मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2021 सत्र
बुधवार, दिनांक 22 दिसम्बर, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अपात्र
व्यक्तियों
को सहायता
राशि का
भुगतान
[श्रम]
1. ( *क्र. 689 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु जनपद पंचायत सिरोंज, जनपद पंचायत लटेरी, नगरपालिका परिषद सिरोंज, नगर परिषद लटेरी में कितने प्रकरणों में कितने हितग्राहियों को विवाह सहायता राशि स्वीकृत की गई है? श्रमिक का नाम, पता, पंजीयन क्रमांक, वर-वधु का नाम, विवाह तिथि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में क्या अपात्र व्यक्तियों का भी मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीयन किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है एवं किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अपात्र व्यक्तियों को विवाह सहायता की राशि उपलब्ध करवाई गई है? इसके लिए दोषी कौन है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जनपद पंचायत, सिरोंज एवं लटेरी में विवाह सहायता योजना के नाम पर आर्थिक लेन-देन की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो किसके द्वारा जांच की गई? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। यदि जांच नहीं की गई है तो इसकी जांच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर कब तक करवाई जावेगी? (घ) जनपद पंचायत, सिरोंज एवं लटेरी में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के श्रमिकों के आश्रितों के कितने प्रकरण स्वीकृत हुए हैं? स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। स्वीकृति आदेश क्रमांक 154092, दिनांक 15.11.2019 श्रमिक आई.डी. क्रमांक 190849534 के अनुग्रह सहायता का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु जनपद पंचायत सिरोंज में 5976 हितग्राहियों को राशि रूपये 304022000/-, नगर पालिका परिषद सिरोंज में 08 हितग्राहियों को राशि रूपये 408000/-, नगर परिषद लटेरी में 15 हितग्राहियों को राशि रूपये 765000/- की विवाह सहायता राशि स्वीकृत की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत योजना के नियम अनुसार केवल पात्र श्रमिकों का ही पंजीयन किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनपद पंचायत सिरोंज में विवाह सहायता योजनांतर्गत भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई है, इसकी जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा द्वारा गठित दल द्वारा की जाकर जांच प्रतिवेदन जमा किया जा चुका है, जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के श्रमिकों के आश्रितों के जनपद पंचायत सिंरोज अन्तर्गत 354 प्रकरण स्वीकृत हुये हैं एवं जनपद पंचायत लटेरी अन्तर्गत 147 प्रकरण स्वीकृत हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। स्वीकृति आदेश क्रमांक 154092, दिनांक 15.11.2019 श्रमिक पंजीयन क्रमांक 190849534 के अनुग्रह सहायता का भुगतान श्रमायुक्त कार्यालय के आदेश क्रमांक 56 इन्दौर दिनांक 17.01.2020 के अनुक्रमांक 404 के माध्यम से जनपद पंचायत लटेरी को आवंटित किया जा चुका है। किन्तु निकाय द्वारा इस राशि का उपयोग अन्य हितग्राही को भुगतान हेतु कर लिया गया है, जिस संबंध में शासन के आदेश क्रमांक 204, दिनांक 11.02.2021 के अनुसार प्रतिपूर्ति ई.पी.ओ. की कार्यवाही प्रचलित है।
नेमन नदी पर बैराज (स्टाप डेम) की स्वीकृति
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 632 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री सम्राट अशोक सागर संभाग क्रमांक-2 विदिशा द्वारा जल संसाधन विभाग को आकांक्षी जिले के रूप में प्राप्त 3 करोड़ रूपये की राशि से ग्राम धनोरा तहसील गुलाबगंज के पास स्थित नेमन नदी पर धनोरा बैराज निर्माण कार्य हेतु कार्यालय पत्र क्रमांक 7035/टी.एस./दिनांक 27.12.2019 के द्वारा 248.63 लाख रूपये की तकनीकी स्वीकृति के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्तुत किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ है तो उक्त राशि से कार्य को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें कि धनोरा बैराज निर्माण कार्य को अभी तक प्राप्त राशि उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई? (ग) क्या विभाग द्वारा क्षेत्र के लगभग 10 से अधिक ग्रामों की सिंचाई सुविधा हेतु महत्वाकांक्षी जिले के रूप में प्राप्त 3 करोड़ रूपये की राशि अन्य कार्य के लिये आवंटित की गई? यदि हाँ, तो क्या शासन प्रस्तावित धनोरा बैराज निर्माण कार्य हेतु विभागीय बजट में राशि का प्रावधान करेगा? यदि हॉ तो कब तक, नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) विभाग द्वारा कलेक्टर सेक्टर के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती है। प्रश्नाधीन धनौरा बैराज विदिशा जिले की आकांक्षी योजना के तहत प्रस्तावित होकर कलेक्टर जिला विदिशा के माध्यम से बिना प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए प्राप्त हुई थी जो विभागीय प्रक्रिया के अनुरूप नहीं होने से प्रस्ताव वापिस कर दिया गया है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
उप तहसील प्रारंभ करने के संबंध में
[राजस्व]
3. ( *क्र. 846 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरघाट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो तहसील एवं एक उप तहसील है, उप तहसील गंगेरूआ का कार्यक्षेत्र बहुत बड़ा है, प्रश्नकर्ता द्वारा शासन को अनेकों बार पत्र एवं ज्ञापन दिया गया है, अत: गंगेरूआ को पूर्ण रूप से तहसील बनाये जाने के लिए आज तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) विधानसभा क्षेत्र बरघाट में कुरई ब्लॉक जो कि भौगोलिक दृष्टिकोण से दो भागों में बटा हुआ है, एक घाट के ऊपर एवं दूसरा घाट के नीचे। घाट के नीचे कुरई तहसील संचालित है, परंतु घाट के ऊपर के ग्रामों के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण घाट के ऊपर के ग्राम सुकतरा पंचायत में उप तहसील प्रस्तावित है, परंतु अब तक इस उप तहसील को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई, इस उप तहसील को कब तक प्रारंभ किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) तहसील कुरई के अंतर्गत ग्राम सुकतरा में सप्ताह में 01 दिन उप तहसील कार्यालय का संचालन प्रारम्भ करा लिया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[राजस्व]
4. ( *क्र. 446 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय भूमि निजी नाम पर करने के किसी न्यायालय के फैसले को उससे आगे के न्यायालय में चुनौती देने हेतु शासन के क्या निर्देश हैं तथा उन निर्देशों का पालन न करने पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है? (ख) मुख्यमंत्री जी द्वारा हाल ही में भोपाल तथा इन्दौर संभाग में ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की घोषणा क्यों की गई, शेष संभाग में इसे क्यों लागू नहीं किया जा रहा है? (ग) विधायकों द्वारा विभिन्न विभागों को लिखे गये पत्रों पर समय से उत्तर न देना, पत्र की पावती प्रदान न करना, कार्यालय में रजिस्टर संधारित न करना आदि के सम्बन्ध में वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 में आयोजित विधानसभा सत्र में कितने प्रश्न पूछे गये, उनमें से कितने प्रश्नों का उत्तर दिया गया तथा कितनों में जानकारी एकत्रित करने का उल्लेख किया गया। (घ) जनता से प्राप्त ज्ञापन तथा आवेदन पर कार्यवाही करने के सम्बन्ध में क्या नियम तथा निर्देश हैं, इस सम्बन्ध में जारी परिपत्र तथा आदेश की प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासकीय भूमि से संबंधित न्यायालयीन मामलों के हित संरक्षण के लिये मध्यप्रदेश शासन, विधि और विधायी कार्य विभाग से जारी मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा नीति, 2018 एवं विधि और विधायी कार्य विभाग का परिपत्र क्रमांक 5006 (क 13.2)/21-ब (दो), दिनांक 21/12/2018 में जारी दिशा निर्देश की कंडिका 26.7 एवं 26.8 के अनुसार शासकीय भूमि से संबंधित न्यायालयीन मामलों का हित संरक्षण किया जाता है। उक्त नीति में हित धारकों की जवाबदेही तथा शासकीय न्यायालयीन प्रकरणों की मॉनिटरिंग के प्रावधान अनुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ख) इंदौर एवं भोपाल महानगर (Metropolitan area) अन्य संभागीय मुख्यालयों से जनसंख्या की तुलना में वृहद होने के नाते तथा कानून एवं व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की आवश्यकताओं के दृष्टिगत दिनांक 09.12.2021 को दोनों नगरीय पुलिस जिलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली की अधिसूचना जारी की गई है। (ग) प्रश्नांश से संबंधित राजस्व विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश के संबंध में नियम निर्देश म. प्र. सामान्य पुस्तक परिपत्र भाग-2 क्रमांक-22 में दिए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
स्वीकृत, प्रस्तावित बांध एवं स्टाप डेम
[जल संसाधन]
5. ( *क्र. 316 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ जिला मुरैना में वर्ष जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने बांध एवं स्टाप डेम प्रस्तावित, स्वीकृत हैं? पूर्ण जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2019 के बाद स्वीकृत बांध एवं स्टाप डेम की प्रक्रिया किस स्तर में है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है।
श्योपुर जिले की नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
6. ( *क्र. 470 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में अतिवृष्टि, बाढ़ से क्षतिग्रस्त चम्बल दाहिनी मुख्य नहर की मरम्मत कार्य किस ठेकेदार द्वारा किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी राशि से कराया गया? विस्तृत जानकारी बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्षतिग्रस्त स्थानों पर कराये गये मरम्मत कार्यों का मूल्यांकन/निरीक्षण/भौतिक सत्यापन/अंतिम मूल्यांकन सत्यापन एवं कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र किस अधिकारी द्वारा जारी किया गया? (ग) श्योपुर जिले की चम्बल दाहिनी मुख्य नहर की सहायक नहर शाखाएं (माइनरी/डिस्ट्रीब्यूटरी) अतिवृष्टि, बाढ़ से कौन-कौन सी शाखायें किन-किन स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुई थी? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार क्षतिग्रस्त सहायक नहर शाखाओं का मरम्मत/दुरस्ती कार्य नहीं कराया गया है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बतावें? यदि कराया गया है तो कौन-कौन सी शाखाओं का किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी राशि से कराया गया है? मूल्यांकन/कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करावें। (ड़) कौन-कौन सी क्षतिग्रस्त सहायक नहर शाखाओं की मरम्मत का कार्य होना शेष है? उक्त कार्य कब तक करा दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। वर्तमान में कार्य अपूर्ण होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब 1'' एवं ''ब-2'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। नहरों में रबी सिंचाई के पूर्व आवश्यक मरम्मत कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। सभी सहायक नहरों के क्षतिग्रस्त भाग का मरम्मत कार्य प्रगति पर है। कार्य अपूर्ण होने से वांछित अभिलेख उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-स 1'' एवं ''स-2'' अनुसार है। (ड.) चम्बल दांयी मुख्य नहर 1 एल से 29 एल तक में कार्य प्रगति पर होना प्रतिवेदित है। कार्य पूर्णता: की अवधि अक्टूबर 2022 नियत है। वर्तमान में नहरों से सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जा रहा है।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( *क्र. 725 ) श्री राकेश गिरि : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पराखास में सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली वर्ष 2019-20 के पूर्व में तत्कालीन विक्रेता द्वारा हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरित न कर अनियमिततायें की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो, ग्राम पराखास की खाद्यान्न वितरण की उचित मूल्य दुकान की जांच एक समिति गठित कर की गई? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुरूप क्या उचित मूल्य की दुकान के तत्कालीन विक्रेता अवधेश यादव उर्फ सत्येन्द्र को दोषी पाते हुये वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी? यदि हाँ, तो संबंधित आदेश की प्रति उपलब्ध करायें एवं प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि वसूल कर ली गई है? विवरण दें। शेष राशि कब तक वसूल की जावेगी? उक्त प्रकरण के दोषियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच दल का गठन नहीं किया गया, लेकिन सक्षम अधिकारी से जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति संलग्न परिशष्ट अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के पत्र क्रमांक 2052/स्टेनो/एस.डी.ओ./टी/2021 दिनांक 01.12.2021 के द्वारा श्री के.के. गुप्ता सहकारिता निरीक्षक एवं प्रशासक को शासकीय उचित मूल्य दुकान पराखास के विक्रेता अवधेश यादव से राशि 517348.00 रूपये वसूली का आदेश दिया गया हैं। वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। वसूली की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। संबंधित के विरूद्ध एफ.आई.आर. के आदेश किए जा चुके है।
अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा
[राजस्व]
8. ( *क्र. 818 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में खरगौन जिले के महेश्वर एवं बड़वारा तहसील में अतिवृष्टि से हुई क्षति से जो कृषक प्रभावित हुये, उन्हें कुल कितनी राहत राशि स्वीकृत की गई है? कितनी आवंटित की गई है व कितनी शेष है? (ख) यदि शेष है तो कृषकों को राशि का वितरण कब तक होगा।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2019-20 में तहसील महेश्वर में अतिवृष्टि से हुई क्षति से कुल 29221 कृषक प्रभावित हुये जिन्हें राशि रू. 94,37,94,311/- स्वीकृत की गई। राहत राशि 04 किश्तों में वितरण करने का निर्णय शासन स्तर से लिया गया था। प्रथम किश्त 25 प्रतिशत के मान से 23,59,48,578/- वितरित की जानी थी। जिसमें से राशि रू. 22,63,20,926/- वितरित की गई तथा राशि 96,27,652/- रूपये जो कृषक अन्यत्र ग्राम में निवासरत होने/विवादित होने से वितरण हेतु शेष है। तहसील बड़वाह में अतिवृष्टि से हुई क्षति से कुल 19613 कृषक प्रभावित हुये जिन्हें राशि रू. 62,22,90,076/- स्वीकृत की गई। प्रथम किश्त 25 प्रतिशत के मान से राशि रू.15,55,72,519/- वितरित की गई है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक को निलम्बित कर एफ.आई.आर. दर्ज कराने बावत्
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
9. ( *क्र. 907 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में जिला धार म.प्र. वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्यालय शाखा धामनोद, मनावर एवं बिल्लौद पर गोदामों में हुई खाद्यान्न एवं अन्य वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक श्री पी.के. गजभिये के विरूद्ध चल रही जांच में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा इतनी लम्बी अवधि तक जांच का निराकरण क्यों नहीं किया गया और दोषी अधिकारी को दण्डित क्यों नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार हुई वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में श्री पी.के. गजभिये के विरूद्ध एफ.आई.आर. क्यों नहीं की गई तथा इन्हें निलम्बित क्यों नहीं किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) शाखा धामनोद मनावर एवं बिल्लोद पर हुई अनियमितताओं के संबंध में तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक श्री पी.के. गजभिये, उप महाप्रबंधक द्वितीय श्रेणी अधिकारी के विरूद्ध आदेशित विभागीय जांच पूर्ण होकर द्वितीय श्रेणी अधिकारी हेतु समक्ष प्राधिकारी निगम कार्यकारिणी समिति के समक्ष निर्णय हेतु प्रकरण आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जा रहा हैं। (ख) शाखा धामनोद मनावर एवं बिल्लोद पर हुई अनियमितताओं के संबंध में तत्समय पदस्थ अधिकारी द्वारा श्री पी.के. गजभिये तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक इन्दौर के विरूद्ध विभागीय जांच कराने का निर्णय लिया गया था। श्री गजभिये के विरूद्ध विभागीय जांच की वर्तमान स्थिति का उल्लेख प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित है।
जप्त वाहन को छोड़ने में अनियमितता
[खनिज साधन]
10. ( *क्र. 876 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-09-2021 से 25-11-2021 के मध्य सीतापुर रेत खदान जो सोन नदी जिला अनूपपुर में माईनिंग ऑफिस के पास स्थित है, में चल रही पोकलेन, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर द्वारा जब्त की गई थी, लेकिन कलेक्टर अनूपपुर द्वारा इसे संबंधित को वापिस कर दी गई। ऐसा किस नियम/आदेश के तहत किया गया? (ख) क्या संबंधित पोकलेन स्वामी पर कोई दंड राशि लगाई गई या अन्य कोई दांडिक कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इन्हें लाभान्वित करने का कारण बतावें। विगत 6 माह में खनन करते हुए कितनी मशीनें जब्त की गई? उनके प्रकार, वाहन स्वामी का नाम, नंबर सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इन वाहनों को किस आधार पर छोड़ा गया/जब्त है, की स्थिति वाहनवार देवें। इन पर लगाई दंड राशि की जानकारी भी वाहन प्रकार, वाहनवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार वाहनों पर लगाई दंड राशि व प्रश्नांश (क) अनुसार वाहन पर दंड में अंतर क्यों है? इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। पुलिस अधीक्षक जिला अनूपपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार थाना कोतवाली अनूपपुर द्वारा दिनांक 26.10.2021 को सीतापुर रेत खदान में चल रही पोकलेन मशीन को जब्त कर अप.क्र. 505/2021 धारा 379, 414 ताहि 4/21 खनिज अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध किया गया है, जो कि जिला न्यायालय अनूपपुर में विचाराधीन है। उक्त जब्तशुदा पोकलेन मशीन को माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनूपपुर के सुपुर्दनामा आदेश क्रमांक-क्यू/न्या/2021 दिनांक 17.11.2021 के पालन में थाना अनूपपुर द्वारा सुपुर्दगी पर दिया गया है। (ख) थाना प्रभारी अनूपपुर द्वारा जब्त मशीन को अप.क्र. 505/2021 धारा 379, 414 ताहि 4/21 खनिज अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर जिला न्यायालय में दाण्डिक कार्यवाही/निराकरण हेतु प्रस्तुत किया गया है। विगत 6 माह में खनन करते हुए 01 पोकलेन मशीन जब्त की गई है, जिसका इनवाइस नंबर एम.सी.19-20/035 इनवाइस डेट 19.11.2019 एवं जी.एस.टी. आई.एन.-23 सी.डी.एस. 6873 आर 2 जेड आई तथा वाहन स्वामी का नाम मानवेन्द्र सिंह पिता श्री नागेन्द्र सिंह निवासी मौहारटोला चचाई है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जब्त पोकलेन मशीन को मान्नीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनूपपुर के आदेश क्रमांक-क्यू/न्या/2021 दिनांक 17.11.2021 के पालन में सुपुर्दगी में दिया गया है। पंजीबद्ध प्रकरण वर्तमान में जिला न्यायालय अनूपपुर में दाण्डिक कार्यवाही/निराकरण हेतु विचाराधीन होने से शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से शेष प्रश्नांश के संबंध में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मकान, दुकान का अर्जन
[राजस्व]
11. ( *क्र. 327 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.एच. 59 ए. एवं 69 के लिए बैतूल एवं होशंगाबाद जिले के वनग्राम बरेठा, धार, कुसरना, गवासेन, खोखराखेड़ा, ढेकना की भूमि, मकान, दुकान के अर्जन की कार्यवाही और प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक भी पूरी नहीं की गई? (ख) किस ग्राम के किस आदिवासी एवं किस गैर आदिवासी के कब्जे की कितनी भूमि, मकान, दुकान के अर्जन का प्रकरण बनाया गया? किस वनग्राम की भूमि, मकान, दुकान के अर्जन का प्रकरण किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक भी नहीं बनाया गया? (ग) भूमि, मकान, दुकान के अर्जन से प्रभावित आदिवासियों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन से संबंधित प्रावधान क्या वर्तमान में लागू हैं? उसके अनुसार किस-किस के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन से संबंधित क्या कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक की गई? यदि नहीं, की गई हो तो कारण बतावें। (घ) भूमि, मकान, दुकान के अर्जन का प्रकरण बनाए जाने और प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही किए जाने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही वर्तमान में की जा रही है? वह कब तक पूरी की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एन.एच. 69 में प्रभावित वन ग्राम बरेठा एवं धार के धारकों के भूमि, मकान, दुकान आदि के भू अर्जन की कार्यवाही प्रकरण क्रमांक 07/अ-82/वर्ष 2016-17 में की जाकर अधिनिर्णय दिनांक 20-01-2020 को पारित किया गया। इन वन ग्रामों पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के संबध में हितबद्ध पक्षकार द्वारा न्यायालय आयुक्त एवं मध्यस्थता प्राधिकारी नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद के समक्ष अभ्यावेदन पेश किया गया है। तत्संबध में न्यायालयीन कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। 2. एन. एच. 59 ए सड़क निर्माण में प्रभावित वनग्राम कुरसना, गवासेन, खोखराखेडा की भूमि, मकान, दुकान के अर्जन के संबध में शिकायत प्राप्त हुई हैं, जिसमें प्रारंभिक जॉंच की जा रही है, जॉंच में पुष्टि होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर भू' अर्जन की कार्यवाही NHAI Act. के तहत की जावेगी। 3. एन एच 59 ए सड़क निर्माण में प्रभावित वनग्राम ढेकना जिला होशंगाबाद की जानकारी निरंक है। (ख) एन.एच. 69 के अन्तर्गत आने वाले वनग्राम धार एवं बरेठा के आदिवासी एवं गैर आदिवासी के कब्जे की भूमि मकान एवं दुकान के अर्जन का भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 07/अ-82/वर्ष 2016-17 बनाया गया था जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। अवार्ड अनुसार मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है। 2- बैतूल अनुविभाग के अंतर्गत वनग्राम कुरसना, गवासेन, खोखराखेडा की भूमि 59 ए टू-लेन में किसी भी हितग्राही की भूमि मकान, दुकान प्रभावित नहीं हुए हैं। तत्सबंध में अनुविभागीय अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग का पत्र दिनांक 13-12-2021 संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, जिसके कारण वर्तमान तिथि तक भू अर्जन का प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। इसके अतिरिक्त कतिपय हितग्राहियों द्वारा अपनी भूमि, मकान, दुकान आदि का ग्राम कुरसना, गवासेन, खोखराखेडा के एन.एच. 59 ए के टू-लेन में प्रभावित होने की शिकायत की थी। जिसकी संयुक्त जॉंच की जा रही है, जॉंच में हितग्राहियों की भूमि प्रभावित होने की पुष्टि होती है तो नियमानुसार भू अर्जन की कार्यवाही समय सीमा में की जावेगी। (ग) एन.एच. 69 के अन्तर्गत आने वाले वनग्राम धार एवं बरेठा भूमि अर्जन की कार्यवाही राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 (1956 का 48) के तहत की गई है। अत: भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 31, 41 एवं 51. प्रभावी नहीं। अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता हैं। 2- एन.एच. 59 ए के सड़क निर्माण में प्रभावित वन ग्राम कुरसना, गवासेन, खोखराखेडा के प्रभावित धारकों की जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त जांच के निष्कर्षों के आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत भू अर्जन की आगामी कार्यवाही की जावेगी। 3- एन.एच. 59 ए के सड़क निर्माण में प्रभावित वन ग्राम ढेकना जिला होशंगाबाद की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिपेक्ष्य में कार्यवाही की जा रही है जांच के निष्कर्ष के उपरान्त आगामी भू अर्जन की कार्यवाही समय सीमा में की जावेगी।
आवागमन मार्ग बंद करने की शिकायत का निराकरण
[राजस्व]
12. ( *क्र. 715 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रशासन द्वारा उज्जैन स्थित कालियादेह पैलेस, सूर्य मंदिर, भेरु मंदिर और इनके निकट स्थित बावनकुंड पहुँचने का आम रास्ता बंद कर दिया गया है? श्रद्धालुओं को दर्शन से क्यों वंचित किया जा रहा है? (ख) क्या आम रास्ता बंद होने से आसपास के ग्रामीण एवं आमजन को लगभग 8 किमी अतिरिक्त आगर रोड से घूमकर गाँव और शहर का आवागमन करना पड़ रहा है? शासन इस प्रकार के कृत्य को लेकर क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) क्या प्रशासन द्वारा आम रास्ता बंद करने की अनुमति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो क्या आम नागरिकों को भी अपने कार्य स्थल पर निर्माण कार्यों के लिए आम रास्ता बंद करने की अनुमति दी जा सकती है? यदि हाँ, तो किन नियमों के द्वारा प्रशासनिक अधिकारी द्वारा आम रास्ता बंद करने की अनुमति प्रदान की है? नियमों की प्रति देवें। (घ) जिले के प्रमुख समाचार पत्रों में आम जनता की शिकायत प्रकाशित होने के बाद प्रशासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाहियाँ की गयी? इस संबंध में समस्या के निराकरण के लिए किस अधिकारी को दायित्व सौंपा गया? इस मामले में आम जनता की परेशानी को लेकर कुल कितनी शिकायतें मिली हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, उज्जैन स्थित कालियादेह पैलेस, सूर्य मंदिर और इनके निकट स्थित बावनकुंड पहुंचने का आम रास्ता प्रशासन द्वारा बंद नहीं किया गया है। (ख) आम रास्ता मौके पर अवरुद्ध नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) आम रास्ता बंद होने के संबंध में किसी प्रकार का आवेदन तहसील घट्टिया में प्राप्त नहीं हुआ है। परन्तु समाचार-पत्र व जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सूचना के आधार पर मौके पर दिनांक 30.11.2021 को नायब तहसीलदार श्री लोकेश चौहान टप्पा पानबिहार तहसील घट्टिया को भेजा गया।
पेंच टाईगर रिजर्व क्षेत्र के कार्य
[वन]
13. ( *क्र. 883 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के चौरई विधान सभा क्षेत्र में पेंच टाईगर रिजर्व उपवन मण्डल में वर्ष 2019-20, 2020-21 में हो रहे, वानिकी कार्य एवं निर्माण कार्यों की सूची परिक्षेत्रवार प्रदान की जाए। (ख) इनमें कार्यरत मजदूरों की सूची, मजदूरी राशि, कार्य नाम, स्थान नाम सहित देवें। दिनांक 01.06.2020 से 21.11.2021 तक के संदर्भ में देवें। मजदूरों का खाता नम्बर भी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में सप्लाई सामग्री की जानकारी सप्लाईकर्ता फर्मवार देवें, इस अवधि की टेंडर प्रक्रिया की जानकारी भी देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टके प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टके प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है।
बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक सहायता वितरण में अनियमितता
[राजस्व]
14. ( *क्र. 976 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह अगस्त 2021 में ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में आई बाढ़ से कितनी-कितनी जनधन एवं पशुधन की हानि हुई एवं कितने हेक्टेयर क्षेत्र की फसल नष्ट हो गई तथा शासकीय संपत्ति को कितना-कितना नुकसान पहुंचा? जिलेवार विवरण दें। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रशासन/शासन द्वारा बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे कराकर कितने हितग्राहियों को कितनी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई? जिलेवार जानकारी दें। (ग) क्या शासन द्वारा बाढ़ में हुए वास्तविक नुकसान का आकलन करने हेतु जांच दल/अध्ययन दल का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो क्या जांच दल द्वारा जांच प्रतिवेदन शासन को सौंप दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक सौंपा जाएगा? (घ) क्या बाढ़ पीड़ितों को क्षतिपूर्ति मुआवजा वितरण में अनियमितता बरती जाकर वास्तविक हितग्राहियों को राहत राशि/आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाने की शिकायतें प्रशासन/शासन को प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उन शिकायतों की जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माह अगस्त, 2021 में ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में आई बाढ़ से हुई क्षति की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में दिये गये प्रावधान अनुसार प्राकृतिक आपदा से क्षति के आंकलन हेतु जिलों में राजस्व, कृषि, उद्यानिकी और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के संयुक्त दल द्वारा सर्वेक्षण कार्य कराया गया है। सर्वे पश्चात जांच दल द्वारा प्रतिवेदन सौंप दिया गया है। अत: शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (घ) ग्वालियर जिले में राहत राशि हेतु प्राप्त शिकायतों का परीक्षण कर प्रभावितों को नियमानुसार राहत राशि प्रदाय की गई है। शेष जिलों में राहत राशि वितरण संबंधी प्राप्त शिकायतों की जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता।
राज्य केबिनेट बैठक हेतु भेजे गये प्रस्ताव
[राजस्व]
15. ( *क्र. 829 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 28.09.2021 एवं 09.11.2021 को मंत्री परिषद् की संपन्न हुई बैठकों में राजस्व विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किन-किन प्रस्तावों को स्वीकृति हेतु भेजा गया था? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) दिनांक 28.09.2021 की केबिनेट बैठक आदर्श आचार संहिता लागू होने के पश्चात संपन्न हुई थी? यदि हाँ, तो इस बैठक में ऐसे कौन-कौन से प्रस्ताव थे, जो कि उन जिलों से संबंधित थे, जिनमें आचार संहिता लागू की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में आचार संहिता लागू होने के पश्चात शासन द्वारा उपरोक्त प्रस्तावों को केबिनेट बैठक में प्रस्तुत एवं स्वीकृत किया है? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है? इन दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या राज्य केबिनेट बैठक की स्वीकृति के लिए बिना नवीन तहसील का गठन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-07/2018-सात-7, दिनांक 24.09.2021 द्वारा नवीन तहसील का गठन किस केबिनेट बैठक में स्वीकृत किया गया था? केबिनेट बैठक स्वीकृति एवं आदेश का विवरण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग द्वारा दिनांक 28.09.2021 की बैठक में कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया, जबकि दिनांक 09.11.2021 की बैठक में तहसील दिगौड़ा, जिला टीकमगढ़ मूंदी जिला खण्डवा, तहसील धूलकोट जिला बुरहानपुर तहसील किल्लौद जिला खण्डवा का प्रस्ताव भेजा गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 28/09/2021 में उच्च शिक्षा विभाग के अधीन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में पदस्थ रहे। डॉ. परीक्षित सिंह सेवानिवृत्त तत्कालीन कुलसचिव के विरूद्ध गंभीर आरोप अधिरोपित होने के कारण श्री सिंह को 01 वर्ष की देय पेंशन राशि में से 10 प्रतिशत पेंशन की राशि वापिस लिये जाने का निर्णय लिया गया। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) दिनांक 28.09.2021 की केबिनेट बैठक में राजस्व विभाग के उन जिलों से संबंधित कोई प्रस्ताव नहीं थे, जहां आचार संहिता लागू की गई थी। (ग) जिन जिलों मे, आचार संहिता लागू थी, उन जिलों के उपरोक्तानुसार तहसीलों के प्रस्ताव 28.09.2011 की केबिनेट बैठक में प्रस्तुत नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश कार्यालय शासन के कार्य नियम के भाग-4 के कार्य नियम-10 के अंतर्गत विशेष परिस्थितियों में निर्णय लेने के अधिकार, माननीय मुख्यमंत्री को हैं, जिन्हें पश्चात में, अनुसमर्थन हेतु केबिनेट के समक्ष रखा जाता है। नवीन तहसीलों के गठन का अनुसमर्थन दिनांक 09.11.2021 की केबिनेट में किया गया।
राजस्व क्षेत्र की भूमि
[राजस्व]
16. ( *क्र. 669 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कितने राजस्व क्षेत्र हैं? प्रत्येक राजस्व क्षेत्र में कितनी शासकीय भूमि (रकबा/हल्का) उपयोग में है एवं किस उपयोग में है? (ख) कितने राजस्व क्षेत्र में कितनी शासकीय भूमि रिक्त है, जो भविष्य में जनहित के उपयोग में आ सके?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला अंतर्गत कुल 730 राजस्व क्षेत्र (पटवारी हल्के) हैं। जिला अंतर्गत कुल 307946 हे. शासकीय भूमि है। शासकीय भूमि की मदवार जानकारी निम्नानुसार है :- (1) आबादी - 4130, (2) अमराई व फलोद्यान - 1038, (3) बड़े झाड़ का जंगल (वन) - 203736, (4) छोटे झाड़ का जंगल (चारागाह झुडपी जंगल घास) - 43268, (5) नदी/नाला/तालाब (पानी के नीचे) - 30635, (6) पहाड़/चट्टान - 12461, (7) सड़क/इमारत - 12678 कुल शासकीय भूमि - 307946. (ख) ऐसी रिक्त भूमि जो भविष्य में जनहित के उपयोग में आ सके, की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय की स्वीकृति
[श्रम]
17. ( *क्र. 361 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि छतरपुर जिले में स्वीकृत नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा किस कारण निरस्त की गयी? शासन द्वारा लिए गए निरस्तीकरण के प्रस्ताव एवं निर्णय की प्रति उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : छतरपुर जिले में स्वीकृत नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में राशि ऋणात्मक स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रकरण में पुनर्विचार करने के आधार पर प्रकरण में प्रस्तावित 06 प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त करने का प्राप्त प्रशासकीय अनुमोदन के आधार पर पूर्व में जारी स्वीकृति निरस्त की गई है। निर्णय की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में किये गये विकास कार्य
[खनिज साधन]
18. ( *क्र. 579 ) श्री सुनील उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में विभिन्न खनिजों से कितनी-कितनी रॉयल्टी विगत दो वर्षों में प्राप्त हुई है? (ख) इस रॉयल्टी मद से कलेक्टर शाखा से कहां-कहां पर कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत हुये और वर्तमान स्थिति क्या है एवं स्वीकृत व किये गये व्यय की जानकारी एवं पूर्ण हुये कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र की जानकारी बतायें। (ग) इस मद से जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के जुन्नारदेव एवं तामिया ब्लॉक में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुये? स्वीकृत हुये कार्यों की वर्तमान स्थिति एवं किये गये व्यय की जानकारी एवं पूर्ण हुये कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र की जानकारी बतायें। (घ) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में कोयला खदानों से कितनी-कितनी रॉयल्टी प्राप्त हुई? इस मद से कहाँ-कहाँ विगत तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ पर वृक्षारोपण के कार्य कराये गये एवं अन्य कार्य कराये गये? उनकी वर्तमान स्थिति एवं व्यय की जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) रॉयल्टी मद में प्राप्त राशि से निर्माण कार्य किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में स्थित कोयला खदानों से वर्ष 2019-20 में रूपये 22,65,60,840/- वर्ष 2020-21 में रूपये 24,86,93,705/- तथा वर्ष 2021-22 में माह अक्टूबर तक रूपये 11,82,51,808/- प्राप्त हुए है। रॉयल्टी मद से वृक्षारोपण किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों के कल्याण के लिए जमा राशि का अन्यत्र व्यय
[श्रम]
19. ( *क्र. 562 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भवन एवं अन्य संनिर्माण वेलफेयर बोर्ड द्वारा बिल्डिंग निर्माण में जुटे श्रमिकों के कल्याण के लिए जमा राशि को ऊर्जा विभाग के सब्सिडी खाते में स्थानांतरित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को ऊर्जा विभाग को स्थानांतरित की गई है? (ग) क्या यह मजदूरों के पैसे का फंड है, जिसका उपयोग केवल श्रमिकों की दुर्घटना में मदद, डिलेवरी, मृत्यु सहायता, रिटायर होने वाले श्रमिकों को पेंशन, लोन व एडवांस, ग्रुप इंश्योरेंस और विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वाले श्रमिकों के बच्चों की सहायता के लिए किया जा सकता है? (घ) यदि हाँ, तो फिर मजदूरों के कल्याण के लिए बने फंड में से ऊर्जा विभाग को धन दिए जाने का क्या औचित्य है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) हाँ, म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को ऊर्जा विभाग द्वारा सब्सिडी के रूप में दी गई राशि की प्रतिपूर्ति ऊर्जा विभाग को की गई है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा एकमुश्त राशि रूपये 416.33 करोड़ ऊर्जा विभाग को दिनांक 01-10-2021 को भुगतान किया गया। (ग) वस्तुत: निर्माण कार्यों की लागत से एक प्रतिशत उपकर राशि का फंड है एवं इस फंड का उपयोग भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों के हितलाभ हेतु विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है। (घ) जी हाँ। मंत्री परिषद् निर्णय दिनांक 06.08.2018 के तारतम्य में मुख्यमंत्री बकाया बिजली माफी स्कीम 2018 योजना अंतर्गत ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव अनुसार भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों को दी गई बिजली सब्सिडी की पूर्ति हेतु मण्डल द्वारा ऊर्जा विभाग को राशि प्रदान की गई है।
मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
20. ( *क्र. 204 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मां रतनगढ़ बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना से ग्वालियर, दतिया, भिण्ड जिलों के दो सौ पचास गांवों से अधिक में सत्तर किलोमीटर से अधिक में पाइप माध्यम से किसानों को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराने की योजना किस स्थिति में है? नवम्बर 2021 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या ग्वालियर सम्भाग की लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना से शिवपुरी व दतिया जिले की एक लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में जमीन सिंचाई के लिये योजना तैयार की गई थी? उसकी नबम्बर 2021 की स्थिति की जानकारी दी जावें। (ग) क्या मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना आठ से इकत्तीस करोड़ एवं लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना सोलह सौ बीस करोड़ लागत स्वीकृत है? जिसमें दोनों परियोजनाओं में कितना-कितना कार्य हो चुका है? कार्य प्रारंभ का दिनांक एवं समापन दिनांक क्या था? कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? परियोजनावार जानकारी दी जावे। (घ) क्या मां रतनगढ़ परियोजना में बिना कार्य प्रारम्भ हुऐ चार सौ बारह करोड़ एवं लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना, शिवपुरी को एक हजार से अधिक अग्रिम भुगतान कंस्ट्रक्शन कम्पनी को किया है? क्यों? क्या उक्त प्रकरण की जांच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मॉं रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना द्वारा ग्वालियर, दतिया भिण्ड जिले में 250 गांव न होकर 163 गांव में दाबयुक्त सिंचाई पद्धति से 58,184 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना प्रस्तावित है। नवम्बर 2021 की स्थिति में शीर्ष कार्य के अंतर्गत सर्वे एवं अनुसंधान का कार्य तथा नहर कार्य के अंतर्गत लगभग 2.00 कि.मी. लम्बाई में पाईप बिछाने का कार्य किया जाना प्रतिवेदित है। बांध का कार्य वन प्रकरण की स्वीकृति उपरांत प्रारंभ किया जाना संभव होगा। (ख) जी हाँ। लोअर ओर वृहद सिंचाई परियोजना से शिवपुरी एवं दतिया जिले की 1,10,400 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बांध एवं नहर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। नवम्बर 2021 की स्थिति में लोअर ओर परियोजना में बांध का निर्माण कार्य 78 प्रतिशत तथा नहर कार्य 35 प्रतिशत पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) मॉं रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 2244.97 करोड़ की 58,184 हेक्टेयर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। नहर कार्य हेतु रूपये 831.00 करोड़ का अनुबंध मेसर्स मन्टेना वशिष्ठा माइक्रो जे.व्ही. हैदराबाद के साथ निष्पादित किया गया है। अनुबंधानुसार कार्य प्रारंभ का दिनांक 22.07.2019 एवं कार्य समाप्ति का दिनांक 21.07.2024 नियत है। नहर कार्य अंतर्गत एम.एस. क्रॉइस/प्लेट्स से पाइप बनाकर पाइप बिछाने का कार्य प्रगतिरत तथा परियोजना पर अभी तक रूपये 412.50 करोड़ व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। लोअर ओर वृहद सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रू. 2208.03 करोड़ की 1,10,400 हेक्टेयर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। नहर कार्य हेतु रू.1650.00 करोड़ का अनुबंध मेसर्स मंटेना मैक्स एम.पी. जे.व्ही. हैदराबाद के साथ निष्पादित किया गया है। अनुबंध अनुसार कार्य प्रारंभ करने का दिनांक 27.08.2018 एवं कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 27.11.2022 तक समयवृद्धि स्वीकृत की गई है। प्रेशराईज्ड पाइप नहर प्रणाली का लगभग 35 प्रतिशत पूर्ण किया जाकर अभी तक रूपये 1009.92 करोड़ व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) जानकारी उत्तरांश ''ग'' अनुसार है। सामग्री के विरूद्ध किए गए भुगतान की अनियमितताओं की जॉंच हेतु समिति का गठन किया गया है। जॉंच प्रतिवेदन अप्राप्त है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
तालाब निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
21. ( *क्र. 593 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्तमान में कुल कितने तालाब स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर लंबित हैं? उक्त तालाबों की सूची उपलब्ध करावें। उनके वर्तमान तक लंबित रहने का क्या कारण है? वह किस स्तर पर कितने समय से लंबित हैं तथा उनकी स्वीकृति कब तक प्रदाय की जायेगी? (ख) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के तालाब निर्माण हेतु साध्यता प्रदाय हेतु प्रकरण शासन स्तर पर लंबित हैं? यदि हाँ, तो वह संख्या क्या है? सूची उपलब्ध करावें। लंबित रहने का क्या कारण है, वह किस स्तर पर कितने समय से लंबित हैं तथा उनकी साध्यता कब तक प्रदाय की जायेगी? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भीकनगांव विधानसभा अन्तर्गत तालाबों की स्वीकृति हेतु घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से तालाब की स्वीकृति हेतु घोषणा की गई है, उनकी स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है तथा उक्त तालाबों की कब तक स्वीकृति प्रदाय की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान में स्वीकृति का कोई प्रकरण शासन स्तर पर लंबित नहीं है। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 03 तालाब एवं 01 बैराज का डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) विभागीय वेबसाइट पर दर्ज चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। वर्तमान में साध्यता स्वीकृति का कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-स'' अनुसार है। डी.पी.आर. परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कुण्डालिया वृहद परियोजना अन्तर्गत गुणवत्ताहीन कार्य
[जल संसाधन]
22. ( *क्र. 757 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की खिलचीपुर विधान सभा के अन्तर्गत निर्माणाधीन कुण्डालिया वृहद परियोजना के ग्राम मुण्डी से मीरापुर में प्रेशर पाईप हेतु पम्प हाऊस के निर्माण हेतु L&T कम्पनी के द्वारा अनुबंध किया गया है? (ख) क्या वर्ष 2020 वर्षाकाल के दौरान निर्माणाधीन तकरीबन 10-12 RCC कॉलम गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं करवाने से टूट गये थे, तथा पुन: वर्ष 2021 के वर्षाकाल में भी कुछ कॉलम में झुकाव देखा गया? दोनों वर्ष के कार्यकाल उपरांत विभाग द्वारा निम्न स्तर का कार्य अथवा डिजाईन में त्रुटि के कारण हुये कार्य पर संबंधित एजेन्सी एवं विभागीय अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) विंगवाल की दीवार में क्रेक्स एवं बीम में कई जगह Honey Comb देखा गया, उक्त निम्न स्तरीय कार्य हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्ष-2020 में खराब गुणवत्ता के कारण कोई भी कॉलम नहीं टूटे थे एवं वर्ष-2021 में वर्षाकाल के बाद कॉलमों में कोई भी झुकाव वर्तमान में प्रतिवेदित नहीं हैं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) इस वर्ष प्रदेश में हुई अतिवृष्टि एवं झाड़मऊ रामनगर-मुण्डी क्षेत्र में बादल फटने से एक घंटे में 82 मि.मी. अप्रत्याशित वर्षा के कारण विंगवॉल की दीवार में आंशिक क्षति हुई हैं, जो सुधार योग्य हैं। एजेन्सी से आवश्यक सुधार कार्य उनके स्वयं के व्यय पर करवाया जा रहा हैं। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन के नियमों के तहत राशि व्यय एवं स्थानांतरण
[वन]
23. ( *क्र. 615 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वन मंडल अधिकारी के पद पर पदस्थ अधिकारी का नाम बताएं। (ख) क्या उक्त अधिकारी द्वारा अप्रैल, 2021 से प्रश्न दिनांक तक वन मंडल में आयोजन मद के कार्यों के सभी मजदूरों की मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस को कितना भुगतान किया गया है? सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। उक्त लंबित भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (घ) क्या उक्त अधिकारी द्वारा अपने शासकीय आवास में शासन के नियम के अनुसार शासकीय राशि व्यय की गई है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत एवं कितनी राशि व्यय की गई है? (ड.) उक्त अधिकारी के आवास पर किसके द्वारा कार्य किया गया है? (च) उक्त अधिकारी द्वारा वर्ष 2021 के स्थानांतरण नीति के तहत कर्मचारियों के स्थानांतरण का लक्ष्य कितना था? क्या उक्त अधिकारी द्वारा लक्ष्य के तहत ही स्थानांतरण किया गया था? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमण्डलाधिकारी छतरपुर (सा.) वनमण्डल के पद पर श्री अनुराग कुमार पदस्थ हैं। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत योजनाओं में प्रचलित कार्यों का भुगतान योग्य मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान कर दिया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृत कार्य अनुसार प्रचलित कार्यों में नियमानुसार समस्त पूर्ति/गुणवत्ता नहीं होने पर कुछ कार्यों का भुगतान शेष है, जिसका पूर्ति उपरांत भुगतान संभव है। (घ) जी हाँ। योजना मद 6218 (भवन मरम्मत) अंतर्गत बजट प्राप्त होने पर शासकीय आवास में मरम्मत कार्य कराया गया, जिसमें राशि रूपये 312644/- व्यय हुई है। (ड.) उक्त मरम्मत कार्य विभागीय रूप से काष्ठागार अधिकारी छतरपुर के द्वारा मजदूरों से कराया गया है। (च) स्थानांतरण नीति के तहत वनमण्डल छतरपुर को स्थानांतरण हेतु कोई लक्ष्य नहीं दिया गया था, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कम्प्यूटर में नाम दर्ज न कराने वालों पर कार्यवाही
[राजस्व]
24. ( *क्र. 804 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्र. 274, दिनांक 03.8.2021 के उत्तर में (क) एवं (ख) जी हाँ (क) एवं (ख) से संबंधित पत्र की प्रति परिशिष्ट (क) जो तहसीलदार गुढ़ द्वारा दिनांक 13.12.2006 को लिखा गया कि प्रति है, जिसमें कलेक्टर रीवा को संबोधित कर लिखा गया, जिससे स्पष्ट होता है कि कलेक्टर रीवा व राजस्व विभाग के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को षष्ठम अपर जिला न्यायाधीश महोदय रीवा द्वारा पारित निर्णय व डिक्री की जानकारी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2006 में राजस्व अधिकारियों की जानकारी के बाद नामांतरण आदेश श्री राम स्वरूप द्विवेदी निवासी ग्राम दुआरी के पक्ष में तहसीलदार गुढ़ द्वारा पारित किया गया। कम्प्यूटर में फीडिंग कर श्री द्विवेदी का नाम दर्ज करने की कार्यवाही शेष है। विधान सभा के प्रश्नों में भी कम्प्यूटर में श्री द्विवेदी का नाम दर्ज करने की जानकारी दिये जाने के बाद भी जिले के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा बार-बार विधान सभा को भ्रामक जानकारी देकर किसान को परेशान किया जा रहा है, क्यों? इस पर क्या निर्देश जारी करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के बिन्दु क्र. (ड.) में प्रकरण शासकीय भूमि से संबंधित होने व शासन हित होने के कारण प्रकरण संज्ञान में आने पर अपील माननीय उच्च न्यायालय में की गई, का उत्तर दिया गया, जबकि कलेक्टर रीवा एवं अन्य जिम्मेदारों को इसकी जानकारी वर्ष 2006 में हो गई थी, की पुष्टि संलग्न पत्र जो तहसीलदार द्वारा लिखा गया से होती है फिर इतनी अवधि बाद अपील क्यों की गई? जबकि 12 वर्षों के बाद डिक्री व निर्णय की अवधि निश्चित की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 110 नामांतरण नियम में सिविल न्यायालय की डिक्री के आधार पर नामांतरण हेतु न्याय दृष्टांत गृह निर्माण सहकारी संस्था विरूद्ध म.प्र. राज्य 1985 रा.नि. 2018 लाभ सिंह विरूद्ध देवकीनंदन 1984 रा.नि. 31 एवं न्याय दृष्टांत लक्ष्मीनारायण विरूद्ध पुनीतराम 1993 रा.नं. 21 पश्चात डिक्री के विरूद्ध उच्च न्यायालय में अपील लंबित होने पर उच्च न्यायालय के रोक आदेश अभाव में पूर्व डिक्री के अनुपालन में नामांतरण आदेश उचित जबकि इस प्रकरण में नामांतरण आदेश के बाद कम्प्यूटर में फीडिंग का कार्य शेष है फिर भी नहीं कराया जा रहा क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर कार्यवाही न कर बार-बार विधान सभा को भ्रामक जानकारी देकर हितबद्ध किसानों को परेशान किये जाने की कार्यवाही के लिये दोषियों पर किस तरह की कार्यवाही का निर्देश देवें एवं कम्प्यूटर में श्री द्विवेदी का नाम दर्ज कराने बाबत् निर्देश अधिनस्थों को देंगे जबकि प्रश्नांश (घ) अनुसार न्याय दृष्टांत भी कार्यवाही हेतु पुष्टि करते हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) षष्ठम अपर जिला न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) रीवा म.प्र. नियमित सिविल अपील क्रमांक 12 ए/2006 पारित आदेश दिनांक 13/07/2006 की जानकारी होने पर दिनांक 26/12/2006 को कलेक्टर महोदय द्वारा तहसीलदार तहसील गुढ़ को सक्षम न्यायालय में अपील संस्थापित किये जाने बावत् आदेशित किया गया था। (ख) तहसीलदार तहसील गुढ़ को कलेक्टर रीवा के पत्र क्र. 2217/व्यव./2006, दिनांक 26/12/2006 से प्रश्नांक (क) में अभिलिखित व्यवहार न्यायालय से पारित बिक्री एवं आदेश दिनांक 13/07/2006 की अपील सक्षम न्यायालय में किये जाने का आदेश दिये जाने के बाद ग्राम दुआरी की भूमि खसरा क्रमांक 2097 रकवा 0.60 एकड़ का नामांतरण रामस्वरूप पिता रामानुज सा. दुआरी के नाम किया गया। विधि विपरीत पाये जाने से कलेक्टर न्यायालय में स्वयमेव निगरानी 69/अ-6/2018-19 प्रचलित है। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 50 के अंतर्गत नायब तहसीलदार गुढ़ द्वारा प्रश्नांक (ख) में उल्लेखित नामांतरण आदेश कलेक्टर द्वारा रोक लगाये जाने के बाद किया गया एवं सिविल न्यायालय से पारित आदेश की अपील कार्यवाही भी लंबित थी। इस विषय में पुनः कलेक्टर जिला रीवा के पत्र क्र. 170 प्रवा.कले./2019 रीवा दिनांक 01.01.2019 द्वारा तहसीलदार गुढ़ को अपील संस्थापित किये जाने बावत् आदेशित किया गया एवं तहसीलदार गुढ़ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में अपील प्रकरण क्रमांक SA/II/402/2021 संस्थित की गई जो विचाराधीन है। (घ) प्रश्नगत भूमि के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में अपील विचाराधीन होने से वर्णित न्याय दृष्टांतों का परिशीलन किया जाना माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार में है। प्रकरण में विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ड.) प्रकरण में न्यायिक प्रक्रिया का अनुसरण हो रहा है, कोई भ्रामक जानकारी नहीं दी गई है न ही हितबद्ध किसानों को परेशान किया गया है। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उदभुत नहीं होता।
खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि
[खनिज साधन]
25. ( *क्र. 76 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद में कितनी राशि जमा है? (ख) विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि से अलीराजपुर जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों द्वारा दिए गए निर्माण कार्यों के प्रस्ताव में कितनी खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (ग) इस अवधि में जिला कलेक्टर द्वारा खनिज प्रतिष्ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) यदि कोई राशि जारी नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान में राशि रूपये 29.70 लाख जमा है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित राशि मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन दिनांक 22 जनवरी, 2021 के उपरांत जमा हुई है। इस राशि का वर्तमान में खनिज प्रतिष्ठान मद से किए गए निर्माण कार्य की जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
तालाब
निर्माण एवं
पुनर्वास
[जल संसाधन]
1. ( क्र. 14 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फतेहपुर तालाब निर्माण में हो रही देरी के क्या कारण हैं एवं इसका निर्माण कब से प्रारम्भ किया जायेगा? विभाग द्वारा चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं की जानकारी प्रदान करें। (ख) सुठालिया परियोजना के कारण चांचौड़ा विधान सभा के डूब प्रभावित गांवों के पुनर्वास एवं मुआवजा राशि की जानकारी प्रदान करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नाधीन फतेहपुर तालाब का निर्माण कार्य भूमि हस्तांतरण एवं वन प्रकरण की स्वीकृति में विलम्ब के कारण पूर्ण नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। कार्य की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। स्वीकृत परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र की चिन्हित सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) सुठालिया परियोजना के कारण चांचौड़ा विधानसभा के डूब प्रभावित ग्रामों को भूमि-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 में वर्णित प्रावधान अनुसार मुआवजा एवं पुनर्व्यवस्थापन सुविधाएं दिया जाना है। अवार्ड पारित होने के उपरांत ही मुआवजा राशि की जानकारी दी जाना संभव होगा। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-स'' एवं ''द'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अंतर्गत खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( क्र. 22 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 से आज दिनांक तक कितना राशन जिले को प्राप्त हुआ एवं प्राप्त राशन कितनी राशन दुकानों को कितना प्रदाय किया गया एवं कितने हितग्राहियों को कितना वितरण किया गया? राशनवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) साथ ही विगत दो वर्षों में कितनी शिकायतें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के वितरण में जिले को या अनुभाग स्तर पर प्राप्त हुई शिकायतवार क्या कार्यवाही प्रशासन के द्वारा की गई? की गई कार्यवाही एवं दण्डित किये गये सेल्समेन व सहायक विक्रेताओं की जानकारी दी जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अजलपुर-बेरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना के निर्माण में विलंब
[जल संसाधन]
3. ( क्र. 29 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा में जल संसाधन विभाग की अजलपुर-बेरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना किस दिनांक को स्वीकृत की थी? उक्त परियोजना का निर्माण कार्य अब तक प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने की अवधि क्या निर्धारित की गई थी? क्या अजलपुर-बेरखेड़ी सिंचाई परियोजना के क्षेत्र में आने वाली वन भूमि एवं राजस्व भूमि चिन्हित कर ली गई है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि वन विभाग की है व कितनी भूमि राजस्व विभाग की स्पष्ट करें? यदि नहीं तो परियोजना स्वीकृत होने के वर्षों बाद भी भूमि का स्पष्ट चिन्हांकन अब तक क्यों नहीं हो सका सकारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अजलपुर-बेरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य अब तक किन-किन कारणों से प्रारंभ नहीं हो सका तथा परियोजना के निर्माण कार्य के विलंब के लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं? तथा विभाग विलंब हेतु दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होगी? वनभूमि एवं राजस्व भूमि के चिन्हांकन हेतु संबंधित विभागों द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त परियोजना का निर्माण कार्य कब प्रारंभ कर कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत चिन्हित अजलपुर-बेरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 10.01.2018 को रू.1946.10 लाख की 650 हेक्टेयर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई। परियोजना के डूब क्षेत्र में वनभूमि एवं राजस्व भूमि के वर्गीकरण में दोनों विभागों का विवाद होने से कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। कलेक्टर शिवपुरी के पत्र दिनांक 01.10.2019 एवं 17.12.2020 द्वारा भूमि की जांच हेतु एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की अंतिम रिपोर्ट अपेक्षित है। रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात ही कलेक्टर शिवपुरी द्वारा भूमि का स्पष्ट चिन्हांकन/निर्धारण किया जा सकेगा। वन विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा उक्त भूमि पर अपना-अपना दावा करने से परियोजना के निर्माण में विलंब हुआ। किसी अधिकारी पर उत्तरदायित्व निर्धारण करने की स्थिति नहीं है। निर्माण हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषि उपज का समर्थन मूल्य पर उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 103 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज के उपार्जन में किन-किन शासकीय विभागों/निगमों/मंडलों की सहभागिता होती हैं? रबी एवं खरीफ फसलों के उपार्जन कार्य का नोडल कौन-कौन शासकीय विभाग/निगम/मण्डल होता हैं, तथा किस प्रक्रिया से उपार्जन कार्य किया जाता हैं? क्या उपार्जन कार्य में सहभागिता करने वाले विभागों के शासकीय सेवकों की ज़िम्मेदारी भी निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो विवरण एवं नियम/निर्देश बतायें। (ख) कटनी जिले में आगामी धान खरीदी हेतु क्या कार्ययोजना है? कितने एवं किन-किन स्थानों पर उपार्जन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं? प्रस्तावित/स्वीकृत खरीदी-केन्द्रों का संचालन किन समितियों/समूहों द्वारा किया जाना है? इन समितियों/समूहों के चयन का आधार क्या हैं? (ग) प्रश्नांश ”ख” धान खरीदी हेतु किन-किन विभागों के किस-किस शासकीय सेवक की क्या-क्या भूमिका एवं ज़िम्मेदारी नियत हैं? क्या विगत 03 वर्षों में उपार्जन में कार्यरत रहे शासकीय सेवकों द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निर्देशानुसार निर्वहन किया गया? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांकित अवधि में उपार्जन कार्यों में परिलक्षित/ज्ञात अनियमितताओं पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश ”क” से ”ग” क्या उपार्जन में अनियमितता पाये जाने पर संबंधितों की ज़िम्मेदारी निर्धारित करते हुए कोई एकीकृत नीति बनाई जायेंगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो स्पष्ट कीजिये कि पूर्व में कई विभागों एवं कार्यालयों के उपार्जन में सम्मलित होने से व्याप्त विसंगतियों और जिम्मेदारियों का निर्धारण न होने का क्या निदान हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न दलहन एवं तिलहन उपार्जन कार्य में सहभागिता करने वाले विभागों/निगम/मण्डलों के नाम एवं उनके अमले के दायित्वों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं दलहन उपार्जन हेतु मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ नोडल एजेंसी है। समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न दहलन उपार्जन का कार्य उपार्जन नीति अनुसार किया जाता है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) कटनी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य 29.11.2021 से प्रारम्भ हो चुका है जो कि 15.01.2022 तक किया जाएगा। धान उपार्जन का कार्य जारी उपार्जन नीति में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किया जाएगा। कटनी जिले में उपार्जन करने वाली संस्थाओं/समूहों एवं उपार्जन केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। उपार्जन करने वाली समितियों एवं समूहों का चयन धान उपार्जन नीति में उल्लेखित मापदण्ड अनुसार किया जाता है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में विभाग/निगम के अधिकारियों की भूमिका का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में उपार्जन कार्य में संलग्न शासकीय सेवकों द्वारा अपने प्रति दायित्वों का निर्वहन किया गया है। दायित्व निर्वहन में शिथिलता/अनियमितता करने वाले शासकीय सेवकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है। (घ) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन, परिवहन, भंडारण, भुगतान, बारदाना व्यवस्था आदि व्यवस्था करने हेतु एकीकृत उपार्जन नीति जारी की जाती है जिसमें सभी संबंधित संस्थाओं एवं उनके अमले का दायित्व का निर्धारण किया जाता है। दायित्वों के निर्धारण में शिथिला बरतने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही भी की जाती है। उपार्जन का कार्य विस्तृत स्वरूप का होने के कारण एक से अधिक विभागों/एजेंसियों/संस्थाओं द्वारा कार्य किया जाता है। उपार्जन व्यवस्था में विसंगती होने एवं जिम्मेदारी का निर्धारण न होने जैसी स्थिति नहीं है। उपार्जन कार्य में अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग कर बेहतर करने का प्रयास विभाग द्वारा निरन्तर किया जा रहा है।
राजस्व अधिकारी के विरूद्ध चालानी कार्यवाही
[राजस्व]
5. ( क्र. 171 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में ऐसे राजस्व अधिकारी की पदस्थी है जिनके विरूद्ध वरिष्ठ कार्यालय/शासन स्तर पर चालान प्रस्तुत करने की अनुमति चाही गयी है? उनका नाम एवं पद से अवगत करावें तथा अनुमति कब से शासन स्तर पर लंबित है? वर्तमान में उनका पद एवं कार्यरत स्थान का नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उत्तर में वरिष्ठ कार्यालय/शासन से चालान प्रस्तुत करने की अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। श्री असमन राम चिरामन, तहसीलदार तहसील पचोर जिला राजगढ़ का प्रकरण शासन स्तर पर विचारण में है। श्री असमन राम चिरामन वर्तमान में तहसीलदार के पद पर तहसील पचोर जिला राजगढ़ में पदस्थ है। वर्तमान में प्रकरण शासन स्तर पर विचारण में हैं। (ख) प्रकरण में अभियोजन के संबंध में विधि विभाग के अभिमत हेतु नस्ती भेजी गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कुण्डालियां परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 172 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की कुण्डालियां परियोजना को एक प्रस्ताव जो कि प्रशासकीय स्वीकृति के पूर्व तैयार किया गया था, में सिंचाई हेतु किस-किस तहसील से कौन-कौन से ग्रामों को सिंचित किये जाने के लिए प्रस्तावित किया गया था? तहसीलवार, ग्रामवार सिंचाई हेतु प्रस्तावित रकवे की जानकारी देवें। (ख) क्या कुण्डालियां परियोजना के प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत किस-किस तहसील के कौन-कौन से ग्रामों को सिंचित किये जाने हेतु कितने-कितने रकवा को सम्मिलित किया गया है? तहसीलवार, ग्रामवार प्रस्तावित रकवे की जानकारी से अवगत करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभिन्न विकल्पों पर विचारोपरांत प्रशासकीय स्वीकृति के लिए प्रथम दृष्टया बनाए गए प्रथम स्तरीय प्राक्कलन में लगभग 423 ग्रामों की 1, 12, 400 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र को प्रस्तावित किया गया था। तहसीलवार, ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) निर्माण एजेन्सी द्वारा किए गए विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत परियोजना में उपलब्ध जल का समुचित उपयोग करने के लिए प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली के द्वारा 407 ग्रामों की 1, 39, 600 हेक्टर सैंच्य क्षेत्र निर्धारित किया गया है। तहसीलवार, ग्रामवार रकवे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है।
विकासखण्ड जवा स्थित वन्य ग्रामों में हैण्डपंप खनन
[वन]
7. ( क्र. 234 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा जिला रीवा स्थित ऐसे कितने वन ग्राम हैं जो वन भूमि पर हैं? विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या वन ग्रामों में निवासरत परिवारों को पेयजल हेतु हैण्डपंप खनन हेतु वन विभाग से अनापत्ति प्राप्त करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो विकासखण्ड जवा अंतर्गत कुल ऐसे कितने ग्रामों में हैण्डपंप खनन हेतु अनापत्ति आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं? ग्राम पंचायत सोहावल खुर्द के गढ़वई वन्य ग्राम में हैण्डपंप खनन हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र कब तक जारी कर दिया जावेगा? (ग) क्या वन विभाग द्वारा वन ग्रामों में निवासरत परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने संबंधी कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करावें, यदि नहीं तो क्या विभाग के द्वारा पेयजल समस्या निवारण हेतु कोई योजना वनग्राम वासियों हेतु बनाई जावेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) वनमण्डल रीवा अंतर्गत वनग्राम नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विकासखण्ड जवा के अंतर्गत परिक्षेत्र डभौरा बीट दर्रहा, कक्ष क्रमाक 237 में 03 व्यक्तिगत आवेदन हैण्डपम्प खनन हेतु प्राप्त हुए जो ग्राम गढ़वई वनक्षेत्र से संबंधित है। आवेदन व्यक्तिगत एवं मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के आदेश दिनांक 29.05.2009 अनुसार निर्धारित प्रारूप में नहीं होने के कारण वापिस किए गए। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत ग्राम पंचायत द्वारा अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3 (2) में दिए गए प्रावधान अनुसार बिन्दु क्रमांक (छ) में पेयजल की आपूर्ति एवं जल पाइप लाइनों के कार्य हेतु ग्राम पंचायत का प्रस्ताव एवं निर्धारित प्रारूप (क) के साथ विधिवत आवेदन प्राप्त होने पर अनुमति दी जा सकती है।
गरीब वर्ग को पट्टा प्रदान किए जाना
[राजस्व]
8. ( क्र. 252 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में चार नगरीय निकाय परासिया, चांदामेटा, न्यूटनचिखली, बड़कुही है इसी प्रकार लगभग 26 ग्राम पंचायतें है जहां पर अधिकांश लोग वेस्टर्न कोल्डफील्ड लिमिटेड की लीज की भूमि पर पिछले 60 वर्षों से मकान बनाकर निवास कर रहे है वर्तमान में क्षेत्र की अधिकतर कोयला खदानें बन्द हो चुकी है? तथा आज भी जमीन का बहुत बड़ा हिस्सा वेकोलि की लीज भूमि के अन्तर्गत आता है, बहुत सारी वेकोलि खसरे की भूमि खाली पड़ी है, जिस वेकोलि की भूमि की लीज समाप्त करते हुए, यदि राज्य सरकार वेकोलि की जमीन को हस्तांतरण कर, अपने कब्जे में लेकर, गरीब जनता को पट्टा प्रदान करती है तो निश्चित ही परिवारों को शासन द्वारा संचालित आवास व अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा। उक्त संबंध में सरकार द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी? और पट्टा प्रदान कर दिया जायेगा? (ख) उपरोक्त संबंध मे प्रश्नकर्ता द्वारा शीतकालीन विधानसभा का नवम सत्र अगस्त 2021 में ध्यान आकर्षण लगाकर कार्यवाही हेतु लेख किया गया था उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया में 04 नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत वेस्टर्न कोल्डफील्ड लिमिटेड (W.C.L) की लीज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है एवं ग्रामीण क्षेत्र में लीज एरिया की जानकारी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। सभी लीज 1973 के पूर्व स्वीकृत हुई थी जिसकी अवधि 31/10/2005 को समाप्त हो चुकी है। लीज नं. 06 एवं 14 का नवीनीकरण 01/11/2013 को 20 वर्ष के लिये हुआ है। वेस्टर्न कोल्डफील्ड लिमिटेड (W.C.L) पेंच क्षेत्र के खनन पट्टे के नवीनीकरण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा दी गई पूर्व अनुमति में संबंधित अण्डर सेक्रेटरी खनिज संसाधन विभाग म.प्र. को दिनांक 26/27 फरवरी 2018 को प्रेषित है, जो कि खनन पट्टों की समयावधि बढ़ाये जाने से संबंधित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा शीतकालीन विधानसभा का नवम सत्र अगस्त 2021 में ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 365 द्वारा भी प्रश्नाधीन भूमि केन्द्र शासन वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड W.C.L प्रबंधन के अधीन होने के कारण शासन की योजना के अंतर्गत जिला स्तर से भूमि के पट्टा प्रदाय किया जाना विधिसंगत नहीं है।
जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की जानकारी
[खनिज साधन]
9. ( क्र. 253 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में खनिज प्रतिष्ठान मद में पिछले दो वर्षों में कितनी राशि किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुई है, और जमा राशि का उपयोग किन-किन कार्यों के लिए किया गया है? कितनी राशि वर्तमान में शेष जमा है? प्रत्येक विधानसभावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) पिछले दो वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में जमा राशि का उपयोग क्या शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा पर किया गया है, अगर नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है? कारण सहित बतावें? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति खनिज प्रतिष्ठान मद से प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा श्रीमान जिलाध्यक्ष छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/02 दिनांक 01.01.2021 एवं अनुस्मरण पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2021/91 दिनांक 02.02.2021 तथा अनुस्मरण पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2021/03 दिनांक 01.01.2021 और अनुस्मरण पत्र 01 क्र.वि.स./परासिया/127/ 2021/90 दिनांक 02.02.2021 प्रेषित किए जा चुके है। जिन पत्रों पर स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? पत्र में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मुख्य खनिजों एवं गौण खनिजों के पट्टाधारियों के माध्यम से राशि रूपये 22, 13, 16, 073/- (रूपये बाईस करोड़ तेरह लाख सोलह हजार तिहत्तर मात्र) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में प्राप्त हुई है। प्रश्नाधीन अवधि में इस मद से कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है। अत: प्राप्त संपूर्ण राशि शेष जमा है। जिला खनिज प्रतिष्ठान में प्राप्त राशि जिले के एक खाते में जमा होती है। विधानसभावार राशि जमा होने का प्रावधान नहीं है। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान में प्राप्त राशि के उपयोग के संबंध में मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में समय सीमा निर्धारित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों में वर्णित कार्यों को वर्ष 2021-22 की कार्य योजना में सम्मिलित किया गया है। मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 संशोधन दिनांक 09/11/2020 के नियम 7 (2) (छ) अनुसार वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन न्यास मंडल से प्राप्त किये जाने के पश्चात् राज्य शासन का अनुमोदन प्राप्त किये जाने के उपरांत जिला खनिज प्रतिष्ठान अंतर्गत कार्य किये जाएंगे, प्रावधानित है। उक्त प्रावधान की पूर्ति होने के पश्चात् निर्धारित मापदण्ड अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है।
डिस्ट्रिक मिनरल फण्ड की राशि का व्यय
[खनिज साधन]
10. ( क्र. 261 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किभिण्ड जिले में वर्ष 2021 में डिस्ट्रिक मिनरल फण्ड में कितनी राशि आयी है? उक्त राशि को किन-किन विकास कार्यों में व्यय किया गया है? एवं ग्राम विकास फण्ड में कितनी राशि जमा है उक्त राशि को कहाँ-कहाँ व्यय किया गया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : भिण्ड जिले में वर्ष 2021 में डिस्ट्रिक मिनरल फण्ड में 1, 67, 39, 612/- राशि आयी है। उक्त राशि किसी भी विकास कार्य में व्यय नहीं की गई है। ग्राम विकास फण्ड में जमा किये जाने के खनिज नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रेत वाहनों को बिना कलेक्टर के आदेश के वाहन मुक्त कराना
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 262 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तात्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी के द्वारा खनिज विभाग भिण्ड में कार्यवाही की गई थी जिस कार्यवाही में खनिज निरीक्षक संदेश पिपरौलिया एवं सर्वेयर विजय चक्रवर्ती के द्वारा अवैध रेत वाहनों के 140 प्रकरणों में बिना कलेक्टर के आदेश से वाहनों को मुक्त कर दिया गया था? इन कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? उक्त वाहनों के प्रकरणों की जांच करवाई गई यदि हाँ, तो संबंधित कर्मचारियों पर राजस्व की वसूली की कार्यवाही की गई? उक्त 140 प्रकरणों की वसूली का विवरण देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ, तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी द्वारा खनिज विभाग भिण्ड में कार्यवाही की गई थी। जांच कार्यवाही में तत्कालीन खनि निरीक्षक संदेश पिपरौलिया नहीं अपितु श्री संदेश पिपलोदिया एवं सर्वेयर श्री विजय चक्रवर्ती के द्वारा अवैध रेत नहीं अपितु रेत, गिट्टी, मुरूम आदि वाहनों के 140 प्रकरणों में बिना कलेक्टर के आदेश से वाहनों को मुक्त करने पर श्री विजय कुमार चक्रवर्ती को दिनांक 02/06/2017 को निलंबित किया गया था तथा दोनो कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच दिनांक 07/09/2017 को संस्थित की गई। जिसमें कलेक्टर के आदेश दिनांक 27/08/2021 द्वारा श्री विजय कुमार चक्रवर्ती की एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति से दण्डित किया जाकर विभागीय जांच समाप्त कर दी गई है तथा श्री संदेश पिपलोदिया खनि निरीक्षक पर विभागीय जांच विचाराधीन है। कार्यालय कलेक्टर (विभागीय जांच शाखा) जिला भिण्ड का पत्र क्रमांक 2723 दिनांक 12/03/2021 द्वारा आयुक्त चंबल संभाग मुरैना की ओर जांच प्रतिवेदन भेजा गया है। जांच पूर्णोपरांत आदेशानुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। जिले से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
सिटी बस सेवा संचालक की बसों के पंजीयन
[परिवहन]
12. ( क्र. 264 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में अमृत योजना के अंतर्गत सिटी बस सेवा लागू है? सिटी बस सेवा ठेकेदार धर्मेन्द्र ट्रेवल्स प्रा. लि. के संचालक की 8 बसों की फिटनेस एवं पंजीयन दस्तावेजों की जांच की गई? सत्यापन प्रति देवें। क्या उक्त बसों के पंजीयन दस्तावेज फर्जी पाये गये यदि हाँ, तो उक्त सूत्र सेवा संचालक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त 8 बसों पर दो साल (2018 से 2020 तक) का टैक्स बकाया है क्या संचालक द्वारा उक्त बसों का टैक्स भरा गया? यदि नहीं तो क्यों? टैक्स चोरी उपरांत संचालक पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या धर्मेन्द्र ट्रेवल्स संचालक पर शासन का परिवहन राजस्व बकाया है? यदि हाँ, तो अब तक इसकी रिकवरी की गई है? यदि नहीं की गई तो क्यों? क्या शासन के नियम में जिस संचालक पर परिवहन राजस्व बकाया होता है उसे परमिट देने के आदेश हैं यदि नहीं तो धर्मेन्द्र ट्रेवल्स संचालक पर वर्तमान में 4 गाड़ियों के परमिट जारी किए हुए है? वह किस नियम और कानून के तहत दिए गए विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जिला परिवहन अधिकारी भिण्ड द्वारा धर्मेन्द्र ट्रेवल्स प्रा. लि. के संचालक की 8 बसों की फिटनेस एवं पंजीयन दस्तावेजों की जांच की गई। सत्यापन प्रति पुस्ताकलय में रखे परिशिष्ट ‘‘क‘‘ अनुसार है। जिला परिवहन अधिकारी भिण्ड के आदेश क्रमांक 160/21 दिनांक 22.07.2021 के द्वारा 8 बसों के पंजीयन निरस्त किये गये हैं। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ख‘‘ अनुसार है। सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, चम्बल संभाग मुरैना के आदेश दिनांक 23.07.2021 के द्वारा धर्मेन्द्र ट्रेवल्स प्रा.लि. भिण्ड को जारी 10 स्थाई परमिटों में से 6 परमिटों को मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 86 के अन्तर्गत निरस्त कर दिया गया है, जिनका जिला परिवहन अधिकारी, भिण्ड के उक्त आदेश से पंजीयन निरस्त किया गया था पंजीयन निरस्त की गई अन्य दो बसों पर कोई स्थाई परमिट नहीं दिया गया था। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ग‘‘ अनुसार है। (ख) उक्त 08 बसों पर पंजीयन दिनांक 19.03.2020 से पंजीयन निरस्ति दिनांक 22.07.2021 तक नियमानुसार मोटरयान कर जमा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख’’ अनुसार मोटरयान कर जमा है। वाहन पर परिवहन राजस्व बकाया न होने पर ही वाहन को परमिट जारी किया जाता है। धर्मेन्द्र ट्रेवल्स के संचालक को वर्तमान में चार बसों के स्थाई परमिट मोटरयान अधिनियम एवं नियमों के तहत जारी हुए हैं।
विवाह सहायता राशि का भुगतान
[श्रम]
13. ( क्र. 277 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत महिला श्रमिक तथा पंजीकृत श्रमिक की पुत्री के विवाह में विवाह सहायता राशि भुगतान हेतु शासन के क्या-क्या निर्देश है तथा कितने दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण हो जाना चाहिए? (ख) कोरोना काल में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत महिला श्रमिक तथा पंजीकृत श्रमिक की पुत्री के विवाह में विवाह सहायता राशि भुगतान में एस.डी.एम. की अनुमति की, विभाग द्वारा निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति देवें। (ग) क्या यह सत्य है कि रायसेन जिले में विभाग के स्पष्ट मार्गदर्शन के बाद भी पद विहित अधिकारियों द्वारा कर्मकार मण्डल में पंजीकृत श्रमिक की पुत्रियों के विवाह सहायता राशि के प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? (घ) विवाह सहायता राशि का भुगतान कब तक होगा? यदि नहीं तो क्यों तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा लोक सेवा गांरटी अधिनियम की सेवा क्रमांक 2.2 के अंतर्गत विवाह सहायता योजना अधिसूचित की गई है। विवाह सहायता योजनांतर्गत पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक के विवाह तथा एक बार पुर्नविवाह तथा पंजीकृत निर्माण श्रमिक की दो पुत्रियों जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो, विवाह होने पर राशि रूपये 51000/-दिए जाने का प्रावधान है। विवाह आयोजन में हुआ हो तो आयोजक को राशि रूपये 2000 तथा हिताधिकारी को राशि रूपये 49000 दिए जाने का प्रावधान है। योजनांतर्गत प्राप्त आवेदन में कार्यवाही करने की समय-सीमा 30 दिवस निर्धारित है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत महिला श्रमिक तथा पंजीकृत श्रमिक की पुत्री के विवाह उपरांत विवाह सहायता राशि भुगतान में एस.डी.एम. की अनुमति के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किए गए है। (ग) श्रम पदाधिकारी, जिला रायसेन द्वारा प्रेषित पत्रानुसार रायसेन जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत प्राप्त विवाह सहायता प्रकरणों पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। तथा कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सम्मान निधि का भुगतान
[राजस्व]
14. ( क्र. 278 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवम्बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतायें तथा कितने किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतायें अंतर का क्या कारण है तथा अंतर के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) रायसेन जिले में कितने वनभूमि के पट्टाधारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही है तथा कितने वनभूमि के पट्टाधारियों को राशि क्यों नहीं मिल रही है तथा उनको कब तक राशि मिलेगी? (ग) 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र जिले के अधिकारियों को कब-कब मिले तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) विधायकों के पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ तथा कब तक निराकरण होगा एवं पत्रों के जवाब कब तक दिये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत सत्यापन हेतु कृषकगणों के मोबाइल एप के माध्यम से फोटो दर्ज करने की अनिवार्यता है। कुछ कृषकगणों के जिले से बाहर निवासरत होने के कारण उनका प्रत्यक्ष में फोटो दर्ज कर सत्यापन में कठिनाई आने से अंतर है। कृषकगणों के ग्राम में उपस्थित होने पर उनका तुरंत सत्यापन किये जाने हेतु संबंधित पटवारियों को निर्देशित किया गया है। (ख) रायसेन जिले में 6111 वनभूमि पट्धारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही है। कुछ पट्धारियों से आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें योजना का लाभ मिलने में कठिनाई हो रही है। जैसे-जैसे उनके द्वारा दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते हैं उनका पंजीयन योजना के लाभ हेतु किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही हेतु संबंधित राजस्व अधिकारियों को पत्र प्रेषित किए गए हैं। (घ) माननीय मंत्री जी एवं विधायकों के पत्रों में कतिपय कृषकगणों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं मिलने इत्यादि का उल्लेख होने से आवश्यक कार्यवाही की जाकर संबंधित कृषकों को योजना का लाभ दी जाने की कार्यवाही प्रचलित है। पत्रों के शीघ्र जवाब देने हेतु संबंधितों को निर्देश दिए गए हैं।
संबल योजना में पंजीकृत व्यक्ति
[श्रम]
15. ( क्र. 344 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत व्यक्ति तथा उनके परिजनों को क्या-क्या सुविधायें मिलती हैं तथा इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? पूर्ण विवरण दें। (ख) नवम्बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में कितने व्यक्तियों का पंजीयन है? शहरी क्षेत्र में वार्डवार तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतवार संख्या बताये। (ग) क्या पोर्टल बंद होने के कारण संबल योजना में पात्र व्यक्तियों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा पोर्टल कब तक चालू होगा? (घ) नवम्बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन के राशि भुगतान के प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत श्रमिक एवं उनके परिजनों को अंत्येष्टि सहायता तथा अनुग्रह सहायता, शिक्षा सहायता का लाभ प्रदाय किया जाता है योजनाओं की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
योजना का नाम |
सहायता राशि |
1 |
अन्त्येष्टि सहायता |
5000 |
2 |
अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) |
200000 |
3 |
अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु) |
400000 |
4 |
अनुग्रह सहायता (स्थाई अपंगता ) |
200000 |
5 |
अनुग्रह सहायता (अस्थाई अपंगता) |
100000 |
शासन के निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- क अनुसार है। (ख) नवम्बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत 233279 पात्र श्रमिकों का पंजीयन है। जनपद पंचायतवार/ निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ख अनुसार है। (ग) जी नहीं, पोर्टल बन्द नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) नवम्बर 2021 की स्थिति में 91 प्रकरणों में सहायता राशि का भुगतान लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ग अनुसार है। पर्याप्त बजट उपलब्धता पर भुगतान किया जा सकेगा।
कर्मकार मंडल में लंबित प्रकरण
[श्रम]
16. ( क्र. 345 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत व्यक्ति तथा उनके परिजनों को क्या-क्या सुविधायें मिलती हैं तथा इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? (ख) नवम्बर, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में कितने व्यक्तियों का पंजीयन है? शहरी क्षेत्र में वार्डवार तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतवार संख्या बतायें। (ग) क्या पोर्टल बंद होने तथा पोर्टल की गति धीमी होने के कारण से पात्र व्यक्तियों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा पोर्टल कब तक ठीक ढंग से चालू होगा? (घ) नवम्बर, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन के राशि भुगतान के प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा? विलंब के लिए कौन-कौन दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु 19 कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है। जिसमें से वर्तमान में 17 प्रचलन में है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) नवम्बर 2021 की स्थिति में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत रायसेन जिलें में कुल 26, 358 श्रमिक पंजीकृत है। जनपद पंचायतवार/ निकायवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) श्रम सेवा पोर्टल पंजीयन तथा हितलाभ वितरण हेतु कभी बंद नहीं रहा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रायसेन जिले के पूर्ण व विधिमान्य प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जल संसाधन विभाग के निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
17. ( क्र. 355 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा विदिशा जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 में निर्माण कार्य स्वीकृत किये है? यदि हाँ, तो इन चार सालों में कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ कितनी लागत के स्वीकृत हुये है? (ख) क्या इन स्वीकृत निर्माण कार्यों के टेण्डर होकर निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुके है? यदि नहीं तो प्रत्येक का कारण एवं वर्तमान स्थिति बतावें? (ग) क्या विकासखण्ड बासौदा अन्तर्गत केवटन नदी पर स्वीकृत केशरी बैराज का निर्माण कार्य चालू वित्तीय वर्ष से प्रारम्भ किया जा रहा है यदि हाँ, तो निश्चित समय बतावें यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से निर्माण के लिए निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[राजस्व]
18. ( क्र. 364 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 से अक्टूबर 2021 तक प्रमुख सचिव, राजस्व को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र किस-किस दिनांक को प्राप्त हुए? प्रत्येक पत्र का क्रमांक, दिनांक एवं विषय की जानकारी दें। (ख) इसी अवधि में प्रश्नकर्ता के पत्रों के संबंध में कार्यवाही हेतु मुख्य सचिव कार्यालय से प्रमुख सचिव, राजस्व को लिखे गये पत्र किन-किन दिनांक को किस पत्र क्रमांक से पत्र प्राप्त हुए? प्रत्येक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नकर्ता एवं मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त किन पत्रों के किन बिन्दुओं पर जांच की गई, किन बिन्दुओं पर जांच नहीं की गई? प्रत्येक की पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) जिन बिन्दुओं पर जांच पूरी हो गई, उनमें जांच से प्राप्त तथ्यों, निष्कर्षों एवं इस आधार पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें। (ड.) प्रश्नकर्ता के पत्र पर मुख्य सचिव कार्यालय से जावक क्र.4759/मु.स./2021 दिनांक 28.06.2021 के संबंध में प्रमुख सचिव राजस्व द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मा.विधायक महोदय द्वारा विभाग को प्रस्तुत आवेदन पत्र क्रमांक वि./हो.क्र. 722, 850, 884 दिनांक 05/06/2020, 21/07/2020, 05/08/2020 क्रमश: 22.07.2020 10.08.2020, 14.08.2020 एवं पत्र क्रमांक 1747, 1803, 1853, 2602, दिनांक 07/06/2021, 24/06/2021, 07/07/2021, 07/09/2021 क्रमश: 02.07.2021, 13.07.2021, 02.08.2021, 27.09.2021 को प्राप्त हुए है। (ख) मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त पत्र दिनांक 12/03/2020 के साथ मा.विधायक महोदय के पत्र दिनांक 20/02/2020, 13.03.2020 को एवं 02/07/2021 के साथ आपके पत्र दिनाक 24/06/2020, दिनांक 08.07.2021 को पत्र प्राप्त हुए। (ग) विभागीय पत्र दिनांक 19/06/2020 एवं स्मरण पत्र दिनांक 13/07/2020 द्वारा कलेक्टर जिला होशगांबाद को उल्लेखित तथ्यों का परीक्षण कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया। एवं दिनांक 21/08/2020 को पुन: कलेक्टर होशंगाबाद को स्मरण कराया गया है। कलेक्टर जिला होशगांबाद ने अपने पत्र दिनांक 13/01/2021 द्वारा जानकारी प्रेषित की गई जिसे विभागीय पत्र क्रमांक 685/1242/2021/सात-2 दिनांक 07/04/2021 द्वारा साथ ही भेजा गया है। एवं विभागीय पत्र दिनांक 23/07/2021 द्वारा प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) मंत्रालय भोपाल को पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं/तथ्यों का परीक्षण कर प्रकरण में यथोचित कार्यवाही हेतु भेजा गया है। (घ) कलेक्टर जिला होशगांबाद ने अपने पत्र दिनांक 13/01/2021 द्वारा जानकारी प्रेषित की गई जिसे विभागीय पत्र क्रमांक 685/1242/2021/सात-2 दिनांक 07/04/2021 द्वारा मा.विधायक महोदय को भेजा गया है। एवं विभागीय पत्र दिनांक 23/07/2021 द्वारा प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) मंत्रालय भोपाल को पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं/तथ्यों का परीक्षण कर प्रकरण में यथोचित कार्यवाही हेतु भेजा गया (ड.) मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त पत्र क्रमांक 4759/सीएस दिनांक 02/07/2021 के साथ आपके पत्र दिनांक 24/06/2020 के संबंध में दिनांक 21/10/2021 द्वारा पुन: स्मरण पत्र प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) मंत्रालय भोपाल को भेजा गया है।
समय-सीमा में नामांतरण किया जाना
[राजस्व]
19. ( क्र. 365 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विवादित और अविवादित नामांतरण हेतु निर्धारित समय-सीमा का विवरण बतावें कि नामांतरण ऑनलाइन किए जाना है या ऑफलाइन या दोनों किए जा सकते है। इस संबंध में दिशा निर्देश क्या है? (ख) इटारसी तहसील में नामांतरण के कितने प्रकरण नवम्बर 2021 की स्थिति में लंबित है इनमें कितने विवादित है एवं कितने अविवादित है। (ग) अविवादित/विवादित नामांतरण विगत कितने समय से लंबित है। अविवादित प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों में कितनी-कितनी पेशी हो चुकी है। (घ) क्या इटारसी में एक नियत समय-सीमा में नामांतरण किए जाने हेतु निर्देशित किया जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विवादित नामांतरण हेतु 05 माह एवं अविवादित नामातंरण हेतु 30 दिवस की समय-सीमा निर्धारित की गई है। वर्तमान मे नामांतरण आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से आनलाईन किये जा रहे है। ऑफलाईन नहीं किये जा रहे है। अधिनियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इटारसी तहसील मे नामांतरण के 379 प्रकरण नवम्बर 2021 की स्थिति मे लंबित है। इनमे सें 09 विवादित एवं 370 अविवादित है। (ग) अविवादित नामांतरण के 07 प्रकरणों को छोड़कर शेष सभी प्रकरण समयावधि के भीतर की अवधि से लंबित है। विवादित नामांतरण के सभी प्रकरण 06 माह से कम अवधि से लंबित है। अविवादित नामांतरण मे एक-एक, दो-दो पेशियां हो चुकी है। (घ) म.प्र. भू-राजस्व सहिंता 1959 यथा संशोधित वर्ष 2018 की धारा 110 (4) तथा 110 (7) में नामान्तरण मामलों की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
नीलगाय से फसल नुकसान का मुआवजा का प्रदाय
[वन]
20. ( क्र. 378 ) श्री मनोज चावला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3569 दिनांक 08/03/2021 के प्रेषित उत्तर के बिंदु (ड.) में कहा गया है, कि फसल नुकसान करने वाली नीलगाय को मारने का प्रावधान है मध्य प्रदेश के कितने जिलों में नीलगाय को मारने की अनुमति सक्षम व जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कृषक के आवेदन पर दी गई है? (ख) प्रदेश के विभिन्न जिलों में कितनी नीलगायों को नियमानुसार अनुमति लेकर मारा गया है? जिलेवार सूची देवें। (ग) प्रदेश के कितने जिलों में नीलगाय से खेतो में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए संबंधित हितग्राही को शासन से मुआवजा दिया गया है। जिलेवार कृषकों को दिये गये मुआवजे वितरण की जानकारी देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश के किसी भी जिले में नीलगाय मारने की अनुमति अधिकृत स्तर से जारी नहीं की गई है। (ख) नीलगाय मारने की अनुमति जारी नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
सम्पत्ति एवं भूमि का रजिस्ट्रेशन
[राजस्व]
21. ( क्र. 395 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि किसी सम्पत्त्ति या भूमि पर एक से अधिक लोगों के नाम दर्ज हैं जिनका आपस में खून का संबंध नहीं हैं, क्या उस सम्पत्ति का बिना किसी रजिस्ट्रेशन के किसी एक खातेदार या अन्य के नाम पर आना संभव हैं? (ख) जिला होशंगाबाद की तहसील पिपरिया एवं बनखेड़ी में प्रश्नांश (क) अनुसार कोई सम्पत्ति या भूमि रिकार्ड में दर्ज की गयी हैं? (ग) प्रश्नांश ‘ख’ का उत्तर यदि हाँ, तो किस नियम के तहत वर्ष 1990 से लेकर आज दिनांक तक कितनी सम्पत्तियां या भूमि ब्लड रिलेशन न होने पर भी बिना किसी रजिस्ट्रेशन के दर्ज की गयी है विवरण सहित सूची बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश ‘क‘ के अनुसार राजस्व अभिलेखों में भूमि पर एक से अधिक व्यक्तियों के नाम सम्मिलित दर्ज, जिनका आपस में खून का सबंध नहीं है। उक्त भूमि का पंजीकृत अंतरण दस्तावेज करने के उपरान्त एक खातेदार अथवा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 के अन्तर्गत विधि पूर्वक हित अर्जन किया जाने उपरांत नाम आना संभव है। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के अनुसार भूमि अंतरण नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश ‘ख‘ निरंक होने के कारण प्रश्नांश ‘ग‘ की जानकारी निरंक है।
प्रदेश में आरक्षित गौचर भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
22. ( क्र. 435 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के इंदौर संभाग में राजस्व अभिलेख अनुसार कितनी-कितनी भूमि जिलेवार गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है? (ख) क्या यह सही है कि उक्त आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर लिया है? यदि हाँ, तो? (ग) क्या यह सही है कि अतिक्रमण के कारण चरनोई की जगह सीमित होने से गौवंश को चारा नहीं मिल पाता है? जिसके कारण गौवंश गांव शहर की गलीयों में कचरा कुड़ा एवं प्लास्टिक खाने पर मजबूर है? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में गौचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिये अभियान चलाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, गौचर भूमि अतिक्रमण मुक्त हो जाएगी? (ङ) क्या इंदौर संभाग के जिलों में नवीन गौशालाएँ स्वीकृत की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश के इन्दौर संभाग में राजस्व अभिलेख अनुसार रकबा 12496.736 हेक्टेयर भूमि जिलेवार गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला झाबुआ में म.प्र.भू-राजस्व संहिता के प्रावधान अनुसार 2 प्रतिशत चरनोई भूमि आरक्षित रखी गई हैं। धार जिले में राजस्व अभिलेख अनुसार 24542.2011 हेक्टेयर भूमि गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला खरगोन में राजस्व अभिलेख अनुसार गोचर हेतु 33230 हेक्टर शासकीय भूमि आरक्षित रखी गई है। जिला खंडवा में राजस्व अभिलेख अनुसार 30039 हेक्टयर भूमि गोचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला बड़वानी अन्तर्गत कुल 8887 हेक्टर भूमि राजस्व अभिलेख अनुसार गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला बुरहानपुर अंतर्गत 6608.34 हे. भूमि गोचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला अलीराजपुर में राजस्व अभिलेख अनुसार 3460 हेक्टेयर (खातें की भूमि का 2 प्रतिशत) भूमि गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है। (ख) उक्त आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा किया जाने पर तत्काल अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है, एवं शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जाता है। जिला झाबुआ- जी नहीं। आरक्षित गौचर भूमि सुरक्षित नहीं। जिला धार- धार जिले में आरक्षित भूमि पर वर्तमान में कोई अतिक्रमण नहीं है। जिला खरगोन- जिला खरगोन में उक्त आरक्षित भूमि के आंशिक भाग पर अतिक्रमण होने की स्थिति में विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। जिला खण्डवा- जिले में उक्त आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा नहीं किया गया है। जिला बड़वानी- नहीं। आरक्षित भूमि सुरक्षित है। जिला बुरहानपुर- जिला बुरहानपुर में आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमण नहीं है। जिला-अलीराजपुर-जिले में गौचर हेतु आरक्षित रखी गई भूमि पर अतिक्रमण की सूचना प्राप्त होने पर म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर विधिवत बेदखली आदेश पारित कर भूमि अतिक्रमण मुक्त करायी जाती है। (ग) गोवंश की कचरा कुड़ा एवं प्लास्टिक खाने की शिकायत प्राप्त नहीं होने पर जानकारी निरंक है। जिला झाबुआ- पशुओं के लिए चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। गावों में मक्का, ज्वार, सोयाबीन, गेहूँ, चने का भूसा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने से पशुओ को प्लास्टिक खाने जैसी स्थिति निर्मित नहीं है। जिला धार- प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी निरंक। जिला खरगोन- खरगोन जिले की जानकारी निरंक है। जिला खण्डवा- जिले की जानकारी निरंक है। जिला बड़वानी- उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। जिला बुरहानपुर-जिला बुरहानपुर में आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमण नहीं होने से गौवंश के लिए चार की पूर्ति हो रही है। जिला अलीराजपुर - जिले में गौवंश हेतु पर्याप्त चारा उपलब्ध होने से जानकारी निरंक हैं। (घ) गौचर भूमि पर अतिक्रमण संज्ञान में आने पर, म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के अनुसार कार्यवाही की जाती है, जो एक स्तत प्रक्रिया है। (ड.) इंदौर संभाग के सभी जिलों में वर्तमान में निराश्रित पशुओं के अनुसार गौशालाएं संचालित हो रही है। जिलों से मांग प्राप्त होने पर नवीन गौशाला हेतु विचार किया जावेगा।
खण्डवा जिले में शासकीय लीज भूमि का दुरुपयोग
[राजस्व]
23. ( क्र. 440 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिला मुख्यालय पर कितने व्यक्ति / संस्थाओं को किन प्रयोजन हेतु कितनी भूमि लीज पर कितने वर्षों के लिये आवंटित की गई है? (ख) क्या उक्त भूमि पर प्रथम लीज आवंटन आदेश के प्रयोजन अनुसार व्यक्ति / संस्था द्वारा उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं तो जिले में किन-किन भूमि का प्रयोजन परिवर्तन करने के आदेश जारी किये गये है? (ग) क्या यह सही है कि चंद पैसों की लीज पर ली गई शासकीय करोड़ों अरबो रु. की भूमि का मद परिर्वतन कराकर नगर में कालोनी का अवैध व्यवसाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो लीज भूमि पर कितनी अवैध कॉलोनियाँ काटी गई है? (घ) क्या यह शासकीय भूमि को भू-माफियाओं के हाथों नीलाम करने का षड़यन्त्र है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश सरकार ऐसी समस्त लीज भूमि जिसका उपयोग प्रथम आवंटन आदेश अऩुसार नहीं हो रहा है? उक्त भूमि को वापस शासकीय मद में लेने पर विचार करेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खंडवा शहर के अंतर्गत 04 व्यक्तियों एवं 27 संस्थाओं को संलग्न परिशिष्ट अनुसार अवधि के लिए भूमि लीज पर दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश “क” एवं “ख” के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत अवैध खनन एवं परिवहन
[खनिज साधन]
24. ( क्र. 464 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में पॉवरमेक कम्पनी के द्वारा रेत खदानों को माह जुलाई 2021 में सरेंडर कर दी गई है। तदोपरांत आज दिनांक तक जिले में रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किया गया है यदि हाँ, तो उक्त अवैध खनन एवं परिवहन पर खनिज विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) भिण्ड जिले में फूप पर टोल प्लाजा स्थापित है उक्त टोल से माह जुलाई 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितनी रेत की गाड़ियों का आवागमन हुआ है? टोल प्लाजा पर पुलिस विभाग द्वारा अवैध रेत गाड़ियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) भिण्ड जिले में अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए कितने नाके /शासकीय नाके लगाये हैं और कहाँ-कहाँ लगाये गये हैं क्या उक्त नाकों पर रेत एवं गिट्टी के अवैध वाहनों पर खनिज निरीक्षक द्वारा जांच प्रतिवेदन एक से अधिक बार बनाये गये हैं यदि हाँ, तो उक्त वाहनों का विवरण देवें। (घ) भिण्ड जिले में समाचार पत्रों के माध्यम से पुलिस थाना देहात, भारौली, ऊमरी, रौन, फूप, अमायन, मिहोना, लहार के सामने से अवैध रेत परिवहन होना बताया गया है। थानावार जानकारी देवें कि क्या उक्त अवैध रेत परिवहन वाहनों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में खनिज विभाग द्वारा माह जुलाई 2021 के उपरांत से प्रश्न दिनांक तक रेत के अवैध उत्खनन की कार्यवाही में ग्राम कछारघाट में 04 पनडुब्बियों को आग लगाकर विनष्टीकरण किया गया तथा रेत के अवैध परिवहन के 46 प्रकरण दर्ज किये गये। जिसमें वाहन मालिकों से 28, 70, 000/- रूपये अर्थदण्ड राशि वसूली गई। पुलिस विभाग द्वारा थाना देहात में अप. क्र. 535/21 धारा 379, 414 भा.द.वि. के तहत 03 वाहनों पर कार्यवाही की गई। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) संभागीय प्रबंधक म.प्र. सड़क विकास निगम, चंबल संभाग से प्राप्त पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। जिस अनुसार यह जानकारी टोल पर नहीं रहती कि किस गाड़ी में कौन सा माल भरा है। टोल शुल्क केवल गाड़ियों के प्रकार के हिसाब से लिया जाता है जैसे कार/हल्के वाणिज्य वाहन/बस - ट्रक/भारी वाहन आदि इसलिये यह जानकारी देना असंभव है कि इसमें रेत की कितनी गाड़ियों का आवागमन हुआ है। अनुसार टोल प्लाजा पर पुलिस विभाग द्वारा अवैध रेत परिवहन पर की गई कार्यवाही निरंक है। (ग) भिण्ड जिले में कलेक्टर के आदेश से 01 नाका मौका सिटी कोतवाली के पास स्थापित किया गया है। इस संबंध में जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। जी नहीं, उक्त नाकों पर खनि निरीक्षक द्वारा जांच प्रतिवेदन एक से अधिक बार नहीं बनाये गये हैं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं है। (घ) भिण्ड जिले में समाचार पत्रों के माध्यम से पुलिस थाना देहात में अप. क्र. 535/21 धारा 379, 414 भा.द.वि. के तहत 03 वाहनों पर कार्यवाही की गई है एवं शेष थानों की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है।
DMF मद से किये गए कार्य
[खनिज साधन]
25. ( क्र. 491 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की DMF मद से कार्य करवाने हेतु कितने प्रस्ताव कब-कब किनके द्वारा प्राप्त हुए। इनमें से किन प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया? (ख) छतरपुर जिले की DMF कार्यपालिका समिति के द्वारा पांच वर्ष के लिए क्या भावी योजना तैयार की गयी। कार्यपालिका समिति की बैठक कब-कब की गई किन-किन प्रस्तावों पर विचार किया गया? उच्च प्राथमिकता क्षेत्र में इतने वर्षों में कोई राशि क्यों खर्च नहीं की गयी? (ग) छतरपुर जिले की DMF राशि से रेलवे अंडर पास ब्रिज बनाने का प्रस्ताव किस के द्वारा कब दिया गया। इस प्रस्ताव को उच्च प्राथमिकता वाले प्रस्ताव से पूर्व किस कारण से स्वीकार किया गया? अन्य प्रस्तावों को किस कारण स्वीकृत नहीं किया गया? इस रेलवे अंडर पास के निर्माण से जिले को क्या फायदा होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में डी.एम.एफ. मद से कार्य करवाने हेतु 58 प्रस्ताव प्राप्त हुए है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्राप्त प्रस्ताव में से स्वीकृत 4 प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) छतरपुर जिले में डी.एम.एफ. कार्यपालिका समिति के द्वारा पांच वर्ष की कार्य योजना तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। छतरपुर जिले की कार्यपालिका समिति की बैठक दिनांक 10.07.2021 को आयोजित की गई थी, जिसमें 47 प्रस्तावों पर विचार किया गया था। जिले में उच्च प्राथमिकता क्षेत्र अंतर्गत बकस्वाहा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की मरम्मत का कार्य स्वीकृत किया गया है। जिसके लिये लोक निर्माण विभाग व्दारा दिये प्राक्कलन अनुसार 33.51 लाख रूपये उक्त कार्य के लिये स्वीकृत किये गये है, जिसकी 40 प्रतिशत राशि 14.20 लाख लोक निर्माण विभाग छतरपुर को जारी की गई है। (ग) रेल्वे अंडरपास/सबवे बनाने का प्रस्ताव छतरपुर क्रशर एशोसिएशन द्वारा दिनांक 29.11.2019 को तत्कालीन माननीय प्रभारी मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर को दिया गया था। तत्कालीन प्रभारी मंत्री महोदय श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर मंत्री म.प्र. शासन एवं मंडल के सदस्य द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार रेल्वे अंडरपास/सबवे बनाने के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया। मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 5 एवं 6 में मंडल को प्रदत्त शक्तियों के अधीन उक्त कार्य मंडल द्वारा स्वीकृति का निर्णय लिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीमांकन आदेशों की जानकारी
[राजस्व]
26. ( क्र. 497 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के तहसील हुजूर, पटवारी हल्का सगरा में खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकन से संबंधित की गई कार्रवाई से संबंधित आदेशों एवं उक्त खसरा क्रमांक के साीमांकन से संबंधित समस्त प्रपत्रों की स्वच्छ प्रतियां बतावें? (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र की जमीनों के नक्शें की प्रमाणित प्रति बतावें? खसरा क्रमांक 664 के पूर्ण रकवा के क्षेत्रफल की जानकारी एवं खसरा क्रमांक 664 के पूर्ण रकवा की नाप/माप का विवरण बतावें? (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र के खसरा क्रमांक 668 एवं 667 की नाप/माप का विवरण बतावें? (घ) रीवा जिले में कितने राजस्व प्रकरण किस-किस स्तर पर नवम्बर, 2021 की स्थिति में अवैध अतिक्रमण, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण, सरकारी हैंण्डपंप के अतिक्रमण के चल रहे रहें है? क्या सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाये जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के तहसील हुजूर पटवारी हल्का सगरा में खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकन से संबंधित सीमांकन प्रकरण क्रमांक 0210/अ.12/2020.21 आदेश दिनांक 17/12/2020 सम्पूर्ण प्रकरण की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित जमीनों के पटवारी के पास उपलब्ध चालू नक्शा (शीट) की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। खसरा नंबर 664 का अधिकार अभिलेख वर्ष 1974 में कुल रकवा 11.78 एकड़ 4.768 हे. रकवा दर्ज है। वर्तमान में उक्त आराजी के कुल 08 बटांक हैं, जिनका खसरा नंबर एवं रकवा निम्नानुसार दर्ज अभिलेख है, खसरा नं 664/1 रकवा (हे. में) 1.217, खसरा नं 664/2 रकवा (हे. में) 1.590, खसरा नं 664/3 रकवा (हे. में) 0.124, खसरा नं 664/4 रकवा (हे. में) 0.372, खसरा नं 664/5 रकवा (हे. में) 0.124, खसरा नं 664/6 रकवा (हे. में) 0.124, खसरा नं 664/7 रकवा (हे. में) 0.811, खसरा नं 664/8 रकवा (हे. में) 0.406 कुल 8 किता कुल रकवा 4.768 खसरा प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। खसरा 664 के नाप का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार नक्शे में दर्शाया गया है। (ग) हल्का पटवारी के पास उपलब्ध चालू नक्शे (शीट) के अनुसार माप/नाप का विवरण नक्शे में दर्ज दूरियों के अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 पर है। (घ) रीवा जिले अंतर्गत प्रश्न तिथि तक शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के 1569 प्रकरण पंजीबद्ध थे, जिसमें से 725 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। 844 प्रकरण न्यायालयीन कार्यवाही के अंतिम स्तर पर लंबित है। निजी भूमियों पर अवैध अतिक्रमण के 4715 प्रकरण पंजीबद्ध हैं, जिसमें से 1998 प्रकरण निराकृत हैं। 2717 प्रकरण शेष हैं, जिन पर न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में है। सरकारी हैण्डपम्प के अतिक्रमण से संबंधित राजस्व प्रकरणों की संख्या निरंक है। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाये जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने हेतु म प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 में समुचित प्रावधान है। जिनके अनुसार नियमित रूप से कार्यवाही की जाती है।
संबल योजना अंतर्गत कार्डधारी परिवारों का नवीनीकरण
[श्रम]
27. ( क्र. 523 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संबल योजना अंतर्गत कार्डधारी परिवारों का नवीनीकरण कार्य किया जा रहा है तथा अनुग्रह राशि के कितने प्रकरण प्रदेश स्तर पर लंबित है? (ख) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में चिन्हित संबल कार्डधारी परिवारों को पूर्ववर्तीय सरकार द्वारा इनका संबल कार्ड का नवीनीकरण नहीं किया गया था तथा अधिकांश कार्डों की पात्रता अवधि समाप्त हो गई है? क्या उक्त कार्डों का नवीनीकरण कार्य शासन द्वारा किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में जिला स्तर से शासन स्तर को संबल कार्डधारी परिवारों के अनुग्रह राशि के ऐसे कितने प्रकरण भेजे गये हैं? (घ) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद् मकरोनिया, जनपद पंचायत सागर एवं जनपद पंचायत राहतगढ़ के कितने प्रकरण विभाग को भेजे गये हैं तथा उन प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संबल योजना 01 अप्रैल, 2018 से प्रारंभ हुई है। संबल योजना अन्तर्गत पंजीयन एक बार की प्रक्रिया है अत: नवीनीकरण प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में 27912 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। (ख) संबल योजना 01 अप्रैल, 2018 से प्रारंभ हुई है। संबल योजना अंतर्गत पंजीयन एक बार की प्रक्रिया (One time Process) है अत: नवीनीकरण प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) संबल योजना अंतर्गत 01 अप्रैल, 2018 से प्रारंभ हुई है।वर्ष 2017-18 में योजना संचालित नहीं थी वर्ष 2018-19 में 48408 अनुग्रह सहायता राशि के प्रकरण जिला स्तर से शासन को भेजे गये हैं। (घ) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत अनुग्रह सहायता के नगर पालिका परिषद् मकरोनिया के 110 प्रकरण, जनपद पंचायत सागर के 299 प्रकरण एवं जनपद पंचायत, राहतगढ़ के 113 प्रकरण विभाग को भेजे गये है, जिनमें से नगर पालिका परिषद् मकरोनिया के 29 प्रकरण, जनपद पंचायत सागर के 84 प्रकरण एवं जनपद पंचायत, राहतगढ़ के 16 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। बजट उपलब्ध होने पर भुगतान किया जायेगा।
प्रोटोकाल के उल्लंघन पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
28. ( क्र. 527 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग क्र. 01 सिवनी के द्वारा राकेश पाल विधायक केवलारी के प्रोटोकाल का उल्लंघन किया गया था? दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या पूर्व तारांकित प्रश्न क्र. 265 दिनांक 24.02.2021 प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो आज दिनांक पर्यंत तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या समयावधि व्यतीत होने के उपरांत कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या श्री पी.एन.नाग तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के द्वारा प्रोटोकाल के उल्लंघन करने पर निलंबन की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। दोषी अधिकारी के विरूद्ध दिनांक 28.01.2021 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया एवं फील्ड पोस्टिंग से हटाकर संबंद्ध किया गया। (ख) एवं (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश ''क'' के उत्तर अनुसार। (घ) नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कांचना मण्डी जलाशय में हुई अनियमितता की जांच
[जल संसाधन]
29. ( क्र. 528 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की कांचना मण्डी जलाशय के निर्माण हुई अनियमितता की जांच के संबंध में दिनांक 14.7.2021 को पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या कांचना मण्डी जलाशय का कार्य 8 वर्ष का व्यतीत बीत जाने के बाद भी अपूर्ण है? यदि हाँ, तो अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? क्या जांच उपरांत दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पी.एन.नाग के द्वारा ठेकेदार के साथ मिली भगत कर सुरक्षा निधि की राशि निकाल कर ठेकेदार को भुगतान कर अनुचित लाभ पहुंचाया गया है? यदि हाँ, तो गंभीर आर्थिक अनियमितता किये जाने पर विभाग द्वारा क्यों कार्यवाही नहीं की गई? कार्यवाही कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। प्रमुख अभियंता द्वारा दिनांक 26.07.2021 से मुख्य अभियंता, वैनगंगा कछार, सिवनी को जांच हेतु निर्देशित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा कार्य की धीमी प्रगति, वर्ष 2015 में नहरों के अलाइनमेंट में परिवर्तन, कृषकों के विरोध तथा विगत 02 वर्षों में कोविड़-19 के प्रकोप आदि कारणों से कार्य अपूर्ण है। कांचनामण्ड़ी का कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है। दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जांच पूर्ण होने पर जांच प्रतिवेदन के परीक्षणोंपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। (ग) जी हाँ। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
वन अपराध की शिकायत पर कार्यवाही
[वन]
30. ( क्र. 543 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मंडल सेंधवा के वन परिक्षेत्र वरला में दर्ज वन अपराध क्र. 317/17 दिनांक 12/03/2021 में जप्त वाहनों (42 लाख) को नियम विरूद्ध वाहनों को छोड़ने पर प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 08/08/2021 को उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई थी? उक्त प्रकरण पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त प्रकरण में प्राधिकृत अधिकारी की बिना अनुमति से वाहन छोड़ने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी पर कार्यवाही होगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जांच मुख्य वन संरक्षक, खण्डवा द्वारा समिति गठित कर कराई गई। समिति द्वारा जांच में पाया कि श्री इदेश अचाले, वन परिक्षेत्र वन परिक्षेत्र अधिकारी वरला द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर सक्षम अधिकारी न होने के बावजूद भी जप्तशुदा वाहनों को अवैधानिक रूप से निर्मुक्त किया। फलस्वरूप मुख्य वन संरक्षक, खण्डवा के पत्र क्रमांक-9989, दिनांक 04.12.2021 से अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु आरोप पत्र जारी किया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु आरोप पत्र जारी किया गया है।
राशन दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 544 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के पूर्व बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा में कितने-कितने परिवार राशन दुकानों से आवश्यक वस्तुएं प्राप्त कर रहे थे? जून 2021 में कितने परिवार किस श्रेणी के लाभान्वित हो रहे हैं? स्थानीय निकायवार बतायें। (ख) खाद्य सुरक्षा लागू होने के उपरांत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निकायों में कितने नए पात्र परिवार किस श्रेणी में शामिल किए गए? कितने अपात्र परिवार हटाए गये? क्या अपात्र श्रेणी में हो जाने के बाद भी अनेक दुकानों में अनेक परिवारों की सामग्री लम्बे समय तक आती रही? (ग) पात्रता श्रेणी में शामिल होने के कितने दिवस बाद परिवार का राशन संबंधित दुकान को आवंटित किया जाने का प्रावधान है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) की स्पष्ट नीति नहीं होने से परिवार दुकानों में भटकता है, पर उसका राशन नहीं आता और जब राशन आता है तो परिवार को पता नहीं चलता और कई माह तक अपयोजन होता है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
माइक्रो लिफ्ट सिंचाई की स्वीकृति
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 556 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 5697 दिनांक 15 मार्च 2021 के उक्त विषय पर माननीय जल संसाधन मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 16 मार्च 2021 को अपने वक्तव्य में कहा था, कि वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक अनुकूल होने पर प्रस्तावित परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में आगामी निर्णय लिया जाना संभव होगा? क्या ध्यानाकर्षण सूचना एवं दिए वक्तव्य के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना की स्वीकृति हेतु क्या विभाग द्वारा संशोधित डी.पी.आर. कितनी राशि से तैयार कराई गई है? (ख) हिम्मतगढ़ फीडर एवं अरोन-पाटई माइक्रों लिफ्ट सिंचाई परियोजना से कुल कितने हेक्टेयर में किन-किन ग्रामों, मजरा, टोलों में सिंचाई प्रस्तावित है? क्या उक्त क्षेत्र में विगत 15-20 वर्षों से वर्षा बहुत कम होने के कारण वाटर लेवल बहुत नीचे चला गया है? क्या उक्त क्षेत्र में वाटर लेवल नीचे चले जाने के कारण पेयजल की भी भयंकर समस्या उत्पन्न हो गई है? यदि हाँ, तो इस परियोजना के अलावा क्या वहाँ कोई अन्य वैकल्पिक पेयजल पूर्ति एवं फसलों कीं सिंचाई व्यवस्था संभव है? यदि नहीं तो फिर इस परियोजना को जल्दी से जल्दी कब-तक स्वीकृति कराकर पलायन की ओर अग्रसर किसानों के हित में सिंचाई की व्यवस्था करा दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। हिम्मतगढ़ फीडर एवं आरोन पाटई माइक्रो लिफ्ट सिंचाई परियोजना की संशोधित डी.पी.आर. रू.240.99 करोड़ की तैयार कर प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) हिम्मतगढ़ फीडर एवं आरोन पाटई माइक्रो लिफ्ट सिंचाई परियोजना से कुल 35 ग्रामों की 9, 365 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वरिष्ठ भू-जलविद् ग्वालियर से प्राप्त जानकारी अनुसार हिम्मतगढ़ आरोन पाटई क्षेत्र में भू-जल स्तर नीचे गिरने एवं अल्पवर्षा होने से ग्रीष्मकाल में पेयजल की कुछ अस्थाई समस्या होना प्रतिवेदित है। कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ग्वालियर से प्राप्त जानकारी अनुसार क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में नलकूप खनित किए गए हैं, जिनमें पर्याप्त जल स्तर है, ऐसे नलकूपों में हैंडपम्प स्थापित किए गए हैं। जिन नलकूपों में जल स्तर नीचे गिर गया है उन नलकूपों में सिंगल फेस मोटर पम्प लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा स्थापित कर पेयजल उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। वित्त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति के लिए निर्धारित सूचकांक अधिक्रमित होने से वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चीनौर तहसील के आदिवासियों को दिए गये भूमि पट्टा
[राजस्व]
33. ( क्र. 557 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1772 दिनांक 4 मार्च 2021 के प्रश्न के (ख) भाग का जो मुख्य प्रश्न था, जिसमें शासन द्वारा दिए पट्टों की कम्प्यूटर में अमल किए गए है, तो खसरा की प्रतिलिपि दें, यह लाइन हटा दी गई थी? इस बावत प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा माननीय अध्यक्ष महोदय मध्य प्रदेश विधानसभा भोपाल को आवेदन देकर आदिवासियों को दिए भूमि पट्टों के अमल के संबंध में जानकारी चाही गई थी? इस संबंध में विधान सभा सचिवालय द्वारा कब-कब प्रमुख सचिव राजस्व विभाग को पत्र लिखे गए? उनकी भी प्रति दें। क्या विधानसभा द्वारा इतने पत्रों के लिखने के बाद भी जानकारी उपलब्ध न कराना घोर लापरवाही है? इसके लिए कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावे। क्या ऐसे लापरवाह कर्मचारियों/अधिकारियों के प्रति कोई कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक, यदि नहीं तो क्यों? अब कब तक चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय विधायक महोदय भितरवार के अतारांकित प्रश्न क्रमांक. 1772 दिनांक 4.05.2021 के प्रश्न के (ख) भाग मे वर्णित आदिवासियों के पट्टे प्र.क्र. 34/अ-19/2000-2001 द्वारा प्रदत्त किये गये थे जिनकों तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी डबरा के प्र.क्र.38/अपील में पारित आदेश दिनांक 28.12.2005 द्वारा निरस्त कर दिया गया था। वरिष्ठ न्यायालय द्वारा उक्त संदर्भित आदेश के विरूद्ध कोई अमल या पट्टा बहाली का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे वर्तमान खसरे मे उक्त पट्टा अमल योग्य नहीं हैं। विधान सभा सचिवालय द्वारा पत्र क्रमांक. 6252/वि.स./प्रश्न/2021, दिनांक 26/03/2021, क्रमांक.7409/वि.स./ प्रश्न/2021, दिनांक 09/04/2021 एवं पत्र क्रमांक. 9148/वि.स./प्रश्न/2021, दिनांक 22/06/2021 प्रमुख सचिव, राजस्व को भेजे गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्राप्त पत्रों की छायाप्रति राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 21-11/2021/सात-3 दिनांक 08.06.2021 के द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त, भोपाल एवं कलेक्टर जिला ग्वालियर को भेजकर जानकारी उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया है। राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 21-11/2021/सात-3 दिनांक 13.07.2021, दिनांक 26.07.2021 को स्मरण पत्र भेजे गये है। विभाग के पत्र क्रमांक एफ 21-67/2021/सात-3 दिनांक 13.07.2021, दिनांक 09.12.2021 के द्वारा विधानसभा सचिवालय से प्राप्त पत्रों की छायाप्रति संलग्न भेज कर कलेक्टर, जिला- ग्वालियर से जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु लिखा गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
वनाधिकार कानून के अंतर्गत दावों के निपटारों की प्रगति
[राजस्व]
34. ( क्र. 563 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार कानून के अंतर्गत कितने ऐसे मामले हैं जिनमें अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक आदिवासियों द्वारा किए गए भूमि स्वामित्व के दावों को विभिन्न आधारों पर खारिज किया गया है? (ख) इनमें से कितने मामलों में सबूतों के अभाव, प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण दावे निरस्त हो गए। (ग) क्या सरकार ने वनाधिकार का दावा करने वाले आदिवासियों की सहायता के लिए परामर्श या कानूनी सहायता उपलब्ध कराई है? यदि हाँ, तो क्या सहायता दी गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले अंतर्गत अनुसूचित जन-जातियों के कुल 1344 दावे एवं अन्य परम्परागत के 437 दावे कुल दावे 1781 को अमान्य किया गया है। (ख) जिले अंतर्गत सबूतों के अभाव प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण कोई दावे निरस्त नहीं किये गये हैं। अत: जानकारी निरंक है। (ग) कानूनी परामर्श या कानूनी सहायता हेतु किसी भी आवेदक का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खोली गई राशन दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
35. ( क्र. 570 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले के विधानसभा क्षेत्र शहपुरा में प्रश्न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन-किन स्थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई हैं? (ख) उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गांव ऐसे हैं जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? (ग) इस अवधि में कितने ऐसे गांवों में नयी राशन की दुकान खोली गई जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (घ) कई दूरस्थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई, उसका क्या कारण है? जिन गांवों में राशन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं उसके लिए कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले के प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में 08 उचित मूल्य दुकानें मौहारी, मनौरी, निघौरी, कमकोमोहनिया, कोको, बटिया, रामगढ़ तथा भाखामल ग्राम में खोली गई हैं। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 156 ग्राम ऐसे हैं जहां पर तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर राशन लेने जाना पड़ता था। वर्तमान में राज्य शासन ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्य विकासखंडों में प्रत्येक ग्राम में पहुंचाकर राशन देने की ''मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम'' योजना लागू की है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 08 ग्राम पंचायतों में नयी राशन की दुकान खोली गई है, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक जाना पड़ता था। (घ) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार प्रत्येक पंचायत में एक उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र की 13 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकान खुलना शेष है जिनमें से 10 के आवेदन प्राप्त हो गये हैं। दुकान आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है तथा शेष में आवेदन प्राप्त होने पर दुकान आवंटित की जा सकेगी। वर्तमान में ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जिसके अंतर्गत तीन किलोमीटर की दूरी से अधिक दूरी पर स्थित प्रत्येक ग्राम में उचित मूल्य दुकान खोली जाये। अत: कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न वितरण की दुकानों के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 571 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सौंसर में प्रश्न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन-किन स्थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई है? (ख) उपरोक्त विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गांव ऐसे हैं जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर दूर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (ग) इस अवधि में कितने ऐसे गांवों में नई राशन की दुकान खोली गई जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (घ) कई दुरस्थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई उसका क्या कारण है? जिन गांवों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं उसके लिये कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांकित अवधि में कुल 07 नवीन उचित मूल्य दुकान अर्थात विकासखंड सौंसर में 06 दुकानें ग्राम पंचायत- पांगड़ी, रोहना, उटेकाटा, मेहराखापा, पिपला, कन्हान एवं डूकरझेला में एवं विकासखंड मोहखेड़ के ग्राम पंचायत जमुनियामाल में 01 नवीन उचित मूल्य की दुकान खोली गयी हैं। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 47 गांव ऐसे हैं, जहां हितग्राहियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। (ग) प्रश्नांकित (क) के उत्तर अनुसार नवीन दुकानें प्रश्नांकित अवधि में खोली गई हैं। पूर्व में इन दुकानों से संलग्न 14 गांव के लोगों को 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। (घ) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रचलित प्रावधान अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोले जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 उक्त प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के सौंसर तहसील में 18 ग्राम पंचायतों हेतु तथा तहसील मोहखेड़ में 06 ग्राम पंचायतों हेतु क्रमश: 05 बार एवं 04 बार विज्ञप्ति जारी की गई है। सभी ग्राम पंचायतों में पात्र संस्थाओं से आवेदन प्राप्त नहीं होने से वर्तमान में प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 17 ग्राम पंचायतों हेतु नवीन विज्ञप्ति जारी कर ऑनलाईन आवेदन प्राप्त किये गये हैं। प्रत्येक ग्राम में उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान नहीं है। अत: कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज मद से किये जाने वाले विकास कार्य
[खनिज साधन]
37. ( क्र. 572 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में प्रश्न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद में कितनी राशि जमा है? (ख) विगत दो वर्षों में खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि से जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों द्वारा दिए निर्माण कार्यों के प्रस्ताव में कितनी खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (ग) इस अवधि में जिला कलेक्टर द्वारा खनिज प्रतिष्ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) यदि कोई राशि जारी नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 22, 13, 16, 073/- (रूपये बाईस करोड़ तेरह लाख सोलह हजार तिहत्तर मात्र) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में जमा है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि से जिले में कोई कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर अनुसार। (घ) जिला खनिज प्रतिष्ठान ट्रस्ट के रूप में परिभाषित है। प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परासिया को जिला बनाने बावत
[राजस्व]
38. ( क्र. 580 ) श्री सुनील उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव एवं परासिया विधानसभा में अधिकांश जनजातिय वर्ग के लोग निवास करते हैं, जिन्हें जिला छिन्दवाड़ा आवागमन हेतु लगभग 125 से 130 किलो मीटर तक जाना पड़ता है, तो क्या पृथक परासिया या जुन्नारदेव जिला बनाने के लिये राजस्व मंत्री विचार करेंगे? (ख) प्रदेश में अनेक ऐसे जिले है जिनमें सिर्फ दो विधानसभा क्षेत्र का एरिया आता है, जैसे हरदा, उमरिया, बुराहनपुर, अनुपपुर, शहडोल, डिन्डौरी एवं निवाडी, अत: क्षेत्रीय जनता की मांग पर जुन्नारदेव एवं परासिया विधानसभा को मिलाकर एक जिला बनाने की मांग पर विचार किया जाएगा? क्योंकि इस जिले में परासिया, उमरेठ, जुन्नारदेव एवं तामिया का तहसील का कार्यक्षेत्र आयेगा एवं दो उप राजस्व अधिकारियों का क्षेत्र होगा।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्टर छिन्दवाड़ा का प्रस्ताव प्राप्त होने पर विचार किया जायेगा। (ख) कलेक्टर छिंदवाड़ा से प्रस्ताव प्राप्ति पश्चात विचार किया जा सकेगा।
विशेष पैकेज की स्वीकृति
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 587 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 51/205/D-2का/मु.अ.च.बे./2020 /भोपाल दिनांक 10.02.2021 को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र किस संबंध में प्रेषित किया गया तथा उक्त पत्र के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही किन-किन के द्वारा कब-कब की गई? उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जल संसाधन विभाग संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित परिवारों के लिए विशेष पैकेज दिए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा अनेकों बार माननीय विभागीय मंत्री जी को अपने पत्रों एवं समक्ष में मौखिक रूप से अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र प्रभावित परिवारों को विशेष पैकेज दिए जाने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। अपितु मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा प्रमुख अभियंता को पत्र दिनांक 09.03.2021 द्वारा पुनरीक्षित पैकेज प्रस्ताव प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। शासन स्तर पर पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित परिवारों के लिए विशेष पैकेज दिए जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
लंबित निविदा प्रकिया
[जल संसाधन]
40. ( क्र. 588 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2870 दिनांक 04.03.2021 के उत्तर अनुसार विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्राचीन ऐतिहासिक सांका श्याम जी मंदिर को जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत निर्माणाधीन पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से बचाने हेतु विभाग द्वारा प्रोटेक्शन बण्ड का निर्माण कार्य का प्रावधान किया गया है? सांका श्याम जी मंदिर के संरक्षण हेतु मंदिर के चारों ओर लगभग 1300 मीटर लम्बाई का प्रोटेक्शन बण्ड प्रस्तावित किया गया है, जिसके निर्माण कार्य की कुल लागत राशि रू.1342.52 लाख की निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक प्रोटेक्शन बण्ड निर्माण कार्य की निविदा आमंत्रित कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त ऐतिहासिक धरोहर संरक्षण हेतु निविदा आमंत्रित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। सांका श्यामजी मंदिर के संरक्षण हेतु मंदिर के चारों और 1320 मीटर लंबाई का प्रोटेक्शन बण्ड प्रस्तावित किया गया हैं, जिसके निर्माण कार्य की कुल संशोधित लागत राशि रू.1656.67 लाख की निविदा दिनांक 13.05.2021 (द्वितीय आमंत्रण) को आमंत्रित की जाकर एजेंसी निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
दूरस्थ ग्रामों में नवीन राशन वितरण की दुकानें खोलना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
41. ( क्र. 594 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक विगत दो वर्षों में किन-किन स्थानों पर नवीन राशन दुकानें खोली गई हैं? (ख) भीकनगॉंव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ऐसे ग्राम हैं, जहाँ ग्रामवासियों को राशन लेने 3 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? क्या उक्त समस्त ग्रामों में नवीन राशन वितरण की दुकान खोली गई है? नहीं तो कितने ऐसे ग्राम है जहॉं शासन के नियमानुसार नवीन दुकान खोला जाना शेष है? तथा वर्तमान तक नहीं खुलने का क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है तथा इनके ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांकित अवधि में कुल 23 पंचायतों में नवीन राशन दुकानें खोली गई हैं जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 73 गांव ऐसे हैं, जहां के ग्रामवासियों को राशन सामग्री लेने हेतु 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। वर्तमान में राज्य शासन ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्य विकासखंडों में प्रत्येक ग्राम में पहुँचाकर राशन देने की ''मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना'' लागू की है। वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के प्रचलित प्रावधान अनुसार प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोली जाना है। वर्तमान में प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र की 19 ग्राम पंचायतों में जुलाई, 2021 की विज्ञप्ति में ऑनलाईन आवेदन प्राप्त न होने/प्राप्त आवेदनों के दस्तावेज अपूर्ण होने के कारण दुकान खोली जाना शेष है। अत: दुकान न खोलने के लिए कोई भी दोषी नहीं है।
भू-राजस्व संहिता के प्रावधान
[राजस्व]
42. ( क्र. 603 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में गैरखाते की दखल रहित भूमियों को आरक्षित वन एवं संरक्षित वन अधिसूचित करने और पटवारी मानचित्र तथा खसरा पंजी से पृथक करने का प्रावधान दिया गया है? (ख) म.प्र. शासन आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के कार्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में कितने ग्रामों की कितनी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से किन-किन कारणों से पृथक की गई? (ग) पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक की गई गैरखाते की दखल रहित भूमियों को पुनः पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की किसी भी धारा में गैरखाते की दखल रहित भूमियों को आरक्षित वन एवं संरक्षित वन अधिसूचित करने और पटवारी मानचित्र तथा खसरा पंजी से पृथक करने का प्रावधान नहीं दिये गये है किन्तु भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 एवं 29 में आरक्षित वन एवं संरक्षित वन बनाए जाने के प्रावधान है l प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधन अधिनियम 2018 की धारा-2 की उपधारा (य-3) में “दखल रहित भूमि”की परिभाषा अनुसार ऐसी भूमि जो आबादी या सेवा भूमि से या किसी भूमिस्वामी या सरकारी पट्टेदार द्वारा धारित भूमि से भिन्न है l संहिता की धारा-233 (अध्याय-18) के प्रावधान अनुसार दखल रहित भूमियों का संधारण जिलों में कलेक्टर द्वारा किया जाता है l अतः समस्त जिलों से जानकारी संकलित की गई l संकलित जानकारी निम्नानुसार है-
1- मुरैना-जिला मुरैना में प्रश्नांधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 2- सागर-सागर जिला में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 3- दमोह-तहसीलदारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला दमोह के अंतर्गत वर्ष 1980 से वर्ष 2000 की अवधि के बीच पटवारी मानचित्र व खसरा पंजी से कोई भूमि पृथक नहीं की गयी है। 4- सतना- जिला सतना अन्तर्गत वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 5- रीवा- जिला रीवा में वर्ष 1980 से 2000 के बीच आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर को प्रेषित कृषि सांख्यिकी सारणी अनुसार 148 ग्रामों की 10727 हेक्टर दखल रहित भूमि शासन द्वारा जारी अधिसूचनाओं के आधार पर पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में पृथक की गई। 6- शहडोल- जिला शहडोल अन्तर्गत राजस्व एवं वन भूमि राजस्व अभिलेखों में पूर्व से पृथक-पृथक दर्ज है। दखल रहित भूमियों को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 7- सीधी- म.प्र. शासन भू-परिमाप तथा बन्दोबस्त विभाग भोपाल की अधिसूचना क्रमांक 1335/एफ-4-90/आठ/ 80, दिनांक 21.05.81 द्वारा म.प्र. लेण्ड रेवेन्यू कोड 1959 (क्रमांक 20 सन् 1959) की धारा 70 की उप धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा सीधी जिले में राजस्व सर्वेक्षण किये जाने का आदेश दिया गया। जिसके तहत जिले में राजस्व भूमि का सर्वेक्षण किया गया, वन भूमि का नहीं। राजस्व सर्वेक्षण के दौरान राजस्व विभाग की कोई भूमि पटवारी, मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 8-मंदसौर- वर्ष 1980 से 2000 के बीच जिला मंदसौर में वनखण्ड नगरी के ग्राम नगरी तहसील मंदसौर की 1.926 हेक्टर भूमि अधिसूचना क्रमांक एफ 5-81-89-दस-3 (2) दिनांक 1 नवम्बर 1990 राजपत्र दिनांक 5 नवम्बर 1990 में बताई गई भूमि राजस्व अभिलेख में वन भूमि दर्ज थी जो राजस्व को अंतरित हुई थी जिसके अभिलेख संशोधन की कार्यवाही की जा चुकी है। 9- रतलाम-प्रश्नांकित अवधि में जिला रतलाम में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है l 10- उज्जैन-प्रश्नांकित अवधि में जिला उज्जैन में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है। 11- शाजापुर-वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में जिला शाजापुर में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 12- भिण्ड- भिण्ड जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। अत: जानकारी निरंक मान्य की जाये। 13- देवास-जिला देवास में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में 02 ग्रामों की 20.659 हेक्टेयर दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से शासन द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर पृथक की गई। 14- झाबुआ-जिला झाबुआ में वर्ष 1980 से 2000 के बीच में वन विभाग द्वारा 48 ग्रामों की 3648.25 हेक्टर भूमि नोटिफिकेशन द्वारा पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में पृथक की गई। 15- धार-जिला में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 16- इंदौर-प्रश्नांकित अवधि में जिला इंदौर में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है। 17- खरगोन-जिले में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 18- खंडवा-जिले में प्रश्नांधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। जानकारी निरंक है l 19- राजगढ़-जिला राजगढ़ में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 20- विदिशा-जिले में प्रश्नांधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। जानकारी निरंक हैl 21- भोपाल-भोपाल जिले में वर्ष 1980 से 2020 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 22- सीहोर-जिला सीहोर में 1980 से 2000 के बीच की अवधि में 242 ग्रामों की 47105.310 हे. दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में 74 वनखण्डों के कारण पृथक की गई। 23- ग्वालियर-ग्वालियर जिला में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 24- रायसेन- इस जिलें में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 25- बैतूल-बैतूल जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में पृथक नहीं की गई। 26- होशंगाबाद-जिला होशगाबाद में वर्ष 1980 से 2000 के बीच किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 27- जबलपुर-जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है l 28- नरसिंहपुर-नरसिंहपुर जिला में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 29- मण्डला-म.प्र. शासन भू-परिमाप तथा बंदोबस्त विभाग भोपाल की अधिसूचना क्रमांक1335/एफ-4-90/आठ/80 दिनांक 21-05-81 द्वारा म.प्र. लैण्ड रेवैन्यू कोड 1959 (क्रमांक 20 सन् 1959) की धारा 70 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा मण्डला जिले में राजस्व सर्वेक्षण कराये जाने का आदेश दिया गया, जिसके तहत जिले में राजस्व भूमि का सर्वेक्षण किया गया, वन भूमि का नहीं। राजस्व सर्वेक्षण के दौरान राजस्व विभाग की कोई भूमि पटवारी, मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 30- छिन्दवाड़ा-छिंदवाडा जिले में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 31- सिवनी-सिवनी जिला के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 32- बालाघाट-बालाघाट जिला में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 33- दतिया-दतिया जिले में प्रश्नाधीन समयावधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गयी है। 34- श्योपुर-जिला श्योपुर अंतर्गत वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 35- उमरिया- राजस्व सर्वेक्षण के दौरान राजस्व विभाग की कोई भूमि पटवारी, मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 36- नीमच-जिला नीमच अन्तर्गत वर्ष 1980 से 2000 की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 37- बड़वानी-जिला बड़वानी अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 38- शिवपुरी-जिला शिवपुरी अन्तर्गत 9 ग्रामों की कुल 978.80 हे. दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से माधव नेशनल पार्क की सीमाओं का विस्तार होने से पृथक की गई। 39- हरदा-जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गयी है। 40- कटनी-प्रश्नांकित अवधि में जिला कटनी में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है। 41- डिंडौरी-जिला डिण्डौरी का अस्तित्व वर्ष 1998 मे आने से, इसके पूर्व की कार्यवाही अविभाज्य जिला मण्डला द्वारा संकलित की गयी है। वर्ष 1998 से 2020 की अवधि में जिला डिण्डौरी में प्रश्नांकित कार्यवाही नहीं की गयी है। अत उक्ताशय की जानकारी निरंक है। 42- अनूपपुर-जिला अनूपपुर अन्तर्गत राजस्व एवं वन भूमि राजस्व अभिलेखें में पूर्व से पृथक-पृथक दर्ज है। दखल रहित भूमियों को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 43- बुरहानपुर- प्रश्नांकित अवधि में जिला बुरहानपुर में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है। 44- अशोकनगर-जिला अशोकनगर में वर्ष 1980 से 2000 की अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 45- सिंगरौली-म.प्र. शासन भू-परिमाप तथा बन्दोबस्त विभाग भोपाल की अधिसूचना क्रमांक1335/ एफ-4-90/ आठ/80, दिनांक 21.05.81 द्वारा म.प्र. लैण्ड रेवेन्यु कोड 1959 (क्रमांक 20 सन 1959) की धारा 70 की उप धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा सीधी जिले में राजस्व सर्वेक्षण किये जाने का आदेश दिया गया। सिंगरौली जिला सीधी जिले से विभक्त होकर अस्त्वि में आया। जिसके तहत जिले में राजस्व भूमि का सर्वेक्षण किया गया, वन भूमि का नहीं। राजस्व सर्वेक्षण के दौरान राजस्व विभाग की कोई भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 46- अलीराजपुर-जिला अलीराजपुर में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में 233 ग्रामों की 64434 हेक्टेयर भूमि नोटिफिकेशन द्वारा पटवारी मानचित्र तथा खसरा पंजी से पृथक की गई हैं। 47- गुना-गुना जिले में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 48- टीकमगढ़-टीकमगढ़ जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 49- छतरपुर-जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 50-पन्ना- पन्ना जिला में प्रश्नांधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 51- आगर मालवा-वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में जिला आगर में कोई बी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गयी है। 52- निवाड़ी-निवाड़ी जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 12 दिसम्बर, 1996 के विरूद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई जिसमें बड़े झाड़, छोटे झाड़ (दखल रहित भूमि) परिभाषित वन भूमि को वन भूमि से मुक्त किए जाने का अनुरोध किया गया था जिसमें 1 अगस्त 2003 को आई.ए क्रमांक 791 एवं 792 को खारिज करते हुए यह निर्णय लिया, कि राज्य शासन चाहे तो इस संबंध में भारत सरकार से आग्रह कर सकता है इस संबंध में मध्य प्रदेश शासन के पत्र क्रमांक एफ-16-10/90/सात-2ए दिनांक 28.10.2005 के द्वारा भारत सरकार से आग्रह किया गया। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भूत ही नहीं होता है।
राजपत्र में डीनोटिफाईड भूमि
[वन]
43. ( क्र. 605 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भा.व.अ.1927 की धारा 27 एवं धारा 34अ में क्या प्रावधान दिए हैं? इन धाराओं के तहत अधिसूचित भूमि को धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित करने का क्या-क्या प्रावधान है? (ख) धारा 27 एवं धारा 34अ में डीनोटीफाईड की गई भूमियों के डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि वन विभाग अपने किस अभिलेख के किस प्रारूप के किस कॉलम में दर्ज करता है? धारा 27 एवं धारा 34अ की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) भा.व.अ. 1927 में संशोधन कर 1965 में धारा 34