मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
सितम्बर, 2020 सत्र
मंगलवार, दिनांक 22 सितम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पांचवीं
अनुसूची के
प्रावधानों
का ब्यौरा
[आदिमजाति कल्याण]
1. ( *क्र. 96 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची, अनुच्छेद 244 (1) के तहत अधिसूचित क्षेत्रों, अधिसूचित क्षेत्रों में निवास करने वाले जनजातियों के संरक्षण, सुरक्षा, कल्याण, उन्नति के लिए क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं एवं अधिसूचित क्षेत्रों के किन-किन संसाधनों पर किस आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र या अधिसूचना के तहत जनजातियों को कौन-कौन से अधिकार एवं शक्तियां प्रदान की गईं हैं? प्रति सहित ब्यौरा दें। (ख) अप्रैल 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक आदिम जाति मंत्रणा परिषद की कितनी बैठकें आयोजित की गईं हैं? उक्त बैठकों में क्या-क्या प्रस्ताव पारित किए गए? कौन-कौन से प्रस्ताव लंबित हैं? प्रस्ताव लंबित होने का कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या गैर-जनजाति व्यक्ति आदिम जाति मंत्रणा परिषद् का सदस्य बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो संविधान के किस नियम के तहत? प्रति सहित ब्यौरा दें। (घ) अप्रैल 2017 से प्रश्न-दिनांक तक संविधान के अनुच्छेद 244 (1) पांचवीं अनुसूची के तहत शासन द्वारा 89 ट्राईबल विकासखण्डों के लिए क्या-क्या फैसले लिए गए? किन-किन योजनाओं/प्रयोजनों के लिए क्या अधिसूचना, आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी किए गए?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची अनुच्छेद 244 (1) के तहत अधिसूचित क्षेत्रों एवं अन्य क्षेत्रों, अधिसूचित क्षेत्रों में निवास करने वाले जनजातियों के संरक्षण, सुरक्षा, कल्याण, उन्नति के लिए किए गए प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों का वेतन एवं सेवा शर्तें
[सामान्य प्रशासन]
2. ( *क्र. 487 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदा कर्मचारियों को 90 प्रतिशत वेतन देने का निर्णय किस सरकार द्वारा किस वर्ष में लिया गया था? क्या शासन के समस्त विभागों में 90 प्रतिशत वेतन कर्मचारियों को दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस वर्ष से? (ख) केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों का वेतन 90 प्रतिशत अभी तक न किये जाने का कारण क्या है? विभागवार कारण सहित पृथक-पृथक बताएं। (ग) वर्ष 2013 में नियुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र के अधीन कार्यरत एम.आई.एस. विकासखण्ड कोऑर्डिनेटर का वेतनमान निर्धारण कितना किया गया है। प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक सी-5-2/2018/1/3, दिनांक 5 जून, 2018 की कंडिका क्रमांक 1.14.5 में वर्णित आदेश के उपरांत भी MIS, Block Coordinator के वेतन में 90 प्रतिशत मानदेय आज दिनांक तक क्यों लागू नहीं किया गया? यदि किया जाएगा तो कब से किया जाएगा? मानदेय निर्धारण के उपरांत जो समय बीत गया है, उस समय का क्या एरियस भुगतान किया जाएगा? (घ) 1 जनवरी, 2019 से मार्च 2019 तक सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों के संबंध में क्या-क्या तथा कुल कितने आदेश जारी किए गए हैं? इन आदेशों की प्रति, सहित बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मंत्रि-परिषद् आदेश आयटम क्रमांक 31, दिनांक 29 मई, 2018 में निर्णय लिया गया। शेषांश जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से 31 मार्च, 2019 तक कुल 2 आदेश/निर्देश जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विधायक स्वेच्छानुदान राशि का आवंटन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
3. ( *क्र. 229 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 में विधायक स्वेच्छानुदान में कितना बजट स्वीकृत था एवं कितना आवंटित किया गया? (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश की कौन-कौन सी विधानसभाओं में विधायक स्वेच्छानुदान में स्वीकृत बजट के अनुसार पूरी राशि दी गई एवं किन-किन में बजट से कम आवंटन किया गया? किन-किन में प्रश्न दिनांक तक पूरा बजट दिया गया? किन-किन में शेष है? कारण सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्नकर्ता द्वारा अनुशंसित जरुरतमंद व्यक्तियों को बजट के अभाव में राशि नहीं मिलने पर कौन जिम्मेदार है? प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर छतरपुर द्वारा बजट दिए जाने की मांग पर क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर में वित्तीय वर्ष 2019-20 विधायक स्वेच्छानुदान हेतु राशि रु. 15,00,000/- के सापेक्ष राशि रु. 14,01,745/- को आवंटित किया गया है। (ख) योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में विधानसभा क्षेत्रवार आवंटित राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। आवंटन कम प्रदाय का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में उल्लेखित है। (ग) राज्य शासन से प्राप्त बजट आवंटन अनुसार राशि का आवंटन किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष राशि आवंटित किये जाने हेतु वित्त विभाग से अनुरोध किया गया है।
सी.एम.एच.ओ. उमरिया के विरूद्ध शिकायतों की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( *क्र. 388 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एम.एच.ओ. उमरिया के विरूद्ध उमरिया जिले के जन प्रतिनिधियों, आम जनता एवं कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें शासन के विभिन्न स्तरों पर की गई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन प्रतिनिधियों, आम जनता एवं कर्मचारियों द्वारा कब-कब क्या-क्या शिकायतें की गईं हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी के विरूद्ध विभिन्न शिकायतों की जांच नियमानुसार निलंबित/स्थानान्तरित कर की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? अभी तक की गई शिकायतों की जांच/प्रतिवेदन एवं उनमें पाये गये गुण दोष की प्रति उपलब्ध करायें तथा कितने शेष हैं? कब तक में पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में प्रश्नांकित उल्लेखित भ्रष्टाचार में सहयोग न करने वाले वरिष्ठ कर्मचारियों को वर्षों से उनके पदानुरूप कार्य उनसे छीन लिया गया हैं? उन वरिष्ठ कर्मचारियों का कार्य कनिष्ठ एवं उसके सहयोगी कर्मचारियों द्वारा कराया जा रहा है? किन-किन कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर का कार्य सौंपा गया हैं? उमरिया जिले के सी.एम.एच.ओ. कार्यालय में पदस्थ लेखापाल का नाम बतावें। उक्त लेखापाल द्वारा विगत वर्षों (दिनांक 01.09.2018 से प्रश्न दिनांक तक) संधारित लेखा पंजियों का हस्ताक्षर सहित छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त सी.एम.एच.ओ. की यातनाओं से हिम्मत हार रहे किसी वरिष्ठ कर्मचारी द्वारा सपरिवार इच्छा मृत्यु की अनुमति हेतु आवेदन दिया गया है? यदि हाँ, तो उसका नाम एवं कारण बतावें तथा उसके आवेदन में क्या कार्यवाही की गई है, उसके पालन प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में वर्णित शिकायतों की जांच पर कार्यवाही, कार्यालय क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, रीवा संभाग, रीवा के अधीन प्रचलन में है। स्पष्ट जांच प्रतिवेदन अभिमत सहित प्राप्त होने पर संबंधित के विरूद्ध परीक्षणोपरान्त गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही कर उन्हें अन्यत्र पदस्थ करने संबंधी निर्णय लिया जावेगा। उक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। जी हाँ, वरिष्ठ कर्मचारियों क्रमशः श्री संतोष कुमार लेखापाल के विरूद्ध तीन लोकायुक्त जांच प्रकरण पंजीबद्ध होने एवं श्री कौशल प्रसाद साकेत, सहायक ग्रेड-2 के विरूद्ध गंभीर अनियमितता की शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलित होने के कारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला उमरिया ने कार्य परिवर्तन आदेश दिनांक 24.08.2019 जारी किये हैं। श्री कौशल प्रसाद साकेत, सहायक ग्रेड-2 को जिला मलेरिया अधिकारी जिला उमरिया का समस्त लिपिकीय प्रभार आदेश क्रमांक.7674-75/दिनांक 15.06.2020 तथा श्री वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, सहायक ग्रेड-2 को सिविल सर्जन उमरिया कार्यालय की क्रय शाखा का कार्य आदेश क्रमांक 8950/दिनांक 21.08.2018 द्वारा सौंपा गया है। उमरिया जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ श्री भइयालाल वारी, सहायक ग्रेड-2 को आदेश दिनांक 24.08.2019 द्वारा लेखापाल का प्रभार सौंपा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। श्री कौशल प्रसाद साकेत, सहायक वर्ग-2 कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला उमरिया ने डॉ. राजेश श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला उमरिया के विरूद्ध आवेदक को जातिगत प्रताड़ित किये जाने, मानव अधिकार का हनन, लिपिकीय कार्य से वंचित तथा आवेदक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही साजिश किये जाने के कारण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम 1989 के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने अथवा प्रार्थी को न्याय नहीं मिलने की दशा में सपरिवार सहित इच्छा मृत्यु की अनुमति बाबत् आवेदन पत्र दिनांक 28.07.2020 प्रेषित किया जो संचालनालय में दिनांक 08.09.2020 द्वारा प्राप्त हुआ, जिस पर कार्यवाही प्रचलन में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी राशि जारी की जाना
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
5. ( *क्र. 398 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जनभागीदारी मद से निर्माण कार्य कराये जाने हेतु राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 में सागर जिले में कितनी राशि प्रदाय की गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ख) क्या शासन द्वारा इस योजना पर प्रतिबंध लगा दिया गया है? यदि नहीं, तो शासन शहर विकास हेतु जनभागीदारी से कार्य कराये जाने हेतु शीघ्र ही राशि प्रदान करेगा तथा कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रु. 125.00 लाख का आवंटन दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, वर्ष 2020-21 में सागर जिले को राशि आवंटित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत के ठेकों में एरिया तथा ऑफसेट प्राईज तय करने की प्रकिया
[खनिज साधन]
6. ( *क्र. 319 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 -20 में शासन द्वारा रेत के जो ठेके दिये गये, उसमें जिलों में रेत खनन का एरिया तथा ऑफसेट प्राईज तय करने की क्या प्रक्रिया अपनायी गयी है? (ख) बालाघाट जिले के जिला खनिज विभाग द्वारा रेत खनन हेतु कितना एरिया तथा कितनी ऑफसेट प्राईज खनिज विभाग म.प्र. को भेजी गयी थी? (ग) क्या जिला खनिज विभाग द्वारा भेजे गये ऑफसेट प्राईज को टेण्डर के समय काफी कम करके विभाग को करोड़ों रूपये की जानबूझकर क्षति पहुँचाई गयी? क्या पूरे प्रकरण की जांच शासन करवाएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2019-20 में रेत की नीलामी खदानवार नहीं की जाकर संपूर्ण जिले का एक समूह मानकर की गयी है। जिला कलेक्टरों से प्राप्त जानकारी को सार्वजनिक रूप से खदानवार प्रकाशित कर प्राप्त सुझाव एवं आपत्तियों पर विचार करते हुए तथा संबंधित जिले में विगत तीन वर्षों में हुई रेत की बिक्री एवं अन्य आधारों के दृष्टिगत प्रत्येक जिला समूह के लिये विक्रय योग्य मात्रा नियत किया गया। विक्रय योग्य मात्रा के साथ रॉयल्टी राशि रूपये 125/- प्रति घन मीटर के मान से गणना कर जिला समूह की ऑफसेट प्राईज निर्धारित कर निविदा जारी की गई। (ख) बालाघाट जिले के जिला खनिज विभाग द्वारा कुल 69 रेत धारित क्षेत्रों का कुल रकबा 330.827 हेक्टेयर क्षेत्र पर अनुमानित आंकलित कुल 4508949 घन मीटर रेत मात्रा, जिसका कि रूपये 125/- के मान से मूल्य गणना रूपये 56,36,17,625/- होता है, जानकारी प्रेषित की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। जिला खनिज कार्यालय द्वारा सिर्फ जानकारी प्रेषित की गई थी। जिले के लिये कुल 1500000 घन मीटर विक्रय योग्य मात्रा एवं रूपये 125/- के मान से कुल 18.75 करोड़ रूपये का ऑफसेट प्राईज निर्धारित कर निविदा जारी की गई, जिसमें सर्वोच्च ऑफर रूपये 34,99,44,441/- (चौंतीस करोड़, निन्यानवे लाख, चवालिस हजार चार सौ इकतालिस) की स्वीकृत हुई है, जो कि सर्वाधिक है। बालाघाट जिले में वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कुल विक्रित मात्रा क्रमश: 602400, 778579 एवं 989186 घन मीटर मात्र रहा है। शासन को क्षति न होकर अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। अत: जांच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम अंतर्गत नियुक्त मेंटर
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
7. ( *क्र. 461 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिसम्बर 2019 के पूर्व प्रदेश में जन अभियान परिषद् द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता कार्यक्रम के तहत विकासखण्डों में मेंटर नियुक्त किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो विकासखण्डवार नियुक्त मेंटरों की नाम सहित पदस्थता दिनांक सहित सूची देवें एवं यह भी बतलावें की वर्तमान समय में इनके क्रियाशील न रहने के क्या कारण है? (ग) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पूर्व के शासन की विभिन्न योजनाओं के सहभागी रहे, इन उच्च शिक्षित परामर्शदाताओं की पूर्व की सेवाओं को देखते हुए आवश्यकता अनुरूप इनकी सेवायें शासकीय परियोजनाओं में प्राथमिकता से समाहित किये जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मीसाबंदी पेंशन की स्वीकृति
[सामान्य प्रशासन]
8. ( *क्र. 420 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1289, दिनांक 18/12/2019 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया गया था कि पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि स्व. श्री अग्रवाल को दिनांक 12/08/1975 को धारा 151 जा.फौ. के तहत गिरफ्तार किया जाकर दाखित कराया गया था, जो प्रतिबंधक कार्यवाही के तहत मात्र एक सप्ताह जेल निरूद्ध रहे इस आधार पर मीशाबंदी की परिधि में नहीं आते हैं। (ख) प्रश्न (क) के अनुसार यदि हाँ, तो धारा 151 की अपराधिक प्रकरण की प्रति उपलब्ध करायी जाये। उक्त व्यक्ति को किस आधार पर छोड़ा गया था? उक्त आदेश की छाया प्रति उपलब्ध करायी जाये।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) स्व. श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल को दिनांक 12.08.1975 को धारा 151 जा.फौ. के तहत म.प्र. शासन द्वारा कोतवाली छतरपुर में अपर कलेक्टर जिला दण्डाधिकारी को पंजी SPWI-634-37, 5M-62 Register of Original Miscellaneous Proceedings Court of Magistrate पंजी सरल क्र. 34 एवं 39 पर दर्ज है। पारित आदेश दिनांक 14.01.1976 के द्वारा पंजी में टीप की गयी है कि चूंकि प्रकरण को चलते छ: माह से उपर हो गये तथा अनावेदक अन्य मामले में छ: माह की सजा भोग रहा है व जेल में है, ऐसी दशा में मामले में आगे कार्यवाही की आवश्यकता नहीं मामला 116 (6) जा.फौ. के तहत नहीं आता प्रकरण नस्तीबद् हो। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण 45 वर्ष पुराना होने के कारण प्रकरण की खोज की जा रही है।
विलीन की गयी संस्था के कर्मचारियों को लाभ
[सामान्य प्रशासन]
9. ( *क्र. 663 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2009-10 के विधानसभा सत्र में दिनांक 28.07.2009 के प्रश्न क्रमांक 4642 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जवाब में बताया गया था कि किसी भी संस्था के विलयन की दशा में विलीन संस्था के कर्मचारियों को विलयन करने वाली संस्था के सभी लाभ दिए जावेंगे? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक मनासा ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति मनासा के कर्मचारियों को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में विलयन पश्चात पदोन्नति, पेंशन, वेतन भत्तों सम्बंधित कोई लाभ क्यों नहीं दिया गया? क्या इस वितरण समिति के कर्मचारियों को उक्त सभी लाभ दिए जावेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा का उल्लेख करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की विदेश यात्राएं
[वित्त]
10. ( *क्र. 430 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 17 दिसम्बर, 2018 से 20 मार्च, 2020 तक मध्यप्रदेश के कौन-कौन माननीय मंत्री, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा व राज्य कर्मचारी सेवा के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किन-किन देशों की, किन-किन दिनांकों में यात्राएं की गईं? विदेश यात्रा हेतु कर्मचारियों एवं अन्य को यात्रा पर जाने के लिए शासन द्वारा क्या गाईडलाईन बनाई गई है? विदेश यात्रा पर जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पद सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कौन-कौन माननीय मंत्रियों/अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा विदेश यात्राएं शासकीय स्तर पर की गईं एवं निजी यात्राएं की गईं? यह यात्राएं किन-किन कार्यों के लिए की गईं? विदेश जाने हेतु शासन द्वारा किन-किन तिथियों में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को विदेश जाने की अनुमति दी गई है? इन यात्राओं पर शासन की कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? केडरवार एवं वर्षवार, नाम व पद सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ऐसे कितने कर्मचारी/अधिकारी हैं, जिनको शासन द्वारा अनुमति नहीं देने के बाद भी उनके द्वारा विदेश यात्राएं की गई हैं? उन अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम एवं पद सहित जानकारी दें? इसके लिए दोषी कौन है।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
तीसरी संतान होने पर कर्मचारी पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( *क्र. 120 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ प्रेम कुमार डोंगरे औषधि निरीक्षक की तीसरी संतान की जानकारी क्या उक्त औषधि निरीक्षक के द्वारा अपने विभाग को लिखित में की है? उक्त तीसरी संतान के बर्थ सर्टिफिकेट की एक प्रति दें? (ख) दिनांक 26.01.2001 के पश्चात् या अन्य तिथि के बाद शासकीय सेवा में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तीसरी संतान के पैदा होने के क्या नियम हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमों का प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्मचारी के द्वारा पालन किया गया है? अगर नहीं तो राज्य शासन कब तक उक्त अधिकारी को सेवा से बर्खास्त करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। तीसरी संतान के बर्थ सर्टिफिकेट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) शासकीय सेवा में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तीसरी संतान के पैदा होने के नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमों के परिप्रेक्ष्य में श्री प्रेम कुमार डोंगरे को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कार्यालयीन पत्र क्र. 11/प्रा.वि.जा./4/2020/2737, दिनांक 23.07.2020 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
विद्युत करेंट लगने से हुई मृत्यु की जांच
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 383 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 07.08.2020 को बीला पोषक नहर के 15 फीट ऊंचे मलबे के ऊपर से निकली 11 हजार के.व्ही. विद्युत लाईन के करेंट से सेमरा रामचन्द्र निवासी सोलह वर्षीय कपिल सिंह लोधी की मृत्यु हुई? यदि हाँ, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या वह बालक जो अपनी गाय को खोजने जाता है और उसका सर तार से टकरा कर मृत्यु हो जाती है, क्या बीला पोषक नहर के ठेकेदार जिन्होंने पहले से निकली हुई लाइन के नीचे 15 फीट ऊंचे मलबे का ढेर बनाया है या विद्युत विभाग? स्पष्ट करें। (ख) पुलिस द्वारा उपरोक्त में से किसे दोषी बनाया गया है और दोषियों के विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (ग) क्या इसमें मृत बालक के परिवारजनों के लिए किसी प्रकार की मुआवजा राशि का प्रावधान है? यदि हाँ, तो परिजनों को मुआवजा राशि कितनी और कब प्रदान की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, 11 के.व्ही. लाईन के नीचे लगभग 15 फुट ऊंचे पोषक नहर के मलबे का ढेर लगा हुआ था, जिससे लगभग 10 फुट दूरी से खेतों में आने-जाने का रास्ता (पगडंडी) है तथा इस पगडंडी से सुगमतापूर्वक आवागमन किया जा सकता है। किन्तु पगडंडी से हटकर मलबे के ढेर पर चढ़ने एवं विद्युत लाईन के संपर्क में आने से प्रश्नाधीन घातक विद्युत दुर्घटना घटित हुई है, जिसके लिये म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जिम्मेदार नहीं है तथापि उक्त प्रकरण की जांच संबंधित म.प्र. पुलिस थाना बण्डा द्वारा की जा रही है। (ख) प्रश्नाधीन प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट क्र. 00095/2020, दिनांक 07.08.2020 संबंधित म.प्र. पुलिस थाना, बण्डा में दर्ज की गई है एवं वर्तमान में पुलिस द्वारा प्रकरण पर कार्यवाही/विवेचना प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में घातक/अघातक विद्युत दुर्घटना में पीड़ित पक्ष को मुआवजा दिये जाने संबंधी लागू आदेश दिनांक 10.04.2015, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है, में निहित प्रावधानों के तहत प्रश्नाधीन प्रकरण में मुआवजे की पात्रता नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
वित्तीय वर्ष 2019-20 की विधायक निधि का प्रदाय
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
13. ( *क्र. 469 ) श्री संजय शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र तेंदूखेड़ा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रश्नकर्ता द्वारा विधायक निधि के कितनी राशि के प्रस्ताव कौन-कौन से दिनांक में, कौन-कौन से पत्र क्र. द्वारा, किन-किन कार्य एजेंसियों को, किन-किन कार्यों हेतु प्रदान किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, कौन-कौन से कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति, किन-किन दिनांकों में प्रदान की गई? कौन-कौन से कार्यों की प्रथम किस्त की राशि कार्य एजेंसियों को प्रदान की गई है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, क्या प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के बाद भी विधायक निधि की राशि लेप्स हो जाती है? यदि नहीं, तो, कार्य एजेंसियों को दूसरी किस्त की राशि प्रदान क्यों नहीं की जा रही है? कारण बतायें। सम्बंधित कार्य एजेंसियों को दूसरी किस्त की राशि कब तक प्रदान की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, क्या दूसरी किस्त की राशि मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला प्रशासन से वापिस ले ली गई है या जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय नरसिंहपुर के अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उक्त राशि लेप्स हो गई है? यदि उपरोक्त राशि लेप्स हो गई है, तो इसके लिये दोषी कौन है? दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। 31 मार्च को लेप्स हो जाने से द्वितीय किश्त जारी नहीं हो सकी। अपूर्ण कार्यों की लेप्स राशि के संबंध में जिलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। (घ) जी नहीं। मार्च के अंतिम सप्ताह में कोषालय सर्वर बन्द हो जाने के कारण राशि आहरित नहीं हो सकी। इसमें किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सौभाग्य योजनांतर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
14. ( *क्र. 604 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजनांतर्गत किए गए विद्युतीकरण से अभी तक कितने टोले/मजरे शेष हैं तथा कब तक विद्युतीकरण का कार्य करा दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना में किये गये विद्युतीकरण कार्य का ठेकेदारों का कितना भुगतान लंबित है? कब तक भुगतान करा दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सीधी जिले में सौभाग्य योजनांतर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार चिन्हित किये गये सभी मजरों/टोलों/बसाहटों के 47878 अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, वर्तमान में उक्त योजनांतर्गत चिन्हित मजरों/टोलों/बसाहटों के किसी भी घर के विद्युतीकरण का कार्य शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) सीधी जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत ठेकेदारों को रूपये 28.61 करोड़ का भुगतान किया जाना लंबित है। योजनांतर्गत वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार भुगतान किया जाना संभव होगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रमाण का निराकरण
[ऊर्जा]
15. ( *क्र. 274 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्व. हबीब खां, लाइन परिचारक दिनांक 30.03.2005 तक कार्यालय कनिष्ठ अभियंता म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि., चंदेरा जिला टीकमगढ़ में विभागीय कार्य पर उपस्थित थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की लाश दिनांक 03.04.2005 को मिली थी तो कहां पर? ग्राम बाबई के चौकीदार ने क्या पुलिस चौकी बमोरीकलां थाना जतारा में इसकी सूचना दी थी तो कब और कितने बजे? क्या चौकीदार की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात हमलावरों के विरूद्ध एफ.आई.आर. क्र. 153/05, दिनांक 23.04.2005 दर्ज की गई थी, जिसमें मृत्यु दिनांक क्या थी? ऐसी एफ.आई.आर. की एवं सब परीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ग) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर में आदेश क्र. 7836 जबलपुर, दिनांक 12.12.2014 के आदेश अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति नीति 2013 (संशोधित) की छायाप्रतियां प्रदाय करें एवं यह भी बताएं कि स्व. श्री हबीब खां के उत्तराधिकारी उनके पुत्र मोहम्मद रिजवान ने कब-कब कहां-कहां अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन पत्र विद्युत विभाग के कार्यालयों में, जिले में, जिले के अंदर एवं कार्यालय मुख्य अभियंता (सागर क्षेत्र) में दिये थे? ऐसे सभी आवेदन पत्रों की छायाप्रतियां प्रदाय करें एवं इसके बदले में विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएँ कि प्रश्न दिनांक तक विद्युत मंडल इन्हें अनुकम्पा नियुक्ति पात्र होने के बावजूद क्यों नहीं दे रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, स्व. श्री हबीब खाँ, लाईन परिचारक दिनांक 30.03.2005 तक कार्यालय कनिष्ठ अभियंता, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, चंदेरा, जिला टीकमगढ़ में विभागीय कार्य पर उपस्थित थे। (ख) लाईन परिचारक स्व. श्री हबीब खां की लाश दिनांक 03.04.2005 को महीपत यादव के कुआं पर ग्राम-मौथी में मिली थी। ग्राम बाबई के चौकीदार ने पुलिस चौकी बमोरीकला थाना जतारा में इसकी सूचना दिनांक 03.04.2005 को दोपहर में 12:05 बजे दी थी। चौकीदार की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. क्रमांक-153/05, दिनांक 23.04.2005 को दर्ज की गई थी, जिसमें मृत्यु दिनांक 30.03.2005 से दिनांक 02.04.2005 के बीच की अवधि में होना दर्शाया गया। एफ.आई.आर. एवं शव परीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक 7836, दिनांक 12.12.2014 द्वारा पूर्व में जारी अनुकंपा नियुक्ति नीति-2013 (संशोधित) की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। स्व. श्री हबीब खाँ के वारिसों द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु समय-समय पर 7 आवेदन प्रस्तुत किये गये, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार एवं उक्त आवेदनों/पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि श्री मोहम्मद रिजवान द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रस्तुत आवेदनों/पत्रों के साथ स्व. श्री हबीब खाँ के दो अलग-अलग मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये गये, जिनमें मृत्यु दिनांक भिन्न-भिन्न थी, जिनकी छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है। साथ ही एफ.आई.आर. क्रमांक 153/05, दिनांक 23.04.2005 में मृत्यु दिनांक 30.03.2005 से दिनांक 02.04.2005 के बीच में होना दर्शाया है। स्व. श्री हबीब खाँ की मृत्यु दिनांक में पाई गई भिन्नता के संबंध में आवेदक को कार्यपालन अभियंता (सं./सं.) टीकमगढ़ के पत्र क्र. 2632, दिनांक 28.09.2015, पत्र क्र. 4874, दिनांक 16.02.2016 एवं पत्र क्र. 968, दिनांक 26.05.2018 द्वारा अवगत कराया गया, जिनकी छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ज' अनुसार है। अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013 (संशोधित) के बिन्दु क्रमांक 1.2 के अनुसार ऐसे कार्मिक, जिनकी मृत्यु दिनांक 15.11.2000 के पश्चात किन्तु दिनांक 10.4.2012 के पूर्व म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल/कंपनी का कार्य करते समय, आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावरों द्वारा हत्या अथवा कार्य करते समय वाहन दुर्घटना के कारण हुई हो, के आश्रितों को कंडिका 2 एवं 3 में वर्णित पात्रता की शर्तों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013 (संशोधित) के बिन्दु क्रमांक 3.2 (ब) के अनुसार दिनांक 10.4.2012 के पूर्व के दुर्घटना मृत्यु के प्रकरणों के लिए संशोधित नीति जारी होने की दिनांक से 3 वर्ष तक पद उपलब्ध होने पर ही आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता होगी। स्वर्गीय श्री हबीब खां दिनांक 30.3.2005 तक ही कार्यालय कनिष्ठ अभियंता, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, चंदेरा जिला टीकमगढ़ में विभागीय कार्य पर उपस्थित थे। इनके परिजनों द्वारा दो मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें मृत्यु दिनांक 2.4.2005 एवं 3.4.2005 अंकित है तथा इस संबंध में कंपनी द्वारा वांछित स्पष्टीकरण भी आवेदक ने उपलब्ध नहीं कराया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में श्री मोहम्मद रिजवान पिता स्व. श्री हबीब खां अनुकंपा नियुक्ति नीति (संशोधित) 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्र नहीं पाए गए।
अध्यापकों के नियम विरूद्ध स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
16. ( *क्र. 379 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1787, दिनांक 19 जुलाई, 2019 के संबंध में बताया गया था कि जिला पंचायत कार्यालय के स्थानांतरण से संबंधित अभिलेखों की खोजबीन की जा रही है और प्रकरण की जांच प्रचलित है, तो क्या कार्यालय से गुम हुये सभी दस्तावेज प्राप्त हो गये हैं? यदि नहीं, तो दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों की गई है? (ख) क्या जांच के दौरान श्री डुलेश्वर साहू, कम्प्यूटर ऑपरेटर, जिला पंचायत सिवनी द्वारा अपने कथन दिनांक 16.11.2018 में बताया है कि नियम विरूद्ध अध्यापकों के जो स्थानांतरण आदेश्ा किये गये हैं, उन्हे श्री ओमेगा पॉल, इफ्राईम परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के निर्देशानुसार डिस्पैच कराया जाकर, उन्हें मूल प्रति वापस कर दी गई है? यदि हाँ, तो श्री ओमेगा पॉल पर उक्त कथन के आधार पर दोषी मानकर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कर्मचारी श्री डुलेश्वर साहू, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कथनानुसार श्री ओमेगा पॉल इफ्राईम, परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी को दोषी न मानकर तत्कालीन शाखा प्रभारी सुश्री श्रृद्धा उइके को नोटिस जारी किया गया, जो उस कार्यवाही के दौरान अवकाश अवधि में थी? यदि हाँ, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ, वर्तमान में जांच प्रचलन में है, सभी दस्तावेज अभी तक प्राप्त नहीं हुये हैं। प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर प्रभारी लिपिक श्री डी.पी. सनोडिया, सहायक ग्रेड-1 श्री डी.के. यादव, सहायक ग्रेड-1 तथा श्री तुषार सुखदेव, सहायक ग्रेड-3 को निलंबित कर आरोप-पत्र जारी किये गये हैं। साथ ही शाखा प्रभारी सुश्री श्रद्धा उईके, सहायक परियोजना समन्वयक (संविदा) को नोटिस जारी किया गया है। (ख) जी हाँ। श्री ओमेगा पाल, परियोजना अधिकारी पर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र दिनांक 12.9.2020 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी जिला सिवनी को दिये गये हैं। (ग) अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण 01 जनवरी, 2018 से 05 अक्टूबर, 2018 की अवधि में हुये थे, सुश्री श्रद्धा उईके 28 अगस्त, 2018 से 10 सितम्बर, 2018 तक चिकित्सा अवकाश पर थी। अवकाश अवधि को छोड़कर शेष अवधि में सुश्री उईके ही शिक्षा शाखा प्रभारी थी। इसलिये सुश्री श्रद्धा उईके को नोटिस जारी किया गया।
ऑनलाईन शैक्षणिक व्यवस्था की फीस वसूली
[स्कूल शिक्षा]
17. ( *क्र. 184 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के अंतर्गत पनागर विधानसभा क्षेत्र में अशासकीय विद्यालयों द्वारा ऑनलाईन शैक्षणिक व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो ऑनलाईन शिक्षा के नाम पर किस-किस मद में कितनी फीस वसूली जा रही है? स्कूलवार एवं कक्षावार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने छात्र छात्राओं ने स्कूल में ऑनलाईन या ऑफलाईन प्रवेश लिया है? स्कूलवार जानकारी दें। जिन छात्रों ने प्रवेश नहीं लिया है, उन छात्रों के लिये शिक्षण की क्या व्यवस्था है? (ग) क्या फीस न देने के कारण छात्र छात्राओं को ऑनलाईन शिक्षा से वंचित किया गया है? यदि हाँ, तो शिक्षा से वंचित किये गये छात्रों के लिये कौन दोषी है? (घ) क्या प्रवेश न देने वाले एवं शिक्षा से वंचित किये जाने वाले स्कूलों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो ऐसे स्कूलों के नाम बतावें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जबलपुर जिले अन्तर्गत पनागर विधानसभा क्षेत्र में 81 अशासकीय विद्यालयों द्वारा ऑनलाईन शैक्षणिक व्यवस्था की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत दर्शित अशासकीय स्कूलों में छात्र/छात्राओं को इस वर्ष विद्यालय में ऑफलाईन प्रवेश ही दिया गया है। इन अशासकीय विद्यालयों द्वारा नव प्रवेशित छात्र/छात्राओं को 30 सितम्बर, 2020 तक प्रवेश दिया जायेगा। स्कूलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[स्कूल शिक्षा]
18. ( *क्र. 334 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं? रायसेन जिले में अध्यापक सवंर्ग से शिक्षा विभाग में किन-किन का संविलियन प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ तथा क्यों? कब तक संविलियन होगा? (ख) अध्यापक संवर्ग की मृत्यु की स्थिति में अनुकम्पा नियुक्ति एवं अन्य क्या-क्या सुविधायें दी जाती हैं? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ग) रायसेन जिले में अध्यापक संवर्ग की मृत्यु के उपरांत अनुकंपा नियुक्ति एवं अन्य सुविधाओं के किन-किन के प्रकरण वर्तमान में किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? इस हेतु कौन-कौन दोषी हैं? विभाग ने उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) स्थानीय निकाय में नियुक्त अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत सुसंगत पदों पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। सुसंगत पदों पर नियुक्त लोक सेवकों को सुविधा प्रदान करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में अंकित तालिका के कॉलम-8 में निहित है। नवीन संवर्ग में नियुक्ति के संबंध में कार्रवाई प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) कार्रवाई प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उत्तांश (ग) के प्रकाश में कोई दोषी नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पन्ना टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत निवासरत ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण
[वन]
19. ( *क्र. 2 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 19 जुलाई, 2019 की ध्यानाकर्षण सूचना एवं 21 जुलाई, 2019 को वन विभाग की मांग संख्या की चर्चा के दौरान आसंदी से पन्ना टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत आने वाले गांव के रहवासियों की समस्याओं के निराकरण हेतु एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया था, जिसमें कमेटी सदस्यों को 15 दिन तक गांव में रह कर लोगों की समस्याओं का अध्ययन करने का निर्देश था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विधानसभा बिजावर के गांव ढोढन, पलकोहा, सुकवाहा, खारयानी को भी शामिल करने का निर्देश दिया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में कमेटी का गठन कब किया गया? कौन-कौन सदस्य थे? कितने समय, कहाँ-कहाँ रुके? कमेटी ने क्या रिपोर्ट जमा की? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में यदि कमेटी गठित नहीं हुई तो क्यों? यदि रिपोर्ट नहीं बनी तो क्यों? क्या यह आसंदी के निर्देशों की अवहेलना नहीं है? यदि नहीं, तो कैसे? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही होगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) कमेटी गठन का निर्देश माननीय आसंदी से प्राप्त था, जिसके अनुक्रम में कलेक्टर जिला पन्ना के पत्र दिनांक 23.09.2019 द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, पन्ना, उप संचालक, पन्ना टाइगर रिजर्व तथा अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अनुभाग पन्ना/अजयगढ़ जिला पन्ना तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पन्ना को संयुक्त रूप से संबंधित ग्राम में भ्रमण कर ग्रामीणों की समस्याओं के निदान हेतु जांच प्रतिवेदन/कार्ययोजना प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया, जिसके पालन में उक्त अधिकारियों द्वारा संबंधित ग्रामों में दिनांक 15.10.2019, 18.10.2019 एवं 25.10.2019 को जाकर निरीक्षण कर ग्रामों की समस्याओं के निदान हेतु चर्चा की गई तथा कलेक्टर पन्ना को दिनांक 26.11.2019 को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार पट्टेधारियों को बेदखल किये जाने पर रोक
[वन]
20. ( *क्र. 467 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय वन विधान की धारा 20 के अंतर्गत उज्जैन संभाग के किन-किन क्षेत्रों में कितने-कितने हेक्टेयर में रक्षित वन (रिजर्व फॉरेस्ट) घोषित किया गया है। तहसीलवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में जीरन तहसील में कितने हेक्टेयर रक्षित वन (रिजर्व फॉरेस्ट) घोषित है और उसमें से कितने हेक्टेयर क्षेत्र को खरमौर अभ्यारण हेतु और विस्तारित करने हेतु परियोजना क्रियान्वित है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) दर्शायी गई विस्तारित भूमि पर शासन द्वारा पूर्व से ही वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे प्रदान किये गये हैं, जिन्हें अभ्यारण परियोजना क्रियान्वयन के नाम से डराया/धमकाया जाकर बेदखल होने को मजबूर किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उक्त आशय की ऐसी कितनी शिकायतें प्रशासन को प्राप्त हुई है और उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन अभ्यारण परियोजना क्रियान्वयन से विस्तारित होने वाले वन क्षेत्र से प्रभावित पट्टेधारियों को अन्यत्र पट्टे दिये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो विस्तृत ब्यौरा दें और यदि नहीं, तो कारण बतायें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नीमच जिले की तहसील जीरन में 2688.270 हेक्टेयर रक्षित (रिर्जव फारेस्ट) वन घोषित है, इसमें से आरक्षित वनखण्ड जीरन के कक्ष क्रमांक 05 एवं 06 में रकबा 647 हेक्टेयर क्षेत्र को खरमोर संवर्धन हेतु विकसित किया जा रहा है। इसे आगे विस्तारित करने की कोई योजना वर्तमान में नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित आरक्षित वनखण्ड जीरन के कक्ष क्रमांक 05 में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत 31 वन अधिकार पत्र प्रदान किये गये हैं। उक्त वन अधिकार पत्र धारकों को खरमोर संरक्षण योजना के क्रियान्वयन के नाम से डराया/धमाकाया जाकर बेदखल नहीं किया जा रहा है। विगत 03 वर्षों में वन अधिकार पत्र धारकों की 02 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनका नियमानुसार निराकरण किया गया है। (घ) खरमोर संरक्षण योजना अन्तर्गत प्रस्तावित क्षेत्र में वन अधिकार पत्र धारकों के हितों को प्रभावित किये बिना विकसित किया जा रहा है, जिसमें किसी भी वन अधिकार पत्र धारक को हटाया जाना प्रस्तावित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पूर्व विधायकों को प्रोटोकॉल के तहत अधिकार
[सामान्य प्रशासन]
21. ( *क्र. 35 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा पूर्व विधायकों को प्रोटोकॉल के तहत क्या-क्या अधिकार दिए गए हैं? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) शासन द्वारा पूर्व विधायकों को शासकीय अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों की समीक्षा मीटिंग/बैठक करने तथा दौरा करके निर्देश प्रदान करने के क्या-क्या अधिकार शासन द्वारा दिए गए हैं? विवरण देते हुए शासन द्वारा जारी आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र के शासकीय अधिकारियों द्वारा नियमों की जानकारी के बावजूद भी जानबूझकर पूर्व विधायकों के साथ समीक्षा मीटिंग/बैठक करना, निर्देश प्राप्त करना क्या यह अधिकारियों द्वारा विधायकों के विशेषाधिकार का हनन नहीं है? (घ) क्या शासन द्वारा गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से विधायकों को प्रोटोकॉल के तहत उनका स्थान, क्रम निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किये गये हैं। (ग) प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई मीटिंग/बैठक नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भोपाल जिले की हाउसिंग सोसायटीज के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
22. ( *क्र. 485 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले की कितनी हाउसिंग सोसायटी के विरूद्ध कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? सोसायटियों के नाम एवं उनके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की संख्या को बताया जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतकर्ताओं की शिकायत का निराकरण किया गया? यदि हाँ, तो निराकृत प्रकरणों एवं लंबित प्रकरणों की संख्या सोसायटीवार बताई जाये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हाउसिंग सोसायटी के पदाधिकारियों के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. भी दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. दर्ज कराये गये सोसायटीज के नाम, उनके पदाधिकारियों के नाम एवं उन पर दर्ज धाराओं के नाम बताये जायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 173 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की 2265 शिकायतें। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी हाँ। 14 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। पदाधिकारियों के नाम एवं उन पर दर्ज धाराओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
कोरोना संक्रमित मरीजों का निजी अस्पतालों में उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( *क्र. 316 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार हुआ है? यदि हाँ, तो अस्पतालों को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? अस्पताल का नाम तथा कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की स्वीकृति देने के बाद सरकार अब उनका अनुबंध समाप्त करने जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या निजी अस्पताल कोविड मरीजों के इलाज हेतु अधिक राशि की मांग कर रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिविल अस्पताल जीरापुर का 50 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( *क्र. 519 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल अस्पताल जीरापुर को 50 बिस्तरीय अस्पताल स्वीकृत किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता के आग्रह पर स्वीकृति प्रदान की गई है? क्या स्वीकृति उपरांत उक्त भवन का निर्माण प्रारम्भ कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सिविल अस्पताल जीरापुर के नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि किस दिनांक को एवं किस स्थान पर आवंटित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भवन निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है एवं कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी अभी नहीं, प्रश्नकर्ता का आग्रह परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। 0.100 हेक्टेयर भूमि दिनांक 02.01.2020 को नवीन सिविल अस्पताल जीरापुर हेतु कस्बा जीरापुर स्थित तहसील परिसर के पीछे आवंटित की गई है। (ग) कार्य अप्रारंभ है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनजातीय समुदाय को प्रशिक्षण
[आदिमजाति कल्याण]
25. ( *क्र. 59 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा जनजातीय समुदाय के शिक्षित एवं कम पढ़े लिखे बेरोजगारों के लिये शासन योजनानुसार विभिन्न कोर्सों में निशुल्क आवासीय रोजगार मूलक प्रशिक्षण का संचालन प्रतिष्ठित उद्योगों/शासकीय संस्थाओं/पंजीकृत संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण कराया जाकर रोजगार/स्व-रोजगार प्राप्ति के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन उद्योगों/शासकीय संस्थाओं/पंजीकृत संस्थाओं में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है? प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवक/युवतियों के नाम, पिता का नाम, पता, जनपद, जिले का नाम, कोर्स/विधा का नाम, अवधि, कहां-कहां रोजगार प्राप्त कराया गया एवं संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई, पंजीकृत उद्योगों/संस्थाओं के अनुबंध की प्रति सहित दस्तावेज/जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में परिषद को जो आवंटन प्राप्त हुआ था, वह पूरा व्यय नहीं किया जा सका, उसके बावजूद दूसरे वित्तीय वर्ष में पुन: करोड़ों का बजट आवंटन किन कारणों से जारी किया गया? (घ) परिषद को वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस विभाग से प्राप्त हुई एवं कितना कितना व्यय किया गया?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) हाँ। (ख) 1. वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 2. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 3. रोजगार प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। 4. उक्त अवधि में संस्थाओं को भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। 5. संस्थाओं से निष्पादित अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (ग) परिषद एवं प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के मध्य अनुबंध का निष्पादन किया जाता है एवं निर्धारित मापदण्ड अनुसार तीन चरणों में भुगतान किया जाता है। यह प्रक्रिया सतत चलती रहती है। इस तरह वर्ष विशेष में प्राप्त राशि का व्यय आगामी वर्षों में भी किया जाता है। (घ) परिषद को वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त विभागवार राशि एवं व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
आयुष्मान
योजना में
निजी चिकित्सालयों
की भागीदारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( क्र. 6 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में कितने चिकित्सालय पंजीबद्ध हैं? सूची उपलब्ध करावें। किस-किस चिकित्सालय में किस बीमारी का ईलाज है। इसकी सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या इन्दौर शहर में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में निजी चिकित्सालयों की संख्या बेहद कम है? शहर के कई बड़े निजी चिकित्सालयों में इस योजना के अंतर्गत उपचार क्यों नहीं प्रारंभ हो रहा है? (ग) अधिक से अधिक निजी चिकित्सालयों में योजना के अंतर्गत उपचार हो सके इसके लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) इंदौर शहर में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में निजी चिकित्सालय 22 एवं शासकीय चिकित्सालय 11 पंजीबद्ध है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नही। चिकित्सालयों का आयुष्मान योजना से संबंद्ध नहीं होने के कारण। (ग) निजी चिकित्सालयों को संबंद्ध करने हेतु समय-समय पर कार्यशाला/बैठक का आयोजन किया जाता है एवं लगातार आई.ई.सी. गतिविधियाँ भी की जाती है।
इन्दौर जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( क्र. 11 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कोरोना पॉजिटिव पाए गए? इनमें से कितनों को निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए भेजा गया? (ख) निजी चिकित्सालय में उपचारित कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के नाम, पते उपलब्ध करावें। सरकार द्वारा निजी चिकित्सालय के प्रत्येक मरीज पर कितना व्यय किया गया? मरीजवार व चिकित्सालयवार बतावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) इन्दौर जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल 13752 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इनमें से 6476 मरीजों को निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए भेजा गया। (ख) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक-आई.डी.एस.पी./2020/666, दिनांक 19.05.2020 एवं मध्य प्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य विभाग के आदेश क्रमांक एफ/IDSP/2020/सत्रह/मेडि-1045, दिनांक 03.07.2020 में दिये गये निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। परिपत्र एवं आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को चिकित्सालयवार किया गया भुगतान का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। मरीजवार जानकारी दी जाना संभव नहीं है, चिकित्सालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' में समाहित है।
ठेका श्रमिकों को वी.आर.एस. दिया जाना
[श्रम]
3. ( क्र. 22 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित विभिन्न उद्योगों में वर्तमान में कितने श्रमिक कार्य कर रहे हैं व उत्पादन क्षमता का कितना प्रतिशत उत्पादन हो रहा है? क्या वर्तमान में ग्रेसिम उद्योग में कार्यरत 3500 ठेका श्रमिकों को कार्य पर नहीं रखा जा रहा है? अगर हाँ, तो क्यों नहीं रखा जा रहा है? (ख) क्या कार्य पर नहीं रखे जाने वाले ठेका श्रमिकों को शासन की और से बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान है? अगर हाँ, तो कितना? अगर नहीं तो इस कोरोना माहमारी के दौरान बेरोजगार घूम रहे ठेका श्रमिक व उनके आश्रित परिजनों के भरण पोषण के लिए शासन द्वारा क्या योजना बनाई है? (ग) क्या ग्रेसिम उद्योग द्वारा स्थायी श्रमिकों व स्टॉफ कर्मियों को कोरोना की आड़ में वी.आर.एस. दिया जा रहा है? (घ) 22 मार्च 2020 से जबसे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन शुरू हुआ था, अभी तक कितने ठेका श्रमिकों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम की योजना अन्तर्गत क्या-क्या लाभ दिया गया? विवरण दें। (ड.) नागदा स्थित उद्योगों में स्थायी श्रमिकों से ठेका श्रमिकों का कार्य करवाकर कोरोना कोविड-19 की आड़ में श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किसके आदेश से? श्रम नियमों के उल्लंघन पर उद्योगों पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (च) कलेक्टर उज्जैन के पत्र क्र. 1145/ए.डी.एम./रीडर-1/2020 उज्जैन, दिनांक 01/04/2020 के बिन्दु क्र. 1 व 2 का व श्रम आयुक्त इंदौर के पत्र पृष्ठांकन क्रं. 1/1/नवम/प्रवर्तन/2017 622-723 (2), दिनांक 23/03/2020 व 6 मई 2020 के किन-किन बिन्दु क्र. का नागदा स्थित उद्योगों द्वारा उल्लंघन किया गया है? उल्लंघन करने पर क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नागदा स्थित उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों की संख्या एवं उत्पादन क्षमता की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र |
संस्थान का नाम |
कार्यरत श्रमिक |
वर्तमान उत्पादन क्षमता प्रतिशत |
1 |
ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. स्टेपल फायबर डिविजन |
2376 |
50-60 प्रतिशत |
2 |
ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. केमिकल डिविजन |
1200 |
70-80 प्रतिशत |
3 |
लेंक्सेस इंडिया लि. |
425 |
50 प्रतिशत |
4 |
गुलब्राण्डसन प्रा.लि. |
71 |
80 प्रतिशत |
जी हाँ वर्तमान में ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज (स्टेपल फायबर डिवीजन) नागदा में लगभग 725 ठेका श्रमिक नियोजित किए जा रहे है। इसका कारण प्रबंधन द्वारा वर्तमान उत्पादन क्षमता व कार्य की आवश्यकतानुसार संबंधित ठेकेदारों के ठेका श्रमिकों को ही कार्य पर लिया जाता है। (ख) जी नहीं। श्रम विभाग द्वारा इस आशय की कोई योजना संचालित नहीं है तथापि श्रम विभागीय मंडलों. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल एवं मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल द्वारा श्रमिकों की विभिन्न श्रेणियों के लिए संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में पात्रता अनुसार श्रमिकों को लाभान्वित किया जाता है। (ग) जी नहीं। (घ) कर्मचारी राज्य बीमा निगम भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन है अत: जानकारी राज्य के श्रम विभाग से संबंधित नहीं होने के कारण संधारित नहीं की जाती है। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) नागदा स्थित उद्योगों द्वारा प्रश्नांकित पत्रों के उल्लंघन की स्थिति समक्ष में नहीं आयी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 लॉकडाउन में घोषणा के अनुपालन में श्रमिकों को वेतन का भुगतान
[श्रम]
4. ( क्र. 23 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उद्योग में कार्यरत समस्त प्रकार के श्रमिकों को सैलेरी देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो नागदा स्थित किन-किन उद्योगों ने श्रमिकों को सैलेरी दी तथा किन-किन उद्योगों द्वारा नहीं दी गयी? कारण सहित विवरण दें। (ख) क्या शासन नागदा स्थित उद्योगों में जिन ठेका श्रमिकों को मार्च 2020 माह का वेतन नहीं मिला है, को वेतन दिलवाने के लिए कोई कार्यवाही कर रहा है? अगर हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण दे? अगर नहीं तो क्यों नहीं? (ग) 22 मार्च 2020 को प्रधानमंत्रीजी द्वारा घोषित किए गए जनता कर्फ्यू के बाद 23 मार्च को जो ठेका श्रमिक उद्योग में ड्यूटी पर नहीं जा पाये जिनका अवकाश था क्या शासन द्वारा उनके वेतन काटने का आदेश दिया गया था? अगर हाँ, तो क्यों? अगर नहीं तो उद्योग द्वारा ठेका श्रमिकों का वेतन क्यों काटा गया? जबकि श्रमिकों को यह आश्वस्त किया गया था कि कोरोना काल के दौरान उद्योग द्वारा वेतन दिया जायेगा? बावजूद इसके किसके आदेश से वेतन काटा गया? विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन अवधि में कारखाने के बंद रहने की स्थिति में कार्यरत श्रमिकों के वेतन अथवा अन्य देय वैधानिक स्वत्वों में किसी तरह की कटौत्री नहीं किए जाने के दिशा निर्देश/परिपत्र शासन द्वारा जारी किए गए थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नागदा स्थित कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत पंजीकृत कारखानों में लॉकडाउन अवधि में श्रमिकों के वेतन भुगतान संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ, नागदा स्थित ग्रेसिम इण्डस्ट्रिज लिमिटेड स्टेनपल फायबर डिविजन के कुछ ठेका श्रमिकों के मार्च 2020 माह का वेतन प्राप्त नहीं होने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। इस संबंध में संभागीय कार्यालय द्वारा कार्यवाही करते हुए ठेका श्रमिकों एवं प्रबंधन के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए 147 ठेका श्रमिकों को वेतन दिलवाया गया। (ग) 22 मार्च 2020 को माननीय प्रधानमंत्रीजी द्वारा घोषित किये गए जनता कर्फ्यू के बाद 23 मार्च 2020 को जो ठेका श्रमिक कारखाने में ड्यूटी पर नहीं जा पाए तथा जिनका अवकाश था, शासन द्वारा उनके वेतन काटने का कोई आदेश नहीं दिया गया था। नागदा स्थित ग्रेसिम इण्डस्ट्रिज लिमिटेड स्टेवपल फायबर डिविजन के कुछ ठेका श्रमिकों के संबंध में प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए ठेका श्रमिकों एवं प्रबंधन के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए 147 ठेका श्रमिकों को जो 23 मार्च को ड्यूटी नहीं जा पाए या जिनका अवकाश था, का लॉकडाउन अवधि के वेतन भुगतान करवाया गया।
निलंबित किये गए कर्मचारी
[आदिमजाति कल्याण]
5. ( क्र. 30 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले के सहायक आयुक्त श्री विवेक पांडे के कार्यकाल के अंतर्गत कितने अधीक्षक/अधीक्षिका एवं सहायक शिक्षक का निलंबन किया गया आदेश की प्रति देवें। (ख) निलंबित अधीक्षक/अधीक्षिका एवं सहायक को कब-कब बहाल किया गया? जांच प्रतिवेदन के साथ बहाली आदेश की प्रति प्रदाय करें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) श्री विवेक पाण्डे के कार्यकाल में 22 अधीक्षक/अधीक्षिका एवं 02 सहायक शिक्षक निलंबित किये गये थे। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) बहाल किये गये कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं जांच प्रतिवेदन बहाली आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
अ.ज.जा. बस्ती योजना से स्वीकृत कार्य
[आदिमजाति कल्याण]
6. ( क्र. 31 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अ.ज.जा. बस्ती योजना के तहत बड़वानी जिले में वर्ष 2015-16 से लेकर 2019-20 कितने कार्य स्वीकृत किये गए आदेश की प्रति देवे। (ख) क्या अ.ज.जा. बस्ती योजना में उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं यदि हां, तो सी.सी. की प्रति देवे? यदि अधूरे हैं तो सम्बंधित एजेंसी एवं अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गयी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत 378 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत 378 कार्य स्वीकृत किये जाकर 282 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 182 कार्यों के सी.सी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष 89 कार्य प्रगतिरत एवं 07 कार्य आवंटन के अभाव में अप्रारंभ होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 के अंतर्गत अस्पतालों से किए गए अनुबंध
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( क्र. 41 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड-19 के अंतर्गत आरडी गारडी उज्जैन, अमलताश अस्पताल देवास तथा अरविदों अस्पताल इंदौर की तीनों संस्थानों से किए गए अनुबंध एवं उनकी शर्तों के पालन, प्रबंध एवं व्यवस्था की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराते हुए प्रशासनिक, वित्तीय एवं भौतिक एवं सत्यापन रिपोर्ट पृथक-पृथक प्रस्तुत करें। (ख) क्या कोविड-19 महामारी से सामना करने के लिए केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार को राशि प्रदान की थी? यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी राशि राज्य सरकार को प्राप्त हुई और कितनी-कितनी राशि किस किस जिले में वितरित की गयी? (ग) आरडी गारडी हॉस्पिटल में चोरी छुपे अपने भाई का इलाज कराने वाले डॉ. महाड़ीक और अस्पताल प्रबंधन एवं ट्रस्ट पर उज्जैन में कोरोना संक्रमण फैलाने एवं अस्पताल में उपचारित कोरोना संक्रमण से हुई कोरोना मरीजों की मौत पर प्रशासन और सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) कोविड-19 के अनुबंध अनुसार सरकार द्वारा उपरोक्त तीनों संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि कब-कब भुगतान की गयी? मरीजों की कितनी संख्या एवं मरीजों के उपचार में प्रत्येक मरीज पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? ईलाज के दौरान कुल कितनी मौतें हुईं और लापरवाही की कुल कितनी शिकायतें राज्य, ज़िला स्तर पर कब-कब प्राप्त हुई और प्रचलित कार्यवाही की स्थिति क्या है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) आरविंदो हॉस्पिटल इंदौर एवं अमलतास हॉस्पिटल देवास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। आरडी गार्डी उज्जैन से राज्य स्तर पर अनुबंध नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। दिनांक 25 मार्च 2020 को राशि रूपये 55.66 करोड़ एवं दिनांक 06 अप्रैल, 2020 को राशि रूपये 131.21 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त हुये एवं केन्द्र शासन से प्राप्त राशि का वितरण पृथक से जिलों को नहीं किया जाता है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) अरविंदो अस्पताल इंदौर एवं अमलतास अस्पताल देवास को राज्य स्तर के अनुबंध के आधार पर एवं आरडी गार्डी उज्जैन को आयुष्मान भारत निरामयम की कोविड-19 पैकेज के दर से प्रति मरीज भुगतान किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। ईलाज के दौरान मौतों एवं प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
कलेक्टर दर, संविदा एवं आउटसोर्स के स्वीकृत पद के विरुद्ध भरे पदों के संबंध में
[वित्त]
8. ( क्र. 42 ) श्री महेश परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपरोक्त विषय में उज्जैन संभाग और उज्जैन ज़िले के शासन के सभी विभाग एवं परियोजनाओं के अंतर्गत संविदा पर, कलेक्टर दर पर, आउटसोर्स पर प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कौन-कौन से पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने पद भरे गए है और कितने पद रिक्त हैं? विभागवार एवं परियोजनावार विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ख) स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा, कलेक्टर दर, आउटसोर्स पर कितने कर्मी कब से कार्यरत हैं? वेतन किस मदों से दिया जा रहा है? क्या कार्यरत कर्मियों की नियुक्ति विधिवत चयन प्रक्रिया से की गयी है? हाँ अथवा नहीं? सीधे भर्ती वाले कितने कर्मी कार्यरत है? विज्ञप्ति के माध्यम से कितने कर्मी कार्यरत है? क्या इन सभी का पीएफ काटा जा रहा है? इनमें से 03 वर्षों से अधिक कार्य करने वाले कितने कर्मी हैं? (ग) यदि नियुक्ति विधिवत चयन प्रक्रिया से न की जाकर सीधे दोषपूर्ण विधि से की गयी है? तो इसके लिए कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? (घ) उपरोक्त भर्तियों के अलावा भर्ती का अन्य कोई प्रकार हो तो उसकी भी विस्तृत जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत वितरण कंपनी के दोषपूर्ण नियम
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 60 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे गांव जहाँ विद्युत वितरण कंपनी का बकाया शेष रहता है, कि लाईन फाल्ट या ट्रांसफार्मर ख़राब होने पर कंपनी द्वारा सुधारने के एवज में बकाया राशि में से कुछ राशि जमा करने को कहा जाता है? यदि हाँ, तो ऐसा किस नियम या निर्देश से किया जाता है. ऐसे नियम की अनुमति क्या शासन से ली गई? प्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या कुछ लापरवाह उपभोक्ताओं की लापरवाही की सजा नियमित बिल जमा करने वाले ईमानदार उपभोक्ताओं को देना विधि अनुसार सही है? यदि नहीं तो, कुछ लापरवाह उपभोक्ताओं के द्वारा बिल जमा नहीं करने के कारण बिल जमा करने वाले ईमानदार उपभोक्ताओं की बिजली क्यों काटी जाती है? (ग) क्या सरकार विद्युत वितरण कंपनी के उक्त दोषपूर्ण नियम में संशोधन करने हेतु निर्देश देगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) लाईन फाल्ट होने पर नहीं अपितु वितरण ट्रांसफार्मर जल जाने/खराब हो जाने पर राज्य शासन के निर्देश दिनांक 3 जनवरी 2019 के अनुसार जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मर से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने पर इनके बदलने/सुधारने की कार्यवाही की जाती है। उक्त निर्देशों की छाया प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को उत्तरांश (क) में उल्लेखित निर्देशों के तारतम्य में बदला/सुधारा जाता है, किन्तु साथ ही जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिजली के बिलों का नियमित भुगतान किया जाता है, उन्हें तकनीकी रुप से साध्य होने पर वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय करने की व्यवस्था की जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है।
माध्यमिक शाला एवं हाई स्कूल का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
10. ( क्र. 66 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूल में एवं शासकीय हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन हेतु विभाग की काई योजना है? यदि हां, तो जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में उन्नयन हेतु शासकीय माध्यमिक शाला के कितने प्रस्ताव एवं शासकीय हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन के कितने प्रस्ताव लंबित है? (ग) क्या सागर जिला अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला सड़ेरी, साईखेड़ा, देवरी वि.खं. राहतगढ़, ढाना नरयावली तथा शासकीय हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में शासकीय हाई स्कूल मेनपानी, पड़ारिया, शास.कन्या हाई स्कूल कर्रापुर एवं मकरोनिया के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं? यदि हां, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित शासकीय शालाओं का उन्नयन कब तक किया जायेगा? यदि उक्त शालाएं उन्नयन हेतु शासन की समस्त शर्तों/नियमों के अनुरूप है? तो प्रश्न दिनांक तक उक्त शालाओं का उन्नयन क्यों नहीं किया गया?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख), (ग) एवं (घ) उन्नयन किए जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कुओं तक लाईन विस्तार
[अनुसूचित जाति कल्याण]
11. ( क्र. 67 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति अनुसूचित जाति कल्याण विभाग सागर संभाग में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जन जाति विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कुओं तक लाईन विस्तार के तहत हितग्राहीवार कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई? कार्य पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी सहित बतायें। (ख) क्या इस योजना का लाभ गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्य को मिलता है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित हितग्राहियों को आय के आधार पर किस-किस जिले में कितनी-कितनी आय वाले हितग्राही को राशि स्वीकृत की गई तथा योजना का लाभ हितग्राही को समय पर नहीं मिला एवं कार्य अपूर्ण है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित स्थिति के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? विभाग द्वारा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आदिम जाति कल्याण विभाग में हितग्राहियों के चयन में आय आधार नहीं है। अधिकतम 10 हेक्टेयर भूमि के हितग्राहियों का चयन किया जाता है। आदिम जाति कल्याण विभाग की शेष जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अपूर्ण कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जा रहे हैं। इस हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है।
कोरोना बीमारी से संक्रमित मरीजों की संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
12. ( क्र. 89 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कोरोना बीमारी संक्रमण (कोविड-19) अंतर्गत दिनांक 20.03.2020 से प्रश्न दिवस तक कितने व्यक्ति संक्रमित हुए? (ख) प्रश्नांकित अवधि में कितने व्यक्तियों को केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार की गाईड-लाईन के अंतर्गत कोविड अस्पतालों में भर्ती किया गया व उनका ईलाज किन-किन दवाइयों एवं अन्य प्रक्रियाओं के माध्यम से किया गया? किन-किन कोविड-19 के लिये चिन्हित अस्पतालों में इनका ईलाज किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांकित अवधि में कितने मरीज स्वस्थ्य हो गये व कितने मरीज वर्तमान में अस्पतालों में भर्ती हैं एवं कितनों की मृत्यु हो गई? (घ) क्या प्रश्नांकित अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों का उपचार नि:शुल्क हो रहा है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त महामारी से बचाव में कितनी राशि खर्च हुई? निजी अस्पतालों में ईलाजरत व्यक्तियों के उपचार पर शासन द्वारा अस्पतालवार कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? मध्यप्रदेश में कौन-कौन जनप्रतिनिधि एवं प्रशासकीय अधिकारी संक्रमित हुए तथा इनका ईलाज कहाँ-कहाँ किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) मध्यप्रदेश में कोरोना बीमारी संक्रमण (कोविड-19) अंतर्गत दिनांक 20.03.2020 से प्रश्न दिवस तक 65490 व्यक्ति संक्रमित हुए। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 65490 व्यक्तियों को केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार की गाईड-लाईन के अंतर्गत कोविड अस्पतालों में भर्ती किया गया व उनका ईलाज चिकित्सकों द्वारा मरीजों की बीमारी के लक्षणों के आधार पर दवाईयां देकर किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में 49992 मरीज स्वस्थ हो गये व 14072 मरीज वर्तमान में अस्पतालों में भर्ती हैं एवं 1426 की मृत्यु हो गई है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त महामारी से बचाव में रूपये 609972361/- राशि खर्च हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मध्यप्रदेश में माननीय मंत्रीजी, माननीय विधायक, पार्षद तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रशासकीय अधिकारी संक्रमित हुए तथा इनका ईलाज जो जहां संक्रमित हुये है उन्हीं जिलों के शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में किया गया है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक-आई.डी.एस.पी./2020/666, दिनांक 19.05.2020 एवं मध्य प्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य विभाग के आदेश क्रमांक एफ/IDSP/2020/सत्रह/मेडि-1045, दिनांक 03.07.2020 में दिये गये निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। परिपत्र एवं आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान
[वित्त]
13. ( क्र. 90 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को वर्ष 2019-20 में 05 प्रतिशत मंहगाई भत्ता स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो क्या सरकार द्वारा मंहगाई भत्ते का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ख) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के शेष अंतिम किश्त एरियर का भुगतान भी कर दिया गया? यदि हाँ, तो कब भुगतान किया गया? यदि नहीं तो कारण बतायें। (ग) शासकीय कर्मचारियों को वर्तमान में जी.पी.एफ. पर ब्याज की दर कितनी दी जा रही है? क्या केंद्र सरकार ने ब्याज दर में कमी की है? पूर्व में कितने प्रतिशत ब्याज दर थी और वर्तमान में कितनी कमी की गई है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में शासकीय कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि भी रोक दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या वर्तमान सरकार द्वारा शासकीय सेवकों को 20-50 के फार्मूले पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो किन कारणों से? (ड.) प्रश्नांकित कटौतियों से राज्य सरकार के राजस्व में कितनी राशि की बचत होगी? अनुमान बतायें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, क्योंकि कोविड-19 की आपदा के परिणामस्वरूप प्रदेश की स्वयं के कर एवं गैर कर राजस्व पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव तथा अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए निर्णय लिया गया है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश (क) अनुसार। (ग) शासकीय कर्मचारियों को भी जी.पी.एफ. पर ब्याज की दर 7.1 प्रतिशत दी जा रही है। जी नहीं, केन्द्र सरकार द्वारा भी ब्याज की दर 7.1 प्रतिशत ही दी जा रही है। (घ) जी हाँ, वेतनवृद्धि का लाभ फिलहाल स्थगित किया गया है। प्रश्नांश (क) अनुसार। 50 वर्ष अथवा 20 वर्ष की सेवा के तहत अभिलेखों की छानबीन कर समीक्षा कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है। जिसके तहत कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा ही की जाती है। (ड.) प्रश्नांकित कटोतियों से राज्य सरकार के राजस्व में निम्नानुसार अनुमानित राशि की तात्कालिक बचत संभावित है:- 5 प्रतिशत टी.ए. पर लगभग 1275 करोड़ रूपये वार्षिक, तीसरी किश्त एरियर से लगभग 1400 करोड़ रूपये, वेतनवृद्धि से लगभग 850 करोड़ रूपये वार्षिक कुल राशि रूपये 3525 करोड़।
नोबेल कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के मरीजों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 103 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत मार्च 2020 से प्रश्न तिथि तक कोरोना वायरस महामारी से संबंधित कितने व्यक्तियों का सैम्पल किन-किन केन्द्रों में किया गया है? लिए गये सेम्पलों में कितने मरीज पॉजीटिव पाये गये और कितने व्यक्ति नेगेटिव पाये गये हैं? एक व्यक्ति की सेम्पल की जाँच में कितनी राशि व्यय की जा रही है और कितनी राशि शासन द्वारा प्राप्त हो रही है? प्रश्न दिनांक तक व्यक्तियों के सेम्पल में कितनी राशि विभाग द्वारा व्यय की जा चुकी है? प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत शासन द्वारा कितने कोरन्टाईन सेन्टर कहां-कहां बनाये गये है? इन सेन्टरों में कितने व्यक्तियों को अभी तक कोरन्टाईन किया गया है? प्रत्येक कोरन्टाईन व्यक्ति के भोजन, अन्य सुविधाओं हेतु कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की जा रही है? किन-किन कोरन्टाईन सेन्टरों को शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि प्रदान की जा चुकी है और प्राप्त राशि का उपयोग किन-किन सुविधा हेतु सेन्टरों में किया गया है? प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) जिला छिन्दवाड़ा आईसोलेशन में भर्ती (कोविड-19) संक्रमित मरीजों के ईलाज व सुविधा हेतु अभी तक शासन द्वारा कितनी राशि प्रदान की गई है और प्राप्त राशि का व्यय किस-किस मद से कहां-कहां किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। लिए गए 18863 सेम्पल में से 503 मरीज पॉजीटिव तथा 16993 मरीज निगेटिव पाये गये। शासकीय संस्थाओं में सेम्पल की जांच हेतु विभाग द्वारा पृथक से कोई राशि व्यय नहीं की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कुल 26436 व्यक्तियों को क्वारेंटाईन किया गया है। कोरन्टाईन व्यक्ति के भोजन, अन्य सुविधाओं हेतु राशि रूपये 300/- प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से शासन द्वारा प्रदान की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्राप्त राशि का उपयोग क्वारेंटाईन सेंटरों में भोजन, पानी, सामग्री एवं साफ-सफाई सुविधा हेतु किया गया। (ग) छिन्दवाड़ा जिले के आइसोलेशन में भर्ती (कोविड-19) संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु शासन द्वारा आइसोलेशन मद में कोई राशि प्रदान नहीं की गई है, किंतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कोविड मद से राशि रूपये 3,00,000/- (तीन लाख रूपये) सिविल सर्जन के रोगी कल्याण समिति मद में आइसोलेशन हेतु प्रदान की गई जिसमें से राशि रूपये 1.8 लाख का उपयोग सेन्ट्रल आक्सीजन लाइन हेतु एवं जिसमें से राशि रूपये 1.2 लाख का उपयोग सोडियम हाइपोक्लोराइड हेतु व्यय हुआ।
शासकीय चिकित्सकों द्वारा निजी प्रेक्टिस (उपचार)
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 105 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 के पश्चात उज्जैन संभाग अन्तर्गत के कितने शासकीय चिकित्सालयों में शासकीय चिकित्सकों द्वारा निजी प्रेक्टिस (उपचार) की शिकायत कहाँ-कहाँ, किस-किस व्यक्ति द्वारा की गयी? उस पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? जांच की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या मंदसौर में गत 6 अगस्त 2020 को प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शासकीय चिकित्सालय में निजी प्रेक्टिस करते हुये पकड़ा और आपत्ति दर्ज कराई थी? उस पर विभाग एवं शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? की गयी सम्पूर्ण जांच की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत मुख्य चिकित्सा अधिकारी गत फरवरी 2020 से मंदसौर के शासकीय चिकित्सालय में एक मेडिकल स्टोर के माध्यम से निजी प्रेक्टिस का गोरखधंधा कर रहे थे? यदि हाँ, तो शासकीय चिकित्सालय में निजी प्रेक्टिस पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है? नियमावली उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत केवल जिला मंदसौर में निजी प्रेक्टिस की शिकायत सामु.स्वा.केन्द्र सुवासरा में पदस्थ खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ.रेवाशंकर जोहरी की चिकित्सालय के कर्मचारियों द्वारा तथा तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मंदसौर डॉ.अधीर कुमार मिश्रा की विधायक माननीय श्री यशपाल सिंह सिसौदिया द्वारा की गई। खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रेवाशंकर जोहरी द्वारा की जा रही निजी प्रेक्टिस की शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उपखण्ड सीतामउ जिला मंदसौर द्वारा की गई तथा विभागीय कार्यवाही में चिकित्सा अधिकारी को निलंबित किया गया। तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मंदसौर की शिकायत उपरांत प्रारंभिक विभागीय कार्यवाही करते हुये उनका स्थानान्तरण किया गया। जांच उपरांत जांच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत कार्यवाही संभागीय आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा की जावेगी। (ख) जी हाँ। जिला कलेक्टर द्वारा की गई जांच उपरांत प्रतिवेदन के आधार पर प्रारंभिक विभागीय कार्यवाही करते हुये उनका स्थानान्तरण किया गया तथा संभागीय आयुक्त उज्जैन संभाग को जिला कलेक्टर द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत कार्यवाही संभागीय आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा की जावेगी। जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जी हाँ। शासन के निर्देश क्रमांक/1983/2835/2013/सत्रह/मेडि-1 भोपाल दिनांक 07/08/2013 अनुसार शासकीय चिकित्सालयों में पदस्थ चिकित्सक द्वारा निजी प्रेक्टिस के निर्धारित नियमों के उल्लघंन करने पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम ’16’ के उप नियम (4) का उल्लघंन माना जायेगा व म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत दण्डनीय है। नियमावली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
रेत उत्खनन में अनियमितता
[खनिज साधन]
16. ( क्र. 110 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में रेत उत्खनन का ठेका विष्टा सेल्स कंपनी प्राईवेट लिमिटेड को दिया गया है यदि हाँ, तो उक्त कम्पनी को कार्य आदेश जारी होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कम्पनी द्वारा कितनी मात्रा में रेत का उत्खनन कर शासन को कितनी रायल्टी का भुगतान किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) की कम्पनी द्वारा रेत नियमों का उल्लंघन कर बड़वारा तहसील की ग्राम खरहटा, देवरी, सांघी, छिन्दहाई, पिपरिया, गणेशपुर, गुडाकला, इमलिया की स्वीकृत खदानों में नदी की धारा परिवर्तित कर जे.सी.बी. पोकलिन मशीनों से उत्खनन किए जाने की शिकायत क्या मा. मुख्यमंत्री को की जाकर ज्ञापन तहसीलदार बड़वारा जिला कटनी के माध्यम से प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य द्वारा दिनांक 04/06/2020 को की गई है एवं अन्य और पूर्व में विगत एक वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत एवं अन्य शिकायतों पर शासन एवं प्रशासन द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई पृथक-पृथक विवरण दें? (घ) विगत तीन वर्षों में कटनी जिले में न्यायालय कलेक्टर द्वारा रेत रायल्टी चोरी के जो प्रकरण निर्मित किए गए उनमें बकाया राशि जमा हुई या नहीं बताएँ यदि नहीं तो उन प्रकरणों की क्या वर्तमान स्थिति है प्रकरणवार बताएँ?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। कटनी जिले में रेत उत्खनन का ठेका विस्टा सेल्स कंपनी प्रायवेट लिमिटेड को दिया गया है। विस्टा कंपनी के द्वारा कार्य आदेश जारी होने के दिनांक 21.01.2020 से 03.09.2020 तक कुल 328258.01 घन मीटर रेत का उठाव किया गया है तथा शासन को रॉयल्टी राशि रूपये 3,28,25,801/- रूपये का भुगतान किया गया है। (ख) जी हां। प्रश्नांश से संबंधित शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ एवं ब में दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार दिनांक 04.06.2020 को प्रस्तुत ज्ञापन में उल्लेखित बिन्दुओं की जांच खनि निरीक्षक से कराई गई। विगत एक वर्ष में प्रश्नाधीन ग्रामों में रेत खदानों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ में दर्शाया गया है। (घ) कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में खनिज रेत के अवैध उत्खनन, अवैध परिवहन एवं अवैध भंडारण के पंजीबद्ध एवं न्यायालय कलेक्टर, कटनी के द्वारा निर्णित प्रकरणों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - स, द एवं ई में दर्शित अनुसार है।
सिविल सर्जन की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 111 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन का पद रिक्त है, क्या सिविल सर्जन क्या प्रथम श्रेणी का पद है? (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर कटनी द्वारा प्रथम श्रेणी के चिकित्सकों के कार्यरत रहते हुये द्वितीय श्रेणी के अधिकारी को सिविल सर्जन क्यों नियुक्त किया वरिष्ठता का उल्लंघन करने के लिये कलेक्टर कटनी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये प्रभारी सिविल सर्जन को हटाकर किसी वरिष्ठ को नियुक्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक बताएं। (ग) वर्तमान प्रभारी सिविल सर्जन जो नेत्र रोग चिकित्सक है, जिनकी लापरवाही से 8 प्रतिष्ठित नागरिकों का कोरोना संक्रमण बीमारी से निधन हो गया, इनकी पत्नी जो कि स्त्री रोग चिकित्सक है, के कार्यकाल की कुल कितनी शिकायते शासन एवं प्रशासन को प्राप्त हुई है? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) कटनी जिले में कोविड 19 महामारी फैलने के कारण एक मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उपचार हेतु सिविल सर्जन एवं सी.एम.एच.ओ. कार्यालय द्वारा कौन-कौन सी सामग्री किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि की क्रय की गई? दवाई/सामग्री क्रय की गई विवरण दें। (ड.) कटनी जिले में सी.एम.एच.ओ. एवं सिविल सर्जन की पदस्थापना कब तक की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) सिविल सर्जन पद 100 प्रतिशत पदोन्नती से भरे जाने का प्रावधान है। 30 अप्रैल 2016 से मान. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति का प्रकरण विचारधीन/विलंबित होने के कारण पदोन्नति नहीं की जा सकी है। 51 सिविल सर्जन के पद स्वीकृत दिनांक (04.03.2016) से रिक्त है, डॉ.यशवंत वर्मा प्रभारी नेत्ररोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत है एवं डॉ. वर्मा वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान (रूपये 37400-67000+ ग्रेड पे-8700) प्राप्त कर रहे है। इसलिए कोविड-19 के दृष्टिगत पात्रता, योग्यता एवं कार्यक्षमता अनुसार प्रभार सौंपा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सिविल सर्जन कटनी के प्रभार में पदस्थ डॉ. यशवंत वर्मा तथा उनकी पत्नी डॉ. सुनिता वर्मा, के विरूद्ध उपलब्ध रिकार्ड अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ड.) डॉ. राजबहादुर सिंह, शल्य क्रिया विशेषज्ञ को सी.एम.एच.ओ. एवं डॉ. यशवंत वर्मा प्रभारी नेत्ररोग विशेषज्ञ को सिविल सर्जन का प्रभार सौंपा गया है। सी.एम.एच.ओ. एवं सिविल सर्जन पद 100 प्रतिशत पदोन्नती से भरे जाने का प्रावधान है। 30 अप्रैल 2016 से मान.उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति का प्रकरण विचारधीन/विलंबित होने के कारण पदोन्नति नहीं की जा सकी है। 51 सिविल सर्जन के पद स्वीकृत दिनांक (04.03.2016) से रिक्त है तथा वर्तमान में प्रदेश में मात्र 12 नियमित सी.एम.एच.ओ. पदस्थ है। इसलिए पात्रता, योग्यता एवं कार्यक्षमता अनुसार इन पदों का प्रभार सौंपा जाता है।
सेवायुक्तों के प्रकरण में कार्यवाही
[सहकारिता]
18. ( क्र. 121 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति संविलियत सेवायुक्तों पाँचवा वेतनमान स्वीकृत किये जाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों के पालन में राज्य शासन द्वारा सहकारिता विभाग को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही अब तक की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) म.प्र. राज्य तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान का काल्पनिक गणना नहीं किये जाने से संबंधितों द्वारा दर्जनों याचिकायें उच्च न्यायालयों में दर्ज की गई है? यदि हां, तो कितने रिट-पिटीशन/अवमानना प्रकरण प्रचलित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर रिट पिटीशन 12741 वर्ष 2007 व अन्य 84 प्रकरणों में पारित निर्णय के परिपालन में परिसमापक तिलहन संघ द्वारा संविलियत सेवायुक्तों को वांछित पांचवा वेतनमान का लाभ वेतन निर्धारण में (काल्पनिक) स्वीकृत किया? (घ) तिलहन संघ से शासन के विभिन्न पदों में प्रतिनियुक्ति पर लगभग 21-22 वर्षों से कार्यरत सेवायुक्तों को संविलियन पूर्व प्रतिनियुक्ति अवधि का पांचवा वेतनमान स्वीकृत है अथवा नहीं? क्या इन्हें अंतरिम राहत स्वीकृत था? यदि वेतनमान स्वीकृत नहीं है? तो क्या स्वीकृत करेंगे, ताकि वर्ष 2007 से लंबित सैकड़ों दर्जनों अवमानना प्रकरणों खारिज करने की कार्यवाही हो सके? स्पष्ट करें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र./407/426/2019/1/3 दिनांक 29.03.2019 द्वारा म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन उत्पादक संघ भोपाल के सेवायुक्तों को पांचवे, छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने की पात्रता के संबंध में विभिन्न विभागों द्वारा पृथक-पृथक कार्रवाई किए जाने के फलस्वरूप माननीय न्यायालयों में दायर प्रकरण/अवमानना आदि को दृष्टिगत रखते हुए मामले में शासन के विभागों से समन्वय स्थापित करने हेतु एवं मामले का परीक्षण कर उचित कार्रवाई करने के लिए सहकारिता विभाग को नोडल विभाग नियुक्त किया गया है। सहकारिता विभाग द्वारा न्यायालयीन प्रकरणों में प्रतिरक्षण करने हेतु परिसमापक म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन संघ मर्या. भोपाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। (ख) तिलहन संघ में पांचवे एवं छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण वित्त विभाग के परिपत्र क्र./496/2031/2018/नियम/चार दिनांक 23.03.2019 एवं अन्य आनुषांगिक दिशा निर्देशों के अनुसार किये जाने का प्रावधान है। कुल 02 याचिकाएं एवं 01 अवमानना प्रकरण। (ग) माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्र. 12741/2007 माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दी गई है। अन्य 84 प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में अंतिम निर्णय हेतु विचाराधीन है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वित्त विभाग के परिपत्र क्र./496/2031/2018/नियम/चार दिनांक 23.03.2019 एवं अन्य आनुषांगिक दिशा निर्देशों के अनुसार। तिलहन संघ के सेवायुक्तों को अंतरिम राहत की 03 किश्तें स्वीकृत है। तिलहन संघ के परिसमापन में होने से नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोना महामारी के नियंत्रण एवं बचाव में व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( क्र. 132 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना महामारी के नियंत्रण एवं बचाव हेतु जबलपुर जिले में स्थित अस्पतालों को शासन द्वारा कितना-कितना बजट स्वीकृत/प्रदाय किया गया? (ख) जबलपुर जिले के अस्पतालों द्वारा कोरोना महामारी के नियत्रंण एवं बचाव में कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस सामग्री का क्रय, किस-किस फर्म से किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्रय की गयी समस्त सामाग्रियों के देयक उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
जबलपुर में साइंस सेंटर का निर्माण
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
20. ( क्र. 133 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में साइंस सेंटर बनाने हेतु केंद्र सरकार से बजट/स्वीकृति प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मामले में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी तथा मामला किस स्तर पर लंबित है? (ग) साइंस सेंटर बनाने हेतु किस जमीन का चिन्हांकन/उपयोग परिवर्तन किया गया है? दस्तावेज उपलब्ध करावें। (घ) साइंस सेंटर का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन के आदेश दिनांक 31/12/2019 द्वारा उप क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र जबलपुर की स्थापना हेतु स्वीकृति जारी की गई है। कलेक्टर जबलपुर के आदेश दिनांक 19/12/2019 द्वारा इस केन्द्र की स्थापना हेतु जबलपुर नगर में आवंटित भूमि का आवंटन, कलेक्टर जबलपुर के आदेश दिनांक 04/07/2020 द्वारा निरस्त कर दिया गया है। भूमि आवंटित होने के पश्चात उप क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र की स्थापना की कार्यवाही की जायेगी। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) भूमि आवंटित होने पर राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् (एनसीएसएम) कोलकाता, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा केन्द्र के निर्माण के लिए समय-सीमा लगभग 27 माह निर्धारित है।
मुख्यमंत्री मदद योजना अंतर्गत बर्तन का क्रय
[आदिमजाति कल्याण]
21. ( क्र. 139 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री मदद् योजना क्या है तथा इस योजनान्तर्गत बर्तन खरीदने हेतु आवंटन व खर्च करने के लिये क्या ग्राम पंचायत को अधिकृत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो धार जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल कितनी ग्राम पंचायतों को कुल कितनी धनराशि बर्तन क्रय करने हेतु प्रदान की गई तथा कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा बर्तन सीधे बाजार से क्रय कर लिये गये हैं? (ग) क्या धार जिले में जिला प्रशासन द्वारा इन समस्त ग्राम पंचायतों के लिये बर्तन खरीदी हेतु एकत्रित एक निविदा आमंत्रित कर सभी ग्राम पंचायतों को इसी चयनित फर्म से ही बर्तन खरीदने हेतु निर्देशित किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो यह निविदा जिला स्तर पर किस विभाग द्वारा आमंत्रित की गई तथा क्या लगभग तीन करोड़ की इस निविदा को ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से जारी किया गया था? इस निविदा के प्रचार प्रसार हेतु किस तारीख को किस-किस प्रमुख समाचार पत्र में इसका प्रकाशन किया गया? (ड.) भण्डार क्रय नियमानुसार उक्त लगभग तीन करोड़ की निविदा में स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा व पारदर्शिता हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये थे? निविदा चयन समिति की जानकारी बतावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आदिवासी परिवार में जन्म जैसे सुखद अवसर एवं मृत्यु जैसी दुःखद घटनाओं पर आदिवासी वर्गों को सामाजिक संस्कारों का निर्वहन करना पडता है, जिसके लिये अचानक आर्थिक सहायता की आवश्यकता पड़ती है। चूंकि यह संस्कार अनिवार्य होते है, अत: इनकी पूर्ति के लिये गरीब आदिवासी वर्गों को आर्थिक बोझ से बचने के लिये यह योजना प्रारंभ की गई है, ताकि आदिवासी परिवार अनावश्यक रूप से ऋणग्रस्तता से भी बच सकें, गरीब आदिवासी वर्ग के परिवारों को अनिवार्य सामाजिक संस्कारों के निर्वहन हेतु सहायता उपलब्ध हो एवं आदिवासी संस्कृति एवं पारम्परिक प्रथाओं का संरक्षण हो सके। योजना के दो घटक हैः- 1. बर्तन सामग्री प्रदाय (एक बार) 2. अनाज का प्रदाय (जन्म या मृत्यु होने पर) बर्तन सामग्री प्रदायः- सामाजिक संस्कारों के कार्यक्रमों हेतु भोजन बनाने के लिये बर्तन क्रय करने हेतु एक बार प्रति ग्राम रू. 25,000/- (पच्चीस हजार मात्र) की राशि उपलब्ध कराई गई है। अनाज का प्रदाय (निरंतर):- जन्म के समय कार्यक्रम के लिये प्रति जन्म (दो बच्चों तक सीमित) 50 किलोग्राम अनाज (गेहूं/चावल) उचित मूल्य की दुकान से उपलब्ध कराया जावेगा। योजना अन्तर्गत बर्तन खरीदने हेतु आवंटन विभाग द्वारा सीधे ग्राम पंचायतों के बैंक खातों में ग्रामो की संख्या के मान से राशि रूपये 25,000/-प्रतिग्राम हेतु जारी की गई है। उक्त राशि खर्च करने के लिये ग्राम पंचायत को अधिकृत किया गया है। (ख) धार जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 1370 ग्रामों को राशि रूपये 3,42,50,000/- (तीन करोड़ बियालीस लाख पचास हजार मात्र) जारी की गई है। ग्राम पंचायतों द्वारा बर्तन सीधे बाजार से क्रय करने संबंधी कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। बर्तन सीधे बाजार से क्रय करने हेतु कोई निर्देश नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) निविदा जिला स्तर पर आदिवासी विकास विभाग द्वारा आमंत्रित की गई है शासन के पोर्टल WWW.MPTENDERS. MP.GOV.IN माध्यम से ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की गई। समाचार पत्रों में निविदा का प्रकाशन नहीं किया गया। (ड.) जी हाँ। निविदापूर्ण पारदर्शित ऑनलाईन पोर्टल WWW.MPTENDERS. MP.GOV.IN माध्यम से आमंत्रित की गई है, निविदा चयन समिति के समक्ष ऑनलाईन पाँच निविदा प्राप्त हुई थी जिसमें से चार निविदा (फर्मों) के अभिलेख निविदा शर्त अनुरूप पूर्ण पाये जाने से समिति द्वारा सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि उक्त चार निविदा (फर्मों) की वित्तीय बीड खोली जावे। समिति के निर्णय अनुसार वित्तीय बीड खोली गई जिसका विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र. |
फर्म का नाम |
प्रस्तुत दर (निविदा राशि से कम या अधिक |
1. |
गिरवाल बर्तन भण्डार द्वारा गिरवाल पेट्रोल पम्प बदनावर |
-12.99% Below |
2. |
मेसर्स नेशनल स्टील एम्पोरियम, शहडोल |
-8.20% Below |
3. |
सांई स्टील मेटल एण्ड एग्रो इंडस्ट्रीज धार |
-7.00% Below |
4. |
जितेश कुमार चौहान गंधवानी |
-5.03% Below |
गिरवाल बर्तन भण्डार बदनावर की दर न्यूनतम (-12.99% Below) प्राप्त हुई। अतः समिति द्वारा गिरवाल बर्तन भण्डार बदनावर को बर्तन प्रदाय हेतु इम्पेनल किया गया। निविदा चयन समिति जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में निम्नानुसार समिति गठित की गई:- 1. कलेक्टर-अध्यक्ष 2. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत-सदस्य 3. महा प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र-सदस्य 4. कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा-सदस्य 5. सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास-सदस्य/सचिव
नर्मदा नदी में जल मग्न स्नान घाट व श्मशान आदि संरचनाओं का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
22. ( क्र. 141 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के धरमपुरी में इस वर्ष नर्मदा नदी का अधिकतम जल स्तर कितने मीटर तक रहा? क्या यह जल स्तर नर्मदा नदी की अधिकतम सीमा है? यदि नहीं तो अधिकतम सीमा क्या है? (ख) क्या धरमपुरी में नर्मदा नदी पर निर्मित प्राचीन स्नान घाट व शमशान आदि संरचनाएँ नर्मदा नदी के बढ़े हुए जल स्तर के कारण पिछले वर्ष डूब गये थे? (ग) क्या तीज त्यौहारों पर धार्मिक स्नान हेतु आस-पास के ग्रामों से भी बड़ी संख्या में नागरिक यहाँ आते हैं तथा धार्मिक मान्यताओं के चलते आस-पास के क्षेत्र से लोग अपने परिजनों के अंतिम संस्कार करने हेतु धरमपुरी के नर्मदा नदी के तट के श्मशान घाटो पर आते हैं? (घ) यदि हाँ, तो नगरवासियों की इन मूलभूत सुविधाओं को बढ़े हुए जल स्तर को ध्यान में रखते हुए बढ़े हुए जल स्तर के बाहर नये स्नानाघाट एवं श्मशान स्थल बनाने हेतु शासन स्तर पर कोई योजना बनाई गई है तथा कब तक नये निर्माण कार्य किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 31.08.2020 को अधिकतम जल स्तर 140.90 मी. रहा था। जी नहीं। नवीन बैक वाटर लेवल 143.43 है, जो नदी की अधिकतम जल स्तर की सीमा है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, कोई योजना स्वीकृत नहीं है।
08 वर्ष से अनुपस्थित अध्यापिका के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 151 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 10.07.2019 को कलेक्टर-टीकमगढ़ द्वारा मा.शाला बड़ेरा का आकस्मिक निरिक्षण किया गया, जहाँ शिक्षिका वंदना त्रिपाठी पिछले 08 वर्षों से अनुपस्थित पाई गई? (ख) यदि हाँ तो कलेक्टर-टीकमगढ़ द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या वंदना त्रिपाठी विगत 08 वर्षों से अनुपस्थित रहने के बाद भी फर्जी हस्ताक्षर कर सतत् वेतन प्राप्त करती रहीं? यदि हाँ, तो धोखाधड़ी एवं वेतन वसूली के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) संकुल केन्द्र भेलसी के प्राचार्य, मा.शाला बड़ेरा के प्रधानाचार्य एवं रामलखन पारासर जोकि पिछले 5-6 वर्षों से बी.आर.सी. बल्देवगढ़ के पद पर पदस्थ है। इन सभी पर शिक्षिका वंदना त्रिपाठी की उपस्थिति के फर्जी हस्ताक्षर कराने और अपने कार्य में लापरवाही बरतने पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या निलबंन अवधि के दौरान बंदना त्रिपाठी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है? यदि हाँ, तो कहाँ? उपस्थिति पंजी की छायाप्रति देवें। (च) क्या मंत्री जी इस गंभीर प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। निरीक्षण के दौरान श्रीमती वन्दना त्रिपाठी शाला में उपस्थित मिली तथा बडेरा ग्रामवासियों द्वारा 08 वर्षों से शाला में उपस्थित नहीं होने संबंधी पंचनामा दिया गया है। (ख) ग्रामवासियों द्वारा दी गई शिकायत/पंचनामा के आधार पर श्रीमती वन्दना त्रिपाठी, अध्यापक, शा. मा.वि. बडेरा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत टीकमगढ़ के आदेश दिनांक 15.07.2019 को निलम्बित किया गया तथा आदेश दिनांक 12.03.2020 को विभागीय जांच संस्थित की गई। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार विभागीय जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाई की जायेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर से नोटिस जारी किये गए है, इनके तथा उत्तरांश (ख) में अंकित विभागीय जांच के निष्कर्षों के प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेंगी। (ड.) निलम्बन अवधि में श्रीमती वन्दना त्रिपाठी का मुख्यालय विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी पलेरा जिला टीकमगढ़ नियत किया जाता है। जहां वे दिनांक 18/7/2019, 16/09/2019 एवं 17/09/2019 को उपस्थित हुई है। उपस्थिति प्रमाण पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (च) उत्तरांश (ख) अनुसार जांच संस्थित की जा चुकी है।
100 बिस्तर अस्पताल के लिए बजट का आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 158 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकास खंड त्योंथर में वर्ष 2007 से 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल स्वीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो पूर्व से स्वीकृत 100 बिस्तरीय अस्पताल भवन के निर्माण कार्य के लिए वर्ष 2007 से आज दिनांक तक बजट की स्वीकृत न होने का प्रमुख कारण क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अति लोक महत्व पर आधारित है, ऐसी स्थिति में स्वीकृत 100 बिस्तरीय अस्पताल के निर्माण के प्रक्रिया के लिए विभाग का आगामी लक्ष्य क्या है? (घ) क्या लोक महत्व के इस विषय को जनहित में सर्वोच्च प्रथिमिकता के आधार पर वर्तमान सत्र के लिए प्रस्तावित/स्वीकृत बजट से आवश्यक बजट राशि का आवंटन सुनिश्चित किया जावेगा। यदि हाँ, तो अनुमानित/स्वीकृत बजट की जानकारी प्रदान की जावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) अभी सिर्फ संस्था स्वीकृत है। (ख) शासन के आदेश क्रमांक एफ 1-15/07/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 09.09.2008 द्वारा संस्था स्वीकृति उपरांत भूमि चिन्हित न होने के कारण भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं हो सकी। (ग) विभाग द्वारा दिनांक 02.06.2020 को स्थाई वित्त समिति में भवन निर्माण की स्वीकृति का प्रस्ताव रखा गया था, परंतु समिति द्वारा वर्तमान में त्योंथर अस्पताल की आई.पी.डी./ओ.पी.डी. की जानकारी प्राप्त कर 100 बिस्तरीय भवन उन्नयन की आवश्यकता होने पर एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर आगामी स्थाई वित्त समिति की बैठक में प्रस्ताव रखने का निर्णय हुआ। (घ) प्रश्नांश भाग की जानकारी प्रश्नांश (ग) के उत्तर में समाहित है।
लोक सेवक को न्याय
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 181 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री जी.के. द्विवेदी ईई एसटीएम रीवा के पद पर का कार्यकाल बतायें? (ख) सीई (कार्य) जबलपुर आदेश क्रमांक 1020 दिनांक23/2/2011 द्वारा एयरटेल के बिल भुगतान कराने की जिम्मेवारी किसे दी गई थी, क्या बिल भुगतान न होनें की दशा में भी भारती एयरटेल द्वारा कनेक्शन बंद न करने का आदेश/अनुबंध था? अगर हाँ, तो दिनांक 18/4/2014 को सिम बंद करने पर संबंधित फर्म के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं कराई गई? क्या इस लापरवाही के लिये मुख्य अभियंता दोषी नहीं है, यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई स्पष्ट करें? क्या मुख्य अभियंता/उच्च अधिकारी को बचाने के लिये श्री जी.के.त्रिवेदी ईई को दोषी बना दिया गया है स्पष्ट करें? (ग) क्या सीई रीवा ने अपने पत्र क्रमांक 5278 दिनांक 6/8/2015 द्वारा जी.के.द्विवेदी की अपील पर सहमति जताते हुये दण्ड समाप्त करने की सिफारिश की गई थी, अगर हाँ, तो सीजीएम ने आदेश क्रमांक 1631 दिनांक 30/11/2015 द्वारा अपील क्यों निरस्त की गई? (घ) परिनिन्दा दण्ड का प्रभाव 31/12/2015 को समाप्त हो जाने के बावजूद जनवरी 2016 में विभागीय जांच प्रक्रिया की कंडिका 2 अनुसार तत्काल पैनल बनाकर पदोन्नति क्यों नहीं की गई, क्या इस नियम का पालन कर बैकडेट से पदोन्नति दी जावेगी, यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री जी.के. द्विवेदी, कार्यपालन अभियंता का एस.टी.एम. संभाग, रीवा में कार्यकाल दिनांक 8.2.2013 से दिनांक 19.8.2014 तक रहा है। (ख) सीई (कार्य) जबलपुर के आदेश क्रमांक 1020 दिनांक 23.2.2011 के अनुसार भारती एयरटेल के देयकों के भुगतान की जिम्मेदारी क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं को दी गई थी। जी हाँ, उक्त आदेश में यह भी प्रावधान था कि देयकों के भुगतान में विलंब होने पर भारती एयरटेल द्वारा न ही किसी प्रकार की पेनाल्टी/ब्याज अधिरोपित किया जायेगा और न ही कनेक्शन बंद किया जायेगा। उक्त कार्यादेश का उल्लंघन करने पर भारती एयरटेल के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने का प्रावधान नहीं था। जी नहीं, मुख्य अभियंता, रीवा स्वयं दोषी नहीं हैं, अत: उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। जी नहीं, अपितु एयरटेल के देयकों का समय पर भुगतान न होने के लिये श्री जी.के. द्विवेदी दोषी पाये गये। (ग) जी नहीं, मुख्य अभियंता, रीवा क्षेत्र, रीवा ने अपने पत्र क्रमांक 053-01/05/वि.जां.प्र./एफ-1248/5278 दिनांक 26.8.2015 द्वारा श्री जी.के. द्विवेदी के पुनर्विचार आवेदन में उल्लेखित बिन्दुओं से सहमति जताते हुए उनके आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की अनुशंसा की थी, दंड समाप्त करने की अनुशंसा नहीं की गई थी। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) वर्ष 2016 में कंपनी की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के आयोजन के पूर्व माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 30.4.2016 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 12.5.2016 में यथास्थिति के निर्देश के तहत वर्तमान में पदोन्नति की प्रकिया लंबित है। अत: प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आगामी आदेश उपरांत यथोचित कार्यवाही की जा सकेगी।
आरक्षण अधिनियम का पालन
[सामान्य प्रशासन]
26. ( क्र. 182 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्तर पर अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के बैकलॉग पदपूर्ति हेतु रोस्टर के संधारण हेतु व्यवस्था क्या है, नियम एवं निर्देश उपलब्ध करें? (ख) आरक्षण नियमों का पालन न करने हेतु मध्यप्रदेश अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण अधिनियम के अंतर्गत दंड के क्या प्रावधान है, प्रति उपलब्ध कराएँ? (ग) जिला पंचायत सतना में वर्ष 2019-20 एवं 20-21 का किस-किस संवर्ग के रोस्टर का संधारण किया गया है, उक्त रोस्टर किस अधिकारी द्वारा अनुमोदित किया गया है, निर्धारण समिति में कौन-कौन सदस्य थे नाम एवं पद सहित बताएं? सभी संधारित रोस्टरों की प्रति उपलब्ध करायी जाए? (घ) क्या रोस्टर निर्धारण हेतु अनुसूचित जाति या जनजाति के किसी सदस्य को समिति में रखा गया, यदि नहीं तो क्या जांच कर कार्यवाही की जाएगी? अनियमितता बरतने एवं अधिनियम का पालन न करने पर उत्तरदायी के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19 सितम्बर, 2002 में दिए गए प्रावधानों में क्रमांक-1 रोस्टर, में जिला स्तरीय रोस्टर की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1994 की धारा-6 (1) (2) एवं धारा-7 में दंड के प्रावधान निर्धारित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) एवं (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
27. ( क्र. 187 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-6-1/ 2019/एक/9 दिनांक 04/06/2019 की कंडिका 11.22 के अनुसार अधिकारी के एक स्थान से स्थानांतरण के बाद पुन: उसी स्थान पर सामान्यत: पदस्थ न किये जाने बाबत् नीति बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो नीति होने के बावजूद किन किन कार्यपालन यंत्रियों को पुन: उसी स्थान पर पदस्थ किया गया है? कारण बतावें? (ग) नियम के विपरीत आदेश करने वाले अधिकारी का नाम बतावे? क्या ऐसे अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग को बजट का आंवटन
[आदिमजाति कल्याण]
28. ( क्र. 205 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राज्य सरकार के बजट से एकीकृत विकास परियोजना, लघु, माडा, कलस्टर परियोजना हेतु विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओ में कितनी राशि प्राप्त हुई, कितनी राशि का व्यय किया गया, कितनी राशि किन आदिवासी परियोजनाओं को वर्षवार जारी की गई एवं कितनी राशि किन-किन विभागों को वर्षवार जारी की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। आईटीडीपी/माडा पॉकेट/क्लस्टर में स्थानीय विकास कार्यक्रम हेतु सामग्री एवं पूर्तियाँ मद-5211 अंतर्गत (राज्य आयोजना) में राशि परियोजना/माडा/लघु अंचलों को जारी की जाती है विभागों को नहीं।
प्राचार्यों पर आर्थिक अपराध के दर्ज प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 220 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात उज्जैन संभाग में कितने प्राचार्यों पर आर्थिक अपराध के प्रकरण दर्ज किये गये, कितने प्रकरण मा.न्यायालय में विचाराधीन है? कितने विभागीय समीक्षा में चल रहे है? प्रत्येक प्रकरण की जानकारी देवें? (ख) क्या कार्यालय आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा दिनाँक 15.01.2018 को अपने पृष्ठ क्रमांक 424/दो-स्थापना/2018 को आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा हस्ताक्षरित पत्र जारी कर आर्थिक अपराध में निलंबित प्राचार्य को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हाटपिपलिया संकुल कमला नेहरु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा जिला रतलाम में पुन: प्राचार्य पद पर पदस्थ कर दिया है यदि हाँ, तो किस नियम के तहत, क्या आर्थिक अपराध निलंबित प्राचार्य पुन: प्राचार्य पद संभाल कर लोकल केश बुक का संचालन कर सकता है यदि हाँ, तो इन्हें उसी स्कूल के वेतन ड्राइंग पावर क्यों नहीं दिए गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आयुक्त के पत्र में निलंबित प्राचार्य को पुन: प्राचार्य बनाने का उल्लेख नहीं है फिर भी निलंबित प्राचार्य शा.उ. मा.विद्यालय हाटपिपलिया का प्राचार्य पद संभाल रहे हैं तथा किस आदेश से, क्या शा.उ. मा.विद्यालय हाटपिपलिया का प्राचार्य पद फुलफ्रेश प्राचार्य का पद है यदि हाँ, तो प्राचार्य का वेतन कमला नेहरु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा से क्यों निकल रहा है क्या निलंबित प्राचार्य को संकुल से अन्यत्र स्थान्तरित किया जाएगा यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) उज्जैन संभाग अन्तर्गत 02 आर्थिक अपराध के प्रकरण दर्ज है। दोनों प्रकरण न्यायालयीन कार्यवाही में प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। जांच प्रभावित न हो इसलिये बहाली उपरांत कार्य सुविधा की दृष्टि से अन्य विद्यालय में पदस्थ किया जा सकता है। प्राचार्य पद पर पदस्थापना होने पर प्राचार्य से संबंधित सभी दायित्वों का निर्वाहन करना होता है। चूंकि विकासखण्ड अंतर्गत विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी का ही डी.डी.ओ. अधिकार है, किसी भी प्राचार्य को नहीं है। अतः संबंधित प्राचार्य को डी.डी.ओ. अधिकार नहीं दिये जा सकते है। (ग) संबंधित का मूल पद प्राचार्य है। अतः निलंबन से बहाली प्राचार्य उ.मा.वि. पद पर ही होगी। राज्य शासन के पत्र क्रमांक/एफ 27-29/2013/20-2 भोपाल दिनांक 05.07.2013 द्वारा पदस्थ संस्था शासकीय उ.मा.वि. हाटपिपल्या जिला रतलाम में प्राचार्य उ.मा.वि. का पद स्वीकृत है। जी हाँ, प्राचार्य का पद स्वीकृत है। शासकीय उ.मा.वि. हाटपिपल्या जावरा के पद से ही वेतन निकल रहा है। शास.कमला नेहरू कन्या उ.मा.वि. संकुल होने से वेतन देयक इस संस्था से बनाया जाता है। जांच प्रचलित है। जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदिरा ज्योति योजनांतर्गत लाभांवित विद्युत उपभोक्ता
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 250 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में इंदिरा ज्योति योजना किस दिनांक से लागू की तथा उसके उद्देश्य क्या थे? (ख) उपरोक्त योजनांर्गत प्रदेश के कितने विद्युत उपभोक्ताओं को प्रश्न दिनांक तक लाभ प्राप्त हुआ? उपभोक्ताओं की संख्या एवं दिये गये अनुदान की राशि बतायें। (ग) वर्तमान में उक्त योजना संचालित हैं अथवा नहीं? (घ) इंदिरा ज्योति योजना में विद्युत दरों एवं अनुदान की तुलना में वर्तमान में उपभोक्ताओं से वसूली जा रही राशि का अन्तर क्या हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' दिनांक 25 फरवरी, 2019 से तथा परिवर्तित रूप में दिनांक 07.09.2019 से लागू की गई थी। उक्त योजना का उद्देश्य घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों में राहत देना है। योजना का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अद्यतन स्थिति में संधारित आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' प्रारंभ होने के माह फरवरी, 2019 से माह जून, 2020 तक की अवधि में योजना के तहत लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या एवं उन्हें प्रदान की गई अनुदान की राशि की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, उक्त योजना वर्तमान में संचालित है। (घ) ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' में विद्युत दरों एवं अनुदान की तुलना में वर्तमान में विद्युत उपभोक्ताओं से वसूली जा रही राशि में कोई अंतर नहीं है।
संविदा कर्मचारियों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 259 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदा कर्मचारियों के लिये शासन द्वारा कितनी समय अवधि के लिये नियुक्ति की जाती है? (ख) क्या शासन द्वारा संविदा पद समाप्त कर स्थाई कर्मचारियों के लिये शासन द्वारा कोई प्रयास किये जा रहे हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या संविदा कर्मचारियों को स्थाई करने की कोई प्रक्रिया शासन द्वारा चलाई जा रही है? यदि चलाई जा रही है तो कब तक कर्मचारियों को स्थाई किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभागों द्वारा कार्य की आवश्यकता को देखते हुए एवं अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर एक समय अवधि के लिये नियुक्ति की जाती है। (ख) परिपत्र दिनांक 05 जून, 2018 द्वारा संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति प्राप्त करने के अवसर प्रदान किए जाने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं एवं विभागों के अनुमोदित प्रशासनिक सेटअप में संविदा पर नियुक्ति के लिए जो पद चिन्हित हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से नियमित पदों में परिवर्तित किए जाने के निर्देश हैं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दै.वे.भो. कर्मचारियों का विनियमीतकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
32. ( क्र. 275 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रावास जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कहाँ-कहाँ खोले गए थे? उनके नाम एवं छात्र-छात्राओं की संख्या सहित बताएँ एवं यह भी बताएँ कि इनमें कौन-कौन कर्मचारी कब से पदस्थ हैं और इनका मूल पद क्या-क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) आधार पर ऐसे दै.वे.भो. कर्मचारियों के नाम, पद सहित बताएं जो नियमित पद पर, कार्यभारित पद पर एवं कलेक्टर दर पर नियुक्त किये गए थे? इनकी नियुक्ति किस दर पर किस पद पर कब किस अधिकारी द्वारा दी गई थी? इन सभी के आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएँ कि जो जिले में 17 मई 2007 के पहले 25 कर्मचारी दै.वे.भो. थे उन सभी का जिला कलेक्टर द्वारा दिनांक 22 जनवरी 2019 द्वारा विनियमितीकरण कर दिया गया है? अगर हां तो उनकी सूची प्रदाय कर यह बताएँ कि यह किसके आदेश से किया गया? ऐसे आदेश की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि एक जिले में दिनांक 16 मई, 2007 के बाद नियुक्ति प्राप्त करने वाले दै.वे.भो. कर्मचारियों का विनियमितीकरण क्यों नहीं किया गया है? उनकी सूची प्रदाय कर यह भी बताएं कि जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक इन शेष 25 दै.वे.भो. कर्मचारियों का विनियमितीकरण करने जिले से शासन को कब-कब पत्र लिखा गया? ऐसे पत्रों की छायाप्रतियां प्रदाय कर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं। इन 25 का विनियमितीकरण किया जाएगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी 2014 से खोले गये छात्रावासों में प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर दर पर 03 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिले में दिनांक 16 मई 2007 के पहले नियुक्त 25 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कलेक्टर, टीकमगढ़ के आदेश क्रमांक 136 दिनांक 22 जनवरी 2019 द्वारा मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर 2016 के निर्देशानुसार विनियमित किया गया है। विनियमित किये गये कर्मचारियों की सूची तथा आदेश की छायाप्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर 2016 की कंडिका क्रमांक 1.8 में 16 मई 2007 के बाद शासन की अनुमति से/अनुमोदन उपरांत सक्षम अधिकारी द्वारा नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किये जाने का प्रावधान है। जिले में 16 मई 2007 के बाद नियुक्त 25 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास द्वारा पत्र क्रमांक 257 दिनांक 12.02.19, क्रमांक 298 दिनांक 14.02.19, क्रमांक 956 दिनांक 25.06.19, पत्र क्रमांक 1603 दिनांक 09.09.2019, पत्र क्रमांक 2054 दिनांक 01.11.19 एवं पत्र क्रमांक 114 दिनांक 16.01.2020 आयुक्त, आदिवासी विकास, भोपाल को मार्गदर्शन/अनुमोदन हेतु पत्र लिखे गये हैं। इन शेष 25 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विनियमितीकरण प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
खनिज पट्टों का संचालन एवं अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
33. ( क्र. 287 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना और कटनी जिले में विभाग द्वारा किस-किस योजना एवं मद के तहत कितनी-कितनी लागत से विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से निर्माण और वृक्षारोपण के कार्य किस व्यक्ति/फर्म/संस्था के द्वारा कराए गए हैं? किए गए निर्माण एवं वृक्षारोपण के कार्यों को किस-किस शासकीय सेवक के पर्यवेक्षण में कब-कब कराया गया और क्यों कार्यों का निरीक्षण और भौतिक सत्यापन किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया था और क्या प्रतिवेदन दिए गए? कार्यवार एवं कक्षवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (ख) के तहत किए निर्माण एवं वृक्षारोपण के कार्य किस आवश्यकता/मांग/प्रस्ताव के आधार पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत किए गए और कार्य कराये जाने के क्या मार्गदर्शी निर्देश दिये गए थे? क्या कार्यों को कराये जाने में नियत प्रावधानों एवं विभागीय निर्देशों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें। यदि नहीं तो इस पर क्या कार्यवाही की जाएंगी? (ग) वृक्षारोपण में रोपित किए गए पौधों में से कितने पौधे वर्तमान में जीवित हैं और कितने पौधे किन-किन कारणों से मृत हो गये? वृक्षारोपणवार बताएं। (घ) क्या पन्ना एवं कटनी जिले में विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों का सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन के आदेश दिनांक 04.02.2016 के पालन में तृतीय पक्ष से मूल्यांकन कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण बताएं, यदि नहीं तो? कारण बताएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पन्ना एवं कटनी जिले में खनिज विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में किसी भी योजना एवं मद से निर्माण कार्य अथवा वृक्षारोपण नहीं कराया गया है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ख) की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (घ) की जानकारी निरंक है।
लॉकडाउन अवधि में हुई डिलीवरी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
34. ( क्र. 301 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 22 मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक रतलाम जिले के अन्तर्गत शासकीय चिकित्सालय तथा निजी चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं की कितनी डिलीवरी हुई विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डिलीवरी प्रकरण में कितनी डिलीवरी सामान्य तथा कितनी ऑपरेशन (सिजेरियन) से हुई, कुल डिलीवरी में सामान्य डिलीवरी का प्रतिशत कितना है (ग) क्या लॉकडाउन प्रश्न अवधि में सामान्य डिलीवरी का प्रतिशत बहुत ज्यादा बढ़ा, यदि हाँ, तो क्या पहले जबरन पैसे के लालच में ऑपरेशन से डिलीवरी करवाई जाती थी? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डिलीवरी में कुल कितने बच्चे जीवित तथा कितने मृत हुए लिंग अनुसार, विधानसभा क्षेत्रवार बच्चों की संख्या बताएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) 22 मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक रतलाम जिले के अन्तर्गत शासकीय चिकित्सालय में 12278 तथा निजी चिकित्सालय में 909 डिलीवरी हुई। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डिलीवरी प्रकरण में 11880 डिलीवरी सामान्य तथा 1307 ऑपरेशन (सिजेरियन) से हुई। कुल डिलीवरी में सामान्य डिलीवरी का प्रतिशत 90 है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डिलीवरी में 13156 बच्चे जीवित तथा 383 बच्चे मृत हुए। लिंगानुसार, विधानसभावार क्षेत्रवार बच्चों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
रतलाम जिले की स्वास्थ्य सेवाओं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 303 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की वर्ष 2015 से 2019 तक प्रतिवर्ष अनुसार शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, नवजात शिशु मृत्यु दर तथा गर्भवती माता मृत्यु दर बतावें तथा बतावें कि पिछले 5 वर्षों में चाइल्ड इंटनेसिव केयर यूनिट में कितने बच्चे भर्ती हुए तथा उसमें से कितने मृत हुए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित में से बतावे की मृत शिशु तथा माता में अनु.जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग का प्रतिशत क्या है तथा पिछले 5 वर्षों में 0 से 5 साल के कुल कितने बच्चे तथा कितनी गर्भवती माता की मृत्यु हुई जिनमें से कितने-कितने शासकीय चिकित्सालय तथा निजी चिकित्सालय में भर्ती के दौरान मृत हुए (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में नवजात शिशु और गर्भवती माताओं की मृत्यु होने पर परिवार जनों द्वारा कितनी शिकायतें जिला चिकित्सालय, कलेक्टर कार्यालय और पुलिस विभाग को प्राप्त हुई है? प्राप्त शिकायतों का विवरण उपलब्ध कराएं? (घ) प्राप्त शिकायतों की वर्तमान में स्थिति क्या हैं? क्या शिकायत उपरांत किसी चिकित्सक या स्टाफ को दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट (सेम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) में शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, नवजात शिशु मृत्यु दर तथा गर्भवती माता मृत्यु दर की जानकारी जिलेवार उपलब्ध नहीं कराई जाती है। रतलाम जिले में चाइल्ड इंटेंसिव केयर यूनिट (पी.आई.सी.यू.) की स्थापना अगस्त 2016 में हुई है, जिसमें कुल 3417 बच्चे उपचारित किये गये तथा कुल 135 बच्चों की मृत्यु हुई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नावधि में 0 से 5 साल तक के कुल 2298 बच्चों एवं कुल 91 गर्भवती माताओं की मृत्यु हुई। शासकीय तथा निजी चिकित्सालय की जानकारी पृथक से संधारित नहीं की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) के भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (घ) के भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
कार्यपालन एवं अधीक्षण यंत्री के पद का सृजन
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 320 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में जिले की विद्युत समस्याओं तथा सब स्टेशन के मेंटनेंस हेतु कार्यपालन यंत्री (Construction) तथा कार्यपालन यंत्री (STM) का पद शासन सृजित करने पर क्या विचार करेगा? (ख) बालाघाट जिले में सर्किल ऑफिस तथा अधीक्षण यंत्री का पद सृजित किये हुए कितने वर्ष बीत जाने के बाद भी विषयांकित पदों के सृजन पर अब तक विचार क्यों नहीं किया गया? (ग) चूंकि बालाघाट जिला नक्सल प्रभावित जिला हैं तथा इसमें सब स्टेशन की संख्या भी काफी है तथा निर्माण कार्य भी चलते रहते हैं, उक्त पद न होने से जिले में आए दिन समस्याएं उत्पन्न होती हैं तथा उनका निराकरण करने में देरी होती है? यदि हाँ, तो शासन इन समस्याओं के दृष्टिगत विषयांकित पद कब तक सृजित कर देगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) बालाघाट जिले में एस.टी.सी. संभागीय कार्यालय बालाघाट का सृजन माह मई-2018 में विभिन्न योजनाओं के कार्यों को समय-सीमा में सम्पादित करने हेतु किया गया था। एस.टी.सी. संभागीय कार्यालय के सृजन के पूर्व एस.टी.सी. उप-संभाग बालाघाट, एस.टी.सी. संभाग सिवनी के अधीनस्थ कार्यरत था। बालाघाट जिले में सौभाग्य योजना, आई.पी.डी.एस., डी.डी.यू.जी.जे.वाय., मुख्य मंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना एवं प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य अधिकाशत: पूर्ण कर दिये गये है वर्तमान में सिवनी एवं बालाघाट जिलों में प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं अन्य योजनाओं के शेष कार्यों को पूर्ण करने हेतु उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के दृष्टिगत, क्षेत्रीय भंडार की लोकेशन एवं भौगोलिक स्थिति को देखते हुये, एस.टी.सी. संभाग बालाघाट का एस.टी.सी. संभाग सिवनी में विलय किया गया है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में पूर्व की भांति एस.टी.सी. संभाग सिवनी द्वारा सिवनी एवं बालाघाट जिलों के कार्यों का सुगमतापूर्वक निष्पादन कराया जा रहा है। बालाघाट वृत्त में एस.टी.एम. संभाग सिवनी के उपसंभाग (टी.एस.जी.) बालाघाट के माध्यम से सब स्टेशनों के रख-रखाव का कार्य किया जाता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक नहीं होने से वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
वन भूमि अनुमति के लंबित प्रकरण
[वन]
37. ( क्र. 335 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत सड़कें, पुल एवं अन्य योजनाओं में स्वीकृत सड़कें तथा मजरा टोला एवं ग्रामों के विद्युतीकरण में वन विभाग की अनुमति प्राप्ति के कितने प्रकरण किस-किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? प्रकरणवार कारण बतावें। (ख) उक्त प्रकरणों के निराकरण एवं अनुमति के संबंध में भारत सरकार तथा राज्य सरकार के क्या-क्या दिशा-निर्देश हैं एवं किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार हैं तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों के निराकरण हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) के लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? इस संबंध में 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत जारी मार्गदर्शिका के बिन्दु 4.3 में विभिन्न जनोपयोगी 15 कार्यों के लिये 01 हेक्टेयर तक वन भूमि प्रत्यावर्तन के अधिकार कुछ शर्तों के साथ राज्य शासन को प्रदत्त किये हैं। भारत सरकार की मार्गदर्शिका के बिन्दु 4.3 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है वनाधिकार अधिनियम, 2006 में धारा 3 (2) में 01 हेक्टेयर तक वन भूमि के प्रत्यावर्तन के अधिकार कुछ शर्तों के साथ संबंधित क्षेत्रीय वनमण्डलाधिकारियों को प्रदत्त हैं वनाधिकार अधिनियम, 2006 में धारा 3 (2) में दिए गए अधिकारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति के संबंध में विभागीय अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत प्राप्त प्रस्तावों पर कार्यवाही करने की समय-सीमा भारत सरकार द्वारा पत्र दिनांक 11.12.2017 निर्धारित की गई है। भारत सरकार के इस पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में लंबित प्रकरणों का निराकरण आवेदक संस्थाओं द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दर्शाई गई कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के पत्र विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, इससे संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के तहत ऋण वितरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
38. ( क्र. 340 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए रतलाम जिले के लिये कितने हितग्राहियों को रोजगार से जोड़ने हेतु बैंकों से ऋण दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (ख) इस लक्ष्य के विरूद्ध दोनों योजनाओं में जिले के कितने हितग्राही बैंकों से कर्ज प्राप्त कर लाभान्वित हुये हैं? (ग) कलेक्टर ने दोनों योजनाओं के लिये 26 अगस्त 2020 की अवधि तक कितने प्रकरण बैंकों को अग्रेषित किये? इनमें से कितनों में लोन वितरित किया जा चुका है और कितने प्रकरण बैंकों के पास बिना निराकरण लंबित पड़े हुये हैं? लंबित प्रकरणों में हितग्राहियों को लोन दिलाने के लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लक्ष्य निर्धारण प्रक्रियान्तर्गत है एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना स्थगित है। (ख) से (ग) प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 361 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितने सिविल हॉस्पिटल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उप स्वास्थ्य केन्द्र किन-किन स्थानों पर संचालित हो रहे हैं? स्थानवार जानकारी दें। (ख) बताएं कि संचालित हो रहे उपरोक्त केन्द्रों पर कितने पद स्वीकृत होकर उन पर वर्तमान में कौन-कौन पदस्थ होकर कार्यरत हैं? उक्त केन्द्रों पर कितने पद रिक्त हैं? केन्द्रवार बताएं। (ग) जावरा नगर में वर्ष 2014-15 में प्रांरभ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ पर संचालित किया जा रहा तथा वर्ष 2016-17 में स्वीकृत ग्रामों उम्मेदपुरा, चिपिया, सुजापुर, बिनौली, बहादुरपुर, मोरिया एवं झालवा के केन्द्र कहाँ पर संचालित किये जा रहे हैं उन पर कौन पदस्थ हैं? (घ) संपूर्ण क्षेत्र अंतर्गत संचालित हो रहे केन्द्रों के क्या स्वयं के भवन हैं या अन्य स्थानों पर संचालित हो रहे हैं? क्षेत्र में भवन विहीन कितने केन्द्र हैं? भवन कब स्वीकृत होंगे तथा रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जावरा नगर में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वर्तमान में संचालित नहीं है वर्ष 2016-17 में स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालन की जानकारी निम्नवत है:-
क्र. |
उप स्वा. के. का नाम |
संचालन का स्थान |
पदस्थ ए.एन.एम. का नाम |
1 |
उम्मेदपुरा |
आंगनवाडी केन्द्र में |
नीता डाबी |
2 |
चिपिया |
आंगनवाड़ी केन्द्र में |
भगवती पडियार |
3 |
सुजापुर |
आंगनवाडी केन्द्र में |
डाली डगलस |
4 |
बिनोली |
आंगनवाड़ी केन्द्र में |
कलावती बरानिया |
5 |
बहादुरपुर |
पंचायत भवन में |
रेखा बोरीवाल |
6 |
मोरिया |
पुराने स्कूल भवन में |
सोना रावल |
7 |
झालवा |
पुराने स्कूल भवन में |
कंचनभंवर (संविदा) |
(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 13 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन विहीन है। यथा संभव शीघ्र। यथा संभव शीघ्र।
उद्योग प्रारंभ करने हेतु प्राप्त आवेदन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
40. ( क्र. 362 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रतलाम
जिला अंतर्गत वर्ष