मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2022 सत्र
गुरुवार, दिनांक 22 दिसम्बर, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सड़क
प्रस्तावों
की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 1282 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग में लोक निर्माण विभाग एवं म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से किन-किन जिलों से सड़क चौड़ीकरण (फोरलेन-डिवाईडर), टू-लेन एवं बायपास सड़कों के निर्माण कराये जाने बाबत प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त प्रस्तावों में से नीमच जिला अंतर्गत किन-किन मार्गों की प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हुई है तथा किन-किन मार्गों की शासन स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक अपेक्षित है? (ग) नीमच विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नीमच शहरी क्षेत्र का स्टेट हाईवे क्र. (SH-31) भाटखेड़ा से डुंगलावदा व्हाया नीमच मार्ग के चौड़ीकरण (फोरलेन-डिवाईडर) तथा हिंगोरिया नीमच छोटी सादड़ी मार्ग व्हाया जैसिंगपुरा बघाना बायपास मार्ग के संबंध में प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या स्थिति है तथा इन दोनों मार्गों पर कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) भाटखेड़ा से डुंगलावदा व्हाया नीमच मार्ग के चौड़ीकरण (फोरलेन-डिवाईडर) का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। बजट में शामिल न होने से अग्रिम कोई कार्यवाही नहीं की जावेगी। हिंगोरिया नीमच छोटी सादड़ी मार्ग व्हाया जैसिंगपुरा (बघाना बायपास) मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' अनुसार है।
पानी निकासी की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 1154 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र की नगर पालिका श्योपुर एवं नगर परिषद बडौदा में पानी की उचित निकासी की व्यवस्था न होने के कारण गलियों में पानी भरा रहता है, जिससे नगर में मच्छर व कई बीमारियों का खतरा बना रहता है? क्या नगर पालिका श्योपुर एवं नगर परिषद बडौदा को नाले नालियों की सफाई एवं व्यवस्था के लिए राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गयी है? (ख) क्या शासन/प्रशासन द्वारा श्योपुर नगर एवं बडौदा में पानी की निकासी के लिए कोई उचित कदम उठाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगरपालिका श्योपुर एवं नगरपरिषद बडौदा में कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हैं एवं कौन-कौन से कार्य कराना प्रस्तावित है? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? कौन-कौन से कार्य कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराये गये हैं? इन कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई है? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की स्थिति में जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में स्वीकृत कौन-कौन से अपूर्ण निर्माणाधीन व अप्रारंभ कार्यों की कार्यपूर्णता अवधि व लागत क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पालिका परिषद श्योपुर एवं नगर परिषद बडौदा में पानी की निकासी हेतु नाले/नाली की व्यवस्था है। अगस्त 2021 में आई बाढ़ के बाद नाले/नालियों की सफाई कराई गई, जिसके परिणाम स्वरूप इस वर्ष वर्षा ॠतु में दोनों निकायों में जल भराव की स्थिति निर्मित नहीं हुई। जी नहीं‚ शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर परिषद बडौदा में एस.डी.आर.एफ एवं एस.डी.एम.एफ. योजनान्तर्गत सामाखाड बस्ती से भट्टा महाराज की पुलिया तक एक नाला लागत राशि रू. 1435.00 लाख का स्वीकृत है। नगर पालिका श्योपुर में एस.डी.आर.एफ. एवं एस.डी.एम.एफ. योजना में 5 नाले‚ मुक्तिधाम से बंजारा डेम तक सी.सी. नाला राशि रू. 117.31 लाख‚ कुम्हार मोहल्ला से बंजारा डेम तक सी.सी. नाला राशि रू. 58.65 लाख‚ सफेद चबूतरा से कौशल विकास केंद्र तक सी.सी. नाला राशि रू. 150.66 लाख ट्रेफिक थाने से वार्ड क्र. 06 आंगनवाड़ी तक सी.सी. नाला राशि रु. 103.79 लाख एवं वार्ड क्र. 2 हरिजन बस्ती मंदिर से किलागेट तक सी.सी. नाला निर्माण कार्य राशि रु. 117.31 करोड़ के स्वीकृत हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 1477 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में जुन्नारदेव विधानसभा में किन-किन सड़कों में निर्माण कार्य चल रहे हैं एवं इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में कहां-कहां नई सड़कें प्रस्तावित हैं? (ख) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में पुरानी डामरीकृत सड़क जो क्षतिग्रस्त हुई है, उनके उन्नयन कार्य की कोई कार्ययोजना है? इस वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत किस मार्ग एवं भवन निर्माण पर अनुबंध किया गया है? अनुबंधित राशि एवं आज दिनांक तक व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा जुन्नारदेव अंतर्गत विगत 3 वर्षों में निर्माणाधीन बी.टी. सड़कों की मरम्मत, विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के सुधार एवं नवीन पुल-पुलियों के निर्माण के लिये कोई कार्य योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं वर्ष 2022-23 में प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ, क्षतिग्रस्त डामरीकृत सड़कों के उन्नयन का विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'स' अनुसार एवं वर्ष 2022-23 में अनुबंधित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ-1', 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में निर्माणाधीन बी.टी. सड़कों की मरम्मत एवं क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के सुधार का विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ-1' एवं 'द' अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग भोपाल संभाग क्र. 1 की जानकारी
[लोक निर्माण]
4. ( *क्र. 874 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग भोपाल जिला भोपाल संभाग क्र. 1, बारह दफ्तर में कर्मचारियों/अधिकारियों के कुल कितने शासकीय क्वार्टर बने हैं? स्थान का नाम एवं श्रेणी बतायें तथा उक्त शासकीय आवासों के मरम्मत, पुताई के लिए वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि वर्षवार आवंटित की गयी है? प्राप्त राशि एवं व्यय राशि की जानकारी वर्षवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के कौन-कौन शासकीय से आवास पुलिस आरक्षक, प्रधान आरक्षकों एवं अन्य श्रेणी के कर्मचारियों/अधिकारियों को आरक्षित कर रखे गये हैं? उक्त आवासों पर गत 04 वर्षों में मरम्मत, पुताई, सफाई पर कितना-कितना व्यय किया गया है? आवासवार, वर्षवार कार्य का स्वरूप बताते हुऐ व्यय राशि की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के शासकीय आवासों की मरम्मत, पुताई कब तक करा देंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि 10 वर्षों में मरम्मत, पुताई पर राशि खर्च करना शासकीय रिकॉर्डों में पाया जाता है, तो गबन राशि की जांच करा कर दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवास आवंटित करने का अधिकार लोक निर्माण विभाग को नहीं है, इसलिए पुलिस विभाग को कौन से क्वार्टर आरक्षित हैं की जानकारी विभाग द्वारा दिया जाना संभव नहीं है। आवासों पर विगत चार वर्षों में मरम्मत, पुताई पर किया गया व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उपलब्ध आवंटन के अनुसार पुताई का कार्य कराया जाता है, इसलिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। चार वर्षों में किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिसमें किये गये कार्य पर ही राशि व्यय की गई है। अतः गबन का प्रश्न ही नहीं उठता एवं कार्यवाही का भी प्रश्न नहीं उठता।
रबी फसल की सिंचाई हेतु विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
5. ( *क्र. 525 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान रबी की फसल हेतु सिंचाई के लिए कितने किलो वाट लोड की आवश्यकता है? (ख) क्या वर्तमान में रबी की फसल की सिंचाई हेतु मांग अनुसार विद्युत उपलब्ध हो रही है? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) का उत्तर यदि हाँ है तो क्या किसानों ने विद्युत समस्या को लेकर आन्दोलन अथवा चक्का जाम किया? (घ) यदि सिंचाई के लिए पर्याप्त लोड नहीं है, तो क्या विभाग लोड की व्यवस्था कर देगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में रबी की फसल हेतु सिंचाई के लिए कृषि फीडरों पर अधिकतम 81,800 कि.वा. प्रति दिवस विद्युत आपूर्ति दर्ज की गई है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में रबी फसल की सिंचाई हेतु मांग अनुसार कृषि फीडरों पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। (ग) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 19.11.2022 को ग्राम खीमाखेड़ी के कुछ कृषकों द्वारा वोल्टेज की समस्या के कारण ब्यावरा-राजगढ़ रोड पर सड़क पर बैठकर चक्का जाम करने का प्रयास किया गया। ग्राम खीमाखेड़ी के कृषकों को सिंचाई हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कालीपीठ से निर्गमित टांडी कृषि फीडर से विद्युत आपूर्ति की जा रही थी एवं यह ग्राम फीडर के अंतिम छोर पर होने के कारण यदा-कदा कम वोल्टेज की समस्या परिलक्षित होती थी। उक्त समस्या के दृष्टिगत ग्राम खीमाखेड़ी के कृषकों द्वारा उनका विद्युत प्रदाय ग्राम से 4 कि.मी. की दूरी पर स्थित 33/11 के.व्ही. खुरी विद्युत उपकेन्द्र से किए जाने की मांग की जा रही थी। कृषकों द्वारा चक्काजाम करने की सूचना कलेक्टर जिला-राजगढ़ द्वारा दिये जाने पर उप महाप्रबंधक, संचा./संधा. संभाग राजगढ़ एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिला-राजगढ़ द्वारा मौके पर पहुंचकर कृषकों को जानकारी दी गई कि उनकी समस्या के समाधान हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र हिरणखेड़ी आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत हो चुका है, जिसका कार्य शीघ्र शुरू किया जा रहा है। तदुपरांत कृषकों द्वारा चक्का जाम समाप्त कर दिया गया। तथापि कृषकों की मांग के अनुसार एवं उक्त समस्या के तात्कालिक निराकरण हेतु ग्राम खीमाखेड़ी को सिंचाई प्रयोजन हेतु विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र खुरी से निर्गमित पडोनिया कृषि फीडर से चालू कर दिया गया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
15वें वित्त आयोग अंतर्गत राशि आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 1398 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्रदेश की समस्त नगर पालिकाओं/नगर परिषद एवं नगर पंचायतों को राशि उपलब्ध कराई गई थी? इस राशि का उपयोग किस-किस कार्य में किया जाना था? क्या बैतूल जिले की समस्त नगरीय इकाइयों को भी राशि का आवंटन किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन नगरीय इकाइयों को राशि आवंटित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पालिका परिषद मुलताई को 15वें वित्त आयोग अंतर्गत कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक प्रदान की गई थी? यह राशि किन-किन मदों अंतर्गत प्रदान की गई थी? विस्तृत जानकारी मदवार सूची सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) की प्राप्त राशि का उपयोग प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री, कितनी-कितनी मात्रा में, किस-किस कंपनी, कौन-कौन से सप्लायर, किस-किस दिनांक को क्रय की गई है? क्या नगर पालिका परिषद मुलताई में काउ केचर क्रय करने की आवश्यकता थी? यदि हाँ, तो इसके क्रय के लिये क्या प्रक्रिया अपनाई गई? किस मद से काउ केचर क्रय किया गया? संपूर्ण जानकारी बिल सहित उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में बिना आवश्यकता काउ केचर क्रय किये गये हैं तो इसमें कौन-कौन से अधिकारी संलिप्त हैं? इन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके क्या कारण हैं? कार्यवाही कब तक की जावेगी? 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि से किन-किन सामग्रियों को क्रय करने एवं कौन-कौन से कार्यों पर व्यय किये जाने के शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये थे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। जी हाँ। बैतूल जिले के अंतर्गत समस्त नगरीय निकाय (बैतूल, मुलताई, आमला, सारणी, भैसदेही, चिचोली, आठनेर, बैतूल बाजार, घोड़ाडोंगरी, शाहपुर) को राशि आवंटित की गई है। (ख) नगर पालिका परिषद, मुलताई को राशि रू. 62,41,000/- प्रदाय की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। व्यय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। जी हाँ, नगर पालिका परिषद, मुलताई में काउ केचर की आवश्यकता होने के कारण जेम पोर्टल की प्रक्रिया अपनाते हुए क्रय किया गया। बिल की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'घ' अनुसार है। (घ) आवश्यकता प्रतीत होने के कारण काउ केचर क्रय किया गया है, जिसमें कोई अधिकारी संलिप्त नहीं होने के कारण अधिकारियों पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत राशि व्यय किये जाने के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है।
टोल रोड वसूली की जानकारी
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 1368 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, देवास, लेबड़ जावरा, जावरा नयागांव, टोल की अनुबंध के अनुसार कितनी लागत है तथा भोपाल, देवास को मिले 81 करोड़ की ग्रांट को घटाने के बाद उसकी वास्तविक लागत क्या है? (ख) अक्टूबर 2022 तक इन तीनों रोड पर कुल कितना टोल वसूला जा चुका है? रोड के ठेकेदार फर्म का नाम क्या है? (ग) ओ.एम.टी. के तहत किस-किस सड़क पर कमर्शियल वाहन से टोल वसूलना किस-किस दिनांक से प्रारंभ हुआ? ठेका कितने में कितनी अवधि के लिये दिया गया तथा अक्टूबर 2022 तक कुल कितना टोल वसूला गया? सड़क अनुसार जानकारी दें। (घ) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल नाका यदि 60 किलोमीटर के अंदर है तो उन्हें हटाने के लिए अध्यादेश जारी हो चुका है? यदि हाँ, तो बतावें कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदेश में कितने टोल 60 किलोमीटर से कम दूरी पर हैं तथा उन्हें अभी तक क्यों नहीं हटाया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार।
जर्जर विद्युत पोल/ट्रासंफार्मर एवं विद्युत देयकों में सुधार
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 800 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से प्रश्न दिवस तक केन्ट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने जर्जर विद्युत पोलों को सुधारा/बदला गया एवं कितनों में सुधार कार्य बाकी है? (ख) प्रश्नांकित अवधि में केन्ट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने खराब ट्रांसफार्मर को बदला गया एवं कितने ट्रांसफार्मर बदलना बाकी है? (ग) प्रश्नांकित अवधि में केन्ट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने बिलों को सुधार कर जमा कराया गया? बिलों में आने वाली विसंगति को कब तक सुधारा जायेगा? (घ) क्या विद्युत देयकों के निराकरण हेतु वार्ड स्तर पर शिविर लगाकर कार्य पूर्ण होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केन्ट विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 46 जर्जर/खराब विद्युत पोलों को बदला गया है एवं 28 पुराने विद्युत पोलों को बदलने का कार्य प्रगति पर है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में केन्ट विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 61 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले गये हैं एवं प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में केन्ट विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 9133 नंबर विद्युत देयकों के सुधार उपरांत संशोधित राशि के बिल जारी कर उन्हें जमा कराया गया है। विद्युत देयकों के सुधार हेतु शेष 605 शिकायतों के निराकरण हेतु माह दिसम्बर, 2022 में शिविर लगाकर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। सुधार योग्य बिलों में आने वाली विसंगति को वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित 15 दिन की समय-सीमा में सुधार दिया जाता है। (घ) जी हाँ, आवश्यकतानुसार वार्ड/वितरण केन्द्र स्तर पर शिविर लगाकर विद्युत देयकों में सुधार किया जावेगा।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही के साथ राशि वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 880 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल नगर पलिका निगम एवं नगर परिषदों, नगर पंचायतों में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक में कितने कार्य किन-किन मदों से कितनी-कितनी लागत व अनुबंध की किन शर्तों पर किन संविदाकारों से कराये गये? विवरण के साथ यह भी बतावें कि कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में रीवा ग्रीन योजना के तहत वृक्षारोपण के कार्य 20273780.00 रूपये एवं 23398.00 रूपये के कनैल के पौधे लगाये जाने की जानकारी पत्र क्र. 278 दिनांक 15.02.2016 के द्वारा दी गई थी? वर्तमान में वृक्षों की स्िथति क्या है? ये कार्य किन के माध्यम से किन शर्तों पर कराये गये थे? वृक्ष कहां से खरीदे गये थे? विवरण बिल वाउचर सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कराये गये कार्यों की गुणवत्ता व मौके से कार्य का सत्यापन कब-कब किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा कराया गया का विवरण कार्यवार, निकायवार एवं वर्षवार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्य जो कराये गये, उनमें संविदाकारों को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितना भुगतान शेष है? कार्यवार विवरण देते हुये बतावें कि भुगतान अनुसार क्या कार्य मौके पर है? अगर कार्य मौके पर नहीं है, भुगतान कर दिया गया तो इसके लिये जिम्मेदारों के पद नाम बतावें एवं इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य गुणवत्ता विहीन, अनुबंध की शर्त अनुसार नहीं कराये गये व प्रश्नांश (ख) अनुसार नियम से हटकर भुगतान कर दिया गया, प्रश्नांश (ग) अनुसार कार्यों की गुणवत्ता का सत्यापन नहीं किया गया, राशि नियम से हटकर भुगतान की गई, इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित शहडोल जिले की किसी भी नगरीय निकाय द्वारा यह कार्य नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' में उललेखित कार्यों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) एवं (ड.) उत्तरांश 'क' में उललेखित शहडोल जिले की नगरीय निकायों के कार्यों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा की गई अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 614 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद गुढ़ में श्री दिनेश साहू एवं श्री माखनलाल तिवारी के नाम से नगर परिषद् गुढ़ में क्रमश: दिनेश साहू जनवरी 2022 से जुलाई 2022 तक एवं माखनलाल तिवारी के नाम पर दिसम्बर 2021 से जुलाई 2022 तक फर्जी मस्टर रोल भरकर शासकीय राशि का आहरण किया गया? यदि हाँ, तो संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक? (ख) क्या वर्तमान में नगर परिषद् गुढ़ में नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदस्थ डॉ. एस.बी. सिद्दीकी गुढ़ द्वारा बिना सक्षम अधिकारियों की अनुमति के बिना बोलेरो वाहन के नाम से नवम्बर 2021 से प्रश्न दिनांक तक रूपये 61,000/- प्रतिमाह जी.एस.टी. सहित भुगतान किया जा रहा है, जबकि बोलेरो गाड़ी के स्थान पर मारूति वाहन का उपयोग किया जाता है? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। नगर परिषद्, गुढ़ द्वारा चार पहिया वाहन लगाए जाने हेतु जारी किए गए कार्यादेश में बोलेरो अथवा मारूति का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
नर्मदापुरम से टिमरनी फोरलाईन सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 1250 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल-टिमरनी-हरदा-इंदौर राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क नर्मदापुरम से टिमरनी राजमार्ग 15 को फोर लाइन सड़क बनाने की क्या योजना है? (ख) उक्त नर्मदापुरम टिमरनी सड़क पर कितने पुल-पुलिया निर्माण किए जायेंगे? (ग) उक्त फोर लाइन सड़क कब तक पूर्ण की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में नर्मदापुरम से टिमरनी को फोरलेन बनाने की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रबंध संचालक द्वारा फर्जी तरीके से पदोन्नति
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 1226 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान प्रबंध संचालक पावर जनरेटिंग कम्पनी के लगभग 40 बेचमेट्स मात्र अभी जनरेशन संकाय में कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ हैं, जबकि यह कार्यपालन अभियंता से 5 पद अतिरिक्त पदोन्नति पर पहुंच गये हैं? क्या ये सहायक यंत्री से पद परिवर्तन की परीक्षा में असफल हो गये थे? साथ ही जो परीक्षा में सफल हुये हैं, वह मात्र सहायक यंत्री से अधीक्षण यंत्री के समान ऊपर तक ही पदोन्नति हुई? इनके साथ वित्त परीक्षा में सफल श्रीमती सपना ओगदे मात्र अधीक्षण यंत्री के समान पदोन्नति पाकर हीन भावना से ग्रसित होकर उन्होंने स्वेच्छा से सेवा निवृत्ति ले ली, क्योंकि श्री मंजीत सिंह आरक्षण कोटे की श्रेणी में भी नहीं हैं, सामान्य वर्ग से हैं, तब इतनी पदोन्नति किस-किस आधार प्राप्त कर ली? (ख) क्या इनके विरूद्ध श्री राजेन्द्र अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य अभियंता द्वारा समस्त प्रकरण की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत् मांगी गई, लेकिन सूचना अधिकारी श्री बी.के. उपाध्याय जो इनके अधीन थे, उनके विरूद्ध जानकारी न देने पर 25000/- जुर्माना राज्य सूचना आयोग भोपाल द्वारा लगा दिया, लेकिन जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हुयी है, इनको कुल 6 पदोन्नतियां कब-कब दी गयी एवं इसका आधार क्या था?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, परन्तु वर्तमान प्रबंध संचालक, म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड तत्कालीन म.प्र. विद्युत मंडल के जनरेशन संकाय में भर्ती हुये थे एवं वर्ष 2000 से लेखा/वित्त संकाय में है। वित्त संकाय में उपलब्ध पदों के अनुसार पदोन्नति प्राप्त हुई। जी हाँ, सहायक अभियंता से वित्त संकाय में परिवर्तन की परीक्षा में असफल हुये थे। इसी परीक्षा में सफल हुये अधिकारी स्वयं के विकल्प के आधार पर चयनित अलग-अलग कंपनियों में पद उपलब्धता के आधार पर पदोन्नत हुये। तत्कालीन म.प्र. राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनियों में से विकल्प के आधार पर श्रीमती स्वप्नजा ओखदे (सपना ओखदे नहीं) द्वारा एम.पी. पावर मेनेजमेंट कंपनी का चयन किया तथा उपलब्ध पदों के अनुसार पदोन्नति प्राप्त की। श्रीमती स्वप्नजा ओखदे द्वारा निजी कारणों से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति प्राप्त की है। श्री मंजीत सिंह की पदोन्नति जनरेटिंग कंपनी के नियमों के अनुसार वरिष्ठता सह मेरिट के आधार पर हुई है, जिसका श्रीमती स्वप्नजा ओखदे की पदोन्नति से कोई संबंध नहीं है। (ख) जी हाँ, सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जानकारी प्राप्त करने के लिए, दिये गये आवेदन में संलग्न पोस्टल आर्डर अपूर्ण होने के आधार पर कम्पनी के लोक सूचना अधिकारी श्री उपाध्याय द्वारा आवेदन नियमानुसार नहीं मानते हुए जानकारी उपलब्ध नहीं कराये जाने को राज्य सूचना आयोग, भोपाल द्वारा उचित नहीं मानते हुए रू. 15000 का अर्थदण्ड लगाया गया। आयोग के आदेशानुसार आवेदक को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराये जा चुके हैं। पूर्ववर्ती मण्डल/कम्पनी द्वारा प्रबंध संचालक को उनके सेवाकाल में प्रदान की गई पदोन्नति संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खासपुरा-कडलावद मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 91 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के खासपुरा-कड़लावद मार्ग के निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2022-23 के बजट में कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं स्वीकृत राशि में से कितनी राशि निर्माण कार्य हेतु प्रदाय की गयी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो उक्त मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग का निर्माण कार्य वर्ष 2022-23 में प्रारंभ करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के खासपुरा कडलावद मार्ग के निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट में उक्त मार्ग के 17.00 कि.मी. के अनुमानित लागत राशि रू. 1430.00 लाख के साथ अपरीक्षित मद के रूप में सम्मिलित है। सूचकांक की उपलब्धता तथा परीक्षण उपरांत स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चिकित्सा अधिकारियों के स्वीकृत पद
[आयुष]
14. ( *क्र. 1298 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आयुष मंत्रालय के द्वारा कितने आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय स्थापित हैं? उपरोक्त संस्थाओं में संपूर्ण मध्यप्रदेश में कितने आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी एवं आयुर्वेद महाविद्यालय में पद स्वीकृत किए गए हैं? (ख) मध्यप्रदेश में उपरोक्त संस्थाओं में कितने पद भरे हुए हैं? कितने पद खाली हैं? खाली पद कब तक भरे जायेंगे। संबंधित आदेश निर्देश और योजना बजट उपलब्ध कराएं। (ग) संघ लोक सेवा आयोग में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित अस्पतालों में रिक्त पदों को भरने के लिए कितने चिकित्सा अधिकारी भर्ती किए थे एवं कितने अधिकारी वर्तमान में शहरी क्षेत्र में अटैच हैं? नियम विरुद्ध तरीके से अटैच अधिकारी किस अधिकारी से सांठ-गांठ कर पदस्थ किए गए? क्या शासन इस बात की ओर ध्यान देते हुए उन अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा जो इस प्रकार से नियम विरूद्ध कार्य कर रहे हैं? (घ) ऐसे कितने एलोपैथिक अस्पताल है, जहां पर आयुष चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारियों को रखा गया है? किन अधिकारियों के द्वारा व्यवस्था को इस प्रकार तोड़-मरोड़ कर कार्य किए जा रहे हैं? शासन इस प्रकार के अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही करेगा? विधि विरुद्ध कार्यों की जांच कब तक होगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) 07 आयुर्वेद महाविद्यालयीन चिकित्सालय एवं 21 तीस बिस्तरीय आयुर्वेद चिकित्सालय संचालित हैं। चिकित्सा अधिकारियों के 92 पद स्वीकृत हैं। (ख) आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के 76 पद भरे हैं एवं 16 पद रिक्त हैं। लोक सेवा आयोग को 692 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के पद पूर्ति के प्रस्ताव भेजे गये हैं। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला एलोपैथिक चिकित्सालय में 36 आयुष विंग पृथक से संचालित हैं। एलोपैथिक अस्पताल में कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोलर पम्प का रजिस्ट्रेशन एवं स्थापन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
15. ( *क्र. 1214 ) श्री हर्ष यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अविद्युतीकृत-ग्रामों के किसानों को कृषि कार्य हेतु सोलर पंप प्रदाय किये जाने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो सागर जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों ने सोलर पम्प लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है? रजिस्ट्रेशन उपरान्त कितने किसानों को सोलर पम्प स्वीकृत हुए हैं? रजिस्ट्रीकृत एवं स्वीकृत सोलर पंपों के किसानों के नाम, पता सहित विस्तृत विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में देवरी विधानसभा क्षेत्र के किन-किन किसानों को सोलर पम्प कितनी-कितनी क्षमता के स्थापित कराए गए हैं? नाम, पता सहित विस्तृत विवरण दें। सोलर पंप की स्वीकृत राशि/पम्प स्थापित करने वाली एजेंसी का नाम एवं विस्तृत विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों को स्वीकृत सोलर पम्प स्थापित करने वाली एजेंसी द्वारा कितने किसानों के सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं? कितने स्थापित किये जाने हेतु प्रतीक्षारत हैं? प्रतीक्षारत किसानों की विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार रजिस्ट्रेशन उपरान्त कितने किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध नहीं कराए गए हैं? कारण सहित बतावें। क्या पंजीकृत किसानों को इसी वित्तीय वर्ष में सोलर पम्प उपलब्ध करा दिए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। योजनांतर्गत वे सभी कृषक पात्र हैं, जिनके खेतों पर कृषि कार्य करने हेतु विद्युत वितरण कंपनी से, अनुदानित विद्युत कनेक्शन नहीं है। सागर जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक 334 कृषकों ने सोलर पंप संयंत्र लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) कराया है। पंजीकरण उपरांत 115 कृषकों के सोलर पंप संयंत्र स्वीकृत हुए हैं। पंजीकृत कृषकों के नाम, पता सहित विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। स्वीकृत सोलर पंप संयंत्रों के कृषकों के नाम, पता सहित विस्तृत विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित देवरी विधानसभा क्षेत्र के कृषकों में से 103 कृषकों के यहां सोलर पंप संयंत्र स्थापित कराये गए हैं। उक्त कृषकों के नाम, पता, स्वीकृत राशि एवं स्थापित करने वाली एजेंसी सहित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) उतरांश 'ख' में उल्लेखानुसार, सोलर पंप स्थापित करने वाली एजेंसियों द्वारा 103 स्वीकृत कृषकों के सोलर पंप संयंत्र स्थापित किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। 12 कृषकों के सोलर पंप संयंत्र स्थापना हेतु प्रतीक्षारत है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार रजिस्ट्रेशन उपरांत स्वीकृत हुए 115 कृषकों में से शेष रहे 12 कृषकों के सोलर पंप संयंत्र स्थापना हेतु कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं। देवरी विधानसभा के 334 पंजीकृत कृषकों में से 115 स्वीकृत कृषकों के पश्चात शेष रहे 219 कृषकों के सोलर पंप संयंत्र उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। सोलर पंप संयंत्र केन्द्र शासन की निविदा के माध्यम से चयनित पात्र इकाइयों एवं निर्धारित दरों पर की जा रही थी, जिसकी वैधता मई 2022 में समाप्त हो गई है। केन्द्र शासन द्वारा नवीन निविदा की कार्यवाही की गई है। नवीन दरें एवं बजट की उपलब्धता अनुसार सोलर पंप स्थापना का कार्य पुन: प्रारंभ किया जावेगा।
नरसिंहगढ़-बोड़ा मार्ग पर फोर-लेन सी.सी. सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 1258 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण संभाग राजगढ़ अंतर्गत नरसिंहगढ़-बोड़ा मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-46 एवं पचोर-शुजालपुर-आष्टा रा.रा. मार्ग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-52 को जोड़ता है एवं एक प्रमुख व्यवसायिक मार्ग होकर इस मार्ग पर यातायात घनत्व अत्यधिक होने से बार-बार क्षतिग्रस्त एवं जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे निर्मित हो जाते हैं तथा वहां आवागमन अवरूद्ध होने के साथ गंभीर दुर्घटनाओं के कारण बन रहे हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय, माननीय विभागीय मंत्री महोदय सहित विभाग से नरसिंहगढ़-बोड़ा मार्ग पर फोर-लेन सी.सी. सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक अनेक बार अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन नरसिंहगढ़-बोड़ा मार्ग पर बढ़ती दुर्घटनाओं एवं सुगम आवागमन के दृष्टिगत फोर-लेन सी.सी. सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, नरसिंहगढ़-बोड़ा मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-46 एवं पचोर-शुजालपुर-आष्टा रा.रा. मार्ग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-52 को जोड़ता है। जी नहीं, मार्ग की स्थिति ठीक है एवं यहां आवागमन सुगम है तथा कोई भी दुर्घटना की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। जी हाँ, परन्तु 4 लेन के लिये पर्याप्त यातायात घनत्व न होने के कारण कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) 4 लेन के लिये पर्याप्त यातायात घनत्व न होने के कारण कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अतः वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोक निर्माण विभाग मुरैना द्वारा कराये गये कार्य
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 1202 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग मुरैना को वर्ष 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक सी.सी. एवं डामरीकरण रोड निर्माण हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ? आवंटन आदेश की छायाप्रति सहित जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत प्राप्त आवंटन किस कार्य स्वीकृत आदेशानुसार किस-किस स्थान पर किस-किस कार्य पर किसकी अनुशंसा पर कितना-कितना आवंटन एवं व्यय किया गया है? जानकारी वर्षवार मय कार्य स्वीकृति आदेश की छायाप्रति सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 169, दिनांक 19.02.2021 द्वारा रोड निर्माण हेतु प्रस्तावित 42 निर्माण कार्य क्या स्वीकृत योग्य हैं? अगर हाँ तो कब तक स्वीकृत कर निर्माण कार्य कराये जावेंगे? अगर नहीं तो क्यों? कारण की प्रमाण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में विधानसभा दिमनी क्षेत्र अन्तर्गत विभाग द्वारा कितने रोड निर्माण कार्य किस स्थान पर कितनी राशि से कराये गये? नहीं तो क्यों? कराये गये कार्यों की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें व कार्य न कराने के कारण की जानकारी सप्रमाण उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण संभाग मुरैना को दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक (30.11.2022) तक सी.सी. एवं डामरीकरण रोड निर्माण हेतु प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। आवंटन केन्द्रीय सर्वर के माध्यम से ऑन-लाईन (ग्लोबल) के माध्यम से प्राप्त होने के कारण आवंटन आदेश की प्रतियाँ उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में आवंटन केन्द्रीय सर्वर के माध्यम से जारी होने के कारण आवंटन स्वीकृति आदेश उपलब्ध कराना संभव नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। सूचकांक की उपलब्धता होने पर परीक्षण उपरांत विचार किया जाना संभव होगा। (ग) माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र दिमनी के द्वारा प्रस्तावित 42 निर्माण कार्य हेतु प्राप्त पत्र के सरल क्र. 07 पर अंकित ''खड़ियाहार से माता का पुरा मार्ग'' स्वीकृत होकर वर्तमान में पूर्ण है एवं सरल क्र. 39 एवं 40 पर अंकित निर्माण कार्य पंचायत से संबंधित है। शेष मार्गों के प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अस्पताल भवनों हेतु लागू अनिवार्य शर्तों का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 1238 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल दमोह नाका के भवन का नक्शा कब स्वीकृत किया गया था? भवन निर्माण अनुमति एवं बिल्डिंग कम्पलीशन प्रमाण पत्र कब-कब जारी किया गया था? प्रोविजनल व अस्थायी फायर एन.ओ.सी. कब-कब जारी की गयी थी? क्या दिनांक 01 अगस्त, 2022 को उक्त अस्पताल भवन के पास वैध फायर एन.ओ.सी. थी? (ख) उक्त अस्पताल में घटित अग्नि दुर्घटना के पश्चात नगर निगम जबलपुर द्वारा किन-किन अस्पताल भवनों की जांच पड़ताल की गयी? जांच के बिंदु क्या-क्या थे? जांच में कौन-कौन से अस्पताल भवनों में क्या-क्या कमियाँ पाईं गयीं? समस्त कार्यवाही व जांच से लेकर प्रतिवेदन तक के दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ग) जबलपुर के कौन-कौन से अस्पताल भवन के पास अग्नि हादसे की स्थिति में फायर फाइटर इंजन को आगे व पीछे दोनों ओर आने-जाने का खुला स्थान है? किन-किन के पास उक्त खुला स्थान नहीं है? किन-किन अस्पतालों में फायर एक्जिट उपलब्ध हैं? इस संबंध में नेशनल बिल्डिंग कोड व अन्य नियमों में क्या प्रावधान हैं? (घ) जबलपुर में स्थित समस्त अस्पताल भवनों की नगर निगम द्वारा जारी प्रोविजनल/अस्थायी फायर एन.ओ.सी., स्वीकृत नक्शा, विकास अनुज्ञा, बिल्डिंग परमीशन, बिल्डिंग कम्पलीशन प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा न्यू लाईफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल दमोह नाका के भवन का नक्शा दिनांक 23.02.1998 को स्वीकृत किया गया। भवन निर्माण अनुमति दिनांक 23.02.1998 को तीन वर्ष की अवधि हेतु जारी की गई एवं इस भवन का कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। नगर निगम जबलपुर द्वारा प्रोविजनल फायर एन.ओ.सी. दिनांक 02.03.2021 को जारी की गई व अस्पताल के संचालक/स्वामी द्वारा अस्थायी फायर एन.ओ.सी. हेतु आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। दिनांक 01.08.2022 को उक्त अस्पताल भवन के पास वैध फायर एन.ओ.सी. नहीं थी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जांच स्वीकृति उपरांत निर्माण सह उपयोग प्रयोजन विषयक की गई। जांच किये गये अस्पताल में प्राप्त कमियों पर अस्पताल संचालकों को प्रेषित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम जबलपुर सीमांतर्गत अस्पताल भवन यथा सेठ गोविंददास (विक्टोरिया) जिला चिकित्सालय जबलपुर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडीकल कॉलेज, सिंधु नेत्रालय, सेल्बी हॉस्पिटल, त्रिवेणी हॉस्पिटल के पास अग्नि की स्थिति में फायर फायटर इंजन को आगे व पीछे दोनों ओर आने-जाने का खुला स्थान है। इसके अतिरिक्त अधिकांश अस्पताल भवनों के पास उक्त स्थान नहीं है। न ही फायर एक्जिट उपलब्ध है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। नगर निगम जबलपुर द्वारा स्वीकृत मानचित्र के आधार पर स्थल पर किये गये निर्माण एवं स्वीकृत उपयोग पर सर्वेक्षण करने के उपरांत अस्पताल संचालकों को प्रेषित किये गये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। खुले स्थान हेतु म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 एवं फायर एक्जिट हेतु नेशनल बिल्डिंग कोड के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) नगर निगम जबलपुर द्वारा अस्पताल भवनों को जारी की गई प्रोविजनल/अस्थायी फायर एन.ओ.सी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अस्पतालों की स्वीकृत मानचित्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नगर निगम जबलपुर द्वारा बिल्डिंग कम्पलीशन हेतु पत्रों का संधारण नहीं किया गया है।
गुणवत्ताविहीन कार्य के दोषी एजेंसी/संविदाकार के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 787 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत रीवा-बीडा-सेमरिया रोड अपटू गोदहा जंक्शन (एस.एच. 9) लम्बाई 41 किलोमीटर का निर्माण कार्य सिरमौर-सेमरिया हाइवेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सुमन द्विवेदी महिला आई.टी.आई. के सामने रीवा कराया जा रहा है? इस कार्य में एजेंसी/संविदाकार द्वारा स्वीकृत दिशा-निर्देशों से हटकर गुणवत्ताविहीन कार्य कराया जा रहा है? उक्त संदर्भ में विभाग द्वारा संबंधित एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र क्र. 712, दिनांक 14.11.2022 द्वारा संभागीय प्रबंधक एम.पी.आर.डी.सी. रीवा, पत्र क्र. 713, दिनांक 14.11.2022 द्वारा कलेक्टर जिला रीवा, पत्र क्र. 714, दिनांक 14.11.2022 द्वारा प्रबंध संचालक एम.पी.आर.डी.सी. भोपाल, पत्र क्र. 716, दिनांक 14.11.2022 द्वारा प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल एवं पत्र क्र. 715, दिनांक 14.11.2022 द्वारा अपर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल को गुणवत्ता विहीन कार्य करने के दोषी एजेंसी/संविदाकार के विरूद्ध बिन्दुवार कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है? यदि उत्तर हाँ तो अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या विभाग एजेंसी/संविदाकार द्वारा की जा रही मनमानी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये गुणवत्तायुक्त कार्य कराना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। मार्ग के संविदाकार द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुरूप गुणवत्तापूर्वक कार्य किया जा रहा है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक श्री के.पी. त्रिपाठी, 69 सेमरिया के पत्र क्र. 712, दिनांक 14.11.2022 के परिप्रेक्ष्य में संभागीय प्रबंधक म.प्र. सड़क विकास निगम रीवा के पत्र क्र. 1907 रीवा दिनांक 24.11.2022 के माध्यम से निवेशकर्ता को माननीय विधायक महोदय द्वारा सुझाये गये निर्देशों के पालन सुनिश्चित किये जाने हेतु लेख किया गया है। मार्ग के निवेशकर्ता द्वारा गुणवत्तापूर्वक कार्य किया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
तहसील विदिशा के ग्राम बेहलोट में सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 1255 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील विदिशा के सड़क सुविधा विहीन ग्राम बेहलोट से सड़क निर्माण कार्य को स्वीकृत किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त सड़क निर्माण कार्य हेतु पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जाकर कार्य कब प्रारंभ किया जायेगा एवं अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किए जाने के कारण सहित जानकारी दें एवं कार्य प्रारंभ किए जाने के संबंध में निश्चित दिनांक से अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) निविदा आमंत्रण की कार्रवाई प्रगति पर है। निविदा प्रक्रिया से संविदाकार के चयन उपरांत कार्य प्रारम्भ किया जा सकेगा। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।
सेतु संभाग सागर द्वारा गेट नं. 28 पर रेलवे ओव्हर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 1303 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग सागर द्वारा रेलवे गेट क्र. 28 पर रेलवे ओव्हर ब्रिज निर्माण कार्य की स्वीकृति कब प्रदाय की गई थी? लागत सहित जानकारी देवें। (ख) रेलवे ओव्हर ब्रिज के निर्माण कार्य का कार्य एजेंसी से कब अनुबंध किया गया? कार्य पूर्णता की अवधि एवं कार्य प्रारंभ करने की तिथि तथा वर्तमान में कार्य एजेंसी द्वारा कितना कार्य पूर्ण किया गया है? (ग) क्या कार्य एजेंसी द्वारा परिवर्तित मार्ग एवं सर्विस मार्ग का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो उपरोक्त मार्ग से चार पहिया वाहन एवं दो पहिया वाहन का आवागमन हो रहा है? यदि परिवर्तित मार्ग से आवागमन नहीं हो रहा है तो विभाग ने आवागमन हेतु कार्य एजेंसी से सर्विस मार्ग ठीक ढंग से क्यों नहीं निर्मित कराया? (घ) क्या कार्य एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य समय पर पूर्ण नहीं कराया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्वीकृत सब-स्टेशन का निर्माण
[ऊर्जा]
22. ( *क्र. 1435 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्ना विधानसभा क्षेत्र में सिराटा तह. पांढुर्ना में सब स्टेशन कब से स्वीकृत है? इसकी लागत भी देवें। (ख) क्या कारण है कि इसका निर्माण आज तक प्रारंभ नहीं हुआ? (ग) कब तक इसका निर्माण प्रारंभ होकर इसे विभाग को हेंडओव्हर कर दिया जाएगा? (घ) इसके प्रारंभ में विलंब के उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? इन अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पांढुर्ना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिराठा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य को केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत शामिल किया गया है, जिसकी स्वीकृति दिनांक 17.03.2022 को प्राप्त हो चुकी है। उक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की लागत राशि लगभग रू. 256.48 लाख है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन विद्युत उपकेन्द्र सहित आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य हेतु आवश्यक अग्रिम कार्यवाहियाँ एवं जी.आई.एस. सर्वे के पूर्ण करने के उपरान्त निविदा जारी की जा चुकी है तथा क्रियान्वयन एजेंसी के चयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही पूर्ण होने पर क्रियान्वयन एजेंसी के चयन उपरान्त प्रश्नाधीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य आरंभ किया जा सकेगा। (ग) आर.डी.एस.एस. योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार योजनांतर्गत स्वीकृत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य क्रियान्वयन एजेंसी को कार्यादेश जारी होने की दिनांक से 24 माह में पूर्ण कर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को हेण्डओव्हर किया जाना है। (घ) उक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य हेतु नियमानुसार निर्धारित विभागीय प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जा रही है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
मण्डला जिले की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 1242 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 07 नवंबर, 2022 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा मण्डला के कार्यक्रम में जबलपुर मण्डला एन.एच. 30 सड़क निर्माण कंपनी का ठेका निरस्त करने हेतु घोषणा की थी? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय केंद्रीय मंत्री जी को जबलपुर मण्डला सड़क को 4 लेन निर्माण करवाने, डामरीकरण करने एवं ओव्हर ब्रिज निर्माण करने के संबंध में लिखे गए पत्र के संदर्भ में माननीय केंद्रीय मंत्री जी द्वारा विभाग को पत्र लिखा गया है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं, इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर मण्डला जिला अंतर्गत 4 सड़कों के निर्माण एवं पदमी रामनगर घुघरी सलवाह सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ करवाने की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो माननीय मंत्री जी द्वारा इस संबंध में विभाग को क्या निर्देश दिए गए हैं एवं विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी एवं विभागीय मंत्री जी को पत्र देकर बिछिया में बायपास निर्माण एवं बिछिया विधानसभा अंतर्गत 20 सड़कों के निर्माण करवाने की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पत्र क्रमांक 13564, दिनांक 11.11.2022 के माध्यम से म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भोपाल को निर्माण कार्य की धीमी गति से अवगत कराते हुए शेष कार्य की लागत एवं वर्तमान कार्य के सुधार हेतु प्राक्कलन प्रस्तुत किये गए तथा अनुबंध निरस्तीकरण हेतु निगम के पत्र क्रमांक 14765, दिनांक 06.12.2022 के द्वारा क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भोपाल से आवश्यक कार्यवाही बाबत पुन: निवेदन किया गया, निर्णय अपेक्षित है। जबलपुर-मंडला सड़क को 4-लेन निर्माण करवाने, डामरीकरण करवाने तथा ओव्हर ब्रिज निर्माण से संबंधित किसी पत्र की जानकारी विभाग में नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांकित पत्र द्वारा की गई मांग की जानकारी विभाग में उपलब्ध नहीं है तथा पदमी-रामनगर-घुघरी-सलवाह मार्ग निर्माण हेतु संबंधित ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्व की गतिविधियाँ प्रारंभ कर दी गई है। (ग) प्रश्नांकित पत्र की जानकारी विभाग में उपलब्ध नहीं है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर जिले में 1000 बिस्तरीय अस्पताल का निर्माण
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 628 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1000 बिस्तर के अस्पताल निर्माण की कार्य प्रारंभ दिनांक से उत्तर दिनांक तक किन-किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा जांच की गई? प्रत्येक जांच दिनांक में पायी गई अनियमितताओं/कमियों पर क्या कार्यवाही हुई? क्या पायी गई अनियमितताओं/कमियों की मौके पर वास्तविक रूप से निर्माण एजेंसी द्वारा पूर्ति कर निर्देशों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कमी का पुनः किस के द्वारा किस दिनांक को सत्यापन किया गया? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। (ख) उक्त अस्पताल, किस दिनांक को वास्तविक रूप से जे.ए.एच. प्रबंधन को सौंपा गया? सौंपने के पहले उसकी साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था पर कितनी राशि अस्पताल प्रबंधन द्वारा व्यय की गई? (ग) क्या समय-सीमा में निर्माण न करने पर निर्माण एजेंसी से अर्थदण्ड राशि वसूली के आदेश दिये गये? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब एवं कितनी राशि का अर्थदण्ड लगाया? अधिरोपित अर्थदण्ड में से कितनी राशि किस दिनांक को जमा हुई? यदि अर्थदण्ड राशि जमा नहीं हुई तो वसूली हेतु क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1000 बिस्तरीय अस्पताल भवन निर्माण कार्य का कार्य प्रारंभ से आज दिनांक तक मुख्य तकनीकी परीक्षक, अतिरिक्त परियोजना संचालक लो.नि.वि.पी.आई.यू. ग्वालियर द्वारा तकनीकी जांच की गई है, तकनीकी जांच उपरान्त निर्देशों का मौके पर निर्माण एजेंसी से पूर्ति कराकर सत्यापन उपरांत पालन प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जांच प्रतिवेदन (निरीक्षण प्रतिवेदन) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 1000 बिस्तरीय अस्पताल भवन निर्माण पूर्ण कर दिनांक 20.10.2022 को अधिष्ठाता गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर को सौंपा गया। भवन सौंपने के पहले उसकी साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा कुछ भी राशि व्यय नहीं की गई है। (ग) जी नहीं, निर्माण एजेन्सी पर कोई भी अर्थ दण्ड नहीं लगाया गया, अपितु निर्माण एजेन्सी के देयकों से समय वृद्धि हेतु राशि रू.6.50 लाख रोकी गई है। अर्थदण्ड की राशि का निर्धारण निर्माण एजेन्सी से समय वृद्धि हेतु आवेदन प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर अर्थदण्ड का निर्धारण किया जायेगा।
मंदसौर अंडर ब्रिज निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 1128 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर मिड इंडिया अंडरब्रिज निर्माण समपार क्रमांक 151-बी के निर्माण कार्य की लागत राशि रुपये 7,08,54,802/- थी? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक बी/4285, दिनांक 01 जून, 2018 मंदसौर मिड इंडिया समपार क्रमांक 151-बी पर अंडरब्रिज निर्माण हेतु 50 % राशि रेलवे तथा 50 % राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जानी थी? यदि हाँ, तो क्या टू-लेन अंडरब्रिज निर्माण (कास्टिंग शेयरिंग आधार पर) स्वीकृत स्टीमेट राशि 7,08,54,802/- का 50 प्रतिशत नगरीय प्रशासन द्वारा उपलब्ध 1,75,00000 + संचित निधि नगरपालिका मंदसौर 1,79,27,401 कुल 3,54,27,401/- जमा कराई जा चुकी है? (ग) क्या यह भी सही है की राज्य शासन द्वारा 50 प्रतिशत राशि के अंतर्गत नगर पालिका को रु. 3,54,27,401/- में 1,75,00000 (एक करोड़ पचहत्तर लाख) नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल से उपलब्ध कराये गये तथा कार्य को समय पर पूर्ण करने के लिए संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक/चार-क/लेखा/2020-21/782, दिनांक 15.02.2021 के माध्यम से अनुमति प्राप्त कर नगर पालिका मंदसौर द्वारा संचित निधि से 1,79,27,401/- रेलवे को उपलब्ध कराई गयी? यदि हाँ, तो संचित निधि पुन: विभाग द्वारा नगर पालिका मंदसौर को कब तक लौटा दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वरिष्ठ मण्डल इंजीनियर उत्तर रतलाम के पत्र क्रमांक/संख्या डब्ल्यू./420/5/41, दिनांक 22.07.2019 से टू लेन अण्डर ब्रिज निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत प्राक्कलन राशि 7,08,54,802/- बताई गई थी। वर्तमान में वरिष्ठ मण्डल इंजीनियर उत्तर रतलाम के पत्र क्रमांक/संख्या डब्ल्यू./420/5/41, दिनांक 01.11.2022 से अण्डर ब्रिज निर्माण के संशोधित अनुमानित लागत 9,00,00,000/- (नौ करोड़ रूपये) होना दर्शाई गई है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ, नगर पालिका परिषद मंदसौर को विभाग द्वारा राशि रू. 1,75,00,000/- प्रदान किये गये है। संचालनालय का पत्र क्रमांक/चार-क/लेखा/2020-21/782, दिनांक 15.02.2021 द्वारा राशि रू. 1,79,00,000/- की स्वीकृति प्रदाय की गई है। संचित निधि से व्यय राशि को वापिस किये जाने हेतु बजट अनुसार राशि रू. 1,50,00,000/- की स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
नियम
विरूद्ध
कार्यों की
संपूर्ण जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 7 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मेरे द्वारा पत्र क्र./3052/भोपाल दिनांक 10/10/22 के द्वारा श्रीमान जिलाधीश रतलाम पत्र क्र. 3051/भोपाल श्रीमान संभागयुक्त उज्जैन एवं पत्र क्र. 3050/भोपाल श्रीमान प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन भोपाल को योग्य कार्यवाही हेतु अवगत कराया है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा नगर एवं नगर की सीमा से लगी भूमियों पर तथा पिपलौदा नगर एवं नगर की सीमा से लगी भूमियों पर नियम विरूद्ध अवैधानिक तरीकों से निरंतर अवैध कालोनियां काटी जाकर गंभीर अनियमितताएं की जा रही है, इस हेतु ध्यान आकृष्ट किया है? (ग) यदि हाँ, तो किस सक्षम अधिकारी किस व्यवस्था के माध्यम से जांच की जाकर अब तक किन-किन स्थानों को चिन्हित किया जाकर उन पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत क्षेत्रों एवं उनकी सीमा से लगी भूमियों पर किस-किस कॉलोनाईजर की कितनी-कितनी भूमि होकर क्या उन भूमियों का सीमांकन भी किया गया? साथ ही नियमानुसार समस्त शर्तों/अनुबंधों का पालन किया गया इत्यादि अन्य भी अनियमितता की व नियम विरूद्ध कार्यों की संपूर्ण जांच किस सक्षम अधिकारी के द्वारा की जा रही है एवं क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर रतलाम द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जावरा एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका जावरा एवं नगर परिषद् पिपलौदा को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
क्षेत्रीय सड़कों एवं पुलियों के कार्यों का प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 8 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत क्षेत्रीय आवश्यकता अनुसार एवं क्षेत्रीय मांग पर प्रश्नकर्ता द्वारा पत्रों के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा किन-किन सड़कों एवं ब्रिज पुलियाओं के कार्यों को किये जाने हेतु प्रस्ताव भेजे है? (ख) (1) भीमाखेड़ी अंडर ब्रिज से मायटखेड़ा-तालीदाना-कालू खेड़ा व्हाया कसेर-रियावन मार्ग एवं (2) मावता-रियावन-चिपिया-माउखेडी-व्हाया धामेडी-राकोदा मार्ग हेतु निरंतर आवश्यकता पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) ग्राम उणी से भिडा जी पर्यटन स्थल पहुँच मार्ग एवं ब्रिज तथा भैसाना ब्रिज निर्माण की क्षेत्रीय अत्यंत गंभीर आवश्यक कार्य हेतु भी शासन/विभाग को लगातार अवगत कराया तो उक्त कार्य के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अन्तर्गत उल्लेखित क्षेत्रीय प्रस्तावों पर शासन/विभाग बजट हेतु कार्य योजना में सम्मिलित कर उपरोक्त उल्लेखित कार्यों को कब तक स्वीकृति दे सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं होने से कोई कार्रवाई नहीं की गई। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) वर्तमान बजट में सम्मिलित नहीं। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कों, पुलों एवं ब्रिजों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 21 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग की नस्ती दिनांक 28.10.2022 में दिये गये निर्देश के तहत प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 15/संचार/ना/बजट/2022-23/प्रस्ताव/ 2022/1102 भोपाल दिनांक 02.11.2022 के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा खुरमुण्डी से झिरमिरा, राजपुर रायती से कमठाना, दिवेल से चंदोडिया, बैरछा से अटलावदा, सरवना से पचलासी, बागेडी से बिलवानिया, खण्डवा से नरेडीपाता, भैंसोला से घिनोदा मार्ग के प्रस्ताव द्वितीय अनुपूरक बजट में सम्मिलित करने हेतु प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ख) माननीय मंत्री द्वारा घोषित जिला मार्ग एम.पी.एम.डी.आर. 26-27 शासन के पत्र क्रमांक 1707 दिनांक 24.06.2021 नागदा-गिदगढ-निनावटखेड़ा-चंदोडिया से तारोद-मोकडी मार्ग लंबाई 25 किमी को द्वितीय अनुपूरक बजट में सम्मिलित करने हेतु पत्र क्रमांक 4649/नागदा दिनांक 18.11.2022 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय, माननीय मंत्री महोदय को पत्र द्वारा प्रस्ताव दिया है? यदि हाँ, तो स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त मार्ग के निर्माण की स्वीकृति हेतु माननीय मुख्यमंत्री के पत्र क्रमांक 5217/सीएमएस/एमएलए/212/2021 दिनांक 08.12.2021, पत्र क्रमांक 1546 दिनांक 19.02.2021, पत्र क्रमांक 3585 दिनांक 29.07.2021, पत्र क्रमांक 4274 दिनांक 31.08.2021, पत्र क्रमांक 340 दिनांक 24.01.2022, पत्र क्रमांक 5219 दिनांक 08.12.2021, पत्र क्रमांक 2390 दिनांक 14.06.2022, पत्र क्रमांक 2458 दिनांक 21.06.2022, पत्र क्रमांक 2067 दिनांक 12.06.2022, पत्र क्रमांक 2436 दिनांक 17.06.2022 व पत्र क्रमांक 4086 दिनांक 04.11.2022 द्वारा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को जारी निर्देश के तहत शासन द्वारा पत्र क्रमांक 3929/5361/19/यो दिनांक 24.11.2021, पत्र क्रमांक 922/1049/19/यो दिनांक 06.03.2021, पत्र क्रमांक 2276/3236/19/यो दिनांक 11.08.2021, पत्र क्रमांक 2716/3770/19/यो दिनांक 20.09.2021, पत्र क्रमांक 489/696/यो दिनांक 14.02.2022 द्वारा प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. भोपाल एवं मुख्य अभियंता लो.नि.वि. उज्जैन को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो शासन द्वारा द्वितीय अनुपूरक बजट 2022-23 में सम्मिलित करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? विवरण दें। (घ) प्रश्नकर्ता के क्षेत्र में वर्ष 2018 से 21.11.2022 तक कितनी सड़कें, पुल, रेल्वे ओव्हर ब्रिज, बिल्डिंगे शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी उनमें से कितने का कार्य पूर्ण हो चुका है? कितना अपूर्ण है? कितने अप्रारंभ है? सभी का पृथक-पृथक विवरण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता का पत्र अप्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स एवं 'अ-1' अनुसार है। दिनांक 04.05.2018 को बड़ावदा-कलसी, नागदा से निम्बोदाखुर्द, संदला, सलवा-कल्याणपुर-खरसौदखुर्द, फतेहपुर, गुणावद, दोतरू मार्ग कुल लम्बाई 124 किमी की एडीबी-6-7 हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी, मार्ग का अधिकांश भाग पी.एम.जी.एस.वाय/लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्य प्रगतिरत होने एवं 10 किमी लम्बाई एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा पूर्व से निर्मित होने तथा लगभग 40 किमी लम्बाई में कच्चा रास्ता होने से भू-अर्जन आवश्यक था। अतः एडीबी मापदण्ड में न होने के कारण लोक निर्माण विभाग के नियमित विभागीय योजना में शामिल किया जाना प्रस्तावित करते हुए दिनांक 26.10.2021 को शासन द्वारा परियोजना से पृथक कर दिया गया।
अस्थाई कनेक्शन एवं विद्युत वितरण योजना
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 38 ) श्री
लक्ष्मण
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड में
अस्थाई कृषि
पम्प कनेक्शन
प्रदान किये
जाने की क्या
प्रक्रिया है? (ख) इसके
लिये क्या
शुल्क लिया
जा रहा है? (ग) इस वित्त
वर्ष में
चाचौड़ा
विधान सभा में
कुल कितने अस्थाई
कनेक्शन किये
गये? (घ) सिंचाई
हेतु दी जाने
वाली बिजली
रात्रि की बजाय
दिन में दी
जाने में क्या
समस्या है क्या
इसे दिन में
दिया जाना
संभव है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत सिंचाई
प्रयोजन के
लिए अस्थाई
पम्प कनेक्शन
हेतु आवेदन
प्राप्त
होने पर,
आवेदक
द्वारा चाहे
गये भार के
अनुसार न्यूनतम
03 माह हेतु
अग्रिम राशि
जमा करने के
उपरांत अस्थाई
पंप कनेक्शन
प्रदान किए
जाते हैं। इस
राशि को आवश्यकतानुसार
समयावधि के
अनुरूप बढ़ाया
जा सकता है
किन्तु यदि
वास्तविक
उपयोग इससे कम
अवधि के लिए
हुआ हो तो कनेक्शन
विच्छेदित
करने के
उपरांत उपयोग
की गई वास्तविक
समयावधि हेतु
जमा की गई
अग्रिम राशि
को अंतिम बिल
में समायोजित
किया जाता है।
(ख) म.प्र.विद्युत
नियामक आयोग
द्वारा
निर्धारित
टैरिफ के
अनुसार अस्थाई
विद्युत पंप
कनेक्शनों
हेतु बिल जारी
किये जाते हैं।
टैरिफ आदेश के
संबंधित पृष्ठों
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ग)
वर्तमान
वित्तीय
वर्ष 2022-23 में
चाचौड़ा
विधानसभा
क्षेत्र के
अन्तर्गत प्रश्न
दिनांक तक कुल
630 अस्थाई
पंप कनेक्शन
प्रदान किये
गये हैं। (घ) विद्युत
प्रणाली की
सुरक्षा एवं
स्थिरता के दृष्टिगत
तकनीकी रूप से
यह आवश्यक है
कि प्रणाली से
संबद्ध भार का
प्रबंधन इस
प्रकार किया
जाये, जिससे
प्रणाली पर
पूरे समय लगभग
एक समान भार रहे।
उक्त तकनीकी
आवश्यकता को
पूर्ण किये
जाने के
उद्देश्य से
रबी सीजन में
कृषि उपभोक्ताओं
का भार
प्रणाली पर
समान रूप से
अंतरित करने
के लिये 11
के.व्ही.
कृषि फीडरों
को समूहों में
विभक्त कर 4 एवं 6
घंटे को दो
अंतरालों में
अलग-अलग समय
पर दिन एवं
रात्रि में
कुल 10
घंटे विद्युत
प्रदाय किया
जाता है। उक्तानुसार
विद्युत
प्रणाली की
सुरक्षा एवं
स्थिरता
सुनिश्चित
करने के लिए
विद्युत की
उपलब्धता, विद्युत
प्रणाली की
क्षमता और
विद्युत भार के
बीच सामंजस्य
बनाये रखना
आवश्यक होने
के कारण कृषि
कार्य हेतु
समस्त 11
के.व्ही.
कृषि फीडरों
पर एक साथ दिन
के समय 10
घंटे विद्युत
प्रदाय किया
जाना संभव
नहीं है।
सड़क निर्माण एवं रख-रखाव
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 39 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीनागंज से टोडी होते हुए देहरी मार्ग के निर्माण की क्या योजना है? (ख) यदि निर्माण नहीं किया जा रहा है तो रख-रखाव एवं मरम्मत की क्या योजना है। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा निर्माण की गई सड़कों की गुणवत्ता संबन्धित जांच की क्या योजना है। (घ) बड़ागांव बिरियाई होते हुए राजस्थान सीमा तक जाने वाले मार्ग एवं चाचौड़ा विधानसभा में वर्तमान में निर्माणधीन सड़कों की जानकारी प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ख) मार्ग की कुल लंबाई 17.50 कि.मी. में से 10.00 कि.मी. का भाग परफॉरमेंस गारन्टी में, 3.00 कि.मी मार्ग के नवीनीकरण का कार्य प्रगति पर एवं शेष रहे 4.50 कि.मी. मार्ग के भाग का प्रस्ताव मजबूतीकरण मद में प्रस्तावित है। (ग) निर्धारित मापदण्ड एवं आवृति के अनुसार निर्माण सामग्री की जांच की जाती है, कोई निर्धारित योजना नहीं। म.प्र. सड़क विकास निगम अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में ए.डी.बी. योजनान्तर्गत खटकिया से सुठालिया मार्ग का पुनर्निर्माण कराया गया है। मार्ग के निर्माण के समय गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु सुपरविजन कंसल्टेंट (SQC) द्वारा निर्धारित मानको के अनुसार टेस्ट (परीक्षण) किये गये थे। वर्तमान में मार्ग अच्छी स्थिति में है। (घ) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पवई विधान सभा की विद्युत समस्याएं
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 53 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले के पवई विधान सभा के ग्राम कल्दा एवं ग्राम कृष्णगढ़ में नवीन विद्युत सब-स्टेशनों की स्वीकृति हो चुकी है? यदि हाँ, तो कब? स्वीकृति आदेश की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब तक इन सब-स्टेशनों की स्वीकृति की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या दोनों सब-स्टेशनों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो निविदा कब आमंत्रित की गयी? यदि नहीं, तो अब तक बजट का आवंटन क्यों नहीं किया गया? दोनों ग्रामों के सब-स्टेशनों के निर्माण हेतु बजट आमंत्रण कर स्टेशनों के निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किये जायेंगे? (ग) पवई विधान सभा में लो-वोल्टेज की समस्या को सुधारने के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन से प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) पवई विधान सभा के कल्दा परिक्षेत्र में लगभग समस्त ग्रामों की विद्युत केबल जली हुई है, जिससे समस्त क्षेत्र की विद्युत सप्लाई प्रभावित है। क्या विभाग द्वारा इसको बदलवाये जाने हेतु कोई कार्यवाही हो रही है? यदि नहीं, तो कब इस क्षेत्र के केबल बदलवाकर इस क्षेत्र की विद्युत की आपूर्ति की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, पन्ना जिले के पवई विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कल्दा एवं ग्राम कृष्णगढ़ में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य को केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत सम्मिलित किया गया है एवं केन्द्र शासन द्वारा योजना अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति दिनांक 17.03.2022 को प्रदान की गई है। स्वीकृति पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृति उपरान्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य हेतु निविदाएं दिनांक 24.06.2022 एवं दिनांक 01.10.2022 को आमंत्रित की गई थी। जिसकी तकनीकी बिड दिनांक 04/11/2022 को खोली गई एवं तकनीकी मूल्याकांन पश्चात वित्तीय बिड दिनांक 24/11/2022 खोली गई है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की स्वीकृति के उपरांत कार्यादेश जारी किया जावेगा। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत उपकेन्द्रों के निर्माण हेतु बजट आवंटित कर निविदा जारी की जा चुकी है। उक्त उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य निविदा कार्यवाही पूर्ण होने पर प्रारंभ किया जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) पवई विधान सभा क्षेत्र में लो-वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु विभागीय कार्यों के अतिरिक्त आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण, पुरानी/रिपेयर्ड विद्युत लाईनों के स्थान पर नई विद्युत लाईनों को स्थापित किये जाने के कार्य, विद्युत तारों की क्षमता वृद्धि के कार्य, अतिभारित ट्रांसफार्मरों के स्थान पर उच्च क्षमता वाले ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित करने के साथ-साथ अन्य विद्युत प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रस्तावित हैं। उक्त कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कल्दा क्षेत्र को विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सलेहा से निर्गमित 11 के.व्ही. कल्दा फीडर से किया जाता है, जिसका अधिकांश भाग 11 के.व्ही. केबिल पर होने एवं सघन वन क्षेत्र से गुजरने के कारण लाईन फाल्ट की समस्या बनी रहती है। उक्त लाईन में फाल्ट होने की स्थिति में तत्काल केबिल का पोल से पोल निरीक्षण कर ज्वाइंटिंग किट के माध्यम से सुधार कार्य कर विद्युत सप्लाई को बहाल किया जाता है। वर्तमान में उक्त क्षेत्र का विद्युत प्रदाय चालू है। नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कल्दा के निर्माण के उपरांत प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की स्थिति में सुधार परिलक्षित होगा। अत: उक्त लाईन को बदले जाने संबंधी कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
पवई विधानसभा के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 54 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले अंतर्गत कटनी से अमानगंज सड़क निर्माण का कार्य अत्यंत धीमीगति से चल रहा है इस कार्य की निविदा शर्तों में क्या समय अवधि तय की गयी थी? जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) क्या उक्त निर्माणाधीन सड़क का कार्य निश्चित समय अवधि में पूर्ण न कर पाने के कारण ठेकेदार/अधिकारियों पर अब तक कोई कार्यवाही की गयी है यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो दोषी अधिकारी एवं ठेकेदारों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी। (ग) पवई विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के पी.आई.यू. के दिनांक 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है? इनकी सूची कार्यपूर्णत: का दिनांक एवं लागत की जानकारी उपलब्ध कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ के स्तम्भ 14 में दर्शाये अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है।
चित्रकूट में सीवर लाइन का कार्य
[पर्यावरण]
8. ( क्र. 62 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि भगवान श्रीराम की तपोभूमि श्री चित्रकूटधाम में बहने वाली मां मंदाकिनी नदी काला पानी की सजा भुगत रही है? यहां मंदाकिनी गंगा को प्रदूषण मुक्त किये जाने के सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे है? हाल यह है कि चित्रकूट के दर्जनों गंदे नाले का पानी मंदाकिनी में गिर कर उसकी पवित्रता को नष्ट कर रहा है? (ख) क्या यह भी सही है कि मंदाकिनी गंगा को अविरल और प्रदूषण मुक्त करने के लिये चित्रकूटधाम के मठ मंदिरों से निकल कर संत-महात्माओं ने चार साल पहले भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। तब सड़क पर बैठे संतों को मनाने के लिये मुख्यमंत्री खुद चित्रकूट पहुंचे थे। उन्होंने संतों से मंदाकिनी को स्वच्छ, अविरल बनाने के लिये सीवरलाइन का कार्य पूरा कराने का आश्वासन दिया था। जो पूर्ण नहीं हुआ? आज भी करोड़ों रूपए खर्च कर सीवर लाइन की शुरूआत नहीं हो सकी। (ग) यदि प्रश्नांश (क) और (ख) अनुसार चित्रकूट नगरीय क्षेत्र में सीवर लाइन का काम कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? समय-सीमा दें। यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एन.आर.सी.पी.) के अंतर्गत तैयार की गई योजना पर कार्यवाही प्रचलन में है। नगर परिषद चित्रकूट के पत्र क्रमांक/न.पा./विधानसभा/6103/2022 दिनांक 03-12-2022 के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर में सीवर लाईन डालने का आदेश मेसर्स चन्द्रा निर्माण प्रा.लिमि.कम्पनी, रायपुर को दिनांक 29-09-2017 को एम.पी.यू.डी.सी. द्वारा दिया गया था। अनुबंध की शर्तों के अनुरूप डिजाइन बिल्ट कार्य दिनांक 02-10-2019 तक पूर्ण होना था किन्तु कम्पनी द्वारा दिनांक 29-04-2022 तक मात्र 24.17 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार समय-सीमा एवं विस्तार समय-सीमा में कार्य नहीं करने के कारण ठेका दिनांक 29-04-2022 को निरस्त कर दिया गया था। उपरोक्त ठेका निरस्त होने के पश्चात मेसर्स जनक एन. पंचाल एवं मेसर्स जॉय बिल्डर्स उड़ाना दरवाजा,सूरज, गुजरात को एम.पी.यू.डी.सी. द्वारा शेष कार्य दिनांक 31-10-2022 से 24 माह (वर्षाकाल सहित) की समयावधि में कार्य पूर्ण करने की शर्तों पर अनुबंधित किया गया है, जिसके परिपालन में संविदाकर द्वारा कार्य प्रारम्भ कर पूर्व में निर्मित मेनहोल्स की सफाई का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। गंदे नालो का पानी नदी में प्रवाहित होने से रोकने के लिये वर्तमान में अस्थाई उपायो के अंतर्गत स्फटिक शिला से भरत घाट तक नदी में मिलने वाले दूषित जल को सोकपिट तथा रघुविर मंदिर के पास सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट जानकी कुण्ड द्वारा सीवेज ट्रिटमेंट प्लांट का निर्माण तथा अमोदवन के पास गंदे पानी को रोककर मडटैंक के माध्यम से बाहर फेकने की व्यवस्था की गई है। भरत घाट स्थित नदी में मिलने वाले नाले पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा स्टॉप डेम तैयार कराया जाकर पम्प के द्वारा गंदे पानी को लिफ्ट कर उसका उपचार किया जा रहा है। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चित्रकूट स्थित मंदाकिनी नदी के विभिन्न घाटो को पर जल गुणवत्ता की जांच की गई है। नदी की जल गुणवत्ता केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित 'बी' श्रेणी में पायी गई है, जो की बाह्य स्नान योग्य है। (ख) कार्यालय उपखड मजिस्ट्रेट मझगवां, जिला सतना के पत्र क्र 449 दिनांक 06.09.22 के माध्यम से जानकारी अनुसार माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा वर्ष 2017 में चित्रकूट भ्रमण के दौरान मंदाकिनी गंगा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने के लिये सीवर लाईन का कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये थे। शेष जानकारी उत्तरांश (क) के अनुसार है। (ग) दिनांक 31.10.2022 से वर्षाकाल सहित 24 माह के समयावधि में कार्य पूर्ण होने की संभावना है
चित्रकूट की सड़क समस्या
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 63 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सतना जिले के चित्रकूट क्षेत्रान्तर्गत पिंड्रा, बरौंधा से जवारिन मार्ग स्वीकृत होने के बाद भी अभी तक कार्य प्रारम्भ नहीं किया जा रहा है? सड़कों की समस्या से ही क्षेत्र में गरीबी और कुपोषण की स्थिति बदतर होती जा रही है? (ख) क्या यह भी सही है कि चित्रकूट में हर माह 20-25 लाख श्रद्धालु तीर्थदर्शन और परिक्रमा के लिये कामदगिरि, हनुमान धारा, स्फटिक शिला और सती अनुसूईया की पैदल परिक्रमा करते हैं? (ग) क्या यह भी सही है कि चित्रकूट नगरीय क्षेत्र की सड़कें इतनी अधिक क्षतिग्रस्त हो गई है कि इसमें पैदल यात्रियों के लिये तकलीफ देह साबित हो रही हैं? क्या यह भी सही है कि सड़कों की बदतर हालत से चित्रकूट तीर्थ का पर्यटन प्रभावित हो रहा है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) सही है तो महालोक की तर्ज पर न सही, सड़कों की हालत श्रद्धालुओं, पैदल यात्रियों के चलने लायक कब तक बना दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, वर्षा ऋतु के पूर्व मार्ग के 12.30 कि.मी. का नवीनीकरण कार्य पूर्ण, शेष कि.मी. में बी.टी. पेंच मरम्मत कर यातायात योग्य बनाया गया। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है अपितु नगर परिषद चित्रकूट से संबंधित है उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा चित्रकूट बायपास का निर्माण किया गया है, जिसकी स्थिति अच्छी है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधायें
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 82 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम सीमा में शामिल नये 8 वार्ड क्र. 72 से 79 में सर्वाधिक अवैध कॉलोनियां है? (ख) क्या कॉलोनियों को नियमित करने हेतु अधिसूचना जारी की गई है? यदि हाँ, तो अधिसूचना की कापी एवं अवैध कॉलोनियों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) किन मापदण्डों के आधार पर कॉलोनी वैध की जावेगी? (घ) कब तक अवैध कॉलोनियों को वैध किया जावेगा एवं मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, वर्ष 2014 में नगर निगम की सीमा में शामिल क्षेत्रानुसार वार्ड क्रमांक 72 से 79 तक के 08 वार्ड में नगर निगम, जबलपुर द्वारा अनाधिकृत कालोनियां चिन्हित की गई है। (ख) जी नहीं, अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने के प्रावधान नहीं हैं अपितु म.प्र. नगरपालिका (कालोनी विकास) नियम 2021 में अनाधिकृत कालोनियों में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के प्रावधान रखे गये है। नगर निगम, जबलपुर द्वारा चिन्हित अनाधिकृत कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, यद्यपि म.प्र. नगरपालिका (कालोनी विकास) नियम 2021 के प्रावधान अनुसार दिनांक 31.12.2016 के पूर्व तक अस्तित्व में आई अनाधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के प्रावधान हैं। (घ) अनाधिकृत कालोनियों को वैध करने के प्रावधान नहीं है, परन्तु नियम 2021 के प्रावधान अनुसार अनाधिकृत कालोनियों में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराने की कार्यवाही नगर निगम द्वारा प्रारंभ कर दी गई है, वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
करमेता की 11 के.व्ही. लाईन शिफ्टिंग
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 83 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व प्रश्न क्र. 340 दिनांक 11 मार्च 2022 के उत्तर में बताया कि करमेता की 11 के.व्ही. लाईन दुर्घटना में कु. निशा डे की मृत्यु होने पर कंपनी द्वारा आर्थिक सहायता अनुदान रू. 4 लाख का भुगतान किया गया है? (ख) क्या यह सही है कि विद्युत कंपनी ने सहायता अनुदान राशि दी है परन्तु लाईन शिफ्टिंग में असमर्थ है? (ग) क्या विद्युत कंपनी आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की जानमाल की सुरक्षा के लिये विभाग की कार्य योजना में लाईन शिफ्टिंग कार्य शामिल करेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्या लाईन के नीचे निवासरत परिवारों को जोखिम के साथ रहना पड़ेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। विधानसभा सत्र मार्च, 2022 के तारांकित प्रश्न क्रमांक-340 के उत्तर में यह जानकारी दी गई है कि प्रश्नाधीन क्षेत्र में 11 के.व्ही. विद्युत लाईन से घटित विद्युत दुर्घटना में कुमारी निशा डे की मृत्यु होने पर नियमानुसार दिनांक 31.01.2022 को राशि रूपये 4 लाख, आर्थिक सहायता अनुदान के रूप में पीड़ित परिवार को प्रदान की गई है। (ख) जी हाँ, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पीड़ित परिवार को आर्थिक अनुदान सहायता राशि प्रदान की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में लगभग 40-45 वर्ष पूर्व से विद्यमान 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों का निर्माण किया गया है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबधी उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के उक्त विनियमों के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर उक्त विद्युत लाईन के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है। अथवा माननीय सांसद/विधायक निधि से तथा विकास कार्य करने वाले विभागों से उक्त कार्य हेतु वित्तीय उपलब्धता सुनिश्चित होने पर उक्त कार्य को म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जा सकता है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में लगभग 40-45 वर्ष पूर्व से विद्यमान 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों का निर्माण किया गया है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबधी उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। तथापि उत्तरांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखानुसार कार्यवाही की जा सकती है।
ट्रांससफार्मर की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 97 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की सारंगपुर तहसील में वर्ष 2021 में रबी सीजन में कौन-कौन से विद्युत वितरण उपकेन्द्रों पर ऊर्जा की कमी को देखते हुए अतिरिक्त 5 MVA पावर ट्रांससफार्मर एवं क्षमता वृद्धि पावर ट्रांसफार्मर की मांग की गयी थी एवं मांग के विरुद्ध किस-किस विद्युत वितरण उपकेन्द्रों पर मांग अनुसार पावर ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये है? उपकेन्द्रवार, क्षमतावार, पावर ट्रांसफार्मर की जानकारी से अवगत करावें? (ख) क्या स्वीकृत पावर ट्रांसफार्मर को रबी सीजन 2022 के प्रारम्भ होने के पूर्व लगा दिये गये है? यदि हाँ, तो कहां-कहां लगा दिये गये है? स्थानवार, क्षमतावार, पावर ट्रांसफार्मर की जानकारी देवें? यदि नहीं, तो कब तक स्थापित कर दिये जावेगे? उपकेन्द्रवार बतावे? (ग) रबी सीजन 2022 के पूर्व पावर ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किये गये है तो इसके लिए कौन अधिकारी जवाबदार है एवं विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) प्रश्नांश (क) में विद्युत की कमी को देखते हुए जो पावर ट्रांसफार्मर की मांग की पूर्ति न करने के कारण किसानों को हो रही कठिनाई एवं उनकी फसलों के उत्पादन में होने वाली कमी के नुकसान की भरपाई क्या विभाग द्वारा की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2021 में रबी सीजन में आए विद्युत भार के दृष्टिगत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र लीमाचौहान एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र संडावता की क्षमता वृद्धि की आवश्यकता परिलक्षित हुई थी। उक्त के परिप्रेक्ष्य में इन दोनों 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर 5-5 एम.व्ही.ए. क्षमता के 2 अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य आर.डी.एस.एस योजना में स्वीकृत किया गया है, जिसके क्रियान्वयन हेतु मेसर्स स्टार डेल्टा ट्रांसफार्मर लिमिटेड, भोपाल को दिनांक 07.11.2022 को कार्यादेश जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त भविष्य में अनुमानित भार वृद्धि के दृष्टिगत प्रश्नाधीन क्षेत्र में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के 5 अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों का कार्य एवं 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के 5 पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के पावर ट्रांसफार्मरों से करने के कार्य भी आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण में प्रस्तावित मार्डनाईजेशन के कार्यों में सम्मिलित किए गए हैं। उक्त कार्यों की स्वीकृति केन्द्र शासन से अपेक्षित है। प्रश्नाधीन चाही गई पावर ट्रांसफार्मरों की विद्युत उपकेन्द्रवार एवं क्षमतावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन स्वीकृत 2 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मरों की स्थापना हेतु कार्यादेश दिनांक 07.11.2022 को जारी किया गया है। उक्त स्वीकृत कार्य प्रारंभ किये जा रहे हैं एवं कार्यादेश अनुसार कार्यों को पूर्ण किये जाने की समय-सीमा कार्यादेश की दिनांक से 24 माह निर्धारित है। तथापि प्रश्नाधीन कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराने के प्रयास किये जाएंगे। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन कार्यों की स्वीकृति केन्द्र सरकार से प्राप्त होने के उपरांत निविदा कार्यवाही पूर्ण कर क्रियान्वयन एजेंसी के चयन के उपरांत कार्यादेश माह नवंबर-2022 में जारी किया गया है। उक्त कार्य उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार नियत समयावधि में पूर्ण कर लिया जाएगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विभिन्न कारणों से आये अवरोधों को छोड़कर कृषि फीडरों पर औसतन प्रतिदिन लगभग 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
इन्दौर की अवैध कॉलोनियों को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 111 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में कुल कितनी अवैध कॉलोनियां है। सूची उपलब्ध करावें। अभी तक कुल कितनी कॉलोनियों को वैध किया गया है। (ख) क्या यह सही है कि इन्दौर विगत 6 वर्षों से लगातार स्वच्छता में देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है। क्या यह सही है कि इन्दौर को केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के प्रथम चरण में सम्मिलित किया गया है। यदि हाँ, तो अभी तक कितनी अवैध कॉलोनियों में नागरिक आधारभूत संरचना उपलब्ध कराई गई है। कॉलोनीवार बताए एवं इनके उपर हुए व्यय भी बतावें। (ग) इन्दौर की अवैध कॉलोनियों में सभी नागरिक आधारभूत संरचना कब तक उपलब्ध कराई जावेगी। भविष्य में अवैध कॉलोनियां अस्तित्व में न आए इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे है। इन्दौर की तुलसी नगर कॉलोनी में सभी नागरिक आधारभूत संरचना कब तक उपलब्ध कराई जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम द्वारा इन्दौर शहर में वर्तमान तक कुल 596 अनाधिकृत कालोनियों की पहचान की गई है। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। प्रचलित अधिनियम एवं नियम में अनाधिकृत कालोनियों को वैध किये जाने के प्रावधान न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। स्मार्ट सिटी योजना में अनाधिकृत कालोनियों में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के ऐसे कोई प्रावधान न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर निगम, इन्दौर द्वारा म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के अनुसार कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है, वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। नगरपालिका अधिनियम में समुचित प्रावधान कर सक्षम प्राधिकारियों को शक्तियां दी गई हैं। नियम 2021 के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर नगर निगम द्वारा कम्पाउंडिंग के अनियमिता
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 112 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा पिछले पांच वर्षों में कब-कब कम्पाउंडिंग के लिये भवन मालिकों से आवेदन लिये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कम्पाउंडिंग के आवेदन प्राप्ते हुये सूची उपलब्ध कराये? कितने कम्पाउंडिंग के आवेदनों पर निगम द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि किस-किस भवन मालिक/अन्य से कम्पाउंडिंग के रूप में वसूल की गई एवं कितने प्रतिशत अवैध निर्माण का कम्पाउंडिंग किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कम्पाउंडिंग के किन-किन अधिकारीयों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? कितना प्रतिशत अवैध निर्माण पाया गया? (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त भवनों के निर्माण की स्वीकृति के समय कौन-कौन अधिकारी पदस्थ थे? इनके द्वारा अवैध निर्माण कर्ताओं पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या भवन निर्माण के समय पदस्थ अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सी.एम.ओ. द्वारा प्रोटोकाल का उल्लंघन
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 115 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना फेस-3 मद से 150 लाख की लागत राशि से नगर पालिक हटा में सी.सी. निर्माण व पुरानी अस्पताल में पार्क निर्माण कराये जाने हेतु 12.03.2021 को नगरोदय अभियान में मुख्यमंत्री द्वारा वर्चुअल भूमि पूजन किया गया था? यदि हां, तो उक्त दोनों कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध कराये। (ख) साथ ही क्या यह सही है कि 12.03.2021 को मुख्यमंत्री जी व आपके द्वारा किये गये वर्चुअल का नगरपालिका हटा के सी.एम.ओ. राजेन्द्र खरे द्वारा अध्यक्ष नगरपालिका हटा से पुन: भूमि पूजन कराया क्या यह विधि संगत है? यदि हां, तो शासन के आदेशों की छायाप्रतियां दें। यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता द्वारा की गई लिखित प्रोटोकॉल उल्लंघन की शिकायतों पर प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा जानकारी के अभाव में दिनांक 18.10.2022 को पुन: भूमि पूजन कराया गया। जी नहीं। कार्यालय कलेक्टर (शहरी विकास अभिकरण) दमोह के आदेश क्रमांक 454 दिनांक 12.12.2022 से मुख्य नगरपालिका अधिकारी हटा को सचेत करते हुये परिनिंदा की शस्ति से दण्डित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधूरे पुल निर्माण कार्यों को पूर्ण कराया जाना
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 118 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की विधानसभा 057 हटा में मडियादौ बर्धा मार्ग, मडियादौ के पास पी.आई.यू. द्वारा पुल निर्माण हेतु कब स्वीकृति प्राप्त हुई थी? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें। साथ ही यह बताने की कृपा करे किस कार्य एंजेसी को उक्त पुल निर्माण का कार्य दिया गया था व समयावधि क्या थी? (ख) समयावधि समाप्त होने व प्रभारी मंत्री दमोह द्वारा पत्र लिखे जाने व प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार पत्राचार किये जाने के उपरांत प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण पुलों का कार्य पूर्ण क्यों नहीं किया गया? समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने पर कार्य एजेंसी पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? नहीं तो क्यों कब तक कार्य पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
नवीन हैण्डपंपों का खनन
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 134 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन की विधानसभा उदयपुरा के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-45 बायपास निर्माण होने के कारण कितने हैण्डपंप हटा दिये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नवीन हैण्डपंप खनन की स्वीकृति कर दी गई है? (ग) यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 40 हैण्डपम्प हटाये गये। (ख) जी नहीं। (ग) सड़क सीमा में अतिक्रमण कर हैण्डपंप खनन किये जाने के कारण नवीन हैण्डपंप खनन की स्वीकृति नहीं दी गई।
पुल निर्माण की स्थिति
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 135 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिला के उदयपुरा विधान सभा के अंतर्गत आने वाली तहसील बरेली के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पाँजरा विजयसिंह प्रोहित पिपरिया में तेंदोनी नदी पर पुल निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त निर्माण कार्य स्वीकृति की तिथि, पूर्णता अथवा अधूरे रहने का कारण स्पष्ट करें तथा संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी/ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कब तक की जायेगी और यदि नहीं, तो क्यों तथा निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आंतरिक मुख्य मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 136 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन के अंतर्गत आने वाली विधानसभा उदयपुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग NH-45 बायपास बन जाने के कारण नगर बरेली/उदयपुरा एवं देवरी के आंतरिक मुख्य मार्ग निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
झुग्गी वासियों को पट्टे का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 162 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषद् क्षेत्र में वर्षों से झुग्गी बनाकर रह रहे, कच्चे मकान वाले, शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारी, लौहा पीटा को काबिज भूमि पर पट्टा क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) की भूमि पर कौन-कौन व्यक्ति कब-कब से रह रहे हैं? उनके नाम, पिता का नाम, आधार नंबर, भूमि की नोईयत तथा उनको पट्टा देने में विभाग को क्या दिक्कत है? पूर्ण विवरण देवें? उनके व्यवस्थापन हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के व्यक्तियों को पट्टा देने/व्यवस्थापन उपरांत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवास स्वीकृति के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हो पा रहा है तथा कब तक निराकरण होगा? निश्चित समयावधि बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मा. सदस्यों के पत्रों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 163 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें? (ख) मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्या कब तक निराकरण होगा? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों के जवाब कब-कब दिये तथा किन-किन पत्रों का जवाब क्यों नहीं दिया कारण बतायें तथा कब तक जवाब देंगे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में ऊर्जा मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्राप्त पत्रों का दिनांकवार, कार्यवाहीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' एवं अ-'3' अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार ऊर्जा मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही एवं निराकृत तथा निराकरण हेतु प्रक्रियाधीन समस्याओं की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्राप्त पत्रों के अद्यतन स्थिति में दिये गये जवाब संबंधी दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' में समाहित है। शेष पत्रों में जबाव देने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 181 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या है सही है कि कोरोना काल में कलेक्टर बैतूल द्वारा सतपुड़ा ताप सारणी से एवं कलेक्टर खण्डवा द्वारा सिंगाजी ताप डोंगलिया से प्रबन्ध संचालक एवं मुख्य अभियंता (उत्पादन) से ऑक्सीजन प्राप्ति हेतु सहयोग मांगा गया था, इन दोनों स्थानों पर हाईड्रोजन प्लांट से ऑक्सीजन बनाने हेतु कार्य भी कराया गया, कुछ राशि भी खर्च की गई, लेकिन दोनों पर असफलता हाथ लगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कंपनी द्वारा बीना रिफायनरी के समीप ग्राम आगासोत में निर्माण कराया गया। क्या ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन बनना प्रारंभ हो गया है, इस ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन बनने प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितनं-कितने टन ऑक्सीजन किन-किन अस्पतालों एवं अन्य संस्थानों को बनाकर, किन-किन दरों में बेची गई, माहवार विवरण बतायें? इस कार्य निर्माण का आदेश किसके निर्देश पर दिया एवं कार्य पर कुल कितना खर्च हुआ है? समस्त कार्य आदेशों की छायाप्रति मय दस्तावेज उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा बीना रिफाइनरी के समीप ग्राम आगासोद में ऑक्सीजन बॉटलिंग एवं रिफिलिंग संयंत्र की स्थापना की गई है। यह संयंत्र बीना रिफाइनरी के सह-उत्पाद ऑक्सीजन को कम्प्रेस कर सिलेन्डर में भरने के कार्य (ऑक्सीजन बॉटलिंग) के लिए दिनांक 28.01.2022 से उपलब्ध है। संयंत्र निर्माण के पश्चात कोविड महामारी का प्रकोप कम होने के कारण ऑक्सीजन सिलिन्डर की मांग उत्पन्न नहीं हुई, अतः विक्रय संबंधी संस्थान व दर की जानकारी निरंक है। तत्समय कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप एवं आक्सीजन की कमी के दृष्टिगत संयंत्र स्थापित करने का निर्णय म.प्र. शासन, बी.पी.सी.एल तथा बी.ओ.आर.एल के मध्य दि. 12.05.2021 को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में लिया गया था। तत्पश्चात म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा संयंत्र को स्थापित करने का प्रशासनिक अनुमोदन संचालक मण्डल की 111वीं बैठक दिनांक 09.07.2021, में दिया गया। संयंत्र के निर्माण में कुल रु. 2.56 करोड का व्यय हुआ है। समस्त कार्यदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सोलर पम्प की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
23. ( क्र. 184 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र राजनगर में पिछले दो वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों ने सोलर पम्प लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है? (ख) उपरोक्त में से कितने किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध कराए गये हैं? (ग) कितने किसानों को सोलर पम्प नहीं मिले हैं तथा इसका क्या कारण है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। जिला छतरपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र राजनगर में पिछले दो वर्षों में प्रश्न दिनांक तक, सोलर पंप लगाने के लिए किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है। (ख) एवं (ग) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिहोरा के नवीन कन्या छात्रावास के लिए स्वीकृत पद
[उच्च शिक्षा]
24. ( क्र. 206 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्याम सुंदर अग्रवाल महाविद्यालय सिहोरा के नवीन कन्या छात्रावास के लिए कितने पद शासन द्वारा स्वीकृत किए हैं। पदवार सूची उपलब्ध करावे तथा स्वीकृत पदों के अनुरूप कितने अधिकारी कर्मचारी पदस्थ किए गए हैं कितने पद रिक्त हैं। रिक्त पद कब तक भर दिए जाएंगे। (ख) छात्रावास में बाउंड्रीवॉल का निर्माण अभी तक क्यों नहीं कराया गया जिसके कारण असुरक्षा के डर से छात्रावास शुरू नहीं हो पा रहा है। कब तक बाउंड्रीवॉल का निर्माण करा लिया जावेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल महाविद्यालय, सिहोरा अंतर्गत कन्या छात्रावास हेतु हॉस्टल मैनेजर 01, कार्यालय सहायक 01, भृत्य/चौकीदार 03, सुरक्षा सुपरवाईजर 01 तथा सुरक्षा गार्ड के 04, इस प्रकार कुल 10 पद (आउटसोर्स) स्वीकृत हैं। पदों की पूर्ति संबंधी कार्यवाही हेतु सेड-मैप से पत्राचार किया जा रहा है। (ख) कन्या छात्रावास की बांउड्रीवॉल के निर्माण हेतु विभाग द्वारा रूपये 16.63 लाख की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। निर्माण एजेंसी द्वारा बाउंड्रीवॉल निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।
किसानों के खेतों में विद्युत ट्रांसफार्मर रखने की योजना
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 210 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा किसानों को विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्य से उनके खेतों में नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखने हेतु योजनायें संचालित हैं? यदि हाँ, तो, वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या इन योजनाओं में सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो, कौन-कौन सी योजनाओं में कितना-कितना अनुदान प्रदान किया जा रहा है? (ग) तेंदुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन किसानों के खेतों में कौन-कौन सी योजनाओं से विद्युत ट्रांसफार्मर रखे गये हैं? योजनावार, ग्रामवार लाभांवित कृषकों के नाम एवं प्रदान की गई अनुदान की राशि सहित बतावें? (घ) किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु रखे गये विद्युत ट्रांसफार्मरों के खराब हो जाने पर विद्युत ट्रांसफार्मर कितने दिनों में बदलने की समय-सीमा है? (ङ) प्रश्नांश (घ) अनुसार, क्या निर्धारित समय-सीमा में सभी किसानों के खराब हुये विद्युत ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर विद्युत पंप कनेक्शन प्राप्त करने वाले लाभान्वित कृषकों के नाम एवं राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई अनुदान राशि सहित योजनावार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु रखे गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने पर उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने के उपरान्त पात्र होने पर पहुंच मार्ग की उपलब्धता अनुसार शुष्क मौसम में 72 घन्टे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितंबर) सात दिवस के अन्दर बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। (ड.) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र में उत्तरांश (घ) अनुसार निर्धारित समय-सीमा में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं।
जल आवर्धन योजना का सुचारु क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 239 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद सिरमौर में संचालित जल आवर्धन योजना का प्रारंभ कब से किया गया है? जल आवर्धन योजना का निर्माण कार्य किस एजेंसी के द्वारा कराया गया है? विभाग के द्वारा एजेंसी से कार्य मेंटेनेंस कराने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? उक्त कार्य की कुल लागत कितनी थी? कितनी राशि का भुगतान निर्माण एजेंसी को किया जा चुका है? (ख) क्या कारण है कि नगर के कई वार्डों में सुचारु रुप से पेयजल का आवंटन नहीं किया जा रहा है? क्या निर्माण एजेंसी के द्वारा लगाये गए मोटर पंपों का किसी अन्य एजेंसी से भौतिक सत्यापन कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यह कि जल आवर्धन योजना प्रारंभ होने के कुछ समय पश्चात ही मोटर पंपों का खराब होना इस बात का द्योतक है कि घटिया मोटर पंपों को निर्माण एजेंसी के द्वारा लगाया गया है। क्या ऐसे घटिया मोटर पंप लगाने पर निर्माण एजेंसी एवं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद, सिरमौर में संचालित जल आवर्धन योजना का कार्य दिनांक 24.01.2017 से प्रारंभ किया गया। उक्त कार्य का कार्यादेश मेसर्स व्ही.एल.इन्फ्रा प्रा.लि. कंपनी अहमदाबाद गुजरात को दिया गया। अनुबंध अनुसार संचालन-संधारण हेतु 05 वर्षों का प्रावधान है। उक्त कार्य की वित्तीय स्वीकृति राशि रू. 1011.00 लाख है जिसमें से एजेंसी को राशि रू. 917.85 लाख का भुगतान किया जा चुका है। (ख) जल आवर्धन योजना अंतर्गत नगर के सभी वार्डों में सुचारू रूप से पेयजल प्रदान किया जा रहा है कुछ स्थान इस योजना में सम्मिलित नहीं होने के कारण पुरानी पाईप लाईन से ही मोटर पंप के माध्यम से जलप्रदाय किया जा रहा है। जी नहीं, मोटर पंप अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार लगाये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, निर्माण एजेंसी द्वारा अनुबंध के प्रावधान अनुसार मोटर पंप लगाये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्दौर मेट्रो का विस्तार
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 338 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर नगरीय क्षेत्र में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य प्रगतिरत है? (ख) क्या इन्दौर की बढ़ती जनसंख्या के दबाव को नियंत्रित करने हेतु आस-पास के नगर/बड़े कस्बो तक उक्त मेट्रो परियोजना का विस्तार कर इन बड़े नगरो को इन्दौर से जोड़ने की किसी कार्य योजना पर कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या इस विस्तार हेतु योजना प्रस्तावित की जावेगी? (ग) क्या इन्दौर से सटे पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की विभिन्न इकाइयों में कार्य करने हेतु इन्दौर से बड़ी संख्या में श्रमिक, इंजीनियर, कामगार, व्यापारी एवं अन्य कर्मी प्रतिदिन आना-जाना करते है? क्या इनके प्रतिदिन के आवागमन हेतु मेट्रो परियोजना से जोड़ने पर सुविधाजनक होगा? क्या मेट्रो परियोजना से उपनगरीय व औद्योगिक क्षेत्र से आवागमन सुलभ होकर सड़क मार्ग पर दबाव कम होता है? क्या भविष्य की आवश्यक्ताओं को दृष्टिगत रखते हुए इन्दौर मेट्रो से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने के प्रस्ताव एवं योजना बनाने की कार्रवाई विभाग करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) इंदौर से पीथमपुर व्याहा महु तथा इंदौर से उज्जैन व्याहा सॉवेर के मध्य रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम की साध्यता के अध्ययन का कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को प्रदाय किया गया है।
विद्युत चोरी के प्रकरण संबंधी शिकायतें
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 353 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2022 से अक्टूबर 2022 तक म.प्र.म.क्षे.वि.वि. कंपनी इटारसी एवं नर्मदापुरम के उप महाप्रबंधक को एवं महाप्रबंधक को प्रश्नकर्ता के पत्र किस विषय से संबंधित किन-किन तारीखों में प्राप्त हुए? प्रत्येक की जानकारी देते हुए इस संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी दें। किन पत्रों के उत्तर क्यों नहीं दिए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में इटारसी एवं नर्मदापुरम नगर में विद्युत चोरी के कितने प्रकरण किन अधिकारियों द्वारा किन तारीखों में किन गवाहों की मौजूदगी में, किन के खिलाफ दर्ज किए गए? प्रत्येक की जानकारी दें। (ग) उपरोक्त में किन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत चोरी के गलत तरीके से प्रकरण दर्ज करने एवं विद्युत अधिकारियों द्वारा अभद्रता करने संबंधी शिकायत उप महाप्रबंधक इटारसी/नर्मदापुरम एवं महाप्रबंधक, नर्मदापुरम को प्राप्त हुई? इन शिकायतों पर किन अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गयी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जनवरी 2022 से अक्टूबर 2022 तक म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत इटारसी एवं नर्मदापुरम के उपमहाप्रबंधक एवं महाप्रबंधक, नर्मदापुरम को माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के कुल 18 पत्र प्राप्त हुये, जिनकी विषयवार, दिनांकवार एवं की गई कार्यवाही सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जनवरी 2022 से अक्टूबर 2022 तक की अवधि में इटारसी नगर में विद्युत चोरी के कुल 229 प्रकरण एवं नर्मदापुरम नगर में विद्युत चोरी के कुल 941 प्रकरण दर्ज किये गये। प्रकरणवार/अधिकारीवार प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विद्युत चोरी के गलत तरीके से प्रकरण दर्ज करने एवं विद्युत अधिकारियों द्वारा अभद्रता करने से संबंधित कुल 10 शिकायतें उपभोक्ताओं से प्राप्त हुई। उक्त में से, उपमहाप्रबंधक (संचा/संधा) नर्मदापुरम को 9 एवं महाप्रबंधक (संचा/संधा) नर्मदापुरम को 1 शिकायत प्राप्त हुई। उक्त प्राप्त शिकायतों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जांच में शिकायत सही नहीं पाये जाने के कारण किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
बी.ओ.टी. कॉम्पलेक्स का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 355 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि नर्मदापुरम जिले की नगर पालिका इटारसी के भवन को तोड़कर बी.ओ.टी. कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना के तहत भवन को तोड़कर खुदाई प्रारंभ की गयी थी, जिसका कार्य किन कारणों से कब रोक दिया गया था? (ख) क्या उक्त नगरपालिका भवन परिसर में 15-20 फुट गहरा गड्ढे में हमेशा पानी भरा होने के कारण कभी भी कोई जनहानि हो सकती है? (ग) क्या एम.ए.सी.टी. भोपाल के तकनीकी जांच दल द्वारा उक्त भवन अनुपयोगी और क्षतिग्रस्त पाया था? (घ) उक्त भूमि पर बी.ओ.टी. कॉम्पलेक्स का निर्माण प्रारंभ हो सकेगा यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद इटारसी के भवन को तोड़कर बी.ओ.टी. कॉम्प्लेक्स बनाने हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण की गई थी। लगभग 32000 वर्गफीट भूमि में कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य होना था। निविदा प्रक्रिया उपरांत संबंधित ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य प्रारम्भ कर बेसमेन्ट की खुदाई फाउण्डेशन एवं कॉलम का निर्माण कार्य किया गया था, किन्तु राजस्व विभाग (नजूल) द्वारा आपत्ति के उपरांत वर्ष 2006-07 में कॉम्प्लेक्स निर्माण कार्य रोक दिया गया। (ख) जनहानि के खतरे को देखते हुए उक्त स्थल पर सुरक्षा हेतु तार फैंसिंग की गई एवं समय-समय पर कॉम्प्लेक्स में भरे हुए पानी को खाली कराया जाता है। (ग) जी हाँ। एम.ए.सी.टी. भोपाल (मैनिट) के तकनीकी जांच दल के द्वारा उक्त ढांचे को अनुपयोगी एवं क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट भी दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रस्तावित भवन का निर्माण 32000 वर्गफुट में होना है जिसमें से 28000 वर्गफुट भूमि नजूल की है जिसकी अनापत्ति नजूल से अप्राप्त है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जबलपुर को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 373 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि केन्द्र सरकार के अधीन आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा 15वें वित्त आयोग ने मध्यप्रदेश के कुछ चिन्हित स्मार्ट सीटियों को ग्रीन सिटी में शामिल करने का प्रस्ताव मांगा गया था? (ख) यदि हां, तो प्रदेश के कितने स्मार्ट सीटियों को इस प्रस्ताव में शामिल किया गया है? (ग) क्या यह भी सही है कि इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के द्वारा जबलपुर स्मार्ट सिटी को भी ग्रीन सिटी बनाने का प्रस्ताव था और क्या जबलपुर स्मार्ट सिटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में उक्त प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया था? (घ) यदि हां, तो तत्संबंधी प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें? (ड.) क्या यह इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के अंतर्गत स्वीकृत स्मार्ट सिटी को विकसित करने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा बजट उपलब्ध कराई जाएगी? (च) यदि हाँ, तो उसके अंतर्गत शहर विकास हेतु किन-किन परियोजनों को शामिल किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निरंक। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में निरंक। (ड.) उत्तरांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में निरंक। (च) उत्तरांश (ड.) के परिप्रेक्ष्य में निरंक।
विश्वविद्यालय में अनियमितता की शिकायत
[उच्च शिक्षा]
31. ( क्र. 374 ) श्री तरूण भनोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजाति बाहुल्य स्थित पंडित शम्भूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में कथित रूप से भर्ती-घोटाले की शिकायतें प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त भर्ती के विज्ञापन सहित भर्ती प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त विश्वविद्यालय में हुए कथित भर्ती घोटाले की जांच को लेकर प्रदेश स्तर पर किसी कमेटी का गठन किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो कमेटी द्वारा जांच उपरांत शासन के समक्ष जांच के तथ्यों को पेश किया गया होगा, उन तथ्यों की जानकारी सहित शासन द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पावर हाउस से निकलने वाली राख
[पर्यावरण]
32. ( क्र. 413 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में वर्तमान में किस-किस कम्पनी का किस-किस स्थान पर कौन सा थर्मल पावर हाउस कार्यरत है, उसमें से किस पावर हाउस में बिजली उत्पादन होने पर औसतन प्रतिदिन कितनी राख निकलती है? (ख) किस पावर हाउस में वर्तमान में कितनी राख जमा है? गत तीन वर्षों में किस पावर हाउस ने कितनी-कितनी राख किस-किस सड़क निर्माण के लिए स्वयं ने परिवहन कर उपलब्ध करवाई है? वर्षवार बतावें। (ग) सड़क निर्माण में राख के उपयोग से संबंधित क्या-क्या प्रावधान कब-कब से लागू हैं, उसके अनुसार पावर हाउस प्रबंधन को स्थल पर राख उपलब्ध करवाए जाने के क्या-क्या प्रावधान है? (घ) पावर हाउस प्रबंधन द्वारा राख का निर्माण स्थल तक परिवहन नहीं करवाए जाने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा निर्मित किस-किस सड़क में गत तीन वर्षों में राख का उपयोग नहीं किया गया?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'क' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ख' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ग' अनुसार है।
सारनी पावर हाउस के बांध से संबंधित वृक्षारोपण
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 414 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारनी पावर हाउस के किस-किस बांध के भर जाने पर मिट्टी डालकर वृक्षारोपण किए जाने के संबंध में भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने किस-किस दिनांक को किन-किन शर्तों के साथ क्या-क्या निर्देश दिए? प्रति सहित बतावें। (ख) सारनी पावर हाउस के पुराने राखड़ बांध में वृक्षारोपण की कार्यवाही करने की बजाय गत पांच वर्षों में कितनी राख किस-किस कम्पार्टमेन्ट से नि:शुल्क वितरित की गई, पुराने राखड़ बांध से नि:शुल्क राख का वितरण कब से बन्द कर वृक्षारोपण के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक की गई है? (ग) सारनी पावर हाउस से किस-किस ट्रान्सफार्मर का गत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राख सड़क निर्माण स्थल पर परिवहन किये जाने के बदले किस दर से कितनी राशि का भुगतान किया गया? सड़क निर्माण के अतिरिक्त किस-किस कार्य के स्थल पर परिवहन की गई? कितनी राख के लिए कितना भुगतान किया गया? पृथक-पृथक बतावें। (ग) पुराने राखड़ बांध पर वृक्षारोपण्ण की कार्यवाही किए जाने की बजाय राख का वितरण किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? पुराने राखड़ बांध पर कब तक वृक्षारोपण कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भारत सरकार, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 13.10.2009 को सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में वन विभाग द्वारा हस्तांरित 111 हेक्टेयर वन भूमि पर नवीन राखड़ बांध के निर्माण हेतु, भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की गई कि वृक्षारोपण सहित पुराने राखड़ बांध के सुधार हेतु वन विभाग के परामर्श से कंपनी द्वारा विस्तृत प्रस्ताव एवं अन्य उपाय कर कार्य क्रियान्वित किए जाऐंगे। सुधार की लागत वन विभाग के पास जमा की जायेगी और सुधार के बाद उक्त क्षेत्र राज्य वन विभाग को वापस स्थानांतरित कर दिया जाएगा। तत्संबंधी आदेश दिनांक 13.10.2009 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के पुराने राखड़ बांध में वृक्षारोपण हेतु कार्यवाही की गई है। सारनी पावर हाउस के पुराने राखड़ बांध से निशुल्क राख के वितरण का रिकार्ड कम्पार्टमेंटवार के स्थान पर बांध से निर्गमित हुई राख की कुल मात्रा के आधार पर रखे गये है। उक्त पुराने राखड़ बांध से गत पांच वर्षों में निशुल्क वितरित की गई राख की मात्रा निम्नानुसार है :-
वर्ष |
वितरित की गई राख की मात्रा (मीट्रिक टन) |
2017 |
338335 |
2018 |
308930 |
2019 |
417293 |
2020 |
294600 |
2021 |
352938 |
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी द्वारा उक्त पुराने राखड़ बांध से राख का निशुल्क वितरण दिनांक 16.06.2022 से बन्द कर, वृक्षारोपण हेतु पुराने राखड़ बांध का आधिपत्य दिनांक 29.11.2022 को म.प्र.शासन, वन विभाग को सौंप दिया गया है। उक्त वृक्षारोपण हेतु कंपनी द्वारा दिनांक 02.07.2015 को रूपये 5,25,32,401/- की राशि म.प्र. शासन वन विभाग को भुगतान की गई है। (ग) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी से किसी भी ट्रान्सपोर्टर न कि ट्रांसफार्मर को गत तीन वर्षों में राख को सड़क निर्माण स्थल पर परिवहन किये जाने के बदले किसी राशि का भुगतान नहीं किया गया है। सड़क निर्माण के अतिरिक्त ईट बनाने, निचले क्षेत्र में भराव करने, टाईल्स एवं ब्लाक बनाने तथा निर्माण कार्य में उपयोग आदि हेतु राख परिवहन की गई। परिवहन हेतु म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया। (घ) पुराने राखड़ बांध से राख का वितरण, भारत सरकार, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, नई दिल्ली के राख की उपयोगिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में किया गया है। पुराने राखड़ बांध पर वृक्षारोपण का कार्य म.प्र. शासन, वन विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार कर संपन्न किया जावेगा। वृक्षारोपण की कार्यवाही हेतु म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा पुराने राखड़ बांध का आधिपत्य दिनांक 29.11.2022 को म.प्र.शासन, वन विभाग को सौंप दिया गया है।
रेरा द्वारा आर.आर.सी. जारी करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 438 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण द्वारा किए गए किस-किस दिनांक के किस-किस आदेश में प्रश्नांकित दिनांक तक भी आर.आर.सी. जारी नहीं की गई? रेरा द्वारा किस-किस धारा के तहत किए गए प्रकरणों में आर.आर.सी. जारी कर वसूली का प्रावधान दिया है? (ख) रेरा द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार राशि वसूल किए जाने के संबंध में क्या-क्या समय-सीमा निर्धारित कर किस-किस अधिकारी को वसूली की जिम्मेदारी एवं जबावदेही सौंपी गई है? उसके द्वारा वसूली की कार्यवाही नहीं किए जाने, राशि वसूल नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? (ग) रेरा द्वारा दिए गए आदेशों में वसूल की जाने वाली राशि की वसूली के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक किस-किस प्रकरण में आर.आर.सी. जारी कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भू-संपदा (विनियमन और विकास) 2016 की धारा-59, 60, 61, 62, 63 एवं 71 के अंतर्गत पारित आदेशो के अंतर्गत आर.आर.सी. जारी की जा सकती है। (ख) भू-संपदा (विनियमन और विकास) 2016 की धारा-40 सहपठित म.प्र. भू-संपदा (विनियमन और विकास) नियम, 2017 के नियम-27 के अंतर्गत वसूली के लिए जिला कलेक्टर सक्षम प्राधिकारी है और आर.आर.सी. संबंधित जिले के कलेक्टर को भेजी जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राशि वसूली हेतु आर.आर.सी. संबंधित जिला कलेक्टर को भेजी जाती है। प्रकरणों में आर.आर.सी. जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेरा अधिनियम में तकनीकी सदस्य के नियुक्ति का प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 439 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकारण में सदस्य के तौर पर किस-किस योग्यता के व्यक्ति की नियुक्ति के प्रावधान है, रेरा में तकनीकी सदस्य के लिए क्या योग्यता निर्धारित है? श्री एस.एस.राजपूत की नियुक्ति किस सदस्य के रूप में की गई है? (ख) श्री एस.एस. राजपूत के द्वारा नियुक्त दिनांक से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस प्रकरण की सुनवाई कर किस-किस दिनांक को तकनीकी सदस्य के रूप में हस्ताक्षर किए? आदेशों की प्रति सहित बतावें। (ग) श्री एस.एस. राजपूत को रेरा तकनीकी सदस्य के रूप में सुनवाई किए जाने, तकनीकी सदस्य के रूप में आदेशों पर हस्ताक्षर किए जाने का क्या-क्या अधिकार किस आदेश क्रमांक दिनांक से दिया गया? यदि यह अधिकार नहीं दिया तो उनके द्वारा तकनीकी सदस्य के रूप में सुनवाई कर आदेश किन कारणों से दिए गए। (घ) श्री एस.एस. राजपूत द्वारा तकनीकी सदस्य के रूप में दिए गए आदेशों को निरस्त किए जाने एवं श्री एस.एस.राजपूत के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किए जाने के संबंध में कब तक शासन आदेश जारी करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 22 में योग्यता विहित की गई है। मध्यप्रदेश भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) नियम, 2017 की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्री एस.एस. राजपूत की नियुक्ति प्राधिकरण सदस्य के रूप में की गई है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्ट्रीट लाईट की मरम्मत
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 482 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत ग्राम टमसार, पौड़ी, भदौरा, मड़वास, गिजवार, ताला एवं टिकरी (सीधी जिला) महुआ गांव, निवास एवं निगरी (सिंगरौली जिला) में स्ट्रीट लाईट लगवाई गई थी? स्वीकृत एवं व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्ट्रीट लाईट लगाये जाने के तुरंत बाद सभी लाईट खराब हो गई? मरम्मत का कार्य क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बंद पड़े स्ट्रीट लाईट कब तक चालू कर दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हां, सीधी जिले में ग्राम-भदौरा, गिजवार, मड़वास, पोड़ी, ताला, टमसार, टिकरी तथा सिंगरौली जिले में ग्राम-महुगांव, निगरी, निवास में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य जमा योजना के अंतर्गत किया गया था। उक्त कार्य हेतु स्वीकृत राशि एवं व्यय की गई राशि सहित सीधी एवं सिंगरौली जिले हेतु विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में स्ट्रीट लाईट लगाने के बाद गारंटी/वारंटी 12 माह की थी। गारंटी अवधि में स्ट्रीट लाईट खराब होने की सूचना प्राप्त होने पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा तत्काल सुधार कार्य करवाया जाता रहा। गारंटी/वारंटी अवधि के उपरांत स्ट्रीट लाईट के सुधार/बदलने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार सुधार कार्य हेतु म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
सीधी भर्ती एवं पदोन्नत प्राध्यापकों के मध्य वरिष्ठता का निर्धारण
[उच्च शिक्षा]
37. ( क्र. 483 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के अंतर्गत महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों को पूर्व में पदोन्नत/पदनामित प्राध्यापक बनाये जाने को प्राध्यापक के संवर्गों 704 पदों पर नियुक्त माना जायेगा? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें। शासनादेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पदोन्नति/पदनामित प्राध्यापक सहायक प्राध्यापक पदों से रोस्टर में सम्मिलित किये गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। प्राध्यापक के लिये पदोन्नति/पदनामित किये जाने की प्रक्रिया में विभागीय भर्ती नियम, 1990 के नियम 6 (2) का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश क्रमांक डब्लू.पी. 1704/2009 एवं आर.पी. 267/2010 में क्रमश: निर्णय दिनांक 11.3.2010 एवं 12.11.2010 के अनुसार पद पूर्ति होने पर ही पदोन्नत/पदनामित प्राध्यापकों एवं सीधी भर्ती के प्राध्यापकों के बीच आपसी वरिष्ठता के निर्धारण का उल्लेख है? यदि हाँ, तो पदोन्नत/पदनामित प्राध्यापकों से संवर्गी प्राध्यापक पदों की पूर्ति नहीं होने के बावजूद निशा तिवारी संबंधी याचिका क्रमांक डब्लू.पी. 11324/2003 में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार उच्च शिक्षा विभाग में सीधी भर्ती के प्राध्यापकों को पदोन्नत/पदनामित प्राध्यापकों से वरिष्ठ क्यों नहीं माना जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पदोन्नत/पदनामित प्राध्यापकों को विषयवार सहायक प्राध्यापक के रोस्टर में शामिल किया गया है। सेवा भर्ती नियम, 1990 अनुसार प्रक्रिया का पालन किया गया है। (ग) माननीय न्यायालय में संस्थित याचिका के आदेश के परिपालन में वरिष्ठता सूची का निर्धारण किया गया है एवं एक कैलेन्डर वर्ष में सीधी भर्ती अथवा संविलियन से नियुक्त प्राध्यापकों एवं पदोन्नति से नियुक्त प्राध्यापकों में सीधी भर्ती अथवा संविलियन वाले प्राध्यापकों को वरिष्ठता दी गई है। एक कैलेन्डर वर्ष में पदोन्नत प्राध्यापकों को बाद के कैलेन्डर वर्ष में पदोन्नत प्राध्यापकों से वरिष्ठ रखा गया है।
पुल का पुनर्निर्माण
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 494 ) श्री घनश्याम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य मार्ग क्रमांक-19 पर दतिया जिले में एक वर्ष से अधिक समय पूर्व बाढ़ से सेवढ़ा में सिंध नदी पर उच्चस्तरीय पुल के बह जाने के कारण पुन: पुल निर्माण के लिये शासन से क्या प्रगति हुई है? (ख) क्या नवीन पुल निर्माण के लिये बजट प्रावधान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक किया जायेगा? (ग) यातायात की अधिकता को देखते हुये क्या इस स्थल के पास बने पुराने रपटा की मरम्मत तथा पूर्व की भांति उसमें रेलिंग लगाकर सुरक्षित किया जावेगा? (घ) क्या स्थल पर अस्थायी पोंटुन ब्रिज (पीपों का पुल) निर्माण कराने पर विचार किया जायेगा? अथवा ह्यूम पाईप डालकर उस पर मिट्टी आदि डालकर अस्थायी पुल बनाने के संबंध में कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक बजट में सम्मिलित करने हेतु प्रस्तावित किया गया है। (ख) बजट में सम्मिलित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। (घ) वर्तमान में कोई विचार नहीं है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजमार्ग क्रमांक-19 सेवढ़ा का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 496 ) श्री घनश्याम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य राजमार्ग क्रमांक-19 सेवढ़ा से दतिया तक यातायात का भार काफी अधिक हैं तथा सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण आवागमन में भी काफी परेशानी एवं दुर्घटनायें भी अधिक होती हैं? (ख) क्या इस मार्ग के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण के साथ पुनर्निर्माण का कोई प्रस्ताव शासन के यहां पर विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा? (ग) क्या इसी मार्ग पर इंदरगढ़ नगर में क्या यह राजमार्ग बीच बाजार से होकर गुजरता है, जिसके कारण अकसर यातायात अवरूद्ध होता है तथा दुर्घटनायें होती है? क्या इंदरगढ़ नगर के बायपास निर्माण का प्रस्ताव शासन के यहां पर विचाराधीन हैं तथा कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उक्त मार्ग के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण के साथ पुनर्निर्माण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, इंदरगढ़ कस्बे में बाजार से होकर यह मार्ग गुजरता है, किंतु इंदरगढ़ बाजार में अक्सर यातायात अवरूद्ध नहीं रहता है कभी-कभी यातायात अवरूद्ध होता है। यातायात अवरूद्ध होने एवं दुर्घटनाओं का कारण इस मार्ग का बाजार से होकर गुजरना मुख्यत: नहीं है। इंदरगढ़ नगर के बायपास निर्माण कार्य बजट में शामिल नहीं होने से, स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अयोग्य डायरेक्टर कमर्शियल का चयन
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 505 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी में वर्तमान पद पर पदस्थ डायरेक्टर कमर्शियल के चयन हेतु विज्ञापन कब जारी किया गया था? इसमें कितने प्रतियोगियों के आवेदन प्राप्त हुए, सभी के नाम किस पद पर पदस्थ थे? इन सभी के पास फायनेंस से कौन-कौन सी डिग्री थी? सभी आवेदकों के बायोडाटा की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या वर्तमान डायरेक्टर कामर्शियल मूलत: इंजीनियर बी.ई. होल्डर हैं एवं इनके पास फासनेंस से संबंधित सी.ए. या आई.सी.डब्लू.ए. या फायनेंस की कोई डिग्री नहीं है? तब इनको डायरेक्टर कामर्शियल क्यों बनाया गया? यदि प्रश्न में पूछी गई जानकारी सही है तो इनको तत्काल पद से पदच्युत किया जाये एवं भविष्य में फायनेंस डिग्रीधारक को डायरेक्टर कामर्शियल बनाया जाये? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में वर्तमान पद पर पदस्थ डयरेक्टर कमर्शियल के चयन हेतु विज्ञापन दिनांक 24.11.2020 को जारी किया गया था। विज्ञापन के विरुद्ध डायरेक्टर कमर्शियल/संचालक (वाणिज्य) पद हेतु कुल 13 आवेदन प्राप्त हुये थे। उक्त आवेदकों के नाम, पद एवं शैक्षणिक योग्यता की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। आवेदकों के आवेदन पत्र (बायोडाटा) की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ, वर्तमान डायरेक्टर कमर्शियल की शैक्षणिक योग्यता बी.ई. (मैकेनिकल) एवं बी.ओ.ई. है तथा इनके पास फायनेंस से संबंधित डिग्री नहीं है। डायरेक्टर कमर्शियल के कार्य अंतर्गत वित्त संकाय के साथ ही कंपनी अंतर्गत नवीन इकाईयों की स्थापना इकाईयों का आधुनिकीकरण एवं नवीनीकरण का कार्य कंपनी का सामग्री प्रबंधन कार्यालय, कार्पोरेट सर्विसेज एवं सिविल संकाय भी आते है, अत: मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी में संचालक (वाणिज्य) के पद पर नियुक्ति हेतु ''पूर्ववर्ती म.प्र.राज्य विद्युत मंडल के पुनर्गठन के उपरांत अस्तित्व में आई कंपनियों में अतिरिक्त मुख्य अभियंता के पद पर कार्यरत तथा नियमित अधीक्षण अभियंता के पद पर न्यूनतम पांच वर्ष के अनुभव के साथ इन्जीनियरिंग में स्नातक'' योग्यता निर्धारित की गई थी। उपरोक्त अर्हता/मापदण्ड के तहत आवेदन आमंत्रित कर चयन प्रक्रिया सम्पादित की गई है। अत: शेष प्रश्न पर किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
नगर परिषद पृथ्वीपुर में निर्माण कार्य के भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 506 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद पृथ्वीपुर में वर्क आर्डर क्रमांक 4700099548 पी.ओ. नं.17821 टेण्डर अनुसार कार्य किया था? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन कार्य कितनी-कितनी राशि के थे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित कार्यों की राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वार्ड नं. 02 में प्यारेलाल सेठ से मुन्नालाल बंशकार तक सी.सी. रोड निर्माण कार्य राशि रूपये 3,57,192/- का था। (ग) किये गये कार्य का राशि रूपये 1,68,276/- का भुगतान नियमानुसार कटौत्रा उपरांत किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्वालियर विकास प्राधिकरण को आवंटित भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 526 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर (भू-अर्जन) ग्वालियर का आदेश क्र. भू-स/1/80-81/अ-22, दिनांक 11.10.82 के अनुसार दामोदर बाग की भूमि ग्वालियर विकास प्राधिकरण को आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो कलेक्टर ग्वालियर के आदेश के पश्चात् दामोदर बाग की भूमि पर ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा क्या-क्या आवासीय योजना तथा व्यवसायिक योजनाएं बनाई गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुसार उक्त भूमि कलेक्टर ग्वालियर के आवंटन आदेश एवं कब्जा दिलाने के बाद भी ग्वालियर विकास प्राधिकरण के द्वारा उक्त भूमि विभिन्न सहकारी गृह निर्माण समितियों के द्वारा ग्वालियर विकास प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहित करके विभिन्न गृह निर्माण समितियों को लाखों वर्ग मीटर जगह के भूखण्ड आवंटित किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस नियम से किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर यदि अनियमित्ता हुई है? शासकीय भूमि का कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर अधिग्रहित कर भूखण्ड आवंटित हुए हैं तो क्या शासन दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? हाँ तो क्या कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नेवज नदी पर नवीन पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 527 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में नेवज नदी पर बगा फत्तुखेड़ी से करनपुरा तथा गोर्वधनपुरा से मनोहरथाना में नवीन पुल निर्माण का प्रस्ताव हैं? (ख) कंडिका (क) का उत्तर हाँ है तो? क्या उपरोक्त दोनों पुलों के निर्माण स्थल का सर्वे हो गया है? क्या डी.पी.आर. तैयार हो गई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) का उत्तर हाँ है तो उपरोक्त दोनों पुल बजट में कब तक स्वीकृत हो जायेंगे? कब निविदा आमंत्रित कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत लाईन बदलने की योजना
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 557 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती विद्युत वितरण कंपनी म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर में खरगोन जिले की भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पिछले कई वर्षों से कृषि एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु विद्युत लाईन एल्युमीनियम तार डालकर विद्युत प्रदाय की जा रही है? ? (ख) क्या वर्षों पुरानी विद्युत लाईन होने से कृषकों एवं घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को सही वोल्टेज नहीं मिल पाता है? (ग) क्या उक्त वर्षों पुरानी विद्युत लाईन एल्युमीनियम तारों को बदलने की म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर की योजना है? (घ) मध्यप्रदेश विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती विद्युत वितरण कंपनी म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर में खरगोन जिले की भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्षों पुरानी निम्नदाब विद्युत लाईन के तारों को म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर द्वारा कब तक बदलकर केबल डाल दी जावेगी? वर्तमान में भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत एल्युमीनियम तार वाली कितने किलोमीटर 33 के.व्ही./11 निम्नदाब की विद्युत लाईने हैं संख्यात्मक जानकारी देवें? इन विद्युत लाईनों के तारों को बदलने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, खरगोन जिले की भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पिछले कई वर्षों से कृषि एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु एल्युमीनियम धातु के तार की उच्चदाब/निम्नदाब की विद्युत लाईनें स्थापित कर विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा है। (ख) एवं (ग) कृषि एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रदाय की जा रही विद्युत का वोल्टेज विद्युत लाईनों के पुराने होने की वजह से प्रभावित नहीं होता है, अपितु विद्युत लाईन की क्षमता, फीड़र की लंबाई, संबद्ध भार आदि पर निर्भर करता है। पुरानी विद्युत लाईनों के एल्युमीनियम तारों से वोल्टेज अप्रभावित रहने के कारण इसे बदलने की आवश्यकता नहीं है। तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित जिन 11 के.व्ही. फीडरों के अंतिम छोर पर वोल्टेज ड्रॉप निर्धारित मानकों से अधिक है, उनके विभक्तिकरण/उन्नयन के कार्यों को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत सम्मिलित कर लिया गया है। (घ) खरगोन जिले की भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पुरानी निम्नदाब विद्युत लाईनों के तारों को केबल में परिवर्तित करने की कोई कार्य योजना वर्तमान में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विचाराधीन नहीं है। तथापि लाईन लॉस में कमी लाने हेतु उक्त क्षेत्र में 81 कि.मी. निम्नदाब लाईन के तारों को केबल में परिवर्तित किये जाने के कार्य को आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत सम्मिलित किया गया है, जिसकी क्रियान्वयन एजेंसी के चयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में उक्त कार्य की पूर्णता हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 33 के.व्ही. की 50.37 कि.मी., 11 के.व्ही. की 1470.68 कि.मी. एवं निम्नदाब की 2057 कि.मी. एल्युमीनियम धातु के तार की विद्युत लाईने स्थापित है। आर.डी.एस.एस. योजना में लाईन लॉस कम करने हेतु स्वीकृत उक्त कार्य को छोड़कर प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्यमान शेष विद्युत लाईनों के तारों को उक्तानुसार दर्शाए गए कारण से वर्तमान में बदलने की आवश्यकता नहीं होने के कारण इनके बदले जाने की कोई कार्य योजना विचाराधीन नहीं है।
विद्युत लाईन एवं डी.पी. लगाने की योजना
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 558 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा कृषकों को कृषि सिंचाई हेतु अनुदान पर विद्युत लाईन एवं डी.पी.लगाने की योजना संचालित है? (ख) क्या मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों की इस योजना से छोटे कृषकों को अच्छा लाभ मिलता है? (ग) क्या उक्त योजना को शासन ने पिछले दो वर्षों से रोक लगा रखी है? (घ) शासन की उक्त योजना कृषकों के हित में है तो उसे बदलने का क्या कारण है तथा उसे पुन: चालू करने की शासन की योजना है तो कब तक चालू की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। अपितु कृषकों को सिंचाई प्रयोजन हेतु स्थाई पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना'' की अवधि योजना लागू करते समय दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी तथा निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार उक्त योजना निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर दिनांक 31.03.2019 से बंद हुई है। उक्त योजना को पुन: प्रारंभ किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं हैं।
जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 597 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-13 गोहद, (जिला भिण्ड) के मालनपुर एवं गोहद नगर के लिए जल आवर्धन योजना किस चरण में पहुँची है? (ख) जल आवर्धन योजना के लिए कितना बजट स्वीकृत किया गया है एवं कौनसी फर्म अथवा एजेन्सी इसका निर्माण कर रही है? (ग) जल आवर्धन योजना के लिए कितनी समय-सीमा तय की गई है? (घ) मालनपुर एवं गोहद नगर के अलावा आसपास के कौन-कौन से ग्रामों को इस योजना से लाभ प्राप्त होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) गोहद नगर के लिये जल आवर्धन योजन&