मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च 2017 सत्र


गुरूवार, दिनांक 23 फरवरी 2017


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर


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पवई विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत डी.पी. सुधार

[ऊर्जा]

1. ( *क्र. 772 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र के पवई एवं शाहनगर जनपद पंचायतों में कितने डी.पी. एवं पोल क्षतिग्रस्त स्थिति में हैं? ग्रामवासियों/पंचायतों द्वारा उक्‍त हितग्राहियों द्वारा डी.पी. एवं पोल के लिये कितने हितग्राहियों ने आवेदन किये हैं? हितग्राहियों के आवेदन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) उक्‍त क्षतिग्रस्‍त डी.पी./पोल का सुधार कार्य कब तक किया जावेगा? (ग) क्‍या विभाग द्वारा उक्‍त में से कोई ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल को अन्‍यत्र स्‍थान पर लगाने की कोई कार्य योजना है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) पन्‍ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र के पवई जनपद पंचायत क्षेत्रान्‍तर्गत 4 डी.पी. स्‍ट्रक्‍चर/ट्रांसफार्मर एवं 104 पोल तथा शाहनगर जनपद पंचायत क्षेत्रान्‍तर्गत 18 डी.पी. स्‍ट्रक्‍चर/ट्रांसफार्मर एवं 154 पोल, भिन्‍न-भिन्‍न तिथियों में आई आंधी/तूफान के कारण से क्षतिग्रस्‍त हुए हैं। इन क्षतिग्रस्‍त डी.पी. स्‍ट्रक्‍चर/ट्रांसफार्मरों एवं पोलों से सम्‍बद्ध उपभोक्‍ताओं में से 3 हितग्राहियों/उपभोक्‍ताओं यथा (1) ग्राम बड़खेरा के आवेदक सरपंच एवं समस्‍त ग्रामवासी (2) ग्राम चौमुखा के आवेदक श्री रामप्रकाश तिवारी (3) ग्राम सुडोर के आवेदक श्री सोनू शुक्‍ला द्वारा आवेदन पत्र संबंधित कार्यालय में दिए गए। प्राप्‍त आवेदनों पर त्‍वरित कार्यवाही करते हुए सर्वे उपरान्‍त प्राक्‍कलन स्‍वीकृत कर कार्य आदेश जारी किये जा चुके हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाये गये कार्य प्रगति पर हैं, जिन्‍हें दिनांक 31.03.2017 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्‍त क्षतिग्रस्‍त ट्रांसफार्मर/पोलों को अन्‍यत्र स्‍थान पर लगाने की कोई योजना नहीं है। 

बरबटी उद्वहन सिंचाई योजना को पूर्ण किया जाना

[नर्मदा घाटी विकास]

2. ( *क्र. 602 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में स्‍वीकृत बरबटी उद्वहन सिंचाई योजना में अब तक कितना कार्य हुआ है? उपरोक्‍त उद्वहन सिंचाई योजना के निर्माण कार्य में विलंब होने के क्‍या कारण हैं? (ख) किसानों के हित में उक्‍त सिंचाई योजना शीघ्र पूर्ण करने हेतु क्‍या शासन निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) ठेकेदार द्वारा बरबटी लिंक सिंचाई योजना का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। योजना का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। निर्माण कार्य की डिजाईन, ड्राइंग में विलंब के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ है। (ख) जी हाँ। निर्देश जारी किये जा रहे हैं।

अवैध शराब की बिक्री पर प्रतिबंध

[वाणिज्यिक कर]

3. ( *क्र. 1225 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में आबकारी विभाग की कितनी देशी एवं विदेशी शराब की दुकानें संचालित हैं? सभी दुकानों का नाम, संचालक फर्म का नाम, पता, रजिस्ट्रेशन नम्बर, ठेके की वैधता सम्‍बन्‍धी जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) अनुसार दी गई दुकानों से ही शराब बेचने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो निरंतर क्षेत्र के गांवों एवं शहरों से अवैध शराब (कच्ची एवं पक्की) बिक्री की आ रही शिकायतों में क्यों वृद्धि हो रही है? अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में किये गये दौरों की वर्ष जनवरी 2014 से आज दिनांक तक की लॉग बुक की छायाप्रति दें। (ग) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में वर्ष जनवरी 2014 से आज दिनांक तक विभाग द्वारा कितने प्रकरण (अवैध शराब बिक्री की सभी मान्य धाराएं) दर्ज किये गये। दिनांकवार प्रकरण दर्ज करने वाले अधिकारी के नाम सहित जानकारी दें, साथ ही यह भी दर्शायें की प्रकरण पर कार्यवाही की गई है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई। सभी प्रकरणों के विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही के दस्तावेजों एवं पत्राचार की छायाप्रति दें। (घ) मुलताई विधानसभा क्षेत्र से संबंधित उपरोक्त विषय के मामले जो मा. न्यायालयों में चल रहे हैं, में विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति की विगत दो वर्षों की संपूर्ण जानकारी, संबंधित अधिकारी के नाम सहित दें?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में आबकारी विभाग की 14 देशी मदिरा दुकानें एवं 04 विदेशी मदिरा दुकानें संचालित हैं। समस्‍त 18 मदिरा दुकानों का नाम, संचालक फर्म का नाम, पता, रजिस्‍ट्रेशन नम्‍बर, ठेके की वैधता संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।        (ख) जी हाँ। उत्‍तर (क) में वर्णित लायसेंसी दुकानों से ही शराब बेचने का प्रावधान है। क्षेत्र में महिला संगठनों की सक्रियता से आयी जन जागरूकता एवं सी.एम. हेल्‍प लाईन, जन सुनवाई जैसे उचित फोरम के कारण गांवों एवं शहरों से अवैध शराब (कच्‍ची एवं पक्‍की) बिक्री की शिकायतों में वृद्धि हुई है। अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में स्थित आबकारी केन्‍द्रों के निरीक्षण एवं उपलंभन कार्य हेतु वर्ष जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में किये गये दौरों से संबंधित वाहन लॉग बुक की प्रमाणित छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में वर्ष जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध शराब के कुल 609 न्‍यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। दिनांकवार प्रकरण दर्ज करने वाले अधिकारी के नाम सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। जी हाँ, प्रकरण पर कार्यवाही की गई है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से संबंधित अभिलेखों की प्रमाणित छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) क्षेत्र से संबंधित उपरोक्‍त विषय के कुल 03 प्रकरण सक्षम न्‍यायालय में विचाराधीन हैं। विगत दो वर्षों की संपूर्ण जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है।

132 के.व्ही. ग्रि‍ड की स्थापना

[ऊर्जा]

4. ( *क्र. 559 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 10.01.2016 को खाचरौद प्रवास के दौरान अन्‍त्‍योदय मेले में घोषणा की गयी थी कि ग्राम गढ़ी भैसोला में 132 के.व्ही. ग्रिड की स्थापना शीघ्र की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक प्रारम्भ हो जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम भैसोला, जिला उज्‍जैन में 132 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र की स्‍थापना के कार्य की प्रशासनिक स्‍वीकृति दी जा चुकी है। इस कार्य को 13वीं पंचवर्षीय योजना में सम्मिलित किया गया है। इस हेतु वित्‍तीय संसाधन जुटाने के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वित्‍तीय संसाधन उपलब्‍ध होते ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

कैनाल कार्य में अनियमितता

[नर्मदा घाटी विकास]

5. ( *क्र. 1166 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 06 दिसम्‍बर 2016 में मुद्रित परि.अता.प्रश्‍न संख्‍या 100 (क्र. 1296) के दिए गए उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में 78,93,235/- रूपये की पी.एफ. राशि में से अभी तक संबंधितों के खाते में कितनी राशि जमा कर दी गई? (ख) यदि नहीं, तो संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध अधिनियम में वर्णित प्रावधानों के तहत क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही विवरण एवं दस्‍तावेज सहित बताएं तथा ऐसी स्थिति में अधिनियम में क्‍या प्रावधान हैं? प्रतियां उपलब्‍ध करावें (ग) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा प्रमुख सचिव नर्मदा घाटी को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1713, दिनांक 19/12/2016 लिखा गया, उस पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) रूपये 78,93,235/- पी.एफ. की राशि ठेकेदार से वसूल कर ली गई है। कर्मचारियों के पी.एफ. विवरण प्राप्‍त होने पर संबंधितों के खाते में जमा की जावेगी। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में अब कोई कार्यवाही आवश्‍यक नहीं है। (ग) पत्र विभाग में प्राप्‍त नहीं हुआ है।

विद्युत बिलों की समीक्षा

[ऊर्जा]

6. ( *क्र. 511 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधान सभा में दिये गये भाषण दिनांक 14.03.2016 को सदन में बताया गया था कि मऊगंज विधान सभा में अकेले 80,000 मीटर खराब हैं। रीडिंग नहीं ली जाती है। औसत बिल के नाम पर उपभोक्‍ता के साथ अन्‍याय हो रहा है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में कितने मीटर बदले गये? ग्रामवार संख्‍या उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा 27 सितम्‍बर 2016 को मऊगंज एवं दिनांक 09.09.2016 को हनुमना में किये गये एक दिवसीय घेराव (धरना) में एम.पी.ई.बी. की विभिन्‍न समस्‍याओं से संबंधित प्राप्‍त आवेदनों पर निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो प्रत्‍येक आवेदन पर किये गये निराकरण का विवरण, आवेदक का नाम, पूर्ण पता सहित समस्‍या का विवरण, निराकरण का विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्‍यों एवं इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही होगी? (घ) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र मऊगंज में जाँच/चेकिंग के नाम पर अनियमितता/विद्युत चोरी का कारण बताकर ऊर्जा क्षति के नाम पर फर्जी तरीके से रूपये वसूले गये हैं, जबकि स्‍थल पर ऐसा नहीं किया गया, क्‍या इसकी समीक्षा करायेंगे? ऐसे प्रकरण का निराकरण करायेंगे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) दिनांक 01.04.2016 की स्थिति में मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत 14359 मीटर खराब थे। जी नहीं, अपितु स्‍थापित मीटरों की नियमानुसार रीडिंग ली जाती है। मीटर बंद/खराब होने की स्थिति में विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.35 में निहित प्रावधानों के अनुसार आंकलित खपत एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दरें आदेश के अनुसार ही बिल दिये जाते हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में 2708 मीटर बदले गये हैं जिनकी ग्रामवार संख्‍या पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) दिनांक 27.08.2016 को मऊगंज में एक दिवसीय प्रदर्शन एवं दिनांक 09.09.2016 को हनुमना में आयोजित शिकायत निवारण शिविर में प्राप्‍त सभी आवेदनों का यथोचित निराकरण कर दिया गया है, जिसका विवरण क्रमश: पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) मऊगंज विधानसभा क्षेत्र में जाँच/चेकिंग के दौरान विद्युत चोरी पाए जाने अथवा विद्युत का अनाधिकृत उपयोग पाए जाने पर वास्‍तविकता के आधार पर ही प्रकरण बनाए गए हैं, अत: प्रश्‍न ही नहीं उठता। तथापि नियम विरूद्ध बनाया गया कोई प्रकरण यदि संज्ञान में लाया जायेगा, तो उक्‍त प्रकरण की जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। 

प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

7. ( *क्र. 987 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्‍न संख्‍या 19 (क्रमांक 1260), दिनांक 11.03.2016 का गलत जवाब दिये जाने के कारण प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव मध्‍यप्रदेश शासन को प्रेषित पत्र क्रमांक ए-1318/उ.द./2016 दिनांक 12.06.2016 कलेक्‍टर, जिला उज्‍जैन को प्रेषित पत्र क्रमांक  ए-1321/उ.द./2016 दिनांक 12.06.2016 जो कि 20.06.2016 को संबंधित को प्राप्‍त हुआ, वरिष्‍ठ जिला पंजीयक महोदय के संबंध में विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक               ए-1319/उ.द./2016 दिनांक 12.06.2016 जो कि 20.06.2016 को संबंधित को प्राप्‍त हुआ? उक्‍त पत्रों के संबंध में विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही का विस्‍तृत ब्‍यौरा प्रस्‍तुत करें तथा उक्‍त संबंध में प्रश्‍नकर्ता को कब जानकारी उपलब्‍ध कराई तथा चाही गई जानकारी मय दस्‍तावेजों के उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) की जानकारी अनुसार प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर संबंधित अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही नहीं करते हुये नियत समयावधि में कोई जबाव नहीं देने के लिए कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1260 दिनांक 11/03/2016 के संबंध में प्रश्‍नकर्ता का पत्र क्रमांक ए-1318/उ.द./2016, दिनांक 12/06/2016 के संबंध में विभागीय पत्र क्रमांक-बी-15-24/2016/2/पाँच, दिनांक 17 अक्‍टूबर, 2016 द्वारा प्रकरण की वस्‍तुस्थिति से विधानसभा सचिवालय को अवगत कराया जा चुका है। जिसकी छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कलेक्‍टर उज्‍जैन को प्रेषित पत्र क्रमांक ए-1321/उ.द./2016 एवं वरिष्‍ठ जिला पंजीयक उज्‍जैन को प्रेषित पत्र क्रमांक ए-1319/उ.द./2016, दिनांक 12/06/2016 के संबंध में वरिष्‍ठ जिला पंजीयक उज्‍जैन द्वारा प्रश्‍नकर्ता को पत्र क्रमांक 527/जि.पं./बा.मू./गा.ला./2016 दिनांक 22/06/2016 द्वारा वस्‍तुस्थिति से अवगत कराया गया था। जिसकी छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''एक''

अवैध शराब की बिक्री पर रोक

[वाणिज्यिक कर]

8. ( *क्र. 702 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) अवैध शराब रोकने हेतु शासन की क्‍या नीति नियम निर्देश हैं? क्‍या इन नीति नियम निर्देशों का पालन बालाघाट जिले में किया जा रहा है? नहीं तो क्‍यों? संपूर्ण जिले में     गांव-गांव अवैध शराब बिक्री हेतु कौन उत्‍तरदायी है? (ख) वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक बालाघाट जिले में कहाँ-कहाँ अवैध शराब विक्रय, भण्‍डारण और आबकारी एक्‍ट अंतर्गत कितने प्रकरण दर्ज किये गये प्रकरणवार जानकारी देवें? इन मामलों को माननीय न्‍यायालय में कब प्रस्‍तुत किया गया और किन-‍किन प्रकरणों का निराकरण कराया गया? (ग) संपूर्ण बालाघाट जिले में गांव-गांव में बिक रही अवैध शराब, अवैध भण्‍डारण आदि के संबंध में क्‍या विभाग विशेष निर्देश देकर अभियान चलाकर समुचित कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) विगत दो वर्षों में जनता, जनप्रतिनिधियों द्वारा जिले की किन-किन शराब दुकानों को हटाने की मांग की है? उन पर अब तक विभाग ने क्‍या कार्यवाही की है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत अवैध शराब का विक्रय, भण्‍डारण, परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण रखे जाने हेतु अधिनियम की धारा 34 (1) (2) धारा 36, धारा 54 एवं धारा 49 में प्रावधानित है। जिसमें उल्‍लेखित विभिन्‍न प्रावधानों/विविध उपबंधों का पालन बालाघाट जिले में किया जा रहा है। जिले के गाँव-गाँव में शराब मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा घोषित आबकारी नीति वर्ष 2016-17 एवं तदविषयक शासन एवं सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी नियमों/निर्देशों व आबकारी अधिनियमों के प्रावधानों के अनुसार ही जिले की लायसेंस प्राप्‍त दुकानों से ही शराब का विक्रय किया जा रहा है। जिले में किसी भी स्‍थान से शराब के अवैध विक्रय, धारण, निर्माण, परिवहन आदि से संबंधित किसी भी प्रकार की प्राप्‍त सूचनाओं/शिकायतों पर आबकारी विभाग एवं पुलिस विभाग बालाघाट द्वारा सक्षम कार्यवाही की जाती है। (ख) जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक आबकारी/पुलिस विभाग द्वारा शराब के अवैध विक्रय, धारण, निर्माण, परिवहन आदि से पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरणों एवं उनको माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत करने का दिनांक तथा पारित निर्णयों की प्रकरणवार सूची की जानकारी क्रमश: पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक एवं परिशिष्‍ट-दो अनुसार है। (ग) आबकारी आयुक्‍त मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 6-ब/अप./2016-17/248 दिनांक 29.07.2016 के माध्‍यम से प्रदेश के सभी जिलों में दिनांक 01.08.2016 से 15.08.2016 तक की अवधि में शराब के अवैध निर्माण, परिवहन, विक्रय धारण आदि गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्‍य से विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये थे, जो निरंतर जारी हैं।      (घ) वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक जनप्रतिनिधियों द्वारा जिले की शराब दुकानों को हटाने की मांग/शिकायत से संबंधित प्राप्‍त पत्रों एवं उन पर की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्रतीन अनुसार है।

अनुदान योजना के तहत स्‍थाई पंप कनेक्‍शन का प्रदाय

[ऊर्जा]

9. ( *क्र. 295 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत शासन की अनुदान योजना के तहत स्‍थाई पंप कनेक्‍शन हेतु वर्ष 2013-14 में एवं 2014-15, 2015-16 में 31 मार्च 2016 तक कितने आवेदन म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड छिंदवाड़ा के संबंधित कार्यालयों को प्राप्‍त हुए हैं? (ख) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2013-14 से वर्ष 2014-15, 2015-16 में दिनांक 31 मार्च 2016 तक अनुदान योजना के अन्‍तर्गत कितने स्‍थाई पंप कनेक्‍शन प्रदान किये गये? ग्रामवार बतावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में ''कृषक अनुदान योजना'' के अंतर्गत स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन हेतु वर्ष 2013-14 में 7, वर्ष 2014-15 में 18 एवं वर्ष 2015-16 में 21 इस प्रकार प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल 46 आवेदन म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संबंधित कार्यालयों में प्राप्‍त हुए हैं। (ख) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2013-14 में 7, वर्ष 2014-15 में 18 एवं वर्ष 2015-16 में 21 इस प्रकार प्रश्‍नाधीन अवधि में प्राप्‍त सभी 46 आवेदनों के कार्य पूर्ण कर स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन प्रदान कर दिए गए हैं। उक्‍तानुसार दिये गये स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शनों का ग्रामवार एवं वर्षवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''दो''

सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं को अनुदान

[संस्कृति]

10. ( *क्र. 1208 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्‍थाओं को अनुदान हेतु चयनित किये जाने एवं प्रदान किये जाने की क्या प्रक्रिया एवं नियम हैं और किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किन अनुशंसाओं के आधार पर किया जाता है।       (ख) कटनी जिले में वर्ष 2012-13 से वर्तमान तक किन-किन संस्थाओं को       किन-किन आयोजनों हेतु कब-कब एवं कितना-कितना अनुदान किस-किस की अनुशंसा पर किस नियम के तहत स्‍वीकृत किया गया? संस्था का नाम, पता, पंजीयन एवं संचालक मंडल की जानकारी सहित बतायें। क्‍या इन संस्‍थाओं द्वारा अनुदान हेतु कोई आवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो दस्‍तावेज उपलब्‍ध करायें? यदि नहीं, तो किस आधार पर अनुदान स्‍वीकृत किया गया? (ग) प्रश्नांश () के तहत इन संस्थाओं द्वारा कहाँ-कहाँ एवं कब-कब, क्या कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, कार्यक्रमवार व्‍यय राशि का पूर्ण विवरण बतायें एवं क्‍या संस्‍था द्वारा व्‍यय की गई राशि का परीक्षण एवं सत्‍यापन किसी अधिकारी द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो विवरण बतायें एवं यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या संस्थाओं के चयन एवं अनुदान राशि के उपयोग में नियमानुसार कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या सक्षम प्राधिकारी ऐसा होने का सत्यापन करेंगे? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेगी?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्राम चचाई में 660 मेगावाट ताप विद्युत गृह का निर्माण

[ऊर्जा]

11. ( *क्र. 411 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा जिला अनूपपुर प्रवास के दौरान ग्राम चचाई, जिला अनूपपुर में 660 मेगावाट ताप विद्युत गृह निर्माण किये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा के क्रियान्‍वयन हेतु क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्‍नांकित ताप विद्युत गृह निर्माण में कितनी राशि व्‍यय होगी तथा निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई, जिला अनूपपुर की सेवानिवृत्‍त इकाईयों (क्र. 3 एवं 4) के स्‍थान पर 660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल इकाई की स्‍थापना किये जाने के संबंध में परियोजना संभाव्‍यता अध्‍ययन हेतु मेसर्स डेजिन, नई दिल्‍ली को आदेश जारी किया जा चुका है। उक्‍त आदेशानुसार कार्य प्रगति पर है। टर्म्‍स ऑफ रिफरेंस, पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन, अध्‍ययन, पर्यावरणीय स्‍वीकृति, ''पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय'' भारत शासन से प्राप्‍त करने हेतु परामर्शदाता नियुक्‍त करने के लिये ई-निविदा जारी की जा चुकी है। (ख) उपरोक्‍त प्रस्‍तावित परियोजना के निर्माण कार्य में होने वाले व्‍यय का आँकलन तथा निर्माण कार्य प्रारंभ करने की तिथि सलाहकार द्वारा फाइनल डी.पी.आर. प्रस्‍तुत करने के उपरान्‍त ही संभव होगा। अत: व्‍यय होने वाली राशि एवं निर्माण कार्य प्रारंभ किये जाने की तिथि संबंधी जानकारी वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं है। 

दुकानों/प्रतिष्‍ठानों से विक्रय कर की वसूली

[वाणिज्यिक कर]

12. ( *क्र. 945 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के अंदर स्‍थापित दुकानों एवं प्रतिष्‍ठानों के बकाया वैट की राशि वसूली के लिए विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश () के संदर्भ में समय-सीमा पर टैक्‍स शासन के खजाने में जमा न करने हेतु कौन दोषी है? दुकानदार अथवा अधिकारी। दोषियों की सूची उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा बकाया टैक्‍स कब तक वसूल कर लिया जावेगा? वसूली न होने पर कौन जिम्‍मेदार होंगे एवं उनके विरूद्ध कौन-सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही कब तक की जावेगी।

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) रीवा जिले के अंदर स्‍थापित दुकानों एवं प्रतिष्‍ठानों (व्‍यवसाईयों) के बकाया वैट की राशि वसूली के लिये मध्‍यप्रदेश वेट अधिनियम 2002 एवं मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता के प्रावधानों के तहत वसूली की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। (ख) व्‍यवसाईयों से बकाया कर की वसूली का कार्य एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। समय से देय कर जमा नहीं करने पर ब्‍याज के प्रावधान हैं अत: किसी अधिकारी/व्‍यवसायी को दोषी नहीं ठ‍हराया गया। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं () में जैसा बताया गया है कि वसूली राजस्‍व संग्रहण की कार्यवाही एक निरंतर प्रक्रिया है, वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में रीवा जिले से कुल राजस्‍व रू. 22855.55 लाख संग्रहित किया गया था जिसमें नगद बकाया वसूली की राशि रू. 1308.77 लाख सम्मिलित है। इसी प्रकार वित्‍तीय वर्ष 2016-17 (दिसम्‍बर 16 तक) में रीवा जिले से कुल राजस्‍व रू. 14431.44 लाख संग्रहित किया गया है जिसमें नगद बकाया वसूली की राशि रू. 644.70 लाख सम्मिलित है। प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर अनुसार राजस्‍व संग्रहण एवं बकाया वसूली एक नियमित प्रक्रिया के तहत निरंतर की जा रही है, इसलिए किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है।

अनियमित भुगतान के दोषियों पर कार्यवाही

[नर्मदा घाटी विकास]

13. ( *क्र. 519 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बरगी डायवर्जन परियोजना की सतना-रीवा मुख्‍य नहर (बरगी दायीं तट नहर) आर.डी. कि.मी 154.050 से आर.डी.‍ कि.मी. 196.650 तक और बरगी डायवर्जन परियोजना पूर्ण वितरण प्रणाली सहित नागौद (सतना) शाखा नहर आर.डी. कि.मी. 0.00 से आर.डी. कि.मी. 33.175 तक के दो कार्यों हेतु टर्नकी आधार पर वर्ष फरवरी 2009 में कार्यादेश दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त कार्य को पूर्ण करने की कार्यावधि क्‍या थी? ठेकेदार को कब-कब, किस-किस माध्‍यम से भुगतान किया गया? क्‍या कार्य निर्धारित समय एवं अनुबंधानुसार कराया गया? क्‍या कार्य पूर्ण करने हेतु कार्यावधि भी बढ़ायी गई? अगर बढ़ायी गई तो अनुबंध के शर्तों के अनुसार लागत में वृद्धि कर ठेकेदार को लाभ पहुँचाया गया? अगर वृद्धि की गई तो किस मान से? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कार्यपालन यंत्री (ई.ई.) एन.डी. संभाग क्रमांक 07, सतना (नागौद शाखा नहर) और कार्यपालन यंत्री एन.डी. संभाग क्रमांक 09 मैहर (सतना-रीवा मुख्‍य नहर) के अभिलेखों की जाँच दिसम्‍बर 2014 में की गई, जाँच में 99.69 लाख रूपये का अधिक भुगतान ठेकेदार को करना पाया गया? (घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) हां, तो क्‍या फर्जी दस्‍तावेज, बिल-वाऊचर तैयार कर भारत सरकार द्वारा प्रकाशित मूल्‍यांक से ज्‍यादा की गणना कर भुगतान करने के लिए संबंधित दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरूद्ध आपराधिक गबन का प्रकरण दर्ज कराते हुए राशि की वसूली ब्‍याज सहित करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्य अवधि कार्यादेश दिनांक से 30 माह एवं 40 माह थी। ठेकेदार को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ एवं ‘’’’ अनुसार है। जी नहीं। जी हाँ। अनुबंध की कंडिका 113.2 के प्रावधानुसार ठेकेदार को किये गये कार्य पर मूल्‍यवृद्धि का भुगतान किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। महालेखाकार द्वारा आपत्ति उठाई गयी थी। (घ) प्रश्‍नांकित दोनों अनुबंध वर्ष 2009 में किये गये थे। उस समय (आधार वर्ष 1994-95) लागू मूल्‍य सूचकांक के आधार पर प्रावधानों के अनुसार गणना कर मूल्‍यवृद्धि का भुगतान फरवरी/मार्च 2010 से किया जा रहा था। जिनका महालेखाकार दल द्वारा नियमित परीक्षण किया जाता रहा है एवं इस बावत् कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई। वर्ष 2014-15 में (आधार वर्ष 2004-05) के आधार पर सितम्‍बर 2010 से प्रभावशील पुनरीक्षित सीरीज के अनुसार अधिक भुगतान की बात कही गई है। तद्नुसार अनुबंध की कंडिका 108.2 में निहित प्रावधानों के अनुसार कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 7 सतना द्वारा राशि रूपये 51.76 लाख एवं कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 9 मैहर द्वारा राशि रूपये 45.52 लाख ठेकेदार के चलित देयकों से समायोजन कर महालेखाकार को सूचित कर दिया गया है। मुख्‍य अभियंता द्वारा उक्‍त अ‍वधि में पदस्‍थ अधिकारियों को गलत सूचकांक पर आधारित भुगतान करने हेतु ‘’कारण बताओ सूचना पत्र’’ जारी किये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में दर्ज प्रकरण की जाँच

[सामान्य प्रशासन]

14. ( *क्र. 1246 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कार्यालय आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ (ई.ओ.डब्‍लू.) सचिन तेन्‍दूलकर मार्ग ग्‍वालियर का पत्र क्रमांक 3509, दिनांक 18.10.2016 जारी किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत जिला योजना कार्यालय भिण्‍ड का पत्र क्र. 2265, दिनांक 28.11.2006 के अंतर्गत शासकीय संस्‍थाओं को कम्‍प्‍यूटर प्रदाय के लिए क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित किए गए थे? क्‍या मापदण्‍डों का पूर्णत: पालन किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) और (ख) के अंतर्गत जिला योजना भिण्‍ड के कार्यालयीन आदेश क्र. 794795, दिनांक 04.11.99 के द्वारा कम्‍प्‍यूटर प्रोजेक्‍ट योजनान्‍तर्गत शासकीय विद्यालयों में कम्‍प्‍यूटर स्‍थापित करने के लिए 1293000.00 मैसर्स कम्‍प्‍यूटर स्‍टडीज एण्‍ड सर्विसेज रीवा के नाम से जारी की गई? यदि हाँ, तो क्‍यों? सत्‍यापन किसके द्वारा किया गया? (घ) कार्यालय जिला योजना समिति के आदेश क्र. 71, दिनांक 29.1.2000 मैसर्स कम्‍प्‍यूटर स्‍टडीज एण्‍ड सर्विसेज रीवा को 484675.00 प्रति विद्यालय के मान से 6 विद्यालयों को आदेश जारी किया गया? यदि हाँ, तो पुनरावृत्ति कैसे हुई, इसके लिए कौन उत्‍तरदाय‍ी हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में कलेक्‍टर, भिण्‍ड से वांछित जानकारी अपेक्षित है। जानकारी प्राप्‍त होने पर उपलब्‍ध तथ्‍यों के आधार पर विधि सम्‍मत कार्यवाही की जायेगी। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

एवरेज बिल दिए जाने की जाँच

[ऊर्जा]

15. ( *क्र. 1289 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिगंरौली जिले के विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने घरेलू एवं व्‍यवसायिक कनेक्‍शन दिए गए हैं? पृथक-पृथक विवरण दें। उक्‍त कनेक्‍शनों में कितनों में मीटर लगे हैं, कितनों में नहीं? अलग-अलग संख्‍या बताएं। (ख) क्‍या जिन घरेलू एवं व्‍यवसायिक उपभोक्‍ताओं के विद्युत कनेक्‍शनों में मीटर नहीं लगाए गए, उन्‍हें एवरेज (अनुमानित) बिल दिए जा रहे हैं और किस आधार पर दिये जा रहे हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में उपभोक्‍ताओं के यहां विद्युत खपत आंकलन हेतु मीटर लगाकर बिलों को पुनरीक्षित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में पूरे प्रकरण की जाँच कराकर क्‍या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत सभी विधानसभा क्षेत्रों में दिये गये घरेलू एवं गैर घरेलू (व्‍यवसायिक) श्रेणी के मीटरयुक्‍त एवं बगैर मीटर वाले (अनमीटर्ड) कनेक्‍शनों की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

टैरिफ श्रेणी

कुल कनेक्‍शन

मीटरयुक्‍त कनेक्‍शन

अनमीटर्ड कनेक्‍शन

1

घरेलू

66919

65573

1346

2

गैर घरेलू

7461

7461

0

 

(ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन सभी गैर-घरेलू कनेक्‍शनों में मीटर लगाए गये हैं। बिना मीटर वाले घरेलू उपभोक्‍ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार निर्धारित आंकलित खपत के आधार पर नियमानुसार बिल दिए जा रहे हैं। (ग) जिन उपभोक्‍ताओं के यहां मीटर लगने शेष हैं, उनके यहां मीटर लगाने की कार्यवाही की जा रही है। उपभोक्‍ताओं को विद्युत बिल नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया के तहत् दिए गए हैं अत: बिलों को पुनरीक्षित करने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश के अनुसार ही बिना मीटर वाले उपभोक्‍ताओं की बिलिंग की जा रही है। अत: उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी के दोषी होने अथवा किसी प्रकार की जाँच कराए जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। 

महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना की पूर्णता

[ऊर्जा]

16. ( *क्र. 1310 ) श्री राजकुमार मेव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा नदी पर मण्‍डलेश्‍वर में महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना (महेश्‍वर हाईड्रोलिक प्रोजेक्‍ट) के तहत बांध एवं संपूर्ण परियोजना की स्‍वीकृति किस वर्ष में दी गई? इसे कब तक पूर्ण करना था? इसकी लागत क्‍या निर्धारित की गई थी एवं किस कंपनी को यह परियोजना स्‍वीकृत की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में महेश्‍वर जल विद्युत परि‍योजना पर कंपनी द्वारा कुल कितना व्‍यय किया गया एवं किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्‍यय किया? कंपनी द्वारा किये गये व्‍यय का ऑडिट किन-किन संस्‍थाओं द्वारा किस-किस वर्ष में किया गया एवं उसमें कौन-कौन सी आपत्तियां ली गईं? कितनी आपत्तियों का निराकरण किया गया एवं कितनी राशि की आर्थिक अनियमितताएं पाई गईं? (ग) कंपनी द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण कब-कब कार्य पूर्ण करने हेतु कार्यावधि बढ़ाई गई एवं लागत में भी कब-कब कितनी-कितनी वृद्धि की गई? क्‍या कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण कम्‍पनी को हटा दिया गया? उस पर कितनी आर्थिक अनियमितताओं के तहत राशि वसूली योग्‍य है? किस नई कंपनी को यह परियोजना पुन: कितनी लागत के साथ स्‍वीकृत की गई? (घ) प्रश्‍न (क) के संदर्भ में महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना में कितने कर्मचारी, किस-किस वर्ग के कार्य कर रहे थे, कितने कर्मचारियों को वर्तमान में हटाया गया एवं कितने कर्मचारियों को उनके पारिश्रमिक का भुगतान किया जाना शेष है? जिन कर्मचारियों को कार्य से हटाया गया उन्‍हें पुन: कार्य पर लगाया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना की स्‍थापना, संचालन एवं संधारण का कार्य निजी क्षेत्र की कंपनी मेसर्स एस.कुमार्स को एक जनरेटिंग कंपनी के रूप में सौंपने की स्‍वीकृति वर्ष 1992 में दी गई। परियोजना का कार्य प्रारम्‍भ होने से 5 वर्ष की अवधि में पूर्ण किया जाना प्रस्‍तावित था। परियोजना की कुल अनुमानित लागत रू. 736 करोड़ थी। वर्ष 1994 से इस परियोजना का कार्य मे. एस.कुमार्स द्वारा स्‍थापित कंपनी श्री महेश्‍वर हायडल पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। (ख) प्रश्‍नांश की जानकारी निजी कंपनी श्री महेश्‍वर हायडल पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड से संबंधित है। निजी कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार परियोजना पर कंपनी द्वारा दिनांक 31.03.2016 की स्थिति में कुल 5411.15 करोड़ रूपये व्‍यय किए गए। कार्यवार व्यय विवरण निम्‍नानुसार है :-    (1) डिजाइन इंजीनियरिंग एवं कन्‍सलटेंसी-52.56 करोड़ रूपये, (2) सिविल कार्य-896.66 करोड़ रूपये, (3) हायड्रो मैकेनिकल कार्य-301.83 करोड़ रूपये, (4) इलेक्‍ट्रो मैकेनिकल कार्य-302.39 करोड़ रूपये, (5) प्‍लांट एवं मशीनरी-20.66 करोड़ रूपये, (6) प्रि-ऑपरेटिव्‍ह खर्च (आई.डी.सी. व आर.एंड.आर. सहित)-3837.05 करोड़ रूपये। कंपनी द्वारा चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म से समय-समय पर आडिट कराये जाने की जानकारी दी गई है। कंपनी के अनुसार इसमें किसी आर्थिक अनियमितता के पाये जाने का उल्‍लेख नहीं है। अत: प्रश्‍न के शेष भाग संबंधी जानकारी निरंक है। (ग) श्री महेश्‍वर हायडल पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण वर्ष 2006 में परियोजना की पुनरीक्षित लागत 2449 करोड़ रूपये आंकी गई थी। मार्च 2006 में परियोजना से वाणिज्यिक उत्‍पादन मार्च 2010 से प्रारम्‍भ करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया। कार्य पूर्ण न किये जाने के कारण कंपनी को हटाया नहीं गया है। कंपनी के प्रवर्तकों के विरूद्ध एम.पी. स्‍टेट इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा आई.सी.डी. संव्‍यवहार में की गई अनियमितताओं एवं तत्पश्‍चात दिनांक 16.09.2005 में हुये समझौते के तहत् दिनांक 31.12.2016 की स्थिति में वसूली योग्‍य राशि 107.99 करोड़ (ब्‍याज रूपये 85.08 करोड़) की वसूली लंबित है। परियोजना हेतु किसी नई कंपनी का चयन नहीं किया गया है। उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार भारत सरकार की संस्‍था पॉवर फायनेंस कार्पोरेशन एवं ऋण प्रदाता वित्‍तीय संस्‍थाओं द्वारा वर्तमान में कंपनी के प्रबंधन पर नियंत्रण लिया गया है। (घ) प्रश्‍नांश निजी कंपनी श्री महेश्‍वर हायडल पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड से संबंधित है। निजी कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्तमान में परियोजना में वर्कमेन स्‍टाफ एवं पुनर्वास कार्यालय के कुल 91 कर्मचारी एवं 50 अधिकारी कार्यरत हैं। किसी भी कर्मचारी को वर्तमान में हटाया नहीं गया है। कुल 93 कर्मचारियों को उनके पारिश्रमिक का भुगतान किया जाना शेष है। दो कर्मचारी स्‍वेच्‍छा से कार्य छोड़कर चले गये थे। किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं गया है अत: शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं होता। 

''पदोन्‍नति में आरक्षण'' प्रकरण में सुनवाई

[सामान्य प्रशासन]

17. ( *क्र. 1157 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुप्रीम कोर्ट में ''पदोन्‍नति में आरक्षण'' प्रकरण की सुनवाई में शासन की ओर से कितने वकील पैरवी कर रहे हैं? उनके नाम, भुगतान राशि सहित प्रश्‍न दिनांक तक बतावें। (ख) उपरोक्‍त प्रकरण में कितनी तारीखें लगी? उनमें उपरोक्‍त संयुक्त वकीलों में कौन-कौन वकील कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे, की जानकारी तारीखवार, वकील के नाम सहित देवें। अनुपस्थित रहने वाले वकीलों ने क्‍या इसकी सूचना विभाग को दी? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या शासन ने इस सूचना पर कोई अन्‍य वकील भेजा या कोई अन्‍य कार्यवाही की? यदि हाँ, तो विवरण देवें।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार(ख) एवं (ग) नियत तारीख एवं उपस्थित वकीलों की सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। जी नहीं। प्रायवेट वकील अन्‍यत्र व्‍यस्‍त रहने के कारण जिस तिथि को कोर्ट में उपस्थित रहने में असमर्थ रहते हैं, उस तिथि के लिए वे ब्रीफिंग से इंकार कर देते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तीन''

लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध शाखा में पंजीबद्ध प्रकरण

[सामान्य प्रशासन]

18. ( *क्र. 226 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग के अंतर्गत प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध शाखा में प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही प्रचलित है? संबंधित अधिकारियों के नाम, तत्समय पदस्थापना, प्रकरण क्रमांक, दिनांक एवं वर्तमान पदस्थापना सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर चालान प्रस्तुत करने के लिए अनुमति बाबत् राज्य शासन को भेजे गए व कितनों में अनुमति प्रदान की गई? कितनों में नहीं? प्रकरण भेजने का दिनांक, अनुमति प्रदान करने का दिनांक व लंबित प्रकरणों की संख्या बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के विरूद्ध जाँच कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये गये हैं? जिन अधिकारियों के विरूद्ध माननीय न्यायालय में चालान पेश किए गए हैं, क्या उनके विरूद्ध सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार निलंबन की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में किन-किन अधिका‍रियों के विरूद्ध जाँच की कार्यवाही चलने अथवा न्यायालय में चालान प्रस्तुत किए जाने के बावजूद नियम विरूद्ध पदोन्नति का लाभ दिया गया है? क्या शासन ऐसी पदोन्नतियों को निरस्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वाशिंग कोयले की खरीदी

[ऊर्जा]

19. ( *क्र. 1377 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र.पा.ज.कं.लि. में वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक वाशिंग कोयला (धुला हुआ) ताप विद्युत गृहवार, माहवार, वर्षवार कितना कोयला ताप विद्युत गृहों में प्रदाय किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार वाशिंग कोयला (धुला कोयला) प्रदाय का आदेश किस फर्म को प्रसारित किया गया, कुल कार्यादेश की कुल मात्रा, दर एवं कुल कीमत बतलायें। साथ ही कार्यादेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करवायें। (ग) वाशिंग कोयला (धुला कोयला) जिन ताप विद्युत गृहों में प्रदाय किया गया है इस कोयले के प्रदाय से विद्युत उत्‍पादन में कितनी बढ़ोत्‍तरी हुई? वाशिंग कोयला (धुला कोयला) उपयोग करने से पूर्व (सामान्‍य कोयला) की अपेक्षा विद्युत उत्‍पादन की प्रति यूनिट लागत कम हुई या अधिक हुई समस्‍त ब्‍यौरा ताप विद्युत गृहवार बतलायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, खण्डवा हेतु एस.ई.सी.एल. की कोयला खदानों से प्राप्त कोयले की धुलाई (वॉश) कर विद्युत गृह तक परिवहन हेतु (1) मेसर्स ए.सी.बी. (इंडिया) लि., गुड़गाँव तथा (2) मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एवं पॉवर लि., नई दिल्ली को क्रमश: 29,96,340 मीट्रिक टन जिसकी कुल लागत रूपये 98,83,12,785.60 है एवं 18,00,000 मीट्रिक टन,जिसकी कुल लागत रूपये 59,37,04,800 (कुल मात्रा 47,96,340 मीट्रिक टन) है, के कार्यादेश प्रसारित किये गये थे। कार्यादेश के अनुसार दरों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं कार्यादेशों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र (1) एवं प्रपत्र (2) अनुसार है। (ग) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों में सभी स्त्रोतों से प्राप्त कोयला चाहे वह धुला हुआ हो अथवा बिना धुला, मिश्रित रूप से उपयोग में लाया जाता है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खण्डवा में वाश्‍ड कोल माह अगस्त 2015 से आना प्रारंभ हुआ है तथा इसका उपयोग मुख्यत: माह सितंबर 2015 से प्रारंभ हुआ है। माह अप्रैल 2014 से दिसंबर 2016 तक उपरोक्त विद्युत गृह की दोनों इकाईयों में हुये माहवार उत्पादन का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। वाश्‍ड कोल के उपयोग के उपरांत विद्युत गृह के उत्पादन में आंशिक वृद्धि परिलक्षित हुई है। सिर्फ वाश्‍ड कोल का किसी भी विद्युत गृह में पृथक रूप से उपयोग नहीं किया गया है अत: वाश्‍ड कोल से विद्युत उत्पादन की लागत की गणना पृथक से नहीं की गई है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खण्डवा में अन्य विद्युत गृहों की अपेक्षा वाश्ड कोल अधिक मात्रा में प्रदाय किया गया है, अत: वाश्ड कोल के उपयोग के प्रभाव को दर्शाने हेतु, वाश्‍डकोल उपयोग के पूर्व एवं उसके पश्चात् उपरोक्त विद्युत गृह से विद्युत उत्पादन की वेरियेबल दरें पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उपरोक्त कालखण्ड में कोयले की दरें एवं रेल भाड़े में भी परिवर्तन हुआ है। इसके उपरांत भी वाश्‍डकोल के उपयोग से श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, खण्डवा की विद्युत उत्पादन की वेरियेबल दर में सार्थक कमी आई है।

स्‍लीमनाबाद केरियर कैनाल के कार्य की जाँच

[नर्मदा घाटी विकास]

20. ( *क्र. 867 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा अता. प्रश्‍न संख्‍या 147 (क्र. 2743), दिनांक 26 जुलाई 16 के प्रश्‍नांश (क) में शिकायतकर्ता को सुना जाकर जाँच कराने की मांग की गई थी जिसके उत्‍तर में मुख्‍य अभियंता अपर नर्मदा जोन जबलपुर द्वारा जाँच की जा चुकी है, शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता उत्‍तर दिया गया है तो शिकायतकर्ता को बिना सुने असत्‍य एवं भ्रामक जाँच क्‍यों की गई? क्‍या यह सही है कि जाँचकर्ता द्वारा आरोपियों से सांठ-गांठ कर उन्‍हें बचाने का प्रयास किया गया है? क्‍या ऐसे जाँचकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये पुन: निष्‍पक्ष जाँच शिकायतकर्ता को सुनी जाकर की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताएं तथा मुख्‍य अभियंता अपर नर्मदा जोन जबलपुर द्वारा की गई जाँच का जाँच प्रतिवेदन उपलब्‍ध करावें।

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। शिकायत की जाँच अभिलेख और तथ्‍यों पर की गई है तथा प्रश्‍नोत्‍तरी के पूर्व जाँच पूर्ण की जा चुकी थी। अत: शिकायतकर्ता को सुनने का प्रश्‍न नहीं उठता। मुख्‍य अभियंता द्वारा जाँच रिकार्ड के आधार पर की गई है। अत: पुन: जाँच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

आनंद उत्‍सव के तहत आयोजित कार्यक्रम

[आनन्द]

21. ( *क्र. 1074 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में आनन्‍द उत्‍सव के तहत विकासखण्‍ड क्षेत्र बल्‍देवगढ़ एवं विकासखण्‍ड पलेरा में किन-किन ग्राम पंचायतों में क्‍या-क्‍या कार्यक्रम आयोजित किये गये? दिनांकवार अवगत करायें। (ख) क्‍या इस आनन्‍द उत्‍सव में क्षेत्रीय विधायकों को आमंत्रित नहीं किया गया? क्‍या इस प्रकार के आदेश शासन की ओर से दिये गये थे? यदि नहीं, तो नहीं बुलाए जाने के कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) क्‍या आनन्‍द उत्‍सव के कार्यक्रमों में व्‍यय होने वाली राशि का दुरूपयोग किया गया तथा एक ग्राम पंचायत में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में कौन-कौन से खेल या अन्‍य कौन-कौन से आयोजन शामिल किये जाते हैं तथा आयोजनों की तारीखें व स्‍थान कहाँ पर निश्चित किये जाते हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में आनंद उत्‍सव के तहत विकासखण्‍ड क्षेत्र बल्‍देवगढ़ एवं विकासखण्‍ड पलेरा में किन-किन ग्राम पंचायतों में क्‍याक्‍या कार्यक्रम आयोजित किए गये, की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्यक्रम 14 जनवरी 2017 से 21 जनवरी 2017 में आयोजित किये गये। (ख) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 की कण्डिका 11 के अनुसार जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के निर्देश दिये गये थे। (ग) राशि के दुरूपयोग की कोई भी जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। आनंद उत्‍सव के संबंध में जारी स्‍वत: स्‍पष्‍ट निर्देश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 पर है।

आर्थिक अपराध संबंधी शिकायत पर कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

22. ( *क्र. 433 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप पंजीयक (रजिस्ट्रार) कार्यालय धार में विक्रय विलेख दस्तावेज क्रमांक ए वन ग्रन्थ 6272, क्रमांक 1614 दिनांक 17.06.2009 से हुए आर्थिक अपराध संबंधी शिकायत कलेक्टर, जिला धार को कब प्राप्त हुई तथा उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन अधिकारी जवाबदार है, तथा शिकायत लम्बित रखने के लिये जिम्मेदार अधिकारी पर कब तक एवं क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) उपरोक्त शिकायत 07 वर्ष का लम्बा समय व्यतीत हो जाने के बावजूद किस स्तर पर किन कारणों से लम्बित है? उक्त लम्बित शिकायत का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) कलेक्‍टर धार द्वारा प्रश्‍नाधीन शिकायत जनवरी 2016 में प्राप्‍त हुई। शिकायत की जाँच समिति गठित कर कराई जा रही है।              (ख) कलेक्‍टर धार द्वारा शिकायत की जाँच प्रक्रियाधीन है, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जाँच पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) उक्‍त शिकायत 07 वर्ष से लंबित नहीं है। कलेक्‍टर धार को शिकायत जनवरी 2016 से प्राप्‍त होकर उपरोक्‍तानुसार कार्यवाही प्रचलित है। शिकायत की जाँच कार्यवाही पूर्ण होने पर यथाशीघ्र शिकायत का निराकरण कर दिया जावेगा।

धार्मिक पर्यटक स्‍थल का विकास

[पर्यटन]

23. ( *क्र. 740 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के अता. प्रश्‍न संख्‍या-19 (क्रमांक 332), दिनांक 6 दिसम्‍बर 2016 के उत्‍तर में बताया गया था कि ब्‍यावरा नगर के धार्मिक पर्यटक स्‍थल श्री अंजनीलाल मंदिर के विकास के संबंध में सीमित बजट प्रावधान के कारण स्‍वीकृति दी जाना संभव नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा धार्मिक पर्यटक स्‍थल          श्री अंजनीलाल मंदिर के विकास हेतु आवश्‍यक स्‍वीकृतियां प्रदान करने हेतु माह नवम्‍बर 2016 में माननीय राज्‍यमंत्री, पर्यटन विभाग म.प्र. शासन, अध्‍यक्ष म.प्र. राज्‍य पर्यटन विकास निगम एवं प्रबंध संचालक पर्यटन विकास निगम को पत्र के माध्‍यम से अनुरोध किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त धार्मिक पर्यटक स्‍थल के विकास हेतु आवश्‍यक राशि की स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई? यदि नहीं, तो कब तक आवश्‍यक राशि की स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन जनभावना के दृष्टिगत उक्‍त धार्मिक पर्यटन स्‍थल के विकास हेतु आवश्‍यक राशि की स्‍वीकृति प्रदान करेगा?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। आयुक्‍त पर्यटन के आदेश क्रमांक 930 दिनांक 28/12/2016 द्वारा राशि रूपये 25.97 लाख की प्रशासकीय एवं राशि रूपये 5.00 लाख की वित्‍तीय स्‍वीकृति प्रदान की गई है जिसके अन्‍तर्गत उक्‍त विकास कार्य की निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार।

कंजार्डा विद्युत वितरण केन्‍द्र पर विद्युत चोरी के दर्ज प्रकरण

[ऊर्जा]

24. ( *क्र. 192 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र के कंजार्डा विद्युत वितरण केन्‍द्र के ग्राम झोपडिया में वर्ष 2016 में विद्युत चोरी के ऐसे कितने प्रकरण बनाए गए हैं, जिनके कनेक्‍शन 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय की लाईन से जुड़े हुए पाये गए? नामों का उल्‍लेख करें। (ख) प्रश्‍नांक (क) में उल्‍लेखित कृषक कितने वर्षों से विद्युत विभाग से स्‍थाई कनेक्‍शन प्राप्‍त कर विद्युत का उपयोग कर रहे थे, नाम व वर्षों का उल्‍लेख करें। (ग) क्‍या फीडर सेपरेशन कार्य करते समय उक्‍त गांव में सिंचाई की लाईन न डालते हुए उनके कनेक्‍शन विभाग द्वारा ही 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय की लाईन से स्‍थाई उपभोक्‍ता होने के कारण कर दिए गए थे। (घ) यदि हाँ, तो उन किसानों के विद्युत चोरी के प्रकरण अनावश्‍यक रुप से बनाने के लिए जिम्‍मेदार कौन हैं, ऐसे अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र के विद्युत वितरण केन्‍द्र कंजार्डा के ग्राम झोपडिया में विद्युत अधिनियम-2003 की     धारा-126 के तहत वर्ष 2015-16 में कृषि पंप उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत का अप्राधिकृत उपयोग करने के तीन प्रकरण बनाये गये थे, जिनमें जाँच के दौरान कनेक्‍शन कृषि फीडर के स्‍थान पर 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय की जाने वाली विद्युत लाईन से जुड़े हुए पाये गये थे। प्रकरणवार जानकारी इस प्रकार है :- 1. श्री शिवलाल मथुरालाल धाकड़ (स्‍थाई सर्विस कनेक्‍शन क्रमांक 21-2442), 2. श्री नाथुलाल नारायण धाकड़ (स्‍थाई सर्विस कनेक्‍शन क्रमांक 31-2007), 3. श्री मोतीलाल बाबू धाकड़ (स्‍थाई सर्विस कनेक्‍शन क्रमांक 31-1991) (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित तीनों स्‍थाई कृषि पंप उपभोक्‍ता विगत लगभग 6 वर्षों से विद्युत का उपयोग कर रहे हैं। (ग) जी नहीं। वर्ष 2011 में प्रश्‍नाधीन सिंचाई पम्‍पों को तत्समय विद्यमान अधोसंरचना से कनेक्‍शन जारी किये गये थे। फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण होने पर इन सिंचाई पम्‍पों को 11 के.व्‍ही. बाराजी कृषि फीडर पर स्थित 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर (लोकेशन चौकड़ी रोड झोपडिया) से जोड़ा गया था। (घ) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। 

म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा उत्‍तर पुस्तिका संधारित करने की अवधि

[सामान्य प्रशासन]

25. ( *क्र. 1239 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्‍य सिविल सेवा परीक्षा तथा राज्‍य वन सेवा परीक्षा की उत्‍तर पुस्तिका संधारित करने की अवधि प्रारंभिक वर्षों से कितनी रखी गयी थी? क्‍या उक्‍त अवधि में परिवर्तन किया गया है? यह परिवर्तन कब किया गया? (ख) म.प्र. राज्‍य लोक सेवा आयोग द्वारा किन शक्तियों का उपयोग कर उत्‍तर पुस्तिका संधारित करने की अवधि में परिवर्तन किया गया है? प्राप्‍त शक्तियों संबंधित दस्‍तावेज उपलब्‍ध करावें। (ग) संधारित उत्‍तर पुस्तिकाओं की समयावधि परिवर्तित करने के संबंध में क्‍या न्‍यायालयीन हस्‍तक्षेप हुआ है? यदि हाँ, तो न्‍यायालय के निर्णय की कॉपी उपलब्‍ध कराएं।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 02 वर्ष। जी हाँ, वर्ष 2011 में। (ख) भारत के संविधान के अनुच्‍छेद-320 में आयोग को चयन की प्रक्रिया के निर्धारण तथा संचालन के अधिकार दिये गये हैं, तथा रूल्‍स ऑफ प्रोसिजर के बिंदु क्रमांक-09 (रिकार्ड) के अनुसार आयोग के एक सदस्‍य एवं अध्‍यक्ष रिकार्ड के संधारण की अवधि के लिये निर्णय लेने हेतु अधिकृत है। संबंधित प्रावधानों की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ, याचिका क्रमांक 3005/2012 में पारित आदेश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। एक अन्‍य याचिका क्रमांक 6130/2012 (पी.आई.एल.) में उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर में लंबित है।

 

 


 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में               परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर

अशोकनगर जिले में तार/ट्रांसफार्मर चोरी

[ऊर्जा]

1. ( क्र. 17 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिले में 400 किलोमीटर तार तथा 251 ट्रांसफार्मर पिछले वर्षों में चोरी हुई जिनकी लागत रूपये 211 करोड़ है (ख) यदि हाँ, तो क्‍या चोरी हुए तार एवं ट्रांसफार्मर के स्थान पर नये तार व ट्रांसफार्मर लगा दिये गये, यदि नहीं, तो कब तक लगा दिये जाएगे इन्हें पुनः लगाने के संबंध में कितनी-कितनी धनराशि के प्रस्ताव कब-कब भोपाल भेजे गये उनका विवरण देवें? (ग) इनमें से कितने प्रकरणों में किस किस ने पुलिस रिपोर्ट की है व कितनी चोरियां पकड़ी गई है व कितनी नहीं व क्यों।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) अशोकनगर जिले में पिछले वर्षों में 450.78 कि.मी. तार तथा 251 वितरण ट्रांसफार्मर चोरी हुये हैं, जिनकी कुल अनुमानित लागत राशि रूपये 255.80 लाख है। (ख) जी हाँ, चोरी गये 251 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 226 ट्रांसफार्मर बदल दिये गये है। शेष 25 ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं की निकटवर्ती वितरण ट्रांसफार्मरों से विद्युत व्‍यवस्‍था बहाल कर दी गई है। तार चोरी प्रभावित लाईनों से प्रभावित क्षेत्र को निकटवर्ती फीडर से वैकल्पिक व्‍यवस्‍था कर विद्युत प्रदाय कर विद्युत प्रदाय बहाल कर दिया गया है। महाप्रबंधक (संचा/संधा), गुना के पत्र क्र. अअ/सं.स./फी.से. (अशोकनगर) /0614/1499 दिनांक 12.06.2014 के माध्‍यम से राशि रूपये 115.38 लाख का प्रस्‍ताव मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मुख्‍यालय में प्राप्‍त हुआ है, जिसकी छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त चोरी गये तार एवं शेष ट्रांसफार्मरों को वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धतानुसार बदलने की कार्यवाही की जावेगी। वर्तमान में प्रश्‍नाधीन प्रभावित ग्रामों में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू है।                 (ग) उत्‍तरांश '''' में वर्णित चोरी गये सभी ट्रांसफार्मरों एवं तारों से संबंधित प्रकरणों में संबंधित वितरण केन्‍द्र के प्रभारी द्वारा संबंधित थाने में लिखित सूचना दी गई है, किन्‍तु चोरी गये 251 ट्रांसफार्मरों में से 233 ट्रांसफार्मरों एवं तार चोरी के 24 प्रकरणों (कुल लंबाई 450.78 कि.मी.) में से 20 प्रकरणों (कुल लंबाई 412.56 कि.मी.) में पुलिस विभाग द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। उपलब्‍ध दस्‍तावेजों के आधार पर किसी भी प्रकरण में चोरी पकड़े जाने की सूचना मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्‍त नहीं हुई है। उक्‍त प्रकरणों में पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही अपेक्षित है। 

परिशिष्ट - ''एक''

अविद्युतीकृत क्षेत्रों में विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

2. ( क्र. 25 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2012-13 से 2016-17 में जनवरी-2017 तक कितने ग्रामों/मजरों/टोलों को विद्युतीकरण हेतु चिन्हित किया गया गया तथा इनमें से कितने ग्राम/मजरे/टोलों को विद्युतीकरण किया गया? चिन्हित कार्यों में से शेष कार्यों की सूची देवें? उपरोक्‍त वर्षों में कितने वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई एवं कितने नवीन वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये वर्षवार संख्‍या बतावें? (ख) क्‍या क्षेत्र में अनेक ग्रामों के साथ ही नगर एवं ग्रामों में अनेक ऐसी आबादियां हैं, जहां आज भी विभागीय विद्युतीकरण का कार्य नहीं होकर वे विद्युत कनेक्‍शन से वंचित हैं तथा वहां पर विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्‍तानुसार स्थिति से अवगत कराने के साथ ही विभाग द्वारा उपरोक्‍त स्‍थानों को यदि चिन्हित किया गया, पत्रों के माध्‍यम से जनप्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया, साथ ही संबंधित क्षेत्र के उपभोक्‍ताओं से यदि आवेदन प्राप्‍त हुए, तो समस्‍त की गई कार्यवाही से अवगत कराएं? (घ) उपरोक्‍त वर्षों में सघन ग्रामीण विद्युतीकरण के अन्‍तर्गत कुल कितना कार्य सम्‍पादित किया गया है, निर्मित उच्‍चदाब निम्‍नदाब लाईनों की लंबाई एवं निर्मित नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्‍या तथा जारी किये गये बीपीएल कनेक्‍शनों की संख्‍या बतावें? उक्‍त कार्यों पर व्‍यय की गई राशि की जानकारी भी देवें? जावरा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु आगामी स्‍वीकृत कार्य योजना का विवरण देवें प्रस्‍तावित कार्यों की लागत भी बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में 12 मजरों/टोलों को विद्युतीकरण हेतु चिन्हित किया गया है तथा उक्‍त अवधि में जावरा विधानसभा क्षेत्र का कोई भी राजस्‍व ग्राम विद्युतीकरण हेतु चिन्हित नहीं किया गया। उक्‍त सभी चिन्हित 12 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत किया जा चुका है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2012-13 से 2016-17 में जनवरी-2017 तक की अवधि में 92 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य किया गया एवं 1663 नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये। उक्‍तानुसार किये गये कार्यों की वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी नहीं, जावरा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत समस्‍त राजस्‍व ग्रामों के साथ ही नगर एवं ग्रामों में कोई भी आबादी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहाँ विद्युतीकरण का कार्य नहीं हुआ हो। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) जावरा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2012-13 से 2016-17 में जनवरी-2017 तक की स्थिति में ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के अंतर्गत सम्‍पादित किये गये कार्यों का विवरण एवं उसकी मात्रा और व्‍यय की गई राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जावरा विधानसभा क्षेत्र सहित रतलाम जिले हेतु ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्यों के लिये वर्ष 2016-17 में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना स्‍वीकृत हुई है। उक्‍त योजना के अंतर्गत जावरा विधानसभा में 33/11 के.व्‍ही. नवीन उपकेन्‍द्र सेजावता का निर्माण, 1 अतिरिक्‍त पॉवर ट्रांसफार्मर स्‍थापना का कार्य, 151 विभिन्‍न क्षमता के नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना, 30 ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, 67.12 किलोमीटर 11 के.व्‍ही. लाईन का निर्माण, 44.62 किलोमीटर निम्‍नदाब लाईन का केबल पर निर्माण किये जाने एवं 195 बी.पी.एल. कनेक्‍शन देने के कार्य सम्मिलित है। योजना की स्‍वीकृति विधानसभा क्षेत्रवार नहीं दी जाती अपितु जिलेवार दी जाती है। रतलाम जिले हेतु उक्‍त योजना की कुल स्‍वीकृत राशि रू. 60.22 करोड़ है। 

परिशिष्ट - ''दो''

गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं हेतु प्राप्‍त बजट

[महिला एवं बाल विकास]

3. ( क्र. 26 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शासन/विभाग द्वारा जावरा नगर, तहसील पिपलौदा एवं तहसील जावरा में गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की देखभाल हेतु आंगनवाड़ि‍यों के माध्‍यम से अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त तहसीलों में कितनी गर्भवती महिलाओं का आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण जाँच, उपचार, दवाई एवं आहार इत्‍यादि की व्‍यवस्‍था की गई तथा इसी प्रकार नवजात शिशुओं हेतु भी क्‍या उक्‍तानुसार व्‍यवस्‍था किया गया? (ग) उपरोक्‍त वर्षों में गर्भवती महिलाओं से कितने बालक एवं कितनी बालिकाओं का जन्‍म होकर जन्‍म लिये बालक एवं बालिकाओं के साथ ही माताओं की जीवित एवं मृत होने की मृत्‍यु दर क्‍या रही? (घ) कितने कुपोषित बच्चें चिन्हित होकर उनके उपचार हेतु क्‍या-क्‍या किया गया, साथ ही उपरोक्‍त वर्षों में किये गये उपरोक्‍त कार्यों हेतु प्राप्‍त बजट एवं व्‍यय से अवगत कराएं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जावरा नगर, पिपलौदा एवं जावरा ग्रामीण में गर्भवती माताओं को पौष्टिक आहार एवं स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण एवं स्तनपान की समझाईश तथा नवजात शिशुओं को टीकाकरण की सेवाएं दी गई।

जावरा ग्रामीण

क्रमांक

वर्ष

गर्भवती माताए, जिन्हें सेवाएं दी गई

नवजात शिशु, जिनका टीकाकरण किया गया

1.

2013-14

4656

2486

2.

2014-15

4352

2822

3.

2015-16

3584

2645

4.

2016-17

2978

2057

 

पिपलौदा

क्रमांक

वर्ष

गर्भवती माताए, जिन्हें सेवाएं दी गई

नवजात शिशु, जिनका टीकाकरण किया गया

1.

2013-14

3448

2023

2.

2014-15

3142

1978

3.

2015-16

3619

2114

4.

2016-17

2122

1406

 

जावरा शहर

क्रमांक

वर्ष

गर्भवती माताए, जिन्हें सेवाएं दी गई

नवजात शिशु, जिनका टीकाकरण किया गया

1.

2013-14

1122

723

2.

2014-15

1225

596

3.

2015-16

1058

534

4.

2016-17

936

712

 

(ग) वर्णित अवधि में जीवित जन्म बालक/बालिकाएं एवं मृत्यु की जानकारी निम्नानुसार हैः-

जावरा ग्रामीण

क्रमांक

वर्ष

जीवित जन्म बालक/ बालिकाएं बच्चों की मृत्यु/ दर

गर्भवती माताओं की मृत्यु/ दर

1.

2013-14

1337/1149

43/17

7/3

2.

2014-15

1366/1456

42/15

5/2

3.

2015-16

1289/1356

20/7

3/1

4.

2016-17

1033/1024

45/22

0

 

 

पिपलौदा

क्रमांक

वर्ष

जीवित जन्म बालक/ बालिकाएं बच्चों की मृत्यु/ दर

गर्भवती माताओं की मृत्यु/ दर

1.

2013-14

1333/990

17/8

1/.5

2.

2014-15

964/1014

8/4

0

3.

2015-16

1096/1018

26/12

0

4.

2016-17

650/756

19/13

0

  

जावरा नगर

क्रमांक

वर्ष

जीवित जन्म बालक/ बालिकाएं बच्चों की मृत्यु/ दर

गर्भवती माताओं की मृत्यु/ दर

1.

2013-14

298/425

19/26

2/3

2.

2014-15

254/342

22/36

1/2

3.

2015-16

245/289

13/24

3/5

4.

2016-17

305/407

18/25

0

(घ) कुल चिन्हित अतिकम वजन के बच्चें जावरा तहसील में 2,184, जावरा नगर में 765 एवं पिपलौदा तहसील में 2,550 पाये गए। इनमें से एमयूएसी टेप से चिन्हांकित गंभीर कुपोषित 2,459 बच्चों को प्रबंधन हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्र में 14 दिवस हेतु भर्ती कराया गया। मध्यम कुपोषित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र पर पूरक पोषण आहार, स्वास्थ्य शिक्षा एवं सुपोषण अभियान अंतर्गत ग्राम स्तर पर सामुदायिक पोषण प्रबंधन के माध्यम से उनकी माताओं को पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा तथा 12 दिवस तक भोजन उपलब्ध कराया गया। सुपोषण शिविर के माध्यम से जावरा ग्रामीण में 646, पिपलौदा तहसील में 976 एवं जावरा नगर में 233 कुपोषित बच्चों को लाभान्वित किया गया। प्राप्त बजट एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।

परिशिष्ट - ''तीन''

बडवाहा विधानसभा में विद्युत ट्रांसफार्मर की स्वीकृति

[ऊर्जा]

4. ( क्र. 36 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाहा विधानसभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में कहाँ-कहाँ मांग अनुसार ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए है तथा कहाँ-कहाँ उपभोक्‍ताओं ने मांग रखी है। विद्युत केन्द्रवार सूची दी जावे। (ख) बड़वाहा विधानसभा में प्रश्नकर्ता ने कहाँ-कहाँ ट्रांसफार्मर की मांग की है और मांग अनुसार कहाँ-कहाँ पूर्ति की गई और कहाँ-कहाँ ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किये गए हैं। स्‍थापित न किये जाने के क्या कारण रहे हैं।  (ग) क्या सनावद ग्रामीण में ग्राम छापरा में 5 विद्युत पोल के एल टी लाइन एव 63 के. व्ही. का ट्रांसफार्मर अवैध रूप से बिना सक्षम स्वीकृति के लगे पाए जाने पर उपसंभाग प्रभारी द्वारा ट्रांसफार्मर को जप्त कर उपसंभाग में रखे जाने की सूचना क्या सही है? क्या प्रभारी द्वारा पंचनामा भी बनाया गया है और क्या ट्रांसफार्मर जप्त होने के बाद संबंधित यंत्री द्वारा ग्रामीणों के कनेक्शन लेने से इंकार कर दिया। ट्रांसफार्मर जप्त के पंचनामे की प्रति दी जावे। क्या इस प्रकार अवैध कनेक्शन किसी अधिकारी की मिलीभगत से संभव नहीं है। ऐसे अधिकारी का नाम और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) एवं (ख) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में विगत् दो वर्षों यथा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की अवधि में माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय की मांग अनुसार, विधायक निधि से एक वितरण ट्रांसफार्मर वितरण, केन्‍द्र कानापुर के अंतर्गत ग्राम फनगांव में जल प्रदाय कार्य हेतु दिनांक 25.7.15 को स्‍थापित कर मांग की पूर्ति की गई है। प्रश्‍नाधीन अवधि में उपभोक्‍ताओं द्वारा सीधे तौर पर वितरण कंपनी से वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने हेतु मांग नहीं की गई है। इसके अतिरिक्‍त वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विधायक निधि से 13 अन्‍य स्‍थानों पर विद्युत लाईन का निर्माण एवं विद्युत व्‍यवस्‍था किये जाने हेतु माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पत्र प्रेषित किये गये थे। माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के चाहे अनुसार उक्‍त में से 7 स्‍थानों पर विद्युत व्‍यवस्‍था कर दी गई हैं तथा शेष 6 स्‍थानों पर नियमानुसार संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा स्‍वीकृत प्राक्‍कलनों अनुसार सुपरविजन चार्जेंस एवं उस पर देय सर्विस टैक्‍स की राशि विद्युत कंपनी में जमा करवाना शेष है। संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा राशि जमा करवाने के उपरांत उक्‍त कार्य उनके द्वारा अपने स्‍तर पर '' श्रेणी में ठेकेदार के माध्‍यम से सम्‍पादित कराया जाना है। वितरण ट्रांसफार्मर एवं विद्युत व्‍यवस्‍था हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शाए अनुसार है। (ग) जी हाँ। सनावद ग्रामीण वितरण केन्‍द्र के अंतर्गत ग्राम छपरा में औचक निरीक्षण के दौरान 11 के.व्‍ही. लाईन (0.42 किलोमीटर, 05 विद्युत पोल) एवं उस पर स्‍थापित 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर के साथ निम्‍नदाब लाईन (0.24 किलोमीटर, 03 विद्युत पोल) का निर्माण कार्य अवैध रूप से बिना सक्षम स्‍वीकृति के किया जाना पाया गया है। तथापि उक्‍त अवैध लाईन एवं ट्रांसफार्मर को विद्युत प्रवाह से जुड़ा हुआ नहीं पाया गया। जी हाँ, संबंधित प्रभारी अधिकारी द्वारा उक्‍त अवैध रूप से निर्मित अधोसंरचना का पंचनामा बनाया गया है एवं इस लाईन पर स्‍थापित 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर को निकाल कर जब्‍ती उपरांत उपसंभाग कार्यालय में रखा गया था। वितरण ट्रांसफार्मर जब्‍ती के उपरांत उक्‍त अधोसंरचना से संबंधित 3 सिंचाई पम्‍प आवेदकों द्वारा नवीन सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शन लेने के लिये आवेदन प्रस्‍तुत किए गए, जिसे संबंधित अधिकारी द्वारा स्‍वीकार किया गया। विद्युत कंपनी का कार्यक्षेत्र अत्‍यंत विस्‍तृत है, अत: मैदानी क्षेत्रों में बिना किसी अधिकारी की जानकारी में आए इस प्रकार के अवैध निर्माण होने की संभावना रहती है। तथापि प्रथम दृष्‍टया इस प्रकरण में संबंधित लाईन कर्मचारी की लापरवाही परिलक्षित होने के कारण श्री गंगाराम ताराचंद गंगारेकर, वरिष्‍ठ लाईन परिचारक को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित कर दी गई है। पंचनामे की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 

दीनदयाल ग्राम ज्‍योती योजना का क्रियान्‍वयन

[ऊर्जा]

5. ( क्र. 42 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरकार ने दीनदयाल ग्राम ज्‍योति योजनांतर्गत 950 करोड़ रू. व्‍यय करने की योजना बनाई है? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें? (ख) उक्‍त राशि का उपयोग संपूर्ण प्रदेश में होगा, या कुछ चिन्हित जिलों में ही? क्‍या उक्‍त योजना में रतलाम, उज्‍जैन, मंदसौर जिला सम्मिलित है? यदि नही. तो क्‍यों? (ग) उक्‍त स्‍वीकृत राशि का उपयोग ग्रामीण विद्युतीकरण के किन-किन कार्यों में किया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनांतर्गत आर.ई.सी. लिमिटेड, नई दिल्‍ली द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड हेतु रू. 968.82 करोड़, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड हेतु रू. 961.80 करोड़ एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड हेतु रू. 934.65 करोड़ इस प्रकार संपूर्ण प्रदेश हेतु कुल रू. 2865.27 करोड़ की योजनाओं की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। (ख) उक्‍त राशि का उपयोग प्रदेश के समस्‍त 51 जिलों में किया जायेगा। जी हाँ, रतलाम, उज्‍जैन एवं मंदसौर जिले भी उक्‍त योजना में सम्मिलित है। (ग) उक्‍त स्‍वीकृत राशि का उपयोग योजना के प्रावधानों के अनुसार अविद्युतीकरण ग्रामों/मजरों/टोलों को विद्युतीकरण, कर बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्‍क कनेक्‍शन प्रदाय करने, फीडर विभक्तिकरण, प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं मीटरीकरण के कार्यों में किया जायेगा।

अटल ज्योति अभियान एवं पम्प उर्जीकरण योजना का क्रियान्वन

[ऊर्जा]

6. ( क्र. 61 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर एवं शाजापुर अंतर्गत अटल ज्योति अभियान/अन्य योजना अंतर्गत किए जाने वाले फीडर विभक्तिकरण कार्य से कितने ग्राम शेष हैं? सूची उपलब्ध करावे। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जिनमें ग्राम में विद्यमान अधोसंरचना से 24 घण्टे विद्युत प्रदाय की जा रही हैं? सूची उपलब्ध करावे। इन ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के शेष बचे ग्रामों में 24 घण्टे विद्युत की उपलब्धता हेतु क्या कार्य संचालित हैं एवं कब तक फीडर विभक्तिकरण कर 24 घण्टे विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित की जावेगी? (घ) विगत 02 वर्षों में विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पम्पों के उर्जीकरण योजनान्तर्गत कितनी राशि आदिम जाति कल्याण विभाग से प्राप्त हुई है एवं इसके विरूद्ध क्या-क्या कार्य किए गए हैं? योजनान्तर्गत स्वीकृति स्थल से भिन्न स्थल पर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने संबंधी कोई शिकायत विगत 02 वर्षों में प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो अधीक्षण यंत्री द्वारा विगत 02 वर्षों में कितने ट्रान्सफार्मर का निरीक्षण किया या अधीनस्थों से करवाया? तद्संबंधी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में अटल ज्‍योति अभियान गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्‍ताओं को 10 घंटे विद्युत उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से चलाया गया था। इस अभियान के अंतर्गत कोई भी विद्युत अधोसंरचना का कार्य नहीं किया जाना था। तथापि फीडर विभक्तिकरण योजना में जिला आगर के अंतर्गत 15 ग्रामों एवं जिला शाजापुर के अंतर्गत 12 ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य शेष है, जिनकी ग्रामवार/जिलेवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत 9 ग्राम ऐसे हैं जिनमें ग्राम में विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्‍त 9 ग्रामों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। इन ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य माह मार्च-2017 तक पूर्ण किया जाना प्रस्‍तावित है। (ग) उत्‍तरांश '''' में उल्लेखित 9 ग्रामों के अतिरिक्‍त सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत सभी ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पहले ही पूर्ण किया जा चुका है, एवं इन ग्रामों में गैर-कृषि फीडरों पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के 9 ग्रामों के अतिरिक्‍त अन्‍य ग्रामों में 24 घंटे विद्युत प्रदाय हेतु कोई कार्य शेष/संचालित होने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) सामान्‍यत: आदिमजाति कल्‍याण विभाग द्वारा विद्युतीकरण संबंधी कार्य अपनी चयनित ठेकेदार एजेंसी के माध्‍यम से पूर्ण कराया जाता है एवं विद्युत कंपनी द्वारा केवल कार्य का प्राक्‍कलन बनाया जाता है तथा क्रियान्‍वयन के दौरान कार्यों का पर्यवेक्षण किया जाता है। विद्युत पम्‍प ऊर्जी करण हेतु आदिमजाति कल्‍याण विभाग द्वारा सीधे तौर पर ऊर्जीकरण की लागत विद्युत कंपनी को नहीं दी जाती है, अपितु प्राक्‍कलित लागत पर सुपरविजन चार्ज एवं उस पर देय सर्विस टैक्स की राशि भी दी जाती है। प्रश्‍नावधि में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत कृषि पम्‍पों के ऊर्जीकरण हेतु आदिमजाति कल्‍याण विभाग द्वारा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में सुपरविजन चार्ज की राशि         रू. 8.38 लाख एवं सर्विस टैक्‍स की राशि रू. 1.15 लाख जमा कराये गये है। उक्‍त के अतिरिक्‍त विधानसभा क्षेत्र सुसनेर हेतु आदिमजाति कल्‍याण विभाग से विद्युत पंप ऊर्जीकरण के कार्य के लिये अन्‍य कोई राशि प्राप्‍त नहीं हुई है। विगत दो वर्षों में योजना अन्‍तर्गत स्‍वीकृति स्‍थल से भिन्‍न स्‍थल पर ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये जाने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है, अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही नहीं उठता। विगत दो वर्षों में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) शाजापुर द्वारा 16 ट्रांसफार्मरों एवं अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) आगर द्वारा 37 ट्रान्‍सफार्मरों का निरीक्षण अपने अधीनस्‍थ अधिकारियों से करवाया गया है। इससे संबंधित ट्रांसफार्मरों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के क्रमश: प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार है। 

सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा प्‍लांट

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

7. ( क्र. 62 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर एवं शाजापुर अंतर्गत कौन-कौन से सौर ऊर्जा प्लांट एवं पवन ऊर्जा प्लांट संचालित हैं एवं इनसे कितने यूनिट विद्युत उत्पादन हो रहा हैं? प्लांटवार/कम्पनीवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्लांटों से विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के विद्युत वितरण केन्द्रों को कितनी विद्युत आपूर्ति हो रही है एवं कौन-कौन से ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सौर ऊर्जा/पवन ऊर्जा कम्पनियों को कम्पनी एक्ट 2013 की धारा-135 की उप-धारा (I) अनुसार अपने औसत शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत अपने कॉपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पर व्यय करना होता है? यदि हाँ, तो आगर जिला अंतर्गत कम्पनियों द्वारा किये गये कार्यों का विवरण देवें? (घ) क्या पवन ऊर्जा/सौर ऊर्जा संयन्त्रों की देख-रेख हेतु कार्य पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के संबंध में श्रम विभाग के नियम लागू हैं? यदि हाँ, तो नियमों के पालन हेतु मॉनिटरिंग किस प्रकार की जा रही है? विगत 03 वर्षों में उक्तानुसार की गई मॉनिटरिंग का विवरण देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्‍पादित विद्युत को सुसनेर/बड़ोद ग्रिड में प्रवाहित किया जाता है। किसी जिले/क्षेत्र विशेष में स्‍थापित गैर-पारम्‍परिक अथवा पारंपरिक ऊर्जा स्‍त्रोतों द्वारा उत्‍पादित विद्युत के उत्‍पादन से किसी जिले-क्षेत्र विशेष को पहुंचाने वाले लाभ का पृथकत: आंकलन सैद्धांतिक रूप से संभव नहीं है। अत: उत्‍पादित विद्युत का उपयोग किन ग्रामों व वितरण केन्‍द्रों में किया जा रहा है, यह बताना संभव नहीं है।  (ग) कम्‍पनी अधिनियम 2013 की धारा-135 की उप-धारा (1) में प्रावधानित कम्‍पनियों को अपने औसत शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत ''कॉपोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व'' में व्‍यय करना होता है। उक्‍त धारा 135 (1) उन कम्‍पनियों पर लागू होती है, जिनमें नेट वर्थ रूपये 500 करोड़ या उससे अधिक हो, अथवा टर्न-ओवर रूपये 1000 करोड़ या उससे अधिक हो, या नेट लाभ रूपये 5 करोड़ या उससे अधिक हो। प्रश्‍नाधीन कम्‍पनियों में से किसी भी कम्‍पनी को अपने नेट व‍र्थ/टर्न ओवर/शुद्ध लाभ के कारण कम्‍पनी एक्‍ट 2013 की धारा 135 (1) के अन्‍तर्गत 'कॉपोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व' पर व्‍यय करना बंधनकारी नहीं है, तथापि उनके द्वारा क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। कम्‍पनी को कर्मचारियों हेतु श्रम नियमों के प्रावधान का पालन करना होता है। जानकारी विभाग स्‍तर पर संगठित करना प्रावधानित नहीं है।

शैक्षणिक संस्थानों के पास की शराब दुकानों को अन्‍यत्र स्‍थापित किया जाना

[वाणिज्यिक कर]

8. ( क्र. 83 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत ग्राम धनपुरी (बरेला) एवं अन्य ग्रामों में शैक्षणिक संस्थाओं/धार्मिक स्‍थलों के पास शराब की दुकान संचालित की जा रही है?  (ख) क्या‍ ऐसी दुकानें हटाने हेतु विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं हैं, जैसा कि सहायक आयुक्त‍ आबकारी जिला जबलपुर के पत्र दिनांक 17-03-2015 से आभास होता हैं?         (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) के अधीन आबकारी विभाग जबलपुर, रजिस्टर्ड मंदिर को ही मंदिर की श्रेणी में मानता हैं एवं छात्र छात्राओं को अन्य मार्ग के उपयोग करने हेतु जानकारी देते हैं? (घ) क्‍या प्रश्नांश (ख) के अधीन शराबियों की अश्‍लील हरकत की पुलिस थाने में शिकायत दर्ज होने पर ही उनका कृत्य अश्‍लील माना जाता है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश ‘’’’ के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत निर्मित सामान्‍य प्रयुक्ति नियमों के नियम- (1) में स्‍पष्‍ट किया गया है कि                  (क) ‘’शैक्षणिक संस्‍था’’ से अभिप्रेत है, किसी स्‍थानीय प्राधिकारी या राज्‍य सरकार अथवा केन्‍द्रीय सरकार द्वारा प्रबंधित या मान्‍यता प्राप्‍त कोई पूर्व प्राथमिक अथवा प्राथमिक या सेकेण्‍डरी स्‍कूल और विधि द्वारा स्‍थापित किसी विश्‍वविद्यालय से संबद्ध कोई महाविद्यालय, किन्‍तु इसमें कोचिंग संस्‍था सम्मिलित नहीं है। (ख) ‘’धार्मिक संस्‍था’’ से अभिप्रेत है ऐसी संस्‍था जो किसी धर्म की प्रोन्‍नति के लिये हो और उसमें सम्मिलित है, ऐसा मंदिर, मठ, मस्जिद, गिरजाघर या सार्वजनिक धार्मिक पूजा का अन्‍य स्‍थान, जिनका मध्‍यप्रदेश पब्लिक ट्रस्‍ट एक्‍ट 1951 या तत्‍समय प्रस्‍तुत किसी अन्‍य अधिनियमिति के अधीन रजिस्‍ट्रीकृत किसी लोक न्‍यास द्वारा प्रबंध किया जाता हो, या उसके स्‍वामित्‍व में हो और उसमें अन्‍य ऐसी धार्मिक संस्‍थायें सम्मिलित होगी:- जैसे कि राज्‍य सरकार के आदेश द्वारा इस निमित्‍त विनिर्दिष्‍ट करें। (घ) जी हाँ। शराबियों की अश्‍लील हरकतों के संबंध में संबंधित थानों में शिकायत दर्ज होने पर उनके विरूद्ध पुलिस द्वारा आवश्‍यक कार्यवाही की जाती है।

विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत विद्युत व्‍यवस्‍था

[ऊर्जा]

9. ( क्र. 84 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर के 110 ग्रामों में 1400 ट्रांसफार्मर एवं 20 हजार विद्युत उपभोक्ता हैं? (ख) क्या 20 हजार उपभोक्ताओं की समस्या/शिकायतों हेतु मात्र 11 कर्मचारी हैं? (ग) क्या पनागर का भौगोलिक क्षेत्र अपेक्षाकृत अधिक विस्तृ‍त हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर हाँ हैं, तो क्या पनागर में सब डिवीजन खोला जाना आवश्यक हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) पनागर क्षेत्र के अंतर्गत पनागर (शहर) एवं पनागर (ग्रामीण) वितरण केन्‍द्र कार्यरत हैं। ग्रामीण क्षेत्र का कार्य पनागर (ग्रामीण) वितरण केन्‍द्र द्वारा संपादित किया जाता है। पनागर (ग्रामीण) वितरण केन्‍द्र के अंतर्गत 110 ग्राम हैं, जिनमें 1367 ट्रांसफार्मर स्‍थापित है तथा इन ग्रामों में कुल 15672 विद्युत उपभोक्‍ता हैं। (ख) पनागर (ग्रामीण) वितरण केन्‍द्र के 15672 उपभोक्‍ताओं की समस्‍याओं/शिकायतों के निराकरण हेतु कुल 15 लाईन कर्मचारी उपलब्‍ध हैं। (ग) जी नहींवर्ष 2011 के जनगणना अभिलेख के अनुसार जबलपुर जिले में पनागर विकासखण्‍ड का भौगोलिक क्षेत्रफल जिले के अन्‍य विकासखण्‍डों यथा- जबलपुर, कुंडम, सिहोरा, मंझौली, पाटन एवं शहपुरा से कम है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में पनागर में उप संभाग खोला जाना आवश्‍यक नहीं है।

विद्युतीकरण से वंचित ग्रामों व टोलों का विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

10. ( क्र. 135 ) श्री लखन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पथरिया में ऐसे कितने ग्राम हैं, जो विद्युतीकरण से वंचित हैं? सूची उपलब्‍ध करावें एवं इन ग्रामों में विद्युतीकरण कब तक कराया जावेगा?              (ख) विधान सभा क्षेत्र पथरिया में ऐसे कितने ग्राम हैं,जो विद्युतीकरण से छूटे हैं? सूची उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या उक्‍त ग्रामों (विद्युतविहिन) को दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो इनका विद्युतीकरण कब तक हो जावेगा समय-सीमा बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) से (ग) विधानसभा क्षेत्र पथरिया के अंतर्गत सभी ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, किन्‍तु कालांतर में वनबाधित ग्राम चूना सगौनी के डी-इलेक्ट्रिफाईड हो जाने के कारण वर्तमान में इस ग्राम में विद्यत सुविधा उपलब्‍ध नहीं है। वर्तमान में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में उक्‍त ग्राम के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है। उक्‍त योजना के कार्य टर्न-की आधार पर कराये जाने हेतु निविदा कार्यवाही एवं उक्‍त ग्राम के विद्युतीकरण हेतु वन विभाग से अनुमति प्राप्‍त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में उक्‍त ग्राम के पुन: विद्युतीकरण की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। 

शौर्य दलों का गठन प्रशिक्षण एवं कार्यक्रमों का आयोजन

[महिला एवं बाल विकास]

11. ( क्र. 172 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला सशक्‍तीकरण विभाग के अंतर्गत शौर्य दलों का गठन किन नियमों एवं प्रक्रिया के तहत किया जाता है? इसके कौन सदस्‍य हो सकते है, रायसेन जिले में कितने शौर्य दलों का गठन कब, किस प्रक्रिया के आधार पर किया गया? दल के सदस्‍यों के नाम, पता बतायें एवं दलों को कब, कहाँ, किन के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया, प्रशिक्षण कार्य में कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) क्‍या महिला सशक्‍तीकरण विभाग द्वारा जागरूकता, प्रशिक्षण हेतु सेमिनार, कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्यक्रमों के आयोजन के विभागीय नियम एवं निर्देश क्‍या हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत रायसेन जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन विषयों पर सेमीनार, कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये? कितनी राशि व्‍यय की गई, कार्यक्रम में कौन-कौन अतिथि, प्रशिक्षक एवं प्रतिभागी शामिल हुये, सक्षम प्राधिकारी के आदेश क्‍या थे? कार्यक्रमवार बताये?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिला सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत शौर्या दलों का गठन विभाग के पत्र क्रमांक 2966/3214/2016/50-2 दिनांक 28-11-2016 के नियमों एवं प्रक्रिया के तहत किया जाता है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र के पृष्‍ठ क्र 1 से 18 अनुसार दल में कुल 10 सदस्‍य होगें, इस दल में ग्राम/वार्ड के संवेदनशील तथा जनसमुदाय में स्‍वीकार्यता वाले महिला-पुरूष को समान रूप से 5-5 सदस्‍य के रूप में चुना जायेगा। रायसेन जिले में वर्तमान अब तक कुल 670 दलों का गठन शासन के नियमानुसार किया गया है। दल के सदस्‍यों के नाम, पता पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–2 (पेज क्रमांक 19 से 689) अनुसार है। दलों को प्रशिक्षण दिया गया एवं प्रशिक्षण कार्य में व्‍यय हुई राशि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 (पेज क्रमांक 690 से 691) अनुसार है। (ख) जी हाँ, कार्यक्रमों के आयोजन के विभागीय नियम एवं निर्देश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र– 4 (पेज न. 692 से 731 तक) अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाश (ख) के तहत रायसेन जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक सेमीनार, प्रशिक्षण, कार्यशाला और प्रशिक्षण आयोजित किये गये, जिसमें कुल राशि रू 1199095/- व्‍यय की गई। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि, प्रशिक्षक एवं प्रतिभागियों की संख्‍या स्‍थान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-4            ( पेज न. 692 से 731) अनुसार है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की भर्ती में अनियमितता

[महिला एवं बाल विकास]

12. ( क्र. 173 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं के रिक्‍त एवं नवीन पदों पर भर्ती हेतु वर्तमान में जो नियम लागू हैं उसके अनुसार सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले आवेदकों को नियुक्ति दी जाती है? (ख) क्‍या उदयपुरा विधानसभा अंतर्गत विकासखंड बाड़ी एवं उदयपुरा में भर्ती प्रक्रिया के नियमानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/ सहायिकाओं से निर्धारित अवधि में आवेदन पत्र बंद लिफाफे के स्‍थान पर खुले रूप में लिए जाते हैं? यदि हाँ, तो खुले रूप में आवेदन प्राप्‍त करने के उपरांत क्‍या यह ज्ञात नहीं होता है कि किस आवेदक को सर्वाधिक अंक प्राप्‍त हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इससे गोपनीयता एवं पारदर्शिता कैसे बनाए रखी जा सकती है? (ग) क्‍या इस प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता के लिए निविदाओं जैसी बंद लिफाफे में आवेदन लेने की व्‍यवस्‍था शासन करेगा? (घ) विगत 01 वर्ष में रायसेन जिले के विकासखंड बाड़ी एवं उदयपुरा के अंतर्गत किन-किन आंगनवाडि़यों के कौन-कौन से रिक्‍त पदों हेतु कब-कब विज्ञप्ति किन-किन समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई गई? उक्‍त विज्ञप्तियों के तहत कितने आवेदकों के आवेदन पत्र प्राप्‍त किए गए? क्या उक्त भर्ती में अनियमितता की गई है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया में निर्देशानुसार बंद लिफाफे में आवेदन लिए जाने का प्रावधान नहीं है, अपितु आवेदन प्राप्त करते समय संलग्न दस्तावेजों के आधार पर आवेदक को प्राप्ति दी जाती है। आवेदन प्राप्त करने के उपरान्त आवेदन परियोजना अधिकारी की अभिरक्षा में रखे जाते है। प्राप्त आवेदन चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाते है। तद्नुसार चयन समिति के अनुमोदन से निर्धारित अंकों के आधार पर अनन्तिम सूची तैयार की जाती है। जिस पर आवश्यक आपत्ति/दावे अनुसार जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा निर्णय लिया जाता है। अतः प्रचलित नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता है। शेष का प्रश्न नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार पारदर्शी प्रक्रिया प्रचलित होने से बंद लिफाफे में आवेदन लेने की व्यवस्था का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) रायसेन जिले के विकासखंड बाड़ी एवं उदयपुरा में विगत एक वर्ष में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 30, आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 34 तथा उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 07 रिक्त पदों पर पूर्ति हेतु विज्ञप्ति का प्रकाशन समाचार पत्रों में कराया गया है। उक्त विज्ञप्ति के तहत कुल 853 आवेदन पत्र आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिये प्राप्त हुये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। उक्त भर्ती में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई।

परिशिष्ट - ''चार''

कृषकों के सिंचाई पंपों के विद्युत बिल राशि की फ्लैट राशि का भुगतान

[ऊर्जा]

13. ( क्र. 201 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन/विभाग द्वारा कृषकों के सिंचाई पंपों के विद्युत बिल राशि का फ्लैट राशि भुगतान की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र के कृषकों को इसका लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या फ्लैट रेट का विद्युत सप्‍लाई के समय से इस योजना का कोई संबंध है? यदि हाँ, तो क्‍या? (ग) क्‍या ग्‍वालियर जिले के शहरी क्षेत्र में कृषकों के सिंचाई पंप जो केवल कृषि सिंचाई के लिये उपयोग में आते हैं? क्‍या उनकी फ्लैट रेट बंद करने बिलिंग चालू की गई है? यदि हाँ, तो दोहरा नियम कृषकों पर क्‍यों लागू किया गया?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। फ्लैट रेट योजना अंतर्गत कृषि पंप को बिना मीटर विद्युत प्रदाय किया जाता है, जिसमें 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय के अनुसार विद्युत खपत निर्धारित है। (ग) जिन शहरी क्षेत्रों में कृषि पंप को 3 फेस पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय वाले घरेलू फीडर से विद्युत आपूर्ति की जा रही है, उनकी बिलिंग मीटर में अंकित वास्‍तविक खपत के अनुसार विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित विद्युत की दर से की जा रही है।

प्रोटोकॉल का उल्‍लंघन करने पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

14. ( क्र. 233 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभागीय निर्देशों के अनुसार समस्‍त विभाग देश के किसी भी भाग में स्थित उनके कार्यालय द्वारा आयोजित किसी भी समारोह में उस क्षेत्र के सांसद/राज्‍य विधान सभा मंडल के सदस्‍यों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किये जाने के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कौन-कौन सी शास्ति अधिरोपित किये जाने के निर्देश हैं? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित किए पत्र क्रमांक 4983 दिनांक 15.12.2016 में प्रोटोकॉल का उल्‍लंघन करने के संबंध में किस-किस विभाग के किस-किस अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया था? (घ) उक्‍त अधिकारियों पर अब तक किस-किस स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही हुई? कार्यवाही की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये बताएं कि कब तक अनुशासनात्‍मक कार्यवाही पूर्ण कर प्रश्‍नकर्ता को अवगत कराया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्‍य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 06 अगस्‍त 2012 द्वारा शासन के किसी भी विभाग/ कार्यालय/ संस्‍था अथवा शासकीय महाविद्यालयों में गठित जनभागीदारी समितियों द्वारा आयोजित शासकीय/सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रमों में संबंधित क्षेत्र के माननीय सांसद/विधायक को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किये जाने के निर्देश है। (ख) निर्देशों की अवहेलना करने पर संबंधित के विरूद्ध आचरण या सेवा नियमों के अधीन निलंबित एवं अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करने का प्रावधान है। (ग) सहकारिता तथा किसान कल्‍याण एवं कृषि विकास विभाग के अधिकारि‍यों के विरूद्ध। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सहायक ग्रेड-3 के वेतनमान (समयमान) की स्‍वीकृति

[वित्त]

15. ( क्र. 235 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा मुख्‍य सचिव, म.प्र.शासन, भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 5069 दिनांक 09.01.2017 एवं संशोधन पत्र क्रमांक 5076, दिनांक 13.01.2017 मुख्‍य सचिव कार्यालय को किस माध्‍यम से कब प्राप्‍त हुआ? प्राप्‍त पत्र की अभिस्‍वीकृति प्रश्‍नकर्ता को दी गई है या नहीं? (ख) प्रश्‍नकर्ता के द्वारा प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित पत्र में किस विषय पर, किस कारण से क्‍या प्रस्‍ताव दिया था? प्रस्‍ताव legal या illegal है? (ग) यदि प्रस्‍ताव legal है तो क्‍या प्रस्‍ताव के क्रम से जाँच कमेटी गठित कर प्रस्‍ताव अनुसार दोहरी नीति एवं विसंगति 7वां वेतनमान स्‍वीकृति के पूर्व समाप्‍त की जावेगी? यदि हाँ, तो बतावें?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पत्र क्रमांक 5067 दिनांक 9-1-2017 वित्‍त विभाग को मुख्‍य सचिव कार्यालय के पत्र दिनांक 25-1-2017 से तथा पत्र क्रमांक 5076 दिनांक 13-1-2017 को मुख्‍य सचिव कार्यालय से पत्र दिनांक 18-1-2017 को प्रतिलिपि के रूप में प्राप्‍त हुआ है। (ख) एवं (ग) उपर्युक्‍त पत्र लिपिक संवर्ग (सहायक ग्रेड-3) कर्मचारियों को द्वितीय एवं तृतीय उच्‍चतर वेतनमान स्‍वीकृत करने के विषय में रहा है जो कि मंत्रालय के सहायक ग्रेड-3 के समान समस्‍त सहायक ग्रेड-3 को द्वितीय व तृतीय उच्‍चतर वेतनमान स्‍वीकृत किये जाने के लिये है। प्रस्‍ताव का परीक्षण किया जा रहा है। अत: विधिपूर्ण होने के बिन्‍दु पर मत नहीं दिया जा सकता।

 

म.प्र.शासन पर कर्ज की स्थिति

[वित्त]

16. ( क्र. 272 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2014, 31 मार्च 201531 मार्च 2016 की स्थिति में म.प्र. शासन पर कितना कर्ज था? प्रश्नांकित दिनांक तक म.प्र. शासन पर कितना कर्ज है व 31 मार्च 2017 की स्थिति में म.प्र. शासन पर कुल कितना कर्ज संभावित है? (ख) 1 अप्रैल 2016 से जनवरी 2017 की अवधि में क्या राज्य शासन ने कोई कर्ज लिया है? यदि हाँ, तो कितना-कितना, कब-कब व कहाँ-कहाँ से? (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्नांकित अवधि तक कितनी-कितनी राशि ऋण किश्तों एवं ऋण ब्याज के रूप में अदा की गई है? कितनी राशि स्थापना एवं पेंशन पर व्य‍य की गई है एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में कितनी राशि ऋण किश्त व ऋण ब्याज में अदा की जाना है? उक्त‍ राशि वर्ष 2016-17 के बजट का कितना प्रतिशत है? (घ) 31 मार्च 2016 की स्थिति में मध्य प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन कितना कर्ज था एवं 31 मार्च 2017 की स्थिति में कितना संभावित है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दिनांक 31.03.2014 में रूपये 77413.87 करोड़, 31.03.2015 में रूपये 94979.16 करोड़, 31.03.2016 में रूपये 111101.10 करोड़ का कर्ज शासन पर था। 31.03.2017 की स्थिति में मध्‍यप्रदेश पर कुल कर्ज की स्थिति नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा प्रेषित वित्‍त लेखों में स्‍पष्‍ट हो सकेगी। जो कि अभी अप्राप्‍त है। (ख) जी हाँ। अप्रैल, 2016 से जनवरी, 2017 की अवधि का वित्‍त लेखा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किया जाना है। अत: विवरण दिया जाना संभव नहीं है। (ग) वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में लिये गये ऋण एवं ब्‍याज भुगतान वित्‍त लेखा 2015-16 के विवरण क्रमांक 617 पर उपलब्‍ध है, इसी प्रकार वेतन पर व्‍यय का विवरण भाग-दो परिशिष्‍ट-एक उपलब्‍ध है। जो विधान सभा के पुस्‍तकालय में अवलोकनीय है। वर्ष 2016-17 हेतु भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक से वित्‍त लेखा वित्‍त वर्ष की समाप्ति उपरांत प्राप्‍त होगा, जिसमें उक्‍त स्थिति का उल्‍लेख होगा।            (घ) वर्ष 2011 के जनगणना के आधार पर मध्‍यप्रदेश की जनसंख्‍या 7.26 करोड़ थी। जनगणना की वार्षिक वृद्धि दर 2.03 प्रतिशत (दशकीय वृद्धि दर- 20.30 प्रतिशत) के मान से वर्ष 2016 में मध्‍यप्रदेश की अनुमानित जनगणना 8.02 करोड़ प्रक्षेपित होती है। 31.03.2016 की स्थिति में मध्‍यप्रदेश पर कुल रूपये 1,11,101.10 करोड़ का कर्ज था। अत: 31.03.2016 की स्थिति में प्रति व्‍यक्ति कर्ज लगभग रूपये 13,853.00 है। 31.03.2017 की स्थिति में वित्‍त लेखे महालेखाकार से प्राप्‍त नहीं होने के कारण कर्ज की गणना करना संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री एवं मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा की गई विदेश यात्राएं

[सामान्य प्रशासन]

17. ( क्र. 273 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक, मान. मुख्यमंत्री, मंत्रीगण एवं अन्य प्रतिनिधिमंडल द्वारा शासन स्तर पर की गई विदेश यात्राओं की जानकारी दें? यात्रा प्रारंभ/अंत का दिनांक, देश का नाम, यात्रा का उद्देश्य, यात्रा पर व्यय की जानकारी बतावें। साथ ही प्रत्येक यात्रा में शामिल व्यक्तियों के नाम तथा पद सहित सूची प्रदान करें। (ख) वर्ष 2015 से प्रश्नांकित तिथि तक मुख्यमंत्री तथा अन्य द्वारा विदेश यात्राओं पर किये गए कुल व्यय का वर्षवार ब्‍यौरा दें? (ग) इन यात्राओं का प्रबन्धन किस-किस इवेंट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा किया गया तथा उसे कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) क्या उक्त विदेशी यात्राओं में से अधिकांश यात्राएं प्रदेश में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए की गई? यदि हाँ, तो अभी तक प्रदेश में कितना विदेशी निवेश किस किस विदेशी संस्था/उद्योगपति द्वारा किस किस क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि का किया गया?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सूचना के अधिकार अंतर्गत प्राप्‍त पत्र पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

18. ( क्र. 334 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूचना के अधिकार के नियम की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की तीनों नगर परिषदों एवं ग्राम पंचायतों में विगत 3 वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा कितने आवेदनों का निराकरण कर सूचना प्रदान की गई एवं कितने आवेदन शेष हैं? (ग) प्रश्नांक (ख) के अनुसार आवेदनकर्ता का नाम एवं आवेदन की तारीख सहित जानकारी प्रदान करें? (घ) उपरोक्त विभाग द्वारा समय-सीमा में जानकारी नहीं दी गई, क्या उन पर कोई कार्यवाही की गई है, यदि की गई है तो की गई कार्यवाही की जानकारी देवें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र अनुसार। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र की तीन नगर परिषदों एवं ग्राम पंचायतों में विगत तीन वर्षों में कुल 525 आवेदन प्राप्त हुए। निराकरण किया :- 523 शेष (जो समय-सीमा के है) :- 02 (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। (घ) समय-सीमा में जानकारी प्रदाय की गई है। अतः शेषांश कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

विभाग द्वारा किए गए विकास कार्य

[पर्यटन]

19. ( क्र. 366 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा विगत 6 वर्षों में कौन-कौन से विकास कार्य कराए गए? किए गए विकास कार्य एवं स्थान का नाम व राशि सहि‍त अलग अलग बतावें? (ख) पर्यटन विभाग द्वारा विगत 4 वर्षों में शामगढ़ व धर्मराजेश्‍वर में कौन-कौन से कार्य किए गए है तथा उन कार्यों हेतु कितनी राशि का व्यय हुआ है कार्य व एजेंसी के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से स्थान पर्यटन स्थल की सूची में सम्मिलित हैं। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन हेतु मुवाझर माता सीतामऊ, कोटेश्‍वर महादेव सीतामऊ, गंगेश्‍वर महादेव सीतामऊ, एलवी महादेव कयामपुर, भडकेश्‍वर महादेव बसई, माकडी माता शामगढ, मोडी माता शामगढ़, आनंद धाम घसोई, हरणेश्‍वमर महादेव घसोई, भैंसासरी माता आम्बा, धर्मराजेश्‍वर चंदवासा, जोगणिया माता मेरियाखेडी, बाबा रामदेव कचनारा, गुफा माता सुवासरा, गणेश मगरा सुवासरा, बौद्ध गुफाएं खेजडिया भूप, भेरू बावजी घसोई आदि स्थानों पर विभाग द्वारा कब तक निरीक्षण कर पर्यटन स्थल घोषित किया जावेगा।

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) पर्यटन विभाग में विशिष्‍ट रूप से पर्यटन क्षेत्रों की सूची संधारित करने का कोई प्रावधान नहीं है।           (घ) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति 2016 के तहत किसी भी स्‍थल को पर्यटन घोषित करने की कोई नीति नहीं है। अत: शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पाँच''

विभाग द्वारा क्षेत्र में की जा रही कुर्की/जब्ती

[ऊर्जा]

20. ( क्र. 400 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन माह के भीतर सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कुर्की/जब्ती करने से पहले क्या‍ उपभोक्ताओं को सूचना पत्र जारी किए गए थे?            (ख) विगत तीन माह (अक्‍टूबर,नवम्‍बर एवं दिसम्‍बर-2016) में सुवासरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किस-किस प्रकार की सामग्री की कुर्की/जब्‍ती की गई ? वितरण केन्‍द्रवार उपभोक्‍ताओं/उपयोगकर्ताओं की संख्‍या बतावें जिनसे उपरोक्‍त सामग्री कुर्क/जब्‍त की गई है? (ग) विभाग द्वारा कुर्की या जब्ती के दौरान जब्‍त की गई सामग्री क्षतिग्रस्त होने पर उसकी भरपाई विभाग द्वारा की जाती है या नहीं? (घ) क्‍या विभाग द्वारा बकाया बिल की वसूली करने हेतु कुर्की या जब्ती के दौरान विभाग को उपलब्ध पुलिस बल को उपभोक्ताओं के साथ मारपीट करने का अधिकार है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में सुवासरा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा चल सम्‍पत्ति यथा चार पहिया वाहन, दो पहिया वाहन, विद्युत उपकरण, डीजल इंजिन आदि एवं अचल सम्‍पत्ति यथा मकान आदि की 1560 उपभोक्‍ताओं से कुर्की/जब्‍ती की गई, जिसकी वितरण केन्‍द्रवार संख्‍या संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। वितरण कंपनी द्वारा कुर्की की कार्यवाही में जब्‍त की गई सामग्री के क्षतिग्रस्‍त होने पर उसकी भरपाई किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। तथापि वितरण कंपनी द्वारा कुर्क/जब्‍त की गई सामग्री को कार्यालय अथवा कार्यालय परिसर में पूर्ण रूप से सुरक्षित रखा जाता है तथा उपभोक्‍ता द्वारा बकाया राशि का भुगतान किये जाने के उपरांत कुर्क/जब्‍त की गई सामग्री उपभोक्‍ता को वापस कर दी जाती है। (घ) जी नहीं। 

परिशिष्ट - ''छ:''

प्रदेश में ऑनलाईन खरीदी पर टैक्स वसूली की नई नीति

[वाणिज्यिक कर]

21. ( क्र. 426 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऑनलाईन खरीदी में टैक्स की नई नीति क्या है? नई नीति लागू होने के पश्चात विभाग द्वारा ऑनलाईन टैक्स के रूप में प्रदेश में कितनी राशि वसूली, वसूली गई राशि की अपेक्षाकृत टैक्स वसूली की समीक्षा (कम ज्यादा टैक्स)  कब-कब की गई, क्या विभाग नई नीति से प्राप्त टैक्स से संतुष्ट है? (ख) प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में किन-किन कम्पनियों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाईन खरीदी हेतु किया है इन कंपनियों की रजिस्ट्रेशन की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये? इन कम्पनियों के विरुद्ध        कब-कब टैक्स चोरी के खिलाफ विभाग द्वारा जाँच की गई? (ग) क्या अभी भी कई फर्जी कम्पनियां द्वारा स्वयं की कोरियर कम्पनी बना कर विभाग की आँखों में धूल झोंक कर अपना व्यवसाय कर रही है जिससे विभाग को टैक्स चोरी के रूप में लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है फर्जी कम्पनियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?        (घ) क्या ऑनलाईन खरीदी की नई नीति में टैक्स चोरी पकड़ने के लिए विभागीय अमले की कमी है यदि "हां" तो इसे कब तक दूर कर लिया जाएगा? क्या विभाग ने ऑनलाईन टैक्स चोरी को रोकने के लिए अलग से अधिकारियों की कोई टीम गठित की है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में ऑनलाईन खरीदी पर टैक्‍स नीति के संबंध में जारी अधिसूचनाएं दिनांक 28.09.2016 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। ऑनलाईन खरीदी पर अधिसूचना जारी होने के बाद दिनांक 1.10.2016 से 31 जनवरी 2017 तक टैक्‍स के रूप में प्रदेश में 35.24 करोड़ रूपए का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। प्रत्‍येक सप्‍ताह किए गए संव्‍यवहारों पर सप्‍ताह की समाप्ति के तीन दिवस के भीतर देय कर जमा करने के प्रावधान है। इस प्रकार प्रति सप्‍ताह इन करदाताओं की समीक्षा की जाती है और प्राप्‍त होने वाला राजस्‍व विभाग की अपेक्षाओं के अनुरूप है। (ख) ऑनलाईन खरीदी एवं परिवहन करने वाली 19 कंपनियों के द्वारा पंजीयन प्राप्‍त किया गया है रजिस्‍ट्रेशन की प्रति तथा इन कंपनियों से वसूल की गई कर राशि तथा कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र पर है। (ग) विभागीय पोर्टल पर क्रय/परिवहन किए जा रहे मालों की जानकारी निर्धारित प्रपत्र पर इन कंपनियों द्वारा दी जाती है। फर्जी कंपनियों द्वारा व्‍यवसाय किए जाने संबंधी तथ्‍य विभाग के समक्ष नहीं आए हैं। मध्‍यप्रदेश वेट अधिनियम की धारा 57 (5) के अंतर्गत मोबाइल जाँच के समय ऑनलाईन खरीदी के संबंध में नियमों का पालन नहीं होने पर 3 फर्मों के विरूद्ध कार्यवाही कर इनसे रू. 9,88,414/- की राशि वसूल की गई। (घ) जी हाँ, विभाग में शासकीय अमले की कमी है। पदों की रिक्‍तता एवं पदों को भरे जाने की सतत् प्रक्रिया है अत: शत्-प्रतिशत अमले की कमी को दूर किये जाने की निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। शासकीय अमले की कमी रहते हुए भी राजस्‍व संग्रहण एवं ऑनलाईन खरीदी में कर जमा कराने की निरंतर कार्यवाही की जा रही है। ऑनलाईन खरीदी के संबंध में कंपनियों द्वारा परिवहित किए जा रहे मालों के संबंध में विभागीय पोर्टल पर पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराई जाती है। ऑनलाईन खरीदी के नियमों का पालन नहीं होने पर मध्‍यप्रदेश वेट अधिनियम की धारा 57 (5) के अंतर्गत विभागीय अमले द्वारा मोबाईल जाँच के समय किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर शास्ति की कार्यवाही की जाती है।

बाल कल्‍याण समिति सागर को प्राप्‍त शिकायतें

[महिला एवं बाल विकास]

22. ( क्र. 460 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या बाल कल्‍याण समिति सागर की नियमित बैठक हो रही है? यदि हाँ, तो बैठक का स्‍थान एवं बैठक की कार्यवाही की जानकारी देवें। (ख) बाल कल्‍याण समिति के कौन-कौन से सदस्‍य शासन द्वारा कराई गई जाँच में दोषी पाये गये हैं? इनके द्वारा क्‍या-क्‍या अनियमितताएं की गई है? (ग) दोषी पाये गये समिति के सदस्‍य क्‍या मानव विकास में काम करते हैं? दोषी सदस्‍यों पर कार्यवाही में विलंब का क्‍या कारण है एवं इनके विरूद्ध कब कार्यवाही की जावेगी? (घ) बाल कल्‍याण समिति सागर के जिला न्‍यायालय सागर के समक्ष कितने लोगों ने किशोर न्‍याय (बालक की देख-रेख) सरंक्षण अधिनियम, 2015 की धारा 27 उपधारा (10) के अनुसार शिकायत की है? उनके नाम, पता एवं कार्यवाही की जानकारी से अवगत करायें। 

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी, हाँ। वर्तमान में बाल कल्‍याण समिति संप्रेक्षण गृह सागर में बैठक करती है। किशोर न्‍याय अधिनियम की धारा 99 के तहत बालक से संबंधित सभी रिपोर्टे जिन पर समिति या बोर्ड द्वारा विचार किया गया है गोपनीय मानी जाएंगी। अत: बैठक की कार्यवाही की जानकारी नहीं दी जा सकती है। (ख) बाल कल्‍याण समिति के अध्‍यक्ष श्री दिनेश नामदेव व सदस्‍य श्री साजू देव्‍यास को जाँच में दोषी पाया गया है। जाँच में मुख्‍यत: दो अनियमितताएं पाई गई हैं :- 1. श्री दिनेश नामदेव द्वारा जुलाई 2014 में अस्‍पताल में भर्ती रहते हुए 09 बैठकों में उपस्थिति पत्रक पर हस्‍ताक्षर किये। 2. जाँच में पाया गया कि श्री दिनेश नामदेव एवं श्री साजू देव्‍यास द्वारा संप्रेक्षण गृह के स्‍थान पर चाईल्‍ड लाईन कार्यालय में समिति की बैठकें की गई। (ग) प्रश्‍न के प्रथम भाग में ''मानव विकास सेवा से क्‍या तात्‍पर्य है'' अस्‍पष्‍ट होने के कारण उत्‍तर देने का प्रश्‍न उद्भुत नहीं होता है। प्रश्‍न के शेष भाग के संदर्भ में अधिनियम में विहित प्रक्रिया का पालन करने में प्रक्रियात्‍मक समय लगता है। कार्यावाही प्रक्रियाधीन है। (घ) धारा 27 की उपधारा (10) अंतर्गत कलेक्‍टर सागर को मात्र एक शिकायत प्राप्‍त हुई है। शिकायतकर्ता का नाम श्री ओंकार सिंह पतासदस्‍य किशोर न्‍याय बोर्ड सागर है। कलेक्‍टर द्वारा शिकायत का संज्ञान लिया जाकर अपर कलेक्‍टर से उच्‍च स्‍तरीय जाँच करायी जा रही है।

अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरण

[सामान्य प्रशासन]

23. ( क्र. 461 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कार्य भारित एवं आकस्मिक निधि सेवा से वेतन पाने वाले कर्मचारियों की सेवाकाल में मृत्‍यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति पर परिपत्र क्र. 3-12/2013/1-3 दिनांक  29 सितम्‍बर 2014 द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था? (ख) क्‍या यह प्रतिबंध सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. सी/5-1/2016/1/3 भोपाल दिनांक 31.08.2016 के द्वारा हटा दिया गया है एवं पुन: अनुकंपा नियुक्ति के आदेश सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी कर दिये गये है? (ग) सागर संभाग में आदेश दिनांक 29 सितम्‍बर 2014 से आदेश दिनांक 31.8.2016 तक ऐसे कितने दिवंगत कर्मचारी के परिवार के आवेदन अनुकंपा नियुक्ति हेतु लंबित है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अवधि में सागर जिले में कितने दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है एवं कितने आवेदन प्रश्‍न दिनांक तक लं‍बित है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उक्‍त परिपत्र के अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं थी। रूपये दो लाख अनुकंपा अनुदान दिये जाने का प्रावधान था। (ख) दिनांक 31.08.2016 द्वारा कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले दिवंगत कर्मचारियों के आश्रित सदस्‍य को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का निर्णय लिया है। (ग) 35 आवेदन लंबित हैं। (घ) सागर जिले में 27 दिवंगत कर्मचारियों के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है तथा 05 प्रकरण लंबित हैं। 

अवैध शराब का विक्रय

[वाणिज्यिक कर]

24. ( क्र. 465 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध शराब का विक्रय रोकने हेतु शासन की क्या नियम, नीति एवं निर्देश हैं? क्या इन नियमों एवं नीतियों का पालन उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में गांव-गांव में अवैध शराब की बिक्री के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ख) 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ अवैध शराब विक्रय, भंडारण एवं आबकारी एक्ट के तहत कितने प्रकरण दर्ज किये गये? प्रकरणवार जानकारी देवें। इन मामलों को कब माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया तथा किन-किन प्रकरणों का निराकरण कराया गया? (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में गांव-गांव में बिक रही अवैध शराब, अवैध भंडारण के संबंध में क्या विभाग विशेष निर्देश देकर अभियान चलाकर समुचित कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत अवैध शराब का विक्रय, भण्‍डारण, परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण रखे जाने हेतु अधिनियम की धारा 34 (1) (2) धारा 36, धारा 54 एवं धारा 49 में प्रावधानित है। इसका पालन घटिट्या विधानसभा क्षेत्र में भी किया जाता है। अधिनियम के अन्‍तर्गत निर्धारित सीमा से अधिक मादक द्रव्‍य अपने कब्‍जे में रखने वाले व्‍यक्ति इसके लिये स्‍वयं जिम्‍मेदार होते है। जिनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक घटिट्या विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब विक्रय, भण्‍डारण एवं आबकारी एक्‍ट के तहत विभिन्‍न स्‍थानों से कुल 311 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है। पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी, न्‍यायालय में प्रस्‍तुत करने का फौजदारी प्रकरण क्रमांक एवं दिनांक तथा निराकरण संबंधी जानकारी तथा लंबित प्रकरणों की जानकारी विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।              (ग) आबकारी आयुकत मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 6-ब/अप./2016-17/248 दिनांक 29.07.2016 के माध्‍यम से प्रदेश के सभी जिलों में दिनांक 01.08.2016 से 15.08.2016 तक की अवधि में शराब के अवैध निर्माण, परिवहन, विक्रय धारण आदि गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्‍य से विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये थे, जो निरंतर जारी है।

कोलारस विधान सभा क्षेत्र में वर्षों पूर्व फेल हुए ट्रांसफार्मर को बदला जाना

[ऊर्जा]

25. ( क्र. 487 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कोलारस विधान सभा क्षेत्र में दिसम्‍बर 2015 की स्थिति में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत स्‍थापित किए गए ट्रांसफार्मर जो कि स्‍थापित करते ही फेल हो गए थे, उन्‍हें प्रश्‍न दिनांक तक नहीं बदले गए हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ से कब-कब फेल हुए थे? (ख) उक्‍त फेल ट्रांसफार्मर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍यों नहीं बदले गए? फेल ट्रांसफार्मर बदलने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के ट्रांसफार्मर फेल होने से कौन-कौन से ग्राम, मजरा/टोला, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बस्तियां कब से अंधेरे में हैं? इनके अंधेरे में रहने के लिये कौन दोषी है? (ग) क्‍या राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य करने वाली एजेंसी कुछ ग्रामों, मजरा/टोला, बस्तियों का विद्युतीकरण कार्य अपूर्ण अथवा प्रारंभ किए बगैर छोड़ कर चली गई है? ऐसे कौन-कौन से ग्राम, मजरा/टोला, बस्तियां है? इनका विद्युतीकरण कार्य किस योजना के तहत कब तक पूर्ण किया जावेगा? कोई निश्चित समयावधि बताएं? (घ) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य अनुबंध अनुसार निर्धारित समयावधि में पूर्ण न करने के लिये शासन/कंपनी द्वारा निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्‍या-क्‍या ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही की गई? दस्तावेजी प्रमाण संलग्‍न कर जानकारी दें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) एवं (ख) दिसम्‍बर 2015 की स्थिति में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत कोलारस विधानसभा क्षेत्र में स्‍थापित किये गये ट्रांसफार्मरों में से ऐसा कोई भी ट्रांसफार्मर नहीं है जो कि स्‍थापित करते ही फेल हो गया था, अत: ट्रांसफार्मरों के फेल होने एवं बदले जाने संबंधी प्रश्‍नाधीन चाही गई कोई जानकारी दिया जाना अपेक्षित नहीं है। तथापि प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष ट्रांसफार्मरों एवं इससे प्रभावित ग्राम/मजरा/टोला/अनुसूचित जाति-जनजति बस्‍ती की ट्रांसफार्मर फेल होने की दिनांक सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्‍त फेल ट्रांसफार्मर उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं जा सके है, अत: इस हेतु वितरण कंपनी का कोई कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। (ग) जी हाँ, कोलारस विधानसभा क्षेत्र सहित शिवपुरी जिले हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य कर रही ठेकेदार एजेंसी में. हैथ्‍रो पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड गुड़गांव द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण उसका अनुबंध दिनांक 15.12.2016 को निरस्‍त कर दिया गया था एवं तत्समय प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में 263 ग्रामों में मजरों/टोलों/बस्तियों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य अपूर्ण था जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्‍त 263 ग्रामों के अपूर्ण विद्युतीकरण कार्य को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनावर्तमान में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना ) के अंतर्गत कराये जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत ही कार्य पूर्णता संबंधी समय बताया जाना संभव हो सकेगा।          (घ) कोलारस विधानसभा क्षेत्र सहित शिवपुरी जिले हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का क्रियान्‍वयन कर रही ठेकेदार एजेंसी मे. हैथ्‍रो पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड गुडगांव द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण उक्‍त एजेंसी से किया गया अनुबंध दिनांक 15-12-16 को निरस्‍त कर दिया गया है एवं उक्‍त ठेकेदार एजेन्‍सी की बैंक गांरटी की राशि रू. 17.45 करोड़ जब्‍त कर ली गई है। अनुबंध निरस्‍त किये जाने के आदेश दिनांक 15-12-16 की प्रति एवं जब्‍त की गई बैंक गांरटी से संबंधित दस्‍तावेजों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के क्रमश: प्रपत्र- स एवं द अनुसार है। 

के.व्‍ही. लाईन के तार बदले जाना

[ऊर्जा]

26. ( क्र. 496 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले के खतौरा विद्युत उपकेन्‍द्र से 11 के.व्‍ही. लाईन के तीन फीडर 1. पीरोंठ-गुहांसा-तरावली 2. रामगढ़-कुलुअन-कुटवारा एवं पगारा 3. बरोदिया-मेघोनाबड़ा निकले है? यदि हाँ, तो इनकी 11 के.व्‍ही. लाईन के तार कब एवं किस क्षमता के डाले गए थे वर्तमान में इन फीडरों पर लोड कितना-कितना है वर्तमान लोड के अनुसार किस क्षमता के 11 के.व्‍ही. लाईन के तार की आवश्‍यकता है? (ख) क्‍या खतौरा उपकेन्‍द्र से निकलने वाले उक्‍त वर्णित तीनों फीडरों के 11 के.व्‍ही. लाईन के तार लगभग 30-35 वर्ष पुराने हैं? जिसके कारण उक्‍त लाईन वर्तमान भार वहन नहीं कर पा रही है? यदि हाँ, तो उक्‍त फीडरों पर 11 के.व्‍ही. लाईन के नए तार कब तक बदले जावेंगे? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 26/05/2016, 26/08/2016 तथा 26/12/2016 को महाप्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कम.लिमि. वृत्‍त शिवपुरी को पत्र लिखकर खतौरा उपकेन्‍द्र के उक्‍त तीनों फीडरों के 11 के.व्‍ही. लाईन के तार बदलने का अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो उक्‍त तार अभी तक क्‍यों नहीं बदले गए? उक्‍त तार कब तक बदले जाएंगे? (घ) क्‍या खतौरा विद्युत उपकेन्‍द्र से निकलने वाले उक्‍त तीनों फीडरों के 11 के.व्‍ही. लाईन के तार सिंचाई के सीजन में लोड पड़ने पर बार-बार टूटते हैं? सैकड़ों बार लाईन फाल्‍ट होती है? यदि हाँ, तो इस समस्‍या से छूटकारा कब तक मिल जावेगा? 11 के.व्‍ही. लाईन के तार कब तक बदले जावेंगे? निश्चित समयावधि बताएं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शिवपुरी वृत के अंतर्गत प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित 11 के.व्‍ही..पीरोठ-गुहासा-तरावली एवं 11 के.व्‍ही. रामगढ-कुशवन (कुलुअन नहीं) -कुटवारा फीडर 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र रामगढ़ से निर्गमित हैं एवं 11 के.व्‍ही. बरोदिया-मेघोनावडा (बिजरोनी) फीडर 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र खतौरा से निर्गमित है। उक्‍त फीडरों के तार लगभग 20 वर्ष पूर्व डाले गए थे। उपरोक्‍त तीनों फीडरों के तार 03 (Weasel conductor) हैं, जिनका नॉमिनल एल्‍यूमीनियम एरिया 30 वर्ग मिलीमीटर एवं 750 C पर विद्युत प्रवाह क्षमता 138 एम्‍पीयर है। वर्तमान में 11 के.व्‍ही. पीरोठ फीडर का भार 110 एम्‍पीयर, 11 के.व्‍ही. रामगढ़ फीडर का भार 120 एम्‍पीयर एवं 11 के.व्‍ही. बिजरोनी फीडर का भार 120 एम्‍पीयर है। उक्‍त तीनों फीडरों का भार स्‍थापित तारों की क्षमता के अनुरूप है।             (ख) उत्‍तरांश '''' में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन 11 के.व्‍ही.फीडरों के तार लगभग 20 वर्ष पुराने है एवं उनकी क्षमता फीडरों पर वर्तमान भार के अनुरूप है। 11 के.व्‍ही. बरोदिया-मेघोनावड़ा (बिजरोनी) फीडर के लगभग 4 कि.मी. तार जो कि खराब/कमजोर हो गये थे, उन्‍हें दिनांक 03.01.2016 को बदल दिया गया है। प्रश्‍नाधीन अन्‍य दो 11 के.व्‍ही. फीडरों के तार वर्तमान में बदलने की आवश्‍यकता नहीं है। (ग) जी हाँ। उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार 11 के.व्‍ही. बरोदिया-मेघोनावडा (बिजरोनी) फीडर के लगभग 4 कि.मी. तार दिनांक 03.01.2016 को बदल दिये गये है तथा अन्‍य दो 11 के.व्‍ही. फीडरों के तार वर्तमान में बदलने की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) जी नहीं तथापि 33/11 के.व्‍ही. खतौरा उपकेन्‍द्र एवं 33/11 के.व्‍ही. रामगढ़ उपकेन्‍द्र से निर्गमित प्रश्‍नाधीन तीनों 11 के.व्‍ही. फीडरों के तारों के कतिपय अवसरों पर तकनीकी खराबी, आंधी तूफान आदि कारणों से टूटने पर, तत्‍काल लाईन सुधार का कार्य कर विद्युत प्रदाय सामान्‍य कर दिया जाता है। उक्‍त तीनों फीडरों पर सैकड़ों बार लाईन फाल्‍ट होने जैसी स्थिति नहीं है। उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार आवश्‍यकतानुसार 11 के.व्‍ही. बरोदिया-मेघोनावडा (बिजरोनी) फीडर के 4 कि.मी. तार बदलने की कार्यवाही की जा चुकी है तथा शेष दो 11 के.व्‍ही. फीडरों के तार वर्तमान में बदलने की आवश्‍यकता नहीं है। 

ग्राम हाटा में विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

27. ( क्र. 512 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधान सभा में दिये गये भाषण दिनांक 14.03.2016 को सदन में बताया था कि विधान सभा के क्षेत्र मऊगंज के गांव हाटा में विद्युत सब-स्‍टेशन की आवश्‍यकता है तथा अधीक्षण अभियंता (सं/स.) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लिमि. रीवा को पत्र क्रमांक 216 दिनांक 14.04.2016 द्वारा हाटा में नये 33/11 विद्युत उपकेन्‍द्र के निर्माण कराये जाने का पत्र लिखा था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्‍या अधीक्षण यंत्री (सं./स.) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. रीवा द्वारा पृष्‍ठांकन क्रमांक 486 रीवा दिनांक 27.04.2016 द्वारा बताया गया था कि ग्राम हाटा (लोड़ी) में नये 33/11 विद्युत उपकेन्‍द्र निर्माण हेतु प्रस्‍ताव 2016-17 के कार्य योजना में शामिल कर उच्‍च कार्यालय को प्रेषित किया जा चुका है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो उपरोक्‍त उपकेन्‍द्र पर क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध करावें। इसे कब तक पूर्ण कराया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र मऊगंज में कोई और उपकेन्‍द्र प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो नाम बतावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, अधीक्षण अभियंता (संचालन-संधारण), म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, रीवा के कार्यालय में प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित पत्र प्राप्‍त हुआ था। (ख) ग्राम हाटा (लोड़ी) में नये 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र के निर्माण हेतु प्रस्‍ताव वर्ष 2016-17 की कार्य योजना में शामिल करने हेतु प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित संदर्भ से, अधीक्षण अभियन्‍ता (संचालन-संधारण) रीवा द्वारा संबंधित उच्‍च कार्यालय को प्रेषित किया गया था। (ग) ग्राम हाटा (लोड़ी) में नये 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र के निर्माण के प्रस्‍ताव का परीक्षण किया गया तथा उक्‍त प्रस्‍ताव तकनीकी दृष्टि से साध्‍य नहीं पाया गया। अत: उक्‍त विद्युत उपकेन्‍द्र का कार्य कराये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में वित्‍तीय वर्ष 2016-17 की कार्य योजना के अंतर्गत ग्राम शाहपुर में एक 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र के निर्माण का कार्य स्‍वीकृत है एवं आईपीडीएस योजना अन्‍तर्गत ग्राम मऊगंज में एक 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र का निर्माण कार्य प्रस्‍तावित है।

अनियमित बिल वसूली रोकने एवं दोषियों पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

28. ( क्र. 520 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में विद्युत विभाग ने कितने विद्युत वितरण केन्‍द्र स्‍थापित किये हैं? उनमें से किन-किन केन्‍द्रों में किन-किन ग्रामों को संबद्ध किया गया है? संचालित केन्‍द्रों के ग्रामों में विद्युत सप्‍लाई बाबत् कितने हॉर्स पावर के कितने-कितने ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना की गई है, की जानकारी वर्ष 2014 से प्रश्‍नांश तक की देवें?    (ख) प्रश्‍नांश (क) अवधि में प्रश्‍नांश (क) के स्‍थापित ट्रांसफार्मर कब-कब, किस-किस विद्युत वितरण केन्‍द्र के जले एवं उनको कब-कब, किस-किस दिनांक एवं माह के बाद बदला गया तथा कितने दिन बिजली की पूर्ति बाधित हुई? ट्रांसफार्मर जलने के दौरान बाधित बिजली पूर्ति का बिल क्‍या उपभोक्‍ताओं से वसूल किया जाता है, अगर किया जाता है तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के निर्देश पर रीवा जिले में बिजली उपभोक्‍ताओं के कनेक्‍शनों के चेकिंग की कार्यवाही 16 जनवरी, 2017 के चल रही है, जिस पर पर विभाग द्वारा उपभोक्‍ताओं के ऊपर फर्जी एवं मनमानी तरीके से लगभग 400 विद्युत चोरी के प्रकरण तैयार किये है, उक्‍त अवधि में कितने चोरी के प्रकरण तैयार किए गए? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार ट्रांसफार्मरों के जलने के कारण बिजली पूर्ति उपभोगताओं की पूर्णत: बाधित हुई, लेकिन विभाग द्वारा जबरदस्‍ती उस अवधि के भी बिजली के बिल लेने एवं गलत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराने की कार्यवाही पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? साथ ही इन पर रोक लगाने बाबत् क्‍या कार्यवाही करेंगे कि इस तरह उपभोगताओं के ऊपर फर्जी मुकदमें न दर्ज कराये जाय एवं बाधित बिजली आपूर्ति के दौरान बिल न वसूल जाय? इस पर संबंधितों को निर्देश देने के साथ ऐसा करने वालों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे, बतावें? अगर नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) रीवा जिले के क्षेत्रान्‍तर्गत 28 विद्युत वितरण केन्‍द्र स्‍थापित किए गए हैं। इन वितरण केन्‍द्रों से सम्‍बद्ध ग्रामों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। रीवा जिले में संचालित वितरण केन्‍द्रों के ग्रामों में विद्युत प्रदाय हेतु वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍थापित ट्रांसफार्मरों की क्षमतावार संख्‍या निम्‍नानुसार है :-

क्रमांक

स्‍थापित ट्रांसफार्मरों की क्षमता (के.व्‍ही.ए.)

स्‍थापित ट्रांसफार्मरों की संख्‍या

1

16/25

2087

2

63

758

3

100

419

4

200

14

 (ख) रीवा जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने तथा बदलने का, बदलने में लगे समय सहित वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि ट्रांसफार्मरों के फेल/खराब होने संबंधी आंकड़े किसी अवधि विशेष में स्‍थापित किये गये ट्रांसफार्मरों के परिप्रेक्ष्‍य में संधारित नहीं किये जाते, अत: प्रश्‍नाधीन अवधि में फेल/खराब हुए ट्रांसफार्मरों में वे ट्रांसफार्मर भी सम्मिलित हैं जो इस अवधि के पूर्व से स्‍थापित किये गये थे। विद्युत प्रदाय संहिता 2013 एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार ही बिल जारी किये जाने एवं वसूली संबंधी कार्यवाही की जाती है। (ग) रीवा जिले में दिनांक 16.01.2017 से 31.01.2017 की अवधि में विद्युत कनेक्‍शनों की सघन चेकिंग की गई थी। दिनांक 16.01.2017 से 31.01.2017 की अवधि में विद्युत का अवैधानिक उपयोग पाये जाने पर विद्युत अधिनियम, 2003 में धारा 135 के तहत् 152 एवं धारा 138 के तहत् 19 प्रकरण नियमानुसार तैयार किये गये हैं। (घ) ट्रांसफार्मर जलने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित अवधि में विद्युत प्रदाय संहिता 2013 एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार ही बिल जारी किये जाने एवं वसूली संबंधी कार्यवाही की गई है। चेकिंग के दौरान विद्युत का अनाधिकृत उपयोग पाए जाने पर ही प्रकरण तैयार किये गए हैं। नियमानुसार की गई उक्‍त कार्यवाही के परिप्रेक्ष्‍य में किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न नहीं उठता। 

फीडर सेप्रेशन के कार्य

[ऊर्जा]

29. ( क्र. 553 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.प.क्षेत्र वि.वि.कं. डिविजन शुजालपुर के अंतर्गत वितरण केंद्र अकोदिया, पोलायकला, अवंतिपुर बड़ोदिया, अरनियाकला, पोचानेर, नान्दनी, खोकरकला, बेहरावल एवं कालापीपल के कितने ग्रामों में फीडर सेप्रेशन का कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो चुका है? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वितरण केन्द्रों के ग्रामों में से कितने ग्रामों में केबलीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है? सूची देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वितरण केंद्र खोकरा कला के ग्राम मोहम्मदपुर मछनई में फीडर सेप्रेशन के तहत कार्य हुआ है? यदि हाँ, तो ग्राम आबादी क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर कितनी कैपेसिटी के स्थापित किए हैं? उनकी लोकेशन बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित गांव में एल टी लाईन के तार कब बदले गए थे? क्या गांव के नागरिकों द्वारा तारों को बदलने की अथवा केबलीकरण की मांग की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालन एवं संधारण संभाग शुजालपुर के अन्‍तर्गत वितरण केन्‍द्र अकोदिया, पोलायकला, अवंतिपुर बडोदिया, अरनियाकला, पोचानेर, नान्‍दनी, खोकरकला, बेहरावल एवं कालापीपल में अद्यतन स्थिति में क्रमश: 24 ग्रामों, 26 ग्रामों, 19 ग्रामों, 29 ग्रामों, 23 ग्रामों, 23 ग्रामों, 33 ग्रामों, 24 ग्रामों एवं 21 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। उक्‍तानुसार फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्णता वाले 222 ग्रामों की वितरण केन्‍द्रवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।           (ख) संचालन एवं संधारण संभाग शुजालपुर के अंतर्गत वितरण केन्‍द्र अकोदिया, पोलायकला, अवंतिपुर बडोदिया, अरनियाकला, नान्‍दनी, खोकरकला, बेहरावल एवं कालापीपल में क्रमश: 3 ग्रामों, 6 ग्रामों, 2 ग्रामों, 6 ग्रामों, 13 ग्रामों, 13 ग्रामों, 11 ग्रामों एवं 17 ग्रामों के केबलीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। वितरण केन्‍द्र पोचानेर में अभी किसी भी ग्राम में केबलीकरण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। उक्‍तानुसार केबलीकरण का कार्य पूर्णता वाले 71 ग्रामों की वितरण केन्‍द्रवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। ग्राम मोहम्‍मदपुर मछनई में आबादी वाले क्षेत्र में दो वितरण ट्रांसफार्मर क्रमश: 200 के.व्‍ही.ए. क्षमता का ग्राम वाला एवं 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता का मजरा/टोला वाला लोकेशन पर स्‍थापित किये गये है। (घ) ग्राम मोहम्‍मदपुर मछनई में निम्‍नदाब लाईन के तार नहीं बदले गये है। जी हाँ, ग्रामीणों द्वारा तारों को बदलने अथवा केबलीकरण की मांग की गई है। उक्‍त कार्य सहित प्रश्‍नाधीन फीडर विभक्तिकरण एवं केबलीकरण के कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मे. शेलटेक ऑटोमेशन प्रायवेट लिमिटेड, सिकन्‍दराबाद को जारी किया गया अवार्ड, ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य में विलंब करने के कारण दिनांक 27.8.2015 को निरस्‍त कर दिया गया है। उक्‍त ग्राम मोहम्‍मदपुर मछनई सहित प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में शेष केबलीकरण का कार्य पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्‍तर पर पूर्ण कराया जावेगा। 

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मानदेय वृद्धि

[महिला एवं बाल विकास]

30. ( क्र. 560 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्य शासन द्वारा 2000/- रूपये एवं केन्द्र सरकार द्वारा 3000/- रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है, जो कि न्यूनतम वेतन से भी काफी कम है। जबकि वर्तमान में इनका कार्य एवं जिम्मेदारी काफी बढ़ गयी है। (ख) क्‍या इतने कम मानदेय में इनका गुजारा ठीक से हो पाना संभव हैं। यदि नहीं, तो इनका मानदेय कब तक बढ़ाने पर विचार किया जावेगा? (ग) यदि केन्द्र सरकार के द्वारा मानदेय बढाना संभव नहीं हो तो राज्य स्तर का मानदेय कब तक बढ़ा दिया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का पद मानसेवी होने से न्‍यूनतम वेतन दिए जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है अत: शासन द्वारा निर्धारित मानदेय दिया जाता है। कार्य एवं जिम्‍मेदारी ऑगनवाड़ी के केन्‍द्रों से प्रदायित सेवा के अनुरूप ही है। (ख) भारत सरकार द्वारा ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद को मानसेवी श्रेणी में रखा गया है। मानदेय बढ़ाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है। राज्‍य सरकार द्वारा अपने सीमित वित्‍तीय संसाधनों से अतिरिक्‍त मानदेय भुगतान किया जाता है। अत: शेष का प्रश्‍न ही नहीं। (ग) राज्‍य सरकार के सीमित वित्‍तीय संसाधनों के कारण वर्तमान में अतिरिक्‍त मानदेय बढ़ाये जाने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की अवैध नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

31. ( क्र. 595 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखंड गंगेव अंतर्गत ग्राम बहिवार में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति में स्थानीय निवासी की नियुक्ति न कर नगरपालिक निगम रीवा वार्ड क्र.3 पुष्पराजनगर निवासी रेनुका राल्ही पत्नी तरून राल्ही की कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या अवैध नियुक्ति की अपील में न्यायालय कलेक्टर रीवा द्वारा अपने पारित निर्णय दिनांक 30/08/16 में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रीवा को निर्देशित किया गया था कि आदेश की कंडिका 6 में दर्शाए गए बिन्दुओं की जाँच दो माह के अन्दर कराकर प्राप्त प्रतिवेदन को जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करें एवं जिला स्तरीय समित द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुसार जारी अंतिम सूची के प्रथम स्थान की अभ्यार्थी संगीता साकेत पति नागेन्द्र प्रसाद साकेत निवासी बहिवार की नियुक्ति आंगनवाड़ी केंद्र बहिवार में आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता के पद पर करें? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बालविकास रीवा द्वारा न्यायालय कलेक्टर रीवा के आदेश की कंडिका 6 में दर्शाए गए बिन्दुओं की जाँच कर ली गई है यदि हाँ, तो जाँच की प्रति एवं दिनांक सहित जानकारी देवें? (घ) क्या विगत छः माह बीत जाने के बाद भी जाँच नहीं की गई ओर न ही पात्र अभ्यार्थी संगीता साकेत की नियुक्ति की गई? क्या न्यायालय के आदेश के दोषी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बताएँ?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विकासखंड गंगेव की बाल विकास परियोजना गंगेव क्रमांक 01 में आंगनवाड़ी केन्द्र बहिरवार में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर श्रीमती रेणुका राल्ही द्वारा आवेदन पत्र के साथ ग्राम बहिरवार की मतदाता सूची वर्ष 2004 संलग्न की गई थी। उक्त मतदाता सूची के सरल क्रमांक 1070 में रेणुका राल्ही पति तरूण ताल्ही का नाम दर्ज है। उक्त मतदाता सूची के आधार पर खंड/जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन उपरान्त श्रीमती रेणुका राल्ही का चयन किया गया। (ख) कलेक्टर न्यायालय रीवा के प्रकरण क्रमांक 13/अ/89/मूल/2014-15 में पारित निर्णय दिनांक 30.08.2016 के कंडिका 6 में लेख किया गया है कि तरूण राल्ही पिता शशि भुषण राल्ही के निवास की जाँच कराया जावे। उक्त निर्णय में यह भी लेख किया है कि जिला स्तरीय समिति के समक्ष जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें एवं जिला स्तरीय समिति द्वारा लिये जाने वाले निर्णय के अनुसार जारी अंतिम सूची के प्रथम स्थान के अभ्यर्थी की नियुक्ति आंगनवाड़ी केन्द्र वहिरवार में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर करें। जाँच एवं जिला स्तरीय समिति के निराकरण तक अनावेदिका क्रमांक -2 अपने पद पर यथावत रहेगी। माननीय न्यायालय के निर्णय दिनांक 30/08/2016 के अनुसार पत्र क्रमांक 2400 दिनांक 04/10/2016 के द्वारा श्रीमती रेणुका राल्ही पति तरूण राल्ही के निवास संबंधी जाँच तहसीलदार सिरमौर से कराई गई। तहसीलदार तसहसील सिरमौर द्वारा प्रस्तुत पत्र क्रमांक 24 दिनांक 212/11/2016 में लेख किया गया है कि रेणुका राल्ही के पति तरूण राल्ही के नाना रामखेलावन के पुत्र नहीं है जिससे तरूण राल्ही सपरिवार नाना के यहां बहिरवार में वर्ष 2003 से रह रहे है। रेणुका राल्ही के पति का पुस्तैनी निवास ग्राम मऊगंज है इसके पूर्व नाना के यहां आना जाना बना रहता है। (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) जाँच की कार्यवाही की जा चुकी है। जाँच के निष्कर्षों के आधार पर जिला स्तरीय समिति द्वारा पदपूर्ति की कार्यवाही की जावेगी। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''सात''

ग्राम खामखेड़ा के विद्युतीकरण बाबत्

[ऊर्जा]

32. ( क्र. 603 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा बरगी वि.स. क्षेत्र वि.ख. जबलपुर के शत्-प्रतिशत आदिवासी आबादी वाले ग्राम खामखेड़ा में विद्युतीकरण हेतु कार्यालय अधीक्षण अभियंता            (संचा.-संधा.) जबलपुर एवं कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) जबलपुर को कब-कब पत्र लिखा गया? प्रश्‍नकर्ता द्वारा ग्राम खामखेड़ा के डूब क्षेत्र से बाहर होने का नर्मदा घाटी विकास विभाग का पत्र कार्यपालन यंत्री को कब प्रेषित किया गया है ? (ख) उपरोक्‍त आदिवासी बाहुल्‍य ग्राम खामखेड़ा का विद्युतीकरण विभाग/शासन द्वारा कब तक किया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) माननीया विधायक महोदया द्वारा पत्र दिनांक 18.03.2016 के माध्‍यम से बरगी विधानसभा क्षेत्र विकासखण्‍ड, जबलपुर के ग्राम खामखेडा में विद्युतीकरण हेतु कार्यालय कार्यपालन अभियंता (संचालन-संधारण), जबलपुर को लेख किया गया था। माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदया द्वारा उक्‍त पत्र के साथ प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित आशय को कार्यपालन यंत्री रानी अवंतीबाई लोधी सागर, बाया मेसनरी बांध संभाग बरगी नगर का पत्र क्रमांक 330 दिनांक 11.03.2016 संलग्‍न कर प्रेषित किया गया था। (ख) पूर्व में आदिवासी बाहुल्‍य ग्राम खामखेड़ा डूब क्षेत्र में आता था परन्‍तु माननीय विधायक महोदया के उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित पत्र के तारतम्‍य में इस ग्राम का विद्युतीकरण वर्तमान में लागू विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत करने हेतु आर.ई.सी. लिमिटेड की स्‍वीकृति हेतु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया है। खामखेड़ा ग्राम वनवाधित ग्राम है, अत: आर.ई.सी. लिमिटेड एवं वन विभाग से स्‍वीकृति प्राप्‍त होने पर इस ग्राम के विद्युतीकरण का कार्य किया जा सकेगा। उक्‍त परिप्रेक्ष्य में इस ग्राम का विद्युतीकरण किये जाने हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 

 

पाटन विधान सभा अन्‍तर्गत नहरों का घटिया निर्माण

[नर्मदा घाटी विकास]

33. ( क्र. 640 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रानी अवंती बाई सागर बायीं तट नहर की मुख्‍य एवं माईनर नहरों के रख-रखाव एवं सिल्‍ट सफाई आदि के विगत दो वर्षों में नहरवार क्‍या-क्‍या कार्य कितनी-कितनी राशि के किन-किन से कराये गये वर्षवार नहरवार जानकारी देवें? (ख) क्‍या वर्तमान समय में पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नहरों की लाईनिंग का कार्य ठेकेदार के माध्‍यम से कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्‍त निर्माण कार्यों का अनुबंध किस निर्माण एजेंसी से कहाँ से कहाँ तक के लिये किस दर पर कुल कितनी लागत का किया गया है? अनुबंधों की शर्तों के अनुरूप उपरोक्‍त निर्माण कार्य किस दिनांक से प्रारंभ होकर कब समाप्‍त होना है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित निर्माण कार्यों की गुणवत्‍ता का निरीक्षण एवं परीक्षण किस-किस के द्वारा कब-कब किया गया एवं निरीक्षण रिपोर्ट क्‍या थी? निर्माण कार्यवार निरीक्षणकर्ता के नाम सहित सूची देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित कौन-कौन से निर्माण कार्यों के घटिया निर्माण की किन-किन के द्वारा शासन को शिकायतें की गई एवं इन प्राप्‍त शिकायतों पर कब किसने क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या शासन उपरोक्‍त घटिया निर्माण कार्यों की उच्‍चस्‍तरीय जाँच कराकर दोषी अधिकारियों एवं निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही करेगा? उत्‍तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं बतलावें?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘'’’ अनुसार है। (घ) शिकायत विभाग को प्राप्‍त नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आदिवासी संस्‍कृति की धरोहर पर व्‍यय

[संस्कृति]

34. ( क्र. 697 ) श्री संजय उइके : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु मांग संख्‍या 41 में बजट राशि प्राप्‍त होती है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में कहाँ-कहाँ आदिवासी संस्‍कृति की धरोहर/किला या अन्‍य स्‍थल है? जिलेवार बतावें? (ग) आदिवासी धरोहर/किला/स्‍थल हेतु वित्‍तीय वर्ष 2013-14 में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जिलेवार कहाँ-कहाँ व्‍यय की गयी?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. (ख) जबलपुर में रानी दुर्गावती समाधि स्‍थल है. (ग) वित्‍तीय वर्ष 2013-14 में प्रश्‍न दिनांक तक रानी दुर्गावती समाधि स्‍थल के रख-रखाव, स्‍थाई सम्‍पत्तियों के अनुरक्षण कार्य हेतु राशि रूपये 23.00 लाख प्राप्‍त हुए हैं. कलेक्‍टर, जबलपुर मांग के अनुसार रानी दुर्गावती समाधि स्‍थल के रख-रखाव हेतु राशि रूपये 15.00 लाख आवंटित की गई है.

दक्षिण बैहर के गाँवों में विद्युत प्रदाय बाबत

[ऊर्जा]

35. ( क्र. 699 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा दक्षिण बैहर नक्सल प्रभावित ग्रामों की सूची जहाँ कि विद्युतीकरण हुये विगत तीन वर्ष हो गये किन्‍तु ग्रामीणों को आज दिनांक तक एक भी दिन विद्युत नहीं मिली है तत्‍संबंध में विद्युत प्रदाय करने सम्‍बन्‍धी पत्र कार्यपालन यंत्री म.प्र. पूर्व विद्युत क्षेत्र वितरण कम्‍पनी बैहर को लिखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो पत्र प्राप्‍त होने के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक विद्युत प्रारम्‍भ नहीं करने का क्‍या कारण है और कब तक विद्युत व्‍यवस्‍था प्रारम्‍भ कर दी जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अपितु माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा 2 ग्रामों यथा-बिलालकसा एवं चिखली का खैरटोला में विद्युत व्‍यवस्‍था चालू किये जाने हेतु कनिष्‍ठ यंत्री, मोहगांव को पत्र क्रमांक 554 ए दिनांक 31.08.2016 प्रेषित किया गया था, जिसकी प्रति कार्यपालन यंत्री (संचालन/संधारण) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, बैहर के कार्यालय में दिनांक 27.09.2016 को प्राप्‍त हुई है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित ग्राम बिलालकसा एवं ग्राम चिखली का खैरटोला में वर्ष-2016 में वर्षा काल के दौरान आए आंधी-तूफान से विद्युत लाईनें क्षतिग्रस्‍त होने के कारण विद्युत प्रदाय अवरूद्ध हो गया था। माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय का पत्र प्राप्‍त होने के उपरान्‍त प्राथमिकता के आधार पर सुधार कार्य कर दिनांक 30.09.2016 को ग्राम बिलालकसा एवं दिनांक 05.10.2016 को ग्राम चिखली का खैरटोला का विद्युत प्रवाह चालू कर दिया गया है। 

प्रोटोकाल का उल्‍लंघन

[सामान्य प्रशासन]

36. ( क्र. 703 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाडा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्‍न विभागों यथा लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, प्रधानामंत्री सड़क योजना, ऊर्जा विभाग, शिक्षा विभाग आदि विभागों द्वारा नवीन निर्माण या संयत्रों की स्‍थापना की गई नामवार बतायें? (ख) क्‍या किसी भी नवीन निर्माण किये जाने पर जनप्रतिनिधियों द्वारा शिलान्‍यास किये जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो बताये कि कितने नवीन निर्माण या संयत्रों की स्‍थापना में स्‍थानीय विधायक को या अन्‍य जनप्रतिनिधियों को शामिल किया गया? जनप्रतिनिधियों के नामवार, पदवार जानकारी देवें? क्‍या शिलान्‍यास कार्यक्रम के लिये प्राक्‍कलन में राशि का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस निर्माण कार्य में शिलान्‍यास हेतु कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ग) क्‍या वर्तमान विधायक द्वारा शिलान्‍यास, प्रोटोकाल के उल्‍लंघन से संबंधित शिकायतें कई बार प्रशासन से की जा चुकी है एवं कई जगह पूर्व विधायक द्वारा भूमिपूजन/लोकार्पण/शिलान्‍यास कार्यक्रम किया गया है? तत्‍संबंध में जानबूझकर वर्तमान विधायक को कई बार उक्‍त कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया? जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) विगत तीन वर्षों में जिन कार्यों में भूमिपूजन/लोकार्पण कार्यक्रम नहीं किया गया है उनकी उक्‍त कार्यों हेतु प्रदाय कि गई राशि शासन द्वारा वापस ली जावेगी एवं जिम्‍मेदार अधिकारियों/निर्माण एजेंसियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। 

आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्‍वीकृति एवं राशि जारी करना

[महिला एवं बाल विकास]

37. ( क्र. 741 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्‍न संख्‍या 25 (क्रमांक 326) दिनांक 6 दिसम्‍बर 2016 के उत्‍तर में बताया गया था कि विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा अंतर्गत 93 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण में से 69 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्‍वीकृति उपरांत शेष रही 24 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्‍वीकृति, वित्‍त विभाग से मनरेगा योजना के अभिसरण अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण मद में राशि प्राप्‍त होने पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्‍वय से दी जाना विचाराधीन है? तो प्रश्‍न दिनांक तक शेष 24 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्‍वीकृति जारी कर दी गई है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो आंगनवाड़ी केन्‍द्र का नाम, स्‍वीकृति दिनांक, ग्राम पंचायत के खाते में राशि जमा दिनांक सहित बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों तथा कब तक स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) वर्णित 69 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों के खातों में राशि जारी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो राशि व दिनांक सहित बतावें? यदि नहीं, तो किन-किन ग्राम पंचायतों में किन कारणों से राशि जारी किया जाना शेष है तथा कब तक राशि जारी करा दी जावेगी?                             (घ) उपरोक्‍तानुसार विधानसभा ब्‍यावरा के अंतर्गत अन्‍य शेष रही भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन निर्माण स्‍वीकृति हेतु क्‍या नियम व प्रक्रिया रहेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश क अनुरूप शेष 24 आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति जारी नहीं की गई है। (ख) प्रदेश में आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. 295 दिनांक 11/01/2016 द्वारा जारी वित्तीय व्यवस्था के अनुरूप किया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत् राशि रू 7.80 लाख प्रति भवन में से राशि रू 2.00 लाख आई.सी.डी.एस. से, राशि रू. 1.80 की सीमा तक मनरेगा से एवं शेष राशि रू. 4.00 लाख पंचपरमेश्वर (14 वां वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, स्टांप ड्यूटी ) से की जानी है। प्रश्नांश अनुसार शेष 24 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु विभागीय अंशदान राशि उपलब्ध है, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अंशदान राशि उपलब्ध कराने पर आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति दी जा सकेगी। (ग) जी हाँ। 69 में से 65 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों के खातों में राशि पंचायत राज संचालनालय द्वारा जारी की जा चुकी है। ग्राम पंचायतों के खातों में जारी राशि एवं दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। 04 ग्राम पंचायत रलायती, नारियाबे, पीपलबे, एवं मलावर में राशि जारी किया जाना शेष है। (घ) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति मनरेगा योजना के अभिसरण से दी जाने की योजना है।

परिशिष्ट - ''आठ''

क्षेत्र के ग्रामों, टोलों में अटल ज्योति योजना का संचालन

[ऊर्जा]

38. ( क्र. 746 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर एवं गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में सौ प्रतिशत विद्युत केबिल का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने ग्रामों का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ख) नरसिंहपुर एवं गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के कितने फीडरों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य स्‍वीकृत हुआ है? कितने फीडरों में कार्य शेष है, फीडरवार जानकारी प्रदान करें? (ग) यह शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?


ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) फीडर विभक्तिकरण योजना में नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 37 ग्रामों में केबलीकरण का समस्‍त कार्य पूर्ण हो गया है एवं 214 ग्रामों में केबलीकरण का कार्य अपूर्ण है तथा गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 32 ग्रामों में केबलीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है एवं 296 ग्रामों में केबलीकरण का कार्य अपूर्ण है। उक्‍त पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार एवं ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के क्रमश: प्रपत्र- अ एवं ब अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 55 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य स्‍वीकृत हुआ है जिसमें से 14 फीडरों में शत्-प्रतिशत फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है,          31 फीडरों में उच्‍चदाब फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है तथा निम्‍नदाब केबिल का कार्य शेष है एवं 10 फीडरों में उच्‍चदाब फीडर विभक्तिकरण एवं निम्‍नदाब केबिल का कार्य शेष है। गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 69 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य स्‍वीकृत हुआ है जिसमें से 12 फीडरों में शत्-प्रतिशत फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है, 22 फीडरों में उच्‍चदाब फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है तथा निम्‍नदाब केबिल का कार्य शेष है एवं 35 फीडरों में उच्‍चदाब फीडर विभक्तिकरण एवं निम्‍नदाब केबिल का कार्य शेष है उक्‍तानुसार किये गये कार्यों का फीडरवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) नरसिंहपुर एवं गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शेष कार्य अक्‍टूबर-2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।

गोपनीय चरित्रावली का संधारण

[सामान्य प्रशासन]

39. ( क्र. 767 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा शासकीय/ अर्द्धशासकीय/ निगम/ मंडल के नियमित अथवा प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने की क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नांश के अनुक्रम में गोपनीय चरित्रावली के संधारण की क्या प्रक्रिया होती है? (ग) यदि कोई अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली नहीं लिखता तो उसके विरुद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार

म.प्र. में शासन से स्वीकृती प्राप्त नवीन एंटी ईवेजन कार्यालयों की स्थिति

[वाणिज्यिक कर]

40. ( क्र. 768 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वाणिज्यकर विभाग द्वारा व्यापरियो पर नियंत्रण, कर चोरी रोकने एवं प्रदेश में राजस्व की बढ़ोतरी हेतु 4 नवीन "एंटी इवेजन ब्यूरो" कार्यालय खोले जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया था यदि हाँ, तो क्या यह कार्यालय खुलकर इनके द्वारा कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है यदि हाँ, तो कब से, दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) क्या शासन एवं वित्त विभाग से स्वीकृति प्राप्त होने के बावजूद भी अधिकारियों की लापरवाही के चलते कार्यालय प्रारम्भ नहीं हो पाए है क्या वर्तमान में पदस्थ अधिकारी अपने अधिकारों का विकेन्द्रिकरण नहीं चाहते, यदि हाँ, तो शासन दवारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) मन्दसौर रतलाम नीमच जिलों में कर अपवंचन रोकने के लिए विभाग दवारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? उपरोक्त जिलों में दिनांक 1 अप्रैल 2016 से अब तक कर चोरी करने वाले कितने व्यवसायियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या पश्चिमी म.प्र. के नीमच, मंदसौर, रतलाम जिलों में रेलवे के माध्यम से प्रदेश के बाहर, विभिन्न शहरों से आने वाले सामान से कर चोरी भारी मात्रा में की जा रही है क्या रेल्वे, प्रदेश के बाहर से आये सामान की सूची उपलब्ध करता है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) हाँ। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा व्‍यापारियों पर नियंत्रण कर चोरी रोकने एवं प्रदेश में राजस्‍व की बढ़ोत्‍तरी हेतु 4 नवीन एंटी इवेजन ब्‍यूरो क्रमश: रतलाम, हरदा, छतरपुर एवं सिवनी जिले में कार्यालय खोले जाने का निर्णय लिया गया है। किन्‍तु विभागीय अमले की कमी को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान में उक्‍त 4 नवीन एंटी एवेजन ब्‍यूरो कार्यालय पर कार्य प्रारम्‍भ नहीं किया जा सका है।          (ख) नहीं। विभागीय अमले की कमी के कारण 4 नवीन एंटी इवेजन ब्‍यूरो कार्यालय पर कार्य प्रारम्‍भ नहीं किया जा सका है। (ग) कर अपवंचन रोकने के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर धारा 55 एवं 57 के तहत् कार्यवाहियां की जाती है। मंदसौर, रतलाम एवं नीमच जिलों में दिनांक 01.04.2016 से अभी तक 12 व्‍यवसायीयों पर धारा 55 के तहत् छापे की कार्यवाही की गई है। विस्‍तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (घ) पश्चिमी मध्‍यप्रदेश के नीमच, मंदसौर, रतलाम, जिलों में रेल्‍वे के माध्‍यम से प्रदेश के बाहर विभिन्‍न शहरों से आने वाले सामान की सूची वाणिज्‍य शाखा मंडल, रेल प्रबंधक कार्यालय रतलाम द्वारा विभाग को उपलब्‍ध नहीं कराई गई है।

परिशिष्ट - ''नौ''

कुपोषण से बाल-मृत्‍यु दर

[महिला एवं बाल विकास]

41. ( क्र. 771 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश में कैलेण्‍डर वर्ष 2013 से 2016 की अवधि में वर्षवार के बीच कुपोषण से कितने बच्‍चों की मौतें हुई है, जिलेवार जानकारी दीजियें। (ख) राज्‍य में कुपोषण की समस्‍या का अध्‍ययन करने के लिये शासन ने क्‍या प्रक्रिया अपनाई है और दिसम्‍बर 2016 की स्थिति के अनुसार राज्‍य में पाँच वर्ष से कम आयु के कितने बच्‍चें कुपोषण के शिकार पाये गये है? (ग) मध्‍यप्रदेश को कुपोषण मुक्‍त करने के लिए सरकार के क्‍या प्रयास है और राज्‍य को कब तक कुपोषण से मुक्ति मिल सकेगी।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्णित अवधि में कुपोषण से हुई बच्चों की मृत्यु की जानकारी निरंक है। (ख) राज्य में कुपोषण के अध्ययन हेतु राष्ट्रीय पोषण संस्थान, हैदराबाद से अनुरोध किया गया है, जिनकें द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जिलों में कुपोषण के संबंध में विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रतिमाह 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। दिसम्बर 2016 की स्थिति में 5 वर्ष तक के आयु के बच्चों के पोषण स्तर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु शासन के विभिन्न विभागों के समन्वय से कार्यक्रम/योजना संचालित किये जा रहे है। बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत नियमित पूरक पोषण आहार प्रदाय एवं थर्डमील उपलब्ध कराया जाता है। कुपोषण निवारण हेतु अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जिले की आवश्यकता अनुसार कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कम/अतिकम वज़न के बच्चों हेतु चिन्हित ग्रामों में सुपोषण अभियान का आयोजन एवं स्नेह सरोकार कार्यक्रम में स्थानीय प्रबुध्द नागरिकों द्वारा देखभाल की जिम्मेदारी ली जाकर, उनके माता-पिता को नियमित पोषण परामर्श दिया जाता है, चिन्हित जिलों में डे-केयर सेन्टर प्रारंभ किये गये है। अतिकम वजन के चिन्हित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में पोषण प्रबंधन हेतु संदर्भित किया जाता है। केवल आंगनवाड़ी केन्द्रों में दिये जाने वाले पूरक पोषण आहार से ही बच्चों का पोषण स्तर बेहतर नहीं किया जा सकता है। बच्चों के बेहतर पोषण स्तर हेतु परिवार की स्थिति, पोषणयुक्त एवं विविध भोज्य पदार्थों का उपयोग, व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल तथा बीमारियों से बचाव महत्वपूर्ण कारक है। बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु किये जा रहे प्रयासों के परिणाम शनैः शनैः प्राप्त होते है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''दस''

अनाधिकृत ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली का उपयोग किया जाना

[ऊर्जा]

42. ( क्र. 833 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के ग्राम हटवा तहसील गौरिहार में अनाधिकृत ट्रांसफार्मर लगाकर चोरी से थ्री-फेस बिजली का उपयोग वीरेन्‍द्र सिंह पिता लखन सिंह के द्वारा वर्ष 2015 से अनाधिकृत रूप से किया जा रहा था? क्‍या अनाधिकृत रूप से बिजली का उपयोग करना दण्‍डनीय अपराध है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या अनाधिकृत ट्रांसफार्मर हटवाया गया? यदि हाँ, तो क्‍या विद्युत चोरी करने वाले के खिलाफ विद्युत चोरी का प्रकरण बनाया गया? यदि हाँ, तो कितने रूपये का? क्‍या पुलिस में विद्युत चोरी का प्रकरण दर्ज करवाया गया? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें? यदि नहीं, कराया गया तो क्‍यों? (ग) क्‍या कनिष्‍ठ अभियंता बारीगढ़ की सांठ-गांठ से विद्युत का उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस अधिकारी को निलंबित करते हुये सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के द्वारा दिनांक 15.09.2016 को अनाधिकृत उपयोग में लाये गये ट्रांसफार्मर को निकलवाकर जप्त करने की कार्यवाही करते हुये अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री व कनिष्‍ठ यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही से संबंधित जिला प्रशासन (कलेक्‍टर, छतरपुर) को पत्र प्राप्‍त हुआ है यदि हाँ, तो पत्र के संदर्भ में क्‍या कार्यवाही हुई? कार्यवाही विवरण उपलब्‍ध करायें। यदि कार्यवाही नहीं हुई तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) दिनांक 23.11.15 को क्षेत्रीय लाईन स्‍टाफ से कनिष्‍ठ अभियंता, बारीगढ़ को सूचना प्राप्‍त हुई थी कि ग्राम हटवा तहसील गौरीहार में फेल ट्रांसफार्मर की खाली डी.पी. पर वीरेन्‍द्र सिंह पिता लखनसिंह निवासी हटवा द्वारा अवैध रूप से दूसरा ट्रांसफार्मर लगा लिया गया है। मौके पर निरीक्षण के दौरान अवैध रूप से दूसरा ट्रांसफार्मर लगा हुआ पाया गया। अनाधिकृत रूप से बिजली का उपयोग करना विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अनुसार दण्‍डनीय अपराध है।           (ख) कनिष्‍ठ अभियंता, बारीगढ़ द्वारा ग्राम हटवा में अवैध रूप से लगे ट्रांसफार्मर को हटवाने हेतु पत्र दिनांक 25.11.2015 के माध्‍यम से थाना प्रभारी प्रकाश बम्‍हौरी को कार्यवाही हेतु लेख किया गया। पुलिस कार्यवाही में विलंब के कारण दिनांक 29.5.2016 को कनिष्‍ठ यंत्री, बारीगढ़ द्वारा मौके पर निरीक्षण कर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत पंचनामा बनाया गया जिसका पंचनामा क्रमांक 19219/360901 दिनांक 29.05.16 है तथा दूसरा पंचनामा क्रमांक 19219/360902 दिनांक 29.05.2016 बनाया गया जो कि विद्युत लाईन से छेड़-छाड़ किये जाने से संबंधित है। श्री वीरेन्‍द्र सिंह पिता श्री लाखन सिंह के विरूद्ध कनिष्‍ठ यंत्री, बारीगढ़ द्वारा विद्युत चोरी का प्रकरण बनाया गया जिसमें रू. 1800/- क्षतिपूर्ति एवं रू. 300/- शमन राशि का अनंतिम आदेश जारी किया गया। दिनांक 29.07.2016 को राशि जमा हो जाने के कारण पुलिस में विद्युत चोरी का प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया। कनिष्‍ठ यंत्री, बारीगढ़ द्वारा पुन: पत्र दिनांक 01.06.2016 के द्वारा थाना प्रभारी प्रकाश बम्‍हौरी को ग्राम हटवा में अवैध रूप से रखे ट्रांसफार्मर के संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया। दिनांक 21.07.2016 एवं दिनांक 11.09.2016 को पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से पुलिस बल के साथ सहायक अभियंता, लौड़ी एवं कनिष्‍ठ अभियंता, बारीगढ़ हटवा में अनाधिकृत ट्रांसफार्मर जब्‍त करने, एवं दोषी व्‍यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही करने गए किन्‍तु मौके पर ट्रांसफार्मर लगा नहीं पाया गया। दिनांक 03.02.17 को पुन: सहायक अभियंता, लौड़ी, कनिष्‍ठ अभियंता, बारीगढ़ एवं पुलिस प्रशासन के निरीक्षण के दौरान मौके पर ट्रांसफार्मर नहीं पाया गया। (ग) कनिष्‍ठ अभियंता, बारीगढ़ को प्रश्‍नाधीन प्रकरण के तारतम्‍य में विभागीय कार्यवाही करते हुए आरोप-पत्र जारी किया गया है एवं उनका स्‍थानांतरण अन्‍यत्र कर दिया गया है। (घ) जी हाँ। (ख) एवं (ग) में दर्शाये अनुसार कार्यवाही की गई है उत्‍तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार कनिष्‍ठ अभियंता, बारीगढ़ को दिये गये आरोप पत्र एवं उनके स्‍थानांतरण आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार हैं।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पूरक पोषण आहार का प्रदाय

[महिला एवं बाल विकास]

43. ( क्र. 834 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर किस-किस स्‍व-सहायता समूहों द्वारा मध्‍यान्‍ह भोजन का कार्य कब से कराया जा रहा है? उन समूहों के सदस्‍य एवं कार्यकारिणी से अवगत कराया जावे? क्‍या सभी सदस्‍य वास्‍तविकता में गरीबी रेखा के नीचे के हैं, उनकी वस्‍तुस्थिति की जाँच की गई है? विधानसभावार, वर्षवार जानकारी देवें? (ख) क्‍या विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अपने चहेते समूहों से वर्षों से आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में भोजन का कार्य कराया जा रहा है, निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती जाती है? यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों? यदि नहीं, तो पिछले 3 वर्षों में कब-कब निविदा बुलाई गई और कौन-कौन समूहों द्वारा निविदा प्रपत्र प्राप्‍त हुए संचालित समूहों को किस आधार पर प्राथमिकता दी गई है?          (ग) मध्‍यान्‍ह भोजन का कार्य कर रहे समूहों की पिछले 3 वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई और उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां की गई, शिकायतकर्ता एवं जाँचकर्ता के नाम, पद सहित पृथक-पृथक विवरण दिया जावे? (घ) क्‍या समूहों द्वारा बनाये जाने वाले भोजन की गुणवत्‍ता की जाँच की जाती है? यदि हाँ, तो पिछले 3 वर्षों में कब-कब जाँच की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें? छतरपुर जिले में वर्तमान की स्थिति में कितने स्‍व-सहायता समूह मध्‍यान्‍ह भोजन का कार्य कर रहे हैं? क्‍या संचालित समूहों का अंकेक्षण कराया जाता है? यदि हाँ, तो उनके द्वारा कितना-कितना लाभ अर्जित किया गया? क्‍या उस लाभांश को समूह के गरीब सदस्‍यों में वितरित किया जाता है? इस संबंध में समूह के सदस्‍यों एवं विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्‍हें जानकारी दी जाती है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से दिनांक 01.11.2009 से पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। पूरक पोषण आहार प्रदायकर्ता समूहों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है, तथा समूहों के सदस्यों एवं कार्यकारणी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। पोषण आहार प्रदायकर्ता समूहों की कार्यकारणी में शामिल सदस्यों की जाँच महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नहीं की गई। समूहों का चयन जिला पंचायत/जनपद पंचायतों के माध्यम से किया गया है। मध्यान्ह भोजन का कार्य कर रहे समूहों को ही आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण अहार प्रदाय करने का कार्य सौंपा जाता है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय करने हेतु समूहों का चयन ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत/जनपद पंचायत के माध्यम से किया गया है तथा शहरी/नगरीय क्षेत्रों में विभाग द्वारा शासन के मापदण्डों के अनुरूप चयन किया गया है किसी भी अधिकारी/ कर्मचारी के चहेते समूहों का चयन नहीं किया गया है। शहरी बाल विकास परियोजना को छोड़कर किसी भी आंगनवाड़ी केन्द्र में पोषण आहार प्रदाय करने हेतु निविदा बुलाये जाने का प्रावधान नहीं है। विगत तीन वर्षों में कोई निविदा नहीं बुलाई गई है। (ग) पूरक पोषण आहार प्रदायकर्ता समूह के विरूद्ध समय-समय पर शिकायत प्राप्त होने पर सक्षम अधिकारियों के माध्यम से शिकायत की जाँच कराई गई है जाँच के दौरान संबंधित समूहों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई शिकायतकर्ता/जाँचकर्ता एवं प्राप्त शिकायतों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है।              (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों में समूहों द्वारा प्रदाय किये जाने वाले पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता की जाँच स्थानीय ग्राम स्वास्थ्य तदर्थ समितियों/आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदायित मात्रा/गुणवत्ता के संबंध में पंचनामा आदि तैयार किये जाते है। छतरपुर जिले में वर्तमान में 1906 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 1230 स्वसहायता समूहों द्वारा पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। पूरक पोषण आहार प्रदायकर्ता समूहों का सोशल ऑडिट मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के साथ किये जाने के निर्देश हैं पृथक से अंकेक्षण का प्रावधान नहीं है समूहों की नियमावली के अनुसार लाभ/लाभांश वितरण किया जाता है।

संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्र

[महिला एवं बाल विकास]

44. ( क्र. 838 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं? इनमें से कितने केन्‍द्र किराये के एक कमरे में संचालित हैं, कितने केन्‍द्र शासन के नियमों के विरूद्ध संचालित हैं? कितने केन्‍द्रों में मूलभूत सुविधायें नहीं है? परियोजनावार शहरी व ग्रामीण आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की पृथक-पृथक जानकारी दें?                     (ख) प्रश्‍नांकित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में 0 से लेकर 5 वर्ष तक के बच्‍चों की दर्ज संख्‍या कितनी है? किन-किन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में दर्ज बच्‍चों की संख्‍या का सत्‍यापन कब-कब किसने किया है? एक कमरे में संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में दर्ज बच्‍चों की संख्‍या कितनी-कितनी है? परियोजनावार शहरी व ग्रामीण आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक की पृ‍थक-पृथक दें? (ग) प्रश्‍नांकित किन-किन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जाँच कब-कब किसने की है एवं किन-किन केन्‍द्रों में क्‍या-क्‍या अनियमितताएं व शिकायतें पाई गई है? इस संबंध में कब किस पर क्‍या कार्यवाही की गई? परियोजनावार 2015-16 से 2016-17 तक की जानकारी दें, सूची दें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर जिले में 2191 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 292 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत एवं संचालित है।  752 आंगनवाड़ी केन्द्र एक कमरे के किराये के भवनों में संचालित है जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। जबलपुर जिले में कोई भी केन्द्र नियम विरूद्ध तरीके से संचालित नहीं है तथा समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 0 से 05 वर्ष तक के दर्ज बच्चों का सत्यापन तथा एक कमरे में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक दर्ज बच्चों के सत्यापन संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ख-एकअनुसार है। (ग) जबलपुर जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों की जाँच में पाई गई अनियमितताओं/शिकायतों एव उन पर की गई कार्यवाही से संबधित संकलित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।

पोषण आहार की पूर्ति

[महिला एवं बाल विकास]

45. ( क्र. 868 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रदेश में पूरक पोषण आहार एवं टेक होम राशन की आपूर्ति एम.पी.एग्रो. एवं अन्‍य कंपनियों द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो किन आदेशों, कार्यादेशों एवं अनुबंध के आधार पर आपूर्ति की जा रही है? दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराये और यह भी बतायें कि पूरक पोषण आहार की गुणवत्‍ता एवं मात्रा की जाँच हेतु विभागीय नियम/निर्देश कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? (ख) क्‍या माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय एवं मुख्‍य मंत्री महोदय द्वारा पूरक पोषण आहार की आपूर्ति ठेकेदार कंपनियों के बजाय स्‍व-सहायता समूहों से कराये जाने के आदेश/निर्देश प्रदत्‍त है? यदि हाँ, तो यह आदेश एवं निर्देश क्‍या हैं? (ग) क्‍या कटनी जिले में पूरक पोषण आहार की आपूर्ति में मात्रा एवं गुणवत्‍ता में कमी के प्रकरण विगत समय ज्ञात हुये है यदि हाँ, तो प्रकरण क्‍या था और आपूर्तिकर्ता पर क्‍या कार्यवाही की गई ? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में पूरक पोषण आहार स्‍व-सहायता समूहों से लिये जाने के संबंध में मुख्‍यमंत्री महोदय के निर्देश के पालन में विभाग द्वारा कार्यवाही की गई विवरण देवें और यह भी बतायें कि क्‍या स्‍व-सहायता समूहों महिला मंडलों से पूरक पोषण आहार की आपूर्ति प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब से यदि नहीं, तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। राज्यमंत्री परिषद् द्वारा लिए निर्णयनुसार प्रदेश की आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवतीधात्री माताओं एवं सबला योजनान्तर्गत किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय एमपी एग्रो के माध्यम से किया जाता है। विभागीय निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर एवं अनुबंध की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। एम.पी.एग्रो द्वारा प्रदायित टेकहोम राशन की गुणवत्ता की जाँच भारत सरकार महिला बाल विकास पोषाहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला से कराए जाने का प्रावधान है।             (ख) मान.सर्वोच्च न्यायालय एवं भारत सरकार महिला बाल विकास के निर्देशानुसार पूरक पोषण आहार की आपूर्ति बोनाफाइड मेन्यूफेक्चर जो निर्धारित नार्मस अनुसार उच्च गुणवत्ता का पूरक पोषण आहार प्रदाय करते हो, से कराया जा सकता है। भारत सरकार महिला बाल विकास विभाग के निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। मान.मुख्यमंत्रीजी म.प्र.शासन द्वारा पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का प्रदाय स्व सहायता समूहों से कराए जाने के निर्देश दिए है। (ग) कटनी जिले में पूरक पोषण आहार की आपूर्ति में मात्रा एवं गुणवत्ता की कमी के प्रकरण विगत समय में ज्ञात नहीं हुये है। अतः आपूर्तिकर्ता पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।       (घ) पूरक पोषण आहार प्रदायगी व्‍यवस्‍था में परिवर्तन हेतु उच्‍च स्‍तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति इस पर विचार कर रही है। विषयान्‍तर्गत माननीय उच्‍च न्‍यायालय में एक याचिका भी विचाराधीन है। जिसमें माननीय न्‍यायालय ने यथा स्थिति के निर्देश दिये है।

ग्‍‍वालियर जिले में अवैध शराब बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

46. ( क्र. 884 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले में अंग्रेजी तथा देशी शराब बिक्री हेतु किस-किस स्‍थान पर दुकान की स्‍वीकृति किस-किस ठेकेदार को किस दिनांक से किस दिनांक तक दी गई है? अवैध शराब का विक्रय रोकने हेतु शासन की क्‍या नीति, नियम, निर्देश हैं? इन नियम-नीतियों का पालन ग्‍वालियर जिले में किया जा रहा है? नहीं तो क्‍यों? संपूर्ण जिले में गांव-गांव अवैध शराब बिक्री हेतु कौन उत्‍तरदायी है? उनके नाम, पद, पदस्‍थापना स्‍थान एवं दिनांक स्‍पष्‍ट करें। (ख) वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक ग्‍वालियर जिले में कहाँ-कहाँ अवैध शराब विक्रय, भंडारण और आबकारी एक्‍ट अंतर्गत कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? संबंधित थाना एवं प्रकरणवार जानकारी दें। इन मामलों को कब माननीय न्‍यायालयों में प्रस्‍तुत किया गया और किन-किन प्रकरणों का निराकरण कराया गया? (ग) संपूर्ण ग्‍वालियर जिले में गांव-गांव तथा शहरी क्षेत्रों में गलियों-मोहल्‍लों में बिक रही अवैध शराब, अवैध भंडारण आदि में संबंध में क्‍या विभाग विशेष निर्देश देकर अभियान चलाकर समुचित कार्यवाही करेगा, यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या इस अवैध बिक्री में विभाग तथा पुलिस के कर्मचारियों/अधिकारियों की मिलीभगत है? (घ) शराब बिक्री हेतु दुकान के स्‍थान के चयन हेतु शासन की क्‍या नीति है? क्‍या शासन के नियमानुसार ही ग्‍वालियर जिले में दुकान सही स्‍थान पर खोली गई है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उनके नाम स्‍पष्‍ट करें। दो वर्षों में जनता, प्रतिनिधियों, ने किन-किन दुकानों को हटाने की मांग की है? उन पर अब तक विभाग ने क्‍या कार्यवाही की है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) ग्‍वालियर जिले में देशी मदिरा की 77 एवं विदेशी मदिरा की 40 दुकानें विभिन्‍न स्‍थानों पर विभिन्‍न ठेकेदारों द्वारा संचालित की जा रही है। ग्‍वालियर जिले में वर्ष 2016-17 में संचालित 37 मदिरा दुकानों के एकल समूहों में से 02 मदिरा दुकानों के एकल समूहों को छोड़कर शेष 35 मदिरा दुकानों के एकल समूहों के अन्‍तर्गत संचालित 38 विदेशी एवं 71 देशी शराब की दुकानों के फुटकर विक्रय हेतु ठेकेदारों को दिनांक 01.04.2016 से 31.03.2017 तक मदिरा विक्रय की अनुज्ञप्ति जारी की गई है :- (1) घाटीगांव समूह की 03 देशी एवं 01 विदेशी मदिरा दुकानों को दिनांक 07.04.2016 से 31.03.2017 तक एवं (2) चीनोर समूह की 03 देशी एवं 01 विदेशी मदिरा दुकानों को 07.04.2016 से 31.03.2017 तक मदिरा विक्रय की अनुज्ञप्ति जारी की गई है। उपरोक्‍त के संबंध में विस्‍तृत जानकारी विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। अवैध शराब के विक्रय को रोकने के संबंध में मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 यथा संशोधित 2000 के तहत निर्मित अधिनियम की धारा 34 से 49 के अन्‍तर्गत कार्यवाही की जाती है। उक्‍त जानकारी विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जी हाँ, ग्‍वालियर जिले में मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के तहत बने नियमों के पालन में अवैध शराब के निर्माण संग्रह परिवहन एवं विक्रय को रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। ग्‍वालियर जिले में गांव-गांव में अवैध शराब विक्रय के संबंध में प्राप्‍त शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही होने से दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के संबंध में जानकारी निरंक है। (ख) वर्ष 2015-16 में आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा निर्माण संग्रह परिवहन एवं विक्रय आदि के कुल 965 प्रकरण दर्ज किये गये। वर्ष 2016-17 में जनवरी 2017 अंत तक आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा निर्माण, संग्रह, परिवहन एवं विक्रय आदि के कुल 853 प्रकरण दर्ज किये गये। वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 जनवरी, 2017 अंत तक विभाग द्वारा दर्ज किये गये अवैध मदिरा के निर्माण, संग्रह, परिवहन एवं विक्रय आदि की वृत्‍तवार विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। आबकारी विभाग में दर्ज आपराधिक प्रकरणों को निर्धारित समयावधि में माननीय न्‍यायालय में न्‍याय हेतु प्रस्‍तुत किया जाता है तद्नुसार माननीय न्‍यायालय द्वारा प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ग) ग्‍वालियर जिले में गांव, शहरी क्षेत्रों गली मोहल्‍लों में अवैध रूप से चोरी छिपे बिकने वाली अवैध मदिरा के निर्माण, भण्‍डारण, परिवहन एवं अवैध विक्रय पर विभाग द्वारा निरंतर गश्‍त एवं दबिश कर निगरानी रखी जाती है तथा इस संबंध में समय-समय पर विशेष अभियान वर्ष 2015-16 में दिनांक 23.06.2015 से 10.07.2015 एवं 11.07.2015 से 31.07.2015 तक तथा वर्ष 2016-17 में माह जुलाई 2016 के प्रथम पक्ष में विशेष अभियान चलाकर अवैध मदिरा निर्माण, भण्‍डारण, परिवहन एवं अवैध विक्रय पर नियंत्रण हेतु समुचित कार्यवाही की गयी है और आगे भी निरंतर कार्यवाही की जावेगी। प्रतिवेदन दिनांक तक आबकारी विभाग के किसी भी कर्मचारी/अधिकारी के अवैध मदिरा व्‍यापार में संलग्‍न व्‍यक्तियों से मिलीभगत के संबंध में कोई शिकायत या प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (घ) मदिरा दुकानों के निष्‍पादन हेतु गठित जिला समिति द्वारा मदिरा दुकानों/समूहों के निष्‍पादन के पूर्व मदिरा दुकान को स्‍थापित कर संचालन हेतु सीमा क्षेत्र घोषित किया जाता है, इसी घोषित सीमा क्षेत्र में संबंधित अनुज्ञप्तिधारी को आपत्ति रहित स्‍थल पर मदिरा दुकान स्‍थापित कर संचालित करनी होती है। जी हाँ, ग्‍वालियर जिले में मदिरा दुकान हेतु जिला समिति द्वारा घोषित सीमा क्षेत्र में ही समस्‍त देशी एवं विदेशी मदिरा दुकान का संचालन हो रहा है। विगत दो वर्षों में जनता एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा निम्‍न मदिरा दुकानों के स्‍थान परिवर्तन हेतु मांग किये जाने पर स्‍थान परिवर्तन की कार्यवाही की गयी है। विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है।

कृषक अनुदान योजना का क्रियान्‍वयन

[ऊर्जा]

47. ( क्र. 885 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मर स्‍थापित किए गये हैं एवं कितने कृषक लाभान्वित हुए वर्षवार संख्‍या बताऐं ? (ख) क्‍या उक्‍त अवधि में लगाये गये उल्‍लेखित योजना के अंतर्गत ट्रांसफार्मरों के लगाने संबंधी विद्युत विभाग के कर्मचारियों/यंत्रियों के द्वारा भ्रष्‍टाचार कर कृषकों से अवैध वसूली संबंधी शिकायतें प्राप्‍त हुई? (ग) यदि हाँ, तो किस-किस कर्मचारी/यंत्री की शिकायत प्राप्‍त हुई शिकायतकर्ता का नाम, पता स्‍पष्‍ट करें? क्‍या शिकायतों की जाँच कराई गयी? यदि हाँ, तो कौन-कौन कर्मचारियों/यंत्री दोषी पाये गये? दोषी कर्मचारियों/यंत्रियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्‍या स्‍पष्ट करें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) ग्‍वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कृषक अनुदान योजना/मुख्‍यमंत्री स्‍थायी कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना के अन्‍तर्गत स्‍थापित किये गये ट्रांसफार्मरों एवं इनसे लाभान्वित हुए कृषकों की वर्षवार संख्‍या संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। 

परिशिष्ट - ''बारह''

शासकीय सेवाओं में नियोजित माझी प्रमाण-पत्र धारकों को संरक्षण

[सामान्य प्रशासन]

48. ( क्र. 913 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री को प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रस्‍तुत पत्र माह अगस्‍त, सितम्‍बर व दिसम्‍बर 2016 में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के न्‍याय दृष्‍टान्‍तों, राज्‍य सरकार द्वारा प्रस्‍तुत एस.एल.पी., निर्णय दिनांक 08.10.2015 भारत सरकार को प्रेषित अनुशंसायें, मंत्रीपरिषद् आदेश और महाविधवक्‍ताओं के किन्‍हीं अभिमतों के आधार पर किन्‍हीं के लिये किसी संरक्षण की याचना की है? (ख) क्‍या विभागीय नस्‍ती क्रमांक एफ-7-36/2004/आ.प्र./एक पर महाधिवक्‍ता के अभिमत दिनांक 25.10.2004 पर आधारित विभागीय परिपत्र 11.11.2005 के परिप्रेक्ष्‍य में महाधिवक्‍ता द्वारा पुन: 21.06.2011 को दिये गये किसी अभिमत पर माननीय मुख्‍यमंत्री ने दिनांक 27.04.2012 को किन्‍हीं शब्‍दों में अपनी राय दी है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) की टीप दिनांक 24.05.2012 को महाधिवक्‍ताके किसी अभिमत तथा वस्‍तुस्थिति पर माननीय मुख्‍यमंत्री सहित किन्‍हीं अधिकारियों ने अनुमोदन दिया है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) से (ग) के महाधिवक्‍ताओं के अभिमतों, विभागीय परिपत्र 11.11.2005 और माननीय मुख्‍यमंत्री के अनुमोदन पर माझी जनजाति प्रमाण-पत्र धारक धीमर, केवट आदि जिनके 11.11.2005 के पूर्व तक सेवाओं में नियोजन अंतिम हो गये हैं, उन्‍हें संरक्षण प्रदान किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ (घ) जी नहीं। परिपत्र दिनांक 11.11.2005 की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार।

परिशिष्ट - ''तेरह''

हल्‍बा-हल्‍बी के समान निर्देश जारी करना

[सामान्य प्रशासन]

49. ( क्र. 914 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्‍यमंत्री जी को प्रस्‍तुत प्रश्‍नकर्ता के पत्र दिनांक 20.01.2017 में दर्शित किन्‍ही न्‍यायालय के निर्णय न्‍याय दृष्‍टान्‍त, अभिमत के आधार पर किन्‍हीं जातियों के शासकीय सेवकों को संरक्षण प्रदान किये जाने का उल्‍लेख है? (ख) प्रश्‍नांश (क) की कौन सी जातियां पिछड़ा वर्ग सूची में है और जिनके विषय में क्‍या कभी किसी विशेषज्ञ समिति से अध्‍ययन कराया गया है? आ.जा.अ. संस्‍था का अभिमत लिया गया और कभी राज्‍य मंत्री परिषद् ने कोई अनुशंसा भारत सरकार को प्रेषित की है? (ग) माझी-मझवार जनजाति के समान धीमर, केवट आदि के समानरूप माने-जाने की गठित समितियों की अनुशंसा दिनांक 15.01.2003, 04.08.2008 एवं मंत्री परिषद् का निर्णय 04.02.2004, अशासकीय संकल्‍प 04.03.2016, महाधि‍वक्‍ताओं के अभिमत 19.10.2004, 21.06.2011 तथा विभागीय परिपत्रों के रहते हुये प्रश्नांश (ख) के समान निर्देश जारी क्‍यों नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में धीमर, केवट आदि जाति के शासकीय सेवक जिनके नियोजन विभागीय परिपत्र दिनांक 11.11.2005 के पूर्व तक पूर्ण हो गये है, उन्‍हें माझी जनजाति मानकर संरक्षण प्रदान किये जाने संबंधी निर्देश जारी किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पत्र दिनांक 20.01.2017 आना नहीं पाया गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। परिपत्र दिनांक 11.11.2005 के अनुसार।

रीवा जिले के आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाआ‍ें के पदस्‍थापना

[महिला एवं बाल विकास]

50. ( क्र. 946 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले के परियोजना एवं उप परियोजनाओं में कितने आंगनवाड़ी कार्यकताओं एवं सहायिकाओं की पदस्‍थापना लंबित है वर्गवार, जातिवार, पदवार, कारणवार सूची देवें। (ख) प्रश्‍नांश '' के संदर्भ में लंबित प्रकरणों के विलंब से निराकरण के लिए कौन जिम्‍मेदार व दोषी है। (ग) प्रश्नांश '' '' के लंबित प्रकरणों को कब तक निराकृत कर दिये जावेंगे? प्रकरण के निराकृत न करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है उसके विरूद्ध कौन-सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रीवा जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 92 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के 95 पद रिक्त है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की पदपूर्ति में एकल पद होने से आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं है। रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है            (ख) उत्तरांश (क) अनुसार रिक्त पदों पर पद पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''चौदह''

बहु उददेशीय बाणसागर परियोजना के विस्थापितों का पुनर्वास

[पुनर्वास]

51. ( क्र. 949 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील क्षेत्रांतर्गत बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना द्वारा बांध निर्माण में डूब प्रभावित ब्यौहारी तहसील के विभिन्न ग्रामों के व्यक्तियों को पुनर्वासित कराया गया है। (ख) यदि हाँ, तो उक्त परियोजना के तहत ब्यौहारी तहसील के कितने ग्राम डूब प्रभावित हुये हैं एवं कहाँ-कहाँ भूमि आवंटित कर डूब प्रभावित लोगों को पुनर्वासित कराया गया है। पुनर्वासित स्थानों में क्‍या पानी, सड़क, बिजली की व्यवस्था करायी गई है? (ग) क्या‍ ब्यौहारी तहसील अंतर्गत ग्राम पथरेही, तिखवा, सरसी, ओदारी, न्यू आर्दश नगर नामक स्थानों में बाणसागर परियोजना से डूब प्रभावितों को पुनर्वासित कराया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्त स्थलों में परियोजना द्वारा निर्मित सडकें जीर्ण-क्षीर्ण हो गई हैं। उक्त सड़कों के पुनर्निर्माण हेतु क्या व्यवस्था की जावेगी। (घ) क्या बाणसागर परियोजना के डूब प्रभावितों को पुनर्वासित कराये जानें के उपरांत उनके रोजगार इत्यादि के लिये शासन स्तर से समुचित व्यवस्था की गई है। यदि हाँ, तो रोजगार हेतु कौन से उपाय किये गये हैं। यदि नहीं, तो क्‍या उनकी माली हालत को देखते हुये रोजगार उपलब्धता हेतु योजनाऐं क्रियान्वित की जावेगी।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।


जिला राजगढ़ अर्न्‍तगत क्रीड़ा सेपरेशन में गुणवत्‍तावहीन सामग्री की जाँच

[ऊर्जा]

52. ( क्र. 978 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में फीडर सेपरेशन योजानार्न्‍तगत गैर कृषि कार्य हेतु 24 घण्‍टे एवं कृषि कार्य हेतु 10 घण्‍टे विद्युत प्रदाय किये जाना था? योजना प्रारम्‍भ से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से ग्रामों में कार्य पूर्ण हो गया है एवं कौन-कौन से ग्रामों में कार्य अपूर्ण हैं वि.वि. केन्‍द्रवार अवगत करावें उपभोक्‍ताओं के भार अनुसार किस-किस ग्रामों में कितने कित‍ने भार के कितने ट्रासंफार्मर स्‍थापित किये जाने थे के विरूद्ध कितने कितने भार के ट्रासंफार्मर स्‍थापित किये गये ग्रामवार विद्युत वितरण केन्‍द्रवार जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या वि.वि. केन्‍द्र प्रभारी /नोडल अधिकारी द्वारा फीडर सेपरेशन के पूर्ण कार्य वाले ग्रामों में उपयोग में लाये गये ट्रांसफार्मर केबल आदि सामग्री की गुणवत्‍ता की जाँच शासकीय /एन.ए. बी एल प्रमाणित प्रयोगशाला में जाँच किये बगैर ही उपयोग में लाई गई जो विद्युत प्रवाह करनें के साथ ही ट्रांसफार्मर जल गये /खराब हो गये है ऐसे ट्रांसफार्मर की संख्‍या वि.वि. केन्‍द्रवार ग्रामवार बतावें। गुणवत्‍तावहीन कार्य करने वाले ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ठेकेदार द्वारा उपयोग में लाई गई ट्रांसफार्मर केबल पोल आदि सामग्री किन किन विभागीय अधिकारियो के द्वारा किस किस दिनांकों को रेण्‍डम सेम्‍पल शासकीय/ एन.ए.बी.एल प्रमाणित प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया परीक्षण की दिनांक से अवगत करावें। ग्रामीण क्षेत्र में फीडर सेपरेशन का अपूर्ण कार्य हस्‍तांतरित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं स्‍पष्‍ट करें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना में ग्रामवार पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की प्रावधानित एवं स्‍थापित किये गये ट्रांसफार्मरों की संख्‍या एवं क्षमता सहित वितरण केन्‍द्रवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ख) जी नहीं, उत्‍तरांश (क) अनुसार फीडर सेपरेशन के पूर्ण कार्य वाले ग्रामों में उपयोग में लाये गये ट्रांसफार्मर, केबल आदि सामग्री की गुणवत्‍ता की जाँच एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में कराने के उपरान्‍त ही सामग्री उपयोग में लाई गई है। विद्युत प्रवाह (चार्ज) करने के साथ ही कोई भी ट्रांसफार्मर जला/खराब नहीं हुआ है, अत: तत्संबंध में वितरण केन्‍द्रवार/ग्रामवार जानकारी दिये जाने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न नहीं उठता।         (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार ठेकेदार द्वारा प्रश्‍नाधीन कार्य हेतु उपयोग में लाए गए ट्रांसफार्मर, केबल, पोल आदि सामग्री के एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजे गये रेण्‍डम सेम्‍पलों की सेम्‍पल टेस्टिंग कराने हेतु अधिकृत अधिकारियों के नाम एवं परीक्षण की दिनांक सहित विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। प्रश्‍नाधीन ग्रामीण क्षेत्र में फीडर सेपरेशन के अपूर्ण कार्यों का अधिग्रहण नहीं किया गया है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता। 

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में दर्ज फर्जी बच्‍चों की जाँच

[महिला एवं बाल विकास]

53. ( क्र. 979 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अतंर्गत एवं ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक 06 माह से 03 वर्ष तक एवं 03 से 06 वर्ष तक के कितने बच्‍चों की संख्‍या दर्ज है? आंगनवाड़ीवार, ग्रामवार, वार्डवार दर्ज बच्‍चों की संख्‍या से अवगत करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या जिन बच्‍चों के नाम शासकीय विद्यालय/निजी विद्यालयों में दर्ज है उन्‍ही बच्‍चों के नाम आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में भी दर्ज है? ऐसे कितने बच्‍चों के नाम दो दो स्‍थान पर दर्ज किये जाकर शासकीय योजनाओं को लाभ दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्‍या एक ही बच्‍चें का नाम दो संस्‍थाओं में दर्ज होने पर विभाग द्वारा कोई पहचान पत्र/आई.डी. बनाई जावेगी यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों नहीं स्‍पष्‍ट करें? (घ) क्‍या सारंगपुर अतंर्गत पर्यवेक्षक/परियोजना अधिकारी द्वारा आंगनवाड़ी लगने के समय निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो किन-किन पर्यवेक्षक/परियोजना अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया एवं किन-किन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर निरीक्षण के दौरान कितने-कितने बच्चें उपस्थित पायें गये? आंगनवाड़ी केन्‍द्रवार ग्रामवार उपस्थित बच्‍चों की संख्‍या से अवगत करावें? (ड.) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्‍कूल में अध्‍ययनरत बच्‍चों के ही नाम आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में इन्‍द्राज किये गये है? जिस कारण सांझा चूल्‍हा योजना के तहत मध्‍यान्‍ह भोजन में अनियमितता किये जाने हेतु बच्‍चों के फर्जी नाम इन्‍द्राज किये जाते है? क्‍या विभाग ऐसे दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र की आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष के 11025 बच्चें एव 03 से 06 वर्ष के 12073 बच्चें दर्ज है। आंगनवाड़ीवार, ग्रामवार, वार्डवार दर्ज बच्चों की संख्या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों में से 708 बच्चें शासकीय विद्यालय में एवं 3108 बच्चें निजी विद्यालय में दर्ज है। निजी विद्यालयों में दर्ज बच्चों को विद्यालय में पोषण आहार योजना का लाभ नहीं मिलता है। शासकीय विद्यालय एवं आंगनवाड़ी केन्द्र दोनों में दर्ज बच्चें जिस भी संस्था में उपस्थित होते है, उसी संस्था में उन्हें मध्यान्ह भोजन/सांझा चूल्हा का लाभ मिलता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रदेश में प्रत्येक बच्चें का आधार आई.डी. बनाने की कार्यवाही की जा रही है, यह सतत् चलने वाली प्रक्रिया है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र लगने के समय में निरीक्षण किया जाता है निरीक्षण के समय आंगनवाड़ी केन्द्र पर उपस्थित पाये गये बच्चों की संख्या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। भारत सरकार के निर्देशानुसार 06 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज किया जाता है। शासकीय विद्यालय में 5 वर्ष की आयु पूर्ण किये जाने वाले बच्चें को प्रवेश दिये जाने का प्रावधान है। 5 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के दर्ज बच्चों को शासकीय विद्यालय एवं आंगनवाड़ी केन्द्र दोनों में जिस भी संस्था में उपस्थित होते है, उसी संस्था में उन्हें मध्यान्ह भोजन/सांझा चूल्हा का लाभ मिलता है। बच्चों को दोनों जगह से लाभ प्राप्त नहीं होता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सर्च आवेदन से प्राप्त राजस्‍व

[वाणिज्यिक कर]

54. ( क्र. 988 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2008 से प्रश्‍न दिनांक तक उज्‍जैन जिले के समस्‍त उपपंजीयक कार्यालयों में सर्च हेतु प्राप्‍त आवेदनों से कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ वर्षवार, उपपंजीयक कार्यालयवार जानकारी प्रदान करें? (ख) 1 जनवरी 2008 से प्रश्‍न दिनांक तक उज्‍जैन जिले के समस्‍त उप पंजीयक कार्यालयों के सूची क्रमांक 02 को कब-कब बाईडिंग कराया गया? इसमें से कितने इनडेक्‍स पुराने थे एवं कितने नये इनडेक्‍सों को बाईडिंग कराया गया? नये एवं पुराने इंडेक्‍सों की उपपंजीयक कार्यालय वार, वर्षवार वाऊचर क्रमांकवार जानकारी प्रदान करते हुए बाईडिंग के भुगतान हेतु प्राप्‍त बिलों का विवरण उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्‍नकर्ता के परि. अता. प्रश्‍न संख्‍या-72 (क्रमांक 984) दिनांक 06.12.2016 के जबाव में जिले के सभी उपपंजीयक कार्यालयों को प्रेषित पत्र दिनांक 22.11.2016 की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये उक्‍त पत्र के प्रकाश में संबंधित कार्यालयों द्वारा की गई कार्यवाहियों की मय दस्‍तावेजों के जानकारी प्रदान करें?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) दस्‍तावेज के पंजीयन उपरांत बाईडिंग की प्रक्रिया सतत् रूप से जारी रहती है। लगभग 20-25 ग्रंथ हो जाने पर आवश्‍यकतानुसार बाईडिंग कार्य कराया जाता है जिस कारण पुराने वर्षों की अलग-अलग बाईडिंग दिनांक दी जाना संभव नहीं है। अ-1 के दस्‍तावेजों के नवीन ग्रंथों की बाईडिंग के साथ ही नवीन इण्‍डेक्‍स एवं जीर्ण-शीर्ण हो रहे पुराने इण्‍डेक्‍स बाईंड करा लिये जाते है जिनकी अलग-अलग संख्‍या दी जाना संभव नहीं है। इण्‍डेक्‍सों को बाईंडिग के भुगतान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) पत्र दिनांक 22/11/2016 की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उज्‍जैन जिले में समस्‍त उप पंजीयकों द्वारा ई-पंजीयन के पूर्व त‍क सूची क्रमांक-02 पूर्ण कर ली गई है तथा जिन वर्षों की सूची क्रमांक-02 कटे-फटे हैं, उनको संबंधित कार्यालयों द्वारा व्‍यवस्थित कर अवलोकन हेतु रखा गया है।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

प्रदेश में कुपोषित बच्‍चों की संख्‍या

[महिला एवं बाल विकास]

55. ( क्र. 1003 ) श्री सचिन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रदेश में बड़ी संख्‍या में बच्चें कुपोषण से पीडि़त है यदि हाँ, तो जिलेवार पीडि़त संख्‍या एवं मृत्‍युदर सहित विगत 05 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक का तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दें? (ख) कुपोषण से पीडि़त बच्‍चों के लिए केन्‍द्र सरकार द्वारा विगत 10 वर्षों में कितनी कितनी राशि प्रदेश सरकार को प्राप्‍त हुई और राज्‍य सरकार द्वारा कितना बजट जिलेवार खर्च किया गया तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दें? (ग) प्रश्‍नांश '' में दर्शित स्थिति के कारण क्‍या रहे और क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एन.एफ.एच.एस.- 4) के परिणामों में सामान्य से कम वज़न वाले कुल बच्चों का प्रतिशत 42.8 एवं गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों का प्रतिशत 9.2 पाया गया। स्वास्थ्य विभाग से समय-समय पर प्राप्त जानकारी अनुसार कुपोषण से कोई मृत्यु प्रतिवेदित नहीं है। विभागीय एम.आई.एस. अनुसार जिलेवार 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए गए वजन के आधार पर पोषण स्तर की विगत 5 वर्षों की स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) भारत सरकार से प्राप्त अनुदान का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) केवल आंगनवाड़ी केन्द्रों में दिये जाने वाले पूरक पोषण आहार से ही बच्चों का पोषण स्तर बेहतर नहीं किया जा सकता है। बच्चों के बेहतर पोषण स्तर हेतु परिवार की स्थिति, पोषणयुक्त एवं विविध भोज्य पदार्थों का उपयोग, व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल तथा बीमारियों से बचाव महत्वपूर्ण कारक है। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां एवं सामाजिक मान्यताए कुपोषण के निदान में प्रमुख समस्याए है।

परिशिष्ट - ''सोलह''

आवंटित राशियों की जानकारी

[वित्त]

56. ( क्र. 1004 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार को अप्रैल, 2011 से दिसम्‍बर 2016 तक के वर्षों के दौरान आवंटित धनराशि का वर्षवार ब्‍यौरा क्‍या है? (ख) उक्‍त प्राप्‍त धनराशियों में से कुल वर्षवार कितनी-कितनी धनराशियों को किस कार्ययोजना अन्‍तर्गत विभागवार खर्च किया गया? तत्‍संबंधी ब्‍यौरा क्‍या है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश '' के संबंध में वित्‍तीय अनियमितताओं व कार्यों के संबंध में किसी प्रकार की शिकायतें प्राप्‍त हुई है हाँ तो तत्‍संबंधी ब्‍यौरा क्‍या हैं?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन को केन्‍द्र शासन से वर्ष   2011-12 में रूपये 9928.77 करोड़, 2012-13 में रूपये 12040.20 करोड़, 2013-14 में रूपये 11776.82 करोड़ एवं 2014-15 में रूपये 17591.44 करोड़ एवं 2015-16 में रूपये 18330.31 करोड़ केन्‍द्र से सहायक अनुदान की राशि प्राप्‍त हुई है। मदवार स्थिति विवरण संख्‍या 14 वित्‍त लेखे पर है। उक्‍त वित्‍त लेखे विधान सभा पुस्‍तकालय में अवलोकनीय है। वर्ष 2016-17 से संबंधित जानकारी नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से वित्‍त लेखे अप्राप्‍त होने से जानकारी दी जानी संभव नहीं है। (ख) उक्‍त प्राप्‍त धन राशियों को केन्‍द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत् विभिन्‍न विभागों द्वारा केन्‍द्र सरकार द्वारा नियत कार्य योजना अनुसार व्‍यय किया जाता है। मदवार व्‍यय की स्थिति वित्‍त लेखे वाल्‍यूम 2 के परिशिष्‍ट-5 पर विधानसभा पुस्‍तकालय में अवलोकनीय है। (ग) वित्‍तीय अनियमितताओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिये विभागवार ब्‍यौरा पृथक से वित्‍त विभाग में उपलब्‍ध नहीं है तथापि संबंधित विभागों द्वारा प्राप्‍त शिकायतों पर यथोचित कार्यवाही की जाती है।

220 के ही उप केन्‍द्र की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

57. ( क्र. 1017 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि प्रधान श्‍योपुर जिले में कृषि सीजन में विद्युत भार व मांग अत्‍यधिक रहने के कारण सुचारू विद्युत प्रदाय व लो वोल्‍टेज की समस्‍या हमेशा रहती हैं ?         (ख) वर्तमान तक जिले में विद्युत प्रदाय सबलगढ़ स्थित 220 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र से हो रही हैं हर मौसम में विशेषकर वर्षाकाल में आंधी तुफान व अन्‍य कारणो से लाईन व खम्‍भे टूटने व अन्‍य कई प्रकार के फाल्‍ट अक्‍सर आते रहने के कारण जिले की विद्युत व्‍यवस्‍था बुरी तरह बाधित रहती हैं किसान खासे परेशान रहते हैं? (ग) दिनांक 21.09.2016 को विभागीय मंत्री के श्‍योपुर प्रवास के दौरान प्रश्‍नकर्ता द्वारा उक्‍त समस्‍या के समाधान हेतु पत्र सौंपकर श्‍योपुर में उक्‍त केन्‍द्र स्‍वीकृत करने की मांग की थी पत्र पर कार्यवाही के क्रम में पत्र क्रमांक 385 दिनांक 28.09.2016 द्वारा एमडी म.प्र पावर ट्रांसमिशन कम्‍पनी प्रा.लि. जबलपुर को उक्‍त केन्‍द्र की स्‍थापना अति आवश्‍यक होने स्‍थापना हेतु अतिशीघ्र कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश दिये थे निर्देशानुसार एमडी द्वारा वर्तमान तक क्‍या कार्यवाही की ? (घ) जिले की विद्युत समस्‍या के समाधान हेतु क्‍या अब उक्‍त उप केन्‍द्र के प्रस्‍ताव को शासन /विद्युत कम्‍पनी चालू वित्‍त वर्ष की कार्य योजना में शामिल करके स्‍वीकृत प्रदान करेगी यदि नहीं, तो क्‍यों ?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ, वर्तमान में श्‍योपुर जिले की विद्युत सप्‍लाई 220 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र सबलगढ़ से हो रही है। वर्षाकाल में आंधी तूफान के कारण कतिपय अवसरों पर उच्‍च/निम्‍न दाब के खंबे टूटने अथवा तार टूटने के कारण विद्युत व्‍यवधान होता है जिसे प्राथमिकता के आधार पर सुधार कर विद्युत व्यवस्था बहाल करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) श्‍योपुर में 220 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र के निर्माण की प्रशासनिक स्‍वीकृति प्रदान कर, उक्‍त कार्य 13वीं पंचवर्षीय योजना में सम्मिलित किया गया है। उपकेन्‍द्र के निर्माण हेतु वित्‍तीय संसाधन जुटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजना के अनुसार इस उपकेन्‍द्र का निर्माण वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में पूर्ण किया जाना प्रस्‍तावित है। (घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार 220 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र श्‍योपुर के निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2017-18 में सर्वे कार्य पूर्ण कर, वित्‍तीय संसाधन की उपलब्‍धता उपरांत उपकेन्‍द्र एवं लाईन निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया प्रारंभ कर कार्यादेश जारी किया जाएगा।

वणिज्यिक कर कार्यालय की स्‍थापना

[वाणिज्यिक कर]

58. ( क्र. 1018 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के परि. अता. प्रश्‍न संख्‍या 78 (क्र. 1026) दिनांक 06.12.2016 के प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर में बताया है कि श्‍योपुर जिले में वाणिज्यिक कर कार्यालय प्रारंभ करने हेतु किराये पर लिया जाने वाला भवन चिन्हित कर कलेक्‍टर एवं भाड़ा नियंत्रक प्राधिकारी श्‍योपुर से किराया निर्धारण हेतु दिनांक 03.09.2016 को अनुरोध किया गया है अधिसूचना जारी होने पर कार्यालय प्रारंभ कर दिया जावेगा तो बतावें कि कलेक्‍टर एवं भाड़ा नियंत्रक अधिकारी श्‍योपुर द्वारा चिन्हित भवन के किराया निर्धारण हेतु वर्तमान तक क्‍या कार्यवाही की गई? इस कार्यवाही को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा व कब तक अधिसूचना कर दी जावेगी? (ख) क्‍या उक्‍त भवन किराया निर्धारण करने एवं अधिसूचना जारी करने में विलम्‍ब के कारण जिले में वाणिज्यिक कर कार्यालय प्रारंभ होने में विलम्‍ब की स्थिति निर्मित हो रही है, जिले के व्‍यावसायियों की अब भी शिवपुरी जिले में संचालित कार्यालय पर निर्भरता यथावत बनी हुई है ? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या शासन किराए के भवन का किराया निर्धारण की कार्यवाही निश्चित समय-सीमा में पूर्ण करवा कर उक्‍त कर्यालय की अधिसूचना जारी करवायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भवन स्‍वामी के प्रस्‍तावानुसार कलेक्‍टर एवं भाड़ा नियंत्रण प्राधिकारी श्‍योपुर द्वारा निर्धारित किराये पर भवन उपलब्‍ध कराने को तैयार हैं। भवन स्‍वामी द्वारा इस आशय का पत्र (दिनांक 16.12.16) दिया गया है कि विभाग द्वारा किराये पर लिये जाने हेतु चिन्‍हित भवन की साफ-सफाई, मरम्‍मत व पुताई कराई जा चुकी है तथा राज्‍य शासन द्वारा वृत्‍त कार्यालय प्रारम्‍भ करने का निर्णय लिये जाने की स्थिति में वे कलेक्‍टर व भाड़ा नियंत्रण प्राधिकारी द्वारा किराया निर्धारण की प्रत्‍याशा में विभाग को भवन का आधिपत्‍य सौंपने को सहमत हैं। अत: वृत्‍त कार्यालय की स्‍थापना के संबंध में संपत्ति किराया निर्धारण की प्रक्रिया पूर्ण न होना अवरोधक नहीं है। श्‍योपुर में वृत्‍त कार्यालय के गठन संबंधी अधिसूचना प्रचलित होना प्रक्रियाधीन है। (ख) उक्‍त भवन किराया निर्धारण करने एवं अधिसूचना जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पंजीयन ऑन-लाईन जारी किये जाते हैं, कर भुगतान ऑन-लाईन एवं चैक के माध्‍यम से होता है, विवरण-पत्र ऑन-लाईन प्रस्‍तुत किये जाते हैं, स्‍वकर निर्धारण एवं डीम्‍ड कर निर्धारण के प्रावधान हैं। उक्‍त कार्य के लिए करदाता वृत्‍त कार्यालय शिवपुरी पर निर्भर नहीं है। करदाताओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए कर निर्धारण का कार्य श्‍योपुर में कैम्‍प लगाकर किया जाता है, इस प्रकार वृत्‍त कार्यालय शिवपुरी पर श्‍योपुर जिले के करदाताओं की आंशिक निर्भरता रहती है। (ग) कार्यालय के गठन संबंधी अधिसूचना प्रचलित होना प्रक्रियाधीन है। अधिसूचना जारी होने पर किराया निर्धारण की कार्यवाही पूर्ण की जा सकेगी।

 

आनंद विभाग के संचालन हेतु प्रक्रिया की जानकारी

[आनन्द]

59. ( क्र. 1094 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनंद विभाग को मूर्त रूप देने हेतु क्‍या-क्‍या प्रक्रिया है? आदेश/निर्देश/ शासन द्वारा निर्मित किये गये है की प्रति दी जावे? (ख) विभाग के प्रांरभ से जनवरी 2017 तक कितनी राशि का बजट में प्रावधान किया है की जानकारी दी जावे? जानकारी में जिलावार राशि दर्शाई जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में दी आवंटित राशि में से जिला मुरैना को कितनी राशि आवंटित हुई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में जनपद अम्‍बाह व मुरैना में प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक कहाँ-कहाँ क्‍या-क्‍या कार्य किये गये?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग का गठन 6 अगस्‍त, 2016 को किया गया। राजपत्र अधिसूचना की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिलों को विभाग से राशि आवंटित नहीं की गई है। आनंद विभाग के लिए वर्ष 2016-17 में राशि 2 करोड़ रूपये का बजट में प्रावधान किया गया है।        (ग) विभाग द्वारा कोई राशि आवंटित नहीं की गयी। (घ) जनपद अम्‍बाह में 15 एवं जनपद मुरैना में 37 स्‍थलों पर दिनांक 14 जनवरी, 2017 से 21 जनवरी, 2017 में आनंद उत्‍सव का आयोजन किया गया। स्‍थलों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के    प्रपत्र-2 अनुसार है।

प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रस्‍तुत आवेदनों पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

60. ( क्र. 1095 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना के अतंर्गत प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा सर्किल स्‍तर से वितरण केन्‍द्र तक ऊर्जा विभाग में जनवरी 2014 से जनवरी 2017 तक कितने आवेदन विद्युत समस्‍याओं को लेकर प्रस्‍तुत किये गये की जानकारी माहवार एवं वर्षवार दी जाकर समस्‍याएं के हितग्राही का नाम, पता, विद्युत वितरण केन्‍द्र का नाम, शिकायत दिनांक आदि सहित दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित सभी शिकायतों की प्राप्ति दिनांक एवं समस्‍या निवारण की जानकारी भी दी जावे? (ग) क्‍या उपरोक्‍त प्रस्‍तुत सभी आवेदन व मौखिक रूप से बताई गई समस्‍याओं का निराकरण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्‍यों व शेष समस्‍याओं का कब तक निराकरण कर दिया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के मुरैना वृत्‍त के अंतर्गत माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विद्युत समस्‍याओं के संबंध में प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल 17 आवेदन प्रेषित किये गये, जिनमें से 13 आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है एवं 4 आवेदन लंबित हैं। प्रश्‍नाधीन चाही गई हितग्राही के नाम, पता, वितरण केन्‍द्र का नाम एवं शिकायत प्राप्ति दिनांक सहित, माहवार/वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित सभी शिकायतों की प्राप्ति दिनांक एवं समस्‍या के निराकरण संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित 17 आवेदनों में से 13 आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है एवं मौखिक रूप से बताई गई समस्‍याओं का निराकरण भी समय-समय पर किया गया है। 4 लंबित आवेदनों में से   1 आवेदन में उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान करने के उपरान्‍त शिकायत का निराकरण कर दिया जायेगा। शेष 3 लंबित आवेदन मजरों/टोलों के विद्युतीकरण से संबंधित है, जिनके विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में प्रस्‍तावित है। वर्तमान में उक्‍त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निवि‍दा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में शेष आवेदनों/ समस्‍याओं के निराकरण हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। 

अटल सागर मड़ीखेड़ा पक्‍का बांध से विस्‍थापितों का पुनर्वास

[पुनर्वास]

61. ( क्र. 1112 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2006 में सिंध परियोजना एवं पक्‍का बांध पुनर्वास संभाग शिवपुरी हेतु ग्राम अमोला, मितलौनी, कांटी, रसोई, सोसा, विनेगा, एवं करमई, तहसील करैरा, जिला शिवपुरी के कितनी भूमि रहवासियों को अधिकृत की गई थी? जिसमें परिवारों की संख्‍या, अधिकृत क्षेत्रफल की संख्‍या, मकानों की स्थिति, मंदिरों की विस्‍तृत जानकारी एवं पेड़-पौधों की जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित हितग्राहियों को पुनर्वास नियमों के अनुसार क्‍या-क्‍या सुविधाएं शासन से दिये जाने के प्रावधान हैं? क्‍या देय सभी सुविधाएं समय पर दे दी जा चुकी थी, अथवा नहीं तो क्‍यों? इस हेतु कौन उत्‍तरदायी है? (ग) क्‍या पुनर्वास नियमों के अंतर्गत देय सभी सुविधाएं अभी तक नहीं दी गई हैं? यदि हाँ, तो इसके कारण बतायें व देय सभी प्रकार की सुविधाएं कब तक प्रदाय कर दी जावेगी? उसकी निश्चित अवधि बताएं

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्‍नांश में वर्ष 2006 में मात्र 4 ग्राम अमोला,कांठी,रसोई एवं करमई तहसील करैरा,जिला शिवपुरी के रहवा‍सियों की 854.26 हेक्‍टर भूमि अधिग्राहित (अधिकृत) की गई है। इन ग्रामों के परिवारों की संख्‍या 2206    (प्रभावित हेक्‍टेयर भूमि 1226.24) अधिग्रहित क्षेत्र फल मकानों की संख्‍या 1557 पेड-पौधों की संख्‍या 6908 मंदिर संख्‍या 1 (ख) विस्‍था‍पितों को म.प्र. पुनर्वास नीति 2002 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार सुविधायें दिये जाने का प्रावधान है। तदानुसार वार्णित हितग्राहियो को पुर्नवास कालोनियों में जल संसाधन विभाग व्दारा आवश्‍यक सुविधाओं के अन्‍तर्गत 60X90 का प्‍लाट प्रत्‍येक प्रभावित परिवार को तथा प्राथमिक शाला, माध्‍यमिक शाला, आंगनवाड़ी केन्‍द्र, आदिवासी छात्रावास, सामु‍दायिक भवन, सहकारी, शॉप, शमशानघाट, मंदिर, थाना भवन, हैण्‍डपंप, कुआं निर्माण, पानी निकासी हेतु नालियों को निर्माण सड़क निर्माण तथा विद्युतीकरण आदि सुविधायें समय पर प्रदान की गई हैं। इसके अतिरिक्‍त प्रभावित परिवारों को पुर्नवास अनुदान, अचल सम्‍पत्ति तथा प्रभावित कृषि भूमि का मुआवजा का भी भुगतान किया गया है। प्रावधानित सुविधायें प्रदान की गई हैं। अत: सुविधायें नहीं देने एवं उत्‍तरदायी का प्रश्‍न नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश में पुर्नवास नीति अनुसार सभी सुविधायें प्रदान कर दी गई हैं।

फीडर सेपरेशन एवं राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के तहत कार्य

[ऊर्जा]

62. ( क्र. 1113 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग की नीति अनुसार फीडर सेपरेशन एवं राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के तहत विभाग द्वारा किन नियम व प्रक्रियाओं के तहत कार्य किये जाने का प्रावधान है? (ख) क्‍या विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में नीति अनुसार सर्वे किया जाकर कार्य किये गये हैं? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश '' '' के संदर्भ में किये गये कार्य में कई स्‍थानों पर ट्रांसफार्मर जल गये हैं व उन्‍हें अभी तक बदला नहीं गया है? जिससे विद्युत आपूर्ति में अवरोध हो रहा है? (घ) प्रश्‍नांश '' के तहत विगत एक वर्ष में कितने ट्रांसफार्मर किन-किन गांव में किस-किस दिनांक को जल चुके हैं व क्‍या उन्‍हें समय पर बदल दिया गया है। यदि नहीं, तो क्‍यों व कितने ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं व कब तक बदल दिये जायेंगे? बदले जाने में देरी के क्‍या कारण रहें? इसके लिये कौन-कौन उत्‍तरदायी हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) राज्‍य शासन एवं आर.ई.सी. लिमिटेड, नई दिल्‍ली द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार फीडर सेपरेशन एवं राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अन्‍तर्गत वितरण कंपनियों द्वारा निविदा प्रक्रिया का पालन कर चयनित ठेकेदार एजेंसी के माध्‍यम से टर्न-की आधार पर कार्य कराये जाने हेतु कार्यादेश जारी किया जाता है। तदुपरान्‍त वितरण कंपनियों के संबंधित नोडल अधिकारियों द्वारा कार्यादेश में उल्‍लेखित कार्य के अनुरूप संबंधित टर्न-की ठेकेदार एजेंसी के माध्‍यम से सर्वे कराया जाकर अनुमोदन उपरांत कार्य संपादित कराये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ (ग) फीडर विभक्तिकरण एवं राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में किये गये कार्यों में स्‍थापित ट्रांसफार्मरों में से ऐसे 60 जले/खराब ट्रांसफार्मर हैं जो कि इनसे संबद्ध शत्-प्रतिशत उपभोक्‍ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि होने के कारण बदले नहीं जा सके हैं। उक्‍त ट्रांसफार्मरों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाए अनुसार है। संबंधित उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर इन ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा। (घ) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विगत एक वर्ष की अवधि में जले/खराब हुए कुल 26 ट्रांसफार्मर संबद्ध शत्-प्रतिशत उपभोक्‍ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि होने के कारण बदले जाने हेतु शेष हैं, जिनकी जलने/खराब होने की दिनांक सहित ग्रामवार सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के सरल क्रमांक 35 से सरल क्रमांक 60 में दर्शाए अनुसार है। उत्‍तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर इन्‍हें बदला जा सकेगा। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में इन ट्रांसफार्मरों को बदले जाने में विलंब होने हेतु किसी के उत्‍तरदायी होने का प्रश्‍न नहीं उठता। 

परिशिष्ट - ''सत्रह''

राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

63. ( क्र. 1123 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लहार विधानसभा क्षेत्र जिला भिण्‍ड के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में प्रश्‍न दिनांक तक राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना तथा अन्‍य विभागीय योजनाओं के अंतर्गत पूर्ण विद्युतीकरण का कार्य कराया जा चुका है? कार्य पूर्ण का दिनांक सहित ग्रामवार विवरण दें? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक लहार विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों में किस-किस योजना में ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य प्रस्‍तावित है? कार्य पूर्ण किये जाने की अवधि भी बताएं? (ग) म.प्र.म.क्षे. वि. वितरण कंपनी लिमिटेड भिण्‍ड के महाप्रबंधक (स./सं.) भिण्‍ड के पत्र क्रमांक 3288 दिनांक 25/07/2016 द्वारा प्रश्‍नकर्ता को लहार विधानसभा क्षेत्र के 90 ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कराया जाना अवगत कराया था जबकि अधिकांश ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य अपूर्ण है, किन्‍तु उन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य बताया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जाकर, अपूर्ण कार्यों को कब पूर्ण कराया जाएगा? (घ) लहार क्षेत्र के ग्राम रूरई में लगभग 5 वर्ष पूर्व स्‍वीकृत विद्युत उपकेन्‍द्र की विभाग द्वारा स्‍थान उपलब्‍ध न होने की असत्‍य जानकारी देकर उपकेन्‍द्र स्‍थापित नहीं किया गया है, जबकि कलेक्‍टर भिण्‍ड द्वारा उसी समय उपकेन्‍द्र स्‍थापना हेतु राजस्‍व भूमि आवंटित कर दी थी? आवंटित भूमि पर कब तक विद्युत केन्‍द्र स्‍थापित कर दिया जावेगा? (ड.) ग्राम लिलवारी में अधूरे विद्युतीकरण कार्य को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) भिण्‍ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण के कराए गए कार्यों का ग्रामवार कार्य पूर्णता की दिनांक सहित विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अन्‍य विभागीय योजनाओं के अन्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन क्षेत्रान्‍तर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्य नहीं कराये गये हैं।    (ख) लहार विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत 169 ग्रामों के 100 तथा 100 से अधिक जनसंख्‍या वाले मजरों/टोलों को विद्युतीकृत करते हुए सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है। स्‍वीकृत योजना में प्रस्‍तावित ग्रामों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। योजनान्‍तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।          (ग) महाप्रबंधक (संचा/संधा) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भिण्‍ड के पत्र क्रमांक 3288 दिनांक 25.07.2016 के द्वारा माननीय विधायक महोदय को 90 ग्रामों/मजरों/टोलों की सूची प्रेषित की गई थी, जिसमें 11वीं पंचवर्षीय एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत ग्रामों/मजरों/टोलों में विद्युतीकरण कार्य की जानकारी दी गई थी। इन ग्रामों/मजरों/टोलों में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (11वां एवं 12वां प्‍लान) के अंतर्गत योजना के प्रावधान अनुसार बी.पी.एल. हितग्राहियों को कनेक्‍शन दिये जाकर कार्य पूर्ण किये गये हैं, तथापि माननीय विधायक महोदय की मंशानुसार इन ग्रामों/मजरों/टोलों के कार्यों की जाँच कार्यपालन यंत्री (संचालन/संधारण) लहार के अंतर्गत पदस्‍थ अधिकारियों से करवाई गई। जिसमें उपरोक्‍त 90 में से 54 ग्रामों/मजरों/टोलों में उपरोक्‍त योजनांतर्गत सम्मिलित कार्य पूर्ण पाये गए किन्‍तु आबादी क्षेत्र में केबलीकरण का कार्य अपूर्ण पाया गया। इन 54 ग्रामों/मजरों/टोलों में केबलीकरण का कार्य लहार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में संचालित विद्युतीकरण योजनाओं/दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में किया जाना प्रस्‍तावित है। दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रकियाधीन है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में इन कार्यों को पूर्ण किये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। (घ) लहार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रूरई में उपकेन्‍द्र निर्माण के लिए आवंटित भूमि के आस-पास आवासीय बस्‍ती होने के कारण क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा लगातार अवरोध उत्‍पन्‍न करने के कारण उपकेन्‍द्र का निर्माण नहीं किया जा सका है। ग्राम रूरई एवं आस-पास के क्षेत्रों में सुचारू रूप से गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय करने के लिए ग्राम पसरौदा वामन में नवीन 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र की स्‍थापना एवं आलमपुर उपकेन्‍द्र में स्‍थापित 3.15 एम.व्‍ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर की 5 एम.व्‍ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर से क्षमता वृद्धि का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। वर्तमान में ग्राम रूरई में 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र की स्‍थापना की आवश्‍यकता नहीं है। (ड.) ग्राम लिलवारी पूर्व से विद्युतीकृत है तथा ग्राम में सघन विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण ज्‍योति योजनांतर्गत किया जाना प्रस्‍तावित है। वर्तमान में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण ज्‍योति योजनान्‍तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराये जाने हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। 

थर्ड मिल का वितरण

[महिला एवं बाल विकास]

64. ( क्र. 1147 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या महिला बाल विकास विभाग द्वारा छिन्‍दवाड़ा जिले में बच्‍चों के लिए थर्ड मिल का वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष     2013-14 से वर्ष 2016-17 तक किन-किन परियोजना में कितना थर्ड मिल वितरित किया गया? प्रत्‍येक परियोजनावार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) अगर जिन परियोजना में थर्ड मिल का वितरण नहीं किया जा रहा है, तो क्‍या इसके लिए पदस्‍थ परियोजना अधिकारी जिम्‍मेदार है? अगर हाँ तो ऐसे लापरवाह परियोजना अधिकारी के ऊपर विभाग द्वारा अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) वर्तमान में प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र परासिया में बच्‍चों को थर्ड मिल का वितरण आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में नहीं किया जा रहा है। जिसका क्‍या कारण है? थर्ड मिल का वितरण आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जिला छिन्दवाड़ा में विभाग द्वारा बच्चों के लिये थर्ड मिल का प्रदाय किया जा रहा है। वर्ष 2013-14 से जिले में संचालित 14 बाल विकास परियोजनाओं में थर्ड मिल का प्रदाय किया गया है। परियोजनावार पूरक जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र परासिया में बच्चों को थर्ड मिल का वितरण आंगनवाड़ी केन्द्रों में किया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''अठारह''

इंदिरा गाँधी मातृत्‍व सहयोग योजना का क्रियान्‍वयन

[महिला एवं बाल विकास]

65. ( क्र. 1148 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा संचालित इंदिरा गाँधी मातृत्‍व सहयोग योजना का लाभ छिन्‍दवाड़ा जिले में वर्ष 2011 से दिसम्‍बर 2016 तक कितने हितग्राहियों को प्रदान किया जा चुका है? प्रत्‍येक विधानसभा क्षेत्रवार हितग्राहियों की संख्‍या सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या विभाग द्वारा इंदिरा गाँधी मातृत्‍व सहयोग योजना का लाभ शासन द्वारा जारी नियमावली के आधार पर हितग्राहियों को समय-सीमा पर प्रदान किया जा रहा है? अगर नहीं तो इसका क्‍या कारण है? (ग) क्‍या विभाग द्वारा इंदिरा गाँधी मातृत्‍व सहयोग योजना में एक हितग्राही को लाभान्वित करने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 200 रूपये एवं सहायिका को 100 रूपये की प्रोत्‍साहन राशि देने का प्रावधान है? अगर हाँ, तो परासिया विधानसभा क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा जिन हितग्राहियों को योजनान्‍तर्गत लाभान्वित किया गया है, क्‍या उन हितग्राहियों की प्रोत्‍साहन राशि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहिकाओं को प्रदान की जा चुकी है? (घ) अगर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को प्रोत्‍साहन राशि प्रदान नहीं की गई है, तो इसका क्‍या कारण है? उन्‍हें प्रोत्‍साहन राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा संचालित इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना का लाभ छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2011 से दिसम्बर 2016 तक 1,64,156 हितग्राहियों को प्रदाय किया जा चुका है। विधानसभा क्षेत्रवार हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्न नहीं। (ग) जी हाँ, विभाग द्वारा इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना में एक हितग्राही को संपूर्ण राशि मिलने के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 200/- रूपये एवं सहायिका को 100/- रूपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। परासिया विधानसभा क्षेत्र की जिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है उन हितग्राहियों की प्रोत्साहन राशि आंगनवाड़ी कार्यकता एवं सहायिकाओं को प्रदान की जा चुकी है। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना सशर्त लाभ स्कीम है योजना में हितग्राहियों को देय 2 किश्तों का भुगतान होने के उपरांत ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहन बोनस राशि प्रदान की जाती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहन भुगतान सतत् प्रक्रिया है।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

महिला बाल विकास विभाग की योजनाएं

[महिला एवं बाल विकास]

66. ( क्र. 1167 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले की विभिन्‍न महिला एवं बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार विभिन्‍न योजनाओं के तहत कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? (ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसर जिला एवं परियोजनावार वर्षवार कितनी-कितनी धनराशि प्राप्‍त हुई? प्राप्‍त आवंटन का व्‍यय     किन-किन कार्यों में हुआ वर्षवार, कार्यवार, पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) क्‍या विभाग द्वारा संचालित लाड़ली लक्ष्‍मी योजना, बालिका समृद्धि योजना एवं अन्‍य योजनाओं की समयावधि व्‍यतीत होने के उपरांत भी संबंधित हितग्राही को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, क्‍या कटनी जिले में लाडली लक्ष्‍मी योजना के अधिकांश प्रकारण लंबित है? यदि हाँ, तो इन्‍हें कब तक लाभान्वित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश '''' '''' '''' के परिप्रेक्ष्‍य में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, कब जाँच की गई और उन पर क्‍या कार्यवाही की गई, शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं, लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत कोई भी पात्र प्रकरण लंबित नहीं है। वर्तमान में बालिका समृद्धि योजना संचालित नहीं है, योजना अंतर्गत पूर्व के स्वीकृत प्रकरणों की राशि का भुगतान पात्र हितग्राही बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात लाभान्वित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रश्नांश ” ”” ”के परिप्रेक्ष्‍य में 193 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनकी जाँच एवं उन पर की गई कार्यवाही का शिकायतवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

प्रदेश में बिजली उत्‍पादन

[ऊर्जा]

67. ( क्र. 1187 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्तमान में कितने मेगावाट बिजली का उत्‍पादन किया जा रहा है? म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की प्रदेश में स्‍थापित पॉवर प्‍लांट की कुल कैपेसिटी कितनी मेगावाट बनाने की है? (ख) प्रश्‍न दिनांक से गत एक वर्ष के दौरान म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के थर्मल पॉवर प्‍लांट हाइडल पॉवर प्‍लांट कितने-कितने घंटे चालू रहे और उन स्‍त्रोतों से पिछले एक वर्ष के दौरान कितनी-कितनी बिजली उत्‍पादन की गई? क्‍या सरकार द्वारा निजी कंपनी के थर्मल पॉवर प्‍लांटों से बिजली खरीदी का अनुबंध किया है यदि हाँ, तो कितनी व किस दर से प्रदेश में विद्युत वितरण में ट्रांसमिशन लॉस कितने प्रतिशत है और इस ट्रांसमिशन लॉस को कम करने के लिए सरकार द्वारा क्‍या कदम उठाए गए हैं ?         (ग) किसानों को खेती के लिए एवं घरेलू उपभोक्‍ताओं को प्रदाय की जाने वाली बिजली की प्रति यूनिट मूल कीमत क्‍या है एवं उस पर कौन-कौन से अधिभार लगाए जा रहे हैं और कितनी-कितनी राशि के किसानों पर बिजली चोरी के कितने प्रकरण कायम हुए हैं उनमें से कितने किसानों की गिरफ्तारी हुई है? इन प्रकरणों एक वर्ष की अद्यतन स्थिति का ब्‍यौरा दें

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप एवं जल विद्युत गृहों द्वारा वर्तमान में (माह जनवरी 2017 में) कुल 1971.00 मिलियन इकाई (औसत 2649 मेगावाट) विद्युत का उत्‍पादन किया गया है। म.प्र.पा.ज.कं.लि. के प्रदेश में स्‍थापित ताप एवं जल विद्युत गृहों की उत्‍पादन क्षमता 4835 मेगावाट है। इसके अतिरिक्‍त म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा संचालित 160 मेगावाट क्षमता ( मध्‍यप्रदेश का अंश 107 मेगावाट) का पेंच जल विद्युत गृह तोतलाडोह, जिला नागपुर (महाराष्‍ट्र) में स्थित है। (ख) विगत एक वर्ष में (माह फरवरी 2016 से जनवरी 2017 तक) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप एवं जल विद्युत गृहों के चालू रहने एवं इनसे उक्‍त अवधि में विद्युत उत्‍पादन का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'', ''2'', ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। जी हाँ। सरकार द्वारा निजी कंपनियों के थर्मल पॉवर प्‍लांटों से बिजली खरीदी हेतु अनुबंध किये गये है, अनुबंधों एवं दरों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''-1'' एवं ''स-2'' अनुसार है। प्रदेश में विद्युत के ट्रांसमिशन में (वितरण नहीं) वर्ष 2015-16 में ट्रांसमिशन लॉस 2.88 प्रतिशत एवं वर्ष 2016-17 (दिसम्‍बर 16 तक) में 2.76 प्रतिशत रहा। वर्ष 2016-17 हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा ट्रांसमिशन हानि लक्ष्‍य 2.82 प्रतिशत निर्धारित किया है, जो प्राप्‍त हो चुका है। (ग) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टेरिफ आदेश दिनांक 05 अप्रैल 2016 के अनुसार किसानों को खेती के लिए एवं घरेलू उपभोक्‍ताओं को प्रदाय की जाने वाली बिजली की प्रति यूनिट दरों एवं उन पर प्रयोज्‍य प्रभारों/अधिभारों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा गत एक वर्ष के दौरान कृषि कार्य हेतु बिजली चोरी संबंधी 20458 प्रकरण दर्ज किये गये तथा रूपये 4198 लाख की ‍बि‍लिंग की गई। विगत एक वर्ष में उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार किसी भी प्रकरण में किसान की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

24 घण्टे विद्युत व्यवस्था

[ऊर्जा]

68. ( क्र. 1227 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी विभाग में 24 घण्टे विद्युत प्रदाय हेतु फीडर सेपरेशन कार्य के लिये धार जिले में कितने ठेकेदारों को ठेके दिये गये हैं? कितने ठेकेदारों के द्वारा टेण्डर कार्य पूर्ण किया व कितने ठेकेदारों के द्वारा कार्य अधूरा छोड़कर बन्द कर दिया है? (ख) टेण्डर कार्य अधूरा छोड़ने वाले ठेकेदारों से कितना जुर्माना वसूला गया तथा ठेकेदार द्वारा अधूरा छोड़ा गया कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्‍तर्गत धार जिले में गैर-कृषि उपभोक्‍ताओं को 24 घण्‍टे तथा कृषि उपभोक्‍ताओं को 10 घण्‍टे पृथक-पृथक 11 के.व्‍ही. फीडरों के माध्‍यम से विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु ठेकेदारों को निविदा प्रक्रिया उपरांत अवार्ड जारी किये गये थे। उक्‍त में से दो ठेकेदारों द्वारा कार्य पूर्ण कर दिया गया है तथा एक ठेकेदार द्वारा निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य संपादित नहीं करने के कारण उसे जारी अवार्ड निरस्‍त कर दिया गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार निविदा अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्य संपादित नहीं करने वाले ठेकेदार को जारी अवार्ड निरस्‍त कर उसके विरूद्ध निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्‍टी स्‍वरूप रू. 1.12 करोड़ राशि की शास्ति अधिरोपित की गयी है। उक्‍त शेष कार्य पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर माह जून 2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।

विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन

[महिला एवं बाल विकास]

69. ( क्र. 1230 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग की कौन-कौन सी योजनायें,         किन-किन हितग्राहियों के लिये कटनी जिले में संचालित है? (ख) प्रश्नांश '''' के तहत संचालित योजनाओं के लिये वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक, कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? राशि क्या-क्या सामग्री क्रय करने एवं किस-किस कार्य हेतु प्राप्त हुई और क्या-क्या सामग्री कब-कब क्रय की गई एवं क्या-क्या कार्य, कब-कब किये गये? योजनावार, आवंटनवार, व्ययवार, विकासखण्डवार, वर्षवार बतायें? (ग) क्या विभाग द्वारा स्व-सहायता समूहों का गठन किया जाता है? यदि हाँ, तो विकासखण्ड कटनी में     कौन-कौन स्व-सहायता समूह कब-कब गठित किये गये? क्या समूहों की ग्रेडिंग की गई? यदि हाँ, तो कब-कब एवं किस-किस के द्वारा, समूहों के अध्‍यक्ष, सचिव, सदस्यों के नाम-पते सहित समूहवार बतायें। (घ) प्रश्नांश '''' के तहत गठित समूहों की वर्तमान स्थिति क्या है, किन-किन समूहों द्वारा क्या-क्‍या व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हैं, किन-किन समूहों को शासन द्वारा कितनी-कितनी अनुदान एवं ऋण राशि कब-कब उपलब्‍ध करायी गयी है? समूहवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश '''' से '''' के परिप्रेक्ष्‍य में क्या शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक-04/02/2016 के पालन में विभागीय कार्यों का बाहरी मूल्यांकन कराया गया है? यदि हाँ, तो इसके क्या‍ परिणाम रहे एवं शासन को कब-कब अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? शासनादेश का पालन न करने पर क्या कार्यवाही की जायेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिले में संचालित विभाग की योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’1‘‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’’‘‘ के तहत संचालित योजनाओं के लिये वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त एवं व्यय राशि तथा क्रय की गई सामग्री एवं कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’2‘‘ एवं ’’3‘‘ अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा स्व-सहायता समूहों का गठन नहीं किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एवं शहरी क्षेत्रों में शहरी विकास अभिकरण द्वारा समूह का गठन किया जाता है।       (घ) विभाग द्वारा स्व-सहायता समूहों का गठन नहीं किया जाता अतः अनुदान एवं ऋण देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। मूल्यांकन कार्य के परिणाम प्राप्त नहीं हुए है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

लंबित विभागीय जाँच पूर्ण की जाना

[वाणिज्यिक कर]

70. ( क्र. 1258 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यिक कर विभाग ग्‍वालियर संभाग और चंबल संभाग में वर्ष 2011 से प्रश्‍नांश दिनांक तक किस कर्मचारी पर कब विभागीय जाँच संस्‍थापित की गई? प्रश्‍नांश दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। कार्यवाही न करने का क्‍या कारण हैं? इसके लिए कौन उत्‍तरदायी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विभागीय कितनी समय-सीमा में पूर्ण होती है? 2011 से अभी तक कार्यवाही पूर्ण क्‍यों नहीं हुई? क्‍या असत्‍य विभागीय जाँच संस्‍थापित की गई? संबंधित कर्मचारी निर्दोष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में किन कर्मचारियों पर गबन का प्रकरण दर्ज है? उन पर अभी तक क्‍या कार्यवाही हुई? विवरण देवें। जाँच चौकी पर पदस्‍थ कर्मचारी पर विभागीय जाँच किसके द्वारा कब पंजीबद्ध हुई? निर्दोष और दोष कौन से सिद्ध हुए? (घ) क्‍या कर्मचारी पर दबाव बनाने के लिए असत्‍य प्रकरण पंजीबद्ध किया जाता है? यदि हाँ, तो क्‍यों? एक वर्ष में विभागीय कार्यवाही निर्देशानुसार पूर्ण क्‍यों नहीं की जाती है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्‍त वाणिज्यिक कर के अधीन ग्‍वालियर और चंबल संभाग के कर्मचारियों पर विभागीय जाँच की कार्यवाही संबंधी विस्‍तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ पर है। (ख) प्रश्‍नांश ‘’’’ के संदर्भ में यह उल्‍लेखित है कि मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील), नियम 1966 में विभागीय जाँच के निवर्तन हेतु     समय-सीमा निर्धारित नहीं है। सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा विभागीय जाँच के प्रकरणों के निवर्तन के लिए एक वर्ष की समय-सीमा निर्धारित की गई हैं। संस्‍थापित विभागीय जाँच की कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। वर्ष 2011 से संजय गोंडिया, सहायक ग्रेड-3 का प्रकरण न्‍यायालय में होने से लंबित है। विभागीय जाँच की कार्यवाही समुचित तथ्‍यों के आधार पर संस्‍थापित की जाती है। अत: असत्‍य विभागीय जाँच संस्‍थापित नहीं की गई है। संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण न्‍यायालय में लंबित है। अत: संबंधित कर्मचारी के निर्दोष होने की स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं है। (ग) श्री संजय गोंडिया, सहायक ग्रेड-3 पर गबन का प्रकरण दर्ज है। प्रकरण माननीय न्‍यायालय में लंबित होने से जाँच कार्यवाही लंबित है। जाँच चौकी पर पदस्‍थ कर्मचारी पर विभागीय जाँच के संबंध में विस्‍तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ पर है। (घ) कर्मचारी पर दबाव बनाने के लिए असत्‍य प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया जाता है। कुछ प्रकरणों में आरोपी कर्मचारी पर लगाये गये आरोपों की प्रकृति गंभीर होती है। उनमें निष्‍पक्ष रूप से साक्ष्‍यों का परीक्षण करने में तथा आरोपी कर्मचारी को बचाव/पक्ष समर्थन हेतु युक्तियुक्‍त समय प्रदान करने तथा उनके द्वारा पक्ष समर्थन प्रस्‍तुत करने में विलंब हो जाता है। विभागीय जाँच अधिकारी तथा प्रस्‍तुतकर्ता अधिकारी के अन्‍य विभागीय कार्यों में व्‍यस्‍त होने पर भी कार्यवाही में विलम्‍ब होता है।

परिशिष्ट - ''बीस''

आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

71. ( क्र. 1265 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं, स्‍थानवार बतायें? इन केन्‍द्रों में शासन द्वारा कौन-कौन सी सामग्री उपलब्‍ध करायी गयी है? केन्‍द्रवार सामग्री की सूची उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या शासन द्वारा आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में बच्‍चों को शुद्ध पेयजल व्‍यवस्‍था हेतु वाटर फिल्‍टर एवं भोजन हेतु थाली गिलास उपलब्‍ध कराये गये हैं? यदि हाँ, तो केन्‍द्रवार उनकी उपलब्‍धता बतायें? (ग) क्‍या विगत एक वर्ष में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में प्रदाय सामग्री का किसी सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो दिनांक सहित निरीक्षणकर्ता के पदनाम सहित बतावें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थानवार जानकारी एवं उन्हें शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। ( ) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) विगत एक वर्ष में आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रदाय सामग्री का निरीक्षण, केन्द्र निरीक्षण के समय जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया गया है। निरीक्षण दिनांक का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।

सागर नगर के पुरातत्‍व एवं ऐतिहासिक भवन/स्‍थल

[संस्कृति]

72. ( क्र. 1266 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधानसभा क्षेत्र में प्राचीन ऐतिहासिक महत्‍व की दृष्टि से कितने भवन/स्‍थल हैं? नाम, स्‍थान सहित बतायें? शासन द्वारा इनके संरक्षण हेतु क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित है? (ख) सागर नगर में जल संरक्षण को ध्‍यान में रखते हुए ऐतिहासिक प्राचीन जल स्‍त्रोत जैसे झिरियां, कुआँ, बावड़ी, चौपड़ा, तालाब आदि के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन द्वारा कोई योजना बनायी गयी है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) क्‍या ऐतिहासिक संपदा, दुर्लभ प्राचीन मूर्तियों के संरक्षण हेतु सागर जिला मुख्‍यालय में पुरातत्‍व भवन निर्मित है? यदि नहीं, तो उनकी सुरक्षा की जवाबदेही किसकी है तथा इनकी सुरक्षा हेतु शासन की क्‍या योजना है?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र में स्थित प्राचीन ऐतिहासिक महत्‍व की दृष्टि वाले भवनों/स्‍थलों को संरक्षण में लेकर राज्‍य संरक्षित स्‍मारक घोषित किया गया है. जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार. (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है. (ग) जिला सागर में डफरिन हॉस्पिटल को राज्‍य संरक्षित स्‍मारक घोषित कर जिले के बहुमूल्‍य पुरावशेषों को संग्रहित कर डफरिन हॉस्पिटल संग्रहालय में आम नागरिकों के लिये प्रदर्शित किया गया है.

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

राजनैतिक मीसा बंदी घोषित किया जाना

[सामान्य प्रशासन]

73. ( क्र. 1296 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के अता. प्रश्‍न संख्‍या-63 (क्रमांक 816) दिनांक 6/12/16 में बताया गया था कि पुलिस अधीक्षक छतरपुर ने अपने प्रतिवेदन में दिनांक 20.09.2012 में     श्री स्‍वामी प्रसाद अग्रवाल पुत्र श्री स्‍व. रामचरन अग्रवाल नि. छतरपुर को राजनैतिक मीसाबंदी के संबंध में धारा 151 जा.फौ. के अंतर्गत दिनांक 12.08.1975 को गिरफ्तार किया जाकर जेल भेजा गया था तथा दिनांक 18.08.1975 को जेल से रिहा किया गया था तो शासन द्वारा अधिकृत कमेटी द्वारा दिनांक 25.05.2013 को नोटशीट पर ''पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई टीप प्रेषित नहीं की गई है'' लेख क्‍या किया गया था? कारण सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्‍त व्‍यक्ति को किसके आदेश से जेल भेजा गया था एवं क्‍यों? कारण सहित बतायें। उक्‍त आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें? (ग) उक्‍त व्‍यक्ति का नाम मीसा रजिस्‍टर में क्‍यों दर्ज नहीं किया गया था? कारण सहित बतायें? क्‍या उक्‍त व्‍यक्ति का नाम मीसा रजिस्‍टर में दर्ज कर दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। दिनांक 25.05.2013 के अनुसार शासन द्वारा गठित समिति‍ द्वारा आवेदक का आवेदन-पत्र लोक नायक जय प्रकाश नारायण सम्‍मान निधि की पात्रता नहीं रखने से अमान्‍य किया गया था।      (ख) अपर कलेक्‍टर के आदेश अनुसार धारा 151 जा.फौ. के तहत जेल भेजा गया था। अन्‍य अभिलेख उपलब्‍ध नहीं है। (ग) धारा 151 जा.फौ. में बंद होने से। जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पवन ऊर्जा उत्‍पादन संयंत्र स्‍थापित किया जाना

 [नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

74. ( क्र. 1297 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला छतरपुर में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत बड़ामलहरा क्षेत्र की पहाड़ि‍यों पर पवन ऊर्जा उत्‍पादन के संयंत्र लगाकर विद्युत उत्‍पादन किये जाने का कोई प्रस्‍ताव लंबित है और क्‍या पूर्व में बड़ामलहरा क्षेत्र के पहाड़ों पर विन्‍ड सर्वे कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कब और उसके क्‍या परिणाम रहे। यदि नहीं, तो पवन ऊर्जा उत्‍पादन संयंत्र लगाये जाने के लिये क्षेत्र का सर्वे कराया जाना प्रस्‍तावित करेंगे एवं सर्वे कराया जाकर पवन ऊर्जा उत्‍पादन संयंत्र स्‍थापित किये जाने के लिये प्रस्‍तावित करेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जिला छतरपुर में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के अन्‍तर्गत बड़ामलहरा क्षेत्र की पहाडि़यों पर पवन ऊर्जा परियोजना हेतु कोई प्रस्‍ताव लंबित नहीं है। बड़ामलहरा क्षेत्र के पहाड़ों पर विण्‍ड सर्वे नहीं किया गया है।          (ख) प्रश्‍नांश (ख) के सन्‍दर्भ में लेख है कि विस्‍तृत विण्‍ड सर्वेक्षण के पूर्व स्‍थल का प्रारंभिक सर्वेक्षण कर उपयुक्‍ता/साध्‍यता का आंकलन किया जाता है। बड़ामलहरा क्षेत्र की पहाडि़यों के समीपस्‍थ बिजावर क्षेत्र, जो बड़ामलहरा से अधिक ऊंचाई पर है, का प्रारंभिक सर्वेक्षण नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ विण्‍ड एनर्जी, चैन्‍नई द्वारा किया गया है, जो उपयुक्‍त नहीं पाया गया। उक्‍त के आधार पर प्रश्‍नाधीन स्‍थल पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए उपयुक्‍त प्रतीत नहीं होता है। यह भी लेख है कि प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाएं निजी निवेश के माध्‍यम से लगाई जाती हैं, और निजी इकाईयों द्वारा स्‍वयं परियोजना की साध्‍यता के दृष्टिगत परियोजना प्रस्‍तावित/स्‍थापित की जाती है।

महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना से प्रभावित परिवारों का पुनर्वास

[पुनर्वास]

75. ( क्र. 1311 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना से कितने एवं कौन-कौन से ग्राम प्रभावित हो रहे हैं? प्रभावित ग्रामों का पुनर्वास नीति के तहत कितने परिवारों का पुनर्वास कार्य पूर्ण किया कर दिया गया? कितने परिवारों का पूर्णवास कार्य होना शेष है? ग्रामवार, परिवार की संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध कराई जावे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में डूब प्रभावित ग्रामों के कितने से परिवारों को आवास हेतु भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराये गये हैं एवं कितनी मुआवज़ा राशि दी गई है तथा कितने परिवारों को वर्तमान में भूखण्‍ड, मुआवज़ा दिया जाना शेष है वर्तमान में पुनर्वास हेतु कितने आवेदन प्राधिकरण में विचाराधीन है? सूची उपलब्‍ध कराई जावे? (ग) डूब प्रभावित ग्रामों के कितने किसानों की कितनी-कितनी कृषि भूमि प्रभावित हुई है? क्‍या उनका आंकलन कर मुआवज़ा राशि का निर्धारण कर कितने परिवारों को कितनी-कितनी मुआवज़ा राशि दी गई अथवा कृषि भूमि उपलब्‍ध कराई गई?कितने परिवारों को मुआवज़ा राशि दी जाना शेष है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या डूब प्रभावित कृषि भूमि क्षेत्र में सिंचाई पाईप लाईन एवं अन्‍य उपकरणों का आंकलन किया गया है? यदि हाँ, तो कितने परिवारों का एवं ऐसे कितने किसान परिवार है, जिनके कृषि भूमि में स्‍थापित सिंचाई पाईप लाईन एवं अन्‍य उपकरणों का आंकलन नहीं किया जाकर मुआवज़ा राशि नहीं दी गई है? इसका कब तक निर्धारण किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुल 47 ग्राम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। पुर्नवास नीति के तहत 3555 परिवारों का पुर्नवास कार्य पूर्ण किया गया। 5593 परिवारों का पूर्णवास कार्य शेष ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार(ख) 3555 प्रभावितों को भूखण्ड एवं 1273 प्रभावितों को राशि रूपये 530.39 लाख मुआवजा राशि दी गई। वर्तमान में 5593 विस्थापितों को भूखण्ड एवं 7875 विस्थापितों को मुआवजा राशि रूपये 2869.65 लाख वितरण किया जाना शेष है। प्राधिकरण में 379 आवेदन विचाराधीन है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) महेश्वर जल विद्युत परियोजना में कृषि के 44 ग्रामों में 1106 कृषकों की 277.377 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है। जिसका मुआवजा 1437 लाख रूपये निर्धारित कर 658 कृषकों को 683.43 लाख रूपये वितरण किये गये हैं। शेष 448 कृषकों में से 90 कृषकों की मुआवजा राशि 344.92 लाख रूपये कम्पनी प्रबंधन द्वारा जमा नहीं कराई गई है एवं 358 कृषकों द्वारा सूचना पत्र जारी करने के उपरांत भी शेष राशि 409.20 लाख रूपये प्राप्त नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।

म.प्र.पा.ज.कं.लि. की इकाईयों को बंद कर प्राईवेट कंपनी से बिजली खरीदी

[ऊर्जा]

76. ( क्र. 1378 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र.पा.ज.कं.लि. की सभी ताप विद्युत गृहों की विद्युत इकाईयां अधिकतर नो‍ डिमाण्‍ड के नाम पर बंद की जाती हैं और प्राईवेट ताप विद्युत गृहों से बिजली खरीदी जाती है? साथ ही मासिक मेरिट आर्डर डिस्‍पेच (एम.ओ.डी.) के आधार पर वेरीयेबल दर अधिक हो जाती हैं, ऐसा कारण बताया गया,  क्‍या यह सही नहीं है कि ताप विद्युत गृहों में अनावश्‍यक रूप से विदेशी आयातित महंगा कोयला प्राईवेट कंपनी से प्राप्‍त होने के कारण ताप विद्युत गृहों की बिजली मंहगी पड़ रही है इस कारण से कंपनी की इकाईयों को बंद रखा जाता हैं? (ख) कोल इंडिया के ग्रेडवार कोयला जो ताप विद्युत गृहों में उपयोग किया जाता है उसकी क्‍या दरें है और विदेश से आयातित कोयला की क्‍या दरें है? (ग) विदेश से आयातित कोयला जो ताप विद्युत गृहों में प्रदाय किया जा रहा हैं, इसका प्रदाय सरकार कब तक बंद करेंगी और बंद नहीं करेंगी तो क्‍या कारण है? सरकार द्वारा सूचना प्रकाशन के माध्‍यम से यह जानकारी दी जा रही है कि किसानों को प्रदेश में 10 घंटे बिजली प्रदाय की जाती है, क्‍या सरकार किसानों को प्रदेश में अधिक विद्युत उत्‍पादन होने के कारण 24 घंटे बिजली प्रदाय करेगी, जिससे किसानों की अधिक उपज मिल सके एवं पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की सभी ताप विद्युत गृहों से निरंतर उत्‍पादन प्राप्‍त किया जा सके।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं, तथापि बिजली की उपलब्‍धता की तुलना में मांग कम होने पर विद्युत उपभोक्‍ताओं को न्‍यूनतम दर पर विद्युत आपूर्ति हेतु मेरिट आर्डर डिस्‍पैच के सिद्धान्‍त का पालन करते हुए, प्रदेश को विद्युत आपूर्ति करने वाले सभी विद्युत प्रदायकर्ता यथा केन्‍द्रीय क्षेत्र, दामोदर वैली कार्पोरेशन, म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी एवं इंडिपेन्‍डेंट पॉवर प्रोड्यूसर से मांग के अनुरूप सस्‍ती वेरियेबल दर बिजली की आपूर्ति की जाती है। अत: उपरोक्‍तानुसार म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की इकाईयां भी संचालित होती हैं। वित्‍तीय वर्ष 2009-10 में भारत सरकार द्वारा, आंकलन के आधार पर कोयले के उत्‍पादन में मांग की तुलना से संभावित कमी के दृष्टिगत, आयतित कोयले के उपयोग हेतु निर्देशित किया गया था। कालांतर में देश में उत्‍पादित कोयले की पर्याप्‍त उपलब्‍धता होने पर म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2015-16 से आयातित कोयले का क्रय रोका गया तथापि वर्ष 2014-15 के आदेश के विरूद्ध जून-2016 तक आयातित कोयला प्राप्‍त किया गया। जैसे ही देश में कोयले की उपलब्‍धता सुनिश्चित हुई, आयातित कोयले का उपयोग ताप विद्युत गृहों में बन्‍द किया गया। अत: यह स्‍पष्‍ट है कि आयातित कोयले का उपयोग आवश्‍यकता होने पर ही किया गया। (ख) कोल इंडिया के ग्रेडवार कोयला जो ताप विद्युत गृहों में उपयोग किया जाता है तथा आयातित कोयले की दरें संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।   (ग) जैसा कि उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेख किया गया है, म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा जून, 2016 के पश्‍चात आयातित कोयला प्राप्‍त नहीं किया गया है। इसके साथ ही मार्च, 2015 में आयातित कोयले के प्रदाय हेतु जारी अंतिम कार्यादेश के विरूद्ध बची हुई शेष मात्रा न लेते हुये कार्यादेश को रद्द किया जा चुका है। कृषि क्षेत्र हेतु वर्तमान में 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। भूतल स्‍तर एवं विभिन्‍न फसलों के लिए पानी की आवश्‍यकता अनुसार 10 घंटे बिजली पर्याप्‍त है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों का संचालन मैरिट आर्डर डिस्‍पेच के आधार पर किया जाता है। वर्तमान समय में भूजल एवं सतही जल का संरक्षण भी एक महत्‍वपूर्ण उद्देश्‍य है तथा ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर जैसे माध्‍यमों का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, अत: कृषि क्षेत्र हेतु विद्युत प्रदाय अवधि 10 घंटे से बढ़ाने की योजना नहीं है। 

परिशिष्ट - ''बाईस''

लोअर गोई जलाशय का अधूरा कार्य एवं श्रमिकों का पी.एफ. कटौत्रा

[नर्मदा घाटी विकास]

77. ( क्र. 1381 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्र. संख्‍या 104 (क्रं. 1141) दि. 19.7.16 के         (ग) उत्‍तरानुसार डिस्‍ट्रीब्‍यूट एवं माईनर नहरों का कितना प्रतिशत कार्य शेष है व कब तक पूर्ण होगा? टनल निर्माण में साइड वॉल लाईनिंग एवं छत की शार्टक्रीट का कार्य दिसंबर 2016 तक पूर्ण होना था? क्‍या यह पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण होगा? (ख) बड़वानी जिले की लोअर गोई परियोजना की निर्माणकर्ता कंपनी द्वारा क्‍या कर्मचारियों/श्रमिकों के पी.एफ. की कटौत्री कर कंपनी अंशदान सहित राशि जमा की जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो इसकी निगरानी रखने वाले दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर यह राशि श्रमिकों के खाते में जमा कर दी जायेगी?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) लोअर गोई जलाशय की डिस्‍ट्रीब्‍यूटरी एवं माईनर का कार्य 96 प्रतिशत शेष है जो कि दिसम्‍बर 2017 तक पूर्ण किया जाना प्रस्‍तावित है। जी नहीं। दिनांक 30/06/2017 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्‍तरांश ‘’’’ के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रदेश की वित्‍तीय स्थिति व आदिम जाति विभाग के बजट का उपयोग

[वित्त]

78. ( क्र. 1382 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.04.15 से 20.01.17 तक शासन ने किस-किस संस्‍था से कितना लोन लिया की जानकारी संस्‍था नाम, लोन राशि, दिनांक, ब्‍याज दर सहित माहवार बतावें। (ख) दि. 20.01.17 तक म.प्र. शासन पर कितना कर्ज है एवं प्रतिमाह कितनी राशि ब्‍याज के रूप में चुकाई जा रही है? (ग) आदिवासी उपयोजना की मांग संख्‍या 41, 42 एवं 52, 68 में वर्ष 2013-14 में आवंटित 621053.51 लाख रू. एवं व्‍यय 566365.93 लाख रू. तथा 2014-15 में 776071.89 लाख रू. एवं व्‍यय 642491.53 लाख रू. किये गये। वर्ष     2013-142015-16 में विभाग जो राशि व्‍यय नहीं कर पाया उस राशि का क्‍या उपयोग किया गया? पूरी जानकारी देवें। इसके दोषियों पर शासन क्‍या कार्यवाही करेगा? (घ) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 की तीसरी तीमाही में शासन को जो राजस्‍व प्राप्तियां हुईं, उनकी विभागवार जानकारी वर्षवार देवें।

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) राज्‍य सरकार द्वारा 01.04.2015 से 31.03.2016 तक लिये गये ऋणों का विवरण वर्ष 2015-16 के वित्‍त लेखे के विवरण संख्‍या 6 तथा 17 में है। उक्‍त वित्‍त लेखे विधानसभा के पुस्‍तकालय में अवलोकनीय है। वर्ष 2016-17 का वित्‍त लेखा भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक से अप्राप्‍त होने से दिया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्ष 2016-17 के वित्‍त लेखे नियंत्रक लेखा परीक्षक द्वारा जारी नहीं किये जाने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) संबंधित वर्षों के विनियोग लेखों में विधानसभा के पुस्‍तकालय में अवलोकनीय है। विधानसभा द्वारा विनियोग एक वित्‍त वर्ष के लिये दिया जाता है। अत: अव्‍ययित संचित निधि का उपयोग आगामी वर्षों में जिस वर्ष से संबंधित होता है उस वर्ष के विधानसभा के विनियोग के आधार पर निरन्‍तर रहता है। (घ) वर्ष 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 की तीसरी तिमाही में प्राप्‍त कर राजस्‍व प्राप्तियों का विवरण भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार वित्‍त लेखे में तिमाहीवार अंकन न होने से दिया जाना संभव नहीं है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

79. ( क्र. 1385 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दि. 01.01.13 से प्रश्‍न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र महिदपुर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के कितने पद स्‍वीकृत हुए? कितने भरे गए की जानकारी वर्षवार, ग्रामवार, केन्‍द्रवार दें? (ख) इसके लिए कितने आवेदन प्राप्‍त हुए की जानकारी उनके चयन प्राप्‍तांकों के अंकों के साथ प्रति वेकेंसी के संबंध पृथक-पृथक वर्षवार देवें? चयनित उम्‍मीदवारों की सूची भी साथ में देवें। (ग) कितने आवेदकों के B.P.L. कार्ड निरस्‍त होने से चयन में नंबर काटे गये? B.P.L. कार्ड न होने से कितने प्रतियोगी इन नौकरियों में चयनित नहीं हो पाये की सूची देवें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) दिनांक 01.01.13 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 10, आंगनवाड़ी सहायिका के 10 पद स्वीकृत हुए हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 ‘ एवं अ-2 अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिये 62 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के लिये 29 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक होने से शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

पदोन्‍नति आरक्षण मामले में विलम्‍ब

[सामान्य प्रशासन]

80. ( क्र. 1389 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्र. संख्‍या-93 (क्र.1102) दि. 06.12.16 के '' उत्‍तर में बताया गया कि विधि अधिकारी/शासकीय अधिवक्‍ता सभी सुनवाई तिथियों पर मा. उच्‍च न्‍यायालय में उपस्थित रहे लेकिन '' उत्‍तर के ही परिशिष्‍ट-'' के अनुसार क्रमांक 37, 38, 39 एवं 50 से 57 तक विधि अधिकारी/शा. अधिवक्‍ता Not Reach रहे इस प्रकार विधान सभा प्रश्‍न में गलत जानकारी देने वाले संबंधित अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देवें?      (ख) ऐसी गलत जानकारी देने वाले अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?     (ग) क्‍या कारण है कि प्रकरण की निर्णायक स्थिति की अंतिम 12 सुनवाई तिथियों में से लगातार 8 तिथियों में शासन Not Reach रहा? इसके दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) इस प्रकरण की 31.01.2011 से 29.02.2016 तक की 58 सुनवाई तिथियों पर शासन द्वारा विधि अधिकारियों/शा. अधिवक्‍ताओं को जो दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराये उनकी जानकारी देवें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार अत: शेषांश कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार

परिशिष्ट - ''तेईस''

बड़वानी में प्रोटोकाल उल्‍लंघन

[सामान्य प्रशासन]

81. ( क्र. 1394 ) श्री कमलेश शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 28 जनवरी 2017 को बड़वानी में म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के भवनों के लोकार्पण कार्यक्रम में राजपुर विधायक का नाम, आमंत्रण पत्र पर क्‍यों नहीं प्रकाशित किया गया? उन्‍हें शासकीय कार्यक्रम में आमंत्रित न करने का कारण व नियम बतावें। (ख) जिले के शासकीय कार्यक्रमों में विधायक को आमंत्रित करने संबंधी नियमों की छायाप्रति देवें। (ग) इस नियम का पालन न करते हुए प्रोटोकाल का उल्‍लंघन करने वाले जिम्‍मेदार अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देवें। बड़वानी नगरपालिका अध्‍यक्ष का नाम भाजपा जिलाध्‍यक्ष के नाम के बाद क्‍यों प्रकाशित किया गया जबकि वे निर्वाचित प्रतिनिधि हैं? इस आमंत्रण पत्र की छायाप्रति देवें।           (घ) प्रोटोकाल का उल्‍लंघन कर विधायक एवं जनप्रतिनिधि का अपमान करने वाले जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्रामों एवं मजरों-टोलों का विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

82. ( क्र. 1396 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अन्‍तर्गत पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में प्रश्‍न दिनांक तक विद्युतीकरण नहीं किया गया है? सूची उपलब्‍ध करायें?(ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग के पास जनसंख्‍या के मान से क्रमबद्ध ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण किये जाने की कोई कार्य योजना प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के दो अविद्युतीकृत ग्राम यथा-रमना सरकारी-2 एवं दलदली प्रश्‍न दिनांक तक विद्युतीकरण हेतु शेष हैं। उक्‍त ग्राम पूर्व में गैर-परंपरागत ऊर्जा स्‍त्रोतों से विद्युतीकृत किये जाने हेतु प्रस्‍तावित थे, किन्तु आर.ई.सी. लिमिटेड के पत्र दिनांक 10.01.2017 से ग्राम रमना सरकारी-2 के विद्युतीकरण का कार्य पारंपरिक रूप से लाईन विस्‍तार कर किये जाने हेतु स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई है। ग्राम दलदली के विद्युतीकरण का कार्य गैर-परंपरागत ऊर्जा स्‍त्रोतों से किया जाना है। (ख) जी हाँ, दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है। पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अविद्युतीकृत ग्राम रमना सरकारी-2 के विद्युतीकरण हेतु आवश्‍यक 11 के.व्‍ही. लाईन के विस्‍तार कार्य के लिये वन विभाग की अनुमति प्राप्‍त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वन विभाग की अनुमति उपरान्‍त इस ग्राम के विद्युतीकरण का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कर दिया जायेगा। ग्राम दलदली के विद्युतीकरण का कार्य नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है तथा इस ग्राम के विद्युतीकरण का कार्य भी यथाशीघ्र पूर्ण करने के प्रयास है। 

O.Y.T. योजनांतर्गत विद्युत ट्रांसफार्मरों का रख-रखाव

[ऊर्जा]

83. ( क्र. 1399 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. वि.वि.क.लि. भोपाल द्वारा प्रदेश के किसानों के स्‍वयं के व्‍यय का ट्रांसफार्मर, विद्युत लाईन डलवाने की योजना (O.Y.T.) के अंतर्गत प्रारंभ में विद्युत लाईन, ट्रांसफार्मर के रख-रखाव/फैल होने पर बदलने की जिम्‍मेदारी, ट्रांसफार्मर के गारंटी पीरियेड समाप्‍त होने के पश्‍चात् कंपनी की थी वर्तमान/पूर्व कंपनी की क्‍या नीति रही जानकारी दी जावें? (ख) क्‍या किसानों की ट्यूबवेल कनेक्‍शन लेने O.Y.T. योजना में परिवर्तन कर यह शर्तें जोड़ी गई थीं कि O.Y.T. योजना के स्‍थापित ट्रांसफार्मर, विद्युत लाइन फैल होने पर रख-रखाव का कार्य कंपनी के बजाय स्‍वयं कृषक उपभोक्‍ताओं को करना होगा? यदि हाँ, तो कंपनी द्वारा जारी ज्ञापन क्रमांक, दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्‍या उक्‍त योजना के तहत किसानों द्वारा स्‍वयं के व्‍यय पर लाइन, ट्रांसफार्मर रखाने का एस्‍टीमेट कंपनी द्वारा बनाया जाकर कंपनी के रजिस्‍टर्ड ठेकेदारों को दिया जाता है? जिसका सुपरवीजन चार्ज कंपनी किसानों से वसूल करती है यह नीति किस वर्ष से प्रारंभ की गई जानकारी दी जावे। (घ) क्‍या शासन/विद्युत कंपनी किसानों की इस दोहरी नीति को समाप्‍त कर एक समान नीति लागू करेगी ताकि किसान खेती का लाभकारी नीति का लाभ ले सकेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं। म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में कृषक उपभोक्‍ताओं द्वारा 'स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजना' के अंतर्गत स्‍वयं के व्‍यय पर ट्रांसफार्मर लगाने पर योजना के प्रारंभ से ही ट्रांसफार्मर के रख रखाव/फेल होने पर बदलने की जिम्‍मेदारी संबंधित कृषक उपभोक्‍ता की ही है एवं 11 के.व्‍ही. विद्युत लाईनों के रख-रखाव की जिम्‍मेदारी, लाईन के हस्‍तांतरण के पश्‍चात् मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की है। इन नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, 'स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजना' के अंतर्गत कृषक उपभोक्‍ताओं द्वारा स्‍वीकृत प्राक्‍कलन अनुसार वितरण कंपनी में पंजीकृत '''' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार के माध्‍यम से निर्धारित पर्यवेक्षण शुल्‍क की राशि जमा कर कार्य करवाने का प्रावधान योजना आरंभ दिनांक 4 मई, 2011 से ही है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कृषक उपभोक्‍ताओं के लिये 'स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजना' क्रियान्‍वयन की एक समान नीति लागू हैं, अत:प्रश्‍न नहीं उठता।

मैहर विधान सभा क्षेत्र में प्रस्‍तावित सिंचाई योजनायें

[नर्मदा घाटी विकास]

84. ( क्र. 1407 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र में नर्मदा घाटी विकास विभाग की कौन-कौन सी योजनायें प्रचलित हैं व कौन-कौन सी प्रस्‍तावित हैं? उक्‍त योजनाओं का विस्‍तृत विवरण व कार्यों की घटकवार जानकारी दें। (ख) उक्‍त क्षेत्र में प्रचलित विभाग की योजनाओं के सर्वेक्षण की विस्‍तृत कार्ययोजना की प्रति उपलब्‍ध करावें व बतावें कि कौन-कौन से कार्य अथवा कार्य-भाग वर्ष 2018 तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? (ग) वर्तमान में प्रचलित कार्यों की पूर्णता की भौतिक स्थिति क्‍या है? समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराये जाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में नर्मदा घाटी विकास विभाग की बरगी व्‍यपवर्तन परियोजना प्रचलित है, जिसके अंतर्गत विजयराघवगढ़ शाखा नहर कि.मी. 39.750 से 57.170 कि.मी. (वितरण प्रणाली सहित) सतना रीवा मुख्‍य नहर आर.डी. 158.141 से आर.डी. 197.443 कि.मी. तक नागौद (सतना) शाखा नहर आर.डी. 0.00 से 16.925 कि.मी. तक (वितरण प्रणाली सहित) एवं रीवा शाखा नहर आर.डी. 24.00 से 33.00 कि.मी. तक (वितरण प्रणाली सहित) का निर्माण कार्य प्रस्‍तावित है। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ एवं ‘’’’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ ‘’’’ एवं ‘’’’ अनुसार है।

सिंचाई हेतु विद्युत आपूर्ति

[ऊर्जा]

85. ( क्र. 1413 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा पूरे मध्‍यप्रदेश में कृषकों को सिंचाई हेतु पर्याप्‍त बिजली उपलब्‍ध कराने की व्‍यवस्‍था की गई है तथा विभाग द्वारा भी कृषकों को पर्याप्‍त बिजली उपलब्‍ध होना बताया गया है? (ख) क्‍या सिवनी जिले की केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अनेकों ग्रामों में प्रदाय स्‍थाई/अस्‍थाई कनेक्‍शन की तुलना में विद्युत प्रवाह हेतु आवश्‍यकतानुसार ट्रांसफार्मर नहीं लगाने के कारण कृषकों को बिजली नहीं मिल पाने से उनकी फसलें सूख रही हैं? इसका जिम्‍मेवार कौन है? (ग) यदि वास्‍तविक रूप में ट्रांसफार्मर की कमी है तो आवश्‍यकतानुसार ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा और कब तक क्षेत्र के किसानों को सुचारू रूप से सिंचाई हेतु विद्युत उपलब्‍ध कराई जावेगी

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। केवलारी विधानसभा क्षेत्र में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय करने हेतु पर्याप्‍त ट्रांसफार्मर स्‍थापित हैं। अत: किसी के जिम्‍मेदार होने का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, ट्रांसफार्मरों की कोई कमी नहीं है तथा प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्‍लेखनीय है कि समय-समय पर समीक्षा कर तकनीकी दृष्टि से आवश्‍यक पाये जाने पर अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर लगाने अथवा विद्यमान ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य एक सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत किये जाते हैं। 

विद्युत सब स्‍टेशनों की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

86. ( क्र. 1414 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक 132 एवं 33 के.व्‍ही. के कितने विद्युत सब स्‍टेशन कहाँ-कहाँ स्‍वीकृत किये जाने की योजना है? स्‍वीकृत विद्युत सब स्‍टेशनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ के लिये स्‍वीकृत की गई है? कब तक विद्युत सब स्‍टेशनों का कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा? नवीन विद्युत सब स्‍टेशन स्‍थापित करने हेतु कहाँ-कहाँ की भूमि चयन कर राजस्‍व विभाग या अन्‍य से ली गई है? चयनित स्‍थल पर निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ/पूर्ण कर लिये जावेगें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर कहाँ-कहाँ कितने के.व्‍ही. के विद्युत सब स्‍टेशन स्‍थापित करने की आवश्‍यकता है? प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा इसके लिये क्‍या-क्‍या कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? क्‍या-क्‍या होना शेष है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत 132 के.व्‍ही. का कोई उपकेन्‍द्र वर्तमान में स्‍वीकृत नहीं है। केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम पीपरदौन (अलोनीखापा) में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनान्‍तर्गत एक 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र का निर्माण कार्य स्‍वीकृत है। उक्‍त स्‍वीकृत 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र का कार्य अभी प्रारंभ नहीं हुआ है। इस उपकेन्‍द्र का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में स्‍वीकृत है तथा टर्न-की आधार पर किए जाने वाले इस कार्य हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में उक्‍त कार्य हेतु रू. 146 लाख की राशि का प्रावधान किया गया है। योजनान्‍तर्गत प्रस्‍तावित सभी कार्य टर्न-की आधार पर करवाये जाने हेतु निविदा का कार्य प्रक्रियाधीन है। उक्‍त नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र हेतु ग्राम पीपरदौन (अलोनीखापा) में चयनित भूमि का आवंटन कलेक्‍टर सिवनी द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को किया जा चुका है। चयनित स्‍थल पर निर्माण कार्य, निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने पर, न्‍यूनतम निविदाकार को कार्यादेश अनुसार कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्तमान भार को देखते हुए वर्तमान में 33/11 के.व्‍ही. सब स्‍टेशन पीपरदौन (अलोनीखापा) के अलावा किसी अन्‍य उपकेन्‍द्र की आवश्‍यकता नहीं है।

 

 







 

 

 

भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


मूंगावली विधानसभा क्षेत्र में विद्युत ट्राँसफार्मर की स्वीकृति

[ऊर्जा]

1. ( क्र. 18 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की जावरा एवं अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में विद्युत विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्‍न दिनांक तक कितने ग्रामों में कितने विद्युत ट्रांसफार्मर किस-किस योजना में स्‍वीकृत कर कहाँ-कहाँ लगाए गए? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित जावरा एवं मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कितने लोगों के विद्युत चोरी या अन्य प्रकार के प्रकरण बनाए गये व उसमें से  कितने लोगों से कितनी राशि की वसूली की गई एवं अन्‍य कार्यवाही की गई व कितने प्रकरण लम्बित है? (ग) क्या किसान अपने कनेक्शन पर अन्य कृषि संबंधित गतिविधियाँ जैसे थ्रेसर, कुट्टी मशीन या आड़े होल आदि की मशीन चला सकता यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? यदि हाँ, तो किसानों पर चोरी के प्रकरण क्यों बनाये जाते हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) रतलाम जिले की जावरा एवं अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्‍न दिनांक तक स्‍थापित किये गये ट्रांसफार्मरों की योजनावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं ग्रामवार स्‍थापित किये गये ट्रांसफार्मरों की जानकारी जावरा विधानसभा हेतु पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''अ-1 से अ-4'' एवं मुंगावली विधानसभा क्षेत्र हेतु पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''अ-5 से अ-10'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन अवधि में वित्‍तीय वर्षवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार विद्युत चोरी या अन्‍य प्रकार के बनाए गए प्रकरणों की संख्‍या, उक्‍त में से वसूल की गई राशि वाले प्रकरणों की संख्‍या एवं राशि तथा न्‍यायालय में दर्ज/लंबित प्रकरणों की संख्‍या पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कृषि सिंचाई पंप के कनेक्‍शन से कृषक द्वारा अपनी स्‍वयं की फसल के लिए स्‍वीकृत भार के समतुल्‍य भार के थ्रेसर को वितरण कंपनी के सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति से चलाने का वर्तमान में इस शर्त के साथ प्रावधान है कि थ्रेसर चलाते समय उपभोक्‍ता सिंचाई पंप नहीं चलाएगा। उक्‍त नियम का पालन करने वाले कृषकों पर पंप कनेक्‍शन के स्‍थान पर थ्रेसर उपयोग करने पर चोरी के प्रकरण नहीं बनाये जाते है।

 

जिलों में पौष्टिक आहार की गुणवत्ता

[महिला एवं बाल विकास]

2. ( क्र. 19 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के अशोकनगर, रतलाम, मंदसौर व नीमच जिलों में पौष्टिक आहार गुणवता अनुसार नहीं देनें आदि की कितनी शिकायतें पिछले 5 वर्ष में कहाँ-कहाँ मिली व  उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या मध्यान्ह भोजन स्व-सहायता समूह द्वारा दिये जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो कई शहरों में ठेकेदारों के माध्यम से उक्त कार्य कैसे करवाया जा रहा है विवरण दें? (ग) ऑगनवाड़ि‍यों में पौष्टिक आहार का भुगतान दर्ज छात्र संख्या के आधार पर किया जाता है या उपस्थिति के आधार पर, यदि उपस्थिति के आधार पर दिया जाता है तो उपस्थिति प्रमाणित किस सक्षम अधिकारी द्वारा की जाती है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) 1. अशोकनगर जिले में विगत 05 वर्षों में परियोजना मुंगावली की एक आंगनवाड़ी केन्द्र पर पौष्टिक आहार गुणवत्ता युक्त नहीं होने के संबध में शिकायत प्राप्त हुई है। शासन के निहित प्रावधानों के अंतर्गत पोषण आहार प्रदायकर्ता समूह का एक दिवस की भुगतान राशी का कटोत्रा किया जाकर संबधित समूह को तत्समय कडे निर्देश दिये जाकर पोषण आहार की गुणवत्ता में सुधार किया गया हैं। परियोजना मुंगावली के अतिरिक्त अन्य परियोजनाओं में एक भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं। 2. रतलाम जिले में पोषण आहार की गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। 3. मन्दसौर जिले में पौष्टिक आहार गुणवत्ता अनुसार नहीं देने आदि की पिछले 5 वर्षों में शहरी क्षेत्र अंतर्गत एक शिकायत प्राप्त हुई थी जो वार्ड 1,2,3,4,8,39,40 के कुल 27 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गुणवत्तायुक्त नाश्ता/भोजन नहीं देने संबंधित थी। शिकायत पर कार्यवाही करते हुए रामभक्त स्व सहायता समूह के विरूद्ध लापरवाही करने से तत्काल प्रभाव से समूह का अनुबंध निरस्त किया गया। 4. नीमच जिले में पोषण आहार की गुणवत्ता की कोई शिकायत विगत 05 वर्षों में प्राप्त नहीं हुई है। सीएम हेल्प लाईन पर सांझा चूल्हा और टीएचआर अप्राप्त रहने की कुल 26 शिकायत प्राप्त हुई थी जिनका विभिन्न लेवल पर निराकरण हो चुका है। (ख) प्रदेश के अशोकनगर, रतलाम, मंदसौर व नीमच जिलों की आगनवाड़ी केन्द्रों पर दर्ज हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार स्व-सहायता समूह के माध्यम से प्रदाय किया जाता हैं। किसी भी ठेकेदार के माध्यम से पूरक पोषण आहार वितरण नहीं किया जा रहा हैं। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक आहार का वास्तविक लाभांवित हितग्राही की संख्या के आधार पर भुगतान किया जाता है। उपस्थिति संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा प्रमाणित की जाती है। कार्यकर्ता के प्रमाणीकरण के आधार पर पर्यवेक्षक द्वारा प्रमाणीकरण किया जाता है। पर्यवेक्षक के प्रमाणीकरण के आधार पर परियोजना अधिकारी द्वारा संकलित सूची तैयार की जाती है एवं प्रमाणित की जाती है। सूची के आधार पर जिला कार्यालय द्वारा स्व सहायता समूहों को भुगतान किया जाता है।

कांकरवा पर्यटन स्‍थल पर विद्युतीकरण

[पर्यटन]

3. ( क्र. 27 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या  जावरा तहसील अंतर्गत कांकरवा एक प्रमुख पर्यटन स्‍थल सा होकर वर्ष भर में अनेकों अवसर पर एवं निरंतर भी हजारों पर्यटकों का लगातार आना जाना बना रहता है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त स्‍थान पर विद्युतीकरण किये जाने हेतु लगातार मांग की जा रही है? साथ ही मांग अनुसार स्‍थानीय स्‍तर पर विभाग द्वारा सर्वे कर इसका प्राक्‍कलन भी बनाकर वरिष्‍ठ कार्यालय को अग्रेषित किया है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र के माध्‍यम से इस महती क्षेत्रीय आवश्‍यकता के संबंध में अवगत कराने पर क्षेत्रीय सी.एम.डी. को इस कार्य को किये जाने हेतु योग्‍य निर्देश भी दिये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त अत्‍यंत आवश्‍यक एवं महत्‍वपूर्ण आवश्‍यकता को दृष्टिगत रख विद्युतीकरण से वंचित इस स्‍थानों को कब तक विद्युतीकरण से जोड़ा जाकर कार्य पूर्ण कब तक किया जाएगा?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) उपरोक्‍त कार्य आगामी 3-4 माह में पूर्ण होने की संभावना है।

करों एवं करदाताओं की स्थिति

[वाणिज्यिक कर]

4. ( क्र. 28 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत वाणिज्यिक करों के दायरे में आने वाले व्‍यक्तियों, फर्मों, संस्‍थानों, व्‍यापारिक स्‍थलों/कार्यों के साथ ही पंजीकृत, अपंजीकृत कंपनियों इत्‍यादि सहित कितने करदाता पंजीकृत होकर कर प्रदाय करते हैं? (ख) वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक रतलाम जिले में कर चोरी की कितनी शिकायतें प्राप्‍त होकर प्रकरण पंजीबद्ध किये? साथ ही विभाग द्वारा सीधी कार्यवाही कर कितने कर चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध किये? (ग) क्‍या मंडी में कृषि उपज का क्रय करने वाले व्‍यापारी भी कर अदायगी की श्रेणी अंतर्गत आते हैं? यदि हाँ, तो क्‍या मंडी में तौल कर क्रय किये की तौल पर्ची से एवं मंडी निकास से दोनों प्रकार से परस्‍पर परीक्षण करते हुए कर निश्चित कर, कर प्राप्‍त किया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त वर्षों की प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त किये गये करों की राशि कितनी हुई तथा विभाग द्वारा कर चोरी की प्राप्‍त शिकायतों, प्रकरणों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) रतलाम जिले में कुल 7315 करदाता पंजीयत हैं कर देयता के अनुसार इनके द्वारा देय कर का भुगतान किया जाता है। (ख) वर्ष   2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक रतलाम जिले में कर चोरी की 9 शिकायतें प्राप्‍त होकर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। विभाग द्वारा सीधी कार्यवाही कर 25 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर छापे की कार्यवाही की गई। (ग) हाँ अनाज एवं दलहन कर मुक्‍त है अत: इन्‍हें छोड़ अन्‍य कृषि उपज क्रय करने वाले व्‍यापारी ही कर अदायगी की श्रेणी में आते हैं। देयकर का भुगतान करने की जिम्‍मेदारी व्‍यवसायी पर है। कृषि उपज मंडी की तौल पर्ची अथवा निकास पर्ची के आधार पर कर निश्चित करने का विधान में प्रावधान नहीं है। कर निर्धारण के समय कर निर्धारक अधिकारी के पास उपलब्‍ध सुसंगत अभिलेख/साक्ष्‍य के आधार पर कर निर्धारण किया जाता है। (घ) रतलाम जिले से वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक वर्ष वार प्राप्‍त राजस्‍व इस प्रकार है :-

(राशि रूपए लाख में)

वर्ष

कुला प्राप्‍त राजस्‍व

2012-13

10800.75

2013-14

11263.90

2014-15

12024.07

2015-16

13770.65

2016-17 दिसम्‍बर तक

9619.00

कर चोरी की शिकायतों एवं इन पर की गई कार्यवाही के संबंध में प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर अनुसार 9 शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा 25 प्रकरण पंजीबद्ध कर छापे की कार्यवाही की गई। इन प्रकरणों में छापे के समय 233.29 लाख राशि जमा कराई गई।

आंगनवाड़ी का डिजिटलीकरण

[महिला एवं बाल विकास]

5. ( क्र. 40 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्निप योजना क्‍या है? उक्‍त योजनांतर्गत प्रदेश के हाई बर्डन जिले कौन-कौन से हैं। जिनमें कुपोषण का स्‍तर लगातार अधिक बना हुआ है। ब्‍यौरा दें। (ख) क्‍या उपरोक्‍त जिलों को आंगनवाडि़यों का डिजिटलीकरण करने की योजना सरकार ने बनाई है? यदि हाँ, तो तत्‍संबंधी योजना का पूर्ण ब्‍यौरा दें।        (ग) उपरोक्‍त योजना से कुपोषण रोकने तथा उसकी अधिकता रोकने की दिशा में कैसे एवं क्‍या मदद मिलेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्निप योजना एकीकृत बाल विकास सेवा को सुदृढ़ करने एवं पोषण में सुधार हेतु एक परियोजना है। इस परियोजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 30 हाई वर्डन जिलों को शामिल किया गया है, जिलों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट में है। (ख) भारत सरकार द्वारा प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित जिलों में से 15 जिलों के 12500 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में सूचना संचार प्रौद्योगिकी आधारित वास्‍तविक समय पर निगरानी व्‍यवस्‍था का पायलट किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को स्‍मार्ट फोन देकर कॉमन एप्‍लीकेशन सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से दिन-प्रतिदिन के प्रत्‍येक कार्य की निगरानी की जावेगी। (ग) इस परियोजना में प्रत्‍येक बच्‍चे के पोषण स्‍तर का रिकार्ड एवं निगरानी ऑनलाईन होने से पोषण पंबंधन की योजना समय पर तैयार करने एवं लागू करने में सहायता मिलेगी।

परिशिष्ट - ''एक''

चम्‍बल डेम (गांधी सागर) स्थित निवासियों को जीवनोपयोगी सुविधाएं

[ऊर्जा]

6. ( क्र. 41 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्‍बल डेम (गांधी सागर) स्थित कालोनियों में सड़क, पानी बिजली प्रदाय एवं आवश्‍यक जीवनोपयोगी सुविधायें मु‍हैय्या करवाने हेतु ऊर्जा विभाग ने अन्‍य विभागों से कोई करार/अनुबंध किया था? यदि हाँ, तो तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दी जाय? (ख) उक्‍त क्षेत्र में रहवासियों को आवश्‍यक जीवनोपयोगी सुविधायें उपलब्‍ध नहीं कराने के लिये कौन जिम्‍मेदार हैं? उन पर अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) कब तक गांधीसागर स्थित निवासियों को जीवनोपयोगी आवश्‍यक सुविधायें प्रदान की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं, गांधी सागर स्थित कॉलोनियों में सड़क, पानी, बिजली प्रदाय एवं जीवनोपयोगी सुविधाएँ उपलब्‍ध करवाने हेतु म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ने अन्‍य विभागों से कोई करार/अनुबंध नहीं किया है। तथापि दिनांक 02.12.1964 एवं 03.12.1964 को पूर्ववर्ती मध्‍य प्रदेश विद्युत मंडल एवं अन्‍य विभागों के मध्‍य हुई बैठक के कार्यवाही विवरण में किये गए कार्य आवंटन के अनुसार कॉलोनियों के सड़क, पानी एवं बिजली के संचालन एवं संधारण के कार्य निम्‍नानुसार किये जा रहे हैं - (1) कॉलोनी जिसमें मध्‍य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अधिकारी एवं कर्मचारी निवासरत हैं, की स्‍ट्रीट लाइट का कार्य म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है। (2) कॉलोनी जिसमें जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी निवासरत हैं, की स्‍ट्रीट लाइट का कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाता है। (3) उपरोक्‍त के अलावा, निवासरत परिवारों को बिजली का प्रदाय एवं संधारण कार्य मध्‍य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है। (4) सड़क का संधारण कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाता है।     (5) पेय जल प्रदाय का कार्य म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है। (ख) गांधीसागर कॉलोनी स्थित रहवासियों को आवश्‍यक जीवनोपयोगी सुविधाएं प्राप्‍त हो रही हैं, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। (ग) उपरोक्‍त '' के सन्‍दर्भ में लागू नहीं। 

आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन की स्‍वीकृति

[महिला एवं बाल विकास]

7. ( क्र. 63 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला आगर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं कितने मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के पास स्वयं के भवन हैं एवं कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं एवं इस हेतु शासन की ओर से कितनी राशि केन्द्र स्थापना से लेकर वर्तमान तक किराये के रूप में व्यय की जा चुकी हैं? केन्द्रवार जानकारी देवें। (ग) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारम्भ किये जाने के क्या मापदण्ड हैं? आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन स्वीकृति हेतु क्या मापदण्ड हैं? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य प्रचलित हैं, कार्य एजेन्सीवार एवं कार्य की प्रगतिवार जानकारी देवे। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को स्वयं के भवन उपलब्ध कराने हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला आगर मालवा अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कुल 60 नवीन आंगनवाड़ी केंद्र स्वीकृत किए गए है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत संचालित परियोजनाएं सुसनेर एवं नलखेड़ा में कुल 129 आंगनवाड़ी केंद्रों के पास स्‍वयं के विभागीय भवन हैं एवं 68 केंद्र किराये के भवनों में संचालित है। केंद्र स्थापना से लेकर वर्तमान तक किराये के रूप में कुल राशि रूपये 1905710/- व्यय की जा चुकी है। विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘2’ सूची अनुसार है। (ग) नवीन आंगनवाड़ी केंद्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केंद्र प्रारंभ किये जाने के मापदण्ड की प्रति पुस्‍तकालय में रखे में परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘3’ अनुसार है। आंगनवाड़ी केंद्रों के लिये भवन स्‍वीकृति दिशा-निर्देश पुस्‍तकालय में रखे में परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘4’ अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुल 40 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य प्रचलित है। विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे में परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘5’ अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केंद्रों के लिये भवन निर्माण हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से एव शहरी क्षेत्र में राज्‍य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है।

पर्यटन क्षेत्र विकास कार्य

[पर्यटन]

8. ( क्र. 64 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने के क्या मापदण्ड हैं? विवरण देवें। विगत 03 वर्षों में मध्यप्रदेश में कौन-कौन से क्षेत्रों को नवीन पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है? जिलेवार विवरण देवे। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में कौन-कौन से कार्य विभाग द्वारा किये गये हैं? विवरण देवे। (ग) क्या माँ बगलामुखी मंदिर परिसर एवं आस-पास की समस्त भूमि श्री राम मंदिर के नाम से है और इस भूमि पर माननीय न्यायालय खंडपीठ इंदौर द्वारा प्रकरण क्रमांक 204/2007 से स्थगन है? यदि हाँ, तो स्थगन को वेकेट किये जाने हेतु क्या क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या माँ बगलामुखी मंदिर तक बस स्टैण्ड से बायपास पहुँच मार्ग संबंधी कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कार्य कब तक स्वीकृत होकर प्रारम्भ होंगे?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) विभाग में किसी भी स्‍थल को पर्यटन स्‍थल ''घोषित'' किये जाने की कोई नीति नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ग) जी हाँ। मॉ बगुलामुखी मंदिर परिसर एवं आस-पास की भूमियां श्री राम मंदिर द्वारा संरक्षक जिलाधीश शाजापुर के नाम पर दर्ज है। जी हाँ। स्‍थगन आदेश को अपास्‍त किये जाने हेतु दिनांक 01.10.2012 एवं 01.05.2013 को आवेदन प्रस्‍तुत किया गया है तथा प्रकरण में शीघ्र सुनवाई हेतु पृथक से आवेदन दिनांक 01.10.2012 को प्रकरण के प्रभारी अधिकारी द्वारा माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया है। (घ) पर्यटन विभाग में वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रस्‍तावित नहीं है।

परिशिष्ट - ''दो''

आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली व्‍यवस्‍था

[महिला एवं बाल विकास]

9. ( क्र. 85 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर जिले में 2386 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से मात्र 868 केन्द्रों में बिजली की व्‍यवस्‍था हैं तथा शेष 1518 आंगनवाडि़यों में बिजली की कोई व्‍यवस्‍था नहीं हैं? (ख) क्या किराये के भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली की व्‍यवस्‍था हैं एवं शासकीय भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली की व्‍यवस्‍था नहीं हैं? (ग) यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार हैं? (घ) क्या शासकीय भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली की व्‍यवस्‍था की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर जिले में 2386 आंगनवाड़ी केन्द्र, में से 764 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली उपलब्ध है एवं 1622 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली की व्यवस्था नहीं हैं। (ख) जबलपुर जिले के अंतर्गत 918 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं, जिनमें से 600 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली की व्यवस्था उपलब्ध हैं। इसी प्रकार 1468 शासकीय भवनों में/अन्य शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 163 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली की व्यवस्था है तथा 1305 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बिजली की व्यवस्था नहीं है। (ग) उपरोक्त के लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये वर्तमान में बिजली की व्यवस्था की कार्ययोजना नहीं हैं। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं। 

 

 

 

ट्रांसफार्मरों की चोरी

[ऊर्जा]

10. ( क्र. 86 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ट्रांसफार्मर चोरी हो जाने पर एफ.आई.आर. होने के बाद ही नया ट्रांसफार्मर बदला जाता हैं? (ख) क्या विद्युत विभाग को चोरी की रिपोर्ट के बाद ही क्लेम मिलता हैं, इसलिये एफ.आई.आर की आवश्यकता होती हैं? (ग) क्या‍ पुलिस विभाग द्वारा चोरी की जाँच होने पर ही एफ.आई.आर. दर्ज की जाती हैं? जिसमें न्यूनतम एक सप्‍ताह लग जाता है? (घ) क्या संबंधित उपयंत्री के द्वारा प्रेषित सूचना पर तत्‍काल एफ.आई.आर. दर्ज की जा सकती है? यदि हाँ, तो यह व्‍यवस्‍था कब से लागू होगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) ट्रांसफार्मर चोरी होने पर संबंधित थाने में लिखित सूचना दी जाती है तथा ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्‍ताओं पर नियमानुसार विद्युत बिलों की बकाया राशि का भुगतान शेष नहीं होने पर विद्युत व्‍यवस्‍था बहाल करने हेतु तत्‍काल ट्रांसफार्मर लगाने की कार्यवाही की जाती है, अन्‍यथा नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर ही ट्रांसफार्मर बदला जाता है। (ख) जी हाँ, चोरी होने पर एफ.आई.आर. दर्ज करवाना आवश्‍यक होता है ताकि नियमानुसार क्‍लेम प्राप्‍त हो सके तथा नुकसान को राइट-ऑफ करने की कार्यवाही की जा सके। (ग) जी नहीं। एफ.आई.आर. दर्ज करने की प्रक्रिया का द.प्र.सं. की धारा 154 में उल्‍लेख है। इसके अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) उत्‍तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही की जाती है। 

उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना

[सामान्य प्रशासन]

11. ( क्र. 132 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2013 के पश्चात प्रदेश में सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध माननीय उच्च न्‍यायालय इंदौर के आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना के कितने प्रकरण लंबित हैं? विभागवार जानकारी देवें। (ख) इन मुकदमों में किस-किस विभाग के कौन-कौन अधिकारी संलिप्त हैं? क्या इन अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना के प्रकरण दर्ज कराये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन के खिलाफ किस-किस दिनांक को, अधिकारियों के नाम सहित, विभागवार जानकारी देवें? (ग) क्या प्रदेश सरकार अवमानना के मामलों में समयबद्ध निस्तारण हेतु कोई पुख्ता व्यवस्था लागू करने की कार्यवाही कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

पोषण आहार प्रदाय करने वाले समूह

[महिला एवं बाल विकास]

12. ( क्र. 170 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एकीकृत बाल विकास परियोजना बाड़ी एवं उदयपुरा के अंतर्गत जनवरी 2017 की स्थिति में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर किन-किन समूहों द्वारा पूरक पोषण आहार कब-कब से प्रदाय किया जा रहा है? (ख) पूरक पोषण आहार प्रदाय करने वाले किन-किन समूहों को वर्ष 2014-15,     2015-16, 2016-17 में कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई? (ग) प्रश्‍नाधीन वर्णित समूहों को आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर पूरक पोषण आहार प्रदाय करने हेतु चयन किस पद्धति से एवं किस आधार पर तथा किसकी अनुशंसा पर किया गया? आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञप्ति कब-कब किस-किस समाचार पत्र में कराई गई? (घ) क्‍या आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के लिए समूहों का चयन मनमानें तरीके से किया गया? यदि हाँ, तो क्‍यों? यदि नहीं, तो पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के क्‍या-क्‍या नियम/निर्देश हैं? नियम/निर्देशों की छायाप्रति संलग्‍न कर जानकारी दें कि क्‍या इन नियमों का पालन किया गया?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  ‘‘’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  ‘‘’’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। स्व सहायता समूहो का चयन नियामानुसार किया गया है। निर्देशों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘अनुसार है। शासन नियमों का पालन किया जा रहा है।

कुपोषण कार्यों में महिला बाल विकास की अनियमितता

[महिला एवं बाल विकास]

13. ( क्र. 171 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में विगत तीन वर्षों में कुपोषण के कितने प्रकरण सामने आये तहसीलवार संख्‍या बतायें? विभाग द्वारा गत तीन वर्षों में कुपोषण से बचाव के कार्यों पर कितनी राशि व्‍यय की है? (ख) तत्‍कालीन कलेक्‍टर द्वारा कुपोषण के विरूद्ध चलाये गये अभियान में घर-घर गांव-गांव से एकत्रित कराए गए सैकड़ों क्विंटल गेहूँ का महिला बाल विकास विभाग द्वारा क्‍या उपयोग किया गया?   (ग) कुपोषण के विरूद्ध इस जनअभियान में एकत्रित सामग्री का क्‍या उपयोग किया गया है? (घ) क्‍या जिले में कुपोषण पर हो रहे शासकीय व्‍यय के विरूद्ध इसके सकारात्‍मक परिणाम नगण्‍य है? गत तीन वर्षों से आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर इसका सप्‍लाय किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बच्चों के पोषण स्तर की जानकारी का संधारण परियोजनावार किया जाता है। पोषण स्तर एवं व्यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ पर है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ पर है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को एम.पी. एग्रों के माध्यम से टेकहोम राशन तथा 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को नाश्ता एवं भोजन स्व-सहायता समूहों के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''तीन''

नये भवन बनाए का निर्माण

[वित्त]

14. ( क्र. 185 ) श्री कैलाश चावला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 05-10-2016 से प्रमुख सचिव वाणिज्‍य कर भोपाल एवं प्रमुख सचिव वित्‍त (कोषा.) भोपाल एवं कलेक्‍टर जिला नीमच से रामपुरा उपपंजीयन कार्यालय एवं उपकोषालय भवन बहुत पुराना होकर जर्जर अवस्‍था में होने से असुरक्षित होने एवं नए भवन बनाए जाने हेतु पत्र लिखा गया था। (ख) उक्‍त पत्र पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है।

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) माननीय विधायक का पत्र दिनांक 05.10.2016 विभाग में आना नहीं पाया गया है। उपकोषालय भवन पृथक से निर्मित नहीं किये जाते है। सामान्‍यत: उपकोषालय तहसील भवन परिसर में संचालित होते है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तर (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

डूब प्रभावितों को मुआवजा राशि

[पुनर्वास]

15. ( क्र. 211 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओंकारेश्‍वर परियोजना में डूब के कारण बागली विकासखंड के धाराजी, कोथमीर में धारा-9, धारा-4, धारा-12 के कितने नोटिस दिये गये थे? दिये गये नोटिस में से कितने व्‍यक्तियों/निवासियों को भू-खण्‍ड मुआवजा राशि व अनुदान दिया गया?       (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने लोगों ने भू-खण्‍ड, मुआवजा व अनुदान नहीं मिलने की शिकायत की थी? क्‍या अधिकारियों की लापरवाही से अ.ज.जा. वर्ग के कुछ लोगों को आज तक भू-खण्‍ड मुआवजा व अनुदान राशि नहीं मिल पाई है, वे आज भी बागली, देवास, भोपाल जनप्रतिनिधियों के पास जाते रहते हैं? अगर हां, तो कब तक इन पात्र व्‍यक्तियों को मुआवजा राशि, अनुदान दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ओंकारेश्‍वर परियोजना में डूब के कारण बागली विकासखण्‍ड के ग्राम धाराजी एवं कोथमीर में धारा 4 की अधिसूचना का प्रकाशन म.प्र. राजपत्र भाग-1 एवं दैनिक समाचार पत्रों में किया गया था, धारा 4 के नोटिस दिए जाने के प्रावधान नहीं है। धारा 9 एवं धारा 12 के नोटिस का विवरण निम्‍नानुसार है :- (अ) ग्राम धाराडी के कुल 7 भू-अर्जन अवार्ड पारित किए गए है जिनमें धारा-9 के 374 एवं धारा-12 के 352 नोटिस दिए गए थे। ग्राम धारड़ी की 167 मुखिया तथा 65 बालिग पुत्र/पुत्रियां कुल 232 परिवारों की परिवार सूची तैयार की गई थी। 232 परिवारो का पुनर्वास अनुदान एवं 118 परिवार को भू-खण्‍ड के बदले नगद राशि प्रदाय की गई है। (ब) ग्राम कोथमीर के 4 भू-अर्जन अवार्ड पारित किए गए है जिनमें धारा-9 के 312 एवं धारा-12 के 312 नोटिस दिए गए थे। ग्राम कोथमीर के 152 मुखिया तथा 45 बालिग पुत्र/पुत्रियां कुल 197 परिवार सूची तैयार की गई थी। 197 परिवारों का पुनर्वास अनुदान एवं 94 परिवार को भू-खण्‍ड के बदले नगद राशि प्रदाय की गई है। (ख्) ग्राम धारड़ी के 434 परिवारों द्वारा शिकायत निवारण प्राधिकरण भोपाल को मुआवजा/भू-खण्ड/पुनर्वास अनुदान नहीं मिलने संबंधी शिकायत की थी। शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा सुनवाई उपरांत 434 आवेदनों में से 220 आवेदन को मान्‍य किया गया था। जिन आवेदनों को मान्‍य किया गया है, उन्‍हें पात्रतानुसार भुगतान किया जा चुका है। ग्राम कोथमीर के 418 परिवारों द्वारा शिकायत निवारण प्राधिकरण भोपाल को मुआवजा/भू-खण्‍ड/पुनर्वास अनुदान नहीं मिलने संबंधी शिकायत की थी। शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा सुनवाई उपरांत 418 आवेदनों में से 140 आवेदनों को मान्‍य किया गया था। जिन आवेदनों को मान्‍य किया गया है, उन्‍हें पात्रतानुसार भुगतान किया जा चुका है।

विभाग की वार्षिक कार्य योजना

[ऊर्जा]

16. ( क्र. 245 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में वार्षिक कार्ययोजना तैयार किये जाने का प्रावधान है या नहीं? इस कार्य योजना का क्‍या उद्देश्‍य है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 की कार्ययोजना में प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत किस-किस कार्य को सम्मिलित किया गया है, कार्य का नाम, लागत की जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित कार्ययोजना में सम्मिलित कितने कार्य स्‍वीकृत हो चुके हैं, कितने शेष हैं, शेष कार्यों की स्‍वीकृति कब तक जारी की जावेगी ? (घ) प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 में विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत किस-किस ग्राम व शहर में किस स्‍थान पर 3-4 विद्युत खंबे लगाने का अनुरोध किया था? उक्‍त स्‍थान पर विद्युत खंबे लगा दिये गये हैं या नहीं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, वितरण कंपनियों द्वारा फीडर विभक्तिकरण एवं अन्‍य केन्‍द्र/राज्‍य शासन की योजनाओं के अतिरिक्‍त प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु वार्षिक कार्य योजना तैयार करने का प्रावधान है। वार्षिक कार्य योजना का उद्देश्‍य वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत उपभोक्‍ताओं को गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के लिए विद्युत की मांग के अनुरूप विद्युत प्रणाली का सुदृढ़ीकरण करना है, जिससे उपभोक्ताओं को निर्धारित वोल्‍टेज पर निर्धारित मानकों के अनुरूप विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया जा सके एवं विद्युत हानि में यथासमय कमी लायी जा सके। (ख) एवं (ग) वर्ष 2016-17 की प्रणाली सुदृढ़ीकरण की वार्षिक कार्य योजना में बसोदा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत किसी भी कार्य को सम्मिलित नहीं किया गया है, तथापि प्रश्‍नाधीन क्षेत्रान्‍तर्गत कस्‍बा बागरोद में ए.डी.बी. योजना में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना के प्रस्‍तावित कार्य की स्‍वीकृति ए.डी.बी. से प्राप्‍त होना प्रतीक्षित है। (घ) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विभिन्‍न पत्रों के माध्‍यम से 185 मजरों/टोलों का विद्युतीकरण कराये जाने का अनुरोध किया गया है, जिसकी कार्यपूर्णता की जानकारी सहित स्‍थानवार एवं ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त में से 7 मजरों/टोलों का विद्युतीकरण 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कर दिया गया है, 16 मजरे/टोले वीरान हैं तथा शेष 162 मजरों/टोलों की आबादी 100 अथवा 100 से कम होने के कारण वर्तमान में इन्‍हें दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत योजना की स्‍वीकृत वित्‍तीय उपलब्‍धता के कारण विद्युतीकरण हेतु सम्मिलित नहीं किया जा सका है। भविष्‍य में वित्‍तीय उपलब्‍धता के अनुसार उक्‍त विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण करने के प्रयास किये जायेंगे। 

लिपिक संवर्ग कर्मचारियों की मांगों/विसंगति का निराकरण

[सामान्य प्रशासन]

17. ( क्र. 252 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5-9/2015/1-15 भोपाल, दिनांक 07.05.2016 द्वारा मध्‍य प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारियों की बहुप्रत्‍याशित मांगों एवं वेतन विसंगतियों के संबंध में विचार करने हेतु समिति का गठन किया गया है या नहीं? समिति को प्रतिवेदन कितनी सीमा तक प्रस्‍तुत करना था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्‍तर हाँ है तो समिति द्वारा प्रतिवेदन किस दिनांक को शासन को प्रस्‍तुत कर दिया है? प्रतिवेदन में समिति द्वारा कौन-कौन की मांगों एवं विसंगतियों को प्रस्‍तुत किया गया? विवरण उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित समिति के प्रतिवेदन में से कौन-कौन सी मांग एवं विसंगतियों पर शासन विचार कर रहा है? 7वां वेतनमान स्‍वीकृति के पूर्व उक्‍त विसंगति/मांगों के संबंध में आदेश जारी किये जावेंगे? (घ) विद्यमान वेतनमान 1990 में प्रशिक्षित लेखापाल एवं अप्रशिक्षित लेखापाल का वेतनमान पृथक-पृथक था या नहीं? यदि हाँ, तो पुनरीक्षण वेतनमान 1998 एवं 1996 के वेतनमानों में पृथक-पृथक स्‍वीकृत क्‍यों नहीं किया गया? इस विसंगति का 7वां वेतनमान स्‍वीकृति के पूर्व निराकरण किया जा रहा है या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो स्‍पष्‍ट कारण देवें।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। तीन माह। (ख) से (घ) समिति द्वारा प्रतिवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

श्योपुर जिले के अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों का विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

18. ( क्र. 274 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2017 की स्थिति में श्योपुर जिले के अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों की सूची तहसीलवार दें? अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु विगत तीन वर्ष में प्रश्नकर्ता द्वारा महाप्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. श्योपुर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. भोपाल को लिखे गए पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? इन पत्रों पर की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कब तक इन ग्रामों का विद्युतीकरण कर दिया जावेगा? (ख) श्योपुर जिले में फीडर सेपरेशन तथा राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? कारण बतायें? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) जनवरी 2017 की स्थिति में तहसील विजयपुर, वीरपुर एवं कराहल में किन-किन ग्रामों की विद्युत सप्लाई कब-कब से किस-किस कारण से बंद है? इन ग्रामों में कब तक विद्युत सप्लाई प्रारंभ कर दी जावेगी? (घ) विजयपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजना के तहत किन-किन ग्रामों एवं मजरों टोलों में कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण एवं कितने अप्रारम्भ हैं? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? उक्त योजना के कार्यों को किस एजेंसी के माध्य्म से कराया जा रहा है? इन कार्यों को पूर्ण करने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जनवरी 2017 की स्थिति में श्‍योपुर जिले में विजयपुर तहसील के अंतर्गत 1 ग्राम यथा-धमानी अविद्युतीकृत हैं जो कि         गैर-परंपरागत ऊर्जा स्‍त्रोतों से विद्युतीकरण हेतु प्रस्‍तावित है। जनगणना पुस्तिका में मजरों/टोलों संबंधी जानकारी सम्मिलित नहीं होने के कारण तत्संबंध में प्रमाणित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु विगत तीन वर्षों में माननीय विधायक महोदय द्वारा महाप्रबंधक (सं./सं.) म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड श्‍योपुर तथा प्रबंध निदेशक म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल को लिखे गये पत्रों की प्राप्ति दिनांक एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। पत्रों पर की गई कार्यवाही से समय-समय पर मौखिक रूप से माननीय विधायक महोदय को अवगत करवाया गया है। तथापि महाप्रबंधक श्‍योपुर को कृत कार्यवाही से लिखित रूप में माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय को अवगत करवाने एवं भविष्‍य में भी इसका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। उक्‍त पत्रों में उल्‍लेखित शेष अविद्युतीकृत 100 एवं 100 से अधिक जनसंख्‍या वाले मजरों/टोलों को दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है। योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही उपरांत दिनांक 18.01.2017 को अवार्ड जारी कर दिया गया है एवं योजना की कार्य पूर्णता अवधि अवार्ड की दिनांक से 24 माह है। (ख) श्‍योपुर जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है तथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सम्मिलित कार्य दिनांक 16.01.17 को पूर्ण किये जा चुके है। (ग) श्‍योपुर जिले में जनवरी 2017 की स्थिति में तहसील विजयपुर, बीरपुर एवं कराहल में विभिन्‍न कारणों से ग्रामों की विद्युत सप्लाई बंद होने एवं विद्युत सप्‍लाई प्रारंभ करने के संबंध में प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के दिशा निर्देशानुसार उक्‍त योजना में 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित किया गया है। योजनांतर्गत ग्रामों में नि:शुल्‍क बी.पी.एल. कनेक्‍शन दिये जाने का भी प्रावधान है। विजयपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के तहत शामिल ग्रामों/मजरों/टोलो की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उक्‍त योजना का क्रियान्‍वयन टर्न-की आधार पर करने हेतु मेसर्स ऐलटैक एप्‍लाइंसेस प्रा.लि. चैन्‍नई को दिनांक 18.01.17 को अवार्ड जारी किया जा चुका है। योजना की कार्य पूर्णता अवधि अवार्ड की दिनांक से 24 माह है। उक्‍त ठेकेदार एजेंसी द्वारा सर्वे उपरांत कार्य प्रारंभ किया जायेगा।

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

19. ( क्र. 275 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन/बर्खास्तगी के बारे में क्या नियम/निर्देश हैं? प्रति उपलब्ध करावें? (ख) 1 जनवरी 2016 से प्रश्नांकित तिथि तक कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी, लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए? अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद का नाम, पदस्थापना स्थल सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पकड़े गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है वर्तमान में उक्त अधिकारी/कर्मचारी कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडे जाने पर आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों को प्रथमत: तीन कार्य दिवस के भीतर अन्‍यत्र स्‍थानांतर किये जाने के निर्देश हैं। जाँच एजेन्‍सी की विवेचना उपरांत आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन द्वारा अभियोजन के स्‍वीकृति उपरांत माननीय न्‍यायालय में चालान प्रस्‍तुत किये जाने पर आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों को निलंबित किये जाने के निर्देश है। माननीय न्‍यायालय द्वारा दोषसिद्धी उपरांत आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों को सेवा से पदच्‍युत अथवा पेंशन रोके जाने के निर्देश है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' '' एवं '' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पांढुर्णा में विद्युत कंपनी टेक्निशियन की नियुक्ति

[ऊर्जा]

20. ( क्र. 328 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत कंपनी के क्षेत्रान्‍तर्गत कितने कनिष्‍ठ अभियंताओं की नियुक्ति की गई है? वितरण केन्‍द्रवार बतायें? (ख) क्‍या सिंचाई करने वाले किसानों के बिल कनिष्‍ठ अभियंता द्वारा जाँच करने के उपरान्‍त बिजली बिल का भुगतान हेतु दिया जाता है? ऐसे कितने किसान हैं, जिनके द्वारा अनुमानित खपत दर से बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा है? वितरण केन्‍द्रवार जानकारी देवें। (ग) क्‍या पांढुर्णा ग्रामीण क्षेत्र निवासरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों के बिजली माफ करने की कोई येाजना है? यदि हाँ, तो यह योजना कब से प्रारंभ की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के पांढुरना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 10 कनिष्‍ठ अभियंता कार्यरत है, जिनकी केन्‍द्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कम्‍प्‍यूटर प्रणाली से बिल तैयार कर किसानों को भुगतान हेतु दिये जाते हैं जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। उपभोक्‍ताओं से बिल के संबंध में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्‍त होने पर संबंधित कनिष्‍ठ अभियंता द्वारा उसका निराकरण किया जाता है। वर्तमान में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार फ्लेट रेट कृषि उपभोक्‍ताओं को 1400 रूपये प्रति हार्सपावर वार्षिक आधार पर वर्ष में दो बार माह अप्रैल एवं अक्‍टूबर में छ: माही आधार पर बिल जारी किये जा रहे हैं। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में ऐसे कृषि उपभोक्‍ताओं की संख्‍या जिन्‍हें माह अक्‍टूबर 2016 में फ्लेट रेट पर बिल जारी किये गये एवं उनमें से 31 जनवरी 2017 तक भुगतान करने वाले कृषि उपभोक्‍ताओं की संख्‍या का वितरण केन्‍द्रवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एक हेक्‍टेयर तक की भूमि वाले 5 हार्स पावर तक के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के समस्‍त स्‍थायी कृषि पंप उपभोक्‍ताओं को नि:शुल्‍क विद्युत प्रदाय की जा रही है एवं इसकी एवज में राज्‍य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को सब्सिडी प्रदान की जा रही है। यह योजना वर्ष 2001 से जारी है।
परिशिष्ट - ''चार''

हवाई पट्टी का निर्माण

[विमानन]

21. ( क्र. 349 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के रिकॉर्ड में मंदसौर जिले में कितनी हवाई पट्टी दर्ज हैं स्थान के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) शासकीय रिकॉर्ड में मंदसौर जिलान्‍तर्गत दर्ज हवाई पट्टी की निर्माण वर्ष सहित जानकारी देवें? (ग) मंदसौर मुख्यालय पर शासन की ओर से हवाई पट्टी पर निरंतर विमान के उपलब्ध होने की क्या योजना बनाई गई है? (घ) शासन के रिकॉर्ड में सीतामऊ हवाई पट्टी की क्या स्थिति है एवं उसका नवीनीकरण एवं विकास करने हेतु शासन के द्वारा क्या योजना बनाई है एवं कितनी भूमि इस हेतु सुरक्षित है।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दो। सीतामऊ एवं बीड। (ख) 1918 एवं 2016 (ग) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (घ) क्षतिग्रस्‍त है। ग्राम बीड (जिला मंदसौर) में नवीन हवाई पट्टी का निर्माण हो जाने से वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव नहीं है। 800 मीटर लंबी दर्ज है।

स्टाम्प विक्रेता के आवेदन तथा पंजीयन

[वाणिज्यिक कर]

22. ( क्र. 351 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2011 से 2015 तक कितने स्टाम्प विक्रेता नियुक्त/पंजीकृत हेतु कितने आवेदन विभाग को प्राप्त हुए तथा कितने स्वीकृत तथा कितने आवेदन किस कारण से अस्वीकृत किये गये? पूरा नाम, स्थान सहित सूची देवें? स्टाम्प विक्रेता नियुक्ति/पंजीयन के आवेदन तथा आवश्यक दस्तावेजों संबंधी नियमावली देवें? (ख) पंजीकृत स्टाम्प विक्रेता द्वारा विभाग से स्टाम्प प्राप्त करने तथा विक्रय करने हेतु नीति, नियम, निर्देशों की प्रति देवें? क्‍या इसके पालनार्थ उपरोक्त समयावधि में निरीक्षण या जाँच किसी अधिकारी द्वारा की गई? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित स्टाम्प विक्रेता संबंधी कितने शिकायती पत्र विभाग को किस स्तर पर प्राप्त हुए शिकायतकर्ता के नाम, विषय सहित सूची देवें। इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। तत्‍संबंधी म.प्र. स्‍टाम्‍प नियम 1942 एवं इसमें दिए गए संशोधन संबंधी अधिसूचना दिनांक 01.11.2014 की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ख) स्‍टाम्‍प विक्रेता द्वारा स्‍टाम्‍प पंजीयन विभाग से नहीं अपितु कोषालय से प्राप्‍त किए जाते है जो वित्‍त विभाग के अंतर्गत संचालित है। स्‍टाम्‍प विक्रय से संबंधित नियमों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- 'दो' अनुसार है। नियमों के पालन में उपर्युक्‍त समयावधि में निरीक्षण किया गया है।   (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'तीन' अनुसार है।

खरगोन जिले से संबंधित घोषणाएं

[सामान्य प्रशासन]

23. ( क्र. 352 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा वर्ष 2011 से 2015 तक खरगोन जिले से संबंधित घोषणाएं एवं आश्वासनों की सूची दिनांकवार, स्थानवार देवें। (ख) इनमें से कितनी घोषणाएं व आश्वासन पूर्ण हुए हैं कितनी प्रगतिरत तथा कितनी अप्रारंभ हैं सूची देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। आश्‍वासन संबंधी जानकारी संधारित अभिलेख अनुसार आना नहीं पाया गया है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

मण्‍डला विधान सभा क्षेत्र में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्र

[महिला एवं बाल विकास]

24. ( क्र. 375 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्‍डला जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं एवं उनमें कितने पद रिक्‍त हैं? पोषण आहार कौन सी संस्‍था वितरित करती है? मण्‍डला जिले में कितने एन.जी.ओ. कौन-कौन से कार्य कर रहे हैं? सूची सहित विवरण देवें? (ख) मण्‍डला विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्‍ड मण्‍डला और नैनपुर में आंगनवाड़ी पोषण आहार एवं कुपोषित बच्‍चों की संख्‍या एवं रिक्‍त पदों की संख्‍या एवं उपाय तथा ग्रामीण अंचल में संचालित एन.जी.ओ. के कार्यों का विवरण तथा कुपोषण दूर करने संबंधी आगामी बजट एवं प्रावधान की जानकारी दें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मण्डला जिले में कुल 1891 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर वर्तमान में 1880 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 11 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के 18 पद रिक्त है। एम.पी.एग्रों भोपाल एवं स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पोषण आहार वितरण का कार्य किया जा रहा है। एकीकृत बाल विकास सेवा जिला मण्डला अन्तर्गत एन.जी.ओ. कार्यरत नहीं है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मण्डला विधानसभा क्षेत्र के विकासाखण्ड मण्डला में कम वज़न के बच्चों की संख्या 2822 एवं अति कम वज़न के बच्चों की संख्या 233 है तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 03 पद रिक्त है। विकासखण्ड नैनपुर में कम वज़न के बच्चों की संख्या 2126 एवं अति कम वज़न के बच्चों की संख्या 155 है। वर्तमान में कोई पद रिक्त नहीं है। एकीकृत बाल विकास सेवा जिला मण्डला अन्तर्गत कोई भी एन.जी.ओ. कार्यरत नहीं है। कुपोषण को दूर करने के लिये अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, अति कम वज़न के बच्चों को थर्ड मील दिये जाने का प्रावधान, एन.आर.सी. में संदर्भित करने तथा सुपोषण अभियान अन्तर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन एवं स्नेह सरोकार कार्यक्रम अन्तर्गत चिन्हित बच्चों के देखभाल की जिम्मेदारी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं जनसमुदाय को दी जाती है।

मण्‍डला विधान सभा क्षेत्र के बिगड़े ट्रांसफार्मर

[ऊर्जा]

25. ( क्र. 376 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र मण्‍डला के अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मर खराब है? वितरण केन्‍द्रवार जानकारी देवें? (ख) विगत एक वर्ष में खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु आवेदकों द्वारा कब-कब आवेदन प्रस्‍तुत किये गये? कितने ट्रांसफार्मर बदले गए व कितने आवेदनों का निराकरण प्रस्‍तुत दिनांक तक किन कारणों से नहीं हुआ, कब तक उन्‍हें बदल दिया जावेगा? (ग) नवीन ट्रांसफार्मर फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मर तथा क्षतिग्रस्‍त तार (केबल), खम्‍बे, कट आऊट आदि के बदलने के कार्यों हेतु विगत एक वर्ष में कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत किये गये? कितनों पर कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्‍यों? उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) मण्‍डला जिले के अंतर्गत मण्‍डला विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कोई भी फेल ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष नहीं है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) वर्ष 2016-17 में दिनांक 31.01.2017 तक विधानसभा क्षेत्र मण्‍डला के अंतर्गत वितरण केन्‍द्र महाराजपुर के 2 आवेदकों से क्रमश: दिनांक 12.09.2016 एवं 03.12.2016 को फेल ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए हैं। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सभी खराब/फेल वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।     (ग) मण्‍डला विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन अवधि में उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित 2 आवेदन ही प्राप्‍त हुए हैं, जिनका निराकरण कर दिया गया है। उल्‍लेखनीय है कि वर्ष में दो बार मानसून पूर्व एवं मानसून पश्‍चात विद्यमान विद्युत संरचना के सुधार/मेन्‍टेनेंस का कार्य किया जाता है तथा उक्‍त मेंटेनेंस कार्य के दौरान क्षतिग्रस्‍त तार, खंभे, कट आऊट आदि में आवश्‍यक सुधार कार्य/बदलने की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। 

विभाग द्वारा की जा रही बकाया राशि की वसूली के‍ नियम

[ऊर्जा]

26. ( क्र. 399 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड विभाग द्वारा उपभोक्ताओं से बकाया राशि वसूली करने के क्या नियम हैं? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने विद्युत वितरण केन्द्र हैं, नामवार जानकारी देवें? (ग) माह अक्‍टूबर, नवम्‍बर एवं दिसम्‍बर-2016 में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत वितरण कम्‍पनी द्वारा घरेलू एवं सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शनों की बकाया राशि की वसूली हेतु कितने उपभोक्‍ताओं को सूचना पत्र जारी किये गये? वितरण केन्‍द्रवार जानकारी देवें (घ) विगत तीन माह में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक वितरण केन्द्रों पर विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को दिए गए सूचना पत्रों की ग्राम, उपभोक्ता, झोन के नाम सहित जानकारी देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड सहित सभी वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं से विद्युत बिलों की बकाया राशि वसूलने के लिए भू-राजस्व वसूली अधिनियम-1961 (डी.आर.ए.) के तहत् वसूली की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में 11 विद्युत वितरण केन्द्र है जिनके नाम इस प्रकार है -1 सीतामऊ (शहर), 2 सीतामऊ (ग्रामीण), 3 लदूना, 4 दीपाखेड़ा, 5 सुवासरा, 6 रुनीजा,7 रहीमगढ़, 8 कयामपुर, 9 श्यामगढ़, 10 धामनिया दिवान, 11 चन्दवासा (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 980 घरेलू उपभोक्ताओं एवं 1250 कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों की बकाया राशि की वसूली हेतु भू-राजस्व वसूली अधिनियम-1961 के अंतर्गत सूचना पत्र जारी किये गये। उक्‍त उपभोक्‍ताओं की संख्‍या की वितरण केन्‍द्रवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' में दर्शाए अनुसार है। (घ) प्रश्‍नाधीन अवधि में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में घरेलू एवं सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शन के उपभोक्‍ताओं को जारी किये गये सूचना पत्रों की उपभोक्‍ताओं के नाम सहित ग्रामवार एवं वितरण केन्‍द्र (झोन) वार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र क्रमश: '' एवं '' अनुसार है। 

नोट बंदी के बाद राजस्‍व वसूली

[वित्त]

27. ( क्र. 447 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 8 नवम्‍बर 2016 नोटबंदी के पश्‍चात प्रश्‍न दिनांक तक कुल राजस्‍व वसूली कितनी हुई? यह वसूली विगत वर्ष 2015 में इस अवधि के लिये (8 नवम्‍बर 2015 के बाद से) कितनी हुई थी, इसमें कितनी कमी आई है या कितनी वृद्धि हुई? (ख) कैशलेश व्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने के लिये शासन द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा वित्‍त लेखा वर्ष 2016-17 अन्तिम न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश '''' की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

किशोर न्‍यायालय निगरानी व मा‍नीटरिंग प्रणाली का गठन

[महिला एवं बाल विकास]

28. ( क्र. 464 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) किशोर न्‍यायालय बालकों की देखरेख संरक्षण संशोधित अधिनियम 2006 और किशोर न्‍याय बालकों की देखरेख संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा समेकित बाल संरक्षण स्‍कीम में म.प्र. राज्‍य में निगरानी व मा‍नीटरिंग प्रणाली का गठन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. राज्‍य के समस्‍त जिलों की जानकारी देवें। (ग) क्‍या सागर जिले में भी गठन किया गया है तो सागर जिले की समस्‍त जनपद पंचायत एवं समस्‍त ग्राम पंचायत स्‍तर की समिति के सदस्‍यों के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) यदि सागर जिले में गठन नहीं किया गया है तो कारण एवं कब तक गठन किया जावेगा

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “1“ अनुसार है। (ग) सागर जिले में 07 जनपद व 830 ग्राम पंचायतों में जनपद एवं ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया जा चुका है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “2“ अनुसार है। (घ) सागर जिले में 04 जनपद व 1073 ग्राम पंचायतों में समिति का गठन शेष है। अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति शेष होने के कारण समिति का गठन नहीं हो पाया है। गठन की प्रक्रिया प्रचलित है।

उज्जैन जिले की विभिन्न तहसीलों लगे ट्रांसफार्मर

[ऊर्जा]

29. ( क्र. 466 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन जिले में माह अक्‍टूबर, 2016 से जनवरी, 2017 तक (उज्‍जैन शहर को छोड़कर) कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए? संचालन संधारण संभागवार, ग्रामवार संख्‍या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित क्षेत्र एवं अवधि में कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में पात्रता अनुसार बदले गये? संचालन संधारण संभागवार ग्रामवार संख्‍या बतावें? कितने पात्र फेल विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में नहीं बदले जा सकें? संचालन संधारण संभागवार, ग्रामवार संख्‍या बतावें? (ग) उज्‍जैन जिले में (उज्‍जैन शहर को छोड़कर) माह जनवरी, 2017 अंत की स्थिति में कितने फेल वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं? संचालन संधारण संभागवार संख्‍या बतावें? माह जनवरी, 2017 अंत की स्थिति में कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर विद्युत बिलो की राशि बकाया होने के कारण निकाले हुए हैं? संचालन संधारण संभागवार, ग्रामवार संख्‍या बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) उज्‍जैन जिले में माह अक्‍टूबर, 2016 से जनवरी, 2017 तक, उज्‍जैन शहर को छोड़कर, 1339 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए, जिनकी संचालन-संधारण संभागवार, एवं ग्रामवार संख्‍या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित क्षेत्र एवं अवधि में 1300 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में पात्रतानुसार बदले गये, जिनकी संचालन-संधारण संभागवार एवं ग्रामवार संख्‍या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में ऐसा कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर नहीं है, जिसे पात्र होने पर निर्धारित समयावधि में नहीं बदला गया है।       (ग) उज्‍जैन जिले में माह अक्‍टूबर, 2016 से जनवरी, 2017 अंत तक, उज्‍जैन शहर को छोड़कर 39 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष है जिनकी संचालन-संधारण संभागवारएवं ग्रामवार संख्‍या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। माह जनवरी, 2017 अंत तक की स्थिति में 27 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिलों की राशि जमा नहीं करने के कारण निकाले गये हैं, जिनकी संचालन-संधारण संभागवार एवं ग्रामवार संख्‍या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 

कुपोषण से शिशु मृत्यु

[महिला एवं बाल विकास]

30. ( क्र. 467 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में कुपोषण से शिशु मृत्युदर की संख्या क्या है? क्या उज्जैन जिले में कुपोषण से शिशु मृत्युदर की संख्या विगत वर्ष की तुलना में बढ़ती जा रही है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें. (ख) उज्जैन जिले में कुपोषण से शिशु मृत्यु दर की संख्या कम करने हेतु संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? उसकी मॉनिटरिंग किस स्तर पर की जा रही है? (ग) उज्जैन जिले में कुपोषण के निवारण हेतु अप्रैल २०१६ से मार्च २०१७ तक का कितना बजट आवंटित किया गया है तथा कितना बजट किस-किस कार्य हेतु खर्च किया गया है? मदवार, राशिवार जानकारी उपलब्ध करावे.

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार उज्जैन जिले में कुपोषण से मृत्यु प्रतिवेदित नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं। (ख) उज्जैन जिले में कुपोषण को कम किये जाने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही की जा रही है :-1. अतिकम वजन के बच्चों को थर्डमील का प्रावधान, 2. अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत अतिकम वजन के बच्चों के पालकों का फैमिली ओरिएंटेशन प्रशिक्षण, 3. ‘‘स्नेह सरोकार‘‘ कार्यक्रम अंतर्गत अतिकम वजन के बच्चों का पोषण स्तर बेहतर करने की जिम्मेदारी समुदाय द्वारा लेना, 4. गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कर उपचारित करना, 5. ‘‘पंचवटी से पोषण‘‘ कार्यक्रम अंतर्गत अतिकम वजन के बच्चों के घरों में सुरजना के पौधे का रोपण एवं पोषण शिक्षा, 6. आयुष विभाग के सहयोग से मालिश शिविरों का आयोजन। मॉनिटरिंग परियोजना स्तर, जिला स्तर, संभाग स्तर, संचालनालय स्तर पर की जा रही है। (ग) विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ-1‘‘ एवं ‘‘अ-2‘‘ पर है।

परिशिष्ट - ''छ:''

अविद्युतीकृत ग्राम, मजरा/टोला का विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

31. ( क्र. 498 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कोलारस विधान सभा क्षेत्र में जनवरी-2017 की स्थिति में ग्राम अविद्युतीकृत हैं? यदि हाँ, तो वह कौन-कौन से है एवं क्‍यों अविद्युतीकृत है? इन्‍हें कब तक विद्युतीकृत कर दिया जावेगा? (ख) क्‍या जिला अटल ज्‍योति योजना के तहत शिवपुरी मई -2013 में पूर्ण विद्युतीकृत घोषित किया जा चुका था? यदि हाँ, तो कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नांश (क) के वर्णित ग्राम, मजरा/टोला, अनु.जाति/ आदिवासी बस्तियां जनवरी 2017 की स्थिति में क्‍यों एवं कैसे विद्युतविहिन हैं?          (ग) कोलारस विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से ग्राम ट्रांसफार्मर फेल होने की वजह से वर्षों से विद्युतविहिन है? इन ग्रामों के ट्रांसफार्मर किस दिनांक को फेल घोषित किए गए? ट्रांसफार्मर फेल घोषित करने के दिनांक को संबंधित ट्रांसफार्मर पर कितनी बकाया राशि किनके ऊपर थी तथा दिसम्‍बर-2016 की स्थिति में कितनी बकाया राशि थी?       (घ) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने विद्युत उपभोक्‍ताओं को बिना विद्युत प्रदाय किए ट्रांसफार्मर फेल होने के बावजूद दिसम्‍बर-2016 की स्थिति में विद्युत बिल दिए जा रहे थे? ग्रामवार जानकारी दें? क्‍या ग्राम ठाटी में लगभग 15 वर्ष पूर्व ट्रांसफार्मर निकाल लिया गया है? यदि हाँ, तो उसे क्‍यों नहीं बदला गया तथा इसे कब तक बदला जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं, कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनवरी 2017 की स्थिति में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) अटल ज्‍योति, योजना न होकर एक अभियान के रूप में प्रदेश के समस्‍त गैर-कृषि उपभोक्‍ताओं को 24 घण्‍टे एवं कृषि उपभोक्‍ताओं को 10 घण्‍टे विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध करने के उद्देश्‍य से संचालित किया गया था। उक्‍त अभियान के अंतर्गत जिले को पूर्ण विद्युतीकृत करने का कोई प्रावधान नहीं था, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) कोलारस विधान सभा क्षेत्र में संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ में दर्शाए गए 6 ग्रामों के फेल ट्रांसफार्मर संबंधित उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं जा सके हैं, अत: इन ग्रामों में वर्तमान में विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध नहीं हैं। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में 1 ग्राम में वर्तमान में कोई भी विद्युत उपभोक्‍ता नहीं होने से ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया है। उक्‍त ग्रामों के ट्रांसफार्मर फेल होने की दिनांक, फेल घोषित करने की दिनांक को ट्रांसफार्मर से संबंधित उपभोक्‍ताओं पर बकाया राशि तथा दिसम्‍बर, 2016 की स्थिति में उक्‍त उपभोक्‍ताओं पर बकाया राशि की जानकारी भी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ में दर्शाए अनुसार है। उक्‍त 7 ग्रामों के फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि की उपभोक्‍तावार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बिना विद्युत प्रदाय, उपभोक्‍ताओं को बिल नहीं दिये जा रहे है, अत: ग्रामवार जानकारी देने का प्रश्‍न नहीं उठता। ग्राम ठाटी का ट्रांसफार्मर लगभग 10 वर्ष पूर्व दिनांक 11.06.2007 को फेल होने पर संबंधित उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा नहीं करने के कारण निकाला गया था। उक्‍त ट्रांसफार्मर से संबद्ध सभी 27 उपभोक्‍ताओं पर कुल बकाया राशि रू. 1.50 लाख होने के कारण ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया है। उपभोक्‍ताओं द्वारा बकाया राशि का नियमानुसार भुगतान कर दिये जाने पर ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट - ''सात''

नवीन विद्युत उपकेन्‍द्रों का कार्य पूर्ण किया जाना

[ऊर्जा]

32. ( क्र. 506 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत दिसम्‍बर 2016 की स्थिति में कोई नवीन विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍वीकृत/निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कहाँ-कहाँ के नवीन उपकेन्‍द्र कब से किस मद में कितनी राशि के स्‍वीकृत/निर्माणाधीन है? स्‍वीकृति पत्र की छायाप्रति संलग्‍न कर जानकारी दें। (ख) उक्‍त स्‍वीकृत/निर्माणाधीन विद्युत उपकेन्‍द्रों का कौन-कौन सा निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी को कब-कब दिया गया? एजेंसी के साथ कंपनी द्वारा किए गए अनुबंध की छायाप्रति संलग्‍न कर जानकारी दें कि क्‍या अनुबंध अवधि में उक्‍त निर्माण कार्य पूर्ण हो जावेंगे? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण होंगे? (ग) क्‍या मड़वासा, एजवारा, किलावनी नवीन विद्युत उपकेन्‍द्रों का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों एवं निर्माण कार्य को निर्धारित अवधि में पूर्ण न करने के लिए क्‍या कार्यवाही किसके प्रति कब तक की जावेगी? (घ) उक्‍त स्‍वीकृत/निर्माणाधीन नवीन विद्युत उपकेन्‍द्रों से विद्युत प्रदाय कब से सुचारू कर दिया जावेगा? विद्युत उपकेन्‍द्रवार बतावे।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में दिसम्‍बर-2016 की स्थिति में 12वीं पंचवर्षीय योजना में शिवपुरी जिले हेतु स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 3 नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍वीकृति उपरांत निर्माणाधीन है, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गई उपकेन्‍द्रवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। स्‍वीकृति पत्र विधानसभावार नहीं अपितु जिले के लिए है। शिवपुरी जिले की योजना का स्‍वीकृति पत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित विद्युत उपकेन्‍द्रों के निर्माण के संपूर्ण कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी में. सावन ऐसोसिएट नागपुर को दिनांक 25.09.2014 को कार्यादेश जारी किया गया है। उक्‍त ठेकेदार एजेंसी के साथ मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किये गये अनुबंध की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। ठेकेदार एजेंसी के द्वारा अनुबंध अवधि में निर्माण कार्य पूरे नहीं किये जा सके हैं। उपरोक्‍त उपकेन्‍द्रों के निर्माण कार्य मई 2017 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) जी हाँ। ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रश्‍नाधीन उपकेन्‍द्रों के निर्माण कार्य में विलंब किया गया है, जिस हेतु ठेकेदार एजेंसी के देयकों से अनुबंध की शर्तों के अनुसार लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्‍टी स्‍वरूप रू. 33.15 लाख की राशि काटी गई है। (घ) उक्‍त तीनों विद्युत उपकेन्‍द्रों का निर्माण कार्य मई 2017 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की जानकारी

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

33. ( क्र. 513 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग की अधिसूचना दिनांक 01.10.2010 द्वारा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग का नामकरण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्‍या विभाग का मुख्‍य दायित्‍व पवन, लघु जल विद्युत, वायोमास एवं सौर्य ऊर्जा पर आधारित योजनाओं से विद्युत उत्‍पादन एवं अविद्युतीकृत ग्रामों को नवकरणीय ऊर्जा से विद्युतीकृत करना है? (ग) अक्षय ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्ष उत्‍पादों के प्रचार-प्रसार विपणन एवं संयंत्रों के रख-रखाव हेतु प्रदेश के विकासखण्‍डों एवं जिलों में कुल कितने निजी अक्षय ऊर्जा शाप प्रश्‍न दिनांक तक चयनित किये जा चुके उनकी संख्‍या, जिला एवं विकासखण्‍ड का नाम एवं पूर्ण पता पृथक-पृथक देवें? निजी अक्षय ऊर्जा शाप चयनित की प्रक्रिया का संपूर्ण विवरण देवें। (घ) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा एवं मध्‍यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा जिला स्‍तरीय कार्यालय रीवा को केन्‍द्र और राज्‍य प्रवर्तित योजनाओं के संचालन एवं कार्य की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करावें। वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 के प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त राशि का योजनावार विवरण, खर्च राशि का योजनावार विवरण, कार्य का नाम एवं कार्य स्‍थल का नाम, खर्च का प्रकार का पृथक-पृथक विवरण उपलब्‍ध करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) अक्षय ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्ष उत्‍पादों के प्रचार-प्रसार, विपणन एवं रखरखाव हेतु प्रदेश के जिलों एवं विकासखण्‍डों में कुल 282 निजी अक्षय ऊर्जा शॉप्‍स चयनित है, जिनके नाम एवं पूर्ण पतों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। निजी अक्षय ऊर्जा शॉप्‍स के चयन की प्रक्रिया निम्‍नानुसार है :- दैनिक समाचार पत्रों व विभागीय वेबसाईट (www.mprenewable.nic.in) में विज्ञापन जारी किया जाता है व प्राप्‍त प्रस्‍तावों को चयन अंक प्रणाली के आधार पर किया जाता है। शॉप के संचालन हेतु विकासखण्‍ड स्‍तर पर न्‍यूनतम 100 वर्ग फिट की दुकान व जिले स्‍तर पर न्‍यूनतम 200 वर्ग फिट की दुकान होना आवश्‍यक है, जिसमें भण्‍डारण क्षमता अतिरिक्‍त होनी चाहिए। शॉप स्‍वयं/लीज/ किराये की होनी चाहिए। स्‍वयं की दुकान एवं मुख्‍य बाजार पर होने पर वरीयता दी जाती है। दुकान में न्‍यूनतम 02 कर्मचारी होना आवश्‍यक है, जिनमें से एक तकनीकी कार्य में दक्ष हो। स्‍वयं का टेलीफोन होना अनिवार्य है। अक्षय ऊर्जा संयंत्रों/उपकरणों से संबंधित पूर्व से कार्य करने वालों को प्राथमिकता दी जाती है। (घ) रीवा जिले के अन्‍तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 के प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त राशि का योजनावार विवरण, खर्च राशि का योजनावार विवरण, कार्य का नाम एवं कार्य स्‍थल का नाम, खर्च का प्रकार, इत्‍यादि का विवरण क्रमश: पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है।

प्री मानसून मेंटीनेन्‍स की जानकारी

[ऊर्जा]

34. ( क्र. 514 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अधीक्षण अभियन्‍ता (सं/स.) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. रीवा द्वारा प्री-मानसून संधारण 2016 में जुलाई 2016 तक किये गये 33 के.व्‍ही. फीडरों/उपकेन्‍द्र एवं 11 के.व्‍ही. फीडर के संधारण का कार्य किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या कार्य फर्मों द्वारा कराया गया था या विभाग द्वारा? यदि हाँ, तो विभाग को कितनी राशि आवंटित की गई तथा प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित कितने कार्य पूर्ण किए गए कितने कार्य शेष हैं?     (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में ही मानसून खत्‍म होने से (जुलाई 2016) प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्नांश (ख) अनुसार पृथक-पृथक विवरण देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) उक्‍त संधारण कार्य म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर कंपनी में पदस्‍थ लाईन कर्मचारियों एवं सेवा प्रदाता फर्मों से प्राप्‍त कुशल/अकुशल श्रमिकों के माध्‍यम से तथा पंजीकृत '''' श्रेणी के ठेकेदारों को लेबर कांट्रेक्‍ट अवार्ड जारी कर सभी कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं। रीवा वृत्‍त क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2016-17 में संधारण मद हेतु रू. 341 लाख की राशि आवंटित की गई है, जिसके अंतर्गत आवश्‍यक सामग्री पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्‍तर पर उपलब्‍ध करायी गयी है। विभागीय/ठेकेदारों के श्रमिकों की मदद से करवाये गये कार्यों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाये अनुसार है। 

परिशिष्ट - ''आठ''

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

35. ( क्र. 521 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 06.12.2016 में मुद्रित अता. प्रश्‍न संख्‍या-134 (क्रमांक 1438) के उत्‍तर (क) जी हाँ, (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता, दिया गया है क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा आयुक्‍त राजस्‍व रीवा संभाग रीवा को सूखा प्रभावित किसानों की खाद्य पर्ची जारी न किये जाने से खाद्यान्‍न से वंचित किसानों के खाद्यान्‍न पर्ची जारी कराने एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही एवं पिछले माह के शेष खाद्यान्‍न की पूर्ति कराने बाबत् पत्र दिनांक 09.07.2016 को लिखा गया था, जिस पर कार्यवाही लंबित है एवं किसान आज भी खाद्यान्‍न से वंचित है?        (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या कलेक्‍टर रीवा को प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा एक भी पत्र नहीं लिखे गये थे, जिनके संबंध का उल्‍लेख नहीं किया गया न ही पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी ही दी गई क्‍यों? क्‍या मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा को भी प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा पत्र लिखे गए? पत्रों पर कब-कब कार्यवाही की गई, जानकारी प्रश्‍नांश दिनांक तक अप्राप्‍त है? माननीय प्रभारी मंत्री रीवा द्वारा लिखे गए पत्र पर कार्यवाही लंबित है, जबकि कार्यों की स्‍वीकृति की अनुशंसा की गई थी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पर्यटन केन्द्रों का विकास

[पर्यटन]

36. ( क्र. 554 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर एवं आगर जिले में वर्ष २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में धार्मिक पर्यटन केन्द्रों के विकास हेतु किन-किन स्थानों के किस-किस कार्य हेतु राशि जारी की गई वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या शाजापुर जिले के देहरीघाट (सुकलिया), हिमालेश्वर (मोल्टा केवडी), भोले डुंगरी (अलिसरीया), तेलिया हनुमान मंदिर (कालापीपल), एवं बाबा गरीबनाथ धाम अवंतिपुर बड़ोदिया के विकास हेतु कोई प्रस्ताव बनाए गए हैं? यदि हाँ, तो किस-किस कार्य के? स्थानवार जानकारी देवें।

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) शाजापुर एवं आगर जिले में वर्ष 2015-16 में धार्मिक पर्यटन केन्‍द्रों के विकास हेतु कोई कार्य स्‍वीकृत नहीं किये गये। किन्‍तु वर्ष 2016-17 में निम्‍न 02 कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं। 1. बैजनाथ मंदिर जिला आगर में शेड का निर्माण एवं विकास कार्य हेतु स्‍वीकृत राशि रू. 16.00 लाख। 2. कालका बालाजी मंदिर ग्राम श्‍यामपुरा तहसील सुसनेर जिला आगर में विभिन्‍न विकास कार्य हेतु स्‍वीकृत राशि रू. 25.00 लाख। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

स्‍थाई विद्युत कनेक्‍शन हेतु दिशा निर्देश

[ऊर्जा]

37. ( क्र. 561 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में 2000 फिट की दूरी तक स्थायी विद्युत कनेक्शन दिये जा रहे है, जबकि इस दूरी तक पोल एवं बायर की व्यवस्था नहीं है? क्‍या उक्त स्थानों पर अस्थायी बायर डालकर स्थायी कनेक्शन दिये गये हैं। (ख) कितने कनेक्शन दिये गये हैं, सूची उपलब्ध करावें। बिना बायर, पोल के इतनी दूरी पर स्थायी कनेक्शन किस आधार पर दिये गये हैं, नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? यदि ऐसा नियम नहीं है तो फिर इन्हें कनेक्शन कैसे दिये गये हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में न तो 2000 फीट की दूरी तक स्‍थाई विद्युत कनेक्‍शन दिये जा रहे हैं और न ही अस्‍थाई तार डालकर स्‍थाई कनेक्‍शन दिये गये हैं। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

नहर किनारे ग्रामों को सिंचाई सुविधा

[नर्मदा घाटी विकास]

38. ( क्र. 608 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबलपुर जिले के ग्राम पारा, चौरई, खमरिया, रीवा, नयागांव, सिलुआ, बम्‍हनी आदि रा.अ. बाई सा. बांध एवं बांयी तट नहर से नजदीक होने पर भी यहां के किसानों को सिंचाई हेतु पानी नहर से नहीं मिल पा रहा है। (ख) क्‍या शासन बांयी तट मुख्‍य नहर से माईनर नहर निकाल कर उक्‍त ग्रामों के किसानों को सिंचाई जल प्रदान करेगा?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। बांयी तट नहर से माईनर नहर निकाल कर उक्‍त ग्रामों के किसानों को जल प्रदाय किया जाना संभव नहीं है, क्‍योंकि नहर के पूर्ण जलप्रवाह स्‍तर (एफ.एस.एल.) से उक्‍त ग्राम 32 मीटर ऊंचाई पर हैं।

एकीकृत बाल विकास परि. शहपुरा हेतु भवन निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

39. ( क्र. 609 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एकीकृत बाल विकास परि. शहपुरा जि. जबलपुर का कार्या. कब से स्‍वीकृत हैं? क्‍या परियोजना का उक्‍त कार्यालय किराये के भवन में संचालित हैं? (ख) क्‍या एकीकृत बाल विकास परियोजना शहपुरा के कार्यालय हेतु शासकीय भवन निर्माण की स्‍वीकृति की कोई प्रस्‍ताव/योजना है? यदि हाँ, तो उक्‍त भवन निर्माण की स्‍वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास परियोजना शहपुरा जिला जबलपुर में वर्ष 1997-98 में स्‍वीकृत हुई है। परियोजना शहपुरा का कार्यालय परियोजना के प्रारंभ से ही 30/11/2016 तक किराये के भवन में संचालित रहा है। दिनांक 01/12/2016 से परियोजना शहपुरा का कार्यालय रानी अवंतीबाई परियोजना के रिक्‍त शासकीय भवन में संचालित किया जा रहा है।       (ख) भारत सरकार के निर्देशानुसार वर्तमान में एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं के कार्यालय भवन निर्माण की कोई कार्ययोजना नहीं है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

आदिवासी उपयोजना क्षेत्र निधि के व्‍यय की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

40. ( क्र. 660 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या बालाघाट जिले को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु क्रमश: वित्तीय वर्ष 2013-14 में 346.84 लाख, वित्तीय वर्ष 2014-15 में 1241.09 लाख वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1106.01 लाख की राशि विभिन्‍न योजनाओं में प्राप्‍त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त प्राप्‍त राशि कहाँ-कहाँ व्‍यय की गई? (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु योजनावार/मदवार एवं जिलेवार राशि आवंटन करने का क्‍या प्रावधान/मापदण्‍ड हैं एवं आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु आवंटित राशि के व्‍यय हेतु मध्‍यप्रदेश बजट नियमावली 2012 में क्‍या प्रावधान है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ, कार्यालय जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी बालाघाट को आदिवासी उप योजना में वित्‍तीय वर्ष 2013-14 में रुपये 523.41 लाख वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में 14.79 लाख एवं वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में 1010.94 लाख विभिन्‍न योजनाओं में प्राप्‍त हुई है। (ख) प्रश्‍नांश '' में प्राप्‍त राशि का उपयोग बालाघाट जिले में क्रमश: मंगल दिवस, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को अतिरिक्‍त मानदेय, अटल बाल आरोग्‍य मिशन एवं न्‍यूनतम आवश्‍यकता कार्यक्रम विशेष पोषण आहार योजना के क्रियान्‍वयन में किया गया। आदिवासी उप योजना में वित्‍तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक विभिन्न योजना अंतर्गत प्राप्‍त राशि का व्‍यय लाड़ली लक्ष्‍मी योजना, उषा किरण योजना, स्‍वागतम लक्ष्‍मी योजना, समैकित बाल संरक्षण योजना, लाडो अभियान के अंतर्गत व्‍यय की गई। (ग) मांग संख्‍या 41 में आदिवासी क्षेत्र उपयोजना अंतर्गत प्राप्‍त राशि को आदिम जाति कल्‍याण विभाग द्वारा निर्धारित आदिवासी क्षेत्रों में विभाग की संचालित योजनाओं के लिये मापदण्‍ड अनुसार व्‍यय किया जाता है।

लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति

[सामान्य प्रशासन]

41. ( क्र. 672 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति के निराकरण हेतु कर्मचारी कल्‍याण परिषद के अध्‍यक्ष की अध्‍यक्षता में गठित समिति द्वारा दिनांक 28/11/16 को मंत्रालय के समक्ष आयोजित अधिवेशन में ज्ञापन/प्रतिवेदन सौंपा गया था ? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध कराये ? (ख) प्रश्नांश (क) प्रतिवेदन अनुसार क्‍या शासन द्वारा शीघ्र निराकरण का आश्‍वासन दिया गया था। यदि हाँ, तो वेतन विसंगति का सुधार कब तक कर दिया जावेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) समिति द्वारा अभी कोई प्रतिवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मान्‍यता के संबंध में दिए गए पत्र पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

42. ( क्र. 677 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पंचायत सेवा शासकीय अधिकारी कर्मचारी महासंघ को मान्‍यता दिये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा एवं अन्‍य माध्‍यमों से ज्ञापन दिनांक 1/1/14 से प्रश्‍नांश दिनांक तक दिये गये है ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मान्‍यता दिये जाने के जारी आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराये ? यदि नहीं, तो कब तक आदेश जारी कर दिये जावेंगे ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) मान्‍यता के आदेश जारी नहीं हुये हैं। मामला माननीय न्‍यायालय में विचाराधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

संविदा एवं अंशकालिन नियुक्ति में आरक्षण

[सामान्य प्रशासन]

43. ( क्र. 698 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन के विभिन्‍न विभागों/निकायों/मण्‍डल में शासकीय पदों में अनु.जन.जाति/अनु.जाति एवं पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो शासकीय सेवा के पदों में संविदा/अंशकालिन नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान लागू है या नहीं बतावें? (ग) संविदा/अंशकालिन पदों में भर्ती हेतु क्‍या प्रावधान/नियम/आदेश है, एवं आरक्षण संबंधी नियम/प्रावधान की प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय सेवा के पदों में संविदा नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान है किन्‍तु अंशकालीन नियुक्ति में नहीं है।   (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19 सितम्‍बर, 2002 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार।

कुपोषण से मौत का मामला एवं दण्‍डात्‍मक कार्यवाही

[महिला एवं बाल विकास]

44. ( क्र. 720 ) श्री मधु भगत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में विगत तीन वर्षों में किन-किन विकासखण्‍डों में कुपोषण से कितने बच्‍चों/व्‍यक्तियों की आ‍कस्मिक मृत्‍यु हुई है? विकासखण्‍डवार, स्‍थान बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में शासन द्वारा जिले में कुपोषण की जाँच    कब-कब, किन-किन अधिकारी/कर्मचारी की उपस्थिति में करायी गई? जिले में कुल कितने कुपोषित बच्‍चे पाये गये? विकासखण्‍डवार, नामवार, पता सहित जानकारी प्रदाय करें? (ग) शासन द्वारा कुपोषण से हुई मृत्‍यु पर जिम्‍मेदार किन-किन अधिकारियों/ कर्मचारियों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) कुपोषण के संबंध में विगत तीन वर्षों में शासन से किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया? दिनांकवार, वर्षवार, कार्यवार भुगतान कि गई राशि का पूर्ण ब्‍यौरा देवें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषण से मृत्यु की जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न नहीं। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन प्रतिमाह 1-4 तारीख तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लिया जाकर पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। वर्ष 2016-17 में 01 नवम्बर 2016 से 20 जनवरी 2017 की अवधि में आंगनवाड़ी केन्द्रों में पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया गया। कुछ आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं संभागीय संयुक्त संचालक, एकीकृत बाल विकास सेवा, जबलपुर की उपस्थिति में 5 वर्ष तक के बच्चों का वज़न लिया गया है। जिले में मध्यम कम वजन के 25920 बच्चें तथा अतिकम वजन के 1419 बच्चें पाये गए है। अतिकम वजन वाले बच्चों की संधारित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘‘‘ अनुसार है एवं गोशवारा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘‘‘ अनुसार है। (ग) कुपोषण से कोई मृत्यु प्रतिवेदित न होने से शेष का प्रश्न नहीं। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘‘‘ अनुसार है।

पर्यटन स्‍थल को ऐतिहासिक पटल पर सुनियोजित करना

[पर्यटन]

45. ( क्र. 721 ) श्री मधु भगत : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत कौन-कौन से स्‍थान पर्यटन विभाग के अंतर्गत शामिल किये है? सूची उपलब्‍ध करावें। यदि पर्यटन स्‍थलों की सूची संधारित नहीं की जाती तो क्‍यों? (ख) विगत तीन वर्षों से कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से कार्यों में प्रावधानित तथा व्‍यय की गई? योजना, कार्य का नाम, स्‍थान तथा राशि बताये? कार्यानुसार भुगतान की गई राशि कब-कब, किस-किस को चेक/डाफ्ट/नगद की प्रति सहित पूर्ण ब्‍यौरा देवें? (ग) बालाघाट जिले के अंतर्गत सावरझोडी धार्मिक स्‍थल, देवडोंगरी, नरसिंगा, हटटा बावली इत्‍यादि धार्मिक तथा प्राकृतिक रूप से सुन्‍दर एवं महत्‍वपूर्ण स्‍थानों को पर्यटन घोषित करने के लिये कोई योजना है? यदि हाँ, तो कार्यवाही का विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्‍या सर्वेकर इस पर विचार किया जावेगा?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन विभाग के अंतर्गत किसी ''स्‍थल'' को शामिल करने की नीति नहीं है, अत: शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।           (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार(ग) उत्‍तरांश '''' अनुसार। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

हवाई पट्टी का निर्माण

[विमानन]

46. ( क्र. 743 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले में कोई हवाई पट्टी नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता के अता. प्रश्‍न संख्‍या-113 (क्रमांक 7728) दिनांक 1 अप्रैल 2016 के उत्‍तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि जिन जिलों में हवाई पट्टी नहीं है उनमें विभागीय बजट के अनुसार चरणबद्ध रूप से हवाई पट्टी बनाये जाने का सैद्धान्‍तिक निर्णय लिया गया है? हां, तो क्‍या राजगढ़ जिले का नगर ब्‍यावरा जो कि जिले का सबसे बड़ा नगर होकर उद्योगों की स्‍थापना के लिये प्रतीक्षारत है तथा यहां पर लगभग एक हजार हेक्‍टेयर भूमि उद्योग के लिये आरक्षित है, रेल्‍वे स्‍टेशन, चारलेन राष्‍ट्रीय राजमार्ग, पर्याप्‍त जल स्‍त्रोत, सम्‍पन्‍न एवं उपजाऊ कृषि भूमि उपलब्‍ध है,किंतु हवाई पट्टी का अभाव भी पिछड़ेपन का एक महत्‍वपूर्ण कारण है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शासन जिले के औद्योगिक विकास एवं प्रशासनिक व्‍यवस्‍थाओं के कुशल संचालन के दृष्टिगत ब्‍यावरा में हवाई पट्टी का निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। उद्योगों के विकास के लिये हवाई पट्टी अनिवार्य  आवश्यकता नहीं  है और प्रदेश के अधिकांश विकसित ओद्योगिक क्षेत्र हवाई पट्टी से सीधे नहीं जुड़े हैं। ब्‍‍यावरा के लिये  निकटतम  हवाई पट्टी भोपाल केवल 108 किलोमीटर दूरी पर उपलब्‍ध है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिले में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

47. ( क्र. 748 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के किस विकासखण्ड में कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है विकासखण्डवार जानकारी देवें उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों को गत 2 वर्षों में कितना आहार किस वर्ष में उपलब्ध करवाया है वर्षवारी जानकारी देवें? (ख) उपलब्ध करवाये गये आहार की मांग के विरूद्ध कितना पोषण आहार प्राप्त हुआ? (ग) किस प्रदायकर्ता को कितने पोषण आहार का किस दिनांक को कितनी राशि का भुगतान किया गया भुगतान प्रदाय किए गये पोषण आहार के आधार पर किया गया या प्रेषित मांग के आधार पर किया गया?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर जिले में निम्नानुसार परियोजनावार आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है:-

क्र

विकासखण्ड/ परियोजना का नाम

संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं मिनी आं.बा/केन्द्र की सख्या


 
 
कुल योग

आ.वा.केन्द्र

मिनी आ.वा.केन्द्र

1.

नरसिंहपुर

204

29

233

2.

गोटेगॉव

182

03

185

3.

करेली

158

20

178

4.

चॉवरपाठा

181

00

181

5.

चीचली

179

10

189

6.

साईखेड़ा

163

14

177

 

योग

1067

76

1143

06 माह से 03 वर्ष के बच्चे, गर्भवती व धात्री माताओं को एमपीएग्रो के माध्यम से टेकहोम राशन के रूप में विभिन्न रैसिपीनुसार पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जाता है। विगत 2 वर्षों में उपलब्ध कराये गये टेकहोम राशन की वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘01’’ अनुसार है। विगत दो वर्षों में आंगनवाड़ी केन्द्रों में 03 वर्ष से 06 वर्ष तक बच्चों को सांझा चूल्हा कार्यक्रम अन्तर्गत स्वसहायता समूहों द्वारा प्रत्येक दिवस निर्धारित मीनू अनुसार पृथक-पृथक पूरक पोषण आहार प्रदाय किया गया है, वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘02’’ अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले में मॉग के विरूद्ध माह अप्रैल 2015 से मार्च 2016 तक 1890.867 मै.टन एवं अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2016 तक 1685.273 मै.टन पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘01’’ अनुसार है। (ग) सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत स्व सहायता समूहों को पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘02’’ अनुसार राशि का भुगतान किया गया है। स्व सहायता समूहों को राशि का भुगतान उनके द्वारा प्रदाय पोषण आहार के आधार पर किया गया है।

मंदसौर रतलाम जिले में विभाग द्वारा खरीदी गई सामग्री

[महिला एवं बाल विकास]

48. ( क्र. 761 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर, रतलाम जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 1 जनवरी 2015 के पश्चात् विभिन्न मदों में कितना आवंटन किस-किस कार्यों हेतु प्राप्त हुआ, इसका उपयोग किस-किस कार्यों हेतु कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया? (ख) उक्त अवधि में विभाग के भिन्न कार्यों एवं अनियमितता को लेकर किस-किस व्यक्ति ने कब-कब विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की, विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) गत 1 जनवरी 2013 के पश्चात विभिन्न दुर्घटनाओं एव आकस्मिक मृत्यु में विभाग के कितने कर्मचारियों (आगंवाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका एवं अन्य ) की मृत्यु हुई। विभाग द्वारा उनके परिवार को क्या सहायता प्रदान की गई? कर्मचारियों के नाम सहित जानकारी देवें?       (घ) क्या विभाग आगनवाड़ी कार्यकर्ता एव सहायिका के मृत्यु उपरान्त उनके परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति सामान पद पर एवं अन्य सुविधा देने का विचार कर रहा यदि हाँ, तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मंदसौर एवं रतलाम जिले अंतर्गत जनवरी 2015 से फरवरी 2017 तक प्राप्त आवंटन एवं व्यय की मदवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘1‘‘ ‘‘2‘‘ ‘‘3‘‘ ‘‘4‘‘ ‘‘5‘‘ एवं ‘‘6‘‘ अनुसार है। परियोजना अधिकारियों एवं जिला अधिकारियों द्वारा विभागीय योजना के क्रियान्वयन हेतु उपयोग किया गया। (ख) मंदसौर जिले की जानकारी निरंक है। रतलाम जिले की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘7‘‘ अनुसार है। (ग) मंदसौर जिले की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘8‘‘ अनुसार है। रतलाम जिले की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘9‘‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

जनसुनवाई के दिशा-निर्देश

[सामान्य प्रशासन]

49. ( क्र. 785 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र में जिला स्‍तर पर जन-सुनवाई में शासन के दिशा-निर्देश क्‍या है। दिशा-निर्देशों की सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या पन्‍ना की पवई विधान सभा क्षेत्र में जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के प्रकरण किन-किन कार्यालयों में आये एवं उन पर क्‍या कार्यवाही की गई जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या सभी प्रकरणों पर शासन द्वारा कार्यवाही की गई है। यदि नहीं, तो क्‍या इसके लिये कौन-कौन से अधिकारी दोषी है एव उन पर क्‍या कार्यवाही की गई।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे गये परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार(ग) शेष 104 आवेदन पत्रों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

फीडर सेपरेशन (केवलीकरण) कार्य

[ऊर्जा]

50. ( क्र. 809 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कौन-कौन से ग्रामों में फीडर सेपरेशन (केवलीकरण) के कार्य किये जाने हेतु स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई है ग्रामों के नाम बतावें। (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम है जहां पर फीडर सेपरेशन (केवलीकरण) योजना के अंतर्गत स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के पश्‍चात् भी प्रश्‍नांश दिनांक तक कार्य नहीं किया गया है कारण बतावें एवं जवाबदार अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम है जो फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत आते है किन्‍तु स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं होने से छूट गये है तो उक्‍त ग्रामों की स्‍वीकृति कब तक आवेगी समयावधि बतावें। (घ) मेरे विधान सभा क्षेत्र की अंतर्गत विद्युत फीडर सेपरेशन कार्य हेतु विभाग द्वारा कितनी-कितनी रा‍शि खर्च की गई, ग्रामवार की गई खर्च राशि बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) देवास जिले के अंतर्गत खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक फीडर सेपरेशन एवं केबलीकरण के कार्य हेतु कोई भी स्‍वीकृति प्रदान नहीं गई है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसा कोई भी राजस्‍व ग्राम नहीं है जहाँ फीडर सेपरेशन का कार्य स्‍वीकृत होने के उपरांत भी नहीं किया गया है। उक्‍त विधानसभा क्षेत्र के प्रश्‍नाधीन अवधि के पूर्व में स्‍वीकृत समस्‍त 233 राजस्‍व ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण कर उक्‍त में से 177 ग्रामों में केबलीकरण का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है। इस प्रकार वर्तमान में खातेगांव विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत कुल 56 ग्राम ऐसे हैं जिनमें फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण होने के उपरांत केबलीकरण का कार्य किया जाना शेष है। इन ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त 56 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण एवं केबलीकरण का कार्य ए.डी.बी. योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत था। उक्‍त कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स आई.सी.एस.ए. हैदराबाद को कार्यादेश जारी किया गया था। उक्‍त ठेकेदार एजेंसी द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य नहीं किये जाने के कारण उसे जारी कार्यादेश दिनांक 23.03.2012 को निरस्‍त कर दिया गया था एवं रू. 4.10 करोड़ की बैंक ग्‍यारंटी की राशि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जप्‍त कर ली है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नाधीन केबलीकरण का कार्य शेष रहने के लिये पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का कोई भी अधिकारी/कर्मचारी उत्‍तरदायी नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत फीडर सेपरेशन योजना में शामिल ऐसा कोई भी ग्राम नहीं है जहाँ फीडर सेपरेशन की स्‍वीकृत अथवा इलेक्ट्रिकल सेपरेशन का कार्य शेष बचा हो, तथापि केबलीकरण हेतु शेष 56 ग्रामों में केबलीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत स्‍वीकृत है। उक्‍त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु मेसर्स ऑफश्‍योर इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड, मुंबई को दिनांक 23.01.2017 को कार्यादेश जारी कर दिया गया है। (घ) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत फीडर सेपरेशन के कार्य हेतु कार्यादेश ग्रामवार न होकर संचालन-संधारण संभाग कन्‍नौद एवं संचालन-संधारण संभाग बागली को मिलाकर जारी किया गया था। संचालन-संधारण संभाग कन्‍नौद एवं संचालन-संधारण संभाग बागली में फीडर सेपरेशन योजनान्‍तर्गत कुल राशि रू. 47.38 करोड़ का व्‍यय किया गया है।

परिशिष्ट - ''नौ''

अवैध शराब का व्‍यापार

[वाणिज्यिक कर]

51. ( क्र. 813 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वर्ष 2015-16 से प्रश्‍नांश दिनांक तक अवैध शराब पीकर मरने वाले लोगों की संख्‍या कितनी थी एवं कितने प्रकरण दर्ज किये गये? (ख) म.प्र. में यूरिया एवं अन्‍य केमिकल मिलाकर शराब बनाने के व्‍यापार करने वाले कितने लोगों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये है एवं वर्ष 2015-16 से प्रश्‍नांश दिनांक तक म.प्र. की कौन-कौन से जिलों में अधिक प्रकरण दर्ज किये गये? (ग) अवैध शराब का व्‍यापार करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रदेश में अवैध शराब बिक्री पर शासन द्वारा किन-किन माध्‍यमों से अंकुश लगाया गया है या लगाया जावेगा बतावें?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध शराब पीकर मृत्‍यु कारित होने संबंधी कोई प्रकरण आबकारी विभाग के समक्ष प्रकाश में नहीं आने से विभाग द्वारा कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में प्रदेश में, जिला खरगौन को छोड़कर, शेष जिलों में यूरिया एवं अन्‍य हानिकारक कैमिकल मिलाकर शराब बनाने संबंधी कोई प्रकरण आबकारी विभाग के प्रकाश में नहीं आया है। वर्ष 2015-16 में खरगौन जिले में मदिरा में अपमिश्रण का एक प्रकरण आबकारी विभाग द्वारा पंजीबद्ध किया गया है। इस प्रकरण में एक व्‍यक्ति को गिरफ्तार कर सक्षम न्‍यायालय में चालान प्रस्‍तुत किया गया है। (ग) प्रदेश के आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध शराब के निर्माण/धारण/ परिवहन/विक्रय के खिलाफ मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) एवं 34 (2) के अंतर्गत कुल 107697 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। प्रदेश में आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब के निर्माण/धारण/परिवहन/ विक्रय के पंजीबद्ध प्रकरणों की जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 में प्रावधानित अनुसार अवैध शराब के निर्माण/धारण/परिवहन/विक्रय करने वालों के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही हेतु प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर, सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते हैं। (घ) प्रदेश में अवैध शराब बिक्री पर अंकुश लगाये जाने के संबंध में आबकारी एवं पुलिस विभाग में पदस्‍थ कार्यपालिक मैदानी अधिकारियों द्वारा नियमि‍त गश्‍त देकर, संदिग्‍ध वाहनों की आकस्मिक जाँच की जाकर एवं सूचना प्राप्‍त होने पर मदिरा का अवैध व्‍यवसाय करने वालों के विरूद्ध निरंतर कार्यवाही करने के साथ-साथ शिकायतों पर त्‍वरित कार्यवाही कर मदिरा के अवैध निर्माण, धारण,परिवहन एवं विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण रखा जाता है। साथ ही आबकारी विभाग के जिलो में विभागीय दल गठित किया जाकर, सामूहिक रूप से विशेष अभियान चलाया जाकर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों को सूचना प्राप्‍त होने पर, उनके द्वारा मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) एवं 34 (2) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर, सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते है। 

परिशिष्ट - ''दस''

पु‍ल पुलियाओं पर रेलिंग कार्य

[नर्मदा घाटी विकास]

52. ( क्र. 826 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत एन.एच.डी.सी. विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक किन-किन नगरो/ग्रामों के नदी नालों पर पुल/पुलियाओं का निर्माण करवाया गया है? (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने नदी नाले हैं जिन पर पुल पुलिया निर्माण की स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई अगर हां, तो पुल पुलिया का निर्माण किस वर्ष में हुआ? ग्राम का नाम बतावे। (ग) क्‍या ग्राम/नगर के निकट से बहने वाली नदी नालों के पुल पुलियाओं पर रेलिंग लगाने का प्रावधान है या नहीं बतावे? अगर हां, तो रेलिंग वाली पुल पुलिया किस-किस ग्राम में है ग्राम का नाम बतावें। (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में एन.एच.डी.सी. विभाग द्वारा पुल पुलियाओं का निर्माण करवाया गया, किन्‍तु उक्‍त पुल पुलियाओं पर रेलिंग नहीं लगाई क्‍यों? कारण बतावें?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एन.एच.डी.सी. विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक किये गये कार्य संलग्‍न परिशिष्‍ट में अंकित है। (ख) खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संलग्‍न परिशिष्‍ट के अनुसार कार्यों की स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई हैं। पुलिया का निर्माण का वर्ष एवं ग्राम का नाम भी संलग्‍न परिशिष्‍ट में अंकित हैं। (ग) आर.सी.सी. बॉक्‍स पुलिया, रपटा, आर.सी.सी. हयूम पाईप पुलिया एवं छोटी पुलियों पर व्‍हील गार्ड का प्रावधान किया जाता है। रैलिंग का प्रावधान नहीं है। ग्राम दावठा में निर्माणाधीन पुल पर रैलिंग का प्रावधान किया गया है। (घ) जी हाँ, एन.एच.डी.सी. द्वारा पुल पुलियाओं का निर्माण कराया गया है। ग्राम दावठा में बागदी नदी पर निर्माणाधीन पुल पर रैलिंग का प्रावधान किया गया है। शेष उत्‍तरांश '''' अनुसार।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर खाद्यय सामग्री का वितरण

[महिला एवं बाल विकास]

53. ( क्र. 827 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिले के अंतर्गत आंगनवाडि़यों में अध्‍ययनरत छात्र-छात्राओं को पोषण आहार के अंतर्गत किन-किन खाद्य सामग्रियों का वितरण किया जा रहा है? (ख) क्‍या देवास जिले के अलावा अन्‍य जिले में जो खाद्य पदार्थ आंगनवाड़ी के बच्‍चों को दिया जाता है? क्‍या वह कोई अलग तरह का खाद्य पदार्थ है अगर हाँ तो ये विसंगति क्‍यों है? (ग) क्‍या खाद्य पदार्थ (सामग्री) का वितरण बच्‍चों के वजन के मापदण्‍ड अनुसार दिया जाता है? यदि हाँ, तो (बच्‍चों के प्रति किलो वजन) कितने खाद्य सामग्री बच्‍चों के वजन अनुसार दी जाती है? (घ) क्‍या खाद्य सामग्री बच्‍चों की आयु के मान से वितरित की जाती है तो कितने-कितने वर्ष के बच्‍चों को कितनी-कितनी खाद्य सामग्री देने का प्रावधान है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) देवास जिले के अंतर्गत आंगनवाडि़यों के बच्चों को पूरक पोषण आहार के अंतर्गत शासन निर्देशानुसार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार पूरक पोषण आहार का वितरण किया जा रहा है। (ख) समस्त जिले में शासन निर्देशानुसार निर्धारित रैसिपी अनुसार पूरक पोषण आहार प्रदाय किए जाने का प्रावधान है। देवास जिले के ग्रामीण क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत स्व सहायता समूहों द्वारा 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों के लिये निर्धारित किये गये मेनू अनुसार नाश्ता एवं भोजन तथा थर्ड मील प्रदाय किया जा रहा है। 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों को प्रत्येक मंगलवार को सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन प्रदाय किया जा रहा है, जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 में दर्शाया गया है। 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों को एम.पी.एग्रो के माध्यम से टेकहोम राशन के रूप में विभिन्न रैसीपी अनुसार पूरक पोषण आहार प्रति सप्ताह वितरित किया जाता है, जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। जिला कलेक्टर देवास की अध्यक्षता में दिनांक 04.06.2015 को सम्पन्न पोषण आहार चयन समिति की बैठक में लिये गये निर्णयानुसार देवास के शहरी क्षेत्रों में तथा देवास जिले के नगर पंचायत क्षेत्रों में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्रों में शासन द्वारा निर्धारित उपरोक्त मेनू में स्थानीय आवश्यकता व मांग के अनुसार संक्षिप्त परिवर्तन कर नाश्ता एवं भोजन सामग्री हितग्राहियों को प्रदाय की जा रही है। कार्यवाही विवरण की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 पर संलग्न है। (ग) भारत सरकार महिला बाल विकास के निर्धारित नार्म्‍सनुसार खाद्य सामग्री का वितरण बच्चों को आयु के मान से 06 माह से 03 वर्ष तथा 03-06 वर्ष तक वर्गीकृत करके किया जाता है, कुपोषण की स्थिति में वजन के मापदण्ड अनुसार निर्धारित प्रोटीन/कैलोरी की मात्रानुसार 06 माह से 06 वर्ष तक के अति कुपोषित बच्चों को थर्ड मील के रूप में अतिरिक्त रूप से पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 में दिए अनुसार खाद्य सामग्री दी जाती है। (घ) खाद्य सामग्री बच्चों की आयु के मान से वितरित की जाती है जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर संचालित योजनाएं

[महिला एवं बाल विकास]

54. ( क्र. 828 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिले के अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर वर्तमान में जो योजनाएं संचालित की जा रही हैं उन योजनाओं का क्रियान्‍वयन सही तरीके से हो सके इस हेतु विभाग द्वारा क्‍या कोई स्‍थानीय समिति का गठन किया गया है?          (ग) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर बच्‍चों के लिए जो खाद्य सामग्री वितरित की जाती है क्‍या उक्‍त सामग्री बच्‍चों की उपस्थिति के मान से वितरित की जाती है? (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बच्‍चों की खाद्य सामग्री वरिष्‍ठ कार्या. द्वारा प्रतिदिन या प्रति हफ्ते अथवा प्रतिमाह आंगनवाड़ी केन्‍द्र पर दिया जाता है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) देवास जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वर्तमान में पूरक पोषण आहार योजना, मंगल दिवस के अन्तर्गत गोद भराई, अन्न प्राशन, जन्म दिवस, किशोरी बालिका दिवस कार्यक्रम का आयोजन, सुपोषण अभियान अन्तर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन, स्नेह सरोकार कार्यक्रम, लालिमा योजना आदि संचालित की जा रही है। (ख) देवास जिले में जिला स्तर पर जिला स्तरीय निगरानी समिति तथा जिला पंचायत स्तरीय स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास समिति, जनपद स्तरीय स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास समिति तथा ग्राम स्तर पर ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण तदर्थ समिति गठित है। (ग) जी हाँ। (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बच्चों की खाद्य सामग्री वरिष्ठ कार्यालय द्वारा प्रतिदिन या प्रति हफ्ते अथवा प्रतिमाह आंगनवाड़ी केन्द्र पर नहीं दी जाती है। शासन निर्देशानुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 03 से 06 वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन गर्म ताजा पका नाश्ता एवं भोजन स्व सहायता समूहों/महिला मण्डल द्वारा दिया जाता है तथा 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों को टेक होम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार एम.पी.एग्रों द्वारा प्रतिमाह प्रदाय किया जाता है, जिसका वितरण साप्ताहिक रूप से प्रति मंगलवार आंगनवाड़ी केन्द्रों से बच्चों को किया जाता है।

 

दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत कार्य

[ऊर्जा]

55. ( क्र. 836 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की महाराजपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत विगत दो वर्षों में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति विद्युतीकरण योजना के तहत किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया है? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण हैं? कार्य अपूर्ण रहने का क्‍या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्‍त योजना को किस एजेंसी के माध्‍यम से कराया जा रहा है कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्‍या थी? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? समयावधि पूर्ण होन पर पुन: निविदाएं आमंत्रित की जावेगी ? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उक्‍त योजना के तहत अभी तक कितने मजरे टोले जोड़े जाने हेतु शेष है? कब तक जोड़ें जाने की संभावना है? अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई है? शिकायतों की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की जा रही हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जिला छतरपुर के विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर क्षेत्रान्‍तर्गत विगत दो वर्षों में 11वीं (पूरक) एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, जिसे दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनान्‍तर्गत समाहित कर लिया गया है, में किये गये ग्रामीण विद्युतीकरण के पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' में दर्शाये अनुसार है। उक्‍त योजना जिलेवार स्‍वीकृत हुई है तथा जिले में योजनान्‍तर्गत किये गये कार्यों के भुगतान की राशि का लेखा-जोखा विधानसभा क्षेत्रवार संधारित नहीं किया जाता। छतरपुर जिले में उक्‍त योजनान्‍तर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण तथा बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्‍क बी.पी.एल. कनेक्‍शन दिये जाने के कार्यों हेतु भुगतान की गई राशि का योजनावार/वर्षवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' में दर्शाये अनुसार है। योजनान्‍तर्गत अपूर्ण कार्यों को पूर्ण नहीं किये जाने का मुख्‍य कारण कार्य करने वाले श्रमिकों की उपलब्‍धता नहीं होना, पहुँच मार्ग उपलब्‍ध नहीं होना आदि कारणों से ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य सम्‍पादित किया जाना है।     (ख) उत्‍तरांश (क) के अनुसार उक्‍त योजना के क्रियान्‍वयन हेतु चयनित की गई एजेंसी का नाम तथा कार्य पूर्ण करने की समयावधि की जानकारी का योजनावार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' में दर्शाये अनुसार है। 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना अंतर्गत प्रश्‍नाधीन कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। 11वीं (पूरक) पंचवर्षीय योजना अंतर्गत शेष अपूर्ण कार्य माह सितम्‍बर-2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। जी नहीं, समयावधि पूर्ण होने पर नहीं अपितु ठेका निरस्‍त होने के उपरांत पुन: निविदाएं आमंत्रित की जाती है। वर्तमान में उक्‍त ठेकों का अनुबंध निरस्‍त नहीं किया गया है, अत: पुन: निविदाएं आमंत्रित किये जाने का प्रश्‍न ही नहीं है। (ग) वर्तमान में 11वीं (पूरक) पंचवर्षीय योजना में छतरपुर जिले हेतु स्‍वीकृत प्रश्‍नाधीन योजनान्‍तर्गत 362 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है, जिन्‍हें सितंबर-2017 तक विद्युतीकृत किया जाना संभावित है। अनियमितता एवं गुणवत्‍ता संबंधी शिकायतें नहीं अपितु आर.ई.सी. लिमिटेड द्वारा निर्धारित त्रिस्‍तरीय गुणवत्‍ता तंत्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार नियुक्‍त टी.पी.आई.ए. एजेंसी, आर.क्‍यू.एम. एजेंसी एवं एन.क्‍यू.एम. एजेंसी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण कर कार्य की गुणवत्‍ता संबंधी कमियों का प्रतिवेदन आवश्‍यक सुधार हेतु प्रेषित किया जाता है। उक्‍त गुणवत्‍ता संबंधी कमियों की जाँच एवं निराकरण वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी द्वारा संबंधित ठेकेदार से करवाया जाता है। 

परिशिष्ट - ''बारह''

कुपोषण की रोकथाम/इलाज से संचालित योजनाएं

[महिला एवं बाल विकास]

56. ( क्र. 839 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में कुपोषण की रोकथाम व कुपोषित बच्‍चों के इलाज की संचालित किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्‍यय हुई? कितने बच्‍चे गंभीर रूप से कुपोषित (अति कम वजन) कम वजन, मध्‍यम/अतिकम वजन की कुपोषित             कितनी-कितनी बालिकाएं पाई गई है वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित किन-किन परियोजना केन्‍द्रों को किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्‍यय हुई? किन-किन परियोजना केन्‍द्रों में कितने-कितने बच्‍चे अतिकम वजन के, कम वजन के, मध्‍यम वजन के पाये गये। अति कम वजन की कितनी बालिकाएं पायी गई? परियोजनावार/गांवों व बच्‍चों की सूची दें? (ग) प्रश्‍नांकित किन-किन परियोजना केन्‍द्रों में परियोजना अधिकारी के पद पर कब से कौन-कौन पदस्‍थ है? किन-किन परियोजना केन्‍द्रों में पोषण आहार वितरण में की गई अनियमितता गड़बड़ी के लिये दोषी किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘‘‘ अनुसार है। वर्णित अवधि में पोषण स्तर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -‘‘‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘‘‘ अनुसार है। परियोजनावार बच्चों के पोषण स्तर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -‘‘‘‘ अनुसार है। अतिकम वजन वाली बालिकाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -‘‘द-1‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में पदस्थ्य परियोजना अधिकारियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -‘‘‘‘ अनुसार है। बरगी परियोजना में वर्ष 2016-17 में पोषण आहार वितरण में अनियमितता पाये जाने पर शासन द्वारा श्रीमती मोहिनी पटसानिया, परियोजना अधिकारी को तथा कलेक्टर, जबलपुर द्वारा दो पर्यवेक्षकों श्रीमती रेनू पाण्डेय एवं सुश्री संध्या नेमा को निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई।

पुरातत्‍व महत्‍व की इमारतें/धरोहर

[संस्कृति]

57. ( क्र. 840 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में पुरातत्‍व महत्‍व की प्राचीन ऐतिहासिक व दर्शनीय कौन-कौन सी इमारतें/धरोहर, मंदिर, कुंआ, तालाब, बावडि़यां कहाँ-कहाँ पर है? इनके रख-रखाव, मरम्‍मत व देखभाल की क्‍या व्‍यवस्‍था है। इसके लिये कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि किन कार्यों में व्‍यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में कौन-कौन सी प्राचीन धरोहरें अत्‍याधिक जर्जर, खण्‍डहार व गिरने की स्‍थि‍ति में है? इनका पुनर्निर्माण व मरम्‍मत कार्य न कराने का क्‍या कारण है? इनके संरक्षण संवर्धन की क्‍या योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) में गौड़कालीन रानी दुर्गावती के किले का उचित ढंग से रखरखाव, मरम्‍मत व सुधार कार्य कराने हेतु कब-क्‍या प्रस्‍ताव बनाया गया है तथा इसे स्‍वीकृति के लिये कब कहाँ भेजा गया है? शासन ने इस पर क्‍या कार्यवाही की है?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी परिशिष्ट अनुसार. (ख) जिले में स्थित राज्‍य संरक्षित स्‍मारक ‘‘अत्‍याधिक जर्जर, खंडहर व गिरने की स्थिति’’ की श्रेणी में नहीं आते. आवश्‍यकतानुसार समय-समय पर उनका रख-रखाव एवं अनुरक्षण कार्य किये जाने का प्रावधान है. (ग) प्रश्‍नाधीन स्‍मारक भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण के अधीन है. अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता.

परिशिष्ट - ''तेरह''

लोधी सागर परियोजना बरगी पाटन की विभिन्‍न कॉलोनियों का रख-रखाव

[नर्मदा घाटी विकास]

58. ( क्र. 849 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍य अभियंता रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बरगी जिला जबलपुर के तहत संभाग क्र. 2 व बरगी हिल्स बायीं तट नहर वितरण संभाग पाटन के तहत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी कॉलोनियां है? इन कॉलोनियों में किस-किस टाईप के कितने-कितने आवास निर्मित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में कॉलोनियों के रख-रखाव, मरम्‍मत संधारण व सुधार कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन कार्यों में व्‍यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांकित किन-किन कॉलोनियों में किस-किस टाईप के कितने भवनों का कौन-कौन सा कार्य किस एजेंसी से कितनी राशि में कराया गया है तथा इसकी जाँच कब-कब किसने की है? किन-किन कॉलोनियों में किस-किस टाईप के कितने- कितने भवन अत्‍याधिक जर्जर, कमजोर, खण्‍डहर व गिरने की स्थिति में है? किस-किस टाईप के कितने-कितने भवनों में कौन-कौन सी मूलभूत सुविधाएं/शौचालय नहीं हैं एवं क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-‘’'', '''', '''' एवं ''’’ अनुसार है। बरगी हिल्‍स जबलपुर की आवासीय कालोनी के आई-2 टाईप के 35 भवनों में शौचालय पूर्णत: क्षतिग्रस्‍त होने के कारण मूलभूत सुविधा उपलब्‍ध नहीं है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में कार्यकर्ताओं की भर्ती

[महिला एवं बाल विकास]

59. ( क्र. 864 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला अनूपपुर में वित्‍तीय वर्ष 2015-16 एवं 16-17 में नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोला गया है? यदि हाँ,तो विकासखण्‍ड एवं पंचायतवार उल्‍लेख करें? (ख) प्रश्नांश (क) में स्‍वीकृत आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में क्‍या कार्यकर्ता एवं सहायिक की भर्ती की जा चुकी है? यदि हाँ, तो भर्ती नियम बतावें, वर्णित केन्‍द्रों में किस समिति के माध्‍यम से किस केन्‍द्र में किस अभ्‍य‍र्थी का चयन किया गया है? चयन का आधार क्‍या लिया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में चयनित महिलाओं के अतिरिक्‍त कुल कितने आवेदन प्राप्‍त हुए है, प्राप्‍त आवेदन पत्रों में से साक्षात्‍कार हेतु कितने लोगों को आमंत्रित किया गया था? सूची उपलब्‍ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला अनूपपुर में वित्तीय वर्ष 2015-16 में निरंक तथा 2016-17 में 32 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 04 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति शासन से प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एकअनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत 32 आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 29 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के 31 एवं स्वीकृत 04 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में 04 उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पदों पर पदपूर्ति की कार्यवाही कर ली गई है। विभागीय ज्ञाप क्र/एफ 3-2/06/50-2 दिनांक 10.07.2007 में वर्णित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के चयन एवं नियुक्ति के संशोधित निर्देशों के अनुसार निर्धारित योग्यता धारित अभ्यर्थियों के चयन की कार्यवाही जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा की गई। चयनित अभ्यर्थियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट दोअनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में जिला अनूपपुर की बाल विकास परियोजनाओं में निम्नानुसार आवेदन पत्र प्राप्त हुए है:- (1) बाल विकास परियोजना अनूपुर 244, (2) बाल विकास परियोजना जैतहारी 255, (3) बाल विकास परियोजना कोतमा 108 तथा (4) बाल विकास परियोजना पुष्पराजगढ़ में 113 आवेदकों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति निर्देशों में शासन द्वारा साक्षात्कार का कोई प्रावधान नहीं रखे जाने से शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

अवैध शराब परिवहन विक्रय एवं संग्रहण पर कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

60. ( क्र. 875 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं कटनी जिले के अंतर्गत देशी व विदेशी मदिरा की दुकानें किन स्‍थानों पर किनके स्‍वामित्‍व में संचालित हैं? देशी व विदेशी मदिरा के संदर्भ में संचालक का नाम, स्‍थान, पता सहित विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांकित जिले में जो देशी-विदेशी दुकानें संचालित हैं, उनके सामने पार्किंग के लिये स्‍थान है या नहीं? शराब की दुकानें प्रमुख मार्गों में होने के कारण यातायात प्रभावित होता है, जिससे प्रमुख मार्गों से शराब की दुकानें हटाकर यातायात प्रावधानों के तहत संबंधित दुकानों के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2016-17 में सतना एवं कटनी जिले के अन्‍तर्गत देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों के स्‍थान, स्‍वामित्‍व संचालक का नाम, स्‍थान पता सहित जानकारी विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) सतना एवं कटनी जिले में संचालित देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें ऑफ व ऑन श्रेणी में है, जो दुकानें ऑन श्रेणी की है उन पर बैठ कर पीने की सुविधायें है, उन दुकानों पर पार्किग की व्‍यवस्‍था है। ऑफ श्रेणी की दुकानों पर बैठकर शराब पीने की सुविधा नहीं है, ऑफ श्रेणी की विदेशी मदिरा दुकानों में शॉप-बार का लायसेंस पार्किंग की व्‍यवस्‍था होने पर ही जारी किया गया है। ऐसी स्थिति में यातायात प्रभावित नहीं होता है। माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील क्रमांक 12164-12166/2016 में पारित आदेश दिनांक 15.12.2016 के अनुसार राष्‍ट्रीय राजमार्ग/राज्‍य राजमार्गों पर संचालित दुकानों को राष्‍ट्रीय राजमार्ग/राज्‍य राजमार्गों से 500 मीटर दूर दुकान आवंटित किये जाने का प्रावधान निर्धारित किया गया है। यातायात में व्‍यवधान का प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

विभाग की गतिविधियां

[आनन्द]

61. ( क्र. 925 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनन्‍द विभाग का गठन कब किया गया है? (ख) विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी गतिविधियां सम्मिलित की गई है? (ग) विभाग की गतिविधियों से किन वर्ग के समाज जीवन को किस प्रकार लाभान्वित किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग के गठन का आदेश दिनांक 6 अगस्‍त, 2016 को जारी किया गया। (ख) विभाग के अंतर्गत आनंद उत्‍सव, आनंदम तथा आनंद सभा गतिविधियां की जा रहीं है। आनंद उत्‍सव के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 14 से 21 जनवरी के बीच खेल तथा सांस्‍कृतिक आयोजन किये गये। जरूरतमंदों को आनंदम कार्यक्रम के अंतर्गत मदद करने की व्‍यवस्‍था की गई है। शैक्षणिक संस्‍थाओं में विद्यार्थियों को जीवन कौशल सिखाने के लिए आनंद सभाएं आयोजन करने की तैयारी की जा रही है। (ग) आनंद विभाग की गतिविधियों से समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित किया जाएगा। यह लाभ विभाग की विभिन्‍न गतिविधियों के माध्‍यम से पहुंचाया जा सकेगा।

घरेलू सौर ऊर्जा योजना

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

62. ( क्र. 926 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भारत सरकार ने कोई नयी घरेलू सौर ऊर्जा नीति घोषित की है और उसमें विभाग की कोई भागीदारी सुनिश्चित हुई है? (ख) घरेलू सौर ऊर्जा पर प्रत्‍येक किलोवाट के कितने व्‍यय पर केन्‍द्र व राज्‍य द्वारा कितना अनुदान प्रदान किया जाना सुनिश्चित किया गया है? (ग) क्‍या घरेलू सौर ऊर्जा को अधिकाधिक प्रोत्‍साहित करने हेतु किन्‍हीं बैंकों से न्‍यूनतम ब्‍याज पर ऋण उपलब्‍ध कराने की योजना बनायी है? (घ) क्‍या विभाग द्वारा जिलावार कोई उत्‍पादन लक्ष्‍य और कोटा निर्धारित किया है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, नई दिल्‍ली, भारत सरकार द्वारा घरेलू हितग्राहियों के लिये सौर फोटोवोल्‍टेइक पॉवर प्‍लांट की स्‍थापना हेतु वित्‍तीय सहायता प्रावधानित है। प्रदेश में इस योजना के क्रियान्‍वयन हेतु नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. को नोडल एजेन्‍सी बनाया गया है। (ख) घरेलू सौर ऊर्जा संयंत्रों पर 30 प्रतिशत अनुदान केन्‍द्र (अधिकतम रू. 22,500/- प्रति कि.वा.) उपलब्‍ध कराया जायेगा। राज्‍य शासन द्वारा फिलहाल घरेलू सौर ऊर्जा संयंत्रों पर अनुदान नहीं है। (ग) घरेलू सौर ऊर्जा को अधिकाधिक प्रोत्‍साहित करने हेतु बैंकों से कम ब्‍याज दर पर ऋण उपलब्‍ध कराने की योजना संचालित है। (घ) विभाग द्वारा जिलावार उत्‍पादन का लक्ष्‍य और कोटा निर्धारित न किया जाकर मांग अनुसार स्‍थापनाएं की जाएगी।

रीवा जिले के गुढ़ (बदवार) में स्‍थापित सौर ऊर्जा संयंत्र

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

63. ( क्र. 948 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला के गुढ़ विधानसभा में स्‍थापित सौर ऊर्जा सयंत्र (प्‍लान्‍ट) की कितनी मूल लागत व बजट स्‍वीकृत है, डी.पी.आर. के साथ हेडवार लागत की सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश '' के संदर्भ में उक्‍त परियोजना के प्‍लान्‍ट स्‍थापना एवं पूर्ण करने के लिए कौन-सी कार्य एजेन्‍सी या शासन का विभाग व संस्‍था तय किया गया है। एजेन्‍सी द्वारा किये गये करारनामे व अनुबंध की प्रति उपलब्‍ध करायें।          (ग) प्रश्नांश '' के संदर्भ में परियोजना द्वारा जनित ऊर्जा का वितरण एवं उपयोग व लाभ किन-किन को दिया जावेगा, क्षेत्रवार, विभागवार जानकारी देवें। (घ) परियोजना के संचालन हेतु स्‍टॉफ स्‍ट्रेक्‍चर की सूची देवें, तथा पदांकित अधिकारी/कर्मचारी कहाँ के होंगे, पदस्‍थापना हेतु क्‍या आरक्षण नियमों का पालन किया जावेगा? स्‍टॉफ की सूची जातिवार, वर्गवार देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा में स्‍थापनाधीन सौर संयंत्र की अनुमानित मूल लागत रूपये 4500/- हजार करोड़ है। इस हेतु कोई बजट प्रावधान नहीं है, और परियोजना का विकास निजी क्षेत्र द्वारा किया जाना है। अत: परियोजना विकास हेतु डी.पी.आर. भी निजी क्षेत्र द्वारा ही विकसित किया जाएगा।    (ख) परियोजना के क्रियान्‍वयन हेतु दिनांक 08.05.2015 को सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया (SECL) व म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के मध्‍य 'ज्‍वाइंट वैंचर कम शेयरहोल्‍डर्स एग्रीमेन्‍ट' हस्‍ताक्षरित किया गया एवं संयुक्‍त कम्‍पनी 'रीवा अल्‍ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड' (RUMSL) का गठन किया गया। ज्‍वाइंट वैंचर कम शेयर होल्‍डर्स एग्रीमेंट व कम्‍पनी के गठन हेतु प्रमाण पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) परियोजना से 1578 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्‍पादन मानक आधार पर अनुमानित है, जिसमें से 345 मिलियन यूनिट ऊर्जा दिल्‍ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को एवं 1233 मिलियन यूनिट ऊर्जा मध्‍य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कम्‍पनी लि. को दी जानी है। (घ) वर्तमान में परियोजना हेतु स्‍टॉफ स्‍टेक्‍चर निर्मित नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शहडोल जिलांतर्गत विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

64. ( क्र. 951 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायत के प्रत्येक ग्रामों में विद्युतीकरण योजना के तहत टोले मजरों में विद्युतीकरण किये जाने का कार्य संचालित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना के तहत क्‍या समस्त पात्र हितग्राहियों के माकान तक विदयुतीकरण का कार्य पूरा कराया जा चुका है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्णता का सत्यापन किस सक्षम अधिकारी के द्वारा कराया गया है? (ग) क्या उक्त विद्युतीकरण योजना में ब्यौहारी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम ओदारी तथा जयसिंहनगर जनपद क्षेत्रांतर्गत ग्राम भैंसहा का झिरियाटोला भी है? यदि हाँ, तो ग्राम ओदारी में कई माह से सर्विस वायर खराब होनें के कारण विद्युत प्रवाह बंद है और ग्राम झिरिया टोला में विद्युत पोल गाड़नें के उपरांत वायरिंग नहीं किया गया है। यदि हाँ, तो क्यों? (घ) ग्राम ओदारी में गुणवत्ता विहीन वायर को उपयुक्त मानकर किस संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा संबधित ठेकेदार को भुगतान की अनुशंसा की गई है और ऐसे जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्‍तर्गत शहडोल जिले के ब्‍यौहारी जनपद पंचायत के 153 ग्रामों में से 83 ग्रामों एवं उनके 100 तथा 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों तथा जयसिंह नगर जनपद पंचायत के 204 ग्रामों में से 100 ग्रामों एवं उनके 100 तथा 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। (ख) प्रश्‍नाधीन योजना के अन्‍तर्गत मुख्‍य आबादी क्षेत्र से अत्‍याधिक दूरी पर बसे घरों को छोड़कर पात्र हितग्राहियों के घरों/मकानों को विद्युत प्रदाय सुलभ कराने हेतु विद्युतीकरण कार्य कराया गया है एवं उक्‍त कार्यों का सत्‍यापन मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के तहत योजनान्‍तर्गत पदस्‍थ नोडल अधिकारी एवं कार्यपालन अभियंता (डी.आर.सी) द्वारा जारी किया गया है। (ग) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में ब्‍यौहारी जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम ओदरी (सेंसस कोड-500872) तथा जयसिंह नगर जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम भैंसहा (सेंसस कोड-501054) एवं ग्राम झिरिया टोला (सेंसस कोड-501057) के विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित किया गया है। उक्‍त ग्रामों में योजना के प्रावधानों के अनुसार विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है तथा वर्तमान में इन ग्रामों में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।                         (घ) एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में सामग्री की गुणवत्‍ता का परीक्षण कराने पर उपयुक्‍त पाये जाने के उपरान्‍त ही उसका उपयोग किया जाता है। प्रश्‍नाधीन ग्राम में विद्युतीकरण कार्य हेतु उपयोग की गयी एल.टी.केबल मानक स्‍तर की ही लगाई गयी है एवं तदानुसार भुगतान की अनुशंसा की गयी है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता। 

आनन्द विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम

[आनन्द]

65. ( क्र. 952 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में आनन्द विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना के क्रियान्वयन में प्रश्न दिनांक तक उक्त जिले को कितनी राशि आवंटित की गई है और आवंटित राशि में से कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किये गये, विभिन्न कार्यक्रमों में किस-किस कार्य के लिये कितनी-राशि खर्च की गई तथा राशि व्यय के संबंध में कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई? जिले के अंदर प्रत्येक कार्यक्रम में कितनी राशि व्यय की गई? व्यय की गई राशि के समस्त बिल बाउचर सहित जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) आनंद उत्‍सव के आयोजन के लिए शहडोल जिले के 391 ग्राम पंचायतों के 130 क्‍लस्‍टर बनाकर प्रति क्‍लस्‍टर 15000 रूपये के मान से रूपये 19.50 लाख की राशि पंचायत विभाग द्वारा आवं‍टित की गई। आनन्‍द उत्‍सव कार्यक्रम 14 जनवरी 2017 से 21 जनवरी 2017 तक विभिन्‍न तिथियों में आयोजित किया गया। जिसमें सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक खेलकूद जैसे- दौड़, खो-खो, कबड्डी, बॉलीबाल, कुर्सीदौड़, चम्‍मच दौड़, रस्‍साकसी आदि कार्यक्रम आयोजित किये गये। आयोजित कार्यक्रम में संबंधित क्‍लस्‍टर ग्राम पंचायतों द्वारा बैठक व्‍यवस्‍था, कुर्सी, पंडाल, माइकसेट, चाय, नास्‍ता, लंच पैकेट, पुरूस्‍कार वितरण, प्रमाण पत्र एवं खेलकूद सामग्री पर व्‍यय किये गये। राशि का व्‍यय स्‍थानीय स्‍तर पर चयनित समूह की ग्राम पंचायत के द्वारा व्‍यय किये जाने की व्‍यवस्‍था की गई। व्‍यय संबंधी बिल बाउचर का संधारण, संबंधित पंचायत के द्वारा किया जाता है।

पदोन्नति न दिए जाने संबंधी आदेश निर्देश

[सामान्य प्रशासन]

66. ( क्र. 956 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पदोन्नति नियम 2002 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा निरस्त किये जाने के फलस्वरूप प्रदेश के शासकीय सेवकों को वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति न दिए जाने संबंधी आदेश/निर्देश शासन द्वारा जारी किये गए हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या 30 अप्रैल 2016 के बाद से प्रदेश के शासकीय सेवकों की वरिष्ठता के आधार पर दी जाने वाली पदोन्नति लंबित हैं, यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या प्रदेश के शासकीय सेवकों को सेवा में आगे बढ़ने के लिए म.प्र. शासन ने विभागों को कड़े आदेश/निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश के राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, कौशल विकास विभाग में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवकों को पदोन्नति से वंचित क्‍यों रखा गया है? (घ) क्या इन शासकीय सेवकों को अविलम्ब पदोन्नति दिए जाने की कोई योजना है? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) मान. उच्‍च न्‍यायालय के आदेश पर मान. सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा यथास्थिति के आदेश दिये जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। 

बैकलाग के रिक्त पदों की भर्ती को ठेके पर दिया जाना

[सामान्य प्रशासन]

67. ( क्र. 957 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश के समस्त विभागों में बैकलाग के रिक्त पदों की भर्ती को ठेके पर दिया गया है? यदि नहीं, तो सतना जिले के निर्वाचन कार्यालय हेतु कम्प्‍यूटर आपरेटर सहित अन्य पदों की भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन क्यों नहीं किया गया है,यदि किया गया है तो अनुमोदित रोस्टर सहित भर्ती किये गए कर्मचारियों की वर्गवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या बैकलाग निर्धारण के बिना संविदा एवं आउटसोर्स के आधार पर की गई उक्त भर्तियों के विरुद्ध जाँच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए भर्तियाँ निरस्त की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। राज्य शासन द्वारा वर्ष 2016 में मतदाता सूची तथा चुनाव कार्य में मतदाता को अच्छी सुविधा देने के आशय से जिला निर्वाचन कार्यालय, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कार्यालय एवं सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कार्यालयों के लिए कलेक्टर दर पर आउट सोर्स के माध्यम से डाटा एन्ट्री आपरेटर, सहायक प्रोग्रामर एवं भृत्य के पद स्वीकृत किये गये थे। कलेक्टर, सतना द्वारा इन स्वीकृत पदों पर नियमानुसार पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए आउट सोर्स देने वाली संस्था का चयन किया गया है। आउट सोर्स में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अतः रोस्टर का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

सबलगढ़ नगर किला तलहटी में काबिज लोगों का विस्‍थापन

[संस्कृति]

68. ( क्र. 972 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुरैना जिले के सबलगढ़ नगर में किला तलहटी में लम्‍बे समय से मकान बनाकर एक हजार से अधिक परिवार निवास कर रहे हैं? जनवरी 2017 की क्‍या स्थिति है? (ख) क्‍या दो सौ मीटर के दायरे में स्थित सभी आवासों को तोड़ने का कार्यक्रम जिला पुरातत्‍व विभाग बना रहा है, अभी तक बसाहट रोकने का प्रयास क्‍यों नहीं किया? (ग) उक्‍त परिवार जो आर्थिक रूप से कमजोर है, उनके विस्‍थापन की शासन द्वारा कोई वैकल्पिक योजना बनाई है? जानकारी दी जावें।

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. जनवरी, 2017 में यथावत स्थिति है. (ख) जी नहीं. नवीन बसाहट नहीं है, पूर्व जैसी स्थिति है. (ग) जी नहीं. 

कृषि भूमि सर्च में छूट

[वाणिज्यिक कर]

69. ( क्र. 989 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैंकों द्वारा अधिकृत अभिभाषकों को कृषि भूमि सर्च करने के संबंध में छूट हेतु क्‍या नियम है? नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें? उक्‍त संबंध में 1 अप्रैल 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक जारी पत्र, परिपत्र एवं प्रकाशित राजपत्र की प्रति उपलब्‍ध करावें?         (ख) प्रश्‍नांश '' की जानकारी अनुसार बैंको के संबंध में छूट प्राप्‍त कर सर्च कराने हेतु ई-पंजीयन योजना क्‍या प्रावधान रखे गये है तथा उक्‍त छूट की रसीद कटाकर बैंकों के अधिकृत अभिभाषक किस प्रकार उक्‍त अवधि की सर्च कर सकते है? (ग) प्रश्‍नांश '' की जानकारी अनुसार ई-पंजीयन योजना के साफ्टवेयर में इस बाबत कोई प्रावधान नहीं रखा गया है तो कब तक उक्‍त संशोधन कर दिया जावेगा? अभी तक उक्‍त प्रावधान नहीं रखने लिए कौन अधिकारी दोषी है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) छूट का प्रावधान म.प्र.शासन वाणिज्यिक कर विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ बी-4-22-2014 2-पाँच (31), दिनांक 12.12.2014, जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- '' अनुसार है, में दी गई छूट तथा कमी की सूची के अंतर्गत कंडिका क्रमांक 25 में दिया गया है जो निम्‍नानुसार है:- अधिसूचना क्रमांक एफ बी-7 (बी) -13-2014-2-पाँच (27), दिनांक 08 अगस्‍त 2014, जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- '' अनुसार है, के द्वारा जारी रजिस्‍ट्रीकरण फीस सारणी के अनुच्‍छेद- सात के खण्‍ड (ग) में अंतर्विष्‍ट किसी बात के होते हुए भी प्राधिकृत बैंकों से कृषि प्रयोजन हेतु ऋण लेने के प्रयोजन के लिए निरीक्षण की मंजूरी देने के लिए शुल्‍क निम्‍नानुसार होगा:- (एक) अनूसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अंतर्गत आने वाले भूमि स्‍वामी : कुछ नहीं (ख) भूमिस्‍वामी, जो उपर मद (एक) के अंतर्गत न आते हों तथा 10 हैक्‍टेयर से अनधिक भूमि धारण करते हों : 50 रूपये। (ख) प्रश्‍नांश '' की जानकारी अनुसार छूट के प्रावधान ई-पंजीयन की प्रणाली संपदा में रखे गए हैं। संपदा प्रणाली में न केवल बैंकों द्वारा अधिकृत अधिवक्‍ताओं अपितु समस्‍त उपयोगकर्ताओं के लिए सर्च की सुविधा नि:शुल्‍क प्रदाय करने का प्रावधान रखा गया है। अतएव छूट की रसीद काटने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

आनन्‍द विभाग की योजनाएं

[आनन्द]

70. ( क्र. 994 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनंद विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं है? योजनाओं की प्रति उपलब्‍ध करावें? आनंद विभाग में कौन-कौन से सदस्‍य है? सदस्‍यों की सूची उपलब्‍ध करावें? कुल सदस्‍यों में से कितने सदस्‍य नियुक्‍त किये गये है एवं कितने पद रिक्‍त है? सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) विभाग में सम्‍भाग स्‍तर, जिला स्‍तर, तहसील स्‍तर पर भी सदस्‍यों के नियुक्‍त होने के संबंध में कोई प्रावधान है? अथवा नहीं? यदि है, तो कितने पदों पर सदस्‍यों की नियुक्ति हो चुकी है एवं कितने पद रिक्‍त है? सूची उपलब्‍ध करावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्तमान में आनंद विभाग के अंतर्गत       1. आनंद उत्‍सव 2. आनंदम तथा 3. आनंद सभा कार्यक्रम निर्धारित किये गये है। संबंधित जानकारी की प्रति पुस्‍तकालय में रखे गये परिशिष्‍ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है। आनंद विभाग में सदस्‍यों की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में लागू नहीं।

आवंटित राशियों की जानकारी

[वित्त]

71. ( क्र. 1006 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार को केन्‍द्र सरकार द्वारा अप्रैल, 2004 से मार्च 2014 तक के वर्षों के दौरान आवंटित धनराशि का वर्षवार ब्‍यौरा क्‍या है? (ख) उक्‍त प्राप्‍त धनराशियों में से कुल वर्षवार कितनी-कितनी धनराशियों को किस कार्य योजनान्‍तर्गत विभागवार खर्च किया गया? तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दी जाय।

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नांश (क) की जानकारी संबधित वित्‍तीय वर्षों के वित्‍त लेखों में उपलब्‍ध है। जैसे की वर्ष 2015-16 का विवरण वित्‍त लेखे के खण्‍ड-2, परिशिष्‍ट-5 पर अवलोकनीय है उक्‍त वित्‍त लेखे विधानसभा के पुस्‍तकालय में उपलब्‍ध है। (ख) उपर्युक्‍त (क) अनुसार धनराशियों के विभागवार व्‍यय का ब्‍यौरा संबंधित वर्षों के वित्‍त लेखे में विधानसभा के पुस्‍तकालय में अवलोकनीय है।  

व्‍यावसायियों की एफ.डी.आर. का नवीनीकरण

[वाणिज्यिक कर]

72. ( क्र. 1043 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्‍यक कर विभाग जिला शिवपुरी के कार्यालय में वर्तमान में श्‍योपुर जिले के किन-किन पंजीकृत व्‍यापारियों की कितनी-कितनी राशि की एफ.डी.आर. सिक्‍योरिटी के रूप में जमा है इनकी मियाद समाप्ति की तिथि क्‍या है? (ख) क्‍या उक्‍त संबंधित व्‍यापारियों को उनकी एफ.डी.आर. की मियाद समाप्ति के पश्‍चात इसका नवीनीकरण कराने की सूचना पत्र द्वारा यथासमय दी गई अथवा दी जाती है यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या पंजीकृत व्‍यापारियों को एफ.डी.आर. के नवीनीकरण की सूचना यथासमय नहीं दिये जाने के कारण वे अपनी एफ.डी.आर. का नवीनीकरण नहीं करा पाते इस कारण उन्‍हें ब्‍याज की क्षति होती है? (घ) इस क्षति के लिये कौन उत्‍तरदायी हैं, के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए क्‍या शासन जिले के समस्‍त पंजीकृत व्‍यापारियों को भविष्‍य में उक्‍त सूचना रजिस्‍टर्ड डाक से यथासमय देने हेतु विभाग को निर्देशित करेगा यदि नहीं, तो क्‍यों?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) केन्‍द्रीय विक्रय कर अधिनियम 1956 की धारा 7 (3ए) के अधीन पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्ति समय प्रतिभूति मियाद समाप्ति पश्‍चात् आवश्‍यक होने पर अतिरिक्‍त प्रतिभूति प्राप्‍त करने का प्रावधान है। अधिनियम की धारा 7 (3सी) के अनुसार प्रति‍भूति एफ.डी.आर. सहित की समयावधि समाप्‍त होने के 30 दिवस के भीतर संबंधित पंजीकृत डीलर की ओर से पंजीकरण प्राधिकारी को तत्‍संबंधी सूचना देते हुए 90 दिवस के भीतर पुरानी समय बाह्य प्रतिभूति के स्‍थान पर नवीन प्रतिभूति प्रस्‍तुत किया जाना अपेक्षित है। पंजीकरण अधिकारी अथवा विभाग से प्रतिभूति की अवधि समाप्‍त होने की सूचना देना प्रावधानित व अपेक्षित नहीं है। (ग) प्रतिभूति/एफ.डी.आर. प्रस्‍तुतकर्ता डीलर्स को एफ.डी.आर. प्रस्‍तुत करते समय उसकी समय-सीमा समाप्‍त होने की तिथि की सम्‍यक जानकारी होती है। समयावधि समाप्‍त होने के उपरांत पूर्व में प्रस्‍तुत एफ.डी.आर. के स्‍थान पर नवीन एफ.डी.आर. प्रस्‍तुत करने अथवा पुरानी एफ.डी.आर. का नवीनीकरण कराने का दायित्‍व स्‍वयं डीलर का है। समय-सीमा समाप्‍त होने के बाद एफ.डी.आर. का नवीनीकरण समय-सीमा समाप्‍त होने की तिथि से आगामी निर्दिष्‍ट अवधि तक के लिये निरंतरता के आधार पर किया जाता है। इसमें ब्‍याज की हानि संभावित नहीं है। वर्तमान में ऑनलाईन बैंकिंग प्रणाली प्रचलन में आने से एफ.डी.आर. की समयावधि समाप्‍त होने के उपरांत संबंधित बैंक द्वारा स्‍वयं ही एफ.डी.आर. की परिपक्‍वता की सूचना पंजीकृत मोबाईल फोन पर एसएमएस द्वारा दी जाकर धारक के निर्देश की अपेक्षा की जाती है। तथा यह भी संसूचित किया जाता है कि धारक से नवीन निर्देश न प्राप्‍त होने पर पुरानी शर्तों के अधीन एफ.डी.आर. का नवीनीकरण स्‍वयं बैंक द्वारा किया जावेगा। अत: एफ.डी.आर. धारक को ब्‍याज की क्षति होने की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (घ) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर से स्‍पष्‍ट है कि एफ.डी.आर. धारकों को ब्‍याज की क्षति की स्थिति निर्मित नहीं होती है। अत: पंजीकरण अधिकारी/विभाग का उत्‍तरदायित्‍व उत्‍पन्‍न नहीं होता है। यद्यपि प्रतिभूति/एफ.डी.आर. की परिपक्‍वता अवधि व्‍यतीत होने के उपरांत नवीन प्रतिभूति प्रस्‍तुत करने अथवा पुरानी प्रतिभूति का नवीनी‍करण कराने का दायित्‍व स्‍वयं डीलर्स का है। तथापि इस संबंध में पंजीकरण अधिकारी द्वारा निम्‍नानुसार कार्यवाही की जाती है:- 1.अ जिन डिलर्स द्वारा नवीनीकरण हेतु पुरानी एफ.डी.आर. की मांग की जाती है उन्‍हें प्राथमिकता से उपलब्‍ध कराई जाती है। 2.ब श्‍योपुर के पंजीकृत डीलर्स सं संबंधित ऐसी समस्‍त एफ.डी.आर. जिनकी परिपक्‍वता अवधि समाप्‍त हो चुकी है किन्‍तु संबंधित डीलर्स द्वारा पूर्व में प्रस्‍तुत एफ.डी.आर. के स्‍थान पर नवीन एफ.डी.आर. नहीं प्रस्‍तुत की गई है ऐसी स्थिति में पुरानी एफ.डी.आर. को नवीनीकरण हेतु संबंधित बैंकों की ओर स्‍वयं पंजीकरण अधिकारी द्वारा भेजा गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

विद्युत लाईनों के तार बदलना

[ऊर्जा]

73. ( क्र. 1044 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या-88 (क्रमांक 1039) दिनांक 06.12.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में जानकारी दी थी कि ग्राम अडूसा से दॉतरदा, भोगिका से दॉतरदा लाईनों के तार बदलने का कार्य प्रगति पर है कतिपय कारणों से प्रगतिरत कार्य को दिसम्‍बर 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास है तो क्‍या उक्‍त दोनों लाईनों के तार बदल दिए गए है यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या उक्‍त लाईनों के तार जर्जर स्थिति में होने के कारण वे बार बार टूटते रहते हैं इस कारण विद्युत सप्‍लाई तो बाधित होती है साथ ही हर समय जनधन हानि की संभावना भी बनी रहती है इस कारण उक्‍त लाईनों के तार अविलम्‍ब बदले जाने की आवश्‍यकता है? (ग) क्‍या अब उक्‍त दोनों लाईनों के तार शीघ्र बदले जावेंगे यदि हाँ, तो इस हेतु निश्चित समय-सीमा बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विगत विधानसभा सत्र में प्रश्‍न क्रमांक 1039 दिनांक 06.12.2016 के उत्‍तर में प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित जानकारी दी गई थी। श्‍योपुर जिले के ग्राम अडूसा सें ग्राम दांतरदा एवं ग्राम भोगिका से ग्राम दातरदा तक पुरानी विद्युत लाईनों के तार बदलने का कार्य दिनांक 26.12.2016 को पूर्ण कर दिया गया है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

 

 

दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना का क्रियान्‍वयन

[ऊर्जा]

74. ( क्र. 1103 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंडित दीनदयाल ज्‍योति योजना अंतर्गत कृषि कार्य हेतु क्या-क्‍या नीति निर्धारित है व इसके लिये शासन ने क्‍या मार्गदर्शिका बनाकर क्रियान्‍वयन हेतु प्रचलन में है, की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) योजना प्रारंभ से जनवरी, 2017 तक विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना के गांवों में भ्रमणकर क्‍या-क्‍या कार्यों के सर्वे किए व सर्वे के दौरान सिंचाई से संबंधित क्‍या-क्‍या योजना बनाई गई? (ग) दीनदयाल उपाध्‍याय ज्‍योति योजना के अंतर्गत कृषक हितार्थ किन-किन कार्यों को प्राथमिकता दी जाती है? (घ) क्‍या उपरोक्‍त योजनांतर्गत अजा., अ.ज.जा., ओ.बी.सी. एवं सामान्‍य वर्ग के कृषकों को किस श्रेणी में बांटा गया है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनान्‍तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण के द्वारा कृषि उपभोक्‍ताओं को पृथक 11 के.व्‍ही. फीडर से विनियमानुसार विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराया जाना है। फीडर विभक्तिकरण के कार्यों सहित योजना में सम्मिलित ग्रामीण विद्युतीकरण एवं प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसके अंतर्गत क्रमश: अवार्ड जारी किये जा रहे हैं। उक्‍त योजना के क्रियान्‍वयन के संबंध में आर.ई.सी. लिमिटेड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के संबंधित अंश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी सहित मुरैना जिले में उक्‍त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्‍त अवार्ड जारी कर सर्वे कार्य किया जायेगा। प्रश्‍नाधीन योजना के अंतर्गत उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित कार्यों के अतिरिक्‍त सिंचाई हेतु पृथक से कोई कार्य किया जाना प्रावधानित नहीं है।                   (ग) योजनान्‍तर्गत फीडर विभक्तिकरण एवं प्रणाली सुदृढ़ीकरण (33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों का निर्माण, ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, नवीन उच्‍च दाब लाईनों का निर्माण आदि) के कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कर कृषकों को निर्धारित विनियमानुसार गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराए जाने का प्रावधान है। (घ) उक्‍त योजनान्‍तर्गत कृषकों को अ.जा./अ.ज.जा./ओ.बी.सी./ सामान्‍य वर्ग की श्रेणी में विभाजित करने के निर्देश नहीं है। 

विद्युत मीटर कनेक्‍शन रीडिंग

[ऊर्जा]

75. ( क्र. 1104 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की नीति एवं नियमों के अनुसार उपभोक्‍ताओं के विद्युत कनेक्‍शन मीटर रीडिंग हेतु क्‍या प्रावधान है? प्रति सहित जानकारी दी जावें।           (ख) विधानसभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में किन-किन गांवों में कौन-कौन व्‍यक्ति मीटर रीडिंग हेतु कार्यरत होकर किस-किस ग्राम में किस-किस दिनांक को विद्युत रीडिंग हेतु निर्धारित है की जानकारी दी जावें। (ग) क्‍या मीटर रीडिंगकर्ता उपभोक्‍ता के समक्ष रीडिंग कर उन्‍हें खपत यूनिट की जानकारी लिखित देते हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या म.प्र. शासन सभी मीटर रीडिंग कार्यकर्ताओं को खपत यूनिट की प्रति अपने हस्‍ताक्षर सहित उपलब्‍ध कराने के आदेश व निर्देशों के नियम बनायेंगे, जिससे उपभोक्‍ताओं को सही यूनिट की जानकारी हो सके।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 8.24 में विभिन्‍न श्रेणी के उपभोक्‍ताओं के विद्युत कनेक्‍शन की मीटर रीडिंग हेतु निर्धारित समयावधि संबंधी प्रावधानों को समाहित किया गया है। उक्‍त प्रावधानों से संबंधित अंश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।          (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में मीटर रीडिंग हेतु निर्धारित अवधि एवं मीटर रीडर के नाम सहित, ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी नहीं। मीटर रीडर के द्वारा उपभोक्‍ता के परिसर में मीटर रीडिंग कर, खपत मीटर रीडिंग डायरी में दर्ज की जाती है, उपभोक्‍ता को लिखित में जानकारी देने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है। तथापि मीटर रीडिंग के दौरान उपभोक्‍ता अथवा उसका प्रतिनिधि उपस्थित रह सकता है। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है तथापि उपभोक्‍ता को प्रेषित बिल में मीटर रीडिंग अंकित रहती है एवं साथ ही उत्‍तरांश (ग) में उल्‍लेखानुसार मीटर रीडिंग के दौरान भी उपभोक्‍ता या उसके प्रतिनिधि द्वारा विद्युत खपत की जानकारी ली जा सकती है। 

नवकरणीय ऊर्जा परियोजना

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

76. ( क्र. 1105 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किये जाने का प्रावधान है व उनके संचालन हेतु क्‍या प्रक्रियायें निर्धारित है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में किये जा रहे कार्यों को बढ़ावा देने हेतु प्रचार प्रसार की व्‍यवस्‍था भी हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु विगत 03 वर्षों में विधान सभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में क्‍या-क्‍या गतिविधियां हुईं ? (ग) विधान सभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में विभाग द्वारा विगत दो वर्ष में जनहित में क्‍या-क्‍या कार्य किये गये?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की नवकरणीय ऊर्जा परियोजना नीतियों के अन्‍तर्गत निजी इकाइयों के द्वारा ग्रिड कनेक्‍टेड नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना का प्रावधान है। इसके अतिरिक्‍त म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के द्वारा निम्‍नलिखित योजनाओं का क्रियान्‍वयन किया जाता है :- (1) सोलर पम्‍प कार्यक्रम, (2) सौर फोटोवोल्‍टेइक प्‍लांट कार्यक्रम, (3) सौर फोटोवोल्‍टेइक कार्यक्रम के अन्‍तर्गत- सोलर स्‍ट्रीट लाईट स्‍थापना व सोलर होम लाईट स्‍थापना, (4) दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अन्‍तर्गत (डिसेन्‍ट्रेलाईज्‍ड डिस्‍ट्रीब्‍यूशन जनरेशन) डी.डी.जी. कार्यक्रम, (5) ऊर्जा एल.ई.डी. बल्‍ब, एल.ई.डी.बल्‍ब, एल.ई.डी. ट्यूब लाईट व पंखों का वितरण, (6) बायो गैस से ऊर्जा उत्‍पादन, (7) म्‍यूनिसिपल/इंडस्ट्रियल वेस्‍ट से ऊर्जा उत्‍पादन, (8) सौर तापीय कार्यक्रम के अन्‍तर्गत सोलर कुकर/सौर गर्म जल संयंत्र आदि का विक्रय। वृहद परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन एवं संचालन हेतु म.प्र. शासन की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012, पवन ऊर्जा क्रियान्‍वयन    नीति-2012, बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2011 एवं लघु जल विद्युत आधारित परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2011 के प्रावधान के अन्‍तर्गत परियोजनाओं की स्‍थापना हेतु प्रक्रियाएं निर्धारित हैं। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम के कार्यक्रमों के संचालन हेतु निम्‍न प्रक्रिया निर्धारित हैं- (अ) भारत सरकार के       दिशा-निर्देशों के अनुसार संयंत्रों की स्‍थापना कराया जाना। (ब) संयंत्र स्‍थापना पश्‍चात संबंधित संस्‍थान/हितग्राही को केन्‍द्र एवं राज्‍य अनुदान उपलब्‍ध कराना। (स) संयंत्र स्‍थापनाओं का अनुश्रवण करना, इत्‍यादि। (ख) नीतियों के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से विभाग की वेबसाइट पर जानकारी उपलब्‍ध कराई गयी हैं, जिससे सभी स्‍थानों पर प्रचार-प्रसार होता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत 02 वर्षों में विधान सभा क्षेत्र में 07 दिमनी जिला मुरैना जिले में 4 नग सोलर पंपों की स्‍थापना एवं लगभग 224 नग ऊर्जा दक्ष एल.ई.डी. बल्‍ब का विक्रय किया गया है।

विद्युत रीडिंग के नियम

[ऊर्जा]

77. ( क्र. 1116 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत रीडिंग हेतु क्‍या नियम प्रचलन में हैं? (ख) मध्‍यप्रदेश मध्‍यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी लिमिटेड द्वारा विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा, जिला शिवपुरी अंतर्गत सभी विद्युत वितरण केन्‍द्रों में किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों को रीडिंग हेतु अधिकृत किया गया है? नाम, पद सहित जानकारी दें? (ग) विगत एक वर्ष में प्रश्‍नांश '' के संबंध में किन-किन व्‍यक्तियों द्वारा विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में संचालित विद्युत वितरण केन्‍द्रों में विद्युत रीडिंग कार्य किया है, उनके नाम, पद सहित जानकारी देवें? (घ) क्‍या वर्तमान में विद्युत हितग्राहियों को जो बिल दिये जा रहे हैं, वो या तो अन्‍दाजन हैं या रीडिंगकर्ता ने जो इच्‍छा होती वही लिख दिया जाता है? यदि नहीं, तो क्‍या विद्युत रीडिंगकर्ता द्वारा वास्‍तविक रीडिंग की गई है व क्‍या प्रति पर विद्युत रीडिंगकर्ता व उपभोक्‍ता के हस्‍ताक्षर हैं, जिससे उसमें सत्‍यता प्रमाणित हो सके?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 8.24 में विभिन्‍न श्रेणी के उपभोक्‍ताओं के विद्युत कनेक्‍शनों की मीटर रीडिंग हेतु निर्धारित समयावधि संबंधी प्रावधानों को समाहित किया गया है। उक्‍त प्रावधानों से संबंधित अंश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में मीटर रीडिंग हेतु विगत 1 वर्ष में अधिकृत किये गये अधिकारियों/कर्मचारियों की, नाम एवं पद सहित वितरण केन्‍द्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उक्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा ही प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विगत 1 वर्ष में मीटर रीडिंग का कार्य किया गया है। (घ) जी नहीं। मीटर वाचक द्वारा मीटर में उपलब्‍ध वास्‍तविक रीडिंग को ही रीडिंग डायरी में अंकित कर हस्‍ताक्षर किये जाते हैं। मीटर रीडिंग डायरी में उपभोक्‍ता के हस्‍ताक्षर कराये जाने का प्रावधान नहीं हैं। विद्युत उपभोक्‍ताओं को प्रदान किए जाने वाले बिलों में मीटर रीडिंग लिखी रहती है। 

परिशिष्ट - ''चौदह''

चिटफंड कंपनी द्वारा निवेशकों के साथ धोखाधड़ी

[वित्त]

78. ( क्र. 1124 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में कितनी नाम बैकिंग फायनेंस कम्‍पनी/चिटफण्‍ड कम्‍पनी, ऑन-लाईन सर्वे कम्‍पनी एवं माइक्रो फायनेंस कम्‍पनी जैसी वित्‍तीय स्‍थापनाएं कार्यरत हैं? वित्‍तीय स्‍थापना का नाम, स्‍वरूप, मुख्‍यालय, जिलों में संचालित कार्यालय और उसमें कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों सहित विवरण दें? (ख) क्‍या म.प्र. के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अनुसार जिले में कार्यरत वित्‍तीय स्‍थापनाओं को जमाकर्ताओं से प्राप्‍त राशि एवं अन्‍य विवरण प्रस्‍तुत समय-समय पर कलेक्‍टर को प्रस्‍तुत करना आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो इस अनुक्रम में कितनी वित्‍तीय स्‍थापनाओं द्वारा विवरण प्रस्‍तुत किया गया और किन-किन के द्वारा विवरण प्रस्‍तुत नहीं किया गया है? जिन वित्‍तीय स्‍थापनाओं द्वारा विवरण प्रस्‍तुत नहीं किया गया है उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) माह जनवरी 2014 से माह दिसम्‍बर 2016 तक प्रश्‍नांश '' में वर्णित स्‍थापनाओं के विरूद्ध जमाकर्ताओं द्वारा शिकायतें की गई हैं? इस परिप्रेक्ष्‍य में किन-किन वित्‍तीय स्‍थापनाओं के संचालकों के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2000 के अंतर्गत कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश '' में वर्णित वित्‍तीय स्‍थापनाओं द्वारा विभिन्‍न स्‍वरूपों की आकर्षक योजनाएं प्रस्‍तुत कर प्रतिवर्ष जमाकर्ताओं के करोड़ों रूपये हड़पे जा रहे हैं, इस पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु शासन द्वारा क्‍या-क्‍या कदम उठाए जा रहे हैं?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का क्रियान्‍वयन

[ऊर्जा]

79. ( क्र. 1149 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कितने ग्रामों के विद्युतीकरण का प्राक्‍कलन तैयार किया गया है? (ख) तैयार प्राक्‍कलन के अनुसार विद्युतीकरण हेतु कितनी राशि स्‍वीकृत हुई? विद्युतीकरण हेतु विभाग ने निविदा कब आमंत्रित की? (ग) कौन-कौन से ठेकेदार ने क्‍या-क्‍या दर से निविदा भरी तथा किस ठेकेदार की निविदा स्‍वीकृत हुई और कार्य को कब प्रारंभ किया गया?           (घ) छिन्‍दवाड़ा जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कितनी ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया और इसमें कितनी राशि व्‍यय की गई? कितने ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य किया जाना शेष है? प्रत्‍येक विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध करायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत छिंदवाड़ा जिले हेतु तैयार किये गये परियोजना प्रतिवेदन (प्राक्‍कलन नहीं) में सम्मिलित एक अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण एवं 1543 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण हेतु आर.ई.सी. लिमिटेड से स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई थी। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित योजना हेतु रू. 40.66 करोड़ की राशि आर.ई.सी. लिमिटेड द्वारा स्‍वीकृत की गई थी। उक्‍त योजनान्‍तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु दिनांक 04.06.2014 को निविदा आमंत्रित की गई, परन्‍तु पर्याप्‍त निविदाकार नहीं होने के कारण पुन: दिनांक 22.09.2014 को निविदा आमंत्रित की गयी। (ग) उक्‍त योजनान्‍तर्गत विद्युतीकरण के कार्यों हेतु निविदावार ठेकेदारों द्वारा उद्धृत की गई राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। उक्‍त निविदा के आधार पर 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत चयनित न्‍यूनतम निविदावार ठेकेदार एजेंसी मेसर्स विन्‍ध्‍या टेलीलिंक्‍स, रीवा, को कार्यादेश जारी किया गया एवं दिनांक 02.02.2015 से निविदा की शर्तों के अनुसार कार्य प्रारंभ किया गया है। (घ) 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत छिंदवाड़ा जिले हेतु स्‍वीकृत योजना में सम्मिलित कार्यों के सर्वेक्षण के दौरान 1 अविद्युतीकृत ग्राम को विद्युतीकरण तथा 1402 विद्युतीकृत ग्रामों को योजना के प्रावधानों के अनुसार सघन विद्युतीकरण हेतु कार्य योग्‍य पाया गया। इसके अतिरिक्‍त आर.ई.सी. लिमिटेड द्वारा पूर्व में डी.डी.जी.योजना में गैर-परंपरागत ऊर्जा स्‍त्रोतों से विद्युतीकरण हेतु स्‍वीकृत अविद्युतीकृत ग्राम टेकापार को ग्रिड से विद्युतीकरण हेतु दिनांक 10.01.2017 को स्‍वीकृत किया गया है। उपरोक्‍त ग्रामों में से 1 अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण तथा 1050 विद्युतीकृत ग्रामों के योजना के प्रावधानों के अनुसार सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्‍त कार्य हेतु योजनान्‍तर्गत रू. 21.14 करोड़ राशि का व्‍यय हुआ है। वर्तमान में संचालित योजना में 1 अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण एवं 352 ग्रामों के योजना के प्रावधानों के अनुसार सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है। विधानसभा क्षेत्रवार विद्युतीकरण करने हेतु शेष ग्रामों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। 

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

पर्यटन स्‍थलों में निर्माण कार्य की जानकारी

[पर्यटन]

80. ( क्र. 1150 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्‍न पर्यटन स्‍थलों में निर्माण कार्यों के कौन-कौन से प्रस्‍ताव विभाग द्वारा स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍तावित किये गये है? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत देवरानी दाई मंदिर सेमरताल, माँ खेड़ापति मंदिर चांदामेटा एवं जिल्‍हेरी घाट इटावा में पर्यटन स्‍थलों में विभिन्‍न विकास निर्माण कार्यों को किए जाने हेतु माननीय मंत्री जी को अनेकों पत्र प्रेषित किए जा चुके हैं? जिस पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्‍त तीनों पर्यटन स्‍थलों में निर्माण कार्यों को किए जाने हेतु विभाग द्वारा राशि स्‍वीकृत करते हुए, निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पर्यटन स्‍थल विकसित किया जाना

[पर्यटन]

81. ( क्र. 1168 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी जिले के बहोरीबंद के समीप रूपनाथ एवं खडरा में विराजमान शारदा माता का देवालय ऐतिहासिक स्‍थल होने के कारण इसे पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किये जाने की अपार संभावनायें हैं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों?       (ख) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के पत्र क्रमांक 360 दिनांक 28/05/2016 एवं माननीय मंत्री धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व के पत्र क्रमांक 1793 दिनांक 01/06/2016 अनुसार धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवार बताएं? (ग) प्रश्‍नांश '' अनुसार बड़े देव मंदिर कम्‍पाउन्‍ड रूपनाथ एवं खडरा में विराजमान शारदा माता का देवालय को पर्यटन स्‍थल के रूप में विकसित किये जाने के क्‍या प्रावधान है?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ईको टूरिज्‍म की स्‍थापना

[पर्यटन]

82. ( क्र. 1169 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम इमलिया एवं नैगवां आदिवासी बाहुल्‍य वन ग्राम होने के कारण ईको टूरिज्‍म के रूप में विकसित किये जाने की क्‍या योजना है? (ख) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के पत्र क्रमांक 2969 दिनांक 27/01/2016 एवं माननीय मंत्री पर्यटन एवं संस्‍कृति विभाग के पत्र क्रमांक 353 दिनांक 23/02/2016 अनुसार प्रबंध संचालक, मध्‍यप्रदेश राज्‍य पर्यटन विकास निगम द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? ग्रामवार पृथक-पृथक बताएं?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) कटनी जिले के बहोरीबंद विधान सभा के अंतर्गत ग्राम इमलिया एवं नैगवां में ईको टूरिज्‍म के रूप में विकसित किये जाने की वर्ततान में कोई योजना नहीं है। (ख) उल्‍लेखित पत्र निगम मुख्‍यालय द्वारा ईको टूरिज्‍म बोर्ड, भोपाल की ओर आवश्‍यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है।

राज्‍य स्‍तरीय अनुसूचित जनजाति सम्‍मेलन में प्रोटोकॉल उल्‍लंघन

[सामान्य प्रशासन]

83. ( क्र. 1182 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. मुख्‍यमंत्री जी के मुख्‍य आतिथ्‍य में होने वाले शासकीय कार्यक्रमों में जिनमें नेता प्रतिपक्ष विधानसभा सांसद, राज्‍य/केन्‍द्र के मंत्रीगण, विधायक उपस्थित हो नियमों (प्रोटोकॉल) के तहत वक्‍ताओं का क्रम क्‍या होता है? नियम की छायाप्रति दें?                (ख) उपरोक्‍तानुसार शासकीय कार्यक्रमों में राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के मंच पर उपस्थित रहने के नियमों की छायाप्रति देवें तथा आमंत्रण पर नाम अंकित न होने पर भी ये मंच पर रह सकते हैं? यदि हाँ, तो किस राजनीतिक दल के कितने लोग मंच पर रहेंगे का निर्धारण किस प्रकार होता है पूरा विवरण नियमों की छायाप्रति सहित देवें? (ग) दि. 21.01.17 को बड़वानी में आयोजित राज्‍य स्‍तरीय, अनु. जनजाति सम्‍मेलन में वक्‍ता क्रम का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें? (घ) उपरोक्‍त कार्यक्रम में मंच पर आमंत्रित अतिथियों के अतिरिक्‍त अन्‍य लोग किस आधार पर थे? कारण सहित पूरे कार्यक्रम की C.D. उपलब्‍ध करावें। प्रश्‍नांश (ग) व (घ) में प्रोटोकॉल के उल्‍लंघन के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क ) प्रोटोकॉल के तहत वक्‍ताओं के क्रम के संबंध में कोई नियम नहीं हैं। (ख) ऐसे कोई नियम नहीं हैं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कर्ज की जानकारी

[वित्त]

84. ( क्र. 1191 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2016 से जनवरी 2017 तक प्रदेश सरकार ने देश व विदेश की कौन-कौन सी बैंकों, किन-किन संस्‍थाओं से कितना-कितना कर्ज, कितने ब्‍याज दर पर किस-किस दिनांक को लिया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त कर्ज कौन-कौन सी प्रस्‍तावित योजनाओं के लिए लिया गया था? क्‍या वह योजनाएं प्रारंभ की जा चुकी हैं? यदि हाँ, तो उन योजनाओं पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई है? क्‍या यह सही है कि प्रस्‍तावित योजनाओं के लिए उपलब्‍ध राशि को अन्‍य योजनाओं में खर्च किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन योजनाओं में। (ग) 01 जनवरी 2017 तक प्रदेश सरकार पर कुल कर्ज की रा‍शि कितनी है एवं उस पर प्रतिमाह कितनी राशि का ब्‍याज राज्‍य सरकार को भुगतान करना पड़ रहा है? (घ) म.प्र. सरकार का कुल स्‍थापना व्‍यय (जैसे वेतन भत्‍ते, यात्रा व्‍यय, मजदूरी, चिकित्‍सापूर्ति एवं अन्‍य व्‍यय) कितना है एवं कार्यालय व्‍यय कितना है? ब्‍यौरा दें

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2015-16 के वित्‍तीय लेखे खण्‍ड-2 के विवरण क्रमांक 17 पर प्रदेश सरकार द्वारा लिये गये कर्ज के ब्‍यौरे दर्शाये गये हैं, जो विधानसभा के पुस्‍तकालय में अवलोकन हेतु उपलब्‍ध है। जनवरी 2016 से मार्च 2016 के कर्ज के संबंध में जानकारी वित्‍त लेखे में तिमाहीवार न होने से दिया जाना संभव नहीं है। वित्‍त वर्ष 2016-17 के वित्‍त लेखे महालेखाकार द्वारा अभी जारी नहीं किये गये है। अत: अप्रैल 2016 से जनवरी 2017 तक की कर्ज की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। सरकार द्वारा बाजार ऋण, केन्‍द्र शासन से ऋण, अन्‍य संस्‍थाओं से ऋण व अन्‍य ऋण लिये जाते है, जो तत्‍समय लागू ब्‍याज दर एवं निर्धारित शर्तों के अनुरूप होते हैं। (ख) निर्धारित योजनाओं पर एक सतत् नियमित प्रक्रिया के अनुरूप व्‍यय किया जाता है। (ग) वर्ष 2016-17 के वित्‍तीय लेखे महालेखाकार द्वारा जारी नहीं किये गये हैं। ब्‍याज भुगतान निर्धारित शर्तों के अनुसार समय-समय पर किया जाता है। (घ) प्रश्‍न से संबंधित जानकारी वित्‍तीय वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान अनुसार वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र में परिशिष्‍ट-ज पर स्थित है, वित्‍त सचिव का स्‍मृति पत्र विधानसभा के पुस्‍तकालय में अवलोकन हेतु उपलब्‍ध है।

निजी संस्‍थाओं को अनुदान

[संस्कृति]

85. ( क्र. 1192 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा निजी अथवा स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं को सांस्‍कृतिक आयोजन करने हेतु अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो अनुदान प्राप्‍त करने के क्‍या मापदण्‍ड बनाए गए हैं? ब्‍यौरा दें (ख) क्या शासन द्वारा प्रश्‍न दिनांक से 2 वर्ष पूर्व की अवधि में प्रदेश के निजी अथवा स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं को अनुदान प्रदान किया है? यदि हाँ, तो संस्‍थावार वर्षवार ब्‍यौरा दें। (ग) क्‍या संस्‍कृ‍ति विभाग द्वारा प्रदेश में सांस्‍कृतिक आयोजन कराए हैं? यदि हाँ, तो पि‍छले एक वर्ष के दौरान कराए गए आयोजनों का ब्‍यौरा व खर्च की गई राशि का ब्‍यौरा दें?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है.

विद्युत सब-स्‍टेशन खाला जाना

[ऊर्जा]

86. ( क्र. 1204 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में विद्युत सब स्‍टेशन खोले जाने के क्‍या नियम एवं निर्देश हैं? (ख) क्‍या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में अधिक दूरी से विद्युत लाने से सवांसड़ा, किला अमरगढ़ एवं झंझाड़पुर के ग्रामों में विद्युत की काफी समस्‍या रहती है? क्‍या मोहनपुरा वृहद परियोजना जो कि लगभग पूर्ण होने वाली है तथा कालीपीठ से निकलने वाली नहरों के कारण उक्‍त ग्रामों में सिंचाई के लिये और भी विद्युत लोड बढ़ेगा, जिससे और भी परेशानी आयेगी? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ के विकासखण्‍ड क्षेत्र राजगढ़ के ग्राम सवांसड़ा, किला अमरगढ़ एवं झंझाड़पुर और विकासखण्‍ड खिलचीपुर के ग्राम सडि़या कुआं में सब-स्‍टेशन खोला जाना प्रस्‍तावित है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक खोला जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) वितरण कंपनियों द्वारा, संबंधित क्षेत्र की वर्तमान एवं भविष्‍य की विद्युत मांग एवं उपलब्‍ध अधोसंरचना के आधार पर तकनीकी साध्‍यता के अनुसार 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र निर्माण कार्य प्रस्‍तावित किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण       क्षेत्र-सवांसडा, किलाअमरगढ़ एवं झंझाडपुर में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जल संसाधन विभाग से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार मोहनपुर वृहद परियोजना के 1,25,000 हेक्‍टेयर सिंचाई क्षेत्र हेतु लगभग 60 मेगावाट विद्युत की आवश्‍यकता है। इस हेतु आवश्‍यक पारेषण प्रणाली के निर्माण का प्रावधान परियोजना में किया गया है। इस परियोजना में औसत प्रत्‍येक 1 हेक्‍टेयर क्षेत्र में 20 मीटर प्रेशर से जल प्रदाय हेतु आऊटलेट दिया जाएगा। अत: किसानों द्वारा सूक्ष्‍म सिंचाई प्रणाली हेतु पृथक से पंपिंग की आवश्‍यकता नहीं होगी, इस कारण कमाण्‍ड क्षेत्र के गांवों में सिंचाई हेतु अतिरिक्‍त विद्युत भार की संभावना नहीं है। (ग) एवं (घ) विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत भविष्‍य की संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत ग्रामीण क्षेत्र किलाअमरगढ़ एवं झंझाडपुर में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र का निर्माण कार्य एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में स्‍वीकृत है तथा वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार इन उपकेन्‍द्रों का कार्य किया जा सकेगा। ग्राम किलाअमरगढ़ से ग्राम सवांसडा की दूरी लगभग 7 कि.मी. है, अत: किलाअमरगढ़ में 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र स्‍थापित हो जाने से ग्राम सवांसडा की विद्युत प्रदाय की गुणवत्‍ता में और अधिक सुधार परिलक्षित होगा। विकासखण्‍ड खिलचीपुर के ग्राम सडियाकुआं में नवीन विद्युत उपकेन्‍द्र का निर्माण वर्तमान में किसी भी योजना के अंतर्गत प्रस्‍तावित नहीं है तथापि आगामी वर्षों में वित्‍तीय उपलब्‍धता के अनुसार प्रस्‍तावित किया जा सकेगा। अत: वर्तमान में प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित उपकेन्‍द्रों का कार्य पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाना

[महिला एवं बाल विकास]

87. ( क्र. 1205 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने के शासन के क्‍या नियम निर्देश हैं? राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं जो कि आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की पात्रता रखते है परन्‍तु वहां पर केन्‍द्र नहीं खोले जा सके हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) ऐसे ग्रामों में कब तक नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जावेंगे? (ग) क्‍या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में ऐसी कोई आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है जिसके पास अपना शासकीय भवन नहीं है तथा जो अन्‍य स्‍थान पर संचालित हो रही है? यदि हाँ, तो उनकी नाम सहित अलग सूची उपलब्‍ध करावें? (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ की उक्‍त आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में भवन कब तक स्‍वीकृत किया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत करने हेतु जनसंख्या के निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं:-

 

 (अ) आंगनवाडी केन्‍द्र :-

 

1.1

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु :-

400-800 (एक केन्‍द्र)

 

 

800-1600 (दो केन्द्र)

 

 

1600- 2400 (तीन केन्द्र)
 (
इसके पश्चात प्रति 800 की जनसंख्या पर एक केन्द्र)

1.2

आदिवासी क्षेत्र हेतु :-

300-800 (एक केन्द्र)

 

 (ब) मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र :-

 

1.1

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु

150-400 (एक मिनी केन्द्र)

1.2

आदिवासी क्षेत्र हेतु

150-300 (एक मिनी केन्द्र)

जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। जिले से आंगनवाड़ी केन्द्र विहीन स्थानों के प्रस्ताव प्राप्त होने पर, उक्त प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजा जावेगा। भारत सरकार से स्वीकृति मिलने के उपरान्त आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की कार्यवाही की जावेगी।      (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

पं. प्रदीप पुरस्कार के संदर्भ में जानकारी

[संस्कृति]

88. ( क्र. 1219 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़नगर में जन्में राष्ट्रीय गीतकार कवि प्रदीप की स्मृति में विभाग द्वारा एक पुरस्कार प्रारंभ किया गया है। यदि हाँ, तो उस पुरस्कार की क्या प्रक्रिया है? क्या इस पुरस्कार के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी ने 22 दिसम्बर 2011 को बड़नगर में घोषणा की थी। (ख) कवि प्रदीप पुरस्कार के लिये किसी साहित्यकार का चयन करने की क्या प्रक्रिया है तथा चयन समिति की नियुक्ति किस आधार पर की जाती है (ग) क्या कवि प्रदीप पुरस्कार के संदर्भ बड़नगर क्षेत्र के जन प्रतिनिधि, साहित्यकार और कवि प्रदीप के परिवार के व्यक्तियों से कोई संपर्क नहीं किया जाता है। यदि हाँ, तो क्यों?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा कवि प्रदीप की स्‍मृति में पुरस्‍कार नहीं बल्कि सम्‍मान स्‍थापित किया गया है. चयन की प्रक्रिया में समाचार-पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन, समाचारों का प्रकाशन इत्‍यादि शामिल है. चयन समिति का मनोनयन प्रशासकीय निर्णय एवं अनुमोदन उपरांत होता है. इसमें संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल होते हैं. जी हाँ, घोषणा की थी. (ख) जानकारी प्रश्‍नांश ‘‘’’ में वर्णित अनुसार. (ग) शासन के सम्‍मानों के संबंध में कार्यवाही केवल निर्धारित प्रक्रिया अनुसार ही होती है. तथापि हाल ही में हुए अलंकरण समारोह में कवि प्रदीप की सुपु‍त्री को निमंत्रित किया गया एवं वे उपस्थित थीं.

होम स्टे योजना

[पर्यटन]

89. ( क्र. 1220 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होम स्टे योजना क्या है? क्या यह योजना उज्जैन जिले में भी क्रियान्वित हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो उज्जैन जिले में कितने लोग होम स्टे योजना के संदर्भ में पंजीयन करा चुके हैं तथा बड़नगर विधानसभा में कितने लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) इस योजना के अंतर्गत गृह स्‍वामी अपने आवास के किसी भाग को राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटकों को किराये पर दे सकेंगे। गृह स्‍वामी होम स्‍टे इकाई का पंजीयन मध्‍यप्रदेश पर्यटन विकास निगम में करा सकते हैं। जी हाँ। (ख) होम स्‍टे योजना के अंतर्गत उज्‍जैन जिले में 08 लोग पंजीयन करा चुके हैं। बड़नगर विधानसभा में होम स्‍टे का कोई पंजीयन नहीं हुआ है।

कुपोषित बच्चों की संख्‍या

[महिला एवं बाल विकास]

90. ( क्र. 1221 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15, 2015-16, एवं 2016-17 में कितने कुपोषित बच्चे को चिन्हित किया गया है? (ख) चिन्हित किये गये बच्चे में से कितने बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए तथा कितने बच्चे कुपोषण से मुक्त नहीं हुए और मुक्त न होने का क्या कारण है। इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी कौन है?    (ग) ऐसे कितने कुपोषित बच्चे हैं जो पिछले लम्बे समय से कुपोषित है तथा उनके संदर्भ में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्षवार चिहिन्त बच्चों की संख्यात्मक जानकारी निम्नानुसार है :-

वर्ष

कम वज़न के बच्चों की संख्या

अति कम वज़न के बच्चों की संख्या

2014-15

4215

484

2015-16

3816

211

2016-17

4484

273

योग

12515

968

(ख) चिन्हित किए गए 968 अति कम वज़न के बच्चों में से 736 बच्चों के पोषण स्तर में परिवर्तन हुआ है तथा गत माह 39 नवीन बच्चे अति कम वज़न की श्रेणी में चिन्हित किए गए है। वर्तमान में 271 कुपोषित बच्चे अति कम वज़न की श्रेणी में दर्ज है। कुपोषित बच्चों में से कुछ बच्चों में चिकित्सकीय जटिलताओं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं एवं परिवार में पोषण संबंधी जागरूकता की कमी के कारण बच्चे अति कम वज़न की श्रेणी से बाहर नहीं आ पाते हैं। कुपोषण निवारण हेतु शासन के विभिन्न विभागों, समुदाय एवं परिवार के समन्वित प्रयासों से ही संभव है। अतएव किसी एक की जिम्मेदारी सुनिश्चित नहीं की जा सकती है। अतःशेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) 71 बच्चे चिन्हित हैं, जिनका वज़न तो बढ़ रहा है किन्तु पोषण स्तर में परिवर्तन नहीं हुआ है। इनमें से 10 मानसिक विकलांग, 05 ह्दय संबंधी विकार से ग्रस्त, 02 अन्य गंभीर रोग से ग्रस्त तथा 04 बच्चे मूक-बधिर है। आंगनवाड़ी केन्द्र की सेवाओं के अतिरिक्त पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराना, स्नेह शिविरों का आयोजन, बच्चों के पालको से गृह भेंट तथा काउंसलिंग तथा राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम अन्तर्गत चिकित्सकों के माध्यम से स्वास्थ्य जाँच तथा चिकित्सकीय सुविधा हेतु रेफर का कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है।

आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के संदर्भ में शासन की कार्ययोजना

[महिला एवं बाल विकास]

91. ( क्र. 1223 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में किस-किस जाति संवर्ग की कितनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं। क्या इनको शासकीय कर्मचारी घोषित करने के लिये शासन की कोई योजना है। (ख) क्‍या उज्जैन जिले में उज्जैन नगर में 1500 रूपये नागदा शहर में 750 रूपये परन्तु बड़नगर खाचरोद घट्टिया एवं तराना शहर में मात्र 200 रूपये ही भवन किराया प्रदान किया जाता है जब कि वास्‍तविकता में कार्यकर्ताओं को अपने निजी खर्च पर किराये का भुगतान करना पड़ता है? क्या भवन किराया में वृद्धि के लिये शासन की कोई योजना है? (ग) आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मासिक बैठक हेतु    टी.ए.डी.ए. देने की शासन की योजना है? यदि हाँ, तो उसकी भी जानकारी प्रदान करें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की वर्गवार जानकारी निम्नानुसार है-

अजा.

अजजा.

पि.वर्ग

सामान्य

अल्‍प संख्‍यक

12417

15278

27822

22375

1379

जी नहीं। (ख) जी नहीं। ग्रामीण क्षेत्र के आंगनवाड़ी भवन के किराये का निर्धारण क्षेत्रफल के मान से समानुपातिक आधार पर किया जाकर अधिकतम 750/-रुपये प्रतिमाह, निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कर, किराया भुगतान की कार्यवाही की जाती है। जी नहीं। (ग) संचालनालय म.बा.वि. भोपाल के पत्र क्र./1155 दिनांक 17.02.2005 के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को उनके द्वारा प्रस्तुत यात्रा देयक के आधार पर कार्यकर्ता को निम्न श्रेणी लिपिक को देय भत्ते के अनुसार राशि देय होती है तथा सहायिका को चतुर्थ श्रेणी को देय भत्ता अनुसार राशि देय होती है। यदि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को ऐसे स्थान पर बुलाया जाता हैं जो नगरीय सीमा के अंदर है तो उसे किसी भी प्रकार के दैनिक भत्ते की पात्रता नहीं होगी। यदि बैठक स्थान/प्रशिक्षण स्थल नगरीय निकाय सीमा से बाहर है तब दैनिक भत्ते की पात्रता ग्रामीण श्रेत्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के समान होगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका द्वारा बैठकों/ प्रशिक्षण में सम्मिलित होने पर प्रस्तुत यात्रा भत्ता देयक अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जाती है।

परियोजना अधिकारियों की नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

92. ( क्र. 1224 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में विकासखंड अनुसार परियोजना अधिकारी के पद कहाँ- कहाँ है? सूची दें। क्या यह पद भरे हुये है? यदि नहीं, तो कब से ये पद रिक्त है, रिक्त पदों की समय के स्‍थान सूची दें। (ख) क्या इन पदों पर कार्यरत प्रभारी परियोजना अधिकारी नियमानुसार नियुक्त हैं? यदि हाँ, तो किन नियमों के अनुसार कार्यरत प्रभारी परियोजना अधिकारियों को नियुक्त किया गया, नियम बतायें। सभी अधिकारीयों की सूची दें। (ग) यहाँ भ्रमण हेतु गाडि़यों की क्या व्यवस्था है? यदि गाडि़या नहीं है तो संचालित योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिये क्या व्यवस्था है? उक्त में संबंधित सभी संचालित एवं पूर्ण योजनाओं की सूची दें, उक्त सभी योजनाओं को किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब मॉनिटरिंग किया गया है? कार्यों का पूर्ण ब्यौरा दें। (घ) यदि भ्रमण हेतु गाडि़यों की व्यवस्था नहीं है तो बिन्दु '' में दी गई जानकारी के अनुसार इन प्रभारी अधिकारियों की मॉनिटरिंग कैसे की गई? कारण स्पष्ट करें। इस तरह की अव्यस्था के लिये कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा उन पर कार्यवाही न करने के लिये कौन से उच्चाधिकारी जिम्मेदार है, जिनके विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? स्पष्ट करें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में विकासखंड मुलताई एवं प्रभातपट्टन में परियोजना अधिकारी के पद स्वीकृत हैं। परियोजना, मुलताई में परियोजना अधिकारी का पद भरा हुआ है एवं परियोजना, प्रभातपट्टन में परियोजना अधिकारी का पद दि. 8.6.2015 से रिक्त है।            (ख) परियोजना, मुलताई में नियमानुसार परियोजना अधिकारी पूर्व से पदस्थ है। परियोजना, प्रभातपट्टन में परियोजना अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण विभाग के ज्ञाप क्र. एफ 1 (ए) /49/98/50-1, दि. 11.9.1998 एवं संचालनालय, महिला एवं बाल विकास के पत्र क्र. स्था-1/मबावि/ 2005/4875, दि. 8.6.2005 द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में परियोजना, प्रभातपट्टन में वरिष्ठ पर्यवेक्षक श्रीमती वीरमती उबनारे को कार्यालयीन आदेश क्र. स्थापना/1169 बैतूल, दि. 8.6.2015 से प्रभारी परियोजना अधिकारी के रूप में नियमानुसार पदस्थ किया गया है। (ग) परियोजना, मुलताई में आँगनवाड़ी केन्द्रों के भ्रमण हेतु किराये का वाहन उपलब्ध है, उक्त वाहन से विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की मॉनिटरिंग की जा रहीं हैं। परियोजना, प्रभातपट्टन में शासकीय वाहन खराब एवं कंडम होने के कारण उक्त वाहन के अपलेखन की कार्यवाही प्रचलित है। योजनाओं की मॉनिटरिंग हेतु प्रभारी अधिकारी द्वारा वैकल्पिक वाहन की व्यवस्था करते हुये समय-समय पर आयोजित परियोजना स्तर/सेक्टर स्तर पर योजनाओं की समीक्षा की गई है। शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर तथा अधिकारियों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण/पर्यवेक्षण संबंधी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश ‘‘‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ओंकारेश्‍वर नहर परियोजना से सिंचाई व्यवस्था

[नर्मदा घाटी विकास]

93. ( क्र. 1228 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओंकारेश्‍वर नहर परियोजना से विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी के कितने ग्रामों को जोड़ा गया है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी के चयनित समस्त ग्रामों तक नहरों से कृषकों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराना प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं, तो चिन्हित ग्रामों में से कितने ग्रामों तक नहरों का पानी नहीं पंहुचाया जा सका है? शेष ग्रामों तक नहर से पानी कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) ओंकारेश्‍वर नहर परियोजना से धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के 80 ग्रामों को जोड़ा गया है। (ख) जी नहीं। 50 ग्रामों में सिंचाई हेतु अभी पानी नहीं पहुँचाया जा सका है। इन ग्रामों में वर्ष 2018 में रबी सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध कराया जाना लक्षित है।

माण्डव एवं समीपस्थ कांकडा खो में पर्यटन का विकास

[पर्यटन]

94. ( क्र. 1229 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विश्‍व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी माण्डव में एवं समीपस्थ कांकडा खो में पर्यटन विकास विभाग द्वारा आने वाले पर्यटकों के ठहरने एवं मनोरंजन हेतु यथा बगीचा होटल रेस्ट हाउस आदि के विकास की क्या योजना बनाई गई है? (ख) कब तक माण्डव व समीपस्थ कांकडा खो में पर्यटकों के ठहरने हेतु होटल, रेस्ट हाउस का निर्माण व बगीचा निर्माण एवं विकास का कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) मध्‍य प्रदेश राज्‍य पर्यटन विकास निगम द्वारा वर्तमान में इस प्रकार की कोई योजना प्रस्‍तावित नहीं है। (ख) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

लोक कल्याण शिविरों का आयोजन

[सामान्य प्रशासन]

95. ( क्र. 1231 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विकासखण्ड स्तर पर प्रत्येक माह में एक बार, निश्चित दिन पर, लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किये जाने के निर्देश के अन्‍तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कटनी विकासखण्ड में, लोक कल्याण शिविरों का कब-कब, कहाँ-कहाँ एवं किन-किन जनप्रतिनिधियों, शासकीय सेवकों की उपस्थिति में आयोजन किया गया और इन शिविरों के आयोजनों का आमंत्रण/सूचना प्रश्नकर्ता सदस्य को किस दिनांक को किस अधिकारी/कर्मचारी के माध्‍यम से प्राप्‍त हुई? (ख) प्रश्नांश '''' के तहत कितने आवेदन प्राप्त हुये, कितने आवेदनों का निर्धारित समयावधि एवं कितने आवेदनों का निर्धारित समयावधि के उपरांत निराकरण किया गया एवं कितने आवेदन, निराकृत नहीं हुये, (ग) क्या लोक कल्या‍ण शिविरों में प्राप्त आवेदनों से संबंधित प्रक्रिया को कम्प्‍यूटराइज्‍ड किये जाने के निर्देश फरवरी-2009 में दिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश '''' में उल्लेखित आवेदनों एवं प्रक्रिया को कम्प्‍यूटराइज्‍ड किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश '''' से '''' के परिप्रेक्ष्‍य में, शासनादेशों के बाद भी शिविरों का नियमित आयोजन ना करने, प्रोटोकॉल का पालन न करने एवं आवेदनों को कम्प्‍यूटराइज्‍ड न करने पर, कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक कटनी विकासखण्‍ड में कलेक्‍टर कटनी द्वारा जारी केलेण्‍डर अनुसार निर्धारित दिनांकों को, नियत स्‍थान पर माननीय विधायक, पंचायत प्रतिनिधियों तथा विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में लोक कल्‍याण शिविरों का आयोजन किया गया। कलेक्‍टर कटनी द्वारा जारी केलेण्‍डर तथा आयोजित शिविरों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। शिविरों के आयोजन की आमंत्रण/सूचना माननीय विधायक को यथा समय उचित माध्‍यम से दी जाती रही है। (ख) 2599 आवेदन प्राप्‍त हुए। 2333 आवेदनों का निर्धारित समयावधि में व 266 आवेदनों का निर्धारित समयावधि के उपरांत निराकरण किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं। तकनीकी समस्‍या के कारण फरवरी 2009 के निर्देशों में दर्शाई गई वेबसाईट में दर्ज नहीं किया गया है। (घ) लोक कल्‍याण शिविरों का नियमित आयोजन तथा प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। 

कर्मचारियों का संविलियन एवं नियमितीकरण

[सामान्य प्रशासन]

96. ( क्र. 1232 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के ता. प्रश्न संख्‍या-16 (क्रमांक-3384)              दिनांक 03/03/2016 के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या संविदा कर्मियों का संविलियन एवं अन्य कार्यवाहियां पूरी हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्यों? अब तक कार्यवाही पूर्ण न होने के क्‍या कारण रहे? कारण बतायें? (ख) नगरपालिक निगम कटनी के 04 संविदा शाला शिक्षकों का संविलियन किन नियमों एवं प्रक्रिया के तहत किया गया और इन्हीं नियमों, प्रक्रिया के तहत शेष-02 संविदा शाला शिक्षकों का संविलियन, अब तक क्यों नहीं किया गया? संविलियन की कार्यवाही, किस स्तर पर कब से, क्यों लंबित है और शेष रहे 02 संविदा शाला शिक्षकों का संविलियन कब तक किया जायेगा? (ग) क्या नगरपालिक निगम कटनी के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं संविदा कर्मियों को क्रमोन्नति, नियमितीकरण एवं संविलियन का लाभ दिया गया है, तो शेष रहे कर्मियों को समयमान वेतनमान, पदोन्‍नति, नियमितीकरण एवं संविलियन की कार्यवाही अब तक क्‍यों नहीं की गयी? यह कार्यवाही कब तक पूर्ण होगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बिजली का आंकलन

[ऊर्जा]

97. ( क्र. 1241 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा घरेलु उपभोक्‍ताओं को 24 घंटे कृषि क्षेत्र में 8 घंटे तथा उद्योगों को लगने वाली बिजली का आंकलन करने हेतु क्‍या प्रक्रिया अपनायी गयी थी? कुल कितनी बिजली खपत का आंकलन किया गया था?       (ख) क्‍या बिजली की मांग के गलत आंकलन के कारण विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा बिजली उत्‍पादक कंपनियों को बिना बिजली खरीदे करार के अनुसार भुगतान करना पड़ रहा है? करार के आधार पर बिना बिजली खरीदे अब तक वि.वि. कपंनियों द्वारा भुगतान की गयी राशि की जानकारी दें। (ग) क्‍या विद्युत की कुल खपत का गलत आंकलन करके बिना बिजली खरीदे विद्युत कंपनियों को करार अनुसार राशि देकर दूसरी तरफ बिजली कंपनियों बिजली को मनमाने दाम पर दूसरे प्रदेशों को बेचकर दोहरा लाभ कमा रही है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) प्रदेश में विद्युत की मांग का आंकलन करने हेतु केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण (भारत सरकार) द्वारा जारी की गई प्रक्रिया (Partial End Use Method) को अपनाया गया है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत सभी उपभोक्‍ताओं को विभिन्‍न श्रेणियों यथा-घरेलू, गैर घरेलू, कृषि, औद्योगिक, सड़क बत्‍ती, जल प्रदाय, इत्‍यादि, श्रेणियों में बांटकर उनमें उपभोक्‍ताओं की संख्‍या, संयोजित भार, प्रति उपभोक्‍ता औसत खपत, भार संयोजित रहने की अवधि, इत्‍यादि अनुमानकों की विगत 5 से 10 वर्षों की अवधि की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर की गणना की जाती है। तदोपरान्‍त मुख्‍यत: इस वृद्धि को आधार मानकर एवं सरकारी नीतियों व अन्‍य महत्‍वपूर्ण कारकों को ध्‍यान में रखते हुए आगे के वर्षों की विद्युत की खपत का उपभोक्‍ता श्रेणीवार आंकलन किया जाता है। इस आंकलित खपत में आगामी वर्षों के दौरान संभावित पारेषण व वितरण हानि के घटक को जोड़कर विद्युत ऊर्जा की समग्र मांग का अनुमान लगाया जाता है। तदानुसार वर्ष 2013-14 से वर्ष 2021-22 तक आंकलित एवं वास्‍तविक विद्युत की शीर्ष मांग व शीर्ष उपलब्‍धता की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, विद्युत की शीर्ष मांग का आंकलन उपरोक्‍त प्रक्रिया के अंतर्गत विगत वर्षों में विद्युत की कमी, रबी मौसम में अपेक्षाकृत मांग में वृद्धि, म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अत्‍यधिक पुराने एवं अदक्ष संयंत्रों को नए संयंत्रों से बदलने, प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने एवं अटल ज्‍योति अभियान के अंतर्गत गैर कृषि उपभोक्‍ताओं को लगातार 24 घंटे एवं कृषि क्षेत्र को 10 घंटे विद्युत उपलब्‍ध कराये जाने हेतु विद्युत की आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखकर किया गया था। अपेक्षाकृत पूरे विश्‍व में आर्थिक मंदी आने, नए उद्योगों की स्‍थापना न हो पाने, ओपन एक्‍सेस के माध्‍यम से बिजली प्राप्‍त करने एवं केप्टिव संयंत्रों की स्‍थापना के कारण अनुमानित शीर्ष मांग में अपेक्षाकृत वृद्धि नहीं हुई। विद्युत क्रय अनुबंधों के प्रावधानों के अंतर्गत बगैर बिजली लिए विगत 3 वर्षों में माह नवंबर 2016 तक लगभग 5513.04 करोड़ रू. की राशि का भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं। दैनिक आधार पर परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के उपभोक्‍ताओं की विद्युत मांग की आपूर्ति के पश्‍चात् ऑन-बार विद्युत इकाईयों की बची विद्युत को या तो दूसरे प्रदेशों में बेच दिया जाता है या उत्‍पादन संयंत्रों को बंद करने हेतु प्रक्रिया अपनाई जाती है। दूसरे प्रदेशों को बेची गयी बिजली से प्राप्‍त राशि का लाभ प्रदेश के उपभोक्‍ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई सत्‍यापन याचिका के माध्‍यम से पहुँचाया जाता है। 

परिशिष्ट - ''सोलह''

संस्‍कृति विभाग द्वारा भोपाल में कराए गए कार्यक्रम

[संस्कृति]

98. ( क्र. 1242 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में विगत तीन वर्षों में संस्‍कृति विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किए गए है? कार्यक्रम का नाम, कार्यक्रम पर हुए खर्च तथा कार्यक्रम स्‍थल की वर्षवार जानकारी दें। (ख) उक्‍त कार्यक्रमों में टेंट, स्‍वागत तथा    खान-पान हेतु क्‍या प्रक्रिया अपनायी गयी तथा किस एजेंसी को काम दिया गया कार्य की राशि सहित विस्‍तृत जानकारी दें। (ग) विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में जिला स्‍तर पर कहाँ-कहाँ कार्यक्रम आयोजित किए गए वर्षवार जिले के नाम तथा खर्च की गयी राशि की जानकारी दें। (घ) जिला स्‍तर पर विभाग के कौन से अधिकारी या कर्मचारी विभाग की गतिविधियों का संचालन करते हैं?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार. (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  ‘‘’’ अनुसार. (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार. (घ) संचालनालय के आयोजन जिलों में जिला प्रशासन के समन्‍वय से किये जाते हैं. इसमें विशेषीकृत अधिकारी या कर्मचारी नहीं होते. अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है.

भिण्‍ड विधानसभा में विद्युतीकरण कार्य

[ऊर्जा]

99. ( क्र. 1262 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 31 जनवरी, 2017 की स्थिति में    कौन-कौन से ग्राम विद्युतविहीन है? इनमें से किन-किन ग्रामों का विद्युतीकरण की सुविधा कब तक उपलब्‍ध कराई जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत शासन की     कौन-कौन सी योजना संचालित हैं, कब तक पूर्ण हो जायेंगी? (ग) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत किन ग्रामों के कार्य पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ है, कब तक कार्य पूर्ण होंगे? (घ) दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से ग्रामों में कार्य प्रारंभ/अपूर्ण/पूर्ण हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत दिनांक 31.01.2017 की स्थिति में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। तथापि प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में 9 ग्राम डी-इलेक्ट्रिफाईड हो गए हैं, जिनकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उक्‍त में से 8 ग्रामों का विद्युत प्रदाय संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा कराने के उपरान्‍त चालू किया जा सकेगा तथा एक ग्राम में कोई उपभोक्‍ता विद्यमान नहीं है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नाधीन 9       डी-इलेक्ट्रिफाईड ग्रामों का विद्युत प्रदाय चालू करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत वर्तमान में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना संचालित है। उक्‍त योजना के अंतर्गत कार्य जून, 2017 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों के पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों की प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र सहित भिण्‍ड जिले हेतु दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण ज्‍योति योजना के अंतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: योजनान्‍तर्गत निविदा कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्‍त कार्य प्रारंभ किया जाएगा। 

परिशिष्ट - ''सत्रह''

प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

100. ( क्र. 1340 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल में स्‍थापित समस्‍त विभागों में पदस्‍थ कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा वर्ष 2009 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में आय से अधिक सम्‍पत्ति, रिश्‍वत खोरी, दुर्व्‍यवहार, अमानत में ख्‍यानत, लोकायुक्त एवं आयकर विभाग की छापामार कार्यवाही किए जाने के मामले उजागर हुए है? (ख) शासन स्‍तर पर विचाराधीन एवं न्‍यायालयीन प्रकरणों की सूची दें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बजट राशि का उपयोग नहीं किया जाना

[वित्त]

101. ( क्र. 1341 ) श्री आरिफ अकील : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 में प्रदेश के किस-किस विभाग को कुल कितनी-कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया वर्षवार विभागवार बतावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में ऐसे कौन-कौन से विभाग है जिनके द्वारा प्राप्‍त बजट राशि का उपयोग नहीं कर पाए हैं? विभागवार, वर्षवार बतावें

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नांश (क) की जानकारी वर्ष 2014-15 व    2015-16 की विनियोग लेखों में मांगवार उपलब्‍ध है। उक्‍त विनियोग लेखे विधान सभा पुस्‍तकालय में उपलब्‍ध है। वर्ष 2016-17 की जानकारी वर्ष 2016-17 की बजट पुस्तिका खंड-4 में मांगवार उपलब्‍ध है, जो विधान सभा पुस्‍तकालय में उपलब्‍ध है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 से संबधित जानकारी विनियोग लेखे में मांगवार उपलब्‍ध है। वर्ष 2016-17 की जानकारी उपलब्‍ध कराया जाना संभव नहीं है क्‍योंकि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्ष 2016-17 के विनियोग लेखे तैयार नहीं किये गये हैं।

म.प्र.पा.ज.कं.लि. सारनी कोयला हस्‍तांतरण

[ऊर्जा]

102. ( क्र. 1379 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतपुड़ा ताप विद्युत गृह (म.प्र.पा.ज.कं.लि. सारनी कोयला हस्‍तांतरण संभाग के लिये माह नवम्‍बर, दिसम्‍बर 2016 में कोल इंडिया से कोयले से भरी रैक को सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी को डिस्‍पेज कर भेजा गया था, क्‍या संबंधित कार्यपालन अभियंता सी.एच.पी. द्वारा हठधर्मिता दिखाते हुए कोयले से भरी रैक को अनलोड नहीं कराया गया नतीजा मजबूरी में उसी कोयले से भरी रैक को श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, दोंगलिया खण्‍डवा में डायवर्ट करना पड़ा जिससे कंपनी को रैक डायवर्ट एवं अन्‍य चार्ज का नुकसान हुआ तथा हुए डेमरेज चार्ज की राशि की जानकारी एवं चालान या बैंक में जमा किये दस्‍तावेजों की छायाप्रतियां भी उपलब्‍ध करायें। (ख) रैक डायवर्ट करने के एवज में कंपनी को कितनी राशि का नुकसान हुआ क्‍या उक्‍त राशि संबंधित कार्यपालन अभियंता सी.एच.पी. से वसूली जावेंगी एवं प्रकरण की संपूर्ण जाँच कर उक्‍त अधिकारी को दण्डित किया जावेगा। उक्‍त जाँच कब तक करा ली जावेगी, समय-सीमा बतलायें? यदि जाँच नहीं करवाई जावेगी तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं कोयला कम्पनियों के बीच हुये कोयला प्रदाय अनुबंध की शर्तों के अनुसार म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अपने किसी एक विद्युत गृह को भेजी जा रही कोयले की रैक को आवश्यक होने पर अपने ही किसी दूसरे विद्युत गृह को स्थानांतरित (डायवर्ट) कर सकती है। प्रश्नांश में उल्‍लेखित कालखंड में से नवम्बर 2016 में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी को भेजी जा रही एक रैक को श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खंडवा में कोयले की आवश्यकता के दृष्टिगत नियत प्रक्रिया के अंतर्गत, बीच रास्ते से        श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खण्‍डवा के लिये डायवर्ट करवाया गया था। दिसंबर 2016 में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी से कोई भी रैक डायवर्ट नहीं करवाई गई। डायवर्सन की यह प्रक्रिया म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न ताप विद्युत गृहों में कोयले की आपूर्ति एवं खपत को ध्यान में रखते हुए विभिन्‍न स्‍तरों पर विचारोपरांत अमल में लाई जाती है, अत: इस हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है। इस प्रक्रिया में डेमरेज का कोई भी नुकसान नहीं हुआ। डायवर्सन हेतु रेल्‍वे को एक निर्धारित राशि देय होती है, जो कि डायवर्सन के बाद बनने वाली सुपरसेशन रेल्वे रिसिप्ट के अनुसार म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा ऑन-लाईन फ्रेट पेमेंट प्रक्रिया के अंतर्गत भुगतान की जाती है। चूंकि प्रश्न में इंगित प्रक्रिया में कंपनी को न तो कोई नुकसान हुआ है एवं न ही अलग से चालान बनाकर कोई राशि जमा की गई है। अत: इस प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं है, जो कि उपलब्ध कराया जा सके। () उत्तरांश में उल्‍लेख अनुसार रैक डायवर्सन नियमानुसार एक सामान्य प्रक्रिया है एवं इसमें कंपनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध जाँच एवं दण्डित किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता है। 

नई विद्युत परियोजना की क्षमता

[ऊर्जा]

103. ( क्र. 1380 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में कितने ताप एवं जल विद्युत इकाईयों की कुल कितनी मेगावाट क्षमता हैं साथ ही समस्‍त क्षमता का ताप एवं जल विद्युत इकाईयों की जानकारी प्रोफार्मा में बतावें, परियोजना का नाम, क्षमता, मेगावाट, स्‍थान का नाम सहित विवरण बतलायें। (ख) आगामी वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 की वर्षों में सरकार कहाँ-कहाँ पर कितने ताप विद्युत गृह एवं जल विद्युत गृहों का निर्माण कार्य करायेंगे, परियोजना का नाम, स्‍थान बतलायें। कब तक काम प्रारंभ होगा? विवरण सहित बतलायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) वर्तमान में मध्‍य प्रदेश में स्थित ताप एवं जल विद्युत इकाईयों की कुल क्षमता 19365 मेगावाट है, इन इकाईयों में राज्‍य का अंश 10739 मेगावाट है। विद्युत गृह का नाम, क्षमता (मेगावाट में) एवं स्‍थान के नाम का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में राज्‍य स्‍वामित्‍व की म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन ताप विद्युत परियोजना का नाम, स्‍थान एवं क्षमता का विवरण तथा कार्य प्रारंभ की तिथि संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रश्‍नाधीन अवधि में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्तमान में किसी नये जल विद्युत गृह का निर्माण प्रारंभ किया जाना प्रस्‍तावित नहीं है। 

परिशिष्ट - ''अठारह''

बड़वानी जिले में मा. मुख्‍यमंत्री जी की घोषणाएं

[सामान्य प्रशासन]

104. ( क्र. 1384 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.01.13 से 25.01.17 तक मा. मुख्‍यमंत्री जी ने बड़वानी जिले का      कब-कब दौरा किया एवं क्‍या-क्‍या घोषणाएं की वर्षवार जानकारी देवें? (ख) उपरोक्‍त घोषणाओं की वर्तमान स्थिति बताएं ? इसके लिए संबंधित विभागों से लंबित घोषणाएं कब तक पूर्ण होगी? (ग) क्‍या कारण है मा. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा बड़वानी में कालेज की घोषणा की लेकिन जिला प्रशासन बड़वानी ने 15 करोड़ रू. के खेल परिसर का प्रस्‍ताव भेजा? इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावे। इन पर कार्यवाही कब तक होगी? (घ) मान. मुख्‍यमंत्री जी की प्रश्‍नांश '' अनुसार घोषणाओं के संबंधित कितने प्रस्‍ताव जिला स्‍तर से भोपाल भेजे गए।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में स्‍थापित ट्रांसफार्मर व कनेक्‍शन

[ऊर्जा]

105. ( क्र. 1387 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्र. संख्‍या 132 (क्र. 1584) दि. 06.12.16 के '' उत्‍तर में अतिभारित ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार, क्षमतावार सूची में से कितने ट्रांसफार्मर दि. 25.01.17 तक अंडरलोड कर दिए गए? इनकी सूची ग्रामवार, क्षमतावार देवें। यदि नहीं, किए तो क्‍यों? (ख) इसी प्रश्‍नांश के (ग) उत्‍तर अनुसार जिन 108 कृषकों के ''मुख्‍यमंत्री स्‍थायी कृषि पंप कनेक्‍शन योजना'' के तहत आवेदन प्राप्‍त हुए हैं, उनमें से कितने कृषकों को दि. 25.01.17 तक कनेक्‍शन प्रदान कर दिए गए हैं? सूची नामवार, ग्रामवार देवें। (ग) जिन्‍हें कनेक्‍शन नहीं दिए गए हैं उन्‍हें कनेक्‍शन कब तक प्रदाय कर दिए जाएंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) विधानसभा के शीतकालीन सत्र दिसम्‍बर-2016 के परि.अता.प्र. संख्‍या 132 (क्र.1584) दिनांक 06.12.2016 के उत्‍तरांश '' में महिदपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत अतिभारित ट्रांसफार्मरों की कुल संख्‍या 205 दर्शाई गई थी, जिसमें से 26 ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य दिनांक 25.01.2017 तक पूर्ण कर लिये गये हैं तथा इन ट्रांसफार्मरों पर वर्तमान में इनकी क्षमता के अनुरूप भार है। उक्‍तानुसार पूर्ण किये गये ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्यों की ग्रामवार एवं क्षमतावार सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍तानुसार शेष 179 अतिभारित ट्रांसफार्मरों में से 68 अतिभारित ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य हेतु कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं किन्‍तु राइट ऑफ वे/पहुँच मार्ग उपलब्‍ध नहीं होने से उक्‍त कार्य नहीं किये जा सके हैं। शेष 111 अतिभारित ट्रांसफार्मरों हेतु अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना करना होगी एवं यह कार्य वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता अनुसार क्रमश: किया जा सकेगा। (ख) विधानसभा शीतकालीन सत्र दिसम्‍बर-2016 के परि.अता.प्र. संख्‍या 132 (क्र. 1584) दिनांक 06.12.2016 के उत्‍तरांश (ग) में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 108 कृषकों के ''मुख्‍यमंत्री स्‍थायी कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना'' में आवेदन प्राप्‍त होने की जानकारी दी गई थी, जिसमें से दिनांक 25.01.2017 तक 92 कृषकों के कनेक्‍शन हेतु प्राक्‍कलन स्‍वीकृत कर कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं एवं शेष 16 कृषकों के कनेक्‍शन हेतु प्राक्‍कलन स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दिनांक 25.01.2017 तक उक्‍त में से किसी भी आवेदक को कनेक्‍शन नहीं दिया जा सका है। (ग) प्रश्‍नाधीन 108 प्रकरणों में माह अक्‍टूबर-नवम्‍बर, 2016 में आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। ''मुख्‍यमंत्री स्‍थायी कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना'' में आवेदक द्वारा राशि जमा करने के उपरांत कार्य पूर्ण करने की निर्धारित समय-सीमा 9 माह में, उक्‍त कार्य पूर्ण कर दिये जायेंगे।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

ऑन-लाईन टैक्‍स वसूली

[वाणिज्यिक कर]

106. ( क्र. 1392 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्र. संख्‍या-152 (क्रं. 1582) दि. 06.12.16 के '' उत्‍तर अनुसार जिन 19 फर्मों ने पंजीयन कराया उनसे प्रश्‍न दिनांक तक कितना ऑन-लाईन टैक्‍स वसूला गया? प्रत्‍येक फर्म के नाम एवं वसूली राशि सहित बतावें? कितना बाकी है, यह भी बतावें। (ख) प्रश्‍न दिनांक तक कितनी फर्मों का कुल पंजीयन हो चुका है, उनके नाम व इन पर कितना टैक्‍स आरोपित किया गया व कितना वसूला गया? फर्मवार जानकारी देवें। (ग) प्रदेश के पोस्‍ट आफिसों से कितनी राशि ऑन-लाईन टैक्‍स के रूप में वसूली गई? माहवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) व (ख) अनुसार पंजीकृत फर्मों द्वारा प्रस्‍तुत बिलों जिन पर आन-लाईन टैक्‍स 6% वसूला गया का विवरण माहवार प्रश्‍न दिनांक तक देवें।

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पंजीयत फर्मों एवं ऑन-लाईन व्‍यवहार पर टैक्‍स वसूल कर जमा की गई राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उपरोक्‍त फर्मों पर वर्तमान में कोई बकाया नहीं हैं। (ख) प्रश्‍न दिनांक तक पंजीयत एवं उनसे वसूल की गई कर राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। विधानसभा नियमित कर निर्धारण पश्‍चात् यदि कोई अतिरिक्‍त मांग कायम होगी तब ऐसी राशि की वसूली की स्थिति निर्मित होगी। (ग) प्रदेश के पोस्‍ट ऑफिस के ऑन-लाईन टैक्‍स वसूली की राशि निरंक है। (घ) पंजीकृत फर्मों द्वारा ऑन-लाईन टैक्‍स वसूल किये जाने से संबंधित क्रय बिलों का बिल वाईज विवरण प्रस्‍तुत नहीं किया जाता है। अत: माहवार बिल वार क्रय विवरण दिया जाना संभव नहीं है। वसूल की गई टैक्‍स राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''बीस''

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

107. ( क्र. 1397 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के संचालन हेतु शासन ने कौन-कौन से मापदण्‍ड निर्धारित किये हैं तथा अन्‍य कौन-कौन सी बुनियादी सुविधायें होना आवश्‍यक है? दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) शहडोल संभाग अंतर्गत आने वाले जिले अनूपपुर में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजनावार कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं? संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में बच्‍चों के लिये कौन-कौन सी बुनियादी सुविधायें हैं? ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र हैं जिनमें बच्‍चों के मनोरंजन, खेलकूद की व्‍यवस्‍था शौचालय व स्‍वच्‍छ पेयजल की व्‍यवस्‍था नहीं है? शहरी एव ग्रामीण क्षेत्रों की तहसीलवार, परियोजनावार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) उक्‍त जिलों में सुविधाविहीन ऐसी कितनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र हैं, जहां पर बच्‍चों के बैठने के लिये पर्याप्‍त जगह, कमरे शौचालय नहीं है? केन्‍द्रवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) उक्‍त जिलों में जिन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में बच्‍चों के बैठने के लिये पर्याप्‍त जगह, कमरे शौचालय नहीं है, उन केन्‍द्रों को सुविधा संपन्‍न करने हेतु क्‍या विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बनाई गई है एवं इस हेतु विगत तीन वर्षों में किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है एवं कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये नवीन भवन का निर्माण कितनी राशि से कराया गया तथा इन भवनों में क्‍या-क्‍या बुनियादी सुविधायें हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्‍द्र के संचालन में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर हितग्राहियों की गतिविधियों हेतु पर्याप्‍त स्‍थान, पेयजल शौचालय इत्‍यादि बुनियादी सुविधायें होना आवश्‍यक है निर्धारित मापदण्‍ड की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) शहडोल संभाग अंतर्गत आने वाले जिला अनूपपुर के नगरीय क्षेत्र में कुल 1113 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है।      (ग) जिले में सुविधाविहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। (घ) जिले में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर बच्‍चों को बैठने के लिये सभी 1113 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पर्याप्‍त स्‍थान/कमरे उपलब्‍ध हैं। 393 शौचालय विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में सुविधायें उपलब्‍ध कराये जाने हेतु विभाग के पत्र क्रमांक 3188/2015 दिनांक 31/07/2015 द्वारा समस्‍त जिला कलेक्‍टर को निर्देशित किया गया है। विगत 3 वर्षों में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु आई.पी.पी.ई. योजनान्‍तर्गत अनुपपूर जिलों को 19 एवं आदिम जाति कल्‍याण मद से 11 नवीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु कुल राशि रूपये 2.34 करोड़ की स्‍वीकृति जारी की गई है। निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी भवनों में पर्याप्‍त स्‍थान, पेयजल शौचालय इत्‍यादि बुनियादी सुविधाओं का प्रावधान है।

अवैध शराब की बिक्री पर रोक

[वाणिज्यिक कर]

108. ( क्र. 1408 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में कहाँ-कहाँ देशी व विदेशी मदिरा दुकानों की अनुज्ञप्ति जारी की गई है? क्षेत्र में गाँव-गाँव बेची जा रही है। अवैध शराब की बिक्री को रोकने हेतु इस अवधि में क्‍या-क्‍या प्रयास किये हैं? (ख) आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) व (2) अवैध शराब आधिपत्‍य, परिवहन, विनिर्माण, विक्रय आदि के कितने प्रकरण क्षेत्र में दर्ज कर प्रभावी कार्यवाही की है? (ग) क्‍या विभाग अवैध शराब की बिक्री रोकने हेतु गंभीर है यदि हाँ, तो क्‍या अभियान चलाया जाकर ठोस व प्रभावी कार्यवाही की जाएगी? (घ) आगामी वित्‍तीय वर्ष से पवित्र व धार्मिक नगरी मैहर की नगर पालिका सीमा के अंदर शराब दुकानों के लायसेंस जारी न किये जाने हेतु क्‍या योजना बनाई गई है? इस हेतु अब तक क्‍या कार्यवाही की गई है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में देशी व विदेशी मदिरा दुकानों की जारी की गई अनुज्ञप्ति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिये वर्ष 2016-17 में आबकारी विभाग द्वारा माह जनवरी 2017 तक 209 न्‍यायालयीन प्रकरण तथा पुलिस अधीक्षक जिला सतना के पत्र क्रमांक पु.अ./सतना/ओ.एम./विसप्र/1/2017 दिनांक 06.02.2017 अनुसार थाना मैहर में 216 प्रकरण, थाना अमदरा में 91 प्रकरण एवं बदेरा में 91 न्‍यायालयीन प्रकरण, इस प्रकार कुल 607 न्‍यायालयीन प्रकरण कायम किये गये है।     (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब आधिपत्‍य, परिवहन, विनिर्माण, विक्रय आदि के आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) के तहत प्रभावी कार्यवाही की जाकर कुल 607 न्‍यायालयीन प्रकरण कायम किये गये है। आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (2) के तहत प्रकरण कायम नहीं किये गये है। (ग) वर्ष 2016-17 में दिनांक 01.08.2016 से दिनांक 15.08.2016 तक तथा प्रतिमाह विशेष अभियान चलाया जाकर अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिये ठोस व प्रभावी कार्यवाही की गई है एवं भविष्‍य में भी इसी प्रकार की कार्यवाही जारी रहेगी। (घ) वर्तमान में ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। 

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

फीडर सेपरेशन के कार्य

[ऊर्जा]

109. ( क्र. 1409 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत फीडर सेपरेशन योजनान्‍तर्गत कितने फीडरों में फीडर विभक्तिकरण के कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं? (ख) उक्‍त क्षेत्र में स्‍वीकृत कार्यों में से कितने फीडरों में फीडर विभक्तिकरण के कार्य प्रश्‍न दिनांक तक पूर्ण हो चुके हैं? कितने फीडरों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य प्रचलित है तथा कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है? (ग) कार्यों की निर्माण व पर्यवेक्षण एजेंसी कौन-कौन है? कब-कब कंपनी के अधिकारियों द्वारा कार्यों का भौतिक सत्‍यापन किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍वीकृत कार्यों में पूर्ण होने की समय-सीमा क्‍या है? कब तक सभी लक्षित कार्य पूर्ण करा लिए जावेंगे? फीडरवार समय-सीमा बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना में 19 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य स्‍वीकृत किया गया है। (ख) प्रश्‍न दिनांक तक मैहर विधानसभा क्षेत्र में 5 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है तथा शेष 14 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य प्रगति पर है। उक्‍त कार्य की पूर्णता के प्रतिशत की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।        (ग) प्रश्‍नाधीन कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स इरा इन्फ्रा लिमिटेड हेतु नई दिल्‍ली को अवार्ड जारी किया गया था। किन्‍तु निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण उक्‍त ठेकेदार एजेंसी से किया गया अनुबंध दिनांक 17.06.2016 को निरस्‍त कर दिया तथा पुन: निविदा प्रक्रिया उपरांत शेष कार्य हेतु मेसर्स कॉन्टिनेंटल पेट्रोलियम लिमिटेड, जयपुर को दिनांक 29.10.2016 को अवार्ड जारी किया गया। उक्‍त कार्य के पर्यवेक्षण हेतु थर्ड पार्टी पर्यवेक्षक एजेंसी मेसर्स फीडबैक इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर, गुड़गाँव को अनुबंधित किया गया है। उक्‍त पर्यवेक्षण एजेंसी एवं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी द्वारा उक्‍त योजनान्‍तर्गत किये गये कार्यों की गुणवत्‍ता निर्धारित मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करने हेतु कार्यों का भौतिक सत्‍यापन किया जाता है। वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा किये गये भौतिक सत्‍यापन की फीडरवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) ठेकेदार एजेंसी मेसर्स कॉन्टिनेंटल पेट्रोलियम लिमिटेड जयपुर से किये गये अनुबंध अनुसार प्रश्‍नाधीन शेष कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा मई-2018 निर्धारित की गयी है। मई 2018 तक प्रश्‍नाधीन शेष सभी 14 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य पूर्ण करा लिये जायेंगे। ठेकेदार एजेंसी से संपूर्ण कार्य मई-2018 तक पूर्ण करने हेतु अनुबंध किया गया है, फीडरवार कार्य पूर्णता की पृथक से कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है, अत: तत्संबंधी जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। 

परिशिष्ट - ''बाईस''

अवैध शराब की बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

110. ( क्र. 1412 ) श्री हर्ष यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में किन-किन स्‍थानों पर देशी व विदेशी मदिरा विक्रय की अनुज्ञा जारी की गई है? क्षेत्र में भारी मात्रा में अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिये विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या प्रतिबंधात्‍मक कार्यवाहियां उक्‍त अवधि में की है? (ख) क्‍या विभाग अवैध शराब की बिक्री रोकने हेतु गंभीर है? यदि हाँ, तो दर्ज प्रकरणों में की गई प्रभावी कार्यवाही का विवरण दें? (ग) आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) व (2) के अंतर्गत क्षेत्र में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) क्‍या क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री रोकने हेतु कोई विशेष अभियान चलाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2016-17 हेतु देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत देशी/विदेशी मदिरा विक्रय हेतु जारी अनुज्ञा संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। देवरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अवैध शराब की बिक्री की रोक-थाम हेतु सघन गश्‍त, चैकिंग, विशेष अभियान एवं सामूहिक गश्‍त की जाकर अवैध शराब विक्रय का कारोबार करने वाले व्‍यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। आबकारी विभाग द्वारा जिले अंतर्गत अवैध मदिरा विक्रय के पकड़े गये कुल 568 प्रकरण में आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर सक्षम माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाकर उन्‍हें माननीय सक्षम न्‍यायालय द्वारा सजा एवं अर्थ दण्‍ड से दण्डित कराया गया है। (ग) प्रश्‍नांश ‘’’’ अनुसार देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वृत्‍त प्रभारी उपनिरीक्षक द्वारा अवैध मदिरा विक्रय करने वाले व्‍यक्तियों के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा-34 (1) के अंतर्गत माह अप्रैल 2016 से जनवरी 2017 तक कुल 50 प्रकरण, पुलिस विभाग द्वारा थाना देवरी अंतर्गत 125, महाराजपुर अंतर्गत 46, गौरझामर अंतर्गत 41 एवं केसली अंतर्गत 37 इस तरह कुल 302 प्रकरण दर्ज किये जाकर आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाकर माननीय न्‍यायालय से दण्डित कराया गया है। (घ) आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा के विक्रय, निर्माण, संग्रहण पर प्रभावी नियंत्रण रखे जाने हेतु आबकारी आयुक्‍त मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 248 दिनांक 29.07.2016 के पालन में जिले अंतर्गत विभाग द्वारा दिनांक 02.08.2016 से 15.08.2016 तक विशेष अभियान चलाये जाने के उपरांत प्राप्‍त निर्देशानुसार तदनन्‍तर प्रतिमाह 10 दिवस विशेष अभियान चलाया जाकर अवैध मदिरा विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा रहा है।

परिशिष्ट - ''तेईस''

वोल्‍टेज एवं विद्युत सप्‍लाई

[ऊर्जा]

111. ( क्र. 1415 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले के केवलारी विधान सभा क्षेत्र समस्‍त ग्रामों में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता के अध्‍याय तीन के अंतर्गत घोषित वोल्‍टेज एवं विद्युत सप्‍लाई की जाती है? यदि हाँ, तो केवलारी विधान सभा के अंतर्गत आने वाले सभी वितरण केन्‍द्रों में गत तीन वर्ष की औसत खपत की वर्षवार जानकारी देवे? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) में घोषित वोल्‍टेज कम है तो क्‍या विभाग उस क्षेत्र में नये उपकेन्‍द्र स्‍थापित करेगा? (ग) क्‍या उपभोक्‍ताओं को घोषित वोल्‍टेज एवं विद्युत सप्‍लाई देने के लिए विभाग बाध्‍य है तभी बिल वसूल करने का हकदार है? यदि हाँ, तो कौन जिम्‍मेवार है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अध्‍याय 3 के अंतर्गत घोषित वोल्‍टेज पर विद्युत प्रदाय किया जाता है। केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वितरण केन्‍द्रों में विगत 3 वर्षों की औसत खपत निम्‍नानुसार है :-

वितरण केन्‍द्र का नाम

वर्ष 2013-14           (यूनिट लाख में)

वर्ष 2014-15       (यूनिट लाख में)

वर्ष 2015-16          (यूनिट लाख में)

केवलारी

101.82

125.39

135.89

खैरापलारी

79.73

93.34

96.05

उगली

55.68

55.81

58.77

पांडिया छपारा

31.77

30.51

33.87

छींदा

50.42

60.53

69.74

धनौरा

152.93

141.05

149.09

छपारा-1

59.30

57.60

61.02

छपारा-2

103.87

94.91

109.65

(ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी ग्रामों में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अध्‍याय 3 के अंतर्गत घोषित वोल्‍टेज अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। भविष्‍य में उक्‍त क्षेत्र में संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना अंतर्गत ग्राम पीपरदौन (अमौनीखापा) में 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र के निर्माण का कार्य स्‍वीकृत किया गया है। साथ ही 132 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र समनापुर (नैनपुर) से केवलारी तक 32.5 कि.मी. लम्‍बाई की 33 के.व्‍ही. लाईन के एक अतिरिक्‍त फीडर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है परन्‍तु रेलवे क्रासिंग का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण लाईन चार्ज नहीं हो सकी है। सिवनी 132 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र से कान्‍हीवाड़ा तक 33 के.व्‍ही. फीडर का कार्य भी प्रगति पर है जिसमें 36 कि.मी. लाईन का कार्य किया जाना है। उक्‍त में से 20 कि.मी. लाईन के खंभे खड़े कर दिए गए हैं। उक्‍त 33 के.व्‍ही. के दोनों फीडरों का कार्य पूर्ण हो जाने पर विधानसभा क्षेत्र केवलारी में विद्युत प्रदाय की गुणवत्‍ता में और अधिक सुधार परिलक्षित होगा। (ग) उपभोक्‍ताओं को घोषित वोल्‍टेज अनुसार विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराने के लिए वितरण कंपनियाँ मध्‍य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता 2013 में निहित प्रावधानों के अनुसार कटिबद्ध हैं। नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार बिल तैयार कर विद्युत प्रदाय संहिता 2013 में निहित प्रावधानों के अनुसार विद्युत बिलों की वसूली की कार्यवाही की जाती है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी के जिम्‍मेदार होने का प्रश्‍न नहीं उठता।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

112. ( क्र. 1416 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी सहायक कार्यरत हैं? विकासखंडवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में केवलारी विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पदों में नियुक्ति की जानी है? आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के चयन के क्‍या मापदंड है? क्‍या शासन ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की स्‍थानांतरण नीति बनाई है यदि हाँ, तो बतायें? (ग) विगत 2 वर्षों में कितने पदों में भर्ती की गई है एवं भर्ती के विरूद्ध कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्‍त हुई है एवं इस पर क्‍या कार्यवाही की गई है? इसका जिम्‍मेवार कौन है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में 09 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति की जाना है। विभागीय ज्ञाप क्र/एफ 3-2/06/50-2 दिनांक 10.07.2007 में वर्णित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के चयन एवं नियुक्ति के संशोधित निर्देशों के अनुसार निर्धारित योग्यता धारित अभ्यर्थियों के चयन की कार्यवाही जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा की जाती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का पद मानसेवी होने से इनके स्थानान्तरण के संबंध में स्‍थानांतरण की कोई नीति नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) विगत 02 वर्षों में 37 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, 43 आंगनवाड़ी सहायिकाओं एवं 06 उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई है। इनकी नियुक्ति के संबंध में कोई शिकायतें प्राप्त नहीं होने से शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

एन.जी.ओ. द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

113. ( क्र. 1465 ) श्री प्रताप सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 3 वर्षों में किस-किस एन.जी.ओ. को क्‍या-क्‍या कार्य दिया गया तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि क्‍या थी एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया? एन.जी.ओ.वार बतलावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित एन.जी.ओ. द्वारा किये गये कार्यों की राज्‍य सतर्कता मूल्‍यांकन समिति द्वारा कब-कब जाँच की गई तथा उसकी क्‍या रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गई, संस्‍थावार कार्य अनुसार जानकारी बतलावें?                  (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित एन.जी.ओ. में से किस-किस के विरूद्ध अनुबंध के अनुसार कार्य न करने तथा भ्रष्‍टाचार के प्रमाण पाये जाने पर उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत राज्‍य शासन से मान्‍यता उपरांत विभिन्‍न जिलों में एन.जी.ओ. द्वारा बाल गृह, खुला आश्रय गृह तथा विशेषज्ञ दत्‍तक गृहण अभिकरण का संचालन किया जा रहा है। गृहों का संचालन का कार्य अकास्मिक सेवाओं में होने से कार्य अवधि निर्धारित नहीं की जा सकती है। इन गृहों के संचालन हेतु भुगतान की गई अनुदान राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। महिला वित्‍त एवं विकास निगम अंतर्गत आयफेड सा‍हायित तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम अंतर्गत संघों के सुदृढ़ीकरण हेतु 6 जिलों के 54 लोकेशन के लिये वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के लिये प्रतिमाह रू. 15000/- प्रति कलस्‍टर की दर पर 16 एन.जी.ओ., द्वारा अनुबंध के आधार पर कार्य किया गया था, सूची एवं अनुबंध पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 2016-17 के लिए किसी भी एन.जी.ओ. से अनुबंध नहीं किया गया। (ख) संचालनालय महिला सशक्तिकरण अंतर्गत ऐसी किसी समिति के गठन का प्रावधान नहीं है। अत: जाँच का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। (ग) प्रश्‍नांश '' में से किसी के विरूद्ध अनुबंध अनुसार कार्य न करने तथा भ्रष्‍टाचार की शिकायत संचालनालय को प्राप्‍त नहीं हुई।

 


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