मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
सितम्बर, 2020 सत्र
मंगलवार, दिनांक 22 सितम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पांचवीं
अनुसूची के
प्रावधानों
का ब्यौरा
[आदिमजाति कल्याण]
1. ( *क्र. 96 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची, अनुच्छेद 244 (1) के तहत अधिसूचित क्षेत्रों, अधिसूचित क्षेत्रों में निवास करने वाले जनजातियों के संरक्षण, सुरक्षा, कल्याण, उन्नति के लिए क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं एवं अधिसूचित क्षेत्रों के किन-किन संसाधनों पर किस आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र या अधिसूचना के तहत जनजातियों को कौन-कौन से अधिकार एवं शक्तियां प्रदान की गईं हैं? प्रति सहित ब्यौरा दें। (ख) अप्रैल 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक आदिम जाति मंत्रणा परिषद की कितनी बैठकें आयोजित की गईं हैं? उक्त बैठकों में क्या-क्या प्रस्ताव पारित किए गए? कौन-कौन से प्रस्ताव लंबित हैं? प्रस्ताव लंबित होने का कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या गैर-जनजाति व्यक्ति आदिम जाति मंत्रणा परिषद् का सदस्य बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो संविधान के किस नियम के तहत? प्रति सहित ब्यौरा दें। (घ) अप्रैल 2017 से प्रश्न-दिनांक तक संविधान के अनुच्छेद 244 (1) पांचवीं अनुसूची के तहत शासन द्वारा 89 ट्राईबल विकासखण्डों के लिए क्या-क्या फैसले लिए गए? किन-किन योजनाओं/प्रयोजनों के लिए क्या अधिसूचना, आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी किए गए?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची अनुच्छेद 244 (1) के तहत अधिसूचित क्षेत्रों एवं अन्य क्षेत्रों, अधिसूचित क्षेत्रों में निवास करने वाले जनजातियों के संरक्षण, सुरक्षा, कल्याण, उन्नति के लिए किए गए प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों का वेतन एवं सेवा शर्तें
[सामान्य प्रशासन]
2. ( *क्र. 487 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदा कर्मचारियों को 90 प्रतिशत वेतन देने का निर्णय किस सरकार द्वारा किस वर्ष में लिया गया था? क्या शासन के समस्त विभागों में 90 प्रतिशत वेतन कर्मचारियों को दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस वर्ष से? (ख) केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों का वेतन 90 प्रतिशत अभी तक न किये जाने का कारण क्या है? विभागवार कारण सहित पृथक-पृथक बताएं। (ग) वर्ष 2013 में नियुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र के अधीन कार्यरत एम.आई.एस. विकासखण्ड कोऑर्डिनेटर का वेतनमान निर्धारण कितना किया गया है। प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक सी-5-2/2018/1/3, दिनांक 5 जून, 2018 की कंडिका क्रमांक 1.14.5 में वर्णित आदेश के उपरांत भी MIS, Block Coordinator के वेतन में 90 प्रतिशत मानदेय आज दिनांक तक क्यों लागू नहीं किया गया? यदि किया जाएगा तो कब से किया जाएगा? मानदेय निर्धारण के उपरांत जो समय बीत गया है, उस समय का क्या एरियस भुगतान किया जाएगा? (घ) 1 जनवरी, 2019 से मार्च 2019 तक सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों के संबंध में क्या-क्या तथा कुल कितने आदेश जारी किए गए हैं? इन आदेशों की प्रति, सहित बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मंत्रि-परिषद् आदेश आयटम क्रमांक 31, दिनांक 29 मई, 2018 में निर्णय लिया गया। शेषांश जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से 31 मार्च, 2019 तक कुल 2 आदेश/निर्देश जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विधायक स्वेच्छानुदान राशि का आवंटन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
3. ( *क्र. 229 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 में विधायक स्वेच्छानुदान में कितना बजट स्वीकृत था एवं कितना आवंटित किया गया? (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश की कौन-कौन सी विधानसभाओं में विधायक स्वेच्छानुदान में स्वीकृत बजट के अनुसार पूरी राशि दी गई एवं किन-किन में बजट से कम आवंटन किया गया? किन-किन में प्रश्न दिनांक तक पूरा बजट दिया गया? किन-किन में शेष है? कारण सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्नकर्ता द्वारा अनुशंसित जरुरतमंद व्यक्तियों को बजट के अभाव में राशि नहीं मिलने पर कौन जिम्मेदार है? प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर छतरपुर द्वारा बजट दिए जाने की मांग पर क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर में वित्तीय वर्ष 2019-20 विधायक स्वेच्छानुदान हेतु राशि रु. 15,00,000/- के सापेक्ष राशि रु. 14,01,745/- को आवंटित किया गया है। (ख) योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में विधानसभा क्षेत्रवार आवंटित राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। आवंटन कम प्रदाय का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में उल्लेखित है। (ग) राज्य शासन से प्राप्त बजट आवंटन अनुसार राशि का आवंटन किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष राशि आवंटित किये जाने हेतु वित्त विभाग से अनुरोध किया गया है।
सी.एम.एच.ओ. उमरिया के विरूद्ध शिकायतों की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( *क्र. 388 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एम.एच.ओ. उमरिया के विरूद्ध उमरिया जिले के जन प्रतिनिधियों, आम जनता एवं कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें शासन के विभिन्न स्तरों पर की गई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन प्रतिनिधियों, आम जनता एवं कर्मचारियों द्वारा कब-कब क्या-क्या शिकायतें की गईं हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी के विरूद्ध विभिन्न शिकायतों की जांच नियमानुसार निलंबित/स्थानान्तरित कर की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? अभी तक की गई शिकायतों की जांच/प्रतिवेदन एवं उनमें पाये गये गुण दोष की प्रति उपलब्ध करायें तथा कितने शेष हैं? कब तक में पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में प्रश्नांकित उल्लेखित भ्रष्टाचार में सहयोग न करने वाले वरिष्ठ कर्मचारियों को वर्षों से उनके पदानुरूप कार्य उनसे छीन लिया गया हैं? उन वरिष्ठ कर्मचारियों का कार्य कनिष्ठ एवं उसके सहयोगी कर्मचारियों द्वारा कराया जा रहा है? किन-किन कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर का कार्य सौंपा गया हैं? उमरिया जिले के सी.एम.एच.ओ. कार्यालय में पदस्थ लेखापाल का नाम बतावें। उक्त लेखापाल द्वारा विगत वर्षों (दिनांक 01.09.2018 से प्रश्न दिनांक तक) संधारित लेखा पंजियों का हस्ताक्षर सहित छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त सी.एम.एच.ओ. की यातनाओं से हिम्मत हार रहे किसी वरिष्ठ कर्मचारी द्वारा सपरिवार इच्छा मृत्यु की अनुमति हेतु आवेदन दिया गया है? यदि हाँ, तो उसका नाम एवं कारण बतावें तथा उसके आवेदन में क्या कार्यवाही की गई है, उसके पालन प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में वर्णित शिकायतों की जांच पर कार्यवाही, कार्यालय क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, रीवा संभाग, रीवा के अधीन प्रचलन में है। स्पष्ट जांच प्रतिवेदन अभिमत सहित प्राप्त होने पर संबंधित के विरूद्ध परीक्षणोपरान्त गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही कर उन्हें अन्यत्र पदस्थ करने संबंधी निर्णय लिया जावेगा। उक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। जी हाँ, वरिष्ठ कर्मचारियों क्रमशः श्री संतोष कुमार लेखापाल के विरूद्ध तीन लोकायुक्त जांच प्रकरण पंजीबद्ध होने एवं श्री कौशल प्रसाद साकेत, सहायक ग्रेड-2 के विरूद्ध गंभीर अनियमितता की शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलित होने के कारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला उमरिया ने कार्य परिवर्तन आदेश दिनांक 24.08.2019 जारी किये हैं। श्री कौशल प्रसाद साकेत, सहायक ग्रेड-2 को जिला मलेरिया अधिकारी जिला उमरिया का समस्त लिपिकीय प्रभार आदेश क्रमांक.7674-75/दिनांक 15.06.2020 तथा श्री वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, सहायक ग्रेड-2 को सिविल सर्जन उमरिया कार्यालय की क्रय शाखा का कार्य आदेश क्रमांक 8950/दिनांक 21.08.2018 द्वारा सौंपा गया है। उमरिया जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ श्री भइयालाल वारी, सहायक ग्रेड-2 को आदेश दिनांक 24.08.2019 द्वारा लेखापाल का प्रभार सौंपा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। श्री कौशल प्रसाद साकेत, सहायक वर्ग-2 कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला उमरिया ने डॉ. राजेश श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला उमरिया के विरूद्ध आवेदक को जातिगत प्रताड़ित किये जाने, मानव अधिकार का हनन, लिपिकीय कार्य से वंचित तथा आवेदक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही साजिश किये जाने के कारण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम 1989 के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने अथवा प्रार्थी को न्याय नहीं मिलने की दशा में सपरिवार सहित इच्छा मृत्यु की अनुमति बाबत् आवेदन पत्र दिनांक 28.07.2020 प्रेषित किया जो संचालनालय में दिनांक 08.09.2020 द्वारा प्राप्त हुआ, जिस पर कार्यवाही प्रचलन में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी राशि जारी की जाना
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
5. ( *क्र. 398 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जनभागीदारी मद से निर्माण कार्य कराये जाने हेतु राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 में सागर जिले में कितनी राशि प्रदाय की गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ख) क्या शासन द्वारा इस योजना पर प्रतिबंध लगा दिया गया है? यदि नहीं, तो शासन शहर विकास हेतु जनभागीदारी से कार्य कराये जाने हेतु शीघ्र ही राशि प्रदान करेगा तथा कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रु. 125.00 लाख का आवंटन दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, वर्ष 2020-21 में सागर जिले को राशि आवंटित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत के ठेकों में एरिया तथा ऑफसेट प्राईज तय करने की प्रकिया
[खनिज साधन]
6. ( *क्र. 319 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 -20 में शासन द्वारा रेत के जो ठेके दिये गये, उसमें जिलों में रेत खनन का एरिया तथा ऑफसेट प्राईज तय करने की क्या प्रक्रिया अपनायी गयी है? (ख) बालाघाट जिले के जिला खनिज विभाग द्वारा रेत खनन हेतु कितना एरिया तथा कितनी ऑफसेट प्राईज खनिज विभाग म.प्र. को भेजी गयी थी? (ग) क्या जिला खनिज विभाग द्वारा भेजे गये ऑफसेट प्राईज को टेण्डर के समय काफी कम करके विभाग को करोड़ों रूपये की जानबूझकर क्षति पहुँचाई गयी? क्या पूरे प्रकरण की जांच शासन करवाएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2019-20 में रेत की नीलामी खदानवार नहीं की जाकर संपूर्ण जिले का एक समूह मानकर की गयी है। जिला कलेक्टरों से प्राप्त जानकारी को सार्वजनिक रूप से खदानवार प्रकाशित कर प्राप्त सुझाव एवं आपत्तियों पर विचार करते हुए तथा संबंधित जिले में विगत तीन वर्षों में हुई रेत की बिक्री एवं अन्य आधारों के दृष्टिगत प्रत्येक जिला समूह के लिये विक्रय योग्य मात्रा नियत किया गया। विक्रय योग्य मात्रा के साथ रॉयल्टी राशि रूपये 125/- प्रति घन मीटर के मान से गणना कर जिला समूह की ऑफसेट प्राईज निर्धारित कर निविदा जारी की गई। (ख) बालाघाट जिले के जिला खनिज विभाग द्वारा कुल 69 रेत धारित क्षेत्रों का कुल रकबा 330.827 हेक्टेयर क्षेत्र पर अनुमानित आंकलित कुल 4508949 घन मीटर रेत मात्रा, जिसका कि रूपये 125/- के मान से मूल्य गणना रूपये 56,36,17,625/- होता है, जानकारी प्रेषित की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। जिला खनिज कार्यालय द्वारा सिर्फ जानकारी प्रेषित की गई थी। जिले के लिये कुल 1500000 घन मीटर विक्रय योग्य मात्रा एवं रूपये 125/- के मान से कुल 18.75 करोड़ रूपये का ऑफसेट प्राईज निर्धारित कर निविदा जारी की गई, जिसमें सर्वोच्च ऑफर रूपये 34,99,44,441/- (चौंतीस करोड़, निन्यानवे लाख, चवालिस हजार चार सौ इकतालिस) की स्वीकृत हुई है, जो कि सर्वाधिक है। बालाघाट जिले में वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कुल विक्रित मात्रा क्रमश: 602400, 778579 एवं 989186 घन मीटर मात्र रहा है। शासन को क्षति न होकर अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। अत: जांच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम अंतर्गत नियुक्त मेंटर
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
7. ( *क्र. 461 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिसम्बर 2019 के पूर्व प्रदेश में जन अभियान परिषद् द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता कार्यक्रम के तहत विकासखण्डों में मेंटर नियुक्त किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो विकासखण्डवार नियुक्त मेंटरों की नाम सहित पदस्थता दिनांक सहित सूची देवें एवं यह भी बतलावें की वर्तमान समय में इनके क्रियाशील न रहने के क्या कारण है? (ग) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पूर्व के शासन की विभिन्न योजनाओं के सहभागी रहे, इन उच्च शिक्षित परामर्शदाताओं की पूर्व की सेवाओं को देखते हुए आवश्यकता अनुरूप इनकी सेवायें शासकीय परियोजनाओं में प्राथमिकता से समाहित किये जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मीसाबंदी पेंशन की स्वीकृति
[सामान्य प्रशासन]
8. ( *क्र. 420 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1289, दिनांक 18/12/2019 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया गया था कि पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि स्व. श्री अग्रवाल को दिनांक 12/08/1975 को धारा 151 जा.फौ. के तहत गिरफ्तार किया जाकर दाखित कराया गया था, जो प्रतिबंधक कार्यवाही के तहत मात्र एक सप्ताह जेल निरूद्ध रहे इस आधार पर मीशाबंदी की परिधि में नहीं आते हैं। (ख) प्रश्न (क) के अनुसार यदि हाँ, तो धारा 151 की अपराधिक प्रकरण की प्रति उपलब्ध करायी जाये। उक्त व्यक्ति को किस आधार पर छोड़ा गया था? उक्त आदेश की छाया प्रति उपलब्ध करायी जाये।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) स्व. श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल को दिनांक 12.08.1975 को धारा 151 जा.फौ. के तहत म.प्र. शासन द्वारा कोतवाली छतरपुर में अपर कलेक्टर जिला दण्डाधिकारी को पंजी SPWI-634-37, 5M-62 Register of Original Miscellaneous Proceedings Court of Magistrate पंजी सरल क्र. 34 एवं 39 पर दर्ज है। पारित आदेश दिनांक 14.01.1976 के द्वारा पंजी में टीप की गयी है कि चूंकि प्रकरण को चलते छ: माह से उपर हो गये तथा अनावेदक अन्य मामले में छ: माह की सजा भोग रहा है व जेल में है, ऐसी दशा में मामले में आगे कार्यवाही की आवश्यकता नहीं मामला 116 (6) जा.फौ. के तहत नहीं आता प्रकरण नस्तीबद् हो। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण 45 वर्ष पुराना होने के कारण प्रकरण की खोज की जा रही है।
विलीन की गयी संस्था के कर्मचारियों को लाभ
[सामान्य प्रशासन]
9. ( *क्र. 663 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2009-10 के विधानसभा सत्र में दिनांक 28.07.2009 के प्रश्न क्रमांक 4642 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जवाब में बताया गया था कि किसी भी संस्था के विलयन की दशा में विलीन संस्था के कर्मचारियों को विलयन करने वाली संस्था के सभी लाभ दिए जावेंगे? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक मनासा ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति मनासा के कर्मचारियों को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में विलयन पश्चात पदोन्नति, पेंशन, वेतन भत्तों सम्बंधित कोई लाभ क्यों नहीं दिया गया? क्या इस वितरण समिति के कर्मचारियों को उक्त सभी लाभ दिए जावेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा का उल्लेख करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की विदेश यात्राएं
[वित्त]
10. ( *क्र. 430 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 17 दिसम्बर, 2018 से 20 मार्च, 2020 तक मध्यप्रदेश के कौन-कौन माननीय मंत्री, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा व राज्य कर्मचारी सेवा के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किन-किन देशों की, किन-किन दिनांकों में यात्राएं की गईं? विदेश यात्रा हेतु कर्मचारियों एवं अन्य को यात्रा पर जाने के लिए शासन द्वारा क्या गाईडलाईन बनाई गई है? विदेश यात्रा पर जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पद सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कौन-कौन माननीय मंत्रियों/अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा विदेश यात्राएं शासकीय स्तर पर की गईं एवं निजी यात्राएं की गईं? यह यात्राएं किन-किन कार्यों के लिए की गईं? विदेश जाने हेतु शासन द्वारा किन-किन तिथियों में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को विदेश जाने की अनुमति दी गई है? इन यात्राओं पर शासन की कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? केडरवार एवं वर्षवार, नाम व पद सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ऐसे कितने कर्मचारी/अधिकारी हैं, जिनको शासन द्वारा अनुमति नहीं देने के बाद भी उनके द्वारा विदेश यात्राएं की गई हैं? उन अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम एवं पद सहित जानकारी दें? इसके लिए दोषी कौन है।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
तीसरी संतान होने पर कर्मचारी पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( *क्र. 120 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ प्रेम कुमार डोंगरे औषधि निरीक्षक की तीसरी संतान की जानकारी क्या उक्त औषधि निरीक्षक के द्वारा अपने विभाग को लिखित में की है? उक्त तीसरी संतान के बर्थ सर्टिफिकेट की एक प्रति दें? (ख) दिनांक 26.01.2001 के पश्चात् या अन्य तिथि के बाद शासकीय सेवा में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तीसरी संतान के पैदा होने के क्या नियम हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमों का प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्मचारी के द्वारा पालन किया गया है? अगर नहीं तो राज्य शासन कब तक उक्त अधिकारी को सेवा से बर्खास्त करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। तीसरी संतान के बर्थ सर्टिफिकेट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) शासकीय सेवा में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तीसरी संतान के पैदा होने के नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमों के परिप्रेक्ष्य में श्री प्रेम कुमार डोंगरे को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कार्यालयीन पत्र क्र. 11/प्रा.वि.जा./4/2020/2737, दिनांक 23.07.2020 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
विद्युत करेंट लगने से हुई मृत्यु की जांच
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 383 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 07.08.2020 को बीला पोषक नहर के 15 फीट ऊंचे मलबे के ऊपर से निकली 11 हजार के.व्ही. विद्युत लाईन के करेंट से सेमरा रामचन्द्र निवासी सोलह वर्षीय कपिल सिंह लोधी की मृत्यु हुई? यदि हाँ, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या वह बालक जो अपनी गाय को खोजने जाता है और उसका सर तार से टकरा कर मृत्यु हो जाती है, क्या बीला पोषक नहर के ठेकेदार जिन्होंने पहले से निकली हुई लाइन के नीचे 15 फीट ऊंचे मलबे का ढेर बनाया है या विद्युत विभाग? स्पष्ट करें। (ख) पुलिस द्वारा उपरोक्त में से किसे दोषी बनाया गया है और दोषियों के विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (ग) क्या इसमें मृत बालक के परिवारजनों के लिए किसी प्रकार की मुआवजा राशि का प्रावधान है? यदि हाँ, तो परिजनों को मुआवजा राशि कितनी और कब प्रदान की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, 11 के.व्ही. लाईन के नीचे लगभग 15 फुट ऊंचे पोषक नहर के मलबे का ढेर लगा हुआ था, जिससे लगभग 10 फुट दूरी से खेतों में आने-जाने का रास्ता (पगडंडी) है तथा इस पगडंडी से सुगमतापूर्वक आवागमन किया जा सकता है। किन्तु पगडंडी से हटकर मलबे के ढेर पर चढ़ने एवं विद्युत लाईन के संपर्क में आने से प्रश्नाधीन घातक विद्युत दुर्घटना घटित हुई है, जिसके लिये म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जिम्मेदार नहीं है तथापि उक्त प्रकरण की जांच संबंधित म.प्र. पुलिस थाना बण्डा द्वारा की जा रही है। (ख) प्रश्नाधीन प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट क्र. 00095/2020, दिनांक 07.08.2020 संबंधित म.प्र. पुलिस थाना, बण्डा में दर्ज की गई है एवं वर्तमान में पुलिस द्वारा प्रकरण पर कार्यवाही/विवेचना प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में घातक/अघातक विद्युत दुर्घटना में पीड़ित पक्ष को मुआवजा दिये जाने संबंधी लागू आदेश दिनांक 10.04.2015, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है, में निहित प्रावधानों के तहत प्रश्नाधीन प्रकरण में मुआवजे की पात्रता नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
वित्तीय वर्ष 2019-20 की विधायक निधि का प्रदाय
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
13. ( *क्र. 469 ) श्री संजय शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र तेंदूखेड़ा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रश्नकर्ता द्वारा विधायक निधि के कितनी राशि के प्रस्ताव कौन-कौन से दिनांक में, कौन-कौन से पत्र क्र. द्वारा, किन-किन कार्य एजेंसियों को, किन-किन कार्यों हेतु प्रदान किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, कौन-कौन से कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति, किन-किन दिनांकों में प्रदान की गई? कौन-कौन से कार्यों की प्रथम किस्त की राशि कार्य एजेंसियों को प्रदान की गई है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, क्या प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के बाद भी विधायक निधि की राशि लेप्स हो जाती है? यदि नहीं, तो, कार्य एजेंसियों को दूसरी किस्त की राशि प्रदान क्यों नहीं की जा रही है? कारण बतायें। सम्बंधित कार्य एजेंसियों को दूसरी किस्त की राशि कब तक प्रदान की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, क्या दूसरी किस्त की राशि मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला प्रशासन से वापिस ले ली गई है या जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय नरसिंहपुर के अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उक्त राशि लेप्स हो गई है? यदि उपरोक्त राशि लेप्स हो गई है, तो इसके लिये दोषी कौन है? दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। 31 मार्च को लेप्स हो जाने से द्वितीय किश्त जारी नहीं हो सकी। अपूर्ण कार्यों की लेप्स राशि के संबंध में जिलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। (घ) जी नहीं। मार्च के अंतिम सप्ताह में कोषालय सर्वर बन्द हो जाने के कारण राशि आहरित नहीं हो सकी। इसमें किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सौभाग्य योजनांतर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
14. ( *क्र. 604 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजनांतर्गत किए गए विद्युतीकरण से अभी तक कितने टोले/मजरे शेष हैं तथा कब तक विद्युतीकरण का कार्य करा दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना में किये गये विद्युतीकरण कार्य का ठेकेदारों का कितना भुगतान लंबित है? कब तक भुगतान करा दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सीधी जिले में सौभाग्य योजनांतर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार चिन्हित किये गये सभी मजरों/टोलों/बसाहटों के 47878 अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, वर्तमान में उक्त योजनांतर्गत चिन्हित मजरों/टोलों/बसाहटों के किसी भी घर के विद्युतीकरण का कार्य शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) सीधी जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत ठेकेदारों को रूपये 28.61 करोड़ का भुगतान किया जाना लंबित है। योजनांतर्गत वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार भुगतान किया जाना संभव होगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रमाण का निराकरण
[ऊर्जा]
15. ( *क्र. 274 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्व. हबीब खां, लाइन परिचारक दिनांक 30.03.2005 तक कार्यालय कनिष्ठ अभियंता म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि., चंदेरा जिला टीकमगढ़ में विभागीय कार्य पर उपस्थित थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की लाश दिनांक 03.04.2005 को मिली थी तो कहां पर? ग्राम बाबई के चौकीदार ने क्या पुलिस चौकी बमोरीकलां थाना जतारा में इसकी सूचना दी थी तो कब और कितने बजे? क्या चौकीदार की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात हमलावरों के विरूद्ध एफ.आई.आर. क्र. 153/05, दिनांक 23.04.2005 दर्ज की गई थी, जिसमें मृत्यु दिनांक क्या थी? ऐसी एफ.आई.आर. की एवं सब परीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ग) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर में आदेश क्र. 7836 जबलपुर, दिनांक 12.12.2014 के आदेश अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति नीति 2013 (संशोधित) की छायाप्रतियां प्रदाय करें एवं यह भी बताएं कि स्व. श्री हबीब खां के उत्तराधिकारी उनके पुत्र मोहम्मद रिजवान ने कब-कब कहां-कहां अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन पत्र विद्युत विभाग के कार्यालयों में, जिले में, जिले के अंदर एवं कार्यालय मुख्य अभियंता (सागर क्षेत्र) में दिये थे? ऐसे सभी आवेदन पत्रों की छायाप्रतियां प्रदाय करें एवं इसके बदले में विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएँ कि प्रश्न दिनांक तक विद्युत मंडल इन्हें अनुकम्पा नियुक्ति पात्र होने के बावजूद क्यों नहीं दे रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, स्व. श्री हबीब खाँ, लाईन परिचारक दिनांक 30.03.2005 तक कार्यालय कनिष्ठ अभियंता, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, चंदेरा, जिला टीकमगढ़ में विभागीय कार्य पर उपस्थित थे। (ख) लाईन परिचारक स्व. श्री हबीब खां की लाश दिनांक 03.04.2005 को महीपत यादव के कुआं पर ग्राम-मौथी में मिली थी। ग्राम बाबई के चौकीदार ने पुलिस चौकी बमोरीकला थाना जतारा में इसकी सूचना दिनांक 03.04.2005 को दोपहर में 12:05 बजे दी थी। चौकीदार की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. क्रमांक-153/05, दिनांक 23.04.2005 को दर्ज की गई थी, जिसमें मृत्यु दिनांक 30.03.2005 से दिनांक 02.04.2005 के बीच की अवधि में होना दर्शाया गया। एफ.आई.आर. एवं शव परीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक 7836, दिनांक 12.12.2014 द्वारा पूर्व में जारी अनुकंपा नियुक्ति नीति-2013 (संशोधित) की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। स्व. श्री हबीब खाँ के वारिसों द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु समय-समय पर 7 आवेदन प्रस्तुत किये गये, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार एवं उक्त आवेदनों/पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि श्री मोहम्मद रिजवान द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रस्तुत आवेदनों/पत्रों के साथ स्व. श्री हबीब खाँ के दो अलग-अलग मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये गये, जिनमें मृत्यु दिनांक भिन्न-भिन्न थी, जिनकी छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है। साथ ही एफ.आई.आर. क्रमांक 153/05, दिनांक 23.04.2005 में मृत्यु दिनांक 30.03.2005 से दिनांक 02.04.2005 के बीच में होना दर्शाया है। स्व. श्री हबीब खाँ की मृत्यु दिनांक में पाई गई भिन्नता के संबंध में आवेदक को कार्यपालन अभियंता (सं./सं.) टीकमगढ़ के पत्र क्र. 2632, दिनांक 28.09.2015, पत्र क्र. 4874, दिनांक 16.02.2016 एवं पत्र क्र. 968, दिनांक 26.05.2018 द्वारा अवगत कराया गया, जिनकी छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ज' अनुसार है। अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013 (संशोधित) के बिन्दु क्रमांक 1.2 के अनुसार ऐसे कार्मिक, जिनकी मृत्यु दिनांक 15.11.2000 के पश्चात किन्तु दिनांक 10.4.2012 के पूर्व म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल/कंपनी का कार्य करते समय, आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावरों द्वारा हत्या अथवा कार्य करते समय वाहन दुर्घटना के कारण हुई हो, के आश्रितों को कंडिका 2 एवं 3 में वर्णित पात्रता की शर्तों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013 (संशोधित) के बिन्दु क्रमांक 3.2 (ब) के अनुसार दिनांक 10.4.2012 के पूर्व के दुर्घटना मृत्यु के प्रकरणों के लिए संशोधित नीति जारी होने की दिनांक से 3 वर्ष तक पद उपलब्ध होने पर ही आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता होगी। स्वर्गीय श्री हबीब खां दिनांक 30.3.2005 तक ही कार्यालय कनिष्ठ अभियंता, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, चंदेरा जिला टीकमगढ़ में विभागीय कार्य पर उपस्थित थे। इनके परिजनों द्वारा दो मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें मृत्यु दिनांक 2.4.2005 एवं 3.4.2005 अंकित है तथा इस संबंध में कंपनी द्वारा वांछित स्पष्टीकरण भी आवेदक ने उपलब्ध नहीं कराया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में श्री मोहम्मद रिजवान पिता स्व. श्री हबीब खां अनुकंपा नियुक्ति नीति (संशोधित) 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्र नहीं पाए गए।
अध्यापकों के नियम विरूद्ध स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
16. ( *क्र. 379 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1787, दिनांक 19 जुलाई, 2019 के संबंध में बताया गया था कि जिला पंचायत कार्यालय के स्थानांतरण से संबंधित अभिलेखों की खोजबीन की जा रही है और प्रकरण की जांच प्रचलित है, तो क्या कार्यालय से गुम हुये सभी दस्तावेज प्राप्त हो गये हैं? यदि नहीं, तो दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों की गई है? (ख) क्या जांच के दौरान श्री डुलेश्वर साहू, कम्प्यूटर ऑपरेटर, जिला पंचायत सिवनी द्वारा अपने कथन दिनांक 16.11.2018 में बताया है कि नियम विरूद्ध अध्यापकों के जो स्थानांतरण आदेश्ा किये गये हैं, उन्हे श्री ओमेगा पॉल, इफ्राईम परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के निर्देशानुसार डिस्पैच कराया जाकर, उन्हें मूल प्रति वापस कर दी गई है? यदि हाँ, तो श्री ओमेगा पॉल पर उक्त कथन के आधार पर दोषी मानकर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कर्मचारी श्री डुलेश्वर साहू, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कथनानुसार श्री ओमेगा पॉल इफ्राईम, परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी को दोषी न मानकर तत्कालीन शाखा प्रभारी सुश्री श्रृद्धा उइके को नोटिस जारी किया गया, जो उस कार्यवाही के दौरान अवकाश अवधि में थी? यदि हाँ, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ, वर्तमान में जांच प्रचलन में है, सभी दस्तावेज अभी तक प्राप्त नहीं हुये हैं। प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर प्रभारी लिपिक श्री डी.पी. सनोडिया, सहायक ग्रेड-1 श्री डी.के. यादव, सहायक ग्रेड-1 तथा श्री तुषार सुखदेव, सहायक ग्रेड-3 को निलंबित कर आरोप-पत्र जारी किये गये हैं। साथ ही शाखा प्रभारी सुश्री श्रद्धा उईके, सहायक परियोजना समन्वयक (संविदा) को नोटिस जारी किया गया है। (ख) जी हाँ। श्री ओमेगा पाल, परियोजना अधिकारी पर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र दिनांक 12.9.2020 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी जिला सिवनी को दिये गये हैं। (ग) अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण 01 जनवरी, 2018 से 05 अक्टूबर, 2018 की अवधि में हुये थे, सुश्री श्रद्धा उईके 28 अगस्त, 2018 से 10 सितम्बर, 2018 तक चिकित्सा अवकाश पर थी। अवकाश अवधि को छोड़कर शेष अवधि में सुश्री उईके ही शिक्षा शाखा प्रभारी थी। इसलिये सुश्री श्रद्धा उईके को नोटिस जारी किया गया।
ऑनलाईन शैक्षणिक व्यवस्था की फीस वसूली
[स्कूल शिक्षा]
17. ( *क्र. 184 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के अंतर्गत पनागर विधानसभा क्षेत्र में अशासकीय विद्यालयों द्वारा ऑनलाईन शैक्षणिक व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो ऑनलाईन शिक्षा के नाम पर किस-किस मद में कितनी फीस वसूली जा रही है? स्कूलवार एवं कक्षावार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने छात्र छात्राओं ने स्कूल में ऑनलाईन या ऑफलाईन प्रवेश लिया है? स्कूलवार जानकारी दें। जिन छात्रों ने प्रवेश नहीं लिया है, उन छात्रों के लिये शिक्षण की क्या व्यवस्था है? (ग) क्या फीस न देने के कारण छात्र छात्राओं को ऑनलाईन शिक्षा से वंचित किया गया है? यदि हाँ, तो शिक्षा से वंचित किये गये छात्रों के लिये कौन दोषी है? (घ) क्या प्रवेश न देने वाले एवं शिक्षा से वंचित किये जाने वाले स्कूलों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो ऐसे स्कूलों के नाम बतावें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जबलपुर जिले अन्तर्गत पनागर विधानसभा क्षेत्र में 81 अशासकीय विद्यालयों द्वारा ऑनलाईन शैक्षणिक व्यवस्था की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत दर्शित अशासकीय स्कूलों में छात्र/छात्राओं को इस वर्ष विद्यालय में ऑफलाईन प्रवेश ही दिया गया है। इन अशासकीय विद्यालयों द्वारा नव प्रवेशित छात्र/छात्राओं को 30 सितम्बर, 2020 तक प्रवेश दिया जायेगा। स्कूलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[स्कूल शिक्षा]
18. ( *क्र. 334 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं? रायसेन जिले में अध्यापक सवंर्ग से शिक्षा विभाग में किन-किन का संविलियन प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ तथा क्यों? कब तक संविलियन होगा? (ख) अध्यापक संवर्ग की मृत्यु की स्थिति में अनुकम्पा नियुक्ति एवं अन्य क्या-क्या सुविधायें दी जाती हैं? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ग) रायसेन जिले में अध्यापक संवर्ग की मृत्यु के उपरांत अनुकंपा नियुक्ति एवं अन्य सुविधाओं के किन-किन के प्रकरण वर्तमान में किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? इस हेतु कौन-कौन दोषी हैं? विभाग ने उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) स्थानीय निकाय में नियुक्त अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत सुसंगत पदों पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। सुसंगत पदों पर नियुक्त लोक सेवकों को सुविधा प्रदान करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में अंकित तालिका के कॉलम-8 में निहित है। नवीन संवर्ग में नियुक्ति के संबंध में कार्रवाई प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) कार्रवाई प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उत्तांश (ग) के प्रकाश में कोई दोषी नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पन्ना टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत निवासरत ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण
[वन]
19. ( *क्र. 2 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 19 जुलाई, 2019 की ध्यानाकर्षण सूचना एवं 21 जुलाई, 2019 को वन विभाग की मांग संख्या की चर्चा के दौरान आसंदी से पन्ना टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत आने वाले गांव के रहवासियों की समस्याओं के निराकरण हेतु एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया था, जिसमें कमेटी सदस्यों को 15 दिन तक गांव में रह कर लोगों की समस्याओं का अध्ययन करने का निर्देश था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विधानसभा बिजावर के गांव ढोढन, पलकोहा, सुकवाहा, खारयानी को भी शामिल करने का निर्देश दिया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में कमेटी का गठन कब किया गया? कौन-कौन सदस्य थे? कितने समय, कहाँ-कहाँ रुके? कमेटी ने क्या रिपोर्ट जमा की? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में यदि कमेटी गठित नहीं हुई तो क्यों? यदि रिपोर्ट नहीं बनी तो क्यों? क्या यह आसंदी के निर्देशों की अवहेलना नहीं है? यदि नहीं, तो कैसे? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही होगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) कमेटी गठन का निर्देश माननीय आसंदी से प्राप्त था, जिसके अनुक्रम में कलेक्टर जिला पन्ना के पत्र दिनांक 23.09.2019 द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, पन्ना, उप संचालक, पन्ना टाइगर रिजर्व तथा अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अनुभाग पन्ना/अजयगढ़ जिला पन्ना तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पन्ना को संयुक्त रूप से संबंधित ग्राम में भ्रमण कर ग्रामीणों की समस्याओं के निदान हेतु जांच प्रतिवेदन/कार्ययोजना प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया, जिसके पालन में उक्त अधिकारियों द्वारा संबंधित ग्रामों में दिनांक 15.10.2019, 18.10.2019 एवं 25.10.2019 को जाकर निरीक्षण कर ग्रामों की समस्याओं के निदान हेतु चर्चा की गई तथा कलेक्टर पन्ना को दिनांक 26.11.2019 को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार पट्टेधारियों को बेदखल किये जाने पर रोक
[वन]
20. ( *क्र. 467 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय वन विधान की धारा 20 के अंतर्गत उज्जैन संभाग के किन-किन क्षेत्रों में कितने-कितने हेक्टेयर में रक्षित वन (रिजर्व फॉरेस्ट) घोषित किया गया है। तहसीलवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में जीरन तहसील में कितने हेक्टेयर रक्षित वन (रिजर्व फॉरेस्ट) घोषित है और उसमें से कितने हेक्टेयर क्षेत्र को खरमौर अभ्यारण हेतु और विस्तारित करने हेतु परियोजना क्रियान्वित है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) दर्शायी गई विस्तारित भूमि पर शासन द्वारा पूर्व से ही वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे प्रदान किये गये हैं, जिन्हें अभ्यारण परियोजना क्रियान्वयन के नाम से डराया/धमकाया जाकर बेदखल होने को मजबूर किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उक्त आशय की ऐसी कितनी शिकायतें प्रशासन को प्राप्त हुई है और उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन अभ्यारण परियोजना क्रियान्वयन से विस्तारित होने वाले वन क्षेत्र से प्रभावित पट्टेधारियों को अन्यत्र पट्टे दिये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो विस्तृत ब्यौरा दें और यदि नहीं, तो कारण बतायें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नीमच जिले की तहसील जीरन में 2688.270 हेक्टेयर रक्षित (रिर्जव फारेस्ट) वन घोषित है, इसमें से आरक्षित वनखण्ड जीरन के कक्ष क्रमांक 05 एवं 06 में रकबा 647 हेक्टेयर क्षेत्र को खरमोर संवर्धन हेतु विकसित किया जा रहा है। इसे आगे विस्तारित करने की कोई योजना वर्तमान में नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित आरक्षित वनखण्ड जीरन के कक्ष क्रमांक 05 में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत 31 वन अधिकार पत्र प्रदान किये गये हैं। उक्त वन अधिकार पत्र धारकों को खरमोर संरक्षण योजना के क्रियान्वयन के नाम से डराया/धमाकाया जाकर बेदखल नहीं किया जा रहा है। विगत 03 वर्षों में वन अधिकार पत्र धारकों की 02 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनका नियमानुसार निराकरण किया गया है। (घ) खरमोर संरक्षण योजना अन्तर्गत प्रस्तावित क्षेत्र में वन अधिकार पत्र धारकों के हितों को प्रभावित किये बिना विकसित किया जा रहा है, जिसमें किसी भी वन अधिकार पत्र धारक को हटाया जाना प्रस्तावित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पूर्व विधायकों को प्रोटोकॉल के तहत अधिकार
[सामान्य प्रशासन]
21. ( *क्र. 35 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा पूर्व विधायकों को प्रोटोकॉल के तहत क्या-क्या अधिकार दिए गए हैं? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) शासन द्वारा पूर्व विधायकों को शासकीय अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों की समीक्षा मीटिंग/बैठक करने तथा दौरा करके निर्देश प्रदान करने के क्या-क्या अधिकार शासन द्वारा दिए गए हैं? विवरण देते हुए शासन द्वारा जारी आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र के शासकीय अधिकारियों द्वारा नियमों की जानकारी के बावजूद भी जानबूझकर पूर्व विधायकों के साथ समीक्षा मीटिंग/बैठक करना, निर्देश प्राप्त करना क्या यह अधिकारियों द्वारा विधायकों के विशेषाधिकार का हनन नहीं है? (घ) क्या शासन द्वारा गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से विधायकों को प्रोटोकॉल के तहत उनका स्थान, क्रम निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किये गये हैं। (ग) प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई मीटिंग/बैठक नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भोपाल जिले की हाउसिंग सोसायटीज के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
22. ( *क्र. 485 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले की कितनी हाउसिंग सोसायटी के विरूद्ध कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? सोसायटियों के नाम एवं उनके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की संख्या को बताया जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतकर्ताओं की शिकायत का निराकरण किया गया? यदि हाँ, तो निराकृत प्रकरणों एवं लंबित प्रकरणों की संख्या सोसायटीवार बताई जाये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हाउसिंग सोसायटी के पदाधिकारियों के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. भी दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. दर्ज कराये गये सोसायटीज के नाम, उनके पदाधिकारियों के नाम एवं उन पर दर्ज धाराओं के नाम बताये जायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 173 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की 2265 शिकायतें। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी हाँ। 14 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। पदाधिकारियों के नाम एवं उन पर दर्ज धाराओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
कोरोना संक्रमित मरीजों का निजी अस्पतालों में उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( *क्र. 316 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार हुआ है? यदि हाँ, तो अस्पतालों को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? अस्पताल का नाम तथा कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की स्वीकृति देने के बाद सरकार अब उनका अनुबंध समाप्त करने जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या निजी अस्पताल कोविड मरीजों के इलाज हेतु अधिक राशि की मांग कर रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिविल अस्पताल जीरापुर का 50 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( *क्र. 519 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल अस्पताल जीरापुर को 50 बिस्तरीय अस्पताल स्वीकृत किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता के आग्रह पर स्वीकृति प्रदान की गई है? क्या स्वीकृति उपरांत उक्त भवन का निर्माण प्रारम्भ कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सिविल अस्पताल जीरापुर के नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि किस दिनांक को एवं किस स्थान पर आवंटित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भवन निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है एवं कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी अभी नहीं, प्रश्नकर्ता का आग्रह परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। 0.100 हेक्टेयर भूमि दिनांक 02.01.2020 को नवीन सिविल अस्पताल जीरापुर हेतु कस्बा जीरापुर स्थित तहसील परिसर के पीछे आवंटित की गई है। (ग) कार्य अप्रारंभ है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनजातीय समुदाय को प्रशिक्षण
[आदिमजाति कल्याण]
25. ( *क्र. 59 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा जनजातीय समुदाय के शिक्षित एवं कम पढ़े लिखे बेरोजगारों के लिये शासन योजनानुसार विभिन्न कोर्सों में निशुल्क आवासीय रोजगार मूलक प्रशिक्षण का संचालन प्रतिष्ठित उद्योगों/शासकीय संस्थाओं/पंजीकृत संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण कराया जाकर रोजगार/स्व-रोजगार प्राप्ति के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन उद्योगों/शासकीय संस्थाओं/पंजीकृत संस्थाओं में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है? प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवक/युवतियों के नाम, पिता का नाम, पता, जनपद, जिले का नाम, कोर्स/विधा का नाम, अवधि, कहां-कहां रोजगार प्राप्त कराया गया एवं संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई, पंजीकृत उद्योगों/संस्थाओं के अनुबंध की प्रति सहित दस्तावेज/जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में परिषद को जो आवंटन प्राप्त हुआ था, वह पूरा व्यय नहीं किया जा सका, उसके बावजूद दूसरे वित्तीय वर्ष में पुन: करोड़ों का बजट आवंटन किन कारणों से जारी किया गया? (घ) परिषद को वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस विभाग से प्राप्त हुई एवं कितना कितना व्यय किया गया?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) हाँ। (ख) 1. वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 2. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 3. रोजगार प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। 4. उक्त अवधि में संस्थाओं को भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। 5. संस्थाओं से निष्पादित अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (ग) परिषद एवं प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के मध्य अनुबंध का निष्पादन किया जाता है एवं निर्धारित मापदण्ड अनुसार तीन चरणों में भुगतान किया जाता है। यह प्रक्रिया सतत चलती रहती है। इस तरह वर्ष विशेष में प्राप्त राशि का व्यय आगामी वर्षों में भी किया जाता है। (घ) परिषद को वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त विभागवार राशि एवं व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
आयुष्मान
योजना में
निजी चिकित्सालयों
की भागीदारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( क्र. 6 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में कितने चिकित्सालय पंजीबद्ध हैं? सूची उपलब्ध करावें। किस-किस चिकित्सालय में किस बीमारी का ईलाज है। इसकी सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या इन्दौर शहर में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में निजी चिकित्सालयों की संख्या बेहद कम है? शहर के कई बड़े निजी चिकित्सालयों में इस योजना के अंतर्गत उपचार क्यों नहीं प्रारंभ हो रहा है? (ग) अधिक से अधिक निजी चिकित्सालयों में योजना के अंतर्गत उपचार हो सके इसके लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) इंदौर शहर में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में निजी चिकित्सालय 22 एवं शासकीय चिकित्सालय 11 पंजीबद्ध है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नही। चिकित्सालयों का आयुष्मान योजना से संबंद्ध नहीं होने के कारण। (ग) निजी चिकित्सालयों को संबंद्ध करने हेतु समय-समय पर कार्यशाला/बैठक का आयोजन किया जाता है एवं लगातार आई.ई.सी. गतिविधियाँ भी की जाती है।
इन्दौर जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( क्र. 11 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कोरोना पॉजिटिव पाए गए? इनमें से कितनों को निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए भेजा गया? (ख) निजी चिकित्सालय में उपचारित कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के नाम, पते उपलब्ध करावें। सरकार द्वारा निजी चिकित्सालय के प्रत्येक मरीज पर कितना व्यय किया गया? मरीजवार व चिकित्सालयवार बतावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) इन्दौर जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल 13752 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इनमें से 6476 मरीजों को निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए भेजा गया। (ख) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक-आई.डी.एस.पी./2020/666, दिनांक 19.05.2020 एवं मध्य प्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य विभाग के आदेश क्रमांक एफ/IDSP/2020/सत्रह/मेडि-1045, दिनांक 03.07.2020 में दिये गये निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। परिपत्र एवं आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को चिकित्सालयवार किया गया भुगतान का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। मरीजवार जानकारी दी जाना संभव नहीं है, चिकित्सालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' में समाहित है।
ठेका श्रमिकों को वी.आर.एस. दिया जाना
[श्रम]
3. ( क्र. 22 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित विभिन्न उद्योगों में वर्तमान में कितने श्रमिक कार्य कर रहे हैं व उत्पादन क्षमता का कितना प्रतिशत उत्पादन हो रहा है? क्या वर्तमान में ग्रेसिम उद्योग में कार्यरत 3500 ठेका श्रमिकों को कार्य पर नहीं रखा जा रहा है? अगर हाँ, तो क्यों नहीं रखा जा रहा है? (ख) क्या कार्य पर नहीं रखे जाने वाले ठेका श्रमिकों को शासन की और से बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान है? अगर हाँ, तो कितना? अगर नहीं तो इस कोरोना माहमारी के दौरान बेरोजगार घूम रहे ठेका श्रमिक व उनके आश्रित परिजनों के भरण पोषण के लिए शासन द्वारा क्या योजना बनाई है? (ग) क्या ग्रेसिम उद्योग द्वारा स्थायी श्रमिकों व स्टॉफ कर्मियों को कोरोना की आड़ में वी.आर.एस. दिया जा रहा है? (घ) 22 मार्च 2020 से जबसे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन शुरू हुआ था, अभी तक कितने ठेका श्रमिकों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम की योजना अन्तर्गत क्या-क्या लाभ दिया गया? विवरण दें। (ड.) नागदा स्थित उद्योगों में स्थायी श्रमिकों से ठेका श्रमिकों का कार्य करवाकर कोरोना कोविड-19 की आड़ में श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किसके आदेश से? श्रम नियमों के उल्लंघन पर उद्योगों पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (च) कलेक्टर उज्जैन के पत्र क्र. 1145/ए.डी.एम./रीडर-1/2020 उज्जैन, दिनांक 01/04/2020 के बिन्दु क्र. 1 व 2 का व श्रम आयुक्त इंदौर के पत्र पृष्ठांकन क्रं. 1/1/नवम/प्रवर्तन/2017 622-723 (2), दिनांक 23/03/2020 व 6 मई 2020 के किन-किन बिन्दु क्र. का नागदा स्थित उद्योगों द्वारा उल्लंघन किया गया है? उल्लंघन करने पर क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नागदा स्थित उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों की संख्या एवं उत्पादन क्षमता की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र |
संस्थान का नाम |
कार्यरत श्रमिक |
वर्तमान उत्पादन क्षमता प्रतिशत |
1 |
ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. स्टेपल फायबर डिविजन |
2376 |
50-60 प्रतिशत |
2 |
ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. केमिकल डिविजन |
1200 |
70-80 प्रतिशत |
3 |
लेंक्सेस इंडिया लि. |
425 |
50 प्रतिशत |
4 |
गुलब्राण्डसन प्रा.लि. |
71 |
80 प्रतिशत |
जी हाँ वर्तमान में ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज (स्टेपल फायबर डिवीजन) नागदा में लगभग 725 ठेका श्रमिक नियोजित किए जा रहे है। इसका कारण प्रबंधन द्वारा वर्तमान उत्पादन क्षमता व कार्य की आवश्यकतानुसार संबंधित ठेकेदारों के ठेका श्रमिकों को ही कार्य पर लिया जाता है। (ख) जी नहीं। श्रम विभाग द्वारा इस आशय की कोई योजना संचालित नहीं है तथापि श्रम विभागीय मंडलों. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल एवं मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल द्वारा श्रमिकों की विभिन्न श्रेणियों के लिए संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में पात्रता अनुसार श्रमिकों को लाभान्वित किया जाता है। (ग) जी नहीं। (घ) कर्मचारी राज्य बीमा निगम भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन है अत: जानकारी राज्य के श्रम विभाग से संबंधित नहीं होने के कारण संधारित नहीं की जाती है। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) नागदा स्थित उद्योगों द्वारा प्रश्नांकित पत्रों के उल्लंघन की स्थिति समक्ष में नहीं आयी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 लॉकडाउन में घोषणा के अनुपालन में श्रमिकों को वेतन का भुगतान
[श्रम]
4. ( क्र. 23 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उद्योग में कार्यरत समस्त प्रकार के श्रमिकों को सैलेरी देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो नागदा स्थित किन-किन उद्योगों ने श्रमिकों को सैलेरी दी तथा किन-किन उद्योगों द्वारा नहीं दी गयी? कारण सहित विवरण दें। (ख) क्या शासन नागदा स्थित उद्योगों में जिन ठेका श्रमिकों को मार्च 2020 माह का वेतन नहीं मिला है, को वेतन दिलवाने के लिए कोई कार्यवाही कर रहा है? अगर हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण दे? अगर नहीं तो क्यों नहीं? (ग) 22 मार्च 2020 को प्रधानमंत्रीजी द्वारा घोषित किए गए जनता कर्फ्यू के बाद 23 मार्च को जो ठेका श्रमिक उद्योग में ड्यूटी पर नहीं जा पाये जिनका अवकाश था क्या शासन द्वारा उनके वेतन काटने का आदेश दिया गया था? अगर हाँ, तो क्यों? अगर नहीं तो उद्योग द्वारा ठेका श्रमिकों का वेतन क्यों काटा गया? जबकि श्रमिकों को यह आश्वस्त किया गया था कि कोरोना काल के दौरान उद्योग द्वारा वेतन दिया जायेगा? बावजूद इसके किसके आदेश से वेतन काटा गया? विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन अवधि में कारखाने के बंद रहने की स्थिति में कार्यरत श्रमिकों के वेतन अथवा अन्य देय वैधानिक स्वत्वों में किसी तरह की कटौत्री नहीं किए जाने के दिशा निर्देश/परिपत्र शासन द्वारा जारी किए गए थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नागदा स्थित कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत पंजीकृत कारखानों में लॉकडाउन अवधि में श्रमिकों के वेतन भुगतान संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ, नागदा स्थित ग्रेसिम इण्डस्ट्रिज लिमिटेड स्टेनपल फायबर डिविजन के कुछ ठेका श्रमिकों के मार्च 2020 माह का वेतन प्राप्त नहीं होने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। इस संबंध में संभागीय कार्यालय द्वारा कार्यवाही करते हुए ठेका श्रमिकों एवं प्रबंधन के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए 147 ठेका श्रमिकों को वेतन दिलवाया गया। (ग) 22 मार्च 2020 को माननीय प्रधानमंत्रीजी द्वारा घोषित किये गए जनता कर्फ्यू के बाद 23 मार्च 2020 को जो ठेका श्रमिक कारखाने में ड्यूटी पर नहीं जा पाए तथा जिनका अवकाश था, शासन द्वारा उनके वेतन काटने का कोई आदेश नहीं दिया गया था। नागदा स्थित ग्रेसिम इण्डस्ट्रिज लिमिटेड स्टेवपल फायबर डिविजन के कुछ ठेका श्रमिकों के संबंध में प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए ठेका श्रमिकों एवं प्रबंधन के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए 147 ठेका श्रमिकों को जो 23 मार्च को ड्यूटी नहीं जा पाए या जिनका अवकाश था, का लॉकडाउन अवधि के वेतन भुगतान करवाया गया।
निलंबित किये गए कर्मचारी
[आदिमजाति कल्याण]
5. ( क्र. 30 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले के सहायक आयुक्त श्री विवेक पांडे के कार्यकाल के अंतर्गत कितने अधीक्षक/अधीक्षिका एवं सहायक शिक्षक का निलंबन किया गया आदेश की प्रति देवें। (ख) निलंबित अधीक्षक/अधीक्षिका एवं सहायक को कब-कब बहाल किया गया? जांच प्रतिवेदन के साथ बहाली आदेश की प्रति प्रदाय करें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) श्री विवेक पाण्डे के कार्यकाल में 22 अधीक्षक/अधीक्षिका एवं 02 सहायक शिक्षक निलंबित किये गये थे। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) बहाल किये गये कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं जांच प्रतिवेदन बहाली आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
अ.ज.जा. बस्ती योजना से स्वीकृत कार्य
[आदिमजाति कल्याण]
6. ( क्र. 31 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अ.ज.जा. बस्ती योजना के तहत बड़वानी जिले में वर्ष 2015-16 से लेकर 2019-20 कितने कार्य स्वीकृत किये गए आदेश की प्रति देवे। (ख) क्या अ.ज.जा. बस्ती योजना में उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं यदि हां, तो सी.सी. की प्रति देवे? यदि अधूरे हैं तो सम्बंधित एजेंसी एवं अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गयी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत 378 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत 378 कार्य स्वीकृत किये जाकर 282 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 182 कार्यों के सी.सी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष 89 कार्य प्रगतिरत एवं 07 कार्य आवंटन के अभाव में अप्रारंभ होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 के अंतर्गत अस्पतालों से किए गए अनुबंध
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( क्र. 41 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड-19 के अंतर्गत आरडी गारडी उज्जैन, अमलताश अस्पताल देवास तथा अरविदों अस्पताल इंदौर की तीनों संस्थानों से किए गए अनुबंध एवं उनकी शर्तों के पालन, प्रबंध एवं व्यवस्था की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराते हुए प्रशासनिक, वित्तीय एवं भौतिक एवं सत्यापन रिपोर्ट पृथक-पृथक प्रस्तुत करें। (ख) क्या कोविड-19 महामारी से सामना करने के लिए केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार को राशि प्रदान की थी? यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी राशि राज्य सरकार को प्राप्त हुई और कितनी-कितनी राशि किस किस जिले में वितरित की गयी? (ग) आरडी गारडी हॉस्पिटल में चोरी छुपे अपने भाई का इलाज कराने वाले डॉ. महाड़ीक और अस्पताल प्रबंधन एवं ट्रस्ट पर उज्जैन में कोरोना संक्रमण फैलाने एवं अस्पताल में उपचारित कोरोना संक्रमण से हुई कोरोना मरीजों की मौत पर प्रशासन और सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) कोविड-19 के अनुबंध अनुसार सरकार द्वारा उपरोक्त तीनों संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि कब-कब भुगतान की गयी? मरीजों की कितनी संख्या एवं मरीजों के उपचार में प्रत्येक मरीज पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? ईलाज के दौरान कुल कितनी मौतें हुईं और लापरवाही की कुल कितनी शिकायतें राज्य, ज़िला स्तर पर कब-कब प्राप्त हुई और प्रचलित कार्यवाही की स्थिति क्या है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) आरविंदो हॉस्पिटल इंदौर एवं अमलतास हॉस्पिटल देवास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। आरडी गार्डी उज्जैन से राज्य स्तर पर अनुबंध नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। दिनांक 25 मार्च 2020 को राशि रूपये 55.66 करोड़ एवं दिनांक 06 अप्रैल, 2020 को राशि रूपये 131.21 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त हुये एवं केन्द्र शासन से प्राप्त राशि का वितरण पृथक से जिलों को नहीं किया जाता है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) अरविंदो अस्पताल इंदौर एवं अमलतास अस्पताल देवास को राज्य स्तर के अनुबंध के आधार पर एवं आरडी गार्डी उज्जैन को आयुष्मान भारत निरामयम की कोविड-19 पैकेज के दर से प्रति मरीज भुगतान किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। ईलाज के दौरान मौतों एवं प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
कलेक्टर दर, संविदा एवं आउटसोर्स के स्वीकृत पद के विरुद्ध भरे पदों के संबंध में
[वित्त]
8. ( क्र. 42 ) श्री महेश परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपरोक्त विषय में उज्जैन संभाग और उज्जैन ज़िले के शासन के सभी विभाग एवं परियोजनाओं के अंतर्गत संविदा पर, कलेक्टर दर पर, आउटसोर्स पर प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कौन-कौन से पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने पद भरे गए है और कितने पद रिक्त हैं? विभागवार एवं परियोजनावार विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ख) स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा, कलेक्टर दर, आउटसोर्स पर कितने कर्मी कब से कार्यरत हैं? वेतन किस मदों से दिया जा रहा है? क्या कार्यरत कर्मियों की नियुक्ति विधिवत चयन प्रक्रिया से की गयी है? हाँ अथवा नहीं? सीधे भर्ती वाले कितने कर्मी कार्यरत है? विज्ञप्ति के माध्यम से कितने कर्मी कार्यरत है? क्या इन सभी का पीएफ काटा जा रहा है? इनमें से 03 वर्षों से अधिक कार्य करने वाले कितने कर्मी हैं? (ग) यदि नियुक्ति विधिवत चयन प्रक्रिया से न की जाकर सीधे दोषपूर्ण विधि से की गयी है? तो इसके लिए कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? (घ) उपरोक्त भर्तियों के अलावा भर्ती का अन्य कोई प्रकार हो तो उसकी भी विस्तृत जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत वितरण कंपनी के दोषपूर्ण नियम
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 60 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे गांव जहाँ विद्युत वितरण कंपनी का बकाया शेष रहता है, कि लाईन फाल्ट या ट्रांसफार्मर ख़राब होने पर कंपनी द्वारा सुधारने के एवज में बकाया राशि में से कुछ राशि जमा करने को कहा जाता है? यदि हाँ, तो ऐसा किस नियम या निर्देश से किया जाता है. ऐसे नियम की अनुमति क्या शासन से ली गई? प्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या कुछ लापरवाह उपभोक्ताओं की लापरवाही की सजा नियमित बिल जमा करने वाले ईमानदार उपभोक्ताओं को देना विधि अनुसार सही है? यदि नहीं तो, कुछ लापरवाह उपभोक्ताओं के द्वारा बिल जमा नहीं करने के कारण बिल जमा करने वाले ईमानदार उपभोक्ताओं की बिजली क्यों काटी जाती है? (ग) क्या सरकार विद्युत वितरण कंपनी के उक्त दोषपूर्ण नियम में संशोधन करने हेतु निर्देश देगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) लाईन फाल्ट होने पर नहीं अपितु वितरण ट्रांसफार्मर जल जाने/खराब हो जाने पर राज्य शासन के निर्देश दिनांक 3 जनवरी 2019 के अनुसार जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मर से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने पर इनके बदलने/सुधारने की कार्यवाही की जाती है। उक्त निर्देशों की छाया प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को उत्तरांश (क) में उल्लेखित निर्देशों के तारतम्य में बदला/सुधारा जाता है, किन्तु साथ ही जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिजली के बिलों का नियमित भुगतान किया जाता है, उन्हें तकनीकी रुप से साध्य होने पर वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय करने की व्यवस्था की जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है।
माध्यमिक शाला एवं हाई स्कूल का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
10. ( क्र. 66 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूल में एवं शासकीय हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन हेतु विभाग की काई योजना है? यदि हां, तो जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में उन्नयन हेतु शासकीय माध्यमिक शाला के कितने प्रस्ताव एवं शासकीय हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन के कितने प्रस्ताव लंबित है? (ग) क्या सागर जिला अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला सड़ेरी, साईखेड़ा, देवरी वि.खं. राहतगढ़, ढाना नरयावली तथा शासकीय हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में शासकीय हाई स्कूल मेनपानी, पड़ारिया, शास.कन्या हाई स्कूल कर्रापुर एवं मकरोनिया के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं? यदि हां, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित शासकीय शालाओं का उन्नयन कब तक किया जायेगा? यदि उक्त शालाएं उन्नयन हेतु शासन की समस्त शर्तों/नियमों के अनुरूप है? तो प्रश्न दिनांक तक उक्त शालाओं का उन्नयन क्यों नहीं किया गया?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख), (ग) एवं (घ) उन्नयन किए जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कुओं तक लाईन विस्तार
[अनुसूचित जाति कल्याण]
11. ( क्र. 67 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति अनुसूचित जाति कल्याण विभाग सागर संभाग में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जन जाति विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कुओं तक लाईन विस्तार के तहत हितग्राहीवार कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई? कार्य पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी सहित बतायें। (ख) क्या इस योजना का लाभ गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्य को मिलता है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित हितग्राहियों को आय के आधार पर किस-किस जिले में कितनी-कितनी आय वाले हितग्राही को राशि स्वीकृत की गई तथा योजना का लाभ हितग्राही को समय पर नहीं मिला एवं कार्य अपूर्ण है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित स्थिति के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? विभाग द्वारा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आदिम जाति कल्याण विभाग में हितग्राहियों के चयन में आय आधार नहीं है। अधिकतम 10 हेक्टेयर भूमि के हितग्राहियों का चयन किया जाता है। आदिम जाति कल्याण विभाग की शेष जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अपूर्ण कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जा रहे हैं। इस हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है।
कोरोना बीमारी से संक्रमित मरीजों की संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
12. ( क्र. 89 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कोरोना बीमारी संक्रमण (कोविड-19) अंतर्गत दिनांक 20.03.2020 से प्रश्न दिवस तक कितने व्यक्ति संक्रमित हुए? (ख) प्रश्नांकित अवधि में कितने व्यक्तियों को केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार की गाईड-लाईन के अंतर्गत कोविड अस्पतालों में भर्ती किया गया व उनका ईलाज किन-किन दवाइयों एवं अन्य प्रक्रियाओं के माध्यम से किया गया? किन-किन कोविड-19 के लिये चिन्हित अस्पतालों में इनका ईलाज किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांकित अवधि में कितने मरीज स्वस्थ्य हो गये व कितने मरीज वर्तमान में अस्पतालों में भर्ती हैं एवं कितनों की मृत्यु हो गई? (घ) क्या प्रश्नांकित अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों का उपचार नि:शुल्क हो रहा है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त महामारी से बचाव में कितनी राशि खर्च हुई? निजी अस्पतालों में ईलाजरत व्यक्तियों के उपचार पर शासन द्वारा अस्पतालवार कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? मध्यप्रदेश में कौन-कौन जनप्रतिनिधि एवं प्रशासकीय अधिकारी संक्रमित हुए तथा इनका ईलाज कहाँ-कहाँ किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) मध्यप्रदेश में कोरोना बीमारी संक्रमण (कोविड-19) अंतर्गत दिनांक 20.03.2020 से प्रश्न दिवस तक 65490 व्यक्ति संक्रमित हुए। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 65490 व्यक्तियों को केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार की गाईड-लाईन के अंतर्गत कोविड अस्पतालों में भर्ती किया गया व उनका ईलाज चिकित्सकों द्वारा मरीजों की बीमारी के लक्षणों के आधार पर दवाईयां देकर किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में 49992 मरीज स्वस्थ हो गये व 14072 मरीज वर्तमान में अस्पतालों में भर्ती हैं एवं 1426 की मृत्यु हो गई है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त महामारी से बचाव में रूपये 609972361/- राशि खर्च हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मध्यप्रदेश में माननीय मंत्रीजी, माननीय विधायक, पार्षद तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रशासकीय अधिकारी संक्रमित हुए तथा इनका ईलाज जो जहां संक्रमित हुये है उन्हीं जिलों के शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में किया गया है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक-आई.डी.एस.पी./2020/666, दिनांक 19.05.2020 एवं मध्य प्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य विभाग के आदेश क्रमांक एफ/IDSP/2020/सत्रह/मेडि-1045, दिनांक 03.07.2020 में दिये गये निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। परिपत्र एवं आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान
[वित्त]
13. ( क्र. 90 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को वर्ष 2019-20 में 05 प्रतिशत मंहगाई भत्ता स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो क्या सरकार द्वारा मंहगाई भत्ते का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ख) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के शेष अंतिम किश्त एरियर का भुगतान भी कर दिया गया? यदि हाँ, तो कब भुगतान किया गया? यदि नहीं तो कारण बतायें। (ग) शासकीय कर्मचारियों को वर्तमान में जी.पी.एफ. पर ब्याज की दर कितनी दी जा रही है? क्या केंद्र सरकार ने ब्याज दर में कमी की है? पूर्व में कितने प्रतिशत ब्याज दर थी और वर्तमान में कितनी कमी की गई है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में शासकीय कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि भी रोक दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या वर्तमान सरकार द्वारा शासकीय सेवकों को 20-50 के फार्मूले पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो किन कारणों से? (ड.) प्रश्नांकित कटौतियों से राज्य सरकार के राजस्व में कितनी राशि की बचत होगी? अनुमान बतायें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, क्योंकि कोविड-19 की आपदा के परिणामस्वरूप प्रदेश की स्वयं के कर एवं गैर कर राजस्व पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव तथा अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए निर्णय लिया गया है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश (क) अनुसार। (ग) शासकीय कर्मचारियों को भी जी.पी.एफ. पर ब्याज की दर 7.1 प्रतिशत दी जा रही है। जी नहीं, केन्द्र सरकार द्वारा भी ब्याज की दर 7.1 प्रतिशत ही दी जा रही है। (घ) जी हाँ, वेतनवृद्धि का लाभ फिलहाल स्थगित किया गया है। प्रश्नांश (क) अनुसार। 50 वर्ष अथवा 20 वर्ष की सेवा के तहत अभिलेखों की छानबीन कर समीक्षा कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है। जिसके तहत कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा ही की जाती है। (ड.) प्रश्नांकित कटोतियों से राज्य सरकार के राजस्व में निम्नानुसार अनुमानित राशि की तात्कालिक बचत संभावित है:- 5 प्रतिशत टी.ए. पर लगभग 1275 करोड़ रूपये वार्षिक, तीसरी किश्त एरियर से लगभग 1400 करोड़ रूपये, वेतनवृद्धि से लगभग 850 करोड़ रूपये वार्षिक कुल राशि रूपये 3525 करोड़।
नोबेल कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के मरीजों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 103 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत मार्च 2020 से प्रश्न तिथि तक कोरोना वायरस महामारी से संबंधित कितने व्यक्तियों का सैम्पल किन-किन केन्द्रों में किया गया है? लिए गये सेम्पलों में कितने मरीज पॉजीटिव पाये गये और कितने व्यक्ति नेगेटिव पाये गये हैं? एक व्यक्ति की सेम्पल की जाँच में कितनी राशि व्यय की जा रही है और कितनी राशि शासन द्वारा प्राप्त हो रही है? प्रश्न दिनांक तक व्यक्तियों के सेम्पल में कितनी राशि विभाग द्वारा व्यय की जा चुकी है? प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत शासन द्वारा कितने कोरन्टाईन सेन्टर कहां-कहां बनाये गये है? इन सेन्टरों में कितने व्यक्तियों को अभी तक कोरन्टाईन किया गया है? प्रत्येक कोरन्टाईन व्यक्ति के भोजन, अन्य सुविधाओं हेतु कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की जा रही है? किन-किन कोरन्टाईन सेन्टरों को शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि प्रदान की जा चुकी है और प्राप्त राशि का उपयोग किन-किन सुविधा हेतु सेन्टरों में किया गया है? प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) जिला छिन्दवाड़ा आईसोलेशन में भर्ती (कोविड-19) संक्रमित मरीजों के ईलाज व सुविधा हेतु अभी तक शासन द्वारा कितनी राशि प्रदान की गई है और प्राप्त राशि का व्यय किस-किस मद से कहां-कहां किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। लिए गए 18863 सेम्पल में से 503 मरीज पॉजीटिव तथा 16993 मरीज निगेटिव पाये गये। शासकीय संस्थाओं में सेम्पल की जांच हेतु विभाग द्वारा पृथक से कोई राशि व्यय नहीं की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कुल 26436 व्यक्तियों को क्वारेंटाईन किया गया है। कोरन्टाईन व्यक्ति के भोजन, अन्य सुविधाओं हेतु राशि रूपये 300/- प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से शासन द्वारा प्रदान की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्राप्त राशि का उपयोग क्वारेंटाईन सेंटरों में भोजन, पानी, सामग्री एवं साफ-सफाई सुविधा हेतु किया गया। (ग) छिन्दवाड़ा जिले के आइसोलेशन में भर्ती (कोविड-19) संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु शासन द्वारा आइसोलेशन मद में कोई राशि प्रदान नहीं की गई है, किंतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कोविड मद से राशि रूपये 3,00,000/- (तीन लाख रूपये) सिविल सर्जन के रोगी कल्याण समिति मद में आइसोलेशन हेतु प्रदान की गई जिसमें से राशि रूपये 1.8 लाख का उपयोग सेन्ट्रल आक्सीजन लाइन हेतु एवं जिसमें से राशि रूपये 1.2 लाख का उपयोग सोडियम हाइपोक्लोराइड हेतु व्यय हुआ।
शासकीय चिकित्सकों द्वारा निजी प्रेक्टिस (उपचार)
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 105 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 के पश्चात उज्जैन संभाग अन्तर्गत के कितने शासकीय चिकित्सालयों में शासकीय चिकित्सकों द्वारा निजी प्रेक्टिस (उपचार) की शिकायत कहाँ-कहाँ, किस-किस व्यक्ति द्वारा की गयी? उस पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? जांच की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या मंदसौर में गत 6 अगस्त 2020 को प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शासकीय चिकित्सालय में निजी प्रेक्टिस करते हुये पकड़ा और आपत्ति दर्ज कराई थी? उस पर विभाग एवं शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? की गयी सम्पूर्ण जांच की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत मुख्य चिकित्सा अधिकारी गत फरवरी 2020 से मंदसौर के शासकीय चिकित्सालय में एक मेडिकल स्टोर के माध्यम से निजी प्रेक्टिस का गोरखधंधा कर रहे थे? यदि हाँ, तो शासकीय चिकित्सालय में निजी प्रेक्टिस पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है? नियमावली उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत केवल जिला मंदसौर में निजी प्रेक्टिस की शिकायत सामु.स्वा.केन्द्र सुवासरा में पदस्थ खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ.रेवाशंकर जोहरी की चिकित्सालय के कर्मचारियों द्वारा तथा तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मंदसौर डॉ.अधीर कुमार मिश्रा की विधायक माननीय श्री यशपाल सिंह सिसौदिया द्वारा की गई। खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रेवाशंकर जोहरी द्वारा की जा रही निजी प्रेक्टिस की शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उपखण्ड सीतामउ जिला मंदसौर द्वारा की गई तथा विभागीय कार्यवाही में चिकित्सा अधिकारी को निलंबित किया गया। तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मंदसौर की शिकायत उपरांत प्रारंभिक विभागीय कार्यवाही करते हुये उनका स्थानान्तरण किया गया। जांच उपरांत जांच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत कार्यवाही संभागीय आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा की जावेगी। (ख) जी हाँ। जिला कलेक्टर द्वारा की गई जांच उपरांत प्रतिवेदन के आधार पर प्रारंभिक विभागीय कार्यवाही करते हुये उनका स्थानान्तरण किया गया तथा संभागीय आयुक्त उज्जैन संभाग को जिला कलेक्टर द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत कार्यवाही संभागीय आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा की जावेगी। जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जी हाँ। शासन के निर्देश क्रमांक/1983/2835/2013/सत्रह/मेडि-1 भोपाल दिनांक 07/08/2013 अनुसार शासकीय चिकित्सालयों में पदस्थ चिकित्सक द्वारा निजी प्रेक्टिस के निर्धारित नियमों के उल्लघंन करने पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम ’16’ के उप नियम (4) का उल्लघंन माना जायेगा व म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत दण्डनीय है। नियमावली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
रेत उत्खनन में अनियमितता
[खनिज साधन]
16. ( क्र. 110 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में रेत उत्खनन का ठेका विष्टा सेल्स कंपनी प्राईवेट लिमिटेड को दिया गया है यदि हाँ, तो उक्त कम्पनी को कार्य आदेश जारी होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कम्पनी द्वारा कितनी मात्रा में रेत का उत्खनन कर शासन को कितनी रायल्टी का भुगतान किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) की कम्पनी द्वारा रेत नियमों का उल्लंघन कर बड़वारा तहसील की ग्राम खरहटा, देवरी, सांघी, छिन्दहाई, पिपरिया, गणेशपुर, गुडाकला, इमलिया की स्वीकृत खदानों में नदी की धारा परिवर्तित कर जे.सी.बी. पोकलिन मशीनों से उत्खनन किए जाने की शिकायत क्या मा. मुख्यमंत्री को की जाकर ज्ञापन तहसीलदार बड़वारा जिला कटनी के माध्यम से प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य द्वारा दिनांक 04/06/2020 को की गई है एवं अन्य और पूर्व में विगत एक वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत एवं अन्य शिकायतों पर शासन एवं प्रशासन द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई पृथक-पृथक विवरण दें? (घ) विगत तीन वर्षों में कटनी जिले में न्यायालय कलेक्टर द्वारा रेत रायल्टी चोरी के जो प्रकरण निर्मित किए गए उनमें बकाया राशि जमा हुई या नहीं बताएँ यदि नहीं तो उन प्रकरणों की क्या वर्तमान स्थिति है प्रकरणवार बताएँ?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। कटनी जिले में रेत उत्खनन का ठेका विस्टा सेल्स कंपनी प्रायवेट लिमिटेड को दिया गया है। विस्टा कंपनी के द्वारा कार्य आदेश जारी होने के दिनांक 21.01.2020 से 03.09.2020 तक कुल 328258.01 घन मीटर रेत का उठाव किया गया है तथा शासन को रॉयल्टी राशि रूपये 3,28,25,801/- रूपये का भुगतान किया गया है। (ख) जी हां। प्रश्नांश से संबंधित शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ एवं ब में दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार दिनांक 04.06.2020 को प्रस्तुत ज्ञापन में उल्लेखित बिन्दुओं की जांच खनि निरीक्षक से कराई गई। विगत एक वर्ष में प्रश्नाधीन ग्रामों में रेत खदानों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ में दर्शाया गया है। (घ) कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में खनिज रेत के अवैध उत्खनन, अवैध परिवहन एवं अवैध भंडारण के पंजीबद्ध एवं न्यायालय कलेक्टर, कटनी के द्वारा निर्णित प्रकरणों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - स, द एवं ई में दर्शित अनुसार है।
सिविल सर्जन की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 111 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन का पद रिक्त है, क्या सिविल सर्जन क्या प्रथम श्रेणी का पद है? (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर कटनी द्वारा प्रथम श्रेणी के चिकित्सकों के कार्यरत रहते हुये द्वितीय श्रेणी के अधिकारी को सिविल सर्जन क्यों नियुक्त किया वरिष्ठता का उल्लंघन करने के लिये कलेक्टर कटनी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये प्रभारी सिविल सर्जन को हटाकर किसी वरिष्ठ को नियुक्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक बताएं। (ग) वर्तमान प्रभारी सिविल सर्जन जो नेत्र रोग चिकित्सक है, जिनकी लापरवाही से 8 प्रतिष्ठित नागरिकों का कोरोना संक्रमण बीमारी से निधन हो गया, इनकी पत्नी जो कि स्त्री रोग चिकित्सक है, के कार्यकाल की कुल कितनी शिकायते शासन एवं प्रशासन को प्राप्त हुई है? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) कटनी जिले में कोविड 19 महामारी फैलने के कारण एक मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उपचार हेतु सिविल सर्जन एवं सी.एम.एच.ओ. कार्यालय द्वारा कौन-कौन सी सामग्री किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि की क्रय की गई? दवाई/सामग्री क्रय की गई विवरण दें। (ड.) कटनी जिले में सी.एम.एच.ओ. एवं सिविल सर्जन की पदस्थापना कब तक की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) सिविल सर्जन पद 100 प्रतिशत पदोन्नती से भरे जाने का प्रावधान है। 30 अप्रैल 2016 से मान. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति का प्रकरण विचारधीन/विलंबित होने के कारण पदोन्नति नहीं की जा सकी है। 51 सिविल सर्जन के पद स्वीकृत दिनांक (04.03.2016) से रिक्त है, डॉ.यशवंत वर्मा प्रभारी नेत्ररोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत है एवं डॉ. वर्मा वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान (रूपये 37400-67000+ ग्रेड पे-8700) प्राप्त कर रहे है। इसलिए कोविड-19 के दृष्टिगत पात्रता, योग्यता एवं कार्यक्षमता अनुसार प्रभार सौंपा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सिविल सर्जन कटनी के प्रभार में पदस्थ डॉ. यशवंत वर्मा तथा उनकी पत्नी डॉ. सुनिता वर्मा, के विरूद्ध उपलब्ध रिकार्ड अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ड.) डॉ. राजबहादुर सिंह, शल्य क्रिया विशेषज्ञ को सी.एम.एच.ओ. एवं डॉ. यशवंत वर्मा प्रभारी नेत्ररोग विशेषज्ञ को सिविल सर्जन का प्रभार सौंपा गया है। सी.एम.एच.ओ. एवं सिविल सर्जन पद 100 प्रतिशत पदोन्नती से भरे जाने का प्रावधान है। 30 अप्रैल 2016 से मान.उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति का प्रकरण विचारधीन/विलंबित होने के कारण पदोन्नति नहीं की जा सकी है। 51 सिविल सर्जन के पद स्वीकृत दिनांक (04.03.2016) से रिक्त है तथा वर्तमान में प्रदेश में मात्र 12 नियमित सी.एम.एच.ओ. पदस्थ है। इसलिए पात्रता, योग्यता एवं कार्यक्षमता अनुसार इन पदों का प्रभार सौंपा जाता है।
सेवायुक्तों के प्रकरण में कार्यवाही
[सहकारिता]
18. ( क्र. 121 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति संविलियत सेवायुक्तों पाँचवा वेतनमान स्वीकृत किये जाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों के पालन में राज्य शासन द्वारा सहकारिता विभाग को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही अब तक की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान का काल्पनिक गणना नहीं किये जाने से संबंधितों द्वारा दर्जनों याचिकायें उच्च न्यायालयों में दर्ज की गई है? यदि हां, तो कितने रिट-पिटीशन/अवमानना प्रकरण प्रचलित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर रिट पिटीशन 12741 वर्ष 2007 व अन्य 84 प्रकरणों में पारित निर्णय के परिपालन में परिसमापक तिलहन संघ द्वारा संविलियत सेवायुक्तों को वांछित पांचवा वेतनमान का लाभ वेतन निर्धारण में (काल्पनिक) स्वीकृत किया? (घ) तिलहन संघ से शासन के विभिन्न पदों में प्रतिनियुक्ति पर लगभग 21-22 वर्षों से कार्यरत सेवायुक्तों को संविलियन पूर्व प्रतिनियुक्ति अवधि का पांचवा वेतनमान स्वीकृत है अथवा नहीं? क्या इन्हें अंतरिम राहत स्वीकृत था? यदि वेतनमान स्वीकृत नहीं है? तो क्या स्वीकृत करेंगे, ताकि वर्ष 2007 से लंबित सैकड़ों दर्जनों अवमानना प्रकरणों खारिज करने की कार्यवाही हो सके? स्पष्ट करें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र./407/426/2019/1/3 दिनांक 29.03.2019 द्वारा म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन उत्पादक संघ भोपाल के सेवायुक्तों को पांचवे, छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने की पात्रता के संबंध में विभिन्न विभागों द्वारा पृथक-पृथक कार्रवाई किए जाने के फलस्वरूप माननीय न्यायालयों में दायर प्रकरण/अवमानना आदि को दृष्टिगत रखते हुए मामले में शासन के विभागों से समन्वय स्थापित करने हेतु एवं मामले का परीक्षण कर उचित कार्रवाई करने के लिए सहकारिता विभाग को नोडल विभाग नियुक्त किया गया है। सहकारिता विभाग द्वारा न्यायालयीन प्रकरणों में प्रतिरक्षण करने हेतु परिसमापक म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन संघ मर्या. भोपाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। (ख) तिलहन संघ में पांचवे एवं छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण वित्त विभाग के परिपत्र क्र./496/2031/2018/नियम/चार दिनांक 23.03.2019 एवं अन्य आनुषांगिक दिशा निर्देशों के अनुसार किये जाने का प्रावधान है। कुल 02 याचिकाएं एवं 01 अवमानना प्रकरण। (ग) माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्र. 12741/2007 माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दी गई है। अन्य 84 प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में अंतिम निर्णय हेतु विचाराधीन है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वित्त विभाग के परिपत्र क्र./496/2031/2018/नियम/चार दिनांक 23.03.2019 एवं अन्य आनुषांगिक दिशा निर्देशों के अनुसार। तिलहन संघ के सेवायुक्तों को अंतरिम राहत की 03 किश्तें स्वीकृत है। तिलहन संघ के परिसमापन में होने से नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोना महामारी के नियंत्रण एवं बचाव में व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( क्र. 132 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना महामारी के नियंत्रण एवं बचाव हेतु जबलपुर जिले में स्थित अस्पतालों को शासन द्वारा कितना-कितना बजट स्वीकृत/प्रदाय किया गया? (ख) जबलपुर जिले के अस्पतालों द्वारा कोरोना महामारी के नियत्रंण एवं बचाव में कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस सामग्री का क्रय, किस-किस फर्म से किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्रय की गयी समस्त सामाग्रियों के देयक उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
जबलपुर में साइंस सेंटर का निर्माण
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
20. ( क्र. 133 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में साइंस सेंटर बनाने हेतु केंद्र सरकार से बजट/स्वीकृति प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मामले में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी तथा मामला किस स्तर पर लंबित है? (ग) साइंस सेंटर बनाने हेतु किस जमीन का चिन्हांकन/उपयोग परिवर्तन किया गया है? दस्तावेज उपलब्ध करावें। (घ) साइंस सेंटर का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन के आदेश दिनांक 31/12/2019 द्वारा उप क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र जबलपुर की स्थापना हेतु स्वीकृति जारी की गई है। कलेक्टर जबलपुर के आदेश दिनांक 19/12/2019 द्वारा इस केन्द्र की स्थापना हेतु जबलपुर नगर में आवंटित भूमि का आवंटन, कलेक्टर जबलपुर के आदेश दिनांक 04/07/2020 द्वारा निरस्त कर दिया गया है। भूमि आवंटित होने के पश्चात उप क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र की स्थापना की कार्यवाही की जायेगी। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) भूमि आवंटित होने पर राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् (एनसीएसएम) कोलकाता, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा केन्द्र के निर्माण के लिए समय-सीमा लगभग 27 माह निर्धारित है।
मुख्यमंत्री मदद योजना अंतर्गत बर्तन का क्रय
[आदिमजाति कल्याण]
21. ( क्र. 139 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री मदद् योजना क्या है तथा इस योजनान्तर्गत बर्तन खरीदने हेतु आवंटन व खर्च करने के लिये क्या ग्राम पंचायत को अधिकृत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो धार जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल कितनी ग्राम पंचायतों को कुल कितनी धनराशि बर्तन क्रय करने हेतु प्रदान की गई तथा कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा बर्तन सीधे बाजार से क्रय कर लिये गये हैं? (ग) क्या धार जिले में जिला प्रशासन द्वारा इन समस्त ग्राम पंचायतों के लिये बर्तन खरीदी हेतु एकत्रित एक निविदा आमंत्रित कर सभी ग्राम पंचायतों को इसी चयनित फर्म से ही बर्तन खरीदने हेतु निर्देशित किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो यह निविदा जिला स्तर पर किस विभाग द्वारा आमंत्रित की गई तथा क्या लगभग तीन करोड़ की इस निविदा को ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से जारी किया गया था? इस निविदा के प्रचार प्रसार हेतु किस तारीख को किस-किस प्रमुख समाचार पत्र में इसका प्रकाशन किया गया? (ड.) भण्डार क्रय नियमानुसार उक्त लगभग तीन करोड़ की निविदा में स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा व पारदर्शिता हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये थे? निविदा चयन समिति की जानकारी बतावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आदिवासी परिवार में जन्म जैसे सुखद अवसर एवं मृत्यु जैसी दुःखद घटनाओं पर आदिवासी वर्गों को सामाजिक संस्कारों का निर्वहन करना पडता है, जिसके लिये अचानक आर्थिक सहायता की आवश्यकता पड़ती है। चूंकि यह संस्कार अनिवार्य होते है, अत: इनकी पूर्ति के लिये गरीब आदिवासी वर्गों को आर्थिक बोझ से बचने के लिये यह योजना प्रारंभ की गई है, ताकि आदिवासी परिवार अनावश्यक रूप से ऋणग्रस्तता से भी बच सकें, गरीब आदिवासी वर्ग के परिवारों को अनिवार्य सामाजिक संस्कारों के निर्वहन हेतु सहायता उपलब्ध हो एवं आदिवासी संस्कृति एवं पारम्परिक प्रथाओं का संरक्षण हो सके। योजना के दो घटक हैः- 1. बर्तन सामग्री प्रदाय (एक बार) 2. अनाज का प्रदाय (जन्म या मृत्यु होने पर) बर्तन सामग्री प्रदायः- सामाजिक संस्कारों के कार्यक्रमों हेतु भोजन बनाने के लिये बर्तन क्रय करने हेतु एक बार प्रति ग्राम रू. 25,000/- (पच्चीस हजार मात्र) की राशि उपलब्ध कराई गई है। अनाज का प्रदाय (निरंतर):- जन्म के समय कार्यक्रम के लिये प्रति जन्म (दो बच्चों तक सीमित) 50 किलोग्राम अनाज (गेहूं/चावल) उचित मूल्य की दुकान से उपलब्ध कराया जावेगा। योजना अन्तर्गत बर्तन खरीदने हेतु आवंटन विभाग द्वारा सीधे ग्राम पंचायतों के बैंक खातों में ग्रामो की संख्या के मान से राशि रूपये 25,000/-प्रतिग्राम हेतु जारी की गई है। उक्त राशि खर्च करने के लिये ग्राम पंचायत को अधिकृत किया गया है। (ख) धार जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 1370 ग्रामों को राशि रूपये 3,42,50,000/- (तीन करोड़ बियालीस लाख पचास हजार मात्र) जारी की गई है। ग्राम पंचायतों द्वारा बर्तन सीधे बाजार से क्रय करने संबंधी कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। बर्तन सीधे बाजार से क्रय करने हेतु कोई निर्देश नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) निविदा जिला स्तर पर आदिवासी विकास विभाग द्वारा आमंत्रित की गई है शासन के पोर्टल WWW.MPTENDERS. MP.GOV.IN माध्यम से ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की गई। समाचार पत्रों में निविदा का प्रकाशन नहीं किया गया। (ड.) जी हाँ। निविदापूर्ण पारदर्शित ऑनलाईन पोर्टल WWW.MPTENDERS. MP.GOV.IN माध्यम से आमंत्रित की गई है, निविदा चयन समिति के समक्ष ऑनलाईन पाँच निविदा प्राप्त हुई थी जिसमें से चार निविदा (फर्मों) के अभिलेख निविदा शर्त अनुरूप पूर्ण पाये जाने से समिति द्वारा सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि उक्त चार निविदा (फर्मों) की वित्तीय बीड खोली जावे। समिति के निर्णय अनुसार वित्तीय बीड खोली गई जिसका विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र. |
फर्म का नाम |
प्रस्तुत दर (निविदा राशि से कम या अधिक |
1. |
गिरवाल बर्तन भण्डार द्वारा गिरवाल पेट्रोल पम्प बदनावर |
-12.99% Below |
2. |
मेसर्स नेशनल स्टील एम्पोरियम, शहडोल |
-8.20% Below |
3. |
सांई स्टील मेटल एण्ड एग्रो इंडस्ट्रीज धार |
-7.00% Below |
4. |
जितेश कुमार चौहान गंधवानी |
-5.03% Below |
गिरवाल बर्तन भण्डार बदनावर की दर न्यूनतम (-12.99% Below) प्राप्त हुई। अतः समिति द्वारा गिरवाल बर्तन भण्डार बदनावर को बर्तन प्रदाय हेतु इम्पेनल किया गया। निविदा चयन समिति जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में निम्नानुसार समिति गठित की गई:- 1. कलेक्टर-अध्यक्ष 2. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत-सदस्य 3. महा प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र-सदस्य 4. कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा-सदस्य 5. सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास-सदस्य/सचिव
नर्मदा नदी में जल मग्न स्नान घाट व श्मशान आदि संरचनाओं का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
22. ( क्र. 141 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के धरमपुरी में इस वर्ष नर्मदा नदी का अधिकतम जल स्तर कितने मीटर तक रहा? क्या यह जल स्तर नर्मदा नदी की अधिकतम सीमा है? यदि नहीं तो अधिकतम सीमा क्या है? (ख) क्या धरमपुरी में नर्मदा नदी पर निर्मित प्राचीन स्नान घाट व शमशान आदि संरचनाएँ नर्मदा नदी के बढ़े हुए जल स्तर के कारण पिछले वर्ष डूब गये थे? (ग) क्या तीज त्यौहारों पर धार्मिक स्नान हेतु आस-पास के ग्रामों से भी बड़ी संख्या में नागरिक यहाँ आते हैं तथा धार्मिक मान्यताओं के चलते आस-पास के क्षेत्र से लोग अपने परिजनों के अंतिम संस्कार करने हेतु धरमपुरी के नर्मदा नदी के तट के श्मशान घाटो पर आते हैं? (घ) यदि हाँ, तो नगरवासियों की इन मूलभूत सुविधाओं को बढ़े हुए जल स्तर को ध्यान में रखते हुए बढ़े हुए जल स्तर के बाहर नये स्नानाघाट एवं श्मशान स्थल बनाने हेतु शासन स्तर पर कोई योजना बनाई गई है तथा कब तक नये निर्माण कार्य किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 31.08.2020 को अधिकतम जल स्तर 140.90 मी. रहा था। जी नहीं। नवीन बैक वाटर लेवल 143.43 है, जो नदी की अधिकतम जल स्तर की सीमा है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, कोई योजना स्वीकृत नहीं है।
08 वर्ष से अनुपस्थित अध्यापिका के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 151 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 10.07.2019 को कलेक्टर-टीकमगढ़ द्वारा मा.शाला बड़ेरा का आकस्मिक निरिक्षण किया गया, जहाँ शिक्षिका वंदना त्रिपाठी पिछले 08 वर्षों से अनुपस्थित पाई गई? (ख) यदि हाँ तो कलेक्टर-टीकमगढ़ द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या वंदना त्रिपाठी विगत 08 वर्षों से अनुपस्थित रहने के बाद भी फर्जी हस्ताक्षर कर सतत् वेतन प्राप्त करती रहीं? यदि हाँ, तो धोखाधड़ी एवं वेतन वसूली के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) संकुल केन्द्र भेलसी के प्राचार्य, मा.शाला बड़ेरा के प्रधानाचार्य एवं रामलखन पारासर जोकि पिछले 5-6 वर्षों से बी.आर.सी. बल्देवगढ़ के पद पर पदस्थ है। इन सभी पर शिक्षिका वंदना त्रिपाठी की उपस्थिति के फर्जी हस्ताक्षर कराने और अपने कार्य में लापरवाही बरतने पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या निलबंन अवधि के दौरान बंदना त्रिपाठी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है? यदि हाँ, तो कहाँ? उपस्थिति पंजी की छायाप्रति देवें। (च) क्या मंत्री जी इस गंभीर प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। निरीक्षण के दौरान श्रीमती वन्दना त्रिपाठी शाला में उपस्थित मिली तथा बडेरा ग्रामवासियों द्वारा 08 वर्षों से शाला में उपस्थित नहीं होने संबंधी पंचनामा दिया गया है। (ख) ग्रामवासियों द्वारा दी गई शिकायत/पंचनामा के आधार पर श्रीमती वन्दना त्रिपाठी, अध्यापक, शा. मा.वि. बडेरा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत टीकमगढ़ के आदेश दिनांक 15.07.2019 को निलम्बित किया गया तथा आदेश दिनांक 12.03.2020 को विभागीय जांच संस्थित की गई। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार विभागीय जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाई की जायेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर से नोटिस जारी किये गए है, इनके तथा उत्तरांश (ख) में अंकित विभागीय जांच के निष्कर्षों के प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेंगी। (ड.) निलम्बन अवधि में श्रीमती वन्दना त्रिपाठी का मुख्यालय विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी पलेरा जिला टीकमगढ़ नियत किया जाता है। जहां वे दिनांक 18/7/2019, 16/09/2019 एवं 17/09/2019 को उपस्थित हुई है। उपस्थिति प्रमाण पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (च) उत्तरांश (ख) अनुसार जांच संस्थित की जा चुकी है।
100 बिस्तर अस्पताल के लिए बजट का आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 158 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकास खंड त्योंथर में वर्ष 2007 से 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल स्वीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो पूर्व से स्वीकृत 100 बिस्तरीय अस्पताल भवन के निर्माण कार्य के लिए वर्ष 2007 से आज दिनांक तक बजट की स्वीकृत न होने का प्रमुख कारण क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अति लोक महत्व पर आधारित है, ऐसी स्थिति में स्वीकृत 100 बिस्तरीय अस्पताल के निर्माण के प्रक्रिया के लिए विभाग का आगामी लक्ष्य क्या है? (घ) क्या लोक महत्व के इस विषय को जनहित में सर्वोच्च प्रथिमिकता के आधार पर वर्तमान सत्र के लिए प्रस्तावित/स्वीकृत बजट से आवश्यक बजट राशि का आवंटन सुनिश्चित किया जावेगा। यदि हाँ, तो अनुमानित/स्वीकृत बजट की जानकारी प्रदान की जावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) अभी सिर्फ संस्था स्वीकृत है। (ख) शासन के आदेश क्रमांक एफ 1-15/07/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 09.09.2008 द्वारा संस्था स्वीकृति उपरांत भूमि चिन्हित न होने के कारण भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं हो सकी। (ग) विभाग द्वारा दिनांक 02.06.2020 को स्थाई वित्त समिति में भवन निर्माण की स्वीकृति का प्रस्ताव रखा गया था, परंतु समिति द्वारा वर्तमान में त्योंथर अस्पताल की आई.पी.डी./ओ.पी.डी. की जानकारी प्राप्त कर 100 बिस्तरीय भवन उन्नयन की आवश्यकता होने पर एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर आगामी स्थाई वित्त समिति की बैठक में प्रस्ताव रखने का निर्णय हुआ। (घ) प्रश्नांश भाग की जानकारी प्रश्नांश (ग) के उत्तर में समाहित है।
लोक सेवक को न्याय
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 181 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री जी.के. द्विवेदी ईई एसटीएम रीवा के पद पर का कार्यकाल बतायें? (ख) सीई (कार्य) जबलपुर आदेश क्रमांक 1020 दिनांक23/2/2011 द्वारा एयरटेल के बिल भुगतान कराने की जिम्मेवारी किसे दी गई थी, क्या बिल भुगतान न होनें की दशा में भी भारती एयरटेल द्वारा कनेक्शन बंद न करने का आदेश/अनुबंध था? अगर हाँ, तो दिनांक 18/4/2014 को सिम बंद करने पर संबंधित फर्म के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं कराई गई? क्या इस लापरवाही के लिये मुख्य अभियंता दोषी नहीं है, यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई स्पष्ट करें? क्या मुख्य अभियंता/उच्च अधिकारी को बचाने के लिये श्री जी.के.त्रिवेदी ईई को दोषी बना दिया गया है स्पष्ट करें? (ग) क्या सीई रीवा ने अपने पत्र क्रमांक 5278 दिनांक 6/8/2015 द्वारा जी.के.द्विवेदी की अपील पर सहमति जताते हुये दण्ड समाप्त करने की सिफारिश की गई थी, अगर हाँ, तो सीजीएम ने आदेश क्रमांक 1631 दिनांक 30/11/2015 द्वारा अपील क्यों निरस्त की गई? (घ) परिनिन्दा दण्ड का प्रभाव 31/12/2015 को समाप्त हो जाने के बावजूद जनवरी 2016 में विभागीय जांच प्रक्रिया की कंडिका 2 अनुसार तत्काल पैनल बनाकर पदोन्नति क्यों नहीं की गई, क्या इस नियम का पालन कर बैकडेट से पदोन्नति दी जावेगी, यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री जी.के. द्विवेदी, कार्यपालन अभियंता का एस.टी.एम. संभाग, रीवा में कार्यकाल दिनांक 8.2.2013 से दिनांक 19.8.2014 तक रहा है। (ख) सीई (कार्य) जबलपुर के आदेश क्रमांक 1020 दिनांक 23.2.2011 के अनुसार भारती एयरटेल के देयकों के भुगतान की जिम्मेदारी क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं को दी गई थी। जी हाँ, उक्त आदेश में यह भी प्रावधान था कि देयकों के भुगतान में विलंब होने पर भारती एयरटेल द्वारा न ही किसी प्रकार की पेनाल्टी/ब्याज अधिरोपित किया जायेगा और न ही कनेक्शन बंद किया जायेगा। उक्त कार्यादेश का उल्लंघन करने पर भारती एयरटेल के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने का प्रावधान नहीं था। जी नहीं, मुख्य अभियंता, रीवा स्वयं दोषी नहीं हैं, अत: उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। जी नहीं, अपितु एयरटेल के देयकों का समय पर भुगतान न होने के लिये श्री जी.के. द्विवेदी दोषी पाये गये। (ग) जी नहीं, मुख्य अभियंता, रीवा क्षेत्र, रीवा ने अपने पत्र क्रमांक 053-01/05/वि.जां.प्र./एफ-1248/5278 दिनांक 26.8.2015 द्वारा श्री जी.के. द्विवेदी के पुनर्विचार आवेदन में उल्लेखित बिन्दुओं से सहमति जताते हुए उनके आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की अनुशंसा की थी, दंड समाप्त करने की अनुशंसा नहीं की गई थी। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) वर्ष 2016 में कंपनी की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के आयोजन के पूर्व माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 30.4.2016 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 12.5.2016 में यथास्थिति के निर्देश के तहत वर्तमान में पदोन्नति की प्रकिया लंबित है। अत: प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आगामी आदेश उपरांत यथोचित कार्यवाही की जा सकेगी।
आरक्षण अधिनियम का पालन
[सामान्य प्रशासन]
26. ( क्र. 182 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्तर पर अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के बैकलॉग पदपूर्ति हेतु रोस्टर के संधारण हेतु व्यवस्था क्या है, नियम एवं निर्देश उपलब्ध करें? (ख) आरक्षण नियमों का पालन न करने हेतु मध्यप्रदेश अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण अधिनियम के अंतर्गत दंड के क्या प्रावधान है, प्रति उपलब्ध कराएँ? (ग) जिला पंचायत सतना में वर्ष 2019-20 एवं 20-21 का किस-किस संवर्ग के रोस्टर का संधारण किया गया है, उक्त रोस्टर किस अधिकारी द्वारा अनुमोदित किया गया है, निर्धारण समिति में कौन-कौन सदस्य थे नाम एवं पद सहित बताएं? सभी संधारित रोस्टरों की प्रति उपलब्ध करायी जाए? (घ) क्या रोस्टर निर्धारण हेतु अनुसूचित जाति या जनजाति के किसी सदस्य को समिति में रखा गया, यदि नहीं तो क्या जांच कर कार्यवाही की जाएगी? अनियमितता बरतने एवं अधिनियम का पालन न करने पर उत्तरदायी के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19 सितम्बर, 2002 में दिए गए प्रावधानों में क्रमांक-1 रोस्टर, में जिला स्तरीय रोस्टर की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1994 की धारा-6 (1) (2) एवं धारा-7 में दंड के प्रावधान निर्धारित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) एवं (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
27. ( क्र. 187 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-6-1/ 2019/एक/9 दिनांक 04/06/2019 की कंडिका 11.22 के अनुसार अधिकारी के एक स्थान से स्थानांतरण के बाद पुन: उसी स्थान पर सामान्यत: पदस्थ न किये जाने बाबत् नीति बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो नीति होने के बावजूद किन किन कार्यपालन यंत्रियों को पुन: उसी स्थान पर पदस्थ किया गया है? कारण बतावें? (ग) नियम के विपरीत आदेश करने वाले अधिकारी का नाम बतावे? क्या ऐसे अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग को बजट का आंवटन
[आदिमजाति कल्याण]
28. ( क्र. 205 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राज्य सरकार के बजट से एकीकृत विकास परियोजना, लघु, माडा, कलस्टर परियोजना हेतु विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओ में कितनी राशि प्राप्त हुई, कितनी राशि का व्यय किया गया, कितनी राशि किन आदिवासी परियोजनाओं को वर्षवार जारी की गई एवं कितनी राशि किन-किन विभागों को वर्षवार जारी की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। आईटीडीपी/माडा पॉकेट/क्लस्टर में स्थानीय विकास कार्यक्रम हेतु सामग्री एवं पूर्तियाँ मद-5211 अंतर्गत (राज्य आयोजना) में राशि परियोजना/माडा/लघु अंचलों को जारी की जाती है विभागों को नहीं।
प्राचार्यों पर आर्थिक अपराध के दर्ज प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 220 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात उज्जैन संभाग में कितने प्राचार्यों पर आर्थिक अपराध के प्रकरण दर्ज किये गये, कितने प्रकरण मा.न्यायालय में विचाराधीन है? कितने विभागीय समीक्षा में चल रहे है? प्रत्येक प्रकरण की जानकारी देवें? (ख) क्या कार्यालय आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा दिनाँक 15.01.2018 को अपने पृष्ठ क्रमांक 424/दो-स्थापना/2018 को आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा हस्ताक्षरित पत्र जारी कर आर्थिक अपराध में निलंबित प्राचार्य को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हाटपिपलिया संकुल कमला नेहरु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा जिला रतलाम में पुन: प्राचार्य पद पर पदस्थ कर दिया है यदि हाँ, तो किस नियम के तहत, क्या आर्थिक अपराध निलंबित प्राचार्य पुन: प्राचार्य पद संभाल कर लोकल केश बुक का संचालन कर सकता है यदि हाँ, तो इन्हें उसी स्कूल के वेतन ड्राइंग पावर क्यों नहीं दिए गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आयुक्त के पत्र में निलंबित प्राचार्य को पुन: प्राचार्य बनाने का उल्लेख नहीं है फिर भी निलंबित प्राचार्य शा.उ. मा.विद्यालय हाटपिपलिया का प्राचार्य पद संभाल रहे हैं तथा किस आदेश से, क्या शा.उ. मा.विद्यालय हाटपिपलिया का प्राचार्य पद फुलफ्रेश प्राचार्य का पद है यदि हाँ, तो प्राचार्य का वेतन कमला नेहरु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा से क्यों निकल रहा है क्या निलंबित प्राचार्य को संकुल से अन्यत्र स्थान्तरित किया जाएगा यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) उज्जैन संभाग अन्तर्गत 02 आर्थिक अपराध के प्रकरण दर्ज है। दोनों प्रकरण न्यायालयीन कार्यवाही में प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। जांच प्रभावित न हो इसलिये बहाली उपरांत कार्य सुविधा की दृष्टि से अन्य विद्यालय में पदस्थ किया जा सकता है। प्राचार्य पद पर पदस्थापना होने पर प्राचार्य से संबंधित सभी दायित्वों का निर्वाहन करना होता है। चूंकि विकासखण्ड अंतर्गत विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी का ही डी.डी.ओ. अधिकार है, किसी भी प्राचार्य को नहीं है। अतः संबंधित प्राचार्य को डी.डी.ओ. अधिकार नहीं दिये जा सकते है। (ग) संबंधित का मूल पद प्राचार्य है। अतः निलंबन से बहाली प्राचार्य उ.मा.वि. पद पर ही होगी। राज्य शासन के पत्र क्रमांक/एफ 27-29/2013/20-2 भोपाल दिनांक 05.07.2013 द्वारा पदस्थ संस्था शासकीय उ.मा.वि. हाटपिपल्या जिला रतलाम में प्राचार्य उ.मा.वि. का पद स्वीकृत है। जी हाँ, प्राचार्य का पद स्वीकृत है। शासकीय उ.मा.वि. हाटपिपल्या जावरा के पद से ही वेतन निकल रहा है। शास.कमला नेहरू कन्या उ.मा.वि. संकुल होने से वेतन देयक इस संस्था से बनाया जाता है। जांच प्रचलित है। जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदिरा ज्योति योजनांतर्गत लाभांवित विद्युत उपभोक्ता
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 250 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में इंदिरा ज्योति योजना किस दिनांक से लागू की तथा उसके उद्देश्य क्या थे? (ख) उपरोक्त योजनांर्गत प्रदेश के कितने विद्युत उपभोक्ताओं को प्रश्न दिनांक तक लाभ प्राप्त हुआ? उपभोक्ताओं की संख्या एवं दिये गये अनुदान की राशि बतायें। (ग) वर्तमान में उक्त योजना संचालित हैं अथवा नहीं? (घ) इंदिरा ज्योति योजना में विद्युत दरों एवं अनुदान की तुलना में वर्तमान में उपभोक्ताओं से वसूली जा रही राशि का अन्तर क्या हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' दिनांक 25 फरवरी, 2019 से तथा परिवर्तित रूप में दिनांक 07.09.2019 से लागू की गई थी। उक्त योजना का उद्देश्य घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों में राहत देना है। योजना का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अद्यतन स्थिति में संधारित आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' प्रारंभ होने के माह फरवरी, 2019 से माह जून, 2020 तक की अवधि में योजना के तहत लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या एवं उन्हें प्रदान की गई अनुदान की राशि की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, उक्त योजना वर्तमान में संचालित है। (घ) ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' में विद्युत दरों एवं अनुदान की तुलना में वर्तमान में विद्युत उपभोक्ताओं से वसूली जा रही राशि में कोई अंतर नहीं है।
संविदा कर्मचारियों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 259 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदा कर्मचारियों के लिये शासन द्वारा कितनी समय अवधि के लिये नियुक्ति की जाती है? (ख) क्या शासन द्वारा संविदा पद समाप्त कर स्थाई कर्मचारियों के लिये शासन द्वारा कोई प्रयास किये जा रहे हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या संविदा कर्मचारियों को स्थाई करने की कोई प्रक्रिया शासन द्वारा चलाई जा रही है? यदि चलाई जा रही है तो कब तक कर्मचारियों को स्थाई किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभागों द्वारा कार्य की आवश्यकता को देखते हुए एवं अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर एक समय अवधि के लिये नियुक्ति की जाती है। (ख) परिपत्र दिनांक 05 जून, 2018 द्वारा संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति प्राप्त करने के अवसर प्रदान किए जाने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं एवं विभागों के अनुमोदित प्रशासनिक सेटअप में संविदा पर नियुक्ति के लिए जो पद चिन्हित हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से नियमित पदों में परिवर्तित किए जाने के निर्देश हैं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दै.वे.भो. कर्मचारियों का विनियमीतकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
32. ( क्र. 275 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रावास जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कहाँ-कहाँ खोले गए थे? उनके नाम एवं छात्र-छात्राओं की संख्या सहित बताएँ एवं यह भी बताएँ कि इनमें कौन-कौन कर्मचारी कब से पदस्थ हैं और इनका मूल पद क्या-क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) आधार पर ऐसे दै.वे.भो. कर्मचारियों के नाम, पद सहित बताएं जो नियमित पद पर, कार्यभारित पद पर एवं कलेक्टर दर पर नियुक्त किये गए थे? इनकी नियुक्ति किस दर पर किस पद पर कब किस अधिकारी द्वारा दी गई थी? इन सभी के आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएँ कि जो जिले में 17 मई 2007 के पहले 25 कर्मचारी दै.वे.भो. थे उन सभी का जिला कलेक्टर द्वारा दिनांक 22 जनवरी 2019 द्वारा विनियमितीकरण कर दिया गया है? अगर हां तो उनकी सूची प्रदाय कर यह बताएँ कि यह किसके आदेश से किया गया? ऐसे आदेश की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि एक जिले में दिनांक 16 मई, 2007 के बाद नियुक्ति प्राप्त करने वाले दै.वे.भो. कर्मचारियों का विनियमितीकरण क्यों नहीं किया गया है? उनकी सूची प्रदाय कर यह भी बताएं कि जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक इन शेष 25 दै.वे.भो. कर्मचारियों का विनियमितीकरण करने जिले से शासन को कब-कब पत्र लिखा गया? ऐसे पत्रों की छायाप्रतियां प्रदाय कर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं। इन 25 का विनियमितीकरण किया जाएगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी 2014 से खोले गये छात्रावासों में प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर दर पर 03 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिले में दिनांक 16 मई 2007 के पहले नियुक्त 25 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कलेक्टर, टीकमगढ़ के आदेश क्रमांक 136 दिनांक 22 जनवरी 2019 द्वारा मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर 2016 के निर्देशानुसार विनियमित किया गया है। विनियमित किये गये कर्मचारियों की सूची तथा आदेश की छायाप्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर 2016 की कंडिका क्रमांक 1.8 में 16 मई 2007 के बाद शासन की अनुमति से/अनुमोदन उपरांत सक्षम अधिकारी द्वारा नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किये जाने का प्रावधान है। जिले में 16 मई 2007 के बाद नियुक्त 25 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास द्वारा पत्र क्रमांक 257 दिनांक 12.02.19, क्रमांक 298 दिनांक 14.02.19, क्रमांक 956 दिनांक 25.06.19, पत्र क्रमांक 1603 दिनांक 09.09.2019, पत्र क्रमांक 2054 दिनांक 01.11.19 एवं पत्र क्रमांक 114 दिनांक 16.01.2020 आयुक्त, आदिवासी विकास, भोपाल को मार्गदर्शन/अनुमोदन हेतु पत्र लिखे गये हैं। इन शेष 25 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विनियमितीकरण प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
खनिज पट्टों का संचालन एवं अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
33. ( क्र. 287 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना और कटनी जिले में विभाग द्वारा किस-किस योजना एवं मद के तहत कितनी-कितनी लागत से विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से निर्माण और वृक्षारोपण के कार्य किस व्यक्ति/फर्म/संस्था के द्वारा कराए गए हैं? किए गए निर्माण एवं वृक्षारोपण के कार्यों को किस-किस शासकीय सेवक के पर्यवेक्षण में कब-कब कराया गया और क्यों कार्यों का निरीक्षण और भौतिक सत्यापन किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया था और क्या प्रतिवेदन दिए गए? कार्यवार एवं कक्षवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (ख) के तहत किए निर्माण एवं वृक्षारोपण के कार्य किस आवश्यकता/मांग/प्रस्ताव के आधार पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत किए गए और कार्य कराये जाने के क्या मार्गदर्शी निर्देश दिये गए थे? क्या कार्यों को कराये जाने में नियत प्रावधानों एवं विभागीय निर्देशों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें। यदि नहीं तो इस पर क्या कार्यवाही की जाएंगी? (ग) वृक्षारोपण में रोपित किए गए पौधों में से कितने पौधे वर्तमान में जीवित हैं और कितने पौधे किन-किन कारणों से मृत हो गये? वृक्षारोपणवार बताएं। (घ) क्या पन्ना एवं कटनी जिले में विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों का सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन के आदेश दिनांक 04.02.2016 के पालन में तृतीय पक्ष से मूल्यांकन कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण बताएं, यदि नहीं तो? कारण बताएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पन्ना एवं कटनी जिले में खनिज विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में किसी भी योजना एवं मद से निर्माण कार्य अथवा वृक्षारोपण नहीं कराया गया है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ख) की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (घ) की जानकारी निरंक है।
लॉकडाउन अवधि में हुई डिलीवरी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
34. ( क्र. 301 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 22 मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक रतलाम जिले के अन्तर्गत शासकीय चिकित्सालय तथा निजी चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं की कितनी डिलीवरी हुई विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डिलीवरी प्रकरण में कितनी डिलीवरी सामान्य तथा कितनी ऑपरेशन (सिजेरियन) से हुई, कुल डिलीवरी में सामान्य डिलीवरी का प्रतिशत कितना है (ग) क्या लॉकडाउन प्रश्न अवधि में सामान्य डिलीवरी का प्रतिशत बहुत ज्यादा बढ़ा, यदि हाँ, तो क्या पहले जबरन पैसे के लालच में ऑपरेशन से डिलीवरी करवाई जाती थी? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डिलीवरी में कुल कितने बच्चे जीवित तथा कितने मृत हुए लिंग अनुसार, विधानसभा क्षेत्रवार बच्चों की संख्या बताएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) 22 मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक रतलाम जिले के अन्तर्गत शासकीय चिकित्सालय में 12278 तथा निजी चिकित्सालय में 909 डिलीवरी हुई। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डिलीवरी प्रकरण में 11880 डिलीवरी सामान्य तथा 1307 ऑपरेशन (सिजेरियन) से हुई। कुल डिलीवरी में सामान्य डिलीवरी का प्रतिशत 90 है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डिलीवरी में 13156 बच्चे जीवित तथा 383 बच्चे मृत हुए। लिंगानुसार, विधानसभावार क्षेत्रवार बच्चों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
रतलाम जिले की स्वास्थ्य सेवाओं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 303 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की वर्ष 2015 से 2019 तक प्रतिवर्ष अनुसार शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, नवजात शिशु मृत्यु दर तथा गर्भवती माता मृत्यु दर बतावें तथा बतावें कि पिछले 5 वर्षों में चाइल्ड इंटनेसिव केयर यूनिट में कितने बच्चे भर्ती हुए तथा उसमें से कितने मृत हुए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित में से बतावे की मृत शिशु तथा माता में अनु.जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग का प्रतिशत क्या है तथा पिछले 5 वर्षों में 0 से 5 साल के कुल कितने बच्चे तथा कितनी गर्भवती माता की मृत्यु हुई जिनमें से कितने-कितने शासकीय चिकित्सालय तथा निजी चिकित्सालय में भर्ती के दौरान मृत हुए (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में नवजात शिशु और गर्भवती माताओं की मृत्यु होने पर परिवार जनों द्वारा कितनी शिकायतें जिला चिकित्सालय, कलेक्टर कार्यालय और पुलिस विभाग को प्राप्त हुई है? प्राप्त शिकायतों का विवरण उपलब्ध कराएं? (घ) प्राप्त शिकायतों की वर्तमान में स्थिति क्या हैं? क्या शिकायत उपरांत किसी चिकित्सक या स्टाफ को दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट (सेम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) में शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, नवजात शिशु मृत्यु दर तथा गर्भवती माता मृत्यु दर की जानकारी जिलेवार उपलब्ध नहीं कराई जाती है। रतलाम जिले में चाइल्ड इंटेंसिव केयर यूनिट (पी.आई.सी.यू.) की स्थापना अगस्त 2016 में हुई है, जिसमें कुल 3417 बच्चे उपचारित किये गये तथा कुल 135 बच्चों की मृत्यु हुई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नावधि में 0 से 5 साल तक के कुल 2298 बच्चों एवं कुल 91 गर्भवती माताओं की मृत्यु हुई। शासकीय तथा निजी चिकित्सालय की जानकारी पृथक से संधारित नहीं की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) के भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (घ) के भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
कार्यपालन एवं अधीक्षण यंत्री के पद का सृजन
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 320 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में जिले की विद्युत समस्याओं तथा सब स्टेशन के मेंटनेंस हेतु कार्यपालन यंत्री (Construction) तथा कार्यपालन यंत्री (STM) का पद शासन सृजित करने पर क्या विचार करेगा? (ख) बालाघाट जिले में सर्किल ऑफिस तथा अधीक्षण यंत्री का पद सृजित किये हुए कितने वर्ष बीत जाने के बाद भी विषयांकित पदों के सृजन पर अब तक विचार क्यों नहीं किया गया? (ग) चूंकि बालाघाट जिला नक्सल प्रभावित जिला हैं तथा इसमें सब स्टेशन की संख्या भी काफी है तथा निर्माण कार्य भी चलते रहते हैं, उक्त पद न होने से जिले में आए दिन समस्याएं उत्पन्न होती हैं तथा उनका निराकरण करने में देरी होती है? यदि हाँ, तो शासन इन समस्याओं के दृष्टिगत विषयांकित पद कब तक सृजित कर देगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) बालाघाट जिले में एस.टी.सी. संभागीय कार्यालय बालाघाट का सृजन माह मई-2018 में विभिन्न योजनाओं के कार्यों को समय-सीमा में सम्पादित करने हेतु किया गया था। एस.टी.सी. संभागीय कार्यालय के सृजन के पूर्व एस.टी.सी. उप-संभाग बालाघाट, एस.टी.सी. संभाग सिवनी के अधीनस्थ कार्यरत था। बालाघाट जिले में सौभाग्य योजना, आई.पी.डी.एस., डी.डी.यू.जी.जे.वाय., मुख्य मंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना एवं प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य अधिकाशत: पूर्ण कर दिये गये है वर्तमान में सिवनी एवं बालाघाट जिलों में प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं अन्य योजनाओं के शेष कार्यों को पूर्ण करने हेतु उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के दृष्टिगत, क्षेत्रीय भंडार की लोकेशन एवं भौगोलिक स्थिति को देखते हुये, एस.टी.सी. संभाग बालाघाट का एस.टी.सी. संभाग सिवनी में विलय किया गया है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में पूर्व की भांति एस.टी.सी. संभाग सिवनी द्वारा सिवनी एवं बालाघाट जिलों के कार्यों का सुगमतापूर्वक निष्पादन कराया जा रहा है। बालाघाट वृत्त में एस.टी.एम. संभाग सिवनी के उपसंभाग (टी.एस.जी.) बालाघाट के माध्यम से सब स्टेशनों के रख-रखाव का कार्य किया जाता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक नहीं होने से वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
वन भूमि अनुमति के लंबित प्रकरण
[वन]
37. ( क्र. 335 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत सड़कें, पुल एवं अन्य योजनाओं में स्वीकृत सड़कें तथा मजरा टोला एवं ग्रामों के विद्युतीकरण में वन विभाग की अनुमति प्राप्ति के कितने प्रकरण किस-किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? प्रकरणवार कारण बतावें। (ख) उक्त प्रकरणों के निराकरण एवं अनुमति के संबंध में भारत सरकार तथा राज्य सरकार के क्या-क्या दिशा-निर्देश हैं एवं किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार हैं तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों के निराकरण हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) के लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? इस संबंध में 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत जारी मार्गदर्शिका के बिन्दु 4.3 में विभिन्न जनोपयोगी 15 कार्यों के लिये 01 हेक्टेयर तक वन भूमि प्रत्यावर्तन के अधिकार कुछ शर्तों के साथ राज्य शासन को प्रदत्त किये हैं। भारत सरकार की मार्गदर्शिका के बिन्दु 4.3 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है वनाधिकार अधिनियम, 2006 में धारा 3 (2) में 01 हेक्टेयर तक वन भूमि के प्रत्यावर्तन के अधिकार कुछ शर्तों के साथ संबंधित क्षेत्रीय वनमण्डलाधिकारियों को प्रदत्त हैं वनाधिकार अधिनियम, 2006 में धारा 3 (2) में दिए गए अधिकारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति के संबंध में विभागीय अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत प्राप्त प्रस्तावों पर कार्यवाही करने की समय-सीमा भारत सरकार द्वारा पत्र दिनांक 11.12.2017 निर्धारित की गई है। भारत सरकार के इस पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में लंबित प्रकरणों का निराकरण आवेदक संस्थाओं द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दर्शाई गई कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के पत्र विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, इससे संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के तहत ऋण वितरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
38. ( क्र. 340 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए रतलाम जिले के लिये कितने हितग्राहियों को रोजगार से जोड़ने हेतु बैंकों से ऋण दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (ख) इस लक्ष्य के विरूद्ध दोनों योजनाओं में जिले के कितने हितग्राही बैंकों से कर्ज प्राप्त कर लाभान्वित हुये हैं? (ग) कलेक्टर ने दोनों योजनाओं के लिये 26 अगस्त 2020 की अवधि तक कितने प्रकरण बैंकों को अग्रेषित किये? इनमें से कितनों में लोन वितरित किया जा चुका है और कितने प्रकरण बैंकों के पास बिना निराकरण लंबित पड़े हुये हैं? लंबित प्रकरणों में हितग्राहियों को लोन दिलाने के लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लक्ष्य निर्धारण प्रक्रियान्तर्गत है एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना स्थगित है। (ख) से (ग) प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 361 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितने सिविल हॉस्पिटल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उप स्वास्थ्य केन्द्र किन-किन स्थानों पर संचालित हो रहे हैं? स्थानवार जानकारी दें। (ख) बताएं कि संचालित हो रहे उपरोक्त केन्द्रों पर कितने पद स्वीकृत होकर उन पर वर्तमान में कौन-कौन पदस्थ होकर कार्यरत हैं? उक्त केन्द्रों पर कितने पद रिक्त हैं? केन्द्रवार बताएं। (ग) जावरा नगर में वर्ष 2014-15 में प्रांरभ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ पर संचालित किया जा रहा तथा वर्ष 2016-17 में स्वीकृत ग्रामों उम्मेदपुरा, चिपिया, सुजापुर, बिनौली, बहादुरपुर, मोरिया एवं झालवा के केन्द्र कहाँ पर संचालित किये जा रहे हैं उन पर कौन पदस्थ हैं? (घ) संपूर्ण क्षेत्र अंतर्गत संचालित हो रहे केन्द्रों के क्या स्वयं के भवन हैं या अन्य स्थानों पर संचालित हो रहे हैं? क्षेत्र में भवन विहीन कितने केन्द्र हैं? भवन कब स्वीकृत होंगे तथा रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जावरा नगर में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वर्तमान में संचालित नहीं है वर्ष 2016-17 में स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालन की जानकारी निम्नवत है:-
क्र. |
उप स्वा. के. का नाम |
संचालन का स्थान |
पदस्थ ए.एन.एम. का नाम |
1 |
उम्मेदपुरा |
आंगनवाडी केन्द्र में |
नीता डाबी |
2 |
चिपिया |
आंगनवाड़ी केन्द्र में |
भगवती पडियार |
3 |
सुजापुर |
आंगनवाडी केन्द्र में |
डाली डगलस |
4 |
बिनोली |
आंगनवाड़ी केन्द्र में |
कलावती बरानिया |
5 |
बहादुरपुर |
पंचायत भवन में |
रेखा बोरीवाल |
6 |
मोरिया |
पुराने स्कूल भवन में |
सोना रावल |
7 |
झालवा |
पुराने स्कूल भवन में |
कंचनभंवर (संविदा) |
(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 13 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन विहीन है। यथा संभव शीघ्र। यथा संभव शीघ्र।
उद्योग प्रारंभ करने हेतु प्राप्त आवेदन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
40. ( क्र. 362 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभिन्न उद्योग धंधों को प्रांरभ किये जाने हेतु केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से फर्मों, कंपनियों, एजेसियों अथवा निजी व्यक्तिगत कितने-कितने आवेदन किन-किन उद्योगों को प्रारंभ किये जाने हेतु प्राप्त हुए? नाम व कार्यवार बताएं। (ख) जिले भर में किन-किन स्थानों पर आवेदनों को लिये जाने की व्यवस्था की गई है अथवा सिर्फ जिला मुख्यालय केन्द्र पर ही आवेदन प्राप्त किये जाते हैं? (ग) क्या जावरा केन्द्र पर भी आवेदनों को लिए जाने एवं मार्गदर्शन हेतु कार्यालय खुला रहता है तो किन दिनों में कहाँ पर कार्यालय संचालित किया जा रहा है? (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? उनमें से नियमानुसार समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण कर कितने स्वीकृत हुए एवं कितने लंबित हैं? नामवार वर्षवार जानकारी दें।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) रतलाम जिले अन्तर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्नाधीन अवधि तक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा संचालित केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न स्वरोजगार योजनओं में उद्योग/सेवा/व्यवसाय प्रारंभ किये जाने हेतु निजी व्यक्तिगत प्राप्त आवेदनों का योजनावार विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
योजना का नाम |
प्राप्त आवेदनों की संख्या |
1 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
3320 |
2 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
112 |
3 |
मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना |
213 |
4 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
678 |
योग |
4323 |
उक्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जिले में एमपी ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से विभाग में आवेदन पत्र ऑनलाइन प्राप्त किये जाने की व्यवस्था है। इसमें आवेदक स्वयं आनलाईन आवेदन कर सकता है अथवा एमपी ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से आवेदन कर सकता है। कियोस्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) आवेदन पत्र एमपी आनलाईन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किये जाते हैं। जावरा में विभाग का कोई कार्यालय संचालित नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त आवेदन, स्वीकृत आवेदन एवं लंबित आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 375 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना वायसर कोविड-19 के संक्रमण का पहला प्रकरण प्रदेश में कहाँ और कब पाया गया? कोरोना प्रभावित मरीज का नाम, पता सहित बतायें। (ख) 15 मार्च से 31 अगस्त 2020 तक की अवधि में कोरोना वायरस कोविड-19 से प्रभावित कितने व्यक्तियों के टेस्ट पॉजिटिव पाये गये एवं उसमें से कितने व्यक्तियों की उक्त वायरस से मौत हो गई तथा कितने इलाज के बाद स्वास्थ्य हो गये? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कितने मरीजों का इलाज प्रदेश के किस-किस नगर के किन-किन निजी मेडिकल कॉलेज एवं उनसे संलग्न चिकित्सालयों में कराया गया? इस उपचार हेतु राज्य सरकार ने किस-किस मद से किन-किन मेडिकल कॉलेजों एवं कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया तथा कितनी राशि देना शेष हैं? विवरण दें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में निजी चिकित्सालय/अस्पताल में कोरोना वायरस कोविड-19 के उपचार पर कितनी राशि केन्द्रीय सरकार से प्राप्त हुई एवं राज्य सरकार ने अपने फंड से कितनी राशि व्यय की? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु कुल कितने क्वारेंटाईन सेंटर किस-किस जिले में कितने-कितने बनाए गए? उनमें क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिवनी जिले के संचालित छात्रावासों में सामग्री सप्लाई
[आदिमजाति कल्याण]
42. ( क्र. 380 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिवनी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा बालक और बालिका छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो विकासखण्ड वार ब्यौरा दें? (ख) छात्रावासों में कोरोना-19 अवधि के पूर्व अध्ययनरत विद्यार्थियों की सुविधा के लिए किन-किन वस्तुओं की सप्लाई किन नियमों के तहत हो रही है? सिवनी जिलें के छात्रावासों में विगत 02 वर्षों में किन-किन वस्तुओं की सप्लाई की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के छात्रावासों में सप्लाईकर्ता फर्म और सप्लाई की गई सामाग्री की दरों का ब्यौरा दें? (घ) छात्रावासों में सप्लाई वस्तुओं की गुणवत्ता को लेकर क्या कोई शिकायत सामने आई है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रचलित कार्यवाही का ब्यौरा दें? (ड.) जिला मुख्यालय में संचालित अंग्रेजी माध्यम बालक आश्रम, कन्या आश्रम एवं अंग्रेजी माध्यम कन्या आश्रम में अंग्रेजी माध्यम के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं, स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने और किस माध्यम के शिक्षक/अध्यापकों की नियमानुसार पदस्थापना की गई है? यदि नहीं तो क्यों? यदि नियमानुसार पदस्थापना नहीं की गई है इसके लिए कौन जवाबदार है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (की) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–एक अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-12-08/2017/25-2/902 दिनांक 24.07.2018 में निहित प्रावधान अनुसार छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों को बिस्तर सामग्री, प्रसाधन सामग्री एवं शिष्यवृत्ति की 10 प्रतिशत राशि विद्यार्थियों के बैंक खाते में जमा की जाती है। वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में सामग्री का क्रय GEM PORTAL से किया गया है। क्रय की गयी सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। स्वीकृत पद के विरूद्ध नियमानुसार पदस्थापना की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध प्राप्त शिकायत की जांच
[स्कूल शिक्षा]
43. ( क्र. 396 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा का अधिकार अधिनियम की किसी भी धारा या उपधारा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि सक्षम प्राधिकारी से विहित प्रक्रिया द्वारा स्कूल का मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना, कोई भी व्यक्ति प्रस्तावित स्कूल के नाम पर स्कूल बसों की खरीदी, उसका फायनेंस, उसका रजिस्ट्रेशन एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट के रूप में करवा कर सम्पत्ति अर्जित कर सकता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में प्राप्त शिकायत एवं जांच के आधार पर कलेक्टर (जिला दंडाधिकारी) बड़वानी द्वारा दिनांक 05.11.2018 को संबंधित स्कूल प्रबंधन पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी को नोटशीट पर दिए गए थे? यदि हां तो शिकायत की छायाप्रति एवं उसके साथ संलग्न समस्त दस्तावेजों के संपूर्ण प्रकरण की नोटशीट की छायाप्रति देवें। (ग) क्या राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्र. 84 भोपाल, दिनांक 04.01.2019 के परिपालन में गठित तीन सदस्यीय जांच दल द्वारा संयुक्त जांच प्रतिवेदन दिनांक 02.01.2019 के जांच के बिन्दुओं में स्कूल मान्यता के पूर्व ही स्कूल के नाम पर बसें खरीदना, बसों के लिये पचास लाख का फाइनेन्स करवाना एवं बसों का आर.टी.ओ. में एज्यूकेशनल इंस्टीट्युट लोटस वेली स्कूल के नाम पर पंजीयन कराने के संबंध में कोई भी अभिमत जांच प्रतिवेदन में सम्मिलित नहीं है और न ही विचारण के बिन्दुओं में उसका कोई उल्लेख ही किया गया है? यदि किया गया है तो उसका बिन्दु क्रमांक क्या है? (घ) क्या राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्र. 84 भोपाल दिनांक 04.01.2019 के परिपालन में गठित तीन सदस्यीय जांच दल में कोई भी सदस्य परिवहन विभाग के केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम, वित्त विभाग (बैंक फाइनेंस) प्रक्रिया एवं संपत्ति अन्तरण अधिनियम का विशेषज्ञ नहीं था और न ही जांच समिति के किसी सदस्य को, परिवहन संबंधी कानूनों, रिजर्व बैंक के द्वारा जारी स्कूल बस के फाइनेंस संबंधी नियम निर्देशों एवं संपत्ति अन्तरण से संबंधित शिकायतों पर जांच करने का कोई पूर्व अनुभव भी प्राप्त नहीं था और न ही उन कानूनों कि व्याख्या करने का कोई विधिक अधिकार ही प्राप्त था जिसके आधार पर कलेक्टर (जिला दंडाधिकारी) बड़वानी द्वारा स्कूल प्रबंधन पर एफ.आय.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे? (ड.) क्या प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, कलेक्टर (जिला दंडाधिकारी) बड़वानी द्वारा दिनांक 05.11.2018 की नोटशीट पर स्कूल प्रबंधन पर एफ.आय.आर. दर्ज कराने के निर्देश पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे? अथवा तीन सदस्यीय संयुक्त जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर किसी भी व्यक्ति को सक्षम प्राधिकारी से स्कूल का मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ही प्रस्तावित स्कूल के नाम पर संपत्ति अर्जित करने का आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ शिकायत पत्र की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर एवं इसके साथ समस्त दस्तावेज तथा प्रकरण की नोटशीट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब पर है। (ग) जी हाँ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत राज्य द्वारा बनाये गये शिक्षा का अधिकार नियम 2011 के नियम 11 में प्रायवेट स्कूलों की मान्यता हेतु नियम शर्तें प्रावधानित है। उक्त प्रावधानों में बैंक से लोन लेने, बस क्रय करने तथा आर.टी.ओ.में पंजीयन आदि की जानकारी शामिल नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। विस्तृत टीप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -स पर है। (घ) जी हाँ। शेषांश उत्तर (स) अनुसार। (ड.) स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध दिनांक 05.11.2018 को कलेक्टर बड़वानी द्वारा अंकित टीप के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी कार्यालयीन पत्र दिनांक 10.09.2020 के माध्यम से चाही गई। कलेक्टर बड़वानी द्वारा अनुमोदित एवं जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी द्वारा पत्र दिनांक 11.09.2020 के माध्यम से उक्त विषयक जानकारी प्रेषित की गई। उक्त जानकारी से स्पष्ट है कि यह प्रकरण स्कूल द्वारा मान्यता की शर्तों के उल्लंघन का न होकर स्कूल प्रबंधक द्वारा स्कूल बसों के लिए लोन फाइनेंस करवाने और उनके पंजीयन आदि से संबंधित है। अत: विभाग स्तर से किसी भी प्रकार की कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
खेल परिसर मैदान के पास की देशी शराब दुकान को हटाया जाना
[वाणिज्यिक कर]
44. ( क्र. 399 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर स्थित खेल परिसर के पास वाली देशी शराब दुकान के बाजू में शहर के सैकड़ों की संख्या में खिलाड़ियों का आवागमन रहता है साथ ही शराब दुकान के सामने स्टेट बैंक की मुख्य शाखा, भूमि विकास बैंक एवं एल.आई.सी. का ऑफिस स्थित होने के कारण यह काफी भीड़ वाला क्षेत्र है, यदि हाँ, तो जनसामान्य को होने वाली असुविधा को देखते हुये क्या शासन शीघ्र ही इस देशी शराब दुकान को हटाये जाने की कार्यवाही करेगा तथा कब तक? (ख) क्या जनता द्वारा विगत वर्ष धरना प्रदर्शन कर, खेल परिसर के पास वाली देशी शराब दुकान हटाये जाने हेतु मांग की गई थी, परन्तु प्रश्न दिनांक तक न हटाये जाने का क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सागर नगर स्थित खेल परिसर के पास वाली देशी मदिरा दुकान गोपालगंज वर्ष 2005 के पूर्व से उक्त स्थल पर संचालित होने से परम्परागत दुकानों की श्रेणी में आती है। उक्त मदिरा दुकान के संचालन हेतु अन्य आपत्ति रहित स्थल उपलबध न होने से शासकीय राजस्व को दृष्टिगत रखते हुये तत्कालीन कलेक्टर, सागर के आदेश दिनांक 10/03/2008 अनुसार मदिरा दुकान के संचालन हेतु आबकारी विभाग को नजूल भूमि आवंटित किये जाने से नजूल भूमि पर मदिरा दुकान का संचालन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत बनाये गये सामान्य प्रयुक्ति नियम, 1 दुकानों के अवस्थान संबंधी नियमों में स्टेट बैंक, भूमि विकास बैंक एवं एल.आई.सी. ऑफिस सम्मिलित न होकर धार्मिक स्थल, शैक्षणिक संस्थाओं या अस्पताल, बस स्टेण्ड रेल्वे स्टेशन से 50 मीटर की कम दूरी पर दुकान स्थापित न किये जाने का प्रावधान है। (ख) जनता द्वारा विगत वर्षों में उक्त मदिरा दुकान को हटाये जाने के संबंध में कोई धरना प्रदर्शन नहीं किया गया है।
कार्यों में अनियमितता की जांच
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 407 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में अवैध से वैध योजना के तहत मे. हिमांशु गोयल ठेकेदार को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कितने आदेश जारी किये गये क्या उक्त सभी कार्य आदेश संबंधित ठेकेदार द्वारा पूर्ण कर दिये गये हैं? यदि नहीं तो शासन उक्त आदेशों की जांच कब तक करायेगी? (ख) श्योपुर जिले के अन्तर्गत मे. हिमांशु गोयल ठेकेदार को सौभाग्य योजनान्तर्गत वर्ष 2018-19 में कितने कार्य आदेश जारी किये गये। उनकी वर्तमान स्थिति क्या हैं? क्या उक्त कार्यों की जांच शासन द्वारा कराई जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित योजना में जारी हुए कार्यादेश आज भी अपूर्ण हैं? क्या विभाग द्वारा अपूर्ण कार्यों को पूर्ण बताकर देयक (बिल) पास कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसे दोषी ठेकेदार व अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्योपुर जिले के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में अवैध से वैध जैसी कोई योजना नहीं थी तथापि श्योपुर जिले में वर्ष 2014-15 में अवैध रूप से स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों को चिन्हित कर आवश्यक सुधार कार्य एवं संबंधित विद्युत उपयोगकर्ता से कनेक्शन हेतु आवश्यक राशि जमा करवाकर, इन ट्रांसफार्मरों को वैध करने हेतु एस.टी.सी. संभाग, श्योपुर द्वारा विभिन्न ठेकेदारों को कार्यादेश जारी किये गये थे। उक्त के अंतर्गत 207 अवैध ट्रांसफार्मरों से संबंधित कार्य किये जाने हेतु कार्यादेश, मेसर्स हिमांशु गोयल ठेकेदार को दिया गया तथा यह कार्य ठेकेदार द्वारा पूर्ण कर दिया गया है। (ख) श्योपुर जिले में वर्ष 2018-19 में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत मेसर्स हिमांशु गोयल ठेकेदार को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 60 कार्यों के कार्यादेश जारी किये गये। उक्त सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं। उक्तानुसार पूर्ण हो चुके किसी भी कार्य के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: इस संबंध में किसी प्रकार की जांच कराया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) जी नहीं। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किसी भी अपूर्ण कार्य को पूर्ण बताकर ठेकेदार का बिल पास नहीं किया गया है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
सम्बल योजना अन्तर्गत अन्त्येष्टि/अनुग्रह सहायता की राशि का लाभ
[श्रम]
46. ( क्र. 414 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संबल योजना/मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजनान्तर्गत श्योपुर जिले में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन पत्र अनुग्रह/अंत्येष्टी सहायता हेतु प्राप्त हुये? निकायवार अवगत करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदन पत्रों में से वित्तीय वर्ष 2020-21 में कितने आवेदन पत्र स्वीकृत कर अनुग्रह/अंत्येष्टि सहायता राशि का भुगतान किन-किन हितग्राहियों को किया जा चुका है? अवगत करायें? यदि नहीं तो भुगतान न होने का कारण बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त अवधि में प्राप्त आवेदनों पत्रों/प्रकरणों में से कितनो की स्वीकृति नहीं हो पाई? प्रत्येक आवेदन पत्र/प्रकरण का स्वीकृत न होने का कारण बतावें तथा कब तक शेष पात्र प्रकरणों में स्वीकृति दी जाकर राशि आवंटित कर दी जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में संबल योजना/मुख्यमंत्री जन कल्याण (नया सवेरा) योजना अन्तंर्गत श्योपुर जिले में अनुग्रह/अन्त्येष्टि सहायता हेतु प्राप्त हुए आवेदनों की निकायवार चाही गई जानकारी निम्नानुसार है:-
निकाय का नाम |
अन्त्येष्टि सहा. |
अनुग्रह सहा. |
जनपद पंचायत श्योपुर |
235 |
374 |
जनपद पंचायत विजयपुर |
110 |
278 |
जनपद पंचायत कराहल |
104 |
141 |
नगर पालिका श्योपुर |
41 |
75 |
नगर परिषद विजयपुर |
48 |
25 |
नगर परिषद बड़ौदा |
24 |
24 |
कुल |
562 |
917 |
(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदन पत्रों में से वर्ष 2020-21 में स्वीकृत किये गये अनुग्रह/अन्त्येष्टि सहायता राशि के प्रकरणों की निकायवार चाही गई जानकारी निम्नासनुसार है:-
निकाय का नाम |
अन्त्येष्टि सहा. |
अनुग्रह सहा. |
जनपद पंचायत श्योपुर |
0 |
0 |
जनपद पंचायत विजयपुर |
0 |
0 |
जनपद पंचायत कराहल |
39 |
23 |
नगर पालिका श्योपुर |
01 |
20 |
नगर परिषद विजयपुर |
0 |
0 |
नगर परिषद बड़ौदा |
18 |
01 |
उक्त आवेदन पत्रों पर स्वीकृति प्रदान कर हितग्राही को राशि प्रदाय की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पर्याप्त बजट के अभाव में भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त सभी आवेदन पत्रों/प्रकरणों को स्वीकृत किया जाकर पोर्टल में दर्ज किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मकार मंडल एवं संबल योजना में पंजीकृत हितग्राही
[श्रम]
47. ( क्र. 426 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में मध्य प्रदेश भवन सनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल भोपाल अंतर्गत कितने मजदूरों का पंजीयन किया गया था एवं संबल योजना अंतर्गत कितने पंजीयन किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में पंजीकृत मजदूरों में से कितने मजदूरों का पंजीयन विगत 2 वर्ष में निरस्त किये गये निरस्त किये जाने के कारण सहित जानकारी दें एवं निरस्त किये गये पंजीकृत मजदूरों में से कितने मजदूरों द्वारा पंजीयन को पुनः सत्यापित किये जाने हेतु जनपद पंचायत, नगर पालिका परिषद् द्वारा प्रस्ताव भेजे गये उक्त प्रस्तावों पर सत्यापन कि कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो क्यों एवं मजदूरों के पंजियनों को बड़ी संख्या में निरस्त किये जाने के लिए दोषी कौन है? दोषी व्यक्ति अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ विभाग कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक? ऐसे पंजीकृत परिवार जिनके पंजीकृत सदस्य का निधन होने के उपरान्त पंजीयन निरस्त होने के चलते सहायता राशि से वंचित होना पड़ा है, इसके लिए दोषी कौन है एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन उक्त योजना के अंतर्गत पंजीकृत मजदूरों के निरस्त किये गये पंजियनों को यथाशीघ्र सत्यापित कर शासन योजना के लाभ से वंचित मजदूर परिवारों को लाभान्वित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विदिशा जिले में 1. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्यण मण्डल के अंतर्गत 38544 मजदूरों का पंजीयन किया गया था। 2. मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत 464006 पंजीयन किये गये थे। (ख) 1. विदिशा जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के 11488 पंजीकृत श्रमिकों के पंजीयन निरस्त किये गये। 2. मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत 143984 श्रमिकों के पंजीयन निरस्त किये गए। शासन के निर्देशानुसार माह जुलाई 2019 में कराये गये सत्यापन अभियान के दौरान संबंधित प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा सत्यापन में अपात्र पाये जाने पर श्रमिकों के पंजीयन निरस्त किये हैं। निरस्त किये गये पंजीकृत मजदूरों द्वारा पुन: सत्यापित किये जाने हेतु आवेदन संबंधित निकायों को प्राप्त नहीं हुये हैं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अपात्र पाये गये श्रमिकों का पुन: सत्यापन करने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है।
सूक्ष्म लघु उद्योग संचालकों से दोहरे कर की वसूली
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
48. ( क्र. 427 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग संचालकों को लीज की भूमि पर उद्योग संचालित करने वाले व्यवसायियों से वर्तमान में एक ही प्रापर्टी पर उद्योग विभाग द्वारा संधारण शुल्क एवं स्थानीय निकाय द्वारा संपत्ति कर, विकास शुल्क, शिक्षा उपकर के रूप में दोहरा कर वसूला जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या एक ही प्रापर्टी पर दो संस्थाओं द्वारा कर वसूली न्यायोचित है? यदि नहीं तो शासन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग व्यवसायियों से एक ही संस्था द्वारा कर वसूले जाने के संबंध में शीघ्र निर्णय लेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) स्थानीय निकाय द्वारा उद्योग संचालकों से बड़ी रकम कर के रूम में वसूली जाती है, जबकी उनके द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में किसी प्रकार का भी अधोसंरचना निर्माण कार्य, मूलभूत सुविधाओं पर एक रूपये का कार्य भी नहीं किया जाता है, इसके बाद भी निकाय द्वारा कर वसूली न्यायोचित है? यदि नहीं तो शासन इस संबंध में कब तक कार्यवाही करेगा?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लीज की भूमि पर लीजरेंट और क्षेत्र के संधारण के लिये संधारण शुल्क लिया जाता है। नगरीय निकायों की सीमा में स्थित संपत्तियों पर स्थानीय निकायों द्वारा संपत्ति कर, समेकित कर, नगरीय विकास उपकर एवं शिक्षा उपकर वसूला जाता है। अत: दोहरे कर का प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निकाय द्वारा अधोसंरचना एवं मूलभूत सुविधाओं पर स्थानीय स्तर पर निर्णय लेकर कार्य किये जाते है, कर वसूली मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम, 1956 व मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इनपैनल्ड संस्थाओं को दिए गए कार्य
[जनसंपर्क]
49. ( क्र. 431 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत म.प्र. माध्यम और संचालनालय में 01 जनवरी 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक किन-किन संस्थाओं/संस्थानों को किन-किन कार्यों के लिए इनपैनल्ड किया गया है? संस्थाओं/संस्थानों के नाम स्वीकृति तिथि, किस-किस प्रयोजन हेतु वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग और म.प्र.माध्यम में इनपैनल्ड संस्थाओं को कार्य देने का आधार क्या होता है? किन-किन संस्थाओं को क्या-क्या कार्य दिया गया और कितना-कितना भुगतान किया गया वर्षवार, संस्थानुसार, भुगतान राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। क्या विभाग के पास संस्थाओं के चयन, काम देने या भुगतान में भ्रष्टाचार की कोई शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि 'हां' तो शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई एवं किन्हें दण्डित किया गया? (ग) क्या इनपैनल्ड संस्थाओं को विभागों के अनुसार काम दिया जाता है? यदि 'हां' तो इनपैनल्ड संस्थाओं को 2017 से आज दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या काम किस-किस विभाग द्वारा दिया गया? कितना-कितना भुगतान किया गया? दिए गए कार्य, प्रयोजन, भुगतान की राशि सहित वर्षवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में अनेक अनियमितताओं के भ्रष्टाचार की शिकायतें एवं भारी अनिमियतताओं का क्या विभाग एक वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर संपूर्ण जांच कराएगा? यदि 'हां' तो किनसे और कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विभाग और इसके अधीन कार्यरत म.प्र. माध्यम द्वारा जिन संस्थाओं को इनपैनल्ड किया जाता है उन्हें कार्य की आवश्यकता और उपयोगिता के आधार पर कार्य दिया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जी हाँ कार्य का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। (ग) जी नहीं शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला आबकारी अधिकारी के प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
50. ( क्र. 434 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह जनवरी 2020 में राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी स्थित विंध्याचल डिस्टलरी का जिला आबकारी अधिकारी राजगढ़ द्वारा निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण के दौरान पाई गई गड़बड़ी/अनियमितताओं के संबंध में प्रतिवेदन तैयार कर आवश्यक कार्यवाही हेतु आबकारी आयुक्त को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ तो प्रेषित प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आबकारी आयुक्त को प्रेषित प्रतिवेदन में प्रश्न दिनांक तक किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा उसमें क्या-क्या निष्कर्ष प्राप्त हुये तथा प्रश्न दिनांक तक उक्त डिस्टलरी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विंध्याचल डिस्टलरी में निर्धारित मापदण्डों के विपरीत शराब निर्माण, अप्रशिक्षित व्यक्ति से रासायनिक प्रयोगशाला का संचालन, शराब की बोतलों पर होलोग्राम नहीं लगाया, निर्मित शराब उत्पाद की ऑनलाइन प्रविष्टि न कर रिकॉर्ड में हेर-फेर कर अवैध शराब का निर्माण भी कराया जा रहा है? क्या शासन उक्त विंध्याचल डिस्टलरी में व्याप्त अनियमितताओं की जांच हेतु शासन स्तर से दल गठित कर जांच करवायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) कलेक्टर जिला राजगढ़ के प्रतिवेदन दिनांक 09.09.2020 अनुसार दिनांक 22.01.2020 को जिला आबकारी अधिकारी जिला राजगढ़ द्वारा डिस्टलरी का निरीक्षण नहीं किया गया है। निर्धारित रोस्टर अनुसार विंध्याचल आसवनी पीलूखेड़ी परिसर स्थित सी.एस.1-बी लायसेंस का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के समय पाई गई अनियमितताओं हेतु प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/आब/ठेका/2020/65 दिनांक 24.01.2020 से प्रेषित किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) आबकारी आयुक्त द्वारा उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता, भोपाल को दिये गये निर्देशों के पालन में दिनांक 28.01.2020 को अभिलेखीय जांच कराई गई। दिनांक 30.01.2020 को उपायुक्त आबकारी द्वारा आसवनी पहुँचकर कार्यवाही की गई। अनियमितताओं के संबंध में दिनांक 01.02.2020 को निरीक्षण के समय उपस्थित आबकारी उपनिरीक्षक तथा आसवनी के प्रोपराईटर को बुलाकर समक्ष में सुना गया तथा जांच प्रतिवेदन क्रमांक 332 दिनांक 13.02.2020 से प्रतिवेदन प्रेषित किया गया था, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उक्त पत्र के आधार पर श्री संदीप लोहानी, आबकारी उपनिरीक्षक को पत्र क्रमांक/2 (ब)/वि.जा/SCN.2020/793 दिनांक 13.07.2020 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। जिसके अनुक्रम में श्री लोहानी की ओर से दिनांक 22.07.2020 को जवाब प्राप्त हो चुका है। प्रकरण में आगामी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता भोपाल के प्रतिवेदन अनुसार रासायनिक प्रयोगशाला के संबंध में उल्लेखित बिन्दु क्रमांक-7 अनुसार इकाई द्वारा देशी स्प्रिट नियम 1995 के नियम 3-घ के उपनियम-3 एवं 4 (ख) का पालन किया जा रहा है। आसवक द्वारा प्रतिमाह रासायनिक परीक्षण आबकारी आयुक्त कार्यालय में स्थापित रसायनशाला में कराया जा रहा है, होलोग्राम के संबंध में ऑनलाइन परमिट जारी होने पर परमिट पर होलोग्राम चस्पा किया जाता है, जिस कारण प्रदाय के समय ही पेटियों पर होलोग्राम चस्पा किया जाना, निरीक्षण के समय पाई गई अनियमिततायें समान्य श्रेणी होना तथा अभिलेखों में कोई भी हेराफेरी प्रकाश में नहीं आना अवगत कराया गया है।
सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ का 100 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
51. ( क्र. 435 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1159 दिनांक 18 दिसम्बर 2019 के उत्तर अनुसार नरसिंहगढ़ में 37 बिस्तरीय सिविल अस्पताल की स्थापना वर्ष 1986 में हुई थी? जनसंख्या 26 हजार तथा अस्पताल की बाह्य रोगी संख्या लगभग 100 अनुमानित थी? क्या वर्तमान में नगर की जनसंख्या 50 हजार एवं बाह्य रोगियों की संख्या लगभग 500 अनुमानित हो चुकी है लेकिन उक्त सिविल अस्पताल में 34 वर्ष पूर्व स्वीकृत कार्मिक संरचना एवं सुविधाओं के आधार पर ही स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं? क्या वर्तमान स्वास्थ्य परिवेश में उक्त सुविधाएं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना नाकाफी नहीं है? यदि हाँ तो क्या विभाग द्वारा उक्त सिविल अस्पताल के 100 बिस्तर उन्नयन कर सुविधा विस्तार करने हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले के सिविल अस्पताल सारंगपुर एवं ब्यावरा का 100 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किन मापदण्डों व आंकड़ों के आधार पर किस वर्ष में किया गया था? क्या यह सही है कि सारंगपुर एवं ब्यावरा सिविल अस्पताल की ओ.पी.डी./आई.पी.डी. नरसिंहगढ़ सिविल अस्पताल की तुलना में कम होने के बावजूद भी 100 बिस्तरीय अस्पताल का दर्जा दिया जा चुका है? क्या शासन वर्तमान स्वास्थ्य परिवेश के दृष्टिगत नरसिंहगढ़ में 37 बिस्तरीय सिविल अस्पताल का 100 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन करेगा, यदि हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं सिविल अस्पताल के माध्यम से समुचित स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध कराई जा रही है, सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ सीमांक संस्था के रूप में संचालित है। जी नहीं, भविष्य में स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन के प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ को भी सम्मिलित करने पर विचार किया जाएगा। (ख) सिविल अस्पताल की स्थापना हेतु कोई निश्चित मापदण्ड निर्धारित नहीं है, जन प्रतिनिधियों द्वारा मांग एवं स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को देखते हुए क्रमशः वर्ष 2001 एवं 2008 में किया गया था। जी हाँ, जी हाँ। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
संबल योजना अंतर्गत हितग्राहियों को लाभ
[श्रम]
52. ( क्र. 440 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा संबल योजना/नया सवेरा के तहत ग्रामीण एवं शहरी हितग्राहियों को सामान्य/दुर्घटना से मौत में लाभ देने की योजना है? यदि हाँ तो उसके दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें। (ख) उक्त योजना के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनको मृत्यु उपरांत मृत्यु होने की दिनांक पर ही 5000 की राशि दी गई एवं ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनको मृत्यु दिनांक के बाद 5000 की राशि दी गई एवं ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनको आज दिनांक तक भी वह 5000 की राशि नहीं दी गई। इन सभी की नाम, पता सहित सूची देवें एवं नियमानुसार राशि कितने दिनों में दी जानी चाहिए थी? जानकारी देंवे। आज तक जिनको राशि नहीं मिली उन्हें कब तक यह राशि मिलेगी व नहीं देने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? (ग) उक्त योजना के अंतर्गत खरगोन जिले में मृत्यु उपरांत कितने हितग्राहियों को 2 लाख/4 लाख की राशि विगत 3 वर्षों में दी जा चुकी व कितने हितग्राहियों को अभी तक यह राशि नहीं दी गई संख्यात्मक जानकारी देवें और जिनको अभी तक यह राशि नहीं दी गई उनको कब तक यह राशि दी जाएगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विगत तीन वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत तीन वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। पर्याप्त बजट उपलब्ध होने पर लंबित प्रकरणों में राशि प्रदाय की जावेगी।
मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना में प्रदाय विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 441 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में सौभाग्य योजना और मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना में विगत 2 वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह अगस्त 2020 तक किये गये कार्यों में से सौभाग्य योजना में कितने कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन निम्न दाब लाइन कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं कितने घरेलू कनेक्शन प्रदान किये गए। उसी प्रकार मुख्य मंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में कितने विद्युत उपभोक्ताओं को सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गए हैं, की संचालन-संधारण संभागवार वर्षवार जानकारी देवें। (ख) खरगोन जिले में सौभाग्य योजना और मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अन्तर्गत किए गए कार्यों में से विगत 2 वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह अगस्त 2020 तक कितने विद्युत पोल गिरे, पोलों की संख्या एवं इसे पुन: खड़े करने में कितना व्यय हुआ की संचारण-संधारण संभागवार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) क्या खरगोन जिले में सौभाग्य योजना और मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अन्तर्गत किए गए कार्यों में 8 मीटर 140 किलोग्राम पी.सी.सी. पोल पर सिल्वर कलर किया जाना प्रस्तावित है? दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें। यदि हाँ तो क्या 8 मीटर 140 किलोग्राम पी.सी.सी. पोल पर दूसरा कलर किया जा सकता है? यदि नहीं तो जिन्होंने 8 मीटर 140 किलोग्राम पी.सी.सी. पोल पर दूसरा कलर किया, उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी और अभी तक क्या दूसरा कलर करने वालों पर कोई कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) खरगोन जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत विगत 2 वित्तीय वर्षों 2018-19 एवं 2019-20 तथा चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह अगस्त 2020 तक किये गए कार्यों की संचालन–संधारण संभागवार एवं वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 3343 हितग्राहियों को सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गए हैं, जिनकी संचालन–संधारण संभागवार एवं वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) खरगोन जिले में सौभाग्य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत पोल गिरने की कोई घटना नहीं हुई। खरगोन जिले में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 18 पोल गिरे जिन्हें पुनः खड़े करने में राशि रुपये 0.90 लाख का व्यय हुआ, जिसकी संचालन–संधारण संभागवार एवं वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं, ऐसे कोई निर्देश नहीं हैं और न ही प्रश्नाधीन क्षेत्र में 8 मीटर 140 किलोग्राम पी.सी.सी. पोल पर कलर किया गया है। अतः प्रश्न नहीं उठता।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
54. ( क्र. 444 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार अतिथि शिक्षकों को नियमितीकरण करेगी? यदि हाँ तो कब तक? (ख) उत्तर दिनांक तक मध्यप्रदेश में कितने अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं? प्रशिक्षित एवं अप्रिशिक्षित शिक्षकों की संख्या बतावें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) वर्तमान में अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों के लिये निम्नानुसार प्रावधान किया गया है- ''शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिये आरक्षित की जायेगी, जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य किया गया है।'' (ख) वर्तमान में प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत कोई भी अतिथि शिक्षक कार्यरत नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कोरोना पॉजीटिव तथा कोरोना से मृत व्यक्तियों की संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
55. ( क्र. 445 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कोरोना पॉजीटिव तथा कोरोना से मृत व्यक्तियों की संख्या उत्तर दिनांक तक बतावें। मृतक में कितने पुरूष तथा महिला है? 0 से 10 वर्ष, 11 से 25 वर्ष, 26 से 40 वर्ष, 41 से 60 वर्ष, 61 से 75 वर्ष तथा 76 वर्ष से ऊपर मृतकों की संख्या बतावें। मृतकों की औसत उम्र क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पॉजीटिव में से शासकीय चिकित्सालय, शासन द्वारा अनुबंधित निजी चिकित्सालय तथा अपने स्तर निजी चिकित्सालय में कितनों का इलाज हुआ तथा उनमें मृतकों की संख्या कितनी-कितनी है? (ग) अनुबंधित निजी चिकित्सालय की सूची वहां अनुबंधित बेड तथा भुगतान की शर्तें तथा दर सहित देवें तथा बतावें कि किस-किस में कितने पॉजीटिव मरीज का इलाज शासन स्तर पर करवाया गया? दिनांक अनुसार भर्ती मरीजों की सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के चिकित्सालयों को उत्तर दिनांक तक कुल कितना-कितना भुगतान कर दिया गया तथा शेष कितना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) धार जिले में वर्तमान तक कोरोना के 1201 मरीज पॉजिटिव पाये गये हैं तथा 13 पुरूष एवं 04 महिलायें कुल 17 व्यक्तियों की मृत्यु पंजीकृत की गयी है। उम्रवार 01 से 10 वर्ष - निरंक, 11 से 25 वर्ष - 01, 26 से 40 वर्ष - निरंक, 41 से 60 वर्ष - 07, 61 से 75 वर्ष - 07, 76 से अधिक - 02। (ख) शासकीय चिकित्सालय, शासन द्वारा अनुबंधित निजी चिकित्सालय एवं अपने स्तर पर निजी चिकित्सालय में उपचार/मृत किये गये मरीजों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) धार जिले में कोविड मरीजों के उपचार हेतु किसी निजी चिकित्सालय को अनुबंधित नहीं किया गया है। (घ) धार जिले द्वारा कुल मरीजों के उपचार हेतु चिकित्सालयों को कोई भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनावर में 100 सीटर अस्पताल की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
56. ( क्र. 446 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मनावर विधानसभा क्षेत्र में 4.5 लाख जनसंख्या के मद्देनजर 50 सीटर सिविल अस्पताल को 100 सीटर सिविल अस्पताल में उन्नयन करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय मंत्री महोदय को दिनांक 21 अगस्त 2019 को क्रमशः पत्र-सं. 489 एवं 490 के तहत पत्राचार, डाक एवं इमेल द्वारा अवगत कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई, प्रति सहित बताएं। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) क्या पत्र में उल्लेखित तथ्य एवं मनावर विधानसभा क्षेत्र की 4.5 लाख जनसंख्या मनावर में 100 सीटर सिविल अस्पताल खोले जाने की शर्तों को पूरा करते हैं? (घ) 100 सीटर सिविल अस्पताल के निर्माण के लिए क्या-क्या मानक, नियम, निर्देश, शर्त स्थापित किए गए हैं? यदि मानक, नियम, शर्त स्थापित नहीं किए गए तो अन्य 100 से अधिक सीटर अस्पतालों का किन मानकों, शर्तों के आधार पर निर्माण किया गया है? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ङ) मनावर विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं एवं 4.5 लाख की आबादी के मद्देनजर माननीय मंत्री महोदय मनावर में 100 सीटर अस्पताल की मंजूरी कब तक देंगे? यदि नहीं तो विधिसम्मत कारण बताएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्ताव का परीक्षण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भविष्य में स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन के प्रस्ताव देते समय मनावर को भी सम्मिलित किया जायेगा, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल की स्थापना हेतु निश्चित मापदण्ड निर्धारित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के अनुरूप। स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता एवं जनप्रतिनिधियों की मांग के आधार पर स्वीकृति प्रदान की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनाधिकार-पट्टा हेतु आवेदनों की जानकारी
[आदिमजाति कल्याण]
57. ( क्र. 447 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वनाधिकार-पट्टा के लिए 6 जुलाई 2020 तक शासन को आदिवासियों-वन निवासियों के 3.79 लाख आवेदन प्राप्त हुए एवं 716 आवेदन स्वीकार किए गए? (ख) प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार-पट्टा के लिए शासन को कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदन स्वीकार किए गए? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) वनाधिकार कानून 2006 के किस नियम के तहत आवेदकों के आवेदन स्वीकार/अस्वीकार किए गए? (घ) क्या वनाधिकार पट्टा के आवेदनों को स्वीकृत/अस्वीकृत करने से पूर्व आवेदकों से वनाधिकार कानून 2006 नियम 2008 के नियम 13 (झ) के तहत आवेदन मांगे गए? यदि हाँ तो अधिसूचना की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ङ) क्या वनाधिकार पट्टा के आवेदनों को स्वीकार/अस्वीकार करने में ग्राम समिति से सलाह ली गयी? यदि हाँ तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो विधिसम्मत कारण बताएं। (च) माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री महोदय को ई-मेल पत्राचार किए गए पत्र सं.466/एमपी-एमएलए/2020, दिनांक 5-8-2020 पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (छ) क्या वन संरक्षण कानून 1980 के दायरे से मुक्त भूमि का जिलेवार ब्यौरा एकत्रित कर लिया गया है? यदि इतने वर्षों बाद भी आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं तो इसके लिए किसकी जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक उक्त आंकड़े उपलब्ध करा दिए जाएंगे?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत पूर्व में निरस्त दावों के पुनः परीक्षण हेतु एम.पी. वनमित्र पोर्टल में 6 जुलाई 2020 तक कुल 3,79,132 दावे दर्ज किये गये, जिनमें से 716 दावे जिला स्तरीय वन अधिकार समितियों द्वारा मान्य किये गये (ख) प्रश्न दिनांक 09 सितम्बर 2020 तक 4,01,214 दावे एम.पी. वनमित्र पोर्टल में दर्ज किये गये, जिनमें से 20517 दावे स्वीकार (मान्य) किये गये। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 के मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के तहत दावे निराकृत किये जा रहे हैं। (घ) जी नहीं। एम.पी. वनमित्र पोर्टल के माध्यम से पूर्व में निरस्त दावों के निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) एम.पी. वनमित्र पोर्टल के माध्यम से पूर्व में निरस्त दावों का पुनः परीक्षण किया जा रहा है। इसमें ग्राम वन अधिकार समितियों द्वारा अपनी अनुशंसाऐं ऑनलाइन दर्ज किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री महोदय को ई-मेल पत्राचार किये गए पत्र सं. 446/एम पी एम एल ए/2020 दिनांक 5.08.2020 के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से जानकारी प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (छ) वन संरक्षण अधिनियम 1980 से निम्नानुसार भूमियां मुक्त हैं :- 1. वन विभाग के आधिपत्य की वनभूमियों को छोड़कर। 2. राजस्व विभाग के अधीन राजस्व वनभूमियों को छोड़कर 3. माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 202/95 में दिनांक 12.12.96 को पारित आदेश के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा पत्र दिनांक 13.01.1997 में दिये गये निर्देशों के पालन में वन के रूप में पहचानी गई राजस्व भूमियों को छोड़कर वन विभाग के अधीन आने वाली वनभूमियों की जिलेवार जानकारी संबंधित जिले में आने वाले क्षेत्रीय वनमंडलों में उपलब्ध है। राजस्व विभाग के नियंत्रण में आने वाली राजस्व वन भूमियों की जानकारी संबंधित जिलाध्यक्ष कार्यालयों में उपलब्ध है। इन दोनों प्रकार की भूमियों को छोडकर शेष भूमियां वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के दायरे से मुक्त है।
बड़नगर तहसील में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
58. ( क्र. 450 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिला अन्तर्गत बड़नगर तहसील में किन-किन ठेकेदारों/फार्म को मुरम, गिट्टी, रेती, के ठेके दिये गये हैं? नामवार, स्थानवार, फर्मवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर तहसील में ग्राम रूनिजा में मुरम कि खदानों का सीमांकन कर जांच करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिलाधीश महोदय जिला उज्जैन, अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर को शिकायत पत्र क्र. 1143/06.07.2020 को की गई थी तथा उक्त शिकायत में मौके पर 4 ट्रेक्टर 2 डम्पर पकड़े गए थे, इसके बावजूद भी इन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? सम्पूर्ण जानकारी पत्रवार उपलब्ध करावें। (ग) क्या ठेकेदार द्वारा आंवटन से अधिक मुरम की खुदाई की गई है तथा कितनी शासकीय मुरम का उत्खनन किया गया? (घ) अवैध उत्खनन से शासन को कितने राजस्व की हानि हुई इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? शासन द्वारा दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन खनिजों (रेत छोड़कर) के ठेके पर दिये जाने के प्रावधान नियमों में नहीं हैं। उज्जैन जिला अंतर्गत बड़नगर में स्वीकृत मुरूम, गिट्टी, खनिज उत्खनिपट्टों का संपूर्ण विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं रेत का कोई ठेका स्वीकृत नहीं है। (ख) कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार शिकायत पत्र क्रमांक 1143 दिनांक 06/07/2020 पर की गई कार्यवाही के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़नगर के पत्र क्रमांक क्यू/1011/री-1/2020 बड़नगर दिनांक 23/07/2020 के अनुसार ग्राम रूनिजा स्थित शासकीय सर्वे क्रमांक 60 रकबा 15.14 हेक्टेयर नोईयत वन पहाड़ पर अवैध रूप से मुरूम उत्खनन करते हुए मौक पर एक जे.सी.बी. सहित दो डम्पर क्रमांक क्रमश: एम.पी. 13 जी.ए. 3164, एम.पी. 13 जी.ए. 846 तथा दो ट्रेक्टर, ट्राली वाहन नंबर क्रमश: एम.पी. 39 ए.बी. 9967, एम.पी. 39 ए.जी. 0357 के चालकों के कथन दर्ज उक्त वाहनों को वाहन चालकों की सुपुर्दगी में सौंपा गया। उक्त वाहनों पर अवैध उत्खनन खनिज मुरूम मात्रा 4615.15 घन मीटर का प्रकरण दर्ज कर अर्थदण्ड राशि 69,23,445/- रूपये प्रस्तावित की जाकर प्रकरण प्रक्रियाधीन है। (ग) कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार उत्खनित क्षेत्र किसी ठेकेदार को आवंटित नहीं है। मुरूम मात्रा 4615.15 घन मीटर का उत्खनन किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार की गई कार्यवाही के प्रकाश में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
देशी व अंग्रेजी शराब के प्रदत्त ठेके
[वाणिज्यिक कर]
59. ( क्र. 452 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक/ठेका/2020/146 केम्प भोपाल दिनांक 19.08.2020 को लायसेंसी देशी और विदेशी शराब दुकानों पर विक्रय दरों का प्रदर्शन संबंधी आदेश जारी कर सहायक आबकारी आयुक्त और जिला आबकारी अधिकारी को आदेश जारी किये हैं। यदि हाँ तो प्रदेश सहित उज्जैन जिले में आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया है? (ख) उज्जैन जिले के शराब लायसेंसी द्वारा आबकारी विभाग द्वारा निर्धारित अधिकतम मूल्य से अधिक मूल्य पर शराब का विक्रय किया जा रहा है। शासन द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रदेश सहित उज्जैन जिले के ठेकेदार द्वारा ठेके की धरोहर राशि, बैंक गारन्टी निर्धारित समय में जमा की गई है या नहीं? यदि की गई तो जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) जब नये कारोबारियों एवं फर्मों द्वारा शराब के टेंडर लेने के लिए शासन को जो राशि जमा कराई गई है, क्या वह टैक्स पैड है? इसकी जांच की गई या नहीं? (ड.) म.प्र. के शराब लायसेंसियों को प्रतिमाह में कितनी पेटी देशी शराब का प्रदाय किया जाता है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश, ग्वालियर के पत्र क्रमांक/ठेका/2020/146 दिनांक 19.08.2020 द्वारा लायसेंसियों को देशी व विदेशी मदिरा दुकानों पर विक्रय दरों का प्रदर्शन संबंधी निर्देश सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी हेतु जारी किये गये हैं। प्रदेश सहित उज्जैन जिले में भी उक्त निर्देशों का पालन किया जा रहा है। (ख) वर्ष 2020-21 में उज्जैन जिले की समस्त देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन लायसेंसी श्री समृद्धि ट्रेडर्स के नाम से हुआ है। उज्जैन जिले में अधिक मूल्य पर मदिरा के विक्रय की शिकायत प्राप्त होने पर लायसेंसी श्री समृद्धि ट्रेडर्स के विरूद्ध 4 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। उज्जैन जिले में शराब लायसेंसी समृद्धि ट्रेडर्स द्वारा निर्धारित अधिकतम/न्यूनतम मूल्य पर ही शराब का विक्रय किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है तथा उक्त संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रदेश सहित उज्जैन जिले के ठेकेदारों द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में ठेके की धरोहर राशि व बैंक गांरटी जमा की गई है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पूर्व वर्षों में भी प्रदेश में समस्त आबकारी ठेकेदारों से ठेके की धरोहर राशि व बैंक गारंटी निर्धारित प्रक्रिया अनुसार लिये जाने की कार्यवाही की गई है। (घ) आबकारी विभाग से संबंधित नहीं है। (ड.) मध्यप्रदेश के शराब लायसेंसियों को प्रदाय की जा रही देशी मदिरा प्रदाय हेतु कोई न्यूनतम/अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है।
मुम्बई-दिल्ली 8 लेन के निर्माण कार्य की जानकारी
[खनिज साधन]
60. ( क्र. 454 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर तथा झाबुआ जिले में मुम्बई-दिल्ली 8 लेन का कितने-कितने किलोमीटर निर्माण होगा तथा उसमें अर्थवर्क में कितने घनमीटर निर्माण होगा तथा उसमें अर्थवर्क में कितने घनमीटर मिट्टी तथा मुरम का उपयोग किया जायेगा? उत्तर दिनांक तक उपयोग की गई मिट्टी तथा मुरम की जानकारी जिले अनुसार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिले में मिट्टी तथा मुरम के उपयोग हेतु जिलेवार कितनी-कितनी अग्रिम राशि के रूप में प्राप्त हुई है तथा कितनी जमा होना शेष है? क्या बिना यथोचित प्रक्रिया के निवेशकर्ता ने मिट्टी तथा मुरम का उपयोग कर लिया है? (ग) 8 लेन के निवेशकर्ता को मिट्टी तथा मुरम के उपयोग हेतु किस क्षेत्र के किस-किस सर्वे में कितनी जमीन की अनुमति दी गई है तथा उस संबंध में वह समस्त दस्तावेज का विवरण देवें। (घ) प्रश्नाधीन जिले में मिट्टी तथा मुरम के उपयोग हेतु जनवरी 2015 से अगस्त 2020 तक जारी किये गये अनुज्ञा-पत्र की सूची देवें तथा बतावें कि उसमें किस-किस ने पर्यावरण की अनुमति प्राप्त नहीं की है? (ड.) निवेशकर्ता द्वारा निजी भूमि में स्थित टिले को खोदकर मुरम अथवा मिट्टी के उपयोग हेतु शासन नियमानुसार अनुमति ली गई तो अनुमति प्रदान करे एवं कितनी राशि जमा की गई है तथा निजी भूमि पर खनन की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रतलाम, मंदसौर, झाबुआ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2, अ-3 में दर्शित है। रतलाम एवं झाबुआ में मुरम का उपयोग नहीं किया गया है। (ख) रतलाम, मंदसौर, झाबुआ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1, ब-2, ब-3 में दर्शित है। रतलाम एवं झाबुआ में मुरम का उपयोग नहीं किया गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स-1, स-2, स-3 में दर्शित है। (ग) रतलाम, मंदसौर, झाबुआ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द-1, द-2, द-3 में दर्शित है। जिसमें दस्तावेजों का विवरण दर्शाया गया है। (घ) रतलाम, मंदसौर, झाबुआ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ई-1, ई-2, ई-3 में दर्शित है। (ड.) रतलाम, झाबुआ जिले में प्रश्न अनुसार दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क-1 एवं क-2 में दर्शित है। मंदसौर जिले में प्रश्न अनुसार कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। प्रश्नाधीन जिलों में निजी भूमि पर खनन के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
नया सेंट्रलाइज खरीदी के आदेश
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
61. ( क्र. 456 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा कोरोना के लिये सेंट्रलाइज खरीदी हेतु तय 23 आयटम की सूची देवें तथा बतावें कि ये जिला स्तर पर खरीदी जा सकती है या नहीं तथा यह किस दिनांक से लागू किया गया? (ख) नया सेंट्रलाइज परचेस के आदेश के बाद भी 23 आयटम में से कुछ आयटम जिला स्तर पर खरीदे गये। यदि हाँ तो बताएं कि कौन-कौन से आयटम जिला स्तर पर खरीदे गये? यदि हाँ तो बताएं कि कौन-कौन से आईटम, किस दर से, कितनी मात्रा में किस फर्म से किस-किस जिले में खरीदे गये? (ग) सेंट्रलाइज परचेस के तय 23 आयटम कितनी राशि के अगस्त 2020 तक कितनी मात्रा में, किस दर से, किस फर्म से खरीदे गये? आयटम अनुसार सूची देवें तथा बतावें कि आयटम की दर किस तरह से निर्धारित की गई तथा सप्लायर का चयन किस नियम प्रक्रिया से किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के आयटम की गुणवत्ता का टेस्ट कैसे कैसे किया गया? क्या निम्न गुणवत्ता की पी.पी.ई. किट खरीद कर डाक्टर तथा चिकित्सा स्टाफ की जिन्दगी खतरे में डालने की शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ तो उसकी जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विशेष परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए केन्द्रीयकृत आइटमों की खरीदी जिला स्तर पर भी की जा सकती है, ग्लब्स की प्रतिपूर्ती सुचारू रूप से केन्द्रीयकृत न होने के कारण संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें का आदेश क्रमांक 6303 दिनांक 16 जुलाई, 2020 के माध्यम से उक्त सामग्री जिलों को कार्पोरेशन द्वारा अनुबंधित दरों पर क्रय करने की अनुमति दी गई। यह दिनांक 12/06/2020 से लागू किया गया है। (ख) जी हाँ। क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कोविड-19 से निर्मित स्थिति एवं बढ़ती हुई मांग के अनुरूप जिला स्तर पर ग्लब्स, पी.पी.ई. किट एवं एन-95 मास्क खरीदे गये, साथ ही कोविड संक्रमण से पूर्व M/s. VCARE MEDIPLAST PVT. LTD. द्वारा प्रदाय पी.पी.ई. किट का दर अनुबंध कार्पोरेशन में उपलब्ध था, साथ ही पी.पी.ई. किट का उपयोग एड्स कंट्रोल प्रोग्राम, एच.आई.व्ही. सेम्पलिंग टेस्ट आदि में किया जाता है तथा एन-95 मास्क कार्पोरेशन के द्वारा उपलब्ध कराये गये दर अनुबंध अनुसार ही जिलों द्वारा खरीदी की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जिलों द्वारा ''एम.पी. औषधि'' सॉफ्टवेयर के माध्यम से खरीदे गये केन्द्रीयकृत आइटम की दर, मात्रा, फर्म का नाम एवं जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) सेन्ट्रलाइज़ परचेस के तय 23 आयटम्स की मात्रा, दर एवं फर्म की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉपोरेशन लिमिटेड द्वारा निविदा प्रक्रिया के तहत सप्लायर का चयन एवं दर अनुबंध ''एम.पी. औषधि'' सॉफ्टवेयर में निष्पादित किये गये तथा ''एम.पी. औषधि'' सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध दर अनुसार की गई खरीदी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''उ'' अनुसार है। (घ) केन्द्रीयकृत सूची में अंकित उपकरणों हेतु निविदा स्पेसिफिकेशन में निहित क्वालिटी सर्टिफिकेट के आधार पर कार्यवाही की जाती है। शेष सामग्रियों हेतु प्रदायकर्ता फर्म से अन्य प्रयोगशाला (GOI/NABL Lab) द्वारा जारी मानक गुणवत्ता रिपोर्ट के आधार पर ही सामग्री ''एम.पी. औषधि'' सॉफ्टवेयर द्वारा प्राप्त किया जाता है। निम्न गुणवत्ता की पी.पी.ई. किट खरीद के संबंध में कार्पोरेशन को कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई।
योजनाओं का क्रियान्वयन
[वन]
62. ( क्र. 458 ) श्री तरबर सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वन विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा संचालित किन-किन योजनों का सफल क्रियान्वयन किया गया? (ख) योजनावार स्वीकृत राशि का विवरण पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र बण्डा एवं नरयावली में (क) अवधि में विभिन्न योजनांतर्गत किये गये वृक्षारोपण में कितने पौधे रोपित किये गये तथा उनमें से कितने पौधे प्रश्न दिनांक तक जीवित अवस्था में है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विद्युत प्रदाय की जानकारी
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 460 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत विभाग द्वारा किसान फीडर एवं ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू फीडर के क्रमशः 10 घण्टे एवं 24 विद्युत प्रदाय का नियम है? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू फीडर के लिए ही मात्र 10 घण्टे विद्युत प्रदाय की जाती है, बाकी 14 घण्टे सिंगल फेस विद्युत प्रदाय की जाती है और इन 10 घण्टों के दौरान ही विद्युत सुधार व अन्य कार्यों के लिए कटौती की जाती है। यदि हाँ तो क्या यह उचित हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में कृषि फीडरों पर 10 घंटे तथा गैर कृषि फीडरों से, घरेलू सहित अन्य समस्त विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने के निर्देश हैं। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जा चुका है वहाँ गैर कृषि फीडरों के माध्यम से 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाता है तथा जहां कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को एक ही मिश्रित फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है वहाँ उत्तरांश (क) के निर्देशों के तारतम्य में कृषि कार्य हेतु 10 घंटे 3 फेस पर विद्युत उपलब्ध कराई जाती है तथा शेष 14 घंटे सिंगल फेसिंग कर एक फेज पर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाता है। उक्त व्यवस्था से घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध रहता है तथापि कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से विद्युत व्यवधान आने पर विद्युत प्रदाय प्रभावित होता है, जिसे आवश्यक सुधार/मेन्टेनेंस कार्य कर यथाशीघ्र सुचारू कर दिया जाता है।
मदिरा दुकानों के संचालन में अनियमितता
[वाणिज्यिक कर]
64. ( क्र. 473 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले में 09 जून 2020 से 26 जून 2020 तक शासकीय मदिरा दुकानों का संचालन विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त संचालन के प्रथम दिन जिले की सभी देशी/विदेशी मदिरा दुकानों पर उपलब्ध मदिरा स्कन्ध का पंचनामा तैयार किया गया था? यदि हाँ तो दुकानवार प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में जिले में दैनिक मदिरा बिक्री राशि की वरिष्ठ कार्यालय को भेजी गई जानकारी एवं उक्त राशि के जमा किये गये चालान की तिथिवार जानकारी दी जाये? (घ) क्या जिला मुख्यालय सहित ऐसी अनेक देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की दैनिक बिक्री की राशि, बिक्री पर्चा में उल्लेखित राशि एवं विभाग द्वारा वरिष्ठ कार्यालय को भेजी गई बिक्री राशि की जानकारी से अत्यंत कम एवं भिन्न है? (ड.) क्या नगर की आनंद नगर एवं बाम्बे बाजार विदेशी मदिरा दुकानों जिनकी प्रतिदिन आय औसतन 4-5 लाख रू. प्रतिदिन है, उक्त दुकानों की बिक्री राशि प्रतिदिन 15 से 20 हजार रू. तक बताई गई है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बड़ादेव बरगी, चरगवां परियोजना की वर्तमान स्थिति
[नर्मदा घाटी विकास]
65. ( क्र. 476 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा घाटी जबलपुर कार्यालय द्वारा बरगी चरगवां क्षेत्र का सर्वे कर लिफ्ट ऐरीगेशन बड़ादेव बरगी चरगवां परियोजना की डी.पी.आर. बनाई गई है? यदि हाँ तो परियोजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उपरोक्त योजना का लाभ किसानों को कब तक प्राप्त होगा? (ग) उपरोक्त योजना से कितने किसान एवं कितने गांव लाभान्वित होंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। परीक्षणाधीन है। (ख) डी.पी.आर. परीक्षण उपरांत वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर निविदा आमंत्रण कर कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) लाभान्वित किसानों की वास्तविक संख्या का आंकलन विस्तृत सर्वेक्षण पश्चात संभव होगा। लगभग 103 गांव लाभान्वित होंगे।
रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना से जलपूर्ति
[नर्मदा घाटी विकास]
66. ( क्र. 477 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्र में विगत कई वर्षों के दौरान रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना की जल उपभोक्ता समितियों ने खेतों तक पानी पहुंचाने के लिये मेढ़ों पर नालियों का कार्य (जिसे काडा कार्य भी कहते हैं) वास्तविक रूप में न कराकर केवल कागजों में दर्शाया गया है तथा करोड़ों रूपये की राशि का आहरण कर लिया गया है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? यदि नहीं तो बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली समस्त जल उपभोक्ता समितियों के नाम एवं उनसे संबंधित अध्यक्ष एवं सचिव के नाम बतायें। (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली किन-किन जल उपभोक्ता समितियों को वर्ष 2013-14 अर्थात 1 अप्रैल 2013 से 31 दिसम्बर 2019 के दौरान काडा कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से टी.सी. क्षेत्रों के लिये जारी की गई थी? (ग) उक्त जारी राशि से किन-किन टी.सी.क्षेत्रों में कितनी-कितनी लम्बाई में मेढ़ों पर नालियों का कार्य करवाया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, ऐसा कोई प्रकरण नहीं है। वर्तमान में जल उपभोक्ता संथायें अस्तित्व में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शिकायतों का निराकरण
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 488 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले की चुरहट विधान सभा क्षेत्र के कितने संबल कार्डधारी हितग्राहियों के वर्ष 2019 तक बिजली के बिल माफ किये गए थे? हाँ तो जानकारी देवें। यह भी बताएं कि ऐसे संबल कार्ड धारी जिनके बिल विभाग द्वारा एंट्री न किये जाने के कारण माफ नहीं हो पाए थे, उसमें अब तक क्यों सुधार नहीं किया गया है एवं यह सुधार कब तक किया जाएगा? (ख) चुरहट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने विद्युत उपभोक्ता हैं जो जनवरी 2019 से 200 रूपये एवं तत्पश्चात् सरकार के आदेश अनुसार 100 रूपये विद्युत बिल चुका रहे थे? जानकारी देवें। (ग) चुरहट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बहुत से उपभोक्ताओं को बिना मीटर के बिल आने एवं इतनी शासकीय छूट के बावजूद भी फर्जी बिल आने की शिकायतें हैं? इनके निराकरण के लिए क्या सरकार ग्रामवार कैम्प लगाकर निराकरण करेगी? यदि हाँ तो कब तक? दिनांक सहित पूरा चार्ट बनाकर जानकारी देवें। (घ) क्या सरकार पिछले 8 वर्षों में बिना मीटर लगाए ठेकेदार द्वारा भुगतान प्राप्त करने की व्यापक जांच कराकर कार्यवाही सुनिश्चित करेगी? यदि हाँ तो कब तक यह जांच हो जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सीधी जिले की चुरहट विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री बकाया बिजली माफी स्कीम 2018 के तहत् पंजीकृत संबल कार्ड धारी 18750 हितग्राहियों (उपभोक्ताओं) की माह जून 2018 तक की बकाया राशि रू. 1320.06 लाख माफ की गई थी। विभाग के पत्र क्र. 7875 दिनांक 11 अक्टूबर 2018 से दिये गये निर्देश अनुसार म.प्र. विधानसभा के चुनाव के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 6.10.2018 से आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण उक्त योजना में नये पंजीकरण बंद कर दिये गये थे। ऐसे संबल कार्ड धारी उपभोक्ता जिन्होंने स्कीम शुरु होने के उपरांत उक्त अवधि तक आवेदन दिये थे, उनको योजनांतर्गत छूट प्रदान की गई है। इसके उपरांत योजना अवधि में वृद्धि नहीं की जाने से योजनांतर्गत लाभ नहीं दिया गया। (ख) चुरहट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सरल बिजली बिल योजना के तहत् माह जनवरी 2019 में 26133 उपभोक्ताओं को रु. 200/- तक के मासिक देयक जारी किये गये। तदुपरांत राज्य शासन द्वारा दिनांक 25.2.2019 से प्रदेश में लागू की गई ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' के तहत पात्र उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम रू. 100 के बिल जारी किये जा रहे हैं। ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' के तहत प्रश्नाधीन क्षेत्र में योजना शुरू होने की दिनांक से माह अगस्त, 2020 तक रू. 100 तक (रू. 100/- से कम भी सम्मिलित हैं) का मासिक देयक प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बिल संबंधी शिकायतों के निराकरण हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में वितरण केन्द्र स्तर पर शिविर माह जुलाई 2020 में दिनांक 02.07.2020 एवं 09.07.2020 को एवं माह सितम्बर 2020 में दिनांक 04.09.2020 एवं दिनांक 11.09.2020 को लगाये गये हैं। (घ) चुरहट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में बिना मीटर लगाये ठेकेदार द्वारा भुगतान प्राप्त करने की कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त नहीं हुई है और न ही ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में आया है। तत्संबंध में यदि कोई प्रकरण संज्ञान में आयेगा तो जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
प्रायवेट कम्पनियों से बिजली खरीदी
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 508 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड द्वारा प्रायवेट बिजली कंपनियों से बिजली खरीदने का अनुबंध करके बिना बिजली खरीदे ही कई हजार करोड़ की राशि प्रायवेट कम्पनियों को प्रति वर्ष भुगतान की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो इस अनुबंध के कारण बिना बिजली खरीदे हजारों करोड़ की राशि का भुगतान करने का भार आम उपभोक्ताओं के बिलों द्वारा वसूला जा रहा है? (ग) क्या इस प्रकार के अनुबंध के पीछे कमीशनखोरी का खेल है, जो विगत कई वर्षों से निरंतर जारी है? (घ) वर्ष 2016-17 से वर्ष 2020-21 (जुलाई 2020 की स्थिति में) इस अनुबंध के तहत बिना विद्युत प्रदाय किये किन-किन निजी ताप विद्युत उत्पादन कंपनियों को वर्षवार कितना भुगतान किया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से निजी विद्युत उत्पादकों से बिजली खरीदने हेतु विद्युत क्रय अनुबंध किये गये हैं। निष्पादित अनुबंधों के तहत् केन्द्र एवं राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित विद्युत दर (नियत प्रभार एवं विद्युत प्रभार) एवं अनुबंधित क्षमता के अनुसार नियत प्रभार का भुगतान विद्युत उपलब्धता (Availability) एवं शेड्यूल ऊर्जा के आधार पर किया जाता है। (ख) जी नहीं। राज्य के उपभोक्ताओं को मध्यप्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा विक्रित बिजली की दर का निर्धारण भी म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है, जिसके अनुसार ही आम उपभोक्ताओं से राशि वसूल की जाती है। (ग) जी नहीं, प्रदेश में विद्युत मांग की सतत् रूप से आपूर्ति (24X7) सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर केन्द्र/राज्य शासन के दिशा-निर्देशों एवं विद्युत नियामक आयोग के विनियमन के अनुसार विद्युत उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए अनुबंध किये गये थे। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
69. ( क्र. 509 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल वन मण्डल अंतर्गत ग्राम बालमपुर एवं रसूलिया पठार की वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है? (ख) क्या भोपाल वन मण्डल के समरधा और बैरसिया रेंज की 10000 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) की अतिक्रमित भूमि पर हुये अवैध अतिक्रमण को हटाने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। भोपाल वनमंडल अंतर्गत ग्राम बालमपुर की वन भूमि पर वर्तमान में कोई अतिक्रमण नहीं किया जा रहा है एवं ग्राम रसूलिया पठार में कोई वन भूमि नहीं है। (ख) जी नहीं वनमंडल भोपाल की प्रचलित कार्य आयोजना के अनुसार परिक्षेत्र समर्धा में 572.009 हेक्टेयर एवं परिक्षेत्र बैरसिया में 5265.661 हेक्टेयर, कुल 5837.670 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण है। (ग) वनमंडल भोपाल के अंतर्गत अवैध अतिक्रमण को हटाने हेतु अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध वर्ष 2009-10 से 2019-20 तक 320 प्रकरण पंजीबद्ध कर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 80 (अ) के तहत बेदखली आदेश जारी किये जाकर 204.292 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। परिक्षेत्र समर्धा तथा बैरसिया के अंतर्गत वर्णित कुल अतिक्रमित वन भूमि 5837.670 हेक्टेयर में से 1447.246 हेक्टेयर वन भूमि पर अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 1163 व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र जारी किये जा चुके हैं। वनमंडल भोपाल में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत निरस्त दावों के पुनः परीक्षण में पात्रता अनुसार वन अधिकार पत्र प्रदत्त किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
स्वीकृत ग्रिड का निर्माण
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 516 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड द्वारा पत्र क्रमांक प्र.सं./म.क्षे./कार्य एवं योजना/1896 भोपाल, दिनांक 10.02.2020 के द्वारा राजगढ़ जिले में नवीन 33/11 के.व्ही उपकेन्द्र स्वीकृत किये थे? यदि हाँ तो स्वीकृत उपकेन्द्रों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की सूची में से प्रश्न दिनांक तक कितने उपकेन्द्र का कार्य पूर्ण हो गया है? कितने उपकेन्द्र अपूर्ण है? कितने उपक्रेन्द्र का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपलब्ध 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की जानकारी अनुसार अपूर्ण उपकेन्द्र का कार्य किस दिनांक तक पूर्ण हो जायेगा तथा प्रारंभ नहीं हुए उपकेन्द्र का कार्य किस दिनांक तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? दिनांक सहित जानकारी दें। यदि स्वीकृत हुए उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होगा तो क्यों नहीं होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के पत्र क्रमांक प्रसं/म.क्षे./कार्य एवं योजना/1896 भोपाल दिनांक 06-02-2020 के द्वारा राजगढ़ जिले में 33/11 के.व्ही. के 13 नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अन्तर्गत स्वीकृत किये गये थे, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार स्वीकृत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में से किसी भी उपकेन्द्र का निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है। वर्तमान में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बामलावे एवं अलोनी का निर्माण कार्य प्रगति पर है तथा 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सवासी के लिए भूमि आवंटन प्रक्रियाधीन है। शेष 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए गए ग्राम बामलाबे एवं अलोनी में निर्माणाधीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य दिनांक 31.12.2020 तक पूर्ण होने की संभावना है एवं ग्राम सवासी में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के लिये भूमि आवंटन होने के पश्चात कार्य किया जा सकेगा। इस कारण से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नाधीन शेष 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की वर्तमान में तकनीकी रूप से अभी त्वरित आवश्यकता नहीं होने से इनका कार्य होल्ड पर रखा गया है।
चिकित्सालय में रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
71. ( क्र. 517 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ डॉक्टर, डॉक्टर, कम्पाउण्डर, नर्स, ए.एन.एम. तथा अन्य समस्त स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं? पद का नाम दर्शाते हुये सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपलब्ध सूची में दर्शाये गये पदों में कितने पदों पर पदस्थापना है? कितने पद रिक्त हैं? कितने पदों पर पदस्थ डॉक्टर कितने समय से अवकाश पर हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपलब्ध सूची में रिक्त पदों के विरूद्ध शासन कब तक पदस्थापना कर देगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विशेषज्ञ संवर्ग का पद 100 प्रतिशत पदोन्नती से भरे जाने वाला पद है, 30 अप्रैल 2016 से मान. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति का प्रकरण विचाराधीन/विलंबित होने के कारण पदोन्नति नहीं की जा सकी। पैरामेडिकल (लैब टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर, नेत्र सहायक) के 547 रिक्त पदों की पूर्ती हेतु म.प्र. व्यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल के माध्यम से किये जाने हेतु दिनांक 14.07.2020 को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। प्रति वर्ष विभाग के शासकीय जी.एन.एम. एवं बी.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षण संस्था/महाविद्यालय से उत्तीर्ण छात्राओं की नियुक्ति स्टॉफ नर्स के पदों की पूर्ती पद रिक्तता अनुसार की जाती हैं। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं।
विधायक निधि से स्वीकृत राशि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
72. ( क्र. 520 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत नगर माचलपुर विकासखण्ड जीरापुर जिला राजगढ़ में दिनांक 18.10.2019 को विधायक निधि से स्वीकृत कार्य सामुदायिक भवन निर्माण (विद्याधाम कॉलोनी के पास) राशि 15 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी, जिसकी क्रियान्वयन एजेंसी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा राजगढ़ को बनाया गया था? यदि हाँ तो इसकी राशि जारी की गई? यदि नहीं तो क्यों नहीं की गई? इसमें कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या उक्त राशि को योजना एवं सांख्यिकी विभाग के वी.सी.ओ. से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के वी.सी.ओ. में डालने में विलंब के क्या कारण हैं? यह राशि कब तक संबंधित विभाग के वी.सी.ओ. में डाल दी जायेगी? (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 में विधायक निधि अंतर्गत राशि 12,07,320 रूपये एवं विधायक स्वेच्छानुदान अंतर्गत राशि रूपये 1 लाख का बजट अप्राप्त है? उपरोक्त स्वीकृत राशि का बजट कब तक प्राप्त हो जाएगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय द्वारा लिपकीय त्रुटि से ई-मेल पता सही नहीं लिखने के कारण राशि जारी नहीं हो सकी। इस त्रुटि के लिये संबंधित को भविष्य के लिये चेतावनी दी गई है। (ख) जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय द्वारा लिपिकीय त्रुटि से ई-मेल पता सही नहीं लिखने के कारण राशि जारी नहीं हो सकी। अपूर्ण कार्यों की लैप्स राशि के संबंध में जिलों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 में विधायक निधि अन्तर्गत राशि रुपये 127323 एवं विधायक स्वेच्छानुदान के अन्तर्गत राशि रुपये 98255 बजट आवंटन कम प्राप्त हुआ था। बजट प्रावधान उपलब्ध होने पर आवंटन जारी किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रकरण पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
73. ( क्र. 526 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड़ के विरूद्ध एस.एल.पी. क्र. 28983/2018 में मान. उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन के प्रकरण क्रमांक जावक क्र. 1356/री./अप.कले./19 दिनांक 01/01/2020 पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण विवरण देवें। (ख) उपरोक्तानुसार कलेक्टर उज्जैन के तीन माह में प्रकरण की सुनवाई कर निराकरण के निर्देश दिए गए थे, तो इतने समय के बाद भी इस पर निर्णय क्यों नहीं दिया गया? (ग) इस प्रकरण में ए.डी.एम. द्वारा लंबी तारीखे देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना क्यों की जा रही है? (घ) कब तक इस प्रकरण का निराकरण कर दिया जाएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 09/12/2019 में प्रश्न अनुसार कोई समयावधि का निर्धारण नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) न्यायालयीन प्रकरण होने से निराकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अधिवक्ता की नियमितता की जानकारी
[सहकारिता]
74. ( क्र. 527 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 599 दिनांक 18.12.2019 के उत्तर अनुसार कृषक सेवा सहकारी सं.मर्या. बैजनाथ तहसील महिदपुर में श्री बनेसिंह सहायक प्रबंधक के विरूद्ध मान. न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महिदपुर जिला उज्जैन में अपराध क्र. 499/2018 विचाराधीन है। इसके विरूद्ध इनके द्वारा मा. उच्च न्यायालय इंदौर खण्डपीठ में जो याचिका क्र. CRR/667/2019 दायर की है उसमें शासन की और से कौन से वकील नियत हैं? (ख) उपरोक्त वकील कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे तिथिवार बतावें। (ग) नियत तिथि पर वकील अनुपस्थित क्यों रहे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। शासकीय अधिवक्ता। (ख) दिनांक 12.03.2019 को श्री निलेश जगताप शासकीय अधिवक्ता, दिनांक 19.03.2019 को श्री गौरव वर्मा शासकीय अधिवक्ता, दिनांक 29.03.2019 को श्री मनीष वर्मा शासकीय अधिवक्ता तथा दिनांक 12.04.2019 को श्री प्रणय जोशी शासकीय अधिवक्ता उपस्थित रहे हैं। (ग) नियत दिनांक पर शासन की ओर से कभी भी कोई अधिवक्ता अनुपस्थित नहीं रहा।
ऑनलाइन प्रक्रिया अंतर्गत भूखण्ड आवंटन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
75. ( क्र. 531 ) श्री सुनील सराफ : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्त जिलों में उद्योग संचालनालय भोपाल द्वारा भूखण्ड के ऑनलाइन प्रक्रिया के अंतर्गत आवंटन की प्रक्रिया कब-कब की गई? (ख) राउ जिला इंदौर में अनुमोदित अभिन्यास में 500 वर्ग.मी. से कम स्वतंत्र भूखण्ड परिभाषित हैं तो उनके भूखण्ड क्रमांक, आकार, लंबाई, चौड़ाई की जानकारी उपलब्ध करायें एवं भूखण्ड ऑनलाइन आवंटन प्रक्रिया के अंतर्गत जि.व्या.उ.के. इंदौर द्वारा बेवसाईट पर कब डाले गए? (ग) क्या म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 के दिनांक 10.01.2020 को निरसित हो जाने के पश्चात उसे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम में जारी रखने के संबंध में दिनांक 08.06.2020 को संचालक उद्योग संचालनालय के आदेश से जारी किया गया है? जारी आदेश का प्रकाशन कब हुआ?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) औद्योगिक क्षेत्र राउ जिला इन्दौर में अनुमोदित अभिन्यास में 500 वर्गमीटर से कम के स्वतंत्र भूखण्ड परिभाषित नहीं है। अतःशेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, आदेश जारी होते ही समस्त परिक्षेत्र एवं जिलों को प्रेषित किया गया।
अतिथि शिक्षकों को मानदेय का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
76. ( क्र. 534 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय विद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षक विगत 12-13 वर्षों से अल्प मानदेय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं तथा लम्बे समय से अपने नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं, क्या इनके भविष्य को ध्यान में रखते हुये इन्हें नियमित किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ख) कोविड-19 से पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगाया गया था उससे अतिथि शिक्षक को भी अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा है। लॉकडाउन के समय का अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान किया गया है? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, अपितु शिक्षकों के पद रिक्त रहने, 15 दिवस से अधिक समय के लिये शिक्षकों के अवकाश पर जाने, प्रशिक्षण पर जाने की स्थिति में शालाओं में अस्थायी रूप से निर्धारित मानदेय पर अतिथि शिक्षक रखे जाते हैं। जी नहीं। उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की भर्ती/नियोजन प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों के लिये निम्नानुसार प्रावधान किया गया हैः- ''शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां, अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जायेगी, जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य किया गया है।'' अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अतिथि शिक्षकों को मानदेय का भुगतान संबंधित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के मांग के आधार पर किये जाने हेतु विकासखण्डवार राशि जारी कर दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टेण्डर संबंधी प्रक्रिया की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
77. ( क्र. 535 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन द्वारा टेण्डर क्रमांक T 033/MPPHCL/DATED 31/07/2019 for Selection of Service Provider on Wet Lease basis की सम्पूर्ण टेण्डर संबंधित प्रक्रिया की जानकारी दिनांक के साथ देवें। (ख) उक्त टेण्डर के सम्पूर्ण दस्तावेजों की प्रतिलिपि आपके उत्तर के साथ देवें। (ग) उक्त टेण्डर से संबंधित सभी टेक्निकल समिति एवं क्रय समिति की बैठकों की जानकारी सम्पूर्ण बैठक के मिनिट्स एवं निर्णय के साथ देवें। (घ) उक्त टेण्डर से संबंधित कार्य का भुगतान संबंधी मदों/बजट की जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) उक्त टेण्डर से संबंधित कार्य का भुगतान एन.एच.एम. के बजट हेड के अंतर्गत एफ.एम.आरः- 6.4.1 के अंतर्गत किया, बजट हेड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
व्यय मदों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 538 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 25.03.2020 से 25.08.2020 तक इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर एवं बड़वानी जिले में कोरोना पॉजिटिव एवं क्वारंटीन किए लोगों पर शासन द्वारा कितनी राशि किन मदों में व्यय की गई? जिलावार, मदवार, राशि सहित माहवार देवें। (ख) उपरोक्तानुसार भुगतान जिन फर्मों, एजेंसियों, व्यक्तियों आदि को किए गए की जानकारी भी लंबित भुगतान सहित जिलावार, माहवार देवें। इन फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति भी देवें। (ग) कोविड पॉजीटिव मरीजों के इलाज के लिए क्या शासन ने निजी चिकित्सालयों के लिए कोई मापदण्ड निर्धारित किए है? यदि हाँ तो उसकी जानकारी देवें। (घ) यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोना मरीजों की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
79. ( क्र. 539 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 25.03.2020 से 25.08.2020 तक कितने कोरोना सेंपल की जांच प्रदेश में एवं प्रदेश के बाहर की गई? माहवार पृथक-पृथक जानकारी लैब के नाम, पता सहित देवें। (ख) इसके लिए इनका कितना भुगतान किया गया? कितना भुगतान लंबित है की जानकारी लैबवार, पता, नाम सहित देवें। प्रदेश के बाहर सैंपल भेजने पर हुए हवाई व्यय की भी जानकारी देवें। (ग) इंदौर, भोपाल, उज्जैन में कितने निजी चिकित्सालयों में कोरोना पॉजीटिव मरीजों का उपचार किया/उपचारत हैं, की जानकारी दि. 25.08.2020 तक देवें। प्रति मरीज शासन का व्यय/स्वयं का व्यय, चिकित्सालय का नाम सहित जानकारी पृथक-पृथक माहवार प्रत्येक मरीज के संदर्भ में देवें। व्यय की मदें भी साथ में देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार लैब द्वारा प्रस्तुत बिलों की प्रमाणित प्रति भी देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) दिनांक 25.03.2020 से 25.08.2020 तक कुल 12,26,559 कोरोना सैपलों की जांच प्रदेश में एवं कुल 31,822 कोरोना सैपलों की जांच प्रदेश से बाहर की गई है। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
कोविड-19 की रोकथाम हेतु प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 542 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नरसिंहपुर जिले में कोविड-19 में व्यक्तिगत सुरक्षा सामग्री पी.पी.ई. किट खरीदी व वितरण के संबंध में कलेक्टर नरसिंहपुर को पत्र क्रमांक जे.एस.पी./एन.एस.पी./5159 दिनांक 08/05/2020 दिया गया? (ख) कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम के लिए विभिन्न व्यक्तियों एवं संस्थाओं के द्वारा प्रदान की गई राशि कितनी है एवं उक्त राशि कब-कब एवं किस कार्य हेतु उपयोग की गई है? व्यय की गई राशि की संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ग) उक्त मद किसकी अनुशंसा एवं अनुमति से खर्च की जाती है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्यसभा निधि हेतु आवंटित राशि द्वारा माननीय संसद सदस्य, राज्यसभा, श्री कैलाश सोनी जी से अनुशंसा/प्रस्ताव अनुसार राशि रू. 1935200/- की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति कार्यालय कलेक्टर (योजना एवं सांख्यिकी) नरसिंहपुर म.प्र. द्वारा प्रदान की गई, जिसमें क्रियान्वयन एजेंसी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नरसिंहपुर को नियुक्त किया गया। उक्त राशि का उपयोग कार्यालय कलेक्टर (योजना एवं सांख्यिकी) नरसिंहपुर म.प्र. के पत्र क्रमांक 385/जियोसां/सां.नि./2020-21 नरसिंहपुर, दिनांक 03.06.2020 द्वारा प्राप्त स्वीकृति अनुसार 04 नग हेण्ड हेल्ड टेम्परेचर डिटेक्टर कैमरा के क्रय हेतु किया गया। उक्त हेण्ड हेल्ड टेम्परेचर डिटेक्टर कैमरा का क्रयादेश जेम पोर्टल द्वारा जारी किया गया था। कार्यालय कलेक्टर (योजना एवं सांख्यिकी), नरसिंहपुर, म.प्र. के पत्र क्रमांक/561/जियोसां/सा.नि./2020-21, नरसिंहपुर, दिनांक 01.07.2020 के द्वारा उक्त प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति को संशोधित कर रूपये 967600/- 02 नग हेण्ड हेल्ड टेम्परेचर डिटेक्टर कैमरा हेतु किया गया। उक्त सामग्री प्रदायगी उपरांत संबंधित फर्म का भुगतान स्थानीय कार्यालय द्वारा किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त मद जिला कलेक्टर की अनुशंसा एवं अनुमति से खर्च किया जाता है।
आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत आर्थिक पैकेज
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
81. ( क्र. 543 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत क्या-क्या आर्थिक पैकेज दिये गये हैं? (ख) आत्मनिर्भर भारत अभियान से कितने हितग्राही जुड़े हैं? संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) वर्ष 2020-21 में कितने हितग्राहियों को विभाग के माध्यम से उद्योग प्रारंभ करने के लिए सहायता प्रदान की गई है? (घ) नरसिंहपुर जिले में विभाग द्वारा कितनी राशि का आवंटन किया है? क्या वह पूर्ण हो गया है? यदि नहीं तो कब तक पूर्ण किया जावेगा?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अन्तर्गत एम.एस.एम.ई. इकाइयों/व्यवसायियों को कोलेटरल फ्री इमरजेंसी ऋण, आर्थिक रूप से संकट ग्रस्त इकाइयों को सब-ऑर्डिनेट ऋण, मुद्रा शिशु योजना अन्तर्गत प्राप्त ऋण पर एक वर्ष के लिये 2 प्रतिशत ब्याज में छूट, एम.एस.एम.ई. इकाइयों को छ: माह ई.पी.एफ. जमा करने में छूट तथा एम.एस.एम.ई. इकाइयों में वित्तीय तरलता के लिये ''Fund of Funds'' का प्रावधान किया गया है। ये सभी प्रावधान नरसिंहपुर जिले पर भी लागू होते हैं। (ख) आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अन्तर्गत नरसिंहपुर जिले में 590 एम.एस.एम.ई. इकाइयां हितग्राही के रूप में जुड़ी हैं। (ग) वर्ष 2020-21 में विभाग के माध्यम से सहायता प्राप्त कर उद्योग प्रारंभ करने वाले हितग्राहियों की संख्या निरंक है। (घ) नरसिंहपुर जिले में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में निवेश प्रोत्साहन मद में रूपये 23.01 लाख का आवंटन हेतु दिया गया था, जिसका शत्-प्रतिशत उपयोग किया जा चुका है।
हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन
[श्रम]
82. ( क्र. 547 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत जबेरा एवं तेंदूखेड़ा में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अंतर्गत भौतिक सत्यापन के दौरान पात्र हितग्राहियों को ग्राम पंचायत द्वारा अपात्र किया गया है? यदि हाँ तो क्यों? (ख) उन अपात्र किए गए पात्र हितग्राहियों को पात्रता की श्रेणी में लाने के लिए शासन द्वारा क्या पुनः भौतिक सत्यापन के आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ तो यह आदेश कब तक क्रियान्वित होंगे? यदि नहीं तो क्यों नहीं? क्या शासन द्वारा पुनः सत्यापन के लिए विचार किया जा रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वत्वों का भुगतान
[आदिमजाति कल्याण]
83. ( क्र. 549 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिवासी विकास विभाग के सतपुड़ा भवन में क्षेत्र संयोजक के पद पर कार्यरत रहते हुए मृत स्व. श्री जे.के. श्रीवास्तव, जिनकी मृत्यु को 10 वर्ष से भी अधिक समय हो गया है, के स्वत्वों का भुगतान आज दिनांक तक शेष है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक कौन-कौन से स्वत्वों का कितना-कितना भुगतान हुआ है एवं कौन-कौन से स्वत्वों का भुगतान शेष है तथा क्यों? भुगतान किस स्तर पर प्रक्रियाधीन है? (ग) श्री श्रीवास्तव के स्वत्वों के निराकरण हेतु कब-कब, किन-किन के द्वारा कितनी शिकायतें की गई प्रति देते हुए उन शिकायतों पर कब क्या निराकरण किया गया? शिकायतवार जानकारी देवें। (घ) क्या स्व. श्री श्रीवास्तव का जी.आई.एस 400/- रू. प्रतिमाह के स्थान पर 120/- रू. कटौत्रा किया जाकर उसी हिसाब से भुगतान किया गया? यदि हाँ तो 400/- रू. कटौत्रा न किए जाने का क्या कारण है? इस हेतु कौन दोषी है तथा कब तक 400/- रू. के मान से जी.आई.एस के अंतर राशि का भुगतान मृतक के वारिस को किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) श्री श्रीवास्तव की मृत्यु के 10 वर्षों के उपरांत भी स्वत्वों का भुगतान न किए जाने का क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी एवं कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग)
क्र. |
शिकायत कहाँ से प्राप्त हुई |
शिकायत का निराकरण |
1 |
जनशिकायत निवारण पीजी 135633/2011/4 (विषय- प्रकरण में चौथे, पांचवे, छठवें वेतनमान का लाभ नहीं मिला। |
प्रकरण में कार्यालयीन आदेश क्रमांक/स्था. 5 (2)/2016/2137 दिनांक 05.10.2016 के द्वारा चौथे पांचवे, छठवें वेतनमान में वेतन नियमन किया गया। |
2 |
सी.एम. मॉनिट सी. (विषय- स्वत्वों का भुगतान नहीं किया गया। |
1. प्रकरण में वर्तमान IFMIS प्रणाली में इनका 01.07.10 से 25.11.20 तक का वेतन स्व. श्री श्रीवास्तव की पत्नी श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव को वेतन भुगतान के विषय में आयुक्त कोष एवं लेखा से मार्गदर्शन चाहा गया था मार्गदर्शन प्राप्त कर राशि 1,18,348/- का भुगतान श्रीमती श्रीवास्तव को किया गया है। 2. जी.पी.एफ. संबंधी अभिलेख संबंधित कर्मचारी द्वारा उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। अत: स्व. श्री श्रीवास्तव जहां-जहां पदस्थ रहे हैं वहां से जी.पी.एफ. पासबुक प्राप्ति हेतु लिखा गया है। |
3 |
मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग भोपाल (विषय- स्वत्वों का भुगतान नहीं किया गया। ) |
1. प्रकरण स्व. श्री श्रीवास्तव विकासखण्ड अधिकारी की पत्नी श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव को दिनांक 1.7.2010 से मृत्यु दिनांक 25.11.2010 तक का वेतन ऐरियर्स राशि रू. 1,18,348/- का भुगतान किया गया है। 2. जी.पी.एफ. संबंधी अभिलेखों का संधारण नहीं होने के कारण भुगतान नहीं किया गया है। 3. परिवार पेंशन का भुगतान किया जा रहा है एवं बीमा की राशि 60551/- तथा बीमा सुरक्षा कवच राशि रूपये 120000/- का भुगतान श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव को किया जा चुका है। |
(घ) जी हाँ। समूह बीमा योजना की राशि 400/- के मान से के संबंध में शासन द्वारा पत्र क्र./2179/2658/2016/1/25 दिनांक 30.09.2016 में यह उल्लेख किया है कि म.प्र.शासन, वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ 15-27/2002/ई/चार दिनांक 05.02.2002, 19.06.2003 तथा दिनांक 04.07.2003 द्वारा पुरानी समूह बीमा योजना 1985 के स्थान पर यह नई योजना जुलाई 2003 से लागू की गई है। उक्त योजना अंतर्गत श्री जे.के. श्रीवास्तव नवीन योजना के सदस्य न होने से पात्रता नहीं आती। शेष के संबंध में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) श्री श्रीवास्तव द्वारा नियमित सेवा में उपस्थित न रहने के कारण इनके सेवा संबंधी विभिन्न अभिलेख यथा- सेवा पुस्तिका, जी.पी.एफ. पासबुक का नियमित संधारण नहीं हुआ एवं कार्यालय में इनकी जी.पी.एफ. पासबुक उपलब्ध नहीं कराये जाने से शेष स्वत्वों का भुगतान संभव नहीं हुआ है, विलंब के लिये उपरोक्त अभिलेख उपलब्ध न होना कारण है। शेष के संबंध में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शिकायतों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
84. ( क्र. 555 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उड़नदस्ता प्रभारी उज्जैन संभाग के पद पर श्री संजय लुणावत कब से पदस्थ है? इनकी पदस्थी दिनांक से सितम्बर 20 तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्यमों से अनियमितताओं तथा भ्रष्टाचार की शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई? (ख) उक्त शिकायतों की जांच किन-किन अधिकारियों ने कब-कब की? जांच के क्या-क्या निष्कर्ष रहे? शिकायतवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारी ने अपनी चल-अचल सम्पत्ति का विवरण कब से क्यों नहीं दिया? कारण बतायें तथा विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) प्रश्नांश (क) के अधिकारी ने शासकीय सेवा में कार्यभार ग्रहण करते समय अपनी चल-अचल सम्पत्ति का क्या-क्या विवरण दिया था? सितम्बर 20 की स्थिति में कितने गुना सम्पत्ति कैसे बढ़ गई पूर्ण विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्री संजय लुणावत, सहायक खनि अधिकारी उड़नदस्ता प्रभारी उज्जैन संभाग के पद पर दिनांक 27/09/2019 से पदस्थ हैं। इनकी पदस्थापना दिनांक 29/09/2019 से कोई शिकायत इस कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारी द्वारा अचल संपत्ति का विवरण प्रतिवर्ष निरंक प्रस्तुत किया जा रहा है। चल संपत्ति के अंतर्गत इनके द्वारा जिला मंदसौर में पदस्थापना के दौरान फ्रिज क्रय किया गया था, जिसकी अनुमति डिप्टी कलेक्टर, जिला मंदसौर द्वारा प्रदान की गई थी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संबल योजनांतर्गत प्राप्त प्रकरण
[श्रम]
85. ( क्र. 556 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना एवं भवन एवं संनिर्माण मण्डल में पंजीकृत हितग्राहियों को क्या-क्या सुविधायें मिलती हैं तथा कितने दिन के भीतर भुगतान किये जाने के निर्देश हैं? निर्देशों की प्रति दें। (ख) रायसेन जिले में योजना प्रारंभ होने से सितम्बर, 2020 की स्थिति में कितने प्रकरण स्वीकृत हुए? कितने प्रकरण क्यों अस्वीकृत किये गये? (ग) कितने प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? प्रकरण लंबित रहने के लिए कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ख) के स्वीकृत कितने प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पंजीकृत हितग्राहियों हेतु विभाग द्वारा संचालित योजनाओं 1. मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार है एवं दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'' अनुसार है। 2. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-2'' अनुसार है एवं दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-2'' अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में योजना प्रारंभ होने से प्रश्नांकित अवधि तक 1. मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अंतर्गत कुल 3160 प्रकरण हितलाभ प्रदाय किये जाने हेतु स्वीकृत किये गये तथा कुल 41 प्रकरण पात्रता संबंधी जांच में अपात्र पाये जाने के कारण अस्वीकृत किये गये हैं। 2. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल योजना के अंतर्गत 8704 प्रकरण स्वीकृत किये गये तथा कुल 32 प्रकरण पात्रता संबंधी जांच में अपात्र पाये जाने के कारण अस्वीकृत किये गये हैं। (ग) रायसेन जिले में 1. मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अंतर्गत कुल 156 प्रकरण पर्याप्त आवंटन एवं सत्यापन प्रक्रिया हेतु लंबित है। निकायवार लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। 2. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल योजना के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। कोई दोषी नहीं है। (घ) 1. मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अंतर्गत कुल 3160 स्वीकृत प्रकरणों में से 156 प्रकरण पर्याप्त बजट आवंटन तथा सत्यापन प्रक्रिया हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शासन से बजट प्राप्त होने पर पात्र प्रकरणों में भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। 2. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल योजना के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है।
संविदा पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 564 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र.सी. 5-2/2018/1/3 भोपाल, दिनांक 05 जून 2018 के द्वारा जारी नीति निर्देशों के अनुसार सभी विभागों को उनके यहां संविदा पर कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से नियमित किये जाने का प्रावधान किया गया था एवं इस नीति के अनुरूप अपना प्रशासकीय सेटअप तथा भर्ती नियमों में यथोचित परिवर्तन/संशोधन करना था? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आज पर्यन्त तक क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (ग) क्या राज्य शिक्षा केन्द्र (सर्व शिक्षा अभियान) अंतर्गत संविदा पर कार्यरत बी.आर.सी./बी.एस.सी. को नियमित करने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश हैं? यदि हाँ तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के प्रकाश में संविदा पर कार्यरत बी.आर.सी/बी.ए.सी को कब तक नियमित कर दिया जायेगा? यदि नहीं तो कारण बताएं।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) विभागीय सेटअप नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी नहीं, अपितु माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा डब्ल्यू.पी. क्रमांक 5371/2010 (एस) में याचिकाकर्ता के द्वारा बी.आर.सी. पद के नियमितीकरण के संबंध में किये गये क्लेम को दो माह में निराकृत कर स्पीकिंग आदेश जारी किये जाने का आदेश दिनांक 21.7.2016 को पारित किया गया है, तब तक माननीय न्यायालय का पारित अंतरिम आदेश दिनांक 16.9.2010 यथास्थिति रखे जाने का निर्णय है। डब्ल्यू.पी. क्रमांक 5371/2010 (एस) में पारित निर्णय के परिपालन में भिण्ड जिले के विकासखण्ड रौन में संविदा आधार पर पदस्थ श्री प्रद्युमन सिहं तोमर बी.आर.सी. के पद पर यथावत कार्य कर रहे हैं। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शासकीय कर्मचारियों के भत्तों एवं वार्षिक वेतन वृद्धि की जानकारी
[वित्त]
87. ( क्र. 567 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को 05 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाना स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ तो राज्य के शासकीय सेवकों को 05 प्रतिशत स्वीकृत महंगाई भत्ता, सांतवे वेतनमान की तृतीय किस्त एवं वार्षिक वेतन वृद्धि आदि पर राज्य सरकार द्वारा सामान्य गतिविधियां प्रारंभ होने के बाद भी रोक लगाई जाने के क्या कारण हैं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में शासकीय सेवकों को स्वीकृत महंगाई भत्ता, सांतवे वेतनमान की तृतीय किस्त एवं वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई जाने से शासन को प्रतिमाह कितनी राशि की बचत हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रक्ष्य में कोरोना महामारी से निपटने के लिए केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश शासन को करोड़ों रूपये का आर्थिक पैकेज प्राप्त होने एवं जी.एस.टी. के रूप में प्रदेश की हिस्सेदारी के करोड़ों रूपये की राशि प्राप्त होने के बाद भी शासकीय कर्मचारियों की काल्पनिक वेतन वृद्धि लगाए जाने एवं महंगाई भत्ते पर जानबूझ कर राशि बचाने हेतु रोक क्यों लगाई गई? स्पष्ट करें। महंगाई भत्ता, सांतवे वेतनमान की तृतीय किस्त एवं वार्षिक वेतन वृद्धि पर लगी रोक कब तक हटाई जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। कोविड-19 की आपदा के परिणामस्वरूप प्रदेश की स्वयं के कर एवं गैर कर राजस्व पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव तथा अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए निर्णय लिया गया है। (ख) राज्य शासन को मंहगाई भत्ते से लगभग कुल रूपये 1275 करोड़ वार्षिक, तृतीय किस्त एरियर के रूप में लगभग कुल रूपये 1400 करोड़ तथा वेतनवृद्धि से लगभग कुल रूपये 850 करोड़ वार्षिक की तात्कालिक बचत संभावित है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार वर्तमान में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन उपकेंद्रों को आवंटित राशि
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 574 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्रबंधक संचालक मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल के आदेश दिनांक 16/05/2020 द्वारा प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना वर्ष 2020-21 अंतर्गत वृत गुना के 06 स्वीकृत नवीन विद्युत उपकेंद्रों (33/1 के.व्ही.) को होल्ड पर रखते हुये इन उपकेंद्रों की राशि का उपयोग अन्य आवश्यक कार्य हेतु जारी किया गया? (ख) यदि हाँ तो वृत गुना के स्वीकृत 06 नवीन विद्युत उपकेंद्रों का कार्य जनहित में कब तक प्रारंभ किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा पत्र क्रं. 06 दिनांक 04.05.2020 से सीमित वित्तीय उपलब्धता के परिप्रेक्ष्य में प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना वर्ष 2020-21 के अंतर्गत गुना वृत्त हेतु प्रस्तावित 6 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य स्थगित रखा गया था। तत्पश्चात् तत्कालिक आवश्यकता के दृष्टिगत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा उक्त में से एक 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बीनागंज का कार्य स्वीकृत किया गया है। उक्तानुसार स्थगित किये गए 33/11 के.व्ही. के 5 विद्युत उपकेन्द्रों की तकनीकी रूप से अभी त्वरित आवश्यकता नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बीनागंज हेतु कार्यादेश जारी किया जा चुका है तथा वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। शेष 33/11 के.व्ही. के 5 विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य तकनीकी रूप से अत्यावश्यक नहीं होने से वर्तमान में किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
बिजली बिल कम किया जाना
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 578 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक 2837/2020 तेरह दिनांक 17.04.2020 किस नियम के तहत जारी किया गया? विद्युत नियामक आयोग से मार्ग दर्शन क्यों नहीं प्राप्त किया गया? जिन घरेलू उपभोक्ताओं की रीडिंग नहीं ली जा सकी उन्हें नियमानुसार तथा नियामक आयोग के निर्देश अनुसार पिछले छ: माह का औसत बिल क्यों नहीं दिया गया? (ख) प्रदेश में कितने घरेलू उपभोक्ताओं को प्रश्नांश (क) के पत्र अनुसार किस-किस माह के बिल पिछले वर्ष के अनुसार दिये गये तथा सारे बिलों की माह अनुसार कुल राशि की मांग कितनी-कितनी है? प्रश्नाधीन माह में शेष घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या तथा बिल राशि की कुल मांग कितनी है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित माह में इंदिरा ज्योति योजना के तहत कितने घरेलू उपभोक्ताओं को बिल दिये गये तथा प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन उपभोक्ताओं की रीडिंग नहीं ली जा सकी उनकी रीडिंग किस माह में ली गई तथा पत्र क्रमांक 2837 अनुसार उनकी राशि का समायोजन किस माह में किया गया? (घ) क्या जिन घरेलू उपभोक्ताओं का जून 2019 से फरवरी 2020 तक 100 रू. से 400 रू. का बिल इंदिरा ज्योति योजना के तहत आता था उन्हें 1000 से 3000 रू. तक बिल दे दिया गया? यदि हाँ तो यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के विपरीत वस्तु के मूल्य से 6 से 10 गुना मूल्य लेना अपराध नहीं हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) लॉकडाउन के कारण मीटर रीडिंग नहीं हो पाने से निर्मित अप्रत्याशित परिस्थितियों के दृष्टिगत एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रस्ताव के आधार पर कोविड-19 संक्रमण से उपभोक्ताओं की सुरक्षा/सुविधा को देखते हुए, वास्तविक रीडिंग उपरान्त समायोजन किये जाने की शर्त के साथ अनुमानित खपत के बिल जारी किये जाने के निर्देश उक्त अपरिहार्य स्थितियों के कारण दिये गये। उल्लेखनीय है कि उक्त अवधि में वितरण कंपनियों के ऐप के माध्यम से मीटर रीडिंग उपलब्ध करवाकर वास्तविक खपत के बिल प्राप्त करने की सुविधा भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध थी। जिन घरेलू उपभोक्ताओं की रीडिंग नहीं ली गई, उन्हें जारी किये गये आंकलित बिलों को आगामी माह में समायोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ अनुसार ही बिलिंग की गई है। राज्य शासन के पत्र क्रमांक-2837/2020/तेरह, भोपाल दिनांक 17.04.2020 जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, के तारतम्य में कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत उपभोक्ताओं को राहत देने के लिये, जिन घरेलू उपभोक्ताओं की रीडिंग नहीं ली जा सकी उन्हें तद्नुसार विद्युत देयक जारी किये गये। (ख) विभाग के पत्र क्रमांक 2837/2020/तेरह, भोपाल दिनांक 17.04.2020 के माध्यम से जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रान्तर्गत माह अप्रैल-2020 में 776639 घरेलू उपभोक्ताओं को कुल मांग राशि रूपये 51.26 करोड़ के देयक एवं माह मई-2020 में 271651 घरेलू उपभोक्ताओं को कुल मांग राशि रूपये 12.70 करोड़ के देयक विगत वर्ष के समान माह की खपत के अनुसार जारी किये गये। प्रश्नाधीन माह अप्रैल-2020 में शेष घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 2959498 एवं बिल की राशि रु. 118.72 करोड़ है एवं माह मई-2020 में शेष घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 3497185 एवं बिल की राशि रु. 192.35 करोड़ है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल क्षेत्रान्तर्गत माह अप्रैल-2020 में 1883093 नं. घरेलू उपभोक्ताओं को कुल मांग राशि रूपये 114.11 करोड़ के देयक एवं माह मई-2020 में 1593125 घरेलू उपभोक्ताओं को कुल मांग राशि रूपये 120.90 करोड़ के देयक विगत वर्ष के समान माह की खपत के अनुसार जारी किये गये। प्रश्नाधीन माह अप्रैल-2020 में शेष घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 1600994 एवं बिल की राशि रु. 70.49 करोड़ है एवं माह मई-2020 में शेष घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 1894316 एवं बिल की राशि रु. 146.71 करोड़ है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत माह अप्रैल-2020 में 1386183 घरेलू उपभोक्ताओं को कुल मांग राशि रूपये 73.61 करोड़ के देयक विगत वर्ष के समान माह की खपत के अनुसार जारी किये गये। प्रश्नाधीन माह अप्रैल-2020 में शेष घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 3201332 एवं बिल की राशि रु. 90.13 करोड़ है। (ग) तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रान्तर्गत लागू प्रश्नाधीन माह यथा अप्रैल-2020 में 10014276 (म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर-3171541, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल-2948386, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर-3894349), माह मई-2020 में 5552209 (म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर-2932071, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल-2620138) घरेलू उपभोक्ताओं को इन्दिरा गृह ज्योति योजना के तहत विद्युत देयक जारी किए गये हैं। प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन उपभोक्ताओं की रीडिंग नहीं ली जा सकी उनकी वास्तविक रीडिंग आगामी माह में ली गई है तथा पत्र क्रमांक 2837/2020/तेरह भोपाल दिनांक 17.04.2020 के माध्यम से जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में उनकी राशि का समायोजन आगामी माह के बिल में किया गया है। (घ) जी नहीं। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रान्तर्गत माह अप्रैल-2020 में पत्र क्रमांक-2837/2020/तेरह, भोपाल दिनांक 17.04.2020 के माध्यम से जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में घरेलू उपभोक्ताओं को विगत वर्ष समान माह की खपत के अनुसार विद्युत देयक जारी किये गये हैं एवं तद्नुसार 150 यूनिट तक के घरेलू विद्युत देयकों में इन्दिरा गृह ज्योति योजना का लाभ भी प्रदान किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
कोरोना मरीजों हेतु अरक्षित बेड
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
90. ( क्र. 579 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस-किस निजी चिकित्सालय से कोरोना पॉजीटिव के इलाज हेतु अनुबंध किया गया तथा बतावें कि किस-किस से कितने कितने बेड किस दिनांक से किस दिनांक तक आरक्षित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्पताल कितने-कितने बेड के थे तथा उन अस्पतालों में जुलाई 2020 से अगस्त 2020 तक शासन द्वारा भेजे गये मरीज को छोड़कर कितने इन्डोर मरीज भर्ती थे? (ग) प्रश्नांश (क) अस्पताल में शासन अनुबंधित बेड किस दर से आरक्षित किये गये तथा प्रत्येक अस्पताल की अगस्त 2020 तक को देय राशि कितनी है? क्या आरक्षित बेड में मरीज न होने पर भी राशि का भुगतान किया जाना है? मरीज होने और न होने पर प्रत्येक बेड पर किस अनुसार भुगतान देय हैं? (घ) प्रश्नांश (क) अस्पताल में शासन द्वारा भेजे गये कोविड मरीजों की दिनांक अनुसार अस्पताल अनुसार जानकारी दें तथा बतावें कि इनमें अनुबंध दिनांक से अगस्त 2020 तक प्रतिदिन कितने-कितने कोविड मरीज शासन द्वारा भेजे गये थे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अस्थाई कनेक्शन का स्थाई कनेक्शन में परिवर्तन
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 583 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 में अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शनों में परिवर्तित करने की योजना, मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना थी? यदि हाँ तो उसमें कृषकों से कितनी राशि जमा किये जाने के निर्देश थे? सीहोर जिले में एवं कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने कृषकों से राशि जमा कराई गई तथा कितनों का कनेक्शन स्थाई कर दिया गया? (ख) सीहोर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र एवं कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) के अनुसार कृषकों की संख्या, कुल जमा राशि, स्थाई करने की संख्या, शेष कृषकों की संख्या बतावें तथा बतावें कि जिनका कनेक्शन स्थाई नहीं किया उनकी राशि किन-किन दिनांक को लौटाई गई तथा स्थाई कनेक्शन क्यों नहीं किया गया? (ग) ऊर्जा विभाग के पत्र क्रमांक2837/2020 दिनांक 17.04.2020 के अनुसार सीहोर जिले एवं कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने उपभोक्ताओं को अप्रैल, 2020 का विद्युत बिल अप्रैल, 2019 के अनुसार दिया गया तथा पत्र अनुसार रीडिंग करने के बाद उनकी अधिक राशि का समायोजन किस-किस माह में किया गया तथा इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत बिल देना किस माह से और क्यों बद कर दिया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार सिहोर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र एवं कालापीपल विधानसभा क्षेत्रवार संख्या बतावें तथा बतावें की फरवरी 2020 में कितने उपभोक्ताओं का बिल इंदिरा गृह ज्योति योजना अंतर्गत 100 रू. था तथा अप्रैल से जुलाई तक प्रतिमाह कितने उपभोक्ताओं का बिल 100 रू. था?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। योजनान्तर्गत कृषकों द्वारा अंश राशि जमा कराए जाने पर स्थाई कृषि पंप कनेक्शन हेतु शेष राशि राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में दिये जाने का प्रावधान था। उक्त योजना में कृषकों द्वारा जमा कराई जाने वाली अंश राशि की जानकारी सहित योजना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत सीहोर जिले में इस योजना अन्तर्गत 13984 कृषकों द्वारा राशि रू. 1849.10 लाख जमा कराई गई तथा सभी कृषकों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शन प्रदान किये गये। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शाजापुर जिले के कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में इस योजना के अंतर्गत 1280 कृषकों द्वारा राशि रू. 483.63 लाख जमा कराई गई एवं इनमें से 1279 कृषकों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शन प्रदान किये गये। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत सीहोर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रान्तर्गत शाजापुर जिले के कालापीपल विधानसभा क्षेत्र हेतु प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त प्राप्त आवेदनों में से केवल कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में 1 कृषक का कार्य विवादित होने के कारण संपादित नहीं किया जा सका तथा उक्त कृषक द्वारा जमा की गई अंश राशि रू. 37500/- दिनांक 14.05.2019 को लौटाई जा चुकी है। शेष सभी प्रकरणों में कार्य पूर्ण कर स्थाई पंप कनेक्शन प्रदान कर दिये गये हैं। (ग) सीहोर जिले के 193060 उपभोक्ताओं को तथा कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के 34617 उपभोक्ताओं को माह अप्रैल 2020 के विद्युत देयक माह अप्रैल 2019 की खपत के अनुसार जारी किये गये तथा रीडिंग करने के उपरान्त बिल की गई अधिक राशि का समायोजन माह जून-2020 में किया गया। वर्तमान में इंदिरा गृह ज्योति योजना क्रियाशील है तथा योजना के प्रावधानों के अनुसार पात्र सभी हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार सीहोर जिले के समस्त विधानसभा क्षेत्रों एवं कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में कुल उपभोक्ताओं की संख्या क्रमश: 193060 तथा 34617 है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में इंदिरा गृह ज्योति योजना अंतर्गत माह फरवरी 2020 से माह जुलाई 2020 तक जारी किये गये 100/- रू. तक के विद्युत देयकों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसा है।
ग्रामों के व्यवस्थापन में अनियमितताएं
[वन]
92. ( क्र. 589 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2005-06 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान पन्ना के ग्राम रैपुरा, चनारी, मोटाचौकन से व्यवस्थापन कर नादियाबेहर एवं एकलव्य नगर में बसाया गया? यदि हाँ तो प्रत्येक विस्थापितों को उस समय पर प्रत्येक परिवार के व्यस्कजनों को 2 हेक्टेयर कृषि भूमि आवंटित की गई थी? यदि हाँ तो सूची देवें। (ख) क्या इन भू-स्वामियों को ऋण पुस्तिकायें एवं भूस्वामित्व दिया गया है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो अभी तक स्वामित्व नहीं देने के कारण बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार लापरवाही हेतु कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) :
(क) पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत छतरपुर जिले के ग्राम रैपुरा, चनारी, मोटाचौकन को वर्ष 2005-06 में विस्थापित कर पुर्नबसाहट स्थल नादियाबेहर, बेड़री (एकलव्य) में बसाया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। भारत सरकार के पत्र दिनांक 20 मई, 2019 द्वारा ग्रामों की रिक्त भूमि को संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की शर्त पर बसाहट स्थल की भूमि को राजस्व भूमि में परिवर्तन कर अनुमोदन दिया है, बसाहट स्थल की वनभूमि का निर्वनीकरण नहीं होने के कारण। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार कोई अधिकारी दोषी नहीं है।
राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का स्थानान्तरण
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 590 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 23 मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 तक की अवधि में भारतीय प्रशासनिक सेवा/भारतीय पुलिस सेवा/राज्य प्रशासनिक सेवा/राज्य पुलिस सेवा के कितने-कितने अधिकारियों के स्थानांतरण किस-किस की अनुशंसा पर/तबादला बोर्ड की अनुशंसा पर किस-किस आधार पर किये गये? पृथक-पृथक नाम सहित सूची देवें। (ख) क्या उक्त स्थानांतरण मध्यप्रदेश स्थानांतरण नीति में दिये गये प्रावधानों 2019-20 के अनुसार किए गए हैं? यदि नहीं तो क्या किये गये स्थानांतरण वैधानिक हैं? यदि नहीं तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं और क्या इनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण सिविल सेवा बोर्ड से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर प्रशासकीय आधार पर किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। भारतीय पुलिस सेवा एवं राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण पुलिस स्थापना बोर्ड से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर प्रशासकीय आधार पर किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण पदों की रिक्तता एवं प्रशासकीय आधार पर किये गये हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) स्थानांतरण नीति अखिल भारतीय सेवाओं पर लागू नहीं है एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण वैधानिक हैं। राज्य पुलिस सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण नियमानुसार वैधानिक हैं एवं प्रशासकीय कारणों से किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 हेतु अस्पताल को प्राप्त राशि की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
94. ( क्र. 591 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक सागर जिले को कितनी राशि कौन-कौन से कार्य के लिए मिली? जिला अस्पताल में सेन्ट्रल लैब के लिए कितनी राशि मिली? मानक स्तर की लैब निर्माण पर कितनी राशि खर्च की गई? क्या इसकी जांच की गई कि निर्मित लैब प्रावधान अनुसार है? किया गया व्यय उचित है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) रोगी कल्याण निधि किस प्रयोजन पर खर्च करने का प्रावधान है? नियम की प्रति दें। क्या रोगी कल्याण निधि मनमाफिक डीजल, पेट्रोल पर खर्च की गई? वाहन की लॉगबुक नहीं भरी गई? प्रश्नांश (क) समय तक निधि व्यय की मदवार जानकारी दें। (ग) कोविड 19 हेतु कितनी राशि जिले को मिली? कितनी राशि कहाँ-कहाँ किस-किस कार्य/मद खर्च की गई? अस्पताल ने सामग्री किस प्रक्रिया से कहाँ से खरीदी? मास्क, पी.पी.ई. किट सेनेटाईजर किस दर पर खरीदे गये? (घ) कोविड-19 सेम्पल लेने के कक्ष निर्माण के लिए जिला चिकित्सालय एवं अन्य अस्पतालों को कितनी राशि दी गई? किस सक्षम अधिकारी ने व्यय राशि एवं मानक स्तर का सेम्पल कलेक्शन कक्ष निर्माण सत्यापित किया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जिला अस्पताल में सेन्ट्रल लैब स्थापित किये जाने हेतु कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) दिनांक 01.04.2018 से अब तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। वाहन की लॉगबुक भरी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) कोविड-19 हेतु जिले को राशि रू. 8,57,33,740/- मिली। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। थ्री लेयर मास्क एवं सेनेटाईजर जेम के माध्यम से क्रय की गई है एवं जिला चिकित्सालय में रोगी कल्याण समिति से लॉकडाउन के समय भण्डार क्रय नियमों के शिथलीकरण के समय हाईड्रोक्लोराईड, मास्क आदि क्रय किये गये। थ्री लेयर मास्क राशि रू. 11.55/- प्रति मास्क की दर से तथा सेनेटाईजर 250 मिली ग्राम की वाटल राशि रू. 123/- प्रति सेनेटाईजर की दर से क्रय की गई एवं लॉकडाउन में कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सागर द्वारा पी.पी.ई. किट क्रय नहीं की गई। (घ) कोविड-19 सेम्पल लेने के कक्ष निर्माण के लिए सागर जिला चिकित्सालय एवं अन्य अस्पतालों को राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा की संपूर्ण जल राशि का दोहन
[नर्मदा घाटी विकास]
95. ( क्र. 595 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा समझौते के तहत मध्यप्रदेश के हिस्से में आये 18.25 मिलियन एकड़ फुट पानी में से अभी तक कितना पानी लिया जा रहा है? (ख) समझौते के तहत निर्धारित अवधि 2024 तक क्या प्रदेश संपूर्ण जलराशि के दोहन की स्थिति में होगा? यदि हाँ तो इस लक्ष्य की पूर्ति के लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं? इसकी क्या कार्ययोजना है? शासन की अन्य विभिन्न योजनायें कौन-कौन सी हैं और उनके क्रियान्वयन की क्या स्थिति है? (ग) मुख्यमंत्री ने नर्मदा की लिफ्ट इरीगेशन सिस्टम से बड़नगर तहसील में सिंचाई उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, इसकी कार्ययोजना आज किस स्थिति में है? उसे पूर्ण करने का कब तक का लक्ष्य है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 18.25 मिलियन एकड़ फीट में से वर्तमान तक लगभग 8.23 मिलियन एकड़ फीट पानी का उपयोग किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है तथापि नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक परियोजना से बड़नगर तहसील के 11 ग्रामों के 2447 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है। इस योजना को अक्टूबर 2020 तक पूर्ण करना लक्षित है।
मूलभूत सुविधाओं का विकास
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
96. ( क्र. 596 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम नगर के औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधायें कब तक उपलब्ध करा दी जायेंगी? क्या सुविधाओं के अभाव में क्षेत्र का विकास अवरूद्ध हो रहा है तथा उत्पादन सहित तमाम गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं? (ख) क्या आधार मूल ढाँचा विकसित करने के लिये क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि बनाई गई है तो वह क्या है और उसमें प्रस्तावित लागत क्या है? क्या समुचित धनराशि उपलब्ध करा दी गई है? नहीं, तो कब तक करा दी जायेगी?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधायें यथा सड़क, बिजली एवं पानी इत्यादि कार्य वित्तीय उपलब्धता के आधार पर कराये जाते हैं। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। (ख) जी नहीं।
मंत्री स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत राशि
[सामान्य प्रशासन]
97. ( क्र. 605 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला सीधी द्वारा मंत्री स्वेच्छानुदान मद से वर्ष 2019-20 में कितनी राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत सहायता राशि में से कितने व्यक्तियों को कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? कितना भुगतान किया जाना शेष है? कब तक भुगतान करा दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मंत्री स्वेच्छानुदान मद से वर्ष 2019-20 में ₹99,90,000 (निन्यानबे लाख नब्बे हजार) की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृति की गई है। (ख) 1447 व्यक्तियों को ₹ 43,71,000 (तैतालीस लाख इकहत्तर हजार) का भुगतान किया जा चुका है। राशि ₹ 56,19,000 का भुगतान किया जाना शेष है। प्रकरण पूर्व वित्तीय वर्ष का होने से इस वित्तीय वर्ष में भुगतान संभव नहीं है।
स्कूल भवनों का निर्माण
[आदिमजाति कल्याण]
98. ( क्र. 617 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी, जिला धार में विभाग अंतर्गत कितने स्कूलों के भवन पूर्णत: निर्मित हैं तथा कितने स्कूलों के भवन अपूर्ण हैं? सूची दें। (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन ग्रामों में स्कूल भवन कब-कब स्वीकृत हुए? स्वीकृत स्कूल भवनों का निर्माण कब तक करा दिया जायेगा? (ग) क्या कोरोना संक्रमण काल में स्वच्छता को दृष्टिगत रखते हुए सरकार द्वारा प्रत्येक स्कूलों में अनिवार्य रूप से शौचालय व हैण्ड सेनेटाईजर एवं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कराई जायेगी? यदि हाँ, तो क्या इसी शैक्षणिक सत्र से यह व्यवस्था कराई जायेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी, अंतर्गत कुल 526 स्कूलों के भवन पूर्णत: निर्मित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार तथा 19 स्कूलों के भवन अपूर्ण हैं। अपूर्ण भवनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) धार जिले में कोरोना संक्रमण काल में स्वच्छता को दृष्टिगत रखते हुये शासन द्वारा समय-समय पर प्रदत्त नियम निर्देशों का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा गृह ज्योति योजना अंतर्गत विद्युत बिलों का प्रदाय
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 618 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जनता को बिजली के बिल में बड़ी राहत देते हुए इंदिरा गृह ज्योति योजना वर्ष 2019-20 में शुरू की गई थी? इस योजना के तहत प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र क्र. 200 धरमपुरी, जिला धार में नवम्बर, 2019 से मार्च 2020 तक बिजली के बिल किस दर से दिये गये थे? (ख) मार्च 2020 से प्रश्न दिवस तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आम जनता को किस दर पर बिजली के बिल दिये जा रहे हैं? क्या इसमें प्रश्नांश (क) अनुसार राहत दी जा रही है अथवा अधिक बिल लिया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश सरकार प्रश्नांश (क) अनुसार बिजली के बिलों में राहत देकर बिजली के बिल प्रदान किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' दिनांक 25 फरवरी, 2019 से तथा परिवर्तित रूप में दिनांक 07.09.2019 से लागू की गई थी। विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी जिला धार में प्रश्नाधीन अवधि में बिजली के बिल म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश दिनांक 08.08.2019, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, में वर्णित दरों से बनाए गए एवं इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत दी गई राहत को समाविष्ट करने के उपरांत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' वर्णित दरों अनुसार देयक उपभोक्ताओं को दिए गए। (ख) समस्त घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 08.08.2019 को जारी टैरिफ आदेश जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, बिजली के बिल दिये गये हैं। जी हाँ, उक्त बिलों में इंदिरा गृह ज्योति के प्रावधानों अनुसार राहत दी जा रही है। उपरोक्त राहत के अतिरिक्त संबल योजना में पंजीकृत एवं अन्य घरेलू श्रेणी के पात्र उपभोक्ताओं को जिनके माह मार्च-2020 के देयक रू. 100 तक एवं रू. 100 रू से 400 तक की राशि के थे उन्हें कोरोना जनित महामारी से बचाव हेतु लॉकडाउन के दृष्टिगत ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन के आदेश दिनांक 02.06.2020 एवं आदेश दिनांक 05.06.2020 के प्रावधानों के अनुसार राहत दी गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र सहित म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संपूर्ण क्षेत्र में पूर्व से ही इंदिरा गृह ज्योति योजना के प्रावधानों के अनुसार पात्र उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली के बिल जारी किये जा रहे हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
पन्ना
टाइगर रिज़र्व
क्षेत्र
अंतर्गत आने
वाले गांव में
मूलभूत
सुविधाएं
[वन]
1. ( क्र. 1 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितने गांव, मजरा, टोला आदि पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंदर एवं कितने उसकी सीमा में आते हैं? सभी के नाम प्रदाय करे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त गांव में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि मूलभूत सुविधाओं की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उपरोक्त गांव में विभिन्न विकास कार्यों के निर्माण में क्या कोई प्रतिबंध या शर्तें हैं? यदि हाँ तो क्या? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में क्या उक्त गांव में विभिन्न विकास कार्यों को करने में आने वाली परेशानियों एवं ग्रामीणजनों की सुविधा को देखते हुए गांव का विस्थापन करने पर शासन स्तर पर कोई विचार किया गया या किया जा रहा है? यदि हाँ तो क्या?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एवं बफर जोन के अंतर्गत स्थित ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ग) पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर/बफर क्षेत्र में स्थित ग्रामों के अंतर्गत गैरवानिकी विकास एवं निर्माण कार्य यथास्थिति वन भूमि/संरक्षित क्षेत्र की भूमि प्रभावित होने पर वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980/ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अधीन सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त कर कराये जा सकते हैं। (घ) ग्रामों का विस्थापन ग्रामवासियों की स्वेच्छा से किये जाने की शासन की योजना प्रभावशील है।
बीमा राशि एवं अंशदान में राशि वृद्धि
[वित्त]
2. ( क्र. 4 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों से वर्ष 2003 के वेतन से प्रतिमाह बीमा-सह बचत योजना-2003 में अंशदान की कटौत्री की जा रही है? (ख) क्या प्रथम/द्वितीय/तृतीय/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की बीमा राशि मात्र क्रमशः 750000/500000/250000/125000 है? क्या योजना में प्रति दस वर्ष उपरांत बीमा राशि एवं अंशदान राशि की समीक्षा कर उसकी वृद्धि किए जाने की योजना है? (ग) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासकीय सेवा बीमा-सह बचत योजना में बीमा राशि एवं अंशदान राशि में वृद्धि कब तक की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। प्रथम/द्वितीय/तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवकों की सेवा में रहते हुए मृत्यु उपरांत वैध उत्तराधिकारी को क्रमश: 7,50,000/- 5,00,000/- 2,50,000/- 1,25,000/- बीमा राशि भुगतान किये जाने का प्रावधान है। प्रत्येक 10 वर्ष के उपरांत योजना में अंशदान की राशि तथा बचत निधि पर ब्याज की दर का पुरर्निर्धारण करने का प्रावधान है। (ग) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर परिवार पेंशन की पात्रता
[वित्त]
3. ( क्र. 5 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार में 1 जनवरी 2004 एवं मध्यप्रदेश सरकार में 1 जनवरी 2005 से न्यू पेंशन सिस्टम लागू है? (ख) क्या केंद्र सरकार में न्यू पेंशन सिस्टम में आने वाले कर्मचारी की यदि सेवाकाल में मृत्यु हो जाती है तो उसे पुरानी पेंशन के अनुसार परिवार पेंशन की पात्रता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश के न्यू पेंशन सिस्टम के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर परिवार पेंशन की पात्रता है? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो परिवार पेंशन की पात्रता क्यों नहीं है? इस बाबत् आदेश कब जारी किए जाएंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हां। (ख) भारत शासन के परिपत्र दिनांक 02.07.2009 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। ऐसे कर्मचारी की मृत्यु होने पर केन्द्रीय सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम-54 अंतर्गत परिवार पेंशन प्रावधिक आधार पर देय है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मध्यप्रदेश शासन के पेंशन नियम, भारत शासन के पेंशन नियमों से भिन्न है वर्तमान में ऐसा प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अध्यापकों तथा कर्मचारियों को क्रमोन्नति का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
4. ( क्र. 7 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विषयांकित म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के परिपालन में इंदौर संभाग के कितने जिलों में अध्यापकों तथा कर्मचारियों को क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया? कर्मचारियों द्वारा बार-बार मांग करने के बाबजूद भी अध्यापकों तथा कर्मचारियों को लाभ न मिलने का क्या कारण है? उक्त आदेश का पालन कब तक करवाएंगे?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : इंदौर संभाग की स्कूल शिक्षा विभाग की शालाओं में कार्यरत अध्यापकों तथा कर्मचारियों को पात्रतानुसार क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माध्यमिक विद्यालयों का हाई स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 18 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सत्र 2019-20 में नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में निर्धारित मापदण्ड को पूरा करने वाले माध्यमिक विद्यालय निपानिया, भीकमपुर, सिमरोल, बरखेड़ा जावरा, नायन, शा.मा.वि. क्रं. 2 खाचरौद को हाईस्कूल में उन्नयन करने की त्रुटिपूर्ण जानकारी विभाग द्वारा दिए जाने से उन्नयन से वंचित शालाओं का तत्काल उन्नयन करने संबंधी मांग शिक्षा मंत्री, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय से किए जाने पर विभाग द्वारा उन्नयन करने हेतु आदेश जारी कर दिये गये है? यदि हाँ तो आदेश की छाया प्रति उपलब्ध कराये यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या शासन के माध्यमिक विद्यालय से हाईस्कूल में उन्नयन करने के निर्धारित मापदण्डों को माध्यमिक विद्यालय निपानिया, भीकमपुर, सिमरोल, बरखेड़ा जावरा, नायन, शा.मा.वि. क्रं. 2 खाचरौद पूरा करते है? यदि हाँ तो हाईस्कूल में उन्नयन क्यों नहीं किया जा रहा है? उन्नयन कब तक कर दिया जायेगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2018 से 26 अगस्त 2020 तक कितने हायर सेकेण्डरी, हाईस्कूल, माध्यमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय के नवीन भवनों हेतु कितनी राशि की स्वीकृति व पुराने भवनों के मरम्मत राशि प्रदान की गयी है? नाम सहित विवरण दें तथा इसमें कितने भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? कितने अपूर्ण है? कितने अप्रारंभ है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासकीय माध्यमिक शाला निपानिया मापदण्ड की पूर्ति करती है। शेष शालाऐं क्रमशः भीकमपुर, सिमरौल, बरखेड़ा जावरा, नायन, शासकीय माध्यमिक शाला विद्यालय क्रमांक 02 खाचरौद उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं करती है। शाला का उन्नयन मापदण्ड की पूर्ति एवं बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन किसी भी हाई/हायर सेकेन्डरी शाला हेतु मरम्मत कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है।
न्यायिक जांच आयोगों का गठन
[सामान्य प्रशासन]
6. ( क्र. 50 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2003 से 2018 तक प्रदेश में हुई गंभीर घटनाओं की जांच के लिये कितने न्यायिक जांच आयोगों का गठन किया गया है? (ख) कितने न्यायिक जांच आयोगों ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश कर दी है? कितनों की जांच रिपोर्ट शेष है? (ग) क्या ग्वालियर के धर्मेन्द्र कुशवाह एनकाउंटर जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम - 5 अनुसार है। (ग) जांच आयोग अधिनियम - 1952 के प्रावधान के अनुसार जांच आयोग द्वारा घटना की जांच का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने पर जांच प्रतिवेदन को विधानसभा के पटल पर रखे जाने के पूर्व जांच प्रतिवेदन में की गई अनुशंसाओं पर संबंधित प्रशासकीय विभाग द्वारा कार्यवाही की जाकर, की गई कार्यवाही पर राज्य शासन का निर्णय एवं शासन के संकल्प सहित जांच प्रतिवेदन विधानसभा के पटल पर रखा जाता है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सामुदायिक भवन का निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
7. ( क्र. 53 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछली सरकार में विधान सभा क्षेत्र क्र. 3 सबलगढ़ जिला मुरैना के लिये आदिम जाति कल्याण विभाग योजना से 2 सामुदायिक भवन स्वीकृत हुए? (ख) यदि हां तो उनका कार्य कब तक शुरू हो जायेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए कर्ज़
[वित्त]
8. ( क्र. 57 ) श्री महेश परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार ने मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक वित्तीय प्रबंध के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से वित्तीय संस्थानों से कर्ज़ ले रखा है? यदि हाँ, तो दिनांक, माह और लिया गया कर्ज़, राशि और राशि पर ब्याज लौटाने की अवधि एवं शर्तें की पूर्ण जानकारी विवरण सहित देवें। (ख) क्या प्रदेश सरकार ने उक्त अवधि में ओर भी किसी माध्यम से कर्ज़ ले रखा है तो उपरोक्तानुसार पूर्ण विवरण दें एवं कर्ज़ लेकर सरकार ने उक्त राशि को कहाँ कहाँ खर्च किया है? कहाँ, कब, क्यों और किसलिए खर्च किया है? (ग) कर्ज़ और ब्याज चुकाने के लिए आपकी सरकार के पास वर्तमान में क्या विकल्प है? कर्ज़ लेकर योजनायेँ चलाने के स्थान पर खर्चों में कमी करके कौन कौन से रास्ते जनहित में वर्तमान सरकार द्वारा अपनाये जा रहे हैं? (घ) वर्तमान सरकार ने मार्च 2020 से वर्तमान स्थिति तक कितना कर्ज़ लेकर किन-किन योजनाओं में खर्च किया? किन-किन विभागों को किस मद में कितना-कितना बजट दिया? बजट को किन उद्देश्यों के लिए खर्च किया जाना नियत किया गया? उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर लिए गए कर्ज़, खर्च की गयी राशि और ब्याज और खर्च के प्रयोजन समेत पूर्ण विवरण प्रदान करें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जी हां। नाबार्ड से प्राप्त ऋणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। शेष अन्य ऋणों के संबंध में महालेखाकार से अंकेक्षित आंकड़े अप्राप्त हैं। राज्य शासन द्वारा म.प्र. राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत ही प्रदेश की विकासात्मक गतिविधियों के लिये नियमानुसार कर्ज लिया जाता है। किसी योजना विशिष्ट के संचालन हेतु कर्ज नहीं लिया जाता है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राज्य शासन पर ऋण व उस पर दिये जाने वाले ब्याज की एक निश्चित अवधि होती है तदनुसार राज्य शासन के उपलब्ध संसाधनों से भुगतान सुनिश्चित किया जाता है। प्रदेश के विकास हेतु ऋण लिया जाना एक सतत प्रक्रिया है, प्राप्त ऋण का निर्धारित अवधि में भुगतान किया जाता है। उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जानकारी वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट साहित्य की पुस्तकों में उपलब्ध है। विभाग द्वारा योजनाओं के अंतर्गत निर्धारित मापदण्डों का पालन करते हुए आवश्यकता अनुसार व्यय किया जाता है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सांसदों/विधायकों हेतु जारी प्रोटोकाल
[सामान्य प्रशासन]
9. ( क्र. 63 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन और कमिश्नर, कलेक्टर उज्जैन को पत्र क्र. 3116/नागदा दिनांक 19 जून 2020 को लिखकर शासन द्वारा जारी प्रोटोकाल आदेश के तहत उज्जैन जिले में विधायकों को शिलान्यास, उद्घाटन, लोकार्पण के विभिन्न विभागों के शासकीय कार्यक्रमों में अतिथि के रूप में आमंत्रित करने, शिलालेख व आमंत्रण कार्ड में प्रोटोकाल के अनुसार क्रमवार नाम अंकित करने, विभागों की शासकीय मीटिंगों में आमंत्रित करने, विधायक के पत्रों पर कार्यवाही कर जवाब देने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? क्या पत्र क्रं. 3110 दिनांक 17 जून 2020 द्वारा विधायकों के फोन/मोबाइल नम्बर अटेण्ड करने, मिटिंग में हो तो रिप्लाय मैसेज करने तथा मीटिंग के पश्चात विधायकों से चर्चा करने के निर्देशित शिष्टाचार के पालन करने हेतु सभी विभागों को लिखित में निर्देश प्रदान करने का अनुरोध किया गया था? यदि हां तो किस दिनांक को उज्जैन जिले और तहसील के समस्त अधिकारियों को लिखित में निर्देश जारी किए है? जारी पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं किये गये तो क्यों? (ख) शासकीय सार्वजनिक समारोह में उपस्थित माननीय सांसदों विधायकों का समुचित सम्मान व बैठने के लिए उनकी गरिमा के अनुरूप सुरक्षित स्थान रखने हेतु शासन द्वारा वॉरन्ट ऑफ प्रेसीडेन्स बनाया गया है? यदि हां तो वॉरन्ट ऑफ प्रेसीडेन्स के नियमों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) सांसद/विधायकों के प्रोटोकाल के तहत सन् 2003 से 2020 तक जारी सामान्य प्रशासन व संसदीय कार्य विभाग के सभी परिपत्रों, नियमों, आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए उज्जैन जिले में इन आदेशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के पत्र क्रमांक 3116/ नागदा दिनांक 19 जून 2020 के संदर्भ में कार्यालय कलेक्टर जिला उज्जैन द्वारा जारी निर्देश क्रमांक 4283-ए/सत्कार/2020, उज्जैन दिनांक 22/06/2020 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। पत्र क्रमांक 3110 दिनांक 17 जून 2020 के संदर्भ में लेख है कि संसदीय कार्य विभाग के परिपत्र दिनांक 23 जनवरी 2002 के बिन्दु क्रमांक 10 में माननीय संसद सदस्य/ विधायक से अधिकारी द्वारा दूरभाष पर चर्चा करने के निर्देश हैं जिनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने हेतु इस विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 18 मई 2007 द्वारा सर्व संबंधितों को लिखा गया है। इसके पश्चात समय-समय पर तथा अंतिम बार दिनांक 11 दिसम्बर 2019 को शासन द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने हेतु संबंधितों को लिखा गया है। पुन: अब इस संबंध में अलग से निर्देश जारी करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। जारी निर्देश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 18 मई 2007 एवं 11 दिसम्बर 2019 की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) जी हॉं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) से प्रकाशित पूर्वता क्रम दर्शाने वाली सारणी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) जारी निर्देशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। उज्जैन जिले में इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों के मानदेय का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
10. ( क्र. 72 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों के संबंध में विभाग द्वारा पत्र क्रमांक सी 15/2/2018/1/3 भोपाल दिनांक 5 जून 2018 के द्वारा नीति/निर्देश/पत्र जारी किया गया था? यदि हॉ तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त नीति/पत्र में दर्शाये सभी बिन्दुओं का पालन सभी विभागों द्वारा किया जा रहा है? यदि कुछ विभागों द्वारा उक्त नीति के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नीति अनुसार किन-किन विभागों द्वारा संविदा कर्मचारियों/ अधिकारियों को नियमित कर्मचारियों के समतुल्य 90 प्रतिशत मानदेय/वेतन दिया जा रहा है? विभागवार, पदवार जानकारी देवें। (घ) क्या उक्त नीति में दर्शित समस्त निर्देशों का पालन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? उक्त नीति का पालन कब तक पंचायत एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग द्वारा संचालित छात्रावास एवं आश्रम
[आदिमजाति कल्याण]
11. ( क्र. 73 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति अनुसूचित जाति कल्याण विभाग सागर संभाग में वर्ष 2019-20 में कितने छात्रावास आश्रम संचालित हुये? इनमें से कितने छात्रावास आश्रम अशासकीय भवनों में संचालित हैं? कितनी सीट भरी/रिक्त रही? कौन-कौन कर्मचारी कार्यरत हैं? छात्रावास/आश्रमवार जानकारी देवें। (ख) क्या आदिम जाति के छात्रावासों एवं अनुसूचित जाति के छात्रावासों में विद्यार्थियों के प्रवेश की प्रक्रिया अलग-अलग होने से अनेक छात्रावासों में सीट रिक्त रहती है तथा विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति, छात्रावास, विद्युत बिल एवं किराये के भवनों की राशि का समय पर भुगतान नहीं होता? (ग) यदि हां तो सागर संभाग में वर्ष 2019-20 में कौन-कौन से प्रश्नांश (क) में वर्णित छात्रावास आश्रम में सीट रिक्त रही तथा प्रश्न दिनांक तक शिष्यवृत्ति, विद्युत बिल, किराये की राशि का भुगतान शेष है तथा विभागीय कर्मचारी कार्यरत हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित स्थिति के लिए आवंटन उपलब्ध होने पर भुगतान नहीं करने के लिए किस-किस जिले के अधिकारी जिम्मेदार हैं? विभाग उन पर क्या कार्यवाही करेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा ऑनलाईन (MPTAAS) के माध्यम से एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा ऑफलाईन प्रवेश दिया जाता है। प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग होने से छात्रावास/आश्रमों में सीट रिक्त रहने का कोई संबंध नहीं है। बजट आवंटन की उपलब्धता के आधार पर शासकीय नियमानुसार भुगतान किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) आवंटन की उपलब्धता होने पर प्रक्रिया अंतर्गत भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योगों की स्थापना एवं रोजगार के अवसर
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
12. ( क्र. 85 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया में निरंतर हो रहे पलायन एवं बढ़ रही बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए, क्या शासन/विभाग द्वारा इस क्षेत्र में उद्योग की स्थापना एवं रोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्ध कराना आवश्यक प्रतीत नहीं होता है? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में हो रहे पलायन एवं बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए, क्या प्रदेश सरकार द्वारा उद्योग नीति के तहत निवेश कर, परासिया विधानसभा क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने की योजना बनाकर, उद्योग स्थापित किया जायेगा? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में क्या किसी कंपनी या अन्य के द्वारा उद्योग स्थापित करने हेतु विभाग में आवेदन किया गया है? अगर हॉ तो उद्योग स्थापित किए जाने के संबंध में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कब तक परासिया विधानसभा क्षेत्र में उद्योग स्थापित कर प्रारंभ कर दिया जायेगा?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) शासन द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में औद्योगिकीकरण एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के दृष्टिगत निरंतर प्रयास किये जा रहे है। प्रदेश में औद्योगिकीकरण एवं निवेश प्रोत्साहन के दृष्टिगत उद्योग संवर्धन नीति-2014 (यथा संशोधित-2019) लागू की गई है, जो सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में प्रभावशील है। उक्त नीति में निवेश प्रोत्साहन के दृष्टिगत पात्र वृहद श्रेणी के उद्योगों को विभिन्न सुविधाएं/सहायता प्रावधानित की गई है। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा एम.एस.एम.ई. विकास नीति, 2019 जारी की गई, जिसमें उद्योगों के लिये आकर्षक सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। इसी तरह शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के लिये शासन द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं भारत सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। नीति अंतर्गत घोषित सुविधाओं एवं स्वरोजगार योजनाओं का लाभ परासिया क्षेत्र के उद्यमियों एवं शिक्षित बेरोजगारों को प्राप्त हो रहा है। (ख) उद्योग संवर्धन नीति-2014 में शासन द्वारा निवेश कर उद्योग स्थापित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अपितु शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति-2014 अंतर्गत प्रदेश में स्थापित पात्र वृहद श्रेणी के उद्योगों को विभिन्न सुविधाएं/सहायता प्रावधानित की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा स्वयं उद्योग स्थापित नहीं किये जाते अपितु निजी क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना के लिये विभागीय नीति के अन्तर्गत सुविधायें प्रदान की जाती है। (ग) जी हॉ। मेसर्स ए.बी.पी. एग्रो इण्डस्ट्रीज नागपुर को फूड प्रोसेसिंग इकाई की स्थापना हेतु ग्राम गाजनडोह तहसील उमरेठ विधानसभा क्षेत्र, परासिया, जिला छिंदवाड़ा की 2.505 हेक्टेयर अविकसित शासकीय भूमि दिनांक 23/07/2020 को आवंटित की गई है तथा दूसरी इकाई मेसर्स ए.बी.पी. एग्रो इण्डस्ट्रीज द्वारा फर्टिलाईजर इकाई की स्थापना हेतु ग्राम सोनापिपरी तहसील उमरेठ जिला छिंदवाड़ा की 6.072 हेक्टेयर अविकसित शासकीय भूमि आवंटन हेतु प्रस्ताव दिया गया है। इकाई द्वारा नियमानुसार आवेदन करने पर भूमि आवंटन की कार्यवाही की जावेगी। उद्योगों को भूमि आवंटन के पश्चात् दो से पॉंच वर्ष की अवधि में उत्पादन प्रारंभ किये जाने का प्रावधान है।
प्रवासी मजदूरों का पंजीयन
[श्रम]
13. ( क्र. 86 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में कुल कितने श्रमिक कौन-कौन सी योजनाओं के अन्तर्गत पंजीकृत हैं वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभाग द्वारा कितने श्रमिकों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को शासन की योजनाओं का लाभ समय-सीमा पर प्रदान किया जा रहा है? अनेकों श्रमिकों को समय-सीमा पर योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं होने की शिकायतें प्राप्त हो रही है? क्या कारण है? (ग) कोविड-19 माहमारी के कारण कितने प्रवासी मजदूर छिन्दवाड़ा जिले में अन्य राज्य एवं मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से वापिस आये हैं? संख्या बतायें, इन प्रवासी मजदूरों के लिए क्या श्रम विभाग द्वारा रोजगार दिये जाने हेतु कोई योजना बनाई गई है? अभी तक छिन्दवाड़ा जिले में कितने प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया गया है? सरकार के द्वारा अभी तक प्रवासी मजदूरों के जीवन-यापन के लिए क्या व्यवस्था बनाई गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में पंजीकृत श्रमिकों की जानकारी निम्नानुसार है. 1. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल योजना अंतर्गत कुल पंजीकृत श्रमिक 31718 है। 2. मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत कुल पंजीकृत श्रमिक 490205 है वर्ष 2016-17 से वर्ष 2019-20 तक परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं में प्रदान किये गये लाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां। छिंदवाड़ा जिले में पात्र श्रमिकों को समय-सीमा में योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं होने की कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कोविड-19 के कारण छिंदवाड़ा जिले में अन्य राज्यों से 13,127 प्रवासी श्रमिक एवं मध्यप्रदेश के अन्य जिलों से 30,295 श्रमिक वापस आये है। श्रम विभाग द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिये रोजगार सेतु पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से जिले में नियोक्ताओं एवं रोजगार प्रदाताओं द्वारा 5464 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया गया हैं तथा नरेगा योजना में 6357 प्रवासी श्रमिकों को नियोजित किया गया है। इसके अलावा प्रवासी मजदूरों को जीवनयापन के लिए खाद्य विभाग द्वारा 1,258 परिवारों में से 941 परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है तथा शेष 317 परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
कोविड 19 के दौरान आम नागरिकों को प्रदत्त सुविधा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 102 ) श्री राहुल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले को शासन द्वारा कोविड 19 के अंतर्गत कितना बजट उपलब्ध कराया गया? आवंटन के विरूद्ध कितनी सामग्री कहां से क्रय की गई? आमंत्रित की गई निविदाओं सहित सामग्री वार जानकारी दी जावें। (ख) क्या शासन के बजट आवंटन के अतिरिक्त समाजसेवी संस्थाओं द्वारा डोनेशन भी प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उन व्यक्तियों/समाजसेवी संस्थाओं के नाम सहित उनके द्वारा डोनेट की गई राशि/सामग्री की सम्पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) दमोह जिले में कितने कोविड सेन्टर बनाये गये एवं कितने व्यक्तियों को कोरंटाईन किया गया? प्रति व्यक्ति कितना खर्च नियत है,कितना किया गया? (घ) कोविड 19 के दौरान कितने कर्मचारियों को संविदा नियुक्त प्रदान की गई? पदवार जानकारी दी जावे।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्राप्त आवंटन के विरूद्ध अति आवश्यकता अनुसार एम.पी. औषधि पोर्टल, म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से एवं स्थानीय स्तर पर सामग्री क्रय की गयी। प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) समाज सेवी संस्थाओं से डोनेशन प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दमोह जिले में कुल 27 कोविड सेन्टर बनाये गये हैं। 5401 व्यक्तियों को कोरंटाईन किया गया है। शासन द्वारा जारी अनुदेशों के अनुसार व्यय किया गया। कोविड केयर सेन्टर में अटैच्ड टायलेट न होने की स्थिति में 1200/- प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तथा अटैच्ड टायलेट होने की स्थिति में 1500/- प्रति व्यक्ति प्रतिदिन का खर्च नियत है। कुल राशि रूपये 29,96,954/- खर्च किया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
बड़वारा में कन्या हाई स्कूल की स्थापना
[स्कूल शिक्षा]
15. ( क्र. 112 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के विकासखण्ड बड़वारा में पृथक से कन्या हाई स्कूल नहीं होने से छात्राओं को 30-35 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपने पत्र क्रमांक 287 दिनांक 15.07.2019 को तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री को बड़वारा में कन्या हाई स्कूल खोलने का प्रस्ताव दिया था? (ख) यदि हॉ तो उक्त प्रस्ताव पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई बताए यदि नहीं तो क्यों और कब तक की जावेगी? (ग) कटनी जिले के शिक्षा विभाग में विगत 5 वर्षों में किस-किस की शिकायतें शासन/प्रशासन/कलेक्टर कटनी को प्राप्त हुई उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई?शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) कन्याओं के लिए सह-शिक्षा की सुविधा 5 कि.मी. के अन्दर की प्राप्त है। पृथक से कन्या हाईस्कूल खोलने का प्रावधान नहीं हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रायल्टी चोरी पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
16. ( क्र. 113 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2017 से वर्तमान तक रायल्टी की चोरी, अवैध परिवहन/उत्खनन के कितने प्रकरण किस-किस के कलेक्टर न्यायालय में पेश किए गए प्रकरणवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों के निराकरण किए गए प्रकरणवार अधिरोपित रायल्टी राशि दण्ड सहित, निर्णय दिनांक बताएं तथा उक्त निर्णय अनुसार किस-किस के द्वारा रायल्टी जमा की गई उसका भी विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खनिज पट्टाधारी जिनके ऊपर राशि बकाया है उनको वर्तमान में पिटपास जारी किए जा रहे हैं क्या रायल्टी बकाया रहते पिटपास जारी किए जा सकते है यदि नहीं तो पिटपास क्यों जारी किए जा रहे है इसके लिए कौन दोषी है बताएं तथा पिटपास जारी किया जाना कब बन्द किया जावेगा बताएं। (घ) कटनी जिले से अक्रियाशील खदानों को बन्द किए जाने के प्रस्ताव, शासन को भेजे गए है खदानवार विवरण दें। (ड.) वर्तमान में कितने ऐसे खनिजपट्टाधारी हैं जिनके बढ़ी हुई अवधि के अनुबंध किए जाना शेष है पृथक-पृथक विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कटनी जिले में प्रश्नांश अवधि वर्ष 2017 से वर्तमान अवधि तक रॉयल्टी की चोरी (रॉयल्टी अपवंचन) से संबंधित कोई प्रकरण न्यायालय कलेक्टर, कटनी में प्रस्तुत किया जाना नहीं पाया जाता है। अत: इस प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। जिले में प्रश्नांश अवधि वर्ष 2017 से माह अगस्त 2020 तक अवैध परिवहन/उत्खनन के दर्ज किये गये एवं न्यायालय कलेक्टर, कटनी में प्रस्तुत किये गये हैं, उनकी वर्षवार/प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार न्यायालय कलेक्टर, कटनी में प्रस्तुत किये गये अवैध परिवहन/उत्खनन के प्रकरणों में प्रकरणवार अधिरोपित अर्थदण्ड एवं पारित आदेश (निर्णय) दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के क्रमश: कालम नंबर 06 एवं 07 में दर्शाई गई है तथा न्यायालय के निर्णय अनुसार जमा किये गये अर्थदण्ड की जानकारी कालम नंबर 08 में दर्शाई गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवैध उत्खनन/परिवहन से संबंधित प्रकरण, जिले के खनिपट्टाधारियों के विरूद्ध पंजीबद्ध होना नहीं पाया जाता है। ऐसी स्थिति में पट्टाधारी की खदानों से पिटपास बंद किये जाने एवं किसी के दोषी होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) जी हां। कटनी जिले में स्वीकृत खनिपट्टों के अक्रियाशील खदानों को बंद (लेप्स) किये जाने विषयक प्रस्ताव संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म, भोपाल को भेजे गये हैं, जिनकी खदानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित अनुसार है। (ड.) कटनी जिले में संशोधन अध्यादेश 2015 के तहत पूर्व से स्वीकृत खनिपट्टाधारियों के पक्ष में खनिपट्टा खदानों का समयावृद्धि पूरक अनुबंध वर्तमान में किया जाना शेष है। उनकी प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित अनुसार है।
सेवायुक्तों को उपादान का भुगतान
[सहकारिता]
17. ( क्र. 125 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर एवं संविलयन पश्चात् सेवानिवृत्त कितने सेवायुक्तों का उपादान ग्रेच्युटी अवकाश नगदीकरण आदि का भुगतान वर्ष 2013 के पश्चात् अब तक की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत सेवायुक्तों को ग्रेच्युटी अवकाश नगदीकरण तिलहन संघ के प्रदाय करना बंद किया है? यदि हॉ तो तिलहन संघ प्रशासन यह राशि संबंधित विभागों से प्राप्त कर भुगतान की कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) म.प्र. राज्य तिलहन संघ द्वारा प्रदेश के उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं में अपना पक्ष रखने के लिये, महाधिवक्ताओं/अधिवक्ताओं को माह जनवरी, 2015 से कितनी फीस/राशि प्रदान की है? (घ) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के कितने सेवायुक्तों को म.प्र. शासन के कर्मचारियों जैसा 62 वर्ष तक सेवारत रहने का लाभ प्राप्त है? कितनों को नहीं? क्या यह भेदभाव समाप्त कर, सभी को 62 वर्ष तक सेवा करने का लाभ मिलेगा? नहीं तो क्यों नहीं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) वर्ष 2013 के पश्चात 191 कर्मचारियों को राशि रू. 5,21,28,133.00 उपादान एवं राशि रू. 2,50,30,813.00 अवकाश नगदीकरण का भुगतान किया गया है। (ख) जी नहीं, तिलहन संघ के परिसमापन में होने से, शेष बचे कर्मचारियों को वेतन देने के बाद शेष बची राशि से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी एवं अवकाश नगदीकरण का भुगतान किया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जनवरी 2015 के पश्चात महाधिवक्ताओं/अधिवक्ताओं को रू. 43,01,875.00 राशि का भुगतान किया गया है। (घ) जी नहीं, राज्य शासन के कर्मचारियों के जैसा 62 वर्ष तक सेवारत रहने का लाभ तिलहन संघ के सेवायुक्तों को प्राप्त नहीं है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में अधिवार्षिकी आयु 60 वर्ष पूर्ण होने पर आगामी आदेश तक/62 वर्ष तक (जो भी पूर्व में हो) सेवाऐं निरंतर रखी जा रही है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युतीकरण घोटाले में EOW की कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
18. ( क्र. 134 ) श्री विनय सक्सेना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 में रैन बसेरा/गुरूकुलम में विद्युतीकरण घोटाले की शिकायत EOW में प्रचलित है? यदि हाँ, तो क्या जांच अधिकारी ने मौके पर जाकर शिकायत के तथ्यों की कोई जांच की है? (ख) जांच में अब तक दर्ज सभी बयानों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त स्थान पर 42 लाख रूपये का ट्रेच बनाकर अंडरग्राउंड केबल का कार्य कागजों पर दिखा कर राशि का फर्जी भुगतान किया गया है? (घ) क्या EOW मानता है कि प्रकरण में सभी कार्य पूर्ण किये गये हैं तथा मौके पर सही-सही रूप में देखे जा सकते हैं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ म.प्र. के पत्र क्रमांक अपराध/भोपाल/वि.स. तारा. प्र. क्र.-134/52ई/2020 दिनांक 10/09/2020 के अनुसार जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
19. ( क्र. 135 ) श्री विनय सक्सेना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने दोहरी छात्रवृत्ति भुगतान के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध जांच दबाए जाने पर एक पत्र अपर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, अनुसूचित जाति विकास को लिखा है? यदि हाँ, तो तत्कालीन आयुक्त अनुसूचित जाति विकास की कार्यवाही हेतु भेजी गयी अनुशंसाओं को अभी तक लंबित क्यों रखा गया है? इस हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या प्रदेश भर में दोहरी छात्रवृत्ति भुगतान के प्रमाण जांच में पाए गए हैं? (ग) क्या विभाग इसे फर्जीवाड़े का अपराध नहीं मानता है? यदि हाँ, तो नियम बतावें?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हां। जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हां (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्कूलों में सामग्री क्रय में हुए भ्रष्टाचार की जाँच
[आदिमजाति कल्याण]
20. ( क्र. 164 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले में 43 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में सामग्री क्रय में हुए भ्रष्टाचार के जांच प्रतिवेदन पर कलेक्टर बड़वानी एवं आयुक्त इंदौर संभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गयी कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) इस मामले में दोषी प्राचार्यों एवं सहायक आयुक्त के खिलाफ कब तक कार्यवाही होगी।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) कलेक्टर जिला बड़वानी द्वारा आयुक्त इंदौर संभाग को पत्र क्रमांक/7560/जनजातीय/स्टोर/2017 बड़वानी दिनांक 3.10.2017 द्वारा कार्यवाही हेतु लिखा गया। आयुक्त इंदौर संभाग द्वारा संबंधित प्राचार्यों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु आरोप पत्र, आधार पत्र आदि चाहे जाने से पत्र क्रमांक 14577 दिनांक 30.09.2019 द्वारा प्रेषित किये गये। आयुक्त इंदौर संभाग के पत्र क्रमांक/790/6-वि.स्था./19 इंदौर द्वारा 07.03.2020 द्वारा संबंधित प्राचार्यों के द्वारा प्रस्तुत आरोप पत्र के प्रति उत्तर पर कलेक्टर बड़वानी का अभिमत चाहा गया। कार्यवाही की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय जांच एक अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूल भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
21. ( क्र. 165 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने स्कूल भवन कब से अधूरे पड़े है? (ख) क्या अधूरे भवन के लिए उत्तरदायी सम्बंधित एजेंसी तथा जवाबदार अधिकारियों पर कार्यवाही की गयी या कब तक की जावेगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
रैगॉंव में विद्युत वितरण केन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 180 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रैगॉंव विधानसभा मुख्यालय के रैगॉंव ग्राम में वितरण केन्द्र स्थापित करना हरदुआ, सज्जनपुर के अपेक्षा मदर वितरण केन्द्र से दूरी अधिक है तथा उपभोक्ता की संख्या एवं लाइनों की दूरी अधिक है अगर हॉं, तो वितरण केन्द्र क्यों नहीं स्थापित किया जाता कारण बतावें? क्या प्रबंध संचालक के सतना प्रवास के दौरान पत्र क्रमांक 332,333 दिनांक 19/8/2020 के माध्यम से क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति समस्या से संबंधित कार्य हेतु प्रस्ताव दिया गया एवं ईमेल से भी भेजा गया था उन पर की गई कार्यवाही की अद्यतन जानकारी देवें? (ख) क्या रैगॉंव विधानसभा क्षेत्रार्न्तगत मुढहा, शिवराजपुर एवं ओढकी में33/11 केव्ही उपकेन्द्र स्थापित कर क्षेत्र की विद्युत बोल्टेज समस्या दूर की जावेगी, क्या तत्काल में निर्मित उपकेन्द्र मौहारी, भरहुत,पडुहार से उपकेन्द्रों मापदण्ड से अर्थात दूरी, भार के अनुसार ज्यादा जस्टीफाइड है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार वितरण केन्द्र एवं उपकेन्द्र स्थापना की जावेगी, अगर हॉं तो कब तक? प्रश्नांश (क) अनुसार पत्र क्रमांक 332 एवं 333 पर कब तक कार्यवाही पूर्ण कर आदेश जारी कर दिये जावेंगे, यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हां, रैगांव ग्राम की दूरी वितरण केन्द्र सिंहपुर (मदर वितरण केन्द्र) से 22 कि.मी. है। हरदुआ नवीन वितरण केन्द्र नागौद ग्रामीण से अलग हुआ है जो नवम्बर-2018 से चालू है। सज्जनपुर नवीन वितरण केन्द्र रामपुर बघेलान से अलग हुआ है, जो नवम्बर-2018 से चालू है। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र क्रमांक 333, दिनांक 19.08.2020 के तारतम्य में लेख है कि विधानसभा क्षेत्र रैगांव के मुख्यालय रैगांव को विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र रैगांव से किया जा रहा है, जोकि सिंहपुर वितरण केन्द्र के अन्तर्गत आता है वर्तमान में सिंहपुर वितरण केन्द्र के अंतर्गत 113 विद्युतीकृत ग्राम एवं 17910 उपभोक्ता हैं। प्रथम दृष्टया जानकारी प्राप्त करने पर पाया गया है कि प्रस्तावित नवीन रैगांव वितरण केन्द्र में 43 ग्राम तथा 6557 उपभोक्ता तथा पुनर्गठित वितरण केन्द्र सिंहपुर में 70 ग्राम तथा 11353 उपभोक्ता होने संभावित हैं वर्तमान में संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि नवीन रैगांव वितरण केन्द्र स्थापित किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मुख्यालय को प्रेषित किया जावे। प्रस्ताव प्राप्त होने पर जांच कर भौगोलिक एवं तकनीकी दृष्टि से एवं निर्धारित मापदण्ड अनुसार साध्य पाये जाने पर रैगांव में नवीन वितरण केन्द्र खोले जाने संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र क्रमांक 332, दिनांक 19.08.2020 म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत प्राप्त होना नहीं पाया गया। (ख) वर्तमान में ग्राम मुढहा एवं ग्राम शिवराजपुर में प्रस्तावित फीडर विभक्तिकरण के कार्य के परिप्रेक्ष्य में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना आवश्यक नहीं है। ग्राम ओढकी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु परीक्षण किया जा रहा है। तकनीकी साध्यता अनुसार इस उपकेन्द्र का कार्य किया जाना संभव हो सकेगा। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, तकनीकी साध्यता अनुसार प्राथमिकता निर्धारित कर वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप ग्राम बरेठिया (मौहारी नहीं), भरहुत एवं पडुहार में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के कार्य किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र क्रमांक 332 दिनांक 19.08.2020 म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। पत्र क्रमांक 333 दिनांक 19.08.2020 द्वारा प्राप्त प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है, अत: वर्तमान में प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में ओदश जारी कर कार्यवाही पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 185 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत अशासकीय स्कूलों के छात्रों की फीस की प्रतिपूर्ति उसी वित्तीय वर्ष में करने का प्रावधान रखा गया है? (ख) यदि हाँ तो जबलपुर जिले में उसी वित्तीय वर्ष के अंदर फीस प्रतिपूर्ति क्यों नहीं की जा रही है? (ग) क्या 2-3 वर्षों पश्चात प्रतिपूर्ति की जा रही है? यदि हां, तो क्यों? कारण बतावें?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हॉ। (ख) एवं (ग) फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही प्रायवेट स्कूल द्वारा ऑनलाईन दावा प्रस्तुत करने के उपरांत उसके परीक्षण उपरांत किये जाने का प्रावधान है। जिन विद्यालयों द्वारा निर्देशानुसार समय पर प्रस्ताव प्रेषित कर दिये जाते हैं, उनकी फीस प्रतिपूर्ति पात्रता अनुसार संबंधित विद्यालय के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित किये जाने की व्यवस्था है। फीस प्रतिपूर्ति समय पर न हो पाने का कारण, बजट की उपलब्धता की स्थिति, जिले में प्रायवेट स्कूल द्वारा नियमानुसार फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव समय पर न भेजा जाना एवं उनके सत्यापन इत्यादि की कार्यवाही में लगने वाला समय आदि है।
अशासकीय शालाओं में प्रवेश प्रक्रिया
[स्कूल शिक्षा]
24. ( क्र. 186 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत जबलपुर जिले की अशासकीय शालाओं में वर्ष 2018-19 के सत्र में प्रवेश हेतु कितने छात्र/छात्राओं का पंजीयन किया गया एवं दस्तावेजों की जांच की गई? (ख) कितने छात्र छात्राओं को प्रवेश की स्वीकृति दी गई? (ग) प्रवेश की स्वीकृति देने के उपरांत फीस प्रतिपूर्ति के समय कितने छात्र-छात्राओं को फीस प्रतिपूर्ति से वंचित किया गया? जिसके कारण स्कू्लों को आर्थिक हानि हुई एवं ऐसे छात्र शिक्षा के अधिकार से वंचित हुये? यदि हाँ, तो क्यों? कारण बतावे?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) शिक्षा का अधिकार नियम 2009 के तहत जबलपुर जिले की अशासकीय शालाओं में वर्ष 2018-19 के सत्र में प्रवेश हेतु कुल 7988 छात्र-छात्राओं का ऑनलाईन पंजीयन हुआ एवं कुल 4850 दस्तावेजों की जांच की गई। (ख) कुल 4185 छात्र/छात्राओं को सत्यापन उपरांत पात्र पाये जाने पर प्रवेश की स्वीकृति दी गई। (ग) जी नहीं। समस्त पात्र बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न नहीं उठता।
केंद्र सरकार से प्राप्त आवंटन
[आदिमजाति कल्याण]
25. ( क्र. 206 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु केंद्र सरकार से विशेष केंद्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) में प्राप्त राशि विभागों को आवंटित की जाती है? ( (ख) यदि हां तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि केंद्र सरकार से प्राप्त हुई? कितनी राशि किन-किन लाईन विभागों, किन-किन योजनाओं/कार्यों हेतु आवंटित की गई, विभागों द्वारा कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि समर्पण की गई, कितनी राशि पुन: आवंटन की गई? (ग) क्या लाईन विभागों द्वारा आवंटित राशि को व्यय करने में रूचि नहीं दिखाई जा रही है?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हॉ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ एवं ‘दो‘ अनुसार है। (ग) कार्यों की औपचारिकताओं में विलम्ब होने के कारण एवं अन्य तकनीकी कारणों से राशि व्यय होने में समय लगता है। अतः यह कहना उचित नहीं है कि विभागों द्वारा आवंटित राशि को व्यय करने में रूचि नहीं दिखाई जा रही है।
वन समिति द्वारा राशन वितरण
[वन]
26. ( क्र. 207 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के वन समिति जमुनिया वन परिक्षेत्र बिरसा ब्लाक बिरसा सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन वितरण का कार्य करती है? (ख) यदि हां तो वन समिति द्वारा कब से राशन वितरण का कार्य प्रारम्भ किया गया वन समिति के गठन के समय समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यों की सूची वन समिति के गठन उसके अधिकार एवं चुनाव के नियम/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावे? (ग) क्या वन समिति का नवीन चुनाव वर्ष में कराया गया है? हां तो मतदाता सूची का कब प्रकाशन किया, चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना, मतदाता सूची, नवीन निर्वाचन के निर्वाचन संबंधी सभी दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) वन समिति को सार्वजनिक वितरण प्रणाली वितरण से कितना लाभांश/कमीशन प्राप्त होता है प्रतिमाह, लाभांश/कमीशन के सदस्यों को वितरण किया जाता है या नहीं नियम/निर्देश सहित जानकारी देवें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) वन समिति द्वारा माह दिसम्बर, 2011 से राशन वितरण का कार्य प्रारंभ किया गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। (ग) जमुनिया वन समिति का चुनाव दिनांक 17.04.2018 को कराया गया है। चुनाव से संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है वन समितियों का चुनाव शासन के संकल्प 22 अक्टूबर, 2001 के बिन्दु क्रमांक 5.1 में दिये गये निर्देश के तहत ग्राम की आमसभा में चुनाव अधिकारी द्वारा कराया जाता है, निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में है, जिसमें चुनाव संबंधी मतदाता सूची का प्रकाशन, चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना इत्यादि का प्रावधान नहीं है। (घ) वन समिति जमुनिया को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण से माह अगस्त, 2020 तक कुल राशि रूपये 4,50,778/- कमीशन प्राप्त हुआ है। कमीशन की राशि का प्रतिमाह सदस्यों को वितरण किये जाने संबंधी ऐसे कोई नियम/निर्देश नहीं है।
वन व्यवस्थापन हेतु पारित आदेश
[वन]
27. ( क्र. 209 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन व्यवस्थापन अधिकारी छतरपुर ने 1970 तक धारा 11 के तहत किस वनखण्ड की सीमा से किस ग्राम के किस खसरा नंबर का कितना रकबा पृथक करने का आदेश किस दिनांक को पारित किया। आदेश की प्रति सहित बताये? (ख) क्या छतरपुर वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा भा.व.अ. की धारा 1927 की धारा 11 के अनुसार 1970 तक निजी भूमि को वनखण्ड से पृथक करने के पारित आदेश का वनमंडल एवं कार्य आयोजना अधिकारी छतरपुर ने प्रश्न दिनांक तक पालन नहीं किया? (ग) पारित आदेश के बाद भी निजी भूमि को वनखण्ड वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्टर, पी.एफ. वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़े से पृथक नहीं किये जाने का क्या कारण रहा है. इसमें कौन-कौन जिम्मेदार है. पद व नाम सहित बताये? (घ) वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा 1970 तक धारा 11 के तहत पारित आदेशों का कब तक पालन किया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुभाग छतरपुर में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 तक जाँच की कार्यवाही के प्रकरण प्रारंभिक प्रक्रम पर है एवं कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 तक जाँच की कार्यवाही के प्रकरण प्रारंभिक प्रक्रम पर है। अतः कोई अंतिम आदेश पारित न होने की स्थिति में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ‘’क’‘ के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गलत ड्रिप एवं इंजेक्शन लगाने के कारण हुई मृत्यु की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
28. ( क्र. 216 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील की ग्राम मांगरोल की निवासी गर्भवती महिला श्रीमती असरफी बाई रावत, पत्नी श्री रामकेश रावत को डिलेवरी कराने हेतु 05/08/2020 को डॉ. मनोज शर्मा पत्नी डॉ. राजेश शर्मा के प्राईवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हां तो प्राईवेट नर्सिंग होम में उपस्थित डॉ. राजेश शर्मा (मेडिकल ऑफिसर) द्वारा गर्भवती महिला को गलत इंजेक्शन एवं ड्रिप लगाने के कारण श्रीमती असरफी की तुरंत मौत हो गई तथा डॉ. राजेश शर्मा के स्टॉफ द्वारा मृतिका गर्भवती महिला को अमानवीय तरीके से मोटर साईकिल पर बैठाकर डॉ. राजेश शर्मा की पदस्थापना वाले शासकीय अस्पताल सबलगढ़ में पलंग पर छोड़ गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) तथा (ख) में वर्णित प्राईवेट केडी नर्सिंग होम सबलगढ़ शासन के मापदण्डों के अनुसार संचालित है या नहीं? उक्त घटना में दोषी चिकित्सक व नर्सिंग होम संचालकों के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गयी तथा क्या मृतिका के पति को शासन द्वारा आर्थिक सहायता/शासकीय नौकरी दी जावेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील की ग्राम मंगरोल की निवासी गर्भवती महिला श्रीमती असरफी बाई रावत, पत्नी श्री रामकेश रावत डॉ. राजेश शर्मा के क्लीनिक पर जांच की गई परन्तु भर्ती नहीं किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' में वर्णित प्राईवेट केडी नर्सिंग होम सबलगढ़ क्लीनिक के रूप में पंजीकृत है। केडी नर्सिंग होम क्लीनिक के रूप में संचालित है पर श्रीमती असरफी बाई को भर्ती किये जाने एवं उपचार किये जाने संबंधी तथ्य न पाये जाने के कारण चिकित्सक व नर्सिंग होम संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिभावान विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रदाय योजना का क्रियान्वयन
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 221 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रतिभावान विद्यार्थियों को लैपटॉप देने की योजना किस वर्ष से प्रारम्भ की गयी? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार इस वर्ष 2020 में प्रतिभावान विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रदान किये जायेंगे यदि हाँ तो कितने अंक वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों को दिए जायेंगे? (ग) क्या वर्ष 2019-20 में तत्कालीन सरकार द्वारा घोषणा के बाद भी प्रतिभावान विद्यार्थियों को लैपटॉप नहीं प्रदान किये गये,क्या उन्हें भी इस वर्ष लेपटाप देने की योजना है यदि नहीं तो क्यों? क्या लगातार 10 वर्षों से चल रही योजना में सिर्फ 1 वर्ष 2019-20 के प्रतिभावान विद्यार्थियों को लेपटाप नहीं मिलने से उनमे निराशा का भाव है? यदि हाँ तो क्या इस सम्बन्ध में कोई कार्यवाही प्रचलन में है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) वर्ष 2009-10 से प्रतिभाशाली विद्यार्थी योजना प्रारंभ की गई थी। (ख) जी हां। कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थी पात्रता रखते है। (ग) वर्ष 2019-20 में पात्र विद्यार्थियों को लैपटॉप हेतु राशि प्रदाय किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहीन विद्यालयों के भवन निर्माण की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 222 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने हायर सेकेंडरी, हाईस्कूल भवनविहीन हैं? (ख) क्या उक्त भवनविहीन विद्यालयों की भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव प्रचलन में है यदि हाँ तो जानकारी देवें? क्या इस सम्बन्ध में वर्तमान में कोई बजट जारी किया गया है यदि हाँ तो कितना? (ग) क्या वर्ष 2017-18 में मंदसौर विधान सभा क्षेत्र के साबाखेडा हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन की भी स्वीकृति की गयी थी, स्वीकृति उपरान्त साबाखेड़ा स्कूल भवन का निर्माण नहीं होने के क्या कारण है? उक्त भवन का निर्माण कब तक कर दिया जाएगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में 07 हाईस्कूल भवन विहीन हैं, भवन विहीन हायर सेकेन्डरी स्कूलों की संख्या निरंक है। (ख) प्रश्नाधीन जानकारी निरंक है। शेषांश उदभूत नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वयं के खर्चे पर प्रशिक्षित होने पर 02 वेतन वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 234 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत नियमित सहा. शिक्षक/शिक्षक/व्याख्याता से स्वयं के खर्चे पर प्रशिक्षित उपरांत 02 अतिरिक्त वेतन वृद्धि की पात्रता है? (ख) क्या प्रश्नांकित तथ्य में नियुक्त सहा. शिक्षक/शिक्षक/व्याख्यता को 02 वेतनवृद्धि प्रदाय करने की व्यवस्था दिनांक 10/06/1993 तक नियुक्ति होने पर ही पात्रता होगी? (ग) प्रश्नांकित तथ्यों में नियमित नियुक्तियां सन् 1994 तक की गई थी? क्या इनकों भी स्वयं के खर्चे पर प्रशिक्षित उपरांत सहा. शिक्षक/शिक्षक/व्याख्याता को 02 वेतन वृद्धि अतिरिक्त प्रदाय की जावेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 10/6/93 तक नही, अपितु दिनांक 16/06/93 के पूर्व नियुक्त सहायक शिक्षक/शिक्षक/व्याख्याताओं को 02 वेतनवृद्धि प्रदाय करने की व्यवस्था है। (ग) शासन आदेश दिनांक 14/11/2011 अनुसार दिनांक 16.06.1993 के पूर्व नियुक्त सहायक शिक्षक/शिक्षक/व्याख्याताओं को स्वयं के व्यय पर प्रशिक्षण प्राप्त करने पर दो वेतनवृद्धि का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ
[वित्त]
32. ( क्र. 235 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नई पेंशन स्कीम के तहत विभागवार कर्मचारी कार्य कर रहे हैं? सन् 2005 के बाद सरकारी सेवा में आये कर्मचारियों को पूर्व के कर्मचारियों की भांति पेंशन का प्रावधान नहीं है? (ख) क्या म.प्र. सरकार जनवरी 2005 के बाद शासकीय सेवा में आये कर्मचारियों को पेंशन की स्कीम 1976 जो पुरानी पेंशन के नाम से जानी जाती है का लाभ देने जा रही हैं? यदि हां, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) नई पेंशन स्कीम में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की सूची एवं प्राप्त पेंशन की राशि बताने की कृपा करें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हां। राज्य के सिविल पदों पर दिनांक 01.01.2005 को या उसके पश्चात् नवनियुक्त सभी विभागों के शासकीय सेवकों पर राष्ट्रीय पेंशन स्कीम अंतर्गत पूर्व के कर्मचारियों के भांति प्रावधान नहीं है। (ख) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। दिनांक 01.01.2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों पर, राष्ट्रीय पेंशन स्कीम लागू है। मध्यप्रदेश सिविल (पेंशन) नियम,1976 राष्ट्रीय पेंशन स्कीम से भिन्न है। (ग) राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। राष्ट्रीय पेंशन स्कीम अंतर्गत अंतिम पेंशन भुगतान हेतु प्रकरण निर्धारित प्रक्रिया अनुसार जिला कोषालय अधिकारी द्वारा ऑन-लाईन के माध्यम से सीधे नेंशनल सिक्योरिटी डिपोजिट सेज लिमिटेड (NSDL) को प्रेषित किया जाता है। पेंशन की जानकारी (NSDL) द्वारा संधारित की जाती है।
अधिग्रहित जमीन की वापसी
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 261 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने उद्योग की स्थापना हेतु किसानों से अधिग्रहित की गई वह जमीनें जिनका उपयोग नहीं हुआ है वापस लौटाने का निर्णय लिया है? (ख) यदि हां तो इसके अन्तर्गत कितनी जमीनें चिन्हित की गई हैं? उन सम्पूर्ण जमीनों का ब्यौरेवार उत्तर उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार क्या किसानों को उनकी जमीन वापस लौटा दी जाएगी? (घ) क्या कटनी जिले में ग्राम डोकरिया (बुजबुजा) तहसील बरही में वेलस्पन कम्पनी द्वारा पॉवर प्लांट लगाने के लिये जबरदस्ती करके बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य कर किसानों की जमीन को अधिगृहित कर लिया गया था और न ही किसानों को उसका मुआवजा दिया गया और न ही इसमें वेलस्पन इसकी कम्पनी द्वारा कोई पॉवर प्लांट नहीं लगाया गया? उक्त भूमि स्वामियों की जमीनों का मुआवजा एवं उक्त जमीन शासन कब तक कम्पनी से लेकर किसानों को उपलब्ध करायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी नहीं, अपितु मेसर्स वेलस्पन कंपनी द्वारा पावर प्लांट की स्थापना के लिये कुल 1372.80 एकड़ जमीन अपने आधिपत्य में ली गई जिसमें लीज पर ली गई 324.38 एकड़ शासकीय जमीन, 691.13 एकड़ राज्य शासन के माध्यम से निर्धारित राशि जमा कराने के उपरांत अधिग्रहित की गई जमीन तथा 357.29 एकड़ निजी जमीन जिसका भुगतान मेसर्स वेलस्पन कंपनी द्वारा सीधे लाभार्थियों को किया गया, शामिल है। नियमानुसार अधिग्रहित की गई भूमि पर ही बाउण्ड्रीवाल का निर्माण किया गया है। कोयले की अनुपलब्धता के कारण उक्त परियोजना की स्थापना संबंधी कार्यवाही में कोई प्रगति नहीं हुई है तथापि प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त अधिग्रहित भूमि पर नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन संयंत्र की स्थापना के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। अत: वर्तमान में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
दिव्यांग छात्र-छात्राओं की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 264 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की शालाओं में दिव्यांग छात्र-छात्रायें कक्षा 1 से 12 तक अध्ययनरत हैं? यदि हां तो विकलांग बच्चों की संख्या, विकलांगता का प्रकार, कक्षा का सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रदेश में समावेशित शिक्षा योजना लागू है? यदि हां तो इस योजना से सतना जिले में कितने बच्चे लाभांवित हो रहे हैं? बच्चों की संख्या विकलांगतावार उपलब्ध करायें। (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा 4043 निशक्तजन पंचायत दिनांक 29.04.2008 की पूर्ति की गई है? यदि हां तो घोषणा के अनुसार दिव्यांग बच्चों को समुचित शिक्षा योजना अन्तर्गत 1 से 12 तक या 8 या उससे अधिक दिव्यांग द़ृष्टिबाधित श्रवणबाधित व मानसिक दिव्यांग बच्चे अध्ययनरत हैं तो वहां 8 दिव्यांग बच्चों पर एक विशेष शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा? यदि नियुक्ति की गई है तो कुल कितने शिक्षकों की नियुक्ति की गई? सम्पूर्ण जानकारी सतना जिले की उपलब्ध करायें। (घ) भारत सरकार से दिव्यांग बच्चों के शिक्षा हेतु बजट प्राप्त होता है? विगत 05 वर्षों की जानकारी उपलब्ध करायें। भारत सरकार से प्राप्त बजट किन-किन मदों में खर्च किया जाता है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ग) जी हां। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत भारत शासन द्वारा प्रत्येक जिले में 1 के मान से 51 विशेष शिक्षकों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। नियुक्ति अभी नहीं हुई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। भारत सरकार से प्राप्त बजट परिवहन भत्ता, मार्गरक्षण भत्ता, वाचक भत्ता, दिव्यांग बालिकाओं को स्टायफंड, ब्रेललिपि की पाठ्यपुस्तकों का वितरण, मूल्यांकन शिविर, दिव्यांग बच्चों को उपकरण प्रदान करना, टी.एल.एम., संसाधन कक्ष का सुदृढ़ीकरण, विश्व विकलांग दिवस कार्यक्रम का आयोजन, एम.आर.सी. का मल्टीकेटेगरी प्रशिक्षण, डाइट प्राचार्य, डी.पी.सी., ए.पी.सी. का प्रशिक्षण, दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों का प्रशिक्षण, गणवेश, स्टेश्नरी, दृष्टिबाधित व अल्प दृष्टिबाधित के लिये रीडर एलाउंस, एस्कॉट एलाउंस, स्पोर्टस एवं एक्सपोजर विजिट एवं शिविर आयोजन इत्यादि में खर्च किया जाता है।
अध्यापकों का संविलियन/पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
35. ( क्र. 265 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग में सतना जिले में अध्यापक संवर्ग की कुल कितनी संख्या है? आज दिनांक तक कितने अध्यापकों का संविलियन राज्य शिक्षा सेवा में किया गया है? सतना जिले के समस्त विकासखण्डों में लगभग 532 अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों का संविलियन आज दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो कर्मचारी संविलियन के पात्र नहीं है तो उन्हें क्रमोन्नति व पदोन्नति क्यों दी गई? यदि न्यायालय के अधीन रखकर क्रमोन्नति या पदोन्नति दी जा सकती है तो राज्य शिक्षा सेवा में संविलियन क्यों नहीं किया जा सकता? (ग) क्या अध्यापक, शिक्षक हित में स्कूल शिक्षा विभाग राज्य शिक्षा सेवा में संविलियन करेगा? यदि करेगा तो कब तक? क्या पदोन्नति एवं क्रमोन्नति देने वाले विभागीय अधिकारियों पर इसके लिये कार्यवाही स्थापित की जायेगी? यदि हां तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (घ) सतना जिले में न्यायालय के निर्णय के पश्चात् सहायक अध्यापकों के पदोन्नति हेतु दिनांक 02-11-2015 को काउंसिलिंग कराई गयी थी, किन्तु अभी तक सहायक अध्यापकों को पदोन्नति क्यों नहीं दी गई?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सतना जिले में 8279 अध्यापक संवर्ग में कार्यरत थे, 7746 को मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 के अन्तर्गत नवीन संवर्ग में नियुक्त किया गया है। 532 नहीं अपितु 533 अध्यापक संवर्ग कर्मचारी को अभिलेखीय कमी, न्यायालयीन प्रकरण, विभागीय जांच इत्यादि के कारण नवीन संवर्ग में नियुक्त किया नहीं गया। (ख) अध्यापक संवर्ग स्थानीय निकाय के अधीन नियुक्त किये गये है तथा स्थानीय निकाय के नियोक्ता प्राधिकारी द्वारा माननीय न्यायालय के निर्णय के अध्यधीन क्रमोन्नति/पदोन्नति दी गई है। मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र क्र.एफ-1-59/ 2018/20-1, दिनांक 10.08.2018 की कण्डिका 3.1.3 एवं 3.1.4 के अनुसार ऐसे कर्मचारी को जब तक न्यायालय प्रकरण का निराकरण न हो, नवीन संवर्ग में नियुक्त नहीं किये जाने के निर्देश है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हां। पात्र अध्यापकों को उत्तरांश (क) में उल्लेखित उनके प्रकरणों की कमियों की पूर्ति तथा न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण पश्चात नवीन संवर्ग में नियुक्त किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (ख) के प्रकाश में किसी अधिकारी पर कार्रवाई का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। संबंधितों के नाम तत्समय विभागीय पदोन्नति की कार्रवाई में सम्मिलित नहीं थे, इस कारण पदोन्नति नहीं की जा सकी थी।
नदी एवं नालों के खसरा नम्बरों का सीमांकन
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 280 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में खनिज साधन की प्रदेश में नीति क्या है? संपूर्ण नीति की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) सागर संभाग के प्रत्येक जिले के कौन-कौन सी नदी एवं नालों पर किस-किस खसरा नंबर के कितने-कितने रकबा की भूमि पर रेत निकालकर कौन-कौन से ठेकेदारों को वर्तमान में किस-किस वर्ष से कब तक के लिये कितनी-कितनी राशि का शासन द्वारा ठेका एवं कार्य आदेश दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि कौन-कौन से स्थानों पर शासन द्वारा रेत खनन हेतु सीमांकन करके चिन्हांकित स्थानों पर जो कार्य आदेश दिया गया था उन पर कब-कब बोर्ड लगवा दिये गये हैं? संपूर्ण जानकारी के साथ यह भी बतायें कि अवैध रेत खनन हेतु अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में खनिज नीति 2010 है। जिसमें वर्तमान में परिवर्तन नहीं किया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" पर है। (ग) चिन्हांकित रेत खदानों पर शासन की ओर से किसी प्रकार का बोर्ड नहीं लगाया गया है। निविदा प्रपत्र की कंडिका 28 के अनुसार सूचना पटल पर कतिपय जानकारी ठेकेदार द्वारा प्रदर्शित किया जाना प्रावधानित है। अवैध रेत खनन हेतु अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" पर है।
विभागीय योजनाओं के विद्युतीकरण के कार्य
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 291 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना एवं कटनी जिले में विगत तीन वर्ष की अवधि में किन-किन शासकीय/विभागीय योजनाओं के क्या प्रावधानों के तहत घरेलू, व्यवसायिक, कृषि एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाइनों को कहॉ-कहॉ लगाया/स्थापित किया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) कार्यों को किस आवश्यकता/मांग/जानकारी के आधार पर कराया गया एवं इन कार्यों का प्रस्ताव तैयार करने एवं कार्यों की स्वीकृति प्रदान करने का कार्य तथा कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) कार्यों के प्रस्ताव में क्या संभावित उपभोक्ताओं की संख्या का आंकलन किया गया था? यदि हॉ, तो प्रस्ताव क्या था? (घ) प्रश्नांश (क) विद्युत लाइनों को लगाए जाने के कार्य किस ठेकेदार फर्म/कंपनी द्वारा किन कार्यदेशों से कब-कब किए एवं कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? लगाई गयी नवीन विद्युत लाइनों से कितने उपभोक्ताओं को विद्युत होना प्रारम्भ हुआ हैं? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में विद्युतीकरण के किन-किन कार्यों में क्या अनियमितताओं के चलते क्या जांच/कार्यवाही की गयी एवं किस स्तर पर वर्तमान में प्रचलन में है और इन अनियमितताओं के लिए किन अधिकारियों, कर्मचारियों/ठेकेदार को प्रथम दृष्टया जिम्मेदार पाया गया है? इन अनियमितताओं से कितना आर्थिक नुकसान किसे वहन करना पड़ा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पन्ना एवं कटनी जिलों में विगत तीन वर्षों की अवधि यथा वित्तीय वर्ष 2017-18, वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं वित्तीय वर्ष 2019-20 में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, आई.पी.डी.एस., फीडर विभक्तिकरण, सौभाग्य योजना, मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना, जमा योजना एवं अन्य विभागीय योजनाओं में प्रावधानों के तहत घरेलू, व्यवसायिक, कृषि एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों को स्थापित किया गया है, जिसका कार्यवार एवं स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) पन्ना एवं कटनी जिलों में बढ़ते विद्युत भार एवं समयानुसार विद्यमान विद्युत प्रणाली के क्षय को देखते हुए सतत् विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के लिये प्रणाली सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य योजना तैयार की जाती है एवं तद्नुसार नये कनेक्शनों की मांग/आवेदनों के अनुरुप सक्षम अधिकारी द्वारा कार्य स्वीकृत कर पूर्ण कराये जाते हैं। स्वीकृत कार्यों को संचालन-संधारण संकाय द्वारा कार्यादेश जारी कर निर्माण संकाय द्वारा पंजीकृत अधिकृत ठेकेदारों/कंपनी से कराया जाता है। कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन संबंधित कार्यपालन अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता द्वारा किया गया हैं। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (क) के कार्यों के प्रस्ताव में संभावित उपभोक्ताओं की संख्या का आंकलन किया गया था। प्रश्नांश (क) के तारतम्य में विभिन्न योजनाओं में प्रस्ताव अनुसार लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) ठेकेदार/कंपनी द्वारा किए गए 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही.विद्युत लाईनों के कार्य, कार्यादेश क्रमांक एवं दिनांक, व्यय की गई राशि एवं लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में पन्ना एवं कटनी जिलों में 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईनों के कार्यों के संबंध में अनियमितता एवं आर्थिक नुकसान संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः प्रश्न नहीं उठता।
पी.एस.सी., व्यापम की परीक्षाओं में अन्य राज्यों के आवेदकों की भर्ती
[सामान्य प्रशासन]
38. ( क्र. 302 ) श्री मनोज चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2013 से दिसंबर 2019 तक लोक सेवा आयोग व्यापम द्वारा कितनी प्रारंभिक लिखित परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा आयोजित की गयी वर्षवार जानकारी देवें तथा बतावें कि इनमें से किस-किस परीक्षा में प्रश्न में यह दिए गए संभावित उत्तर में त्रुटियां पाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिस परीक्षा में त्रुटियां पाई गई उसमें अंकों की गणना करने के लिए क्या परिवर्तन किया गया तथा जो त्रुटियां पाई गई वह प्रिंटिंग प्रेस की गलती थी या पेपर सेटर की परीक्षा अनुसार बताइए कि दोनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में तथा व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अन्य राज्य के बाहरी आवेदकों के लिए क्या नियम हैं, इन्हें किस नियम के तहत भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाता है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में मध्यप्रदेश में आयोजित हुई लोक सेवा आयोग की तथा व्यापमं की भर्ती परीक्षाओं में अन्य राज्यों के भर्ती हुए अभ्यर्थियों की परीक्षावार सूची देवे तथा एम.पी. के अभ्यर्थियों की तुलना में इनका प्रतिशत बतावें। (ड.) लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शासन द्वारा निर्धारित प्रतिशत में आरक्षण तय करना किसकी जिम्मेदारी है पिछले वर्षों में होरिजेंटल एवं वर्टिकल आरक्षण में अनियमितता की किस-किस परीक्षा में शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनवरी 2013 से दिसम्बर 2019 तक मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 प्रारंभिक, 24 लिखित तथा 15 मुख्य परीक्षाएं आयोजित की गई। आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार व आयोग की जिन परीक्षाओं में प्रश्नों में या दिये गये संभावित उत्तर में त्रुटियां पाई गईं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षाओं की वर्षवार जानकारी व व्यापम की जिन परीक्षाओं में प्रश्नों में या दिए गए संभावित उत्तर में त्रुटियां पाई गईं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) आयोग की परीक्षाओं में त्रुटियां पाए जाने पर अंकों की गणना, त्रुटिपूर्ण प्रश्नों को विलोपित करके किया जाता है। आयोग की परीक्षाओं में प्रेस की त्रुटी सामान्यत: नहीं होती है। पेपर सेटर की गलती होने पर त्रुटिपूर्ण प्रश्नों के संबंध में संबंधित विषय विशेषज्ञों को भविष्य के लिए सचेत किया गया एवं ब्लेक लिस्टेड भी किया गया। व्यापम से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अन्य राज्य के बाहरी आवेदकों के लिए कोई पृथक नियम नहीं है। अन्य प्रदेश के समस्त अभ्यर्थियों को केवल अनारक्षित श्रेणी के रूप में विचारित किया जाता है। व्यापम द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के अनुसार आवेदकों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 12.05.2017 एवं 04.07.2019 अनुसार सभी पदों के लिए अभ्यर्थियों का मध्यप्रदेश राज्य के रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन होना अनिवार्य है। (घ) मध्यप्रेदश लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षाओं में अन्य राज्यों के भर्ती हुए अभ्यर्थियों से संबंधित जानकारी संधारित न होने से आयोग की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। जनवरी 2013 से दिसम्बर 2019 तक व्यापम द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थियों की सूची की जानकारी सी.डी. में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है तथा एम.पी. के अभ्यर्थियों की तुलना में इनके प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (ड.) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शासन द्वारा आरक्षण तय किया जाता है। पिछले 05 वर्षों में हॉरिजेंटल वर्टिकल आरक्षण में अनियमितता से संबंधित शिकायतों एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
पंचायतों द्वारा खरीदी सामग्री में करोड़ों की टैक्स चोरी
[वाणिज्यिक कर]
39. ( क्र. 304 ) श्री मनोज चावला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत में निर्माण कार्य हेतु जी.एस.टी. में अपंजीकृत व्यापारियों से कबूतर बिलों (फर्जी बिलों) पर सामान खरीद सकती है यदि नहीं तो बतावें कि उसके द्वारा खरीदी गई सामग्री के बिलों की जांच कैसे की जाती है? (ख) क्या प्रदेश की 300 पंचायतों ने पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से फर्जी बिलों से सामान खरीदा तथा उस पर किसी प्रकार का बिक्री कर तथा अब तक जी.एस.टी. नहीं चुकाया यदि हां तो क्या इसकी जांच की जाएगी। (ग) जी.एस.टी. लागू होने के बाद प्रदेश में कर संग्रहण कितना-कितना हुआ तथा उसमें पूर्व वर्ष की तुलना में कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई। (घ) फर्जी कंपनी बनाकर जी.एस.टी. की चोरी करने की पिछले 3 वर्षों में कितने आपराधिक प्रकरण बने तथा उसमें कौन-कौन आरोपी हैं तथा भविष्य में इसकी रोकथाम कैसे की जाएगी।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी.एस.टी. के अंतर्गत गुड्स के लिए 40 लाख तथा सर्विस के लिए 20 लाख तक वार्षिक टर्नओवर वाले सप्लायर्स (व्यवसाइयों) को पंजीयन की बाध्यता नहीं है। अतः पंचायतों द्वारा रूपये 40 लाख से कम टर्नओवर वाले अपंजीयत व्यवसाइयों से खरीदी किया जाना संभावित है। पंचायतों द्वारा निर्माण कार्य हेतु खरीदी कहां से की जा रही है। यह जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। विभाग में पंजीयत करदाताओं के संबंध में फर्जी बिलों के माध्यम से सप्लाय किये जाने की जानकारी विभाग के संज्ञान में आने पर विधि अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा क्रय किये जा रहे मालों की जानकारी वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। विभाग में पंजीयत करदाताओं के संबंध में फर्जी बिलों के माध्यम से सप्लाय किये जाने की जानकारी विभाग के संज्ञान में आने पर विधि अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। (ग) जी.एस.टी. लागू होने के पूर्व एवं बाद में प्रदेश में कर संग्रहण एवं वृद्धि/कमी निम्नानुसार है:- (राशि करोड़ रू. में)
वर्ष |
प्राप्त राजस्व |
वृद्धि/कमी का प्रतिशत |
2016-17 |
27351.28 |
- |
2017-18 |
29426.74 |
7.59 |
2018-19 |
33476.22 |
13.76 |
2019-20 |
36391.53 |
8.71 |
कोविड 19 महामारी एवं लॉकडाउन के कारण व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित होने के कारण अंतिम माह मार्च 2020 में राजस्व संग्रहण प्रभावित हुआ है। (घ) फर्जी कम्पनी बनाकर जी.एस.टी. की चोरी करने की जानकारी पर विगत तीन वर्षों की अवधि में मेसर्स कमर्शियल कार्पोरेशन, सिवनी एवं इस फर्म के व्यवसाय में संलिप्त श्री अमित अवधिया, श्री अजय खन्ना एवं श्री दीपेश तिवारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये गये। फर्जी कम्पनी बनाकर जी.एस.टी. की चोरी करने से रोकने के लिये दिनांक 21.08.2020 से पंजीयन के समय आधार ऑथेंटिकेशन न होने की स्थिति में व्यवसाय स्थल के भौतिक सत्यापन उपरांत ही पंजीयन जारी किये जाने के प्रावधान मध्यप्रदेश माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अंतर्गत किये गये हैं।
डीनोटीफाईड की गई भूमि
[वन]
40. ( क्र. 308 ) श्री
आलोक
चतुर्वेदी : क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
भा.व.अ. 1927 की
धारा 34अ
के अनुसार 1975 तक
राजपत्र में
डीनोटीफाईड
भूमियों से
सम्बंधित
मुख्य सचिव के
आदेश क्रमांक 230/सीएस/04 दिनांक 24 जुलाई 2004 के बाद
भी छतरपुर
जिले में
डीनोटीफाईड
भूमियों के
अभिलेख
संशोधन की
कार्यवाही
प्रश्न दिनांक
तक भी नहीं की
गई?
(ख)
छतरपुर
जिले में
कितने राजस्व
ग्रामों में गैरखाते
की कितनी दर्ज
दखल रहित भूमि
में से कितनी
भूमि
संरक्षित वन
सर्वे एवं
संरक्षित वनखण्ड
में शामिल की
जाकर कितनी
भूमि राजपत्र
में धारा 34अ के
अनुसार
किस-किस
दिनांक को
डीनोटीफाईड
की गयी? (ग) धारा
34अ में
डीनोटीफाईड
भूमि के
डीनोटिफिकेशन
की प्रविष्टि
प्रश्न
दिनांक तक भी
संशोधित पंजी, निस्तार
पत्रक, अधिकार
अभिलेख एवं
खसरा पंजी में
दर्ज नहीं किए
जाने का क्या
कारण रहा.
प्रविष्टि कब
तक दर्ज की
जावेगी?
वन
मंत्री ( श्री
कुंवर विजय
शाह ) : (क) भारतीय वन
अधिनियम की
धारा 34अ के तहत 1975
तक राजपत्रों
में
डीनोटीफाईड
भूमियों को राजस्व
अभिलेखों में
संशोधन कर
दर्ज करने की
कार्यवाही की
जा रही है। (ख)
प्रश्नांश
''ख'' के संबंध में
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) प्रश्नाधीन
डिनोटिफाईड
भूमियां
राजस्व अभिलेखों
में दर्ज की
जा रही है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
वन व्यवस्थापन की कार्यवाही
[वन]
41. ( क्र. 309 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के छतरपुर, राजनगर, लौड़ी एवं बिजावर के अनुविभागीय अधिकारी ने भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की 229 वनखंडो की जांच 1988 से प्रश्न दिनांक तक पूरी नहीं की है? यदि हाँ तो क्यों? (ख) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में प्रत्येक अनुविभागीय अधिकारी के यहाँ दायरा पंजी या प्रकरण पंजी में किस वनखण्ड की धारा 5 से 19 तक की जांच का प्रकरण किस मद में किस क्रमांक पर किस दिनांक को दर्ज किया, उस प्रकरण में कितने किसानों की कितनी निजी भूमि का अर्जन प्रस्तावित किया गया? (ग) किस प्रकरण में धारा 11 के अनुसार किस खसरा नंबर के कितने रकवे को वनखंड से पृथक किये जाने के सम्बन्ध में किस दिनांक को आदेश पारित किया गया. आदेश की प्रति प्रदाय करे?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। प्रश्नाधीन जिले के प्रकरणों में सक्षम अधिकारी द्वारा जांच की जा रही है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के अनुक्रम में वनखण्डवार दर्ज प्रकरणों में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 11 की कार्यवाही विनिश्चत न होने के कारण वनखण्ड में किसानों की निजी भूमि का अर्जन प्रस्तावित नहीं किया गया। राजस्व की दायरा पंजी में प्रश्नाधीन प्रकरण दर्ज नहीं है। प्रकरणों में मात्र प्रकरण क्रमांक एवं वर्ष अंकित है, मद अंकित नहीं है। अनुभागवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तिलहन संघ सेवायुक्तों को पांचवां वेतनमान की स्वीकृति
[सहकारिता]
42. ( क्र. 321 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से शासन में प्रतिनियुक्त/संविलियत सेवायुक्तों को पांचवां वेतनमान का लाभ स्वीकृत किया है? क्या वेतन निर्धारण में काल्पनिक रूप से गणना लाभ दिया है? क्या सभी को पांचवां वेतनमान का लाभ देंगे? (ख) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के सेवा युक्तों का कॉन्ट्रीब्यूटरी प्राविडेंट फण्ड राशि जो एस.बी.आई. न्यू मार्केट भोपाल में चालान द्वारा जमा करायी थी उन सेवायुक्तों में से कितनों के खाते में यह राशि आज दिनांक तक जमा नहीं हुयी है? (ग) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से वाणिज्यिक कर विभाग में संविलियत सेवायुक्तों को पांचवां वेतनमान गणना लाभ स्वीकृत किये जाने हेतु शासन ने सहकारिता विभाग नोडल अधिकारी नियुक्त किया है? यदि हॉ तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के प्रतिनियुक्त एवं संविलियत कितने सेवायुक्तों के वेतनमान संबंधी प्रकरण (अवमानना) उच्च न्यायालयों में लंबित हैं? क्या इन समरूप प्रकरणों में राज्य मुकदमा प्रबंधन समिति अंतर्गत निवारण की प्रक्रिया सुनिश्चित करेंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन उत्पादक संघ भोपाल से शासन में प्रतिनियुक्ति/संविलियन सेवायुक्तों को पांचवां वेतनमान का लाभ माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरणों के जारी आदेशों के संदर्भ में स्वीकृत किया गया है। कर्मचारियों का वेतन निर्धारण वित्त विभाग के परिपत्र क्र./496/2031/2018/नियम/चार दिनांक 23.03.2019 एवं अन्य आनुषांगिक दिशा निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। उक्त परिपत्र में दर्शित दिशा निर्देशों के अनुसार पात्र सेवायुक्तों को पांचवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। (ख) तिलहन संघ के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सेवायुक्तों का भविष्य निधि अंशदान, प्रतिनियुक्ति विभाग/संस्थान द्वारा सीधे संघ के भविष्य निधि खाता क्रमांक 4646 में भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय भविष्य निधि के क्षेत्र में स्थित ''भारतीय स्टेट बैंक'' की मुख्य शाखा न्यू मार्केट में चालान द्वारा जमा कराई गई है। आयुक्त भविष्य निधि संगठन द्वारा तिलहन संघ को तत्संबंधी विवरण प्राप्त न होने से संख्या बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र./407/426/2019/1/3 दिनांक 29.03.2019 द्वारा म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन उत्पादक संघ भोपाल के सेवायुक्तों को पांचवें, छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने की पात्रता के संबंध में विभिन्न विभागों द्वारा पृथक-पृथक कार्रवाई किए जाने के फलस्वरूप माननीय न्यायालयों में दायर प्रकरण/अवमानना आदि को दृष्टिगत रखते हुए मामले में शासन के विभागों से समन्वय स्थापित करने हेतु एवं मामले का परीक्षण कर उचित कार्रवाई करने के लिए सहकारिता विभाग को नोडल विभाग नियुक्त किया गया है। सहकारिता विभाग द्वारा न्यायालयीन प्रकरण में प्रतिरक्षण करने हेतु परिसमापक म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन संघ मर्या. भोपाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय प्रमुख खण्डपीठ जबलपुर में दिनांक 01.09.2020 को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत सूची एवं तिलहन संघ कार्यालय में उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार 25 प्रकरण विचाराधीन है, समरूप प्रकरणों के संबंध में माननीय न्यायालय में की गई प्रार्थना के आधार पर माननीय न्यायालय में समरूप प्रकरणों को एक साथ संबद्ध किया है, जिससे प्रकरण शीघ्र निराकृत हो सकेंगे, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जय किसान ऋण माफी योजना
[सहकारिता]
43. ( क्र. 322 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक की शाखा साडरा तहसील लांजी में मई 2019 में विषयांकित योजना से लाभान्वित लगभग 89 किसानों की ऋण माफी की राशि NPA खाते के स्थान पर PA खाते में जमा हो जाने से इन कृषकों को खाद्य बीज नहीं मिल पाया? यह राशि NPA खाते की जगह PA खाते में जाने के लिए कौन दोषी है? क्या इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी? (ख) क्या प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी NPA खातों की राशि PA खातों में जमा होने की शिकायत के बाद शासन ने जिलों से PA खातों को NPA में परिवर्तित करने हेतु प्रस्ताव मांगे हैं? (ग) यदि हां तो इस पर कब तक कार्यवाही कर दी जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि शाखा साडरा में 838 एन.पी.ए. प्रकरण जो पी.ए. में वर्गीकृत होने से लंबित थे, में से 598 किसानों को उनकी मांग अनुसार पूर्व वर्षों की भांति प्रचलित प्रक्रिया अनुसार नगद ऋण एवं खाद बीज प्रदाय किया गया है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में कृषकों की फसल ऋण की जानकारी डिजिटल फार्म में संधारित नहीं थी। जय किसान फसल ऋण माफी योजना की घोषणा के बाद उक्त जानकारी को डाटा प्रकाशन के समय डिजिटलाईज्ड किया गया। उक्त समय पर कार्य की अधिकता एवं समय अभाव के कारण प्रविष्टि करने में एन.पी.ए. प्रकरण पी.ए. में तथा पी.ए. प्रकरण एन.पी.ए. में वर्गीकृत हो गये थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया था कि पैक्स समितियों में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के प्रकरणों की स्वीकृति के बाद समायोजन के समय यह संज्ञान में आया कि कतिपय पीए प्रकरण एन.पी.ए. में एवं एन.पी.ए. प्रकरण पी.ए. में स्वीकृत हुये हैं। उक्त जानकारी म.प्र. राज्य सहकारी बैंक के संज्ञान में आने पर बैंक द्वारा इसका निराकरण करने हेतु प्रक्रिया जारी करने के प्रस्ताव पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा दिनांक 31.12.2019 को विस्तृत निर्देश जारी किये गये। निर्देशों के पालन में अपेक्स बैंक द्वारा जिलेवार एवं प्रकरणवार जानकारी एमपी ऑनलाईन को उपलब्ध करा दी गई है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रवासी श्रमिकों को रोजगार
[श्रम]
44. ( क्र. 331 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक कुल कितने प्रवासी श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन रोजगार सेतु योजना के अंतर्गत किया गया है? (ख) कितने रजिस्ट्रेशन वेबसाइट के माध्यम से किये गए हैं? (ग) इस योजना में अभी तक कितना व्यय हुआ है? विभागवार ब्यौरा दें। (घ) कुल पंजीकृत श्रमिकों में से कितने लोगों को रोजगार मिला है? पूर्ण विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्न दिनांक तक कुल 7,31,036 प्रवासी श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन “रोजगार सेतु पोर्टल” पर किया गया हैं। (ख) सभी रजिस्ट्रेशन “रोजगार सेतु पोर्टल” (rojgarsetu.mp.gov.in) वेबसाइट के माध्यम से ही किए गए हैं। (ग) उक्त पोर्टल पर प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन कार्य पर पृथक से श्रम विभाग द्वारा कोई व्यय नहीं किया गया हैं। (घ) रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से नियोक्ताओं और अन्य रोजगार प्रदाताओं के माध्यम से अब तक 41253 श्रमिकों कों रोजगार तथा मनरेगा के माध्यम से 195433 श्रमिकों को नियोजन प्राप्त हुआ हैं।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
45. ( क्र. 338 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में विधायक एवं सांसद निधि से स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ हैं तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त अप्रारंभ कार्यों में निर्माण एजेंसी द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि आहरित कर ली है? राशि आहरण के बाद भी कार्य क्यों प्रांरभ नहीं कराया? (ख) सितम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में विधायक एवं सांसद निधि से स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करवाने के लिए जवाबदार अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास एवं कार्यवाही की गई? (ग) उक्त अपूर्ण अप्रारंभ कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) शासन के निर्देशों के बाद भी विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों में कार्य स्थल पर बोर्ड क्यों नहीं लगाये जा रहे हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सितम्बर 2020 की स्थिति में अप्रारंभ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। अप्रारंभ कार्यों की राशि आहरित नहीं किये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सितम्बर 2020 की स्थिति में अपूर्ण कार्यों के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने की कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख के कालम 7 अनुसार है। (ग) कार्यों को पूर्ण कराये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) निर्माण कार्य की पूर्णता पर सूचना बोर्ड लगाये जाते है।
वन अधिकार पत्रों का बंटन
[आदिमजाति कल्याण]
46. ( क्र. 339 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सितम्बर, 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने वन अधिकार (वन भूमि के पट्टा) के आवेदन पत्र कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (ख) सामुदायिक दावा किन-किन भूमियों एवं स्थानों पर किया जा सकता है? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें। सितम्बर, 2020 की स्थिति में किन-किन ग्राम सभाओं से पारित प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकरणों के संबंध में 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) सांसद/विधायकों से प्राप्त पत्रों में किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ तथा की गई कार्यवाही से अवगत क्यों नहीं कराया? कब तक अवगत करायेंगे।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' एवं 'तीन' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है।
जावरा विधान सभा क्षेत्र में स्थापित उद्योग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
47. ( क्र. 365 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत शासन/विभाग की किन-किन स्थानों पर औद्योगिक कार्य किये जाने हेतु कुल कितनी-कितनी भूमियां हैं? रकबा एवं सर्वे नं. सहित जानकारी दें। (ख) उक्त विभागीय भूमियां अथवा उन पर शेड किन-किन कार्यों, प्रयोजनों हेतु किस-किस को कितनी-कितनी आवंटित कर प्रदाय की गई एवं इस हेतु कितनी-कितनी समयावधि अनुबंधित की गई? (ग) साथ ही क्या अनुबंधित एवं चिन्हित कार्यों पर ही स्थल पर कार्य किये जा रहे हैं, इस हेतु स्थल निरीक्षण कब-कब किया गया वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि से अवगत कराएं। (घ) बताएं कि विभाग द्वारा किये गये अनुबंध अनुसार क्या समस्त स्थलों पर कार्य किये जा रहे हैं अथवा नहीं? साथ ही कुल कितनी भूमियां अथवा शेड रिक्त व खाली पड़े हैं? सर्वे नं. सहित बताएं तथा कितने उद्योग कब से बंद पड़े है अथवा विवादित है? इस हेतु विभाग ने क्या कार्यवाही की?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है वर्तमान में प्रश्नागत औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्ड अथवा शेड रिक्त/खाली नहीं है। बंद इकाइयों के विरूद्ध म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 तहत समयावधि सूचना पत्र जारी किए गए हैं।
सेवा सहकारी समितियों का परिसमापन
[सहकारिता]
48. ( क्र. 366 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कृषकों की मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति हेतु जिले भर में सेवा सहकारी समितियां संचालित की जा रही हैं, उनमें से कितनी कार्यरत हैं तथा कितनी का परिसमापन हो चुका है? स्थानवार बताएं। (ख) क्या सेवा सहकारी समितियों का वार्षिक ऑडिट होता हैं तो वर्ष 2017 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की वित्तीय स्थिति बताएं। साथ ही यदि कोई लेनदारी, देनदारी है तो यह भी दर्शाएं? (ग) क्या कृषक सोसायटी का सदस्य बन सदस्यता राशि प्रदान करता है साथ ही कोई अशंपूजी भी जमा करता है तो वह कितनी तथा अपना खाता भी खुलवाता हैं तो बचत खाते पर उसे जमा राशि पर कितने प्रतिशत ब्याज दिया जाता है? जिले की प्रश्न दिनांक की स्थिति में समस्त सेवा सहकारी समितियों में कृषकों की विभिन्न मदों में जमा राशि कितनी है? सोसायटियों में कितनी लेनदारी है और कितनी देनदारियां हैं? यदि कोई सोसायटी वित्तीय रूप से कमजोर है तो शासन/विभाग इस हेतु क्या करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हां। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में सदस्यता शुल्क रू. 5/- एवं एक अंश की राशि रू. 10/- सदस्य जमा कराता है एवं इसके अतिरिक्त सदस्य को ऋण लेने के पूर्व ऋण के अनुपात में अंशपूंजी भी जमा करनी होती है। कृषक को बचत खाते में जमा राशि पर 4 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज दिया जाता है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में कृषकों की विभिन्न मदों में राशि रू. 15318.41 लाख जमा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। संस्थाओं की लेनदारी एवं देनदारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वित्तीय रूप से कमजोर समिति को अंशपूंजी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
नियम विरूद्ध जांच रिपोर्ट को नस्तीबद्ध करना
[स्कूल शिक्षा]
49. ( क्र. 372 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त महोदय लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर की जांच रिपोर्ट क्र. 182/शाजापुर, दिनांक 30.05.2019 की जांच रिपोर्ट को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदान किये गये साक्ष्य एवं अनावेदक द्वारा प्रदान किये गये अभ्यावेदन को एवं समस्त साक्ष्यों को एवं माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा पारित आदेश के संदर्भ में उक्त जांच रिपोर्ट को नस्तीबद्ध किया गया है अथवा नहीं? स्पष्ट करें। (ख) अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा श्री पुरूषोत्तम शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मोहन बडोदिया जिला शाजापुर की जांच रिपोर्ट को दिनांक 15.04.2019 को नस्तीबद्ध करते हुए क्या पुलिस अधीक्षक शाजापुर की जांच रिपोर्ट को मान्य की गई थी? (ग) क्या संविदा नियुक्ति वर्ष 2006-07 में शिक्षा विशारद की मान्यता होने पर ही जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर के लिखित आदेश पर ही प्रशिक्षण के अंक प्रदान किये गये थे, इसका उल्लेख पुलिस अधीक्षक शाजापुर की जांच रिपोर्ट में उल्लेखित किया गया है तथा उक्त जांच रिपोर्ट को ही अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मान्य करने पर अन्य जांच रिपोर्ट नस्तीबद्ध की जायेगी? इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा पारित आदेशों का पालन किया जायेगा? स्पष्ट करें। (घ) आयुक्त लोक शिक्षा द्वारा उक्त जांच रिपोर्ट कब नस्तीबद्ध की जायेगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 25-11-2019 के अनुसार विधि अनुसार योग्य और स्वतंत्र निर्णय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राजगढ़ के द्वारा लिया जाना है। तदनुसार आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राजगढ़ को निर्देशित किया गया है। (ख) जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से चाही गई है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश "क" में अंकित अनुसार न्यायालयीन निर्णय के अनुसरण में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राजगढ़ के स्तर पर कार्रवाई प्रचलित है, इसके निष्कर्ष अभी प्राप्त नहीं हुये है।
स्वेच्छानुदान राशि का प्रदाय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
50. ( क्र. 381 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायकों को प्रदत्त स्वेच्छानुदान राशि किन-किन प्रयोजनों से दी जा सकती है? इस संबंध में नियम कब-कब जारी किये गये? (ख) क्या विधायक स्वेच्छानुदान राशि सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिता, आर्थिक सहायता जैसे प्रयोजन के लिये दी जा सकती है? नियम/निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराते हुये दिनांक 01/04/2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता एवं सिवनी जिले के अन्य तीनों विधायक द्वारा प्रदत्त स्वेच्छानुदान राशि की सूची वर्षवार/विधानसभा क्षेत्रवार उपलब्ध करावें। (ग) क्या सिवनी जिले में सांस्कृतिक कार्यक्रम खेलकूद प्रतियोगिता, आर्थिक सहायता जैसे प्रयोजन हेतु दिए गये प्रस्ताव अमान्य किये गये है, जबकि अन्य जिलों में ऐसे प्रस्ताव स्वीकृत किये जा रहे है? (घ) क्या उक्त राशि सिर्फ बी.पी.एल. कार्डधारियों को ही देने के नियम है? यदि हॉ, तो नियमों की जानकारी दें?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधायक स्वेच्छानुदान योजना की राशि के उपयोग के लिये प्रयोजन तथा अन्य संबंधित विषयों पर निम्नांकित तिथि अनुसार नियम/निर्देश जारी किए गए है:- दिनांक 28.05.1982, दिनांक 21.09.2007, दिनांक 31.10.2007, दिनांक 24.07.2009, दिनांक 30.05.2018। उक्त नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी हॉ। नियम निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। दिनांक 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत स्वेच्छानुदान की सूची विधानसभा सिवनी, बरघाट, केवलारी और लखनादौन वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रचलित नीति-निर्देश
[सामान्य प्रशासन]
51. ( क्र. 382 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुकंपा नियुक्तियों के वर्तमान में क्या नीति-निर्देश प्रचलन में है, की प्रति उपलब्ध कराई जावें? (ख) जिला सिवनी में प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण अनुकंपा नियुक्ति के शेष हैं, की जानकारी विभाग का नाम, लंबित आवेदनकर्ता का नाम व पता दिनांक सहित उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आवेदनों में से कितने प्रकरणों में नियुक्ति कर दी गई है? यदि नहीं की गई तो प्रकरणवार कारण बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निर्देश दिनांक 29.09.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार।
कोविड-19 के तहत कोरोना टेस्ट, विस्तार एवं रोकथाम
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
52. ( क्र. 402 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 तक प्रतिदिन कितने कोरोना टेस्ट किए गए। क्या सरकार ने होने वाले उपचुनाव के मद्देनज़र कोरोना मरीज के आंकड़ों में लुकाछिपी की है? (ख) प्रदेश तथा प्रश्नाधीन शहर जहां उप चुनाव होना है, में कोरोना के विस्तार को समय रहते रोकने के क्या-क्या प्रयास हुए तथा उसके क्या परिणाम रहे। क्या शासन इसमें पूरी तरह असफल रहा, क्या विस्तार रुका। (ग) क्या प्रदेश में कोरोना का ‘पीक’ कभी नहीं आएगा यदि हां तो ‘पीक’ किस संख्या को माना जाएगा अभी तक पीक’ आया या नहीं? (घ) प्रदेश में कोरोना उपचार हेतु शासन द्वारा अनुबंधित किस-किस निजी चिकित्सालय में प्रश्नाधीन अवधि में कितने-कितने मरीजों का उपचार किया गया, कितने मृत हुए तथा उन्हें उपचार के एवज में कितना भुगतान किस-किस निजी चिकित्सालय को देना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ'' अनुसार है। जी नहीं। (ख) प्रदेश तथा प्रश्नाधीन शहर जहां उप चुनाव होना है में कोरोना के विस्तार को समय रहते रोकने के लिए जांच की सुविधा, फिवर क्लिनिक, होम आईसोलेशन, कॉनटैक्ट ट्रेसिंग, प्रचार-प्रसार आदि किये गये, जिसके चलते आज दिनांक तक कुल 65490 मरीज पॉजीटिव पाये गये एवं 49992 मरीज स्वस्थ्य हुये एवं परिणाम संतोषजनक रहे। जी नहीं। जी नहीं। (ग) प्रदेश में कोरोना का पीक पाइंट कब आयेगा वर्तमान में यह बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब'' अनुसार है। किसी भी निजी चिकित्सालय को भुगतान करना शेष नहीं है।
कोविड-19 अंतर्गत आवंटन, व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
53. ( क्र. 403 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव का ‘पीक पॉइंट’ किस दिनांक को आया था या अभी तक नहीं आया तथा कब तक आयेगा, क्या माननीय मुख्यमंत्री ने इंदौर में कहा कि प्रदेश में कोरोना का ‘पीक पॉइंट’ कभी नहीं आयेगा। (ख) प्रदेश के किस-किस जिलों में केंद्रीकृत खरीद के 23 आइटम उनमें से कितने कितने आइटम अगस्त 2020 किस मात्रा में भेजे गए तथा जिला स्तर पर कोविड मद में अगस्त 20 तक कुल कितनी राशि की खरीदी गई। (ग) शासन स्तर पर केंद्रीकृत खरीद के तहत अगस्त-20 तक कुल व्यय राशि तथा प्रत्येक जिले में अगस्त-20 तक को कोविड हेतु कुल कितनी राशि भेजी गई। (घ) विभाग को कोविड मद में व्यय हेतु शासन से अगस्त-20 तक कुल कितनी राशि प्राप्त हुई तथा इस मद में विभाग द्वारा अभी तक सभी जिलों के व्यय सहित कुल कितनी राशि व्यय की गई।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्तमान में यह बताना संभव नहीं है क्यों कि यह एक विश्वव्यापी संक्रामक महामारी है। (ख) केन्द्रीयकृत खरीदी के माध्यम से जारी क्रयादेशों के विरूद्ध जिन आइटमों को प्राप्तकर्ता प्राधिकारी द्वारा माह अगस्त2020 तक प्राप्त किए गए है की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जिला स्तर पर कोविड मद में अगस्त 20 तक कुल रूपये 1429243485/- राशि की खरीदी गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'', ''द'' एवं ''क'' अनुसार है। (घ) एन.एच.एम. अंतर्गत केन्द्र सरकार से अगस्त 2020 तक राशि रूपये 186.87 करोड़ प्राप्त हुई तथा प्रदेश सरकार से अगस्त 2020 तक राशि रूपये 255.50 करोड़ प्राप्त हुई तथा इस मद में एन.एच.एम. अंतर्गत अभी तक सभी जिलों के व्यय सहित कुल राशि रूपये 312.05 करोड़ व्यय की गई।
इंदिरा गृह ज्योति योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 404 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड,इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत माह फरवरी तथा मार्च,2020 में इंदिरा गृह ज्योति योजना के अंतर्गत आने वाले उपभोक्ताओं की संख्या बतावें तथा यह योजना किस माह से लागू हुई थी तथा अभी तक यह लागू हुई है या नहीं। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड,इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत . इंदिरा गृह ज्योति योजना को क्या बंद कर दिया गया है यदि हां तो किस माह से बंद किया गया तथा उसकी जगह क्या कोई नई योजना की माननीय मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की है यदि हां तो उसके बिन्दुओं की जानकारी दें। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड,इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत अप्रैल से जुलाई 2020 में उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ दिया गया या नहीं यदि नहीं तो कारण बतावे तथा इस संबंध में आदेश की प्रति देवे। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड,इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या उनके बिल की कुल राशि माह जनवरी से जून 2020 तक की देवे तथा बतावे कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई। नई योजना का लाभ कितने उपभोक्ताओं को माह जून-2020 में मिला।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में '' इंदिरा गृह ज्योति योजना'' दिनांक 25.02.2019 से तथा परिवर्तित रूप में दिनांक 07.09.2019 से लागू की गई थी, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत उक्त योजना में माह फरवरी 2020 एवं माह मार्च 2020 में लाभान्वित हुए पात्र उपभोक्ताओं की संख्या क्रमश: 33.95 लाख एवं 33.55 लाख है। उक्त योजना वर्तमान में लागू है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हॉं, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत माह अप्रैल 2020 से माह जुलाई-2020 तक की अवधि में पात्र उपभोक्ताओं को ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' का लाभ दिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत माह जनवरी-2020 से माह जून-2020 तक की अवधि में घरेलू प्रयोजन के कुल उपभोक्ताओं की संख्या एवं उनकी माहवार बिल की कुल राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इंदिरा गृह ज्योति योजना के स्थान पर कोई नवीन योजना लागू नहीं की गयी, अत: प्रश्न नहीं उठता।
संबल योजना अन्तर्गत आर्थिक सहायता की राशि का भुगतान
[श्रम]
55. ( क्र. 412 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संबल (नया सवेरा) योजना अन्तर्गत आर्थिक सहायता हेतु स्वीकृत प्रकरणों में से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण आर्थिक सहायता राशि के भुगतान हेतु लंबित है? योजना की श्रेणीवार जिलेवार संख्यात्मक जानकारी देवे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संबल (नया सवेरा) योजना अन्तर्गत आर्थिक सहायता की राशि भुगतान हेतु अलीराजपुर जिले के कितने प्रकरण लंबित हैं? योजना की श्रेणीवार और विकासखण्ड एवं ग्रामवार हितग्राहियों की सूची देवे। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आर्थिक सहायता की राशि भुगतान हेतु लंबित होने के क्या कारण है? प्रश्नांश (ख) के लंबित प्रकरणों की राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में संबल योजना अन्तर्गत आर्थिक सहायता हेतु स्वीकृत प्रकरणों में से प्रश्न दिनांक तक लंबित प्रकरणों की योजनावार तथा जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार संबल योजना अंतर्गत आर्थिक सहायता की राशि भुगतान हेतु अलीराजपुर जिले में 56 प्रकरण लंबित हैं। श्रेणीवार, विकासखण्डवार एवं ग्रामवार हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) शासन से पर्याप्त बजट की उपलब्धता सुनिश्चित होते ही उपर्युक्त आर्थिक सहायता राशि का भुगतान किया जा सकेगा।
पदक्रम सूची में अनियमितताओं की जांच
[आदिमजाति कल्याण]
56. ( क्र. 415 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्नांश दिनांक तक आदिमजाति कल्याण विभाग श्योपुर को किस-किस मद/योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि केन्द्रांश व राज्यांश के रूप में प्राप्त की गई है? प्राप्त राशि किस-किस कार्य से कब-कब किसके द्वारा व्यय की गई है? कार्यवार/एजेन्सीवार/स्थानवार/ राशिवार ब्यौरा उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार करायें गये कार्यों का मूल्यांकन, भौतिक सत्यापन/पूर्णतः प्रमाण पत्र किन-किन अधिकारियों के कब-कब दिये गये? किये गये कार्यों की कार्यवार प्रतियां उपलब्ध करायें? (ग) क्या आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग म.प्र. शासन भोपाल के पत्र क्रं. 10954 दिनांक 26.06.2020 के द्वारा यह स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि जिले में रिक्त पद का चालू प्रभार किसी कनिष्ठ कर्मचारी को वरिष्ठ कर्मचारी के होते हुये न सौपा जायें? यदि हां तो? श्योपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक आयुक्त पद का चालू प्रभार कनिष्ठ अधिकारी पदक्रम सूची क्रं. 176 श्री एम पी पिपरैया को दिया गया है? जबकि श्री पी आर दौहरे म.प्र. विभाग की पद क्रं. सूची में क्रं. 02 पर दर्ज होकर वरिष्ठ है? क्या नियम विरूद्ध है? यदि हां तो कनिष्ठ को हटाकर वरिष्ठ अधिकारी को प्रभार सौपा जायेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतावें?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्नांश दिनांक तक कराये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी विस्तृत होने से संकलित की जा रही है। (ग) जी हॉं। उक्त आदेश विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का प्रभार दिये जाने के संबंध में है। म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक/705/3204/2019/25/1 दिनांक 10.07.2020 के द्वारा श्री एल.आर. मीना, सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग जिला श्योपुर को आदिवासी संग्रहालय छिन्दवाड़ा में अनुसंधान अधिकारी के रिक्त पद पर पदस्थ करते हुये नवीन पदस्थापना स्थल पर कार्य ग्रहण किये जाने हेतु एक पक्षीय कार्यमुक्त किया गया है एवं म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक/707/732/2020/25/1 दिनांक 10.07.2020 के द्वारा श्री हरेन्द्र सिह कुशवाह जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग दतिया को आगामी आदेश तक स्थानांतरित करते हुये प्रभारी सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग जिला श्योपुर के पद पर पदस्थ किया गया है। श्री हरेन्द्र सिंह कुशवाह के उपस्थित नहीं होने से श्री कुशवाह के कार्यभार ग्रहण किये जाने तक स्थानीय व्यवस्था के तहत कलेक्टर श्योपुर द्वारा उनके पत्र क्रमांक/आ.जा.क./स्था./2020/756 दिनांक 14.07.2020 के द्वारा श्री एम.पी.पिपरैया प्राचार्य शा.उ.मा.वि. आवदा को सहायक आयुक्त, आ.जा.क. विभाग जिला श्योपुर का सामान्य प्रभार सौंपा गया, विभाग की समस्त नस्तियां अपर कलेक्टर जिला श्योपुर के माध्यम से प्रस्तुत की जा रही हैं। श्री पी.आर. दोहरे तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त, श्योपुर द्वारा वित्तीय अनियमितता के कारण कार्यालय आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल द्वारा चाहे अनुसार कार्यालय के पत्र क्र./आजाक/सहरिया/2020/8602/दिनांक 25.02.2020, 8951 दिनांक 18.03.2020 एवं 1139 दिनांक 24.08.2020 को श्री दोहरे के आरोप आधार पत्र भेजे गये। उक्त प्रकरण में कार्यवाही संचालित होने से श्री दोहरे को सहायक आयुक्त श्योपुर का प्रभार नहीं सौंपा गया।
खनिज विभाग में हो रही अनियमितता
[खनिज साधन]
57. ( क्र. 416 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में खनिज विभाग द्वारा कितनी रेत, मुरम, गिट्टी खदानें किन-किन ठेकेदारों द्वारा कब से संचालित की जा रही हैं और किस समय अवधि तक की जावेंगी? इनको किस दर से खदानें दी गई? खदान स्वीकृति के लिये विगत 05 वर्षों में शासन से जारी दिशा-निर्देशों की प्रति भी उपलब्ध करावें? (ख) क्या श्योपुर जिले में स्वीकृत खदान क्षैत्रो के बाहर अवैध उत्खनन एवं अवैध रेत परिवहन किया जा रहा है? यदि हां तो अभी तक इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण बतावें? (ग) क्या खनिज एवं राजस्व विभाग श्योपुर द्वारा मिली भगत से अवैध खनन एवं परिवहन का बढ़ावा देते हुये रोका नहीं जा रहा है? जबकि आयें दिन अवैध उत्खनन के नाम पर पंजीकृत ईंट भट्टो से नकद भुगतान कर ईट टुकड़े ले जा रही ट्रॉलियों को पकड़कर किसान व आमजन को स्वार्थपूर्ति के लिये अनावश्यक परेशान किया जा रहा है? यदि हां तो ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेंगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में रेत की कोई खदान स्वीकृत नहीं है अपितु मुरूम/पतथर से क्रेशर द्वारा गिट्टी बनाने, खण्डा बोल्डर आदि की खदानें उत्खननपट्टे पर स्वीकृत है। स्वीकृत खदानों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' पर दर्शित है। ये उत्खनिपट्टे मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के तहत स्वीकृत है। उत्खनिपट्टे से निकास/खपत की गई गौण खनिज मात्रा पर इस नियम में निर्धारित रॉयल्टी दर (प्रति घन मीटर) से भुगतान शासन को करना होता है। ये नियम अधिसूचित है। उक्त नियम में विगत पांच वर्षों में स्वीकृति आदि के संबंध में संशोधन हेतु जो अधिसूचनाऐं जारी की गई हैं। वे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'ब' पर है, जिसमें शेष जानकारी दर्शित है। (ख) श्योपुर जिले में वर्तमान में कोई रेत खदान स्वीकृत नहीं है, अत: अवैध रेत उत्खनन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इस वर्ष में खनिज रेत के अवैध परिवहन के 22 प्रकरण दर्ज कर अर्थदण्ड राशि रूपये 14,20,000/- प्रश्न दिनांक तक वूसला गया है। (ग) जी नहीं। समय-समय पर अवैध उत्खनन एवं परिवहन की जांच की जाती है। अवैध उत्खनन/परिवहन किये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
58. ( क्र. 421 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 576 दिनांक 17.07.2017 के उत्तर में बताया गया था कि संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग सागर से जांच प्रतिवेदन प्राप्त। उक्त जांच प्रतिवेदन के आधार परउत्तरदायी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है स्पष्टीकरण का उत्तर प्राप्त होने पर नियम अनुसार कार्यवाही की जावेगी तो क्या शासन द्वारा नियम व निदेर्शों के तहत उत्तर दायी अधिकारियों पर कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है। हॉं या नहीं? (ख) यदि हॉं तो उक्त कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायी जाये यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हॉ। सहकारिता विभाग द्वारा श्री अखिलेश निगम, तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जिला छतरपुर को पत्र क्रमांक/236/728/2018/15-2 दिनांक 20.2.2019 के द्वारा नियम -14 अंतर्गत विभागीय जांच हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, आगामी कार्यवाही प्रकियाधीन है। दो अन्य विभागीय कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु आयुक्त सहकारिता के आदेश क्र./स्था./10/वि.जा./2018/790 दिनांक 31.3.2018 के द्वारा श्री एन.के. पाण्डे सहायक ग्रेड-02 छतरपुर एवं पत्र क्र. 791 दिनांक 31.3.2018 के द्वारा श्री जी.पी. पिपरसानिया व.स.नि. सागर के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की जाकर संयुक्त आयुक्त सहकारिता, सागर को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। विभागीय जांच अभी प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
फेडकों कंपनी द्वारा किए गए कार्यों की जांच
[ऊर्जा]
59. ( क्र. 424 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फीडबैक एनर्जी कंपनी को आदेश क्रमांक-SEO&M/KTN/PUR/TS-708/21525/102, दिनांक–09/04/2017 से कटनी जिले में क्या कार्य किन शर्तों के आधार पर करने हेतु अनुबंधित किया गया था और फेडकों कंपनी ने कब से कब तक क्या-क्या कार्य किए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) क्या फेडकों कंपनी के कार्यों में अनियमितताएँ पायी गयी थी? हाँ, तो फेडको के कार्यों में क्या कमी कब-कब पायी गयी और कंपनी/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या फेडकों कंपनी पर शास्ति अधिरोपित की गयी हैं और राशि की वसूली किया जाना हैं? यदि हाँ, तो फेडकों पर किन कारणों से एवं किस सक्षम प्राधिकारी के किन आदेशों से कितनी शास्ति अधिरोपित की गयी हैं और फेडकों कंपनी से किन कारणों से, कितनी-कितनी राशि की वसूली की जानी हैं एवं कितनी राशि की वसूली कब से क्यों लंबित हैं? (घ) क्या फेडकों कंपनी वर्तमान में मध्यप्रदेश में कार्यरत हैं? हाँ, तो फेडकों द्वारा कहाँ-कहाँ और क्या-क्या कार्य कब से किए जा रहे हैं, फेडकों द्वारा कटनी में किए गए कार्यों में कमी पर दंडित होने और करोड़ो रुपये की राशि की वसूली बकाया होने पर भी कंपनी/विभाग द्वारा डिफ़ाल्टर कंपनी को पुनः कार्य सौंपना किस प्रकार नियमानुसार हैं? स्पष्ट करें। (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) फेडकों कंपनी को डिफ़ाल्टर होने पर भी कार्य प्रदान करने और शास्ति एवं अन्य राशि की वसूली न करने के जिम्मेदारों की भूमिका की जांच करवाकर कोई कार्यवाही की जाएंगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश दिनांक 09-04-2017 से नहीं अपितु आदेश दिनांक 19-04-2017 के तहत मेसर्स फीडबेक इनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, गुडगांव को कटनी संचालन-संधारण संभाग में मैनेजमेंट आपरेटर के रूप में कार्य करने हेतु अनुबंधित किया गया था। अनुबंध की शर्तों के अनुसार मेसर्स फेडको के द्वारा किये जाने वाले कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अनुबंध की शर्तों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। मेसर्स फेडको द्वारा माह अगस्त-2017 से 25 अगस्त 2018 तक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' में दर्शाए गए कार्यों को छोड़कर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में उल्लेखित कार्य किये गये। (ख) जी हाँ, मेसर्स फेडको कंपनी द्वारा किये गये कार्य में टेंडर की शर्तों के अनुसार निर्धारित त्रैमासिक आर.पी.यू मेंटेन नहीं किये जाने, उपभोक्ता की स्थल बिलिंग नहीं किये जाने, आरएमआर से रीडिंग नहीं लिये जाने, बिल वितरण की पावती नहीं दिये जाने, डीटीआर मीटर की रीडिंग का डाटा नहीं दिये जाने जैसी कमियां पाई गई, जिसके लिये उक्त ठेकेदार कंपनी के विरूद्ध पेनाल्टी राशि अधिरोपित की गई। उक्त कमियों/अधिरोपित पेनाल्टी का माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ, मेसर्स फेडको कंपनी पर टेंडर की शर्तों के अनुसार निर्धारित त्रैमासिक आर.पी.यू मेंटेन नहीं किये जाने एवं टेंडर की अन्य शर्तों को पूर्ण न किये जाने पर पेनाल्टी की कुल राशि रू. 32.27 करोड़ अधिरोपित की गई है, जिसमें से राशि रू. 2.73 करोड़ बिलों में से समायोजित कर वसूल की जा चुकी है एवं शेष राशि रू. 29.54 करोड़ वसूल किया जाना शेष है। अधिरोपित राशि की वसूली हेतु अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा.) कटनी कार्यालय द्वारा पत्र क्र. 2251 दिनांक 15.09.18, क्र. 1804 दिनांक 14.10.19, क्र. 2796 दिनांक 28.01.20 एवं क्र. 739 दिनांक 21.07.20 के तहत मेसर्स फीडबेक इनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, गुडगांव को लेख किया गया है। मेसर्स फेडको इंफ्रा प्रायवेट लिमिटेड गुडगांव द्वारा टेंडर की शर्तों के अनुसार कार्य नहीं करने पर अधिरोपित राशि का माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उपरोक्त राशि प्रथम त्रैमास वर्ष 2018-19 (अप्रैल-मई-जून 2018) से लंबित है। पेनाल्टी जमा नहीं करते हुए मेसर्स फेडको एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड द्वारा रिट पिटीशन माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में क्रमांक 12294/20 से दायर की गयी है, जिसकी सुनवाई लंबित है। (घ) जी हां। प्रश्नाधीन ठेकेदार कंपनी द्वारा प्रदेश में किये जा रहे कार्यों से संबंधी प्रश्नाधीन चाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है वर्तमान में प्रदेश में तीनों विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत पूर्व से दिये गये कांट्रेक्ट के तहत् उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा कांट्रेक्ट/अनुबंध में निहित शर्तों के अनुसार कार्य किया जा रहा है तथा ठेकेदार कंपनी द्वारा कटनी जिले के कांट्रेक्ट की शर्तों में उल्लंघन के परिप्रेक्ष्य में पेनाल्टी अधिरोपित कर वसूली की कार्यवाही की गई है तथा शेष पेनाल्टी राशि की वसूली के संबंध में प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (ङ) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कांट्रेक्ट में निहित प्रावधानों के अनुसार ठेकेदार कंपनी द्वारा कार्य किया जा रहा है एवं कांट्रेक्ट की शर्तों के अनुसार कार्य नहीं किये जाने हेतु अधिरोपित पेनाल्टी की वसूली हेतु कार्यवाही की जा रही है। अत: जांच अथवा अन्य कोई कार्यवाही किया जाना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
कनवर्जन की राशि पर सहकारी बैंको द्वारा ब्याज की वसूली
[सहकारिता]
60. ( क्र. 428 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्राकृतिक आपदा के चलते किसानो को देय के.सी.सी. ऋण राशि की तीन किस्ते बनाई गई थी? क्या उक्त किस्तों पर ब्याज लिए जाने के निर्देश थे? (ख) किसानों से कनवर्जन की किस्तों पर जमा की गई किस्त, ड्यू हुई किस्त एवं आगे आने वाली किस्त पर 11 से 14 प्रतिशत ब्याज लेकर सम्पूर्ण राशि की वसूली की जा रही है? (ग) क्या शासन द्वारा कनवर्जन की राशि की किस्त बनाते समय ब्याज नहीं लिए जाने के निर्देश थे? यदि हाँ तो फिर किसानो से कनवर्जन की राशि पर ब्याज की वसूली किये जाने के कारण सहित जानकारी दे एवं कब तक उक्त राशि पर ब्याज वसूले जाने के निर्णय को निरस्त किया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) खरीफ 2017 के अल्पकालीन फसल ऋणों को प्राकृतिक आपदा के कारण 2/3 वर्षीय मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित किये गये थे। नाबार्ड के परिपत्र अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये थे। (ख) किसानों से कनवर्सन की किश्तों पर जमा की गई किश्त, ड्यू हुई किश्त, आगे आने वाली किश्तों पर नाबार्ड के परिपत्र अनुसार कृषकों से बैंक द्वारा निर्धारित दर से ब्याज की वसूली की जाना है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय विदिशा को सोनोग्राफी मशीन एवं विशेषज्ञ की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
61. ( क्र. 429 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय जिला चिकित्सालय विदिशा में एक मात्र सोनोग्राफी मशीन एवं विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव में आने वाले मरीजों को गंभीर बीमारियों की जांच हेतु 7 से 15 दिन तक इंतजार करना पड़ता है? (ख) यदि हाँ तो क्या शासन मरीजों की सुविधा हेतु शासकीय जिला चिकित्सालय विदिशा में एक अतिरिक्त सोनोग्राफी मशीन एवं मशीन के संचालन हेतु विशेषज्ञ चिकित्सक की व्यवस्था के संबंध में यथाशीघ्र कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यो?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग के कार्यों के संबंध में जानकारी
[वन]
62. ( क्र. 432 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा वन मण्डल के अंतर्गत वन विभाग के क्षेत्राधिकार की भूमि का परिक्षेत्रवार कितना क्षेत्रफल है? परिक्षेत्रवार जानकारी दें वन विकास निगम द्वारा कितने क्षेत्रफल पर कार्य किया जा रहा है? परिक्षेत्रवार जानकारी दें। विभाग द्वारा अप्रैल 2017 से प्रश्नांकित अवधि तक वृक्षारोपण एवं कौन-कौन से अन्य कार्य किये गये हैं? की जानकारी देंवे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन विभाग से वर्षवार कितना-कितना बजट किन-किन कार्यों हेतु वन विकास निगम को प्राप्त हुआ है एवं व्यय हुआ है तथा प्राप्त बजट से वर्षवार कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण रहे? जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में शासन विभाग के माध्यम से तथा विभागीय सामाजिक वानिकी एवं सामान्य वन मण्डल के माध्यम से अथवा अन्य माध्यमों से कितने कार्य हुए हैं वर्षवार जानकारी देंवे। उक्त अवधि में किये गये कार्यों के क्या परिणाम आये? जानकारी दें। (घ) विगत 1 अप्रैल 2017 से वन विभाग के वृक्षारोपण एवं अन्य कार्यों का निरीक्षण वन मण्डल अधिकारी विदिशा द्वारा कब-कब किया गया। क्या सी.सी.एफ. को अपने क्षेत्र में निरीक्षण के विभाग में निर्देश हैं? यदि हाँ तो उक्त अधिकारियों द्वारा भी क्षेत्र के कार्यों का निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ तो स्थलवार जानकारी देवें। यदि नहीं तो कारण बतायें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) विदिशा वनमण्डल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (क) पर है वन विकास निगम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (ख) पर है। विभाग द्वारा अप्रैल, 2017 से कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (ग) पर है। (ख) वन विकास निगम को केंद्र/राज्य की योजनाओं के अंतर्गत कोई बजट प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है वन विकास निगम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) मुख्य वन संरक्षक को अपने कार्य क्षेत्र में कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश हैं। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है।
विदिशा जिले में भवन विहीन स्कूलों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 433 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज, लटेरी विकासखण्ड में कौन-कौन सी प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल भवन विहीन हैं? अधूरें हैं? सूची उपलब्ध करावें। क्या शासकीय कन्या उ.मा. विद्यालय सिरोंज एवं एकीकृत माध्यमिक शाला अयोध्या बस्ती वार्ड क्र. 21 का भवन का निर्माण अधूरा है? कौन-सी निर्माण द्वारा भवन निर्माण किया जा रहा है? विभाग द्वारा विद्यालय भवन पूर्ण करवाने हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र क्र. 461/एसआरजे/2019 दिनांक 07.08.2019 एवं पत्र क्र. 492/एसआरजे/2019 दिनांक 18.08.2019 तथा पत्र क्र. 100/बीपीएल/2019 दिनांक 25.07.2019 तथा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र क्र. 493/एसआरजे/2019 दिनांक 18.08.2019 एवं पत्र क्र. 99/बीपीएल/2019 दिनांक 25.07.2019 तथा संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को पत्र क्रमांक 462/एसआरजे/2019 दिनांक 07.08.2019 को प्रेषित पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? पत्रों पर की गई कार्यवाही की स्पष्ट छायाप्रति उपलब्ध करावें? यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो इसके लिए दोषी कौन है? (ग) क्या सिरोंज में आदर्श संस्कृति विद्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो विद्यालय में कितना स्टाफ पदस्थ है? क्या उक्त विद्यालय का भवन निर्माण स्वीकृत है? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को लिखा गया पत्र क्र.38/बीपीएल/2020 दिनांक 03.03.2020 प्राप्त हुआ हैं? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करावें। यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विदिशा जिले के सिरोंज, लटेरी विकासखण्ड में भवनविहीन शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला एवं अधूरे शाला भवनों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। एकीकृत माध्यमिक शाला अयोध्या बस्ती वार्ड क्रमांक 21 में माध्यमिक शाला संचालित नहीं है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। जी हाँ। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिरोंज का भवन निर्माण कार्य अधुरा है। भवन निर्माण का कार्य भोपाल विकास प्राधिकरण भोपाल म.प्र. को सौंपा गया था। कार्य का मूल्याकंन करवाकर वास्तविक शेष कार्य का एस्टिमेट बनवाया जा रहा है। (ख) जी हाँ, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को पत्र क्रमांक 462/एसआरजे/2019 दिनांक 07.08.2019 प्राप्त हुआ, प्राप्त पत्र में 10 माध्यमिक एवं 32 प्राथमिक कुल 42 शालाओं में भवन स्वीकृत करने का लेख है, उक्त पत्र पर की गई कार्यवाही का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन पत्र क्रमांक 461/50/2019, दिनांक 07.08.2019 एवं 492/50/2019, दिनांक 18.08.2019 एवं पत्र क्रमांक 493/एसआरजे/2019 दिनांक 18.08.2019 कार्यालय में प्राप्त हुई है। बजट की उपलब्धता एवं सक्षम स्वीकृति के आधार पर भवन निर्माण की कार्यवाही की जाती है। (ग) शासकीय आर्दश संस्कृत विद्यालय सिंरोज (विदिशा) शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सिंरोज के एक कक्ष में संचालित है। विद्यालय में पदस्थ स्टाफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। उक्त विद्यालय का भवन निर्माण स्वीकृत नहीं है। शासकीय आवासीय संस्कृत विद्यालय सिंरोज हेतु 2.025 हे0 भूमि जिला प्रशासन विदिशा द्वारा उपलब्ध कराई गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। उक्त भूमि पर विद्यालय भवन एवं छात्रावास निर्माण हेतु प्राक्कलन प्राप्त किए जाने हेतु संस्थान से परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) भोपाल को पत्र क्रमांक म.प.सं.सं./सामान्य/2020/524 दिनांक 29.02.2020 प्रेषित किया गया, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। माननीय विधायक महोदय 147 सिंरोज (विदिशा) द्वारा संस्थान में भेजे गए पत्र क्रमांक-39/बीपीएल/2020 दिनांक 03.03.2020 पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार।
उद्योग/फैक्ट्रियों के विरूद्ध कार्यवाही
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
64. ( क्र. 436 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी स्थित किन-किन उद्योग/फैक्ट्रियों के विरूद्ध किस-किस स्तर पर कब-कब, क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई तथा प्राप्त शिकायतों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी स्थित उद्योग/फैक्ट्रियों जिसमें विशेषकर कोका-कोला एवं विध्यांचल डिस्टलरी द्वारा निरंतर रसायनिक कचरा/गंदा पानी समीपस्थ किसानों के खेतों एवं पार्वती नदी में बहाये जाने से जल/वायु प्रदूषण होने के साथ-साथ किसानों की फसलें नष्ट होने तथा नदी के पानी का उपयोग किये जाने से प्रश्नांकित क्षेत्र में कैंसर की मरीजों की संख्या बढ़ाने से नदी के पानी एवं उक्त उद्योग/फैक्ट्रियों की उच्चस्तरीय जांच कराये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी को जनप्रतिनिधियों व अन्य के माध्यम से शिकायतें प्रेषित की गई तथा दैनिक समाचार पत्रों में भी उक्त संबंध में खबरों का प्रमुखत: प्रकाशन किया गया है? क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां, तो क्या। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन प्रश्नांकित उद्योग/फैक्ट्रियों विशेषकर कोका-कोला एवं विध्यांचल डिस्टलरी की जांच उच्चस्तरीय दल गठित कर करवाएगा एवं पार्वती नदी के पानी में उक्त उद्योग/फैक्ट्रियों द्वारा प्रवाहित रसायनिक अपशिष्ट एवं दूषित जल के प्रभावों का परीक्षण करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) एवं (ख) विभाग के अधीन एम.पी.आई.डी.सी. को एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में स्थापित किसी भी इकाई के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पर्यावरण विभाग के अधीन मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार पीलूखेड़ी में स्थित उद्योगों के संबंध में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में प्राप्त शिकायतों तथा उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मेसर्स हिन्दुस्तान कोका-कोला वैवरीज प्रा.लि. के विरूद्ध कोई शिकायत बोर्ड को प्राप्त नहीं हुई है। अत: कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य एवं एम्बुलेंस सुविधा का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 437 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा राजगढ़ जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन पर नगरीय आबादी सहित आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों का स्वास्थ्य सुविधा हेतु बढ़ते दबाव तथा दुर्घटनाओं व प्रसव के गंभीर मामलों के दृष्टिगत जननी सुरक्षा वाहन एवं पृथक से 108 एम्बुलेंस वाहन सुविधा प्रारंभ करने हेतु माननीय तत्कालीन विभागीय मंत्री जी से गत विधानसभा सत्र दिसम्बर 2019 में प्रेषित अनुरोध पत्र दिया था, जिस पर उक्त वाहन सुविधा प्रदान करने हेतु आश्वस्त किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन में जननी सुरक्षा वाहन एवं 108 एम्बुलेंस वाहन की सुविधा प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है तथा कब तक आश्वासन अनुरूप उक्त सुविधाऐं प्रदान कर दी जावेगी? (ग) क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन कर सुविधा विस्तार करने हेतु कोई प्रस्ताव/कार्ययोजना प्रश्न दिनांक तक विभाग में प्रचलित/विचाराधीन है? यदि हाँ तो कब तक उक्त स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन में जननी एम्बुलेंस वाहन क्र.- MP09AD0984 संचालित है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर पिछोर लोकेशन की 108-एम्बुलेंस (MP02AV7174) एवं लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर जिला शाजापुर की शुजालपुर लोकेशन की 108-एम्बुलेंस (MP02AV6808) द्वारा तलेन क्षेत्रांतर्गत निवासरत आमजन को सेवाएं प्रदाय की जा रही है। प्रश्न भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, अपितु आमजन की सुविधा को देखते हुये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन में अतिरिक्त 10 बिस्तरीय मेटरनिटी वार्ड का प्रस्ताव कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया है। प्रश्न भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक नीति निवेश से जमीन लीज पर लेकर रोजगार देना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
66. ( क्र. 438 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2013 से जनवरी 2020 तक खरगोन जिले में रोजगार देने एवं उद्योग लगाने के उद्देश्य से किन-किन लोगों/संस्थाओं द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड लीज पर लिए गए हैं नाम, पता सहित सूची देवें। (ख) इनमें कितने लोगो/संस्थाओ द्वारा अपने उद्योग प्रारंभ कर कितने लोगों को रोजगार दिया गया नाम, पता सहित सूची। (ग) किन-किन लोगों/संस्थाओं द्वारा अपने उद्योग की भूखंड पर अभी तक कार्य प्रारंभ तक नहीं किया गया है क्या ऐसे लोगों के भूखंड निरस्त किए जाएंगे यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) किन-किन लोगों/संस्थाओं द्वारा जिस उद्देश्य से औद्योगिक भूखंड लीज पर लिया गया है क्या उसी उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है या लोगों द्वारा उद्देश्य बदल कर कार्य किया जा रहा है यदि उद्देश्य बदलकर कार्य किया जा रहा है तो उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? जानकारी दें।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है एवं सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ (1) ’ अनुसार है। (ख) उत्पादनरत/स्थापित उद्योगों की जानकारी उपरोक्तानुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ एवं ‘अ (1) ’ अनुसार है। उद्योगों में रोजगार प्राप्त व्यक्तियों की जानकारी विभाग के अधीन संधारित नहीं की जाती है। (ग) जिन उद्योगों द्वारा भूखण्ड पर अभी तक समय-सीमा में कार्य प्रारंभ नहीं किया है ऐसी इकाईयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ’ अनुसार है। विभाग के अधीन निगम द्वारा इन इकाईयों को 60 दिवसीय सूचना पत्र दिए गए है, जिसके पश्चात् नियमानुसार निरस्तीकरण की कार्यवाही की जावेगी। सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग की जानकारी अनुसार समस्त उद्योगों द्वारा लीज पर आवंटित भू-खण्ड पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) खरगौन जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक प्रयोजन के लिए लीज पर आवंटित भूमि पर उद्यमियों द्वारा आवंटित उद्देश्य के अनुसार ही कार्य किया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणाओं की वर्तमान स्थिति
[सामान्य प्रशासन]
67. ( क्र. 439 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के लिए विगत 5 वर्षों में मुख्यमंत्री जी द्वारा कितनी घोषणाएं की गई कार्यवार, स्थानवार, दिनांकवार सूची देंवे। (ख) कितनी घोषणा पूरी की गई कितनी घोषणाए प्रगतिरत हैं? कितनी घोषणा पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया है? सूचीवार जानकारी देवें। (ग) खरगोन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत ऊन में माननीय मुख्यमंत्री जी ने ऊन को पर्यटन नगरी बनाने की घोषणा की थी, क्या वह प्रक्रियाधीन है या अभी तक कोई विचार नहीं किया गया और नहीं किया गया तो क्यों नहीं किया गया और यदि पर्यटन नगरी बनाएंगे तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में खरगोन जिले में एक घोषणा की गई। खरगोन जिले की नगर परिषद भीकनगांव की जल प्रदाय योजना मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्तर्गत राशि रू 815.00 लाख की अप्रैल 2013 में स्वीकृत की गई है। योजना में इंटेकवेल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, पाईप लाईन एवं ओव्हर हैड टेंक इत्यादि कार्य शामिल थे। योजना का कार्य वर्ष 2015 में पूर्ण होकर योजना से नगर में जलप्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में खरगोन जिले में कोई घोषणा नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरमौर अभ्यारण्य के औचित्य पर नये सिरे से विचार
[वन]
68. ( क्र. 442 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने खरमौर अभ्यारण्य हैं तथा पिछले पाँच वर्षों से प्रत्येक अभ्यारण्य में कितने-कितने खरमौर आये? उक्त अभ्यारण्य कितने गांवों की कितने हेक्टेयर निजी भूमि, शासकीय भूमि एवं वन भूमि है तथा किस-किस अभ्यारण्य में राजस्व क्षेत्र के मान्य अधिकार तथा वर्जित अधिकार क्या-क्या है? (ख) क्या अभ्यारण्य क्षेत्र में भूमि के विक्रय पर लगे प्रतिबंध को हटाया जायगा। यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खरमौर अभ्यारण्य की घोषणा किस वर्ष में की गई थी तथा उस लगातार 05 वर्ष में वहा कितने-कितने खरमौर प्रतिवर्ष आये थे? क्या वर्तमान में खरमौर अभ्यारण्य का कोई प्रासंगिक औचित्य है तथा उसके लिये क्षेत्र के विकास को बाधित करना प्रदेश की उन्नति में बाधक नहीं है? (घ) खरमौर क्या दुर्लभ वन्य पक्षी है इसकी प्रजाति से देश के मौलिक वन्य पक्षी का क्या संबंध है। इसके आने और जाने से क्या टूरिज्म विकसित होता है, क्या खरमौर अभ्यारण्य से देश या प्रदेश का विश्व में कोई प्रशंसनीय उल्लेख होता है यदि नहीं तो इस पर नये सिरे से विचार होगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में दो खरमौर अभ्यारण्य है। इन अभ्यारण्यों में विगत पांच वर्षों में आये खरमौर पक्षी एवं इनमें सम्मिलित गांव एवं भूमियों की प्रश्नाधीन जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अभ्यारण्यों में मान्य एवं वर्जित अधिकार के प्रावधान वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की क्रमशः धारा 27 एवं 20 में है, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। (ख) जी नहीं वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 20 के प्रावधान अनुसार अभ्यारण्यों की अधिसूचना जारी होने के पश्चात उत्तराधिकार, लिखित उत्तराधिकार, अलिखित उत्तराधिकार के हक के अतिरिक्त उक्त अधिसूचना में विनिर्दिष्ट क्षेत्र की सीमा में सम्मिलित भूमि में या उस पर कोई नया अधिकार अर्जित नहीं किया जायेगा। (ग) खरमौर अभ्यारण्यों का गठन वर्ष 1983 में किया गया है और 05 वर्ष में आये खरमौर पक्षी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है वर्तमान में भी खरमौर अभ्यारण्यों के गठन का निःसंदेह औचित्य है तथा अभ्यारण्यों के कारण स्थानीय क्षेत्र एवं प्रदेश की उन्नति बाधित नहीं हुई है। (घ) खरमौर दुर्लभ पक्षी है, इसलिए इस पक्षी के नैसर्गिक आवास को सुरक्षित किया जाना आवश्यक है। इन अभ्यारण्यों के गठन का उद्देश्य टूरिज्म का विकास न होकर, खरमौर जैसे दुर्लभ पक्षी का संरक्षण एवं संवर्धन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लॉकडाउन के दौरान घरेलु उपभोक्ताओ की रिडिंग में अनियमितता
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 443 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत लॉकडाउन के दौरान घरेलु उपभोक्ताओं की रीडिंग न ले पाने के कारण कुल कितने उपभोक्ताओं को किस-किस माह के उसी माह के वर्ष 2019 के अनुसार बिल दिये गये तथा इन उपभोक्ताओं की वास्तविक रिडिंग किस माह में ले ली गई एवं इन उपभोक्ताओं की कुल संख्या कितनी है? (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपभोक्ताओं में ऐसे कितने उपभोक्ता हैं जो जून 2019 से फरवरी 2020 तक ''इंदिरा ज्योति योजना'' के अन्तर्गत बिल प्राप्त कर रहे थे? (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत कितने उपभोक्ताओं को जिनका बिल ''इंदिरा ज्योति योजन'' के तहत 100 रूपये से 400 रूपये के मध्य फरवरी 2020 में आया था, उन्हें 1000 रूपये से ज्यादा का बिल अप्रैल 2020 का दिया गया, इसका कारण बतावें? (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत लॉकडाउन के दौरान घरेलू उपभोक्ताओं को बिल दिये गये उनमें 90 प्रतिशत से ज्यादा ”इंदिरा गृह ज्योति योजना“ के तहत बिल प्राप्त कर रहे थे, उन्हे टारगेट बनाकर 8 से 12 गुना का बिल दिया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) लॉकडाउन के दौरान घरेलू उपभोक्ताओं की रीडिंग नहीं ले पाने के कारण म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत 15 जिलों में से रतलाम जिले को छोड़कर शेष 14 जिलों में 776639 उपभोक्ताओं को माह अप्रैल, 2020 तथा रतलाम जिले में 271651 उपभोक्ताओं को माह मई 2020 में विद्युत देयक विगत वर्ष के समान माह क्रमशः माह अप्रैल 2019 एवं माह मई 2019 की खपत के अनुसार जारी किये गए एवं इन उपभोक्ताओं की वास्तविक रीडिंग क्रमश: माह मई 2020 एवं माह जून 2020 में ली गयी। (ख) प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' के तहत माह फरवरी 2020 में कुल 33.95 लाख उपभोक्ताओं को राशि रुपये 100 से रूपये 400 तक के बिल जारी किये गए थे, जिनमें से कुल 2.69 लाख (7.92 प्रतिशत) उपभोक्ताओं को उनकी विद्युत खपत के आधार पर माह अप्रैल 2020 में राशि रुपये 1000 से अधिक के बिल जारी किये गए हैं। उक्तानुसार विद्युत बिल की राशि में वृद्धि का मुख्य कारण उपभोक्ताओं की खपत में वृद्धि है। (घ) जी नहीं, विद्युत खपत के आधार पर उपभोक्ताओं को विद्युत बिल जारी किये गये।
आदिम जाति सेवा सहकारी (लेम्प्स) समिति के नियम
[सहकारिता]
70. ( क्र. 448 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के कितने जिलों में कितनी आदिम जाति सेवा सहकारी (लेम्प्स) समितियां पंजीकृत होकर कार्यरत हैं? आदिम जाति सेवा सहकारी (लेम्प्स) समितियों की जिलेवार संख्या बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार मध्यप्रदेश के कितनों जिलों में कार्य कर रही आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में 97वें संविधान संशोधन के पूर्व इन समितियों में आधे से अधिक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्य होने पर भी आरक्षित वर्गों की सदस्य संख्या के अनुपात में इन वर्गों के सदस्य निर्वाचित होते थे और तदनुसार आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाएं (लेम्प्स) में आरक्षित वर्गों का संचालक मंडल कार्यरत रहता था? क्या वर्तमान में प्रदेश शासन प्रदेश की आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में आरक्षित वर्गों के सदस्य का निर्वाचन एवं इनके संचालक मंडल बनाने के लिए सहमत नहीं है? यदि नहीं तो क्यों, कारण बताएं। (ग) क्या शासन द्वारा म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 48 की उपधारा 3 (क) में संशोधन न करने से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के सदस्य को उनकी जनसंख्या एवं संस्था की सदस्य संख्या के अनुपात में निर्वाचित करने एवं उनके संचालक मंडल का गठन करने को तैयार नहीं है? यदि नहीं तो कारण बताएं।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रदेश के 37 जिलों में 849 आदिम जाति सेवा सहकारी समितियां (लेम्पस) पंजीकृत होकर कार्यरत हैं। जिलेवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, परन्तु आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में केवल आरक्षित वर्गों का संचालक मण्डल कार्यरत रहने संबंधी प्रावधान नहीं था। 97 वें संविधान संशोधन अधिनियम के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 में किये गये आरक्षण संबंधी प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) संविधान के 97 वें संशोधन के अनुक्रम में सहकारी अधिनियम में संशोधन किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
ई-मेल नीति के अनुसार दर्ज विभागीय ई-मेल
[सामान्य प्रशासन]
71. ( क्र. 449 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1076, दिनांक 18/3/2020 के उत्तर में जानकारी कब एकत्रित कर ली गई है, यदि हाँ तो पूर्ण उत्तर प्रदान करें। (ख) साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री, समस्त विभागों के मंत्री, मुख्य सचिव, समस्त प्रमुख सचिव एवं सचिव के विभागीय सक्रिय/क्रियाशील ईमेल पता की प्रति उपलब्ध कराएं, जो ईमेल अनुपलब्ध हैं उसके कारण बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कोरोना महामारी हेतु व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 451 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कोरोना महामारी कोविड-19 के लिए आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज आरक्षित किया गया था इस कालेज को चिकित्सा सुविधा के लिए कितने बजट का आवंटन किस-किस मद में किया गया है? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या कोरोना महामारी के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के संबंध में शिकायत की गई थी यदि हाँ तो उसकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) मेडिकल कॉलेज द्वारा कोविड-19 में भर्ती मरीजों पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई नामवार, ग्रामवार राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में मरीजों से 2 दिन के 60-60 हजार रूपये वसुले जा रहे हैं इसमे कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) एन.एच.एम. अंतर्गत कारोना महामारी कोविड-19 के लिए आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सुविधा हेतु कोई बजट आवंटित नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस से पीड़ितों के उपचार में की जा रही लापरवाही के संबंध में संचालक चिकित्सा शिक्षा मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक/177/संचिशि/विविध/मॉ-बी/एफ-09/2020 दिनांक 24.07.2020 के माध्यम से माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र 215 घटीया जिला उज्जैन एवं माननीय सांसद महोदय (लोकसभा) उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र द्वारा की गई शिकायत प्राप्त हुई है जिसकी जांच हेतु कार्यलयीन आदेश क्रमांक/शिकायत/2020/10300 दिनांक 03.09.2020 द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। (ग) आरडी गार्डी मेडिकल द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार प्रतिमाह लगभग तीन करोड़ रूपये कोविड-19 मरीजों पर व्यय किया जा रहा है। तदैव पिछले पांच माह में लगभग 15 करोड़ रूपये कोविड-19 मरीजों पर व्यय किया जा चुका है। जिसका भुगतान शासन द्वारा नहीं किया गया है। नामवार, ग्रामवार राशि ब्यौरा संभव नहीं है क्योंकि मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है तथा अनेक सुविधाएं संयुक्त रूप से भर्ती मरीजों के लिए होती है। (घ) इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आबकारी विभाग द्वारा ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
73. ( क्र. 453 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिन शराब कारोबारियों एवं फर्मों को आबकारी विभाग द्वारा ब्लैक लिस्टेड किया गया था उन्हीं कारोबारियों ने अपने कर्मचारियों एवं अपने परिचितों के नाम से फर्म बनाकर एवं शासन पर दबाव बनाकर वर्ष 2020-21 के आरक्षित मूल्य से भी 15 प्रतिशत कम मूल्य पर लाईसेंस प्राप्त किये हैं? यदि हाँ तो क्या इनकी जांच की गई है। (ख) आबकारी विभाग द्वारा ब्लैक लिस्टेड किये गये कारोबारियों से घिसारा, शासन को हुए नुकसान की वसूली हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? किस ठेकेदार से कितना-कितना घिसारा वसूल करना है? जिलेवार विवरण दें। (ग) क्या शासन के नियमानुसार आबकारी विभाग द्वारा जारी किए गए वैद्य परमिट पर ही शराब का परिवहन गाडी द्वारा किया जा सकता है, परंतु ठेकेदार वैद्य परमिट के नाम पर गांव-गांव अवैध शराब का परिवहन कर वितरण किया जाता है साथ ही जिन गावों में शासकीय शराब की दुकान नहीं है उन गांवों में डायरी बनाकर गांव-गांव शराब की बिक्री अवैध रूप से की जा रही है। यदि हाँ तो शासन द्वारा उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है? (घ) म.प्र. शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2020.21 में किन-किन कम्पनियों/फर्मों व शराब ठेकेदारों को ब्लेक लिस्टेड किये गये हैं? जिलेवार सूची उपलब्ध कराये।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2020-21 के लिये मध्यप्रदेश में ऐसे शराब कारोबारियों एवं फर्मों को जिन्होंने शासन से की गई संविदा का उल्लंघन किया है, उन्हें शासन ने नियमानुसार लायसेंस प्रक्रिया में सम्मिलित होने से निषिद्व किया है। इस संबंध में राजपत्र क्रमांक 176 दिनांक 23 मई, 2020 की कंडिका-16.7 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। यह उल्लेखनीय है कि ब्लैक लिस्टेड शराब कारोबारियों के कर्मचारियों एवं उनके परिचितों के द्वारा ठेके लिये जाने के संबंध में कोई प्रतिबंध नियमों में नहीं है। दुकानों के निष्पादन हेतु पूर्ण पारदर्शीय प्रक्रिया अपनाई जाती है। (ख) लायसेंसियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 7373/2020 एवं अन्य में दिनांक 22.07.2020 को पारित आदेश में यह उल्लेखित है कि जिन लायसेंसियों द्वारा ठेके छोड़े गये हैं वे जिला निष्पादन समिति के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत करें तथा जिला निष्पादन समिति उस आवेदन के तथ्यों का परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रेषित करें जिसपर राज्य सरकार द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार कर आवश्यक निर्णय लिया जाये। उक्त कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन होने से खिसारे की वास्तविक राशि का आंकलन अभी पूर्ण नहीं हुआ है। इस कारण खिसारे की वसूली की कार्यवाही लंबित है। खिसारे की राशि का आंकलन होने पर वसूली की कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी। (ग) जी हाँ। शासन के नियमानुसार आबकारी विभाग द्वारा जारी किए गए वैध परमिट पर ही मदिरा परिवहन किये जाने का प्रावधान है। बिना वैध परमिट के मदिरा परिवहन करने पर तथा शासकीय मदिरा दुकानों के अतिरिक्त अन्य स्थलों से मदिरा की बिक्री अथवा संग्रहण करने पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की सुसंगत धाराओं के तहत प्रकरण कायम कर कार्यवाही की जाती है। (घ) मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 176 दिनांक 23.05.2020 में प्रावधानित व्यवस्था अनुसार प्रदेश के जिलों में कतिपय मदिरा अनुज्ञप्तिधारी, मदिरा दुकानों की निष्पादन व्यवस्था में सम्मिलित होने हेतु अपात्र घोषित किये गये हैं। ऐसे अनुज्ञप्तिधारियों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
जिला समिति रतलाम का आर.एम. ट्रेडर्स से 40 लाख की वसूली
[सहकारिता]
74. ( क्र. 455 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रमुख सचिव को लिखे गये पत्र क्रमांक 76 दिनांक 31.01.2020 का बिन्दुवार उत्तर दिलाया जाय तथा बतावें कि क्षेत्रीय प्रबंधक उज्जैन द्वारा जो अनुशंसा की गई उससे प्रश्नकर्ता को क्यों नहीं अवगत कराया गया? अनुशंसा की प्रति देवें। (ख) जिलास्तरीय प्याज उर्पाजन समिति रतलाम ने दो साल बाद क्यों निर्णय लिया विलंब का कारण बतावें तथा बतावें कि जिन बिन्दुओं तथा दस्तावेजों का अध्ययन कर आर.एम. ट्रेडर्स द्वारा खरीदें प्याज का विनिष्टीकरण बागवान से वसूला गया उन सारे बिन्दुओं का उल्लेख कर दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) समिति ने अंतिम निर्णय लेते वक्त प्रश्नकर्ता विधायक, पूर्व विधायक पारस सकलेचा तथा बागवान ट्रेडिंग कम्पनी द्वारा दिये गये पत्रों को संज्ञान में लिया या नहीं। यदि लिया तो उन पत्रों की सूची पेश करें तथा बतावें कि अंतिम निर्णय में पत्रों के बिन्दुओ का उल्लेख किस पृष्ठ पर है। (घ) बतावें कि 23.07.2017 को 1500 टन प्याज की नीलामी के दिन जिला समिति के सदस्य कौन-कौन अधिकारी वहा उपस्थित थे? क्या मण्डी के शेड 01, 02, 03 तथा 04 पर 1500 टन अनुमानित प्याज रखा था? क्या उनके सम्मुख 05 व्यापारियों ने डेढ़ घण्टे तक बोली नहीं लगाई? क्या उनकी वीडियों रिकार्डिंग नहीं की गई? फिर आर.एम.ट्रेडर्स का खरीदा प्याज 29.07.2017 तक खराब कैसे हो गया? (ड.) क्या जिला समिति ने विनिष्टिकरण संबधी समस्त दस्तावेज का परीक्षण किया? यदि हाँ तो उन सारे दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करावें। क्या समिति को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्राप्त पत्र एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को बिन्दुवार जानकारी हेतु भेजा गया है। इसी प्रकार का पत्र माननीय सदस्य द्वारा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को भी पत्र क्रमांक 1276 दिनांक 29.11.2019 भेजा गया है, जिस पर एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधक उज्जैन से जांच कराई गई। क्षेत्रीय प्रबंधक उज्जैन द्वारा दिनांक 10.07.2020 को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जो कि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को भेजा गया है। एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के अनुसार नियमानुसार प्रक्रिया में प्रावधान नहीं होने से क्षेत्रीय प्रबंधक की अनुशंसा से अवगत नहीं कराया जा सका। क्षेत्रीय प्रबंधक की अनुशंसा संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला स्तरीय समिति को अधिकार एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल के कार्यालयीन पत्र क्र./उपार्जन/2018-19/148 भोपाल दिनांक 04.05.2018 से ही प्राप्त हुए थे, अत: जिला स्तरीय समिति द्वारा उक्त तिथि के उपरान्त निर्णय लिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, प्रथमतः 2500 मे.टन मेसर्स बागवान ट्रेडिंग कंपनी द्वारा ही खरीदा गया था, उनके द्वारा पूरी मंडी में प्याज छांट-छांट कर व्यापारी अनुसार भर्ती कर अपनी मनमर्जी अनुसार मंडी से विक्रय किया जो जारी विज्ञप्ति की शर्तों का उल्लंघन था। यह बागवान ट्रेडिंग कंपनी ने अपने पत्र दिनांक 07.09.2017 के प्रथम बिन्दु में खुद स्वीकार किया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, उक्त फर्म को कृषि उपज मंडी समिति द्वारा अपने पत्र क्र. 824 दिनांक 21.07.2017 से भी नोटिस दिया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है, इन्हीं पत्रों (प्रपत्र 2 एवं 3) को आधार मानकर प्रथम दृष्टया दोषी मानकर राशि वसूल की गई। (ग) समिति ने उक्त पत्रों को संज्ञान में नहीं लिया है क्योंकि बागवान ट्रेडिंग कंपनी के पत्र दिनांक 07.09.2017 एवं स्मरण पत्र दिनांक 15.09.2017 के प्रत्युत्तर में एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन जिला कार्यालय रतलाम द्वारा पत्र क्र. 576 रतलाम दिनांक 04.10.2017 से विनिष्टीकरण की राशि वसूली की कार्रवाई की जायेगी, का उल्लेख किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) दिनांक 23.07.2017 को 1500 मे.टन प्याज की नीलामी के दिन जिला स्तरीय समिति के अग्रलिखित सदस्य उपस्थित थे:- 1. अपर कलेक्टर श्री कैलाश बुंदेला, 2. श्रीमती डॉ. रश्मि श्रीवास्तव तहसीलदार राजस्व रतलाम, 3. श्री आर.सी. जांगडे जिला आपूर्ति अधिकारी रतलाम, 4. श्री एम.एल. बारसे सचिव कृषि उपज मंडी रतलाम, 5. सुश्री स्वाति राय जिला विपणन अधिकारी रतलाम, 6. श्री सतीश आगर जिला प्रबंधक रतलाम। जी हाँ, मंडी शेड 01,02,03 तथा 04 पर 1500 मे.टन अनुमानित प्याज उपलब्ध था। जी हाँ, समिति के समक्ष 5 व्यापारियों ने बोली लगाई थी। जी हाँ, नीलामी की वीडियो रिकार्डिंग समिति के समक्ष कृषि उपज मंडी समिति, रतलाम द्वारा कराई गई थी। आर.एम. ट्रेडर्स द्वारा खरीदी गयी प्याज प्रथम तौर पर मेसर्स बागवान ट्रेडिंग कंपनी के द्वारा ही अधिकांश बोरे अव्यवस्थित रूप से खोले जाकर प्याज में कांट-छांट की जाकर शेष प्याज की मात्रा यत्र-तत्र बिखेरने के कारण खराब करने पर दूसरी बार नीलामी करना पड़ा, यदि बागवान ट्रेडिंग कंपनी प्याज खराब नहीं करती तो दोबारा विक्रय का कोई औचित्य ही नहीं था। यह कहना सत्य नहीं है कि प्याज दिनांक 29.07.2017 तक खराब हो गया क्योंकि यह प्याज बागवान ट्रेडिंग कंपनी द्वारा दिनांक 14.07.2017 से 22.07.2017 के दौरान अव्यवस्थित कांट-छांट के कारण ही खराब हुआ था। (ड.) जी हाँ, संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन किया गया। विनिष्टीकरण का कार्य संबंधित क्रय एजेंसी द्वारा कराया गया, उनके द्वारा विनिष्टीकरण की मात्रा का पत्र द्वारा उल्लेख किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। जिला समिति की अनुशंसा के आधार पर प्रबंध संचालक एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा निर्णय लिया गया है, इस पर पुनर्विचार की स्थिति नहीं है।
चिरायु अस्पताल में कोविड पाजीटीव मरीज हेतु किये गये अनुबंध
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
75. ( क्र. 457 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिरायु अस्पताल भोपाल में किस दिनांक से शासन द्वारा कोविड पाजीटिव हेतु कितने बेड किस दर से अनुबंधित किये गये? अनुबंध की प्रति देवे तथा बतावें कि अनुबंध दिनांक से अगस्त 2020 तक शासन द्वारा भेजे गये कोविड के कितने-कितने मरीज भर्ती थे? दिनांक अनुसार सूची देवें। (ख) चिरायु अस्पताल, भोपाल में किस-किस दिनांक को कोविड के कितने-कितने मरीज भेजे गये तथा अनुबंध में मरीज की दवा, आक्सीजन, वेटिंलेटर आदि हेतु क्या शर्तें है? (ग) माननीय मुख्यमंत्री चिरायु अस्पताल में शासन अनुबंधित श्रेणी में थे कि अपने निजी स्तर पर भर्ती किये गये थे? क्या विभाग के यह संज्ञान में है कि चिरायु अस्पताल का मालिक PMT परीक्षा 2012 में घोटाले में CBI द्वारा गिरफ्तार किया गया था तथा क्या यह जानकारी मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाई गई थी? (घ) चिरायु अस्पताल को अनुबंध दिनांक से अगस्त 2020 तक कुल कितना भुगतान बनता है, कितना कर दिया गया तथा कितना शेष है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) चिरायु अस्पताल से दिनांक 02.04.2020 को शासन द्वारा अनुबंध किया गया एवं दर से संबंधित आदेश अनुबंध प्रति के साथ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनुबंध दिनांक से अगस्त 2020 तक भर्ती मरीजों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) मरीजों की दवा, ऑक्सीजन, वेटींलेटर आदि की शर्तें शासन के अनुबंध अनुसार हैं। (ग) माननीय मुख्यमंत्री चिरायु अस्पताल में शासन अनुबंधित श्रेणी में भर्ती किये गये थे। (घ) चिरायु अस्पताल को अनुबंध दिनांक से अगस्त 2020 तक फिक्स चार्ज का कुल राशि रू. 24,38,10,810/रू. चौबीस करोड़ अड़तीस लाख दस हजार आठ सौ दस मात्र) का भुगतान बनता है। जिसमें से नियमानुसार अनुबंध दिनांक से फिक्स चार्ज की राशि रू. 24,21,85,405/चौबीस करोड़ इक्कीस लाख पचासी हजार चार सौ पांच मात्र) का भुगतान कर दिया गया है एवं वेरिएबल चार्ज के देयक अप्राप्त है। अतः कोई भुगतान शेष नहीं है।
बदले हुये ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 459 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर बदले गये हैं? (ख) बदले हुये ट्रांसफार्मरों में से कितने नये ट्रांसफार्मर क्रय किये गये तथा कितने पुराने मरम्मत कर रखे गये? (ग) क्रय किये गये एवं मरम्मत किये गये ट्रांसफार्मरों की राशि का विवरण पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सागर जिले के बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल 711 वितरण ट्रांसफार्मर बदले गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित बदले गये 711 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 678 वितरण ट्रांसफार्मर रिपेयर्ड/मरम्मत वाले एवं 33 नये वितरण ट्रांसफार्मर हैं। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मरों में से क्रय किये गये नये एवं रिपेयर्ड/मरम्मत वाले वितरण ट्रांसफार्मरों की मरम्मत में व्यय राशि का पृथक-पृथक विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
मार्बल खदान द्वारा नियम विरूद्ध की गई डंपिंग
[खनिज साधन]
77. ( क्र. 463 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित खदान से निकलने वाले वैस्टेज की डम्पिंग छपरा जलाशय के कैचमेंट एरिया में करने तथा निर्धारित क्षमता से अधिक गहराई तक खुदाई करने से इस जलाशय में जल भंडारण नहीं हो पा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो संबंधित जलाशय के कैचमेंट एरिया में डम्पिंग कर अवरोध उत्पन्न करने वाली मांइस के विरूद्ध विगत 5 वर्षों में कलेक्टर कटनी एवं जल संसाधन विभाग कटनी द्वारा कब-कब, क्या-क्या शिकायतें दर्ज कराई और इन शिकायतों पर कब-कब किसने जांच कर क्या जांच प्रतिवेदन दिया तथा उस पर कब क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण दस्तावेजों की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जल संसाधन विभाग द्वारा भेजे गये प्रतिवेदनों पर संबंधित मार्बल खदान धारकों पर कोई कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है? क्या विभाग संबंधित मार्बल खदान पर वैधानिक कार्यवाही करेगा, उत्तर में यदि हाँ तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जल संसाधन विभाग, कटनी का पत्र दिनांक 31.10.2018, 15.07.2019, 25.07.2019 एवं 27.08.2020 के द्वारा इस कार्यालय को लेख किया गया था। जल संसाधन विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से स्थल निरीक्षण कर दिनांक 23.07.2019 को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। स्थल जांच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। कटनी मार्बल को ग्राम छपरा के खसरा नंबर 354/1 एवं 354/2 रकबा 2.00 हेक्टेयर क्षेत्र पर मार्बल खनिज के ओवर बर्डन रखे जाने हेतु सबसीडरी परपज की अवधि दिनांक 25.07.2012 तक के लिये स्वीकृत थी, जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी है एवं पट्टाधारी मेसर्स शिवशक्ति मार्बल को ग्राम छपरा के खसरा नंबर 187 रकबा 1.60 हेक्टेयर क्षेत्र पर मार्बल खनिज के ओवर बर्डन रखे जाने हेतु सबसीडरी परपज की अनुमति दिनांक 20.11.2012 तक के लिये प्राप्त थी। उक्त दोनो पट्टाधारियों को स्वीकृत रहे सबसीडरी परपज क्षेत्र पर डम्पिंग किये ओवर बर्डन को हटाये जाने हेतु कार्यालय कलेक्टर, कटनी के पत्र क्रमांक 5448 एवं 5450 दिनांक 31.12.2019 के द्वारा लेख किया गया है। पट्टाधारी मेसर्स शिवशक्ति मार्बल को ग्राम छपरा के कुल रकबा 3.42 हेक्टेयर क्षेत्र पर मार्बल खनिज हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टा को कलेक्टर कार्यालय द्वारा निरस्त करने का प्रस्ताव है। प्रकरण निराकरण के परिप्रक्ष्य में नियमानुसार सुनवाई दिनांक 28.09.2020 को नियत है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के समीप ग्राम छपरा में पट्टाधारी श्री केवल सिंह को खसरा नबंर 358, 370 में मार्बल खनिज के स्वीकृत उत्खनिपट्टा नवकरण आवेदन पत्र निरस्त करने का कलेक्टर का प्रस्ताव है। प्रकरण में नियमानुसार निराकरण हेतु अगली सुनवाई दिनांक 28.09.2020 को नियत है। (ग) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित अनुसार विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 465 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए ग्रामीण बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़कर सरकार का सहयोगी बनाने के उद्देश्य से वर्ष 1995 में म.प्र. शासन द्वारा जनस्वास्थ्य रक्षक योजना की शुरूआत की थी? यदि हाँ तो प्रशिक्षण के संबंध में सम्पूर्ण विवरण देवें कि किस प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है और जनस्वास्थ्य रक्षकों को प्रशिक्षित करने का क्या उद्देश्य था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उज्जैन जिले के, विधानसभा क्षेत्रवार बतावें कि वर्षवार कितनी-कितनी अवधि के प्रशिक्षण दिये गये और प्रशिक्षणों पर कितना-कितना व्यय किया गया? प्रशिक्षणों में कितने-कितने प्रतिभागियों की सहभागिता रही है? विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ग) जनस्वास्थ्यरक्षकों की नियुक्ति के संबंध में संचालनलय स्वास्थ्य सेवाए मध्यप्रदेश के आदेश क्र.-3/प्र.क./सेल-2/2019/1425 दिनांक 11.12.2019 द्वारा किस प्रकार के परीक्षा का उल्लेख किया गया है और प्रशिक्षण के लिए कितनी अवधि का उल्लेख किया गया है? क्या इसका परीक्षण किया जा चुका है और उस पर क्या निर्णय लिया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घट्टिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उद्योगों का विकास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
79. ( क्र. 466 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उद्योगो के विकास हेतु क्या कार्य योजना आदि प्रस्तावित की गई है? कार्य योजना का स्वरूप क्या है? यदि नहीं तो किस कारण से किसी भी प्रकार की उद्योग नीति नहीं बनाई गई? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) वर्ष 2015 से पूर्व इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए भी क्या औद्योगिक नीति बनाई गई थी? यदि हाँ तो उद्योग नीति क्या है? (ग) क्या भविष्य में विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में औद्योगिक नीति बनाने पर विचार किया जा रहा है? यदि हाँ तो नीति का स्वरूप क्या होगा? किस प्रकार के उद्योगों को संचालित करने की योजना है?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) एवं (ख) शासन द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार औद्योगिक नीति तैयार नहीं की जाती अपितु प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने एवं रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा वृहद श्रेणी की पात्र औद्योगिक इकाईयों के लिए उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2019) दिनांक 01.10.2014 से लागू की गई है, जो वर्तमान में संपूर्ण प्रदेश में प्रभावशील है। उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थापित पात्र वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाईयां भी इस नीति अंतर्गत प्रावधानित सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकती है। (ग) शासन द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार औद्योगिक नीति तैयार नहीं की जाती है। अत: विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के लिये पृथक से औद्योगिक नीति बनाने का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन नहीं है।
अवैध उत्खनन एवं परिवहन
[खनिज साधन]
80. ( क्र. 468 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अवैध उत्खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर अर्थदण्ड/जुर्माना के रुप में कितनी-कितनी धनराशि संबंधितों से वसूल की गई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या नीमच जिले में प्रश्नांश (क) में पंजीबद्ध प्रकरणों में खनिज अधिनियम का उल्लंघन करने से उपयोग में लाये जाने वाले उपकरण आदि के राजसात करने की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो प्रकरणवार ब्यौरा दें यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ग) जिले में अवैध उत्खनन एवं परिवहन के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है और इसकी रोकथाम के लिये शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अवैध उत्खननकर्ता/परिवहनकर्ता द्वारा नियमानुसार अर्थदण्ड की राशि जमा किये जाने से प्रश्नानुसार कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जिले में अवैध उत्खनन एवं परिवहन के संबंध में 22 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाकर शिकायतों का निराकरण किया गया है। अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु जिले में गठित टास्क फोर्स जिसमें राजस्व वन, पुलिस, खनिज एवं परिवहन विभाग के संयुक्त दल द्वारा कार्यवाही की गई है।
नसबंदी आपरेशन उपरांत ग्रीन कार्ड का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 470 ) श्री राहुल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा राज्य के महिला कर्मचारियों को नसबंदी आपरेशन कराने पर ग्रीन कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है? (ख) यदि हाँ तो महिला कर्मचारी की प्रथम प्रसूति दि. 25.11.2008 को एक संतान एवं द्वितीय प्रसूति दिनांक 29.12.2011 को दो जुडवा संतानों ने जन्म लिया तो ऐसी स्थिति में क्या ग्रीन कार्ड की पात्रता बनती है? (ग) यदि हाँ तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दमोह द्वारा श्रीमति जया दुबे, माध्यमिक शिक्षक शा.उ.मा.वि.मारूताल को आवेदन करने के पश्चात भी ग्रीन कार्ड जारी क्यों नहीं किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी योजना का आवंटन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
82. ( क्र. 475 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी योजना अंतर्गत विगत 5 वर्षों में खण्डवा जिले को कितनी राशि आवंटित की गई है? वर्षवार बताएं। (ख) प्राप्त आवंटन से खण्डवा जिले में कितनी राशि के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं तथा कितनी राशि शेष रही है और क्यों? (ग) क्या जनभागीदारी योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं एवं अधोसंरचना से अनेक विकास के कार्य हुए हैं? (घ) यदि हाँ तो क्या जनभागीदारी योजना अंतर्गत जिले के पूर्ववत बजट आवंटन वर्ष 2020-21 के लिये दिया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। योजनान्तर्गत प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण राशि रू. 64.489 लाख लेप्स हुई। (ग) जी हाँ। (घ) जिले को राशि का आवंटन जिले की मांग एवं योजना के लिए उपलब्ध बजट आवंटन पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वेतन निर्धारण का सत्यापन
[वित्त]
83. ( क्र. 478 ) श्री संजय यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासनान्तर्गत कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी के वेतन निर्धारण के पश्चात् सत्यापन हेतु सेवा पुस्तिका को वित्त विभाग के कोष एवं लेखा कार्यालय को भेजा जाता है? यदि हां, तो IFMS के तहत विभिन्न कार्यालय द्वारा वेतन निर्धारण किये जाने के बाद भी कोष एवं लेखा द्वारा सत्यापन करवाये जाने का क्या औचित्य है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत संबंधित कोष एवं लेखा द्वारा जबलपुर तथा भोपाल शहर में स्थित शासकीय महाविद्यालय के कितने प्राध्यापकों के वेतन निर्धारण का सत्यापन 1 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक किया गया है? इस दौरान कितने प्राध्यापकों की सेवा पुस्तिका वेतन निर्धारण सत्यापन हेतु एक से अधिक बार प्राप्त की गयी? इसका क्या कारण था? प्राध्यापकों के नामवार आवक-जावक का क्रमांक तिथि सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत यह भी जानकारी उपलब्ध करावें कि कोष एवं लेखा द्वारा एक बार में अधिकतम कितने दिनों तक वेतन निर्धारण के सत्यापन हेतु सेवा पुस्तिका रखे जाने का प्रावधान है? यदि ऐसा प्रावधान नहीं है, तो क्या विभाग संभावित भ्रष्टाचार एवं मूल विभाग के परेशानी के मद्देनजर सीमा निर्धारण कब तक तय कर देगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन वित्त विभाग भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 11/1/2008/नियम/चार,दिनांक 24.01.2008 की कंडिका-16 में समयमान वेतनमान की जांच एवं वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-8-1/2016/नियम/चार,दिनांक 22.07.2017 की कंडिका-9 एवं 10 (3) के तहत् मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम,2017 के अंतर्गत वेतन निर्धारण प्रकरणों की जांच/अनुमोदन संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा से कराये जाने के निर्देश है। उपरोक्त परिपत्र दिनांक 22.07.2017 की कंडिका-12 (e) में स्पष्ट किया गया है कि कम्प्यूटर जनित वेतन निर्धारण कार्यालय प्रमुख की सहायता के लिये है और अंनतिम है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में भोपाल एवं जबलपुर में स्थित शासकीय महाविद्यालयों के जिन प्राध्यापकों का वेतन निर्धारण सत्यापन किया गया तथा जिन प्राध्यापकों के प्रकरण IFMIS पर एक से अधिक बार प्रस्तुत किये गये है का विवरण निम्नानुसार है:- प्राप्त प्रकरणों की संख्या भोपाल 461, जबलपुर-158 सत्यापित वेतन निर्धारण प्रकरणों की संख्या भोपाल 460, जबलपुर-126 एक से अधिक बार में प्राप्त प्रकरणों की संख्या- भोपाल-185, जबलपुर-31 विभागीय स्तर पर लंबित भोपाल-01, जबलपुर-32 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्यालय में संधारित अभिलेख अनुसार जबलपुर एवं भोपाल शहर में स्थित शासकीय महाविद्यालयों से प्राप्त प्रकरणों की आबक-जाबक, तिथि सहित नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कार्यालय हेतु निर्धारित सिटीजन चार्टर अनुसार वेतन निर्धारण की जांच की कार्यवाही हेतु 90 दिवस की समय-सीमा निर्धारित है।
रानी दुर्गावती लिफ्ट ऐरीकेशन योजना की स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
84. ( क्र. 479 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के बरगी विधान सभा क्षेत्र नर्मदा घाटी दायीं तट नहर जबलपुर रानी दुर्गावती लिफ्ट ऐरीकेशन उद्वहन सिंचाई योजना की स्वीकृति कब हुई? (ख) कार्य आदेश कब दिया गया एवं निविदा कब जारी की गई? (ग) कार्य की अभी तक कितनी प्रगति हुई वर्तमान स्थिति से अवगत करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 26/02/2018 को। (ख) दिनांक 05/10/2019 को। पंचम निविदा दिनांक 27/02/2019 को। (ग) सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। रूपांकन एवं आवश्यक स्वीकृति संबंधी कार्य प्रगति पर हैं।
लघु उद्योग सम्बर्धन बोर्ड का गठन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
85. ( क्र. 486 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के जिलों में उपर्युक्त विषयांतर्गत भोपाल जिला प्रशासन द्वारा कब-कब बैठक बुलाई गई? तिथिवार एवं कार्यवाही विवरण दिया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सम्बर्धन बोर्ड के सभी सदस्य विभाग ने निर्णीत नियमों का पालन प्रतिवेदन भेजे है? यदि नहीं तो उन विभागों के नाम बताये जायें।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) भोपाल हेतु गठित जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक दिनांक 13.03.2018 एवं 04.12.2019 को आयोजित की गई है। बैठक के कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्न 'क' में उल्लेखित बोर्ड की बैठकों में लिये गये निर्णयों हेतु नगरीय विकास एवं आवास विभाग तथा ऊर्जा विभाग द्वारा पालन प्रतिवेदन प्रेषित नहीं किया गया है।
वन विभाग के विभिन्न नियमों की जानकारी
[वन]
86. ( क्र. 489 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सभी तरह के वन क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायतों के दैनिक निस्तार के अंतर्गत सड़क, बिजली, पानी आदि विभिन्न विषयों पर पंचायत एवं वन विभाग के अधिकार क्या-क्या हैं? इस संबंध के सभी कानूनों एवं नियमों का प्रति के साथ विवरण दें। (ख) वन अधिकार के पत्रक प्राप्त हितग्राहियों की सड़क, बिजली, पानी के संबंध में विभाग क्या-क्या व्यवस्था करता है? इस विषय में क्या नियम हैं? क्या वन अधिकार पत्रक प्राप्त व्यक्ति पानी हेतु बोरिंग करा सकता है एवं विद्युत कनेक्शन ले सकता है? यदि हाँ तो किस नियम के तहत? विस्तार से नियम की प्रति के साथ जानकारी दें। (ग) यदि इन विषयों पर वन विभाग की अनुमति की आवश्यकता होती है तो कितने समय में यह अनुमती दी जानी चाहिए? इस अनुमति को देने में विलंब होने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? पिछले 05 वर्षों में कितने अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? नामवार, पदवार, कारणवार जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) निस्तार के अन्तर्गत सड़क, बिजली, पानी आदि का प्रबंध करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों या संबंधित विभागों की है। उक्त कार्यों के लिये वनभूमि का उपयोग करने के लिये वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत वन विभाग से अनुमति लिया जाना आवश्यक है वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 एवं नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। इसके साथ ही अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के तहत भी प्रावधान है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) वन अधिकार के पत्रक प्राप्त हितग्राहियों को सड़क, बिजली, पानी के संबंध में वन विभाग की कोई वर्णित भूमिका या नियम नहीं है वन अधिकार पत्रधारक कृषि उत्पादन में बढ़ावा दिये जाने हेतु कूप निर्माण कार्य कर सकता है। राष्ट्रीय उद्यानों/अभ्यारण्यों में कूप निर्माण हेतु वन्यप्राणी से अनुमति लिया जाना आवश्यक है वन अधिकार पत्रक धारक/संबंधित विभाग अपनी भूमि तक विद्युत सुविधा चाहता है तो इस कार्य के लिये वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत पूर्व स्वीकृति प्राप्त करना होगी वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) वन भूमि के गैर वानिकी उपयोग के लिये भारत सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर निर्धारित की गई समय-सीमा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। अनुमति भारत सरकार स्तर से जारी होती है। अतः अनुमति न जारी करने के लिये किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत दुर्घटना में दिया गया मुआवजा
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 501 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत लखनादौन द्वारा निर्माणाधीन शॉपिग कॉम्पलेक्स निर्माण कार्य बाजार चौक लखनादौन में विद्युत दुर्घटना से दुर्गेश पिता सोहनलाल यादव उम्र लगभग 17 वर्ष निवासी ग्राम सिरमंगनी की मृत्यु हुई थी? यदि हाँ, तो विद्युत दुर्घटना के कारण मरने वाले पीड़ित पक्ष को विभाग द्वारा कितना मुआवजा दिया गया? यदि नही, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में जिन व्यस्ततम में रिहायशी इलाकों से विद्युत लाईन गुजर रही है उन्हे भूमिगत करने के संबंध में क्या कोई कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो आम नागरिकों को विद्युत तारों के कारण होने वाले हादसों से बचाने के लिये क्या योजना प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांश (क) निर्माणाधीन कार्य के दौरान विद्युत दुर्घटना के मरने वाले नाबालिक बालक के पीड़ित पक्ष को मुआवजा राशि के संबंध में विभाग को किसी अन्य विभाग से अनुशंसा/प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं? यदि हाँ, तो प्राप्त प्रस्ताव की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, निर्माणाधीन भवन में अवैधानिक रूप से विद्युत का उपयोग करते हुए आंतरिक विद्युत फिटिंग का कार्य किये जाने के दौरान प्रश्नाधीन उल्लेखित विद्युत दुर्घटना घटित हुई जिसमें श्री दुर्गेश पिता श्री सोहनलाल की मृत्यु हुई। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के परिपत्र क्रमांक 264 दिनांक 10.04.2015, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, में निहित प्रावधानों के अनुसार उक्त पीड़ित पक्ष अनुदान सहायता राशि हेतु पात्र नहीं पाया गया। (ख) वर्तमान में विद्यमान विद्युत लाईनों को भूमिगत किये जाने की प्रश्नांकित क्षेत्र में कोई भी योजना प्रस्तावित/संचालित नहीं है तथापि पूर्व में आई.पी.डी.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृत विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के कार्य के अंतर्गत चिन्हित रिहायशी इलाकों में केबलीकरण का स्वीकृत कार्य पूर्ण कर दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्युत दुर्घटना में पीड़ित पक्ष को मुआवजा/आर्थिक सहायता राशि प्रदान किये जाने का प्रस्ताव तहसीलदार लखनादौन जिला सिवनी से म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय को प्राप्त हुआ था। तत्संबंध में अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा.) सिवनी के पत्र क्रमांक 3681 दिनांक 09.12.2019 द्वारा उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार पीडित पक्ष की पात्रता नहीं होने संबंधी जवाब तहसीलदार लखनादौन को प्रेषित कर दिया गया था। उक्त प्राप्त प्रस्ताव एवं प्रेषित जवाब की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है।
कोविड-19 के संक्रमण से पॉजिटिव एवं मृतक
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
88. ( क्र. 507 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण से पॉजिटिव मरीजों की संख्या जिलेवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल जिले में कोविड-।9 के संक्रमण से पॉजिटिव मरीजों की संख्या एवं उनका इलाज किन-किन अस्पतालों में किया गया? उनकी जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 के संक्रमण से पॉजिटिव मरीजों में मृतक व्यक्तियों की जानकारी अस्पतालवार मरीजों के नाम, पते सहित उपलब्ध कराएं एवं क्या राज्य शासन द्वारा पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु पर उनके परिजनों को सहायता राशि दी जाती है? यदि हां, तो अभी तक किन-किन मृतकों के परिजनों को राशि दे दी गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल जिले में कोविड-19 के संक्रमण से मृतक व्यक्तियों के अंतिम संस्कार हेतु शमशानघाट एवं कब्रिस्तान के प्रबंधक कमेटी को शासन स्तर पर कितनी राशि दी जाती है? प्रश्न दिनांक तक किन-किन शमशानघाट एवं कब्रिस्तान कमेटियों को कितनी-कितनी राशि दी जा चुकी है एवं कितनी राशि देना शेष है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) भोपाल जिले में 01 मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 तक 10695 कोरोना मरीज पॉजिटिव पाये गये एवं उनका उपचार निम्नलिखित अस्पतालों में किया गया:- 01. हमीदिया अस्पताल, भोपाल। 02. एम्स, भोपाल। 03. चिरायु मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, भोपाल। 04. पीपुल्स मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, भोपाल। 05. एल.एन. मेडिकल कॉलेज/जे.के. हॉस्पिटल, भोपाल। 06. आर.के.डी.एफ. मेडिकल कॉलेज/हॉस्पिटल, भोपाल। 07. बंसल हॉस्पिटल, भोपाल। 08. भोपाल केयर हॉस्पिटल, भोपाल। 09. पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक/होम्योपैथी/ यूनानी अस्पताल, भोपाल। 10. कोविड केयर सेंटर, श्रमोदय विद्यालय, मुगालियाछाप, भोपाल। 11. कोविड केयर सेंटर, आर.जी.पी.व्ही. गांधीनगर, भोपाल। (ग) कोविड-19 संक्रमित मरीजों के अस्पतालों में उपचार के दौरान हुई मृत्यु की संख्या 290 (31 अगस्त 2020 तक) है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इस संबंध में शासन द्वारा कोई प्रावधान नहीं किया गया है। (घ) इस संबंध में इस कार्यालय द्वारा राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
मंत्रालय भवन की सफाई का ठेका
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 512 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्रालय में साफ-सफाई के ठेके गलत एजेंसी को दिये जाने की शिकायत श्रम विभाग को प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो 150 मजदूरों की जगह 100 मजदूरों से कार्य कराने वाले ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शिकायत की जांच पूर्ण किये बिना ही उक्त ठेके को पुन: नियमित कर दिया गया है? यदि हां, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) अभिलेखों के अनुसार यह पुष्टि की गयी कि 150 मजदूरों से ही कार्य कराया गया है। (ग) पुन: नियमित नहीं किया गया है।
असंगठित मजदूर कल्याण योजना अंतर्गत किये गये पंजीयन
[श्रम]
90. ( क्र. 513 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना के अंतर्गत भोपाल जिले में किन-किन स्थानों पर 31 अगस्त, 2020 तक असंगठित मजदूरों के पंजीयन के लिए शिविर लगाए गए? (ख) उपरोक्त पंजीयन शिविरों में अलग-अलग कितने-कितने मजदूरों का पंजीयन किया गया तथा कितने-कितने मजदूरों को पंजीयन कार्ड दिये गये? (ग) पंजीकृत मजदूरों में से कितने मजदूरों को असंगठित मजदूर कल्याण योजना के अंतर्गत हित लाभ मिला है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल के अन्तर्गत भोपाल जिले में असंगठित मजदूरों के पंजीयन हेतु दिनांक 31 अगस्त 2020 तक लगाये गये शिविरों की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायत फन्दा के 77 ग्राम पंचायतों में, बैरसिया के 110 ग्राम पंचायतों में, नगर परिषद बैरसिया के 18 वार्डों में तथा नगर निगम भोपाल के 85 वार्डों में आयोजित पंजीयन शिविरों में कुल 5,00,382 असंगठित श्रमिकों के पंजीयन कर कार्ड वितरित किये गये। (ग) पंजीकृत मजदूरों को मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अन्तर्गत अन्त्येष्टि सहायता तथा अनुग्रह सहायता के कुल 1368 प्रकरणों में हितलाभ प्रदाय किया गया है।
नवीन/उन्नयन स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
91. ( क्र. 523 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर जिला राजगढ़ के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत करने एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन किये जाने हेतु जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक शासन स्तर पर पत्राचार किया गया है? यदि हाँ तो किस-किस दिनांक को एवं उन पर शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ खोले जाने हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है एवं कब तक खोले जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। दिनांक 31.10.2019 एवं 05.11.2019 को प्रस्ताव का परीक्षण किया गया, वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन की कार्यवाही की जाएगी। (ख) जनसंख्या के निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कर गुण-दोष के आधार पर स्वास्थ्य संस्थाओं की स्वीकृति की कार्यवाही की जायेगी। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
स्टोन क्रेशर मशीनों के संचालन की स्वीकृति में अनियमितता
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 524 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जीरापुर एवं खिलचीपुर विकासखण्ड में स्टोन क्रेशर मशीन संचालन हेतु शासन द्वारा अनुमति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितनी स्वीकृति प्रदान की गई है? उनका नाम पता सहित विवरण दें। (ख) शासन द्वारा स्वीकृत स्टोन क्रेशर मशीन में से कितनी संचालित हैं एवं कितनी बंद है? क्या संचालित क्रेशर एजेंसी द्वारा शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है? (ग) क्या जीरापुर एवं खिलचीपुर विकासखण्ड में शासन द्वारा स्वीकृत स्टोन क्रेशर संचालकों द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक अवैध उत्खनन किया गया है? क्या इस संबंध में समय-समय पर शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो अवैध उत्खनन रोकने के लिए शासन द्वारा कब-कब, क्या कार्यवाही की गई है एवं क्या कार्यवाही अपेक्षित है? कब तक कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। खनिज साधन विभाग द्वारा स्टोन क्रेशर मशीन संचालन हेतु कोई अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अतिरिक्त जानकारी-मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में क्रेशर संचालन की अनुमति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। इस नियम में क्रेशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। प्रश्न में उल्लेखित विकासखण्ड में स्वीकृत उत्खनिपट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शाई गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में अवैध उत्खनन से संबंधित जानकारी दर्शायी गई है।
ग्रेसीम उद्योग नागदा जं. जिला-उज्जैन की जांच
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
93. ( क्र. 528 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रेसीम उद्योग नागदा जं. के C.S.R. फंड की जांच के लिये शासन द्वारा बनाए जांच दल जिसमें सहायक श्रमायुक्त उज्जैन, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र उज्जैन, अनुविभागीय दण्डाधिकारी नागदा, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग नागदा व मुख्य नगर पालिका अधिकारी नागदा शामिल है के द्वारा क्या जांच कर ली गई है? (ख) यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। यदि जांच नहीं हुई है तो इसके कारण बतावें। (ग) यह जांच कब प्रारंभ हुई थी एवं कब तक यह जांच पूर्ण होगी? (घ) जांच में विलंब कर प्रतिवेदन न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) से (घ) राज्य शासन स्तर से प्रश्नांश के संदर्भ में कोई जांच दल गठित नहीं किया गया है तथापि कलेक्टर उज्जैन द्वारा ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि., नागदा द्वारा C.S.R. फंड से कराये गये कार्यों हेतु उनके आदेश दिनांक 02/03/2020 द्वारा जांच दल गठित किया गया है। जांच प्रतिवेदन राज्य शासन को प्राप्त नहीं हुआ है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। C.S.R. हेतु प्रभावशील अधिनियम भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र का विषय है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर रोड शुगर मिल की भूमि पर उद्योग प्रारंभ किया जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
94. ( क्र. 529 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के महिदपुर रोड स्थित शुगर मिल के पास जो 44 हेक्टेयर भूमि है उस पर उद्योग लगाने की प्रक्रिया कब से प्रारंभ होगी? (ख) क्या ''आत्म निर्भर म.प्र.'' अभियान के तहत उद्योगों को इसमें भूमि लीज पर देकर उद्योग प्रारंभ किए जा सकेंगे? (ग) यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) से (ग) उज्जैन जिले के महिदपुर रोड़ स्थित शुगर मिल के पास की भूमि का आधिपत्य वर्तमान में विभाग के पास नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता तथापि उज्जैन जिले में विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी में आत्म निर्भर म.प्र. अभियान के अंतर्गत निवेशकों के द्वारा भूमि लीज पर लेकर उद्योग स्थापित किए जा सकते है।
लोक सेवा केन्द्रों की जानकारी
[लोक सेवा प्रबन्धन]
95. ( क्र. 532 ) श्री सुनील सराफ : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानुपर, इंदौर, उज्जैन जिलों के लोक सेवा केन्द्रों में दि. 01.04.15 से 30.06.16 तक माहवार कितने फार्म भरे गए? लोक सेवा केन्द्रवार, जिलावार बतावें। (ख) उपरोक्त अवधि में कितने फार्म का कितना भुगतान आवेदकों द्वारा किया गया? कितना शासन द्वारा किया गया? पृथक-पृथक लोक सेवा केन्द्रवार, जिलावार बतावें। (ग) इन केन्द्रों के संचालकों के नाम, पता व पहले अनुबंध व नवीनीकरण अनुबंध की समयावधि भी लोक सेवा केन्द्रवार, जिलावार बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, इंदौर, उज्जैन जिलों के लोक सेवा केन्द्रों में दिनांक 01/04/2015 से 30/06/2016 तक माहवार भरे गए फार्म की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ग) केन्द्र संचालकों के नाम पता एवं अनुबंध/नवीनीकरण की लोक सेवा केन्द्रवार एवं जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" अनुसार है।
लोटस वैली स्कूल की जांच
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 533 ) श्री सुनील सराफ : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त इंदौर संभाग के पत्र क्र. 1050 दिनांक 02.04.2018 के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर बड़वानी द्वारा लोटस वैली स्कूल ओझर जिला बड़वानी के संबंध में जांच दल बनाकर जो जांच करवाई गई उसके प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। इस जांच दल के अधिकारियों के नाम, पदनाम भी देवें। (ख) राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्र. 84 दि. 04.01.19 में इसी प्रकरण में जो जांच दल बनाया गया उसके सदस्यों के नाम, पदनाम सहित देकर प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के जांच दल में वरिष्ठ व अधिक राजपत्रित अधिकारी थे व प्रश्न (ख) के जांच दल में कनिष्ठ व कम राजपत्रित अधिकारी थे तो दोनों दलों में से किस जांच दल का प्रतिवेदन शासन कार्यवाही के लिए स्वीकार करेगा? कारण सहित बतावें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जांच दल के आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है एवं जांच प्रतिवेदन की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जांच दल के आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है एवं जांच प्रतिवेदन की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ग) प्रायवेट स्कूल की मान्यता की जांच हेतु शिक्षा का अधिकार नियम 2011 के नियम 11 (7) में की गई व्यवस्था अनुसार गठित जांच दल का प्रतिवेदन ही मान्य होगा।
कोविड-19 के बजट मद से प्राप्त बजट की सम्पूर्ण जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
97. ( क्र. 536 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अलिराजपुर/ झाबुआ को दिनांक 01-04-2020 से आज दिनांक तक क्रय के लिए ट्रेजरी सर्वर एवं एन.एच.एम के ई-वित्त के माध्यम से कोविड-19 के बजट मद से प्राप्त बजट की सम्पूर्ण जानकारी मदवार देवें। साथ ही इन मदों के विरूद्ध जारी किये गये आदेश, फर्म का नाम एवं भुगतान का मद दिनांक के साथ देवें। (ख) कोविड-19 इक्युमेंट एक्टिविटी एन.एच.एम. क्रमांक बी 31.3 में ई वित्त के माध्यम से प्राप्त राशि रूपये 19 लाख से क्रय किया गया उक्त मद की सम्पूर्ण जानकारी इन मदों के विरूद्ध जारी किये गये आदेश फर्म का नाम एवं भुगतान का मद दिनांक के साथ देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) बजट की सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
कोविड-19 के बजट मद संबंधी जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
98. ( क्र. 537 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला धार को विगत 5 वर्षों से आज दिनांक तक क्रय के लिये ट्रेजरी के सर्वर एवं एन.एच.एम. के ई.वित्त के माध्यम से कोविड-19 के बजट मद से प्राप्त जानकारी मदवार देवें। साथ ही इन मदों के विरूद्ध जारी किये गये आदेश, फर्म का नाम एवं भुगतान मद दिनांक के साथ देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला धार को एन.एच.एम. के ई-वित्त के माध्यम से कोविड-19 के बजट की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
डूब प्रभावितों को मुआवजा
[नर्मदा घाटी विकास]
99. ( क्र. 540 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर वि.स. क्षेत्र के छोटा बड़दा डूब क्षेत्र के 54 मकानों की मुआवजा राशि प्राइस इंडेक्स के अनुसार 2019 में तय हुई थी लेकिन मुआवजा राशि का अभी तक वितरण न होने से 2020 प्राइस इंडेक्स के अनुसार मुआवजा देने की प्रक्रिया की अद्यतन स्थिति बतावें? (ख) क्या मुआवजा राशि 2020 प्राइस इंडेक्स के अनुसार दी जाएगी या 2012 से 2020 तक के ब्याज समेत कुल मुआवजा राशि दी जाएगी? (ग) कब तक यह राशि प्रदान कर दी जाएगी? (घ) इसके विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन 54 मकानों की मुआवजा राशि प्राइस इंडेक्स के अनुसार तय नहीं की गई है। मकानों का मूल्यांकन दिनांक 04.10.2012 से लागू SOR के आधार पर करते हुए विभाग के आदेश दिनांक 15.04.2015 अनुसार मुआवजा राशि निर्धारित की गई है। (ग) खातेदारों द्वारा अपने बैंक खातों का विवरण प्रस्तुत करने पर। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 541 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में कितने अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं? जिलावार, संख्या बतावें। (ख) क्या कारण है कि विगत 3-4 माह से इन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है? यह कब तक प्रदान कर दिया जाएगा? (ग) इन्हें नियमित करने की प्रक्रिया का विवरण देवें। (घ) कब तक इन्हें नियमित कर दिया जाएगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) वर्तमान में शिक्षा विभाग अंतर्गत कोई अतिथि शिक्षक कार्यरत नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों के लिये निम्नानुसार प्रावधान किया गया है -''शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिये आरक्षित की जायेगी, जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य किया गया है। '' (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रवासी मजदूरों के संबल कार्ड
[श्रम]
101. ( क्र. 544 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में कोविड-19 (कोरोना) वायरस संक्रमण काल में कितने प्रवासी मजदूरों के संबल कार्ड हैं एवं कितने आये हुए प्रवासी मजदूरों के संबल कार्ड बन गए हैं? (ख) जिला नरसिंहपुर में आए हुए जिन प्रवासी मजदूरों के संबल कार्ड नहीं बने हैं वे कब तक बन जायेगें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला नरसिंहपुर में कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण काल में आये प्रवासी श्रमिकों में से 211 संबंल कार्ड है। असंगठित श्रमिक के रूप में चिन्हांकित 720 प्रवासी श्रमिकों के संबंल कार्ड बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) पात्रता/अपात्रता की जांच पूर्ण होने पर संबंल कार्ड अतिशीघ्र बनाये जायेगें।
कोविड-19 वायरस संक्रमण की रोकथाम
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
102. ( क्र. 545 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में कोविड-19 (कोरोना) वायरस संक्रमण से ग्रसित 1. बिना लक्षण वाले मरीज 2. वायरस के लक्षणों से प्रभावित मरीज 3. वायरस के लक्षणों से प्रभावित गंभीर मरीज कितने हैं? संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें। (ख) कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु जिले में क्या तैयारी की गई है? जिले में कितने कोरोना से प्रभावित लक्षणों वाले मरीजों को रखने की क्या व्यवस्था की गई है? इसकी सतर्कता के लिए क्या-क्या तैयारियां की गई हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला नरसिंहपुर में दिनांक 01.09.2020 की स्थिति में कोविड-19 (कोरोना) वायरस संक्रमण से ग्रसित- 1. बिना लक्षण वाले मरीज- 311, 2. वायरस के लक्षणों से प्रभावित मरीज- 115, 3. वायरस के लक्षणों से प्रभावित गंभीर मरीज- 15 (ख) कोरोना वायरस से रोकथाम के लिये जिले में स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों के समन्वय से सतत प्रचार-प्रसार किया गया, विकास खण्ड स्तर पर कॉल सेन्टर स्थापित किये गये, 20 स्वास्थ्य संस्थानों में फीवर क्लिनिक स्थापित किये गये एवं 14 रैपिड रिस्पॉंस टीम, 164 सब रैपिड रिस्पॉंस टीम, 14 एम.एम.यू. एवं 17 पी.एच.एम.यू. बनाये गये। जिले में कोरोना संभावित रोगियों को रखने हेतु 444 बेड उपलब्ध है। इसकी सतकर्ता के लिए टीमों का गठन किया गया है, घर-घर जाकर सर्दी-जुखांम बुखार के मरीजों की जानकारी प्राप्त की जा रही है एवं संदिग्ध मरीजों का सैम्पल एकत्रित किया जा रहा है। सिविल अस्पताल, गाडरवारा में ट्रू-नॉट मशिन के द्वारा सैम्पलिंग कर जांच की जा रही है। इसके अतिरिक्त आमजन कों कोविड-19 बीमारी से बचाव हेतु प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक भी किया जा रहा है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
103. ( क्र. 559 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मान. सांसद तथा विधायकों से प्राप्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का एक माह की समय-सीमा में निराकरण के निर्देश दिये हैं? यदि हाँ तो निर्देशों की प्रति दें। (ख) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के किन-किन विभागों के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? उक्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निरारकण क्यों नहीं हुआ तथा उनका निराकरण कब तक होगा? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक से प्राप्त पत्रों के संबंधित अधिकारियों द्वारा कब-कब जवाब दिये? किन-किन अधिकारियों द्वारा जवाब क्यों नहीं दिये गये? कारण बताये तथा कब तक पत्रों के जवाब देंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 17 अगस्त, 2009 में माननीय संसद सदस्यों/विधायकों से प्राप्त पत्र पर सावधानीपूर्वक विचार कर इसका अधिकतम एक माह की अवधि में उत्तर भेजने के निर्देश हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) रायसेन जिले में प्रश्नकर्ता माननीय विधायक से प्राप्त पत्रों के संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-सीमा में जवाब दिये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिंकी परियोजना का कार्य प्रारंभ किया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
104. ( क्र. 560 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में स्वीकृत चिंकी परियोजना का कार्य क्यों अप्रांरभ हैं? निविदा आमंत्रण की क्या स्थिति है? कहाँ-कहाँ बांध बनेगें तथा किन-किन ग्रामों की भूमि सिंचित होगी? (ख) क्या चिंकी परियोजना की निविदा आमंत्रित नहीं की जा रही है? यदि हाँ तो क्यों? कब तक निविदा आमंत्रित की जायेगी? (ग) जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं सदस्य अभियंता, नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी तथा प्रमुख सचिव एवं सदस्य अभियंता नर्मदा घाटी विकास विभाग ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता के पत्रों के जबाव क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) पूर्व में नर्मदा नदी पर चिंकी ग्राम के पास बांध परियोजना प्रस्तावित थी। इसके स्थान पर चिंकी-बौरास बैराज परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 4452.82 करोड़ दिनांक 05/02/2020 को जारी की गई है। तकनीकी स्वीकृति उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब'' अनुसार है। मुख्य अभियंता को निविदा आमंत्रण हेतु निर्देशित किया गया है। माननीय सदस्य को दिनांक 29/02/2020 एवं दिनांक 20.08.2020 को अद्यतन स्थिति से अवगत कराया गया है।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सेवा काल में गृह जिला बदलने के नियम
[सामान्य प्रशासन]
105. ( क्र. 563 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को उनकी सेवा काल में गृह जिला बदलने के संबंध में म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के कोई स्थाई नियम/आदेश आदि हैं? यदि हैं तो नियम/अादेश की छायाप्रति संलग्न करें। (ख) यदि नहीं तो प्रदेश के राज्य प्रशासनिक सेवा के किन-किन अधिकारियों का गृह जिला विगत 03 वर्षों में कब-कब, किस आधार पर बदला गया है? (ग) उपरोक्त अधिकारियों के गृह जिला नियम विरूद्ध बदले गये है तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच करा कर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के साथ ही संबंधित अधिकारी को बदले गये जिलों का आदेश निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को उनकी सेवाकाल में गृह जिला बदलने के संबंध में वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 1342/सीआर/ 2554/IV-R-72 दिनांक 17 नवम्बर, 1972 के अनुसार कार्यवाही की जाती है। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश की वित्तीय स्थिति की जानकारी
[वित्त]
106. ( क्र. 570 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 23 मार्च, 2020 के पूर्व राज्य सरकार पर कुल कितना कर्जा था? (ख) दिनांक 23 मार्च, 2020 के बाद राज्य सरकार ने किन-किन कारणों से कितना-कितना कर्जा किस-किस से कब-कब लिया है? ब्यौरा दें। (ग) क्या राज्य सरकार, राज्य की बिगड़ती वित्तीय स्थिति के संबंध में श्वेत पत्र जारी कर वस्तु स्थिति से राज्य की जनता को अवगत करायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) राज्य की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए मितव्ययता बरतने एवं फिजूल खर्ची पर रोक लगाने के संबंध में राज्य सरकार ने क्या कदम उठाये हैं? (ड.) राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किये गये है। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) राज्य शासन द्वारा म.प्र. राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत ही प्रदेश की विकासात्मक गतिविधियों के लिये नियमानुसार कर्ज लिया जाता है। किसी योजना विशिष्ट के संचालन हेतु कर्ज नहीं लिया जाता है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान वित्तीय स्थिति पर प्रदेश सरकार का श्वेत पत्र जारी करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) मितव्ययता एवं वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने के लिये राज्य सरकार द्वारा समय समय पर दिशा-निर्देश जारी किये जाते हैं। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार।
लीज पर दी गई पत्थर खदान पर अवैध कब्जा
[खनिज साधन]
107. ( क्र. 571 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के विधानसभा क्षेत्र गोहद में श्री केदार जाटव निवासी ग्राम कदोरा विकासखण्ड अटैर को 04 हेक्टेयर पत्थर खदान वर्ष 2012 में 10 वर्ष के लिए लीज पर दी गई थी? यदि हाँ तो उक्त पत्थर खदान किस नियम प्रक्रिया/आधार एवं किन-किन शर्तों पर दी गई थी? क्या लीज धारक नियम प्रक्रिया/शर्तों के अनुसार पात्र हैं? यदि नहीं तो किस आधार पर उक्त पत्थर खदान लीज पर दी गई है? स्पष्ट करें। (ख) उक्त पत्थर खदान से प्रश्न दिनांक तक कितने घन मीटर पत्थर निकाला जा चुका है एवं इस खदान से कितनी खनिज रॉयल्टी प्राप्त हुई हैं? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त लीजधारक मजदूर हैं जो कि प्रदेश से बाहर मजदूरी का कार्य करता है, उसके नाम से तथाकथित स्थानीय व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर करवाकर खदान लीज पर ली गई है एवं उक्त खदान पर उसका कब्जा है और वहीं पत्थर निकालकर विक्रय कर रहा हैं? यदि हाँ तो क्या शासन द्वारा इस पत्थर खदान की लीज की जांच कराकर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के साथ ही लीज निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियमों/शर्तों के अधीन लीजधारक नियमानुसार पात्र होने पर क्रेशर आधारित उत्खनिपट्टा अवधि दिनांक 16/04/2012 से 15/04/2022 तक 10 वर्ष की अवधि के लिये मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत स्वीकृत किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं है। (ख) उपरोक्त पत्थर खदान का दिनांक 05/09/2020 तक 2,79,393 घन मीटर खनिज पत्थर की निकासी की गई है तथा 2,90,03,621/- रूपये रॉयल्टी राशि प्राप्त हुई है। (ग) लीजधारक द्वारा वर्तमान में खदान क्षेत्र पर क्रेशर स्थापित कराकर खदान का संचालन किया जा रहा है। जिसके संबंध में कलेक्टर द्वारा लीजधारक श्री केदार सिंह को समक्ष में बुलाकर शपथ पत्र में जानकारी ली गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राघोगढ़ एवं आरोन में फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 577 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में फीडर सेपरेशन योजना अन्तर्गत कितनी-कितनी लागत के कार्य किस-किस ठेकेदार/फर्म के स्वीकृत किये गये? उपरोक्त स्वीकृत फीडर सेपरेशन के कार्यों में कितने प्रतिशत काम पूर्ण हो चुके है,एवं कितने शेष है? (ख) गुना जिले के राघौगढ़ एवं आरोन डिवीजन के किन-किन गांवों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं किन-किन गांवों में फीडर सेपरेशन के कार्य किन कारणों से शेष हैं? (ग) उपरोक्त कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी एवं संबंधित फर्म/ठेकेदारों के द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गुना जिले हेतु प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) गुना जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का राघोगढ़ संचालन-संधारण संभाग क्रियाशील है एवं आरोन नामक कोई संभाग नहीं अपितु आरोन विकासखण्ड है। राघोगढ़ संचालन-संधारण संभाग एवं आरोन विकासखण्ड के 722 ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है जिसका ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है एवं 120 ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य वर्तमान में कोई योजना उपलब्ध नहीं होने के कारण शेष है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा एवं संबधित ठेकेदार एजेंसी द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
स्थानांतरण की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
109. ( क्र. 580 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल, 2020 से अगस्त, 2020 तक सभी विभागों में किस-किस अधिकारी कर्मचारी के तबादले किये गये? दिनांक अनुसार सूची देवें। इनमें राज्य प्रशासनिक सेवा भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा अन्य सेवा के कितने अधिकारी कर्मचारी है? (ख) प्रश्नांश (क) तबादले हेतु किन-किन विधायकों तथा अन्य की अनुशंसा प्राप्त हुई है? उसकी भी सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) तबादले में शासन को अनुमानित कितना भत्ता भुगतान करना होगा? विभाग अनुसार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) तबादले हुए कर्मचारी अधिकारी में ऐसे कितने हैं जिनका विगत 2 वर्ष की अवधि में तबादला कर दिया गया था? विभागवार नाम सहित सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिलावार कोविड पर हुए खर्च की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
110. ( क्र. 584 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिन-जिन जिलों में उपचुनाव होना है उन जिलों में कुल कोविड पाजटिव तथा मृतको की संख्या उत्तर दिनांक तक बतावें तथा बतावें की उत्तर दिनांक को जिलों में कोविड पाजिटिव में इनका क्रम क्या-क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) जिलो में 31 मार्च, 30 अप्रैल, 31 मई, 30 जून तथा 31 जुलाई को कितने कोविड पाजिटिव तथा मृत थे तथा उनका प्रदेश के जिलों में उन दिनांक को क्रम क्या-क्या था? (ग) प्रश्नांश (क) जिलों में 15 अगस्त से उत्तर दिनांक तक प्रतिदिन निकले कोविड पाजिटिव की संख्या बतावें तथा अप्रैल से अगस्त, 2020 तक कुल कितना कोविड फण्ड प्राप्त हुआ। (घ) प्रश्नांश (क) के जिलों में शासन द्वारा सेन्ट्रलाइज परचेज हेतु सूची बद्ध 23 आइटम में से अप्रैल से अगस्त 2020 तक कौन-कौन से आइटम किस-किस दिनांक तक प्राप्त हुआ तथा स्थानीय स्तर पर कोविड इलाज हेतु अगस्त 2020 तक कितनी राशि खर्च की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राज्यपाल व राष्ट्रपति अवार्ड प्रदान किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
111. ( क्र. 586 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय, म.प्र. भोपाल द्वारा पूर्व में अवगत कराया गया था एवं आदेशित किया गया था कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को भी अच्छे परीक्षा परिणाम आने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करके प्रोत्साहित किया जायेगा, तो अभी तक प्रोत्साहन राशि क्यों नहीं प्रदान की गई? (ख) माध्यमिक शिक्षा मंडल में कार्यरत विषय शिक्षकों के छात्र/छात्राएं माध्यमिक शिक्षा मंडल म.प्र. भोपाल की टॉपटेन सूची में विगत 04 वर्षों से आ रहे हैं, ऐसे शिक्षकों को अभी तक किसी भी प्रकार की कोई भी प्रोत्साहन राशि किसी भी प्रकार का राज्यपाल अवार्ड एवं राष्ट्रपति अवार्ड तथा किसी भी प्रकार का सम्मान कब तक प्रदान किया जायेगा? (ग) ऐसे विषय के शिक्षकों को जिनके छात्र/छात्राओं द्वारा मैरिट सूची में स्थान प्राप्त किया है उन शिक्षकों को आऊट ऑफ टर्न पदोन्नति प्रदान करके विशेष वेतनवृद्धि का लाभ देने तथा राज्यपाल एवं राष्ट्रपति अवार्ड प्रदान करके एवं विगत कई वर्षों की प्रोत्साहन राशि जो विगत कई वर्षों से प्रदान नहीं की गई हैं उन्हें प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा? (घ) यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषाश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 के ईलाज एवं बचाव में शासन द्वारा सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
112. ( क्र. 593 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड-19 के ईलाज एवं बचाव हेतु शासन द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं मुहैया कराये जाने हेतु आदेश जारी किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सागर जिले के किन-किन शहरों/ कस्बों/ग्राम स्तर पर क्वारेन्टीन सेंटर बनाये गए? जिलावार, जनपदवार/ग्रामवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में क्वारंटीन कराये गए ससपेक्ट (संभावित सक्रमित) की नामवार तिथिवार, आने वाले स्थल और कब तक क्वारनटीन किया गया, जिलावार जनपदवार ग्राम वार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में से किन-किन व्यक्तियों को जिला कोविड सेन्टर में इलाज हेतु रखा गया? उनके सेन्टर में दाखिल एवं मुक्त किए जाने की तिथिवार जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोविड-19 के ईलाज एवं बचाव हेतु शासन द्वारा कोविड-19 के सैम्पल की जांच, उपचार हेतु कोविड केयर सेंटर, कोविड हेल्थ सेंटर, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर, होम आइसोलेशन, मरीजों को क्वारेंटाइन, कन्टेनमेंट, फिवर सर्विलेंस सुविधाएं मुहैया कराये जाने हेतु तथा जन जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार आदि के संबंध में आदेश जारी किए गए। (ख) सागर जिले में बीना, खुरई, मालथौन, जैसीनगर, शाहगढ़, मंडीबमौरा, देवरी, केसली, राहतगढ़ एवं सुरखी में कोविड केयर सेंटर तथा सागर शहर में एस.व्ही.एन., ज्ञानोदय बालक एवं बालिका छात्रावास, बीड़ी अस्पताल, टी.एल. सेन्टर, मिलेट्री अस्पताल में कोविड केयर सेन्टर स्थापित किये गये (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक-आई.डी.एस.पी./2020/666, दिनांक 19.05.2020 एवं मध्य प्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य विभाग के आदेश क्रमांक एफ/IDSP/2020/सत्रह/मेडि-1045, दिनांक 03.07.2020 में दिये गये निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। परिपत्र एवं आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा विषयक
[सामान्य प्रशासन]
113. ( क्र. 594 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 का परिणाम घोषित नहीं किया है? क्या हाईकोर्ट ने परिणाम घोषित करने पर प्रतिबंध नहीं लगाया है? यदि हाँ तो किस विधिक कारण एवं नियम से परिणाम घोषित नहीं किया गया है? (ख) अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण बनाये रखने के लिए शासन क्या त्वरित विधिक उपाय कर रहा है? (ग) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग, राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2019 कब तक आयोजित करेगा? क्या परीक्षा केन्द्रों का विस्तार अन्य शहरों में भी किया जावेगा? (घ) राज्य सेवा परीक्षा 2020 का कैलेन्डर (कार्यक्रम) कब तक घोषित कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। राज्य सेवा परीक्षा नियम-2015 के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में विभिन्न प्रवर्गों हेतु विज्ञापित रिक्तियों के 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु तथा मुख्य परीक्षा में 03 गुना अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु सफल घोषित किया जाता है। चूंकि अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरण में अंतिम निर्णय अपेक्षित है, जिससे पदों की श्रेणीवार संख्या का वास्तविक निर्धारण किया जाना संभव नहीं होने और माननीय न्यायालय द्वारा अन्यथा निर्णय पारित किये जाने की स्थिति में प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम दोषपूर्ण होना संभावित होने के दृष्टिगत परिणाम घोषित नहीं किया गया है। (ख) अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण यथावत है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित न्यायालयीन प्रकरण के अंतिम निर्णय एवं राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 का परिणाम घोषित किये जाने के पश्चात, राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2019 आयोजित की जाएगी। जी हाँ। (घ) अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित न्यायालयीन प्रकरण के अंतिम निर्णय पश्चात राज्य सेवा परीक्षा-2020 का केलेण्डर (कार्यक्रम) घोषित किया जावेगा।
अल्कोहल प्लांट की जमीन पर नये औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
114. ( क्र. 597 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम के अल्कोहल प्लांट की जमीन पर नये औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण हेतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा अपने पूववर्ती कार्यकाल में भूमि पूजन करने और जमीन का उपयोग परिवर्तन होने के बाद औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण की क्या स्थिति है? (ख) औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण की कार्ययोजना की क्या स्थिति है? कार्ययोजना प्रतिवेदन की एक प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ग) पिछले सत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने औद्योगिक क्षेत्र निर्माण के लिये शीघ्र ही समुचित धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था, क्या धनराशि उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं तो कब तक करा दी जायेगी?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन भूमि पर नगर तथा ग्राम निवेश की पार्किंग संबंधी भू-उपयोग के उपांतरण उपरांत विभाग के अधीन एमपीआईडीसी द्वारा विस्तृत योजना प्रतिवेदन बनाने हेतु सलाहकार का चयन दिनांक 09/01/2020 को किया गया। सलाहकार द्वारा फील्ड सर्वें पूर्ण कर प्रारंभिक अभिन्यास तैयार किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु निवेशकों की औद्योगिक पार्क की मांग का आंकलन करने हेतु EOI आमंत्रण करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्तानुसार औद्योगिक इकाईयों की मांग के पश्चात् ही प्रश्नांश से संबंधित अन्य बिन्दुओं पर विचार किया जायेगा।
रतलाम जिला चिकित्सालय भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
115. ( क्र. 598 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला चिकित्सालय की 70 साल पुरानी जर्जर ईमारत के कारण अप्रिय हादसा होने की आशंका है। (ख) यदि हाँ, तो क्या व्यापक जनहित को देखते हुये विभाग यथाशीघ्र नये भवन का निर्माण करायेगा? भवन निर्माण की कोई कार्य योजना है यदि हाँ, तो क्या?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला अस्पताल रतलाम का भवन काफी पुराना है एवं अपनी आयु पूर्ण कर चुका है, परंतु एम.सी.एच. विंग एवं ट्रामा युनिट भवन नये बन चुके है। (ख) जिला अस्पताल रतलाम को 500 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन हेतु संस्था स्वीकृति आदेश क्रमांक एफ 1-15/07/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 14/07/2018 द्वारा दी गई है भवन निर्माण हेतु पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग द्वारा वास्तुविद की नियुक्ति कर दी गई है। डी.पी.आर. प्राप्त होने पर तथा बजट की उपलब्धतानुसार भवन निर्माण की स्वीकृति यथाशीघ्र हो सकेगी।
नि:शक्तता प्रमाण-पत्रों के नवीनीकरण की आवश्यकता का समाप्त किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
116. ( क्र. 602 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 20.04.2008 के बाद नि:शक्तजन सशक्तीकरण को दृष्टिगत रखते हुए एक बार जारी किया गया नि:शक्तता प्रमाण-पत्र हमेशा के लिए स्थायी रूप में मान्य होगा? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदाय प्रश्नांकित प्रमाण-पत्र की शर्तें क्या हैं तथा किस दिनांक के बाद प्रदाय किये गये प्रमाण-पत्रों को स्थायी मान्य किया गया है? जारी परिपत्रों की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) पूर्णरूपेण नहीं। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 24 जुलाई, 2019 में वर्णित प्रावधान अनुसार दिव्यांगता प्रमाण-पत्र संबंधित चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रमाण-पत्र प्रदाय किये जाने की शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
औद्योगिक क्षेत्रों का विकास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
117. ( क्र. 603 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन/ हस्तांतरण/निरस्तीकरण के शासन के क्या नियम हैं? (ख) औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल एवं जिला उद्योग केन्द्र भोपाल के अंतर्गत कहां-कहां पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये गये हैं? औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) उक्त औद्योगिक क्षेत्रों के अंतर्गत कितने-कितने भूखण्ड किस-किस फर्म/व्यक्ति को कब-कब, किस-किस आकार के आवंटित किये गये हैं? आवंटित फर्म का नाम, स्वामी का नाम, भूखण्ड क्रमांक सहित औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी दें। (घ) किस-किस औद्योगिक क्षेत्र में वर्तमान में कितने-कितने भूखण्ड किस-किस आकार के रिक्त हैं? भूखण्ड क्रमांक सहित जानकारी दें। (ड.) रिक्त भूखण्डों को आवंटित करने की शासन की क्या योजना है? कितने आवेदन आवंटन हेतु लंबित हैं? औद्योगिक क्षेत्रवार बतावें। कब तक उनका आवंटन कर दिया जावेगा?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) मध्यप्रदेश के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन/हस्तांतरण/निरस्तीकरण की कार्यवाही ‘’मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019'' के प्रावधानों के तहत की जाती है एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण वाले औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन/हस्तांतरण/निरस्तीकरण हेतु मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबधंन नियम 2015 प्रचलित हैं। (ख) विभाग के अधीन एमपीआयडीसी क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के क्षेत्र अंतर्गत 13 औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये गये है। विकसित औद्योगिक क्षेत्रों की जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अधीन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र भोपाल के अन्तर्गत निम्नलिखित विकसित औद्योगिक क्षेत्र है:- 1. औद्यागिक क्षेत्र गोविन्दपुरा, भोपाल.2. औद्योगिक क्षेत्र, कालीपरेड, भोपाल. 3. औद्योगिक क्षेत्र प्रेस काम्पलेक्स,भोपाल. (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों की औद्योगिक क्षेत्रवार वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-”1 (अ) “ अनुसार है। (घ) विभाग के अधीन एमपीआयडीसी क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में वर्तमान में रिक्त भूखण्डों की भूखण्ड क्रमांक एवं आकार सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटन योग्य भूखण्ड रिक्त नहीं है। (ड.) विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्रों में रिक्त भूखण्डों को आवंटित करने हेतु ऑनलाईन आवंटन प्रक्रिया जारी है जिसके तहत आवेदक स्वयं ही invest.mpidc.co.in पर विजिट कर आवंटन हेतु उपलब्ध रिक्त भूखण्डों का अवलोकन कर आवंटन हेतु ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं तथा वर्तमान में कोई भी आवेदन निर्धारित समय-सीमा के बाद आवंटन हेतु लंबित नहीं है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अधीन रिक्त भूखण्ड नहीं होने से प्रश्न से संबंधित जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
क्रेसर/खदान लीज
[खनिज साधन]
118. ( क्र. 607 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी-सिंगरौली जिले में वर्ष 2015 से अब तक कितने क्रेसर एवं अन्य प्रकार की खदानें संचालित हैं? संचालक/फर्म एवं स्थल के संपूर्ण पते की जानकारी उपलब्ध कराई जाय? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित क्रेसर में पत्थर निकालने हेतु लीज प्रदान किये जाने के क्या नियम हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। किस-किस व्यक्ति/फर्म को पत्थर निकालने हेतु लीज दी गई है? स्वीकृति आदेश व अनापत्ति प्रमाण-पत्र की प्रति उपलब्ध कराई जाय?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में यांत्रिक क्रिया द्वारा गिट्टी बनाने के लिये पत्थर (अर्थात् क्रशर के उपयोग हेतु) उत्खनिपट्टा स्वीकृत करने के प्रावधान है। यह नियम अधिसूचित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर की पदस्थगी
[वन]
119. ( क्र. 619 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में बिजवाड़ रेंज के पानीगांव अंतर्गत वर्ष 2013 से 2019 के मध्य कौन-कौन दैनिक वेतन भोगी/संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यरत रहे? उनकी नियुक्ति दिनांक एवं सेवारत होने का पूर्ण ब्यौरा देय वेतन आदि की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित कर्मचारियों में से वर्तमान में कौन-कौन प्रश्न दिवस तक कार्यरत हैं एवं किन-किन को किस कारणों से सेवा से कब पृथक कर दिया गया? सेवानियुक्ति एवं सेवा से पृथक किये जाने संबंधी आदेश की छायाप्रति दें। (ग) प्रश्नांकित कर्मचारियों को किन उच्चाधिकारियों के आदेश पर सेवा में नियुक्ति दी गई थी एवं किन उच्चाधिकारियों के आदेश से सेवा से पृथक किया गया? कारण सहित बतावें। क्या यह नियमानुकूल है? यदि नहीं, तो पृथक किये गये कर्मचारियों को कब तक पुन: सेवा में लिया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) देवास जिले के बिजवाड़ रेंज के पानीगांव में वर्ष 2013 से 19 तक 10 दैनिक वेतन भोगी (वर्तमान में स्थाई कर्मी) के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। प्रश्नावधि में कोई कम्प्यूटर ऑपरेटर संविदा में कार्यरत नहीं रहा। (ख) प्रश्नांकित दिनांक तक 09 दैनिक वेतन भोगी (वर्तमान में स्थाईकर्मी) कार्यरत हैं। 01 दैनिक वेतन भोगी द्वारा 62 वर्ष की आयु पूर्णं करने पर दिनांक 30.11.2018 को सेवा निवृत्त किया गया है। संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यरत नहीं होने से उन्हें सेवा में नियुक्ति एवं पृथक करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दैनिक वेतन भोगियों को सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3, दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 के पालन में स्थाई कर्मी बनाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
120. ( क्र. 631 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित शासकीय चिकित्सालयों में चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था क्या ठेकेदारी पद्धति द्वारा की जा रही है यदि हाँ तो क्षेत्रीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें जबलपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था हेतु किन - किन संस्थाओं को सफाई व्यवस्था का ठेका दिया गया है। उनके कार्य आदेश एवं शर्तों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार चिकित्सालयों के सफाई कार्य में लगी संस्था में लगने वाले सफाईकर्मी/श्रमिकों को संस्था द्वारा किस आधार पर एवं किस पद्धति (नगद/ई-भुगतान) से वेतन का भुगतान किया जा रहा है? क्या संस्था द्वारा कार्यरत श्रमिकों का ईपीएफ काटा जा रहा है यदि नहीं तो क्यों? क्या संस्था द्वारा श्रमिकों को दिये जाने वाला वेतन श्रम विभाग द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप दिया जा है यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। प्रदेश के जिलों में संचालित शासकीय चिकित्सालयों में चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था अलग-अलग है, कुछ जिलों में सफाई व्यवस्था रोगी कल्याण समिति के माध्यम से तथा कुछ जिलों में ठेकेदारी पद्धति के द्वारा की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चिकित्सालयों के सफाई कार्य हेतु सफाईकर्मी/श्रमिकों को वेतन का भुगतान ऐजेंसी द्वारा कार्यादेश तथा अनुबंध की शर्त के आधार पर ई-भुगतान पद्धति से भुगतान किया जा रहा है। जिन स्वास्थ्य संस्थाओं में ठेकेदार पद्धति से सफाई कार्य कराया जा रहा है, उन संस्थाओ द्वारा सफाई कर्मियों का ई.पी.एफ. बालाघाट जिले को छोड़कर शेष समस्त जिलों में काटा जा रहा है। जिला बालाघाट में माह जुलाई 2020 से नवीन अनुबंधित ऐजेंसी द्वारा सफाई कार्य प्रारंभ करने के कारण तथा उनके देयक कार्यालय में माह सितम्बर 2020 में प्रस्तुत किये गये। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।