोर्स की नीति में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संशोधित नीति जारी होने के पश्चात निविदा विज्ञापन जारी कर पद पूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
6. ( क्र. 273 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2017 तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत मुरार विकास खण्ड जिला ग्वालियर में कितने वर-वधु की शादी की गई तथा इस पर कितनी राशि व्यय हुई? डिपोजिट सहित बतायें। (ख) वर्ष 2010 में ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत कितने जोड़ों के आवेदन प्राप्त हुयें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्वालियर जिला अन्तर्गत मुरार विकास खण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार।
राजघाट पेयजल परियोजना बांध के द्वितीय चरण के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 377 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र की राजघाट पेयजल योजना का निर्माण कब कराया गया था? क्या योजना के अनुरूप सभी चरणों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य कराये जाना शेष हैं एवं वह कार्य कब तक शुरू कराये जायेंगे? (ख) क्या राजघाट बांध का दोनों और तेजी से कटाव हो रहा है तथा बांध के धंसने से बांध में दरारें आ रही है, जिससे कभी भी दुर्घटना घटित हो सकती है एवं नगर की पेयजल व्यवस्था ठप हो सकती है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस पर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या केन्द्रीय जल आयोग द्वारा निर्धारित समय-सीमा में बांध का निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब? क्या निरीक्षण के दौरान दिये गये दिशा निर्देशों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या शासन केन्द्रीय जल आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करेगा और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सागर नगर की पेयजल योजना का निर्माण कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 1992 से 2002 के मध्य कराया गया था। जी हाँ। तत्समय प्रथम चरण की योजना पूर्ण कर वर्ष 2003 से नगर को जलप्रदाय किया जा रहा है। नगर की बढ़ती जनसंख्या हेतु पेयजल योजना का द्वितीय चरण एशियन विकास बैंक से वित्तीय सहयोग से मध्यप्रदेश अर्बन सर्विस इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम के अन्तर्गत स्वीकृत किया गया है। योजना में सम्मिलित कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मध्य प्रदेश अर्बन डेव्हल्पमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल द्वारा दिनांक 19.12.17 को निविदा (द्वितीय आमंत्रण) जारी की जा चुकी है। निविदा स्वीकृति उपरांत मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हल्पमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा कार्य प्रारंभ कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। केन्द्रीय जल आयोग द्वारा अप्रैल 1993 से सितम्बर 1993, अक्टूबर 1994 से दिसम्बर 1994, जनवरी 1995 से मार्च 1995, अप्रैल 2000 से सितम्बर 2000, अक्टूबर 2000 से दिसम्बर 2000 तक निरीक्षण किया गया। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिक निगम सागर में कार्यरत सफाई कर्मियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 378 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार का स्वच्छता सर्वेक्षण सेट-अप वर्ष 2016 के अनुसार आबादी के मान से नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारी कार्यरत होने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वह क्या हैं? (ख) नगर पालिक निगम सागर में प्रश्न दिनांक तक कितने दैनिक/नियमित सफाई कर्मचारी कार्यरत है? (ग) क्या सागर नगर की बढ़ती आबादी के मान से नगर पालिक निगम सागर में पर्याप्त सफाई कर्मचारी कार्यरत नहीं है? यदि हाँ, तो शासन आबादी के मान से सफाई कर्मचारियों की नियुक्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या नगर निगमों में सफाई कर्मचारी की भर्ती प्रक्रिया में रोस्टर लागू किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या शासन नगर निगमों में कार्य की जटिलता को देखते हुए सफाई कर्मचारी भर्ती में रोस्टर प्रणाली समाप्त करने पर विचार करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, भारत सरकार का स्वच्छ सर्वेक्षण सेट-अप वर्ष 2016 के अनुसार नहीं अपितु राज्य सरकार द्वारा जारी आदर्श कार्मिक सरंचना 2014 अनुसार निकाय की 2011 की जनसंख्या अनुसार प्रत्येक 500 व्यक्तियों पर 1 सफाई संरक्षक का प्रावधान है। (ख) नगर पालिक निगम में वर्तमान में स्थायी कर्मचारी-303 स्थायीकर्मी-177, अंशकालीन-46 दै.वे.भो.-36 कुल 562 सफाई कर्मचारी कार्यरत है। (ग) जी नहीं। जनसंख्या जनगणना-2011 अनुसार पर्याप्त सफाई कर्मचारी कार्यरत है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। मध्य प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, जन जातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण अधिनियम-1994 के विहीत प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जाती है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चूना पत्थर रॉयल्टी का भुगतान
[खनिज साधन]
9. ( क्र. 413 ) श्री लखन पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह में डायमण्ड सीमेंट/मायसेम सीमेंट द्वारा वर्ष 1981 से वर्ष 2016 तक दमोह जिले के बाहर से खरीदे गये चूना पत्थर की रॉयल्टी का कितना भुगतान किया गया एवं कितनी राशि बकाया है वर्षवार बतायें। क्या रॉयल्टी की बकाया राशि रू. 117 करोड है? यह पुष्टि करें तथा कब से यह राशि बकाया है? (ख) उक्त के संबंध में म.प्र. खनिज विभाग के पत्र क्रमांक एफ-19/10/2016/12/1 भोपाल दिनांक 19.7.16 की प्रति उपलब्ध करायें। प्रश्नांश पत्र दिनांक 19.07.16 के बिन्दु क्र. 1.6 फार्मूले के आधार पर उक्त अवधि में कर निर्धारण करने पर उक्त संयंत्र के विरूद्ध कुल कितनी अतिरिक्त अंतर की देय रॉयल्टी राशि क्या आंकलित की गयी थी और उसमें से कितनी जमा की गई? (ग) पूर्व के निर्देशों की अपेक्षा दिनांक 19.7.16 निर्देशों के अनुक्रम में कर निर्धारण करने पर क्या अतिरिक्त देय रॉयल्टी राशि में कमी आई है? यदि हाँ, तो कितनी? (घ) दमोह जिले में वर्ष 1981 से 2016 के मध्य क्या उक्त सीमेंट संयंत्र अन्य लीजधारियों से चूना पत्थर क्रय कर सीमेंट निर्माण हेतु उपयोग में लाया गया? यदि हाँ, तो सीमेंट संयंत्र को चूना पत्थर का विक्रय करने वाली लीजधारी सप्लायर का नाम, सप्लाई की गई मात्रा आदि का भी पूर्ण विवरण दिया जाये? उक्त पूरे प्रकरण में किन अधिकारियों की त्रुटि है तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में अन्य व्यक्तियों से क्रय किये गये चूना पत्थर पर देय रॉयल्टी परीक्षणाधीन है। अत: यह प्रश्नांश वर्तमान में उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नानुसार पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है वर्तमान में प्रश्नाधीन कंपनी के ऊपर प्रश्नानुसार बकाया राशि रूपये 5,50,19,133/- है। जिसके लिये मांग पत्र जारी किया गया है। (ग) विभाग द्वारा जारी निर्देश दिनांक 19.07.2016 से पूर्व में जारी निर्देशों को अतिक्रमित किया गया है। अत: तुलनात्मक रूप से रॉयल्टी का आंकलन किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब पर दर्शित है। प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार कार्यवाही परीक्षणाधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा राहत कार्य योजना की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 453 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूखाग्रस्त घोषित श्योपुर जिले में वर्तमान में कितने पंजीकृत जॉब कार्डधारी मजदूर विभागीय अभिलेखों में दर्ज है इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान में समस्त ग्राम पंचायतों में कितने-कितने राहत कार्य चल रहे हैं, में से कितने कार्य पूर्ण व कितने व क्यों अपूर्ण पड़े हैं? इनमें कितने मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है, जनपदवार कार्यों व मजदूरों की संख्या बतावें? (ख) जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में उक्त मजदूरों को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कलेक्टर श्योपुर/विभाग द्वारा क्या कोई कार्य योजना शासन/राहत आयुक्त को स्वीकृति हेतु भेजी है व कब व कितनी राशि की भेजी? (ग) क्या उक्त कार्य योजना शासन द्वारा स्वीकृत कर वांछित राशि क्या जिले को उपलब्ध करा दी है यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में कार्य योजना की स्वीकृति के अभाव में पर्याप्त सूखा राहत कार्य वर्तमान तक प्रारंभ नहीं हो पाए हैं नतीजन जिले में रोजगार के अभाव में मजदूर पलायन करने को विवश हैं इसे नियंत्रित करने हेतु क्या शासन उक्त कार्य योजना को तत्काल स्वीकृत करेगा तद्नुसार राशि उपलब्ध कराकर पर्याप्त सूखा राहत कार्य प्रारंभ करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिले में मनरेगा अंतर्गत 74424 जॉबकार्डधारी मजदूर पंजीकृत है। जिन्हें रोजगार प्रदान करने हेतु 10534 कार्य वर्तमान में जिले की ग्राम पंचायतों में प्रचलित है वर्ष 2017-18 में 2628 कार्य पूर्ण एवं 10534 कार्य अपूर्ण है। क्योकि मनरेगा मांग आधारित है अत: रोजगार की मांग के आधार पर ही कार्य पूर्ण कराये जाते है। जनपदवार जानकारी परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कोई कार्य योजना पृथक से शासन/राहत आयुक्त को कलेक्टर जिला श्योपुर द्वारा नहीं भेजी गई है। शासन द्वारा जिले के सूखाग्रस्त घोषित होने के कारण मनरेगा अंतर्गत वर्ष में प्रत्येक जॉबकार्डधारी परिवार को उनकी मांग के अनुसार 100 दिवस के स्थान पर 150 दिवस के रोजगार उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया गया है वर्तमान तक 6507 परिवार द्वारा 100 दिवस का रोजगार प्राप्त कर लिया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिले में मनरेगा अंतर्गत पर्याप्त कार्य ग्राम पंचायतों में प्रचलित है। रोजगार के अभाव में पलायन का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है मजदूरों को उनकी मांग अनुसार सतत रोजगार दिया जा रहा है।
एल.एल.बी. की कक्षाएं प्रारंभ कराना
[उच्च शिक्षा]
11. ( क्र. 454 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2008 में श्योपुर जिला मुख्यालय पर संचालित श्योपुर महाविद्यालय में विधि कक्षाएं प्रारंभ कराने की घोषणा की थी? उक्त घोषणा के क्रियान्वयन हेतु शासन/कॉलेज प्रबंधन श्योपुर द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई, इसके क्या परिणाम सामने आये? (ख) शासन/कॉलेज प्रबंधन द्वारा उक्त कक्षाएं प्रारंभ कराने हेतु समस्त वैधानिक कार्यवाहियां तो पूर्ण कर ली गई हैं केवल बी.सी.आई. नई दिल्ली की अनुमति प्राप्त न होने के कारण उक्त कक्षाएं प्रारंभ नहीं हो पा रही हैं इस कारण वर्तमान तक विधि विषय की पढ़ाई हेतु जिले के विद्यार्थी अब भी विधि विषय की शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो रहे हैं वे अन्यत्र जिलों में एडमिशन लेने को विवश हैं इस कारण उन्हें कठिनाईयां भी आती है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के अविलंब क्रियान्वयन हेतु क्या शासन अब नये सिरे से प्रभावी कार्यवाही हेतु किसी सक्षम अधिकारी को पूर्णकालिक रूप से बी.सी.आई. नई दिल्ली से अनुमति प्राप्त करने के लिए नियुक्त करेगा व इनके माध्यम से बी.सी.आई. नई दिल्ली से अनुमति प्राप्त करने उपरांत श्योपुर महाविद्यालय में उक्त कक्षाएं आगामी शिक्षा सत्र से निश्चित रूप से प्रारंभ करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। घोषणा क्रमांक बी. 4400 दिनांक 02.05.2008 के अनुसार शासकीय महाविद्यालय श्योपुर में नये सत्र से एल.एल.बी. की कक्षाएँ प्रारंभ किये जाने के निर्देश थे। स्ववित्तीय आधार पर विधि संकाय प्रारंभ करने की अनुमति विभाग द्वारा दिनांक 28.06.2008 को दी गयी। महाविद्यालय द्वारा बी.सी.आई. नई दिल्ली को विधि कक्षाएँ प्रारंभ करने की अनुमति देने हेतु सशुल्क आवेदन पत्र प्रेषित किया गया है। बी.सी.आई. द्वारा निरीक्षण किया जाना शेष है। (ख) जी हाँ, बी.सी.आई. नई दिल्ली की अनुमति प्राप्त नहीं होने से कक्षाएँ प्रारंभ नहीं हो पा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) बी.सी.आई. एक स्वतंत्र केन्द्रीय संस्था है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
छतरपुर जिले में संचालित स्टोन्स लिमिटेड
[खनिज साधन]
12. ( क्र. 518 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 3236 दिनांक 26.7.2017 के तारतम्य में क्या शासन द्वारा शर्त क्रमांक 8 के अनुसार स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन को लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड के रूप में दिनांक 01.4.2016 से प्रश्न दिनांक तक राशि दी जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? (ख) क्या लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड की राशि न मिलने से जनकल्याणकारी कार्यों के विकास पर रोक लग गयी है, यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी, कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्न क्रमांक 3236 दिनांक 26.07.2017 विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंगारपुर रेत खदान के संबंध में जांच
[खनिज साधन]
13. ( क्र. 519 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सिंगारपुर रेत/बालू खदान में अवैध उत्खनन के संबंध में दिनांक 24/11/2016 को नायब तहसीलदार सरबई, राजस्व निरीक्षक सरबई, उपस्थिति जनप्रतिनिधियों व ग्रामवसियों द्वारा मौके पर पंचनामा तैयार किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो पंचनामा में उल्लेखित सभी बिन्दुओं की जानकारी खनिज नीति के विरूद्ध थी, यदि हाँ, तो संबंधित अवैध उत्खनन करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या मौके पर रेत खनन कार्य में 8 एल.एन.टी. मशीने, 110 ट्रक उत्खनन स्थल में 40 से 50 फीट खेत की गहराई से रेत निकालने का उल्लेख है जो गौण खनिज नियम 1996 के नियम 68 (5) का उल्लंघन है, यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या रेत को निकालने हेतु रास्ते में हरे पेड़ पौधे जैसे बबूल, चिल्ला की हरीभरी डालियों को काटकर रास्ता बनाया गया था यह भी सही है कि पंचनामा में स्वीकृत खदान को तत्काल निरस्त करने का उल्लेख किया गया है, यदि हाँ, तो बालूमाफियाओं के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? पंचनामा की सत्यप्रतिलिपि उपलब्ध करावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित बिन्दु खनिज नीति के विरूद्ध होने जैसी स्थिति नहीं है। जांच उपरांत अवैध उत्खनन का प्रकरण तैयार किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित नियम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 से विलोपित किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नानुसार रास्ता निर्माण हेतु वृक्षों की डालियों को काटने का उल्लेख पंचनामा में है। पंचनामा में स्वीकृत खदान को निरस्त करने का लेख नहीं है। प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2017-18 में रेत खनिज के अवैध परिवहन के 1198 प्रकरण तथा अवैध खनन के 74 प्रकरण दर्ज कर क्रमश: राशि रूपये 3,85,37,500/- तथा रूपये 17,10,000/- अर्थदण्ड के रूप में जमा कराये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पंचनामा की प्रति संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है।
प्रदेश में स्मार्ट सिटी के क्रियान्वयन एवं प्रगति
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 767 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01.04.2014 से प्रश्नतिथि तक म.प्र. के कौन कौन से स्थान स्मार्ट सिटी के रूप में किन-किन दिनांकों एवं वर्ष में चयनित किये गये हैं? इन चयनित स्थानों पर स्मार्ट प्रोजेक्ट क तहत क्या क्या कार्य, कब तक, कितनी राशि व्यय कर कराये जाने हैं? स्थानवार/योजना की पूर्ण जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार स्मार्ट सिटी के लिये चयनित स्थानों के लिये कितने प्रतिशत राशि केन्द्र और कितने प्रतिशत राशि राज्य सरकार को देनी है? प्रश्ना तिथि तक स्मार्ट सिटी के लिये चयनित किन-किन स्थानों के लिये कितनी-कितनी राशि, किस किस मद में व्यय करने हेतु केन्द्र एवं राज्य शासन ने किस किस दिनांकों को दी वर्षवार/स्थानवार/कार्यवार/ माहवार/राशिवार/मदवार जानकारी दें? (ग) स्मार्ट सिटी के लिये चिन्हित स्थानों (जिलों) में स्मार्ट सिटी का कार्य कुल कितनी लागत मूल्य का, क्या-क्या कार्य, कब तक पूर्ण होना सुनिश्चित हुआ है वर्तमान में चयनित स्थानों में कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हुआ है? स्थानवार/प्रतिशतवार जानकारी दें? (घ) म.प्र. के मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा प्रदेश में दिनांक 01.06.2014 से प्रश्नतिथि तक किन- किन जिलों में कब-कब, किस-किस स्थान पर मिनी स्मार्ट सिटी/सुपर स्मार्ट सिटी/या अन्य प्रकार की स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की? उक्त घोषणाओं पर राज्य शासन ने क्या योजना तैयार कर प्रश्नतिथि तक कितनी राशि घोषणावार जिलों एवं स्थानों को दे दी है? उक्त घोषणायें कब तक पूर्ण की जायेंगी? कार्य कब तक पूरे होंगे? समय-सीमा बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. के कौन-कौन से स्थान स्मार्ट सिटी के रूप में किन-किन दिनांकों एवं वर्ष में चयनित किये गये की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' पर है। चयनित स्थानों भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन पर स्मार्ट प्रोजेक्ट के तहत क्या-क्या कार्य, कब तक, कितनी राशि व्यय कर कराये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' (अ,ब,स,द,इ) पर है। सागर एवं सतना शहरों का चयन माह जून 2017 स्मार्ट सिटी योजना के तृतीय चरण में किया गया। दोनों शहरों में स्मार्ट सिटी एस.पी.वी.के गठन किया जाकर गाइड लाइन अनुसार सागर स्मार्ट सिटी में योजना क्रियान्वयन हेतु प्रोजेक्ट मेनेजमेंट कंसलटिंग के चयन की प्रक्रिया प्रचलन में है तथा सतना स्मार्ट सिटी के क्षेत्र आधारित विकास हेतु प्रोजेक्ट मेनेजमेंट कंसलटिंग का चयन किया जा चुका है। सागर एवं सतना में इसके अतिरिक्त कोई कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। (ख) स्मार्ट सिटी के लिये चयनित स्थानों के लिये कितने 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार और 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार को प्रशासकीय एवं परियोजना निधी मद में देनी है। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जारी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '3' पर है। (ग) स्मार्ट सिटी का कार्य कुल लागत, क्या-क्या कार्य कब तक पूर्ण एवं वर्तमान में कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हुआ है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'4' (अ,ब,स,द,इ) पर है। (घ) मान. मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 26.09.2015 को सतना जिले के मैहर, दिनांक 11.12.2016 को अनूपपुर जिले के अमरकंटक, दिनांक 31.07.2017 को सतना जिले के चित्रकूट एवं दिनांक 15.12.2017 को अशोकनगर जिले के मुगांवली में क्रमंशः नगरीय निकाय मैहर, अमरकंटक, चित्रकूट एवं मुगांवली को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की गई है। उक्त घोषणाओं पर संबंधित नगरीय निकायों से योजना का कॉन्सेप्ट प्लान प्रस्तुत हुआ है। मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने के लिए प्रत्येक निकाय को राशि रू. 25.00 करोड़ की स्वीकृति मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण के अन्तर्गत जारी की गई है। साथ ही प्रत्येक नगरीय निकाय को अनुदान राशि रू. 5.00 करोड़ आवंटित किया गया है। एम.पी.यू.डी.सी. द्वारा उक्त नगरीय निकायों में मिनी स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत कराये जाने वाले निर्माण कार्यों को कराने की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तालाबों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 856 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले की विधान सभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत मार्च 2016 में हुई अति ओला वृष्टि के समय ग्वालियर प्रवास के दौरान जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु पारसेन जरवारा एवं महेश्वरा तालाब की मरम्मत/जीर्णोद्धार कराये जाने की घोषणा की गई थी? (ख) क्या मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्र.बी.-1796 का क्रियान्वयन कराये जाने हेतु अपर मुख्य सचिव म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को निर्देशित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर जिला ग्वालियर पत्र क्र.बी.-2666 दि. 26.10.17 के द्वारा मनरेगा योजनांतर्गत उक्त तालाबों का कार्य कराये जाने की असमर्थता व्यक्त की गई है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त तालाबों की मरम्मत/जीर्णोद्धार का कार्य जरूरत मंदों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु एवं मा. की घोषणा के क्रियान्वयन हेतु विशेष राशि या फंड द्वारा कब तक स्वीकृति जारी की जाकर उक्त तालाबों का कार्य प्रारंभ कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। मनरेगा के अंतर्गत भू-अर्जन का प्रावधान नहीं होने एवं ग्रामवासी शासन के पक्ष में निजी भूमि रजिस्टर्ड दान देने को तैयार नहीं, ऐसी स्थिति में उक्त तालाबों का जीर्णोद्धार कार्य में कठिनाई हुई है। (घ) पारसेन ग्राम पंचायत 83, ग्राम पंचायत जरवारा में 19 तथा ग्राम पंचायत महेश्वरा में 4 प्रगतिरत कार्यों में काम की मांग करने वाले जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के क्रियान्वयन हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 1056 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखंड बरवाहा जिला खरगोन में प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतवार ग्रामवार किए गए सर्वे की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आवास योजना में योजना की प्राथमिकी कैसे निर्धारित की गई है, उसके नियम की प्रति देवें। (ग) विकास खंड बरवाहा में प्रधान मंत्री आवास योजना के प्रारम्भ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक पंचायतवार ग्रामवार प्राथमिकी अनुसार स्वीकृत आवास की जानकारी हितग्राही संख्या अनुसार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार स्वीकृत आवास में कितने आवासो के लिए प्रथम एवं कितने आवासो में द्वितीय किश्त का भुगतान ( जो नियम हो ) किया गया है एवं कितने आवासों का भुगतान कब से शेष है, कारण सहित जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत ग्रामवार तथा पंचायतवार सर्वे नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जनपद पंचायत बडवाह में प्रथम किश्त 3771 तथा द्वितीय किश्त 3681 का भुगतान किया गया। 2507 हितग्राहियों द्वारा आवास निर्माण निर्धारित स्तर तक न किये जाने के कारण आगामी किश्त का भुगतान लंबित है।
प्रदेश में सोन चिरैया अभयारण्य में सोन चिरैया पक्षी के नहीं पाये जाने से उत्पन्न स्थिति
[वन]
17. ( क्र. 1093 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सोन चिरैया अभयारण्य किस-किस जिले में कहाँ-कहाँ पर है? अभयारण्य के लिए कितनी-कितनी वन/राजस्व भूमि अधिसूचित कब-कब से किया गया है? इन किन-किन अभयारण्य में वर्तमान में कितनी-कितनी सोन चिरैया है? अभयारण्य वार बतायें? (ख) क्या उक्त अभयारण्य में सोन चिरैया पक्षी विगत कई वर्षों से देखा नहीं गया/पाये नहीं गये है? इसके क्या कारण हैं, स्पष्ट करें? (ग) क्या उक्त सोन चिरैया नामक पक्षी के संरक्षण के लिए अधिसूचित अभयारण्य में सोन चिरैया नामक पक्षी नहीं पाये जाने पर अभयारण्य का दायरा/सीमा कम करने पर शासन विचार कर रही है? यदि हाँ, तो किन-किन अभयारण्य में कितनी-कितनी सीमा कम किया जाना है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या सोन चिरैया के संरक्षण के नाम पर करोड़ों रूपये व्यय किये जाने के बावजूद सोन चिरैया का संरक्षण नहीं किया जा सका है, बल्कि इस नाम की राशि का दुरूपयोग किया जाकर आर्थिक भ्रष्टाचार किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी जांच करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 15-16-75-दस-2 दिनांक 21 मई 1981 से ग्वालियर जिले के अंतर्गत सोन चिरैया हुकना (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) तथा अन्य पशु पक्षियों के लिए 512 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को घाटीगांव हुकना पक्षी अभयारण्य अधिसूचित किया गया है। इसमें आरक्षित वन 307.49 वर्ग कि.मी., संरक्षित वन 19.84 वर्ग कि.मी. एवं राजस्व क्षेत्र 184.67 वर्ग कि.मी. सम्मिलित है। इस अभयारण्य के अंतर्गत पायी गई सोन चिरैया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शिवपुरी जिले में स्थित करैरा अभयारण्य मध्यप्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 15-16-75-दस-2 दिनांक 21 मई 1981 द्वारा 202.21 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को सोन चिरैया अभयारण्य करैरा के रूप में अधिसूचित किया गया था, इसमें राजस्व भूमि 55.55 वर्ग कि.मी. एवं 146.66 वर्ग कि.मी. कृषकों की निजी भूमि सम्मिलित है। उक्त अभयारण्य में वर्ष 1994 से अब तक सोन चिरैया नहीं देखी गई है, जिसके कारण मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा अधिसूचना क्रमांक 15/22/99/10-2 दिनांक 09.04.1999 द्वारा सोन चिरैया अभयारण्य करैरा का नाम बदलकर करैरा अभयारण्य करैरा कर दिया गया है वर्तमान में करैरा अभयारण्य में सोन चिरैया नहीं है। (ख) घाटीगांव हुकना पक्षी अभयारण्य ग्वालियर के अंतर्गत 55 राजस्व ग्राम/मजरे तथा करैरा अभयारण्य के अंतर्गत 33 राजस्व ग्राम स्थित होने से अत्याधिक जैविक दबाव के फलस्वरूप सोन चिरैया का रहवास प्रभावित होने के कारण अन्यत्र पलायन से सोन चिरैया का नहीं देखा जाना प्रमुख कारण है। (ग) घाटीगांव हुकना पक्षी अभयारण्य ग्वालियर में अधिकारों के विनिश्चयन की प्रक्रिया के अंतर्गत कलेक्टर जिला ग्वालियर द्वारा 86.074 वर्ग कि.मी. सीमावर्ती राजस्व क्षेत्र को डिनोटिफाई किये जाने का प्रस्ताव दिया गया है। करैरा अभयारण्य, जिला शिवपुरी में सोन चिरैया नहीं पायी जाने के कारण एवं सम्पूर्ण अभयारण्य क्षेत्र गैर वन क्षेत्र होने के कारण करैरा के सम्पूर्ण 202.21 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को डिनोटिफाई किये जाने की कार्यवाही शासन स्तर पर प्रचलित है। (घ) घाटीगांव हुकना पक्षी अभयारण्य के अंतर्गत वनक्षेत्र में अनेक प्रकार के वन्यप्राणी पाये जाते हैं। अन्य वन्यप्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए चारागाह विकास, जल संरक्षण हेतु ताल-तलैया, पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार एवं सॉसर आदि जल स्त्रोत विकास के कार्य किये जा रहे हैं। सोन चिरैया भी प्रवासी पक्षी है। रहवास सुधार कार्य के उपरांत इसके वहां आने की संभावना है। कुछ नजदीकी ग्रामों में इसके प्रवास की अपुष्ट सूचनाएं भी प्राप्त होती रहती है। करैरा अभयारण्य के अंतर्गत भी अन्य वन्यप्राणियों की सुरक्षा एवं संवर्धन हेतु कार्य किये जा रहे हैं। अतः यह सत्य नहीं है कि सोन चिरैया संरक्षण के नाम की राशि का दुरूपयोग किया जाकर आर्थिक भ्रष्टाचार किया गया है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारिता एवं उद्योग समिति के अधिकार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 1167 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज अधिनियम अंतर्गत जिला एवं जनपद स्तर पर गठित सहकारिता एवं उद्योग समिति के अंतर्गत आने वाले विभागों द्वारा क्या-क्या अधिकार पंचायतों को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या धार जिले की माननीय अध्यक्ष जिला पंचायत द्वारा वर्ष 2015 से 2017 में माननीय मंत्री महोदय उद्योग तथा सहकारिता विभाग को पंचायतों के अधिकार प्रत्यायोजित करने के संबंध में प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि का सीमांकन एवं अतिक्रमण से मुक्त नहीं कराया जाना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
19. ( क्र. 1249 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नारददेव शिव मंदिर ग्राम मडोरी तहसील लहार जिला भिण्ड की तहसील लहार के ग्राम मडोरी एवं केशवगढ़ तथा तहसील गोहद में ग्राम इटायदा स्थित भूमि का सीमांकन एवं दतिया जिले की तहसील सेवढ़ा के ग्राम कुंअरपुरा, गुमानपुरा तथा ग्राम बिजौरा की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराकर सीमांकन करने के निर्देश शासन द्वारा कब-कब कलेक्टर भिण्ड एवं दतिया को दिए गए? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले के ग्राम बिजौरा एवं गुमानपुरा की जमीन का अतिक्रमण नहीं हटाने तथा दोनों जिलों के ग्रामों में भूमि का सीमांकन न कराने के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों तथा मंदिर की भूमि का कब तक सीमांकन कराकर अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जिला भिण्ड की तहसील लहार के नारददेव मंदिर से लगी ग्राम मडोरी की भूमि का सीमांकन अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा गठित दल ने दिनांक 16/7/2017 को सीमांकन कर मंदिर कमेटी को कब्जा दिया जा चुका है तथा तहसील गोहद अंतर्गत ग्राम केशवगढ़ इटायदा की मंदिर से लगी भूमि का सीमांकन दिनांक 14/9/2017 को नायब तहसीलदार राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी गोहद द्वारा सीमांकन कर मंदिर कमेटी को कब्जा दिया गया। जिला दतिया की तहसील सेवढ़ा जिला दतिया के ग्राम कुवरपुरा, गुमानपुरा तथा विजौरा की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर सीमांकन कराने के निर्देश शासन द्वारा कलेक्टर दतिया को कार्यालय आयुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर के पत्र क्रमांक क्यू/शिका/माफी/21/2014/361 ग्वालियर दिनांक 7/10/2014 को दिये गये। (ख) जिला दतिया तहसील सेवढ़ा के नारददेव मंदिर की ग्राम गुमानपुरा की भूमि कुल किता 15 कुल रकबा 5.18 है. एवं ग्राम विजौरा की भूमि कुल किता 5 कुल रकबा 1.79 है. का सीमांकन दिनांक 19/3/2017 को किया गया। उसी दिनांक को मौके पर अतिक्रमण हटाकर पुजारी श्री अखलेश पुरी महंत चेला हीरापुरी निवासी ग्राम मडौरी को कब्जा दिया गया। इसी प्रकार मौजा कुवरपुरा की भूमि कुल किता 7 कुल रकबा 6.52 है. का सीमांकन दिनांक 20/3/2017 को किया जाकर अतिक्रमण हटाकर नारददेव मंदिर के पुजारी श्री अखलेश पुरी चेला हीरापुरी निवासी मडौरी तहसील लहार जिला भिण्ड को नारददेव मंदिर की भूमि का कब्जा सौंपा गया।
महाविद्यालय की मान्यता रद्द करना
[उच्च शिक्षा]
20. ( क्र. 1378 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अन्तर्गत जानकी प्रसाद महाविद्यालय शहपुर नागौद जिला सतना की मान्यता किस-किस विश्वविद्यालय द्वारा दी गई है? मान्यता दिये जाने संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें तथा किन-किन विषयों की कक्षायें संचालित करने की मान्यता हैं। संकायवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के महाविद्यालय द्वारा बी.एड. में वर्ष 2014-15 में प्रथम वर्ष कुमारी सरिता सिंह पिता अरूण प्रताप सिंह निवासी मेहती, कुमारी सैलजा त्रिपाठी पिता भीषण प्रसाद त्रिपाठी निवासी मेहती एवं प्रतिमा गौतम पिता रामनरेश गौतम सभापुर जिला सतना द्वारा प्रवेश लिया था, जिसकी परीक्षा उपरांत अंकसूची कर्नाटक स्टेट ओपन विश्वविद्यालय को दी गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो उक्त छात्राओं को जारी अंकसूची मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की न होने के कारण छात्राओं को उसका लाभ प्राप्त नहीं होगा जो उनके भविष्य के साथ धोखा-धड़ी की श्रेणी में आता है? (घ) क्या बी.एड. छात्राओं-छात्रों से शासन द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक फीस बिना मान्यता प्राप्त होने के बाद भी मनमानी तरीके से ली ला रही है? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में शासन जांच कराकर फर्जी कालेज की मान्यता को निरस्त करते हुये धोखाधड़ी का प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज करायी जायेगी। यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2014-15 से नवीन अशासकीय महाविद्यालय जानकी प्रसाद शिक्षा महाविद्यालय, शहपुर, नागोद (सतना) प्रारंभ करने हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। सामान्य पाठ्यक्रमों हेतु अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा द्वारा प्रावधिक/अस्थायी सम्बद्धता प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। जानकी प्रसाद शिक्षा महाविद्यालय, शहपुर, नागोद (सतना) में बी.बी.ए., बी.ए. कम्प्यूटर, बी.कॉम, पी.जी.डी.सी.ए. तथा एम.एस.डब्ल्यू पाठ्यक्रम संचालित हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग को सुव्यवस्थित करना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
21. ( क्र. 1466 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के चित्रकूट में कामदगिरि प्रदक्षिणा मार्ग में बुजुर्गों, दिव्यांगों को परिक्रमा मार्ग बाधा रहित सुविधायुक्त किए जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या प्रत्येक माह की पूर्णिमा, अमावस्या एवं अन्य धार्मिक त्यौहारों में परिक्रमा पथ पर परिक्रमार्थियों, तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ का दवाब होने के कारण दुर्घटनाओं की पूर्ण संभावनाएं बनी रहती है एवं दुर्घनाएं भी होती हैं? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में परिक्रमा पथ को व्यवस्थित एवं सुविधायुक्त कब तक किया जाएगा? (घ) मा. मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2017 में चित्रकूट में पर्यटन के विकास को दृष्टिगत रखते हुए कौन-कौन सी घोषणाएं की गई थी तथा उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या कार्यवाही हुई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) चित्रकूट में कामदगिरि प्रदक्षिणा मार्ग में बुजुर्गों, दिव्यांगों परिक्रमा मार्ग बाधा रहित सुविधायुक्त किये जाने हेतु मध्यप्रदेशीय परिक्रमा मार्ग में जहां-जहां पर सीढ़ियां है उन स्थलों में स्लोपदार रैंप बनवाये गये हैं तथा परिक्रमा मार्ग के समतलीकरण हेतु पूर्व में ही समतल पत्थर लगवाये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त एल.ई.डी.लाइटें लगवायी जाकर विद्युत प्रकाश की व्यवस्था करायी गयी है तथा विद्युत प्रवाह की आकस्मिक अनुपलब्धता रहने की स्थिति में अस्थायी प्रकार की व्यवस्था हेतु 15 के.वी.ए. का एक जनरेटर पूर्वी द्वार के समीप एवं 5 के.वी.ए. का एक जनरेटर प्रमुख द्वार के पास लगवाया गया है। जिनसे पृथक विद्युत डलवायी जाकर सी.एफ.एल. लगवाये गये है जिनसे अस्थायी प्रकाश की व्यवस्था करायी जा रही है। समूचे परिक्रमा मार्ग में 4 टंकियां 10000 लीटर पानी क्षमता की एवं 13 टंकियां 5000 लीटर पानी क्षमता की तीर्थ यात्रियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्मित है तथा दो स्थानों क्रमश: साक्षी गोपाल के पहले चिकनी मंदिर के समीप एवं सरयू धारा के समीप स्वच्छ एवं शीतल पेयजल उपलब्ध कराने के लिये वॉटर कूलर लगवाये गये हैं। परिक्रमा मार्ग में छाया की व्यवस्था हेतु कुछ-कुछ दूरी के अंतराल में शेड बने हुये है इनमें वाहनों का प्रवेश रोकने हेतु लोहे पाइप के गेट कई स्थानों पर बने हुये हैं जिनसे पैदल यात्री/बुजुर्गों/दिव्यांगों को ही निकलने की सुविधा है। परिक्रमा मार्ग में साफ-सफाई एवं स्वच्छता की समुचित व्यवस्था कायम रखने हेतु आवश्यक सफाई कामगार लगाये गये हैं जो प्रात:काल एवं सायं कालीन झाडू लगाये जाने एवं साफ सफाई करने का कार्य अनवरत कर रहे हैं। कूडा कचरा कलेक्शन हेतु परिक्रमा मार्ग के किनारे की बस्तियों में डोर-टू-डोर कचरा वाहन चलाये जाकर कचरा एकत्रीकरण कराये जाने का कार्य कराया जा रहा है। ताकि कचरे का फैलाव एवं गंदगी परिक्रमा मार्ग में न हो सके तथा परिक्रमा मार्ग की धुलाई कराये जाने हेतु पृथक से एक पाइप लाइन कामदगिरि पर्वत दिशा की तरफ से डलवायी गयी है जिससे समय-समय परिक्रमा मार्ग की धुलाई भी करायी जाती है। इच्छुक व दिव्यांगों व बुजुर्गों के लिये निकाय द्वारा व्हील चेयर परिक्रमा मार्ग में बेरोजगार युवकों को उपलब्ध करायी गयी है जो निश्चित किराया रूपये 100/- प्रति यात्री की दर से लेकर उन्हें व्हील चेयर में बैढाकर सुविधा पूर्वक परिक्रमा करा देते हैं। परिक्रमा मार्ग के किनारे दो सुलभ शौचालय 10-10 शीटर एवं दो सामुदायिक शौचालय यात्रियों की सुविधा हेतु निर्मित हैं, परिक्रमा मार्ग को बाधा रहित एवं अतिक्रमण रखने के लिये किनारे-2 सफेद पेंट की पट्टी डलवायी गयी है ताकि दुकानदार या अन्य लोग उस सीमा के अन्दर न ला सके और परिक्रमा मार्ग खुला रहे साथ ही एल.ई.डी. डिस्प्ले बोर्ड लगवाये जाकर उनके माध्यम से आवश्यक सूचनाओं का प्रचार प्रसार करने की व्यवस्था की गयी है। परिक्रमा मार्ग में दण्डवती परिक्रमा करने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु तीन फुट चौड़े मार्ग को लोहे के पाइप एवं रेलिंग लगाया जाकर पृथक किया गया है ताकि पैदल चलने वाले एवं दण्डवती परिक्रमा करने वाले यात्रियों में आपस में टकराहट न हो और सुविधा पूर्वक परिक्रमा मार्ग में चल सके। जहां-जहां पर परिक्रमा मार्ग पर चौड़ाई कम थी अतिक्रमण हटाया जाकर चौड़ीकरण कराया जा चुका है। (ख) अमावस्या एवं धार्मिक पर्वों में नियत दिवसों के लिये पृथक से अधिकारी/कर्मचारी सभी प्रमुख विभागों से तैनात किए जाते हैं जो सभी आवश्यक व्यवस्थाओं यथा पेयजल प्रकाश, साफ-सफाई चिकित्सा सुविधा हेतु नियत कैंपों में 24 घण्टे यात्रियों की सुविधा हेतु उपलब्ध रहते हैं। भीड के दबाव की स्थिति पर समुचित नियंत्रण रखने का कार्य पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन द्वारा उक्त मेला पर्वों पर अनवरत किया जाता है। (ग) परिक्रमा पथ को उपरोक्तानुसार व्यवस्थित एवं सुविधायुक्त किया गया है। (घ) मान.मुख्यमंत्री महोदय द्वारा वर्ष 2017 में चित्रकूट में पर्यटन के विकास को दृष्टिगत रखते हुये की गयी घोषणाएं तथा उनके क्रियान्वयन में हुई प्रगति का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
22. ( क्र. 1735 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत दो वर्षों में सतना जिले की टमस एवं अन्य नदियों में अवैध रूप से खनन किया जा रहा? यदि हाँ, तो किस-किस नदी में और किसके द्वारा? क्या विधिवत रायल्टी लेकर ट्रकों को नदियों में घुसने की अनुमति दी है। यदि हाँ, तो प्रति देवें? नहीं तो क्यों इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? (ख) क्या उक्त अवैध खनन को तत्काल बंद करते हुए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी? (ग) विगत दो वर्षों में नियमानुसार खनन की किस-किस वाहन से कितने रायल्टी प्राप्त हुई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन जिले में अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रकाश में आने पर उनके विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करके कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में दर्ज किये गये अवैध उत्खनन के प्रकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अवैध खनन के प्रकरण प्रकाश में आने पर अवैध उत्खननकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र पर खनन की अनुमति नहीं दी गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरमौर अभ्यारण में अधिग्रहित भूमि
[वन]
23. ( क्र. 1787 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र के 14 ग्रामों में खरमौर अभयारण्य के लिए आदिवासी एवं किसानों की हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहित की है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता की शिकायत पर अभयारण्य क्षेत्र की 14 ग्रामों की जमीन की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक को हटाने की कार्यवाही शासन ने की है? (ग) यदि हाँ, तो इन ग्रामों की भूमि की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक कब तक हटा दी जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी, मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की सम्पन्न 15वीं बैठक दिनांक 10.07.2017 में मध्यप्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में स्थित ग्रामों के अधिकारों के विनिश्चयन बाबत प्रस्ताव विचारार्थ रखा गया था। उक्त प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा यह निर्णय लिया गया कि संबंधित कलेक्टर, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, म.प्र. से वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 24 (2) (ग) के अंतर्गत जहां आवश्यक हो ऐसे अधिकार जिन्हें ग्रामीणों के हित में यथावत रखा जाना है, को मान्य करने की सहमति प्राप्त कर समस्त अधिकारों के विनिश्चयन की कार्यवाही को दिनांक 31.03.2018 तक प्राथमिकता से पूर्ण करायेंगे। इसके उपरांत शासन द्वारा अभयारण्य की अंतिम अधिसूचना जारी की जा सकेगी। अपर मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन वन विभाग की अध्यक्षता में दिनांक 11.09.2017 को सम्पन्न बैठक में संबंधित कलेक्टर को अधिकारों के विनिश्चयन की कार्यवाही प्राथमिकता से पूर्ण कर अंतिम अधिसूचना हेतु प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु निर्देश दिये गये थे। कार्यवाही प्रचलित है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधायक निधि से निर्मित सड़कों की मरम्मत
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
24. ( क्र. 1865 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक निधि एवं अन्य मद की योजनाओं से वर्ष 2013 से छिन्दवाड़ा जिले में निर्मित सीमेन्ट सड़कें एवं ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराई जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में सड़कों के मरम्मत हेतु प्रावधान न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधानसभा में गर्ल्स कॉलेज की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
25. ( क्र. 1866 ) श्री जतन उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लंबे समय से छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा में गर्ल्स कॉलेज प्रारंभ किये जाने की मांग विभिन्न संगठनों व जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग से की जा रही है? अगर हां, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा कोई पत्र जारी किया है? अगर हां, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) पांढुर्णा में गर्ल्स कॉलेज प्रारंभ किये जाने में विलंब होने के क्या कारण है? (ग) पांढुर्णा को गर्ल्स कॉलेज प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं, पांढुर्णा में कन्या महाविद्यालय खोले जाने के संबंध में विभाग ने कोई भी पत्र या आदेश जारी नहीं किया है। (ख) पांढुर्णा में वर्तमान में एक शासकीय महाविद्यालय एवं चार अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। अतः वर्तमान में पांढुर्णा में नवीन कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवलखा स्थित बस स्टैण्ड शासन द्वारा स्थानांतरित
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1914 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नवलखा स्थित बस स्टैण्ड शासन द्वारा स्थानांतरित किया गया/किया जाना है? यदि हाँ, तो यहां संचालित होने वाले व्यापारियों की कितनी दुकाने वैध तथा कितनी अवैध हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बस स्टैण्ड पर आजीविका संचालन हेतु स्थापित वैध दुकान से व्यापार करने वाले व्यापारियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो स्थानांतरण योजना स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बस स्टेण्ड स्थानांतरित करने के पश्चात् बस स्टैण्डों की जमीन का शासन द्वारा क्या उपयोग किया जायेगा? इसकी क्या योजना है, जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, नवलखा बस स्टैण्ड पर 167 वैध तथा 22 अवैध दुकानें संचालित हैं। (ख) जी नहीं, दुकानों को स्थानांतरित किये जाने पर संपूर्ण विधिक प्रक्रिया का पालन किया जायेगा। (ग) प्रश्नाधीन भूमि इंदिरा कॉम्प्लेक्स में नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा स्वीकृत अभिन्यास अनुसार होटल, पेट्रोल पंप, प्रशासनिक ब्लॉक हेतु भूखण्ड नियोजित है तद्नुसार उपयोग किया जाना प्रस्तावित है। प्रश्नाधीन भूमि पर स्थित बस स्टैण्ड स्थानांतरित होने के पश्चात् भूमि रिक्त होने पर इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा आवश्यक विकास कार्य स्वीकृत अभिन्यास अनुसार भूखण्डों का व्ययन किया जायेगा।
प्रधानमंत्री आवास की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 1927 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर के नगर पालिका परिषद् पसान एवं अनूपपुर नगर पंचायत जैतहरी में अब तक कुल कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभान्वित किया गया है? नाम, पिता/पति का नाम,जाति एवं पता सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) लाभान्वित हितग्राही द्वारा किस आराजी खसरा नम्बर का उल्लेख किया है, विवरण देवें। क्या यह सच है कि, अनूपपुर, जैतहरी में कुछ हितग्राहियों द्वारा अन्य खसरा नम्बर दर्शाया गया है मकान कही अन्य स्थान पर बनाया है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जांच की जाकर जवाबदेही अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेंगे। यदि नहीं, तो क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-1,2,3 अनुसार है। (ख) लाभांवित हितग्राहियों के आराजी खसरा नंबर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1,2,3 के कालम ’7’ एवं ’8’ अनुसार है। प्रकरण की जांच अनुभागीय अधिकारी राजस्व अनूपपुर से कराई जा रही है।
तालाब
गहरीकरण की
राशि का
अनियमित
भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 1948 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 126 (तारांकित) दिनांक 30.11.17 के माध्यम से मुद्दा उठाया गया था कि नगर परिषद् माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब गहरीकरण कार्य माण्डव में कार्यरत मजदूरों की राशि का भुगतान फर्जी रूप से लेबर ठेकेदारों को कर दिया गया है? जिसके प्रति उत्तर में माननीय मंत्री महोदया द्वारा कार्य विभागीय रूप से कराया जाना बताया गया है एवं परिषद् द्वारा अन्य किसी एजेंसी को कोई भुगतान नहीं किया जाना बताया गया है? (ख) यदि हाँ, तो नगर परिषद् माण्डव द्वारा मेसर्स दीपक बिजवा, कन्स्ट्रक्शस एवं मटेरियल सप्लायर, दिग्ठान के खाते में दिनांक 17.04.2017 को राशि रूपये 190512/-किस कार्य पेटे भुगतान किये गये हैं, मय बिल व्हाउचर की प्रति उपलब्ध कराते हूए बतावें एवं उनके द्वारा परिषद् से उक्त बाबद् कोई अनुबंध आदि किया गया हो तो अनुबंध की प्रति भी उपलब्ध करावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, विधान सभा प्रश्न क्रमांक 126 तारांकित के माध्यम से उठाया गया मुद्दा नगर परिषद् माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब के गहरीकरण कार्य में कार्यरत मजदूरों की राशि का भुगतान फर्जी रूप से लेवर ठेकेदार को कर दिये जाने से संबंधित नहीं था। इस प्रश्न के प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में ''नगर परिषद्, माण्डव द्वारा उक्त कार्य विभागीय रूप से कराया जाना'' बताया गया था एवं प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर में गहरीकरण कार्य हेतु किये गये भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दी गयी थी, इसके अलावा किसी अन्य एजेन्सी को कोई भुगतान नहीं होने के कारण ''नगर परिषद्, माण्डव द्वारा अन्य किसी एजेन्सी को कोई भुगतान नहीं किया गया है'' यह उत्तर में बताया गया था। (ख) नगर परिषद्, माण्डव द्वारा मेसर्स दीपक बिजवा, कन्स्ट्रक्शन एवं मटेरियल सप्लायर्स के खाते में राशि रू.1,90,512/- का भुगतान मिट्टी परिवहन कार्य के लिये किया गया है, बिल व्हाउचर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, नगर परिषद्, माण्डव से इस संबंध में कोई अनुबंध नहीं किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर जिले स्थित पिंजरापोल गौ-शाला ट्रस्ट की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
29. ( क्र. 2144 ) श्री तरूण भनोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ट्रस्ट के पंजीकरण, ट्रस्ट के सदस्यों को बदलने व ट्रस्ट की सम्पत्तियों को बेचने, लीज पर देने या हस्तांतरित करने के नियम क्या है? जबलपुर जिले में पंजीकृत पिंजरापोल गौ-शाला ट्रस्ट के वर्तमान ट्रस्टी कौन-कौन हैं, उनकी नियुक्ति कब-कब किस नियम के तहत की गई? क्या ट्रस्ट के उद्देश्यों के विरूद्ध ट्रस्ट की सम्पत्ति/धनराशि का उपयोग किया जा सकता है? (ख) पिंजरा पोल ट्रस्ट जबलपुर के जिले में कितनी एवं कहाँ-कहाँ सम्पत्तियां/भूमि ट्रस्ट के पंजीयन के समय थी वर्तमान में कितनी सम्पत्तियां हैं? विगत पाँच वर्षों में उपरोक्त सम्पत्तियों से वर्षवार, सम्पत्तिवार कितनी-कितनी आय हुई? उक्त आय को कहाँ-कहाँ मदवार व्यय किया गया? विगत पाँच वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट की प्रति सहित पूर्ण जानकारी देवें। ट्रस्ट के संचालन में हुई अनियमितताओं के लिये शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) ट्रस्ट के पंजीकरण ट्रस्ट के सदस्यों को बदलने व ट्रस्ट की सम्पत्तियों को बेचने, लीज पर देने या हस्तांतरित करने के लिए म.प्र. लोक न्यास अधिनियम 1951 में प्रावधान है। न्यास पंजी अनुसार न्यास में निम्नलिखित ट्रस्टी हैं :- 1. प्रशांत अग्रवाल पिता बालकृष्ण अग्रवाल 2. मधूसूदन टीबडेवाल पिता आर.एल. अग्रवाल 3. राजीव अग्रवाल पिता विष्णु अग्रवाल 4. नरेश पटैल पिता शिवजी भाई पटैल 5. मनोज अग्रवाल पिता एम.एल. अग्रवाल (अनु.वि.अधि. (रा.) एवं रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट जबलपुर 5/B113/4/11-12, 6-9-12) 6. योगेश अग्रवाल पिता बी.के. अग्रवाल (अनु.वि.अधि. (रा.) एवं रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट जबलपुर 5/B113/4/12-13, 30-4-13) ट्रस्ट के उद्देश्यों के विरूद्ध ट्रस्ट की सम्पत्ति धन राशि का उपयोग नहीं किया जा सकता है। (ख) प्रथम प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। द्वितीय प्रश्नांश के संबंध में जानकारी यह है कि गत पाँच वर्षों से पिंजरापोल ट्रस्ट द्वारा आय-व्यय विवरणी प्रस्तुत नहीं की गई है। उक्त जानकारी प्रस्तुत करने हेतु रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
निम्न गुणवत्ता की सड़क की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 2146 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अधोहस्ताक्षरी ने अपने पत्र क्र. 6346 दिनांक 3/1/2018 को आयुक्त नगर निगम जबलपुर को जनशिकायतों के आधार पर शंकरशाह नगर वार्ड स्थित अवंती बिहार कालोनी रोड स्थित सड़क के निम्न स्तर निर्माण कार्य की जांच हेतु पत्र प्रेषित किया था? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ तो क्या जबलपुर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा वर्णित प्रश्नांश (क) सड़क की जांच पूर्ण कर ली है? यदि हाँ, तो जांच में क्या पाया? (ग) क्या उक्त सड़क की गुणवत्ता जनहित में सुधार हेतु निगम प्रशासन जबलपुर उचित प्रयास करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा कार्यपालन यंत्री से सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कराई गई है। सड़क की स्थिति ठीक पाई गई है। कुछ स्थानों पर मेटल दिख रहा है जो कि रहवासियों द्वारा निर्माण के तत्काल पश्चात आवागमन के कारण हुआ है। (ग) जी हाँ। सड़क के उक्त हिस्से का ठेकेदार से सुधार कराया जावेगा।
दिनांक 26/12/2016 को दी गई पुनरीक्षण की अनुमति
[वन]
31. ( क्र. 2187 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुलताई ए.डी.जे. के द्वारा दक्षिण वनमण्डल बैतूल के वन अपराध प्रकरण क्रमांक 453/65, दिनांक 2 जून 2014 के संबंध में दिनांक 20/9/2016 को दिए गए आदेश की प्रति प्राप्त किए बिना वन विभाग का मत प्राप्त किए बिना ही वन विभाग द्वारा दिनांक 26/12/2016 को प्रस्तुत प्रस्ताव पर दिनांक 26/12/2016 को ही विधि विभाग ने पुनरीक्षण की अनुमति प्रदान कर दी है। (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2003 में राजपत्र में धावड़ा गोंद के संबंध में शासन द्वारा प्रकाशित अधिसूचना, म.प्र. वनोपज (व्यापार) विनियमन 1969 वन अधिकार कानून 2006, पेसा कानून 1996 एवं संविधान की पाँचवी अनुसूची में गोदाम की तलाशी ली जाकर गोदाम से धावड़ा गोंद जप्त कर 1969 के कानून की धारा 2घ एवं 5 का वन अपराध पंजीबद्ध करने का क्या-क्या अधिकार किस-किस को दिया गया है? (ग) विधि विभाग ने 26/12/2016 को पुनरीक्षण की अनुमति दिए जाने के पूर्व धावड़ा गोंद के संबंध में वर्ष 1969 के कानून एवं 2003 की अधिसूचना और वन विभाग के प्रकरण क्रमांक 453/65 एवं आदेश दिनांक 20/9/2016 का परीक्षण किन-किन कारणों से नहीं किया? (घ) धावड़ा गोंद के संबंध में प्रचलित संवैधानिक एवं वैधानिक प्रावधानों की अवेहलना कर बनाए गए वन अपराध से संबंधित दिनांक 20/9/2016 के न्यायालयीन आदेश के पुनरीक्षण की अनुमति विधि एवं विधायी विभाग ने किस-किस आधार पर प्रदान की है? प्रति सहित बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वन अपराध प्रकरण क्रमांक 453/65 दिनांक 02 जून, 2014 में माननीय ए.डी.जे. मुलताई द्वारा पारित आदेश दिनांक 20.09.2016 पर लोक अभियोजक द्वारा अभिमत दिया गया कि ’’श्री लोकेश निकाजू द्वारा प्रथम अपर सत्र न्यायालय मुलताई में प्रस्तुत अपील पर माननीय न्यायालय द्वारा अपील स्वीकार कर अधीनस्थ न्यायालय के आदेश दिनांक 14.10.2015 से अधिरोपित आरोप से उन्मोचित किया गया, जबकि आरोपी श्री लोकेश द्वारा अत्याधिक मात्रा में गोंद प्राप्त करने हेतु पौधों पर रसायन का प्रयोग कर वनों को नुकसान पहुँचाने का कार्य किया है एवं आदेश दिनांक 20.09.2016 में गोंद के विषय में स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया, अतः पुनरीक्षण अपील प्रस्तुत की जावें।'' लोक अभियोजक के अभिमत तथा वन विभाग द्वारा प्रेषित संक्षेपिका में प्रकरण के उल्लेखित तथ्यों के आधार पर विधि एवं विधायी विभाग ने पुनरीक्षण अपील प्रस्तुत करने की अनुमति प्रदान की है, जो पूर्णतः विधिसम्मत है। विधि एवं विधायी विभाग की अनुमति की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र हितग्राहियों के नाम अन्य पंचायतों में इन्द्राज होना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 2317 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के विकासखण्ड राघोगढ़ के ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर के पात्र हितग्राहियों के नाम सर्वर पर ग्राम पंचायत नारायणपुरा में दर्ज हैं? यदि हाँ, तो ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कब तक सुधार कराया जावेगा? सुधार उपरांत कब तक पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायत की तरह पात्र हितग्राहियों के नाम अन्य ग्राम पंचायतों में जुड़े होने संबंधी समस्या गुना जिले के किन-किन ग्रामों में है? जिला पंचायत गुना द्वारा उक्त समस्या के निराकरण हेतु क्या-क्या प्रयास किये गये? इस संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1906 दिनांक 11.06.2017 द्वारा समस्या संज्ञान में लाये जाने पर जिला पंचायत एवं जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई थी अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कार्यवाही कब तक की जावेगी? पात्र हितग्राहियों को कब तक लाभ प्रदान किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विभागीय पत्र क्रमांक 2754/वि-7/पीएमएवाय-जी/2018 दिनांक 09/03/2018 के निर्देश अनुसार पात्र हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये गए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ग्राम गणेशपुरा (ग्राम पंचायत पुरापौसर) गणेशपुरा (ग्राम पंचायत कुढ़का) खैरोदा (ग्राम पंचायत कोंतर) तथा बैरखेडी (ग्राम पंचायत बलरामपुरा) अन्य ग्राम पंचायतों में प्रदर्शित हो रहे है। विभागीय पत्र क्रमांक 2754/वि-7/पीएमएवाय-जी/2018 दिनांक 09/03/2018 के निर्देश अनुसार पात्र हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये गए है। (ग) पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पंचायत कुंभराज जिला गुना के निर्माण कार्य एवं क्रय की गई सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 2321 ) श्रीमती ममता मीना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2006 से 2009 तक नगर पंचायत कुंभराज जिला गुना में जो सामग्री क्रय की गई थी वह म.प्र. भण्डार क्रय नियम के अनुसार नीति से क्रय की गई थी? यदि नहीं, तो क्या उसकी जांच और कार्यवाही की गई है? (ख) क्या वर्ष 2006 से 2009 तक नगर पंचायत कुंभराज में जो निर्माण कार्य हुए हैं, उनके निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, अ.न.प्र. ग्वालियर द्वारा क्रं. निरंक दिनांक 22-07-2006 के आदेश में कोई कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? क्या दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. हो गई है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक की जावेगी? (ग) यदि प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों की जांच और कार्यवाही के लिए विभाग में कौन उत्तरदायी है? क्या राशि वसूली हो गई है या नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों की कार्यवाही हेतु विधान सभा में पूर्व में भी मांग की गई थी, उस पर विभाग ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? क्या विभाग राशि वसूली एवं दोषियों पर कार्यवाही या एफ.आई.आर. दर्ज कराकर अवगत कराया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) उत्तरदायी पाये गये मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध शासन के पत्र क्रमांक एफ 4-44/2015/18 दिनांक 04.12.2015 द्वारा श्री बी. आर. कामले, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद् कुंभराज तथा श्री विशाल बाबू शर्मा, उपयंत्री नगर परिषद्, कुंभराज के विरूद्ध संचालनालय के पत्र क्रमांक 1899 दिनांक 07.02.2017 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये हैं। श्री बी.आर. कामले, तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद्, कुंभराज के विरूद्ध प्रकरण में समुचित निर्णय लेने हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 1815 दिनांक 06.02.2017 द्वारा श्री विशाल बाबू शर्मा, उपयंत्री, नगर परिषद्, कुंभराज के विरूद्ध संचालनालय के आदेश क्रमांक 1923 दिनांक 07.02.2017 द्वारा उत्तरदायी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की जाकर संभागीय संयुक्त संचालक, ग्वालियर को विभागीय जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच अधिकारी से जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है। जिस पर अपचारी सेवकों को सुनवाई अवसर दिया जाकर निर्णय लिया जावेगा। प्रकरण में एफ.आई.आर. थाना कुंभराज में दिनांक 03.08.2014 को की गई है। विभागीय कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय में विधि संकाय का प्रारंभ
[उच्च शिक्षा]
34. ( क्र. 2463 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय शहीद चन्द्रशेखर आजाद महाविद्यालय झाबुआ में पूर्व में विधि संकाय प्रांरभ होकर कक्षाएं संचालित होती थी? (ख) यदि हाँ, तो विधि संकाय कब और क्यों बंद किया गया? (ग) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र-छात्राओं को विधि संकाय के अध्ययन हेतु इन्दौर जाना पड़ता है, क्या विधि संकाय शासकीय शहीद चन्द्रशेखर आजाद महाविधालय झाबुआ में प्रारंभ की स्वीकृति दिये जाने की कार्यवाही शासन स्तर पर विचाराधीन है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) बार काउंसिलिंग आफ इण्डिया, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2010-11 से प्रवेश पर रोक लगायी गयी। (ग) जी हाँ, उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नर्मदा सेवा यात्रा
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
35. ( क्र. 2541 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2017 में किस दिनांक से किस दिनांक तक नर्मदा सेवा यात्रा (नर्मदा परिक्रमा) निकाली गई? (ख) नर्मदा सेवा यात्रा के कार्यक्रम का आयोजन किस-किस नगरों/कस्बों/जिलों में किस-किस दिनांक को किया गया? (ग) नर्मदा सेवा यात्रा के आयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि विज्ञापन, व्ही.व्ही.आई.पी./व्ही.आई.पी. की सुरक्षा एवं अन्य मदों में व्यय की गई एवं यह व्यय किस विभाग के बजट से किया गया है? पृथक-पृथक विवरण दिया जाए? (घ) क्या वर्ष 2013-14 में नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु कार्य योजना बनाई गई थी? यदि हाँ, तो इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या विकास कार्य किये गये एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ड.) इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन से प्रदेश के किन-किन नगरों में गंदे नालों में ट्रीटमेन्ट प्लान लगाये गये एवं नालों को डायवर्ट किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 11 दिसम्बर 2016 से 15 मई, 2017 तक नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई। (ख) स्थानवार/दिनांकवार यात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) 11 विभागों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ, योजनान्तर्गत नर्मदा नदी किनारे स्थित 24 शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज ट्रीटमेन्ट एवं स्टार्म वॉटर ड्रेनेज कार्यों हेतु डी.पी.आर. तैयार कराई जा कर स्वीकृति हेतु केन्द्र शासन के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को दिनांक 15.9.2014 को प्रेषित की गई थी। केन्द्र शासन से इन योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से अभी क्रियान्वयन की कार्यवाही नहीं हुई है। 24 नगरों में डी.पी.आर. तैयार कराये जाने पर अभी तक राशि रूपये 3,29,63,884.00 व्यय हुई है। (ड.) प्रश्नांश ''घ'' अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भोपाल के मानपुर खंती के कचरे का निष्पादन
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 2542 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिक निगम भोपाल के गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित भानपुर खंती को बंद कर दिया गया है? बंद करने का दिनांक बताया जाए? (ख) भानपुर खंती में पूर्व में डम्प किये गये कचरे के निष्पादन का कार्य किस कम्पनी/संस्था को दिया गया है एवं इसकी नियम/शर्तें क्या हैं? (ग) भानपुर खंती के कचरे के निष्पादन का कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या निश्चित की गई है? भानपुर खंती के कचरे के निष्पादन में कितनी राशि व्यय होगी? (घ) भानपुर खंती के कचरे के निष्पादन से कितनी भूमि नगर निगम को प्राप्त होगी एवं नगर निगम द्वारा इस भूमि के उपयोग की क्या योजना बनाई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 24.01.2018 से। (ख) भानपुर खंती में पूर्व में डम्प किये गये कचरे के निष्पादन का कार्य निविदा प्रक्रिया उपरांत एजेंसी मेसर्स सौराष्ट्र इन्वाईरों प्रोजेक्ट्स प्रा.लि. सूरत (गुजरात) को दिया गया है। कंपनी की कार्य शर्तों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब पर है। (ग) उक्त कार्य अंतर्गत एजेंसी द्वारा भानपुर खंती को वैज्ञानिक पद्धति से बन्द किये जाने एवं जैविक उपचार का कार्य के लिये तीन वर्षों की समय-सीमा निश्चित की गई है एवं संपूर्ण क्षेत्र के संधारण का कार्य आगामी पाँच वर्षों तक एजेंसी द्वारा किया जावेगा। भानपुर खंती के कचरे के निष्पादन में राशि रू. 52.38 करोड व्यय होगी। (घ) भानपुर खंती को वैज्ञानिक तरीके से बंद किये जाने एवं जैविक उपचार कार्य क्रियान्वयन अंतर्गत कुल 21 एकड़ भूमि नगर निगम को प्राप्त होगी। पर्यावरण नियमों अनुसार भूमि प्राप्त होने के उपरांत कार्य योजना तैयार की जावेगी।
विकास कार्यों का समय-सीमा में क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 2696 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नीमच जिले अन्तर्गत की नगरपालिका परिषदों में किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि के विकास कार्य कराये गये हैं तथा कितने कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं, योजनावार ब्यौरा दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं को संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा समय-सीमा में पूर्ण किया गया हैं? यदि नहीं, तो क्रियान्वयन एजेंसी के विरुद्ध अनुबंध के अनुसार कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) से संबंधित कोई शिकायत शासन को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उस पर अब तक की गयी कार्यवाही का पूर्ण ब्यौरा दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद्, नीमच की मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना का कार्य विलम्ब से करने के कारण क्रियान्वयन एजेन्सी को ब्लैक लिस्ट करने हेतु सूचना पत्र जारी किया गया है एवं सूचना पत्र पर अंतिम सुनवाई दिनांक 09/03/2018 को हुयी है, प्रकरण पर निर्णय लिया जा रहा है। इसी योजना की गुणवत्ता के संबंध में प्राप्त शिकायत पर आदेश दिनांक 28/08/2017 के द्वारा जांच समिति गठित की गयी है। जांच समिति का जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
नगरीय निकायों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के वेतन/पेंशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 2721 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय निकायों में निर्वाचित महापौर/अध्यक्ष/पार्षदों को शासन के अधिनियमानुसार कितना मानदेय दिया जाना स्वीकृत है तथा इसमें कब-कब कितनी बढ़ोत्तरी की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मंहगाई की दृष्टिगत रखते हुए मानदेय में बढ़ोत्तरी किया जाना उचित होगा? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा और कब तक? (ग) क्या शासन नगरीय निकायों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को दिये जाने वाले मानदेय को महंगाई सूचकांक के साथ जोड़े जाने पर विचार करेगा? (घ) क्या महापौर/अध्यक्ष/पार्षदों को पेंशन प्रदाय किये जाने की कोई योजना शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रदेश की नगरीय निकायों में निर्वाचित महापौर/अध्यक्ष/पार्षदों को म.प्र. नगर पालिक निगम (पार्षदों का परिश्रमिक तथा भत्ते) नियम 1995 तथा म.प्र. नगर पालिका (पार्षदों का परिश्रमिक तथा भत्ते) नियम 1995 के प्रावधान अनुसार मानदेय दिया जाना स्वीकृत है। नियमों की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मानदेय में वर्ष 2010 में वृद्धि की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) से (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगम द्वारा शौचालय निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 2763 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम इंदौर सीमा क्षेत्र में कुल कितने शौचालय निर्मित किए गए हैं? वार्डवार संख्या व व्यय का विवरण देवें। (ख) इन शौचालयों के उपयोग हेतु कोई शुल्क निर्धारित किया गया है, यदि हाँ, तो कितना शुल्क लिया जा रहा है? उससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ग) क्या समस्त शौचालयों में रख-रखाव आदि के संबंध में क्या व्यवस्था की गयी है, या कोई एजेंसी निर्धारित की गयी है? (घ) जिन स्थानों पर शौचालयों का निर्माण किया गया है, उस भूमि का आधिपत्य किसका है? क्या ग्रीन बेल्ट एवं उद्यानों की भूमि में भी शौचालय निर्माण किए गए हैं? सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा अक्टूबर 2014-15 से 2017-18 में कुल 120 स्थानों पर शौचालय निर्मित किये गये है, इन शौचालयों पर राशि रू. 2409.55 लाख का व्यय किया गया है, शौचालयों की वार्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, सार्वजनिक शौचालयों के उपयोग हेतु स्नान रूपये 5/- शौच हेतु रूपये 05/- निर्धारित है। इतनी ही राशि उपभोक्ताओं से ली जा रही है। निगम को उक्त से कोई राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है। (ग) जी हाँ, स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से निर्मित कराये गये 239 शौचालयों में रख-रखाव एवं संचालन का कार्य संबंधित सुलभ संस्थाओं के द्वारा किया जा रहा है, नगर निगम द्वारा निर्मित 90 शौचालय का संचालन निगम द्वारा किया जा रहा है। पृथक से कोई एजेंसी निर्धारित नहीं की गई है। (घ) जिन स्थानों पर शौचालयों का निर्माण किया गया है, उस भूमि का आधिपत्य निगम एवं नजूल का है। ग्रीन बेल्ट एवं उद्यानों की भूमि पर शौचालय का निर्माण किया गया है, उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड को सर्वे क्र. 324 व 325 जमीन हस्तान्तरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 2801 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्र. 349 दिनांक 30 नवम्बर 2017 मध्यप्रदेश नगर पालिका अचल संपत्ति अंतरण नियम 2016 के उप नियम 3 एवं 10 के तहत वार्षिक पट्टे भाड़े की गणना पत्रक किराया/भू-भाटक की दरें निर्धारित की गई? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत कलेक्टर जिला भिण्ड से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही पूर्ण हो जायेगी? (ग) नगर पालिका परिषद् भिण्ड के संकल्प क्रमांक 191 दिनांक 28/9/2013 सर्वें क्र. 324 व 325 भू खण्ड महावीर कीर्ति स्तम्भ न्यास राजि. समिति भिण्ड को हस्तान्तरण करने की कार्यवाही पूर्ण कब तक होगी? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में कब तक कार्यवाही पूर्ण हो जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत टोला में सचिव की नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
41. ( क्र. 2805 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला भिण्ड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत टोला विकास खण्ड लहार में पूर्णकालिक सचिव नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्यों? पूर्णकालिक सचिव कब तक पदस्थ किया जावेगा? (ख) क्या वर्तमान में सरपंच ने अपने चचेरे भाई श्री धीरज भारद्वाज को रोजगार सहायक सह सहायक व सचिव नियुक्त करवाकर उसी को सचिव का प्रभार दिया हुआ हैं? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? श्री बरूआ पूर्ण कालिक सचिव को मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड द्वारा टोला में पदस्थ किया गया था? यदि हाँ, तो कब ज्वाइन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी हैं? (ग) श्री धीरज भारद्वाज रोजगार सहायक, सह सहायक सचिव की शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच कब किससे करवाई गई? यदि नहीं, करवाई गई तो क्यों? प्रमाण पत्र/डिप्लोमा किस बोर्ड/विश्वविद्यालय से किस वर्ष में किया? (घ) क्या यह सही है कि सरपंच और सचिव ग्राम पंचायत टोला विकास खण्ड लहार जिला भिण्ड दोनों चचेरे भाई आपस में मिलकर नियम के विपरीत कार्य कर आर्थिक अनियमितता कर कर रहें हैं? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों की जांच किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब करवाई जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड द्वारा सचिव श्री रविन्द्र कुशवाह को दिनांक 02.06.2017 को निलंबित किया गया। कलेक्टर जिला भिण्ड के आदेश क्रमांक 6736 दिनांक 15.07.2017 द्वारा श्री विनोद वरूआ को ग्राम पंचायत मघेरा, अटेर से स्थानांतरित कर ग्राम पंचायत टोला पदस्थ किया गया। श्री विनोद वरूआ द्वारा मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 5683/2017 दायर कर स्थानांतरण के विरूद्ध स्थगन प्राप्त किया गया है। (ख) जी नहीं, श्री धीरज भारद्वाज को ग्राम रोजगार सहायक टोला के पद पर दिनांक 31.08.2013 को नियुक्त किया गया था, उस समय उनके चचरे भाई ग्राम पंचायत टोला के सरपंच नहीं थे। सचिव श्री रविन्द्र कुशवाह के निलंबन के उपरांत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड द्वारा ग्राम रोजगार सहायक श्री धीरज भारद्वाज को दिनांक 14.06.2017 को सचिव का चार्ज दिया गया है। शेष उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) नियुक्ति के समय प्रक्रिया के तहत दस्तावेजों का सत्यापन किया गया था। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। रोजगार सहायक धीरज भारद्वाज द्वारा महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय जबलपुर से वर्ष 2010-11 में कम्प्यूटर डिप्लोमा प्राप्त किया गया था। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय धान राशि जनहित के बजाए पार्टीहित में उपयोग
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
42. ( क्र. 2823 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन अभियान परिषद् के अध्यक्ष मुख्यमंत्री जी हैं? जन अभियान परिषद् के उद्देश्य क्या-क्या हैं तथा इसे क्या शक्तियां और अधिकार किन नियम के तहत क्या-क्या हैं? उनकी प्रति बताते हुये यह भी बतायें कि शासकीय धन उक्त संस्था को खर्च करने की शक्तियां तथा अधिकार मंत्री परिषद् द्वारा कब अनुमोदन कर किस नियम के तहत दिये गये? (ख) नमामि देवी नर्मदे यात्रा का उद्देश्य क्या था? क्या इस संबंध में शासन द्वारा पत्र परिपत्र जारी किये गये थे? उनकी प्रति बताते हुये बतायें कि शासन द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करने हेतु जिला स्तर के और विभागाध्यक्ष स्तर से कौन-कौन से निर्देश जारी किये गये? उनकी प्रति बतायें यदि शासकीय लोक सेवकों का यात्रा के संबंध में ड्यूटी लगायी गयी हो तो उन आदेशों की प्रतियां और शासकीय खर्चे पर जिन वाहनों का उपयोग किया गया हो, उनके रजिस्ट्रेशन नम्बर बताये? (ग) क्या प्रश्न क्रमांक 3060 दिनांक 27 जुलाई 2017 के उत्तर में 1786.42 लाख रूपये की राशि व्यय किया जाना स्वीकार किया गया हैं, इसमें से कितनी राशि खुली निविदा से और कितनी राशि सीमित निविदा से और शेष राशि किस प्रक्रिया से व्यय की गयी राशि कार्य का नाम भुगतान प्राप्त करने वाली एजेन्सी का नाम बताये। (घ) क्या उक्त प्रश्न का उत्तर अभिलेखों के आधार पर दिया गया था? यदि हाँ, तो उत्तर के साथ संलग्न प्रपत्र (अ) में उल्लेखित राशि से किसे-किसे कितनी राशि का भुगतान किस कार्य हेतु कब-कब किया गया और क्या व्यय के व्हाउचर रसीद तथा दस्तावेज सुरक्षित है, यदि हाँ, तो उक्त शासकीय राशि के व्यय का उन जिलों में किये जाने का क्या औचित्य था, जहां पर की नर्मदा नदी नहीं हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रहीं है।
बी.आर.टी.एस.के निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 2847 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर नगर अंतर्गत कितने किलोमीटर क्षेत्र में बी.आर.टी.एस.का निर्माण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बी.आर.टी.एस.पर यात्रियों एवं आमजन के आवागमन हेतु फुट ब्रिज निर्मित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो बी.आर.टी.एस.पर कितने फुट ब्रिज निर्मित हो चुके हैं तथा कितने शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो तथ्यात्मक कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बी.आर.टी.एस.के दोनों ओर क्या साईकिल लेन का निर्माण किया गया है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो वर्तमान में साईकिल लेन की क्या स्थिति है? क्या साईकिल लेन पर अतिक्रमण हैं? यदि हाँ, तो कब तक हटाये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर शहर में बी.आर.टी.एस. का निर्माण निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहा तक 11.45 कि.मी. पर किया गया है। (ख) जी हाँ। अभी निर्मित नहीं हुए हैं। 08 स्थानों पर निर्मित किया जाना प्रस्तावित है। (ग) उत्तर 'ख' के तारतम्य में निरंक। (घ) जी हाँ। बी.आर.टी.एस. पर 60 मीटर ROW (Right of way) में साईकल ट्रेक का निर्माण किया गया है वर्तमान में साईकल लेन अतिक्रमण मुक्त है।
बुन्देलखण्ड पैकेज से 350 स्टापडेमों में लापरवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 2904 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के 5 जिलों में वर्ष 2011-12 या 2012-13 में बुन्देलखण्ड पैकेज अंतर्गत 350 स्टॉपडेम कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत हुये थे? कार्य एजेंसी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्तावधि में शिकायतें प्राप्त होने पर सी.टी.ई. मुख्य तकनीकी परीक्षण से जांच करायी गई थी? यदि हाँ, तो स्टॉपडेमवार जांच रिपोर्ट की सत्यप्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या जांच में भारी अनियमितताएं सामने आयी थी? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारियों एवं कार्य एजेंसियों पर कोई कार्यावाही क्यों नहीं की गई एवं उक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर कब तक कार्यावाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग अंर्तगत सागर राजस्व संभाग के 05 जिलों में कुल 326 स्टॉपडेम बुन्देलखण्ड योजनांतर्गत स्वीकृत किये गये थे। उक्त संभाग में वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में स्वीकृत स्टॉपडेम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जांच रिपोर्ट की सत्य प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जांच रिपोर्ट में पाई गई अनियमितताओं के आधार पर छतरपुर, टीकमगढ़ एवं पन्ना जिले के आरोपी कर्मचारियों को विभागीय जांच हेतु आरोप पत्र जारी किये जा चुके हैं। शेष जिलो के आरोप पत्र 01 माह में जारी कर दिये जायेंगे।
फर्जी आदेश बनाकर कर्मचारी को परेशान किये जाना
[वन]
45. ( क्र. 2905 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला दमोह अंतर्गत हटा वन परिक्षेत्र अंतर्गत 7 अप्रैल 2016 को फर्जी आदेश बनाकर एक वन रक्षक श्रीराम दुबे को निलंबित कर उसकी वेतन रोकी गई थी? यदि हाँ, तो उस आदेश की सत्यापित छायाप्रति उपलब्ध कराने के साथ ही यह बतावें कि यदि किसी अधिकारी के द्वारा फर्जी आदेश जारी किया जाता है, तो उस पर कार्यवाही होनी चाहिए की नहीं? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? (ख) क्या उक्त वनरक्षक श्री राम दुबे का विगत 2 साल में 9 बार स्थानांतरण किया गया? यदि हाँ, तो क्या यह नियमान्तर्गत है? यदि नहीं, तो 9 बार स्थानांतरण किये जाने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) जिला दमोह की हटा रेंज अंतर्गत रेंजर के पद पर पदस्थ श्री प्रदीप कुमार शुक्ला की लगातार शिकायतें प्राप्त होने के उपरांत तथा प्रश्नकर्ता द्वारा भी शिकायत व माननीय वित्तमंत्री जी के द्वारा भी स्थानांतरण का लेख किये जाने के उपरांत आज दिनांक तक रेंजर को क्यों नहीं हटाया गया? कब तक हटाया जायेगा व अनियमितताओं की जांच करायी जाकर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री प्रदीप कुमार शुक्ला के विरूद्ध प्राप्त शिकायत की जांच की जा रही है, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
स्मार्ट मोबाईल फोन वितरण में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 2946 ) श्री प्रताप सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार द्वारा कॉलेज में प्रवेश के समय नवप्रवेशी छात्रों को स्मार्ट मोबाईल फोन का वितरण किया जाता है? (ख) क्या दमोह जिले के महाविद्यालयों में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को वर्ष 2018 में स्मार्ट फोन वितरित किये गये हैं? यदि हाँ, तो महाविद्यालय का नाम, छात्र संख्या, मोबाईल माडल नंबर कपंनी के नाम सहित, मोबाईल की वास्तविक कीमत, मोबाईल के बिल की प्रति, गांरटी, उपलब्ध करायें? (ग) दमोह जिले में उक्त योजना के तहत 2016 से वर्तमान तक कुल कितने विद्यार्थी लांभावित हुए? उनकी संख्या एवं कुल खर्च की गई राशि का विवरण देवें? (घ) क्या, उक्त योजना के तहत महाविद्यालय में स्मार्ट फोन मोबाईल वितरित किये जाने के लिए शासन के द्वारा कोई कार्यक्रम निर्धारित किया गया था? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें एवं किस-किस की उपस्थिति में मोबाईल वितरित किये जाने के आदेश दिये गये थे? क्या जबेरा विधान सभा के तेंदूखेड़ा एवं जबेरा महाविद्यालय नियमानुसार स्थानीय विधायक को आमंत्रित किया गया था? यदि हाँ, तो आमंत्रण सूचना की पावती वतायें? यदि नहीं, तो जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? यदि हाँ, तो, क्या और कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ग) दमोह जिले में उक्त योजना के तहत वर्ष 2014-15 के पात्र 2488 विद्यार्थी, 2015-16 के पात्र 3763 विद्यार्थी एवं वर्ष 2016-17 में अभी तक 3428 स्मार्टफोन वितरित किये गये हैं। जिलेवार व्यय निर्धारित नहीं किया जाता है, अपितु प्रति नग मोबाईल की कीमत के आधार पर कुल वितरित स्मार्टफोन पर 2014-15 की कीमत प्रति नग रूपए 2499/- तथा 2015-16 एवं 2016-17 की कीमत प्रति नग रूपए 2159.90 के आधार पर रूपए 2,17,49,352.90 का कुल व्यय हुआ है। (घ) स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम निर्धारित कर स्मार्टफोन वितरण के निर्देश हैं। शासनादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" एवं "द" अनुसार है, जिसमें किस-किस की उपस्थिति में मोबाईल वितरण किया जाना है, से संबंधित निर्देश समाहित हैं। उक्त निर्देशों के अतिरिक्त शासकीय समारोह आयोजन के विषय में जनप्रतिनिधिगणों के आमंत्रण के राज्य शासन के स्थायी निर्देश हैं। जी हाँ, शासकीय महाविद्यालय, जबेरा द्वारा आमंत्रण पत्र स्थानीय प्रतिनिधि के माध्यम से प्रेषित किए गए थे, जिसकी पावती की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "इ" अनुसार है। शासकीय महाविद्यालय, तेंदुखेड़ा के प्रथम चरण के स्मार्टफोन के वितरण में माननीय सांसद महोदय को आमंत्रित किया गया है, द्वितीय चरण के वितरण शीघ्र प्रस्तावित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कालोनी को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 2971 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि जिला सिंगरौली स्थित अवैध कालोनियों को कब तक वैध कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : जिला सिंगरौली स्थित नगर पालिक निगम सिंगरौली के क्षेत्रान्तर्गत अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण की कार्यवाही म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के विहित प्रावधानों के अंतर्गत नगर पालिक निगम सिंगरौली द्वारा प्रारम्भ की जा चुकी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर निकायों में पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 3079 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि मण्डला जिला अन्तर्गत नगरपरिषद् भुआ-बिछिया क्षेत्रान्तर्गत एन.एच. 12 राष्ट्रीय राजमार्ग में बंजारी से भंडगा तक दोनों ओर नल-जल योजना की मेन पाइप-लाइन मे. दिलीप बिल्डकॉन कंपनी द्वारा डाली जानी थी? क्या नगरवासियों द्वारा एस.डी.एम. बिछिया को कलेक्टर मण्डला के नाम से ज्ञापन सौप कर शिकायत की जांच करने क्या आग्रह किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो, नगरवासियों की मौखिक शिकायत पर निर्माण एजेंसी द्वारा रातोंरात चोरी छिप पाइप-लाइन बिछाने का कार्य किया गया है? जिसकी जानकारी प्राप्त होने पर क्या निकाय अध्यक्ष द्वारा परिषद् के पदाधिकारियों एवं अमले के साथ मौके पर k-7 (100mm) के पाईप पाये गये? जबकि नई पाइप-लाइन के पाईप प्राक्कलन अनुसार k-9 (100mm) के डाले जाने थे, जिसकी सूचना पर अनुविभागीय अधिकारी, बिछिया द्वारा पंचनामा तैयार कर पाईप जप्त किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो, मे. दिलीप बिल्डकॉन द्वारा पूर्व प्रस्तुत प्राक्कलन के विपरीत ये कार्य किसकी सहमति, आदेश के द्वारा रातोरात डाले जा रहे थे, क्या इसकी जांच हेतु जिला प्रशासन अथवा स्थानीय स्तर पर कोई कार्यवाही की है? इस अवैधानिक कृत्य पर भुगतान कब और कैसे कितना किया गया और क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार नागारिकों के मूलभूत सुविधा की दृष्टि से बिछिया नगर निकाय में पाइप लाइन प्राक्कलन के विरूद्ध क्यों डाली जा रही थी? दोषी के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? विवरण देवें? नहीं तो क्यों नहीं? कार्यवाही कब पूर्ण की जावेगी? विस्तृत जानकारी जांच प्रतिवेदन सहित प्रस्तुत करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद् भुआबिछिया अन्तर्गत एन.एच. 12 राष्ट्रीय राजमार्ग पर नल जल योजना की मेन पाइप-लाइन विस्थापित करने का कार्य मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। जी हाँ। पत्रकार संघ द्वारा कलेक्टर मण्डला को ज्ञापन सौंपकर शिकायत की जांच करने का आग्रह किया गया है। (ख) जी नहीं। निकाय के नवनिर्वाचित अध्यक्ष द्वारा अपने परिषद् पदाधिकारियों के साथ मौके पर के-7, 100 एम.एम. डाया पाईप पाये जाने का पंचनामा तैयार किया गया है। पंचनामा की छायाप्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बिछिया द्वारा पंचनामा तैयार कर पाईप जप्त नहीं किये गये है। (ग) शिकायत की जांच हेतु जिला कलेक्टर, मण्डला द्वारा समिति गठित की गई है। जांच दल को प्रकरण की सूक्ष्म जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश कलेक्टर, जिला मण्डला द्वारा दिये गये है। किये गये मानक स्तर के कार्य के चलित देयक का भुगतान दिनांक 31.03.2017 को राशि रू. 74.29 लाख का एवं दिनांक 21.06.2017 को रू. 73.05 लाख का किया गया है। (घ) जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात निष्कर्ष अनुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
जिला पंचायत छतरपुर में पत्रों पर समय-सीमा में कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 3140 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 15-16 में अध्यक्ष जिला पंचायत छतरपुर द्वारा मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छतरपुर को कितने पत्र व निरीक्षण पत्र पंचनामा सहित दिये गये थे? सूचीवार, दिनांकवार जानकारी सहित पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पत्रों पर क्या कार्यवाही की गयी तथा कितने पत्रों पर कार्यवाही कर लिखित में अध्यक्ष जिला पंचायत को अवगत कराया गया दिनांकवार, कार्यवाही पत्र की छायाप्रति सहित, सूची उपलब्ध करावें? (ग) उक्त निरीक्षण पत्रों पर कितने अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? सूचीवार नामवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) यदि नहीं, तो इस घोर लापरवाही के लिये कौर-कौन अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार है एवं उन पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल 19 पत्र व निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’ अनुसार। (ख) पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’ अनुसार। समस्त 19 पत्रों पर प्रतिलिपि के द्वारा अवगत कराया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब’’ अनुसार। (घ) पत्रों पर कार्यवाही किये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशि आहरण पर रोक
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 3170 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवास निर्माण हेतु सहायता प्रदान की जा रही है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शहडोल जिले के नगर परिषद् खांड में कितनें व्यक्तियों को उक्त योजना का लाभ प्रदान किया गया है और लाभान्वित व्यक्तियों के खाते पर योजना की राशि की निकासी पर नगर परिषद् द्वारा रोक क्यों लगाई गई है? (ग) क्या नगर परिषद् द्वारा उन्हीं व्यक्तियों के नाम आवास स्वीकृत किये गये हैं, जो नगर क्षेत्र के निवासी हैं, जिनमें से अधिकांश व्यक्तियों से संपत्तिकर ली जाती है, बिजली कनेक्शन हेतु अनापत्ति दी गई है, स्वच्छता अभियान के तहत उनके आवास पर शौचालय निर्माण कराये गये हैं? जल प्रदाय की सुविधा प्रदान की गई है? क्षतिग्रस्त मकान रिपेयरिंग हेतु समझौता शुल्क जमा कराकर निर्माण हेतु अनुमति दिया गया है और संबधित व्यक्ति अपने आवास स्थल पर ही निर्माण करना चाहते हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) हाँ, तो प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि आहरित करने पर रोक क्यों लगाई गई है? कारण उपलब्ध कराया जाय तथा इसका निराकरण कब तक कर लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शहडोल जिले के नगर परिषद् खांड में प्रथम चरण में 593 हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है। 439 हितग्राहियों के खाते से योजना की राशि पर आहरण से रोक लगाई गई है, भूमि स्वामित्व स्पष्ट न होने के कारण। (ग) जी हाँ। नगर परिषद् खांड द्वारा उन्हीं व्यक्तियों के नाम आवास स्वीकृत किये गये है जो इस नगर क्षेत्र के निवासी है, समेकित कर जमा करते हैं, बिजली कनेक्शन हेतु अनापत्ति मांगे जाने पर प्रदाय किया जाता है, जिनके आवास में शौचालय नहीं थे उनके आवासों में शौचालय का निर्माण कराया गया है। क्षतिग्रस्त मकान रिपेरिंग हेतु आवेदन प्राप्त होने पर समझौता शुल्क जमा कराकर निर्माण की अनुमति दी गई है। किसी भी प्रकार का सम्पत्तिकर नहीं लिया गया है। (घ) उत्तरांश ’ग’ संज्ञान में आने पर संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल, जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का संचालन किया जाना है। पत्र दिनांक 09.03.2018 जो कि जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है के माध्यम से मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद् खांड को निर्देश दिये है कि तत्काल ऐसे हितग्राहियों को खाते से राशि आहरण के लिये लगाई गई रोक हटाएं तथा जल संसाधन विभाग की स्वामित्व की भूमि को वापिस लेकर नगर परिषद् के माध्यम से हितग्राहियों को आवंटित करने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित करे। उक्त के पालन में मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् द्वारा दिनांक 09.03.2018 को ही जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार रोक हटा दी गई है।
भण्डार क्रय नियम उपार्जन 2015 की सूची क्रमांक 33 से टैंकर एवं ट्राली को हटाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
51. ( क्र. 3207 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माह फरवरी 2017 को एक पत्र लिखकर भण्डार क्रय नियम उपार्जन 2015 की सूची क्रमांक 33 पर उल्लेखित वॉटर टैंकर एवं ट्राली उल्लेखित होने से ग्राम पंचायतों को विधायक निधि एवं सांसद निधि से क्रय करना पड़ रहा है, जिनकी गुणवत्ता ठीक नहीं है व कीमत भी अधिक देनी पड़ रही है की ओर ध्यान आकर्षित किया गया था तथा उक्त सूची से टैंकर को विलोपित करने हेतु पुनर्विचार का आग्रह किया गया था? (ख) उक्त पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त पत्र पर यदि कार्यवाही की गई है तो प्रश्नकर्ता को उक्त पत्र का उत्तर विभाग द्वारा किस दिनांक को भेजा गया?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी, हां। (ख) माननीय विधायक जी ने लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्रदाय किये जा रहे वॉटर टैंकर की गुणवत्ता एवं दरों के संबंध में आपत्ति उठाई जाकर उत्पाद को म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 के नियम 6 के परिशिष्ट-''अ'' से विलोपित करने अथवा लघु उद्योग निगम को भी विभाग द्वारा आमंत्रित निविदा प्रक्रिया में भाग लेकर टैंकर प्रदाय हेतु प्राथमिकता प्रदान करने बावत् प्रावधान रखने का लेख किया गया है। माननीय विधायक जी के सुझाव का परीक्षण किया गया और यह पाया गया कि म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्रदाय किये जा रहे वॉटर टैंकरों हेतु यह आवश्यक है कि उक्त का डिजाईन केन्द्रीय मोटर यान नियम-1989 एवं म.प्र. मोटर यान नियम-1994 में निर्धारित किये गये मापदण्डों के अनुरूप हो तथा परिवहन आयुक्त, म.प्र. द्वारा उक्त डिजाईन को अनुमोदित किया गया हो। इसके साथ ही प्रदायकर्ता के पास उक्त टैंकर के विक्रय हेतु क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से वैध प्रमाण-पत्र प्राप्त हो। लघु उद्योग निगम द्वारा टैंकरों के प्रदाय हेतु दर निर्धारण की कार्यवाही पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाकर ई-टेण्डरिंग प्रणाली में निविदा आमंत्रित कर, की जाती है। उपरोक्त उल्लेखित तथ्यों से यह स्पष्ट है कि निगम द्वारा केन्द्रीय मोटर यान नियम-1989 एवं म.प्र. मोटर यान नियम-1994 में निर्धारित किये गये मापदण्ड तथा परिवहन आयुक्त, म.प्र. द्वारा अनुमोदित डिजाईन के अनुसार टैंकर का प्रदाय प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर कराया जा रहा है। लघु उद्योग निगम को माननीय विधायक के अतिरिक्त अन्य किसी क्रयकर्ता विभाग से गुणवत्ता एवं दरों के संबंध में कोई शिकायत आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। उपरोक्त उल्लेखित तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में माननीय विधायक जी के पत्र पर अब कोई कार्यवाही बाकी नहीं है। (ग) माननीय विधायक जी को इस संबंध में पत्र दिनांक 12.03.2018 से उत्तर प्रेषित किया गया।
पंच परमेश्वर योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
52. ( क्र. 3248 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंच परमेश्वर योजना में किन-किन मदों की राशि सम्मिलित होती है तथा यह राशि किन-किन कार्य में व्यय होने का प्रावधान है व इसके क्रियान्वयन हेतु क्या प्रावधान है? (ख) विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि वर्ष 2015-16 2016-17 एवं 2017-18 में किन-किन पंचायतों को दी गई प्राप्त राशि से कितने-कितने कार्य करायें गये? की जानकारी वर्षवार पंचायतवार दी जावें? (ग) ग्राम पंचायतों द्वारा राशि का उपयोग कर कितने कार्य किये गये? की जानकारी वर्ष व पंचायतवार दी जावे यदि कार्य शेष हो तो की जानकारी (ख) के अनुसार दी जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंच परमेश्वर योजना में ग्राम पंचायतों को प्राप्त होने वाली समस्त अनाबद्ध राशियां जैसे 14वां वित्त आयोग मूल अनुदान, 14वां वित्त आयोग परफॉमेंस तथा राज्य वित्त आयोग अनुदान आदि को सम्मिलित किया जाता है। इस राशि से लिये जाने वाले कार्य तथा क्रियान्वयन हेतु प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब’ अनुसार है।
मनरेगा से संबंधित जानकारी का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 3249 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कौन-कौन से कार्य करायें जाने का प्रावधान हैं व विधानसभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में अप्रैल 2015 से फरवरी 2018 तक कितने कार्य कराये गये व पूर्ण कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार बतावें? (ख) क्या मनरेगा के तहत कार्य स्थल पर मजदूरों को सुविधा देने के प्रावधान है व कौन-कौन सी सुविधा शामिल हैं? उनकी जानकारी देते हुए सुविधाओं पर कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार बतावे? अप्रैल 2015 से फरवरी, 2018 तक जानकारी दी जाए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत सामुदायिक कार्यों में नवीन तालाब, ग्रेवल रोड, सी.सी. रोड, चेकडेम, स्टॉपडेम, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी, शांतिधाम, खेल मैदान, पेयजल कूप, सड़क किनारे, नहर किनारे सार्वजनिक परिसर, ब्लॉक प्लांटेशन तथा हितग्राही मूलक कार्य यथा कपिलधारा कूप, खेत तालाब, नाडेप/वर्मी कम्पोस्ट पिट, घरेलू शौचालय, निजी खेत की मेढ़ पर, निजी खेत में वृक्षारोपण/फलोद्यान विकास आदि कार्य कराये जाने का प्रावधान है। विधानसभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में अप्रैल 2015 से फरवरी 2018 तक कुल 1897 कार्य स्वीकृत किये गये/पूर्ण कार्यों पर व्यय की राशि की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्य स्थल पर पीने का पानी, छाया की व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था, कामगारी महिलाओं के 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये झूले की व्यवस्था एवं उनकी देखभाल तथा कार्य स्थल पर कार्य के दौरान चोट लगने पर इलाज की सुविधा एवं मृत्यु होने पर आम आदमी बीमा योजना के तहत अनुग्रह राशि दी जाने का प्रावधान है। प्रश्नांकित अवधि में उक्त सुविधाओं पर नरेगा से व्यय जिले द्वारा प्रतिवेदित नहीं है।
स्थानीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी और संविदा कर्मचारियों को रखा जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 3347 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले की नगर पालिका परिषद्/पंचायतों में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 17-18 में प्रश्न दिनांक तक दैनिक वेतन भोगी और संविदा कर्मचारी के रूप में किन-किन व्यक्तियों को किस-किस कार्य के लिये कब-कब रखा गया? पृथक-पृथक निकायों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त दैनिक वेतन भोगी व संविदा पर रखे गये कर्मचारियों को किसके आदेश अथवा अनुशंसा पर रखा गया? (ग) हरदा जिले के सभी नगरीय निकायों द्वारा उक्त अवधि में निकायवार कुल कितना-कितना भुगतान दैनिक वेतन भोगी व संविदा कर्मचारियों पर किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) हरदा जिले की नगर पालिका परिषद् हरदा/नगर परिषद् टिमरनी एवं खिरकिया में वर्ष 2016-17 वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक किसी भी कर्मचारी को दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारी के रूप में नियुक्त नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
55. ( क्र. 3348 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के हरदा एवं खिरकिया विकासखंड अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने निराश्रितों, विकलांगों एवं वृद्धों को निराश्रित पेंशन स्वीकृत की गई? उक्त निराश्रितों को स्वीकृत पेंशन का भुगतान कब से किया गया? (ख) क्या उपरोक्त अवधि में स्वीकृत की गई निराश्रितों की पेंशन का भुगतान स्वीकृत होने के बाद भी उन्हें स्वीकृत तिथि से 7-8 माह पश्चात की तिथि में किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित अवधि में हरदा जिले के विकासखंड हरदा एवं खिरकिया में कितने लोगों द्वारा विकलांग, निराश्रित, विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन के लिये आवेदन पत्र प्रस्तुत किये व कितने आवेदनों का निराकरण किया गया वर्षवार व विकासखंडवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) हरदा जिले में विकलांग, निराश्रित, विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन के लिये कितने-कितने आवेदन प्रश्न दिनांक तक लंबित है व उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) हरदा जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 1623 निराश्रित, 8246 वृद्धों एवं 3443 विकलांगों को पेंशन स्वीकृत की गई है। उपरोक्त हितग्राहियों को स्वीकृति दिनांक से प्रतिमाह पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। जानकारी उत्तरांश ’’क’’ अनुसार। (ग) जानकारी परिशिष्ट ’’अ’’ अनुसार। (घ) हरदा जिले में विकलांग, निराश्रित विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन के कोई भी आवेदन प्रश्न दिनांक तक लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राही द्वारा शौचालय का निर्माण कराए जाने पर भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
56. ( क्र. 3402 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वच्छ भारत अभियान के तहत सर्वे सूची में यदि हितग्राही का नाम नहीं है तो क्या वह हितग्राही स्वयं के व्यय पर शौचालय का निर्माण कराकर भुगतान प्राप्त करने का अधिकारी है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्नांकित तिथि तक ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनके द्वारा स्वयं के व्यय पर शौचालय का निर्माण करवाया गया है, लेकिन उन्हें अभी तक भुगतान नहीं किया गया है, ऐसे हितग्राहियों की सूची ग्रामवार व पंचायतवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांकित (ख) में उल्लेखित हितग्राहियों को भुगतान नहीं किये जाने के लिए शासन किस अधिकारी को जिम्मेदार मानती है तथा भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जे.पी. पावर प्लांट बीमा में सीमेन्ट फैक्ट्री खोलने की कार्यवाही
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
57. ( क्र. 3535 ) श्री महेश राय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत संचालित औद्योगिक इकाई जे.पी. पावर प्लांट बीना के द्वारा क्या सीमेन्ट फैक्ट्री खोलने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा फैक्ट्री खोलने की स्वीकृति प्रदान कर दी है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त कंपनी के निर्माण से क्षेत्र के आस-पास लगभग 20-25 ग्रामों की खेती की भूमि नष्ट हो जायेगी, जिससे क्षेत्र के किसानों को आर्थिक एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र बीना की जनता के हितों की रक्षा करने हेतु उक्त फैक्ट्री के निर्माण की स्वीकृति को निरस्त करने का आदेश प्रसारित।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत संचालित औद्योगिक इकाई जे.पी.पॉवर प्लांट बीना से इस विभाग को सीमेंट फैक्ट्री खोलने हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्नांश (ख) की जानकारी निरंक हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्नांश (ग) की जानकारी निरंक हैं। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्नांश (घ) की जानकारी निरंक हैं।
सीमेंट कांक्रीट सड़क का घटिया निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 3553 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2017 से प्रश्न दिंनाक तक की अवधि में नगर पालिका परिषद् नीमच द्वारा किन-किन मार्गों पर सीमेंट कांक्रीट का कार्य किस-किस मद से कराया गया है? कार्यवार व्यय राशि ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रश्नाधीन अवधि में फ्रूट मार्केट से फव्वारा चौक तक सीमेंट कांक्रीट का कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो इस कार्य का संबंधित ठेकेदार को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में कराया गया कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं होने से क्या तत्काल उस पर डामरीकृत सड़क का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो इसकी सक्षम स्वीकृति की प्रति उपलब्ध कराई जावे। क्या नवीन सीमेंट कांक्रीट मार्ग पर डामरीकृत सड़क का निर्माण कराया जाना तकनीकी मापदण्डों के अनुसार ही है? यदि नहीं, तो ठेकेदार को किये गये निष्फल प्रयोजन के भुगतान के लिये कौन दोषी है? (घ) क्या शासन दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही कर निष्फल प्रयोजन के भुगतान की वसूली करेगा यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त कार्य के विरूद्ध कुल राशि रू. 21,56,228/- का भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं, उक्त सीमेंट कांक्रीट रोड पर तत्काल डामरीकरण नहीं कराया गया है अपितु, कुछ स्थानों पर गांरटी अवधि में रोड की ऊपरी सतह खुरदुरी हो जाने के कारण, ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय पर डामर का सीलकोट किया गया है। जी नहीं। गारंटी अवधि में ठेकेदार द्वारा किये गये डामर के सीलकोट कार्य का भुगतान नहीं किया गया है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त कार्य में घटिया निर्माण की शिकायत प्राप्त होने पर संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के आदेश दिनांक 21/02/2018 से जांच समिति का गठन किया गया है। जांच की कार्यवाही प्रचलित है, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर, गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल से जारी आदेश
[वन]
59. ( क्र. 3574 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन वन विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल ने वन व्यवस्थापन अधिकारी एवं बन्दोबस्त अधिकारी के अधिकारों से संबंधित पत्र दिनांक २८-०६-२००३ एवं दिनांक २६-१०-२०१६ जारी किए हैं? (ख) यदि हाँ, तो पत्र दिनांक २८-०६-२००३ में क्या प्रावधान दिया है दिनांक २६-१०-२०१६ के आदेश में कितनी-कितनी भूमि को वनखंड एवं वर्किंग प्लान से पृथक किया जाना मान्य किया गया है? दोनों आदेशों की प्रति सहित बतावें? (ग) दिनांक २२ जनवरी २०१८ को बैतूल जिले के कितने ग्रामों की नारगी वनखंडों में शामिल कितनी भूमियों को पृथक किए जाने के बन्दोबस्त अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत आवेदनों की प्रति वनमंडल कार्यालय में प्राप्त हुई है, उन पर वनमंडल कार्यालय क्या कार्यवाही कर रहे है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांकित आदेशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। पत्र दिनांक 28.06.2003 में उल्लेखित खसरों की भूमि वनभूमि न होकर राजस्व भूमि मान्य किया गया है। पत्र दिनांक 6.10.2016 द्वारा जबलपुर जिले की तहसील सिहोरा के ग्राम अगरिया के खसरा क्रमांक पुराना 680 (नया 1093) रकबा 20.141 हेक्टेयर एवं ग्राम दुबियारा खसरा क्रमांक पुराना 440/1 (नया 628/1) रकबा 32.3747 हेक्टेयर को राजस्व भूमि मान्य करते हुये कार्य आयोजना से पृथक करने के आदेश दिये गये। (ग) दिनांक 22.01.2018 को श्री अनिल गर्ग द्वारा बैतूल जिले के 137 ग्रामों की नारंगी वनखण्डों में शामिल 7565.332 हेक्टेयर भूमियों को पृथक किये जाने के बन्दोबस्त अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत आवेदनों की प्रति वनमण्डल कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई है। बैतूल के वनमण्डल कार्यालयों द्वारा कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायतों में नियुक्त होकर मूल कर्मचारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 3645 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले की जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत में मध्यप्रदेश पंचायत सेवा भर्ती नियम 1999 अनुसार वर्तमान में वर्ष 2005 से पूर्व से नियुक्त होकर मूल कर्मचारी कार्यरत है? यदि हाँ, तो संख्या बतायें? (ख) क्या नगरीय निकाय/राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण/मण्डी बोर्ड के मूल कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन नियम 1976 लागू हैं? यदि हाँ, तो जिला/जनपद पंयायत भी एक स्थानीय निकाय है फिर भी इनके मूल कर्मचारियों को प्रश्नांश (क) अनुसार यह पेंशन योजना क्यों लागू नहीं की गई? जबकि पंचायत अधिनियम 1993 की धारा 131 अनुसार उक्त कर्मचारियों को पेंशन योजना लागू करने के नियम थे। उक्त पेंशन प्रकरण शासन के किस स्तर पर लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिला/जनपद पंचायतों के ऐसे मूल कर्मचारी जिनकी नियुक्ति जनवरी 2005 के पूर्व की है एवं वर्तमान में यह कार्यरत है, उन्हें शासकीय कर्मचारियों/नगरीय निकाय के कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन योजना कब तक लागू की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत में वर्ष 2005 के पूर्व से नियुक्त होकर मूल कर्मचारी कार्यरत है संख्यात्मक जानकारी निम्नानुसार है:- जिला पंचायत में विदिशा 03, जनपद पंचायत बासौदा- 03, ग्यारसपुर-07, कुरबाई -05, लटेरी 05, नटेरन 03, सिंरोज 03, विदिशा में 10, (ख) जी हाँ। म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ-2/24/2009/22/पं-1 दिनांक 11/06/2012 द्वारा जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों के लिए दिनांक 01 जुलाई 2012 से अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 3691 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? निर्मित/निर्माणाधीन सड़कों का निरीक्षण किन अधिकारियों द्वारा कब किया गया? (ख) स्वीकृत सड़कों में कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? कितनी अपूर्ण हैं? कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया? कार्य प्रारंभ न कराये जाने के क्या कारण हैं? अपूर्ण सड़कों का समयावधि में कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? (ग) परफारमेंस/गांरटी पीरियड के दौरान किन-किन सड़कों में मरम्मत कार्य किया गया? (घ) विभाग ने शासन को कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में भेजे थे एवं कितने स्वीकृत हुये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) स्वीकृत 39 सड़कों में से 38 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, मात्र एक सड़क एन.एच. 26 देवनगर पस्ताना मार्ग का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा कर लिये जाने के कारण योजनान्तर्गत कार्य नहीं कराया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स, द एवं ई अनुसार।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 3692 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? स्वीकृत/निर्मित/निर्माणाधीन सड़कों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ख) स्वीकृत सड़कों में कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? कितनी अपूर्ण हैं? कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया? कार्य प्रारंभ न कराये जाने के क्या कारण हैं? अपूर्ण सड़कों का समयावधि में कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? (ग) परफारमेंस/गांरटी पीरियड के दौरान किन-किन सड़कों में मरम्मत कार्य किया गया? सूची देवें। (घ) मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजना में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा कितने कार्यों के प्रस्ताव दिये गये? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ड.) विभाग ने शासन को कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में भेजे थे एवं कितने स्वीकृत हुये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में 47 कार्यों के प्रस्ताव दिए गए, उसमें से 03 कार्य स्वीकृत हुए हैं एवं शेष मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार नहीं हैं। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 3826 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17, 2017-18 में स्वच्छता अभियान के तहत किन-किन ग्राम पंचायतों के कितने हितग्राहियों के यहां शौचालय बनवाए गये हैं? (ख) हितग्राहियों की सूची का किस अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया है? निर्मित शोचालयों एवं पात्र हितग्राही की पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) शेष कितने पात्र हितग्राहियों के यहाँ शौचालय नहीं बनवाए हैं एवं कब तक बनाए जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हितग्राहियों की सूची का सत्यापन वर्ष 2016-17 में ए.डी.ई.ओ., पी.सी.ओ. एवं उपयंत्री द्वारा तथा वर्ष 2017-18 में ग्राम रोजगार सहायक द्वारा किया गया है। (ग) 2800 पात्र हितग्राहियों के यहां शौचालय बनना शेष है, जिन्हें शौचालय निर्माण करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।
सड़क निर्माण हेतु स्वीकृत राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 3844 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में नगर पालिका में शासन द्वारा प्रदत्त राशि से रेल्वे स्टेशन से लेकर आमगांव नाका तक मॉडल सड़क निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई है? कितनी राशि नगर पालिका को प्राप्त हो गई एवं कितनी राशि अभी प्राप्त होना बाकी है? (ख) प्राप्त राशि से कितना कार्य अभी हुआ है? क्या कार्य की गुणवत्ता निश्चित मापदण्ड के अनुसार सही है? (ग) क्या सड़क निर्माण की गति बहुत धीमी है एवं बहुत घटिया निर्माण किया जा रहा है? इसकी शिकायत करने के बाद भी जांच क्यों नहीं करायी जा रही है? (घ) शिकायतों की जांच पर कब तक गुणवत्तापूर्ण कार्य कराते हुए कार्य पूर्ण करा दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) रेलवे स्टेशन से लेकर आमगांव नाका तक मॉडल सड़क निर्माण के लिये राशि रूपये 203.00 लाख स्वीकृत हुये है, जिसमें से 60.00 लाख रूपये निकाय को उपलब्ध करा दिये गये हैं तथा राशि रूपये 140.00 लाख का ऋण हुडको से प्राप्त करने की कार्यवाही गतिशील हैं एवं राशि रूपये 3.00 लाख निकाय निधि से व्यय होगें। (ख) प्राप्त राशि से 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। कार्य की गुणवत्ता निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप सही है। (ग) हुडको से ऋण प्राप्त कर कार्य की गति में वृद्धि की जा रही है एवं कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण चल रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्य निर्बाध रूप से गुणवत्तापूर्वक निर्धारित मानक के अनुरूप निष्पादित अनुबंध की उल्लेखित समय-सीमा में पूर्ण होगा।
प्रधानमंत्री सड़क एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना से सड़क निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 3918 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सड़क, मुख्यमंत्री सड़क योजना से वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक गुनौर विधानसभा क्षेत्र में कितनी सड़कें स्वीकृत की गई एवं कितनी सड़कों का निर्माण कहां-कहां किया गया तथा किस सड़क में कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित सड़कों में या उनके अलावा कितनी सड़कों का कब-कब सुधार किया गया? सड़कवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त सड़कों के निर्माण में गंभीर अनियमितता की जाती है तथा सुधार के नाम पर राशियों का व्यय दिखाया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के संबंधित सड़कें वर्तमान तक पूर्ण नहीं है। अतः सुधार का प्रश्न नहीं उठता वर्ष 2013 के पूर्व से निर्मित सड़कें जिनमें सुधार किया गया है, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं।
म.प्र. भण्डार क्रय नियम में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के आरक्षण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
66. ( क्र. 3926 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में म.प्र. भण्डार क्रय नियम में अनुसूचित जाति/ जनजाति हेतु खरीदी में 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर नहीं में है तो इस प्रावधान को कब और क्यों विलोपित किया गया? (ग) क्या शासन अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के उद्यमियों और व्यवसाइयों को प्रोत्साहित करने हेतु नई नीति-नियम,कानून लॉ रहा है? (घ) यदि प्रावधान को हटाया गया है तो इसके स्थान पर क्या प्रावधान किया गया हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी, नहीं। (ख) यह प्रावधान म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015, को लागू किये जाने की दिनांक 28.07.2015 से समाप्त हो गया है। पूर्व नियमों के पुनरीक्षण के आधार पर इसे समाप्त किया गया है। (ग) शासन के द्वारा सभी वर्गों के उद्यमियों और व्यवसायियों को प्रोत्साहित करने के लिए एम.एस.एम.ई. विकास नीति, स्वरोजगार योजनाएं, इंक्यूवेशन और स्टार्टअप नीति आदि लागू किये गये हैं। (घ) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में यह प्रावधान समाप्त किया गया है।
स्टॉप डेम एवं घाट निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 3928 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छपारा बैनगंगा नदी पर धार्मिक कार्यों एवं अन्य उपयोग हेतु पानी की उपलब्धता के लिए स्टॉप डेम निर्माण कराये जाने के लिए प्रश्नकर्ता एवं क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के द्वारा निरंतर मांग की जा रही है? (ख) क्या विभाग के पास स्टॉप डेम निर्माण के लिए कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक इस पर कार्य किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या बैनगंगा तट मझगंवा (कुड़ारी) में अस्थि विसर्जन एवं अन्य उपयोग हेतु घाट निर्माण की कार्ययोजना विभाग के पास विचाराधीन है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक घाट निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र दिनांक 15.09.2017 द्वारा प्रश्नांकित कार्य कराये जाने की मांग की गई। (ख) विभाग अंतर्गत उपलब्ध आवंटन पूर्व से स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से कार्य की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) विभाग अंतर्गत उपलब्ध आवंटन पूर्व से स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री योजनांतर्गत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 3933 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखण्ड केवलारी में पांडिया छपारा से गोकलपुर (डूटी) मार्ग एवं धनौरा विकासखण्ड के ग्राम बोरिया से व्याहा हरदुली, बरबसपुर, ग्राम भीमगढ़ से चरगंवा एवं ग्राम आमानाला से ग्राम कड़वे थावंरी मार्ग अत्यंत ही जर्जर है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग के निर्माण हेतु क्या विभाग के पास कोई प्रस्ताव लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त मार्गों में कब से मरम्मत कार्य नहीं हुआ है? मरम्मत कार्य नहीं होने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या मार्गों में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य किया जाना है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि की सड़क निर्माण होना है? (घ) यदि उक्त मार्गों के निर्माण हेतु प्रस्ताव लंबित हैं तो कब तक इन मार्गों को पूर्ण कर आवागमन हेतु सुगम बना दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संबंधित विभाग द्वारा समय-समय पर मरम्मत कार्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मंदिर आसन दरियानाथ जावद जिला नीमच की मंदिर की भूमि
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
69. ( क्र. 3961 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम आसन दरियानाथ तहसील जावद जिला नीमच म.प्र. में स्थित आराजी सर्वे नं.28 रकबा 10.45 हेक्टेयर भूमि जिसके बंदोबस्त के पूर्व सर्वे नं.31/1 मीन रकबा 9.196 व सर्वे नं. 31/2 रकबा 1.254 आरि कुल रकबा 10.450 आरि था? यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि का स्वामित्व मंदिर आसन दरियानाथ के पास था, जिसे पुजारी श्री सुंदरनाथ ने रजिस्टर्ड विक्रय पत्र दिनांक 25.6.1968 के द्वारा स्व. श्री केसरीमल सकलेचा को 500 रू. में विक्रय किया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त विक्रय पत्र को तत्कालीन कलेक्टर श्री रमेश दास द्वारा अवैध घोषित करते हुए नामांतरण को निरस्त कर उक्त भूमि को देव स्थान के रूप में भू-अभिलेख में अभिलिखित के आदेश दिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्तमान में भी शासकीय दस्तावेजों में क्या व्यवस्थापक कलेक्टर मध्यप्रदेश शासन अंकित है? यदि हाँ, तो उक्त भूमि पर कब्जा मंदिर का है अथवा अन्य किसी व्यक्ति का? यदि कब्जा किसी अन्य व्यक्ति का है तो प्रशासन द्वारा मंदिर भूमि को कब्जा दिलाने हेतु प्रयास क्यों नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्या काबिज व्यक्ति द्वारा उक्त मंदिर भूमि पर नक्षत्र वाटिका, 50 फिट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा, आवासीय एवं धार्मिक भवन आदि का निर्माण विधिवत अनुमति प्राप्त कर किया गया है? संबंधित आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत देव स्थान भूमि के विक्रय का प्रावधान न होने पर भी क्या पुन: 31.3.2008 को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र करवा कर नामांतरण किया गया है, संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करावें? क्या उक्त मंदिर भूमि को बंधक रखकर वित्तीय संस्थान से डेयरी फार्म एवं पॉली हाउस के नाम से ऋण प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो कितना ऋण किसके नाम से लिया गया एवं कितना अनुदान प्राप्त किया गया? दस्तावेज उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या रजिस्टर्ड विक्रय पत्र को अमान्य किया जाकर मंदिर भूमि, मंदिर को प्रदान कर नामांतरण एवं कब्जा मंदिर को दिया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कार्यवाही कितने दिनों में की जाएगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। तत्कालीन कलेक्टर, नीमच द्वारा उक्त विक्रय पत्र अवेध घोषित नहीं किया गया, केवल तहसीलदार द्वारा किये गये नामांतरण आदेश को अपने निगरानी आदेश द्वारा निरस्त किया गया था। कलेक्टर के इस निगरानी आदेश को अपने निगरानी आदेश द्वारा निरस्त किया था। कलेक्टर के इस निगरानी आदेश को आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा निरस्त करते हुए प्रकरण पुन: विधिवत सुनवाई एवं साक्ष्य हेतु कलेक्टर नीमच को प्रत्यावर्तित किया गया। (ख) जी हाँ। उक्त भूमि पर चेतना पति स्व. विरेन्द्र कुमार सखलेचा निवासी जावद का पूर्व वर्षों से कब्जा चला आ रहा है। तत्कालीन कलेक्टर के निगरानी आदेश को आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा निरस्त किया जा चुका है उक्त भूमि पर हनुमानजी की मूर्ति लगभग 50 फीट बनी हुई है तथा 2 कमरे बने हैं। जिसकी अनुमती इस कार्यालय द्वारा जारी नहीं की गई है (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि पुन: विक्रय नहीं हुई है उक्त मंदिर भूमि को बंधक नहीं रखा गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि के संबंध में गुण दोष् के आधार पर निराकरण करने हेतु प्रकरण तहसीलदार जावद के न्यायालय में प्रचलित है।
बैतूल औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड़ों को आवंटित करने की योजना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
70. ( क्र. 3962 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उद्योग केन्द्र बैतूल के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में औद्योगिक क्षेत्र में कितने भू-खंडों को आवंटित करने हेतु कार्य योजना बनाई गई थी, भूखंड के साईज, क्षेत्र एवं संख्या बताएं? (ख) क्या माह दिसम्बर, 2017 एवं जनवरी, 2018 में औद्योगिक क्षेत्र बैतूल में ऑनलाईन भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया अपनाई गई। यदि हाँ, तो कब-कब एवं कितने-कितने साईज के कितने-कितने भूखंडों के लिए अपनाई गई? (ग) इनमें से किन-किन भूखंडों के लिए किस-किस के द्वारा ऑनलाईन एवं ऑफलाइन आवेदन किया गया एवं किस-किस को किस-किस दिनांक को भूखंड आवंटित किए गए? आवेदनकर्ता के नाम जमा की गई राशि एवं भूखंड के साईज सहित विवरण दें? (घ) क्या उपरोक्त प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्राप्त शिकायत एवं की गई कार्यवाही की प्रक्रिया उपलब्ध करावें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ, प्राप्त शिकायत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 तथा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
म.प्र. में गौण खनिजों के खदानों के आवंटन
[खनिज साधन]
71. ( क्र. 3963 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में गौण खनिजों की खदानों का आवंटन, नीलामी प्रकिया से किया जाता है? यदि हाँ, तो आवंटन प्रक्रिया क्या है? (ख) दमोह जिले में जनवरी, 2016 से दिसम्बर, 2017 तक सभी गौण खनिजों की खदानों के आवंटन की सैद्धांतिक सहमति, खनिजवार, माहवार तथा स्थानवार जानकारी प्रदान करें? आवंटित सभी गौण खनिजों की खदानों की स्थानवार जानकारी प्रदान करें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अनुसार वर्तमान में शासकीय भूमि पर फर्शी पत्थर, साधारण पत्थर एवं साधारण रेत का ही आवंटन नीलामी के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। नीलामी की प्रक्रिया मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधानित है। राज्य शासन द्वारा दिनांक 14.11.2017 को मध्यप्रदेश रेत खनन नीति, 2017 का अनुमोदन किया गया है। इस नीति के अनुसार रेत खनिज की खदानों का आवंटन बिना नीलामी प्रक्रिया से ग्राम पंचायत/स्थानीय निकायों को दिये जाने का निर्णय लिया गया है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
प्रदेश के जिला/जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों को पेंशन योजना लागू करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 4011 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की 313 जनपद पंचायतों एवं 51 जिला पंचायतों में म.प्र. पंचायत सेवा भर्ती नियम 1999 अनुसार वर्तमान में वर्ष 2005 से पूर्व से नियुक्त हो कर मूल कर्मचारी कार्यरत हैं,? (ख) क्या नगरीय निकाय/राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण/मंडी बोर्ड के मूल कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन नियम 1976 लागू है? यदि हाँ, तो जिला/जनपद पंचायत भी एक स्थानीय निकाय है फिर भी प्रश्नांश (क) में वर्णित इन मूल कर्मचारियों को पेंशन योजना क्यों लागू नहीं की गई है, जबकि पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा 131 अनुसार उक्त कर्मचारियों को पेंशन योजना लागू करने के नियम थे? (ग) क्या विभाग द्वारा जिला/जनपदपंचायत के मूल कर्मचारियों को पेंशन योजना में शामिल करने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो उक्त पेंशन प्रकरण शासन के किस स्तर पर लंबित हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जिला/जनपद पंचायतों के ऐसे मूल कर्मचारी जिनकी नियुक्ति जनवरी 2005 के पूर्व की है एवं वर्तमान में शासन की विभिन्न योजनाओं का सफल संचालन कर रहे हैं, इन्हें शासकीय कर्मचारियों/नगरीय निकाय के कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन योजना कब तक लागू की जावेगी निश्चित समय-सीमा बताएं? क्या शासन इसी बजट सत्र में सदन में विधेयक लाकर नियम बनाते हुए पेंशन योजना लागू की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ-2/24/2009/22/पं-1 दिनांक 11/06/2012 द्वारा जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों के लिए दिनांक 01 जुलाई 2012 से अशंदायी पेंशन योजना लागू की गई है। जी हाँ समस्त स्थानीय कर्मचारियों के वेतन तथा भत्ते, पेंशन के फायदे जो उस तारीख को हैं, जिसको यह अधिनियम, प्रवृत्त होता है, प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
73. ( क्र. 4020 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत के कार्यालय प्रति दिवस खोले जाने के एवं जवाबदारों के यहाँ अनिवार्य उपस्थित रहने हेतु निर्देश एवं जवाबदारी तय है? यदि हाँ, तो इसके पालन हेतु मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था हैं? (ख) विगत 03 वर्षों में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सी.ई.ओ. जनपद एवं जिला पंचायत द्वारा किन-किन ग्राम पंचायत कार्यालयों का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण की गई पंचायतों की निरीक्षण पंजी/निरीक्षण टीप एवं मौका पंचनामा की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) विगत 03 वर्षों में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन जनपद सी.ई.ओ. ने जिला पंचायत सी.ई.ओ. को सरपंच/सचिवों/ग्राम रोजगार सहायकों की अनियमितता के चलते कार्यवाही का प्रस्ताव या पत्र प्रेषित किए हैं? प्राप्त प्रस्तावों या पत्रों पर जिला पंचायत सी.ई.ओ. ने क्या कार्यवाही की है? किए गए पत्राचारों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 4993 उत्तर दिनांक 21 मार्च 2017 के संदर्भ में श्रीमती शर्मा सी.ई.ओ. पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) विगत 03 वर्षों में आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायतों को मॉनिटरिंग मद में कितनी राशि उपलब्ध कराई गई हैं? प्राप्त राशि के विरूद्ध किए गए व्यय भुगतान का विवरण उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मॉनिटरिंग के लिये पी.सी.ओ., बी.पी.ओ. एवं सी.ई.ओ. जनपद पंचायत को दायित्व दिये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। निरीक्षण टीप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार। प्रश्न क्रमांक 4993 के परिप्रेक्ष्य में श्रीमती माधुरी शर्मा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सुसनेर को विभाग द्वारा कार्यवाही कर भविष्य के लिये सचेत कर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है। (घ) मॉनिटरिंग मद नाम से मद न होने से, शेष प्रश्न उपस्थित उत्पन्न नहीं होता।
वन्य प्राणियों द्वारा फसलों का नुकसान
[वन]
74. ( क्र. 4021 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत वन्यप्राणियों से फसल हानि हेतु वर्तमान में प्रचलित दरों के अनुसार प्रभावित कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विगत 04 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ऐसे कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में बंदर एवं नीलगाय/रोजड़ों के द्वारा कृषकों की फसलों को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया जाता हैं? क्या कृषकों को नुकसान न हो इस हेतु कोई प्रभावी कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 3219.121 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनक्षेत्र है? इसमें से 790.726 हे. आरक्षित एवं 2428.395 हे. संरक्षित वनक्षेत्र है? यदि हाँ, तो इन वनक्षेत्र में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जानवरों को रोकने हेतु कौन-कौन से कार्य विगत 04 वर्षों में किए गए हैं? (घ) आबादी क्षेत्र एवं कृषकों के खेतों को प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जानवरों द्वारा नुकसान करने से बचाने हेतु या वन सुरक्षा हेतु गश्त दी जा रही है? यदि हाँ, तो सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत गश्त शेड्यूल विवरण सत्यापित प्रति बीटवार उपलब्ध करावें? इसके पालन हेतु क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। विगत 4 वर्ष में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में फसलहानि से संबंधित एक प्रकरण राजस्व विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया है। (ख) जी हाँ। बंदरों एवं नीलगायों (रोजड़ा) के द्वारा कृषकों की फसलों को आंशिक नुकसान पहुंचाने के प्रकरण प्राप्त होने पर जांच एवं नियमानुसार क्षतिपूर्ति के भुगतान हेतु राजस्व विभाग को प्रेषित किया जाता है। फसलहानि के मुआवजें की व्यवस्था पहले से स्थापित है। अतः पृथक से कोई कार्य योजना सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के लिये नहीं बनाई जा रही है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुल 3274.121 हेक्टेयर वनक्षेत्र है, इसमें से 790.726 हेक्टेयर आरक्षित एवं 2483.395 हेक्टेयर संरक्षित वनक्षेत्र है। इस वनक्षेत्र में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वन्यप्राणियों का प्राकृतिक रहवास है। इन वन्यप्राणियों को वन क्षेत्र में रोके रखने के लिये विगत 4 वर्ष में पृथक से कोई कार्य नहीं किये गये हैं। (घ) जी हाँ वन सुरक्षा हेतु प्रतिमाह रोस्टर के अनुसार बीट निरीक्षण का प्रावधान किया गया है। बीट निरीक्षण कार्य की नियमित रूप से समीक्षा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जा रही है वर्ष 2018 के लिए स्वीकृत बीट निरीक्षण रोस्टर की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
अधीक्षणयंत्री, ग्रा.यां.से. के विरूद्ध जांच व कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 4024 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 14-2-2018 को कटनी जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग से जुड़े कुछ निर्माण ठेकेदारों ने संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त कोई अभ्यावेदन महानिदेशक आर्थिक अपराध ब्यूरो को किन्हीं दस्तावेजों सहित प्रस्तुत किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अभ्यावेदन व दस्तावेजों में किन्हीं जिलों के किन्हीं निविदा आमंत्रण तिथि, स्वीकृति, समयावधि उपरान्त आपत्ति, निविदा मूल्यांकन समिति की बैठक में ठेकेदार/प्रतिनिधि की उपस्थिति में विभागीय त्रुटि की स्वीकार्यता व समयावधि प्रावधान, निविदा निरस्तीकरण निर्णय लिया जाना, पूर्ववर्ती निविदा एवं जिला नरसिंहपुर में परस्पर विरोधाभास की तिथियां, कटनी व नरसिंहपुर की प्रशासकीय स्वीकृति की विसंगतियों व अनियमितताओं की जांच और कार्यवाही की मांग की है? (ग) दिनांक 25-1-2018 को किसी निविदा निरस्तकर्त्ता अधीक्षणयंत्री ने दिनांक 23-5-2017 को किसी समिति के अनुमोदन पर प्रशासकीय स्वीकृति और विभागीय का.पा.यं. की दिनांक 11-1-2016 की निविदा सूचना के परिप्रेक्ष्य में स्वेच्छाचारिता, अनियमितता और भ्रष्ट आचरण की जांच में क्या पाया गया है? (घ) क्या विभाग ने प्रश्नांश (ग) अधीक्षणयंत्री के विरूद्ध किसी दिनांक को कोई आपराधिक कार्यवाही की है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उपरोक्त पत्र विभाग के संज्ञान में नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दिनांक 25.01.2018 को अधीक्षण यंत्री, जबलपुर ने दिनांक 23.05.2017 को निविदा मूल्यांकन समिति के अनुमोदन उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी गई एवं दिनांक 11.01.2016 को जारी निविदा सूचना अंतर्गत स्वेच्छाचारिता, अनियमितता, भ्रष्टाचार आदि की स्थिति नहीं होने से जांच नहीं की गई। (घ) जी नहीं।
अवैध रेत खनन के आरोपों पर स्पष्टीकरण
[खनिज साधन]
76. ( क्र. 4027 ) श्री मोती कश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर कटनी ने पत्र दिनांक 03-02-2018 द्वारा किसी रेत खनन के संबंध में किसी विधायक के किसी पुत्र व विधायक आदि पर किन्हीं के कथनानुसार लगाये गये राजनीतिक दुर्भावना से रहित होकर न्यायिक दृष्टि से प्रमाणित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) खदान की वर्ष 2017 की किन्हीं तिथि में किन्हीं के सीमांकन प्रतिवेदन पर किसी ने भू-प्रवेश अनुमति व अनापत्ति दी है, जिनमें गुडाकला, गुडाखुर्द के कोई खसरे-रकबे तथा अक्षांश-देशांश दर्शित है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की पकड़ी गई पोकलेन के स्थान, माइनिंग प्लान में संलग्न नक्शे तथा माइनिंग प्लान में संलग्न पटवारी नक्शे में अंकित अक्षांश क्रमश: 23° 45° 8.8’’ एन, 23° 45° 18.88’’ एन व 23° 45° 17.00’’ एन तथा देशांश क्रमश: 80° 40’ 22.38’’ ई, 80° 40’ 38.08’’ ई व 80° 40’ 32.70’’ ई दर्शित है, वे किन ग्रामों के हैं तथा उनमें से कौन से प्रमाणिक हैं तथा इनमें परस्पर कितने मीटर/कि.मी. का अंतर है? (घ) क्या महानदी, उमडार नदी की किन की किन खसरे-रकबे, अक्षांश-देशांश की खदानें हैं और 3 वर्षों में किन पर किन आरोपों पर क्या कार्यवाहियां की गई हैं? नहीं, तो क्यों और कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कलेक्टर, कटनी द्वारा अवैध उत्खनन के प्रकरण में दिनांक 03.02.2018 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जिसमें प्रश्नानुसार कोई लेख नहीं है। प्रकरण में नियमानुसार कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में किसी खदान का उल्लेख नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार पकड़ी गई पोकलेन मशीन का अक्षांश, देशांश 23045'8.8"N, 80040'22.38"E प्रतिवेदन में लेख अनुसार ग्राम गुढ़ाखुर्द में अवैध उत्खनन क्षेत्र से संबंधित है। ग्राम गुढ़ाकाला में स्वीकृत खदान के अनुमोदित माईनिंग प्लान के संलग्न नक्शे में अक्षांश, देशांश 23045'18.88"N, 80040'32.70"E तथा संलग्न पटवारी नक्शे में अक्षांश, देशांश 23045'17.00"N, 80040'38.08"E है। यह अनुमोदित खनन योजना में होने के कारण प्रमाणित है। ग्राम गुढ़ाखुर्द में जप्त पोकलेन मशीन के कोऑर्डिनेट से स्वीकृत रेत खदान के अनुमोदित माईनिंग प्लान में उल्लेखित कोऑर्डिनेट की दूरी प्रतिवेदन अनुसार लगभग 380 मीटर है। (घ) प्रश्नानुसार महानदी में कोई रेत खदान स्वीकृत नहीं है। उमड़ार नदी में स्वीकृत 03 रेत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। इन खदानों के संबंध में विगत 03 वर्षों में प्राप्त शिकायत एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है।
राज्यस्तरीय समिति से अवैध रेत खनन की जांच व कार्यवाही
[खनिज साधन]
77. ( क्र. 4028 ) श्री मोती कश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी की महानदी, उमडार, बेलकुण्ड, हिरन, लभेर व दतला नदियों के रेत खनन का किन ग्रामों के कितने रकबों का ठेका कैसे, कब लिया गया तथा किनकी कब पर्यावरण स्वीकृति, भू-प्रवेश अनुमति प्रदान की गई है और कब उनके रकबों का सीमांकन/चिन्हांकन कर सौंपा गया है? (ख) क्या फरवरी 2018 के किसी दिनांक को प्रश्नकर्त्ता ने मा. मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री को अभ्यावेदन सहित पत्र सौंपा है, जिसमें प्रश्नांश (क) नदियों की किन्हीं खदानों के आवंटित रकबों के विरूद्ध कई गुना लम्बाई/गहराई से किये गये अवैध खनन में विभागीय अधिकारियों की सांठ-गांठ से हुई कई करोड़ों की लूट की किसी समिति से की गई जांच की मांग पर जांच की गई है? (ग) विभाग ने बिगड़े पर्यावरण से असमय होने वाली वर्षा/बाढ़ से मिटने वाले अवैध खनन के चिन्हों के पूर्व राज्यस्तरीय विशेषज्ञ दल का गठन कर प्रत्येक खदानों का सीमांकन व अवैध खनन का आंकलन कराने पर क्या निष्कर्ष निकला है? (घ) प्रश्नांश (ग) के निष्कर्ष के अनुसार किन राजस्व व खनिज अधिकारियों/कर्मचारियों और ठेकेदारों को किस रूप में दोषी पाया है और उनके विरूद्ध निलम्बन, स्थानांतरण और अर्थदण्ड की क्या कार्यवाहियां की गई हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में उमडार नदी, छोटी महानदी एवं बेलकुण्ड नदी में रेत खनिज हेतु 25 उत्खनिपट्टे मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में स्वीकृत हैं। इन पर रेत विक्रय के ठेके मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से दिया गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। प्रश्नाधीन जिले के अंतर्गत हिरण नदी, लभेर नदी एवं दतला नदी में कोई रेत खदान स्वीकृत नहीं है। (ख) जी हाँ। जिसके संबंध में कलेक्टर, कटनी द्वारा पत्र दिनांक 06.03.2018 से क्षेत्रीय प्रमुख, संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, जबलपुर, प्रभारी अधिकारी, मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम, कटनी, तहसीलदार बड़वारा/बरही/ढीमरखेड़ा को संयुक्त जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु लेख किया गया है। (ग) प्रश्नानुसार राज्य स्तरीय विशेषज्ञ दल के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं है न ही इस प्रकार का कोई दल गठित किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय जांच की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
78. ( क्र. 4039 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से 2017 तक प्रदेश के कितने शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं प्राध्यापकों के विरुद्ध विभागीय जांच एवं अन्य जांच विभिन्न आधारों पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संस्थित की गई हैं? क्या विभागीय जांच संस्थित होने पर ऐसे प्रकरणों में सिविल सेवा आचरण नियम के अंतर्गत पदस्थापना परिवर्तन/स्थानान्तरण के क्या नियम हैं? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालय सतना/नागौंद के तत्कालीन प्राचार्य सतेन्द्र शर्मा के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित होने के बाद जांच प्रभावित न होने देने के लिए सिविल सेवा आचरण नियम के अंतर्गत मूल पदस्थापना स्थान से स्थानान्तरण किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बताएं? (ग) क्या तत्कालीन प्राचार्य श्री शर्मा द्वारा अपने प्राचार्य काल में वर्ष 2007 से 2012 के बीच लिए गए अग्रिम राशि रु. 34.69 लाख का समायोजन ना करने के कारण महालेखाकार अंकेक्षण दल द्वारा आपत्ति की गई थी? क्या श्री शर्मा द्वारा उक्त राशि अपने नाम से सेल्फ चेक काट कर बैंक से आहरित की गई थी? यदि हाँ, तो क्यों? क्या संस्था प्रमुख को अपने नाम से चेक काटने के अधिकार हैं? यदि नहीं, तो इनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विभागीय जांच के दौरान श्री शर्मा के पदस्थ रहते जांच प्रभावित हुई है, यदि हाँ, तो क्या पुनः उक्त प्रकरण की जांच कराने के आदेश विभाग द्वारा दिए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक वर्तमान समय में प्रकरण की क्या स्थिति है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दतिया जिले में पंचायत सचिव/रोजगार सहायकों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 4055 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले में पंचायत सचिवों को निलंबन एवं रोजगार सहायकों की सेवा समाप्ति की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किन किनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? उनके नाम तथा पंचायतवार एवं की गई कार्यवाही का परिणाम बताएं? (ख) पंचायत सचिवों एवं रोजगार सहायकों के नियुक्ति एवं निलंबन/सेवा समाप्ति के क्या नियम हैं? उपलब्ध करायें। क्या इन नियमों के अंतर्गत ही प्रश्नांश (क) के पंचायत सचिवों एवं रोजगार सहायकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के पंचायत सचिवों के निलंबन की बहाली हो गई है और रोजगार सहायकों की सेवा समाप्ति कार्यवाही भी समाप्त कर दी है? यदि हाँ, तो नाम एवं कारण बतायें? (घ) पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत सरपंचो को धारा 40 एवं 92 के तहत नोटिस देने के क्या नियम हैं? दतिया जिले में इन नियमों के तहत कितने सरपंचों को नोटिस दिये गये एवं कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, पंचायत सचिवों को निलंबन एवं ग्राम रोजागार सहायकों की सेवा समाप्ति की कार्यवाही की गयी। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 (i) एवं 1 (ii) अनुसार है। (ख) पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक के नियुक्ति एवं निलंबन नियम/सेवा समाप्ति के नियमों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 (i), 2 (ii) एवं 2 (iii) अनुसार है, जी हाँ। इन नियमों के अंतर्गत ही कार्यवाही की गयी है। (ग) पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक की निलंबन/सेवा सेवा समाप्ति का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 (i) एवं 3 (ii) अनुसार है। (घ) पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत सरपंचों को धारा 40 एवं 92 के तहत नोटिस देने के संबंध में नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है, जी हाँ। नियमों के तहत ही कार्यवाही की गयी है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 5 अनुसार है।
भीमगढ़ पूरक जलावर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 4068 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत निर्माणाधीन पूरक भीमगढ़ जलावर्धन योजना के लिये केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और नगर पालिका सिवनी को कितनी-कितनी राशि का अंशदान देना था? योजना की कुल लागत कितनी है? क्या इन तीनों अंशदानों की राशि लागत राशि से अधिक है? यदि हाँ, तो अन्तर की राशि कहाँ से प्राप्त होगी। (ख) प्रश्नांश (क) योजना का काम कब तक पूर्ण होना था और प्रश्न दिनांक तक कितना काम हो चुका है? (ग) प्रश्नांश (क) योजना कार्य के लिये किस ठेकेदार/फर्म को कार्य दिया गया है तथा ठेकेदार को प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है? क्या ठेकेदार को निर्धारित समय में काम पूरा न हो पाने के कारण समयावधि बढ़ाई गई? यदि हाँ, तो कितनी बार और क्यों? (घ) क्या उक्त कार्य के विलंब के लिये ठेकेदार पर जुर्माना लगाया गया है? यदि हाँ, तो कितना और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजना की लागत राशि इन तीनों अंशदानों की लागत से राशि रू. 1519.20 लाख अधिक है। अन्तर की राशि की व्यवस्था निकाय द्वारा किये जाने का प्रावधान है। (ख) योजना का कार्य दिनांक 31.03.2018 तक पूर्ण होना है वर्तमान तक लगभग 91 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) मेसर्स लक्ष्मी सिविल इंजीनियरिंग सर्विस प्रा.लि. कोल्हापुर (महाराष्ट्र) को कार्य दिया गया है। योजना के कार्यों का भुगतान वर्तमान तक राशि रू. 47,65,06,503/- का ठेकेदार को किया जा चुका है। जी हाँ। निर्माण कार्य की समय-सीमा में दो बार वृद्धि की गई है। राष्ट्रीय राज्य मार्गों तथा रेलवे लाईन क्रासिंग हेतु संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र विलंब से प्राप्त होने के कारण समयावधि बढ़ाई गई। (घ) जी नहीं। राष्ट्रीय राज्य मार्गों तथा रेलवे लाईन क्रासिंग हेतु संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र विलंब से प्राप्त होने के कारण योजना की प्रगति प्रभावित हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का प्रारंभ
[उच्च शिक्षा]
81. ( क्र. 4087 ) श्री तरूण भनोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में आगामी माह में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी प्रारंभ करने की तैयारियां हो चुकी हैं एवं क्या इसके लिये अस्थाई रूप से भवन भी चिन्हित कर लिया गया है? यदि हाँ, तो विश्वविद्यालय का स्वरूप कैसा होगा? (ख) क्या नेशनल लॉ यूनिसर्विटी को कानूनी तौर पर वैद्य बनाने के लिये माननीय राज्यपाल महोदय जी से अध्यादेश पर मंजूरी ली जाती है? विधान सभा में बिल पास होकर ही कानून बनता है लेकिन क्या शासन अध्यादेश की जगह सीधे विधान सभा में लॉ यूनिवर्सिटी का बिल पास करवाने की तैयार में है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या उक्त यूनिवर्सिटी प्रारंभ हेतु सेन्ट्रल लॉ डिपार्टमेंट से अनुमति प्राप्त कर ली गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। नेशनल लॉ युनिवर्सिटी की स्थापना हेतु विधानसभा में विधेयक प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। केन्द्रीय विधि विभाग की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
जानकारी उपलब्ध कराना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
82. ( क्र. 4105 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे नर्मदा सेवा यात्रा के उद्देश्य नर्मदा नदी के सर्वेक्षण उपलब्ध संसाधन का समुचित उपयोग पौधा रोपण, स्थानीय जन समुदाय की जिम्मेदारी तय करना पर्यावरण प्रदूषण, रोकथाम, जलभरण क्षेत्र में संग्रहण आदि हेतु उपाय एवं जनजागरूकता था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या नदी नर्मदा तट के बाहर के लोगों को नर्मदा यात्रा के समापन में बुलाया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के उद्देश्य से तट के बाहर के लोगों की जनभागीदारी से क्या अर्थ निकाला? (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19-65/2016/1/4 म.प्र.शा. द्वारा प्रस्तावित नमामि देवी नर्मदा सेवा यात्रा 2016 के विभिन्न विभागों की गतिविधि के दायित्व सौंपे गये थे? यदि हाँ, तो शासन जनता से संग्रहित राशि का उपयोग सभा एवं अपने योजना के प्रचार-प्रसार में कर राशि का दुरूपयोग किया है? यदि नहीं, तो कई करोड खर्च राशि से सड़क, बिजली पानी की व्यवस्था कर सकते थे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नमामि देवि नर्मदे नर्मदा यात्रा के उद्देश्य निम्नानुसार है:- 1. नर्मदा नदी के संरक्षण एवं नदी में उपलब्ध संसाधनों के समुचित उपयोग हेतु जनजागरण। 2. नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रों में वनस्पितिक आच्छादन बढाने एवं मृदा क्षरण को रोकने हेतु वृहद् स्तर पर वृक्षारोपण। 3. नदी की परिस्थितिकीय में सुधार हेतु गतिविधियों का चिन्हांकन एवं उनके क्रियान्वयन में स्थानीय जनसमुदाय की जिम्मेदारी तय करना। 4. टिकाऊ एवं पर्यावरण हितेषी कृषि पद्धतियां को अपनाने हेतु जनजागरण। 5. नदी में प्रदूषण के विभिन्न कारकों की पहचान एवं उनकी रोकथाम हेतु उपाय व जनजागरण। 6 नदी के जलभरण क्षेत्र में जल संग्रहण हेतु उपाय एवं जनजागरूकता। (ख) जी हाँ। (ग) नर्मदा नदी के संरक्षण एवं नदी में उपलब्ध संसाधनों के समुचित उपयोग,नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रों में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण नदी में प्रदूषण के विभिन्न कारकों की पहचान कर उनकी रोकथाम करने बाबत जनजागरूकता फैलाने हेतु तट के बाहर के लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुये। (घ) जी हाँ। जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मान.मंत्री जी के पत्र का क्रियान्वयन नहीं कराना
[खेल और युवा कल्याण]
83. ( क्र. 4107 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 884 दिनांक 09.12.2016 में शा.बालक हायर सेकेन्ड्री स्कूल मऊगंज एवं हनुमना में मिनी स्टेडियम बनाये जाने हेतु माननीय खेल एवं युवक कल्याण मंत्री द्वारा वर्ष 2015-16 में कलेक्टर रीवा को लिखे गए पत्र तथा इसी तारतम्य में प्रश्न क्र. 2628 दिनांक 28 जुलाई 2017 का प्रश्न, प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में खेल मैदान पर मिनी स्टेडियम बनाए जाने हेतु खेल विभाग को लेख किए जाने का उत्तर दिया गया था? तो लेख की प्रति उपलब्ध करावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : जी नहीं। प्रश्नकर्ता प्रश्न क्रमांक 884 एवं प्रश्न क्रमांक 2628 का उत्तर खेल विभाग नहीं बल्कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिया गया था। खेल मंत्री द्वारा कलेक्टर रीवा को कोई पत्र नहीं लिखा गया और न ही कलेक्टर रीवा से इस बावत् खेल विभाग को कोई पत्र प्राप्त हुआ है।
जांच करवाकर दण्डित करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
84. ( क्र. 4108 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा अवर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास भोपाल को पत्र क्र. क्यू दिनांक 12.09.2017 को रीवा जिले के जनपद पंचायत मऊगंज के ग्राम पंचायत मुदरिया चौवान के सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा सरपंच को प्रताड़ित करने, कार्य में बाधा डालने विकास को प्रभावित करने के संबंध में उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर दण्डित करने के संबंध में दिया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्र जिला पंचायत रीवा को कब भेजा गया? पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? जिला पंचायत को कब प्राप्त हुआ? क्या कार्यवाही की गई, की गई कार्यवाही की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? प्रश्न दिनांक तक सरपंच एवं अन्य हितग्राही के बयान दर्ज किये गये जांच की गई वर्तमान स्थिति से अवगत करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) (ख) में प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही नहीं किये जाने से सचिव रोजगार सहायक द्वारा प्रधानमंत्री आवास के मजदूरी की राशि हितग्राही क्रमश: कालीचरण कोल, मनोज साकेत, रमासिरोमणि साकेत, सभी निवासी मुदरिया चौवान एवं इंदिरा आवास के हितग्राही क्रमश: वेवा फूलवती विश्वकर्मा, फगुनी प्रजापति, के मजदूरी की राशि कार्य करने वाले के नाम प्रदान न करके दूसरे के नाम डालकर बंदरवाट कर दिया गया तथा जिनका आवास निर्माण हो गया? किंतु हितग्राही पढ़े लिखे है उनकी मजदूरी की राशि प्रश्न दिनांक तक प्रदान नहीं की गई? वंशपति कोल के घर से रावेन्द्र के घर की ओर के पी.सी.सी. निर्माण में सरपंच द्वारा प्रमाणित अनुपस्थित मजदूर को कम्प्यूटर में उपस्थित दिखाकर भुगतान कराया? सरपंच के बिना प्रमाणीकरण के मस्टर रोल में मजदूर दर्जकर भुगतान कराने की इस प्रकार की कई अनियमितता की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के प्रकाश में सरपंच द्वारा कलेक्टर जिला पंचायत रीवा, ज.पं. मऊगंज अनुविभागीय दण्डाधिकारी मऊगंज को पत्र दिया गया? किंतु प्रश्न दिनांक तक जांच नहीं की गई? यदि की गई तो दस्तावेज उपलब्ध करावें? कौन दोषी है चिन्हित कर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? उपरोक्त जांच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? नहीं की जावेगी तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 'क' के प्रकाश में पंचायत राज संचालनालय म.प्र. भोपाल के द्वारा दिनांक 25.09.2017 को जिला पंचायत रीवा को भेजा गया, जो दिनांक 18.10.2017 को जिला पंचायत रीवा को प्राप्त हुआ, कार्यालय जिला पंचायत रीवा के पत्र दिनांक 07.11.2017 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मउगंज को जांच हेतु लेख किया गया, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित पत्र के अतिरिक्त अन्य कोई पत्र संज्ञान में नहीं है, तदनुसार जांच कराई गई है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 4134 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भोपाल संभाग में आवासों का निर्माण कराया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो सीहोर विदिशा रायसेन जिले में प्रथम सूची में कितने आवास निर्माण का लक्ष्य हैं? जिलावार, ब्लॉकवार, ग्रामवार हितग्राहीवार ब्यौरा दें। इन आवासों के निर्माण के लिए कितनी राशि प्रदान की जा रही है? योजना के क्रियान्वयन का पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भोपाल संभाग में आवास निर्माण की दूसरी सूची भी जारी हुई है? अगर हाँ, तो दूसरी सूची में कितने आवास निर्माण का लक्ष्य हैं? जिलावार, ब्लॉकवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार ब्यौरा दें। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सीहोर जिले में प्रथम एवं द्वितीय सूची में किन-किन ग्रामों में एक भी आवास आवंटित नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो ब्लॉकवार, ग्रामवार कारण सहित ब्यौरा दें। क्या छूटे हुए हितग्राहियों के लिए आगामी समय में अन्य सूची भी जारी की जाएगी? यदि हाँ, तो नाम जोड़ने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी? (घ) बनाए जा रहे मकानों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री श्विराजसिंह चौहान की फोटो वाली टाइल्स लगाना अनिवार्य किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश का ब्यौरा दें। सीहोर जिले के किन ग्रामों में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के फोटो वाली टाइल्स आवासों में लगी हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। स्वीकृत आवास की अद्यतन जानकारी भारत सरकार के पोर्टल आवास सॉफ्ट (www.iay.nic.in) पर उपलब्ध है (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सर्वे सूची में छूटे हुए परिवारों को भारत सरकार के निर्देश दिनांक 24.01.2018 के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 19.02.2018 को समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की स्थाई प्रतीक्षा सूची अद्यतन करने की प्रक्रिया बावत् निर्देश प्रसारित किये गये है। (घ) जी नहीं। जानकारी संधारित नहीं की गई है।
विधि महाविद्यालयों के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
86. ( क्र. 4135 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के आदेश क्रमांक/एफ। 21/1/2013/38 दिनांक 5/8/2013 के अनुसार प्रदेश में 31 विधि महाविद्यालयों की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त संदर्भ में क्या प्रक्रिया प्रचलन में हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन में से भोपाल संभाग के कितने महाविद्यालय बार कौंसिल ऑफ इंडिया के मापदंड पूरा करने पर तथा कितने को मापदंड पूरा नहीं करने पर भी अस्तित्व में आए हैं, यदि नहीं, तो शासन स्तर पर बार कौंसिल ऑफ इंडिया के मापदंडों को पूरा करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहें हैं? (ग) क्या सीहोर में प्रारंभ किए गए विधि महाविद्यालयों में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टॉफ की प्रतिपूर्ति कर दी गई है? यदि हाँ, तो महाविद्यालयवार स्वीकृत पदों तथा पदों के विरूद्ध पदस्थ स्टॉफ का ब्यौरा दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। बी.सी.आई. से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने, भूमि एवं भवन संबंधी व्यवस्था करने संबंधी प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित आदेश में शासकीय महाविद्यालय राजगढ़, शासकीय महाविद्यालय सीहोर एवं शासकीय महाविद्यालय रायसेन शामिल हैं। उक्त तीनों ही महाविद्यालय पृथक विधि महाविद्यालय के रूप में अस्तित्व में नहीं हैं। बी.सी.आई. के मापदण्ड अनुसार पृथक से भवन हेतु भूमि आवंटन एवं भवन निर्माण की कार्यवाही हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) जी नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बड़वानी वि.स. में स्वीकृत कार्य प्रारंभ होने में विलंब
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 4159 ) श्री रमेश पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी वि.स. क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत सावरिपानी से दाबड़ी एवं कण्ड्रा से जाई सड़क का कार्य अभी तक क्यों प्रारंभ नहीं हुआ है? (ख) इसके विलंब के लिए कौन जिम्मेदार है। इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़कों का कार्य कब प्रारंभ होकर पूर्ण होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वन विभाग से अनुमति न मिलने के कारण। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) वर्तमान में वन विभाग से अनुमति प्राप्त हो गई है। निविदा स्वीकृत होकर अनुबंध की कार्यवाही प्रचलन में है। कार्य पूर्ण करने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
खिलाड़ियों के लिये स्वीकृत पद
[खेल और युवा कल्याण]
88. ( क्र. 4186 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने खोलों को बढ़ावा देने व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु क्या योजना बनाई है? राज्य, राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न खेल गतिविधियों में भाग लेने वाले व अवार्ड प्राप्त खिलाड़ियों को शासकीय सेवा में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति देने हेतु कौन-कौन से कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) शासन ने खिलाड़ियों की सीधी भर्ती हेतु आरक्षण के तहत कितना कोटा निर्धारित किया है? किन-किन विभागों में इन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति देने का क्या प्रावधान रखा हैं? (ग) प्रदेश में खिलाड़ियों के लिये सीधी भर्ती के कौन-कौन से कितने-कितने स्वीकृत पद रिक्त है? इन रिक्त पदों की भर्ती कब से नहीं की गई हैं एवं क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा खेलों को बढ़ावा देने व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -1 एवं 2 अनुसार है। राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न खेल गतिविधियों में भाग लेने वाले व अवार्ड प्राप्त खिलाड़ियों को शासकीय सेवा में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति देने हेतु प्रथक से कोई पद स्वीकृत नहीं है। (ख) शासन द्वारा खिलाड़ियों की सीधी भर्ती हेतु पृथक से कोई कोटा निर्धारित नहीं किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ सी-3-12/09/3/1 दिनांक 17 जून 2009 के नियमों के तहत विक्रम अवार्ड प्राप्त उत्कृष्ट खिलाड़ियों की नियुक्ति की जाती है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का स्थायीकरण
[उच्च शिक्षा]
89. ( क्र. 4187 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन ने उच्च शिक्षा विभाग में एम.ए.सी.सी., एम.के.बी., होमसाईंस में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों/दैनिक श्रमिकों को स्थायी श्रेणी प्रदान करने हेतु दिनांक 7/10/2016 को क्या आदेश निकाला था? आदेश की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांकित आदेश के परिपालन में जिला जबलपुर में एम.ए.सी.सी., एम.के.बी. एवं होमसाईंस में कार्यरत कितने दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों/दैनिक श्रमिकों को स्थायी श्रेणी प्रदान की गई है? कितने श्रमिकों को अभी तक स्थायी नहीं किया गया है एवं क्यों? (ग) क्या यह प्रश्नांकित सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन के आदेश को योजनाबद्ध तरीके से लागू करना था परन्तु मई 2017 के पूर्व एवं मई 2007 के बाद वाले दैनिक श्रमिकों को स्थायी श्रेणी प्रदान नहीं की गई है एवं क्यों? (घ) जिला जबलपुर के एम.ए.सी.सी. में महालेखा ऑडिट रिपोर्ट वर्ष 2017 पर आयुक्त/मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य शासन में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थायी श्रेणी प्रदान करने हेतु दिनांक 7/10/2016 को आदेश जारी किया है, जो उच्च शिक्षा विभाग पर भी लागू है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 7/10/2016 के परिपालन में एम.ए.सी.सी. महाविद्यालय में 04, एम.के.बी. महाविद्यालय में 08 एवं होमसाईंस महाविद्यालय में 27 दैनिक श्रमिकों को स्थायी श्रेणी का दर्जा प्रदान किया गया है। शासकीय एम.ए.सी.सी. महाविद्यालय में 15, एम.के.बी. महाविद्यालय में 20 एवं होमसाईंस महाविद्यालय में 16 दैनिक श्रमिकों को सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 7.10.2016 के बिन्दु क्रमांक 1.8 एवं 03 के अनुसार उक्त कर्मचारियों को नियमानुसार पात्रता नहीं होने के कारण स्थायी श्रेणी का दर्जा प्रदान नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश "ख" अनुसार कार्यवाही की गई है। (घ) जिला जबलपुर के एम.ए.सी.सी. में महालेखा ऑडिट रिपोर्ट वर्ष 2017 पर ऑडिट कंडिकाओं का उत्तर महाविद्यालय के पत्र क्रमांक 7063 दिनांक 19.9.2017 के द्वारा महालेखाकार ऑडिट भवन ग्वालियर को भेजा जा चुका है। कार्यवाही महालेखाकार ग्वालियर स्तर से अपेक्षित है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 4218 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के निवाड़ी, तरीचरकलां एवं ओरछा नगरीय निकायों में पेयजल योजना निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो अब तक किन-किन मदों में क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? प्रश्न दिनांक में निकायवार भौतिक एवं वित्तीय प्रगति बतायी जावे। (ख) क्या निर्माण एजेन्सी द्वारा कराये गये कार्यों की भौतिक प्रगति से अधिक का पूर्णता प्रमाण पत्र नगर परिषद् निवाड़ी को अंधेरे में रखकर परिषद् से प्राप्त किया जा चुका है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जा सकेगी और शेष कार्य पूरे करा लिये जायेंगे? (ग) क्या निवाड़ी नगर के अधिकांश वार्डों में जल प्रदाय के लिये आवश्यक कार्य अभी तक पूर्ण नहीं कराये गये हैं और अकारण कार्य बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो एजेंसी द्वारा जल प्रदाय का वास्तविक कार्य ऐसे वार्डों में कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। पेयजल योजनाओं का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नीमच जिले की विभिन्न विधानसभा की ग्राम पंचायत में सुविधाजनक भवन उपलब्ध कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 4268 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी ग्राम पंचायत हैं, जिनमें भवन नहीं हैं, जीर्ण-शीर्ण हो गए, पर्याप्त कमरे उपलब्ध नहीं है? विधानसभा क्षेत्रवार पंचायतों का नाम बतावें। (ख) उक्त ग्राम पंचायतें, जिनके भवन नहीं, हैं, जीर्ण शीर्ण हैं, स्थान की कमी है इन समस्या को हल करने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है? कितनी समयावधि में इन पंचायतो में सुविधाजनक भवन उपलब्ध करा दिए जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला नीमच में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 8 पंचायत भवन स्वीकृत किये जाने से अब कोई भी ग्राम पंचायत भवन विहीन नहीं है। स्वीकृत भवनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। जीर्णशीर्ण पंचायत भवन एवं पर्याप्त कमरे उपलब्ध नहीं, वाले ग्राम पंचायत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) नवीन निर्माणाधीन ग्राम पंचायतों भवनों के निर्माण को पूरा करने की तिथि 31.12.2018 निर्धारित की गई है। पंचायत भवनों को आवश्यकतानुसार यथा समय मरम्मत कार्य कराया जाता है। स्थान की कमी की समस्या के संबंध में अतिरिक्त कमरे बनाने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फण्डस की जानकारी
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 4277 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.के किन-किन जिलों को डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फण्डस किस वित्तीय वर्ष से कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? जिलावार वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) वर्णित फण्डस अनूपपुर जिला को अब तक कितनी राशि किस वित्तीय वर्ष में उपलब्ध कराई गई है वर्षवार जानकारी का उल्लेख करें। (ग) अनूपपुर जिले को प्राप्त राशि में से किस विकासखण्ड को किस प्रयोजन हेतु किसकी अनुसंशा से कितनी राशि खर्च की गई है? कार्य का प्रकार, स्वीकृत राशि, दिनांक तथा अनुशंसाकर्ता का नाम उल्लेख करें तथा कार्य प्रगति की भौतिक स्थिति क्या है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार राशि आवंटित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार कार्य की स्वीकृति मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के प्रावधानों के अनुसार संबंधित जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा की गई है। प्रश्नानुसार शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन की इकाईयों द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 4308 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विकासखण्ड अंतर्गत विगत 05 वर्षों से अब तक कार्यरत एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन की कितनी परियोजना क्रियान्वयन इकाईयां संचालित है? प्रत्येक इकाई के नामवार उनमें पदस्थ कर्मचारियों के पद सहित जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित इकाईयों द्वारा अपनी भौगोलिक सीमा में किन स्थानों पर कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं? पृथक-पृथक वर्षवार जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) से संबंधित निर्माण कार्यों में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई है वर्षवार, कार्यवार वर्तमान भौगोलिक स्थितिवार, सामग्री में व्यय राशि तथा कुल श्रमिकों को भुगतान राशि के विवरण सहित पृथक-पृथक जानकारी दी जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ 181 के संबंध में
[लोक सेवा प्रबन्धन]
94. ( क्र. 4354 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ 181 पर शिकायतें प्राप्त हो रहीं हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक बैतूल जिले की भूमि पर अतिक्रमण से संबंधित राजस्व विभाग की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) क्या एक ही शिकायतकर्ता द्वारा 2 से अधिक बार अलग-अलग शिकायतें की गई हैं? यदि हाँ, तो बैतूल जिले में उक्त अवधि में ऐसे कितने शिकायतकर्ता हैं, जिन्होंने 2 से अधिक बार अलग अलग शिकायतें की हैं? (ग) क्या जो प्रकरण तहसीलदार अथवा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के न्यायालय में चल रहे हैं, उनकी भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो न्यायालयीन प्रकरणों की शिकायतों को संज्ञान में क्यों लिया जा रहा है? क्या इससे न्यायालयीन कार्यवाही बाधित नहीं होती है? (घ) क्या 181 में आदतन शिकायतकर्ता की पहचान कर ऐसी शिकायतों को नस्तीबद्ध किए जाने की कार्यवाही की जाएगी एवं व्यक्तिगत शिकायतों को भी 181 से दूर रखा जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। ऐसे मामलों में संतुष्टि करने के उपरांत कि संबंधित कार्यालय द्वारा अपने दायित्व का निर्वाह कर लिया गया है, प्रकरण क्रमांक एवं प्रकरण की स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्हें क्लोज करने की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान कार्यालय मुख्य सचिव के पत्र क्रमांक 181/सीएमहेल्प/2017 दिनांक 17.08.2017 में है। तदानुसार कार्यवाही की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अत: शेषांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) आम नागरिकों द्वारा की जा रही शिकायतों की पुनरावृति को रोकने के लिये समान प्रकृति की शिकायतों को मर्ज किये जाने का प्रावधान मध्यप्रदेश शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग के पत्र क्र./507/2017/61/लोसेप्र दिनांक 22.04.2017 में दिये गये निर्देश के अनुसार किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। अत: शेषांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दतिया जिले में प्रधानमंत्री सड़कों के घटिया निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 4360 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत सड़कों का निर्माण हुआ है? यदि हाँ, तो दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण हुआ या प्रगति पर हैं और उनकी निर्माण एजेंसी कौन है तथा कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है? किस-किस सड़क पर कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) क्या दतिया जिले की प्रधानमंत्री सड़कें बेहद घटिया क्वालिटी की डाली गई हैं, जिसको लेकर गत तीन वर्षों में जनप्रतिनिधियों ने जिला योजना समिति की बैठक में एवं विधानसभा में प्रश्न के माध्यम से निष्पक्ष जांच की मांग की थी? यदि हाँ, तो क्या जांच कराई गई, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या कई सड़कों का लोकार्पण भी नहीं हो पाया और वह जगह जगह से उखड़ चुकी हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार महाप्रबंधक प्रधानमंत्री सड़क योजना दतिया को पत्र लिखकर प्रश्नकर्ता के समक्ष किसी भी सड़क की जांच कराने हेतु अनुरोध किया गया था, किंतु आज दिनांक तक मौके पर समक्ष में जांच क्यों नहीं कराई गई हैं? (घ) प्रश्नांश (क) की घटिया सड़क निर्माण के लिये कब तक जिम्मेदारी सुनिश्चित की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। दिनांक 01.01.2015 के पश्चात् जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 23.05.2015, 06.08.2016, 26.04.2017 एवं 14.09.2017 के कार्यवाही विवरण में ऐसी कोई जाँच का विवरण नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। माननीय विधायक द्वारा महाप्रबंधक को लिखे गये शिकायत संबंधी पत्र दिनांक 12.05.2017 में उल्लेखित मार्गों का निरीक्षण विभिन्न स्तरों पर राष्ट्रीय गुणवत्ता पर्यवेक्षक (एन.क्यू.एम.)/राज्य गुणवत्ता पर्यवेक्षक (एस.क्यू.एम.) द्वारा किया गया जिसमें मार्गों की गुणवत्ता संतोष जनक पायी गई। जिसके बारे में माननीय विधायक को महाप्रबंधक परियोजना क्रियान्वयन इकाई दतिया के पत्र क्र. 890 दिनांक 13.05.17 द्वारा अवगत कराया जा चुका है वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त विधानसभा प्रश्नों में इस तरह के जाँच संबंधी कोई प्रश्न प्राप्त नहीं हुआ। अतः पृथक से जांच की आवश्यकता नहीं है। (घ) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक नहीं।
स्मार्ट फोन वितरण में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता
[उच्च शिक्षा]
96. ( क्र. 4376 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा महाविद्यालयों में छात्र/छात्राओं को स्मार्ट फोन वितरण की योजना कब से लागू हुई? लागू होने के बाद दतिया जिले के किन-किन महाविद्यालयों में, किस-किस दिनांक को कुल कितने छात्र/छात्राओं को किस कंपनी के स्मार्ट फोन, किस सप्लायर के माध्यम से वितरित किये गये हैं? (ख) क्या स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को बुलाये जाने की कोई व्यवस्था अथवा दिशा निर्देश हैं? यदि हाँ, तो अभी तक किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर स्मार्ट फोन वितरण कराये गये? कार्यक्रमवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा अपनी मनमानी कर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर मनमाने तरीके से कार्यक्रम आयोजित कर स्मार्ट फोनों का वितरण किया गया है? यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की जांच कराई जावे। (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय स्मार्ट फोन वितरण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को शामिल करने हेतु कोई पृथक से दिशा निर्देश करेंगे? क्या छात्रों को दिये जाने वाला स्मार्ट फोन लोकल एवं घटिया किस्म का होने से छात्र इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं? यदि नहीं, तो क्या वितरित स्मार्ट फोनों की गुणवत्ता की जांच कराई जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ-23-4/2014/38-2 दिनांक 8 सितम्बर, 2014 द्वारा उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन प्रदाय करने की योजना प्रारंभ की गई। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय समारोह आदि आयोजित करते समय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने हेतु राज्य शासन के स्थायी निर्देश हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश "क" तथा "ख" के परिप्रेक्ष्य में पृथक से जनप्रतिनिधियों को शामिल करने हेतु अन्य निर्देश जारी किए जाना प्रस्तावित नहीं है। निर्धारित गुणवत्तायुक्त स्मार्टफोन वितरित किए जा रहे हैं जिसकी गुणवत्ता का परीक्षण एवं तकनीकी मापदण्डों की विस्तृत जांच क्रय प्रक्रिया के दौरान की जाती है। पृथक से कोई गुणवत्ता की जांच प्रस्तावित नहीं है।
सरपंच द्वारा भ्रष्टाचार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
97. ( क्र. 4391 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्कर्ता का पत्र क्रमांक एम.एल.ए./2584/17 दिनांक 25/09/2017 जो जिला पन्ना के अन्तर्गत सरपंच ग्राम पंचायत करही जनपद पंचायत पवई द्वारा भ्रष्टाचार करते हुये ग्राम की जनता से अथवा हितग्राहियों से अवैध रूप से रिश्वत लेने हेतु अपने बैंक खाते में जमा कराये जाने की जांच करने विषयक था तथा अति-मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को संबोधित था, यह कब प्राप्त हुआ? इस पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई और इस पर क्या जांच हेतु संबंधितों को पत्र नोटिस जारी किये गये? यदि हाँ, तो उसकी प्रति बताये, यदि नहीं, तो चार माह बाद भी रिश्वतखोरी के आरोप में सरपंच को बर्खास्त कर उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट क्यों नहीं की गयी? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 25/9/2017 में उल्लेखित तथ्य सही पाये गये? यदि हाँ, तो कौन-कौन से? यदि नहीं, तो उनके असत्य होने के प्रमाण क्या हैं? (ग) सरपंच के विरूद्ध और कितनी शिकायतें विगत 04 वर्षों में कितनी शिकायतें कलेक्टर को प्राप्त हुई थी? उनका संक्षिप्त विषय, तिथि तथा की गई कार्यवाही बतायें? (घ) सरपंच द्वारा तथा उसके पति द्वारा जो राशि बैंक में अपने खाते में हितग्राहियों से प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये जमा करवाई गई थीं? क्या उन हितग्राहियों से, सरपंच से और सरपंच पति से ब्यान लिये गये? यदि हाँ, तो उनकी प्रति बतायें, यदि नहीं, तो क्यों और कब तक लिये जायेंगे? (ड.) सरपंच के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कोई दण्डादेश जारी ना करने के लिये कौन जिम्मेदार है उसका नाम, पद बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पत्र दिनांक 06.10.2017 प्राप्त हुआ। कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ’’ अनुसार। जी हाँ, नोटिस जारी किया गया। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब’’ अनुसार। जांच प्रतिवेदन अनुसार सरपंच द्वारा किसी भी प्रकार की रिश्वतखोरी करना प्रकाश में नहीं आने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जांच दल द्वारा जांच प्रतिवेदन में लेख किया गया है कि सरपंच द्वारा कोई रिश्वत नहीं ली गई। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) सरपंच के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द’’ अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ’’ अनुसार। (ड़) सरपंच के विरूद्ध जांच में कोई भी अनियमितता प्रकाश में नहीं आने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क योजना से सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 4438 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत गुनौर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कमताना से ककरा के सड़क निर्माण का टेंडर कब हुआ तथा इसकी प्रशासकीय स्वीकृति कब प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित का निर्माण कार्य प्रारंभ न होने का क्या कारण है? क्या उक्त सड़क का एलायमेन्ट परिवर्तित होने की आड में उक्त निर्माण कार्य को रोका गया है? यदि हाँ, तो पूर्व एवं वर्तमान एलायमेंट परिवर्तन की प्रति उपलब्ध करावें? क्या विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता से प्रश्नांश (क) से संबंधित सड़क की दुबारा स्वीकृति के बाद भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित सड़क के निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक भी प्रारंभ न होने के लिये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कमताना से ककरा सड़क निर्माण हेतु न ही कोई प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है और ना ही टेंडर किया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भ्रमण के दौरान की गई घोषणा के अनुपालन में पूर्व से स्वीकृत पगरा से ककरा मार्ग के स्थान पर कमताना से ककरा मार्ग बनाने हेतु एकरेखण परिवर्तन की स्वीकृति दी गई थी। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा ठेकेदार को समय-समय पर पत्र लिखकर कार्य प्रारंभ करने हेतु निर्देशित किया गया किन्तु ठेकेदार द्वारा परिवर्तित एकरेखण पर कार्य करने में असमर्थता जताई गई जिसके कारण कार्य अप्रारंभ है। अतः माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा अनुसार कमताना से ककरा मार्ग के परिवर्तित एकरेखण पर निर्माण हेतु राज्य मद से स्वीकृति की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पार्क में लगी राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 4453 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर पालिक निगम के अशोका गार्डन क्षेत्र के नर्मदा परिक्रमा पार्क का निर्माण किस दिनांक से किस दिनांक तक कितनी राशि व्यय कर बनवाया गया है? उक्त व्यय की गयी राशि नगरपालिक निगम/बी.डी.ए./राज्य शासन/विधायक निधि/सांसद निधि/अन्य में किसकी कितनी लगी थी? का विवरण राशिवार दें? (ख) उक्त पार्क शासकीय/नजूल/नगर पालिक निगम/अन्य की भूमि पर है या निजी भूमि पर? पार्क की आराजी क्रमांक एवं रकबे की जानकारी देते हुये खसरा पंचशाला की एक प्रति दें? नगर पालिक निगमों के वार्डों में क्या किसी व्यक्ति विशेष के होर्डिंग/बैनर/कटआउट क्या नियमानुसार लगाये जा सकते हैं? अगर हाँ तो नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें? बतायें कि उक्त सार्वजनिक पार्क में प्रश्नतिथि तक किस किस नाम/पदनाम के व्यक्तियों की होर्डिंग/पोस्टर/बैनर/कट आउट लगे हैं? क्या उनकी आज्ञा/अनुमति/एन.ओ.सी./नगर निगम ने जारी की है? अगर हाँ तो एक एक प्रति दें? अगर नहीं की है तो क्यों? प्रश्नतिथि तक उक्त विज्ञापन सामग्री लगी है? (ग) क्या उक्त पार्क में लगे कट आउट एवं अन्य प्रचार सामग्री को लगाने उक्त व्यक्ति के द्वारा नगर निगम भोपाल से कोई रसीद (विज्ञापन शुल्क) कटवाई है? अगर हाँ तो, उक्त रसीदों की एक प्रति दें? अगर अवैधानिक रूप से उक्त विज्ञापन सामग्री नहीं है तो किस नाम पदनाम के विरूद्ध क्या कार्यवाही आयुक्त नगर निगम द्वारा प्रश्नतिथि तक की गयी है? अगर नहीं की है तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल नगर पालिक निगम के अशोक गार्डन भोपाल क्षेत्र में नर्मदा परिक्रमा पार्क का निर्माण नगर निगम भोपाल द्वारा नहीं कराया गया है। पार्क निर्माण के संबंध में जिला योजना समिति/बी.डी.ए. विधायक निधि, संसद निधि तथा अन्य व्यय की जानकारी भोपाल विकास प्राधिकरण भोपाल, राजधानी परियोजना भोपाल से जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) पार्क की भूमि स्वामित्व के संबंध में नगर निगम भोपाल, भोपाल विकास प्राधिकरण भोपाल, राजधानी परियोजना भोपाल से जानकारी एकत्रित की जा रही है नगर निगम भोपाल द्वारा पार्क में किसी व्यक्ति विशेष के होर्डिंग, पोस्टर, बैनर कट आउट आदि लगाये जाने के संबंध में कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश 'ख’ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टी एण्ड सी.पी. जारी एन.ओ.सी. की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 4456 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल के न्यू मार्केट में स्थित मेजर नानके पेट्रोल पंप से लेकर बोर्ड ऑफिस की ओर बांये हाथ पर किसी निजी शोरूम (कामर्शियल कार्य हेतु) को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा वर्ष 01.01.2015 से वर्ष 31.12.2017 के दौरान अनुमति देकर नक्शा पास किया है? अगर हाँ, तो नक्शे की एक प्रति उपलबध करायें? (ख) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क पर कॉमर्शियल कार्य हेतु रोक थी? अगर हाँ तो उक्त आदेशों की एक प्रति दें? उक्त रोड पर राज्य शासन के द्वारा कॉमर्शियल कार्य करने की कब आज्ञा प्रदान की? उक्त आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें? नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा किन नियमों में कब-कब, क्या-क्या संशोधन किये सभी नियमों/शर्तों/मापदण्डों की संशोधित आज्ञा/अनुमति की एक-एक प्रति दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क पर नेक्सा (NEXA) का शो रूम हेतु टी एण्ड सी.पी. ने कब-कब आज्ञा/अनुमति/एन.ओ.सी. जारी कर नक्शा पास किया? कितने स्क्वायर फुट पर अण्डर ग्राउण्ड/कितने स्क्वायर फुट पर प्रथम/द्वितीय/तृतीय तल का नक्शा पास किया है? उक्त भवन के पास हुये सभी नक्शों की एक एक प्रति उपलब्ध करायें? (घ) उक्त भूखंड जिस पर नक्शा पास हुआ है उसका स्वामित्व किस-किस नाम पर है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) टी एण्ड सी.पी. द्वारा आज्ञा/अनुमति/एन.ओ.सी. जारी नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तराशं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध उत्खनन एवं ओव्हरलोडिंग पर हुई कार्यवाही की जानकारी
[खनिज साधन]
101. ( क्र. 4458 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत ग्राम राजस्थान में श्रवण कुमार पाठक की लीज 80 एकड़ एरिया में संचालित है? क्या उक्त खदान शासन की नियमों के अनुसार संचालित है? उक्त लीज के बाहरी हिस्से में अवैध उत्खनन किया जा रहा है तथा उच्च न्यायालयों के निर्देशों का खुला उल्लंघन कर ओवरलोडिंग की जा रही है तथा अमीरे कोल के नाम से आराजी क्र. कर उक्त आदिवासी के लीज का संचालन किस अधिकार से श्रवण कुमार पाठक द्वारा किया जा रहा है? उसकी प्रति उपलब्ध करायें? क्या विभाग ने विधानसभा में पूर्व में दिए गए जवाब में बताया है कि जो पता अमीरे कोल का लिखा है उक्त पते पर अमीरे कोल नहीं पाया गया तथा आवंटन जमीन की नोटिस भी जारी की गयी है? जो आज दिनांक तक तामील नहीं हुई? उसकी आराजी का मालिक कौन बिन्दुवार बतायें? कारण सहित स्पष्ट करें? (ख) क्या उक्त खदान की रजिस्ट्री एवं सेटेलाईट जांच राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर करायेंगे? क्या 6 हरिजनों की जमीन क्रय कर बिना लीज मंजूर कराये उत्खनन किया गया है? इसकी रिपोर्ट भी विधानसभा के जवाब में भेजी गयी थी? उक्त घोटाले की जांच कब तक करायेंगे? समय-सीमा दें? (ग) उक्त खदान के ट्रांसपोर्टिंग का काम ए.आर.टी. कम्पनी के संचालक राममनोहर सिंह द्वारा किया जा रहा है? विगत 10 वर्षों से उक्त ट्रांसपोर्टर द्वारा 10 चक्का, हाइवा में 25 से 30 टन माल प्रिज्म सीमेंट में सप्लाई की जा रही है जबकि 10 चक्का हाइवा आर.टी.ओ. खनिज से 16 टन माल पास है? खनिज मंत्री जब से ई.टी.पी. सिस्टम लागू हुआ है तो उसका डिटेल निकालकर आर.टी.ओ. विभाग द्वारा 22 हाइवा मालिकों को पत्र क्र. 958 से 980 तक जो नोटिस जारी की गयी है? क्या उक्त हाइवों का एग्रीमेंट करने वाली विमला पटेल जो ए.आर.टी. कंपनी के माइंस मैनेजर रामयस पटेल की पत्नी है क्या उससे रिकवरी की जायेगी? उसके विरूद्ध संबंधित थाने में कब तक एफ.आई.आर. करायी जायेगी? (घ) क्या न्यायालय के प्रकरण क्र. 001, अ67,2013-14 द्वारा साफ-साफ निर्देश दिया था कि स्वीकृत क्षेत्र के आस-पास निजी, शासकीय राजस्व या वन भूमि में किसी प्रकार अवैध उत्खनन कार्य कदापी न करें नहीं तो शर्तों का उल्लंघन तथा अवैध उत्खनन की दशा में भू-प्रवेश की स्वीकृत स्वमेव निष्प्रभावी होगी? लेकिन उक्त लीज धारक की खदान की भू प्रवेश ही नहीं है? इसलिए उक्त खदान की संक्रियाए कब तक बंद कर दी जायेगी?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
अंतर्गत
प्रश्न में
उल्लेखित व्यक्ति
के पक्ष में 80 एकड़
क्षेत्र में
लीज स्वीकृत
है। यह खदान
खनिजों
नियमों के तहत
संचालित है वर्तमान
में अवैध उत्खनन
नहीं किया जा
रहा है। पूर्व
में किये गये
अवैध उत्खनन
के प्रकरण
पंजीबद्ध है। ओवर
लोडिंग के
प्रकरण
प्रकाश में
आने पर नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है। इसके
संबंध में
जिला परिवहन
अधिकारी, सतना द्वारा
कार्यवाही की
गई है। जिसका विवरण
संलग्न
परिशिष्ट पर
दर्शित है। अमीरे
कोल के पक्ष
में विभाग
द्वारा कोई
लीज स्वीकृत
नहीं की गई है।
अत: इसकी लीज
के संचालन
श्री श्रवण
कुमार पाठक
द्वारा किये
जाने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। विभाग
द्वारा प्रश्नानुसार
किसी प्रश्न
का उत्तर
विधानसभा को
प्रेषित नहीं
किया गया है। अपितु
अनुविभागीय
अधिकारी, रघुराजनगर
द्वारा
तहसीलदार से
जांच कराई गई थी।
अमीरे कोल का
पता राजस्व
विभाग द्वारा
लगाया गया है, पर वह
उस वक्त नहीं
मिला था। उक्त
आराजी का
मालिक खसरा
अनुसार अमीरे
कोल है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नाधीन
खदान की
अनुबंध पत्र
की रजिस्ट्री
नियमानुसार
हुई है। अत:
प्रश्नानुसार
जांच कराने का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। जी नहीं।
प्रश्नानुसार
जानकारी
विभाग द्वारा
किसी प्रश्न
में नहीं दी
गई है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी हाँ। प्रश्नानुसार
विगत 10
वर्षों में
कार्य
प्रमाणित
नहीं है। जी
हाँ। प्रश्नानुसार
वर्तमान में
कोई
एग्रीमेंट
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
में किस न्यायालय
का संदर्भ
लिया गया है। स्पष्ट
न होने के
कारण प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
वॉटर शेड परियोजना में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 4466 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला पंचायत में वॉटर शेड का कार्य किस नाम के परियोजना अधिकारी द्वारा किस दिनांक से प्रभार में है? उक्त के द्वारा पदस्थापना दिनांक से ही वॉटर शेड के कार्यों का निर्वहन किया जा रहा है? किन-किन मदों से इनके द्वारा कार्य किये गये हैं? रोजगार गांरटी योजना लागू दिनांक से उनके द्वारा वॉटर शेड के कितने कार्य कराये गये हैं? उक्त सभी कार्यों की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? कार्यवार सूची उपलब्ध करायें? इनके द्वारा जिन कार्यों की सी.सी. जारी करायी गयी है, उन संपूर्ण कार्यों की क्या प्रश्नतिथि तक जांच हुई हैं? प्रकरणवार जानकारी दें? (ख) उक्त अधिकारी के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्रश्नतिथि तक जिला प्रशासन/सी.ई.ओ. जिला पंचायत/प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास को प्राप्त हुई? उन पर प्रश्नतिथि तक कब व क्या कार्यवाही किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांक से प्रकरणवार की गयी? सभी पत्रों की एक-एक प्रतिलिपि दें? (ग) उक्त वॉटर-शेड प्रभारी अधिकारी के कार्यकाल में जितने निर्माण हुये हैं क्या उनकी जांच जिला प्रशासन द्वारा करायी गयी? अगर करायी गयी है तो समस्त जांचों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? जांच प्रतिवेदनों की एक प्रति उपलब्ध करायें? (घ) क्या जिला प्रशासन मंगलेश्वर सिंह नामक अधिकारी के विरूद्ध जांच कराकर दोषी पाये जाने पर उक्त राशि की वसूली एफ.आई.आर. तथा संविदा समाप्त करने की कार्यवाही कब तक करेगा? अगर जांच नहीं करेगा तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 23-09-2009 से श्री मंगलेश्वर सिंह प्रभार में है। वे जिला तकनीकी विशेषज्ञ के दायित्वों का निर्वहन कर रहे है, अत: वॉटर-शेड परियोजना के मदवार कार्य करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इस प्रभार के पूर्व रोजगार गारंटी योजना अंतगर्त कराये गये कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। कार्य संतोषप्रद है। इनके द्वारा किसी कार्य की सी.सी. जारी नहीं कराई गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) दो शिकायतें प्राप्त हुई, जिनकी जांच कराई गई है। जारी पत्रों की प्रतिलिपियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) जी हाँ। कराई गई जांच के प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। कार्यपालन यंत्री द्वारा की गई जांच में पायी गई प्रक्रियात्मक त्रुटियों के लिए वॉटर-शेड डेवल्पमेंट की टीम सदस्यों तथा वॉटर-शेड समिति के अध्यक्ष व सचिवों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, जिसके उत्तर के परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी (घ) जांच कराई जा चुकी है जिनमें अनियमितता होना नहीं पाया गया है, अत: पुन: जांच की आवश्यकता नहीं है।
आरोपी को निलंबित नहीं किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 4467 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के जनपद पंचायत नागौद एवं उचेहरा तथा वर्तमान में रामनगर जनपद में पदस्थ सी.ई.ओ. के विरूद्ध तीनों जनपदों में पदस्थापना के दौरान इनके विरूद्ध कितनी जाँचें हुयी? उन जाँचों में इनके द्वारा कितनी-कितनी राशि का गबन किया गया? उसका विवरण बिन्दुवार जांच प्रतिवेदन सहित प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराया जाये तथा जांच में दोषी पाये जाने के बाद कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. हुयी है तथा कितनों में इस्तगासा के माध्यम से मामला न्यायालय में पहुंचा? जाँचों में वित्तीय अनियमितता पाये जाने के बाद कितने मामलों पर एफ.आई.आर. नहीं करायी गयी? (ख) उक्त सी.ई.ओ. पन्ना जिले के जनपद पंचायत अमानगंज में पदस्थापना के दौरान वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार संबंधी कितनी जाँचें हुयी? उन जाँचों में दोषी पाये जाने के बाद क्या कार्यवाही की गयी? जांच रिपोर्टों एवं निष्कर्षों की एक-एक प्रति प्रकरणवार दें। (ग) क्या उक्त सी.ई.ओ. के विरूद्ध उचेहरा न्यायायलय एवं नागौद न्यायालय में 420 के प्रकरण का चालान पेश प्रश्न तिथि तक हो चुका है तथा उसमें चार्ज भी लग गया? लेकिन जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत सी.ई.ओ. द्वारा आज दिनांक तक निलंबित नहीं किया गया? शासन कब तक उक्त को निलंबित करने के आदेश जारी करेगा? जारी आदशों की एक-एक प्रति दें। अगर नहीं, तो क्यों? न्यायालय में चालान प्रस्तुत होने के बाद क्या शासन उक्त अधिकारी/कर्मचारी को निलंबित करता है या नहीं? इस प्रकरण में क्या किया है? नियम दें। (घ) क्या यह सही है उक्त सी.ई.ओ. लगातार जिन जनपदों में रहा है तथा उन जनपदों में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर दी ऐसे अधिकारी को राज्य शासन कब तक बर्खास्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) पन्ना जिले में अमानगंज जनपद पंचायत नहीं वरन गुन्नौर जनपद पंचायत है। गुन्नौर जनपद पंचायत अंतर्गत तत्समय पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ओ.पी. अस्थाना की पदस्थापना के दौरान अनियमितता से संबंधित प्राप्त शिकायत की प्रारंभिक जांच में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर विभागीय जांच संस्थित की गई है। जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ग) माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश नागौद जिला सतना में एस.टी.नं.433/14 धारा 420, 467 आई.पी.सी. अंतर्गत आरोप पत्र जारी किए गए है। प्रकरण पंजीबद्ध होकर विवेचना उपरांत श्री अस्थाना एवं अन्य आरोपीगणों के विरूद्ध दिनांक 21.08.2014 को चालान पेश किया जा चुका है। उचहेरा में इस्तगासा प्रस्तुत है। प्रकरण माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश नागौद के न्यायालय में प्रकरण क्र.एस.टी.83/66 विचाराधीन है। मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 (1) के परन्तुक (1) अनुसार शासन स्तर से अभियोजन स्वीकृति के उपरांत चालान प्रस्तुत होने पर ही अनिवार्यत: निलंबित किये जाने का प्रावधान है। प्रकरण में श्री अस्थाना के विरूद्ध विभाग अथवा शासन स्तर पर कोई अभियोजन स्वीकृति जारी नहीं हुई है। अत: निलंबित नहीं किया गया। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क मार्ग में स्थित नाले पर पुल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 4499 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण की गयी प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क कटाई घाट-खैरी मार्ग जिस पर ग्राम सुनपुरा, बम्होरी, खैडदी गुबरा खुर्द, समदपुरा आदि के ग्रामीणों का आवागमन होता है पर चित्तारमाई नाके पर पुल निर्माण क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या उक्त नाले पर पुल निर्माण नहीं होने से 6-7 गांवों के लोगों को नाले के अंदर से या नाले पर बने स्टॉप डेम के ऊपर से आवागमन करना होता है, जो कि वर्षाकाल में खतरनाक होता है? उपरोक्त कटाई घाट-खैरी प्रधान मंत्री सड़क पर स्थित नाके पर पुल निर्माण कब तक स्वीकृत कर बनाया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मार्ग के प्रारंभ में चित्तारमाई नाले पर पूर्व निर्मित स्टॉप डेम कम काजवे निर्मित है। जो कि अच्छी स्थिति में है व इससे होकर आवागमन सुचारू रूप से चालू है। मार्ग के डी.पी.आर. में इस चित्तारमाई नाले पर कोई स्ट्रक्चर का प्रावधान नहीं किया गया था एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मार्ग का प्रारंभ चित्तारमाई नाले पर बने स्ट्रक्चर के बाद से किया गया है। (ख) नाले पर पूर्व निर्मित स्टॉप डैम में आवागमन हेतु पर्याप्त चौड़ाई है वर्षा काल में सामान्य बारिश में स्टॉप डैम के ऊपर से आवागमन बना रहता है। अत्यधिक बारिश की स्थिति में स्टॉप डैम के ऊपर से आवागमन कुछ समय के लिये बाधित होता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नई खनन नीति के अंतर्गत पंचायतों के खनन अधिकार
[खनिज साधन]
105. ( क्र. 4501 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नई खनन नीति कब लागू की गयी? उक्त नीति में पंचायतों की नदियों से रेत खनन गोंड खनिज के खनन के क्या-क्या अधिकार किन-किन शर्तों के साथ दिये गये हैं? खनन नीति की प्रति दें। (ख) जबलपुर जिले में नर्मदा नदी के किनारों में जो पानी से बाहर जो रेत है क्या उसकी मात्रा का संधारण विभाग द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 की स्थिति में कितनी मात्रा रेत उपलब्ध है एवं पानी से बाहर की रेत की खनन की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2017-18 में किस-किस प्रयोजन के लिए दी गई है? स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या यह सही है कि दी गयी रेत खनन की अनुमति की शर्तों/नियमों के अनुसार नर्मदा नदी में खुलें में रेत नहीं होने पर भी ग्राम पंचायत को दी गयी है तथा जिससे अनेक ग्राम पंचायत द्वारा मशीनों से पानी के अंदर से रेत खनन किया जा रहा हैं। यदि हाँ, तो शासन खुले में रेत नहीं होने पर भी ग्राम पंचायत की खनन की अनुमति एवं मशीनों से रेत खनन की जांच कर दोषी अधिकारी पर कब कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश रेत खनन नीति, 2017 का अनुमोदन दिनांक 14.11.2017 को किया गया है। इसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। केवल उत्खनन योग्य क्षेत्रों को ही चिन्हित कर रेत खदान घोषित किये जाने के प्रावधान हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2017-18 में नर्मदा नदी रेत खनिज की ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित खदानों एवं मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा संचालित खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। नियम विरूद्ध रेत खनन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है।
दतिया जिले में गंभीर अनियमितताओं की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
106. ( क्र. 4557 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक पात्रों को दरकिनार कर कई शिकायतों की जाँचों में घिरे विवादित, कई आर्थिक अनियमितताओं में संलिप्त अधिकारी/कर्मचारियों को संरक्षण/अतिरिक्त प्रभार दिये गये? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो तृतीय श्रेणी कर्मचारी वेद प्रकाश गुप्ता को पहले जनपद भाण्डेर, फिर सेवढ़ा सी.ई.ओ. का प्रभारी क्यों बनाया गया? इसी प्रकार आर.ई.एस. के ऐ.ई. हिमांशु तिवारी को जनपद दतिया का प्रभारी सी.ई.ओ. बनाया गया जबकि तीनों स्थानों के लिये पात्र अधिकारी मौजूद थे? जिला खनिज अधिकारी के होते हुये डिप्टी कलेक्टर वीरेन्द्र कटारे को प्रभारी क्यों बनाया? इसी प्रकार मण्डी सचिव श्री सारस्वत को सुनियोजित तरीके से निलंबित कर वीरेन्द्र कटारे को प्रभारी क्यों बनाया जबकि मण्डी में ही प्रभार हेतु पात्र लोक सेवक उपलब्ध है? स्थानांतरित अरविंद उपाध्याय परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास के रिलीव होने के बावजूद महिला सशक्तीकरण अधिकारी के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त क्यों नहीं किया गया? दीपक सक्सेना खनिज निरीक्षक जून 2017 में स्थानांतरण होने एवं दूसरे के द्वारा कार्यग्रहण करने के बावजूद अभी तक क्यों कार्यमुक्त नहीं किया गया? (ख) क्या उपरोक्त लोक सेवकों की गंभीर शिकायतों की जाँचें चल रही हैं, जबकि अरविंद उपाध्याय को आर्थिक अनियमितता/गबन का दोषी पाया गया है? इन लोगों की अभी तक कितनी शिकायतें हुई और कितनी जाँचें चल रही हैं, कितनी पूर्ण हो चुकी हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई, की प्रतियां उपलब्ध कराई जाए? (ग) प्रश्नांश (क) के साथ ही इसी प्रकार जिले में हुई अनियमितताओं की क्या उच्च स्तरीय जांच कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। तत्समय उपस्थित परिस्थितियों, लक्ष्य अनुरूप योजनाओं में प्रगति लाने एवं प्रशासकीय कार्य सुविधा दृष्टि से श्री वेदप्रकाश गुप्ता, सहा.परि.अधि. जिला पंचायत दतिया को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत भांडेर एवं सेवढ़ा का प्रभार समय-समय पर सौंपा गया था। इसी प्रकार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत दतिया के अर्जित अवकाश पर होने के कारण श्री हिमांशु तिवारी, सहा. यंत्री दतिया को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत का प्रभार सौंपा गया था। कलेक्टर मैन्युअल के अनुसार श्री कटारे, डिप्टी कलेक्टर को विभिन्न विभागों के समन्वय के लिए खनिज प्रभारी एवं निलंबन की स्थिति में तत्कालीन व्यवस्था हेतु मण्डी सचिव बनाया गया था। सचिव, म.प्र. शासन के पत्र दिनांक 10.01.2018 से श्री दीपक सक्सेना, खनिज निरीक्षक को एकतरफा भारमुक्त किये जाने से दिनांक 21.02.2018 को उन्हें कार्यमुक्त किया। म.प्र. शासन महिला एवं बाल विकास के आदेश दिनांक 05.10.2017 द्वारा श्री अरविंद उपाध्याय, परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना ग्रामीण-1 का स्थानांतरण परियोजना शाहगढ़ जिला सागर किया गया था। स्थानांतरण के विरूद्ध मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 793/2018 में पारित आदेश दिनांक 17.01.2018 के द्वारा प्रकरण में यथा स्थिति रखे जाने से श्री उपाध्याय यथावत कार्यरत हैं। (ख) श्री अरविंद उपाध्याय, परियोजना अधिकारी के विरूद्ध आयुक्त, महिला सशक्तिकरण भोपाल में जांच कार्रवाई प्रचलित है। (ग) अनियमितताएँ प्रकाश में आने पर उच्च स्तरीय जांच पर विचार किया जाएगा।
प्रदेश में यात्राओं का औचित्य, व्यय और अधिकार
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
107. ( क्र. 4576 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 3060 दिनांक 27 जुलाई 2017 का उत्तर अभिलेखों के आधार पर दिया गया था? यदि हाँ, तो उत्तर के साथ संलग्न प्रपत्र (अ) में उल्लेखित राशि से किसे-किसे कितनी राशि का भुगतान किस कार्य हेतु कब-कब किया गया और क्या व्यय के व्हाउचर रसीद तथा दस्तावेज सुरक्षित हैं? यदि हाँ, तो उक्त शासकीय राशि के व्यय का उन जिलों में किये जाने का क्या औचित्य था, जहाँ पर की नर्मदा नदी नहीं है? (ख) नमामि देवी नर्मदे यात्रा का उद्देश्य क्या था? इस संबंध में शासन द्वारा पत्र परिपत्र जारी किये गये थे, उनकी प्रति बताये हुये शासन द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करने हेतु जिला स्तर के और विभागाध्यक्ष स्तर से कौन-कौन से निर्देश जारी किये गये? उनकी प्रति बतायें। यदि शासकीय लोक सेवकों का यात्रा के संबंध में ड्यूटी लगायी गयी हो, तो उन आदेशों की प्रतियां और शासकीय खर्चे पर जिन वाहनों का उपयोग किया गया हो, उनके रजिस्ट्रेशन नम्बर बतायें? (ग) उपरोक्त संदर्भित प्रपत्र (अ) में 1786.42 लाख की राशि व्यय किया जाना स्वीकार किया गया है, इसमें से कितनी राशि खुली निविदा से और कितनी राशि सीमित निविदा से और शेष राशि किस प्रक्रिया से व्यय की गयी? राशि कार्य का नाम भुगतान प्राप्त करने वाली एजेन्सी का नाम बतायें। (घ) जन अभियान का उद्देश्य क्या-क्या है, तथा इसे क्या शक्तियां और अधिकार किन नियम के तहत क्या-क्या प्राप्त हैं? उनकी प्रति बताते हुये यह भी बतायें कि शासकीय धन उक्त संस्था को खर्च करने की शक्तियां तथा अधिकारी मंत्रि-परिषद् द्वारा कब अनुमोदन कर किस नियम के तहत दिये गये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
शासकीय महाविद्यालय के निर्माणाधीन जर्जर कक्षों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
108. ( क्र. 4619 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविदयालय आलोट जिला रतलाम के जर्जर कक्षों की मरम्मत एवं विज्ञान संकाय के प्राध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में प्रश्नकर्ता एवं महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा विगत 4 वर्षों में लिखे गये पत्रों पर की गई कार्यवाहियों का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) के संबंध में पूर्व में किये गये प्रश्नों के उत्तर सकारात्मक के उपरांत भी अब तक उक्त दोनों मामलों में ठोस कदम न उठाने व समस्या समाधान न करने का क्या कारण है? (ग) शासन कब तक छात्र-छात्राओं के भविष्य व सुरक्षा की दृष्टि से उक्त समस्या से निजात दिलायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, आलोट जिला रतलाम के कक्षों का लोक निर्माण विभाग, आलोट द्वारा पूर्व में किया गया प्लास्टर निकल जाने से वर्ष 2017-18 में पुनः प्लास्टर किया गया है। महाविद्यालय द्वारा कक्षों के मरम्मत हेतु लिखे गये पत्रों का ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। शासकीय महाविद्यालय, आलोट जिला रतलाम में विज्ञान संकाय वर्ष 2017 से ही प्रारंभ किया गया है। विज्ञान संकाय हेतु महाविद्यालय में अतिथि विद्धान आमंत्रित किये जाकर शिक्षण व्यवस्था संचालित हो रही है। महाविद्यालय द्वारा भेजे गये पत्रों का ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
बी.आर.जी.एफ. योजना से निर्मित अधूरी पुलिया का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 4637 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा की ग्राम पंचायत बसरेही में पुलिया निर्माण हेतु सत्र 2010-11 में बी.आर.जी.एफ. योजना से कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार 07 वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरांत भी उक्त अधूरी निर्मित पुलिया का निर्माण पूर्ण न होने का क्या कारण है? उक्त अधूरा निर्माण कब तक पूर्ण किया जा सकेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2010-11 में बी.आर.जी.एफ. योजना से विकासखण्ड जवा की ग्राम पंचायत बसरेही में पुलिया निर्माण हेतु कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई थी। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घूमन तालाब गहरीकरण एवं बांध निर्माण परियोजना की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
110. ( क्र. 4640 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में विकासखण्ड जवा अंतर्गत प्राचीन घूमन तालाब के गहरीकरण एवं बांध निर्माण किये जाने एवं भूमि अधिगृहण किये जाने संबंधी आदेश विभाग के द्वारा जारी किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण हेतु कितनी राशि का आवंटन स्वीकृत किया गया है? उक्त बांध के निर्माण हेतु निजी भूमि अधिगृहण संबंधी क्या प्रावधान सुनिश्चित किये गये हैं? (ख) उक्त परियोजना के कार्य में विलंब होने का क्या कारण है? उक्त परियोजना का कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा? घूमन तालाब गहरीकरण एवं बांध निर्माण परियोजना को पूर्ण किये जाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रेवल रोड निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
111. ( क्र. 4647 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला खरगोन की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक/7777/एन.आर.ई.जी.एस./08, खरगोन दिनांक 03/09/2008 की प्रति देवें। इसमें उल्लेखित कार्य संबंधी जिला पंचायत खरगोन को 30/09/2016 में प्राप्त शिकायत पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है, तो कारण बतायें। (ख) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार ग्यारंटी योजना अंतर्गत चिचगढ़ से सतावड तक ग्रेवल रोड निर्माण दूरी 5 कि.मी. वर्ष 2008-09 संबंधी प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, डी.पी.आर. की प्रति देवें। इस कार्य के पूर्णता प्रमाण-पत्र एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र की प्रति देवें। इस कार्य का मूल्यांकन एवं सत्यापन कार्य कब-कब किस अधिकारी/यंत्री/उपयंत्री द्वारा किया गया? दिनांकवार सूची देवें। (ग) बिंदु (ख) कार्य संबंधी वर्ष 2016 से 2018 तक जिला स्तर पर किसी भी माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही/जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। यदि कोई जांच नहीं की गई तो कारण सहित बतायें। यदि जाचं प्रचलन में है, तो इतने समय से लंबित रहने का कारण बतायें। दोषियों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 03, 04 एवं 05 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल नगरीय क्षेत्र में किये गये अवैध निर्माण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 4735 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरेला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत भोपाल नगर निगम के जोन क्रमांक 11 के वार्ड क्रमांक 70 में प्रकाश गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित द्वारा विकसित पूर्णत: आवासी कॉलोनी के भू-खण्ड क्रमांक 11 पर निर्मित भवन स्वामी जो कि अपने आपको विधायक प्रतिनिधि बतलाता है, द्वारा सीवर लाईन व सैप्टिक टैंक सहित ओपन स्पेस पर कब्जा कर नियम विरूद्ध पूर्व दिशा की ओर से लगभग चार हजार वर्गफुट पर दो मंजिला भवन का निर्माण किया गया हैं? (ख) क्या उक्त भवन तथा उसके स्वामी के संरक्षण में उसी कॉलोनी के भू-खण्ड क्रमांक 10 में वर्ष 2011 में अवैध तौर पर संचालित गोडाउन को सुविधा पहुंचाने के लिये नगर निगम द्वारा कॉलोनी के भीतरी भाग से होकर संपर्क मार्ग का निर्माण किया गया है? जबकि उक्त कॉलोनी के सीमांकन सत्यापन मानचित्र में पूर्वी भाग की ओर दर्शाये गये तीन अन्य संपर्क मार्गों का निर्माण नहीं करवाया गया? (ग) उक्त कॉलोनी के भू-खण्ड क्रमांक 11 के लिये जारी भवन अनुज्ञा (मय स्वीकृत मानचित्र) तथा भवन स्वामी द्वारा प्रश्न दिनांक तक प्रति वर्ष अदा किये गये संपत्ति कर का विवरण दिया जाये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भू-खण्ड क्रमांक 11 के भवन स्वामी ने अनुमोदित अभिन्यास में दर्शाये भू-खण्ड की सीमा के बाहर पूर्वी ओर बाउण्ड्रीवॉल एवं गेट का निर्माण कर खुले क्षेत्र पर, दक्षिणी ओर जाली एवं ग्रीन क्लॉथ के माध्यम से सेप्टिक टैंक हेतु निर्धारित खुले क्षेत्र पर तथा उत्तरी ओर शेड बनाकर मार्ग की भूमि पर कब्जा/अतिक्रमण किया है। इसके अतिरिक्त भू-खण्ड सीमा में सामने एवं अन्य ओर के खुले क्षेत्रों में अवैध निर्माण भी किया जाना पाया गया है। (ख) प्रकाश नगर में भू-खण्ड क्रमांक 10 के सामने डामरीकरण सड़क का निर्माण किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने हेतु नहीं किया गया था बल्कि संपूर्ण कॉलोनी के रहवासियों की सुविधा के दृष्टिगत सार्वजनिक मार्ग का निर्माण किया गया था एवं प्रश्नाधीन तीन सड़कों का निर्माण नगर निगम द्वारा नहीं कराया गया है। (ग) भवन क्रमांक 11 प्रकाश नगर की भवन अनुज्ञा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ एवं 'ब’ अनुसार है। भवन क्रमांक 11 श्री महेन्द्र सिंह पवार द्वारा जमा किये गये संपत्तिकर राशि का वर्षवार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र परिशिष्ट 'स’ अनुसार है।
राज्य ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा कराये गये प्रशिक्षण की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 4741 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत राज्य ग्रामीण विकास संस्थान जबलपुर के तत्कालीन संचालक द्वारा वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 में ऐसी स्वयंसेवी संस्थाओं से विभागीय प्रशिक्षण का कार्य संपन्न कराया, जिन्हें विभागीय प्रशिक्षण दिये जाने की पात्रता नहीं थी? यदि हाँ, तो प्रशिक्षण कार्य पर क्या करोड़ों रूपये का भुगतान किया गया, भुगतान की पूर्ण जानकारी दी जाये। (ख) क्या प्रश्नांश अवधि के अनियमित प्रशिक्षण के संबंध में तत्कालीन संचालक की शिकायतों की जांच करायी गयी थी एवं जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही लंबित थी, किन्तु शिकायत में आरोप प्रमाणित होने पर भी अभी तक कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है? प्रकरण किस स्तर पर लंबित रख गया है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अंतर्गत राज्य ग्रामीण विकास संस्थान जबलपुर के तत्कालीन संचालक द्वारा अपात्र स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रशिक्षण कार्य कराने संबंधी प्राप्त शिकायत के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन संचालक, राज्य ग्रामीण संस्थान के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की जाकर दिनांक 09.04.2015 को आरोप पत्रादि जारी किए गए। इन पर अधिरोपित आरोपों की विस्तृत विभागीय जांच हेतु आदेश दिनांक 23.04.2016/09.11.2016/ 04.07.2017 से विभागीय जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांचकर्ता अधिकारी से जांच प्रतिवेदन अप्राप्त होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अंतर्गत राज्य ग्रामीण विकास संस्थान जबलपुर के तत्कालीन संचालक द्वारा अपात्र स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रशिक्षण कार्य कराने संबंधी प्राप्त शिकायत के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन संचालक, राज्य ग्रामीण संस्थान के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की जाकर दिनांक 09.04.2015 को आरोप पत्रादि जारी किए गए। इन पर अधिरोपित आरोपों की विस्तृत विभागीय जांच हेतु आदेश दिनांक 23.04.2016/ 09.11.2016/04.07.2017 से विभागीय जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांचकर्ता अधिकारी से जांच प्रतिवेदन अप्राप्त होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी प्लाट पर कच्चा रोड निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 4757 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वार्ड क्रं 15 बजरंग कॉलोनी विजयपुर जिला श्योपुर में नगर पंचायत विजयपुर द्वारा राम अवतार गोयल s/o मांगीलाल नि. मुरैना के नाम से जो प्लाट साईज 25*50=1250 वर्गफुट है, जो कि रजिस्टर्ड है, उक्त प्लाट पर अवैधानिक रूप से बिना मालिकाना हक के, रजिस्ट्री शुदा प्लाट पर नगर पंचायत विजयपुर द्वारा कच्चा रोड डाल दिया गया है, यदि हाँ, तो उक्त रोड को डालने का नगर पंचायत के पास मालिकाना हक है? यदि है, तो मय रिकार्ड के जानकारी दी जावे। यदि हक नहीं है, तो प्राईवेट व्यक्ति के रजिस्ट्रर्ड प्लाट पर रोड क्यों डाल दिया गया है? इसके लिये दोषी तत्कालीन सी.एम.ओ/इंजीनियर के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक उक्त रजिस्टर्ड, नामांतरण शुदा प्लाट से उपरोक्त कच्चे रोड को हटवा लिया जावेगा? (ख) क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित प्लाट मालिक को जिसके निजी प्लाट में से नगर पंचायत वियपुर द्वारा रोड डालकर प्लाट को खराब कर दिया जाने से उसकी भरपाई हेतु उचित मुआवजा देगी या प्लाट में से रोड को हटायेगी? यदि मुआवजा देगी तो कितना? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि प्लाट में से रोड को हटायेगी, तो कब तक? रोड को मिटा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर परिषद् विजयपुर द्वारा वार्ड क्रमांक 15 बजरंग कॉलोनी में श्री रामावतार गोयल पुत्र श्री मांगीलाल के प्लॉट के पास सड़क नहीं बनाई गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेवा वृद्धि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 4758 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन (श्री प्रभाकांत) की रिटायरमेन्ट दिनांक क्या है? क्या श्री प्रभाकांत कटारे को एक वर्ष की सेवा वृद्धि दी गई है? यदि हाँ, तो किस नियम उपनियम की धाराओं के अन्तर्गत सेवा वृद्धि हेतु शासन के कौन-कौन से मापदण्ड हैं? नियम विरूद्ध सेवा वृद्धि को कब तक हटा दिया जावेगा? (ख) क्या नगरपालिका/नगर परिषदों में कार्यरत कर्मचारी/अधिकारी को भी 1-1 वर्ष की सेवा वृद्धि दी जा सकती है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से मापदण्ड होना आवश्यक है? नियमावली उपलब्ध कराई जावे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या संविधान की धारा 243 एवं उपधाराओं के तहत नगर पालिक नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है? यदि हाँ, तो फिर नगर पालिक अधिनियम में संशोधन कर निकायों के अधिकारों का एकीकरण क्यों किया गया है? भर्ती, निविदा प्रक्रिया एवं शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं के संचालन हेतु प्राईवेट कंसलटेंसी/प्राईवेट्स आर्किटेक्ट यहां तक की भुगतान सम्बंधी अधिकार आयुक्त को क्यों दिये गये है? क्या इससे नगरपालिकाओं के अधिकारों में कटौती नहीं कहा जा सकता है? क्या धारा 243 का उल्लंघन नहीं है? (घ) निकाय के कर्मचारियों के वेतन भत्तों आदि का भुगतान शासन अपने मद से कब से देना प्रारंभ करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन (श्री प्रभाकांत कटारे) की सेवानिवृत्ति की तिथि 31.10.2016 है। जी नहीं वरन् सामान्य प्रशासन विभाग के संविदा नियम 06.10.2017 के अनुक्रम में श्री कटारे को एक वर्ष की संविदा नियुक्ति दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं वरन् म.प्र. नगर पालिक निगम संविदा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा की शर्तें) नियम 2007 म.प्र. नगरपालिका संविदा विशेषज्ञों एवं तकनीकी सहायकों की सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम 2017 के प्रावधान अनुसार सेवानिवृत्त कर्मचारी/अधिकारी को संविदा पर रखने का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। किन्तु यह सत्य नहीं है कि निकायों के अधिकारों का एकीकरण किया जा रहा है। संविधान की धारा 243 'ब' के अनुसार संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए किसी राज्य का विधान मण्डल विधि द्वारा नगरपालिकाओं को ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान कर सकता है, जो कि उसका स्वशासन की संस्थाओं के रूप में कृत्य करने के लिए समर्थ बनाने हेतु आवश्यक हो एवं संविधान की धारा 243 'भ' में प्रावधान अनुसार नगरपालिकाओं द्वारा तथा उनकी ओर से प्राप्त समस्त धनराशि को जमा करने एवं निकालने की व्यवस्था किए जाने का प्रावधान है। जिससे कि नगरीय निकायों का पर्यवेक्षण सुचारू रूप से किया जा सके। जी नहीं। जी नहीं। (घ) नगरीय निकायें स्वायतशासी संस्थाए होती हैं। इनके वेतन भत्तों का भुगतान नगरीय निकाय स्वयं के आय के स्त्रोतों से तथा शासन से प्राप्त होने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति राशि किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हॉकी टर्फ का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
116. ( क्र. 4787 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पूर्व खेल मंत्री स्वर्गीय श्री तुकोजी राव पवार द्वारा रतलाम में हॉकी टर्फ लगाने की घोषणा की गई थी। (ख) इस घोषणा का क्रियान्वयन अब तक क्यों नहीं हुआ? (ग) इसे कब तक लगा दिया जायेगा? हॉकी टर्फ के लिये स्थान चयन का मापदण्ड क्या है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं ऐसी कोई घोषणा किया जाना नहीं पाया गया। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निश्चित समयावधि दी जाना संभव नहीं। हॉकी टर्फ का निर्माण के लिये स्थल चयन का मुख्य आधार स्थानीय स्तर पर हॉकी खेल की पृष्ठ भूमि व हॉकी खेल का प्रचलन है।
हस्तांतरित सड़कों का नवीनीकरण एवं रख-रखाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 4788 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा रतलाम शहरी क्षेत्र की 24.76 किलोमीटर लम्बी 36 सड़कें नगर निगम रतलाम को हस्तांतरण हेतु प्रस्तावित हैं? (ख) इन प्रस्तावित हस्तांतरित सड़कों के नवीनीकरण व रख-रखाव के लिये रतलाम नगर निगम की वित्तीय परिस्थितियों को देखते हुये राज्य शासन द्वारा कितनी राशि कब तक उपलब्ध करवाई जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निकाय क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के आधिपत्य की सड़कों के निकाय को हस्तांतरण उपरान्त संधारण के लिए वित्तीय संसाधनों की पूर्ति की कार्यवाही शासन स्तर पर की जावेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शासन स्तर से जारी निर्देश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
समयपाल पद को पदोन्नति नियम में शामिल किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 4841 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 2216/3229/2006/1-3 दिनांक 17.10.2006 के परिपालन में समयपाल संवर्ग को विभिन्न निर्माण विभागों ने तकनीकी योग्यता धारक 5% आरक्षण के तहत उपयंत्री के पद पर पदोन्नत किये जाने हेतु सम्मिलित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो समान परिस्थितियों में आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा प्रकाशित विभागीय राजपत्र दिनांक 01 अप्रैल, 2011 में क्यों समयपाल सवंर्ग को शामिल नहीं किया गया? (ग) क्या समयपाल पद को पदोन्नति नियम में शामिल किये जाने हेतु कार्या. अधीक्षण यंत्री, राजधानी परियोजना प्रशासन भोपाल द्वारा उक्त त्रुटि के संशोधन हेतु पत्राचार किया गया? इस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) वर्णित समयपाल पद को कब तक पदोन्नति नियमों में शामिल कर उनके साथ न्याय किया जावेगा? कब तक इस हेतु राजपत्र में संशोधन किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) विभागीय राजपत्र दिनांक 01/04/2011 में समयपाल संवर्ग को त्रुटीवश शामिल नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ, कार्यवाही विचाराधीन है। (घ) उत्तराशं (ग) अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षित युवाओं को स्वयं का व्यवसाय स्थापित किये जाने हेतु ऋण की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
119. ( क्र. 4852 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शिक्षित युवाओं को स्वयं का व्यवसाय स्थापित किये जाने हेतु ऋण उपलब्ध कराने हेतु संचालित मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में श्योपुर जिले हेतु कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया? लक्ष्य के विरुद्ध कितने प्रकरण विभाग द्वारा स्वीकृत किये गए तथा कितने प्रकरणों में बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया गया? जानकारी दें। (ख) क्या उक्त योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को मार्जिन मनी सहायता, ब्याज अनुदान, ऋण गारंटी एवं प्रशिक्षण का लाभ शासन द्वारा दिया जाता है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा कितने प्रकरणों में हितग्राहियों को गारंटी दी गयी? योजनावार संख्यावार पृथक पृथक बतावें। (ग) क्या विभाग से प्रकरण स्वीकृत होने के पश्चात बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत करने में हितग्राहियों से ऋण गारंटी की मांग की जाती है और गारंटी न देने पर बैंको द्वारा प्रकरण अमान्य कर दिए जाते हैं? प्रश्नांकित अवधि में कितने प्रकरण बैंकों द्वारा अमान्य किये गए?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) प्रदेश के शिक्षित युवाओं को स्वयं का व्यवसाय स्थापित किये जाने हेतु संचालित मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत श्योपुर जिले में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के लिए निर्धारित लक्ष्य स्वीकृत एवं वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन द्वारा उक्त योजनाओं के हितग्राहियों को पात्रता अनुसार मार्जिन मनी सहायता, ब्याज अनुदान तथा प्रशिक्षण के साथ-साथ केन्दीय संस्था CGTMSE/CGFMU के अन्तर्गत ऋण गारंटी हेतु फीस भुगतान की सहायता दी जाती है। बैंको द्वारा मांग की गई CGTMSE/CGFMU ऋण गारंटी के लिए सम्पूर्ण गारंटी फीस शासन के द्वारा भुगतान कर दी गई है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में स्वीकृत बैंक ऋण की गारंटी CGTMSE/CGFMU योजना अन्तर्गत दिये जाने का प्रावधान है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सरपंच के विरूद्ध चल रहे प्रकरण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
120. ( क्र. 4896 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या शासन उज्जैन जिले की ग्राम पंचायत गोगापुर के निर्वाचित सरपंच के विरूद्ध चल रहे प्रकरण में प्रकरण की निष्पक्ष जांच शासन प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में उच्च अधिकारियों से करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : उज्जैन जिले की ग्राम पंचायत गोगापुर के सरपंच का प्रकरण मान. न्यायालय आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन में विचाराधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अवैधानिक उत्खननकर्ताओं से रिकवरी कर लीज निरस्त किया जाना
[खनिज साधन]
121. ( क्र. 4901 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न क्रमांक 480 दिनांक 30.11.2017 में आजाद शक्ति सेवा संगठन द्वारा ज्ञापन पर कार्यालय कलेक्टर द्वारा पत्र क्रं 03.11.2017 से ज्ञापन में उल्लेखित तथ्यों की जांच हेतु तहसीलदार चन्दला/गौरिहार खनिज निरीक्षक/सर्वेयर को लेख किया है? यदि हाँ, तो पत्रों की प्रतियां देवें। (ख) क्या जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर प्राप्त अनुशंसाओं के अनुसार कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा? क्या ऐसा आश्वासन जिला प्रशासन छतरपुर द्वारा दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी/कर्मचारी से क्या जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुए? जांच प्रतिवेदनों की प्रतियां देवें। (ग) क्या मेसर्स डेजियाना कम्पनी के विरूद्ध अवैध उत्खनन प्रमाणित हुआ है? प्रमाणित होने पर संबंधित के विरूद्ध लीज निरस्त कर रिकवरी की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। खनि निरीक्षक से जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) समय-समय पर मेसर्स डिजियाना कंपनी के विरूद्ध अवैध उत्खनन के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। वर्तमान में यह प्रकरण विचाराधीन है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध ग्राम पंचायत सचिवों की पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 4902 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न क्रमांक 479 दिनांक 30.11.2017 के तारतम्य में पत्र क्रमांक 1334, 1336 मा. मुख्यमंत्री म.प्र./मु. सचिव म.प्र. को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छतरपुर द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित कर पुन: उसी ग्राम पंचायत में पदस्थ किये जाने के संबंध में पत्र प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो पत्रों की प्रतियां देवें। (ख) क्या मा. मुख्यमंत्री कार्यालय की जावक क्रमांक 3234 दिनांक 13.12.2017 को अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को आगामी कार्यवाही हेतु आदेशित किया है? यदि हाँ, तो आदेशों की प्रतियां देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में जांच प्रतिवेदन में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दोषी पाए जाने पर क्या निलंबित करते हुए सेवा समाप्ति की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र के तारतम्य में जिला पंचायत छतरपुर के पत्र क्रमांक 1029 दिनांक 09.03.2018 से प्राप्त वस्तुस्थिति की जानकारी अनुसार मान. प्रश्नकर्ता सदस्य के तारांकित प्रश्न क्रमांक 479 दिनांक 30.11.2017 के उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब’’ अनुसार निलंबन उपरांत बहाल किये गये 79 पंचायत सचिवों की बहाली उपरांत पदस्थापना वाले कॉलम में टंकण त्रुटिवश सचिवों की निलंबन के समय मूल पदस्थापना वाली ग्राम पंचायत का नाम टंकित हो गया था। इस सूची में से वास्तविक रूप में केवल 26 पंचायत सचिवों (प्रश्न क्रमांक 479 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स’’ अनुसार) को ही निलंबन से बहाली उपरांत उन्ही ग्राम पंचायत में पदस्थ किया गया था, जहां से उन्हें निलंबित किया गया था। टंकण त्रुटिवश गलत जानकारी प्रेषित होने से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छतरपुर के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश के नगरीय निकायों में शिक्षा उपकर
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 4971 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग के नगरीय निकाय नगर निगम, नगरपालिका, नगर परिषद् में दि. 1 अप्रेल 2016 के पश्चात कितना-कितना शिक्षा उपकार कहाँ-कहाँ वसूला? क्या वसूली गयी राशि स्कूल में खर्च की गयी? शिक्षा उपकार के संबंध में शासन की नियमावली क्या है (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में शिक्षा उपकार हेतु क्या विभाग द्वारा नई गाइड-लाइन जारी की गयी है? यदि हाँ, तो अवगत करायें। (ग) उपरोक्त उपकार अंतर्गत किस-किस नगरीय निकायों में वर्तमान में कितनी-कितनी राशी खर्च की जाना शेष है? निकायवार सूची देवें। नगरीय निकायों में वर्तमान में कितना प्रतिशत शिक्षा उपकार सम्पति कर के साथ वसूला जाता है? शिक्षा उपकार खर्च को लेकर किस-किस नगरीय निकाय में प्रस्ताव परिषद् की बैठक में उक्त अवधि में कब-कब आया? खर्च हेतु उक्त संभाग में उक्त अवधि में कितने स्कूलों की तकनीकी रिपोर्ट मंगाई गयी? किस-किस नगरीय निकायों में कितने-कितने स्कूल किस-किस श्रेणी के संचालित हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शिक्षा उपकर के संबंध में शासन द्वारा जारी परिपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
गौण खनिज उत्खनन की लीज एवं शिकायतों की जानकारी
[खनिज साधन]
124. ( क्र. 4983 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के स्टोन क्रेशरों एवं सीमेंट प्लांट को शासन द्वारा कितने भू-भाग पर गौण खनिज उत्खनन की लीज प्रदान की गयी है? क्रेशरवार, प्लांटवार एवं जिलावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शासन के निर्धारित मापदण्डों के विरूद्ध कितनी उद्योगपति के ऊपर खनिज राजस्व राशि तथा भूमि उपयोग की शिकायतें जांच में लंबित हैं? क्रेशरवार एवं प्लांटवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में दण्डात्मक कार्यवाही न करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है, दोषी अधिकारी एवं उद्योगपति के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में सीमेंट प्लांट को गौण खनिज उत्खनन हेतु कोई लीज नहीं दी गई है। क्रेशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टों का प्रश्नानुसार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
20 वर्ष से अधिग्रहित भूमि किसानों को वापस किया जाना
[खनिज साधन]
125. ( क्र. 4985 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय के आदेश पृ. क्र.3-21/2005/12/1 भोपाल दिनांक 08.12.2006 बिन्दु 3 के पैरा चार में खनिज हेतु अधिग्रहित भूमि की स्वीकृति अवधि 20 वर्ष है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) है, तो रीवा संभाग के जे.पी.सीमेंट एवं अन्य प्लांटों के द्वारा कम्पनी स्थापित होने के दिनांक से किन-किन किसानों अथवा शासकीय भूमि, गौड़ खनिज एवं अति. खनिज के लिए ली गयी है, की जानकारी आराजी नं. रकबा, पटवारी हल्का, तहसील, कम्पनी द्वारा भूमि अधिगृहीत करने का दिनांक, अनुबंध की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के कम्पनी द्वारा अधिगृहित की गयी भूमि से किन-किन की भूमि (क) आदेश में अंकित अवधि पूरी कर चुकी है, की जानकारी भूमि स्वामी का नाम, रकबा, पटवारी हल्का, तहसील अभिलेख सूची देवें तथा उक्त भूमियों को कम्पनी प्रबंधन द्वारा किसानों को वापस कर दी गयी या नहीं? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (घ) यदि प्रश्नांश (क) के आदेश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ख) के कम्पनियों द्वारा 20 वर्ष की अवधि पूरी होने के उपरांत भूमि वापस नहीं की गयी तो कारण अंकित कर सहपत्रों के साथ जानकारी देवें तथा क्या उक्त भूमि 20 वर्षों की अवधि पूरी करने के उपरांत संबंधितों को वापस कर देंगे? समय-सीमा अंकित कर पटवारी हल्का का किसानवार जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन आदेश से चूना पत्थर खनिज का 02 खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है। यह आदेश भूमि अधिग्रहण से संबंधित नहीं है। (ख) से (घ) इस संबंध में परीक्षण किया जा रहा है।
पुल सह स्टॉप डेम के निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 4994 ) श्री
के.डी. देशमुख : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बालाघाट
जिले में
ग्रामीण
यांत्रिकी
विभाग द्वारा
गजपुर-जराह
मोहगांव
मार्ग पर चंदन
नदी पर पुल सह
स्टॉप डेम कब
तथा कितनी
राशि का स्वीकृत
हुआ था? (ख) क्या
चंदन नदी पर
पुल सह स्टॉप
डेम का कार्य
पूर्ण हो चुका
है? यदि
नहीं, तो
कौन-कौन सा
कार्य
निर्माण हेतु
शेष बचा है? (ग) क्या
चन्दन नदी पर
पुल सह स्टॉप
डेम के
निर्माण में
विभाग द्वारा
भारी अनियमिततायें
करने की
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? (घ) यदि
हाँ, तो
शिकायतों की
जांच की
जावेगी?
यदि
हाँ, तो
कब तक?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) प्रश्नांकित
कार्य की
प्रशासकीय स्वीकृति
रू. 105.02
लाख की दि. 10.05.2010 को
हुई थी। (ख) जी
नहीं। पुल के
ऊपर कांक्रीट
की वियरिंग
कोट, प्रोटेक्शन
कार्य एवं स्टॉप
डेम का कार्य
अपूर्ण है। (ग) जी
हाँ। (घ) प्रश्नाधीन
कार्य की जांच
जिला स्तर से
गठित दल
द्वारा दि. 31.10.2015 को
पूर्ण की गई।
चंदन नदी पर बने पुल सह स्टॉप डेम की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 4995 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में चंदन नदी पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बालाघाट द्वारा स्टॉप डेम न बनाकर पुल का निर्माण कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो चंदन नदी पर स्टॉप डेम निर्माण करने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? चंदन नदी पर स्टॉप डेम बनाने ग्रामीण यांत्रिकी संभाग बालाघाट को कितनी राशि की आवश्यकता पड़ेगी? (ग) क्या चंदन नदी पर पुल सह स्टॉप डेम निर्माण से लेकर दिनांक 23/2/2018 तक गड़बड़ी संबंधी शिकायतें शासन को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या इन शिकायतों की जांच सक्षम अधिकारी द्वारा कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बालाघाट जिले में जराह मोहगांव से गजपुर मार्ग पर चनई नदी में बाक्स कलवर्ट (पुलिया) सह स्टॉप डेम का कार्य स्वीकृत था। बाक्स कलवर्ट (पुलिया) का कार्य पूरा कराया गया है किंतु कार्य की लागत में वृद्धि होने से स्टॉप डेम से संबंधित कार्य अपूर्ण है। (ख) प्रश्नांकित कार्य को पूर्ण करने हेतु शेष कार्य का प्राक्कलन रू. 33.70 लाख का बनाया गया है। शेष कार्य पूर्ण करने हेतु 33.70 लाख की आवश्यकता होगी। (ग) क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा उक्त कार्य में अनियमितता की शिकायत की थी। शिकायत की जांच जिला स्तर से गठित दल द्वारा दि. 31.10.2015 को कराई गई।
म.प्र. गृह निर्माण मण्डल से प्राप्त राशि द्वारा विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 5001 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरपालिका परिषद् मकरोनिया के वार्ड क्रमांक 3 पं. दीनदयाल नगर के लिए म.प्र. गृह निर्माण मण्डल सागर द्वारा हस्तांतरण उपरांत राशि प्रदान की गई थी? कितनी, कब? जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त राशि से वार्ड क्रमांक 3 पं. दीनदयाल नगर में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किए गए एवं नगरपालिका द्वारा मण्डल से प्राप्त राशि से क्या-क्या कार्य प्रस्तावित किए गए? (ग) प्राप्त राशि से प्रश्न दिनांक तक यदि विभाग द्वारा कोई कार्य नहीं किए गए हैं तथा विकास कार्य में विलम्ब हो रहा है? तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जानकारी देवें। (घ) वर्तमान में पं. दीनदयाल नगर वार्ड के विकास के लिए कितनी राशि शेष हैं तथा विभाग द्वारा उक्त राशि से वार्ड में क्या-क्या और कब तक विकास कार्य किये जावगें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरपालिका परिषद् मकरोनिया को वार्ड क्रमांक 3 पं. दीनदयाल नगर में अधोसंरचना विकास कार्य के लिये म.प्र. गृह निर्माण मण्डल सागर से दिनांक 08.09.2016 को राशि रू. 675.00 लाख का ड्राफ्ट प्राप्त हुआ है। (ख) नगरपालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा वार्ड क्रमांक 3 पं. दीनदयाल नगर के लिए म.प्र. गृह निर्माण मण्डल सागर से प्राप्त राशि से वर्तमान तक कोई कार्य नहीं कराया गया है। मूलभूत सुविधा के अन्तर्गत सीवर लाईन सिस्टम, वॉटर सिस्टम सी.सी. रोड, डिवायडर निर्माण एवं विद्युतीकरण कार्य प्रस्तावित किया गया है। (ग) नगरपालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा वार्ड क्रमांक 3 पं. दीनदयाल नगर में प्रस्तावित कार्यों का डी.पी.आर. तैयार कराया जा रहा है, डी.पी.आर. तैयार होने के उपरान्त सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर कार्य कराया जायेगा, विकास कार्य में विलम्ब का परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण प्रतिवेदन के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) पं. दीनदयाल नगर के विकास कार्य के लिये म.प्र. गृह निर्माण मण्डल सागर से प्राप्त राशि 675.00 लाख शेष है, नगरपालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा पं. दीनदयाल नगर में मूलभूत सुविधा के अंतर्गत सीवर लाईन सिस्टम वॉटर सिस्टम सी.सी. रोड, डिवायडर निर्माण एवं विद्युतीकरण कार्य कराया जाना है, सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर विकास कार्य कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना मद राशि से हुए विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 5002 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिका परिषद् मकरोनिया को परिषद् के गठन उपरांत कब-कब मुख्यमंत्री अधोसंरचना से राशि प्राप्त हुई? (ख) उपरोक्त प्राप्त राशि से नगरपालिका परिषद् द्वारा क्या-क्या कार्य प्रस्तावित/निर्माण किए गए? (ग) प्राप्त राशि से परिषद् द्वारा प्रस्तावित कार्यों का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? विलम्ब का क्या कारण है? (घ) प्राप्त राशि से कार्य कब तक किया जावेगा एवं विलम्ब के लिए कौन उत्तरदायी हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगरपालिका परिषद्, मकरोनिया द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना प्रथम चरण के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों की निविदा प्राप्त कर ली गई है। एस.एल.टी.सी. द्वारा दरों का परीक्षण कर नगरपालिका परिषद् को भेजा गया है एवं पी.आई.सी. द्वारा दिनांक 07.03.2018 को दरें स्वीकृत की गई है। वित्तीय स्वीकृति का प्रस्ताव संचालनालय को प्राप्त होना शेष है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों की डी.पी.आर. में संशोधन का कार्य नगरपालिका परिषद् द्वारा करवाया जा रहा है। जिसकी सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर कार्य कराया जा सकेगा। विकास कार्य में विलम्ब का परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण प्रतिवेदन के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) नगरपालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा मुख्यंत्री शहरी अधोसंरचना एवं विकास योजना के अन्तर्गत कार्य कराने की सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर कार्य कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विकास कार्य में विलम्ब का परीक्षण कराया जा रहा है परीक्षण प्रतिवेदन के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
नर्मदा परिक्रमा यात्रा का आयोजन एवं संरक्षण
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
130. ( क्र. 5013 ) श्री आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 में नर्मदा परिक्रमा यात्रा का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो किस-किस नगरों, कस्बों, जिलों में कब से कब तक प्रदेश के बाहर के किन-किन मुख्य अतिथियों को कब-कब, किस-किस स्थान पर आमंत्रित किया गया था? आयोजन के दौरान किस-किस विभाग द्वारा किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई अलग-अलग बतावें। (ख) वर्ष 2006 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु कितनी-कितनी राशि की क्या-क्या योजनाएं बनाई गई तथा कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या कार्य किए गए? वर्षवार बतावें। (ग) नर्मदा परिक्रमा के संरक्षण हेतु वर्ष 2017 में किन-किन स्थानों पर कितने कितने एकड़ भूमि पर किस-किस प्रजाति के कुल कितने कितने वृक्ष रोपित किए जाने पर शासन की कितनी-कितनी राशि व्यय हुई और प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने वृक्ष सूख गये एवं कितने वृक्ष जीवित हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्थानांतरण उपरांत अधिकारियों/कर्मचारियों को भारमुक्त किया जाना
[खनिज साधन]
131. ( क्र. 5028 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन, खनिज साधन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र. एफ. 13-13/2016/ 12-2 भोपाल, दिनांक 27.01.2017 के द्वारा खनिज निरीक्षक/सर्वेयर/मानचित्रकार/सहायक ग्रेड-2 एवं सिपाहियों को स्थानांतरण उपरांत एक पक्षीय भारमुक्त करने के आदेश प्रसारित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संदर्भित आदेश के परिपालन में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को भारमुक्त किया गया है एवं किन-किन को अभी तक भारमुक्त नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिन्हें अभी तक भारमुक्त नहीं किया गया है? उन्हें कब तक भारमुक्त कर दिया जावेगा एवं प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में स्थानांतरित कर्मचारियों/अधिकारियों को भारमुक्त न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी या की गई है? कृत कार्यवाही से अवगत करायें। यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश के संदर्भ में सरल क्रमांक - 2 पर उल्लेखित कर्मचारी को छोड़कर सभी भारमुक्त होकर नवीन पदस्थापना पर उपस्थित हो चुके हैं। सरल क्रमांक - 2 पर उल्लेखित कर्मचारी का स्थानांतरण राज्य शासन के आदेश दिनांक 22.12.2017 से निरस्त किया जा चुका है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आवंटित खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
132. ( क्र. 5037 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान स्थिति में कहाँ-कहाँ पर किन-किन खनिजों के उत्खनन हेतु किस-किस को कितने क्षेत्र की खनिज पट्टी का किन-किन नियम शर्तों के अधीन कितने समय हेतु कब आवंटित की गई एवं यह भी बतलावें कि इनमें से कितनी क्रियाशील हैं। (ख) ग्राम रोसरी तहसील मझौली जिला जबलपुर स्थित आनंद खनिज उद्योग को किन-किन खनिजों के उत्खनन हेतु कितनी खनिज पट्टी का आवंटन कितने समय के लिये कब दिया गया? प्रश्न दिनांक तक इस खदान में कितने क्षेत्रफल में कितनी गहराई तक खनन कर किन-किन खनिजों का उत्खनन कर शासन को कितनी रॉयल्टी जमा की गई? वर्षवार, खनिजवार, उत्खनित खनिज की मात्रा सहित सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि उपरोक्त उत्खनित खनिज का भण्डारन किन-किन खसरा नंबरों पर किसकी अनुमति से किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संस्था द्वारा नियम विपरीत 200 फीट की गहराई तक बिना सुरक्षा प्रबंध के उत्खन्न करने एवं बिना अनुमति के आवंटित भूमि के अतिरिक्त आस-पास के खसरा नंबरों पर उत्खनित खनिज एवं ओवर बर्डन डंप कर रखने के विरूद्ध क्या विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रचलित खनिज नियमों में खनिज पट्टी स्वीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्वीकृत खनिपट्टों की प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। स्वीकृत खनिपट्टा खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 एवं इसके अधीन निर्मित नियमों में नियत शर्तों के अधीन है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। प्रश्नाधीन पट्टेदार द्वारा स्वीकृत क्षेत्र में ही अलग-अलग स्थानों पर खनन कार्य किया गया है। इनके द्वारा अधिकतम 70 फीट गहराई तक कार्य किया गया है। पट्टेधारी द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत ओवर बर्डन रखने के लिये सब्सिडरी अनुमति प्राप्त की गई है तथा खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति प्राप्त की गई है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दी गई जानकारी के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्मार्ट सिटी योजनांतर्गत प्राप्त राशि एवं निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 5042 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम, जबलपुर की विगत दो वर्षों में र्स्माट सिटी योजनांतर्गत केन्द्र/राज्य शासन से वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि से नगर में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से कहाँ कहाँ कराये गये? कार्यवार स्थानवार वार्डवार जानकारी राशि सहित दें। (ख) उक्त कार्यों का मापन मूल्यांकन किन-किन अधिकारी द्वारा किया गया? पूर्ण हो चुके एवं स्वीकृत किये गये कार्यों की जानकारी की कार्यवार, राशि, ठेकेदार के नाम सहित स्वीकृति की दरों सहित दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को विगत दो वर्षों में केन्द्र/राज्य शासन से वर्षवार प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। उक्त राशि से पूर्ण किये गये कार्यों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ख) कार्यों का मापन/मूल्यांकन इस हेतु नियुक्त पी.एम.सी. (प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कंसलटेंट) द्वारा किया जाता है। अधोसंरचना कार्यों हेतु पी.एम.सी. आई.पी.ई. ग्लोबल इंडिया लिमिटेड एवं आई.सी.टी. कार्यों के लिए पी.एम.सी. पी.डब्ल्यू.सी. है। पूर्ण एवं स्वीकृत हो चुके कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है।
सी.सी. रोड की गारंटी अवधि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
134. ( क्र. 5081 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनाये गये मार्गों पर सी.सी. रोड के भी कार्य विभाग द्वारा कराये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में सुरखी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने प्रधानमंत्री मार्ग हैं, जिसके सी.सी. रोड गारंटी अवधि में हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि ऐसे कितने प्रधानमंत्री मार्ग विभाग द्वारा चिन्हित किये गये हैं, जिसके अंतर्गत ग्रामों में बनाये गये सी.सी. रोड गारंटी अवधि में पूरी तरह क्रेक हो चुके हैं और आज दिनांक तक किसी भी ठेकेदार से इस पर रिपेयर/मरम्मत/पुनर्निर्माण की आवश्यकता होने के बावजूद भी कार्य नहीं कराया गया? न ही किसी संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार गारंटी पीरियड के सी.सी. रोडों की मरम्मत/पुनर्निर्माण/रिपेयर आदि कार्य कब तक किसकी निगरानी में करा दिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। 22 मार्ग। (ख) गारंटी अवधि के सभी मार्गों में सी.सी. कार्य मापदण्डानुसार/स्थल की आवश्यकता अनुसार संधारित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
वन विभाग सागर को शासन से प्राप्त आवंटन की जानकारी
[वन]
135. ( क्र. 5082 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक कि 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक सुरखी विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग सागर को शासन से किस-किस कार्य के लिये कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ और किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि कब-कब व्यय की गयी? सपूर्ण जानकारी कार्यवार, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, कार्य आरंभ दिनांक और कार्य पूर्ण दिनांक कार्य करने वाली एजेन्सी/मजदूरों की जानकारी, निगरानी करने वाले/अथवा जिम्मेवार अधिकारी के नाम सहित दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि का भुगतान ई-पेमेंट के द्वारा किया गया एवं कितनी राशि का भुगतान नगद अथवा वेन्डर के माध्यम से किया गया है? (ग) क्या विभागीय मंत्री द्वारा स्थानीय मजदूरों को रोजगार दिये गये के सम्बन्ध में प्रश्नकर्ता को दिये गये आश्वासन का पालन भी विभाग द्वारा कराया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। स्थानीय उपलब्ध मजदूरों से कार्य कराया गया है।
बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किया जाना
[उच्च शिक्षा]
136. ( क्र. 5126 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में छात्र-छात्राओं की सुविधा हेतु सुरक्षा की दृष्टि से महाविद्यालय में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय जी को पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2017/746 दिनांक 15.11.2017 को प्रेषित कर अवगत कराया गया था, जिस संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने में काफी विलंब हो रहा है? क्या कारण है? (ग) शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया के छात्र-छात्राओं की सुरक्षा एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुये महाविद्यालय में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्राचार्य द्वारा बाउण्ड्रीवॉल का प्रस्ताव तकनीकी स्वीकृति हेतु पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग, जबलपुर को दिनांक 01.03.18 को प्रेषित किया गया है, जो कि अप्राप्त है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सतना वनमण्डल में कार्य व भुगतान की जानकारी
[वन]
137. ( क्र. 5132 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना वनमण्डल अंतर्गत वर्ष 2015 से 2017 तथा जनवरी 2018 तक बांस भीरा सफाई एवं वृक्षारोपण कार्य किन-किन वन परिक्षेत्रों के किस-किस स्थान में किस एजेंसी द्वारा कराया गया है? स्थलों के नामवार वन परिक्षेत्रवार व्यय राशिवार कार्य में उपयोग किये गये श्रमिकों की संख्या सत्यापित सहित जानकारी प्रत्येक कार्यवार वर्षवार पृथक-पृथक निर्धारित प्रारूप पर दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या वनमण्डलाधिकारी सतना द्वारा वन परिक्षेत्राधिकारियों एवं वन समितियों तथा वीट गार्डों की मिलीभगत से उक्त कार्य केवल कागजों पर कराए गये हैं? यदि नहीं, तो भौतिक स्थिति सहित जानकारी दी जावे? यदि हाँ, तो ऐसे अवैधानिक कार्य करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आये निर्माण कार्यों के संबंध में क्या जो भी कार्य कराये गये उनमें जिन श्रमिकों के नाम भुगतान प्रमाणक बनाये गये हैं, वे क्षेत्र के निवासी अंकित पते के अनुसार नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्या ऐसे कूटरचना कर किये गये भुगतानकर्ता उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) जी नहीं। समस्त कार्य कर्मचारियों द्वारा वन समितियों के साथ मिलकर कराये गये हैं। जिसका निरीक्षण विभिन्न स्तर के वन अधिकारियों द्वारा किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किसी प्रकार के निर्माण कार्य नहीं कराये गये हैं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन का वितरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 5138 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले की विधानसभा क्षेत्र सिंरोज अन्तर्गत संचालित शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के बच्चों के लिए भोजन बनाने वाले रसोईया किन-किन संस्थाओं में कितने-कितने हैं? उनके नाम, संस्था का नाम व संस्था में दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या क्या हैं? संस्था के एम.एम.ई. खातों में 15 जून, 2015 से कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई संस्थावार एवं विकासखण्डवार जानकारी देवें। साथ ही 15 जून, 2016 से 31 जनवरी, 2018 तक कब-कब कितनी-कितनी राशि उक्त संस्था के एम.एम.ई. खाते से निकालकर किस-किस को कितनी राशि भुगतान की गई व दिनांक 31 जनवरी, 2018 की स्थिति में कितनी राशि शेष है? (ख) विकासखण्ड सिरोंज-लटेरी के शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में संचालित मध्यान्ह भोजन योजना में किन-किन समूह द्वारा या समूह न होने पर संस्था द्वारा मध्यान्ह भोजन वितरण किया जा रहा है? प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण किये जा रहे हैं? संस्थावार अध्यक्ष का नाम एवं राशि आहरण हेतु बैंक में खाते खोले गये खाता नम्बर प्रदाय करें। उक्त संस्थाओं के कितने समूह पंजीकृत हैं और कितने पंजीकृत नहीं किये गये हैं? उनके नाम व कहाँ से पंजीकृत हुए? शहरी एवं ग्रामीण आंचलों के समूह किस संस्था द्वारा पंजीकृत होते हैं जो मध्यान्ह भोजन वितरण करने हेतु पात्र होते है? क्या शहरी क्षेत्र के अपात्र समूहों को हटाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में दिनांक 15 जून, 2016 तक मध्यान्ह भोजन वितरित करने वाले समूह/समिति में मध्यान्ह भोजन की कितनी राशि शेष थी व 15 जून, 2016 से दिसम्बर, 2017 तक कब-कब कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई और दिनांक 15 जून, 2016 से 30 दिसम्बर, 2017 तक कब-कब कितनी राशि निकाली गई और वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस खाते में शेष है? (घ) प्रश्नांश (ख) और (ग) के अनुसार शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में प्रत्येक छात्र-छात्राओं पर प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन की कितनी राशि व्यय निर्धारित है? दिनांक 15 जून 2016 से दिसम्बर 2017 तक उक्त संस्थाओं में कितने बच्चों ने प्रतिमाह मध्यान्ह भोजन का लाभ लिया? प्रत्येक संस्था की प्रतिमाह लाभ लेने वाले बच्चों की सत्रवार जानकारी से अवगत कराऐं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेल मैदान का निर्माण एवं युवाओं हेतु योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
139. ( क्र.
5154 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा
नगर में नगरीय
प्रशासन
विभाग द्वारा
युवाओं के लिए
कितने खेल
मैदान
स्थापित किए गए? (ख) नगरीय
प्रशासन
विभाग द्वारा
नगरीय
क्षेत्रों
में युवाओं
हेतु कौन सी
योजनाएं
संचालित की जा
रही हैं? (ग) यदि
नहीं,
की
जा रही हैं तो
कारण बतावें? (घ) शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा
नगर में खेल
मैदान कब तक
स्वीकृत कर दिए
जावेंगे?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) जी नहीं।
(ख) विभाग
द्वारा नगरीय
क्षेत्रों
में युवाओं हेतु
कोई योजना
पृथक से
संचालित नहीं
की जाती है, विभाग
द्वारा
संचालित
दीनदयाल अंत्योदय
योजना, राष्ट्रीय
शहरी आजिविका
मिशन,
मुख्यमंत्री
स्वरोजगार
योजना एवं
मुख्यमंत्री
आर्थिक कल्याण
योजना का लाभ
पात्र युवा
प्राप्त कर
सकते हैं। (ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) निकायों
के खेल मैदान
हेतु कोई
प्रस्ताव
लंबित नहीं
हैं, शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
युवाओं हेतु खेल मैदान एवं योजनाओं की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
140. ( क्र. 5155 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा नगर में खेल विभाग द्वारा युवाओं के लिए किन-किन स्थानों पर खेल मैदान स्थापित किए गए? (ख) खेल विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्रों में युवाओं हेतु कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ग) यदि नहीं, की जा रही हैं तो कारण बतावें? (घ) शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा नगर में इन्डोर खेल मैदान कब तक स्वीकृत कर दिए जावेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मात्र सुवासर में नगरीय क्षेत्र में आउटडोर स्टेडियम स्थापित है। (ख) संचालित योजनायें निम्नवत है :- (1) युवा संधि को अनुदान अन्तर्गत - मुख्यमंत्री कप। (2) खिलाड़ियों को प्रोत्साहन अन्तर्गत-विधायक कप, खेलवृत्ति। 3) ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर। 4) माँ तुझे प्रणाम। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित स्थानों में इंडोर मल्टीपरपज हॉल निर्माण की वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। अत: निश्चित समयावधि दी जाना संभव नहीं है।
नगरपालिका अधिकारियों का समयमान-वेतनमान का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 5225 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. राज्य के नगरीय क्षेत्रों में कार्य करने वाले मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को समयमान-वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक दिया जाना है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समयमान-वेतनमान न मिलने के कारण, अधिकारी/कर्मचारियों को वित्तीय क्षति का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ग) क्या राज्य के नगरीय क्षेत्र में कार्य करने वाले यांत्रिकीय सेवा के अधिकारियों को समयमान-वेतनमान दिये जाने हेतु गठित समिति द्वारा अनुशंसा प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें तथा क्या उक्त समिति द्वारा प्रदेश के नगरीय निकाय में कार्य करने वाले मुख्य नगरपालिका अधिकारियों के समयमान-वेतनमान दिये जाने का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु दो वर्ष से लंबित है? यदि हाँ, तो किस कारण तथा विलंब हेतु जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी कौन हैं तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। राज्य स्तरीय सेवाओं के अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान दिए जाने के संबंध में प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा निर्णय लिया जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 86 के अंतर्गत गठित मध्यप्रदेश राज्य नगरीय यांत्रिकी सेवा के उपयंत्रियों को समयमान-वेतनमान नगरीय विकास एवं आवास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 4-123/2012/18-1 दिनांक 18.09.2012 के अनुसार दिया जा रहा है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंर्तगत राज्य स्तरीय सेवाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान दिए जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगमों में पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
142. ( क्र. 5240 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कितने नगर निगमों नगरपालिकाओं व विभाग में स्वच्छता अभियान को लेकर पर्यावरण इंजीनियर/विशेषज्ञ पदस्थ किये गये हैं? नगर निगमवार पदस्थ विशेषज्ञों का नाम, पद, पदस्थी की तारीख व पद, संविदा/रेगुलर है, की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समस्त नगर निगमों/पालिकाओं/विभाग में कितने अर्बन प्लानर (शहरी योजनाकार ) नियुक्त किये गये हैं? पदवार, निगमवार, पद की प्रकृति पदस्थी की दिनांक सहित जानकारी देवें। (ग) समस्त नगर निगमों/पालिकाओं द्वारा प्राईवेट बिल्डिंगों के स्ट्रक्चर को जाँचा जाता है व निर्माण की अनुमति दी जाती है। यदि हाँ, तो कितनी निगमों/पालिकाओं में स्ट्रक्चर अभियंता पदस्थ हैं? निगमवार/ पालिकावार वा नाम, पदस्थ व्यक्ति का नाम, पद व पदस्थी दिनांक की जानकारी देवें। (घ) क्या सीवरेज सिस्टम किसी भी शहर के विकास का महत्वपूर्ण अंग है? यदि हाँ, तो निगमवार व पालिकाओंवार बतायें कि कितनी जगह सीवरेज इंजीनियर पदस्थ किये गये हैं? पदस्थ व्यक्त्ति का नाम, पद, पदस्थी दिनांक, पद संविदा रेगुलर है, की जानकारी देवें। (ड.) क्या प्रत्येक अच्छे शहर की पहचान व्यवस्थित यातायात से होती है। यदि हाँ, तो बतायें कि कितने नगर निगम/पालिकाओं में यातायात प्लानर पदस्थ हैं? निगमवार/पालिकावार पदस्थ व्यक्ति का नाम, पद, पदस्थी दिनांक पद, संविदा/रेगुलर की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थ जनपद स्तर के सी.ई.ओ. की पदक्रम सूची
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
143. ( क्र. 5262 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जनजातीय कार्य विभाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं पदेन अतिरिक्त् सहायक विकास आयुक्त को सम्मिलित कर यूनिफाईड ग्रेडेशन लिस्ट (समेकित पदक्रम सूची) जारी की गई है? यदि हाँ, तो समेकित पदक्रम सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा समेकित पदक्रम सूची जारी करने से क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में वर्षों से सेवारत अधिकारियों के हितों पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा? क्या ग्रामीण विकास विभाग एवं जनजातीय कार्यविभाग के अधिकरियों की पृथक पृथक पदक्रम सूची जारी किया जाना अवैधानिक है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार दोनों विभागों के सेवारत् अधिकारियों की पदोन्नति के अवसर कम नहीं होगें और उनके पदोन्नति से पदावनत होने की स्थिति नहीं बनेगी? यदि हाँ, तो ऐसे प्रभावित दोनों विभागों के अधिकारियों के हितलाभ का संरक्षण संबंधित विभाग द्वारा किस प्रकार किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। समेकित पदक्रम सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) मान. उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में दायर याचिका क्रमांक 1281/2006 में पारित निर्णय दिनांक 20.04.2015 के अनुपालन में प्रश्नांकित कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित सड़कों की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
144. ( क्र. 5297 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा स्वीकृत किन मार्गों का तथा कितनी लागत से किस अधिकारी/यंत्री के सुपरविजन में, किस एजेंसी/ठेकेदार के द्वारा निर्माण एवं बी.टी.नवीनीकरण का कार्य कराया गया है तथा कराया जा रहा है? निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? क्या निर्माण कार्य स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कराये गये हैं? प्रत्येक सड़कवार अलग-अलग जानकारी दें। (ख) क्या उक्त अवधि में निर्माणाधीन कार्यों की गुणवत्ता की जांच हेतु निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो कब किस अधिकारी द्वारा किस-किस रोड का निरीक्षण किया गया है? अधिकारी का नाम, पद तथा निरीक्षण दिनांक एवं निरीक्षण टीप स्पष्ट करें। (ग) प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में ग्वालियर जिले में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। निर्माण कार्य प्राक्कलन अनुसार कराये गये हैं। (ख) जी हाँ। गुणवत्ता की जांच हेतु राष्ट्रीय गुणवत्ता पर्यवेक्षक (एन.क्यू.एम.) एवं राज्य गुणवत्ता पर्यवेक्षक (एस.क्यू.एम.) द्वारा निरीक्षण किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। ग्वालियर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों का संपादन ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के संभाग द्वारा ही किया जाता है, इस योजना हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में पृथक से किसी अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना नहीं की गई है।
नगरपालिका सिवनी अंतर्गत विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 5300 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिका सिवनी, जिला सिवनी में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं उपयंत्री/अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य कराये गये? कौन-कौन सी खरीदी निकाय द्वारा की गई? प्रश्नांकित अवधि में जल प्रदाय प्रभारी उपयंत्री द्वारा कितने नलकूप खनन कराये गये हैं? वर्षवार, पृथक-पृथक बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति, क्रय की गई सामग्री की निविदा की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब-कब? कार्यवार टी.एस./ए.एस. व क्रय सामग्री का वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या संबंधितों के द्वारा करोड़ों रूपये की हेरा-फेरी की गई है? शासकीय धन के दुरूपयोग की वसूली करते हुये, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) वित्तीय अनियमितता में लिप्त अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध जांच पूर्ण कर क्या संबंधितों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विकास कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। नलकूप खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं, निकाय में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये विकास कार्यों में हेरा-फेरी एवं शासकीय धन का दुरूपयोग नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपण कार्यक्रम अंतर्गत पौधों की उत्तरजीविता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
146. ( क्र. 5301 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1158 दिनांक, 30 नवंबर 2017 के बिन्दु (ग) के उत्तर में बताया गया है कि 02 जुलाई 2017 के वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत जिले में लगाये गये पौधों में से वर्तमान में 80 प्रतिशत पौधे जीवित हैं? यदि हाँ, तो विगत सिवनी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायतवार जीवित पौधों की उत्तरजीविता का प्रतिशत बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित दी गई जानकारी भ्रामक व असत्य है? यदि नहीं, तो क्या विभाग जांच समिति गठित कर जिले में हुये वृक्षारोपण की जांच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 02 जुलाई 2017 के वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत सिवनी जिले में महात्मा गाँधी नरेगा अंतर्गत लगाये गये पौधों की उत्तरजीविता की जानकारी 30 नवम्बर 2017 के पूर्व कराये गये भौतिक सत्यापन के आधार पर दी गयी है। विकास आयुक्त द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार वृक्षारोपण परियोजनाएं प्रगतिरत् हैं। पहले वर्ष में उत्तरजीविता का अंतिम सत्यापन आगामी वर्षाकाल के आगमन पर अथवा 15 जून जो भी पहले हो, तक कराया जावेगा। इसके उपरांत ही जीवित पौधों की उत्तरजीविता की जानकारी दी जा सकेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
फुटपाथ निर्माण हेतु आवश्यक राशि की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 5304 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर ब्यावरा के सिटीपोर्शन भोपाल बायपास से गुना बायपास तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कुल 72 फिट चौड़ी सी.सी. सड़क, नाली निर्माण, डिवाईडर निर्माण व पोल शिफ्टिंग का कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन है तथा उक्त निर्माण कार्य हेतु नगर में वर्षों पुराने अवैध अतिक्रमण व कब्जों को स्थानीय प्रशासन द्वारा हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने उपरांत मुख्य सड़क के दोनों ओर नगरपालिका स्वामित्व की लगभग 10-10 फिट शासकीय भूमि शेष रहेगी, जिस पर समय रहते अगर फुटपाथ निर्माण नहीं कराया जाता है, तो पुन: उक्त भूमि अवैध अतिक्रमण की चपेट में आने की प्रबल संभावनाएं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माह फरवरी 2018 में अपने पत्र के माध्यम से उक्त मुख्य मार्ग के दोनों ओर पेवर्स ब्लॉक लगाकर फुटपाथ निर्माण कराये जाने हेतु राशि रूपये 200.00 लाख की स्वीकृति के लिये आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मध्यप्रदेश भोपाल से अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन नगर ब्यावरा के मुख्य मार्ग पर सुव्यवस्थित यातायात एवं पैदल यात्री के लिये फुटपाथ निर्माण हेतु उक्त उल्लेखित राशि की स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र के आधार पर मार्ग के दोनों ओर पेवर ब्लॉक लगाकर फुटपाथ निर्माण का कार्य विशेष निधि अंतर्गत राशि रू. 75.00 लाख का प्रस्ताव विचाराधीन सूची में सम्मिलित किया गया है। (ग) प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ट्रेचिंग ग्राउण्ड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 5305 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिले की तहसील नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत ग्राम पंचायत चारपुरा के ग्राम शंकरपुरा में नगरपालिका नरसिंहगढ़ को ट्रेचिंग ग्राउण्ड निर्माण हेतु भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो क्या निकाय द्वारा ट्रेचिंग ग्राउण्ड का विधिवत् निर्माण कर नियमानुसार उसका उपयोग प्रारंभ कर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगरपालिका नरसिंहगढ़ द्वारा आवंटित भूमि पर ट्रेचिंग ग्राउण्ड का निर्माण न कराया जाकर खुले में ग्राम आबादी के निकट ही कूड़ा-कचरा अपशिष्ट पदार्थ डाले जा रहे हैं, जिससें हवा के साथ पूरा कचरा प्लास्टिक ग्राम में आ रहा है, जिससें पेयजल स्त्रोत दूषित होना, मवेशियां मृत होने के साथ ही ग्रामीणजनों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव आ रहा है तथा आगामी ग्रीष्मकाल में महामारी जैसी बीमारियां फैलने की भी पूर्ण संभावना है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त आवंटित भूमि पर विधिवत ट्रेचिंग ग्राउण्ड का निर्माण कराये जाने की कार्यवाही करेगा अथवा कूड़ा-कचरे के निष्पादन हेतु ग्राम आबादी से दूरस्थ अन्य कोई व्यवस्था कर उक्त समस्या का निराकरण करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा आदेश क्रमांक 234/दिनांक 14.07.2017 अनुसार नगरपालिका नरसिंहगढ़ को ट्रेचिंग ग्राउण्ड हेतु सर्वे नं. 4/2 में से रकबा 7.221 हेक्टर भूमि आवंटित की गई है। ट्रेचिंग ग्राउण्ड के निर्माण तार फेसिंग कार्य एवं कचरे के निष्पादन हेतु कार्य योजना तैयारी की जा रही है। (ख) जी नहीं। निकायों द्वारा निर्धारित स्थल पर कचरा डाला जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना अंतर्गत नगरपालिका परिषद् नरसिंहगढ़ शाजापुर क्लस्टर में सम्मिलित है। जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक तरीके से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की कार्यवाही की जा रही है। उत्तरांश के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राचीन एवं ऐतिहासिक होडा माताजी एवं बटेरी माता मंदिर की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
149. ( क्र. 5311 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षे्त्र अन्तर्गत विकासखण्ड खिलचीपुर में राजस्थान सीमा से लगे तंवर राजपूत बाहुल्य क्षेत्र में प्राचीन एवं ऐतिहासिक होडा माताजी एवं राजगढ़ नगर से नजदीक पहाड़ी पर स्थित बटेरी माता मन्दिर स्थित है? यदि हाँ, तो इनकी स्थापना कब तथा किसके द्वारा की गई थी? (ख) क्या उक्त मन्दिरों पर श्रद्धालुओं का वर्षभर आना जाना रहता है? यदि हाँ, तो उनके पीने के पानी, लाईट आने जाने, ठहरने, की क्या कोई व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या उक्त दोनों मन्दिर धर्मस्व विभाग में जुड़े हुये हैं? (घ) यदि नहीं, तो इन्हें क्या शासन धर्मस्व विभाग में जोड़कर इनका विकास करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड खिलचीपुर में राजगढ़ सीमा से लगे तंवर राजपूत बाहुल्य क्षेत्र में प्राचीन एवं ऐतिहासिक होडा माताजी एवं राजगढ़ नगर से नजदीक पहाड़ी पर बटेरी माता मंदिर स्थित है। होडा माता मंदिर तथा बटेरी माता उक्त दोनों मंदिर प्राचीन मंदिर है। मंदिरों के प्राचीन होने के कारण इनकी स्थापना कब तथा किसके द्वारा की गई है से संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ख) जी हाँ। उक्त मंदिरों पर श्रद्धालुओं का वर्ष भर आना जाना रहता है। होडा माताजी मंदिर पर पीने के पानी एवं लाईट की व्यवस्था है ठहरने की व्यवस्था नहीं है। बटेरी माता मंदिर पर पीने के पानी एवं लाईट की व्यवस्था है। ठहरने की व्यवस्था नहीं है। (ग) होडा माताजी मंदिर तथा बटेरी माता मंदिर धर्मस्व विभाग से जुड़े हुये नहीं है। (घ) धर्मस्व विभाग में ऐसी कोई योजना नहीं है।
अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
150. ( क्र. 5313 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिनांक 03.10.2013 को आयोजित पदोन्नति समिति की बैठक में पदोन्नति हेतु विचारण में लिये गये मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ज.पं. के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही, ई.ओ.डब्ल्यू., विभागीय जांच एवं वसूली की जानकारी संभागायुक्त स्तर से प्राप्त की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो संभागायुक्त स्तर से प्राप्त जानकारियों की प्रतियां देवें। (ग) क्या संभागायुक्त स्तर से जानकारी प्राप्त किये बिना ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत् मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को उपायुक्त विकास के पद पर पदोन्नति दे दी गई? (घ) यदि हाँ, तो फिर आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत रहे मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को माननीय न्यायालय द्वारा दिये गये आदेशानुसार पदोन्नति दिये जाने हेतु अनुशासनात्मक कार्यवाही, ई.ओ.डब्ल्यू. विभागीय जांच एवं वसूली की जानकारी संभागायुक्त स्तर से क्यों प्राप्त की जा रही है? पदोन्नति में दोहरे मापदण्ड अपनाने वाले एवं माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में अड़ंगा लगाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 28.11.2013 की मध्यरात्रि विकास आयुक्त कार्यालय में हुई अग्नि दुर्घटना में अभिलेख नष्ट हुए है। अत: उक्त जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। उक्त विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के लिए संभागीय आयुक्त कार्यालयों से प्राप्त विभागीय जांच/ई.ओ.डब्ल्यू./लोकायुक्त की जानकारी व विभाग स्तर पर संधारित जानकारी की एकजाई सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम 53 म.प्र. गौण खनिज नियम 1996
[खनिज साधन]
151. ( क्र. 5324 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 में कितने बार पकड़े गए वाहनों को कितना-कितना अर्थदण्ड कर छोड़े जाने का प्रावधान है? कितने बार पकड़े गए वाहनों को राजसात करने का प्रावधान है? कितने बार पकड़े गए वाहनों को अर्थदण्ड करने एवं राजसात करने का प्रावधान है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) जुलाई 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा, भोपाल, होशंगाबाद एवं बैतूल जिले में किस वाहन को कितने बार अवैध खनिज परिवहन करते किस दिनांक को पकड़ा? उसमें से किस वाहन को कितना अर्थदण्ड कर छोड़ा गया? किस वाहन को कितना अर्थदण्ड कर राजसात किया गया? किस वाहन को बिना अर्थदण्ड के ही राजसात किया गया? (ग) नियम 53 के अनुसार अलग-अलग जिलों में अलग-अलग तरह के आदेश किस-किस आधार पर जारी किए गए? पकड़े गए सभी वाहनों को अर्थदण्ड कर छोड़े जाने या सभी वाहनों को राजसात किए जाने की कार्यवाही किन कारणों से नहीं की गई। (घ) नियम 53 के अनुसार स्वविवेक से की गई अलग-अलग कार्यवाहियों के संबंध में शासन क्या कदम उठा रहा है? कब तक उठाएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधानित हैं। यह नियम अधिसूचित हैं। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बैतूल जिले के अतिरिक्त प्रश्नाधीन अन्य जिलों में वाहन राजसात नहीं किये गये हैं। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बांस तथा काष्ठ (लड़कियों) की कटाई करने वाले मजदूरों को बोनस
[वन]
152. ( क्र. 5326 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बांस तथा काष्ठ (लड़कियों) की कटाई करने वाले मजदूरों को बोनस कब से तथा कितना दिया जा रहा है? बोनस में बढ़ोत्तरी कब-कब हुई? आदेशों की छायाप्रति सहित जानकारी दें तथा बतावें कि वर्तमान में कितना बोनस दिया जा रहा है? (ख) क्या बोनस की राशि जो कि कटाई अनुसार मजदूरी को दी जानी चाहिए वन समितियों में जमा कर दी जाती है? क्या बांस के बोनस की राशि पहले वन समितियों के खाते में जमा की जाती थी, किन्तु अब कटाई मजदूरो के खाते में जमा की जाती है? प्रदेश में बांस का बोनस कब से नहीं दिया गया है? (ग) क्या जिस प्रकार शासन ने 2013 में बांस कटाई पर बोनस बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर सीधे मजदूरों के खाते में डाला था, उसी प्रकार क्या शासन आगामी वर्ष में काष्ठ के बोनस को 100 प्रतिशत कर वन समिति की जगह कटाई मजदूरों के खाते में जमा करने जा रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बांस तथा काष्ठ (लड़कियों) का बोनस (लाभांश) वर्ष 2000-2001 (वितरण वर्ष 2001-2002) से दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के ओदश क्रमांक/एफ-16/4/1991/10/2, दिनांक 18.02.2005 के अनुसार संयुक्त वन प्रबंध समितियों को काष्ठ का 10 प्रतिशत एवं बांस का 20 प्रतिशत लाभांश दिये जाने का प्रावधान किया गया था। (आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है)। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक/एफ-16-01/2012/10-2, दिनांक 30.05.2012 द्वारा वर्ष 2011-12 से बांस से प्राप्त शुद्ध लाभ के वितरण में बढ़ोत्तरी की गई है जो वितरण वर्ष 2012-13 से लागू की गई है। वर्तमान में बांस से प्राप्त शुद्ध लाभ का शत्-प्रतिशत लाभांश के रूप में कटाई में संलग्न मजदूरों को दिया जा रहा है। (आदेश की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक/एफ-16-04/1991/10-2, दिनांक 03.09.2016 द्वारा काष्ठ लाभांश में बढ़ोत्तरी करते हुये वितरण वर्ष 2016-17 से लाभांश 20 प्रतिशत किया गया है। (आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) जी नहीं वर्तमान में बांस की लाभांश राशि वन समितियों में जमा नहीं की जाती है। बांस से प्राप्त लाभांश की राशि शासन के आदेश क्रमांक/एफ-16-01/2012/10-2, दिनांक 30.05.2012 द्वारा कटाई में संलग्न श्रमिकों को भुगतान करने का प्रावधान है। शासन के पूर्व आदेश क्रमांक/एफ-16/4/1991/10/2, दिनांक 18.02.2005 द्वारा लागू व्यवस्था के अनुसार बांस का लाभांश वन समितियों को ही जाने का प्रावधान था, अत: पूर्व में समितियों के खाते में राशि दी जाती थी। वर्ष 2012 से यह व्यवस्था परिवर्तित होने के बाद लाभांश की राशि श्रमिकों के खाते में जमा की जाती है। (ग) जी नहीं, इस तरह का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
खेल मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
153. ( क्र. 5327 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत मुंदरियाटोला के प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक/ग्रा.पंचा./एनजीएनआरईजीए/२०१६/१५० दिनांक ०३-०३-२०१७ के द्वारा खेल मैदान निर्माण हेतु ३.५३ लाख रूपये स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो खेल मैदान निर्माण स्थल आराजी खसरा क्रमांक ३१४/१ में अवैध अतिक्रमण करने के कारण तहसीलदार जयसिंहनगर के प्रकरण क्रमांक/१/अ ६८/१७-१८ आदेश दिनांक ०७.१२.२०१७ को संबंधित अतिक्रमणकर्ता को बेदखल किये जानें का आदेश पारित किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ, तो संबंधित अतिक्रमणकर्ता से प्रश्न दिनांक तक भूमि अतिक्रमणमुक्त क्यों नहीं करायी गयी, जिससे खेल मैदान का कार्य पूर्ण हो सके? क्या भूमि मुक्त करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) तहसीलदार जयसिंहनगर के पारित आदेश के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जयसिंहनगर के न्यायालय में अपील प्रकरण क्रमांक 45/अपील/अ-68/2017-18 दर्ज किया गया है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया में है। न्यायालय आदेश अनुसार विधि अनुरूप आगामी कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्नातकोत्तर की शिक्षा एवं प्रोफेसरों की नियुक्ति की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
154. ( क्र. 5329 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की संकाय संचालित नहीं है? (ख) क्या वर्तमान में संचालित संकायों के अनुरूप प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो कौन-कौन सी संकायों में प्रोफेसरों के पद रिक्त हैं? (ग) जौरा क्षेत्र काफी पिछड़ा होने एवं इस कारण पालकों द्वारा छात्र एवं छात्राओं को स्नातकोत्तर की शिक्षा के लिये बाहर नहीं भेजने तथा आर्थिक रूप से भी सक्षम नहीं होने को दृष्टिगत रख क्या विभाग ऐसे छात्र-छात्राओं के लिये स्नातकोत्तर की संकायें शुरू करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) स्वीकृत पदों पर नियमित शिक्षक या अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। महाविद्यालय में वर्तमान में इतिहास-01, समाजशास्त्र-01, वाणिज्य-03 वनस्पति शास्त्र -01, भौतिक शास्त्र-01, जन्तु विज्ञान-01 सहायक प्राध्यापक के पद रिक्त हैं। (ग) वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शासकीय स्नातक महाविद्यालय, जौरा जिला मुरैना में स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ करने में कठिनाई है।
पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
155. ( क्र. 5331 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत जिला सागर, दमोह, छतरपुर टीकमगढ़ एवं पन्ना में कितने उपयंत्री एवं सहायक प्रबंधक एक ही स्थान पर तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं एवं कितने गृह जिले में पदस्थ हैं? (ख) उपयंत्री के पद पर पदस्थ रहते हुये कितने उपयंत्री सहायक प्रबंधक के पद पर पदोन्नत किये जाकर उसी स्थान पर किये गये जहां वे पदोन्नति के पूर्व में पदस्थ थे तथा कितने गृह जिले में पदस्थ किये गये? (ग) शासन के नियम विरूद्ध पदोन्नति उपरांत उसी स्थान पर पदस्थ किये गये सहायक प्रबंधक एवं गृह जिले में पदस्थ किये गये सहायक प्रबन्धकों को क्या विभाग स्थानान्तरित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत जिला सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं पन्ना में 28 उपयंत्री एवं 09 सहायक प्रबंधक एक ही स्थान पर तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं एवं 15 उपयंत्री तथा 04 सहायक प्रबंधक गृह जिले में पदस्थ हैं। (ख) प्राधिकरण में समस्त अधिकारी/कर्मचारी प्रतिनियुक्ति/संविदा पर पदस्थ होने से पदोन्नति का कोई प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन जिलों में मूल विभाग द्वारा 01 उपयंत्री को सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नत किया जाकर यथावत पदस्थ किया गया है जहां वे पदोन्नति के पूर्व में पदस्थ थे। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, स्थानांतरण नीति की कंडिका 8.16 में कार्यपालिक कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके गृह जिले में स्थानांतरण के द्वारा अथवा पदोन्नति की स्थिति में सामान्यतः पदस्थ न करने का प्रावधान है, पूर्णतः प्रतिबंधित नहीं है। योजना में कार्यों की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रश्नांश (ख) अनुसार रिक्त पद पर पदस्थ हैं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
राजगढ़ जिलांतर्गत पेयजल परिवहन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 5333 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की नगर पंचायत कुरावर द्वारा पेयजल परिवहन के लिये सन् 2015-16, 2016-17, 2017-18 में कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार पेयजल परिवहन पर जो राशि व्यय की गई वह किस-किस फर्म को कितना-कितना भुगतान कितने-कितने परिवहन पर कब-कब किया गया? फर्म का नाम/पता/ भुगतान राशि सहित जानकारी दें व उक्त भुगतान का किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब सत्यापन किया गया? अधिकारी का नाम/पद नाम सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की जानकारी अनुसार क्या पेयजल परिवहन हेतु टेण्डर प्रक्रिया अपनाई गई? यदि हाँ, तो किस-किस फर्म द्वारा टेण्डर प्रक्रिया में कब-कब भाग लिया? फर्मों के तुलनात्मक पत्रक की प्रति उपलब्ध करावें। क्या पेयजल परिवहन में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत की गई? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त शिकायत पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करायें। क्या दोषियों पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) वर्ष 2016-2017 में टेण्डर प्रक्रिया की गई है वर्ष 2017-2018 में पेयजल परिवहन हेतु टेण्डर प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खनिज प्रतिष्ठान मद से विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
157. ( क्र. 5336 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत परासिया विधान सभा क्षेत्र से खनिज विभाग को विभिन्न प्रकार के खनिजों से सबसे अधिक रॉयल्टी (राजस्व) प्राप्त होती है परन्तु फिर भी जिला खनिज प्रतिष्ठान मद, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना अन्तर्गत परासिया विधान सभा क्षेत्र में जिले की अन्य विधान सभाओं में स्वीकृत किये गये विभिन्न निर्माण कार्यों की अपेक्षा भेदभाव करते हुये बहुत ही कम निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है? जिसका क्या कारण है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला खनिज अधिकारी जिला छिन्दवाड़ा को पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/ 2018/916 दिनांक 08.01.2018 को प्रेषित कर विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना अन्तर्गत प्रदान किये जाने हेतु निवेदन किया गया था। जिस पत्र पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रेषित किये गये पत्र में उल्लेखित विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति खनिज विभाग से खनिज प्रतिष्ठान मद से प्रदान किये जाने हेतु जो अन्य विभागों से विभिन्न निर्माण कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं, ऐसे निर्माण कार्यों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। यह पत्र कलेक्टर कार्यालय, छिन्दवाड़ा में दिनांक 17.01.2018 को प्राप्त हुआ। इसके पूर्व ही जिला खनिज प्रतिष्ठान की बैठक दिनांक 12.01.2018 को की जा चुकी थी। आगामी बैठक में प्रश्नाधीन पत्र से प्राप्त प्रस्ताव पर विचार किया जा सकेगा। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार प्रस्ताव पर विचार किये जाने का लेख किया गया है। इसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नानुसार स्वीकृतियां विभाग द्वारा नहीं दी जाती हैं। यह संबंधित जिला खनिज प्रतिष्ठान का विषय है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहरी विकास अभिकरण अंतर्गत कर्मचारियों को मानदेय
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 5342 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला शहरी विकास अभिकरण के अंतर्गत नगरपालिका निगम, जबलपुर में सहायक परियोजना अधिकारी/रैन बसेरा मैनेजर एवं ऑपरेटर के पद पर संविदा के आधार पर कर्मचारियों का नियुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो इनको मासिक मानदेय कितना दिया जा रहा है? (ख) क्या शासन द्वारा आदर्श कर्मिक संरचना के तहत शहरी गरीबी उपशमन विभाग ने सामुदायिक विकास संगठन के पद स्वीकृत किये गये है? यदि हाँ, तो उक्त पद में भर्ती के क्या नियम है? क्या शासन उक्त पद हेतु सामुदायिक विकास संगठन जो शहरी विकास अभिकरण में कार्यरत है एवं जिन्हें कार्य का पूर्ण अनुभव है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति प्रदान करेगी अथवा नहीं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को शासन द्वारा दैनिक वेतनभोगी एवं अंकुशल श्रेणी के कर्मचारियों से भी कम वेतन प्रदान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन इन्हें भविष्य में नियमित करगी अथवा इनके वेतन में वृद्धि कर उचित वेतन प्रदाय करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला शहरी विकास अभिकरण के अंतर्गत नगर पालिक निगम, जबलपुर में सहायक परियोजना अधिकारी की संविदा आधार पर नियुक्ति नहीं हुई है। रैन बसेरा मैनेजर्स एवं ऑपरेटर कर्मचारियों का मानदेय निम्नानुसार है :- (1) रैन बसेरा मैनेजर्स - रू. 4200/- (2) ऑपरेटर - रू. 9360/- (ख) जी हाँ। नगर पालिक निगमों के लिए म.प्र. नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2000 तथा नगरपालिका/नगर परिषद् के लिए म.प्र. नगरपालिका कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम 1968 है। म.प्र. नगरपालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2000 दिनांक 15 जुलाई 2015 को किए गये संशोधन अनुसार अनुसूची 1 के पद क्रमांक 73 में सहायक सामुदायिक संगठक के नगर निगमों के 50 प्रतिशत पद जिला शहरी विकास अभिकरण में कार्यरत सामुदायिक संगठक जिन्हें 10 वर्ष का अनुभव हो, द्वारा नियम 5 के सीधी भर्ती के प्रावधान अनुसार भरे जाने का प्रावधान है। विभाग द्वारा ऐसे सामुदायिक संगठक जो जिला शहरी विकास अभिकरण में पूर्व से कार्यरत है, उन्हें नगरीय निकायों के स्वीकृत नियमित सहायक सामुदायिक संगठक के पदों पर संविलियन किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचिलित है।
शमशान घाट एवं कब्रिस्तान जीर्णोद्धार, मरम्मत एवं निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
159. ( क्र. 5347 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2016-17 व 2017-18 में भोपाल नगर निगम सीमान्तर्गत शमशान व कब्रिस्तानों जीर्णोद्धार, मरम्मत एवं निर्माण कार्य हेतु बजट में कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया? वर्षवार यह अवगत करावें कि किस-किस शमशान व कब्रिस्तानों में कितनी-कितनी राशि के कार्य किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में प्रावधानित राशि से अधिक कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किस-किस शमशान व कब्रिस्तानों में किए गए? कब्रिस्तानवार, शमशानवार वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कुछ राशि लेप्स हुई है? यदि हाँ, तो किस-किस शमशान व कब्रिस्तानों की कितनी-कितनी राशि किन-किन कारणों से लेप्स हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल नगर निगम सीमा अंतर्गत शमशान व कब्रिस्तानों के जीर्णोद्धार/मरम्मत एवं निर्माण कार्यों हेतु निम्नानुसार बजट में राशि का प्रावधान किया गया है:-
प्रावधानित राशि लाख में |
|
2016-17 |
2017-18 |
1800.00 |
1560.00 |
निगम द्वारा यांत्रिक विभाग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में शमशान घाट एवं कब्रिस्तान जीर्णोद्धार, मरम्मत एवं निर्माण हेतु राशि रू. 1-1 करोड़ (कुल 2.00 करोड़) का प्रावधान किया गया था। वित्तीय वर्ष 2017-18 में शमशान घाट एवं कब्रिस्तान जीर्णोद्धार, मरम्मत एवं निर्माण हेतु राशि रू. 30-30 लाख (कुल 60.00 लाख) का प्रावधान किया गया है। कराये गये/कराये जा रहे कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भोपाल नगर निगम सीमा अंतर्गत शमशान व कब्रिस्तानों के जीर्णोद्धार/मरम्मत एवं निर्माण कार्यों हेतु बजट में प्रावधानित राशि में से व्यय की गई स्थिति निम्नानुसार है:-
व्यय की गई राशि लाख में |
|
2016-17 |
2017-18 |
249.00 |
1496.00 |
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल को एक नम्बर लाने के नाम पर अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
160. ( क्र. 5348 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्वच्छता अभियान के तहत भोपाल को एक नम्बर पर लाने के लिए नगरपालिका निगम भोपाल के वार्षिक बजट में कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वच्छता अभियान के नाम पर किए गए कार्यों हेतु नगर निगम भोपाल के पास केन्द्र व राज्य सरकार से कब-कब कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई और नियमानुसार पारदर्शितापूर्वक कार्यों का निर्वाहन हेतु निविदा कब-कब आमंत्रित की गई और यदि निविदा आमंत्रित नहीं की गई तो क्या यह वित्तीय अनियमित्ता की श्रेणी में नहीं हैं? इस लापरवाही के लिये कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार प्राप्त राशि में से भोपाल को एक नम्बर पर लाने हेत किन-किन कार्यों के लिए प्रदेश व प्रदेश के बाहर से किन-किन संस्थाओं (एनजीओ) को कितनी-कितनी राशि देकर तथा प्रचार प्रसार के नाम पर प्रिंट मिडिया, इलेक्ट्रॉनिक मिडिया, स्टेज, टेंट, साउण्ड, लाईट, नाश्ते, वॉल पेंटिंग आदि अन्य और किन-किन कार्यों पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई तथा शेष कितनी-कितनी राशि बची वर्षवार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्वच्छता अभियान के तहत भोपाल को एक नम्बर पर लाने के लिये पृथक से कोई भी बजट का प्रावधान नहीं किया गया है, अपितु वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत निम्नानुसार प्रावधान किया गया है।
क्र. |
विवरण |
प्रावधानित राशि लाख |
|
1. |
स्वच्छ भारत मिशन |
2016-17 |
2017-18 |
174.05 |
4960.00 |
(ख) नगर निगम भोपाल को स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत केन्द्र व राज्य सरकार से प्राप्त हुई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नगर पालिक निगम द्वारा किये गये कार्य हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। निविदा संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अत: किसी प्रकार की वित्तीय अनियमित्ता का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नगर निगम भोपाल को वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रचार प्रसार हेतु IEC मद में निम्नानुसार राशि व्यय की गई है।
क्र. |
विवरण |
प्रावधानित राशि लाख |
|
1. |
स्वच्छ भारत मिशन (सूचना शिक्षा एवं संप्रेषण IEC) |
2016-17 |
2017-18 |
263.25 |
720.00 |
स्वच्छता सर्वेक्षण वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्वयं सेवी संगठन एवं अन्य संस्थाओं द्वारा प्रचार-प्रसार गतिविधियों में राशि रू. 8, 09, 40, 580/- का व्यय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। वर्ष 2017-18 में प्रिंट मीडिया पर राशि रू. 83, 47, 533/- तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर राशि रूपये 15, 64, 604/- व्यय किया गया उक्त व्यय शासन द्वारा निर्धारित डी.ए.वी.पी. दर अनुसार किया गया। वर्ष 2016-17 में टेन्ट, माईक, एल.ई.डी., हार-फूल, सजावट, फलैक्स, बैनर, देश भक्ति गीत आदि में राशि रू. 5, 74, 471/- व्यय किये गये तथा वर्ष 2017-18 में टेन्ट, फलैक्स, बैनर एवं समय-समय पर आयोजित विभिन्न सामाजिक संगठनों की बैठके/कार्यशालाओं आदि की व्यवस्था में राशि रूपये 15, 99, 736/- व्यय किये गये। विभिन्न स्थानों में वाल पेंटिंग कार्य में व्यय राशि निम्नानुसार है :-
(राशि रूपये में) |
||
क्र. |
वर्ष 2016-17 |
वर्ष 2017-18 |
(1) |
19, 14, 960/- |
25, 05, 000/- |
(2) |
15, 72, 586/- |
29, 26, 688/- |
स्वच्छता अभियान के तहत निगम को प्राप्त राशि में से कोई राशि शेष नहीं है।
शासकीय रानी दुर्गावती महाविद्यालय परसवाड़ा में संकाय वृद्धि
[उच्च शिक्षा]
161. ( क्र. 5352 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के कौन-कौन से महाविद्यालय में साइंस एवं गणित संकाय की स्नातकोत्तर कक्षाओं की व्यवस्था है एवं कौन-कौन से महाविद्यालय में नहीं है? (ख) क्या उच्च शिक्षा विभाग परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए और बेहतर शिक्षा दिलाने हेतु शासकीय रानी दुर्गावती महाविद्यालय परसवाड़ा में साइंस एवं गणित संकाय की स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उच्च शिक्षा विभाग विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा के मुख्यालय परसवाड़ा एवं आसपास के दर्जनों ग्राम के छात्र-छात्राओं के आने वाले भविष्य के लिए साइंस एवं गणित संकाय की स्नातकोत्तर कक्षाएं जल्द से जल्द प्रारंभ करने का विचार करेगा? यदि हाँ, तो समय अवधि बताएं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा के स्नातक अंतिम वर्ष में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की संख्या गणित समूह में 22 एवं जीव विज्ञान समूह में 84 है। अतः मापदण्ड की पूर्ति न होने के कारण स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करने में कठिनाई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व ग्रामों को पुल-पुलियों सहित ग्रेवल सड़क उपलब्ध कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
162. ( क्र. 5362 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत सामान्य क्षेत्र में 500 तथा आदिवासी क्षेत्र में 250 से कम आबादी के समस्त राजस्व ग्रामों को सिंगल एवं डबल कनेक्टिविटी द्वारा पुल-पुलियों सहित ग्रेवल सड़क उपलब्ध कराने हेतु मरनेगा, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कों का निर्माण कार्य किया गया है? कितने ग्राम अब तक वंचित हैं और क्यों? वंचित ग्रामों की ग्रामवार जानकारी दें। (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़ा गया है? कितने वंचित हैं? इन ग्रामों को कब तक मुख्य मार्गों से जोड़ा जायेगा? (ग) क्या वंचित ग्रामों के प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो कब से और क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने-कितने पत्र प्राप्त हुए और इन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से सामान्य क्षेत्र में 500 तथा आदिवासी क्षेत्र में 250 से कम आबादी के समस्त ग्रामों को सिंगल कनेक्टिविटी द्वारा संपर्कता प्रदान की जाती है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्रामों की स्वीकृति जारी हो चुकी है। मनरेगा अंतर्गत सुदूंर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना में 04 सडकों की स्वीकृति जारी की गई है। समस्त ग्रामों में डबल कनेक्टिविटी प्रदान करने की योजना स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में योजनांतर्गत पात्र 27 ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़ा जा चुका है। सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना में स्वीकृत 04 सड़कें मुख्य मार्ग से जोड़े जाने हेतु वंचित हैं। महात्मा गांधी नरेगा जॉब कार्डधारी श्रमिकों की, श्रम मांग पर आधारित होने से पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित सड़कों के संबंध में पत्र संज्ञान में न होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
तेन्दूपत्ते का उचित मूल्य निर्धारण कर क्रय करना
[वन]
163. ( क्र. 5368 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन अधिकार अधिनियम 2006 के लागू हो जाने के बाद वर्ष 2007 से तोड़े जा रहे तेन्दूपत्तों पर तोड़ने वाले वनवासियों का स्वत्व हो जाता है? तब राज्य सरकार इस पर अपना स्वत्व किस आधार पर दर्शाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या राज्य सरकार तोड़े गये पत्तों के स्वत्वाअधिकारी आदिवासियों व वन वासियों को तेन्दूपत्ता अधिनियम, 1964 में उचित संशोधन कर उत्पादक मान्य करने पर निर्णय लेंगे तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में तेन्दूपत्ता नियमावली 1966 के नियम 05 में उत्पादकों के तेन्दूपत्ता क्रय करने की प्रक्रिया में राज्य सरकार नियम 07 के उपबंधों के अध्यधीन इकाइयों व क्षेत्रीय वन मण्डलों के लिये पूर्व में प्राप्त विक्रय मूल्य तथा परिवर्तनीय बाजार की शर्तों अनुसार उत्पादकों से तेन्दूपत्ता क्रय करने हेतु क्रय दर का निर्धारण करेंगे? इस अनुसार रीवा संभाग में वर्ष 2018 में परिवर्तनीय बाजार की शर्तें क्या होंगी व विक्रय मूल्य निर्धारित करेंगे तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में तेन्दूपत्ता जिन्होंने पत्ता विक्रय हेतु पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) नहीं कराया, उनका तेन्दूपत्ता किस शर्त व दर पर वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान खरीदा गया? अगर ये तेन्दूपत्ता क्रय मूल्य के बजाय संग्रहण दर पर खरीदे जा रहे है, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार तेन्दूपत्ता का क्रय निर्धारित कर तोड़ने वाले वनवासियों के स्वत्व (मालिक) से खरीदे गये पत्तों का वास्तविक मूल्य निर्धारित कर खरीदने एवं संग्रहण के बजाय उनका मूल्य सीधे निर्धारित कर उनसे पत्ता खरीदकर उनको उचित दर प्रदान करेंगे? बोनस के रूप में उन्हीं के पैसे को बांटने के बजाय उनका उचित मूल्य देने बाबत् निर्देश एवं आदेश जारी करेंगे, जिससे तेन्दूपत्ता के मालिकों को उनका वास्तविक मूल्य विक्रय के समय ही प्राप्त हो सके? अगर नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन अधिनियम के तहत अधीन आवंटित अधिकार पत्र के अन्तर्गत वन भूमि पर उस व्यक्ति का स्वामित्व मान्य नहीं किया गया है। वन भूमि का स्वामित्व पूर्वानुसार राज्य शासन का ही रहेगा। अधिनियम के अन्तर्गत आवंटित अधिकार पत्र में, उगे वनोपज पर तेन्दूपत्ता तोड़ने वालों का अधिकार हैं, जिसे विक्रय करने के लिये भी स्वतंत्र है। राज्य सरकार तेन्दूपत्ता पर अपना स्वत्व नहीं दर्शाती है। म.प्र. सहकारिता अधिनियम-1960 के अन्तर्गत गठित त्रिस्तरीय व्यवस्था के अन्तर्गत प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति द्वारा तेन्दूपत्ता का क्रय किया जाता है। (ख) म.प्र. तेन्दूपत्ता अधिनियम-1964 के अन्तर्गत क्रय दर का निर्धारण निजी भूमि पर उगे तेन्दूपत्ता के लिये है। वन अधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत भूमि का स्वामित्व राज्य शासन का ही रहता है। अतः ऐसी भूमि पर उगे तेन्दूपत्ता के लिये अधिकार प्राप्तकर्ताओं को अधिनियम-1964 के अन्तर्गत उत्पादक मान्य करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के द्वारा संग्राहकों से तेन्दूपत्ता का क्रय किया गया तथा जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित दर अनुसार भुगतान किया गया। (ड.) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संग्राहकों को पारिश्रमिक की भुगतान की गई राशि के अतिरिक्त बोनस का भुगतान भी किया जाता है। अतः उन्हें उचित मूल्य प्राप्त होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि विद्वान चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं
[उच्च शिक्षा]
164. ( क्र. 5392 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 7173 दिनांक 28.03.17 के उत्तर (ग) में विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि शासन के परिपत्र दिनांक 05.08.14 की कंडिका 2.13 के अनुसार पी.जी. कॉलेज मंदसौर में उपस्थित होने के कारण श्रीमती मंजू भार्गव, अपात्र पायी गईं? जबकि अतिथि विद्वान चयन प्रक्रिया हेतु जारी विज्ञापन क्र./1528/499/आउशि/शाखा-2/2015 भोपाल दिनांक 18.07.2015 की कंडिका 3 (ब) का पालन संबंधित कॉलेज के प्राचार्य द्वारा नहीं किया गया? (ख) क्या चयन समिति द्वारा डॉ. मंजू भार्गव की चयन प्रक्रिया हेतु परिपत्र दिनांक 05.08.14 लागू किया गया है, जबकि अन्य अतिथि विद्वानों डॉ. कृष्णकांत भार्गव, शा.महा.वि. चन्देरी व अन्य प्रकरणों हेतु प्रश्नांश (क) में वर्णित विज्ञापन दिनांक 18.07.2015 लागू किया गया, यदि हाँ, तो एक ही चयन प्रक्रिया में अलग-अलग दिशा-निर्देश किस आधार पर मान्य किए गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) से यह स्पष्ट है कि प्राचार्य एवं ए.डी. उच्च शिक्षा एवं चयन समिति द्वारा जानबूझकर डॉ. मंजू भार्गव के प्रकरण में नियमों की अवहेलना की गयी? (घ) क्या शासन उक्त प्रकरण की जांच अन्य किसी विभाग से कराकर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करेगा व कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) श्रीमती मंजू भार्गव, अतिथि विद्वान, गृह विज्ञान शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, मंदसौर में सत्र 2014-15 में उपस्थित हुई थी। यहां उपस्थिति होने के पश्चात ही अगले दिवस के लिए शासकीय महाविद्यालय चाचोड़ा (बीनागंज) में कार्यभार ग्रहण हेतु उपस्थित होने के लिए चली गई थी। (ख) जी नहीं। अतिथि विद्वानों के चयन हेतु एक समान प्रक्रिया अपनाई जाती है। चयन प्रक्रिया में अतिथि विद्वानों के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी नहीं किये जाते हैं। (ग) उत्तर (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तर (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुलताई नगर में खेल स्टेडियम की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
165. ( क्र. 5397 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुलताई नगर में विभाग द्वारा खेल स्टेडियम स्वीकृत कराया गया है? यदि हाँ, तो इसके कार्य को पूर्ण करने का विभाग का क्या रवैया है? स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त कार्य की मॉनिटरिंग के लिये कौन-कौन से अधिकारी विभाग द्वारा कार्य को समय पर पूर्ण कराने के लिये मनोनित किये गये थे? अधिकारियों के नाम, पदनाम दें। यदि विभाग द्वारा मॉनिटरींग के लिये अधिकारी नहीं मनोनीत किये गये थे, तो विभाग इतने बड़े कार्यों में मॉनिटरिंग अधिकारी न रखने वाले अधिकारियों के विरुद्ध क्या कर्यवाही करेगा? (ग) विभाग द्वारा उक्त कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा मुलताई नगर में रूपये 40.00 लाख की लागत से खेल स्टेडियम स्वीकृत किया गया। यह कार्य नगरपालिका परिषद् मुलताई द्वारा किया जा रहा है, जिसके लिये नगर परिषद् को रूपये 20.00 लाख की राशि दी जा चुकि है। बाउण्ड्रीवॉल एवं मेनगेट का कार्य पूर्ण हो गया है। शेष निर्माण कार्य मंच प्रशासनिक भवन, पवेलियन मैदान समतलीकरण बाउण्ड्रीवॉल, बारवेड वायर फेसिंग, सरफेस ड्रेन, सेप्टिक टैंक, सीवर लाईन एवं फुटबॉल कोर्ट निर्माण कार्य अपूण है। नगरपालिका परिषद् मुलताई से निर्माण कार्य कि अद्यतन स्थिति एवं अांवटित राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र हेतु पत्र क्रमांक 8068 दिनांक 12/12/2017 एवं जिला कार्यालय बैतूल के पत्र क्रमांक 249 दिनांक 29/12/2017 द्वारा जानकारी चाही गई है, जो प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) उक्त कार्य का क्रियान्वय एवं संधारण नगरपालिका परिषद् मुलताई द्वारा किया जा रहा है। संचालनालय द्वारा समय-समय पर जिलों में निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग हेतु अधिकारी भेजे जाते हैं, समय-समय पर प्रभारी खेल अधिकारियों द्वारा भी स्टेडियम का निरीक्षण किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्य पूर्णता की निश्चित समयावधि बतायी जाना संभव नहीं।
कटनी नगर में अवैध कॉलोनियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
166. ( क्र. 5407 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक-466 दिनांक-14/03/2016 में बताया गया था कि कटनी नगर की अवैध कॉलोनियों के संबंध में '’एक महीने के अंदर ही अवैध कॉलोनियों में शिविर लगाकर वैध करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी जायेगी'’ तो नगरपालिक निगम कटनी द्वारा किस-किस अवैध कॉलोनी में किस-किस दिनांक को शिविर लगाये गये एवं शिविर दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कॉलोनी को वैध करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? कॉलोनीवार विवरण बतायें। (ख) क्या अवैध कॉलोनियों के सर्वे हेतु नगरपालिक निगम कटनी द्वारा कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो सर्वे हेतु क्या-क्या कार्यवाही अब तक की गयी? बतायें एवं अवैध कॉलोनियों का कुल क्षेत्रफल कितना है एवं कितने क्षेत्रफल के सर्वे की कार्यवाही की गई है एवं प्रश्न दिनांक तक कितनी अवधि में कितना सर्वे कार्य किया जा चुका है? कॉलोनीवार विवरण बतायें। (ग) क्या सर्वे हेतु निर्धारित क्षेत्रफल कटनी नगर में पायी गयी अवैध कॉलोनियों के क्षेत्रफल से कम है? तब ऐसी स्थिति में समस्त अवैध कॉलोनियों का सर्वे किया जाना संभव नहीं हो सकेगा और समस्त कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकेगी? यदि हाँ, तो शेष क्षेत्रफल के सर्वे हेतु आवश्यक कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम कटनी द्वारा लगाये गये शिविरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। चिन्हित अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु विस्तृत सर्वेक्षण करने एवं मूलभूत सुविधाओं संबंधी विकास कार्यों का डी.पी.आर. तैयार करने के लिये निविदा आमंत्रित की गई है, जिसका कार्य प्रगति पर है। 29 कॉलोनियों की डी.पी.आर. प्राईवेट इंजीनियर/निविदाकार द्वारा जमा किया है, जिन पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी हाँ। अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु सर्वे एवं विकास कार्यों के आंकलन संबंधी कार्य हेतु 200 एकड़ क्षेत्र का ठेका श्री दिवाकर राम तिवारी (इंजीनियर) निवासी - बरगंवा कटनी को कार्यादेश क्रमांक 2716/अनुज्ञा शाखा/का.से./2017 कटनी दिनांक 28.08.2017 के द्वारा प्रदान किया गया है। प्राथमिक सर्वेक्षण अनुसार चिन्हित 90 अवैध कॉलोनियों का कुल रकबा 200 एकड़ है, जिनमें से 29 कॉलोनियों में कुल रकबा 197.15 एकड़ का सर्वेक्षण हो चुका है। कॉलोनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्वधन एवं शर्तें) नियम 1998 के नियम 15 (क) अनुसार 31 दिसम्बर 2016 तक की ही अवैध कॉलोनियों का नियमितीकरण होना है। टेण्डर प्रति एकड़ की दर पर आमंत्रित हुआ है। निष्पादित अनुबंध की कंडिका (7) अनुसार निविदाकार को अवैध कॉलोनी की सूची के अतिरिक्त मौके पर निर्मित कॉलोनियों का सर्वेक्षण कार्य भी सक्षम प्राधिकारी के निर्देशानुसार करने की शर्त रखी गई है। सूची के अतिरिक्त 31/12/2016 तक निर्मित पात्र अवैध कॉलोनी का सर्वेक्षण 30/06/2018 तक पूर्ण कराकर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्राप्त एवं व्यय राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 5408 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्वच्छ भारत मिशन मध्यप्रदेश (शहरी) के तहत नगरपालिक निगम कटनी को किन शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों के तहत प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों हेतु कब-कब प्राप्त हुई एवं इन्हें व्यय करने की अवधि क्या थी एवं किन शर्ता के तहत व्यय किया जाना था? मदवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्त राशि से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों को किनके द्वारा एवं कौन-कौन कार्यादेशों से किया गया है और इन कार्य/कार्यक्रमों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कार्य/कार्यक्रमवार एवं व्ययवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत क्या आई.ई.सी. के कार्यों/कार्यक्रमों को नियत समयावधि में सम्पन्न किया गया तथा प्राप्त राशि का उपयोग नियत मद में किया गया है? यदि हाँ, तो कैसे एवं किस प्रकार स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो क्यों? इसके क्या कारण रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत आई.ई.सी. कार्यों की निविदा प्रस्ताव किस प्रक्रिया से कब-कब आमंत्रित किये गये? किन-किन संस्थाओं द्वारा क्या-क्या प्रस्ताव दिये गये और किन संस्थाओं का किस आधार पर चयन किया गया तथा किन शर्तों पर क्या कार्यादेश किस दिनांक को दिया गया? साथ ही चयनित संस्था के संचालक मंडल के सदस्यों का ब्यौरा एवं संस्था का पूर्ण विवरण नाम, पता, पूर्व में किये गये कार्यों सहित उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। आई.ई.सी. के कार्यों/कार्यक्रमों के संबंध में विहित प्रावधानों अनुसार निकाय स्तर पर ही समय-सीमा तय की जानी है। नगर निगम कटनी द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग नियम मद में ही किया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा आई.ई.सी. कार्यों हेतु ऑन-लाईन ई-टेण्डरिंग व्यवस्था के अंतर्गत दिनांक 25.07.2017, 27.11.2017 एवं 22.12.2017 तक निविदायें आमंत्रित की गई। उक्त कार्य हेतु निम्नानुसार संस्थाओं द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये है- (1) ज्वाला ग्रामीण स्वरोजगार एवं विकास संस्थान रीवा (2) सानिध्य समिति, भोपाल (3) ओम सांई विजन, भोपाल (4) आस्था सांस्कृतिक एवं सामाजिक कल्याण समिति, भोपाल (5) सोसायटी फॉर इंटरप्रेनरशिप इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट, भोपाल (6) मध्यांचल उत्कृष्ट बहुउद्देशीय विकास समिति, सीधी उक्त संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज अपूर्ण होने के कारण इनकी तकनीकी विड नहीं खोली गई है। शेष संस्थाओं की तकनीकी विड खोली गई है, जिसमें 03 संस्थाओं के तकनीकी विड के दस्तावेज उपयुक्त पाये गये, जिनकी फायनेंशियल विड खोली गई है, जिनका विवरण निम्नानुसार है:- (1) ज्वाला ग्रामीण स्वरोजगार एवं विकास संस्थान रीवा (2) सानिध्य समिति, भोपाल (3) ओम सांई विजन, भोपाल उक्त 03 संस्थाओं में ओम सांई विजन, भोपाल की निविदा दर राशि रूपये 55.00 लाख प्राप्त हुई। ओम सांई विजन भोपाल का न्यूनतम दर होने से मेयर-इन-कांउसिल के प्रस्ताव क्रमांक 02 दिनांक 07.02.2018 के द्वारा आई.ई.सी. गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु चयन किया गया है। चयन किये जाने संबंधी निविदा प्रपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है एवं निविदा की शर्तों एवं कार्य आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। आई.ई.सी. गतिविधियों के संचालन हेतु चयनित संस्था के संचालक मण्डल के सदस्यों का ब्यौरा एवं पूर्ण विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है। चयनित संस्था ओम सांई विजन द्वारा पूर्व में किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है।
घटिया निर्माण कार्यों की शिकायत की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
168. ( क्र. 5409 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत समय जिला शाजापुर की जनपद पंचायत शुजालपुर की ग्राम पंचायत चाकरोद में हुए घटिया निर्माण कार्यों की शिकायत जिला पंचायत सी.ई.ओ. को गांव के नागरिकों द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो क्या शिकायत की जांच की गई? यदि जांच की जा चुकी है, तो शिकायत में जिन कार्यों का उल्लेख किया गया है, क्या वह गुणवत्ता पूर्ण है और क्या सी.सी. जारी हो चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायत की जांच किस-किस इंजीनियर के द्वारा की गई है? जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। क्या कोई दोषी पाया गया है? क्या दोषी के ऊपर कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, दिनांक 08.03.2018 को ग्रामवासियों द्वारा शिकायत की गई। जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत शुजालपुर द्वारा जांच की गई। शिकायत में जिन कार्यों का उल्लेख किया गया है, वह कार्य प्रगतिरत होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत शुजालपुर द्वारा जांच की गई। जांच प्रतिवेदन संतुष्टिप्रद न होने से शिकायत की जांच हेतु पुनः जांच दल गठित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जांचोपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
पर्यटन पार्क बनाने हेतु तालाब का विकास, सौंदर्यीकरण एवं गहरीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
169. ( क्र. 5410 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् पानखेड़ी के एक मात्र तालाब के विकास, सौंदर्यीकरण एवं गहरीकरण कर पर्यटन पार्क के रूप में उपयोग करने हेतु प्रस्ताव नगर परिषद् पानखेड़ी द्वारा नगरीय प्रशासन भोपाल को भेजकर क्या राशि आंवटन की मांग की गई है? यदि हाँ, तो क्या डी.पी.आर. तैयार करायी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु क्या शीघ्र ही राशि का आवंटन कर विकास कार्य कराये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) नगर परिषद्, पानखेड़ी द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना परीक्षणाधीन है। झीलों एवं तालाबों का संरक्षण एवं संवर्धन योजना को निरंतर रखने की स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है। योजना की सक्षम स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत सम्मिलित क्षेत्र एवं हितग्राहियों को लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
170. ( क्र. 5420 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत किन-किन क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया है? (ख) प्रश्न दिनांक तक उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है? क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें। उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने क्षेत्र हैं, जहां प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को छोड़ दिया गया है? पात्र हितग्राहियों की संख्या बतावें। अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है, इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? ऐसे अपात्र हितग्राहियों एवं प्राप्त शिकायतों की क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या जो पात्र लोग प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रह गये हैं? क्या उन्हें पुन: सर्वे करवाकर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सम्पूर्ण नगर निगम एवं निवेश क्षेत्र योजना में सम्मिलित है। (ख) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में 1600 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रथम चरण में उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के टेनेबल स्लम्स के पात्र हितग्राहियों को योजना में शामिल कर लाभ दिया गया है। हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया निरंतर जारी है। अतः किसी भी पात्र हितग्राही को छोड़ने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता वर्तमान में कुल 17 अपात्र लोगों को PMAY में लाभ देने की शिकायत प्राप्त हुई है, जिसमें पैसा वसूल करने की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार (ग) आयुक्त, नगर पालिक निगम उज्जैन को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार निर्देश जारी कर दिये गये हैं। वर्ष 2022 तक सभी शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराया जाना है।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी/श्रमिकों का विनियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
171. ( क्र. 5421 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर परिषद् लांजी में स्थायी कर्मियों को विनियमित किए जाने की योजना के अन्तर्गत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी/श्रमिकों को नियमित नहीं किया गया है? विनियमितीकरण का कार्य कब तक कर दिया जाएगा? (ख) विनियमितीकरण योजना में क्या प्रक्रिया अपनायी जाती है? (ग) क्या विषयांकित नगर परिषद् में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के ई.पी.एफ. की राशि काटी जा रही है? यदि हाँ, तो कर्मचारियों को इसके संबंध में जानकारी क्यों नहीं दी गई? क्या जो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हे ई.पी.एफ. का लाभ नहीं मिला? यदि नहीं, तो क्यों तथा इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) कर्मचारियों के नियमितीकरण के बाद उनके वेतन भत्तों पर आने वाले खर्च का वहन क्या नगर परिषद् स्थानीय स्त्रोतों से करेगा या इसमें राज्य शासन अनुदान करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद्, लांजी द्वारा दैनिक श्रमिक/कर्मचारियों को स्थायीकर्मी विनिमितीकरण योजना के अंर्तगत पत्र क्रमांक 1772 दिनांक 14.12.2017 द्वारा संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग जबलपुर को विनियमितीकरण हेतु प्रकरण प्रेषित किए गए हैं एवं निर्देशानुसार दैनिक श्रमिक/कर्मचारियों की जन्म से संबंधित प्रमाण-पत्र हेतु मेडिकल बोर्ड से सत्यापन की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित है। कार्यवाही प्रचलित होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) शासन के निर्देशानुसार प्रक्रिया अपनायी जा रही है। शासन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद्, लांजी में जनवरी 2015 से प्रति माह दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के पारिश्रमिक में से 12 प्रतिशत ई.पी.एफ. की राशि कटौती कर निकाय अंशदान सहित निकाय द्वारा भविष्य निधि कार्यालय को जमा की जाती है। जिन श्रमिकों के यू.एन.आर. नंबर प्राप्त हो चुके हैं, उन्हें यू.एन.आर. नंबर की जानकारी दी जा चुकी है। निकाय में कार्यमुक्त दैनिक श्रमिकों को ई.पी.एफ. कटौती की राशि उपलब्ध कराने हेतु प्रकरण तैयार कर भविष्य निधि कार्यालय, जबलपुर को प्रेषित किए जा चुके हैं। साथ ही परिषद् के निर्णयानुसार मई 2011 से जनवरी 2015 तक शेष ई.पी.एफ. की राशि का 12 प्रतिशत ई.पी.एफ. (हितग्राही अंशदान) निकाय में जमा करने हेतु कार्यालय के पत्र क्रमांक 438 दिनांक 27.02.2018 द्वारा समस्त दैनिक श्रमिक/कर्मचारियों को सूचित किया जा चुका है। नियम अनुसार श्रमिकों के 12 प्रतिशत अंशदान की राशि प्राप्त होने पर निकाय के अंशदान सहित संपूर्ण शेष ई.पी.एफ. की राशि भविष्य निधि कार्यालय को जमा की जायेगी। (घ) शासन से प्राप्त होने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि निकाय निधि कहलाती है, उससे वेतन प्रदान किया जायेगा।
प्रशासकीय स्वीकृति के बाद भी राशि जारी नहीं होना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
172. ( क्र. 5424 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में चार मंदिरों के लिये प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक एफ-3-10/2014/छः दिनांक 1/8/2017 को राशि रू 1398600/- की स्वीकृति जारी की गई थी? यदि हाँ, तो स्वीकृति की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रशा. स्वीकृति दिनांक 1/8/2017 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण एजेंसी को राशि प्रदान नहीं कि गई है? इस स्वीकृति के संबंध में उज्जैन कलेक्टर कार्यालय द्वारा निर्माण एजेंसी को राशि उपलब्ध कराने हेतु कब-कब कौन-कौन से पत्र प्रेषित किये गये? उन पत्रों पर धर्मस्व विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? पत्रवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या स्वीकृति आदेश क्रमांक एफ-3-10/2014/छः दिनांक 1/8/2017 को स्वीकृति के पश्चात छह माह में भी एजेंसी को राशि उपलब्ध नहीं कराने के मामले को संज्ञान में लेकर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) स्वीकृति आदेश क्रमांक एफ-3-10/2014/छः दिनांक 1/8/2017 की राशि निर्माण एजेंसी को कितने समय में उपलब्ध कराई जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विभागीय आदेश दिनांक 1/8/2017 को राशि स्वीकृत करने के पश्चात दिनांक 26/9/2017 को सर्वर के माध्यम से प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को राशि बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. में राशि अंतरित कर दी गई थी। जिसके लिये कोई दोषी नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
योजना प्रतिभा किरण और गांव की बेटी योजनांतर्गत छात्राओं को लाभ
[उच्च शिक्षा]
173. ( क्र. 5425 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दो योजना प्रतिभा किरण और गांव की बेटी संचालित की जा रही है तथा इसमें वर्ष 2017-18 में प्रदेश में कितनी छात्राओं का पंजीयन हुआ? महाविद्यालयवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या इस योजना के नियम के अनुसार गांव की बेटी योजना में गांव में रहने वाली और गांव की शाला से 12वीं उत्तीर्ण होने वाली छात्राओं को और प्रतिभा किरण योजना में शहर में रहने वाली और शहर की शाला से 12वीं उत्तीर्ण होने वाली छात्राओं को योजना का लाभ प्रदान किया जाता है? (ग) क्या यह सही है कि ऐसी छात्राएं जो निवास तो ग्राम में करती है परन्तु उन्होंने 12वीं कक्षा शहर के विद्यालय से उत्तीर्ण की है, उनका इन दोनों योजनाओं में लाभ प्राप्त नहीं हो सकता है। वर्ष 2017-18 में उज्जैन जिलान्तर्गत में ऐसी कितनी छात्राएं हैं, जो इस कारण इन योजना का लाभ प्राप्त नहीं कर सकी? महाविद्यालयवार जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या विभाग ऐसी छात्राओं को योजना का लाभ प्रदान करने के संदर्भ में कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक इन छात्राओं को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जिन महाविद्यालयों में आवेदन प्राप्त हुए है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। शेष महाविद्यालय में जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ। नियमानुसार लाभ प्रदान किया जाता है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। नियमानुसार कोई भी छात्रा दोनों योजनाओं का एक साथ लाभ लेने हेतु पात्र नहीं है। उज्जैन संभाग में ऐसी 47 छात्राएं हैं जिन्हें दोनों योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
53वें अखिल भारतीय वीर सिंह जूदेव स्मारक हॉकी टूर्नामेन्ट की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
174. ( क्र. 5428 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विगत समय में टीकमगढ़ नगर में आयोजित वीर सिंह जूदेव हॉकी टूर्नामेन्ट का आयोजन किया गया था? अगर हाँ तो इसका बजट आवंटन कितना किया गया? अगर नहीं, तो किसके द्वारा आयोजित किया गया? (ख) क्या आमंत्रण पत्र में कुछ विधायकों को आमंत्रित किया गया और कुछ विधायकों को नहीं किया गया? ऐसा क्यों किया गया है? इस आयोजन में शासन के कौन-कौन से अधिकारी भूमिका निभा रहे थे? उनके नाम एवं पद बतावें? (ग) जिन अधिकारियों के द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया है? उनके विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ वर्ष 2015 में आयोजित 53वें अखिल भारतीय वीर सिंह जूदेव स्मारक हॉकी टूर्नामेन्ट, टीकमगढ़ (म.प्र.) हेतु राशि रूपये 50, 000/- का अनुदान स्वीकृत किया गया था। (ख) 53वें अखिल भारतीय वीरसिंह जूदेव स्मारक हॉकी टूर्नामेन्ट, टीकमगढ़ का आयोजन संचालनालय द्वारा नहीं किया गया था। अत: आमंत्रितों के संबंध में कोई टीका देना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में कोई टीका देना संभव नहीं है।
सीमेंट-कांक्रीट सीढ़ी निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
175. ( क्र. 5432 ) श्री राजेन्द्र मेश्राम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नागौद, जिला सतना के वार्ड क्र. 4 में सीमेंट-कांक्रीट की सीढ़ी का निर्माण विधायक निधि से किया जा रहा है? निर्माण प्रारंभ की तिथि बतावें तथा उपरोक्त कार्य के लिये संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन विभाग रीवा संभाग रीवा द्वारा दिनांक 02.12.2016 को प्रथम स्तरीय जारी तकनीकी स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में जारी तकनीकी स्वीकृति में अधिरोपित 07 शर्तों का पालन निर्माण एजेंसी नगर पंचायत, नागौद जिला सतना द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी द्वारा नगर एवं ग्राम निवेश में दिये गये आवेदन पत्र की प्रति व दिनांक, नगर एवं ग्राम निवेश द्वारा अनुमोदित अभिन्यास की प्रति व दिनांक, निर्माण स्थल की मिट्टी की भार वाहन क्षमता की परीक्षण रिपोर्ट की प्रति वर्किंग ड्राइंग एवं डिजाईन की प्रति, उक्त ड्राइंग किस सक्षम स्ट्रक्चरल इंजीनियर द्वारा किस दिनांक को प्रदाय की गई? क्या ड्राइंग मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के आधार तैयार गई? यदि नहीं, तो क्यों? इंजीनियरिंग कॉलेज से स्वीकृत कराई प्राक्कलन एवं डिजाईन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या निर्माण स्थल भूमि खेल एवं युवा कल्याण विभाग की है एवं नगर पंचायत, नागौद सिर्फ निर्माण एजेंसी है? क्या संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग, भोपाल द्वारा प्रत्र क्र. 6192, दिनांक 12.10.2017 को फुटबॉल मैदान के उत्तरी तरफ पवेलियन सीढ़ी निर्माण हेतु अनापत्ति भी ली गई है? क्या निर्माण एजेंसी नगर पंचायत नागौद द्वारा स्वत: या प्रेसीडेंस इन काउन्सिल के प्रस्ताव के आधार पर निर्माण स्थल में परिवर्तन किया है? (घ) क्या किसी निर्माण एजेंसी को स्थल परिवर्तन के अधिकार प्राप्त हैं? यदि हाँ, तो ऐसे शासनादेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उक्त निर्माण स्थल परिवर्तन एवं प्रथम स्तरीय तकनीकी स्वीकृति में अधिरोपित शर्तों के उल्लंघन के लिये कौन दोषी है? शासन की कितनी राशि की क्षति हुई है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ड.) क्या कमिश्नर, रीवा संभाग रीवा द्वारा उपरोक्त अनियमितताओं की जांच की जा रही है? यदि हाँ, तो अब तक की गई जांच रिपोर्ट एवं दोषियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें तथा उपरोक्त तकनीकी स्वीकृतियों एवं शर्तों के विपरीत किया जा रहा इतना बड़ा निर्माण कार्य यदि भविष्य में ध्वस्त होता है एवं जान-माल का नुकसान होता है, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्माण प्रांरभ की तिथि 21.11.2017 है तथा तकनीकी स्वीकृति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (ख), (ग), (घ) में उल्लेखित बिन्दुओं पर आयुक्त, रीवा संभाग को शिकायत प्राप्त हुई है। इस प्रकरण की जांच संभागीय संयुक्त संचालक, रीवा द्वारा की जा रही है, जांच के निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ड.) जी हाँ, जांच प्रगति पर है, जांच के निष्कर्षों के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
बैठकों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
176. ( क्र. 5434 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत राघौगढ़ में दिनांक 1 जनवरी 2015 के बाद से प्रश्न दिनांक तक सामान्य प्रशासन समिति और सामान्य सभा की बैठकें कब-कब आयोजित की गई है? (ख) क्या पंचायत एक्ट में प्रतिमाह बैठकें आयोजित कर आय व्यय अनुमोदन कराने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो जनपद पंचायत राघौगढ़ में प्रत्येक माह बैठकें बुलाकर आय-व्यय अनुमोदित की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या इसके लिये समिति के सचिव दोषी नहीं हैं? यदि हैं तो उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या जनपद पंचायत राघौगढ़ के अध्यक्ष ने दिनांक 1 जनवरी 2015 के बाद समय-समय पर सी.ई.ओ. जनपद पंचायत की अनियमितताओं और समय पर बैठकें न करने की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की थी? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? कब-कब कारण बताओ नाटिस जारी किए गये? (घ) क्या दिनांक 1 जनवरी 2015 के बाद से सी.ई.ओ. जनपद ने दौरा कार्यक्रम अनुमोदित करने के बाद दौरे किये हैं? यदि नहीं, तो स्वेच्छाचारिता से दौरा करने पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्राप्त शिकायत के तारतम्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत राघौगढ़ को 24 फरवरी 2018 को जनपद पंचायत की बैठक आयोजन हेतु निर्देशित किया गया, जिसके परिपालन में दिनांक 24 फरवरी 2018 को जनपद पंचायत राघौगढ़ की सामान्य सभा एवं सामान्य प्रशासन समिति की बैठक का आयोजन किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, दौरा कार्यक्रम अनुमोदन बिना ही दौरे किये गये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को भविष्य में अनुमोदन कराकर/अग्रिम दौरा कार्यक्रम भेजकर दौरा करने हेतु निर्देशित किया गया।
ग्वालियर विकास प्राधिकरण में भू-खण्ड आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
177. ( क्र. 5444 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जय भारत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. ग्वालियर द्वारा दिनांक 19.04.2004 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्वालियर विकास प्राधिकरण को महादजी नगर आवासीय योजना में संस्था आवासीय भू-खण्ड आवंटित करने हेतु आवेदन दिया था। (ख) क्या दिनांक 23.10.2004 ग्वालियर विकास प्राधिकरण ग्वालियर के पत्र क्रमांक ग्वा.वि/04/3642 के द्वारा इक्कीस भू-खण्ड समिति को आवंटित करने का पत्र दिया गया था? जिसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ किश्त के बारे में भी जानकारी दी गई थी? (ग) क्या गृह निर्माण समिति द्वारा दिनांक 18.02.2005 पंजाब नेशनल बैंक शाखा चेतकपुरी से डिमाण्ड ड्राफ्ट के माध्यम से विकास प्राधिकरण को प्रथम किश्त के रूप में दो लाख चौवन हजार छ: सौ पच्चीस हजार रूपये राशि जमा कराई गई थी? प्राधिकरण को राशि कब प्राप्त किस खाते में जमा की पूर्ण जानकारी राशि सहित दी जावे? (घ) यह गृह निर्माण समिति द्वारा अनेक पत्राचार किये? लेकिन फाइल प्राधिकरण से उपलब्ध नहीं है? प्राधिकरण हमेशा रिकार्ड उपलब्ध का पत्र गृह निर्माण समिति को भेज देता है, जबकि संपूर्ण रिकार्ड विकास प्राधिकरण पर ही होना चाहिए? क्या शासन आगे की कार्यवाही हेतु निर्देशित करेगा? , यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) संबंधित आवेदन दिनांक 19/04/2004 ग्वालियर विकास प्राधिकरण, ग्वालियर की आवक पंजी में दर्ज होना नहीं पाया गया। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। राशि रूपये दो लाख चौवन हजार छ: सौ पच्चीस रूपये दिनांक 24/02/05 को प्राधिकरण के खाते में जमा हुये। (घ) जय भारत गृह निर्माण सहकारी समिति से संबंधित मूल नस्ती ग्वालियर विकास प्राधिकरण कार्यालय में दिनांक 27/12/2006 से अनुपलब्ध है। प्राधिकारी बोर्ड बैठक दिनांक 30/09/2004 निर्णय क्रमांक 189 अनुसार समिति का आवंटन स्वमेव निरस्त होने तथा बोर्ड बैठक निर्णय 221 दिनांक 22/03/2005 द्वारा समिति को दिया गया अतिरिक्त समय भी व्यतीत हुये 12 वर्ष से भी अधिक का समय होने से शासन स्तर से कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र का विकास
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
178. ( क्र. 5445 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र में कितनी शासकीय भूमि एवं कितनी किसानों की जमीन औद्योगिक क्षेत्र हेतु अधिग्रहण की है? सर्वे नं. रकबा सहित गांवों के नाम बताये जावे। (ख) उक्त औद्योगिक क्षेत्र में सड़क निर्माण, बिजली, जल शुद्धीकरण यंत्र, जल सप्लाई टंकी हेतु कितनी राशि वर्ष 2017 तक आवंटित एवं खर्च की गई है? जानकारी आइटमवार दी जावे। (ग) सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष जनवरी, 2018 तक कितनी इकाइयां/कम्पनी स्थापित हुई हैं? उनके नाम, लागत राशि व्यय की है? (घ) उक्त क्षेत्र में किस साईज के अलग-अलग प्लॉट बनाये गये? उनकी जमीन एवं डेवलपमेन्ट चार्ज कितना रखा है वर्तमान में स्थापित इकाइयों ने किस साईज के प्लाट आवंटित कराये हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर हेतु ग्राम जखोदा, धनेला, सपचोली पहाड़ी की कुल 352.891 हेक्टर शासकीय भूमि आई.आई.डी.सी. ग्वालियर को हस्तांतरित की गई हैं। सर्वे क्रमांकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र प्रपत्र-'अ' अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र हेतु किसानों की भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया हैं। (ख) उक्त औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष 2017 तक सड़क निर्माण, जल शुद्धीकरण सयंत्र तथा जल प्रदाय टंकी एवं जल प्रदाय व्यवस्था हेतु वर्ष 2017 तक स्वीकृत परियोजना प्रतिवेदन राशि की जानकारी आयटमवार निम्न हैं:-
(राशि लाख में)
क्र. |
आयटम |
प्रावधित राशि |
व्यय राशि |
1. |
सड़क निर्माण |
4158.07 |
3449.73 |
2. |
जल प्रदाय कार्य |
1911.37 |
149.83 |
3. |
बिजली कार्य |
902.78 |
654.34 |
|
योग- |
6972.22 |
4253.90 |
(ग) निरंक (घ) औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 1800 से 19620 वर्गमीटर विभिन्न आकार के भू-खण्ड बनाये गये हैं। भूमि प्रब्याजी एवं डेवलपमेंट चार्ज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वर्तमान में कोई भी इकाई स्थापित नहीं हैं।
जलाशय एवं पेयजल आवर्द्धन योजना का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
179. ( क्र. 5483 ) पं. रमेश दुबे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर परिषद् बिछुआ जिला छिन्दवाड़ा के नागरिकों के पेयजल आपूर्ति हेतु गोनावाड़ी जलाशय एवं पेयजल आवर्द्धन योजना का निर्माण कराये जाने के संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने नगर परिषद् बिछुआ के लिए गोनावाड़ी जलाशय एवं पेयजल आवर्द्धन योजना का निर्माण कराये जाने हेतु पत्र क्रमांक 1416 दिनांक 14/09/2016 माननीय मंत्री नगरीय विकास एवं आवास, म.प्र. शासन एवं पत्र क्रमांक 1417 दिनांक 14/09/2016 आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश को प्रस्तुत किया हैं? (ग) यदि हाँ, तो गोनावाड़ी जलाशय एवं पेयजल आवर्द्धन योजना के निर्माण की दिशा में अब तक किस स्तर से क्या सार्थक पहल की गया है? कब तक स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा? (घ) क्या शासन गोनावाड़ी जलाशय एवं पेयजल आवर्द्धन योजना की शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कराने का आदेश देगा यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, बिछुआ की जलप्रदाय योजना मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत स्वीकृत है, जिसके अनुसार बचकुही डेम को जलस्त्रोत लिया गया था, परन्तु जलस्त्रोत में पर्याप्त जल न होने से जल संसाधन विभाग ने जल उपलब्धता की सहमति नहीं दी है। योजना में पेयजल के स्त्रोत के चिन्हांकन की कार्यवाही प्रचलित है। जल संसाधन विभाग द्वारा नगर परिषद्, बिछुआ की पेयजल आपूर्ति हेतु गोनावाड़ी जलाशय के निर्माण के लिये प्रारंभिक योजना तैयार की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) गोनावाड़ी जलाशय निर्माण की योजना की साध्यता जल संसाधन विभाग द्वारा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की गई है। जल संसाधन विभाग द्वारा योजना के निर्माण कार्य कराने के संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। जल संसाधन विभाग को जलाशय निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने हेतु अनुरोध किया गया है। (घ) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
180. ( क्र. 5486 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के नागौद विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत रौड, सिंहपुर, दुर्गापुर, नोनगरा, आमा, मडई, अतरौरा, अमकुई, शिवराजपुर एवं दुरेहा में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 311 कार्य प्रगतिरत बताये जा रहे हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत वर्णित ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं हितग्राहियों से मिल-मिलाकर सी.ई.ओ. जनपद एवं ब्लॉक समन्वयक द्वारा कार्य पूर्ण दिखाते हुये ऑन-लाईन पेमेंट कर दिया गया है? इस प्रकार लगभग 4.50 करोड़ रूपये लगभग खुर्द-बुर्द कर दिये हैं। कोई भी आवास अभी तक पूरा नहीं हुआ है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) व (ख) सही है, तो प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े जनपद एवं ग्राम पंचायत के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों की भूमिका की जांच कब तक करा ली जायेगी? क्या दोषी कर्मचारियों व अधिकारियों के विरूद्ध वसूली एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। 495 आवास स्वीकृत है। प्रश्न दिनांक तक 420 आवास पूर्ण होकर 75 आवास प्रगतिरत है। (ख) जी नहीं। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
अतिक्रमित भूमि में काबिजों को पट्टे का वितरण
[वन]
181. ( क्र. 5487 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी, बैतूल, बालाघाट, सिवनी, उमरिया, अनूपपुर, मण्डला, छिंदवाड़ा, शहडोल जिले में संरक्षित वन सर्वे में नारंगी वन भूमि सर्वे में किस ग्राम में किस खसरा नम्बर का कितना रकबा अतिक्रमित पाया गया? उस पर काबिज कितने अतिक्रमणकारियों को प्रश्नांकित दिनांक तक वन भूमि का पट्टा या वन अधिकार पत्र वितरित किया? कितनी अतिक्रमित भूमि के प्रश्नांकित दिनांक तक भी पट्टा या अधिकार पत्र वितरित नहीं किए गए? (ख) अतिक्रमित पाई गई वन भूमि पर काबिजों को पट्टा एवं अधिकार पत्र दिए जाने के संबंध में वन विभाग ने कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की है? किन कारणों से कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की गई? (ग) कब तक अतिक्रमित भूमि पर काबिजों को पट्टा या अधिकार पत्र वितरित कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में वन अधिकार पत्र के लिए कब-कब किसने-किसने आंदोलन किये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) डिण्डौरी, बैतूल, बालाघाट, सिवनी, उमरिया, अनूपपुर, छिन्दवाड़ा, शहडोल जिले में संरक्षित वन सर्वे में नारंगी वन भूमि सर्वे में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं पाया गया, किन्तु मण्डला जिले के पश्चिम मण्डला वनमंडल अंतर्गत 44.31 हेक्टेयर क्षेत्र अतिक्रमित पाया गया, जिस पर काबिज 53 अतिक्रमणकारियों को वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वन भूमि पर काबिज 53 अतिक्रमणकारियों को वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) वन भूमि पर काबिज 53 अतिक्रमणकारियों को वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) डिण्डौरी, बालाघाट, सिवनी, उमरिया, अनूपपुर, छिन्दवाड़ा, शहडोल जिले में वन अधिकार पत्र के लिये आंदोलन किये जाने की घटना प्रकाश में नहीं आई है, किन्तु बैतूल जिले में वन अधिकार पत्र के लिये ज्ञापन देने एवं सम्मेलन किये जाने की दो घटनायें प्रकाश में आई।
लघु वनोपज पर पंचायतीराज व्यवस्था अंतर्गत प्रावधान
[वन]
182. ( क्र. 5488 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लघु वनोपज पर पंचायतीराज व्यवस्था से संबंधित संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार पंचायत विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी कार्यवाही नहीं की है? (ख) 11वीं अनुसूची, पेसा कानून एवं वन अधिकार कानून में लघु वनोपज के संबंध में क्या प्रावधान दिए हैं? इन प्रावधानों का पालन किये जाने के संबंध में पंचायत विभाग ने किस दिनांक को अधिसूचना या आदेश जारी किए? प्रति सहित बतावें। यदि अधिसूचना एवं आदेश जारी नहीं किए हो, तो कारण बतायें। (ग) किस-किस लघु वनोपज के संग्रहण, भण्डारण विपणन, परिवहन पर प्रतिबंध लगाकर वन अपराध पंजीबद्ध करने का प्रावधान संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून एवं वन अधिकार कानून में दिया है? (घ) प्रतिबंध लगाकर वन अपराध पंजीबद्ध करने वालों के विरूद्ध किन-किन कार्यवाहियों के क्या-क्या प्रावधान हैं? उसके लिए सक्षम अधिकारी कौन-कौन हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। लघु वनोपज पर संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 के प्रावधान लागू है। (ख) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून एवं वन अधिकार अधिनियम में लघु वनोपज के संग्रहण, भण्डारण, विपणन एवं परिवहन पर रोक लगाकर वन अपराध पंजीबद्ध करने के प्रावधान नहीं है। (घ) राज्य सरकार या प्राधिकृत अधिकारी वनक्षेत्र से वनस्पति एवं जीव-जन्तुओं की विभिन्न प्रजातियों के जीवन चक्र (लाईफ साइकिल) के आधार पर वनोपज के संग्रहण, निष्कर्षण की पोषणीय कटाई को सुनिश्चित करने के लिये एक वर्ष की कतिपय कालावधि को मध्यप्रदेश वन उपज (जैव विविधता का संरक्षण और पोषणीय कटाई) नियम 2005 के नियम 4 एवं 5 के प्रावधानुसार कतिपय वनक्षेत्रों को विनिर्दिष्ट कालावधि हेतु निषिद्ध मौसम एवं निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर सकेगी। तदानुसार विशिष्ट कालावधि के लिये निषिद्ध की गई लघु वनोपज के भण्डारण एवं परिवहन पर जैव विविधता अधिनियम 2002, मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता नियम 1964, मध्यप्रदेश वनोपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969, भारतीय वन अधिनियम 1927 की विभिन्न धाराओं के उल्लंघन होने पर वन अपराध पंजीबद्ध किये जा सकते हैं। अतः लघु वनोपज के संग्रहण, भण्डारण, विपणन एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाकर वन अपराध पंजीबद्ध करने वाले कर्मचारी/अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आईसेक्ट कॉलेज की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
183. ( क्र. 5491 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के आईसेक्ट कॉलेज छैगांव माखन की स्वीकृति शासन के मापदण्डों के तहत दी गई है? यदि हाँ, तो क्या वह शासन के नियमों का पालन कर रहा है? (ख) क्या शासन द्वारा मिलने वाले अन्य लाभों के तहत छात्रों को उचित लाभ दिया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। आईसेक्ट कॉलेज छैगाँव माखन को सत्र 2017-18 में आयुक्त उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश द्वारा विश्वविद्यालय परिनियम 27 में उल्लेखित प्रावधानों के अन्तर्गत महाविद्यालय का निरीक्षण कर बी.ए.-प्रथम वर्ष, हिन्दी, राजनीति, समाजशास्त्र तथा बी.काम.-प्रथम वर्ष प्लेन/टैक्स के लिये अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया गया है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा सत्र 2017-18 के लिए महाविद्यालय को सम्बद्धता प्रदान की गयी है। (ख) जी हाँ वह शासन के नियमों का पालन कर रहा है। जी हाँ। शासन द्वारा मिलने वाले अन्य लाभों के तहत पात्रतानुसार छात्रों को उचित लाभ दिया जाता है।
विभिन्न पेंशन योजनांतर्गत हितग्राहियों को लाभ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
184. ( क्र. 5498 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के द्वारा केन्द्र/राज्य शासन के सहयोग से कितने प्रकार की पेंशन योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संबंधित पंचायत के निकायों द्वारा उक्त जिले के उक्त अवधि में कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? कितने लोगों को पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है? जनपदवार स्वीकृत किये गये प्रकरणों का विवरण देते हुये बतायें कि इनको कितनी-कितनी राशि किस माह में भुगतान की गई तथा उनमें से कितने लोग भुगतान से वंचित हैं? (ग) क्या ऐसे भी हितग्राही हैं जिनकी पेंशन स्वीकृत होने के बाद भी भुगतान नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो कारण बतायें एवं यह भी बतायें कि इनको कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) क्या ऐसे भी पेंशन के पात्र हितग्राही हैं, जिनको उक्त योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग उन पात्र हितग्राही का कब तक सर्वे करवाकर के पेंशन का लाभ दिला देगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र शासन की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन एवं राज्य शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजनाएं संचालित की जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संबंधित पंचायत के निकायों में जिले के उक्त अवधि में 39429 प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं तथा पूर्व से 44293 हितग्राहियों को विभिन्न पेंशन योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। जनपद पंचायतवार भुगतान कि गई माहवार राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशासकीय महाविद्यालयों के ब्लॉक ग्रान्ट की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
185. ( क्र. 5503 ) श्री संजय उइके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों को ब्लॉक ग्रान्ट दिया जाता हैं? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग में कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से अशासकीय महाविद्यालयों को शासन से अनुदान दिया जा रहा है? किन-किन महाविद्यालयों को कितना-कितना ब्लॉक ग्रान्ट वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक दिया जा रहा है? किन-किन महाविद्यालयों द्वारा संस्थागत खाता खोला गया है? खाते का संचालन किन-किन के द्वारा किया जा रहा है? (ग) क्या संस्थागत खाते से महाविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने का नियम है? यदि है, तो नियम की प्रति देवें एवं नियमों का पालन किन कारणों से नहीं किया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय, भोपाल का पत्र क्रमांक एफ-73/6/2000/सी-3/38 भोपाल, दिनांक 12 जुलाई, 2000 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वर्तमान में संस्थागत निधि खाते के माध्यम से भुगतान नहीं होता है। वर्तमान में ई-पेमेन्ट से भुगतान होता है।
चयन/छानबीन समिति की बैठक की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
186. ( क्र. 5504 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के निकायों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को विनियमित करने की योजना में संभागीय मुख्यालयों के पदस्थ उपसंचालकों की अध्यक्षता में चयन/छानबीन समिति गठित की गई थी? जिसके उपरांत निकायों द्वारा विनियमित करने की कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले के किन-किन निकायों द्वारा जो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी दिनांक 15 मई 2007 तक कार्यरत थे, उन्हें ही विनियमित किया गया एवं किन-किन निकायों द्वारा जो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी एक सितम्बर 2016 तक कार्यरत थे, उन सभी कर्मचारियों को विनियमित किया गया है? (ग) उपसंचालकों द्वारा चयन/छानबीन समिति की बैठक कब-कब बुलाई गई? (घ) क्या जो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी 15 मई 2007 को कार्यरत था एवं 1 सितम्बर 2016 को भी कार्यरत था, किंतु बीच में एक वर्ष/छ:माह तक कार्य नहीं किया हो, उन्हें भी विनियमितीकरण की क्या पात्रता होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले में 6 नगरीय निकाय है, जिसमें से नगरपालिका परिषद्, मलाजखण्ड एवं नगरपालिका परिषद्, वारासिवनी में पदस्थ दैनिक वेतनभोगी/श्रमिकों को जो 16 मई 2007 की स्थिति में पदस्थ रहे है, उन्हें ही स्थायीकर्मी विनियमितीकरण किए जाने की अनुशंसा की गई है एवं नगर परिषद् बैहर/लांजी/कंटगी एवं नगरपालिका परिषद् बालाघाट को पूर्ण प्रस्ताव भेजने के निर्देश संयुक्त संचालक, जबलपुर द्वारा दिये गये है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। ऐसे दैनिक वेतनभोगी दिनांक 16 मई 2007 को कार्यरत थे व दिनांक 01 सितंबर 2016 को भी कार्यरत है, इस वेतन क्रम एवं अन्य लाभों के लिए पात्र होंगे। दिनांक 16 मई 2007 के पश्चात् शासन की अनुमति/अनुमोदन उपरान्त सक्षम अधिकारी द्वारा दैनिक वेतनभोगी के पद पर नियुक्त किए गये हैं, उन्हें भी योजना की पात्रता होगी। दिनांक 01 सितम्बर 2016 के पूर्व सेवानिवृत्त/सेवा से पृथक किये गये अथवा सेवा छोड़ चुके दैनिक वेतन भोगियों को इस योजना की पात्रता नहीं होगी।
सुदुर ग्राम सड़क व खेल मैदान निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
187. ( क्र. 5507 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जावरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 सं प्रश्न दिनांक तक सुदूर सड़क एवं खेल मैदान निर्माण के कार्य कराये गये हैं? (ख) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पिपलौदा की 52 ग्राम पंचायतों के ग्राम एवं जावरा जनपद की 38 ग्राम पंचायतों के ग्राम आकर कुल 90 ग्राम पंचायतें कार्यरत हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नगत उल्लेखित वर्षों में किन-किन ग्राम पंचायतों के अंतर्गत किन-किन ग्रामों, मार्गों एवं आवागमन हेतु सुदुर ग्राम सड़कें योजना अंतर्गत बनी एवं कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? कितने पूर्ण रहे, कितने अपूर्ण रहे? (घ) साथ ही अवगत कराएं कि महात्मा गांधी नरेगा मद से उपरोक्त प्रश्नागत उल्लेखित ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत खेल मैदान निर्माण के कितने कार्य कितनी लागत से स्वीकृत किये गये एवं मूल्यांकन अनुसार कितना व्यय हुआ? युवा खिलाडियों को खेलने के लिये कितने खेल मैदान पूर्ण हो गये एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं। अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार उल्लेखित वर्षों में 76 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 90 ग्रामों में, मार्गों एवं आवागमन हेतु ''सुदूर ग्राम सड़क योजना'' अंतर्गत सड़कें बनी एवं 2418.65 लाख का बजट स्वीकृत होकर 853.23 लाख व्यय हुआ। 15 कार्य पूर्ण है एवं 105 कार्य अपूर्ण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) महात्मा गांधी नरेगा मद से उपरोक्त प्रश्नागत उल्लेखित ग्राम पंचायतों के अंतर्गत खेल मैदान निर्माण के 80 कार्य, 227.07 लाख लागत में स्वीकृत किये गये एवं मूल्यांकन अनुसार 152.78 लाख व्यय हुआ। युवा खिलाड़ियों को खेलने के लिये 36 खेल मैदान पूर्ण हो गये एवं 44 कार्य अपूर्ण है। नरेगा माँग आधारित योजना होने से पूर्णता की तिथि निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पार्क के क्षेत्रफल में अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
188. ( क्र. 5513 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल के वार्ड क्र.29, नेहरू नगर, भोपाल में कोपल स्कूल के पीछे मकान नं. एस-315 से 324 तक/347 से 354 तक/355 से 368 तक तथा 375 से 387 तक के बीचों-बीच कितने वर्गफीट भूमि पार्क निर्माण हेतु नगर पालिक निगम को हाउसिंग बोर्ड से कॉलोनी हस्तान्तरण के समय मिली थी? नक्शे की प्रति सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) पार्क की चारों दिशाओं की बाउण्ड्रीवॉल तथा पार्क के चारों दिशाओं के सामने बने घरों के बीच में बनी सड़क की चौड़ाई कितने वर्गफीट है? प्रश्न दिनांक तक की सही स्थिति का माप बतायें। (ग) पार्क की बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण के समय तीनों दिशाओं के अपेक्षाकृत उत्तर दिशा में सड़क हेतु म.न. 316 से 324 के सामने अधिक जगह क्यों छोड़ी गई थी? अधिक चौड़ी सड़क लगभग 23 फीट का फायदा उठाकर सड़क पर झुग्गियां बनाने वालों को शिकायत के बाद भी क्यों नहीं हटाया जा रहा है? (घ) पार्क की सीमा के वास्तवित क्षेत्रफल में सुधार करने हेतु तथा सड़क पर झुग्गी बनाने वाले अतिक्रमणकारियों से स्थायी निजात पाने हेतु, म.न. 316 से 324 के सामने से पार्क की बाउण्ड्रीवॉल तक अधिक चौड़ी सड़क की चौड़ाई को, दूरी को कम क्यों नहीं किया जा रहा हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल को उक्त कॉलोनी वर्ष 1992 को हस्तांतरित हुई है। हस्तांतरण के समय नेहरू नगर स्थित मकान नंबर एस-315 से 324 तक 347 से 354 तक 355 से 368 तक तथा 375 से 387 तक के बीच 1260 वर्गमीटर भूमि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पार्क की चारों दिशाओं की बाउण्ड्रीवॉल तथा पार्क के चारों दिशाओं के सामने बने घरों के बीच में बनी सड़क की चौड़ाई निम्नानुसार है। 1. एस-348 से एस-353 (4.90+5.50 मीटर) 2. एस-377 से 386 - (4.90+5.40 मीटर) 3. एस-365 से 355 - (4.70+4.50 मीटर) 4. एस-316 से 324 - (4.30+6.35 मीटर) (ग) मकान नंबर 316 से 324 के सामने मुख्य सड़क होने के कारण तत्समय अधिक जगह छोड़ी गई थी। प्रश्नाधीन स्थल पर स्थित झुग्गियों को जिला प्रशासन के साथ समन्यव स्थापित कर दिनांक 05.03.2018 को हटा दिया गया है। (घ) पार्क की बाउण्ड्रीवॉल लगभग 20 वर्ष पूर्व से बनी है। तत्कालीन तकनीकी अधिकारियों द्वारा स्वविवेक से निर्णय लेते हुये पार्क की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण किया गया था वर्तमान में सड़क की चौड़ाई को कम नहीं किया जा सकता है। उत्तरांश (ग) में दी गई जानकारी अनुसार वर्तमान में निगम द्वारा अतिक्रमण हटा दिया गया है।
सागर संभाग में संचालित महाविद्यालयों की व्यवस्था
[उच्च शिक्षा]
189. ( क्र. 5514 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शैक्षणिक सत्र 2016-17 एवं 2017-18 में सागर संभाग में कहाँ-कहाँ महाविद्यालय संचालित किये गये और उनके अग्रणी महाविद्यालय कौन-कौन से हैं? महाविद्यालय संचालन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किन-किन महाविद्यालयों का डिप्लॉय कब-कब, कितने समय के लिए किया गया? (ख) क्या कुछ सहायक प्राध्यापकों का डिप्लॉयमेंट अल्पकाल के लिए किया गया एवं कुछ सहायक प्राध्यापकों का दो-दो माह के लिए किया गया है? यदि हाँ, तो इसके कारण स्पष्ट करें। क्या डिप्लॉयमेंट में अग्रणी महाविद्यालयों के अतिशेष प्राध्यापकों/सह. प्राध्यापकों को ही डिप्लॉय किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शैक्षणिक सत्र 2016-17 एवं 2017-18 में मालथौन, बक्सवाहा, मकरोनिया में नवीन महाविद्यालय संचालित किये गये। मालथौन एवं मकरोनिया में संचालित शासकीय महाविद्यालयों के लिए अग्रणी महाविद्यालय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर है तथा शासकीय महाविद्यालय बक्सवाहा के लिए अग्रणी महाविद्यालय शासकीय महाराजा महाविद्यालय, छतरपुर है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (अल्पकालिक के लिये नहीं किया गया) जी हाँ। आदेश में संशोधन के कारण 08 सहायक प्राध्यापकों की डिप्लॉयमेंट की अवधि 02 माह से कम थी। दोनों अग्रणी महाविद्यालयों में अतिशेष सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक पदस्थ थे। डिप्लॉयमेंट की कार्यवाही आवश्यकतानुसार शैक्षणिक व्यवस्था बनाये रखने हेतु की गयी है।
प्राप्त आवंटन से निर्माण कार्यों की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
190. ( क्र. 5517 ) सुश्री मीना सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत जनभागीदारी मद से वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन से जिले को कितना आंवटन प्राप्त हुआ है? आहरण आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्राप्त आवंटन से कौन से कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? नगरीय, क्षेत्रवार, ग्रामवार कार्यों के नाम का विवरण देंवे। (ग) क्या जिले से प्राप्त आंवटन राशि के मान से अधिक के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या स्वीकृत कार्य नियमानुसार हैं? यदि नहीं, तो संबंधित के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
सड़क/पुल-पुलिया निर्माण के प्रस्तावों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
191. ( क्र. 5518 ) सुश्री मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक मानपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत कौन-कौन से सड़क/पुल-पुलियों के निर्माण कार्य हेतु विभागीय स्तर से शासन को प्रस्ताव कब भेजे गये एवं कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृति के पश्चात अभी तक प्रारंभ एवं लंबित हैं? (ग) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत छूटे ग्रामों को जोड़ने हेतु क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सभी पात्र ग्रामों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत छूटे मार्गों को जोड़ने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई।
मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा की विभागवार जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
192. ( क्र. 5521 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में हाल ही में हुई नमामि देवी नर्मदे यात्रा अवधि के दौरान मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा की विभागवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियावयन हेतु क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की जाती है? यदि नहीं, तो क्या शासन मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा की समय-सीमा निर्धारित करेगा? (ग) उक्त अवधि में मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं पर क्रियावयन कर अधूरी घोषणाओं को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नमामि देवि नर्मदे यात्रा में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा विभिन्न विभागों से संबंधित घोषणाऐं की गई है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनूपपुर जिले में वृक्षारोण की जानकारी
[वन]
193. ( क्र. 5522 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक वृक्षारोपण कार्यक्रमों के अंतर्गत कितने एवं किस-किस प्रजाति के पौधे, कितनी-कितनी दर पर, किस-किस नर्सरी अथवा फर्म से खरीदे गये? तहसीलवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वृक्षारोरण कार्यक्रमों के पौधों के सुरक्षा, वृक्षारोपण, खाद्य व परिवहन आदि पर हुये व्यय पर पौधों की खरीदी में अपनाई गई प्रक्रिया का ब्यौरा क्या है? (ग) उक्त जिले एवं उक्त अवधि में लगाये गये कितने पौधे आज दिनांक तक सुरक्षित हैं? कितने नष्ट हुये? नष्ट हुये पौधों के लिये कौन जिम्मेदार है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) प्रश्न की जानकारी वृहद स्वरूप की है। अत: जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गरीब वर्ग के लिए आरक्षित भूमि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
194. ( क्र. 5525 ) श्री कमलेश शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01/01/2015 से 31/01/2018 तक की स्थिति में उज्जैन जिले की बड़नगर, खाचरोद व बैतूल जिले की आमला विधानसभा क्षेत्रों की कॉलोनियों में गरीब वर्ग के लिए आरक्षित कितनी भूमि विक्रय की गई? (ख) प्रश्न दिनांक तक (क) अनुसार क्षेत्रों में गरीब वर्ग के लिए कितनी भूमि कहाँ-कहाँ रिक्त हैं? कॉलोनी नाम, रकबा सहित उज्जैन जिले की विधानसभा क्षेत्रवार देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उज्जैन जिले की बड़नगर, खाचरोद विधानसभा क्षेत्रों की कॉलोनियों में गरीब वर्ग के लिए आरक्षित भूमि एवं विक्रय भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बैतूल जिले की आमला सीमा क्षेत्रान्तर्गत कॉलोनाईजर द्वारा वार्ड क्रमांक 03 लालबहादुर शास्त्री वार्ड अंतर्गत पंचवटी रेसीडेन्सी कॉलोनी की भूमि रकबा 13510 वर्गमीटर में से गरीब वर्ग के लिए 1850.5 वर्गमीटर भूमि बंधक रखी गयी है तथा बंधक भूमि में से कोई भूमि विक्रय नहीं की गयी है। (ख) उज्जैन जिले की बड़नगर, खाचरोद विधानसभा क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बैतूल जिले की नगरपालिका परिषद्, आमला में पंचवटी रेसीडेन्सी कॉलोनी रकबा 13510 वर्गमीटर में से, गरीब वर्ग के लिए आरक्षित एवं रिक्त रकबा 1850.5 वर्गमीटर है।
व्यय की जानकारी
[वन]
195. ( क्र. 5527 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3203 दिनांक 27/07/2017 के प्रश्नांश (क) में वर्णित छिंदवाड़ा, बैतूल एवं बड़वानी जिले में दर्शाये व्यय की जानकारी फर्म/व्यक्ति नाम, कार्य नाम, बैंक खाता नंबर, टी.डी.एस. कटौत्रे सहित वर्षवार वनमंडल नाम सहित देवें। फर्म/व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति भी देवें? (ख) यदि टी.डी.सी. कटौत्रा नहीं किया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी दिनांक 02/07/2017 के पौधारोपण के संबंध में भी देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हरियाली महोत्सव व पौधारोपण में व्यय राशि
[वन]
196. ( क्र. 5528 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3203 दिनांक 27/07/2017 के प्रश्नांश (क) में वर्णित हरियाली महोत्सव में बड़वानी एवं खरगोन जिले में दर्शाये व्यय की जानकारी फर्म/व्यक्ति नाम, कार्य, बैंक खाता नंबर, टी.डी.एस. कटौत्रे अन्य कटौत्रे राशि, सहित वर्षवार वनमंडल नाम सहित देवें। फर्म/व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति भी देवें। ? (ख) क्या कारण है कि भुगतान में टी.डी.एस कटौत्रा कई मामले में नहीं किया गया हैं? इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम, सहित देवें। इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्न क्रमांक 3203 दिनांक 27/07/2017 के प्रश्नांश (घ) के क्रमांक 100, 101, 102 एवं 103 में वर्णित निविदा प्रक्रिया में शामिल फर्मों के नाम, पता, क्रमांकवार देवें। चयनित विक्रेता फर्मों/व्यक्तियों के जी.एस.टी/टिन नंबर, प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति, बैंक खाता नंबर, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि सहित देवें। निविदा प्रक्रिया में शामिल सभी फर्मों द्वारा जमा टेंडर फार्म की छायाप्रति क्रमांकवार देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भुगतान की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
197. ( क्र. 5531 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 3213 दि. 27.07.2017 के (ख) उत्तर में जिन पौधे सप्लाय फर्मों की जानकारी दी है, उनके द्वारा प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति देवें। (ख) इनका कितना T.D.S. काटा गया? क्या पूर्ण भुगतान कर दिया गया या लंबित है? यदि लंबित है, तो फर्म नाम, राशि सहित देवें। (ग) क्या कारण है कि बिना T.D.S. काटे भुगतान कर दिया गया? इसके लिए दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
बड़ा राम मंदिर प्रकरण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
198. ( क्र. 5535 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01.01.17 से 22.02.18 महिदपुर वि.स. क्षेत्र के बड़ा राम मंदिर प्रकरण में शासन की ओर से नियुक्त अधिवक्ता किन-किन तारीखों में उपस्थित/अनुपस्थित रहे? अधिवक्ता के नाम, सहित जानकारी देवें। (ख) प्रकरण की अद्यतन स्थिति देकर बतावें कि इसकी अंतिम सुनवाई कब नियत है? (ग) जिन तारीखों में शासकीय अधिवक्ता अनुपस्थित रहे उसके क्या कारण रहे? क्या ये बिना सूचना के अनुपस्थित रहे? यदि हाँ, तो इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही होगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के समक्ष द्वितीय अपील क्रमांक 72/2001 में दिनांक 01/01/2017 से दिनांक 22/2/2018 तक बड़ा राम मंदिर प्रकरण में शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता श्री अभिषेक सोनी कोर्ट में लगने वाली प्रत्येक तारीखों पर उपस्थित हो रहे है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रचलित द्वितीय अपील क्रमांक 72/2001 में प्रकरण में अद्यतन स्थिति की अंतिम बहस हेतु तारीख 5/3/2018 नियत हुई थी। आगामी तिथि का निर्धारण माननीय उच्च न्यायालय द्वारा किया जावेगा। (ग) प्रकरण में कोई भी तिथि पर शासकीय अधिवक्ता अनुपस्थित नहीं रहे। उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रूप से क्रेशर संचालन
[खनिज साधन]
199. ( क्र. 5539 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत बम्हौरी अब्दा विकासखण्ड जतारा में राम नगर खुई में खसरा क्र. 1/1 क रकबा 4.00 है. में स्टोन क्रेशर संचालित है? यदि हाँ, तो उक्त क्रेशर संचालन करने वाले व्यक्ति के द्वारा ग्राम पंचायत से एन.ओ.सी. कब प्राप्त की है? (ख) क्या उक्त क्रेशर के अवैध रूप से स्थापित किये जाने के संबंध में सरपंच ग्राम पंचायत बम्हौरी अब्दा द्वारा ग्राम सभा की कार्यवाही सहित दिनांक 28/01/18 की ग्रामसभा का जिक्र कर पालन में उक्त क्रेशर को हटाये जाने हेतु जिला खनिज अधिकारी टीकमगढ़ को दिनांक 21/02/18 का पत्र दिया है? (ग) यदि हाँ, तो उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई तथा कार्यवाही यदि नहीं, की गई है, तो कारण स्पष्ट करें एवं ग्राम सभा की कार्यवाही अनुसार उक्त अवैध क्रेशर को वहां से कब तक हटा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित क्षेत्र पर स्वीकृत उत्खनिपट्टा क्षेत्र में नियमानुसार क्रेशर स्थापित/संचालित हैं। क्रेशर संचालन हेतु ग्राम पंचायत से एन.ओ.सी. की आवश्यकता नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पत्र दिनांक 21.02.2018 कलेक्टर कार्यालय, टीकमगढ़ को प्राप्त हुआ है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्राप्त पत्र अनुसार खनिज विभाग एवं राजस्व विभाग के संयुक्त दल से जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन अनुसार कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल विकास प्राधिकरण अंतर्गत विकास कार्यों में अनियमितता की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
200. ( क्र. 5561 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल विकास प्राधिकरण अंतर्गत कटारा हिल्स स्थित स्वामी विवेकानंद आवासीय परिसर में भवन निर्माण एवं सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार किये जाने संबंधी प्रकरण विभाग में प्रचलन में हैं? (ख) क्या इसी संबंध में लोकायुक्त संगठन में भी प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो उसमें किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज है एवं प्रश्न दिनांक तक प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई है? अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (ग) प्रकरण में दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभाग स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रकरण वर्तमान में किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? संबंधित अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में किस-किस पद पर कार्यरत हैं एवं किस-किस प्रकार का कार्य संपादित कर रहे हैं? (घ) क्या विभाग को मुख्य कार्यपालन अधिकारी भोपाल विकास प्राधिकरण से दिनांक 28/03/2017 तक चाहे गये अभिलेख एवं जानकारी प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो उक्त अभिलेखों के आधार पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रकरण लोकायुक्त संगठन में दर्ज है। (ख) जी हाँ, लोकायुक्त संगठन द्वारा प्रकरण क्रमांक वि/38/27/2016-17 विरूद्ध भोपाल विकास प्राधिकरण के नाम से दर्ज होकर इसमें किसी अधिकारी/कर्मचारी का नाम अंकित नहीं है। प्रकरण वर्तमान में लोकायुक्त कार्यालय में विवेचना में है। (ग) उत्तराशं (ख) अनुसार प्रकरण विवेचना में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा जानकारी लोकायुक्त संगठन को उपलब्ध कराई गई है।
बी.आर.जी.एफ. योजना के संविदा कर्मचारियों का संविलियन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
201. ( क्र. 5606 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में राज्य शासन द्वारा समाप्त बी.आर.जी.एफ. योजना के संविदा अधिकारी/कर्मचारी को अन्य विभाग/योजना में शामिल किया जा चुका है? यदि हाँ, तो शामिल किये गये सभी अधिकारी/कर्मचारियों के नियुक्ति आदेश की प्रति जिलावार, विभागवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या समाप्त की गई प्रश्नांश (क) योजना के अंतर्गत पदस्थ 87 कम्प्यूटर ऑपरेटरों का विगत 03 वर्षों में समानता के आधार पर समायोजन किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। यदि समायोजन की कार्यवाही प्रक्रिया प्रचलन में है, तो 87 संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटरों को कब तक अन्य विभागों में समायोजन कर पदस्थ कर दिया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) योजना अंतर्गत हटाये गये कम्प्यूटर ऑपरेटरों को भीषण आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ रहा है? साथ ही आयु सीमा समाप्त हो जाने के फलस्वरूप बेरोजगार कर्मचारी अन्य नियुक्तियों की पात्रता भी नहीं रख रहे हैं? यदि हाँ, तो शासन इन कर्मचारियों पर संवेदनाएं रखते हुये कोई नीति बनाने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासन स्तर से उक्त कर्मचारियों के समायोजन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। समायोजन नहीं किया गया है। बी.आर.जी.एफ. योजना समाप्ति उपरांत हटाये गये कम्प्यूटर ऑपरेटरों को समायोजन का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कम्प्यूटर ऑपरेटरों को विभागीय योजनाओं एन.आर.ई.जी.एस., आर.ई.एस., अन्य कार्यक्रमों में पात्रता के आधार पर समान सामर्थ्य पर लिये जाने हेतु अनुरोध किया गया है। जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तर (ग) अनुसार।
नियम विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
202. ( क्र. 5737 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री सुभाष शर्मा संविदा शिक्षक की जांच श्री पुरूषोत्तम शर्मा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मोहन बड़ोदिया जिला शाजापुर द्वारा बिना सक्षम अधिकारी व विभागीय सत्यापन के एक पक्षीय जांच रिपोर्ट क्रमांक 1-जांच/क्यू/2015/2010 दिनांक 9.6.2015 बनाने का स्पष्ट दोषी हैं? स्पेशल टास्क फोर्स पुलिस भोपाल की जांच में नियुक्ति नियमानुसार पायी गयी हैं तो फिर क्या श्री पुरूषोत्तम शर्मा की जांच रिपोर्ट निरस्त की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शिकायतकर्ता बबीता मिश्रा और जांच अधिकारी श्री पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा असत्य एवं निराधार जांच रिपोर्ट पद का दुरूपयोग करके बनायी गयी थी जबकि संविदा शिक्षक भर्ती नियमों में अपील का ही प्रावधान है एवं जांच का कोई प्रावधान नहीं हैं? क्या एस.टी.एफ. भोपाल की जांच में नियुक्ति सत्य पायी गयी हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में श्री सुभाष शर्मा द्वारा कई स्तरों पर अभ्यावेदनों के उपरांत जांच रिपोर्ट निरस्त नहीं की गयी है तथा गंभीर कदाचरण के दोषियों के विरूद्ध भी आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं करवाये गये हैं। यदि नहीं, तो प्रकरण कब तक दर्ज कराया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में बबीता मिश्रा एवं पुरूषोत्तम शर्मा के गलत संबंधों को दृष्टिगत रखते हुए इनके द्वारा नियम विरूद्ध बनायी गयी जांच रिपोर्ट तथा एस.टी.एफ भोपाल की जांच को दृष्टिगत रखते हुए निरस्त की जावेगी तथा दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों के विनियमितीकरण की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
203. ( क्र. 5971 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम कटनी में कार्यरत दैनिक वेतन कर्मियों/श्रमिकों को स्थाई कर्मी योजना के तहत विनियमितीकरण के संबंध में आयुक्त नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा कब एवं क्या आदेश किए गए और इन आदेशों के पालन की सभी कार्यवाहियों पूर्ण हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो कैसे? विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक संबंधित कर्मचारियों को विनियमित वेतनमान अनुसार मासिक वेतन का भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कर्मचारीवार विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में विनियमित वेतनमान का भुगतान न किए जाने के लिए कौन जिम्मेदार है? इस पर क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी और विनियमित कर्मचारियों को पात्रतानुसार वेतन कब से प्रदाय कराया जाएगा तथा अंतर की राशि किस प्रकार देय होगी? (घ) नगरीय निकायों में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी के सेवानिवृत्ती उपरांत देयकों के भुगतान एवं पेंशन निर्धारण के क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं एवं क्या इनके देयकों के भुगतान एवं पेंशन निर्धारण की कार्यवाही सेवानिवृत्ति के पूर्व की जाती है तथा नगर पालिक निगम कटनी के वर्ष-2013-14 से कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब-कब सेवानिवृत्त हुए? क्या इनके देयकों का भुगतान एवं पेंशन का निर्धारण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? अधिकारी/कर्मचारीवार बतायें और इन अनियमितताओं पर किस प्रकार, क्या? कार्यवाही कब तक की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, कटनी में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विनियमितीकरण योजना का लाभ प्रदान करते हुए कार्यालयीन आदेश दिनांक 24/10/2017 को 127 कर्मचारियों को विनियमित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वेतन निर्धारण तथा उसमें की जाने वाली कटौती के संबंध में पत्र कटनी नगर निगम द्वारा संचालनालय, नगरीय प्रशासन को प्रेषित किया गया है। वेतन निर्धारण एवं कटौती की स्पष्टता न होने के कारण अभी विनियमित वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। (ग) कटौतियों के संबंध में आयुक्त, नगर पालिक निगम, कटनी का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है वरन् मार्गदर्शन हेतु कार्यालय अधीक्षक, नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा पत्र दिनांक 08/01/2018 द्वारा संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. को प्राप्त हुआ है। जिसका परीक्षण कर मार्गदर्शन दिया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विनियमित कर्मचारियों को स्थाईकर्मी के लिए निर्धारित श्रेणी संवर्ग में वेतनमान के अनुसार मासिक वेतन भुगतान किया जावेगा। विनियमितीकरण दिनांक से उन्हें निश्चित में किये जा रहे भुगतान का विनियमित वेतनमान के भुगतान से अंतर राशि का समायोजन किया जावेगा और अंतर की राशि का भुगतान नियमानुसार कर दिया जावेगा। (घ) जी हाँ। नगर पालिक निगम, कटनी से सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों के मूल पेंशन भुगतान की कार्यवाही शासकीय सेवकों के समान म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 एवं मध्य प्रदेश नगरपालिका सेवा (पेंशन) नियम 1980 में वर्णित प्रावधान एवं समय-समय पर प्रभावशील दिशा-निर्देशों के अंर्तगत की जाती है। जी हाँ। नगर पालिक निगम, कटनी के वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक नगरपालिका सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार निगम स्तर पर देयकों का भुगतान किया जा चुका है। जिसमें सभी को पेंशन प्राप्त हो रही है। किंतु आठ नवीन पेंशन प्रकरण में नियमानुसार स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक सेवा गांरटी अधिनियम के तहत अधिसूचित विभागीय सेवाएं
[लोक सेवा प्रबन्धन]
204. ( क्र. 5972 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा गांरटी अधिनियम अंतर्गत ऊर्जा विभाग की कौन-कौन सी सेवाएं अधिसूचित है? कटनी जिले में दि. 01/01/2017 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय कार्यालयों एवं लोक सेवा केन्द्रों में कितने एवं किन-किन सेवाओं के आवेदन प्राप्त हुये एवं उनका क्या-क्या निराकरण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आवेदन, अपील, पुनरीक्षण, शास्ति की वसूली, अधिनियम के नियम-16 के तहत पंजी में संधारण किया जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो संधारित पंजी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय बाह्य आवेदनों तथा अपीलीय आवेदनों में लोकसेवा गारंटी अधिनियम के नियमानुसार कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किस सेवा के परिपत्र के तहत क्या अपील निर्णय किये गये है एवं पदाभिहीत अधिकारी, प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारी के द्वारा सेवा के निराकरण के निर्णय की समीक्षा की जिम्मेदारी किस अधिकारी की है? (घ) बिल संबंधी शिकायतों के निराकरण की क्या समयावधि नियत है और विधानसभा प्रश्न क्रमांक-914 दिनांक-28/02/2018 के प्रश्नांश (ग) में उल्लिखित शिकायत का निराकरण 10 माह पश्चात किया जाना किस नियम के तहत उचित है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में निरस्त, समय बाह्य आवेदन, अपीलीय आवेदन पर सेवा प्रदाय के परिपत्र में पदाभिहीत अधिकारी, प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही सही है कि नहीं? लोकसेवा प्रबंधन विभाग अभिमत देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
50वें प्रांतीय अधिवेशन में शासकीय संसाधनों का उपयोग
[उच्च शिक्षा]
205. ( क्र. 6004 ) श्री आरिफ अकील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजनैतिक व उनके समर्थित दलों द्वारा राजनैतिक लाभ लेने के उद्देश्य से शासकीय संसाधन चल-अचल सम्पत्ति (भूमि, भवन, कर्मचारी आदि) का उपयोग नहीं किया जाने के संबंध में दिशा-निर्देश/प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या दिनांक 27, 28, 29, जनवरी 2018 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का 50वां प्रांतीय अधिवेशन भोपाल के शासकीय एम.एल.बी. महाविद्यालय की छुट्टी कराकर कॉलेज प्रांगण/मैदान से छात्रों को जबरिया रैली में शामिल किया गया? यदि हाँ, तो शासन के उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान का उल्लंघन किया गया? यदि नहीं, तो क्या शासन इसकी जांच कराकर राजनैतिक दल के पदाधिकारियों सहित शासन के मौजूद अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें। (ग) क्या उक्त रैली भोपाल शहर के कई चौराहों, मार्गों से निकलने के दौरान कई गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों एवं एम्बुलेंस सहित राहगीरों की आवाजाही में भारी मशक्कत उठानी पड़ी तथा रैली के कार्यकर्ताओं द्वारा बी.आर.टी.एस. की लाखों रूपये की रेलिंग को तोड़ गया? यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन लोग जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध शासन द्वारा किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। महाविद्यालय के खेल परिसर के समीप स्थित शा.एम.एल.बी. कन्या महाविद्यालय होने के कारण महाविद्यालय में अध्ययनरत् किसी भी छात्रा को कार्यक्रम के दौरान असुविधा का सामना न करना पड़े, को दृष्टिगत रखते हुये उक्त अवधि में कक्षायें स्थगित/निरस्त की गई थी। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। इस संबंध में कोई भी शिकायत इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है।
संविदा कर्मचारियों की भर्ती
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
206. ( क्र. 6031 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्योग विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में किस-किस ठेकेदार को कम्पनियों में काम करने हेतु कर्मचारियों को किस-किस कम्पनियों में रखा गया है? (ख) क्या भोपाल स्थित एन.आई.सी. में भी ठेकेदारों द्वारा संविदा पर कर्मचारियों को रखने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम प्रक्रियाओं की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? सी.पी.सी.टी. पास करने पर उन्हें निर्धारित वेतनमान दिया जायेगा? (ग) (क) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में विभाग द्वारा कर्मचारियों का क्या वेतनमान निर्धारित किया है, उससे अवगत करावें? (घ) क्या वेतनमान रूपये 18000 निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या उन्हें इस रेट से कम दिया जा रहा है? दिये जा रहे वेतन की देयक की सत्यप्रतिलिपि दी जाये?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उद्योग विभाग द्वारा किसी भी ठेकेदार को किसी भी कंपनी में काम करने हेतु कर्मचारियों को नही रखा गया है। (ख) भोपाल एन.आई. सी. केन्द्र शासन के अंतर्गत है। उद्योग विभाग द्वारा एन.आई. सी. से संबंधित जानकारी संधारित नही की जाती है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नही होता है। (घ) अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नही होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
ऊर्जा
वनों की स्थापना
[वन]
1. ( क्र. 26 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मुख्यालय भोपाल एवं मध्यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने गत दो वर्षों में राज्य के किस-किस वनमंडल के अंतर्गत कितने ग्रामों की कितनी भूमि पर ऊर्जा वन लगाए जाने का निर्णय लिया है? (ख) ऊर्जा वनों के लिए किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि मध्यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने एवं कितनी-कितनी राशि राज्य मंत्रालय या वन मुख्यालय ने किस मद से स्वीकृत की है? (ग) गत दो वर्षों में वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने किस-किस योजना के अंतर्गत किन-किन प्रजापतियों के पौधारोपण के संबंध में किस-किस वनमंडल के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की है? (घ) उक्त राशि से ऊर्जा वनों के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? पृथक से बतावें। (ड.) ऊर्जा वन लगाए जाने का निर्णय शासन ने किस दिनांक को लिया वन मुख्यालय भोपाल ने किस दिनांक को लिया, लघु वनोपज संघ ने किस दिनांक को लिया एवं किस-किस दिनांक को आदेश जारी किए गये? निर्णय एवं आदेश की प्रति सहित बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन मुख्यालय भोपाल एवं मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में, ऊर्जा वन लगाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया। (ख) उत्तरांश 'क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक’ अनुसार है। (ड.) विभागीय आदेश दिनांक 01.06.2017 द्वारा ऊर्जा वन स्थापित करने की स्वीकृति जारी की गई है। तदुपरान्त राज्य लघु वनोपज संघ ने दिनांक 05.06.2017 को समस्त प्रबंध संचालक, जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन म.प्र. को जारी किये गये निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो- 'अ’ एवं दो- 'ब’ अनुसार है।
भर्ती नियमों का प्रकाशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 114 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचालनालय के अधीन भर्ती नियमों का प्रकाशन कब किया गया। भर्ती नियमों के अनुसार सहायक संचालक के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने पद रिक्त कब से है? इनमें से कितने पदों की पूर्ति विभागीय परीक्षा से की जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा भर्ती नियम प्रकाशन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कब-कब निर्देश दिये गये? दीर्घ समय बीत जाने के बाद भी परीक्षा का आयोजन अभी तक क्यों नहीं किया गया? कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :(क) म.प्र. पंचायत राज संचालनालय (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम, 2013 का प्रकाषन 19 अगस्त 2013 को किया गया है। सहायक संचालक के 67 पद स्वीकृत हैं वर्तमान में 65 पद रिक्त हैं। इनमें से 17 पदों की पूर्ति विभागीय परीक्षा से की जाना है। (ख) परीक्षा का आयोजन म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा किये जाने के लिए दिनांक 09.11.2017 एवं 23.11.2017 को शासन को लिखा गया है। परीक्षा आयोजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायतों में संचालित योजनाओं की समीक्षा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 162 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 16-17 एवं 17-18 में छतरपुर जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा शासन द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में कितने भ्रमण किये गये? टूर प्रोग्रामों की अनुमोदित प्रतियां दें। (ख) म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा 1 माह में कितनी ग्राम पंचायतों के विकास कार्य की समीक्षा की गई? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रधानमंत्री आवास, शौचालय निर्माण तथा अन्य कार्यों में गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख निरीक्षण प्रतिवेदनों में किया गया हैं। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रदेश सरकार द्वारा छतरपुर जिलों में वर्ष 16-17 एवं 17-18 में कार्यों की गुणवत्ता की समीक्षा की गई? यदि हाँ, तो कब? गंभीर अनियमितताओं के संबंध में कार्यवाहियां लंबित क्यों हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 16-17 एवं 17-18 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों के द्वारा शासन द्वारा संचालित योजनाओं का निरीक्षण अपने-अपने क्षेत्रों में किया गया, जिसके भ्रमण कार्यक्रम की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिला/जनपद पंचायतों द्वारा समय-समय पर ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों की समीक्षा की जाती है। (ग) समीक्षा के दौरान कोई भी गंभीर अनियमितताएं परिलक्षित नहीं हुई हैं। (घ) वर्ष 16-17 व 17-18 में शासन स्तर से छतरपुर जिले के कार्यों की गुणवता संबंधी कोई समीक्षा नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वीर सावरकर स्टेडियम में कराए गए कार्य
[खेल और युवा कल्याण]
4. ( क्र. 476 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपर जिला मुख्यालय पर स्थित वीर सावरकर स्टेडियम में वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक क्या-क्या निर्माण/अन्य कार्य कराए, में से कौन-कौन से कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हुए/अपूर्ण पड़े हैं व क्यों कब तक पूर्ण होगें इनमें कितनी राशि व्यय की जानकारी वर्ष/कार्यवार देवें। (ख) उक्त अवधि में स्टेडियम के रख-रखाव/अन्य कार्यों में कितने श्रमिक लगाये उन्हें प्रतिमाह कितना भुगतान किया गया व किया जा रहा हैं? जानकारी वर्ष/कार्यवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य क्या बहुत ही गुणवत्ताहीन कराए गये, नतीजन चन्द महिनों बाद ही स्टेडियम में ग्रासी ग्राउण्ड सूख गया खरपतवार बेतहाशा बढ़ रहा है क्रिकेट पिच की रोलिंग असंतुलित हो गई है, पाथवे उखड़ गया हैं, सर्किल जाली टूट गई, स्टेडियम का भूमि समतलीकरण कार्य ठीक से नहीं कराया हैं मेन गेट का कार्य भी प्राक्कलन अनुसार नहीं कराया जा रहा हैं वर्तमान में स्टेडियम की दशा बेहतर नहीं हैं इस कारण खिलाडि़यों को खेलने में कई प्रकार की कठिनाइयां आती है। (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त कार्यों की गुणवत्ता की जांच कराएगा व दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगी? यदि नहीं, तो क्यों।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) श्योपुर जिला मुख्यालय पर स्थित वीर सावरकर स्टेडियम में वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक लेण्डस्केपिंग, नलकूप खनन 10 के.व्ही. बिजली के कनेक्शन, टर्फ विकेट निर्माण मुख्य द्वार एवं चेनलिंक का निर्माण निर्धारित अवधि में पूर्ण किये जा रहे है। इनमें व्यय की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में स्टेडियम के रख-रखाव/अन्य कार्य हेतु कोई श्रमिक नियुक्त नहीं है। अत: कोई राशि का भुगतान नहीं किया गया। (ग) वर्णित कार्य स्वीकृत प्राक्कलन के अनुरूप हुआ है। स्टेडियम के ग्रासी ग्राउण्ड, खरपतवार के बढने पिच रोलिंग, पाथवे, सर्किल जाली, भूमि के समतलीकरण के संबंध में विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आधे-अधूरे सामुदायिक/मंगल भवन निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( क्र. 582 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम सकरी, ग्राम पंचायत गुलैदा में वर्ष 2008 में निर्मित सामुदायिक भवन एवं ग्राम/ग्राम पंचायत सूखा का मंगल भवन आधा-अधूरा निर्मित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र पनागर में ऐसे कितने भवन हैं, जो आधे अधूरे निर्मित हैं? कारण सहित जानकारी देवें? (ग) इन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 6 सामुदायिक भवन। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सामुदायिक भवन ग्राम सकरी का कार्य पूर्ण कराने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निर्देश दिये गये है। ग्राम सूखा का मंगल भवन हेतु पुनरीक्षित स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्य पूर्ण किया जा सकेगा। शेष 4 सामुदायिक भवन ग्राम भर्रा, निपनियां, कुडारी एवं पहाड़ीखेड़ा का कार्य जून 2018 तक पूर्ण किया जायेगा।
राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाडि़यों को शासकीय सेवाओं में प्राथमिकता
[खेल और युवा कल्याण]
6. ( क्र. 583 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाडि़यों को शासकीय सेवाओं में प्राथमिकता दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में कितने खिलाडि़यों को शासकीय सेवा में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दी गई है? संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) म. प्र. के कितने एवं कौन-कौन राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं, जिन्हें शासकीय सेवाओं में नियुक्ति दी जाने के प्रकरण शासन के पास वर्तमान में विचाराधीन है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं, प्रदेश में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाडि़यों को शासकीय सेवाओं में प्राथमिकता दिये जाने का प्रावधान नहीं है, केवल विक्रम अवार्ड प्राप्त खिलाडि़यों को उत्कृष्ट खिलाडी घोषित किया जाकर नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। (ख) प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है, किन्तु विगत 5 वर्षों में 47 विक्रम अवार्ड प्राप्त उत्कृष्ट खिलाडि़यों को नियुक्ति प्रदान की गई। (ग) खेल विभाग के पास शासकीय सेवा में नियुक्ति बाबत् कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है।
विभाग के प्रचार पर दिये विज्ञापनों के व्यय की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 956 ) श्री अजय सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के द्वारा स्वयं या किस शासकीय विभाग या अन्य एजेन्सी के माध्यम से दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2017 के दौरान इलेक्ट्रांनिक मीडिया,प्रिंट मीडिया, गूगल, वेबसाइट्स एवं अन्य किस-किस नाम को कब-कब, कितनी-कितनी राशि के विज्ञापन दिए गए? कृपया राशिवार, नामवार, दिनांकवार, माहवार वर्षवार विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित समयानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, को विज्ञापन किस प्रक्रिया अनुसार दिए गए? जानकारी प्रदान करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मनरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2017 के दौरान दिये गये विज्ञापनों पर व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित शासकीय संस्थाओं/ अन्य संस्थाओं को विज्ञापन, टेण्डर विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार हेतु विज्ञापन नियमानुसार दिये गये है।
विभाग के प्रचार पर हुये विज्ञापनों के व्यय
[वन]
8. ( क्र. 959 ) श्री अजय सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के द्वारा स्वयं या किस शासकीय विभाग या अन्य एजेन्सी के माध्यम से दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2017 के दौरान विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, गूगल, वेबसाइट्स एवं अन्य किस-किस नाम को, कब-कब, कितनी-कितनी राशि के विज्ञापन दिए गए? राशिवार, नामवार, दिनांकवार, माहवार वर्षवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित समयानुसार विभाग द्वारा किस मापदंड/नीति के तहत विज्ञापनों को किस आधार पर (प्रसार संख्यावार) दिए गए? किस-किस इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, गूगल वेबसाइट्स एवं अन्य को नहीं दिया गया? विज्ञापन नहीं देने का कारण नियमों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी प्रदान करें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग के प्रचार पर दिये विज्ञापनों पर किया गया व्यय
[खेल और युवा कल्याण]
9. ( क्र. 963 ) श्री अजय सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के द्वारा स्वयं या किस शासकीय विभाग या अन्य एजेंसी के माध्यम से दि. 01.01.2014 से दि. 31.12.2017 के दौरान इलेक्ट्रानिक, मीडिया, प्रिंट मीडिया, गूगल, वेबसाइट्स एवं अन्य किस-किस नाम को, कब-कब कितनी-कितनी राशि के विज्ञापन दिए गए? राशिवार, नामवार, दिनांकवार, माहवार वर्षवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित समयानुसार विभाग द्वारा किस मापदण्ड/नीति के तहत विज्ञापनों को किस आधार पर (प्रसार संख्यावार) दिए गए? किस-किस इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, गूगल, वेबसाइट्स एवं अन्य को नहीं दिया गया? विज्ञापन नहीं देने का कारण नियमों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी प्रदान करें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा जनसंपर्क संचालनालय एवं म. प्र. माध्यम, भोपाल के द्वारा विज्ञापनों का प्रकाशन मात्र प्रिन्ट मीडिया में करवाया जाता है। इलेक्ट्रोनिक मीडिया, गूगल एवं वेबसाईट्स में नहीं करा जाता है। शेष प्रश्न की जानकारी अति वृहद स्वरूप की है, जो एकत्रित की जा रही है। (ख) केवल प्रिन्ट मीडिया के लिये जनसंपर्क संचालनालय एवं म. प्र. माध्यम के द्वारा विज्ञापन का प्रकाशन कराया जाता है। विज्ञापन हेतु समाचार पत्रों का चयन जनसंपर्क संचालनालय एवं म.प्र. माध्यम द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 1092 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 7620 दिनांक 28 मार्च 2017 के संदर्भ में राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा विभागीय आदेश दिनांक 07/10/2014 द्वारा रूपये 10 लाख लागत तक के कार्यों में अल्पकालीन निविदा आंमत्रित करने हेतु ई-टेण्डरिंग की अनिवार्यता से छूट एवं रूपये 2 लाख से अधिक की निविद राशि वालें कार्यों की निविदाओं का समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किया जाना पूर्वानुसार रहेगा तथा उससे कम के कार्यों में मेन्यूवल अनुसार कार्य कराने का अनुमोदन इस शर्त पर प्रदान किया गया था कि प्रत्येक प्रकरण में छूट की आवश्यकता का अनुमोदन अधीक्षण यंत्री, उपप्रशासक से प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा? (ख) प्रश्न क्रमांक 7620 के उल्लेख अनुसार कुल 2170 कार्य बिना ई-टेण्डरिंग के अल्पकालीन निविदा के माध्यम से कौन-कौन से कार्य किस विभाग से संबंधित कितनी-कितनी राशि के कब-कब किस-किस निर्माण एजेन्सी द्वारा कराये गये? इन कार्य के एवज् में कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है और कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (ग) क्या उक्त विधानसभा प्रश्न के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन विभाग को दिनांक 21 सितम्बर 2017 को लिखे गये पत्र में चाही गई जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार पत्र प्राप्ति के अभिस्वीकृति/वांछित जानकारी, प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध नहीं करायी जाकर शासनादेश का उल्लंघन करने के लिए जिम्मेदारों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
औंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रशासक की नियुक्ति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
11. ( क्र. 1296 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले के औंकारेश्वर मंदिर/ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर संस्थान का संचालन वर्तमान में किसके द्वारा किया जा रहा है? (ख) क्या औंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का संचालन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर ट्रस्ट की तरह किये जाने हेतु शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित है? (ग) यदि हाँ, तो शासन द्वारा मंदिर के विधिवत संचालन हेतु इसके लोक न्यास गठन का प्रारूप तैयार कर लिया गया है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (घ) श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रश्नांश (ख) के क्रम में उक्त लोक न्यास गठन की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर विधिवत आदेश जारी कर दिये जायेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) ओंकारेश्वर मंदिर का संचालन ओंकारेश्वर मंदिर लोक न्यास ट्रस्ट द्वारा किया जाता है एवं ममलेश्वर मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है जिसका संचालन पुरातत्व विभाग करता है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 1350 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत एवं प्रारंभ किए गए हैं? (ख) क्या एजेंसी द्वारा स्वीकृत कार्य प्रारंभ करने के उपरांत वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से मस्टरों पर रोक लगाई गई है? जिसके कारण एजेंसी द्वारा कार्य बंद कर दिए गए हैं, जिससे ग्रामीणों को आवागमन हेतु कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। (ग) प्रारंभ एवं स्वीकृत कार्यों पर कब तक रोक हटा ली जावेगी? जिससे कार्य पूर्ण हो सके।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पूर्व सरपंच से वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 1387 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सतना के पत्र क्रमांक 66 दिनांक 15/11/2016 श्रीमती रमा सिंह पत्नी श्री सुरेन्द्र सिंह पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत मटनवारा जनपद पंचायत उचेहरा मध्यांचल ग्रामीण बैंक भटवारा में सकल खाता क्रमाक 76 परिवर्तित खाता क्रमांक 8070819961 मध्यांचल ग्रामीण बैंक भटनवारा से एकल हस्ताक्षर से राशि रूपये 5,44,000/- (रूपये पाँच लाख चौवालिस हजार) आहरित कर गबन किया जाना जांच कमेटी द्वारा प्रमाणित पाया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो तत्कालीन सरपंच रमा सिंह के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए गवन की गई राशि की वसूली कब तक कर ली जायेगी? पूर्व सरपंच से गबन की वसूली अब तक न करने की लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2263 दिनांक 27/07/2017 में दिये गए उत्तर के परिपालन में तालाब गहरीकरण का फर्जी व्यय बताकर राशि 1,99,995.00 का गबन के संबंध में दस्तावेजों साक्ष्य सहित शिकायत दिनांक 05/02/2018 मुख्य सचिव को की गई है। क्या उक्त शिकायत की जांच उच्च स्तरीय दल गठित कर कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण क्रमांक 172/अ89/2017-18 धारा 92 में वसूली हेतु पंजीयन किया गया है वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आगामी तिथि दिनांक 16.03.2018 नियत है। न्यायालय के निर्णय उपरांत कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को जांच अधिकारी नियुक्त किया जाकर 01 सप्ताह के अंदर जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
प्राइवेट कॉलेजों की जानकारी के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
14. ( क्र. 1390 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कितने प्राइवेट कॉलेज कब से स्थापित हैं? उनके नाम, पता तथा संचालकों के नाम बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के कॉलेजों को किन-किन शर्तों/मापदण्डों पर कॉलेज खोलने की स्वीकृत दी गई थी? (ग) उक्त कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को आवागमन के लिए किन-किन कॉलेजों द्वारा वाहन की व्यवस्था की गई हैं, किन-किन के द्वारा नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के कॉलेजों में कौन-कौन सी संकाय हैं? संकायवार किन-किन को पढ़ाने हेतु नियुक्त किया गया हैं? शैक्षणिक योग्यतानुसार विवरण दें। (ड.) प्रश्नांश (क) के कॉलेजों की विगत 4 वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। क्या मापदण्ड पूरा न करने एवं निर्धारित फीस से अधिक फीस लेने के प्रकरण संज्ञान में आने पर कॉलेज की मान्यता समाप्त की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत सतना जिले में स्थापित एवं संचालित अशासकीय महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' से संबंधित प्राईवेट कॉलेजों को शासन द्वारा समय-समय पर जारी मार्गदर्शिका में अंकित शर्तों/निर्देशों के अनुपालन में स्वीकृतियां जारी की गई हैं। सत्र 2018-19 के लिए जारी मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उक्त कालेजों में से केवल 12 कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को आवागमन हेतु वाहन व्यवस्था प्रदान की गई है, शेष में यह सुविधा प्रदान नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'क' के कालेजों में खोले गए संकायों तथा संकायवार पढ़ाने हेतु नियुक्त शिक्षकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश 'क' के कालेजों से संबंधित जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। जो कालेज मापदण्ड पूरा नहीं करते हैं उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। प्राइवेट कॉलेज की फीस का निर्धारण उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया जाता है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
15. ( क्र. 1511 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वीर
सावरकर
शासकीय
महाविद्यालय
पचोर में प्राचार्य, प्राध्यापक/सहायक
प्राध्यापक
के कितने पद स्वीकृत
हैं? विषयवार, पदवार
जानकारी
देवें? (ख) रिक्त
पदों के
विरुद्ध
कार्यरत
प्राध्यापक/ सहायक
प्राध्यापक
के नाम
विषयवार
देवें? विषयवार
रिक्त पदों की
पूर्ति शासन
द्वारा कब तक
की जावेगी?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
जयभान सिंह
पवैया ) : (क)
प्राचार्य/प्राध्यापक/सहायक
प्राध्यापक
के 09 पद
स्वीकृत है।
विषयवार, पदवार
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र "अ"
पर है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र "ब"
पर है।
शैक्षणिक
रिक्त पदों की
पूर्ति हेतु
मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
द्वारा
विज्ञापन जारी
किया गया है।
जैसे ही चयन
सूची प्राप्त
होगी रिक्त
पदों की
पूर्ति की
कार्यवाही की जावेगी।
निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव नहीं
हैं।
वन विभाग द्वारा स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[वन]
16. ( क्र. 1513 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 28/11/2017 द्वारा अध्यक्ष महोदय लघु वनोपज संघ भोपाल द्वारा कार्य स्वीकृति उपरांत विभाग को प्राक्कलन तैयार करने हेतु लेख किया गया था? (ख) क्या स्वीकृत कार्यों के प्राक्कलन उपरांत कार्यों में प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है या नहीं? जानकारी दी जाए। (ग) यदि नहीं, दी गई तो कब तक स्वीकृत कार्यों में प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। माननीय विधायक का पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 28.11.2017 जो माननीय अध्यक्ष, लघु वनोपज संघ को सम्बोधित है, द्वारा उनसे अनुरोध किया गया है कि तकनीकी स्वीकृति प्राप्त 05 कार्यों की औपचारिक स्वीकृति दी जाये। (ख) माननीय अध्यक्ष से प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ कार्यालय के पत्र क्रमांक/वनों/विकास/मा.चि./2017/57 दिनांक 02.01.2018 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रबंध संचालक जिला यूनियन उत्तर सागर को संसूचित की गई। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दतिया जिला में खनिज/गौड़ खनिज की जानकारी
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 1597 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी,2016 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले में विभाग अंतर्गत आने वाली खनिज/ गौड़ खनिज का क्षेत्रफल एवं स्थान विवरण की जानकारी सहित खनिज विभाग द्वारा दी गई लीज/ स्वीकृति/आदेश की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) उक्त वर्षों में दतिया जिला में सिंध, महुआ, पहुज आदि अन्य नदियों-नालों से रेत (SAND) एवं स्टोन क्रेशर हेतु पत्थर उत्खनन करने वाली कंपनियों/ठेकेदारों के नाम/पता सहित खनिज उत्खनन करने वाली कंपनियों/ठेकेदारों से विभाग को प्राप्त रायल्टी की वर्षवार जानकारी दें। (ग) उक्त वर्षों में स्टोन क्रेशर लगाने के लिए डिया की मीटिंग में स्वीकृति/अस्वीकृति के आदेश सहित कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त वर्षों में अवैध खनिज उत्खनन में उपयोग की गई जे.सी.बी., पनडुब्बी, पोकलेन मशीनें डम्पर, ट्रक, ट्रेक्टर आदि वाहन की जप्ती की गई? यदि हाँ, तो शासन एवं जनहित में राजसात करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कारण सहित बतायें। (ड़) क्या प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अवैध खनिज माफियों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से मात्र जुर्माना राशि वसूली कर पुनः अवैध कार्यों में प्रोत्साहन किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''ब'' पर है। प्रश्नाधीन जिले में वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 97356113/- वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 122786319/- तथा वर्ष 2017-18 में राशि रूपये 112185747/- खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त हुआ है। (ग) स्टोन क्रेशर लगाने के संबंध में डिया की मीटिंग नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 में प्रशमन किये जाने के भी प्रावधान हैं। अत: राजसात किये जाने की कार्यवाही नहीं की गई। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर वन योजना के संबंध में
[वन]
18. ( क्र. 1867 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश वन विभाग में नगर वन योजना किन-किन जिलों में प्रस्तावित है? जिलेवार जानकारी दें। (ख) वर्णित (क) के अनुसार छिन्दवाड़ा जिले में प्रस्तावित योजना स्वीकृति किस स्तर पर लंबित है एवं योजना का वित्तीय स्वरूप तथा आवंटन कब दिया गया? राशिवार एवं दिनांकवार जानकारी दी जाये? (ग) छिन्दवाड़ा में वन विभाग द्वारा प्रस्तावित योजना पर कितनी राशि का आवंटन केन्द्र शासन एवं राज्य शासन द्वारा दिया गया है? (घ) छिन्दवाड़ा शहर से संलग्न क्षेत्रों में इको टूरिज्म की क्या नवीन योजनायें हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नगर वन उद्यान योजना के अन्तर्गत इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, छिन्दवाड़ा, जबलपुर, कटनी, ग्वालियर एवं सागर जिलों का चयन कर प्रस्ताव भारत शासन को प्रेषित किये गये थे। (ख) छिन्दवाड़ा जिले का प्रस्ताव भारत शासन में लंबित है। स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के फलस्वरूप छिन्दवाड़ा जिले हेतु राशि आवंटित नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) छिंदवाड़ा शहर से संलग्न क्षेत्रों में ईको टूरिज्म के अंतर्गत पूर्व छिंदवाड़ा वनमण्डल में भरतादेव क्षेत्र हेतु विभिन्न ईकोपर्यटन अधोसंरचनाओं/ गतिविधियों के विकास के कार्य प्रचलित है।
प्राध्यापकों-सहायक प्राध्यापकों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
19. ( क्र. 1868 ) श्री जतन उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में स्थित महाविद्यालयों में किस-किस संवर्ग के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? संवर्ग बतावें तथा विषयवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) स्वीकृत पदों में अधिकांश रिक्तियों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये हैं? कब तक प्राध्यापकों-सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों पर पूर्ति की जाकर शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) छिंदवाडा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में स्थित शासकीय महाविद्यालय, पांढुर्णा में स्वीकृत पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रक्रिया प्रचलित है। रिक्त पदों पर अतिथि विद्वान कार्यरत होने के फलस्वरूप शिक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से सुचारू है। अराजपत्रित संवर्ग के सहायक वर्ग-3 एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु वर्ष 2013 एवं 2014 में पी.ई.बी. को मांग पत्र भेजा गया है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
20. ( क्र. 1926 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विकासखण्ड जैतहरी अनूपपुर में अब तक कुल कितने हितग्राहियों को तीर्थ दर्शन योजना का लाभ दिया जा चुका है? व्यक्ति का नाम,पिता/पति का नाम, पता सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में किस-किस दिनांक को कौन-कौन से तीर्थ स्थानों का कितने की संख्या में दर्शन कराने का लक्ष्य है।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विकासखण्ड जैतहरी अनूपपुर अंतर्गत विकासखण्ड जैतहरी में प्रश्न दिनांक कुल 4472 हितग्राहियों (यात्रियों) को मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का लाभ दिया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
योजना अन्तर्गत आवास उपलब्ध कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 2152 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रं. 3065 दिनांक 30/10/17 को आयुक्त नगर निगम जबलपुर को लेख पर न्यू लिंक रोड कमला नेहरू नगर वार्ड जबलपुर से विस्थापित गरीब पीडि़तों को समीप ही शहर में आवास उपलब्ध करवाने का लेख किया था? क्या उक्त गरीब पीडि़तों को सुहागी स्थित पन्नी मोहल्ला में जर्जर आवासों में बसाया गया है? (ख) क्या वर्णित (क) के गरीब पीडि़तों ने माननीय मंत्री महोदय जी को भी पत्र के माध्यम से अपनी व्यथा बताते हुये जबलपुर शहर के अंदर ही शासन योजना अन्तर्गत आवास उपलब्ध करवाने का निवेदन किया था व लेख किया था कि शहर से दूर बसवाने पर उनका रोजगार समाप्त हो गया है? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) हाँ तो वर्णित (क) के विस्थापितों को कब तक जबलपुर शहर के अंदर योजनान्तर्गत आवास उपलब्ध करवा दिये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्थापित 114 परिवारों को महाराजपुर बी.एस.यू.पी. योजनान्तर्गत नवनिर्मित आवासों में एवं 35 परिवारों को ब्रजमोहन नगर स्थित नवनिर्मित आवासों में बसाया गया है। (ख) जी नहीं। ऐसा कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) ब्रजमोहन नगर में निर्मित आवास भी नगर निगम सीमा में ही है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौरिहार में कालेज खोले जाने
[उच्च शिक्षा]
22. ( क्र. 2260 ) श्री
आर.डी. प्रजापति
: क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जनपद
पंचायत
गौरिहार जिला
छतरपुर में
महाविद्यालय
कब तक खोले
जाने हेतु उच्च
शिक्षा विभाग
शासन को प्रस्ताव
भेजेगा?
(ख)
क्या
जनपद पंचायत
गौरिहार के
आसपास के कई
ग्रामों व
नगरों व 73
ग्राम पंचायतों
के
छात्र-छात्रायें
उच्च शिक्षा
अध्ययन
कार्य हेतु
सुविधा उपलब्ध
नहीं है?
(ग)
क्या
उच्च शिक्षा
अध्ययन हेतु
महाविद्यालय
ना होने से
विशेष कर छात्रायें
उच्च अध्ययन
कार्य से
वंचित रह जाती
हैं तथा गरीब
बच्चें भी
उच्च अध्ययन
हेतु जनपद
पंचायत से बाहर
रहकर शिक्षा
अध्ययन नहीं
कर पाते?
(घ)
प्रश्नांश
(क), (ख), (ग) अनुसार
महाविद्यालय
की आवश्यकता
को ध्यान में
रखते हुये
नवीन
महाविद्यालय
गौरिहार में
खोले जाने की
कार्यवाही कब
तक की जावेगी?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
जयभान सिंह
पवैया ) : (क)
जनपद
पंचायत गौरीहार
जिला छतरपुर
में
महाविद्यालय
खोले जाने का
प्रस्ताव
वर्तमान में
विचाराधीन
नहीं है। (ख) जी नहीं, गौरीहार
से 18 कि.मी.
की दूरी पर
शासकीय
महाविद्यालय
लवकुश नगर एवं
20 कि.मी. की
दूरी पर
शासकीय
महाविद्यालय
चांदला
संचालित है, जहां पर
गौरीहार के
विद्यार्थी
अध्ययन कर
सकते हैं। (ग) उत्तरांश 'ख' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सुदूर सड़क में धांधली की जांच कर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( क्र. 2261 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा के अर्न्तगत ग्राम पंचायत बडागॉवखुर्द जनपद पंचायत टीकमगढ़ में सुदूर सड़क किलेदार के मजरा से उत्तमपुरवा तक की जांच किन अधिकारियों द्वारा कब-कब की गयी तथा जांच में क्या सड़क में खन्ती से कार्य होना नहीं पाया गया? (ख) क्या सुदूर सड़क योजना में दिनांक 12/8/17 को जांच में कार्यस्थल पर चार सप्ताह पूर्व कार्य नहीं होना पाया गया था यदि हाँ, तो ग्राम रोजगार सहायक द्वारा फर्जी भुगतान पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) उपरोक्त सुदूर सड़क का कुल कितना भुगतान एवं मूल्यांकन किया गया है? क्या भुगतान से कम मूल्यांकन किया गया है तथा मस्टरों पर ग्राम रोजगार सहायक द्वारा सरपंच सचिव के हस्ताक्षर बिना, फर्जी भुगतान कराया गया? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न के संबंध में दिनांक 28.11.2017 को सहायक यंत्री, उपयंत्री, पी.सी.ओ., ए.पी.ओ., ए.ए.ओ. द्वारा जांच की गई इसके पूर्व उक्त कार्य की कोई जांच नहीं की गई। चूंकि उक्त कार्य मार्ग उन्नयन का कार्य है, मानक प्राक्कलन से अर्थवर्क (embakement) की लागत घटाकर कार्य स्वीकृत किया गया है। कार्य सबग्रेड से प्रारंभ किया गया है, सबग्रेड हेतु आवश्यक गुणवत्ता की मुरूम परिवहन कर कार्य कराया गया है। अर्थवर्क पूर्व से होने के कारण खन्ती से कार्य नहीं हुआ है। इस कारण सड़क में खन्ती से कार्य होना नहीं पाया गया। (ख) दिनांक 12.08.2017 को उक्त कार्य की कोई भी जांच किसी भी अधिकारी द्वारा नहीं की गई। (ग) मूल्यांकित राशि 939117/- रूपये है। भुगतान राशि रू. 994364/- है। (मजदूरी पर राशि रूपये 795844/- एवं सामग्री पर 198540/-) रूपये व्यय किया गया है, जो मूल्यांकन राशि से 55267/- रूपये अधिक है। कार्य पर उपयोग किये गये मस्टर रोलों पर सरपंच, सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक के हस्ताक्षर करना पाये गये है। (घ) ग्राम रोजगार सहायक को सेवा समाप्ति हेतु कारण बताओं सूचना पत्र एवं सरपंच, सचिव को राशि की वसूली हेतु धारा 92 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत टीकमगढ़ को जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही न करने के लिए कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है।
अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण
[उच्च शिक्षा]
24. ( क्र. 2461 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों के संबंध में सरकार क्या निर्णय कर रही है? क्या इन्हें नियमित करने की मंशा सरकार की है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण प्रक्रिया से अवगत कराएं और यदि नहीं, तों वे समस्त कारण स्पष्टता से बतावें, जिनके कारण अतिथि विद्वानों को नियमित नहीं किया जा सकता है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में चंदेरी महाविद्यालय में कुल 17 अतिथि विद्वान तथा ईसागढ महाविद्यालय में कुल 7 अतिथि विद्वान कार्यरत है तथा यदि सरकार इन्हें नियमित कर देती है तो शैक्षणिक स्टॉफ के साथ साथ लाइब्रेरियन और स्पोर्ट आफिसर के पदो पर जो नियमित रिक्तता है वह पूरी हो जावेगी, हाँ तो इस संबंध में सरकार की क्या योजना है? कारण सहित विस्तार से बतावें। (ग) क्या मध्यप्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित योग्यता पूरी करते हैं,साथ ही पी.एच.डी., नेट, स्लेट योग्यता भी रखते हैं, सरकार इन्हें प्रति वर्ष नियुक्ति इनकी मैरिट व अनुभव के आधार पर देती है, क्या सरकार एक साक्षात्कार बोर्ड का गठन कर इन सब का साक्षात्कार लेकर इन्हें नियमित करने की कार्यवाही करेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) अतिथि विद्वान लोक सेवक की परिभाषा में नहीं आते है। अतः इन्हें नियमित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय चंदेरी में 17 अतिथि विद्वान तथा शासकीय महाविद्यालय ईसागढ़ में 7 अतिथि विद्वान कार्यरत है। शेष बिन्दु की जानकारी उत्तरांश "क" अनुसार। (ग) जी नहीं। समस्त आवेदक अर्हता नहीं रखते है, प्रतिवर्ष मेरिट एवं अनुभव के आधार पर आवंटन सूची जारी करते हुए इस प्रक्रिया को अपनाया जाता है, जिससे यू.जी.सी. अर्हता वाले नवीन आवेदकों को प्रक्रिया में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हो।
शहरी क्षेत्र में पट्टे देने की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 2469 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र झाबुआ में 10, 20 व 30 वर्षों से अधिक तक कब्जाधारियों को पट्टे देने की क्या योजना है? (ख) शासन द्वारा योजना बनाई गई है तो नगरीय क्षेत्र झाबुआ अंतर्गत तो उत्कृष्ट विद्यालय के ग्राउण्ड के पास, रोहीदास मार्ग क्षेत्र, उदयपुरिया क्षेत्र में कुछ गरीब व्यक्तियों को पट्टों से क्यों वंचित रखा गया है? (ग) उक्त सर्वे टीम द्वारा रूचि नहीं ली जाती हैं तो शासन पटवारी, राजस्व निरीक्षण, नजूल अधिकारी के विरूद्ध शासन कुछ कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 है। (ख) उत्कृष्ट विद्यालय के ग्राउंड के पास मात्र 1 हितग्राही पाया गया, सर्वे उपरांत वह अपात्र पाया गया। रोहीदास मार्ग क्षेत्र में सर्वे उपरांत 3 हितग्राही पाये गये जिसमें से 1 अपात्र एवं 2 पात्र पाये गये। उदयपुरिया क्षेत्र में 15 हितग्राही पाये गये सर्वे उपरांत समस्त 15 हितग्राही अपात्र पाये गये। पात्र हितग्राहियों को पट्टा वितरण की कार्यवाही की जा रही है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
झाबुआ जिले में वनों का विकास
[वन]
26. ( क्र. 2470 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में वनों के विकास हेतु कितनी राशि राज्य सरकार द्वारा दी गई और वर्षवार कौन-कौन से कार्य वनो के विकास हेतु लिये गये? आय-व्यय का विवरण स्पष्ट रूप से कार्यवाहीवार दिया जावें? (ख) वन क्षेत्र में आने वाले गांवों में शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत उक्त वर्षों में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामान्य वन मण्डल झाबुआ के अंतर्गत वन क्षेत्र में आने वाले गांवों में शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक लगभग 9817 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
देश की साक्षरता दर
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
27. ( क्र. 2660 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रकाशित डायरी वर्ष 2017 एवं 2018 में देश की 2011 में साक्षरता दर, महिला साक्षरता दर एवं पुरूष साक्षरता दर आंकड़ों को कम कर के प्रिंट किया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतायें। क्या प्रदेश एवं देश की साक्षरता दर में कम अंतर दिखाने के लिए देश के आंकड़ों को जानबुझकर कम कर प्रिंट किया गया है? यह कार्य लगातार 2 वर्ष से क्यों किया जा रहा है? इसके दोषी कौन है? शासन इन पर क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्या उक्त गलत आंकड़े स्कूल शिक्षा विभाग के वार्षिक 2016-17 के प्रशासकीय प्रतिवेदन, कृषि सर्वेक्षण आदि में भी प्रिंट किये गये हैं? (ग) उक्त गलत आंकड़े किन-किन स्थानों पर किन कारणों से प्रिंट किये गये हैं? विभागवार प्रकाशनवार सूची देवें। (घ) उक्त गलत जानकारी वाले प्रकाशन/प्रिंटिंग को चेकिंग/प्रूफ रीडिंग करने वालो के नाम व पद सहित सूची देवें। शासन द्वारा इन लापरवाह अधिकारियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। कृषि सर्वेक्षण उक्त वर्षों में प्रकाशित नहीं हुआ है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश-''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगर निगम द्वारा शाला उपकर की राशि के उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 2773 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा शाला उपकर वसूली का प्रावधान है? (ख) विगत तीन वर्षों में निगम द्वारा शाला उपकर की राशि संग्रहित की गयी है वर्षवार विवरण देवें? (ग) निगम द्वारा वसूली गयी शाला उपकर की राशि का कितना उपयोग उसी मद में किया गया है और कितना उपयोग अन्य मदों में किया गया है? (घ) क्या नगर निगम क्षेत्र के अधीन शालाएं मरम्मत योग्य हैं? यदि हाँ, तो शाला उपकर की राशि का उपयोग किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विगत् 03 वर्षों में निगम द्वारा शाला उपकर की राशि क्रमशः वर्ष 2014-15 राशि रूपये 1593 लाख वर्ष 2015-16 राशि रूपये 1833 लाख एवं वर्ष 2016-17 राशि रूपये 2415 लाख संग्रहित की गई है। (ग) निगम द्वारा शाला उपकर की राशि से वर्षवार शालाओं में संधारण तथा विकास के स्वीकृत कार्यों की राशि क्रमशः वर्ष 2014-15 राशि रूपये 1942 लाख वर्ष 2015-16 राशि रूपये 938 लाख एवं वर्ष 2016-17 राशि रूपये 830 लाख तथा वर्ष 2014-15 राशि रूपये 8.70 लाख वर्ष 2015-16 राशि रूपये 8.46 लाख का उपयोग मध्यान्ह भोजन के परिवहन पर व्यय किया गया है अन्य किसी मद में शाला उपकर की राशि का उपयोग नहीं किया गया है। (घ) निगम क्षेत्र में स्थित शालाओं की मरम्मत की आवश्यकता समय-समय पृथक-पृथक शाला अनुसार प्रतिपादित की जाती है। जी हाँ, विगत् 03 वर्षों में शाला उपकर की राशि में से रूपये 109.19 लाख शालाओं की मरम्मत में निगम द्वारा व्यय किये गये।
नगर निगम अधीन उद्यानों के अतिक्रमण एवं रख-रखाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 2774 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम इंदौर सीमा क्षेत्र में कुल कितने उद्यान स्थापित हैं? संख्या देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में समस्त उद्यानों में रख-रखाव, मरम्मत आदि संबंधी किए गए व्यय का ब्यौरे प्रस्तुत करें। (ग) क्या वर्तमान समय में कई उद्यानों की स्थिति खराब हो चुकी है, जिनमें मरम्मत/नवीनीकरण की आवश्यकता है, ऐसे उद्यानों में अतिक्रमण की स्थिति निर्मित हो चुकी है। यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटाने हेतु कब तक कार्यवाही की जाएगी? (घ) ऐसे उद्यानों को अतिक्रमण मुक्त एवं मरम्मत तथा नवीनीकरण कर स्थानीय रहवासियों के उपयोग हेतु कब तक उपलब्ध करायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, इन्दौर सीमा क्षेत्रान्तर्गत 1144 उद्यान है। (ख) विगत 03 वर्षों में उद्यानों के रखरखाव मरम्मत का मदवार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर निगम, सीमा क्षेत्रान्तर्गत कुछ उद्यानों में नवीनीकरण के अभाव में अतिक्रमण की स्थिति निर्मित हुयी है। नगर निगम, इन्दौर द्वारा ऐसे उद्यानों को चिन्हित कर अतिक्रमण हटाने एवं नवीनीकरण/मरम्मत कराये जाने की कार्यवाही शीघ्र की जाना प्रस्तावित की गयी है। (घ) नगर निगम, इन्दौर द्वारा उद्यानों को शीघ्र ही अतिक्रमण से मुक्त करा कर इनकी मरम्मत तथा उपलब्ध बजट के अनुसार नवीनीकरण कर क्षेत्र के स्थानीय रहवासियों के उपयोग हेतु क्रमबद्ध तरीके से उपलब्ध कराया जाना प्रस्तातिव किया गया है।
भेल महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 2816 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र में भेल टाउनशिप में भेल महाविद्यालय की स्थापना किस वर्ष में की गई थी? स्थापना के समय इस महाविद्यालय में कौन-कौन से संकाय प्रारंभ किये गये थे एवं कितने-कितने विद्यार्थी इस महाविद्यालय में अध्ययनरत थे? (ख) क्या यह महाविद्यालय भेल द्वारा दिये गये किराये के जर्जर भवन में संचालित है? यदि हाँ, तो इसका मासिक एवं वार्षिक कितना-कितना किराया शासन द्वारा भेल प्रबंधन को भुगतान किया जा रहा हैं? (ग) इस महाविद्यालय में वर्तमान में कौन-कौन से संकाय की शिक्षा दी जाती है एवं किस-किस संकाय में कितने-कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? (घ) शासन द्वारा भेल महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु कितनी धनराशि स्वीकृत की गई है? भवन निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ड.) भेल महाविद्यालय के भवन निर्माण के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित पत्र एवं क्षेत्रीय पार्षद श्री केवल मिश्रा द्वारा दिनांक 8.2.2018 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय को सौंपे ज्ञापन में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रश्नांकित भेल महाविद्यालय की स्थापना अगस्त 1984 में की गई थी। स्थापना के समय महाविद्यालय में कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय संचालित थे, जिनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों की संकायवार संख्या क्रमशः 52, 63, 83 थी। (ख) जी नहीं वर्तमान में किराया रू.16,666/- प्रतिमाह एवं वार्षिक राशि रू.1,99,992/- भेल प्रशासन को भुगतान किया जा रहा है। (ग) वर्तमान में कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय में शिक्षा दी जा रही है, जिसमें क्रमशः 287, 755, 529 विद्यार्थी अध्ययनरत है। (घ) विश्व बैंक परियोजना के अन्तर्गत भेल महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु रूपये 650.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है वर्तमान परिसर में उपलब्ध रिक्त भूमि पर भेल प्रशासन द्वारा अनुमति प्रदान करने पर ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) कलेक्टर एवं प्रबंधक, भारत हेवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड, भोपाल को महाविद्यालय के भवन के लिए भूमि उपलब्ध कराने हेतु दिनांक 21/11/2017 को पत्र लिखा गया है।
टैक्स की चोरी करने वालों को संरक्षण
[खनिज साधन]
31. ( क्र. 2826 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री लखुआ अहिरवार पिता श्री दुजनी अहिरवार निवासी ग्राम इटौरी तहसील गुनौर जिला पन्ना द्वारा अभ्यावेदन दिनांक 01/07/2006 द्वारा कलेक्टर पन्ना को प्रस्तुत आवेदन पत्र में ग्राम कुटनी ग्राम पंचायत कुटमी में उत्खनन पट्टा स्वीकृत किये जाने हेतु आवेदन पत्र के बिन्दु क्रमांक 15 में सूचित किया था, कि वह पत्थर की बिक्री हेतु उत्खनन पट्टा चाहता है और उसका पेशा कृषि एवं मजदूरी है। क्या कलेक्टर खनिज पन्ना के पत्र क्रमांक 1855/11/एम/3/6/2015 पन्ना दिनांक 11/09/2015 द्वारा सूचित किया गया है कि श्री लखुआ अहिरवार पिता श्री दुजनी अहिरवार निवासी ग्राम इटौरी तहसील गुनौर जिला पन्ना द्वारा स्वीकृत दिनांक 03/02/2007, 27/02/2007 से (स्वीकृत दिनांक) से दिनांक 24/08/2015 तक रूपये 4275000/- रायल्टी के रूप में जमा किये गये हैं? क्या विभाग में विक्रयकर्ता अथवा फर्म के रूप में उक्त व्यक्ति का पंजीयन है? पंजीयन क्रमांक एवं दिनांक बतायें। (ख) लखुआ अहिरवार पिता श्री दुजनी अहिरवार निवासी ग्राम इटौरी तहसील गुनौर जिला पन्ना द्वारा क्या विभाग में सेल्स टैक्स जमा करने हेतु पंजीयन हेतु आवेदन किया था? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्या उसको पत्थर बेचने के बाद सेल्स टैक्स की राशि जमा करनी चाहिए थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि और किस दर से यदि नहीं, तो किस नियम के आधार पर? (ग) विभाग द्वारा इस तथ्य पर निगरानी क्यों नहीं रखी गयी कि, जिले में जिन-जिन लोगों को उत्खनन पट्टे अथवा खदाने स्वीकृत हैं, वे व्यक्ति फर्मे, सोसायटी, किसको पत्थर बेच रही है और उस पर सेल्स टैक्स अथवा धंधा करने के लिये जो भी अनुमतियां/पंजीयन आवश्यक है, उन्हें प्राप्त किया गया है या नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन व्यक्ति द्वारा आवेदन दिनांक 01.07.2006 को प्रस्तुत नहीं किया गया है। अपितु आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र दिनांक 11.07.2006 में आवेदन पत्र का विवरण एवं जमा रॉयल्टी राशि के आंकड़े सही है। प्रचलित खनिज नियमों के अधीन उत्खनिपट्टेधारी का विभाग में विक्रयकर्ता या फर्म के रूप में पंजीयन आवश्यक नहीं है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न ही नहीं है। (ख) प्रश्नानुसार कर देयता के संबंध में परीक्षण किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश अनुसार खनिज किसे विक्रय किया जा रहा है, ऐसी जानकारी संकलन के प्रावधान खनिज नियमों में नहीं होने के कारण प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल में अतिथि व्याख्याता
[उच्च शिक्षा]
32. ( क्र. 2833 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल के योग एवं मानव चेतना विभाग में कौन-कौन अतिथि व्याख्याता कार्यरत हैं/रहें? क्या विभाग की महिलाओं/छात्राओं के द्वारा उनके विरूद्ध क्या-क्या लिखित शिकायतें कुल सचिव को दी गई है और उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक करेंगे और क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) क्या योग विभाग में वर्तमान में कार्यरत फैकल्टी की योग्यता यू.जी.सी. के मापदंड अनुसार नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या योग में योग्यताधारियों की प्रदेश में कमी है? यदि नहीं, तो योग विभाग में अयोग्य व्यक्ति क्यों कार्यरत हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) गलत है तो दर्शनशास्त्र में उपाधिधारी शिक्षक योग विषय क्यों पढ़ा रहा हैं और योग में एम.ए. उपाधिधारी शिक्षक स्नातक को पढ़ा रहा हैं? क्या इन्हें हटाने की कार्यवाही की जावेगी और कब तक, नहीं तो क्यों? योग विभाग में कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं की योग्यताएं, मान्य/अमान्य उपाधिधारियों से संबंधित संपूर्ण विवरण देवें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) योग एवं मानव चेतना विभाग, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल में डॉ.अजय दुबे एवं डॉ. रमेशचंद्र सांभरिया अतिथि विद्वान के रूप में कार्यरत हैं। विभाग में कार्यरत श्रीमती प्रीति शर्मा द्वारा डॉ. रमेशचंद्र सांभरिया के विरूद्ध अभद्र व्यवहार की शिकायत दिनांक 28.04.2017 को की गई थी। शिकायत पर कार्यवाही की गई तथा डॉ. सांभरिया द्वारा दिनांक 03.05.2017 को भविष्य में ऐसा नहीं करने का लिखित में आश्वासन दिया। अतः प्रकरण समाप्त कर दिया गया। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन संधारित मंदिरों/देवस्थानों को पर्यटन विभाग में सम्मिलित करना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
33. ( क्र. 2836 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन संधारित मंदिरों/देवस्थानों या चिन्हित स्थलों को पर्यटन विभाग में सम्मिलित किए जाने के क्या नियम, मापदण्ड एवं प्रक्रिया हैं? (ख) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत विगत 04 वर्षों में विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? कृपया कार्यों की लागत सहित कार्यवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से स्थल या देवस्थान विभाग में शामिल हैं एवं इनमें कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? विभाग में शामिल नहीं होने, परन्तु विभाग द्वारा राशि प्रदाय कर कार्य करवाये गए हों तो, उन कार्यों का भी विवरण देवें? (घ) क्षेत्रान्तर्गत पंचदेहरिया महादेव मंदिर तहसील सुसनेर को विभाग में शामिल करने हेतु कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से पाण्डवकालीन इतिहास से संबंध होने के कारण परीक्षण करवाकर इस ओर विचार किया जावेगा?
खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) विभाग से
संबंधित नहीं
होने के कारण
जानकारी निरंक
है। (ख) आगर-विगत
4 वर्षों
में जिला
आगरमालवा की
तहसील
नलखेड़ा अंतर्गत
पर्यटन विभाग
द्वारा मां
बगलामुखी मंदिर
में नदी तट पर
घाटों का
निर्माण, धर्मशाला
में टाईल्स
फिटिंग,
मंदिर
के समीप 2
कक्ष व 1 हॉल
का निर्माण, सुलभ
शौचालय,
मंदिर
के सामने
पिवर्स ब्लॉक
व श्री बल्डावदा
हनुमान मंदिर
नलखेडा में
पिवर्स ब्लॅक
लगवाये गये
है। शाजापुर-
शाजापुर जिले
के अंतर्गत
विगत 4
वर्षों में
शासन संधारित
मंदिरों/देवस्थानों
के
जीर्णोद्धार
हेतु विभाग
द्वारा स्वीकृत
किये गये
कार्यों का
लागत सहित
कार्यवार
विवरण संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ग)
विधानसभा
क्षेत्र
सुसनेर
अंतर्गत
शाजापुर जिले
की तहसील मो. बड़ोदिया
के कुल 42
देवस्थान
शासन संधारित
मंदिरों में शामिल
है, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। शासन
संधारित
मंदिरों के
प्राक्कलन
प्रस्ताव
कलेक्टर/संभागायुक्त
के माध्यम से
प्राप्त होने
पर
नियमानुसार
मंदिर के
जीर्णशीर्ण
होने के
स्थिति में
उपलब्ध बजट
के आधार पर
राशि स्वीकृत
की जाती है।
यह एक सतत
प्रकिया है।
(घ) जी नहीं।
शेष प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता है।
परिशिष्ट
- ''सत्तर''
जनपद/जिला पंचायत के कर्मचारियों के स्थानान्तरण नीति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 2969 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जनपद/जिला पंचायत के कर्मचारियों के स्थानान्तरण के संबंध में कोई नीति शासन द्वारा निर्धारित की गई है? यदि नहीं, तो कब तक नीति निर्धारित की जायेगी? (ख) क्या जनपद/जिला पंचायतों में बीस वर्ष से अधिक एक ही जनपद/जिला पंचायत में कर्मचारी पदस्थ हैं? (ग) क्या जनपद/जिला पंचायत के कर्मचारियों के स्थानान्तरण जिले में अथवा अन्य जिले में करने हेतु शासन द्वारा कोई निर्णय लिया जा रहा है अथवा नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला एवं जनपद पंचायत में पदस्थ कर्मचारी ग्रामीण स्थानीय निकाय के कर्मचारी है। अतः सामान्यतः उनकी पदस्थापना एक ही स्थान पर रहती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा केन्द्रों की मॉनीटरिंग
[लोक सेवा प्रबन्धन]
35. ( क्र. 2988 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लोक सेवा केन्द्रों द्वारा कितने विभागों की कुल कितनी सेवाएं प्रदेश की जनता को प्रदान की जा रही हैं? (ख) क्या खंडवा जिले के लोक सेवा केन्द्रों में विगत 3 वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त, निराकृत हुए? शेष आवेदन क्यों लंबित हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) जिले में ग्रामीण आवेदकों को राजस्व अभिलेखों की प्रतिलिपि एवं विद्युत मण्डल की सेवाओं का लाभ लोक सेवा केन्द्रों से नहीं मिल पा रहा है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) जिले में लोक सेवा प्रबंधकों को केन्द्रों के निरीक्षण के लिए शासन द्वारा वाहन सुविधा उपलब्ध कराई गई, यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में उनके द्वारा जनपदवार कितने भ्रमण किये गये? (ड.) यदि नहीं, तो क्या यह प्रबंधकों के कार्य में लापरवाही एवं उदासीनता की श्रेणी में आता है? निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों पर कितने लोक सेवा संचालकों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) 27 विभागों की 224 सेवाएं प्रदेश की जनता को प्रदान की जा रही है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '’अ’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा प्रदाय की गई सेवाओं का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '’ब’’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। लोक सेवा केन्द्रों पर किये गये भ्रमण का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '’स’’ अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनियमितताओं की जांच एवं दोषियों पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
36. ( क्र. 3040 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 35 दिनांक 29.11.2016 के माध्यम से नगर पंचायत गुढ़ में निर्माणाधीन स्टेडियम के संबंध में जानकारी चाही गयी थी, जिसमें निर्माण कार्य दिनांक 06.08.2012 से प्रारंभ होना तथा रु. 154.43 लाख व्यय होना बताया गया। पुनरीक्षित प्रस्ताव तैयार कर निर्माण बावत् राशि 21230000.00 की मांग की गयी एवं अनियमितताओं की जांच कर कार्यवाही का भी उत्तर दिया गया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या पुनरीक्षित प्रस्ताव अनुसार राशि जारी की गयी, यदि हाँ, तो कब एवं कितनी, अनियमितताओं के जांच उपरांत कौन-कौन दोषी पाये गये, उनके ऊपर जांच कर क्या कार्यवाही की गयी? अगर जांच नहीं की गयी तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में तकनीकी अमले द्वारा स्थल चयन का मौके से निरीक्षण नहीं किया अगर किया और व्यय स्थल के कारण बढ़ा तो इसके लिए संबंधितों से राशि की वसूली एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार निर्माण कार्य ठेकेदार/एजेंसी द्वारा ना कर फर्जी बिल बाउचर के आधार पर संबंधितों से सांठ-गांठ कर राशि आहरित कर ली गयी, निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ तो इसके लिए दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेगें? राशि की वसूली के साथ गबन का प्रकरण पंजीबद्ध करावेंगे, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? साथ ही अधूरे निर्माण को कब तक पूरा करावेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। स्टेडियम का पुनरीक्षित प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, किंतु निर्माण कार्य की जाँच प्रस्तावित होने से प्रस्ताव अमान्य किया गया है। (ख) जी नहीं। स्टेडियम निर्माण की शिकायत पर जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश "ख" के उत्तर अनुसार।
बडे झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन
[वन]
37. ( क्र. 3081 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्वोच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 202/1995 में 12 दिसबंर 1996, आई.ए.क्रमांक- 791-792 में 01 अगस्त 2004 एवं हाईकोर्ट ग्वालियर की याचिका क्रमांक 1413/2002 के दिनांक 8 सितंबर 06 से आदेशित बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि को जबलपुर कटनी मण्डला, डिण्डोरी एवं बैतूल जिले में नारंगी वनखण्डों एवं वर्किग प्लान में शामिल किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो, 12 दिसम्बर 1996, 1 अगस्त 2003 एवं 8 सितम्बर 2006 को बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की कितनी-कितनी भूमि के संबंध में क्या-क्या आदेश दिया गया है? इन आदेशों के पालन में बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि को नारंगी भूमि वन खण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल करने के क्या आदेश है? (ग) मान.न्यायालय के आदेश के बाद भी बड़े-बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि को मण्डला, डिण्डोरी,जबलपुर, कटनी एवं बैतूल जिले में नारंगी वन खण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल करने का क्या कारण है? ऐसा किस आदेश के तहत किया है? (घ) बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन को नारंगी वन खण्ड एवं वर्किंग प्लान से पृथक किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा कब तक जमीनों को पृथक कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांकित आदेशों से प्रश्नाधीन भूमियों को नारंगी वनखण्डों एवं वर्किंग प्लान में शामिल नहीं किया गया, अपितु विभागीय परिपत्र दिनांक 14.05.1996 की कंडिका-3 में दिये गये निर्देशानुसार प्रश्नाधीन भूमियों में से अच्छी श्रेणी के उपलब्ध वन के खसरों को सर्वे उपरांत नारंगी वनखण्डों एवं कार्य-आयोजना में शामिल किया गया। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक 12.12.1996, 01.08.2003 एवं 08.09.2006 के आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन आदेशों के पालन में प्रश्नाधीन भूमि को नारंगी भूमि के वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल करने का कोई आदेश नहीं है। (ग) उत्तरांश 'क' के अनुसार। (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से अनुशंसित कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
38. ( क्र. 3082 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला विधान सभा क्षेत्र में विधायक निधि के तहत मण्डला विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2012-13 से 2017-18 के दौरान निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो, निर्माण कार्य स्वीकृति पश्चात कार्य पूर्णावधि कितने माह की है? कार्य अपूर्ण होने के क्या कारण हैं? (ग) वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2016-17 के दौरान कितने कार्य स्वीकृत किये गये है? उनमें से कितने कार्य पूर्ण तथा कितने कार्य अपूर्ण हैं? उनकी स्वीकृत राशि तथा कार्य प्रारंभ करने एवं कार्य पूर्ण होने का दिनांक बतायें? (घ) उक्त वर्षों में स्वीकृत कार्यों जो पूर्ण हो चुके हैं उनमें कितने कार्यों के कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके हैं तथा कितने लंबित हैं? लंबित होने का क्या कारण है, इसके लिए कौन दोषी है? पंचायतवार, विकासखण्डवार पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
खनिज साधन डोलोमाईट का खनन
[खनिज साधन]
39. ( क्र. 3092 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले की बहुमूल्य खनिज संपदा डोलोमाईट का खनन कर व्यापार किया जा रहा है। जिसकी संपूर्ण जानकारी जिला प्रशासन एवं खनिज विभाग को है? क्या निजी भूमि में डोलोमाईट खनन की स्वीकृति दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से प्रश्नांश दिनांक तक जिले की खदानों से प्रदेश शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ है वर्षवार, खदानवार, ठेकेदार का नाम, पता एवं उसके द्वारा जमा राजस्व का विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) मण्डला जिले की डोलोमाईट खदानों की वर्ष 1998 से 2017 तक के कितने ठेकेदारों/भू-स्वामी को डोलोमाईट खनन एवं परिवहन हेतु शासन स्तर पर लीज प्रदान की गई है? ग्राम पंचायतवार वर्षवार, नाम एवं पता सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार जिले में निजी भूमि के डोलोमाईट के खनन की स्वीकृति किसके निर्देश पर दी गई है? क्या भूमि स्वामी की सहमति है? उक्त लीजधारकों को कब-कब भू-प्रवेश प्रदान की गई है? उनका मूल्यांकन, सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम एवं पदनाम सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी ठेकेदार को डोलोमाईट खनन एवं परिवहन हेतु लीज प्रदान नहीं की गई है। भू-स्वामी आवेदकों को प्रदान की गई लीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) प्रश्नानुसार खनन की स्वीकृति खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 एवं इसके अधीन निर्मित नियमों के तहत दी गई है। खनिपट्टा स्वीकृति के पूर्व भू-स्वामी की सहमति की अनिवार्यता नहीं है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शाई गई है। इसके मूल्यांकन एवं सत्यापन का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन अधिकार के संबंध में
[वन]
40. ( क्र. 3155 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौरादेही अभ्यारण एवं पचमढ़ी पार्क की सीमा में अधिसूचित भा.व.अ.1927 की धारा 5 से 19 तक की किस-किस वनखंड में शामिल किस ग्राम की कितनी भूमियों की जांच प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की जा सकी है वन भूमियों को धारा 4 के अनुसार किस दिनांक को अधिसूचति कर किसे वन व्यवस्थापन अधिकारी बनाया गया? (ख) नौरादेही अभ्यारण एवं पचमढ़ी पार्क के विस्थापितों को धारा 4 में अधिसूचित किस वनखंड के कितने रकबे पर विस्थापित किया गया है यह भूमि किस ग्राम के राजस्व अभिलेखों में किन किन मदों एवं किन-किन सार्वजनिक निस्तारी प्रयोजनों के लिये दर्ज जमीन है? (ग) धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित भूमियों के सबंध में वन अधिकारियों, कलेक्टर एवं वन विस्थापन अधिकारी को भारतीय वन अधिनियम 1927 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में क्या-क्या अधिकार दिया गया है? इनमें से किस धारा के अनुसार धारा 4 में अधिसूचित भूमि पर विस्थापन की कार्यवाही की गई है? (घ) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित भूमियों पर विस्थापन की कार्यवाही करने के पूर्व या पश्चात् में धारा 4 की संशोधित अधिसूचना किस दिनांक को प्रकाशित की गई? यदि अधिसूचना प्रकाशित नहीं की गई तो, उसका कारण बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। नौरादेही अभ्यारण के वनखण्ड लकलका, विक्रमपुर, रोहनी, झिलपानी, आमापानी, जोतखेड़ा एवं रमखिरिया के ग्रामों के नाम की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) नौरादेही अभ्यारण के विस्थापितों को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) में अधिसूचित वनखण्डों की भूमि में विस्थापित नहीं किया गया है। पचमढ़ी पार्क के विस्थापितों को धारा-4 (1) में अधिसूचित वनखण्ड धमनिया ए में 221.60 हे, पहनतला वनखण्ड में 182 हे. पहनतला खुर्द ए बी वनखण्ड में 320.00 हे, बागडा वनखण्ड में 215.00 हे, पथरई वनखण्ड में 170.00 हे, खोरी वनखण्ड में 420.00 हे, घोघरा वनखण्ड में 240.00 हे, पश्चिम भरगदा वनखण्ड में 146.918 हे, कासदा वनखण्ड में 240.00 हे, पूर्व कालाआखर वनखण्ड में 169.281 हे, रकवा (वनभूमि) पर विस्थापन किया गया है वन प्रबंधन में राजस्व मद एवं प्रयोजन की जानकारी आवश्यक नहीं होने के कारण वन अभिलेखों में संधारित नहीं रहती है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 से अधिसूचित संरक्षित वनभूमियों को आरक्षित वन बनाने के आशय की अधिसूचना धारा-4 (1) में होने के पश्चात् धारा-5 से 20 तक की कार्यवाही के संबंध में कलेक्टर एवं वन व्यवस्थापन अधिकारी के अधिकार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार हैं। धारा-5 से 20 तक में वन अधिकारियों को कोई अधिकार प्रदाय नहीं किये गये हैं। अधिसूचित आरक्षित या संरक्षित वनभूमि पर भू-राजस्व संहिता-1959 के प्रावधान अधिनियम की धारा-1 (2) के अनुसार प्रभावी नहीं हैं वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 38 'V' के तहत कोर/क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट क्षेत्रा से ग्रामों के विस्थापन की कार्यवाही की गई है। (घ) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 की अधिसूचित भूमियों की सीमाएं अपरिवर्तित रहने के कारण संशोधित अधिसूचनाएं निकाले जाने का कोई औचित्य नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों को नियमों का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 3233 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के ऐसे आदेश है कि एम.पी.हउसिंग बोर्ड, विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र प्राधिकरण, नगर निगम को यदि शासन से नि:शुल्क जमीन आवासीय एवं कमर्शियल भवन, दुकान बनाने के लिये प्लाटिंग के लिये मिलती है, तो अ.जा./अ.ज.जा. एवं पि.व. के हितग्राहियों से केवल विकास शुल्क लिया जाये? यदि जमीन खरीदकर आवासीय कमर्शियल भवन, भू-खण्ड विकसित किये जाते हैं, तो कीमत का आधा लिया जाये? (ख) यदि नियम हैं तो क्या उक्त नियमों का शासन द्वारा पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ग्वालियर जिलें में विगत तीन वर्षों से अ.जा./अ.ज.जा. एवं पि.वर्ग के कितने हितग्राहियों को उक्त नियमों का लाभ दिया गया है? संख्या बतायें? (ग) यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत सचिवों को मानदेय देने के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 3265 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या करैरा, जिला शिवपुरी में वर्ष 2011 की सामजिक आर्थिक जातिगत जनगणना का सर्वे कार्य ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा विभाग के (प्रगणक) के रूप में किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो निर्धारित मानेदय की राशि जो लगभग 18000 रूपये प्रत्येक प्रगणक के मान से बनती है वह सर्वे दिनांक से प्रश्नांकित दिनांक तक भुगतान क्यों नहीं की गयी? जबकि शेष तहसीलों एवं नगरीय क्षेत्रों में दी जा चुका है करैरा क्षेत्र के प्रगणकों को न देने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रगणकों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा व भुगतान न करने हेतु कौन-कौन दोषी हैं? क्या शासन उनके खिलाफ कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) शिवपुरी जिले में मानदेय/यात्रा भत्ता मद में जिले की मांग राशि रू.216.75 के विरूद्ध राशि रू.216.58 लाख आवंटित की जा चुकी है। जिले द्वारा मानदेय में प्रदाय राशि में से राशि रूपये 199.65 लाख का उपयोग मानदेय/यात्रा भत्ता मद में कर शेष राशि का उपयोग अन्य मद में किये जाने के कारण करैरा क्षेत्र के प्रगणकों को मानदेय भुगतान नहीं किया जा सका। (ग) प्रश्नांश “क“ के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण कर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री सुरक्षा योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
43. ( क्र. 3346 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के तहत हरदा जिले में कितने मजदूरों का पंजीयन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित योजनानुसार हरदा जिले में कितने मजदूरों को योजना के विभिन्न प्रावधानों के तहत कितनी-कितनी सहायता राशि प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई गई? ब्लाकवार जानकारी दें। (ग) मजदूरों को अधिक से अधिक उक्त योजना का लाभ मिल सके इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) हरदा जिले में मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजनान्तर्गत 15609 मजदूरों का पंजीयन किया गया है। (ख) ब्लाकवार उपलब्ध कराई गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा का लाभ मजदूरों को अधिक से अधिक देने हेतु मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं आशा कार्यकर्ता के माध्यम से एवं जनकल्याणकारी शिविरों में योजना का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
महाविद्यालय को विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया जाना
[उच्च शिक्षा]
44. ( क्र. 3366 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के शहडोल नगर में स्थित शंभुनाथ शुक्ला स्नातकोत्तर महाविद्यालय को शंभुनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय के ही नाम पर परिवर्तित कर दिया गया है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या महाविद्यालय के अस्तित्व को कायम रखने के लिये कोई प्रावधान किया गया है? (ग) क्या विश्वविद्यालय को नवनिर्मित परिसर में स्थानांतरित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक तथा पुराने भवन का उपयोग किस प्रकार किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) विश्वविद्यालय का नवीन परिसर निर्माणाधीन है। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर ही विश्वविद्यालय को नये भवन में स्थानांतरित किया जा सकेगा एवं पुराना भवन भी इसी विश्वविद्यालय का परिक्षेत्र रहेगा।
सांची दूध वितरण के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
45. ( क्र. 3419 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा मिड-डे मील योजना के तहत प्राथमिक विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को विद्यालय में दूध पिलाये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो कौन सी कंपनी का दूध बच्चों को पिलाया जाता है और इसके पिलाने के संबंध में विद्यालय को शासन द्वारा क्या निर्देश दिए गए हैं? प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना के तहत दुग्ध प्रदाता कंपनी सांची से, शासन के द्वारा दूध पावडर के पैकिट क्रय किये जाते हैं? यदि हाँ, तो किस दर से दूध पैकिट क्रय किये जाते हैं? जुलाई 2017 से प्रश्न दिनांक तक संबंधित कंपनी को कुल कितने राशि का भुगतान किया गया एवं कितने बच्चे लाभांवित हुए? (ग) क्या दमोह जिले में जुलाई 2017 से प्रश्न दिनांक तक सभी विद्यालय में दूध के पैकिट वितरित किये गये? यदि हाँ, तो, ब्लाक का नाम, स्कूल का नाम, पैकिट की संख्या, लाभान्वित बच्चों की संख्या, जिनको दूध पिलाया गया? यदि नहीं, तो इस संबंध में जिम्मेदार व्यक्ति पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध संघ, भोपाल, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। रू. 240/— प्रति किलो दर से। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध संघ, भोपाल को जुलाई 2017 से प्रश्न दिनांक तक रू. 53.51 करोड़ का भुगतान किया गया है एवं 67.11 लाख लक्षित बच्चे लाभान्वित। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पार्क एवं अभ्यारण्य से विस्थापन
[वन]
46. ( क्र. 3422 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौरादेही अभ्यारण एवं पचमढ़ी पार्क से विस्थापन के लिए किस जिले के किस राजस्व एवं किस वनग्राम को किस अधिसूचना दिनांक से अधिसूचित किया उसमे से किस ग्राम के कितने परिवारों के विस्थापन का आदेश कलेक्टर ने किस दिनांक को जारी किया, आदेश की प्रति सहित बतावें। (ख) विस्थापित परिवारों की सम्पत्ति के प्रतिकर एवं उस पर कितने प्रतिशत तोषण की गणना किस कानून की किस धारा के अनुसार की गई? (ग) विस्थापित परिवारों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की व्यवस्था किस कानून या किस नीति या किस योजना के तहत की गई? (घ) जनवरी 2014 से लागू भूमि अर्जन पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता के अधिकार अधिनियम 2013 में प्रतिकर, तोषण, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन के सबंध में क्या-क्या प्रावधान है? इसके उल्लघंन के संबंध में धारा 87 में क्या प्रावधान दिया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामीणों की सहमति के उपरांत स्वेच्छिक व्यवस्थापन के लिए जिला कलेक्टर द्वारा पात्रता निर्धारण समिति का गठन किया जाता है। नौरादेही अभ्यारण्य में कलेक्टर द्वारा पात्रता निर्धारण समिति के अतिरिक्त परिसम्पत्तियों के मूल्यांकन हेतु पृथक से समिति का गठन किया गया है। नौरादेही अभ्यारण्य एवं पचमढ़ी पार्क (सतपुड़ा टाइगर रिजर्व) से इच्छुक ग्रामों के विस्थापन के लिए संबंधित कलेक्टर द्वारा जारी आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कलेक्टर द्वारा गठित समिति की अनुशंसा अनुसार जिला कलेक्टर द्वारा संबंधित हितग्राही को भुगतान कराया जाता है। (ख) संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के स्वेच्छिक विस्थापन के लिए मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3-8/07/10-2/2129 दिनाक 30.10.2008 से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों का विस्थापन किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। यह कार्यवाही वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 24 उपधारा 2ब के अंतर्गत की जाती है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार। (घ) जैसा कि उत्तरांश (ख) में स्पष्ट किया जा चुका है, संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के पुनर्स्थापन की कार्यवाही भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भू-अर्जन की कार्यवाही नहीं है, अपितु वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम के अंतर्गत परस्पर सहमति अनुसार की जाने वाली स्वेच्छिक कार्यवाही है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बाउण्ड्रीवाल बनाए जाने हेतु प्रस्ताव
[उच्च शिक्षा]
47. ( क्र. 3503 ) श्री कैलाश चावला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा जिला नीमच के बाउण्ड्रीवाल बनाए जाने हेतु प्रस्ताव शासन को कब प्राप्त हुआ? जिसका सर्वे कर प्राक्कलन किस दिनांक को तथा कितनी राशि का उच्च शिक्षा विभाग भोपाल को प्रेषित किया गया है? (ख) उक्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्राचार्य, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामपुरा जिला नीमच के माध्यम से बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु प्राक्कलन राशि रू. 94.25 लाख के साथ प्रस्ताव दिनांक 28.07.2016 को प्राप्त हुआ। (ख) उक्त प्राप्त प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
निर्माणाधीन/निर्माण सड़कों की गुणवत्ता की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
48. ( क्र. 3536 ) श्री महेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 03 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र बीना में मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य स्वीकृत किये है एवं कितने निर्माणाधीन है एवं कितने पूर्ण हो चुके हैं? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्र के मुख्यमंत्री सड़क योजनांतर्गत सड़कों/पुलियों का निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो कार्यवार लागत/ स्वीकृति एवं वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (ग) विगत वर्ष मुख्य मार्ग से हरवंशपुर, लाखनखेड़ा ढुरढुर ओड़ामल तिगड्डा तक मुख्यमंत्री सड़क निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो गत वर्ष में उक्त सड़क मार्ग चलने के लायक क्यों नहीं है, विभाग द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की है? (घ) मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत सड़कों के रख-रखाव की अवधि क्या है? उसका पालन किया जा रहा है यदि नहीं, तो विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? हरवंशपुर से ओड़मल सड़क निर्माण की जांच करायी जावे एवं दोषी ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही प्रस्तावित की जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। यह सही नहीं है कि गत वर्ष प्रश्नांकित सड़क चलने लायक नहीं थी। विभाग द्वारा ठेकेदार की वार्षिक संधारण हेतु जमा राशि से संधारण कार्य कराया गया है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा मार्ग को डामरीकरण कराए जाने हेतु मार्ग हस्तांतरित किया गया है। (घ) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मार्गों के रख-रखाव की अवधि कार्य पूर्णता की दिनांक से 02 वर्ष तक है। आवश्यकतानुसार संधारण कार्य मार्गों का कराया जाता है। हरवंशपुर से ओड़ामल सड़क संधारण उपरांत डामरीकरण हेतु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को सौंपा जा चुका है एवं जांच कराए जाने की आवश्यकता नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
धावड़ा गोंद का प्रकरण बनाया जाना
[वन]
49. ( क्र. 3575 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष २००३ में धावड़ा गोंद के संबंध में राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के बाद भी दक्षिण वनमंडल बैतूल के अंतर्गत दि.०२ जून २०१४ को प्रभातपट्टन में गोदाम की तलाशी ली जाकर धावड़ा गोंद जप्त कर मप्र वनोपज व्यापार विनियमन १९६९ की धारा २घ एवं ५ लगाए जाकर वन अपराध प्रकरण ४५३/६५ पंजीबद्ध करने वालों के विरूद्ध वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है? (ख) यदि हाँ, तो दि.०२ जून २०१४ को गोदाम की तलाशी लेकर, गोदाम से धावड़ा गोंद जप्त कर धारा २ घ एवं ५ किस आधार पर लगाई गई? भारतीय वन अधिनियम १९२७ की धारा २६ एवं धारा ३३ किस आधार पर लगाई गई? प्रकरण में अभियुक्त किस आधार पर बनाया गया? (ग) क्या प्रकरण क्रमांक ४५३/६५ दिनांक ०२ जून २०१४ के संबंध में वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल एवं वन मुख्यालय की संरक्षण शाखा को पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो इनमें प्रश्नांकित दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही की है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 02 जून, 2014 को गोदाम से तलाशी लेकर गोदाम से धावड़ा गोंद जप्त कर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (च), 33 (1) (ए) एवं सहपठित 66 (क), 69 के साथ-साथ मध्यप्रदेश वनोपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969 की धारा 2 (घ) एवं 5 भी अधिरोपित की गई, जो त्रुटिपूर्ण थीं। परिक्षेत्राधिकारी, मुलताई द्वारा पत्र क्रमांक 375 दिनांक 02.03.2016 से माननीय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी मुलताई को पत्र लिखकर उक्त धारा हटाने हेतु अनुरोध किया गया। धावड़ा गोंद संग्रहण हेतु कक्ष क्रमांक पी.एफ. 935 में 41 वृक्षों में ब्लेज (घाव) बनाने के फलस्वरूप धारा 33 लगाई गई। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (च), 33 (1) (ए) एवं सहपठित 66 (क), 69 के उल्लंघन हेतु धावड़ा गोंद जप्त कर वन अपराध दर्ज करने का अधिकार वन अधिकारियों को है। अप्राकृतिक रूप से धावड़ा गोंद संग्रहण कर भण्डारण करने पर संबंधित के विरूद्ध वन अपराध पंजीबद्ध किया गया। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उद्योगों के लिए भूमि आरक्षण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
50. ( क्र. 3604 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में उद्योग हेतु कितनी भूमि, कहाँ-कहाँ आरक्षित की गई एवं कितनी शासकीय भूमि उद्योग हेतु कहाँ-कहाँ आरक्षित की जा रही है? (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कितने बड़े एवं लघु स्थापित होकर कार्य कर रहे हैं तथा उनमें कितने स्थानिय कर्मचारियों को कब-कब रोजगार प्रदान किया गया? (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में उद्योग स्थापित उद्योगों को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई है? (घ) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के लिए कितने निवेशकों के आवेदन स्वीकृति हेतु विभाग में कब से लंबित है? आवेदनवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत उज्जैन जिले की घटिया तहसील में औद्योगिक क्षेत्र, बांधका 27.90 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित है। उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार घटिया विधानसभा क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु 514.31 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। जिसमें से शासकीय भूमि का क्षेत्रफल 312.94 हेक्टेयर भूमि आरक्षित होकर ए.के.व्ही.एन., उज्जैन के आधिपत्य में है और शेष 201.37 हेक्टेयर निजी भूमि ए.के.व्ही.एन., उज्जैन द्वारा अर्जित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले में उद्योग आधार मेमोरेण्डम के तहत 10246 सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग पंजीकृत हैं, जिसमें 34591 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संधारित नहीं की जाती है। उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार ए.के.व्ही.एन., उज्जैन द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्र अंतर्गत घटिया विधानसभा क्षेत्र में कोई बड़ा एवं लघु उद्योग वर्तमान में स्थापित नहीं है। (ग) शासन के द्वारा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों को अनेक अनुदान/सुविधा उद्योग संवर्धन नीति के तहत प्रदान की गई है। (घ) सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से संबंधित जानकारी निरंक है। उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार ए.के.व्ही.एन., उज्जैन क्षेत्र अंतर्गत घटिया विधानसभा क्षेत्र में स्थित औद्योगिक क्षेत्र ताजपुर में कुल 5 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 3 आवेदकों को भूमि आवंटित की जा चुकी है एवं 2 आवेदकों द्वारा आशय पत्र की पूर्ति नहीं किये जाने के कारण ए.के.व्ही.एन., उज्जैन द्वारा आवेदन निरस्त किया गया है वर्तमान में कोई आवेदन लंबित नहीं है।
जिला पंचायत उज्जैन द्वारा किये गये भुगतान/व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 3682 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत उज्जैन द्वारा आयोजित हस्तशिल्प मेला दिसम्बर-2017 में मेले से दुकानदारों से कितनी-कितनी राशि किस-किस से वसूली गई एवं अन्य स्त्रोत से कितनी राशि प्राप्त हुई? दुकानों के आवंटन का आधार क्या था? दुकानवार, अन्य स्त्रोतवार कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) जिला पंचायत उज्जैन द्वारा आयोजित हस्तशिल्प मेला दिसम्बर-2017 में मेले में कितनी राशि व्यय की गई है? कार्यवार व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। व्यय की गई राशि किस नियम के तहत की गई? राशि व्यय करने में जिन नियमों का पालन किया गया है? उन नियम की भी प्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। दुकानों के आवंटन का आधार प्रथमतः हथकरधा विभाग की बुनकर एवं औद्योगिक समितियों को एवं स्व-सहायता समूह को निःशुल्क स्टॉल आवंटित किये गये। प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों से एवं स्थानीय उज्जैन से प्राप्त आवेदनों को लॉटरी के माध्यम से पारदर्शिता अपनाते हुए स्टॉल आवंटित किये गये। (ख) आयोजित हस्तशिल्प मेला दिसम्बर 2017 अंतर्गत राशि रूपये 20,66,748/- व्यय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। व्यय की गई राशि भण्डार क्रय नियम के तहत् की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 3693 ) डॉ. कैलाश
जाटव : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
नगरपालिका
परिषद
गोटेगांव में
मुख्यमंत्री
शहरी अधोसंरचना
विकास योजना
के द्वितीय
चरण में नगरीय
निकायों को
अधोसंरचना
विकास
कार्यों को
कराने हेतु
संचालनालय
नगरीय
प्रशासन एवं
विकास म.प्र.
भोपाल के पत्र
क्र/15204/मु.ष.अधो.वि.यो-पप/यां.प्र./07-4/2016 भोपाल 6.12.2016 के माध्यम
से
सैद्धांतिक
स्वीकृति
प्रदान की गई
थी? (ख) यदि
हाँ, तो
गोटेगांव में
कम्युनिटी
हॉल
(ऑडिटोरियम) निर्माण
एवं
नगरपालिका
परिषद से लगे 5 कि.मी. के
दायरे के
ग्रामों का
नगर पालिका
में सम्मिलित
करने हेतु
परिसीमन, स्वीकृति
के उपरांत 1 वर्ष बीत
जाने के बाद
भी कार्य
क्यों नहीं कराये
जा रहे? (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
नगरपालिका
परिषद में
कार्य न कराये
जाने हेतु कौन
जिम्मेदार है? क्या शासन, जिम्मेदार
अधिकारियों
के विरूद्ध
अनुशासनात्मक
कार्यवाही
करेगा। यदि
हाँ, तो
कब तक एवं
क्या
कार्यवाही
करेगा? (घ) प्रश्नांश
(क) अनुसार
नगरपालिका
परिषद में स्वीकृत
कार्य कब तक
पूर्ण करा
दिये जावेंगे?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) नगर
पालिका परिषद
गोटेगांव में
कम्यूनिटी
हॉल
(ऑडिटोरियम)
पूर्व से
निर्मित है। नगर
पालिका परिषद
गोटेगांव में
लगे 5
कि.मी. के
दायरे के
ग्राम वर्तमान
में नगर
पालिका परिषद
में सम्मिलित
नहीं है
जिसमें विकास
कार्य कराया
जाना संभव
नहीं है। (ग) नगर
पालिका परिषद
गोटेगांव
द्वारा मुख्यमंत्री
शहरी
अधोसंरचना
विकास योजना
द्वितीय चरण
के अंतर्गत
पारित प्रस्ताव
अनुसार
कार्यों का
डी.पी.आर.
तैयार करा लिया
गया है, डी.पी.आर.
में सुधार की
कार्यवाही चल
रही है। सक्षम
स्वीकृति
उपरान्त
कार्य कराया
जा सकेगा, उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) नगर
पालिका परिषद
गोटेगांव
द्वारा प्रश्नांश
'ग' अनुसार
कार्यवाही की
जा रही है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
अवैध कालोनी को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 3694 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव की नगरपालिका परिषद गोटेगांव में विगत 10 वर्षों में अवैध कालोनियों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो निर्माण वर्ष, कालोनी का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) अवैध कालोनियों को वैध करने हेतु शासन स्तर पर क्या कोई नई नीति का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव की नगरपालिका परिषद गोटेगांव की अवैध कालोनियों को वैध करने हेतु किस-किस कालोनी को वैध करने के लिए आवेदन प्राप्त हुए? उनमें से कितने आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है? कितने प्रकरण लंबित है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जो प्रकरण लंबित हैं, उसका क्या कारण है? लंबित प्रकरण का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अवैध कॉलोनी को वैध करने हेतु नई नीति का निर्माण नहीं किया गया है। अपितु राजपत्र दिनांक 19.5.2017 द्वारा कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बध तथा शर्ते नियम, 1998 में संशोधन किये गये है। राजपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ग) नगर परिषद गोटेगांव में अवैध कॉलोनी को वैध कराने हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कन्या महाविद्यालय शिवपुरी में वाणिज्य विषय के पदों की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
54. ( क्र. 3764 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग के सेटअप अनुसार किसी भी शासकीय कन्या स्नातक महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय में अध्यापन कार्य हेतु कितने-कितने पद स्वीकृत किए जाते हैं? पदवार संख्या उपलब्ध करावें? (ख) क्या शिवपुरी जिले के एक मात्र शासकीय कन्या महाविद्यालय शिवपुरी में भी शासन के सेटअप अनुसार ही वाणिज्य संकाय के शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं? (ग) यदि हाँ, तो कितने-कितने व कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदवार, संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कब तक शासकीय कन्या महाविद्यालय शिवपुरी में भी अन्य स्नातक महाविद्यालयों के सेटअप अनुसार ही वाणिज्य संकाय में सहायक प्राध्यापकों के पद स्वीकृत कर दिए जाऐंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) पद स्वीकृति नीतिगत निर्णय है, आवश्यकतानुसार महाविद्यालयों में पद स्वीकृत किये जाते हैं। (ख) शासकीय कन्या महाविद्यालय शिवपुरी में वाणिज्य संकाय के लिये सहायक प्राध्यापक का एक पद स्वीकृत है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित महाविद्यालय में स्वीकृत पदों की संख्या प्राचार्य-01, प्राध्यापक-01, सहायक प्राध्यापक-13, ग्रन्थपाल-01, क्रीड़ा अधिकारी-01, रजिस्ट्रार-01, मुख्यलिपिक-01, लेखापाल-01, सहायक ग्रेड-2 - 01, सहायक ग्रेड-3 - 01, प्रयोगशाला परिचारक-02, भृत्य-02, चैकीदार-01, स्वीपर-01 है। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वर्ष 2017-18 में मनरेगा के अन्तर्गत बकाया भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
55. ( क्र. 3795 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले की मनासा विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में वर्ष 2017-18 में मनरेगा के अन्तर्गत कितने कार्य किए एवं उनकी प्राक्कलन राशि क्या थी? (ख) उक्त कार्यों में कितने कार्य अपूर्ण हैं तथा कितने कार्य पूर्ण किए जाकर कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं? (ग) भुगतान न किए जाने के क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1725 कार्य किये गये एवं उनकी प्राक्कलित राशि रू. 3370.55 लाख है। (ख) उत्तरांश ’’क’’ में वर्णित 1725 कार्यों में 1643 कार्य अपूर्ण हैं एवं 82 कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किए जा चुके हैं। (ग) 21 जनवरी 2018 से राशि की अनुपलब्धता के कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है।
सोनकच्छ में स्मार्ट सिटी का कार्य प्रारम्भ करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 3822 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सोनकच्छ को भी स्मार्ट सिटी योजना अन्तर्गत शामिल किया गया है? हाँ या नहीं? (ख) यदि स्वीकृत है तो कब तक इसका निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) स्मार्ट सिटी अन्तर्गत क्षेत्रवासियों को क्या सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) विभाग द्वारा सोनकच्छ की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल करने की कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ग) स्मार्ट सिटी की कार्यवाही प्रचलन में ना होने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 3848 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत विगत दो वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कें स्वीकृत की गई, सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें? प्रत्येक सड़क के प्रारंभ का दिनांक कार्य पूर्णता का दिनांक क्या है? (ख) कितनी सड़कें समयावधि में पूर्ण हो चुकी हैं एवं कितनी अपूर्ण हैं? अपूर्ण सड़कों को कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा? (ग) चालू वर्ष 2018-19 में कितनी सड़कें स्वीकृति हेतु प्रस्तावित हैं एवं कब तक स्वीकृत हो जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एक सड़क का प्रस्ताव भारत शासन को प्रेषित किया जा रहा है। स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सभी केडर के कर्मचारियों को समयमान वेतन न दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 3894 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उन सभी केडर के कर्मचारियों को समयमान वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है जो क्रमोन्नत वेतन मान के पात्र हैं? विशेष केडर्स को ही टुकड़ो-टुकड़ों में समयमान वेतनमान देने के आदेश क्यों पारित किये जा रहे हैं? (ख) नगरीय विकास विभाग के अंतर्गत यांत्रिकी सेवा के इंजीनियरों को समयमान-वेतनमान दे दिया गया है और नगरीय विकास विभाग के अंतर्गत नगर निगमों के इंजीनियरों को समयमान वेतनमान क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) क्या कुछ नगर निगमों में कुछ अधिकारीगण अपने पूरे सेवाकाल बिना क्रमोन्नति या समयमान वेतनमान के रिटायर हो गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस नगर निगम में और कौन-कौन अधिकारी नाम व पद सहित जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) राज्य स्तरीय सेवाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिए जाने के संबंध में प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा निर्णय लिया जाना है। विशेष केडर्स को ही टुकड़ों-टुकड़ों में समयमान वेतनमान दिए जाने के आदेश पारित नहीं किए जा रहे है, म.प्र. राज्य नगरीय यांत्रिकी सेवा के इंजीनियर को ही मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 4-123/2012/18-1 दिनांक 18 सितम्बर 2012 अनुसार समयमान दिए जाने के निर्देश प्रसारित किए गए हैं। (ख) जी हाँ। मध्य प्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 4-123/2012/18-1 दिनांक 18 सितम्बर 2012 के अनुसार समस्त नगर पालिक निगम एवं समस्त नगरीय निकायों के उपयंत्रियों को 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 28 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर पात्रता अनुसार समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। नगरीय निकायों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ। नगर पालिक निगम सिंगरौली के एक अधिकारी श्री वी.के.सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी जो सेवानिवृत्त हो चुके है, को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है। लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। नगर पालिक निगम, उज्जैन में श्री पी.एल.टटवाल, सहायक यंत्री जिनकी सेवानिवृत्ति दिनांक 31.01.2017 को हुई है, को लोकायुक्त संबंधी प्रकरण प्रचलित होने से इन्हें क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
रेत खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
59. ( क्र. 3935 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में किन-किन स्थानों पर रेत खदानें चिन्हित हैं? उन खदानों के प्रत्येक के खसरा नंबर क्या हैं वर्तमान में कितने हेक्टयर रेत खदाने किन-किन व्यक्तियों को अवांटित की हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों तक की रेत खदानों से प्रतिमाह कितनी रेत का उत्खन्न किया जा रहा है तथा प्रत्येक खदान से कितनी रायल्टी काटी जा रही है तथा प्रत्येक खदान से कितना राजस्व प्रतिवर्ष जमा किया जा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थान तक की खदानों में से रेत का उत्खनन करने वाले मजदूरों का श्रम विभाग में पंजीयन किया है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों तक की खदानों से वाहनों में कितनी रेत भरी जा रही है इनकी निगरानी कौन-कौन से अधिकारी कर रहे हैं? क्या जन प्रतिनिधियों की शिकायत पर अवैध रेत उत्खनन को रोकने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है यदि हाँ, तो क्या? उगली पांडिया छपारा क्षेत्र की रेत खदानों से अवैध रेत उत्खनन के कितने प्रकरण विगत 3 वर्षों में बनाये गये है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रेत खदानें नीलामी के माध्यम से स्वीकृत हैं। जिसमें नियमानुसार ठेकाधन लिये जाने का प्रावधान है। प्राप्त ठेकाधन का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शाये अनुसार रेत की खदानों से वाहन की क्षमता अनुसार रेत भरी जा रही है। जिस पर निगरानी राजस्व, पुलिस वन एवं खनिज विभाग के अधिकारी द्वारा की जाती है। जी हाँ। ग्राम ऊगली एवं पांडिया, छपाराक्षेत्र में रेत खदानें नहीं हैं न ही इस क्षेत्र में रेत के अवैध उत्खनन के प्रकरण बनाये गये हैं। इस क्षेत्र के आस-पास विगत तीन वर्षों में बनाये गये अवैध रेत खनन के प्रकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है।
जिले में संचालित उद्योगों से रोजगार के संबंध में
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
60. ( क्र. 3984 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में बहुतायत में मार्बल उद्योग संचालित थे, जो अब विभिन्न कारणों से अवरूद्ध हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो कटनी जिले में मार्बल सहित अन्य उद्योगों को पुनर्जीवित किये जाने हेतु शासन की क्या नीति है? क्या मार्बल उद्योग कम होने से क्षेत्र के हर वर्ग के मजदूरों को बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हुई? यदि हाँ, तो इन बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उद्योगों को पुनर्जीवित किये जाने हेतु अनुदान राशि या प्रोत्साहन राशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम जबलपुर द्वारा कटनी जिले में संधारित स्टोनपार्क में 03 मार्बल उद्योग स्थापित हैं, जो वर्तमान में उत्पादनरत हैं। (ख) मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम जबलपुर द्वारा कटनी जिले में संधारित स्टोनपार्क में 03 मार्बल उद्योग स्थापित हैं, जो वर्तमान में उत्पादनरत हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्नांश (ग) का उत्तर निरंक हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत किए गए कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 4022 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में जनवरी 2014 से वर्तमान तक कौन-कौन से मार्ग निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं? लागत, कार्यपूर्णता दिनांक, दूरी आदि सहित पूर्ण जानकारी देवें? क्या मापदण्ड अनुसार विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के सभी ग्राम मुख्य मार्ग से कनेक्ट हो गए हैं? यदि नहीं, तो शेष ग्रामों की कनेक्टिविटी हेतु क्या कार्ययोजना है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों की पूर्णता की क्या स्थिति हैं एवं मार्ग सुधार हेतु अनुबंध अनुसार कितना समय तय हैं? मार्गवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत डबल कनेक्टिविटी के तहत किन-किन मार्गों के प्रस्ताव प्रचलित हैं एवं प्रचलित प्रस्तावों पर स्वीकृति कब तक होगी? कृपया मार्गवार लागत व दूरी सहित पूर्ण जानकारी देवें? (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से निर्मित कौन-कौन से मार्गों पर डामरीकरण कार्य स्वीकृत हुये हैं? स्वीकृत कार्यों को कब तक पूर्ण होना हैं एवं निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति क्या हैं? मार्गवार लागत व दूरी सहित पूर्ण जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदंड अनुसार पात्र सभी ग्रामों को मुख्य मार्ग से या तो संपर्कता प्रदान की जा चुकी है अथवा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मार्ग संधारण हेतु अनुबंधानुसार पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी होने की तिथि से पाँच वर्ष का समय निर्धारित है। (ग) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत डबल कनेक्टिविटी के तहत किसी मार्ग का प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विकास कार्यों हेतु वन भूमि के प्रदाय
[वन]
62. ( क्र. 4023 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.एम.जी.एस.वाई. अंतर्गत स्वीकृत मोड़ी से बाजना मार्ग निर्माण कार्य अंतर्गत वन क्षेत्र होने के कारण संबंधित ठेकेदार के आवेदन पर दिनांक 24.11.2017 को कार्य हेतु अनुमति प्रदान की थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 29.11.2017 को संबंधित ठेकेदार पर 4500 रू. प्रति घनमीटर के मान से अर्थदण्ड तय कर पत्र जारी किया गया हैं? यदि हाँ, तो कुल कितना अर्थदण्ड तय किया गया हैं? क्या तय अर्थदण्ड के मान से अनुमति प्राप्ति के 05 दिवस में ही इतनी अधिक खुदाई की जा सकती हैं? यदि खुदाई नहीं की जा सकती तो क्या प्रकरण को उच्च स्तर से संज्ञान में लेकर उचित कार्यवाही की जावेगी एवं ठेकेदार को राहत प्रदान की जावेगी? (ग) क्या वर्तमान स्थिति में उक्त मार्ग का कार्य विभाग द्वारा बंद करा रखा है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या जनहित में कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराया जावेगा? (घ) प्रश्नांकित कार्य के अलावा क्षेत्रान्तर्गत लटूरीगुर्जर सिंचाई परियोजना हेतु वन विभाग की ओर से अनुमति का प्रस्ताव लंबित हैं? यदि हाँ, तो क्या जनहित में सामूहिक विकास निर्माण हेतु इन दोनों लंबित कार्यों में शीघ्र निराकरण करने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। मोड़ी से बाजना मार्ग उन्नयन कार्य की अनुमति वनमण्डलाधिकारी, शाजापुर ने पत्र दिनांक 24.11.2017 से जारी की थी। इस स्वीकृति की शर्तों का उल्लंघन कर क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा वनक्षेत्र में 4675.400 घनमीटर मुरम का अवैध उत्खनन यांत्रिक मशीन द्वारा किये जाने के कारण वन अपराध प्रकरण क्रमांक 6472/04 दिनांक 29.11.2017 पंजीबद्ध किया गया है। इस वन अपराध प्रकरण की जाँच एवं निराकरण होने पर निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा सकेगा। (घ) लटूरीगुर्जर सिंचाई परियोजनान्तर्गत विभाग को कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। प्रस्ताव प्राप्त होने एवं मार्ग उन्नयन के वन अपराध प्रकरण की जाँच एवं निराकरण होने पर प्रकरण में कार्यवाही की जावेगी।
अधीक्षण यंत्री के कृत्यों की जांच व कार्यवाही करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 4025 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी से संबंधित विभागीय एन.आई.टी. 15/2017 के 41 निविदा निर्माण कार्यों के निविदाकर्त्ताओं के हस्ताक्षर से युक्त कोई अभ्यावेदन दिनांक 9-2-2018 को विभागीय अपर मुख्यसचिव एवं प्रमुख अभियन्ता को प्रस्तुत कर अधीक्षण यंत्री मण्डल जबलपुर के परस्पर विरोधाभाषी व स्वेच्छाचारी कृत्यों पर ध्यान आकर्षित किया है? (ख) प्रश्नांश (क) अधीक्षण यंत्री ने अपने पत्र द्वारा किन 4 सदस्यों की उपस्थिति में सम्पन्न निविदा मूल्यांकन समिति द्वारा किन कारणों से निविदा निरस्त करने का आदेश किया है, जिस पर चौथे सदस्य की भागीदारी और निर्णय किस आधार पर वैधानिक है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) आदेश में निविदा से संबंधी लिफाफे प्राप्त करने हेतु किस दिवस का उल्लेख होने पर उनके पत्र दिनांक 23-5-2017 में उल्लेखित दो जिलों के कार्यों के नाम है, क्या उसकी प्रशासकीय स्वीकृति दी है क्या का.पा.यंत्री नरसिंहपुर की निविदा शर्तों में दी गई ऑनलाईन व आफलाईन निविदा अभिलेख जमा करने की अवधि प्रश्नांश (ख) से भिन्न व विरोधाभासी होने पर निरस्त किये जावेंगे तथा दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) उल्लेखित अधिकारी के विगत 3 वर्षों के कार्यकाल में जबलपुर मण्डल के अधीन जिलों की निविदाओं में अपनाये गये दोहरे मापदण्ड, स्वेच्छारचारिता व भ्रष्ट आचरण की जांच करायी जावेगी और प्रक्रिया विरूद्ध कार्यवाहियाँ निरस्त की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा पत्र दि. 11.01.2018 को, ठेकेदार श्री सजल राय का पत्र (दि. 09.01.2018) संलग्न करते हुये, प्रमुख अभियंता कार्यालय को भेजा गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय के आदेश दि. 23.05.2017 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी गई। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्माण कार्य कटनी जिले के हैं। अत: कार्यपालन यंत्री, नरसिंहपुर की निविदा शर्तों में दी गई आनलाईन व आफलाईन निविदा अभिलेख जमा करने की अवधि का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में जांच कराये जाने और कार्यवाहियां निरस्त करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
पद के दुरूपयोग की जांच व नीति में संशोधन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 4026 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 17-12-2017 के द्वारा मा. विभागीय मंत्री, अपर मुख्य सचिव, आयुक्त एवं प्रमुख अभियन्ता को निर्माण एजेन्सी पर अर्थदण्ड अधिरोपित करने में बरती गई स्वच्छाचारिता की जांच करने हेतु लिखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अधीक्षण यंत्री ने वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक अपने मण्डल अधीन जिलों की किन निर्माण एजेन्सियों पर कितने प्रतिशतों में अर्थदण्ड अधिरोपित किये है और क्या उनमें असमानता है? (ग) प्रश्नांश (क) निर्माण एजेन्सी के किन पैकेजों पर विभागीय कार्यपालन यंत्री कटनी द्वारा दर्शित विलम्ब के कारण और अभिमत में अनुशंसित कितने अर्थदण्ड के विरूद्ध कितना अर्थदण्ड अधिरोपित किया है। दिनांक 1-12-2017 के पत्रानुसार पृथक-पृथक पैकेज पर की गई पुनर्विचार अपीलों में किन तिथियों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा सुनवाई की और कब क्या निर्णय लिये गये यदि नहीं, तो किसके विरूद्ध किसने क्या कार्यवाही की है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अन्तर्गत पद के दुरूपयोग, स्वेच्छाचारिता व अनियमितता की जांच किसी उच्चाधिकारी से करायी जावेगी और क्या पंचायतराज अधिनियम समान अपील की सुनवायी का अंतिम अधिकार विभागीय राज्यमंत्री को प्रदान किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण एजेंसियों पर अधिरोपित अर्थदण्ड में असमानता है। (ग) निर्माण कार्य के पैकेज की निविदा शर्तों अनुसार अधीक्षण यंत्री को कार्य पूर्ण होने में विलंब होने पर ठेकेदार के विरूद्ध अर्थदण्ड अधिरोपित करने के अधिकार हैं एवं उनका निर्णय अंतिम होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते। अधिरोपित अर्थदण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते। पंचायत राज अधिनियम के समान अपील सुनवाई किये जाने संबंधी कार्यवाही विचाराधीन नहीं है।
फर्जी श्रमिकों के नाम की गई भुगतान राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 4040 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले की नगर परिषद् गुढ़ में अप्रैल 2017 से जून 2017 तक विभिन्न वार्डों में प्याऊ खोल कर पानी पिलाए जाने हेतु 12 श्रमिकों को लगाया गया था? यदि हाँ, तो उनके नाम, पता/बैंक खाता सहित भुगतान की गई राशि का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या नगरपरिषद् अध्यक्ष/जलप्रभारी द्वारा वास्तविक श्रमिकों को राशि भुगतान न कर फर्जी श्रमिकों के नाम मस्टररोल पृथक से तैयार कर आर.टी.जी.एस. के माध्यम से बैंक खाते में भेज कर राशि का दुरूपयोग कर वास्तविक श्रमिकों को आज दिनांक तक मजदूरी भुगतान क्यों नहीं की गई क्यों तथा फर्जी श्रमिकों के नाम, पता सहित, इनके खाते में भेजी गई राशि का विवरण देवें? (ग) क्या जिन फर्जी श्रमिकों का नाम मस्टररोल में शामिल किया गया था, उनके द्वारा शपथपत्र देकर स्पष्ट कहा गया है कि हम लोगों द्वारा नगरपरिषद् में किसी प्रकार का काम नहीं किया गया हैं? क्या इन फर्जी श्रमिकों का नाम मस्टररोल में शामिल करने की शिकायत पार्षदों द्वारा पुलिस अधीक्षक रीवा/कमिश्नर रीवा/कलेक्टर रीवा/आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल को की गई थी? यदि हाँ, तो अध्यक्ष/जलप्रभारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त नगरपरिषद् अध्यक्ष द्वारा कार्यालय हेतु क्रय की गई सामग्रियों में भी व्याप्त भ्रष्टाचार किया गया है? यदि हाँ, तो क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाकर अनियमित भुगतान राशि वसूल की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रकरण में संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रीवा संभाग को दिये गये जांच के निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) क्रय की गई सामग्रियों की शिकायत पर अध्यक्ष, नगर परिषद, गुढ़ को शासन द्वारा दिनांक 01.09.2017 को जारी किये गये कारण बताओ सूचना पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र परिशिष्ट 'स' अनुसार है वर्तमान में जारी कारण बताओ सूचना पत्र पर संबंधित का प्रति उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है। प्रति उत्तर प्राप्त होने पर तथ्यों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
सोमा इंटरप्राइजेस लिमिटेड को अनुज्ञा पत्र
[खनिज साधन]
66. ( क्र. 4119 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के हनुमना तहसील अन्तर्गत ग्राम गाड़ा में महादेव कन्स्ट्रक्शन कंपनी एवं ग्राम सरदमन में सोमा इण्टरप्राइजेज लिमिटेड को खनिज पत्थर हेतु अनुज्ञा पत्र खनिज शाखा रीवा द्वारा जारी किया गया है? यदि हाँ, तो यह अनुज्ञा पत्र किस दिनांक से किस दिनांक तक का जारी किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रारूप-7 उत्खन्न पट्टा विलेख के भाग-7 के बिन्दु क्र.10 उत्पाद तथा कर्मचारियों इत्यादि के बारे में अभिलेखों तथा लेखाओं का रखे जाने अनुबंध की प्रविष्टियां अन्तर्विष्ट बिन्दु 01 से 06 तक की जानकारी अनुबंध दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करावें? क्या पट्टेदार स्वयं के व्यय पर पर्यावरण की सुरक्षा के लिये वृक्षारोपण, भूमि का पुनरूद्धार प्रदूषण नियंत्रण युक्तियों का उपयोग प्रश्नांश (क) द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग प्रमाण उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) प्रकाश में म.प्र. गौड़ खनिज नियम 1996 के नियम 68 (2) में उल्लेखित प्रावधान की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? क्या जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण द्वारा अधिरोपित शर्त बतावें? क्या अधिरोपित शर्तों का पालन प्रश्नांश (क) द्वारा किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त द्वारा संबंधित विभाग से जल एवं वायु सम्मति प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? क्या मध्यप्रदेश राज्य पत्र दिनांक 23.03.2013 में दिये गये अनुदेशों के पालन अनिवार्य होगा? मध्यप्रदेश राज्य पत्र दिनांक 23.03.2013 में दिये गये अनुदेशों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रतिवर्ष कितने-कितने घन मीटर पत्थर निकाला गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन ग्रामों में से केवल ग्राम सरदमन में सोमा इंटरप्राईजेज लिमिटेड को खनिज पत्थर हेतु उत्खनन अनुज्ञा कार्यालय कलेक्टर (खनि शाखा) जिला रीवा द्वारा कार्यालयीन आदेश क्रमांक 986/खनिज/2017 दिनांक 23.03.2017 से कार्यावधि समाप्ति तक जारी किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृत की गई है। इसका अनुबंध मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रारूप - 7 में नहीं कराया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (2) अधिसूचित नियम है। मेसर्स सोमा इंटरप्राईजेज को स्वीकृत उत्खनन अनुज्ञा के संबंध में जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण द्वारा अधिरोपित शर्तों के विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। तत्संबंध में शर्तों का पालन किया गया है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार जल एवं वायु सम्मति प्राप्त की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 23.03.2013 अधिसूचित है। कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में मेसर्स सोमा इंटरप्राईजेज लिमिटेड द्वारा वर्ष 2017 में 8796 घनमीटर पत्थर का उत्पादन किया गया है।
लोक सेवा केन्द्रों का संचालन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
67. ( क्र. 4120 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं? प्रत्येक के संचालन के कार्य स्थल बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में समय-सीमा के बाहर लंबित प्रकरणों की संख्या दिनांक 27.11.2017 की स्थिति में कितनी थी? प्रत्येक की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में जिला प्रशासन को लोक सेवा केन्द्र पर सेवा में कमी की कितनी जानकारी प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो लोक सेवा केन्द्र संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी की गई? यदि हाँ, तो नोटिस की प्रतियां उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में क्या जवाब प्राप्त हुआ, यदि हाँ, तो जवाब की प्रति उपलब्ध करावें? कितने का समाधान कारक जवाब माना गया? कितने का जवाब समाधान कारक नहीं माना गया? पृथक-पृथक बतावें तथा कितने के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई, सभी की प्रति उपलब्ध करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) रीवा जिले में 11 लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं, जो निम्नानुसार हैं - 01. रीवा ग्रामीण- कलेक्ट्रेट के सामने 02. रीवा शहरी - कलेक्ट्रेट के सामने 03. रायपुर कर्चुलियान – कार्यालय जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान 04. गंगेव – कार्यालय तहसील मनगवां 05. नईगढ़ी - कार्यालय जनपद पंचायत नईगढ़ी 06. मउगंज- कार्यालय पुरानी तहसील मउगंज 07. हनुमना- कार्यालय तहसील हनुमना 08. जवा- कार्यालय जनपद पंचायत जवा 09. त्यौंथर- कार्यालय तहसील त्यौंथर 10. सिरमौर- कार्यालय तहसील सिरमौर 11. सेमरिया- कार्यालय तहसील सेमरिया। (ख) 08 आवेदन समय-सीमा बाहय लंबित थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक है।
रेत खदानों के संबंध में
[खनिज साधन]
68. ( क्र. 4136 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज साधन विभाग एवं म.प्र. राज्य खनिज विकास निगम ने रेत खदानों को ऑन लाइन प्रक्रिया से नीलाम किया हैं, यदि हाँ, तो भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग की कौन-कौन सी रेत खदान कितनी-कितनी राशि में नीलाम की गई? प्रश्न दिनांक तक 3 वर्ष का जिलावार, तहसीलवार एवं रेत खदानवार ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार नीलाम रेत खदानों में से कुछ खदानों से रेत का उत्खन्न अक्टूबर 2017 तक भी नहीं किया जा सका है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। नवंबर 2017 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस अनुबंधकर्ता ने किस-किस रेत खदान को सरेंडर किए जाने का आवेदन दिया हैं? (ग) क्या ऑन लाइन नीलामी के आधार पर प्राप्त रेत खदानों को सरेंडर किए जाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत? निविदा के दौरान जमा प्रतिभूति राशि में से कितनी राशि सरेंडर प्रक्रिया में अनुबंधकर्ता से राजसात की जाती हैं? (घ) क्या इनमें से कुछ खदानों को ग्राम पंचायतों को सौंपे जाने का निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन खदानों को किस-किस दिनांक को किस-किस ग्राम पंचायत को सौंपा गया हैं? जिलेवार, तहसीलवार, पंचायतवार एवं खदानवार ब्यौरा दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जिन खदानों में उत्खनन कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका। उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। खदानों के संबंध में सरेण्डर हेतु प्राप्त आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश रेत खनन नीति, 2017 के अनुसार रेत खदानों को समर्पित किये जाने का प्रावधान है। समर्पित की गई खदानों की सुरक्षा राशि राजसात किये जाने के प्रावधान नहीं है। (घ) जी हाँ। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है।
विभाग के वर्किंग प्लान के संबंध में
[वन]
69. ( क्र. 4143 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले में वन विभाग के वर्किंग प्लान में कितनी भूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 20 में अधिसूचित है? कितनी भूमि धारा 29, कितनी धारा 4 एवं कितनी भूमि धारा 20 अ में वर्तमान में आदेशित है? (ख) धारा 20, धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित कितनी भूमियों की कितनी ब्लाक हिस्ट्री वन विभाग के पास उपलब्ध है? उसमें किस-किस प्रारूप में क्या-क्या ब्यौरा दर्ज है? (ग) ब्लाक हिस्ट्री में कितने ग्रामों की कितनी भूमि वनखण्ड में शामिल करना, कितनी भूमि वनखण्ड के बाहर छोड़ी जाना दर्ज है? कितनी निजी भूमि एवं कितनी अहस्तांतरित भूमि को वनखण्ड में शामिल किया जाना दर्ज है वन मंडलवार ब्यौरा दें? (घ) ब्लाक हिस्ट्री में दर्ज भूमियाँ राजस्व अभिलेखों में किन मदों एवं प्रयोजनों के लिए दर्ज हैं, उन मदों में प्रयोजनों का उल्लेख ब्लाक हिस्ट्री में नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिलों में से केवल रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज वनमंडल के वर्किंग प्लान में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-20 में अधिसूचित 21060.246 हेक्टेयर भूमि सम्मिलित है। इन जिलों में इस अधिनियम की धारा-29 में क्रमशः 0.00 हेक्टेयर, 415.240 हेक्टेयर एवं 5076.94 हेक्टेयर, धारा-4 में क्रमशः 13283.846 हेक्टेयर, 44595.649 हेक्टेयर एवं 123176.79 हेक्टेयर तथा धारा-20 अ में क्रमशः 31195.263 हेक्टेयर, 121475.669 हेक्टेयर एवं 192555.973 हेक्टेयर भूमि अधिसूचित है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित धारा-20 एवं धारा-4 में अधिसूचित भूमि में से रायसेन जिले में धारा-20 में अधिसूचित 21060.246 हेक्टेयर एवं धारा-4 में अधिसूचित 107603.03 हेक्टेयर भूमियों की 366 ब्लॉक हिस्ट्र वन विभाग के पास उपलब्ध है। उसमें दर्ज ब्यौरा का नमूना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। भोपाल एवं सीहोर जिलों की अधिसूचित भूमि का ब्लॉक हिस्ट्री वन विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जानकारी राजस्व विभाग से संकलित की जा रही है वन प्रबंधन में राजस्व मद एवं प्रयोजनों की जानकारी की आवश्यकता न होने से इनका उल्लेख ब्लॉक हिस्ट्री में नहीं किया जाता है।
अनुशासनात्मक कार्यवाही करने तथा अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 4144 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपत्र 2008 के अनुसार अध्यापक संवर्ग के प्रशासकीय एवं अनुशासनात्मक अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत होने के कारण सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने तथा संविदा वर्ग-2 के सील्ड पैक आवेदनों पत्रों के बिना न्यायालय की अनुमति तथा बिना पंचनामा बनाकर तथा बिना रिकार्डिंग के खोलने के लिये सक्षम अधिकारी कौन है। (ख) क्या अध्यापक संवर्ग के प्रशासकीय एवं अनुशासनात्मक अधिकारी नहीं होने पर राजपत्र 2005 एवं राजपत्र 2008 का स्पष्ट उल्लंघन करने, जांच हेतु सक्षम अधिकारी नहीं होने पर भी जांच करने, सूचना के अधिकार के तहत व्यक्तिगत जानकारी देने जो नहीं दी जा सकती फिर भी जानकारी देने तथा आवेदन पत्रों के सील्ड पैक लिफाफे खोलने के दोषी तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मोहन बड़ोदिया, जिला-शाजापुर एवं जनपद पंचायत सारंगपुर जिला-राजगढ़ के विरूद्ध तत्काल प्रभाव से अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या बबीता मिश्रा के साथ अनैतिक संबंध होने के कारण पद का दुरूपयोग करने, जांच हेतु सक्षम अधिकारी नहीं होने पर भी नियम विरूद्ध जांच करने पर श्री सुभाष चन्द्र शर्मा द्वारा अनेकों स्तर पर अभ्यावेदन देने तथा सी.एम. हेल्प लाईन पर भी शिकायत करने पर तथा अनैतिक संबंधों के साक्ष्य देने पर भी श्री पुरूषोत्तम शर्मा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं की गई है? (घ) श्री सुभाषचन्द्र शर्मा के सभी अभ्यावेदनों को दृष्टिगत रखते हुये तथा राजपत्र 2005 एवं राजपत्र 2008 का स्पष्ट उल्लंघन करने के दोषी तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मोहन बड़ोदिया जिला शाजापुर एवं जनपद पंचायत सारंगपुर जिला राजगढ़ के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विजयागंज मंडी से जवासिया रोड पर पुलिया निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
71. ( क्र. 4149 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत PMGSY II में वर्ष 2017-18 में विजयागंज मंडी से जवासिया 10.70 km की लम्बाई में रोड निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त रोड निर्माण के अंतर्गत आ रहे ग्राम सुनवानी गोपाल नाले पर पुलिया निर्माण एवं ग्राम जवासिया के नाले पर पुलिया निर्माण कार्य नहीं किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त दोनों पुलिया के निर्माण के बिना वर्षा रितु में ग्रामिणों का आवागमन पूर्णत: बाधित हो जायेगा? क्या उक्त दोनों पुलियाओं निर्माण बिना रोड का औचित्य है? (घ) क्या उक्त दोनों पुलियाओं के निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्त मार्ग की पुलिया, सुनवानी गोपाल के नाले पर चैनेज 6000 मीटर एवं जवासिया नाले पर चैनेज 10430 मीटर पर पूर्व से ही निर्मित है जिस पर आवागमन चल रहा है तथा दोनों ही पुलिया अच्छी स्थिति में है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल समस्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 4188 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र केंट जबलपुर के तहत कहाँ-कहाँ पर पेय जल की क्या समस्या है वर्तमान में केंट व रांझी में पेय जल की क्या व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांकित पेय जल समस्या के निदान हेतु नगर निगम जबलपुर द्वारा कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी क्षमता की ओव्हरहेड टंकियों का निर्माण कर कितनी-कितनी मात्रा में पेयजल की आपूर्ति की जा रही है? कहाँ-कहाँ की टंकियों को उनकी निर्धारित, जलग्रहण क्षमता से कितना कम भरा जा रहा है एवं क्यों? कहाँ-कहाँ पर टंकियों का निर्माण कराना स्वीकृत/प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांश (क) में नगर निगम जबलपुर ने कहाँ-कहाँ की पेय जल समस्या के निदान हेतु कब कितनी राशि की क्या-क्या योजना बनाई हैं? मानेगांव मोहनिया की पेय जल समस्या के निदान हेतु स्थाई उपाय क्या किये गये हैं? कहाँ-कहाँ पर नलकूप खोदे गये हैं और कहाँ-कहाँ पर कब से बंद हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर सीमान्तर्गत केन्ट विधान सभा क्षेत्र के रांझी संभाग के वार्डो में अल्प वर्षा के कारण परियट जलाशय से पानी आपूर्ति की समस्या है। इसलिए इस क्षेत्र में प्रात: कालीन एक समय जलापूर्ति की जा रही है। विधान सभा क्षेत्र केन्ट के अन्तर्गत आने वाले संभाग क्रमांक-7-निर्मलचंद जैन एवं दीवान आधार सिंह, संभाग क्रमांक-10- भीमराव अंबेडकर, शहीद भगत सिंह, महर्षि सुदर्शन, चंद्रशेखर आजाद, गोकलपुर एवं लाला लाजपत राय तथा संभाग क्रमांक-11-सुभाषचंद्र बैनी, रानी अवंती बाई, रानी लक्ष्मीबाई एवं 79 नया वार्ड शामिल है। इन वार्डो में उच्च स्तरीय पानी की टंकियों के माध्यम से जल वितरण नेटवर्क के द्वारा जलापूर्ति की जा रही है तथा इन वार्डो में 108 नलकूप एवं 426 हैण्डपंपों के माध्यम से पेयजल व्यवस्था संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अल्प वर्षा के कारण परियट जलाशय एवं बरगी बांध की नहर में पानी की कमी होने के कारण संभाग क्रमांक-10- रांझी क्षेत्र की उच्च स्तरीय पानी की टंकियों को पूरी क्षमता से भरी जाकर नागरिकों को प्रात: कालीन एक समय पानी की आपूर्ति की जा रही है। अमृत परियोजना के अन्तर्गत रांझी संभाग में लाला लाजपत राय वार्ड के मानेगांव में 5 लाख गैलन क्षमता की उच्च स्तरीय पानी की टंकी का निर्माण किया जा रहा है, जिसका कार्य प्रगतिरत है साथ ही भीमराव अंबेडकर वार्ड के अन्तर्गत शारदा नगर पहाडी में निगम मद से 2 लाख गैलन क्षमता की पानी की टंकी के निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) अमृत परियोजना के अन्तर्गत राशि रू.149.50 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना में 16 स्थलों पर उच्च स्तरीय पानी की टंकियों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस योजना में केन्ट विधान सभा क्षेत्र में भी मानेगांव, गधेरी, भौगाद्वार एवं तिलेहरी-भटौली में उच्च स्तरीय पानी की टंकी का निर्माण कार्य स्वीकृत है। इनमें से भौगाद्वार एवं मानेगांव में टंकी निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। गधेरी एवं तिलेहरी-भटौली में भी शीघ्र ही कार्य प्रारंभ किया जाना है। सभी उच्च स्तरीय पानी की टंकियों का निर्माण 2 वर्ष की समयावधि में पूर्ण कर लिया जाना लक्षित है। इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण भू-जल स्तर अत्यंत कम हो गया है। इसलिए रांझी संभाग के अन्तर्गत कहीं पर भी नलकूप का खनन नहीं किया गया है। मानेगांव एवं मोहनिया में 25 नलकूप संचालित है कोई भी नलकूप बंद नहीं है एवं सभी से जल आपूर्ति की जा रही है।
नर्मदा नदी किनारे घाटों का निर्माण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
73. ( क्र. 4233 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा नर्मदा नदी किनारे बसे ग्राम हण्डिया एवं करनपुरा में बड़े घाटों एवं नमामि देवी नर्मदा यात्रा के रात्रि विश्राम स्थलों के ग्रामों में नर्मदा नदी किनारे छोटे घाटों का निर्माण कराये जाने के संबंध में मा. मुख्यमंत्री महोदय को लिखे गये पत्र क्रमांक/100 दिनांक 29.01.2017 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग हरदा जिलान्तर्गत नर्मदा नदी किनारे बसे ग्राम हण्डिया एवं करनपुरा में बड़े घाट एवं नमामि देवी नर्मदा यात्रा के दौरान यात्रियों द्वारा जहां-जहां रात्रि विश्राम किया, जो कि नर्मदा परिक्रमा वासियों का भी रात्रि विश्राम स्थल है वहां-वहां छोटे घाटों का निर्माण करने पर विचार कर रहा है अथवा विचार करेगा? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इसके संबंध में क्या कोई सर्वे आदि कार्य कराया गया है? (घ) यदि नहीं, तो नर्मदा परिक्रमावासियों को नर्मदा यात्रा व रात्रि विश्राम की सुविधा उपलब्ध हो, इस सम्बन्ध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जल संरक्षण/संवर्धन के कार्यों पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 4276 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नीमच जिले के नगरीय निकाय क्षेत्र में जल संरक्षण/संवर्धन के कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गयी है? कार्यवार व्यय का ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में नगर पालिका परिषद नीमच द्वारा ग्वालटोली तालाब का गहरीकरण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो उसकी तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति की प्रति सहित पूर्ण ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में कराये गये कार्य से कितनी मात्रा में तालाब की मुरम निकाली गयी? क्या निकाली गयी मुरम को विधिवत् नीलाम किया गया है? यदि नहीं, तो उसका किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रयोजन के लिये उपयोग किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नीमच जिले की नगरीय निकायों द्वारा जल संरक्षण/संवर्धन के कार्यों पर व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्य की तकनीकी स्वीकृति नहीं ली गई है। प्रशासकीय स्वीकृति पी.आई.सी. प्रस्ताव क्रमांक 38 दिनांक 04-03-2016 से प्रदान की गई है। पी.आई.सी. के प्रस्ताव की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) नगर पालिका नीमच द्वारा खोदी गई मुरम का आंकलन नहीं किया गया है। जी नहीं। मुरम का उपयोग तालाब की पॉल की ऊचाँई बढ़ाने एवं तालाब किनारे बगीचा विकास हेतु समतलीकरण/भराव में उपयोग किया गया है।
कार्यवाही के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 4312 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला रीवा के पत्र क्रमांक 2974/खाद्य/2017 दिनांक 30/10/2017 के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा व आयुक्त, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, भोपाल द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? (ख) कलेक्टर रीवा के प्रतिवेदन/निर्देश पर कार्यवाही न रकने व दोषियों को संरक्षण देने के लिए कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित पत्र पर कब तक वैधानिक कार्यवाही की जाकर दोषियों को दंडित किया जावेगा और यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पत्र के अनुपालन में जिला पंचायत के पत्र क्रमांक 8463 दिनांक 27.02.2018 द्वारा श्रीमती सुधा मिश्रा सरपंच, श्री रामदरश भारती सचिव ग्राम पंचायत मिसिरगवां एवं श्री दीनानाथ द्विवेदी पूर्व सचिव ग्राम पंचायत मिसिरगवां तथा मदनगोपाल तिवारी शिकायतकर्ता को दिनांक 05.03.2018 को समक्ष में उपस्थित होकर पक्ष रखने हेतु समन किया गया, संबंधितजनों से अपना-अपना पक्ष प्राप्त किया गया है तथा संबंधितों का पक्ष सुनने के उपरांत प्रकरण में निर्णय लेने से पूर्व कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी विकासखण्ड मऊगंज का बयान, अभिकथन होना आवश्यक है, इस हेतु दिनांक 21.03.2018 नियत है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियारत होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वैधानिक कार्यवाही प्रक्रियारत है। समस्त कार्यवाही उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनपद पंचायत में कम्प्यूटर ऑपरेटर की अस्थाई नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 4313 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय जनपद पंचायत सिलवानी जिला रायसेन का आदेश क्रमांक 1164/PMAY/2017 दिनांक 04-10-2017 किस संबंध में है? इसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त आदेश द्वारा कलेक्टर दर पर कम्प्यूटर ऑपरेटर की अस्थायी नियुक्ति की गई थी? यदि हाँ, तो क्या नियुक्ति प्राप्त कर्मचारी को कलेक्टर दर पर भुगतान किया जा रहा है? किस मद से किस खाते में कब-कब कितना पारिश्रमिक भुगतान किया गया? (ग) कार्यालय जिला पंचायत रायसेन का पत्र क्र. 1404/ आवास/जि.पंचा./2017 दिनांक 25-3-2017 किस संबंध में है? पत्र में संदर्भित पत्रों की छायाप्रतियां व संलग्नक उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित कर्मचारी को नियमानुसार भुगतान न करने हेतु कौन उत्तरदायी है? प्रकरण में जिला पंचायत रायसेन से हुए समस्त पत्राचार की जानकारी व कार्यवाही का विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ दिनांक 31.12.2017 तक देय भुगतान किया गया है। जनपद निधि से खाता क्रमांक 3635056778 आई.एफ.एस.सी. कोड 0284903 में दिनांक 12.03.2018 को आर.टी.जी.एस के माध्यम से रू. 31,980.00 की राशि का भुगतान किया जा चुका है (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। (घ) देय भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमिहीन व्यक्ति को आवंटित पट्टे को पट्टाधारी द्वारा बेचे जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 4356 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदाय किया जाना) अधिनियम १९८४ के अंतर्गत आवंटित पट्टों को नियमानुसार विक्रय द्वारा अंतरित नहीं कर सकते हैं? (ख) क्या इन पट्टों के विक्रय पर रोक के बावजूद बहुत से पट्टे बकाया-चिट्ठी अथवा अन्य वैध/अवैध अंतरण दस्तावेजों के आधार पर अंतरित किए जा चुके हैं? (ग) क्या राज्य शासन इस संबंध में नियमों में संशोधन करते हुए ऐसे अवैध अंतरणों को नियमित करने पर विचार करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। परन्तु जबलपुर, धार जिले में कुछ प्रकरण संज्ञान में आये हैं। (ग) मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदाय किया जाना) अधिनियम, 1984 में दिनांक 26 अगस्त 2003 को संशोधित धारा 5-क अधिसूचित की गई है। अधिसूचना की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कालोनाईजेशन हेतु न्यूनतम भूमि की अनिवार्यता
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 4357 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन ने आवास एवं पर्यावरण नीति २००७ में कालोनाईजेशन हेतु न्यूनतम भूमि की अनिवार्यता की है? (ख) क्या नगरपालिका क्षेत्र में कालोनाईजेशन हेतु न्यूनतम २.००० हेक्टेयर होने पर ही अभिन्यास अनुमोदित होने से सिर्फ बड़े कालोनाईजर्स/बिल्डर्स को लाभ हो रहा है? (ग) क्या न्यूनतम २.००० हेक्टेयर भूमि की अनिवार्यता होने से अभिन्यास अनुमोदित नहीं हो पा रहे है और अवैध कालोनाईजेशन को बढ़ावा मिल रहा है? (घ) क्या राज्य शासन नगरपालिका एवं नगर परिषद क्षेत्रों में कालोनी हेतु न्यूनतम २.००० हेक्टेयर भूमि की अनिवार्यता को कम करते हुए १.००० हेक्टेयर करने पर नीति में संशोधन पर विचार करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। न्यूनतम 2.0 हे. भूमि केवल भूखण्डीय विकास हेतु अनिवार्य है। (ग) सभी विकासकर्ताओं को नियमानुसार 2.0 हे. से कम भूमियों पर भी इकाई निर्माण हेतु अनुमति दी जाती है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना का कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 4366 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री सड़क योजना से पिछले तीन वर्षों में कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? इनके नाम लम्बाई, अनुमानित लागत बतायें, कुल कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाकर सी.सी. जारी की जा चुकी है? कितनी राशि व्यय की गई? (ख) कौन-कौन सी सड़कें निर्माणाधीन हैं तथा इनके अपूर्ण रहने के कारण सहित एजेंसी का नाम बतायें वर्तमान में ऐसी कौन सी सड़क है जो स्वीकृत होने के उपरांत भी उनमें कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका, कारण सहित जानकारी दी जावे? (ग) वर्ष २०१८-२०१९ में प्रस्तावित की गई नई सडकों के नाम लम्बाई व अनुमानित लागत की जानकारी पृथक से दी जावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में वर्ष 2018-19 के लिये पात्रता श्रेणी में न होने से कोई सड़क स्वीकृति हेतु प्रस्तावित नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 4379 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सेवढ़ा जिला दतिया में वर्ष 2017-18 में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत कुल कितने ग्राम की सड़कों को PMGSY के तहत निर्माण कार्य के लिये स्वीकृत किया गया है? लागत राशि निर्माण एजेंसी का नाम, सड़क व ग्राम का नाम एवं कौन-कौन सी सड़कों पर पुन: डामरीकरण का काम कराया गया, सड़कवार जानकारी दें। (ख) क्या उक्त समस्त मार्गों पर कार्य पूर्ण हो गया है या अभी होना शेष है? कब तक इन मार्गों को पूर्ण होना था? ऐसे कौन-कौन से मार्ग हैं, जिनके पूर्ण होने की अवधि निकल जाने के बाबजूद पूर्ण नहीं हुये हैं? उनके लिये कौन-दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जो डामरीकरण अथवा अन्य कार्य किया गया था वह घटिया किस्म का है जो डलने के बाद ही उखड़ने लगा है, जिसकी लगातार शिकायतें आ रही है, यदि हाँ, तो संबंधित निर्माण एजेंसी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इन कार्यों की प्रश्नकर्ता समक्ष जांच कराई जावे। (घ) क्या विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर संबंधित ठेकेदार ने घटिया किस्म की रोड डालकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया है? यदि हाँ, तो ऐसे दोषी भ्रष्ट अधिकारियों एवं निर्माण एजेंसी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जाये।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) केवल 01 मार्ग ररूआराय से ऊचिया मार्ग पी.एम.जी.एस.वाय.-II के तहत स्वीकृत मार्ग के बीच आता है, जो दो ग्राम ररूआराय एवं ऊचिया को जोड़ता है। मार्ग की लागत रूपये 261.02 लाख एवं एजेंसी का नाम मे. लोकेन्द्र सिंह दांगी, दतिया है। पुनः डामरीकरण कराई गई सड़कों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ररूआराय से ऊचिया मार्ग पर कार्य प्रगतिरत है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता की समय-सीमा दिनांक 07.01.2019 है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ररूआराय से ऊचिया मार्ग पर डामरीकरण का कार्य नहीं किया गया है, कार्य अभी प्रारंभिक अवस्था में है। पुनः डामरीकरण किये गये मार्गों पर किसी भी मार्ग का डामर नहीं उखड़ा है ना ही इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
81. ( क्र. 4384 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दतिया जिले की इन्दरगढ़ तहसील में आउट डोर स्टेडियम एवं सेंवढ़ा तहसील में एक इन्डोर स्टेडियम स्वीकृत हुआ था, यदि हाँ, तो कब कितनी-कितनी लागत का? किस विभाग को निर्माण हेतु अधिकृत किया गया? (ख) कंडिका (क) में वर्णित इन्डोर स्टेडियम सेंवढ़ा एवं आउटडोर स्टेडियम इन्दरगढ़ की प्रश्न दिनांक पर क्या स्थिति है? ये स्टेडियम कब तक तैयार होकर विभाग को सुपुर्द किये जायेंगे? (ग) क्या सेंवढ़ा नगर के लिये जो इन्डोर स्टेडियम स्वीकृत हुआ था, उसके निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उनके प्रति क्या कार्यवाही की गई? (घ) मध्यप्रदेश का खेल के क्षेत्र में बेहतर स्थान होने से सेंवढ़ा विधानसभा क्षेत्र के खिलाडि़यों में खेल के प्रति लगाव बढ़ा है, इसको देखते हुए प्रश्नकर्ता के उक्त विधानसभा क्षेत्र के सेंवढ़ा नगर में इन्डोर स्टेडियम को शीघ्र बनाये जाने हेतु निर्देश जारी करेंगे।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) दतिया के इंदरगढ़ तहसील में एक आउटडोर स्टेडियम ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वर्ष 2015 में ग्राम सेथली में 80.00 लाख लागत का स्वीकृत किया है, जिसमें निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी संभाग है। सेंवढ़ा तहसील में कोई इंडोर स्टेडियम स्वीकृत नहीं है। (ख) आउटडोर स्टेडियम इंदरगढ़ तहसील के ग्राम सेथली प्रश्न दिनांक तक 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। यह स्टेडियम तैयार होकर ग्रामीण विकास विभाग को सुपुर्द किये जाने की निश्चित तिथि बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) सेंवढ़ा नगर के लिये इन्डोर स्टेडियम खेल विभाग द्वारा स्वीकृत नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) खेल विभाग के पास सेंवढ़ा नगर में इन्डोर स्टेडियम निर्माण की कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
विधायक निधि से यात्री प्रतीक्षालयों के निर्माण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
82. ( क्र. 4390 ) श्री विष्णु खत्री : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के सारंगपुर एवं नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में संबंधित माननीय विधायक जी द्वारा विधायक निधि से आयरन प्री-फेब्रीकेटेड यात्री प्रतीक्षालय यात्रियों की सुविधाओं हेतु स्थापित कराये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ है, तो उपरोक्त स्थापित यात्री प्रतीक्षालयों हेतु निर्माण ऐजेन्सी भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (NCCF) को नियुक्त किया गया है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बैरसिया में विधायक निधि से आयरन प्री-फेब्रीकेटेड यात्री प्रतीक्षालयों हेतु निर्माण ऐजेन्सी भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहाकरी संघ मर्यादित (NCCF) उपरोक्त कार्य कराने में सक्षम है अथवा नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
बुंदेलण्ड पैकेज की राशि से क्रय में भ्रष्टाचार
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
83. ( क्र. 4392 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुन्देलखण्ड विकास प्राधिकारण द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष के साथ-साथ पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कितनी-कितनी राशि किस आधार पर किस कार्य हेतु किसे -किसे, किस तिथि में आवंटित की गई? भुगतान की गई एजेंसी के नाम सहित बतायें। (ख) प्राधिकरण द्वारा यात्री प्रतीक्षालय कब क्रय/निर्माण किये गये और कितनी-कितनी राशि से क्रय अथवा निर्माण किये गये तथा किस एजेंसी से क्रय किये गये उसका नाम, पता, टेण्डर जारी करने की तारीख, निविदा की प्रति वर्क आर्डर की प्रति, क्वालिटी सर्टिफिकेट की प्रति कम्पलीशन रिपोर्ट की प्रति और चैक क्रमांक, दिनांक, राशि बताते हुए यह भी बताये कि चैक को रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया था अथवा व्यक्तिगत रूप से सौंपा गया था? (ग) उपरोक्त यात्री प्रतिक्षालय क्रय/निर्माण करने हेतु क्या भंडार क्रय नियम का पालन किया गया? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि व्यय की गई? उसमें से कितनी-कितनी राशि खुली निविदा के माध्यम से क्रय की गयी अथवा निर्माण कार्यों में व्यय की और कितनी राशि सीमित निविदा के माध्यम से राशि व्यय की तथा शेष राशि किस माध्यम से व्यय की गई? (घ) क्या जो यात्री प्रतीक्षालय है, उनकी क्वालिटी और मापदंड आई.एस.आई. और इंडियन रोड कांग्रेस के मापदण्डों के अनुसार है? यदि हाँ, तो दोनों मापदण्डों की प्रति बताते हुए उसमें समानता और असमानता बतायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 4423 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आष्टा विधान सभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र आष्टा नगर पालिका एवं जावर तथा कोठरी नगर पंचायतों में कितने-कितने प्रधानमंत्री, आवास स्वीकृत किये गये हैं? (ख) हितग्राहियों की वार्डवार सूची उपलब्ध करवायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत नगर पालिका परिषद् आष्टा में 1733, नगर परिषद् जावर में 403, नगर परिषद् कोठरी में 257, हितग्राहियों की योजना स्वीकृत है। (ख) हितग्राहियों की वार्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 4424 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित योजना में आष्टा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 2 वर्षों में कितने आवास स्वीकृत किए गये? (ख) स्वीकृत आवासों की ग्रामवार तथा हितग्राहीवार जानकारी उपलब्ध करवायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 3322 आवास स्वीकृत किये गए। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पेंशन उपादान की राशि भुगतान करने बावत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
86. ( क्र. 4425 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत सतना में लेखाधिकारी के पद से दिनांक 31/07/2017 को सेवानिवृत्त हुए श्री वीरेन्द्र बहादुर सिंह को जिला पंचायत सतना के आदेश क्रमांक/स्था./3592 दिनांक 24/07/2017 द्वारा स्वीकृत उपादान की राशि रूपये 991023/- स्वीकृत होने के बावजूद 7 माह समय निकलने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक राशि का भुगतान नहीं किए जाने का क्या कारण है तथा इनके लिए कौन दोषी हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना अंतर्गत वर्तमान में भारत शासन से आवंटन प्राप्त न होने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रयोगशाला तकनीशियनों की वेतन विसंगति
[उच्च शिक्षा]
87. ( क्र. 4450 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के अन्य विभागों में निर्मित प्रयोगशाला तकनीशियन के पद की वेतन विसंगति को ब्रम्ह स्वरूप समिति की अनुशंसा पर दूर करते हुए वेतनमान रूपये 5200-20200 + 2800 ग्रेड पे प्रदान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन–किन विभागों में? क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में कोई प्रस्ताव समिति के समक्ष भेजा गया था? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करायें, यदि नहीं, तो क्यों नहीं भेजा गया? (ख) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2014 वर्ष 2015 तथा वर्ष 2016 में निर्मित नवीन शासकीय महाविद्यालयों में स्वीकृत नियमित पद प्रयोगशाला तकनीशियन (शिक्षक संवर्ग) की नियुक्ति हेतु क्या वेतनमान निर्धारण किया गया है? आदेश की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) क्या वर्ष 2016 में व्यापम द्वारा तथा उसके पूर्व की गई विभागीय भर्ती में प्रयोगशाला तकनीशियन के नियमित पद का वेतनमान रूपये 5200-20200 + 2400 ग्रेड पे रख कर नियुक्ति की गई है, जबकि वर्ष 2014 वर्ष 2015 तथा वर्ष 2016 में निर्मित नवीन शासकीय महाविद्यालयों के लिए उक्त पद का वेतनमान रूपये 5200-20200 + 2800 ग्रेड पे स्वीकृत किया गया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विभाग से संबंधित नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। ब्रम्हस्वरूप समिति की अनुशंसाओं में उच्च शिक्षा विभाग के परिशिष्ट में प्रयोगशाला तकनीशियन का नाम उल्लेखित न होने के कारण प्रस्ताव भेजे जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2014 वर्ष 2015 तथा वर्ष 2016 में निर्मित नवीन शासकीय महाविद्यालयों में स्वीकृत नियमित पद प्रयोगशाला तकनीशियन का वेतनमान रूपये 5200-20200-2400 निर्धारित किये जाने हेतु आदेश क्रमांक 2082/3380/2017/38-2 दिनांक 28.11.2017 द्वारा निर्देशित किया गया। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश "ख" अनुसार।
कूट रचित दस्तावेजों से निजी भूमि में बदलकर बेचा जाना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
88. ( क्र. 4460 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना जिले के तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत हल्का कृपालपुर में रामटेकरी मंदिर स्थित है? पटवारी हल्का डिलौरा में डालीबाबा मंदिर है? पटवारी हल्का बम्हनगवां में स्थित मंदिर मौजा सोहौला के अंतर्गत श्री सन्यासी बाबा धाम पचमठा है? उक्त मंदिरों की जमीन वर्ष 1958-59 के रिकार्ड में कितनी है वर्तमान में कितनी बची है? उक्त मंदिरों की पूर्व में कितनी आराजी थी वर्तमान में कितनी बची है? किसके आदेश से निजी स्वामित्व में दर्ज हुई है? पूरा विवरण मंदिरवार दें? (ख) क्या राजस्व मंत्री उक्त मंदिर की आराजी की जांच राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर करायेंगे? नहीं करायेंगे तो क्यों? स्पष्ट विवरण सहित बतायें। क्या उक्त मंदिरों एवं तालाबों की जमीन जो खुर्द-बुर्द कर दी गयी है वह पुन: मंदिरों एवं तालाबों के खाते में कब जायेगी, जिसके संरक्षक जिला कलेक्टर स्वयं है? (ग) क्या राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भू-माफिया से मिलकर राजस्व, सिविल से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उक्त भूमि खुर्द-बुर्द होने दी? नहीं तो राजस्व विभाग अगर सक्रिय रहता तो मंदिर की शासकीय जमीन को खुर्द बुर्द नहीं किया जा सकता था? इसमें शामिल अधिकारियों एवं भूमाफियाओं के विरूद्ध कब तक एफ.आर.आई. दर्ज करा दी जायेगी? नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ, सतना जिले की तहसील रघुराजनगर अन्तर्गत पटवारी हल्का कृपालपुर में रामटेकरी मंदिर, पटवारी हल्का सतना में डालीबाबा मंदिर एवं पटवारी हल्का बाबूपुर मौजा सोहावल में सन्यासी बाबा धाम पचमठा मंदिर है। उक्त मंदिरों की जमीन क्रमश:1958-59 एवं 1963-64 खसरे के अनुसार निम्नानुसार है –1 - रामटेकरी मंदिर कृपालपुर मेंमौजा कृपालपुर, कोलगवां, सोनौरा चेक उतैली को मिलाकर कुल भूमि 38.35ए. भूस्वामी स्वत्व में दर्ज अभिलेख रही है। 2- डालीबाबा मंदिर डेलौरा सतना की कुल आराजी रकवा 26.43 ए. कुल 11 किता में भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज अभिलेख रही है। 3- सन्यासी बाबा पचमठा धाम सोहौला में कुल आराजी 12.01ए. शासकीय दर्ज अभिलेख रही है। उपरोक्त मंदिरों की भूमि की वर्तमान में स्थिति निम्नानुसार है – रामटेकरी मंदिर कृपालपुर में कुल 10.04ए. आराजी है, शेष आराजी पूर्व से ही भूस्वामी स्वत्व दर्ज होने के कारण कई बटांकों में स्थापित है। इसी तरह डालीबाबा मंदिर डेलौरा सतना की भूमि पूर्व से भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज होने के कारण वर्तमान में भी कई बटांकों में भूस्वामी स्वत्व में दर्ज है। सन्यासी बाब पचमठा मंदिर सोहौला में पूर्ववत 12.01ए. शासकीय दर्ज अभिलेख है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित मंदिरों की भूमियों के खुर्द-बुर्द होना नहीं पाया जाता है। तहसील अन्तर्गत पुस्तैनी शासकीय तालाबों की संख्या 195 है तालाबों का स्वरूप भी पूर्वानुसार है। विभाग से संबंधित नहीं होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार किसी भी राजस्व विभाग के अधिकारी द्वारा खुर्द-बुर्द नहीं किया गया है जिससे अधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने का प्रश्न ही नहीं है।
गुणवत्ताहीन सड़कों के निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 4497 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत जबलपुर पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में M-30, M-40 गुणवत्ता की कितनी एवं कौन-कौन सी सीमेंट कांकरीट सड़कें कितनी-कितनी राशि से स्थानवार बनाई गयी हैं? उक्त सड़कों का मूल्यांकन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? नाम सहित जानकारी दें? उक्त सी.सी. सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कें बनने के बाद भी उखड़ गई? गुणवत्ताहीन उक्त सड़कों के उखड़ने, क्षतिग्रस्त होने पर किन-किन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) वर्णित (क) की सड़कों में से गंगा नगर गढ़ा तिराहे से शा. रानी दुर्गावती स्कूल तक बनी सड़क जो वर्तमान में निर्मित हुई है उस सड़क के उखड़ने के लिये जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विगत तीन वर्षों में बनाई गई सड़कें उखड़ी अथवा क्षतिग्रस्त नहीं हैं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) गंगा नगर गढ़ा तिराहे से शा. रानी दुर्गावती स्कूल तक सड़क वर्तमान में निर्माणाधीन है। यह सड़क उखड़ी नहीं है तथापि सड़क निर्माण के तत्काल पश्चात यातायात प्रारंभ हो जाने से सड़क के कुछ भाग का सरफेस रफ हुआ है। प्रभावित हिस्से का पुनर्निर्माण ठेकेदार से कराया जा रहा है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिक्यूरिटी डिपोजिट राशि अलग खातों में जमा रखने बाबत्
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 4505 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगमों के कार्य कराने वाले ठेकेदारों के देयकों से काटे जाने वाली सिक्यूरिटी डिपोजिट (SD) की राशि अलग खातों में जमा रखने का नियमानुसार प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो नगर निगम जबलपुर द्वारा किये गये निर्माण कार्यों के देयकों से काटी गयी कितनी-कितनी राशि किन-किन बैंक खातों में जमा की गयी है वर्ष 3/2018 तक कितनी राशि वर्ष वार ठेकेदारों से SD के रूप में काटी गयी हैं? विगत तीन वर्षों की जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं वरन संबंधित योजना के बैंक खाते में सिक्योरिटी डिपाजिट (एस.डी.) की राशि काटकर लेखाशीर्ष में 'बुक ट्रांसफर' होता है। पृथक से बैंक खाते में जमा नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। गत 3 वर्षों में ठेकेदारों के देयकों से वर्ष 2015-16 में राशि रू. 5,01,23,844/- वर्ष 2016-17 में राशि रू. 7,54,22,398/- वर्ष 2017-18 में राशि रू. 5,48,44,785/- काटी गई है।
मांग 60 व 64 की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
91. ( क्र. 4516 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला योजना एवं सांख्यिकीय कार्यालय भिण्ड में दिनांक 1.1.2017 से दिनांक 1.3.2018 तक किस तिमाही में जन भागीदारी मांग संख्या 60 और 64 में कितना बजट आवंटित किया गया तथा बजट व्यय करने के लिए जन भागीदारी मांग संख्या 60 ओर 64 के लिए क्या प्रावधान है? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में बजट से अधिक के प्रस्ताव स्वीकृत किए गए? प्रस्ताव स्वीकृत के समय कितनी राशि किस एजेंसी को किस आदेश से दी गई? (ग) क्या प्रस्ताव स्वीकृत के समय पूर्ण राशि न देकर आधी राशि का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो आधी राशि का भुगतान कब किस राशि से किया जायेगा? (घ) क्या जिला योजना एवं सांख्यिकीय कार्यालय भिण्ड नियमों के विपरीत जन भागीदारी मांग संख्या 60 एवं 64 में स्वीकृति जारी कर दुरूपयोग हो रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। स्वीकृति अनुसार कार्य की प्रगति के आधार पर राशि जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति पश्चात कार्य की प्रगति एवं सक्षम अधिकारी द्वारा किये गये कार्य के मूल्यांकन के आधार पर राशि क्रियान्वयन एजेन्सी को जारी की जाती है। (घ) जी नहीं। नियमानुसार कार्यवाही किये जाने से किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रेत का उत्खनन
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 4517 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के अर्न्तगत ओझा जखमोली टेहनगुर में अवैध रेत का उत्खनन हो रहा है, यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) भिण्ड जिले के अन्तर्गत सीमांकित रेत खदानों से रेत न निकालकर अन्य स्थानों से रेत का उत्खनन कर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के अन्तर्गत निर्मित सड़कों को ध्वस्त किया जा रहा है? इसके लिए क्या कार्यवाही की गई? (ग) नवम्बर 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक अवैध उत्खनन के कहाँ पर कब प्रकरण बनाये गये? कितना अवैध रेत का उत्खनन हुआ? (घ) सीमांकित खदानों के अतिरिक्त स्थानों पर रेत उत्खनन करने के लिए क्या कार्यवाही की गई? अवैध उत्खनन रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन ग्रामों में से ग्राम ओझा में रेत की खदान स्वीकृत है। स्वीकृत रेत खदान के अतिरिक्त प्रश्नाधीन ग्रामों में स्थानीय ग्रामीणों एवं मजदूरों द्वारा चोरी छिपे अवैध रेत उत्खनन किया जाना पाया गया है, जिसकी सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस की सहायता से समय-समय पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक प्रश्नाधीन ग्रामों एवं अन्य नजदीकी अतरसुमा एवं ककहरा ग्रामों में अवैध रेत परिवहन करते कुल 25 ट्रकों एवं 35 ट्रैक्टरों को जप्त किया जाकर अर्थदण्ड की राशि रूपये 15,75,000/- जमा कराया गया है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) जिले में समय-समय पर जांच के दौरान इस वित्तीय वर्ष में अब तक अवैध परिवहन के 712 प्रकरण बनाये जाकर रूपये 1,21,80,700/- अर्थदण्ड जमा कराया गया है। इसी अवधि में अवैध उत्खनन के 13 प्रकरण दर्ज कर रूपये 1,06,92,000/- अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। अवैध भण्डारण के 05 प्रकरण दर्ज किये जाकर रूपये 11,98,000/- अर्थदण्ड जमा कराया गया है।
निर्माण कार्यों में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 4530 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नैपरी जनपद पंचायत कैलारस में सन 2009 से 2014 तक ग्राम पंचायत द्वारा पुलिया निर्माण भजपुरा धुन्धीपुरा,पत्थर नाली निर्माण नैपरी, मिट्टी मुरम रोड़ पत्थर खरंजा निर्माण, सी.सी खरंजा निर्माण, मिट्टी ग्रेवल रोड, धुन्धीपुरा, मिट्टी ग्रेवल रोड, सुआ वाले महादेव से माता की ओर उक्त कार्य कराए गए? जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कराए गऐ कार्यों की ग्रामवासियों द्वारा शिकायत करने पर उक्त कार्य बिना निर्माण कार्य किऐ गऐ निर्माण एजेंसी द्वारा फर्जी भुगतान किया गया है? क्या उक्त कार्यों की जांच तत्कालीन एस.डी.ओ., आर.ई.एस. एवं तत्कालीन कार्य पालन यंत्री लोक ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा कराई गई? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार किए गये कार्यों की जांच संबंधित अधिकारियों द्वारा करने के बाद निर्माण एजेंसी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इसमें दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? (घ) क्या उक्त कार्यों की शिकायत वर्तमान में भी ग्रामीणों द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि जांच नहीं करने वाले दोषी अधिकारी के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन सभी कार्य ग्राम पंचायत नैपरी द्वारा कराये गये। (ख) फर्जी भुगतान नहीं किया गया है। जी हाँ। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संभाग मुरैना से जांच कराई गयी उनके द्वारा दिनांक 13.07.2015 से जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। (ग) जी नहीं। जांच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधितों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर, जवाब समाधानकारक होने से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। (घ) जी हाँ। श्री नीरज शुक्ला, सरपंच, ग्राम पंचायत नैपरी एवं ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई। जिसकी जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कैलारस से कराई जा रही है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण
[वन]
94. ( क्र. 4533 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के कितने ग्रामों में वन भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है एवं उक्त वन भूमि पर वर्तमान में कौन-कौन काबिज हैं? (ख) गुना जिला अन्तर्गत तहसील राघौगढ़ के ग्राम कुदैया में होटल जंगल रिसोर्ट का संचालन कब से किसके द्वारा एवं किसकी अनुमति से किया जा रहा है? उक्त भूमि किसकी है? यदि वन विभाग की है तो क्या कन्जरवेशन एक्ट के अन्तर्गत अनुमति प्राप्त की गई है? यदि नहीं, तो उक्त अवैध रूप से संचालित रिसोर्ट के संचालकों के विरूद्ध क्यों कार्यवाही नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में गुना जिला अन्तर्गत वन भूमि पर संचालित किये गये अतिक्रमणों पर जिले में पदस्थ रहे, किस-किस अधिकारी द्वारा विगत 05 वर्षों में क्या कार्यवाही की गई है एवं उक्त अतिक्रमण होने हेतु कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) गुना जिला अन्तर्गत वन भूमि पर किये गये अतिक्रमणों से वन भूमि को कब तक मुक्त किया जावेगा एवं अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे पिरिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) गुना जिला अंतर्गत तहसील राघौगढ़ के ग्राम कुदैया में होटल जंगल रिसोर्ट का संचालन वर्ष 2010 से संस्था मेसर्स रॉयल जंगल कैम्प प्रोपराइटर श्री लक्ष्मण सिंह, ग्राम कुदैया, तहसील राधौगढ़, जिला गुना द्वारा स्वयं के स्वामित्व की भूमि सर्वे क्रमांक 8/1 के कमर्शियल टैक्स ऑफिसर, गुना सर्किल से पंजीयन कराकर किया जा रहा है। उक्त भूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 में अधिसूचित वनखण्ड उत्तर राघौगढ़ में निजी भूमि के रूप में सम्मिलित है। विषयांकित भूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 की अधिसूचना जारी होने के पूर्व से ही निजी भूमि की श्रेणी में आती है। उक्त भूमि वनखण्ड पत्रावली में निजी भूमि दर्ज होकर प्रचलित कार्य आयोजना में भी निजी भूमि के रूप में दर्ज है। जंगल रिसोर्ट संचालन के पूर्व भूमि स्वामी द्वारा भारतीय वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत स्वीकृति प्राप्त नहीं करने से उक्त अधिनियम के उल्लंघन हेतु कार्यवाही विचाराधीन है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे पिरिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नांकित प्रकरण वन भूमि पर अतिक्रमण का न होकर धारा 4 में अधिसूचित वनखण्ड में सम्मिलित निजी भूमि पर रिसोर्ट संचालन का है, जिस पर कार्यवाही न करने के लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (घ) गुना जिला अंतर्गत वन भूमि पर किये गये अतिक्रमणों से वन भूमि को मुक्त करने हेतु संबंधितों के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 80 (अ) के तहत बेदखली के नोटिस जारी किये गये हैं। अतिक्रमणकारियों को वन भूमि से बेदखल करने की कायर्वाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तालाब निर्माण हेतु राज्य मद से योजना अंतर्गत प्रावधान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 4550 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासन योजनांतर्गत मनरेगा मद एवं सिंचाई विभाग के माध्यम से ही तालाबों का निर्माण होता है? इसके अतिरिक्त और किसी अन्य योजना/मद से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए तालाबों का निर्माण किये जाने का प्रावधान नहीं है? (ख) क्या मनरेगा योजनांतर्गत 0.5 स्क्वेयर किलोमीटर से 1 स्क्वेयर किलोमीटर केचमेंट एरिया तक के तालाब, जिनकी अधिकतम लागत 50.00 लाख तक हो उनका ही निर्माण किया जा सकता है तथा सिंचाई विभाग के माध्यम से तालाब निर्माण करवाने के लिए कम से कम 5 स्क्वेयर किलोमीटर या अधिक का केंचमेंट होना आवश्यक होता है? (ग) क्या शासन, आदिवासी/पहाड़ी क्षेत्रों के विकास हेतु 1 स्क्वेयर किलोमीटर से 5 स्क्वेयर किलोमीटर तक केचमेंट एरिया के तालाबों के निर्माण के लिए राज्य मद में प्रावधान कर ऐसे तालाबों के निर्माण के अधिकार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को सौंपेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) यह सही नहीं है, कि प्रदेश में शासन योजना अंतर्गत मनरेगा मद एवं सिंचाई विभाग के माध्यम से ही तालाबों का निर्माण होता है। (ख) मनरेगा योजना अंतर्गत 0.5 वर्ग कि.मी से 1.5 वर्ग कि.मी. केचमेंट एरिया तक के तालाब, जिनकी अधिकतम लागत 50.00 लाख तक हो उनका ही निर्माण का प्रावधान है तथा सिंचाई विभाग के अंतर्गत तकनीकी साध्यता के लिए तालाब निर्माण करवाने के लिये न्यूनतम 3 वर्ग कि.मी. का केचमेंट होना आवश्यक होता है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विधाराधीन नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पक्की सड़क से जुड़े ग्राम को दूसरी तरफ के पास के ग्राम से जोड़ने की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
96. ( क्र. 4551 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामों के विकास के लिए अतिमहत्वपूर्ण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क सम्पर्क योजना चलाई जा रही है? जिसके माध्यम से प्रत्येक पहुंचविहिन ग्रामों को पक्की सड़क से जोड़े जाने हेतु डब्ल्यु.बी.एम./जी.एस.बी. सड़क का निर्माण किया जा रहा है? (ख) क्या मुख्यमंत्री ग्राम सड़क सम्पर्क योजना में यह प्रावधान भी है कि किसी ग्राम के मात्र एक तरफ से पक्की सड़क से जुड़ जाने पर उसे उक्त योजना अंतर्गत पास के ग्राम से नहीं जोड़ा जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसे ग्रामों के निवासियों की परेशानी पर विचार करेगा? जिसके एक या दो किलोमीटर पास के ग्राम में जाने हेतु उन्हें लगभग आठ से दस किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है? (ग) क्या शासन, आदिवासी अंचल के पहाड़ी क्षेत्रों में बसे छोटे-छोटे ग्रामों के विकास हेतु पास के ग्राम को भी भौगोलिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए एक-दूसरे से जोड़ने के लिए योजना में संशोधन कर पास के ग्राम तक रोड़ निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो इसका कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों अंतर्गत ग्रामों को एकल संपर्कता प्रदान करते हुए ग्रेवल सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। दोहरी संपर्कता प्रदान करने हेतु विभाग द्वारा सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत स्वीकृत है। (ग) विभाग अंतर्गत वर्तमान में योजना स्वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
कचरा प्रबंधन ट्रांसफर स्थल का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 4571 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या 30-31 जनवरी 2018 को भानपुर खंती में भीषण आग लगने के कारण आग का जहरीला धुंआ भोपाल के 10-10 किलोमीटर तक फैलने के कारण गैस पीडि़तों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा? यदि हाँ, तो क्या गार्वेज डंपिग स्टेशन के नाम पर शहर के पार्कों व गम्भीर गैस पीडि़त बस्तियों में संयंत्र लगाये जा रहे हैं? (ख) क्या इस हेतु शासन द्वारा अनुमति दी गई? यदि हाँ, तो कब-कब और यदि नहीं, तो भोपाल नगर निगम द्वारा गैस पीडि़तों के स्वास्थ्य के विपरीत किस अधिकारिता के संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन गैस पीडि़तों के स्वास्थ्य की अनदेखी कर संयंत्र स्थापित करने को लेकर नगर निगम भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये कचरा प्रबंधन ट्रांसफर स्थल अन्यत्र स्थापित करने हेतु शासन स्तर पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। भानपुर खंती में 29 जनवरी 2018 की रात्रि में एक साथ कई स्थानों पर आग लगने की घटना घटित हुई थी, जिसकी सूचना दिनांक 31.01.2018 को पुलिस विभाग को दी गई है। कचरे के धूएं से आसपास के कुछ क्षेत्र में रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जी हाँ। शहर के कचरे को क्षेत्रवार एकत्रित करने के लिये विभिन्न स्थलों पर ट्रांसफर स्टेशन तैयार किये गये है वहॉ पर गीले कचरे का निष्पादन वहीं पर किया जा रहा है एवं सूखा कचरे का काम्पेक्ट कर आदमपुर छावनी भेजा जा रहा है। (ख) जी नहीं। एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना अंतर्गत महापौर परिषद एवं निगम परिषद की अनुमति से पर्यावरणीय प्रावधानों अंतर्गत कचरा प्रबंधन ट्रांसफर स्टेशन स्थापित किये जा रहे है। (ग) जी नहीं। कचरा प्रबंधन ट्रांसफर स्थल अत्याधुनिक तकनीक एवं पर्यावरणीय प्रावधानों अंतर्गत स्थापित किये जा रहे हैं। अत: प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गरीबों को भूखण्ड आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 4585 ) श्री मुकेश नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल जिले में प्रश्न दिनांक तक कितनी विकसित अर्द्धविकसित एवं स्वीकृति प्राप्त कालोनियां हैं? इनके नाम, रकबे सहित स्थानवार बतावें? (ख) उपरोक्त कालोनियों में गरीब व कमजोर वर्ग के लिए भूखण्ड आरक्षित रखने के नियम के तहत कितनी भूमि आरक्षित की गई है? कालोनी का नाम, रकबे सहित देवें। (ग) क्या कालोनाइजर द्वारा विलेखों के पंजीकृत कराने का शुल्क जमा किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक जमा करा लिया जायेगा? इनके कितने प्रकरण मुद्रांक संग्रहक को भेजे गये? यदि नहीं, तो कब तक भेजे जाएंगे? (घ) विगत 3 वर्षों में प्रश्नांश (ख) अनुसार आरक्षित भूखण्ड जिन कालोनियों में जिन गरीब वर्ग के व्यक्तियों को विक्रय किये गए, उनके नाम पता, कालोनियों के रकबे सहित देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 1993 से आज दिनॉक तक नगर निगम भोपाल जारी विकास अनुमतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। कोलार नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र के नगर निगम भोपाल में संमिलियन के पूर्व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा प्रदत्त विकास अनुज्ञा वाले प्रकरणों की उपलब्ध अभिलेख अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। बैरसिया नगर परिषद सीमा क्षेत्र की स्वीकृत प्राप्त अर्द्धविकसित कालोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स’ अनुसार है। (ख) बैरासिया नगर परिषद सीमा क्षेत्र में गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों के लिये भू-खण्ड आरक्षित रखने के लिये नियमानुसार आरक्षित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स’ अनुसार है। नगर निगम भोपाल व संमिलियन के पूर्व कोलार नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र में आरक्षित भूमि की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। कालोनाईजार द्वारा विलेखों के पंजीयन उपपंजीयक कार्यालय से कराये जाते है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नगर परिषद बैरासिया में विदिशा रोड पर किये गये विकास कार्य के अनुपात में बंधक 65 भू-खण्ड में 36 भू-खण्ड मुक्त किये गये है। शेष कालोनियों के भू-खण्ड बंधक है। नगर निगम भोपाल व संमिलियन के पूर्व कोलार नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र में जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर निगम भोपाल के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 4588 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्र. 7006 दिनांक 28.03.2017 के जवाब में नगर निवेशक भोपाल द्वारा प्रेषित पत्र क्र. 697/भ.अ.शा./2011 दिनांक 16.11.2011 एवं क्र. 823/ भ.अ.शा./2012 दिनांक 10.10.2012 से उपसचिव/अवर सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्रालय भोपाल को भेजे गये पत्रों को समरूप होना बताया है? (ख) क्या पत्र क्र. 697/भ.अ.शा./2011 दिनांक 16.11.2011 के अनुक्रम में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास को भेजी गई नस्ती में दिनांक 14.05.2012 को शिकायत को अत्यन्त गंभीर स्वरूप की होने से प्रकरण की जांच सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन सतर्कता तकनीकी परीक्षक (CTE) से कराना प्रस्तावित किया जिसे स्वीकृत होने पर पत्र क्र. 15/7/R1910/2012/18-1 दिनांक 06.06.2012 का पत्र तदविषयक जारी हुआ? (ग) क्या नगर निवेशक नगर निगम भोपाल का पत्र क्रमांक 823/भ.अ.शा./2012 दिनांक 10.10.2012 बिना आयुक्त नगर निगम भोपाल की टीप के सीधे अवर सचिव नगरीय प्रशासन मंत्रालय भोपाल को संबोधित होकर मंत्रालय भोपाल में प्राप्त हुआ तथा इस द्वितीय प्रतिवेदन के आधार पर इसे प्रथम प्रतिवेदन क्रमांक 697/भ.अ.शा./2011 दिनांक 16.11.2011 के समरूप होते हुए भी शिकायत को तथ्य रहित मानकर नस्तीबद्ध करने का प्रस्ताव होने से नस्तीबद्ध करने का निर्णय हुआ है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित निर्णय के विरोधाभाष का उल्लेख कर शिकायतकर्ता ने दिनांक 12.02.2014, 04.04.2014, 03.03.2014, इत्यादि को अनेक आवेदन पत्र मंत्रालय में प्रस्तुत कर नस्तीबद्ध प्रश्नाधीन शिकायत पर न्यायहित में पुनर्विचार एवं शिकायतकर्ता को सुनवायी का समुचित अवसर दिया जाकर निष्पक्ष जांच के लिये निवेदन किया है? यदि हाँ, तो आवेदन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई है? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो क्यों? क्या इसके लिये कोई दोषी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भवन अनुज्ञा के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 4594 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्र.7003 दिनांक 28.03.2017 के जवाब में शासन ने बताया है कि नगर निगम भोपाल के पत्र क्र. 526/भ.अ.शा./शि.न./2002 दिनांक 02.01.2003 से प्रेषित जांच प्रतिवेदन के सरल क्र.1 एवं 2 में अंकित पीछे की ओर स्थित 12.19 गुणा 4.12 मीटर एवं दाहिने साइड में अंकित 1.91 गुणा 28.50 मीटर भूमि में से क्रमश: 7.89 गुणा 1.5 मीटर एवं 16.98 गुणा 0.7 वर्ग मीटर भूमि पर ही समझौता अनुमति दी गई है तथा भवन अनुज्ञा केवल भूखण्ड क्र.2 के स्वीकृत साइज 40 गुणा 80 फिर पर ही दी जा सकती है? (ख) पत्र क्र. 526/ भ.अ.शा./शि.न./2002 दिनांक 02.01.2003 में सरल क्र. 4, 5, 6 एवं 7 में अंकित क्र. 6341 दिनांक 23.05.2002 जारी भवन अनुज्ञा के विपरीत किये अवैध निर्माण में से पीछे, दाहिने साइड, बायें साइड एवं द्वितीय तल पर किये निर्माण में से कितने-कितने क्षेत्र पर क्रमश: समझौता अनुमति दी गई है? (ग) पत्र क्र. 526/भ.अ.शा./शि.न./2002 दिनांक 02.01.2003 के सरल क्र. 3 में पोर्च का निर्माण फ्रन्ट एम.ओ.एस. में किया जाना प्रतिवेदित है? क्या यह भवन अनुज्ञा क्र. 6341 दिनांक 23.05.2002 में स्वीकृत है? यदि हाँ, तो फिर इसे भवन अनुज्ञा के विपरीत निर्माण क्यों प्रतिवेदित किया गया है? क्या इसके लिए कोई दोषी है? यदि हाँ, तो कौन?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। फ्रन्ट एम.ओ.एस. में पोर्च प्रोजेक्शन के रूप में भवन अनुज्ञा क्रमांक 6341 दिनॉक 23.05.2002 में स्वीकृत है। प्रदत्त अनुज्ञा में दर्शाये गये आकार से हटाकर गोलाकार रूप में पोर्च निर्मित होने के कारण इसे भवन अनुज्ञा के विपरीत निर्माण के रूप में प्रतिवेदित किया गया है। इसलिए कोई दोषी नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागाध्यक्ष के विरूद्ध कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
101. ( क्र. 4598 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के स्कूल ऑफ फार्मेसी विभाग में वर्ष 2009-10 से वर्ष 2016-17 बी.फार्म कोर्स में किन-किन छात्र-छात्राओं को बिना फीस भुगतान किए ही कोर्स कराया गया है? ऐसे छात्र-छात्राओं के नाम, पता सहित मार्कशीट की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन छात्र-छात्राओं को बिना फीस भुगतान के कोर्स कराया गया था, उस अवधि में उक्त विभाग में, विभागाध्यक्ष कौन थ? जिसके कार्यकाल में इस तरह की गंभीर अनियमितता हुई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में दर्शित अनियमितता से संबंधित विभागध्यक्ष क्या प्रश्न दिनांक को भी कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो उक्त विभागाध्यक्ष को तत्काल हटाकर निष्पक्ष जांच कराने के निर्देश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) स्कूल ऑफ फार्मेसी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर द्वारा सत्र 2009-10 से सत्र 2016-17 तक किसी भी छात्र/छात्रा को बिना फीस का भुगतान किये बी.फार्मा कोर्स नहीं कराया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है वर्तमान में डॉ. राजेश शर्मा, स्कूल ऑफ फार्मेसी के विभागाध्यक्ष है। उक्त अवधि में कोई भी गंभीर अनियमितता नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ एवं ’’ख’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधवा महिलाओं को पेंशन प्रदान करने हेतु की गई घोषणा
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
102. ( क्र. 4600 ) श्री अजय
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश के
मुख्यमत्री
द्वारा विधवा
महिलाओं को
पेंशन प्रदान
करने के लिए
बी.पी.एल.
गरीबी रेखा की
पात्रता
हटाने की
घोषणा की गई
थी? यदि
हाँ, तो
कब और कहाँ? (ख) प्रश्नांश (क) के
संदर्भ में की
गई घोषणा पर
प्रश्न तिथि
तक क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
घोषणा पर कब
तक अमल होगा? (ग) बी.पी.एल.
गरीबी रेखा
में जीवन यापन
करने वाले परिवार
को प्रतिमाह
कितनी राशि
पेंशन के रूप में
दी जाती है? (घ) प्रदेश
में ऐसी कितनी
विधवा
महिलाएं हैं
जिन्हें
बी.पी.एल. की
पात्रता सूची
से हटाकर
पेंशन प्रदान
की जाएगी? क्या
प्रदेश अथवा
जिले स्तर पर
ऐसी विधवा
महिलाओं की
गणना से
संबंधित कोई
सर्वे कराया
गया है? यदि
हाँ, तो
प्रति उपलब्ध
कराएं।
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) जी
हाँ। दिनांक 8.10.2017 को
दिल से
कार्यक्रम
आकाशवाणी
भोपाल में घोषणा
की गई थी। (ख)
उत्तरांश ’’क’’ के
परिप्रेक्ष्य
में
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ग)
बी.पी.एल.
गरीबी रेखा
में जीवन यापन
करने वाले परिवार
के पात्र
हितग्राहियों
को पेंशन योजना
संबंधी प्रावधानुसार
प्रतिमाह
प्रति
हितग्राही को राशि
रूपये 300/- एवं 500/- रूपये
पेंशन दी जाती
है। (घ)
बी.पी.एल. सूची
से हटाकर किसी
विधवा को
पेंशन दिये
जाने का
प्रावधान
नहीं है। शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
एस.डी.एम. छतरपुर द्वारा पद का दुरूपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 4629 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न क्रमांक 5359 दिनांक 10.03.2017 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व छतरपुर द्वारा कॉलोनाईजर के विरूद्ध प्रकरण संस्थित किया जाकर प्रकरण क्रमांक 152बी-121/16-17 दिनांक 23.02.2017 द्वारा शिकायत में अंकित बिंदुओं पर नोटिस जारी करते हुए 3 दिवस के भीतर जवाब चाहा गया? यदि हाँ, तो नोटिस की प्रति देवें। (ख) क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 152/बी-121/2016-17 मध्यप्रदेश शासन बनाम पेप्टेक बिल्डर्स एण्ड डेव्हलपर्स द्वारा अवैध कालोनी का प्रकरण आदेशनार्थ की प्रत्याशा में दिनांक 08.07.2017 से प्रश्न दिनांक तक निराकरण की प्रत्याशा में लंबित हैं? विलंब का कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या शासकीय दिशा निर्देशों का निर्धारण समय-सीमा में पालन न करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार निलंबन व सेवा समाप्ति की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नोटिस की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर प्रकरण क्रमांक- 152/बी-121/ 2016-17 अनुरागी लखनलाल बनाम पेप्टेक बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स में जांच प्रतिवेदन दि. 22.01.2018 में सक्षम प्राधिकारी को कार्यवाही हेतु दि. 29.01.2018 को प्रेषित किया गया था। प्रकरण के परीक्षण उपरांत न्यायालय कलेक्टर जिला छतरपुर प्रकरण क्रमांक 0003/अ-89 (अ-13)/2017-18 दिनांक 01.03.2018 सुनवाई में लेकर श्री नीरज चौरसिया तनय स्व. श्री जगदीश प्रसाद चौरसिया, डायरेक्टर, पेप्टेक बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स प्रा.लि. छतरपुर निवासी खेरे की देविन मार्ग छतरपुर को कारण बताओ नोटिस जारी कर नियत दिनांक 12.03.2018 को जवाब चाहा गया है। कोई विलंब कारित नहीं हुआ। (ग) जी नहीं, विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलित है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिचगढ़ से सतावड़ तक ग्रेवल रोड
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 4646 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला खरगोन की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक/7777/एन.आर.ई.जी.एस./08, खरगोन दिनांक 03/09/2008 जिसमें राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार ग्यारंटी योजना अंतर्गत चिचगढ़ से सतावड़ तक ग्रेवल रोड निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी कार्यपालन यंत्री जिला खरगोन को बनाया गया था, प्रति देवें। इस कार्य संबंधी अधीक्षण यंत्री जिला खरगोन को दिनांक 02/08/2016 में प्राप्त शिकायत पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण बताये। (ख) उक्त कार्य संबंधी प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, डी.पी.आर. की प्रति देवे। इस कार्य के पूर्णता प्रमाण पत्र एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र की प्रति देवें। इस कार्य का मुल्यांकन एवं सत्यापन कार्य कब-कब किस अधिकारी/यंत्री/उपयंत्री द्वारा किया गया? दिनांकवार सूची देवें। (ग) उक्त कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? यह कार्य कब ग्राम पंचायत के हेण्डओवर किया गया।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रशासकीय स्वीकृति आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 01 एवं शिकायत पर की गई कार्यवाही की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, तकनीकी स्वीकृति एवं डी.पी.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 03, पूर्णता प्रमाण पत्र एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 एवं मूल्यांकन एवं सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 05 अनुसार है। (ग) वर्तमान में उक्त कार्य उपयोगी होकर आवागमन के लिये उपयोग किया जा रहा है। कार्य वर्ष 2013 में ग्राम पंचायत को हस्तांतरित किया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
105. ( क्र. 4649 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत खरगोन जिले में कितने आवास स्वीकृत हुए तथा कितने आवास पूर्ण होकर हितग्राही को संपूर्ण अनुदान मय मजदूरी के प्रदान किया गया? जनपदवार हितग्राहियों की संख्या देवें वर्तमान माह में लंबित भुगतान के प्रकरणों की संख्या जनपदवार देवें। (ख) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना से लाभांवित सर्वाधिक हितग्राहियों वाली ग्राम पंचायत के हितग्राहियों की सूची उनके पुर्ण नाम, ग्राम, पूर्णता दिनांक सहित देवें। इन हितग्राहियों के आवास में शौचालयों, दोनों सोख्ते गड्ढों (कच्चे सेप्टिक टेंक) के मूल्यांकनकर्ता/सत्यापनकर्ता अधिकारी/कर्मचारी/यंत्री/उपयंत्री के नाम व पद सहित मूल्यांकन/ सत्यापन दिनांक की सूची देवें। (ग) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत सी.ई.ओ. द्वारा सत्र 2017-18 में आवास योजना अंतर्गत लाभांवितों के स्थल पर कब-कब निरीक्षण किया गया। ग्राम पंचायतवार दिनांकवार सूची देवें। निरीक्षण उपरांत यदि किसी कर्मचारी/उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस दिये गये है तो प्रति देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) सर्वाधिक हितग्राहियों वाली ग्राम पंचायत पीपलझोपा के हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के दिशा निर्देशानुसार द्वारा किया गया है। शौचालयों का निरीक्षण एवं जियोटैंगिग ऑनलाईन पोर्टल पर श्री संजीव जायसवाल, ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है।
संविदाकर्मी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
106. ( क्र. 4650 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 में विभागीय मंत्रालय के किस आदेश/पत्र पर बड़वानी जिले की सभी जनपदों/ग्राम पंचायतों में 3 लाख से अधिक राशि वाले कार्यों की जांच हेतु किसे आदेशित किया गया? पत्रों की प्रति देवें। इस संबंध में किन-किन जनपदों/पंचायतों के जांच प्रतिवेदन पूर्ण, प्रगतिरत, अप्रारंभ हैं? कार्य के नाम व राशि सहित जांचवार सूची देवें। (ख) विभागीय मंत्रालय के पत्र क्रमांक 10015 एवं 10662, दिनांक 18 एवं 19 नवंबर 2012 के पत्र की प्रति देवें। इस पत्र पर जांच के दौरान या जांच उपरांत बड़वानी जिले में किन-किन नियमित/संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों को निलंबित/संविदा समाप्त/स्थानांतरण किया गया। नाम व पदवार कारण सहित सूची देवें। यदि इस संबंध में कोई पुलिस प्रकरण दर्ज कराया गया है तो जानकारी दस्तावेज सहित देवें। (ग) जांच उपरांत जिले में किन-किन कर्मचारियों को निलंबित किया गया तथा संविदा कर्मचारियों का स्थानांतरण या संविदा समाप्त की गई एवं पुलिस प्रकरण दर्ज कराया गया? शेष पूर्ण जिले में अन्य किसी संविदाकर्मी/ कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं करने का कारण बतायें। (घ) जनपद पंचायत निवाली के अतिरिक्त जिले की अन्य जनपद पंचायतों में बिंदु (क) या (ख) के संदर्भ में जांच प्रतिवेदन लंबित रखने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? शासन ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर कब कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगरीय विकास एवं आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 4710 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल शहर के होशंगाबाद रोड़ स्थित आशिमा माल के समीप सेन्ट्रल स्कूल 3 से सुरेन्द्र बिहार कॉलोनी होते हुए 80 फीट रोड कटारा हिल्स के लिए निकली है? इस सड़क पर स्थित सुरेन्द्र बिहार कॉलोनी से कचरा अपशिष्ट की राशि रहवासियों से जमा कराई जाती है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कचरे हेतु नगर निगम के कर्मचारी कब-कब कॉलोनी में गये? क्या इसकी पुष्टि रहवासियों से कराई जाकर मय ब्याज के सुरेन्द्र बिहार कालोनी के रहवासियों के कचरा अपशिष्ट की राशि वापस की जायेगी? (ख) क्या नगर निगम द्वारा भोपाल के प्रत्येक कालोनी में नर्मदाजल के लिए पाइपलाईन प्रत्येक आवास के सामने से होते हुए बिछाई गई है? यदि हाँ, तो होशंगाबाद रोड स्थित आसिमा माल के समीप सुरेन्द्र बिहार कालोनी में नर्मदा जल हेतु प्रत्येक आवास के सामने पाईप लाईन बिछाई गई है? यदि नहीं, तो किस अधिकारी की जिम्मेवारी तय की जायेगी? (ग) क्या शासकीय अभिलेखों के अनुसार प्रश्नांश (ख) के स्वत्वों का भुगतान कम्पनी को कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है और यदि पाईपलाईन नहीं बिछाई गई है तो कब तक बिछा दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, सुरेन्द्र विहार कालोनी के रहवासियों से नियमानुसार ठोस अपशिष्ट प्रबंधन उपभोक्ता प्रभार की राशि जमा कराई गई है। सुरेन्द्र विहार कालोनी का कचरा संग्रहण करने हेतु नगर निगम के कर्मचारी निरंतर जा रहे है। रहवासियों के द्वारा की गयी पुष्टि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। अत: राशि वापस किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं, अपितु कालोनी में बल्क कनेक्शन हेतु पाईप लाईन बिछाई गई है एवं प्रावधानों अंतर्गत बल्क कनेक्शन प्रदान किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। नियमानुसार कार्य के आधार पर ठेकेदार को भुगतान किया गया है। कार्य आवश्यकता के आधार पर नगर निगम द्वारा निर्णय लिया जायेगा। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा के परिवारों को राशन की पर्ची प्रदाय करने के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 4716 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कितने गरीबी रेखा, अतिगरीबी रेखा, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, कर्मकार मंडल में पंजीकृत हितग्राही हैं? जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत व नगरीय निकायवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में कितने परिवार राशन की पर्ची से वंचित हैं और क्यों? कारण सहित जानकारी देते हुए बतायें कि इन्हें कब तक उक्त योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक पात्र परिवारों को राशन पर्ची के संबंध में विभाग एवं जिला प्रशासन को कितने पत्र किस-किस के द्वारा कब कब पत्र प्राप्त हुए तथा तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त वंचित पात्र परिवारों को कब तक उक्त योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में गरीबी रेखा के 24136, अति गरीबी रेखा के 6858, मजदूर सुरक्षा योजना के 9957, कर्मकार मण्डल के 1421 पंजीकृत हितग्राही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश “क“ के संदर्भ में प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में कोई भी सत्यापित परिवार राशन की पर्ची से वंचित नहीं है। पात्रता पर्ची जारी होना एक निरन्तर प्रक्रिया है। किसी भी पात्र परिवार द्वारा आवेदन किये जाने पर नियमानुसार समग्र पोर्टल पर पात्रता श्रेणी में सत्यापन उपरान्त पात्रता पर्ची जारी की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कों की स्थिति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 4734 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासन निर्णयानुसार मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत निर्मित सड़कों में से सामान्य क्षेत्र 150 के आबादी एवं आदिवासी क्षेत्र के 100 आबादी के राजस्व ग्रामों को जोड़ने वाली सड़कों के डामरीकृत हेतु विश्व बैंक योजना अनुमोदित की गई है? (ख) उक्त योजना में श्योपुर जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत निर्मित 52 ग्रेवल मार्गों में से पात्रतानुसार कौन-कौन सी 31 सड़कों को डामरीकरण हेतु चयनित किया गया? कौन-कौन सी सड़कों को नहीं व क्यों? (ग) उक्त में से कौन-कौन सी सड़कों को वर्तमान तक डामरीकृत किया गया? कौन-कौन सी को नहीं व क्यों? कब तक डामरीकृत की जावेगी? (घ) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बासोंद से भैरो बाबा मंदिर तक का मार्ग वर्तमान में पहुँचविहिन है, इस कारण दर्शनार्थी व ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाईयॉ आती है स्टेट कनेक्टिविटी मद से स्वीकृत इस मार्ग का निर्माण धनाभाव की आड़ लेकर प्रारंभ नहीं किया जा रहा हैं कब तक धन की व्यवस्था कर इसे प्रारंभ कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों।
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी
हाँ। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ एवं
'ब' अनुसार है। (ग) 01
मार्ग नगदी से
रूपनगर का
डामरीकरण
पूर्ण तथा शेष
30 मार्गों
का कार्य
प्रगतिरत है, जिनकी
निर्धारित
समयावधि
दिसम्बर 2018 तक है। (घ) जी नहीं।
बासोंद से
भैरो बाबा
मंदिर तक वर्तमान
में गांव के
बीच से होकर
पंचायत की
कांक्रीट रोड
बनी है। शेष
प्रश्न नहीं
उठता।
परिशिष्ट
- ''इक्यानवे''
मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी में अनियमितताओं की जांच
[उच्च शिक्षा]
110. ( क्र. 4746 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी में पदस्थ संचालक के कार्यकाल में करोड़ों रूपये के कागज क्रय की शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें (ख) क्या अकादमी में संचालक की पदस्थापना नियमों के अनुरूप की गई है? क्या वर्तमान में पदस्थ संचालक के विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य में दर्ज आर्थिक अनियमितता के प्रकरण पर राज्य शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विगत तीन वर्षों में अकादमी द्वारा कितनी पुस्तकों का मुद्रण कराया गया? मुद्रण कार्य पर कितनी राशि का भुगतान किया गया? मुद्रित की गई कितनी पुस्तकों की बिक्री की गई एवं भण्डार में कितनी पुस्तकें किस-किस वर्ष की बिक्री हेतु लंबित है? (घ) अकादमी की कार्य समिति/शासी. निकाय की बैठकें कब-कब आयोजित की जाना थीं? विगत तीन वर्षों में कितनी बैठकें आयोजित हुई? यदि नहीं, की गई तो उत्तरदायी कौन है? संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। हिंदी ग्रंथ अकादमी में वर्ष 2014-15 में तत्कालीन संचालक के कार्यकाल में श्री सत्यदेव कटारे नेता प्रतिपक्ष द्वारा मंत्री उच्च शिक्षा को प्रेषित शिकायत माननीय मंत्री जी के माध्यम से विभाग में दिनांक 05.04.2015 को प्राप्त हुई है। की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ वर्तमान में पदस्थ संचालक के विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य में दर्ज आर्थिक अनियमितता के प्रकरण की मध्यप्रदेश राज्य में कोई शिकायत की जानकारी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रत्येक वित्तीय वर्ष में तिथिवार बैठकों का आयोजन किया गया वर्ष 2015 में 22.06.2015 को वर्ष 2016 में 13.10.2016 को तथा वर्ष 2017 में 08.05.2017 को बैठकों का आयोजन किया गया। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
चम्बल अभ्यारण्य से अवैध उत्खनन
[वन]
111. ( क्र. 4747 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के अटेर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत चम्बल अभ्यारण्य संरक्षित क्षेत्र से विगत तीन वर्षों में रेत उत्खनन के कितने प्रकरण किस-किसके विरूद्ध कब-कब दर्ज किये गये? (ख) संबंधित वन अधिकारियों चम्बल अभ्यारण्य संरक्षित क्षेत्र से उल्लेखित अवधि में कितने वाहनों को पकड़ा एवं उन्हें उनको राजसात किया गया? यदि नहीं, किया गया तो इसके लिये कौन दोषी है? क्या वन अपराध के अंतर्गत दोषियों के विरूद्ध जुर्माना भी लगाया गया है? (ग) विगत तीन वर्ष में चम्बल अभ्यारण्य संरक्षित क्षेत्र से अवैध रेत उत्खनन की कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में अटेर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 24 वाहन जप्त किये गये, जिसमें से 05 वाहनों को राजसात किया गया है। 01 वाहन दोषी न पाये जाने के कारण निर्मुक्त किया गया है तथा शेष 18 वाहनों के राजसात की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस संबंध में कोई विभागीय अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया है वन अपराध के अंतर्गत दोषियों के विरूद्ध कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
गंदे पानी के निकास की समस्या का समाधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 4761 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वार्ड क्रमांक 5 हाथीगड्डा अम्बाह जि. मुरैना के रहवासी उनके घरों का पानी निकास हेतु नाला नहीं बनाने से उनके व्यापार एवं आवागमन बाधित होने से व्यथित है? यदि हाँ, तो क्या उक्त वर्णित वार्ड के निवासियों ने उक्त नाले की समस्या निदान हेतु अनेक बार लिखित में नगरपालिका अम्बाह को आवेदन एवं धरना भी दिया गया है? यदि हाँ, तो समस्या का निदान नहीं करने के लिए जिम्मेदार कौन है? (ख) शासन जनहित की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नांश (क) में वर्णित नाले का निर्माण कब तक करवायेंगे? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। यद्यपि वार्ड के निवासियों द्वारा निकाय में आवेदन दिये गये है। निकाय द्वारा समस्या का समाधान करने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) हाथी गडडा में पूर्व से ही नाला निर्मित है तथा ऊपर से कवर है जिसमें जगह-जगह सफाई हेतु चेम्बर बने है परन्तु उन चैम्बरों से नालों की पूरी तरह सफाई नहीं हो पाती है। इसी नाले के द्वारा हाथी गड्डा का गंदा पानी सब्जी मंडी में निर्मित नाले से निकलता है। निकाय द्वारा सफाई समस्या के निदान हेतु संपूर्ण नाले पर कॉंक्रीट काटकर प्रीकास्ट आरसीसी कवर डालने हेतु निकाय में कार्यवाही प्रचलित है।
नगर पालिका पोरसा द्वारा वाहन खरीदी में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 4764 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अम्बाह विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थिन नगर पालिका पोरसा में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रेक्टर, फायरबिग्रेड, डम्फर किस-किस वर्ष में क्रय किये गये हैं? (ख) क्या नगर पालिका पोरसा के लिये, पूर्व में ट्रेक्टर या फायर बिग्रेड फिर भी अकारण ही और 2 ट्रेक्टर एवं 2 फायर बिग्रेड क्रय की गई हैं? जिसके कारण शासन के धन का अनावश्यक अपव्यय हुआ है, यदि नहीं, तो इतने वाहनों की उक्त नगरपालिका के लिये क्या आवश्यकता थी? जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितना डीजल व्यय हुआ? (ग) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगरपालिका पोरसा द्वारा किस किस मद में कितना कितना धन की आय हुई तथा किस किस मद में कितना कितना धन व्यय किया गया? समस्त जानकारी नये रिकार्ड के साथ उपलब्ध कराई जावे? (घ) क्या वार्ड क्रं 15 ग्राम धनेंटा मेन रोड पर पानी की निकासी नहीं होने से राहगीर परेशान हैं? यदि हाँ, तो कब तक वार्ड क्रं. 15 में नाला निर्माण करा लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद्, पोरसा द्वारा जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में वित्त वर्ष 2016-17 में दो नग ट्रेक्टर, वित्त वर्ष 2017-18 में एक फायर वाहन एवं एक डम्पर क्रय किया गया है। (ख) जी नहीं। वाहन अकारण नहीं खरीदे गये हैं और न ही अनावश्यक अपव्यय हुआ है। इस निकाय में पूर्व से एक ट्रेक्टर एवं दो फायर वाहन थे वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार नगरीय क्षेत्र की जनसंख्या 39669 होने से व निकाय का क्षेत्रफल 12.17 वर्ग कि.मी. होने से एक ट्रेक्टर सफाई कार्य एवं जल परिवहन के लिये पर्याप्त नहीं होने से परिषद प्रस्ताव क्रमांक 5 दिनांक 27/02/2015 के पालन में दो ट्रेक्टर क्रय किये गये एवं शासन के पत्र क्रमांक 10190 दिनांक 30/09/2015 के द्वारा प्राप्त अनुदान होने से परिषद प्रस्ताव क्रमांक 487 दिनांक 16/08/2016 के पालन में एक फायर वाहन क्रय किया गया। साथ ही जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक 32588 लीटर डीजल व्यय हुआ है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अल्कोहल प्लाट की लगुन की जमीन का औद्योगिक क्षेत्र हेतु उपयोग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
114. ( क्र. 4789 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम में अल्कोहल प्लाट की लगुन की 19.84 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र निर्माण हेतु भूमि पूजन माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया? इस भूमि का उपयोग औद्योगिक क्षेत्र हेतु करने का प्रस्ताव 27 जून 2015 से लंबित है? यह प्रस्ताव कब तक पारित कर दिया जायेगा? (ख) इस दिशा में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? इस औद्योगिक क्षेत्र से युवा उद्यमियों को लाभ होना है। इस कार्य को कब से प्रारंभ किया जायेगा? ताकि युवा उद्यमियों को उद्योग स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध हो सके?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार जी हाँ। उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार भूमि का उपयोग औद्योगिक प्रयोजन हेतु करने का प्रस्ताव संयुक्त संचालक, संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश म.प्र. भोपाल स्तर पर निराकरण हेतु प्रक्रियाधीन है। (ख) उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार औद्योगिक प्रयोजन हेतु भू-उपयोग परिवर्तन उपरांत उक्त भूमि पर अधोसंरचना विकसित करने की कार्यवाही की जा सकेगी।
बरसाती नालों का पक्का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 4791 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम के बरसाती नालों के पक्का निर्माण का काम अब तक क्यों नहीं पूरा हुआ? जबकि दिनांक 07 मार्च, 2017 को प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में मंत्री महोदय ने पिछली वर्षा ऋतु से पूर्व काम पूरा हो जाने की जानकारी दी थी? (ख) क्या मुख्यमंत्री ने दिनांक 19 अगस्त, 2015 को 25 करोड़ रूपये उपलब्ध कराने की घोषणा (क्रमांक-7 बी-0994) की थी? नगरीय विकास मंत्री ने दिनांक 07 मार्च, 2017 को प्रश्नकर्ता प्रश्न के उत्तर में अमृत योजना के प्रथम चरण के लिये 10 करोड़ रूपये के प्रावधान किये जाने की जानकारी दी थी? बावजूद इसके न तो नगर निगम रतलाम को राशि उपलब्ध कराई गई और न ही निर्माण कार्य हो पाया हैं? (ग) क्या अमृत योजना के दितीय चरण की शेष 15 करोड़ रूपये की राशि रतलाम नगर निगम को शीघ्र उपलब्ध कराकर नवम्बर 2018 के पूर्व नालों को पक्का करने का काम पूरा करा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नालों के पक्का निर्माण किया जाने के लिये प्रथम चरण में अमृत योजना अंतर्गत राशि रू. 10.00 करोड़ का सैप में प्रावधान किया गया है। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर सक्षम स्वीकृति उपरांत निविदा जारी कर वित्तीय प्रस्ताव प्राप्त कर लिया गया है एवं मेयर इन काउंसिल में प्रस्तुत किया गया है। सक्षम स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। (ख) जी हाँ। जी हाँ। नगर निगम रतलाम को अमृत मिशन अंतर्गत सभी घटकों के लिये प्रथम किश्त राशि रू. 22.29 करोड़ उपलब्ध करा दी गई है, यह राशि व्यय करने के उपरांत निगम की मांग पर द्वितीय किश्त उपलब्ध कराई जा सकेगी। (ग) योजना अंतर्गत उपलब्ध राशि की निविदा प्रक्रियाधीन है, अमृत योजना के द्वितीय चरण के प्रावधान के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों की जांच
[वन]
116. ( क्र. 4845 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित सतना द्वारा वर्ष 2015 से 2017 तक एवं जनवरी 2018 तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किन-किन लघु वनोपज सहकारी समितियों के कार्य क्षेत्र में कराये गये हैं? कार्यवार वर्षवार, व्यय राशिवार, व्यय राशि में क्रय सामग्री की मात्रा व सामग्री सप्लायर के नामवार वर्तमान भौतिक स्थिति सहित मूल्यांकन पुस्तिका की सत्यापित प्रतिवार, प्रत्येक कार्यवार पृथक-पृथक जानकारी निर्धारित प्रारूप पर कार्य स्थल के नाम सहित दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये निर्माण कार्यों में श्रमिकों पर व्यय की गयी राशि एवं उनके भुगतान प्रमाण (मस्टर रोल) की सत्यापित प्रति उपलबध कराये जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या प्रबंध संचालक जिला वनोपज सह. यूनियन सतना द्वारा वन परिक्षेत्राधिकारी से दवाब डलवाकर करोड़ों की राशि घटिया निर्माण कार्य कराकर दुरूपयोग की गयी है? यदि नहीं, तो कराये गये निर्माण कार्यों की जांच मुख्य तकनीकी परीक्षक विभाग (सी.टी.ई.) की टीम से कराकर सत्यता प्रमाणित करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक’ अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक’ के कॉलम क्रमांक 12 में श्रमिकों पर व्यय की गई राशि एवं उनके भुगतान प्रमाण की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिला यूनियन सतना द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में कराये गये कार्य उचित गुणवत्ता के कराये गये है। कार्यों के निर्माण के दौरान इनका निरीक्षण वन परिक्षेत्राधिकारी, उप वनमण्डलाधिकारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किया गया है। जिला यूनियन सतना द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में कराये गये निर्माण कार्यों के गुणवत्ता या अन्य किसी संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कराये गये कार्य उचित गुणवत्ता के होने के कारण इनकी जांच मुख्य तकनीकी परीक्षक (सी.टी.ई.) या अन्य एजेंसी से कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विदेशी निवेश एवं स्थापित उद्योगों के बंद होने से उत्पन्न स्थिति
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
117. ( क्र. 4853 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2008 से 2011 तक प्रदेश में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एवं मान मुख्यमंत्री जी द्वारा की गयी विदेश यात्राओं के दौरान किन-किन विदेशी उद्योगपतियों/निवेशकों ने प्रदेश में निवेश हेतु कुल कितनी राशि के कौन-कौन से प्रस्ताव/इन्टेंशन टू इन्वेस्ट' प्रस्तुत किये? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रस्तावों में से अभी तक कितना विदेशी निवेश प्रदेश में हुआ है? उक्त प्रस्तावों में से किन-किन को कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि किस-किस दर पर आवंटित की गई? कितने प्रस्ताव कार्यान्वित होकर कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से उद्योग/सेवा स्थापित प्रारंभ हो चुके है? कितने प्रस्ताव किस कारण से निरस्त हुए? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्रदेश में कुल कौन-कौन से उद्योग, कहाँ-कहाँ, किस-किस कारण से बंद हुए? बंद उद्योगों को प्रारंभ करने के सम्बन्ध में शासन की क्या योजना है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में विदेशी उद्योगपतियों/निवेशकों द्वारा निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किए गए। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में इस प्रश्नांश का उत्तर देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता तथापि विदेशी निवेश का विषय भारत सरकार से संबंधित होने से यह बताया जाना संभव नहीं हैं कि कितना विदेशी निवेश प्रदेश में हुआ हैं। (ग) उद्योगों का चालू, बंद होना एवं बंद होकर पुन: चालू होना एक निरंतर प्रक्रिया हैं, इस कारण ए.के.व्ही.एनों./आय.आय.डी.सी. ग्वालियर द्वारा इस संबंध में जानकारी संधारित नहीं कि जाती हैं। बंद उद्योगों को प्रारंभ करने के लिए प्रदेश की उद्योग संवर्धन नीति 2014 में समुचित प्रावधान हैं, जिसका लाभ इच्छुक उद्यमी प्राप्त कर सकते हैं।
बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को प्रारंभ कराया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
118. ( क्र. 4854 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल, स्थलजल योजना, मुख्यमंत्री पेयजल एवं अन्य योजनाएं कहाँ-कहाँ संचालित हैं वर्तमान में इनमें से कितनी चालू हैं एवं कौन-कौन सी योजना किस कारण से बंद हैं? योजनावार, तहसीलवार जानकारी दें? (ख) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना के संधारण हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब संबंधित ग्राम पंचायत को आवंटित की गयी? प्राप्त राशि से किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि व्यय कर कौन-कौन सी योजनाएं कब-कब प्राम्भ की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में से अधिकांश योजनाएं उचित संधारण एवं देख रेख के अभाव में बंद होने से पेयजल संकट व्याप्त होने के सम्बन्ध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर श्योपुर, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास को भेजे गए पत्रों पर क्या कार्यवाही की गयी? कब तक बंद पड़ी समस्त पेयजल योजनाओं का संधारण कराकर प्रारंभ कर दी जावेंगी? (घ) क्या शासन आगामी दिनों में उत्पन्न होने वाले भीषण पेयजल संकट को ध्यान में रखते हुए पंचायतों को प्रदाय 14वें वित्त की राशि केवल पेयजल की व्यवस्था हेतु व्यय करने के निर्देश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में नलजल योजना 26, स्थल जल योजना 72 एवं मुख्यमंत्री पेयजल योजना 22 है। इस प्रकार कुल 120 योजना संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार। बंद पड़ी समस्त पेयजल योजनाओं के संधारण हेतु ग्राम पंचायतों को राशि रू. 45,15,690/- जारी की गई है एवं बंद पड़ी समस्त पेयजल योजनाओं के संधारण हेतु सतत् तकनीकी प्राक्कलन तैयार कर नलजल योजना चालु कराई जा रही है एवं ग्राम पंचायतों को भी समक्ष में निर्देशित किया जा रहा है जिससे कोई भी नलजल योजना बंद न रहे। (घ) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के पत्र क्र./67/2018/22/पं.-1, दिनांक 16.02.2018 द्वारा 14वां वित्त आयोग के दिशा-निर्देश की कंडिका 02 अनुसार पंचपरमेंश्वर योजनान्तर्गत एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त होने वाली राशि में से अधिकतम 10 प्रतिशत राशि का उपयोग पेयजल व्यवस्था हेतु किया जा सकेगा।
नगर पंचायतों की जानकारी के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 4865 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत देवेन्द्रनगर, ककरहटी, अमानगंज में 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मदों में कितनी राशि शासन द्वारा प्रदाय की गई तथा कितनी-कितनी राशि का किस-किस कार्य में व्यय किया गया? (ख) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत देवेन्द्रनगर, ककरहटी, अमानगंज में कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने भरे हैं, उनमें से कितने नियमित अधिकारी/कर्मचारी एवं कितने दैनिक वेतनभोगी हैं? (ग) क्या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो नगर पंचायत देवेन्द्रनगर, ककरहटी, अमानगंज में कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों को नियमित न किये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या नगर पंचायत देवेन्द्रनगर, ककरहटी, अमानगंज कनिष्ठ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित कर दिया गया है, जबकि पैसे न देने के कारण वरिष्ठ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को अभी भी नियमित नहीं किया गया है? नियमितीकरण से वंचित दैनिक भोगी कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। नगर परिषद देवेन्द्रनगर, ककरहटी, अमानगंज में कोई भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं होने से नियमितीकरण हेतु शेष नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनपद पंचायत द्वारा आयोजित अंत्योदय मेले की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
120. ( क्र. 4866 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने अंत्योदय मेंलो का कहाँ-कहाँ आयोजन किया गया तथा प्रत्येक अंत्योदय मेले में कितनी-कितनी राशि का व्यय किस-किस कार्य में किया गया? (ख) गुनौर विधानसभा क्षेत्र में किस अंत्योदय मेले में किस विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया गया तथा कितने हितग्राहियों को किस योजना से लाभांवित किया गया? (ग) क्या अंत्योदय मेले के आयोजनों के संबंध में जन सामान्य को पर्याप्त जानकारी न होने के कारण सामान्य संख्या में हितग्राही अंत्योदय मेलों में उपस्थित नहीं होते हैं? क्या अंत्योदय मेलों का यही उद्देश्य है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक किये गये अंत्योदय मेलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’एवं ’’ब’ अनुसार। (ख) गुनौर विधानसभा क्षेत्र में अंत्योदय मेले में विभाग द्वारा पंजीकृत लाभान्वित किये गये हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) जी नहीं। मेलों का पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाता है तथा पर्याप्त संख्या में जनसामान्य उपस्थित होते है। जी नहीं।
दतिया से जगन्नाथपुरी की तीर्थ दर्शन योजना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
121. ( क्र. 4876 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 12-8-17 को दतिया से जगन्नाथपुरी हेतु की गई तीर्थ दर्शन यात्रा में पचास प्रतिशत से अधिक फर्जी यात्री सम्मिलित हुये थे, क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर दतिया एवं माननीय प्रभारी मंत्री जिला दतिया को इस फर्जी यात्रा की अविलंब जांच कराने हेतु आवेदन देकर मांग भी की गई थी? यदि हाँ, तो क्या जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराया जाए? यदि अभी तक जाँच नहीं कराई गई तो इसका क्या कारण है। (ख) क्या तीर्थ यात्रा के प्रबंध हेतु जिला स्तरीय सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, किंतु वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक उक्त समिति की बैठक ही नहीं बुलाई गई, यदि हाँ, तो क्यों यदि नहीं, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब बैठक हुई और उसमें किन-किन सदस्यों को आमंत्रित किया और कौन-कौन सदस्य उसमे उपस्थित हुये आदि बैठक कार्यवाही विवरण रजिस्टर की छाया प्रतियाँ एवं समिति सदस्यों को भेजे गये आमंत्रण पत्र की प्रति एवं सदस्य के प्राप्ति हस्ताक्षर की प्रति उपलब्ध कराई जावे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जिले में तीर्थ यात्रा के प्रबंध हेतु जिला स्तरीय सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। जिसकी पृथक से बैठक नहीं बुलाई गई वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक माननीय प्रभारी मंत्री महोदया की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठकें बुलाई गई है। कार्यालय कलेक्टर जिला दतिया द्वारा जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदिर के नाम पर कृषि भूमि के संबंध में
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
122. ( क्र. 4891 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले में ऐसे कितने मंदिर हैं, जिनके पास कृषि भूमि है? जो मंदिर या संस्था के नाम से संचालित की जा रही है? इस की सूची उपल्बध करावें? (ख) क्या ऐसे मंदिर या संस्था की कृषि भूमि से होने वाली आय का दुरूपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसी भूमि को अपने अधीन करने के लिए कोई योजना भविष्य में बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या ऐसे मंदिरों की भूमि का क्रय या विक्रय किया जा सकता है? यदि किया गया है, तो इसकी जानकारी देवें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन अभ्यारण भूमि पर किये गये अतिक्रमण
[वन]
123. ( क्र. 4897 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में कितने एवं कौन-कौन से अभ्यारण कहाँ-कहाँ घोषित हैं? उनका क्षेत्रफल कितना है? (ख) रतलाम एवं उज्जैन जिले में कहाँ-कहाँ एवं कितनी-कितनी वन भूमि है? तहसीलवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) भूमियों में से कितनी भूमि पर कहाँ-कहाँ अतिक्रमण किया गया है? अतिक्रामकों एवं उन पर की गई कार्यवाहियों का ब्यौरा क्या है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) उज्जैन संभाग में कुल 03 अभयारण्य अधिसूचित है। इन अभयारण्यों के नाम, जिला वनमण्डल एवं क्षेत्रफल निम्नानुसार है :-
जिला |
वनमण्डल |
अभ्यारण्य का नाम |
क्षेत्रफल |
रतलाम |
रतलाम |
खरमोर अभ्यारण्य सैलाना |
12.965 |
मन्दसौर, नीमच |
मन्दसौर |
गांधीसागर अभ्यारण्य |
368.62 |
देवास |
देवास |
खिवनी अभ्यारण्य |
134.777 |
(ख) विवरण तहसीलवार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ’ पर है। (ग) उत्तरांश (ख) से संबधित संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ में उल्लेखित वनभूमि में से रतलाम जिले के अन्तर्गत वन भूमि पर कोई अवैध अतिक्रमण नहीं पाए गए है। अतिक्रमण के प्रयास किये जाने पर तत्काल नियमानुसार कार्यवाही कर अतिक्रामकों को बेदखल किया गया है। उज्जैन जिले के अन्तर्गत तराना तहसील के परिक्षेत्र तराना के अन्तर्गत 136 अतिक्रामकों का 177.910 हे. वन भूमि पर अतिक्रमण है। अतिक्रमण की स्थलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। इन अतिक्रामकों को वर्ष 2015 में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 80 (अ) के तहत सूचना पत्र दिये जाकर माह जून 2015 में समझाइश देकर अतिक्रमण खाली कराया गया। माह जनवरी 2016 में इन अतिक्रामकों द्वारा वन भूमि पर पुनः अतिक्रमण कर लिया गया है, जिनकी बेदखली हेतु अतिक्रमण निरोधी अभियान के तहत नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।
रीयल एस्टेट रेग्युलरिटी अथारिटी अंतर्गत कार्यवाही के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 4903 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रियल एस्टेट रेग्युलरिटी अथारिटी (RERA) अंतर्गत गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक भोपाल एवं इंदौर संभाग अंतर्गत किस-किस के द्वारा कब-कब, किस-किस के विरूद्ध शिकायत की गई है? (ख) उक्त शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतें किस स्तर पर लंबित हैं? शिकायतवार जानकारी देवें? (ग) शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भू-संपदा (विनिमयन और विकास) अधिनियम, 2016 के प्रभावशील होने के दिनांक 01 मई, 2017 से प्रश्न दिनांक तक इन्दौर और भोपाल संभाग की कुल 799 शिकायतें प्राप्त है। भू-संपदा (विनिमयन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 35 (2) के अनुसार वाद का विचारण करते समय प्राधिकरण एक सिविल न्यायालय के रूप में अर्धन्यायिक प्रक्रिया से शिकायतों का निराकरण करता है। प्राधिकरण के आदेश विरूद्ध अपील का भी प्रावधान है। अत: प्रकरणों में पक्षकारों के विशिष्ट विवरण अर्धन्यायिक/न्यायिक प्रक्रिया होने से दिया जाना नियमोचित नहीं है। (ख) म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण द्वारा उक्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार है:-
शेष शिकायतें विचारधीन है। प्रक्रिया अर्धन्यायिक होने से प्रत्येक प्रकरण का कार्यवाही विवरण देना विधिवत नहीं है। (ग) शिकायतों का निराकरण एक अर्धन्यायिक प्रक्रिया के होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वाटर मीटर खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 4904 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इस वर्ष में नगरीय प्रशासन एवं विकास के अंतर्गत नगर पालिका सतना, कटनी एवं बैतूल में वाटर मीटर की खरीदी हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त निविदा में किन-किन कंपनियों द्वारा भाग लिया गया? (ख) क्या निविदा में जो स्पेसिफिकेशान दर्शाया गया, उसकी एक मात्र कंपनी ही है, जिनके कारण अन्य मीटर बनाने वाली कंपनी प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाई, जबकि अरबन डेव्लपमेंट अथारिटी ने इसकी जो निविदा आमंत्रित की, उसमें अनेकों कंपनियों ने भाग लिया, इन प्रक्रिया को विभाग ने किन कारणों से नहीं अपनाया? इसका क्या औचित्य है? (घ) क्या सतना कटनी बैतूल में जो वाटर मीटर की खरीदी की गई, उसकी दरें सामान्य मीटरों की अपेक्षा अधिक हैं, दर सहित स्पष्ट करें? (ड.) क्या उक्त वाटर मीटर की खरीदी की शिकायत विभाग को वर्ष 2018 में प्राप्त हुई है, यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) वॉटर मीटर की खरीदी नहीं की गई है, जिससे जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाण्डेर नगर परिषद की अनियमितताओं बावत
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 4951 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भाण्डेर नगर परिषद द्वारा शौचालय निर्माण एवं प्रधानमंत्री आवास कार्य में वित्तीय अनियमिततायें की गई हैं? यदि नहीं, तो इनके द्वारा कितने शौचालयों के निर्माण एवं पी.एम. आवास निर्माण का भुगतान किया गया? हितग्राहियों का नाम पता व शौचालयों/पी.एम. आवास के प्रतिहितग्राही को भुगतान की गई राशि का विवरण उपलब्ध कराया जावें? (ख) क्या जलावर्धन योजनांतर्गत किये गये निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं उसमें प्रयुक्त मात्रा अनुबंध अनुसार नहीं है, बेहद घटिया किस्म की होने के कारण इसकी कई शिकायतें होने के बावजूद अभी तक कोई अंतिम कार्यवाही नहीं की गई है? इसी प्रकार नगर में बनाये गये समस्त सी.सी. रोड भी बेहद घटिया गुणवत्ता के हैं? इनके संबंध में कितनी शिकायतें हुई और उस पर क्या जाँच हुई? साथ ही दिनांक 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य पर कितनी राशि व्यय की गई? (ग) क्या नगर परिषद भाण्डेर ने पाँच लाख से अधिक की राशि के बिलो का भुगतान बिना प्रशासकीय स्वीकृति के किया है, यदि हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान किया और इसकी क्या जाँच हुई? यदि हाँ, तो भुगतान राशि एवं जाँच में डूडा द्वारा किये गये पत्राचार आदि का विवरण उपलब्ध कराई जावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। स्वीकृत 1161 व्यक्तिगत शौचालयों में 844 शौचालयों का निर्माण पूर्ण कर प्रति हितग्राही रूपयें 13,600/- के मान से तथा 311 बी.एल.सी. घटक के प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के खाते में राशि रू. 40,000/- प्रति हितग्राही के मान से भुगतान की गई है। हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) जल आवर्धन योजनान्तर्गत किये गये निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं अनुबंध/ऐस्टीमेट के अनुसार ही किये जा रहे है जिसकी जांच निरंतर निकाय में पदस्थ इंजीनियर एवं शासन द्वारा नियुक्त एजेंसी थर्ड पार्टी आर.व्ही. एसोसिऐट के इंजीनियरो के द्वारा की जा रही है और कार्य में उपयोग होने वाले मटेरियल की जांच निरंतर प्रयोगशालाओं में कराई जाती है। जल आवर्धन योजना के संबंध में एक शिकायत एवं विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3257 प्रश्नांश (घ) एवं याचिका क्रमांक 5243 माननीय विधायक महोदय भांडेर के माध्यम से लगाई गई थी जिसकी जांच संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के आदेश क्रमांक 13384 दिनांक 27.11.17 द्वारा गठित दल से कराई गई थी। जांच रिपोर्ट अनुसार टेस्ट परिणामों के परीक्षण एवं कार्य स्थल पर प्रगतिरत कार्यों का निरीक्षण करने पर यह स्पष्ट हो गया है कि कार्य गुणवत्तापूर्ण किये गये है। जी नहीं, निकाय अन्तर्गत समस्त सी.सी. रोड के निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्ण कराये जा रहे है, जिसके संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। 1 जनवरी से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य पर किये गये व्यय की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स अनुसार है। (ग) जी नहीं। उक्त प्रकरण की जांच 03 सदस्यी दल द्वारा कराई गई है। जांच में डूडा द्वारा किया गया पत्राचार का विवरण एवं जांच रिपोर्ट जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
बिना अनुमोदन वाले सचिव स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 4961 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से 2018 तक खरगोन जिले में किस-किस पंचायत सचिव का स्थानांतरण किया गया सूची नाम सहित देवें। (ख) वर्ष 2016 से 2018 तक खरगोन जिले में किस-किस पंचायत सचिव को निलंबित किया गया तथा कितनों को बहाल किया गया नाम सहित सूची देवें? (ग) उक्त बिंदु (क) के स्थानांतरण में किस-किस सचिव के लिए प्रभारी मंत्री या जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति का अनुमोदन लिया गया? सचिव के नाम, सहित सूची देवें। किस-किस सचिव के लिए प्रभारी मंत्री या जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति का अनुमोदन नहीं लिया गया, सचिव के नाम, सहित सूची देवें। (घ) उक्त अनुमोदित नाम वाले दस्तावेज की प्रति देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2016 में स्थानांतरण नहीं किये गये वर्ष 2017 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब’’ एवं ''स’’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’ अनुसार। निरंक। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द’’ अनुसार।
उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संबंधी
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
128. ( क्र. 4968 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष २०१३ से अब तक नये उद्योग स्थापना हेतु सरकार ने अपनी उद्योग नीति में क्या-क्या परिवर्तन निवेश प्रोत्साहन दिशा में किये गये? (ख) परिवर्तित उद्योग नीति के बाद प्रदेश में निवेश की क्या स्थिति है? (ग) वर्ष २०१३ से अब तक प्रदेश में कितने एवं कौन-कौन से नये उद्योग स्थापित हुए?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2013 से अब तक नये उद्योग स्थापना हेतु किये गये परिवर्तन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर हैं। (ख) उद्योग नीति में निवेश प्रोत्साहन की दृष्टि से किये गये परिवर्तन देश/प्रदेश के प्रमुख उद्योग संगठनों से चर्चा करके किए जाते हैं। नीति में किये गये परिवर्तनों का सकारात्मक प्रभाव हुआ हैं एवं प्रदेश में उद्योग मित्र वातावरण निर्मित हुआ हैं। (ग) वर्ष 2013 से अब तक मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों/इण्डस्ट्रीयल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन ग्वालियर के कार्य क्षेत्रांतर्गत जिलों में एवं निगमों द्वारा संधारित औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 840 नये उद्योग स्थापित हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 से 08 पर हैं।
पुल सह स्टॉप डेम निर्माण की शिकायत की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
129. ( क्र. 4996 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रहलाद गजभिए, ग्राम पांजरा तहसील खैरलॉजी द्वारा दिनांक 13.2.18 को बालाघाट जिले में गजपुर-जरामोहगांव मार्ग पर बन रहे चंदन नदी पर स्टॉप डेम की शिकायत की जांच विभागीय मंत्री को तथा चन्दन नदी पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बालाघाट द्वारा बनाये जा रहे अधूरे निर्माण कार्य की शिकायत कलेक्टर बालाघाट को की है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक उपरोक्त शिकायतों की जाँच करवा दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन कार्य की जांच जिला स्तर से गठित दल द्वारा दि. 31.10.2015 को पूर्व में ही की जा चुकी है।
सरदई परिक्षेत्र गौरक्षामर वीट में वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
130. ( क्र. 5011 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दक्षिण वन मण्डल सागर के सरदई परिक्षेत्र गौरझामर वीट में वर्ष 2016-17 वर्ष 2017-18, में वृक्षारोपण कार्य किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2017 वर्ष 2018 में कितना वृक्षारोपण कार्य किया गया? वृक्षारोपण कार्य की जानकारी देवें? (ग) वर्तमान में सरदई क्षेत्र में कितना वृक्षारोपण सफल रहा है? (घ) यदि वृक्षारोपण कार्य सफल नहीं हुआ तो, इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कोई कार्यवाही की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) दक्षिण वन मण्डल सागर के अन्तर्गत सरदई गौरझामर बीट में वर्ष 2016-17 में वृक्षारोपण कार्य नहीं हुआ है वर्ष 2017-18 में वृक्षारोपण कार्य किया गया है। (ख) वर्ष 2017-18 में 25 हेक्टेयर क्षेत्र में 35000 वृक्षों का रोपण किया गया। जिसमें से सागौन प्रजाति के 30,000 पौधे एवं मिश्रित प्रजाति के 5000 पौधे इस प्रकार कुल 35,000 पौधों का रोपण किया गया। (ग) वर्तमान में सरदई क्षेत्र के वृक्षारोपण में 90 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। अतः वृक्षारोपण सफल रहा है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
फर्नीचर निर्माताओं के लाईसेंस की जानकारी
[वन]
131. ( क्र. 5012 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दक्षिण वन मण्डल सागर द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने फर्नीचर निर्माताओं को लाईसेंस विभाग द्वारा जारी किए गए? (ख) फर्नीचर दुकान लाईसेंस हेतु मण्डल द्वारा क्या-क्या मानक/शर्तें निर्धारित की गई हैं? (ग) विभाग/मण्डल अंतर्गत वर्तमान में फर्नीचर दुकान लाईसेंस हेतु कितने आवेदन स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (घ) लंबित आवेदनों पर मण्डल या विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। 225 फर्नीचर निर्माताओं को लायसेंस जारी किये गये है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 77 आवेदन स्वीकृति हेतु लंबित है। (घ) लंबित आवेदनों की पूर्ति करने हेतु दक्षिण सागर वनमंडल द्वारा आवेदकों को निर्धारित शर्तों के अनुसार आवेदन पूर्ति करने एवं परिक्षेत्राधिकारियों को सत्यापन करने हेतु लेख किया गया है।
शिकायत पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 5036 ) सुश्री मीना सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उमरिया जिले के अंतर्गत बी.आर.जी.एफ. योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 78 के किनारे वार्ड क्रमांक 12 में रामलीला स्टेज-चिंरोजी के पान ठेला से वार्ड क्रमांक 11 एवं 6 से होते हुये रेलवे केबिन तक सड़क के किनारे नाली के निर्माण किये जाने के संबंध में क्या स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा आयुक्त शहडोल को शिकायत की गई थी? (ख) आयुक्त, शहडोल द्वारा उक्त शिकायत पर किन अधिकारियों से जांच कराई गई? शिकायतवार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में की गई शिकायत की जांच पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। प्रतिवेदन में दोषी पाये गये व्यक्तियों के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त शिकायत की जांच हेतु कमिश्नर, शहडोल संभाग, शहडोल द्वारा पत्र क्रमांक 274 दिनांक 04.03.2017 से कलेक्टर उमरिया को जांच हेतु अधिकृत किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। श्री रामधनी प्रधान, उपाध्यक्ष, नगर पालिका परिषद पाली द्वारा 06 बिन्दुओं की शिकायत की गई थी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रकरण के संबंध में जांच कलेक्टर जिला उमरिया द्वारा कराई जा रही है, जांच प्रतिवेदन लंबित है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
पाटन विधानसभा अन्तर्गत निस्तार डिपों
[वन]
133. ( क्र. 5043 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर आमजनों की सुविधा के लिये जलाऊ एवं इमारती लकड़ी प्रदाय करने हेतु शासन द्वारा वन डिपों संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वन डिपों में वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी जलाऊ एवं इमारती लकड़ी शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई वर्षवार डिपोवार लकड़ियों की मात्रा एवं प्रकार सहित सूची देवे? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित इमारती एवं जलाऊ लकड़ी में से कितनी-कितनी मात्रा की कितनी लकड़ी का किस दर से विक्रय किया गया एवं कितनी मात्रा शेष रही वर्षवार डिपों वार सूची देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत आमजनों की सुविधा के लिए निम्नांकित डिपो संचालित है।
परिक्षेत्र |
डिपो का नाम |
पाटन |
उपभोक्ता डिपो पाटन |
पाटन |
बसोरी डिपो कटंगी |
पाटन |
निस्तार डिपो कटरा कोनीकला |
पाटन |
निस्तार डिपो कटरा बेलखेड़ा |
पाटन |
निस्तार डिपो राखी धनेटा |
पाटन |
निस्तार डिपो कैमोरी |
सिहोरा |
निस्तार डिपो दोनी |
सिहोरा |
निस्तार डिपो इन्द्राना |
सिहोरा |
उपभोक्ता डिपो मझौली |
सिहोरा |
निस्तार डिपो गौरहा |
सिहोरा |
निस्तार डिपो धनगंवा |
सिहोरा |
निस्तार डिपो कुलुआ |
(ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित डिपों में वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जलाऊ एवं इमारती लकड़ी की उपलब्धता तथा उसके विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
न.नि. लागू पार्षद मद बाबत्
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 5049 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम द्वारा विकास कार्यों हेतु वार्डवार पार्षदों की स्वेच्छा पर स्वीकृत की जाने वाली पार्षद मद की राशि का बजट अलग से प्रावधान कर उसे डिपोजिट मद की तरह अलग सुरक्षित जमा रखने का प्रावधान है या नहीं? यदि है तो पार्षद मद के निर्माण कार्यों के भुगतान में विलंब क्यों किया जाता है? (ख) क्या शासन पार्षद मद की राशि की डिपोजिट मद की तरह अलग जमा रखने के निर्देश प्रदेश के न.नि. की जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। पाषर्दों की अनुशंसा पर कराये जाने वाले पार्षद मद के कार्यों का भुगतान बजट में उपलब्ध राशि तथा निकाय की आय अनुसार किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माफी अधिकारी पर की गई कार्यवाही
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
135. ( क्र. 5071 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्री के.सी. तिवारी माफी अधिकारी उज्जैन संभाग की कलेक्टर नीमच द्वारा आदेश दिनांक 24.02.2002 एवं दिनांक 18.06.2003 को रोकी गई वेतनवृद्धियों की प्रविष्टियां इनकी सेवा पुस्तिका व व्यक्तिगत अभिलेखों में कब और किस नियंत्रण अधिकारी द्वारा की गई? (ख) उक्त आदेशों की प्रविष्टियां इनके सेवा पुस्तिका एवं व्यक्तिगत अभिलेखों में प्रश्न दिनांक तक नहीं की गई तो उत्तरदायी नियंत्रण अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) श्री के.सी. तिवारी माफी अधिकारी को मंदिरों/देवस्थानों के नियंत्रण से कब तक अलग कर स्थानांतरित किया जावेगा? (घ) लोकायुक्त भोपाल के पत्र दिनांक 28.06.2006 द्वारा श्री के.सी. तिवारी माफी अधिकारी उज्जैन संभाग के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) श्री के.सी. तिवारी माफी अधिकारी उज्जैन संभाग की कलेक्टर नीमच द्वारा आदेश दिनांक 24/2/2002 द्वारा दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई थी जिसकी प्रविष्टि सेवा पुस्तिका के द्वितीय भाग के भाग दो के पृष्ठ क्रमांक 24 पर की गई है तथा इस प्रविष्टि को प्रभारी अधिकारी वित्त-1/स्थापना वास्ते कलेक्टर जिला नीमच द्वारा तत्समय सत्यापित किया गया है। इसी प्रकार कलेक्टर नीमच द्वारा आदेश दिनांक 18/6/2003 द्वारा एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई थी जिसकी प्रविष्टि सेवा पुस्तिका के भाग तीन के पृष्ठ क्रमांक 47 पर की गई है तथा इस प्रविष्टि को संयुक्त कलेक्टर वास्ते कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा तत्समय सत्यापित किया गया है। (ख) उत्तर (क) अनुसार उत्तरदायी नियंत्रण अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही अपेक्षित नहीं रह गई है। (ग) विभाग से संबंधित नहीं होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) लोकायुक्त भोपाल के पत्र दिनांक 28/6/2006 अनुसार अपराध क्रमांक 60/2004 विरूद्ध श्री के.सी. तिवारी तत्कालीन न्याब तहसीलदार टप्प तलेन राजगढ़ के प्रकरण में माननीय विशेष न्यायालय राजगढ़ में दिनांक 7/2/2006 को चालान प्रस्तुत किये जाने की स्थिति में म.प्र. राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 6/57/2005/सात-4ए भोपाल दिनांक 23/9/2006 से श्री तिवारी तत्कालीन नायब तहसीलदार टप्पा तलेन राजगढ़ को निलंबित किया गया था तथा उनका मुख्यालय कार्यालय आयुक्त् उज्जैन संभाग उज्जैन नियत किया गया था। पश्चात माननीय विशेष न्यायालय राजगढ़ (ब्यावरा) के निर्णय दिनांक 21/9/2007 द्वारा श्री तिवारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने से श्री तिवारी को दोषमुक्त किया गया है। तदनुपरांत म.प्र. राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 6-57/05/सात-4ए भोपाल दिनांक 22/12/2007 द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के उक्त निर्णय के पालन में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक सी 6-6-2002-3 एक दिनांक 30 अगस्त, 2002 के परिप्रेक्ष्य में श्री के.सी. तिवारी को निलंबन से बहाल करते हुये जिला शाजापुर पदस्थ किया गया था।
स्व-रोजगार योजना अंतर्गत ऋण प्रकरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
136. ( क्र. 5088 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के विधान सभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत स्व-रोजगार ऋण की किन-किन योजनाओं के अंतर्गत कितने हितग्राहियों के द्वारा कितने आवेदन पत्र दिये गये? योजनावार प्राप्त आवेदन पत्रों की संख्या वर्षवार बतायी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने हितग्राहियों को किस-किस स्व-रोजगार हेतु कितना-कितना ऋण दिये जाने के आदेश जारी किये जाकर प्रकरण बैंकों को भेजे गये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बैंकों को भेजे गये प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में बैंकों ने हितग्राहियों को ऋण दिया और कितने प्रकरणों में ऋण प्रस्ताव मान्य नहीं किये? बैंकों को भेजे गये हितग्राहियों के ऋण प्रस्तावों को मंजूर न करने पर बैंकों पर शासन द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) दिनांक 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग के जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा संचालित स्व-रोजगार योजनाओं में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजनान्तर्गत 691 एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत 14 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये। योजनावार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजनान्तर्गत प्राप्त 691 आवेदनों में से 626 तथा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत प्राप्त 14 आवेदनों में से 13 हितग्राहियों के ऋण प्रकरण विभिन्न बैंकों को प्रेषित किए गये। (ग) मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजनान्तर्गत बैंको को प्रेषित 626 प्रकरणों में से 270 तथा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत बैंको को प्रेषित 13 प्रकरणों में से 04 हितग्राहियों को ऋण वितरण किया गया तथा जिले का लक्ष्य पूर्ण होने के कारण अन्य प्रकरणों में कार्यवाही नहीं हो सकी। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
137. ( क्र. 5089 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री एवं अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सागर को प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 1 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक भेजे गये पत्रों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी? पत्र क्रमांक, विषय सहित विस्तृत जानकारी देवें? (ख) क्या जनहित में भेजे गये प्रस्तावों पर एवं घटिया निर्माण संबंधी शिकायतों पर विभाग द्वारा कार्यवाही समय-सीमा में नहीं की जाती है? (ग) क्या विभाग अंतर्गत सुरखी विधान सभा क्षेत्र में चल रहे मुख्यमंत्री ग्राम सड़क निर्माण कार्य में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है और अनुबंध अनुसार ठेकेदार पर कोई कार्यवाही आज दिनांक तक नहीं की गयी? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय विधायक द्वारा भेजे गए प्रस्ताव/शिकायतों पर यथा समय कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। अनुबंधावधि में ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने पर संबंधित ठेकेदार को रू. 5,22,241/- का अर्थदण्ड अधिरोपित किया। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
नगर पालिका अधिकारी गोविन्द पोरवाल के निलंबन एवं आरोप
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 5156 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शामगढ़ नगर पालिका अधिकारी गोविन्द पोरवाल को निलंबित करने की बिन्दुवार जानकारी देवें? (ख) शामगढ़ नगर में एकात्मक यात्रा का आयोजन किसके द्वारा किया गया था? आयोजन सफल रहा या असफल इसकी भी जानकारी देवें। (ग) वार्ड क्र. 15 जूना पानी व मीणा मोहल्ला में नगर पालिका अधिकारी गोविन्द पोरवाल द्वारा दिए गए नोटिस एवं वर्तमान में अतिक्रमण की स्थिति बतावें एवं गोकुलधाम कॉलोनी का हस्तान्तरण नगर पालिका को कर दिया गया है या नहीं? (घ) नगर में राजस्व भूमि पर पट्टे देने का अधिकार किसको है? राजीव आश्रय योजना अन्तर्गत प्राप्त पट्टे का नामान्तरण व्यक्ति स्वयं के रहते हुए दूसरे के नाम करवा सकते हैं या नहीं? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) शामगढ़ नगर गरोठ अनुविभाग में आता है। अनुविभाग स्तर पर एकात्मक यात्रा के नोडल अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) थे। उन्होनें अन्य विभाग के अधिकारियों के सहयोग से आयोजन किया। शामगढ़ में लगभग 7000 से 8000 जनता ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। (ग) वार्ड क्रमांक 15 जुनापानी मोहल्ला एवं मीणा मोहल्ला में अशरफ पिता आसम खान द्वारा शासकीय भूमि पर मटेरियल डालकर नगर परिषद की बिना अनुमति अवैध निर्माण किये जाने पर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2147 दिनांक 17.10.2017 से सूचना दी जाकर कार्य बंद करवाया गया था वर्तमान में मौके पर मटेरियल डालकर अतिक्रमण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। गोकूल धाम कालोनी का हस्तातंरण निकाय को नहीं हुआ है। (घ) म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-1-6/2013/18-3 दिनांक 29.04.2013 के अनुसार राजस्व भूमि पर पट्टे देने का अधिकार शासन द्वारा गठित समिति की अनुसंशा पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को अधिकार प्राप्त है। राजीव आश्रय योजना अर्न्तगत पट्टा अहस्तातंरणीय है।
क्षेत्र में मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत करना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
139. ( क्र. 5157 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 4 वर्षों में धर्मस्व विभाग से कितने मंदिरों के जीर्णोद्धार की मांग की गई है? (ख) मोडी माता सीतामऊ, शामगढ़ (जोगणिया माता) महिषासुर मर्दिनी मंदिर की कितनी राशि की डी.पी.आर. शासन द्वारा तैयार की गई है, जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 4 वर्षों में तहसील शामगढ़ में कुल 2 मंदिर तहसील सीतामऊ में कुल 7 मंदिर एवं तहसील सुवासरा में कुल 4 मंदिरों के जीर्णोद्धार की मांग की गई है। (ख) मोडी माता (मयूरवाहिनी मंदिर) ग्राम खेडा तहसील सीतामऊ हेतु म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना मण्डल रतलाम द्वारा राशि रूपये 49.60 लाख के प्राक्कलन तैयार किये गये है जो कि कार्यालय कलेक्टर मंदसौर के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 47/देवस्थान/2018 दिनांक 9/2/2018 से आयुक्त उज्जैन को प्रेषित किये गये है। (ग) एवं (घ) शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु प्राक्कलन प्रस्ताव कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम से विभाग में प्राप्त होने पर मंदिर के जीर्णशीर्ण होने की आवस्था में आवश्यकतानुसार उपलब्ध बजट के आधार पर राशि स्वीकृत की जाती है। यह एक सतत प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
अशासकीय मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों को आवंटन के आदेश
[उच्च शिक्षा]
140. ( क्र. 5164 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में संशोधन नियम 2000 लागू दिनांक 01/04/2000 के बाद महाविद्यालयों में अनुकम्पा नियुक्तियां उच्च शिक्षा विभाग के अनुमोदन से की गई हैं? क्या उच्च शिक्षा विभाग ने दिनांक 01/04/2000 के बाद अशासकीय महाविद्यालयों में की गई अनुकम्पा नियुक्तियों को शासकीय अनुदान से वेतन दिए जाने की अनुमति संबंधित महाविद्यालयों के प्राचार्यों को दी गई थी? यदि हाँ, तो शासन के आदेश की प्रति देवें? (ख) क्या संशोधन नियन 2000 पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 07/01/2014, दिनांक 15/01/2015 के परिपालन में उच्च शिक्षा विभाग से जारी आदेश क्रमांक एफ./73/5/2014/38-3 दिनांक 20/03/2015 के पैरा-0304/07 का पालन प्रदेश के अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इन महाविद्यालयों को जारी अनुदान बजट दिनांक 01/04/2000 के पश्चात् नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी तथा दिनांक 23/01/2003 के पश्चात् अनुकम्पा नियुक्त कर्मचारियों को भुगतान जारी आवंटन राशि से नहीं किया जाना की शर्त लिखने का आधार क्या है? (ग) क्या संसोधन नियम के बाद इन महाविद्यालयों में अगर अनुदान के पदों में अनुकम्पा नियुक्तियां दिए जाने के प्रावधान शासन ने कर रखे थे, तो फिर दिनांक 23/01/2003 के बाद क्यों बंद कर दिए गए? (घ) क्या टी.आर.एस. महाविद्यालय रीवा द्वारा अ.जा./अ.ज.जा. के छात्रों से म.प्र./केंद्र शासन की गाइड लाइन से हटकर जो शुल्क छात्रों को छात्रवृत्ति के नियमावली में देय नहीं है वह रूपये 6771 इन छात्रों को अपने घर से देने हेतु क्यों मजबूर किया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 1312/13/ 9.ब/03/254 दिनांक 23.01.2003 द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान को निरस्त करने के पूर्व तक अनुकंपा नियुक्तियों का अनुमोदन किया गया है तथा जय जवान महाविद्यालय तराना, जिला उज्जैन में मान. उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इन्दौर द्वारा डबल्यूपी 1072/03 में पारित निर्णय दिनांक 23.04.2012 के अनुपालन में एक अनुकंपा नियुक्ति दिनांक 01.05.2013 को की गई है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कोई निर्देश प्रसारित नहीं किये गये हैं। अतः आदेश की प्रति उपलब्ध कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 1312/13/9.ब/03/254 भोपाल, दिनांक 23.01.2003 द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान को निरस्त किये जाने के आधार पर उक्त शर्त का लेख किया गया है। (ग) इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 1312/13/9.ब/03/254 भोपाल, दिनांक 23.01.2003 द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान को निरस्त किया गया। (घ) आरक्षित वर्ग के छात्रों के शुल्क की केपिंग आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा की जाती है। महाविद्यालयों एवं विभाग द्वारा स्वीकृत राशि के अंतर हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग से पत्राचार किया गया है। छात्रों के शुल्क जमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है।
शहरों में बहुमंजिला भवन की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 5175 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 1 जनवरी, 2010 के पश्चात उज्जैन संभाग में कितने बहुमंजिला इमारतों को नगर पालिका, नगर निगम के सक्षम अधिकारी द्वारा जाँच रिपोर्ट के बाद फायर NOC एवं कम्पलीश्ान सर्टिफिकेट, अधिवास प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये? सभी की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1356 दिनांक 20/07/17 के खंड (ख) के उत्तर में बताया गया है की रतलाम में 4 भवनों का निर्माण स्वीकृत नक्शों के विपरीत बने हैं, उन्हें सूचना पत्र जारी कर दिए हैं क्या उनके द्वारा स्वीकृत नक्शों के अनुसार कार्य प्रश्न दिनाक तक पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो अब तक क्या कार्यवाही की गयी? (ग) उक्त अवधि में, उक्त संभाग में कितनी बहुमंजिला इमारत, मॉल, रिहायशी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर भी नगर निगम, नगर पालिकाओं से अनुमति नहीं लेने के मामले प्रकाश में आये, ऐसे कितने भवन मालिक से कितनी राशि जुर्माने में वसूल कर अनुमति दी गयी? नगर निगम, नगर पालिकाओं से बैगर अनुमति भवन निर्माण के पश्चात जुर्माना शुल्क वसूल कर अनुमति देने के क्या नियम हैं? (घ) नगर निगम में बहुमंजिला ईमारत में फायर NOC हेतु किन-किन बिन्दुओं का ध्यान रखकर फायर NOC दी जाती है क्या उज्जैन संभाग में 5 लाख से अधिक आबादी वाले नगरों में उक्त अवधि में दी गयी फायर NOC में इन बिन्दुओं का ध्यान रखा गया है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कितनी-कितनी शिकायत कहाँ-कहाँ की विभाग को प्राप्त हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी नहीं। संबंधित भवन स्वामियों द्वारा नगर निगम से स्वीकृत नक्शों के अनुसार अभी तक कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। नगर निगम, रतलाम द्वारा सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' की जानकारी के अनुसार उज्जैन संभाग में बहुमंजिला इमारतों के संदर्भ में अनुमति नहीं लेने के कोई मामले प्रकाश में नहीं आने से जुर्माना वसूल कर अनुमति दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नगर निगम/नगर पालिकाओं से बगैर अनुमति भवन निर्माण के पश्चात् जुर्माना वसूल कर अनुमति देने के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (घ) नगर निगम में बहुमंजिला ईमारतों में फायर एन.ओ.सी. राष्ट्रीय भवन संहिता के भाग-4 में उल्लेखित बिन्दुओं को ध्यान में रखकर दी जाती है। जी हाँ। विभाग को उज्जैन संभाग में कही से भी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
उज्जैन-इंदौर संभाग में वन भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
142. ( क्र. 5176 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों में वर्ष २०१० से २०१७ तक कितनी वन क्षेत्र भूमि में कमी आयी वर्षवार प्रत्येक जिले की जानकारी दें? (ख) उक्त संभाग की किन-किन जिलो की वन भूमि पर किस-किस का अतिक्रमण है? उसके खिलाफ विभाग द्वारा उक्त अवधि में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? अतिक्रमणकर्ता का नाम सहित जानकारी देवे? (ग) उक्त संभाग के उक्त जिलों में वन्य प्राणियों की गणना हेतु जी.पी.एस. के साथ कौन-कौन सी विधियों से गणना की जाती हैं? उक्त संभागों के कौन-कौन से वन क्षेत्र में कितने बाघ, चीते आदि अन्य प्राणी रजिस्टर्ड हैं, सिर्फ जिलेवार सख्या बतायें? (घ) क्या मंदसौर जिले के गांधीसागर में क्रोकोडाईल पार्क निर्मित करने की कोई कार्यवाही प्रचलन में है? क्या गांधीसागर वन्य अभ्यारण्य को विकसित करने हेतु कोई प्रस्ताव विभाग की और से उक्त अवधि में भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो गांधीसागर वन्य अभ्यारण्य को विकसित करने के लिये कितनी-कितनी राशि उक्त अवधि में प्रदान की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन संभाग के जिलों में प्रश्नांकित अवधि तक वन क्षेत्र भूमि में कोई कमी नहीं आई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ग) पूरे देश के साथ इन्दौर एवं उज्जैन संभाग में भी अखिल भारतीय बाघ, अन्य सह परभक्षी, शाकाहारी वन्यजीवों के आंकलन का कार्य प्रचलित है। आंकलन के आंकड़े भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा वर्ष 2019 में प्रस्तुत किये जायेंगे। (घ) जी नहीं। गांधीसागर वन अभ्यारण्य को विकसित करने हेतु विभिन्न योजनाओं में प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनके विरूद्ध प्रश्नांकित अवधि में, विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत, निम्नानुसार राशि प्रदाय की गई है।
वर्ष |
प्रदाय राशि (रूपये लाख में) |
2010 |
42.91 |
2011 |
44.32 |
2012 |
33.65 |
2013 |
89.47 |
2014 |
78.54 |
2015 |
123.27 |
2016 |
89.74 |
2017 |
60.03 |
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 5227 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कन्नौद/खातेगांव/नेमावर नगर परिषद अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने आवास निर्माण हेतु स्वीकृत किये हैं? नगर परिषदवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा स्वीकृत आवास के विरूद्ध आवास निर्माण कि वर्तमान स्थिति पूर्ण/प्रगतिरत/अप्रांरभ से अवगत करावे एवं कितनी राशि जारी की गई है? (ग) क्या विभाग के पास आवास स्वीकृति हेतु आवेदन वर्तमान में लंबित हैं? यदि हाँ, तो कितने नाम/पता सहित जानकारी देवें एवं लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के तालिका-1 एवं तालिका-2 अनुसार है। (ग) परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण देवास से उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार कोई आवेदन लंबित नहीं है।
बैतूल जिले में पकड़े गए वाहन के संबंध में
[खनिज साधन]
144. ( क्र. 5228 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में गत एक वर्ष में किस स्थान से किस वाहन को कितने गौण खनिज के साथ किस दिनांक को पकड़ा गया? किस वाहन को बिना गौण खनिज के किस स्थान से पकड़ा गया? पकड़े गए किस वाहन में वर्तमान में कितना गौण खनिज है? उसका सत्यापन किस वन अधिकारी ने किया है? (ख) उपरोक्त अवधि में वन विभाग ने किस कार्य के लिए कितनी रेत किस-किस से क्रय की? उस रेत के बदले कितनी राशि रायल्टी एवं टैक्स की भुगतान की गई? कितनी राशि वाहन में रेत भरवाए जाने एवं उतरवाए जाने की भुगतान की गई? कितनी राशि रेत खदान से रेत के परिवहन के बदले भुगतान की गई? (ग) राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को सौंपी गई रेत खदानों से प्रति क्यूबिक मीटर कितनी राशि के भुगतान पर रेत प्राप्त किए जाने के प्रावधान लागू किए गए हैं उस रेत का रेत की खदान पर शासन ने प्रति क्यूबिक मीटर कितना विक्रय मूल्य, बाजार मूल्य या वाणिज्यिक मूल्य निर्धारित किया है? (घ) रेत खदानों पर पकड़े गए वाहनों में जप्त की गई रेत का वन विभाग ने प्रति क्यूबिक मीटर कितना विक्रय मूल्य या बाजार मूल्य निर्धारित किया है? यह निर्धारण किस नियम के तहत किया गया है? नियम की प्रति सहित बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में खनिज विभाग के अंतर्गत गत एक वर्ष में गौण खनिजों के अवैध परिवहन के पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। इन वाहनों में से जिन वाहनों में जितना गौण खनिज है, का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। खनिज विभाग द्वारा पकड़े गये वाहनों का सत्यापन वन विभाग से नहीं कराया गया है। खनिज विभाग द्वारा किसी भी वाहन को बिना गौण खनिज के किसी भी स्थान से नहीं पकड़ा गया है वन विभाग द्वारा जो प्रकरण पकड़े गये हैं, उसकी जानकारी व सत्यापन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स पर दर्शित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के सरल क्रमांक-21 अनुसार वन विभाग द्वारा एक प्रकरण खनिज विभाग को हस्तांतरित किया गया है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (ग) मध्यप्रदेश रेत खनन नीति, 2017 के प्रावधानों के अधीन रेत खनिज हेतु भुगतान योग्य राशि रूपये 125/- प्रति घनमीटर निर्धारित की गई है। प्रश्नानुसार शासन ने कोई अन्य मूल्य निर्धारित नहीं किया है। (घ) वन वृत बैतूल के अंतर्गत वन क्षेत्र में पायी जाने वाली रेत के अवैध परिवहन में पकड़े गये वाहनों में जप्त की गयी रेत का विक्रय मूल्य रूपये 2000/- प्रति घनमीटर वर्ष 2017-18 के लिये वन विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 के बिन्दु क्रमांक - 4 में वनों में पाये जाने वाले खनिज को वनोपज माना गया है एवं मध्यप्रदेश इमारती, लकड़ी तथा अन्य गौण उपज का दर निर्धारण (विस्तरण) नियम, 1974 के नियम-2 में दिये प्रावधान अनुसार वनोपज के लिये विक्रय दर निर्धारित किये गये हैं। नियम की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है।
रानी दुर्गावती रोजगार योजना का संचालन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
145. ( क्र. 5229 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में रानी दुर्गावती रोजगार योजना का संचालन कब से कब तक किया गया है? इसके तहत कितने आदिवासियों को कितने अनुदान पर कितना ऋण किस-किस बैंक से दिलवाया गया? (ख) योजना के तहत ब्याज अनुदान की राशि दिए जाने के क्या-क्या प्रावधान किए गए? ब्याज की राशि शासन से क्लेम किए जाने की क्या प्रक्रिया निधार्रित की गई है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) बैतूल जिले में रानी दुर्गावती का संचालन दिनांक 01.04.2003 से दिनांक 29.07.2014 तक किया गया। योजनान्तर्गत बैतूल जिले के 437 आदिवासीयों को जिले के विभिन्न बैंकों से राशि रूपये 929.41 लाख का ऋण दिलवाया गया। (ख) योजनान्तर्गत स्थायी पूंजी एवं कार्यशील पूंजी हेतु प्राप्त ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिये जाने का प्रावधान था। बैंकों द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में नियमित किश्त का भुगतान करने वाले हितग्राहियों के त्रैमासिक ब्याज अनुदान का क्लेम जिला उद्योग केन्द्र को प्रेषित किया जाता है। तत्पश्चात जिला उद्योग केन्द्र बैंकों को ब्याज अनुदान की राशि उपलब्ध कराता है।
ग्राम पंचायतों की नगरीय निकाय में शामिल किये जाने
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 5243 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राउ विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले क्षेत्र निहालपुरमुण्डी, सिलीकॉनसिटी, शिवसिटी एवं आस-पास की अन्य रहवासी कॉलोनियों को नगरीय निकाय चुनाव के दौरान नगरीय क्षेत्र में शामिल किया गया है? (ख) क्या प्रश्न क्रमांक (क) में उल्लेखित कॉलोनियों को नगरीय सीमा में शामिल किये जाने के बाद क्या नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा इन कॉलोनियों में नर्मदा पाईप लाईन डाली जाकर नर्मदा का जल प्रदाय किया जारहा है? (ग) क्या नगर पालिक निगम इन्दौरा द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनियों के संपत्तिधारकों को विगत दो वर्षों की जलकर राशि के ड्यूस निकालकर राशि भुगतान किये जाने हेतु देयक प्रदान किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा नर्मदा जल कब से प्रदाय किया जा रहा है सप्रमाण जानकारी देवें। यदि जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है तो नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा उपरोक्त कॉलोनियो के संपत्तिधारकों को जलकर का ड्यूस किस आधार पर निकालकर राशि भुगतान हेतु देयक प्रदान किये गये हैं? (ड.) क्या नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनियों के संपत्तिधारकों से प्रदत्त जलकर देयक पुन: वापस लिये जायेंगे? हाँ तो कब?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कालोनियों में वर्तमान में नर्मदा पेयजल पाईप लाईन नहीं बिछाई गई है वर्तमान में उक्त कालोनियों में नलकूपों के माध्यम से जलप्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) उल्लेखित क्षेत्र में वर्तमान में नर्मदा जलप्रदाय नहीं किया जा रहा है परन्तु रहवासियों को नलकूप के माध्यम से कनेक्शन प्रदान कर जलप्रदाय किया जा रहा है। निहालपुर मुण्डी, सिलिकॉन सिटी, शिवसिटी एवं आसपास की अन्य रहवासी कालोनियों के सम्पत्तिधारकों को जलकर देयक नवीन नल कनेक्शन की पावतियों के आधार पर जारी दिनांक से नियमानुसार जलकर देयक भुगतान हेतु प्रदान किये जा रहे हैं। (ड.) उल्लेखित कालोनियों के सम्पत्तिधारकों को नर्मदा का जलप्रदाय नहीं होने की स्थिति में प्रार्थी द्वारा आवदेन प्रस्तुत करने पर सहायक यंत्री की मौका रिपोर्ट प्राप्त करने के पश्चात् आवेदक को नियमानुसार जलकर देयक पुनः वापस (संशोधन) कर जारी किये जाते हैं।
नगर निगम कटनी अंतर्गत आवंटित प्लाट एवं भवन
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 5263 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिक निगम कटनी अंतर्गत सुधार न्यास कॉलोनी में नगर पालिक निगम कटनी द्वारा प्लाटों का आवंटन किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों को कितनी-कितनी वर्गफुट भूमि आवंटित की गई? आवंटित आदेश की प्रतियों सहित विवरण दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित प्लाटों में से कितने प्लाटों में स्वीकृत/निर्धारित मानचित्र के आधार पर भवनों का निर्माण हुआ ऐसे कितने भवन है जो निर्धारित मानचित्र के विपरीत निर्मित है? भवन मालिकों के नाम, पता सहित विवरण दें? तत्समय स्वीकृत/निर्धारित मानचित्र के विपरीत भवन का निर्माण क्यों हुआ? इसके लिये दोषी कौन है, दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) नगर पालिक निगम कटनी अंतर्गत मिशन चौक कटनी से रेल्वे स्टेशन कटनी तक कुल कितने भवन आवासीय एवं कामर्शियल हैं? उन भवनों का नक्शा कब, किसके नाम से पास हुआ? तिथिवार, वार्डवार, भवन मालिकों के नाम सहित विवरण दें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार आबादी एवं कामर्शियल नक्शे में दर्ज भवन मालिकों के नाम सहित विवरण दें? क्या नक्शें अनुसार आबादी वाले भवनों में व्यापार चल रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? तिथिवार, कार्यवाहीवार, पृथक-पृथक विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) विस्तृत स्वरूप होने के कारण जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा योजना एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
148. ( क्र. 5298 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजना अंतर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कार्य, स्वीकृत राशि, क्रियान्वयन एजेंसी, पूर्ण व अपूर्ण कार्यों की ग्राम पंचायतवार संख्या बतावें। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण न कराने के लिए कौन दोषी है। अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ख) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ग्वालियर द्वारा भितरवार विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों में 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति से क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस ऐजेन्सी/ठेकेदार द्वारा किस-किस स्थान पर (पंचायत का नाम सहित) किस-किस यंत्री/ सहायक यंत्री के सुपरवीजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? उन निर्माण कार्यों की प्रत्येक कार्यवार स्वीकृत राशि 1 मार्च, 2018 को भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? क्या कार्य स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कराये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस वरिष्ठ अधिकारी द्वारा उक्त कार्यों का कब-कब निरीक्षण किया? अधिकारी का नाम, पद तथा निरीक्षण टीप सहित बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र -एक अनुसार है। महात्मा गांधी नरेगा रोजगार की मांग आधारित होने से अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु किसी को उत्तरदायी नहीं माना गया है। कार्यों को पूर्ण कराये जाने की तिथी राज्य स्तर से नियत नहीं की जा सकती है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र-दो अनुसार है।
वन विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों
[वन]
149. ( क्र. 5299 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वन विभाग द्वारा 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना वित्तीय आवंटन किस-किस योजना (मद) में प्राप्त हुआ है? प्राप्त वित्तीय आवंटन से भितरवार विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस ठेकेदार/ऐजेन्सी या विभागीय कर्मचारियों/अधिकारियों के सुपरवीजन में स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कराये गये हैं? क्या उनकी गुणवत्ता सही है? प्रश्नकर्ता द्वारा किए गए क्षेत्र भ्रमण में वन विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों की गुणवत्ता घटिया होने सम्बन्धी आम नागरिकों द्वारा शिकायतें की जाती है, क्या इन निर्माण कार्यों की भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर प्रश्नकर्ता विधायक के साथ गुणवत्ता की जाँच कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) ग्वालियर जिले में 1 मार्च, 2018 की स्थिति में वन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय बतावें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक वन विभाग में किस-किस स्थान से किस प्रकार का अवैध उत्खनन या वन सम्पदा को नुकसान पहुँचाने के लिये कौन-कौन व्यक्ति या वाहन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? व्यक्ति का नाम, पता, वाहन का नाम, प्रकार एवं पंजीयन क्रमांक तथा वाहन मालिक का नाम, किस दिनांक को किस-किस वन कर्मचारी/अधिकारी द्वारा पकड़े गये, किन-किन वाहनों पर कितना-कितना जुर्माना या दण्डराशि अथवा राजसात किया गया है? प्रत्येक वाहनवार सम्पूर्ण जानकारी दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र-1 अनुसार है। प्राप्त वित्तीय आवंटन से भितरवार विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों की स्थलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र-2 अनुसार है। आम नागरिकों के द्वारा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता घटिया होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: जांच कराये जाने का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र-4 अनुसार है।
पंचायत कर्मियों की अंशदायी पेंशन योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
150. ( क्र. 5302 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में जिला/जनपद पंचायत के कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन एवं सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से, यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) क्या सिवनी जिलान्तर्गत प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों के प्रान नंबर बनाये जा चुके हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं बनाये गये, इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? कब तक प्रान नम्बर बनाये जाकर उक्त कर्मचारियों को किस दिनांक से पेंशन योजना में लाभान्वित किया जायेगा? (ग) क्या प्रदेश के जिला/जनपद पंचायत के कर्मचारियों को समयमान, वेतनमान दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब से? शासन के आदेश की प्रति दें। सिवनी जिला पंचायत एवं सिवनी जिले की जनपद पंचायतों में किस आदेश द्वारा कितने कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिया गया है? विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिनांक 01 जुलाई, 2012 से दिया जा रहा है। सातवें वेतनमान का लाभ अन्य स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को देने के संबंध में समग्र रूप से निर्णय होने पर विचार किया जा सकेगा। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जिला/जनपद पंचायत में कार्यरत अधिकाशतः कर्मचारी वर्ष 2005 के पूर्व के है, जिनके द्वारा अंशदायी पेंशन योजना का विकल्प नहीं देने के कारण, उनके प्रान नंबर नहीं बनाये गये। इसके लिए कोई दोषी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) म.प्र. शासन वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ.11/1/2008/नियम/चार/नियम 24 जनवरी, 2008 के परिप्रेक्ष्य में जिला पंचायत सिवनी के 5 एवं जनपद पंचायतों के 17 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। शासन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार एवं जिला/जनपद पंचायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन मिशन के कर्मचारियों का लंबित भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
151. ( क्र. 5303 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन मिशन में नय परियोजना IWMP-7, IWMP-8, IWMP-09, IWMP-10 में टीम सदस्य व टीम लीडर को मानदेय/परिश्रमिक एवं यात्रा भत्ता का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। कब तक लंबित भुगतान कर दिया जायेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) योजना के तहत कार्यरत कर्मचारी कुमारी नीलमणी नागेश्वर, टीम सदस्य (कृषि) को प्रश्नांश (क) अवधि का मानदेय एवं यात्रा भत्ता का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है जबकि कर्मचारी द्वारा बार-बार आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है? भुगतान न करने का कारण स्पष्ट करें। लंबित भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) सतना एवं सीधी जिले में प्रश्नांश (क) परियोजना अंतर्गत किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों का मानदेय एवं यात्रा भत्ता लंबित है? सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) देय भुगतान किये गये हैं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
नगर सुठालिया में लोक सेवा केन्द्र की स्थापना
[लोक सेवा प्रबन्धन]
152. ( क्र. 5306 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5019 दिनांक 10 मार्च, 2016 के उत्तर में बताया गया था कि लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना तहसील/विकासखण्ड में ही की जा सकती है? यदि हाँ, तो क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा दिनांक 31 जनवरी, 2017 के परिपालन में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के टप्पा सुठालिया को नवीन तहसील घोषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा नवीन तहसील सुठालिया में लोक सेवा केन्द्र की स्थापना हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नवीन तहसील सुठालिया अंतर्गत 131 ग्रामों एवं नगर सुठालिया के किसानों एवं आमजनों को शासन की समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं, खसरा नकल, बी.पी.एल. कार्ड हेतु आवेदन, आदि लोक सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदन प्रस्तुत करने हेतु 30 कि.मी. की दूरी तय करके लोक सेवा केन्द्र ब्यावरा आने एवं अन्य परेशानियों से निजात दिलाने के लिये नगर सुठालिया में लोक सेवा केन्द्र की स्थापना करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ तहसील ब्यावरा को टप्पा सुठालिया को तहसील का दर्जा दिये जाने के संबंध में राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 01-02/ 2017/सात-6 दिनांक 20/12/2017 द्वारा आपत्ति सुझाव हेतु अधिसूचना जारी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता वर्तमान में सुठालिया तहसील घोषित नहीं हुई है। (ख) लोक सेवा केन्द्रों पर दी जाने वाली कई सेवाएं अब एम.पी. ऑनलाईन तथा कॉमन सर्विस केन्द्रों के माध्यम से भी दी जा रही हैं।
माननीय राज्यमंत्री के निर्देशों का पालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
153. ( क्र. 5307 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय राज्यमंत्री सहकारिता, भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन, भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2160 दिनांक 20.12.17 से राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत ब्यावरा की ग्राम पंचायत आगर के पंचायत सचिव के विरूद्ध प्राप्त अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायत पर जांच कर शीघ्र कार्यवाही हेतु अपर मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कोई निर्णायक कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त ग्राम पंचायत सचिव द्वारा राज्य एवं केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के लाभ से पात्र व्यक्तियों को वंचित किया जाकर अपात्रों को लाभ देकर आर्थिक अनियमितताएं बरती गई हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन माननीय राज्यमंत्री जी के पत्रानुसार शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लेकर दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा जांच में पूर्ण निष्पक्षता बनी रहे तथा शासकीय दस्तावेजों से कोई छेड़छाड़ न हो, इस हेतु उक्त पंचायत सचिव को संबंधित ग्राम पंचायत से हटाकर अन्यत्र पदस्थ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रकरण में आवेदक एवं लाभान्वित हितग्राहियों के नाम समान होने एवं पंजीयन के दौरान SECC फेमली मेंबर डिटेल नहीं खुलने के कारण PMID 3002519 पर वास्तविक हितग्राही भगवान सिंह पिता धन सिंह के स्थान पर त्रुटिवश भगवान सिंह पिता हरिसिंह का चयन ग्राम पंचायत द्वारा कर लिया गया था। प्रकरण संज्ञान में आते ही सचिव ग्राम पंचायत आगर को नोटिस जारी कर त्रुटि सुधार कर पूर्ण राशि वसूल की जाकर नोडल खाते में जमा करवा दी गई है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन सूक्ष्म, लघु अथवा मध्यम उद्यम स्थापित करवाये जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
154. ( क्र. 5308 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में क्या कोई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से और कहाँ-कहाँ पर कब से हैं? विधानसभा क्षेत्रवार बतायें l (ग) क्या राजगढ़ विधानसभा अन्तर्गत पलायन को रोके जाने हेतु कोई सूक्ष्म, लघु अथवा मध्यम उद्यम स्थापित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और कौन से? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) राजगढ़ जिले में उद्योग आधार मेमोरेण्डम के तहत 6003 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पंजीकृत है। (ख) उत्तर (क) में दर्शाएनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सम्पूर्ण जिले में स्थापित है। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) विभाग द्वारा स्वयं उद्यम स्थापना नहीं की जाती है तथापि उद्योग स्थापित करने हेतु इच्छुक उद्यमियों को विभागीय सुविधाएं प्रदान की जाती है।
खण्ड स्तर पर अन्वेषकों की पदस्थापना
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
155. ( क्र. 5310 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय द्वारा खण्ड स्तर पर अन्वेषकों की नियुक्ति की जाती है? यदि हाँ, तो उनकी पदस्थापना जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालयों में अथवा जनपद पंचायत के कार्यालय में की जाती है? (ख) क्या प्रदेश से सभी जिलों में खण्ड स्तर के अन्वेषकों की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो उनकी विकासखण्डवार कहाँ-कहाँ पदस्थापना की गई है? (ग) ऐसे कितने खण्ड अन्वेषक हैं जो जनपद पंचायत कार्यालयों में पदस्थ है तथा कब से पदस्थ है विकासखण्डवार जानकारी दें? (घ) क्या कोई खण्ड अन्वेषक ऐसे भी है जो जनपद पंचायत कार्यालयों में पदस्थ होने के बावजूद वर्षों से योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में कार्यरत हैं यदि हाँ, तो कौन-कौन और कब से तथा क्या उन्हें अपने मूल पदस्थापना स्थल पर पहुंचाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रदेश के खण्ड स्तर अन्वेषकों की नियुक्ति/पदस्थापना बावत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जिला कार्यालय प्रमुखों द्वारा कार्यालयीन आवश्यकता के अनुरूप उनके द्वारा जिला कार्यालयों में पदस्थ किया गया है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के विरूद्ध पारित दण्डादेश
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
156. ( क्र. 5312 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत् किन-किन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को संभागायुक्त स्तर से दिनांक 01.01.2008 से दिनांक 31.03.2014 तक की अवधि में म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1996 के तहत् उपनियम 14 एवं 16 के तहत् अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में नोटिस/आरोप पत्र जारी किये गये? अधिकारियों के नाम, नोटिस/आरोप पत्र क्रमांक व दिनांक, दोषमुक्ति एवं दोषसिद्धि का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में किन-किन अधिकारियों के दण्डादेश पारित किये गये? दण्डादेश क्रमांक व दिनांक, दण्ड का स्वरूप का विवरण देवें। यदि दण्डादेश पारित किये गये, तो दण्डादेश के प्रभावशील रहने की अवधि क्या-क्या थी? अधिकारियों के नाम सहित विवरण देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
खनिज विभाग की बकाया राशि की वसूली
[खनिज साधन]
157. ( क्र. 5314 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक खनिज विभाग को कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ख) खनिज विभाग का प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि खनिज उत्खनन, ग्रेनाइट, बालू पत्थर व अन्य का राजस्व बकाया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) दिनांक 01.04.2017 की स्थिति में प्रश्नाधीन जिले में बकायादारों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में
[खेल और युवा कल्याण]
158. ( क्र. 5315 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में खेल एवं युवा कल्याण विभाग में वर्तमान में कोई भी प्रशिक्षक नियमित पद पर पदस्थ नहीं है? जिलेवार नामवार सूची प्रदान करें। (ख) क्या वर्ष 2012 में विभाग में 554 संविदा कर्मचारियों के पद स्वीकृत किये गये थे, जबकि पूर्व से ही संविदा कर्मचारी विभाग में पदस्थ थे? (ग) क्या विगत कई वर्षों से कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या विभाग खेल एवं युवा कल्याण प्रशिक्षकों को नियमित पद पर पदस्थ करने के लिए रोस्टर प्रणालीवार पदस्थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) नीति विषयक मामला होने से कोई टीका नहीं। (घ) विभाग द्वारा पद पूर्ति के समय रोस्टर प्रणाली का पालन किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती के कर्मचारियों को पेंशन योजना का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
159. ( क्र. 5316 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती के कर्मचारियों को पेंशन लागू करने के लिये विभाग का पत्र क्र. 2340 दि. 23.02.12 से जिलों से जानकारी संकलित की गयी थी? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि पेंशन के रूप में दिये जाने हेतु आंकलन किया गया था? (ख) क्या विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्र. 2661 दि. 18.03.14 के द्वारा सुचना के अधिकार के तहत प्रान्ताध्यक्ष ऑल इण्डिया डी.आर.डी.ए. वेलफेयर एसोसिएशन को इन कर्मचारियों को रिकार्ड आग लगने से जल जाना बताया गया था। (ग) यदि हाँ, तो इन कर्मचारियों की पेंशन संबंधी नस्ती पुनः तैयार करने के लिये क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो कब तक तैयार करा ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विकास आयुक्त कार्यालय में दिनांक 28.11.2013 की रात्रि को हुई अग्नि दुर्घटना में अभिलेख नष्ट हो जाने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डी.आर.डी.ए. के कर्मचारीयो को 7वें वेतनमान का लाभ देने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
160. ( क्र. 5317 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिये वर्ष 1996-97 में आदर्श भर्ती नियम बनाये गये थे जिसमें इन कर्मचारियों को शासकीय सेवकों के समान वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाएँ देने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या कुछ जिला पंचायतों के द्वारा डी.आर.डी.ए. के कर्मचारियों को 6वें वेतनमान का लाभ नहीं दिये जाने पर विभाग के द्वारा जुलाई 2010 में अविलम्ब भुगतान के आदेश दिये गये थे? (ग) इन कर्मचारियों को 7वें वेतनमान का भुगतान कब तक कर दिया जावेंगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र. शासन वित्त विभाग के निर्देशों के अंतर्गत, कार्यवाही की जाएगी।
संविदा पर पदस्थ वित्तीय अनियमितता के दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
161. ( क्र. 5321 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत ग्वालियर में पदस्थ श्री सौरभ संविदा परियोजना अर्थशास्त्री प्रभारी भण्डारशाखा जिला-पंचा. ग्वालियर पर वर्ष २०१४ में आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना अंतर्गत केन्द्रीय भण्डारगृह से सामग्री क्रय में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला-पंचा.ग्वालियर द्वारा लगभग राशि रूपये ०१.०० लाख की वसूली आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या संविदा सेवा शर्तों में इस प्रकार की अनियमितता करने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारी की सेवा समाप्त करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। यदि हाँ, तो अभी तक सेवा समाप्त क्यों नहीं की गई? कारण बतायें। (ग) क्या वित्तीय अनियमितता के दोषी श्री सौरभ पियूष को पुनः महत्वपूर्ण भण्डार शाखा का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या पूर्व में ककैटो जलाशय मत्स्य आखेट पट्टा प्रकरण में श्री सौरभ द्वारा की गई गंभीर अनियमितताओं के लिये आयुक्त ग्वालियर संभाग द्वारा सेवा समाप्ति के आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो उस आदेश पर अमल क्यों नहीं किया गया? आदेश की प्रति उपलब्ध्ा करावें तथा दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर शासन स्तर से कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। नहीं तो कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जारी आदेश की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जी हाँ। संबंधित नीति की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। किये गये अधिक भुगतान की राशि का कटौत्रा श्री सौरभ कुमार पियूष के वेतन से किया जाकर उन्हें परिनिन्दा की शास्ति से दण्डित किया जाकर प्रकरण समाप्त किया गया। (ग) जी हाँ। जारी आदेश की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) प्रश्नाधीन आदेश में श्री सौरभ कुमार पियूष के विरूद्ध कदाचरण के लिए विधि सम्मत कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे। आदेश की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। इस अनुक्रम में उन्हें कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया। जिसकी प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है। श्री सौरभ कुमार पियूष द्वारा प्रस्तुत उत्तर के परीक्षण उपरांत उन्हें भविष्य के लिए सचेत किया गया है। जारी आदेश की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 पर है।
गौण खनिज खदानों की पर्यावरणीय अनुमति
[खनिज साधन]
162. ( क्र. 5322 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग के पत्र दिनांक ३१ जनवरी, २००६ के अनुसार सड़क निर्माण कार्यों के लिये आरक्षित गौण खनिज खदानों की प्रश्न दिनांक तक भी पर्यावरणीय अनुमति, सहमति प्राप्त नहीं की जा सकी है? (ख) क्या ३१ जनवरी, २००६ को जारी आदेश के अनुसार किस खनिज की कितनी खदान आरक्षित की गई हैं? इनमें से कितनी खदानों की पर्यावरणीय अनुमति या सहमति प्रश्न दिनांक तक भी प्राप्त नहीं की गई है? जिलेवार बतावें। (ग) सड़क निर्माण कार्यों के लिये आरक्षित खदानों की पर्यावरणीय अनुमति, सहमति प्राप्त किये जाने की विभाग ने किस पत्र क्रमांक दिनांक से क्या प्रक्रिया निर्धारित की है? प्रति सहित बतायें। (घ) सड़क निर्माण कार्यों के लिये आरक्षित खदानों की पर्यावरणीय अनुमति, सहमति के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? नहीं तो कब तक करेगा।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खनिज साधन विभाग द्वारा वर्ष 2006 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क प्राधिकरण के अंतर्गत निर्माण किये जाने वाले सड़कों के लिये गिट्टी एवं मुरम की खदानों को आरक्षित किये जाने के निर्देश जारी किये गये थे। यही प्रक्रिया लोक निर्माण विभाग के लिये भी लागू की गई थी। विभाग द्वारा दिनांक 24.06.2009 को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन कर मुरम खनिज की उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृत करने के अधिकार महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को नियम, 68 (2) में प्रावधानित किये गये। इसी नियम में दिनांक 22.08.2013 को संशोधन कर उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृत किये जाने के अधिकार सभी शासकीय विभाग/उपक्रम के कार्यपालन यंत्री के समकक्ष अधिकारी को भी प्रदान किये गये। इन अधिकारों के प्रत्यायोजन के पश्चात विभाग द्वारा वर्ष 2006 में जारी निर्देश का औचित्य समाप्त हो गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में वर्तमान में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया का निर्धारण पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार का विषय है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 14.09.2006 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण स्वीकृति के बिना खनन संक्रियाऐं प्रारंभ नहीं की जा सकती।
मूल कर्मचारियों को पेंशन/सातवां वेतनमान लागू करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
163. ( क्र. 5323 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज अधिनियम 1993 अनुसार क्या जिला/जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप वेतनमान भत्ते, पेंशन ग्रेज्युटी अवकाश नगदीकरण आदि देने के निर्देश/प्रावधान हैं? निर्देश/प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) यदि हाँ, तो इन कर्मचारियों को उक्तानुसार पेंशन एवं सातवां वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा हैं? (ग) उक्त जिला एवं जनपद पंचायत के मूल कर्मचारियों को प्रश्नांश (क) अनुसार शासकीय कर्मचारियों के समान पेंशन एवं सातवां वेतनमान का लाभ कब तक दिया जावेगा? (घ) भोपाल संभाग अन्तर्गत जिला/जनपद पंचायतों में कार्यरत मूल कर्मचारियों की संख्या जिलेवार बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) अन्य स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने के संबंध में समग्र रूप से निर्णय होने पर विचार किया जा सकेगा। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) भोपाल 17, राजगढ़ 56, रायसेन 36, विदिशा 54 सीहोर 35 इस प्रकार भोपाल संभाग अंतर्गत जिला/जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों की कुल संख्या 198 है।
शासन संधारित प्राचीन मंदिर का जीर्णीद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
164. ( क्र. 5325 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन संधारित प्राचीन मंदिर के जीर्णीद्धार/धर्मशाला निर्माण करवाए जाने का प्रावधान है या नहीं? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विदिशा जिले के गंजबासौदा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कौन-कौन से शासन संधारित प्राचीन मंदिर हैं, की सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त संधारित मंदिरों में से कौन-कौन से मंदिरों का प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जीर्णीद्धार/धर्मशाला का निर्माण कब-कब करवाया गया है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा कौन-कौन से मंदिरों के जीर्णोद्धार/धर्मशाला निर्माण हेतु वर्ष 2017-18 में प्रस्ताव दिया गया है? उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की सूचना प्रश्नकर्ता को दी गई है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के ऐसे मंदिर जिनके संबंध में भू-अभिलेख में भूमि-स्वामी के रूप में मंदिर की मूर्ति का नाम दर्ज है, उन मंदिरों को शासन संधारित मंदिर की श्रेणी में रखते हुये कलेक्टर को भू-अभिलेख में प्रबंधक के रूप में दर्ज किया जाता है, ऐसे शासन संधारित मंदिरों की व्यवस्था शासन द्वारा की जाती है, मुख्यत: इन मंदिरों का जीर्णोद्धार उनमें कार्यरत पुजारियों को मानदेय तथा धर्मशाला निर्माण कार्य कलेक्टर के माध्यम से विभाग द्वारा कराया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्री गिरीराज मंदिर लाल पठार बासौद जीर्णोद्धार हेतु रूपये 8,35,000/-, संस्कृति भवन शिव मंदिर गमाखर जीर्णोद्धार हेतु रूपये 14,24,000/-, शिव मंदिर गमाखर बाउण्ड्रीवाल निर्माण 8,70,000/- के कार्य कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विदिशा द्वारा वर्ष 2008-09 में पूर्ण कराये गये वर्ष 2013-14 में श्री नरसिंह भगवान मंदिर ग्राम वेदनखेडी के जीर्णोद्धार हेतु विभाग द्वारा रूपये 8,58,000/- की राशि का आवंटन दिया गया तथा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग विदिशा को निर्माण एजेंसी बनाया गया। उनके द्वारा 2015 में उक्त कार्य पूर्ण किया गया। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017-18 में दिनांक 26/12/2017 को माननीय मंत्री धर्मस्व विभाग को धनुषधारी मंदिर बसौदा की धर्मशाला निर्माण हेतु प्रस्ताव दिया गया था। विभाग के आदेश दिनांक 19/2/2018 द्वारा धनुषधारी मंदिर बासौदा की धर्मशाला निर्माण हेतु रूपये 20 लाख स्वीकृत किये जाकर म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल भोपाल को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया है। इस संबंध में कार्यालय कलेक्टर के पत्र क्रमांक/क्यू-जागीर/2018/4428 दिनांक 24/2/2018 द्वारा संबंधित विभाग को पत्रतानुसार निर्देशों का पालन करते हुये कार्य शीघ्र पूर्ण करने हेतु पत्र जारी किया गया। कार्यालय कलेक्टर में प्रश्नकर्ता द्वारा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया था न ही लंबित है। इसलिये कार्यवाही की सूचना प्रश्नकर्ता को नहीं दी गई। प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री धर्मस्व विभाग को प्रस्ताव दिया गया था। अत: राशि स्वीकृत की सूचना 304/MIN/S&R/2018 दिनांक 24/2/2018 को दी जा चुकी है। उपरोक्त वर्णित आदेश द्वारा राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
आवास योजनांतर्गत आवंटन की जांच में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
165. ( क्र. 5328 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत पसौढ़ के निवासियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना आवंटन में पात्र हितग्राहियों को लाभ न दिये जाने की शिकायत कलेक्टर शहडोल को दी गयी है, जिनका जन सुनवाई के अंतर्गत जन शिकायत क्रमांक ५४६४७१४, ५४६४७२३, ५४६४५६३ दिनांक ०६.०२.२०१८ है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त शिकायतों के निराकरण के संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत कराया जावे। (ग) क्या प्रश्नांकित ग्राम पंचायत द्वारा आवंटित प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवंटन की जांच पात्रता मुताबिक कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा जारी ’’क्रियानवयन का फ्रेमवर्क’’ में दिये गए प्रावधान अनुसार प्रश्नाधीन हितग्राही अपात्र पाये गए है। (ग) जी नहीं। हितग्राहियों को पात्रता अनुसार ही लाभांवित किया गया है।
भवन एवं पशु हेतु भूसाघर निर्माण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
166. ( क्र. 5334 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नरसिंहगढ़ ने ग्राम पंचायत सूकली में स्व-सहायता समूह प्रशिक्षण भवन पशु हेतु भूसाशेड निर्माण की अनियमितता की जाँच प्रतिवेदन क्र. 4215/स्टेनो/16 दिनांक 27/07/2016 व क्र. 4402/स्टेनो/16 दिनांक 05.08.2016 एवं क्र. 7405/स्टेनो/16 दिनांक 23/12/2016 में सरपंच व अन्य लोगों को दोषी पाया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रतिवदेनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) संबंधितों के द्वारा अधिरोपित राशि की वसूली संबंधी आदेश के विरूद्ध कलेक्टर, जिला राजगढ़ के न्यायालय में पुनर्विचार अपील प्रस्तुत की गई है जो विचाराधीन है। समयावधि बताना संभव नहीं है।
कुरावर नगर पंचायत द्वारा किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 5335 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत कुरावर द्वारा 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस वार्ड में क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये? कार्य का नाम/लागत राशि/ प्रशासकीय स्वीकृति सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार जो निर्माण कार्य कराये गये उनके टेण्डर किस-किस दिनांक को किस-किस समाचार पत्र में निकाले गये व टेण्डर प्रक्रिया में किस-किस फर्म ने भाग लिया? समाचार पत्र की प्रति, फर्म का नाम व फर्मों द्वारा डाली गई राशि का तुलनात्मक पत्रक की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार जो निर्माण कार्य कराये गये व भुगतान किया गया, भुगतान किये गये कार्यों की माप पुस्तिका की प्रति उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। निविदा प्रक्रिया में भाग लेने वाली फार्मों के दर का तुलनात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। निविदा प्रकाशन में जिन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स’ अनुसार है। (ग) भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है तथा माप पुस्तिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द’ अनुसार है।
ग्राम पंचायत खिरसाड़ोह को पोर्टल से हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
168. ( क्र. 5337 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका परासिया के वार्ड क्र. 22 के अंतर्गत ग्राम पंचायत खिरसाडोह पोर्टल पर प्रदर्शित होने के कारण ग्राम पंचायत खिरसाडोह के ग्रामीणजनों को ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, शौचालय निर्माण व शासन द्वारा संचालित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं? क्या ग्राम खिरसाडोह को परासिया नगर पालिका के अंतर्गत शामिल नहीं किया जाना था? परन्तु फिर भी बिना सूचना के ग्राम पंचायत खिरसाडोह को नगरीय क्षेत्र परासिया के वार्ड क्र. 22 में सम्मिलित किया गया? जिसका क्या कारण हैं? (ख) नगर पालिका परासिया के वार्ड क्र. 22 के अंतर्गत शामिल की गई, ग्राम पंचायत खिरसाडोह को पोर्टल से कब तक हटा दिया जायेगा ताकि ग्राम पंचायत खिरसाडोह के ग्रामीणजनों को शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके? (ग) क्या ऐसे कृत्य के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? अगर हाँ तो ऐसे दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् परासिया में कुल 21 वार्ड निर्धारित हैं नगरीय क्षेत्र में खिरसाडोह को सम्मिलित नहीं किया गया है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, ग्रामीण के पोर्टल एस.ई.सी.सी. (सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011) की सूची का प्रदर्शन ग्राम पंचायत स्तर पर नहीं होने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है किन्तु अन्य योजनाओं मनरेगा-10 कार्य, स्वच्छ भारत मिशन-195, विधवा पेंशन योजना-123, (दिव्यांग पेंशन-21 एवं 5), पंच परमेश्वर-3 कार्य का लाभ ग्राम पंचायत खिरसाडोह के ग्रामीणों को दिया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, ग्राम खिरसाडोह के ग्रामीणजनों को शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के माध्यम से दिया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''एक सौ एक''
शासन द्वारा संधारित कोसमी हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
169. ( क्र. 5338 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति विधानसभा क्षेत्रों में स्थित शासन द्वारा संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु विभिन्न निर्माण कार्यों के प्रस्ताव तकनीकी विवरण सहित जिला कलेक्टर के माध्यम से शासन को प्रेषित करने हेतु मान. मंत्री महोदय का पत्र प्राप्त हुआ था, जिस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा तहसीलदार परासिया को पत्र क्रं वि.स./परासिया/127/2018/1018 दिनांक 17.02.2018 के माध्यम से अवगत कराते हुए, परासिया विधानसभा क्षेत्र में स्थित शासन द्वारा संधारित कोसमी हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु विभिन्न निर्माण कार्यों के प्रस्ताव तकनीकी विवरण सहित जिला कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रेषित किये जाने हेतु निवेदन किया गया था? जिस पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है? (ख) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में स्थित शासन द्वारा संधारित कोसमी हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु कौन-कौन से विभिन्न निर्माण कार्यों के प्रस्ताव, तकनीकी विवरण सहित तहसीलदार परासिया द्वारा जिला कलेक्टर छिन्दवाड़ा को शासन स्तर पर निर्माण कार्यों की स्वीकृति के लिये प्रेषित करने हेतु भेजे जा चुके हैं? अगर प्रस्ताव अभी तक नहीं भेजे गये हैं तो इसका क्या कारण है? कब तक प्रस्ताव भेज दिये जायेंगे? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में स्थित शासन द्वारा संधारित कोसमी हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु जो विभिन्न निर्माण कार्यों के प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं या भेजे जाने हैं? ऐसे प्रस्तावित निर्माण कार्यों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। तहसीलदार परासिया को पत्र क्रमांक वि.म./परासिया 127/2018 दिनांक 17/2/2018 प्राप्त होने पर विधानसभा क्षेत्र परासिया में स्थित शासन संधारित कोसमी हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार एवं विभिन्न निर्माण कार्य हेतु उनके कार्यालय के पत्र क्रमांक 240 दिनांक 20/2/2018 अध्यक्ष व्यवस्था समिति हनुमान मंदिर कोसमी को प्रेषित किया है। अध्यक्ष व्यवस्था समिति कोसमी से प्रस्ताव प्राप्त होते ही जिला कलेक्टर को प्रस्ताव तकनीकी विवरण सहित तहसील कार्यालय द्वारा भेजा जायेगा। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में स्थित शासन संधारित कोसमी हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव तकनीकी विवरण अध्यक्ष व्यवस्था समिति हनुमान मंदिर कोसमी से प्राप्त नहीं होने के कारण कलेक्टर द्वारा विभाग को नहीं भेजा गया। (ग) जी नहीं। कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम प्राप्त तकनीकी प्रस्ताव पर मंदिर के जीर्णशीर्ण होने के अवस्था में आवश्यकतानुसार उपलब्ध बजट के आधार पर राशि स्वीकृत की जाती है। यह एक सतत प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
पानी की टंकी निर्माण का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
170. ( क्र. 5344 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को विधान सभा क्षेत्र जबलपुर पूर्व के अंतर्गत आकस्मिक प्रयोजन के अंतर्गत 5-5 लाख गैलन की दो पानी की टंकियों किलगारी गार्डन, ठक्कर ग्राम एवं अब्दुल हमीद वार्ड में निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2016 में दी गई थी? यदि हाँ, तो टंकी निर्माण में कुल कितनी लागत प्राक्कलन अनुसार तय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में निर्माणाधीन टंकियों में शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि विभाग को आवंटित की गई है? विवरण सहित बतावें। यह भी बताया जावे कि आवंटित राशि से संबंधित ठेकेदार को कब-कब, कितना-कितना भुगतान किस-किस कार्य के लिये किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में निर्माणाधीन पानी की टंकियों के निर्माण हेतु शासन द्वारा बजट उपलब्ध न कराने की स्थिति में ठेकेदार को भुगतान न होने के कारण ठेकेदार द्वारा कार्य को बंद कर दिया गया है, जिससे कार्य समय-सीमा में पूर्ण होना निश्चित नहीं है? बजट उपलब्ध न कराने का क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) में निर्माणाधीन पानी की टंकियों का निर्माण कब तक पूर्ण हो जावेगा? यह बताया जावे कि ठेकेदार का शेष भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पूर्व विधानसभा क्षेत्र जबलपुर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 15-16 में मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों में विशेष आवश्यकताओं एवं आकस्मिक प्रयोजन के नियम 2006 अद्यतन यथा संशोधित के अनुसार राशि रू. 50.00 लाख की स्वीकृति ठक्करग्राम वार्ड के किलकारी गार्डन में अब्दुल हमीद वार्ड में मिल्क स्कीम मैदान में 5-5 लाख गैलन क्षमता की दो पानी के टंकियों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त है। इन दोनों स्थानों में टंकी निर्माण व राइजिंग मेन लाईन बिछाने के लिये राशि रू. 892.36 लाख की राशि तय की गई है। (ख) निर्माणाधीन टंकियों एवं राईजिंग मेनलाईन बिछाने के कार्य हेतु प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रू. 50.00 लाख की राशि नगर निगम जबलपुर को आदेश क्र. शा-4/लेखा/विनि/2015/2804 दिनांक 26.02.2016 से प्राप्त हुई है। आवंटित राशि एवं नगर निगम मद से संबंधित ठेकेदार को अब तक भुगतान की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। कार्य शासन एवं निगम मद से कराया जाना है, शासन स्तर से राशि उपलब्ध करा दी गई है। निगम अपने मद से कार्य करा रहा है। (घ) आगामी 3 माह में निर्माण पूर्ण होना संभावित है। ठेकेदार को भुगतान निगम में उपलब्ध राशि अनुसार क्रमशः किया जा रहा है।
अमृत योजनान्तर्गत स्वीकृत गार्डन
[नगरीय विकास एवं आवास]
171. ( क्र. 5346 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका निगम जबलपुर के अन्तर्गत प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्र पूर्व जबलपुर में किन-किन वार्डों में अमृत योजना के तहत कितने गार्डन स्वीकृत किये गये? वार्डवार बतावें। यह भी बताया जावे कि अमृत योजना के अन्तर्गत गार्डनों की स्वीकृति के क्या मापदण्ड हैं वर्तमान में स्वीकृत गार्डन में से कितने गार्डनों में निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका हैं? कितने में होना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत वर्तमान में स्वीकृत गार्डन में से कितने गार्डनों में निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका कितने में होना शेष है? सूची देवें। क्या संबंधित विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता की विधान सभा से अनेकों स्वीकृत गार्डनों को निरस्त कर अन्य किसी विधान सभा में स्थानान्तरित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने गार्डन हैं जो अन्यत्र स्थानान्तरित किये गये हैं। सूची देवे एवं कारण बतावें क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत पूर्व विधानसभा के वार्डों में अमृत योजना अंतर्गत कोई गार्डन स्वीकृत नहीं किया गया है, जिससे संख्या एवं वार्डवार जानकारी दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अमृत योजना अंतर्गत उस शहर की प्रस्तावित योजना के 2 प्रतिशत राशि का उपयोग हरित क्षेत्र के विकास के लिये किया जाना है। निगम द्वारा प्राथमिकता तय कर प्रस्ताव दिया जाता है जिसकी स्वीकृति शासन द्वारा गठित सक्षम समिति से दी जाती है। पूर्व विधानसभा में गार्डन स्वीकृति नहीं है, शेषांश होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पूर्व विधानसभा से कोई गार्डन के प्रस्ताव को निरस्त कर अन्य किसी विधानसभा में स्थानांतरित नहीं किया गया है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवासीय भू-खण्ड का व्यवसायिक उपयोग किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
172. ( क्र. 5349 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजधानी भोपाल लिंक रोड नम्बर 1 मुख्यमार्ग पर स्थित 74 बंगला निशात कालोनी में स्थित आवासीय भूखण्डों का उपयोग नगर तथा ग्राम निवेश की नीतियों/शर्तों के अनुसार व्यवसायिक किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किन नियम/शर्तों के तहत और यदि नहीं, तो उक्त क्षेत्र में किन-किन के स्वामित्वता के भूखण्डों का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है के विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित यह अवगत करावें कि नगर तथा ग्राम निवेश तथा गुमाश्ता अधिनियम के अनुसार कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि गुमाश्ता अधिनियम और नगर तथा ग्राम निवेश की नीतियों व शर्तों के विपरीत जाकर आवासीय क्षेत्र में व्यवसायिक उपयोग करने वालों सहित स्थानीय स्तर पर पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध व्यवसायिक उपयोग पर रोक नहीं लगाने को लेकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किन-किनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें। (ग) क्या माह फरवरी 2018 के प्रथम सप्ताह में आय से अधिक सम्पत्ति/व्यवसायिक उपयोग करने हेतु माय कार के नेक्सा शोरूम पर छापामार कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो आवासीय क्षेत्र का व्यवसायिक उपयोग प्रमाणित होने के कारण नगर तथा ग्राम निवेश की नीतियों व शर्तों के अनुसार भू-स्वामी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। निशात कालोनी में स्थित आवासीय भूखण्डों का उपयोग म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा सम्पादित लीजडीड की शर्तों तथा भोपाल विकास योजना 2005 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत ही किया जा सकता है। उक्त क्षेत्र में लीजडीड की शर्तों तथा भोपाल विकास योजना 2005 में निहित प्रावधानों के विपरित किये जा रहे उपयोगों का संयुक्त स्थल निरीक्षण कर कार्यवाही हेतु विभागीय आदेश दिनांक 14/03/2018 द्वारा समिति का गठन किया गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार
अधि. एवं ठेकेदार की मिलीभगत से गेन्त्रियों के नाम पर भ्रष्टाचार किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
173. ( क्र. 5350 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम भोपाल द्वारा सड़क मार्गों की पहचान के लिए किस कंपनी को एवं कितनी गेन्त्रिया स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई है? अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराएं? (ख) क्या निर्धारित संख्या से अधिक गेन्त्रिया स्थापित हुई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ तथा इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या अनुबंध के विपरीत कार्य करने पर ठेका निरस्ती राजस्व क्षति की वसूली कंपनी से करने तथा जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल द्वारा सड़क मार्गों की पहचान के लिये मेसर्स यूनिकार्प साल्यूशन प्रा.लि. को 160 गेन्ट्रीयाँ स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है एवं अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पी.पी.पी. मॉडल के आधार पर अनुबंध किया गया है। अनुबंध की शर्तों के विपरीत कार्य करने पर आयुक्त नगर निगम भोपाल को संबंधित संस्था के विरूद्ध कार्यवाही करने का अधिकार है। आवश्यक होने पर तद्नुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन
[खनिज साधन]
174. ( क्र. 5353 ) श्री मधु भगत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में रेत के अवैध उत्खनन परिवहन के संदर्भ में विभाग क्या कर रहा हैं? प्रतिबंधों के बावजूद रेत कहाँ से आ रही है? क्या विभाग इस पर मॉनिटरिंग कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों। (ख) क्या बालाघाट जिले में कई जगहों पर अवैध रूप से रेत भंडारण की गई है, यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में विभाग ने क्या कार्यवाही किस पर कब की है, नाम पता सहित बताएं? यदि कार्यवाही नहीं की तो क्यों? (ग) क्या सही है कि परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र हजारों टन अवैध रेत का उत्खनन व भंडारण किया जा रहा है लेकिन विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बालाघाट जिले में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन की रोकथाम के संबंध में सतत् रूप से कार्यवाही की जाती है। खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन की रोकथाम हेतु जिला स्तर पर टास्कफोर्स गठित है। इसके द्वारा भी नियमित रूप से कार्यवाही की जाती है वर्ष 2017-18 में जिले में रेत खनिज के अवैध परिवहन के 136 प्रकरण, अवैध उत्खनन के 09 प्रकरण तथा अवैध भण्डारण के 17 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिसमें अर्थदण्ड के रूप में राशि रूपये 19,73,343/- जमा कराई गई है वर्तमान में रेत उत्खनन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। जिले में 09 रेत खनिज की व्यापारिक खदानें संचालित हैं। इन संचालित खदानों से सामान्यत: रेत की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विगत तीन वर्षों में की गई कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 02 व्यापारिक अनुज्ञप्ति रेत खनिज हेतु स्वीकृत है। अवैध भण्डारण के ग्राम खेरलांजी एवं ग्राम रोशना में प्रकरण प्रकाश में आये थे, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए अज्ञात अवैध भण्डारण को जप्त किया गया है।
अवैध उत्खनन के संबंध में
[खनिज साधन]
175. ( क्र. 5364 ) श्री सचिन यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बालू रेत के अवैध उत्खनन एवं खनिज सम्पदा के अवैध उत्खनन को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक क्या दिशा-निर्देश जारी किए? आदेश की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) खरगौन (पश्चिम निमाड) में वर्ष 2014 से बालू रेत के अवैध उत्खनन के कुल कितने प्रकरण अब तक पंजीबद्ध हुए, कुल कितने वाहन जब्त एवं राजसात किए, कुल कितनी जुर्माना राशि वसूल की गई? इससे राज्य शासन को कुल कितने राजस्व की राशि प्राप्त हुई एवं कुल कितनी राशि का राजस्व घाटा हुआ? तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें। (ग) क्या बालू रेत के अवैध उत्खन्न के वाहन राज्य से अन्य राज्यों की सीमाओं में भी जब्त किए गये है? यदि हाँ, तो कुल कितने वाहन जब्त किए गए एवं तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) वर्ष 2014 से प्रदेश में अवैध उत्खन्न के विरूद्ध कार्यवाही के दौरान अब तक कुल कितने अधिकारियों/ कर्मचारियों की मृत्यु हुई है? तत्संबंध में राज्य शासन ने क्या कार्यवाही की है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खनिजों के बालू रेत सहित सभी प्रकार के खनिजों के अवैध उत्खनन की रोकथाम करने के संबंध में खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957, मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996, मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 एवं मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 प्रभावशील है। यह अधिनियम एवं नियम अधिसूचित नियम है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तर पर अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु टास्कफोर्स का गठन किया गया है। इसके संबंध में जारी निर्देश दिनांक 22.03.2006 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शाई गई है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2014 से रेत खनिज के अवैध उत्खनन के 19 प्रकरण दर्ज कर अर्थदण्ड राशि रूपये 25,70,700/- की वसूली की गई है। इस अवधि में 17 वाहन जप्त किये गये हैं। कोई भी वाहन राजसात नहीं किया गया है। अवैध उत्खनन के प्रकरण में अर्थदण्ड आरोपित कर वसूल किये जाने के प्रावधान हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नाधीन अवधि से अभी तक अवैध उत्खनन के विरूद्ध कार्यवाही में किसी भी विभागीय अधिकारी/कर्मचारी की मृत्यु नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
176. ( क्र. 5365 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन, बड़वानी एवं धार जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कसरावद एवं भीकनगांव में कितने राजस्व ग्राम हैं? जनसंख्या सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से कितने पात्र ग्राम वांचित हैं और क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शेष ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क से कब तक जोड़ा जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण मुख्यालय को कितने पत्र किस कार्य के लिए प्राप्त हुए और तत्संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या जिन सड़कों का निर्माण कार्य हुआ है उनके मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो मार्गवार पूर्ण जानकारी दें? मरम्मत कार्य कब तक कराया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विकासखण्ड कसरावद एवं भीकनगांव खरगौन जिला अंतर्गत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मात्र एक ग्राम मेहत्याखेडी हेतु स्वीकृत मार्ग को जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित समसई तालाब के डूब क्षेत्र में आने के कारण निविदा से पृथक किया गया एवं इस ग्राम को संपर्कता प्रदान करने हेतु नवीन एकरेखण के अनुसार प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) मुख्यालय में एक पत्र दिनांक 01.03.2016 प्राप्त हुआ था। जिसमें कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 69 मार्गों के निर्माण की मांग की गई थी। तत्संबंध में मुख्यालय के पत्र क्रमांक 25304 दिनांक 19.12.2016 द्वारा माननीय विधायक को अवगत कराया गया कि पत्र में उल्लेखित मार्ग में 69 मार्गों में से 68 मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पात्र न होने के कारण योजना अंतर्गत निर्माण संभव नहीं है। एक मार्ग मुलठान से दौमवाडा का निर्माण इस योजना के अंतर्गत पूर्ण किया जा चुका है एवं वर्तमान में पाँच वर्षीय संधारण अवधि में संधारित है।
दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
177. ( क्र. 5373 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के जनपद पंचायत गंगेव के ग्राम पंचायत टेहरा के सरपंच द्वारा आयुक्त राजस्व संभाग रीवा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के यहाँ शिकायत की गई जिस पर आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 1528/वि-6/शिकायत/2017 रीवा दिनांक 23.03.2017, पत्र क्रमांक 1517 दिनांक 22.03.2017, पत्र क्रमांक 1478 दिनांक 22.03.2017 व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा के पत्र क्रमांक 3660 दिनांक 22.03.2017 के द्वारा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 01 रीवा को जांच हेतु निर्देशित किया गया? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सरपंच टेहरा श्री इन्द्रपाल सोनी द्वारा सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं तत्कालीन सचिव द्वारा फर्जी सरपंच एवं सचिव के हस्ताक्षर कर मटेरियल सप्लायर सत्या ट्रेडर्स, सिदू कन्सलटेन्सी सप्लायर गुड्डू कम्प्यूटर ऑपरेटर से सांठगांठ कर फर्जी वाउचर तैयार कर राशि आहरित कर लिए जाने की शिकायत की थी? आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने बावत् भी पुलिस अधीक्षक रीवा एवं गढ़ के थाना प्रभारी को आवेदन दिया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध की जांच उपरांत जांच प्रतिवेदन ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 01 के कार्यपालन यंत्री द्वारा पत्र क्रमांक 295/जांच/ग्रा.यां.से./2017 दिनांक 30.03.2017 के द्वारा आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा को भेजा गया, जिसमें मूल अभिलेख संबंधितों द्वारा बार-बार समय देने पर भी उपलब्ध नहीं कराया गया जो अभिलेख उपलब्ध हुए उससे अनियमितता प्रमाणित हुयी। परन्तु संबंधितों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? (घ) प्रश्नांश (ग) के जांच प्रतिवदेन के आधार पर संबंधित सहायक यंत्री, उपयंत्री, सचिव, सामग्री सप्लायर एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के विरूद्ध शासकीय राशि के गवन एवं धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध नहीं कराया गया क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) के पत्रों पर प्रश्नांश (ख) सहित अन्य अनियमितताएं प्रश्नांश (ग) अनुसार प्रमाणित होने पर प्रश्नांश (घ) अनुसार गवन एवं धोखाधड़ी अपराध पंजीबद्ध नहीं कराया गया क्यों? बल्कि सरपंच शिकायतकर्ता के विरूद्ध धारा 40 पंचायत राज अधिनियम के तहत कार्यवाही क्यों प्रस्तावित की गई संबंधितों के विरूद्ध धोखाधड़ी का अपराध कब तक पंजीबद्ध करावेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, शिकायत की गई थी। आपराधिक प्रकरण दर्ज होने संबंधी जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी हाँ, जांच प्रतिवेदन कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा राजस्व आयुक्त को भेजा गया। जी हाँ, जांच रिपोर्ट में मूल अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये जाने का तथ्य है। जी नहीं, जांच रिपोर्ट में यह जानकारी नहीं है, कि मूल अभिलेख प्राप्त हुआ और उनमें अनियमितता प्रमाणित होती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया। (ड.) जी नहीं, उत्तरांश (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता, अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने के कारण धारा 92 की कार्यवाही की जा रही है। जी नहीं, सरपंच के विरूद्ध धारा 40 की कार्यवाही नहीं की गई। जांच की कार्यवाही प्रचलित है। जांचकर्ता अधिकारी की जांच रिपोर्ट में शिकायत के बिन्दुओं संबंधी मूल अभिलेख प्राप्त नहीं होने से तथा जांच का निष्कर्ष प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आवासीय बस्ती में कचरा संयत्र का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
178. ( क्र. 5374 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले के जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पहड़िया में ठोस अवशिष्ट प्रबंधन हेतु कचरा संयंत्र का निर्माण कराया जा रहा है, जिसका विरोध ग्रामीण जनों एवं पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा ज्ञापन एवं पत्राचार सहित आंदोलन कर किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के कचरा संयंत्र के निर्माण स्थल के चारों तरफ आम जनों का मकान बने हुये है, जहां सभी निवास करते है वहीं पर आराजी खसरा क्रमांक 290 में तालाब का निर्माण भी शासन द्वारा कराया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के कचरा संयंत्र के निर्मित हो जाने से पूरा वातावरण दूषित हो जाएगा, अनेक तरह की बीमारियों एवं महामारी के फैलने की संभावना है, जिसका असर आम जनता के जीवन में प्रतिकूल प्रभाव डालेगा? कचरे में 67 प्रतिशत कार्बनिक एवं 33 प्रतिशत अकार्बनिक अवशिष्ट लाये जाएगे, पूरे संभाग अवशिष्ट एवं कचरे से पूरा शहर एवं गांव प्रदूषित होगा, चारों तरफ प्रदूषण फैलेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संयंत्र निर्माण के पूर्व पर्यावरण मंत्रालय द्वारा ई.आई.ए. का प्रतिवेदन -रिपोर्ट को क्या सार्वजनिक किया गया? प्रदूषण विभाग द्वारा मौके से स्थल निरीक्षण कर अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया या संबंधितों द्वारा लिया गया? यदि हाँ, तो प्रति देते हुए बतावें। (ड.) प्रश्नांश (क) संयंत्र की स्वीकृति एवं लगाने हेतु सरकार द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से आम जनता के आबादी के पास अनुमति प्रदान की गयी, जिसके निर्माण होने से पूरा वातावरण प्रदूषित हो जाएगा, अनेक प्रकार की बीमारियों एवं महामारी फैलेगी, इस कारण क्या संयंत्र को ग्राम पहडिया से हटाकर पहाड़ी अंचलों में जहां वसाहट व गांव न हो स्थापित कराने बावत् आदेश जारी करेगे? यदि हाँ, तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) अंतर्गत एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्ययोजना में ठोस अपशिष्ट से विद्युत उत्पादन इकाई की स्थापना की जा रही है, जी नहीं, उक्त संयंत्र स्थापना के संबंध में स्थल के पास के गांवों के रहवासियों को योजना की सही एवं तथ्यात्मक जानकारी न होने की वजह से स्थल में कार्य प्रारम्भ होने पर कुछ विरोध प्रदर्शन इत्यादि हुये है। जिला प्रशासन एवं नगर निगम प्रशासन द्वारा योजना से संबंधित वास्तविक तथ्यों एवं कार्य प्रणाली से स्थल पर उपस्थित ग्रामीणजनों को समझाने के पश्चात लगभग 04 माह से योजना स्थल की बाउन्ड्रीवाल निर्माण एवं अन्य कार्य क्रियान्वित किये जा रहे है वर्तमान में कार्य स्थल पर किसी प्रकार का जन विरोध नहीं है। (ख) एकीकृत नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना रीवा क्लस्टर हेतु कुल 18.546 हेक्टेयर भूमि निर्धारित प्रक्रिया के तहत जिला प्रशासन रीवा द्वारा आवंटित की गई है। उक्त योजना में प्रस्तावित संयंत्र स्थल से आमजनों के मकानों की दूरी पर्यावरण के विहित प्रावधानों में निर्धारित सीमा अनुसार रखी गई है भूमि संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। निर्माणाधीन योजनान्तर्गत वेस्ट-टू-एनर्जी का संयंत्र लगाया जाना है जिसकी स्थापना पर्यावरणीय नियमों में विहित मानक अनुसार किये जाने का प्रावधान है तथा संयंत्र स्थापना EIA से प्राप्त अनापत्ति अनुसार किया जायेगा। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पर्यावरणीय नियमों में विहित प्रावधानों अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। जिसमें EIA प्राधिकारी से अनापत्ति, विधिवत जनसुनवाई एवं सूचनाओं के प्रकाशन आदि के प्रावधान है। कार्यवाही प्रचलित होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालयों के कर्मचारियों की सेवाएं वापस किये जाने
[उच्च शिक्षा]
179. ( क्र. 5386 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा एवं क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालनालयों में बहुत से पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो पदनाम सहित रिक्त पदों का उल्लेख करें। इनकी पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों के एवज पर कार्य हेतु महाविद्यालयों के कर्मचारियों/ अधिकारियों की सेवाएं ली जा रही हैं? यदि हाँ, तो उक्त कार्यालयों में इस प्रकार कार्यरत महाविद्यालयीन कर्मचारियों/अधिकारियों की सूची दें। क्या महाविद्यालयों के मूल कार्यों को प्रभावित होने से रोकने के लिए ऐसे कर्मचारियों की सेवाएं महाविद्यालयों में वापस की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रदेश के महाविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं का स्थायीकरण कब से नहीं किया गया हैं? ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनकी सेवाएं स्थायीकरण योग्य हो चुकी हैं, लेकिन वे अभी स्थायीकरण से वंचित हैं? कब तक कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। रिक्त पदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है वर्तमान में पदोन्नति पर प्रतिबंध है। सीधी भरती के रिक्त पद (शीघ्रलेखक वर्ग-3, सहायक वर्ग-3 एवं भृत्य, चौकीदार) की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल एवं अनुकम्पा नियुक्ति से पदों की पूर्ति हेतु कलेक्टर, भोपाल को क्रमशः पत्र दिनांक 10.3.17 एवं 28.4.17 लिखा गया है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। (ख) जी हाँ। संयुक्त संचालक के 02 रिक्त पदों के एवज में 02 विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारियों की सेवायें ली जा रही हैं। कार्यरत अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार हैं। महाविद्यालय का मूल कार्य प्रभावित नहीं हैं, चूंकि महाविद्यालय के रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सूचारू हैं। (ग) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत तृतीय संवर्ग के कर्मचारियो का स्थायीकरण वर्ष 1999 में किया गया था। कुल 362 कर्मचारियों की सेवाएँ स्थायीकरण योग्य हो चुकी हैं जिस पर कार्यवाही प्रचलन में हैं। प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों में प्राध्यापक के 200 एवं सहायक प्राध्यापकों के 117 कर्मचारियों का वर्ष 2017-18 में स्थायीकरण किया जा चुका है शेष रहे कर्मचारियों के स्थायीकरण की कार्यवाही प्रचलन में है वस्तुतः स्थायीकरण करने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
जांच कमेटी द्वारा शिकायतों कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
180. ( क्र. 5390 ) श्री लखन पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद पथरिया के विरूद्ध दिनांक 25/11/16 में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास सागर संभाग की अध्यक्षता में किसी जांच कमेटी का गठन किया था। यदि हाँ, तो जांच कमेटी में किन-किन सदस्यों को रखा गया था। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जांच कमेटी द्वारा नगर परिषद पथरिया में की गई शिकायतों के संबंध में जांच की गई है? यदि हाँ, तो जांच में क्या तथ्य सामने आये। जांच के संबंध में क्या कोई जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो क्या जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर नगर परिषद पथरिया में किसी के विरूद्ध आरोप तय हुए? यदि हाँ, तो किसके विरूद्ध एवं क्या आरोप सिद्ध हुए? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या इन आरोपों के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं यदि कार्यवाही की जावेगी तो क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, कलेक्टर दमोह द्वारा गठित जांच कमेटी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जांच कमेटी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन पर कलेक्टर द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण अप्राप्त है। इस संबंध में कलेक्टर, दमोह को दिये गये निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
वर्ष 2017 में स्वीकृत हुए नवीन तालाबों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
181. ( क्र. 5391 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा क्षेत्र में महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत गत वर्ष 2017 में कितने नवीन तालाब निर्माण एवं कितने पुराने तालाबों के विस्तारीकरण के कार्य की स्वीकृति हुई थी? स्वीकृकत हुए तालाबों में कितने कार्य पूर्ण एवं कितने कार्य अपूर्ण है, कारण बतावे? अपूर्ण कार्यों को किस दिनांक तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) क्या वर्ष 2018 में भी पोहरी विधानसभा क्षेत्र में नवीन तालाबों के निर्माण की स्वीकृति के प्रस्ताव प्रक्रिया में हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, तालाब स्वीकृत किए जाना प्रस्तावित हैं? यदि तालाबों के निर्माण की स्वीकृति होती है, तो क्या वर्षाकाल प्रारंभ होने के पूर्व उक्त कार्य प्रांरभ कर पूर्ण कर लिए जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 41 नवीन तालाब एवं 239 पुराने तालाब के विस्तारीकरण की स्वीकृति हुई है। स्वीकृत तालाबों में से 26 पूर्ण एवं 254 अपूर्ण हैं। मनरेगा योजना मांग आधारित होने से कार्यों की पूर्णता जॉबकार्डधारियों द्वारा काम की मांग पर निर्भर है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है। (ख) जी हाँ। वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। महात्मा गांधी नरेगा रोजगार की मांग आधारित होने से अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने की तिथि राज्य स्तर से नियत नहीं की जा सकती है।
विभाग वर्ष 2014 से आज प्रश्न दिनांक तक की जानकारी
[वन]
182. ( क्र. 5398 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरियाली महोत्सव के तहत बैतूल जिले में कितने पौधे रोपे गये उनकी संख्या, पौधे रोपण में व्यय राशि, पौधे क्रय करने की राशि, फर्म/व्यक्ति का नाम, टिन नं., रजिस्ट्रेशन नं., भुगतान राशि/लंबित राशि, TDS कटौत्रा राशि की वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी सूची में वनमंडलवार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त में रोपे गये पौधो पर कितनी राशि उनके पालन में किस-किस सामग्री पर खर्च की गयी? जानकारी वनमंडलवार उपलब्ध करायें। (ग) बिना TDS कटौती किये एवं मनमानी दरों पर क्या पौधों का क्रय विभाग द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो बिन्दु (क) में क्रय किये प्रत्येक पौधों की विभाग की स्टेंडर्ड रेट की सूची उपलब्ध करायें। यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? अधिकारियों के नाम सहित स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कटनी नगर में सुगम यातायात की कार्ययोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
183. ( क्र. 5405 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष नगर पालिक निगम कटनी द्वारा किसी जनहित याचिका के संबंध में दिनांक 26/09/2014 को कटनी नगर में सुगम यातायात के लिए समग्र मोबिलिटी प्लान तैयार करने का अभिवचन प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो क्या अभिवचन दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत दिए गए अभिवचन के पालन में कटनी नगर में सुगम यातायात हेतु क्या कोई प्लान तैयार किया गया? यदि हाँ, तो यह प्लान क्या है तथा इसे लागू करने के लिये प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही बताएं और कटनी नगर में यातायात सुधार के लिए विगत 2 वर्षों में क्या कार्य एवं कार्यवाही किन-किन सक्षम प्राधिकारियों के कौन-कौन आदेशों द्वारा कब-कब की गई? (ग) क्या विधानसभा प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक-1633 दिनांक-08/12/2016 के प्रश्नांश (क) का उत्तर '’अन्य उपयुक्त स्थल के लिये नगर निगम परिषद द्वारा पाँच सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है दिया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो समिति द्वारा क्या अनुशंसायें कब की गई एवं किन उपयुक्त स्थानों को चयनित किया गया और प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के समक्ष इस हेतु दायर W.P. NO. 3566/2006 के साथ अन्य निकायों की याचिकाओं को भी सम्मिलित किया गया, श्री श्याम सुन्दर शर्मा व अन्य द्वारा म.प्र. शासन एवं अन्य के विरूद्ध प्रस्तुत W.P. NO. 15623/2013 इस निकाय से संबंधित है जिसमें नगर निगम कटनी के अभिभाषक द्वारा निम्नानुसार अभिवचन किया गया है कि Learned counsel for the Katni Corporation submits that the Katni Corporation will consider the comprehensive mobility plan submitted by the Jabalpur Corporation and explore the possibility of evolving similar comprehensive mobility plan for Katni Corporation area. माननीय न्यायालय द्वारा उक्त निर्देश नगर निगम, जबलपुर द्वारा प्रस्तुत मोबिलिटी प्लान के आधार पर दिए गए हैं। (ख) नहीं। नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा सुगम यातायात हेतु मोबिलिटी प्लान तैयार नहीं किए जाने से वर्तमान में लागू नहीं है। कटनी नगर में यातायात सुधार हेतु विगत 02 वर्षों में जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा समय-समय में बैठकों में लिये गये निर्णयों अनुसार यातायात विभाग एवं अन्य विभागों को दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाहियां की गई हैं। इस संबंध में यातायात विभाग कटनी के पत्र क्रमांक 299 दिनांक 12/03/2018 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) निगम परिषद के प्रस्ताव क्रमांक 06 दिनांक 19.07.2012 के द्वारा 05 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, निगम परिषद द्वारा गठित समिति की बैठक हेतु दिनांक 18.08.2012, 15.10.2015, 18.10.2012, 23.10.2012, 21.11.2012, 05.01.2013, 05.06.2013, 15.05.2013, 07.06.2013 एवं 17.07.2013 को समिति की बैठक आयोजित की गई, परन्तु कोरम के अभाव में बैठक की कार्यवाही संपन्न नहीं हो सकी, इसलिए समिति द्वारा कोई अनुशंसा नहीं की गई है। नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा फुटकर व्यवसायियों को व्यवस्थित रूप से बैठाये जाने हेतु पुराने बस स्टैण्ड-आर.टी.ओ. कार्यालय के पास सब्जी विक्रताओं एवं अन्य की बैठक व्यवस्था हेतु दुकानें, चबूतरे, शेड, पार्किंग कार्य हेतु राशि रूपये 60.00 लाख की स्वीकृति प्राप्त की जाकर कार्य प्रारंभ कराया गया है, इस कार्य के पूर्ण होने पर सड़क के किनारे बैठने वाले फुटकर व्यवसायियों को व्यवस्थित रूप से बैठाये जाने का प्रयास किया गया है, साथ ही चौपाटी स्थित हॉकर जोन में फुटकर व्यवसाइयों को निगम द्वारा अस्थाई रूप से व्यवस्थापन की कार्यवाही की गई है।
शासकीय कन्या हाई स्कूल के पहुँच मार्ग का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
184. ( क्र. 5406 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक-5234 दिनांक-09/03/2016 पर सदन में हुई चर्चानुसार आश्वसन दिया गया था कि '’कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त दोनों को पत्र लिख दिया गया है और पूरी कोशिश है कि बाधाओं को दूर करते हुए वहां मार्ग निर्माण हो सके’’ तो आज दिनांक तक उक्त मार्ग का निर्माण किन कारणों से संभव नहीं हो पाया है? (ख) क्या उक्त मार्ग अवैध कालोनी क्षेत्र में आने के कारण निर्माण संभव नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो शासकीय कन्या शाला की बच्चियों के आवागमन की परेशानी की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रश्नकर्ता सदस्य की विधायक निधि से उक्त मार्ग के निर्माण के निर्देश प्रदान किए जाऐगें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) वर्ष-2007 में निर्मित अवैध कालोनी क्षेत्र में वर्ष-2009 में लाखों रुपये की लागत से शासकीय विद्यालय भवन निर्माण प्रारंभ करवाने का दोषी कौन है एवं क्या दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) प्रश्न में उल्लेखित विधान सभा प्रश्न क्रमांक 5234 मूलत: स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित होने से उदभूत आश्वासन का विवरण नगरीय विकास एवं आवास विभाग में उपलब्ध नहीं होने से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाविद्यालय में प्राध्यापकों एवं सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
185. ( क्र. 5411 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर के शासकीय महाविद्यालय शुजालपुर, कालापीपल एवं पोलायकलॉ में कौन-कौन से विषय के प्राध्यापकों एवं सहायक प्रध्यापकों के पद स्वीकृत हैं? महाविद्यालयवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालय में से पोलायकलॉ महाविद्यालय में वर्तमान में किस-किस विषय के कौन-कौन प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक पदस्थ हैं? क्या कक्षायें केवल अतिथि विद्वानों के सहारे ही चल रही हैं? क्या अतिथि विद्वानों के सहारे ही परीक्षाएँ आयोजित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो परीक्षा सम्पन्न कराने जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिए यह ठीक व्यवस्था है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित महाविद्यालय में रिक्त पदों पर स्थाई प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति आगामी सत्र प्रारंभ होने के पूर्व प्रदान कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय, पोलायकला में श्री बृजकिशोर सिंह, सहायक प्राध्यापक, अंग्रेजी पदस्थ हैं। 01 नियमित सहायक प्राध्यापक तथा अन्य अतिथि विद्वान कार्यरत होने के फलस्वरूप परीक्षा सहित संपूर्ण शिक्षण व्यवस्था सुचारू रूप से व्यवस्थित है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मार्जिन मनी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
186. ( क्र. 5412 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंर्तगत जिला शाजापुर में वर्ष 2017-18 के अंर्तगत कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? सूची देवें। बैंको द्वारा उसमें से कितने को ऋण प्रदान कर दिय गया है? सूची देवे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में किराना व्यवसाय के लिए मार्जिन मनी (सब्सिडी) कितने प्रतिशत है? प्रकरण स्वीकृति के पश्चात् कितने समय पश्चात् आवेदक के खाते में मार्जिन मनी स्थानांतरित की जाती है? (ग) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित व्यवसाय हेतु जुलाई-अगस्त 2017 में कोई प्रकरण बैंक को भेजा गया था? क्या उसकी मार्जिन मनी प्रदाय कर दी गयी है? यदि हाँ, तो कब और विलम्ब का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजनान्तर्गत जिला शाजापुर में वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक 422 प्रकरण विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत किये गये तथा 318 प्रकरणों में ऋण प्रदान किया गया। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित योजना में किराना व्यववसाय (क) (सब्सिडी) के लिए मार्जिन मनी का प्रतिशत निम्नानुसार है :- (अ) सामान्य वर्ग हेतु परियोजना लागत का 15 प्रतिशत (अधिकतम रू 1.00 लाख)। (ब) बी.पी.एल./ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग (क्रीमीलेयर को छोड़कर)/महिला/ अल्पसंख्यक/नि:शक्तजन हेतु परियोजना लागत का 30 प्रतिशत (अधिकतम रू 2.00 लाख)। (स) अतिरिक्त प्रावधान- (i) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अद्धघुमम्कड़ जनजाति को परियोजना लागत का 30 प्रतिशत (अधिकतम रू 3.00 लाख) (ii) भोपाल गैस पीड़ित परिवार के सदस्यों को परियोजना लागत पर अतिरिक्त 20 प्रतिशत (अधिकतम रू 1.00 लाख) की पात्रता है। प्रकरण स्वीकृत के पश्चात् संबंधित बैंक शाखा अपने रिजनल ऑफिस के माध्यम से नोडल बैंक को मार्जिनमनी सहायता राशि का क्लेम भेजा जाता है। नोडल बैंक द्वारा प्रथम आओ प्रथम पाओं के सिद्धान्त अनुसार क्लेम राशि का भुगतान किया जाता है। इसके लिए कोई तय समय-सीमा नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित व्यावसाय हेतु जुलाई-अगस्त 2017 में 47 प्रकरण विभिन्न बैंको को भेजे गये है। बैंक शाखा द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में सीधे रिजनल आफिस के माध्यम से मार्जिनमनी सहायता राशि क्लेम की जाती है। तत्पश्चात् नोडल बैंक द्वारा क्लेम राशि का भुगतान सीधे संबंधित बैंक शाखा को किया जाता है। समस्त अभिलेख बैंक स्तर पर संधारित किये जाते है।
निर्धारित मापदण्ड से अधिक क्षेत्रफल पर निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
187. ( क्र. 5417 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम उज्जैन द्वारा दिनांक १ जनवरी, २०१५ से प्रश्न दिनांक तक कार्यालय द्वारा आवंटित व्यावसायिक दुकानों के क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल पर अवैध निर्माण करने के संबंध में प्राप्त शिकायतों की प्रति उपलब्ध कराते हुये शिकायत पर अधिकारियों द्वारा किये गये स्थल निरीक्षण रिपोर्ट एवं मौका पंचनामा की प्रति उपलब्ध करावें? कितने क्षेत्रफल पर अवैध निर्माण पाया गया? किये गये अवैध निर्माण कों तोड़ा गया अथवा नहीं? अवैध निर्माण करने वालो के विरूद्ध क्या–क्या कानूनी कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार अवैध निर्माण की शिकायत प्राप्त होने के उपरांत भी संबंधित कार्यालय द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करते हुये अवैध निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? अवैध निर्माण को कब तक हटा कर संबंधित के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, उज्जैन में दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कार्यालय द्वारा आवंटित व्यवसायिक दुकानों के क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल पर अवैध निर्माण करने से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
काष्ठ की कटाई में दी जाने वाली मजदूरी
[वन]
188. ( क्र. 5422 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में काष्ठ की कटाई हेतु शासन ने क्या जॉब रेट तय किए है? (ख) क्या वर्तमान में तय किए गए जॉब रेट के अनुसार दी जाने वाली मजदूरी में काष्ठ कटाई में मजदूरों को औसत दैनिक मजदूरी 100 रूपये भी नहीं मिल पा रही है? यदि नहीं, तो बालाघाट जिले के किसी भी वन मण्ड़ल (उत्पादन) में 100 मजदूरों को दी जाने वाली मजदूरी के मस्टर रोल उपलब्ध कराएं? (ग) वर्तमान जॉब रेट कब से चल रहे हैं? क्या शासन कटाई मजदूरों को न्यूनतम दैनिक मजदूरी मिल सके इस हिसाब से जॉब रेट तय करने पर दिया करेगा? (घ) क्या शासन द्वारा काष्ठ की कटाई हेतु किए जा रहे भु्गतान से न्यूनतम दैनिक मजदूरी न मिलने से श्रम नियमों का उल्लघंन नहीं हो रहा है? क्या शासन तत्काल जॉब रेट में बदलाव करते हुए कम मजदूरी पाने वाले मजदूरों को न्यूनतम दैनिक मजदूरी उपलब्ध कराएगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रदेश के विभिन्न वन वृत्तों में संबंधित पदेन वन संरक्षक द्वारा काष्ठ की कटाई हेतु जॉॅब रेट तय किये जाते है। पदेन वन संरक्षक द्वारा जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित मजदूरी दरों को दृष्टिगत रखते हुये वर्क स्टडी के आधार पर काष्ठ की कटाई हेतु जॉब दरें मानव दिवस में इस प्रकार निर्धारित की जाती है, जिससे कि श्रमिक को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान प्राप्त हो सके। (ख) वर्तमान में वन वृत्तों में तय किए गए जॉब रेट एवं श्रमायुक्त इन्दौर द्वारा निर्धारित कलेक्टर द्वारा स्वीकृत दर अनुसार भुगतान किया जाता है। काष्ठ कूप में मजदूरों द्वारा परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर काष्ठ की कटाई की जाती है, परिवार द्वारा किये गये कार्य की पासिंग परिवार के समस्त सदस्यों के नाम से लगुण प्रमाणक के आधार पर राशि का भुगतान ई-भुगतान के माध्यम से किया जाता है। यह कटाई का कार्य परिवार के सदस्यों द्वारा निरंतर एक पूरे दिन भर न किया जाकर अलग-अलग कार्य अवधि में उनकी सुविधा के अनुसार किया जाता है, इसके अतिरिक्त उन्हीं श्रमिकों द्वारा विदोहित काष्ठ का संग्रहण कार्य भी उसी अवधि में किया जाता है, जिसमें उसकी औसतन मजदूरी प्रतिदिन 100 रू से अधिक होती है न की कम वन विभाग में वर्तमान में मस्टर रोल पर कार्य नहीं कराया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में कटाई हेतु जॉब दर वर्ष 1998-99 में मानव दिवस में निर्धारित की गई है। श्रमायुक्त द्वारा दैनिक मजदूरी दर में वृद्धि किये जाने पर कटाई हेतु मजदूरी की दर में स्वमेव वृद्धि हो जाती है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लघु उद्योग निगम द्वारा सामग्री का मूल्य निर्धारण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
189. ( क्र. 5423 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लघु उद्योग निगम द्वारा जो सामग्री की सप्लाई शासकीय कार्यों में की जाती है, उनका मूल्य निर्धारण करने की क्या प्रक्रिया है? (ख) क्या जो सामग्री (समान कम्पनी तथा समान गुणवत्ता) खुले बाजार में समस्त टैक्सों के भुगतान के बाद भी कम रेट में उपलब्ध हो जाती है वही सामग्री लघु उद्योग निगम द्वारा अधिक दामों में सप्लाई होती है? (ग) लघु उद्योग निगम द्वारा सप्लाई की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता कैसे तय की जाती है? (घ) क्या लघु उद्योग निगम द्वारा ऐसे सामान की सप्लाई की जाती है, जो लघु उद्योग की श्रेणी में आते ही नहीं हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्रदाय की जाने वाली सामग्रियों के दर निर्धारण की कार्यवाही म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 के प्रावधानों के अनुसार की जाती है। दर निर्धारण हेतु निविदाएं ई-टेण्डरिंग प्रणाली में आमंत्रित की जाती हैं तथा प्राप्त निविदाओं पर अंतिम निर्णय तथा दरों का निर्धारण विपणन समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें लघु उद्योग निगम के अधिकारियों के अतिरिक्त संबंधित विभाग के प्रतिनिधि भी सदस्य होते हैं। विपणन समिति में आवश्यकता अनुसार तकनीकी विशेषज्ञों एवं विषय-विशेषज्ञों को भी सम्मिलित किया जाता है। (ख) जी, नहीं। (ग) म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्रदाय की जाने वाली सामग्री का प्रदाय पूर्व निरीक्षण का प्रावधान है। निरीक्षण का कार्य तृतीय पक्ष निरीक्षणकर्ता एजेंसियों के द्वारा संपादित किया जाता है। इसके साथ ही सामग्री के प्रदाय उपरांत भी कंसाईनी स्थल पर रेण्डम निरीक्षण का प्रावधान है। (घ) जी, हां।
मोटोराईज्यड ट्राई सायकिल दिया जाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
190. ( क्र. 5426 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा दिव्यांग हितग्राहियों को मोटोराईज्यड ट्राई सायकिल प्रदान किये जाने की क्या योजना है? (ख) क्या विभाग द्वारा इस संदर्भ में हितग्राहियों से भी कुछ राशि जमा करवाई जाती है? यदि हाँ, तो कितनी राशि जमा करवाई जाती है? जानकारी प्रदान करें। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र से कितने हितग्राहियों ने प्रश्न दिनांक तक मोटोराईज्यड ट्राई सायकिल प्राप्त करने के लिये आवेदन दिया है तथा कितनो के आवेदन स्वीकृत होकर उनको मोटोराईज्यड ट्राई सायकिल प्रदान की जा चुकी है तथा कितने के आवेदन प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत नहीं हुए हैं और स्वीकृत न होने का क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बड़नगर में किसी भी हितग्राही द्वारा मोटोराईज्यड ट्राई साइकिल हेतु आवेदन नहीं किया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खदानों के संचालन से नन्दनवारा तालाब के क्षेत्र को क्षति
[खनिज साधन]
191. ( क्र. 5429 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी खदानें गोरा पत्थर एवं कितनी अन्य खदानें संचालित है? उनके नाम पट्टेधारी का पूरा पता सहित बतावें एवं लीज दिनांक एवं लीज समाप्ति की दिनांक वर्षवार और कितने रकबा की लीज दी गई है, रकबा बतावें। (ख) शासन के लीज संबंधी क्या नियम हैं? नियम बतावें। जो खदानें वर्तमान में संचालित हैं क्या वह नियम के अनुसार संचालित हैं? अगर नहीं तो ऐसी खदानों को कब तक बंद किया जायेगा? (ग) क्या नन्दनवारा के पास गोरा पत्थर की जो खदान है वह तालाब के पास है? अगर हां, तो इस खदान को बंद करने के लिये विगत 4 वर्षों में कितनी शिकायतें किनके द्वारा दर्ज की गई और प्रश्न दिनांक तक उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिन खदानों के संचालन से नन्दनवारा तालाब के बांध की क्षति होने का डर है उन खदानों को कब तक बंद कर दिया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार गोरा पत्थर अधिसूचित खनिज न होने के कारण इसकी खदानें स्वीकृत किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नाधीन क्षेत्र पर अन्य संचालित खदानों का प्रश्नानुसार विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) प्रश्न अनुसार खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 एवं इसके अधीन निर्मित नियम लीज पर प्रभावशील होते हैं। यह अधिनियम एवं नियम अधिसूचित हैं वर्तमान में संचालित खदानें विधि सम्मत अनुमतियों के पश्चात स्वीकृत होकर संचालित हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गोरा पत्थर कोई अधिसूचित खनिज नहीं होने के कारण इसकी कोई खदान स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नानुसार तालाब के पास पायरोफ्लाईट/डायस्पोर की एक खदान संचालित है। जो कि, विधि सम्मत अनुमतियां प्राप्त कर संचालित हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपक्रमों (पी.एस.यू.) में किये गये निवेशों की जानकारी
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
192. ( क्र. 5433 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दि. 1 फरवरी, 2014 के बाद से विभाग के अधीन सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों पी.एस.यू. में कितने उद्योग, कितनी लागत से अब तक स्थापित किये गये हैं? स्थानवार एवं उद्योगवार बतायें? स्थापित उद्योगों से कितने लोगों को रोजगार मिला। (ख) दि. 1 जनवरी, 2014 के बाद से विभाग के अधीन सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों की ओर से उद्योग लगाने ओर निवेश करने हेतु कितने अनुबंध राज्य शासन ने कब-कब किये? स्थानवार निवेश राशि एवं अनुबंध की तिथि भी बतायें। स्थापित पी.एस.यू. से कितने लोगों को रोजगार मिला है। (ग) विभाग के अधीन सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों कितनी लागत के कौन-कौन से अनुबंधों पर आज तक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है? अनुबंधवार बतायें। कितने अनुबंध समय-सीमा में कार्य प्रारंभ नहीं होने पर निरस्त किये गये हैं? अनुबंधवार बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश में दि. 1 फरवरी, 2014 के बाद से विभाग के अधीन सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों पी.एस.यू. में कोई उद्योग स्थापित नहीं हुए हैं, अत: शेष का प्रश्न उपस्िथत नहीं होता। (ख) दि. 1 जनवरी, 2014 के बाद से विभाग के अधीन सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों की ओर से उद्योग लगाने ओर निवेश करने हेतु कोई अनुबंध नहीं किए गए हैं अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
विधायक निधि एवं सांसद निधि के कार्यों की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
193. ( क्र. 5436 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ और गुना जिले में विधायक निधि के कितने कार्य वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हुए हैं? (ख) प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि के कितने कार्य अपूर्ण ओर अप्रारंभ हैं वर्षवार बतायें? (ग) विधायक निधि के अपूर्ण और अप्रारंभ कार्य किस समय-सीमा में पूर्ण कराये जायेंगे? (घ) उक्त कार्यों में से एजेंसियों ने कितने कार्यों में राशि का दुरूपयोग किया है, बतायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिलें में 179 कार्य एवं गुना जिले में 136 कार्य पूर्ण हुये है। (ख) वर्ष 2017-18 प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले में 53 कार्य अपूर्ण 240 कार्य अप्रारंभ है। जिला गुना में 89 कार्य अपूर्ण है तथा कोई भी कार्य अप्रारंभ की स्थिति में नहीं है। (ग) योजनान्तर्गत कार्य एक अथवा दो सीजन में पूर्ण कराने का प्रावधान है। निश्चित समय-सीमा बतायाजाना संभव नहीं है। (घ) योजनान्तर्गत एजेन्सियों द्वारा राशि दुरूपयोग की शिकायत प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वाहनों का राजसात किया जाना
[खनिज साधन]
194. ( क्र. 5440 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 के तहत अगस्त 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने वाहन पकड़े गए? कितने वाहन पर अर्थदण्ड कर छोड़े गए? कितने वाहन मात्र राजसात किए गए? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) वाहनों को अर्थदण्ड कर छोड़े जाने का क्या-क्या आधार रहा है? वाहनों को अर्थदण्ड जमा करवाए जाने के बाद भी राजसात किए जाने का क्या-क्या आधार रहा है? वाहनों को राजसात किए जाने के क्या-क्या आधार रहे हैं? पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ग) राज्य के अलग-अलग जिलों में नियम 53 के तहत पकड़े गए वाहनो को लेकर तीन तरह की अलग-अलग कार्यवाही किए जाने पर राज्य शासन ने कब और क्या कार्यवाही की है? यदि कार्यवाही नहीं की गई हो, तो उसका कारण बतावें। (घ) पकड़े गए वाहनों को राजसात करने की बजाए छोड़े जाने पर शासन क्या विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 में दिनांक 18.05.2017 को संशोधन किये गये हैं। यह संशोधन अधिसूचित है। इस नियम के प्रावधान के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक क्षेत्र जड़ेरूआ पर स्थापित इकाइयां
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
195. ( क्र. 5446 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की जड़ेरूआ औद्योगिक क्षेत्र में अभी तक सड़क, बिजली व अन्य में कितनी राशि वर्ष 2017 तक खर्च की गई है? (ख) उक्त औद्योगिक क्षेत्र में कितनी शासकीय एवं किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया है? सर्वे नम्बर सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) औद्योगिक क्षेत्र जड़ेरूआं में कारखानेदारों की सुरक्षा की क्या व्यवस्था की गई है? (घ) जड़ेरूआं औद्योगिक क्षेत्र में अभी तक कितनी इकाइयां/कम्पनी स्थापित, संचालित हो रही हैं? क्या निर्माण कर रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र जड़ेरुआं में वर्ष 2017 तक सड़क, बिजली एवं अन्य व्यय की जानकारी निम्नानुसार हैं:- (अ) सड़क-177.64 लाख (ब) बिजली-160.72 लाख (स) अन्य व्यय- 47.26 लाख, योग- 385.62 लाख (ख) औद्योगिक क्षेत्र जडेरुआं में 28.14 हेक्टर शासकीय भूमि आई.आई.डी.सी. ग्वालियर को हस्तांतरित की गई हैं। ग्राम लोहागढ़ के किसान की भूमि सर्वें नंबर 1709 में से 0.054 हेक्टर असिंचित भूमि निगम द्वारा दिनांक 14.02.2011 को राशि रू. 30,942/- में क्रय की गई हैं। (ग) औद्योगिक क्षेत्र जड़ेरुआं में कारखानेदारों द्वारा इकाइयों की स्वयं सुरक्षा की जाती हैं। (घ) औद्योगिक क्षेत्र जड़ेरुआं में 02 इकाईयां स्थापित हैं, 06 इकाईयां निर्माणाधीन हैं तथा 11 इकाईयों को भूमि आवंटित की गई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
परिशिष्ट - ''एक सौ दस''
नगर निगम गौ-शाला में गायों की देखभाल
[नगरीय विकास एवं आवास]
196. ( क्र. 5447 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर नगर निगम की गौ-शाला में कितनी गाय, साण्ड, बछड़े वर्तमान में रखे गये हैं? संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) वर्ष 2016, 2017 में कितनी गायों, साण्डों, बछड़ों की मृत्यु कब-कब हुई? संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त मृत्यु किस कारण हुई? क्या भूख, ठण्ड से मृत्यु हुई थी? शव परीक्षण कराये गये थे? मृत्यु के क्या कारण रहे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ग्वालियर नगर निगम की गौशाला में वर्तमान में 944 गाय, 2040 साण्ड, 2164 बछड़े इस प्रकार कुल 5148 रखे गये हैं। (ख) वर्ष 2016 में 849 गाय, 779 साण्ड, 3011 बछड़े तथा वर्ष 2017 में 1375 गाय, 166 साण्ड, 2765 बछड़े इस प्रकार कुल 8945 की मृत्यु हुई है। (ग) किसी भी गौवंश की मृत्यु भूख/ठण्ड से नहीं हुई। शव परीक्षण नहीं कराये जाते हैं। मृत्यु का मुख्य कारण वृद्ध, बीमार, पॉलीथिन खाने एवं दुर्घटनाग्रस्त होकर गंभीर हालत में गौशाला में लाईं जातीं हैं जिनकी मृत्यु हो जाती है।
रैपुरा से पिपरौध तक बनाई गई सड़क का निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
197. ( क्र. 5450 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत तहसील रीठी की ग्राम पंचायत रैपुरा में ग्राम रैपुरा से पिपरौध तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मार्ग का निर्माण कराया गया? यदि हाँ, तो किस वर्ष में कितनी दूरी की सड़क कितनी लागत से निर्मित हुई? क्या ग्राम रैपुरा में बस्ती तक मार्ग निर्माण कराये जाने का प्रावधान नहीं था? प्राक्कलन सहित विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्राम रैपुरा में रामजी नगर से रैपुरा स्कूल तक लगभग 01 कि.मी. मार्ग का निर्माण न होने का क्या कारण हैं? क्या उक्त मार्ग के अभाव में आवागमन बाधित नहीं हो रहा? क्या रामजी नगर से रैपुरा बस्ती तक मार्ग की आवश्यकता नहीं है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, मार्ग निर्माण न होने के लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ वर्ष 2005 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत एन.एच.-7 (पिपरौध) से रैपुरा तक लंबाई 5.32 कि.मी. मार्ग का निर्माण लागत रू. 118.63 लाख से कराया गया था। ग्राम रैपुरा में बस्ती तक सड़क निर्माण का प्रावधान था। प्राक्कलन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निजी भूमि होने एवं निजी भूमि स्वामियों द्वारा आपत्तियों के कारण शेष लंबाई 0.75 कि.मी. का निर्माण नहीं किया जा सका। जी हाँ बाधित हो रहा है। जी हाँ आवश्यकता है। (ग) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पौधा रोपण की जानकारी
[वन]
198. ( क्र. 5468 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के अंतर्गत पौधारोपण हेतु क्या नीति/उद्देश्य है? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2014-15 से फरवरी 2018 तक वन विभाग द्वारा पौधा रोपण हेतु कितनी राशि बजट में शामिल की है? की जानकारी वर्षवार दी जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में उपरोक्त राशि प्रदेश के किन-किन जिलों में आवंटित की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त राशि से जिला शिवपुरी में कहाँ-कहाँ पौधा रोपण किये गये? की जानकारी वन क्षेत्र पौधों के नाम व संख्या पौधों की कीमत कार्य किये गये? एजेंसी का नाम, पता आदि सहित प्रश्नांश (ख) की अवधि अनुसार दी जावे। (ड.) प्रश्नांश (घ) में किये गये कार्यों में से कितने पौधे जीवित व कितने पौधे नष्ट (खराब) हो चुके हैं? सम्पूर्ण जिले की जानकारी दी जावे।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण हेतु पृथक से कोई बजट प्रावधान नहीं किया जाता है। जिन योजनाओं में बजट प्रावधान कराया जाता है उसमें अन्य कार्यों के साथ-साथ वृक्षारोपण के कार्य भी सम्मिलित रहते हैं वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 630.81 करोड़ वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 448.45 करोड़ वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 554.11 करोड़ एवं वर्ष 2017-18 (फरवरी 2018 तक) में राशि रूपये 422.54 करोड़ उपलब्ध बजट से वन मण्डलों को आवंटित की गयी है। (ग) राशि मध्यप्रदेश के समस्त जिलों में आवंटित की गयी है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (घ) में किये गये कार्यों में से वन मण्डल शिवपुरी के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक 4772332 लगाये गये पौधों में से 3755728 जीवित है व 1016604 पौधे नष्ट (खराब) हो चुके हैं।
नगर पालिक निगम मुरैना में निर्माणाधीन सीवर लाइन
[नगरीय विकास एवं आवास]
199. ( क्र. 5469 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिक निगम मुरैना में विगत वर्ष से सीवर लाईन का कार्य निर्माणाधीन है, जिसके तहत गली, मोहल्ले में निर्माणाधीन गड्ढे लाइन खोदी जा रही है, उससे जो मलवा निकलता है वह मार्ग के आस-पास डाल देते हैं, जिससे आवागमन में आने जाने वालों को अत्याधिक परेशानी हैं तथा जन समुदाय एवं छोटे बालक, बच्चों के खुली नाली में गिरने का अंदेशा रहता है? (ख) उपरोक्त (क) के अतिरिक्त जो रॉ मटेरियल निर्माण में उपयोग हो रहा है, जो घटिया किस्म का होकर निगम द्वारा प्राक्कलन के अनुरूप नहीं है? (ग) क्या शासन इस हेतु निगम व ठेकेदार को यह आदेश निर्देश जारी करेंगे, जिससे नाली गड्ढे आदि को खोदने के तुरंत बाद भर दिया जावे व प्राक्कलन के अनुसार कच्चा माल का उपयोग करें, जिससे कार्य गुणवत्ता बनी रहे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं (ख) जी नहीं। (ग) निविदा शर्तों में आवश्यक निर्देशों का प्रावधान है जिनका निगम व ठेकेदार द्वारा पालन किया जा रहा है एवं कार्य की गुणवत्ता निर्धारित मानक अनुसार है। पृथक से निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है।
मनरेगा एवं कन्वर्जेस योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
200. ( क्र. 5474 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मनरेगा तथा अन्य योजनाओं के कन्वर्जेस से विभिन्न स्थाई परसम्पत्तियों का निर्माण हुआ है? यह जानकारी मध्यप्रदेश पंचायिका दिसम्बर 2016 के अंक में उल्लेखित है? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र दिमनी में विगत 3 वर्षों में मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण से कुल कितने कार्य किये गये है वर्षवार जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अभिसरण कौन-कौन सी योजना/मद से किया गया हैं? विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में योजना/मदवार अभिसरण की राशि की जानकारी दी जावे? अभिसरण के अन्तर्गत कराये गये पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की पंचायतवार संख्या बताई जावे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में अभिसरण के अपूर्ण कार्यों हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है तथा कब तक कार्य पूर्ण कर लिए जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 2058 कार्य वर्ष 2015-16 में 480, 2016-17 में 964, 2017-18 में 614 कार्य। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) महात्मा गांधी नरेगा मांग आधारित योजना होने से अपूर्ण कार्यों हेतु कोई जिम्मेदार प्रतीत नहीं होता। महात्मा गांधी नरेगा मांग आधारित योजना होने से अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने की तिथि राज्य स्तर से नियत नहीं की जा सकती है।
वनाधिकार पट्टा वितरण में विलंब के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[वन]
201. ( क्र. 5484 ) पं. रमेश दुबे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड विछुआ में खण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति के सदस्य अनुविभागीय अधिकारी वन के द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने के कारण पात्र हितग्राहियों को वनाधिकार पट्टों का वितरण में विलंब हुआ है? यदि हाँ, तो अनुविभागीय अधिकारी वन के हस्ताक्षर के लिये किन-किन ग्रामों के पात्र हितग्राहियों के प्रकरण कब से लंबित थे? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या वनाधिकार पट्टों के प्रकरणों में अनुविभागीय अधिकारी वन के हस्ताक्षर हो गये हैं? यदि हाँ, तो कब हुए? क्या शासन विलंब के लिये अनुविभागीय अधिकारी वन को दोषी मानता है? (ग) क्या उक्त अनुविभागीय अधिकारी वन के द्वारा अपने निचले स्तर के कर्मचारियों, जैसे वन परिक्षेत्र अधिकारी, उप वन परिक्षेत्र अधिकारी वन रक्षक आदि को वनाधिकार के प्रकरणों को तैयार करने एवं इसमें रूचि लेने से मना किया गया है जिसके चलते विकासखण्ड विछुआ में वनाधिकार के पात्र हितग्राही लाभ से वंचित हो रहे हैं? (घ) क्या शासन उक्त पूरे प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी वन विकासखण्ड विछुआ की भूमिका, उनके द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने से वनाधिकार के पट्टों का पात्र हितग्राहियों का वितरण में विलंब/लाभ से वंचित होने की जांच कराकर उनके विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा? नहीं तो क्या?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। ऐसे कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोनाखारी के निस्तारी साठा भगड़ी तालाब का निर्माण कराया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
202. ( क्र. 5485 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम सोनाखारी विकासखण्ड बिछुआ, जिला-छिन्दवाड़ा में साठा भगड़ी निस्तारी तालाब निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी थी किन्तु निर्माण कार्य नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश संलग्न करते हुये अब तक निर्माण कार्य नहीं कराने का कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या उक्त तालाब के निर्माण को लेकर विगत 4 वर्षों में ग्रामीणों द्वारा जनपद पंचायत बिछुआ, जिला पंचायत एवं कलेक्टर छिन्दवाड़ा को अनेकों आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं? यदि हाँ, तो इन आवेदनों पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने भी उक्त तालाब के निर्माण के संबंध में पत्र क्रमांक 1426, दिनांक 22/11/2017 आयुक्त म.प्र.राज्य रोजगार परिषद, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल को एवं कलेक्टर छिन्दवाड़ा को समय-समय पर प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो इन पत्रों पर किस स्तर से क्या कार्यवाही हुई है? (घ) क्या शासन उक्त निस्तारी तालाब निर्माण की स्वीकृति पश्चात अब तक निर्माण न होने का परीक्षण कर तालाब निर्माण की पुन: स्वीकृति प्रदान कर शीघ्र निर्माण कराये जाने का आदेश देगा? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बी.आर.जी.एफ. एवं आई.ए.पी. योजना की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
203. ( क्र. 5489 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डोरी जिले में बी.आर.जी.एफ. योजना कब से कब तक संचालित थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजना में वर्ष 2013-14 से जिले को कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ हैं? (ग) प्राप्त बजट में से कौन-कौन से कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी? कार्य एजेन्सी कौन-कौन थे? स्वीकृत राशि में व्यय कितना किया गया वर्तमान में कार्य की भौतिक स्थिति क्या हैं वर्षवार कार्यवार जानकारी बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बी.आर.जी.एफ. योजना वित्तीय वर्ष 2006-07 से 2014-15 तक संचालित थी। (ख) योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 से योजना समाप्ति तक जिले को कुल राशि रू.19.70 करोड़ बजट प्राप्त हुआ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
ओ.डी.एफ. की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
204. ( क्र. 5490 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पंचायत डिंडौरी को ओ.डी.एफ. किया गया है? अगर हाँ तो कब किया गया है और अगर नहीं तो क्यों नहीं किया गया है। (ख) क्या नगर पंचायत डिण्डौरी को ओ.डी.एफ. करने के बाद भी वार्ड नं. 1, 2,3,4,5,6,7,10,11,12,13,14,15 के कई लोग खुले में शौच करने जाते हैं? यदि हाँ, तो ओ.डी.एफ. का क्या मापदण्ड है और अगर नहीं तो वार्ड नं. 1 के निर्माणाधीन स्टेडियम की स्थिति का निरीक्षण कब किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रथम बार दिनांक 21.04.2017 को एवं द्वितीय बार दिनांक 27.01.2018 को क्वालिटी काउन्सिल ऑफ इण्डिया द्वारा (थर्ड पार्टी) द्वारा ओ.डी.एफ. प्रमाणित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। क्वालिटी काउन्सिल ऑफ इण्डिया द्वारा मापदण्डों के आधार पर किये गये मूल्यांकन की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार है। जी हाँ। क्यू.सी.आई.टीम के द्वारा नगरीय क्षेत्र के निरीक्षण में निर्माणधीन स्टेडियम शामिल था।
प्रधानमंत्री आवास योजना का संचालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
205. ( क्र. 5499 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का संचालन किया जा रहा है? योजना के अंतर्गत किन-किन लोगों को शासन द्वारा आवास प्रदाय किया जा रहा है? इसके क्या मापदण्ड हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने हितग्राहियों के आवास स्वीकृत किये गये? स्वीकृत आवास क्या बनकर के तैयार हो गये हैं? अथवा निर्माणाधीन हैं? (ग) उक्त क्षेत्र एवं उक्त अवधि में ऐसे कितने पात्र हितग्राही हैं, जिनकों इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। कारण सहित बतायें, साथ ही इन वंचित पात्र हितग्राहियों को कब तक इस योजना का लाभ प्रदान कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। योजना अन्तर्गत ’’क्रियान्वयन के फ्रेमवर्क’’ में दिये गये निर्देशानुसार आवास प्रदाय किये जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण वर्ष 2016-17 से प्रारंभ हुई है। योजना में प्रश्न दिनांक तक गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में 5656 हितग्राहियों के आवास स्वीकृत किये गये हैं। इनमें 3372 आवास पूर्ण हो चुके है तथा 2284 निर्माणाधीन है। (ग) सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनणना-2011 के सर्वे सूची अनुसार पात्रता रखने वाले 7365 हितग्राहियों को ’’क्रियान्वयन का फ्रेमवर्क’’ अनुसार परीक्षण उपरांत पात्र पाये गए हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जाना शेष है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
पौधा रोपण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
206. ( क्र. 5505 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण विकास विभाग ने दिनांक 02/07/2017 के पौधारोपण कार्यक्रम में बालाघाट जिले में कितने पौधे रोंपे एवं उन पर कितनी राशि व्यय की? जनपद पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) व्यय राशि की जानकारी फर्म/नाम, कार्य, बैंक खाता नंबर, टी.डी.एस. राशि सहित जनपदवार देवें? भुगतान की जानकारी भी जनपद पंचायतवार पृथक-पृथक देवें? (ग) क्या विभाग ने टी.डी.एस. का भुगतान किया है? (घ) इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक में कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 189450 पौधे रोपण पर अब तक व्यय राशि रूपये 41,02,645/- जिले द्वारा प्रतिवेदित है। जनपद पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) टी.डी.एस. कटौती का प्रावधान नहीं होने से किसी के दोषी होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
दिव्यांगों को मोटोराईज्ड ट्राईसिकल का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
207. ( क्र. 5508 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों हेतु मोटोराईज्ड ट्राईसायकिल दी जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग को जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले दिव्यांगों के इस हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ग) साथ ही बताएं कि उल्लेखित वर्षों में प्रश्न दिनांक तक आवेदकों, शिविरों, जनप्रतिनिधियों इत्यादि के अलावा अन्य माध्यमों से कुल कितने आवेदन प्राप्त होकर उन पर क्या कार्यवाही हुई? (घ) अवगत कराए कि प्रश्नगत उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में रतलाम जिले में कुल कितने आवेदन प्राप्त होकर किन-किन स्थानों पर किन-किन दिव्यांगों को मोटोराईज्ड ट्राईसायकिल दी गई? उक्ताशय से (ख) अवधि में इसी प्रकार जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन व्यक्तियों को मोटोराईज्ड ट्राईसायकिल प्राप्त हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग को जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले दिव्यांगों के इस हेतु 97 आवेदन प्राप्त हुये। (ग) वर्ष 2013-14 में 97 आवेदन प्राप्त होकर उनसे 07 आवेदकों को भारत सरकार के उपक्रम एलिम्कों जबलपुर द्वारा वर्ष 2015 में मोटोराईज्ड ट्राईसाईकिल का वितरण किया गया तथा 90 आवेदनों की सूची एलिम्कों जबलपुर को मोटोराईज्ड ट्राईसाईकिल वितरण हेतु प्रेषित की गई। (घ) उल्लेखित वर्षों में रतलाम जिले में कुल 136 आवेदन प्राप्त हुये, जिसमें से 24 हितग्राहियों को रतलाम नगर/ग्रामीण, आलोट, जावरा, सैलाना स्थानो पर जिन दिव्यांगों को मोटोराईज्ड ट्राईसायकिल दी गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। उक्ताशय से (ख) अवधि में जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 7 व्यक्तियों को मोटोराईज्ड ट्राईसायकिल प्रदान की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार।
ग्रामीण महाविद्यालयों के संबद्धता शुल्क के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
208. ( क्र. 5509 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में विश्वविद्यालय परिनियम 27 के अंतर्गत ग्रामीण महाविद्यालयों से 50 प्रतिशत संबद्धता शुल्क लिये जाने का प्रावधान है? तो क्या नियम के अनुसार महाविद्यालयों से 50 प्रतिशत संबद्धता शुल्क लिया जा रहा हैं? (ख) यदि हाँ, तो विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा इस नियम का पालन किया जा रहा है तथा क्या इस प्रकार के नियम बरकतउल्ला वि.वि. भोपाल, जीवाजी वि.वि. ग्वालियर एवं अन्य वि.वि. में लागू हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या संबद्धता शुल्क व अन्य किसी प्रकार के शुल्क में वृद्धि करने से पहले म.प्र. की समन्वय समिति से अनुमति लेना आवश्यक है? समन्वय समिति की अनुमति लिये बिना शुल्क में वृद्धि नहीं कर सकते हैं? (घ) यदि हाँ, तो कया विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में 2010 से प्रश्न दिनांक तक जो संबद्धता शुल्क एवं अन्य शुल्कों में वृद्धि की गई, उसकी समन्वय समिति से अनुमति ली गई है? साथ ही विक्रम वि.वि. अंतर्गत शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों से समान संबद्धता व निरंतरता शुल्क लिया जा रहा है या नहीं? यदि हाँ,तो किन नियमों के अंतर्गत? नीति व नियमों में दोहरापान किस आधार पर? स्पष्ट करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। परिनियम 27 की कंडिका 4 के प्रावधान अनुसार, कार्यपरिषद की स्वीकृति के आधार पर किया जाता है। (ख) विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा परिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्यपरिषद द्वारा समय-समय पर लिए निर्णय के अनुसार कार्यवाही की है। जी हाँ। (ग) संबद्धता निरंतरता शुल्क में परिवर्तन करने के संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा परिनियम में प्रावधान अनुसार कार्यपरिषद में लिए निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से सत्र 2010 से प्रश्न दिनांक तक संबद्धता शुल्क में परिवर्तन परिनियम 27 की कंडिका 4 के प्रावधान अनुसार, कार्यपरिषद की स्वीकृति के आधार पर किया गया है। शासकीय, अशासकीय महाविद्यालयों में संबद्धता व निरंतरता शुल्क पृथक कार्यपरिषद के निर्णय के आधार पर क्रमशः विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद बैठकों के निर्णय के आधार पर निर्धारित किया गया है।
भर्ती नियमों में संशोधन
[उच्च शिक्षा]
209. ( क्र. 5516 ) श्री विष्णु खत्री : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ 8-6-2015/नियम चार दिनांक 19.07.2017 के परिपत्र के अनुसचिवीय सेवायें (लिपिकीय अमला) के वेतन विसंगति दूर करने के संबंध में विभागीय सेवा भर्ती नियमों में संशोधन किये जाने के निर्देश जारी किये थे? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या वित्त विभाग के प्रश्नांश (क) में दर्शित परिपत्र के अनुसार उच्च शिक्षा संचालनालय एवं शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सेवा भर्ती नियमों में संशोधन कर दिया गया है या नहीं? कब तक नियमों में संशोधन किया जायेगा? यदि सेवा भर्ती नियमों में संशोधन नहीं किया है तो विभाग इन नियमों के संशोधन की मंशा रखता है, यदि हाँ, तो इस पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विभाग प्रश्नांश (क) में दर्शित परिपत्र दिनांक 19.07.2017 के क्रमांक 2 व 3 में दर्शित पदों हेतु दिनांक 1 जनवरी, 2016 को जारी किये गये भर्ती नियमों में सुसंगत संशोधन करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। वित्त विभाग के परिपत्र अनुसार तृतीय संवर्ग में भरती नियम में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियम पूर्ववत यथावत है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। जी हाँ। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ।
भारत उदय अभियान के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
210. ( क्र. 5519 ) सुश्री मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत मानपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने आवेदन प्राप्त हुये, कितने आवेदनों का निराकरण हो गया है तथा कितने आवेदन लंबित है? (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं तथा प्राप्त आवेदनों का क्या निराकरण किया जा रहा है? क्या जो हितग्राही वर्तमान में टूटे फूटे घर में रह रहे हैं तथा 2011 की सर्वे सूची में नाम दर्ज नहीं हैं उनका नाम सूची में जोड़ा जायेगा जिससे हितग्राही को लाभ हो सके? यदि हाँ, तो कैसे तथा समयावधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 15429 आवेदन प्राप्त हुये। 9461 आवेदन पत्रों का निराकरण किया गया है तथा 5968 आवेदन लंबित है। (ख) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अन्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण हेतु 6016 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 1790 आवेदन अपात्र पाये गए। भारत सरकार के निर्देश दिनांक 24.01.2018 के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 19.02.2018 को समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की स्थाई प्रतीक्षा सूची अद्यतन करने की प्रक्रिया बावत् निर्देश प्रसारित किये गये है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
बेरोजगारों हेतु संचालित योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
211. ( क्र. 5520 ) सुश्री मीना सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया के विधानसभा क्षेत्र मानपुर में सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम विभाग द्वारा बेरोजगारी उन्मूलन एवं शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन योजनाओं द्वारा कितने उद्यमियों को लाभ पहुंच रहा है? विधानसभा क्षेत्र मानपुर में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने उद्यमियों को इस योजना से लाभ प्रदान किया गया है? उनकी योजना का नाम, उद्यम, स्वीकृत वर्ष सहित जानकारी दें। (ग) उक्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि आधारित उद्योग जैसे एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज आदि उद्योग लगाने हेतु शिक्षित बेरोजगारों एवं शिक्षित युवा कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिये कोई विशेष अभियान चलाने पर शासन विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो अवगत करावें?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जिला उमरिया के विधानसभा क्षेत्र मानपुर में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा शिक्षित बेरोजगारों को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना संचालित की जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र मानपुर में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल 191 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया वर्षवार लाभांवित हितग्राहियों की योजना का नाम, उद्यम, स्वीकृत की जानकारी निम्नानुसार है :-
योजना का नाम |
वर्ष |
उद्योग संख्या |
सेवा संख्या |
व्यवसाय संख्या |
योग |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
2014-15 |
01 |
01 |
0 |
02 |
2015-16 |
03 |
01 |
0 |
04 |
|
2016-17 |
01 |
0 |
0 |
01 |
|
2017-18 |
02 |
0 |
0 |
02 |
|
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना |
2014-15 |
02 |
16 |
30 |
48 |
2015-16 |
03 |
15 |
21 |
39 |
|
2016-17 |
03 |
29 |
18 |
50 |
|
2017-18 |
03 |
22 |
20 |
45 |
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|
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(ग) जी हाँ। राज्य शासन के द्वारा दिनांक 16.11.2017 को मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना के क्रियान्वयन हेतु आदेश जारी किए गये है जिसके अंतर्गत कृषक पुत्री/पुत्र युवाओं को लाभान्वित किया जायेगा। योजनान्तर्गत उद्योग एवं सेवा क्षेत्र से संबंधित कृषि आधारित उद्योग परियोजनाएं जैसे एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज आदि परियोजनाए स्थापित होगीं।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
212. ( क्र. 5523 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोड़ने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदक पात्र हैं? कितने अपात्र हैं? क्या पात्रों का नाम सूची में जोड़ा जा चुका है? पात्रों को कब तक आवास का लाभ दिया जायेगा? (ख) प्रधानमंत्री आवास के तहत वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है? लक्ष्य के अनुसार कितने आवास स्वीकृत एवं निर्मित कराये गये हैं? आवास निर्माण की प्रगति बतायें? (ग) ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनके आवास निरस्त कर दिये गये हैं? सूची उपलब्ध कराई जावे। ऐसे हितग्राही जिनके द्वारा आवास का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया था, क्या उनके आवास पूर्ण कराये जायेंगे? (घ) ऐसे गांव जिनमें एक भी हितग्राही का नाम आवास हेतु नहीं है उक्त गांव को कब तक जोड़ा जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 3777 आवेदन प्राप्त हुये जिनमें से 2321 पात्र तथा 1456 अपात्र पाये गये है। जी नहीं। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में 7535 का लक्ष्य प्राप्त हुआ। 7003 आवास स्वीकृत किये गए जिसमें से 4313 आवास पूर्ण हो चुके है तथा 2690 आवास प्रगतिरत है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (घ) सभी गांव योजना से जुडे़ हुए है।
नर्मदा सेवा यात्रा संबंधी जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
213. ( क्र. 5524 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा 11 दिसंबर, 2016 से 17 मई, 2017 तक नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई इस यात्रा के कार्यक्रम का आयोजन किस-किस जिले/नगर/कस्बे में किस-किस दिनांक को किया गया? (ख) नर्मदा सेवा यात्रा के आयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि विज्ञापन, VVIP/VIP की सुरक्षा एवं अन्य मदों में व्यय की गई एवं यह व्यय किस विभाग के बजट से किया गया? (ग) क्या वर्ष 2013-14 में नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई थी? यदि हाँ, तो इस कार्य योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या विकास कार्य किये गये एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 11 दिसम्बर, 2016 से दिनांक 15 मई, 2017 तक नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई। स्थानवार/दिनांकवार यात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 11 विभागों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी हाँ, योजनान्तर्गत नर्मदा नदी किनारे स्थित 24 शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज ट्रीटमेन्ट एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज कार्यों हेतु डी.पी.आर. तैयार कराई जा कर स्वीकृति हेतु केन्द्र शासन के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को दिनांक 15.9.2014 को प्रेषित की गई थी। केन्द्र शासन से इन योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से अभी क्रियान्वयन की कार्यवाही नहीं हुई है। 24 नगरों में डी.पी.आर. तैयार कराये जाने पर अभी तक राशि रूपये 3,29,63,884.00 व्यय हुई है।
बंधक भूखण्डों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
214. ( क्र. 5526 ) श्री कमलेश शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल की बाग मुगलिया स्थित गायत्री विहार (अनु. क्रमांक 276 दि. 09.03.2004 ) के कौन-कौन से कुल कितने भूखण्ड नगर निगम भोपाल में बंधक रखे गए थे? बंधक भूखण्डों के नंबर, क्षेत्रफल सहित देवे। (ख) इन्हें कब-कब मुक्त किया गया? तिथि व भूखण्डवार, भूखण्ड क्रमांक, क्षेत्रफल सहित देवें। इनमें भवन निर्माण की कब-कब अनुमति दी गई? (ग) इनकी अद्यतन स्थिति बतावें कि वर्तमान में गायत्री विहार कालोनी के कौन-कौन से भूखण्ड बंधक हैं? (घ) बंधक भूखण्ड (204, 228 से 234 एवं 264 से 266) को बिना बंधक मुक्त कराये भवन निर्माण किया जा चुका है, क्या? यदि हाँ, तो ऐसा कैसे हुआ?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। कामधेनू गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल की बागमुंगलिया स्थित गायत्री विहार अनुक्रमांक 276 दिनांक 09.03.2004 के 68 भू-खण्ड बंधक रखे गये थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ’ अनुसार है। (ख) बंधक भू-खण्डों को मुक्त करने संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। भवन निर्माण की अनुमति प्रदान किये जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र स’ अनुसार है। (ग) वर्तमान में गायत्री विहार कालोनी के भू-खण्ड क्रमांक 204, 228, 229, 230, 231, 232, 233, 234, 264, 265 एवं 266 कुल (11) बंधक है। (घ) नगर तथा ग्राम निवेश के स्वीकृत अभिन्यास क्रमांक 2249/एल.पी./ 20/29/जिला/नग्रानि/2000, भोपाल दिनांक 25.06.2001 के अनुसार स्थल पर भू-खण्डों के क्रमांकों का मिलान न होने के कारण बंधक भू-खण्ड क्रमांक 228 से 234 तक की स्थिति स्थल पर स्पष्ट नहीं हो पा रही है परन्तु उक्त स्थल पर दो भवनों का ढांचा निर्मित पाया गया है जिनकी भवन निर्माण अनुमति उपलब्ध रिकार्ड अनुसार जारी होना नहीं पाया गया। शेष बंधक भू-खण्डों पर स्थल पर भवन निर्माण होना नहीं पाया गया।
रसाइयों को वेतन भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
215. ( क्र. 5529 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दिनांक 01.01.16 से 31.01.18 तक रसाइयों की संख्या वर्षवार, जनपदवार देवें? इन्हें प्रतिमाह कितना दिया जाता? (ख) उपरोक्त अवधि में इनके वेतन पत्र तैयार करने व वेतन जारी करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के नाम भी रसोइयों की संख्या के साथ वर्षवार जनपदवार देवें। (ग) क्या इनका वेतन बैंक खातों के द्वारा दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? बड़वानी जिले में दि. 01.01.16 की स्थिति में जिन बैंकों में रसोइयों का वेतन भुगतान होता था, उन बैंकों के नाम, रसोइयां की संख्या सहित बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जानकारी बैंक नाम, रसोइयों की संख्या दि. 01.01.2017 एवं 01.01.2018 के संदर्भ में भी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। रसोईयों को एक हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। (ग) जी हाँ वर्ष 2015—16 से। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार।
अवैधानिक नियुक्ति पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
216. ( क्र. 5530 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्र. शि./6/28/5/15/1166, दिनांक 23.01.2016, पत्र क्र. शि./6/28/5/15/4571, दिनांक 2/7/4/16, पत्र क्र. शि/6/28/5/15/6852, दिनांक 21/27/10/2016 पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी पृथक-पृथक देवें। अब तक समस्त कार्यवाही की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) इन पत्रों पर कार्यवाही न कर लंबित रखने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इसका कारण भी देवें। (ग) संभागीय उप संचालक ग्वालियर के पत्र क्र. 6039, दिनांक 07.11.2015 के जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। क्या इस पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के नाम पदनाम देकर कारण बतावें। (घ) पत्र क्र. शि/6/28/5/15/6852 में वर्णित उत्तरदायी नियुक्तकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि वे वर्तमान में कहाँ पदस्थापित हैं व विभाग द्वारा इस संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की है तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास के उल्लेखित पत्र श्री सौरभ गौड़ की नगर पालिका शिवपुरी में अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में है। अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा पत्र दिनांक 23.01.2016 के माध्यम से उक्त अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। अपर आयुक्त के अन्य दो पत्र दिनांक 02.04.2016 एवं 27.10.2016 के माध्यम से उपरोक्त जांच प्रतिवेदन दिनांक 23.01.2016 की प्रति संलग्न कर पुनः प्रेषित की गई। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत तत्संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, शिवपुरी से प्रतिवेदन प्राप्त किया गया है साथ ही संबंधित शिकायतकर्ता श्री रघुवीर सिंह यादव, श्री विपिन बिहारी शुक्ला एवं श्री सौरभ गौड़ तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, शिवपुरी को दिनांक 31.08.2017 को समक्ष में सुना गया। प्रकरण में लोकायुक्त कार्यालय के पत्र दिनांक 01.08.2017 तथा आर्थिक अपराध अन्वेषण के पत्र दिनांक 14.07.2017 के तारतम्य में संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास से जानकारी चाही गई, साथ ही उल्लेखित अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, शिवपुरी को भी पक्ष प्रस्तुत करने हेतु पत्र दिनांक 15.12.2017 प्रेषित किया गया है। संबंधित तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, शिवपुरी द्वारा अभिलेखों का अवलोकन करने की वांछा की गई है, तत्संबंध में उन्हें अभिलेख अवलोकन करने की सूचना पत्र दिनांक 11.01.2018 से दी गई है। उल्लेखित कार्यवाही से संबंधित पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट है कि कार्यवाही लंबित नहीं रखी गई है अतैव शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संभागीय उपसंचालक, ग्वालियर के पत्र दिनांक 07.11.2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। उक्त पत्र के दृष्टिगत ही उत्तरांश (क) में उल्लेखित अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा जांच प्रतिवेदन दिनांक 23.01.2016 प्रेषित किया गया है। स्पष्ट है कि संभागीय उपसंचालक ग्वालियर के पत्र पर कार्यवाही की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पत्र क्रमांक 6852 द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में उत्तरदायी नियुक्तिकर्ता अधिकारी का नाम नहीं दिया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश ''क'' अनुसार विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजीव गाँधी जल ग्रहण मिशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
217. ( क्र. 5532 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की डही जनपद क्षेत्र में राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन के तहत दि. 01.01.15 से 25.02.18 तक कितने कार्य किए गए? कार्य नाम, लागत, स्वीकृति दिनांक, कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति सहित देवें। (ख) क्या पूर्ण कार्यों के भौतिक सत्यापन हुआ है? यह भी बतावें कि इनकी D.P.R. पर कितना व्यय हुआ? क्या समस्त डी.पी.आर. संधारित है? (ग) समस्त कार्यों के लिए प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार जितनी फर्मों को भुगतान किया गया, उन फर्मों के नाम, भुगतान राशि, T.D.S. कटौत्रा राशि सहित देवें। यदि T.D.S. नहीं काटा गया? (घ) D.P.R. बनाने के लिए कितनी राशि किन फर्मों को भुगतान की गई एवं कितना T.D.S. काटा गया देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 61 कार्य किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। डी.पी.आर. तैयारी पर रू. 6.06 लाख का व्यय हुआ है। जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
असिस्टेंट प्रोफेसर्स की परिवीक्षा अवधि
[उच्च शिक्षा]
218. ( क्र. 5533 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में अतिथि विद्वानों को नियमित वेतन प्रदाय क्यों नहीं दिया जा रहा है? समस्त संकायों में कितने अतिथि विद्वान कार्यरत हैं? (ख) प्रश्न (क) अनुसार जुलाई 2017 से फरवरी 2018 तक इन्हें कितना वेतन दिया गया? संकायवार, अतिथि विद्वान संख्या सहित माहवार जानकारी देवें। इन्हें कब तक पुराना वेतन प्रदान कर दिया जाएगा? (ग) नियमित वेतन प्रदान न करके अतिथि विद्वानों को प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के विभिन्न अध्ययन शालाओं में अतिथि विद्वान के रूप में कोई भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रसोइयों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
219. ( क्र. 5537 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में दिनांक 01.01.15 से 31.01.18 तक जिला पंचायत उज्जैन में रसोइयों की संख्या माहवार, विधानसभावार देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में जिन बैंकों के माध्यम से इन्हें वेतन भुगतान किया गया की जानकारी बैंक नाम, रसोईया संख्या सहित विधानसभावार देवें। (ग) इन्हें प्रतिमाह कितना वेतन दिया जाता है? उक्त अवधि में ये कब-कब, कितना-कितना था?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) रसोइयों का मानदेय पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से संबंधित रसोइयों के बैंक खातों में भुगतान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) रसोइयों को एक हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। उक्त अवधि में मानदेय एक हजार ही निर्धारित था।
जंक्शन कालोनियों की स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
220. ( क्र. 5538 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र एवं नागदा जंक्शन जिला उज्जैन की कितनी कालोनियों का डायवर्सन शुल्क कब से बकाया है? कालोनी का नाम, बकाया राशि सहित पृथक-पृथक देवें। (ख) उपरोक्तानुसार कितनी कालोनियों का पंजीयन 'रेरा' में हुआ है? नाम सहित देवें। (ग) नागदा जं. स्थित वास्को सिटी व सिंगापुर सिटी में गरीबों के लिए कितनी भूमि आरक्षित की गई है? कुल रकबा, आरक्षित रकबा पृथक-पृथक देवें। इनसे विलेखों के लिए पंजीकृत शुल्क की कितनी राशि जमा की है? (घ) प्रश्न (ग) अनुसार कितनी भूमि विक्रय कर रजिस्ट्री की जा चुकी है? आरक्षित भूमि की स्थिति भी कालोनीवार देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र एवं नागदा जंक्शन जिला उज्जैन में 02 प्रोजेक्ट, आर.एम. धारीवाल टाउनशिप एण्ड ड्रीम सिटी, रेरा में पंजीबद्ध हुए हैं। (ग) नागदा स्थित वास्को सिटी व सिंगापुर सिटी में गरीबों के लिए आरक्षित भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त कॉलोनियों में गरीब वर्ग की भूमि का वर्तमान तक आवंटन न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त कॉलोनियों में गरीब वर्ग की भूमि का वर्तमान तक आवंटन न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
तहसील नलखेड़ा अंतर्गत ग्राम खेलागांव में निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
221. ( क्र. 5559 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर मालवा तहसील नलखेड़ा के अंतर्गत ग्राम खेलागांव में वर्ष 2015-16 में श्ामशान निर्माण हेतु मनरेगा के अंतर्गत कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? क्या शासन द्वारा शमशान स्थल पर शेड़ निर्माण व अन्य सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए राशि रूपये 9.45 लाख स्वीकृत की थी? यदि हाँ, तो उक्त राशि से क्या-क्या निर्माण कार्य किये गये? (ख) प्रश्नांकित निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी/ठेकेदार के माध्यम से कराया गया तथा इसका भौतिक सत्यापन किस अधिकारी के द्वारा कब किया गया? कितनी राशि का भुगतान किस ठेकेदार/एजेंसी को किस-किस दिनांक में किया गया? (ग) क्या प्रस्तावित शमशान स्थल का निर्माण प्राक्कलन अनुसार न किया जाकर आवश्यकताओं की पूर्ति न कर छोटे शेड़ का निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो शमशान स्थल के निर्माण में हुई अनियमितताओं हेतु कौन-कौन व्यक्ति दोषी हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या प्राक्कलन अनुसार संपूर्ण कार्य पूर्ण करवा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वीकृत राशि रू. 9.45 लाख है। स्वीकृत राशि से शमशान शेड निर्माण, सी.पी.टी. निर्माण, भूमि समतलीकरण का कार्य पूर्ण है तथा सड़क का कार्य प्रगतिरत है। (ख) क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत से निर्माण कार्य कराया गया। कार्य का भौतिक सत्यापन उपयंत्री श्री सीताराम जाटव एवं सहायक यंत्री श्री एस.एस. सिसोदिया द्वारा दिनांक 01.12.2017 एवं 07.02.2018 को किया गया है। मजदूरी का भुगतान राशि रू. 1,44,135 जॉबकार्डधारी श्रमिकों के खाते में एवं सामग्री मद में भुगतान राशि रू. 140470 वेण्डरों के खाते में किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कार्य के सम्पादन की स्थिति होने से एवं कार्य प्रचलन में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल नगर निगम अंतर्गत निर्माण कार्य की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
222. ( क्र. 5560 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्न संख्या 3254 दिनांक 27-07-2017 के (ख) भाग में किन-किन शर्तों के आधार पर अनुमति प्रदान किये जाने संबंधी जानकारी एवं (ग) भाग में किन-किन कारणों से लंबित हैं, संबंधी जानकारी चाही गई थी। यदि हाँ, तो उक्त जानकारी के परिप्रेक्ष्य में भोपाल नगर निगम के वार्ड क्रमांक-1 से 10 तक के उपरोक्तानुसार जानकारी प्रकरणवार उपलब्ध करायें। (ख) भोपाल नगर निगम के वार्ड क्रमांक-1 से 10 अंतर्गत 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक नवीन भवन निर्माण/भवन पुनर्निर्माण/व्यावसायिक कॉम्पलेक्स/बहुमंजिला बिल्डिंगस एवं अन्य प्रकार के निर्माणों की अनुमति हेतु किस-किस के द्वारा किस-किस स्थान पर निर्माण हेतु कब-कब अनुमति चाही गई? नामवार, पतेवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित निर्माण अनुमति हेतु लंबित आवेदनों की जानकारी पृथक-पृथक निर्माण की नामवार, पतेवार प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम भोपाल ने प्रतिवेदित किया है कि वार्ड क्रमांक 01 से 10 तक के प्रकरणों में आवेदित कोई भी प्रकरण लम्बित होना नहीं पाया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
तेल एवं गैस आधारित उद्योग स्थापना
[खनिज साधन]
223. ( क्र. 5562 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3255 दिनांक 27/07/2017 के उत्तरांश (ग) अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा शहडोल एवं अनुपपूर जिले में कोल बेस्ट मीथेन (CBM) का कितना-कितना उत्पादन कब-कब से किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत मीथेन गैस उत्पादन हेतु आवश्यक अनुमतियां कब-कब, किस-किस स्तर से प्राप्त की गई विवरण दिया जावें। (ग) संदर्भित प्रश्नांश के उत्तरांश (घ) अनुसार जिन लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है उनमें से तकनीकी पदों पर मध्यप्रदेश के मूल निवासी में से किस-किस पद पर किस-किस को किन योग्यताओं के आधार पर कब-कब रोजगार प्रदान किया गया है तथा चयन की प्रक्रिया क्या निर्धारित की गई थी? नामवार, पतेवार जानकारी देवें। (घ) क्या दमोह जिले में भी तेल एवं गैस आधारित उद्योग स्थापित करने की कार्यवाही प्रचलित है यदि हाँ, तो किस-किस कंपनी द्वारा एवं उद्योग की अद्यतन स्थिति क्या है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा शहडोल में कोल बेस्ट मीथेन (CBM) का मार्च 2017 से फरवरी 2018 तक कुल 154.58 मिलियन मानक क्युबिक मीटर (एम.एम.एस.सी.एम.) उत्पादन किया गया है एवं अनुपपूर जिले में उत्पादन प्रारंभ नहीं किया गया है। (ख) तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुमोदन दिनांक 19.09.2008 के पश्चात प्रश्नाधीन कंपनी के पक्ष में विभाग द्वारा आदेश दिनांक 06.04.2009 से सी.बी.एम. हेतु 495 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर तथा तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुमोदन दिनांक 19.09.2008 के पश्चात प्रश्नाधीन कंपनी के पक्ष में विभाग द्वारा आदेश दिनांक 06.04.2009 से प्रश्नाधीन जिलों में सी.बी.एम. हेतु खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है। (ग) मेसर्स रिलायंस इण्डस्स्ट्रीज लिमिटेड द्वारा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कुल 1298 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है, जिसमें से 541 लोगों को तकनीकी पदों पर योग्यता एवं अनुभव के आधार पर रोजगार प्रदान किया गया है। कंपनी द्वारा अपनाई गई चयन प्रक्रिया उसका आंतरिक विषय है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दमोह जिले में तेल एवं गैस आधारित उद्योग स्थापित करने की कार्यवाही प्रचलित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
224. ( क्र. 5576 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा 27, धारा 28, धारा 29, धारा 38 एवं धारा 39 में क्या-क्या प्रावधान दिया गया है? (ख) म.प्र. जन अभियान परिषद् भोपाल का पंजीयन किस दिनांक को किया? उसके शासी निकाय में किस दिनांक को किस प्रस्ताव के द्वारा किसे हटाकर किसे सदस्य बनाया वर्तमान में कौन-कौन शासी निकाय का सदस्य हैं? (ग) म.प्र. जन अभियान परिषद् ने वर्ष 2012-2013 से 2016-2017 तक धारा 27 एवं धारा 28 के अनुसार किस वर्ष की सूची, संपरीक्षा तथा निरीक्षण से संबंधित कौन-कौन से अभिलेख, दस्तावेज प्रस्तुत किए? प्रति सहित बतावें। (घ) उपरोक्त अवधि में म.प्र. जन अभियान परिषद् को शासन ने कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिए प्राप्त हुई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) धाराओं का उल्लेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' पर हैं। (ख) मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद भोपाल का पंजीयन दिनांक 4/7/1997 को किया गया हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी का संधारण मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के अंतर्गत रजिस्ट्रार कार्यालय में किये जाने का प्रावधान नहीं हैं। (ग) प्रश्नांकित अवधि में संस्था द्वारा दिनांक 16/2/2016, 6/2/2018 को रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रस्तुत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' पर हैं। (घ) प्रश्नांकित जानकारी संस्था से प्राप्त की गई जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' पर हैं।
निजी भूमि को पृथक किए जाने
[वन]
225. ( क्र. 5993 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव ने राज्य के लगभग एक लाख किसानों से संबंधित भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित वनखण्डों में शामिल निजी भूमि को पृथक किए जाने के संबंध में दिनांक 1 जून, 2015 को जारी आदेश का प्रश्न दिनांक तक भी राज्य के किसी भी जिले में पालन नहीं किया जा सका है? (ख) मुख्य सचिव ने दिनांक 1 जून 2015 के आदेश में वनखण्डों में शामिल निजी भूमियों को पृथक किए जाने के क्या-क्या निर्देश दिए? इसके अनुसार किस जिले में वनखण्डों में शामिल कितनी भूमि में से कितनी भूमि वनखण्डों के बाहर प्रश्न दिनांक तक कर दी गई है? (ग) मुख्य सचिव ने दिनांक 1 जून, 2015 के आदेश में वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्ट्री, कम्पार्टमेंट हिस्ट्री एवं वनकक्ष मानचित्र में बिना मुआवजा निर्धारण के शामिल निजी भूमि को पृथक किए जाने का आदेश क्यों नहीं दिया? निजी भूमियों को इन अभिलेखों एवं मानचित्रों में किन प्रावधानों के अनुसार शामिल किया गया है। (घ) मुख्य सचिव वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, कम्पार्टमेंट हिस्ट्री एवं मानचित्र से निजी भूमि को पृथक करवाए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही कर रहे हैं? कब तक करेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) मुख्य सचिव का निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी राजस्व विभाग से संकलित की जा रही है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित वनखण्डों में शामिल भूमियों को पृथक करने की कार्यवाही वन व्यवस्थापन अधिकारी के रूप में कार्यरत् अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा की जाती है। उक्त कार्यवाही उपरान्त ही वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्ट्रर, कम्पार्टमेन्ट हिस्ट्री एवं वनकक्ष मानचित्र से निजी भूमि को पृथक करने की कार्यवाही की जाती है। अतः पृथक आदेश जारी करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनें
[वन]
226. ( क्र. 5994 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव ने बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनों के संबंध में राज्य शासन की पुनर्विचार याचिका आई.ए. क्रमांक 791-792 में दिनांक 1 अगस्त, 2003 एवं ग्वालियर हाई कोर्ट की याचिका क्रमांक 1413/2002 में दिनांक 8 सितम्बर, 2006 को दिए आदेश के बाद भी वन संरक्षण कानून 1980 के दायरे में बताया जाकर दिनांक 24 दिसम्बर, 2014 को आदेश जारी किए हैं? (ख) आदेश दिनांक 1 अगस्त, 2003 एवं दिनांक 8 सितम्बर, 2006 को बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज कितनी-कितनी जमीनों के संबंध में क्या-क्या आदेश दिया है? इन आदेशों का उल्लेख मुख्य सचिव के आदेश दिनांक 24 दिसम्बर, 2014 में नहीं दिए जाने का क्या कारण रहा है? (ग) बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के अनुसार किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमि है। इन भूमियों को वन विभाग को अन्तरित करने का प्रावधान भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिया जाकर मुख्य सचिव को क्या-क्या अधिकार दिया है? (घ) मुख्य सचिव दिनांक 24 दिसम्बर, 2014 को बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए आरक्षित जमीनों को अन्तरित किए जाने के आदेश कब तक निरस्त करेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) आदेश दिनांक 01.08.2003, 08.09.2006 के ओदश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मुख्य सचिव का पत्र दिनांक 24.12.2014, उक्त न्यायालयीन आदेशों की मूल भावना के अनुकूल होने से इन आदेशों को मुख्य सचिव के पत्र में उल्लेख किये जाने की बाध्यता नहीं है। (ग) जानकारी राजस्व विभाग से एकत्रित की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में मुख्य सचिव का आदेश विधि सम्मत् होने से आदेश निरस्त करने का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।