मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
सोमवार, दिनांक 22 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मकरोनिया थाना अंतर्गत चोरी के पंजीकृत प्रकरण
[गृह]
1. ( *क्र. 2314 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मकरोनिया थाना अंतर्गत दिनांक 01 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक चोरी के कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये? प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) चोरी के कितने प्रकरणों के आवेदन लंबित हैं जिनमें प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है? (ग) कितने पंजीकृत प्रकरणों में कार्यवाही की गई है? चोरी के प्रकरणों में थाने द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कितने प्रकरणों में विभाग द्वारा सफलता प्राप्त हुई है? (घ) क्या चोरी के प्रकरणों में विगत 3 माह की तुलना में विगत माहों में वृद्धि हुई है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई आवेदन लंबित नहीं है। (ग) सभी 15 पंजीकृत प्रकरणों में विवेचना की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (घ) जी नहीं।
रीवा जिलांतर्गत स्व-सहायता समूह द्वारा अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( *क्र. 1370 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक शाला डिधवार वि.ख. मऊगंज जिला रीवा में मध्याह्न भोजन का संचालन कुशाभाऊ ठाकरे स्व-सहायता समूह द्वारा किया जाता है? समूह के सदस्यों की सूची उपलब्ध करायें एवं बतावें कि अध्यक्ष कितने वर्षों से कार्यरत हैं तथा अध्यक्ष कितने वर्षों तक बिना किसी चुनाव के कार्य कर सकते हैं? (ख) क्या मध्याह्न भोजन में अनियमितता की जाँच डॉ. ए.एस. भदौरिया बी.ए.सी. द्वारा की गयी, जिसमें एम.डी.एम. का संचालन बन्द पाया गया जिसके लिए समूह को नोटिस जारी किया गया, परन्तु कोई जवाब नहीं दिया गया जिसके आधार पर बी.आर.सी.सी. मऊगंज द्वारा 15.2.19 को सी.ई.ओ. जनपद मऊगंज को नोटशीट में अपना प्रतिवेदन देते हुए समूह को मध्याह्न भोजन के संचालन के दायित्व से मुक्त करने हेतु लेख किया गया? बी.आर.सी.सी. के नोटशीट का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) बी.आर.सी.सी. मऊगंज के द्वारा प्रतिवेदन देने के बाद समूह को संचालन के दायित्व से पृथक करने हेतु क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जाकर कोई अन्य व्यवस्था कर शाला के बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जायेगा? जिनके द्वारा कार्यवाही नहीं की गयी उनके विरूद्ध भी कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। समूह का अध्यक्ष वर्ष 2015 से कार्यरत है। सामान्यतः समूह के पदाधिकारियों का कार्यकाल 01 से 02 वर्ष तक रखा जाना चाहिए। दिनांक 26.12.18 को आयोजित स्व-सहायता समूह की बैठक में अध्यक्ष का कार्यकाल 01 वर्ष बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मऊगंज द्वारा पत्र क्र. 92 दिनांक 10.04.2019 के माध्यम से समूह को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया एवं समूह का जवाब संतोषजनक पाए जाने तथा शाला प्रभारी प्रधानाध्यापक प्राथमिक शाला डिधवार द्वारा नियमित मध्याह्न भोजन वितरण का प्रतिवेदन दिए जाने के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मऊगंज द्वारा समूह को पत्र क्र. 511 दिनांक 20.06.2019 के माध्यम से चेतावनी देते हुए मध्याह्न भोजन संचालन हेतु अंतिम अवसर प्रदान किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
3. ( *क्र. 2613 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनिल कुमार आत्मज रघुवर दयाल रिछारिया, निवासी होशंगाबाद द्वारा थाना प्रभारी, डोलरिया जिला होशंगाबाद को अप्रैल 2019 में शिकायत की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो शिकायत की जाँच में कौन से तथ्य प्रकाश में आये? (ग) जाँच में प्राप्त तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) आवेदक अनिल कुमार रिछारिया पिता रघुवर दयाल रिछारिया निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी होशंगाबाद द्वारा एस.डी.ओ.पी. उमेश द्विवेदी इटारसी के समक्ष एक लिखित शिकायत आवेदन पत्र दिनांक 08.05.19 को पेश किया गया था। (ख) एवं (ग) प्रकरण दीवानी प्रकृति होने से दोनों पक्षों में उक्त जमीन को लेकर विवाद होने के कारण एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही इस्तगासा क्र. 117/19 धारा 107,116 (3) जाफौ का दिनांक 21.05.19 को तैयार कर तहसील न्यायालय डोलरिया में पेश किया गया। शिकायत में पाये गये तथ्य, शिकायत का जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
योजनांतर्गत व्यय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 3703 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना एवं राज्य आजीविका फोरम के अंतर्गत उपलब्ध विभिन्न मदों/योजनाओं/उप-योजनाओं/अर्जित ब्याज की उपलब्ध राशि में से जिला सागर में कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य के आयोजन हेतु व्यय/अंतरित की गई? ग्रामवार, ब्लाकवार, हितग्राहीवार, संख्यावार, स्व-सहायता समूहवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत वर्ष 2012 से 2016 के मध्य कराई गई इंडो-चायना मीट में कुल कितनी राशि, किस संस्था के माध्यम से व्यय की गई? इस कार्य के संपादन हेतु किस-किस संस्था से कार्य कराया गया? इन संस्थाओं के चयन का आधार क्या है एवं किन-किन संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) उक्त इंडो-चायना मीट से कितने हितग्राही/स्व-सहायता समूह लाभान्वित हुये एवं उनकी आजीविका में आज दिनांक तक कितनी वृद्धि हुई? (घ) उक्त कार्यक्रम के दौरान जिन-जिन संस्थाओं से एम.ओ.यू. हुये उनकी जानकारी एवं उससे प्रदेश को हुये लाभ का विस्तृत ब्यौरा दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) सागर जिले में योजनावार, मदवार व्यय/अंतरित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना एवं राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं स्व-रोजगार योजना से संबंधित जानकारी ग्रामवार, ब्लॉकवार, हितग्राहीवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना एवं राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत स्व-सहायता समूहों से संबंधित जानकारी स्व-सहायता समूहवार, विकासखण्डवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है। ग्रामवार जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) इंडो-चायना मीट में कुल राशि रु. 2,18,25,930/- इण्डिया चायना इकोनॉमिक एण्ड कल्चरल कौंसिल के माध्यम से व्यय की गई। उक्त मीट में इण्डिया चायना इकोनॉमिक एण्ड कल्चरल कौंसिल से कार्य कराया गया। विषय विशेषज्ञता को संस्था के चयन का आधार रखा गया था तथा उक्त व्यय के अतिरिक्त संस्था को पृथक से कोई भुगतान नहीं किया गया था। (ग) इंडो-चायना मीट का उद्देश्य प्रदेश में विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करना, प्रदेश में आवश्यक अधोसंरचना अवसरों का आयात की दृष्टि से विकास करना, रोजगार के नये अवसर सृजित करना तथा सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सृजित करना, पर्यटन में वृद्धि करना था। इस विषय पर कोई आंकड़े संधारित नहीं किये जाने से अवगत कराया जाना संभव नहीं है। (घ) किसी भी संस्था से एम.ओ.यू. नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता की जाँच
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
5. ( *क्र. 2336 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वानी जिलान्तर्गत वर्ष 2012-13 से लेकर 2017-18 तक की अवधि में पिछड़े वर्ग के बच्चों की पढ़ाई के लिये दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ियां सामने आई थीं? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि का घोटाला सामने आया? क्या इसकी कोई जाँच कराई गई? (ख) यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट में कौन लोग जवाबदार पाए गए और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? गड़बड़ी पाये जाने पर किन लोगों से कितनी राशि वसूल की गई?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं, बड़वानी जिला अंतर्गत वर्ष 2012-13 से लेकर 2017-18 तक की अवधि में पिछड़े वर्ग के बच्चों की पढ़ाई के लिये दी जाने वाली छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ियाँ सामने नहीं आईं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिरमौर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत खनिज विकास मद से स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 1177 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018 - 19 में खनिज विकास मद से कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये थे? (ख) स्वीकृत कार्यों में से कुल कितने कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं तथा कितने कार्य अभी तक अधूरे हैं? 01 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी स्वीकृत कार्य पूर्ण न हो पाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जिला खनिज न्यास अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 02 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। (ख) स्वीकृत 02 कार्य अप्रारंभ हैं, प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग के पत्र क्रमांक/5439/2098/ 2018/12-1 भोपाल दिनांक 24.12.2018 से जिला खनिज प्रतिष्ठान की आगामी बैठक में अनुमोदन हेतु रखे जाने एवं अनुमोदन प्राप्त होने के उपरांत ही क्रियान्वयन हेतु नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं, तदनुसार कार्यवाही लंबित होने के कारण स्वीकृत कार्य प्रारंभ नहीं किये जा सके हैं। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान की बैठक में कार्यों के अनुमोदन उपरांत ही कार्य प्रारंभ किया जा सकता है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्रामोदय से भारत उदय अभियान में पात्र हितग्राही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 3659 ) श्री तरबर सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की समस्त 8 विधान सभा क्षेत्रों के अंतर्गत ग्रामोदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत वर्ष 2016, 2017 एवं 2018 में कितने बी.पी.एल. हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची से किस आधार पर काटे गये? साथ ही कितने भूमिहीन हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची से काटे गये? प्रत्येक विधान सभा की तहसीलवार, नगरीय क्षेत्र में वार्डवार एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतवार सूची, बी.पी.एल. क्रमांक, नाम काटने का कारण सहित उपलब्ध करावें। (ख) उक्त अभियान के अंतर्गत शासन द्वारा क्या समस्त कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी/तहसीलदार को नगरीय/ग्रामीण क्षेत्रों की बी.पी.एल. सूची से अधिक से अधिक संख्या में नाम काटने का लक्ष्य प्रदान किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) लक्ष्य पूर्ति करने के एवज में अभियान में पात्र हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची से काटे जाने के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
आगर-मालवा में फूड प्रोसेसिंग पार्क की स्वीकृति
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
8. ( *क्र. 1656 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़ में प्रतिवर्ष संतरा/मौसंबी का कितना उत्पादन होता है? (ख) क्या आगर-मालवा जिले में फूड (प्रोसेसिंग) पार्क की कोई योजना बनी है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं तो क्या भविष्य में कोई योजना तैयार की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) आगर-मालवा में 681.300 (संतरा) 14800 (मौसम्बी) शाजापुर में 284962 (संतरा) 37074 (मौसम्बी) एवं राजगढ़ में 262984 संतरा तथा 170 (मौसम्बी) मीट्रिक टन उत्पादन होता है। (ख) जी नहीं। निश्चित समयावधि दी जाना संभव नहीं।
भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
9. ( *क्र. 3474 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम दौडवा राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर स्थित होकर उक्त ग्राम की थाने से दूरी लगभग 50 कि.मी. है तथा आये दिन अपराधिक घटना/दुर्घटनाएं होने पर दूरी अधिक होने से पुलिस को विलम्ब तथा निगरानी रखने में भी परेशानी आती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में भीकनगांव थाना के दूरस्थ क्षेत्र ग्राम अंजनगांव एवं ग्राम दौडवा में क्षेत्रवासियों की माँग को देखते हुए नवीन पुलिस चौकी खोली जा सकती है? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें नहीं तो कारण बतायें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। अपराधिक घटना/दुर्घटनाएं होने पर पुलिस द्वारा घटना की सूचना प्राप्त होने पर अविलंब घटना स्थल पर पहुँचकर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। ग्राम दौडवा एवं अंजनगांव व आस-पास के ग्रामों में घटित भा.द.वि. अपराधों की संख्या शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप न होने से पुलिस चौकी खोले जाने की आवश्यकता नहीं है।
पुलिस थाने/ चौकी में विभागीय पद संरचना
[गृह]
10. ( *क्र. 3373 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने पुलिस थाने, चौकी कहाँ पर स्थित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने कार्यरत हैं? रिक्त पद कब तक भर दिए जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त स्थानों में विभाग द्वारा क्या संसाधन उपलब्ध कराने के नियम या प्रावधान हैं? कौन से संसाधन प्रश्न दिनांक को उपलब्ध हैं? सभी की भौतिक स्थित क्या है? शेष संसाधन कब तक प्रदाय कर दिए जावेंगे? (घ) नवीन थाने, चौकी आदि खोले जाने के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत थानों/चौकियों में सहायक उप निरीक्षक के 16 एवं प्रधान आरक्षक के 35 पद रिक्त हैं। सहायक उप निरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जाती है। वर्तमान में पदोन्नति संबंधी प्रकरण मान. उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण पद रिक्त हैं। जिला छतरपुर के 107 नव आरक्षक वर्तमान में विभिन्न प्रशिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षणरत हैं। प्रशिक्षण उपरांत जिले में आमद दिये जाने के बाद आरक्षक के 35 रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) पुलिस थानों/चौकियों के संचालन हेतु संसाधन निम्नानुसार हैः- वाहन-21, फर्नीचर-283 विभिन्न प्रकार के उपकरण- 82 उपलब्ध हैं। जिनकी भौतिक स्थिति बहुत अच्छी है। पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( *क्र. 932 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम में प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत 1 जनवरी, 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक स्वीकृत सड़कों की सूची वर्षवार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) स्वीकृत सड़कों में से कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं? कितनी शेष हैं, कब तक पूर्ण कर ली जावेंगी? (ग) प्रश्नांश (क) सड़कों के निर्माण कार्य को लेकर प्रश्नांश अवधि में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों की प्रति उपलब्ध करावें। शिकायतों की जाँच किन-किन अधिकारियों की समिति द्वारा कराई गई? उसकी प्रति भी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़कों में से 10 सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं एवं 03 निर्माणाधीन हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी हस्ताक्षर व सील से स्टाम्प पेपर प्रचलित होने की जाँच
[गृह]
12. ( *क्र. 2586 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री एम.पी. नेमा, स्टाम्प वेण्डर जिला कोर्ट इन्दौर द्वारा पुलिस अधीक्षक बड़वानी को उनके नाम से जारी फर्जी स्टाम्प प्रचलित होने के संबंध में शिकायत की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत की छायाप्रति देवें। (ख) फर्जी स्टाम्प जिस व्यक्ति/संस्था के द्वारा उपयोग में लिया गया है उसके संबंध में पूर्व में भी कोई जाँच विभाग द्वारा की गयी हो तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ग) क्या स्टाम्प वेण्डर द्वारा की गयी शिकायत के आधार पर फर्जी हस्ताक्षर वाले स्टाम्प को जप्त कर उसका फोरेंसिक टेस्ट कराया गया है या नहीं? यदि नहीं तो क्यों नहीं? कराया जायेगा तो कब तक? क्या ऐसे स्टाम्प उपयोगकर्ताओं के विरूद्ध विभाग F.I.R. दर्ज करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) उक्त प्रकरण को लंबित रखने के दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) आवेदक श्री एम.पी. नेमा, स्टाम्प वेण्डर जिला कोर्ट इंदौर द्वारा आवेदक के नाम से फर्जी स्टाम्प प्रचलित होने के संबंध में शिकायत पुलिस अधीक्षक बड़वानी को दिनांक 27.03.2019 को की गई थी। शिकायत की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) फर्जी स्टाम्प के संबंध में आवेदक सलीम अहमद हनफी के द्वारा दिनांक 14.09.18 को पुलिस महानिदेशक भोपाल को शिकायत की गई थी जिसे जाँच हेतु पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस अधीक्षक बड़वानी को भेजी गई। जाँच निष्कर्ष के आधार पर स्टाम्प उपयोगकर्ता आरोपी मैदाबाई उर्फ मधुबाई पति घीसालाल यादव 65 साल निवासी द्रोपदी कॉलोनी ओझर, के विरूद्ध थाना नागलवाडी पर अपराध क्रमांक 163/19 धारा 420 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जाँच प्रतिवेदन एवं एफ.आई.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रकरण में अनुसंधान में साक्ष्य एकत्रित करने हेतु आवश्यकतानुसार फोरेंसिक जाँच कराई जायेगी। स्टाम्प उपयोगकर्ताओं के विरूद्ध अपराध क्रमांक 163/19 धारा 420 भा.द.वि. की विवेचना में लिया गया है। (घ) आवेदक श्री एम.पी. नेमा द्वारा प्रस्तुत शिकायत को जाँच में लंबित रखने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच अति. पुलिस. अधीक्षक बड़वानी द्वारा की जा रही है। जाँच निष्कर्ष के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
हरदा जिले में बीजों का आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( *क्र. 3338 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में खरीफ फसलों की बुआई हेतु बीजों का आवंटन पिछले वर्ष एवं वर्तमान वर्ष में क्या है? (ख) पिछले वर्ष वनग्रामों के आदिवासी कृषकों को किस आधार पर बीजों का वितरण किया गया? (ग) पिछले वर्ष आदिवासी कृषकों को बाटे गए बीजों की सूची मय सबूत सहित देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) हरदा जिले में पिछले वर्ष एवं वर्तमान वर्ष में खरीफ फसलों की बुआई हेतु बीजों के आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है। (ख) कृषि विभाग द्वारा संचालित अन्नपूर्णा, सूरजधारा, बीजग्राम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं राष्ट्रीय तिलहन विकास मिशन योजना अन्तर्गत प्रावधान अनुसार, प्रदाय किये गये लक्ष्यों के आधार पर आदिवासी कृषकों को बीजों का वितरण किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले वर्ष (2018-19) में आदिवासी कृषकों को बांटे गये बीजों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है।
नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजना में स्वीकृत कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
14. ( *क्र. 693 ) श्री सुदेश राय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजना की वर्तमान में प्रगति की क्या स्थिति है? (ख) उक्त योजना के भूमि पूजन के बाद प्रथम फेस में किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है तथा स्वीकृत राशि से कार्य कब तक पूर्ण हो जायेंगे? (ग) सीहोर नगर को उक्त योजना का लाभ कब से मिलना प्रारम्भ हो जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) 13 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दिनांक 06/05/2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) यह योजना सीहोर नगर हेतु प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रानगिर स्थित प्राचीन हरसिद्धि देवी मंदिर को पर्यटन स्थल का दर्जा
[पर्यटन]
15. ( *क्र. 2310 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के रहली तहसील के ग्राम रानगिर स्थित प्राचीन हरसिद्धि देवी मंदिर के विकास के लिए विभाग की क्या योजना है? (ख) क्या रानगिर को पर्यटन स्थल का दर्जा प्रदान कर पर्यटक सुविधा की दृष्टि से विभाग द्वारा कोई होटल खोले जाने की स्वीकृति दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाना चिन्नोनी चम्बल में दर्ज अपराध पर कार्यवाही
[गृह]
16. ( *क्र. 3268 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना के थाना चिन्नौनी चम्बल में सेवा सहकारी संस्था रजौधा के संचालक मण्डल के विरूद्ध जाँच रिपोर्ट शासन के पत्र क्रमांक/प्रशासन/2014/3143 दिनांक 3/12/2014 के परिपालन में गठित समिति के आधार पर अपराध क्रमांक (F.I.R) 22/16 दिनांक 27 फरवरी, 2016 को दर्ज की गई? (ख) यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट में संचालक मण्डल को दोषी पाया गया? संचालक मण्डल में संस्था की अध्यक्ष श्रीमती सियाबाई पत्नी श्री सूबेदार सिंह सिकरवार के अतिरिक्त उपाध्यक्ष श्री प्यारेलाल धाकड़ सहित संचालक सदस्य 10 अन्य आरोपी हैं। (ग) यदि हाँ, तो आरोपियों में प्रबंधक के अतिरिक्त दो अध्यक्ष को किस आधार पर आरोपी बनाया? क्या इसमें आरोपियों को बचाने हेतु थाना प्रभारी ने जालसाजी की है? (घ) यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) तथ्यात्मक स्थिति अनुसार जिला मुरैना के थाना चिन्नौनी में अपराध क्रमांक 22/16 धारा 420, 409, 467,468, 471 ता.हि. को बैंक मुख्यालय के संचालन मण्डल की अनुशंसा पर पत्र क्रमांक/प्रशासन/2014/3143 दिनांक 03.12.14 के द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर पंजीबद्ध किया गया था। (ख) जाँच रिपोर्ट के आधार पर समिति प्रबंधक रामलला शर्मा, संचालक मंडल अध्यक्ष राजपाल सिंह सिकरवार, अध्यक्ष श्रीमती सियाबाई सिकरवार के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है। प्यारेलाल धाकड़ सहित संचालक सदस्य 10 अन्य आरोपियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. पंजीबद्ध नहीं है। (ग) एवं (घ) आवेदक के आवेदन पत्र व जाँच रिपोर्ट के आधार पर दो अध्यक्षों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण विवेचना में है साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे हैं। साक्ष्य प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। थाना प्रभारी के द्वारा कोई जालसाजी नहीं की गई है।
राजस्व ग्रामों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( *क्र. 2819 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्राम अभी तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़े हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या ग्राम पंचायत कोटरा चोपड़ा के चोपड़ा ग्राम सड़क मार्ग से जुड़ा है? यदि नहीं तो क्या कारण है और इसे जोड़ने की क्या कार्ययोजना है।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ग्राम पंचायत कोटरा चोपड़ा अंतर्गत, चोपड़ा राजस्व ग्राम न होकर कोटरा चोपड़ा ग्राम का मजरा टोला है। मजरा टोला चोपड़ा से मुख्य सड़क तक ग्रेवल सड़क का कार्य सुदूर ग्राम सड़क संपर्क योजना अंतर्गत स्वीकृत होकर प्रगतिरत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा बहाली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 3715 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में जून जुलाई, 2014 में बारहवीं प्लस कम्प्यूटर के बेस पर ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती निकाली तथा दिनांक 21/08/2014 को परीक्षा अयोजित किए जाने के आदेश जारी किये गये तथा अनंतिम सूची के दो अभ्यर्थियों के मध्य दिनांक 21/10/2014 को परीक्षा आयोजित की गई तथा परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किया गया एवं इसी नियुक्ति पत्र के आधार पर सफल अभ्यर्थियों ने 4 वर्ष की सेवा की? (ख) क्या फेल अभ्यर्थियों ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की, जिसके आधार पर कलेक्टर जिला रीवा द्वारा ली गई परीक्षा को अमान्य घोषित कर दिया गया। जिससे सफल अभ्यर्थी सेवा से बाहर हो गए। (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार इस महत्वपूर्ण प्रकरण में संज्ञान लेकर चार वर्ष की सेवा कर चुके ग्राम रोजगार सहायकों के अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए जिन ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायकों के पद रिक्त हों उनमें सेवा करने का अवसर प्रदान करेगी? (घ) यदि हाँ, तो उक्त ग्राम रोजगार सहायकों को जिन ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायक का पद रिक्त हो, उनमें कब तक पदांकित कर दिया जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। दिनांक 21.08.2014 को ग्राम रोजगार सहायक की भर्ती प्रक्रिया हेतु समयबद्ध कार्यक्रम जारी किया गया था, जिसमें कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा के आयोजन का लेख था। यह परीक्षा 21.10.2014 से 30.10.2014 की अवधि में आयोजित की गई तथा सफल अभ्यर्थियों को नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए। कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण तथा अनंतिम चयन सूची में प्रथम वरीयता प्राप्त कर नियुक्त हुए ग्राम रोजगार सहायकों ने 4 वर्ष की सेवा पूर्ण की है व आज भी कार्यरत हैं। कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण परंतु अनंतिम चयन सूची में द्वितीय वरीयता प्राप्त कर नियुक्त हुए ग्राम रोजगार सहायकों की संविदा सेवा माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुक्रम में समाप्त की गई है। (ख) जी हाँ। ग्राम पंचायत की वरीयता सूची में द्वितीय वरीयता क्रम के अभ्यर्थी जिन्होंने कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण की थी एवं कुछ अवधि के लिए ग्राम पंचायत में अपने दायित्वों का निर्वहन भी किया था उनकी सेवाएं माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार समाप्त की गईं थीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित अनुसार माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्णय के अनुक्रम में पृथक किए गए ग्राम रोजगार सहायकों को पुन: सेवा में लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्त्र नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि
[गृह]
19. ( *क्र. 3319 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में अस्त्र नवीनीकरण की शुल्क कई गुना बढ़ायी गई है किन्तु अवधि 3 वर्ष रखी गई है? (ख) क्या नवीनीकरण शुल्क घटाया जावेगा या अवधि 5-6 वर्ष की जावेगी? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नवीनीकरण हेतु अवधि 3 वर्ष ही है। (ख) नवीनीकरण शुल्क/अवधि के संबंध में संशोधन प्रस्ताव विचाराधीन है।
जिला राजगढ़ में स्वच्छ भारत मिशन योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 1187 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने कर्मचारी संविदा/दैनिक वेतन/कन्टेन्जेन्सी पर कार्यरत हैं? इनसे क्या-क्या कार्य संपादित कराये जा रहे हैं तथा मिशन अंतर्गत प्रचार-प्रसार पर किये गये व्यय की कार्यवार, एजेंसीवार, फर्मवार जानकारी देवें। क्या मिशन अंतर्गत व्यय हेतु क्रय समिति बनाई गई थी? यदि हाँ, तो आदेश एवं नियम की प्रति उपलब्ध कराते हुये सामग्री क्रय हेतु निविदाएं, चयनित संस्थाओं को जारी आदेश, चयनित संस्थाओं से सामग्री प्राप्ति की प्रति, संस्थाओं को भुगतान संबंधित जानकारी राशिवार दिनांकवार उपलब्ध करावें। (ख) जिला राजगढ़ में दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक टेन्ट, शामियाने, माईक, फ्लेक्स छपाई संबंधित कार्य किस-किस फर्म से कराया गया? व्यय की जानकारी फर्मवार देवें। साथ ही उक्त कार्य हेतु प्राप्त निविदाएं, चयनित संस्थाओं को जारी आदेश, प्राप्त सामग्री का भौतिक सत्यापन की प्रति एवं संस्थाओं को भुगतान संबंधित जानकारी राशिवार, दिनांकवार देवें। (ग) क्या जिला राजगढ़ में दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक संविदा/तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को वाहन सुविधा उपलब्ध कराई गई थी? यदि हाँ, तो किस नियम से एवं किन-किन कर्मचारियों को? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक की जानकारी में अनियमितता पाई जाने पर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मिशन अंतर्गत प्रचार-प्रसार पर किये गये व्यय एवं संस्थाओं को भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ, आदेश एवं नियम तथा सामग्री क्रय हेतु निविदाएं, चयनित संस्थाओं को जारी आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्राप्त सामग्री के भौतिक सत्यापन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत पदस्थ जिला समन्वयक को वाहन सुविधा उपलब्ध कराई गई है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) तक की जानकारी में कोई विसंगति एवं अनियमितता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस की पिटाई से युवक की मौत की जाँच
[गृह]
21. ( *क्र. 2295 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 18-19 जून, 2019 की दरमियानी रात को बैरागढ़ पुलिस द्वारा बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर से निकलने वाले किन-किन युवकों को गिरफ्तार कर पिटाई की गयी? उनके नाम व उम्र बतावें तथा गिरफ्तार कर थाने ले जाने वाले पुलिसकर्मी के नाम व पद बतावें। (ख) क्या उनमें से एक युवक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त पुलिस कर्मियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 18-19 जून 2019 की दरमियानी रात को बैरागढ़ पुलिस द्वारा बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर से निकलने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया, किन्तु बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर में हुए एक्सीडेन्ट के घटनास्थल पर पहुँचकर पुलिस द्वारा मौके से शिवम मिश्रा उम्र 25 एवं गोविंद शर्मा उम्र 36 को घटनास्थल से मेडिकल करवाने हेतु सिविल अस्पताल बैरागढ़ लाया गया था। जहां से मेडिकल उपरांत इनको थाने लाये जहां शिवम की तबियत खराब होने से उसे पुनः अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मृत्यु हुई। घटना के संबंध में न्यायिक जाँच आदेशित होकर वर्तमान में चल रही है, अतः किसी भी व्यक्ति के नाम का उल्लेख किया जाना विधिसम्मत नहीं होगा। (ख) उक्त घटना के संबंध में न्यायिक जाँच चल रही है। (ग) उक्त घटना से संबंधित न्यायिक जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
पी.एम.टी. परीक्षा 2013 में अनियमितता
[गृह]
22. ( *क्र. 1957 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 20 जून, 2013 को गुप्तचर शाखा इंदौर की PMT परीक्षा 2013 में फर्जीवाड़े होने के संदर्भ में एक गुमनाम पत्र मिला था तथा क्या विभाग द्वारा इस पत्र की जानकारी तात्कालीन मुख्यमंत्री को दी गई थी? यदि हाँ, तो बतावें कि आज दिनांक को वह पत्र STF या CBI के पास है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पत्र में दो लोगों के नाम थे, जो फर्जीवाड़ा के सूत्रधार थे तथा तात्कालीन मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये थे कि छापा मारो और दोनों को पकड़ों? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को इस संदर्भ में कहाँ छापा मारा तथा उन दोनों को पकड़ा या नहीं? यदि पकड़ा तो उनका उल्लेख पी.एम.टी. 2013 के प्रकरण STF तथा CBI ने किया या नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र STF तथा CBI द्वारा न्यायालय में पेश किये गये चालान में दस्तावेज के रूप में है या नहीं? यदि नहीं है तो जिस के आधार पर तात्कालीन मुख्यमंत्री ने घोटाला उजागर करने की घोषणा विधान सभा में की उसे दस्तावेज बनाये बिना प्रकरण कैसे बनाया?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( *क्र. 3487 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 244/वि.दि./19 दिनांक 04.03.2019 द्वारा सी.ई.ओ. जनपद अम्बाह को मिट्टीकृत मार्ग से डब्लू.बी.एम. रोड की मांग की थी एवं क्या सी.ई.ओ. जनपद अम्बाह द्वारा यह लेख करने कि उक्त कार्य उनके कार्य क्षेत्र से बाहर है एवं अग्रिम कार्यवाही हेतु सी.ई.ओ. जिला पंचायत मुरैना को पत्र क्र. 36/05.04.19 द्वारा भेजा जा चुका था। (ख) यदि हाँ, तो (क) में वर्णित कार्य में सी.ई.ओ. जिला पंचायत द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई एवं प्रश्नकर्ता सदस्य को कार्य प्रगति से अवगत क्यों नहीं कराया गया? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से प्रदेश के सभी आयुक्त, कलेक्टर, सी.ई.ओ. जिला पंचायत आदि को स्पष्ट आदेश है कि माननीय सांसद व विधायकों के पत्रों से संबंधित प्रकरणों पर तुरंत कार्यवाही सुनिश्चित हो व उन्हें अवगत कराया जाए, तो क्या शासन इस ओर कोई आवश्यक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना द्वारा पत्र क्रमांक/मनरेगा/नि./2019/3761 दिनांक 21.06.2019 से महाप्रबंधक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, क्रियान्वयन इकाई जिला मुरैना को कार्यवाही हेतु लेख करते हुए एवं पत्र के पृष्ठांकित प्रतिलिपि से प्रश्नकर्ता सदस्य को सूचित किया गया। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्नकर्ता सदस्य को सूचित किया गया है।
स्थानांतरित कर्मियों से शासकीय आवास रिक्त कराया जाना
[गृह]
24. ( *क्र. 2341 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन गृह (सामान्य) संपदा संचालनालय के शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 अंतर्गत भोपाल (मुख्यालय) के बाहर स्थानांतरित अधिकारी/कर्मचारी को शासकीय आवास आधिपत्य में कितने दिनों तक रखने का नियम है? (ख) प्रश्नांकित नियम के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने अधिकारियों/कर्मचारियों ने भोपाल के बाहर स्थानांतरण के पश्चात् भी उन्हें आवंटित शासकीय आवास लगभग 1-2 वर्ष से रिक्त नहीं किये गये हैं? संपदा संचालनालय द्वारा ऐसे प्रकरणों में नियमानुसार क्या-क्या कार्यवाही की है? आवासवार बतायें। (ग) क्या संपदा संचालनालय द्वारा प्रश्नांकित प्रकरणों में बेदखली के नोटिस दिये जाने/अन्य कार्यवाही किये जाने के उपरांत भी शासकीय आवास रिक्त नहीं किये गये हैं? वे कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी हैं? उनके नाम एवं शासकीय आवास क्रमांक, क्षेत्र सहित बतावें। (घ) संपदा संचालनालय द्वारा स्मार्ट सिटी बनाये जाने से नार्थ एवं साउथ टी.टी. नगर भोपाल के शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों जिन्हें बेदखली नोटिस दिये गये हैं, उन्हें रिक्त होने की प्रत्याशा में आवंटित/ परिवर्तन किये गये शासकीय आवास खाली कराकर दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये शिवाजी नगर, तुलसी नगर में ई-टाईप, एफ टाईप कितने शासकीय आवास परिवर्तन के लिए कब से पेंडिंग हैं? उन्हें कब तक परिवर्तन कर आवंटित किया जा सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) भोपाल स्थित शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 में संशोधित नियमानुसार स्थानांतरित होने की दिनांक से अधिकतम 6 माह की अवधि के लिये शासकीय सेवक को सामान्य दर पर शासकीय आवास आधिपत्य में रखने का प्रावधान है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) भोपाल से बाहर स्थानांतरण होने के पश्चात अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा गृह (सामान्य) विभाग एवं संपदा संचालनालय में आवास धारण अनुमति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर 6 माह की अनुमति दिये जाने का प्रावधान है। 6 माह पश्चात आवास अनाधिकृत होने पर लोक परिसर बेदखली अधिनियम 1974 के अंतर्गत निष्कासन की कार्यवाही कर आवास रिक्त करवा लिया जाता है। बेदखली में दर्ज प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) हाँ, शीघ्र रिक्त करा लिये जायेंगे। (ड.) ई-श्रेणी के आवास परिवर्तन आवेदन दिये जाने पर विशेष स्थिति में उपलब्धता/रिक्तता के अनुसार समय-समय पर किये जाते हैं। यह एक सतत् प्रक्रिया है। एफ श्रेणी के आवास परिवर्तन संपदा संचालनालय में शेष नहीं है।
गुप्तचर शाखा इंदौर को PMT 2013 के फर्जीवाड़े के संबंध में प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही
[गृह]
25. ( क्र. 3464 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले के दर्ज 212 प्रकरणों में CBI को प्रकरण जाँच हेतु सौंपने के पूर्व कुल कितने आरोपी थे तथा कितनों को गिरफ्तार किया जा चुका था तथा शेष कितने थे? 212 प्रकरण में से 13 जुलाई, 2015 के पूर्व कितने प्रकरण में न्यायालय से फैसला हो चुका था? उनकी सूची प्रकरण क्रमांक सहित देवें। (ख) वर्ष 2006 से वर्ष 2013 तक शासकीय एवं निजी मेडिकल की चयन PMT तथा DMAT में शामिल कितने अभ्यर्थियों को आरोपी बनाया गया? क्या PMT परीक्षा 2006 से 2013 में आरोपी बनाये गये परीक्षार्थी की सूची STF ने पहले व्यापम को भेजी तथा फिर व्यापम ने जाँच कर उसका अनुमोदन किया था? व्यापम ने पहले जाँच कर गृह विभाग को भेजी फिर पुलिस ने उन पर प्रकरण दर्ज किया। वर्षवार बतावें। (ग) क्या PMT 2013 में फर्जीवाड़ा होने के संदर्भ में गुप्तचर शाखा इंदौर को गुमनाम पत्र मिला था? यदि हाँ, तो बतावें कि वह पत्र STF तथा CBI को कब भेजा गया तथा पत्र मिलने के बाद उसके अनुसार किस-किस दिनांक को क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या व्यापम घोटाले के लिये गठित SIT ने STF को भर्ती परीक्षा में चयनित सभी अभ्यर्थियों के थम्ब इम्प्रेशन का मिलान करने के निर्देश दिये थे?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) व्यापम घोटाले के दर्ज 212 प्रकरणों में सी.बी.आई. को सुपुर्द करने के पूर्व कुल 4046 आरोपी थे जिनमें से 3063 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। शेष 983 थे। (मृत- 27 एवं शेष 956) 212 प्रकरण में से 13 जुलाई, 2015 के पूर्व पाँच (5) प्रकरणों में न्यायालय से फैसला हो चुका था। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा वर्ष 2006 से लेकर 2013 तक शासकीय एवं निजी मेडीकल की चयन पी.एम.टी. से संबंधित 02 आपराधिक प्रकरणों में 186 अभ्यर्थियों को आरोपी बनाया गया। डीमेट से संबंधित एस.टी.एफ. में कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया। पी.एम.टी. परीक्षा 2006 से 2013 में आरोपी बनाए गए परीक्षार्थी की सूची एस.टी.एफ. ने पहले व्यापम को नहीं भेजी थी, परंतु व्यापम से पी.एम.टी. परीक्षा 2012 में हुए फर्जीवाड़ा की जानकारी चाहे जाने पर व्यापम के प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की गई थी। व्यापम ने पहले पी.एम.टी. परीक्षा 2012 की जाँच कर गृह विभाग को ना भेजते हुए सीधे एस.टी.एफ. को प्रतिवेदन भेजा था, इस पर से पुलिस प्रकरण दर्ज किया गया था। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सी.बी.आई. को सुपुर्द किये गये व्यापम संबंधी अपराधों में तत्कालीन एस.आई.टी. अपराधवार समीक्षा करती थी एवं अपराधवार ही विवेचक को निर्देश देती थी। दिये गये निर्देश विवेचक डायरी में सम्मिलित करते थे जो माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट पिटीशन क्र. 372/15 में दिनांक 09/07/2015 को पारित आदेश के परिपालन में सी.बी.आई. को सुपुर्द किये जा चुके हैं। अतः उक्त निर्देश के संबंध में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सड़क
निर्माण में
अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 49 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर में ग्राम पंचायत मुड़िया द्वारा नाम बदल-बदल कर सड़क के ऊपर सड़क बनाई गई है? (ख) क्या सड़क के ऊपर घटिया स्तर की सड़क बनाने की जाँच की जावेगी? (ग) क्या विगत 5 वर्षों में ग्राम पंचायत मुड़िया की प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार शिकायतें प्राप्त हुई? (घ) यदि हाँ, तो क्या आज दिनांक तक कोई जाँच एवं कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो निष्कर्ष से अवगत करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जाँच कराई गई। जाँच में 02 सी.सी.सड़कों का पुर्ननिर्माण कराया जाना पाया गया, जिसमें से पहली सड़क के संबंध में जाँच के निष्कर्षानुसार अनियमितता पाया जाना प्रतीत नहीं होता है एवं दूसरी सड़क के निर्माण कार्य को अनियमितता की श्रेणी में पाया गया है। (ख) जिला स्तर से अधिकारियों का दल गठित कर दिनांक 08.07.2019 को जाँच कराई गई। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। शिकायत की जाँच जिला स्तर से अधिकारियों का दल गठित कर कराई गई। जाँच में ग्राम पंचायत मुड़िया जनपद पंचायत पनागर में 02 सी.सी.सड़क का पुर्ननिर्माण कराया जाना पाया गया। 1. सी.सी.सड़क डामरीकरण मार्ग से ग्राम की ओर का पुर्ननिर्माण प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 4125 दिनांक 07.09.2017 में दिये गये प्रावधान अनुसार वर्ष 2018-19 में निर्धारित दर राशि 460/- प्रति वर्गमी. की दर से कराया गया है। उक्त कार्य की स्वीकृत लागत 4.00 लाख के विरूद्ध मूल्यांकन राशि 3.997 लाख आया है, कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होना शेष है, सड़क अच्छी हालत में मौके पर पाई गई है। 2. सी.सी.सड़क मुख्य मार्ग से स्कूल की ओर ग्राम नुनियाखुर्द ग्राम पंचायत मुड़िया का पुर्ननिर्माण जिसकी स्वीकृत लागत 2.40 लाख है। वर्ष 2016-17 में कराया गया, कार्य की मूल नस्ती लोकायुक्त कार्यालय में ट्रेप प्रकरण में जमा है। ग्राम पंचायत में उपलब्ध अभिलेख तथा कार्य की डी.पी.आर., माप पुस्तिका एवं पूर्णता प्रमाण पत्र अनुसार यह तथ्य प्रकाश में आया कि पंचायत द्वारा सड़क के ऊपर सी.सी.सड़क का निर्माण शासन के निर्देश दिनांक 04.09.2017 अनुसार 460/- प्रति वर्गफीट की दर से ना किया जाकर निर्देश के विपरीत राशि रू. 800/- प्रति वर्गफीट की दर से रूपये 2.41 लाख का कराया गया। इस प्रकार निर्माण एजेंसी सरपंच/सचिव ग्राम पंचायत मुड़िया जनपद पंचायत पनागर द्वारा उक्त कार्य पर नियम विरूद्ध राशि आहरण कर वित्तीय अनियमितता बरती गई है। फलस्वरूप श्रीमती सुनीता बाई, सरपंच एवं श्री शिवकुमार पटेल, सचिव ग्राम पंचायत मुड़िया जनपद पंचायत पनागर के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण क्रमांक 36 अ/89/19/2019-20 दिनांक 09.07.2019 पंजीबद्ध कर नियम विरूद्ध आहरित राशि की वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है।
किसानों की ऋण माफी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
2. ( क्र. 273 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की परिवहन मैपिंग 2017 से आज दिनांक तक की जानकारी देवें। क्या प्रबंधन विपणन द्वारा भारी हेरा-फेरी की गयी है? क्या इसकी जाँच भोपाल स्तर के अधिकारी से करायेंगे? (ख) परिवहन मैपिंग का क्या मापदण्ड है? क्या बालाघाट प्रबंधन विपणन ने पालन किया? यदि हाँ, तो कैसे गुडरू, चांगोटोला, समनापुर, सेवा सहकारी का धान कहाँ-कहाँ परिवहन किया गया? न्यूनतम दूरी मैप कौन सा है? क्या सरकार को नुकसान प्रबंधक द्वारा पहुँचाया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) बालाघाट जिले की परिवहन मैपिंग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। परिवहन मैपिंग का कार्य जिला उपार्जन समिति द्वारा किया जाता है। परिवहन मैपिंग में कोई भी दोषी नहीं है, अत: भोपाल स्तर के अधिकारी से जाँच कराये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) परिवहन मैपिंग का मापदण्ड न्यूनतम दूरी के आधार पर किये जाने का है, उपार्जन केंद्रों से भण्डारण गोदाम/कैप की मैपिंग म.प्र. वेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा उपलब्ध कराये गये गोदामों में जिला उपार्जन समिति द्वारा मैपिंग की जाती है। जिला उपार्जन समिति/उपार्जन केंद्र का धान प्राथमिकता के आधार पर न्यूनतम दूरी गर्रा कैप में भण्डारण कराया गया है। इस प्रकार बालाघाट जिले में मैपिंग के मापदण्ड का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों में क्रय की गई सामग्री
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 321 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा टी.वी.खरीद कर ग्राम पंचायतों को प्रदाय की गई थी यदि हाँ, तो किस वर्ष में? इस हेतु कब निविदा निकाली निविदा शर्तें क्या थी एवं किस कम्पनी द्वारा सप्लाई किया गया। (ख) बालाघाट जिले के किस-किस ग्राम पंचायत में अभी तक टी.वी. नहीं प्रदाय किया गया है? बालाघाट जनपद पंचायत के दर्जनभर ग्राम पंचायत में टी.वी. नहीं है क्यों? किन-किन पंचायतों का टी.वी कलेक्टर बालाघाट द्वारा निर्वाचन कार्य के लिए बुलाया गया और आज तक वापस नहीं किया गया।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। म.प्र. सरकार द्वारा दिशा-निर्देश परिपत्र जारी किया गया था, जिलो द्वारा ही क्रयादेश जारी कर, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के माध्यम से ग्राम पंचायतों को टी.वी. प्रदाय किये गये थे। वर्ष 2013 में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा निर्धारित स्पेशिफिकेशन के अनुसार निविदायें आमंत्रित की जाकर, तय रेट कॉन्ट्रेक्ट पर, उनके वेंडर मेसर्स एसर इण्डिया (प्रा.) लि. द्वारा सप्लाई किये गये हैं। (ख) बालाघाट जिले की प्रथम चरण की 41 ग्राम पंचायतों में टी.वी. प्रदाय नहीं किया गया हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ब अनुसार हैं। बालाघाट जनपद की प्रथम चरण की 13 ग्राम पंचायतों में टी.वी. शामिल नहीं था। द्वितीय चरण की 64 ग्राम पंचायतों में टी.वी. शामिल कर प्रदाय किये गये। कलेक्टर बालाघाट द्वारा निर्वाचन कार्य हेतु किसी भी पंचायत का टी.वी. नहीं बुलाया गया, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों में क्रय की गई कम्प्यूटर/लेपटाप सामग्री
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 322 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में किन-किन पंचायतों में वर्ष 2014 से अब तक कम्प्यूटर की खरीदी की गई वर्ष/माह/दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा की प्रत्येक पंचायतों के खरीदी के बिल/निविदा शर्तों की दिनांक सहित जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2014 से अब तक किसी भी पंचायत में कम्प्यूटर की खरीदी नहीं की गई हैं। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नवीन पुलिस थाना/पुलिस चौकी की स्वीकृति
[गृह]
5. ( क्र. 632 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत की बैठक दिनांक 09.06.2019 में नया थाना रामदेवरा जोड़ खाजला (खिलचीपुर) में खोलने बाबत् प्रस्ताव की समीक्षा में यह अवगत कराया गया कि पुलिस अधीक्षक राजगढ़ के प्रतिवेदन अनुसार नवीन पुलिस थाना की स्थापना हेतु विधिवत प्रस्ताव वरिष्ठालय सहायक पुलिस महानिरीक्षक वृत्त भोपाल को प्रेषित किया गया है। (ख) पुलिस अधीक्षक महोदय राजगढ़ के अनुशंसा अनुसार नवीन थाना कब तक स्वीकृत हो जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। नया थाना रामदेवरा जोड़ खाजला (खिलचीपुर) का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुरूप न होने के कारण अमान्य किया गया। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिनकी परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
6. ( क्र. 657 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में स्वीकृत चिनकी परियोजना से किस-किस जिले के कौन-कौन से ग्राम लाभान्वित होंगे। (ख) उक्त परियोजना के टेंडर कब आमंत्रित किये गये? किस एजेन्सी द्वारा किन-किन शर्तों पर उक्त कार्य किया जायेगा? (ग) उक्त कार्य कब तक प्रारंभ होगा? उक्त योजना का शिलान्यास कब और किसने किया? स्वीकृत राशि सहित पूर्ण विवरण दें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) फरवरी 2016 को प्रथम बार एवं जून 2016 को दूसरी बार। तकनीकी कारणों से निविदा निरस्त की गयी। पुन: निविदा आमंत्रित कर एजेंसी निर्धारण के पश्चात् अनुबंध की शर्तों के अनुरूप कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। दिनांक 15/09/2018 को तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा। पूर्व स्वीकृत राशि रूपये 1494.64 करोड़। वर्तमान लागत रूपये 1762.00 करोड़ आंकलित की गई है।
प्रदेश की कानून व्यवस्था
[गृह]
7. ( क्र. 980 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अन्तर्गत में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक अवधि में विगत वर्षों में हुए अपराधों की तुलनात्मक स्थिति में लगातार गंभीर एवं चिंताजनक वृद्धि होती जाकर अपराध एवं अपराधों का स्वरूप अत्यंत दर्दनाक वेदनापूर्ण एवं क्रूरतम होता जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में बलात्कार, हत्या, मादक पदार्थों की अवैध तस्करी, मूक पशुओं की तस्करी, महिला उत्पीड़न, आंदोलन स्वरूप के बलवे, क्रिकेट सट्टा इत्यादि सहित अन्य अपराध भी अत्यंत वीभत्स रूप से घटित हो रहे है? (ग) उल्लेखित वर्षों में रतलाम जिलों के किन-किन ब्लॉकों में, किस-किस प्रकार की घटनाएं घटित हुई? क्या उन घटनाओं के विषयों, घटित स्थान के विगत वर्षों के व्यवहार, आचरण, कृत्यों से जाँचा गया? (घ) उल्लेखित वर्षों की समस्त घटनाएं पंजीबद्ध प्रकरणों की संख्या, अपराधियों की गिरफ्तारी एवं सजा तथा लापरवाही करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाहियों सहित स्पष्ट जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) भा.द.वि. के विविध अपराध घटित हुए है। अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा अपराधों का समय-समय पर पर्यवेक्षण की जाती है। गुण्डे, निगरानी, बदमाशों की चेकिंग की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है।
ग्राम पंचायतों के कार्यों में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 981 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में विगत वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2018-19 तक में किये गये कार्य में किन-किन स्थानों से शिकायतें/जानकारी प्राप्त होकर उनके विरूद्ध किस-किस प्रकार की क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? संबंधितों के विरूद्ध किस प्रकार नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाहियां की गई? वर्षवार बताए। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी विभाग के संबंधित अधिकारियों को पत्रों के माध्यम से कार्यों की स्थितियों लापरवाहियों, अनियमितता से अवगत कराया, इस तरह के विषयों एवं पत्रों के माध्यम से की गई शिकायतों पर किन-किन के विरूद्ध कब जाँच की गई एवं संबंधितों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) रतलाम जिले में प्रश्नावधि में कार्यों के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की स्थान एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। (ख) जी हाँ। शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार।
कर्जा माफी धोखा या हकीकत
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 1154 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ किये जाने का संकल्प लिया गया था? यदि हाँ, तो कितनी-राशि का ऋण कब से माफ किया गया है? (ख) खण्डवा जिले के कितने किसानों का कितनी राशि का कर्जा माफ किया गया है? (ग) कर्ज माफी की घोषणा के बाद से आज दिनांक तक कितने किसानों द्वारा आत्महत्या की गई है? इन किसानों के परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा क्या-क्या सहायता प्रदान की गई है? (घ) सरकार की घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के सम्पूर्ण किसानों का फसल ऋण कर्ज कब तक माफ होकर उनके खाते निरंक हो जाएंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ, चालू ऋण खाते में प्रथम चरण में राशि रूपये 50,000 तक का ऋण जो 31.03.2018 की स्थिति में बकाया था एवं एन.पी.ए./कालातीत ऋण 2 लाख तक जो दिनांक 01.04.2007 को या उसके उपरांत 31.03.2018 तक बकाया था माफ किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जय किसान फसल ऋण माफी योजना प्रावधान अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
नहरों के निर्माण एवं मरम्मत
[नर्मदा घाटी विकास]
10. ( क्र. 1206 ) श्री संजय शर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सडूमर शाखा से नहरों का निर्माण कहाँ से कहाँ तक किया गया है? क्या निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? उक्त नहरों की टेस्टिंग कब-कब की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, टेस्टिंग के दौरान किन-किन स्थानों पर लीकेज हुआ? स्थानवार जानकारी प्रदान करें। इन लीकेजों से किन-किन किसानों को कितना नुकसान हुआ? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, लीकेजों का सुधार कब-कब किस प्रकार किया गया? (घ) सडूमर शाखा नहरों के मरम्मत एवं अन्य कार्य हेतु विगत 5 वर्षों में वर्षवार कितनी राशि स्वीकृत की गई? स्वीकृत राशि में से कितनी राशि व्यय की गई है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) लगभग 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’अ’ अनुसार है। (ख) कहीं नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’ब’ अनुसार है।
भावांतर योजनांतर्गत बनाये गये खरीदी केन्द्र
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( क्र. 1208 ) श्री संजय शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में भावान्तर योजनांतर्गत कृषकों के अनाज खरीदने हेतु बनाये गये खरीदी केन्द्रों का क्या मापदंड था? (ख) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से स्थानों पर भावान्तर योजनांतर्गत खरीदी केंद्र बनाये गये? उन खरीदी केंद्रों में कौन-कौन ग्राम सम्मिलित किये गये? सूची उपलब्ध करायें। (ग) खरीदी केन्द्रों से भंडारण गृह की दूरी कितनी तय की गई थी? कौन-कौन खरीदी केंद्रों से अनाज कौन-कौन से भंडारण गृह पहुंचाया गया? सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या शासन द्वारा वर्ष 2018-19 में भावान्तर योजनांतर्गत खरीदे गये अनाज के भुगतान हेतु 07 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो कितने किसानों का भुगतान किया जा चुका है? कितने किसानों का भुगतान शेष है? इनका भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत पंजीकृत कृषकों के द्वारा अधिसूचित कृषि उपज मण्डी समिति के प्रांगण में विक्रय किये जाने पर राज्य शासन द्वारा विहित प्रक्रिया अपनाने वाले कृषकों को इसका लाभ दिये जाने का प्रावधान था। (ख) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तेंदूखेड़ा, डोभी, राजमार्ग, चांवरपाठा, खुलरी, सिहोरा, कौडिया एवं मंडी क्षेत्र में सम्मिलित समस्त ग्रामों के कृषकों की उपज का क्रय विक्रय मंडी प्रांगण से ही संचालित किया गया। भावांतर योजना अंतर्गत अन्य जिले के पंजीकृत कृषकों द्वारा भी तेंदूखेड़ा मंडी में अपनी कृषि उपज विक्रय की गई। ग्रामों की सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत कृषकों की उपज व्यापारियों द्वारा मण्डी प्रांगण से खरीद कर अपने-अपने गोदामों/दुकान में भण्डारित की जाती है। सूची का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी नहीं। ऐसी कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। फ्लैट भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत मक्का फसल हेतु 260735 कृषकों को राशि रू. 514.40 करोड़ का भुगतान किया गया। सोयाबीन फसल हेतु भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सोयाबीन की राशि केन्द्र सरकार से अप्राप्त है प्राप्त होने पर भुगतान किया जावेगा।
चिनकी परियोजना के सम्बंध में
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( क्र. 1209 ) श्री संजय शर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के नर्मदा उत्तराखंड में पानी की समस्या है? यदि हाँ, तो नर्मदा उत्तराखंड में इस संकट को दूर करने हेतु शासन द्वारा कौन-कौन से प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा नरसिंहपुर जिले में चिनकी परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो इस योजना की लागत क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, उक्त योजना से तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम लाभांवित होंगे? ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) इस योजना का शुभारंभ कब तक किया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिये चिनकी परियोजना प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। रूपये 1762.00 करोड़ आंकी गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) चिनकी परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति पश्चात निविदा आमंत्रित की जायेगी। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामान्य सभा एवं स्थाई समितियों की आयोजित बैठकें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 1313 ) श्री जसमंत जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में वर्ष 2015 से कितने निर्वाचित सदस्य हैं? उन निर्वाचित सदस्यों में से किन-किन को किस स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाया गया है तथा किन नियमों के तहत समिति का सचिव अधिकृत किया गया है? (ख) शिवपुरी जिले की जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में किस वर्ष में कितनी सामान्य सभा/स्थाई समितियों की बैठकें आयोजित कर कितने कार्यवाही प्रस्ताव पारित किये और उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या शिवपुरी जिले की जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों की स्थाई समिति के सचिवों द्वारा प्रतिमाह नियमित बैठकें आयोजित नहीं की गई हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन अधिकृत सचिव/विभागीय अधिकारी हैं? उनके नाम एवं पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी संकंलित की जा रही है।
सार्वजनिक तालाब पर अतिक्रमण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 1359 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला उमरिया के ग्राम पंचायत सस्तरा में पंचायत द्वारा सार्वजनिक लोगों के लिए तालाब निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो तालाब निर्माण में पंचायत द्वारा कितनी राशि खर्च की गई? (ख) क्या ग्राम पंचायत सस्तरा में निर्मित तालाब को कुछ लोगों द्वारा फैंसिंग किया जाकर निजी उपयोग में लाया जा रहा है? (ग) क्या सार्वजनिक तालाब को निजी उपयोग में लाये जाने के सम्बन्ध में स्थानीय लोगों द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत की गई थी? शिकायत के सम्बन्ध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) अगर जाँच नहीं हुई है, तो क्यों नहीं की गई? जाँच में विलंब क्यों किया जा रहा है? और जाँच कब तक पूर्ण करा ली जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। तालाब निर्माण पर ग्राम पंचायत के द्वारा राशि रूपये 52192/- खर्च की गई। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शिकायत की जाँच तहसीलदार नौरोजाबाद के द्वारा की गई है। न्यायालय तहसीलदार, तहसील नौरोजाबाद में अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कब्जा हटवाने बाबत् प्रकरण दर्ज किया गया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
किसानों के ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 1413 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के सभी किसानों के दो-दो लाख रू. के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के सभी किसानों को इसका लाभ प्रदाय कर दिया गया है? यदि नहीं, तो शेष रह गये किसानों का ऋण कब तक माफ करा दिया जायेगा? (ख) सागर जिले में कितने किसानों का एवं कितनी राशि का ऋण माफ किया गया है? संख्या बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ, प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के कुल 50,886 कृषकों का इसका लाभ प्रदाय किया गया है। शेष रहे किसानों की ऋण माफी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) सागर जिले के कुल 50,886 कृषकों का कुल राशि रूपये 15591.54 लाख का ऋण माफ कर दिया गया है।
चकराघाट एवं संजय ड्राईव का सौन्दर्यीकरण
[पर्यटन]
16. ( क्र. 1414 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत चकराघाट एवं संजय ड्राईव में पर्यटन विभाग द्वारा सौन्दर्यीकरण कराये जाने की योजना स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य कराया जाना प्रस्तावित थे? (ख) क्या प्रस्तावित योजनान्तर्गत सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं या बजट के अभाव में प्रश्नांश (क) वर्णित स्थलों का सौन्दर्यीकरण शेष रह गया है? यदि सौन्दर्यीकरण कार्य शेष है तो क्या शासन शेष कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु अतिरिक्त बजट उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। स्वीकृति अनुसार कार्य पूर्ण किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासों के आवंटन
[गृह]
17. ( क्र. 1568 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में किस टाइप के कहाँ-कहाँ कितने-कितने शासकीय आवास उपलब्ध हैं? विगत 5 वर्ष में कौन-कौन से शासकीय आवास किस-किस अधिकारी कर्मचारी को कब-कब आवंटित किये गये हैं? उक्त आवास आवंटन के नियम निर्देश क्या हैं? जिला कलेक्टर एवं संभागायुक्त के अधिकार वाले शासकीय आवासों की जानकारी देवें। वर्तमान में कौनसा आवास, कब से रिक्त है? (ख) क्या अनेकों शासकीय आवास आवंटियों द्वारा शासकीय आवास किराये पर अथवा परिचित, रिश्तेदारों को सौंप रखे हैं? क्या इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी? उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता द्वारा कर्मचारियों को भवन आवंटन/भवन परिवर्तन के लिए प्रस्तुत अनुशंसाओं पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन आवंटियों द्वारा शासकीय आवास किराये पर दिये हैं अथवा परिचित, रिश्तेदारों को सौंपे हैं उन्हें रिक्त कराकर जरूरतमंद कर्मचारियों को कब तक भवन आवंटित कर दिये जायेंगे? और इनसे किराया स्टेण्डर दर पर कब तक वसूला जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) उज्जैन शहर में शासकीय आवास गृहों की संख्या एवं आवंटित अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। म.प्र. आवास आवंटन नियम के अंतर्गत उज्जैन शहर संभागीय मुख्यालय होने के कारण सभी शासकीय आवासों के आवंटन के अधिकार संभागायुक्त उज्जैन को है। आवास आवंटन नियम निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ख) शासकीय आवास आवंटियों द्वारा शासकीय आवास किराये पर अथवा परिचित रिश्तेदारों को सौंप रखे होने के संबंध में एक गुमनाम शिकायत पूर्व में प्राप्ति हुई थी जिसमें कलेक्टर जिला उज्जैन के पत्र क्रमांक 8035/ सामान्यदो/19 दिनांक 09/07/2019 से जाँच प्रतिवदेन इस कार्यालय में प्राप्त हुआ है। दोषी पाएं गये दो कर्मचारियों के विरूद्ध बेदखली, दाण्डिक किराया वसूली तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय द्वारा श्री लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, सहायक वर्ग-3 कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग उज्जैन का आवेदन पत्र शासकीय आवास गृह क्रमांक जी 2/1 राजस्व कॉलोनी उज्जैन को आवंटन करने हेतु अनुशंसा की गई थी, श्री शर्मा को आवास आवंटन नियम के अन्तर्गत जी.टाईप आवास की पात्रता नहीं होने से उक्त आवास आवंटित नहीं किया जा सका, वस्तुस्थिति से माननीय सदस्य विधानसभा को दिनांक 22.06.2019 को अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ पर है। (ग) एक गुमनाम शिकायत इस कार्यालय को दिनांक 06/03/2019 प्राप्त हुई है उक्त शिकायत के जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर जिला उज्जैन के पत्र क्र. 8035ध/सामान्य दो/19 दि. 09/07/2019 से इस कार्यालय में प्राप्त हुआ है प्रतिवेदन में एल.आई.जी 91 मुनिनगर उज्जैन श्री चंदरसिंह परमार, आरक्षक, लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन (वर्तमान में पुलिस अधीक्षक कार्यालय उज्जैन में कार्यरत हैं) को आवंटित है किन्तु इनके स्थान पर ईश्वर सिंह पिता पुरनसिंह परमार निवास करते हुए पाऐ गये हैं एवं एल.आई.जी 18 जो कि श्रीमती मंजू गेहलोत, कार्यालय मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग उज्जैन को आवंटित है किन्तु् इनके स्थान पर श्री भरत राठौर निवास करते पाएं गये हैं, कलेक्टर के उक्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार उक्त दोनों दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही जैसे आवास आवंटन आदेश निरस्त कर बेदखली की कार्यवाही की जाना एवं दाण्डिक किराया की वसूली तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है।
किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 1671 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं एवं बतावें की किसानों के कर्ज माफी योजना में दमोह जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसानों का कर्ज माफ किया गया है? विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा विकासखण्ड में कृषकों से समर्थन मूल्य पर 5600/- रू. प्रति क्विंटल की दर से उड़द खरीदी की गई थी, जिसमें कृषकों को वर्तमान में 3562/- रू. प्रति क्विंटल की दर से बैंक खाते से भुगतान किया गया है, शेष राशि का भुगतान लंबित होने का क्या कारण है? लंबित भुगतान कब तक किया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) किसानों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। दमोह जिले में किसानों के कर्जमाफी योजना में आज दिनांक तक की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) दमोह जिले के तेंदुखेडा विकासखण्ड में सहकारी समिति मर्यादित हिनौती पुतरीघाट द्वारा वर्ष 2018-19 में उड़द का उपार्जन आपूर्ति निगम के एजेण्ट के रूप में किया गया। समिति हिनौती पुतरीघाट द्वारा कुल 1140 कृषकों से 1266.96 मी. टन खरीदी की गई है। खरीदी की गई मात्रा में से नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा मात्र 124.62 मी. टन परिवहन कर स्वीकृत किया गया है शेष मात्रा जो परिवहन नहीं की गई है। उसे नागरिक आपूर्ति निगम के गुणवत्ता निरीक्षकों द्वारा अमानक बतलाई गई जिला उपार्जन समिति की बैठक दिनांक 17.04.2019 में लिये गये निर्णय अनुसार अमानक मात्रा को नीलाम किया गया है। विकासखण्ड तेंदुखेड़ा समिति हिनौती पुतरीघाट द्वारा स्वीकृत मात्रा 124.62 मी.टन संबंधित 105 कृषकों को 5600/- रूपये प्रति क्विंटल के मान से किया गया एवं शेष नीलामी मात्रा 1099.47 मी. टन के समर्थन मूल्य एवं अंतर की राशि 2.09 करोड़ एवं शार्टेज मात्रा 42.86 टन राशि 0.24 करोड़ कुल राशि 2.33 करोड़ कृषकों को भुगतान हेतु कम हुई। जिला उपार्जन समिति की बैठक दिनांक 18.05.2019 में लिये गये निर्णय अनुसार शेष सभी कृषकों को नीलाम की गई मात्रा की राशि अनुपातिक आधार पर भुगतान की गई। जिसका औसत मूल्य 3562/- रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित कर शेष 1035 कृषकों को 3562/- रूपये प्रति क्विंटल के मान से किया गया है। योजनान्तर्गत फेयर एवरेज गुणवत्ता की उपज को ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किए जाने का प्रावधान है। अत: शेष का प्रश्न नहीं है।
ग्वालियर चंबल संभाग के थानों के संबंध में
[गृह]
19. ( क्र. 1674 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में दिसम्बर 2018 से 18 जून 2019 तक कितने थानों के प्रभारी बदले गये? थानेवार जानकारी देवें? क्या उक्त स्थानांतरण विधायक/मंत्री की अनुशंसा पर की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से विधायक/मंत्री द्वारा नाम सहित बतावें? (ख) क्या ऐसे थाने भी हैं? जहां पर एक से अधिक बार थाना प्रभारियों के स्थानांतरण किये गये? यदि हाँ, तो नाम एवं थाना सहित बतावें? (ग) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में ऐसे कितने थाने है जहां पर थाना प्रभारी नहीं है वहां पर उप निरीक्षक को प्रभार दिया गया है? इसके क्या कारण है? नाम सहित बतावें। (घ) क्या पुलिस विभाग के स्थानांतरण के कोई नीति है? हां तो उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) पुलिस विभाग में स्थानांतरण मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी स्थानांतरण नीति-ज्ञाप क्रमांक एफ-6-1/2019/एक/9/भोपाल दिनांक 04 जून 2019 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द एवं पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश के पत्र दिनांक 30 मार्च 2015 के द्वारा जारी परिपत्र में दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार किये जाते है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार।
खरीदी केन्द्रों की संख्या एवं स्थान की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( क्र. 1676 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2018 में ग्वालियर जिले में सरसों चना खरीदी केन्द्रों की संख्या व स्थान कौन-कौन से है? (ख) कौन-कौन से खरीदी केन्द्रों पर शिकायत मिली? संबंधितों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या वर्ष 2018 में स्थापित केन्द्रों के स्थान परिवर्तन किये गये है? यदि हाँ, तो क्या वजह थी? (घ) शासन के खरीदी केन्द्र स्थापित करने के तथा उन्हें परिवर्तित करने के क्या नियम हैं तथा क्या प्रश्नांश (ग) केंद्र को परिवर्तित करने में नियम का पालन किया गया है? (ड.) क्या शासन ग्वालियर जिलें में उक्त सरसों, चना खरीदी केन्द्र में जो 2019 में परिवर्तन किये गये हैं? उनकी शासन स्तर से जाँच करायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2018 में 7 खरीदी केन्द्र संचालित थे, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2018 में चना एवं सरसों खरीदी केन्द्र की कोई शिकायत नहीं हुई है। (ग) वर्ष 2019-20 में उपार्जन नीति अनुसार पात्र संस्थाओं को एवं किसानों की सुविधाओं को देखते हुये पिछले वर्ष के खरीदी केन्द्रों में परिवर्तन किया गया है। (घ) रबी उपार्जन नीति 2019-20 की कंडिका 4 में दिये गये प्रावधानों तथा चना, सरसों के खरीदी केन्द्र हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 2712 दिनांक 08-04-2019 में दिये गये दिशा निर्देशानुसार वर्ष 2019-20 में चना, सरसों के खरीदी केन्द्र में परिवर्तन किया गया है। खरीदी केन्द्र परिवर्तन करने में उपार्जन नीति का पालन किया गया है। (ड) शासन द्वारा जारी रबी उपार्जन नीति 2019-20 में दिये गये प्रावधानों तथा चना, सरसों के खरीदी केन्द्र हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 2712 दिनांक 08-04-2019 में दिये गये दिशा निर्देशानुसार वर्ष 2019-20 में चना, सरसों के खरीदी केन्द्र जिला स्तर पर जिला उपार्जन समिति द्वारा चना, सरसों के खरीदी केन्द्र में परिवर्तन किया गया है। जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
कृषकों के अनुदान संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
21. ( क्र. 1705 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर को विभाग से 2016-17 से 2019-20 तक कितना कितना बजट किस-किस योजना के लिये प्राप्त हुआ, वर्षवार योजनावार कितना व्यय किया गया? सूची प्रदाय करें। (ख) 2016-17 से 2019-20 तक जिले के कृषकों को योजनावार कितनी-कितनी अनुदान राशि प्रदान की गई? विकास खण्डवार सूची प्रदान करें? (ग) स्वीकृत अनुदान राशि से कितने कृषकों की संख्या को लाभान्वित किया गया वास्तविक स्थिति से अवगत करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
भू व खनिज माफिया के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
22. ( क्र. 1742 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा पत्र क्र. 23 दिनांक 18.07.2019 के माध्यम से 8 बिन्दु की जाँच करने के निर्देश दिये थे तथा उक्त पत्र के आधार पर नगर पुलिस अधीक्षक के पत्र क्र. 2094 दिनांक 04.09.2017 के तहत थाना प्रभारी कोलगवां एवं बातूपुर चौकी प्रभारी को कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। कलेक्टर सतना ने भी पत्र क्र. 3265 दिनांक 08.11.2017 को 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जिसमें नगर पुलिस अधीक्षक को उक्त कमेटी में रखा था। 17 माह के बाद पुन: कलेक्टर सतना द्वारा स्मरण पत्र जारी किया गया पत्र क्र. 60 दिनांक 04.01.2019 के तहत शिकायकर्ता ने उक्त शिकायत 09.10.2017 को कलेक्टर सतना खनिज शाखा को थी? क्या कमिश्नर रीवा में उक्त जाँच के संबंध में 6 सदस्यीय टीम का गठन पत्र क्र.. 415 दिनांक 02.02.2019 के तहत किया है? सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराये। (ख) कलेक्टर सतना द्वारा एस.डी.एम. रघुराजनगर के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 07.02.2019 के आधार पर पत्र क्र. 678 दिनांक 02.03.2019 को प्रमुख सचिव खनिज को पत्र जारी किया तथा क्र. 205 दिनांक 15.02.2019 के तहत रामस्थान के दो पटवारियों को शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने के कारण निलंबित किया है एवं एस.डी.एम. रघुराजनगर ने नगर पुलिस अधीक्षक सतना एवं थाना प्रभारी कोलगवां को पत्र क्र. 2076 दिनांक 14.06.2019 पत्र जारी कर 70 पृष्ठ संलग्न कर कार्यवाही कर 7 दिवस के अंदर प्रतिवेदन मांगा है सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) सही है तो (क) एवं (ख) में उल्लेखित पत्रों का अवलोकन पुलिस अधीक्षक सतना/अति पुलिस महानिर्देशक अपराध विभाग भोपाल ने स्वयं किया है उक्त दोनों अधिकारी पत्रों एवं जाँच प्रतिवेनदनों के अध्ययन पश्चात लीजधारी एवं ए.आर.टी. कम्पनी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खनिज एवं भूमाफियों के विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराने के निर्देश देंगे नहीं देगे तो क्यों कारण सहित बिन्दुवार जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऋण माफी के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 1760 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ''जय किसान ऋण माफी योजना'' के अंतर्गत रायसेन जिले में कितने किसानों का कितनी राशि का ऋण माफ होगा। संख्या बतायें। (ख) रायसेन जिले में किसानों के नाम फर्जी ऋण, धोखाधड़ी के किन-किन प्रकरणों की जाँच जिला एवं अनुविभाग स्तर की समिति द्वारा की जा रही है उक्त जाँच कब तक पूर्ण होगी? (ग) 15 जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों का कितनी राशि का ऋण माफ हो चुका है किसानों की संख्या बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के किसानों की भूमि को बन्धन मुक्त हेतु किन-किन बैंको ने SDM, तहसीलदार को कब-कब पत्र लिखे? भूमि कब तक बंधन मुक्त होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में शहीद का दर्जा देने की नीति
[गृह]
24. ( क्र. 1828 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे की सुरक्षा में पदस्थ सुरक्षा कर्मी उपनिरीक्षक हर्षवर्धन सिंह सोलंकी का दिनाक 13.01.2019 को नक्सली इलाके में दुर्घटना में निधन हो गया था, क्या सरकार ने इनको शहीद का दर्जा दिया है, यदि नहीं तो क्यों, यदि हाँ, तो प्रतिलिपि उपलब्ध कराये? (ख) क्या मृतक के परिवार ने लिखित आवेदन विभाग को देकर बताया उपरोक्त सड़क दुर्घटना महज सड़क दुर्घटना नहीं थी, नक्सलियों द्वारा काफिले पर हमला था, क्या इसकी जाँच विभाग द्वारा की गयी यदि हाँ, तो विभाग की रिपोर्ट से अवगत कराये? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मृतक श्री सोलंकी को शहीद का दर्जा देकर उनके परिवार को असाधारण पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति एवं अन्य सुविधायें प्रदान करेगा, यदि नहीं तो उक्त सुविधायें नहीं देने के क्या कारण है। (घ) क्या यह सही है कि सहायक पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक पुलिस मुख्यालय भोपाल ने अपने पत्र क्र. पु.मु./3/कार्मिक/2/अनुकंपा/न्य.न.क्र./25/19/137, दिनांक 19/04/2019 को सचिव गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन मंत्रालय को लिखे गये पत्र में श्री सोलंकी को शहीद बताया गया है इस पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, श्री सोलंकी के परिवार को विभाग ने कौन-कौन सी सुविधायें प्रश्न दिनांक तक प्रदान की है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। स्व. श्री हर्षवर्धन सोलंकी उप निरीक्षक की दुर्घटना का प्रकरण असाधारण परिवार पेंशन नियम 1965 के नियम 3 (चार) की परिधि में नहीं आने से दर्जा नहीं दिया गया है। (ख) मृतक के परिवार द्वारा विभाग को इस संबंध में लिखित आवेदन नहीं दिया गया है। (ग) स्व. श्री हर्षवर्धन सोलंकी, उप निरीक्षक का प्रकरण असाधारण परिवार पेंशन नियम 1965 की परिधि में नहीं आने से असाधारण परिवार पेंशन की पात्रता नहीं बनती है, अनुकंपा नियुक्ति संबंधी प्रकरण शासन को प्राप्त हुआ है, जिसमें कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) श्रीमती पूजा सोलंकी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में स्व. श्री सोलंकी को शहीद होना लेख किया है जिसके आधार पर सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कार्मिक) पुलिस मुख्यालय भोपाल ने पत्र क्रमांक/पुमु/3/कार्मिक/2/अनुकंपा/न्यू.न.क्र. दिनांक 29.04.2019 द्वारा शासन को प्रेषित अनुकंपा नियुक्ति के प्रस्ताव में शहीद होने का उल्लेख किया है। उप निरीक्षक श्री हर्षवर्धन सिंह सोलंकी के परिवार को इकाई द्वारा अवकाश नगदीकरण की राशि रू. 2,81,075/-बीमा राशि रू. 2,50,000/- बीमा राशि रू. 13,756/- एवं परोपकार निधि राशि रू. 1,00,000/- प्रदाय की गई।
गोली चालन की घटनायें
[गृह]
25. ( क्र. 1890 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2018 तक गत 05 वर्षों में ग्वालियर संभाग के विभिन्न जिलों में कहाँ-कहाँ गोली चालन किया गया? (ख) पुलिस गोली चालन में कितने लोगों की मौत तथा कितने लोग घायल हुए? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में किन-किन स्थानों पर गोली चालन के बाद जाँच के आदेश दिए गए? (घ) क्या उक्त प्रकरणों में जाँच की रिपोर्ट शासन के समक्ष प्रस्तुत की गई यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) वर्ष 2014 से 2018 तक गत 05 वर्षों में ग्वालियर संभाग के अंतर्गत जिला शिवपुरी के थाना पोहरी क्षेत्रांतर्गत दिनांक 09.03.2015 को कस्बा पोहरी में पुलिस द्वारा हवाई फायर कर उपद्रवी भीड़ को तितर-बितर किया गया। (ख), (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक।
किसानों की आत्महत्या
[गृह]
26. ( क्र. 1899 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक ग्वालियर संभाग में कुल कितने किसानों द्वारा आत्महत्या की गई? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) क्या आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवारों को सरकार द्वारा कोई राहत राशि उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ, तो कुल कितनी राहत राशि किसानों को प्रदान की गई? (ग) क्या सरकार आत्महत्या ग्रस्त किसानों के परिवारों को पूरी तरह ऋण मुक्त कराने तथा संपूर्ण पुर्नवास करने के लिए कोई नीति बना रही है? क्या इन परिवारों को 5 लाख रूपये की राशि प्रदान करने की काई नीति बनाएगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राजस्व पुस्तक परिपत्र कंडिका-6 (4) में आत्महत्या करने वाले किसान परिवारों को राहत राशि प्रदाय का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) वर्तमान में ऐसे कोई प्रस्ताव विचारधीन नहीं है।
पुलिस अवकाश के संबंध में
[गृह]
27. ( क्र. 2002 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पुलिस बलों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने के आदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) यदि हाँ, तो उक्त आदेश के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले में किस-किस थाने में किस-किस दिनांक को कितने लोग अवकाश पर रहें? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के पुलिसकर्मियों के आवास भत्ता 05 हजार प्रतिमाह व अन्य भत्तों को तीन गुना बढ़ाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो कब से लागू किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में पुलिस बलों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा दिनांक 01.01.2019 को आदेश जारी किये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) संधारित अभिलेख अनुसार प्रश्न के अनुरूप घोषणा दर्ज होना नहीं पाई गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
बीमा राशि का भुगतान नहीं होना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 2009 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बागली अंतर्गत 02 वर्षों में कितने किसानों को बीमा राशि स्वीकृत हुई तहसीलवार/पटवारी हल्कावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसानों को राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं सहकारी संस्थाओं द्वारा बीमा राशि का भुगतान नहीं किये जाने के कारण किसानों द्वारा धरना आदि दिया गया था? हां या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो राष्ट्रीयकृत बैंकों व सहकारी संस्थाओं द्वारा कृषकों को बीमा राशि का भुगतना नहीं किये जाने का कारण स्पष्ट करें? (घ) किसानों को बीमा राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बागली के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में से खरीफ 2017 के कुल 35238 कृषकों को दावा राशि रू 1160939498 (एक सौ सोलह करोड़ नौ लाख उनचालीस हजार चार सौ अन्ठानवे मात्र) का भुगतान नोडल बैंकों के माध्यम से किया गया है। तहसीलवार एवं पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) रबी 2017-18 के लिये राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का बीमा कंपनी को भुगतान प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2018 एवं रबी 2018-19 के लिये बीमांकन का संकलन प्रक्रियाधीन है तथा फसल कटाई प्रयोंगों से प्राप्त आंकड़ों का संकलन प्रकियाधीन है। (घ) उक्त मौसमों के लिये अंतिम बीमांकन के आधार पर राज्यांश राशि का भुगतान होने के उपरांत फसल कटाई प्रयोगों के परिणामों के आधार पर नियमानुसार पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से दावा राशि का भुगतान किया जावेगा।
पुलिस के समान वेतन एवं अवकाश
[जेल]
29. ( क्र. 2052 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह विभाग में पुलिस को एक वर्ष में 13 माह का वेतन एवं साप्ताहिक अवकाश देने का प्रावधान है तथा जेल विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को क्यों नहीं उक्त सुविधा दी जा रही है। (ख) गृह विभाग की पुलिस 24 घंटे सेवा देने का कार्य करती है तो क्या जेल विभाग नहीं देता है? अगर हाँ तो जेल विभाग इस ओर कब तक विचार करेगा? (ग) क्या इसके लिये काई विधेयक या प्रस्ताव केबिनेट में लाया जावेगा हां तो कब तक और नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जेल विभाग के कर्मचारियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन दिये जाने का प्रकरण विचारोपरांत अमान्य किया गया है। (ख) जेल विभाग के अधिकारी/कर्मचारी भी पुलिस के समान ही सेवाएं देते हैं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आगामी कार्यवाही करना वर्तमान में संभव नहीं है।
भावांतर की राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 2086 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में प्रदेश में सोयाबीन की फसल का भावांतर का लाभ कितने किसानों को दिया गया है? भावांतर की राशि का भुगतान कितने कृषकों को कितना-कितना किया गया है? यदि भुगतान नहीं किया गया है तो उसका कारण क्या है? (ख) भावांतर की राशि के भुगतान में किस स्तर पर विलंब हो रहा है और क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) पी.डी.पी.एस. योजनान्तर्गत सोयाबीन फसल के लिए भावांतर राशि के भुगतान की मांग भारत सरकार से की गई है। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 2108 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा विधान सभा क्षेत्र वर्ष 2015-16 एवं 2017-18 तक ग्राम पंचायतों ने स्वीकृत सभी मदों के निर्माण कार्यों को पूर्ण करा लिया गया है? (ख) क्या उन निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन करा लिया गया है? यदि नहीं तो ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण है? और क्यों? इन निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्या पंचायत विभाग के उपयंत्रियों द्वारा अपने क्षेत्रों में रुचि नहीं लिये जाने के कारण पंचायतों में अनेक निर्माण कार्य लंबित है? (घ) स्वीकृत निर्माण कार्यों को समय पर पूर्ण न करने पर विभाग द्वारा संबंधित ग्रामपंचायतों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन ग्राम पंचायतों में आर्थिक अनियमितता के प्रकरण दर्ज हुए? कितने प्रकरणों में सजा एवं आर्थिक दण्ड/वसूली की कार्यवाही की गई? (च) क्या विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के मांगलिक कार्यक्रमों हेतु पंचायतीराज विभाग प्रत्येक ग्राम पंचायत में 50-50 लाख रूपये के मांगलिक भवनों की स्वीकृति बिना भेदभाव के जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक ग्राम पंचायतों ने स्वीकृत सभी मदों के कुल 6661 निर्माण कार्यों में से 5786 निर्माण कार्य पूर्ण कर लिए है। (ख) जी हाँ। इन कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन करा लिया गया है। (ग) उपयंत्रियों द्वारा अपने क्षेत्र में रूचि लेकर निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाकर शेष विगत वर्षों के कार्यों को वित्तीय वर्ष 2019 में पूर्ण कर लिया जावेगा। (घ) विधानसभा क्षेत्र खण्डवा अंतर्गत जनपद पंचायतों से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण नहीं कराने पर धारा-40 एवं 92 के तहत कार्यवाही कर संबंधित ग्राम पंचायतों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (च) वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभाग स्तर पर ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भेड़ाघाट स्थित धुंआधार जल-प्रपात
[पर्यटन]
32. ( क्र. 2156 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जीवन दायिनी पुण्य सलिला मां नर्मदा नदी के तट पर स्थित धुआंधार जिला-जबलपुर में भेड़ाघाट स्थित प्राकृतिक अंतर्राष्ट्रीय धुआंधार जल प्रपात को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने, सैलानियों को आकर्षित करने हेतु जिला प्रशासन एवं शासन ने क्या योजना बनाई है? (ख) प्रश्नांकित धुआंधार जल प्रपात की जिला स्तर, प्रदेश स्तर एवं केन्द्रीय स्तर पर क्या पहचान है? प्रदेश शासन ने पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु यहां पर कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कब कितनी-कितनी राशि में कराये है एवं कौन-कौन से कार्य कराना स्वीकृत/प्रस्तावति है? वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक की जानकारी दें। (ग) क्या प्रदेश शासन भेड़ाघाट स्थित धुआंधार जल प्रपात को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने हेतु विस्तृत कार्ययोजना बनाकर केन्द्रीय शासन, नई दिल्ली को भेजना सुनिश्चित करेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पर्यटन सुविधाएं विकसित की गईं हैं। (ख) प्रसिद्ध जल-प्रपात के रूप में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
केन्द्रीय कारागृह, ग्वालियर में अवैध सामान पहुँचने बाबत्
[जेल]
33. ( क्र. 2297 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 12.05.2017 को केन्द्रीय कारागृह, ग्वालियर में प्रहरी द्वारा तत्कालीन प्रशासनिक जेलर के आदेश पर प्लास्टिक के बैग में अवैध सामान कैदियों के सुपुर्द किया गया था तथा कारागृह के कन्ट्रोल रूम में तैनात कर्मचारी द्वारा सी.सी. कैमरा में उक्त सामान बिना जाँच के अवैध रूप से कैदियों को पहुँचाते देखने के पश्चात सामान की जाँच में सामान अवैध पाया गया था? वह अवैध सामान क्या था? (ख) उक्त घटना में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध जाँच कर निलंबन की कार्यवाही की गयी? (ग) क्या उक्त घटना में तत्कालीन प्रशासनिक जेलर को दोषी नहीं पाया गया? यदि दोषी पाया गया तो उनके विरूद्ध जाँच कर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? क्या उनके विरूद्ध अभी तक जाँच लंबित है, क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) यह कहना गलत है कि दिनांक 12/05/2017 को केन्द्रीय जेल ग्वालियर में प्रहरी द्वारा तत्कालीन प्रशासनिक जेलर के आदेश पर प्लास्टिक के बैग में अवैध सामान कैदियों के सुपुर्द किया गया था, बल्कि सही तथ्य यह है कि सी.सी.टी.व्ही. के फुटेज में यह पाया गया कि तलाशी में नियुक्त मुख्य प्रहरी ने प्रहरी भारत भूषण शर्मा द्वारा लाई गई सामग्री- पूजा का सामान, प्रसाद, चोला, कपड़े एवं चप्पल की तलाशी नहीं ली। यही सामान बिना अनुमति एवं सूचना के ले जाने का प्रयास करने के कारण अनाधिकृत था। (ख) उक्त घटना में लालाराम जाटव, मुख्य प्रहरी एवं भारत भूषण शर्मा, प्रहरी को निलंबित किया गया एवं विभागीय जाँच आदेशित की गई है। (ग) यह कहना गलत है कि तत्कालीन प्रशासनिक जेलर को दोषी नहीं पाया गया, सही यह है कि तत्कालीन प्रशासनिक जेलर प्रभात कुमार को अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखने से जेल मुख्यालय के आदेश दिनांक 13/07/2018 द्वारा परिनिंदा का दण्ड दिया गया है। यह कहना गलत है कि उनके विरूद्ध अभी तक जाँच लंबित है।
पुलिस चौकी को पुलिस थाना का दर्जा देना
[गृह]
34. ( क्र. 2315 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा अंतर्गत पुलिस चौकी कर्रापुर का गठन/स्थापना कब की गई थी? (ख) क्या उपरोक्त चौकी में स्वीकृत पुलिस बल कार्यरत है? यदि नहीं तो क्यों? रिक्त पदों सहित जानकारी देवें। पुलिस चौकी कर्रापुर अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित है? ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उपरोक्त पुलिस चौकी को थाना में उन्नयन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही शासन स्तर पर की जा रही है? (घ) क्या पुलिस चौकी कर्रापुर अंतर्गत ग्रामों की संख्या, बहेरिया थाने से दूरी तथा प्रकरणों की दर्ज संख्या आदि को देखते हुये जनहित में पुलिस थाना में उन्नयन कब तक किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 01.04.1962 को स्थापना की गई। (ख) पुलिस चौकी में स्वीकृत बल निम्नानुसार हैः- सहायक उप निरीक्षक-01, प्रधान आरक्षक-01 एवं आरक्षक-6, 01 आरक्षक का पद रिक्त है। उक्त चौकी में सम्मिलित ग्राम निम्नानुसार हैः- 1-कर्रापुर, 2- सिमरिया, 3-बारछा, 4-तिंसुआ, 5- गोदई, 6- गोरा, 7- पथरिया व्यास, 8- रानीपुरा, 9-चकेरी, 10-मझगंवा, 11-सडेरी, 12-पिपरिया चमारी, 13-चटाई,14-धारखेडी,15-लुहारी,16- लालई। (ग) एवं (घ) पुलिस चौकी का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव शासन के निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने के कारण दिनांक 01.09.2017 को अमान्य किया गया।
भावान्तर योजना (प्याज) के बोनस भुगतान के सम्बंध में
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
35. ( क्र. 2361 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 में म.प्र. सरकार ने प्याज खरीदी पर 400/- रू प्रति क्विंटल बोनस भावान्तर योजना में देने की घोषण की थी? (ख) क्या विदिशा जिले में जितने कृषकों ने भावान्तर योजना में प्याज बेची क्या उनका खरीदी केन्द्र करोंद मंडी भोपाल था? (ग) विदिशा जिले के कितने किसानों को भावान्तर योजना प्याज का लाभ मिलने से कितने किसान वंचित रह गये जिनकी प्याज तुल गई थी और भावान्तर योजना का लाभ नहीं मिला? (घ) अधिकारियों और कर्मचारियों की गलती से जिन किसानों को लाभ नहीं मिल पाया उन किसानों को कब तक लाभान्वित कर दिया जावेगा और उन अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी। (ड.) विधान सभा क्षेत्र कुरवाई के ग्राम-घटवार के कृषक (1) विनोद कुमार पुत्र विक्रम सिंह रघुवंशी (2) जसवन्त सिंह पुत्र नारायण सिंह ग्राम घटवार तह. सिरोंज की कितनी प्याज तुली थी और उन्हें लाभ क्यों नहीं मिला।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) वर्ष 2017-18 में प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा की थी। इस कार्यालय से संबंधित नहीं है। वर्ष 2018-19 में विदिशा जिले के कृषकों को इस कार्यालय के माध्यम से अधिसूचित मण्डियों में प्याज की बिक्री पर 400 रू. प्रति क्विंटल दर से प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई थी। (ख) वर्ष 2018-19 में विदिशा जिले के कृषकों द्वारा प्याज विक्रय की गई थी, जिसका खरीदी केन्द्र कृषि उपज मण्डी करोंद भोपाल था। (ग) वर्ष 2018-19 में ई-उपार्जन पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार अधिसूचित मण्डियों में कुल 62 कृषकों ने 7018.33 क्विंटल प्याज विक्रय की थी। जिनको 2807326/- रूपये प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया था। पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार कोई कृषक वंचित नहीं रहा जिसको लाभ न मिला हो। (घ) प्याज की खरीदी कृषि उपज मण्डी करोंद भोपाल में हुयी है एवं मण्डी द्वारा ही ई-उपार्जन पोर्टल पर दर्ज करवाई गई है। किसी किसान को लाभ न मिलने और न भुगतान किया गया की शिकायत प्राप्त नहीं है। (ड) वर्ष 2017-18 की जानकारी इस कार्यालय से संबंधित नहीं है। वर्ष 2018-19 में ई-उपार्जन पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार कृषि उपज मण्डी करोंद भोपाल में विनोद कुमार पुत्र विक्रम सिंह रघुवंशी एवं जसवंत सिंह पुत्र नारायण सिंह ग्राम घटवार तह. सिरोंज ने भावांतर भुगतान अंतर्गत प्याज विक्रय की थी जिसकी मण्डी द्वारा पोर्टल पर दर्ज एवं इस कार्यालय द्वारा भुगतान प्रोत्साहन राशि की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
कृषक का नाम |
पोर्टल पर दर्ज रकवा हे. में |
पोर्टल पर दर्ज करोंद मण्डी में वेंची गई मात्रा (क्विं.में) |
पोर्टल पर दर्ज प्रोत्साहन राशि जो इस कार्या.द्वारा भुगतान की गई |
भुगतान हेतु शेष राशि |
1 |
श्री विनोद कुमार |
0.960 |
23.80 |
9520/- |
0/- |
2 |
श्री जसवंत सिंह |
3.040 |
10.59 |
4235/- |
0/- |
सतना जिले के ग्राम हिनौती में पुलिस चौकी स्थापित किया जाना
[गृह]
36. ( क्र. 2404 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना रामनगर का ग्राम हितौनी सतना जिले के सीमा का गांव है? यदि हाँ, तो इस गांव के पास सीधी जिले में अल्ट्राट्रेक सीमेंट फैक्ट्री मझगंवा संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर एवं व्यापार हेतु अधिकाधिक आवागमन के कारण अपराधों की संख्या भी बढ़ी है? क्या गांव सीमा की होने के कारण पुलिस व्यवस्था समय पर न पहुंच पाना स्वभाविक हैं? (ग) क्या गांव में घटित होने वाले अपराधों एवं घटनाओं की रिपोर्ट थाना रामनगर तक लिखाने ग्रामीण पहुंचते हैं? यदि नहीं, तो क्या जनता को अपराधों से सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु शीघ्र ग्राम हिनौती में पुलिस चौकी स्थापित की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। दिनांक 10.01.2019 से हिनौती चौकी का संचालन ग्राम जिगना के फारेस्ट विभाग के भवन में किया जा रहा है। जिससे अपराध घटित होने पर पुलिस समय पर पहुँच जाती है एवं अपराधों पर पूर्ण नियंत्रण है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जारी कारण-बताओ सूचना पत्र पर कार्यवाही
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
37. ( क्र. 2444 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक/उद्यान/अ-4/ स्था./2017-18/ 8282 दिनांक 15.11.17 द्वारा कोई कारण-बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है? (ख) उक्त कारण बताओ सूचनापत्र के विरुद्ध प्राप्त जवाब में पाये गये निष्कर्ष की सूचना पत्र में दर्शित बिन्दुवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में क्या संबंधित अधिकारी को दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो दोषी पाए गए अधिकारी पर क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संबंधित को दोषी नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दुधी सिंचाई परियोजना का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
38. ( क्र. 2474 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के (प्रश्न क्रमांक 642) दिनांक 20/02/2019 की कंडिका (ग) एवं (घ) में उत्तर दिया गया था कि दुधी सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. विभाग द्वारा दिनांक 26/05/2017 को केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली को प्रस्तुत की गई। डी.पी.आर. की जाँच उपरान्त केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली द्वारा दिनांक 13/06/2017 को डी.पी.आर. को पुनरीक्षित गाईड लाईन 2017 के अनुसार प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। तदानुसार डी.पी.आर. तैयार कर केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली को जमा करने कि कार्यवाही की जानी है। डी.पी.आर. स्वीकृति उपरान्त निविदा हेतु आवश्यक कार्यवाही सम्भव है? तो क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली को भेजी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) का यदि हाँ, तो डी.पी.आर. की स्वीकृति की कार्यवाही तथा निविदायें कब तक आमंत्रित कर ली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं हैं तो लम्बी समयावधि व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी डी.पी.आर. स्वीकृत न होकर निविदायें आमंत्रित न किये जाने का क्या कारण है? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या उत्तरदायी का निर्धारण किया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। केन्द्रीय जल आयोग द्वारा उठाए गए तकनीकी बिन्दुओं का निराकरण प्रक्रियाधीन है। (ख) केन्द्रीय जल आयोग से तकनीकी अनुमोदन उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति पश्चात निविदाएं आमंत्रित की जाना लक्षित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) डी.पी.आर. में उठाये गये तकनीकी बिन्दुओं के निराकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विलंब की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्गों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
39. ( क्र. 2523 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत दिनांक 01-04-16 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने मार्ग स्वीकृत हुए? इनके नाम, लम्बाई, स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति कार्य प्रारंभ होने की तिथि व कार्य पूर्ण होने की तिथि सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश भाग (क) में कितने मार्ग हैं जो अभी तक पूर्ण नहीं हुए? उनके नाम व कारण सहित बतावें कि कार्य निर्धारित अवधि में क्यों पूर्ण नहीं हुए? (ग) भिण्ड जिले की अटेर विधान सभा के कौन-कौन से मार्गों के प्रस्ताव विभाग ने भेजे हैं, जो अभी तक स्वीकृत नहीं हुए? उनके नाम व लम्बाई धनराशि सहित विवरण देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) कुल 26 मार्ग। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 08 मार्ग। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा कृषि उपज मंडी में निर्माण कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र. 2526 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा कृषि उपज मंडी के नये मण्डी प्रांगण एवं भवन निर्माण हेतु नागदा महिदपुर रोड पर कितनी भूमि क्रय की गई? किन-किन कृषकों को कितनी-कितनी राशि किस-किस मापदण्डों के तहत प्रदान की गई? पृथक-पृथक विवरण दें तथा उक्त प्रांगण हेतु कितनी शासकीय भूमि अधिग्रहित की गई है? (ख) नये परिसर में भवन, बाउण्ड्रीवाल तथा अन्य सुविधाओं के निर्माण हेतु कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान कर टेंडर आमंत्रित किये गये हैं? पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्या नये मण्डी प्रांगण नागदा को आदर्श मण्डी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग 15 करोड़ के प्रेषित प्रस्ताव को किसान सड़क निधि या अन्य निधि से स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ, नागदा मंडी के नवीन मंडी प्रांगण हेतु 08 कृषकों की निजी भूमि रकबा 5.153 हेक्टेयर क्रय की गई है। वर्ष 2017-18 की गाईड लाइन अनुसार कुल राशि रूपये 40362994/- कृषकों को भुगतान की गई प्रत्येक किसान को उनकी क्रय कृषि भूमि की राशि निर्धारित मापदंड अनुसार दी गई है। जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इसके अलावा प्रांगण हेतु कोई शासकीय भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है। (ख) नये परिसर में मात्र बाउंड्रीवाल एवं चेकपोस्ट निर्माण कार्य के लिये राशि रू. 140.84 लाख की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई थी उक्त कार्य हेतु राशि रू. 122.55 लाख की निविदा आमंत्रित की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। मंडी समिति नागदा से प्रश्नाधीन प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्राप्त हुआ है, जो कि परीक्षणाधीन है।
उद्योगों एवं औद्योगिक भूमि के संबंध में
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
41. ( क्र. 2545 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अन्तर्गत उद्योग धंधों एवं औद्योगिक कार्य हेतु शासन/ विभाग द्वारा विभाग की भूमियों उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार एवं नियमानुसार अनुबंधित कर प्रदान की जाती रही है? (ख) यदि हाँ, तो नियमानुसार अनुबंधित कर जो कार्य प्रयोजन उद्योग धंधे हेतु आवश्यक होता है उसी कार्य प्रयोजन हेतु उद्योगपति कार्य करें एवं नियमानुसार जिस औद्योगिक/ उद्योग हेतु कार्य होता है वही किया जाए अन्य नहीं यह नियमानुसार अनुबंधित होता है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिले में किन-किन स्थानों पर किस-किस कार्य प्रयोजन हेतु कितनी-कितनी भूमि कब से प्रदान कर रखी है एवं वे उद्योग धंधे कार्यरत हैं अथवा बंद हैं तथा अप्रारंभ है? (घ) अवगत कराए कि नियमानुसार अनुबंधित कार्यों हेतु जिन्हें भूमियां/शेड आवंटित किये गये है, वे अनुबंध अनुसार वही उद्योग धंधा का कार्य कर रहे हैं अथवा वहाँ पर अन्य गतिविधियां की जाकर दुरूपयोग हो रहा है तथा कितने नये आवेदन भूमि आवंटन के औद्योगिक कार्य हेतु लंबित हैं तथा कितने अवैध रूप से कब से कब्जाधारी है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) रतलाम जिले के रतलाम, सालाखेडी, दिलिपनगर, सैलाना तथा जावरा के कुम्हारी तथा आय.टी.सी. में औद्योगिक प्रयोजन के लिए भूमि/शेड का आवंटन किया गया है। विस्तृत विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के औद्योगिक क्षेत्र करमदी जिला रतलाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) रतलाम जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में 06 इकाईयों द्वारा अनुबंधित उत्पाद के साथ-साथ अन्य गतिविधियां संचालित की जा रहीं है। म.प्र. औद्योगिक भूमि तथा भवन प्रबंधन नियम, 2015 के प्रावधान अनुसार भूमि आवंटन ऑनलाईन आवंटन प्रक्रिया से किया जाता है। नियमों में भूमि आवंटन संबंधी आवेदन पत्र लंबित रखने का प्रावधान नहीं हैं। जिले में 10 इकाईयों द्वारा उनको आवंटित भूमि के अतिरिक्त भूमि पर अनाधिकृत कब्जा किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र करमदी जिला रतलाम में कोई भी अवैध रूप से कब्जाधारी नहीं है।
व्यापारी लायसेंस, गोडाउन एवं दुकानों के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 2546 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर स्थित अरनिया पीथा कृषि उपज मंडी एवं खाचरौद नाका कृषि उपज मंडी अंतर्गत अनेक लायसेंसधारी व्यापारी होकर शासन/विभाग द्वारा उन्हें गोडाउन एवं दुकानें कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय का कार्य किये जाने हेतु नियमानुसार अनुबंधित कर प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि अरनिया पीथा कृषि उपज मंडी एवं खाचरौद नाका कृषि उपज मंडी अंतर्गत कितने लायसेंसधारी व्यापारी होकर उनके लायसेंस क्या समस्त प्रकार की कृषि उपज के क्रय-विक्रय हेतु हैं अथवा विशेष कृषि उत्पाद ही क्रय-विक्रय हेतु चिन्हित हैं? (ग) उपरोक्त दोनों कृषि उपज मंडियों में नियमानुसार अनुबंधित कर किस-किस व्यापारी को दुकान, गोडाउन अथवा कोई अन्य कार्य भी किये जाने हेतु आवंटित मंडी परिसर के भीतर एवं बाहर प्रदान की गई है? (घ) यदि हाँ, तो परीक्षण कर बताएं कि उन्हें जिस प्रयोजन हेतु नियमानुसार अनुबंधित कर कार्य विशेष हेतु जो अनुमति/स्वीकृति दी गई है? क्या वह उसी प्रकार है? नामवार जानकारी दें। साथ ही क्या नियम विरूद्ध अवैध कब्जा तथा क्या कोई अतिक्रमण भी है? यदि हाँ, तो क्या कोई कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। कृषि उपज मंडी समिति अरनिया पीथा एवं खाचरौद नाका मंडी प्रांगण जावरा में कुल 484 लायसेंसधारी व्यापारियों को कृषि उपज के क्रय-विक्रय हेतु शाप कम गोडाउन नियमानुसार आवंटित किये गये है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति अरनिया पीथा प्रांगण एवं खाचरौद नाका मंडी प्रांगण जावरा में कुल 688 लायसेंसधारी व्यापारी अनुज्ञप्तिधारी है, जिन्हे समस्त कृषि उपज के क्रय-विक्रय की अनुज्ञप्ति जारी की गयी है। किसी भी अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी को विशेष कृषि उपज क्रय-विक्रय के लिये अनुज्ञप्ति नहीं दी गई है। व्यापारी अपनी मांग अनुसार समस्त कृषि उपज का क्रय-विक्रय करता है। (ग) कृषि उपज मंडी समिति खाचरौद नाका एवं अरनिया पीथा में 484 व्यापारियों को मंडी प्रांगण के भीतर शाप कम गोडाउन आवंटित किये गये है, जिनके द्वारा मंडी प्रांगण के भीतर ही कृषि उपज का क्रय-विक्रय किया जाता है। (घ) जी हाँ। अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को जिस प्रयोजन के लिये मंडी प्रांगण के अंदर शाप कम गोडाउन, आवंटित की गई है, उनके द्वारा कृषि उपज का ही क्रय-विक्रय किया जा रहा है। नामवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जावरा खाचरौद नाका मंडी प्रांगण में 36 भूखंडों पर व्यापारियों द्वारा अवैध निर्माण कर कब्जा किया गया है। उक्त अवैध अतिक्रमण को हटाने हेतु कृषि उपज मंडी समिति जावरा द्वारा पत्र क्रमांक 4217-48 दिनांक 27.03.2019 से अंतिम सूचना पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जनपद अध्यक्ष आष्टा जिला सिहोरा को हटाये जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 2569 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद अध्यक्ष आष्टा को अचानक कमिश्नर महोदय से आदेश करवाकर हटाने की कार्यवाही उचित है। (ख) यदि हाँ, तो क्या दुबारा अध्यक्ष बनाने के लिये चुनाव सम्पन्न कराया गया क्या?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। आयुक्त, भोपाल संभाग भोपाल द्वारा पारित आदेश को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी यथावत रखा गया है। (ख) जी हाँ।
सड़कों की मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 2574 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत रायसेन एवं विदिशा जिलों में कौन-कौन सी सड़कें गारंटी पीरियड में हैं उनकी गारंटी अवधि कब तक है? (ख) उक्त सड़कों के रख-रखाव एवं मरम्मत में विगत 3 वर्षों में किन-किन सड़कों पर संधारण कार्य करवाये गये एवं कितनी राशि व्यय हुई। (ग) प्रश्नांश (क) की सड़कों में से किन-किन सड़कों पर गड्ढ़ा होने के कारण आवागमन में असुविधा है? उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) प्रश्नांश (ग) की किन-किन सड़कों का कब-कब इकाई के अधिकारियों के अतिरिक्त किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया तथा उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मंडियों से कृषि उपज का किसानों को भुगतान नहीं होना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 2621 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2017 से जून 2019 तक प्रदेश की किन-किन मंडियों में किसानों से कृषि उपज क्रय करने के बाद व्यापारियों द्वारा भुगतान नहीं करने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) किन-किन व्यापारिक फर्मों द्वारा किन मंडियों से कितने किसानों का किस जिंस का, कितने बोरे का भुगतान नहीं किया गया। (ग) किसानों की कृषि उपज क्रय कर भागने वाले व्यापारियों/फर्मों के खिलाफ एवं संबंधित मंडी के सचिवों/ कर्मचारियों के खिलाफ मंडी बोर्ड द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? नाम सहित जानकारी दें। (घ) क्या मंडी अधिनियम के अनुसार कृषि उपज का मूल्य व्यापारियों द्वारा न चुकाने की स्थिति में मंडी बोर्ड किसानों को भुगतान करता है? यदि हाँ, तो किन प्रावधानों के अंतर्गत? (ड) प्रश्नांश (घ) के प्रावधान के अंतर्गत अभी तक कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान मंडी बोर्ड द्वारा किया गया।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जनवरी 2017 से जून 2019 तक प्रदेश की मंडियों में किसानों की उपज क्रय करने के बाद व्यापारियों द्वारा भुगतान नहीं करने संबंधी शिकायत किसानों द्वारा मंडी कार्यालय में प्रस्तुत की गई जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रदेश अंतर्गत मंडियों में ''व्यापारिक फर्मों'' द्वारा कृषकों का भुगतान नहीं किया गया मंडीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रदेश अंतर्गत व्यापारिक फर्मों द्वारा कृषकों का भुगतान नहीं किया गया उन फर्मों के विरूद्ध पुलिस प्राथमिकी दर्ज कराई गयी तथा मंडी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। कृषि उपज का मूल्य व्यापारियों द्वारा न चुकाने की स्थिति में मंडी बोर्ड द्वारा किसानों को भुगतान करने का मंडी अधिनियम एवं उपविधियों में कोई प्रावधान नहीं है। डिफॉल्टर व्यापारी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की/जप्ती करने व उसके विक्रय से प्राप्त राशि से कृषकों के भुगतान कराया जाने का प्रावधान है उक्त ऐसे प्रकरणों में व्यापारी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की कर वसूली की कार्यवाही प्रक्रिया में है। (ड.) जिलें में स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के लिखित अनुरोध पर मंडी समिति भोपाल के कुल 107 किसानों को राशि रू. 73,00,000/-, देवास के कुल 127 किसानों को राशि रू. 1,42,31,799/- एवं खिरकिया के 204 किसानों को राशि रू. 1,41,00,000/- की सशर्त स्वीकृति दी गई है।
मनरेगा अन्तर्गत अपूर्ण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 2634 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 जून 19 की स्थिति में सीहोर जिले में मनरेगा अन्तर्गत स्वीकृत कितने कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं तथा क्यों? वर्षवार कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त कार्यों का निरीक्षण एवं मूल्यांकन किस-किस अधिकारी ने किया? (ग) सीहोर जिले में वर्ष 2016-17 से 15 जून 19 तक की अवधि में किन-किन पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन किस अधिकारी ने किया? कार्य स्थल पर बोर्ड क्यों नहीं लगवायें? (घ) 15 जून 19 की स्थिति में रायसेन एवं सीहोर जिले में किन-किन कार्यों में सामग्री एवं मजदूरी की कितनी राशि का भुगतान शेष है? ग्राम पंचायतवार विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत स्वीकृत कुल 7506 कार्य अपूर्ण है एवं 165 कार्य अप्रारंभ हैं। कार्यों का पूर्ण होना एवं अप्रारंभ रहना योजना के प्रावधान अनुसार जॉबकार्डधारी परिवारों के द्वारा काम की मांग तथा कार्य की साध्यता पर निर्भर रहता है। (ख) जनपद, जिला एवं राज्य स्तर से अपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किये जाने हेतु सतत् मॉनीटरिंग की गयी है। उक्त कार्यों का मूल्यांकन एवं निरीक्षण/सत्यापन क्रमश: संबंधित सेक्टर उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा विभाग के निर्देशों के अनुरूप किया गया है। (ग) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य स्थलों पर बोर्ड लगाये गये परंतु कतिपय स्थलों पर ग्रामीणों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये गये। वर्तमान में पक्के सूचना फलक बनाये जाने का प्रावधान किया गया है। (घ) रायसेन एवं सीहोर जिले की nrega.nic.in पर राज्य के होम पेज पर उपलब्ध रिपोर्ट S3.2 में जिला/जनपद/ग्राम पंचायत/कार्यवार भुगतान हेतु लंबित राशि की वांछित जानकारी उपलब्ध है।
पंचायतों में निर्माण, मनरेगा, अनु.जाति, जनजाति बस्ती विकास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 2649 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले की जनपद पंचायत कुसमी, मझौली एवं देवसर के अन्तर्गत आने वाली विभिन्न ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा योजना की राशि से कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 प्रश्न दिनांक तक कुल स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि की जनपद पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कार्यों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं कितने निर्माण कार्य अधूरे हैं, अधूरे निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 प्रश्न दिनांक तक की जनपद पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या निर्माण कार्यों में संलग्न मजदूरों की मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं तो विभिन्न निर्माण कार्यों में संलग्न मजदूरों की मजदूरी का कितना भुगतान शेष है? शेष मजदूरी भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत निर्माण कार्य एवं निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता विहीन कार्य कराये जाने की कितनी शिकायतें जिला पंचायत सीधी को प्राप्त हुई? शिकायतों में क्या कार्यवाही की गई है? अद्यतन जानकारी दोषी कर्मचारियों व अधिकारियों के पदनाम सहित कृत कार्यवाही सहित उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा से 10862 कार्य स्वीकृत किये गये। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 7506 कार्य पूर्ण, 3356 कार्य अपूर्ण/प्रगतिरत है। अपूर्ण कार्यों का पूर्ण होना जाब कार्डधारियों की काम की मांग पर निर्भर होने से कार्यों के पूर्ण होने की अवधि की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी उत्तरांश ‘क’ के संलग्न परिशिष्ट में दी गई है। (ग) जी हाँ। मजदूरी का भुगतान सतत् रूप से किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जिला सीधी अंतर्गत जनपद पंचायत मझौली में निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता विहीन कार्य कराये जाने की कोई शिकायत जिला पंचायत सीधी को प्राप्त नहीं हुई। जिला सीधी की जनपद पंचायत कुसमी में निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता विहीन कार्य कराए जाने की 1 शिकायत जिला पंचायत सीधी को प्राप्त हुई। जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत रौहाल में सुदूर संपर्क के कार्य की शिकायत की जाँच जिला स्तर पर कराया जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा चुकी है, जिसमें ग्राम रोजगार सहायक की सेवा समाप्त की गई एवं ग्राम पंचायत सचिव को पद से निलंबित किया गया है। सरपंच के विरूद्ध भी कार्यवाही प्रचलित है।
आपराधिक/चोरी की घटनाओं पर कार्यवाही
[गृह]
48. ( क्र. 2670 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग द्वारा चोरी आदि की घटनाओं के प्रकरण थानों में दर्ज होने के बाद क्या-क्या कार्यवाहियों की जाती हैं? सतना जिले में वर्ष 2018 से अब तक कितनें चोरी के प्रकरण किन-किन थानों में दर्ज किये गये थानावार वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सूची में शामिल कितने चोरी के प्रकरणों में चोरी की सामग्री बरामद हुई? बरामद की गई कितनी सामग्री अभी अभिरक्षा में रखी हुई है? कितने प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है? कितने प्रकरण शेष हैं? (ग) बरामद की गई सामग्री को कहाँ रखा जाता है? इसके क्या नियम हैं, चोरी की सामग्री बरामद होने पर क्या बरामदी के बाद फरियादी को वापस की जाती है? यदि हाँ, तो वापसी के क्या नियम हैं? यदि नहीं तो क्यों? (घ) चोरी की सामग्री को बरामद होने के तुरंत बाद फरियादी को वापस किये जाने की प्रक्रिया में क्या शासन द्वारा सरलीकरण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) पुलिस विभाग द्वारा चोरी आदि की घटनाओं की रिपोर्ट होने पर अपराध कायम होने पर सी.आर.पी.सी. में उल्लेखित प्रक्रिया के अनुसार विवेचना कर साक्ष्य के अनुसार चालान, खात्मा, खारिजी की कार्यवाही की जाती है। थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ एवं ‘ब‘ अनुसार है। (ग) बरामद की गई सामग्री थानों में अथवा न्यायालय के मालखानों में रखी जाती है। सी.आर.पी.सी. में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार न्यायालय सुपुर्दगी आदेश के पश्चात् फरियादी को वापस की जाती है। (घ) कार्यवाही विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया अनुरूप की जाती है। अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता
स्व-रोजगार योजनाओं का क्रियान्वयन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
49. ( क्र. 2715 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्तमान में प्रदेश के शिक्षित युवाओं, सामान्य ग्रामीण लोगों और विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में स्व-रोजगार स्थापित कराने 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए? संख्यात्मक जानकारी जिलेवार देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में विभाग द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में से कितनों में बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया गया और कितने प्रकरण लंबित हैं? जिलेवार विवरण देवें?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) विभाग द्वारा सभी वर्गों के युवाओं के लिये स्वयं का उद्योग/सेवा/व्यवसाय स्थापित करने के लिये निम्नलिखित योजनाएं जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों के माध्यम से संचालित की जाती है:- 1- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 2- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 3- मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना 4- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम। (ख) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रानी अवंतीबाई नहर परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
50. ( क्र. 2738 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की रानी अवंतीबाई नहर परियोजना कब से संचालित है? कब से अस्तित्व में आयेगी? (ख) रानी अवंतीबाई परियोजना में कितनी बड़ी नदी एवं नहरें हैं? किन-किन ग्रामों में एवं कितने हल्कों में कितने एकड़ में सिंचाई की जाती है? (ग) कितनी बड़ी छोटी नहरें क्षतिग्रस्त हैं? कहाँ-कहाँ क्षतिग्रस्त हैं? (घ) कितनी बड़ी छोटी नहरों में पेड़-झाड़िया लगी हुई हैं? क्या इनकी सफाई के लिए बजट प्रावधान किया जाता है? (ड.) नहर रिपेयरिंग एवं सफाई के लिए क्या-क्या प्रावधान रखे गये हैं?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) वर्ष 1989 से संचालित है एवं वर्तमान में अस्तित्व में है। (ख) नर्मदा नदी, बांयी तट मुख्य नहर वितरण नहरों सहित। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। बड़ी नहरों में रख-रखाव के लिये बजट प्रावधान नहीं किया जाता है। माइनर नहरों के रख-रखाव के लिये जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से रूपये 100/- प्रति हेक्टेयर प्रतिवर्ष के मान से बजट प्रावधान किया जाता है। (ड.) जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से माइनर नहरों की साफ-सफाई के लिये रूपये 100/- प्रति हेक्टेयर प्रतिवर्ष की दर से प्रावधान है।
शक्कर नदी पर बांध निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
51. ( क्र. 2739 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले की करेली तह. अंतर्गत शक्कर नदी पर ग्राम हथनापुर के पास बांध प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या बांध परियोजना हेतु बजट प्रावधान रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में बजट प्रावधान रखा गया है तो कितनी राशि आवंटित होना है? यह बांध बनने का काम कब से शुरू होगा एवं कब तक पूर्ण हो जावेगा? (ग) उक्त बांध निर्माण में जो ग्राम डूब क्षेत्र में आयेंगे उनके पुनर्वास के लिए कोई योजना है? पुनर्वास होने वाले परिवारों को मुआवजा का क्या प्रावधान रखा गया है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। सर्वेक्षण कार्य हेतु। (ख) रूपये 100.00 लाख। आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त होने के उपरांत निविदा स्वीकृति पश्चात प्रारंभ होने पर लगभग 5 वर्ष में। (ग) जी हाँ। भू-अर्जन एवं पुनर्वास अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार।
किसानों की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
52. ( क्र. 2756 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर-मालवा के कितने किसानों पर 31.03.2018 तक कितना कर्ज बकाया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर कितने किसानों की कितनी राशि का कर्ज माफ कर दिया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर शेष किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर जिन किसानों ने समयावधि में डिफाल्टर होने से बचने हेतु राशि जमा कर दी है, वह राशि किसानों को वापस की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायत पिपरा से पनिगमा पहुंच मार्ग का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 2759 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड नईगढ़ी, जिला रीवा की ग्राम पंचायत पिपरा से ग्राम पनिगमा तक मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत सड़क का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त सड़क कितने किलोमीटर स्वीकृत की गई थी? स्वीकृत करने का दिनांक एवं राशि सहित बताया जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क का निर्माण कार्य किस दिनांक को प्रारंभ किया गया एवं कितने किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया एवं कितना निर्माण कार्य किया जाना शेष है? (ग) क्या उक्त सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण ग्रामवासियों एवं विद्यालयीन छात्र-छात्राओं को कठिनाई हो रही है? यदि हाँ, तो उक्त सड़क का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) ग्राम पंचायत पिपरा से पनिगमा तक सड़क का कार्य मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत नहीं है। विकासखण्ड नईगढ़ी में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत पिपरा प्रधानमंत्री रोड से परसिया ब्रम्हान तक ग्रेवल सड़क निर्माण लंबाई 2.60 किमी का कार्य दिनांक 23.10.2017 को रू. 49.23 लाख की लागत से स्वीकृत किया गया था। (ख) इस सड़क का कार्य दिनांक 11.05.2018 को प्रारंभ किया गया एवं 1.90 किमी लंबाई की सड़क अभी तक बनाई गई है। 0.7 कि.मी. लम्बाई में कार्य किया जाना शेष है। (ग) जी नहीं। निर्माण कार्य 30.12.2019 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है।
निर्माण कार्य में अनियमितता पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 2812 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के जैतहरी जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत क्योंटार में विभिन्न निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार व अनियमितता की शिकायत क्र. 1166 एवं 1167 दिनांक 8.8.2017 में आयुक्त शहडोल संभाग ने तकनीकी जाँच करायी है? यदि हाँ, तो प्रत्येक शिकायत व जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराते हुए जाँच निष्कर्ष बताएं। (ख) क्या जाँच प्रतिवेदन में आर्थिक भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण की पुष्टि हुई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की पूर्ण तथ्य व जानकारी देते हुए दोषी व उत्तरदायी कर्मचारी के नाम व पद सहित जानकारी देवें। (ग) क्या तत्कालीन पंचायत सचिव भी दोषी है? यदि हाँ, तो उसका नाम व वर्तमान पदस्थापना की जानकारी देते हुए स्पष्ट बताएं कि इतने लम्बी अवधि के उपरांत भी राशि वसूली क्यों नहीं की जा रही है? (घ) क्या दोषी सचिव की भर्ती भी आयुक्त शहडोल संभाग ने निरस्त की थी? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए पुन: साजिश पूर्वक अपात्र आवेदक के भर्ती की प्रक्रिया की जाँच उच्च स्तरीय समिति बनाकर समय-सीमा में करायी जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष अनुसार विभिन्न निर्माण कार्यों में कुल राशि रूपये 988727.00 संबंधितों से वसूली योग्य है। (ख) जी हाँ। विभिन्न निर्माण कार्य मानक एवं गुणवत्ता विहीन पाये जाने पर श्री जी.के. मिश्रा, श्री दुर्गेश अग्रवाल, श्रीमती रेशमा सिंह, उपयंत्री जनपद पंचायत जैतहरी, श्री मनोज राठौर, तत्कालीन सचिव, श्री लल्लाराम कोल सरपंच, श्री गोपाल सिंह कंवर, (प्रशासक) ग्राम पंचायत क्योंटार दोषी पाये गये। (ग) जी हाँ। श्री मनोज राठौर तत्कालीन सचिव वर्तमान पदस्थापना ग्राम पंचायत टकहुली जनपद पंचायत जैतहरी के विरूद्ध विभिन्न निर्माण कार्यों में राशि रूपये 247185.00 की वसूली म.प्र. पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी नहीं। संबंधित प्रकरण क्र.154/अपील/2017-18 में आयुक्त शहडोल द्वारा अपीलार्थी के अपील को विलम्ब का ऐसा कोई विधिक प्रमाण अपीलीय न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये जाने के अपील ग्राहृय के स्तर पर निरस्त किया गया है। इसके पश्चात अलग से कोई भी समिति बनाकर जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश में कृषि विकास दर
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
55. ( क्र. 2894 ) श्री मनोज चावला, श्री रामलाल मालवीय, श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2004 से 2017 तक मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर पूरे विश्व में सबसे ज्यादा रही और मध्यप्रदेश देश में 20% के साथ पहले स्थान पर था? (ख) यदि हाँ, तो दूसरे तीसरे और चौथे स्थान पर कौन से राज्य रहे बतावें क्या इन राज्यों की कोई प्रमाणिक सूची या भारत सरकार का कोई दस्तावेज रिपोर्ट उपलब्ध है? (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में योजना लागू होने से अब तक मध्यप्रदेश के कितने किसानों ने बीमा कराया? किन कंपनियों ने बीमा किया? कितने किसानों को बीमा का पैसा मिला तथा बीमा कंपनियों को कितना लाभ हुआ? कृपया सूची तथा आंकड़ें उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) आयुक्त, आर्थिक एवं सांख्यिकी म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2004 से 2017 तक मध्यप्रदेश की कृषि दर उपलब्ध है, परंतु विश्व तथा विभिन्न राज्यों की कृषि विकास दर उपलब्ध नहीं है, इसलिये विकास दर की तुलना संभव नहीं है। मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मध्यप्रदेश में खरीफ 2016 से लागू है। योजना प्रारंभ खरीफ 2016 से रबी 2018-19 तक कुल 204.83 लाख कृषकों ने बीमा कराया। योजनांतर्गत एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. एच.डी.एफ.सी.एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. एवं आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. द्वारा उन्हें आवंटित जिलों में कृषकों का बीमा किया गया। खरीफ 2016 से रबी 2017-18 तक कुल 29.52 लाख पात्र कृषकों को फसल बीमा का दावा भुगतान किया गया। खरीफ 2016 से रबी 2017-18 तक कुल 8071.39 करोड़ प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कंपनियों को किया गया है, जिसके विपरीत बीमा कंपनियों द्वारा खरीफ 2016 से रबी 2017-18 तक कुल 7298.16 करोड़ का दावा भुगतान पात्र कृषकों को किया गया है।
संजय टिपनिया हत्या काण्ड के संबंध में
[गृह]
56. ( क्र. 2979 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23-24 अप्रैल 2019 को इन्दौर के गांधी नगर पुलिस स्टेशन में संजय टिपनिया नामक अनुसूचित जाति के युवक की पुलिस कस्टडी में हत्या हुई थी? यदि हाँ, तो मृतक के परिजनों को कितनी सहायता राशि दी गई। (ख) यदि सहायता राशि नहीं दी गयी तो क्यों? (ग) यदि नहीं दी गयी तो जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) संजय टिपनिया की मृत्यु के संबंध में पंजीबद्ध मर्ग की जाँच न्यायिक दण्डाधिकारी श्री राकेश कुमार कुशवाह प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, इन्दौर के द्वारा की जा रही है। जाँच के पूर्ण होने पर ही तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। मृतक की माँ को रुपये 04 लाख की सहायता राशि प्रदान की गई। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत भवन का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 3074 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत अमाडी विकासखंड बहोरीबंद द्वारा पंचायत भवन का निर्माण खसरा नं. 442 रकबा 0.30 हेक्टेयर में जिसमें पूर्व से 0.10 हेक्टेयर पर प्राथमिक शाला भवन निर्मित है एवं 0.05 हेक्टेयर पर निर्मित आंगनवाड़ी भवन के मध्य रिक्त पड़ी शेष भूमि जो प्राथमिक शाला एवं आंगनवाड़ी के बच्चों के लिये स्वघोषित खेल मैदान है पर किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या कारण है कि प्रधानाध्यापक प्राथमिक शाला अमाडी, जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र कटनी तथा अध्यक्ष एवं सदस्य शाला विकास समिति के द्वारा लिखित आपत्ति प्रस्तुत करने पर एवं ग्राम के अन्य जगहों खसरा न. 182,268,96 एवं 1042 जो मध्यप्रदेश शासन के नाम पर दर्ज है, सहज उपलब्ध होने के बाद भी बच्चों के खेलने हेतु खाली भूमि पर पंचायत भवन बनाने की अनुमति दी जा रही है? बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पंचायत भवन के निर्माण से समय समय पर पंचायत भवन में होने वाली ग्राम सभा की बैठकों से अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुये क्या शासन तत्काल प्रभाव से पूर्व में स्वीकृत पंचायत भवन का निर्माण स्थल परिवर्तित कर प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अन्य शासकीय भूमि पर बनवायेगा यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत बहोरीबंद की ग्राम पंचायत अमाड़ी द्वारा पंचायत भवन का निर्माण प्राथमिक शाला के सामने एवं आंगनवाड़ी भवन के बगल में किया जा रहा था। किन्तु शाला प्रबंधन समिति अमाड़ी द्वारा आपत्ति किए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बहोरीबंद द्वारा आदेश क्र./1462/अविअ/रीडर-1/2018 बहोरीबंद दिनांक 31.12.2018 द्वारा जारी स्थगन आदेश के कारण वर्तमान में पंचायत भवन का निर्माण कार्य प्लिंथ स्तर तक होने के बाद से कार्य बंद है। (ख) जिला/जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा वर्तमान निर्माण स्थल पर पंचायत भवन निर्माण हेतु कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बहोरीबंद के निर्णय उपरांत पंचायत भवन निर्माण की कार्यवाही की जावेगी।
बरगी परियोजना सिंचाई नहर नादघाट से उदयपुरा होते हुये बचैया तक लाने के सम्बंध में
[नर्मदा घाटी विकास]
58. ( क्र. 3075 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा विकास क्र. 04 के अंतर्गत ग्राम मझौली शाखा नहर अंतर्गत नादघाट से उदयपुरा, बचैया एवं अन्य ग्रामों तक नहर से पानी पहुंचाने के सम्बंध में पूर्व से सरपंच ग्राम पंचायत बचैया द्वारा पत्र व्यवहार कर मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो तत्सम्बंध में किये गये पत्राचारों की छायाप्रति देवें। (ख) क्या ग्राम पंचायत बचैया एवं उसके आस-पास के ग्रामों की हजारों एकड़ कृषि भूमि बहोरीबंद जलाशय की भंडारण क्षमता कम हो जाने के कारण सिंचाई से वंचित है, यहाँ पर पूर्व से निर्मित नहरों में यदि नर्मदा घाटी परियोजना के मझौली शाखा नहर या अभाना नादघाट नहर से उदयपुरा में निर्मित बहोरीबंद जलाशय की नहर में पानी छोड़ने से बचैया एवं उसके आस-पास के ग्रामों में पूर्व से निर्मित बहोरीबंद जलाशय की नहरों से सिंचाई जल पहुंचाया जा सकता है? जबकि नादघाट से उदयपुरा तक निर्मित की जाने वाली दूरी 2.5 कि.मी होगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सम्बंध में क्या विभाग द्वारा कृषकों द्वारा की जा रही मांग पर प्रारंभिक तकनीकी सर्वे करा कर योजना की साध्यता का पता लगावेगा, यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जलाशय की भण्डारण क्षमता में कोई कमी नहीं आई है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लेवल मझौली शाखा नहर के पूर्ण प्रवाह जल स्तर से लगभग 10 मी. ऊँचे हैं। अत: सिंचाई हेतु प्रवाह द्वारा पानी पहुँचाया जाना संभव नहीं है एवं साध्यता हेतु तकनीकी सर्वे कराने की आवश्यकता नहीं है।
स्टाम्प ड्यूटी एवं खनिज मद अंतर्गत प्राप्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 3079 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय से स्टाम्प ड्यूटी और खनिज मद में वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कितनी राशि प्राप्त हुई है, उसके विरुद्ध बदनावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितने कार्य स्वीकृत हुए एवं कितने पूर्ण हैं? (ख) क्या उक्त कार्यों की स्वीकृति अनाधिकृत रूप से राज्य स्तर पर की गयी तथा इनकी प्रथम किस्त भी राज्य स्तर पर जारी की गयी, जबकि यह राशि पंचायतराज संचालनालय के खाते में जाना थी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पंचायत राज संचालनालय को आवंटित राशि में से विधान सभा क्षेत्र बदनावर के कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? क्या इन कार्यों की राशि ग्राम पंचायतों के खातों में जमा हो गई है? यदि हाँ, तो किस-किस पंचायतों में, ऐसे कार्यों की संख्या व स्वीकृत राशि कितनी है? (घ) क्या उपरोक्तानुसार स्वीकृत कार्यों में से कुछ कार्य अस्वीकृत किये हैं, यदि हाँ, तो इनकी संख्या व राशि बतायें? कार्यों को अस्वीकृत करने में कोई अनियमितता पाई गई है? यदि हाँ, तो इनके लिए कौन दोषी हैं और उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय को स्टाम्प शुल्क और गौण खनिज मद में निम्नानुसार राशि प्राप्त हुई :-
(राशि लाख में)
वित्तीय वर्ष |
स्टाम्प शुल्क |
गौण खनिज |
2016-17 |
69349.11 |
34042.65 |
2017-18 |
46613.25 |
34043.65 |
2018-19 |
72972.57 |
50393.97 |
प्राप्त राशि से बदनावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 26 कार्य स्वीकृत हुये है एवं 05 कार्य पूर्ण है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पंचायत राज संचालनालय के आदेश क्रमांक/पं.राज./निर्माण-06/2019/9217 भोपाल दिनांक 09.07.2019 द्वारा जिन निर्माण कार्यों में प्रथम किश्त की राशि जारी नहीं की गई है एवं क्रमांक/पं.राज./निर्माण-06/2019/9278 भोपाल दिनांक 11.07.2019 द्वारा जिन कार्यों में प्रथम किश्त की राशि जारी हो चुकी है किन्तु कार्य स्थल पर निर्माण कार्य अप्रारंभ हैं, ऐसे कार्यों की स्वीकृतियां निरस्त की गई हैं, संख्या व राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, अस्वीकृत करने में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रैफिक सुगम बनाने हेतु कार्ययोजना
[गृह]
60. ( क्र. 3080 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 के अन्तर्गत पालदा, नवलखा, अग्रसेन, छावनी, मधुमिलन, जे.एम.बी. तिराहा, राजबाडा, छत्रीपुरा, चिमनबाग, नन्दलालपुरा, सियागंज के चौराहों तथा बाजार के प्रमुख स्थलों पर ट्रैफिक का अधिक दबाव होने के कारण आमजन परेशान रहता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 के प्रमुख स्थलों पर ट्रैफिक सुगम बनाने हेतु फ्लाई ओवर पुल या अन्य कोई उपायों पर विचार किया जा कर कार्ययोजना प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्तावित कार्यों का क्रियान्वयन किस मद से और किसके द्वारा किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिवनी के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 3102 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला सिवनी के द्वारा पत्र दिनांक 06/11/2018, आयुक्त, जबलपुर संभाग जबलपुर को प्रेषित कर श्रीमती सुमन खातरकर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिवनी के विरूद्ध म.प्र. विधानसभा निर्वाचन 2018 की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किये जाने पर श्रीमती खातरकर को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो लगभग 06 माह से अधिक समय के उपरांत भी कार्यवाही में बिलंब क्यों हुआ है व कलेक्टर की सिफारिश के आधार पर सी.ई.ओ. के पद से अलग क्यों नहीं किया गया तथा उनका स्थानांतरण या प्रस्तावित निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र एवं पत्र के साथ संलग्न समस्त अभिलेखों/पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें कि श्रीमती सुमन खातरकर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिवनी के विरूद्ध कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर सिवनी से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर श्रीमती सुमन खातरकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत,सिवनी को आयुक्त जबलपुर संभाग जबलपुर के ज्ञाप क्र.3150 दिनांक 16.11.2018 द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 16 अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। श्रीमती खातरकर द्वारा दिनांक 24.11.2018 को सूचना पत्र का उत्तर प्रस्तुत किया गया। दिनांक 19.12.2018 को समक्ष सुनवाई तथा प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर आयुक्त जबलपुर के आदेश क्र.173 दिनांक 16.01.2019 दोषमुक्त किये जाने का आदेश पारित किया गया। (ग) अपेक्षित प्रति संलग्न है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। पृष्ठ 1 से 13
आरोपित परियोजना अधिकारी को महत्वपूर्ण शाखाओं का प्रभार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 3104 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के द्वारा कार्यालयीन पत्र क्र. 2873, दिनांक 26 नवम्बर 2018 को जिला नोडल अधिकारी, शिकायत सेल (वि.स.निर्वा.) जिला सिवनी लिखा गया है जिसमें श्री ओमेगा पाल, परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के विरूद्ध गंभीर शिकायतें प्राप्त होने पर उन्हें अन्य विभाग में संलग्न किया जाना प्रस्तावित था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराते हुये अवगत करावें की संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या वर्तमान में पदस्थ सी.ई.ओ. जिला पंचायत सिवनी श्रीमती मंजूषा विक्रत राय द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी? उन्हीं के द्वारा कार्यालयीन आदेश क्र. 311 दिनांक 03 मई 2019 को आरोपित कर्मचारी श्री ओमेगा पाल परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी को पंचायत प्रकोष्ठ, सी.एम.हेल्पलाईन, जनसुनवाई, मनरेगा उपयोजना से संबंधित