मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर, 2021 सत्र


बुधवार, दिनांक 22 दिसम्बर, 2021


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



अपात्र व्‍यक्तियों को सहायता राशि का भुगतान

[श्रम]

1. ( *क्र. 689 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु जनपद पंचायत सिरोंज, जनपद पंचायत लटेरी, नगरपालिका परिषद सिरोंज, नगर परिषद लटेरी में कितने प्रकरणों में कितने हितग्राहियों को विवाह सहायता राशि स्वीकृत की गई है? श्रमिक का नाम, पता, पंजीयन क्रमांक, वर-वधु का नाम, विवाह तिथि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश '' के संदर्भ में क्या अपात्र व्यक्तियों का भी मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीयन किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है एवं किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अपात्र व्यक्तियों को विवाह सहायता की राशि उपलब्ध करवाई गई है? इसके लिए दोषी कौन है?                                            (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या जनपद पंचायत, सिरोंज एवं लटेरी में विवाह सहायता योजना के नाम पर आर्थिक लेन-देन की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो किसके द्वारा जांच की गई? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। यदि जांच नहीं की गई है तो इसकी जांच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर कब तक करवाई जावेगी? (घ) जनपद पंचायत, सिरोंज एवं लटेरी में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के श्रमिकों के आश्रितों के कितने प्रकरण स्वीकृत हुए हैं? स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। स्वीकृति आदेश क्रमांक 154092, दिनांक 15.11.2019 श्रमिक आई.डी. क्रमांक 190849534 के अनुग्रह सहायता का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु जनपद पंचायत सिरोंज में 5976 हितग्राहियों को राशि रूपये 304022000/-, नगर पालिका परिषद सिरोंज में 08 हितग्राहियों को राशि रूपये 408000/-, नगर परिषद लटेरी में 15 हितग्राहियों को राशि रूपये 765000/- की विवाह सहायता राशि स्‍वीकृत की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत योजना के नियम अनुसार केवल पात्र श्रमिकों का ही पंजीयन किया गया है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनपद पंचायत सिरोंज में विवाह सहायता योजनांतर्गत भ्रष्‍टाचार की शिकायत प्राप्‍त हुई है, इसकी जांच मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा द्वारा गठित दल द्वारा की जाकर जांच प्रतिवेदन जमा किया जा चुका है, जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण संबल योजना के श्रमिकों के आश्रितों के जनपद पंचायत सिंरोज अन्‍तर्गत 354 प्रकरण स्‍वीकृत हुये हैं एवं जनपद पंचायत लटेरी अन्‍तर्गत 147 प्रकरण स्‍वीकृत हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। स्‍वीकृति आदेश क्रमांक 154092, दिनांक 15.11.2019 श्रमिक पंजीयन क्रमांक 190849534 के अनुग्रह सहायता का भुगतान श्रमायुक्‍त कार्यालय के आदेश क्रमांक 56 इन्‍दौर दिनांक 17.01.2020 के अनुक्रमांक 404 के माध्‍यम से जनपद पंचायत लटेरी को आवंटित किया जा चुका है। किन्‍तु निकाय द्वारा इस राशि का उपयोग अन्‍य हितग्राही को भुगतान हेतु कर लिया गया है, जिस संबंध में शासन के आदेश क्रमांक 204, दिनांक 11.02.2021 के अनुसार प्रतिपूर्ति ई.पी.ओ. की कार्यवाही प्रचलित है।

नेमन नदी पर बैराज (स्टाप डेम) की स्वीकृति

[जल संसाधन]

2. ( *क्र. 632 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कार्यपालन यंत्री सम्राट अशोक सागर संभाग क्रमांक-2 विदिशा द्वारा जल संसाधन विभाग को आकांक्षी जिले के रूप में प्राप्त 3 करोड़ रूपये की राशि से ग्राम धनोरा तहसील गुलाबगंज के पास स्थित नेमन नदी पर धनोरा बैराज निर्माण कार्य हेतु कार्यालय पत्र क्रमांक 7035/टी.एस./दिनांक 27.12.2019 के द्वारा 248.63 लाख रूपये की तकनीकी स्वीकृति के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्तुत किया गया था? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ है तो उक्त राशि से कार्य को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें कि धनोरा बैराज निर्माण कार्य को अभी तक प्राप्त राशि उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई?                                                       (ग) क्या विभाग द्वारा क्षेत्र के लगभग 10 से अधिक ग्रामों की सिंचाई सुविधा हेतु महत्वाकांक्षी जिले के रूप में प्राप्त 3 करोड़ रूपये की राशि अन्य कार्य के लिये आवंटित की गई? यदि हाँ, तो क्या शासन प्रस्तावित धनोरा बैराज निर्माण कार्य हेतु विभागीय बजट में राशि का प्रावधान करेगा? यदि हॉ तो कब तक, नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) विभाग द्वारा कलेक्‍टर सेक्‍टर के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान नहीं की जाती है। प्रश्‍नाधीन धनौरा बैराज विदिशा जिले की आकांक्षी योजना के तहत प्रस्‍तावित होकर कलेक्‍टर जिला विदिशा के माध्‍यम से बिना प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान किए प्राप्‍त हुई थी जो विभागीय प्रक्रिया के अनुरूप नहीं होने से प्रस्‍ताव वापिस कर दिया गया है। अतः शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होते हैं।

 

उप तहसील प्रारंभ करने के संबंध में

[राजस्व]

3. ( *क्र. 846 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरघाट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो तहसील एवं एक उप तहसील है, उप तहसील गंगेरूआ का कार्यक्षेत्र बहुत बड़ा है, प्रश्‍नकर्ता द्वारा शासन को अनेकों बार पत्र एवं ज्ञापन दिया गया है, अत: गंगेरूआ को पूर्ण रूप से तहसील बनाये जाने के लिए आज तक क्‍या कार्यवाही की गयी?                                                                  (ख) विधानसभा क्षेत्र बरघाट में कुरई ब्‍लॉक जो कि भौगोलिक दृष्टिकोण से दो भागों में बटा हुआ है, एक घाट के ऊपर एवं दूसरा घाट के नीचे। घाट के नीचे कुरई तहसील संचालित है, परंतु घाट के ऊपर के ग्रामों के लोगों को भारी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण घाट के ऊपर के ग्राम सुकतरा पंचायत में उप तहसील प्रस्‍तावित है, परंतु अब तक इस उप तहसील को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई, इस उप तहसील को कब तक प्रारंभ किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) तहसील कुरई के अंतर्गत ग्राम सुकतरा में सप्‍ताह में 01 दिन उप तहसील कार्यालय का संचालन प्रारम्‍भ करा लिया गया है। अत: शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही

[राजस्व]

4. ( *क्र. 446 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय भूमि‍ निजी नाम पर करने के किसी न्यायालय के फैसले को उससे आगे के न्यायालय में चुनौती देने हेतु शासन के क्या निर्देश हैं तथा उन निर्देशों का पालन न करने पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है? (ख) मुख्यमंत्री जी द्वारा हाल ही में भोपाल तथा इन्दौर संभाग में ही पुलिस कमि‍श्नर प्रणाली लागू करने की घोषणा क्यों की गई, शेष संभाग में इसे क्यों लागू नहीं किया जा रहा है? (ग) विधायकों द्वारा विभिन्न विभागों को लिखे गये पत्रों पर समय से उत्तर न देना, पत्र की पावती प्रदान न करना, कार्यालय में रजिस्‍टर संधारित न करना आदि के सम्बन्ध में वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 में आयोजित विधानसभा सत्र में कितने प्रश्‍न पूछे गये, उनमें से कितने प्रश्‍नों का उत्तर दिया गया तथा कितनों में जानकारी एकत्रित करने का उल्लेख किया गया। (घ) जनता से प्राप्त ज्ञापन तथा आवेदन पर कार्यवाही करने के सम्बन्ध में क्या नियम तथा निर्देश हैं, इस सम्बन्ध में जारी परिपत्र तथा आदेश की प्रति देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासकीय भूमि से संबंधित न्‍यायालयीन मामलों के हित संरक्षण के लिये मध्‍यप्रदेश शासन, विधि और विधायी कार्य विभाग से जारी मध्‍यप्रदेश राज्‍य मुकदमा नीति, 2018 एवं विधि और विधायी कार्य विभाग का परिपत्र क्रमांक 5006 (13.2)/21-ब (दो), दिनांक 21/12/2018 में जारी दिशा निर्देश की कंडिका 26.7 एवं 26.8 के अनुसार शासकीय भूमि से संबंधित न्‍यायालयीन मामलों का हित संरक्षण किया जाता है। उक्‍त नीति में हित धारकों की जवाबदेही तथा शासकीय न्‍यायालयीन प्रकरणों की मॉनिटरिंग के प्रावधान अनुसार आवश्‍यक कार्यवाही की जाती है। (ख) इंदौर एवं भोपाल महानगर (Metropolitan area) अन्‍य संभागीय मुख्‍यालयों से जनसंख्‍या की तुलना में वृहद होने के नाते तथा कानून एवं व्‍यवस्‍था एवं अपराध नियंत्रण की आवश्‍यकताओं के दृष्टिगत दिनांक 09.12.2021 को दोनों नगरीय पुलिस जिलों में पुलिस आयुक्‍त प्रणाली की अधिसूचना जारी की गई है। (ग) प्रश्‍नांश से संबंधित राजस्‍व विभाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश के संबंध में नियम निर्देश म. प्र. सामान्‍य पुस्‍तक परिपत्र भाग-2 क्रमांक-22 में दिए गए हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

स्‍वीकृत, प्रस्‍तावित बांध एवं स्‍टाप डेम

[जल संसाधन]

5. ( *क्र. 316 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ जिला मुरैना में वर्ष जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने बांध एवं स्‍टाप डेम प्रस्‍तावित, स्‍वीकृत हैं? पूर्ण जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2019 के बाद स्‍वीकृत बांध एवं स्‍टाप डेम की प्रक्रिया किस स्‍तर में है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है।

परिशिष्ट - "एक"

श्‍योपुर जिले की नहरों की मरम्‍मत

[जल संसाधन]

6. ( *क्र. 470 ) श्री बाबू जण्‍डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) श्योपुर जिले में अतिवृष्टि, बाढ़ से क्षतिग्रस्त चम्बल दाहिनी मुख्य नहर की मरम्मत कार्य किस ठेकेदार द्वारा किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी राशि से कराया गया? विस्तृत जानकारी बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्षतिग्रस्त स्थानों पर कराये गये मरम्मत कार्यों का मूल्यांकन/निरीक्षण/भौतिक सत्यापन/अंतिम मूल्यांकन सत्यापन एवं कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र किस अधिकारी द्वारा जारी किया गया? (ग) श्योपुर जिले की चम्बल दाहिनी मुख्य नहर की सहायक नहर शाखाएं (माइनरी/डिस्ट्रीब्यूटरी) अतिवृष्टि, बाढ़ से कौन-कौन सी शाखायें किन-किन स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुई थी? (घ) क्या प्रश्‍नांश (ग) अनुसार क्षतिग्रस्त सहायक नहर शाखाओं का मरम्मत/दुरस्ती कार्य नहीं कराया गया है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बतावें? यदि कराया गया है तो कौन-कौन सी शाखाओं का किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी राशि से कराया गया है? मूल्यांकन/कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करावें। (ड़) कौन-कौन सी क्षतिग्रस्त सहायक नहर शाखाओं की मरम्मत का कार्य होना शेष है? उक्त कार्य कब तक करा दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। वर्तमान में कार्य अपूर्ण होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब 1'' एवं ''ब-2'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। नहरों में रबी सिंचाई के पूर्व आवश्‍यक मरम्‍मत कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। सभी सहायक नहरों के क्षतिग्रस्‍त भाग का मरम्‍मत कार्य प्रगति पर है। कार्य अपूर्ण होने से वांछित अभिलेख उपलब्‍ध कराया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-स 1'' एवं ''स-2'' अनुसार है। (ड.) चम्‍बल दांयी मुख्‍य नहर 1 एल से 29 एल तक में कार्य प्रगति पर होना प्रतिवेदित है। कार्य पूर्णता: की अवधि अक्‍टूबर 2022 नियत है। वर्तमान में नहरों से सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जा रहा है।

खाद्यान्‍न वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

7. ( *क्र. 725 ) श्री राकेश गिरि : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पराखास में सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली वर्ष                                   2019-20 के पूर्व में तत्कालीन विक्रेता द्वारा हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरित न कर अनियमिततायें की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो, ग्राम पराखास की खाद्यान्न वितरण की उचित मूल्य दुकान की जांच एक समिति गठित कर की गई? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुरूप क्या उचित मूल्य की दुकान के तत्कालीन विक्रेता अवधेश यादव उर्फ सत्येन्द्र को दोषी पाते हुये वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी? यदि हाँ, तो संबंधित आदेश की प्रति उपलब्ध करायें एवं प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि वसूल कर ली गई है? विवरण दें। शेष राशि कब तक वसूल की जावेगी? उक्त प्रकरण के दोषियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच दल का गठन नहीं किया गया, लेकिन सक्षम अधिकारी से जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन की सत्‍यापित प्रति संलग्‍न परिशष्‍ट अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के पत्र क्रमांक 2052/स्‍टेनो/एस.डी.ओ./टी/2021 दिनांक 01.12.2021 के द्वारा श्री के.के. गुप्‍ता सहकारिता निरीक्षक एवं प्रशासक को शास‍कीय उचित मूल्‍य दुकान पराखास के विक्रेता अवधेश यादव से राशि 517348.00 रूपये वसूली का आदेश दिया गया हैं। वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। वसूली की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। संबंधित के विरूद्ध एफ.आई.आर. के आदेश किए जा चुके है।

परिशिष्ट - "दो"

अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्‍त फसलों का मुआवजा

[राजस्व]

8. ( *क्र. 818 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में खरगौन जिले के महेश्‍वर एवं बड़वारा तहसील में अतिवृष्टि से हुई क्षति से जो कृषक प्रभावित हुये, उन्‍हें कुल कितनी रा‍हत राशि स्‍वीकृत की गई है? कितनी आवंटित की गई है व कितनी शेष है? (ख) यदि शेष है तो कृषकों को राशि का वितरण कब तक होगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2019-20 में तहसील महेश्वर में अतिवृष्टि से हुई क्षति से कुल 29221 कृषक प्रभावित हुये जिन्हें राशि रू. 94,37,94,311/- स्वीकृत की गई। राहत राशि 04 किश्तों में वितरण करने का निर्णय शासन स्‍तर से लिया गया था। प्रथम किश्त 25 प्रतिशत के मान से 23,59,48,578/- वितरित की जानी थी। जिसमें से राशि रू. 22,63,20,926/- वितरित की गई तथा राशि 96,27,652/- रूपये जो कृषक अन्यत्र ग्राम में निवासरत होने/विवादित होने से वितरण हेतु शेष है। तहसील बड़वाह में अतिवृष्टि से हुई क्षति से कुल 19613 कृषक प्रभावित हुये जिन्हें राशि रू. 62,22,90,076/- स्वीकृत की गई। प्रथम किश्त 25 प्रतिशत के मान से राशि रू.15,55,72,519/- वितरित की गई है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

तत्‍कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक को निलम्बित कर एफ.आई.आर. दर्ज कराने बावत्

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

9. ( *क्र. 907 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में जिला धार म.प्र. वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्यालय शाखा धामनोद, मनावर एवं बिल्‍लौद पर गोदामों में हुई खाद्यान्‍न एवं अन्‍य वित्‍तीय अनियमितताओं के संबंध में तत्‍कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक श्री पी.के. गजभिये के विरूद्ध चल रही जांच में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई तथा इतनी लम्‍बी अवधि तक जांच का निराकरण क्‍यों नहीं किया गया और दोषी अधिकारी को दण्डित क्‍यों नहीं किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार हुई वित्‍तीय अनियमितताओं के संबंध में श्री पी.के. गजभिये के विरूद्ध एफ.आई.आर. क्‍यों नहीं की गई तथा इन्‍हें निलम्बित क्‍यों नहीं                                      किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) शाखा धामनोद मनावर एवं बिल्‍लोद पर हुई अनियमितताओं के संबंध में तत्‍कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक श्री पी.के. गजभिये, उप महाप्रबंधक द्वितीय श्रेणी अधिकारी के विरूद्ध आदेशित विभागीय जांच पूर्ण होकर द्वितीय श्रेणी अधिकारी हेतु समक्ष प्राधिकारी निगम कार्यकारिणी समिति के समक्ष निर्णय हेतु प्रकरण आगामी बैठक में प्रस्‍तुत किया जा रहा हैं। (ख) शाखा धामनोद मनावर एवं बिल्‍लोद पर हुई अनियमितताओं के संबंध में तत्‍समय पदस्‍थ अधिकारी द्वारा श्री पी.के. गजभिये तत्‍कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक इन्‍दौर के विरूद्ध विभागीय जांच कराने का निर्णय लिया गया था। श्री गजभिये के विरूद्ध विभागीय जांच की वर्तमान स्थिति का उल्‍लेख प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में वर्णित है।

जप्‍त वाहन को छोड़ने में अनियमितता

[खनिज साधन]

10. ( *क्र. 876 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-09-2021 से 25-11-2021 के मध्‍य सीतापुर रेत खदान जो सोन नदी जिला अनूपपुर में माईनिंग ऑफिस के पास स्थित है, में चल रही पोकलेन, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर द्वारा जब्‍त की गई थी, लेकिन कलेक्‍टर अनूपपुर द्वारा इसे संबंधित को वापिस कर दी गई। ऐसा किस नियम/आदेश के तहत किया गया? (ख) क्‍या संबंधित पोकलेन स्‍वामी पर कोई दंड राशि लगाई गई या अन्‍य कोई दांडिक कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इन्‍हें लाभान्वित करने का कारण बतावें। विगत 6 माह में खनन करते हुए कितनी मशीनें जब्‍त की गई? उनके प्रकार, वाहन स्‍वामी का नाम, नंबर सहित बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार इन वाहनों को किस आधार पर छोड़ा गया/जब्‍त है, की स्थिति वाहनवार देवें। इन पर लगाई दंड राशि की जानकारी भी वाहन प्रकार, वाहनवार बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार वाहनों पर लगाई दंड राशि व प्रश्‍नांश (क) अनुसार वाहन पर दंड में अंतर क्‍यों है? इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। पुलिस अधीक्षक जिला अनूपपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार थाना कोतवाली अनूपपुर द्वारा दिनांक 26.10.2021 को सीतापुर रेत खदान में चल रही पोकलेन मशीन को जब्त कर अप.क्र. 505/2021 धारा 379, 414 ताहि 4/21 खनिज अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध किया गया है, जो कि जिला न्यायालय अनूपपुर में विचाराधीन है। उक्त जब्तशुदा पोकलेन मशीन को माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनूपपुर के सुपुर्दनामा आदेश क्रमांक-क्यू/न्या/2021 दिनांक 17.11.2021 के पालन में थाना अनूपपुर द्वारा सुपुर्दगी पर दिया गया है। (ख) थाना प्रभारी अनूपपुर द्वारा जब्त मशीन को अप.क्र. 505/2021 धारा 379, 414 ताहि 4/21 खनिज अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर जिला न्यायालय में दाण्डिक कार्यवाही/निराकरण हेतु प्रस्तुत किया गया है। विगत 6 माह में खनन करते हुए 01 पोकलेन मशीन जब्त की गई है, जिसका इनवाइस नंबर एम.सी.19-20/035 इनवाइस डेट 19.11.2019 एवं जी.एस.टी. आई.एन.-23 सी.डी.एस. 6873 आर 2 जेड आई तथा वाहन स्वामी का नाम मानवेन्द्र सिंह पिता श्री नागेन्द्र सिंह निवासी मौहारटोला चचाई है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जब्त पोकलेन मशीन को मान्नीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनूपपुर के आदेश क्रमांक-क्यू/न्या/2021 दिनांक 17.11.2021 के पालन में सुपुर्दगी में दिया गया है। पंजीबद्ध प्रकरण वर्तमान में जिला न्यायालय अनूपपुर में दाण्डिक कार्यवाही/निराकरण हेतु विचाराधीन होने से शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। (घ) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से शेष प्रश्‍नांश के संबंध में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

मकान, दुकान का अर्जन

[राजस्व]

11. ( *क्र. 327 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                              (क) क्‍या एन.एच. 59 ए. एवं 69 के लिए बैतूल एवं होशंगाबाद जिले के वनग्राम बरेठा, धार, कुसरना, गवासेन, खोखराखेड़ा, ढेकना की भूमि, मकान, दुकान के अर्जन की कार्यवाही और प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन की कार्यवाही प्रश्‍न दिनांक तक भी पूरी नहीं की गई? (ख) किस ग्राम के किस आदिवासी एवं किस गैर आदिवासी के कब्‍जे की कितनी भूमि, मकान, दुकान के अर्जन का प्रकरण बनाया गया? किस वनग्राम की भूमि, मकान, दुकान के अर्जन का प्रकरण किन कारणों से प्रश्‍न दिनांक तक भी नहीं बनाया गया? (ग) भूमि, मकान, दुकान के अर्जन से प्रभावित आदिवासियों के पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन से संबंधित प्रावधान क्‍या वर्तमान में लागू हैं? उसके अनुसार किस-किस के पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन से संबंधित क्‍या कार्यवाही प्रश्‍नांकित दिनांक तक की गई? यदि नहीं, की गई हो तो कारण बतावें। (घ) भूमि, मकान, दुकान के अर्जन का प्रकरण बनाए जाने और प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन की कार्यवाही किए जाने के संबं‍ध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही वर्तमान में की जा रही है? वह कब तक पूरी की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एन.एच. 69 में प्रभावित वन ग्राम बरेठा एवं धार के धारकों के भूमि, मकान, दुकान आदि के भू अर्जन की कार्यवाही प्रकरण क्रमांक 07/अ-82/वर्ष 2016-17 में की जाकर अधिनिर्णय दिनांक 20-01-2020 को पारित किया गया। इन वन ग्रामों पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन के संबध में हितबद्ध पक्षकार द्वारा न्‍यायालय आयुक्‍त एवं मध्‍यस्‍थता प्राधिकारी नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद के समक्ष अभ्‍यावेदन पेश किया गया है। तत्‍संबध में न्‍यायालयीन कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। 2. एन. एच. 59 ए सड़क निर्माण में प्रभावित वनग्राम कुरसना, गवासेन, खोखराखेडा की भूमि, मकान, दुकान के अर्जन के संबध में शिकायत प्राप्‍त हुई हैं, जिसमें प्रारंभिक जॉंच की जा रही है, जॉंच में पुष्टि होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर भू' अर्जन की कार्यवाही NHAI Act. के तहत की जावेगी। 3. एन एच 59 ए सड़क निर्माण में प्रभावित वनग्राम ढेकना जिला होशंगाबाद की जानकारी निरंक है। (ख) एन.एच. 69 के अन्‍तर्गत आने वाले वनग्राम धार एवं बरेठा के आदिवासी एवं गैर आदिवासी के कब्‍जे की भूमि मकान एवं दुकान के अर्जन का भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 07/अ-82/वर्ष 2016-17 बनाया गया था जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। अवार्ड अनुसार मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है।                                                                    2- बैतूल अनुविभाग के अंतर्गत वनग्राम कुरसना, गवासेन, खोखराखेडा की भूमि 59 ए टू-लेन में किसी भी हितग्राही की भूमि मकान, दुकान प्रभावित नहीं हुए हैं। तत्‍सबंध में अनुविभागीय अधिकारी राष्‍ट्रीय राजमार्ग का पत्र दिनांक 13-12-2021 संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, जिसके कारण वर्तमान तिथि तक भू अर्जन का प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। इसके अतिरिक्‍त कतिपय हितग्राहियों द्वारा अपनी भूमि, मकान, दुकान आदि का ग्राम कुरसना, गवासेन, खोखराखेडा के एन.एच. 59 ए के टू-लेन में प्रभावित होने की शिकायत की थी। जिसकी संयुक्‍त जॉंच की जा रही है, जॉंच में हितग्राहियों की भूमि प्रभावित होने की पुष्टि होती है तो नियमानुसार भू अर्जन की कार्यवाही समय सीमा में की जावेगी। (ग) एन.एच. 69 के अन्‍तर्गत आने वाले वनग्राम धार एवं बरेठा भूमि अर्जन की कार्यवाही राष्‍ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 (1956 का 48) के तहत की गई है। अत: भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 31, 41 एवं 51. प्रभावी नहीं। अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता हैं। 2- एन.एच. 59 ए के सड़क निर्माण में प्रभावित वन ग्राम कुरसना, गवासेन, खोखराखेडा के प्रभावित धारकों की जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्‍त जांच के निष्‍कर्षों के आधार पर राष्‍ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत भू अर्जन की आगामी कार्यवाही की जावेगी। 3- एन.एच. 59 ए के सड़क निर्माण में प्रभावित वन ग्राम ढेकना जिला होशंगाबाद की जानकारी निरंक है।                                         (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के परिपेक्ष्‍य में कार्यवाही की जा रही है जांच के निष्‍कर्ष के उपरान्‍त आगामी भू अर्जन की कार्यवाही समय सीमा में की जावेगी।

परिशिष्ट - "तीन"

आवागमन मार्ग बंद करने की शिकायत का निराकरण

[राजस्व]

12. ( *क्र. 715 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                      (क) क्या प्रशासन द्वारा उज्जैन स्थित कालियादेह पैलेस, सूर्य मंदिर, भेरु मंदिर और इनके निकट स्थित बावनकुंड पहुँचने का आम रास्ता बंद कर दिया गया है? श्रद्धालुओं को दर्शन से क्यों वंचित किया जा रहा है? (ख) क्या आम रास्ता बंद होने से आसपास के ग्रामीण एवं आमजन को लगभग 8 किमी अतिरिक्त आगर रोड से घूमकर गाँव और शहर का आवागमन करना पड़ रहा है? शासन इस प्रकार के कृत्य को लेकर क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) क्या प्रशासन द्वारा आम रास्ता बंद करने की अनुमति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो क्या आम नागरिकों को भी अपने कार्य स्थल पर निर्माण कार्यों के लिए आम रास्ता बंद करने की अनुमति दी जा सकती है? यदि हाँ, तो किन नियमों के द्वारा प्रशासनिक अधिकारी द्वारा आम रास्ता बंद करने की अनुमति प्रदान की है? नियमों की प्रति देवें। (घ) जिले के प्रमुख समाचार पत्रों में आम जनता की शिकायत प्रकाशित होने के बाद प्रशासन द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाहियाँ की गयी? इस संबंध में समस्या के निराकरण के लिए किस अधिकारी को दायित्व सौंपा गया? इस मामले में आम जनता की परेशानी को लेकर कुल कितनी शिकायतें मिली हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : () जी नहीं, उज्जैन स्थित कालियादेह पैलेस, सूर्य मंदिर और इनके निकट स्थित बावनकुंड पहुंचने का आम रास्ता प्रशासन द्वारा बंद नहीं किया गया है। (ख) आम रास्ता मौके पर अवरुद्ध नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) आम रास्ता बंद होने के संबंध में किसी प्रकार का आवेदन तहसील घट्टिया में प्राप्त नहीं हुआ है। परन्तु समाचार-पत्र व जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सूचना के आधार पर मौके पर दिनांक 30.11.2021 को नायब तहसीलदार श्री लोकेश चौहान टप्पा पानबिहार तहसील घट्टिया को भेजा गया।

पेंच टाईगर रिजर्व क्षेत्र के कार्य

[वन]

13. ( *क्र. 883 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                   (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के चौरई विधान सभा क्षेत्र में पेंच टाईगर रिजर्व उपवन मण्‍डल में वर्ष                                                     2019-20, 2020-21 में हो रहे, वानिकी कार्य एवं निर्माण कार्यों की सूची परिक्षेत्रवार प्रदान की जाए। (ख) इनमें कार्यरत मजदूरों की सूची, मजदूरी राशि, कार्य नाम, स्‍थान नाम सहित देवें। दिनांक 01.06.2020 से 21.11.2021 तक के संदर्भ में देवें। मजदूरों का खाता नम्‍बर भी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अवधि में सप्‍लाई सामग्री की जानकारी सप्‍लाईकर्ता फर्मवार देवें, इस अवधि की टेंडर प्रक्रिया की जानकारी भी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टके प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टके प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है।

बाढ़ पीड़‍ितों को आर्थिक सहायता वितरण में अनियमितता

[राजस्व]

14. ( *क्र. 976 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) माह अगस्‍त 2021 में ग्वालियर एवं चम्‍बल संभाग में आई बाढ़ से कितनी-कितनी जनधन एवं पशुधन की हानि हुई एवं कितने हेक्‍टेयर क्षेत्र की फसल नष्‍ट हो गई तथा शासकीय संपत्ति को कितना-कितना नुकसान पहुंचा? जिलेवार विवरण दें। (ख) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रशासन/शासन द्वारा बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे कराकर कितने हितग्राहियों को कितनी आर्थिक सहायता उपलब्‍ध कराई गई? जिलेवार जानकारी दें। (ग) क्‍या शासन द्वारा बाढ़ में हुए वास्‍तविक नुकसान का आकलन करने हेतु जांच दल/अध्‍ययन दल का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या जांच दल द्वारा जांच प्रतिवेदन शासन को सौंप दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक सौंपा जाएगा? (घ) क्‍या बाढ़ पीड़‍ितों को क्षतिपूर्ति मुआवजा वितरण में अनियमितता बरती जाकर वास्तविक हितग्राहियों को राहत राशि/आर्थिक सहायता उपलब्‍ध नहीं कराई जाने की शिकायतें प्रशासन/शासन को प्राप्‍त हुई? यदि हाँ, तो उन शिकायतों की जांच कराकर जिम्‍मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माह अगस्त, 2021 में ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में आई बाढ़ से हुई क्षति की जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में दिये गये प्रावधान अनुसार प्राकृतिक आपदा से क्षति के आंकलन हेतु जिलों में राजस्व, कृषि, उद्यानिकी और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के संयुक्त दल द्वारा सर्वेक्षण कार्य कराया गया है। सर्वे पश्‍चात जांच दल द्वारा प्रतिवेदन सौंप दिया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उदभूत नहीं होता। (घ) ग्वालियर जिले में राहत राशि हेतु प्राप्त शिकायतों का प‍रीक्षण कर प्रभावितों को नियमानुसार राहत राशि प्रदाय की गई है। शेष जिलों में राहत राशि वितरण संबंधी प्राप्त शिकायतों की जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्‍न उदभूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "चार"

राज्‍य केबिनेट बैठक हेतु भेजे गये प्रस्‍ताव

[राजस्व]

15. ( *क्र. 829 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) दिनांक 28.09.2021 एवं 09.11.2021 को मंत्री परिषद् की संपन्‍न हुई बैठकों में राजस्‍व विभाग एवं उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा किन-किन प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति हेतु भेजा गया था? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) दिनांक 28.09.2021 की केबिनेट बैठक आदर्श आचार संहिता लागू होने के पश्‍चात संपन्‍न हुई थी? यदि हाँ, तो इस बैठक में ऐसे कौन-कौन से प्रस्‍ताव थे, जो कि उन जिलों से संबंधित थे, जिनमें आचार संहिता लागू की गई थी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में आचार संहिता लागू होने के पश्‍चात शासन द्वारा उपरोक्‍त प्रस्‍तावों को केबिनेट बैठक में प्रस्‍तुत एवं स्‍वीकृत किया है? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है? इन दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्‍या राज्‍य केबिनेट बैठक की स्‍वीकृति के लिए बिना नवीन तहसील का गठन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? राजस्‍व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-07/2018-सात-7, दिनांक 24.09.2021 द्वारा नवीन तहसील का गठन किस केबिनेट बैठक में स्‍वीकृत किया गया था? केबिनेट बैठक स्‍वीकृति एवं आदेश का विवरण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व विभाग द्वारा दिनांक 28.09.2021 की बैठक में कोई प्रस्‍ताव नहीं भेजा गया, जबकि दिनांक 09.11.2021 की बैठक में तहसील दिगौड़ा, जिला टीकमगढ़ मूंदी जिला खण्‍डवा, तहसील धूलकोट जिला बुरहानपुर तहसील किल्‍लौद जिला खण्‍डवा का प्रस्‍ताव भेजा गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 28/09/2021 में उच्‍च शिक्षा विभाग के अधीन देवी अहिल्‍या विश्‍वविद्यालय इंदौर में पदस्‍थ रहे। डॉ. परीक्षित सिंह सेवानिवृत्‍त तत्‍कालीन कुलसचिव के विरूद्ध गंभीर आरोप अधिरोपित होने के कारण श्री सिंह को 01 वर्ष की देय पेंशन राशि में से 10 प्रतिशत पेंशन की राशि वापिस लिये जाने का निर्णय लिया गया। आदेश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) दिनांक 28.09.2021 की केबिनेट बैठक में राजस्‍व विभाग के उन जिलों से संबंधित कोई प्रस्‍ताव नहीं थे, जहां आचार संहिता लागू की गई थी। (ग) जिन जिलों मे, आचार संहिता लागू थी, उन जिलों के उपरोक्‍तानुसार तहसीलों के प्रस्‍ताव 28.09.2011 की केबिनेट बैठक में प्रस्‍तुत नहीं किये गये। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्‍यप्रदेश कार्यालय शासन के कार्य नियम के भाग-4 के कार्य नियम-10 के अंतर्गत विशेष परिस्थितियों में निर्णय लेने के अधिकार, माननीय मुख्‍यमंत्री को हैं, जिन्‍हें पश्‍चात में, अनुसमर्थन हेतु केबिनेट के समक्ष रखा जाता है। नवीन तहसीलों के गठन का अनुसमर्थन दिनांक 09.11.2021 की केबिनेट में किया गया।

राजस्व क्षेत्र की भूमि

[राजस्व]

16. ( *क्र. 669 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कितने राजस्व क्षेत्र हैं? प्रत्येक राजस्व क्षेत्र में कितनी शासकीय भूमि (रकबा/हल्का) उपयोग में है एवं किस उपयोग में है? (ख) कितने राजस्व क्षेत्र में कितनी शासकीय भूमि रिक्त है, जो भविष्य में जनहित के उपयोग में आ सके?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला अंतर्गत कुल 730 राजस्व क्षेत्र (पटवारी हल्के) हैं। जिला अंतर्गत कुल 307946 हे. शासकीय भूमि है। शासकीय भूमि की मदवार जानकारी निम्नानुसार है :- (1) आबादी - 4130, (2) अमराई व फलोद्यान - 1038, (3) बड़े झाड़ का जंगल                               (वन) - 203736, (4) छोटे झाड़ का जंगल (चारागाह झुडपी जंगल घास) - 43268, (5) नदी/नाला/तालाब (पानी के नीचे) - 30635, (6) पहाड़/चट्टान - 12461, (7) सड़क/इमारत - 12678 कुल शासकीय भूमि - 307946. (ख) ऐसी रिक्त भूमि जो भविष्य में जनहित के उपयोग में आ सके, की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।

नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय की स्वीकृति

[श्रम]

17. ( *क्र. 361 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि छतरपुर जिले में स्वीकृत नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा किस कारण निरस्त की गयी? शासन द्वारा लिए गए निरस्तीकरण के प्रस्ताव एवं निर्णय की प्रति उपलब्ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : छतरपुर जिले में स्‍वीकृत नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय के निर्माण की स्‍वीकृति राज्‍य शासन द्वारा म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल में राशि ऋणात्‍मक स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए प्रकरण में पुनर्विचार करने के आधार पर प्रकरण में प्रस्‍तावित 06 प्रशासकीय स्‍वीकृति निरस्‍त करने का प्राप्‍त प्रशासकीय अनुमोदन के आधार पर पूर्व में जारी स्‍वीकृति निरस्‍त की गई है। निर्णय की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "पांच"

जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में किये गये विकास कार्य

[खनिज साधन]

18. ( *क्र. 579 ) श्री सुनील उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में विभिन्न खनिजों से कितनी-कितनी रॉयल्टी विगत दो वर्षों में प्राप्त हुई है? (ख) इस रॉयल्टी मद से कलेक्टर शाखा से कहां-कहां पर कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत हुये और वर्तमान स्थिति क्या है एवं स्वीकृत व किये गये व्यय की जानकारी एवं पूर्ण हुये कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र की जानकारी बतायें। (ग) इस मद से जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के जुन्नारदेव एवं तामिया ब्‍लॉक में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुये? स्वीकृत हुये कार्यों की वर्तमान स्थिति एवं किये गये व्यय की जानकारी एवं पूर्ण हुये कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र की जानकारी बतायें। (घ) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में कोयला खदानों से कितनी-कितनी रॉयल्टी प्राप्त हुई? इस मद से कहाँ-कहाँ विगत तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ पर वृक्षारोपण के कार्य कराये गये एवं अन्य कार्य कराये गये? उनकी वर्तमान स्थिति एवं व्यय की जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) रॉयल्‍टी मद में प्राप्‍त राशि से निर्माण कार्य किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र में स्थित कोयला खदानों से वर्ष 2019-20 में रूपये 22,65,60,840/- वर्ष 2020-21 में रूपये 24,86,93,705/- तथा वर्ष 2021-22 में माह अक्‍टूबर तक रूपये 11,82,51,808/- प्राप्‍त हुए है। रॉयल्‍टी मद से वृक्षारोपण किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छ:"

श्रमिकों के कल्याण के लिए जमा राशि का अन्यत्र व्यय

[श्रम]

19. ( *क्र. 562 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भवन एवं अन्य संनिर्माण वेलफेयर बोर्ड द्वारा बिल्डिंग निर्माण में जुटे श्रमिकों के कल्याण के लिए जमा राशि को ऊर्जा विभाग के सब्सिडी खाते में स्थानांतरित किया गया है?                                  (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को ऊर्जा विभाग को स्थानांतरित की गई है? (ग) क्या यह मजदूरों के पैसे का फंड है, जिसका उपयोग केवल श्रमिकों की दुर्घटना में मदद, डिलेवरी, मृत्यु सहायता, रिटायर होने वाले श्रमिकों को पेंशन, लोन व एडवांस, ग्रुप इंश्योरेंस और विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वाले श्रमिकों के बच्चों की सहायता के लिए किया जा सकता है?                                                 (घ) यदि हाँ, तो फिर मजदूरों के कल्याण के लिए बने फंड में से ऊर्जा विभाग को धन दिए जाने का क्या औचित्य है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) हाँ, म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को ऊर्जा विभाग द्वारा सब्सिडी के रूप में दी गई राशि की प्रतिपूर्ति ऊर्जा विभाग को की गई है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा एकमुश्‍त राशि रूपये 416.33 करोड़ ऊर्जा विभाग को दिनांक 01-10-2021 को भुगतान किया गया। (ग) वस्‍तुत: निर्माण कार्यों की लागत से एक प्रतिशत उपकर राशि का फंड है एवं इस फंड का उपयोग भवन एवं अन्‍य संनिर्माण श्रमिकों के हितलाभ हेतु विभिन्‍न प्रकार से किया जा सकता है। (घ) जी हाँ। मंत्री परिषद् निर्णय दिनांक 06.08.2018 के तारतम्‍य में मुख्‍यमंत्री बकाया बिजली माफी स्‍कीम 2018 योजना अंतर्गत ऊर्जा विभाग के प्रस्‍ताव अनुसार भवन एवं अन्‍य संनिर्माण श्रमिकों को दी गई बिजली सब्सिडी की पूर्ति हेतु मण्‍डल द्वारा ऊर्जा विभाग को राशि प्रदान की गई है।

मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

20. ( *क्र. 204 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मां रतनगढ़ बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना से ग्वालियर, दतिया, भिण्ड जिलों के दो सौ पचास गांवों से अधिक में सत्तर किलोमीटर से अधिक में पाइप माध्यम से किसानों को सिंचाई हेतु जल उपलब्‍ध कराने की योजना किस स्थिति में है? नवम्‍बर 2021 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या ग्वालियर सम्भाग की लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना से शिवपुरी व दतिया जिले की एक लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में जमीन सिंचाई के लिये योजना तैयार की गई थी? उसकी नबम्बर 2021 की स्थिति की जानकारी दी जावें। (ग) क्या मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना आठ से इकत्तीस करोड़ एवं लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना सोलह सौ बीस करोड़ लागत स्वीकृत है? जिसमें दोनों परियोजनाओं में कितना-कितना कार्य हो चुका है? कार्य प्रारंभ का दिनांक एवं समापन दिनांक क्या था? कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? परियोजनावार जानकारी दी जावे। (घ) क्या मां रतनगढ़ परियोजना में बिना कार्य प्रारम्भ हुऐ चार सौ बारह करोड़ एवं लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना, शिवपुरी को एक हजार से अधिक अग्रिम भुगतान कंस्ट्रक्शन कम्पनी को किया है? क्यों? क्या उक्त प्रकरण की जांच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मॉं रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना द्वारा ग्वालियर, दतिया भिण्ड जिले में 250 गांव न होकर 163 गांव में दाबयुक्‍त सिंचाई पद्धति से 58,184 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराना प्रस्‍तावित है। नवम्बर 2021 की स्थिति में शीर्ष कार्य के अंतर्गत सर्वे एवं अनुसंधान का कार्य तथा नहर कार्य के अंतर्गत लगभग 2.00 कि.मी. लम्बाई में पाईप बिछाने का कार्य किया जाना प्रतिवेदित है। बांध का कार्य वन प्रकरण की स्‍वीकृति उपरांत प्रारंभ किया जाना संभव होगा। (ख) जी हाँ। लोअर ओर वृहद सिंचाई परियोजना से शिवपुरी एवं दतिया जिले की 1,10,400 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बांध एवं नहर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। नवम्बर 2021 की स्थिति में लोअर ओर परियोजना में बांध का निर्माण कार्य 78 प्रतिशत तथा नहर कार्य 35 प्रतिशत पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है।                                                                 (ग) मॉं रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 2244.97 करोड़ की 58,184 हेक्‍टेयर सैच्‍य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। नहर कार्य हेतु रूपये 831.00 करोड़ का अनुबंध मेसर्स मन्टेना वशिष्ठा माइक्रो जे.व्ही. हैदराबाद के साथ निष्पादित किया गया है। अनुबंधानुसार कार्य प्रारंभ का दिनांक 22.07.2019 एवं कार्य समाप्ति का दिनांक 21.07.2024 नियत है। नहर कार्य अंतर्गत एम.एस. क्रॉइस/प्लेट्स से पाइप बनाकर पाइप बिछाने का कार्य प्रगतिरत तथा परियोजना पर अभी तक रूपये 412.50 करोड़ व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। लोअर ओर वृहद सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रू. 2208.03 करोड़ की 1,10,400 हेक्टेयर सैच्‍य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। नहर कार्य हेतु रू.1650.00 करोड़ का अनुबंध मेसर्स मंटेना मैक्स एम.पी. जे.व्ही. हैदराबाद के साथ निष्‍पादित किया गया है। अनुबंध अनुसार कार्य प्रारंभ करने का दिनांक 27.08.2018 एवं कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 27.11.2022 तक समयवृद्धि स्वीकृत की गई है। प्रेशराईज्ड पाइप नहर प्रणाली का लगभग 35 प्रतिशत पूर्ण किया जाकर अभी तक रूपये 1009.92 करोड़ व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) जानकारी उत्‍तरांश '''' अनुसार है। सामग्री के विरूद्ध किए गए भुगतान की अनियमितताओं की जॉंच हेतु समिति का गठन किया गया है। जॉंच प्रतिवेदन अप्राप्‍त है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

तालाब निर्माण की स्वीकृति

[जल संसाधन]

21. ( *क्र. 593 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्तमान में कुल कितने तालाब स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर लंबित हैं? उक्त तालाबों की सूची उपलब्ध करावें। उनके वर्तमान तक लंबित रहने का क्या कारण है? वह किस स्तर पर कितने समय से लंबित हैं तथा उनकी स्वीकृति कब तक प्रदाय की जायेगी? (ख) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के तालाब निर्माण हेतु साध्यता प्रदाय हेतु प्रकरण शासन स्तर पर लंबित हैं? यदि हाँ, तो वह संख्या क्या है? सूची उपलब्ध करावें। लंबित रहने का क्या कारण है, वह किस स्तर पर कितने समय से लंबित हैं तथा उनकी साध्यता कब तक प्रदाय की जायेगी? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भीकनगांव विधानसभा अन्तर्गत तालाबों की स्वीकृति हेतु घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से तालाब की स्वीकृति हेतु घोषणा की गई है, उनकी स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है तथा उक्त तालाबों की कब तक स्वीकृति प्रदाय की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान में स्वीकृति का कोई प्रकरण शासन स्तर पर लंबित नहीं है। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 03 तालाब एवं 01 बैराज का डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है।                                                         (ख) विभागीय वेबसाइट पर दर्ज चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। वर्तमान में साध्‍यता स्‍वीकृति का कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है।                                                           (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-स'' अनुसार है। डी.पी.आर. परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

कुण्‍डालिया वृहद परियोजना अन्‍तर्गत गुणवत्‍ताहीन कार्य

[जल संसाधन]

22. ( *क्र. 757 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले की खिलचीपुर विधान सभा के अन्‍तर्गत निर्माणाधीन कुण्‍डालिया वृहद परियोजना के ग्राम मुण्‍डी से मीरापुर में प्रेशर पाईप हेतु पम्‍प हाऊस के निर्माण हेतु L&T कम्‍पनी के द्वारा अनुबंध किया गया है? (ख) क्‍या वर्ष 2020 वर्षाकाल के दौरान निर्माणाधीन तकरीबन 10-12 RCC कॉलम गुणवत्‍तापूर्ण कार्य नहीं करवाने से टूट गये थे, तथा पुन: वर्ष 2021 के वर्षाकाल में भी कुछ कॉलम में झुकाव देखा गया? दोनों वर्ष के कार्यकाल उपरांत विभाग द्वारा निम्‍न स्‍तर का कार्य अथवा डिजाईन में त्रुटि के कारण हुये कार्य पर संबंधित एजेन्‍सी एवं विभागीय अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) विंगवाल की दीवार में क्रेक्‍स एवं बीम में कई जगह Honey Comb देखा गया, उक्‍त निम्‍न स्‍तरीय कार्य हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्ष-2020 में खराब गुणवत्ता के कारण कोई भी कॉलम नहीं टूटे थे एवं वर्ष-2021 में वर्षाकाल के बाद कॉलमों में कोई भी झुकाव वर्तमान में प्रतिवेदित नहीं हैं। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) इस वर्ष प्रदेश में हुई अतिवृष्टि एवं झाड़मऊ रामनगर-मुण्डी क्षेत्र में बादल फटने से एक घंटे में 82 मि.मी. अप्रत्याशित वर्षा के कारण विंगवॉल की दीवार में आंशिक क्षति हुई हैं, जो सुधार योग्य हैं। एजेन्सी से आवश्यक सुधार कार्य उनके स्वयं के व्यय पर करवाया जा रहा हैं। अतः कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासन के नियमों के तहत राशि व्यय एवं स्थानांतरण

[वन]

23. ( *क्र. 615 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वन मंडल अधिकारी के पद पर पदस्थ अधिकारी का नाम बताएं। (ख) क्या उक्त अधिकारी द्वारा अप्रैल, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक वन मंडल में आयोजन मद के कार्यों के सभी मजदूरों की मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस को कितना भुगतान किया गया है? सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। उक्त लंबित भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (घ) क्या उक्त अधिकारी द्वारा अपने शासकीय आवास में शासन के नियम के अनुसार शासकीय राशि व्यय की गई है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत एवं कितनी राशि व्यय की गई है? (ड.) उक्त अधिकारी के आवास पर किसके द्वारा कार्य किया गया है? (च) उक्त अधिकारी द्वारा वर्ष 2021 के स्थानांतरण नीति के तहत कर्मचारियों के स्थानांतरण का लक्ष्य कितना था? क्या उक्त अधिकारी द्वारा लक्ष्य के तहत ही स्थानांतरण किया गया था? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमण्डलाधिकारी छतरपुर (सा.) वनमण्डल के पद पर                                          श्री अनुराग कुमार पदस्थ हैं। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में स्वीकृत योजनाओं में प्रचलित कार्यों का भुगतान योग्य मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान कर दिया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृत कार्य अनुसार प्रचलित कार्यों में नियमानुसार समस्त पूर्ति/गुणवत्ता नहीं होने पर कुछ कार्यों का भुगतान शेष है, जिसका पूर्ति उपरांत भुगतान संभव है। (घ) जी हाँ। योजना मद 6218 (भवन मरम्मत) अंतर्गत बजट प्राप्त होने पर शासकीय आवास में मरम्मत कार्य कराया गया, जिसमें राशि रूपये 312644/- व्यय हुई है। (ड.) उक्त मरम्मत कार्य विभागीय रूप से काष्ठागार अधिकारी छतरपुर के द्वारा मजदूरों से कराया गया है। (च) स्थानांतरण नीति के तहत वनमण्डल छतरपुर को स्थानांतरण हेतु कोई लक्ष्य नहीं दिया गया था, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कम्‍प्‍यूटर में नाम दर्ज न कराने वालों पर कार्यवाही

[राजस्व]

24. ( *क्र. 804 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा प्रश्‍न क्र. 274, दिनांक 03.8.2021 के उत्‍तर में (क) एवं (ख) जी हाँ (क) एवं (ख) से संबंधित पत्र की प्रति परिशिष्‍ट (क) जो तहसीलदार गुढ़ द्वारा दिनांक 13.12.2006 को लिखा गया कि प्रति है, जिसमें कलेक्‍टर रीवा को संबोधित कर लिखा गया, जिससे स्‍पष्‍ट होता है कि कलेक्‍टर रीवा व राजस्‍व विभाग के अन्‍य जिम्‍मेदार अधिकारियों को षष्‍ठम अपर जिला न्‍यायाधीश महोदय रीवा द्वारा पारित निर्णय व डिक्री की जानकारी थी?                                                   (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2006 में राजस्‍व अधिकारियों की जानकारी के बाद नामांतरण आदेश श्री राम स्‍वरूप द्विवेदी निवासी ग्राम दुआरी के पक्ष में तहसीलदार गुढ़ द्वारा पारित किया गया। कम्‍प्‍यूटर में फीडिंग कर श्री द्विवेदी का नाम दर्ज करने की कार्यवाही शेष है। विधान सभा के प्रश्‍नों में भी कम्‍प्‍यूटर में श्री द्विवेदी का नाम दर्ज करने की जानकारी दिये जाने के बाद भी जिले के जिम्‍मेदार अधिकारी द्वारा बार-बार विधान सभा को भ्रामक जानकारी देकर किसान को परेशान किया जा रहा है, क्‍यों? इस पर क्‍या निर्देश जारी करेंगे? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्रश्‍न के बिन्‍दु क्र. (ड.) में प्रकरण शासकीय भूमि से संबंधित होने व शासन हित होने के कारण प्रकरण संज्ञान में आने पर अपील माननीय उच्‍च न्‍यायालय में की गई, का उत्‍तर दिया गया, जबकि कलेक्‍टर रीवा एवं अन्‍य जिम्‍मेदारों को इसकी जानकारी वर्ष 2006 में हो गई थी, की पुष्टि संलग्‍न पत्र जो तहसीलदार द्वारा लिखा गया से होती है फिर इतनी अवधि बाद अपील क्‍यों की गई? जबकि 12 वर्षों के बाद डिक्री व निर्णय की अवधि निश्चित की गई है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के तारतम्‍य में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 110 नामांतरण नियम में सिविल न्‍यायालय की डिक्री के आधार पर नामांतरण हेतु न्‍याय दृष्‍टांत गृह निर्माण सहकारी संस्‍था विरूद्ध म.प्र. राज्‍य 1985 रा.नि. 2018 लाभ सिंह विरूद्ध देवकीनंदन 1984 रा.नि. 31 एवं न्‍याय दृष्‍टांत लक्ष्‍मीनारायण विरूद्ध पुनीतराम 1993 रा.नं. 21 पश्‍चात डिक्री के विरूद्ध उच्‍च न्‍यायालय में अपील लंबित होने पर उच्‍च न्‍यायालय के रोक आदेश अभाव में पूर्व डिक्री के अनुपालन में नामांतरण आदेश उचित जबकि इस प्रकरण में नामांतरण आदेश के बाद कम्‍प्‍यूटर में फीडिंग का कार्य शेष है फिर भी नहीं कराया जा रहा क्‍यों? (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के आधार पर कार्यवाही न कर बार-बार विधान सभा को भ्रामक जानकारी देकर हितबद्ध किसानों को परेशान किये जाने की कार्यवाही के लिये दोषियों पर किस तरह की कार्यवाही का निर्देश देवें एवं कम्‍प्‍यूटर में श्री द्विवेदी का नाम दर्ज कराने बाबत् निर्देश अधिनस्‍थों को देंगे जबकि प्रश्‍नांश (घ) अनुसार न्‍याय दृष्‍टांत भी कार्यवाही हेतु पुष्टि करते हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) षष्ठम अपर जिला न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) रीवा म.प्र. नियमित सिविल अपील क्रमांक 12 ए/2006 पारित आदेश दिनांक 13/07/2006 की जानकारी होने पर दिनांक 26/12/2006 को कलेक्टर महोदय द्वारा तहसीलदार तहसील गुढ़ को सक्षम न्यायालय में अपील संस्थापित किये जाने बावत् आदेशित किया गया था। (ख) तहसीलदार तहसील गुढ़ को कलेक्टर रीवा के पत्र क्र. 2217/व्‍यव./2006, दिनांक 26/12/2006 से प्रश्‍नांक (क) में अभिलिखित व्यवहार न्यायालय से पारित बिक्री एवं आदेश दिनांक 13/07/2006 की अपील सक्षम न्यायालय में किये जाने का आदेश दिये जाने के बाद ग्राम दुआरी की भूमि खसरा क्रमांक 2097 रकवा 0.60 एकड़ का नामांतरण रामस्वरूप पिता रामानुज सा. दुआरी के नाम किया गया। विधि विपरीत पाये जाने से कलेक्टर न्यायालय में स्वयमेव निगरानी 69/अ-6/2018-19 प्रचलित है। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 50 के अंतर्गत नायब तहसीलदार गुढ़ द्वारा प्रश्‍नांक (ख) में उल्लेखित नामांतरण आदेश कलेक्टर द्वारा रोक लगाये जाने के बाद किया गया एवं सिविल न्यायालय से पारित आदेश की अपील कार्यवाही भी लंबित थी। इस विषय में पुनः कलेक्टर जिला रीवा के पत्र क्र. 170 प्रवा.कले./2019 रीवा दिनांक 01.01.2019 द्वारा तहसीलदार गुढ़ को अपील संस्थापित किये जाने बावत् आदेशित किया गया एवं तहसीलदार गुढ़ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में अपील प्रकरण क्रमांक SA/II/402/2021 संस्थित की गई जो विचाराधीन है। (घ) प्रश्नगत भूमि के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में अपील विचाराधीन होने से वर्णित न्याय दृष्टांतों का परिशीलन किया जाना माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार में है। प्रकरण में विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ड.) प्रकरण में न्यायिक प्रक्रिया का अनुसरण हो रहा है, कोई भ्रामक जानकारी नहीं दी गई है न ही हितबद्ध किसानों को परेशान किया गया है। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उदभुत नहीं होता।

खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि

[खनिज साधन]

25. ( *क्र. 76 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद में कितनी राशि जमा है? (ख) विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि से अलीराजपुर जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों द्वारा दिए गए निर्माण कार्यों के प्रस्ताव में कितनी खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (ग) इस अवधि में जिला कलेक्टर द्वारा खनिज प्रतिष्ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) यदि कोई राशि जारी नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्‍ठान में राशि रूपये 29.70 लाख जमा है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित राशि मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन दिनांक 22 जनवरी, 2021 के उपरांत जमा हुई है। इस राशि का वर्तमान में खनिज प्रतिष्‍ठान मद से किए गए निर्माण कार्य की जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये उत्‍तर अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                           (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

 








भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर

तालाब निर्माण एवं पुनर्वास

[जल संसाधन]

1. ( क्र. 14 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) फतेहपुर तालाब निर्माण में हो रही देरी के क्‍या कारण हैं एवं इसका निर्माण कब से प्रारम्‍भ किया जायेगा? विभाग द्वारा चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में प्रस्‍तावित सिंचाई योजनाओं की जानकारी प्रदान करें। (ख) सुठालिया परियोजना के कारण चांचौड़ा विधान सभा के डूब प्रभावित गांवों के पुनर्वास एवं मुआवजा राशि की जानकारी प्रदान करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नाधीन फतेहपुर तालाब का निर्माण कार्य भूमि हस्तांतरण एवं वन प्रकरण की स्वीकृति में विलम्ब के कारण पूर्ण नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। कार्य की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। स्‍वीकृत परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र की चिन्हित सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) सुठालिया परियोजना के कारण चांचौड़ा विधानसभा के डूब प्रभावित ग्रामों को भूमि-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 में वर्णित प्रावधान अनुसार मुआवजा एवं पुनर्व्यवस्थापन सुविधाएं दिया जाना है। अवार्ड पारित होने के उपरांत ही मुआवजा राशि की जानकारी दी जाना संभव होगा। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-स'' एवं '''' अनुसार है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना अंतर्गत खाद्यान्‍न वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

2. ( क्र. 22 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 से आज दिनांक तक कितना राशन जिले को प्राप्‍त हुआ एवं प्राप्‍त राशन कितनी राशन दुकानों को कितना प्रदाय किया गया एवं कितने हितग्राहियों को कितना वितरण किया गया? राशनवार जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) साथ ही विगत दो वर्षों में कितनी शिकायतें प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना के वितरण में जिले को या अनुभाग स्‍तर पर प्राप्‍त हुई शिकायतवार क्‍या कार्यवाही प्रशासन के द्वारा की गई? की गई कार्यवाही एवं दण्डित किये गये सेल्‍समेन व सहायक विक्रेताओं की जानकारी दी जावे।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

 

अजलपुर-बेरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना के निर्माण में विलंब

[जल संसाधन]

3. ( क्र. 29 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) कोलारस विधानसभा में जल संसाधन विभाग की अजलपुर-बेरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना किस दिनांक को स्वीकृत की थी? उक्त परियोजना का निर्माण कार्य अब तक प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने की अवधि क्या निर्धारित की गई थी? क्या अजलपुर-बेरखेड़ी सिंचाई परियोजना के क्षेत्र में आने वाली वन भूमि एवं राजस्व भूमि चिन्हित कर ली गई है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि वन विभाग की है व कितनी भूमि राजस्व विभाग की स्पष्ट करें? यदि नहीं तो परियोजना स्वीकृत होने के वर्षों बाद भी भूमि का स्पष्ट चिन्हांकन अब तक क्यों नहीं हो सका सकारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अजलपुर-बेरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य अब तक किन-किन कारणों से प्रारंभ नहीं हो सका तथा परियोजना के निर्माण कार्य के विलंब के लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं? तथा विभाग विलंब हेतु दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होगी? वनभूमि एवं राजस्व भूमि के चिन्हांकन हेतु संबंधित विभागों द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त परियोजना का निर्माण कार्य कब प्रारंभ कर कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत चिन्हित अजलपुर-बेरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 10.01.2018 को रू.1946.10 लाख की 650 हेक्‍टेयर सैच्‍य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई। परियोजना के डूब क्षेत्र में वनभूमि एवं राजस्‍व भूमि के वर्गीकरण में दोनों विभागों का विवाद होने से कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। कलेक्‍टर शिवपुरी के पत्र दिनांक 01.10.2019 एवं 17.12.2020 द्वारा भूमि की जांच हेतु एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की अंतिम रिपोर्ट अपेक्षित है। रिपोर्ट प्राप्‍त होने के पश्‍चात ही कलेक्‍टर शिवपुरी द्वारा भूमि का स्‍पष्‍ट चिन्‍हांकन/निर्धारण किया जा सकेगा। वन विभाग एवं राजस्‍व विभाग द्वारा उक्‍त भूमि पर अपना-अपना दावा करने से परियोजना के निर्माण में विलंब हुआ। किसी अधिकारी पर उत्‍तरदायित्‍व निर्धारण करने की स्थिति नहीं है। निर्माण हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

कृषि उपज का समर्थन मूल्य पर उपार्जन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

4. ( क्र. 103 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज के उपार्जन में किन-किन शासकीय विभागों/निगमों/मंडलों की सहभागिता होती हैं? रबी एवं खरीफ फसलों के उपार्जन कार्य का नोडल कौन-कौन शासकीय विभाग/निगम/मण्डल होता हैं, तथा किस प्रक्रिया से उपार्जन कार्य किया जाता हैं? क्या उपार्जन कार्य में सहभागिता करने वाले विभागों के शासकीय सेवकों की ज़िम्मेदारी भी निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो विवरण एवं नियम/निर्देश बतायें। (ख) कटनी जिले में आगामी धान खरीदी हेतु क्या कार्ययोजना है? कितने एवं किन-किन स्थानों पर उपार्जन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं? प्रस्तावित/स्वीकृत खरीदी-केन्द्रों का संचालन किन समितियों/समूहों द्वारा किया जाना है? इन समितियों/समूहों के चयन का आधार क्या हैं? (ग) प्रश्नांश धान खरीदी हेतु किन-किन विभागों के किस-किस शासकीय सेवक की क्या-क्या भूमिका एवं ज़िम्मेदारी नियत हैं? क्या विगत 03 वर्षों में उपार्जन में कार्यरत रहे शासकीय सेवकों द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निर्देशानुसार निर्वहन किया गया? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांकित अवधि में उपार्जन कार्यों में परिलक्षित/ज्ञात अनियमितताओं पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश से क्या उपार्जन में अनियमितता पाये जाने पर संबंधितों की ज़िम्मेदारी निर्धारित करते हुए कोई एकीकृत नीति बनाई जायेंगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो स्पष्ट कीजिये कि पूर्व में कई विभागों एवं कार्यालयों के उपार्जन में सम्मलित होने से व्याप्त विसंगतियों और जिम्मेदारियों का निर्धारण न होने का क्या निदान हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न दलहन एवं तिलहन उपार्जन कार्य में सहभागिता करने वाले विभागों/निगम/मण्‍डलों के नाम एवं उनके अमले के दायित्‍वों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन हेतु मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन एवं दलहन उपार्जन हेतु मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी विपणन संघ नोडल एजेंसी है। समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न दहलन उपार्जन का कार्य उपार्जन नीति अनुसार किया जाता है। जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) कटनी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन का कार्य 29.11.2021 से प्रारम्‍भ हो चुका है जो कि 15.01.2022 तक किया जाएगा। धान उपार्जन का कार्य जारी उपार्जन नीति में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किया जाएगा। कटनी जिले में उपार्जन करने वाली संस्‍थाओं/समूहों एवं उपार्जन केन्‍द्रों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। उपार्जन करने वाली समितियों एवं समूहों का चयन धान उपार्जन नीति में उल्‍लेखित मापदण्‍ड अनुसार किया जाता है। जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन में विभाग/निगम के अधिकारियों की भूमिका का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में उपार्जन कार्य में संलग्‍न शासकीय सेवकों द्वारा अपने प्रति दायित्‍वों का निर्वहन किया गया है। दायित्‍व निर्वहन में शिथिलता/अनियमितता करने वाले शासकीय सेवकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है।              (घ) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन, परिवहन, भंडारण, भुगतान, बारदाना व्‍यवस्‍था आदि व्‍यवस्‍था करने हेतु एकीकृत उपार्जन नीति जारी की जाती है जिसमें सभी संबंधित संस्‍थाओं एवं उनके अमले का दायित्‍व का निर्धारण किया जाता है। दायित्‍वों के निर्धारण में शिथिला बरतने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही भी की जाती है। उपार्जन का कार्य विस्‍तृत स्‍वरूप का होने के कारण एक से अधिक विभागों/एजेंसियों/संस्‍थाओं द्वारा कार्य किया जाता है। उपार्जन व्‍यवस्‍था में विसंगती होने एवं जिम्‍मेदारी का निर्धारण न होने जैसी स्थिति नहीं है। उपार्जन कार्य में अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग कर बेहतर करने का प्रयास विभाग द्वारा निरन्‍तर किया जा रहा है।

राजस्‍व अधिकारी के विरूद्ध चालानी कार्यवाही

[राजस्व]

5. ( क्र. 171 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या राजगढ़ जिले में ऐसे राजस्‍व अधिकारी की पदस्‍थी है जिनके विरूद्ध वरिष्‍ठ कार्यालय/शासन स्‍तर पर चालान प्रस्‍तुत करने की अनुमति चाही गयी है? उनका नाम एवं पद से अवगत करावें तथा अनुमति कब से शासन स्‍तर पर लंबित है? वर्तमान में उनका पद एवं कार्यरत स्‍थान का नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उत्‍तर में वरिष्‍ठ कार्यालय/शासन से चालान प्रस्‍तुत करने की अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। श्री असमन राम चिरामन, तहसीलदार तहसील पचोर जिला राजगढ़ का प्रकरण शासन स्‍तर पर विचारण में है। श्री असमन राम चिरामन वर्तमान में तहसीलदार के पद पर तहसील पचोर जिला राजगढ़ में पदस्‍थ है। वर्तमान में प्रकरण शासन स्‍तर पर विचारण में हैं। (ख) प्रकरण में अभियोजन के संबंध में विधि विभाग के अभिमत हेतु नस्‍ती भेजी गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कुण्‍डालियां परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

6. ( क्र. 172 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले की कुण्‍डालियां परियोजना को एक प्रस्‍ताव जो कि प्रशासकीय स्‍वीकृति के पूर्व तैयार किया गया था, में सिंचाई हेतु किस-किस तहसील से कौन-कौन से ग्रामों को सिंचित किये जाने के लिए प्रस्‍तावित किया गया था? तहसीलवार, ग्रामवार सिंचाई हेतु प्रस्‍तावित रकवे की जानकारी देवें। (ख) क्‍या कुण्‍डालियां परियोजना के प्रशासकीय स्‍वीकृति उपरांत किस-किस तहसील के कौन-कौन से ग्रामों को सिंचित किये जाने हेतु कितने-कितने रकवा को सम्मिलित किया गया है? तहसीलवार, ग्रामवार प्रस्‍तावित रकवे की जानकारी से अवगत करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभिन्न विकल्पों पर विचारोपरांत प्रशासकीय स्वीकृति के लिए प्रथम दृष्टया बनाए गए प्रथम स्तरीय प्राक्कलन में लगभग 423 ग्रामों की 1, 12, 400 हेक्टेयर सैंच्‍य क्षेत्र को प्रस्तावित किया गया था। तहसीलवार, ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) निर्माण एजेन्सी द्वारा किए गए विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत परियोजना में उपलब्‍ध जल का समुचित उपयोग करने के लिए प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली के द्वारा 407 ग्रामों की 1, 39, 600 हेक्टर सैंच्य क्षेत्र निर्धारित किया गया है। तहसीलवार, ग्रामवार रकवे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है।

विकासखण्ड जवा स्थित वन्य ग्रामों में हैण्डपंप खनन

[वन]

7. ( क्र. 234 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) विकासखण्ड जवा जिला रीवा स्थित ऐसे कितने वन ग्राम हैं जो वन भूमि पर हैं? विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या वन ग्रामों में निवासरत परिवारों को पेयजल हेतु हैण्डपंप खनन हेतु वन विभाग से अनापत्ति प्राप्त करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो विकासखण्ड जवा अंतर्गत कुल ऐसे कितने ग्रामों में हैण्डपंप खनन हेतु अनापत्ति आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं? ग्राम पंचायत सोहावल खुर्द के गढ़वई वन्य ग्राम में हैण्डपंप खनन हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र कब तक जारी कर दिया जावेगा?                                   (ग) क्या वन विभाग द्वारा वन ग्रामों में निवासरत परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने संबंधी कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करावें, यदि नहीं तो क्या विभाग के द्वारा पेयजल समस्या निवारण हेतु कोई योजना वनग्राम वासियों हेतु बनाई जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) वनमण्‍डल रीवा अंतर्गत वनग्राम नहीं होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। विकासखण्‍ड जवा के अंतर्गत परिक्षेत्र डभौरा बीट दर्रहा, कक्ष क्रमाक 237 में 03 व्‍यक्तिगत आवेदन हैण्‍डपम्‍प खनन हेतु प्राप्‍त हुए जो ग्राम गढ़वई वनक्षेत्र से संबंधित है। आवेदन व्‍यक्तिगत एवं मध्‍यप्रदेश शासन वन विभाग के आदेश दिनांक 29.05.2009 अनुसार निर्धारित प्रारूप में नहीं होने के कारण वापिस किए गए। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत ग्राम पंचायत द्वारा अनुसूचित जनजाति एवं अन्‍य परम्‍परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्‍यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3 (2) में दिए गए प्रावधान अनुसार बिन्‍दु क्रमांक (छ) में पेयजल की आपूर्ति एवं जल पाइप लाइनों के कार्य हेतु ग्राम पंचायत का प्रस्‍ताव एवं निर्धारित प्रारूप (क) के साथ विधिवत आवेदन प्राप्‍त होने पर अनुमति दी जा सकती है।

गरीब वर्ग को पट्टा प्रदान किए जाना

[राजस्व]

8. ( क्र. 252 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या परासिया विधानसभा क्षेत्र में चार नगरीय निकाय परासिया, चांदामेटा, न्यूटनचिखली, बड़कुही है इसी प्रकार लगभग 26 ग्राम पंचायतें है जहां पर अधिकांश लोग वेस्टर्न कोल्डफील्ड लिमिटेड की लीज की भूमि पर पिछले 60 वर्षों से मकान बनाकर निवास कर रहे है वर्तमान में क्षेत्र की अधिकतर कोयला खदानें बन्द हो चुकी है? तथा आज भी जमीन का बहुत बड़ा हिस्सा वेकोलि की लीज भूमि के अन्तर्गत आता है, बहुत सारी वेकोलि खसरे की भूमि खाली पड़ी है, जिस वेकोलि की भूमि की लीज समाप्त करते हुए, यदि राज्य सरकार वेकोलि की जमीन को हस्तांतरण कर, अपने कब्जे में लेकर, गरीब जनता को पट्टा प्रदान करती है तो निश्चित ही परिवारों को शासन द्वारा संचालित आवास व अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा। उक्‍त संबंध में सरकार द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी? और पट्टा प्रदान कर दिया जायेगा? (ख) उपरोक्त संबंध मे प्रश्‍नकर्ता द्वारा शीतकालीन विधानसभा का नवम सत्र अगस्त 2021 में ध्यान आकर्षण लगाकर कार्यवाही हेतु लेख किया गया था उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया में 04 नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत वेस्‍टर्न कोल्‍डफील्‍ड लिमिटेड (W.C.L) की लीज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है एवं ग्रामीण क्षेत्र में लीज एरिया की जानकारी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। सभी लीज 1973 के पूर्व स्‍वीकृत हुई थी जिसकी अवधि 31/10/2005 को समाप्‍त हो चुकी है। लीज नं. 06 एवं 14 का नवीनीकरण 01/11/2013 को 20 वर्ष के लिये हुआ है। वेस्‍टर्न कोल्‍डफील्‍ड लिमिटेड (W.C.L) पेंच क्षेत्र के खनन पट्टे के नवीनीकरण हेतु केन्‍द्र सरकार द्वारा दी गई पूर्व अनुमति में संबंधित अण्‍डर सेक्रेटरी खनिज संसाधन विभाग म.प्र. को दिनांक 26/27 फरवरी 2018 को प्रेषित है, जो कि खनन पट्टों की समयावधि बढ़ाये जाने से संबंधित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा शीतकालीन विधानसभा का नवम सत्र अगस्‍त 2021 में ध्‍यानाकर्षण सूचना क्रमांक 365 द्वारा भी प्रश्नाधीन भूमि केन्‍द्र शासन वेस्‍टर्न कोलफील्‍ड लिमिटेड W.C.L प्रबंधन के अधीन होने के कारण शासन की योजना के अंतर्गत जिला स्‍तर से भूमि के पट्टा प्रदाय किया जाना विधिसंगत नहीं है।

परिशिष्ट - "सात"

जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की जानकारी

[खनिज साधन]

9. ( क्र. 253 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में खनिज प्रतिष्ठान मद में पिछले दो वर्षों में कितनी राशि किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुई है, और जमा राशि का उपयोग किन-किन कार्यों के लिए किया गया है? कितनी राशि वर्तमान में शेष जमा है? प्रत्येक विधानसभावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।                                                                     (ख) पिछले दो वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में जमा राशि का उपयोग क्या शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा पर किया गया है, अगर नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है? कारण सहित बतावें? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति खनिज प्रतिष्ठान मद से प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा श्रीमान जिलाध्यक्ष छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/02 दिनांक 01.01.2021 एवं अनुस्मरण पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2021/91 दिनांक 02.02.2021 तथा अनुस्मरण पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2021/03 दिनांक 01.01.2021 और अनुस्मरण पत्र 01 क्र.वि.स./परासिया/127/ 2021/90 दिनांक 02.02.2021 प्रेषित किए जा चुके है। जिन पत्रों पर स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? पत्र में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में मुख्‍य खनिजों एवं गौण खनिजों के पट्टाधारियों के माध्‍यम से राशि रूपये 22, 13, 16, 073/- (रूपये बाईस करोड़ तेरह लाख सोलह हजार तिहत्‍तर मात्र) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में प्राप्‍त हुई है। प्रश्‍नाधीन अवधि में इस मद से कोई कार्य स्‍वीकृत नहीं हुआ है। अत: प्राप्‍त संपूर्ण राशि शेष जमा है। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में प्राप्‍त राशि जिले के एक खाते में जमा होती है। विधानसभावार राशि जमा होने का प्रावधान नहीं है। (ख) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में प्राप्‍त राशि के उपयोग के संबंध में मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 में समय सीमा निर्धारित नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्रों में वर्णित कार्यों को वर्ष 2021-22 की कार्य योजना में सम्मिलित किया गया है। मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 संशोधन दिनांक 09/11/2020 के नियम 7 (2) (छ) अनुसार वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन न्‍यास मंडल से प्राप्‍त किये जाने के पश्‍चात् राज्‍य शासन का अनुमोदन प्राप्‍त किये जाने के उपरांत जिला खनिज प्रतिष्‍ठान अंतर्गत कार्य किये जाएंगे, प्राव‍धानित है। उक्‍त प्रावधान की पूर्ति होने के पश्‍चात् निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार स्‍वीकृति की कार्यवाही की जाती है।

डिस्ट्रिक मिनरल फण्ड की राशि का व्‍यय

[खनिज साधन]

10. ( क्र. 261 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किभिण्ड जिले में वर्ष 2021 में डिस्ट्रिक मिनरल फण्ड में कितनी राशि आयी है? उक्त राशि को                      किन-किन विकास कार्यों में व्यय किया गया है? एवं ग्राम विकास फण्ड में कितनी राशि जमा है उक्त राशि को कहाँ-कहाँ व्यय किया गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : भिण्‍ड जिले में वर्ष 2021 में डिस्ट्रिक मिनरल फण्‍ड में 1, 67, 39, 612/- राशि आयी है। उक्‍त राशि किसी भी विकास कार्य में व्‍यय नहीं की गई है। ग्राम विकास फण्‍ड में जमा किये जाने के खनिज नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध रेत वाहनों को बिना कलेक्टर के आदेश के वाहन मुक्त कराना

[खनिज साधन]

11. ( क्र. 262 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) तात्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी के द्वारा खनिज विभाग भिण्ड में कार्यवाही की गई थी जिस कार्यवाही में खनिज निरीक्षक संदेश पिपरौलिया एवं सर्वेयर विजय चक्रवर्ती के द्वारा अवैध रेत वाहनों के 140 प्रकरणों में बिना कलेक्टर के आदेश से वाहनों को मुक्त कर दिया गया था? इन कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? उक्त वाहनों के प्रकरणों की जांच करवाई गई यदि हाँ, तो संबंधित कर्मचारियों पर राजस्व की वसूली की कार्यवाही की गई? उक्त 140 प्रकरणों की वसूली का विवरण देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ, तत्‍कालीन कलेक्‍टर इलैया राजा टी द्वारा खनिज विभाग भिण्‍ड में कार्यवाही की गई थी। जांच कार्यवाही में तत्‍कालीन खनि निरीक्षक संदेश पिपरौलिया नहीं अपितु श्री संदेश पिपलोदिया एवं सर्वेयर श्री विजय चक्रवर्ती के द्वारा अवैध रेत नहीं अपितु रेत, गिट्टी, मुरूम आदि वाहनों के 140 प्रकरणों में बिना कलेक्‍टर के आदेश से वाहनों को मुक्‍त करने पर श्री विजय कुमार चक्रवर्ती को दिनांक 02/06/2017 को निलंबित किया गया था तथा दोनो कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच दिनांक 07/09/2017 को संस्थित की गई। जिसमें कलेक्‍टर के आदेश दिनांक 27/08/2021 द्वारा श्री विजय कुमार चक्रवर्ती की एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति से दण्डित किया जाकर विभागीय जांच समाप्‍त कर दी गई है तथा श्री संदेश पिपलोदिया खनि निरीक्षक पर विभागीय जांच विचाराधीन है। कार्यालय कलेक्‍टर (विभागीय जांच शाखा) जिला भिण्‍ड का पत्र क्रमांक 2723 दिनांक 12/03/2021 द्वारा आयुक्‍त चंबल संभाग मुरैना की ओर जांच प्रतिवेदन भेजा गया है। जांच पूर्णोपरांत आदेशानुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। जिले से प्राप्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है।

सिटी बस सेवा संचालक की बसों के पंजीयन

[परिवहन]

12. ( क्र. 264 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में अमृत योजना के अंतर्गत सिटी बस सेवा लागू है? सिटी बस सेवा ठेकेदार धर्मेन्द्र ट्रेवल्स प्रा. लि. के संचालक की 8 बसों की फिटनेस एवं पंजीयन दस्तावेजों की जांच की गई? सत्यापन प्रति देवें। क्या उक्त बसों के पंजीयन दस्तावेज फर्जी पाये गये यदि हाँ, तो उक्त सूत्र सेवा संचालक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त 8 बसों पर दो साल (2018 से 2020 तक) का टैक्स बकाया है क्या संचालक द्वारा उक्त बसों का टैक्स भरा गया? यदि नहीं तो क्यों? टैक्स चोरी उपरांत संचालक पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या धर्मेन्द्र ट्रेवल्स संचालक पर शासन का परिवहन राजस्व बकाया है? यदि हाँ, तो अब तक इसकी रिकवरी की गई है? यदि नहीं की गई तो क्यों? क्या शासन के नियम में जिस संचालक पर परिवहन राजस्व बकाया होता है उसे परमिट देने के आदेश हैं यदि नहीं तो धर्मेन्द्र ट्रेवल्स संचालक पर वर्तमान में 4 गाड़ियों के परमिट जारी किए हुए है? वह किस नियम और कानून के तहत दिए गए विवरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ।  जी हाँ।  जिला परिवहन अधिकारी भिण्ड द्वारा धर्मेन्द्र ट्रेवल्स प्रा. लि. के संचालक की 8 बसों की फिटनेस एवं पंजीयन दस्तावेजों की जांच की गई। सत्यापन प्रति पुस्ताकलय में रखे परिशिष्ट ‘‘‘‘ अनुसार है। जिला परिवहन अधिकारी भिण्ड के आदेश क्रमांक 160/21 दिनांक 22.07.2021 के द्वारा 8 बसों के पंजीयन निरस्त किये गये हैं। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘‘‘ अनुसार है। सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, चम्बल संभाग मुरैना के आदेश दिनांक 23.07.2021 के द्वारा धर्मेन्द्र ट्रेवल्स प्रा.लि. भिण्ड को जारी 10 स्थाई परमिटों में से 6 परमिटों को मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 86 के अन्तर्गत निरस्त कर दिया गया है, जिनका जिला परिवहन अधिकारी, भिण्ड के उक्त आदेश से पंजीयन निरस्त किया गया था पंजीयन निरस्त की गई अन्य दो बसों पर कोई स्थाई परमिट नहीं दिया गया था। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘‘‘ अनुसार है। (ख) उक्त 08 बसों पर पंजीयन दिनांक 19.03.2020 से पंजीयन निरस्ति दिनांक 22.07.2021 तक नियमानुसार मोटरयान कर जमा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ‘‘’’ अनुसार मोटरयान कर जमा है। वाहन पर परिवहन राजस्व बकाया न होने पर ही वाहन को परमिट जारी किया जाता है। धर्मेन्द्र ट्रेवल्‍स के संचालक को वर्तमान में चार बसों के स्थाई परमिट मोटरयान अधिनियम एवं नियमों के तहत जारी हुए हैं।

विवाह सहायता राशि का भुगतान

[श्रम]

13. ( क्र. 277 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल में पंजीकृत महिला श्रमिक तथा पंजीकृत श्रमिक की पुत्री के विवाह में विवाह सहायता राशि भुगतान हेतु शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश है तथा कितने दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण हो जाना चाहिए? (ख) कोरोना काल में मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल में पंजीकृत महिला श्रमिक तथा पंजीकृत श्रमिक की पुत्री के विवाह में विवाह सहायता राशि भुगतान में एस.डी.एम. की अनुमति की, विभाग द्वारा निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति देवें। (ग) क्‍या यह सत्‍य है कि रायसेन जिले में विभाग के स्‍पष्‍ट मार्गदर्शन के बाद भी पद विहित अधिकारियों द्वारा कर्मकार मण्‍डल में पंजीकृत श्रमिक की पुत्रियों के विवाह सहायता राशि के प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? (घ) विवाह सहायता राशि का भुगतान कब तक होगा? यदि नहीं तो क्‍यों तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा लोक सेवा गांरटी अधिनियम की सेवा क्रमांक 2.2 के अंतर्गत विवाह सहायता योजना अधिसूचित की गई है। विवाह सहायता योजनांतर्गत पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक के विवाह तथा एक बार पुर्नविवाह तथा पंजीकृत निर्माण श्रमिक की दो पुत्रियों जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो, विवाह होने पर राशि रूपये 51000/-दिए जाने का प्रावधान है। विवाह आयोजन में हुआ हो तो आयोजक को राशि रूपये 2000 तथा हिताधिकारी को राशि रूपये 49000 दिए जाने का प्रावधान है। योजनांतर्गत प्राप्‍त आवेदन में कार्यवाही करने की समय-सीमा 30 दिवस निर्धारित है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल में पंजीकृत महिला श्रमिक तथा पंजीकृत श्रमिक की पुत्री के विवाह उपरांत विवाह सहायता राशि भुगतान में एस.डी.एम. की अनुमति के संबंध में कोई निर्देश जारी न‍हीं किए गए है। (ग) श्रम पदाधिकारी, जिला रायसेन द्वारा प्रेषित पत्रानुसार रायसेन जिले में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत प्राप्‍त विवाह सहायता प्रकरणों पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। तथा कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

सम्‍मान निधि का भुगतान

[राजस्व]

14. ( क्र. 278 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि की राशि मिल रही है? तहसीलवार संख्‍या बतायें तथा कितने किसानों को मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि मिल रही है? तहसीलवार संख्‍या बतायें अंतर का क्‍या कारण है तथा अंतर के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? (ख) रायसेन जिले में कितने वनभूमि के पट्टा‍धारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि तथा मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि मिल रही है तथा कितने वनभूमि के पट्टाधारियों को राशि क्‍यों नहीं मिल रही है तथा उनको कब तक राशि मिलेगी? (ग) 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र जिले के अधिकारियों को कब-कब मिले तथा उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) विधायकों के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ तथा कब तक निराकरण होगा एवं पत्रों के जवाब कब तक दिये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट ‘अनुसार है। मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के अंतर्गत सत्‍यापन हेतु कृषकगणों के मोबाइल एप के माध्‍यम से फोटो दर्ज करने की अनिवार्यता है। कुछ कृषकगणों के जिले से बाहर निवासरत होने के कारण उनका प्रत्‍यक्ष में फोटो दर्ज कर सत्‍यापन में कठिनाई आने से अंतर है। कृषकगणों के ग्राम में उपस्थित होने पर उनका तुरंत सत्‍यापन किये जाने हेतु संबंधित पटवारियों को निर्देशित किया गया है। (ख) रायसेन जिले में 6111 वनभूमि पट्धारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि मिल रही है। कुछ पट्धारियों से आवश्‍यक दस्‍तावेज उपलब्‍ध नहीं होने के कारण उन्‍हें योजना का लाभ मिलने में कठिनाई हो रही है। जैसे-जैसे उनके द्वारा दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराए जाते हैं उनका पंजीयन योजना के लाभ हेतु किया जाता है।               (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट ‘अनुसार है। प्राप्‍त पत्रों पर कार्यवाही हेतु संबंधित राजस्‍व अधिकारियों को पत्र प्रेषित किए गए हैं। (घ) माननीय मंत्री जी एवं विधायकों के पत्रों में कतिपय कृषकगणों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना का लाभ नहीं मिलने इत्‍यादि का उल्‍लेख होने से आवश्‍यक कार्यवाही की जाकर संबंधित कृषकों को योजना का लाभ दी जाने की कार्यवाही प्रचलित है। पत्रों के शीघ्र जवाब देने हेतु संबंधितों को निर्देश दिए गए हैं।

परिशिष्ट - "आठ"

संबल योजना में पंजीकृत व्‍यक्ति

[श्रम]

15. ( क्र. 344 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना में पंजीकृत व्‍यक्ति तथा उनके परिजनों को क्‍या-क्‍या सुविधायें मिलती हैं तथा इस संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश है? पूर्ण विवरण दें। (ख) नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना में कितने व्‍यक्तियों का पंजीयन है? शहरी क्षेत्र में वार्डवार तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतवार संख्‍या बताये। (ग) क्‍या पोर्टल बंद होने के कारण संबल योजना में पात्र व्‍यक्तियों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा पोर्टल कब तक चालू होगा? (घ) नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन के राशि भुगतान के प्रकरण कब से किस स्‍तर पर क्‍यों लंबित हैं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत श्रमिक एवं उनके परिजनों को अंत्येष्टि सहायता तथा अनुग्रह सहायता, शिक्षा सहायता का लाभ प्रदाय किया जाता है योजनाओं की जानकारी निम्नानुसार है:-

 

क्र.

योजना का नाम

सहायता राशि

1

अन्‍त्‍येष्टि सहायता

5000

2

अनुग्रह सहायता (सामान्‍य मृत्‍यु)

200000

3

अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्‍यु)

400000

4

अनुग्रह सहायता (स्‍थाई अपंगता )

200000

5

अनुग्रह सहायता (अस्‍थाई अपंगता)

100000

शासन के निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- क अनुसार है। (ख) नवम्बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत 233279 पात्र श्रमिकों का पंजीयन है। जनपद पंचायतवार/ निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ख अनुसार है। (ग) जी नहीं, पोर्टल बन्द नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।                 (घ) नवम्बर 2021 की स्थिति में 91 प्रकरणों में सहायता राशि का भुगतान लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ग अनुसार है। पर्याप्‍त बजट उपलब्‍धता पर भुगतान किया जा सकेगा।

कर्मकार मंडल में लंबित प्रकरण

[श्रम]

16. ( क्र. 345 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल में पंजीकृत व्‍यक्ति तथा उनके परिजनों को क्या-क्‍या सुविधायें मिलती हैं तथा इस संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं? (ख) नवम्‍बर, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल में कितने व्‍यक्तियों का पंजीयन है? शहरी क्षेत्र में वार्डवार तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतवार संख्‍या बतायें। (ग) क्‍या पोर्टल बंद होने तथा पोर्टल की गति धीमी होने के कारण से पात्र व्‍यक्तियों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा पोर्टल कब तक ठीक ढंग से चालू होगा? (घ) नवम्‍बर, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन के राशि भुगतान के प्रकरण कब से किस स्‍तर पर क्‍यों लंबित हैं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा? विलंब के लिए कौन-कौन दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सामाजि‍क सुरक्षा प्रदान करने हेतु 19 कल्‍याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है। जिसमें से वर्तमान में 17 प्रचलन में है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) नवम्‍बर 2021 की स्थिति में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत रायसेन जिलें में कुल 26, 358 श्रमिक पंजीकृत है। जनपद पंचायतवार/ निकायवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) श्रम सेवा पोर्टल पंजीयन तथा हितलाभ वितरण हेतु कभी बंद नहीं रहा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) रायसेन जिले के पूर्ण व विधिमान्‍य प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

जल संसाधन विभाग के निर्माण कार्य

[जल संसाधन]

17. ( क्र. 355 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन विभाग द्वारा विदिशा जिले में वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 में निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये है? यदि हाँ, तो इन चार सालों में कौन-कौन से निर्माण कार्य                 कहाँ-कहाँ कितनी लागत के स्‍वीकृत हुये है? (ख) क्‍या इन स्‍वीकृत निर्माण कार्यों के टेण्‍डर होकर निर्माण कार्य प्रारम्‍भ हो चुके है? यदि नहीं तो प्रत्‍येक का कारण एवं वर्तमान स्थिति बतावें?                    (ग) क्‍या विकासखण्‍ड बासौदा अन्‍तर्गत केवटन नदी पर स्‍वीकृत केशरी बैराज का निर्माण कार्य चालू वित्‍तीय वर्ष से प्रारम्‍भ किया जा रहा है यदि हाँ, तो निश्चित समय बतावें यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से निर्माण के लिए निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "नौ"

प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही

[राजस्व]

18. ( क्र. 364 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) फरवरी 2020 से अक्‍टूबर 2021 तक प्रमुख सचिव, राजस्‍व को प्रश्‍नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र किस-किस दिनांक को प्राप्‍त हुए? प्रत्‍येक पत्र का क्रमांक, दिनांक एवं विषय की जानकारी दें।                 (ख) इसी अवधि में प्रश्‍नकर्ता के पत्रों के संबंध में कार्यवाही हेतु मुख्‍य सचिव कार्यालय से प्रमुख सचिव, राजस्‍व को लिखे गये पत्र किन-किन दिनांक को किस पत्र क्रमांक से पत्र प्राप्‍त हुए? प्रत्‍येक की जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नकर्ता एवं मुख्‍य सचिव कार्यालय से प्राप्‍त किन पत्रों के किन बिन्‍दुओं पर जांच की गई, किन बिन्‍दुओं पर जांच नहीं की गई? प्रत्‍येक की पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) जिन बिन्‍दुओं पर जांच पूरी हो गई, उनमें जांच से प्राप्‍त तथ्‍यों, निष्‍कर्षों एवं इस आधार पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें। (ड.) प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर मुख्‍य सचिव कार्यालय से जावक क्र.4759/मु.स./2021 दिनांक 28.06.2021 के संबंध में प्रमुख सचिव राजस्‍व द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मा.विधायक महोदय द्वारा विभाग को प्रस्‍तुत आवेदन पत्र क्रमांक वि./हो.क्र. 722, 850, 884 दिनांक 05/06/2020, 21/07/2020, 05/08/2020 क्रमश: 22.07.2020 10.08.2020, 14.08.2020 एवं पत्र क्रमांक 1747, 1803, 1853, 2602, दिनांक 07/06/2021, 24/06/2021, 07/07/2021, 07/09/2021 क्रमश: 02.07.2021, 13.07.2021, 02.08.2021, 27.09.2021 को प्राप्‍त हुए है। (ख) मुख्‍य सचिव कार्यालय से प्राप्‍त पत्र दिनांक 12/03/2020 के साथ मा.विधायक महोदय के पत्र दिनांक 20/02/2020, 13.03.2020 को एवं 02/07/2021 के साथ आपके पत्र दिनाक 24/06/2020, दिनांक 08.07.2021 को पत्र प्राप्‍त हुए। (ग) विभागीय पत्र दिनांक 19/06/2020 एवं स्‍मरण पत्र दिनांक 13/07/2020 द्वारा कलेक्‍टर जिला होशगांबाद को उल्‍लेखित तथ्‍यों का परीक्षण कर तथ्‍यात्‍मक प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराने हेतु लिखा गया। एवं दिनांक 21/08/2020 को पुन: कलेक्‍टर होशंगाबाद को स्‍मरण कराया गया है। कलेक्‍टर जिला होशगांबाद ने अपने पत्र दिनांक 13/01/2021 द्वारा जानकारी प्रेषित की गई जिसे विभागीय पत्र क्रमांक 685/1242/2021/सात-2 दिनांक 07/04/2021 द्वारा साथ ही भेजा गया है। एवं विभागीय पत्र दिनांक 23/07/2021 द्वारा प्रमुख सचिव, मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग (कार्मिक) मंत्रालय भोपाल को पत्र में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं/तथ्‍यों का परीक्षण कर प्रकरण में यथोचित कार्यवाही हेतु भेजा गया है। (घ) कलेक्‍टर जिला होशगांबाद ने अपने पत्र दिनांक 13/01/2021 द्वारा जानकारी प्रेषित की गई जिसे विभागीय पत्र क्रमांक 685/1242/2021/सात-2 दिनांक 07/04/2021 द्वारा मा.विधायक महोदय को भेजा गया है। एवं विभागीय पत्र दिनांक 23/07/2021 द्वारा प्रमुख सचिव, मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग (कार्मिक) मंत्रालय भोपाल को पत्र में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं/तथ्‍यों का परीक्षण कर प्रकरण में यथोचित कार्यवाही हेतु भेजा गया (ड.) मुख्‍य सचिव कार्यालय से प्राप्‍त पत्र क्रमांक 4759/सीएस दिनांक 02/07/2021 के साथ आपके पत्र दिनांक 24/06/2020 के संबंध में दिनांक 21/10/2021 द्वारा पुन: स्‍मरण पत्र प्रमुख सचिव, मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग (कार्मिक) मंत्रालय भोपाल को भेजा गया है।

समय-सीमा में नामांतरण किया जाना

[राजस्व]

19. ( क्र. 365 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) विवादित और अविवादित नामांतरण हेतु निर्धारित समय-सीमा का विवरण बतावें कि नामांतरण ऑनलाइन किए जाना है या ऑफलाइन या दोनों किए जा सकते है। इस संबंध में दिशा निर्देश क्‍या है? (ख) इटारसी तहसील में नामांतरण के कितने प्रकरण नवम्‍बर 2021 की स्थिति में लंबित है इनमें कितने विवादित है एवं कितने अविवादित है। (ग) अविवादित/विवादित नामांतरण विगत कितने समय से लंबित है। अविवादित प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों में कितनी-कितनी पेशी हो चुकी है। (घ) क्‍या इटारसी में एक नियत समय-सीमा में नामांतरण किए जाने हेतु निर्देशित किया जावेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विवादित नामांतरण हेतु 05 माह एवं अविवादित नामातंरण हेतु 30 दिवस की समय-सीमा निर्धारित की गई है। वर्तमान मे नामांतरण आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से आनलाईन किये जा रहे है। ऑफलाईन नहीं किये जा रहे है। अधिनियम की प्रति संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) इटारसी तहसील मे नामांतरण के 379 प्रकरण नवम्बर 2021 की स्थिति मे लंबित है। इनमे सें 09 विवादित एवं 370 अविवादित है। (ग) अविवादित नामांतरण के 07 प्रकरणों को छोड़कर शेष सभी प्रकरण समयावधि के भीतर की अवधि से लंबित है। विवादित नामांतरण के सभी प्रकरण 06 माह से कम अवधि से लंबित है। अविवादित नामांतरण मे एक-एक, दो-दो पेशियां हो चुकी है। (घ) म.प्र. भू-राजस्‍व सहिंता 1959 यथा संशोधित वर्ष 2018 की धारा 110 (4) तथा 110 (7) में नामान्‍तरण मामलों की समय-सीमा निर्धारित की गई है।

परिशिष्ट - "दस"

नीलगाय से फसल नुकसान का मुआवजा का प्रदाय

[वन]

20. ( क्र. 378 ) श्री मनोज चावला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3569 दिनांक 08/03/2021 के प्रेषित उत्तर के बिंदु (ड.) में कहा गया है, कि फसल नुकसान करने वाली नीलगाय को मारने का प्रावधान है मध्य प्रदेश के कितने जिलों में नीलगाय को मारने की अनुमति सक्षम व जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कृषक के आवेदन पर दी गई है? (ख) प्रदेश के विभिन्न जिलों में कितनी नीलगायों को नियमानुसार अनुमति लेकर मारा गया है? जिलेवार सूची देवें। (ग) प्रदेश के कितने जिलों में नीलगाय से खेतो में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए संबंधित हितग्राही को शासन से मुआवजा दिया गया है। जिलेवार कृषकों को दिये गये मुआवजे वितरण की जानकारी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्‍यप्रदेश के किसी भी जिले में नीलगाय मारने की अनुमति अधिकृत स्‍तर से जारी नहीं की गई है। (ख) नीलगाय मारने की अनुमति जारी नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

सम्‍पत्ति एवं भूमि का रजिस्‍ट्रेशन

[राजस्व]

21. ( क्र. 395 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि किसी सम्‍पत्त्ति या भूमि पर एक से अधिक लोगों के नाम दर्ज हैं जिनका आपस में खून का संबंध नहीं हैं, क्‍या उस सम्‍पत्ति का बिना किसी रजिस्‍ट्रेशन के किसी एक खातेदार या अन्‍य के नाम पर आना संभव हैं? (ख) जिला होशंगाबाद की तहसील पिपरिया एवं बनखेड़ी में प्रश्नांश (क) अनुसार कोई सम्‍पत्ति या भूमि रिकार्ड में दर्ज की गयी हैं? (ग) प्रश्‍नांश का उत्‍तर यदि हाँ, तो किस नियम के तहत वर्ष 1990 से लेकर आज दिनांक तक कितनी सम्‍पत्तियां या भूमि ब्‍लड रिलेशन न होने पर भी बिना किसी रजिस्‍ट्रेशन के दर्ज की गयी है विवरण सहित सूची बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश के अनुसार राजस्व अभिलेखों में भूमि पर एक से अधिक व्यक्तियों के नाम सम्मिलित दर्ज, जिनका आपस में खून का सबंध नहीं है। उक्त भूमि का पंजीकृत अंतरण दस्‍तावेज करने के उपरान्त एक खातेदार अथवा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 के अन्तर्गत विधि पूर्वक हित अर्जन किया जाने उपरांत नाम आना संभव है। (ख) प्रश्नांश के अनुसार भूमि अंतरण नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश निरंक होने के कारण प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।

 

प्रदेश में आरक्षित गौचर भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

22. ( क्र. 435 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के इंदौर संभाग में राजस्व अभिलेख अनुसार कितनी-कितनी भूमि जिलेवार गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है? (ख) क्या यह सही है कि उक्त आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर लिया है? यदि हाँ, तो? (ग) क्या यह सही है कि अतिक्रमण के कारण चरनोई की जगह सीमित होने से गौवंश को चारा नहीं मिल पाता है? जिसके कारण गौवंश गांव शहर की गलीयों में कचरा कुड़ा एवं प्लास्टिक खाने पर मजबूर है? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में गौचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिये अभियान चलाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, गौचर भूमि अतिक्रमण मुक्त हो जाएगी? (ङ) क्या इंदौर संभाग के जिलों में नवीन गौशालाएँ स्वीकृत की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश के इन्‍दौर संभाग में राजस्‍व अभिलेख अनुसार रकबा 12496.736 हेक्‍टेयर भूमि जिलेवार गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला झाबुआ में म.प्र.भू-राजस्‍व संहिता के प्रावधान अनुसार 2 प्रतिशत चरनोई भूमि आरक्षित रखी गई हैं। धार जिले में राजस्व अभिलेख अनुसार 24542.2011 हेक्टेयर भूमि गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला खरगोन में राजस्‍व अभिलेख अनुसार गोचर हेतु 33230 हेक्‍टर शासकीय भूमि आरक्षित रखी गई है। जिला खंडवा में राजस्व अभिलेख अनुसार 30039 हेक्टयर भूमि गोचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला बड़वानी अन्‍तर्गत कुल 8887 हेक्‍टर भूमि राजस्व अभिलेख अनुसार गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला बुरहानपुर अंतर्गत 6608.34 हे. भूमि गोचर हेतु आरक्षित रखी गई है। जिला अलीराजपुर में राजस्व अभिलेख अनुसार 3460 हेक्‍टेयर (खातें की भूमि का 2 प्रतिशत) भूमि गौचर हेतु आरक्षित रखी गई है। (ख) उक्‍त आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्‍जा किया जाने पर तत्‍काल अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है, एवं शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त किया जाता है। जिला झाबुआ- जी नहीं। आरक्षित गौचर भूमि सुरक्षित नहीं। जिला धार- धार जिले में आरक्षित भूमि पर वर्तमान में कोई अतिक्रमण नहीं है। जिला खरगोन- जिला खरगोन में उक्‍त आरक्षित भूमि के आंशिक भाग पर अतिक्रमण होने की स्थिति में विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। जिला खण्‍डवा- जिले में उक्त आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा नहीं किया गया है। जिला बड़वानी- नहीं। आरक्षित भूमि सुरक्षित है। जिला बुरहानपुर- जिला बुरहानपुर में आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमण नहीं है। जिला-अलीराजपुर-जिले में गौचर हेतु आरक्षित रखी गई भूमि पर अतिक्रमण की सूचना प्राप्‍त होने पर म.प्र.भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर विधिवत बेदखली आदेश पारित कर भूमि अतिक्रमण मुक्‍त करायी जाती है। (ग) गोवंश की कचरा कुड़ा एवं प्‍लास्टिक खाने की शिकायत प्राप्‍त नहीं होने पर जानकारी निरंक है। जिला झाबुआ- पशुओं के लिए चारा पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध है। गावों में मक्‍का, ज्‍वार, सोयाबीन, गेहूँ, चने का भूसा पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध होने से पशुओ को प्‍लास्टिक खाने जैसी स्थिति निर्मित नहीं है। जिला धार- प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी निरंक। जिला खरगोन- खरगोन जिले की जानकारी निरंक है। जिला खण्‍डवा- जिले की जानकारी निरंक है। जिला बड़वानी- उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में लागू नहीं। जिला बुरहानपुर-जिला बुरहानपुर में आरक्षित भूमि के अधिकांश भाग पर अतिक्रमण नहीं होने से गौवंश के लिए चार की पूर्ति हो रही है। जिला अलीराजपुर - जिले में गौवंश हेतु पर्याप्‍त चारा उपलब्‍ध होने से जानकारी निरंक हैं। (घ) गौचर भूमि पर अतिक्रमण संज्ञान में आने पर, म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 248 के अनुसार कार्यवाही की जाती है, जो एक स्‍तत प्रक्रिया है। (ड.) इंदौर संभाग के सभी जिलों में वर्तमान में निराश्रित पशुओं के अनुसार गौशालाएं संचालित हो रही है। जिलों से मांग प्राप्‍त होने पर नवीन गौशाला हेतु विचार किया जावेगा।

खण्डवा जिले में शासकीय लीज भूमि का दुरुपयोग

[राजस्व]

23. ( क्र. 440 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) खण्डवा जिला मुख्यालय पर कितने व्यक्ति / संस्थाओं को किन प्रयोजन हेतु कितनी भूमि लीज पर कितने वर्षों के लिये आवंटित की गई है? (ख) क्या उक्त भूमि पर प्रथम लीज आवंटन आदेश के प्रयोजन अनुसार व्यक्ति / संस्था द्वारा उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं तो जिले में किन-किन भूमि का प्रयोजन परिवर्तन करने के आदेश जारी किये गये है? (ग) क्या यह सही है कि चंद पैसों की लीज पर ली गई शासकीय करोड़ों अरबो रु. की भूमि का मद परिर्वतन कराकर नगर में कालोनी का अवैध व्यवसाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो लीज भूमि पर कितनी अवैध कॉलोनियाँ काटी गई है? (घ) क्या यह शासकीय भूमि को भू-माफियाओं के हाथों नीलाम करने का षड़यन्त्र है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश सरकार ऐसी समस्त लीज भूमि जिसका उपयोग प्रथम आवंटन आदेश अऩुसार नहीं हो रहा है? उक्त भूमि को वापस शासकीय मद में लेने पर विचार करेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खंडवा शहर के अंतर्गत 04 व्यक्तियों एवं 27 संस्थाओं को संलग्न परिशिष्ट अनुसार अवधि के लिए भूमि लीज पर दी गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्‍नांश एवं के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

रेत अवैध खनन एवं परिवहन

[खनिज साधन]

24. ( क्र. 464 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) भिण्ड जिले में पॉवरमेक कम्पनी के द्वारा रेत खदानों को माह जुलाई 2021 में सरेंडर कर दी गई है। तदोपरांत आज दिनांक तक जिले में रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किया गया है यदि हाँ, तो उक्त अवैध खनन एवं परिवहन पर खनिज विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) भिण्ड जिले में फूप पर टोल प्लाजा स्थापित है उक्त टोल से माह जुलाई 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी रेत की गाड़ियों का आवागमन हुआ है? टोल प्लाजा पर पुलिस विभाग द्वारा अवैध रेत गाड़ियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) भिण्ड जिले में अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए कितने नाके /शासकीय नाके लगाये हैं और कहाँ-कहाँ लगाये गये हैं क्या उक्त नाकों पर रेत एवं गिट्टी के अवैध वाहनों पर खनिज निरीक्षक द्वारा जांच प्रतिवेदन एक से अधिक बार बनाये गये हैं यदि हाँ, तो उक्त वाहनों का विवरण देवें। (घ) भिण्ड जिले में समाचार पत्रों के माध्यम से पुलिस थाना देहात, भारौली, ऊमरी, रौन, फूप, अमायन, मिहोना, लहार के सामने से अवैध रेत परिवहन होना बताया गया है। थानावार जानकारी देवें कि क्या उक्त अवैध रेत परिवहन वाहनों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्‍ड जिले में खनिज विभाग द्वारा माह जुलाई 2021 के उपरांत से प्रश्‍न दिनांक तक रेत के अवैध उत्‍खनन की कार्यवाही में ग्राम कछारघाट में 04 पनडुब्बियों को आग लगाकर विनष्‍टीकरण किया गया तथा रेत के अवैध परिवहन के 46 प्रकरण दर्ज किये गये। जिसमें वाहन मालिकों से 28, 70, 000/- रूपये अर्थदण्‍ड राशि वसूली गई। पुलिस विभाग द्वारा थाना देहात में अप. क्र. 535/21 धारा 379, 414 भा.द.वि. के तहत 03 वाहनों पर कार्यवाही की गई। जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) संभागीय प्रबंधक म.प्र. सड़क विकास निगम, चंबल संभाग से प्राप्‍त पत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। जिस अनुसार यह जानकारी टोल पर नहीं रहती कि किस गाड़ी में कौन सा माल भरा है। टोल शुल्‍क केवल गाड़ियों के प्रकार के हिसाब से लिया जाता है जैसे कार/हल्‍के वाणिज्‍य वाहन/बस - ट्रक/भारी वाहन आदि इसलिये यह जानकारी देना असंभव है कि इसमें रेत की कितनी गाड़ियों का आवागमन हुआ है। अनुसार टोल प्‍लाजा पर पुलिस विभाग द्वारा अवैध रेत परिवहन पर की गई कार्यवाही निरंक है। (ग) भिण्‍ड जिले में कलेक्‍टर के आदेश से 01 नाका मौका सिटी कोतवाली के पास स्‍थापित किया गया है। इस संबंध में जारी आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। जी नहीं, उक्‍त नाकों पर खनि निरीक्षक द्वारा जांच प्रतिवेदन एक से अधिक बार नहीं बनाये गये हैं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही नहीं है। (घ) भिण्‍ड जिले में समाचार पत्रों के माध्‍यम से पुलिस थाना देहात में अप. क्र. 535/21 धारा 379, 414 भा.द.वि. के तहत 03 वाहनों पर कार्यवाही की गई है एवं शेष थानों की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही नहीं है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है।

DMF मद से किये गए कार्य

[खनिज साधन]

25. ( क्र. 491 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की DMF मद से कार्य करवाने हेतु कितने प्रस्ताव कब-कब किनके द्वारा प्राप्त हुए। इनमें से किन प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया? (ख) छतरपुर जिले की DMF कार्यपालिका समिति के द्वारा पांच वर्ष के लिए क्या भावी योजना तैयार की गयी। कार्यपालिका समिति की बैठक कब-कब की गई किन-किन प्रस्तावों पर विचार किया गया? उच्च प्राथमिकता क्षेत्र में इतने वर्षों में कोई राशि क्यों खर्च नहीं की गयी? (ग) छतरपुर जिले की DMF राशि से रेलवे अंडर पास ब्रिज बनाने का प्रस्ताव किस के द्वारा कब दिया गया। इस प्रस्ताव को उच्च प्राथमिकता वाले प्रस्ताव से पूर्व किस कारण से स्वीकार किया गया? अन्य प्रस्तावों को किस कारण स्वीकृत नहीं किया गया? इस रेलवे अंडर पास के निर्माण से जिले को क्या फायदा होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में डी.एम.एफ. मद से कार्य करवाने हेतु 58 प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्राप्‍त प्रस्‍ताव में से स्‍वीकृत 4 प्रस्‍तावों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) छतरपुर जिले में डी.एम.एफ. कार्यपालिका समिति के द्वारा पांच वर्ष की कार्य योजना तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। छतरपुर जिले की कार्यपालिका समिति की बैठक दिनांक 10.07.2021 को आयोजित की गई थी, जिसमें 47 प्रस्‍तावों पर विचार किया गया था। जिले में उच्‍च प्राथमिकता क्षेत्र अंतर्गत बकस्‍वाहा सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र की मरम्‍मत का कार्य स्‍वीकृत किया गया है। जिसके लिये लोक निर्माण विभाग व्‍दारा दिये प्राक्‍कलन अनुसार 33.51 लाख रूपये उक्‍त कार्य के लिये स्‍वीकृत किये गये है, जिसकी 40 प्रतिशत राशि 14.20 लाख लोक निर्माण विभाग छतरपुर को जारी की गई है। (ग) रेल्‍वे अंडरपास/सबवे बनाने का प्रस्‍ताव छतरपुर क्रशर एशोसिएशन द्वारा दिनांक 29.11.2019 को तत्‍कालीन माननीय प्रभारी मंत्री श्री बृजेन्‍द्र सिंह राठौर को दिया गया था। तत्‍कालीन प्रभारी मंत्री महोदय श्री बृजेन्‍द्र सिंह राठौर मंत्री म.प्र. शासन एवं मंडल के सदस्‍य द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार रेल्‍वे अंडरपास/सबवे बनाने के प्रस्‍ताव को स्‍वीकृत किया गया। मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 के नियम 5 एवं 6 में मंडल को प्रदत्‍त शक्तियों के अधीन उक्‍त कार्य मंडल द्वारा स्‍वीकृति का निर्णय लिया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उ‍पस्थित नहीं होता।

सीमांकन आदेशों की जानकारी

[राजस्व]

26. ( क्र. 497 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) रीवा जिले के तहसील हुजूर, पटवारी हल्‍का सगरा में खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकन से संबंधित की गई कार्रवाई से संबंधित आदेशों एवं उक्‍त खसरा क्रमांक के साीमांकन से संबंधित समस्‍त प्रपत्रों की स्‍वच्‍छ प्रतियां बतावें? (ख) प्रश्‍नांकित क्षेत्र की जमीनों के नक्‍शें की प्रमाणित प्रति बतावें? खसरा क्रमांक 664 के पूर्ण रकवा के क्षेत्रफल की जानकारी एवं खसरा क्रमांक 664 के पूर्ण रकवा की नाप/माप का विवरण बतावें? (ग) प्रश्‍नांकित क्षेत्र के खसरा क्रमांक 668 एवं 667 की नाप/माप का विवरण बतावें? (घ) रीवा जिले में कितने राजस्‍व प्रकरण किस-किस स्‍तर पर नवम्‍बर, 2021 की स्थिति में अवैध अतिक्रमण, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण, सरकारी हैंण्‍डपंप के अतिक्रमण के चल रहे रहें है? क्‍या सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाये जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के तहसील हुजूर पटवारी हल्का सगरा में खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकन से संबंधित सीमांकन प्रकरण क्रमांक 0210/अ.12/2020.21 आदेश दिनांक 17/12/2020 सम्पूर्ण प्रकरण की सत्यापित प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित जमीनों के पटवारी के पास उपलब्ध चालू नक्शा (शीट) की सत्यापित प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। खसरा नंबर 664 का अधिकार अभिलेख वर्ष 1974 में कुल रकवा 11.78 एकड़ 4.768 हे. रकवा दर्ज है। वर्तमान में उक्त आराजी के कुल 08 बटांक हैं, जिनका खसरा नंबर एवं रकवा निम्‍नानुसार दर्ज अभिलेख है, खसरा नं 664/1 रकवा (हे. में) 1.217, खसरा नं 664/2 रकवा (हे. में) 1.590, खसरा नं 664/3 रकवा (हे. में) 0.124, खसरा नं 664/4 रकवा (हे. में) 0.372, खसरा नं 664/5 रकवा (हे. में) 0.124, खसरा नं 664/6 रकवा (हे. में) 0.124, खसरा नं 664/7 रकवा (हे. में) 0.811, खसरा नं 664/8 रकवा (हे. में) 0.406 कुल 8 किता कुल रकवा 4.768 खसरा प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। खसरा 664 के नाप का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार नक्शे में दर्शाया गया है। (ग) हल्का पटवारी के पास उपलब्ध चालू नक्शे (शीट) के अनुसार माप/नाप का विवरण नक्शे में दर्ज दूरियों के अनुसार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-5 पर है। (घ) रीवा जिले अंतर्गत प्रश्न तिथि तक शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के 1569 प्रकरण पंजीबद्ध थे, जिसमें से 725 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। 844 प्रकरण न्यायालयीन कार्यवाही के अंतिम स्तर पर लंबित है। निजी भूमियों पर अवैध अतिक्रमण के 4715 प्रकरण पंजीबद्ध हैं, जिसमें से 1998 प्रकरण निराकृत हैं। 2717 प्रकरण शेष हैं, जिन पर न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में है। सरकारी हैण्डपम्प के अतिक्रमण से संबंधित राजस्व प्रकरणों की संख्या निरंक है। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाये जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने हेतु म प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 248 में समुचित प्रावधान है। जिनके अनुसार नियमित रूप से कार्यवाही की जाती है।

संबल योजना अंतर्गत कार्डधारी परिवारों का नवीनीकरण

[श्रम]

27. ( क्र. 523 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संबल योजना अंतर्गत कार्डधारी परिवारों का नवीनीकरण कार्य किया जा रहा है तथा अनुग्रह राशि के कितने प्रकरण प्रदेश स्तर पर लंबित है? (ख) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में चिन्हित संबल कार्डधारी परिवारों को पूर्ववर्तीय सरकार द्वारा इनका संबल कार्ड का नवीनीकरण नहीं किया गया था तथा अधिकांश कार्डों की पात्रता अवधि समाप्त हो गई है? क्या उक्त कार्डों का नवीनीकरण कार्य शासन द्वारा किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में जिला स्तर से शासन स्तर को संबल कार्डधारी परिवारों के अनुग्रह राशि के ऐसे कितने प्रकरण भेजे गये हैं? (घ) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद् मकरोनिया, जनपद पंचायत सागर एवं जनपद पंचायत राहतगढ़ के कितने प्रकरण विभाग को भेजे गये हैं तथा उन प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संबल योजना 01 अप्रैल, 2018 से प्रारंभ हुई है। संबल योजना अन्‍तर्गत पंजीयन एक बार की प्रक्रिया है अत: नवीनीकरण प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में 27912 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। (ख) संबल योजना 01 अप्रैल, 2018 से प्रारंभ हुई है। संबल योजना अंतर्गत पंजीयन एक बार की प्रक्रिया (One time Process) है अत: नवीनीकरण प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) संबल योजना अंतर्गत 01 अप्रैल, 2018 से प्रारंभ हुई है।वर्ष 2017-18 में योजना संचालित नहीं थी वर्ष 2018-19 में 48408 अनुग्रह सहायता राशि के प्रकरण जिला स्‍तर से शासन को भेजे गये हैं। (घ) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत अनुग्रह सहायता के नगर पालिका परिषद् मकरोनिया के 110 प्रकरण, जनपद पंचायत सागर के 299 प्रकरण एवं जनपद पंचायत, राहतगढ़ के 113 प्रकरण विभाग को भेजे गये है, जिनमें से नगर पालिका परिषद् मकरोनिया के 29 प्रकरण, जनपद पंचायत सागर के 84 प्रकरण एवं जनपद पंचायत, राहतगढ़ के 16 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। बजट उपलब्‍ध होने पर भुगतान किया जायेगा।

प्रोटोकाल के उल्लंघन पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

28. ( क्र. 527 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग क्र. 01 सिवनी के द्वारा राकेश पाल विधायक केवलारी के प्रोटोकाल का उल्लंघन किया गया था? दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या पूर्व तारांकित प्रश्न क्र. 265 दिनांक 24.02.2021 प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो आज दिनांक पर्यंत तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या समयावधि व्यतीत होने के उपरांत कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या श्री पी.एन.नाग तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के द्वारा प्रोटोकाल के उल्लंघन करने पर निलंबन की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। दोषी अधिकारी के विरूद्ध दिनांक 28.01.2021 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया एवं फील्‍ड पोस्टिंग से हटाकर संबंद्ध किया गया। (ख) एवं (ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर अनुसार। (घ) नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कांचना मण्डी जलाशय में हुई अनियमितता की जांच

[जल संसाधन]

29. ( क्र. 528 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की कांचना मण्डी जलाशय के निर्माण हुई अनियमितता की जांच के संबंध में दिनांक 14.7.2021 को पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या कांचना मण्डी जलाशय का कार्य 8 वर्ष का व्यतीत बीत जाने के बाद भी अपूर्ण है? यदि हाँ, तो अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? क्या जांच उपरांत दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पी.एन.नाग के द्वारा ठेकेदार के साथ मिली भगत कर सुरक्षा निधि की राशि निकाल कर ठेकेदार को भुगतान कर अनुचित लाभ पहुंचाया गया है? यदि हाँ, तो गंभीर आर्थिक अनियमितता किये जाने पर विभाग द्वारा क्यों कार्यवाही नहीं की गई? कार्यवाही कब तक की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। प्रमुख अभियंता द्वारा दिनांक 26.07.2021 से मुख्‍य अभियंता, वैनगंगा कछार, सिवनी को जांच हेतु निर्देशित किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा कार्य की धीमी प्रगति, वर्ष 2015 में नहरों के अलाइनमेंट में परिवर्तन, कृषकों के विरोध तथा विगत 02 वर्षों में कोविड़-19 के प्रकोप आदि कारणों से कार्य अपूर्ण है। कांचनामण्‍ड़ी का कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है। दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जांच पूर्ण होने पर जांच प्रतिवेदन के परीक्षणोंपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। (ग) जी हाँ। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

वन अपराध की शिकायत पर कार्यवाही

[वन]

30. ( क्र. 543 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या वन मंडल सेंधवा के वन परिक्षेत्र वरला में दर्ज वन अपराध क्र. 317/17 दिनांक 12/03/2021 में जप्‍त वाहनों (42 लाख) को नियम विरूद्ध वाहनों को छोड़ने पर प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 08/08/2021 को उच्‍च स्‍तरीय जांच की मांग की गई थी? उक्‍त प्रकरण पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) उक्‍त प्रकरण में प्राधिकृत अधिकारी की बिना अनुमति से वाहन छोड़ने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी पर कार्यवाही होगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जांच मुख्‍य वन संरक्षक, खण्‍डवा द्वारा समिति गठित कर कराई गई। समिति द्वारा जांच में पाया कि श्री इदेश अचाले, वन परिक्षेत्र वन परिक्षेत्र अधिकारी वरला द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर सक्षम अधिकारी न होने के बावजूद भी जप्‍तशुदा वाहनों को अवैधानिक रूप से निर्मुक्‍त किया। फलस्‍वरूप मुख्‍य वन संरक्षक, खण्‍डवा के पत्र क्रमांक-9989, दिनांक 04.12.2021 से अनुशासनात्‍मक कार्यवाही हेतु आरोप पत्र जारी किया गया है। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार अनुशासनात्‍मक कार्यवाही हेतु आरोप पत्र जारी किया गया है।

राशन दुकानों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

31. ( क्र. 544 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के पूर्व बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा में                 कितने-कितने परिवार राशन दुकानों से आवश्‍यक वस्‍तुएं प्राप्‍त कर रहे थे? जून 2021 में कितने परिवार किस श्रेणी के लाभान्वित हो रहे हैं? स्‍थानीय निकायवार बतायें। (ख) खाद्य सुरक्षा लागू होने के उपरांत प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित निकायों में कितने नए पात्र परिवार किस श्रेणी में शामिल किए गए? कितने अपात्र परिवार हटाए गये? क्‍या अपात्र श्रेणी में हो जाने के बाद भी अनेक दुकानों में अनेक परिवारों की सामग्री लम्‍बे समय तक आती रही? (ग) पात्रता श्रेणी में शामिल होने के कितने दिवस बाद परिवार का राशन संबंधित दुकान को आवंटित किया जाने का प्रावधान है?                                                (घ) क्‍या प्रश्नांश (ग) की स्‍पष्‍ट नीति नहीं होने से परिवार दुकानों में भटकता है, पर उसका राशन नहीं आता और जब राशन आता है तो परिवार को पता नहीं चलता और कई माह तक अपयोजन होता है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

माइक्रो लिफ्ट सिंचाई की स्वीकृति

[जल संसाधन]

32. ( क्र. 556 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 5697 दिनांक 15 मार्च 2021 के उक्त विषय पर माननीय जल संसाधन मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 16 मार्च 2021 को अपने वक्तव्य में कहा था, कि वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक अनुकूल होने पर प्रस्तावित परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में आगामी निर्णय लिया जाना संभव होगा? क्या ध्यानाकर्षण सूचना एवं दिए वक्तव्य के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना की स्वीकृति हेतु क्या विभाग द्वारा संशोधित डी.पी.आर. कितनी राशि से तैयार कराई गई है? (ख) हिम्मतगढ़ फीडर एवं अरोन-पाटई माइक्रों लिफ्ट सिंचाई परियोजना से कुल कितने हेक्टेयर में किन-किन ग्रामों, मजरा, टोलों में सिंचाई प्रस्तावित है? क्या उक्त क्षेत्र में विगत 15-20 वर्षों से वर्षा बहुत कम होने के कारण वाटर लेवल बहुत नीचे चला गया है? क्या उक्त क्षेत्र में वाटर लेवल नीचे चले जाने के कारण पेयजल की भी भयंकर समस्या उत्पन्न हो गई है? यदि हाँ, तो इस परियोजना के अलावा क्या वहाँ कोई अन्य वैकल्पिक पेयजल पूर्ति एवं फसलों कीं सिंचाई व्यवस्था संभव है? यदि नहीं तो फिर इस परियोजना को जल्दी से जल्दी                               कब-तक स्वीकृति कराकर पलायन की ओर अग्रसर किसानों के हित में सिंचाई की व्यवस्था करा दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। हिम्‍मतगढ़ फीडर एवं आरोन पाटई माइक्रो लिफ्ट सिंचाई परियोजना की संशोधित डी.पी.आर. रू.240.99 करोड़ की तैयार कर प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) हिम्‍मतगढ़ फीडर एवं आरोन पाटई माइक्रो लिफ्ट सिंचाई परियोजना से कुल 35 ग्रामों की 9, 365 हेक्‍टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्‍तावित है। ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। वरिष्‍ठ भू-जलविद् ग्‍वालियर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार हिम्‍मतगढ़ आरोन पाटई क्षेत्र में भू-जल स्‍तर नीचे गिरने एवं अल्‍पवर्षा होने से ग्रीष्‍मकाल में पेयजल की कुछ अस्‍थाई समस्‍या होना प्रतिवेदित है। कार्यपालन यंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग ग्‍वालियर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार क्षेत्र के विभिन्‍न ग्रामों में नलकूप खनित किए गए हैं, जिनमें पर्याप्‍त जल स्‍तर है, ऐसे नलकूपों में हैंडपम्‍प स्‍थापित किए गए हैं। जिन नलकूपों में जल स्‍तर नीचे गिर गया है उन नलकूपों में सिंगल फेस मोटर पम्‍प लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा स्‍थापित कर पेयजल उपलब्‍ध कराया जाना प्रतिवेदित है। वित्‍त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्‍वीकृति के लिए निर्धारित सूचकांक अधिक्रमित होने से वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बारह"

चीनौर तहसील के आदिवासियों को दिए गये भूमि पट्टा

[राजस्व]

33. ( क्र. 557 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1772 दिनांक 4 मार्च 2021 के प्रश्न के (ख) भाग का जो मुख्य प्रश्न था, जिसमें शासन द्वारा दिए पट्टों की कम्‍प्यूटर में अमल किए गए है, तो खसरा की प्रतिलिपि दें, यह लाइन हटा दी गई थी? इस बावत प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा माननीय अध्यक्ष महोदय मध्य प्रदेश विधानसभा भोपाल को आवेदन देकर आदिवासियों को दिए भूमि पट्टों के अमल के संबंध में जानकारी चाही गई थी? इस संबंध में विधान सभा सचिवालय द्वारा कब-कब प्रमुख सचिव राजस्व विभाग को पत्र लिखे गए? उनकी भी प्रति दें। क्या विधानसभा द्वारा इतने पत्रों के लिखने के बाद भी जानकारी उपलब्ध न कराना घोर लापरवाही है? इसके लिए कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावे। क्या ऐसे लापरवाह कर्मचारियों/अधिकारियों के प्रति कोई कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक, यदि नहीं तो क्यों? अब कब तक चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय विधायक महोदय भितरवार के अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक. 1772 दिनांक 4.05.2021 के प्रश्‍न के (ख) भाग मे वर्णित आदिवासियों के पट्टे प्र.क्र. 34/अ-19/2000-2001 द्वारा प्रदत्‍त किये गये थे जिनकों तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी डबरा के प्र.क्र.38/अपील में पारित आदेश दिनांक 28.12.2005 द्वारा निरस्‍त कर दिया गया था। वरिष्‍ठ न्‍यायालय द्वारा उक्‍त संदर्भित आदेश के विरूद्ध कोई अमल या पट्टा बहाली का आदेश प्राप्‍त नहीं हुआ है, जिससे वर्तमान खसरे मे उक्‍त पट्टा अमल योग्‍य नहीं हैं। विधान सभा सचिवालय द्वारा पत्र क्रमांक. 6252/वि.स./प्रश्‍न/2021, दिनांक 26/03/2021, क्रमांक.7409/वि.स./         प्रश्‍न/2021, दिनांक 09/04/2021 एवं पत्र क्रमांक. 9148/वि.स./प्रश्‍न/2021, दिनांक 22/06/2021 प्रमुख सचिव, राजस्‍व को भेजे गये हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। प्राप्‍त पत्रों की छायाप्रति राजस्‍व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 21-11/2021/सात-3 दिनांक 08.06.2021 के द्वारा प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त, भोपाल एवं कलेक्‍टर जिला ग्‍वालियर को भेजकर जानकारी उपलब्‍ध कराने हेतु लिखा गया है। राजस्‍व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 21-11/2021/सात-3 दिनांक 13.07.2021, दिनांक 26.07.2021 को स्‍मरण पत्र भेजे गये है। विभाग के पत्र क्रमांक एफ 21-67/2021/सात-3 दिनांक 13.07.2021, दिनांक 09.12.2021 के द्वारा विधानसभा सचिवालय से प्राप्‍त पत्रों की छायाप्रति संलग्‍न भेज कर कलेक्‍टर, जिला- ग्‍वालियर से जानकारी उपलब्‍ध कराये जाने हेतु लिखा गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

वनाधिकार कानून के अंतर्गत दावों के निपटारों की प्रगति

[राजस्व]

34. ( क्र. 563 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) जबलपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार कानून के अंतर्गत कितने ऐसे मामले हैं जिनमें अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक आदिवासियों द्वारा किए गए भूमि स्वामित्व के दावों को विभिन्न आधारों पर खारिज किया गया है? (ख) इनमें से कितने मामलों में सबूतों के अभाव, प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण दावे निरस्त हो गए।                                         (ग) क्या सरकार ने वनाधिकार का दावा करने वाले आदिवासियों की सहायता के लिए परामर्श या कानूनी सहायता उपलब्ध कराई है? यदि हाँ, तो क्या सहायता दी गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले अंतर्गत अनुसूचित जन-जातियों के कुल 1344 दावे एवं अन्य परम्परागत के 437 दावे कुल दावे 1781 को अमान्य किया गया है।             (ख) जिले अंतर्गत सबूतों के अभाव प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण कोई दावे निरस्त नहीं किये गये हैं। अत: जानकारी निरंक है। (ग) कानूनी परामर्श या कानूनी सहायता हेतु किसी भी आवेदक का आवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खोली गई राशन दुकानों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

35. ( क्र. 570 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) डिण्‍डौरी जिले के विधानसभा क्षेत्र शहपुरा में प्रश्‍न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन-किन स्‍थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई हैं? (ख) उपरोक्‍त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गांव ऐसे हैं जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? (ग) इस अवधि में कितने ऐसे गांवों में नयी राशन की दुकान खोली गई जहां  ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (घ) कई दूरस्‍थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई, उसका क्‍या कारण है? जिन गांवों में राशन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं उसके लिए कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित जिले के प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में 08 उचित मूल्‍य दुकानें मौहारी, मनौरी, निघौरी, कमकोमोहनिया, कोको, बटिया, रामगढ़ तथा भाखामल ग्राम में खोली गई हैं। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 156 ग्राम ऐसे हैं जहां पर तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर राशन लेने जाना पड़ता था। वर्तमान में राज्‍य शासन ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्‍य विकासखंडों में प्रत्‍येक ग्राम में पहुंचाकर राशन देने की ''मुख्‍यमंत्री राशन आपके ग्राम'' योजना लागू की है। (ग) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में 08 ग्राम पंचायतों में नयी राशन की दुकान खोली गई है, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक जाना पड़ता था। (घ) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक पंचायत में एक उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र की 13 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्‍य की दुकान खुलना शेष है जिनमें से 10 के आवेदन प्राप्‍त हो गये हैं। दुकान आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है तथा शेष में आवेदन प्राप्‍त होने पर दुकान आवंटित की जा सकेगी। वर्तमान में ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जिसके अंतर्गत तीन किलोमीटर की दूरी से अधिक दूरी पर स्थित प्रत्‍येक ग्राम में उचित मूल्‍य दुकान खोली जाये। अत: कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

 

खाद्यान्‍न वितरण की दुकानों के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

36. ( क्र. 571 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) विधान सभा क्षेत्र सौंसर में प्रश्‍न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन-किन स्‍थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई है? (ख) उपरोक्‍त विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गांव ऐसे हैं जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर दूर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (ग) इस अवधि में कितने ऐसे गांवों में नई राशन की दुकान खोली गई जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (घ) कई दुरस्‍थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई उसका क्‍या कारण है? जिन गांवों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं उसके लिये कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में कुल 07 नवीन उचित मूल्‍य दुकान अर्थात विकासखंड सौंसर में 06 दुकानें ग्राम पंचायत- पांगड़ी, रोहना, उटेकाटा, मेहराखापा, पिपला, कन्‍हान एवं डूकरझेला में एवं विकासखंड मोहखेड़ के ग्राम पंचायत जमुनियामाल में 01 नवीन उचित मूल्‍य की दुकान खोली गयी हैं। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 47 गांव ऐसे हैं, जहां हितग्राहियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। (ग) प्रश्‍नांकित (क) के उत्‍तर अनुसार नवीन दुकानें प्रश्‍नांकित अवधि में खोली गई हैं। पूर्व में इन दुकानों से संलग्‍न 14 गांव के लोगों को 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। (घ) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रचलित प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान खोले जाने का प्रावधान है। मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 उक्‍त प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के सौंसर तहसील में 18 ग्राम पंचायतों हेतु तथा तहसील मोहखेड़ में 06 ग्राम पंचायतों हेतु क्रमश: 05 बार एवं 04 बार विज्ञप्ति जारी की गई है। सभी ग्राम पंचायतों में पात्र संस्‍थाओं से आवेदन प्राप्‍त नहीं होने से वर्तमान में प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 17 ग्राम पंचायतों हेतु नवीन विज्ञप्ति जारी कर ऑनलाईन आवेदन प्राप्‍त किये गये हैं। प्रत्‍येक ग्राम में उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान नहीं है। अत: कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनिज मद से किये जाने वाले विकास कार्य

[खनिज साधन]

37. ( क्र. 572 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्‍ठान मद में कितनी राशि जमा है?               (ख) विगत दो वर्षों में खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि से जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों द्वारा दिए निर्माण कार्यों के प्रस्‍ताव में कितनी खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (ग) इस अवधि में जिला कलेक्‍टर द्वारा खनिज प्रतिष्‍ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) यदि कोई राशि जारी नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍न दिनांक तक राशि रूपये 22, 13, 16, 073/- (रूपये बाईस करोड़ तेरह लाख सोलह हजार तिहत्‍तर मात्र) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में जमा है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि से जिले में कोई कार्य स्‍वीकृत नहीं किये गये है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर अनुसार। (घ) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान ट्रस्‍ट के रूप में परिभाषित है। प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परासिया को जिला बनाने बावत

[राजस्व]

38. ( क्र. 580 ) श्री सुनील उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) जुन्नारदेव एवं परासिया विधानसभा में अधिकांश जनजातिय वर्ग के लोग निवास करते हैं, जिन्हें जिला छिन्दवाड़ा आवागमन हेतु लगभग 125 से 130 किलो मीटर तक जाना पड़ता है, तो क्या पृथक परासिया या जुन्नारदेव जिला बनाने के लिये राजस्‍व मंत्री विचार करेंगे? (ख) प्रदेश में अनेक ऐसे जिले है जिनमें सिर्फ दो विधानसभा क्षेत्र का एरिया आता है, जैसे हरदा, उमरिया, बुराहनपुर, अनुपपुर, शहडोल, डिन्डौरी एवं निवाडी, अत: क्षेत्रीय जनता की मांग पर जुन्नारदेव एवं परासिया विधानसभा को मिलाकर एक जिला बनाने की मांग पर विचार किया जाएगा? क्‍योंकि इस जिले में परासिया, उमरेठ, जुन्नारदेव एवं तामिया का तहसील का कार्यक्षेत्र आयेगा एवं दो उप राजस्व अधिकारियों का क्षेत्र होगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्‍टर छिन्‍दवाड़ा का प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर विचार किया जायेगा। (ख) कलेक्‍टर छिंदवाड़ा से प्रस्‍ताव प्राप्ति पश्‍चात विचार किया जा सकेगा।

विशेष पैकेज की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

39. ( क्र. 587 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुख्‍य अभियंता चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 51/205/D-2का/मु.अ.च.बे./2020 /भोपाल दिनांक 10.02.2021 को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त पत्र किस संबंध में प्रेषित किया गया तथा उक्‍त पत्र के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही किन-किन के द्वारा कब-कब की गई? उक्‍त संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके क्‍या कारण हैं?                   (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जल संसाधन विभाग संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित परिवारों के लिए विशेष पैकेज दिए जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनेकों बार माननीय विभागीय मंत्री जी को अपने पत्रों एवं समक्ष में मौखिक रूप से अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र प्रभावित परिवारों को विशेष पैकेज दिए जाने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। अपितु मुख्‍य अभियंता चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा प्रमुख अभियंता को पत्र दिनांक 09.03.2021 द्वारा पुनरीक्षित पैकेज प्रस्‍ताव प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। शासन स्‍तर पर पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित परिवारों के लिए विशेष पैकेज दिए जाने का कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होते हैं।

लंबित निविदा प्रकिया

[जल संसाधन]

40. ( क्र. 588 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 2870 दिनांक 04.03.2021 के उत्‍तर अनुसार विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्राचीन ऐतिहासिक सांका श्‍याम जी मंदिर को जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत निर्माणाधीन पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से बचाने हेतु विभाग द्वारा प्रोटेक्‍शन बण्‍ड का निर्माण कार्य का प्रावधान किया गया है? सांका श्‍याम जी मंदिर के संरक्षण हेतु मंदिर के चारों ओर लगभग 1300 मीटर लम्‍बाई का प्रोटेक्‍शन बण्‍ड प्रस्‍तावित किया गया है, जिसके निर्माण कार्य की कुल लागत राशि रू.1342.52 लाख की निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक प्रोटेक्‍शन बण्‍ड निर्माण कार्य की निविदा आमंत्रित कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही किन कारणों से लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन उक्‍त ऐतिहासिक धरोहर संरक्षण हेतु निविदा आमंत्रित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। सांका श्यामजी मंदिर के संरक्षण हेतु मंदिर के चारों और 1320 मीटर लंबाई का प्रोटेक्शन बण्ड प्रस्तावित किया गया हैं, जिसके निर्माण कार्य की कुल संशोधित लागत राशि रू.1656.67 लाख की निविदा दिनांक 13.05.2021 (द्वितीय आमंत्रण) को आमंत्रित की जाकर एजेंसी निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।

दूरस्थ ग्रामों में नवीन राशन वितरण की दुकानें खोलना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

41. ( क्र. 594 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्‍न दिनांक तक विगत दो वर्षों में किन-किन स्थानों पर नवीन राशन दुकानें खोली गई हैं? (ख) भीकनगॉंव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ऐसे ग्राम हैं, जहाँ ग्रामवासि‍यों को राशन लेने 3 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? क्या उक्त समस्त ग्रामों में नवीन राशन वितरण की दुकान खोली गई है? नहीं तो कितने ऐसे ग्राम है जहॉं शासन के नियमानुसार नवीन दुकान खोला जाना शेष है? तथा वर्तमान तक नहीं खुलने का क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है तथा इनके ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में कुल 23 पंचायतों में नवीन राशन दुकानें खोली गई हैं जिनकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 73 गांव ऐसे हैं, जहां के ग्रामवासियों को राशन सामग्री लेने हेतु 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। वर्तमान में राज्‍य शासन ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्‍य विकासखंडों में प्रत्‍येक ग्राम में पहुँचाकर राशन देने की ''मुख्‍यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना'' लागू की है। वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के प्रचलित प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान खोली जाना है। वर्तमान में प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र की 19 ग्राम पंचायतों में जुलाई, 2021 की विज्ञप्ति में ऑनलाईन आवेदन प्राप्‍त न होने/प्राप्‍त आवेदनों के दस्‍तावेज अपूर्ण होने के कारण दुकान खोली जाना शेष है। अत: दुकान न खोलने के लिए कोई भी दोषी नहीं है।

परिशिष्ट - "तेरह"

भू-राजस्व संहिता के प्रावधान

[राजस्व]

42. ( क्र. 603 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में गैरखाते की दखल रहित भूमियों को आरक्षित वन एवं संरक्षित वन अधिसूचित करने और पटवारी मानचित्र तथा खसरा पंजी से पृथक करने का प्रावधान दिया गया है? (ख) म.प्र. शासन आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के कार्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में कितने ग्रामों की कितनी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से किन-किन कारणों से पृथक की गई? (ग) पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक की गई गैरखाते की दखल रहित भूमियों को पुनः पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की किसी भी धारा में गैरखाते की दखल रहित भूमियों को आरक्षित वन एवं संरक्षित वन अधिसूचित करने और पटवारी मानचित्र तथा खसरा पंजी से पृथक करने का प्रावधान नहीं दिये गये है किन्तु भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 एवं 29 में आरक्षित वन एवं संरक्षित वन बनाए जाने के प्रावधान है l प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधन अधिनियम 2018 की धारा-2 की उपधारा (य-3) में दखल रहित भूमिकी परिभाषा अनुसार ऐसी भूमि जो आबादी या सेवा भूमि से या किसी भूमिस्वामी या सरकारी पट्टेदार द्वारा धारित भूमि से भिन्न है l संहिता की धारा-233 (अध्याय-18) के प्रावधान अनुसार दखल रहित भूमियों का संधारण जिलों में कलेक्टर द्वारा किया जाता है l अतः समस्त जिलों से जानकारी संकलित की गई l संकलित जानकारी निम्नानुसार है-

1- मुरैना-जिला मुरैना में प्रश्नांधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 2- सागर-सागर जिला में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 3- दमोह-तहसीलदारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला दमोह के अंतर्गत वर्ष 1980 से वर्ष 2000 की अवधि के बीच पटवारी मानचित्र व खसरा पंजी से कोई भूमि पृथक नहीं की गयी है। 4- सतना- जिला सतना अन्तर्गत वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 5- रीवा- जिला रीवा में वर्ष 1980 से 2000 के बीच आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर को प्रेषित कृषि सांख्यिकी सारणी अनुसार 148 ग्रामों की 10727 हेक्टर दखल रहित भूमि शासन द्वारा जारी अधिसूचनाओं के आधार पर पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में पृथक की गई। 6- शहडोल- जिला शहडोल अन्‍तर्गत राजस्‍व एवं वन भूमि राजस्‍व अभिलेखों में पूर्व से पृथक-पृथक दर्ज है। दखल रहित भूमियों को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 7- सीधी- म.प्र. शासन भू-परिमाप तथा बन्दोबस्त विभाग भोपाल की अधिसूचना क्रमांक 1335/एफ-4-90/आठ/ 80, दिनांक 21.05.81 द्वारा म.प्र. लेण्ड रेवेन्यू कोड 1959 (क्रमांक 20 सन् 1959) की धारा 70 की उप धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा सीधी जिले में राजस्व सर्वेक्षण किये जाने का आदेश दिया गया। जिसके तहत जिले में राजस्व भूमि का सर्वेक्षण किया गया, वन भूमि का नहीं। राजस्व सर्वेक्षण के दौरान राजस्व विभाग की कोई भूमि पटवारी, मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 8-मंदसौर- वर्ष 1980 से 2000 के बीच जिला मंदसौर में वनखण्‍ड नगरी के ग्राम नगरी तहसील मंदसौर की 1.926 हेक्‍टर भूमि अधिसूचना क्रमांक एफ 5-81-89-दस-3 (2) दिनांक 1 नवम्‍बर 1990 राजपत्र दिनांक 5 नवम्‍बर 1990 में बताई गई भूमि राजस्‍व अभिलेख में वन भूमि दर्ज थी जो राजस्‍व को अंतरित हुई थी जिसके अभिलेख संशोधन की कार्यवाही की जा चुकी है। 9- रतलाम-प्रश्नांकित अवधि में जिला रतलाम में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है l 10- उज्जैन-प्रश्नांकित अवधि में जिला उज्जैन में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है। 11- शाजापुर-वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में जिला शाजापुर में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 12- भिण्ड- भिण्‍ड जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। अत: जानकारी निरंक मान्‍य की जाये। 13- देवास-जिला देवास में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में 02 ग्रामों की 20.659 हेक्टेयर दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से शासन द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर पृथक की गई। 14- झाबुआ-जिला झाबुआ में वर्ष 1980 से 2000 के बीच में वन विभाग द्वारा 48 ग्रामों की 3648.25 हेक्टर भूमि नोटिफिकेशन द्वारा पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में पृथक की गई। 15- धार-जिला में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 16- इंदौर-प्रश्नांकित अवधि में जिला इंदौर में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है। 17- खरगोन-जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 18- खंडवा-जिले में प्रश्‍नांधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। जानकारी निरंक है l 19- राजगढ़-जिला राजगढ़ में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 20- विदिशा-जिले में प्रश्‍नांधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। जानकारी निरंक हैl                     21- भोपाल-भोपाल जिले में वर्ष 1980 से 2020 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 22- सीहोर-जिला सीहोर में 1980 से 2000 के बीच की अवधि में 242 ग्रामों की 47105.310 हे. दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में 74 वनखण्‍डों के कारण पृथक की गई। 23- ग्वालियर-ग्वालियर जिला में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 24- रायसेन- इस जिलें में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 25- बैतूल-बैतूल जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में पृथक नहीं की गई। 26- होशंगाबाद-जिला होशगाबाद में वर्ष 1980 से 2000 के बीच किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 27- जबलपुर-जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है l 28- नरसिंहपुर-नरसिंहपुर जिला में प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई हैं। 29- मण्डला-म.प्र. शासन भू-परिमाप तथा बंदोबस्‍त विभाग भोपाल की अधिसूचना क्रमांक1335/एफ-4-90/आठ/80 दिनांक 21-05-81 द्वारा म.प्र. लैण्‍ड रेवैन्‍यू कोड 1959 (क्रमांक 20 सन् 1959) की धारा 70 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्‍य सरकार द्वारा मण्‍डला जिले में राजस्‍व सर्वेक्षण कराये जाने का आदेश दिया गया, जिसके तहत जिले में राजस्‍व भूमि का सर्वेक्षण किया गया, वन भूमि का नहीं। राजस्‍व सर्वेक्षण के दौरान राजस्‍व विभाग की कोई भूमि पटवारी, मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 30- छिन्दवाड़ा-छिंदवाडा जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 31- सिवनी-सिवनी जिला के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 32- बालाघाट-बालाघाट जिला में प्रश्‍नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 33- दतिया-दतिया जिले में प्रश्‍नाधीन समयावधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गयी है। 34- श्योपुर-जिला श्‍योपुर अंतर्गत वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 35- उमरिया- राजस्व सर्वेक्षण के दौरान राजस्व विभाग की कोई भूमि पटवारी, मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 36- नीमच-जिला नीमच अन्‍तर्गत वर्ष 1980 से 2000 की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 37- बड़वानी-जिला बड़वानी अन्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 38- शिवपुरी-जिला शिवपुरी अन्‍तर्गत 9 ग्रामों की कुल 978.80 हे. दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से माधव नेशनल पार्क की सीमाओं का विस्‍तार होने से पृथक की गई। 39- हरदा-जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गयी है। 40- कटनी-प्रश्नांकित अवधि में जिला कटनी में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है। 41- डिंडौरी-जिला डिण्‍डौरी का अस्तित्‍व वर्ष 1998 मे आने से, इसके पूर्व की कार्यवाही अविभाज्‍य जिला मण्‍डला द्वारा संकलित की गयी है। वर्ष 1998 से 2020 की अवधि में जिला डिण्‍डौरी में प्रश्‍नांकित कार्यवाही नहीं की गयी है। अत उक्‍ताशय की जानकारी निरंक है। 42- अनूपपुर-जिला अनूपपुर अन्‍तर्गत राजस्‍व एवं वन भूमि राजस्‍व अभिलेखें में पूर्व से पृथक-पृथक दर्ज है। दखल रहित भूमियों को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं किया गया है। 43- बुरहानपुर- प्रश्नांकित अवधि में जिला बुरहानपुर में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक करने की जानकारी निरंक है। 44- अशोकनगर-जिला अशोकनगर में वर्ष 1980 से 2000 की अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 45- सिंगरौली-म.प्र. शासन भू-परिमाप तथा बन्‍दोबस्‍त विभाग भोपाल की अधिसूचना क्रमांक1335/ एफ-4-90/ आठ/80, दिनांक 21.05.81 द्वारा म.प्र. लैण्‍ड रेवेन्‍यु कोड 1959 (क्रमांक 20 सन 1959) की धारा 70 की उप धारा (1) द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्‍य सरकार द्वारा सीधी जिले में राजस्‍व सर्वेक्षण किये जाने का आदेश दिया गया। सिंगरौली जिला सीधी जिले से विभक्‍त होकर अस्त्वि में आया। जिसके तहत जिले में राजस्‍व भूमि का सर्वेक्षण किया गया, वन भूमि का नहीं। राजस्‍व सर्वेक्षण के दौरान राजस्‍व विभाग की कोई भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 46- अलीराजपुर-जिला अलीराजपुर में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में 233 ग्रामों की 64434 हेक्‍टेयर भूमि नोटिफिकेशन द्वारा पटवारी मानचित्र तथा खसरा पंजी से पृथक की गई हैं। 47- गुना-गुना जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 48- टीकमगढ़-टीकमगढ़ जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 49- छतरपुर-जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 50-पन्ना- पन्‍ना जिला में प्रश्नांधीन अवधि में कोई भी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है। 51- आगर मालवा-वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में जिला आगर में कोई बी दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गयी है। 52- निवाड़ी-निवाड़ी जिले में वर्ष 1980 से 2000 के बीच की अवधि में किसी भी ग्राम की दखल रहित भूमि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी से पृथक नहीं की गई है।                  (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 12 दिसम्बर, 1996 के विरूद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई जिसमें बड़े झाड़, छोटे झाड़ (दखल रहित भूमि) परिभाषित वन भूमि को वन भूमि से मुक्त किए जाने का अनुरोध किया गया था जिसमें 1 अगस्त 2003 को आई.ए क्रमांक 791 एवं 792 को खारिज करते हुए यह निर्णय लिया, कि राज्य शासन चाहे तो इस संबंध में भारत सरकार से आग्रह कर सकता है इस संबंध में मध्य प्रदेश शासन के पत्र क्रमांक एफ-16-10/90/सात-2ए दिनांक 28.10.2005 के द्वारा भारत सरकार से आग्रह किया गया। जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भूत ही नहीं होता है।

 

 

 

 

राजपत्र में डीनोटिफाईड भूमि

[वन]

43. ( क्र. 605 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) भा.व.अ.1927 की धारा 27 एवं धारा 34अ में क्या प्रावधान दिए हैं? इन धाराओं के तहत अधिसूचित भूमि को धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित करने का क्या-क्या प्रावधान है? (ख) धारा 27 एवं धारा 34अ में डीनोटीफाईड की गई भूमियों के डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि वन विभाग अपने किस अभिलेख के किस प्रारूप के किस कॉलम में दर्ज करता है? धारा 27 एवं धारा 34अ की                        पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) भा.व.अ. 1927 में संशोधन कर 1965 में धारा 34अ जोड़े जाने के दिनांक से वन संरक्षण कानून 1980 लागू किए जाने के दिनांक तक राजपत्र में किस दिनांक को कितने ग्रामों की कितनी भूमि एवं कितने ग्रामों की समस्त भूमि डीनोटीफाईड की गई? जिलेवार बताएं। (घ) धारा 34अ में डीनोटीफाईड भूमियों के डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? प्रविष्टि कब तक किस अभिलेख के किस प्रारूप में दर्ज की जाएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है।           (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 ‘में डिनोटिफाईड की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की जानकारी वन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचनाओं के रूप में संधारित की गई है। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय कार्यालयों में उपलब्ध एरिया रजिस्टर में प्रविष्टि‍ की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) उत्तरांश () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

परिवहन विभाग में रोटेशन प्रणाली से पदस्‍थापनाएं

[परिवहन]

44. ( क्र. 612 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग मे किन पदों/स्थान पर पदस्थ करने के लिये रोटेशन प्रणाली से पदस्थ करने का केबिनेट निर्णय किस दिनांक को लिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में इस निर्णय के पालन में जारी आदेशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। क्या इस निर्णय का पालन पूर्णरूप से किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? वह किन परिस्थितियों के कारण नहीं किया जा रहा है?                                                          (ग) 1 जनवरी 2019 के पश्चात कब-कब, किस-किस अधिकारी की किस-किस स्थान पर पोस्टिंग की गई, क्या पोस्टिंग मे केबिनेट निर्णय का पूर्ण पालन हुआ है जानकारी देवें। (घ) उक्त विभाग में प्रदेश में पदस्थ किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध किस-किस प्रकार की विभागीय जांच एवं कार्यवाही प्रचलन में है, जांच एजेंसियों में दर्ज प्रकरणों का विवरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिवहन विभाग में पदस्थ प्रर्वतन अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 22-12/2019/आठ दिनांक 25.02.2019 द्वारा रोटेशन प्रणाली से संबंधित स्थानांतरण नीति आदेशित की गई है। मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 1-02/2021/आठ दिनांक 26/02/2021 द्वारा परिवहन विभाग के प्रर्वतन अमले में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण हेतु पूर्व प्रचलित रोटेशन प्रणाली दिनांक 25.02.2019 को समाप्त किया जाकर नवीन संशोधित रोटेशन प्रणाली लागू की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शासन द्वारा जारी किये गये पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अतिक्रमण

[राजस्व]

45. ( क्र. 625 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2020-21 में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्कूल के सामने बस स्टैण्ड बहोरीबंद एवं ग्राम बंधी स्टेशन में मटवारा मार्ग स्थित अतिक्रमण चिन्हित कर शासन द्वारा तोड़ा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो यह बतलावे की उल्लेखित कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से व्यक्तियों के अतिक्रमण तोडे़ गये? नाम, पते, सहित संम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नामों में से कौन-कौन से नाम गरीबी रेखा सूची में शामिल थे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में गरीबी रेखा कार्ड धारी हितग्राहियों के आवासों को विस्थापन की कोई भी कार्ययोजना के बिना तोडे़ जाने का दोषी कौन है? क्‍या शासन दोषियों पर कार्यवाही कर, विस्‍थापितों को विशेष सहायता एवं सुविधायें प्रदान करेंगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला कटनी की तहसील बहोरीबंद के ग्राम बहोरीबंद एवं तहसील स्‍लीमनाबाद के ग्राम बंधी स्‍टेशन के मटवारा रोड के चिन्हित कर हटाए गए अतिक्रमणों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ग) जिला कटनी की तहसील बहोरीबंद के ग्राम बहोरीबंद एवं तहसील स्‍लीमनाबाद के ग्राम बंधी स्‍टेशन के गरीबी रेखा में सम्मिलित सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), ) एवं (ग) के संदर्भ में बहोरीबंद बस स्‍टैण्‍ड समीप अतिक्रमित क्षेत्र को जनसुविधा एवं स्‍कूल शिक्षण कार्य में उत्‍पन्‍न हो रहे व्‍यवधान तथा दुर्घटनाओं की सम्‍भावना के कारण करोड़ों रूपयों की भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त कराया जाकर आवास‍विहीनों को ग्राम बिछियाकाप में भू-खंड उपलब्‍ध कराए गए है तथा तहसील स्‍लीमनाबाद के ग्राम बंधी स्‍टेशन में मटवारा मार्ग के चौड़ीकरण होने से अतिक्रमण मुक्‍त कराया गया जिससे कोई परिवार विस्‍थापित नहीं हुआ है।

बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित गौण खनिज खदानें

[खनिज साधन]

46. ( क्र. 627 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से गौंण खनिज /मार्बल उत्खनन हेतु किस-किस को लीज /अनुमति प्रदान की गई है? लीज धारक के नाम सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कौन-कौन सी उत्खनन पट्टिकायें/खदानें वर्तमान में क्रियाशील है, और कौन-कौन सी किन-किन कारणों से कब से अक्रियाशील हैं? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित क्रियाशील खदान मालिकों द्वारा विगत पांच वर्षों से उत्खनन से संबंधित पंचायत क्षेत्र में जनसहयोग निधि से स्वास्थ्य, शिक्षा या अन्य क्षेत्रों में कितनी निधि से कौन-कौन से कार्य कराये गये? वर्षवार, ग्रामवार कराये गये कार्यों सहित संपूर्ण सूची देवें। (घ) जन सहयोग निधि से सेवा कार्य न कराने वालों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गौण खनिज/मार्बल उत्खनन हेतु दी गई लीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) उत्खनन पट्टों से जन सहयोग निधि, लिए जाने के प्रावधान नहीं हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिए गए उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उद्भूद नहीं होता है।

राशन दुकानों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

47. ( क्र. 644 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) बिछिया विधान सभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन-किन स्‍थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई हैं? किन-किन ग्रामों में राशन दुकानों को उन ग्रामों से हटाकर अन्‍य ग्रामों में स्‍थानांतरित किया गया है और क्‍यों? (ख) उपरोक्‍त विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत कितने गांव ऐसे हैं जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? (ग) इस अवधि में कितने ऐसे गांवों में नयी राशन की दुकान खोली गई जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (घ) कई दूरस्‍थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई, उसके क्‍या कारण हैं? जिन गांवों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं, उसके लिये कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍नांकित अवधि में ग्राम पंचायत दुलादर, लाफन, खोड़ाखुदरा-एन एवं खोड़ाखुदरा-जी स्‍थानों पर नयी उचित मूल्‍य की दुकानें खोली गई हैं। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 175 गांव ऐसे हैं, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। वर्तमान में राज्‍य शासन ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्‍य विकासखंडों में प्रत्‍येक ग्राम में पहुंचाकर राशन देने की ''मुख्‍यमंत्री राशन आपके ग्राम'' योजना लागू की है। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में ऐसे गांवों में दुकान खोलने की जानकारी निरंक है, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। (घ) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रचलित प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान खोले जाने का प्रावधान है। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में न्‍यूनतम एक उचित मूल्‍य की दुकान संचालित है। अत: कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

 

खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि का उपयोग

[खनिज साधन]

48. ( क्र. 645 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्‍ठान मद में कितनी राशि जमा है? इस मद की राशि के उपयोग हेतु समिति की बैठक कब-कब आयोजित की गई? इन बैठकों में कौन-कौन उपस्थित रहे एवं क्‍या निर्णय लिये गए? (ख) विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि से जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों/सांसदों द्वारा दिए गए निर्माण कार्यों के प्रस्‍ताव में कितनी खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (ग) इस अवधि में जिला कलेक्‍टर द्वारा खनिज प्रतिष्‍ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) यदि कोई राशि जारी नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मंडला जिले में प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्‍ठान मद में रूपये 1, 66, 53, 034/- रूपये जमा है। इस मद की राशि की उपयोग हेतु समिति की बैठक दिनांक 09/07/2021 को आयोजित की गई थी। उक्‍त बैठक में प्रभारी मंत्री महोदय जिला मंडला, मान. विधायक मंडला, मान. अध्‍यक्ष जिला पंचायत मंडला, कलेक्‍टर मंडला, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी मंडला, वनमण्‍डलाधिकारी पश्चिम, पूर्व सामान्‍य मंडला, लोक निर्माण विभाग मंडला, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग मंडला, कार्यपालन यंत्री लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंडला, सहायक संचालक कृषि विभाग मंडला, सहायक आयुक्‍त आदिवासी विकास मंडला, जिला शिक्षा अधिकारी मंडला, मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी मंडला एवं सहायक खनि अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में जिला चिकित्‍सालय मंडला एवं सिविल अस्‍पताल नैनपुर में ऑक्‍सीजन प्‍लांट स्‍थापना हेतु नवीन जनरेटर सेट का कार्य किये जाने हेतु राशि स्‍वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया।                (ख) विगत तीन वर्ष में खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि किसी निर्माण कार्य के लिये स्‍वीकृत न होने से उक्‍त मद की राशि से कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया तथा मान. विधायकों / मान. सांसदों द्वारा निर्माण कार्यों के कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त न होने से खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि का कोई निर्माण कार्य में उपयोग नहीं किया गया है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की बैठक में किये गये विचार अनुसार जिला चिकित्‍सालय मंडला एवं सिविल अस्‍पताल नैनपुर में ऑक्‍सीजन प्‍लांट की स्‍थापना हेतु नवीन जनरेटर सेट 250 के.वी.ए. के कार्य किये जाने हेतु निर्णय लिया गया था। परंतु बैठक के पश्‍चात म.प्र. शासन, लोक निर्माण स्‍थास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 12-17/2020-21/सत्रह/मेडि-3 भोपाल दिनांक 19-07-2021 से उक्‍त चिकित्‍सालयों में पी.एस.ए. प्‍लांट आधारित ऑक्‍सीजन उत्‍पादन संयंत्र में डेडीकेडेट ट्रांसफार्मर स्‍थापना कार्य एवं डी.जी. सेट स्‍थापना कार्य हेतु प्रशासकीय स्‍वीकृति का पत्र प्राप्‍त होने के कारण इस अवधि में जिला कलेक्‍टर द्वारा खनिज प्रतिष्‍ठान मद से निर्माण कार्यों के लिये राशि जारी नहीं की गई। अत: इसके लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: किसी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं है।

 

सोनपुर मध्‍यम परियोजना

[जल संसाधन]

49. ( क्र. 656 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) सागर जिले की सोनपुर मध्यम परियोजना द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने हेक्टेयर तथा किन ग्रामों के किसानों को सिंचाई सुविधा दी जा रही है? (ख) क्या जल संसाधन संभाग क्र. 02 जिला सागर द्वारा सोनपुर मध्यम परियोजना के तहत विकासखण्ड देवरी अंतर्गत उपनहरों के निर्माण हेतु भू-अर्जन प्रकरण गठित किये गये थे? यदि हाँ, तो अब तक इस हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) वर्णित परियोजना अंतर्गत उपनहरों एवं मायनर नहरों के निर्माण हेतु गठित प्रकरणों में शीघ्र भू-अर्जन कर नहरों का निर्माण कार्य करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सोनपुर मध्यम परियोजना से वर्ष 2020-21 में 3, 500 हेक्‍टर क्षेत्र में रबी सिंचाई की गई। वर्ष 2021-22 में 5, 000 हेक्‍टर क्षेत्र में रबी सिंचाई किया जाना लक्षित है। लाभाविन्त ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, सोनपुर मध्यम परियोजना के तहत विकासखण्ड देवरी अंतर्गत 03 उपनहरों के निर्माण हेतु                                  भू-अर्जन प्रकरण तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। भू-अर्जन की कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट के                 प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में वर्णित परियोजना अंतर्गत 07 उपनहरों के निर्माण हेतु भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य दिनांक 30.06.2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। भू-अर्जन की स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौदह"

मछुआ परिवारों के रोजगार उपलब्‍ध कराया जाना

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

50. ( क्र. 659 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 2547 दिनांक 04.03.21 के उत्तरांश में बताया गया था कि लाखा बंजारा तालाब में मत्स्य पालन करने वाले मछुआरों को सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा रोजगार उपलब्ध कराया गया है? यदि हाँ, तो सागर स्मार्ट लिमिटेड द्वारा कितने मछुआरों को                                     कौन-कौन से कार्य पर रखा गया है तथा कितने शेष रह गये हैं? (ख) क्या शासन शेष बेरोजगार मछुआरों को जीवकोपार्जन हेतु कोई रोजगार की व्यवस्था करेगा तथा कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। सागर स्‍मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा प्रत्‍यक्ष रूप से मछुआरों को रोजगार प्रदान नहीं किया गया है अपितु लाखा बंजारा तालाब के जीर्णोद्धार, पुर्नविकास व सौन्‍दर्यीकरण की निर्माण एजेन्‍सी के द्वारा स्‍थानीय मछुआरों/नागरिकों को निर्माण कार्य से संबंधित रोजगार प्रदान किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश "क" के रोजगार से वंचित मछुआरों के लिये सागर संभाग के अन्‍य जलाशयों में पर्याप्‍त रोजगार उपलब्‍ध है।

 

 

खनिज मद की जानकारी

[खनिज साधन]

51. ( क्र. 665 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जिला खनिज मद की क्या नीतियां एवं नियमावली है? (ख) यदि किसी कारण से खनिज मद का इस्तेमाल न हो, तो जिला कलेक्टर के क्या दायित्व एवं जिम्मेदारियां हैं? (ग) पिछले पांच वर्षों में सतना जिले में कौन-कौन से कार्य खनिज मद से हुए हैं एवं कितनी राशि खर्च हुई है? वर्षवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेख अनुसार प्रदेश में मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 प्रभावशील हैं। (ख) मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 के अनुसार जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में प्राप्‍त राशि के उपयोग हेतु               समय-सीमा निर्धारित नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है।

रायल्टी के संबंध में

[खनिज साधन]

52. ( क्र. 668 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में स्थित सभी सीमेन्ट प्लांट साल में औसतन कितनी रॉयल्टी देते है और क्या नियम है? अगर कोई रायल्टी जमा नहीं करता है तो उसके ऊपर क्या कार्यवाही की जाती है? (ख) कौन-कौन से प्लांटों की कितनी रायल्टी बाकी है? प्लांटवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) विगत 5 वर्षों में कौन-कौन से प्लांट से कितनी रायल्टी प्राप्त की गई? (घ) सतना जिले में कितनी सीमेन्ट फैक्ट्रियों की कितनी भूमि लीज पर है? लीज की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराए।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में सीमेंट प्‍लांट औसतन 161.06 करोड़ रूपये लगभग की रायल्‍टी प्रति वर्ष देते है। खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 एवं खनिज (परमाणु तथा हाइड्रो कार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्‍न) रियायत नियम, 2016 के प्रावधान लागू होते है। रायल्‍टी जमा न करने पर खनिज (परमाणु तथा हाइड्रो कार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्‍न) रियायत नियम, 2016 में उल्‍लेखित शर्तों का उल्‍लंघन मान्‍य कर कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

अवैध उत्खनन एवं रेत परिवहन

[खनिज साधन]

53. ( क्र. 673 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उज्जैन संभाग में अवैध उत्खनन एवं अवैध रेत परिवहन के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? प्रकरणवार, दिनांकवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकरणों में क्या यह जांच की गई कि, अवैध परिहनकर्ता एवं उत्खननकर्ता इस तरह का कृत्य कब से कर रहे हैं तथा इससे अवैध उत्खनन एवं अवैध रेत परिवहन से शासन को कितनी राजस्व हानि हुई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में किया गया अवैध रेत परिवहन जो कि, राजस्थान सीमा से किया जाता है और जो राजस्व प्राप्त होता है वह एक जुर्मानें के रुप में वसूल किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो शासन म.प्र सीमा पर अवैध रेत परिवहन रोकने और राजस्व आय बढ़ाने के लिये एक नीति निर्धारित कर रेत परिवहनकर्ताओं से विशेष कर के रुप में राशि वसूल करेगा? यदि नहीं तो कारण बतायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर दर्शित है।      (ख) उज्जैन संभाग के जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार अवैध रेत उत्खननकर्ता एवं परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर अर्थदण्ड अधिरोपित किये गये है तथा प्राप्त होने वाली रॉयल्‍टी की तुलना में कई गुना अधिरोपित अर्थदण्ड की वसूली की गयी है। जिससे राजस्व हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राजस्थान से उज्जैन संभाग के जिलों की सीमा से अवैध रेत परिवहन के संबंध में कार्यवाही की जाकर जुर्माने / अर्थदण्ड के रूप में राजस्व वसूल किया जाता है। जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर दर्शित है। (घ) प्रदेश के जिलों में समय-समय पर खनिजों के परिवहन की जांच करायी जाती है और पाये जाने पर म.प्र. रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 20 के तहत अवैध परिवहनकर्ताओं को दण्डित करने की कार्यवाही की जाती है। अतः पृथक से नीति बनाने का प्रश्न ही नहीं है।

परिशिष्ट - "सोलह"

ओव्हर लोडिंग परिवहन के संबंध में

[परिवहन]

54. ( क्र. 674 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अविध में उज्जैन संभाग में यात्री परिवहन, अवैध रेत परिवहन और ओव्हर लोडिंग के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? प्रकरणवार, दिनांकवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में क्या यह जाँच की गई कि, ओव्हर लोडिंग परिवहनकर्ता इस तरह का कृत्य कब से कर रहे हैं तथा इस ओव्हर लोडिंग यात्री परिवहन एवं अवैध रेत परिवहन से शासन को कितनी राजस्व हानि हुई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे।                (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में किया गया अवैध ओव्हर लोडिंग, रेत परिवहन जो कि, राजस्थान सीमा से किया जाता है और जो राजस्व प्राप्त होता है वह एक जुर्माने के रुप में वसूल किया गया है?                   (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो शासन म.प्र. सीमा पर अवैध ओव्हर लोडिंग यात्री परिवहन और रेत परिवहन रोकने और राजस्व आय बढ़ाने के लिये एक नीति निर्धारित करेगा? यदि नहीं तो कारण बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

 

 

जिगनीया-बारकरी नहर के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी

[जल संसाधन]

55. ( क्र. 675 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) डबरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जिगनीया बारकरी योजना के अंतर्गत जो पाइप-लाइन डाली जा रही है इसके लिए बाँध का निर्माण किस स्थान पर किया जायेगा तथा कब किया जायेगा? अभी तक जो निर्माण कार्य किया गया है उसके लिए किन-किन संस्थाओं/कंपनियों/ठेकेदारों को किस मद में तथा कितना भुगतान किया गया है? (ख) पाइप-लाइन डालने के लिए किसानों की जिस भूमि का उपयोग किया जा रहा है क्‍या उसके लिए उन्हें अभी तक कोई मुआवजा प्रदान किया गया है? यदि नहीं तो भविष्य में मुआवजे की कोई योजना है? (ग) निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता कार्य के दौरान कैसे सुनिश्चित की जा रही है क्यों की कुछ दिवस पूर्व इस क्षेत्र के अधिक पुल ध्वस्त हो चुके हैं? निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने की विधि का विवरण प्रदान करें। (घ) निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है तथा कब तक पूर्ण होगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराने हेतु माँ रतनगढ़ परियोजना अन्तर्गत बांध का निर्माण कार्य दतिया जिले की सेवढ़ा तहसील के ग्राम डॉंग डिरोली के पास सिंध नदी पर प्रस्‍तावित है। बाँध का कार्य वन प्रकरण की स्वीकृति उपरांत प्रारंभ किया जाना संभव होगा। बांध के शीर्ष कार्य के अंतर्गत मेसर्स एल.एण्ड टी जियो-एल.एण्ड टी जेव्ही चैन्नई को सर्वे एवं अनुसंधान के लिए रू.65.71 लाख तथा नहर कार्य अंतर्गत सामग्री हेतु मेसर्स मंटेना वशिष्ठा माइक्रो जेव्ही हैदराबाद को रूपये 41250.56 लाख भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) पाइप लाइन डालने के लिए किसानों की भूमि का अस्थाई उपयोग किया जा रहा है जिसका अभी कोई मुआवजा प्रदान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. में भूमि का अस्‍थाई अधिग्रहण कर मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। (ग) निर्माण कार्य की गुणवत्ता हेतु निर्माण कार्य के दौरान समय-समय पर निर्माण एजेन्सी द्वारा एवं विभागीय गुणवत्ता इकाई द्वारा आवश्यक परीक्षण/जांच कर कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है। (घ) वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगति पर होना प्रतिवेदित है तथा कार्य जुलाई 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

डबरा नगर/तहसील में नामंत्रण पर रोक के सम्बन्ध में

[राजस्व]

56. ( क्र. 676 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिन भवन या भूमियों की रजिस्ट्री करवा कर राजस्व प्राप्त करने के बाद उनके नामांतरण पर जो रोक लगायी गयी है वह किस नियम, विधि, या आदेश के अनुसार है? (ख) यदि ऐसा आदेश विधि संगत है तो जानकारी देवें, यदि नहीं तो उसे निरस्त क्‍यों नहीं किया जा सकता?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (E) (2) एवं मध्य प्रदेश नगर पालिका नियम अधिनियम 1956 की धारा 292 (D) (2) में प्रावधान है कि मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी किसी कॉलोनी निर्माण करने वाले किसी व्यक्ति द्वारा अवैध व्यपवर्तन के या अवैध कॉलोनी निर्माण के किसी क्षेत्र में भूखंडों का किया गया कोई अंतरण या अंतरण का कोई करार शून्य होगा। (ख) मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (E) (2) एवं मध्य प्रदेश नगर पालिका नियम अधिनियम 1956 की धारा 292 (D) (2) में प्रावधान है जो कि विधि संगत है।

निर्माणाधीन सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

57. ( क्र. 679 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में ग्राम बडोखरा-बिजरौनी में निर्माणाधीन सिंचाई परियोजना कितनी लागत की है व किस दिनांक को स्वीकृत हुई थी? उक्त परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण करने की क्या तिथि निर्धारित की गई है? प्रश्‍न दिनांक तक परियोजना का कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है व कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण होना शेष है? शेष कार्य अपूर्ण होने के क्या-क्या कारण हैं?                          (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बडोखरा-बिजरौनी सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य हेतु निर्माण एजेन्सी को कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया जा चुका है? परियोजना के निर्माण कार्य के विलम्‍ब हेतु कौन-कौन जिम्मेदार हैं? परियोजना का सम्पूर्ण निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र में बडोखरा एवं बिजरोनी-बरौदियादो निर्माणाधीन लघु सिंचाई परियोजनायें हैं, जिनकी प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 10.01.2018 को क्रमश: रू.1485.24 लाख एवं रू.1497.66 लाख की प्रदान की गई। बडोखरा परियोजना का कार्य 70 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है, जिसे मार्च 2022 में पूर्ण किया जाना लक्षित है। बिजरोनी-बरौदिया का पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। बिजरोनी बरौदिया का 10 प्रतिशत कार्य पूर्ण है। कार्य में विलंब का कारण भूमि अधिग्रहण न होना है। (ख) दोनों सिंचाई परियोजनाओं में निर्माण एजेसिंयों को किये गये भुगतान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। भू-अर्जन का कार्य एक सतत् प्रक्रिया होने से विलंब के लिए किसी अधिकारी पर कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। बडोखरा तालाब में भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण नहीं होने तथा बिजरोनी बरौदिया परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने के पश्‍चात गुण-दोष के आधार पर स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

नवीन घोषित राजस्व ग्रामों के नक्शों के संबंध में

[राजस्व]

58. ( क्र. 690 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) प्रदेश में 1 अप्रैल 2012 से प्रश्नांकित अवधि तक कितने राजस्व ग्रामों में सम्मिलित मजरा, टोलों, नवीन बसाहटों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? तहसीलवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें तथा राजस्व ग्राम घोषित करने के शासन के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने नवीन ग्रामों के नक्शे ऑनलाइन वेब GIS पोर्टल पर उपलब्ध हैं? नवीन ग्रामवार, तहसीलशः जानकारी उपलब्ध करावें तथा कितने ग्रामों के नक्शे ऑनलाइन वेब GIS पोर्टल पर उपलब्ध नहीं हैं? नक्शा उपलब्ध करवाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? पत्राचार की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले की तहसील सिरोंज एवं लटेरी में कितने नवीन राजस्व ग्रामों के नक्शे ऑनलाइन वेब GIS पोर्टल पर उपलब्ध हैं तथा कितने नवीन राजस्व ग्रामों के नक्शे उपलब्ध नहीं हैं? जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि सात वर्ष बीत जाने के बाद भी विभाग नक्शे उपलब्ध नहीं करवा पाया है तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही संपादित की गई? कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें। कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही संपादित की गई? कार्यवाही का विवरण ग्रामवार उपलब्ध करावें। यदि दोषियों के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है तो कब-तक कर दी जावेगी(ङ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अधिकारियों की लापरवाही से लगभग सात वर्ष बीत जाने के बाद भी नक्शे ऑनलाइन वेब GIS पोर्टल पर उपलब्ध न होने से कृषकों को नक्शे की प्रतिलिपि किस माध्यम से उपलब्ध हो रही है? बंटवारा, सीमांकन आदि अन्य आवश्यक कार्य बिना नक्शे के किस प्रकार संपादित किये जा रहे हैं? बतावें तथा सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड के नवीन राजस्व ग्राम उपरोक्त दिनांक से प्रश्नांकित अवधि तक कितने बंटवारा, सीमांकन, नामांतरण आदि के कितने प्रकरण दर्ज हुए?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में 1 अप्रैल 2012 से प्रश्नांकित अवधि तक राजस्व ग्रामों में सम्मिलित मजरा, टोलों, नवीन बसाहटों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। राजस्व ग्राम घोषित करने के शासन के नियम / निर्देश / आदेश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नवीन ग्रामों के नक्शे वेब जीआईएस पोर्टल पर उपलब्धता तथा अनुपलब्धता की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ में उल्लेखित है। नक्शा उपलब्ध कराये जाने हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही के पत्राचार की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।                (ग) विदिशा जिले की तहसील सिरोंज एवं लटेरी में सभी नवीन राजस्व ग्रामों के नक्शे आनलाइन वेब जीआईएस पोर्टल पर उपलब्ध हैं। जिलेवार, तहसीलवार तथा ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में सभी नवीन राजस्व ग्रामों के नक्शे आनलाइन वेब जीआईएस पोर्टल पर उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ड.) नवीन ग्रामों के नक्‍शे ऑनलाईन बेव जी.आई.एस पोर्टल पर उपलब्ध न होने से ऑफलाईन नकल शाखा से कृषकों को प्रतिलिपि प्रदाय की जा रही है। डिजिटल शीट प्रिंट के माध्‍यम से भी ऑनलाईन LSK, IT Center, MP Online से नकले प्राप्‍त की जा सकती है। मूल ग्राम के आनलाइन नक्‍शे उपलब्‍ध होने से भी कृषकों को प्रतिलिपि उपलब्‍ध हो रही है। पटवारी द्वारा नक्शे की प्रतिलिपि तैयार कर लोक सेवा केंद्र के माध्यम से भी प्रदान की जाती है। उक्त विभिन्न प्रकार से प्राप्त नक्शों के आधार पर बटवारा, सीमांकन आदि कार्य भी संपादित किये जा रहे है। सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड के नवीन राजस्व ग्रामों में उपरोक्त दिनांक से प्रश्नांकित अवधि तक बटवारा, सीमांकन, नामांतरण के दर्ज हुये प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।

 

रतलाम जिले में खनिज विभाग द्वारा की गई कार्यवाही

[खनिज साधन]

59. ( क्र. 705 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में 8 लेन के निर्माता ठेकेदार पर अवैध खनन के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? उनकी प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों पर कितना-कितना जुर्माना वसूला गया? आदेश की प्रति देवें। (ग) रतलाम जिले में धोलावाड के कैचमेंट क्षेत्र में कितनी खदानें आवंटित की गई हैं? उसकी सूची देवें। (घ) रतलाम जिले में कितनी खदानों की अवधि समाप्त होने के बाद नियमानुसार उनके गड्ढ़े नहीं भरे गये हैं? उसकी सूची देवें। (ड.) रतलाम जिले में कितनी खदानों ने पर्यावरण विभाग से सक्षम अनुमति प्राप्त नहीं की है? उसकी सूची देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में 08 लेन के निर्माता ठेकेदार पर अवैध उत्‍खनन के 04 प्रकरण दर्ज किये गये है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित 04 प्रकरणों में से 03 प्रकरण पर अर्थदण्‍ड राशि रूपये 4, 67, 500/- वसूल किये गये है। 01 प्रकरण का निराकरण शेष है। आदेशित राशि के चालान की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।                        (ग) प्रश्‍नाधीन कैचमेंट एरिया से नियमानुसार ग्राम बिबडोद के अंतर्गत स्‍वीकृत खदानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है।

नियम विरूद्ध शासकीय भूमि का हस्‍तांतरण

[राजस्व]

60. ( क्र. 706 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्या धारा 165 (06) तथा 165 (7) में अधिकारिता कलेक्टर की है? यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर इस अधिकारिता को हस्तांतरित कर सकता है? यदि नहीं तो ऐसे में हस्तांतरित अधिकारिता से दिये गये आदेश क्या शून्य किये जा सकते है? (ख) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित वर्ष 2018 की किसी भी धारा में शासकीय भूमि को निजी नाम पर करने की अधिकारि‍ता किसी भी स्थिति में न्यायालय तहसीलदार को नहीं है? यदि हाँ, तो ऐसे में लिये गये सारे निर्णय शून्य किये जा सकते हैं? (ग) क्या धारा 165 (06) तथा 165 (7) में कलेक्टर द्वारा दिये गये आदेश के विरूद्ध अपर संभागायुक्त धारा 44 के तहत अपील स्वीकार कर आदेश निरस्त कर सकता है? (घ) अहस्तांतरणीय जमीन को किस-किस नियम के तहत हस्तांतरणीय किया जा सकता है तथा यह निर्णय लेने की अधिकारिता किस राजस्व न्यायालय को है? (ड.) रतलाम जिले में वर्ष 2005 से 2021 तक किस-किस अहस्तांतरणीय जमीन को हस्तांतरणीय किया गया? सारी जमीन की सूची तथा आदेश की प्रति देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। यह अधिकार ऐसे राजस्व अधिकारी को प्राप्त जो कि कलेक्टर से अनिम्‍न पद का हो। शेष प्रश्नांश विधिक अर्थान्वयन से संबंधित है।        (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) कलेक्टर द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध मध्यप्रदेश                             भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 44 के तहत संभागायुक्त को अपील की जा सकती है। (घ) भूमि स्वामी के अधिकारों के अन्तरण के प्रतिबन्ध धारा 165 की विभिन्न उप धाराओं में है। जिनमें कतिपय परिस्थितियों में सक्षम प्राधिकारियों की पूर्व अनुमति प्राप्त कर ही अन्तरण किया जा सकता है। (ड.) रतलाम जिले में वर्ष 2005 से वर्ष 2021 की अवधि में अहस्तांतरणीय जमीन को हस्तांतरणीय कर निजी नाम पर दर्ज किये जाने संबंधी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। अतः जानकारी निरंक है।

नयी राशन की दुकान खोलने विषयक

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

61. ( क्र. 707 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) निवास विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन-किन स्थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई हैं? (ख) उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गाँव ऐसे हैं जहाँ ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? (ग) इस अवधि में कितने ऐसे गांवों में नयी राशन की दुकान खोली गई जहाँ ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (घ) कई दूरस्थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई, उसका क्या कारण है? जिन गांवों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं, उसके लिए कौन अधिकारी दोषी हैं तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र निवास में प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नांकित अवधि में कोई भी नयी उचित मूल्‍य की दुकान नहीं खोली गई है। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 170 गांव ऐसे हैं, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। वर्तमान में राज्‍य शासन ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्‍य विकासखंडों में प्रत्‍येक ग्राम में पहुंचाकर राशन देने की ''मुख्‍यमंत्री राशन आपके ग्राम'' योजना लागू की है।                    (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में ऐसे गांवों में दुकान खोलने की जानकारी निरंक है, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था। (घ) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रचलित प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान खोले जाने का प्रावधान है। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। अत: कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खाद्यान्न का आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

62. ( क्र. 710 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) जिला जबलपुर को कोविड-19 कोरोना संक्रमण काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, मुफ्त राशन अन्न वितरण योजना व मुख्यमंत्री अन्न पूर्णा योजना के तहत कौन-कौन सा खाद्यान्न कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का आवंटित किया गया एवं कितना-कितना वितरित किया गया? वितरण करने के लिये शासन के क्या निर्देश हैं? अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 व जून 2021 से नवम्बर 2021 तक की माहवार जानकारी दें। (ख) मुफ्त (अन्न) राशन वितरण योजना के संबंधी में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बेघर, बेसहारा और मजदूरों का सर्वे कराने हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं एवं इस संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? जिला प्रशासन जबलपुर ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों का कब से कब तक सर्वे कराकर कितने-कितने बेघर बेसहारा और मजदूरों को चिन्हित कर कितने गरीब परिवारों के बी.पी.एल. कार्ड बनाये गये हैं? वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) जबलपुर शहरी क्षेत्र के वार्डवार चिन्हित कितने-कितने बेघर, बेसहारा एवं मजदूरों को तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों और अन्त्योदय योजना के कार्डधारकों को किस मान से कितना-कितना खाद्यान्न का वितरण किया गया एवं कितना खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? इसकी जांच कब किसने की है एवं दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की गई हैं? योजना व माहवार जानकारी दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बाघों की सुरक्षा व संरक्षण

[वन]

63. ( क्र. 711 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) शासन ने बाघों का संरक्षण, सुरक्षा व देखभाल हेतु क्या-क्या प्रबंध किये हैं तथा इनकी मॉनि‍टरिंग की क्या व्यवस्था है? इस पर कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ख) प्रदेश के किन-किन नेशनल पार्कों टाईगर रिजर्व में कितने-कितने बाघ व शावक हैं? कितने-कितने शावकों ने जन्म लिया है एवं कितने-कितने बाघों व शावकों की मृत्यु हुई? कितने बाघों ने पलायन किया है एवं क्यों? कितने बाघों की मृत्यु आपसी संघर्ष व बीमारी के कारण हुई है? कितने बाघों की अवैध शिकार, जहर खुरानी व करेंट लगने से हुई है? (ग) प्रदेश के नेशनल पार्क व टाईगर रिजर्व में कितने-कितने पर्यटकों ने भ्रमण किया है एवं इससे कितनी-कितनी आय हुई हैं? नेशनल पार्क व टाईगर रिजर्व वार पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) शासन ने ठाकुरताल जबलपुर व डुमना नेचुअल पार्क को पर्यटन की दृष्टि से टाईगर सफारी के रूप में विकसित करने हेतु क्या योजना बनाई है। इस सम्बंध में वन विभाग व जिला प्रशासन ने कब क्या प्रस्ताव भेजा है? क्या ठाकुरताल की पहाड़ियां टाईगर सफारी के लिये उपयुक्त स्थल है? यदि हाँ, तो इसे टाईगर सफारी के रूप में विकसित करने हेतु क्या प्रयास किये गये हैं? इसका कुल रकबा कितना है एवं                कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास कार्य कराये गये हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बाघों का संरक्षण, सुरक्षा, देखभाल एवं मॉनिटरिंग की व्‍यवस्‍था के संबंध में किये गये प्रयासों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। व्‍यय राशि की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

 

व्‍यय राशि (रूपये लाख में)

2018-19

2019-20

2020-21

2021-22

28306.70

22049.98

26427.86

12882.82

(ख) टाईगर रिजर्व्‍स में बाघों की संख्‍या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। अखिल भारतीय बाघ गणना में शावकों की गिनती नहीं की जाती। अत: जन्‍में शावकों की जानकारी संधारित नहीं है। बाघों की गणना लैण्‍डस्‍कैप पर आधारित है, अत: राष्‍ट्रीय उद्यानों में पाये जाने वाले बाघों की संख्‍या की पृथक से जानकारी देना संभव नहीं है। प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल 85 बाघों, जिनमें 32 बाघ-शावक सम्मिलित हैं, की मृत्‍यु हुई है। भोजन, जीवन साथी, बेहतर वासस्‍थल की खोज, अपनी टेरिटरी बनाने आदि का प्राकृतिक कारणों के लिए बाघों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में कॉरीडोर के वन क्षेत्रों का उपयोग करते हुये आवागमन होता रहता है जो पलायन नहीं है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार है। (घ) डुमना नेचर पार्क में चिड़ियाघर सह रेस्‍क्‍यू केन्‍द्र सहसफारी की स्‍थापना का प्रस्‍ताव केन्‍द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को वर्ष 2016 में भेजा गया था। केन्‍द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने नेचर पार्क को एअरपोर्ट के नजदीक होने, ध्‍वनि प्रदूषण एवं वृक्षों की ऊंचाई से संबंधित समस्‍याओं के कारण उचित स्‍थान पर चिड़ियाघर बनाने हेतु निर्देशित किया है। निर्देशों के अनुपालन में संभागायुक्‍त, जबलपुर ने नगर निगम सीमा क्षेत्र में मदन महल पहाड़ी के ठाकुरताल नामक स्‍थल को चिड़ियाघर सह रेस्‍क्‍यू सेंटर, सह सफारी हेतु उपयुक्‍त पाया है। संभागायुक्‍त ने प्रारंभिक रूप से 220 हेक्‍टेयर क्षेत्र का प्रस्‍ताव दिनांक 02.01.2021 को भेजा है। कोविड-19 के कारण राज्‍य की वित्‍तीय स्थिति को देखते हुये फिलहाल चिड़ियाघर स्‍थापना के प्रस्‍ताव‍ पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ठाकुरताल की पहाड़ियों को वर्ष 2017-18 से नगर वन के रूप में विकसित किया गया है, जिसका कुल रकबा 100 हेक्‍टेयर है। नगर वन के अंतर्गत किये गये कार्य एवं व्‍यय की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-5 अनुसार है।

राजस्व विभाग के संबंध में

[राजस्व]

64. ( क्र. 736 ) श्री बाबू जण्‍डेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में विगत अगस्त माह में आई सदी की भीषण तबाही प्राकृतिक आपदा बाढ़/अतिवृष्टि से हजारों परिवार बेघर हो गये थे एवं करोड़ों रूपये का आर्थिक नुकसान असमय ही गरीब मजदूर, किसान, व्यापारियों को झेलना पड़ा था? यदि हाँ, तो उक्त प्राकृतिक आपदा से पीड़ित प्रभावित परिवारों को हुये विभिन्न प्रकार के नुकसान की पृथक-पृथक ग्रामवार, न.पा. क्षेत्र की वार्डवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पीड़ित/प्रभावित परिवारों को कितना-कितना मुआवजा/राहत राशि किस-किस नुकसान/क्षति के बदले में जिला प्रशासन द्वारा क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो न.पा. क्षेत्र के वार्डवार, ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामवार प्रत्येक प्रभावित परिवारों को प्रदाय राहत राशि की प्रमाणित सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या मुआवजा से वंचित व्यक्तियों द्वारा जनसुनवाई में एवं प्रश्‍नकर्ता के माध्यम से जिला प्रशासन को कितने आवेदन प्रस्तुत किये गये? उक्त आवेदन पत्रों का क्या निराकरण हुआ? क्‍या प्रश्‍नकर्ता को एवं संबंधित आवेदक को अवगत कराया गया है? यदि नहीं तो कारण बतावें। यदि हाँ, तो निराकरण प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। क्या अभी भी पात्र प्रभावित परिवार राहत राशि से वंचित/शेष हैं? यदि हाँ, तो शेष पात्र प्रभावित परिवारों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) जिला प्रशासक द्वारा प्राकृतिक आपदा से किन-किन पशुपालकों/कृषकों के कौन-कौन से पशुओं की हानि की क्षतिपूर्ति के रूप में कितनी-कितनी राशि किस-किस को मुआवजा/राहत राशि के रूप में प्रदाय की गयी? ग्रामवार, न.पा. वार्डवार पते एवं प्रदाय राहत राशि की सूची उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संकलित की जा रही है (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

मुख्यमंत्री किसान योजना

[राजस्व]

65. ( क्र. 738 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने किसानों का पंजीयन मुख्य मंत्रीकिसान कल्‍याण योजना के अन्तर्गत किया है और कितने किसानों का पंजीयन किया जाना शेष है? (ख) मुख्य मंत्री किसान योजनान्तर्गत किसानों की पात्रता का क्या मापदण्ड सुनिश्चित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में योजनान्तर्गत तहसील जौरा में कितने किसानों के खातो में कितनी राशि भेजी गयी है? पात्र वंचित किसानों को कब तक राशि भेज दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में दिनांक 14.12.2021 तक कुल 7813018 किसानों का सत्यापन मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत किया गया है तथा 510842 का सत्यापन किया जाना शेष हैl (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है (ग) योजनान्तर्गत तहसील जौरा के 53240 किसानों को रुपये 30.86 करोड़ राशि दिनांक 14.12.2021 तक वितरित हो चुकी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नवीन राजस्‍व ग्रामों के भू-अभिलेखों में त्रुटियों का समाधान

[राजस्व]

66. ( क्र. 744 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्‍योंथर तहसील अन्‍तर्गत वर्ष 2012 से 2015 तक नवीन राजस्‍व ग्रामों के निर्माण श्रृंखला में राजस्‍व ग्राम सोनौरी से सींगो और कटरा दो नवीन राजस्‍व ग्राम तथा राजस्‍व ग्राम रायपुर से टड़हर को नवीन राजस्‍व ग्राम बनाया गया था। उक्‍त कार्यवाही उपरांत राजस्‍व अभिलेखों में, भूमिस्‍वामी परिवर्तन एवं भूमि के रकबों में भिन्‍नता हो जाने से आम जनमानस के समक्ष व्‍यापक परेशानियां पैदा हो गई है, जिनका निदान विभाग के सक्षम अधिकारियों द्वारा नहीं किए जाने से आम जनमानस में व्‍यापक जनाक्रोश है। क्‍या जन सुविधा की दृष्टि से पुनर्व्‍यवस्‍था का कार्य विभाग द्वारा शीघ्र किया जायेगा? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का प्रत्‍युत्‍तर सकारात्‍मक है तो उपरोक्‍त समस्‍या के समाधान की समय सीमा स्‍पष्‍ट करेंगे तथा विषय लोक महत्‍व का होने से समस्‍या के त्‍वरित निदान की प्रभावी कार्य योजना क्‍या है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जन सुविधा की दृष्टि से पुनर्व्यवस्था का कार्य विभाग द्वारा प्रस्तावित है। (ख) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 911/भू-प्र./न.वि./2021/15334 दिनांक 6.9.2021 के संदर्भ में कार्यालय कलेक्टर रीवा के पत्र क्रमांक 964 दिनांक 14.09.2021 द्वारा नक्शाविहीन/त्रुटिपूर्ण नक्शों के नक्शा निर्माण एवं अभिलेख निर्माण हेतु कुल 19 ग्रामों के अधिसूचना प्रस्ताव इस कार्यालय को प्राप्त हुये हैं। उक्त प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया गया। प्रकरण की महत्ता को देखते हुये समय सीमा में सेटेलाइट इमेजरी से फीचर एक्स्ट्रैशन हेतु प्रस्ताव का मूल्यांकन प्रारम्भिक स्तर पर किया जा रहा है। नक्शा तैयार कराये जाने के उपरांत कलेक्टर रीवा द्वारा ग्राउण्ड ट्रुथिंग का कार्य किया जायेगा। इसके उपरांत अधिसूचना जारी कर मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधित अधिनियम 2018 एवं नवीन सर्वे नियम 2020 अनुसार आगे की कार्यवाही संपादित की जायेगी।

रेत एवं गिट्टी की दर का निर्धारण

[खनिज साधन]

67. ( क्र. 748 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में रेत एवं गिट्टी के विक्रय के लिये क्‍या नियम हैं? (ख) वर्तमान में जबलपुर संभाग के अन्‍तर्गत रेत के खदानवार, जिलावार कितनी दर प्रति घनमीटर निर्धारित है एवं कितनी राशि ली जा रही है? खदानवार, जिलावार जानकारी दें। (ग) निर्धारित दर से अधिक दर लेने पर दर निर्धारण के उल्‍लंघन के क्‍या दण्‍ड है? निर्धारित दर पर ही रेत विक्रय हो उसके लिए क्‍या उपाय विभाग ने किया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में एवं मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 में खनिजों के विक्रय के लिये पृथक से प्रावधान नहीं हैं। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सर्वेक्षित योजनाओं की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

68. ( क्र. 766 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधान सभा के अंतर्गत कितनी सर्वेक्षित योजनाएं हैं जिनका सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है? इनमें से कितनी योजनाएं साध्‍य है? क्‍या शासन इन साध्‍य योजनाओं को स्‍वीकृत कर निर्माण कार्य प्रारंभ कब तक होगा? (ख) गंधवानी विधान सभा में कौन-कौन से सिंचाई तालाब स्‍वीकृति हेतु शासन स्‍तर पर लंबित हैं? योजना का नाम, लागत राशि कब से लंबित है? स्‍वीकृत सिंचाई तालाबों की निविदाएं कब तक आमंत्रित की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। 12 सर्वेक्षित परियोजनाओं की डी.पी.आर. परीक्षणाधीन होने तथा 03 परियोजनाएं सर्वेक्षणाधीन होने से स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। वित्‍त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्‍वीकृति के लिए निर्धारित सूचकांक अधिक्रमित होने से वर्तमान में प्रशासकीय स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त 04 परियोजनाओं की अद्यतन जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के ''प्रपत्र-स'' अनुसार है।

 

 

गौण खनिज मद में जमा राशि

[खनिज साधन]

69. ( क्र. 767 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में चूना पत्‍थर खदाने एवं अन्‍य संचालित खदानों से गौण खनिज मद से 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि जमा हुई है? (ख) प्रश्‍नांकित (क) यदि हाँ, तो गंधवानी विधानसभा में गौण खनिज मद की कितनी राशि जमा हुई है? गंधवानी विधानसभा में गौण खनिज मद की राशि किन-किन कार्यों हेतु किस-किस ग्राम पंचायत में खर्च की गई है? गौण खनिज मद की गाईड लाईन की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) गौण खनिज मद से गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम 2016 के तहत 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से विकास/निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के कहाँ-कहाँ पर स्‍वीकृति किये गये एवं उक्‍त कार्य पूर्ण है या अपूर्ण, संपूर्ण विवरण देवें। (घ) गंधवानी विधानसभा में गौण खनिज मद के कौन-कौन से कार्य के प्रस्‍ताव कितनी-कितनी राशि के जिले स्‍तर पर लंबित हैं? कार्यवार, राशि‍वार विवरण देवें एवं उक्‍त कार्यों की प्रशासकीय स्‍वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) दिनांक 01/01/2018 से प्रश्‍न दिनांक तक धार जिले में चूना-पत्थर की खदानों से रूपये 95, 25, 93, 307/- खनिज राजस्व तथा अन्य गौण खनिज खदानों से रूपये 64, 26, 94, 741/- खनिज राजस्व जमा किया गया है। (ख) गंधवानी विधान सभा क्षेत्र में गौण खनिज मद से 1, 06, 66, 176/- खनिज राजस्व जमा किया गया है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 56 के अनुसार गौण खनिजों से प्राप्त रायल्टी की राशि वित्त विभाग द्वारा बजट आवंटन के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को आवंटित की जाती है। इस राशि का वितरण एवं उपयोग खनिज साधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। उक्त नियम अधिसूचित है। (ग) अधिसूचना दिनाँक 22/01/2021 से मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 29 (7) में संशोधन किया जाकर गौण खनिज के उत्खननपट्टा धारियों से देय रायल्टी के अलावा जिला खनिज प्रतिष्ठान में, नियमों में विहित अनुसार, रकम लिए जाने का प्रावधान किया गया है। गौण खनिज की खदानों से जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा रकम से गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में न तो कोई निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं, न ही राशि खर्च की गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिए गए उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।

सतना हवाई अड्डे की जमीन को अतिक्रमण मुक्‍त कराया जाना

[राजस्व]

70. ( क्र. 790 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या सतना हवाई अड्डे की 451 एकड़ जमीन में से 341 एकड़ जमीन पर अवैध कब्‍जा कर लिया गया है तथा इस संबंध में भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण के निदेशक बी.के. झा ने प्रदेश के मुख्‍य सचिव सहित सतना कलेक्‍टर को भी पत्र लिखा, जिसका पत्र क्रमांक 866-868 दिनांक 21.04.2021 है? (ख) क्‍या अप्रैल महीने से अब तक 341 एकड़ की भारत सरकार की इस बेशकीमती हवाई अड्डे की जमीन के अतिक्रमणकारियों को चिन्हि‍त किया गया? अगर हाँ, तो किसने कितना अतिक्रमण किया हैसूची उपलब्‍ध कराएं। अगर नहीं तो कारण बतायें और यह भी बतायें कि कब तक चिन्हित कर लिए जाएंगे? (ग) अतिक्रमि‍त एरिया सहित पूरे हवाई अड्डे की जमीन का सीमांकन कब तक किया जाएगा? भारत सरकार की और सुरक्षा महत्‍व की जमीन होने से इसके सीमांकन पूर्ण किये जाने की अवधि बताएं अतिक्रमण मुक्‍त कराने की कार्यवाही कब से प्रारम्‍भ होगी और कितने दिन में अतिक्रमण मुक्‍त करवा लिया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में विलंब के लिये कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तथा इनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना हवाई अड्डे की 451 एकड़ जमीन में से 341 एकड़ जमीन पर अवैध कब्‍जा नहीं हैं। लगभग 150 एकड़ पर अवैध कब्‍जा कर अतिक्रमण किये हुये हैं। यह सही है कि भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण के निर्देशक श्री बी.के. झा ने मुख्‍य सचिव सहित सतना कलेक्‍टर को लिखा हैं, जिसका पत्र क्रमांक 866-868 दिनांक 21-04-2021 हैं।                          (ख) अतिक्रम‍णकारियों को चिन्हित किये जाने की कार्यवाही प्रचलित हैं, चूकि अतिक्रमित रकबा अत्‍यधिक है, अत: समय लगने की संभावना हैं। कार्यवाही पूर्ण होने पर अतिक्रमणकारियों की सूची अतिक्रमण रकवा सहित उपलब्‍ध करायी जा सकेगी। (ग) अतिक्रमण एरिया सहित पूरे हवाई अड्डे की जमीन के सीमांकन/चिन्‍हांकन की कार्यवाही प्रचलित हैं, अतिक्रमित जमीन अतिक्रमकों से मुक्‍त कराये जाने के संबंध में निर्णय होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं तथा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं हैं।

अमानक अनाज की गुणवत्‍ता जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

71. ( क्र. 794 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्र. 828 दिनांक 11.08.2021 के उत्‍तर दिलाया जाये तथा वर्ष 2020 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को वितरित किया गया चावल अमानक, निम्‍न गुणवत्‍ता का पाया गया। यदि हाँ, तो किस-किस सप्‍लायर पर किस-किस दिनांक को प्रकरण दर्ज किया गया?                         (ख) लॉकडाउन अवधि में कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना के तहत नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न प्रदान किया गया? अप्रैल 2020 से नवम्‍बर 2020 तक माह अनुसार जिलेवार विवरण बतावें। (ग) नवम्‍बर 2020 से नवम्‍बर 2021 तक किस-किस जिले के भंडार गृह में चावल की गुणवत्‍ता की जांच की गई तथा वह अमानक पाया गया? (घ) विभाग द्वारा वर्ष 2015 से      2020-21 तक जूट तथा प्‍लास्टिक के कितने-कितने बारदाना किस औसत दर से खरीदे गये तथा कितने प्रतिशत बारदाना उपयोग में आये?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खनिजों से प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी

[खनिज साधन]

72. ( क्र. 795 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 824 दिनांक 11.08.2021 के संदर्भ में बताएं कि रेत वर्ष समाप्‍ति 30.06.2020 तक रेत खदानों से प्राप्‍त होने वाले राजस्‍वों में 273.57 करोड़ क्‍यों विलम्बित किया गया है तथा इस विलम्‍बन का लाभ किस-किस ठेकेदार को कितना-कितना प्राप्‍त होगा? (ख) क्‍या यह सही है कि सरकार ने रेत खदानों को ओने-पोने दाम पर आवंटित कर दिया है त‍था खदान आवंटन की पॉलिसी इस प्रकार तय की है कि चिन्हित लोगों को ही लाभ मिले? रेत खदानों से प्राप्‍त राजस्‍व में पिछले 10 वर्षों में प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई? (ग) क्‍या यह सही है कि छतरपुर के बकस्‍वाहा हीरा खदान के कारण लाखों पेड़ काटे जायेंगे व हजारों वन्‍य जीव प्रभावित होंगे? ऐसे में उन जानवरों के पुनर्वास व काटे गये पेड़ों की क्षतिपूर्ति हेतु शासन क्‍या योजना बना रहा है तथा हाल ही में इस प्रकरण पर न्‍यायालय द्वारा स्‍थगन/रोक क्‍यों लगाई है तथा इस संदर्भ में शासन की भविष्‍य की रूप रेखा क्‍या है? (घ) पिछले 10 वर्षों में किस-किस खनिज से कितना-कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ? किस-किस खनिज में प्रतिवर्ष राजस्‍व में कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई तथा 30 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में विभाग को किस-किस ठेकेदार से किस-किस मद में कितनी राशि लेना शेष है? (ड.) क्‍या यह सही है कि 8 लेन, 4 लेन, 2 लेन (टोल रोड) बनाने वाले ठेकेदारों द्वारा जमकर अवैध खनन किया जाता है पिछले 10 वर्षों में इन ठेकेदारों पर अवैध खनन के कितने प्रकरण दर्ज किये गये तथा कितनी राशि वसूली गई।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) राज्‍य शासन के परिपत्र दिनांक 24/06/2021 के अनुक्रम में कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत ठेकाधन के भुगतान को विलंबित की गई है। जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। उक्‍त विलंबन की वसूली ठेकेदारों से की जावेगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। रेत खदानों का निस्‍तारण शासन की मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के प्रावधान अं‍तर्गत किया गया है। जिसमें खुली प्रतिस्‍पर्धात्‍मक प्रक्रिया (ई-टेण्‍डरिंग) के तहत रेत खदानों का आवंटन उच्‍चतम बोलीकर्ता को किया गया है। अत: चिन्हित लोगों को लाभ मिलने संबंधी प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।          (ग) छतरपुर जिले के बकस्‍वाहा हीरा खदान के संबंध में प्रकरण माननीय न्‍यायालय में विचाराधीन होने से कोई टीप नहीं दी जा सकती है। वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) पिछले 10 वर्षों में खनिजों से प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी ठेकेदारों से खनिज की राजस्‍व का भुगतान ई-खनिज पोर्टल से अग्रिम कराये जाने के प्रावधान होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही के साथ राशि की वसूली

[श्रम]

73. ( क्र. 805 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की जनपद पंचायत रीवा के तात्‍कालीन मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीशचन्‍द्र द्विवेदी के द्वारा पदस्‍थापना के दौरान कितने कर्मकार मण्‍डल के तहत पंजीबद्ध श्रमिकों के फर्जी श्रमकार्ड जारी किये गये का विवरण पंचायतवार, हितग्राहीवार नाम सहित देवें। जिनके श्रम कार्ड जारी किये गये हैं वे श्रमिक किन संविदाकारों या पंचायत में कार्य किये हैं? शहडोल जिले के जयसिंह नगर में पिछले 6 माह से कितने श्रमकार्ड किन-किन पंचायतों में कितने बनाकर जारी किये गये है, का विवरण पंचायतवार, हितग्राहियों के नाम व पते सहित देवें। यह श्रमिक किन संस्‍थाओं में नियोजित थे, का भी विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के श्रमिकों में से जिनके श्रम कार्ड जारी किये गये हैं उनमें से किन-किन को विवाह सहायता व अन्‍तेष सहायता के लाभ से लाभान्वित किया गया? उनके पंजीयन का सत्‍यापन व नियोजन का सत्‍यापन कब-कब, किन-किन के द्वारा किया गया? क्‍या श्रमिक पात्र नहीं थेगलत तरीके से श्रम कार्ड जारी कर अपात्रों को लाभ पहुंचाया गया? पात्र श्रमिक वंचित हुआ इसके लिये तात्‍कालीन मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी श्री द्विवेदी एवं शाखा प्रभारी श्री इरशाद खान के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेगें? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के पंजीबद्ध श्रमिकों से संबंधित जानकारी सूचना के अधिकार के तहत एडवोकेट मयंकधर द्विवेदी द्वारा चाही गई लेकिन तात्‍कालीन मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी द्वारा नहीं दी गई? विधानसभा प्रश्‍न क्रं. 268 दिनांक 09.8.2021 के उत्‍तर में यह कहा गया कि राशि जमा कर जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं, जिसके तारतम्‍य में दिनांक 20.09.2021 को श्री द्विवेदी द्वारा मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा को राशि जमा करने की जानकारी बाबत् पत्र लिखा गया लेकिन आज तक कार्यवाही अपेक्षित है। इस पर क्‍या कार्यवाही करेगें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के अनुसार नियम विरूद्ध तरीके से श्रम कार्ड जारी कर अपात्रों का लाभ देकर व्‍यक्तिगत हितपूर्ति करने वाले अधिकारी/कर्मचारी से राशि वसूली के साथ गबन का अपराध पंजीबद्ध करावें। साथ ही पात्रों को लाभ से वंचित करने की जांच कराकर कार्यवाही करेगें तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रीवा जिले के जनपद पचांयत रीवा के तत्‍कालीन मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी श्री हरिशचंद्र द्विवेदी के द्वारा पदस्‍थापना के दौरान कर्मकार मंडल के तहत पंजीबद्ध श्रमिकों के फर्जी श्रम कार्ड जारी किये जाने संबंधी सूचना कार्यालय में उपलब्‍ध नहीं है तथा उक्‍त संबंध में प्रकरण संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। शहडोल जिले से जयसिंह नगर में पिछले 06 माह से 598 श्रम कार्ड जारी किए गए है। पंजीकृत हितग्राहियों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                (ख) प्रश्नांश (क) के श्रमिकों में से जिन पात्र व्‍यक्तियों के श्रम कार्ड जारी किये हैं उनमें से ऐसे आवेदक जिनके द्वारा शासन स्‍तर से नियत प्रावधानों के अनुसार कन्‍या विवाह सहायता के अथवा मृतक मुखिया श्रमिक के वारिस द्वारा अंत्‍येष्टि सहायता हेतु समस्‍त आवश्‍यक अभिलेखों के पूर्ति के साथ आवेदन प्रस्‍तुत किया गया। उनके आवेदनों की जांच सक्षम प्राधिकारी से करायी जाकर पात्र पाये जाने की दशा में लाभान्वित किया गया। अपात्र श्रमिकों के गलत तरीके से श्रम कार्ड जारी कर अपात्रों को लाभ पहुंचाने संबंधी प्रकरण संज्ञान में नहीं है। पात्र श्रमिकों के वंचित होने संबंधी प्रकरण संज्ञान में नहीं है। जनपद पंचायत जयसिंह नगर में विवाह सहायता व अंत्‍येष्टि सहायता योजना के तहत कुल 345 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के पंजीबद्ध श्रमिकों से संबंधित जानकारी सूचना के अधिकार के तहत एडवोकेट मयंकधर द्विवेदी द्वारा चाही गई थी जिसके संबंध में आवेदक को जानकारी हेतु निर्धारित शुल्‍क जमा कर जानकारी प्राप्‍त करने हेतु लेख किया गया था। जिसके तारतम्‍य में दिनांक 20-09-2021 को श्री द्विवेदी द्वारा मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत रीवा को राशि जमा करने के संबंध में प्रस्‍तुत आवेदन के अनुक्रम में आवेदक को राशि जमा करने की जानकारी दी गई। राशि जमा करने पर जानकारी दी जाने की कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के अनुसार नियम विरूद्ध तरीके से श्रम कार्ड जारी कर अपात्रों को लाभ देकर व्‍यक्तिगत हितपूर्ति करने संबंधी किसी भी प्रकार की सूचना कार्यालय को प्राप्‍त नहीं है। जनपद पंचायत जयसिंह नगर जिला शहडोल में अपात्र श्रमिकों को श्रम कार्ड जारी नहीं किये गये है।

दोषियों पर कार्यवाही

[राजस्व]

74. ( क्र. 810 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा समस्‍त प्रकार के भू-अभिलेखीय दस्‍तावेज व नक्‍शा के नियमित रूप से भौतिक निरीक्षण, सर्वेक्षण एवं प्रबंधन तथा नामान्‍तरण दुरूस्‍तीकरण, संधारण हेतु वर्तमान में कौन-कौन से नियम, निर्देश या मार्गदर्शिका प्रभावशील है? प्रतियां उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार जबलपुर जिले के राजस्‍व निरीक्षण मण्‍डल जबलपुर व तहसील-रांझी, मौजा रांझी 403, पटवारी हल्‍का नम्‍बर 22:25 के समस्‍त खसरों व नक्‍शों में शासन के नियमों का पालन सुनिश्चित किया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2005-06 से 2020-21 तक ऐसे कितने आवेदन कमिश्‍नर, कलेक्‍टर, तहसीलदार व अन्‍य राजस्‍व अधिकारियों को प्राप्‍त हुए? आवेदनवार उल्‍लेखित बिन्‍दुओं पर निर्णित अंतिम कार्यवाही की संक्षिप्‍त सूचीबद्ध जानकारी दें। (ग) यदि नहीं तो पटवारी हल्‍का नं. 22/25 के खसरा नं. 40/1 और खसरा नं. 40 के समस्‍त बटांकों का वर्ष 1947-48, 1954-55, 1975-76, 1983-84, 2006-07 एवं 2020-21 के उल्‍लेखित वर्षों का खसरा, रकबा तथा नक्‍शा की छायाप्रतियां सहित सीलिंग प्रभावित खसरा व रकबा तथा जबलपुर विकास प्राधिकरण को हस्‍तांतरित रकबा/खसरा की छायाप्रतियां भी पूर्ण विवरण/टीप के साथ दें। (घ) क्‍या कलेक्‍टर भू-अभिलेख जबलपुर के पत्र क्र. 1210 दिनांक 19.07.2006 के अनुसार खसरा नं. 41/1 एवं अन्‍य बटांकों के खसरा/नक्‍शों में हेराफेरी होना पाया गया था परंतु न तो इस परिप्रेक्ष्‍य में पटवारी हल्‍का नं.22/25 के समस्‍त खसरा/रकबा/नक्‍शा की जांच कर रिकार्ड दुरूस्‍त किय गये और न ही इतने वर्षों बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही हुई? अब तक प्रश्‍नाधीन रिकार्ड के दुरूस्‍तीकरण हेतु किस-किस स्‍तर पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि रिकार्ड दुरूस्‍त कर लिये गये हैं तो उनकी छायाप्रतियां उपलब्‍ध करायें। दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश में भू-अभिलेखों का संधारण म.प्र.               भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम 2018, म.प्र.भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम, 2020, म.प्र.भू-राजस्व संहिता (भू-अभिलेखों में नामान्तरण) नियम, 2018 एवं भू-अभिलेख नियमावली में दिये गये नियम एवं निर्देशों के अनुसार किया जाता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘’’’ अनुसार है। उक्त नियम, निर्देश एवं अभिलेख विभागीय पोर्टल पर निःशुल्क उपलब्ध है। (ख) जी हाँ। पालन सुनिश्चित किया जा रहा है, वर्ष 2005-06 से 2020-21 तक कुल प्राप्त आवेदन एवं उन पर की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में आवश्यक नहीं है। (घ) कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख जबलपुर के पत्र क्र.1210 दिनांक 19.07.2006 के अनुसार खसरा नं.41/1 एवं अन्य बटांकों में हेराफेरी होना पाये जाने पर तहसीलदार नजूल जांच रांझी को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया था जिसके सन्दर्भ में कार्यवाही अपेक्षित है। 

संबल योजना एवं मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याणकारी नया सवेरा योजना

[श्रम]

75. ( क्र. 819 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याणकारी नया सवेरा योजना का नाम ही संबल योजना है?                                        (ख) यदि हाँ, तो मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याणकारी नया सवेरा योजनांतर्गत जून 2019 से मार्च 2020 तक मृतक के परिवारों की अनुगृह सहायता योजना का लाभ क्‍यों नहीं दिया गया जबकि मृतकों का प्रकरण योजना के पोर्टल पर स्‍वीकृत है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

सीमांकन एवं भूमि की नपती

[राजस्व]

76. ( क्र. 821 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या अनुसूचित जाति की विधवा महिला निर्मला चौधरी व पुत्र अनुराग की ग्राम डाबरी स्थित भूमि सर्वे क्र. 293, 292, 291/2/मिन-1/3 पर सीमांकन हेतु न्‍यायालय नायब तहसीलदार नागदा द्वारा दिनांक 24.11.2021 को राजस्‍व निरीक्षक ग्राम डाबरी को सीमांकन कर 7 दिवस में सीमांकन रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने के आदेश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो राजस्‍व निरीक्षक द्वारा सीमांकन कब किया गया? सीमांकन रिपोर्ट कब प्रस्‍तुत की गई? रिपोर्ट की छायाप्रति सहित विवरण दें।                   (ख) खाचरौद में गोचर भूमि रकबा सर्वे क्र. 486/2 पर अनुविभागीय अधिकारी न्‍यायालय के आदेश का क्‍या परिपालन किया गया एवं सर्वे क्रं. 487, 488 का सीमांकन कर सर्वे क्रं. 486 का जो सीमांकन व बटांकन किया गया उसकी जानकारी एवं सर्वे क्रं. 486/2 नम्‍बर के कितने रकबे हैं और क्‍या एक नम्‍बर के दो रकबे बनाने के कोई नियम हैं तो नियमों की प्रति उपलब्‍ध कराएं। यदि नहीं तो दोषी लोगों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आवेदिका निर्मला पति स्व. चंद्रमोहन चौधरी एवं अनुराग पिता स्व. चंद्रमोहन चौधरी की ग्राम डाबरी स्थित भूमि सर्वे क्र. 293, 292, 291/2/मिन-3 पर सीमांकन हेतु न्यायालय नायब तहसीलदार नागदा द्वारा दिनांक 24.11.2021 को राजस्व निरीक्षक को सीमांकन कर 7 दिवस में सीमांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु आदेश जारी किए गए थे। जिस पर राजस्व निरीक्षक से दिनांक 03.12.2021 को सर्वे क्र.291/2/मिन-3 रकबा 1.320 हे. का नक्शा शीट में बटांकन नहीं होना एवं मौके पर कृषक एवं पड़ोसी कृषकों के बीच विवाद होने की संभावना को देखते हुए दल गठन एवं पुलिस बल की मौजूदगी में सीमांकन हेतु पत्र प्राप्त हुआ था। दिनांक 07.12.2021 को न्यायालय नायब तहसीलदार द्वारा दल गठन आदेश एवं थाना प्रभारी थाना नागदा को पत्र जारी किया गया है। जिसकी प्रमाणित प्रतिलिपि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-क अनुसार है। (ख) सर्वे क्र. 486/2 पर अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय के आदेश का परिपालन में सीमांकन व बटांकन किया गया एवं सर्वे क्रं. 486 के सीमांकन व बटांकन आदि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। वर्तमान अभिलेख में सर्वे क्रं. 486/2 रकबा 0.209 हे. भूमि निजी स्वत्व पर दर्ज है। एक नम्बर के दो रकबे बनाने के कोई नियम नहीं है तथा शेष प्रश्नांश की जानकारी संबंधित नहीं है।

राजस्‍व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

77. ( क्र. 822 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) नागदा व खाचरौद तहसील के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 1 जनवरी 2019 से 25 नवम्‍बर 2021 तक कितने आवेदन सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा के प्राप्‍त हुए हैं? प्राप्‍त आवेदनों में कितने आवेदनों के आदेश जारी कर न्‍यायालयीन प्रकरण दर्ज किए गए हैं तथा उनमें से कितनों के प्रकरण दर्ज करना शेष है? (ख) प्राप्‍त आवेदनों में से कितने सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा समय-सीमा में स्‍वीकृत किए गए? कितने आवेदन अस्‍वीकृत व विचाराधीन हैं? कारण सहित विवरण दें। (ग) कितने सीमांकन, त्रुटि सुधार, बंटवारा, नामांतरण के प्रकरण राजस्‍व अधिकारियों द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण निरस्‍त हुए हैं? आवेदनकर्ता के नाम, कारण सहित विवरण दें।                               (घ) 1 नवम्‍बर से 15 नवम्‍बर 2021 तक शासन द्वारा उज्‍जैन जिले में भू-अभिलेख रिकार्ड शुद्धिकरण अभियान के अंतर्गत नक्‍शा संबंधित त्रुटियों में सुधार, फौती नामांतरण, भूमि सुधार, खसरा रकबा में सुधार, व्‍यपवर्तन डाटा एन्‍ट्री हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? राजस्‍व अधिकारियों द्वारा उसमें कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है? कितने शेष हैं? नाम सहित तहसीलवार विवरण दें। (ड.) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, खेत सड़क, सुदूर सड़क व अन्‍य निर्मित सड़कों को भू-राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज नहीं किया गया है, जिसके कारण विवाद की स्थिति पैदा होती है? दर्ज करने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा मुख्‍यमंत्री, कलेक्‍टर उज्‍जैन से पत्र दिनांक 30/10/2021 द्वारा मांग की गई थी? यदि हाँ, तो इस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नागदा व खाचरौद तहसील के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में    1 जनवरी 2019 से 25 नवम्बर 2021 तक निम्नानुसार आवेदन प्राप्त हुए। समस्त आवेदन पत्र सीधे ऑनलाइन दर्ज किये गये है जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई भी आवेदन पत्र प्रकरण दर्ज करने से शेष नहीं है। तहसील नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा नागदा 13369 1145 2010 खाचरौद 10863 1005 1591 कुल 24232 2150 3601. (ख) समस्त न्यायालयीन प्रकरणों का गुण दोष के आधार पर निराकरण किया गया है। आज दिनांक की स्थिति में तहसील नागदा व खाचरौद में निम्नानुसार प्रकरण प्रचलित होकर न्यायालयीन प्रक्रिया अंतर्गत विचाराधीन है - तहसील नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा नागदा 1193 51 176 खाचरौद 783 42 98 कुल 1976 93 274 न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण में समय-सीमा का ध्यान रखा जा रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण न्यायालयीन कार्यवाही बाधित होने के कारण जो प्रकरण समय-सीमा से बाहर हुए थे उनका सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है(ग) जानकारी निरंक है। (घ) 1 नवम्बर से 15 नवम्बर 2021 तक शासन द्वारा उज्जैन जिले में भू-अभिलेख रिकार्ड शुद्धिकरण अभियान के अंतर्गत तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार चिन्हांकित त्रुटियों में सुधार कार्य प्रचलित है। उक्त पखवाड़ा 15 दिसम्बर तक बढ़ाया गया है। (ड.) जी हाँ। पत्र दिनांक 30/10/2021 के क्रम में लेख है कि अर्जित परिसम्‍पत्तियों को नियमित रूप से भू-अभिलेख में दर्ज किया जाता है। अभियान के अंतर्गत भी दर्ज किया गया है।

परिशिष्ट - "अठारह"

नयी तहसीलों का गठन

[राजस्व]

78. ( क्र. 831 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग ने चार नवीन तहसीलों (दिगौड़ा, मूंदी, धूलकोट, किल्‍लोद) का गठन किया है? यदि हाँ, तो उक्‍त चारों तहसीलों के गठन हेतु प्रस्‍ताव विभाग को किस-किस दिनांक को, किसके माध्‍यम से प्राप्‍त हुआ था? उक्‍त तहसीलों के प्रस्‍तावों को कब-कब केबिनेट में स्‍वीकृति हेतु प्रेषित किया गया? प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति कब-कब प्रदान की गई? सभी की पृथक-पृथक जानकारी मय दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करें। (ख) क्‍या उपरोक्‍त तहसीलों के गठन हेतु दावे आपत्ति बुलाने हेतु एक माह की अधिसूचना जारी की गई थी? यदि हाँ, तो कब-कब? अधिसूचना पत्र एवं जिस राजपत्र/समाचार पत्र में प्रकाशित की गई की सत्‍यापित प्रति उपलब्‍ध करावें। यदि नहीं तो क्‍यों नहीं की गई? (ग) क्‍या उपरोक्‍त तहसीलों के गठन हेतु प्रस्‍ताव कृषि उत्‍पादन आयुक्‍त की अध्‍यक्षता बैठक में प्रस्‍तुत किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब एवं कृषि उत्‍पादन आयुक्‍त द्वारा क्‍या टीप दी गई? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? क्‍या तहसीलों के कार्यालय संचालन हेतु चयनित स्‍थानों पर पूर्व से अधोसंरचना भवन आदि उपलब्‍ध है? प्रत्‍येक की पृथक जानकारी देवें।      (घ) क्‍या बरगी को पूर्णकालिक तहसील गठन हेतु प्रस्‍ताव उपरोक्‍त गठित तहसीलों के प्रस्‍तावों के पूर्व से विभाग में लंबित है एवं राज्‍यपाल के अपर सचिव का पत्र क्र. 415 दिनांक 30.7.21 द्वारा बरगी तहसील हेतु नियमानुसार कार्यवाही का लेख किया है? यदि हाँ, तो विभाग आदिवासियों के हित में बरगी को पूर्णकालिक तहसील घोषित क्‍यों नहीं कर रहा है? क्‍या बरगी तहसील हेतु दिनांक 22.10.21 को तीसरी बार 30 दिवस की अधिसूचना कर दावे आपत्ति बुलाई गई जो कि दिनांक 21.11.21 को पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो अवधि पूर्ण होने पर प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? अग्रिम कार्यवाही की क्‍या-क्‍या प्रक्रिया शेष है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ।  निम्‍नानुसार है :-

क्रमांक

प्रस्‍ताव किससे प्राप्‍त

आपत्ति सुझाव हेतु प्रथम अधिसूचना

APC की बैठक

कैबिनेट

मंत्रि-परिषद् अनुसमर्थन

मंत्रि-परिषद् निर्णय

1.

तहसील दिगौड़ा का प्रस्‍ताव कलेक्‍टर टीकमगढ़ से दिनांक 05.05.2018 दुबारा प्रस्‍ताव आया दिनांक 03.09.2019

 

 

दिनांक 28.06.2018

दिनांक 22.09.2018 अनुशंसा की गई।

दिनांक 24.09.2021

दिनांक 09.11.2021

 

2.

तहसील मूंदी का प्रस्‍ताव कलेक्‍टर खण्‍डवा से दिनांक 21.02.2021 को प्राप्‍त हुआ।

दिनांक 02.06.2021

दिनांक 26.08.2021 अनुशंसा की गई।

दिनांक 24.09.2021

दिनांक 09.11.2021

 

3.

तहसील धूलकोट का प्रस्‍ताव कलेक्‍टर बुरहानपुर से प्राप्‍त दिनांक 16.03.2021 एवं 07.04.2021

दिनांक 18.05.2021

दिनांक 26.08.2021 अनुशंसा की गई।

दिनांक 24.09.2018

दिनांक 09.11.2021

 

4.

किल्‍लौद तहसील का प्रस्‍ताव कलेक्‍टर खण्‍डवा से दिनांक 31.03.2021 दुबारा प्रस्‍ताव आया दिनांक 03.09.2019

दिनांक 26.03.2021

दिनांक 26.08.2021 अनुशंसा की गई।

दिनांक 24.09.2021

दिनांक 09.11.2021

 

(ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘’’’ अनुसार है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।    (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘’’’ अनुसार है। भवन अभी नहीं है। (घ) जी हाँ।  विचाराधीन है। परीक्षणाधीन है। परीक्षणाधीन है।

अहस्‍तांतरणीय भूमियों का विक्रय

[राजस्व]

79. ( क्र. 832 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भू-राजस्‍व संहिता की धारा 165 की शर्त एवं नियमों के तहत जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग की भूमि को सामान्‍य वर्ग के व्‍यक्तियों को विक्रय करने की अनुमति जिला कलेक्‍टर द्वारा प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में जिला जबलपुर में निवासरत अनुसूचित जनजाति वर्ग के भूमिस्‍वामी की कितनी-कितनी भूमि के विक्रय अनुमति कलेक्‍टर द्वारा किन-किन शर्त एवं नियमों के तहत सामान्‍य वर्ग के व्‍यक्तियों को प्रदान की गई? सूची एवं नियम शर्तों की प्रति उपलब्‍ध कराई जावे। जिला जबलपुर में विगत 2 वर्षों के अंतर्गत कोरोनाकाल में किन-किन आदिवासी जमीनों की विक्रय अनुमति प्रदान की गई है? संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) कोरोनाकाल 2020-2021 में जब प्रदेशव्‍यापी लाकडाउन में अनिवार्य सेवाएं ही प्रदेश शासन द्वारा उपलब्‍ध कराया जाना नियत किया गया था, तो कलेक्‍टर जबलपुर द्वारा अनुसूचित जन‍जाति वर्ग की भूमि को सामान्‍य वर्ग के व्‍यक्तियों को विक्रय करने की अनुमति कितने-कितने प्रकरणों का निपटारा किस-किस अनिवार्यता के तहत किया जाकर विक्रय अनुमति जारी की है? समस्‍त विक्रय अनुमतियों की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 6074 दिनांक 22.03.21 के प्रश्‍नांश (घ) के उत्‍तर में जिन प्रकरणों पर गड़बड़ी की शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलन में है, पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? इन गड़बड़ियों पर कार्यवाही लंबित रखे जाने के कारण क्‍या है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ।  विगत दो वर्षों में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार अनुमति प्रदान की गई है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) के प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है। साथ ही विगत दो वर्षों में कोरोनाकाल माह मार्च, अप्रेल एवं मई 2020 तथा अप्रैल, मई 2021 में न्यायालय कलेक्टर जबलपुर से प्रदान की गई अनुमतियों की जानकारी मय आदेश प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (ख) म.प्र.      भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 के तहत आदिम जन जाति सदस्य की भूमि विक्रय अनुमति के लिये प्रस्तुत आवेदन पत्र विधिवत् न्यायालय कलेक्टर जबलपुर में निर्धारित मद अ-21 में राजस्व न्यायालयीन प्रकरण के रूप में दर्ज किये जाते हैं, जो न्यायालयीन दायरा पंजी और आर.सी.एम.एस. में दर्ज होकर विभिन्न पेशी तारीखों में नियत होते हैं। जिनका न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत निराकरण किया जाता है। पीठासीन अधिकारी (कलेक्टर जबलपुर) द्वारा राजस्व न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत राजस्व प्रकरणों में अंतिम आदेश पारित किये गये है। प्रदेशव्यापी लॉकडाउन माह मार्च, अप्रैल, मई 2020 एवं माह अप्रैल, मई 2021 में जारी आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार है। (ग) जिले की विधानसभा बरगी क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी भूमि को धोखाधड़ी कर विक्रय करने वाले दोषियों पर की गई कार्यवाही के संबंध में न्यायालय कलेक्टर जबलपुर के प्रकरण क्रमांक 93 /अ-21/ 2017-18 सुमरन भूमियां पिता सुक्कूलाल भूमियां (गोंड) निवासी ग्राम बंदरकोला विरूद्ध मुकेश पटैल पिता श्री लक्ष्मण सिंह पटैल निवासी 1553, जार्ज डिसिल्वा वार्ड, गोरखपुर जबलपुर के संबंध में न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी (ग्रामीण) जबलपुर के प्रकरण क. 0002/ अ-23/ 2019-20 में पारित आदेश दिनांक 19.06.2020 द्वारा आवेदक की भूमि के संबंध में पंजीकृत बैनामा ई पंजीयन क्रं. MP182542019A1562622 पंजीयन दिनांक 03.08.2019 एवं ई पंजीयन क्रं. MP182542019 A1562636 पंजीयन दिनांक 03.08.2019 को भू राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के आधार पर शून्य घोषित किया गया है। साथ ही कलेक्टर जबलपुर के निर्देशानुसार कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर विक्रय पत्र पंजीबद्ध कराने पर अनावेदकों के विरूद्ध थाना ओमती जबलपुर में उप पंजीयक जबलपुर द्वारा दिनांक 13.07.2020 को FIR दर्ज करायी गई है। न्यायालय कलेक्टर जबलपुर में पूर्व प्रचलित रा.प्र.क. 125 /अ-21/2017-18 एवं वर्तमान में प्रचलित प्र.क.30/अ-21/2018-19 झाडूलाल विरुद्ध सौरभ तिवारी के प्रकरण में पंजीकृत बैनामा ई-पंजीयन क्रं. MP182552017 A1320145 पंजीयन दिनांक 14.06.2017 के संबंध में कलेक्टर जबलपुर के निर्देशानुसार उप पंजीयक जबलपुर द्वारा थाना संजीवनी नगर में दिनांक 19.03.2021 को पक्षकारों के विरूद्ध FIR दर्ज करायी गई है। प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-5                                   अनुसार है।

बांध निर्माण की कार्ययोजना

[जल संसाधन]

80. ( क्र. 847 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बरघाट पूर्व से प्रस्‍तावित जामरान जलाशय एवं चांगूनाला बांध निर्माण को लेकर सर्वे कार्य किया गया था, इनके निर्माण कार्य को लेकर क्‍या कार्य योजना है? वर्तमान स्थिति में इन परियोजना की वस्‍तु स्थिति क्‍या है? (ख) विधान सभा क्षेत्र बरघाट में सभी बड़े जलाशयों से सिंचाई कार्य किया जाता है परंतु जलाशयों के नहरों की लाईनिंग (सीमेंटीकरण) न होने के कारण सभी किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी नहीं पहुँच पाता है। अत: कब तक प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र के बड़े जलाशयों की नहरों में लाईनिंग का कार्य पूर्ण किया जाएगा? (ग) विधान सभा क्षेत्र बरघाट में माचागोरा बांध परियोजना के अंतर्गत कुरई ब्‍लॉक में पैच नहर स्‍वीकृत है जिसके सिंचाई उपभोक्ता संघ के चुनाव भी दो बार संपन्‍न हो चुके है परंन्‍तु अब तक नहर का निर्माण नहीं हुआ है, अत: कब तक माचागोरा बांध परियोजना की पैच नहर का कार्य प्रारंभ होगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) चिन्हित जामरान जलाशय का स्‍थल निरीक्षण दिनांक 22.04.2016 को किया गया। स्‍थल निरीक्षण उपरांत परियोजना तकनीकी एवं वित्‍तीय मापदण्‍ड पर असाध्‍य पाई जाना प्रतिवेदित है। चांगूनाला जलाशय की प्रथम चरण प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 16.10.2003 को प्रदान की गई। विस्‍तृत सर्वेक्षण उपरांत डूब में अत्‍यधिक वन भूमि आने के कारण स्‍थाई वित्‍तीय समिति की बैठक दिनांक 15.09.2011 द्वारा परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति निरस्‍त की गई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                             (ख) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सभी बड़े जलाशय यथा अरी, बोरी, चीचबंद बांध के नहरों के सुदृढ़ीकरण का प्रस्‍ताव आर.आर.आर. मद अन्तर्गत प्रस्‍तावित होकर मुख्य अभियंता बोधी कार्यालय में प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है, जिसका परीक्षण उपरांत उठाई गई आपत्तियों का निराकरण मैदानी स्तर पर प्रचलन में है। (ग) विधान सभा क्षेत्र बरघाट अंतर्गत कुरई ब्लॉक में पेंच व्यपवर्तन परियोजना के तहत निर्माणाधीन हरदुआ वितरक नहर की आर.डी. 630 मी. से प्रस्तावित माण्डवा उप वितरक नहर के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रण का प्रस्ताव मैदानी स्तर पर तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

अवैध नामांतरण की जानकारी

[राजस्व]

81. ( क्र. 861 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला हरदा ग्राम कुलहरदा में खसरा नं 192 का कौन सा हिस्‍सा कब से नजूल भूमि में शामिल किया गया है? (ख) इस खसरा नं. के सभी भू-स्‍वामियों के उनके हिस्‍से सहित नाम तथा वह किस प्रकरण के द्वारा भूमि स्‍वामी बने हैं? सम्‍पूर्ण विवरण देवें। (ग) परिवर्तित भूमि बी-1 खाता 311 ग्राम कुल हरदा, जिला हरदा, सम्मिलित सर्वे नं.192/85, रकबा 1500 वर्गफिट जो हमीदाबानों वगैरह के नाम से दर्ज है। यह नामांतरण किस वर्ष किस आधार पर हुआ है? उस प्रकरण की सत्‍यप्रतिलिपि देवें। (घ) क्‍या खसरा नं. 192 परिवर्तित भूमि में हमीदा बानो वगैरहा भूमि धारित करते हैं? यदि हाँ, तो अभिलेख में दर्ज रकबे से भिन्‍न कितने रकबे पर काबिज है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला हरदा के ग्राम कुलहरदा में खसरा नं 192 नजूल में शामिल नहीं किया गया है। (ख) परिवर्तित भूमि खसरा न. 192 में 439 भूमि स्वामी है। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ग) परिवर्तित भूमि खसरा नंबर 192/85, रकबा 1500 वर्गफिट भूमि जो हमीदा बानो वगैरह के नाम से दर्ज है। यह नामांतरण पंजीकृत विक्रय पत्र द्वारा दिनांक 30.10.2010 रकबा 1500 वर्गफीट भूमि नामान्तरण पंजी क्रमांक-181 दिनांक 14/10/2010 हुआ है। सत्‍य प्रतिलिपि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (घ) जी हाँ। अभिलेख में दर्ज परिवर्तित भूमि रकबे 1500 वर्गफीट पर ही हमीदाबानों वगैरह काबिज है। काबिज भूमि एवं अभिलेख में दर्ज परिवर्तित भूमि में कोई भिन्नता नहीं पाई गई है।

वितरित किये गये पट्टों की जानकारी

[राजस्व]

82. ( क्र. 864 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) इंदौर विकासखण्‍ड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत माचला (मारोद माचला) में सन् 2000 के बाद कितनी-कितनी भूमि किस-किस सन् में आबादी में घोषित की गई है? (ख) सन् 2000 के पश्‍चात् कितने सरपंचों का कार्यकाल कितने-कितने समय के लिये रहा है एवं कौन से सरपंच के द्वारा कितने-कितने पट्टे वितरित किये गये हैं? वितरित पट्टों की जानकारी नाम सहित सरपंच कार्यकाल अनुसार प्रदान करें। (ग) सन् 2000 के पश्‍चात कितने सरपंचों पर अवैध पट्टे प्रदान किये जाने का प्रकरण दर्ज किया गया है एवं विभाग द्वारा इस संदर्भ में क्‍या जांच अथवा कार्यवाही की गई? जांच अथवा कार्यवाही की प्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या सरपंचों पर प्रकरण बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रकरण बनाये जाने के क्‍या-क्‍या कारण रहे हैं एवं किस सरपंच पर क्‍या कार्यवाही की गई है? सप्रमाण जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) इन्‍दौर विकासखण्‍ड के अन्‍तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत माचला में वर्ष 2000 के बाद न्‍यायालय अपर कलेक्‍टर महोदय जिला इन्‍दौर के प्रकरण क्रमांक 103/बी-121/2007-08 से ग्राम माचला स्थित भूमि खसरा नम्‍बर 121/1/1 रकबा 11.135 हे. भूमि को नोईयत परिवर्तन कर आबादी मद में दर्ज किया गया है। (ख) (1) श्रीमती लक्ष्‍मी बाई सेनवार ग्राम पंचायत मोरोद माचला का कार्यकाल वर्ष 1999-2000 से 2004-2005.                  (2) श्री अशोक आमनिया कार्यकाल वर्ष 2004-2005 से 2009-2010 तक। (3) श्रीमती सपना बंशीलाल कार्यकाल वर्ष 2009-2010 से 2014-2015 तक। (4) श्री अनिल रामकिशन चंदेल कार्यकाल वर्ष 2014-2015 से 2019 एवं अतिरिक्‍त कार्यकाल वर्तमान तक। कार्यालय ग्राम पंचायत माचला के कार्यालयीन अभिलेख में आबादी भूमि पर तत्‍कालीन एवं वर्तमान सरपंच के द्वारा आबादी भूमि पर पट्टे दिये जाने का कोई उल्‍लेख नहीं है। (ग) वर्ष 2021 में ग्राम पंचायत माचला के दो संरपच अशोक पिता भेरूलाल एवं अनिल पिता रामकिशन के विरूद्ध जांच उपरांत प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। (घ) जी हाँ जिन संरपचों द्वारा विधि प्रक्रिया का पालन किये बगैर शासकीय भूमि को खुर्द बुर्द करने की कार्यवाही की गई उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की कार्यवाही की गई है। पूर्व संरपच अशोक पिता भेरूलाल एवं अनिल पिता रामकिशन के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। एफ.आय.आर. की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

शासकीय भूमि को निजी नाम पर दर्ज किया जाना

[राजस्व]

83. ( क्र. 865 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 3155 दिनांक 04.03.2021 के संदर्भ में बतायें कि खण्‍ड (ख) में उज्‍जैन एवं इंदौर संभाग की उन जमीनों का उल्‍लेख क्‍यों नहीं किया गया है जो शासकीय से निजी नाम पर नामांतरित कर दी गई? उक्‍त प्रश्‍न के खण्‍ड (ख) की सम्‍पूर्ण जानकारी दी जावे।                          (ख) अहस्‍तांतरणीय से जमीन को हस्‍तांतरणीय किस नियम से किया जाता है? नियम की प्रति देवें तथा बतावें कि जिन जमीनों को हस्‍तांतरणीय किया गया है उनके सम्‍पूर्ण कार्यवाही के दस्‍तावेज उपलब्‍ध करावें तथा बतावें कि ऐसा आदेश करने का अधिकार किस राजस्‍व न्‍यायालय को है, तथा किस धारा में है? (ग) शासकीय जमीन से अदला बदली के रतलाम जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैंउनकी सूची दस्‍तावेज सहित देवें। (घ) इंदौर-उज्‍जैन संभाग में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें शासकीय जमीन को निजी नाम पर कर दी गई, तथा उच्‍च न्‍यायालय के आदेश की उच्‍चतम न्‍यायालय में नियमानुसार चुनौती नहीं दी गईक्‍या सक्षम अगले न्‍यायालय में वाद दायर किया जायेगा? (ड.) धारा 65 (6) में तथा धारा 165 (7) में आदेश देने की अधिकारिता किसे है, तथा क्‍या इस अधिकारिता को हस्‍तांतरित किया जा सकता है? यदि नहीं तो क्‍या ऐसे प्रकरणों को शून्‍य किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 3158 के अनुसार उज्जैन एवं इंदौर संभाग की जमीनें जिन्हें शासकीय से निजी नाम पर नामांतरित कर दी गई है। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-165 (7-बी) के अनुसार अहस्तातंरणीय से जमीन को हस्तांतरणीय करने के अधिकार जिला कलेक्टर को है। छायाप्रति विवरण संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ग) उज्जैन एवं इंदौर संभाग के अन्तर्गत जिला उज्जैन का दस्तावेज संलग्न है। (घ) जिला देवास के मान.उच्च न्याया. के पिटीशन क्रमांक 20880/18 में पारित आदेश दिनांक 2.8.2019 के अनुक्रम में नामांतरण स्वीकृत किया गया, उक्त भूमि के संबंध में मान. उच्चतम न्यायालय में एसएलपी (सी) 3460 लगाई गई, जो निरस्त कर दी गई है।                 (ड.) धारा-165 (6) एवं धारा-165 (7) में आदेश देने के अधिकार कलेक्‍टर की पद श्रेणी से अनिम्‍न पद श्रेणी के किसी राजस्‍व अधिकारी को है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

जनजातीय गौरव दिवस पर अधिग्रहित बसों की जानकारी

[परिवहन]

84. ( क्र. 868 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) 15 नवंबर 2021 को आयोजित जनजातीय गौरव समारोह में कितनी बसें किन जिलों से अधिगृहीत की गई? जिलावार बतावें। बस नंबर, बस मालिक नाम, स्‍थान सहित बतावें। (ख) किन जिलों से कितनी बसें भोपाल के लिये चलाई गई, की जानकारी भी देवें। (ग) इन बस मालिकों द्वारा प्रस्‍तुत बिलों की छायाप्रति भी देवें। इन्‍हें कितना भुगतान किया गया? कितना लंबित है, की जानकारी बसवार देवें। जिन्‍हें भुगतान किया गया है उनके टी.डी.एस. कटौत्रे की जानकारी भी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

 

 

नर्मदा सेवा यात्रा 2017 की बसों के संबंध में

[परिवहन]

85. ( क्र. 869 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) प्र.क्र. 1210 दि. 25-02-2021 के (ग) एवं (घ) उत्‍तर अनुसार प्रश्‍नांश में अपेक्षित जानकारी संकलन हेतु संयुक्‍त परिवहन आयुक्‍त, वित्‍त कार्यालय परिवहन आयुक्‍त ग्‍वालियर की अध्‍यक्षता में जो समिति का गठन हुआ है उसकी विगत 9 माह में कितनी बैठकें हुई? बैठक दिनांक सहित बतावे। (ख) इन बैठकों में संबंधित जिलों से जानकारी प्राप्‍त हो गई हो तो उन जिलों की जानकारी बसों के नंबर, बस मालिक नाम, अकाउंट नबंर, भुगतान स्थिति सहित देवें। T.D.S. कटौत्रा भी जिलावार देवें। (ग) जिन जिलों से जानकारी प्राप्‍त नहीं हुई है तो उन्‍हें समिति ने कितने पत्र भेजे, की जानकारी जिलावार पत्र की छायाप्रति सहित देवें। यदि ऐसा नहीं किया गया है तो प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) नर्मदा सेवा यात्रा को 4 वर्ष से अधिक समय होने के उपरांत भी शासन आज तक बसों के नंबर क्‍यों नहीं दे पा रहा है? इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क ) जी हाँ, संयुक्त परिवहन आयुक्त, वित्त परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर की अध्यक्षता में दिनांक 23.03.2021, 19.04.2021 एवं 08.10.2021 को बैठक आयोजित की गई है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नर्मदा सेवा यात्रा में अनुबंधित की गई वाहनों को किराये का भुगतान किये जाने का उत्तरदायित्व शासन द्वारा संबंधित जिला कलेक्टर को दिया गया था। प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टरों से जानकारी मंगाई जाकर संकलित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

खनन रायल्‍टी की वापसी

[खनिज साधन]

86. ( क्र. 878 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा वि.स. क्षेत्र में स्‍वच्‍छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्‍य योजनाओं में लोडिंग एवं परिवहन को छोड़कर रायल्‍टी वापस करने की योजना के तहत कितने हितग्राहियों को रायल्‍टी राशि वापस की गई है? दिनांक 01-01-2021 से 25-11-2021 के संदर्भ में देवें। (ख) स्‍वयं की भूमि से 10 घनमीटर रेत के उपयोग के अधिकार के तहत कितने लोगों ने आवेदन दिया और उन्‍हें स्‍वीकृत प्रदान की गई? प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि हेतु बतावें। (ग) कोतमा वि.स. क्षेत्र के ग्राम पंचायत कटकोना बैहाटोला बसाहट एरिया से किस आदेश के तहत रेत का परिवहन किया जा रहा है? इसे कब तक रूकवाया जाएगा। (घ) क्‍या कारण है कि ग्राम पंचायत कटकोना में ठेकेदार द्वारा खसरा नंबर 215 में लगभग 6000 पौधे लगाए जाने थे, चारागाह भूमि का विकास करना था लेकिन आज तक ये कार्य नहीं कराए गए थेकब तक कराए जाएंगे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कोतमा वि.स. क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य योजनाओं में लोडिंग एवं परिवहन को छोड़कर रायल्टी वापस करने की योजना के तहत दिनांक 01.01.2021 से 25.11.2021 तक उक्त क्षेत्र से संबंधित किसी भी हितग्राही द्वारा रायल्टी राशि वापस किये जाने हेतु (मध्यप्रदेश रेत नियम-2019 के नियम-4 (1) के तहत) आवेदन इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है। अतः जानकारी निरंक है। (ख) दिनांक 01.01.2021 से 25.11.2021 तक (मध्यप्रदेश रेत नियम-2019 के नियम-4 (2) के तहत) किसी भी व्यक्ति का आवेदन इस कार्यालय को प्राप्त न होने से स्वीकृति संबंधी कार्यवाही नहीं की गई है।                            (ग) कोतमा वि.स. क्षेत्र के ग्राम पंचायत कटकोना में मध्यप्रदेश रेत (उत्खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम-2019 के तहत शासकीय नीलाम रेत खदान स्वीकृत है। रेत का परिवहन ग्राम पंचायत कटकोना बैहाटोला वर्तमान में उपलब्ध मार्ग होने से एवं अन्य कोई वैकल्पिक मार्ग न होने से परिवहन किया जा रहा है। रेत परिवहन किये जाने हेतु ग्राम पंचायत द्वारा इस रास्ते का उपयोग किये जाने हेतु अनापत्ति प्रदान की है। परिवहन हेतु वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था होने पर परिवहन रूकवा दिया जायेगा। (घ) मध्यप्रदेश रेत (उत्खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम-2019 के तहत शासकीय नीलाम रेत खदान स्वीकृत है। उक्त स्वीकृत नीलाम खदान के अनुबंध की शर्तों में ग्राम पंचायत कटकोना में ठेकेदार द्वारा खसरा नंबर 215 में लगभग 6000 पौधे लगाए जाने, चारागाह भूमि का विकास करना था उल्लेखित नहीं है। अतः जानकारी निरंक है।

पेट्रोल पंपों व गैस एजेंसियों का निरीक्षण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

87. ( क्र. 891 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) दिनांक 01-01-2021 से 25-11-2021 महिदपुर वि.स. क्षेत्र में पेट्रोल पंपों व गैस एजेंसियों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों ने कब-कब किया? अधिकारी नाम, संस्‍था का नाम, निरीक्षण दिनांक सहित देवें। (ख) प्रत्‍येक निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) इनमें कितने संस्‍थानों पर            क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? संस्‍थानवार नाम सहित देवें। (घ) निरीक्षण में अनि‍यमि‍तता पाए जाने पर कोई कदम न उठाने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित अवधि में प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अधिकारियों द्वारा किये गये पेट्रोल पंप के निरीक्षण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के संलग्‍नक में समाहित है। (ग) की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्नांश (क) के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में समाहित है। (घ) निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

क्रशर व रेत खदानों संबंधी

[खनिज साधन]

88. ( क्र. 892 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में वर्तमान में कितने क्रशर व रेत खदाने संचालित हैं? संस्‍थान नाम, स्‍वामी नाम, रेत ठेकेदार नाम सहित देवें। (ख) इन क्रशर व रेत खदानों का निरीक्षण किन अधिकारियों ने कब-कब किया? निरीक्षण दिनांक, अधिकारी नाम, पदनाम सहित देवें। दि. 01.01.19 से 25.11.2021 के संदर्भ में देवें। (ग) प्रत्‍येक निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति देवें। इस टीप के आधर पर की गई कार्यवाही भी प्रकरणवार बतावें। (घ) यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो ऐसा करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में संचालित क्रशर उत्खनन पट्टों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रेत की चिन्हित खदानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। ये रेत की चिन्हित खदानें किसी को स्वीकृत न होने से असंचालित हैं।               (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 04 क्रशर उत्खनन पट्टों का निरीक्षण श्री जयदीप नामदेव खनि निरीक्षक द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में किया गया है। निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है, जिसमें निरीक्षण दिनाँक आदि का विवरण दर्शित है। महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रेत खदानें स्वीकृत न होने से प्रश्नाधीन अवधि में रेत खदानों का निरीक्षण नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिए उत्तर अनुसार क्रशर उत्खनन पट्टों के निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। 04 पट्टाधारियों में से 03 पट्टाधारियों को कारण बताओ नोटिस दिनाँक 21/01/2019 को जारी किए गए थे। जारी नोटिस की प्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। कारण बताओ नोटिस में 30 दिवस की अवधि समाप्त होने एवं पट्टाधारियों से जवाब अप्राप्त होने से नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। 01 पट्टाधारी श्री प्रताप सिंह को कारण बताओ सूचना पत्र के स्थान पर कमी हेतु नियमानुसार पूर्ति कराए जाने बाबत् कलेक्टर (खनिज शाखा) उज्जैन द्वारा दिनाँक 27/10/2020 से पत्र जारी किया गया है। जिसके पालन में पट्टेदार द्वारा संतोषप्रद पूर्ति की गई। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिए उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

खाद्य वितरण की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

89. ( क्र. 902 ) श्री कमलेश जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला खाद्य अधिकारी, जिला मुरैना को पत्र क्रमांक 761/नि.स./एफ-009 (रा) /खा.वि.जा./2021-22 अम्‍बाह दिनांक 04.10.2021 एवं 868/नि.स./एफ-009 (रा) /खा.वि.जा./2021-22 अम्‍बाह दिनांक 08.11.2021 द्वारा उक्‍त विषयानुसार जानकारी प्राप्‍त किये जाने हेतु कोई पत्र दिया गया था? यदि हाँ, तो चाही गई संपूर्ण जानकारी आज दिनांक तक विभाग द्वारा क्‍यों प्रदाय नहीं की गई? (ख) जनवरी 2021 से आज दिनांक तक केन्‍द्र सरकार एवं राज्‍य सरकार द्वारा कब-कब, कितना-कितना एवं क्‍या-क्या खाद्यान्‍न वितरण किये जाने हेतु जिला मुरैना के लिये प्राप्‍त हुआ एवं प्राप्‍त आवंटन में से प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में कब-कब, कितना-कितना एवं कौन-कौन सा खाद्यान्‍न वितरण हेतु प्रदाय किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में खाद्य वितरण केन्‍द्रों द्वारा किस-किस माह में कितने हितग्राही को कितना खाद्यान्‍न वितरित किया गया है तथा केन्‍द्रों द्वारा वितरण किये गये खाद्यान्‍न की जानकारी खाद्य वितरण केन्‍द्रोंवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी प्रदाय नहीं किये जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित करेगा अथवा नहीं या जनप्रतिनिधियों के पत्रों का कोई महत्‍व ही नहीं है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नकर्ता माननीय विधानसभा सदस्‍य को पत्र क्रमांक 2825/खाद्य/शिकायत/2021 मुरैना, दिनांक 29.11.2021 से प्रेषित कर दी गई है, जो कि कार्यालयीन भृत्‍य के माध्‍यम से 30.11.2021 को माननीय सदस्‍य के स्‍टाफ को तामील कराया गया है। (ख) केंद्र सरकार द्वारा मध्‍यप्रदेश के लिए जारी आवंटन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है एवं राज्‍य शासन द्वारा मुरैना जिले को जारी आवंटन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जारी आवंटन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्‍न वितरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार। अत: शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जानकारी उपलब्‍ध कराए जाने बाबत्

[राजस्व]

90. ( क्र. 903 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) तहसील अम्‍बाह, जिला मुरैना से मेरे पत्र क्र.जा.प्र./स्‍टेनो/2021/821 (अ) दिनांक 18.10.2021 द्वारा कुल चार बिन्‍दुओं पर जानकारी चाही गई थी एवं तहसीलदार पोरसा से पत्र क्र. 819 दिनांक 18.10.2021 द्वारा कुल आठ बिन्‍दुओं पर जानकारी चाही गई थी। यदि हाँ, तो जानकारी आज दिनांक तक क्‍यों अप्राप्‍त है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दोनों पत्र में चाही गई बिन्‍दुवार जानकारी आज दिनांक तक प्राप्‍त नहीं होने के कारण उक्‍त समस्‍त जानकारी सदन के माध्‍यम से उपलब्‍ध करवाएं। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में चाही गई जानकारी विभाग द्वारा आज दिनांक तक नहीं दिये जाने के विरूद्ध दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, माननीय विधायक महोदय द्वारा अनुविभागीय अधिकारी अनुविभाग अम्बाह से निम्न 04 बिन्दुओं पर जानकारी चाही गई थी :-               1. दिनांक 01 जनवरी 2019 से वर्तमान तक बी.पी.एल. के प्राप्त आवेदन, पात्र एवं अपात्र की जानकारी समस्त आवेदनों की छायाप्रति सहित चाही गई थीI 2. सी.एम. हेल्पलाइन की प्राप्त शिकायतें, समाधान एवं लंबित शिकायतों की जानकारी शिकायतकर्ता के ब्यौरे एवं शिकायतों की छायाप्रति सहित चाही गई थीI 3. लोकसेवा केन्द्रों द्वारा जाति एवं मूल निवासी जैसे प्रमाण पत्रों के निरस्त एवं जारी किये गए समस्त आवेदनों की जानकारी की छायाप्रति सहित चाही गई थी एवं निरस्त होने का कारण चाहा गया थाI 4 ई.डब्ल्यू.एस. के प्राप्त आवेदन, निरस्त आवेदन तथा लंबित आवेदनों की तहसीलदार अम्बाह एवं पोरसा से प्रश्नांकित पत्रों द्वारा जानकारी छायाप्रति सहित चाही गई थीI बिंदु क्रमांक 01 से 03 तक की जानकारी कुल 2, 17, 290 पृष्ठों में समाहित होने से इनका संकलन अत्यधिक श्रम साध्य, समय साध्य एवं व्यय साध्य है फलस्वरूप अनुविभागीय अधिकारी द्वारा माननीय विधायक महोदय से चाही गई जानकारी http://mpedistrict.gov.in/ तथा http://cmhelpline.mp.gov.in के पोर्टल पर पब्लिक डोमेन से प्राप्त करने हेतु पत्र क्रमांक- स्टेनो/जानकारी/2021/1446 अम्बाह, दिनांक 09.11.2021 से निवेदन किया गया परन्तु वांछित सहमति के निर्देश प्राप्त न होने पर पत्र क्रमांक- स्टेनो/जानकारी/2021/1569 अम्बाह, दिनांक 03.12.2021 से जानकारी की सी.डी. माननीय विधायक महोदय के कार्यालय में प्रेषित की गई जिसे उनके कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी श्री अरविन्द सिंह द्वारा प्राप्त की गई हैI बिंदु क्रमांक 04 की जानकारी तहसील अम्बाह से सम्बंधित होने के कारण तहसील अम्बाह अंतर्गत ई.डब्ल्यू.एस. के कुल 1836 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनका समय सीमा में निराकरण किया गया है और कोई भी आवेदन आज दिनांक तक लंबित नहीं हैI माननीय विधायक महोदय चाही गई जानकारी कुल 59, 916 पृष्ठों में समाहित होने से इनका संकलन श्रम, समय और व्‍यय साध्‍य है जिसको देखते हुए इसे सी.डी. के माध्‍यम से दिया गया हैI तहसील पोरसा से सम्बंधित माननीय विधायक महोदय द्वारा चाही गई जानकारी को उनके E-mail:kamleshgour1981gmail.com पर दिनांक 06.12.2021 को मेल के माध्यम से एवं स्पीड पोस्ट के माध्यम से सॉफ्ट कॉपी सी.डी. के द्वारा भी प्रेषित की गई हैI                       (ख) अनुविभागीय अधिकारी अनुविभाग अम्बाह, तहसीलदार तहसील पोरसा से प्राप्त सी.डी. संख्या 02 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई अधिकारी /कर्मचारी दोषी नहीं हैI

नियम विरूद्ध भुगतान की जांच एवं दोषियों पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

91. ( क्र. 908 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न संख्‍या 4678 दिनांक 22 मार्च 2021 के प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर में यह बताया गया कि माँ रतनगढ़ नगर परियोजना के अंतर्गत प्रेशराईज्‍ड पाइप माइक्रो नहर सिंचाई प्रणाली दतिया, ग्‍वालियर एवं भिण्‍ड जिला में प्रस्‍तावित है जिसकी प्रशासकीय स्‍वीकृति 2244.97 करोड़ एवं तकनीकी स्‍वीकृति 1185.39 करोड़ है? यदि हाँ, तो तकनीकी स्‍वीकृति से प्रशासकीय स्‍वीकृति अधिक क्‍यों और कैसे की गई? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर में यह भी बताया गया कि निर्माण एंजेसी मंटेना वशिष्‍ठा माइक्रो जे.व्‍ही. हैदराबाद को सामग्री के विरूद्ध कार्य किये बिना 412.50 करोड़ रूपये का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है तथा शासन के आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जांच हेतु समिति का गठन किया गया है? नियम विरूद्ध भुगतान के संबंध में जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर आगामी कार्यवाही किया जाना संभव है? यदि हाँ, तो क्‍या जांच समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन में कौन-कौन पाया गया तथा उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) कार्य प्रांरभ किये बिना राशि आहरण का कोई प्रावधान नियमों में नहीं होने के बाद भी 412.50 करोड़ का भुगतान किसके द्वारा और क्‍यों किया गया? इतनी बड़ी राशि की वसूली कम्‍पनी से कैसे और कब तक की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। माँ रतनगढ़ सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति राशि रूपये 2244.97 करोड़ के अंतर्गत योजना के निर्माण से प्रभावित भूमि का अर्जन/क्रय किया जाना वन अधिग्रहण तथा वृक्षारोपण हेतु क्षतिपूर्ति राशि, निर्माण कार्य (बांध एवं प्रेशराईज्‍ड पाइप नहर प्रणाली) की राशि सम्मिलित है। योजना की तकनीकी स्‍वीकृति सक्षम अधिकारी द्वारा केवल निर्माण कार्य (बांध एवं प्रेशराईज्‍ड पाईप नहर प्रणाली) के निर्माण हेतु दी जाती है। जिसकी राशि रूपये 1185.39 करोड़ आंकलित की गई है। सक्षम अधिकारी द्वारा जारी की गई तकनीकी स्‍वीकृति में केवल निर्माण कार्य की राशि सम्मिलित होने के कारण प्रशासकीय स्‍वीकृति राशि से भिन्‍न है। (ख) एवं (ग) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि कम्‍पनी को सामग्री के विरूद्ध रूपये 412.50 करोड़ का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। शासन के आदेश दिनांक 04/03/2021 द्वारा जांच हेतु समिति का गठन किया गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर जांच निष्‍कर्षानुसार प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगा। परियोजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है व डिजाइन ड्राइंग तैयार की जाकर मुख्‍य अभियंता बोधी भोपाल में परीक्षणाधीन है। कार्य प्रारंभ किए बिना राशि आहरण का कोई प्रावधान नियमों में नहीं है।

बाघों की मृत्‍यु और सुरक्षा

[वन]

92. ( क्र. 913 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 से नवम्‍बर 2021 तक प्रदेश के पन्‍ना व सतना जिले में बाघों की मृत्‍यु के कितने मामले संज्ञान में आए? इनमें से कितने बाघों की मृत्‍यु स्‍वभाविक व कितने बाघों की मृत्‍यु अस्‍वभाविक हुई? जिनकी अस्‍वभाविक मृत्‍यु हुई उनमें से किसका-किसका शिकार किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में सतना जिले में बाघों की सुरक्षा के इंतजाम के लिए क्‍या धन राशि भी आवंटित हुई है? यदि हाँ, तो कि‍तनी-कितनी राशि कब-कब, किन-किन कार्यों के लिए जारी की गई? कार्यों की वर्तमान स्‍थि‍ति भी स्‍पष्‍ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में बाघों की मृत्‍यु के लिए क्‍या किसी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी बनाया गया है या जिम्‍मेदारी तय की गई है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रदेश के पन्‍ना जिले में 7 व सतना जिले में 3 बाघों की मृत्‍यु के मामले संज्ञान में आये हैं। इनमें से सतना वनमंडल में 1 बाघ की मृत्‍यु अस्‍वाभाविक रूप से शिकार से हुई है जिसमें 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्‍यायालयीन कार्रवाई की गई है। शेष 9 बाघों की मृत्‍यु स्‍वाभाविक रूप से हुई है। (ख) जी हाँ। सतना वनमंडल के अंतर्गत बाघों के अनुश्रवण एवं सुरक्षा में निम्‍नानुसार राशि व्‍यय की गई है :-

क्र.

वर्ष

राशि (रू. में)

खर्च विवरण

1

मार्च, 2020 से दिसम्‍बर, 2020

1920000

बाघों के अनुश्रवण एवं सुरक्षा कार्य में लगे समिति सदस्‍यों को मानदेय के रूप में भुगतान किया गया है।

2

जनवरी, 2021 से नवम्‍बर, 2021

1791825

बाघों के अनुश्रवण एवं सुरक्षा का कार्य सतत् रूप से जारी है। (ग) बाघों की मृत्‍यु के लिए किसी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं पाया गया है, अत: जिम्‍मेदारी तय करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

 

 

 

गौण खनिज मद की राशि

[खनिज साधन]

93. ( क्र. 914 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्‍ठान मद में कितनी राशि जमा है? (ख) विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि से चित्रकूट विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए? निर्माण कार्यों में कितनी खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (ग) इस अवधि में जिला कलेक्‍टर द्वारा खनिज प्रतिष्‍ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि किन-किन विधान सभा क्षेत्रों में जारी की गई? कार्यवार राशिवार विवरण दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में दिनांक 30.11.2021 तक राशि रूपये 333.85 करोड़ प्राप्‍त हुए है। (ख) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।

गेहूँ भण्‍डारण की उचित व्‍यवस्‍था

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

94. ( क्र. 921 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या वर्ष 2018-19 से 2020-21 सम‍र्थन मूल्‍य पर खरीदी किए जाने के पश्‍चात उनके भण्‍डारण की उचित व्‍यवस्‍था नहीं की गई और खुले में भण्‍डारित किये जाने से हजारों मेट्रिक टन गेहूँ खराब जो पशुओं के खाने योग्‍य भी नहीं बचा होने का मामला प्रकाश में आया है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल, जबलपुर, होशंगाबाद, उज्‍जैन व इंदौर संभाग कुल कितना-किना गेहूँ किस-किस वर्ष में खराब हुआ उसके लिये कौन-कौन दोषी पाए गए तथा उनके विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? वर्षवार जिलेवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ के भंडारण की समुचित व्‍यवस्‍था की गई थी। वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ खराब होने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन अवधि में असामयिक वर्षा होने पर उपार्जन केन्‍द्रों पर गेहूँ क्षतिग्रस्‍त हुआ है। (ख) भोपाल, जबलपुर, होशंगाबाद, उज्‍जैन एवं इंदौर संभाग में वर्ष 2020-21 में असामयिक वर्षा होने से उपार्जन केन्‍द्रों पर खराब हुए गेहूँ की जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कोविड-19 के संक्रमण के कारण समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन का कार्य माह मार्च के स्‍थान पर अप्रैल से प्रारम्‍भ किया जा सका। समस्त पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय का अवसर प्रदान करने हेतु उपार्जन एवं परिवहन का कार्य माह जून, 2020 में भी जारी रहा। माह मई के अंतिम सप्ताह में 'निसर्ग' चक्रवात के कारण पूरे प्रदेश में भारी बारिश हुई। प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति के लिए किसी का दायित्‍व निर्धारण नहीं किया जा सकता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बीस"

शासकीय एवं पट्टे की भूमि के क्रय-विक्रय में अनियमितता

[राजस्व]

95. ( क्र. 926 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कस्‍बा खिलचीपुर में स्थित सर्वे नंबर 1127 पूर्व में शासकीय भूमि होकर शासन द्वारा पट्टा वितरण में उपयोग की गई थी? यदि हाँ, तो पट्टा संबंधित पूर्ण विवरण प्रदान करने का कष्‍ट करें।                                           (ख) क्‍या कस्‍बा खिलचीपुर में स्थित सर्वे नंबर 1127 के अंतर्गत राष्‍ट्रीय राजमार्ग निकला है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त सर्वे नं 1127 के हितग्राहियों को मुआवजा प्रदान किया गया था? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित सर्वे क्र. 1127 से वर्तमान में राष्‍ट्रीय राजमार्ग निकला था? यदि उस समय इस राजमार्ग के निकलने पर मुआवजा राशि का वितरण सर्वे क्र. 1127 के पट्टाधारियों को प्राप्‍त नहीं हुआ था, तो फिर वर्तमान में सर्वे क्र. 1127 राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर किस तरह निर्धारित हो गया? क्‍या इससे स्‍पष्‍ट नहीं है कि राष्‍ट्रीय राजमार्ग निकलने के पश्‍चात सर्वे क्र. 1127 की तरमीम व खसरा नक्‍शे में कूटरचना, फेर-बदल की गई है? यदि हाँ, तो शासन विरूद्ध किए गये इस कार्य को जानबूझ कर नजर अंदाज करने वाले कर्मचारी/अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी? (घ) क्‍या कस्‍बा खिलचीपुर में स्थित सर्वे नंबर 1127 के रकबे के अंंतर्गत क्रय-विक्रय में भू-राजस्‍व संहिता की धाराओं का पालन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी एवं क्‍या नियम विरूद्ध क्रय-विक्रय को निरस्‍त किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी, हाँ वर्ष 1982-83 के खसरे में कुल 53 पट्टे दर्ज है, जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है(ख) जी, हाँ कस्बा खिलचीपुर मे स्थित सर्वे नम्बर 1127 के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग निकला है। सर्वे नम्बर 1127 के हितग्राहियों को मुआवजा प्रदान नहीं किया गया। (ग) कस्बा खिलचीपुर मे स्थित सर्वे नम्बर 1127 में वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग निकला है। शासकीय सर्वे नम्बर होने एवं पट्टो के तरमीम नहीं होने से स्थान रिक्त होने पर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्धारित हो गया। सर्वे नम्बर 1127 में पूर्व से कोई तरमीम नहीं की गई थी। जो तरमीम न्यायालयीन आदेश से की गई थी उनके संबंध मे माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की खण्डपीठ इंदौर में भूमि सर्वे क्रमांक 1127/48 के संबंध मे एवं न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी खिलचीपुर-जीरापुर मे भूमि सर्वे क्रमांक 1127/28, 1127/25, 1127/68, 1127/12, एवं 1127/41 के सबंध मे प्रकरण विचाराधीन है। शेष तरमीम पट्टा निरस्त होने से निरस्त की गई है। (घ) कस्बा खिलचीपुर में स्थित सर्वे नंबर 1127 के रकबे के अंतर्गत क्रय विक्रय हुआ है। जिसकी सूची संलग्न है। क्रय-विक्रय मे भू-राजस्व संहिता 1959 की धाराओं के अनुसार 36 प्रकरणों मे अनुमति प्राप्त की गई है। 02 प्रकरणों मे अनुमति प्राप्त नहीं की गई उक्त बिना अनुमति प्राप्त किये गये प्रकरणों मे नामान्तरण करने वाले तत्कालीन तहसीलदार श्री रमाकान्त श्रीवास्तव थे, जो सेवानिवृत हो चुके हैं। उक्त दोनों प्रकरणों मे से 01 प्रकरण न्यायालय कलेक्टर जिला राजगढ़ के स्वप्रेरित निगरानी प्रकरण 0020/19-20 में पारित आदेश दिनांक 18-12-2019 के द्वारा भूमि सर्वे क्रमांक 1127/10 में से स्वीकृत नामान्तरण को निरस्त किया गया, उक्त आदेश के विरूद्व अपीलीय न्यायालय अपर आयुक्त भोपाल संभाग के अपील प्रकरण क्रमांक 0891/अपील/2019-20 शबनमबी पति अबरार कसाई निवासी खिलचीपुर विरूद्व म.प्र. शासन मे पारित आदेश दिनांक 02-03-2020 मे अपील आंशिक रूप से स्वीकार कर कलेक्टर जिला राजगढ़ के न्यायालयीन स्वप्रेरित निगरानी प्रकरण क्रमांक 0020/2019-20 मे पारित आदेश दिनांक 18-12-2019 को 1127/10 के शेष रक्बे पर यथावत रखा गया। अपर आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल के अपीलीय प्रकरण क्रमांक 891/2019-20 की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 तथा 01 प्रकरण न्यायालय कलेक्टर जिला राजगढ़ के न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 0017/स्व. निगरानी/2019-20 मे पारित आदेश दिनांक 13.12.2019 के द्वारा भूमि सर्वे क्रमांक 1127/44 के क्रय -विक्रय मे भू-राजस्व संहिता की धाराओं का पालन नहीं होने से सर्वे क्रमांक 1127/44 को शासकीय घोषित किया गया। उक्त सर्वे क्रमांक वर्तमान राजस्व रिकार्ड मे शासकीय होकर दर्ज है।

मोहनपुरा एवं कुण्‍डालिया जलाशय परियोजना

[जल संसाधन]

96. ( क्र. 927 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की मोहनपुरा जलाशय एवं कुण्‍डालिया जलाशय के प्रेशर पाईप नहरों द्वारा खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र की खिलचीपुर तहसील एवं जीरापुर तहसील के ग्रामों को एल.एण्‍ड.टी. कम्‍पनी एवं जैन एरीगेशन कम्‍पनी द्वारा पूर्ण रूप से सिंचाई हेतु पानी कब तक देना संभव होगा? एजेंसीवार बतावें। (ख) उक्‍त दोनों योजना में कार्यरत एजेंसी द्वारा निविदा में आवंटित समयावधि में कितना प्रतिशत कार्य किया गया एवं बढ़ाई गई समयावधि में कितना प्रतिशत कार्य किया गया? समयावधि का उल्‍लेख करते हुये बतावें। कुण्‍डालिया बांध के इंटेक चैनल की खुदाई का कार्य पूर्ण रूप से पूरा किया जाना कब तक संभव होगा? (ग) दोनों जलाशयों के लोकार्पण किये जाने के 3 से 4 वर्ष व्‍यतीत हो जाने के बाद भी कृषकों को प्रेशर पाईप सिंचाई से पानी उपलब्‍ध न होने के कारण दोनों संबंधित एजेंसियों एवं कार्यरत अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' एवं '''' अनुसार है। (ग) दोनों जलाशय क्रमश: कुण्‍डालिया एवं मोहनपुरा परियोजना में प्रेशर पाइप प्रणाली का क्रमश: 80 प्रतिशत एवं 48 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। मोहनपुरा परियोजना से इस वर्ष लगभग 42, 000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा रही हैं एवं कुण्डालिया परियोजना से आगामी रबी सत्र में रबी सिंचाई की जाना लक्षित हैं। निर्माण कार्य प्रगतिरत होने से किसी के भी विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

संबंल योजना के हितग्राही

[श्रम]

97. ( क्र. 932 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में 01 अप्रैल 2018 से प्रारंभ संबल योजना में नये सिरे से हितग्राहियों के पंजीकरण और सत्‍यापन का काम कब से प्रारंभ होगा? (ख) रतलाम नगर निगम क्षेत्र में अपात्र घोषित 23, 375 हितग्राहियों में से शासन के 12 फरवरी 2021 के नये निर्देशों के अनुपालन में कितनों को पात्र घोषित कर योजना से लाभान्वित किया गया है? शेष सभी अपात्र हितग्राहियों के सत्‍यापन का काम कब तक पूरा हो जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पंजीयन किये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सत्‍यापन की प्रक्रिया निरंतरित है। (ख) आयुक्‍त नगर निगम रतलाम से प्राप्‍त जानकारी अनुसार वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र में 480 अपात्र हितग्राहियों के अपीलीय आवेदन प्राप्‍त हुए हैं, जिनमें से परीक्षण उपरान्‍त 86 पात्र होने से अपीलीय अधिकारी को अपीलार्थ भेज कर पात्र किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। शेष हितग्राहियों द्वारा अपीलीय आवेदन प्रस्‍तुत करने पर नियमानुसार परीक्षण कर सत्‍यापन का कार्य पूर्ण किया जा सकेगा।

राजस्‍व विभाग में लंबित प्रकरणों की जानकारी

[राजस्व]

98. ( क्र. 941 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) गुना जिले के अंतर्गत विभिन्‍न राजस्‍व न्‍यायालयों में नामांतरण, विवादित नामांतरण, बंटवारे, अतिक्रमण, जा‍ति प्रमाण पत्र, मजरे-टोलों के नवीन ग्राम बनाने के कितने प्रस्‍ताव 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक लंबित हैं? आवेदकों की संख्‍या सहित तहसीलवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में लंबित नामांतरण, विवादित नामांतरण, बंटवारे, अतिक्रमण, जाति प्रमाण पत्र, मजरे टोलों के नवीन ग्राम बनाने के प्रकरण किस तिथि से लंबित है? ग्रामवार, तिथिवार तहसीलवार बतायें। (ग) गुना जिले में अनुसूचित जाति, जनजाति के प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे हैं? इसके लिये कौन दोषी है और कब तक जाति प्रमाण पत्र बनाकर उपलब्‍ध करा दिये जायेंगे? (घ) प्रश्‍नांक (क) के परिप्रेक्ष्‍य में गुना जिले में एस.सी., एस.टी. के कितने प्रकरण प्रस्‍तुत हुए हैं एवं कितने जाति प्रमाण पत्र बनाये गये हैं तथा कितने लंबित है? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? राजस्‍व न्‍यायालयवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ड.) विगत 10 वर्षों में राघौगढ़ विधान सभा में कितनी, कौन सी विक्रय निषेध भूमि का नामांतरण किया गया है? उक्‍त भूमि नियम विरूद्ध हस्‍तांरित होने के लिये कौन जिम्‍मेदार है? उन पर कब और क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले में नामांतरण, बटवारे, अतिक्रमण, जाति प्रमाण पत्र एवं मजरे-टोलों के नवीन ग्राम बनाने के लंबित प्रकरणों की जानकारी प्रश्‍नाधीन अवधि में तहसीलवार निम्‍नानुसार है -

तहसील का नाम

नामांतरण

बटवारा

अतिक्रमण

मजरे-टोलों से नवीन ग्राम बनने के

 

आवेदक

प्रकरण

आवेदक

प्रकरण

आवेदक

प्रकरण

गुना

607

607

184

184

26

26

0

गुना नगर

731

731

44

44

2

2

0

बमोरी

379

379

174

174

82

82

0

आरोन

626

626

199

199

7

7

0

राघौगढ़

350

350

66

66

22

22

0

मकसूदनगढ़

458

458

89

89

14

14

0

चाचौड़ा़ 

401

401

86

86

2

2

0

कुंभराज

710

710

156

156

33

33

0

योग जिला

4262

4262

998

998

188

188

0

जाति प्रमाण पत्र न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के कर्यालय द्वारा जारी किये जाने से लंबित जाति प्रमाण पत्रों की जानकारी अनुविभागवार निम्‍नानुसार है-

 अनुविभाग का नाम

अ.जा. एवं अ.ज.जा. से संबंधित लंबित जाति प्रमाण पत्र

आवेदकों की संख्‍या

प्रकरण

गुना

145

145

आरोन

22

22

राघौगढ़

175

175

चाचौड़ा

51

51

योग जिला

393

393

(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में लंबित नामांतरण, बटवारे, अतिक्रमण, जाति प्रमाण पत्र एवं मजरे-टोलों के नवीन ग्राम बनने के प्रकरणों की जानकारी तहसीलवार निम्‍नानुसार है-

1- नामांतरण

तहसील का नाम

लंबित रहने की समयावधि

0 से 3 माह

3 से 6 माह

6 माह से 1 वर्ष

1 से 2 वर्ष

गुना

512

86

9

0

गुना नगर

656

56

19

0

बमोरी

244

135

0

0

आरोन

559

67

0

0

राघौगढ़

319

30

1

0

मकसूदनगढ़

389

69

0

0

चाचौड़ा़ 

376

25

0

0

कुंभराज

541

162

6

1

योग जिला

3596

630

35

01

2-बटवारा

 तहसील का नाम

लंबित रहने की समयावधि

0 से 3 माह

3 से 6 माह

6 माह से 1 वर्ष

1 से 2 वर्ष

गुना

128

55

1

0

गुना नगर

26

13

5

0

बमोरी

115

59

0

0

आरोन

164

35

0

0

राघौगढ़

57

9

0

0

मकसूदनगढ़

73

16

0

0

चाचौड़ा़ 

59

27

0

0

कुंभराज

93

53

10

0

योग जिला

715

267

16

0

3-अतिक्रमण

 तहसील का नाम

लंबित रहने की समयावधि

0 से 3 माह

3 से 6 माह

6 माह से 1 वर्ष

1 से 2 वर्ष

गुना

25

1

0

0

गुना नगर

1

0

1

 

बमोरी

52

30

0

0

आरोन

4

3

0

0

राघौगढ़

20

2

0

0

मकसूदनगढ़

10

4

0

0

चाचौड़ा़ 

2

0

0

0

कुंभराज

8

23

2

0

योग जिला

122

63

3

0

4- जाति प्रमाण पत्र - जिले में लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 के प्रावधान अनुसार समयावधि 30 दिवस की समय-सीमा में सभी प्रकरण निराकृत कर दिये जाते हैं। समय-सीमा के बाहर कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) जिले में अनुसूचित जाति, जनजाति के जाति प्रमाण पत्र नियमानुसार बनाये जा रहे हैं। लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 के प्रावधान अनुसार समयावधि 30 दिवस की समय-सीमा में सभी प्रकरण निराकृत कर दिये जाते हैं। समय-सीमा के बाहर कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) जिले में एस.सी. एवं एस.टी. से संबंधित 16855 जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने हेतु प्राप्‍त हुये जिसमे से 16384 जाति प्रमाण पत्र बनाये गये तथा 393 आवेदन समय-सीमा के अन्‍दर के लंबित है। न्‍यायालयवार जानकारी निम्‍नानुसार है-

राजस्‍व न्‍यायालय का नाम

दर्ज प्रकरणों की संख्‍या

बनाये गये जाति प्रमाण पत्रों की संख्‍या

लंबित प्रकरण

अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), गुना

12789

12566

145

अनुविभागीय अधिकरी (राजस्‍व), आरोन

235

213

22

अनुविभागीय अधिकरी (राजस्‍व), राघौगढ़

822

647

175

अनुविभागीय अधिकरी (राजस्‍व), चाचौड़ा़ 

3009

2958

51

योग जिला

16855

16384

393

लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 के प्रावधान अनुसार समयावधि 30 दिवस की समय-सीमा में सभी प्रकरण निराकृत कर दिये जाते है। समय-सीमा के बाहर कोई प्रकरण लंबित नहीं है।               (ड.) विगत 10 वर्षों में राधौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विक्रय निषेध भूमि के नियम विरूद्ध नामांतरण प्रकरणों के विरूद्ध कलेक्टर न्यायालय गुना में स्वयमेव निगरानी के अन्तर्गत दर्ज एवं निराकृत 06 प्रकरण निम्नानुसार हैं -

 क्रमांक

प्रकरण क्रमांक

आदेश दिनांक

1

38/स्व.निग/2012-13

01/07/2016

2

47/स्व.निग/2012-13

04/07/2017

3

05/स्व.निग/2015-16

11/10/2017

4

06/स्व.निग/2015-16

11/10/2017

5

09/स्व.निग/2016-17

02/04/2018

6

12/स्व.निग/2019-20

07/03/2020

उपरोक्त प्रकरणों में कलेक्टर न्यायालय द्वारा नामांतरण की गई भूमि नियम विरूद्ध हस्तांतरित होने के कारण पट्टा/नामांतरण निरस्त करते हुये शासकीय घोषित की गई है। निम्न 04 प्रकरण आदेश उपरान्त वरिष्ठ न्यायालय अपर आयुक्त/राजस्व मण्डल के मांग पत्र अनुसार प्रेषित किये गये हैं -

 क्र.

प्रकरण क्र.

आदेश दिनांक

वरिष्ठ राजस्व न्यायालय का नाम

1

23/स्व.निग/2012-13

01/08/2017

राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर

2

28/स्व.निग/2012-13

02/11/2016

--‘‘--

3

43/स्व.निग/2012-13

13/11/2017

--‘‘--

4

04/स्व.निग/2013-14

13/04/2016

अपर आयुक्त ग्वालियर

निम्न 01 प्रकरण में कलेक्टर न्यायालय द्वारा पारित आदेश आयुक्त, ग्वालियर संभाग, ग्वालियर द्वारा निरस्त किया गया है -

क्र

प्रकरण क्र. एवं आदेश दिनांक

आयुक्त ग्वालियर संभाग, ग्वालियर का प्र.क्र.                एवं आदेश दिनांक

1

19/स्व.निग/2019-20 आ.दि. 13/07/2020

प्र.क्र-03/2020-21/निगरानी आ.दि. 23/09/2020

शेष प्रश्‍नांश विधिक अर्थान्‍वयन से संबंधित है।

वनभूमि भूमि पट्टे का प्रदाय

[वन]

99. ( क्र. 942 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क, मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग से स्‍वीकृत सड़कों तथा ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु वन विभाग की अनुमति के कौन-कौन से प्रस्‍ताव किस स्‍तर पर कब से एवं क्‍यों लंबित हैं? उनका निराकरण क्‍यों नहीं किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री, विधायकों एवं गणमान्‍य नागरिकों के पत्र प्राप्‍त हुये हैं? उक्‍त पत्रों पर कब और क्या कार्यवाही की गई है? (ग) वन अधिकार अधिनियम के अन्‍तर्गत आदिवासी बाहुल्‍य ग्रामों में वन भूमि पर सड़क निर्माण तथा विद्युतीकरण कार्य की अनुमति के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (घ) गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक वनाधिकार कानून के अन्‍तर्गत अनु.जनजाति/ विशेष आदिवासियों के भूमि स्‍वामित्‍व के दावों को निरस्‍त किया गया है? यदि हाँ, तो किस कारण से? यदि लंबित है तो कब तक निराकरण कर दिया जायेगा? उक्‍त के संबंध में उन्‍हें कानूनी परामर्श हेतु सहायता प्रदान कराई जा रही है? यदि हाँ, तो कब से, कितने लोगों को                  किस-किस के द्वारा, क्या सहायता दी गई है? यदि नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशष्‍ट-1 अनुसार है।                   (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में गुना वनमण्‍डल में कोई पत्र प्राप्‍त नहीं हुए है। (ग) वनाधिकार अधिनियम, 2006 की धारा 3 (2) में 1 हेक्‍टेयर से कम वनभूमि के व्‍यपवर्तन के अधिकार कुछ शर्तों के साथ संबंधित क्षेत्रीय वन मण्‍डलाधिकारियों को प्रदत्‍त है। वनाधिकार अधिनियम, 2006 की धारा 3 (2) में दिए गए अधिकारों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशष्‍ट-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अनुसूचित जनजाति, विशेष आदिवासियों के 328 दावे कोई साक्ष्‍य नहीं, वनभूमि पर काबिज नहीं, आजीविका वन भूमि पर निर्भर नहीं, आदिवासी वर्ग का न होने से (एस.टी. वर्ग में आवेदन किया है), अवयस्‍क होने से, आवेदित भूमि पर जंगल होने से, आवेदित भूमि राजस्‍व भूमि होने पर, पिता / पति या स्‍वयं आवेदक को पूर्व में पट्टा मिल चुका है, दोहरा आवेदन होने से निरस्‍त दावों का पुन: परीक्षण किया जा रहा है। कानूनी परामर्श हेतु सहायता प्रदान करने हेतु किसी भी आवेदक का आवेदन पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

एस.डी.एम. कार्यालय खोला जाना

[राजस्व]

100. ( क्र. 951 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में नवीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कार्यालय खोले जाने की सरकार की योजना है? यदि हाँ, तो इसके लिए क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित किये गये हैं तथा विगत दो वर्षों में नवीन कार्यालय कहाँ-कहाँ पर खोले गये हैं? (ख) क्‍या देवास जिले की सोनकच्‍छ विधान सभा के अंतर्गत टोकखुर्द में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कार्यालय खोले जाने की आवश्‍यकता है? यदि हाँ, तो कब तक उक्‍त कार्यालय खोला जायेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं जिला कलेक्‍टर के प्रस्‍ताव/प्रशासकीय आवश्‍यकता के आधार पर नवीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कार्यालय खोले जाते हैं। विगत दो वर्षों में नवीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कार्यालय नहीं खोले गये हैं। (ख) प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है।

 

रेत का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

101. ( क्र. 952 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक होशंगाबाद, जबलपुर, भिण्‍ड, नरसिंहपुर, रायसेन, देवास, धार, बड़वानी, सीहोर में कितनी रेत खदानें किस-किस स्‍थान पर, किस-किस दर पर कितने समय के लिये कितनी जगह पर आवंटित की गई? जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विभाग के जारी दिशा निर्देशों के विपरीत अवैध खनन होने की कितनी शिकायतें, कब-कब,                किस-किस को प्राप्‍त हुई हैं? शिकायतों की प्रति दें। (ग) उपरोक्‍त के संबंध में शिकायतों पर               कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की गई? (घ) उपरोक्‍त के संबंध में लोक सेवा प्रबंधन विभाग से कितने प्रकरण विभाग को प्राप्‍त हुये? कितने प्रकरण कितनी अवधि में निराकृत हुये? कितने प्रकरण किस कारण से लंबित है? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नगरपालिका की भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

102. ( क्र. 955 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या भिण्‍ड जिले की तहसील लहार के सर्वे क्र. 3785 रकबा 1.244 हेक्‍टेयर में से नगरपालिका लहार की भूमि रकबा 0.167 पर एवं हॉकर्स जोन नगरपालिका परिषद् लहार के सर्वे क्र. 4750/1 तथा 4750/3 पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारियों के नाम-पता सहित बताएं एवं अतिक्रमण कब तक हटा दिया जाएगा?                          (ख) राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्र. 552 पर जेल से लेकर गणेशपुरा तक तथा पचपेड़ा तिराहे से फार्मेसी कॉलेज तक लहार सेवढ़ा मार्ग के दोनों ओर 150 फीट तक किन-किन व्‍यक्तियों द्वारा अवैध रूप से कब्‍जा कर लिया है? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम पता सहित बताएं? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1325 दिनांक 25 फरवरी 2021 के उत्‍तर में 100 मीटर के दोनों ओर लहार एवं दवोह कस्‍बे में 93 अतिक्रमण हटाने का असत्‍य उत्‍तर दिया था? यदि हाँ, तो वरिष्‍ठ अधिकारियों की कमेटी से जांच कराई जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) भिण्‍ड जिले की लहार, रौन एवं मिहोना तहसील के अन्‍तर्गत ग्रामों के 3 कि.मी. अन्‍दर किन-किन व्‍यक्तियों ने अवैध रूप से प्‍लाट बेचकर कॉलोनी बनाई गई है? नाम, पता सहित बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : () भिण्‍ड जिले के नगर लहार का सर्वे क्र. 3785 रकबा 1.244 हे. शासकीय भूमि है जिसमें से रकवा 0.958 हे. पर पुरानी तहसील एवं सिविल न्‍यायालय निर्मित है एवं 0.119 हे. पर पक्‍की सड़क है व 0.167 हे. भूमि नगर पंचायत परिषद् लहार के नाम शासकीय अभिलेख में अंकित है एवं सर्वे क्रमांक 4750/1 रकबा 0.240 हे. म.प्र. शासन नगर पंचायत परिषद् लहार के नाम दर्ज है एवं सर्वे क्र. 4750/3 रकबा 0.073 हे. बेहड़ नजूल मिल्कियत सरकार के नाम दर्ज है। नगर पालिका परिषद् लहार की भूमि पर से अतिक्रमणकारियों के अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदार लहार के पत्र क्र. 465 दिनांक 30.07.2021 एवं पत्र क्‍यू-1/06-12%2021 से मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी द्वारा सूची में संलग्‍न अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर दिये गये है। अतिक्रमणकारियों के नाम, पता सहित की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। इसी प्रकार शासकीय सर्वे क्र.4750/3 रकबा 0.073 हे. शासकीय बेहड़ नजूल भूमि पर अतिक्रमणकारियों को तहसीलदार लहार द्वारा नोटिस जारी किये गये है। न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। समय बताया जाना संभव नहीं है। () राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्र. 552 पर जेल से लेकर गणेशपुरा तक तथा पचपेड़ा तिराहे से फार्मेसी कॉलेज तक लहार सेवढ़ा मार्ग के दोनों ओर 150 फीट के अंतर्गत व्‍यापक आबादी क्षेत्र होने से अतिक्रमण की जांच करने में अधिक समय लगने की संभावना है। इसकी जांच हेतु तहसीलदार लहार के द्वारा दल गठित कर जांचदल द्वारा जांच कार्यवाही जारी है। () प्रश्‍न क्र. 1325 के उत्‍तर में उल्‍लेखित कस्‍बा लहार के अस्‍थायी 93 अतिक्रमण तत्‍समय हटवाये गये थे। तदोपरांत सूची प्रश्‍न के संलग्‍न प्रेषित की गई थी। तत्‍समय दी गई जानकारी सत्‍य होने से जांच की आवश्‍यकता नहीं है। () प्रश्‍नांश (घ) अनुसार सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट पर  है

परिशिष्ट - "बाईस"

माननीय न्‍यायालय के आदेश की अवहेलना

[खनिज साधन]

103. ( क्र. 956 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के तहसील गोहद के अंतर्गत ग्राम पाली वृत्‍त देहगांव के निजी भूमि सर्वे क्र. 644 रकबा 1.37 हेक्‍टेयर, सर्वे क्र. 645 रकबा 1.18 हेक्‍टेयर कुल रकबा 2.55 हेक्‍टेयर किसके नाम पर है? नाम, पता सहित विवरण दें। (ख) क्‍या उक्‍त सर्वे क्रमांक की भूमि पर पत्‍थर का अवैध उत्‍खनन करने की शिकायत खनिज विभाग/प्रशासन को प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो कब-कब एवं किस-किस के द्वारा शिकायत की गई एवं उन शिकायतों की जांच किस-किस अधिकारी से कब-कब कराई एवं जांच निष्‍कर्ष के आधार पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) उक्‍त अवैध उत्‍खनन से शासन को करोड़ों रूपये की हो रही राजस्‍व हानि की वसूली किससे की जाएगी?                    (घ) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या माननीय न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर द्वारा याचिका क्रमांक WP.9018.2021 में माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर द्वारा दिनांक 24.08.2021 के निर्णय में उक्‍त सर्वे क्रमांक की भूमि पर अवैध उत्‍खनन सही पाए जाने पर कलेक्‍टर भिण्‍ड एवं खनिज अधिकारी भिण्‍ड को दो माह में अवैध उत्‍खनन रूकवाने एवं संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किये जाने के बाद भी आज दिनांक तक जिला प्रशासन/खनिज विभाग द्वारा माननीय न्‍यायालय के निर्णय के पालन में कोई कार्यवाही नहीं की गई है? (ड.) यदि हाँ, तो क्‍या कलेक्‍टर भिण्‍ड एवं खनिज अधिकारी द्वारा माननीय न्‍यायालय के निर्णय/निर्देश का पालन न करने पर याचिकाकर्ता द्वारा दिनांक 23.11.2021 को माननीय उच्‍च न्‍यायालय के समक्ष अवमानना याचिका लगाने को मजबूर होना पड़ा है? (च) यदि हाँ, तो माननीय न्‍यायालय के निर्णय/निर्देश की अवमानना करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्ड जिले के तहसील गोहद के अंतर्गत ग्राम पाली वृत्त देहगांव के निजी भूमि सर्वे क्र. 644 रकबा 1.37 हेक्टेयर, सर्वे क्र. 645 रकवा 1.18 हेक्टेयर कुल रकवा 2.55 हेक्टेयर भगवती इन्फ्राटेक मौनिका मौर्य पुत्री श्री विद्याराम मौर्य पता तुलसी विहार, सिटी सेन्टर, ग्वालियर (म.प्र.) के नाम पर दर्ज है। (ख) जी हाँ, श्री राजेन्द्र प्रसाद खण्डेलवाल द्वारा दिनांक 15.02.2021 एवं 03.06.2021 को कार्यालय में एवं श्री प्रतीक खण्डेलवाल द्वारा दिनांक 19.04.2021 को सी. एम. हेल्पलाइन शिकायत क्रमांक 13908696 के माध्यम से शिकायत की गई। जिसमें तहसीलदार वृत्त देहगांव तहसील गोहद भिण्ड द्वारा राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी से दिनांक 08.05.2021 को जांच करवाई गई। जिसमें अवैध उत्खनन होना पाया गया। तदोपरांत पुनः नायब तहसीलदार वृत्त देहगांव, राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी, खनि निरीक्षक एवं सर्वेयर भिण्ड द्वारा दिनांक 07.08.2021 को उक्त शिकायत की मौका स्थल पर जाकर जांच की गई। जिसमें 10270 घ.मी. मिट्टी एवं 30514 घ.मी. पत्थर का अवैध उत्खनन होना पाया गया। अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज कर अवैध उत्खननकर्ता पर कुल 6, 11, 76, 000/- रूपये की शास्ति प्रस्तावित की गई तथा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिए उत्तर अनुसार प्रकरण वर्तमान में कार्यवाही के अधीन है। अतः राजस्व हानि एवं वसूली का प्रश्न वर्तमान में उपस्थित नहीं है। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्नांश (घ) में दिए उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अवमानना याचिका प्रस्तुत करना या न करना याचिकाकर्ता के विवेक पर निर्भर है।                (च) प्रश्नांश (ड.) में दिए उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

वर्षों से काबिज आदिवासी परिवारों को बेदखल किया जाना

[वन]

104. ( क्र. 965 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम मोगरा, तह. पिपरिया, जिला होशंगाबाद में वन/राजस्‍व भूमि पर वर्षों से काबिज आदिवासी परिवारों को वन विभाग द्वारा बेदखल किया गया है, जबकि इन आदिवासियों को भू-अधिकार, ऋण पुस्तिका बनी हुई है, जिसका खाता क्र. 39, प.ह.न. 48 खसरा एवं रकबा उल्‍लेखित है? (ख) क्‍या इन काबिज आदिवासियों को वनाधिकार कानून के अनुरूप मा. मुख्‍यमंत्री की घोषणाओं के अनुरूप भूमि के पट्टे दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तकयदि नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, होशंगाबाद से ग्राम मोगरा, तहसील पिपरिया, जिला होशंगाबाद में वन/राजस्व भूमि पर वर्षों से काबिज आदिवासी परिवारों को वर्ष 2014-15 में वन विभाग द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38v के तहत भारत शासन के दिशा-निर्देश एवं निर्धारित पैकेज तथा ग्रामीणों द्वारा दी गई स्वैच्छिक सहमति के अनुसार (रू.10-10 लाख देकर) विस्थापित किया गया है। इन आदिवासियों को भू-अधिकार, ऋण पुस्तिका बनी हुई है। प्रश्नांश में उल्लेखित खसरा क्रमांक 39 रकबा 0.223 हेक्‍टेयर पटवारी हल्का मोगरा की नोइयत वर्ष 2017-18 के अनुसार ग्राम मोगरा, तहसील पिपरिया, जिला होशंगाबाद राजस्व अभिलेख में भू-जल के रूप में दर्ज है। (ख) जी नहीं प्रश्नांश में उल्लेखित भूमि राजस्व शासकीय भूमि है न कि वनभूमि है, अतः वनाधिकार कानून के अंतर्गत पट्टे दिया जाना प्रावधानित नहीं है।

 

वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के गोदामों से खाद्यान्‍नों की चोरी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

105. ( क्र. 966 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्‍या जनवरी 2021 में देवास जिले में देवास शाखा, वर्ष 2019 में सोनकच्‍छ शाखा पर जे.व्‍ही.एस. गोदाम मनोहर श्री एग्रो सर्विसेस से 983 क्विंटल चना, जनवरी 2021 में हरदा जिले की खेड़ा शाखा से करोड़ों रूपए का गेहूँ / चना चोरी/गायब होने की शिकायत प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रकरणों में किस-किस पुलिस थाना में किस-किस अपराध क्रमांक पर किस-किस धारा में किस-किस के विरूद्ध एफ.आई.आर. कराई गई? एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्‍ध कराएं। यदि नहीं तो क्‍यों? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या जांच कराई गई? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी से कब-कब जांच कराई गई एवं जांच निष्‍कर्षों के आधार पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या वर्ष 2020-21 में नर्मदापुरम के क्षेत्रीय कार्यालय पवारखेड़ा होशंगाबाद के तत्‍कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा नर्मदापुरम क्षेत्र की विभिन्‍न शाखाओं से फर्जी रूप से दैनिक श्रमिकों/चौकीदारों का वेतन आहरण करने संबंधी शिकायत प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्‍या एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई? यदि हाँ, तो किस थाने में किस अपराध क्रमांक पर किस-किस धारा में प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया? एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्‍ध कराएं। यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य क्‍या किसी वरिष्‍ठ अधिकारी से जांच कराई गई? यदि हाँ, तो किस अधिकारी से कब एवं जांच निष्‍कर्षों के आधार पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) (1) जी नहीं, निगम में शाखा देवास से चना चोरी होने संबंधी शिकायत प्राप्‍त होना नहीं पाई गई। (2) जी हाँ, शाखा सोनकच्‍छ पर वर्ष 2019 में जे.व्‍ही.एस. गोदाम मनोहर श्री एग्रो सर्विसेज से 976.21 क्विंटल चने की हेराफेरी मामले मे दिनांक 15.08.2019 को थाना बरोठा में भारतीय दण्‍ड संहिता 1860 की धारा के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। एफ.आई.आर. की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (3) जी हाँ, शाखा खेड़ा जिला हरदा से गेहूँ/चना चोरी होने संबंधी शिकायत प्राप्‍त हुई थी उक्‍त प्रकरण में निगम स्‍तर से जांच कराई जाकर तत्‍कालीन शाखा प्रबंधक को निलंबित किया गया था। प्रकरण में निगम द्वारा एफ.आई.आर. नहीं कराई गई। (ख) (1) वर्ष 2019 में सोनकच्‍छ शाखा पर जे.व्‍ही.एस. गोदाम मनोहर श्री एग्रो सर्विसेज से 976.21 क्विंटल चना चोरी प्रकरण की जांच क्षेत्रीय कार्यालय स्‍तर से दिनांक 16.10.2018 को श्री पी.के. चौधरी, जिला प्रबंधक देवास एवं श्री कैलाश वाईकर द्वारा जांच की गई तथा मुख्‍यालय स्‍तर से दिनांक 09.12.2018 को आर.सी. त्रिपाठी, स.गु.नि.क्षे.का. इन्‍दौर द्वारा जांच की गई। जांच निष्‍कर्ष अनुसार जे.व्‍ही.एस. गोदाम संचालक श्री कुन्‍दन सिंह ठाकुर के विरूद्ध थाना बरोठा जिला देवास में दिनांक 15.08.2019 को भारतीय दण्‍ड संहिता 1860 की धारा 407 में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। (2) शाखा खेड़ा पर अनियमितता संबंधी प्रकरण में श्री दोमनिक भूरिया, सहायक गुणवत्‍ता नियंत्रक, तत्‍कालीन शाखा प्रबंधक को आदेश क्रमांक 5813 दिनांक 23.01.2021 के तहत निलम्बित किया गया था। उनके विरूद्ध आदेश क्रमांक 1657 दिनांक 13.07.2021 के तहत विभागीय जांच आदेशित की गई है। (ग) जी नहीं, नर्मदापुरम तत्‍कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक श्री बी.एल. चौहान के विरूद्ध नर्मदापुरम की विभिन्‍न शाखाओं से फर्जी रूप से दैनिक श्रमिकों/चौकीदारों का वेतन आहरण करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्‍त होना नहीं पाई गई।                 (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गिट्टी पत्‍थर का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

106. ( क्र. 977 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला भिण्‍ड की गोहद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पालन डिरमन, पिपरसा, वेंडरा, कांकरी, बड़ागर, वंकीपुरा एवं डांग पहाड़ में क्रशर मशीनों के द्वारा अवैध उत्‍खनन (ब्‍लास्टिंग) कर गिट्टी पत्‍थर निकाला जा रहा है, जिसके कारण ब्‍लास्टिंग के कम्‍पन से वहां के र‍हवासियों के अधिकांश घरों में दरारें आ गई हैं तथा वहां के र‍हवासियों को अस्‍थमा एवं ह्दय रोग की शिकायतें बढ़ गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या क्रशर से गिट्टी/मिट्टी लदे ट्रक ओवर लोड के साथ आवागमन करने के कारण सड़कें खराब होने से आये दिन एक्‍सीडेंट की घटनाएं होती रहती हैं? (ग) क्या उक्‍त खदानों से अवैध खुदाई के कारण खदानों की गहराई शासन के मापदण्‍डों के अनुरूप न की जाकर मनमानी तरीके से 150 से 200 फिट तक गहरे गड्ढे कर दिये गये हैं? इन गड्ढों में भू-तल/झीर के पानी से गड्ढे भर जाते हैं एवं पानी प्रदूषित भी हो जाता है। विशेषकर ग्राम झांकरी के क्रशर प्‍लांट से इस गंदे पानी को खनिज माफियों द्वारा विद्युत मोटरों द्वारा किसानों के खेतों में बहा दिया जाता है, जिससे उनकी फसल बर्बाद हो रही तथा जमीन बंजर हो रही है? इन गड्ढों में पशु भी गिर जाते हैं, जिससे लगातार उनके पशुओं की मौतें हो रही हैं? (घ) उपरोक्‍त संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला कलेक्‍टर, जिला खनिज अधिकारी एवं शासन को पत्र के माध्‍यम से अवगत कराये जाने के बावजूद अवैध खदानों को बंद नहीं किया जा रहा है एवं स्‍वीकृत खदानों का सीमांकन नहीं किया गया और न ही पक्‍के स्‍तम्‍भ लगाये गये हैं एवं माफिया द्वारा स्‍वीकृत क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है? क्‍या शासन द्वारा इस संबंध में उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जायेगी? यदि नहीं तो क्‍यों

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्ड जिले की गोहद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम वेंडरा, कांकरी, वंकीपुरा में कहीं भी क्रशर आधारित उत्खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है तथा ग्राम पाली डिरमन एवं डांग पहाड़ में 15 क्रशर आधारित उत्खनिपट्टे संचालित है। जिसमें नियमानुसार पर्यावरणीय अनुमति प्राप्ति उपरांत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से क्रशर एवं खदान हेतु जल एवं वायु सम्मति प्राप्त की गई है। ब्लास्टिंग के कारण होने वाले कम्पन एवं दरारों तथा रहवासियों के स्वास्थ्य संबंधी समस्या जैसी कोई स्थिति निर्मित नहीं हुई है। (ख) जी नहीं, क्रशर से गिट्टी/मिट्टी से भरे वाहनों के आवागमन के कारण एक्सीडेंट की घटनाओं का मामला प्रकाश में नहीं आया है। (ग) किसी भी स्वीकृत खदान में अवैध रूप से खनन नहीं किया जा रहा है। शासन के मापदण्ड के अनुरूप ही खुदाई की जा रही है। ग्राम झांकरी में स्वीकृत क्रशर आधारित उत्खनिपट्टा हेतु नियमानुसार पर्यावरणीय अनुमति प्राप्ति उपरांत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु सम्मति प्राप्त की गई है। किसानों की फसल बर्बाद होने तथा जमीन बंजर होने जैसी कोई स्थिति निर्मित नहीं हुई है और न ही पशुओं की मौत का कोई मामला प्रकाश में आया है।                                              (घ) जिले में कहीं भी अवैध रूप से खदानें संचालित नहीं है। स्वीकृत एवं संचालित खदानों का सीमांकन कराया जा चुका है। पक्के स्तम्भ स्थापित करवाये गये है। स्वीकृत क्षेत्र में नियमानुसार खनन किया जा रहा है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

भू-स्‍वामियों की जानकारी

[राजस्व]

107. ( क्र. 993 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या सतना जिले के तहसील रामपुर बाघेलान के अंतर्गत पटवारी हल्‍का गाड़ा के ग्राम लोहरा की आराजी क्र. 11/0.36/12 अ-2/0.66, 0200 814-2/2/0.08 किता कुल 4 रकबा 1.35 एकड़ उक्‍त आराजी का पट्टेदार सेठी स्‍टोन लाइन इंडस्‍ट्रीज सतना द्वारा पार्टनर श्री एम.एस. सिंह (आनंद) साठकन सिविल लाइन सतना भूमि स्‍वामी शासकीय रिकार्ड अभिलेख दर्ज था? उक्‍त भूमि स्‍वामी का प्रश्‍न दिनांक तक भी पता नहीं चला है? (ख) क्‍या उक्‍त कंपनी की आराजी को तत्‍कालीन तहसील एवं पटवारी ने तेजबहादुर सिंह एवं उनके पुत्र प्रमोद सिंह ग्राम सिघौती से मिलकर कब्‍जे के आधार पर उनके नाम कर दिया, मात्र उसी गांव के गवाहों के आधार पर जबकि उक्‍त आराजी के मूल मालिक के फौत होने के बाद शा. दर्ज से हो गई थी? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अगर सही है तो उक्‍त आराजी कंपनी की थी तथा शासकीय दर्ज थी तो तहसीलदार को क्‍या अधिकार था कि कब्‍जे के आधार पर किसी दूसरे व्‍यक्ति के नाम कर दे? अगर इस तरह का कोई नियम शासन द्वारा बनाया गया है तो उक्‍त नियम की एक प्रति प्रश्‍नकर्ता को उपलब्‍ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) अगर सही है तो उक्‍त आराजी को कब तक उक्‍त कंपनी एवं पार्टनर के नाम तथा शासकीय दर्ज कर दी जायेगी एवं तत्‍कालीन तहसीलदार एवं पटवारी के विरूद्ध संबंधित थाने में एक F.I.R. कर दी जायेगी? यदि नहीं तो कारण सहित बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील अभिलेखागार में उपलब्ध खतौनी वर्ष 1958-59 एवं खसरा पंचशाला वर्ष 1976-77 के अनुसार तहसील रामपुर बघेलान अंतर्गत पटवारी हल्का गाड़ा के ग्राम लोहरा की आ.नं. 11 रकवा 0.146 हे., 12/अ/2 रकवा 0.312 हे., 12/ब रकवा 0.057 हे., 28/2 रकवा 0.032 हे. भूमि वर्ष 1980-81 में सेठी स्टोन लाइन इन्डस्ट्रीज सिविल लाइन सतना द्वारा पार्टनर श्री एम.एस. सिंह (आनन्द) सा. सिविल लाइन सतना के नाम भूमि स्वामी स्वत्व पर भूमि खसरे में दर्ज हुई। उक्‍त खातेदार/भूमि स्‍वामी वर्ष 1986-87 के खसरा कालन नं.12 में लाबल्‍द फौत प्रमोद सिंह दर्ज पाया गया। (ख) वर्ष 2002-03 में ग्राम लोहरा की आ.नं. 11 रकवा 0.146 हे., 12/अ/2 रकवा 0.312 हे., 12/ब रकवा 0.057 हे., 28/2 रकवा 0.032 हे. न्यायलय तहसीलदार वृत चोरहटा के राजस्व प्रकरण क्रंमाक 04/अ-26/1997-98आदेश दिनांक 26.03.1999 के द्वारा उक्त भूमियां प्रमोद सिंह पिता तेजबहादुर सिंह सा. सिधौली के नाम दर्ज हुई है जिसका दायरा पंजी वर्ष 1997-98 के प्रकरण क्रमांक 04/अ-26/ 1997 -98 दायरा दिनांक 02.09.1998 में पटवारी हल्का मरौहा नं. 93 ग्राम लोहरा की आ.नं.11 रकवा 0.96, 12अ/2 रकवा 0.77, 12 व रकवा 0.14, 28/2 रकवा 0.08 किता 4 कुल रकवा 1.35 एकड़ के पट्टेदार लाबल्द फौत होने के बाद खाता सिकिस्त बाबत् बनाम सेठी स्टोन लाइन इन्डस्ट्रीज नं. 09 सिविल लाइन सतना अनावेदक प्रमोद सिंह तनय तेजबहादुर सिंह सा. सिधौली आपत्तियां दर्ज दायरा पंजी है जिसका आदेश 26.03.1999 आवेदक को तत्कालीन नायब तहसीलदार/तहसीलदार के द्वारा भूमि स्वामी घोषित किया जाना पाया जाता है, वर्ष 2002-03 में ही प्रमोद सिंह द्वारा उक्त भूमियां बिक्री कर लक्ष्मीनारायण पिता मोहनलाल गुप्ता सा. टिकुरियाटोला सतना के नाम हुई जिसका नामान्तरण पंजी क्रमांक 01 आदेश दिनांक 30.11.2002 ग्राम सभा लोहरा के प्रस्ताव क्रमांक 06/3 मीटिंग दिनांक 10.01.2003 द्वारा स्वीकृत किया गया है। उक्त भूमियां लक्ष्मीनारायण गुप्ता द्वारा श्रीमती काम्या सुखेजा पत्नी सतीश कुमार सुखेजा सा. सिंन्धी कैम्प सतना को बिक्री कर दी गई जिसका नामान्तरण संशोधन पंजी क्रमांक 02 दिनांक 26.12.2006 को किया गया है। वर्ष 2007-08 से लगातार वर्ष 2020-21 तक वर्तमान में भूमि स्वामी श्रीमती काम्या सुखेजा पति सतीश सुखेजा सिंन्धी कैम्प सतना दर्ज पाई जाती है। उक्त भूमियां शासकीय दर्ज न होने के बजाय मूल मालिक के बाद प्रमोद सिंह पिता तेजबहादुर सिंह सा. सिंधौली के नाम दर्ज हो गई थी। (ग) जी हाँ। उक्त आराजियां कंपनी की थी तथा शासकीय होनी थी। म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधानों में कब्‍जे के आधार पर नामांतरण करने की अधिकारिता तहसीलदार को नहीं है। (घ) प्रकरण का परीक्षण कराकर नियमानुसार कार्यवाही करेंगे।

 

अधिकारियों का निलंबन

[वन]

108. ( क्र. 994 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) प्रदेश के कितने आई.एफ.एस. और एस.एफ.एस. अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्‍त, ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. व विभागीय एवं सतर्कता शाखा में शिकायतें दर्ज हैं? विवरण दें। (ख) इनमें किन-किन भारतीय वन सेवा व राज्‍य वन सेवा के अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किये गये व किन-किन को निलंबित किया गया? (ग) ऐसे कितने अधिकारियों पर क्‍या-क्‍या आरोप हैं व किन-किन को निलंबित किया गया है? की गई कार्यवाही का विस्‍तृत विवरण दें। (घ) दोषियों पर शीघ्रता से कार्यवाही हो, इस हेतु विभाग के क्‍या प्रयास हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) आई.एफ.एस. और एस.एफ.एस. अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 से ''4'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) आई.एफ.एस. और एस.एफ.एस. अधिकारियों के विरूद्ध जारी आरोप पत्र एवं निलंबन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 एवं ''6'' अनुसार है। (घ) जांच पूर्ण होने पर दोषियों के विरूद्ध त्वरित गति से कार्यवाही की जाती है।

शिकायतों पर कार्यवाही

[परिवहन]

109. ( क्र. 999 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिकायतकर्ता आरिफ एहमद शेख बडवारी के द्वारा दिनांक 27.09.2021 को पंजीकृत डाक से माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देशों के प्रभाव से बचने की शिकायत परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्‍त, आर.टी.ओ. इन्‍दौर, कलेक्‍टर बड़वानी, पुलिस अधीक्षक बड़वानी को की गई थी, उक्‍त शिकायत की प्रति के साथ संलग्‍न समस्‍त दस्‍तावेज देवें एवं प्रत्‍येक कार्यालय के द्वारा क्या जांच की गई है, जांच प्रतिवेदन तथा जांच प्रतिवेदन उपरान्‍त की गई कार्यवाही की प्रति देवें। यदि जांच प्रचलित है तो कार्यालयवार जांच अधिकारी का नाम बतावें। (ख) लोटस वेली स्‍कूल औझर को आर.टी.ओ. इंदौर द्वारा टी.आर. नंबर 3699, 3700, 3548, 2978 जो जारी किये गये हैं उन चारों टी.आर. नंबर के आवेदन पत्रों पर वाहन मालिक के रूप में असली हस्‍ताक्षर कौन से हैं तथा कौन से हस्‍ताक्षर फर्जी हैं? प्रमुख सचिव परिवहन विभाग अपने काउंटर हस्‍ताक्षर से बतायें। हस्‍ताक्षरकर्ता का पहचान-पत्र एवं हस्‍ताक्षर नमूना की वैध प्रति देवें। (ग) जिला परिवहन अधिकारी बड़वानी द्वारा लोटस वेली स्‍कूल औझर को जारी स्‍थाई पंजीयन क्रमांक MP 46 P 0481, MP 46 P 0482, MP 46 P 0483, MP 46 P 0492, में आवेदन पत्र पर वाहन मालिक के रूप में हस्‍ताक्षर किसके हैं एवं प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित चारों हस्‍ताक्षरों से प्रथम दृष्‍ट्या मिलान करते हैं या नहीं? यदि नहीं तो क्‍या पुलिस में अपराध पंजीबद्ध करवाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?                    (घ) क्‍या सी.एम. हेल्‍पलाईन क्रमांक 5624614 के निराकरण में आर.टी.ओ. इंदौर द्वारा बताया गया है कि अन्‍य दस्‍तावेजों के साथ स्‍कूल मान्‍यता स्‍व घोषणा सह आवेदन पत्र संलग्‍न करने पर अस्‍थाई पंजीयन जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त दस्‍तावेज के कूटरचित होने संबंधी विभाग में प्राप्‍त समस्‍त शिकायतों की प्रतियां देवें। क्‍या स्‍कूल शिक्षा विभाग से प्रमाणीकरण प्राप्‍त कर कूटरचित दस्‍तावेज कार्यालय में प्रस्‍तुत करने वाले के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करेगा?यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (ड.) डी.टी.ओ. कार्यालय बड़वानी में कलेक्‍टर बड़वानी, पुलिस अधीक्षक बड़वानी, जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी के द्वारा दिनांक 01 मार्च 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त कुल शिकायतों की प्रतियां देवें। प्रत्‍येक शिकायत के जांचकर्ता का नाम बतावें एवं क्‍या प्राप्‍त शिकायतों पर जांच नियमों के अनुसार शिकायतकर्ता के कथन, दस्‍तावेजों का संबंधित विभागों से सत्‍यापन किया गया है, या नहीं? यदि हाँ, तो प्रस्‍तुत करें। नहीं तो क्‍यों नहीं किया जा रहा है? कारण बतावें। क्‍या दस्‍तावेजों का सत्‍यापन नहीं कर स्‍कूल संचालक को बचाने का प्रयास किया जा रहा है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।

राजस्‍व प्रकरण के संबंध में

[राजस्व]

110. ( क्र. 1000 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.डी.एम. कोर्ट राजपुर जिला बड़वानी के राजस्‍व प्र.क्र. 44-अ-2/2016-17 आदेश दिनांक 17.02.2017 की प्रति, के साथ संलग्‍न समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रति देवें एवं पंचनामा दिनांक 09.02.2017 किसके द्वारा हस्‍तलिखित है, नाम बतावें व प्रति भी देवें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के प्रकरण में आवेदन द्वारा एस.डी.एम. कोर्ट, राजपुर के समक्ष दिनांक 13 फरवरी 2017 में शपथ पूर्वक कथन में कहा गया है कि, उक्‍त भूमि पर निर्माण कार्य नहीं किया गया है, उक्‍त भूमि कहीं भी बंधक या गिरवी नहीं है, इस भूमि पर ऋण आदि नहीं लिया गया है? यदि हाँ, तो शपथ पूर्वक कथन की प्रति एवं ऑर्डरशीट की प्रति भी देवें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में प्रश्‍नागत भूमि पर दिनांक 11 फरवरी 2017 से ए.यू. स्‍मॉल फाइनेन्‍स बैंक बड़वानी में 40 लाख में बंधक होकर कमर्शियल ऋण प्राप्‍त किया है? बंधक का व बैंक ऋण का उल्‍लेख डायवर्सन प्रकरण में नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो न्‍यायालय को धोखा देने वाले तथ्‍य का सत्‍यापन हेतु बैंक से ऋण दस्‍तावेज प्राप्‍त कर जांच के आदेश जारी किए जाऐंगे? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) में यह उल्‍लेखित किया गया है कि भूमि पर विकास/निर्माण कार्य नहीं किया गया है? यह किन तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों के आधार पर किया गया था? समस्‍त साक्ष्‍य देवें। (ड.) प्रश्नांश (ग) में बैंक से प्राप्‍त दस्‍तावेज के आधार पर क्‍या यह सिद्ध होता है कि आवेदक द्वारा न्‍यायालय के समक्ष झूठी शपथ ली गई एवं तत्‍कालीन राजस्‍व निरीक्षक, पटवारी एवं गवाहों के द्वारा षड़यंत्रपूर्वक भूमि को मौका पंचनामें में निर्माणी भूमि को रिक्‍त बताया गया? यदि हाँ, तो क्‍या आवेदक एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध शासन को धोखा देने एवं षड़यंत्रपूर्वक फर्जी दस्‍तावेज तैयार करने के मामले निलंबित कर अपराध पंजीबद्ध कर डायवर्सन आदेश निरस्‍त किया जाएगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एस.डी.एम. कोर्ट राजपुर जिला बड़वानी के राजस्व प्रकरण क्रमांक 44/अ-2/2016-17 में पारित आदेश दिनांक 17-2-2017 सहित प्रकरण में संलग्न दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रकरण में पंचनामा दिनांक 9-2-2017 श्री हीरालाल अस्के राजस्व निरीक्षक द्वारा तैयार किया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) कथन एवं आर्डर शीट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) ग्राम ओझर तहसील राजपुर स्थित भूमि सर्वे नम्बर 26/2 एवं 26/3 के वर्ष 2016-17 के खसरा अनुसार भूमि बंधक एवं ऋण संबंधी प्रविष्टि अंकित नहीं थी।                                                                      (घ) न्यायालय में आवेदक द्वारा अपने कथन दर्ज कराए गए है, प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार बैंक बंधक संबंधित प्रविष्टि हटाई जाने का लेख होने से प्रकरण में आवेदक के कथन की पृथक से जांच प्रकरण में नहीं की गई है। राजस्‍व निरीक्षक/पटवारी पंचनामा में प्रश्‍नाधीन भूमि रिक्‍त होने सबंधी तथ्‍य के विरूद्ध कोई आपत्ति पर विरोधाभासी तथ्‍य प्रकरण में प्राप्‍त नहीं होने से इस संबंध में पृथक जांच नहीं की गई थी। अत: प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है।

सिंचाई योजनाओं के संबंध में

[जल संसाधन]

111. ( क्र. 1004 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में विभाग से संबंधित माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय की कौन-कौन सी घोषणायें हैं? इनके क्रियान्‍वयन की स्थिति बतावें। (ख) गत पांच वर्षों में विभाग द्वारा डबरा विधानसभा में सिंचाई सुविधा हेतु कौन-कौन सी योजनायें बनाई गई हैं? इनकी स्‍वीकृति की क्‍या स्थिति है? योजनाओं की स्‍वीकृति किस स्‍तर पर लंबित है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में मान. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा की गई एकमात्र घोषणा लिघौरा बांध के निर्माण से संबंधित है। प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ख) विगत 05 वर्षों में प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में पृथक से कोई सिंचाई योजना नहीं बनाई गई है। अपितु दतिया जिले की माँ रतनगढ़ परियोजना का कमांड क्षेत्र डबरा विधानसभा क्षेत्र में भी आता है, जिसमें नहर का कार्य प्रारंभ होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क निर्माण योजना

[जल संसाधन]

112. ( क्र. 1307 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुकल्‍या ठीकरिया डेम से प्रभावित पुनर्वास विस्‍थापित लोगों को मूलभूत सुविधायें से वंचित रखे जाने का क्‍या कारण है? (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के सुकल्‍या ठीकरिया डेम से प्रभावित परिवारों को पठार नामक स्‍थान पर विस्‍थापित किया गया है? बागनखेड़ा से पठार तक का ऊबड़ खाबड़ रास्‍ता है जो विस्‍थापितों का प्रमुख मार्ग है? (ग) क्‍या शासन पुनर्वास पठार से बागनखेड़ा तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मार्ग निर्माण हेतु स्‍वीकृति प्रदान करेगा? अगर हाँ, तो समयावधि बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग द्वारा सुकल्‍या ठीकरिया बांध का निर्माण नहीं किया गया है, अपितु दतुनी जलाशय का निर्माण किया गया है। दतुनी जलाशय के तहत विस्‍थापितों को पुनर्वास स्‍थल पर सड़क, पानी, बिजली, सामुदायिक भवन आदि सुविधाएं उपलब्‍ध कराया जाना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) दतुनी जलाशय में डूब प्रभावित परिवारों को पठार नामक स्‍थान पर विस्‍थापित नहीं किया गया है, अपितु कुसमानिया ग्राम में विस्‍थापित किया जाना प्रतिवेदित है। बागनखेड़ा से पठार तक के रास्‍ते का संबंध जल संसाधन विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। जल संसाधन विभाग द्वारा स्‍वीकृति का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।

नवीन राशन की दुकानें खोले जाने के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

113. ( क्र. 1400 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) राजनगर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन-किन स्‍थानों पर नई राशन की दुकाने खोली गई है? (ख) उपरोक्‍त विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गांव ऐसे है जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (ग) कई दूरस्‍थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई उसका क्‍या कारण है? जिन गांवों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही है उसके लिये कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही हुई? कब तक और क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नांकित अवधि में किसी भी स्‍थान पर नवीन उचित मूल्‍य दुकान नहीं खोली गई है।                  (ख) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में 17 ग्राम ऐसे हैं जहां राशन लेने तीन किलोमीटर या अधिक चलकर जाना पड़ता है। (ग) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रचलित प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान खोले जाने का प्रावधान है। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। अत: कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

छिंदीडोल जलाशय पर डेम निर्माण

[जल संसाधन]

114. ( क्र. 1405 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बैतूल जिले के विकासखण्‍ड मुलताई के जामगांव छिंदीडोल जलाशय पर डेम के निर्माण की स्‍वीकृति विभाग द्वारा दी गई है? उक्‍त डेम के बनाये जाने से आस-पास के कितने ग्रामीण क्षेत्रों को सिंचाई एवं पेयजल हेतु पानी उपलब्‍ध कराया जा सकेगा? विभाग द्वारा अभी तक डेम की स्‍वीकृति नहीं दिये जाने के क्‍या कारण है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांकित जलाशय पर डेम बनाये जाने की स्‍वीकृति विभाग द्वारा कब दी गई? विभाग द्वारा स्‍वीकृति उपरांत निर्माण कार्य शुरू किये जाने हेतु निविदा प्रक्रिया कब शुरू की गई? यदि नहीं की गई तो क्‍यों? कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नाधीन जामगांव (छिंदीडोल) जलाशय की साध्यता स्‍वीकृति दिनांक 20.10.2016 को रू. 571.02 लाख की 170 हेक्‍टेयर हेतु प्रदान की गई है। परियोजना में पेयजल हेतु कोई प्रावधान नहीं है। प्रमुख अभियंता को प्रेषित डी.पी.आर. के संबंध में उठाई गयी आपत्तियों का निराकरण मैदानी अमले द्वारा प्रकियाधीन होना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं                                     होते है।

खरीदी केन्द्र के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

115. ( क्र. 1443 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में किसानों के लिए शासन की ओर से कितने खरीदी केन्द्र किन-किन मापदण्डों पर स्थापित किये गये हैं? केन्द्रवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) खरीदी केन्द्रों पर शासन द्वारा क्या-क्या व्यवस्था की जाती है और किसानों को कितने दिनों में भुगतान की सरकार की योजना है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) विगत दो वर्षों में सतना जिले में किन-किन केन्द्रों में कितने किसानों को उनकी उपज का भुगतान कर दिया गया है एवं कितनों को अभी तक नहीं दिया गया है? भुगतान कब तक दिया जाएगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सतना जिले में वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन हेतु 135 एवं वर्ष 2021-22 में गेहूँ उपार्जन हेतु 137 केन्‍द्र उपार्जन नीति में निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार स्‍थापित किए गए। उपार्जन नीति की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। जिले में स्‍थापित केन्‍द्रों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन हेतु खरीदी केन्‍द्रों पर की जाने वाली व्‍यवस्‍थाओं का विवरण उपार्जन नीति में प्रावधान किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। किसानों की उपज की तौल होने के 05 दिवस में इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान आदेश जारी करने की व्‍यवस्‍था की गई है। (ग) सतना जिले में वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्‍य पर धान विक्रय करने वाले समस्‍त उपार्जन केन्‍द्रों के 40054 किसानों एवं वर्ष 2021-22 में 59232 किसानों तथा वर्ष 2020-21 में गेहूँ विक्रय करने वाले 46100 समस्‍त किसानों का भुगतान किया जा चुका है। रबी विपणन वर्ष 2021-22 में गेहूँ विक्रय करने वाले 63192 किसानों में से 63136 किसानों का भुगतान किया जा चुका है एवं 56 किसानों की रूपये 43 लाख राशि का भुगतान समिति स्‍तर पर हुई शार्टेज होने के कारण स्‍वीकृति पत्रक जारी नहीं हो पाने से भुगतान शेष है, शार्टेज का मिलान कर भुगतान की कार्यवाही की जा रही है, जिसका उपार्जन केन्‍द्रवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

दायर याचिका के संबंध में

[खनिज साधन]

116. ( क्र. 1533 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल विरूद्ध म.प्र. शासन प्रकरण जो म.प्र. हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में विचाराधीन है जिसका W.P. नंबर 22134/2021 है में विभाग द्वारा स्‍टे वेकेंट कराने के लिए प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? विवरण देवें। (ख) क्‍या दिनांक 06-12-2021 को होने वाली सुनवाई में विभागीय अधिकारियों एवं अधिकारियों ने इस हेतु समस्‍त दस्‍तावेज प्राप्‍त कर लिए हैं? (ग) खनिज माफिया से जुड़े इस प्रकरण में यदि स्‍टे वेकेंट नहीं होता है तो इसके जिम्‍मेदारों के नाम, पदनाम सहित देवें। (घ) क्‍या कारण है कि दिनांक 21.10.2021 को मा. उच्‍च न्‍यायालय द्वारा जब स्‍टे दिया गया था तब विभाग की ओर से पैरवी नहीं की गई, इसके जिम्‍मेदारों के नाम, पदनाम सहित देवें। पैरवी न करके खनिज माफिया को लाभ पहुँचाने वालों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन विरूद्ध म.प्र. शासन प्रकरण जो माननीय म.प्र. हाईकोर्ट खंडपीठ इंदौर में विचाराधीन है जिसका WP No. 22134/2021 है में स्टे वेकेट कराने के लिए दिनाँक 22/10/2021 को माननीय हाईकोर्ट खंडपीठ इंदौर में प्रभारी अधिकारी द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत कर दिया गया है जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) हाँ दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं। (ग) प्रश्न का विषय माननीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनाँक 21/10/2021 को अंतरिम आदेश पारित किया है उसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के                 प्रपत्र-ब पर दर्शित है। दिनाँक 21/10/2021 को माननीय उच्च न्यायालय में पैरवी हेतु शासकीय अधिवक्ता उपस्थित हुए थे। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 

 

 






भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर



सीरिज स्‍टॉप डेम की स्‍वीकृति‍

[जल संसाधन]

1. ( क्र. 26 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की हटा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018 में किन-किन नदियों पर सीरिज स्‍टॉप डेम स्‍वीकृत किये जाने की साध्‍यता प्राप्‍त हुई थी? नामवार, स्‍थलवार व राशिवार सिंचित होने वाले रकवा सहित जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) उक्‍त सीरिज स्‍टॉप डेम कब तक स्‍वीकृत किये जावेंगे। जिससे कि किसानों की जमीन सिंचित हो सके?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जिला दमोह के हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ब्‍यारमा एवं सुनार नदी पर सीरीज स्‍टॉप डेम की साध्‍यता स्‍वीकृति प्रदान की गई है, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। परियोजना प्रतिवेदन शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने पर परीक्षणोंपरांत गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -"तेईस"

शासन स्तर पर गेहूँ एवं बारदाना खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

2. ( क्र. 69 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) वर्ष 2018 से जून 2021 तक प्रतिवर्ष शासन स्तर पर कितना-कितना गेहूँ कितने कृषकों से किस दर से कुल कितनी लागत का खरीदा गया? (ख) प्रश्नांश ‘‘‘‘ में खरीदे गये गेहूँ में से                                  कितना-कितना गेहूँ किस विभाग / संस्थान को दिया गया तथा कितना गेहूँ मण्डी में पानी या अन्य कारण से खराब हो गया? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रतिवर्ष गेहूँ हेतु जुट, प्लास्टिक के                                      कितने-कितने बारदाना किस-किस व्यापारी / निर्माता से किस दर से, किस दिनांक को खरीदे गये? वर्षवार कुल खरीदे गये जुट तथा प्लास्टिक के बारदाना की संख्या तथा लागत बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मात्रा में से कितनी मात्रा का उपयोग हुआ तथा कितने शेष रहे तथा कितने खराब हो गये? जो शेष रहे तथा खराब हो गये उनका क्या किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) वर्ष 2018 से जून, 2021 तक वर्षवार उपार्जित गेहूं, की मात्रा, विक्रेता कृषक, समर्थन मूल्‍य पर एवं कुल लागत की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूं में से वर्ष 2018-19 में 45.53, वर्ष 2019-20 में 22.61, वर्ष 2020-21 में 61.92 एवं वर्ष 2021-22 में 33.12 लाख मे.टन गेहूं का परिदान भारतीय खाद्य निगम को किया गया है। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जन के दौरान हुई असा‍मयिक वर्षा के कारण कृषि उपज मंडी एवं अन्‍य स्‍थानों पर स्‍थापित उपार्जन केन्‍द्रों पर 50854.42 मे.टन गेहूं की गुणवत्‍ता प्रभावित हुई। (ग) जूट कमिश्‍नर कार्यालय के माध्‍यम से 867036 लाख गठान जूट बारदाना (रूपये 54.14 प्रति बारदाना) की दर से तथा जेम पोर्टल के माध्‍यम से 729079 गठान (रूपये 23.75 प्रति बारदाना) पी.पी. बारदाना क्रय किया गया इस प्रकार 40813 गठान (रूपये 39.49 प्रति बारदाना) एक भरती बारदाना खुली निविदा के माध्‍यम से क्रय किया गया है। जूट कमिश्‍नर के माध्‍यम से क्रय किए गए बारदाने का आदेश एवं भुगतान जूट कमिश्‍नर द्वारा किया जाता है। पी.पी. बारदानों का क्रय जेम पोर्टल के माध्‍यम से खुली हुई निविदा के माध्‍यम से किया जाता है। बारदाना क्रय एवं भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (घ) वर्ष 2018 से जून, 2021 तक कुल 1617343 गठानों का उपयोग किया गया है। वर्षवार उपयोग किए गए बारदानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। संबंधित वर्ष में उपयोग से शेष रहे बारदानों का उपयोग आगामी वर्ष में भारत शासन से अनुमति प्राप्‍त कर किया जाता है। खराब बारदानों का निर्धारित प्रक्रिया अनुसार निराकरण उपार्जन केन्‍द्र स्‍तर से किया जाता है। क्रय किए गए समस्‍त बारदानों का उपयोग उपार्जन व्‍यवस्‍था में किया जाता है।

कटनी के ओपन कैंपो में भंडारित अनाज

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

3. ( क्र. 105 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज के उपार्जन और भंडारण के शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं? यदि हाँ,तो क्या? वर्तमान में लागू नीति एवं नियम/निर्देश बतावे और विगत 03 वर्षों में उपार्जन एवं भंडारण में शासन/विभाग को ज्ञात अनियमितताओं पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) ओपन कैंपो में भंडारित अनाज की सुरक्षा/उपचार एवं भंडारण की समयावधि के वर्तमान में क्या नियम/निर्देश हैं और भंडारित अनाज की सुरक्षा/उपचार/देखरेख और अनाज के भंडारण एवं उठाव का दायित्व/कार्य किस-किस कार्यालय/विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों का नियत हैं?                            (ग) कटनी जिले में कितनी-कितनी क्षमता के कितने ओपनकैंप कहाँ-कहाँ कब से स्थापित हैं, विगत 05 वर्षों में कैंपवार मरम्मत/संधारण के क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये, भंडारित अनाज की सुरक्षा/उपचार के लिए क्या-क्या व्यवस्था की गई? कितनी-कितनी राशि किस हेतु व्यय की गई?     (घ) प्रश्नांश (ग) विगत 03 वर्षों में कैंपवार किस-किस कृषि-उपज/अनाज का                                           कितनी-कितनी मात्रा में कब-कब भंडारण किया गया? अनाज को कब से कब तक भंडारित रखना था? कब तक रखा गया? नियत अवधि के पश्चात भी अनाज के भंडारित रहने का कारण बताइये। (ङ) प्रश्नांश (घ) क्या भंडारित अनाज खराब/क्षतिग्रस्त हुआ, हाँ, तो कितनी मात्रा में कितनी लागत का कौन-कौन सा अनाज और किन-किन कारणों से? भंडारित अनाजों को सुरक्षित करने के क्या-क्या प्रयास किए गये? कैपवार बताइये। (च) प्रश्नांश (क) से (ड़) के परिप्रेक्ष्य में क्या अनाज के खराब/क्षतिग्रस्त होने की प्रश्नकर्ता की सहभागिता में जांच/कार्यवाही के निर्देश दिये जायेंगे? हाँ,तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं तो क्यों?

 खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पंचायतवार जैव विविधता समितियों का गठन एवं निधि का संग्रहण

[वन]

4. ( क्र. 117 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छिन्दवाड़ा जिले में जैव विविधता प्रबंधन समिति का पंचायतवार गठन हुआ है? गठन की दिनांक एवं अध्यक्ष का नाम बतावें। (ख) गठित जैव विविधता प्रबंधन समितियों के खातों में 1 प्रतिशत लघुवनोपज संग्रहण की कितनी-कितनी राशि जमा की गई है? (ग) छिन्दवाड़ा जिले में लघुवनोपज के समर्थन मूल्य की 32 प्रजातियों की किन समितियों के माध्यम से सामग्री खरीदी गई? समितिवार सामग्री की मात्रा बतायें। अगर पंचायतवार जैव विविधता समितियों का गठन नहीं किया गया है तो कब तक किया जायेगा? समितियों के गठन नहीं करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में जमा राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश के प्रथम भाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। शेष लघु वनोपज की स्‍थानीय बाजार दर समर्थन मूल्‍य से अधिक होने के कारण क्रय नहीं की गई है। उत्तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परियोजनावार लाभांवित ग्राम की जानकारी

[जल संसाधन]

5. ( क्र. 177 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) सांरगपुर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत जल संसाधन विभाग की सिंचाई परियोजनाओं से कितने गॉव सिंचित होते है एवं उनका सी.सी.ए. क्षेत्रफल कितना है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में दर्शित कौन-कौन से ग्रामों का कितना-कितना दर्शित सी.सी.ए. राजगढ़ जिले में किस-किस निर्मित/परियोजना से लाभांवित हो रहा है? परियोजनावार लाभान्वित ग्रामों के नाम, सिंचित/प्रस्‍तावित एरिया की जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शित ग्रामों को छोड़कर सारंगपुर विधान सभा क्षेत्र के                                       कौन-कौन से ग्राम छूट रहे हैं? ग्रामवार एवं उसके रकबे से अवगत करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित/निर्माणाधीन परियोजनाओं में छूटे गए क्षेत्र की जानकारी जल संसाधन विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है, अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -"चौबीस"

मुरम/रेत खदानों का संचालन

[खनिज साधन]

6. ( क्र. 178 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत किन-किन तहसीलों में किस-किस स्‍थान, ग्राम में मुरम/रेत खदान उपलब्‍ध है एवं किस-किस एजेन्‍सी द्वारा इनका संचालन किया जा रहा है? तहसीलवार, स्‍थानवार, संचालन एजेन्‍सी का नाम तथा किस-किस दिनांक तक आवंटित थी, की जानकारी से अवगत करावें। यदि ठेका निरस्‍त हो चुका है तो उसकी तहसीलवार, ग्रामवार, खदानवार की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ठेका निरस्‍त वाली खदानों का संचालन कब से किन के द्वारा किया जा रहा है? ठेका निरस्‍ती उपरांत किस-किस खदान से कितनी-कितनी मात्रा का मुरम/रेत का खनन किया गया है एवं कितनी राशि की आय शासन को हुई है? तहसीलवार, खदानवार/ खनन की मात्रा वसूली गयी राशि के विवरण से अवगत करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्न अनुसार राजगढ़ जिले में मुरूम / रेत खदान उपलब्धता की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है। मुरूम की प्रश्न अनुसार संचालित एवं निरस्त खदानों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। राजगढ़ जिले में रेत खदानों का ठेका निरस्त हो चुका है। इसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जिला राजगढ़ में संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार मुरूम खनिज की 02 लीज निरस्ती उपरांत एवं संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार खनिज रेत की 29 खदानों का ठेका निरस्ती उपरांत संचालन वर्तमान में किसी के द्वारा नहीं किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"पच्चीस"

प्रदेश में बाघों की मृत्यु के कारणों की जानकारी

[वन]

7. ( क्र. 203 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) प्रदेश के विभिन्न अभ्यारण्‍यों में जनवरी 2020 से नवम्‍बर 2021 तक कितने बाघ, बाघिन की मृत्यु हुई है? अभ्यारण्‍य वार जानकारी दी जावें। (ख) क्या यह भी सही है कि बाघों की मृत्यु की जानकारी वन अधिकारियों को विलम्ब से मिलती रही है? यदि हां तो उसका कारण वनकर्मियो की देखभाल में अनदेखी का कारण तो नहीं है? प्रकरणों की जानकारी तारीखवार तथ्यों सहित दी जावें। (ग) क्या यह भी सही है कि कुछ प्रकरणों में बाघों की मृत्यु शिकारियों द्वारा की गई? जानकारी उनके नाम, पते, शिकार करने में उपयोगित यंत्रों विद्युत तार आदि सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में रातापानी अभयारण्‍य में 2 एवं सिंघौरी अभयारण्‍य में 1 कुल 3 बाघों की मृत्‍यु हुई है। (ख) यह सही नहीं है कि बाघों की मृत्‍यु की जानकारी वन अधिकारियों को विलम्‍ब से मिलती है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष जानकारी दिये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"छब्बीस"

संबल योजना अंतर्गत मृतक सहायता के लंबित भुगतान

[श्रम]

8. ( क्र. 228 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में जनपद पंचायत जवा एवं सिरमौर अंतर्गत पंचायतों में निवासरत संबल कार्डधारकों को मृतक सहायता का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) वित्तीय वर्ष 2021-22 में विकासखण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर निवासी संबल कार्डधारक मृतकों की मृतक सहायता के कुल कितने प्रकरण लंबित हैं और क्यों? कब तक लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जा सकेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2021-22 में जनपद पंचायत जवा एवं सिरमौर अंतर्गत पंचायतों में निवासरत संबल कार्डधारकों को संबल योजना अन्‍तर्गत अनुग्रह सहायता योजना का लाभ दिया जा रहा है अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जनपद पंचायत सिरमौर में वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में कुल 79 संबल कार्डधारकों मृतकों के प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं। इसी प्रकार जनपद पंचायत जवा में 41 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं। बजट उपलब्‍ध होने पर भुगतान किया जा सकेगा।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में शामिल ग्रामों का विस्थापन

[वन]

9. ( क्र. 232 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क में जिन भूमियों का समावेश हुआ था उन भूमियों का वर्ष 1955 में क्या लीगल स्टेटस था तथा वर्तमान में उन भूमियों का क्या लीगल स्टेटस है? बांधवगढ़ नेशनल पार्क की प्राथमिक अधिसूचना एवं अंतिम अधिसूचना की प्रति उपलब्ध करावें। यदि अंतिम अधिसूचना जारी नहीं की गई तो क्यों? (ख) क्या बांधवगढ़ नेशनल पार्क 1964 में गठित किया गया था? यदि हाँ तो इसमें कुल कितने राजस्व ग्राम सम्मिलित किए गए थे एवं विस्थापन में कितने ग्राम शामिल किए गये थे? ग्रामवार सूची प्रदान करें। (ग) क्या राजस्व ग्राम किला बांधवगढ़ में महाराजा रीवा मार्तण्ड सिंह की निजी भूमि 580.25 एकड़ एवं 116 एकड़ इस प्रक्रिया में शामिल की गई थी? क्या इसमें कोई विस्थापन की प्रक्रिया की गई है? यदि हाँ तो विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो विस्थापन प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित भूमियों को राज्य शासन के द्वारा महाराजा रीवा की निजी संपत्तियों के रुप में स्वीकार किया गया है? यदि हाँ तो शासनादेश की प्रति उपलब्ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बांधवगढ़ राष्‍ट्रीय उद्यान में शामिल भूमि का वैधानिक स्‍वरूप वर्ष 1955 में आरक्षित वन था एवं वर्तमान में भी आरक्षित वन है। बांधवगढ़ राष्‍ट्रीय उद्यान का गठन मध्‍यप्रदेश राष्‍ट्रीय उद्यान अधिनियम, 1955 के तहत किया गया है, जिसकी अंतिम अधिसूचना दिनांक 23.03.1968 को जारी की गई है। उक्‍त अधिनियम में प्रारम्भिक अधिसूचना जारी करने का प्रावधान नहीं है। अधिसूचना की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांकित भूमि वर्ष 1934 में जारी आरक्षित वन की अधिसूचना में आरक्षित वन के रूप में सम्मिलित थी। अत: वर्ष 1968 में राष्‍ट्रीय उद्यान की अधिसूचना में किसी निजी भूमि/राजस्‍व ग्राम शामिल किये जाने अथवा विस्‍थापित किये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"सत्ताईस"

नई राशन दुकान खोले जाने की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

10. ( क्र. 244 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) दमोह जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशन की नई दुकान खोली गई हैं? विधानसभा क्षेत्र वार सूची देवें। (ख) उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गाँव ऐसे हैं जहाँ ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? (ग) इस अवधि में कितने ऐसे गांवों में नयी राशन की दूकानें खोली गई जहाँ ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (घ) कई दूरस्थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई, उसका क्या कारण है? जिन गांवों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं, उसके लिए कौन अधिकारी दोषी हैं तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित जिले में प्रश्‍नांकित अवधि में 30 उचित मूल्‍य की दुकानें खोली गई हैं। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 256 ग्राम ऐसे हैं, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है। (ग) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रचलित प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान खोले जाने का प्रावधान है। 03 कि.मी. से अधिक दूर जाकर राशन लेने वाले प्रत्‍येक गांव में उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान नहीं है। प्रश्‍नांकित अवधि में प्रश्नांश (क) अनुसार उचित मूल्‍य की दुकानें खोली गई हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्‍लेखित प्रावधान के कारण प्रत्‍येक दूरस्‍थ ग्राम में राशन दुकान नहीं खोली गई है। वर्तमान में प्रश्‍नांकित जिले में 16 दुकानविहीन ग्राम पंचायतों में उचित मूल्‍य दुकान आवंटन हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये हैं जिस पर अनुविभाग स्‍तर पर कार्यवाही प्रचलन में है। अत: कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"अट्ठाईस"

परासिया को जिले का दर्जा प्रदान किया जाना

[राजस्व]

11. ( क्र. 251 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दो तहसीलें परासिया व उमरेठ स्थित है एवं विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव के अन्तर्गत दो तहसील जुन्नारदेव एवं तामिया व एक उप तहसील दमुआ स्थित है, दोनों ही विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या व क्षेत्रफल बहुत अधिक है, यदि परासिया को जिले का दर्जा प्रदान कर दिया जाता है तो दोनों विधानसभा क्षेत्र के आमजनों को सुविधा प्राप्त होगी? क्‍या उक्‍त संबंध में विभाग द्वारा आवश्‍यक कार्यवाही की जायेगी? (ख) उक्‍त संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/963 दिनांक 08.11.2021 प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? कब तक परासिया को जिले का दर्जा प्रदान कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्‍टर छिंदवाड़ा को प्रस्‍ताव परीक्षण हेतु भेजा गया है। (ख) माननीय विधायक का पत्र दिनांक 08.11.2021 सी.एम.कार्यालय से प्राप्‍त हुआ जिसे कलेक्‍टर छिंदवाड़ा को परीक्षण हेतु भेजा गया है।

सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान करना

[जल संसाधन]

12. ( क्र. 254 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/956 दिनांक 06.11.2021 एवं अनुस्मरण पत्र 02 क्र.वि.स./परासिया/127/2021/934 दिनांक 06.11.2021 तथा माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/955 दिनांक 06.11.2021 और पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2021/954 दिनांक 06.11.2021 प्रेषित किए गये है। जिन पत्रों पर स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? पत्र में उल्लेखित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत                                 कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गये है?                 पृथक-पृथक सिंचाई योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्तावों में से शासन द्वारा अभी तक कितनी प्रस्तावित सिंचाई योजना के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और कितनी सिंचाई योजना के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किया जाना अभी बाकी है? ऐसे सभी सिंचाई योजना की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। शासन स्‍तर पर परियोजनाओं के डी.पी.आर. प्राप्‍त होने के पश्‍चात गुण-दोष के आधार पर सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। शासन स्‍तर पर प्राप्‍त समस्‍त सिंचाई परियोजनाओं की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की जा चुकी है अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"उनतीस"

श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ करना

[श्रम]

13. ( क्र. 255 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के गरीब व श्रमिक वर्ग के छात्र/छात्राओं को तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके, इसलिए शासन द्वारा श्रमोदय विद्यालय संचालन समिति भोपाल द्वारा श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को परासिया (चांदामेटा) में प्रारंभ किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/166 दिनांक 22.02.2021 एवं अनुस्मरण पत्र 01 क्र.वि.स./परासिया/127/2021/938 दिनांक 06.11.2021 तथा माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2021/165 दिनांक 22.02.2021 और अनुस्मरण पत्र 01 क्र.वि.स./परासिया/127/ 2021/939 दिनांक 06.11.2021 प्रेषित किए गये है। जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) विभाग द्वारा श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को परासिया (चांदामेटा) में प्रारंभ किये जाने में काफी विलंब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है?                                      (ग) श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को परासिया (चांदामेटा) में प्रारंभ किये जाने हेतु संबंधित विभागीय एवं अन्य सभी औपचारिकताओं को कब तक पूर्ण कर श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ कर दिया जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में श्रमिक आई.टी.आई. प्रारंभ करने के संबंध में मान. मुख्‍यमंत्री जी, को संबोधित पत्र क्र. वि.स/परासिया/127/2021/165 दिनांक 22.02.2021के संबंध में इस कार्यालय के पत्र क्र. भसंकम/ श्र.प्र./44-1/2021/1713 दिनांक 17.03.2021 द्वारा शासन को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। जिसकी पृष्‍ठांकन प्रति मान. विधायक जी को प्रेषित की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इसी प्रकार मान. मंत्री जी, खनिज साधन एवं श्रम को संबोधित पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2021/166 दिनांक 22.02.2021 श्रमायुक्‍त, म.प्र. इन्‍दौर के पत्र क्र. 44467 दिनांक 26.11.2021 के माध्‍यम से प्राप्‍त हुआ। पत्र के संबंध में इस कार्यालय के पत्र क्र. भसंकम/श्र.मो./44-1/2021/5046 दिनांक 30.11.2021 द्वारा शासन को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। जिसकी पृष्‍ठांकन प्रति मान. विधायक जी को प्रेषित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्‍न में उल्‍लेखित अनुस्‍मरण-पत्र क्र. .वि.स./परासिया/127/2021/939 दिनांक 06.11.2021 एवं पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2021/ 938 दिनांक 06.11.2021 प्राप्‍त नहीं हुए हैं।          (ख) वर्तमान में जिला छिन्‍दवाड़ा में श्रमिक आई.टी.आई. स्वीकृत नहीं है एवं श्रमिक आई.टी.आई. प्रारंभ करने की मण्डल की कोई योजना भी नहीं है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"तीस"

राहत राशि/मुआवजा राशि का भुगतान

[राजस्व]

14. ( क्र. 283 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) रायसेन जिले में आर.बी.सी.6 (4) के अन्‍तर्गत कितने प्रकरण लंबित है? (ख) उक्‍त लंबित प्रकरणों में राहत राशि/मुआवजा राशि का भुगतान कब तक होगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में मान.मंत्री जी को प्राप्‍त हुये तथा उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) विधायकों के पत्रों में उल्‍लेखित किन समस्‍याओं का निराकरण नहीं हुआ। कब तक निराकरण होगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रायसेन जिले में आर.बी.सी.6 (4) के अंतर्गत कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अत: प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

वन भूमि अनुमति प्रकरण

[वन]

15. ( क्र. 284 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा लोक निर्माण विभाग से स्‍वीकृत सड़कों में वन भूमि की अनुमति के प्रकरण कब से क्‍यों लंबित है? प्रकरणवार कारण बतायें? (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा लोक निर्माण विभाग से स्‍वीकृत सड़कों में वनभूमि की अनुमति के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्‍त हुये तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) विधायकों के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा कार्यों का कब तक निराकरण होगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है।                     (ख) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत सड़क निर्माण के लिए 1 हेक्‍टेयर तक के प्रस्‍तावों को कुछ शर्त के साथ स्‍वीक़ृति देने के अधिकार राज्‍य शासन को प्राप्‍त है। इसके अतिरिक्‍त वन अधिकार वनाधिकार अधिनियम, 2006 की धारा 3 (2) में प्रदत्‍त अधिकारों के तहत वन मण्‍डलाधिकारियों द्वारा 1 हेक्‍टेयर तक के प्रकरणों में सड़क निर्माण की अनुमति कुछ शर्तों के साथ जारी की जा सकती है। भारत सरकार की गाइड लाईन के अनुसार दिनांक 25.10.1980 के पूर्व निर्मित मार्गों को यदि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत लिया जाता है तो क्षेत्रीय वन मण्‍डल अधिकारियों को कुछ शर्तों के साथ बिना चौड़ाई बढ़ाये उन्‍नयन कार्य हेतु स्‍वीकृति देने के अधिकार राज्‍य शासन द्वारा प्रदत्‍त है। सड़क निर्माण हेतु 1 हेक्‍टेयर से अधिक के प्रकरणों में स्‍वीकृति भारत सरकार द्वारा जारी की जाती है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (घ) माननीय विधायक जी के पत्रों में उल्‍लेखित कार्यों की स्‍वीकृतियां आवेदक संस्‍थान द्वारा समस्‍त औपचारिकताऍ पूर्ण किए जाने पर ही किया जाना संभव हो सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नदी पर स्‍थापित स्‍टॉप डेम एवं स्‍टॉप डेम कम पुलियाओं की मरम्‍मत

[जल संसाधन]

16. ( क्र. 313 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील खिलचीपुर एवं जीरापुर अंतर्गत आने वाली नदियां गाड़गंगा, कालीसिंध व छापी नदी पर बने स्‍टॉप डेम एवं स्‍टॉप डेम कम पुलियाओं के निर्माण की संख्‍या व उनके मेंटनेंस संबंधी सम्‍पूर्ण जानकारी बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित नदियों के समस्‍त स्‍टॉपडेम एवं स्‍टॉपडेम कम पुलियाएं क्षतिग्रस्‍त है या नहीं? यदि हां, तो विवरण बतावें? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित क्षतिग्रस्‍त स्‍टॉपडेम कम पुलियाओं की मरम्‍मत संबंधी प्राक्‍कलन स्‍वीकृत किए गये है? यदि हां, तो इन प्राक्‍कलन को शासन की किन योजनाओं में स्‍वीकृत करवाकर जनता को लाभ प्रदान किया जाएगा।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित स्‍टॉप डेम कम पुलियाओं में से 05 स्‍टॉप डेम कम पुलिया क्षतिग्रस्‍त हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। क्षतिग्रस्‍त स्‍टॉप डेम कम पुलियाओं के मरम्‍मत प्राक्कलन स्‍वीकृत नहीं है अपितु शासन से डी.एम.एफ. (Disaster Mitigation Fund) मद में स्‍वीकृति हेतु मरम्मत प्राक्कलन संभागीय कार्यालय स्‍तर पर तैयार किया जाना प्रतिवेदित है।

परिशिष्ट -"इकतीस"

ग्रामसभा से विचार विमर्श

[राजस्व]

17. ( क्र. 332 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्‍या यह सही है कि बैतूल जिले में भू-अर्जन अधिकारी शाहपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 07/अ/82 वर्ष 2016-2017 में अवार्ड आदेश दिनांक 20 जनवरी 2020 पारित किए जाने के पूर्व संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत अधिसूचित शाहपुर ब्‍लॉक के ग्राम बरेठा एवं ग्राम धार की ग्रामसभा की भूमि, मकान, दुकान अर्जन किए जाने के संबंध में कोई विचार विमर्श नहीं किया गया। (ख) प्रकरण क्रमांक 07/अ/82 वर्ष 2016-17 किस दिनांक को किन-किन कारणों से पंजीबद्ध किया गया प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने के पूर्व किस कानून के अनुसार किस वर्ष की प्रचलित दर से मकान, दुकान एवं ढालिया का मूल्‍यांकन करवाया जाकर एक किस्‍त की कितनी राशि का भुगतान वर्ष 2015 में किस दिनांक को किया गया? (ग) प्रकरण क्रमांक 07/अ/82 वर्ष 2016-17 पंजीबद्ध करने के बाद आदेश दिनांक 20 जनवरी 2020 तक ग्राम बरेठा एवं ग्राम धार की ग्रामसभा से विचार विमर्श नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है? ऐसा पेसा कानून 1996 की किस धारा में दी गई छूट के अनुसार किया गया? (घ) प्रकरण क्रमांक 07/अ/82 वर्ष 2016-17 में अर्जित मकान, दुकान, ढालिया के संबंध में ग्राम बरेठा एवं ग्राम धार की ग्रामसभा से कब तक विचार विमर्श किया जावेगा समय सीमा सहित बतावें यदि विचार विमर्श नहीं किया जावेगा तो कारण बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांकित मुआवजा निर्धारण के संबंध में वनग्राम धार एवं बरेठा में ग्राम सभा का अनुमोदन लिया गया था जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट 01 एवं 02 अनुसार है। इसी प्रस्‍ताव के आधार पर इन वनग्रामों की भूमि अर्जन के संबंध में भू अर्जन प्रकरण क्रमांक 07/अ-82/वर्ष 2016-17 में दर्ज किया जाकर अवार्ड आदेश दिनांक 20 जनवरी 2020 पारित किया गया। ग्राम पंचायत में विचार विमर्श करने के उपरांत मुआवजा का निर्धारण हुआ। (ख) भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 07/अ-82/वर्ष 2016-17 दिनांक 28-12-2016 पंजीयन राष्‍ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत मुआवजा निर्धारण किये जाने के उद्देश्‍य से दिनांक 28-12-2016 को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। वर्ष 2011-12 की गाईडलाईन अनुसार परिसम्‍पतियों का कलेक्‍टर गाईड लाईन अनुसार मूल्‍यांकन की दर पर मुआवजा निर्धारण किया गया। इस मूल्‍यांकन के आधार पर प्रथम किस्‍त राशि ग्राम धार के 28 धारकों को 30.44.235/- (तीस लाख चवालीस हजार दो सौ पैंतीस रूपये) तथा ग्राम बरेठा के 24 धारकों को 34.03.385/- (चौतीस लाख तीन हजार तीन सौ पच्‍यासी रूपये) का दिनांक 03-12-2015 को किया गया।                     (ग) योजना के तहत भू-अर्जन प्रकरण दर्ज होने के पूर्व ही ग्रामसभा की सहमति प्राप्‍त की गई थी। योजना के तहत हितग्राहियों की भूमि एवं परिसंपत्तियों का राष्‍ट्रीय राजमार्ग में प्रभावित होने एवं मुआवजा के सम्‍बंध में भूमि एवं परिसंपत्तियों का ग्राम सभा से अनुमोदन प्राप्‍त किया गया था। (घ) चूंकि भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 07/अ-82/वर्ष 2016-17 के दर्ज होने के पूर्व ही अर्जित मकान, दुकान, ढालिया के मुआवजों का निर्धारण एवं भुगतान के संबंध में ग्राम सभा में विचार-विमर्श करके मुआवजें का भुगतान किया गया है।

आश्‍वासन पर सीमांकन

[वन]

18. ( क्र. 335 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बड़वाह वनमण्‍डल के अंतर्गत मोयदा आर.एफ. कक्ष क्रमांक 263 एवं ग्राम मोयदा के पटवारी मानचित्र के आधार पर सीमांकन बाबत् आश्‍वासन क्रमांक 1071 के बाद भी सीमांकन की कार्यवाही प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं की गई? (ख) कक्ष क्रमांक 263 एवं पटवारी मानचित्र में                                 कितना-कितना रकबा दर्ज है? इसमें से कितना रकबा खतौनी पंजी में भू-स्‍वामी हक में दर्ज है?                                          इनके सीमांकन पर किस न्‍यायालय ने किस आदेश क्रमांक दिनांक से रोक लगाई है? आदेश की प्रति सहित बतायें। (ग) मोयदा कक्ष क्रमांक 263 के मानचित्र एवं मोयदा ग्राम के पटवारी मानचित्र के आधार पर सीमांकन से संबंधित कौन-कौन सी कार्यवाही वन विभाग ने किस-किस दिनांक को की है? सीमांकन हेतु राजस्‍व विभाग को पत्र लिखे जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है? (घ) बड़वाह वनमण्‍डल में उपलब्‍ध कक्ष मानचित्र एवं पटवारी मानचित्र के आधार पर सीमांकन की कार्यवाही कब तक की जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। वनमंडल बड़वाह के अन्तर्गत मोयदा वनग्राम कक्ष क्रमांक-263 में पटवारी मानचित्र के आधार पर जिला कलेक्टर खरगोन के आदेश क्रमांक/2/भू.अधि.3/20 दिनांक 02.01.2021 से गठित दल के परिप्रेक्ष्य में वन विभाग द्वारा सीमांकन कराया जाकर वनमंडलाधिकारी बड़वाह के पत्र क्रमांक/मा.चि./2021/4864 दिनांक 05.08.2021 से प्रतिवेदन कलेक्टर खरगोन को प्रेषित किया गया है। (ख) वनग्राम मोयदा के कक्ष क्रमांक-263 में वनमंडल की कार्य-आयोजना में 213.48 हेक्‍टेयर आरक्षित वनभूमि दर्ज है। वर्ष 1980-81 के सेटलमेन्ट रिकार्ड के अनुसार 207.481 हेक्टेयर खतौनी पंजी में दर्ज है। प्रश्नाधीन भूमि के संबंध में किसी भी न्यायालय द्वारा रोक नहीं लगाई गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

वन खण्‍ड में शामिल निजी भूमि को पृथक करना

[राजस्व]

19. ( क्र. 336 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) होशंगाबाद जिले के इटारसी तहसील के ग्राम खटामा प.ह.नं. 8 के खसरा क्रमांक 83/1, 83/2, 83/3 एवं 83/4 के कितने रकबे से संबंधित भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी इटारसी के समक्ष लंबित है? यह भूमि वर्तमान में किसके नाम पर दर्ज है। (ख) इनमें से किस भूमि पर स्थित किस-किस प्रजाति के कितने-कितने वृक्षों को काटे जाने की अनुमति किस प्रकरण क्रमांक, दिनांक से किसे प्रदान की गई? (ग) वन खण्‍ड में शामिल निजी भूमि को पृथक किए जाने के संबंध में मुख्‍य सचिव द्वारा अपने आदेश क्रमांक 774/ एफ 25-08/2015/10-3 दिनांक 1 जून 2015 में क्‍या-क्‍या निर्देश दिए गए? उसके अनुसार प्रश्‍नांकित दिनांक तक भूमि पृथक नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है? (घ) भू-स्‍वामी हक में दर्ज निजी भूमि को वनखण्‍ड से कब तक पृथक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : () जी हाँ। होशंगाबाद जिले के इटारसी तहसील के ग्राम खटामा प.ह.न. 08 के खसरा क्रमांक 83/1, 83/2, 83/3 एवं 83/4 के कुल रकबा 11.547 हैक्टयर भूमि से संबंधित वन अधिनियम 1927 की धारा 05 से 19 तक की जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी इटारसी के समक्ष एक आवदेन पत्र पर कार्यवाही प्रचलित है। यह भूमि प.ह.न. 08 के ग्राम खटामा स्थित खसरा नम्बर 83/1 रकबा 3.849 हैक्टर रितिक वर्मा आ. रूपेश वर्मा, खसरा नम्बर 83/2 रकबा 3.849 हैक्टर, खसरा नम्बर 83/3 रकबा 3.849 हैक्टर रंजना पत्नि रूपेश एवं खसरा नम्बर 83/4 रकबा 3.849 हैक्टर सागर पिता रूपेश वर्मा के नाम दर्ज है। () इनमें से किसी भी भूमि पर स्थित किसी भी प्रजाति के वृक्षों को काटने की अनुमति विगत 03 वर्षों से इसी स्तर (तहसीलदार स्तर) एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इटारसी स्तर से नहीं दी गई है।                (ग) वन खण्ड में शामिल निजी भूमि को पृथक किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव द्वारा अपने आदेश क्रमांक 974/ एफ 25-08/2015/10-3 दिनांक 1 जून 2015 में यह निर्देश दिये गये कि अधिनियम की धारा 03 के अनुसार राज्य शासन को केवल ऐसे भूखण्डों को आरक्षित वनखण्ड घोषित करने हेतु ही विधिक अधिकार प्राप्त है। राज्य शासन द्वारा धारा 04 अन्तर्गत प्रकाशित अधिसूचना में ऐसे भूखण्डों का भी त्रुटिवश समावेश हो गया है जो पूर्णतः निजी स्वामित्व के है। ऐसे भूखण्डों का गठन आरक्षित वन के रूप मे करने के विधिक अधिकार अधिनियम की धारा 3 अनुसार राज्य शासन में वेष्टित न होने से ऐसे भू-खण्डों को धारा 20 अन्तर्गत आरक्षित वनखण्ड गठन की अधिसूचना जारी करते समय आरक्षित वन खण्ड से पृथक रखना एक वैधानिक अनिवार्यतः है। वन विस्थापन अधिकारी के रूप कार्यरत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा इस अधिनियम की धारा 11 उपधारा 2 में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुये पूर्णतः निजी स्वामित्व के भू-खण्डों को प्रस्तावित आरक्षित वनखण्ड से पृथक रखने की विधिक कार्यवाही की जाती है।       (घ) मामला न्‍यायाधीन होने के कारण समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अर्जित भूमि का मुआवजा

[राजस्व]

20. ( क्र. 338 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या बैतूल जिले में उद्योग विभाग के प्रकरण क्रमांक 3 अ/82 वर्ष 1974-75 एवं प्रकरण क्रमांक 63 अ/82 वर्ष 1980-81 से ग्राम टिकारी की अर्जित भूमियों के मुआवजा राशि का भुगतान प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया? (ख) चन्‍द्रशेखर, रामशंकर, रामरतन चौधरी की ग्राम टिकारी के किस खसरा नम्‍बर का कितना रकबा अर्जित कर किस दिनांक को अवार्ड आदेश जारी किया? अवार्ड आदेश की प्रति सहित बतावें। (ग) चन्द्रशेखर, रामशंकर, रामरतन चौधरी या उनके वारिसों को कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को किया गया? यदि भुगतान प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया हो तो उसका कारण बतावें। (घ) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 में इस तरह के प्रकरणों में किन-किन कार्यवाही से संबंधित क्‍या-क्‍या प्रावधान दिया गया है? उसके तहत कब तक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल में उद्योग विभाग को भूमि दिये जाने के संबंध में भू अर्जन प्रकरण क्रमांक 3/अ-82 वर्ष्‍ 1974-75 एवं प्रकरण क्रमांक 63/अ-82 वर्ष 1980-81 में दर्ज किये गये थे। जिसमें ग्राम टिकारी की भूमि का अर्जन किया गया था, इसमें से जिन कतिपय कृषकों को मुआवजें के संबंध में आपत्ति थी उनको छोड़कर अवार्ड अनुसार अन्‍य कृषकों को मुआवजा भुगतान किया गया। आपत्तिकर्ता कृषकों के मुआवजें के भुगतान के संबंध में बिल व्‍हाउचर की जॉंच की जा रही हैं। जॉंच के अंतिम निष्‍कर्ष के आधार पर मुआवजा भुगतान होने या न होने की पुष्टि होगी। (ख) चन्‍द्रशेखर, रामशंकर, शंभुरतन व. छोटेलाल के नाम ग्राम टिकारी तहसील बैतूल के खसरा नम्‍बर 1078 रकबा 2.57 एकड़ (1.040 हे.) भूमि के अर्जन के आदेश दिनांक 28.6.1978 को पारित किये गये थे। अधिनिर्णय आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) चन्‍द्रशेखर, रामशंकर, शंभुरतन व. छोटेलाल या उनके वारिसों को राशि के भुगतान संबंधी अभिलेखों के आधार पर पुष्टि नहीं हो रही हैं, किंतु उपलब्‍ध रिकार्ड के अनुसार उपरोक्‍त भूमि स्‍वामियों को मुआवजा निर्धारण में आपत्ति थी तथा भू अर्जन प्रकरण में संलग्‍न दस्‍तावेज के अनुसार भूमि स्‍वामी को सिविल न्‍यायालय से मुआवजा निर्धारण किए जाने हेतु निर्देशित किया जाना परिलक्षित हो रहा है। जानकारी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है किंतु इसके अंतिम निराकरण के संबंध में न ही भूमि स्‍वामी द्वारा कोई जानकारी दी गई और न ही कार्यालयीन रिकार्ड में ऐसे कोई दस्‍तावेज उपलब्‍ध हैं। ऐसी स्थिति में आवेदक विभाग एवं भूमि स्‍वामी की मुआवजा भुगतान के संबंध में सुनवाई करते हुए गुण-दोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। () यह कि भूमि का आधिपत्‍य उद्योग विभाग द्वारा लिया जा चुका हैं, साथ ही मुआवजें के संबंध में सम्‍पूर्ण जानकारी भूमि स्‍वामी को ज्ञात हैं, ऐसी स्थिति में भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 के अंतर्गत कार्यवाही वांछनीय नहीं हैं।

खाद्यान्‍न आवंटन के निर्देश

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

21. ( क्र. 346 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों पर खाद्यान्‍न एवं केरोसिन तेल आवंटन के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश है तथा इस हेतु राज्‍य स्‍तर पर क्‍या-क्‍या व्‍यवस्‍था की गई है? (ख) रायसेन जिले में 1 जनवरी 2021 से नवम्‍बर 2021 की तक की अवधि में किन-किन दुकानों पर कितना-कितना खाद्यान्‍न एवं केरोसिन तेल का आवंटन कम किया गया तथा क्‍यों? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) 1 जनवरी 2021 से नवम्‍बर 2021 तक की अवधि में रायसेन जिले में परिवहनकर्ता द्वारा किस-किस उचित मूल्‍य की दुकान पर किन-किन दिनांकों में खाद्यान्‍न एवं केरोसिन तेल पहुँचाया गया? (घ) क्‍या रायसेन जिले में आवंटन कम तथा शासन के निर्देशों के अनुरूप खाद्यान्‍न एवं केरोसिन तेल उचित मूल्‍य की दुकान पर निर्धारित समय पर न भेजने के कारण प्रत्‍येक माह की 7 तारीख को खाद्यान्‍न का वितरण नहीं हो पाया? यदि हां, तो क्‍यों तथा इसके लिए कौन दोषी है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खाद्यान्‍न आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

22. ( क्र. 347 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                (क) 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी, विभाग के अधिकारियों तथा कलेक्‍टर रायसेन को खाद्यान्‍न वितरण, कम आवंटन, पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची तथा पात्रता पर्ची में संशोधन के संबंध में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुये? (ख) उक्‍त पत्रों पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित                                       किन-किन समस्‍याओं का निराकरण कब हुआ तथा किन-किन समस्‍याओं को निराकरण नहीं हुआ तथा क्‍यों? कब तक निराकरण होगा? (ग) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों पर की गई कार्यवाही से संबंधितों द्वारा अवगत क्‍यों नहीं कराया गया? कब तक अवगत करायेंगे? (घ) पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची तथा पात्रता पर्ची में संशोधन हेतु किस-किस अधिकारी की क्‍या-क्‍या जवाबदारी है तथा कितने दिन के भीतर संबंधित को पात्रता पर्ची मिल जाना चाहिये?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्राप्‍त पत्रों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उक्‍त पत्रों के निराकरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) माननीय विधायक महोदय को अवगत कराये जाने की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) राशन पर्ची में संशोधन तथा पात्र परिवार को राशन पर्ची देने हेतु एम राशन मित्र पोर्टल पर समस्‍त प्रक्रिया ऑनलाईन होती है। सर्वप्रथम ग्राम पंचायत सचिव/वार्ड प्रभारी के द्वारा आवेदक की समग्र आई.डी. पर पात्रता के आधार पर पात्रता संबंधी दस्‍तावेजों सहित आवेदन को ऑनलाईन किया जाता है। तदोपरांत स्‍थानीय निकाय (जनपद पंचायत/नगर पालिका/नगर परिषद) द्वारा आवेदन का परीक्षण कर पात्रता श्रेणी का सत्‍यापन किया जाता है। इसके उपरांत खाद्य विभाग के सहायक/कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी के द्वारा पोर्टल पर आवेदन एवं उसके साथ अपलोड किये गये पात्रता संबंधी दस्‍तावेजों का परीक्षण कर आवेदन को चालू माह की 25 तारीख तक ऑनलाईन स्‍वीकृत/अस्‍वीकृत किया जाता है। इसके पश्‍चात पात्र होने पर एन.आई.सी. भोपाल द्वारा अनुवर्ती माह की 10 तारीख तक नवीन अथवा संशोधित पात्रता पर्चियां जारी की जाती है।

डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदारों की पदस्थापना

[राजस्व]

23. ( क्र. 362 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) प्रदेश में ऐसी कितनी अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय (राजस्व), तहसील है जिनमें डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार के पद पर प्रभारी या अन्य अधिकारी पदस्थ हैं? इन कार्यालयों में डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार पदस्थ नहीं होने के क्या कारण है? (ख) प्रदेश के महानगर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय (राजस्व) , तहसील के अतिरिक्त ऐसे कितने कार्यालय है जहाँ डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार कार्यरत है? यह किन पदों के विरुद्ध कब से इन महानगरों में पदस्थ हैं? (ग) प्रदेश के महानगरों में विभिन्न कार्यालयों में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदारों को खाली अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय (राजस्व) , तहसीलों में क्यों पदस्थ नहीं किया जा रहा है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में कुल 227 अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय राजस्‍व एवं 428 तहसील है। जिसमें सहायक कलेक्‍टर या संयुक्‍त कलेक्‍टर या डिप्‍टी कलेक्‍टर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के रूप में पदस्‍थ हैं। अन्‍य कोई अधिकारी पदस्‍थ नहीं है। प्रदेश में कुल 428 तहसीलों में से 202 तहसीलों पर तहसीलदार पदस्‍थ हैं। शेष 226 तहसीलों में नायब तहसीलदार प्रभारी तहसीलदार के रूप में पदस्‍थ हैं। (ख) अन्‍य कार्यालयों में पदस्‍थ कुल 10 डिप्‍टी कलेक्‍टर/संयुक्‍त कलेक्‍टर एवं 26 तहसीलदार पदस्‍थ हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रदेश के महानगरों में विभिन्‍न कार्यालयों में डिप्‍टी कलेक्‍टर/तहसीलदार की पदस्‍थापना प्रशासकीय आवश्‍यकता को देखते हुये अन्‍य कार्यालयों में संवर्गीय एवं असंवर्गीय पदों पर की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"बत्तीस"

नई उचित मूल्य की दुकाने खोलना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

24. ( क्र. 363 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन किन स्थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई है? उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गाँव ऐसे हैं जहाँ ग्रामवासियों को राशन लेने हेतु तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है?                 (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इस अवधि में कितने ऐसे गांवों में नई राशन की दुकान खोली गई जहाँ ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था?                     (ग) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर के कई दूरस्थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई, उसका क्या कारण है? जिन गांवों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं, उसके लिए कौन अधिकारी दोषी हैं तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक विगत 02 वर्ष में कोई भी नवीन उचित मूल्‍य दुकान नहीं खोली गई है। उपरोक्‍त विधानसभा में 24 ग्राम ऐसे हैं, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने हेतु तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्‍नांकित अवधि में कोई भी नवीन राशन दुकान नहीं खोली गई। (ग) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक पंचायत में एक उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र की प्रत्‍येक पंचायत में उचित मूल्‍य की दुकान संचालित है। वर्तमान में ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जिसके अंतर्गत तीन किलोमीटर की दूरी से अधिक दूरी पर स्थित प्रत्‍येक ग्राम में उचित मूल्‍य दुकान खोली जाये। अत: कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

होशंगाबाद में पिचिंग निर्माण

[जल संसाधन]

25. ( क्र. 370 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सच है कि होशंगाबाद में गृह विज्ञान महाविद्यालय से लगी पिचिंग अगस्‍त 2020 में आई बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्‍त हो गई थी? (ख) यदि हां तो क्‍या उक्‍त पिचिंग के पुन:निर्माण का नए सिरे से प्राक्‍कलन बनाया गया है। यदि हां तो कब। (ग) अगस्‍त 2020 से अक्‍टूबर 2021 तक उक्‍त निर्माण को तकनीकी/प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु प्रश्‍नकर्ता के पत्र मान. जल संसाधन मंत्री जी, प्रमुख सचिव जल संसाधन, प्रमुख अभियंता, जलसंसाधन एवं मुख्‍य अभियंता, जलसंसाधन को                                             किस-किस दिनाँक को प्राप्‍त हुए। (घ) क्‍या यह सच है कि प्रश्‍नकर्ता के पत्र के संबंध में मान. मुख्‍यमंत्रीजी द्वारा विगत एक वर्ष में जल संसाधन विभाग को लिखा गया था। यदि हां तो इस पर क्‍या कार्यवाही की गयी? (ड.) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा शासन से होशंगाबाद में पिचिंग निर्माण की मांग उचित है या अनुचित। (च) यदि मांग उचित है तो इस संबंध में शासन कब तक प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश जारी करेगा? यदि हां तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। क्षतिग्रस्‍त पिचिंग के निर्माण एवं तटों के कटाव को रोकने के लिए फरवरी 2021 में प्राक्‍कलन बनाया गया है।                                         (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। क्षतिग्रस्‍त पिचिंग के निर्माण एवं तटों के कटाव को रोकने के लिए कोरीघाट के समीप गैबियन स्‍ट्रक्‍चर के निर्माण कार्य का राशि रू.6.71 करोड़ का प्राक्कलन बनाया जाकर राज्य आपदा मोचन निधि (State Disaster Relief Fund) के अंतर्गत प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्त करने हेतु दिनांक 12.11.2021 को राहत आयुक्‍त को प्रेषित किया गया है। (ड.) एवं (च) पिचिंग निर्माण तकनीकी रूप से उचित है। प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश जारी करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -"तैंतीस"

जीन मोहल्‍ला, इटारसी के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

26. ( क्र. 373 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्‍या यह सच है कि प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 36 (441) दिनांक 19.12.2019 के प्रश्नांश (ग) में जानकारी दी गई थी कि दो में निराकरण किया गया शेष में कार्यवाही प्रचलित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बतायें कि किन दो लोगों का निराकरण किया गया एवं किन-किन लोगों की कार्यवाही प्रचलित है, प्रत्‍येक की नाम सहित बतावें? (ग) जिन दो लोगों का निराकरण किया वह किस अधिकारी द्वारा कब किया गया, नाम सहित बतावें? (घ) निराकरण हेतु कौन-कौन दस्‍तावेजों की जमा किया जाना था। जिनकी कार्यवाही प्रचलित है उनमें से किन-किन लोगों द्वारा कौन-कौन से दस्‍तावेज जमा नहीं किये गये है। (ड.) जिनकी कार्यवाही प्रचलित है उनका निराकरण कब तक किया जावेगा। (च) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रश्‍न के प्रश्नांश (घ) अनुसार चाहे गया जॉच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हॉं। (ख) श्री शंकरलाल चौरे आ.स्व. बालमुकुंद चौरे के दो आवेदन (जो आवेदक के नाम 2018 तक नवीनीकृत थे) का निराकरण किया गया है एवं श्रीमति रजनीदुबे पत्नि प्रेमनारण दुबे के आवेदन को निरस्त किया जाकर निराकरण किया गया है। 1.श्रीमति रेखा अग्रवाल पत्‍नी रमेशचंद अग्रवाल एवं2.आनंद अवस्थी आ.बालमुकुंद अवस्थी इटारसी के आवेदन पर कार्यवाही लंबित है। (ग) श्री शंकरलाल चौरे के दो आवेदन पत्रों का निराकरण पूर्व पीठासीन अधिकारी श्रीमति वंदना जाट डिप्टी कलेक्टर एवं श्री हरेन्द्र नारायण (आई.ए.एस.) नजूल अधिकारी इटारसी द्वारा किया गया है। श्रीमति वंदना जाट द्वारा शंकरलाल चौरे के दोनों प्रकरणों में नवीनीकरण के आदेशार्थ प्रतिवेदन अंकित कर दिनांक 22.01.2019 को अपर कलेक्टर होशंगाबाद को स्वीकृति हेतु भेजा गया था। अपर कलेक्टर होशंगाबाद से स्वीकृति उपरांत तत्कालीन पीठासीन अधिकारी श्री हरेन्द्र नारायण एवं नजूल अधिकारी इटारसी द्वारा दिनांक 09.05.2019 को भू-भाटक एवं समन राशि जमा करने के उपरांत पट्टा एवं नक्शा पर नवीनीकरण के हस्ताक्षर हेतु अपर कलेक्टर होशंगाबाद को भेजा गया था जो दिनांक 07.06.2019 को पट्टा निष्पादन की कार्यवाही हेतु वापिस प्राप्त होने पर आवेदक को पट्टे का निष्पादन कर आवेदन का निराकरण किया गया है। (घ) आवेदकों द्वारा न्‍यायालय में अपने पट्टा नवीनीकरण के आवेदन के साथ शपथ पत्र,वर्तमान नजूल मेन्टेन्स खसरे की नकल, विक्रय प्रत्र की छाया प्रति मूल पट्टेदार के पट्टे की प्रति एवं मौका स्थल का छाया चित्र जमा किया जाना था, जिनमें से प्रचलित प्रकरणों के आवेदकों द्वारा मूल पट्टेदार के नजूल पट्टे की छायाप्रति जमा नहीं की गई है इस कारण उनके प्रकरण लंबित है। (ड.) जिनकी कार्यवाही लंबित है उनका निराकरण शासन द्वारा जारी नवीन नजूल निर्वतन निर्देश 2020 में वर्णित प्रवधान के अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत करने पर किया जावेगा।                                                      (च) राजस्‍व विभाग के पत्र क्रमांक 7259/5139/2019/सात-1, दिनांक 30.12.2019 एवं पत्र क्रमांक 48/5234/2020/सात-1 दिनांक 03.01.2020 के द्वारा आवेदक का आवेदन कलेक्‍टर होशंगाबाद को मूलत: भेजकर नियमानुसार कार्यवाही कर आवेदक को अवगत कराने हेतु लिखा गया है। कार्यवाही प्रचलित है।

शासकीय भूमि को ग्राम आबादी भूमि में परिवर्तित करने के निर्देश

[राजस्व]

27. ( क्र. 379 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) शासकीय भूमि को ग्राम आबादी भूमि में परिवर्तित करने के शासन के क्या नियम है इस संबंध में प्रति बतावे? (ख) नियमानुसार शासकीय भूमि को ग्राम आबादी भूमि में परिवर्तित करने के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर रतलाम, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आलोट, जावरा को इस संबंध में कब-कब पत्र प्रेषित किया गया है और उन पत्रों पर अभी तक क्या कार्रवाई की गई है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर रतलाम को दिनांक 11/9/ 2021 पत्र क्रमांक 2015 को प्रेषित पत्र के संबंध में अभी तक क्या क्या कार्यवाही की गई हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : () म.प्र.भू राजस्व संहिता ( दखलरहित भूमि, आबादी तथा वाजिब उल अर्ज ) नियम 2020 के तहत बनाए गए नियमों के तहत शासकीय भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन किया जाता है। नियम की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                     (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर रतलाम, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) आलोट/जावरा को पत्र क्रमांक 2015 दिनांक 11/09/2021 एवं पत्र क्रंमांक 1147 दि. 28/09/2021 प्रेषित किए गए। उक्त पत्रों पर अनुभाग आलोट के न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 0001/अ-64/ 2020-21 में दर्ज कर प्रकरण तहसीलदार आलोट को भेजा गया था। प्रकरण पुनः दि. 26/11/2021 को नायब तहसीलदार आलोट से प्राप्त हुआ। प्रकरण पुनः नायब तहसीलदार आलोट को खसरा एवं नक्शा की तीन-तीन प्रतियों में मंगवाए जाने हेतु भेजा गया है। अनुभाग जावरा को पत्र दि. 17/02/2021 को प्राप्त होने पर उक्त पत्र में उल्लेखित ग्राम बन्नाखेडा में स्वीकृत पशु औषधालय हेतु न्यायालय कलेक्टर के न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 0009/अ-20 (3) /2020-21 आदेश दिंनाक 30/03/2021 द्वारा भूमि आवंटित की गई है। 2/ ग्राम सादाखेडी शाला भवन के पास स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 388, 389, 309 आवासीय भूमि का नोईयत परिवर्तन करने हेतु दिनांक 20/03/2021 को कलेक्टर महोदय को पत्र क्रमांक 1804 प्रेषित किया गया था, जिस पर से कलेक्टर रतलाम की ओर से प्रकरण जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी जावरा को भेजा गया था अनुविभागीय अधिकारी जावरा द्वारा प्रकरण क्रमांक 01/अ-65/2021-22 नोईयत परिवर्तन संबंध में पंजीबद्ध कर तहसीलदार जावरा को जांच प्रतिवेदन हेतु प्रेषित किया गया। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत पत्र क्रमांक 2015 दि. 11/09/2021 के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी आलोट के न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 0001/अ-64/2020-21 में दर्ज कर प्रकरण तहसीलदार आलोट को भेजा गया था। प्रकरण पुनः दि. 26/11/2021 को नायब तहसीलदार आलोट से प्राप्त हुआ। प्रकरण पुनः नायब तहसीलदार आलोट को खसरा एवं नक्शा की तीन-तीन प्रतियों में मंगाए जाने हेतु भेजा गया है।

परिशिष्ट -"चौंतीस"

केम्‍पा मद योजना अन्‍तर्गत कराये गये कार्यों की जानकारी

[वन]

28. ( क्र. 393 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला होशंगाबाद अन्‍तर्गत सतपुड़ा टाईगर रिजर्व पचमढ़ी, गेमरेंज मटकुली व वन परिक्षेत्र पिपरिया एवं बनखेड़ी (सामान्‍य) अन्‍तर्गत केम्‍पा मद के तहत कार्य स्‍वीकृत कर कराये गये हैं? यदि हां तो कौन कौन से कार्य कराये गये हैं? कार्यों की सूची बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्‍तर यदि हां है, तो इन कार्यों के संचालन में क्‍या सभी स्‍थानों पर विभाग से अनुबंध वाहन / मशीनरी से ही काम कराया गया हैं? यदि हां तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश '' अनुसार कराये गये कार्य कितनी-कितनी लागत के थे?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। तथापि कार्यों के निष्‍पादन में वाहन/मशीनरी का उपयोग प्रतिबंधित नहीं है।               (ग) जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ

[जल संसाधन]

29. ( क्र. 394 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही हैं कि जिला होशंगाबाद अन्‍तर्गत विभाग में पदस्‍थ रहते हुये दिनांक 31/01/2015 को सेवानिवृत्‍त हुये कर्मचारियों को विभाग में पदस्‍थी के समय शासन द्वारा                                                 समय-समय पर नियमितीकरण एवं अन्‍य लाभ प्रदान किये जाने संबंधी आदेश प्रदान किये गये हैं?                 (ख) यदि हां तो क्‍या यह भी सही हैं कि इन आदेशों का परिपालन न होने से कुछ कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति दिनांक से पूर्ण वेतनमान, क्रमोन्‍नति का लाभ तथा सेवानिवृत्ति के पश्‍चात अन्‍य समकक्ष कर्मचारियों के समान पेंशन का वांछित लाभ नहीं मिल सका हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्‍तर यदि हां हैं, तो विभाग द्वारा न्‍यायसंगत कार्यवाही न करते हुये कर्मचारियों को उनके हक के लाभ से वंचित रखे जाने के पीछे क्‍या कारण हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिन्‍हें उनकी नियुक्ति दिनांक से पूर्ण वेतनमान, क्रमोन्‍नति का लाभ तथा सेवानिवृत्ति के पश्‍चात अन्‍य समकक्ष कर्मचारियों के समान पेंशन के लाभ से वंचित रखा गया हैं? उनकी विवरण सहित सूची बतावें तथा इन कर्मचारियों को कब तक उनके हक के लाभ से लाभान्वित किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला होशंगाबाद के अन्तर्गत विभाग में पदस्थ रहते हुये दिनांक 31.01.2015 को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को विभाग में पदस्थी के समय शासन द्वारा समय-समय पर नियमितिकरण एवं अन्य लाभ प्रदान किये जाने हेतु सामान्‍य प्रशासन एवं वित्‍त विभाग के आदेशानुसार कार्यवाही की गई है पृथक से विभाग द्वारा आदेश जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) दिनांक 31.01.2015 को सेवानिवृत्त समस्त कर्मचारियों को तत्समय लागू नियमानुसार समयमान वेतनमान/क्रमोन्नत वेतनमान तथा सेवानिवृत्त उपरान्त लागू हित लाभ प्रदान किये गये हैं। (ग) सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उन्हें पात्रतानुसार समस्त लाभ प्रदान किये गये हैं, किसी कर्मचारी को उनके हक के लाभ से वंचित नहीं रखा गया है। (घ) दिनांक 31.01.2015 को सेवानिवृत्त कर्मचारियों में से कोई भी कर्मचारी पात्रतानुसार सेवानिवृत्त हित लाभ पाने से वंचित नहीं रहा।

शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के आस-पास अतिक्रमणकारियों का कब्‍जा

[राजस्व]

30. ( क्र. 441 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि खण्डवा जिले में शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के आसपास बाउण्‍ड्रीवॉल एवं खेल मैदान पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है? यदि हाँ तो? (ख) क्या यह सही है कि विभाग द्वारा अतिक्रमण मुहिम के नाम पर कागजी कार्यवाही की जा रही है? जिसका जमीनी स्तर पर किसी भी प्रकार का असर नहीं हो रहा है? इनके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) जिले की ऐसी अतिक्रमण से घिरी संस्थाओं के परिसर / खेल मैदानों को कब तक अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा? (घ) क्या यह सही है कि राजस्व विभाग एवं स्थानीय निकाय द्वारा अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही लगातार नहीं किये जाने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो रहे है? जिससे आम नागरिकों को कठिनाई हो रही है? (ङ) क्या शासन स्तर से शासकीय स्कूलों, सार्वजनिक स्थलों के अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कोई ठोस एवं लगातार कार्यवाही करने के निर्देश जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को जारी किये जाएंगे? यदि हाँ तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खण्डवा जिले में शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के आसपास बाउण्डरीबाल एवं खेल मैदान पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा नहीं है। (ख) पटवारियों द्वारा अतिक्रमण रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर तत्काल अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अतिक्रमण न होने से कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) जी नहीं, राजस्व विभाग एवं स्थानीय निकाय द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही की जाती है। (ड.) अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध म.प्र. भू राजस्व संहिता-1959 यथा संशोधित दिनांक 27.7.2018 की धारा 248 अन्तर्गत निहित प्रावधान अनुसार राजस्व न्यायालयों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जिसमें अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध जुर्माने का प्रावधान भी है। प्रश्नांश (क) की जानकारी खंडवा शहर नजूल सिविल लाइंस क्षेत्र में ब.ई.सुभाष उच्चतर मा. विद्यालय, सुंदरबाई गुप्ता कन्या उच्चतर मा. विद्यालय, अरविन्द कुमार नितिन कुमार विद्यालय एवं पूनमचंद्र गुप्ता वोकेशन कालेज संचालित है। उक्त शिक्षण संस्थान खण्डवा शहर नजूल ब्लाक नंबर 70 प्लाट नंबर 70 एवं नजूल ब्लाक नंबर 73 प्लाट नंबर 01 पर निर्मित है। जो कि पूर्व में निवाड़ एजूकेशन सोसायटी खंडवा के नाम दर्ज थी। रा.प्र. क्रमांक 1अ/20 (1) /2017-2018 में कलेक्टर खण्डवा के पारित आदेश दिनांक 5.2.2018 अनुसार उक्त भूमि की लीज निरस्त कर नजूल मद में घोषित किया गया है। इसी स्कूल परिसर में नजूल घोषित होने के पूर्व टिक्कड रेस्टोरेंट भवन बना हुआ है एवं इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट पिटीशन क्रमांक 26342/2018 दिनांक 7.1.2019 के द्वारा स्थगन आदेश के पालन में यथास्थिति बनी हुई है।

खनिज विभाग में प्राईवेट व्यक्तियों द्वारा कराई जा रही अवैध वसूली

[खनिज साधन]

31. ( क्र. 459 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) समाचार पत्रों के माध्यम से खनिज विभाग भिण्ड में प्राईवेट व्यक्तियों के द्वारा कार्य एवं अवैध वसूली कराई जाना बताया गया है? उक्त कार्यालय में कार्य एवं अवैध वसूली किसके आदेश के द्वारा कराई जारी है क्या उक्त प्राईवेट व्यक्तियों को रखने का नियम है? यदि नहीं तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में खनिज विभाग में किसी भी प्रायवेट व्यक्तियों द्वारा कोई कार्य नहीं किया जा रहा है और न ही अवैध वसूली हो रही है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्‍य मुरैना में घड़ियालों की संख्या की जानकारी

[वन]

32. ( क्र. 479 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्‍य मुरैना की सीमा श्योपुर से भिण्ड तक कितने किलोमीटर है इनमें कितने अधिकारी कर्मचारी कहां-कहां पदस्थ है उनकी संख्या पदनाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे नबम्बर 2021 की स्थिति में। (ख) राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्‍य में श्योपुर से मुरैना भिण्ड में कितने घाट है उनकी संख्या उन घाटो पर कहां-कहां घड़ियाल प्रजनन, अण्डे देते है घाटो के नाम सहित बतावें। (ग) इन घाटो मे वर्ष 2020 से नबम्बर 2021 तक कितने अण्डे किस किस घाट से एकत्रित कर देवरी घड़ियाल केंद्र मुरैना में पहुंचाये गये संख्या घाट सहित बतावें? (घ) राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्‍य में श्यौपुर, मुरैना, भिण्ड में किन किन घाटो पर घड़ियाल मृत घायल मिले उनकी संख्या घाटवार तथा मृत्यु, घायल के क्या कारण रहे जनवरी 2020 से नबम्बर 2021 तक स्थिति में जानकारी दी जावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्‍ट्रीय चम्‍बल अभयारण्‍य मुरैना की सीमा श्‍योपुर से भिण्‍ड तक कुल 435 किलोमीटर है। नवम्‍बर, 2021 की स्थिति में कुल 59 अधिकारी/कर्मचारी पदस्‍थ है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्‍ट्रीय चम्‍बल अभयारण्‍य में श्‍योपुर से मुरैना, भिण्‍ड तक कुल 44 घाट हैं इसमें 15 घाटों बगदिया, बरौली, नदीगांव, रायडी, लोहा सराई, भर्रा, डांगबसई, कैथरी, टिगरी-रिठौडा, शंकरपुर, बाबू सिंह घैर, दलजीतपुरा, उसैदघाट, अटैर एवं दिनपुरा पर घड़ि‍याल प्रजनन एवं अण्‍डे देते हैं। (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में निम्‍नानुसार अण्‍डे एकत्रित कर घड़ि‍याल केन्‍द्र देवरी पहुंचाये गए हैं :-

घाट का नाम

कुल संकलित अण्‍डे

वर्ष 2020

वर्ष 2021

बरौली

151

200

टिगरी-रिठौडा

49

-

कुल योग

200

200

 (घ) राष्‍ट्रीय चम्‍बल अभयारण्‍य श्‍योपुर, मुरैना, भिण्‍ड में प्रश्‍नाधीन अवधि में मृत/घायल घड़ि‍याल की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

घाट

संख्‍या

कारण

रछड़ (मृत्‍यु)

01

पाचन एवं हृदय संबंधी इन्‍फेक्‍शन

बड़ापरा (मृत्‍यु)

01

पाचन एवं हृदय संबंधी इन्‍फेक्‍शन

रिजारा (मृत्‍यु्)

01

पाचन एवं हृदय संबंधी इन्‍फेक्‍शन

अटार (मृत्‍यु)

01

पाचन एवं हृदय संबंधी इन्‍फेक्‍शन


परिशिष्ट -"पैंतीस"

बाढ़ से पीडि़त किसानों को मुआवजे का प्रदाय

[राजस्व]

33. ( क्र. 515 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि विधानसभा बरघाट 114, कुरई ब्‍लॉक जो कि अधिकांश वनों से घिरा हुआ है जिसके कारण किसानों को प्रत्‍येक वर्ष जंगली जानवरों से, फसलों को भारी नुकसान होता है? यदि हां तो इन किसानों के लगातार हो रहे नुकसान को लेकर विभाग की क्‍या योजना है एवं कब तक इनके नुकसान के मुआवजे की योजना बनाई जाएगी? (ख) विधानसभा बरघाट क्रमांक 114 के, कुरई ब्‍लॉक से बहने वाली पेंच नदी जिसमें गत वर्ष आई हुई बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान हुआ था? परंतु आज तक की स्थिति में शासन द्वारा किसानों को अब तक कोई मुआवजा राशि प्राप्‍त नहीं दी गई है, इन किसानों को कब तक मुआवजा राशि प्राप्‍त होगी।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हॉ। यह सही है कि विधानसभा बरघाट-114, कुरई ब्‍लाक अधिकांश वनों से घिरा हुआ है। जिन किसानों की फसलों का नुकसान होता है उसके लिये राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र खण्‍ड 6 क्रमांक 4 के परिशिष्‍ट-1 के 11 (क) अंतर्गत प्रावधान उपलब्‍ध है तथा मापदण्‍ड के अनुसार तत्‍काल आर्थिक सहायता राशि प्रदाय की जाती है। (ख) जी हॉ। तहसील कुरई अंतर्गत गतवर्ष 2829 अगस्‍त 2020 की अतिवर्षा से पेंच नदी में आई बाढ़ से प्रभावित 5 ग्रामों के कुल 832 प्रभावित कृषकों को रूपये 83,74,218/- की राहत राशि का भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

नगर पालिका क्षेत्र में शासकीय उचित मूल्य दुकानों की स्‍थापना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

34. ( क्र. 525 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) नगर पालिका परिषद मकरोनिया में विभाग द्वारा कितनी उचित मूल्य राशन दुकानों से उपभोक्ताओं को खाद्यान वितरण किया जा रहा है? वार्ड का नाम, उचित मूल्य दुकान का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) नगर पालिका क्षेत्र में स्थित शासकीय उचित मूल्य की किन-किन दुकानों में कितने उपभोक्ताओं को खाद्यान वितरण किया जा रहा है? दुकान का नाम, उपभोक्ताओं की संख्या सहित जानकारी देवें। (ग) क्या नगर पालिका मकरोनिया के 18 वार्डो में शासन के नियमानुसार प्रत्येक वार्ड में शासकीय उचित मूल्य राशन दुकान की स्थापना हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है? (घ) यदि हॉ तो वर्तमान नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया में राशन उपभोक्ताओं की संख्या को देखते हुये कब तक प्रत्येक वार्ड में पृथक-पृथक शासकीय उचित मूल्य दुकान की स्थापना की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद मकरोनिया जिला सागर में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 07 उचित मूल्‍य दुकानों के माध्‍यम से पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न का वितरण कराया जा रहा है। वार्ड का नाम एवं संचालित उचित मूल्‍य दुकान के नाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर पालिका मकरोनिया में संचालित 07 उचित मूल्‍य दुकानों से 26414 पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्‍न का वितरण किया जा रहा है। दुकान के नाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट '' अनुसार तथा पात्र हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में वार्डवार दुकान खोलने का प्रावधान नहीं है। (घ) नगर पालिका मकरोनिया जिला सागर में कुल 6559 पात्र परिवार है। निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार 08 उचित मूल्‍य दुकान होना चाहिए। वर्तमान मे 07 उचित मूल्‍य दुकान संचालित है। मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के तहत नवीन दुकान आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है।

परिशिष्ट -"छत्‍तीस"

जलाशयों की निविदा जारी किये जाने संबंधी

[जल संसाधन]

35. ( क्र. 526 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई योजनाओं के तहत पिपरिया-जसराज जलाशय, तिंसुआ जलाशय, टिपरिया जलाशय की स्वीकृति विभाग द्वारा कब प्रदान की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाई नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्थित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई है तो योजनाओं की लागत, सम्मिलित सिंचाई रकबा की जानकारी देवें।                                                   (ग) उक्त सिंचाई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) पिपरिया-जसराज जलाशय, तिंसुआ जलाशय, टिपरिया जलाशय सिंचाई योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा निविदा कब तक जारी की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रश्‍नांकित पिपरिया-जसराज जलाशय एवं टिपरिया जलाशय का संशोधित विभागीय यू.एस.आर. की दरों के अनुसार संशोधित प्राक्कलन तथा तिन्सुआ जलाशय के लिए वैकल्पिक स्‍थल का परीक्षण कर पुन: परियोजना प्रतिवेदन संभागीय कार्यालय स्‍तर पर तैयार किए जाने के कारण निविदा जारी करने की स्थिति नहीं है।

परिशिष्ट -"सैंतीस"

बी.पी.एल. परिवारों के खाद्यान्‍न पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

36. ( क्र. 549 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्‍त हुए हैं? उनके विरूद्ध कितने पात्र हितग्राहियों के नाम गरीबी रेखा में जोड़ते हुए बी.पी.एल.कूपन जारी किये गये? नगरवार, ग्रामपंचायतवार, संख्‍यावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों के विरूद्ध कितने हितग्राहियों को खाद्यान्‍न पर्ची जारी कर दी गई है एवं कितनों की शेष हैं? वर्षवार, नगरवार/वार्डवार, ग्रामपंचायतवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें।                                                               (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत शेष बी.पी.एल. कूपन धारी एवं राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों को कब तक खाद्यान्‍न पर्ची जारी कर दी जावेगी? विलंब करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या कोई कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत वर्ष 2018-2019 से प्रश्‍न दिनांक तक गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु 3615 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्‍त हुये है, उनके विरूद्ध 835 पात्र हितग्राहियों के नाम गरीबी रेखा में जोड़ते हुये बी.पी.एल कूपन जारी किये गये, जिसकी नगरवार, ग्राम पंचायतवार, संख्‍यावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है।                                                          (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों के विरूद्ध 835 हितग्राहियों को खाद्यान्‍न पर्ची जारी की गई है, एवं किसी भी परिवार की पात्रता पर्ची जारी होना शेष नहीं है, वर्षवार, नगरवार/वार्डवार, ग्राम पंचायतवार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत शेष बी.पी.एल. कूपन धारी एवं राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों की कोई पर्ची जारी की जाना शेष नहीं होने से कार्य में कोई विलम्‍ब नहीं हुआ है इसलिये किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाना अपेक्षित नहीं है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

[राजस्व]

37. ( क्र. 558 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) 31 अक्टूबर 2021 की स्थिति में ग्वालियर जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हेतु पात्र किसानों की संख्या तहसीलवार बतावें। उनमें से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि मिल रही है? भितरवार,चीनौर एवं घाटीगाँव के कृषकों के नाम,पिता/पति का नाम, ग्राम एवं ग्राम पंचायत वाईज संपूर्ण जानकारी सहित स्पष्ट करें। (ख) ग्वालियर जिले में कितने पात्र किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि क्यों नहीं मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतावें।                      (ग) ग्वालियर जिले में सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि मिले इस हेतू विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पात्रता की क्या-क्या शर्ते हैं तथा संबंधित किसानों को क्या क्या दस्तावेज उपलब्ध कराना पढ़ते हैं तथा किसान यदि ऑनलाइन आवेदन करना चाहे तो उसको क्या क्या कार्यवाही करनी पड़ती है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्वालियर जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हेतु पात्र किसानों की तहसीलवार संख्‍या तहसील ग्वालियर 9516, तहसील डबरा 40182, तहसील भितरबार 26271, तहसील चीनोर 24088, तहसील घाटीगांव 15990, तहसील तानसेन 16212, तहसील मुरार 18138, तहसील सिटी सेण्टर 6147 कुल पात्र किसान 156544 (SAARA portal अनुसार) हैं। जिले मे कुल 108381 पात्र किसानों को योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है। जानकारी पी.एम.किसान पोर्टल www.pmkisan.gov.in पर उपलब्‍ध हैं। (ख) जिले के कुछ पात्र किसानों द्वारा बैंक अकाउंट संबंधी जानकारी गलत उपलब्ध कराने या उपलब्ध बैंक अकाउंट बंद हो जाने एवं योजना के पंजीयन के समय उपलब्ध कराये गये आधार में नाम का संशोधन कराने से राशि प्राप्त नहीं हो पा रही है। जिले मे तहसील डबरा मे 8889, भितरबार मे 8537, चीनोर मे 6929, घाटीगांव मे 285, गिर्द (मुरार,तानसेन,सिटी सेंटर,ग्वालियर) -23523 किसानों को राशि प्राप्त नहीं हो पा रही है। (ग) जिले के सभी पात्र किसानों को योजना का लाभ प्राप्त हो इस हेतु जिले मे पात्र किसानों के बंद हो गये अकाउंट को पुन: चालू कराने या नया अकाउंट खुलवाकर पासबुक की कॉपी उपलब्ध कराने पर अकाउंट संबंधी जानकारी का संशोधन किया जा रहा है तथा पात्र हितग्राहियों से आधार की कॉपी प्राप्त कर आधार अनुसार नाम का भी सुधार किया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। किसान पीएमकिसान पोर्टल www.pmkisan.gov.in एवं सारा पोर्टल saara.mp.gov.in के माध्यम से योजना हेतु जानकारी उपलब्ध करा सकता है।

वन परिक्षेत्र में स्वीकृत कार्य

[वन]

38. ( क्र. 559 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किन-किन वन परिक्षेत्र में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किस-किस मद से किस-किस पंचायत में किस-किस स्थान पर स्वीकृत किये गये है? कार्य का प्रकार,स्वीकृति दिनांक, कार्य हेतु स्वीकृत राशि स्पष्ट करें।                (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण है तथा कितने आज दिनांक तक अपूर्ण हैं? कार्य के अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ग) वन विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां पर वृक्षारोपण कार्य किया गया है, प्रत्येक रोपाणी में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे रोपित किये गये है? प्रश्‍न दिनांक तक कितने पौधे जीवित है तथा कितने नष्ट हो गये है? पौधे नष्ट होने का क्या कारण है एवं उन पर कितनी राशि व्यय की गई थी? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग द्वारा जाँच कर जिम्मेदारों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) ग्वालियर जिले में क्‍या जो कर्मचारी/अधिकारी 0 3 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ है उनको अन्यत्र जिले में स्थानान्तरण किया जावेगा? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। पौधे प्राकृतिक कारणों से नष्‍ट हुए हैं, जिसके लिए कोई जिम्‍मेदार नहीं है। शासन निर्देशानुसार वृक्षारोपण की सफलता का निर्धारण रोपण से तीन वर्ष बाद करने का प्रावधान है, अत: फिलहाल जांच की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) शासन की स्‍थानांतरण नीति के अनुसार स्‍थानांतरण किये जाते हैं, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव                                           नहीं है।

खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का व्यय

[खनिज साधन]

39. ( क्र. 566 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद में कितनी राशि जमा है? (ख) विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि से ज़िले में कौन कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों द्वारा दिए गए निर्माण कार्यों के प्रस्ताव में कितनी खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (ग) इस अवधि में जिला कलेक्टर द्वारा खनिज प्रतिष्ठान मद से किन किन निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) यदि कोई राशि जारी नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि जिला कलेक्टर द्वारा जारी नहीं की जाती अपितु जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा जारी की जाती है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

संरक्षित वन भूमियों का अधिग्रहण

[वन]

40. ( क्र. 567 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संरक्षित वन भूमियों का अधिग्रहण कर कोयले के ब्लॉक अडानी एवं बिरला समूह को आवंटित हुए हैं? (ख) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो दोनों समूह संरक्षित वनों की कटाई कर उसके ऐवज में कितनी-कितनी सरकारी भूमि वन विभाग को देना प्रस्तावित है? (ग) क्या वनों की कटाई के एवज में वन विभाग को दी जा रही शासकीय भूमि पूर्णतया अतिक्रमण मुक्त है? यदि हाँ तो इस आशय के अभिलेख पटल पर रखें, यदि नहीं तो क्या ऐसी स्थिति में वनों का विकास पुन: संभव है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कृषि को जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान

[वन]

41. ( क्र. 573 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि छिन्‍दवाड़ा जिले के अन्‍तर्गत सौसर विधान सभा क्षेत्र में ऐसे किसान जिनकी भूमि वन भूमि की सीमा मे लगी हुई है उनकी फसलों की रक्षा जंगली पशुओं से किये जाने हेतु जंगलों की सीमा फैसिंग कराए जाने की कोई योजना विचाराधीन है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : जी नहीं।

बाढ़ पीडि़त किसानों को मुआवजा

[राजस्व]

42. ( क्र. 574 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के अंतर्गत सौंसर विधानसभा क्षेत्र में गत अगस्‍त 2020 में कन्‍हान नदी में आई भीषण बाढ़ से कितने किसानों की कुल कितनी राशि का नुकसान का आंकलन किया गया था? (ख) उपरोक्‍त भीषण बाढ़ से कितने किसानों की कितनी जमीन बाढ़ में बर्बाद हो गई? (ग) क्‍या बाढ़ पीड़ि‍त किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए शासन द्वारा तय किया मुआवजे की पूरी राशि भुगतान अभी तक नहीं हुआ है? यदि हां, तो प्रश्‍न दिनांक तक कितने बाढ़ पीड़ि‍त किसानों का कितना मुआवजा दिया जाना बकाया है? (घ) बाढ़ पीड़ि‍त किसानों को मुआवजा दिए जाने में विलम्‍ब के लिए कौन अधिकारी दोषी है तथा इन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? (ड.) बाढ़ पीड़ि‍त किसानों को किस दिनांक तक मुआवजा का पूरा भुगतान कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के अंतर्गत सौंसर विधानसभा क्षेत्र में अगस्‍त,2020 में कन्‍हान नदी में आई बाढ़ से प्रभावित कुल,3093 कृषकों को राशि रूपये 7,13,67,610/- के नुकसान का आंकलन किया गया है। (ख) बाढ़ से 119 किसानों की कुल 56.96हे. भूमि का रकबा प्रभावित हुआ था। (ग) जी हॉ। कुल,3093, कृषकों को राशि, 2,37,89,204/- रूपये का भुगतान शेष है। (घ) शासन द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार राहत राशि का भुगतान किया गया है। अत: प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ड.) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

डेम/तालाब निर्माण की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

43. ( क्र. 581 ) श्री सुनील उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) भूतपूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्र में सिंचाई हेतु कन्हान नदी पर डेम बनाने हेतु स्वीकृति प्राप्त हुई थी? (ख) यह परियोजना वर्तमान में कम बजट के आभाव में बंद है, इसे कब तक शुरू किया जायेगा? जिससे की स्थानीय लोगों को रोजगार मिले व भविष्य में सिंचाई के साधन विकसित हो? (ग) विधानसभा जुन्नारदेव में स्वीकृत सिंचाई विभाग के तालाबों को जो बजट के अभाव में पूर्ण नहीं हो पाये हैं वह कब तक पूर्ण होंगे एवं उन पर कितनी राशि स्वीकृत हुई थी और कितनी व्यय हो चुकी है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) कन्‍हान नदी पर प्रस्‍तावित छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्‍प्‍लेक्‍स परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 02.03.2019 को प्रदान की गई। जी नहीं। इस परियोजना का कार्य बजट के अभाव में बंद नहीं है अपितु परियोजना के अंतर्गत सर्वेक्षण, भू-गर्भीय अन्‍वेषण, वनभूमि के बदले में वैकल्पिक गैर वन भूमि का चयन तथा भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होकर परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बजट के अभाव की बात सही नहीं है। स्‍वीकृत तालाबों हेतु स्‍वीकृत एवं व्‍यय राशि तथा पूर्णता की लक्षित तिथि का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट -"अड़तीस"

बैराज निर्माण की निविदा आमंत्रण

[जल संसाधन]

44. ( क्र. 589 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले अंतर्गत जल संसाधन विभाग संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम अमलार में बैराज निर्माण कार्य की स्‍वीकृति मुख्‍य बजट 2021-22 में प्रदान की जा चुकी हैं? यदि हां तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त बैराज निर्माण कार्य की निविदा विभाग द्वारा आमंत्रित कर ली गई हैं? यदि हां तो कब? यदि नहीं तो क्‍यों तथा इसमें विलंब के क्‍या कारण हैं? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2910 दिनांक 20.10.2021 से प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को उक्‍त बैराज निर्माण की निविदा आमंत्रित करने हेतु अविलंब कार्यवाही हेतु लेख किया गया था? यदि हां तो उक्‍त संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई तथा कब तक निविदा आमंत्रित कर कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, वित्‍त विभाग द्वारा नियत निविदा सूचकांक की सीमा अतिक्रमित होने से अमलार बैराज की निविदा की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (ख) जी हाँ। उक्‍त संबंध में निविदा सूचकांक की सीमा अतिक्रमित होने से निविदा कार्यवाही नहीं कर सकने के तथ्‍य से प्रमुख अभियंता के पत्र दिनांक 19.10.2021 के माध्‍यम से मान. सदस्‍य को अवगत कराया जाना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

योजनाओं के लाभ हेतु निर्धारित समय सीमा

[श्रम]

45. ( क्र. 590 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल एवं मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना अंतर्गत किन-किन योजनाओं का लाभ कितनी-कितनी निर्धारित अवधि में दिए जाने का प्रावधान हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में राजगढ़ जिले के जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ एवं नगर पालिका नरसिंहगढ़ तथा नगर परिषद कुरावर, नगर परिषद तलेन, नगर परिषद बोड़ा में प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितने प्रकरण किन-किन कारणों से कब से लंबित हैं? नाम पते सहित सूची उपलब्‍ध करावें तथा संबंधित विभाग द्वारा निर्धारित समय अवधि में उनका निराकरण न किए जाने के क्‍या कारण हैं? (ग) उपरोक्‍तानुसार लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु संबंधित विभागों सहित श्रम विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई तथा कब तक उक्‍त प्रकरण का निराकरण कर हितग्राहियों को लाभांवित किया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र.असंगठित शहरी / ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल, मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण संबल योजना अन्‍तर्गत कुल 05 योजनाऍ संचालित की जाती है। जो कि निम्‍नानुसार है :-

क्र.

योजना का नाम

सहायता राशि

1.

अन्‍त्‍येष्टि सहायता

5000

2.

अनुग्रह सहायता (सामान्‍य मृत्‍यु)

200000

3.

अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्‍यु)

400000

4.

अनुग्रह सहायता (स्‍थाई अपंगता )

200000

5.

अनुग्रह सहायता (अस्‍थाई अपंगता)

100000

मृत्‍यु की दशा में अनुग्रह सहायता के प्रकरणों का निराकरण 15 दिवस में तथा अन्‍त्‍येष्टि के प्रकरणों में मृत्‍यु के तुरन्‍त पश्‍चात सहायता प्रदाय करना प्रावधानित है। म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सामाजि‍क सुरक्षा प्रदान करने हेतु 19 कल्‍याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है। जिसमें से वर्तमान में 17 योजनाएं प्रचलन में है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मंडल की योजना अंतर्गत अंत्‍येष्टि राशि श्रमिक के मृत्‍यु के तुरंत पश्‍चात तथा अनुग्रह सहायता आवेदन प्राप्‍त होने के 30 कार्य दिवस के अंदर निराकरण किए जाने का प्रावधान है। (ख) म.प्र.असंगठित शहरी / ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल में नगर परिषद तलेन व नगर पालिका नरसिंहगढ़ में कोई प्रकरण लंबित नहीं है, जनपद पंचायत नरसिहगढ, नगर परिषद कोरावरव नगर परिषद बोडा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। लंबित प्रकरणों के निराकरण बावत अपीलीय कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता। म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल -राजगढ़ जिले के नगर पालिका नरसिंहगढ़ तथा नगर परिषद तलेन,नगर परिषद बोडा में प्रश्‍न दिनांक तक म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत लंबित प्रकरणों की संख्‍या निरंक है। इसके अतिरिक्‍त नगर परिषद कुरावर में 04 हितग्राहियों के प्रकरण अपीलीय कार्यवाही हेतु एस.डी.एम. कार्यालय, नरसिंहगढ़ में निराकरण हेतु प्रेषित किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है तथा जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ अंतर्गत 12 प्रकरण लंबित है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश '''' अनुसार, अपीलीय अधिकारी के अपील निराकरण उपरान्‍त पात्रता पाये जाने पर लाभान्वित किया जा सकेगा।

डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि

[राजस्व]

46. ( क्र. 604 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्या भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की कोई भी प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की गई? (ख) म.प्र. शासन आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के कार्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को कितने ग्रामों की कितनी भूमि एवं कितने ग्रामों की समस्त भूमि डीनोटीफाईड की गई? जिलेवार बताएं। (ग) डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टी निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी के किस-किस कॉलम में दर्ज किए जाने के संबंध में राज्य शासन ने किस पत्र क्रमांक दिनांक से आदेश जारी किए? यदि इस तरह का आदेश जारी नहीं किया गया हो तो उसका कारण बताएं। (घ) डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी के किस-किस कॉलम में कब तक दर्ज करवाई जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश अनुसार भा.व.अ.1927 की धारा के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाइड की अधिसूचना वन विभाग द्वारा जारी की गई है जिसका जिलों द्वारा क्रियान्वयन किया गया है अतः जिलों से जानकारी संकलित की गई संकलित जानकारी निम्नानुसार है- 1-मुरैना- मुरैना जिला अन्तर्गत भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के तहत 1975 तक कोई भी भूमि डीनोटिफिकेशन नहीं हुई है। इसलिये अभिलेखीकरण किया जाना का प्रश्न नहीं होता है। 2-सागर-जी हां। सागर जिले में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34अ के अनुसार राजपत्र 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज नहीं हैं। 3-दमोह- राजपत्र दिनांक 12/01/1973 एवं 26/02/1974 के अनुसार जिला दमोह की तहसील दमोह तहसील मे 124 ग्राम के रकवा 8079.07 एवं राजपत्र दिनांक 22/02/1974 मे 163 ग्राम रकवा 11728.03 एकड़ वन भूमि राजस्व विभाग को अंतरित की गयी थी सभी भूमिया निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी मे दर्ज की जा चुकी है। 4-सतना-सतना जिला अन्तर्गत भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34 (अ) वर्ष 1975 तक हुये डिनोटिफिकेशन अधिसूचना क्रमांक 5770-दस-2-72 दिनांक 18सितम्बर 1972 मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 17 नवम्बर 1972 के द्वारा 1421 ग्रामों का डिनोटिफिकेशन हुआ है। जिसमें वन विहीन ग्रामों का उल्लेख है। वन विहीन ग्राम होने के कारण कोई संशोधन प्रविष्टि नहीं की गई है। 5-रीवा-रीवा जिला अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34;अद्ध वर्ष 1974 तक हुए डीनोटिफिकेशन अधिसूचना क्रमांक 645.दस.2.73 दिनांक 12 फरवरी 1974 म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 12 जुलाई 1974 के द्वारा 2511 ग्रामों का डीनोटिफिकेशन हुआ है जिसमें वन विहीन ग्रामों का उल्लेख है। वन विहीन ग्राम होने के कारण कोई संशोधित प्रविष्टि नहीं की गई है। 6-शहडोल-जी नही। शहडोल जिलान्‍तर्गत राजस्‍व अभिलेखों मे राजस्‍व एवं वन भूमि पूर्व से ही पृथक-पृथक दर्ज है। 7-सीधी-भा.व.अ.1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटीफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर ली गई है। 8-मंदसौर-जिले के अंतर्गत भा.व.अ. 1927 की धारा 34 (अ) के तहत अधिसूचना क्रमांक 548 दिनांक 09.02.1971 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 16.04.1971 एवं अधिसूचना क्रमांक 4078-10-2-1972 दिनांक 10.07.1972 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 06.10.1972 से 878 ग्रामों का डिनोटिफिकेशन हुआ है। उक्‍त ग्रामों में संरक्षित वन नहीं होने से अभिलेख संशोधन की आवश्‍यकता नहीं है। 9-रतलाम-जिला रतलाम में वन मण्डल रतलाम अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के तहत दि. 03 मई 1974 को 703 ग्रामों की भूमि डिनोटीफाईड की गई तथा अभिलेखों में संशोधन किया गया है। 10 उज्जैन- भा.व.अ.1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई तहसील तराना एवं माकडौन के 6 ग्रामों के सभी खसरा नंबरों की प्रविष्टि राजस्व अभिलेख अंतर्गत खसरा के कालम नबर 1, 2, 3 में कर ली गई हैं। 11-शाजापुर- भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक शाजापुर जिले की कोई वन भूमि डीनोटिफाईड नहीं की गई हैं। 12-भिण्ड- भिण्‍ड जिले में प्रश्‍नांकित अवधि में कोई भूमि डीनोटिफाइड नहीं की गई है। 13-देवास- भा.व.अ.1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटीफाईड कर राजस्‍व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर दी गई है। 14-झाबुआ- झाबुआ जिला अन्‍तर्गत भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34/ (अ) वर्ष 1975 तक हुए डिनोटिफिकेशन अधिसूचना क्रमांक/5770/दस-2-72 दिनांक 18 सितम्‍बर 1972 म.प्र राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 03/12/1972 के द्वारा 433 ग्रामों का डिनोटिफिकेशन हुआ है। जिसमें वनविहिन ग्रामों का उल्‍लेख हैं वनविहिन ग्राम होने के कारण कोई संशोधित प्रविष्ठि नहीं कि गई। 15 धार- धार जिला अन्तर्गत भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34 (अ) के तहत राजपत्र क्र.567-5448-दस-68 दिनांक 07/09/1969 प्रकाशन दिनांक 07/03/1969 द्वारा 04 ग्राम व अधिसूचना क्रमांक 1519-दस-2-72 दिनांक 02/03/1973 प्रकाशन दिनांक 03/05/1974 व अधिसूचना क्रमांक एफ-5 -79-89-दस-3 (170,172,173) दिनांक 12/03/91 द्वारा कुल 958 ग्रामों का डिनोटिफिकेशन हुआ है। जिसमें वन विहीन ग्रामों का उल्लेख है। जिनकी संशोधित प्रविष्टि कर ली गई है। 16-इंदौर- इन्‍दौर जिले में भा.व.अ.1927 की धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की कोई भी प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की गई की जानकारी निरंक है। 17-खरगोन- जिला खरगोन अन्‍तर्गत भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 17 नवम्‍बर 1972 एवं 08.मई 1974 अनुसार कुल 869 ग्रामों का डीनोटीफिकेशन हुआ है जिसमें वन विहीन ग्रामों की उल्‍लेख है जिसकी संशोधित प्रविष्ठि कर ली गई है। 18-खंडवा- वनमंडल सामान्‍य खंडवा के अंतर्गत भारतीय वनाधिनियम 1927 की धारा 34 ‘’’’ के तहत डीनोटीफिकेशन भूमियों को अभिलेखों में संशोधित किया जा चुका है। 19-राजगढ़- जिला राजगढ़ मे भा.व.अ.1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की प्रविष्टि यथास्थिति निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी मे दर्ज करा ली गई है। 20-विदिशा- मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन के पत्र क्र. 230/सी.एस./04 दिनांक 24 जुलाई 2004 में दिये गए निर्देश के अनुसार भारतीय वन अधिनियम 1927 34 के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफिकेशन की प्रविष्टि खसरा पंजी में दर्ज की गई है। 21-भोपाल- भारतीय वन अधिनियम की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डिनोटिफाइड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में की जा चुकी है। 22-सीहोर- हॉ,जिला सीहोर में भा.व.अ.1927 की धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की प्रविष्टि यथास्थिति निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक दर्ज करा ली गई है। 23-ग्वालियर- म.प्र. वन विभाग की अधिसूचना क्र.144-10-2-72 दिनांक 15 जनवरी 1974 प्रकाशन दिनांक 7 जून 1974 के द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के तहत ग्‍वालियर वन मण्‍डल की वन भूमि डीनोटिफाईड की गई थी। उक्‍त अधिसूचना में यह शर्तें निहित थी कि केवल संरक्षित वन के क्षेत्रफल को ही निर्वनीकृत किया जावेगा किन्‍तु अधिसूचना का तत्‍समय अवलोकन करने पर पाया गया कि उपरोक्‍तानुसार जिस वन क्षेत्र का निर्वनीकरण कर राजस्‍व विभाग को हस्‍तांतरण करने की अधिसूचना है वह सम्‍पूर्ण क्षेत्र आरक्षित वन था जिसके कारण म.प्र.शासन वन विभाग के पत्र क्र. 5/116/76/10/2 भोपाल दिनांक 17 जनवरी 1977 से उक्‍त जारी अधिसूचना पर रोक लगा दी गई थी। अत: ग्‍वालियर जिले मे प्रश्‍नांकित अवधि मे कोई भी भूमि राजस्‍व विभाग को अंतरित नहीं की गई हैं। 24-रायसेन- जी नही। रायसेन जिला अतंर्गत भा.व.अ.1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डिनोटीफाईड कर राजस्‍व विभाग को अंतरित की गई भूमियों की प्रविष्टि राजस्‍व अभिलेख में दर्ज कर ली गई है। 25 बैतूल- बैतूल जिले में डिनोटिफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की गई। 26-होशंगाबाद- जिला होशंगाबाद अन्तर्गत तहसील बनखेडी भा.व.अ.1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर दी गई है। 27-जबलपुर- जिला जबलपुर में भा.व.अ.1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की प्रविष्टि यथा स्थिति निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक दर्ज करा ली गई है। 28-नरसिंहपुर- जिला नरसिंहपुर अंतर्गत भा.व.अ.1927 की धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर ली गयी है। 29-मण्डला- मण्‍डला जिला अ‍न्‍तर्गत मुख्‍य सचिव के आदेश क्रमांक 230/सी. एस./04, दिनांक 24 जुलाई,2004 के पालन में भा. व. अ. 1927 के धारा 34 अ के अनुसार डीनोटिफिकेशन अधिसूचनाओं के राजस्‍व विभाग द्वारा पटवारी अभिलेख में दर्ज की गई एवं वन विभाग द्वारा एरिया रजिस्‍टर में दर्ज की गई। 30-छिन्दवाड़ा- छिन्‍दवाड़ा जिला अ‍न्‍तर्गत मुख्‍य सचिव के आदेश क्रमांक 230/सी. एस./04, दिनांक 24 जुलाई,2004 के पालन में भा. व. अ. 1927 के धारा 34 अ के अनुसार डीनोटिफिकेशन अधिसूचनाओं के राजस्‍व विभाग द्वारा पटवारी अभिलेख में दर्ज की गई एवं वन विभाग द्वारा एरिया रजिस्‍टर में दर्ज की गई। 31-सिवनी- भा. व. अ. 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफिकेशन कर राजस्‍व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन प्रविष्टि निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्‍नांकित दिनांक के पूर्व ही दर्ज कराई जा चुकी है। 32 बालाघाट- बालाघाट जिले के अन्‍तर्गत भा. व. अ. 1927 की धारा 34 अ अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटीफाइड कर राजस्‍व को अंतरित की गई भूमियों के डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि खसरा पंजी में दर्ज की गई है। 33-दतिया- वनमंडल दतिया के अंतर्गत भा.व.अ. 1927 वनमंडल दतिया के अंतर्गत भा.व.अ. 1927 धारा 34 अ के तहत वन संरक्षण कानून 1980 लागू किये जाने के दिनांक तक अधिसूचना क्रमांक 5772-दस (2) 72 भोपाल दिनांक 18.09.1972 राजपत्र दिनांक 24-11-1972 से धारा 34 अ के तहत 340 ग्रामों की संरक्षित वन भूमि डीनोटिफिकेशन उपरांत राजस्‍व विभाग को हस्‍तांतरित किये जाने की अधिसूचना जारी की गयी थी उक्‍त अधिसूचना में केवल ग्राम का नाम दिया गया था। ग्रामों के खसरा नं एवं रकवे का उल्‍लेख नहीं था मुख्‍य वन संरक्षक (वन भू अभिलेख) म. प्र. भोपाल के पत्र क्र /एफ 12/10-11/2007/अधि कक्ष/ 16/1486 दिनांक 05-12-2007 के द्वारा निर्वनीकृत भूमि का आशय निम्‍नानुसार स्‍पष्‍ट किया गया है। 1- क्षेत्र जो वन प्रबंधन के योग्‍य नहीं पाये गये है। 2- क्षेत्र जो सीमांकित वन खण्‍ड नहीं पाये गये हैं। 3- क्षेत्र जो वन खण्‍ड के बाहर छोड़े गये तथा राजस्‍व विभाग को अंतरित किये जा चुके हैं। 34 श्योपुर- भा. व. अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक श्‍योपुर जिला अंतर्गत कोई भी भूमि को डीनोटिफाईड नहीं किया गया। 35-उमरिया- भा. व. अ. 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटीफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर ली गई है। 36-नीमच- जिला नीमच में भारतीय वन अधिनियम की धारा 34 (अ) के अनुसार कोई भूमि राजपत्र में 1965-1980 डी-नोटीफाईड कर राजस्‍व विभाग को अंतरित नहीं की गई है। अत: शेष जानकारी निरंक है। 37-बड़वानी- जिला बड़वानी अन्‍तर्गत, भा. व. अ. 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटीफाईड कर राजस्‍व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज चली आ रही है। 38-शिवपुरी- वनमंडल शिवपुरी अन्‍तर्गत भा.व.अ. 1927 में संशोधन कर 1965 से 1980 अधिसूचना क्रमांक 5798-दस-दो-72 दि. 20 सितम्‍बर 1972 प्रकाशन दिनांक 08-12-72 में 660 ग्रामों की भूमि डीनोटिफाईड की गई। निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज की गई है। 39-हरदा- भा. व. अ. 1927 की धारा 34 (अ) के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक सामान्य वनमंडल हरदा में उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर किसी भी भूमि को डीनोटिफाईड नहीं किया गया हैं। इसलिए डिनोटिफाईड की कोई भी प्रविष्टि दर्ज करने का प्रश्न ही नहीं उठता। 40- कटनी- जिला कटनी के अंतर्गत भा.व.अ. 1927 की धारा 34 ‘के तहत डीनोटिफिकेशन भूमियों को अभिलेखों में संशोधित किया जा चुका है। 41-डिण्‍डोरी-जिला डिण्‍डोरी अंतर्गत भा. व. अ. 1927 की धारा 34 अ के तहत राजपत्र दिनांक 17 नवंबर 1972 मे 489 ग्रामों की भूमि डीनोटीफाईड की गई है। जिसमें रकवे का उल्‍लेख नहीं है। 42-अनूपपुर- भा. व. अ. 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटीफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर ली गई है। 43-बुरहानपुर- वनमंडल सा बुरहानपुर के अंतर्गत भा.व.अ. 1927 की धारा 34 '''' के तहत डीनोटिफिकेशन भूमियों को अभिलेखों में संशोधित किया जा चुका है। 44-अशोकनगर- भा. व. अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड कर जो भूमियां राजस्व विभाग को अंतरित की गई थी उन्‍हें तत्‍समय निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज किया जा चुका है। 45-सिंगरौली- भा. व. अ. 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटीफाईड कर राजस्‍व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर ली गई हैं। 46-अलीराजपुर-जिला अलीराजपुर अन्‍तर्गत भा.व.अ. 1927 की धारा 34 अ के अनुसार वर्ष 1975 तक हुए डिनोटिफिकेशन अधिसूचना क्र. 5770/ दस2-72 दिनॉक 18 सितम्‍बर 1972 म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन दिनॉक 3/12/1972 द्वारा 233 ग्रामों का डिनोटिफिकेशन हुआ हैं। वन विहिन ग्राम होने के कारण कोई प्रविष्टि नहीं की गई। 47-गुना- भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटीफाईड कर राजस्‍व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डीनोटीफिकेशन की कोई भी प्रवि‍ष्टि निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्‍नांकित दिनांक तक नहीं की गई है। 48-टीकमगढ़- जिला टीकमगढ़ अन्तर्गत मुख्य सचिव म.प्र.शासन के पत्र क्रमांक 230/सी.एस./04 दिनांक 24 जुलाई 2004 में दिए गये निर्देशों के अनुसार भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34-अ के तहत वर्ष 1965 से 1980 तक किये गये डीनोटीफिकेशन की पृविष्टि खसरा पंजी में दर्ज की गई है। 49-छतरपुर- छतरपुर जिले में राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की प्रविष्टि राजस्‍व अभिलेख में दर्ज की जा चुकी है। 50-पन्ना- पन्‍ना जिले में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड कर राजस्व विभाग को अंतरित की गई भूमियों के डिनोटिफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कर दी गई है। 51-आगर मालवा- भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक आगर जिले की कोई वन भूमि डीनोटिफाईड नहीं की गयी है। 52- निवाड़ी- जिला निवाड़ी अन्तर्गत मुख्य सचिव म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक 230/सी.एस./04 दिनांक 24 जुलाई 2004 में दिए गये निर्देशों के अनुसार भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34-अकेतहत वर्ष1965 से 1980 तक किये गये डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि खसरा पंजी में दर्ज की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भा.व.अ.1927 की धारा के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाइड की अधिसूचना वन विभाग द्वारा जारी की गई है जिसका जिलों द्वारा क्रियान्वयन किया गया है अतः जिलों से जानकारी संकलित की गई संकलित जानकारी निम्नानुसार है- 1-मुरैना- मुरैना जिला अन्तर्गत भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के तहत गजट प्रकाशन दिनांक 03.11.1972 को डीनोटिफिकेशन हुआ था। जिसमें मुरैना जिले की कोई भी भूमि शामिल नहीं है। 2-सागर- जिला सागर में म.प्र. राजपत्र दिनांक 16.11.1990 के अनुसार उत्तर एवं दक्षिण वनमण्डल में कुल 10 ग्राम की भूमि डिनोटिफाईड की गई है। विस्तृत विवरण की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अ अनुसार है। 3-दमोह- कार्यालय वन मण्डल अधिकारी दमोह से प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह वन मण्डल अंतर्गत धारा 34 (अ) के तहत 951 ग्रामों की समस्त संरक्षित वनभूमि एवं 351 ग्रामों की आंतरित संरक्षित भूमि का निर्वनीकरण कर निम्न अधिसूचना के द्वारा राजपत्र मे प्रकाशन हुआ। क्र ग्रामों की संख्या रकवा हे. अधिसूचना क्र. / दि. राजपत्र मे प्रकाशन दिनांक 1 951 अधिसूचना मे रकवा दर्शित नहीं है 7646-10-2-72 दि. 12/09/1973 27/09/1974 2 62 2074.249 7647-10-2-73 दि.12/01/1973 27/09/1974 3 227 7055.213 11100-10-2-72 दि.27/12/1993 22/02/1974 4 62 1189.012 948-10-2-74 दि.26/02/1974 17/05/1974 5 01 37.507 6063-4930-10-68 30/08/1968 6 07 57.942 1441 दि 28/10/1967 30/08/1968 7 01 3.248 एफ -5-87-10-3 (7) दि 20/11/1990 21/11/1990 दमोह वन मण्डल अंतर्गत शासन आदेशों के अंतर्गत (अभिलेखों अनुसार ) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा -34 अ के अंतर्गत राजपत्र मे प्रकाशित डीनोटीफाईड भूमियों का अंतरण राजस्व विभाग को किया , जिनका कार्यालयीन अभिलेखों अनुसार अभिलेखों का संशोधन इस कार्यालय की पुनरीक्षित कार्य आयोजना (वर्ष1993-94 से 2003-04 तक) द्वारा श्री एल. आर. बुडरक मे ही किया जा चुका है। 4-सतना- भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34 (अ) वर्ष 1975 तक हुये डिनोटिफिकेषन अधिसूचना क्रमांक 5770-दस-2-72 दिनांक 18 सितम्बर 1972 मध्यप्रदेष राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 17 नवम्बर 1972 के द्वारा 1421 ग्रामों का डिनोटिफिकेषन हुआ है। 5-रीवा- रीवा जिला अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34;अद्ध वर्ष 1974 तक हुए डीनोटिफिकेशन अधिसूचना क्रमांक 645.दस.2.73 दिनांक 12 फरवरी 1974 मण्प्रण् राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 12 जुलाई 1974 के द्वारा 2511 ग्रामों का डीनोटिफिकेशन हुआ है। 6-शहडोल- जिला शहडोल अन्‍तर्गत राजपत्र क्रमांक 10 जुलाई 1971 एवं राजपत्र क्रमांक 861 दिनांक 10 मार्च 1972 के द्वारा 654 वनयुक्‍त ग्रामों की 110495.578 हे0 भूमि डिनोटिफाईड की गई है। 7-सीधी- सीधी जिले में दिनांक 31.12.1972 को प्रकाशित डीनोटीफिकेशन अधिसूचना अनुसार 637 ग्रामों की आंशिक भूमि 69407.832 हे. एवं 446 ग्रामों की समस्त संरक्षित वनभूमि 13845.327 हे. कुल 83253.159 हे. भूमि डीनोटीफाईड की गई। 8-मंदसौर- जिला मंदसौर की राजपत्र प्रकाशन दिनांक 16.04.1971 से एक ग्राम ऐरा रकबा 52.61 हेक्‍टर एवं राजपत्र दिनांक 06.10.1972 से 878 ग्रामों की समस्‍त भूमि डीनोटिफाईड की गई। जिसमें रकबे का उल्‍लेख नहीं है। 9-रतलाम- वनमण्डल रतलाम अन्तर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के तहत राजपत्र में दि. 03 मई 1974 के 703 ग्रामों की वनविहिन समस्त ग्रामों की भूमि डिनोटीफाईड की गई है। जिसमें रकबे का उल्लेख नहीं है। 10 उज्जैन- राजपत्र दिनांक 16.02.1973 में प्रकाशित क्रमांक 7844-दस-2-72 द्वारा जिला उज्जैन अतगत 6 ग्रामों की 80.131 हेक्टर भूमि डिनोटिफाईड है। किसी भी ग्राम की समस्त भूमि डिनोटिफाईड नहीं की गई। 11-शाजापुर- 1965 से 1980 तक शाजापुर जिले की कोई वन भूमि डीनोटिफाईड नहीं होने से प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता हैं। 12-भिण्ड-प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्न उदभुत नहीं होता है। 13-देवास- म.प्र. शासन आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त ग्‍वालियर के कार्यालय के पत्र क्रमांक 04/11 भू. प्र.न.वी./2019 दिनांक 02.01.2020 एवं राजपत्र दिनांक 25.05.1962 अनुसार कुल 44 ग्रामों की 24514.71 हेक्टेयर भूमि डीनोटीफाईड की गई। 14-झाबुआ- अन्‍तर्गत भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34/ (अ) वर्ष 1975 तक हुए डिनोटिफिकेशन अधिसूचना क्रमांक/5770/दस-2-72 दिनांक 03 दिसंबर 1972 म.प्र राजपत्र में प्रकाशन के द्वारा 433 ग्रामों का डिनोटिफिकेशन हुआ है। 15 धार- धार जिला अन्तर्गत भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34 (अ) के तहत राजपत्र क्र.567-5448-दस-68 दिनांक 07/09/1969 प्रकाशन दिनांक 07/03/1969 द्वारा 04 ग्राम व अधिसूचना क्रमांक 1519-दस-2-72 दिनांक 02/03/1973 प्रकाशन दिनांक 03/05/1974 व अधिसूचना क्रमांक एफ-5 -79-89-दस-3 (170,172,173) दिनांक 12/03/91 द्वारा कुल 958 ग्रामों का कुल रकबा 1902.343 हेक्टेयर डिनोटिफिकेशन किया गया हैं सूची संलग्न हैं I 16-इंदौर- म.प्र. शासन आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के कार्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को कितने ग्रामों की कितनी भूमि एवं कितने ग्रामों की समस्त भूमि डीनोटीफाईड की जानकारी निरंक है। 17-खरगोन- जिला खरगोन अन्‍तर्गत भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के अनुसार म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 17 नवम्‍बर 1972 एवं 08.मई 1974 अनुसार कुल 869 ग्रामों का डीनोटीफिकेशन हुआ है। 18-खंडवा- भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 ‘’’’ में प्रकाशित अधिसूचनाओं की जानकारी:- जिला खंडवा वनमंडल खंडवा अधिसूचना क्रमांक दिनांक राजपत्र में प्रकाशन दिनांक रकबा (हे०मे०) रिमार्क 3916-10-2-72 02-06-1973 14-09-1973 - पूर्ण ग्राम हस्‍तांतरित 3917-10-2-72 02-06-1973 14-09-1973 14524.35 हे० - 1034-10-2-72 05-05-1973 03-05-1974 1.36 एकड़ - सूची प्रपत्र"कमें संलग्‍न हैं। 19-राजगढ़- जिला राजगढ़ वन मंडल अन्तर्गत 38 ग्रामों की आंशिक भूमि डिनोटिफाईड की गई थी। जानकारी  (प्रदर्श पी-1 ) संलग्न है। 20-विदिशा- विदिशा जिले के वन मण्‍डल में धारा 32 अ में 279.691 हैक्‍टे. भूमि को डीनोटिफाईड किया है एवं धारा 34 अ के तहत 903 कितने ग्रामों का निर्वनीकरण अधिसूचना क्र..- 6295-दस-2-72 निर्वनीकरण अधिसूचना क्र.- 6295-दस-2-72 दिनांक 7.12.1973 द्वारा राजस्‍व विभाग को पूर्व से ही हस्‍तांतरित होकर राजस्‍व विभाग के अधिपत्‍य में है। 21-भोपाल- म.प्र. के राजपत्र भागपत्र 01 दिनांक 25 मई 1962 एवं 08 दिसम्बर 1972 में प्रकाशित अधिसूचना अनुसार भोपाल जिले के ग्रामों की डिनोटिफाइड भूमि की जानकारी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अ एवं ब अनुसार है। 22-सीहोर- मुख्‍य सचिव मप्र शासन वन विभाग का अर्धशासकीय पत्र क्रमांक 1705/10/71 दिनांक 02-04-71 एवं अधिसूचना का प्रकाशन दिनांक 8/12/1972 में प्रकाशित क्रमांक 5783-10 (2) /72 दिनांक 8/9/72 द्वारा जिला सीहोर अन्‍तर्गत 41 ग्रामों की 1375.356 हेक्‍टेयर भूमि डीनोटिफाइड है। किसी भी ग्राम की समस्‍त भूमि डीनोटिफाइड नहीं की गई है। 23-ग्वालियर- प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य मे ग्‍वालियर जिले मे कोई भी भूमि डीनोटीफाईड नहीं की गई हैं। 24-रायसेन- जिला रायसेन में राजपत्र दिनांक 30.11.1973 में प्रकाशित अधिसूचना अनुसार भू मापन एवं सीमाकंन कार्य की योजना अतंर्गत 261 ग्रामों की 4011.670 हेक्‍टयर भूमि एवं वन विहीन ग्राम घोषित करने की योजना केअतंर्गत 614 ग्रामों की समस्‍त भूमि एवं राजपत्र दिनांक 13.07.1979 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार शहरी आवास योजना अतंर्गत 1 ग्राम की 8.903 हेक्‍टयर भूमि डीनोटिफाईड की गई है। ( 25 बैतूल- बैतूल जिले में म.प्र. राजपत्र दिनांक 15 सितम्‍बर 1972 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक 4073-दस-2-72 दिनांक 10 जुलाई 1972 से 829 ग्रामों की समस्त भूमि डीनोटीफाईड की गई। प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अ अनुसार है। 26-होशंगाबाद- जिला होशंगाबाद में भा.व.अ. 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक डीनोटिफाईड (निर्वनीकृत रकबा 3263.896 हेक्टेयर) भूमि की सूची प्राप्त हुई है वन विभाग से प्राप्त सूची प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ब अनुसार है। 27-जबलपुर- जिले में म.प्र. राजपत्र दिनांक 07.03.1969 अधिसूचना क्रमांक 13459–5159-दस-67 को 08 ग्रामों की 285.23 एकड़ भूमि एवं राजपत्र दिनांक 17.11.1972 अधिसूचना क्रमांक 5769–दस-2- (72) में 1251 ग्रामों की समस्त भूमि डीनोटीफाईड की गई। 28-नरसिंहपुर- जिला नरसिंहपुर अंतर्गत मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 4082-दस-2-72 दिनांक 10 जुलाई 1972 में धारा 34अ में 799 ग्रामों की भूमि डीनोटीफाईड की गई। 29-मण्डला-जिला कार्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार राजपत्र भाग 1 दिनांक 17 नवम्‍बर 1972 को प्रकाशित दिनांक 10 जुलाई 1972 अनुसार 907 ग्रामों की भूमि डीनोटीफाईड की गई है। प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अ अनुसार है। 30-छिन्दवाड़ा- छिन्‍दवाड़ा जिले अंतर्गत डीनोटिफाईड की गई भूमि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। 31-सिवनी- सिवनी जिला अंतर्गत वर्ष 1972 में अधिसूचना क्रमांक 4083-दस-2-27 दिनांक 10 जुलाई 1972 में धारा 34 अ में 828 ग्रामों की संरक्षित वनभूमि डीनोटिफाईड की गई थी। अधिसूचना में रकबा एवं खसरा का उल्‍लेख नहीं किया है। 32 बालाघाट- बालाघाट जिले के अनुभाग बैहर के तहसील बैहर के 93 ग्रामों की 7193.482 हे. भूमि दिनांक 03.11.1972 को तहसील परसवाडा के 117 ग्रामों की 9628.130 हे. एवं तहसील बिरसा के 143 ग्रामों 11215.111 हे. भूमि दिनांक 03.11.1972 को डीनोटीफाईड की गई है। 33-दतिया- वनमंडल दतिया के अंतर्गत भा.व.अ. 1927 धारा 34 अ के तहत वन संरक्षण कानून 1980 लागू किये जाने के दिनांक तक अधिसूचना क्रमांक 5772-दस (2) 72 भोपाल दिनांक 18-09-1972 राजपत्र दिनांक 24-11-1972 से धारा 34अ के तहत 340 ग्रामों का डीनोटिफिकेशन हुआ है उल्‍लेखित ग्रामों के सर्वे नं एवं रकवा का उल्‍लेख नहीं किया गया है। 34 श्योपुर- श्‍योपुर जिला अंतर्गत कोई भी भूमि को डीनोटिफाईड नहीं किया गया। 35-उमरिया- उमरिया जिले में दिनांक 10 मार्च 1972 को प्रकाशित डीनोटीफिकेशन अधिसूचना अनुसार 447 ग्रामों की आंशिक भूमि 67583 हे. एवं 146 ग्रामों की समस्त भूमि डीनोटीफाईड की गई। 36-नीमच- जिला नीमच अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 (अ) के तहत वर्तमान तक डीनोटिफाईड भूमि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में है। 37-बड़वानी- जिला बड़वानी अन्‍तर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34/ (अ) वर्ष 1965 से 1980 तक हुए डीनोटीफिकेशन अधिसूचना क्रमांक/4079/ दस-2-72 दिनांक 17 नवम्‍बर 1972 म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन के द्वारा 404 ग्रामों का डीनोटीफिकेशन हुआ है। 38-शिवपुरी- वनमंडल शिवपुरी अन्‍तर्गत भा.व.अ. 1927 में संशोधन कर 1965 से 1980 अधिसूचना क्रमांक 5798-दस-दो-72 दि. 20 सितम्‍बर 1972 प्रकाशन दिनांक 08-12-72 में 660 ग्रामों की भूमि डीनोटिफाईड की गई। जिसमें रकवे का उल्‍लेख नहीं है। 39-हरदा- प्रश्नांश (क) के परिपेक्ष्य में जानकारी निरंक हैं। 40- कटनी- -भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा- 34 ‘में प्रकाशित अधिसूचनाओं की जानकारी। वन मण्‍डल कटनी जिला कटनी अधिसूचना क्र. दिनांक राजपत्र में प्रकाशन दिनांक रकवा (हे0में) रिमार्क 4013 27.12.1973 22.02.1974 6.74 - 13459 15.12.1967 07.03.1969 55.14 - 41-डिंडोरी- जिला डिण्‍डोरी अंतर्गत भा.व.अ. १९२७ की धारा ३४ अ के तहत राजपत्र दिनांक १७ नवंबर १९७२ मे ४८९ ग्रामों की भूमि डीनोटीफाईड की गई है। जिसमें रकवे का उल्‍लेख नहीं है। 42-अनूपपुर- राजपत्र में डिनोटीफाईड की गयी भूमि की जानकारी पृथक से पुस्तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है। 43-बुरहानपुर- भारतीय अधिनिय, 1927 की धारा – 34 ‘’’’ में प्रकाशित अधिसूचनाओ की जानकारी। वतृ- खंडवा, जिला बुरहानपुर, वन मंडल- बुरहानपुर अधिसूचना क्रं दिनांक राजपत्र में प्राकशन दिनांक रकबा (हे.में) रिमार्क 3917/10/2/7/2 02/06/1973 14/09/1973 5745.43 - 3916/10/2/7/2 02/06/1973 14/09/1973 - पूर्व ग्राम हस्‍तांतरित एफ-5-59-89-दस-3 (7) 29/12/1990 01/01/1991 36.25 - 44-अशोकनगर- जिला अशोकनगर में शासन द्वारा अधिसूचना क्रमांक 6294- दस-2-72 दिनांक 04/10/1972 से 661 ग्रामों की भूमि डीनोटीफाईड की गई तथा अधिसूचना क्रमांक दस-75 दिनांक 25/07/1975 से 196 ग्रामों की 2439.208 हैक्‍टर भूमि को डीनोटिफाईड किया गया है। 45-सिंगरौली- सिंगरौली जिला अंतर्गत 31.12.1972 को प्रकाशित डीनोटीफिकेशन अधिसूचना अनुसार 299 ग्रामों की समस्‍त अंतरित भूमि 28017.312 हे0 एवं 494 ग्रामों की आंशिक अंतरित भूमि 129901.609 हे0 कुल 157918.921 हे0 भूमि डीनोटीफाईड की गई है। 46-अलीराजपुर- जिला अलीराजपुर अन्‍तर्गत भा.व.अ. 1927 की धारा 34 अ के अनुसार वर्ष 1975 तक हुए डिनोटिफिकेशन अधिसूचना क्र. 5770/ दस2-72 दिनॉक 3/12/1972 म.प्र.राजपत्र में प्रकाशन के द्वारा 233 ग्रामों का डिनोटिफिकेशन हुआ हैं। 47-गुना- भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में 1965 से 1980 तक निम्‍नानुसार भूमि डीनोटीफाईड की गई है- अधिसूचना क्रमांक/ दिनांक ग्रामों की संख्‍या रकबा (हे.) 6294-दस-2-72 दिनांक 04/10/72 प्रकाशन दिनांक 07/12/73 618 समस्‍त संरक्षित भूमि 3788-दस-2-75 दिनांक 25/08/75 प्रकाशन दिनांक 19/12/75 220 2139.16 48-टीकमगढ़- मध्यप्रदेश शासन बन बिभाग की अधिसूचना क्रमांक 5761-दस- (2) -72 दिनांक 18 सितम्बर 1972 (राजपत्र दिनांक 03 नवम्बर 1972 ) द्वारा टीकमगढ़ जिले के 492 ग्रामों की समस्त भूमि डिनोटिफाईड की गई , तथा अधिसूचना क्रमांक 12066-दस- (2) -72 दिनांक 18 दिसम्बर 1972 (राजपत्र दिनांक 15 फरवरी 1974 ) द्वारा 76 ग्रामों की 3268.44 एकड़ भूमि डिनोटिफाईड की गई। 49-छतरपुर- छतरपुर जिले में डीनोटीफाईड भूमियों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। 50-पन्ना- जिला पन्‍ना अंतर्गत 119 ग्रामों में आंशिक रूप से 1826.834 हे. भूमि डीनोटीफाईड की गई है। राजपत्र में प्रकाशन की अधिसूचना एवं दिनांक की जानकारी की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। 51-आगर मालवा- 1965 से 1980 तक आगर जिले की कोई वन भूमि डीनोटिफाईड नहीं होने से प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। 52- निवाड़ी- मध्यप्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 6222 दिनांक 24 नवम्बर 1971 (राजपत्र दिनांक 31 दिसम्बर 2021) के द्वारा 8 ग्रामों की 231.50 एकड़ भूमि डिनोटीफाईड की गई, अधिसूचना क्रमांक 5761-दस- (2) -72 दिनांक 18 सितम्बर1972 (राजपत्र दिनांक 03 नवम्बर 1972 ) द्वारा निवाड़ी जिले के 170 ग्रामों की समस्त भूमि डिनोटिफाईड की गई, तथा अधिसूचना क्रमांक 12066 -दस- (2) -72 दिनांक 18 दिसम्बर 1972 (राजपत्र दिनांक 15 फरवरी 1974) द्वारा 26 ग्रामों की 371.89 एकड़ भूमि डिनोटिफाईड की गई। (ग) मध्य प्रदेश शासन मुख्य सचिव कार्यालय मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 230/cs/04 भोपाल दिनांक 24 जुलाई 2004 द्वारा डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टी दर्ज किये जाने के संबंध में कलेक्टर जिला समस्त एवं समस्त वन मंडलाधिकारी को निर्देश जारी किये है l प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार है। अतः शेष प्रश्न उद्भूत ही नहीं होता है l (घ) वन विभाग द्वारा जो भी भूमि राजस्व विभाग को अंतरित होती है उसे राजस्व विभाग अपने खसरा (अभिलेख) में दर्ज करता है l यह सतत स्वरूप की प्रक्रिया है l समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है l प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है।

धारा 29 एवं धारा 4 में दिये गये प्रावधान की जानकारी

[वन]

47. ( क्र. 606 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) भा.व.अ. 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं, धारा 4 में अधिसूचित भूमियों को संरक्षित वन प्रतिवेदित करने का क्या कारण रहा है? (ख) धारा 4 में अधिसूचित कितनी भूमियों को वन विभाग संरक्षित वन प्रतिवेदित कर रहा है? इनमें से कितनी भूमि वर्किंग प्लान में पी.एफ. एरिया रजिस्टर एवं पी.एफ. वनकक्ष मानचित्र में भी शामिल है? वनमंडलवार बताएं। (ग) धारा 4 में अधिसूचित कितनी निजी भूमि को वनखण्‍ड में शामिल किया गया है? जिलेवार बताएं। (घ) धारा 4 में अधिसूचित, वर्किंग प्लान में शामिल भूमियों को आरक्षित वन बनाने के लिए प्रस्तावित भूमि प्रतिवेदित नहीं किए जाने का क्या कारण है? धारा 4 में अधिसूचित भूमियों को कब तक आरक्षित वन के लिए प्रस्तावित भूमि प्रतिवेदित किया जाएगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में दिये गये प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। धारा 4 में अधिसूचित भूमियों को धारा 29 के अंतर्गत अधिसूचित होने के कारण संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित भूमि को आरक्षित वन बनाने का निश्‍चय किया जाता है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

उद्योगों मे मृतक श्रमिक परिवार को सहायता

[श्रम]

48. ( क्र. 613 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात प्रदेश के विभिन्न उद्योगों में कार्यरत कितने श्रमिकों की कर्तव्यस्थल पर किन-किन कारणों से मृत्यु हुई? मृत्यु उपरांत संबंधित उद्योग द्वारा मृतक परिवार को क्या-क्या सहायता प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ मे मृतक श्रमिक परिवार द्वारा संबंधित उद्योगों के खिलाफ किस-किस प्रकार की शिकायत श्रम विभाग में दर्ज कराई गई? श्रम विभाग द्वार कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? कितनी किन किन कारणों से शेष है?                                           (ग) उद्योगों में कर्तव्य स्थल पर दुर्घटना मे मृतक परिवार को उद्योगों द्वारा क्या-क्या सहायता श्रम कानून अंतर्गत दिये जाने का प्रावधान है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश के कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत पंजीकृत कारखानों में दिनांक 01 जनवरी 2015 के पश्‍चात् प्रश्‍न दिनांक तक कारखाने में कार्य करने के दौरान घटित दुर्घटनाओं में श्रमिक की मृत्‍यु होने , मृत्‍यु का कारण, कारखाना प्रबंधन द्वारा मृतक के परिवार को दी गई सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन दुर्घटना प्रकरणों मे विभाग द्वारा कारखाना प्रबंधक के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कारखाने में कार्य के दौरान श्रमिक की मृत्‍यु होने पर मृतक श्रमिक के आश्रितों को कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम द्वारा नियमानुसार पेंशन दिये जाने का प्रावधान है। यदि श्रमिक कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम के प्रावधानों के अंतर्गत बीमित नहीं है, ऐसी स्थिति में कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के प्रावधानों के अंतर्गत श्रमिक के आश्रितों को मुआवजा दि‍ये जाने का प्रावधान है।

निर्माण कार्य हेतु बजरी का खनन

[खनिज साधन]

49. ( क्र. 614 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रतिवर्ष निर्माण कार्य हेतु कुल कितने टन बजरी की आवश्‍यकता है तथा कुल कितनी बजरी का वैध खनन हो रहा है? सरकार को बजरी खनन से वर्ष 2019-20 व वर्ष                           2020-21 में कुल कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है? (ख) अवैध बजरी के खनन को पकड़ने पर तथा अवैध बजरी के खनन में लिप्‍त गत 2 वर्षों में इन्‍दौर उज्‍जैन संभाग में कुल कितने ट्रक, ट्रैक्‍टर, ट्रालियॉं व बड़ी मशीन कहाँ-कहाँ जप्‍त की गई हैं तथा इनसे कुल कितना जुर्माना वसूल किया गया है? जिलेवार सूची, वाहनों के नंबर व मालिक के नामों सहित देवें? (ग) इंदौर उज्जैन संभाग में सड़क निर्माण कम्पनियों द्वारा 1 जनवरी 2017 के पश्चात कुल कितना राजस्व कहाँ-कहाँ के लिए भुगतान किया,इसका आंकलन किस-किस सक्षम अधिकारी ने किया सूची उपलब्ध करायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विभाग द्वारा इस प्रकार का आंकलन नहीं किया जाता है। विभाग द्वारा रेत खनन हेतु 03 वर्ष के लिये 3,93,03,000 घन मीटर प्रतिवर्ष रेत की मात्रा का निविदा की गई है। वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 266.17 करोड़ एवं वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 611.62 करोड़ रूपये शासन को प्राप्‍त हुआ है। (ख) इंदौर, उज्‍जैन संभागों में अवैध उत्‍खननकर्ताओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर है।

रिकॉर्ड दुरस्त करने के संबंध में

[राजस्व]

50. ( क्र. 619 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला तहसील छतरपुर हल्का मौजा पालौठा हल्का नंबर 66 के नामांतरण पंजी क्रमांक 66 आदेश दिनांक 08/01/2012 को किन-किन खसरा नंबरों में नाम परिवर्तन के आदेश जारी किए गए थे? (ख) क्या उक्त खसरा नंबरों में नामांतरण पंजी में स्वीकृत नाम को ही कम्‍प्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या उक्त खसरा नंबरों के संबंध में सीएम हेल्पलाइन शिकायत नंबर 15253922 पर शिकायत दर्ज की गई थी? क्या उक्त शिकायत का निराकरण सक्षम अधिकारी द्वारा संतुष्टि पूर्ण किया गया था? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। क्या संतुष्टि पूर्ण निराकरण न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जावेगी? (घ) क्या उक्त नामांतरण पंजी के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर के यहां प्रकरण या आवेदन विचाराधीन हैं? यदि हां तो क्यों? (ड.) क्या अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर के प्रकरण क्रमांक/27/अपील/2018-19अपीलीय व्यक्ति को तरवीन की सूचना दी गई थी? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। क्‍या उक्त तरवीन को निरस्त किया जावेगा? हां या नहीं-यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर के हल्‍का पलौठा के नामांतरण पंजी क्रमाक 066 आदेश दिनांक 08/01/2021 से खसरा क्रमाक 256/1, 259/3, 267/2, 307/2, 313/2, 33/2, 314/2, 315/2, 316/2, 317/2, 318/2, 319/2, 320/2, 321/2/1, 322/2, 323/2, 324/2, 325/2, 327/2, 328/2, 332/2, 333/2, 337/2, 915/321/1 में नाम परिवर्तन के आदेश जारी किए गए है। (ख) जी हां। प्रश्‍नाधीन खसरा नंबरों में नामांतरण पंजी में स्वीकृत नाम को ही कम्‍प्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। (ग) जी हां। प्रश्‍नाधीन सीएम हेल्‍पलाईन न्‍यायालयीन प्रक्रिया से संबंधित होने के कारण सक्षम अधिकारी द्वारा संतुष्टिपूर्वक निराकरण नहीं किया गया। (घ) प्रश्‍नाधीन नामांतरण पंजी के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर के यहां कोई प्रकरण या आवेदन विचाराधीन नहीं है। (ड) अधीनस्‍थ न्‍यायालय द्वारा अपीलीय व्‍यक्ति को एवं अन्‍य संबंधितों को सूचना पत्र जारी किया गया था। प्रकरण क्रमांक 27/अपील/2018-19 में पा‍रित आदेश दिनांक 13/10/2021 के द्वारा अधीनस्‍थ न्‍यायालय के प्रकरण क्रमांक 35/अ-3/2017-18 में पा‍रित आदेश दिनांक 09/05/2018 निरस्‍त कर तरमीम निरस्‍त की जा चुकी है।

खदान मालिकों पर कार्रवाई करने के संबंध में

[खनिज साधन]

51. ( क्र. 620 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष2018से प्रश्र दिनांक तक जिला छतरपुर की तहसील गौरिहार,चंदला एवं लवकुशनगर में संचालित पत्थर खदानों के संचालकों द्वारा राज्य पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण की गाइडलाइन एवं मापदंडों का पालन किया जा रहा है? यदि हां तो क्या समस्त खदानों में फेंसिंग है? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या उक्त खदानों में बच्चों के डूबने (मृत्यु) की घटनाएं हुई हैं? यदि हां तो कौन जिम्मेदार है? उल्लेख करें। (ग) क्या उक्त खदानों में होने वाली उक्त घटनाओं पर वैधानिक कार्रवाई की गई थी? यदि हां तो कार्रवाई से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों को प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या खनिज अमले द्वारा खदानों की जांच की जाती है? यदि हां तो नियमों की अवहेलना करने वाले खदान मालिकों पर कार्रवाई की गई थी? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ड.) क्या शासन विधि सम्मत कार्रवाई न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा? यदि हां तो समय सीमा बताएं ! यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला छतरपुर में 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला छतरपुर की तहसील गौरिहार एवं लवकुशनगर में संचालित पत्‍थर खदानों के संचालकों द्वारा राज्‍य पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण की गाईडलाईन एवं मापदंडों का पालन किया जा रहा है एवं खदान के गड्ढों की पट्टेदारों द्वारा तार फेंसिंग कराई गई है। संचालित खदाना में पर्यावरण एवं गौण खनिज नियमों का उल्‍लंघन पाये जाने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) जिला छतरपुर की खदानों में बच्‍चों के डूबने (मृत्‍यु) की घटनाओं के संबंध में पुलिस अधीक्षक, छतरपुर से जानकारी प्राप्‍त की जिसमें पुलिस अधीक्षक ने अपने पत्र क्रमांक पु.अ./छतर./विससे/04/2021 दिनांक 08/12/2021 में लेख किया है कि, थाना प्रकाशबम्‍होरी क्षेत्रांतर्गत ग्राम मुड़हरा में कल्‍याण सिंह के पहाड़ की तलैया में दिनांक 20.09.2021 को दो बच्चियां क्रमश: 1- आरती कुशवाह पिता श्री धनीराम कुशवाहा उम्र 10 साल 2- ज्‍योति कुशवाहा पिता श्री धनीराम कुशवाहा उम्र 3 साल दोनों निवासी ग्राम मुड़हरा की पानी में डूबने से मृत्यु हो गयी थी। जिनकी मृत्यु उपरांत प्राप्‍त सूचना पर थाना प्रकाशबम्‍होरी में मर्ग क्रमांक 14/21, 15/21 धारा 174 जा० फौ० के तहत कायम कर जॉच में लिया गया है। जॉच में कोई संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हॉ। उक्‍त खदानों में होने वाली घटनाओं पर वैधानिक कार्यवाही के संबंध में पुलिस अधीक्षक से जानकारी प्राप्‍त की गई पुलिस अधीक्षक ने अपने पत्र क्र पु.अ./छतर./विससे/04/2021 दिनांक 08.12.2021 में लेख किया है कि उक्‍त घटनाओं पर वैधानिक कार्यवाही की गई है। कार्यवाही की सम्‍पूर्ण दस्‍तावेज की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर है। (घ) जी हॉ। खनिज अमले द्वारा समय-समय पर खदानों की जॉच की जाती है। नियमों की अवहेलना पाये जाने पर खदान मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जिला स्‍तर पर समय-समय पर खदानों की जांच की जाकर विधिसम्‍मत / नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत लंबित सिंचाई योजनाएं

[जल संसाधन]

52. ( क्र. 624 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग की कौन-कौन सी नवीन सिंचाई परियोजनाऍं किस-किस स्तर पर लंबित हैं? योजनावार लागत सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाऍं अति प्राचीन होने के कारण इनकी संचरनाऍं जर्जर होती जा रही हैं? (ग) प्रश्नांक (ख) में उल्लेखित अति प्राचीन सिंचाई संरचनाओं को सहजने हेतु विभाग की क्या कार्य योजनाऍं हैं? क्या शासन बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र की भू-गर्भीय संरचनाओं को देखते हुए लंबित सिंचाई योजनाओं को शीघ्र प्रारंभ कर प्राचीन सिंचाई संरचनाओं की मरम्मत कार्य शीघ्र प्रारंभ करेगा? यदि हां तो किस प्रकार कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। प्रपत्र में दर्शित अति प्राचीन सिंचाई योजनाओं की मरम्‍मत एवं सुधार कार्य कराने के प्रस्‍ताव विभिन्‍न मदों के अंतर्गत प्रस्‍तावित होकर स्‍वीकृति के लिए सक्षम कार्यालय को प्रेषित किया गया है। सक्षम कार्यालय से आवश्‍यक स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के पश्‍चात कार्य प्रारंभ किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -"उनतालीस"

मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि

[राजस्व]

53. ( क्र. 626 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने कृषकों के नाम राजस्‍व अभिलेखों में कृषक के रूप में दर्ज हैं? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कृषकों में से कितने कृषकों को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त हो रही है। तथा कितनों को किन कारणों से अभी तक प्राप्त नहीं हुई है? संख्‍या बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सम्मान निधि से वंचित कृषकों को किस प्रकार से कब तक किसान सम्मान निधि प्राप्त होने लगेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 94446 कृषकों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कृषकों में से 85041 कृषकों को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त हो रही है तथा 9405 कृषकों को दस्तावेज सत्यापित नहीं होने के कारण अभी प्राप्त नहीं हुई है। (ग) दस्तावेज सत्यापन तथा पात्रता का परीक्षण सतत् प्रक्रिया है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नामांतरण बंटवारे के आवेदनों का निराकरण

[राजस्व]

54. ( क्र. 633 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत आने वाली तहसीलों में बंटवारे, नामांतरण एवं सीमांकन के कितने आवेदन वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया एवं कितने आवेदन लंबित हैं? (ग) क्या जिला विदिशा की तहसील ग्यारसपुर में बड़ी संख्या में बंटवारे, नामांतरण, सीमांकन एवं अन्य आवेदनों को खारिज किया जा रहा है? यदि हॉं तो खारिज किए गये प्रकरणों की आवेदनवार जानकारी कारण सहित उपलब्ध कराएँ? वर्ष 2020-21 और              2021-22 में प्राप्त सभी बंटवारे, नामांतरण, सीमांकन एवं अन्य आवेदनों में से कितने आवेदनों पर कार्यवाही की गई। और क्या कार्यवाही की गई? आवेदनवार जानकारी उपलब्ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिले के अंतर्गत तहसीलों में बंटवारा नामांतरण एवं सीमांकन के वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में प्राप्‍त आवेदन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विदिशा जिले के अंतर्गत तहसीलों में बंटवारा, नामांतरण एवं सीमांकन के वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में निराकृत किये एवं खारिज किए आवेदन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। मूल दस्‍तावेज, न्‍यायालय शुल्‍क प्रस्‍तुत न करने/भूमि बैंक में बंधक होने/भूमि '''' पत्रक में शासकीय दर्ज होने से / वसीयत के प्रकरणों वसीयत सिद्ध न होने से आवेदन निरस्‍त हुए है। (ग) विदिशा जिले की तहसील ग्‍यारसपुर में वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 प्रश्‍नांकित दिनांक तक बटवारा, सीमांकन एवं नामांतरण के कुल 3068 आवेदन प्राप्‍त हुए है। तहसील ग्‍यारसपुर में समस्‍त आवेदनों पर मप्र भू-राजस्‍व संहिता 1959 संशोधन 1 अप्रैल 2018 में दिए गए प्रावधानों तहत कार्यवाही की जाती है।

रेत एवं अन्य खनिज की जप्ती

[खनिज साधन]

55. ( क्र. 635 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिला अंतर्गत रेत खनन वाहनों की जप्ती कर कितने आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में रेत खनन वाहनों के जप्ती प्रकरणों में जुर्माना कर जमानत दिये जाने का प्रावधान है? यदि हॉं तो प्रावधान होने के बाद भी जेल भेजे जाने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त क्रम में कानून का उल्लंघन करने वाले दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ शासन कार्यवाही करेगा? यदि हॉं तो कब तक नहीं तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रेत खनन / चोरी के संबंध में भा.द.वि. की धारा में आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्देशानुसार इन प्रकरणों में 07 वर्षों से कम अवधि के दण्‍ड का प्रावधान होने से विधि अनुसार कार्यवाही की जाकर आरोपियों को न्‍यायालय में उपस्थित हेतु नोटिस जारी किए जाते हैं। आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित होने पर प्रकरण का चालान माननीय न्‍यायालय में विचारार्थ प्रस्‍तुत किए जाने के प्रावधान हैं। उपस्थित आरोपी का निराकरण माननीय न्‍यायालय द्वारा किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में रेत खनन वाहनों के जप्‍ती प्रकरणों में मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 20 के अंतर्गत शास्ति / जुर्माना अधिरोपित किए जाने का प्रावधान है। जमानत के संबंध में माननीय म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय, खण्‍डपीठ इंदौर के प्रकरण क्रमांक एम.सी.आर.सी. क्र. - 49338/2019 में पारित आदेश दिनांक 11/02/2020 एवं माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय, नई दिल्‍ली के प्रकरण क्रमांक एस.एल.पी. (क्रिमिनल) नंबर 2640-2641/2020 में पारित आदेश दिनांक 03/12/2020 के अनुपालन में खनिज अधिनियम 1957 की धारा 21/04 तथा आई.पी.सी. की धारा 379, 414 के अंतर्गत कार्यवाही हेतु एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाती है। आई.पी.सी. की धारा 379, 414 के अंतर्गत माननीय न्‍यायालय द्वारा जेल भेजे जाने के संबंध में कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

वन क्षेत्रों में बाघों की मौत की रोकथाम

[वन]

56. ( क्र. 646 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में टाइगर रिजर्व और असंरक्षित वन क्षेत्र में अलग-अलग कितने-कितने बाघों की मौत हुई है? उपरोक्‍त में से कितने बाघों की स्‍वाभाविक मृत्‍यु हुई है तथा कितने बाघों की शिकार किये जाने के कारण मौत हुई है? (ख) टाइगर स्‍टेट कहे जाने वाले प्रदेश में बाघों की इतनी बड़ी संख्‍या में मृत्‍यु होने का क्‍या कारण है? राज्‍य सरकार द्वारा बाघों की मौत की रोकथाम करने के लिए क्‍या उपाय किये गये हैं? (ग) कान्‍हा टाइगर रिजर्व के विभिन्‍न गेटों से कुल कितनी जिप्सियां पार्क में प्रवेश हेतु अनुमत की गई हैं? गेटवार संख्‍यात्‍मक जानकारी के साथ पंजीकृत जिप्सियों के संचालक की भी जानकारी उपलब्‍ध कराएं।                 (घ) क्‍या शासन द्वारा निर्धारित संख्‍या से ज्‍यादा जिप्सियों को पार्क में प्रवेश दिया जाता है? यदि हां तो इसके संबंध में अनुमति कौन प्रदान करता है? क्‍या 1 जनवरी 2021 से 4 जनवरी 2021 तक प्रतिदिन पार्क के खटिया गेट से अनुमत संख्‍या से ज्‍यादा जिप्सियों को प्रवेश दिया गया था? यदि हां तो क्‍या यह नियम उल्‍लंघन की श्रेणी में आता है? इसके लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। (ख) कोर क्षेत्रों का विस्‍तार सीमित होने तथा बाघ की टेरिटोरियल प्रकृति होने के कारण वर्चस्‍व स्‍थापित करने के लिये बाघों में अन्‍तर्द्वन्‍द होता है जिसके कारण कुछ बाघों की मृत्‍यु आपसी संघर्ष में हो जाती है। स्‍वाभाविक रूप से मृत अनेक बाघों की मृत्‍यु का कारण वर्चस्‍व की स्‍थापना में हुये आपसी संघर्ष है। वन विभाग द्वारा बाघों की मौत की रोकथाम हेतु किये जाने वाले उपाय पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। (ग) कान्‍हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत 3 गेटों से कुल 238 पर्यटक वाहनों को प्रवेश की अनुमति है। गेटवार विवरण निम्‍नानुसार है :-

प्रवेश द्वार का नाम

पंजीकृत वाहनों की संख्‍या

खटिया

155

मुक्‍की

74

सरही

09

पंजीकृत पर्यटक वाहनों के संचालकों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 में है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रतिदिन पार्क के खटिया गेट से अनुमत संख्‍या से ज्‍यादा जिप्सियों को प्रवेश नहीं दिया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मछली पालन के नाम पर ठगी करने वाली कंपनी विरूद्ध कार्यवाही

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

57. ( क्र. 647 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मछली पालन के नाम पर हरियाणा की फार्चून कंपनी द्वारा प्रदेश में किस-किस स्‍थान पर ठगी करने की जानकारी प्रश्‍न दिनांक तक मिली है? (ख) इस कंपनी द्वारा कितने लोगों से                                         कितने-कितने रूपयों की ठगी की गई है? (ग) क्‍या राज्‍य सरकार ने ऐसी वारदातें रोकने और ठगे गये लोगों को उनके रूपये वापस दिलाने के लिए कोई कार्यवाही की है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मछली पालन के नाम पर हरियाणा की फार्चून कंपनी द्वारा प्रदेश में सागर, विदिशा, खंडवा, धार, खरगोन एवं दतिया जिले में ठगी किए जाने की जानकारी मिली है। (ख) इस कंपनी द्वारा प्रदेश के 31 लोगों से रूपये 174.00 लाख की ठगी किए जाने की जानकारी प्राप्‍त हुई है। (ग) ऐसी वारदातें रोकने के लिये विभाग द्वारा पुलिस महानिदेशक म.प्र. को विभिन्‍न पत्रों से लेख कर आवश्‍यक कार्यवाही किए जाने का अनुरोध किया गया है। जनता को आगाह करने के उद्देश्‍य से समाचार पत्रों के माध्‍यम से प्रेस रिलीज भी जारी कराई गई है।

हनुमान बांध एवं वीरपुर बांध को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना

[जल संसाधन]

58. ( क्र. 652 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्वालियर जिले की 17 ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थित हनुमान बांध एवं वीरपुर बांध कब बनाये गये? उस समय इनका क्षेत्रफल क्या था और वर्तमान में कितना क्षेत्रफल है? क्या इन दोनों बांधों पर किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण है? यदि हां तो, कब से एवं किस प्रकार का? इसका जिम्मेदार कौन है? इन बांधों पर देखरेख एवं सुरक्षा हेतु क्या उपाय किये है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी अधिकृत हैं? (ख) इन बांधों को अतिक्रमण मुक्त करने हेतु क्या कोई कार्ययोजना बनाई है? यदि हां, तो क्या एवं कब तक इन बांधों को पूर्णतः अतिक्रमण मुक्त कर लिया जायेगा? (ग) इन दोनों बांधों के संधारण एवं साफ सफाई पर प्रतिवर्ष कितना व्यय किया जाता है? विगत पांच वर्षों में उक्त कार्य पर कितना व्यय हुआ? (घ) भविष्य में हनुमान बांध एवं वीरपुर बांध का सौन्दर्यीकरण करने एवं हनुमान बांध को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की क्या कोई कार्ययोजना है? यदि हां, तो क्या एवं उसका क्रियान्वयन कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? इसके लिये कौन एजेंसी /संस्था अधिकृत है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ग्‍वालियर जिले की 17, ग्‍वालियर दक्षिण विधान सभा क्षेत्रांतर्गत हनुमान बांध एवं वीरपुर बांध का निर्माण क्रमश: वर्ष 1881 एवं 1879 में कराया गया था। दोनों बांधों के क्षेत्रफल की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। जी हॉं, विगत 25 वर्ष से मकान स्‍थाई एवं अस्‍थाई होकर स्‍थानीय नागरिकों द्वारा सामूहिक रूप से अतिक्रमण किया गया है। विभाग द्वारा समय-समय पर नोटिस दिए गए तथा अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही की गई। विभाग का कोई कर्मचारी/अधिकारी जिम्मेवार नहीं है। विभागीय कर्मचारियों द्वारा देखरेख की जाती है तथा वे ही इन बांधों की सुरक्षा के लिए अधिकृत हैं। (ख) बांधों को अतिक्रमण से मुक्‍त कराने हेतु प्रशासन के सहयोग से 51 मकान तुड़वाए गए एवं 470 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया जाना प्रतिवेदित हैं। अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। विभाग के स्‍तर पर ऐसी कोई योजना निर्माणाधीन नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"चालीस"

ककैटो-पेहसारी बांध से तिघरा बांध में पानी लाने की स्थायी व्यवस्था

[जल संसाधन]

59. ( क्र. 653 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में ककैटो-पेहसारी बांध से तिघरा बांध में पानी लाने हेतु किन-किन स्थानों पर वाटर लिफ्टिंग कार्य किया जाता है तथा उसमें प्रत्येक लिफ्टिंग कार्य स्थान पर प्रतिवर्ष कितनी धनराशि व्यय होती है? (ख) तिघरा बांध में लिफ्टिंग के माध्यम से पानी पहुंचाने का कार्य कब से किया जा रहा है? प्रारंभ से अब तक इस पर प्रतिवर्ष कुल कितना व्यय किया गया? व्यय की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) ककैटो-पेहसारी बांध से तिघरा बांध में भेजा जाने वाला पानी पूर्ण मात्रा में पहुंचता है अथवा नहीं? यदि नहीं तो कितना प्रतिशत पानी लीकेज होता है? तिघरा बांध में पूर्ण मात्रा में पानी पहुंचाने एवं उक्त वाटर लिफ्टिंग कार्य की स्थायी व्यवस्था करने हेतु विभाग द्वारा क्या कोई कार्य योजना बनाई है? यदि हां तो क्या? उसमें कितनी धनराशि व्यय होगी एवं उसका क्रियान्वयन कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? यदि नहीं तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा कब तक कोई ठोस कार्य योजना बनाई जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ग्‍वालियर जिले में ककैटो, पेहसारी बांध से तिघरा बांध में पानी ले जाने हेतु ककैटो बांध के डूब क्षेत्र में निर्मित स्‍वरिंग स्‍लूस के अप-स्‍ट्रीम साइड में लिफ्टिंग करते हैं, बांध के केनाल स्‍लूस गेट से निकली ककैटो पेहसारी नहर की आर.डी.0 पर लिफ्ट किया हुआ पानी डालते है। इस नहर के द्वारा पेहसारी बांध में पानी पहुंचता है पेहसारी बांध के डूब क्षेत्र में निर्मित स्‍वरिंग स्‍लूस के अप-स्‍ट्रीम साइड से पानी लिफ्टिंग करते है, जिसको पेहसारी बांध के केनाल स्‍लूस से निकली पेहसारी सांक नहर की आर.डी.0 पर लिफ्ट किया हुआ पानी डालते है। पेहसारी सांक नहर द्वारा सांक नदी में पानी डालते है जो कि तिघरा बांध में पहुंचता है लिफ्टिंग कार्य में प्रतिवर्ष धनराशि व्‍यय नहीं होती है विगत वर्षों में केवल दो वर्ष क्रमंश:                                     2007-08 एवं 2017-18 में धनराशि क्रमंश: रू. 1150.32 लाख एवं रू. 751.18 लाख व्‍यय होना प्रतिवेदित है। (ख) तिघरा बांध में ककैटो बांध एवं पेहसारी बांध में नहर के सिल स्‍तर से पानी नीचे होने की स्थिति में लिफ्टिंग द्वारा पानी वर्ष 2007-08 एवं 2017-18 में किया गया है, जिस पर क्रमश: रू. 1150.32 लाख एवं रू. 751.18 लाख व्‍यय हुआ है। (ग) ककैटो पेहसारी बांध से तिघरा बांध में पहुंचाने वाला पानी पूर्ण मात्रा में नहीं पहुंचता है पानी प्रदाय के दौरान ट्रांसमिशन लॉसेस से लगभग 35 प्रतिशत पानी की क्षति होती है शेष पानी तिघरा बांध में पहुंचता है लिफ्टिंग कार्य प्रतिवर्ष नहीं करना पड़ता इसलिए विभाग द्वारा कोई योजना नहीं बनाई गई अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

क्रेशर संचालकों द्वारा पर्यावरण गाइडलाइन का पालन

[खनिज साधन]

60. ( क्र. 663 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितने क्रेशर संचालित है? सूची वांछनीय। (ख) क्रेशर संचालन हेतु पर्यावरण एवं प्रदूषण संबंधी शासन की क्‍या गाइडलाइन है? प्रति वांछनीय। (ग) क्‍या टीकमगढ़ जिले के सभी क्रेशर संचालकों द्वारा उक्‍त गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है? (घ) ऐसे कितने क्रेशर संचालित हैं जिनके द्वारा गाइडलाइन के पालन में लापरवाही की जा रही है एवं बिना अनुमति उत्‍खनन हेतु ब्‍लास्‍टिंग की जा रही है? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में 35 क्रेशर संचालित है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्‍नानुसार कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

खनिज खदानों के सम्बन्ध में

[खनिज साधन]

61. ( क्र. 678 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित वेध बजरी, मुरम, मिट्टी, बोल्डर, काली गिट्टी की खदानों की विस्तृत जानकारी प्रदान करें खदानों की खसरा क्रमांक तथा स्थान सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) उपरोक्त खदानों को किस संस्था/ एजेंसी / फर्म/ व्यक्ति को कब तक के लिए व कितनी राशि के अनुबंध पर प्रदान किया गया है? (ग) उपरोक्त के अतिरिक्त संचालित अवैध खदानों पर वर्ष 2020-21 के दौरान क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं की गयी तो कारण बतावें?                                                        (घ) खनिज विभाग द्वारा विभिन्न पंचायतों में संचालित खदानों से प्राप्त राजस्व की कोई राशि उन पंचायतों के विकास एवं स्वास्थ्य पर वर्ष 2019-20, 2020-21 में व्यय की गयी? यदि हाँ तो पंचायतवार विवरण देवें। यदि नहीं तो कारण स्पष्‍ट करेंl

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर है। उत्‍खनिपट्टा की स्‍वीकृति किसी अनुबंधित राशि पर नहीं की जाती। ग्‍वालियर जिले की रेत समूह की खदानें 30.05 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष के ठेके पर आवंटित है। प्रश्‍नाधीन विधानसभा से संबंधित रेत खदान की प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर है। (ग) जिला ग्‍वालियर में अवैध खदानें संचालित नहीं है। जब कभी भी अवैध उत्‍खनन होना पाया जाता है तब नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में अवैध उत्‍खनन के कुल 12 प्रकरण दर्ज कर जुर्माना राशि रूपये 7.27 लाख वसूल किया गया है। उपरोक्‍त के प्रकाश में शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) खनिजों से प्राप्‍त राजस्‍व मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 56 के अनुसार वित्‍त विभाग द्वारा बजट आवंटन के माध्‍यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को किये जाने का प्रावधान है। इस राशि का उपयोग एवं वितरण खनिज साधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सरकुला मध्यम सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

62. ( क्र. 682 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किशिवपुरी जिला अंतर्गत पोहरी में निर्माणाधीन सरकुला मध्यम सिंचाई परियोजना की निर्माण एजेन्सी के ठेकेदार को अब तक कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया जा चुका है? परियोजना निर्माण में ठेकेदार को अब तक किए गए भुगतान की माप पुस्तिका, बिल, व्‍हाउचर्स, पेमेंट शेड्यूल सहित सर्वेक्षण कार्य के प्राक्‍कलन की स्‍वच्‍छ छायाप्रतियां उपलब्‍ध करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रजिस्ट्री के आधार पर नामांतरण

[राजस्व]

63. ( क्र. 687 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) प्रदेश में 1 अप्रैल 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक पंजीयक कार्यालय के संपदा पोर्टल से राजस्व के आरसीएमएस पोर्टल पर रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण हेतु कितने प्रकरण प्राप्त हुए? एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरणों का निराकरण रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर क्रेता के पक्ष में किया गया तथा कितने प्रकरण निरस्त किये गये? निरस्त करने का कारण सहित मण्डलवार, तहसीलवार, जिलावार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या जानबूझकर प्रकरणों को एकपक्षीय कर निरस्त किये गये? इसके लिए कौन-कौन दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में कितने प्रकरण संपदा पोर्टल से राजस्व के आरसीएमएस पोर्टल पर प्राप्त हुए हैं?                        (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में भूमि क्रेता को दस्तावेज उपलब्ध कराने हेतु सूचना किस माध्यम से दी गई? यदि नहीं तो क्यों? (ङ) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में भूमि क्रेता को सूचना उपलब्ध नहीं होने पर कितने प्रकरणों का मूल दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने पर एकपक्षीय कर निरस्तीकरण किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में 1 अप्रैल 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक पंजीयन कार्यालय के संपदा पोर्टल से राजस्‍व के आरसीएमएस पोर्टल पर रजिस्‍टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण हेतु प्राप्‍त प्रकरणों की जिलावार एवं वर्षवार जानकारी की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है(ख) प्रश्‍नांश क के संदर्भ में रजिस्‍टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर क्रेता के पक्ष में किये गए नामांतरण तथा निरस्‍त किये गए प्रकरणों की जानकारी की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है(ग) विदिशा जिले में संपदा पोर्टल से राजस्‍व के आरसीएमएस पोर्टल पर रजिस्‍टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर प्राप्‍त प्रकरणों की जानकारी की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। () विदिशा जिले में क्रेता को न्‍यायालय में मूल दस्‍तावेज 7 दिवस में उपलब्‍ध कराने हेतु संपदा पोर्टल से आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर आवेदन प्राप्‍त होने पर मोबाईल व हल्‍का पटवारी के माध्‍यम से सूचना देकर मूल दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराने हेतु अवगत कराया जाता है। (ङ) विदिशा जिले की तहसील ग्‍यारसपुर के 175, गुलाबगंज के 90, विदिशा के 166, शमशाबाद के 202, लटेरी के 115, बासौदा के 627, त्‍योंदा 79 प्रकरण मूल दस्‍तावेज, न्‍यायालय शुल्‍क प्रस्‍तुत न करने/भूमि बैंक में बंधक होने/भूमि '''' पत्रक में शासकीय दर्ज होने से निरस्‍त किए गए है। किसी भी प्रकरण में एक पक्षीय कार्यवाही नहीं की गई है।

भू-राजस्व राशि के संग्रहण में आई भिन्‍नता

[राजस्व]

64. ( क्र. 688 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) प्रदेश में 1 अप्रैल 2016 से कुल कितना भू-राजस्व, पंचायत उपकर, वाणिज्यि कर एवं शाला उपकर के रूप में राजस्व प्राप्तियाँ हुई? जिलावार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या भू-राजस्व संग्रहण राशि का हस्त लिखित रिकॉर्ड, एनआईसी रिकॉर्ड तथा वेब जीआईएस रिकॉर्ड में कोई भिन्नता पाई गई है? यदि हां तो जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2016 से प्रश्‍नांकित अवधि तक राजस्व वर्षों में कितनी राजस्व करों में भिन्‍नता आई है? यदि हां तो भिन्‍नता का विस्तृत विवरण देवें तथा उस भिन्‍नता का क्या कारण है? तथा भू-राजस्व राशि का संग्रहण किसके द्वारा और किस विधि से किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) में भू-राजस्व का संग्रहण राजस्व वर्ष 2016-17 में किस विधि से किया जाता था तथा वर्तमान में किस विधि का उपयोग कर भू-राजस्व राशि का संग्रहण किया जा रहा है? भू-राजस्व राशि के संग्रहण के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में कितनी भू-राजस्व संग्रहण राशि में विगत वर्षों में कमी आई है? तहसील एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) क्या 1 अप्रैल 2016 से प्रश्‍नांकित अवधि तक भू-राजस्व राशि का संग्रहण लगभग आधा हो गया है? इसके लिए कौन दोषी है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट– ‘अनुसार है। वर्ष 2016 से 2020 तक हस्‍तलिखित अभिलेख के आधार पर भू-राजस्‍व का संग्रहण होता है। एन.आई.सी. एवं वेब जी. आई. एस. के माध्‍यम से राजस्‍व संग्रहण न किए जाने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वित्‍तीय वर्ष 2021-22 के लिए इलेक्‍ट्रानिक माध्‍यम् द्वारा राजस्‍व संग्रहण भू-लेख पोर्टल के माध्‍यम् से प्रारंभ किया गया है जो अभी अद्यतीकरण के अधीन है। (ख) कोई भिन्‍नता नहीं आई है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। भू-राजस्‍व का संग्रहण पटेल, पटवारी, नगर सर्वेक्षक या स्‍वयं के द्वारा सरकारी खजाने में सीधे जमा करके किया जा सकता है। भू-राजस्‍व का संग्रहण मध्‍य प्रदेश भू-राजस्‍व संहिता (भू-राजस्‍व का उगाही) नियम 2020 तथा इसके संबंध में जारी निर्देशों के अनुक्रम में किया जाता है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट- ‘अनुसार है। (घ) जी नहीं, कमी नहीं आई है। (ङ) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भारत राजपत्र, लाइसेंस एवं कोरोना काल में वाहन कर की जानकारी

[परिवहन]

65. ( क्र. 698 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किकोरोना काल में विभाग द्वारा मप्र में वाहनों का संचालन बंद रखा गया था? उक्त अवधि में वाहनों का कर एडवांस जमा कर वाहनों को अनुप्रयोग में रखा गया था उक्त 3 माह की अवधि का कर विभाग के कम्‍प्यूटर रिकॉर्ड में शून्य घोषित कर दिया गया है? किंतु वाहन स्वामियों द्वारा जमा एडवांस राशि को आगामी माह में आज दिनांक तक समायोजित क्यों नहीं किया गया स्पष्टीकरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण बसों का संचालन प्राय: बंद रहा है, जिसके कारण करों के शून्‍य होने एवं उनके समायोजन किये जाने बावत् वैधानिक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

 

 

 

खाद्यान्‍न दुकानों में राशन घोटाले की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

66. ( क्र. 703 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 546 दिनांक 11.08.2021 का उत्तर दिलाया जाये तथा बतावें कि वर्ष 2020-21 में अमानक पाये गये चावल की विक्रेता द्वारा भेजी गयी कुल मात्रा कितनी थी तथा उसमें से कितनी मात्रा हितग्राहियों में वितरीत की जा चुकी थी। (ख) वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक वर्ष अनुसार गेहूं तथा चावल की वर्ष के प्रारम्भ में स्टॉक की मात्रा, वर्ष भर में खरीदी मात्रा तथा वर्ष के अंत में स्टॉक की मात्रा की जानकारी दें। (ग) वर्ष 2010-11 से 2020-21 तक कितनी राशन दुकानों पर गंभीर अनियमितता पाई गई तथा कितनों पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया? शेष पर प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया? दुकान अनुसार जानकारी दें। (घ) रतलाम शहर में वर्ष 2015-2017 के मध्य 63 दुकानों पर कुल कितने काल्पनिक हितग्राही पाये गये? क्या यह संख्या कुल हितग्राही की 50 प्रतिशत के लगभग है तथा इन अपात्र पर्ची पर लगभग 120 करोड़ का राशन निकाला गया? यदि हां तो बतावें कि कितनों पर प्रकरण दर्ज किया गया? (ड.) रतलाम शहर की राशन दुकानों पर वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक वर्ष अनुसार हितग्राही की संख्या, कूपन की संख्या वर्ष के अंतिम माह अनुसार बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय भूमि को निजी हाथो में सौंपना

[राजस्व]

67. ( क्र. 704 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक 547 दिनांक 11.08.2021 तथा प्रश्‍न क्रमांक 4279 दिनांक 15.03.2021 के संदर्भ में बतावे कि मुकदमा प्रबंधन नीति 2018 की कंडिका 26.8 क्या शासकीय भूमि निजी नाम पर दर्ज करने के संबंध में भी लागू होती है। यदि हां तो शासकीय भूमि जिले के शासकीय अभिभाषक के मत पर ही निर्भर रहेगी। करोड़ो की सम्पत्ति की रक्षा राज्य धन की सुरक्षा हेतु उसे आगे सक्षम न्यायालय में चुनौती देने के कोई निर्देश क्यों नहीं है? (ख) प्रश्‍न क्रमांक 3168 दिनांक 04.03.2021 के उत्तर के खण्ड (ख) में उल्लेख है कि शासन के विरूद्ध निर्णय होने पर अगले सक्षम न्यायालय में अपील/वाद दायर करना चाहिये। यदि हां तो रतलाम जिले की शासकीय भूमि के संबंध में इस नियम का पालन क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्‍नाधीन भूमियों के संदर्भ में उच्च न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध अपील / पुनरीक्षण प्रस्तुत करने हेतु शासकीय अभिभाषक के मत की प्रतियां देवें तथा बतावें कि जिला कलेक्टर ने भूमि सर्वे क्रमांक 43/1131 मिन 1 रकबा 0.760 हेक्टयर के प्रकरण में आदेश दिनांक 01.04.2013 में शासकीय अभिभाषक के मत का उल्लेख कहां किया गया है। (घ) बर्फ कारखाना सर्वे न. 122 रकबा 12 बीस्वा तथा 123 रकबा 05 बीघा 18 बीस्वा को निजी नाम पर किस के आदेश से किस दिनांक को किया गया? भूमि संबंधी समस्त न्यायालयीन आदेश की प्रति देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हॉं , रतलाम जिले की तहसील रतलाम शहर की भूमि सर्वे क्रं. 43 /1131 /मिन-1/रकबा 0.760 हे0 को निजी नाम पर करने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्ड पीठ इन्दौर की याचिका क्रं. 7963 /2009 में पारित आदेश दि0 06/01/2011 एवं माननीय उच्च न्यायालय खण्ड पीठ इन्दौर की अवमानना याचिका क्रं. 262 /12 में दिये गये सख्त निर्देशों के परिपालन में तत्समय माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई। शेष प्रकरण में पालन किया गया है। (ग) प्रश्‍नधीन भूमियों के संदर्भ में उच्च न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध अपील / पुनरीक्षण प्रस्तुत करने हेतु शासकीय अभिभाषक के मत की प्रतियॉं उपलब्ध नहीं है, तथा कस्बा रतलाम स्थित भूमि सर्वे क्रंमाक 43/1131 मिन- 1 रकबा 0.760 हेक्टर के प्रकरण में न्यायालय कलेक्टर जिला रतलाम के आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ’’अ अनुसार है(घ) कस्बा रतलाम स्थित भूमि सर्वे नम्बर 122123 मिसल बन्दोबस्त वर्ष 1956-57 में आर0बी0 रामरतन प्रेमनाथ बर्फ कारखाना दर्ज रही है। उक्त भूमि संबंधी समस्त न्यायालयीन आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ’’’’ अनुसार है।

पुरातात्विक महत्व की मुड़िया मठ की भूमि

[राजस्व]

68. ( क्र. 709 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) गोपालपुर (लम्हेटा घाट) जबलपुर स्थित ऐतिहासिक पुरातात्विक महत्व की कितनी-कितनी भूमि राजस्व अभिलेख में शासन के नाम घास मद में कब दर्ज की गई तथा शासन के नाम घास मद में कब तक कितनी-कितनी भूमि दर्ज थी? इसमें से कितनी-कितनी भूमि का भू उपयोग परिवर्तन कब किसके आदेश से किस मद में किया गया एवं क्यों? प.ह.न.ख.न. रकबा सहित आदेश की छायाप्रति दें। (ख) पुरातत्व विभाग ने मुड़िया मठ को कब प्राचीन धरोहर मानकर इसे गजट में शामिल किया और शासन ने इसका पूर्ण संरक्षण और जमीन का अधिग्रहण करने की अधिसूचना राजपत्र में कब-कब क्या जारी की है? राजपत्र की छायाप्रति दें। (ग) प्रश्‍नांकित कितनी-कितनी भूमि का कब-कब किसने अवैध रूप से क्रय विक्रय किया है तथा इसका नामांतरण कब किसके आदेश से किसके नाम किया गया एवं क्यों? भूमि का ख.नं. रकबा सहित आदेश की छायाप्रति दें। क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) गोपालपुर (लम्हेटाघाट) जबलपुर स्थित ऐतिहासिक पुरातात्विक महत्व की कोई भूमि घास मद में दर्ज नहीं की गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) मुड़िया मठ को म.प्र. शासन संस्कृति विभाग वल्लभ भवन भोपाल द्वारा दिनांक 25.05.2012 को संरक्षित स्मारक घोषित किया है, अधिसूचना की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है(ग) जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट -"इकतालीस"



 

 

बैराज निर्माण एवं संचालित योजनाओं का संधारण

[जल संसाधन]

69. ( क्र. 716 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तराना विधानसभा क्षेत्र में ग्राम डाबड़ा राजपूत व परसोली बैराज निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाहियाँ की गयी हैं? (ख) जल संसाधन विभाग के अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में कितनी सिंचाई योजनाओं का संचालन वर्तमान में किया जा रहा है? जल संसाधन के परिरक्षण व संधारण के लिए विभाग द्वारा क्या व्यवस्थाएं निर्धारित की गयी हैं? उक्त व्यवस्था और प्रबंध के लिए किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कौन-कौन सी जवाबदारियां सौंपी गयी हैं? नाम पद सहित पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) तराना विधानसभा के ग्राम पाट के छोटे बैराज का विस्तार करने के लिए विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त बैराज को बड़ा बनाकर ग्राम रूपाखेड़ी तक उक्त बैराज का विस्तार कर ग्रामीणों को लाभान्वित करने के लिए विभाग द्वारा कब तक विस्तारीकरण का कार्य किया जाएगा और यदि नहीं तो कब तक प्रस्ताव भेजा जाएगा? (घ) तराना विधानसभा में वर्तमान में कुल कितने स्टॉप डेम का संधारण किया जा रहा है? कितने प्रस्ताव शासन की स्वीकृति के बाद लंबित पड़े हुए हैं और विभाग के अमले द्वारा कौन-कौन से गांवों के किन स्थलों को स्टॉप डेम, बैराज के लिए चिन्हित किया है? इस संबंध में जानकारी उपलब्ध करायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) तराना विधानसभा क्षेत्र में विभाग अंतर्गत वर्तमान में 23 सिंचाई परियोजनाओं (14 तालाब एवं 09 बैराज) का संचालन किया जा रहा है। जल संसाधन के परिरक्षण एवं संधारण का कार्य जल संसाधन संभाग, उज्‍जैन के अंतर्गत घटिया में कार्यरत अनुविभागीय कार्यालय द्वारा किया जाता है। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। तराना विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पाट के छोटे बैराज के विस्‍तार की कोई कार्यवाही विभाग द्वारा प्रस्‍तावित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्‍नांश के संबंध में तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि कलेक्‍टर, जिला उज्‍जैन द्वारा दिनांक 23.09.2015 को ग्राम पाट स्‍टॉप डेम की ऊँचाई में वृद्धि के लिए मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत तराना को राशि रू.15.00 लाख की स्‍वीकृति संबंधित कार्य हेतु जल संसाधन विभाग से तकनीकी स्‍वीकृति प्राप्‍त करने की शर्त पर दी गई थी। जल संसाधन संभाग उज्‍जैन द्वारा परीक्षणोंपरांत उक्‍त कार्य रू.15.00 लाख में किया जाना संभव नहीं होना पाए जाने तथा कुछ तकनीकी बिंदुओं का समावेश कर दिनांक 04.03.2016 को मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत तराना को पुन: प्राक्‍कलन उपलब्‍ध कराने का लेख किया गया। मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी से प्राक्‍कलन पुन: प्राप्‍त नहीं होने के कारण विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही न किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) तराना विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 09 स्‍टॉप डेम का संधारण किया जा रहा है। शासन से प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्त 01 लंबित परियोजना तथा विभाग के अमले द्वारा चिन्हित स्‍टॉप डेम एवं बैराज की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

परिशिष्ट -"बयालीस"

 

वृक्षारोपण पर व्‍यय

[वन]

70. ( क्र. 717 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन वनमंडल के अंतर्गत वृक्षारोपण के लिए सफाई, सर्वेक्षण, सीमांकन, गड्ढा खुदाई, फेंसिंग, पौधा परिवहन, स्टेकिंग, खाद डलवाना आदि कार्यों के लिए कितना आवंटन विगत 03 वर्षों में किया गया है? जानकारी प्रदान करें। (ख) प्राप्त आवंटन से प्रतिवर्ष कितने पोल, फेंसिंग वायर, कीटनाशक, रासायनिक खाद चूना रस्सी आदि खरीदे गए? किन-किन फर्म और व्यक्तियों से खरीदे गए? पूर्ण जानकारी के साथ ब्यौरा देवें। (ग) क्रय संबंधी वित्तीय स्वीकृति के अधिकार वन मंडल के कौन-कौन से अधिकारी को दिया गया है? पूर्ण जानकारी देवें। (घ) तराना वन परिक्षेत्र में विगत 02 वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक पौधारोपण कहाँ कहाँ किया गया है? कितने पोल लगाए गए हैं? फेंसिंग तार कहाँ लगाए गए है? बिन्दुवार जानकारी देवें। (ङ) उज्‍जैन जिले में वन विभाग द्वारा चालू वर्ष में कुल कितने कार्य कराये जा रहे हैं? कितने कार्य स्‍वीकृत हुए हैं? कितने पूर्ण हुए है और कितने शेष हैं? की जानकारी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। (ग) क्रय संबंधी वित्‍तीय स्‍वीकृति के अधिकार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 पर है।                                                       (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 पर है। (ङ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 पर है।

तहसीलों में बंटवारा एवं नामांतरण के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

71. ( क्र. 718 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                    (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में किन-किन तहसीलों में बंटवारा और नामांतरण के कितने प्रकरण लंबित हैं? यदि लंबित हैं तो कितने समय से और क्यों? उन प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई? अब तक कितने प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) खसरा अभिलेख में भूमि स्वामी का नाम/रकबा दर्ज है लेकिन ऑनलाइन पोर्टल पर नाम/रकबा दर्ज नहीं है तो जिम्मेदार अधिकारी, पटवारी एवं कर्मचारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? ऐसे कितने प्रकरण लंबित हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील भिण्‍ड नगर एवं भिण्‍ड ग्रामीण आती है। दोनों तहसील में बंटवारा के 224 प्रकरण और नामांतरण के 1733 प्रकरण लंबित है। प्रकरण 3 माह से लेकर 2 वर्ष की अवधि तक के लंबित हैं जो न्‍यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण न होने से लंबित हैं। लंबित प्रकरणों में न्‍यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित है। अब तक समय-सीमा में दोनों तहसीलों में बंटवारा के प्रकरण 170 और नामांतरण के 3078 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ख) तहसील भिण्‍ड नगर एवं भिण्‍ड ग्रामीण अंतर्गत संधारित खसरा अभिलेख में दर्ज भूमिस्‍वामी का नाम तथा रकबा भी ऑनलाईन पोर्टल पर दर्ज है। चूंकि ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज होने से किसी के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उत्पन्‍न नहीं होता है।

कूल/छोटी नहरों पर अतिक्रमण

[जल संसाधन]

72. ( क्र. 719 ) श्री संजीव सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में बड़ी नहर से कितने कूल/छोटी नहरें निकली हैं? क्या उन छोटी नहरों की शासकीय जमीन पर अतिक्रमण है? यदि हां तो कितनी छोटी कूलों पर अतिक्रमण है तथा किन-किन लोगों के द्वारा अतिक्रमण है? क्या उन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ विभाग ने कार्यवाही की है? यदि हां तो विवरण दें, यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में बड़ी नहर से छोटी कूलों की खुदाई एवं सफाई की गई? यदि हां तो किन-किन कूलों पर की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र में भिण्‍ड मुख्‍य नहर से 18 छोटी/कूल नहरें निकली हैं। जी हॉं, एक छोटी नहर में 07 कृषकों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमणकारी कृषकों को विभागीय नियमानुसार नोटिस देकर अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही प्रचलन में है। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र में बड़ी एवं छोटी नहरों में जल संचालन हेतु आवश्‍यक सफाई एवं मरम्मत कार्य कराए गए हैं। किसी भी कूल की खुदाई एवं सफाई का कार्य नहीं कराया गया है क्‍योंकि कूल विभाग के आधिपत्‍य में नहीं आती हैं तथा कूलों का रखरखाव एवं साफ-सफाई कृषकों द्वारा की जाती है।

परिशिष्ट -"तैंतालीस"

आवासीय कॉलोनियों के पट्टे प्रदाय करना

[राजस्व]

73. ( क्र. 720 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में म.प्र.शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों के आवास हेतु कितनी कॉलोनियाँ निर्मित की गई हैं? सूची देवें। (ख) क्या शिक्षक गृहनिर्माण सहकारी समिति मर्या. दमोह, पुलिस गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या दमोह, शांतिनगर गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या., दमोह, लघुवेतन गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या. दमोह, विवेकानंद कालोनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या., दमोह, एवं नेमीनगर गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या. दमोह द्वारा कॉलोनियों में 35 वर्ष पूर्व लगभग 367 भूखड़ों पर मकानों का निर्माण किया गया है? क्या इन्हें आवासीय कॉलोनी के पट्टे प्रदाय किये गये हैं? यदि हां तो पट्टे की प्रति देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार समिति के पट्टे के प्रकरण नजूल शाखा में प्रदाय किये जाने हेतु लंबित हैं? यदि हां तो कब तक प्रदाय किये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दमोह जिले में म.प्र.शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों के आवास हेतु निम्न कॉलोनियों का निर्माण किया गया हैः- 1-न्याय प्रशासन- माननीय न्यायाधीशों के आवासगृह किल्लाई नाका, जटाशंकर मार्ग 2-सामान्य प्रशासन- आफीसर कॉलोनी, कलेक्ट्रेट जबलपुर नाका के पास दमोह कर्मचारियों हेतु आवासगृह, स्टेंट बैंक मुख्य शाखा के पीछे दमोह 3-लोक निर्माण विभाग-संभागीय कार्यालय आवासीय परिसर (ख) हां, भूखण्ड पर मकान निर्माण किया गया है। समितियों को आवासीय कालोनी के पट्टे प्रदाय नहीं किये गये हैं।                                                    (ग) हां 6 समितियों को आवासीय पट्टा प्रदाय किये जाने के प्रकरण नजूल शाखा में कार्यवाही लंबित है। वर्तमान में, नजूल भूमि के आवंटन हेतु मध्‍यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 लागू हैं। जिसमें संदर्भ समितियों को, भूमि आवंटन का प्रावधान नहीं है।

बाघों की गणना में वन रक्षकों की ड्यूटी

[वन]

74. ( क्र. 721 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) वन विभाग द्वारा वन रक्षकों से नियुक्ति के बाद क्या कार्य कराये जाते हैं? क्या वन रक्षकों से तकनीकी कार्य भी कराये जा सकते हैं? यदि हां तो किस आदेश के तहत्? आदेश की प्रति देवें।                  (ख) क्या बाघ की गणना 2021-22 में करायी जा रही हैं? यदि हां तो क्या वन रक्षकों को इस कार्य में लगाया जा सकता है? यदि हां तो आदेश की प्रति देवें। (ग) बाघ की गणना कराये जाने के लिए किन-किन तकनीकी यंत्रों का उपयोग किया जाता है। क्या तकनीकी यंत्रों के उपयोग के लिए अलग से अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है? (घ) क्या वन विभाग बल (force) की श्रेणी में आता है? यदि हाँ तो क्या वन विभाग को बल को दिए जाने वाली सारी शक्तियाँ एवं अधिकार वन विभाग के कर्मचारियों को दिए गए हैं या नहीं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन वन विभाग के आदेश दिनांक 02.12.2020 द्वारा अनुमोदित फारेस्‍ट मैन्‍युअल में वन रक्षक की पदस्‍थापना कूप प्रभारी एवं परिसर रक्षक (बीट गार्ड) के रूप में होने पर उनके कार्य एवं दायित्‍वों का प्रावधान किया गया है, जो जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हां। वन्‍यप्राणियों के अवैध शिकार की रोकथाम एवं मॉनिटरिंग हेतु बाघ सहित समस्‍त वन्‍यप्राणियों की गणना कराई जाती है इसमें वनरक्षक का भी उत्‍तरदायित्‍व उत्‍तरांश '''' के आदेश अनुसार है। (ग) बाघ गणना कराये जाने में जी.पी.एस./मोबाईल फोन, कैमरा ट्रैप, कम्‍पास, रेंज फाइन्‍डर एवं कम्‍प्‍यूटर जैसे तकनीकी यंत्रों का उपयोग किया जाता है जिसके लिये अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, अलग से नियुक्त नहीं की जाती है। (घ) जी नहीं। वन एवं वन्‍यप्राणी सुरक्षा से संबंधित विभिन्‍न अधिनियमों/नियमों में वन कर्मचारियों को विधिक शक्तियां एवं अधिकार प्रदत्‍त किये गये हैं।

परिशिष्ट -"चौवालीस"

मतदाता सूची में नाम जोड़े जाना

[राजस्व]

75. ( क्र. 724 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रामदास यादव पिता मुन्नीलाल यादव टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ तहसील अंतर्गत गोपालपुरा के वार्ड नम्बर 7 के मूल निवासी हैं जो विगत कई वर्षों से अपने परिवार के सदस्यों सहित ग्राम गोपालपुरा में निवासरत हैं, तथा इनकी चल-अचल सम्पत्ति भी ग्राम गोपालपुरा में स्थित है?                         (ख) क्या रामदास यादव व उनके परिवार के सदस्यों के नाम वर्ष 2014-15 तक ग्राम पंचायत गोपालपुरा की मतदाता सूची में सम्मि‍लित थे, तथा ये स्वयं व इनके परिवार के सदस्य ग्राम पंचायत गोपालपुरा के मतदाता थे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हॉं है तो, किन कारणों से रामदास यादव तथा उसके परिवार के सदस्यों के नाम वर्ष 2014-15 के उपरांत ग्राम पंचायत गोपालपुरा की मतदाता सूची से पृथक/काट दिये गये? (घ) संबंधीजन द्वारा मतदाता सूची में नाम जोडे़ जाने हेतु ग्राम के सचिव/बी.एल.ओ. तथा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आवेदन/अपील के उपरांत अब तक नाम क्‍यों नहीं जोड़े गये? इसके लिये कौन दोषी है एवं संबंधीजनों के नाम कब तक मतदाता सूची में जोड़ दिये जावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। श्री रामदास आलमपुरा के ग्राम अमरपुर के निवासी हैं, इनके माताजी श्रीमती देवकुंवर पत्नी श्री मुन्नीलाल यादव के नाम कृषि भूमि खसरा नंबर 1379/4 रकबा 2.800 हेक्टेयर ग्राम पंचायत गोपालपुरा के ग्राम गोपालपुरा भाटा में स्थित है। उक्त कृषि भूमि को छोड़कर अन्य चल-अचल सम्पत्ति ग्राम पंचायत आलमपुरा के ग्राम अमरपुर में स्थित है। (ख) जी हां। यह कहना सही है कि वर्ष 2014-15 में रामदास एवं उनके परिवारजन के नाम ग्राम पंचायत गोपालपुरा की मतदाता सूची में जुड़े थे। (ग) ग्राम पंचायत मतदाता सूची पुनरीक्षण माह जुलाई 2020 में आपत्तिकर्ता श्रीमती प्यारीबाई पत्नी रामबगस यादव ग्राम गोपालपुरा द्वारा दिनांक 04.07.2020 में रामदास तनय मुन्नीलाल यादव, कमलेश यादव, दीपा यादव, आरती यादव के नाम काटने हेतु एवं दिनांक 08.07.2020 में आपत्तिकर्ता श्री अशोक तनय रज्जू द्वारा श्रीमती मथुरा पत्नी रामदास यादव का नाम कटाने हेतु ई.आर. 02 प्रस्तुत किये गये। परीक्षण में ग्राम पंचायत में निवास न करने के कारण नाम काटे गये थे। (घ) आवेदक द्वारा की गई अपील प्रकरण क्रमांक 11/अपील/ 2021 में अपीलांट द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों एवं तथ्यों के सूक्ष्म परीक्षण उपरांत ग्राम गोपालपुरा में सामान्यतः निवास करना पाए जाने से अपीलांट की अपील स्वीकार की गई एवं श्री रामदास यादव, श्रीमती मथुरा यादव, श्री कमलेश यादव, श्रीमती दीपा यादव एवं आरती यादव का नाम ग्राम पंचायत गोपालपुरा के वार्ड क्रमांक 7 की मतदाता सूची में जोड़े जाने का आदेश पारित किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिला कार्यालय हेतु पद स्वीकृति

[परिवहन]

76. ( क्र. 727 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2018 में निवाड़ी जिला अस्तित्व में आ चुका था? यदि हां तो प्रश्न दिनांक तक विभाग का जिला कार्यालय व पदों की स्वीकृति क्यों नहीं हो सकी? कारण सहित बताया जावे। (ख) नवगठित निवाड़ी जिले में अस्थाई रूप से कैम्प के माध्यम से ड्राईविंग लायसेंस बनाये जाने की व्यवस्था प्रारम्भ की गई है? यदि हां तो स्थाई व्यवस्था कब तक कर दी जायेगी? (ग) निवाड़ी जिले में विभाग के लिये क्या कोई भूमि आवंटि‍त हो चुकी है? यदि हां तो जिला कार्यालय के भवन निर्माण हेतु कब तक बजट स्वीकृत किया जायेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिला कार्यालय एवं पदों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। नवगठित निवाड़ी जिले में दिनांक 17.12.2020 से अस्थाई रूप से सप्ताह में 02 दिन गुरूवार व शुक्रवार को कैम्प लगाकर लर्निंग लायसेंस बनाये जाते हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में बैराजों का निर्माण

[जल संसाधन]

77. ( क्र. 729 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सुकलाना बेरेज लागत 60.52 लाख स्वीकृत होकर निविदा क्रमांक 664 दिनांक 25.02.2019 को निविदा आमंत्रित की गई थी? लगभग 31 माह बीत जाने के बाद भी बैरेज के निर्माण कार्य की एजेन्सी निर्धारित नहीं होने के क्या कारण है? सुकलाना बैराज का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ख) ग्राम धुरेरी में चम्बल नदी पर बनने वाला धुरेरी बैराज के निर्माण के संबंध में समय-समय पर प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, मंत्री महोदय को भी पत्राचार के माध्यम से स्वीकृत करने का ध्यान आकर्षित करवाया है। प्रस्ताव की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी? (ग) ग्राम धुरेरी में चम्बल नदी पर बनने वाले धुरेरी बैराज की स्वीकृत किस स्तर पर लंबित है एवं कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सुकलाना बैराज की रू.260.52 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी कर सूचना क्रमांक-664 दिनांक 25.02.2019 के द्वारा निविदा आमंत्रित की गई थी। विभागीय यूएसआर की दरों में संशोधन होने के कारण संशोधित दरों के अनुसार पुन: निविदा आमंत्रण हेतु योजना की राशि का पुन: आकलन किया गया है। वित्‍त विभाग द्वारा नियत निविदा सूचकांक की सीमा अतिक्रमित होने के कारण निर्माण कार्य की एजेंसी का निर्धारण नहीं हो सका है। निविदा स्‍वीकृति के पश्‍चात। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) चंबल नदी पर प्रस्‍तावित धुरैरी बैराज का परियोजना प्रतिवेदन प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु शासन स्‍तर पर प्राप्‍त है। वित्‍त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु नियत सूचकांक की सीमा अतिक्रमित होने के कारण वर्तमान में लंबित। वित्‍त विभाग द्वारा नियत सूचकांक की सीमा में शिथिलीकरण किए जाने के पश्‍चात। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

उचित मूल्‍य दुकान के भवनों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

78. ( क्र. 749 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल कितने उचित मूल्‍य दुकान संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित दुकानों में कितनी दुकानों के भवन उपयुक्‍त हैं एवं कितनी दुकानों के भवन अनुपयुक्‍त हैं तथा कितनी भवन विहीन हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अनुपयुक्‍त भवन कब तक उपयुक्‍त बनाया जायेगा तथा भवन विहीन स्‍थानों में कब तक भवन बनाया जायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मजदूरी दर

[श्रम]

79. ( क्र. 750 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा के तहत 2020-21 एवं 2021-22 में निर्धारित दर से कम दर पर कितने जिलों में मजदूरी प्रदान की गई है, जिसकी शिकायत विभाग को कब-कब प्राप्त हुई? शिकायत का निराकरण कब-कब हुआ? जिलावार जानकारी दें। (ख) 2021-22 हेतु कुशल श्रमिक एवं अर्द्धकुशल श्रमिक तथा श्रमिक की कितनी दर शासन स्‍तर से निर्धारित है? विभिन्‍न निर्माण कार्यों में निर्धारित दर से कम की शिकायत कहां-कहां से प्राप्‍त हुई? जिलेवार जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मनरेगा के तहत वर्ष 2020-21 में कम मजदूरी की शिकायत श्रम विभाग में प्राप्त नहीं हुई है। वर्ष 2021-22 मे मात्र 02 शिकायतें कार्यालय, श्रम पदाधिकारी बालाघाट में प्राप्त हुई।

क्र.

वर्ष

शिकायत प्राप्त दिनांक

शिकायत निराकरण का दिनांक

निराकरण करने वाले विभाग

1

2020-21

निरंक

निरंक

निरंक

2

2021-22

एक (दि 02.2.2021)

एक (दि 16.8.2021)

मुख्य कार्यपालन जनपद पंचायत अधिकारी लांजी

 

 

दो (दि 01.4.2021)

दो दि 15.10.2021)

मुख्य कार्यपालन जनपद पंचायत अधिकारी किरनापुर

(ख) वर्ष 2021-22 हेतु कुशल श्रमिक एवं अर्द्धकुशल श्रमिक हेतु शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन की दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभिन्न निर्माण कार्यों में निर्धारित वेतन दर से कम भुगतान की शिकायतें निरंक है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"पैंतालीस"

नामांतरण की जानकारी

[राजस्व]

80. ( क्र. 755 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) तहसील रघुराज नगर, जिला सतना के पटवारी हल्‍का धवारी में बद्री प्रसाद दीक्षित बनाम म.प्र.शासन के प्रकरण में 18.09.1997 की पारित डिग्री का क्‍या प्रश्‍न तिथि तक नामांतरण कर दिया गया है? अगर हां तो जारी आदेशों की एक प्रति दें। (ख) पटवारी हल्‍का धवारी की अराजी क्र. 335 (1) (क) की 29 डेसीमिल भूमि पर पवाईदार पट्टे के आधार पर वर्ष 1947 से कौन काबिज है? (ग) शासकीय अधिवक्‍ता से राय लेने पर क्‍या इस प्रकरण में शासकीय अधिवक्‍ता द्वारा अपील करने से मना कर दिया है? (घ) कब तक बद्री प्रसाद दीक्षित के प्रकरण में नामां‍तरण की कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत पटवारी हल्‍का धवारी में बद्री प्रसाद दीक्षित बनाम म०प्र०शासन के प्रकरण क्रमांक 18.09.1997 की पारित डिग्री के अनुसार नामांतरण नहीं किया गया है तथा आदेश की प्र‍ति का कोई प्रश्‍न ही नहीं हैं।                                                 (ख) उपलब्‍ध रिकार्ड के अनुसार संबंत 2002-03 में पटवारी हल्‍का धवारी की आराजी क्रमांक 335 काविल कास्‍त म०प्र०शासन दर्ज अभिलेख है। आ०नं०335/1/क में 29 डेसीमिल भूमि पर वर्तमान समय पर बद्री प्रसाद दीक्षित काबिज हैं। (ग) प्रकरण में संलग्‍न दस्‍तावेजों के आधार पर न्‍यायालय नजूल अधिकारी सतना के पत्र क्रमांक 506/17/नजूल/17 दिनांक 08/12/2017 द्वारा शासकीय अधिवक्‍ता से प्रकरण में अपील प्रस्‍तुत किये जाने की अभिमत चाही गयी थी। अभिमत के अनुसार तत्‍कालीन कलेक्‍टर सतना के द्वारा समयावधि बाहय क्षमा का आवेदन लगाते हुए अपील प्रस्‍तुत किये जाने के आदेश दिये गये हैं। (घ) अपील किये जाने की कार्यवाही की जा रही हैं। अपील के निराकरण के पश्‍चात् न्‍यायालय के आदेशानुसार नामांतरण के संबंध में कार्यवाही की जा सकेगी।

डूब प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा

[जल संसाधन]

81. ( क्र. 758 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले में मोहनपुरा डेम निर्माण के अंतर्गत आने वाले किसानों को मुआवजा प्रदान किया जा चुका है? यदि हां तो सूची उपलब्‍ध करवायें। (ख) कंडिका (क) यदि नहीं तो क्‍या कारण रहा व कितने किसान मुआवजे से वंचित हैं? (ग) शासन द्वारा डेम निर्माण के समय किसानों को क्‍या पैकेज दिया गया था? मदवार जानकारी दें, जिसमें जमीन, मकान कच्‍चे-पक्‍के, ट्यूबवेल सार्वजनिक स्‍थान सभी की जानकारी दें। (घ) क्‍या शासन द्वारा मोहनपुरा डेम की गाईड लाईन बनाई गई थी? यदि हां तो प्रतिलिपि उपलब्‍ध करवायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) राजगढ़ जिले में मोहनपुरा डेम से प्रभावित 6024 किसानों को मुआवजा प्रदान किया जा चुका है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) संबंधित ग्रामों में राजस्‍व नक्‍शे पर तरमीम न उठने (बटांकन अंकित नहीं होने) एवं बटांकनों की‍ स्थिति की स्‍पष्‍टता में विलंब के कारण 55 किसानों के मुआवाजे की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) शासन द्वारा दिए गए पैकेज की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''1/2'' एवं मदवार जानकारी प्रपत्र–'''' अनुसार है। (घ) जी नहीं, शासन द्वारा कोई गाइड लाइन नहीं बनाई गई थी। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पार्वती डेम सुठालिया में डूब प्रभावितों का मुआवजा

[जल संसाधन]

82. ( क्र. 759 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्‍यावरा विधानसभा में पार्वती नदी पर डेम (सुठालिया क्षेत्र) में कुल कितनी जमीन व ग्राम डूब क्षेत्र में जा रहे हैं। (ख) उक्‍त परियोजना से डूब प्रभावितों को क्‍या-क्‍या मुआवजा व किस-किस का मुआवजा दिया जायेगा? (ग) क्‍या शासन स्‍तर पर मुआवजे हेतु सूची बनाई गई है? यदि हां तो उपलब्‍ध करवायें व क्‍या पेकैज तैयार किया गया है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) राजगढ़ जिले के ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्र में पार्वती नदी पर प्रस्‍तावित सुठालिया सिंचाई परियोजना में कुल 38 ग्रामों की 3580 हेक्‍टेयर निजी एवं 637 हेक्‍टेयर शासकीय, कुल 4217 हेक्‍टेयर भूमि डूब से प्रभावित होना प्रतिवेदित है। (ख) डूब प्रभावितों को भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यव्‍स्‍थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013, में निहित प्रावधानानुसार। (ग) जी नहीं, प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं, पैकेज तैयार नहीं किया गया है।

माण्‍डव में तितली पार्क की स्थापना

[वन]

83. ( क्र. 771 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पर्यटन नगरी माण्‍डव में तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा तितली पार्क की स्‍वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हां तो तितली पार्क की स्‍वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) उक्‍त तितली पार्क की प्रथम किस्‍त कितनी जारी की गई थी एवं प्रथम किश्‍त जारी होने के बाद प्रश्‍न दिनांक तक कितना प्रतिशत कार्य हो गया है? कार्य की वर्तमान स्थिति बतावें। (घ) उक्‍त तितली पार्क का कार्य आज दिनांक की स्थिति में चालू है या बंद है? यदि कार्य बंद है तो किस कारण से कार्य बंद है एवं उक्‍त कार्य की द्वितीय किश्‍त कब तक जारी की जायेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) स्‍वीकृति आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) प्रथम किश्‍त की राशि रूपये 31,46,800/- जारी की गयी थी। प्रथम किश्‍त जारी होने के बाद प्रश्‍न दिनांक तक निम्‍नानुसार कार्य कराये जा चुके हैं :-

कार्य का विवरण

किये गये कार्य की मात्रा

व्‍यय राशि (रूपये में)

तालाब किनारे फ्लेग स्‍टोन पेचिंग कार्य

723 वर्ग मीटर

2,34,926/-

लैण्‍ड स्‍केपिंग

5650 वर्ग मीटर

34,183/-

फेंसिंग कार्य

885 वर्ग मीटर

7,60,301/-

पार्किंग

500 वर्ग मीटर

5,97,122/-

पौधा रोपण कार्य

2750 पौधे

2,58,464/-

कंसल्‍टेन्‍सी फीस 3 प्रतिशत

-

35,068/-

योग -

19,20,064/-

 प्रथम किश्‍त प्रदाय करने के बाद अभी तक कुल स्‍वीकृत राशि का 24.4% व्‍यय हुआ तथा जारी प्रथम किश्‍त के अनुसार 61% कार्य पूर्ण हो गया है। (घ) वर्तमान में कार्य चालू है। अत: शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। प्रथम किश्‍त की राशि व्‍यय होने पर।

परिशिष्ट -"छियालीस"

रेत खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

84. ( क्र. 772 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार,जिले में रेत खदानें संचालित हो रही हैं? यदि हां तो इन जिलों में किन-किन फर्मों या व्‍यक्तियों के नाम से किस-किस दिनांक से कितने समय के लिये रेत खदानें आवंटित की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्‍त जिले में रेत खदानों के टेण्‍डर होने से प्रश्‍न दिनांक तक ठेकेदारों द्वारा रेत के ठेके के लिये कितनी-कितनी राशि की कितनी-कितनी किश्‍तें जमा की गई हैं? किश्‍तवार एवं राशिवार ब्‍यौरा देवें। (ग) उक्‍त जिले में ठेकेदारों को रेत खदानों के टेण्‍डर के बाद प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि की रॉयल्‍टी जारी की गई है एवं रेत के स्टॉक के लिये कितनी-कितनी रॉयल्‍टी दी गई है? (घ) उक्‍त जिले में रेत खदानों के ठेकेदारों पर प्रश्‍न दिनांक तक शासन की कितनी-कितनी राशि की कितनी-कितनी किश्‍तें बकाया हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार धार जिले की रेत खदानों का ठेका दिनांक 24/06/2021 को निरस्‍त हो चुका है। दिनांक 08/06/2020 से दिनांक 24/06/2021 तक की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट -"सैंतालीस"

संबल योजनांतर्गत लंबित हितग्राहियों को भुगतान

[श्रम]

85. ( क्र. 784 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय श्रम पदाधिकारी जिला डिण्‍डोरी के पत्र क्रमांक/जिश्रडि़/2021/1776 डिण्‍डोरी दिनांक 04.08.2021 के द्वारा जनपद पंचायत अमरपुर जिला डिण्‍डोरी के संबल योजना के लंबित हितग्राहियों के भुगतान कराया जाना था अवगत करायी गयी सूची क्रमांक-1 से 16 तक का किसी भी प्रकार का कोई भी भुगतान किसी भी संबल योजना के हितग्राहियों का नहीं किया गया है? स्‍पष्‍ट करें। (ख) श्रम पदाधिकारी जिला डिंडौरी द्वारा अवगत करायी गई सूची के बिन्‍दु क्रमांक 01 से 16 तक के बिंदुओं क्रमांक 12,13, 14 एवं 16 का भुगतान किया गया है, अवगत कराया गया है जबकि किसी भी हितग्राही का कोई भी भुगतान नहीं किया गया है। भुगतान किया है तो कब कैसे किया गया है? इसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच करवाई जायेगी? (ग) इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी अनेकों बार पत्र द्वारा अवगत कराया गया है, पत्र में उल्‍लेखित बिन्‍दु क्रमांक 01 से 16 तक का अभी तक भुगतान नहीं करके मनमानी तथा हितग्राहियों को जो आदिवासी हैं, मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है, उनका भुगतान कब तक किया जायेगा? (घ) भुगतान के विलंब होने व असत्‍य जानकारी देने पर दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पदाभिहीत अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी, सरल क्र. 1 से 16 तक संलग्न सूची अनुसार 4,11,12,13,14,15,16, को भुगतान किया जा चुका है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सरल क्र. 1,2,3,5,6,7,8,9,10 तक कुल 9 प्रकरण स्वीकृत है 15 जून 2019 के पूर्व स्वीकृत प्रकरणों मे भुगतान हेतु प्रतिपूर्ति राशि बावत शासन से परिपत्र क्र. 204/397/2021/ए-16 भोपाल दिनांक 11/02/2021 के परिपालन के खाते में आवंटन प्रतिपूर्ति राशि प्रदाय की कार्यवाही प्रचलित है।

(ख)

 

 

सूची का सरल क्र.

हितग्राही का नाम

चैक क्र./ई.पी.ओ. क्र.

दिनांक

राशि

12

रामप्यारी

161641

14/06/2018

200000

13

सम्पत लाल वनवासी

ईपीओ क्र. 169650 दिनांक 02/03/2021

सिंगल क्लिक के माध्यम से दिनांक 04/05/2021

200000

14

चुन्नू लाल

161644

14/06/2018

200000

16

सुखराम

ईपीओ क्र. 169647 दिनांक 02/03/2021

सिंगल क्लिक के माध्यम से दिनांक 04/05/2021

200000

(ग) इस संबंध में 07 प्रकरणों में भुगतान हो चुका है, 09 प्रकरणों में प्रतिपूर्ति की कार्यवाही प्रचलित है। पात्रता अनुसार प्रतिपूर्ति ईपीओ बनाये जाने पर उपलब्ध बजट अनुसार भुगतान किया जा सकेगा। (घ) प्रश्‍नांश '' '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"अड़तालीस"

श्रमिकों के कानून के विषय में

[श्रम]

86. ( क्र. 800 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन श्रम कानून में परिवर्तन करने जा रहा है जिससे श्रमिकों के अधिकार कम होंगे तथा नियोक्‍ता के अधिकार बढ़ेंगे यदि हां तो बताएं कि ऐसा परिवर्तन करने के पीछे शासन की मंशा क्‍या है। (ख) कारखानों में कुल श्रमिकों में से कितने प्रतिशत श्रमिकों को अस्‍थाई श्रमिक के रूप में रखा जा सकता है? इस संबंध में श्रम कानून में क्‍या उल्‍लेख है? (ग) क्‍या बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में 90 प्रतिशत से अधिक श्रमिकों को हमेशा दैनिक स्‍तर पर रखा जाता है तथा उन्‍हें स्‍थाई नहीं किया जाता है? क्‍या विभाग द्वारा इस संदर्भ में जांच कर कोई कार्यवाही किया जाना प्रस्‍तावित है? (घ) क्‍या बड़े-बड़े कारखानों में ट्रेनिंग के नाम पर इंजीनियर टेक्‍नीशियन आदि को नाम मात्र के वेतन पर रख कर एक या दो साल में उन्‍हें हटा दिया जाता है? क्‍या यह कार्य श्रम कानून के विरूद्ध है या नहीं? यदि हां तो इस पर रोक लगाई जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं, राज्‍य सरकार श्रम कानूनों में कोई परिवर्तन नहीं कर रहा है। जिस कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। केन्‍द्र सरकार द्वारा 29 श्रम कानूनों के स्‍थान पर चार श्रम संहिता क्रमश: औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020, मजदूरी संहिता 2019, उपजीवीकाजन्‍य सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्य स्‍थल स्थिति संहिता 2020 बनाई गई है। (ख) श्रम अधिनियमों में कितने प्रतिशत श्रमिकों को अस्‍थायी श्रमिकों के रूप में रखा जा सकता है ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मध्‍यप्रदेश औद्योगिक नियोजन (स्‍थायी आज्ञाएं) अधिनियम, 1961 के अंतर्गत निर्मित मानक स्‍थायी आदेश क्रमांक 2 (vi) के अनुसार यदि कोई श्रमिक 6 माह से अधिक की निरंतर सेवा पूर्ण कर लेता है तो उसे स्‍थाई श्रमिक माना जावेगा।                   (ग) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्‍यप्रदेश औद्योगिक नियोजन (स्‍थायी आज्ञाएं) अधिनियम 1961 के अंतर्गत निर्मित मानक स्‍थायी आदेश क्रमांक 2 (v) में प्रशिक्षु को एक वर्ष की अवधि के लिये रखा जाता है जिसकी अवधि किसी विधि या अवार्ड, अथवा श्रमिक संघों के साथ हुए समझौते के परिणाम स्‍वरूप एक वर्ष से अधिक भी बढ़ाई जा सकती है। अत: यह श्रम कानून के विरूद्ध नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिम्‍मेदार दोषियों पर कार्यवाही के साथ राशि वसूली

[जल संसाधन]

87. ( क्र. 806 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों के निर्माण बाबत् राशियां प्रदान की गई हैं तो उनकी जानकारी वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक की देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्‍त राशियों का उपयोग कब-कब कहां-कहां, किन-किन कार्यों में किया गया, का विवरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्‍त राशियों में से कितने राशियों का उपयोग कर मुख्‍य नहर माइनर नहरों एवं वितरिकाओं का निर्माण किन-किन संविदाकारों से कराये गये तथा वर्तमान में कार्यों की भौतिक स्थितियां क्‍या है? कार्यवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में शहडोल जिले की टोड़ी कलां में चरख वाह की नहर के निर्माण व सुधार बाबत्                            कितनी-कितनी राशियां कब-कब व्‍यय की गई? वर्तमान में नहर की भौतिक स्थिति क्‍या है? अगर राशि आहरित कर ली गई और कार्य मौके पर नहीं कराये गये तो इसका सत्‍यापन कराकर संबंधितों से राशि की वसूली के साथ क्‍या कार्यवाही करेंगे? (ड.) यदि प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्‍त राशियों का फर्जी बिल वाउचर तैयार कर आहरण कर लिया गया और प्रश्नांश (ग) के अनुसार कार्य मौके पर नहीं कराये गये, विभाग के अधिकारियों ने व्‍यक्तिगत हितपूर्ति कर राशि संविदाकारों को नियम विरूद्ध तरीके से भुगतान कर दी गई जिसका सत्‍यापन व जांच कराकर राशि की वसूली के साथ क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) विभाग द्वारा नहर निर्माण हेतु पृथक से राशि प्रदान नहीं की जाती है। शहडोल जिले में वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक प्रदान की गई राशि, कराए गए कार्य, संविदाकार के नाम एवं कार्य की भौतिक स्थिति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा चरखवाह बांध एवं नहर का निर्माण मनरेगा मद में प्राप्‍त रू.31.15 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति के अंतर्गत प्राप्‍त आवंटन राशि रू31.15 के विरूद्ध रू.30.68 लाख का व्‍यय कर बांध एवं नहर का कार्य वर्ष 2011 में पूर्ण कराया गया तथा शेष राशि रूपये 0.47 लाख मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शहडोल को वापस की गई। विभाग द्वारा चरखवाह बांध एवं नहर निर्माण कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र दिनांक 20.06.2011 को जारी किया जाकर बांध एवं नहर का आधिपत्‍य दिनांक 20.06.2011 को संबंधित ग्राम पंचायत चरखवाह को सौंपा जा चुका है। प्रश्‍नांश में अंकित बांध/नहर के निर्माण कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किए जाने के पश्‍चात विभाग द्वारा चरखवाह बांध की नहर में किसी प्रकार का सुधार कार्य नहीं कराया जाना एवं किसी प्रकार की राशि का व्‍यय नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। बांध एवं नहर का आधिपत्‍य पंचायत को सौंपे जाने के कारण नहर की वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी विभाग को नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्‍नांश '''' अनुसार आवंटित राशि से संबंधित संविदाकारों के माध्‍यम से अनुबंधानुसार कार्य निष्‍पादित कराए गए हैं। मौके पर कार्य कराए बिना फर्जी बिल व्हाउचर तैयार कर राशि का आहरण किए जाने तथा व्‍यक्तिगत हितपूर्ति कर संविदाकारों को नियम विरूद्ध तरीके से भुगतान किए जाने का कोई प्रकरण नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"उन्चास"

रॉयल्‍टी की वसूली के साथ जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

88. ( क्र. 807 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में खनिज विभाग द्वारा रेत, गिट्टी एवं अन्‍य खनिज संपदाओं के उत्‍खनन बाबत् कितने-कितने पट्टे कहां-कहां, किन-किन को कितनी अवधि तक के लिये किन शर्तों पर दिये, का विवरण वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का जिलेवार व तहसीलवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खनिज पट्टे/अनुज्ञा पत्र वितरण किये जाने के पूर्व खदानों की मुख्‍य सड़क से 100 मीटर की दूरी, श्मशान घाट, कब्रिस्‍तान से 500 मीटर की दूरी एवं ग्राम सभा के एन.ओ.सी. की प्रति एवं उपरोक्‍त शर्तों का पालन कर अनुज्ञा पत्र जारी किये गये हैं तो किन-किन अधिकारियों द्वारा सत्‍यापन किया गया? अगर शर्तों से हटकर अनुज्ञा पत्र जारी की गई तो इस पर क्‍या कार्यवाही किन पर करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में शहडोल जिले के मसीरा घाट टोली घाट, सोनपुल के नीचे अवैध रेत का उत्‍खनन कराया जाकर रॉयल्‍टी की चोरी कर शासन को क्षति पहुँचाई जा रही है। इसके सत्‍यापन उपरांत क्‍या कार्यवाही किन पर करेंगे? बतावें। साथ ही मुरली डोगरी ग्राम पंचायत मनी तहसील ब्‍यौहारी से पत्‍थर का अवैध उत्‍खनन कर रॉयल्‍टी की चोरी बगैर अनुज्ञा के की जा रही है इस पर सत्‍यापन उपरांत किन-किन पर कार्यवाही करेंगे? उत्‍खन्‍न का कार्य निर्धारित शर्तों एवं नियमों से हटकर विभाग के अधिकारियों द्वारा कराये गये, इन पर कार्यवाही किस तरह की करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) , (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के अनुसार कार्यवाही न करने, रॉयल्‍टी की चोरी व अवैध उत्‍खनन पर रोक न लगाये जाने के जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? साथ ही अवैध उत्‍खनन के प्रकरण सत्‍यापन उपरांत कब तक तैयार कर कार्यवाही करवायें? अगर नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शहडोल जिले में स्‍वीकृत रेत खदानों की वांछित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है तथा गिट्टी व अन्‍य गौण खनिज के स्‍वीकृत उत्‍खननपट्टों की वांछित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। रेत खदानों का आवंटन मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 एवं अन्‍य गौण खनिज की खदानों के उत्‍खननपट्टा मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में विहित शर्तों के अधीन स्‍वीकृत किये जाते हैं। ये नियम अधिसूचित हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खनिज पट्टे / अनुज्ञा पत्र वितरण किये जाने के पूर्व सड़क, श्‍मशान घाट, कब्रस्‍तान से दूरी के संबंध में राजस्‍व एवं खनिज विभाग के मैदानी अधि‍कारियों के जांच प्रतिवेदन एवं ग्राम सभा के एन.ओ.सी. ठहराव प्रस्‍ताव प्राप्‍त किये गये हैं, व आवश्‍यक सत्‍यापन के उपरांत ही खनिज पट्टे / अनुज्ञा पत्र जारी किये गये हैं। शहडोल जिले में शर्तों से हटकर कोई खदान पट्टा / अनुज्ञा पत्र जारी नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ में शहड़ोल जिले के मसीरा घाट टोली घाट, सोनपुल के नीचे रेत के उत्‍खनन के संबंध में विभाग द्वारा समय-समय पर जांच करायी गई है। पुल से प्रतिषिद्ध दूरी 200 मीटर तक कोई रेत खनन कार्य नहीं पाया गया है व रॉयल्‍टी चोरी, शासन को क्षति पहुंचाई जाने की स्थिति नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। मुरली डोगरी एवं ग्राम पंचायत मनी तहसील ब्‍यौहारी में खनिज पत्‍थर क्रेशर आधारित गिट्टी की कुल 13 उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत है, जो नियमानुसार संचालित है। उत्‍खनन का कार्य निर्धारित शर्तों एवं नियमों के अनुसार किया जा रहा है। अत: विभागीय अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित लेख अनुसार शहड़ोल जिले में कार्यवाही न करने, रॉयल्‍टी की चोरी व अवैध उत्‍खनन पर रोक न लगाये जाने की कोई स्थिति नहीं है। अत: किसी प्रकार की जिम्‍मेदारी एवं कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जिले में अवैध उत्‍खनन के प्रकरण नियमानुसार कार्यवाही कर दर्ज किये जा रहे है एवं दर्ज प्रकरणों पर नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की गई है।

कोविड बीमारी के दौरान पात्र हितग्राहियों को फ्री राशन का प्रदाय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

89. ( क्र. 815 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) म.प्र. में कोविड बीमारी के दौरान केन्‍द्र सरकार द्वारा कब-कब, किस-किस समय, कितने-कितने पात्र हितग्राही को प्रति व्‍यक्ति फ्री राशन दिया गया है? (ख) म.प्र. में कितने परिवारों एवं व्‍यक्तियों को कितने किलो फ्री अनाज दिया गया है? (ग) पात्र हितग्राही को फ्री अनाज देने के पीछे केन्‍द्र सरकार का क्‍या उद्देश्‍य है? फ्री राशन योजना से हितग्राहियों को क्‍या-क्‍या लाभ हुये हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों तथा आत्‍मनिर्भर भारत योजनांतर्गत माईग्रेंट लेबर हेतु भारत सरकार द्वारा अतिरिक्‍त रूप से नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न का आवंटन जारी किया गया है। आवंटित खाद्यान्‍न की अवधि, पात्र परिवारों की संख्‍या एवं प्रति हितग्राही वितरण मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) कोरोना काल में नि:शुल्‍क वितरण खाद्यान्‍न की मात्रा एवं लाभान्वित परिवारों की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) कोविड काल में लॉकडाउन के कारण व्‍यवसाय, कारोबार, मजदूरी और सभी आर्थिक गतिविधियां बंद होने के कारण गरीब परिवारों की आजीविका प्रभावित होने से उनकी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न का प्रदाय किया गया। नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न वितरण से गरीब परिवारों की भोजन हेतु खाद्यान्‍न की आवश्‍यकता की पूर्ति हो सकी।

परिशिष्ट -"पचास"

पट्टे प्रदाय किये जाने बाबत्

[राजस्व]

90. ( क्र. 827 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) नागदा व खाचरौद शहर में शासकीय भूमि पर निर्मित मकानों के कितने पट्टे वर्ष 1984 से 2021 तक वितरित किए गए? पट्टेदार का नाम, पता सहित संपूर्ण विवरण दें। (ख) पट्टेदार की मृत्‍यु होने के बाद कितने पट्टे मृतक के उत्‍तराधिकारियों के नाम पर किए गए? नाम, पते सहित विवरण दें। (ग) नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2021 से 25 नवम्‍बर 2021 तक ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कितने व्‍यक्तियों को पट्टे प्रदान किए गए हैं? कितने व्‍यक्तियों को पट्टे दिये जाना शेष है? उन्‍हें कब तक पट्टे प्रदान कर दिए जाएंगे तथा कितने व्‍यक्तियों ने पट्टे हेतु आवेदन किया है? नाम, क्षेत्र सहित अवगत कराएं। (घ) नागदा स्थित बिरलाग्राम क्षेत्र में बसी झुग्‍गी झोपडियों के पट्टे देने हेतु मख्‍यमंत्री की घोषणा अनुसार विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? बिरलाग्राम क्षेत्र में कितने हितग्राहियों को पट्टे प्रदान कर दिए गए हैं तथा शेष कितने लोगों को कब तक पट्टे प्रदान कर दिए जाएंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नागदा व खाचरौद में वर्ष 1984 से 2021 तक समय-समय में वितरित किए गए पट्टो की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है।                 (ख) नागदा व खाचरौद में पट्टेदार की मृत्यु होने के बाद पट्टे मृतक के उत्तराधिकारियों के नाम नगरपालिका अभिलेख में नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। (ग) नगरीय क्षेत्र खाचरौद में प्रश्‍नाधीन अवधि में फरवरी 2021 में 90 पट्टों की जानकारी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। अनुभाग नागदा में 01 जनवरी 2021 से 25 नवम्बर 2021 तक ग्रामीण क्षेत्र में पट्टे प्रदान नहीं किये गये है। व नागदा नगर में पट्टे के संबंध में दल द्वारा जॉंच उपरांत दिए गए पट्टों की जानकारी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। खाचरौद निकाय में विचाराधीन ऐसे आवेदन जिनको पट्टे प्रदान किया जाना है, की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। शासन के नवीन निर्देशानुसार धारणाधिकार के तहत नगर नागदा में 57 आवेदन प्राप्त हुए है, जिनकी जॉंच की कार्यवाही प्रचलित है। प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है।                                                     (घ) नागदा स्थित बिरलाग्राम क्षेत्र में बसी झुग्गी झोपडि़याँ रेल्वे की भूमि पर स्थित होने से रेल्वे मण्डल की भूमि पर पट्टा प्रदाय का अधिकार राजस्व विभाग व नगरीय निकाय को प्राप्त नहीं होने से झुग्गी झोपडियों का सर्वेक्षण नहीं किया गया है। साथ ही बिरला समूह की भूमि जो वर्तमान में शासकीय दर्ज है तथा उक्त भूमि के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्र. 1310/2017 निर्णय दिनांक 03 अप्रैल 2018 द्वारा ग्रेसिम इण्डस्टीज लिमिटेड के पक्ष में निर्णय पारित किया गया है। शासन हित में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एस.एल.पी. (सी) क्र. 15837/2019 रजिस्टर दिनांक 10.07.2019 दायर की गई है। जो विचाराधीन है। उपरोक्त कारणों से बिरलाग्राम क्षेत्र में बसी झुग्गी झोपडि़यों के पट्टे के संबंध संबंध में कार्यवाही नहीं हो पाई।

स्‍टॉप डेमों और तालाबों के निर्माण हेतु प्रशासकीय वित्‍तीय स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

91. ( क्र. 828 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त पाडसुत्‍या बैराज (334.71 लाख रूपये) , बागेडी बैराज (223.23 लाख रूपये) के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित करने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा मुख्‍यमंत्री से मांग करने पर पत्र क्रं. 1503/सीएमएस/एमएलए/212/2021 दिनांक 18.02.2021 पर प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग भोपाल को क्‍या आदेश प्रदान किए गए हैं? (ख) प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग द्वारा निविदा आमंत्रित करने के संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? निविदा कब आमंत्रित की गई? क्‍या निविदा स्‍वीकृत कर दी गई है? यदि नहीं तो क्‍यों? शासन निविदा कब तक आमंत्रित कर कार्यादेश जारी करेगा? (ग) क्षेत्र की निनावटखेडा बैराज विथ डायवर्सन योजना लागत रूपये 6414 लाख, बागेडी रोजा बैराज लागत रूपये 287 लाख, दिवेल तालाब लागत रूपये 345 लाख, रिंगनिया बैराज लागत रूपये 307.98 लाख, चामुण्‍डामाता बैराज लागत रूपये 464.20 लाख, बोरदिया बैराज की प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति हेतु शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है? यदि स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है तो कब? यदि नहीं तो कब तक स्‍वीकृति प्रदान कर दी जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मान. सदस्‍य द्वारा मान. मुख्‍यमंत्री जी से मांग करने पर मुख्‍यमंत्री कार्यालय के पत्र क्रमांक-1503/सीएमएस/एमएलए/212/2021 दिनांक 18.02.2021 द्वारा अपर मुख्‍य सचिव, जल संसाधन विभाग को नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही करने एवं की गई कार्यवाही से संबंधित को अवगत कराने के निर्देश दिए गए। (ख) वित्‍त विभाग द्वारा नियत निविदा सूचकांक की सीमा अतिक्रमित होने से निविदा आमंत्रित करने की कार्यवाही नहीं की गई। जी नहीं, निविदा स्‍वीकृति का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। निविदा आमंत्रण एवं कार्यादेश जारी किए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित निनावट बैराज विथ डायवर्सन योजना तथा दिवेल तालाब परियोजनाओं के असाध्‍य होने तथा बागेड़ीरोजा, रिंगनिया एवं चामुण्‍ड़ामाता बैराज चिन्हित परियोजनाएं होने के कारण प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान करने की स्थिति नहीं है। बोरदिया बैराज का परियोजना प्रतिवेदन शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने पर परीक्षणोंपरांत गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -"इक्यावन"

बरंगी में मेट्रो बसों का संचालन

[परिवहन]

92. ( क्र. 839 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) बरगी में मेट्रो बसों के संचालन प्रारंभ करने के संबंध में मा. विभागीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 557 दिनांक 24/01/20 द्वारा प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया था। (ख) उक्‍त के संबंध में परिवहन विभाग, म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक 22-391/2020/आठ, दिनांक 16.01.2020 व स्‍मरण पत्र क्रमांक 22-391/2020/आठ/866, दिनांक 19.06.2020 द्वारा परिवहन आयुक्‍त ग्‍वालियर को प्रेषित किया गया था। उक्‍त पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करते हुए किये गये पत्राचार/नस्‍ती/प्रस्‍तावों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) विभाग द्वारा बरगी में मेट्रो बसों के संचालन संबंधित वांछित अनुमति कब तक प्रदान की जावेगी? (घ) क्‍या विभाग की बरगी विधान सभा क्षेत्र में ड्रायवर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोले जाने के संबंध में प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ है? उक्‍त प्रस्‍ताव पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) मेट्रो बसों के संचालन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। परिवहन आयुक्त के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 464/टीसी/2020 दिनांक 22.01.2021 द्वारा संयुक्त सचिव, भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली को आगामी कार्यवाही/स्वीकृति हेतु अग्रेषित किया जा चुका है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

अवैध उत्‍खनन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

93. ( क्र. 840 ) श्री संजय यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर तहसील के ग्राम मानेगांव के अंतर्गत बांगड़ कंपनी के द्वारा किए गए अवैध उत्‍खनन पर कार्यवाही करते हुए कितना जुर्माना लगाया गया? कलेक्‍टर जबलपुर द्वारा उक्‍त प्रकरण में प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिए गए पत्रों के माध्‍यम से समय-समय पर की गई शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही हुई? (ख) जिला जबलपुर में बांगड़ कंपनी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कितना अवैध उत्‍खनन किया जाना पाया गया है? उक्‍त अवैध उत्‍खनन पर क्‍या कार्यवाही की जाकर कितना जुर्माना लगाया गया? शासन को जुर्माने की कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई है? कंपनी पर दर्ज सभी प्रकरणों की स्थिति क्‍या है? समस्‍त पत्राचार उपलब्‍ध करावें। उक्‍त पर कार्यवाही नहीं किये जाने के लिए                                            कौन-कौन जिम्‍मेदार है? (ग) जबलपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्‍ठान मद में कितनी राशि जमा है? विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि से जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों द्वारा दिए गए निर्माण कार्यों के प्रस्‍ताव में कितनी खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (घ) इस अवधि में जिला कलेक्‍टर द्वारा खनिज प्रतिष्‍ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि जारी की गई? यदि कोई राशि जारी नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) तहसील जबलपुर के ग्राम मानेगांव अंतर्गत बांगड़ कंपनी के द्वारा किये गये अवैध उत्खनन बाबत् प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा समय-समय पर की गई शिकायतों एवं आकस्मिक जांच के आधार पर प्रश्‍नाधीन कंपनी द्वारा प्रश्‍नाधीन क्षेत्र पर किये गये अवैध उत्खनन बाबत् प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। समस्त पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                                     प्रपत्र-द पर है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अतिक्रमण हटाने के संबंध में

[राजस्व]

94. ( क्र. 849 ) श्रीमती सुलोचना रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत नलखेड़ा से गुदरावन मार्ग तहसील नलखेड़ा जिला आगर के बीच लखुन्‍दर नदी से पिलवास आगर आमला रोड़ पिलवास रोड़ के बीच क्‍या शासकीय भूमि पर सड़क किनारे पर अवैध अतिक्रमण किया गया है? यदि हां तो इस अतिक्रमण को क्‍यों नहीं हटाया जा रहा है?                         (ख) लखुन्‍दर नदी के पुल से आमला रोड एवं पिलवास मार्ग के बीच तीराहे सड़क किनारे रखी गई अवैध झोपडियॉं / गुमठियॉं द्वारा बनाकर अतिक्रमण किया गया है? यदि हां तो उन्‍हें कब तक हटाया जावेगा, जिससे सड़क आवागमन सुगम हो सके एवं किसी प्रकार की सड़क संभावित दुर्घटना से बचा जा सकें? (ग) क्‍या शासन द्वारा अवैध अतिक्रमण को शीघ्र हटाकर शासकीय भूमि पर ऐसी व्‍यवस्‍था करेगा जिससे अतिक्रमण मुक्‍त स्‍थान पर पुन: अतिक्रमण नहीं हो सके?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। भूमि सर्वे न. 1374 सड़क मद मे स्थित होकर लोक निर्माण विभाग के अधीन है। कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी लोनिवि (भ/स) उपसंभाग सुसनेर जिला आगर मालवा के पत्र क्रमांक 348/ अति /2021-22 सुसनेर दि.10-08-2021 से सड़क किनारे रखी अवैध गुमटी हटाने के संबंध में कार्यवाही संबंधित लोक निर्माण विभाग के द्वारा की जा रही है। (ख) जी हॉं संबंधित लोक निर्माण विभाग द्वारा उपर्युक्‍त वर्णित पत्रानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने हेतु समुचित प्रावधान है।

जल संरक्षण की कार्य योजना

[जल संसाधन]

95. ( क्र. 854 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नहरों के सुदृढ़ीकरण विस्‍तार एवं जल संग्रहण रचनाओं / तालाबों के पुनरूद्धार योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र इछावर में विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना तैयार कर कार्य को किया जाना नियत किया गया है? यदि हां तो कहां? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (ख) क्‍या जल संसाधन विभाग जल संरक्षण हेतु ग्राम पंचायतों में नये एनीकट निर्माण का कार्य किया जा रहा है? यदि हां तो विधानसभा क्षेत्र इछावर की किस-किस ग्राम पंचायत में एनिकट बनाये जाने का कार्य वर्तमान में प्रस्‍तावित होकर प्रगतिरत है? (ग) क्या जनपद क्षेत्र इछावर के ग्राम निपानिया में पूर्व से निर्मित तालाब में वर्षाकाल के दौरान पर्याप्‍त जल भराव हेतु ग्राम नयापुरा से गुजरने वाले बरसाती नाले के पानी को इस तालाब तक पहुंचाने बावत नाले के खनन हेतु शासन स्‍तर से राशि आवंटित हुई थी? यदि हां तो कितनी राशि आवंटित हुई थी? आवंटित राशि से आज दिनांक तक उक्‍त नाला के खनन का कार्य क्‍यों नहीं किया गया? यदि भविष्‍य में किया जावेगा, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र इछावर अंतर्गत राजघाट, सेमलीकलां एवं सुनाखेड़ी तालाबों के पुनरूद्धार हेतु एसडीएमएफ (State Disaster Mitigation Fund) मद अंतर्गत राहत आयुक्‍त, म.प्र. शासन से दिनांक 20.05.2021 को स्‍वीकृति प्राप्त की जाकर दिनांक 26.11.2021 को संबंधित एजेंसियों के साथ अनुबंध निष्‍पादित किया गया है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा जल संरक्षण हेतु एनिकट का निर्माण नहीं कराया जाता है अत: शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जनपद क्षेत्र इछावर के ग्राम निपानिया में विभाग का इछावर तालाब निर्मित है। बरसाती नाले के पानी को इछावर तालाब तक पहुंचाने बाबत नाले के खनन हेतु शासन स्‍तर से कोई राशि आवंटित नहीं हुई है अत: शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

खराब हुए गेहूं-चावल को बेचा जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

96. ( क्र. 866 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 3154 दि. 04 मार्च 21 एवं प्रश्‍न 3157 दि. 5 मार्च 2021 के संदर्भ में बतावें कि जिन चावल की जांच में वर्ष 2020 में गुणवत्‍ता निम्‍न तथा अमानक पाये गये। उनके सप्‍लायर्स पर अभी तक अपराध दर्ज क्‍यों नहीं कराया गया? (ख) विभाग द्वारा पिछले 5 वर्षों में कितने चावल एवं गेहूं की खरीदी की गई और औसत वार्षिक मूल्‍य क्‍या रहा तथा अंतिम विवरण तक इन पर औसत परिवहन खर्च कितना-कितना प्रति किलोग्राम आया? (ग) विभाग द्वारा पिछले 5 वर्षों में हम्‍माली, वेयर हाउस का भाड़ा तथा खाद्यान्‍न का परिवर्तन, बारदाना त‍था जूट प्‍लास्टिक बारदाना पर कितना-कितना खर्च किया गया? वर्षवार बतावें। बारदाना खरीदी की संख्‍या भी बतावें। (घ) विभाग द्वारा प्रतिवर्ष, पिछले 5 वर्षों में कितना-कितना गेहूं और चावल खराब हुआ तथा उसे किस दाम में किस-किस फर्म को बेचा गया? खराब गेहूं चावल की मात्रा कुल खरीदी का कितना प्रतिशत थी तथा उन पर विभाग की कितनी हानि हुई? (ड.) पिछले पांच वर्षों की क्षेत्र की रिपोर्ट में विभाग में क्‍या कमियां पायी गई? उसकी सूची देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड़.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

इंदौर संभाग में अवैध रेत खनन

[खनिज साधन]

97. ( क्र. 872 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में दिनांक 15.02.2021 से 25.11.2021 तक अवैध रेत खनन एवं परिवहन के कितने, प्रकरण किनके विरूद्ध दर्ज किए गए? जिलावार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) उपरोक्‍त प्रकरणों में कितनी दण्‍ड राशि वसूली गई? कितनी शेष है, की जानकारी प्रकरणवार, जिलावार देवें। (ग) प्रकरण क्रमांक 4866 दिनांक 15.03.2021 के (ग) उत्‍तर अनुसार लंबित राशि की वसूली की वर्तमान स्थिति बतावें। यह वसूली कब तक होगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के 1 से 8 पर है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार प्रकरणों में कुल आरोपित अर्थदण्‍ड राशि रूपये 3,52,92,053/- की वसूली की गई है। शेष राशि रूपये 15,68,144/- वसूली योग्‍य राशि है। जिसकी प्रकरणवार, जिलावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के 1 से 8 पर है। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित प्रकरण किस जिले से संबंधित है? स्‍पष्‍ट न होने के कारण प्रश्‍नांश का उत्‍तर दिये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

इंदौर वन वृत्‍त के पौधारोपण

[वन]

98. ( क्र. 873 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 4869 दिनांक 17-03-2021 के (ख) उत्‍तर में वर्णित राशि जिन व्‍यक्तियों, संस्‍थाओं को दी गई उनके नाम, राशि सहित वृत्‍तवार देवें। (ग) उत्‍तर में वर्णित राशि की जानकारी भी इसी अनुसार देवें।            (ख) दिनांक 16-02-2021 से 25-11-2021 तक इंदौर वनवृत्‍त में कितना पौधारोपण कहाँ-कहाँ किया गया? वन मंडलवार, पौधों की संख्‍या, स्‍थान नाम सहित देवें। (ग) इस पर कितनी राशि किन-किन मदों में व्‍यय की गई? यह राशि जिन व्‍यक्तियों, संस्‍थाओं को दी गई? उनके नाम, राशि सहित देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 एवं 2 में है।                  (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 में है।

राजपत्रित अधिकारी एवं उपखंड अधिकारी के कार्यक्षेत्र संबंधी

[राजस्व]

99. ( क्र. 875 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) राजपत्रित अधिकारी एवं उपखंड अधिकारी का कार्यक्षेत्र क्‍या है? क्‍या ये दोनों पद समकक्ष हैं? (ख) क्‍या उपखंड अधिकारी का पद ब्‍लाक/तहसील स्‍तर का होता है? इनका पद द्वितीय श्रेणी या तृतीय श्रेणी होता है? (ग) क्‍या उपखंड अधिकारी राजपत्रित होते हैं? (घ) क्‍या राजपत्रित अधिकारी, उपखंड अधिकारी स्‍तरीय पद का कार्य कर सकते हैं? यदि हां तो नियम/आदेश की प्रति बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजपत्रित अधिकारी का कार्यक्षेत्र ब्‍लाक/जिला/संभाग या राज्‍य स्‍तरीय हो सकता है, जबकि उपखंड अधिकारी एक या एक से अधिक उपखण्‍डों का भार साधक हो सकता है। जी नहीं, सभी उपखण्‍ड अधिकारी राजपत्रित अधिकारी होते हैं किन्‍तु सभी राजपत्रित अधिकारी, उपखण्‍ड अधिकारी नहीं हो सकते। (ख) जी हां, इनका पद प्रथम या द्वितीय श्रेणी का होता है। (ग) जी हां। (घ) जी नहीं, मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 (यथा संशोधित वर्ष 2018) की धारा 22 के अधीन केवल सहायक कलेक्‍टर, संयुक्‍त कलेक्‍टर या डिप्‍टी कलेक्‍टर ही उपखण्‍ड अधिकारी पद पर कार्य कर सकते है।

सूदखोरी पर कार्यवाही

[राजस्व]

100. ( क्र. 879 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) नागदा जं. जिला उज्‍जैन जवाहर मार्ग निवासी रवि कांठेड द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने लोगों को कितनी राशि ब्‍याज पर दी है? माहवार, व्‍यक्ति का नाम, राशि सहित देवें। (ख) इनके साहूकारी लाइसेंस की छायाप्रति देवें। (ग) इनके द्वारा कितनी राशि चेक से दी है, की जानकारी व्‍यक्तिवार देवें। इनके द्वारा साहूकारी की आड़ में की जा रही सूदखोरी पर नागदा जं. अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व ने प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाही क्‍यों नहीं की है? (घ) कब तक इनके विरूद्ध कार्यवाही की जाकर जनता को इनके शोषण से मुक्‍त कराया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नगर पालिका नागदा में रवि कांठेड के नाम से कोई सूदखोरी लायसेंस नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) उत्‍तरांश क के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) निरंक (घ) पुलिस थाना नागदा के पत्र क्रमांक क्यू /री/2021 नागदा, दिनांक 02.12.2021 ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि रवि कांठेड के विरुद्ध सूदखोरी से संबधित कोई अपराध पंजीबद्ध या कोई शिकायत आवदेन प्राप्त नहीं हुआ है।

रेत खदान में अनियमितता पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

101. ( क्र. 880 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कटकोना तहसील कोतमा, जिला अनूपपुर में खसरा नम्‍बर 447 पर के.जी. डेवलपर्स को रेत खदान की जो मंजूरी दी गई है, उस पर आज दिनांक तक कितनी रॉयल्‍टी काटी गई है? माहवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या इसकी शर्त क्र. 4 में उल्‍लेखित पूरे पट्टा क्षेत्र में बाड़ लगा दी गई है? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) शर्त क्र. 8 अनुसार गाँव के भीतर किसी तरह का परिवहन नहीं होने के उल्‍लेख के बावजूद परिवहन किस आधार पर किया जा रहा है? इसे कब तक रोका जाएगा?                                            (घ) शर्तों के उल्‍लंघन के कारण कब तक ये अनुमति निरस्‍त कर दी जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) म.प्र. रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण एवं व्‍यापार) नियम 2019 प्रारूप (5) कंडिका 10 अनुसार ठेकेदार द्वारा भूमि सीमा दर्शित करने, सीमा चिन्‍ह तथा स्‍तम्‍भ (पिलर) स्‍थापन करने के प्रावधानानुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार गांव के भीतर परिवहन नहीं हो रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"बावन"

बंदोबस्‍ती की कार्यवाही

[राजस्व]

102. ( क्र. 888 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौरई तहसील में बंदोबस्‍ती वर्ष 1914-15 में हुई थी? इसके बाद चौरई व चांद तहसील में बंदोबस्‍ती न होने के क्‍या कारण है? (ख) बंदोबस्‍ती न होने के कारण कृषकों को सीमांकन में समस्‍या आ रही है? कब तक बंदोबस्‍ती कर दी जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। जिला छिन्‍दवाड़ा की चौरई तहसील में बंदोबस्‍ती वर्ष 1914-15 में हुई थी। म.प्र.में राज्य शासन द्वारा वर्ष 1975-76 से बंदोबस्त की संक्रियाएँ प्रारंभ हुई जो 7 जून 2000 तक प्रभावशील रहीं l राज्य शासन द्वारा राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 9 जून 2000 से बंदोबस्त की संक्रियाएँ विखंडित की गई जिसके कारण कुछ ग्रामों में बंदोबस्त की संक्रियाएँ प्रारंभ ही नहीं हो पाई l (ख) छिन्दवाड़ा जिले में कृषकों का सीमांकन नियमानुसार समय सीमा में किया जा रहा है l

नामांतरण प्रकरण

[राजस्व]

103. ( क्र. 895 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में नामांतरण, फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के कितने प्रकरण                                      किन-किन स्‍तरों पर लंबित है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) 6 माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणों की जानकारी देकर बतावें कि ये किन स्‍तरों पर लंबित है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार इनका निराकरण कब तक होगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अनुविभाग महिदपुर के तहसील महिदपुर एवं झारडा में नामांतरण एवं फौती नामांतरण के कुल 801 प्रकरण, बंटवारा के 241 प्रकरण, सीमांकन के 59 प्रकरण दर्ज होकर लंबित है, जिसमें नामांतरण के 410 प्रकरण मूल दस्तावेज की प्रतिक्षा एवं 215 प्रकरण विज्ञप्ति के समयावधि पूर्ण न होने से तथा 132 प्रकरण पटवारी रिपोर्ट एवं उभयपक्षो की तलबी, उभयपक्षो के कथन हेतु एवं आदेश हेतु नियत है। बंटवारे के 82 प्रकरण विज्ञप्ति समयावधि पूर्ण न होने से, 21 प्रकरण आवश्‍यक दस्तावेज उभयपक्षों की तलबी तथा 38 प्रकरण बंटवारा फर्द एवं उभयपक्षों के कथन एवं साक्ष्य हेतु तथा सीमांकन के 47 प्रकरण राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट हेतु तथा 12 प्रकरण राजस्व निरीक्षक को पत्र जारी करने हेतु नियत है। तहसील नागदा में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के कुल 22 ग्राम सम्मिलित है जिनमें नामांतरण के 95 प्रकरण, फौती नामांतरण के 15 प्रकरण, बंटवारा के 17 प्रकरण एवं सीमांकन के 2 प्रकरण लंबित है। उक्त लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।                      (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील महिदपुर एवं झारडा में 6 माह से अधिक समय के नामांतरण व फौती नामांतरण के कुल 44 प्रकरण है जिनमें आवेदक/अनावेदक के जवाब साक्ष्य, आपत्ति के निराकरण, तर्क तथा आदेश हेतु नियत है। बंटवारा के 50 प्रकरण आवेदक/अनावेदक साक्ष्य प्रतिपरीक्षण, अंतिम तर्क, 7-11 के निराकरण, सी0पी0सी0 1-10 के निराकरण हेतु, फर्द पर उभयपक्षों की आपत्ति/सहमति एवं आदेश हेतु आदि स्तर पर विवादित होने से लंबित है। तहसील नागदा में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के कुल 22 ग्राम सम्मिलित है जिनमें 6 माह से अधिक समय के बंटवारा के 2 प्रकरण विवादित श्रेणी के होने से लंबित है जिसकी जानकारी निम्नानुसार है- 1 प्रकरण क्र. 0060/अ-27/2020-21 में दिनांक 17.12.2021 को आदेश हेतु नियत है। 1 प्रकरण क्र. 00150/अ-27/2020-21 में दिनांक 16.12.2021 को आपत्ति पर बहस हेतु नियत है। (ग) 6 माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणों के विवादित श्रेणी के होने से प्रकरणों में गुणदोष के आधार पर सुनवाई में नियत हो कर न्‍यायाधीन है।

महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में बाल श्रम संबंधी

[श्रम]

104. ( क्र. 896 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में बाल श्रम से संबंधित कितने प्रकरण किन संस्‍थानों के दिनांक 01.01.2019 से 25.11.2021 के मध्‍य बने हैं? संस्‍थान नाम, बाल श्रमिक संख्‍या, संस्‍थान पता सहित देवें। (ख) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में बाल श्रम के निरीक्षण संबंधी कितने दौरे प्रश्नांश (क) अवधि में पदस्‍थ अधिकारियों में किए? निरीक्षण दिनांक, संस्‍थान नाम, अधिकारी नाम, पदनाम सहित देवें। (ग) प्रत्‍येक निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति भी देवें। कितने संस्‍थानों पर इस संबंध में प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार बाल श्रम कानूनों के उल्‍लंघन पर कार्यवाही की गई है? कितने प्रकरण श्रम न्‍यायालय उज्‍जैन में कब से विचाराधीन है? बालश्रम के संदर्भ में बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनॉंक 01/01/2019 से 25/11/2021 के मध्‍य बाल श्रम से संबंधित कोई प्रकरण नहीं बने है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्‍तर '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तर '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

नवीन तालाब निर्माण

[जल संसाधन]

105. ( क्र. 911 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम रान्‍सू एवं शेरपुर में नवीन तालाब बनाये जाने के संबंध में पत्र क्रं. 434/2021 दिनांक 02.09.2021 प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग को दिया गया? यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नवीन तालाबों के लिये तकनीकी स्‍वीकृति जारी कराई गई? यदि नहीं तो कारण सहित जानकारी देवें। (ग) ग्राम रान्‍सू एवं शेरपुर में नवीन तालाब बनाने के लिये कब तक तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी कराकर नवीन तालाबों का निर्माण कराया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। पत्र में उल्‍लेखित शेरपुर ग्राम में शेरपुर तालाब चिन्हित परियोजना है तथा रान्‍सु ग्राम में प्रस्‍तावित स्‍थल पर चिन्हि‍त तालाब हेतु आवश्‍यक जल ग्रहण क्षेत्र उपलब्‍ध न होने के कारण परियोजना असाध्य पाई गई है। (ख) अभी तकनीकी स्‍वीकृति जारी नहीं हुई है। (ग) शेरपुर तालाब परियोजना साध्‍य पाई जाने की स्थिति में विस्‍तृत सर्वेक्षण पश्‍चात शासन स्‍तर पर परियोजना प्रतिवेदन प्राप्त होने पर परीक्षणोंपरांत गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु उचित पाए जाने की स्थिति में निर्माण कराया जा सकेगा। ग्राम रान्‍सु में चिन्हित नवीन तालाब असाध्‍य होने के कारण प्रशासकीय स्‍वीकृति की स्थिति                                                   नहीं है।

मूल निवासी एवं जाति प्रमाण-पत्रों की जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

106. ( क्र. 912 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मेरे तारांकित प्रश्‍न क्र. 5789 दिनांक 15.03.2021 के प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर में यह बताया गया कि दतिया में पदस्‍थ शाखा प्रबंधक श्री गंगा प्रसाद जाटव के मूल निवासी प्रमाण पत्र तहसील तराना जिला उज्‍जैन एवं जाति प्रमाण पत्र कार्यालय कलेक्‍टर आदिम जाति उज्‍जैन द्वारा बनाये गये जिनके आधार स्‍पष्‍ट करने हेतु कलेक्‍टर उज्‍जैन को लिखा गया है? यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक कलेक्‍टर उज्‍जैन द्वारा क्‍या-क्‍या जांच/कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या श्री गंगा प्रसाद जाटव पिता गोरेलाल जाटव का मूल निवासी प्रमाण-पत्र क्रमांक/क्‍यू/विविध/83 दिनांक 11.10.83 हस्‍तलिखित बनाया गया? क्‍या उसके बनाने के आधारों की सत्‍यता की जांच करायी गई? यदि हां तो जांच प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें। (ग) क्‍या गंगा प्रसाद जाटव के मूल निवासी प्रमाण पत्र में हायर सेकेण्‍ड्री आठवें एवं चौथे परीक्षा उत्‍तीर्ण करना नहीं बताया गया तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक परीक्षा हायर सेकेण्‍ड्री परीक्षा भिण्‍ड जिले से उत्‍तीर्ण करना तथा रोजगार कार्यालय का प्रमाण पत्र ग्‍वालियर जिले से बनवाया गया? यदि हां तो उज्‍जैन जिले से जाति एवं मूल निवासी प्रमाण पत्र कैसे और क्‍यों बनवाये गये? (घ) गंगा प्रसाद जाटव के जाति एवं मूल निवासी प्रमाण पत्रों के जांच कब तक कराई जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ, विधानसभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 5789 दिनांक 15.03.2021 के प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर में दतिया में पदस्‍थ शाखा प्रबंधक श्री गंगा प्रसाद जाटव के मूल निवासी प्रमाण पत्र तहसील तराना जिला उज्‍जैन एवं जाति प्रमाण पत्र कार्यालय कलेक्‍टर आदिम जाति उज्‍जैन के संबंध में कलेक्‍टर उज्‍जैन से प्रतिवेदन प्राप्‍त किया गया। कलेक्‍टर उज्‍जैन के प्रतिवेदन क्रमांक 6093 दिनांक 03.08.2021 में अवगत कराया गया है कि श्री जाटव का प्रमाण पत्र 1983 में जारी हुआ है प्रमाण पत्र जारी होने से संबंधित रिकार्ड 35 वर्ष पुराना होने के कारण जारी होने का आधार दिया जाना संभव नहीं है। प्रतिवेदन में यह भी उल्‍लेख किया गया है कि कार्यालय कलेक्‍टर आदिम जाति कल्‍याण विभाग उज्‍जैन के पत्र क्रमांक 1944 दिनांक 22.10.1986 इस कार्यालय द्वारा जारी हुआ है। तत्‍समय श्री सी.एस. शर्मा जिला समन्‍वयक आ.ज. विभाग उज्‍जैन के पद पर पदस्‍थ थे के आधार पर हस्‍ताक्षर की पहचान की जाकर जाति प्रमाण जारी होने की पुष्टि की है। कलेक्‍टर उज्‍जैन से प्राप्‍त पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हां। (ग) कलेक्‍टर उज्‍जैन के प्रतिवेदन दिनांक 03.08.2021 अनुसार श्री गंगाप्रसाद जाटव के मूल निवासी एवं जाति प्रमाण पत्र जारी होने संबंधी रिकार्ड 35 वर्ष पुराना होने के कारण जारी होने का आधार दिया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में पुन: जांच का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

शासकीय भूमि अनुपयोगी बताकर विक्रय

[राजस्व]

107. ( क्र. 922 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्‍या भोपाल, जबलपुर, इंदौर व होशंगाबाद संभाग में शासकीय भूमि/सम्‍पत्ति खाली व अनुपयोगी मानकर विक्रय करने हेतु चिन्हित किया गया है? (ख) यदि हां तो किस-किस जिल में कितनी-कितनी शासकीय भूमि/सम्‍पत्ति खाली व अनुपयोगी है? उनका कितना-कितना मूल्‍य निर्धारित किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि शासकीय भूमि/सम्‍पत्ति को किस मापदण्‍ड के अनुसार अनुपयोगी माना व उसका मूल्‍य निर्धारण किसके द्वारा किया गया, तथा यह भी अवगत करावें कि प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किस-किस जिले में                                                             कितनी-कितनी भूमि/सम्‍पत्ति किस-किस दर से विक्रय कर दी गई? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि शेष चिन्हित भूमि/सम्‍पत्ति को विक्रय करने की अपेक्षा जनहित में उपयोग किए जाने हेतु विचार किया जावेगा? यदि नहीं तो कारण सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। (ख) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ग) प्रबंधन के विकल्‍प के रूप में साधिकार समिति द्वारा निर्णय लिया जाता है। अनुपयोगी परिसम्‍पत्तियों को प्रबंधन हेतु लोक परिसम्‍पत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल पर इंद्राज करने का कार्य संबंधित विभाग / जिला कलेक्‍टर्स द्वारा परिसम्‍पत्ति की अद्यतन स्थिति के आधार पर प्रस्‍तावित किया जाता है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (घ) जी हां, परिसम्‍पत्तियों का निर्वहन के साथ साथ युक्तियुक्‍त प्रबंधन भी किया जाता है।

परिशिष्ट -"तिरेपन"

 

खदानों तथा रेत परिवहन पर लगे जुर्माने

[खनिज साधन]

108. ( क्र. 931 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में राजगढ़ जिल में कितने रेत तथा गिट्टी खदानों को अनुमति प्रदान की गई है? विवरण उपलब्‍ध कराएं। (ख) विगत 5 वर्षों में राजगढ़ जिले में काली, भूरी आदि विभिनन रेत, चूरी व गिट्टी मुरम के अवैध परिवहन के कितने केस दर्ज हुए हैं? क्‍या इन पर जुर्माने की दर एक समान दर्ज की गई? जप्‍त वाहनों तथा जुर्मानों की वर्षवार व तहसीलवार सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) विगत 5 वर्षों में राजगढ़ जिले में स्‍थापित रेत एवं गिट्टी खदानों को कितने घनमीटर उत्‍खनन की अनुमति प्राप्‍त थी? उनमें से तय मापदण्‍ड से अधिक उत्‍खनन नहीं किए जाने संबंधी रोक या जांच के लिए विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? वर्षवार की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब पर है। (ख) गिट्टी एवं मुरूम की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स पर है। (ग) उत्‍खनन पट्टाधारी को तथा रेत खदान ठेकेदार को अनुमोदित खनन योजना या पर्यावरण स्‍वीकृति में से दोनों में जो अनुमत्‍य मात्रा कम हो की मात्रा प्रतिवर्ष उत्‍खनन करने की अनुमति होती है तथा अधिक उत्‍पादन किये जाने पर कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। प्रश्‍न अनुरूप समस्‍त खदानों की एकजाई जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

तहसीलदार एवं नायाब तहसीलदार की पदस्‍थी

[राजस्व]

109. ( क्र. 936 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या म.प्र. शासन द्वारा अधीक्षक भू.अभिलेख एवं सहायक भू.अभिलेख के तहसीलदार अथवा नायाब तहसीलदार के पद पर पदस्‍थ कर न्‍यायालयीन प्रकरण में आदेश पारित किये जाने संबंधी आदेश प्रदान किये गये हैं? यदि हां तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत ऐसे कितने अधीक्षक/सहायक भू.अभिलेख को तहसीलदार अथवा नायाब तहसीलदार के पद पर पदस्‍थ किया गया है? जिलेवार जानकारी प्रदान करें। (ग) क्‍या प्रदेश में तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार पर्याप्‍त संख्‍या में होने के बाद की पदस्‍थ नहीं किये गये हैं? यदि हां तो क्‍या कारण हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश '' के क्रम में जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं।

ओव्‍हरलोडिंग वाहनों के संबंध में

[परिवहन]

110. ( क्र. 947 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना, भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, ग्‍वालियर, भिण्‍ड, नरसिंहपुर, देवास परिवहन विभाग को ओव्‍हर लोडिंग वाहनों (रेत, सीमेंट इत्‍यादि) की शिकायतें प्राप्‍त हुई है? यदि हां तो कब-कब, किस-किस के द्वारा कहां-कहां से? आवेदन पत्रों की प्रति दें।                      (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्राप्‍त पत्रों पर विभाग द्वारा कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की गई? यदि नहीं तो विभाग के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी इसके लिये जिम्‍मेदार हैं? जिम्‍मेदारों पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां तो क्‍या? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) उपरोक्‍त के संबंध में कितनी राशि जुर्माने में वसूली गई? कितने प्रकरण न्‍यायालय में पेश किये गये? कितने प्रकरण किस कारण कब से लंबित हैं? इन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) उपरोक्‍त के संबंध में राजस्‍थान से गुना बार्डर पर म.प्र. राज्‍य में कितने चैक पोस्‍ट हैं? वहां से वाहनों को आने एवं जाने के लिये क्‍या नियम हैं एवं क्‍या उनका पालन किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में उल्लेखित जिलों में प्रश्‍न से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतएव शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शिकायतों से संबंधित जानकारी निरंक है तथापि परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर की जाने वाली वाहन चैकिंग के दौरान ओव्हर लोड वाहनों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। प्रश्‍नांश में उल्लेखित जिलों द्वारा अलोच्चय समयावधि में ओव्हर लोड वाहनों से शमन शुल्क की राशि वसूल की गई जो निम्नानुसार है:-

क्र.

जिलों का नाम

वसूल की गई शमन शुल्‍क की राशि (रूपये)

1

गुना

2,49,000

2

भोपाल

5,41,200

3

इंदौर

9,20,600

4

होशंगबाद

31,12,500

5

जबलपुर

6,59,000

6

ग्‍वालियर

8,21,000

7

भिण्‍ड

16,200

8

नरसिंहपुर

4,16,000

9

देवास

2,60,000

 

कुल राशि

69,95,500

कोई प्रकरण न्यायालय में पेश नहीं किये गये और न ही कोई प्रकरण लंबित है। (घ) उपरोक्त के संबंध में गुना जिले में परिवहन जांच चौकी उमरथाना स्थापित है। वहां से वाहनों के आने व जाने पर मोटरयान अधिनियम, 1988 एवं उसके अधीन निर्मित नियमों तथा मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 एवं उसके अधीन निर्मित नियमों में विहित प्रावधानों का पालन कराना सुनिश्चित किया जाता है।

 

 

उचित मूल्‍य की दुकानों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

111. ( क्र. 948 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन स्‍थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई हैं? तहसीलवार, दुकानवार, संचालकवार पृथक-पृथक बतायें।                 (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कितने गांव ऐसे हैं, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक पैदल चलकर आना पड़ता है? (ग) कई दूरस्‍थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई, इसके क्‍या कारण हैं? जिन गावों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही है, इसके लिये उत्‍तरदायी कौन है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?

 

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित जिले के प्रश्‍नांकित क्षेत्र में प्रश्‍नांकित अवधि में 03 उचित मूल्‍य दुकानें खोली गई हैं जिनके तहसीलवार, दुकानवार एवं संचालकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में 38 ऐसे गांव हैं जहां ग्रामवासियों को 03 किलोमीटर या उससे अधिक पैदल चलकर राशन लेने जाना पड़ता है। (ग) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक पंचायत में एक उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र की 7 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में दुकान खोली जाना शेष है, जहां आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है। वर्तमान में ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जिसके अंतर्गत 03 किलोमीटर की दूरी से अधिक दूरी पर स्थित प्रत्‍येक ग्राम में उचित मूल्‍य दुकान खोली जाये। अत: कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"चउवन"

श्रम अधिनियम का पालन

[श्रम]

112. ( क्र. 954 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के सीएचपी 210 एमडब्‍ल्‍यू में विद्युत उत्‍पादन के कार्य में लगे ठेका श्रमिकों को माह में कितनी मजदूरी दिया जाना चाहिए था तथा कितनी मासिक मजदूरी का भुगतान किया गया है? क्‍या कंपनी के कार्यादेश संख्‍या 001-04/ser/Chp/wo-288/3283 Date 09-10-2019 संविदाकार के द्वारा श्रमिकों से छल-कपट करते हुए अकुशल श्रमिकों को 8700/रूपये मासिक के स्‍थान पर 5200/रूपये एवं अर्धकुशल श्रमिकों 9557/रूपये के स्‍थान पर 8300/रूपये मासिक वेतन तथा श्रमिकों को हर माह वेतन पर्ची न देकर न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 एवं संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 की धारा 29 नियम 78 (2) जी का पालन न करते हुए उपरोक्‍त नियमों का उल्‍लंघन करने, हर माह कम मजदूरी भुगतान करने, वेतन पर्ची न दिलाने के दोषी तत्‍कालीन सहायक अभियंता एवं कार्य के प्रभारी कार्यपालन अभियंता द्वारा सी.एच.पी 210 एमडब्‍ल्‍यू में श्रमिकों के लिये बने श्रम नियमों को दरकिनार कर देयक को पारित करने वाले अभियंताओं पर कब तक कार्यवाही कर शेष मजदूरी का भुगतान कब तक कराया जावेगा? क्‍या ठेका श्रमिकों को अत्‍यधिक अवकाश दिया जाकर श्रम अधिनियम का पालन नहीं किया गया है? (ख) राज्‍य शासन द्वारा न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत 67 नियोजन में विद्युत उत्‍पादन उद्योग किस सरल क्रमांक पर है? क्‍या संयंत्र में संगठित के स्‍थान पर असंगठित क्षेत्र का भुगतान किया जा रहा है? संगठित का भुगतान कब तक किया जावेगा? नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अमरकंटक ताप विद्युत ग्रह चचाई जिला अनुपपुर के सी.एच.पी. 210 मेगावाट में विद्युत उत्‍पादन के कार्य में लगे ठेका श्रमिकों को न्‍यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के तहत् श्रम विभाग, म.प्र. शासन के द्वारा समय-समय पर जारी पुनरीक्षित अधिसूचित मजदूरी दरों के अनुरूप भुगतान किया जाता है। कंपनी के कार्यादेश संख्‍या 001-04/ser/chp/wo-288/3283 Date 09-10-2019 में संविदाकार के द्वारा कार्यादेश के तहत् नियोजित ठेका श्रमिकों को श्रेणी उच्‍चकुशल, कुशल, अर्द्धकुशल, अकुशल के अनुसार तथा उनकी उपस्थिति के आधार पर अधिसूचित न्‍यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाता है। मजदूरों को प्रतिमाह वेतन पर्ची भी उपलब्‍ध कराई जाती है। अत: सी.एच.पी.210 मेगावाट में तत्‍कालीन सहायक अभियंता एवं कार्य के प्रभारी कार्यपालन अभियंता के विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में श्रम अधिनियम का नियमानुसार पालन किया जाता है। (ख) राज्‍य शासन द्वारा वर्ष 2021 में न्‍यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत चिन्‍ह्ति 67 नियोजन मे विद्युत उत्‍पादन सरल क्र.33 के अंतर्गत है। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनुपपुर में ठेका श्रमिकों को न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत समय-समय पर जारी पुनरीक्षित मजदूरी दरों पर श्रमिकों के खाते में बैंक के माध्‍यम से भुगतान किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।

अधिकारियों के विरूद्ध शिकायतों पर कार्यवाही की जाना

[वन]

113. ( क्र. 959 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कितने आई.एफ.एस. और एसएफएस अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्‍त, ईओडब्‍ल्‍यू विभागीय शिकायत एवं सतर्कता शाखा में शिकायतें दर्ज हैं? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में कितने आई.एफ.एस. और एसएफएस को आरोप पत्र कब-कब जारी किए गए हैं? (ग) उपरोक्‍तानुसार                                       किन-किन आई.एफ.एस. को निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ क्‍या-क्‍या आरोप क्‍या-क्‍या हैं? (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या महिला उत्‍पीड़न के मामले में सुश्री बिन्‍दु शर्मा और सुश्री अर्चना शुक्‍ला की दो सदस्‍यीय जांच समिति ने जांच पूर्ण कर ली है? यदि हां तो जांच निष्‍कर्ष के आधार पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) आई.एफ.एस. और एस.एफ.एस. अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. से प्राप्त जानकारी अनुसार उनमें दर्ज शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 से 4 अनुसार है। (ख) एवं (ग) आई.एफ.एस. और एस.एफ.एस. अधिकारियों के विरूद्ध जारी आरोप पत्र एवं निलंबन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 एवं 6 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जांच के निष्कर्ष के आधार पर प्रकरण में विभाग के आदेश क्रमांक एफ 10-15/2021/10-4 दिनांक 18.08.2021 से श्री मोहनलाल मीणा, भावसे को निलंबित किया जाकर पत्र दिनांक 18.10.2021 से आरोप पत्र जारी किये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जांच उपरांत कार्यवाही

[जल संसाधन]

114. ( क्र. 960 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग मध्‍यप्रदेश के आदेश दिनांक 06.10.2021 द्वारा                                                श्री भास्‍कर प्रकाश सक्‍सेना, तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी, वि/यां, जल संसाधन संभाग विभाग राजगढ़ (वर्तमान में प्रभारी कार्यपालन यंत्री, लाईट मशीनरी वि/यां संभाग, ग्‍वालियर) के विरूद्ध मोहनपुरा परियोजना के बांसखेड़ी एवं राजलीवे पुनर्वास कॉलोनी के निर्माण कार्य में हुई अनियमितता की शिकायत की बिन्‍दुवार जांच हेतु श्री ए.के. पाण्‍डे, संचालक, केन्‍द्रीय इकाई (सी.एम.यू.) भोपाल को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्‍त किया है? (ख) यदि हां, तो क्‍या उपरोक्‍त संबंध में जांच पूर्ण कर ली गई है, एवं जांच निष्‍कर्षों के आधार पर संबंधित अपचारी अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जॉंच प्रक्रियाधीन है। जॉंच प्रतिवेदन के निष्‍कर्षों के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जा सकेगी।

श्रम कानून का उल्‍लंघन

[श्रम]

115. ( क्र. 968 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत चिन्हित 67 नियोजन में विद्युत उत्‍पादन उद्योग किस सरल क्रमांक पर है? क्‍या अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के सीएचपी 210 MV संयंत्र में प्रबंधन के द्वारा संगठित श्रमिक के स्‍थान पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का मजदूरी भुगतान सहायक श्रम पदाधिकारी जिला अनूपपुर के सांठ-गांठ से किया जा रहा है? जबकि भूतपूर्व सैनिक कल्‍याण समिति कैम्‍प चचाई, एवं मे. इंडियन काफी हाउस कैम्‍प चचाई जिला अनूपपुर को संगठित क्षेत्र का मजदूरी भुगतान रा‍शि 18000/- रूपये से लेकर 24000/- रूपए मजदूरी भुगतान किया जा रहा है? इस तरह हो रहे असमानता का कारण क्‍या है? इस तरह हो रहे अवैधानिक शोषण की जांच एवं संगठित क्षेत्र की मजदूरी का भुगतान कब तक कराई जाएगी? नहीं तो क्‍यों? (ख) सीएचपी 210 मेगा वॉट चचाई जिला अनूपपुर संयंत्र में ठेका श्रमिक के ठेकेदारों एवं अधिकारियों के विरूद्ध वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस के विरूद्ध कितनी शिकायत प्राप्‍त हुई हैं? शिकायत पर हुई जांच एवं कार्यवाही का ब्‍यौरा क्‍या है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अमरकंटक ताप विद्युत ग्रह चचाई जिला अनूपपुर में कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधान लागू है। न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत चिन्हित 67 अधिसूचित नियोजन में विद्युत उत्‍पादन उक्‍तानुसार सरल क्रमांक 33 के अंतर्गत है। अमरकंटक ताप विद्युत ग्रह चचाई जिला अनूपपुर के सी.एच.पी. 210 मेगावाट संयंत्र में ठेका श्रमिकों को न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत श्रेणी अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल, उच्‍च कुशल के अनुरूप श्रम विभाग, म.प्र. शासन के द्वारा समय-समय पर जारी पुनरीक्षित अधिसूचित न्‍यूनतम मजदूरी दरों पर श्रमिकों के खाते में बैंक के माध्‍यम से उपस्थिति अनुसार भुगतान किया जाता है। जिसमें सहायक श्रम पदाधिकारी जिला अनूपपुर की कोई भूमिका नहीं है। अत: श्रमिकों की मजदूरी भुगतान के संबंध में अधिकारी से कोई सांठ-गांठ का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। भूतपूर्व सैनिक कल्‍याण समिति कैम्‍प चचाई एवं मे. इंण्डियन कॉफी हाउस कैम्‍प चचाई जिला अनूपपुर के द्वारा नियोजित कार्मिकों को उनकी मजदूरी/वेतन का भुगतान राज्‍य शासन द्वारा निर्धारित न्‍यूनतम वेतन से अधिक किया जा रहा है। निर्धारित न्‍यूनतम वेतन से अधिक वेतन भुगतान करने पर कार्यवाही के प्रावधान श्रम अधिनियमों में नहीं है। ठेका श्रमिकों को न्‍यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत नियत वेतन के अनुरूप होता है। अत: असमानता का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (ख) वर्ष 2015 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक सी.एच.पी. 210 मेगावाट चचाई जिला अनूपपुर में ठेका श्रमिकों के ठेकेदारों के विरूद्ध कुल 27 शिकायतें प्राप्‍त हुई है जिनमें विभिन्‍न श्रम अधिनियमों के तहत् कार्यवाही करते हुए संविदा श्रमिक अधिनियम, 1970 के तहत 19 प्रकरणों मे अभियोजन दायर किया गया‍ जिनमें माननीय न्‍यायालय द्वारा राशि रूपये 11,500/- का जुर्माना अधिरोपित कर प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं उक्‍त शिकायतों में से 6 शिकायतों को औ.वि. अधिनियम 1947 के अंतर्गत दर्ज किया गया था उनमें से 5 शिकायतें निराकृत हो चुकी है एवं 1 शिकायत न्‍यायालय में विचाराधीन है। 02 शिकायतें कार्यालयीन प्रयास से निराकृत की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट -"पचपन"

फसल के नुकसान का मुआवजा

[राजस्व]

116. ( क्र. 979 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) क्या माह अक्‍टूबर 2021 में बेमौसम बारिश से श्‍योपुर, मुरैना, भिण्‍ड, दतिया एवं ग्‍वालियर जिलों में खेतों में पककर खड़ी धान एवं सरसों, बाजरा, ज्‍वार, तिल आदि फसलों का नुकसान हुआ है?                                          (ख) यदि हां तो किस-किस जिले में कौन-कौन सी फसलों का कितना-कितना नुकसान हुआ है?                            (ग) क्‍या शासन जिला प्रशासन द्वारा फसलों को हुए नुकसान का आंकलन/सर्वे कराया गया है?                          (घ) यदि हां तो फसलों के हुए नुकसान के अनुपात में राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत किस-किस जिले में कितनी राशि का मुआवजा वितरण किया जाना स्‍वीकृत किया एवं किस जिले में मुआवजे का वितरण कर दिया तथा किन जिलों में मुआवजा नहीं दिया गया एवं कब तक मुआवजा दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश ‘‘’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

 

 

 

 

समर्थन मूल्‍य पर खरीदा गया गेहूं अमानक होना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

117. ( क्र. 984 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 5454 दि.22.03.2021 के संदर्भ में वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्‍य पर खरीदा गया गेहूं भण्‍डारण क्षमता के अभाव एवं परिवहन में की गई लापरवाही तथा निसर्ग चक्रवात के कारण हुई असामयिक वर्षा से जिले का स्‍कंध जिला / अंतर जिला परिवहन उपरांत कुल 13030.97 क्विंटल पानी से प्रभावित होकर क्षतिग्रस्‍त / अमानक हुआ था तथा अमानक गेहूं का मूल्‍य खरीदी के समय रूपये 25.08 करोड़ था, जैसा कि प्रश्‍न के उत्‍तर में बतलाया है? (ख) यदि हां तो उक्‍त अमानक गेहूं की नीलामी कर दी गई है? यदि हां तो कितनी राशि में गेहूं किसको बेचा गया एवं हानि कितनी राशि की हुई है? इसके लिए उत्‍तरदायी कौन-कौन है और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या उक्‍त अमानक गेहूं शराब निर्माता डिस्‍टलरियों को औने-पौने दाम पर मिली-भगत से बेचा गया है? यदि नहीं तो क्‍या शासन गेहूं के अमानक होने की जांच करायेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हॉं, रबी उपार्जन वर्ष 2020-2021 में समर्थन मूल्‍य पर खरीदा गया गेहूं भण्‍डारण क्षमता के अभाव एवं परिवहन में की गई लापरवाही निसर्ग चक्रवात के कारण हुई, असामयिक वर्षा से उज्‍जैन जिलों का स्‍कंध जिला/अंतर्जिला परिवहन उपरांत कुल 13166.21 मे.टन. गेहूं पानी से प्रभावित होकर क्षतिग्रस्‍त/अमानक हुआ है एवं अमानक गेहूं की कुल राशि 25.34 करोड़ है। (ख) जी हॉं, उक्‍त 13166.21 मे.टन क्षतिग्रस्‍त/अमानक गेहूं की जिला/मुख्‍यालय स्‍तर पर नीलामी की गई है जिसमें 12471.25 मे.टन मात्रा का उठाव सफल निविदाकारों द्वारा किया गया। नीलामी मात्रा के उठाव उपरांत 694.96 मे.टन. की स्‍थल घटती आई। असमायिक वर्षा से जिला/अंतर्जिला परिवहन उपरांत क्षतिग्रस्‍त/अमानक गेहूं को 92.02 करोड़ रूपयें में ऑनलाईन निविदा के माध्‍यम से सफल निविदाकारों को जिला स्‍तरीय कमेटी के प्रस्‍ताव उपरांत विक्रय किया गया। शासन/विपणन संघ को इस प्रकार राशि रूपये 16.32 करोड की हानि हुई। परिवहनकर्ताओं पर जिला प्रशासन द्वारा विलंब से परिवहन करने के कारण, राशि रूपये 5.09 करोड़ पेनाल्‍टी अधिरोपित की गई है। जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' एवं '' अनुसार है। (ग) जी नहीं, रबी विपणन वर्ष 2020-21 में असामयिक वर्षा से प्रभावित होकर क्षतिग्रस्‍त/अमानक गेहूं की ऑनलाईन निविदा आमंत्रित कर विक्रय की कार्यवाही की गई।

जिला छतरपुर में शासकीय भूमि को खुर्द-बुर्द किया जाना

[राजस्व]

118. ( क्र. 987 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) क्‍या पटवारी हल्‍का बरकुआं ग्राम पलौठा तहसील छतरपुर जिला छतरपुर की भूमि खसरा क्रमांक-237, 239, 244, 753, 712, 713 कुल रकबा 4.404 हेक्‍टेयर म.प्र. शासन की भूमि वर्ष 2018 तक म.प्र. शासन की थी एवं उक्‍त वर्णित खसरा क्रमांक नगर पालिका छतरपुर की सीमा से लगा हुआ है? यदि हां तो किस सन् से म.प्र. की भूमि निरंतर चली आ रही है? किस सन् से उक्‍त भूमि म.प्र. शासन से हटाकर किस-किस के नाम से किस आधार पर की गई? (ख) क्‍या श्री बी.वी. गंगेल तत्‍कालीन अधीक्षक भू-अभिलेख (भू-प्रबंधन) के पद पर आसीन रहे और इनके द्वारा ही अपने परिजनों एवं सहकर्मी स्‍टॉफ के नाम उक्‍त भूमि का बंदरबांट कर म.प्र. शासन की बेशकीमती भूमि को खुर्दबुर्द कर दिया गया है? यदि हां तो किस नियम के आधार पर उक्‍त भूमि को म.प्र. शासन से हटाकर खुर्दबुर्द किया गया है? स्‍पष्‍ट करें। (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त शासन की बेशकीमती भूमि पर काबिज व्‍यक्तियों एवं शासकीय रिकार्ड में की गई छेड़छाड़ करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही कर उक्‍त भूमि को पुन: शासकीय रिकार्ड में दर्ज की जायेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : () जी हां, पटवारी हल्‍का बरकौंहा ग्राम पलौठा तहसील छतरपुर की भूमि खसरा नंबर 237, 239, 244, 753, 712, 713 कुल रकवा 4.404 हे म.प्र. शासन की भूमि वर्ष 2017 तक म.प्र. शासन की भूमि थी। वर्णित भूमि नगरपालिका की सीमा से लगी हुई है, बंदोबस्त वर्ष से वर्ष 2016-17 तक म.प्र. शासन की भूमि निरंतर दर्ज रही है। उक्‍त भूमि खसरा नंबर 237/1, 239, 244, 753 में से 712, 713 कुल किता 6 कुल रकबा 2.595 हे0 वर्ष 2018 से मध्‍यप्रदेश शासन से हटकर रिकार्ड मे कामता पिता बृजगोपाल ब्राम्हण भक्त भूषण तनय बृजबल्लभ कायस्थ बैजनाथ तनय गणेश प्रसाद (फौत) के पुत्र राकेश तनय बैजनाथ कायस्थ सम्पत पुत्री भक्त भूषण कायस्थ, संकल्प पुत्र भारत भूषण गंगेले, रामकुमारी पुत्री भूरेलाल कायस्थ के नाम दर्ज की गई है, दर्ज करने का आधार न्‍यायालय अधीक्षक भू-अभिलेख (भू-प्रबंधन) के प्रकरण क्र. 43/अ-6 (अ) /2005-06 आदेश दिनांक 04/07/2006 एवं अपर तहसीलदार छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 45/अ-27/2007-08 आदेश दिनांक 15/12/2007 के आधार पर की गई। (ख) जी हां, श्री बी.बी. गंगेले तत्कालीन अधीक्षक भू-अभिलेख (भू-प्रबंधन) के पद पर पदस्‍थी के दौरान भू-अभिलेख (भू-प्रबंधन) के प्रकरण क्रमांक 43/अ-6 (अ) /2005-06 आदेश दिनांक 04/07/2006 के द्वारा कामता पिता बृजगोपाल ब्राम्हण भक्त भूषण तनय बृजबल्लभ कायस्थ बैजनाथ तनय गणेश प्रसाद (फौत) के पुत्र राकेश तनय बैजनाथ कायस्थ के नाम से अभिलेख दुरूस्‍ती का आदेश जारी किया गया एवं अपर तहसीलदार छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 45/अ-27/2007-08 आदेश दिनांक 15/12/2007 के द्वारा श्री बी.बी. गंगेले के पुत्र संकल्प पुत्र भारत भूषण गंगेले एवम अन्य सहखतेदारों सम्पत पुत्री भक्त भूषण कायस्थ, रामकुमारी पुत्री भूरेलाल कायस्थ के नाम वर्ष 2017-18 मे अभिलेख में दर्ज की गई। (ग) प्रकरण का परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही होगी।

मत्‍स्‍योद्योग सह संस्‍था द्वारा गबन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

119. ( क्र. 989 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश मत्‍स्‍य महासंघ (मर्या.) अन्‍तर्गत बारना जलाशय को आदर्श मत्‍स्‍योद्योग सह संस्‍था द्वारा किस वर्ष ठेके पर लिया गया था? ठेके की राशि कितनी थी तथा कितने वर्ष के लिये ठेका दिया गया था? (ख) क्‍या उक्‍त संस्‍था द्वारा अंतिम किश्‍त की राशि महासंघ में जमा न कर गबन किया गया है? कितनी राशि बकाया है? (ग) क्‍या आर्बीट्रेशन न्‍यायालय द्वारा संस्‍था के विरूद्ध आवार्ड पारित किया गया है? यदि हां तो संस्‍था के संचालक मण्‍डल के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज क्‍यों नहीं कराया गया? (घ) शासन द्वारा ऐसी दोषी संस्‍थाओं के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित क्‍यों नहीं की जा रही है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मध्‍यप्रदेश मत्‍स्‍य महासंघ (मर्यादित) अंतर्गत बारना जलाशय को वर्ष 1994-95 में दिनांक 17.08.1994 को मत्‍स्‍याखेट/ मत्‍स्‍य विक्रय हेतु तत्‍कालीन म.प्र. राज्‍य मत्‍स्‍य विकास निगम एवं श्री महबुब खान अध्‍यक्ष, आदर्श मत्‍स्‍योद्योग सह. समिति मर्यादित भोपाल के साथ दिनांक 15.06.1999 तक की अवधि के लिये अनुबंध निष्‍पादित किया गया था। अनुबंध अनुसार 5 वर्षों की ठेके की राशि रूपये 1,34,84,762/- थी। यह अनुबंध 5 वर्षों तक निष्‍पादित किया गया था। (ख) अनुबंधानुसार अंतिम वर्ष 1998-99 की किश्‍त राशि रूपये 34.98012 लाख थी जिसे अनुबंधग्रहिता आदर्श मत्‍स्‍योद्योग सहकारी समिति मर्यादित भोपाल को 6 किश्‍तो में जमा करना था, जिसके विपक्ष में अनुबं‍धग्रहिता द्वारा प्रथम व द्वितीय किश्‍त जमा कराई गई, परंतु तृतीय किश्‍त राशि रूपये 6.99603 लाख, जो दिनांक 30.10.1998 को देय थी जमा नहीं कराई गई फलस्‍वरूप प्रबंध संचालक मत्‍स्‍य निगम द्वारा 23.11.1998 को अनुबंध निरस्‍त कर दिया गया, जिसके पश्‍चात अनुबंधग्रहिता समिति मर्यादित भोपाल से राशि रूपये 2.79842 लाख वसूली योग्‍य बकाया थी। (ग) जी हाँ। आर्बीटेशन न्‍यायालय आदर्श मत्‍स्‍योद्योग सहकारी समिति मर्यादित भोपाल के विरूद्ध दिनांक 22.10.2014 को अवार्ड पारित किया गया, जिसके अनुसार बकाया राशि रूपये 279842 लाख को मय 12 प्रतिशत ब्‍याज के 1 माह की अवधि में अनावेदक अर्थात मत्‍स्‍य महासंघ में जमा करानी थी, परंतु आवेदक (पूर्व अनुबंधग्रहिता) द्वारा उक्‍त राशि निर्धारित समय अवधि में जमा नहीं कराई गई और आर्बीटेशन अवार्ड के विरूद्ध भोपाल जिला न्‍यायालय (दशम् अतिरिक्‍त न्‍यायाधीश) में अपील प्रकरण क्रमांक MJC/AV No 05/2015 दायर किया गया जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) प्रश्‍नांश 'ग" के आलोक में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

असिंचित कृषि भूमि के रूप में राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज किया जाना

[राजस्व]

120. ( क्र. 995 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता में सिंचित कृषि भूमि को असीचिंत कृषि भूमि के रूप में राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज करने के क्‍या नीति/नियम/निर्देश है? उन समस्‍त नीति/नियम/निर्देश की प्रतियॉं देवें एवं राजस्‍व रिकार्ड दुरूस्‍त करने में आदेश देने में सक्षम अधिकारी का नाम एवं पूरी प्रक्रिया विस्‍तार से बतावें। (ख) ग्राम औझर तहसील राजपुर जिला बड़वानी की कृषि भूमि सर्वे न. 26/2 एवं 26/3 के वर्ष 2007-08 से वर्ष 2016-17 तक के हस्‍तलिखित खसरों एवं पोर्टलजनरेटेड खसरों की प्रतियॉं उपलब्‍ध कराई जाकर बतावें कि क्‍या उक्‍त भूमि निरंतर 10 वर्षों से सिंचित कृषि भूमि के रूप में राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज हैं एवं सिंचित कृषि भूमि के रूप में बैंक ऑफ इण्डिया शाखा औझर में बंधक थी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) की कृषि भूमि जो 10 वर्षों से सिंचित कृषि भूमि थी, अचानक दिनांक 10.11.2016 मात्र 1 दिन में असिंचित कैसे हो गई? क्‍या यह समस्‍त कार्यवाही प्रश्नांश (क) में बताई गई प्रक्रिया के अनुसार ही नियमों का पालन करते हुए की गई थी? यदि हां तो किस नियम के तहत सही थी? समस्‍त दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किए जावें। नहीं तो किस प्रकार गलत थी? विस्‍तृत प्रतिवेदन देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में प्रस्‍तुत दस्‍तावेजों के अवलोकन से क्‍या यह सिद्ध होता है कि प्रकरण दर्ज किये बगैर दिनांक 10.11.2016 को मात्र एक ही दिन में कथित आवेदन प्राप्‍त होने पर तत्‍कालीन तहसीलदार, राजस्‍व निरीक्षक, पटवारी, कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर के द्वारा षड़यन्‍त्रपूर्वक सिंचित कृषि भूमि के स्‍थान पर कम्‍प्‍यूटर की मदद से राजस्‍व अभिलेखों में असिंचित दर्शा दिया गया? परंतु हस्‍तलिखित खसरे में परिवर्तन नहीं किया गया एवं तत्‍काल बाद दिनांक 18.11.2016, मात्र 07 दिन के पश्‍चात ही उक्‍त कृषि भूमि असिंचित कृषि भूमि के रूप में विक्रय कर दी गयी? यदि हां तो इस कार्य के लिए इन्‍हें सम्‍मानित किया जाएगा या विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए जाऐगें? (ड.) दिनांक 10.11.2016 को प्रश्‍नांश (ख) की भूमि का रिकार्ड दुरूस्‍त करने वाले तत्‍कालीन तहसीलदार का नाम बतावें एवं उनके द्वारा इसी प्रक्रिया से और कितने आदेश जारी किए गए हैं उन समस्‍त आदेशों की जांच की जावेगी या नहीं या इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए अन्‍य तहसीलदारों के द्वारा भी सिंचित भूमि को असिंचित किया जाता रहेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 115 एवं 116 के प्रावधान अनुसार (समय-समय पर संशोधित)। (ख) जिला बड़वानी अन्‍तर्गत तहसील राजपुर के अभिलेखागार में उपलब्‍ध हस्‍तलिखित खसरा वर्ष 2008-09 तथा 2009-10 तथा लोक सेवा केन्‍द्र से प्राप्‍त कम्‍पयुटराईज्ड खसरे में प्रश्‍नाधीन भूमि ग्राम औझर स्थित सर्वे नम्‍बर 26/2 तथा 26/3 के सिंचित तथा बंधक होने बाबत् प्रविष्टि कॉलम नं. 12 निम्‍नानुसार अंकित है:- 1. खसरा वर्ष 2008-09 तथा 2009-10 के कॉलम नं. 12 में कुआं कच्‍चा-1, 3 एच.पी. अंकित है। 2. खसरा वर्ष 2010-11 के सर्वे नं. 26/2 के कॉलम नं.12 में पी. ख.नं. 26/1 के ट्युबवेल से अंकित है एवं सर्वे नं. 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से अंकित है। 3. खसरा वर्ष 2011-12 के सर्वे नं. 26/2 के कालम नं.12 में पी. ख.नं. 26/1 के ट्युबवेल से अंकित है एवं सर्वे नं. 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से अंकित है। 4. खसरा वर्ष 2012-13 में सर्वे नं. 26/2 में पी. ख.नं. 26/1 के ट्युबवेल से तथा बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। सर्वे नं. 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 के तथा बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। 5. खसरा वर्ष 2013-14 में सर्वे नं. 26/2 में पी. ख.नं. 26/1 के ट्युबवेल से एवं बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। सर्वे नं. 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से तथा बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। 6. खसरा वर्ष 2014-15 में सर्वे नं. 26/2, 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी. ख.नं. 26/1 के ट्युबवेल से व 26/3 (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से तथा बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। 7. खसरा वर्ष 2015-16 में सर्वे नं. 26/2, 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी. ख.नं. 26/1 के ट्युबवेल से व 26/3 (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। 8. खसरा वर्ष 2016-17 में सर्वे नं. 26/2 के कॉलम नं. 12 में बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक, प्रबंधक बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर के पत्र ‍दिनांक 20-07-2016 के आधार पर यह खाता बैंक से बंधक मुक्‍त किया जाता है। तहसीलदार राजपुर के आदेश दिनांक 10.11.2016 के आधार पर सिंचित हटाया गया। नामां. पंजी क्र. 01 वर्ष 2016-17 आदेश दिनांक 07-12-2016 से बिक्री नामान्‍तरण स्‍वीकृत है तथा सर्वे नं. 26/3 के कॉलम नं. 12 में तहसीलदार राजपूर के पत्र आदेश दिनांक 10.11.2016 के आधार पर सिंचित हटाया गया, नामान्‍तरण पंजी क्र. 02 वर्ष 2016-17 आदेश दिनांक 07-12-2016 से बिक्री नामान्‍तरण स्‍वीकृत। उपरोक्‍त अनुसार खसरा अवलोकन के आधार पर प्रश्‍नाधीन भूमि वर्ष 2008-09 से 2016 तक सिंचित एवं बंधक दर्ज है। तथा खसरा वर्ष 2016-17 में असिंचित एवं बंधक मुक्‍त दर्ज है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है।                                                              (ग) तहसील कार्यालय राजपुर में शिकायत जांच नस्‍ती की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे                                                      परिशिष्‍ट-ब अनुसार पटवारी प्रतिवेदन मय पंचनामा के तीसरे एवं अंतिम पृष्‍ठ पर तत्कालीन तहसीलदार द्वारा टिप्‍पणी अंकित की गई है कि ‘’मूलत: कम्‍प्युटर ऑपरेटर/आर.आई./पटवारी के प्रतिवेदन मय पंचनामा रिपोर्ट के आधार पर आवश्‍यक रिकार्ड दुरूस्‍त हो।’’ (घ) उत्तरांश (ख) तथा (ग) में उल्‍लेखित दस्‍तावेजों के अनुसार प्रश्‍नाधीन भूमि को सिंचित से असिंचित दर्ज किया गया है। (ड.) प्रश्नांश (ग) में वर्णित पटवारी प्रतिवेदन के अंतिम पृष्‍ठ पर टिप्‍पणी अंकित करने वाले तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार का नाम श्री सुखराम गोलकर है। शेष प्रश्‍नांश के संबंध में नियमानुसार जॉंच कर कार्यवाही की जावेगी।

सिंचाई योजनाओं की जानकारी

[जल संसाधन]

121. ( क्र. 1001 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में विभाग द्वारा गत पांच वर्षों में कौन-कौन सी योजनायें बनाई गई हैं? इन योजनाओं का विस्‍तृत विवरण दें। इन योजनाओं की स्‍वीकृति की क्‍या स्थिति है?                                           (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बतावें कि इन सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति में क्‍या-क्‍या बाधायें हैं? कार्यपालन यंत्री छतरपुर द्वारा इन योजनाओं की स्‍वीकृति हेतु अपने वरिष्‍ठ कार्यालयों को कब-कब लेख किया गया? इन पत्रों पर वरिष्‍ठ कार्यालयों द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट                                    अनुसार है।

परिशिष्ट -"छप्पन"

धान खरीदी के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

122. ( क्र. 1350 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में किन-किन समूहों को खरीदी केन्द्र आवंटित किया गया है, नाम स्थान सहित जानकारी उपलब्ध करावें, खरीदी केन्द्र समूहों को बनाये जाने हेतु शासन द्वारा क्या मापदंड निर्धारित हैं? क्या रीवा जिले में चयनित समूह निर्धारित मापदण्‍ड के अनुसार पात्रता रखते हैं? यदि नहीं तो इन समूहों को किस आधार पर धान खरीदी केन्द्र आवंटित किया गया है? (ख) रीवा जिले में कितनी डिफाल्टर सहकारी समितियां हैं, जिन्हें खरीदी केन्द्र नहीं बनाया गया है? नाम सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। क्या भविष्य में डिफाल्टर समितियों को भी खरीदी केन्द्र बनाया जायेगा? डिफाल्टर सहकारी समितियों के लिये शासन/विभाग द्वारा क्या योजना बनाई गई है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रीवा जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन का कार्य 21 महिला स्‍व-सहायता समूहों को आवंटित किया गया है। महिला स्‍व-सहायता समूहों के नाम एवं स्‍थान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। महिला स्‍व-सहायता समूहों को उपार्जन का कार्य देने हेतु निर्धारित मापदण्‍ड की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, रीवा से प्राप्‍त प्रस्‍ताव अनुसार एनआरएलएम में पंजीकृत स्‍व-सहायता समूह निर्धारित पात्रता एवं मापदण्‍ड में पात्र पाए जाने पर उपार्जन का कार्य आवंटित किया गया है। जिले में अपात्र महिला स्‍व-सहायता समूहों को उपार्जन का कार्य नहीं दिया गया है। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार विगत दो रबी एवं दो खरीफ विपणन मौसम में उपार्जित एवं स्‍वीकृत मात्रा में 0.50 प्रतिशत से अधिक अंतर वाली संस्‍थाओं को अपरिहार्य कारणों से जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन कार्य देने की अनुशंसा करने पर संस्‍था के संबंधित कर्मचारियों से स्‍कन्‍ध की अंतर मात्रा का 50% राशि (समर्थन मूल्‍य की दर से) एफडी के रूप में शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक के पास जमा कराए जाने तथा अंतर की राशि की वसूली के उपरांत संस्‍था को कार्य दिए जाने का प्रावधान किया गया है, तदनुसार पात्रता रखने वाली समितियों को उपार्जन का कार्य दिया गया है। रीवा जिले में 26 अपात्र समितियों को उपार्जन का कार्य नहीं दिया गया है, जिनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। उपार्जन नीति के प्रावधान अनुसार समितियों को उपार्जन का कार्य दिए जाने की व्‍यवस्‍था है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दोषी कम्‍पनी/ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

123. ( क्र. 1404 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) विधान सभा क्षेत्र राजनगर अन्‍तर्गत ग्राम बेडरी के खसरा क्रं. 128 एवं 129 निजी भूमि अनुसूचित जनजाति के कृषक की है? (ख) क्‍या राष्‍ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहों में जो मिट्टी डाली गई है वह निजी भूमि अनुसूचित जनजाति के कृषक की थी? यदि हां तो उसे मुआवजा में कितनी राशि दी गई है? यदि नहीं दी गई तो कब तक दी जावेगी? विवरण देवें एवं विलम्‍ब का कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार उक्‍त प्रकरण की जांच नायब तहसीलदार द्वारा राजस्‍व विभाग को दी गई है जिसमें अनुसूचित जनजाति के कृषक की निजी भूमि प्रतिवेदित है, क्‍या प्रशासन बिना कृषक की सहमति/अनुमति के राष्‍ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहो में डाली गई मिट्टी के लिये दोषी कंपनी/ठेकेदार के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक नहीं तो क्‍यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र राजनगर अन्‍तर्गत ग्राम बेडरी के खसरा क्रमांक 128 एवं 129 निजी भूमि अनुसूचित जनजाति के कृषक की है। (ख) जी हां, यह प्रकरण भू-अर्जन का न होकर अवैध उत्‍खनन का है जिसके तहत पृथक से कार्यवाही की जा रही है भू-अर्जन का प्रकरण न होने से प्रतिकर निर्धारण एवं भुगतान का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के अनुसार राष्‍ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहो में राष्‍टीय राजमार्ग प्राधिकरण इकाई छतरपुर (एनएचएआई) द्वारा अनुबंधित कम्‍पनी पी.एन.सी. कैम्‍प बसारी तहसील राजनगर द्वारा जो उपरोक्‍त निजी भूमि से मिट्टी निकाली गई है के कारण न्‍यायालय नायब तहसीलदार बसारी तहसील राजनगर प्रकरण क्रमांक 0065/बी-121/2021-22 दर्ज किया जाकर मुख्‍य परियोजना प्रबंधक पीएनसी कम्‍पनी कैम्‍प बसारी को नोटिस जारी कर जवाब साक्ष्‍य हेतु तलब किया गया है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन सामग्री का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

124. ( क्र. 1453 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित होने वाले अनाज की गुणवत्ता परीक्षण के विभागीय निर्देश क्या हैं और उचित मूल्य दुकानों से वितरित होने वाले अनाज की गुणवत्ता की जांच एवं परीक्षण किस प्रक्रिया से किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा किस-किस स्तर पर कब-कब किए जाने के नियम/निर्देश हैं? (ख) क्या कटनी जिले में प्रश्नांश (ख) नियमों/निर्देशों का पालन किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में किन-किन भण्‍डारग्रहों से राशन सामग्री का कब-कब उठाव किया गया? किस नाम पदनाम के कौन-कौन शासकीय सेवकों द्वारा सामग्री की किस-किस स्तर पर कब-कब जांच की गयी? गुणवत्ता जांच में क्या पाया गया और क्या परीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या उपभोक्ताओं द्वारा अमानक एवं गुणवत्ताविहीन राशन सामग्री प्राप्त होने की भी शिकायतें की गयी हैं? यदि हाँ, तो जब जांच उपरांत राशन सामग्री वितरण हेतु प्रदाय एवं वितरित की जाती हैं, तो यह शिकायते होने का कारण बताइये। (घ) सार्वजनिक वितरण प्रणाली की निगरानी हेतु जिला जनपद एवं दुकान स्तर पर गठित समितियों के गठन और बैठक एवं कार्यों के क्या-क्या नियम हैं? क्या कटनी जिले में इन समितियों द्वारा नियमानुसार/सुचारु तौर पर कार्य किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में समितियों की बैठकों एवं कार्यों और निरीक्षण की जानकारी प्रदाय करें। यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की जायेगी।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका-7 में खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता की जांच एवं परीक्षण प्रावधानित है। भंडारगृहों से उचित मूल्‍य दुकानों को खाद्यान्‍न प्रदाय के पूर्व खाद्य विभाग, वेयरहाऊसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन एवं मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज़ कार्पोरेशन के अधिकारियों को जिला/विकासखण्‍ड स्‍तरीय अधिकारियों द्वारा खाद्यान्‍न के स्‍टेक की गुणवत्‍ता जांच कर प्रदाय हेतु स्‍टेकों का चयन किए जाने के निर्देश हैं। (ख) जी हां। कटनी जिले में विगत 2 वर्षों में प्रतिमाह प्राप्‍त आवंटन अनुसार जिन गोदामों से सामग्री का उठाव किया गया, उनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टअ अनुसार है। प्रदाय केन्‍द्र प्रभारी, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, शाखा प्रबंधक, वेयरहाऊसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन एवं कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा संयुक्‍त रूप से गुणवत्‍ता की जांच की जाती है। जांच रिपोर्ट की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) कटनी जिले में उपभोक्‍ताओं द्वारा अमानक एवं गुणवत्‍ताविहीन सामग्री प्राप्‍त होने की लिखित शिकायत नहीं की गई हैं। उचित मूल्‍य दुकानों पर जब कभी नॉन एफएक्‍यू राशन प्रदाय होने की जानकारी प्राप्‍त होती है तो, उसको उसी स्‍तर पर वितरण के पूर्व ही वापस कर एफएक्‍यू गुणवत्‍ता का राशन प्रदाय कर वितरण कराया जाता है। (घ) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जिला, जनपद एवं उचित मूल्‍य दुकान स्‍तरीय सतर्कता समितियों के गठन, बैठक एवं कार्यों के नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। कटनी जिले में सतर्कता समिति द्वारा कार्य किया जा रहा है तथा समितियों की बैठक एवं कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टद अनुसार है।

देवरी विधान सभा क्षेत्र में नई राशन दुकानों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

125. ( क्र. 1501 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले अंतर्गत देवरी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन-किन स्‍थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई है? (ख) उपरोक्‍त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गांव ऐसे हैं, जहॉं ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? (ग) इस अवधि में कितने ऐसे गांवों में नयी राशन की दुकान खोली गई जहॉं ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता था? (घ) कई दूरस्‍थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई, उसका क्‍या कारण है? जिन गांवों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं, उसके लिए कौन अधिकारी दोषी हैं तथा उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित जिले के प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में कोई भी नई राशन दुकान नहीं खोली गई है। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 86 ग्राम ऐसे हैं, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 03 किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में ऐसे किसी भी ग्राम में नवीन उचित मूल्‍य की दुकान नहीं खोली गई, जहां ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 03 कि.मी. या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है। (घ) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रचलित प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान खोले जाने का प्रावधान है। मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 उक्‍त प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में 02 दुकानविहीन ग्राम पंचायतों बिजौरा (खामखेड़ा) एवं सुजानपुर में उचित मूल्‍य दुकान आवंटन हेतु विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसके अंतर्गत कोई भी पात्र आवेदन प्राप्‍त नहीं होने से उक्‍त दोनों ग्राम पंचायतों में उचित मूल्‍य की दुकान आवंटित नहीं की जा सकी है। प्रत्‍येक ग्राम में उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान नहीं है। अत: कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।