मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
सोमवार, दिनांक 22 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मकरोनिया थाना अंतर्गत चोरी के पंजीकृत प्रकरण
[गृह]
1. ( *क्र. 2314 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मकरोनिया थाना अंतर्गत दिनांक 01 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक चोरी के कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये? प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) चोरी के कितने प्रकरणों के आवेदन लंबित हैं जिनमें प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है? (ग) कितने पंजीकृत प्रकरणों में कार्यवाही की गई है? चोरी के प्रकरणों में थाने द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कितने प्रकरणों में विभाग द्वारा सफलता प्राप्त हुई है? (घ) क्या चोरी के प्रकरणों में विगत 3 माह की तुलना में विगत माहों में वृद्धि हुई है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई आवेदन लंबित नहीं है। (ग) सभी 15 पंजीकृत प्रकरणों में विवेचना की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (घ) जी नहीं।
रीवा जिलांतर्गत स्व-सहायता समूह द्वारा अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( *क्र. 1370 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक शाला डिधवार वि.ख. मऊगंज जिला रीवा में मध्याह्न भोजन का संचालन कुशाभाऊ ठाकरे स्व-सहायता समूह द्वारा किया जाता है? समूह के सदस्यों की सूची उपलब्ध करायें एवं बतावें कि अध्यक्ष कितने वर्षों से कार्यरत हैं तथा अध्यक्ष कितने वर्षों तक बिना किसी चुनाव के कार्य कर सकते हैं? (ख) क्या मध्याह्न भोजन में अनियमितता की जाँच डॉ. ए.एस. भदौरिया बी.ए.सी. द्वारा की गयी, जिसमें एम.डी.एम. का संचालन बन्द पाया गया जिसके लिए समूह को नोटिस जारी किया गया, परन्तु कोई जवाब नहीं दिया गया जिसके आधार पर बी.आर.सी.सी. मऊगंज द्वारा 15.2.19 को सी.ई.ओ. जनपद मऊगंज को नोटशीट में अपना प्रतिवेदन देते हुए समूह को मध्याह्न भोजन के संचालन के दायित्व से मुक्त करने हेतु लेख किया गया? बी.आर.सी.सी. के नोटशीट का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) बी.आर.सी.सी. मऊगंज के द्वारा प्रतिवेदन देने के बाद समूह को संचालन के दायित्व से पृथक करने हेतु क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जाकर कोई अन्य व्यवस्था कर शाला के बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जायेगा? जिनके द्वारा कार्यवाही नहीं की गयी उनके विरूद्ध भी कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। समूह का अध्यक्ष वर्ष 2015 से कार्यरत है। सामान्यतः समूह के पदाधिकारियों का कार्यकाल 01 से 02 वर्ष तक रखा जाना चाहिए। दिनांक 26.12.18 को आयोजित स्व-सहायता समूह की बैठक में अध्यक्ष का कार्यकाल 01 वर्ष बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मऊगंज द्वारा पत्र क्र. 92 दिनांक 10.04.2019 के माध्यम से समूह को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया एवं समूह का जवाब संतोषजनक पाए जाने तथा शाला प्रभारी प्रधानाध्यापक प्राथमिक शाला डिधवार द्वारा नियमित मध्याह्न भोजन वितरण का प्रतिवेदन दिए जाने के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मऊगंज द्वारा समूह को पत्र क्र. 511 दिनांक 20.06.2019 के माध्यम से चेतावनी देते हुए मध्याह्न भोजन संचालन हेतु अंतिम अवसर प्रदान किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
3. ( *क्र. 2613 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनिल कुमार आत्मज रघुवर दयाल रिछारिया, निवासी होशंगाबाद द्वारा थाना प्रभारी, डोलरिया जिला होशंगाबाद को अप्रैल 2019 में शिकायत की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो शिकायत की जाँच में कौन से तथ्य प्रकाश में आये? (ग) जाँच में प्राप्त तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) आवेदक अनिल कुमार रिछारिया पिता रघुवर दयाल रिछारिया निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी होशंगाबाद द्वारा एस.डी.ओ.पी. उमेश द्विवेदी इटारसी के समक्ष एक लिखित शिकायत आवेदन पत्र दिनांक 08.05.19 को पेश किया गया था। (ख) एवं (ग) प्रकरण दीवानी प्रकृति होने से दोनों पक्षों में उक्त जमीन को लेकर विवाद होने के कारण एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही इस्तगासा क्र. 117/19 धारा 107,116 (3) जाफौ का दिनांक 21.05.19 को तैयार कर तहसील न्यायालय डोलरिया में पेश किया गया। शिकायत में पाये गये तथ्य, शिकायत का जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
योजनांतर्गत व्यय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 3703 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना एवं राज्य आजीविका फोरम के अंतर्गत उपलब्ध विभिन्न मदों/योजनाओं/उप-योजनाओं/अर्जित ब्याज की उपलब्ध राशि में से जिला सागर में कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य के आयोजन हेतु व्यय/अंतरित की गई? ग्रामवार, ब्लाकवार, हितग्राहीवार, संख्यावार, स्व-सहायता समूहवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत वर्ष 2012 से 2016 के मध्य कराई गई इंडो-चायना मीट में कुल कितनी राशि, किस संस्था के माध्यम से व्यय की गई? इस कार्य के संपादन हेतु किस-किस संस्था से कार्य कराया गया? इन संस्थाओं के चयन का आधार क्या है एवं किन-किन संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) उक्त इंडो-चायना मीट से कितने हितग्राही/स्व-सहायता समूह लाभान्वित हुये एवं उनकी आजीविका में आज दिनांक तक कितनी वृद्धि हुई? (घ) उक्त कार्यक्रम के दौरान जिन-जिन संस्थाओं से एम.ओ.यू. हुये उनकी जानकारी एवं उससे प्रदेश को हुये लाभ का विस्तृत ब्यौरा दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) सागर जिले में योजनावार, मदवार व्यय/अंतरित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना एवं राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं स्व-रोजगार योजना से संबंधित जानकारी ग्रामवार, ब्लॉकवार, हितग्राहीवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना एवं राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत स्व-सहायता समूहों से संबंधित जानकारी स्व-सहायता समूहवार, विकासखण्डवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है। ग्रामवार जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) इंडो-चायना मीट में कुल राशि रु. 2,18,25,930/- इण्डिया चायना इकोनॉमिक एण्ड कल्चरल कौंसिल के माध्यम से व्यय की गई। उक्त मीट में इण्डिया चायना इकोनॉमिक एण्ड कल्चरल कौंसिल से कार्य कराया गया। विषय विशेषज्ञता को संस्था के चयन का आधार रखा गया था तथा उक्त व्यय के अतिरिक्त संस्था को पृथक से कोई भुगतान नहीं किया गया था। (ग) इंडो-चायना मीट का उद्देश्य प्रदेश में विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करना, प्रदेश में आवश्यक अधोसंरचना अवसरों का आयात की दृष्टि से विकास करना, रोजगार के नये अवसर सृजित करना तथा सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सृजित करना, पर्यटन में वृद्धि करना था। इस विषय पर कोई आंकड़े संधारित नहीं किये जाने से अवगत कराया जाना संभव नहीं है। (घ) किसी भी संस्था से एम.ओ.यू. नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता की जाँच
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
5. ( *क्र. 2336 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वानी जिलान्तर्गत वर्ष 2012-13 से लेकर 2017-18 तक की अवधि में पिछड़े वर्ग के बच्चों की पढ़ाई के लिये दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ियां सामने आई थीं? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि का घोटाला सामने आया? क्या इसकी कोई जाँच कराई गई? (ख) यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट में कौन लोग जवाबदार पाए गए और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? गड़बड़ी पाये जाने पर किन लोगों से कितनी राशि वसूल की गई?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं, बड़वानी जिला अंतर्गत वर्ष 2012-13 से लेकर 2017-18 तक की अवधि में पिछड़े वर्ग के बच्चों की पढ़ाई के लिये दी जाने वाली छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ियाँ सामने नहीं आईं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिरमौर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत खनिज विकास मद से स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 1177 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018 - 19 में खनिज विकास मद से कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये थे? (ख) स्वीकृत कार्यों में से कुल कितने कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं तथा कितने कार्य अभी तक अधूरे हैं? 01 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी स्वीकृत कार्य पूर्ण न हो पाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जिला खनिज न्यास अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 02 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। (ख) स्वीकृत 02 कार्य अप्रारंभ हैं, प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग के पत्र क्रमांक/5439/2098/ 2018/12-1 भोपाल दिनांक 24.12.2018 से जिला खनिज प्रतिष्ठान की आगामी बैठक में अनुमोदन हेतु रखे जाने एवं अनुमोदन प्राप्त होने के उपरांत ही क्रियान्वयन हेतु नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं, तदनुसार कार्यवाही लंबित होने के कारण स्वीकृत कार्य प्रारंभ नहीं किये जा सके हैं। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान की बैठक में कार्यों के अनुमोदन उपरांत ही कार्य प्रारंभ किया जा सकता है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्रामोदय से भारत उदय अभियान में पात्र हितग्राही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 3659 ) श्री तरबर सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की समस्त 8 विधान सभा क्षेत्रों के अंतर्गत ग्रामोदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत वर्ष 2016, 2017 एवं 2018 में कितने बी.पी.एल. हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची से किस आधार पर काटे गये? साथ ही कितने भूमिहीन हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची से काटे गये? प्रत्येक विधान सभा की तहसीलवार, नगरीय क्षेत्र में वार्डवार एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतवार सूची, बी.पी.एल. क्रमांक, नाम काटने का कारण सहित उपलब्ध करावें। (ख) उक्त अभियान के अंतर्गत शासन द्वारा क्या समस्त कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी/तहसीलदार को नगरीय/ग्रामीण क्षेत्रों की बी.पी.एल. सूची से अधिक से अधिक संख्या में नाम काटने का लक्ष्य प्रदान किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) लक्ष्य पूर्ति करने के एवज में अभियान में पात्र हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची से काटे जाने के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
आगर-मालवा में फूड प्रोसेसिंग पार्क की स्वीकृति
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
8. ( *क्र. 1656 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़ में प्रतिवर्ष संतरा/मौसंबी का कितना उत्पादन होता है? (ख) क्या आगर-मालवा जिले में फूड (प्रोसेसिंग) पार्क की कोई योजना बनी है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं तो क्या भविष्य में कोई योजना तैयार की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) आगर-मालवा में 681.300 (संतरा) 14800 (मौसम्बी) शाजापुर में 284962 (संतरा) 37074 (मौसम्बी) एवं राजगढ़ में 262984 संतरा तथा 170 (मौसम्बी) मीट्रिक टन उत्पादन होता है। (ख) जी नहीं। निश्चित समयावधि दी जाना संभव नहीं।
भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
9. ( *क्र. 3474 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम दौडवा राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर स्थित होकर उक्त ग्राम की थाने से दूरी लगभग 50 कि.मी. है तथा आये दिन अपराधिक घटना/दुर्घटनाएं होने पर दूरी अधिक होने से पुलिस को विलम्ब तथा निगरानी रखने में भी परेशानी आती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में भीकनगांव थाना के दूरस्थ क्षेत्र ग्राम अंजनगांव एवं ग्राम दौडवा में क्षेत्रवासियों की माँग को देखते हुए नवीन पुलिस चौकी खोली जा सकती है? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें नहीं तो कारण बतायें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। अपराधिक घटना/दुर्घटनाएं होने पर पुलिस द्वारा घटना की सूचना प्राप्त होने पर अविलंब घटना स्थल पर पहुँचकर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। ग्राम दौडवा एवं अंजनगांव व आस-पास के ग्रामों में घटित भा.द.वि. अपराधों की संख्या शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप न होने से पुलिस चौकी खोले जाने की आवश्यकता नहीं है।
पुलिस थाने/ चौकी में विभागीय पद संरचना
[गृह]
10. ( *क्र. 3373 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने पुलिस थाने, चौकी कहाँ पर स्थित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने कार्यरत हैं? रिक्त पद कब तक भर दिए जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त स्थानों में विभाग द्वारा क्या संसाधन उपलब्ध कराने के नियम या प्रावधान हैं? कौन से संसाधन प्रश्न दिनांक को उपलब्ध हैं? सभी की भौतिक स्थित क्या है? शेष संसाधन कब तक प्रदाय कर दिए जावेंगे? (घ) नवीन थाने, चौकी आदि खोले जाने के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत थानों/चौकियों में सहायक उप निरीक्षक के 16 एवं प्रधान आरक्षक के 35 पद रिक्त हैं। सहायक उप निरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जाती है। वर्तमान में पदोन्नति संबंधी प्रकरण मान. उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण पद रिक्त हैं। जिला छतरपुर के 107 नव आरक्षक वर्तमान में विभिन्न प्रशिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षणरत हैं। प्रशिक्षण उपरांत जिले में आमद दिये जाने के बाद आरक्षक के 35 रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) पुलिस थानों/चौकियों के संचालन हेतु संसाधन निम्नानुसार हैः- वाहन-21, फर्नीचर-283 विभिन्न प्रकार के उपकरण- 82 उपलब्ध हैं। जिनकी भौतिक स्थिति बहुत अच्छी है। पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( *क्र. 932 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम में प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत 1 जनवरी, 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक स्वीकृत सड़कों की सूची वर्षवार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) स्वीकृत सड़कों में से कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं? कितनी शेष हैं, कब तक पूर्ण कर ली जावेंगी? (ग) प्रश्नांश (क) सड़कों के निर्माण कार्य को लेकर प्रश्नांश अवधि में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों की प्रति उपलब्ध करावें। शिकायतों की जाँच किन-किन अधिकारियों की समिति द्वारा कराई गई? उसकी प्रति भी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़कों में से 10 सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं एवं 03 निर्माणाधीन हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी हस्ताक्षर व सील से स्टाम्प पेपर प्रचलित होने की जाँच
[गृह]
12. ( *क्र. 2586 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री एम.पी. नेमा, स्टाम्प वेण्डर जिला कोर्ट इन्दौर द्वारा पुलिस अधीक्षक बड़वानी को उनके नाम से जारी फर्जी स्टाम्प प्रचलित होने के संबंध में शिकायत की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत की छायाप्रति देवें। (ख) फर्जी स्टाम्प जिस व्यक्ति/संस्था के द्वारा उपयोग में लिया गया है उसके संबंध में पूर्व में भी कोई जाँच विभाग द्वारा की गयी हो तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ग) क्या स्टाम्प वेण्डर द्वारा की गयी शिकायत के आधार पर फर्जी हस्ताक्षर वाले स्टाम्प को जप्त कर उसका फोरेंसिक टेस्ट कराया गया है या नहीं? यदि नहीं तो क्यों नहीं? कराया जायेगा तो कब तक? क्या ऐसे स्टाम्प उपयोगकर्ताओं के विरूद्ध विभाग F.I.R. दर्ज करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) उक्त प्रकरण को लंबित रखने के दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) आवेदक श्री एम.पी. नेमा, स्टाम्प वेण्डर जिला कोर्ट इंदौर द्वारा आवेदक के नाम से फर्जी स्टाम्प प्रचलित होने के संबंध में शिकायत पुलिस अधीक्षक बड़वानी को दिनांक 27.03.2019 को की गई थी। शिकायत की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) फर्जी स्टाम्प के संबंध में आवेदक सलीम अहमद हनफी के द्वारा दिनांक 14.09.18 को पुलिस महानिदेशक भोपाल को शिकायत की गई थी जिसे जाँच हेतु पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस अधीक्षक बड़वानी को भेजी गई। जाँच निष्कर्ष के आधार पर स्टाम्प उपयोगकर्ता आरोपी मैदाबाई उर्फ मधुबाई पति घीसालाल यादव 65 साल निवासी द्रोपदी कॉलोनी ओझर, के विरूद्ध थाना नागलवाडी पर अपराध क्रमांक 163/19 धारा 420 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जाँच प्रतिवेदन एवं एफ.आई.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रकरण में अनुसंधान में साक्ष्य एकत्रित करने हेतु आवश्यकतानुसार फोरेंसिक जाँच कराई जायेगी। स्टाम्प उपयोगकर्ताओं के विरूद्ध अपराध क्रमांक 163/19 धारा 420 भा.द.वि. की विवेचना में लिया गया है। (घ) आवेदक श्री एम.पी. नेमा द्वारा प्रस्तुत शिकायत को जाँच में लंबित रखने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच अति. पुलिस. अधीक्षक बड़वानी द्वारा की जा रही है। जाँच निष्कर्ष के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
हरदा जिले में बीजों का आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( *क्र. 3338 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में खरीफ फसलों की बुआई हेतु बीजों का आवंटन पिछले वर्ष एवं वर्तमान वर्ष में क्या है? (ख) पिछले वर्ष वनग्रामों के आदिवासी कृषकों को किस आधार पर बीजों का वितरण किया गया? (ग) पिछले वर्ष आदिवासी कृषकों को बाटे गए बीजों की सूची मय सबूत सहित देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) हरदा जिले में पिछले वर्ष एवं वर्तमान वर्ष में खरीफ फसलों की बुआई हेतु बीजों के आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है। (ख) कृषि विभाग द्वारा संचालित अन्नपूर्णा, सूरजधारा, बीजग्राम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं राष्ट्रीय तिलहन विकास मिशन योजना अन्तर्गत प्रावधान अनुसार, प्रदाय किये गये लक्ष्यों के आधार पर आदिवासी कृषकों को बीजों का वितरण किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले वर्ष (2018-19) में आदिवासी कृषकों को बांटे गये बीजों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है।
नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजना में स्वीकृत कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
14. ( *क्र. 693 ) श्री सुदेश राय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजना की वर्तमान में प्रगति की क्या स्थिति है? (ख) उक्त योजना के भूमि पूजन के बाद प्रथम फेस में किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है तथा स्वीकृत राशि से कार्य कब तक पूर्ण हो जायेंगे? (ग) सीहोर नगर को उक्त योजना का लाभ कब से मिलना प्रारम्भ हो जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) 13 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दिनांक 06/05/2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) यह योजना सीहोर नगर हेतु प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रानगिर स्थित प्राचीन हरसिद्धि देवी मंदिर को पर्यटन स्थल का दर्जा
[पर्यटन]
15. ( *क्र. 2310 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के रहली तहसील के ग्राम रानगिर स्थित प्राचीन हरसिद्धि देवी मंदिर के विकास के लिए विभाग की क्या योजना है? (ख) क्या रानगिर को पर्यटन स्थल का दर्जा प्रदान कर पर्यटक सुविधा की दृष्टि से विभाग द्वारा कोई होटल खोले जाने की स्वीकृति दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाना चिन्नोनी चम्बल में दर्ज अपराध पर कार्यवाही
[गृह]
16. ( *क्र. 3268 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना के थाना चिन्नौनी चम्बल में सेवा सहकारी संस्था रजौधा के संचालक मण्डल के विरूद्ध जाँच रिपोर्ट शासन के पत्र क्रमांक/प्रशासन/2014/3143 दिनांक 3/12/2014 के परिपालन में गठित समिति के आधार पर अपराध क्रमांक (F.I.R) 22/16 दिनांक 27 फरवरी, 2016 को दर्ज की गई? (ख) यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट में संचालक मण्डल को दोषी पाया गया? संचालक मण्डल में संस्था की अध्यक्ष श्रीमती सियाबाई पत्नी श्री सूबेदार सिंह सिकरवार के अतिरिक्त उपाध्यक्ष श्री प्यारेलाल धाकड़ सहित संचालक सदस्य 10 अन्य आरोपी हैं। (ग) यदि हाँ, तो आरोपियों में प्रबंधक के अतिरिक्त दो अध्यक्ष को किस आधार पर आरोपी बनाया? क्या इसमें आरोपियों को बचाने हेतु थाना प्रभारी ने जालसाजी की है? (घ) यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) तथ्यात्मक स्थिति अनुसार जिला मुरैना के थाना चिन्नौनी में अपराध क्रमांक 22/16 धारा 420, 409, 467,468, 471 ता.हि. को बैंक मुख्यालय के संचालन मण्डल की अनुशंसा पर पत्र क्रमांक/प्रशासन/2014/3143 दिनांक 03.12.14 के द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर पंजीबद्ध किया गया था। (ख) जाँच रिपोर्ट के आधार पर समिति प्रबंधक रामलला शर्मा, संचालक मंडल अध्यक्ष राजपाल सिंह सिकरवार, अध्यक्ष श्रीमती सियाबाई सिकरवार के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है। प्यारेलाल धाकड़ सहित संचालक सदस्य 10 अन्य आरोपियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. पंजीबद्ध नहीं है। (ग) एवं (घ) आवेदक के आवेदन पत्र व जाँच रिपोर्ट के आधार पर दो अध्यक्षों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण विवेचना में है साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे हैं। साक्ष्य प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। थाना प्रभारी के द्वारा कोई जालसाजी नहीं की गई है।
राजस्व ग्रामों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( *क्र. 2819 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्राम अभी तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़े हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या ग्राम पंचायत कोटरा चोपड़ा के चोपड़ा ग्राम सड़क मार्ग से जुड़ा है? यदि नहीं तो क्या कारण है और इसे जोड़ने की क्या कार्ययोजना है।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ग्राम पंचायत कोटरा चोपड़ा अंतर्गत, चोपड़ा राजस्व ग्राम न होकर कोटरा चोपड़ा ग्राम का मजरा टोला है। मजरा टोला चोपड़ा से मुख्य सड़क तक ग्रेवल सड़क का कार्य सुदूर ग्राम सड़क संपर्क योजना अंतर्गत स्वीकृत होकर प्रगतिरत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा बहाली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 3715 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में जून जुलाई, 2014 में बारहवीं प्लस कम्प्यूटर के बेस पर ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती निकाली तथा दिनांक 21/08/2014 को परीक्षा अयोजित किए जाने के आदेश जारी किये गये तथा अनंतिम सूची के दो अभ्यर्थियों के मध्य दिनांक 21/10/2014 को परीक्षा आयोजित की गई तथा परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किया गया एवं इसी नियुक्ति पत्र के आधार पर सफल अभ्यर्थियों ने 4 वर्ष की सेवा की? (ख) क्या फेल अभ्यर्थियों ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की, जिसके आधार पर कलेक्टर जिला रीवा द्वारा ली गई परीक्षा को अमान्य घोषित कर दिया गया। जिससे सफल अभ्यर्थी सेवा से बाहर हो गए। (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार इस महत्वपूर्ण प्रकरण में संज्ञान लेकर चार वर्ष की सेवा कर चुके ग्राम रोजगार सहायकों के अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए जिन ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायकों के पद रिक्त हों उनमें सेवा करने का अवसर प्रदान करेगी? (घ) यदि हाँ, तो उक्त ग्राम रोजगार सहायकों को जिन ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायक का पद रिक्त हो, उनमें कब तक पदांकित कर दिया जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। दिनांक 21.08.2014 को ग्राम रोजगार सहायक की भर्ती प्रक्रिया हेतु समयबद्ध कार्यक्रम जारी किया गया था, जिसमें कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा के आयोजन का लेख था। यह परीक्षा 21.10.2014 से 30.10.2014 की अवधि में आयोजित की गई तथा सफल अभ्यर्थियों को नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए। कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण तथा अनंतिम चयन सूची में प्रथम वरीयता प्राप्त कर नियुक्त हुए ग्राम रोजगार सहायकों ने 4 वर्ष की सेवा पूर्ण की है व आज भी कार्यरत हैं। कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण परंतु अनंतिम चयन सूची में द्वितीय वरीयता प्राप्त कर नियुक्त हुए ग्राम रोजगार सहायकों की संविदा सेवा माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुक्रम में समाप्त की गई है। (ख) जी हाँ। ग्राम पंचायत की वरीयता सूची में द्वितीय वरीयता क्रम के अभ्यर्थी जिन्होंने कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण की थी एवं कुछ अवधि के लिए ग्राम पंचायत में अपने दायित्वों का निर्वहन भी किया था उनकी सेवाएं माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार समाप्त की गईं थीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित अनुसार माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्णय के अनुक्रम में पृथक किए गए ग्राम रोजगार सहायकों को पुन: सेवा में लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्त्र नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि
[गृह]
19. ( *क्र. 3319 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में अस्त्र नवीनीकरण की शुल्क कई गुना बढ़ायी गई है किन्तु अवधि 3 वर्ष रखी गई है? (ख) क्या नवीनीकरण शुल्क घटाया जावेगा या अवधि 5-6 वर्ष की जावेगी? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नवीनीकरण हेतु अवधि 3 वर्ष ही है। (ख) नवीनीकरण शुल्क/अवधि के संबंध में संशोधन प्रस्ताव विचाराधीन है।
जिला राजगढ़ में स्वच्छ भारत मिशन योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 1187 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने कर्मचारी संविदा/दैनिक वेतन/कन्टेन्जेन्सी पर कार्यरत हैं? इनसे क्या-क्या कार्य संपादित कराये जा रहे हैं तथा मिशन अंतर्गत प्रचार-प्रसार पर किये गये व्यय की कार्यवार, एजेंसीवार, फर्मवार जानकारी देवें। क्या मिशन अंतर्गत व्यय हेतु क्रय समिति बनाई गई थी? यदि हाँ, तो आदेश एवं नियम की प्रति उपलब्ध कराते हुये सामग्री क्रय हेतु निविदाएं, चयनित संस्थाओं को जारी आदेश, चयनित संस्थाओं से सामग्री प्राप्ति की प्रति, संस्थाओं को भुगतान संबंधित जानकारी राशिवार दिनांकवार उपलब्ध करावें। (ख) जिला राजगढ़ में दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक टेन्ट, शामियाने, माईक, फ्लेक्स छपाई संबंधित कार्य किस-किस फर्म से कराया गया? व्यय की जानकारी फर्मवार देवें। साथ ही उक्त कार्य हेतु प्राप्त निविदाएं, चयनित संस्थाओं को जारी आदेश, प्राप्त सामग्री का भौतिक सत्यापन की प्रति एवं संस्थाओं को भुगतान संबंधित जानकारी राशिवार, दिनांकवार देवें। (ग) क्या जिला राजगढ़ में दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक संविदा/तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को वाहन सुविधा उपलब्ध कराई गई थी? यदि हाँ, तो किस नियम से एवं किन-किन कर्मचारियों को? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक की जानकारी में अनियमितता पाई जाने पर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मिशन अंतर्गत प्रचार-प्रसार पर किये गये व्यय एवं संस्थाओं को भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ, आदेश एवं नियम तथा सामग्री क्रय हेतु निविदाएं, चयनित संस्थाओं को जारी आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्राप्त सामग्री के भौतिक सत्यापन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत पदस्थ जिला समन्वयक को वाहन सुविधा उपलब्ध कराई गई है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) तक की जानकारी में कोई विसंगति एवं अनियमितता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस की पिटाई से युवक की मौत की जाँच
[गृह]
21. ( *क्र. 2295 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 18-19 जून, 2019 की दरमियानी रात को बैरागढ़ पुलिस द्वारा बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर से निकलने वाले किन-किन युवकों को गिरफ्तार कर पिटाई की गयी? उनके नाम व उम्र बतावें तथा गिरफ्तार कर थाने ले जाने वाले पुलिसकर्मी के नाम व पद बतावें। (ख) क्या उनमें से एक युवक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त पुलिस कर्मियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 18-19 जून 2019 की दरमियानी रात को बैरागढ़ पुलिस द्वारा बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर से निकलने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया, किन्तु बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर में हुए एक्सीडेन्ट के घटनास्थल पर पहुँचकर पुलिस द्वारा मौके से शिवम मिश्रा उम्र 25 एवं गोविंद शर्मा उम्र 36 को घटनास्थल से मेडिकल करवाने हेतु सिविल अस्पताल बैरागढ़ लाया गया था। जहां से मेडिकल उपरांत इनको थाने लाये जहां शिवम की तबियत खराब होने से उसे पुनः अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मृत्यु हुई। घटना के संबंध में न्यायिक जाँच आदेशित होकर वर्तमान में चल रही है, अतः किसी भी व्यक्ति के नाम का उल्लेख किया जाना विधिसम्मत नहीं होगा। (ख) उक्त घटना के संबंध में न्यायिक जाँच चल रही है। (ग) उक्त घटना से संबंधित न्यायिक जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
पी.एम.टी. परीक्षा 2013 में अनियमितता
[गृह]
22. ( *क्र. 1957 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 20 जून, 2013 को गुप्तचर शाखा इंदौर की PMT परीक्षा 2013 में फर्जीवाड़े होने के संदर्भ में एक गुमनाम पत्र मिला था तथा क्या विभाग द्वारा इस पत्र की जानकारी तात्कालीन मुख्यमंत्री को दी गई थी? यदि हाँ, तो बतावें कि आज दिनांक को वह पत्र STF या CBI के पास है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पत्र में दो लोगों के नाम थे, जो फर्जीवाड़ा के सूत्रधार थे तथा तात्कालीन मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये थे कि छापा मारो और दोनों को पकड़ों? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को इस संदर्भ में कहाँ छापा मारा तथा उन दोनों को पकड़ा या नहीं? यदि पकड़ा तो उनका उल्लेख पी.एम.टी. 2013 के प्रकरण STF तथा CBI ने किया या नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र STF तथा CBI द्वारा न्यायालय में पेश किये गये चालान में दस्तावेज के रूप में है या नहीं? यदि नहीं है तो जिस के आधार पर तात्कालीन मुख्यमंत्री ने घोटाला उजागर करने की घोषणा विधान सभा में की उसे दस्तावेज बनाये बिना प्रकरण कैसे बनाया?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( *क्र. 3487 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 244/वि.दि./19 दिनांक 04.03.2019 द्वारा सी.ई.ओ. जनपद अम्बाह को मिट्टीकृत मार्ग से डब्लू.बी.एम. रोड की मांग की थी एवं क्या सी.ई.ओ. जनपद अम्बाह द्वारा यह लेख करने कि उक्त कार्य उनके कार्य क्षेत्र से बाहर है एवं अग्रिम कार्यवाही हेतु सी.ई.ओ. जिला पंचायत मुरैना को पत्र क्र. 36/05.04.19 द्वारा भेजा जा चुका था। (ख) यदि हाँ, तो (क) में वर्णित कार्य में सी.ई.ओ. जिला पंचायत द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई एवं प्रश्नकर्ता सदस्य को कार्य प्रगति से अवगत क्यों नहीं कराया गया? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से प्रदेश के सभी आयुक्त, कलेक्टर, सी.ई.ओ. जिला पंचायत आदि को स्पष्ट आदेश है कि माननीय सांसद व विधायकों के पत्रों से संबंधित प्रकरणों पर तुरंत कार्यवाही सुनिश्चित हो व उन्हें अवगत कराया जाए, तो क्या शासन इस ओर कोई आवश्यक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना द्वारा पत्र क्रमांक/मनरेगा/नि./2019/3761 दिनांक 21.06.2019 से महाप्रबंधक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, क्रियान्वयन इकाई जिला मुरैना को कार्यवाही हेतु लेख करते हुए एवं पत्र के पृष्ठांकित प्रतिलिपि से प्रश्नकर्ता सदस्य को सूचित किया गया। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्नकर्ता सदस्य को सूचित किया गया है।
स्थानांतरित कर्मियों से शासकीय आवास रिक्त कराया जाना
[गृह]
24. ( *क्र. 2341 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन गृह (सामान्य) संपदा संचालनालय के शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 अंतर्गत भोपाल (मुख्यालय) के बाहर स्थानांतरित अधिकारी/कर्मचारी को शासकीय आवास आधिपत्य में कितने दिनों तक रखने का नियम है? (ख) प्रश्नांकित नियम के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने अधिकारियों/कर्मचारियों ने भोपाल के बाहर स्थानांतरण के पश्चात् भी उन्हें आवंटित शासकीय आवास लगभग 1-2 वर्ष से रिक्त नहीं किये गये हैं? संपदा संचालनालय द्वारा ऐसे प्रकरणों में नियमानुसार क्या-क्या कार्यवाही की है? आवासवार बतायें। (ग) क्या संपदा संचालनालय द्वारा प्रश्नांकित प्रकरणों में बेदखली के नोटिस दिये जाने/अन्य कार्यवाही किये जाने के उपरांत भी शासकीय आवास रिक्त नहीं किये गये हैं? वे कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी हैं? उनके नाम एवं शासकीय आवास क्रमांक, क्षेत्र सहित बतावें। (घ) संपदा संचालनालय द्वारा स्मार्ट सिटी बनाये जाने से नार्थ एवं साउथ टी.टी. नगर भोपाल के शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों जिन्हें बेदखली नोटिस दिये गये हैं, उन्हें रिक्त होने की प्रत्याशा में आवंटित/ परिवर्तन किये गये शासकीय आवास खाली कराकर दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये शिवाजी नगर, तुलसी नगर में ई-टाईप, एफ टाईप कितने शासकीय आवास परिवर्तन के लिए कब से पेंडिंग हैं? उन्हें कब तक परिवर्तन कर आवंटित किया जा सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) भोपाल स्थित शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 में संशोधित नियमानुसार स्थानांतरित होने की दिनांक से अधिकतम 6 माह की अवधि के लिये शासकीय सेवक को सामान्य दर पर शासकीय आवास आधिपत्य में रखने का प्रावधान है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) भोपाल से बाहर स्थानांतरण होने के पश्चात अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा गृह (सामान्य) विभाग एवं संपदा संचालनालय में आवास धारण अनुमति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर 6 माह की अनुमति दिये जाने का प्रावधान है। 6 माह पश्चात आवास अनाधिकृत होने पर लोक परिसर बेदखली अधिनियम 1974 के अंतर्गत निष्कासन की कार्यवाही कर आवास रिक्त करवा लिया जाता है। बेदखली में दर्ज प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) हाँ, शीघ्र रिक्त करा लिये जायेंगे। (ड.) ई-श्रेणी के आवास परिवर्तन आवेदन दिये जाने पर विशेष स्थिति में उपलब्धता/रिक्तता के अनुसार समय-समय पर किये जाते हैं। यह एक सतत् प्रक्रिया है। एफ श्रेणी के आवास परिवर्तन संपदा संचालनालय में शेष नहीं है।
गुप्तचर शाखा इंदौर को PMT 2013 के फर्जीवाड़े के संबंध में प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही
[गृह]
25. ( क्र. 3464 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले के दर्ज 212 प्रकरणों में CBI को प्रकरण जाँच हेतु सौंपने के पूर्व कुल कितने आरोपी थे तथा कितनों को गिरफ्तार किया जा चुका था तथा शेष कितने थे? 212 प्रकरण में से 13 जुलाई, 2015 के पूर्व कितने प्रकरण में न्यायालय से फैसला हो चुका था? उनकी सूची प्रकरण क्रमांक सहित देवें। (ख) वर्ष 2006 से वर्ष 2013 तक शासकीय एवं निजी मेडिकल की चयन PMT तथा DMAT में शामिल कितने अभ्यर्थियों को आरोपी बनाया गया? क्या PMT परीक्षा 2006 से 2013 में आरोपी बनाये गये परीक्षार्थी की सूची STF ने पहले व्यापम को भेजी तथा फिर व्यापम ने जाँच कर उसका अनुमोदन किया था? व्यापम ने पहले जाँच कर गृह विभाग को भेजी फिर पुलिस ने उन पर प्रकरण दर्ज किया। वर्षवार बतावें। (ग) क्या PMT 2013 में फर्जीवाड़ा होने के संदर्भ में गुप्तचर शाखा इंदौर को गुमनाम पत्र मिला था? यदि हाँ, तो बतावें कि वह पत्र STF तथा CBI को कब भेजा गया तथा पत्र मिलने के बाद उसके अनुसार किस-किस दिनांक को क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या व्यापम घोटाले के लिये गठित SIT ने STF को भर्ती परीक्षा में चयनित सभी अभ्यर्थियों के थम्ब इम्प्रेशन का मिलान करने के निर्देश दिये थे?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) व्यापम घोटाले के दर्ज 212 प्रकरणों में सी.बी.आई. को सुपुर्द करने के पूर्व कुल 4046 आरोपी थे जिनमें से 3063 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। शेष 983 थे। (मृत- 27 एवं शेष 956) 212 प्रकरण में से 13 जुलाई, 2015 के पूर्व पाँच (5) प्रकरणों में न्यायालय से फैसला हो चुका था। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा वर्ष 2006 से लेकर 2013 तक शासकीय एवं निजी मेडीकल की चयन पी.एम.टी. से संबंधित 02 आपराधिक प्रकरणों में 186 अभ्यर्थियों को आरोपी बनाया गया। डीमेट से संबंधित एस.टी.एफ. में कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया। पी.एम.टी. परीक्षा 2006 से 2013 में आरोपी बनाए गए परीक्षार्थी की सूची एस.टी.एफ. ने पहले व्यापम को नहीं भेजी थी, परंतु व्यापम से पी.एम.टी. परीक्षा 2012 में हुए फर्जीवाड़ा की जानकारी चाहे जाने पर व्यापम के प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की गई थी। व्यापम ने पहले पी.एम.टी. परीक्षा 2012 की जाँच कर गृह विभाग को ना भेजते हुए सीधे एस.टी.एफ. को प्रतिवेदन भेजा था, इस पर से पुलिस प्रकरण दर्ज किया गया था। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सी.बी.आई. को सुपुर्द किये गये व्यापम संबंधी अपराधों में तत्कालीन एस.आई.टी. अपराधवार समीक्षा करती थी एवं अपराधवार ही विवेचक को निर्देश देती थी। दिये गये निर्देश विवेचक डायरी में सम्मिलित करते थे जो माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट पिटीशन क्र. 372/15 में दिनांक 09/07/2015 को पारित आदेश के परिपालन में सी.बी.आई. को सुपुर्द किये जा चुके हैं। अतः उक्त निर्देश के संबंध में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सड़क
निर्माण में
अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 49 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर में ग्राम पंचायत मुड़िया द्वारा नाम बदल-बदल कर सड़क के ऊपर सड़क बनाई गई है? (ख) क्या सड़क के ऊपर घटिया स्तर की सड़क बनाने की जाँच की जावेगी? (ग) क्या विगत 5 वर्षों में ग्राम पंचायत मुड़िया की प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार शिकायतें प्राप्त हुई? (घ) यदि हाँ, तो क्या आज दिनांक तक कोई जाँच एवं कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो निष्कर्ष से अवगत करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जाँच कराई गई। जाँच में 02 सी.सी.सड़कों का पुर्ननिर्माण कराया जाना पाया गया, जिसमें से पहली सड़क के संबंध में जाँच के निष्कर्षानुसार अनियमितता पाया जाना प्रतीत नहीं होता है एवं दूसरी सड़क के निर्माण कार्य को अनियमितता की श्रेणी में पाया गया है। (ख) जिला स्तर से अधिकारियों का दल गठित कर दिनांक 08.07.2019 को जाँच कराई गई। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। शिकायत की जाँच जिला स्तर से अधिकारियों का दल गठित कर कराई गई। जाँच में ग्राम पंचायत मुड़िया जनपद पंचायत पनागर में 02 सी.सी.सड़क का पुर्ननिर्माण कराया जाना पाया गया। 1. सी.सी.सड़क डामरीकरण मार्ग से ग्राम की ओर का पुर्ननिर्माण प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 4125 दिनांक 07.09.2017 में दिये गये प्रावधान अनुसार वर्ष 2018-19 में निर्धारित दर राशि 460/- प्रति वर्गमी. की दर से कराया गया है। उक्त कार्य की स्वीकृत लागत 4.00 लाख के विरूद्ध मूल्यांकन राशि 3.997 लाख आया है, कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होना शेष है, सड़क अच्छी हालत में मौके पर पाई गई है। 2. सी.सी.सड़क मुख्य मार्ग से स्कूल की ओर ग्राम नुनियाखुर्द ग्राम पंचायत मुड़िया का पुर्ननिर्माण जिसकी स्वीकृत लागत 2.40 लाख है। वर्ष 2016-17 में कराया गया, कार्य की मूल नस्ती लोकायुक्त कार्यालय में ट्रेप प्रकरण में जमा है। ग्राम पंचायत में उपलब्ध अभिलेख तथा कार्य की डी.पी.आर., माप पुस्तिका एवं पूर्णता प्रमाण पत्र अनुसार यह तथ्य प्रकाश में आया कि पंचायत द्वारा सड़क के ऊपर सी.सी.सड़क का निर्माण शासन के निर्देश दिनांक 04.09.2017 अनुसार 460/- प्रति वर्गफीट की दर से ना किया जाकर निर्देश के विपरीत राशि रू. 800/- प्रति वर्गफीट की दर से रूपये 2.41 लाख का कराया गया। इस प्रकार निर्माण एजेंसी सरपंच/सचिव ग्राम पंचायत मुड़िया जनपद पंचायत पनागर द्वारा उक्त कार्य पर नियम विरूद्ध राशि आहरण कर वित्तीय अनियमितता बरती गई है। फलस्वरूप श्रीमती सुनीता बाई, सरपंच एवं श्री शिवकुमार पटेल, सचिव ग्राम पंचायत मुड़िया जनपद पंचायत पनागर के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण क्रमांक 36 अ/89/19/2019-20 दिनांक 09.07.2019 पंजीबद्ध कर नियम विरूद्ध आहरित राशि की वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है।
किसानों की ऋण माफी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
2. ( क्र. 273 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की परिवहन मैपिंग 2017 से आज दिनांक तक की जानकारी देवें। क्या प्रबंधन विपणन द्वारा भारी हेरा-फेरी की गयी है? क्या इसकी जाँच भोपाल स्तर के अधिकारी से करायेंगे? (ख) परिवहन मैपिंग का क्या मापदण्ड है? क्या बालाघाट प्रबंधन विपणन ने पालन किया? यदि हाँ, तो कैसे गुडरू, चांगोटोला, समनापुर, सेवा सहकारी का धान कहाँ-कहाँ परिवहन किया गया? न्यूनतम दूरी मैप कौन सा है? क्या सरकार को नुकसान प्रबंधक द्वारा पहुँचाया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) बालाघाट जिले की परिवहन मैपिंग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। परिवहन मैपिंग का कार्य जिला उपार्जन समिति द्वारा किया जाता है। परिवहन मैपिंग में कोई भी दोषी नहीं है, अत: भोपाल स्तर के अधिकारी से जाँच कराये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) परिवहन मैपिंग का मापदण्ड न्यूनतम दूरी के आधार पर किये जाने का है, उपार्जन केंद्रों से भण्डारण गोदाम/कैप की मैपिंग म.प्र. वेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा उपलब्ध कराये गये गोदामों में जिला उपार्जन समिति द्वारा मैपिंग की जाती है। जिला उपार्जन समिति/उपार्जन केंद्र का धान प्राथमिकता के आधार पर न्यूनतम दूरी गर्रा कैप में भण्डारण कराया गया है। इस प्रकार बालाघाट जिले में मैपिंग के मापदण्ड का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों में क्रय की गई सामग्री
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 321 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा टी.वी.खरीद कर ग्राम पंचायतों को प्रदाय की गई थी यदि हाँ, तो किस वर्ष में? इस हेतु कब निविदा निकाली निविदा शर्तें क्या थी एवं किस कम्पनी द्वारा सप्लाई किया गया। (ख) बालाघाट जिले के किस-किस ग्राम पंचायत में अभी तक टी.वी. नहीं प्रदाय किया गया है? बालाघाट जनपद पंचायत के दर्जनभर ग्राम पंचायत में टी.वी. नहीं है क्यों? किन-किन पंचायतों का टी.वी कलेक्टर बालाघाट द्वारा निर्वाचन कार्य के लिए बुलाया गया और आज तक वापस नहीं किया गया।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। म.प्र. सरकार द्वारा दिशा-निर्देश परिपत्र जारी किया गया था, जिलो द्वारा ही क्रयादेश जारी कर, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के माध्यम से ग्राम पंचायतों को टी.वी. प्रदाय किये गये थे। वर्ष 2013 में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा निर्धारित स्पेशिफिकेशन के अनुसार निविदायें आमंत्रित की जाकर, तय रेट कॉन्ट्रेक्ट पर, उनके वेंडर मेसर्स एसर इण्डिया (प्रा.) लि. द्वारा सप्लाई किये गये हैं। (ख) बालाघाट जिले की प्रथम चरण की 41 ग्राम पंचायतों में टी.वी. प्रदाय नहीं किया गया हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ब अनुसार हैं। बालाघाट जनपद की प्रथम चरण की 13 ग्राम पंचायतों में टी.वी. शामिल नहीं था। द्वितीय चरण की 64 ग्राम पंचायतों में टी.वी. शामिल कर प्रदाय किये गये। कलेक्टर बालाघाट द्वारा निर्वाचन कार्य हेतु किसी भी पंचायत का टी.वी. नहीं बुलाया गया, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों में क्रय की गई कम्प्यूटर/लेपटाप सामग्री
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 322 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में किन-किन पंचायतों में वर्ष 2014 से अब तक कम्प्यूटर की खरीदी की गई वर्ष/माह/दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा की प्रत्येक पंचायतों के खरीदी के बिल/निविदा शर्तों की दिनांक सहित जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2014 से अब तक किसी भी पंचायत में कम्प्यूटर की खरीदी नहीं की गई हैं। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नवीन पुलिस थाना/पुलिस चौकी की स्वीकृति
[गृह]
5. ( क्र. 632 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत की बैठक दिनांक 09.06.2019 में नया थाना रामदेवरा जोड़ खाजला (खिलचीपुर) में खोलने बाबत् प्रस्ताव की समीक्षा में यह अवगत कराया गया कि पुलिस अधीक्षक राजगढ़ के प्रतिवेदन अनुसार नवीन पुलिस थाना की स्थापना हेतु विधिवत प्रस्ताव वरिष्ठालय सहायक पुलिस महानिरीक्षक वृत्त भोपाल को प्रेषित किया गया है। (ख) पुलिस अधीक्षक महोदय राजगढ़ के अनुशंसा अनुसार नवीन थाना कब तक स्वीकृत हो जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। नया थाना रामदेवरा जोड़ खाजला (खिलचीपुर) का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुरूप न होने के कारण अमान्य किया गया। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिनकी परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
6. ( क्र. 657 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में स्वीकृत चिनकी परियोजना से किस-किस जिले के कौन-कौन से ग्राम लाभान्वित होंगे। (ख) उक्त परियोजना के टेंडर कब आमंत्रित किये गये? किस एजेन्सी द्वारा किन-किन शर्तों पर उक्त कार्य किया जायेगा? (ग) उक्त कार्य कब तक प्रारंभ होगा? उक्त योजना का शिलान्यास कब और किसने किया? स्वीकृत राशि सहित पूर्ण विवरण दें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) फरवरी 2016 को प्रथम बार एवं जून 2016 को दूसरी बार। तकनीकी कारणों से निविदा निरस्त की गयी। पुन: निविदा आमंत्रित कर एजेंसी निर्धारण के पश्चात् अनुबंध की शर्तों के अनुरूप कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। दिनांक 15/09/2018 को तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा। पूर्व स्वीकृत राशि रूपये 1494.64 करोड़। वर्तमान लागत रूपये 1762.00 करोड़ आंकलित की गई है।
प्रदेश की कानून व्यवस्था
[गृह]
7. ( क्र. 980 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अन्तर्गत में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक अवधि में विगत वर्षों में हुए अपराधों की तुलनात्मक स्थिति में लगातार गंभीर एवं चिंताजनक वृद्धि होती जाकर अपराध एवं अपराधों का स्वरूप अत्यंत दर्दनाक वेदनापूर्ण एवं क्रूरतम होता जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में बलात्कार, हत्या, मादक पदार्थों की अवैध तस्करी, मूक पशुओं की तस्करी, महिला उत्पीड़न, आंदोलन स्वरूप के बलवे, क्रिकेट सट्टा इत्यादि सहित अन्य अपराध भी अत्यंत वीभत्स रूप से घटित हो रहे है? (ग) उल्लेखित वर्षों में रतलाम जिलों के किन-किन ब्लॉकों में, किस-किस प्रकार की घटनाएं घटित हुई? क्या उन घटनाओं के विषयों, घटित स्थान के विगत वर्षों के व्यवहार, आचरण, कृत्यों से जाँचा गया? (घ) उल्लेखित वर्षों की समस्त घटनाएं पंजीबद्ध प्रकरणों की संख्या, अपराधियों की गिरफ्तारी एवं सजा तथा लापरवाही करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाहियों सहित स्पष्ट जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) भा.द.वि. के विविध अपराध घटित हुए है। अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा अपराधों का समय-समय पर पर्यवेक्षण की जाती है। गुण्डे, निगरानी, बदमाशों की चेकिंग की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है।
ग्राम पंचायतों के कार्यों में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 981 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में विगत वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2018-19 तक में किये गये कार्य में किन-किन स्थानों से शिकायतें/जानकारी प्राप्त होकर उनके विरूद्ध किस-किस प्रकार की क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? संबंधितों के विरूद्ध किस प्रकार नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाहियां की गई? वर्षवार बताए। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी विभाग के संबंधित अधिकारियों को पत्रों के माध्यम से कार्यों की स्थितियों लापरवाहियों, अनियमितता से अवगत कराया, इस तरह के विषयों एवं पत्रों के माध्यम से की गई शिकायतों पर किन-किन के विरूद्ध कब जाँच की गई एवं संबंधितों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) रतलाम जिले में प्रश्नावधि में कार्यों के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की स्थान एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। (ख) जी हाँ। शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार।
कर्जा माफी धोखा या हकीकत
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 1154 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ किये जाने का संकल्प लिया गया था? यदि हाँ, तो कितनी-राशि का ऋण कब से माफ किया गया है? (ख) खण्डवा जिले के कितने किसानों का कितनी राशि का कर्जा माफ किया गया है? (ग) कर्ज माफी की घोषणा के बाद से आज दिनांक तक कितने किसानों द्वारा आत्महत्या की गई है? इन किसानों के परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा क्या-क्या सहायता प्रदान की गई है? (घ) सरकार की घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के सम्पूर्ण किसानों का फसल ऋण कर्ज कब तक माफ होकर उनके खाते निरंक हो जाएंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ, चालू ऋण खाते में प्रथम चरण में राशि रूपये 50,000 तक का ऋण जो 31.03.2018 की स्थिति में बकाया था एवं एन.पी.ए./कालातीत ऋण 2 लाख तक जो दिनांक 01.04.2007 को या उसके उपरांत 31.03.2018 तक बकाया था माफ किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जय किसान फसल ऋण माफी योजना प्रावधान अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
नहरों के निर्माण एवं मरम्मत
[नर्मदा घाटी विकास]
10. ( क्र. 1206 ) श्री संजय शर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सडूमर शाखा से नहरों का निर्माण कहाँ से कहाँ तक किया गया है? क्या निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? उक्त नहरों की टेस्टिंग कब-कब की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, टेस्टिंग के दौरान किन-किन स्थानों पर लीकेज हुआ? स्थानवार जानकारी प्रदान करें। इन लीकेजों से किन-किन किसानों को कितना नुकसान हुआ? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, लीकेजों का सुधार कब-कब किस प्रकार किया गया? (घ) सडूमर शाखा नहरों के मरम्मत एवं अन्य कार्य हेतु विगत 5 वर्षों में वर्षवार कितनी राशि स्वीकृत की गई? स्वीकृत राशि में से कितनी राशि व्यय की गई है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) लगभग 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’अ’ अनुसार है। (ख) कहीं नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’ब’ अनुसार है।
भावांतर योजनांतर्गत बनाये गये खरीदी केन्द्र
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( क्र. 1208 ) श्री संजय शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में भावान्तर योजनांतर्गत कृषकों के अनाज खरीदने हेतु बनाये गये खरीदी केन्द्रों का क्या मापदंड था? (ख) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से स्थानों पर भावान्तर योजनांतर्गत खरीदी केंद्र बनाये गये? उन खरीदी केंद्रों में कौन-कौन ग्राम सम्मिलित किये गये? सूची उपलब्ध करायें। (ग) खरीदी केन्द्रों से भंडारण गृह की दूरी कितनी तय की गई थी? कौन-कौन खरीदी केंद्रों से अनाज कौन-कौन से भंडारण गृह पहुंचाया गया? सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या शासन द्वारा वर्ष 2018-19 में भावान्तर योजनांतर्गत खरीदे गये अनाज के भुगतान हेतु 07 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो कितने किसानों का भुगतान किया जा चुका है? कितने किसानों का भुगतान शेष है? इनका भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत पंजीकृत कृषकों के द्वारा अधिसूचित कृषि उपज मण्डी समिति के प्रांगण में विक्रय किये जाने पर राज्य शासन द्वारा विहित प्रक्रिया अपनाने वाले कृषकों को इसका लाभ दिये जाने का प्रावधान था। (ख) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तेंदूखेड़ा, डोभी, राजमार्ग, चांवरपाठा, खुलरी, सिहोरा, कौडिया एवं मंडी क्षेत्र में सम्मिलित समस्त ग्रामों के कृषकों की उपज का क्रय विक्रय मंडी प्रांगण से ही संचालित किया गया। भावांतर योजना अंतर्गत अन्य जिले के पंजीकृत कृषकों द्वारा भी तेंदूखेड़ा मंडी में अपनी कृषि उपज विक्रय की गई। ग्रामों की सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत कृषकों की उपज व्यापारियों द्वारा मण्डी प्रांगण से खरीद कर अपने-अपने गोदामों/दुकान में भण्डारित की जाती है। सूची का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी नहीं। ऐसी कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। फ्लैट भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत मक्का फसल हेतु 260735 कृषकों को राशि रू. 514.40 करोड़ का भुगतान किया गया। सोयाबीन फसल हेतु भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सोयाबीन की राशि केन्द्र सरकार से अप्राप्त है प्राप्त होने पर भुगतान किया जावेगा।
चिनकी परियोजना के सम्बंध में
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( क्र. 1209 ) श्री संजय शर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के नर्मदा उत्तराखंड में पानी की समस्या है? यदि हाँ, तो नर्मदा उत्तराखंड में इस संकट को दूर करने हेतु शासन द्वारा कौन-कौन से प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा नरसिंहपुर जिले में चिनकी परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो इस योजना की लागत क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, उक्त योजना से तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम लाभांवित होंगे? ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) इस योजना का शुभारंभ कब तक किया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिये चिनकी परियोजना प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। रूपये 1762.00 करोड़ आंकी गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) चिनकी परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति पश्चात निविदा आमंत्रित की जायेगी। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामान्य सभा एवं स्थाई समितियों की आयोजित बैठकें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 1313 ) श्री जसमंत जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में वर्ष 2015 से कितने निर्वाचित सदस्य हैं? उन निर्वाचित सदस्यों में से किन-किन को किस स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाया गया है तथा किन नियमों के तहत समिति का सचिव अधिकृत किया गया है? (ख) शिवपुरी जिले की जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में किस वर्ष में कितनी सामान्य सभा/स्थाई समितियों की बैठकें आयोजित कर कितने कार्यवाही प्रस्ताव पारित किये और उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या शिवपुरी जिले की जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों की स्थाई समिति के सचिवों द्वारा प्रतिमाह नियमित बैठकें आयोजित नहीं की गई हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन अधिकृत सचिव/विभागीय अधिकारी हैं? उनके नाम एवं पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी संकंलित की जा रही है।
सार्वजनिक तालाब पर अतिक्रमण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 1359 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला उमरिया के ग्राम पंचायत सस्तरा में पंचायत द्वारा सार्वजनिक लोगों के लिए तालाब निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो तालाब निर्माण में पंचायत द्वारा कितनी राशि खर्च की गई? (ख) क्या ग्राम पंचायत सस्तरा में निर्मित तालाब को कुछ लोगों द्वारा फैंसिंग किया जाकर निजी उपयोग में लाया जा रहा है? (ग) क्या सार्वजनिक तालाब को निजी उपयोग में लाये जाने के सम्बन्ध में स्थानीय लोगों द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत की गई थी? शिकायत के सम्बन्ध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) अगर जाँच नहीं हुई है, तो क्यों नहीं की गई? जाँच में विलंब क्यों किया जा रहा है? और जाँच कब तक पूर्ण करा ली जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। तालाब निर्माण पर ग्राम पंचायत के द्वारा राशि रूपये 52192/- खर्च की गई। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शिकायत की जाँच तहसीलदार नौरोजाबाद के द्वारा की गई है। न्यायालय तहसीलदार, तहसील नौरोजाबाद में अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कब्जा हटवाने बाबत् प्रकरण दर्ज किया गया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
किसानों के ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 1413 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के सभी किसानों के दो-दो लाख रू. के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के सभी किसानों को इसका लाभ प्रदाय कर दिया गया है? यदि नहीं, तो शेष रह गये किसानों का ऋण कब तक माफ करा दिया जायेगा? (ख) सागर जिले में कितने किसानों का एवं कितनी राशि का ऋण माफ किया गया है? संख्या बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ, प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के कुल 50,886 कृषकों का इसका लाभ प्रदाय किया गया है। शेष रहे किसानों की ऋण माफी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) सागर जिले के कुल 50,886 कृषकों का कुल राशि रूपये 15591.54 लाख का ऋण माफ कर दिया गया है।
चकराघाट एवं संजय ड्राईव का सौन्दर्यीकरण
[पर्यटन]
16. ( क्र. 1414 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत चकराघाट एवं संजय ड्राईव में पर्यटन विभाग द्वारा सौन्दर्यीकरण कराये जाने की योजना स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य कराया जाना प्रस्तावित थे? (ख) क्या प्रस्तावित योजनान्तर्गत सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं या बजट के अभाव में प्रश्नांश (क) वर्णित स्थलों का सौन्दर्यीकरण शेष रह गया है? यदि सौन्दर्यीकरण कार्य शेष है तो क्या शासन शेष कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु अतिरिक्त बजट उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। स्वीकृति अनुसार कार्य पूर्ण किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासों के आवंटन
[गृह]
17. ( क्र. 1568 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में किस टाइप के कहाँ-कहाँ कितने-कितने शासकीय आवास उपलब्ध हैं? विगत 5 वर्ष में कौन-कौन से शासकीय आवास किस-किस अधिकारी कर्मचारी को कब-कब आवंटित किये गये हैं? उक्त आवास आवंटन के नियम निर्देश क्या हैं? जिला कलेक्टर एवं संभागायुक्त के अधिकार वाले शासकीय आवासों की जानकारी देवें। वर्तमान में कौनसा आवास, कब से रिक्त है? (ख) क्या अनेकों शासकीय आवास आवंटियों द्वारा शासकीय आवास किराये पर अथवा परिचित, रिश्तेदारों को सौंप रखे हैं? क्या इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी? उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता द्वारा कर्मचारियों को भवन आवंटन/भवन परिवर्तन के लिए प्रस्तुत अनुशंसाओं पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन आवंटियों द्वारा शासकीय आवास किराये पर दिये हैं अथवा परिचित, रिश्तेदारों को सौंपे हैं उन्हें रिक्त कराकर जरूरतमंद कर्मचारियों को कब तक भवन आवंटित कर दिये जायेंगे? और इनसे किराया स्टेण्डर दर पर कब तक वसूला जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) उज्जैन शहर में शासकीय आवास गृहों की संख्या एवं आवंटित अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। म.प्र. आवास आवंटन नियम के अंतर्गत उज्जैन शहर संभागीय मुख्यालय होने के कारण सभी शासकीय आवासों के आवंटन के अधिकार संभागायुक्त उज्जैन को है। आवास आवंटन नियम निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ख) शासकीय आवास आवंटियों द्वारा शासकीय आवास किराये पर अथवा परिचित रिश्तेदारों को सौंप रखे होने के संबंध में एक गुमनाम शिकायत पूर्व में प्राप्ति हुई थी जिसमें कलेक्टर जिला उज्जैन के पत्र क्रमांक 8035/ सामान्यदो/19 दिनांक 09/07/2019 से जाँच प्रतिवदेन इस कार्यालय में प्राप्त हुआ है। दोषी पाएं गये दो कर्मचारियों के विरूद्ध बेदखली, दाण्डिक किराया वसूली तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय द्वारा श्री लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, सहायक वर्ग-3 कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग उज्जैन का आवेदन पत्र शासकीय आवास गृह क्रमांक जी 2/1 राजस्व कॉलोनी उज्जैन को आवंटन करने हेतु अनुशंसा की गई थी, श्री शर्मा को आवास आवंटन नियम के अन्तर्गत जी.टाईप आवास की पात्रता नहीं होने से उक्त आवास आवंटित नहीं किया जा सका, वस्तुस्थिति से माननीय सदस्य विधानसभा को दिनांक 22.06.2019 को अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ पर है। (ग) एक गुमनाम शिकायत इस कार्यालय को दिनांक 06/03/2019 प्राप्त हुई है उक्त शिकायत के जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर जिला उज्जैन के पत्र क्र. 8035ध/सामान्य दो/19 दि. 09/07/2019 से इस कार्यालय में प्राप्त हुआ है प्रतिवेदन में एल.आई.जी 91 मुनिनगर उज्जैन श्री चंदरसिंह परमार, आरक्षक, लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन (वर्तमान में पुलिस अधीक्षक कार्यालय उज्जैन में कार्यरत हैं) को आवंटित है किन्तु इनके स्थान पर ईश्वर सिंह पिता पुरनसिंह परमार निवास करते हुए पाऐ गये हैं एवं एल.आई.जी 18 जो कि श्रीमती मंजू गेहलोत, कार्यालय मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग उज्जैन को आवंटित है किन्तु् इनके स्थान पर श्री भरत राठौर निवास करते पाएं गये हैं, कलेक्टर के उक्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार उक्त दोनों दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही जैसे आवास आवंटन आदेश निरस्त कर बेदखली की कार्यवाही की जाना एवं दाण्डिक किराया की वसूली तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है।
किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 1671 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं एवं बतावें की किसानों के कर्ज माफी योजना में दमोह जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसानों का कर्ज माफ किया गया है? विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा विकासखण्ड में कृषकों से समर्थन मूल्य पर 5600/- रू. प्रति क्विंटल की दर से उड़द खरीदी की गई थी, जिसमें कृषकों को वर्तमान में 3562/- रू. प्रति क्विंटल की दर से बैंक खाते से भुगतान किया गया है, शेष राशि का भुगतान लंबित होने का क्या कारण है? लंबित भुगतान कब तक किया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) किसानों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। दमोह जिले में किसानों के कर्जमाफी योजना में आज दिनांक तक की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) दमोह जिले के तेंदुखेडा विकासखण्ड में सहकारी समिति मर्यादित हिनौती पुतरीघाट द्वारा वर्ष 2018-19 में उड़द का उपार्जन आपूर्ति निगम के एजेण्ट के रूप में किया गया। समिति हिनौती पुतरीघाट द्वारा कुल 1140 कृषकों से 1266.96 मी. टन खरीदी की गई है। खरीदी की गई मात्रा में से नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा मात्र 124.62 मी. टन परिवहन कर स्वीकृत किया गया है शेष मात्रा जो परिवहन नहीं की गई है। उसे नागरिक आपूर्ति निगम के गुणवत्ता निरीक्षकों द्वारा अमानक बतलाई गई जिला उपार्जन समिति की बैठक दिनांक 17.04.2019 में लिये गये निर्णय अनुसार अमानक मात्रा को नीलाम किया गया है। विकासखण्ड तेंदुखेड़ा समिति हिनौती पुतरीघाट द्वारा स्वीकृत मात्रा 124.62 मी.टन संबंधित 105 कृषकों को 5600/- रूपये प्रति क्विंटल के मान से किया गया एवं शेष नीलामी मात्रा 1099.47 मी. टन के समर्थन मूल्य एवं अंतर की राशि 2.09 करोड़ एवं शार्टेज मात्रा 42.86 टन राशि 0.24 करोड़ कुल राशि 2.33 करोड़ कृषकों को भुगतान हेतु कम हुई। जिला उपार्जन समिति की बैठक दिनांक 18.05.2019 में लिये गये निर्णय अनुसार शेष सभी कृषकों को नीलाम की गई मात्रा की राशि अनुपातिक आधार पर भुगतान की गई। जिसका औसत मूल्य 3562/- रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित कर शेष 1035 कृषकों को 3562/- रूपये प्रति क्विंटल के मान से किया गया है। योजनान्तर्गत फेयर एवरेज गुणवत्ता की उपज को ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किए जाने का प्रावधान है। अत: शेष का प्रश्न नहीं है।
ग्वालियर चंबल संभाग के थानों के संबंध में
[गृह]
19. ( क्र. 1674 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में दिसम्बर 2018 से 18 जून 2019 तक कितने थानों के प्रभारी बदले गये? थानेवार जानकारी देवें? क्या उक्त स्थानांतरण विधायक/मंत्री की अनुशंसा पर की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से विधायक/मंत्री द्वारा नाम सहित बतावें? (ख) क्या ऐसे थाने भी हैं? जहां पर एक से अधिक बार थाना प्रभारियों के स्थानांतरण किये गये? यदि हाँ, तो नाम एवं थाना सहित बतावें? (ग) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में ऐसे कितने थाने है जहां पर थाना प्रभारी नहीं है वहां पर उप निरीक्षक को प्रभार दिया गया है? इसके क्या कारण है? नाम सहित बतावें। (घ) क्या पुलिस विभाग के स्थानांतरण के कोई नीति है? हां तो उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) पुलिस विभाग में स्थानांतरण मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी स्थानांतरण नीति-ज्ञाप क्रमांक एफ-6-1/2019/एक/9/भोपाल दिनांक 04 जून 2019 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द एवं पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश के पत्र दिनांक 30 मार्च 2015 के द्वारा जारी परिपत्र में दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार किये जाते है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार।
खरीदी केन्द्रों की संख्या एवं स्थान की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( क्र. 1676 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2018 में ग्वालियर जिले में सरसों चना खरीदी केन्द्रों की संख्या व स्थान कौन-कौन से है? (ख) कौन-कौन से खरीदी केन्द्रों पर शिकायत मिली? संबंधितों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या वर्ष 2018 में स्थापित केन्द्रों के स्थान परिवर्तन किये गये है? यदि हाँ, तो क्या वजह थी? (घ) शासन के खरीदी केन्द्र स्थापित करने के तथा उन्हें परिवर्तित करने के क्या नियम हैं तथा क्या प्रश्नांश (ग) केंद्र को परिवर्तित करने में नियम का पालन किया गया है? (ड.) क्या शासन ग्वालियर जिलें में उक्त सरसों, चना खरीदी केन्द्र में जो 2019 में परिवर्तन किये गये हैं? उनकी शासन स्तर से जाँच करायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2018 में 7 खरीदी केन्द्र संचालित थे, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2018 में चना एवं सरसों खरीदी केन्द्र की कोई शिकायत नहीं हुई है। (ग) वर्ष 2019-20 में उपार्जन नीति अनुसार पात्र संस्थाओं को एवं किसानों की सुविधाओं को देखते हुये पिछले वर्ष के खरीदी केन्द्रों में परिवर्तन किया गया है। (घ) रबी उपार्जन नीति 2019-20 की कंडिका 4 में दिये गये प्रावधानों तथा चना, सरसों के खरीदी केन्द्र हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 2712 दिनांक 08-04-2019 में दिये गये दिशा निर्देशानुसार वर्ष 2019-20 में चना, सरसों के खरीदी केन्द्र में परिवर्तन किया गया है। खरीदी केन्द्र परिवर्तन करने में उपार्जन नीति का पालन किया गया है। (ड) शासन द्वारा जारी रबी उपार्जन नीति 2019-20 में दिये गये प्रावधानों तथा चना, सरसों के खरीदी केन्द्र हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 2712 दिनांक 08-04-2019 में दिये गये दिशा निर्देशानुसार वर्ष 2019-20 में चना, सरसों के खरीदी केन्द्र जिला स्तर पर जिला उपार्जन समिति द्वारा चना, सरसों के खरीदी केन्द्र में परिवर्तन किया गया है। जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
कृषकों के अनुदान संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
21. ( क्र. 1705 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर को विभाग से 2016-17 से 2019-20 तक कितना कितना बजट किस-किस योजना के लिये प्राप्त हुआ, वर्षवार योजनावार कितना व्यय किया गया? सूची प्रदाय करें। (ख) 2016-17 से 2019-20 तक जिले के कृषकों को योजनावार कितनी-कितनी अनुदान राशि प्रदान की गई? विकास खण्डवार सूची प्रदान करें? (ग) स्वीकृत अनुदान राशि से कितने कृषकों की संख्या को लाभान्वित किया गया वास्तविक स्थिति से अवगत करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
भू व खनिज माफिया के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
22. ( क्र. 1742 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा पत्र क्र. 23 दिनांक 18.07.2019 के माध्यम से 8 बिन्दु की जाँच करने के निर्देश दिये थे तथा उक्त पत्र के आधार पर नगर पुलिस अधीक्षक के पत्र क्र. 2094 दिनांक 04.09.2017 के तहत थाना प्रभारी कोलगवां एवं बातूपुर चौकी प्रभारी को कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। कलेक्टर सतना ने भी पत्र क्र. 3265 दिनांक 08.11.2017 को 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जिसमें नगर पुलिस अधीक्षक को उक्त कमेटी में रखा था। 17 माह के बाद पुन: कलेक्टर सतना द्वारा स्मरण पत्र जारी किया गया पत्र क्र. 60 दिनांक 04.01.2019 के तहत शिकायकर्ता ने उक्त शिकायत 09.10.2017 को कलेक्टर सतना खनिज शाखा को थी? क्या कमिश्नर रीवा में उक्त जाँच के संबंध में 6 सदस्यीय टीम का गठन पत्र क्र.. 415 दिनांक 02.02.2019 के तहत किया है? सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराये। (ख) कलेक्टर सतना द्वारा एस.डी.एम. रघुराजनगर के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 07.02.2019 के आधार पर पत्र क्र. 678 दिनांक 02.03.2019 को प्रमुख सचिव खनिज को पत्र जारी किया तथा क्र. 205 दिनांक 15.02.2019 के तहत रामस्थान के दो पटवारियों को शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने के कारण निलंबित किया है एवं एस.डी.एम. रघुराजनगर ने नगर पुलिस अधीक्षक सतना एवं थाना प्रभारी कोलगवां को पत्र क्र. 2076 दिनांक 14.06.2019 पत्र जारी कर 70 पृष्ठ संलग्न कर कार्यवाही कर 7 दिवस के अंदर प्रतिवेदन मांगा है सभी पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) सही है तो (क) एवं (ख) में उल्लेखित पत्रों का अवलोकन पुलिस अधीक्षक सतना/अति पुलिस महानिर्देशक अपराध विभाग भोपाल ने स्वयं किया है उक्त दोनों अधिकारी पत्रों एवं जाँच प्रतिवेनदनों के अध्ययन पश्चात लीजधारी एवं ए.आर.टी. कम्पनी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खनिज एवं भूमाफियों के विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराने के निर्देश देंगे नहीं देगे तो क्यों कारण सहित बिन्दुवार जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऋण माफी के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 1760 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ''जय किसान ऋण माफी योजना'' के अंतर्गत रायसेन जिले में कितने किसानों का कितनी राशि का ऋण माफ होगा। संख्या बतायें। (ख) रायसेन जिले में किसानों के नाम फर्जी ऋण, धोखाधड़ी के किन-किन प्रकरणों की जाँच जिला एवं अनुविभाग स्तर की समिति द्वारा की जा रही है उक्त जाँच कब तक पूर्ण होगी? (ग) 15 जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों का कितनी राशि का ऋण माफ हो चुका है किसानों की संख्या बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के किसानों की भूमि को बन्धन मुक्त हेतु किन-किन बैंको ने SDM, तहसीलदार को कब-कब पत्र लिखे? भूमि कब तक बंधन मुक्त होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में शहीद का दर्जा देने की नीति
[गृह]
24. ( क्र. 1828 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे की सुरक्षा में पदस्थ सुरक्षा कर्मी उपनिरीक्षक हर्षवर्धन सिंह सोलंकी का दिनाक 13.01.2019 को नक्सली इलाके में दुर्घटना में निधन हो गया था, क्या सरकार ने इनको शहीद का दर्जा दिया है, यदि नहीं तो क्यों, यदि हाँ, तो प्रतिलिपि उपलब्ध कराये? (ख) क्या मृतक के परिवार ने लिखित आवेदन विभाग को देकर बताया उपरोक्त सड़क दुर्घटना महज सड़क दुर्घटना नहीं थी, नक्सलियों द्वारा काफिले पर हमला था, क्या इसकी जाँच विभाग द्वारा की गयी यदि हाँ, तो विभाग की रिपोर्ट से अवगत कराये? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मृतक श्री सोलंकी को शहीद का दर्जा देकर उनके परिवार को असाधारण पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति एवं अन्य सुविधायें प्रदान करेगा, यदि नहीं तो उक्त सुविधायें नहीं देने के क्या कारण है। (घ) क्या यह सही है कि सहायक पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक पुलिस मुख्यालय भोपाल ने अपने पत्र क्र. पु.मु./3/कार्मिक/2/अनुकंपा/न्य.न.क्र./25/19/137, दिनांक 19/04/2019 को सचिव गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन मंत्रालय को लिखे गये पत्र में श्री सोलंकी को शहीद बताया गया है इस पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, श्री सोलंकी के परिवार को विभाग ने कौन-कौन सी सुविधायें प्रश्न दिनांक तक प्रदान की है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। स्व. श्री हर्षवर्धन सोलंकी उप निरीक्षक की दुर्घटना का प्रकरण असाधारण परिवार पेंशन नियम 1965 के नियम 3 (चार) की परिधि में नहीं आने से दर्जा नहीं दिया गया है। (ख) मृतक के परिवार द्वारा विभाग को इस संबंध में लिखित आवेदन नहीं दिया गया है। (ग) स्व. श्री हर्षवर्धन सोलंकी, उप निरीक्षक का प्रकरण असाधारण परिवार पेंशन नियम 1965 की परिधि में नहीं आने से असाधारण परिवार पेंशन की पात्रता नहीं बनती है, अनुकंपा नियुक्ति संबंधी प्रकरण शासन को प्राप्त हुआ है, जिसमें कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) श्रीमती पूजा सोलंकी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में स्व. श्री सोलंकी को शहीद होना लेख किया है जिसके आधार पर सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कार्मिक) पुलिस मुख्यालय भोपाल ने पत्र क्रमांक/पुमु/3/कार्मिक/2/अनुकंपा/न्यू.न.क्र. दिनांक 29.04.2019 द्वारा शासन को प्रेषित अनुकंपा नियुक्ति के प्रस्ताव में शहीद होने का उल्लेख किया है। उप निरीक्षक श्री हर्षवर्धन सिंह सोलंकी के परिवार को इकाई द्वारा अवकाश नगदीकरण की राशि रू. 2,81,075/-बीमा राशि रू. 2,50,000/- बीमा राशि रू. 13,756/- एवं परोपकार निधि राशि रू. 1,00,000/- प्रदाय की गई।
गोली चालन की घटनायें
[गृह]
25. ( क्र. 1890 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2018 तक गत 05 वर्षों में ग्वालियर संभाग के विभिन्न जिलों में कहाँ-कहाँ गोली चालन किया गया? (ख) पुलिस गोली चालन में कितने लोगों की मौत तथा कितने लोग घायल हुए? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में किन-किन स्थानों पर गोली चालन के बाद जाँच के आदेश दिए गए? (घ) क्या उक्त प्रकरणों में जाँच की रिपोर्ट शासन के समक्ष प्रस्तुत की गई यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) वर्ष 2014 से 2018 तक गत 05 वर्षों में ग्वालियर संभाग के अंतर्गत जिला शिवपुरी के थाना पोहरी क्षेत्रांतर्गत दिनांक 09.03.2015 को कस्बा पोहरी में पुलिस द्वारा हवाई फायर कर उपद्रवी भीड़ को तितर-बितर किया गया। (ख), (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक।
किसानों की आत्महत्या
[गृह]
26. ( क्र. 1899 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक ग्वालियर संभाग में कुल कितने किसानों द्वारा आत्महत्या की गई? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) क्या आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवारों को सरकार द्वारा कोई राहत राशि उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ, तो कुल कितनी राहत राशि किसानों को प्रदान की गई? (ग) क्या सरकार आत्महत्या ग्रस्त किसानों के परिवारों को पूरी तरह ऋण मुक्त कराने तथा संपूर्ण पुर्नवास करने के लिए कोई नीति बना रही है? क्या इन परिवारों को 5 लाख रूपये की राशि प्रदान करने की काई नीति बनाएगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राजस्व पुस्तक परिपत्र कंडिका-6 (4) में आत्महत्या करने वाले किसान परिवारों को राहत राशि प्रदाय का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) वर्तमान में ऐसे कोई प्रस्ताव विचारधीन नहीं है।
पुलिस अवकाश के संबंध में
[गृह]
27. ( क्र. 2002 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पुलिस बलों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने के आदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) यदि हाँ, तो उक्त आदेश के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले में किस-किस थाने में किस-किस दिनांक को कितने लोग अवकाश पर रहें? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के पुलिसकर्मियों के आवास भत्ता 05 हजार प्रतिमाह व अन्य भत्तों को तीन गुना बढ़ाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो कब से लागू किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में पुलिस बलों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा दिनांक 01.01.2019 को आदेश जारी किये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) संधारित अभिलेख अनुसार प्रश्न के अनुरूप घोषणा दर्ज होना नहीं पाई गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
बीमा राशि का भुगतान नहीं होना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 2009 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बागली अंतर्गत 02 वर्षों में कितने किसानों को बीमा राशि स्वीकृत हुई तहसीलवार/पटवारी हल्कावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसानों को राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं सहकारी संस्थाओं द्वारा बीमा राशि का भुगतान नहीं किये जाने के कारण किसानों द्वारा धरना आदि दिया गया था? हां या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो राष्ट्रीयकृत बैंकों व सहकारी संस्थाओं द्वारा कृषकों को बीमा राशि का भुगतना नहीं किये जाने का कारण स्पष्ट करें? (घ) किसानों को बीमा राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बागली के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में से खरीफ 2017 के कुल 35238 कृषकों को दावा राशि रू 1160939498 (एक सौ सोलह करोड़ नौ लाख उनचालीस हजार चार सौ अन्ठानवे मात्र) का भुगतान नोडल बैंकों के माध्यम से किया गया है। तहसीलवार एवं पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) रबी 2017-18 के लिये राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का बीमा कंपनी को भुगतान प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2018 एवं रबी 2018-19 के लिये बीमांकन का संकलन प्रक्रियाधीन है तथा फसल कटाई प्रयोंगों से प्राप्त आंकड़ों का संकलन प्रकियाधीन है। (घ) उक्त मौसमों के लिये अंतिम बीमांकन के आधार पर राज्यांश राशि का भुगतान होने के उपरांत फसल कटाई प्रयोगों के परिणामों के आधार पर नियमानुसार पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से दावा राशि का भुगतान किया जावेगा।
पुलिस के समान वेतन एवं अवकाश
[जेल]
29. ( क्र. 2052 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह विभाग में पुलिस को एक वर्ष में 13 माह का वेतन एवं साप्ताहिक अवकाश देने का प्रावधान है तथा जेल विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को क्यों नहीं उक्त सुविधा दी जा रही है। (ख) गृह विभाग की पुलिस 24 घंटे सेवा देने का कार्य करती है तो क्या जेल विभाग नहीं देता है? अगर हाँ तो जेल विभाग इस ओर कब तक विचार करेगा? (ग) क्या इसके लिये काई विधेयक या प्रस्ताव केबिनेट में लाया जावेगा हां तो कब तक और नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जेल विभाग के कर्मचारियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन दिये जाने का प्रकरण विचारोपरांत अमान्य किया गया है। (ख) जेल विभाग के अधिकारी/कर्मचारी भी पुलिस के समान ही सेवाएं देते हैं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आगामी कार्यवाही करना वर्तमान में संभव नहीं है।
भावांतर की राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 2086 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में प्रदेश में सोयाबीन की फसल का भावांतर का लाभ कितने किसानों को दिया गया है? भावांतर की राशि का भुगतान कितने कृषकों को कितना-कितना किया गया है? यदि भुगतान नहीं किया गया है तो उसका कारण क्या है? (ख) भावांतर की राशि के भुगतान में किस स्तर पर विलंब हो रहा है और क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) पी.डी.पी.एस. योजनान्तर्गत सोयाबीन फसल के लिए भावांतर राशि के भुगतान की मांग भारत सरकार से की गई है। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 2108 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा विधान सभा क्षेत्र वर्ष 2015-16 एवं 2017-18 तक ग्राम पंचायतों ने स्वीकृत सभी मदों के निर्माण कार्यों को पूर्ण करा लिया गया है? (ख) क्या उन निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन करा लिया गया है? यदि नहीं तो ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण है? और क्यों? इन निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्या पंचायत विभाग के उपयंत्रियों द्वारा अपने क्षेत्रों में रुचि नहीं लिये जाने के कारण पंचायतों में अनेक निर्माण कार्य लंबित है? (घ) स्वीकृत निर्माण कार्यों को समय पर पूर्ण न करने पर विभाग द्वारा संबंधित ग्रामपंचायतों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन ग्राम पंचायतों में आर्थिक अनियमितता के प्रकरण दर्ज हुए? कितने प्रकरणों में सजा एवं आर्थिक दण्ड/वसूली की कार्यवाही की गई? (च) क्या विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के मांगलिक कार्यक्रमों हेतु पंचायतीराज विभाग प्रत्येक ग्राम पंचायत में 50-50 लाख रूपये के मांगलिक भवनों की स्वीकृति बिना भेदभाव के जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक ग्राम पंचायतों ने स्वीकृत सभी मदों के कुल 6661 निर्माण कार्यों में से 5786 निर्माण कार्य पूर्ण कर लिए है। (ख) जी हाँ। इन कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन करा लिया गया है। (ग) उपयंत्रियों द्वारा अपने क्षेत्र में रूचि लेकर निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाकर शेष विगत वर्षों के कार्यों को वित्तीय वर्ष 2019 में पूर्ण कर लिया जावेगा। (घ) विधानसभा क्षेत्र खण्डवा अंतर्गत जनपद पंचायतों से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण नहीं कराने पर धारा-40 एवं 92 के तहत कार्यवाही कर संबंधित ग्राम पंचायतों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (च) वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभाग स्तर पर ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भेड़ाघाट स्थित धुंआधार जल-प्रपात
[पर्यटन]
32. ( क्र. 2156 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जीवन दायिनी पुण्य सलिला मां नर्मदा नदी के तट पर स्थित धुआंधार जिला-जबलपुर में भेड़ाघाट स्थित प्राकृतिक अंतर्राष्ट्रीय धुआंधार जल प्रपात को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने, सैलानियों को आकर्षित करने हेतु जिला प्रशासन एवं शासन ने क्या योजना बनाई है? (ख) प्रश्नांकित धुआंधार जल प्रपात की जिला स्तर, प्रदेश स्तर एवं केन्द्रीय स्तर पर क्या पहचान है? प्रदेश शासन ने पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु यहां पर कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कब कितनी-कितनी राशि में कराये है एवं कौन-कौन से कार्य कराना स्वीकृत/प्रस्तावति है? वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक की जानकारी दें। (ग) क्या प्रदेश शासन भेड़ाघाट स्थित धुआंधार जल प्रपात को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने हेतु विस्तृत कार्ययोजना बनाकर केन्द्रीय शासन, नई दिल्ली को भेजना सुनिश्चित करेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पर्यटन सुविधाएं विकसित की गईं हैं। (ख) प्रसिद्ध जल-प्रपात के रूप में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
केन्द्रीय कारागृह, ग्वालियर में अवैध सामान पहुँचने बाबत्
[जेल]
33. ( क्र. 2297 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 12.05.2017 को केन्द्रीय कारागृह, ग्वालियर में प्रहरी द्वारा तत्कालीन प्रशासनिक जेलर के आदेश पर प्लास्टिक के बैग में अवैध सामान कैदियों के सुपुर्द किया गया था तथा कारागृह के कन्ट्रोल रूम में तैनात कर्मचारी द्वारा सी.सी. कैमरा में उक्त सामान बिना जाँच के अवैध रूप से कैदियों को पहुँचाते देखने के पश्चात सामान की जाँच में सामान अवैध पाया गया था? वह अवैध सामान क्या था? (ख) उक्त घटना में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध जाँच कर निलंबन की कार्यवाही की गयी? (ग) क्या उक्त घटना में तत्कालीन प्रशासनिक जेलर को दोषी नहीं पाया गया? यदि दोषी पाया गया तो उनके विरूद्ध जाँच कर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? क्या उनके विरूद्ध अभी तक जाँच लंबित है, क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) यह कहना गलत है कि दिनांक 12/05/2017 को केन्द्रीय जेल ग्वालियर में प्रहरी द्वारा तत्कालीन प्रशासनिक जेलर के आदेश पर प्लास्टिक के बैग में अवैध सामान कैदियों के सुपुर्द किया गया था, बल्कि सही तथ्य यह है कि सी.सी.टी.व्ही. के फुटेज में यह पाया गया कि तलाशी में नियुक्त मुख्य प्रहरी ने प्रहरी भारत भूषण शर्मा द्वारा लाई गई सामग्री- पूजा का सामान, प्रसाद, चोला, कपड़े एवं चप्पल की तलाशी नहीं ली। यही सामान बिना अनुमति एवं सूचना के ले जाने का प्रयास करने के कारण अनाधिकृत था। (ख) उक्त घटना में लालाराम जाटव, मुख्य प्रहरी एवं भारत भूषण शर्मा, प्रहरी को निलंबित किया गया एवं विभागीय जाँच आदेशित की गई है। (ग) यह कहना गलत है कि तत्कालीन प्रशासनिक जेलर को दोषी नहीं पाया गया, सही यह है कि तत्कालीन प्रशासनिक जेलर प्रभात कुमार को अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखने से जेल मुख्यालय के आदेश दिनांक 13/07/2018 द्वारा परिनिंदा का दण्ड दिया गया है। यह कहना गलत है कि उनके विरूद्ध अभी तक जाँच लंबित है।
पुलिस चौकी को पुलिस थाना का दर्जा देना
[गृह]
34. ( क्र. 2315 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा अंतर्गत पुलिस चौकी कर्रापुर का गठन/स्थापना कब की गई थी? (ख) क्या उपरोक्त चौकी में स्वीकृत पुलिस बल कार्यरत है? यदि नहीं तो क्यों? रिक्त पदों सहित जानकारी देवें। पुलिस चौकी कर्रापुर अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित है? ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उपरोक्त पुलिस चौकी को थाना में उन्नयन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही शासन स्तर पर की जा रही है? (घ) क्या पुलिस चौकी कर्रापुर अंतर्गत ग्रामों की संख्या, बहेरिया थाने से दूरी तथा प्रकरणों की दर्ज संख्या आदि को देखते हुये जनहित में पुलिस थाना में उन्नयन कब तक किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 01.04.1962 को स्थापना की गई। (ख) पुलिस चौकी में स्वीकृत बल निम्नानुसार हैः- सहायक उप निरीक्षक-01, प्रधान आरक्षक-01 एवं आरक्षक-6, 01 आरक्षक का पद रिक्त है। उक्त चौकी में सम्मिलित ग्राम निम्नानुसार हैः- 1-कर्रापुर, 2- सिमरिया, 3-बारछा, 4-तिंसुआ, 5- गोदई, 6- गोरा, 7- पथरिया व्यास, 8- रानीपुरा, 9-चकेरी, 10-मझगंवा, 11-सडेरी, 12-पिपरिया चमारी, 13-चटाई,14-धारखेडी,15-लुहारी,16- लालई। (ग) एवं (घ) पुलिस चौकी का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव शासन के निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने के कारण दिनांक 01.09.2017 को अमान्य किया गया।
भावान्तर योजना (प्याज) के बोनस भुगतान के सम्बंध में
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
35. ( क्र. 2361 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 में म.प्र. सरकार ने प्याज खरीदी पर 400/- रू प्रति क्विंटल बोनस भावान्तर योजना में देने की घोषण की थी? (ख) क्या विदिशा जिले में जितने कृषकों ने भावान्तर योजना में प्याज बेची क्या उनका खरीदी केन्द्र करोंद मंडी भोपाल था? (ग) विदिशा जिले के कितने किसानों को भावान्तर योजना प्याज का लाभ मिलने से कितने किसान वंचित रह गये जिनकी प्याज तुल गई थी और भावान्तर योजना का लाभ नहीं मिला? (घ) अधिकारियों और कर्मचारियों की गलती से जिन किसानों को लाभ नहीं मिल पाया उन किसानों को कब तक लाभान्वित कर दिया जावेगा और उन अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी। (ड.) विधान सभा क्षेत्र कुरवाई के ग्राम-घटवार के कृषक (1) विनोद कुमार पुत्र विक्रम सिंह रघुवंशी (2) जसवन्त सिंह पुत्र नारायण सिंह ग्राम घटवार तह. सिरोंज की कितनी प्याज तुली थी और उन्हें लाभ क्यों नहीं मिला।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) वर्ष 2017-18 में प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा की थी। इस कार्यालय से संबंधित नहीं है। वर्ष 2018-19 में विदिशा जिले के कृषकों को इस कार्यालय के माध्यम से अधिसूचित मण्डियों में प्याज की बिक्री पर 400 रू. प्रति क्विंटल दर से प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई थी। (ख) वर्ष 2018-19 में विदिशा जिले के कृषकों द्वारा प्याज विक्रय की गई थी, जिसका खरीदी केन्द्र कृषि उपज मण्डी करोंद भोपाल था। (ग) वर्ष 2018-19 में ई-उपार्जन पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार अधिसूचित मण्डियों में कुल 62 कृषकों ने 7018.33 क्विंटल प्याज विक्रय की थी। जिनको 2807326/- रूपये प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया था। पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार कोई कृषक वंचित नहीं रहा जिसको लाभ न मिला हो। (घ) प्याज की खरीदी कृषि उपज मण्डी करोंद भोपाल में हुयी है एवं मण्डी द्वारा ही ई-उपार्जन पोर्टल पर दर्ज करवाई गई है। किसी किसान को लाभ न मिलने और न भुगतान किया गया की शिकायत प्राप्त नहीं है। (ड) वर्ष 2017-18 की जानकारी इस कार्यालय से संबंधित नहीं है। वर्ष 2018-19 में ई-उपार्जन पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार कृषि उपज मण्डी करोंद भोपाल में विनोद कुमार पुत्र विक्रम सिंह रघुवंशी एवं जसवंत सिंह पुत्र नारायण सिंह ग्राम घटवार तह. सिरोंज ने भावांतर भुगतान अंतर्गत प्याज विक्रय की थी जिसकी मण्डी द्वारा पोर्टल पर दर्ज एवं इस कार्यालय द्वारा भुगतान प्रोत्साहन राशि की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
कृषक का नाम |
पोर्टल पर दर्ज रकवा हे. में |
पोर्टल पर दर्ज करोंद मण्डी में वेंची गई मात्रा (क्विं.में) |
पोर्टल पर दर्ज प्रोत्साहन राशि जो इस कार्या.द्वारा भुगतान की गई |
भुगतान हेतु शेष राशि |
1 |
श्री विनोद कुमार |
0.960 |
23.80 |
9520/- |
0/- |
2 |
श्री जसवंत सिंह |
3.040 |
10.59 |
4235/- |
0/- |
सतना जिले के ग्राम हिनौती में पुलिस चौकी स्थापित किया जाना
[गृह]
36. ( क्र. 2404 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना रामनगर का ग्राम हितौनी सतना जिले के सीमा का गांव है? यदि हाँ, तो इस गांव के पास सीधी जिले में अल्ट्राट्रेक सीमेंट फैक्ट्री मझगंवा संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर एवं व्यापार हेतु अधिकाधिक आवागमन के कारण अपराधों की संख्या भी बढ़ी है? क्या गांव सीमा की होने के कारण पुलिस व्यवस्था समय पर न पहुंच पाना स्वभाविक हैं? (ग) क्या गांव में घटित होने वाले अपराधों एवं घटनाओं की रिपोर्ट थाना रामनगर तक लिखाने ग्रामीण पहुंचते हैं? यदि नहीं, तो क्या जनता को अपराधों से सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु शीघ्र ग्राम हिनौती में पुलिस चौकी स्थापित की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। दिनांक 10.01.2019 से हिनौती चौकी का संचालन ग्राम जिगना के फारेस्ट विभाग के भवन में किया जा रहा है। जिससे अपराध घटित होने पर पुलिस समय पर पहुँच जाती है एवं अपराधों पर पूर्ण नियंत्रण है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जारी कारण-बताओ सूचना पत्र पर कार्यवाही
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
37. ( क्र. 2444 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक/उद्यान/अ-4/ स्था./2017-18/ 8282 दिनांक 15.11.17 द्वारा कोई कारण-बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है? (ख) उक्त कारण बताओ सूचनापत्र के विरुद्ध प्राप्त जवाब में पाये गये निष्कर्ष की सूचना पत्र में दर्शित बिन्दुवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में क्या संबंधित अधिकारी को दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो दोषी पाए गए अधिकारी पर क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संबंधित को दोषी नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दुधी सिंचाई परियोजना का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
38. ( क्र. 2474 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के (प्रश्न क्रमांक 642) दिनांक 20/02/2019 की कंडिका (ग) एवं (घ) में उत्तर दिया गया था कि दुधी सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. विभाग द्वारा दिनांक 26/05/2017 को केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली को प्रस्तुत की गई। डी.पी.आर. की जाँच उपरान्त केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली द्वारा दिनांक 13/06/2017 को डी.पी.आर. को पुनरीक्षित गाईड लाईन 2017 के अनुसार प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। तदानुसार डी.पी.आर. तैयार कर केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली को जमा करने कि कार्यवाही की जानी है। डी.पी.आर. स्वीकृति उपरान्त निविदा हेतु आवश्यक कार्यवाही सम्भव है? तो क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली को भेजी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) का यदि हाँ, तो डी.पी.आर. की स्वीकृति की कार्यवाही तथा निविदायें कब तक आमंत्रित कर ली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं हैं तो लम्बी समयावधि व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी डी.पी.आर. स्वीकृत न होकर निविदायें आमंत्रित न किये जाने का क्या कारण है? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या उत्तरदायी का निर्धारण किया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। केन्द्रीय जल आयोग द्वारा उठाए गए तकनीकी बिन्दुओं का निराकरण प्रक्रियाधीन है। (ख) केन्द्रीय जल आयोग से तकनीकी अनुमोदन उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति पश्चात निविदाएं आमंत्रित की जाना लक्षित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) डी.पी.आर. में उठाये गये तकनीकी बिन्दुओं के निराकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विलंब की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्गों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
39. ( क्र. 2523 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत दिनांक 01-04-16 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने मार्ग स्वीकृत हुए? इनके नाम, लम्बाई, स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति कार्य प्रारंभ होने की तिथि व कार्य पूर्ण होने की तिथि सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश भाग (क) में कितने मार्ग हैं जो अभी तक पूर्ण नहीं हुए? उनके नाम व कारण सहित बतावें कि कार्य निर्धारित अवधि में क्यों पूर्ण नहीं हुए? (ग) भिण्ड जिले की अटेर विधान सभा के कौन-कौन से मार्गों के प्रस्ताव विभाग ने भेजे हैं, जो अभी तक स्वीकृत नहीं हुए? उनके नाम व लम्बाई धनराशि सहित विवरण देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) कुल 26 मार्ग। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 08 मार्ग। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा कृषि उपज मंडी में निर्माण कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र. 2526 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा कृषि उपज मंडी के नये मण्डी प्रांगण एवं भवन निर्माण हेतु नागदा महिदपुर रोड पर कितनी भूमि क्रय की गई? किन-किन कृषकों को कितनी-कितनी राशि किस-किस मापदण्डों के तहत प्रदान की गई? पृथक-पृथक विवरण दें तथा उक्त प्रांगण हेतु कितनी शासकीय भूमि अधिग्रहित की गई है? (ख) नये परिसर में भवन, बाउण्ड्रीवाल तथा अन्य सुविधाओं के निर्माण हेतु कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान कर टेंडर आमंत्रित किये गये हैं? पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्या नये मण्डी प्रांगण नागदा को आदर्श मण्डी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग 15 करोड़ के प्रेषित प्रस्ताव को किसान सड़क निधि या अन्य निधि से स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ, नागदा मंडी के नवीन मंडी प्रांगण हेतु 08 कृषकों की निजी भूमि रकबा 5.153 हेक्टेयर क्रय की गई है। वर्ष 2017-18 की गाईड लाइन अनुसार कुल राशि रूपये 40362994/- कृषकों को भुगतान की गई प्रत्येक किसान को उनकी क्रय कृषि भूमि की राशि निर्धारित मापदंड अनुसार दी गई है। जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इसके अलावा प्रांगण हेतु कोई शासकीय भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है। (ख) नये परिसर में मात्र बाउंड्रीवाल एवं चेकपोस्ट निर्माण कार्य के लिये राशि रू. 140.84 लाख की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई थी उक्त कार्य हेतु राशि रू. 122.55 लाख की निविदा आमंत्रित की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। मंडी समिति नागदा से प्रश्नाधीन प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्राप्त हुआ है, जो कि परीक्षणाधीन है।
उद्योगों एवं औद्योगिक भूमि के संबंध में
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
41. ( क्र. 2545 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अन्तर्गत उद्योग धंधों एवं औद्योगिक कार्य हेतु शासन/ विभाग द्वारा विभाग की भूमियों उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार एवं नियमानुसार अनुबंधित कर प्रदान की जाती रही है? (ख) यदि हाँ, तो नियमानुसार अनुबंधित कर जो कार्य प्रयोजन उद्योग धंधे हेतु आवश्यक होता है उसी कार्य प्रयोजन हेतु उद्योगपति कार्य करें एवं नियमानुसार जिस औद्योगिक/ उद्योग हेतु कार्य होता है वही किया जाए अन्य नहीं यह नियमानुसार अनुबंधित होता है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिले में किन-किन स्थानों पर किस-किस कार्य प्रयोजन हेतु कितनी-कितनी भूमि कब से प्रदान कर रखी है एवं वे उद्योग धंधे कार्यरत हैं अथवा बंद हैं तथा अप्रारंभ है? (घ) अवगत कराए कि नियमानुसार अनुबंधित कार्यों हेतु जिन्हें भूमियां/शेड आवंटित किये गये है, वे अनुबंध अनुसार वही उद्योग धंधा का कार्य कर रहे हैं अथवा वहाँ पर अन्य गतिविधियां की जाकर दुरूपयोग हो रहा है तथा कितने नये आवेदन भूमि आवंटन के औद्योगिक कार्य हेतु लंबित हैं तथा कितने अवैध रूप से कब से कब्जाधारी है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) रतलाम जिले के रतलाम, सालाखेडी, दिलिपनगर, सैलाना तथा जावरा के कुम्हारी तथा आय.टी.सी. में औद्योगिक प्रयोजन के लिए भूमि/शेड का आवंटन किया गया है। विस्तृत विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के औद्योगिक क्षेत्र करमदी जिला रतलाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) रतलाम जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में 06 इकाईयों द्वारा अनुबंधित उत्पाद के साथ-साथ अन्य गतिविधियां संचालित की जा रहीं है। म.प्र. औद्योगिक भूमि तथा भवन प्रबंधन नियम, 2015 के प्रावधान अनुसार भूमि आवंटन ऑनलाईन आवंटन प्रक्रिया से किया जाता है। नियमों में भूमि आवंटन संबंधी आवेदन पत्र लंबित रखने का प्रावधान नहीं हैं। जिले में 10 इकाईयों द्वारा उनको आवंटित भूमि के अतिरिक्त भूमि पर अनाधिकृत कब्जा किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र करमदी जिला रतलाम में कोई भी अवैध रूप से कब्जाधारी नहीं है।
व्यापारी लायसेंस, गोडाउन एवं दुकानों के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 2546 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर स्थित अरनिया पीथा कृषि उपज मंडी एवं खाचरौद नाका कृषि उपज मंडी अंतर्गत अनेक लायसेंसधारी व्यापारी होकर शासन/विभाग द्वारा उन्हें गोडाउन एवं दुकानें कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय का कार्य किये जाने हेतु नियमानुसार अनुबंधित कर प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि अरनिया पीथा कृषि उपज मंडी एवं खाचरौद नाका कृषि उपज मंडी अंतर्गत कितने लायसेंसधारी व्यापारी होकर उनके लायसेंस क्या समस्त प्रकार की कृषि उपज के क्रय-विक्रय हेतु हैं अथवा विशेष कृषि उत्पाद ही क्रय-विक्रय हेतु चिन्हित हैं? (ग) उपरोक्त दोनों कृषि उपज मंडियों में नियमानुसार अनुबंधित कर किस-किस व्यापारी को दुकान, गोडाउन अथवा कोई अन्य कार्य भी किये जाने हेतु आवंटित मंडी परिसर के भीतर एवं बाहर प्रदान की गई है? (घ) यदि हाँ, तो परीक्षण कर बताएं कि उन्हें जिस प्रयोजन हेतु नियमानुसार अनुबंधित कर कार्य विशेष हेतु जो अनुमति/स्वीकृति दी गई है? क्या वह उसी प्रकार है? नामवार जानकारी दें। साथ ही क्या नियम विरूद्ध अवैध कब्जा तथा क्या कोई अतिक्रमण भी है? यदि हाँ, तो क्या कोई कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। कृषि उपज मंडी समिति अरनिया पीथा एवं खाचरौद नाका मंडी प्रांगण जावरा में कुल 484 लायसेंसधारी व्यापारियों को कृषि उपज के क्रय-विक्रय हेतु शाप कम गोडाउन नियमानुसार आवंटित किये गये है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति अरनिया पीथा प्रांगण एवं खाचरौद नाका मंडी प्रांगण जावरा में कुल 688 लायसेंसधारी व्यापारी अनुज्ञप्तिधारी है, जिन्हे समस्त कृषि उपज के क्रय-विक्रय की अनुज्ञप्ति जारी की गयी है। किसी भी अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी को विशेष कृषि उपज क्रय-विक्रय के लिये अनुज्ञप्ति नहीं दी गई है। व्यापारी अपनी मांग अनुसार समस्त कृषि उपज का क्रय-विक्रय करता है। (ग) कृषि उपज मंडी समिति खाचरौद नाका एवं अरनिया पीथा में 484 व्यापारियों को मंडी प्रांगण के भीतर शाप कम गोडाउन आवंटित किये गये है, जिनके द्वारा मंडी प्रांगण के भीतर ही कृषि उपज का क्रय-विक्रय किया जाता है। (घ) जी हाँ। अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को जिस प्रयोजन के लिये मंडी प्रांगण के अंदर शाप कम गोडाउन, आवंटित की गई है, उनके द्वारा कृषि उपज का ही क्रय-विक्रय किया जा रहा है। नामवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जावरा खाचरौद नाका मंडी प्रांगण में 36 भूखंडों पर व्यापारियों द्वारा अवैध निर्माण कर कब्जा किया गया है। उक्त अवैध अतिक्रमण को हटाने हेतु कृषि उपज मंडी समिति जावरा द्वारा पत्र क्रमांक 4217-48 दिनांक 27.03.2019 से अंतिम सूचना पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जनपद अध्यक्ष आष्टा जिला सिहोरा को हटाये जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 2569 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद अध्यक्ष आष्टा को अचानक कमिश्नर महोदय से आदेश करवाकर हटाने की कार्यवाही उचित है। (ख) यदि हाँ, तो क्या दुबारा अध्यक्ष बनाने के लिये चुनाव सम्पन्न कराया गया क्या?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। आयुक्त, भोपाल संभाग भोपाल द्वारा पारित आदेश को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी यथावत रखा गया है। (ख) जी हाँ।
सड़कों की मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 2574 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत रायसेन एवं विदिशा जिलों में कौन-कौन सी सड़कें गारंटी पीरियड में हैं उनकी गारंटी अवधि कब तक है? (ख) उक्त सड़कों के रख-रखाव एवं मरम्मत में विगत 3 वर्षों में किन-किन सड़कों पर संधारण कार्य करवाये गये एवं कितनी राशि व्यय हुई। (ग) प्रश्नांश (क) की सड़कों में से किन-किन सड़कों पर गड्ढ़ा होने के कारण आवागमन में असुविधा है? उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) प्रश्नांश (ग) की किन-किन सड़कों का कब-कब इकाई के अधिकारियों के अतिरिक्त किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया तथा उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मंडियों से कृषि उपज का किसानों को भुगतान नहीं होना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 2621 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2017 से जून 2019 तक प्रदेश की किन-किन मंडियों में किसानों से कृषि उपज क्रय करने के बाद व्यापारियों द्वारा भुगतान नहीं करने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) किन-किन व्यापारिक फर्मों द्वारा किन मंडियों से कितने किसानों का किस जिंस का, कितने बोरे का भुगतान नहीं किया गया। (ग) किसानों की कृषि उपज क्रय कर भागने वाले व्यापारियों/फर्मों के खिलाफ एवं संबंधित मंडी के सचिवों/ कर्मचारियों के खिलाफ मंडी बोर्ड द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? नाम सहित जानकारी दें। (घ) क्या मंडी अधिनियम के अनुसार कृषि उपज का मूल्य व्यापारियों द्वारा न चुकाने की स्थिति में मंडी बोर्ड किसानों को भुगतान करता है? यदि हाँ, तो किन प्रावधानों के अंतर्गत? (ड) प्रश्नांश (घ) के प्रावधान के अंतर्गत अभी तक कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान मंडी बोर्ड द्वारा किया गया।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जनवरी 2017 से जून 2019 तक प्रदेश की मंडियों में किसानों की उपज क्रय करने के बाद व्यापारियों द्वारा भुगतान नहीं करने संबंधी शिकायत किसानों द्वारा मंडी कार्यालय में प्रस्तुत की गई जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रदेश अंतर्गत मंडियों में ''व्यापारिक फर्मों'' द्वारा कृषकों का भुगतान नहीं किया गया मंडीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रदेश अंतर्गत व्यापारिक फर्मों द्वारा कृषकों का भुगतान नहीं किया गया उन फर्मों के विरूद्ध पुलिस प्राथमिकी दर्ज कराई गयी तथा मंडी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। कृषि उपज का मूल्य व्यापारियों द्वारा न चुकाने की स्थिति में मंडी बोर्ड द्वारा किसानों को भुगतान करने का मंडी अधिनियम एवं उपविधियों में कोई प्रावधान नहीं है। डिफॉल्टर व्यापारी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की/जप्ती करने व उसके विक्रय से प्राप्त राशि से कृषकों के भुगतान कराया जाने का प्रावधान है उक्त ऐसे प्रकरणों में व्यापारी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की कर वसूली की कार्यवाही प्रक्रिया में है। (ड.) जिलें में स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के लिखित अनुरोध पर मंडी समिति भोपाल के कुल 107 किसानों को राशि रू. 73,00,000/-, देवास के कुल 127 किसानों को राशि रू. 1,42,31,799/- एवं खिरकिया के 204 किसानों को राशि रू. 1,41,00,000/- की सशर्त स्वीकृति दी गई है।
मनरेगा अन्तर्गत अपूर्ण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 2634 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 जून 19 की स्थिति में सीहोर जिले में मनरेगा अन्तर्गत स्वीकृत कितने कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं तथा क्यों? वर्षवार कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त कार्यों का निरीक्षण एवं मूल्यांकन किस-किस अधिकारी ने किया? (ग) सीहोर जिले में वर्ष 2016-17 से 15 जून 19 तक की अवधि में किन-किन पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन किस अधिकारी ने किया? कार्य स्थल पर बोर्ड क्यों नहीं लगवायें? (घ) 15 जून 19 की स्थिति में रायसेन एवं सीहोर जिले में किन-किन कार्यों में सामग्री एवं मजदूरी की कितनी राशि का भुगतान शेष है? ग्राम पंचायतवार विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत स्वीकृत कुल 7506 कार्य अपूर्ण है एवं 165 कार्य अप्रारंभ हैं। कार्यों का पूर्ण होना एवं अप्रारंभ रहना योजना के प्रावधान अनुसार जॉबकार्डधारी परिवारों के द्वारा काम की मांग तथा कार्य की साध्यता पर निर्भर रहता है। (ख) जनपद, जिला एवं राज्य स्तर से अपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किये जाने हेतु सतत् मॉनीटरिंग की गयी है। उक्त कार्यों का मूल्यांकन एवं निरीक्षण/सत्यापन क्रमश: संबंधित सेक्टर उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा विभाग के निर्देशों के अनुरूप किया गया है। (ग) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य स्थलों पर बोर्ड लगाये गये परंतु कतिपय स्थलों पर ग्रामीणों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये गये। वर्तमान में पक्के सूचना फलक बनाये जाने का प्रावधान किया गया है। (घ) रायसेन एवं सीहोर जिले की nrega.nic.in पर राज्य के होम पेज पर उपलब्ध रिपोर्ट S3.2 में जिला/जनपद/ग्राम पंचायत/कार्यवार भुगतान हेतु लंबित राशि की वांछित जानकारी उपलब्ध है।
पंचायतों में निर्माण, मनरेगा, अनु.जाति, जनजाति बस्ती विकास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 2649 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले की जनपद पंचायत कुसमी, मझौली एवं देवसर के अन्तर्गत आने वाली विभिन्न ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा योजना की राशि से कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 प्रश्न दिनांक तक कुल स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि की जनपद पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कार्यों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं कितने निर्माण कार्य अधूरे हैं, अधूरे निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 प्रश्न दिनांक तक की जनपद पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या निर्माण कार्यों में संलग्न मजदूरों की मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं तो विभिन्न निर्माण कार्यों में संलग्न मजदूरों की मजदूरी का कितना भुगतान शेष है? शेष मजदूरी भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत निर्माण कार्य एवं निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता विहीन कार्य कराये जाने की कितनी शिकायतें जिला पंचायत सीधी को प्राप्त हुई? शिकायतों में क्या कार्यवाही की गई है? अद्यतन जानकारी दोषी कर्मचारियों व अधिकारियों के पदनाम सहित कृत कार्यवाही सहित उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा से 10862 कार्य स्वीकृत किये गये। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 7506 कार्य पूर्ण, 3356 कार्य अपूर्ण/प्रगतिरत है। अपूर्ण कार्यों का पूर्ण होना जाब कार्डधारियों की काम की मांग पर निर्भर होने से कार्यों के पूर्ण होने की अवधि की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी उत्तरांश ‘क’ के संलग्न परिशिष्ट में दी गई है। (ग) जी हाँ। मजदूरी का भुगतान सतत् रूप से किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जिला सीधी अंतर्गत जनपद पंचायत मझौली में निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता विहीन कार्य कराये जाने की कोई शिकायत जिला पंचायत सीधी को प्राप्त नहीं हुई। जिला सीधी की जनपद पंचायत कुसमी में निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता विहीन कार्य कराए जाने की 1 शिकायत जिला पंचायत सीधी को प्राप्त हुई। जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत रौहाल में सुदूर संपर्क के कार्य की शिकायत की जाँच जिला स्तर पर कराया जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा चुकी है, जिसमें ग्राम रोजगार सहायक की सेवा समाप्त की गई एवं ग्राम पंचायत सचिव को पद से निलंबित किया गया है। सरपंच के विरूद्ध भी कार्यवाही प्रचलित है।
आपराधिक/चोरी की घटनाओं पर कार्यवाही
[गृह]
48. ( क्र. 2670 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग द्वारा चोरी आदि की घटनाओं के प्रकरण थानों में दर्ज होने के बाद क्या-क्या कार्यवाहियों की जाती हैं? सतना जिले में वर्ष 2018 से अब तक कितनें चोरी के प्रकरण किन-किन थानों में दर्ज किये गये थानावार वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सूची में शामिल कितने चोरी के प्रकरणों में चोरी की सामग्री बरामद हुई? बरामद की गई कितनी सामग्री अभी अभिरक्षा में रखी हुई है? कितने प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है? कितने प्रकरण शेष हैं? (ग) बरामद की गई सामग्री को कहाँ रखा जाता है? इसके क्या नियम हैं, चोरी की सामग्री बरामद होने पर क्या बरामदी के बाद फरियादी को वापस की जाती है? यदि हाँ, तो वापसी के क्या नियम हैं? यदि नहीं तो क्यों? (घ) चोरी की सामग्री को बरामद होने के तुरंत बाद फरियादी को वापस किये जाने की प्रक्रिया में क्या शासन द्वारा सरलीकरण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) पुलिस विभाग द्वारा चोरी आदि की घटनाओं की रिपोर्ट होने पर अपराध कायम होने पर सी.आर.पी.सी. में उल्लेखित प्रक्रिया के अनुसार विवेचना कर साक्ष्य के अनुसार चालान, खात्मा, खारिजी की कार्यवाही की जाती है। थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ एवं ‘ब‘ अनुसार है। (ग) बरामद की गई सामग्री थानों में अथवा न्यायालय के मालखानों में रखी जाती है। सी.आर.पी.सी. में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार न्यायालय सुपुर्दगी आदेश के पश्चात् फरियादी को वापस की जाती है। (घ) कार्यवाही विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया अनुरूप की जाती है। अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता
स्व-रोजगार योजनाओं का क्रियान्वयन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
49. ( क्र. 2715 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्तमान में प्रदेश के शिक्षित युवाओं, सामान्य ग्रामीण लोगों और विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में स्व-रोजगार स्थापित कराने 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए? संख्यात्मक जानकारी जिलेवार देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में विभाग द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में से कितनों में बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया गया और कितने प्रकरण लंबित हैं? जिलेवार विवरण देवें?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) विभाग द्वारा सभी वर्गों के युवाओं के लिये स्वयं का उद्योग/सेवा/व्यवसाय स्थापित करने के लिये निम्नलिखित योजनाएं जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों के माध्यम से संचालित की जाती है:- 1- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 2- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 3- मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना 4- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम। (ख) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रानी अवंतीबाई नहर परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
50. ( क्र. 2738 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की रानी अवंतीबाई नहर परियोजना कब से संचालित है? कब से अस्तित्व में आयेगी? (ख) रानी अवंतीबाई परियोजना में कितनी बड़ी नदी एवं नहरें हैं? किन-किन ग्रामों में एवं कितने हल्कों में कितने एकड़ में सिंचाई की जाती है? (ग) कितनी बड़ी छोटी नहरें क्षतिग्रस्त हैं? कहाँ-कहाँ क्षतिग्रस्त हैं? (घ) कितनी बड़ी छोटी नहरों में पेड़-झाड़िया लगी हुई हैं? क्या इनकी सफाई के लिए बजट प्रावधान किया जाता है? (ड.) नहर रिपेयरिंग एवं सफाई के लिए क्या-क्या प्रावधान रखे गये हैं?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) वर्ष 1989 से संचालित है एवं वर्तमान में अस्तित्व में है। (ख) नर्मदा नदी, बांयी तट मुख्य नहर वितरण नहरों सहित। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। बड़ी नहरों में रख-रखाव के लिये बजट प्रावधान नहीं किया जाता है। माइनर नहरों के रख-रखाव के लिये जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से रूपये 100/- प्रति हेक्टेयर प्रतिवर्ष के मान से बजट प्रावधान किया जाता है। (ड.) जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से माइनर नहरों की साफ-सफाई के लिये रूपये 100/- प्रति हेक्टेयर प्रतिवर्ष की दर से प्रावधान है।
शक्कर नदी पर बांध निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
51. ( क्र. 2739 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले की करेली तह. अंतर्गत शक्कर नदी पर ग्राम हथनापुर के पास बांध प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या बांध परियोजना हेतु बजट प्रावधान रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में बजट प्रावधान रखा गया है तो कितनी राशि आवंटित होना है? यह बांध बनने का काम कब से शुरू होगा एवं कब तक पूर्ण हो जावेगा? (ग) उक्त बांध निर्माण में जो ग्राम डूब क्षेत्र में आयेंगे उनके पुनर्वास के लिए कोई योजना है? पुनर्वास होने वाले परिवारों को मुआवजा का क्या प्रावधान रखा गया है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। सर्वेक्षण कार्य हेतु। (ख) रूपये 100.00 लाख। आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त होने के उपरांत निविदा स्वीकृति पश्चात प्रारंभ होने पर लगभग 5 वर्ष में। (ग) जी हाँ। भू-अर्जन एवं पुनर्वास अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार।
किसानों की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
52. ( क्र. 2756 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर-मालवा के कितने किसानों पर 31.03.2018 तक कितना कर्ज बकाया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर कितने किसानों की कितनी राशि का कर्ज माफ कर दिया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर शेष किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर जिन किसानों ने समयावधि में डिफाल्टर होने से बचने हेतु राशि जमा कर दी है, वह राशि किसानों को वापस की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायत पिपरा से पनिगमा पहुंच मार्ग का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 2759 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड नईगढ़ी, जिला रीवा की ग्राम पंचायत पिपरा से ग्राम पनिगमा तक मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत सड़क का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त सड़क कितने किलोमीटर स्वीकृत की गई थी? स्वीकृत करने का दिनांक एवं राशि सहित बताया जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क का निर्माण कार्य किस दिनांक को प्रारंभ किया गया एवं कितने किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया एवं कितना निर्माण कार्य किया जाना शेष है? (ग) क्या उक्त सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण ग्रामवासियों एवं विद्यालयीन छात्र-छात्राओं को कठिनाई हो रही है? यदि हाँ, तो उक्त सड़क का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) ग्राम पंचायत पिपरा से पनिगमा तक सड़क का कार्य मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत नहीं है। विकासखण्ड नईगढ़ी में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत पिपरा प्रधानमंत्री रोड से परसिया ब्रम्हान तक ग्रेवल सड़क निर्माण लंबाई 2.60 किमी का कार्य दिनांक 23.10.2017 को रू. 49.23 लाख की लागत से स्वीकृत किया गया था। (ख) इस सड़क का कार्य दिनांक 11.05.2018 को प्रारंभ किया गया एवं 1.90 किमी लंबाई की सड़क अभी तक बनाई गई है। 0.7 कि.मी. लम्बाई में कार्य किया जाना शेष है। (ग) जी नहीं। निर्माण कार्य 30.12.2019 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है।
निर्माण कार्य में अनियमितता पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 2812 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के जैतहरी जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत क्योंटार में विभिन्न निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार व अनियमितता की शिकायत क्र. 1166 एवं 1167 दिनांक 8.8.2017 में आयुक्त शहडोल संभाग ने तकनीकी जाँच करायी है? यदि हाँ, तो प्रत्येक शिकायत व जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराते हुए जाँच निष्कर्ष बताएं। (ख) क्या जाँच प्रतिवेदन में आर्थिक भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण की पुष्टि हुई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की पूर्ण तथ्य व जानकारी देते हुए दोषी व उत्तरदायी कर्मचारी के नाम व पद सहित जानकारी देवें। (ग) क्या तत्कालीन पंचायत सचिव भी दोषी है? यदि हाँ, तो उसका नाम व वर्तमान पदस्थापना की जानकारी देते हुए स्पष्ट बताएं कि इतने लम्बी अवधि के उपरांत भी राशि वसूली क्यों नहीं की जा रही है? (घ) क्या दोषी सचिव की भर्ती भी आयुक्त शहडोल संभाग ने निरस्त की थी? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए पुन: साजिश पूर्वक अपात्र आवेदक के भर्ती की प्रक्रिया की जाँच उच्च स्तरीय समिति बनाकर समय-सीमा में करायी जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष अनुसार विभिन्न निर्माण कार्यों में कुल राशि रूपये 988727.00 संबंधितों से वसूली योग्य है। (ख) जी हाँ। विभिन्न निर्माण कार्य मानक एवं गुणवत्ता विहीन पाये जाने पर श्री जी.के. मिश्रा, श्री दुर्गेश अग्रवाल, श्रीमती रेशमा सिंह, उपयंत्री जनपद पंचायत जैतहरी, श्री मनोज राठौर, तत्कालीन सचिव, श्री लल्लाराम कोल सरपंच, श्री गोपाल सिंह कंवर, (प्रशासक) ग्राम पंचायत क्योंटार दोषी पाये गये। (ग) जी हाँ। श्री मनोज राठौर तत्कालीन सचिव वर्तमान पदस्थापना ग्राम पंचायत टकहुली जनपद पंचायत जैतहरी के विरूद्ध विभिन्न निर्माण कार्यों में राशि रूपये 247185.00 की वसूली म.प्र. पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी नहीं। संबंधित प्रकरण क्र.154/अपील/2017-18 में आयुक्त शहडोल द्वारा अपीलार्थी के अपील को विलम्ब का ऐसा कोई विधिक प्रमाण अपीलीय न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये जाने के अपील ग्राहृय के स्तर पर निरस्त किया गया है। इसके पश्चात अलग से कोई भी समिति बनाकर जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश में कृषि विकास दर
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
55. ( क्र. 2894 ) श्री मनोज चावला, श्री रामलाल मालवीय, श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2004 से 2017 तक मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर पूरे विश्व में सबसे ज्यादा रही और मध्यप्रदेश देश में 20% के साथ पहले स्थान पर था? (ख) यदि हाँ, तो दूसरे तीसरे और चौथे स्थान पर कौन से राज्य रहे बतावें क्या इन राज्यों की कोई प्रमाणिक सूची या भारत सरकार का कोई दस्तावेज रिपोर्ट उपलब्ध है? (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में योजना लागू होने से अब तक मध्यप्रदेश के कितने किसानों ने बीमा कराया? किन कंपनियों ने बीमा किया? कितने किसानों को बीमा का पैसा मिला तथा बीमा कंपनियों को कितना लाभ हुआ? कृपया सूची तथा आंकड़ें उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) आयुक्त, आर्थिक एवं सांख्यिकी म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2004 से 2017 तक मध्यप्रदेश की कृषि दर उपलब्ध है, परंतु विश्व तथा विभिन्न राज्यों की कृषि विकास दर उपलब्ध नहीं है, इसलिये विकास दर की तुलना संभव नहीं है। मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मध्यप्रदेश में खरीफ 2016 से लागू है। योजना प्रारंभ खरीफ 2016 से रबी 2018-19 तक कुल 204.83 लाख कृषकों ने बीमा कराया। योजनांतर्गत एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. एच.डी.एफ.सी.एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. एवं आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. द्वारा उन्हें आवंटित जिलों में कृषकों का बीमा किया गया। खरीफ 2016 से रबी 2017-18 तक कुल 29.52 लाख पात्र कृषकों को फसल बीमा का दावा भुगतान किया गया। खरीफ 2016 से रबी 2017-18 तक कुल 8071.39 करोड़ प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कंपनियों को किया गया है, जिसके विपरीत बीमा कंपनियों द्वारा खरीफ 2016 से रबी 2017-18 तक कुल 7298.16 करोड़ का दावा भुगतान पात्र कृषकों को किया गया है।
संजय टिपनिया हत्या काण्ड के संबंध में
[गृह]
56. ( क्र. 2979 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23-24 अप्रैल 2019 को इन्दौर के गांधी नगर पुलिस स्टेशन में संजय टिपनिया नामक अनुसूचित जाति के युवक की पुलिस कस्टडी में हत्या हुई थी? यदि हाँ, तो मृतक के परिजनों को कितनी सहायता राशि दी गई। (ख) यदि सहायता राशि नहीं दी गयी तो क्यों? (ग) यदि नहीं दी गयी तो जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) संजय टिपनिया की मृत्यु के संबंध में पंजीबद्ध मर्ग की जाँच न्यायिक दण्डाधिकारी श्री राकेश कुमार कुशवाह प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, इन्दौर के द्वारा की जा रही है। जाँच के पूर्ण होने पर ही तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। मृतक की माँ को रुपये 04 लाख की सहायता राशि प्रदान की गई। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत भवन का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 3074 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत अमाडी विकासखंड बहोरीबंद द्वारा पंचायत भवन का निर्माण खसरा नं. 442 रकबा 0.30 हेक्टेयर में जिसमें पूर्व से 0.10 हेक्टेयर पर प्राथमिक शाला भवन निर्मित है एवं 0.05 हेक्टेयर पर निर्मित आंगनवाड़ी भवन के मध्य रिक्त पड़ी शेष भूमि जो प्राथमिक शाला एवं आंगनवाड़ी के बच्चों के लिये स्वघोषित खेल मैदान है पर किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या कारण है कि प्रधानाध्यापक प्राथमिक शाला अमाडी, जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र कटनी तथा अध्यक्ष एवं सदस्य शाला विकास समिति के द्वारा लिखित आपत्ति प्रस्तुत करने पर एवं ग्राम के अन्य जगहों खसरा न. 182,268,96 एवं 1042 जो मध्यप्रदेश शासन के नाम पर दर्ज है, सहज उपलब्ध होने के बाद भी बच्चों के खेलने हेतु खाली भूमि पर पंचायत भवन बनाने की अनुमति दी जा रही है? बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पंचायत भवन के निर्माण से समय समय पर पंचायत भवन में होने वाली ग्राम सभा की बैठकों से अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुये क्या शासन तत्काल प्रभाव से पूर्व में स्वीकृत पंचायत भवन का निर्माण स्थल परिवर्तित कर प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अन्य शासकीय भूमि पर बनवायेगा यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत बहोरीबंद की ग्राम पंचायत अमाड़ी द्वारा पंचायत भवन का निर्माण प्राथमिक शाला के सामने एवं आंगनवाड़ी भवन के बगल में किया जा रहा था। किन्तु शाला प्रबंधन समिति अमाड़ी द्वारा आपत्ति किए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बहोरीबंद द्वारा आदेश क्र./1462/अविअ/रीडर-1/2018 बहोरीबंद दिनांक 31.12.2018 द्वारा जारी स्थगन आदेश के कारण वर्तमान में पंचायत भवन का निर्माण कार्य प्लिंथ स्तर तक होने के बाद से कार्य बंद है। (ख) जिला/जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा वर्तमान निर्माण स्थल पर पंचायत भवन निर्माण हेतु कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बहोरीबंद के निर्णय उपरांत पंचायत भवन निर्माण की कार्यवाही की जावेगी।
बरगी परियोजना सिंचाई नहर नादघाट से उदयपुरा होते हुये बचैया तक लाने के सम्बंध में
[नर्मदा घाटी विकास]
58. ( क्र. 3075 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा विकास क्र. 04 के अंतर्गत ग्राम मझौली शाखा नहर अंतर्गत नादघाट से उदयपुरा, बचैया एवं अन्य ग्रामों तक नहर से पानी पहुंचाने के सम्बंध में पूर्व से सरपंच ग्राम पंचायत बचैया द्वारा पत्र व्यवहार कर मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो तत्सम्बंध में किये गये पत्राचारों की छायाप्रति देवें। (ख) क्या ग्राम पंचायत बचैया एवं उसके आस-पास के ग्रामों की हजारों एकड़ कृषि भूमि बहोरीबंद जलाशय की भंडारण क्षमता कम हो जाने के कारण सिंचाई से वंचित है, यहाँ पर पूर्व से निर्मित नहरों में यदि नर्मदा घाटी परियोजना के मझौली शाखा नहर या अभाना नादघाट नहर से उदयपुरा में निर्मित बहोरीबंद जलाशय की नहर में पानी छोड़ने से बचैया एवं उसके आस-पास के ग्रामों में पूर्व से निर्मित बहोरीबंद जलाशय की नहरों से सिंचाई जल पहुंचाया जा सकता है? जबकि नादघाट से उदयपुरा तक निर्मित की जाने वाली दूरी 2.5 कि.मी होगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सम्बंध में क्या विभाग द्वारा कृषकों द्वारा की जा रही मांग पर प्रारंभिक तकनीकी सर्वे करा कर योजना की साध्यता का पता लगावेगा, यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जलाशय की भण्डारण क्षमता में कोई कमी नहीं आई है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लेवल मझौली शाखा नहर के पूर्ण प्रवाह जल स्तर से लगभग 10 मी. ऊँचे हैं। अत: सिंचाई हेतु प्रवाह द्वारा पानी पहुँचाया जाना संभव नहीं है एवं साध्यता हेतु तकनीकी सर्वे कराने की आवश्यकता नहीं है।
स्टाम्प ड्यूटी एवं खनिज मद अंतर्गत प्राप्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 3079 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय से स्टाम्प ड्यूटी और खनिज मद में वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कितनी राशि प्राप्त हुई है, उसके विरुद्ध बदनावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितने कार्य स्वीकृत हुए एवं कितने पूर्ण हैं? (ख) क्या उक्त कार्यों की स्वीकृति अनाधिकृत रूप से राज्य स्तर पर की गयी तथा इनकी प्रथम किस्त भी राज्य स्तर पर जारी की गयी, जबकि यह राशि पंचायतराज संचालनालय के खाते में जाना थी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पंचायत राज संचालनालय को आवंटित राशि में से विधान सभा क्षेत्र बदनावर के कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? क्या इन कार्यों की राशि ग्राम पंचायतों के खातों में जमा हो गई है? यदि हाँ, तो किस-किस पंचायतों में, ऐसे कार्यों की संख्या व स्वीकृत राशि कितनी है? (घ) क्या उपरोक्तानुसार स्वीकृत कार्यों में से कुछ कार्य अस्वीकृत किये हैं, यदि हाँ, तो इनकी संख्या व राशि बतायें? कार्यों को अस्वीकृत करने में कोई अनियमितता पाई गई है? यदि हाँ, तो इनके लिए कौन दोषी हैं और उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय को स्टाम्प शुल्क और गौण खनिज मद में निम्नानुसार राशि प्राप्त हुई :-
(राशि लाख में)
वित्तीय वर्ष |
स्टाम्प शुल्क |
गौण खनिज |
2016-17 |
69349.11 |
34042.65 |
2017-18 |
46613.25 |
34043.65 |
2018-19 |
72972.57 |
50393.97 |
प्राप्त राशि से बदनावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 26 कार्य स्वीकृत हुये है एवं 05 कार्य पूर्ण है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पंचायत राज संचालनालय के आदेश क्रमांक/पं.राज./निर्माण-06/2019/9217 भोपाल दिनांक 09.07.2019 द्वारा जिन निर्माण कार्यों में प्रथम किश्त की राशि जारी नहीं की गई है एवं क्रमांक/पं.राज./निर्माण-06/2019/9278 भोपाल दिनांक 11.07.2019 द्वारा जिन कार्यों में प्रथम किश्त की राशि जारी हो चुकी है किन्तु कार्य स्थल पर निर्माण कार्य अप्रारंभ हैं, ऐसे कार्यों की स्वीकृतियां निरस्त की गई हैं, संख्या व राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, अस्वीकृत करने में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रैफिक सुगम बनाने हेतु कार्ययोजना
[गृह]
60. ( क्र. 3080 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 के अन्तर्गत पालदा, नवलखा, अग्रसेन, छावनी, मधुमिलन, जे.एम.बी. तिराहा, राजबाडा, छत्रीपुरा, चिमनबाग, नन्दलालपुरा, सियागंज के चौराहों तथा बाजार के प्रमुख स्थलों पर ट्रैफिक का अधिक दबाव होने के कारण आमजन परेशान रहता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 के प्रमुख स्थलों पर ट्रैफिक सुगम बनाने हेतु फ्लाई ओवर पुल या अन्य कोई उपायों पर विचार किया जा कर कार्ययोजना प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्तावित कार्यों का क्रियान्वयन किस मद से और किसके द्वारा किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिवनी के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 3102 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला सिवनी के द्वारा पत्र दिनांक 06/11/2018, आयुक्त, जबलपुर संभाग जबलपुर को प्रेषित कर श्रीमती सुमन खातरकर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिवनी के विरूद्ध म.प्र. विधानसभा निर्वाचन 2018 की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किये जाने पर श्रीमती खातरकर को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो लगभग 06 माह से अधिक समय के उपरांत भी कार्यवाही में बिलंब क्यों हुआ है व कलेक्टर की सिफारिश के आधार पर सी.ई.ओ. के पद से अलग क्यों नहीं किया गया तथा उनका स्थानांतरण या प्रस्तावित निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र एवं पत्र के साथ संलग्न समस्त अभिलेखों/पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें कि श्रीमती सुमन खातरकर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिवनी के विरूद्ध कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर सिवनी से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर श्रीमती सुमन खातरकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत,सिवनी को आयुक्त जबलपुर संभाग जबलपुर के ज्ञाप क्र.3150 दिनांक 16.11.2018 द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 16 अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। श्रीमती खातरकर द्वारा दिनांक 24.11.2018 को सूचना पत्र का उत्तर प्रस्तुत किया गया। दिनांक 19.12.2018 को समक्ष सुनवाई तथा प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर आयुक्त जबलपुर के आदेश क्र.173 दिनांक 16.01.2019 दोषमुक्त किये जाने का आदेश पारित किया गया। (ग) अपेक्षित प्रति संलग्न है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। पृष्ठ 1 से 13
आरोपित परियोजना अधिकारी को महत्वपूर्ण शाखाओं का प्रभार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 3104 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के द्वारा कार्यालयीन पत्र क्र. 2873, दिनांक 26 नवम्बर 2018 को जिला नोडल अधिकारी, शिकायत सेल (वि.स.निर्वा.) जिला सिवनी लिखा गया है जिसमें श्री ओमेगा पाल, परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के विरूद्ध गंभीर शिकायतें प्राप्त होने पर उन्हें अन्य विभाग में संलग्न किया जाना प्रस्तावित था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराते हुये अवगत करावें की संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या वर्तमान में पदस्थ सी.ई.ओ. जिला पंचायत सिवनी श्रीमती मंजूषा विक्रत राय द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी? उन्हीं के द्वारा कार्यालयीन आदेश क्र. 311 दिनांक 03 मई 2019 को आरोपित कर्मचारी श्री ओमेगा पाल परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी को पंचायत प्रकोष्ठ, सी.एम.हेल्पलाईन, जनसुनवाई, मनरेगा उपयोजना से संबंधित समस्त कार्य, अधीक्षक शाखा एवं भण्डार शाखा जैसी महत्वपूर्ण शाखाओं का प्रभार दे दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में आरोपित सभी आरोप निराधार और बेबुनियाद थे? (ग) यदि प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र के माध्यम से श्री पाल पर लगाये गये आरोप निराधार व बेबुनियाद नहीं थे, तो ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी को प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित महत्वपूर्ण शाखाओं का प्रभारी क्यों बनाया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। संबंधित के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। (ग) जी नहीं। प्रशासनिक दृष्टिकोण से अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की भांति संबंधित को शाखाओं का प्रभार दिया गया।
वृक्षारोपण पर व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 3120 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगें कि (क) धार जिले में पिछले 3 वर्षों में मनरेगा के अन्तर्गत कितने वृक्षारोपण के कार्य हेतु कितनी राशि से कितनी परियोजनायें स्वीकृत की गई? जनपदवार जानकारी देवें। (ख) वृक्षारोपण हेतु पौधों का क्रय किस प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया? क्या केंद्रीकृत खरीदी के माध्यम से भंडार क्रय का उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) पौधों के सत्यापन की क्या व्यवस्था किस प्रक्रिया के अंतर्गत की गयी तथा उनकी उत्तरजीविका का जनपदवार क्या प्रतिशत रहा? भौतिक सत्यापन किसके द्वारा किया गया। जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) धार जिले में पिछले 3 वर्षों में मनरेगा के अंतर्गत 4301 वृक्षारोपण परियोजना के कार्य हेतु राशि रूपये 14230.24 लाख स्वीकृत की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वृक्षारोपण हेतु पौधों के क्रय के संबंध में वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु विकास आयुक्त कार्यालय, भोपाल के पत्र क्र.3805 दिनांक 08.06.2017 द्वारा जारी निर्देशानुसार क्रय की कार्यवाही की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु अपर मुख्य सचिव, म.प्र.शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल द्वारा जारी पत्र क्र.3938 दिनांक 29 मई 2018 जारी निर्देशानुसार शासन द्वारा उद्यानिकी विभाग के माध्यम से जिलों को पौधे प्रदाय किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) पौधों का भौतिक सत्यापन संबंधित विभाग के अमले द्वारा किया गया। उत्तर जीवितता का प्रतिशत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
डोडाचूरा खरीदी की नीति
[गृह]
64. ( क्र. 3125 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा डोडाचूरा खरीदी हेतु विगत दो वर्षों में कौन सी नीति अपनाई जा रही है? (ख) मंदसौर जिले में वर्ष 2018 -19 में कितने काश्तकारों को अफीम उत्पादन एवं कितनी आरी हेतु लाईसेंस वितरण किया गया है? (ग) एक आरी में औसतन कितना डोडाचूरा उत्पादन होता है? (घ) शासन द्वारा वर्ष 2017 -18 व 2018-19 शासन के नियमानुसार कितना डोडाचूरा जलाया/खरीदा गया? वर्षवार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
युवा उद्यमियों को ट्रेनिंग, सेमिनार एवं विविध व्यापार उद्योग एजेंसियों से समन्वय
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
65. ( क्र. 3132 ) श्री महेश परमार : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय तथा व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा युवा उद्यमियों को जानकारी प्रशिक्षण, सेमिनार उपलब्ध कराने हेतु कोई नीति, व्यवस्था, आयोजन तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो कार्ययोजना से अवगत कराएं। यदि नहीं तो किस नीति के अंतर्गत युवा उद्यमियों को जोड़ने के लिए कब तक प्रयास किया जाएगा? (ख) क्या मध्यप्रदेश का पहला निर्यात सुविधा केन्द्र इंदौर में खोला गया है? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग के लिए सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिए कौन से प्रोजेक्ट अथवा परियोजना दिए जाने की व्यवस्था या प्रस्तावों की मंजूरी राज्य शासन द्वारा दी जा रही है? (ग) क्या युवा उद्यमियों को सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योग द्वारा निर्यात किये जाने की जानकारी, दस्तावेज तैयार किये जाने की जानकारी क्षमता बढ़ाने के लिए एजेंसियों से संबंध बनाने की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए उज्जैन ज़िले में कितनी संस्थाएं एवं परियोजनाएं संचालित हो रही हैं? कुल कितने युवा उद्यमी का प्लेसमेंट एवं रोजगार प्राप्ति वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक हुई है? (घ) क्या सूक्ष्म उद्योग, मध्यम उद्योग की श्रेणी में कौन-कौन से उद्योग एवं उद्यम को रखा गया है? पृथक-पृथक जानकारी प्रोजेक्ट एवं परियोजना एवं वित्त विभाग से प्राप्त वित्तीय स्वीकृति की प्रमाणित जानकारी दस्तावेज के साथ उपलब्ध करायें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा प्रदेश की एम.एस.एम.ई. इकाईयों को निर्यात के लिये सहायता प्रदान करने हेतु निर्यात सुविधा केन्द्र की स्थापना इंदौर में की गई है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिये परियोजना का चयन स्वयं उद्यमी द्वारा किया जाता है तथा इसके लिये राज्य शासन की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। (ग) निर्यात संवर्धन के लिये उज्जैन जिले में कोई विभागीय संस्था संचालित नहीं है। तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग अनुसार युवा उद्यमियों का प्लेसमेंट एवं रोजगार प्राप्ति वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी निरंक है। (घ) ऐसी औद्योगिक इकाईयां जिसका प्लांट एवं मशीनरी में पूंजी निवेश रूपये 25.00 लाख तक है वे सूक्ष्म तथा जिनका निवेश रूपये 500.00 लाख एवं रूपये 1000.00 लाख के बीच होता है वे मध्यम उद्योग की श्रेणी में आती है। उद्यमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली औद्योगिक इकाईयों के लिये वित्त विभाग से वित्तीय स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती है। औद्योगिक इकाई स्वयं के वित्तीय स्त्रोतों से अथवा बैंक/वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करके स्थापित होती है। विभाग द्वारा प्रदेश में स्थापित होने वाली पात्र नवीन/विस्तारित इकाईयों को एम.एस.एम.ई. विकास नीति के अंतर्गत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
भावान्तर भुगतान योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
66. ( क्र. 3133 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्ववर्ती सरकार ने भावान्तर भुगतान योजना में कृषकों को अंतर की राशि पर ब्याज देने का कोई प्रावधान नहीं किया है? यदि हाँ, तो पूर्व सरकार की इस कमी को पूरा करने के लिए वर्तमान सरकार द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे है? (ख) क्या NIC भोपाल द्वारा गणना पत्र की सूची प्रदर्शित होने के बाद भुगतान की कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो सूची प्रदर्शित होने में विलंब होने पर यदि भुगतान किसानों को नहीं हो पाता है तो इस समस्या के निराकरण के लिए क्या पूर्ववर्ती सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की? यदि हाँ, तो पूर्व सरकार की इस कमी को सुधारने के लिए वर्तमान सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देवें। (ग) क्या पूर्व सरकार द्वारा कृषकों के गलत पंजीयन नंबर अंकित होने के कारण फसल विक्रय किये जाने वाले कृषकों के भुगतान लंबित होने की समस्या के निराकरण होने के लिए अथवा पोर्टल बंद होने पर तकनीकी त्रुटि होने पर प्रविष्टि नहीं होने की दशा में यदि किसान भुगतान से वंचित रह जाता है तो इस समस्या के निराकरण के लिए कोई प्रावधान किया गया था? यदि नहीं किया गया था तो तो पूर्व सरकार की इस कमी को सुधारने के लिए वर्तमान सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) वर्ष 2017 से 2019 तक विभिन्न फसलों के लिए समय-समय पर लागू भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों को उसकी उपज के विक्रय मूल्य के अलावा राज्य शासन द्वारा पात्रता अनुसार भावांतर राशि का अतिरिक्त लाभ दिया गया है, इसलिए भावांतर राशि पर ब्याज देने का प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन योजना में पंजीकृत किसानों को शासकीय उपार्जन केन्द्रों, प्रदेश के विभिन्न मंडी प्रांगणों में (जैसा योजना में प्रावधानित हो) तथा एक से अधिक बार स्व-उत्पादित चयनित उपज को विक्रय करने की सुविधा प्रदान की गई है। इसलिए एन.आई.सी. के पोर्टल पर पंजीकृत किसान के कुल विक्रय मात्रा में से पात्रता अनुसार देय भावांतर राशि की सांकेतिक गणना सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई जाती है। जिसका जिला स्तर पर परीक्षण उपरांत हितग्राहियों के खाते में सीधे भावांतर राशि जमा की जाती है, परन्तु कुछ एक प्रकरणों में पंजीकृत किसानों का सही नाम दर्ज न होने, बैंक खाता क्रमांक या आई.एफ.एस.सी. कोड में त्रुटि, बैंक की शाखा और आई.एफ.एस.सी. कोड का मिलान न होना आदि विसंगतियों के सुधार करने के फलस्वरूप कभी कभी भावांतर राशि के भुगतान में समय लगता है। पूर्व योजनाओं के अनुभव के आधार पर पंजीयन से लेकर भुगतान तक की प्रकिया में आवश्यकता अनुसार सुधार किया जा रहा है। (ग) प्रश्नाधीन योजनाओं के अन्तर्गत किसानों के पंजीयन नंबर पोर्टल पर त्रुटिपूर्ण/अपूर्ण दर्ज होने अथवा उत्तरांश ‘ख’ की विसंगतियों के कारण भुगतान में यदि समस्या उत्पन्न होती है तो उसका तत्परता से निराकरण किया जाता है। पोर्टल के बंद होने के पश्चात किसी हितग्राही को तकनीकी त्रुटि के कारण भावांतर राशि के भुगतान में समस्या आने पर साधारणत: जिला कलेक्टर के प्रस्ताव/अनुशंसा पर पोर्टल को खोलकर सुधार करने की व्यवस्था लागू है। अत: सामान्यत: योजना में पंजीकृत किसान के पात्रता अनुसार भावांतर राशि से वंचित होने की स्थिति नहीं रहती है।
इन्दौर सेन्ट्रल जेल को सांवेर रोड पर स्थानांतरित करने हेतु
[जेल]
67. ( क्र. 3148 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर सेन्ट्रल जेल को सांवेर रोड पर स्थानांतरित करने हेतु सांवेर रोड पर नवीन जेल का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माणाधीन जेल में कैदियों की क्षमता, निर्माण लागत एवं कितने वर्षों से निर्माण कार्य चल रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणाधीन सांवेर रोड जेल का निर्माण कार्य कई वर्षों से अधूरा है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जेल का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? व विभाग द्वारा शीघ्र निर्माण कार्य करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं, सांवेर रोड पर नवीन जेल निर्माण की मंत्रि-परिषद की सैद्धांतिक सहमति उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है, जिसके अनुसार 3000 कैदियों की क्षमता वाली नई जेल, राशि रूपये 207.21 करोड़ की लागत से बनाई जाना है। (ख) जी हाँ। इस जेल का निर्माण पुनर्घनत्वीकरण एवं तत्पश्चात् पी.पी.पी. मोड के तहत होना था, जो संभव नहीं हो सका। जेल निर्माण हेतु भारत सरकार से भी राशि उपलब्ध नहीं हो सकी। जेल का निर्माण राज्य के स्त्रोतों से कराया जाना प्रस्तावित है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में फिलहाल समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
टूरिस्ट स्पॉट जियो पार्क विकास की कार्य योजना
[पर्यटन]
68. ( क्र. 3169 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में पर्यटन की दृष्टि से मदन महल की पहाड़ियों पर बसे व्यक्तियों/धार्मिक स्थलों को हटाने की कार्यवाही मान. उच्च न्यायालय के आदेशानुसार जारी है? क्या मदन-महल पहाड़ी से संग्राम सागर तक बनने वाले जियो पार्क के लिये कौन-कौन से पर्यटन स्पाट/स्थल स्मारक चिन्हित होने है? प्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन/नगर निगम प्रशासन ने पर्यटन को बढ़ावा देने, सैलानियों को आकर्षित करने हेतु पहाड़ियों के कौन-कौन से पर्यटन स्थलों को विकसित करने की क्या कार्य योजना बनाई है? (ख) प्रश्नांश (क) में जबलपुर शहर की पहाड़ियों, मदनमहल पहाड़ी सहित अन्य पहाड़ियों को टूरिस्ट स्पाट के रूप में विकसित करने हेतु प्रदेश स्तर पर इसे टूरिज्म हब बनाने की क्या योजना है? (ग) मदन महल की पहाड़ियों में पर्यटन की दृष्टि से पर्यटकों के मनोरंजन, भ्रमण आदि की क्या व्यवस्था, संसाधन व सुविधाएं होगी, इस दिशा में कौन-कौन से प्रयास, शासन व राज्य पर्यटन निगम, जिला प्रशासन, नगर निगम प्रशासन ने किये है? विकास की क्या योजना बनाई गई है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा मदन महल पहाड़ी से संग्राम सागर तक ईको टूरिज्म के विकास हेतु योजना तैयार की गई है। जिसमें संग्राम सागर, देवताल, शैलपर्ण उद्यान, बैलेंसिंग रॉक, मदन महल किला आदि को विकसित करने की योजना बनाई गई है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की प्रस्तावित योजना में रोप-वे का निर्माण, बैलेन्सिंग रॉक पर लाईटिंग, संग्राम सागर के मध्य स्थित आम खास इमारत का संरक्षण तथा रेस्टोरेंट का निर्माण आदि शामिल है।
सहायक विकास विस्तार अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 3187 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री रामरतन शुक्ला, सहायक विकास विस्तार अधिकारी, जबलपुर जिले की मझौली विकासखण्ड में कब से पदस्थ हैं? ग्राम पंचायत डूडी की सरपंच श्रीमती अनिता पटेल के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत पर सहायक विकास विस्तार अधिकारी (ADO) श्री रामरतन शुक्ला के विरूद्ध सिहोरा थाना में IPC की धारा 354 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है? (ख) क्या श्री शुक्ला के खिलाफ सन् 2011 में बरगी ग्राम पंचायत के स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी विश्वकर्मा के साथ मारपीट का मामला भी जिला पंचायत में जाँच के लिये आया था? (ग) क्या डूडी ग्राम पंचायत के आदिवासी ग्राम मझौली में सन् 2005 में श्री शुक्ला ने आदिवासी महिला श्रीमती बेबी बाई से इंदिरा आवास स्वीकृत कराने के लिये 11000/- रू. की रिश्वत ले ली थी, जो बाद में श्री शुक्ला ने पूरे गांव के समक्ष वापस की थी? (घ) क्या विभाग ADO श्री शुक्ला को अन्य विकासखण्ड में स्थानांतरण कर प्रकरण की पूरी जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) दिनांक 12.08.14 से पदस्थ हैं। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांतर्गत जानकारी जिला पंचायत कार्यालय, जबलपुर के संज्ञान में नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
14वें वित्त आयोग के तहत जारी राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 3191 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कमजोर वित्तीय हालात के कारण म.प्र. शासन ने अप्रैल 2019 से जून 2019 तक प्रदेश की ग्राम पंचायतों को 14वें, वित्त आयोग के तहत जारी होने वाली राशि आज दिनांक तक जारी नहीं की है. जिससे ग्राम विकास प्रभावित हो रहा है? (ख) क्या कमजोर वित्तीय हालात के कारण प्रदेश शासन ने प्रधानमंत्री आवास के प्रदेश अंश 40% घटा कर इतना कम कर दिया है, कि ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास का लक्ष्य घट कर 20% से भी कम रह गया हैं? (ग) कृपया वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में विभाग ने प्रधानमंत्री आवास में कितनी-कितनी राशि राज्य अंश के लिये जारी की है? क्या प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये गंभीर नहीं है? (घ) जबलपुर जिले के पाटन और मझौली विकासखण्ड की ग्राम पंचायतवार जानकारी दें कि वर्ष 2019-20 के लिये विभाग ने 14वें वित्त के लिये कितनी-कितनी राशि जारी की है और प्रधानमंत्री आवास के लिये कितनी-कितनी राशि जारी की है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। राज्य स्तर से दिनांक 21.06.2019 को प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों को 1830.70 करोड़ रूपये 14वां वित्त आयोग मद में जारी किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रधान मंत्री आवास योजना अंतर्गत राशि जारी नहीं की जाती राज्य स्तर के नोडल खाते से सीधे स्वीकृति पश्चात हितग्राही के खाते में जनपद स्तर से एफ.टी.ओ. के माध्यम से राशि जारी की जाती है।
दो वर्ष पश्चात भी अपराधियों की गिरफ्तारी न होना
[गृह]
71. ( क्र. 3204 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना नागदा जिला उज्जैन के अपराध क्रमांक 62/17 धारा 436, 294,506,323, 427 भा.द.वि. दिनांक 28.01.2017 को प्रकरण दर्ज किया है? यदि हाँ, तो आरोपियों के नाम सहित विवरण दें? (ख) दिनांक 28.01.2017 से दिनांक 24.06.2019 तक पुलिस द्वारा अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए दिनांक, माह व वर्षवार विवरण दें? (ग) क्या मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक 578/CMS/PRS/2019 दिनांक 29.03.2019 द्वारा पुलिस महानिदेशक को आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु कार्यवाही के निर्देश प्रदान किये थे? यदि हाँ, तो क्या आरोपियों कि गिरफ्तारी कर ली है? गिरफ्तारी का दिनांक सहित सम्पूर्ण विवरण दें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) फरार अपराधियों पर क्या ईनाम घोषित कर सम्पत्ति जब्त करने की कार्यवाही की है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी, हां। आरोपियों का नाम सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें वैधानिक कार्यवाही हेतु निर्देश दिए गए थे। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ में समाहित है। (घ) जी हाँ। फरार आरोपियों पर ईनाम घोषित किया गया है एवं संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
बांयी तट नहर बरगी हिल्स जबलपुर के अन्तर्गत आने वाली नहरों का रख-रखाव
[नर्मदा घाटी विकास]
72. ( क्र. 3217 ) श्री संजय यादव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बांयी तट नहर संभाग क्र. 2 बरगी हिल्स जबलपुर के अन्तर्गत आने वाली नहरों के रख-रखाव, सिल्ट निकासी, लाइनिंग आदि के सभी मदों से विगत तीन वर्षों में नहरवार कराये गये कार्यों की राशि ठेकेदार के नाम सहित जानकारी दें। शासन द्वारा इतनी राशि व्यय करने के बाबजूद बांयी एवं बरगी क्षेत्र के दांयी तट नगर विगत तीन वर्षों में कितनी बार कहाँ-कहाँ फूटी एवं किसानों की कितनी फसलों का नुकसान हुआ। (ख) उक्त बांयी तट नहरों के रख-रखाव में की गयी अनियमितताओं के लिये दोषी अधिकारियों पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। एक बार आर.डी. 51.645 कि.मी. में। कोई नुकसान नहीं हुआ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कोई अनियमिततायें नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी का वेतन भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 3238 ) श्री के.पी. सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक-एफ.5-1/2012/1/3,दिनांक 07.10.2016 के अनुसार निगम में नियमितीकरण से वंचित दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के लिए स्थायी कर्मियों को विनियमित करने हेतु कर्मचारियों को सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो श्रेणीवार कर्मचारियों के नामवार सूची दें? (ख) क्या उपरोक्त परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के अनुसार निगम के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी में विनियमित कर सितम्बर, 2016 से वेतन निर्धारित कर बढ़ा हुआ वेतन भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कर्मचारीवार जानकारी दें? (ग) मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को, स्थायी कर्मियों को वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया है? नामवार सूची दें। उक्त कर्मचारियों को स्वीकृत वेतनमान अनुसार बढ़े हुए वेतनभत्ते किसके आदेश से रोके गए है? अधिकारी का नाम व पदनाम सहित बतावें? (घ) क्या शासन निगम के स्थायी कर्मियों के बढ़े हुए वेतन-भत्ते रोकने वाले अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? स्थायी कर्मियों के बढ़े हुए वेतन भत्ते कब तक भुगतान कर दिये जावेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण विचाराधीन है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छोटे उद्योगपति व व्यापारियों को पेंशन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
74. ( क्र. 3244 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने अपने वचन पत्र में छोटे उद्योगपति व व्यापारियों को पेंशन देने का वचन दिया था? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी 2019 से जून 2019 तक प्रदेश में कितने छोटे उद्योगपति एवं छोटे व्यापारियों को पेंशन दी गई? (ग) यदि नहीं तो कब तक छोटे उद्योगपति व व्यापारियों को पेंशन मिलेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) वचन पत्र के बिन्दु 10.22 में सिर्फ छोटे व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए अंशदायी पेंशन योजना प्रारंभ किए जाने का उल्लेख है। (ख) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा विनिर्माण श्रेणी की एम.एस.एम.ई. को एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2017 अंतर्गत विभागीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कक्ष निर्माण तथा उसमें पेयजल एवं प्रसाधन की व्यवस्था
[गृह]
75. ( क्र. 3247 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने अपने वचन पत्र में थानों में महिलाओं के लिये विशेष कक्ष बनाने तथा उसमें पेयजल एवं प्रसाधन की व्यवस्था करने का वचन दिया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के कितने थानों में महिलाओं के लिये ऐसे विशेष कक्ष बनवाए गए हैं? उन थानों की सूची प्रदान करें। (ग) यदि नहीं तो कब तक थानों में महिलाओं के लिये विशेष कक्ष बनेंगे, जिसमें पेयजल एवं प्रसाधन की व्यवस्था होगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रदेश के 319 थानों में महिला पुलिस कर्मियों के लिये विश्राम कक्ष/प्रसाधन कक्षों का निर्माण कराया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रदेश के शेष 676 थानों में जहां पर महिलाओं के लिये विशेष कक्ष नहीं है, उन थानों में महिला पुलिस कर्मियों एवं महिला फरियादियों के लिए पृथक कक्ष एवं पेयजल तथा प्रसाधन कक्ष के निर्माण के लिये कुल राशि रूपये 4089.80 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसके अनुक्रम में प्रदेश के 22 थानों में महिलाओं के लिये विशेष कक्ष बनाये जा चुके है, जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रदेश के शेष 509 थानों का कार्य निर्माणाधीन है तथा 145 थानों में महिलाओं के लिये विशेष कक्ष के निर्माण हेतु प्रारम्भिक कार्यवाही की प्रक्रिया प्रचलन में है।
प्राचीन बाणेश्वर कुण्ड का सौन्दर्यीकरण
[पर्यटन]
76. ( क्र. 3255 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर शहर के विधान सभा क्षेत्र क्र. 01 अंतर्गत प्राचीन बाणेश्वर कुण्ड के सौन्दर्यीकरण हेतु पर्यटन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो बाणेश्वर कुण्ड में विभाग द्वारा किन-किन कार्यों को कराया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कौन-कौन से विकास कार्य कब से प्रारंभ कराये जायेंगे? कितने समय में कार्यों को पूर्ण किया जायेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कोई योजना स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला जेल का अन्यत्र स्थानांतरण
[जेल]
77. ( क्र. 3261 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2010 के पश्चात कितनी उप जेल को जिला जेल में परिवर्तित किया गया? क्या परिवर्तित सभी जिला जेल को नवीन जेल हेतु भूमि उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी जेल को अन्यत्र स्थानान्तरित कर नवीन जिला जेल बना दी गई है? प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ख) मंदसौर, रतलाम जिला जेल में कितने कैदी रखने की क्षमता है? वर्तमान में इनमें कितने कैदी रह रहे हैं? क्या दोनों जिला जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं, जबकि इनको उप जेल से जिला जेल में परिवर्तित करते समय दोनों स्थानों पर नई भूमि भी आवंटित कर ली थी? यदि हाँ, तो कहाँ स्थल बतायें तथा दोनों स्थानों पर नवीन जेल निर्माण हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है? इस हेतु विभाग द्वारा कितनी राशि आवंटित की जा चुकी है? (ग) क्या उपरोक्त दोनों ही जिला जेल की वर्त्तमान जेल का स्थल कमर्शियल क्षेत्र होकर भीड़ भरा (कंजस्टेड) है, इसका विस्तार इसी क्षेत्र में संभव नहीं है? यदि हाँ, तो दोनों जिला जेलों को अन्यत्र स्थापित करने में देरी क्यों की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) 4 उप जेलों को। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जेलों की क्षमता, कैदी संख्या का विवरण निम्नानुसार है :-
अ.क्र. |
जेल का नाम |
क्षमता |
परिरूद्ध कैदी संख्या (दि. 31/05/2019 की स्थिति में) |
01 |
जिला जेल मंदसौर |
330 |
573 |
02 |
जिला जेल रतलाम |
380 |
498 |
जी हाँ, दोनों जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। वर्ष 2010 के पश्चात मंदसौर उप जेल को क्रमोन्नत किया गया, जबकि रतलाम में जिला जेल पूर्व से ही कार्यरत थी। मंदसौर में नई जेल हेतु भूमि उपलब्ध नहीं हुई, रतलाम में भूमि उपलब्ध हो चुकी है। रतलाम में ग्राम बिबडोद में भूमि आवंटित हुई है। मंदसौर में कोई भूमि आवंटित नहीं हुई है। रतलाम में आवंटित भूमि के सर्वे की कार्यवाही प्रचलन में है, निर्माण हेतु राशि आवंटित नहीं है। (ग) जी हाँ, दोनों जेलों के विस्तार हेतु भूमि उपलब्ध नहीं है। कार्यवाही प्रचलन में है, देरी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा अंतर्गत संचालित कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 3278 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में विधान सभा क्षेत्र, सिवनी मालवा अंतर्गत मनरेगा के तहत तालाब, शांतिधाम, पंचायत भवन निर्माण, आंगनवाड़ी भवन, शासकीय स्कूल में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के कितने कार्य चल रहे हैं? उक्त कार्यों हेतु कुल कितनी राशि स्वीकृत हुई? (ख) अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रश्नांश (क) कार्य कितनी-कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत हुये? कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण हैं? कितना भुगतान किया जा चुका है? कितना भुगतान शेष है? भुगतान नहीं होने का कारण सहित बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के पूर्ण कार्यों में सी.सी. जारी कर दी गई? यदि नहीं तो क्यों? कार्यों का मूल्यांकन किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 398 कार्य, कुल स्वीकृत राशि रू. 859.75 लाख। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राशि रू. 361.1 लाख का भुगतान किया जा चुका है, प्रगतिरत कार्यों पर निर्माण कार्य की प्रगति के आधार पर एफ.टी.ओ. के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में कोई भुगतान लंबित नहीं है। (ग) जी हाँ। कार्यों का मूल्यांकन जनपद पंचायत केसला, होशंगाबाद व सिवनी मालवा के संबंधित उपयंत्रियों द्वारा किया गया है।
पुलिस थाना/चौकी की स्थापना
[गृह]
79. ( क्र. 3279 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम-हिरणखेड़ा में बढ़ रही आपराधिक गतिविधि एवं गुण्डागर्दी से परेशान ग्रामवासियों एवं आस-पास के ग्रामीणों द्वारा ग्राम-हिरणखेड़ा में पुलिस थाना/चौकी खोलने हेतु पुलिस अधीक्षक, होशंगाबाद से अनुरोध किया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो ग्रामवासियों की मांग को ध्यान में रखते हुये कब तक पुलिस थाना/चौकी खोली जावेगी तथा कितना स्टाफ/बल की तैनाती होगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। ग्राम हिरणखेड़ा में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने के प्रस्ताव पर आगामी चरण की बलवृद्धि के समय नियमानुसार विचार किया जावेगा।
धारा 92 के अंतर्गत लंबित प्रकरणों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 3289 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी की कोलारस विधान सभा क्षेत्र के समस्त विकासखण्डों की ग्राम पंचायतों के वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन व कितनी-कितनी राशि के प्रकरण धारा 92 के अन्तर्गत कार्यवाही हेतु लंबित है? जानकारी पंचायतवार, विकासखण्डवार, वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार धारा 92 की कार्यवाही के प्रकरणों में राज्य शासन के नियमानुसार प्रकरण के निराकरण हेतु कितनी समयावधि निर्धारित की गई है? इस हेतु जारी राज्य शासन के नियम, निर्देशों की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। क्या जिला शिवपुरी की कोलारस विधान सभा क्षेत्र के समस्त विकासखण्डों में वर्ष 2017 से अब तक धारा 92 के अन्तर्गत पंजीकृत हुए सभी प्रकरण में निर्धारित समयावधि में निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों में समयावधि में कार्यवाही की गई तथा कितने प्रकरणों में समयावधि में कार्यवाही पूर्ण नहीं की गई? ऐसे प्रकरणों से प्रभावित हितग्राहियों में कितनों के कौन से कार्य आज भी अपूर्ण हैं व कब तक पूर्ण होंगे? जानकारी पंचायतवार, विकासखण्डवार, वर्षवार उपलब्ध करावें। वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक के लंबित प्रकरणों पर क्या कार्यवाही प्रचलन में है तथा कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिन प्रकरणों में कार्यवाही पूर्ण हुई है, उनमें जारी हुए किन-किन आदेशों पर अमल किया जा चुका है तथा किनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई है? किन-किन आदेशों का किन कारणों से अमल होना अब तक शेष है? जानकारी पंचायतवार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। कार्यवाही में विलम्ब हेतु कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर जारी आदेशों पर अमल हो सकेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
विदेशी नशे के कारोबारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
81. ( क्र. 3290 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक स्मैक सहित अन्य विदेशी कारोबारियों तथा इससे संबंधित अन्य के विरूद्ध कुल कितने पुलिस प्रकरण कब-कब पंजीबद्ध किए गए? पंजीबद्ध किए गए उक्त प्रकरणों में पुलिस प्रशासन द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी पुलिस थानावार समस्त विवरण सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या शिवपुरी जिले में स्मैक सहित अन्य विदेशी नशे का कारोबार दिनों दिन निरंतर बढ़ता जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर पर इसकी रोकथाम हेतु विशेष दल गठित कर कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो कब तक इस हेतु विशेष दल गठित कर कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जिला शिवपुरी अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विदेशी कारोबारियों तथा इससे संबंधित अन्य के विरूद्ध कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं है। जिले में विदेशी कारोबारियों के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों पर वर्ष 2018 से 29.06.2019 तक की अवधि में स्मैक के 30 प्रकरण पंजीबद्ध हुए, जिनमें से 18 प्रकरणों में आरोप पत्र मान. न्यायालय में पेश किए गए एवं 12 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी होकर अनुसंधान जारी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शासन स्तर पर इसकी रोकथाम हेतु नॉरकोटिक्स विंग का गठन किया गया है। नॉरकोटिक्स विंग एवं जिला पुलिस द्वारा सूचना प्राप्त होने पर कार्यवाही की जाती है।
जाँच में दोषी पाये गये सचिवों से वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 3314 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वानी जिले में वर्ष 2012 से दिसम्बर 2018 तक पंच परमेश्वर योजना में बिना कार्य किये राशि निकाली गई? जाँच उपरान्त दोषी पाये गये सचिवों से वसूली कब तक की जाएगी? क्या दोषी सचिवों से कितनी वसूली प्रस्तावित है? सूची प्रदाय करें। (ख) बड़वानी जिले में धारा 40 एवं 92 के तहत कार्यवाही एवं वसूली के प्रकरण कितने लंबित हैं? 1 जून की स्थिति में जानकारी देवें तथा कार्यवाही कब तक की जावेगी। (ग) बड़वानी जिले में वर्ष 2012 से लेकर 2018 दिसम्बर तक कितने सचिवों का निलम्बन किस कारण से किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
गौण खनिज मद से कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 3320 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र रैगाँव में वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक गौण खनिज मद से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? उक्त मद से कौन-कौन से कार्य कराये जा सकते हैं? कुल स्वीकृत किये गये कार्य एवं पूर्ण कार्य की जानकारी वर्षवार देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्रार्न्तगत प्रश्नांश (क) अवधि में स्वीकृत कार्यों हेतु प्रथम किश्त पंचायतों को जारी की गई थी? प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्रार्न्तगत किन-किन ग्राम पंचायतों में क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये हैं एवं क्या प्रथम किश्त की राशि जारी की गई है? (ग) किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं? कार्य पूर्ण हो जाने के बाद सहायक यंत्री एवं एजेन्सी द्वारा कार्य पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र जारी करने पर भी अवशेष किश्त की राशि जारी नहीं की जा रही है। इसका क्या कारण है तथा इसे कब तक जारी किया जावेगा? (घ) लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) विधान सभा क्षेत्र रैगाँव में वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक गौण खनिज मद से कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं, उक्त अवधि में जिला खनिज मद डी.एम.एफ. से वर्ष 2016-17 में स्वीकृत कार्यों की संख्या निरंक है। शेष वर्षों में स्वीकृत कार्य एवं पूर्ण कार्यों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन खनिज संसाधन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-19-5/2015/12/2 भोपाल दिनांक 04.08.2016 की कंडिका 8 अनुसार कार्य उक्त मद से कराये जा सकते हैं। पत्र एवं तत्संबंधी नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) ग्राम पंचायतवार पूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
टी.आई. की पदस्थापना
[गृह]
84. ( क्र. 3341 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले में वर्तमान में जुएं, सट्टे एवं जबरन वसूली का व्यवसाय चल रहा है? क्या इसकी रोकथाम हेतु सख्त कार्यवाही करेंगे। (ख) हरदा जिले में किन-किन थानों पर टी.आई. की पदस्थापना नहीं है? जिन टी.आई. थानों पर टी.आई. की पदस्थापना नहीं है, वहां कब तक स्थापना कर देंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। सूचना मिलने पर तत्काल वैधानिक कार्यवाही की जाती है। दिनांक 01.01.19 से 30.06.19 तक सट्टे के 71 प्रकरणों में 79 आरोपियों से राशि 59,214/- रूपये एवं जुआ के 74 प्रकरणों में 286 आरोपियों से राशि 1,16,566/- रूपये जब्त कर आरोपियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है। इसके अतिरिक्त जुआ एवं सट्टे के आरोपियों के विरूद्ध प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की गई है। 110 जा.फौ. के 10, धारा 151 जा.फौ. के 03, धारा 107/116 जा.फौ. के 22 प्रकरण तथा 01 जिला बदर का प्रकरण सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। भविष्य में भी इसी प्रकार कार्यवाही की जावेगी। (ख) जिला हरदा में निरीक्षक स्तर के थानों में से थाना सिराली तथा थाना हंडिया में टी.आई. की पदस्थापना नहीं है। जिले में निरीक्षक के स्वीकृत 08 पदों के विरूद्ध 05 पद उपलब्ध एवं 03 पद रिक्त हैं। विभाग में पदों का रिक्त होना और भरना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 3374 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत छतरपुर जिले के विकासखण्डों में कितने किसानों ने ऋण माफी हेतु आवेदन किया? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कितने किसानों का प्रश्न दिनांक तक ऋण माफ कर सम्बंधित बैंक को राशि प्रदाय की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में जिन किसानों का उक्त ऋण माफ हो चुका है, क्या उन किसानों से उक्त ऋण की वसूली हेतु सम्बंधित बैंक द्वारा भविष्य में कोई कार्यवाही नहीं की जावेगी? क्या यह सुनिश्चित किया जावेगा तथा शेष किसानों का ऋण कब तक माफ कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला समन्वयक के पद पर नियुक्ति में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
86. ( क्र. 3376 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समग्र स्वच्छता अभियान के जिला समन्वयक मनीष जैन की नियुक्ति के लिए शासन द्वारा क्या गाइड-लाइन जारी की गई थी? (ख) क्या टीकमगढ़ जिले में समग्र स्वच्छता अभियान के जिला समन्वयक द्वारा गाइड-लाइन के अनुरूप सभी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए थे? (प्रमाण-पत्रों की प्रति वांछित) (ग) क्या जिला समन्वयक द्वारा प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी स्वयंसेवी संस्था द्वारा जारी अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त संस्था ऐसा प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु पात्र थी? यदि नहीं तो अपात्र संस्था द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने एवं उसे मान्यता प्रदान करने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जाएगी? (घ) मनीष जैन की नियुक्ति में जिस संस्था का अनुभव प्रमाण-पत्र लगा हुआ था, उस संस्था का रजिस्ट्रेशन किस दिनांक को हुआ था? (रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र वांछनीय)
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) श्री मनीष जैन, जिला समन्वयक की नियुक्ति लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा की गई थी। वर्ष 2007 में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को समग्र स्वच्छता अभियान एवं स्वजल धारा कार्यक्रम हस्तांतरण उपरांत उन्होंने जिला पंचायत टीकमगढ़ में दिनांक 03.09.2007 को उपस्थिति प्रतिवेदन दिया। (ख) इनकी नियुक्ति लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2006 में जारी नियम, निर्देशों के अनुरूप की गई थी। जिला पंचायत टीकमगढ़ में इनके द्वारा शैक्षणिक योग्यता संबंधी एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जय किसान ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
87. ( क्र. 3377 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के कृषकों को सहकारी बैंकों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के दिनांक 31.03.2018 तक बकाया, कृषि ऋण अधिकतम 2 लाख रूपये माफ किये जाने के आदेश किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो बैंकों में बकाया ऋण राशि को क्या जमा किया जा चुका है? यदि हाँ, तो विकासखण्ड विजयराघवगढ़ के किसानों की संख्या बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि नहीं, तो बकाया राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? साथ ही उक्त अवधि के पश्चात ऋण की अदायगी संबंधित बैंकों में प्रश्न दिनांक या इसके पश्चात मूलधन अधिकतम 2 लाख रूपये पर बैंकों द्वारा कृषि लोन पर लगाई गई ब्याज की अदायगी सरकार द्वारा अथवा किसान द्वारा की जायेगी, जिनके ऋण माफी के प्रमाण-पत्र प्रदाय किये जा चुके हैं। (घ) यदि कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई है तो इसके लिए कौन दोषी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) विकासखण्ड विजयराघवगढ़ के 3232 किसानों के खातों में राशि जमा कराई गई है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न नहीं उठता।
किसानों के ऋण संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
88. ( क्र. 3384 ) श्री कमल पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के किस-किस जिले में मुख्यमंत्री जय किसान ऋण माफी योजना के तहत कितने-कितने किसानों के बैंक खातों में कितनी-कितनी राशि डाली गई? जिलेवार जानकारी दें। (ख) मुख्यमंत्री जय किसान ऋण माफी योजना में वित्त विभाग द्वारा 24 जून 2018 तक कुल कितना बजट प्रावधान किया गया? (ग) क्या बैंकों द्वारा ऋण वसूली हेतु किसानों को नोटिस दिए जा रहे है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितनी बैंक द्वारा नोटिस किसानों के दिए गए हैं एवं क्यों? (घ) कब तक किसानों के खाते में ऋण माफी की राशि रूपये 2-2 लाख डाल दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गंजाल मोरण्ड परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
89. ( क्र. 3387 ) श्री कमल पटेल : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले में गंजाल मोरण्ड परियोजना का प्रोजेक्ट बना है? यदि हाँ, तो यह प्रोजेक्ट कब बना था? (ख) हरदा जिले में गंजाल मोरण्ड परियोजना की स्वीकृति कब प्राप्त हुई तथा इस परियोजना की डी.पी.आर. कब तैयार हुई? (ग) गंजाल मोरण्ड परियोजना की कुल लागत क्या है तथा कब तक यह परियोजना प्रारंभ होकर पूर्ण हो जाएगी? (घ) गंजाल मोरण्ड परियोजना से हरदा जिले के कितने किसानों की कुल कितनी भूमि सिंचित होगी?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ प्रस्तावित है। डी.पी.आर. वर्ष 2011 में। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 18/10/2017 को। दिनांक 24/08/2011 को। (ग) रूपये 2813.00 करोड़। निविदा स्वीकृति पश्चात से 6 वर्ष की अवधि में। (घ) लगभग 17000 किसानों की कुल 29910 हेक्टेयर भूमि।
पुलिस हिरासत में हुई मौतों की जानकारी
[गृह]
90. ( क्र. 3395 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-उज्जैन संभाग अंतर्गत दिनांक 01.01.14 से 30.11.18 तक पुलिस हिरासत में कितनी मौतें हुईं? जानकारी जिलावार, थानावार, दिनांक, प्रभारी थाना अधिकारी का नाम सहित सूची देवें। (ख) गिरफ्तारी, पूछताछ के लिए बैठाना एवं पुलिस द्वारा पकड़ कर लाए जाने के दौरान हुई मौतों की जानकारी उपरोक्तानुसार देवें। (ग) उपरोक्त (क) एवं (ख) अनुसार प्रत्येक प्रकरण में मौत की जानकारी जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति सहित देवें। (घ) इन प्रकरणों में दोषी पाए गए अधिकारियों पर कार्यवाही की जानकारी की प्रकरणवार देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) कुल 10 प्रकरणों में से 02 में पुलिसकर्मी दोषी पाये गये, 06 प्रकरणों की जाँच जारी एवं 02 में कोई पुलिसकर्मी दोषी नहीं पाये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
जेल में हुई मौतों की जानकारी
[जेल]
91. ( क्र. 3396 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-उज्जैन संभाग अंतर्गत दिनांक 01.01.14 से 30.11.18 तक जेल हिरासत में कितनी मौतें हुई? जानकारी जिलावार, जेलवार, दिनांकवार, जेल प्रभारी अधिकारी का नाम सहित सूची देवें। (ख) गिरफ्तारी, पूछताछ के लिए बैठाना एवं जेल विभाग द्वारा जेल ले जाने के दौरान हुई मौतों की जानकारी उपरोक्तानुसार देवें। (ग) उपरोक्त (क) व (ख) अनुसार प्रत्येक प्रकरण में मौत की जानकारी जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति सहित देवें। (घ) इन प्रकरणों में दोषी पाए गए अधिकारियों पर कार्यवाही की जानकारी प्रकरणवार देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नं.-6 अनुसार है।
सेडमैप में नियम विरूद्ध कार्य
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
92. ( क्र. 3418 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेडमैप में चीफ ऑफ एक्टिविटी, रीजनल को-ऑर्डिनेटर, सचिव एवं विधि अधिकारी के पदों/प्रभारों हेतु चयन की प्रक्रिया एवं नियमावली क्या है? इन पदों/प्रभारों को संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों को क्या नहीं प्रदान किया गया? सेडमैप में सेवा से पृथक किये गये अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारियों की कुल कितनी ग्रेच्युटी राशि का भुगतान आज तक नहीं किया गया है और क्यों? इस देय ग्रेच्युटी राशि पर अभी तक कितना ब्याज देय होगा? संस्थान के वर्तमान कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने हेतु चल रही एल.आई.सी. पॉलिसी की कितनी राशि का प्रीमियम भुगतान बकाया है? (ख) विगत कितने माह से कर्मचारियों की ई.पी.एफ. कटौती कर्मचारियों के खातों तथा उनके पेंशन खातों में जमा नहीं की गई है तथा यह राशि दंड राशि को जोड़कर कितना जमा किया जाना शेष है? सेडमैप में कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति दिनांक और उनकी ई.पी.एफ. कटौती दिनांक में जो अन्तर है, उसके आधार पर कार्यरत कर्मचारियों के खातों में कितनी राशि जमा किया जाना शेष है तथा इस राशि पर दंड राशि समेत कुल कितनी राशि जमा किया जाना शेष है। (ग) सेडमैप के विगत 10 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट एवं बैलेंस सीट प्रस्तुत की जावे। अन्य निगम मंडलों की ऑडिट यदि एम.पी.ए.जी. से कराई जाती है तो सेडमैप सिर्फ सी.ए. से क्यों कराई जाती है? क्या सेडमैप की विगत 10 वर्षों की ऑडिट एम.पी.ए.जी. से कराई जावेगी। (घ) सेडमैप को सर्विस टैक्स एवं जी.एस.टी. की कितनी बकाया राशि का भुगतान किया जाना शेष है तथा इस पर कितनी दंड राशि का भुगतान किया जाना शेष है? इस राशि का समय पर भुगतान क्यों नहीं किया गया एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जाँच कब तक संस्थित कर उन्हें निलंबित किया जायेगा?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) माह फरवरी 2019 से कर्मचारियों की ई.पी.एफ. कटौती कर्मचारियों के खातों तथा उनके पेंशन खातों में जमा नहीं की गई है। दंड राशि की गणना भविष्य निधि कार्यालय द्वारा की जाती है जो कि अभी आना शेष है। सेडमैप में कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति दिनांक और उनकी ई.पी.एफ. कटौती दिनांक में जो अन्तर है, उसके आधार पर कार्यरत कर्मचारियों के खातों में जमा की जाने वाली राशि की गणना प्रक्रियाधीन है। दंड राशि की गणना भविष्य निधि कार्यालय द्वारा की जाती है जो कि अभी आना शेष है। (ग) सेडमैप के विगत 10 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट एवं बैलेंस शीट संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सेडमैप म.प्र. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के अन्तर्गत पंजीकृत है एवं नियमानुसार ऑडिट कराया जाता है। सेडमैप की विगत 10 वर्षों की ऑडिट एम.पी.ए.जी. से करवाई जाना आवश्यक नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
मुख्यमंत्री सड़क निर्माण योजनांतर्गत कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 3427 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली जनपद पंचायतों के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री सड़क निर्माण योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी एवं पूर्ण तथा अपूर्ण कार्य की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2019-20 में स्वीकृत एवं प्रस्तावित निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या ग्रामवार, नामवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) निरंक। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
94. ( क्र. 3428 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा चलायी जा रही शासन की कल्याणकारी योजनाओं की संपूर्ण जानकारी एवं लाभान्वित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त किसानों को प्राप्त अनुदान राशि का वितरण किस फसल हेतु प्रदान किया गया है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) फलोद्यान अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत उद्यानिकी फर्म की जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं लाभान्वित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' में उल्लेखित हितग्राहियों को प्रदाय अनुदान राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
नोटबंदी एवं जी.एस.टी. के कारण बंद हुए उद्योग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
95. ( क्र. 3456 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नोटबंदी के बाद तथा जी.एस.टी. लागू होने के पहले कितने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग बंद हुए तथा कितने श्रमिक बेरोजगार हुए? (ख) जी.एस.टी. लागू होने के बाद उसकी विसंगति के कारण मई 2019 तक कितने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग बंद हुए तथा कितने श्रमिक बेरोजगार हुए? (ग) प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की संख्या 2014 से 2018 तक वर्षवार बतावें। उनमें कितने-कितने श्रमिक कार्यरत हैं? (घ) नोटबंदी और जी.एस.टी. के कारण सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग कितना प्रभावित हुआ है तथा उसके उपचार हेतु अब आने वाले वर्षों में क्या योजना एवं नीति है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) एवं (ख) प्रश्नों में वर्णित जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नोटबंदी और जी.एस.टी. के कारण पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। एम.एस.एम.ई. इकाईयों के संवर्धन एवं उनके प्रोत्साहन के लिये एम.एस.एम.ई. विकास नीति, 2017 प्रचलन में है।
नर्मदा क्षिप्रा पेयजल परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
96. ( क्र. 3457 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक लिफ्ट परियोजना जिसे नदी जोड़ो योजना के रूप में विज्ञापित किया गया था, वह पेयजल योजना थी या नदी जोड़ो परियोजना थी? इसके संदर्भ में सिंहस्थ, 2016 के दौरान समाचार पत्रों में दिये गये विज्ञापन की प्रति देवें तथा बतावें कि अगर यह पेयजल योजना थी तो इसे नदी जोड़ों योजना के रूप में प्रचारित कर जनता से धोखा क्यों किया गया? (ख) नर्मदा क्षिप्रा योजना की डी.पी.आर. देवें तथा बतावें कि इस कार्य को पूर्ण करने वाले ठेकेदार फर्म तथा उसके मालिक/भागीदार का नाम तथा पता क्या है तथा कार्य नवम्बर 2013 की जगह दिसम्बर 2014 में पूर्ण हुआ तो ठेकेदार से कितनी राशि वसूली गई? (ग) प्रश्नांश (क) की परियोजना हेतु पर्यावरण स्वीकृति क्यों नहीं ली गई तथा परियोजना प्रारंभ होने से मई 2019 तक नर्मदा से क्षिप्रा में कितना पानी छोड़ा गया? क्या यह मात्रा पर्याप्त है या कम है तथा नदी जोड़ो परियोजना का जल प्रदाय योजना में कैसे और किसके अनुमोदन से परिवर्तित किया गया? (घ) नर्मदा क्षिप्रा परियोजना संबंधी प्रस्ताव केबिनेट की किस दिनांक की बैठक में स्वीकृत हुआ? उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि इस परियोजना का भुगतान किस लेखा शीर्ष/मद से किया गया?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) परियोजना की मूल अवधारणा नदी जोड़ो योजना ही है तथा जिस तरह नदियों के जल का उपयोग सामान्यत: पेयजल इत्यादि के लिए किया जाता है, उसी प्रकार इस योजना में भी आवश्यकतानुसार जल का उपयोग विभिन्न प्रयोजनों से प्रावधानित है। विभाग द्वारा सिंहस्थ 2016 के दौरान समाचार पत्रों में कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मेघा इंजीनियरिंग एण्ड इन्फ्रास्टक्चर्स प्रा. लि. हैदराबाद, एस-2 टेक्नोक्रिएट इंडस्ट्रियल इस्टेट बालानगर, हैदराबाद ''आंध्रप्रदेश'' (पिन कोड) 5000037 है। परियोजना का काम निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) योजना से कोई सिंचाई प्रस्तावित नहीं होने के कारण। कुल 283.19 मि.घ.मी.। समय-समय पर पर्याप्त मात्रा में जल प्रवाहित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मंत्रि-परिषद् की स्वीकृति आवश्यक नहीं। लेखाशीर्ष 41-4700-45-800-1501-9091-64 के अंतर्गत।
किसानों की उत्पादन क्षमता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
97. ( क्र. 3465 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से 2019 तक किस योजना में स्वीकृत एक्शन प्लान कितना था उसमें केन्द्रांश एवं राज्यांश कितना था तथा केन्द्रांश एवं राज्यांश से कितनी राशि की रिलीज प्राप्त हुई तथा कितना व्यय हुआ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की योजनाओं में किसी भी वर्ष में स्वीकृत एक्शन प्लान अनुसार राशि न तो प्राप्त हुई तथा न खर्च हुई तथा मात्र 25 से 35 प्रतिशत तक व्यय हुआ? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें। क्या पूर्व शासन पूरी राशि खर्च न कर मात्र झूठा प्रचार-प्रसार करता रहा? (ग) प्रमाणित बीज विवरण अनुदान योजना के पिछले पाँच वर्षों के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य तथा पूर्ति के आंकड़े देवें तथा बतावें कि प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत वृद्धि एवं कमी हुई? क्या अनाज दलहन तथा तिलहन के बीच वितरण में 2013-14 से निरंतर कमी हुई है? इसके कारण बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) विभाग में प्रमाणित बीज विवरण योजना क्रियान्वित नहीं है, अपितु प्रमाणित बीज वितरण विभिन्न योजनाओं में एक घटक है। प्रदेश में अनाज दलहन, तिलहन के बीज वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
संजय टिपानिया हत्याकांड
[गृह]
98. ( क्र. 3472 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अप्रैल 2019 को इंदौर के गांधीनगर पुलिस स्टेशन में संजय टिपानिया नामक दलित युवक की पुलिस कस्टडी में हत्या हुई? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ धारा 302 एवं एस.सी./एस.टी एक्ट के तहत कोई मुकदमा कायम हुआ है? (ग) उपरोक्त मामले में यदि कोई न्यायिक जाँच हो रही हो तो उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जावे।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) थाना गांधीनगर इन्दौर में अपराध क्रमांक-119/19 धारा-454/ 380 भा.द.वि. की चोरी की घटना में पतारसी हेतु दिनांक 23/04/2019 को संदिग्ध संजू पिता हिन्दू सिंह उम्र-23 वर्ष निवासी ग्राम रिजलाय को पूछताछ हेतु थाना लाया गया था। जिसकी अचानक तबियत बिगड़ने पर उसे इलाज हेतु अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। जिस पर थाना हाजा में मर्ग क्रमांक-09/19 धारा-174 जाफौ का पंजीबद्ध किया जाकर न्यायिक जाँच की जा रही है। (ख) प्रकरण में न्यायिक जाँच चल रही है। जाँच उपरांत निष्कर्ष के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ग) श्री राकेश कुमार कुशवाहा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, इन्दौर के द्वारा जाँच की जा रही है। रिपोर्ट अप्राप्त है।
मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
99. ( क्र. 3475 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगाँव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड भीकनगाँव में मिट्टी परीक्षण लैब भवन बनकर पूर्ण हो चुका है तथा वर्तमान तक उपरोक्त भवन में कोई परीक्षण कार्य नहीं हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है? मिट्टी परीक्षण लैब प्रारंभ करने हेतु कौन-कौन से स्टाफ कर्मचारियों की आवश्यकता होगी? क्या स्टाफ कर्मचारी पर्याप्त हैं? (ग) नहीं तो क्या कारण है? कब तक भीकनगाँव मिट्टी परीक्षण लैब में स्टाफ कर्मचारियों कि नियुक्ति होकर मिट्टी परीक्षण लैब प्रारंभ हो जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला-भीकनगाँव में ए.ए.एस. मशीन स्थापित हो गई है। प्रयोगशाला संचालन हेतु प्रयोगशाला प्रभारी, नमूना विश्लेषक एवं अन्य सहायक अमले की आवश्यकता रहेगी। मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में आवश्यक संसाधन, उपकरण तथा अमले की व्यवस्था किये जाने की कार्यवाही प्रक्रिया में है। (ग) मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में आवश्यक संसाधन एवं उपकरण तथा आवश्यक अमले की व्यवस्था होते ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला प्रारंभ की जा सकेगी।
पंचायत सचिव के सबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 3481 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवेन्द्र कुमार मिश्रा, सचिव ग्राम पंचायत मडवा तत्कालीन सचिव सहिजना नं. 01 जनपद पंचायत रीवा द्वारा शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त सचिव को सिविल न्यायालय में झूठा अधिवक्ता बताया गया, जिसके आरोप में अपराधिक मामला दर्ज किया गया था? (ख) क्या उक्त सचिव द्वारा 26 जनवरी 2001 के पश्चात तीसरी सन्तान को जन्म दिया है? क्या उसकी पत्नी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है? वर्ष 1997 से पंचायत कर्मी (सचिव) है और क्या इस अवधि में एक-एक वर्ष की डिग्री भी हासिल की? (ग) क्या इसके द्वारा अपने पिता के निजी भूमि पर शासकीय राशि से आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कराया गया है और उसका संचालन उनकी पत्नी कर रही है? क्या उक्त सचिव द्वारा अपने सगे भाई के नाम आदिवासी द्वारा शासन से स्वीकृत टाटा सफारी का स्थानांतरण करा कर दुरूपयोग किया गया है? (घ) उक्त सचिव द्वारा व्यापक पैमाने पर की गई अनियमितता के लिये उसके विरूध क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों की जायेगी, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रकरण से संबंधित जानकारी/दस्तावेज/आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रकरण से संबंधित जानकारी/दस्तावेज/ आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) प्रकरण से संबंधित जानकारी/ दस्तावेज/आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) सिद्ध अनियमितता के संबंध में की गयी कार्यवाही उत्तरांश (क) अनुसार।
किसान आंदोलन में दर्ज प्रकरण
[गृह]
101. ( क्र. 3482 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2017 में किसान आंदोलन के किस-किस जिले में प्रकरण दर्ज किए गए? जिले का नाम, प्रकरण संख्या देवें तथा बतावें कि कुल कितने प्रकरण तथा आरोपी (ज्ञात+अज्ञात) हैं तथा शासन की घोषणा अनुसार सारे प्रकरण वापस कब तक किये जाएंगे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आरोपियों में कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा कितनों की जमानत हुई? जानकारी देवें। (ग) मंदसौर के बड़वन ग्राम में 8-9 जून 2017 को धनश्याम धाकड़ की मृत्यु की जाँच में मुख्यत: क्या तथ्य पाए गए? जाँच रिपोर्ट किस दिनांक को प्रस्तुत की गई? उसके आधार पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच रिपोर्ट की प्रति समस्त संबंधित दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें। (घ) मंदसौर में दिनांक 7 जून 2017 को गोली चालन में जिन 5 किसानों की मृत्यु हुई थी? उनके पोस्ट मार्टम की कार्यवाही की VIDEOGRAPHY करवाई गई थी या नहीं तथा बतावें कि पोस्टमार्टम के दौरान मृतकों के शरीर से बंदूक की गोलियां पाई गई थीं? वह कहाँ सुरक्षित है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (अ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रकरण वापसी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) घनश्याम धाकड़ निवासी ग्राम बड़वन की मृत्यु के संबंध में मजिस्ट्रियल जाँच एस.डी.एम. मंदसौर द्वारा की जा रही है एवं वर्तमान में जाँच प्रचलन में है, जो कि दिनांक 26.02.2018 से प्रारंभ होकर दिनांक 05.12.2018 तक लगातार बिना कार्यवाही के पेशी बढ़ाई गयी। जाँच प्रक्रिया वास्तव में दिनांक 17.12.2018 से प्रचलन में आई, जिसे तेज गति से सचंलित किया जा रहा है। (घ) जिला मंदसौर में दिनांक 06 जून 2017 को हुए गोली चालन में मृतकों के पोस्टमार्टम की कार्यवाही की VIDEOGRAPHY करवाई गई थी। पोस्टमार्टम के दौरान मृतकों के शरीर से पायी गयी बंदूक की गोलियां जाँच हेतु एफ.एस.एल. सागर भेजी गई है।
पी.एम.टी. परीक्षा में हुए घोटाले की जानकारी
[गृह]
102. ( क्र. 3483 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व शासन को व्यापम घोटाला पी.एम.टी. परीक्षा की जानकारी किस वर्ष के किस माह से पता लगी तथा उसके बाद उसे रोकने की क्या-क्या कार्यवाही की गई है? शासन की जानकारी में आने तथा कार्यवाही होने के बाद भी पी.एम.टी. परीक्षाओं में लगातार घोटाला क्यों हुआ? (ख) 20 जून 2013 को गुप्तचर शाखा इंदौर को पी.एम.टी. 2013 में होने वाले घोटाले के बारे में जो गुमनाम पत्र मिला था, उसमें घोटाला करने वाले दो मुख्य सरगना के नाम थे, उन्हें किस दिनाक को पकड़ा गया तथा क्या कार्यवाही की गई? पत्र मिलने के 17 दिन बाद आयोजित पी.एम.टी. 2013 की परीक्षा में फिर घोटाले कैसा हो गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र के बारे में क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो उन्होंने क्या निर्देश दिए तथा उस अनुसार क्या कार्यवाही की गई? (घ) व्यापम घोटाले से संबंधित आवेदनों को जाँच हेतु किस-किस दिनांक को किस-किस थाने में भेजा गया उनमें से कितने आवेदनों पर जाँच विवेचना पूर्ण होकर प्रकरण दर्ज किया गया? पूर्व विधायक पारस सकलेचा का 320 पृष्ठ का आवेदन जाँच हेतु किस थाने में है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पर्यटक स्थलों का विकास हेतु नीति
[पर्यटन]
103. ( क्र. 3488 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पर्यटन स्थलों के विकास हेतु क्या नीति निर्धारित की है? नीति की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2013 से 2018 तक कितनी राशि बजट में प्रावधानित की गई? जिला, राशि, मांग संख्या, लेखा शीर्ष आदि सहित अलग-अलग वर्षवार जानकारी दी जावे। (ग) जिला मुरैना को प्राप्त राशि में से जिला अंतर्गत स्थित पर्यटन के विकास संबंधी कितने कार्य किये गये? (घ) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना को प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राशि में से 2013-18 के मध्य क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ कराये गये? क्रियान्वयन एजेंसी, जगह का नाम, कार्य विवरण लागत राशि आदि सहित जानकारी दी जावे।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) पर्यटन नीति 2016 के अंतर्गत निजी निवेश के माध्यम से पर्यटन अधोसंरचना विकास हेतु प्रावधान हैं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार। जिलेवार बजट का प्रावधान नहीं है। (ग) 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत भानपुरा जिला मुरैना हेतु राशि रू. 100.00 लाख (एक करोड़) स्वीकृत किये गये थे, जिससे पर्यटक सुविधा केन्द्र का निर्माण कार्य किया गया है। (घ) जानकारी निरंक है।
सरदार सरोवर डूब क्षेत्र के पुनर्वास प्राप्त परिवारों का विस्थापन
[नर्मदा घाटी विकास]
104. ( क्र. 3505 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार सरोवर डूब क्षेत्र के मूल गाँवों में प्रश्न दिनांक तक निवासरत परिवारों की निश्चित संख्या कितनी है? (ख) उक्त डूब क्षेत्र के मूल गाँवों में कितने परिवारों को कितनी-कितनी राशि एवं जमीन पुनर्वास हेतु दी जा चुकी है एवं कितने परिवारों का पुनर्वास होना बाकी है एवं कितने परिवारों को अभी तक विस्थापित घोषित नहीं किया गया? (ग) क्या 1 जून 2018 के नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के आदेश के आधार पर, जो परिवार विस्थापित घोषित नहीं किए गए हैं, ऐसे परिवारों की सुनवाई शिकायत निवारण प्राधिकरण नहीं करेगी, निर्णय दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या विस्थापित घोषित नहीं किए गए सभी परिवारों के घर, खेत और संपदा जलाशय में 139 मीटर तक पानी में डूब नहीं जायेगी? यदि नहीं तो उक्त परिवारों का पुनर्वास कब होगा? (घ) क्या सरदार परियोजना से मध्यप्रदेश को कोई बिजली का लाभ या कानूनन अपेक्षा अनुसार लाभ प्राप्त नहीं हुआ? यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश शासन विस्थापितों के पक्ष में दिये गये आदेशों के खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई याचिकाएं वापस लेगी? (ड.) न्यायमूर्ति झा आयोग की रिपोर्ट जो विधान सभा के पटल पर 2016 से रखी जा चुका है, क्या सरकार इस रिपोर्ट पर कार्यवाही तत्काल करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (च) ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर और सरदार सरोवर जलाशयों से नर्मदा लिंक परियोजनाओं से (बड़ी पाइप लाइन) एक सेकंड में हजारों लीटर पानी उठाना एवं अन्य नदियों में भरना क्या संभव है? क्या मध्यप्रदेश की नर्मदा नदी में इन योजनाओं के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता पर सरकार ने अध्ययन करवा लिया है? क्या मध्यप्रदेश शासन इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन करेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) संभावित निवासरत परिवारों की संख्या 6068 है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। शेषांश के संबंध में विधि अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। विस्थापित घोषित करने के प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 08/02/2017 द्वारा झा आयोग की रिपोर्ट के संदर्भ में सभी सिविल एवं क्रिमिनल प्रकरणों को समाप्त किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) जी हाँ। जी हाँ, नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण अवार्ड अनुसार मध्यप्रदेश राज्य को 18.25 MAF जल आवंटित है।
आत्मा परियोजना के कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
105. ( क्र. 3519 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में आत्मा योजना अन्तर्गत विगत वर्ष 03 में कितनी राशि प्राप्त हुई एवं किन-किन गतिविधियों में व्यय की गई? वर्षवार जानकारी दें। (ख) परम्परागत कृषि विकास योजना (पी.के.व्ही.वाय) में कुल कितने क्लस्टर पंजीकृत हैं एवं इन क्लस्टरों में कितने किसान सम्मलित है? क्लस्टरवार सूची बताएं? (ग) क्या शासन द्वारा ईंट गारे की वर्मी कम्पोस्ट यूनिट स्थापना के आदेश थे? यदि हाँ, तो किस-किस स्थान पर कितने किसानों के वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाई गई एवं कितनी राशि व्यय की गई? यदि नहीं लगाई गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या परियोजना के क्रियान्वयन एवं आदान सामग्री क्रय करने और वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना में शासनादेश/विभागीय निर्देशों के उल्लंघन की शासन स्तर पर जाँच और कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। क्लस्टर सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) शासनादेश/विभागीय निर्देशों के उल्लंघन के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
उद्यानिकी फसल विस्तार योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
106. ( क्र. 3520 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में उद्यानिकी फसल क्षेत्र विस्तार एवं यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत विगत 02 वर्षों में कितने किसानों को क्या-क्या आदान एवं अन्य सामग्री और क्या-क्या यंत्र दिये गये और सामग्रियों एवं यंत्रों का गुणवत्ता परीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किस नाम पदनाम के कौन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया? विवरण उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन के क्या निर्देश थे और क्या हितग्राहियों को प्रदत्त पौधों के रोपण और वर्तमान स्थिति की जाँच उपरांत अनुदान राशि वितरण की गयी? यदि हाँ, तो जाँच के क्या प्रतिवेदन थे? यदि नहीं तो क्यों? इस संबंध में विभागीय निर्देश भी बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत क्या फसल क्षेत्र विस्तार योजना के तहत लाभान्वित किसानों को ड्रिप सामग्री प्रदाय की गयी? यदि हाँ, तो किस आदेश/निर्देश के तहत और इन हितग्राहियों से क्या-क्या दस्तावेज चाहे गये थे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या फसल क्षेत्र विस्तार एवं यंत्रीकरण योजना के क्रियान्वयन में शासनादेश/विभागीय निर्देशों का उल्लंघन होना परिलक्षित है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। पौधों का भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। योजना के तहत 2481 लाभान्वित हितग्राहियों में से 48 कृषकों को ड्रिप सामग्री प्रदाय न करते हुये कृषक द्वारा स्वयं विभाग में पंजीकृत निर्माता कंपनियों से ड्रिप प्रतिस्थापन कराने के उपरांत ही अनुदान दिया गया है। दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। हितग्राहियों से ऑनलाइन पंजीयन हेतु निम्न दस्तावेज प्राप्त किये जाते हैं:- 1. आधार कार्ड 2. फोटो 3. खसरा नम्बर/बी-1/वन पट्टे की प्रति 4. बैंक की पासबुक 5. जाति प्रमाण-पत्र (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आवेदनों पर अपराधिक प्रकरणों की दर्ज शिकायत
[गृह]
107. ( क्र. 3539 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एम. हेल्पलाइन नं. 7094330, 72362305 व 8497136 पर जिला छतरपुर थाना ओरछा रोड व सिटी कोतवाली द्वारा आवेदनों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के संबंध में शिकायत की गई थी? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन कब-कब किसके द्वारा दिये गये थे? क्या शासन व प्रशासन के नियमों और निर्देशों के अनुसार उक्त आवेदनों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के प्रावधान है? हाँ या नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त आवेदनों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों? क्या शासन-प्रशासन उक्त आवेदनों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं तो क्यों? उक्त आवेदक को किसी भी प्रकार की क्षति, नुकसान या कुछ भी होता है तो कौन-कौन जवाबदेह होगा? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या शासन प्रशासन के नियमों, निर्देशों के अनुसार अपराधिक प्रकरण दर्ज न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) हाँ। सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायत 7094330, दिनांक 04.10.18 को श्री मनोज अग्रवाल द्वारा दी गई थी। सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायत 7236230, दिनांक 25.10.18 को श्री मनोज अग्रवाल द्वारा दी गई थी। सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायत 8497136, दिनांक 08.06.19 को श्री मनोज अग्रवाल द्वारा दी गई थी। जी हाँ। (ख) एवं (ग) हाँ। शिकायत क्र. 7094330, 7236230 पर अपराध क्र. 147/19 धारा 420 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया। शिकायत क्र. 8497136 परिवार परामर्श केन्द्र, छतरपुर में परामर्श प्रक्रिया में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) शिकायत में देरी से अपराध दर्ज करने के संबंध में दोषी पुलिसकर्मी का पुलिस अधीक्षक, छतरपुर द्वारा स्पष्टीकरण लिया गया है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के उपरांत दोषी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
बिना नोटिस दिये सील की कार्यवाही
[गृह]
108. ( क्र. 3540 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 13.05.2016 को तत्कालीन नायब तहसीलदार, तहसील छतरपुर एवं थाना प्रभारी सिटी कोतवाली छतरपुर द्वारा महोबा रोड मुस्कान कुन्ज छतरपुर में बिना नोटिस दिये सील की कार्यवाही किस आधार पर की गई एवं किस न्यायालय के आदेशानुसार की गई थी? उक्त आदेश की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय एवं निवासरत भवन को बिना सूचना दिये सील की कार्यवाही की जा सकती है? यदि नहीं तो दिनांक 13.05.2016 की सील किए जाने की कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक सिटी कोतवाली छतरपुर में किस आधार/नियम के तहत विवेचना में है? उक्त नियम की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) सी.सी.टी.वी. फुटेज में होने के बावजूद भी दिनांक 13.05.2016 की लूटपाट/डकैती की घटना में आरोपियों पर पीड़ित द्वारा आवेदन मय सूचना नामजद देने के बावजूद भी आरोपीगणों पर कार्यवाही नहीं की गई क्यों? कारण बतावें। इस हेतु दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 13.05.2016 को मुस्कान कुन्ज के मालिकाना हक को लेकर उपजे विवाद पर मौके पर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने हेतु थाना प्रभारी कोतवाली की उपस्थिति में तहसीलदार द्वारा विवादित स्थल को सील किया गया था। तहसीलदार स्वयं कार्यपालिक मजिस्ट्रेट है, इसलिये न्यायालयीन शक्तियाँ तहसीलदार में निहित हैं। (ख) हाँ। विवादित स्थल होने तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने पर शांति बनाये रखने के लिये कार्यपालक दण्डाधिकारी द्वारा स्वयं में निहित शक्तियों का उपयोग कर सील करने की कार्यवाही की गई थी। सिटी कोतवाली छतरपुर में कोई प्रकरण इस संबंध में विवेचना में नहीं है। विवादित संपत्ति होने से सिटी कोतवाली थाना प्रभारी द्वारा धारा 145 दप्रसं के अंतर्गत परिवाद सक्षम कार्यपालिक दण्डाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित लूटपाट/डकैती की कथित घटना संबंधी आरोप नगर पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा की गई जाँच से प्रमाणित होना नहीं पाया गया। दिनांक 20.05.2016 को श्री धर्मेन्द्र गुप्ता द्वारा की गई चोरी की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली छतरपुर में अपराध क्र. 195/16 धारा 457, 380 भा.द.वि. का अज्ञात आरोपीगण के विरुद्ध पंजीबद्ध किया गया एवं विवेचना उपरांत अज्ञात आरोपी का पता न चलने से प्रकरण में खात्मा तैयार किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा योजनांतर्गत अनियमितताओं पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 3551 ) श्री राकेश गिरि : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ में मनरेगा योजना के तहत विगत 3 वर्षों में अब तक कितने ग्राम रोजगार सहायक, उपयंत्री, लेखाधिकारी, पी.ओ. के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई है? किन प्रकरणों में संविदा समाप्त हुई है और कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई? जनपदवार सूची बतायें। (ख) क्या जनपद पंचायत टीकमगढ़ की ग्राम पंचायत बड़ागाँव खुर्द में पदस्थ ग्राम रोजगार सहायक के विरूद्ध वर्ष 2017 में मनरेगा में फर्जी मस्टर बनाकर राशि हड़पने की शिकायत की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक/1413, दिनांक 13.09.2017 द्वारा जिला पंचायत, टीकमगढ़ को प्रेषित जाँच प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो क्यों? इससे संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या जिले में मनरेगा योजना (रोजगार गारंटी) में कई अधिकारी/कर्मचारी नियुक्ति दिनांक से एक ही स्थान पर व एक ही कार्यालय में कार्यरत हैं? उनकी सूची उपलब्ध करायें। ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण कर उन्हें कब तक हटाया जावेगा? बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायत में ग्राम रोजगार सहायक को दोषी नहीं पाया गया है। प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पत्र जिला पंचायत में प्राप्त न होने के कारण इस पर कार्यवाही नहीं की जा सकी। प्रकरण का परीक्षण कर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (घ) जी हाँ। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–2 अनुसार है। एक ही स्थान पर कार्यरत संविदा अधिकारी/कर्मचारी के स्थानांतरण का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी अधिकारी पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
110. ( क्र. 3552 ) श्री राकेश गिरि : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री सिद्ध गोपाल वर्मा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत टीकमगढ़ की प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्राम रोजगार सहायकों से पैसे लेने, उनको बिना जावक रजिस्टर में दर्ज किए सेवा समाप्ति करने, सेवा समाप्ति उपरांत भी कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा पंचायत समन्वयक अधिकारियों से फर्जी जाँच करवाने संबंधी शिकायत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) का यदि हाँ, तो उक्त शिकायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत टीकमगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक 1317 दिनांक 30.08.2017 को कमिश्नर सागर संभाग को प्रेषित जाँच प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों और कब तक कार्यवाही की जावेगी? विलंब के लिए कौन दोषी है? (ग) श्री सिद्धगोपाल वर्मा को अपने पद पर दुरूपयोग करने के बाद भी क्या पुन: जिला टीकमगढ़ में महत्तवपूर्ण पद पर पदस्थ किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कारण बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त शिकायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत टीकमगढ़ द्वारा पत्र क्र. 1317 दिनांक 30.08.2017 से कमिश्नर सागर संभाग सागर को कोई प्रतिवेदन प्रेषित नहीं किया गया। उक्त शिकायत का जाँच प्रतिवेदन पत्र क्र. 1317 दिनांक 30.08.2017 से आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गांरटी को प्रेषित किया गया। तदोपरांत विभाग के आदेश क्र.12287 दिनांक 23.10.2018 द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई। जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) श्री वर्मा को टीकमगढ़ पदस्थ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। श्री वर्मा टीकमगढ़ के पश्चात क्रमशः जिला हरदा, सीधी एवं शाजापुर में पदस्थ किये गये हैं।
अपहरण/गुमशुदगी आवेदनों के प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
111. ( क्र. 3593 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने अपहरण/गुमशुदगी के प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं? थानावार दिनांकवार प्रकरणों की जानकारी देवें। इन प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों में आरोपियों को पकड़ा गया है तथा अब तक कितनी गुमशुदा लड़कियों/महिलाओं का पता लगाकर कार्यवाही की गई है? आवेदनवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से जिन प्रकरणों में कार्यवाही नहीं की गई है, क्या उनमें आरोपियों को पुलिस संरक्षण दे रही है? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही होगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। किसी भी आरोपी को पुलिस द्वारा संरक्षण नहीं दिया गया है।
स्वीकृत कार्यों का भौतिक सत्यापन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
112. ( क्र. 3596 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर में नरेगा अंतर्गत ग्राम पंचायत बेदारनगर जनपद पंचायत मो. बडोदिया में अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति हुई है? उसमें कितने कार्यों को पूर्ण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य में मनरेगा अंतर्गत कितनी कच्ची सड़क का निर्माण किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सड़क का निर्माण किस भूमि पर किया गया है? खसरा, बी-1 व अक्स की प्रति देवें। सड़कों के निर्माण स्थल का भौतिक सत्यापन कराकर यह बतावें कि सड़क का निर्माण किस भूमि पर हुआ? राजस्व अधिकारी का प्रमाण-पत्र भी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) कुल 73 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति हुई है, जिसमें से 56 कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है। (ख) मनरेगा अंतर्गत 2 ग्रेवल सड़कों का निर्माण किया गया है। (ग) सड़क निर्माण कार्य शासकीय भूमि पर किया गया है। बेदारनगर से खामखेड़ा काकड़ तक भूमि सर्वे क्रमांक 617/1, 617/3 एवं 591 में स्थित होकर निर्माण कार्य किया गया, जो कि शासकीय भूमि होकर रास्ता स्थित है एवं आंतरिक सड़क निर्माण सौभाग सिंह के मकान से कैलाश के मकान तक भूमि सर्वे क्रमांक 831/1 एवं 1120 में स्थित होकर निर्माण कार्य किया गया, जो कि शासकीय भूमि है। राजस्व अधिकारी के प्रमाण-पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नर्मदा दायीं तट नहर निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
113. ( क्र. 3602 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विभाग द्वारा नर्मदा दायीं तट नहर के निर्माण की क्या कार्ययोजना एवं लागत थी कब तक पूर्ण होना था? नहर निर्माण का कार्य अपने नियत समय से पीछे होने के क्या कारण हैं एवं योजना बनाते समय इन कारणों पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया था? लागत में कितनी वृद्धि हुई है? इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों/ठेकेदार पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी एवं योजना कब तक पूर्ण होगी? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत तक क्या-क्या कार्य अब तक पूर्ण हो चुका है एवं पूर्ण कार्य की क्या स्थिति है और क्या-क्या कार्य शेष हैं? नहर निर्माण का क्या-क्या कार्य किस-किस ठेकेदार को दिया गया? क्या किसी ठेकेदार कंपनी द्वारा कार्य छोड़ा गया? यदि हाँ, तो क्यों और उस पर क्या कार्यवाही की गयी और कितना अर्थदंड वसूला गया और छोड़े गए कार्य को वर्तमान में किस ठेकेदार कंपनी द्वारा कब से किया जा रहा है? (ग) नहर निर्माण पूर्ण होने के संबंध में कब-कब कटनी जिला योजना समिति में प्रश्न उठाए गए एवं क्या जवाब दिये गए? दिये गए जवाब अनुसार कार्य पूर्ण न होने पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति के संचालित थानों की जानकारी
[गृह]
114. ( क्र. 3607 ) श्री जसमंत जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कितने जिलों में अनुसूचित जनजाति के कितने थाने संचालित हैं? (ख) उन थानों में थाना प्रभारी पदस्थ हैं अथवा नहीं? सूची प्रस्तुत करें। (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक अ.जा./अ.ज.जा. अत्याचार निवारण के कितने केस दर्ज किये गये तथा उन केसों में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमें दोषियों को सजा हुई है तथा कितने प्रकरणों में अपराधियों को दोष मुक्त किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रदेश के 51 जिलों में अजाक विशेष पुलिस थाने संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2015 से 31 मई 2019 तक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत कुल 29977 अपराध पंजीबद्ध किये गये। उक्त मामलों में से 27986 मामलों में अनुसंधान पूर्ण कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। 166 प्रकरण में खात्मा तथा 170 प्रकरणों में अनुसंधान उपरांत खारजी किये गये। वर्तमान में पुलिस के पास 1655 अपराध अनुसंधान में लंबित है। विशेष न्यायालयों द्वारा 2022 मामलों में दोषसिद्धि एवं 7758 मामलों में अपराधी दोषमुक्त किये गये हैं।
उद्योगों हेतु आवंटित भू-खण्ड
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
115. ( क्र. 3613 ) डॉ. मोहन यादव : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर स्थित मक्सी रोड एवं नागझिरी औद्योगिक क्षेत्र में छोटे बडे मिलाकर कुल कितने भू-खण्ड हैं तथा भू-खण्ड कब-कब, किन-किन उद्योग/उद्यम हेतु किस-किस निजी/सार्वजनिक/अर्ध सार्वजनिक संस्थाओं को आवंटित किये गये तथा प्रश्न दिनांक तक कितने भू-खण्ड शेष हैं, की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित क्षेत्र में आवंटित भू-खण्डों में से वर्तमान में कितने उद्योग चालू हैं एवं उन पर वर्तमान में कौन सा उद्योग/उद्यम चल रहा है तथा कितने उद्योग बंद हैं व कब से तथा भू-खण्डों कि वापसी व पुन: आवंटन के संबंध में नियम, शर्तें एवं प्रक्रिया क्या है? प्रश्नांश (क) में वर्णित क्षेत्र में आवंटित भू-खण्ड का आवंटन से भिन्न प्रयोजन जैसे गोडाउन, ट्रांसपोर्ट, वेयर-हाउस, कोल्ड स्टोरेज ट्रेडिंग आदि के लिए उपयोग किये जाने के संबंध में विभाग के यदि कोई नियम हो तो जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं तो ऐसे भू-खण्डों पर जो आवंटन से भिन्न प्रयोजन में उपयोग लाये जा रहे हैं, इस संबंध में कोई कार्यवाही की जायेगी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) उज्जैन नगर स्थित मक्सी रोड एवं नागझिरी औद्योगिक क्षेत्र के भू-खण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र नागझिरी के भू-खण्डों के आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है एवं औद्योगिक क्षेत्र मक्सी रोड के भू-खण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) आवंटित भू-खण्डों पर स्थित इकाईयों की वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' में उल्लेखित है। भू-खण्डों की वापसी एवं पुर्नावंटन की कार्यवाही मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 के अनुसार की जाती है। जिस प्रयोजन के लिये भूमि आवंटित की जाती है, उसी प्रयोजन के लिये उपयोग की जाना आवश्यक है। भूमि का उपयोग आवंटित प्रयोजन से भिन्न प्रयोजन पाये जाने पर मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 के अनुसार निरंतर कार्यवाही की जाती है।
नरसिंहगढ़ को पर्यटन क्षेत्र घोषित करना
[पर्यटन]
116. ( क्र. 3624 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत नगर नरसिंहगढ़ को प्रदेश में मिनी कश्मीर के नाम से जाना जाता है तथा नगर के अंतर्गत ऐतिहासिक प्राचीन किला, अति प्राचीन बड़ा महोदव व छोटा महादेव मंदिर, बड़ी एवं छोटी हनुमान गढ़ी, सोलह खंभ, साँका श्यामजी की छत्री, 22 हेक्टेयर क्षेत्रफल में निर्मित चिड़ीखो तालाब एवं 5719 हेक्टेयर में फैला हुआ वन अभयारण्य, कोटरा की अद्भुत गुफाएं व माता मंदिर, प्राचीन नृसिंह मंदिर, करणी माता मंदिर, तालाब के बीचों-बीच स्थित जल मंदिर, अर्जुन महल, देवगढ़ गेट, नादिया पानी, गणेश चौक, मारूति नंदन मंदिर, कन्तोडा की पहाड़ी, हिंगलाज माता मंदिर, हाथी कुण्ड, मोती कुण्ड आदि अन्य कई प्राचीन व ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं, जहां हजारों की संख्या में जिले सहित आस-पास के कई जिलों तथा राजस्थान, उत्तरप्रदेश व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों से पर्यटकों का तांता लगा रहता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा भी नरसिंहगढ़ अंतर्गत विभागीय मद से अनेक पर्यटन स्थलों पर विकास कार्य कराये गये हैं? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन नरसिंहगढ़ के ऐतिहासिक एवं भौगोलिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए तथा लम्बे अरसे चली आ रही मांग को पूर्ण करने के दृष्टिगत पर्यटन क्षेत्र घोषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो विभाग को उक्त संबंध में क्या कठिनाईयां है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। स्थानीय स्तर पर। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पर्यटन नीति 2016 में किसी स्थल विशेष को पर्यटन स्थल घोषित करने का प्रावधान नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों की मरम्मत कार्य में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
117. ( क्र. 3625 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ में आने वाली कृषि उपज मण्डी समितियों के अंतर्गत एक जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक मण्डी निधि/किसान सड़क निधि अथवा अन्य मदों से कौन-कौन से मार्गों का निर्माण कराया गया? कार्य की लागत, ठेकेदार, गारंटी अवधि सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम बमोरी से तलेन, बमोरी से परसुखेड़ी, बामोरा सूखा से बूचाखेड़ी जोड़, महूआ से परसुखेड़ी तथा सिटीपोर्शन नरसिंहगढ़ से मण्डी पहुंच मार्ग तक सड़क गारंटी अवधि में होकर वर्तमान में अत्यंत जीर्ण-शीर्ण है व सड़कों में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे निर्मित हो गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त मार्गों की स्थिति में सुधार लाकर आवागमन योग्य बनाने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या उक्त अवधि में निर्मित तथा वर्तमान में चल रहे कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन कब-कब, किन-किन कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री व उपयंत्री द्वारा किया गया? क्या वर्तमान में चल रहे मरम्मत कार्यों में ठेकेदार द्वारा अत्यंत घटिया स्तर की सामग्री उपयोग किये जाने से प्रथम बारिश में ही सड़क की स्थिति जस की तस हो गई है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध एवं सड़क मरम्मत हेतु क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ में वर्ष 01 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक निर्मित कराये गये मार्गों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ में ग्राम बमोरी से तलेन एवं बमोरी से परसुखेड़ी रोड का निर्माण मंडी/मंडी बोर्ड द्वारा नहीं कराया गया है। मंडी बोर्ड द्वारा बामोरा सूख से बूचाखेड़ी जोड़ एवं महूआ से परसुखेडी तथा मंडी से पहुंच मार्ग निर्माण कार्य कराये गये हैं, निर्मित सड़कों में कहीं भी गढ्ढे आदि नहीं हैं, सड़कों की स्थिति संतोषप्रद है। निर्मित मार्ग गारंटी अवधि में है एवं समय-समय कर ठेकेदार द्वारा आवश्यक सुधार कार्य किया जाता है। गारंटी (रख-रखाव) अवधि में होने के कारण ठेकेदार द्वारा वर्षाकाल के पूर्व मार्गों में आवश्यक सुधार कार्य कराया गया है। कराये गये कार्य की गुणवत्ता मापदण्ड अनुसार है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में निर्मित तथा वर्तमान में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन समय-समय पर विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मरम्मत कार्य मापदण्डों के अनुसार कराया गया है। वर्षा पूर्व मरम्मत कराया गया, कार्य की स्थिति संतोषप्रद है। अत: ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सायबर अपराध के प्रकरण
[गृह]
118. ( क्र. 3630 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 से 30 जून 2019 तक सायबर अपराध के कितने प्रकरण प्रदेश के थानों में पंजीबद्ध हैं? कितनों का निराकरण किया जा चुका है? कितने प्रकरण लंबित हैं? वर्षवार, जिलेवार संख्या बतावें। (ख) क्या प्रदेश में सोशल नेटवर्किंग साइट्स के पेज/प्रोफाइल को ब्लॉक कराने के लिए ''सोशल मीडिया कमाण्ड रिसर्च सेंटर'' की स्थापना हेतु विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो स्थान सहित जानकारी दें। (ग) क्या प्रदेश में समस्त सोशल नेटवर्किंग (फेसबुक, वाट्सएप आदि) का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं का पंजीकरण अनिवार्य करने हेतु विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रदेश के अपराध शाखा की इन्वेस्टिगेशन इकाई में कार्य करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के कितने पद वर्तमान में रिक्त हैं? इन्हें कब तक भरा जावेगा? क्या सायबर इन्वेस्टिगेशन यूनिट में कार्य करने के लिए तकनीकी शिक्षा अनिवार्य है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितने अधिकारी/कर्मचारी तकनीकी शिक्षा प्राप्त नहीं हैं? संख्या बतावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश में क्राईम ब्रांच (अ.अ.वि.) की इन्वेस्टिगेशन यूनिट में वर्तमान में 359 पद रिक्त हैं। पदों का रिक्त होना और भरना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सायबर इन्वेस्टिगेशन यूनिट में कार्य करने के लिए तकनीकी शिक्षा अनिवार्य नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों मूलक योजनाओं की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
119. ( क्र. 3631 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में किसान कल्याण तथा कृषि विकास की हितग्राही मूलक योजनाओं का योजनावार आवंटन एवं व्यय राशि तथा लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में हितग्राहियों का चयन किस प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया है? बतायें। (ग) क्या विभाग द्वारा जिले में स्टॉप डेम, तालाब आदि जल संरचनाएं भी बनाई हैं? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में स्वीकृत जल संरचनाओं/स्वीकृत राशि की विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) उक्तावधि में योजनाओं के क्रियान्वयन एवं निर्माणों को निरीक्षण हेतु सिरोंज, लटेरी तहसीलों में उप संचालक, संयुक्त संचालक संचालक एवं आयुक्त द्वारा किन तिथियों को निरीक्षण/परीक्षण किया गया? तिथिवार अधिकारी के नाम सहित जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप एवं योजना प्रावधान अनुसार ''प्रथम आयें प्रथम पायें'' के आधार पर किया गया है। (ग) वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में स्टॉप डेम, तालाब आदि जल संरचनाएं नहीं बनाई गई हैं। वर्ष 2017 में बलराम तालाब निर्माण कराये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है।
नर्मदा क्षिप्रा लिंक योजना की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
120. ( क्र. 3640 ) श्री महेश परमार : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरकार ने अपनी व्यक्तिगत ब्रांडिंग के लिए नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना पर जनता का ध्यान केंद्रित करने के लिए विज्ञापन पर सर्वाधिक राशि खर्च की? यदि हाँ, कितनी राशि खर्च की गयी और क्या विकास के ऊपर खर्च की गयी राशि से विज्ञापन की राशि अधिक खर्च की गयी? यदि हाँ, तो शासन के धन के दुरूपयोग का कारण बताईये। (ख) क्या क्षिप्रा नदी में ड्रेनेज का पानी मिलने जैसी शिकायतों के कई साक्ष्य एवं वीडियो मौजूद है? यदि हाँ, तो उक्त आधार पर कुल कितने आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए? जाँच में कुल कितने जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए गए? (ग) क्या 06/02/2016 नर्मदा जयंती पर क्षिप्रा उद्गम स्थल उज्जैनी में तथा 25/02/2016 को रामघाट उज्जैन पर भव्य समारोह में योजना लोकार्पित की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त आयोजन में कुल कितनी राशि खर्च की गयी? क्या परियोजना लोकार्पण के बाद प्रश्न दिनांक तक उज्जैन शहर जल समस्या का सामना नहीं कर रहा है? यदि हाँ, तो क्या परियोजना की कमियों को जनता के सामने उजागर नहीं किया जाएगा? पूर्व सरकार ने 650 करोड़ खर्च करने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक क्षिप्रा इतनी दूषित क्यों है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
121. ( क्र. 3648 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डॉ. राजेश राजोरा, प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा म.प्र. शासन के समस्त कलेक्टरों को क्रमांक- 2365/709/2015/14-2 भोपाल, दिनांक 26-06-2015 द्वारा विभाग की विभिन्न योजनाओं में कराये जा रहे हितग्राही मूलक कार्यों की भौतिक सत्यापन कराने के आदेश दिये थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रमुख सचिव किसान कल्याण ने स्वीकार किया है कि उक्त कार्यों के क्रियान्वयन में वित्तीय अनिमियतता की जा रही है? यदि हाँ, तो पत्र अनुसार संबधित जिलों में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी जाँच दल में शामिल किये गये थे? (ग) जाँच दल द्वारा प्रस्तुत किये गये जाँच प्रतिवेदन में किस-किस अधिकारी/ कर्मचारी के विरूद्ध क्या अनिमियतता पाई गई एवं जिला एवं राज्य स्तर से उस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली से संबधित जानकारी उपलब्ध करावें (घ) क्या आर्थिक अपराध अवेन्षण ब्यूरो में दर्ज प्रकरण क्र.आर.1210 के संबंध में संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्र.अ-5-सी/सी. 2/19/2017/805 दिनांक 28-09-2018 संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि कल्याण को पत्र भेजा गया था, यदि हाँ, तो पत्र पर क्या कार्यवाही की गई/की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के पत्र क्रमांक 2365/709/2015/14-2, भोपाल, दिनांक 26.06.2015 द्वारा संबंधित जिले के कलेक्टरों द्वारा जाँच दल का गठन किया गया है - रीवा जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार, सतना जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार, सीधी जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार एवं सिंगरौली जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। (ग) जाँच दल द्वारा जाँच में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। संयुक्त संचालक, रीवा द्वारा प्रेषित जाँच प्रतिवेदन में शिकायत निराधार बताई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डी.बी.ओ. से सम्बन्धित अग्रवाल कमेटी की रिपोर्ट
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 3650 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत में दो अधिकारी डी.बी.ओ. और सी.ई.ओ. को रखे जाने का क्या औचित्य है? जबकि डी.बी.ओ. का जनपद पंचायत में कोई पद नहीं है l क्या इस तरह के पदों को समाप्त नहीं कर दिया जाना चाहिए? (ख) क्या अग्रवाल कमेटी ने डी.बी.ओ. के ग्रेड-पे 3600 रुपये से 4200 रुपये करने की अनुशंसा की थी तथा अभी तक उस अनुशंसा को माना नहीं गया है जबकि इनके समकक्ष सभी खंड स्तरीय अधिकारियों का ग्रेड-पे इन से ज्यादा है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि डी.बी.ओ. राजपत्रित अधिकारी हैं फिर भी इनका ग्रेड-पे अराजपत्रित अधिकारियों से कम है? (ग) क्या इनके प्रमोशन का कोई चैनल विद्यमान नहीं है? यदि हाँ, तो क्या इस स्थिति में सरकार डी.बी.ओ. एवं सी.ई.ओ. की भर्तियां तब तक के लिए रोकेगी जब तक प्रमोशन न हो जाय? (घ) जिस प्रकार राजस्व विभाग में तहसीलदार का पद सीधी भर्ती का नहीं होता, उसी प्रकार यहां सी.ई.ओ. पद की भर्ती सीधे न हो कर डी.बी.ओ. से नहीं की जा सकती जैसे - नायब तहसीलदार को कुछ समय बाद तहसीलदार बना दिया जाता है, उसी प्रकार डी.बी.ओ. को कुछ समय बाद सी.ई.ओ. क्यों नहीं बनाया जा सकता?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु एक जनपद पंचायत में 01 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं 01 विकासखण्ड अधिकारी के पद स्वीकृत किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। अग्रवाल वेतन आयोग की अनुशंसा अनुसार कार्यवाही वित्त विभाग में प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विकासखण्ड अधिकारी के पदोन्नति का चैनल विद्यमान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सीधी एवं पदोन्नति से भर्ती करने के विभागीय प्रचलित नियम विभागीय पदों की जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए निर्मित किये जाते हैं। विभागीय भर्ती नियम अनुसार 35 प्रतिशत के मान से विकासखण्ड अधिकारी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के पद पर पदोन्नत किये जाने का प्रावधान है।
फर्जी बिलों के आधार पर राशि का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
123. ( क्र. 3669 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक विधान सभा क्षेत्र देवतालाब रीवा के पत्र क्रमांक 59/एम.एल.ए./देवतालाब/2019 दि. 6.02.2019 एवं पत्र क्रमांक 60/एम.एल.ए./देवतालाब/2019 दिनांक 6.2.19 द्वारा ग्राम पंचायत डिघवार 391 में फर्जी बिलों के भुगतान एवं अन्य अनियमितताओं की शिकायत पर अपर कलेक्टर (विकास) रीवा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 980/लोक/वि.जां/एफ-129/जि.पं./2019 दिनांक 27.03.19 द्वारा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक-2, जिला रीवा को जाँच हेतु भेजा जाकर सभी बिन्दुओं की जाँच कर सभी बिन्दुओं की जानकारी मांगी गयी थी, जिसकी प्रतिलिपि आयुक्त रीवा संभाग रीवा, कलेक्टर (शिकायत सतर्कता) रीवा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील मऊगंज, मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजस्व तह. मऊगंज, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मऊगंज को भी भेजी गई थी? उक्त पत्रों की प्रतिलिपियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांक (क) में वर्णित जिला पंचायत के पत्र के आधार पर क्या जाँच हुई? यदि नहीं तो क्यों? यदि जाँच हुई है तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। जाँच नहीं होने की दशा में जाँच कब तक करा ली जायेगी और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित पत्रों की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन अनुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
थाना कोतवाली जिला भोपाल में लंबित प्रकरण
[गृह]
124. ( क्र. 3671 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 22 मार्च 2018 के प्र.क्र. 5289 के उत्तरांश (ख) में बताया गया था कि थाना कोतवाली द्वारा लंबित प्रकरण में अग्रिम विवेचना हेतु न्यायालय से दिनांक 04/01/2018 को अनुमति चाही गई थी तो तत्संबंधी पत्र क्रमांक बताएं तथा पत्र की प्रति का विवरण देवें। (ख) क्या थाना कोतवाली द्वारा न्यायालय में अग्रिम विवेचना हेतु दिनांक 04/01/2018 को नहीं अपितु दिनांक 5 जनवरी 2019 को न्यायालय से अनुमति चाही थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो उक्त भ्रामक जानकारी देने हेतु कौन उत्तरदारी है? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। प्रकरण अनुसंधान में है। (ख) दिनांक 04.01.2018 एवं 05.01.2019 को माननीय न्यायालय को प्रकरण की विवेचना के संबंध में अनुसंधानकर्ताओं द्वारा सूचनायें प्रेषित की थीं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पौधा रोपण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
125. ( क्र. 3673 ) श्री मनोज चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में मनरेगा अंतर्गत वर्ष 2016-17 से आज दिनांक तक कितने पौधे जनपदवार लगाए गए? पौधों का भुगतान कितना किया गया व किस मद से किया गया। किन-किन फर्मों का भुगतान किया गया? (खा) वर्तमान में वर्षा पूर्व पौधों की क्या स्थिति है? वर्ष 2017-18 में क्या पुनः पौधे लगाए गए? यदि हाँ, तो उनके भुगतान की क्या स्थिति है। (ग) वर्ष 2016-17 से आज दिनांक तक पौधों के रख-रखाव पर जनपदवार कितना खर्च किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जनपद पंचायतवार लगाये गये पौधों की, भुगतान व मद की एवं फर्मों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' व ''2'' अनुसार है। (ख) वर्तमान में लगभग 54% पौधे जीवित हैं। जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में पौधों के रख-रखाव पर राशि रू 3267.74 लाख व्यय किये गये हैं।
पुलिस थाना जौरा में दर्ज अपराध
[गृह]
126. ( क्र. 3676 ) श्री बनवारीलाल शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-मुरैना के थाना जौरा में दर्ज अपराध क्र. 76/15 दिनांक 2 मार्च 2015 में पुलिस, अभियोगी व आरोपियों की मिलीभगत के कारण शक्कर एवं केरोसिन व अन्य एवं शासकीय अनुदान आदि में गरीब के खाद्यान्न की कालाबाजारी में लिप्त मुख्य आरोपियों (समिति प्रबंधक, विक्रेता) को बचाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरण में श्री डी.पी. शर्मा, प्रबंधक, को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी, जौरा लिमिटेड को बचाने के लिए अनुसंधानकर्ता अधिकारी ने चालान क्र. 385/17 जारी कर केस में जालसाजी करने का अपराध किया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर हाँ, तो क्या निष्पक्ष जाँच के लिए उक्त प्रकरण की जाँच ई.ओ.डब्ल्यू. को सौंपी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। प्रश्नांकित प्रकरण में दुर्गा प्रसाद शर्मा प्रबंधक मार्केटिंग समिति, सुरेन्द्र शर्मा लीड एवं प्रबंधक विपणन सहकारी समिति जौरा, कंचन यादव कायार्लय लिपिक एवं बनवारी लाल सविता विक्रेता शासकीय उचित मूल्य दुकान अलापुर को आरोपी बनाया गया एवं गिरफ्तारी उपरांत चारों आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पत्र तैयार किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाही की जाना
[गृह]
127. ( क्र. 3689 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना कोलगवां में अपराध क्रमांक 168/16 धारा 419, 420, 467, 468, 34 ता.हि. के संबंध में नगर पुलिस अधीक्षक ने पत्र क्रमांक 2752 दिनांक 13.8.2016 के तहत कलेक्टर सतना ने 9 बिन्दुओं की जानकारी मांगी थी तथा एस.डी.एम. रघुराजनगर ने पत्र क्रमांक 3807 ए दिनांक 20.1.17 को स्मरण पत्र जारी कर 7 बिन्दुओं की जानकारी मांगी थी? (ख) क्या पुलिस अधीक्षक सतना ने पत्र क्रमांक 432/ए दिनांक 03.4.2017 में 9 बिन्दु दिये थे, बिन्दु क्र. 5 एवं 7 का तथा पत्र क्र. 438 दिनांक 23.7.2016 द्वारा पुलिस अधीक्षक ने 5 बिन्दु जाँच के लिये तय किये थे? (ग) क्या सतना नगर पुलिस अधीक्षक ने पत्र क्रमांक 3958 दिनांक 01.12.2016 को एस.डी.एम. रघुराजनगर को जारी कर जानकारी चाही गई थी एवं जाँच अधिकारी सुदामा कोल द्वारा दिनांक 24.01.2017 को उक्त जाँच प्रतिवेदन एस.डी.एम. कार्यालय में जमा किया? क्या चार सदस्यीय टीम ने जाँच उपरांत पत्र क्रमांक 1140 दिनांक 15.2.2017 को एस.डी.एम. कार्यालय में जाँच प्रतिवेदन जमा किया और उक्त कमेटी ने सुदामा कोल के प्रतिवेदन को निराधार बताया तथा वर्तमान कलेक्टर ने अवैधानिक नामांतरण एवं कूटरचना का दोषी माना है? (घ) प्रश्नांश (ग) सही है तो पुलिस अधीक्षक सतना जाँच कमेटी गठित करने वाले अधिकारी जिसमें चार सदस्यीय टीम का गठन किया, उक्त टीम ने अपने जाँच प्रतिवेदन में किसी पटवारी एवं तहसीलदार को दोषी नहीं माना हैं तथा उक्त जाँच प्रतिवेदन राजस्व विभाग ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भेजा है तो उनका अवलोकन कर जाँच में सहयोग न करने तथा साक्ष्य छिपाने वाले जाँच अधिकारियों के विरूद्ध धारा 201, 120बी के तहत कब तक एफ.आई.आर. करा दी जायेगी? नहीं करायी जाएगी तो कारण सहित बिन्दुवार बतायें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश का संबंध राजस्व विभाग से है। (घ) प्रकरण अनुसंधान में है। साक्ष्य अनुरूप विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही है।
ग्राम पंचायत में कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
128. ( क्र. 3694 ) श्री अमर सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिला जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत ग्राम पंचायत टिकरी में वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक किन-किन मदों से कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? मदवार कार्य का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्यों को प्रशासकीय स्वीकृति राशि कितनी स्वीकृत हुई है? कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति, कार्य प्रारम्भ का दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) क्या सरपंच ग्राम पंचायत टिकरी द्वारा ग्राम के नौकरीपेशा एवं मृतक व्यक्तियों के नाम से फर्जी मस्टर रोल तैयार कर स्वीकृत राशि का गबन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो मजदूर राजभान, गुरूदत्त, वंशधारी, प्रेमवती एवं फुल्ले के संबंध में जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। ग्राम पंचायत टिकरी में ग्राम के नौकरीपेशा एवं मृतक व्यक्तियों के नाम दर्ज कर संबंधित व्यक्तियों के खाते में राशि डाली जाकर शासकीय राशि का दुरूपयोग प्रारंभिक जाँच में पाया गया था। जिसके कारण कार्यालय जिला पंचायत सीधी के आदेश क्रमांक 1945 दिनांक 09.03.2017 के द्वारा कुमारी ज्योति शर्मा ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत टिकरी की संविदा सेवा समाप्त की गई थी। उक्त आदेश के विरूद्ध कुमारी ज्योति शर्मा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 4424/2017 दायर की गई थी। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के याचिका क्रमांक 4424/2017 में पारित आदेश दिनांक 27.03.2017 द्वारा स्थगन दिया गया है। माननीय न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 867/2019 के संदर्भ में कार्यालय जिला पंचायत सीधी के आदेश क्रमांक 1947 दिनांक 09.03.2017 के द्वारा दोषी सचिव श्री राजेन्द्र बहादुर सिंह की सचिवीय अधिसूचना समाप्त की गई थी। उक्त आदेश के विरूद्ध श्री सिंह द्वारा माननीय न्यायालय अपर आयुक्त रीवा संभाग रीवा में अपील दायर की गई थी। प्रकरण विचाराधीन है। सरपंच श्रीमती सरोज साकेत ग्राम पंचायत टिकरी को दोषी पाये जाने पर धारा 40 की कार्यवाही हेतु विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी के कार्यालय में प्रकरण क्रमांक 17/जि.पं./40/2017 लंबित है। मजदूर राजभान, गुरूदत्त, वंशधारी, प्रेमवती एवं फुल्ले के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मझौली से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
मंडला जिले में बरगी परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
129. ( क्र. 3697 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंडला जिले के बरगी परियोजना के तहत भू-क्षेत्र का अधिकांश एरिया मंडला-सिवनी के बीच है, जिसमें दोनों जिले के लोग नाव, वोट से 100 कि.मी. के फेर से बचने के लिये आना जाना करते हैं, पिछले दिनों एक घाट (झास नगर मेहगाँव) नारायाणगंज मंडला में नाव पलटने से सिवनी तट से मंडला तट पर आते हुये, 15 लोग डूब गये, जिसमें 05 लोगों की मौत हो गई, इस तरह की दुर्घटना आये दिन होती रहती है। क्या इस समस्या का निराकरण किया जावेगा? नहीं तो क्यों? (ख) क्या नर्मदा डूब ऐरिया कुम्हाघाट, चिरईडोमरी घाट पर प्रस्तावित ब्रिज आज दिनांक तक नहीं बना है? क्या ब्रिज का निर्माण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण किया जावेगा? नहीं तो क्यों (ग) क्या प्रस्तावित घाटों पर दुर्घटना से बचने के लिये जीवन रक्षक जैकेट वोट चालक व पार करने वाले जनता के लिये सभी के लिये अनिवार्य किया जावेगा व वोट चालकों को प्रशिक्षित किया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में समुचित कार्यवाही करने हेतु जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए। (ख) लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नर्मदा घाटी विकास विभाग में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
130. ( क्र. 3702 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा किसानों का गन्ना भुगतान एवं अन्य समस्याओं के लिये पूछे गये अतारांकित प्रश्न क्रमांक 719 दिनांक 21.2.2019 के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) नरसिंहपुर जिले में गन्ना किसानों का पैराई सत्र 2017-18, 2018-19 में शक्कर कारखानों द्वारा कितना गन्ना मूल्य भुगतान हुआ तथा कितना भुगतान अभी तक नहीं हुआ है? शक्कर कारखानावार जानकारी बतावें। किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं होने के लिये दोषी कौन है? क्या विभाग दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? (ग) क्या प्रश्न के जवाब के अनुसार किसानों का भुगतान, सुविधाएं, गन्ना रिकवरी के आधार पर एवं कलेक्टर नरसिंहपुर के आदेश अनुसार 294 रूपये प्रति क्विंटल गन्ने का भुगतान 14 दिन के अंदर किये जाने के निर्देश थे, तो क्या कलेक्टर आदेश पर विभाग द्वारा अमल नहीं किया गया है, इसके लिये दोषी कौन है? (घ) कलेक्टर, नरसिंहपुर द्वारा रिकवरी के आधार पर कृषकों को भुगतान क्यों नहीं कराया है? इसके लिये दोषी कौन है? क्या रिकवरी के आधार पर म.प्र. गन्ना नीति के अनुसार भुगतान कराया जावेगा? अगर हाँ, तो कब तक कराया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 719 दिनांक 21.02.2019 के संबंध में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले में गन्ना किसानों का पैराई सत्र 2017-18 एवं 2018-19 में गन्ना मूल्य भुगतान तथा लंबित भुगतान की जानकारी शक्कर कारखानावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। किसानों का गन्ना निजी शुगर मिलों द्वारा क्रय किया जाता है एवं भुगतान कृषकों को गन्ना कारखानों के द्वारा किया जाता है। अत: किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान न होने के लिये शक्कर कारखाना दोषी है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत कार्यवाही हेतु निर्णय संभव होगा। (ग) प्रश्नांश की कार्यवाही के संबंध में मध्यप्रदेश शुगर मिल एसोसिएशन द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर के आदेश के विरूद्ध में याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 1964/2019 से माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दिनांक 28.01.2019 को दायर की गई है। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत कार्यवाही हेतु निर्णय लिया जावेगा। इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (घ) रिकवरी के आधार पर गन्ना किसानों की राशि के भुगतान की कार्यवाही कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा की गई है। गन्ना मिल एसोसिएशन द्वारा कलेक्टर कोर्ट के निर्णय के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 1964/2019 विचाराधीन है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत ही नियमानुसार भुगतान कराया जाना संभव होगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
131. ( क्र. 3707 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के क्या नियम हैं? इस योजना के अंतर्गत किस प्रकार से हितग्राहियों को पात्र मानकर लाभ देने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के अंतर्गत अनूपपुर जिले में वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में किस-किस ग्राम को कितना-कितना किस श्रेणी का लक्ष्य दिया गया था? विधान सभा क्षेत्रवार, ग्रामवार सूची देवें एवं ग्रामवार आवास निर्माण का लक्ष्य किसके द्वारा किस प्रकार से कब निर्धारित किया गया? (ग) अनूपपुर जिले के अंतर्गत प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित लक्ष्य के अनुसार किस-किस ग्राम में कितने हितग्राहियों को कितनी राशि आवंटित की गई? प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण की अद्यतन स्थिति विधान सभावार क्या थी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में ग्रामवार स्वीकृत आवास निर्माण अनुपातिक क्यों नहीं है? क्या कुछ अपात्र नाम भी इस सूची में शामिल होने तथा पात्र लोगों के नाम सूची से गायब होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ड) प्रश्नांश (क) योजना अंतर्गत शासन से जारी ग्रामवार सूची उपलब्ध कराते हुये अपात्र हुये हितग्राहियों की अपात्रता का कारण बताते हुये विधान सभावार ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (च) विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ के ग्राम करौंदा, करौंदी आदि ग्रामों के हितग्राहियों को इस योजना का लाभ अभी तक न मिलने के क्या कारण हैं? कब तक उन्हें उक्त योजना का लाभ मिल जायेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। आवास निर्माण का लक्ष्य शासन स्तर से ''क्रियान्वयन के फ्रेमवर्क'' में दिये गए निर्देशानुसार समय-समय पर भारत सरकार से लक्ष्य प्राप्ति के बाद निर्धारित किये गए। (ग) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण अन्तर्गत आवास का आवंटन पंचायतों में उपलब्ध पात्र हितग्राहियों की वंचितता (deprivation) की तीव्रता तथा वर्ग अनुसार किया गया है। जी हाँ। (ड) प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर सूची उपलब्ध है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (च) विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ के ग्राम करौंदा, करौंदी ग्रामों के हितग्राहियों को इस योजना का लाभ पूर्व में तकनीकी कारणों से नहीं दिया जा सका। उक्त योजना का लाभ अद्यतन स्थिति में हितग्राहियों को दिया गया।
स्वीकृत कार्यों एवं मजदूरी के भुगतान की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 3708 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक कपिलधारा, खेत तालाब, मेढ़ बंधान एवं सुदूर ग्राम सड़क के कितने कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत राशि सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्य में से कितने कार्य पूर्ण किये व कितने कार्य अपूर्ण हैं? कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? कब तक कार्यों को पूर्ण कर लिया जावेगा? कार्य पूर्ण नहीं करने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उल्लेखित निर्माणाधीन कार्यों को कहाँ-कहाँ की मजदूरी का भुगतान किया जाना शेष है? भुगतान नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? मजदूरी का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? प्रश्न दिनांक तक मजदूरी को भुगतान नहीं करने पर दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पूर्ण कार्यों का कार्य-पूर्णता प्रमाण-पत्र कब तक जारी कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) कुल 8177 कार्य स्वीकृत किये गये। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत कार्यों में से 4681 कार्य पूर्ण एवं 3496 कार्य अपूर्ण हैं। कार्य प्रगतिरत हैं। अपूर्ण कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग पर निर्भर होने से कार्यों के पूर्ण होने की तिथि नियत नहीं की जा सकती है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में निर्माणाधीन कार्यों की मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है, अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के अंर्तगत समस्त पूर्ण कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये जा चुके हैं।
अपराध क्रमांक 0458 दिनांक 07/10/2017 पर कार्यवाही
[गृह]
133. ( क्र. 3724 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना मुंगावली जिला अशोकनगर अंतर्गत नंदनी धानक पुत्री श्री दयाराम धानक के साथ बलात्कार कर जान से मारकर कुए में फेंक दिया गया था, जिसमें थाना प्रभारी द्वारा 363, 302, 376 धाराओं के तहत अपराध क्रमांक 0458 दिनांक 07/10/2017 पंजीबद्ध किया था। यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण में दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अपराध में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही में विलम्ब होने के क्या कारण हैं? क्या पुलिस विभाग द्वारा अपराधियों को बचाने के लिए कार्यवाही में विलम्ब किया जा रहा है अपराध घटित होने के 20 माह बाद भी अपराधियों को क्यों नहीं पकड़ा गया है? (ग) उक्त प्रकरण में फरियादी को न्याय दिलाने में अभी और कितना समय लगेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जिला अशोकनगर के थाना मुंगावली अंतर्गत दिनांक 07.10.2017 को मृतिका के साथ बलात्कार एवं जान से मारकर कुएं में फेंक देने के प्रकरण में अपराध क्रमांक 0458 धारा 363, 302, 376 भा.द.वि. अज्ञात आरोपी के विरुद्ध पंजीबद्ध है। अज्ञात आरोपी की पतासाजी/गिरफ्तारी हेतु एस.डी.ओ.पी. मुंगावली के नेतृत्व में 6 सदस्यीय टीप गठित की गई है तथा 10, 000/- राशि के ईनाम की उद्घोषणा की गई है। (ख) उल्लेखित अपराध में आरोपी अज्ञात है। पतासाजी के प्रयास जारी है। यह कहना सही नहीं है कि पुलिस विभाग द्वारा अपराधियों को बचाने के लिए कार्यवाही में विलम्ब किया जा रहा है। (ग) समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। प्रकरण में आरोपी की पतासाजी की जा रही है।
मृदा परीक्षण प्रयोगशाला
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
134. ( क्र. 3726 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया स्थित कृषि उपज मण्डी प्रांगण में लगभग दो वर्ष पूर्व सॉइल टेस्टिंग लैब (मिट्टी परीक्षण केन्द्र) भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है, परंतु विभाग द्वारा सॉइल टेस्टिंग लैब को अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है, जिससे किसानों को अत्यधिक परेशानियों एवं असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। लैब को अभी तक प्रारंभ नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) कृषि उपज मंडी परासिया में सॉइल टेस्टिंग लैब (मिट्टी परीक्षण केन्द्र) हेतु विभाग द्वारा कब तक पर्याप्त स्टाफ व्यवस्था व अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराकर कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) परासिया स्थित कृषि उपज मंडी अंतर्गत मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन निर्माण कार्य 30.06.2017 तथा भवन में विद्युत व्यवस्था का कार्य दिनांक 19.01.2019 एवं जल व्यवस्था का कार्य 24.03.2019 को पूर्ण कराये जाने के पश्चात् दिनांक 16.05.2019 को वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी परासिया द्वारा प्रयोगशाला का हस्तांतरण किया गया है। परासिया विकासखंड से लिये मिट्टी नमूनों का विश्लेषण जिला मुख्यालय स्थित प्रयोगशाला एवं विकासखंड स्तर पर मिनी लैब से कराया जा रहा है। मिट्टी परीक्षण के लिये किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़ा है। नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला - परासिया में एटॉमिक एब्जोपर्सन स्पेक्ट्राफोटोमीटर यंत्र स्थापित किया गया है, नमूना परीक्षण के लिये अन्य आवश्यक उपकरण एवं अमले की व्यवस्था किया जाना प्रक्रिया में है। (ख) परासिया में कृषि उपज मंडी प्रांगण में स्थित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में अन्य आवश्यक उपकरण तथा अमले की व्यवस्था होते ही प्रयोगशाला प्रारंभ की जा सकेगी।
कृषकों को सब्सिडी का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
135. ( क्र. 3727 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाडा जिले में राष्ट्रीय कृषि विकास (आर.के.व्ही.वाय.) एवं अन्नपूर्णा योजना जिसमें 90 प्रतिशत सब्सिडी की छूट होती है? उसका लाभ केवल हर्रई, तामिया, बिछुआ एवं जुन्नारदेव विकाखण्डों के कृषकों को प्रदान किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अगर लाभ प्रदान किया जा रहा है तो प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र परासिया जो अनुसूचित जाति क्षेत्र है और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसान अधिक मात्रा में है तो क्या ऐसी परिस्थिति में विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में दोनों ही योजनाओं का लाभ (90 प्रतिशत छूट) किसानों को प्रदान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) छिंदवाडा जिले में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.व्ही.वाय.) एवं अन्नपूर्णा योजना में 90 प्रतिशत सब्सिडी की छूट नहीं है, वरन् जिले में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत संकर मक्का बीज वितरण पर योजना से 50 प्रतिशत एवं अन्नपूर्णा योजना से 40 प्रतिशत अनुदान देय है। उसका लाभ केवल हर्रई, तामिया, बिछुआ एवं जुन्नार देव विकासखंडों के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों को प्रदान किया जा रहा है। (ख) आर.के.व्ही.वाय. में संकर मक्का बीज वितरण संबंधी प्रोजेक्ट शासन द्वारा पोषित केवल 89 आदिवासी विकासखंडों हेतु स्वीकृत है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: आर.के.व्ही.वाय. का मक्का बीज वितरण संबंधी प्रोजेक्ट आदिवासी क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य विकासखंडों हेतु स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार/भोपाल जिले में गिरफ्तारी प्रक्रिया
[गृह]
136. ( क्र. 3730 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार और भोपाल जिले में फरारी में चालान प्रस्तुत होने के कितने प्रकरणों में गिरफ्तारी हुई? कितनों में गिरफ्तारी शेष है? दिनांक 01-01-2016 से 31-05-2019 के संदर्भ में थानावार, व्यक्ति नाम, चालान, दिनांक सहित वर्षवार देवें। (ख) गिरफ्तारी न होने के प्रकरणों में संबंधित थानों द्वारा कब-कब, कहाँ-कहाँ दबिश दी गई? संबंधित अधिकारी की टीप की प्रमाणित प्रति प्रकरणवार देवें। इनकी गिरफ्तारी कब तक होगी? प्रकरणवार समय-सीमा देवें। (ग) सी.आर.पी.सी. की धारा 173 (8) के अंतर्गत कितने प्रकरणों में दिनांक 10-06-2019 की स्थिति में विवेचना जारी है? थानावार संबंधित नाम, विवेचना प्रारंभ दिनांक सहित प्रकरणवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार गिरफ्तारी न करने एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार विवेचना लंबित रखने वाले संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' में समाहित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' में समाहित है। गिरफ्तारी की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' एवं ''ई'' में समाहित है। (घ) समीक्षा उपरांत दोषी पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी।
विभिन्न अपराधों में जब्त सामान की जानकारी
[गृह]
137. ( क्र. 3731 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-01-2017 से 31-05-2019 तक विभिन्न अपराधों में कितना सामान जब्त कर मालखाने में जमा किया गया? इंदौर जिले के थानों की थानावार, माहवार जानकारी देवें। (ख) कितना सामान फरियादी के सुपुर्द किया गया? इसकी सूची प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। (ग) कोर्ट के आदेश के बाद कितने प्रकरणों में सुपुर्दगी शेष है? उनकी सूची देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला पंचायत उज्जैन के पत्र पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 3733 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
पंचायत उज्जैन
के पत्र
क्रमांक/धारा-92/जि.प./2019/3904 दिनांक
20.06.2019 पर की
गई कार्यवाही
से अवगत
करावें। (ख) उपरोक्तानुसार
वसूली योग्य
राशि वसूलने
के लिए क्या
कदम उठाए गए
है? (ग) यह
राशि कब तक
वसूल कर
संबंधित पर एफ.आई.आर. दर्ज कर ली
जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) तत्कालीन
सरपंच श्री
भरत शर्मा, सचिव
सत्यनारायण
शर्मा, उपयंत्री
विनोद गोरे, सहायक
यंत्री श्री
बी.के. बागुल
सेवानिवृत्त एवं
सहायक यंत्री
श्री कमल सिंह
सिसौदिया पर कुल
राशि रूपये 245501/- की वसूली
अधिरोपित की
गयी। (ख) कुल
वसूली राशि रूपये
245501/- में
से कुल राशि
रूपये 68360/-
वसूल
की जा चुकी है, शेष राशि
वसूल हेतु
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत
महिदपुर
द्वारा
संबंधितों के विरूद्ध
म.प्र. पंचायत
राज एवं ग्राम
स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 92 (2) (1) अंतर्गत
वसूली की
कार्यवाही
प्रचलित है। (ग)
उत्तरांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य
एफ.आई.आर.
दर्ज
कराया जाना
विचाराधीन
नहीं है।
जाँच प्रतिवेदनों पर की गई कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
139. ( क्र. 3734 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.01.14 से 31.06.17 के मध्य प्रज्ञा सीड्स कंपनी महिदपुर की कब-कब जाँच की गई? (ख) इन जाँच प्रतिवेदनों पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) दिनांक 01.01.14 से 31.06.17 के मध्य प्रज्ञा सीड्स महिदपुर की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जाँच का प्रश्न ही नहीं। (ख) उत्तरांश (क) में दिये गये उत्तर के संबंध में जानकारी निरंक। (ग) उत्तरांश (क) में दिये गये उत्तर के संबंध में जानकारी निरंक।
वारंट तामिली के प्रकरण
[गृह]
140. ( क्र. 3736 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में 2 एवं इससे अधिक प्रकरणों में शामिल व्यक्तियों के वारंट तामीली के कितने प्रकरण दिनांक 15.6.2019 की स्थिति में लंबित हैं? संबंधित का नाम, प्रकरणों की संख्या, वारंट कब-कब जारी हुए दिनांकों सहित थानावार बतावें। (ख) जिन वांरटों में गिरफ्तारी वांछित है, ऐसे कितने प्रकरण लंबित हैं, की जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार वारंट तामिली व गिरफ्तारी कब तक होगी? प्ररकणवार समय-सीमा देवें। (ग) जिन क्षेत्रों में 3 माह एवं उससे अधिक समय तक प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार प्रकरण लंबित हैं, उनके संबंधित अधिकारियों की शासन ने क्या जवाबदेही तय की है? थाना क्षेत्रवार बतावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। वारंटों की तामिली एवं गिरफ्तारी की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) लंबित प्रकरणों से संबंधित 114 अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाकर दण्डित किया गया है एवं ऐसे प्रकरणों की सतत् मॉनीटरिंग की जा रही है।
गिरफ्तारी प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
141. ( क्र. 3737 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में फरारी में चालान प्रस्तुत होने के कितने प्रकरणों में गिरफ्तारी हुई एवं कितनों में गिरफ्तारी शेष है? दिनांक 01.01.2017 से 31.5.2019 के संदर्भ में वर्षवार जानकारी देवें। (ख) गिरफ्तारी न होने के प्रकरणों में संबंधित थानों द्वारा क्या दबिश की कार्यवाही की गई? इनकी गिरफ्तारी कब तक होगी? (ग) सी.आर.पी.सी. की धारा 173 (8) के कितने प्रकरणों में दि. 10.6.2019 की स्थिति में विवेचना जारी है? थानावार, संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार गिरफ्तारी न करने एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार विवेचना लंबित रखने वाले संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। गिरफ्तारी की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) फरार प्रकरणों में गिरफ्तारी के पूर्ण प्रयास किये जा रहे हैं। लंबित प्रकरणों में शिथिलता पायी जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन्द्रीय, जिला एवं उपजेलों में सुविधाओं की जानकारी
[जेल]
142. ( क्र. 3747 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की केन्द्रीय, जिला एवं उपजेलों में शासन द्वारा कैदियों को क्या-क्या सुविधायें दिये जाने का प्रावधान है और क्या-क्या नहीं? ऐसे आदेशों की छायाप्रति प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक सागर संभाग की जेलों में कौन-कौन सी समस्याओं का निराकारण कराने हेतु अधीक्षक, जेलर एवं उप जेलरों द्वारा उच्च अधिकारियों एवं विभागों को पत्र लिखकर मांग की गई? ऐसे पत्रों की छायाप्रति प्रदान करें। (जो दिया जाना संभव हो) (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि कहाँ-कहाँ पानी की समस्या बाउण्ड्रीवॉल एवं कैदियों के परिजनों को बैठने हेतु छायाशेड/प्रतीक्षालय की सुविधा नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जेलों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा बताई गई समस्याओं का निराकरण कब तक होगा और नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रदेश की जेलों में कैदियों को जेल नियमावली के तहत दी जा रही सुविधाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इसके अतिरिक्त बाहरी सामग्री प्रतिबंधित है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जेलों द्वारा विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों एवं जेल मुख्यालय को पत्र लेख किये जाते हैं। यह सतत् प्रक्रिया है। पत्रों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) वित्तीय व्यवस्था अनुसार समस्याओं का निराकरण प्राथमिकताओं के आधार पर किया जा रहा है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुरक्षा गार्ड हेतु शस्त्र लायसेंस
[गृह]
143. ( क्र. 3815 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आत्मरक्षार्थ एवं सुरक्षा गार्ड हेतु शस्त्र लायसेंस का एक ही आवेदन/एक ही नियम शासन द्वारा निर्धारित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा सुरक्षा गार्ड हेतु आवेदन पत्र एवं नियम में संशोधन हेतु शासन स्तर पर कोई विचार किया जा रहा है/प्रस्तावित है? (ग) सागर जिले में शस्त्र लायसेंस हेतु कितने लायसेंस प्रकरण स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं तथा इनमें कितने प्रकरणों में सुरक्षा गार्ड की नौकरी हेतु शस्त्र लायसेंस चाहा गया है? (घ) सागर जिले में दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने शस्त्र लायसेंस स्वीकृति किये गये? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक जारी किये जायेंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) सागर जिले में 189 शस्त्र लायसेंस प्रकरण निराकरण हेतु लंबित है। आयुध अधिनियम 1959 एवं आयुध नियम 2016 में निहित प्रावधानों के अनुसार आत्मरक्षार्थ हेतु शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। अतः सुरक्षा गार्ड हेतु लंबित शस्त्र लायसेंस स्वीकृत के आवेदनों की अलग से जानकारी संकलित नहीं की जाती। (घ) सागर जिले में दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक 22 शस्त्र लायसेंस फौती ट्रांसफर एवं 10 शस्त्र लायसेंस वृद्धावस्था अन्तर्गत अन्तरण किये गये तथा 4 नवीन शस्त्र लायसेंस जारी किये गये एवं 4 रिवाल्वर/पिस्टल शस्त्र लायसेंस का प्रकरणों का नियमानुसार निराकरण की कार्यवाही विचाराधीन है।
जय किसान ऋण माफी योजना की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
144. ( क्र. 3866 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा जय किसान ऋण माफी योजना अंतर्गत अभी तक प्रदेश के कितने किसानों को ऋण मुक्त कर दिया गया है? (ख) क्या किसानों द्वारा सहकारी समितियों एवं सहकारी बैंकों से ऋण लिया है? यदि हाँ, तो ऋण लेने वाले किसानों की जिलेवार संख्या की जानकारी दें। (ग) क्या प्रदेश सरकार द्वारा सहकारी समितियों व सहकारी बैंकों से ऋण लेने वाले कृषकों की ऋण माफी की राशि प्रतिपूर्ति के रूप में दे दी गई है? यदि हाँ, तो जिलेवार ब्यौरा दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लीज निरस्ती की कार्यवाही
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
145. ( क्र. 3879 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 833 दिनांक 3.7.14 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'सी' में निर्माणाधीन इकाईयों की अद्यतन स्थिति बतावें। वर्तमान में इन स्थानों पर कौन से उद्योग संचालित है? (ख) उपरोक्तानुसार परिशिष्ट ''डी'' की स्थिति भी देकर बतावें कि इस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) परिशिष्ट ''ई'' में बंद इकाईयों की लीज निरस्ती की क्या कार्यवाही की गई है? बतावें। विगत 5 वर्षों में इस संबंध में हुये समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें। (घ) कब तक बंद इकाईयों की लीज निरस्त कर दी जाएगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) प्रश्न क्रमांक 833 दिनांक 03.07.2014 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'सी' में दर्शायी गई 8 इकाईयां वर्तमान में कार्यरत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्न क्रमांक 833 दिनांक 03.07.2014 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'डी' में इकाईयों की वर्तमान स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्न क्रमांक 833 दिनांक 03.07.2014 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' में इकाईयों की स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) इकाईयों द्वारा उत्पादन प्रारम्भ करने से लीज निरस्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज भूमि का अन्यत्र उपयोग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
146. ( क्र. 3880 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 833 दि. 3.07.14 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ए) में वर्णित समस्त इकाइयों में कितनी चालू/बंद हैं, की जानकारी इकाईवार देवें। बंद होने की दिनांक की जानकारी भी साथ में देवें। (ख) इन इकाइयों में कितनी इकाईयां उद्देश्य परिवर्तन कर कार्य कर रही है? सूची देवें। (ग) इसी प्रश्न के परिशिष्ट (बी) के क्रमांक 1, 3, 4 में चल रही अन्यत्र गतिविधि पर इनकी लीज निरस्ती कब तक की जाएगी? विगत 5 वर्षों में इन पर की गई कार्यवाही के समस्त पत्राचार की प्रति देवें। (घ) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? किस कारण से इन्हें संरक्षण दिया जा रहा है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) प्रश्न क्र. 833 दिनांक 03.07.2014 के परिशिष्ट 'ए' में वर्णित समस्त इकाइयों की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 02 इकाईयों द्वारा नियमानुसार उत्पाद परिवर्तन की अनुमति प्राप्त कर कार्य किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्न क्र. 833 दिनांक 03.07.2014 के परिशिष्ट 'बी' के क्रमांक 1 पर अंकित इकाई के हस्तांतरण उपरांत नवीन इकाई कार्यरत होने से एवं क्रमांक 3, 4 पर अंकित इकाईयां कार्यरत होने से लीज निरस्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मोरण्ड नदी पर बांध निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
147. ( क्र. 4051 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सिवनी मालवा अंतर्गत मोरण्ड नदी पर बांध निर्माण प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या सर्वे कार्य पूर्ण हो गया है तथा क्या बांध की स्वीकृति हो चुकी है? यदि हाँ, तो लागत क्या है एवं बांध निर्माण कार्य कब-तक प्रारम्भ किया जावेगा? (ख) उक्त बांध बनने पर क्षेत्र के कितने ग्राम, कृषि भूमि डूब में आवेगी? क्या डूब में आने वाले ग्रामों के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है? (ग) इस बांध से किस-किस जिले में कितना-कितना रकबा सिंचित होगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। राशि रूपये 2813.00 करोड़, जिसमें मोरण्ड बांध की लागत रूपये 787.04 करोड़ सम्मिलित है। बांध निर्माण हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) 6 ग्राम, 532.33 हेक्टेयर। जी नहीं। (ग) मोरण्ड–गंजाल संयुक्त परियोजना अंतर्गत प्रस्तावित सिंचित क्षेत्र की जानकारी निम्नानुसार है:-
स.क्र. |
जिला |
रकबा |
1 |
होशंगाबाद |
1286 हेक्टेयर |
2 |
हरदा |
29910 हेक्टेयर |
3 |
खंडवा |
17678 हेक्टेयर |
बी.पी.एल. कार्डधारक, प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
148. ( क्र. 4086 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में ग्राम-रानीपुर (तवानगर), जिला होशंगाबाद में कितने बी.पी.एल. आयुष्मान योजना, संबल योजना कार्डधारक हैं? कितने प्रधानमंत्री आवास निर्माण हुये? कितने शौचालय निर्माण हुये? उज्जवला योजना में कितने कनेक्शन बांटे गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2018-19 हेतु उक्त योजनाओं में कितना-कितना लक्ष्य रखा गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) बी.पी.एल. में कुल 432, आयुष्मान योजना में कुल 407, संबल योजना अन्तर्गत कुल 836 हितग्राही कार्ड धारक हैं। प्रधानमंत्री आवास निर्माण - ग्राम रानीपुर में व्यक्तिगत भूमि नहीं है, समस्त भूमि जल संसाधन विभाग के अधीन है। जिससे आवास निर्माण की स्थिति निरंक है। कुल 87 शौचालय निर्माण हुये एवं उज्जवला योजना में कुल 284 कनेक्शन बांटे गये हैं। (ख) वर्ष 2018-19 में उक्त योजनाओं का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं था। संबंल योजनान्तर्गत 03 परिवार को अंत्येष्टि सहायता, 02 परिवारों को मृत्यु अनुग्रह सहायता एवं 11 परिवारों को शौचालय निर्माण का लाभ दिया गया है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
सी.सी. रोड
निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 52 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत ग्राम ढीहा में सी.सी. रोड बनाने हेतु 20 लाख रूपये अगस्त, 2018 में स्वीकृत किये हैं एवं निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत सूखा को राशि उपलब्ध कराई गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक रोड निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है? (ग) क्या विषयांतर्गत रोड निर्माण हेतु जुलाई, 2018 में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा का रूपये 20 लाख का एस्टीमेट भेजा गया था एवं निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर नियुक्त करने हेतु पत्र भेजा गया है, किंतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर को निर्माण एजेंसी नियुक्त नहीं किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो कारण बतावें। क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में पत्र के प्रेषक व प्रेषण दिनांक का उल्लेख नहीं होने से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (घ) पंचायत राज संचालनालय के पत्र क्रमांक/पं.राज./निर्माण-06/2019/9278 भोपाल दिनांक 11.07.2019 के अनुसार अप्रारंभ कार्य निरस्त किये गये है, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों के कल्याण के लिये संचालित योजनायें
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( क्र. 414 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा किसानों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) वर्ष 2016-17 से जून 2019 तक की अवधि में रायसेन जिले में कितने कृषकों को किस योजना में लाभ मिला? (ग) विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 से जून 2019 तक की अवधि में रायसेन जिले में कितनी राशि के कार्य करवाये गये? (घ) जिले में योजनाओं की जानकारी के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग द्वारा कितनी राशि व्यय की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'' अनुसार है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य R.E.S.
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 415 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (R.E.S.) द्वारा स्वीकृत या कराये जा रहे कौन-कौन से कितनी राशि के स्वीकृत कार्य अप्रारंभ है? किन-किन कार्यों में वन व्यवधान है? वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें कार्य स्वीकृति दिनांक स्वीकृत राशि, व्यय राशि, कब तक कार्य पूर्ण होना था? (ग) उक्त अपूर्ण अप्रारंभ कार्यों में वन व्यवधान, अतिक्रमण, भूमि उपलब्ध न होना एवं अन्य कारणों के निराकरण हेतु विभाग के किस-किस अधिकारी ने क्या-क्या प्रयास कार्यवाही की। (घ) क्या R.E.S. द्वारा बनवाये जा रहे अपूर्ण ग्राम पंचायत भवनों का कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? उक्त राशि के कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अपूर्ण, अप्रारंभ कार्यों में आ रहे व्यवधान के निराकरण हेतु कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री द्वारा वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों से पत्राचार एवं सम्पर्क किया गया। ठेकेदार स्तर से कार्यों में हो रहे विलंब हेतु उन्हें नोटिस जारी किये गये। (घ) जी हाँ। अपूर्ण ग्राम पंचायत भवनों को कलेक्टर जिला रायसेन के निर्देशानुसार ग्राम पंचायतों को कार्य कराये जाने हेतु सौंपे गये। कार्य वित्तीय वर्ष 2019-20 में पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है।
पर्यटन सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी
[पर्यटन]
4. ( क्र. 637 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र स्थित मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना पर पर्यटन सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र के आधार पर शासन/पर्यटन विकास निगम स्तर पर लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना पर पर्यटन सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी योजना कब तक स्वीकृत हो जाएगी?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) पत्र प्राप्त हुआ है। प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों को दी गयी राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( क्र. 780 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज की ग्राम पंचायत करहोला, फतेहपुर, लखनपुर, घानाकलॉ, खजूरिया, बरामदगढ़ी तथा विकासखण्ड सिलवानी की ग्राम पंचायत पड़रिया कलॉ, जैतपुर, चंदपुरा, पठापोड़ी, पोनार को वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद योजना में कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? (ख) उक्त पंचायतों द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के किस-किस योजना में कहाँ-कहाँ करवाये कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? (ग) उक्त कार्यों का निरीक्षण, मूल्यांकन तथा अंतिम मूल्यांकन कब-कब, किस अधिकारी के द्वारा किया गया? नाम, पदनाम एवं दिनांक सहित बताया जाए? (घ) उक्त अवधि में उक्त पंचायतों में गड़बड़ी तथा अनियमितता की किन-किन माध्यमों से कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
उद्यानिकी विभाग की उदासीनता
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
6. ( क्र. 1153 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में उद्यानिकी विभाग अंतर्गत कितनी नर्सरी कार्यरत है एवं उनके प्रभारी कौन है? (ख) खण्डवा जिले में विगत 5 वर्षों में उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को किन-किन योजनाओं के तहत कितनी सामग्री एवं अनुदान प्रदान किया है? वर्षवार जानकारी दें? (ग) क्या उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की उदासीनता एवं लापरवाही के कारण पात्र किसान/हितग्राही विभाग की योजनाओं के लाभ से वंचित है? (घ) क्या विभाग द्वारा गत 3 वर्षों में विभाग की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिये कोई कार्य नहीं किया एवं न ही विभाग के पास इसकी कोई योजना है? (ङ) यदि हाँ, तो क्या ऐसे निष्क्रिय अधिकारियों के विरूद्ध विभाग इनके कार्यकाल की जाँच करेगा आगामी दिनों में हितग्राहियों के लिए विभाग की क्या कार्ययोजना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) खण्डवा जिले में उद्यानिकी विभाग अंतर्गत 04 नर्सरी है। जिनमें प्रभारी अधिकारी का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
नर्सरी का नाम |
प्रभारी अधिकारी |
1. |
शा.उ. रोपणी बोरगांवखुर्द, वि.ख.-खण्डवा |
श्री टी.के. पवार |
2. |
शा.उ. रोपणी देशगांव, वि.ख. छैगांवमाखन |
श्री एन.एस. चौहान |
3. |
शा.उ.रोपणी रजूर, वि.ख.-खालवा |
श्री सुरेशचंद सोनी |
4. |
शा.उ. रोपणी गांधवा, वि.ख.-पंधाना |
श्री गुमान सिंह धाकड़ |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) विभाग द्वारा मेला प्रदर्शनी में विभागीय स्टॉल लगाया जाकर आने वाले कृषकों एवं अन्य व्यक्तियों को विभागीय योजनाओं से संबंधित पम्पलेट आदि का वितरण किया जाकर योजना का प्रचार-प्रसार किया जाता है। (ड.) जी नहीं। उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्रिज का कार्य पूर्ण करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 1197 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत ग्राम कड़लावद के स्थानीय नाले पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत ब्रिज का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो ब्रिज निर्माण कार्यादेश की तिथि एवं कार्य प्रारम्भ करने कि दिनाँक एवं पूर्ण करने की दिनाँक से अवगत कराते हुये कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ब्रिज का कार्य आज दिनाँक तक पूर्ण न किये जाने के कारणों से अवगत करावें? क्या यदि इस वर्षाकाल के पूर्व ब्रिज को पूर्ण नहीं किया गया तो उक्त अधूरा ब्रिज कुण्डालिया डेम के पानी से डूब जावेंगे एवं कई ग्राम जैसे कालापीपल, बुढ़नपुर, पीपल्यिमोची, आदि ग्रामों के ग्रामवासियों का रास्ता स्थाई रूप से बन्द हो जावेगा इसके लिये कौन दोषी? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? अवगत करावें। (ग) प्रश्नाधीन ब्रिज का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, कार्यादेश एवं कार्य प्रारंभ की तिथि 24.10.2014 एवं अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की दिनांक 23.10.2016 थी। कार्यादेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ब्रिज के तीन स्पॉन के स्लैब ढलने के बाद जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित कुण्डालिया बांध के डूब क्षेत्र में आने की जानकारी प्राप्त होने पर पुल का कार्य यथास्थिति बंद कर दिया गया था इसके पश्चात् पुल की ऊंचाई बढ़ाने हेतु पुनर्रूपांकन, पुल की ऊंचाई यथास्थिति में बढ़ाने हेतु तकनीकी विशेषज्ञों से विचार विमर्श, एकरेखण परिवर्तन आदि गतिविधियों के कारण विलंब हुआ। जी नही, प्रश्न में उल्लेखित ग्रामों के ग्रामवासियों को वैकल्पिक रूप से छापीहेड़ा मार्ग से आवागमन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इस हेतु कोई दोषी नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 1288 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायतों में 14वें वित्तीय आयोग से बनने वाली सड़क डी.पी.आर. से बने निर्माण कार्य का मूल्यांकन किस-किस अधिकारी के मार्गदर्शन पर कौन-कौन के द्वारा किया जाता है? (ख) क्या 14वें वित्तीय आयोग से बनने वाली सड़क डी.पी.आर. का मूल्यांकन नॉन तकनीकी रोजगार सहायक से कराया जाता है? यदि हाँ, तो क्या निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन होना संभव है? यदि हाँ, तो क्या विभाग इस पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नया आदेश जारी होगा? (ग) बालाघाट जिले में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्राम पंचायतों में मजदूरों का भुगतान लंबित है क्या भुगतान जिला स्तर/प्रदेश स्तर पर लंबित है, जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) निर्माण कार्यों का मूल्याकंन ग्राम पंचायत समिति द्वारा किया जाता है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निगरानी निर्माण समिति के अध्यक्ष, संबंधित वार्ड के निर्वाचित प्रतिनिधि एवं ग्राम पंचायत का सचिव करता है। (ख) जी नही, शासन द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी उपयंत्री/सहायक यंत्री को सौंपी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बालाघाट जिले में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी ग्राम पंचायत में मजदूरों का भुगतान लंबित नहीं है। वर्तमान में प्राप्त हो रहे मस्टररोलों का भी भुगतान प्राथमिकता से किया जा रहा है।
बीज प्रदायक संस्थाओं से प्राप्त बीज
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 1290 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2015-2016 से वर्ष 2018-19 तक बीज प्रदायक संस्था एन.एस.सी. भोपाल एवं नाफेड बायोफर्टिलाईजर इंदौर से खरीफ रबी कार्यक्रम के अंतर्गत किन-किन फसलों की कितनी मात्रा किस दर पर बीज का फसलवार क्रय किया गया तथा क्रय के आदेश कब-कब जारी किये गये? (ख) उपरोक्त बीज प्रदायक संस्थाओं से प्राप्त बीज का विकासखण्ड एवं सेवा सहकारी समितियों में कितना कितना भण्डारण कर कितने कृषकों को कौन-कौन सी योजनाओं के कितने अनुदान पर बीज प्रदाय किय गया? कृषकों की संख्या वर्गवार दें। (ग) उपरोक्त बीज प्रदायक संस्थाओं को कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? प्रदाय राशि में कितना कमीशन काटा गया है? (घ) प्राप्त बीजों में कितनी मात्रा शेष बची है तथा बचत बीज का विक्रय किसके द्वारा किया गया? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी है तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक बीज प्रदायक संस्था एन.एस.सी. भोपाल एवं नाफेड फर्टिलाईजर इंदौर से खरीफ/रबी कार्यक्रम के अन्तर्गत क्रय किये गये फसलों के बीज की जानकारी फसलवार एवं क्रय आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) बीज प्रदायक संस्थाओं से प्राप्त बीज विकासखण्ड एवं सेवा सहकारी समितियों में भण्डारण एवं योजनावार अनुदान की दर तथा कृषकों की वर्गवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) बीज प्रदायक संस्थाओं को भुगतान की गई राशि वर्षवार एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (घ) समस्त बीजों का वितरण किया जा चुका है। अत: शेष का प्रश्न नहीं उठता।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से संबंधित जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( क्र. 1291 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कौन-कौन से कृषि फार्म कहाँ पर कब से संचालित है? उपरोक्त फार्मों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में चैनलिंग फेंसिंग निर्माण करने के लिये प्रक्षेत्रवार कितनी-कितनी राशि स्वीकृति उपरान्त प्राप्त हुई? (ख) प्राप्त आवंटन का आहरण जिस अधिकारी के द्वारा किया गया हैं क्या उसी के द्वारा राशि का व्यय किया गया अथवा नहीं? (ग) स्वीकृत कार्यों के प्रदाय आदेश कब-कब जारी किये गये तथा यह कार्य किस एजेंसी अथवा संस्था से कराये गये तथा इसका भुगतान कब और किस तरह से किया गया? (घ) उपरोक्त स्वीकृत कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र या विभाग को भेजे गये अथवा नहीं? उपरोक्त कार्य पूर्ण है या अपूर्ण यदि कार्य अपूर्ण है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन अधिकारी है? क्या संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) बालाघाट जिले में तीन शासकीय कृषि प्रक्षेत्र-किन्हीं वर्ष 1959 से, शासकीय कृषि प्रक्षेत्र गढी वर्ष 1959 एवं शासकीय कृषि प्रक्षेत्र-पिपरझिरी वर्ष 1972-73 तथा एक कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र-मुरझड (वारासिवनी) 1962 से संचालित है। उपरोक्त कृषि प्रक्षेत्रों के लिये राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में चैनलिंग फेंसिंग निर्माण करने के लिये प्रक्षेत्रवार कुल राशि 58.08 लाख की स्वीकृति उपरांत प्राप्त हुई। प्रक्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्राप्त आवंटन का आहरण संबंधित उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला-बालाघाट (म.प्र.) ने किया एवं उक्त राशि का व्यय संबंधित उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला-बालाघाट (म.प्र.) के द्वारा किया गया। (ग) स्वीकृत कार्यों के प्रदाय आदेश जारी किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा यह कार्य गवर्नमेन्ट-ई मार्केटिंग (जी.ई.एम.) से ऑनलाईन प्राप्त न्यूनतम दर पर पंजीकृत संस्था देव कार्पोरेशन लिमिटेड इन्दौर से कराये गये है तथा इसका भुगतान विभागीय तकनीकी दल से मूल्यांकन उपरांत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार किया गया। (घ) उपरोक्त कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र उपरोक्त कार्यों के अपूर्ण रहने से विभाग को नहीं भेजे जा सके है। उपरोक्त कार्य अपूर्ण है। संबंधित कार्य एजेंसी को संबंधित उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला-बालाघाट (म.प्र.) द्वारा कार्य पूर्ण करने हेतु नोटिस जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
अनियमितता के प्रकरणों का निराकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( क्र. 1328 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2016 के पश्चात पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों पर अनियमितता के कुल कितने प्रकरण किस-किस व्यक्ति के खिलाफ कहाँ-कहाँ दर्ज हुए, उन प्रकरणों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उक्त प्रकरणों में ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें एक ही कर्मचारी के खिलाफ सेवाकाल में 1 से अधिक बार प्रकरण दर्ज हुए फिर भी विभाग द्वारा उन्हें आर्थिक जिम्मेदारी के कार्य लगातार दिए जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रकरणों में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनका निराकरण किया जा चुका है, प्रकरण निराकरण का आधार बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि उपज मंडी में हो रहे निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( क्र. 1555 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कृषि उपज मंडी बड़नगर/खरसोदकला/भाटपचलाना में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं? कितने कार्य प्रारंभ हैं? कितने कार्य निर्माणाधीन हैं? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं? कार्यवार, लागत सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कितने कार्यों का किस-किस निर्माण एजेन्सी द्वारा समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण किया गया? कितने कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें। समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने वाली एजेन्सी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) किस-किस कार्य के स्वरूप में कितना भुगतान किया गया तथा कितना भुगतान शेष है? कार्यवार, राशिवार जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कृषि उपज मंडी समिति बड़नगर में राशि रू. 346.56 लाख के कुल 11 निर्माण कार्य स्वीकृत हुये है एवं उपमंडी खरसोदकला में राशि 98.87 लाख के कुल 02 निर्माण कार्य स्वीकृत हुये है जिनकी कुल लागत राशि रू. 445.43 लाख एवं उपमंडी भाटपचलाना में कोई भी निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है। निर्माण कार्यों की कार्यवार, लागत सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति बड़नगर एवं उपमंडी खरसोदकला के कुल स्वीकृत 13 निर्माण कार्यों में से 05 निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये गये। शेष 08 निर्माण कार्यों में से 04 कार्य समयावधि में प्रगतिरत है एवं 04 कार्यों का कार्यादेश जारी होना शेष है। कार्यों की निर्माण एजेंसी व अन्य विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समस्त निर्माण कार्य समय-सीमा में होने तथा निर्माण एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही न होने से शेष जानकारी निरंक है। (ग) कृषि उपज मंडी समिति बड़नगर एवं उपमंडी खरसोदकला के कुल स्वीकृत 13 निर्माण कार्यों में से 09 कार्यों में राशि रू. 269.59 लाख का भुगतान किया गया है एवं शेष कार्यों में राशि रू. 59.12 लाख का भुगतान किया जाना है तथा 04 कार्यों के कार्यादेश जारी नहीं होने से भुगतान की जानकारी निरंक है।
भावान्तर योजना का लाभ देना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 1651 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में वर्ष 2018-19 में किन-किन खरीफ फसलों पर भावान्तर योजनांतर्गत किसानों के खातों में कितनी-कितनी राशि जमा की गई एवं कितनी राशि बोनस के रूप में जमा की गई? (ख) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में कितने खातेदार किसान हैं एवं उक्त योजनांतर्गत कितने किसानों को लाभ प्राप्त हुआ है? कितनों को नहीं? (ग) जिन खातेदार किसानों को भावान्तर योजना एवं बोनस का लाभ नहीं मिला है उन्हें कब तक लाभ प्रदान किया जावेगा? (घ) क्या म.प्र. शासन द्वारा ग्रीष्म 2019 की मूंग कृषि उपज को समर्थन (M.S.P.) पर खरीदने की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) वर्ष 2018-19 में खरीफ फसलों पर भावांतर भुगतान योजना लागू नहीं थी। फ्लैट भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत होशंगाबाद जिले में मक्का फसल पर 250/- प्रति क्विं. के मान से 6013 कृषकों को 7 करोड़ 88 लाख 81 हजार रू. का भुगतान किया गया एवं सोयाबीन फसल हेतु भारत सरकार से राशि की मांग की गई है। भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में कुल 82148 खातेदार किसान है। फ्लैट भावांतर भुगतान योजना में मक्का फसल के 3335 कृषक लाभान्वित हुये है। शेष उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत जिला कलेक्टर की मांग के आधार पर पूर्ण राशि उप संचालक कृषि के खाते में हस्तांतरित की जा चुकी है। (घ) प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही में अनावश्यक विलंब
[गृह]
14. ( क्र. 1743 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतना ने पत्र क्र. 276/17 दिनांक 03.11.2017 को थाना प्रभारी सिटी कोतवाली सतना को पत्र जारी कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। उक्त पत्र में पेज क्र. 01 से 112 तक रिकार्ड में संलग्न थे। शिकायतकर्ता ने 7 बिन्दु दिये थे। उक्त सात बिन्दु एवं अति पुलिस अधीक्षक के निर्देश का अवलोकन स्वयं पुलिस अधीक्षक सतना करेंगे? अवलोकन पश्चात एफ.आई.आर. करने के निर्देश जारी करेंगे। (ख) क्या सह भी सही है कि तहसीलदार रघुराजनगर ने पत्र क्र. 600 दिनांक 11.03.2016 के तहत नोटिस जारी कर काल्पनिक ईश्वर प्रताप सिंह को 28.03.2016 को न्यायालय में उपस्थित होने को कहा था उपस्थित नहीं होने पर उक्त आराजी नं. 329/342/3 रकवा 2023 हेक्टेयर को तत्कालीन कलेक्टर सतना ने दिनांक 05.04.2016 को शासकीय घोषित कर दिया ध्यानाकर्षण क्र.506 के जवाब के लिये 6 सदस्यीय कमेटी का गठन तहसील ने पत्र क्र.59 दिनांक 12.03.2016 को गठन किया कमेटी उक्त दिनांक को ही स्थल पंचनामा बनाकर दे दिया जिसमें स्पष्ट लिखा है कि ईश्वर प्रताप सिंह उक्त पते में नहीं मिला तहसीलदार ने कलेक्टर सतना को पत्र क्र.80 दिनांक 12.03.2016 को जारी कर बताया वर्तमान समय में निवासी नहीं पाये जाते है। तारांकित प्रश्न क्र. 5067 के उत्तर में भी तह.ने पत्र क्र.91 दिनांक 18.03.2016 को कलेक्टर भेजी जानकारी में भी यह बताया पुलिस अधीक्षक सतना उक्त पत्रों का अवलोकन स्वयं करेंगे। (ग) यह भी सत्य है कि शिकायतकर्ता जो उक्त आराजी को दिनांक 07.11.2011 को 55,27,500/- रू. की राशि देकर सविता गुप्ता एवं मीना गुप्ता से अनुबंध किये थे। तत्कालीन टी.आई. राघवेन्द्र द्विवेदी ने उक्त दोनों पार्टी का आपसी समझौता कराकर 25 लाख दिलाकर करा दिया था। 10 लाख तुरंत सविता गुप्ता एवं मीना गुप्ता के पतियों ने दिये थे। 15 लाख के लिए समय मांगा था जिसमें 6 लाख और दिये प्रश्न दिनांक तक 9 लाख बकाया है। उसका एग्रीमेंट भी लिखित में दोनों पार्टी किये हुए है। शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वाले आपस में समझौता कर लेंगे तो अपराध माफ हो जायेगा। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) सही है तो 03.11.2017 को दिये गये आवेदन में विषय में उल्लेखित भू-माफिया एवं शिकायतकर्ता जिन्होंने शासकीय जमीन का एग्रीमेंट किया है। उनके विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. करने के निर्देश पुलिस अधीक्षक सतना देंगे। नहीं देगे तो क्यों कारण सहित बिन्दुवार जानकारी दें तथा जिन पुलिस अधिकारियों ने उक्त मामले को आज दिनांक तक दबाये रखा है। उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेगे प्रश्नकर्ता को लिखित में बताये?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आरोपी बनाया जाना
[गृह]
15. ( क्र. 1747 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना कोलगवां में अपराध क्र. 168/16 एवं सिटी कोतवाली में अपराध क्र. 169/17 धारा 420, 419, 467, 468, 34 ता. हि. के तहत कायमी की गयी है? उक्त दोनों अपराध का चालान धारा 173, (8) के तहत कर दिया गया है? उक्त अपराध में किसी भी राजस्व कर्मचारी एवं अधिकारी को दोषी नहीं माना गया है? जबकि उक्त विभाग के पटवारियों का नाम सभी रिपोर्ट कर्ताओं ने आवेदन में लिखा है? पुलिस के कथन में उनके नाम का उल्लेख किया है? कलेक्टर द्वारा जारी पत्र क्र. 87 दिनांक 22.3.2016 एवं राजस्व निरीक्षक सुदामा कोल द्वारा पुलिस को दिये गये कथन के पश्चात राजस्व विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश जारी होंगे? (ख) कूटरचित दस्तावेज तैयार कर शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वाले राजस्व अधिकारी एवं कर्मचारियों को कब तक आरोपी बना दिया जायेगा? नहीं बनाया जायेगा तो क्यों? (ग) क्या कोलगवां थाना प्रभारी द्वारा तह. रघुराजनगर को 8.6.2016 को पत्र जारी कर तत्कालीन तहसीलदार, आर.आई., पटवारी एवं बाबू के नाम मंगाये गये थे? उक्त पत्र के जवाब में तह. द्वारा पत्र क्र. 193 दिनांक 12.7.2016 के जरिये थाना प्रभारी को तह. सहित सभी के नाम उपलब्ध करा दिये गये है? 173 (8) के तहत चालान पेश करने के पूर्व उक्त पत्र को दबाकर विधान सभा में जानकारी गलत भेज दी गयी है तथा 22 रजिस्ट्रियां जिन लोगों के नाम हुई जिन्हें आरोपी बनाया जाना चाहिये था? क्या उन्हें गवाह बना दिया गया है? क्या तत्कालीन एस.पी. ने विवेचना अधिकारी नरेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया था? अब 22 रजिस्ट्रियांधारियों को तथा राजस्व विभाग के कर्मचारी, अधिकारी एवं भू-माफियाओं को कब तक उक्त दोनों प्रकरणों में आरोपी बना दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। प्रकरण अनुसंधान में है। साक्ष्य एकत्रित की जा रही है एवं विधिसम्मत् कार्यवाही की जा रही है। (ग) किसी भी जानकारी को दबाकर गलत जानकारी नहीं भेजी गई है। शेष प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश-(क) के उत्तर में समाहित है। विवेचक नरेन्द्र सिंह को निलंबित किया गया था। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
परफार्मेंस ग्राण्ट की राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 1790 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17 में 14वें वित्त आयोग अंतर्गत परफार्मेंस ग्राण्ट की राशि विभिन्न प्रयोजन हेतु जनपद पंचायतों को उपलब्ध कराई गई है? (ख) यदि हाँ, तो सिवनी जिले की 08 जनपद पंचायतों को कितनी-कितनी राशि, किस-किस प्रयोजन हेतु उपलब्ध कराई गई है? (ग) सिवनी जिले की 08 जनपद पंचायतों के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य में व्यय हुई तथा कितनी शेष है? वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार, जनपद पंचायतवार, सूची उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में व्यय की गई राशि का प्रस्ताव जनपद पंचायत की किसी बैठक में पारित कर निर्माण कराया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो बैठकों में पारित प्रस्तावों की प्रतियां वर्षवार जनपद पंचायतवार उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो, क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। सीधे ग्राम पंचायतों के खाते में राशि उपलब्ध कराई गई है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) परफॉरमेन्स ग्रांट की राशि सीधे ग्राम पंचायतों को प्रदाय की जाती है। ग्राम पंचायतें ग्राम सभा से अनुमोदन पश्चात विकास कार्य कराती है।
नर्मदा नदी की सहायक नदियों के संबंध में
[नर्मदा घाटी विकास]
17. ( क्र. 1916 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत नर्मदा नदी से सिंचाई की कितनी परियोजनाओं पर विभाग काम कर रहा है क्या नर्मदा जी एवं उसकी सहायक नदियों पर 2024 तक ही बांध बनाये जा सकते हैं? (ख) क्या नर्मदा जी के कमांड एरिये में आने वाले गांवों के किसानों को सिंचाई हेतु लिफ्ट माइक्रो इरिगेशन की अन्य किसी बड़ी परियोजना का कार्य इस समय विभाग के द्वारा प्रस्तावित है या सर्वे कराया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के कितने गांवों को माइक्रो इरिगेशन परियोजना से जोड़ा जा सकता है? (घ) यदि नहीं तो लगभग 100 गांवों के किसानों का किस तरह नर्मदा नदी से सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जा सकता है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) कुल 2 परियोजनाओं पर। नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण (N.W.D.T.) अवार्ड अनुसार मध्यप्रदेश राज्य को आवंटित 18.25 M.A.F. जल का उपयोग 2024 तक किया जाना है। (ख) नर्मदा-पार्वती लिंक फेस-3 एवं फेस-4 उद्वहन सिंचाई योजनाओं की निविदा प्रक्रियाधीन है तथा हाटपिपल्या माईक्रो लिफ्ट इरिगेशन स्कीम प्रस्तावित है। (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र का कोई ग्राम नहीं आता। (घ) पृथक से सर्वेक्षण कर साध्य पाये जाने पर।
कृषि उपज मंडी कन्नौद के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 1917 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति कन्नौद को विभाग द्वारा किस श्रेणी की मंडी माना गया है? इस मंडी समिति के पास कुल कितनी भूमि है जिस पर मंडी का संचालन हो रहा है? (ख) क्या जितनी भूमि पर मंडी का संचालन हो रहा है वह उपज रखने एवं व्यापार के लिये अपर्याप्त है ऐसा समय-समय पर किसानों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग को अवगत कराया गया है? (ग) यदि विभाग यह मानता है कि कृषि उपज मंडी की वर्तमान उपलब्ध जगह रोजमर्रा के व्यापार हेतु अपर्याप्त है तो क्या समिति को नई जगह का आवंटन आने वाले भविष्य को ध्यान में रखकर किया जा सकता है? यदि हाँ, तो समय बतायें। (घ) यदि नहीं तो जगह की कमी होने पर भविष्य में अन्य किस तरीके से मंडी का सुचारू रूप से संचालन हो सकेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति कन्नौद ''ग'' श्रेणी की मंडी है। कन्नौद मंडी प्रांगण का रकबा 2023 हैक्टर भूमि है, जिस पर मंडी का कार्य संचालित हो रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) कृषि उपज मंडी समिति के नवीन मंडी प्रांगण हेतु भूमि की उपलब्धता के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। (घ) उपरोक्त ''ग'' अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
महिलाओं के साथ घटित अपराध
[गृह]
19. ( क्र. 1990 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनवरी 2014 से दिसम्बर 2018 तक महिलाओं के प्रति विभिन्न अपराधों की शीर्ष अनुसार संख्या क्या है तथा वर्ष 2018 की तुलना में कितने औसतन प्रतिशत किस Head में वृद्धि या कमी हुई? वर्ष 2018 में प्रतिदिन औसतन कितनी महिलाओं के साथ प्रतिदिन बलात्कार हुआ तथा औसतन प्रतिदिन कितनी महिलाओं का अपहरण हुआ? (ख) जनवरी 2014 से दिसंबर 2018 तक महिलाओं के प्रति विभिन्न अपराधों पर न्यायालय में कितने प्रकरण में फैसले दिये गए? उनमें से कितने प्रकरण दोष मुक्त हुई तथा कितनों में सजा हुई? सजा का प्रतिशत कितना है? बलात्कार (376) गैंगरेप, अपहरण (363-364-366) के प्रकरणों में न्यायालय द्वारा वर्ष 2018 में दिये गए फैसलों में सजा का प्रतिशत बतावें। (ग) क्या वर्ष 2016 से S.C. तथा S.T. पर घटित अपराध में क्रमश: 36 प्रतिशत 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें तथा 2017 तथा 2018 में इसमें कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई? वर्ष 2016 तथा 2018 में न्यायालय द्वारा S.C. तथा S.T. के खिलाफ घटित अपराध पर किए गए फैसले में सजा का प्रतिशत क्या हैं? (घ) प्रशासकीय प्रतिवेदन 2016-17 में विधि विभाग द्वारा की गई कार्यवाही के टेबल में क्रमांक 8, 9, 10 तथा 14 को छोड़कर शेष क्रमांक के बारे में बतावें कि पत्राचार (क 1 से 4,6,11, से 13) आवश्यक कार्यवाही (क्र.5) तथा जाँच प्रतिवेदन (क्र.7) के परिणाम क्या है? क्या सारे प्रकरणों में कार्यवाही सम्पन्न हो गई है, यदि नहीं तो संख्या बतावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा घाटी जल के उपयोग का विवरण
[नर्मदा घाटी विकास]
20. ( क्र. 1995 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास मंत्रालय 2006 से 2016 तक में मुख्यमंत्री के पास कब से कब तक रहा? मध्यप्रदेश अपने हिस्से का 2004 तक कितना जल उपयोग कर चुका था तथा 2018 तक कितना जल उपयोग कर चुका है? यह तीनों मात्रा कैलेण्डर से कितनी फीसदी कम अथवा ज्यादा है? (ख) नर्मदा घाटी विकास मंत्रालय का पिछले 10 वर्षों का बजट कितना-कितना है तथा इस घाटी के विकास में 2004 से अभी तक कुल कितनी राशि व्यय की जा चुकी है तथा उसके बदले प्रदेश को कृषि, बिजली, उद्योग, रोजगार में क्या-क्या हासिल हुआ? (ग) क्या नर्मदा में प्रदेश के हिस्से का 18.25 M.A.F. जल में से हम अभी तक मात्र 11:36 M.A.F. जल ही उपयोग कर पाये हैं? यदि हाँ, तो शेष लगभग 7 M.A.F. जल आने वाले वर्षों में हम कैसे उपयोग कर पावेंगे? वर्षवार कैलेण्डर तथा प्रत्येक योजना में उपयोग आने वाली जल की मात्रा सहित बतावें। (घ) नर्मदा घाटी में सरदार सरोवर के लिए विकसित 88 परियोजना के नाम तथा प्रत्येक परियोजना पर आज दिनांक तक पूर्व में किए गए कार्य का ब्यौरा देवें तथा मुआवजे की शेष राशि की जानकारी दें। (ड.) नर्मदा घाटी क्षेत्र में फर्जी रजिस्ट्री के रोड पर बने आयोग की प्रमुख अनुशंसा निष्कर्ष क्या है तथा उस अनुसार उत्तर दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? इस आयोग की रिपोर्ट की प्रति देवें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पहुंच मार्ग को पक्की सड़क से जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 2079 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत ऐसे कितने गांव, मजरा एवं टोला है जो प्रश्न दिनांक तक पक्की सड़क से नहीं जुड़े है? उनके नाम एवं जनसंख्या सहित विवरण प्रदाय करें. (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त गांव, मजरा एवं टोला को कब तक किस योजना और विभाग के द्वारा पक्की सड़क से जोड़ा जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 11 गांव, 47 मजरा एवं टोला पक्की सड़क से नहीं जुड़े हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) वित्तीय संसाधनों की सुनिश्चितता होने पर एवं तत्संबंधी योजना स्वीकृत होने पर ही पक्की सड़क से जोड़ने का कार्य किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अपूर्ण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( क्र. 2092 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कौन-कौन से कार्य है जो प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कार्यों की स्वीकृत लागत अब तक किये गये कार्य की मूल्यांकित राशि किये गये मूल्यांकन उपरांत शेष रहे कार्य की लागत तथा कार्य पूर्ण होने की संभावित अवधि बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त कार्यों के अपूर्ण होने के क्या कारण है? कब तक पूर्ण होंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
पात्र हितग्राहियों को अपात्र करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( क्र. 2101 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के पलेरा एवं बल्देवगढ़ ब्लॉक में प्रारंभ से अब तक ऐसे कितने व्यक्ति हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास की पात्रता सूची में शामिल होने के बाद भी अपात्र किया गया। (ख) उपरोक्त व्यक्तियों को किस प्रक्रिया के तहत् एवं किसकी अनुशंसा पर अपात्र माना गया? सूची देवें। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्रता के लिए शासन द्वारा क्या मापदण्ड बनाये गए हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में प्रारम्भ से अब तक जनपद पंचायत बल्देवगढ़ में 1784 तथा जनपद पंचायत पलेरा में 122 हितग्राहियों को अपात्र किया गया है। (ख) क्रियान्वयन का फ्रेम वर्क में दिये गये बहिर्वेशन प्रक्रिया के अनुसार अधिकृत कर्मचारी/अधिकारी द्वारा सत्यापन के आधार पर अपात्र किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्रदेश में हवाला कारोबार की जाँच
[गृह]
24. ( क्र. 2186 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में हवाला कारोबार से संबंधित प्रकरण दर्ज किये गये है? सूची देवें (ख) क्या फर्जी फर्म बना कर बड़े लेन देन कर प्रदेश में हवाला कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी फर्में पकड़ में आ चुकी है और उन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई है? (ग) हवाला कारोबार से संबंधित वे कौन से व्यक्ति हैं जिन पर एक से अधिक बार प्रकरण दर्ज किया गया है उनकी सूची देवें? (घ) क्या लोहा एवं सीमेंट के कारोबार से जुड़े अधिकतर व्यापारी ही, फर्जी फर्में बनाकर शासन को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) हवाला संबंधी अपराध प्रिवेंशन ऑफ मॅनी लाण्डरिंग एक्ट 2002 (पी.एम.एल.ए.) के तहत पंजीबद्ध होता है। केंन्द्र सरकार के इस एक्ट में प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार को कार्यवाही हेतु प्राधिकृत किया गया है। (ख) से (घ) प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार से संबंधित है।
अपराध क्र. 50/17 के सम्बन्ध में
[गृह]
25. ( क्र.
2233 ) श्री
राहुल सिंह
लोधी : क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) टीकमगढ़
जिले के ग्राम
सुन्दरपुर
थाना कोतवाली
टीकमगढ़ में
दिनांक 18.01.2017 को अपराध
क्रमांक 50/17
जिसमें
आरोपियों ने
फरियादी के घर
में घुसकर उस
पर प्राण घातक
हमला कर मकान
में आग लगा दी
गई थी,
अपराध
पंजीकृत होने
के पश्चात् आज
दिनांक तक पुलिस
द्वारा
आरोपियों पर
क्या
कार्यवाही की
गई? (ख) नामजद
आरोपियों को
पुलिस ने आज
दिनांक तक गिरफ्तार
किया है अथवा
नहीं?
(ग) यदि
नहीं तो
गिरफ्तार कब
तक किया जाएगा? (घ) नामजद
आरोपियों पर
पूर्व में भी
कौन-कौन से अपराध
पंजीकृत है? (ड.)
आरोपियों ने
क्या पूर्व
में भी
फरियादी के परिवार
के साथ कोई
अपराधिक घटना
की है,
जिस
पर पुलिस
द्वारा
कार्यवाही की
गई है?
गृह
मंत्री ( श्री
बाला बच्चन ) : (क) थाना
कोतवाली
टीकमगढ़ के अपराध
क्रमांक 50/17 में
अपराध
पंजीकृत होने
के पश्चात्
पुलिस द्वारा
विवेचना
उपरांत धारा 41 (क) द.प्र.सं.
का नोटिस
तामील कराया
जाकर चालान तैयार
कर माननीय
मुख्य
न्यायिक
दण्डाधिकारी
टीकमगढ़ के
न्यायालय में
प्रस्तुत
किया है जिसका
प्रकरण
क्रमांक-1043/17
दिनांक 05.07.2019 है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश
का उत्तर
प्रश्नांश (क) के
उत्तर में
समाहित है। (घ)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ड.)
जी हाँ। थाना
कोतवाली
टीकमगढ़ के
अपराध क्रमांक
48/2000, 99/2000
एवं 518/15
में उपरोक्त
अपराधों में
नामजद में से
दो आरोपियों
के विरूद्ध
कार्यवाही की
गई है।
एन.एच.एम. योजना अंतर्गत तालाब निर्माण की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
26. ( क्र. 2312 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के रहली विकासखण्ड में एन.एच.एम. योजना अंतर्गत कुल कितने तालाब निर्माण कार्य कराये गये? (ख) क्या एन.एच.एम. के अंतर्गत पूर्व स्वीकृत भरे-पटे तालाबों का अनुरक्षण जीर्णोंद्धार एवं गहरीकरण कार्य हेतु राज्य शासन राशि उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सागर जिले के रहली विकासखण्ड में एन.एच.एम. योजना अंतर्गत 11 तालाब (सामुदायिक जल स्त्रोत) का निर्माण कार्य कराया गया। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 2313 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृति के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं एवं आवासहीनों को कब तक आवास दिये जायेंगे? (ख) सागर जिले के रहली एवं सागर जनपद क्षेत्र में 11 दिसम्बर 2018 से 30 जून 2019 तक कौन-कौन से गांव में उक्त योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत किये गये है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें, यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विभाग में कार्यरत ट्रेक्टर चालकों का वेतनमान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 2324 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि अभियांत्रिकी विभाग में किस-किस श्रेणी एवं पदों के कर्मचारी कार्यरत है? (ख) क्या विभाग में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त (तृतीय श्रेणी) (ट्रेक्टर) चालकों को समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा 10 वर्ष/20 वर्ष/30 वर्ष की सेवा उपरांत प्रथम/द्वितीय/तृतीय समयमान वेतनमान देने के निर्देश है? (घ) सागर जिले के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिलाये जाने हेतु विभाग द्वारा वित्त विभाग से मंत्रालय से कब-कब पत्राचार किया गया या नहीं? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सेवानिवृत्त (तृतीय श्रेणी) ट्रैक्टर चालकों को वर्तमान में कार्यरत ट्रैक्टर चालकों को स्वच्छक (चतुर्थ श्रेणी) के पद से पदोन्नत किया गया है। पदोन्नत पद पर समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान नहीं होने के कारण नहीं दिया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिद्ध क्षेत्र गढपहरा के विकास कार्यों के संबंध में
[पर्यटन]
29. ( क्र. 2325 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिद्ध क्षेत्र गढपहरा/ठाकुर बाबा जरूआखेड़ा (बंठ वाले)/मां हरसिद्धि रिछावर को पर्यटन विकास अंतर्गत पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने/विकास कार्य कराने में सम्मिलित किया गया है/जोड़ा गया है? (ख) यदि हाँ, तो इन तीनों पर्यटन क्षेत्र/सिद्ध क्षेत्रों में क्या-क्या विकास कार्य, कब-कब कितनी राशि/लागत से कराये गये? (ग) क्या तीनों सिद्ध क्षेत्रों में पर्यटन की दृष्टि से कौन-कौन से निर्माण कार्यों/सौंदर्य की दृष्टि से क्या-क्या प्राक्कलन विभाग द्वारा तैयार किये गये हैं? (घ) लंबित प्राक्कलन विभाग द्वारा कब तक स्वीकृत किये जायेंगे एवं स्वीकृत विकास कब तक पूर्ण होंगे एवं कब तक कार्य एजेंसी द्वारा/विभाग द्वारा किसे सौंपे जायेंगे?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) सिद्ध क्षेत्र गढपहरा/ठाकुर बाबा जरूआखेड़ा (बंठ वाले)/मां हरसिद्धि रिछावर में विकास कार्य कराने हेतु प्राक्क्लन तैयार किया गया है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नागत स्थलों में डे-शेल्टर, पाथवे, लैंडस्केपिंग, बैंचेस, डस्टबिन का कार्य समायोजित करते हुए प्राक्कलन तैयार किए गए हैं। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
30. ( क्र. 2367 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति की आवश्कता नहीं थी? यदि नहीं तो क्यों? (ख) नर्मदा-क्ष्रिप्रा लिंक परियोजना के शुभारंभ से आज दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी राशि व्यय की गई?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ, क्योंकि योजना से कोई सिंचाई प्रस्तावित नहीं है एवं इस योजना का मुख्य उद्देश्य नर्मदा नदी एवं क्षिप्रा नदी को जोड़कर सिंहस्थ के दौरान स्नान हेतु जल उपलब्ध कराना तथा देवास एवं उज्जैन जिले को पेयजल हेतु जल उपलब्ध कराना है। (ख) विवरण निम्नानुसार है:-
स.क्र. |
वर्ष |
प्राप्त आवंटन (रूपये लाख में) |
व्यय की गई राशि (रूपये लाख में) |
1 |
2012-13 |
26617.25 |
25131.41 |
2 |
2013-14 |
24498.00 |
14630.77 |
3 |
2014-15 |
500.00 |
497.70 |
4 |
2015-16 |
380.00 |
370.12 |
कुल योग |
51995.25 |
40630.00 |
खाचरौद
जनपद में
ग्रामीण कृषि
अधिकारी के स्वीकृत
पद
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
31. ( क्र. 2389 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद जनपद अन्तर्गत ग्रामीण कृषि विभाग में ग्रामीण कृषि अधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार संख्या सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत वर्तमान में कितने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी कार्यरत हैं? कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी? पदपूर्ति करने का शासन का क्या प्लान है? (ग) क्या शासन क्षेत्र में कार्यरत कृषिकर्मी को भविष्य में विभाग में योग्यता के अनुसार नियुक्ति देने पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) खाचरौद विकासखण्ड में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के कुल 29 पद स्वीकृत है जिसके विरूद्ध 07 पद भरे एवं 22 पद रिक्त है। (ख) वर्तमान में 07 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी कार्यरत एवं 22 पद रिक्त है। 12 फरवरी 2018 द्वारा प्रस्ताव मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल को प्रेषित किया जा चुका है। (ग) जी नहीं। नियुक्ति करने की कार्यवाही व्यापम द्वारा विभागीय सेवा भरती नियमों में विहित प्रावधान के अंतर्गत की जाती है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना से संबंधित
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 2394 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मोही से ग्राम बोरगाँव तक लगभग 3 कि.मी. की प्रधानमंत्री सड़क योजना कार्य दस्तावेजों में निश्चित दिनांक के पूर्व ही बन गई है, क्यों? (ख) प्रश्नांकित क्षेत्रों में रोड पर सड़क का बोर्ड लगा दिया गया है, जबकि रोड आज दिनांक तक बनी ही नहीं है, क्यों? (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में उक्त रोड निर्माण में कौन-कौन से अधिकारी व कर्मचारियों तथा ठेकेदार द्वारा कार्य कराया गया है, सूची देवें? (घ) प्रश्नांकित क्षेत्र के रोड की इस अनियमितता व अधिकारियों व कर्मचारियों की लिप्तता पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। कार्यादेश जारी होने के पश्चात् प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रावधानुसार सूचना बोर्ड लगाकर कार्य प्रारंभ होने की तिथि एवं पूर्णता की संभावित तिथि अंकित की गई है। कार्य पूर्ण होने पर पूर्णता की वास्तविक तिथि अंकित की जाती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सप्ताह में एक दिवसीय अवकाश
[गृह]
33. ( क्र. 2421 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिला पुलिस बल के कर्मचारियों को प्रतिदिन 8 घंटे की सेवा एवं सप्ताह में एक दिन के अवकाश व्यवस्था की क्या स्थिति है? (ख) मध्यप्रदेश के किन जिलों में यह पूर्ण रूप से लागू किया गया है एवं किन जिलों में लागू नहीं किया गया है। (ग) प्रदेश के किन जिलों में सप्ताह में एक दिवसीय अवकाश कि व्यवस्था आरंभ कर दी गयी है, जिलेवार रोस्टर उपलब्ध कराएं। (घ) क्या विशेष सशस्त्र बल के कर्मचारियों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश मिलना प्रारंभ हो गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) पुलिस मुख्यालय के परिपत्र क्रमांक पुमु/प्रशासन/कार्मिक/7/ 05/2019 दिनांक 01.01.2019 के माध्यम से थाना एवं विसबल कंपनियों में तैनात पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने के संबंध में निर्देश जारी किये गये है, जो प्रचलन में है। (ख) सप्ताह में एक दिन के अवकाश की व्यवस्था प्रदेश के समस्त जिलों में लागू है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी हाँ।
प्रदेश में घटित अपराध
[गृह]
34. ( क्र. 2422 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 6 माह में मध्यप्रदेश के सभी जिलों में हत्या, लूट, बलात्कार, छेड़छाड़ के कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए है? (ख) दर्ज प्रकरणों में विभाग द्वारा कितने प्रकरणों में चालान पेश किया गया? (ग) प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए विभाग की क्या कार्य योजनाएं है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन द्वारा महिला अपराधों एवं छेड़छाड की घटनाओं की रोकथाम के लिये राज्य स्तरीय महिला हेल्प लाईन 1090 सेवा एवं राज्यव्यापी आपदाकालीन पुलिस सेवा डायल-100 योजना प्रारंभ की गई है जो चौबीसों घंटे उपलब्ध है। असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए संवदेनशील एवं चिन्हित क्षेत्रों में निर्भया, मैत्री एव शक्ति पुलिस पेट्रोलिंग सेवाऐं प्रारंभ की जाकर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं। विद्यालयों, महाविद्यालयों, छात्रावास, आंगनवाड़ी तथा अनाथालयों में समय-समय पर विशेष अभियान के साथ ही आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा जागरुकता अभियान के माध्यम से महिलाओं एवं बालिकाओं को जोड़कर बैनर, पोस्टर के माध्यम से बच्चों को गुड टच एण्ड बैड टच की जानकारी दी जा रही है। महिलाओं के विरुद्ध यौन अपराधों में अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध निर्धारित समय-सीमा में आरोप पत्र न्यायालय में पेश कर फरियादी एवं साक्षियों को उचित संरक्षण देकर प्रकरणों का सफल अभियोजन किया जा रहा है। जिससे विगत एक वर्ष में 25 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा मृत्युदण्ड, 312 प्रकरणों में आजीवन कारावास एवं 2461 प्रकरणों में अन्य दण्ड से दण्डित किया गया है।
सायबर अपराध के संबंध में
[गृह]
35. ( क्र. 2423 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में लगातार सायबर अपराध बढ़ने की स्थिति में अनुविभागीय स्तर पर सायबर थाना खोले जाने की विभाग द्वारा क्या कोई कार्ययोजना बनायी गयी है? (ख) वर्तमान में सायबर अपराध नियंत्रण हेतु क्या विभाग के पास सक्षम बल उपलब्ध है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ।
पात्रता प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसियों के संबंध में
[गृह]
36. ( क्र. 2424 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कुल कितनी, किन-किन निजी सुरक्षा एजेंसियों को विभाग द्वारा पात्रता दी गयी है? (ख) क्या पात्रता प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसियों से जनभागीदारी के माध्यम से सहयोग लेने की कोई व्यवस्था विभाग द्वारा की गयी है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 1016 निजी सुरक्षा एजेंसियों को विभाग द्वारा पात्रता प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं।
किसानों की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
37. ( क्र. 2428 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुंडम अंतर्गत जय किसान ऋण माफी योजना के तहत किन-किन किसानों के 2 लाख तक के कृषि ऋण सरकार के गठन से प्रश्नांश दिनांक तक माफ किये गये हैं? किसानों की संख्या बतायें? (ख) शेष किसानों के बैंक खातों में कब तक राशि हस्तांतरित कर दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुंडम अंतर्गत जय किसान ऋण माफी योजना के तहत क्रमश: 2070 एवं 1274 कुल 3344 किसानों का ऋण माफ किया गया है। (ख) योजनान्तर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अनुकंपा नियुक्ति दिया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 2436 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत जबलपुर अन्तर्गत पी.सी.ओ/बी.पी.ओ.के जनवरी, 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए, वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला पंचायत जबलपुर अन्तर्गत कितनों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दे दिया गया हैं? कितने शेष हैं। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रकरणों में विलम्बित अनुकंपा के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण हो इसके लिये विभाग द्वारा कौन-कौन से कदम उठाये गये है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्राप्त प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला पंचायत जबलपुर में अनुकंपा नियुक्ति का लाभ किसी को नहीं दिया गया। पी.सी.ओ. के एक आवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिये जाने हेतु शेष है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदन में कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से विभाग द्वारा कदम उठाये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केबिनेट के प्रस्ताव
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
39. ( क्र. 2482 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय मानवाधिकार के अंतर्गत श्योपुर में बच्चों के कुपोषण से हुईं मौतों पर तत्कालीन सरकार ने सदन में श्वेत प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया था? यदि हाँ, क्या श्वेत प्रस्तुत किया गया? यदि नहीं, कब किया जायेगा? (ख) क्या पूर्व सरकार के कार्यकाल में कृषि संबंधी और पर्यटन संबंधी निर्णयों के लिए कृषि केबिनेट की बैठक बुलाई गयी थी? यदि हाँ, तो कब, कहाँ, क्यों और किसलिए? उक्त बैठक में क्या निर्णय किये गए? जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त निर्णयों पर अमल किया गया? किये गए निर्णयों पर कितना बजट प्रावधान किया गया? कितने मदों में उसे विभाजित किया? किन उद्देश्यों के लिए, कब, कैसे, किसलिए किया? उपरोक्त सभी बिंदुओं पर प्रमाणित जानकारी के साथ जवाब प्रस्तुत करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जेल संबंधी सम्पूर्ण जानकारी
[जेल]
40. ( क्र. 2524 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड में कुल कितनी जेल है? उनके नाम, उनके कैदियों की स्वीकृत संख्या उनके विरूद्ध कितने-कितने महिला, पुरूष बंदी है? (ख) जिला भिण्ड में जेल विभाग का कुल कितना-कितना अमला स्वीकृत है? उसके विरूद्ध कितना अमला पदस्थ है? जेल का नाम, पद, पदस्थ अमला सहित विवरण देवें। (ग) दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले में कितने-कितने ऐसे बंदी हैं जिनकी सजा पूर्ण हो चुकी है या जिनका अभी तक कोई अपराध नहीं है? फिर भी जेल में बंद है। उनका नाम बंदी होने के दिनांक सहित बतावें? इन्हें कब तक रिहा कर दिया जाएगा? (घ) दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले में मारपीट, अवैध वसूली रंगदारी की घटनायें शिकायत प्राप्त हुये इनका विवरण देते हुये बतावें क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गयी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जिला भिण्ड में कुल 04 जेलें, जिला जेल भिण्ड, सब जेल लहार, सब जेल गोहद एवं सब जेल मेहगांव है। इन जेलों की आवास क्षमता एवं परिरूद्ध बंदियों की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जिला पुलिस अधीक्षक को वित्तीय अधिकार
[गृह]
41. ( क्र. 2525 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग में जिला पुलिस अधीक्षक को स्वीकृत मदों के कार्यों को कराने के क्या-क्या अधिकार है? (ख) जिला पुलिस अधीक्षक को कितनी राशि तक के सामग्री क्रय करने के अधिकार हैं? नियमों की प्रति देवें। (ग) क्या जिला पुलिस अधीक्षक को स्वीकृत राशि के विरूद्ध सामग्री क्रय करने हेतु पृथक-पृथक राशि में विभक्त कर सामग्री क्रय करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति देते हुए बतावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) म.प्र. वित्तीय शक्ति पुस्तिका (भाग-2) -1995, सहपठित वित्तीय शक्ति पुस्तिका (भाग-1) -2012 में जिला पुलिस अधीक्षक को प्रत्यायोजित अधिकारों के अन्तर्गत कार्य कराने के अधिकार वर्णित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वित्तीय शक्ति पुस्तिकाओं के अंतर्गत जिला पुलिस अधीक्षक को निर्धारित सीमा तक की राशि की सामग्री क्रय करने के अधिकार प्रत्यायोजित है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 2533 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मऊगंज विकासखण्ड अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत हर्रहा से मलकपुर सड़क निर्माण स्वीकृत है। सड़क की लम्बाई एवं लागत क्या है? क्या सड़क के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृत हो चुकी है? प्रोजेक्ट नम्बर एवं प्रशासकीय स्वीकृत की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क का कार्य पूर्ण कर लिया गया? यदि नहीं तो क्यों तथा सड़क का कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। मलकपुर तिराहा (हर्रहा) से मलकपुर तक सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत न होकर स्टेट मंडी निधि से स्वीकृत है। सड़क की लंबाई 3.23 कि.मी. तथा लागत रू. 227.91 लाख है। इस कार्य का पैकेज एम.पी.32 एस.एम.-10, प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। संविदाकार द्वारा धीमी गति से कार्य किये जाने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हुआ। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कृषि उपज क्रय-विक्रय के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
43. ( क्र. 2559 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा कृषि उपज मंडी समिति जावरा अंतर्गत कृषि उत्पादों के क्रय-विक्रय का कार्य अरनिया पौथा मंडी, खाचरोद नाका मंडी, पिपलौदा मंडी व बडावदा मंडी अंतर्गत अथवा अन्य भी किसी उपमंडी यथा कालूखेडा, ढोढर, रिंगनोद में भी किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय का कार्य निरंतर रूप से पंजीकृत व्यापारियों एवं पंजीकृत तुलावारियों के माध्यम से मंडी समिति के किन-किन अधिकारियों के मार्ग दर्शन/देख-रेख में किया जाता है? (ग) कृषक की उपज या कोई भी कृषि उपज जब मंडी परिसर के प्रवेश द्वार से भीतर आती है तो कृषि उपज किस प्रकार की कौन सी उपज है तथा भीतर जाते समय उपज का नाम व तौल कर प्रवेश दिया जाता है? (घ) वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक वर्षवार आवक एवं जावक की जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। अरनियापीथा मंडी प्रांगण, जावरा मंडी प्रांगण उपमंडी बड़ावदा, पिपलौदा में कृषि उपज का क्रय-विक्रय किया जाता है। ढोढ़र व रिंगनोद हाटबाजार, उपमंडी कालूखेड़ा अक्रियाशील मंडी है, क्रय-विक्रय नहीं होता है। (ख) जी हाँ। कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय का कार्य निरंतर रूप से पंजीकृत व्यापारियों एवं पंजीकृत तुलावटियों के माध्यम से मंडी समिति के सचिव, मंडी निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। (ग) जी हाँ। कृषकों द्वारा लाई गई कृषि उपज अधिसूचित होती है तथा भीतर जाते समय उपज का नाम प्रवेश पर्ची एवं प्रवेश पंजी में इन्द्राज कर मंडी प्रांगण में प्रवेश दिया जाता है। कृषकों की कृषि उपज का तौल मंडी प्रांगण में नीलामी पश्चात् कराया जाता है। (घ) वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक की आवक, जावक एवं मंडी शुल्क की पत्रक वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
योजनाओं एवं कार्यों के संबंध में
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
44. ( क्र. 2560 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं के माध्यम से उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण हेतु रतलाम जिला अंतर्गत अनेक कार्य किये जाकर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक उपरोक्तानुसार अंतर्गत आने वाले समस्त कार्यों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्षवार कितनी-कितनी बजट राशि प्राप्त होकर कितना व्यय हुआ? (ग) भिन्न-भिन्न योजनाओं के माध्यम से जिले में ब्लॉकवार किस-किस उद्यानिकी फसल कार्य तथा खाद्य प्रसंस्करण कार्य हेतु क्या-क्या स्वीकृतियां कितनी बजट राशि अथवा अन्य सामग्रियां, दवाइयां, उपकरण इत्यादि प्रदान की? ब्लाकवार कृषक संख्या बताएं। (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में वर्षानुसार स्वीकृत बजट राशि के माध्यम से कृषकों को दिये अनुदान सहित क्या उपकरण, सामग्री, दवाइयां दिये जाने हेतु कार्य एजेन्सी अथवा विभाग द्वारा सामग्री क्रय-विक्रय किस प्रकार कर कृषकों को प्रदान की जाती रही? वर्षवार, ब्लॉकवार, कार्यों के भौतिक सत्यापन सहित कृषकों की संख्या की जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनावार एवं वर्षवार आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार है। (घ) रतलाम जिले में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2018-19 की अवधि में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लगने वाली सामग्री जैसे पौध, खाद, बीज, दवा, यंत्र आदि सामग्री प्रदाय हेतु निम्नानुसार प्रचलन में है:- 1. वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक निर्धारित एजेन्सी एम.पी.एग्रो के माध्यम से विभाग की योजनाओं के अन्तर्गत सामग्री प्रदाय की जाती है, वर्ष 2016-17 से विभाग द्वारा केवल बाड़ी (किचन गार्डन) योजना के तहत प्रमाणित सब्जी बीज क्रय कर कृषकों को सब्जी बीज पैकेटों का वितरण किया जा रहा है। शेष आदान सामग्री कृषकों द्वारा स्वयं निर्धारित एजेन्सी से क्रय की जा रही है तथा अनुदान की राशि आर.टी.जी.एस. के माध्यम से कृषक के बैंक खाते में जमा की जाती है। 2. विभाग द्वारा निर्धारित पंजीकृत संस्थाओं को कृषक अंश राशि प्रदाय कर सामग्री प्राप्त करने पर कृषकों की सहमति से सामग्री प्रदायक संस्था को अनुदान राशि का भुगतान आर.टी.जी.एस. के माध्यम से किया जाता है। 3. उपरोक्त वर्षों में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत भौतिक सत्यापन उपरान्त ही अनुदान सहायता दी जाकर लाभान्वित किया गया है। योजनावार, ब्लाकवार एवं वर्षवार स्वीकृत राशि एवं कृषक संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार है।
विभागीय कार्यों के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 2561 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जय किसान फसल ऋण माफी योजना के माध्यम से दो लाख रूपये तक की राशि के बकाया ऋणों से किसानों को कर्जमुक्त कर उन्हें कर्ज मुक्ति के प्रमाण स्वरूप प्रमाण पत्र भी दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में कुल कितने कर्जदार किसानों को चिंहित किया गया, उनमें से कुल कितने किसानों को इसका लाभ मिला, कितने किसान बकायादार होकर उनमें से कितने लाभान्वित हुए? (ग) क्या इस योजना के क्रियान्वयन के साथ ही समस्त किसान खाद-बीज लिये जाने का लाभ प्राप्त कर सकेंगे तथा किसान नगद लेनदेन भी कर सकेंगे? (घ) यदि हाँ, तो ऋण माफी योजना क्रियान्वयन के पश्चात् रतलाम जिला अंतर्गत आने वाली समस्त सोसायटियों के अंतर्गत आने वाले सदस्य कृषकों को क्या खाद, बीज एवं नगद लेनदेन की सुविधाएं प्रदान की जा रही है? साथ ही ऋण मुक्ति योजना के बावजूद सोसायटियों द्वारा वसूली हेतु जबरन वसूली नोटिस दिये जा रहे है, तो किन-किन सोसायटियों द्वारा किस-किस अधिकारियों के माध्यम से नोटिस दिये गये एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कार्य योजना को पूर्ण करना
[नर्मदा घाटी विकास]
46. ( क्र. 2570 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नर्मदा-पार्वती लिंक योजना के कार्य स्थिति क्या है? वर्तमान स्थिति में कितना कार्य हुआ है और कब तक कार्य पूर्ण होगा।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) कार्य प्रगति पर है एवं अभी तक 13 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। दिनांक 06/05/2022 लक्षित है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
47. ( क्र. 2575 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में क्या-क्या प्रावधान हैं, विवरण दें। (ख) भोपाल संभाग की किन-किन योजनाओं को उसमें सम्मिलित किया गया है? योजना की लागत एवं सिंचित रकबा सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं? (घ) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत ''पर ड्राप मोर कॉप'' घटक के माइक्रोइरीगेशन उप घटक की अद्यतन स्थिति में भोपाल संभाग की योजनाओं के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु किस स्तर पर कब से लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत वृहद्, मध्यम, लघु सिंचाई परियोजनाएं, वाटरशेड, जल संग्रहण संरचनाएं, स्टाप डेम, चेक डेम का निर्माण एवं पुरानी जल संरचनाओं की मरम्मत कार्यों का प्रावधान है तथा किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा सिंचाई हेतु स्प्रिंकलर, ड्रिप एवं रेनगन पर अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत विभागवार, घटकवार निम्नानुसार कार्य किये जाते है। 1. ए.आई.बी.पी. (क्रियान्वयन जल संसाधन विभाग) घटक अंतर्गत- वृहद, मध्यम, लघु सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण। 2. हर खेत को पानी (क्रियान्वयन जल संसाधन विभाग) घटक अंतर्गत- कमाण्ड एरिया विकास एवं नहरों का निर्माण कार्य, पुरानी जल संरचनाओं की मरम्मत का कार्य। 3. एकीकृत जल ग्रहण विकास कार्यक्रम (क्रियान्वयन ग्रामीण विकास विभाग) अंतर्गत- वाटरशेड विकास कार्य, चेक डेम, खेत तालाब एवं तालाब निर्माण आदि के कार्य किये जाते है। 4. ''पर ड्राप मोर क्राप'' (माइक्रोइरीगेशन) घटक अंतर्गत कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा स्प्रिंकलर सेट, ड्रिप एवं रेनगन पर अनुदान दिया जाता है। (घ) दिनांक 29.06.2019 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत ''पर ड्राप मोर क्राप'' घटक के माइक्रोइरीगेशन उप घटक की 2019-20 की कार्य योजना का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। अद्यतन स्थिति में भोपाल संभाग की योजनाओं के कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
एफ.आर.एस. तकनीक से गुमशुदा बच्चों की पहचान
[गृह]
48. ( क्र. 2632 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम संभाग में जिलावार विगत पाँच वर्षों में वर्षवार कितने बच्चों की गुमशुदगी/ अपहरण की घटनाएं दर्ज की गयी? इनमें से कितनी लड़कियाँ थी। (ख) इनमें से कितने बच्चों की बरामदगी पुलिस द्वारा कर ली गयी है? (ग) क्या पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों द्वार बच्चों की बरामदगी में फेशियल रिकग्निशन सॉफ्टवेयर (एफ.आर.एस.) का प्रयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से यदि नहीं तो क्यों? (घ) जानकारी दें कि एफ.आर.एस. तकनीक का प्रयोग करने के बाद बच्चों की बरामदगी की संख्या में कितनी वृद्धि हुई है। प्रदेश की जानकारी देते हुए नर्मदापुरम संभाग की जिलावार जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) एवं (घ) जी नहीं, वर्तमान में मध्यप्रदेश में फेशियल रिक्गिनशन सॉफ्टवेयर (एफ.आर.एस.) तकनीकी का प्रयोग नहीं हो रहा है, इसे लागू करने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास हेतु मंडी की भूमि का आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
49. ( क्र. 2633 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मंडी, इटारसी की पांच एकड़ भूमि प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु नगर पालिका इटारसी को दिये जाने के संबंध में प्रस्ताव उप संचालक, म.प्र.रा.कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल को अनुभाग अधिकारी, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा दिनांक 30.6.18 को प्रेषित किया गया था? (ख) क्या नगर पालिका इटारसी को पांच एकड़ भूमि दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं किन शर्तों पर?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) कृषि उपज मंडी समिति इटारसी द्वारा नगर पालिका परिषद इटारसी को आवंटित किये जाने वाली 2.50 एकड़ प्रस्तावित भूमि के संबंध में बैठक दिनांक 26.06.2019 के प्रस्ताव क्रमांक-2 में मंडी की आय वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुये मंडी प्रांगण इटारसी में फल-सब्ज़ी मंडी स्थापित किये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। जिसके कारण प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु अब भूमि दी जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
किसानों हेतु संचालित योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 2659 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत विभाग द्वारा किसानों के लिए कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने किसानों को वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में संचालित योजनाओं का लाभ दिया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कृषक संख्यावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किसानों को राजस्व पुस्तिका 6-4 के अंतर्गत कितने किसानों को सूखा राहत राशि की स्वीकृति वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में की गई? कितने किसानों के बैंक खातों में राहत राशि जमा की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राजस्व पुस्तिका 6-4 के अंतर्गत कितने हितग्राहियों की राहत राशि स्वीकृत की गई है? कितने हितग्राहियों को राहत राशि का भुगतान कर दिया गया है एवं कितने हितग्राहियों का शेष है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में किसानों के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, वर्षवार लाभांवित कृषक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिला सीधी के जनपद पंचायत कुसुमी, मंझौली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिला सिंगरौली के देवसर जनपद पंचायत अंतर्गत वर्ष 2017-18 में सूखा प्रभावित 3811 कृषकों को रूपये 32383466/- राहत राशि स्वीकृत की गई है। शेष प्रश्नांकित वर्षों में सूखा संबंधी आपदा न होने से राहत राशि स्वीकृत नहीं की गई है। प्रभावित समस्त कृषकों को स्वीकृत राशियां ई-पेमेंट के माध्यम से तत्समय भुगतान की जा चुकी है। भुगतान हेतु कोई प्रभावित किसान शेष नहीं है। (घ) जिला सीधी के जनपद पंचायत कुसुमी, मंझौली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जिला सिंगरौली के देवसर जनपद पंचायत में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत कुल 3859 हितग्राहियों की राहत राशि स्वीकृत की गई है एवं समस्त 3859 हितग्राहियों की राहत राशि का भुगतान तदसमय किया जा चुका है। कोई हितग्राही राहत राशि भुगतान हेतु शेष नहीं है।
निरपराधियों के संबंध में
[गृह]
51. ( क्र. 2669 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरियादी द्वारा चोरी, डकैती, मारपीट आदि की घटनाओं के प्रकरण थानों में दर्ज कराते समय जिनका-जिनका नाम लिखाता है उनमें से कई जो दोषी नहीं होते हैं उनके साथ पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जाती है? क्या अपराध में लिप्त न होने के बावजूद भी ऐसे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ख) क्या यह सत्य है कि फरियादी/रिपोर्टकर्ता के अलावा पुलिस द्वारा अपनी जाँच के दौरान भी निरपराधियों के नाम बाद में चार्जशीट में शामिल कर लेते हैं जो बाद में दोषमुक्त कर दिये जाते हैं, जिसके कारण दोषमुक्त हुये लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान होना पड़ता है, मानसिक आर्थिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा में नुकसान का सामना करना पड़ता हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो निरपराधियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराने वाले एवं पुलिस द्वारा जाँच के दौरान निरपराधियों के नाम शामिल करने से जो बाद में दोषमुक्त हो जाते हैं को हुई क्षति की भरपाई के लिए कौन उत्तरदायी है? क्या क्षति की भरपाई की जा सकती है? यदि हाँ, तो किस प्रकार से और किससे। (घ) क्या ऐसी कार्यवाहियों के संबंध में शासन द्वारा कोई ठोस कदम उठाये जाकर नियम बनाये जायेंगे जिससे अपराध में लिप्त न होने वाले ऐसे लोगों के हितों की रक्षा हो सके और उनको किसी प्रकार की मानसिक, आर्थिक अथवा सामाजिक क्षति न हो? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) सभी प्रकरणों में अन्वेषण के पश्चात प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर विवेचक के द्वारा द.प्र.सं. की धारा 173 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। किसी भी निरपराधी के विरूद्ध पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं की जाती है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
52. ( क्र. 2681 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सतना के सामुदायिक निर्माण कार्य हेतु किन-किन मदों से 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि ग्राम पंचायतवार किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गई, का विवरण देवें? स्वीकृत कार्यों के व्यय का विवरण भी ग्राम पंचायतवार देवें तथा कार्यों की भौतिक प्रगति से अवगत करावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायतों एवं उसमें स्वीकृत कार्यों के संदर्भ में प्राप्त राशि का उपयोग न करने एवं गबन किये जाने पर कितने ग्राम पंचायत सचिवों के विरूद्ध धारा 92 एवं सरपंचों के विरूद्ध धारा 40 की कार्यवाही प्रस्तावित की गई। क्या मौके पर कार्य न किये जाने एवं राशि के गबन कराये जाने के लिये सहायक यंत्री उपयंत्री एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भी दोषी पाये गये है। यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब-कब प्रस्तावित की गई, कार्यवार, ग्राम पंचायतवार जनपद पंचायतवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में कितने ऐसे सचिव है जिनके विरूद्ध धारा 92 की कार्यवाही प्रस्तावित होने के बाद वित्तीय अधिकारों से वंचित नहीं किया गया और उनको अन्य ग्राम पंचायतों में हटाकर पदांकित नहीं किया गया, क्यों? कितने ऐसे सचिव जिले में हैं जो तीन वर्षों से अधिक समय से पंचायतों में कार्यरत है का विवरण देते हुये बतावें कि इनके हटाये जाने बाबत् क्या नीति शासन ने तैयार की है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार राशि गबन किये जाने, मोके पर कार्य न किये जाने, के लिये जिम्मेदारों पर जाँच उपरांत कार्यवाही प्रस्तावित ना करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? संबंधितों सहित जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार सचिवों के अन्यत्र हटाये जाने एवं वित्तीय प्रभार के संबंध में क्या आदेश जारी करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
नदी पुनर्जीवन योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 2716 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नदी पुनर्जीवन योजना अंतर्गत खुरई विधान सभा क्षेत्र की नरेन नदी एवं जामनी नदी के गहरीकरण की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) हां तो क्या इन नदियों के गहरीकरण के साथ ही इनमें मिलने वाली सहायक छोटी नदियों एवं नालों का गहरीकरण भी किया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या उक्त दोनों नदियां खुरई विधान सभा क्षेत्र की करीब 80 पंचायतों से होकर गुजरती हैं और आगामी वर्षों में इनका गहरीकरण आवश्यक है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) खुरई विधान सभा क्षेत्र में महात्मा गांधी नरेगा मद से नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम अंतर्गत केवल नरेन नदी का चयन किया गया है। नदी के जलग्रहण क्षेत्र का उपचार कार्य किये जाने के निर्देश है। गहरीकरण के निर्देश नहीं दिये गये है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) नरेन नदी खुरई विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत खुरई की 31 ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत मालथौन की 32 ग्राम पंचायतों, इस प्रकार कुल 63 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मृदा परीक्षण लैब
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
54. ( क्र. 2717 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में किन-किन विकासखण्ड मुख्यालयों पर कृषि विभाग की मृदा परीक्षण लैब निर्माण पूर्ण होने के बाद चालू स्थिति में हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन विकासखण्ड मुख्यालयों पर लैब तैयार होने के बाद भी किन-किन कारणों से प्रयोग की शुरूआत नहीं कर पा रही है? (ग) क्या खुरई में मृदा परीक्षण लैब एवं एस.डी.ओ. कृषि कार्यालय फरवरी 2019 में ठेकेदार द्वारा कृषि विभाग को बनाकर सौंपा गया है परंतु ठेकेदार द्वारा पूर्व में लिए गए बिजली कनेक्शन का बिल भुगतान न करने से विद्युत विभाग द्वारा कनेक्शन विच्छेद कर देने के कारण प्रयोगशाला का कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है? (घ) खुरई में कब तक मृदा परीक्षण लैब प्रारंभ कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सागर जिले के विकासखण्ड सागर के अंतर्गत सागर मुख्यालय में पूर्व से मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित होकर कार्यरत है। सागर जिले में निर्माण एजेंसी के रूप में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के द्वारा 10 विकासखंडों - बीना, देवरी, जयसिंह नगर, खुरई, केसली, मालथौन, राहतगढ़, रेहली, बंडा एवं शाहगढ़ में मृदा परीक्षा प्रयोगशालाओं में निर्माण कार्य पूर्ण कराये जा चुके है। नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में तकनीकी स्टॉफ एवं आवश्यक संसाधन तथा उपकरण व्यवस्था नहीं हो पाने से प्रयोगशालायें चालू नहीं हो सकी हैं। (ख) जिले में विकासखण्ड बीना, देवरी, जयसिंह नगर, खुरई, केसली, मालथौन, राहतगढ़, रेहली, बंडा एवं शाहगढ़ विकासखण्डों में निर्मित नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में तकनीकी स्टॉफ एवं आवश्यक संसाधन तथा उपकरण की व्यवस्था की कार्यवाही प्रक्रिया में है। तकनीकी स्टॉफ एवं आवश्यक संसाधन तथा उपकरण की व्यवस्थाएं पूर्ण होते ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं प्रारंभ की जा सकेगी। (ग) हाँ। खुरई नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला मंडी बोर्ड द्वारा निर्मित किया गया है। प्रयोगशाला प्रारंभ न होने का कारण यह है कि बिजली हेतु आवंटन उपलब्ध नहीं होने से बिजली बिल का भुगतान नहीं हो पाया है। आवंटन उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) खुरई में स्वीकृत नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में आवश्यक संसाधन एवं उपकरण तथा आवश्यक अमले की व्यवस्था की कार्यवाही होते ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला प्रारंभ की जा सकेगी।
खेल मैदानों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
55. ( क्र. 2751 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2018 तक खेलों को बढ़ावा देने के लिए कालापीपल विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक कितने खेल मैदानों की स्वीकृति प्रदान की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत खेल मैदानों के निर्माण करने लिए स्वीकृत राशि व ठेकेदारों के नाम बताये व खेल मैदान बनाने की अवधि की भी जानकारी देवें। (ग) आज दिनांक तक कितने खेल मैदान गुणवत्तापूर्वक पूर्ण रूप से संबंधित विभाग को हस्तांतरित कर चुके हैं व कितने खेल मैदानों का कार्य अभी शेष है? सभी मैदानों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जायें। (घ) तय सीमा पर खेल मैदान का निर्माण नहीं करने वाले ठेकेदारों व जवाबदार पर क्या कार्यवाही करना प्रस्तावित है तथा कार्य में हो रहे विलम्ब के क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग शाजापुर में कालापीपल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत एक खेलकूद मैदान ग्राम महुआखेड़ी की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आज दिनांक तक कालापीपल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत खेल मैदान हस्तांतरित नहीं किया गया है। ग्राम महुआखेड़ी का कार्य गुणवत्तापूर्वक संपादित किया गया है। (घ) खेल मैदान महुआखेड़ी का अनुबंध दिनांक 05.01.2016 को किया गया था किन्तु उक्त भूमि के ऊपर से जाने वाली विद्युत लाईन को हटाने के उपरांत खेल मैदान का ले-आउट दिनांक 28.09.2016 को दिया गया, जिसके कारण अनुबंधित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका।
विभिन्न मदों में दी गई राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
56. ( क्र. 2757 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत बरा जनपद पंचायत बड़ौद जिला आगर-मालवा में गत पाँच वर्षों में कितनी राशि शासन द्वारा किन-किन मदों में दी गई? (ख) उक्त मदों में दी गई राशि से कौन-कौन से विकास कार्य किये? (ग) क्या उक्त पंचायत में विधायक निधि एवं सांसद निधि से कोई राशि दी है? यदि हाँ, तो विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जनपद पंचायत बड़ौद में ग्राम पंचायत बरा न होकर ग्राम पंचायत बराह है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) ग्राम पंचायत बराह में विगत 05 वर्षों में विधायक निधि एवं सांसद निधि मद में कोई राशि नहीं दी गई है।
मनरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 2790 ) श्री विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुरबाघेलान विकासखण्ड में मनरेगा योजनान्तर्गत कौन-कौन से कार्य चल रहे हैं? वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में किन-किन ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? कार्यवार कार्य की लागत, मजदूरी भुगतान एवं कार्य की अद्यतन स्थिति बतलायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? लम्बित भुगतान हितग्राही को कब तक मिल जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत आवास योजना के हितग्राहियों जिनके द्वारा आवास पूर्ण कर लिया गया है ऐसे हितग्राहियों की मजदूरी शासन द्वारा निर्धारित राशि का भुगतान किया गया है। 121 ऐसे हितग्राही हैं जिनका आवास पूर्ण हो चुका है, लेकिन तकनीकी कारणों से न्यून मजदूरी शेष है। तकनीकी कारणों के निराकरण होते ही भुगतान हो जाएगा।
कृषि विभाग द्वारा बीज खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 2791 ) श्री विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कृषि विभाग द्वारा किसानों को उपलब्ध कराये जाने वाले बीज विगत तीन वर्षों में किन-किन एवं कहाँ-कहाँ की फर्म से क्रय कर वितरित किया गया है? जिन फर्मों से बीज प्राप्त किया गया है, क्या वह निर्धारित मानक की पात्रता के अंदर है? (ख) क्या स्थानीय समितियों से ही बीच क्रय कर अमानक स्तर के गेहूं चना, उड़द, अरहर, मसूर के बीज वितरित किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? क्या स्थानीय स्तर की खरीदी बंद नहीं की जा सकती है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सतना जिले में विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में वितरण कराये जाने वाले बीज की वर्षवार जिन्सवार, फर्मवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हां, जिन फर्मों से बीज प्राप्त किया गया है, वह बीज म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा निर्धारित मानक स्तर के है। (ख) नहीं, किसी भी प्रकार के अमानक स्तर के बीज स्थानीय समितियों से क्रय नहीं किये गये है, शेष का प्रश्न नहीं उठता।
पर्यटन सर्किट के विस्तार के संबंध में
[पर्यटन]
59. ( क्र. 2792 ) श्री विक्रम सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रामपुरबाघेलान विधान सभा क्षेत्र के बकिया बराज में नौका बिहार एवं वाटर स्पोटर्स की योजना प्रस्तावित है? साथ ही श्रवण डोगरी स्थिति सरमनपुर पर्यटन सर्किट में शामिल किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) यदि शामिल नहीं है तो कब तक शामिल करने की योजना है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकी एवं थानों के संबंध में
[गृह]
60. ( क्र. 2793 ) श्री विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुरबाघेलान विधान सभा अंतर्गत कितने थाने एवं पुलिस चौकियां संचालित है और कितनी नई प्रस्तावित की गई हैं? (ख) क्या रामपुरबाघेलान विधान सभा क्षेत्र के छिवौरा में पुलिस चौकी स्वीकृत है? यदि स्वीकृत है तो संचालन की स्थिति क्या है? संचालित पुलिस चौकियों में पुलिस बल की पदस्थापना की स्थिति क्या है? यदि पर्याप्त पुलिस बल नहीं है तो कब तक उपलब्ध हो जावेगा? (ग) जिन पुलिस चौकियों में आज दिनांक तक स्वयं का भवन नहीं है उनमें भवन बनाये जाने की कब तक योजना है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) रामपुर बाघेलान विधान सभा अंतर्गत 2 थाने एवं 4 चौकियां संचालित है। कोई भी नवीन थाना एवं चौकी प्रस्तावित नहीं है। (ख) जी हाँ। छिवौरा में पुलिस चौकी दिनांक 12.03.2019 से संचालित है। पुलिस बल पदस्थापना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध है। (ग) रामपुर बाघेलान विधान सभा के अंतर्गत वर्तमान में रामवन (मतहा) मनकहरी, बेला एवं छिवौरा कुल 04 पुलिस चौकियां संचालित है, जिनमें स्वयं का भवन नहीं है। पुलिस चौकी मनकहरी के लिये प्रिज्म सीमेंट फैक्ट्री द्वारा भवन उपलब्ध कराया गया है। पुलिस चौकी बेला एवं रामवन (मतहा) में भवन निर्माण कराया जा रहा है। पुलिस चौकी छिवौरा के लिये भवन का निर्माण कार्य आगामी चरण की योजना में सम्मिलित किया जायेगा।
सौभाग्य एवं ग्राम स्वराज अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 2897 ) श्री महेश परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले में 59 गाँवों को ग्राम शक्ति अभियान के अंतर्गत चुना गया था? यदि हाँ, तो कुल कितने लाभार्थियों को प्रमाण पत्र दिए गए? किन उद्देश्यों को लेकर दिए गए? लाभ प्राप्त करने वाले परिवार किन योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित हुए? (ख) क्या ग्राम स्वराज अभियान दिनांक 14/04/2018 से 05/05/2018 उज्जैन जिले में चलाया गया? यदि हाँ, तो कुल कितने गरीब परिवारों तक शासन के कौन-कौन से कार्यक्रम पहुंचे और क्या उन कार्यक्रमों के द्वारा गरीबों को क्या लाभ हुआ? (ग) क्या उज्जैन जिले के चयनित 59 ग्रामों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना, सौभाग्य उजाला योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, मिशन इंद्रधनुष, उक्त 7 प्रमुख कार्यक्रमों से गरीबों को लाभ मिला? यदि हाँ, कितने गरीब परिवारों को क्या-क्या लाभ प्राप्त हुआ? कब-कब और कहाँ मिला? अलग अलग जानकारी प्रदान करें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
नाबालिग आदिवासी बच्ची की हत्या
[गृह]
62. ( क्र. 2975 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर के हीरा नगर थाना क्षेत्र में मई, 2019 में चार साल की मासूम बच्ची का किडनेप कर रेप के बाद हत्या कर दी गयी थी, क्या बच्ची के माता-पिता को शासन अथवा मुख्यमंत्री द्वारा कोई मुआवजा राशि दी गई? (ख) यदि हाँ, तो कितना? यदि नहीं दी गयी तो जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गयी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) इंदौर के हीरा नगर थाना क्षेत्र में मई 2019 में चार साल की मासूम बच्ची का किडनेप कर रेप के बाद हत्या के प्रकरण में बच्ची की माता को कलेक्टर इंदौर (आदिम जाति कल्याण विभाग) द्वारा मुआवजा राशि स्वीकृत की गई है। स्वीकृति आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत की गई मुआवजा राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भावांतर योजना में राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
63. ( क्र. 3076 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी एवं सतना जिले में भावांतर योजना के तहत उपसंचालक कृषि कटनी एवं सतना द्वारा कृषकों को विकासखण्डवार भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान किया गया? विकासखण्डवार बतलावें इस योजना में नैमेत्तिक व्यय अथवा स्थापना व्यय में कितना व्यय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो नैमेत्तिक व्यय/स्थापना व्यय की राशि में व्यय की गई राशि का विवरण देवें एवं स्वीकृत आदेशों की कापी के साथ आहरित देयकों का विवरण देवें और यह भी बतलावें कि मध्यप्रदेश माध्यम से किस नियम के तहत क्या-क्या सामग्री क्रय की गई? क्या क्रय नियम का पालन किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित क्रय सामग्री का सत्यापन कराया गया? यदि हाँ, तो सत्यापनकर्ता अधिकारी का पद नाम बतलावें और यदि सामग्री का सत्यापन नहीं किया गया तो नियमों का उल्लंघन कर भुगतान करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही कर संपूर्ण व्यय राशि की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित वित्तीय अनियमितताओं की जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जबलपुर जिले में तीन वर्षों से पदस्थ पुलिसकर्मी
[गृह]
64. ( क्र. 3097 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में पुलिस विभाग के विभिन्न थानों/कार्यालयों में कई अधिकारी व कर्मचारी 3 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो ऐसे समस्त अधिकारी व कर्मचारियों की सूची, उनकी पदस्थापना वर्ष के उल्लेख के साथ देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में पुलिस विभाग में किसी भी पुलिसकर्मी को एक स्थान पर पदस्थ रहने की अधिकतम समय-सीमा क्या है? (ग) क्या विभाग कई वर्षों से एक स्थान पर जमे पुलिसकर्मियों को अन्यत्र पदस्थ करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभाग में स्थानांतरण मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी स्थानांतरण नीति-ज्ञाप क्रमांक एफ-6-1/2019/एक/9/भोपाल, दिनांक 04 जून 2019 की कण्डिका-11.4 (तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यतः 03 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। प्रशासनिक आधार पर किये जाने वाले स्थानांतरणों में उन शासकीय सेवकों को पहले स्थानांतरित किया जा सकेगा, जिनके द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया गया हो। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानांतरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया जावे एवं पुलिस महानिदेशक म.प्र. के पत्र दिनांक 30 मार्च 2015 के द्वारा जारी परिपत्र में उप निरीक्षक से आरक्षक स्तर के कर्मचारियों को एक थाने से सामान्यतः 4 वर्ष एवं अधिकतम 5 वर्ष एवं किसी एक अनुभाग में विभिन्न पदों पर कुल पदस्थापना 10 वर्ष से अधिक नहीं की समय-सीमा निर्धारित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित नियमों की परिधि में आने वाले अधिकारी/कर्मचारियों को प्रशासनिक आवश्यकतानुसार अन्यत्र पदस्थ किये जाने पर विचार किया जाता है।
सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम स्थापित करना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
65. ( क्र. 3118 ) श्री संजय शुक्ला : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम स्थापित करने के लिये विभाग की क्या योजनाएं हैं? सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं के लिये क्या प्रयास किये गये हैं एवं क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजनाओं का लाभ दिये जाने की पात्रता/मापदण्ड क्या हैं? इसका लाभ 03 वर्षों में कितने आवेदकों को दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उद्योगों को स्थापित करने के लिये विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जाते हैं? इससे कितने युवाओं को लाभ मिला है? 03 वर्ष की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के युवाओं के लिए स्वयं के उद्योग स्थापित करने के लिए क्या कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा निम्नांकित स्वरोजगार योजनाऐं जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों के माध्यम से संचालित की जाती है :- 1- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 2- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 3- मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना 4- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, उपरोक्त योजनाओं में प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को भी लाभांवित किया जाता हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अन्तर्गत आवेदक को बैंक ऋण स्वीकृति पश्चात 10 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है, प्रशिक्षण पश्चात बैंकों द्वारा ऋण वितरण की कार्यवाही की जाती है। (ख) स्वरोजगार योजनाओं में पात्रता का मापदण्ड संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विगत 03 वित्तीय वर्षों में उक्त स्वरोजगार योजनाओं के अन्तर्गत 86921 हितग्राही/आवेदक लाभांवित हुए हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वरोजगार योजनाओं के अन्तर्गत उद्योग/सेवा/ व्यवसाय स्थापित करने हेतु युवाओं के लिए जिला/विकासखण्ड स्तर पर स्वरोजगार शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिसमें उन्हें उद्यम स्थापित करने के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है। इसके अतिरिक्त उद्यमियों को प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम स्थापित करने में विभाग द्वारा एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2017 के अन्तर्गत विभागीय सुविधायें प्रदान की जाती है तथा स्टार्टअप्स को सहायता देनें हेतु इन्क्यूबेशन एवं स्टार्टअप नीति- 2016 तथा मध्यप्रदेश इन्क्यूबेशन एवं स्टार्टअप प्रमोशन योजना- 2016 लागू की गई है। विभाग द्वारा विगत 03 वित्तीय वर्षों में स्वरोजगार योजनाओं में लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी निम्नानुसार :-
योजना का नाम |
विगत 03 वित्तीय वर्षों में लाभांवित हितग्राहियों की संख्या |
|||
2016-17 |
2017-18 |
2018-19 |
कुल |
|
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
1683 |
1395 |
1060 |
4138 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
25794 |
30116 |
22909 |
78819 |
मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना |
NA |
NA |
379 |
379 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
1077 |
1019 |
1489 |
3585 |
योग- |
28554 |
32530 |
25837 |
86921 |
(घ) विभाग द्वारा इन्दौर जिले के किसी विधान सभा विशेष हेतु पृथक से कोई योजना प्रचलित नहीं है। जिले/प्रदेश स्तर पर संचालित समस्त योजनाओं का लाभ पात्रतानुसार प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के विधान सभा क्षेत्र के युवा प्राप्त कर सकते है।
पी.पी.पी. मोड पर लीज अनुबंध
[पर्यटन]
66. ( क्र. 3119 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घटते राजस्व को बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा पुराने जर्जर हो रहे पर्यटक स्थलों को विकसित करने के लिए इन्दौर एवं धार जिले में क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पर्यटकों के लिए रात्रि विश्राम तथा भोजन इत्यादि के लिए पर्यटन विभाग क्या–क्या सुविधायें प्रदान करता है? क्या विभाग को रिसोर्टों के संचालन एवं पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने में घाटा हो रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पर्यटन विभाग इन घाटे वाले रिसोर्टों को लीज अथवा अन्य स्रोतों (पी.पी.पी.) के माध्यम से संचालित करने के लिये प्रायवेट सेक्टरों को प्राथमिकता देकर संचालित करने के लिये कोई योजना बनायेगा? क्या पर्यटन विभाग द्वारा पूर्व में किन्हीं पर्यटक स्थलों को लीज पर अथवा पी.पी.पी. मोड पर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो योजना स्पष्ट करें व लीज देने की सुविधाओं को शिथिल करते हुए घटते राजस्व को बढ़ाने के लिये प्रायवेट सेक्टरों के साथ अनुबंध करेंगे? हां तो कब तक? नहीं तो क्यों नही?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटकों की संख्या बढ़ाने हेतु पर्यटक स्थलों पर अधोसंरचना विकास, प्रचार-प्रसार आदि प्रयास किये जाते हैं। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पर्यटन विभाग द्वारा म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम के माध्यम से होटल संचालन कर रात्रि विश्राम तथा भोजन की सुविधा प्रदान की जाती है। जी नहीं। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) पर्यटन नीति 2016 के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा चयनित होटलों/सुविधाओं को लायसेंस पर दिये जाते हैं। अब तक निगम द्वारा 11 संपत्तियाँ लायसेंस पर दी जा चुकी हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छ भारत मिशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 3121 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ठोस व तरल अपशिष्ट निपटान स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत विभाग द्वारा क्या कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) ठोस व तरल अपशिष्ट निपटान स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत पूर्व की क्या नीति थी? इस नीति में क्या कोई संशोधन किया गया है, यदि हाँ, तो कब और इसका क्या औचित्य है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, राज्य के प्रत्येक ब्लाक में कलस्टर आधारित (ग्राम पंचायतों का समूह) अपशिष्ट प्रबंधन की नीति निर्मित की जा रही है। नीति निर्मित करने की प्रक्रिया माह दिसम्बर 2018 से प्रचलन में है। (ख) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत स्वकराधान एवं 5 हजार से ऊपर की आबादी वाली ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य करने की नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में नई नीति निर्मित करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। संशोधन का औचित्य है– 1. ग्राम पंचायतों को विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) निर्माण में विशेषज्ञता पूर्ण तकनीकी मार्गदर्शन एवं डी.पी.आर. क्रियान्वयन तथा संचालन एवं संधारण में प्रबंधकीय सहयोग देने की व्यवस्था निर्मित करना। 2. अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य को सभी ग्रामों में क्रियान्वित करने के लिये प्रोजेक्ट मेनेजमेंट यूनिट विकसित करना। 3. अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत संचालन एवं संधारण संबंधी कार्य पंचायत स्वयं कर सके। 4. अपशिष्ट प्रबंधन कार्यों में स्थायित्व सुनिश्चित करने हेतु।
शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 3122 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या में जनवरी 2013 से दिसंबर 2018 तक हितग्राहियों के बैंक खाता में शौचालय निर्माण की राशि दी गई है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र बदनावर की जानकारी हितग्राहीवार दी जाए? (ख) क्या जिलों में ऐसे हितग्राही हैं जिनके शौचालय निर्माण की राशि के गबन संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो जिला धार की जानकारी देवें? क्या उन व्यक्तियों पर 420 का केस दर्ज करके, गबन की राशि वसूल कर शासकीय सेवा से निलंबित अथवा बर्ख़ास्त किया गया? यदि नहीं तो क्यों और कब तक न्यायोचित कार्यवाही कर दी जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वर्ष 2013 से फरवरी 2015 तक शौचालय हेतु प्रोत्साहन राशि ग्राम पंचायतों को प्रदाय की जाती थी। माह फरवरी 2015 से शासन निर्देशानुसार दिसम्बर 2018 तक हितग्राही द्वारा स्वयं निर्मित किये गये शौचालयों की प्रोत्साहन राशि हितग्राहियों के बैंक खाता में प्रदाय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ, दोषी पाये गये 03 अधिकारी/कर्मचारियों की सेवा समाप्त की गई 02 अधिकारी/कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया, 01 कर्मचारी को निलंबित किया गया एवं 06 अधिकारी/कर्मचारियों/व्यक्तियों के विरूद्ध स्थानीय थानों में 420 का प्रकरण दर्ज कराया गया है, वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।
पी.एम. आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 3126 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.एम. आवास योजना के तहत सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा वर्ष 2011 में चयनित आवासहीनों की सूची में कितने पात्र व्यक्ति वंचित है? वंचितों का नाम, गांव का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2011की सूची के बाद पी.एम. आवास हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर चिन्हित आवासहीन व्यक्तियों की सूची व्यक्ति के नाम सहित ग्रामवार उपलब्ध करावें। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने व्यक्ति हैं जिन्हें एक या दो किस्त प्राप्त होने के बाद तथा कार्य पूर्ण होने के बाद भी राशि प्राप्त नहीं हुई? (घ) कार्य पूर्ण कर चुके व्यक्तियों को कब तक राशि प्राप्त हो जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा वर्ष 2011 में चयनित आवासहीनों की सूची में कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में 30 व्यक्तियों को द्वितीय किश्त जारी नहीं की गई तथा 23 व्यक्तियों को तृतीय किश्त जारी नहीं की गई। 2. हितग्राहियों को तकनीकी कारणों से राशि प्रदाय नहीं की गई। कार्य पूर्ण होने के बाद हितग्राहियों को पूर्ण राशि जारी कर दी गई है। (घ) कार्य पूर्ण कर चुके व्यक्तियों को पूर्ण राशि प्रदान कर दी गई है।
शामगढ़ नगर में निर्मित होटल की जानकारी
[पर्यटन]
70. ( क्र. 3127 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शामगढ़ नगरीय क्षेत्र में पर्यटन विभाग द्वारा निर्मित होटल किस वर्ष एवं किस उद्देश्य हेतु बनाई गयी थी? (ख) किसकी मांग पर होटल का प्रस्ताव तैयार किया गया था एवं कितनी लागत से निर्माण हुआ? (ग) शासन की राशि जिस उद्देश्य से व्यय की गई थी वह उद्देश्य पूर्ण हुआ या नहीं? (घ) नगर पंचायत को सुपुर्दगी देनें के बाद भी प्रश्न दिनांक तक होटल प्रारम्भ हुई है या नहीं? यदि नहीं हुई तो उसका कारण बतावें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) पर्यटक सुविधा केन्द्र का निर्माण वर्ष 2015 में पर्यटकों को जानकारी/सुविधायें प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। (ख) भारत शासन पर्यटन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2010-11 में रतलाम-मंदसौर-नीमच परिपथ के अंतर्गत प्राप्त स्वीकृति अनुसार। राशि रू.50.00 लाख की लागत से निर्माण कराया गया। (ग) पर्यटन सुविधाओं के उद्देश्य से ही निर्माण कराया गया है। (घ) जी नहीं। प्रक्रियाधीन है।
नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
71. ( क्र. 3128 ) श्री मनोज चावला : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति की आवश्यकता नहीं थी? यदि नहीं तो क्यों? (ख) नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना के शुभारंभ से आज दिनांक तक कब-कब कितनी-कितनी पर्यटन कैबिनेट का गठन किया गया है? इनकी वैधानिकता क्या है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या इस परियोजना से पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ, क्योंकि मुख्य उद्देश्य नर्मदा नदी एवं क्षिप्रा नदी को जोड़ना सिंहस्थ के दौरान स्नान हेतु जल उपलब्ध कराना तथा देवास एवं उज्जैन जिले को पेयजल हेतु जल उपलब्ध कराना है। (ख) दिनांक 10/03/2016 एवं दिनांक 30/07/2016 को। शासन आदेश है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस तरह का कोई आंकलन अभी तक नहीं किया गया।
विभागीय कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
72. ( क्र. 3134 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरकार के कार्यकाल में म.प्र. कृषि अभियांत्रिकी निगम भोपाल द्वारा राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम से आयरन फेब्रिकेटेड यात्री प्रतीक्षालय के कार्य के लिए MOU किया गया था? यदि हाँ, उस अनुबंध में सेवा शर्तें क्या थी और उन शर्तों के अनुसार क्या निगम द्वारा कार्य किया गया? यदि प्रगतिरत है तो समय-सीमा की जानकारी दें? यदि अपूर्ण है तो कारण बताएं। (ख) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक निगम द्वारा बायोगैस संयंत्रों की स्थापना कितने जिलों में की गयी? जिलेवार जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) विगत 10 वर्षों में निगम द्वारा स्वयं के संयंत्रों से कितना पोषण आहार मध्यप्रदेश में प्रदाय किया गया तथा कुल कितने निर्माता डीलर इस कार्य के लिए कब-कब पंजीकृत हुए? उनके अनुबंध की शर्तें क्या थी अथवा है? क्या सामग्री का रेट, कॉन्ट्रैक्ट ऑफर की निविदा आमंत्रित करके कार्य सम्पादित किया गया? भुगतान के पहले सामग्री का सत्यापन किसके द्वारा किया गया? प्रमाणित जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या निगम द्वारा कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, कृषकों एवं अन्य विभागों संस्थाओं को कृषि उपकरण, अन्य कृषि उपकरण एवं सामग्री उपलब्ध कराई गयी? यदि हाँ, तो उन सामग्रियों का नाम, मात्रा, दर वर्ष वार प्रस्तुत करें एवं लाभान्वित किसानों की संख्यात्मक सूची देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बलराम तालाब योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 3135 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में भू-जल संरक्षण की कोई योजना प्रचलन में नहीं थी? यदि हाँ, तो इस कमी को पूरा करने के लिए वर्तमान सरकार क्या प्रयास करेगी? (ख) क्या उज्जैन जिले में 23 बलराम तालाब कृषकों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण अपूर्ण है? यदि हाँ, तो उसके अपूर्ण रहने के कारण क्या रहे? (ग) क्या उज्जैन जिले में बलराम तालाब निर्माण में अनियमितता की 4 शिकायतों की जाँच संयुक्त संचालक उज्जैन संभाग उज्जैन, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी उपसंभाग उज्जैन एवं सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी उपसंभाग बड़नगर द्वारा की गयी? यदि हाँ, तो जाँच में क्या पाया गया? यदि अनियमिततायें पायी गयी तो विभाग द्वारा क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) क्या वर्तमान में बलराम तालाब योजना के अंतर्गत अपूर्ण बलराम तालाब पूर्ण करने के लिए आवंटन प्रदाय किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि प्रदान की गयी है तथा अपूर्ण बलराम तालाब कब तक पूर्ण हो जायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा कृषि विभाग के अन्तर्गत भूमि संरक्षण अमले को बृहद स्तर के निर्माण कार्य हेतु सक्षम तकनीकी अमला नहीं है, संबंधी निर्देश के कारण भू-जल संरक्षण की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उज्जैन जिले में 23 बलराम तालाब की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ, जाँच एवं कार्यवाही के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जी नहीं, अत: शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
अपूर्ण आंगनवाड़ी भवन का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र.
3145 ) श्री
प्रणय प्रभात
पाण्डेय : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बहोरीबंद
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत
वर्तमान
सरपंचों के
कार्यकाल के
पूर्व
प्रारम्भ किये
गये कहाँ-कहाँ
के कौन-कौन से
आंगनवाड़ी भवनों
का निर्माण कब
से अपूर्ण है? कारणों
सहित सूची
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
अपूर्ण
आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण कितनी-कितनी
लागत से कब
प्रारम्भ
किया गया एवं
शासकीय
अभिलेखों में
कितना
निर्माण
कार्य कितनी
राशि व्यय कर
पूर्व की
निर्माण
एजेंसियों द्वारा
कराया गया? अपूर्ण
निर्माण की
वर्तमान स्थल
रिपोर्ट अनुसार
क्या स्थिति
है एवं कितनी
निर्माण राशि
शेष है एवं
कितना
निर्माण कार्य
बाकी है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
क्या खातों
में शेष राशि
से आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण
कराया जाना
संभव है? यदि नहीं तो
क्या विभाग
निर्माण
कार्यों की शेष
राशि शासन मद
में वापस जमा
कर उल्लेखित
आंगनवाड़ी
केंद्रों के
भवनों का
निर्माण
कार्य शून्य
घोषित कर नवीन
प्राक्कलन
अनुसार नवीन आंगनवाड़ी
केंद्र भवन
निर्माण की
मांग महिला बाल
विकास विभाग
से करेगा ताकि
वर्षों से भवनविहीन
इन आंगनवाड़ी
केंद्रों का
भवन निर्मित
हो सके? यदि हाँ, तो किस
प्रकार से कब
तक? यदि
नहीं,
तो
क्यों नहीं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) एवं (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) प्रकरणवार
जाँच कराकर
जाँच निष्कर्षानुसार
आवश्यक
कार्यवाही की
जा सकेगी, समय-सीमा
बताना संभव
नहीं।
जिला पर्यटन संवर्धन परिषद जिला मंडल की जानकारी
[पर्यटन]
75. ( क्र. 3167 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पर्यटन संवर्धन परिषद जिला मंडला का गठन कब किया गया है? गठन दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक परिषद के द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गए और उन कार्यों में कितनी राशि खर्च की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या मंडला जिले के मोतीमहल रामनगर, चौगान मढ़िया, सीतारपटन, अजगर दादर, काला पहाड़, मटियारी डेम चिन्हित पर्यटन स्थलों में शामिल हैं? जो स्थल शामिल नहीं हैं क्या उन्हें भविष्य में पर्यटन स्थलों में शामिल किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थलों के विकास को लेकर क्या कार्य योजना है? जिला पर्यटन संवर्धन परिषद द्वारा क्या कोई प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं? यदि हाँ, तो उन प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) मंडला जिले में टूरिज्म सर्किल बनाये जाने को लेकर क्या कार्य योजना है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जिला पर्यटन संवर्धन परिषद जिला मंडला का गठन दिनांक 30/06/2012 को किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभाग द्वारा जारी पर्यटन नीति 2016 के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला पर्यटन संवर्धन परिषद मण्डला के पत्र क्रमांक 3772 दिनांक 20/02/2019 द्वारा रू. 2.07 करोड़ एवं पत्र क्रमांक 3784 दिनांक 22/02/2019 द्वारा रू. 9.89 करोड़ कुल रू. 11.96 करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। जिसका निराकरण किया जाकर कलेक्टर मण्डला को मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के पत्र क्रमांक 2910 दिनांक 08/07/2019 के द्वारा अवगत कराया गया है कि जिला पर्यटन संवर्धन परिषद के मार्गदर्शी सिद्धान्त के बिन्दु क्रमांक 10 अनुसार अनुदान प्राप्त कर जिला पर्यटन संवर्धन परिषद मण्डला द्वारा कार्यवाही की जा सकती है। (घ) वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
कृषि अनुसंधान के लिये आवंटित राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
76. ( क्र. 3176 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के तहत संचालित कृषि अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी विकास की किन-किन योजनाओं/परियोजनाओं हेतु राज्य, केन्द्र शासन एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् तथा अन्य किन-किन संस्थाओं से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? लक्ष्यपूर्ति बतलावें। वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कहाँ-कहाँ पर संचालित किन-किन कृषि अनुसंधान प्रौद्योगिकी विकास की परियोजनाओं में अनुसंधान एवं विकास कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कौन-कौन से विकास कार्य कब कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के कराये गये हैं? कृषि विकास एवं अनुसंधान की परियोजनाओं की प्रगति क्या है? इनमें कौन-कौन से अनुसंधान कार्य किये गये हैं? (ग) प्रश्नांकित किन-किन परियोजनाओं के तहत स्वीकृत पद संरचना के अनुसार कितने पद भरे/रिक्त हैं संख्या देवें? किन-किन के संबंध में वर्ष 2014-15 से 2018-19 के मध्य प्राप्त शिकायतों पर कब किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? सूची दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
77. ( क्र. 3177 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कया म.प्र. शासन के समस्त विभागों के कर्मचारियों को म.प्र. शासन वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के तहत 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने का आदेश वित्त विभाग मंत्रालय भोपाल, दिनांक 29 जुलाई 2017 को जारी हुये किन्तु जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के गैर शैक्षणिक अधिकारियों/कर्मचारियों को इसका लाभ अप्रैल 2018 विलम्ब के साथ दिया है? क्या विलम्ब एवं भेदभाव के लिये विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार है? यदि हाँ, तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान 2017 का लाभ दिये जाने के संबंध में वित्त विभाग के अभिमत क्रमांक - आर-805/बी-4/2018, दिनांक 9 अगस्त 2018 पर लेखा नियंत्रक के सहमति पत्र में अतिरिक्त वित्तीय भार विश्वविद्यालय के आंतरिक स्त्रोतों से प्राप्त आय के वहन किये जाने की सहमति पर म.प्र. वेतन पुनरीक्षण नियम-2017 लागू किया गया जो कि 1 जनवरी 2016 से प्रभावी है, तो 1-4-2018 से यह वेतनमान विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को क्यों दिया जा रहा है? क्या लेखा नियंत्रक की सहमति के अनुसार कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विश्वविद्यालय द्वारा मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग भोपाल, के आदेश क्रमांक बी-4-11/2017/14-2, दिनांक 04-10-2018 के परिपालन में सातवें वेतनमान का लाभ 01-01-2016 से काल्पनिक एवं 01-04-2018 से नगद लाभ दिये जाने के आदेश प्रसारित किये गए। इस हेतु विश्वविद्यालय द्वारा शासन के नियमों का ही पालन किया गया है। (ख) जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के गैर शैक्षणिक अधिकारियों/कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अतिरिक्त वित्तीय भार विश्वविद्यालय के आंतरिक स्त्रोतों से वहन किये जाने के सन्दर्भ में वि.वि. के विभिन्न केन्द्रों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कुल संभावित आय वृद्धि की जानकारी दी गई। शासन द्वारा 01-01-2016 से काल्पनिक एवं 01-04-2018 से नगद लाभ दिये जाने के आदेश प्रसारित किए गए। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गैर शैक्षणिक अधिकारियों/कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग भोपाल के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
ग्राम पंचायतों का विकास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 3193 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायतों के विकास के लिये 14वें वित्त आयोग के तहत जारी होने वाली पंच परमेश्वर योजना में प्रदेश में वर्ष 2019-20 में आज तक कुल कितनी राशि जारी की गयी है? (ख) जबलपुर जिले की पाटन तथा मझौली विकासखण्ड में पंचायतवार जानकारी दें कि 14वें वित्त से अप्रैल 2019 से जून 2019 तक कितनी-कितनी राशि जारी की गयी हैं? (ग) क्या म.प्र. शासन की खराब वित्तीय स्थिति के कारण 14वें वित्त से पंचायतों को जारी होने वाली राशि जारी नहीं की गयी है? जिसके कारण गांवों के विकास की सामान्य प्रक्रिया अवरूद्ध हो गयी है। प्रदेश की पंचायतों को 14वें वित्त से जारी होने वाली राशि की प्रथम किश्त कब तक जारी कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) राज्य स्तर से दिनांक 21.06.19 को प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों को 1830.70 करोड़ रूपये 14वॉ वित्त आयोग मद में जारी किये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेवानिवृत्त कर्मचारी को सेवावृद्धि
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
79. ( क्र.
3197 ) श्री
अजय विश्नोई : क्या
भोपाल गैस
त्रासदी
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
वक्फ बोर्ड
में सेवा आयु
वृद्धि का आदेश
किस दिनांक को
पारित किया
गया और उसे कब
से लागू किया
गया? क्या
यह सच है कि 2018 तक
वक्फ बोर्ड के
कर्मचारियों
की सेवानिवृत्ति
की आयु 60 वर्ष थी? (ख) क्या
वक्फ बोर्ड के
कर्मचारी
श्री सगीर
आबिद अप्रैल, 2018 को 60 वर्ष
की आयु पूर्ण
कर
सेवानिवृत्त
हो गए थे उन्हें
वर्ष 2019
में सेवा आयु
में वृद्धि का
लाभ दे दिया
गया है? यदि हाँ, तो किस
नियम के तहत? (ग) क्या
श्री सगीर
आबिद को सेवा
आयु वृद्धि का
लाभ अनुचित
तथा नियम विरूद्ध
रूप से दिया
गया है? यदि हाँ, तो उन्हें
कब तक सेवा से
निवृत्त कर
दिया जावेगा
और दोषी
अधिकारियों
को क्या दण्ड
दिया जावेगा? यदि
नहीं तो क्यों
नहीं।
भोपाल
गैस त्रासदी
मंत्री ( श्री
आरिफ अक़ील ) : (क) म.प्र.
वक्फ बोर्ड
में
सेवावृद्धि
का आदेश
दिनांक 21.01.2019 को पारित
किया गया एवं
दिनांक 31.03.2018 से लागू
किया गया है।
जी हाँ। (ख) जी
हाँ। संबंधित
कर्मचारी को
सेवा आयु में
वृद्धि का लाभ
दिया गया है।
पिछड़ा वर्ग
तथा अल्पसंख्यक
कल्याण
विभाग के आदेश
दिनांक 07.05.2018 में
नियमानुसार
लाभ दिया
गया। (ग) जी
नहीं। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
मशीनों का रख रखाव
[नर्मदा घाटी विकास]
80. ( क्र. 3231 ) श्री संजय यादव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि./यॉ. संभाग बरगी नगर के अंतर्गत कितनी भारी मशीनें/संयंत्र वर्तमान में कार्यरत हैं। उक्त मशीनों के मेजर रिपेयर, माइनर रिपेयर, डीजल आईल पर विगत 3 वर्षों में कितना-कितना व्यय किया गया? मशीनवार जानकारी दें। उक्त मशीनों से उक्त अविध में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये? उक्त कार्य किन-किन से कराये गये? राशिवार, वर्षवार विवरण दें। (ख) वि./यां. संभाग बरगी नगर के अंतर्गत आने वाले बांध एवं नहरों के गेटों के रख-रखाव एवं पेंटिंग के विगत 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से किन-किन फर्मों से कराये गये है? बांध के गेटों के रख-रखाव में फर्जी देयकों पर बिना कार्य के उपयंत्री द्वारा मेजरमेंट किये जाने की जाँच कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। ऐसी कोई शिकायत/प्रकरण विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र.
3232 ) श्री
संजय यादव : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मुख्यमंत्री
ग्राम सरोवर
योजना के
अंतर्गत जबलपुर
जिले में
तालाब
निर्माण की स्वीकृति
कब-कब,
कहां-कहां
प्रदान की गयी? उक्त
तालाबों में
से किन-किन
तालाबों का
कितना निर्माण
हो चुका है।
कितना शेष है? व्यय
राशि की
जानकारी दें। (ख) शहपुरा
जनपद के ग्राम
पटी चरगंवा
में उपरोक्त
तालाब
निर्माण में
मदवार
मालावार, आयटमवार
किये गये
भुगतान की
जानकारी दें।
उक्त तालाब
निर्माण में
की गयी
अनियमितताओं
के लिये दोषी
अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही की
गयी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
अनुसार
है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2
अनुसार है।
तालाब
निर्माण का कार्य
गुणवत्तापूर्वक
किये जाने से
शेष प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता।
इन्दौर स्थित छावनी अनाज मण्डी का स्थानांतरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
82. ( क्र. 3253 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर स्थित छावनी अनाज मण्डी शहर के मध्य होने के कारण आये दिन शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या के निराकरण के लिये मण्डी को अन्यत्र स्थानांतरण किया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो मण्डी स्थानांतरण करने हेतु भूमि कहा चिन्हित की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार चिन्हित भूमि पर मण्डी का निर्माण कब तक पूर्ण होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। मंडी अन्यत्र स्थानांतरण किये जाने हेतु भूमि के चयन के लिये मंडी बोर्ड के आदेश क्रमांक 1110 दिनांक 24.06.2019 से समिति गठित की गई है। (ख) वर्तमान में भूमि चिन्हित नहीं हुई है। (ग) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पदीय दायित्वों के निर्वहन में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 3258 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ में दिनांक 01.01.2017 से 15.06.2019 तक किन-किन ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंच, सरपंच, सचिव, सहायक सचिवों के विरूद्ध शासकीय योजनाओं में वित्तीय अनियमितता पर योजनाओं की राशि वसूली हेतु धारा 40 धारा 92 के प्रकरण प्रचलित है? पंचायतवार सचिव का नाम, पदस्थी की अवधि एवं सरपंच/पूर्व सरपंच के नाम एवं राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन पंचायतों में सरपंच, पूर्व सरपंच, सचिव, सहायक सचिव से कितनी-कितनी राशि वसूली जाकर शासन के खाते में जमा कर प्रकरण नस्तीबद्ध किये गये एवं शेष प्रकरणों पर क्या कार्यवाही प्रचलित है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितने सचिव/सहायक सचिव पर प्रकरण प्रचलित हैं, जो कि वित्तीय अनियमितता के दौरान पदस्थापना संबंधी पंचायत में नहीं थी? फिर भी निलम्बन/वसूली की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। जिनके द्वारा पूर्ण राशि जमा कराने के उपरान्त भी वित्तीय अधिकार से पृथक रखा गया है, क्या सक्षम अधिकारी द्वारा पदेन दायित्वों का दुरूपयोग कर कार्यवाही की गई है? (घ) क्या मनरेगा योजनान्तर्गत हितग्राहीमूलक प्रकरण ग्रामसभा में स्वीकृत होने के पश्चात निरस्त करने के अधिकार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। नहीं तो स्वीकृत प्रकरण को किस नियम से निरस्त कर सहायक सचिव से राशि वसूली के आदेश जारी किये गये? क्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ‘‘स’’ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सातवें वेतनमान का लाभ देना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
84. ( क्र. 3259 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती के अधिकारी/कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या म.प्र. के अन्य जिलों में सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि म.प्र. के अन्य जिलों में ड़ी.आर.ड़ी.ए.के कर्मचारी/अधिकारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है, तब जिला राजगढ़ के कर्मचारियों/अधिकारियों को सातवें वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। कुछ जिलों में लाभ दिया जा रहा है। (ग) डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती के कर्मचारियों को 7वें वेतनमान का लाभ दिये जाने संबंधी निर्देश विभाग द्वारा जारी नहीं होने से जिला राजगढ़ में 7वें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। समस्त जिलों में 7वां वेतनमान का लाभ देने के संबंध में विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
टी.डी.पी. खाद का मूल्य महंगा होना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 3260 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में डी.ए.पी. खाद का प्रतिबेग मूल्य क्या है? प्रदेश में कुल कितनी डी.ए.पी. खाद की खपत होती है? (ख) क्या अन्य प्रदेशों में डी.ए.पी. मार्कफेड प्राईज मात्र 1340 है, जबकि मध्यप्रदेश में डी.ए.पी. मार्कफेड प्राईज 1400 रू. है? मध्यप्रदेश में किसानों को महंगा डी.ए.पी. देने के क्या कारण हैं? (ग) प्रदेश में डी.ए.पी. महंगे दाम को लेकर कितने आंदोलन कहाँ-कहाँ पर हुये हैं? मध्यप्रदेश में मार्कफेड द्वारा 60 रू. अधिक प्रतिबेग बिकने को लेकर कब-कब मार्कफेड द्वारा बैठक कर यह निर्णय लिया गया, बैठक के निर्णय की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में दिनांक 01.07.2019 से डी.ए.पी. उर्वरक का प्रति बैग मूल्य रू. 1342.25 है। प्रदेश में वर्ष 2018-19 में कुल 11,75,982 मेट्रिक टन डी.ए.पी. उर्वरक का वितरण किया गया है। (ख) माह जून 2019 में छत्तीसगढ़, गुजरात विपणन संघ एवं महाराष्ट्र राज्य में डी.ए.पी. की टी.आर.पी. रू. 1400.00 प्रति बैग थी। प्रदेश में जून 2019 में डी.ए.पी. उर्वरक की विक्रय दर रू. 1400.00 प्रति बैग थी। विक्रय दरों का निर्धारण मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित उर्वरक समन्वय समिति द्वारा किया जाता है। समिति के निर्णय अनुसार दिनांक 01.07.2019 से डी.ए.पी. की विक्रयदर रू. 1342.25 प्रति बैग निर्धारित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रदेश में डी.ए.पी. के महंगे दामों के संबंध में आंदोलन होने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शासन द्वारा गठित उर्वरक समन्वय समिति की अनुमोदित दर पर ही मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) भोपाल द्वारा उर्वरकों का विक्रय किया जाता है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा 60 रूपये अधिक प्रति बैग बिकने को लेकर कोई बैठक नहीं की गई है। विक्रय दरों का निर्धारण मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित उर्वरक समन्वय समिति द्वारा किया जाता है।
जेल मुख्यालय में स्थानांतरण/तैनाती के संबंध में
[जेल]
86. ( क्र. 3273 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में केन्द्रीय कारागृह, ग्वालियर से जेल मुख्यालय भोपाल एवं जेल मुख्यालय, भोपाल से केन्द्रीय कारागृह, ग्वालियर में कब-कब और किस-किस अधिकारी/कर्मचारी का स्थानान्तरण/तैनाती की गई? (ख) प्रश्नांश अवधि में केन्द्रीय कारागृह, ग्वालियर से प्रदेश की अन्य जेलों में कब-कब और किस-किस अधिकारी/कर्मचारी का स्थानान्तरण/तैनाती की गई? नाम, पदनाम सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश अवधि में स्थानांतरण/तैनात किये गये कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दिनांक 12.05.2017 को केन्द्रीय कारागृह, ग्वालियर में अवैध सामग्री कैदियों को देने की घटना में दोषी थे? उनके नाम, पदनाम सहित बतावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्न से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) प्रश्न से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) प्रशासनिक जेलर श्री प्रभात कुमार, उप जेल अधीक्षक को जेल में मौजूद रहकर पर्याप्त नियंत्रण नहीं होने का दोषी पाये जाने से जेल मुख्यालय, भोपाल द्वारा ‘‘परिनिन्दा’’ की शास्ति अधिरोपित की गई है तथा श्री लालाराम जाटव, मुख्य प्रहरी एवं श्री भारत भूषण शर्मा, प्रहरी के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं के संबंध में
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
87. ( क्र. 3280 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के अल्पसंख्यक कल्याण वर्ग एवं लिये वर्तमान में शासन की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? उक्त योजनाओं में किस-किस श्रेणी के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना में प्रदान की जाती है? योजनावार बतावें। (ख) वर्ष 2019-20 में इन योजनाओं के लिये जिला होशंगाबाद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? योजनावार बतावें। (ग) वर्ष 2019-20 में इन योजनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों के लिये अन्य क्या सुविधाएं प्रदान करने का लक्ष्य है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अकील ) : (क) प्रदेश में पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लिए वर्तमान में विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। योजनाओं में हितग्राहियों की पात्रता एवं दी जाने वाली राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 में होशंगाबाद जिले को योजनावार आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) वर्ष 2019-20 में इन योजनाओं के अंतर्गत नियमानुसार पात्रता रखने वाले शत्-प्रतिशत विद्यार्थियों को लाभांवित करने का लक्ष्य है।
संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास में कर्मचारियों की पदस्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
88. ( क्र. 3294 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल की स्थापना शाखा/विभागीय जाँच शाखा/शिकायत एवं स्टोर शाखा में कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी कितने समय से पदस्थ हैं? सूची उपलब्ध कराई जाये। (ख) क्या म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार उक्त शाखाओं में 3 वर्ष से अधिक समय तक किसी भी अधिकारी, कर्मचारी को नहीं रखे जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कई वर्षों से पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों को उक्त शाखाओं में आज तक क्यों पदस्थ रखा गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अधिकारी, कर्मचारियों को अन्य शाखाओं में स्थानान्तरित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट किया जाये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्थानांतरण नीति 2019-20 की कंडिका 11.20 अनुसार क्रय/स्टोर/स्थापना शाखा में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को सामान्यत: 3 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर अन्य शाखा में/अन्य स्थान पर पदस्थ किया जाये। जो अधिकारी/कर्मचारी वित्तीय अनियमितताओं एवं शासकीय धन के दुरूपयोग/गबन आदि के प्रकरणों में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर उन्हें ऐसे पदों से हटाया जाये। ऐसे दोषी कर्मचारियों को पुन: पदस्थ न किया जाये। (ग) जी नहीं। पदस्थ अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितताओं एवं शासकीय धन के दुरूपयोग/ गबन आदि के प्रकरण लंबित नहीं होने के कारण स्थानांतरित किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थापना शाखा में तीन वर्ष से अधिक पदस्थ कर्मचारियों का स्थानान्तरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 3300 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्थापना, सी.आर., विभागीय जाँच एवं स्टोर शाखा में तीन वर्षों से अधिक समय से कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों को नहीं रखे जाने के आदेश जारी किया गया है? (ख) स्थापना, सी.आर., विभागीय जाँच एवं स्टोर शाखा में कौन-कौन से कर्मचारी एवं अधिकारी कब से पदस्थ हैं? उनकी सूची उपलब्ध कराएं। तीन वर्षों से अधिक समय से कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरण करने हेतु प्रश्न क्र. 5027, दिनांक 27 मार्च, 2018 पूछा गया था, उसमें से कितने कर्मचारियों एवं अधिकारियों को अन्यत्र स्थानान्तरित किया गया है, सूची बताएं? यदि स्थानांतरण नहीं किया गया है तो कारण बताएं? (ग) वर्षों से स्थापना शाखा में कार्यरत कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरण हेतु प्राप्त शिकायत पर सी.आर. शाखा में क्यों पदस्थ किया गया तथा सी.आर. शाखा में उसी कर्मचारी की प्राप्त शिकायत पर पुन: स्थापना शाखा में क्यों पदस्थ किया गया? यदि स्थापना शाखा में पदस्थ करने हेतु शासन को कोई आदेश है तो बताएं? यदि नहीं, तो नियम के विरूद्ध पदस्थापना किये जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? उक्त कर्मचारी को अन्य शाखा में कब तक स्थानांतरित किया जावेगा? (घ) विगत तीन वर्षों से अधिक स्थापना, सी.आर., विभागीय जाँच एवं स्टोर शाखा एवं ऊर्वरक, पी.पी. शाखा में कार्यरत कर्मचारियों एवं अधिकारियों को अन्य शाखाओं में कब तक स्थानांतरित किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास की सूची उपलब्ध करायी जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
90. ( क्र. 3309 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के देवसर विधान सभा क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सूची अनुसार जो हितग्राही को वर्ष 2019-20 के लक्ष्य अन्तर्गत पात्रता में आते हैं, उनकी सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित आवास गृहों के निर्माण में जो राशि शासन द्वारा स्वीकृत की जाती है, क्या वह उपलब्ध कराई गई? क्या राशि समय से हितग्राहियों को दी जा रही है? यदि हाँ, तो अभी तक कुल कितने प्रधानमंत्री आवास गृह निर्माण हुए? सूची उपलब्ध कराई जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। वर्ष 2019-20 के गृह निर्माण अभी नहीं हुए हैं।
मृत्यु के कारणों की जाँच
[गृह]
91. ( क्र. 3329 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रामसुजान चौधरी ग्राम हडखार ने 14/06/2019 को पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र लिखकर अपने पुत्र सुशील चौधरी के मृत्यु के कारण की जाँच की? (ख) क्या दिनांक 06/06/2019 को उनके पुत्र स्व. सुशील चौधरी को मुकेश चौधरी एवं रामनिवास चौधरी ग्राम पथरौंधा अपने साथ मोटर साईकल में लेकर गये थे तथा 12/06/2019 तक उन्हें अपने साथ अपहरण स्वरूप रख रखे थे एवं 12/06/2019 को शाम 6 बजे मोटर साईकल से दुर्घटना में सुशील चौधरी की मृत्यु की सूचना दी गई थी? (ग) क्या दोषियों के मोबाईल कॉल डिटेल निकलवाकर आरोपी पाये जाने पर हत्या या दुर्घटना की जाँच की जायेगी? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) हाँ तो कब तक एवं नहीं तो क्यों।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। थाना उचेहरा में मुकेश चौधरी की रिपोर्ट पर दुर्घटना से मृत्यु का प्रकरण पंजीबद्ध होकर अनुसंधान में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है। (घ) प्रकरण अनुसंधान में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिक्रामकों पर कार्यवाही
[गृह]
92. ( क्र. 3380 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भोपाल की तहसील हुजूर के ग्राम दीपड़ी में स्थित भूमि खसरा क्रमांक 17/1/3/2 ख रकबा 1.50 एकड़ रकबे पर बलपूर्वक कब्जा करने की कोशिश व गाली गलोच करने संबंधी कितनी शिकायतें थाना प्रभारी मिसरोद जिला भोपाल को वर्ष 2019 में प्राप्त हुई है? (ख) क्या प्रश्नाधीन भूमि के संबंध में माननीय नवम् व्यवहार न्यायालय वर्ग-2 भोपाल के द्वारा दिनांक 26.02.2019 को आदेशित किया गया है कि आवेदक के आधिपत्य की भूमि पर अवैध रूप से हस्तक्षेप करने पर रोक लगाई गई है? (ग) प्रश्न (क), (ख) के प्रकाश में थाना प्रभारी मिसरोद जिला भोपाल को इस आशय का पत्र देने के बाद अभी तक संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) कब तक अतिक्रामकों के विरूद्ध कार्यवाही कर प्रकरण कायम किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) थाना मिसरोद में वर्ष 2019 में भूमि खसरा क्र. 17/01/3/2 ख, संबंधित रकबे पर बलपूर्वक कब्जा करने व गाली गलौज करने संबंधी, 02 शिकायत प्राप्त हुई है। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के विरूद्ध शिकायत की है। (ख) हाँ, प्रश्नाधीन भूमि के संबंध में मान. नवम् व्यवहार न्यायालय वर्ग-2 भोपाल के द्वारा आदेश दिनांक 26.02.2019 के द्वारा प्रतिवादीगण (सुरेश कुमार मालवीय, श्रीमति शर्मिला मालवीय निवासी दीपड़ी) को वादग्रस्त सम्पत्ति पर वादी के आधिपत्य में अवैध रूप से हस्तक्षेप करने से निषेधित किया गया है। (ग) जाँच पर प्रकरण, जमीन विवाद का पाये जाने से शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु थाना मिसरोद में आवेदक एवं अनावेदक के विरूद्ध इस्तगासा क्र. 285/18 धारा 107,116 (3) जाफौ का दिनांक 21.10.2018 को तैयार कर मान. न्यायालय प्रस्तुत किया गया था, जिसमे एस.डी.एम. मिसरोद द्वारा आवेदक एवं अनावेदक को 10,000- 10,000 रूपये से दिनांक 22.11.2018 अंतरिम बाउण्ड ओव्हर किया गया था। उक्त भूमि पर दोनों पक्षों की रजिंश को देखते हुये पुनः प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है, इस्तगासा एस.डी.एम. न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) जाँच में वर्तमान में बिंदु (क) में उल्लेखित भूमि पर कोई अतिक्रमण होना नहीं पाया गया है। दोनों पक्षों के रंजिश को देखते हुये उभय पक्षीय प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही की जा चुकी है।
किसानों के खेतों तक जाने वाले रास्ते का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 3392 ) श्री कमल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना के अन्तर्गत म.प्र. के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों में किसानों के खेतों में जाने वाले रास्ते का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो क्यों एवं यदि हाँ, तो हरदा जिले में कितने-कितने रास्ते इस उपयोजना में विगत दो वर्षों 2017-18 एवं 2018-19 में बनाए गए? (ग) क्या म.प्र. की ग्राम पंचायतों में किसानों के खेतों के रास्ते बनाने की कोई अलग योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) किसानों के खेतों के रास्ते शासन किस योजना के तहत् निर्माण कराएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में विभाग द्वारा जारी विस्तृत दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हरदा जिले में प्रश्नाधीन अवधि में सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना के तहत् 108 ग्रेवल सड़कों के कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा लिये गये हैं। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
नर्मदा घाटी द्वारा हरदा जिले में कराए गए कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
94. ( क्र. 3393 ) श्री कमल पटेल : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से आज दिनांक 24 जून, 2019 तक नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा हरदा जिले में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) विभाग द्वारा हरदा जिले में आवंटित उपरोक्त राशि का उपयोग कब-कब, किस-किस कार्य हेतु किया गया? (ग) उपरोक्त वर्ष में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराए गए तथा क्या-क्या कार्य शेष हैं? (घ) कौन-कौन से कार्य किस-किस फर्म/एजेंसी द्वारा कराए गए?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) विभाग द्वारा हरदा जिला हेतु पृथक से कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पौधारोपण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 3413 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगौन जिले की विधानसभा खरगौन 185 महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत दो जुलाई, 2017 के पौधारोपण कार्यक्रम में कितनी राशि व्यय की गई, कितने पौधे लगाए गए? व्यय राशि सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त राशि का भुगतान किन-किन कार्यों हेतु विभागों एवं फर्म सहित पृथक-पृथक देवें तथा कितना भुगतान लंबित है? (ग) दिनांक 02.07.2017 से 10.06.2019 तक इनका कितनी बार भौतिक सत्यापन किया गया, की जानकारी देवें। (घ) पौधे लगाने में अनियमितता एवं मनमर्जी से भुगतान करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 2,34,550 पौधे रोपित, राशि रू. 74.04 लाख का व्यय किया गया। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में 6 बार भौतिक सत्यापन किया गया। (घ) पौधे लगाने में अनियमितता एवं मनमर्जी से भुगतान करने की स्थिति शासन के संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
आर्थिक अनियमितताओं में हुई जाँच के निष्कर्ष की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
96. ( क्र. 3414 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सतना जिले में दिनांक 01.04.2016 से प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम/पदनाम के विभाग के अधिकारियों की क्या-क्या जाँच, किन-किन प्रकरणों पर किस नाम एवं पदनाम के अधिकारियों द्वारा कब-कब की? सभी प्रकरणों (शिकायतों) की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? जानकारी प्रकरणवार/माहवार/वर्षवार दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार कृषि विभाग में किन-किन योजनाओं में हुई आर्थिक अनियमितताओं की शिकायतें प्रमुख सचिव/संचालक/जिला प्रशासन/अन्य को कब व क्या-क्या प्राप्त हुई? शिकायतों का विवरण उपलब्ध कराते हुये बतायें कि प्रश्नतिथि तक शिकायतवार किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से कब व क्या कार्यवाही किस-किस सक्षम कार्यालयों के द्वारा की गई है? विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार विभाग की किन-किन हितग्राही मूलक योजना में कितने हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ मिला।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) रीवा एवं सतना जिले में दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न तिथि तक अधिकारी का नाम श्री बी.पी. सूत्रकार, तत्कालीन परियोजना अधिकारी (आत्मा) रीवा की शिकायत में संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, रीवा को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया, प्रतिवेदन दिनांक 13.3.2018 को उपलब्ध कराया गया। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ अनुसार है तथा जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) समयानुसार कृषि विभाग अंतर्गत रीवा एवं सतना जिले में किसी भी योजना में आर्थिक अनियमितता की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न तिथि तक विभिन्न योजनाओं में लाभांवित हितग्राहियों की योजनावार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘तीन’’ एवं ‘‘चार’’ अनुसार है।
छात्रवृत्ति घोटाले की ई.ओ.डब्ल्यू. में प्रकरण दर्ज नहीं करवाया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
97. ( क्र. 3422 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा एवं सतना जिले में पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्तियों में आर्थिक अनियमितताओं के गंभीर प्रकरण दिनांक 01.04.2016 से प्रश्नतिथि तक शासन के समक्ष आये हैं? अगर हाँ तो किस-किस जिले में, किस-किस नाम की संस्था को कितनी-कितनी राशि की अनियमिततायें सामने आई? जिलेवार/प्रकरणवार/संस्था के नामवार/राशिवार जानकारी दें। (ख) क्या विभाग ने इन अनियमितताओं के सामने आने के बाद कोई जाँच प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार की? अगर हाँ तो की गई जाँच की एक प्रति निष्कर्षों सहित उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किस-किस नाम/पदनाम को जाँच में दोषी पाया गया? उसके विरूद्ध प्रश्नतिथि तक क्या-क्या कार्यवाही राज्य शासन ने की है? जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी दें। (घ) इस छात्रवृत्ति घोटाले में जिन-जिन कॉलेजों/स्कूलों ने शासकीय राजस्व धन को खुर्द-बुर्द किया? उनके विरूद्ध प्रश्नतिथि तक विभाग ने संबंधित थानों/ई.ओ.डब्ल्यू. में प्रकरण क्यों दर्ज नहीं कराया है? कारण दें? अगर कराया है, तो एफ.आई.आर. की एक-एक प्रति दें?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अकील ) : (क) जी हाँ, रीवा एवं सतना जिले में पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्तियों में आर्थिक अनियमितताओं के गंभीर प्रकरण दिनांक 01-04-2016 से प्रश्न तिथि तक शासन समक्ष आये हैं। जिलेवार/प्रकरणवार/संस्था/के नामवार/ राशिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार है। (ख) जी हाँ, अनियमितताओं के सामने आने के बाद प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार प्रकरणों में सतना जिले में पदस्थ विभाग के तत्कालीन सहायक संचालक श्री नागेन्द्रमणि मिश्रा तथा रीवा जिले में पदस्थ विभाग के सहायक संचालक श्री सी.एल. सोनी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गए हैं। वर्तमान में जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) उत्तर प्रश्नांश (ख) अनुसार है। (घ) जाँच की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में अतिक्रमण के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 3437 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली जनपद पंचायतों के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कितने खेल स्टेडियम, मुक्ति धाम, गौशाला वर्ष 2018-19 में स्वीकृत हुये हैं? संख्या एवं निर्माण कार्यों पर हुये व्यय की ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें (ख) पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या खेल स्टेडियम, मुक्तिधाम, गौशाला अतिक्रमण में है, जिसके कारण निर्माण कार्य बाधित हो रहा है? इसकी जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में खेल स्टेडियम एवं गौशाला परियोजना स्वीकृत नहीं हुई है। शांतिधाम (मुक्तिधाम) के 12 कार्य स्वीकृत हुये हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 12 में से 2 कार्य पूर्ण एवं 7 कार्य अपूर्ण/प्रगतिरत हैं। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार स्वीकृत शांतिधाम (मुक्तिधाम) के कार्यस्थलों पर अतिक्रमण की स्थिति शासन के संज्ञान में नहीं है।
अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 3449 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र के हिनौती ग्राम में तिलकधारी कोटवार के घर से सत्येन्द्र गुप्ता के घर तक ग्रामीणों के आवागमन के लिये शासकीय रिकॉर्ड में रास्ता उपलब्ध है? (ख) यदि हाँ, तो इसकी खसरे एवं नक्शे की नकल की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या यह रास्ता आर.सी.सी. कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी फसलों का उत्पादन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
100. ( क्र. 3461 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि कर्मण पुरूस्कार के लिये पिछले पाँच वर्षों में उद्यानिकी फसलों के उत्पादन, उत्पादकता क्षेत्रफल आदि के संदर्भ में जो आंकड़े दिये गये, उस विवरण की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) उद्यानिकी फसलों के वर्ष 2011 से 2018 तक फल, सब्जियां, फूल, मसाला तथा औषधि का क्षेत्रफल, उत्पादन तथा उत्पादकता बतावें तथा बतावें कि 2011 से 2018 की बजट राशि में कितने प्रतिशत इजाफा हुआ तथा फसलों के उत्पादन में कितने प्रतिशत इजाफा हुआ? (ग) उद्यानिकी फसलों के उत्पादकता में वर्ष 2011 से 2018 तक किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी कमी आई? क्या उत्पादकता में कमी होना कृषकों की आय को कम नहीं करेगा? यदि हाँ, तो खेती लाभ का धंधा कैसे बनेगी? (घ) क्या विभाग के पास यह आंकड़े हैं कि फल, सब्जियां, फूल, मसाला, औषधी का उत्पादन करने वाला प्रति एकड़ कितना लाभ प्राप्त कर रहा है? यदि हाँ, तो सूची प्रदान करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। वर्ष 2011 से 2018 तक 47.30 प्रतिशत बजट राशि में तथा फसलों के उत्पादन में 41.44 प्रतिशत इजाफा हुआ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। जी नहीं क्योंकि, जिस वर्ष उत्पादन कम रहता है, उस वर्ष फसल की अधिक कीमत प्राप्त होती है, इसलिए कृषकों की आय में कोई कमी नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के प्रकरण
[गृह]
101. ( क्र. 3466 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2018 तक आदिवासी महिलाओं पर हुये अत्याचार पर दर्ज प्रकरण की शीर्ष अनुसार संख्या वर्षवार बतावें तथा बतावें कि वर्षवार कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष में कुल मिलाकर कितनी भागी हुई, लापता तथा अपहरण की गई महिलाओं का मई 2019 तक कोई पता नहीं चला? दस वर्षों की एक साथ संख्या बतावें। इस अवधि में कितनी आदिवासी महिलाओं ने आत्महत्या की? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में आदिवासी महिलाओं पर हुये अत्याचार के पुलिस में दर्ज प्रकरणों पर न्यायालय में फैसले हुये प्रकरणों में कुल कितने अरोपी थे? कुल आरोपियों में से कितने आरोपी को सजा मिली? (घ) आदिवासी महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार को रोकने के लिये न्यायालय में अधिक से अधिक प्रकरणों में आरोपियों को सजा दिलाने के लिये तथा न्यायालयीन फैसले शीघ्र हो, इसके लिये गृह विभाग क्या नवाचार करने जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोपाल गैस पीड़ितों के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक स्थिति का अध्ययन
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
102. ( क्र. 3467 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में संधारित जानकारी अनुसार जनवरी, 1985 से दिसम्बर 2018 तक कितने गैस पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु हुई? (ख) गैस पीड़ित क्षेत्र में शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर, जन्म दर क्या है? क्या शिशु जन्म के समय कोई असामान्य लक्षण शिशु तथा गर्भवती महिला में दृष्टि गोचर होते हैं? इसका अध्ययन विगत वर्षों में कब किया गया? इसकी रिपोर्ट देवें। (ग) गैस पीड़ित पुरूष तथा महिलाओं की औसत आयु, शिक्षा कुल कार्यशील जनसंख्या (प्रतिशत) में औसत प्रति व्यक्ति वार्षिंक आय नियोजन (प्रति हजार) के आकड़े देवें। क्या इनकी सोशल इंजीनियरिंग का अध्ययन किया गया? यदि हाँ, तो रिपोर्ट का सार बतावें। (घ) क्या गैस पीड़ित व्यक्ति के व्यवहार तथा स्वास्थ्य में वर्तमान में कोई असामान्य लक्षण नजर आते हैं? यदि हाँ, तो बतावें तथा गैस पीड़ितों के आर्थिक सामाजिक, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य के संबंध में किये गये सर्वेक्षण से अवगत करावें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अकील ) : (क) गैस राहत विभाग के अंतर्गत गैस पीड़ित व्यक्तियों के मृत्यु का पंजीयन किये जाने से संबंधित कोई संस्था एवं इकाई संचालित नहीं है। अत: जानकारी निरंक है। (ख) भोपाल शहर के 56 वार्डों में से (3 दिसम्बर, 1984) गैस त्रासदी में केवल 36 वार्ड गैस प्रभावित माने गये हैं। उक्त गैस प्रभावित क्षेत्र में पृथक से आकड़े विभाग के पास उपलब्ध नहीं है तथा विभाग द्वारा उक्त के संबंध में कोई अध्ययन नहीं किया गया। (ग) विभाग के पास कोई आकड़े उपलब्ध नहीं हैं, साथ ही उक्त विषय से संबंधित कोई अध्ययन नहीं किया गया। (घ) इस संबंध में विभाग के पास कोई प्रतिवेदन नहीं है, जिसमें गैस पीड़ित व्यक्ति के व्यवहार तथा स्वास्थ्य में असामान्य लक्षण नजर आते हो। शेष बिन्दु पर प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
नाबालिग बच्ची से रेप व हत्या के बाद मुआवजा
[गृह]
103. ( क्र. 3471 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म एवं उनकी हत्या के प्रकरण में पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के संबंध में इंदौर और भोपाल को लेकर मध्यप्रदेश शासन एवं मुख्यमंत्री इन दोनों की नीतियां अलग-अलग हैं? (ख) यदि नहीं, तो जून 2019 में भोपाल के कमलानगर थाना क्षेत्र में एक मासूम बच्ची के साथ हुए जघन्य अपराध के बाद मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिए गए मुआवजे और इंदौर में मई 2019 में हीरानगर थाना क्षेत्र में एक मासूम बच्ची के साथ हुए इसी तरह के जघन्य अपराध में शासन द्वारा दिए गए मुआवजे की राशि में भारी अंतर क्यों है? (ग) इंदौर में मई 2019 में हीरानगर थाना क्षेत्र में मासूम बच्ची के साथ हुए इसी तरह के जघन्य अपराध में पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री महोदय द्वारा मुआवजे की शेष राशि कब दी जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों की कर्जमाफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
104. ( क्र. 3473 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 की स्थिति में मध्यप्रदेश के कुल कितने किसानों पर बैंक एवं सहकारी समितियों का कर्ज बकाया था? जिलावार किसानों की संख्या एवं राशि बतायें। (ख) अभी तक इनमें से कितने किसानों का कर्ज माफ किया गया है? इंदौर जिले में कर्जमाफी किए गए किसानों की संख्या बतायें? (ग) जनवरी 2019 से अभी तक शासन द्वारा किसानों की कर्ज माफी हेतु कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? इसमें से कितनी राशि का आवंटन किया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योगों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
105. ( क्र. 3484 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मई 2019 की स्थिति में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग की अलग-अलग संख्या बतावें तथा जानकारी देवें कि उनमें कितने-कितने लोग रोजगार कर रहे हैं। (ख) नवंबर 2016 में नोटबंदी से प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग किस तरह प्रभावित हुए। उनके उत्पादन में कितने प्रतिशत गिरावट हुई तथा कितने उद्योग बंद हुए तथा कितने श्रमिक बेरोजगार हुई। (ग) अक्टूबर 2019 में इंदौर में होने वाले ग्लोबल समिट में प्रदेश के लघु, सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों के विकास हेतु क्या गतिविधियां तथा कार्यक्रम होना प्रस्तावित है। समिट में इस विषय को शामिल कराने हेतु प्रयास किया जा रहा है। (घ) G.S.T. लागू होने के सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ा नोटबंदी और G.S.T. के भाव का अध्ययन करने हेतु कोई कमेटी गठित की गई या नहीं?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अकील ) : (क) प्रदेश में मई 2019 की स्थिति में 9,82,549 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इकाइयां पंजीकृत हैं तथा इन इकाइयों में 30,71,302 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त है। (ख) नोटबंदी से प्रदेश के सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्योगों पर पड़ने वाले प्रभाव, उनके उत्पादन के गिरावट, उद्योगों के बंद होने तथा श्रमिकों के बेरोजगार होने संबंधी जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) दिनांक 18-19 अक्टूबर, 2019 को औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन विभाग के द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के स्थान पर इंदौर में Magnificent MP कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से संबंधित स्टार्टअप (रूलर एंटरप्रेन्योरशिप के साथ) पर सत्र का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। (घ) G.S.T. लागू होने से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम उद्योगों पर पड़ने वाले प्रभाव विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। वाणिज्यिक कर विभाग अनुसार G.S.T. में किसी व्यवसाय विशेष के संबंध में अध्ययन व समिति गठित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
जिला रतलाम में की तुलावटियों की भर्ती में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 3491 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डी समिति जावरा, जिला रतलाम द्वारा समिति भंग होने के पूर्व दिनांक 28.02.2018 को 20 तुलावटी बढ़ाने का निर्णय लिया गया व 45 तुलावटियों की भर्ती की गई? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित प्रकरण में तुलावटी संघ द्वारा की गई शिकायत के आधार पर मण्डी बोर्ड भोपाल द्वारा स्थगन भी दिया गया था? यदि हाँ, तो स्थगन होने के बाद भी नवीन तुलावटियों को किस आधार पर कार्य पर लगाया गया एवं पुन: 7 नए तुलावटियों की भर्ती कर ली? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के प्रकरण की जाँच के संबंध में कितने-कितने पत्र किस-किस स्तर पर किस-किस व्यक्ति द्वारा लिखे गये व उन पर किस-किस स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। दिनांक 28.02.2018 को 20 तुलावटी बढ़ाने का मण्डी समिति द्वारा कोई ठहराव प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है। मण्डी समिति की बैठक दिनांक 29.08.2018 के ठहराव प्रस्ताव क्रमांक 426 से नवीन तुलावटी रखने का परीक्षण करने हेतु उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया गया। उपसमिति द्वारा की गई अनुशंसा जिसमें 30 तुलावटी हेतु प्रस्ताव एवं आंचलिक कार्यालय को पत्र दिनांक 04.10.2018 से प्रेषित की गई। समिति के निर्णय अनुसार दिनांक 14.12.2018 से 30 व्यक्तियों को नियमानुसार कार्यवाही कर अनुज्ञप्ति दी गई। (ख) जी हाँ, तुलावटी संघ अध्यक्ष द्वारा माननीय न्यायालय अपर संचालक, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल में प्रकरण क्रमांक/बोर्ड/विधि/अपी./59/59/18, दिनांक 20.12.2018 से स्थगन दिया गया। स्थगन के पूर्व दिनांक 14.12.2018 को ही नवीन तुलावटियों को कार्य पर लगाये जाने से यथास्थिति में ही कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय अपर संचालक, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल में विचाराधीन है। प्रकरण में निर्णय हेतु आगामी पेशी दिनांक 04.09.2019 नियत है। 07 नवीन तुलावटी की भर्ती नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। तुलावटी भर्ती संबंधी शिकायतें श्री प्रमोद शाक्य से प्राप्त हुई, जिस पर आंचलिक कार्यालय स्तर से कार्यवाही प्रचलित है।
जावरा में निर्माण कार्यों व सौरण माल में हुए भ्रष्टाचार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
107. ( क्र. 3492 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डी जावरा जिला रतलाम में किये गये निर्माण कार्य व अन्य कार्यों में हुए भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की शिकायतें, शपथ पत्र पर दिनांक 30.01.2019 को श्री अशोक कुमार माणक लाल कोठारी, व्यापारी प्रतिनिधि एवं श्री दुर्गा शंकर लक्ष्मण दास ठक्कर द्वारा की गई, साथ ही अन्य लोगों द्वारा भी मुख्यमंत्री हेल्प लाईन व अन्य माध्यम से भी की गई। उन पर क्या कार्यवाही हुई विवरण देते हुए बतायें कि दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों व कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी। (ख) विगत 3 वर्षों में जावरा मण्डी में सोरण माल व स्टोर के साथ ही केन्टीन में की गई अनियमितताओं के संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें कब-कब व किस-किस के द्वारा की गई, उन पर क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या व नहीं तो क्यों व कब तक की जायेगी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) श्री अशोक कोठारी, श्री महेन्द्र कुमार गोखरू, श्री पवन पाटनी एवं अन्य द्वारा कृषि उपज मण्डी समिति, जावरा में व्याप्त आर्थिक अनियमितताओं, निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार, सौरण के माल की राशि में गबन, अधिक तुलावटी रखने, स्टोर व कैन्टीन में अनियमितताओं इत्यादि की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई है, जिसमें म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 07.02.2019 तथा आदेश दिनांक 06.05.2019 द्वारा संयुक्त संचालक, मण्डी बोर्ड भोपाल एवं कार्यपालन यंत्री मण्डी बोर्ड तकनीकी कार्यालय उज्जैन को जाँच अधिकारी बनाया गया है। उक्त शिकायतों का जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जाँच निष्कर्ष एवं गुण-दोष के आधार पर उपयुक्त कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिये समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) कृषि उपज मण्डी समिति, जावरा के प्रश्नाधीन विषयों पर उत्तरांश (क) के अतिरिक्त 02 अन्य शिकायतें श्री संयम शर्मा, जावरा द्वारा दिनांक 15.05.2018 एवं श्री वीरेन्द्र पामेचा, जावरा द्वारा दिनांक 05.09.2018 को करी गई, जिसमें से श्री संयम शर्मा द्वारा की गई शिकायत पर तत्कालीन उप संचालक मण्डी बोर्ड उज्जैन से प्राप्त जाँच-प्रतिवेदन दिनांक 22.10.2018 के आधार पर सचिव एवं एक सहायक उपनिरीक्षक मण्डी समिति जावरा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 01.07.2019 जारी किये गये हैं। इस मामले में संयुक्त संचालक, मण्डी बोर्ड उज्जैन के आदेश दिनांक 28.06.2019 से श्री पुरूषोत्तम भावसार, सहायक उपनिरीक्षक, मण्डी समिति जावरा को निलंबित किया गया है। श्री वीरेन्द्र पामेचा, जावरा द्वारा की गई शिकायत दिनांक 05.09.2018 की जाँच म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड पत्र दिनांक 27.09.2018 से संयुक्त/उपसंचालक, मण्डी बोर्ड उज्जैन संभाग को सौंपी गई है, जिसका जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। इसका जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जाँच निष्कर्ष एवं गुण-दोष के आधार पर उपयुक्त कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिये समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बबीता मिश्रा के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाने बाबत्
[गृह]
108. ( क्र. 3500 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या 96 (क्रमांक 2437), 6 दिसम्बर 2017 एवं प्रश्न संख्या 130 (क्रमांक 3658), 14 मार्च 2018 के प्रश्न के जवाब में बिना किसी जाँच के दोषी नहीं पाये जाने पर भी थाना सारंगपुर द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई थी तथा असत्य अपराध क्रमांक 423/12 धारा 294, 509, 506 भा.द.वि. जे.एम.एफ.सी. सारंगपुर, जिला-राजगढ़ द्वारा बिना अभियोजन की स्वीकृति के नियम विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया था। निर्णय आने पर श्री सुभाषचन्द्र शर्मा के निर्दोष होने पर क्या दोषियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जायेगा? स्पष्ट करें। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय की विशाखा गाईड लाईन के अनुसार संस्था एवं जिला स्तरीय यौन उत्पीड़न जाँच समिति की जाँच रिपोर्ट के अनुसार एवं माननीय न्यायालय जे.एम.ए.सी. सारंगपुर के निर्णय के अनुसार श्री सुभाषचन्द्र शर्मा के निर्दोष पाये जाने पर तथा शिकायतकर्ता बबीता मिश्रा के विरूद्ध असत्य शिकायत करने पर थाना सारंगपुर, जिला में प्रकरण दर्ज किया जायेगा? स्पष्ट करें। (ग) शिकायतकर्ता बबीता मिश्रा द्वारा संस्था में षड़यंत्र रचने, कूटरचित पत्र बनाने, पद का दुरूपयोग करने तथा यौन उत्पीड़न के असत्य एवं निराधार आरोप लगाने एवं थाना सांरगपुर, जिला-राजगढ़ में असत्य एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की दोषी होने पर भा.द.वि. के तहत् अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा, स्पष्ट करें? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 04.09.2012 को आवेदिका की संज्ञेय अपराध के लिखित आवेदन के आधार पर थाना सारंगपुर पर अपराध क्रमांक 423/2012 धारा 294, 506, 509 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में आए साक्ष्य के आधार पर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण दर्ज करने से पूर्व अभियोग स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती है। दिनांक 05.04.2019 को माननीय न्यायालय जे.एम.एफ.सी. सारंगपुर द्वार आरोपी सुभाष शर्मा को दोषमुक्त किया गया। दोषमुक्ति का निर्णय होने पर सूचनाकर्ता/पीड़ित के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने का प्रावधान नहीं है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय की विशाखा गाईड लाईन के अनुसार संस्था एवं जिला स्तरीय यौन उत्पीड़न जाँच समिति की जाँच रिपोर्ट का संबंध पुलिस विभाग से नहीं है। माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय में शिकायतकर्ता बबीता मिश्रा के विरुद्ध असत्य रिपोर्ट थाना सारंगपुर में करने के संबंध में कोई आदेश नहीं दिया है। अतः थाना में कोई संज्ञेय अपराध दर्ज किया जाने का कोई प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है। (ग) थाना में दर्ज अपराध में माननीय न्यायालय ने अपने निर्णय में सूचनादाता को असत्य सूचना देने की कोई टिप्पणी नहीं की है, अतः संज्ञेय अपराध पंजीयन नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भगतपुरी कचनारिया औद्योगिक क्षेत्र की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
109. ( क्र. 3509 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिलान्तर्गत भगतपुरी औद्योगिक क्षेत्र में व्यवसाय हेतु दिये प्लॉटों में कितने व्यवसायों ने प्लॉट पर उद्योग लगाकर औद्योगिक व्यवसाय प्रारंभ कर दिया गया है? औद्योगिक प्लॉटों के नाम, व्यवसाय के नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) कचनारिया व फर्नाखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र घोषित कर उनके विकास हेतु क्या-क्या कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं, कितने अप्रारंभ हैं?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अकील ) : (क) उज्जैन जिलान्तर्गत भगतपुरी औद्योगिक क्षेत्र में 27 उद्योग कार्यरत हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अनुसार कचनारिया तहसील नागदा जिला उज्जैन की 177 हेक्टेयर भूमि विभाग के आधिपत्य में है। औद्योगिक क्षेत्र कचनारिया में विकास संबंधी कोई कार्य विभाग द्वारा नहीं किया गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के औद्योगिक क्षेत्र फर्नाखेड़ी में एप्रोच रोड निर्माण एवं बाह्य विद्युतीकरण कार्य हेतु राशि रु. 461.66 लाख की स्वीकृति जारी की गई है, जिसका कार्य प्रारंभ है।
पंचायतों में किये गये कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
110. ( क्र. 3515 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मऊगंज जिला रीवा के अंतर्गत आने वाली पंचायतों में वर्ष 2017-18 से 2019-20 प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजनांतर्गत कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुये? उक्त स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण एवं प्रगतिरत हैं? अगर कार्य प्रगतिरत हैं तो कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे एवं जो कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुये हैं, क्यों? कारण सहित बतावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में 2017-18 से 2019-20 तक कुल कितने मानव दिवस परियोजना कार्य में शासन स्तर से प्राप्त हुए एवं उक्त मानव दिवस में कुल कितने मानव दिवस का उपयोग किया गया है एवं कितने शेष हैं, जो मानव दिवस शेष हैं वो कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? वर्षवार, जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में दिनांक 01.04.2016 से 2018-19 तक किन-किन ग्राम पंचायतों में मनरेगा से वृक्षारोपण का कार्य किया गया है एवं वृक्षारोपण कार्य हेतु शासन स्तर से कितना बजट प्राप्त हुआ है एवं शासन द्वारा प्राप्त बजट से किन-किन ग्राम पंचायतों में कितनी-कितनी राशि दी गई तथा कितनी खर्च की गई है, कितनी शेष हैं? (घ) वर्ष 01.04.2016 से 2018-19 तक जिन ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण का कार्य हुआ है, उस वृक्षारोपण में से कितने पौधे जीवित अवस्था में है? अगर पौधे मृत अवस्था में है तो उसके संरक्षण की व्यवस्था क्यों नहीं कराई गई एवं जो अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी हैं तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अगर कार्यवाही की गई तो विवरण उपलब्ध करावें अगर नहीं हुई है तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मऊगंज विधानसभा अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा से स्वीकृत कार्य 8644, पूर्ण कार्य 5966, प्रगतिरत कार्य 2249 एवं अप्रारंभ कार्य 398 हैं। कार्यों का पूर्ण होना एवं अप्रारंभ कार्यों को प्रारंभ किया जाना जॉब कार्डधारी परिवारों की मांग पर निर्भर होने से अपूर्ण कार्यों के पूर्ण होने की तिथि राज्य स्तर से नियत नहीं की जा सकती है। (ख) वर्ष 2017-18 में 6.25 लाख लक्षित मानव दिवस के विरूद्ध 6.18 मानव दिवस सृजित, वर्ष 2018-19 में 7.07 लाख लक्षित मानव दिवस के विरूद्ध 6.24 मानव दिवस सृजित तथा 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक 6.21 लाख लक्षित मानव दिवस के विरूद्ध 1.67 लाख मानव दिवस सृजित किये गये। शेष 4.54 लाख मानव दिवस का उपयोग 31 मार्च, 2020 तक किया जाना लक्षित है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में महात्मा गांधी नरेगा से किये गये वृक्षारोपण की ग्राम पंचायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजना के प्रावधान अनुसार ग्राम पंचायतों को कार्यवार बजट उपलब्ध नहीं कराया जाता है। ग्राम पंचायत के स्वीकृत लेबर बजट की पूर्ति हेतु कार्यों की स्वीकृतियां जारी की जाती है। कार्य संपादन के दौरान साप्ताहिक मजदूरी का भुगतान राष्ट्रीय स्तर पर संधारित खाते से एवं सामग्री का भुगतान राज्य स्तर पर संधारित खाते से क्रमश: मजदूरों एवं सामग्री प्रदायकर्ता वेण्डर के खातें में किया जाता है। (घ) पौधो की जीवितता की जानकारी उत्तरांश (ग) के परिशिष्ट में शामिल है। विभाग के निर्देशानुसार 25 % अधिक पौधे जीवितता वाली परियोजनाओं की गैप फिलिंग एवं उनके संरक्षण का कार्य पौध रक्षक के संबंधित हितग्राही के द्वारा किया जा रहा है। किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रकरण राज्य के संज्ञान में नहीं होने के कारण किसी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण की योजनायें
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
111. ( क्र. 3529 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं और आगामी समय में उक्त वर्ग के लिये शासन की क्या-क्या योजनायें प्रस्तावित हैं? (ख) पन्ना एवं कटनी जिलांतर्गत विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितने हितग्राहियों को प्रदान किया गया? योजनावार, वर्षवार एवं हितग्राहीवार संख्यावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) पन्ना एवं कटनी जिले के अंतर्गत विभाग को शासन द्वारा उक्त वर्षों में कितनी-कितनी राशि का आवंटन किस-किस योजना में प्राप्त हुआ? प्राप्त राशि को कहाँ-कहाँ किस मद से किस सक्षम प्राधिकारी के किन आदेशों से कब-कब व्यय किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन और राशि के उपयोग एवं व्यय में कोई अनियमितताएं ज्ञात हुई? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो ऐसा ना होना प्रतिवेदित किया जायेगा?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अकील ) : (क) विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। प्रदेश के चिन्हित अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार योजनाएं राज्य के वित्त विभाग की सहमति पश्चात् प्रस्तावित की जाती है। वर्तमान में भोपाल में एक 200 सीटर अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय भवन के निर्माण का प्रस्ताव है। (ख) पन्ना एवं कटनी जिलांतर्गत विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में लाभांवित हितग्राहियों की योजनावार, वर्षवार एवं हितग्राहीवार संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 (अ) अनुसार है। (ग) पन्ना एवं कटनी जिलों को उक्त को वर्षों में योजनावार दिये गये आवंटन की जानकारी प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 (अ) एवं 02 (ब) अनुसार है। मदवार आवंटित राशि का व्यय जिलों में कलेक्टर के आदेशानुसार किया गया है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा संचालित पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत राशि के उपयोग एवं व्यय में जिला सतना, रीवा, बैतुल छिंदवाड़ा, गुना, टीकमगढ़, बालाघाट, मुरैना, कटनी एवं ग्वालियर में अनियमितताएं ज्ञात हुई। वर्णित जिलों में पदस्थ सहायक संचालकों के नाम से कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं।
पन्ना जिले में सेटनेट का निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
112. ( क्र. 3530 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 की अवधि में किन-किन ग्रामों के किन-किन किसानों को किस-किस फसल/खेती हेतु सेटनेट निर्माण के प्रकरण किस नाम/पदनाम के सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब स्वीकृत किये गये? (ख) क्या सेटनेट हाउस में उच्च तकनीक से सब्जी/फलों की खेती करने और खेती उपरांत 50 प्रतिशत अनुदान और आदान सामग्री का क्रय चिन्हित विक्रेताओं से किये जाने के शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत किन-किन किसानों को कब-कब कितनी-कितनी अनुदान राशि किस जाँच/प्रतिवेदन के आधार पर किस सक्षम प्राधिकारी के आदेश पर कब-कब स्वीकृति प्रदान की गई और किन-किन किसानों को अनुदान राशि आज दिनांक तक क्यों प्राप्त नहीं हुई है? कृषकवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) कृषकों द्वारा किस-किस दुकान/एजेन्सियों से क्या-क्या आदान सामग्री कब-कब क्रय की गई और सामग्रियों का किस-किस नाम/पदनाम के शासकीय सेवक द्वारा कब-कब भौतिक सत्यापन किया गया तथा क्या प्रतिवेदन दिये गये? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) सेटनेट का निर्माण कर खेती करने वाले किसानों को चिन्हित दुकानों/कंपनियों से आदान सामग्री क्रय करने हेतु बाध्य करने और अनुदान स्वीकृत/ भुगतान करने में अनियमितता करने की क्या जिले में पदस्थ अमले को हटाकर शासन स्तर पर प्रश्नकर्ता की सहभागिता में जाँच की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) पन्ना जिले में वर्ष 2015-16 से 2019-20 की अवधि में किसी भी ग्राम में कृषक को शेडनेट हाउस निर्माण हेतु अनुदान स्वीकृत नहीं किये गये। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उपरोक्तानुसार।
परफॉरमेंस ग्रांट की राशि की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 3545 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत छतरपुर के लिए वर्ष 2018-19 में परफॉरमेंस ग्रांट की कितनी राशि किन कार्यों के लिए स्वीकृत की गई एवं कितनी राशि जारी की गई? कार्यवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला पंचायत छतरपुर में परफॉरमेंस ग्रांट की निधि में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व जिला पंचायत के सदस्यों को कितनी राशि किन कार्यों के लिये जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के अनुसार यदि संपूर्ण राशि वर्ष 2018-19 की अभी तक जिला पंचायत छतरपुर में नहीं पहुंची तो यह राशि कब तक जारी की जायेगी? अपूर्ण व प्रशासनिक स्वीकृत किये गये कार्यों के परिप्रेक्ष्य में जानकारी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जिला पंचायत छतरपुर के लिए वर्ष 2018-19 में परफॉरमेन्स ग्रांट की कोई राशि स्वीकृत/जारी नहीं की गई है। राज्य वित्त आयोग अन्तर्गत रूपये 240.00 लाख जारी किये गये, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष हेतु 25.00 लाख उपाध्यक्ष हेतु 15.00 लाख एवं शेष जिला पंचायत सदस्यों हेतु 200.00 लाख जारी किये गये, जिसके विरूद्ध स्वीकृत कार्यों का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त प्रश्न का उत्तर प्रश्नांश (ख) में निहित है।
पर्यटन विभाग द्वारा जानकारी उपलब्ध कराया जाना
[पर्यटन]
114. ( क्र. 3546 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपूर्ण मध्यप्रदेश में पर्यटन विभाग द्वारा कुल कितने होटल व रेस्टोरेंट संचालित हैं? होटल व रेस्टोरेन्ट का नाम, संचालन कर रहे संचालक का नाम, पता सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार म.प्र. में पर्यटन विभाग द्वारा कितने समय के लिए लीज़ पर होटल या रेस्टोरेंट दिये गये और कितनी राशि विभाग द्वारा ली गई है? (ग) मध्यप्रदेश के कितने होटल या रेस्टोरेंट अपूर्ण है और कब तक पूर्ण होंगे और उनका होटल का नाम तथा पता सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मानदेय वृद्धि में विसंगति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
115. ( क्र. 3554 ) श्री राकेश गिरि : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत आत्मा योजना में पदस्थ सहायक अमले के मानदेय में वृद्धि किस आधार पर की गई है? यदि यह वेतन वृद्धि भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में हुई है तो क्या लेखापाल, सह-लिपिक एवं कम्प्यूटर प्रोग्रामर के मानदेय में दिशा-निर्देशों अनुसार वृद्धि की गई है? (ख) लेखापाल सह-लिपिक एवं कम्प्यूटर प्रोग्रामर के मानदेय में वेतन वृद्धि किस आधार पर की गई है, उन समस्त दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) क्या भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में लेखापाल सह-लिपिक यदि अनुबंध पर कार्यरत है तो उनको मानदेय 22500.00 रूपये दिया जाये ऐसा उल्लेख है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा संबंधित को कितना मानदेय भुगतान किया जा रहा है? यदि मानदेय में अंतर है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) आत्मा योजना में पदस्थ अमले की वेतन वृद्धि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में लेखापाल-सह लिपिक का मानदेय 22500 दिया जाना प्रावधानिक है। मानदेय की वृद्धि मूल्य सूचकांक के आधार पर 12984 प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निरीक्षक, उपनिरीक्षक सहायक उप निरीक्षक की पदोन्नति
[गृह]
116. ( क्र. 3555 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस बल में पदस्थ निरीक्षक, उपनिरीक्षक, सहायक उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों की पदोन्नति की समय-सीमा मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने अधिकारियों की पदोन्नति विगत 05 वर्षों में की गई है एवं कितने की शेष है? जिलेवार, पदवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष बचे अधिकारियों की पदोन्नति देने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 358-निरीक्षक, 527-उप निरीक्षक एवं 1067-सहायक उपनिरीक्षक की पदोन्नति विगत 05 वर्षों में की गई है। वर्तमान में पदोन्नति हेतु निर्धारित अर्हता पूर्ण करने वाले 685-निरीक्षक, 1973-उपनिरीक्षक एवं 5302-सहायक उपनिरीक्षक पदोन्नति हेतु शेष हैं। निरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं सहायक उपनिरीक्षक राज्य स्तरीय संवर्ग के अधिकारी हैं, जिनकी पदोन्नति प्रदेश मुख्यालय स्तर पर वरिष्ठता क्रम के अनुसार की जाती है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में पदोन्नति संबंधी याचिका माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है तथा माननीय न्यायालय द्वारा यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया गया है। इस कारण पदोन्नति कार्यवाही स्थगित है।
मनरेगा योजनांतर्गत भुगतान के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
117. ( क्र. 3562 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला निवाड़ी अंतर्गत जनपद पंचायतों में मनरेगा योजनांतर्गत पूर्व के वर्षों का सामग्री भुगतान लंबित है? यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक की स्थिति में किन-किन ग्राम पंचायतों का किस-किस वर्ष का सामग्री भुगतान लंबित था? वर्षवार, जनपद पंचायतवार, ग्राम पंचायतवार एवं राशिवार विवरण दें। (ख) क्या माह जून 2019 में मनरेगा योजनांतर्गत सामग्री भुगतान हेतु शासन स्तर से अनुमति दी गई? यदि हाँ, तो अनुमति किन नियमों के आधार पर दी गई? क्या जनपद पंचायत निवाड़ी में वर्ष 2019-20 के सामग्री भुगतान में इन नियमों का पालन कर किया गया? बतावें। (ग) क्या जनपद पंचायत निवाड़ी की कुछ ग्राम पंचायतों में वर्ष 2019-20 के देयकों का सामग्री भुगतान किया गया है, जबकि अन्य ग्राम पंचायतों के पूर्व के वर्षों के भुगतान लंबित थे? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायतवार वर्ष 2019-20 में भुगतान की गई राशि का विवरण ग्राम पंचायतवार दें। कुछ चिन्हित ग्राम पंचायतों के वर्ष 2019-20 के देयकों का भुगतान करने के लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जिला निवाड़ी अन्तर्गत जनपद पंचायत निवाड़ी एवं पृथ्वीपुर में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 का लंबित सामग्री भुगतान का विवरण निम्नानुसार है :– वित्त वर्ष 2017-18 में ब्लॉक निवाड़ी में राशि रू. 0.17 लाख एवं पृथ्वीपुर में राशि रू. 1.60 लाख तथा वर्ष 2018-19 में ब्लॉक निवाड़ी में राशि रू. 38.10 लाख एवं पृथ्वीपुर में राशि रू. 57.91 लाख है। लंबित सामग्री भुगतान की वर्षवार, जनपदवार, ग्राम पंचायतवार एवं राशिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। माह जून 2019 में मनरेगा योजनान्तर्गत सामग्री भुगतान हेतु राज्य स्तर से पत्र क्रमांक 1924/F-190A/NR-10/MGNREGS-MP/2019, दिनांक 22-06-2019 के माध्यम से अनुमति दी गई थी। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जनपद पंचायत निवाड़ी में सामग्री भुगतान के प्राथमिकता क्रम का पालन करने हेतु जनपद पंचायत के पत्र क्रमांक 781, दिनांक 22-06-2019 से सहायक लेखाधिकारी, मनरेगा एवं उपयंत्री समस्त को आयुक्त महोदय के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने हेतु निर्देशित किया गया है। निर्देश में दिये गये प्राथमिकता क्रम का पालन नहीं करने पर सहायक लेखाधिकारी, जनपद पंचायत निवाड़ी को पत्र क्रमांक 825, दिनांक 26-06-2019 के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। (ग) जी हाँ। जनपद पंचायत निवाड़ी की 36 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2019-20 के देयकों की राशि रू. 172.76 लाख एवं पूर्व वर्षों की राशि रू. 109.39 लाख का सामग्री भुगतान किया गया है। जनपद पंचायत निवाड़ी अंतर्गत 39 ग्राम पंचायतों में पूर्व वर्षों की राशि रू. 38.27 लाख सामग्री का भुगतान लंबित है। वर्ष 2019-20 में भुगतान की गई राशि का ग्राम पंचायतवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जनपद पंचायत निवाड़ी में मनरेगा योजनान्तर्गत सामग्री के देयकों का भुगतान करने हेतु सहायक लेखाधिकारी को पदस्थ किया गया है, जिनका दायित्व है कि मनरेगा पोर्टल पर दर्ज देयकों का मिलान एवं सत्यापन उपरान्त परीक्षण कर प्रथम हस्ताक्षरकर्ता के रूप में एफ.टी.ओ. तैयार कर भुगतान हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत निवाड़ी को प्रस्तुत करना है। सहायक लेखाधिकारी, जनपद पंचायत निवाड़ी को शासन स्तर से जारी, लंबित भुगतान के संबंध में दिये गये निर्देशों का पालन नहीं करने पर प्रथम दृष्टया दोषी माना गया तथा जनपद पंचायत निवाड़ी के पत्र क्रमांक 845 दिनांक 02-07-2019 के तहत् सहायक लेखाधिकारी, जनपद पंचायत निवाड़ी को तत्काल प्रभाव से हटाये जाने एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रकरण जिला कार्यालय को प्रेषित किया गया है। प्रकरण की जाँच हेतु तीन सदस्यी जाँच दल भी गठित किया गया है। सहायक लेखाधिकारी के विरूद्ध संस्थित की गई जाँच को दृष्टिगत रखते हुये श्रीमती मीनाक्षी सिंह वर्मा, सहायक लेखाधिकारी (मनरेगा), जनपद पंचायत निवाड़ी को आदेश क्रमांक 829, दिनांक 05-07-2019 के द्वारा जनपद पंचायत, पृथ्वीपुर, जिला निवाड़ी में संबंद्ध किया गया है, जिससे जाँच प्रभावित न हो। जाँच उपरांत दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी।
दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
118. ( क्र. 3577 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विभाग द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत मानक प्राक्कलन के आधार पर ग्राम पंचायतों में कार्य कराए जाने के आदेश जारी किये गये हैं? इनमें से किन-किन कार्यों पर मानक प्राक्कलन लागू हैं? प्रति देते हुये बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मानक प्राक्कलन अनुसार कराए गये कार्यों के मूल्यांकन का अधिकार क्या रोजगार सहायकों को दिया गया है, लेकिन जनपद पंचायत सतना में क्या रोजगार सहायकों के अधिकारों का हनन करते हुये मूल्यांकन कार्य क्षेत्र के उपयंत्रियों के द्वारा किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों हेतु मानक प्राक्कलन क्षेत्रीय भौतिक स्थिति अनुसार क्या सही एवं अनुकूल है, जबकि पंचायतों की दूरी एवं भौतिक एवं भौगोलिक स्थिति भिन्न-भिन्न होती है? ऐसी स्थिति में क्या पंचायतों को कार्य करने में कठिनाई नहीं हो रही है? इस कारण क्या मानक प्राक्कलन को हटा कर क्षेत्रीय भौतिक एवं भौगोलिक स्थिति अनुसार प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति बाबत् पृथक से आदेश जारी करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के मानक प्राक्कलन अनुसार कराए गए किन-किन कार्यों के मूल्यांकन रोजगार सहायक द्वारा किये जाने के प्रावधान है? साथ ही प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन उपयंत्रियों द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से अधिकार क्षेत्र से हट कर मूल्यांकन किया, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे, जिनके द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र कार्य पूर्ण किये जाने के बाद भी जारी नहीं किये गये, उन पर क्या कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कपिलधारा कूप, खेत तालाब, सामुदायिक पेयजल कूप (निर्मल नीर), खेल मैदान, शांतिधाम, पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड, गौशाला एवं चारागाह विकास के नवीन कार्यों के स्वीकृति हेतु राज्य स्तर से मानक मापदण्ड लागू किये गये हैं। राज्य स्तर से जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क्रमश: 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 एवं 8 अनुसार है। (ख) कपिलधारा उपयोजना एवं पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड के कार्यों में मूल्यांकन का अधिकार रोजगार सहायकों को दिया गया है। अन्य मानक प्राक्कलन के कार्यों में मूल्यांकन का अधिकार उपयंत्री को दिया गया है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। वर्तमान में लागू सिक्योर पोर्टल में क्षेत्रीय, भौतिक एवं भौगोलिक स्थिति अनुसार यदि कार्यों का क्रियान्वयन जारी मानक मापदण्डों से भिन्न है, ऐसी स्थिति में नवीन प्राक्कलन तैयार कर सक्षम स्तर से तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त कर कार्य कराया जा सकता है। (घ) मानक मापदण्ड अनुसार कपिलधारा कूप, पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड निर्माण के प्रत्येक चरण हेतु निर्धारित मूल्यांकित राशि के भुगतान हेतु निरीक्षण, जियोटेग फोटो लेकर हितग्राहियों को फण्ड ट्रांसफर ऑर्डर कराने के लिये मांगपत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को भेजे जाने का दायित्व ग्राम रोजगार सहायक को दिया गया है। उपयंत्री का कार्य केवल चरणवार निरीक्षण कर गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। उपयंत्री द्वारा निर्देशानुसार कार्यों की सतत् निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किया जाता है। भौतिक रूप से पूर्ण समस्त कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री जय किसान ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
119. ( क्र. 3580 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा ऋण माफी हेतु बैंकों एवं सोसायटियों में हरा, सफेद, गुलाबी फॉर्म के महत्व की जानकारी देवें? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में बैंकों में एवं सोसायटियों में ऋण माफी हेतु किसानों के द्वारा सोसायटी व बैंकों में जमा आवेदनों (फॉर्मों) की अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में बैंकों एवं सोसायटियों में प्राप्त आवेदनों पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की बैंकों एवं सोसायटियों की अलग-अलग जानकारी देवें? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऋण माफी के ऐसे कितने फॉर्म हैं, जिन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जिन किसानों के ऋण खाते आधार सीडेड हैं, उनके लिए हरा आवेदन पत्र नियत किया गया है। जिन किसानों के खाते आधार सीडेड नहीं है, उनके लिए सफेद आवेदन पत्र नियत किया गया है। यदि किसी किसान को लगता है कि उसका नाम हरी/सफेद सूची में आना था, किन्तु नहीं आया ऐसी स्थिति के लिए गुलाबी आवेदन पत्र नियत किया गया है। इसके अलावा हरे एवं सफेद सूची में अंकित आंकड़ों से यदि किसान असहमत है या अन्य कोई शिकायत हो ऐसी स्थिति के लिए भी गुलाबी आवेदन पत्र नियत किया गया है। (ख) योजना में दी गई निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ऋण माफी हेतु किसानों द्वारा सोसायटी व बैंक में आवेदन जमा करने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। (ग) बैंक एवं सोसायटियों द्वारा आवेदन प्राप्त नहीं किये गये। (घ) ग्राम पंचायतों में प्राप्त आवेदनों तक पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
विवाद के संबंध में की गई कार्यवाही
[गृह]
120. ( क्र. 3586 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भवन क्रमांक एच.आई.जी. 47 निशात कॉलोनी, 74 बंगले भोपाल के पंजीकृत विक्रय अभिलेख के अनुसार दो भाइयों के नाम पर पंजीकृत है, जिसकी जानकारी थाना टी.टी. नगर भोपाल को है? (ख) क्या इस संबंध में थाना टी.टी. नगर पुलिस एवं नगर पुलिस अधीक्षक टी.टी. नगर संभाग, म.प्र के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, प्रमुख सचिव गृह को जून, 2019 में लिखित शिकायत इस हेतु की गई कि पंजीकृत सेलडीड के अनुसार विधिवत विभाजन करने के दौरान एवं बाउंड्रीवॉल तथा पृथक गेट के अतिरिक्त निर्माण के दौरान आवश्यक पुलिस-बल उपलब्ध कराने के संबंध में संबंधित आवेदक द्वारा आवेदन दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पर संबंधित नगर पुलिस अधीक्षक टी.टी. नगर संभाग एवं विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या इस संबंध में जन समस्या समाधान समिति के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 18.06.2019 को लिखित आवेदन नगर पुलिस अधीक्षक टी.टी. नगर को कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु दिया गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त भवन क्रमांक एच.आई.जी. 47 निशात कॉलोनी, 74 बंगले के विवाद के निराकरण हेतु एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भोपाल को आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। भवन क्रमांक एच.आई.जी. 47 निशात कॉलोनी, 74 बंगला दोनों भाईयों के नाम पंजीकृत होने की जानकारी आवेदक श्री सिद्धार्थ गुप्ता द्वारा दी गई थी। (ख) जी हाँ। इस संबंध में आवेदक द्वारा लिखित शिकायत की गई थी, जिसमें उक्त बंगले की बाउण्ड्री, गेट आदि के निर्माण के दौरान आवश्यक पुलिस बल उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया था। पुलिस बल मौके पर भेजा गया था, किन्तु कोई कानून व्यवस्था की स्थिति मौके पर नहीं पायी गयी थी। (ग) हाँ। आवेदक द्वारा आवेदन-पत्र दिया गया था। टी.टी. नगर पुलिस द्वारा आवेदक सिद्धार्थ गुप्ता के साथ उक्त भवन में जाकर देखा गया था, तो वहां पर कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा था। मौके पर कोई कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं थी। (घ) उक्त भवन में मौके पर कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं पायी गयी थी। आवेदक एवं उसके भाई के बंगले के बंटवारे के विवाद का निराकरण पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित न हो इसलिए दोनों पक्षों पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।
ग्राम पंचायत बेदारनगर में वाटर शेड का घटिया निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 3597 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर की ग्राम पंचायत बेदारनगर जनपद पंचायत मो. बडोदिया में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक वाटर शेड के किन-किन निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति की गई है? कार्यवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों को जिन स्थानों पर निर्माण किया गया है, क्या वह तकनीकी दृष्टि से उपयुक्त हैं? कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कौन-कौन से कार्य शेष हैं? क्या इन कार्यों का भुगतान किया जा चुका है? यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन किसके द्वारा किया गया है? जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक 3 चैक डेम, 1 खेत तालाब एवं 1 तालाब निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकृति की गई है। (ख) जी हाँ। 3 चैक डेम, 1 खेत तालाब प्रगतिरत है एवं 1 तालाब निर्माण का कार्य अप्रारंभ है। कार्यों का भुगतान अभी नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत खरदौन कलां सामुदायिक भवन का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 3598 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शाजापुर की ग्राम पंचायत खरदौन कलां जनपद पंचायत कालापीपल में वर्ष 2013-14 में सामुदायिक भवन निर्माण हेतु राशि का आवंटन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? क्या निर्माण कार्य नहीं होने से राशि की वसूली कर ली गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्माण कार्य अपूर्ण है। तत्कालीन सरपंच एवं सचिव के द्वारा राशि आहरण उपरांत कार्य नहीं करवाने के कारण निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका। कार्यालय जिला पंचायत शाजापुर के आदेश क्रमांक/स्था./2019/2172, दिनांक 27.05.2019 के अनुसार वसूली की कार्यवाही प्रचलित है।
प्रदेश में जेलों की स्थिति
[जेल]
123. ( क्र. 3599 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में जेलों की क्षमता अनुसार बंदियों को रखने, उनको दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में कोई प्रावधान/नियम/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो किस-किस स्तर की किस-किस जेल में इनका पालन हो रहा है और किन-किन में नहीं, प्रत्येक जेलवार क्षमता, बंदी संख्या एवं सुविधाओं अनुसार विवरण बताएं? (ख) क्या प्रदेश में जेलों की क्षमता अनुसार बंदियों को रखने, उनको दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय/मानवाधिकार आयोग के कोई निर्देश हैं? यदि हाँ, तो किस-किस स्तर की किस-किस जेल में इनका पालन हो रहा है और किन-किन में नहीं? प्रत्येक जेलवार क्षमता, बंदी संख्या एवं सुविधाओं अनुसार विवरण बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत प्रावधान/नियम/निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने हेतु शासन द्वारा क्या कदम उठाए जाएँगे एवं कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जेल नियमावली में दिये गये प्रावधानों के अनुसार सभी जेलों में बंदियों को भोजन, वस्त्र, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशिक्षण आदि की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। जेलवार बंदी क्षमता एवं बंदी संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं बंदियों को दी जा रही सुविधाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) सभी जेलों में माननीय उच्चतम न्यायालय/मानव अधिकार आयोग से समय-समय पर दिये जाने वाले निर्देशों का पालन किया जा रहा है। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है, जिसके द्वारा बंदियों को दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में समीक्षा की जानी है। बंदियों को दी जा रही सुविधाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जेलों की क्षमता बढ़ाने, स्वास्थ्य, साफ-सफाई, सेनीटेशन, बंदी भोजन में गुणवत्ता में सुधार आदि के संबंध में प्रयास जारी हैं। यह सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
उज्जैन जिले में खाद, बीज, दवाइयों का विक्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
124. ( क्र. 3612 ) डॉ. मोहन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में कृषि उपयोगी वस्तुएं उर्वरक, बीज तथा कीटनाशक दवाईयां के विक्रय हेतु कितने सहकारी एवं निजी पंजीकृत विक्रेता है? विकासखण्डवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में अपंजीकृत सहकारी एवं निजी विक्रेताओं द्वारा कृषि उपयोगी वस्तुएं उर्वरक,बीज तथा कीटनाशक दवाइयों का विक्रय हो रहा है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो इस संबंध में विगत पाँच वर्षों में क्या कार्यवाही की गयी है? वर्षवार बतावें। (ग) कृषि उपयोगी वस्तुएं उर्वरक, बीज तथा कीटनाशक दवाइयों के विक्रेताओं द्वारा गुणवत्तापूर्ण एवं मानक स्तर की सामग्री उचित मूल्य पर विक्रय की जा रही है अथवा नहीं, इस संबंध में विभागीय निरीक्षण हेतु कौन अधिकृत है तथा उज्जैन जिले में विगत पाँच वर्षों में विभागीय निरीक्षण के दौरान पायी जाने वाले अनियमितताओं के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही किन-किन के विरूद्ध की गयी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में कृषि उपयोगी वस्तुएं उर्वरक, बीज तथा कीटनाशक दवाइयों के विक्रय हेतु सहकारी एवं निजी पंजीकृत विक्रेताओं की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। अपंजीकृत सहकारी एवं निजी विक्रेताओं द्वारा कृषि उपयोगी वस्तुएं उर्वरक, बीज तथा कीटनाशक दवाइयों का विक्रय नहीं हो रहा है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। आदान विक्रेताओं द्वारा गुणवत्तापूर्ण एवं मानक स्तर की सामग्री उचित मूल्य पर विक्रय की जा रही है। इस संबंध में निरीक्षण हेतु जिले में पदस्थ सहायक संचालक कृषि, अनुविभागीय कृषि अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं कृषि विकास अधिकारी अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र में उर्वरक, बीज तथा कीटनाशी निरीक्षक नियुक्त है। उज्जैन जिले में विगत पाँच वर्षों में निरीक्षक के दौरान पाई गई अनियमितताओं के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
उपयंत्रियों के जिला पंचायत में संयोजन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
125. ( क्र. 3615 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के निर्देशानुसार किसी भी उपयंत्री को अन्य कार्य हेतु जिला पंचायत में संयोजित नहीं किया जाना है? इसके बावजूद भी क्या उज्जैन संभाग अन्तर्गत कौन-कौन सी पंचायत ऐसी है, जिनमें अन्य कार्य हेतु उपयंत्रियों को संयोजित किया गया है? ब्यौरा दें। (ख) यदि शासन द्वारा जारी निर्देशों के उपरांत भी उपयंत्रियों को अन्य कार्य हेतु उज्जैन संभाग में संयोजित किया गया है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन अधिकारी है तथा शासन के निर्देशों की अवहेलना करने पर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है तथा कब तक कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत ऐसी कोई पंचायत नहीं है, जिसमें उपयंत्रियो को अन्य कार्य हेतु संयोजित किया गया है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 3626 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं, जो स्वीकृत होकर निर्माणाधीन तथा अप्रारंभ हैं? कार्यों के नाम, लागत, स्वीकृति दिनांक व ठेकेदार सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निर्माणाधीन कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित है? क्या उक्त कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करा लिया जावेगा तथा जो कार्य प्रश्न दिनांक तक अप्रारंभ हैं, उसका कारण स्पष्ट करें तथा स्वीकृति उपरांत प्रश्न दिनांक तक कार्यों को प्रारंभ न कर पाने के लिये कौन-कौन दोषी है? क्या शासन द्वारा दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई अथवा की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक ऐसे सभी अप्रारंभ निर्माण कार्यों को प्रारंभ करा दिया जावेगा? (ग) उपरोक्तानुसार क्या ग्राम बिरालखेड़ी से इकलेरा, इकलेरा से बरनावद, बोड़ा से महुआ, बमोरी से तलेन एवं तलेन से बूचाखेड़ी तक सड़क वर्तमान में गारंटी अवधि में है तथा क्या वर्तमान में उक्त मार्ग अत्यंत जीर्ण-शीर्ण होकर आवागमन योग्य नहीं रह गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों की मरम्मत कर आवागमन योग्य बनाएं जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ न होने का कारण, कार्यादेश जारी होने के बाद लोकसभा निर्वाचन हेतु आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होना है। इसके लिये कोई दोषी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अप्रारंभ कार्य को वर्षाकाल के पश्चात् प्रारंभ किया जाना लक्षित है। (ग) जी नहीं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ग्राम बिरालखेड़ी से इकलेरा, इकलेरा से बरनावद, बोड़ा से महुआ एवं तलेन से बूचाखेड़ी मार्ग गारंटी अवधि पूर्ण होने के पश्चात् वर्तमान में पाँच वर्षीय संधारण अवधि में है। उक्त मार्गों पर आवागमन सुचारू रूप से हो रहा है। वर्षाकाल के पश्चात् सभी मार्गों पर निर्धारित मापदण्डानुसार बी.टी. रिन्यूवल कराया जाना लक्षित है। प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित एक मार्ग बमोरी से तलेन (तलेन-धुआंखेड़ी) मार्ग लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत है। कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण संभाग राजगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त मार्ग गारंटी अवधि में नहीं है एवं जीर्ण-शीर्ण न होकर आवागमन योग्य है एवं यह मार्ग माह जून के पश्चात् बी.टी. रिन्यूवल कार्यक्रम में शामिल है।
निविदा आमंत्रण प्रक्रिया में विलंब
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 3627 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भोपाल मण्डल, भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक 415/तक-4/ग्रा.यां.से./2019 भोपाल, दिनांक 07.03.2019 से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विकासखण्ड नरसिंहगढ़ में ग्रेवल रोड निर्माण पैकेज क्रमांक 2671 :- इकलेरा रोड से आंकखेड़ी खुर्द लम्बाई 0.5 कि.मी., बोड़ा-ऊमरी मार्ग से सेदरी लम्बाई 0.7 कि.मी., कुंवर कोटरी-ढाबला रोड से हिनोतिया क्रमांक 02 (विस्थापित) लम्बाई 1.8 कि.मी., बड़ौदिया रोड से सौभागपुरा लम्बाई 0.8 कि.मी., झाड़ला-झुमका रोड से खलेली लम्बाई 0.5 कि.मी., रघुनाथपुरा-रामगढ़ से डूगापुरा लम्बाई 0.5 कि.मी., सेमलागोगा से टीला शेरपुरा लम्बाई 2 कि.मी. एवं आंवली से पीपल्याजीया लम्बाई 2 कि.मी. ग्रामीण मार्गों में निविदा (जी-शेड्यूल) अनुमोदन हेतु मुख्य अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भोपाल परिक्षेत्र भोपाल को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त ग्रामीण मार्गों के निर्माण हेतु निविदा अनुमोदन की कार्यवाही पूर्ण कर निविदाएं आमंत्रित कर ली गई है? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर लंबित है तथा उक्त कार्य में विलंब के लिये कौन-कौन दोषी है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन प्रश्नांश (क) वर्णित अतिमहत्वपूर्ण लोक महत्व के ग्रामीण मार्गों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित कर सड़क निर्माण कार्य की कार्यवाही प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित मार्ग "सेमलागोगा से टीला शेरपुरा लम्बाई 2 कि.मी." मजरा टोला होने से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्ड के अनुसार शामिल नही किया जा सकता। शेष मार्गों की निविदाएं आमंत्रित की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नही होते। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उत्पन्न नही होते।
खुले में शौच मुक्त पंचायतों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
128. ( क्र. 3628 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में कितनी पंचायतों में कितने शौचालय निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है? इनमें से कितनी पंचायतें खुले में शौच मुक्त (O.D.F.) घोषित की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन पंचायतों को खुले में शौच मुक्त (O.D.F.) घोषित किया गया, उनमें से शत-प्रतिशत् हितग्राहियों को शौचालय बना दिए गए हैं? यदि नहीं, तो कारण बतावें? कौन-कौन से शेष रहें हैं? नाम सहित बतावें। (ग) शेष ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त (O.D.F.) घोषित कर शत-प्रतिशत् हितग्राहियों को शौचालय कब तक बना दिए जावेंगे? (घ) सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड में शौचालयों का कितना भुगतान शेष है, शेष के कारण एवं हितग्राहियों के खाते में कब तक राशि जमा कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में 115 ग्राम पंचायतों में 24181 शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। सभी 115 ग्राम पंचायतें खुले में शौच मुक्त घोषित की गई। (ख) जी हाँ, बेस लाईन सर्वे 2012 के अनुसार पात्र हितग्राहियों के लिये शौचालय बना दिये गये हैं। शेष 3313 बेस लाईन सर्वे 2012 से छूटे परिवारों में से 3083 घरों में शौचालय बना दिये गये हैं। शेष परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सभी ग्राम पंचायत खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं, प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष परिवारों हेतु शौचालय दिनांक 02 अक्टूबर, 2019 तक बना दिये जायेंगे। (घ) पात्रता सूची अनुसार सिरोंज विकासखण्ड में 615 एवं लटेरी विकासखण्ड में 1197 शौचालयों का भुगतान शेष है। इन शौचालयों के सत्यापन पश्चात् भुगतान कर दिया जावेगा।
स्व-रोजगार योजना की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
129. ( क्र. 3629 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 अप्रैल, 2014 से एस.जी.एस.वाय. योजनांतर्गत क्या आजीविका एवं कौशल उन्नयन योजना के तहत् बी.पी.एल. शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु योजना संचालित की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में विदिशा जिले में कितने बेरोजगार युवक एवं युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया? प्रशिक्षण देने वाली संस्था का नाम एवं प्रशिक्षण स्थान बतावें? प्रशिक्षण प्राप्त युवक/युवतियों को कहाँ-कहाँ रोजगार उपलब्ध कराया गया? (ख) प्रशिक्षण के बाद बेरोज़गार युवक/युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं द्वारा प्रदाय वेतन की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रशिक्षण हेतु विदिशा जिले में व्यय राशि की संस्थावार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या उक्त योजना में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है? यदि हाँ, तो उसमें कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? क्या इनकी जाँच की गई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई थी? (घ) दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? यदि की जावेगी तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं, 01 अप्रैल, 2014 के पश्चात् प्रशिक्षण एवं नियोजन हेतु किसी भी संस्था को चयनित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसान फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
130. ( क्र. 3632 ) श्री राम दांगोरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत कालातीत एन.पी.ए. की ऋण मुक्ति योजना क्या है? यदि कालातीत एन.पी.ए. की राशि किसान भर चुका है, तो क्या सरकार द्वारा किसान को एन.पी.ए. की राशि का नगद भुगतान किया जाएगा? (ख) यदि हाँ, तो उसकी समय-सीमा क्या तय की गई है? यदि नहीं, तो उपरोक्त राशि का क्या के.सी.सी. खाते में एडजस्टमेंट किया जाएगा? (ग) यदि हाँ, तो खंडवा सहकारी बैंक की छैगांवमाखन समिति द्वारा नहारुसिंह पिता रामसिंह की ₹ 39135 की कालातीत राशि न नगद दी जा रही है और ना ही उसे के.सी.सी. में दर्ज एडजस्ट करने की प्रक्रिया की जा रही है, बल्कि उससे ₹ 25513 खाद व बीमें में जबरदस्ती भरवाए गए समिति द्वारा कोई उचित उत्तर क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) क्या शासन किसानों को आ रही इस विकट समस्या का हल करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी के संबंध में
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
131. ( क्र. 3635 ) श्री राम दांगोरे : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत अत्यधिक शिक्षित युवाओं के बेरोजगार होने से वर्तमान सरकार द्वारा सीमित समय में क्या कदम उठाए जायेंगे?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अकील ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा युवाओं को स्वयं का उद्योग, सेवा तथा व्यवसाय स्थापित करने के लिये मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जाता है, जिसमें पात्र आवेदकों को बैंकों के माध्यम से ऋण दिलवाकर शासन द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में मार्जिन मनी/ब्याज अनुदान दिया जाता है। पंधाना विधानसभा अंतर्गत कुल 26 बैंक शाखाएं हैं, जिनके माध्यम से उक्त 04 योजनाओं में शिक्षित युवाओं को ऋण दिलाकर उद्यम स्थापित करने की कार्यवाही की जाती है। अत: वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी इस क्षेत्र के युवाओं को इन योजनाओं में लाभांवित कराकर उद्यम स्थापित करने की कार्यवाही की जावेगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 3647 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा के कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण हेतु उप सचिव म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा क्रमांक-1900/एम.पी.एस.4/एन.आर.6/155/2017 भोपाल, दिनांक 22-06-2017 समस्त कलेक्टर (सी.ई.ओ.) जिला एवं जनपद पचांयतों को पत्र भेजा गया था। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सम्परीक्षा समिति का रीवा जिले की चिन्हांकित ग्राम पंचायतों में गठन किया गया है? यदि हाँ, तो सामाजिक अंकेक्षण विशेष ग्राम सभा का आयोजन किस-किस दिनांक को संबंधित ग्राम पंचायतों में किया गया है? (ग) क्या जिला पंचायत की सामान्य सभा में सामाजिक अंकेक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश दिनांक से अब तक की जानकारी दी जाये? यदि नहीं, तो क्या दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली के जनपद पंचायतों जिला कार्यालयों में सहायक यंत्री, उप यंत्री एवं अन्य समस्त पदस्थ संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों के नियुक्ति दिनांक से वर्ष 2018-19 तक संविदा अवधि पूर्ण होने के उपरान्त कार्यकुशलता एवं किये गये कार्य के मूल्यांकन के आधार कब-कब संविदा अवधि बढ़ाने के आदेश जारी किये गये हैं, विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों? इस हेतु दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, चिन्हांकित ग्राम पंचायतों में आयोजित सामाजिक अंकेक्षण विशेष ग्राम सभा की तिथिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, ग्राम पंचायतवार जानकारी संकलित कर आगामी सामान्य सभा की बैठक में प्रस्तुत किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
मण्डी बोर्ड की 26 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में कार्यरत स्टाफ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
133. ( क्र. 3649 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डी बोर्ड द्वारा संचालित की जाने वाली 26 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला को किन नियम और शर्तों पर किसान कल्याण तथा कृषी विकास को दिया गया? (ख) मण्डी बोर्ड द्वारा भर्ती किये गये स्टाफ प्रयोगशाला प्रभारी एवं लैब टेक्नीशियन की सेवायें वर्तमान में किसके अधीन हैं। मण्डी बोर्ड अथवा किसान कल्याण तथा कृषी विकास विभाग। (ग) वर्तमान में इन कर्मचारियों को कितना मानदेय दिया जा रहा है तथा अंतिम बार इनका मानदेय कब बढ़ाया गया, (माह एवं वर्ष) बतावें। (घ) क्या इन कर्मचारियों को समकक्ष नियमित पद का 90 प्रतिशत वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से (तारीख व माह) यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) मण्डी बोर्ड की संचालित 26 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं को कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में स्वाईल हैल्थ कार्ड योजना की एस.एल.ई.सी. की बैठक में लिये गये निर्णय एवं म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय, भोपाल के निर्देश के पालन में मण्डी बोर्ड के द्वारा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग को नियम शर्तों के साथ हस्तांतरित की गई है। (ख) मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय, भोपाल के आदेश के पालन में मण्डी बोर्ड के आदेश दिनांक 12.01.2016 से मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला के लिये मण्डियों द्वारा संविदा पर रखे गये प्रयोगशाला प्रभारी एवं प्रयोगशाला टेक्नीशियन की सेवाएं मण्डी बोर्ड की शर्तों के अधीन है। निर्देश अनुरूप मानदेय का भुगतान मण्डी बोर्ड द्वारा किया जा रहा है। (ग) वर्तमान में संविदा प्रयोगशाला प्रभारी को रूपये 20,000/- प्रतिमाह तथा प्रयोगशाला टेक्नीशियन को रू. 15,000/- प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। उक्त मानदेय अंतिम बार दिनांक 09.05.2013 को बढ़ाया गया है। (घ) जी नहीं। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में प्रयोगशाला प्रभारी, प्रयोगशाला टेक्नीशियन का पद स्वीकृत नहीं है। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के संचालक मंडल में पारित निर्णय के अनुपालन में मण्डी समितियों द्वारा प्रयोगशाला प्रभारी, प्रयोगशाला टेक्नीशियन को अस्थाई रूप से निर्धारित मानदेय रखा गया है। शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
राष्ट्रीय एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला सीधी बाबत्
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
134. ( क्र. 3651 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा सीधी जिले में महिलाओं के समूह के माध्यम से क्या-क्या उत्पाद बनाए जा रहे हैं? सीधी जिले के किन-किन ग्रामों में कौन-कौन से महिला समूह इन उत्पादों को बना रहे हैं? इन महिला समूहों से जुड़ी महिलाओं के प्रशिक्षण एवं बने उत्पादों की बिक्री के लिए शासन ने क्या व्यवस्था की है? (ख) उक्त महिला समूहों की साप्ताहिक एवं मासिक बैठकों एवं कागजों के रख-रखाव के लिए शासन द्वारा क्या समुचित कार्यालय एवं हाल की व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो कब तक यह व्यवस्था करने की शासन की मंशा है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। मिशन द्वारा आंतरिक एवं ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आर-सेटी) के सहयोग से प्रशिक्षण प्रदान समूह सदस्यों द्वारा उत्पादित उत्पादों को जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विभिन्न मेलों के द्वारा स्थानीय स्तर, बाजार हाट एवं मॉल के माध्यम से विक्रय की व्यवस्था की जाती है। (ख) जी नहीं। महिला समूहों की आपस में परस्पर सहयोग एवं भावना के लिये समूह की बैठक बारी-बारी से समस्त सदस्यों के घरों में किये जाने की व्यवस्था है। अतः शेष का प्रश्न नहीं उठता।
प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत सहायक यंत्रियों का प्रत्यावर्तन के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
135. ( क्र. 3661 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की जनपद पंचायतों में मनरेगा योजना अंतर्गत प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत सहायक यंत्रियों को विकास आयुक्त पंचायत विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक 4939, दिनांक 28.07.2017 द्वारा उनके मूल विभाग के मूलपद (उपयंत्री) पर वापस क्यों किया गया? यदि विभाग को इनकी आवश्यकता ही नहीं थी, तो साक्षात्कार लिया जाकर उपयंत्रियों को सहायक यंत्री मनरेगा पद पर पदस्थ क्यों किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपर्युक्त प्रत्यावर्तन आदेश के उपरांत प्रदेश के जिला शिवपुरी की किन-किन जनपद पंचायतों में प्रतिनियुक्ति पर कौन-कौन सहायक यंत्री आज भी पदस्थ होकर कार्यरत हैं व क्यों? क्या आदेश जारी करने में भेदभावपूर्ण नीति अपनाई गई? इस हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उपर्युक्त प्रत्यावर्तन आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा प्रत्यावर्तित अभियन्ताओं के पक्ष में कोई निर्णय दिया गया है? हाँ तो आदेश का पालन क्यों नहीं किया? मनरेगा योजना ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत पंजीकृत संस्था है तो फिर आर.ई.एस. विभाग द्वारा मनरेगा योजना को पृथक से स्वतंत्र विभाग मानते हुए ग्रामीण विकास विभाग के उपयंत्री जो मनरेगा में सहायक यंत्री पद पर कार्यरत थे, उन्हें माननीय न्या. के आदेश के पालन में सहायक यंत्री पद पर पदस्थ क्यों नहीं किया? दिनांक 28.07.2017 के पश्चात् प्रदेश के जिला शिवपुरी की किन जनपद पंचायतों में संविदा उपयंत्रियों को सहायक यंत्री मनरेगा का प्रभार सौंपा गया व किस नियम के तहत्? संबंधितों के नाम सहित विकासखण्ड,जिलेवार जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वर्ष 2017 में मनरेगा में आवश्यकता नहीं होने के कारण प्रतिनियुक्ति पर लिये गये उपयंत्रियों की सेवाओं उनके मूल विभाग में वापस की गई। जब इन उपयंत्रियों को प्रतिनियुक्ति पर लिया गया था, तत्समय मनरेगा हेतु इनकी आवश्यकता थी। (ख) प्रश्नाधीन जानकारी निरंक है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रत्यावर्तन आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय दिया गया है, जिस पर शासकीय अधिवक्ता के अभिमत उपरांत शासन द्वारा रिट अपील की कार्यवाही की गई है। शिवपुरी में किसी भी संविदा उपयंत्री को सहायक यंत्री का प्रभार नहीं सौंपा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा योजना में निर्धारित अनुपात से अधिक भुगतान किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
136. ( क्र. 3662 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा योजनांतर्गत केवल उन्हीं निर्माण कार्यों के प्राक्कलनों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाती है, जिनमें अकुशल श्रमिकों पर व्यय की जाने वाली राशि प्राक्कलन की कुल राशि का 60 प्रतिशत हो एवं निर्माण सामग्री व कुशल श्रमिकों पर व्यय की जाने वाली राशि प्राक्कलन राशि की 40 प्रतिशत राशि होती है? (ख) क्या वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में मध्यप्रदेश में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में शांतिधामों का निर्माण कार्य इस प्रकार कराया गया कि अकुशल श्रमिकों पर व्यय की जाने वाली राशि 60 प्रतिशत के स्थान पर मात्र 20 प्रतिशत तथा कुशल श्रमिकों व सामग्री पर व्यय की जाने वाली राशि 40 प्रतिशत के स्थान पर 80 प्रतिशत व्यय कर दी गई? क्या इस योजना में व्यय का अनुपात निर्धारित मात्रा अनुसार न होने के कारण केन्द्र सरकार द्वारा भुगतान किया जाना बंद कर दिया गया है? (ग) क्या मनरेगा मद से निर्धारित अनुपात में राशि व्यय न होने के कारण शिवपुरी जिले की विभिन्न जनपद पंचायतों में निर्माण संबंधी सामग्री का भुगतान किया जाना लंबित है? यदि हाँ, तो किस-किस जनपद में कितने शांतिधामों का कितनी राशि का भुगतान लंबित है? जनपदवार जानकारी दें। इस हेतु कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत अकुशल मजदूरी व सामग्री का 60 : 40 अनुपात कार्यवार न होकर जिला स्तर पर संधारित करने के निर्देश हैं। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में शांतिधामों का निर्माण विकास आयुक्त एवं म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा जारी निर्देश क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ एवं ‘2’ पर है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
केन्द्र शासन से प्राप्त राशि का दुरूपयोग
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
137. ( *क्र. 3681 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 21 मार्च, 2017 के पत्र द्वारा आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, भोपाल को भारत सरकार से 12 करोड़ रूपये राशि वर्मी कम्पोस्ट यूनिट निर्माण के लिये मिली थी? क्या उसके विरूद्ध एक भी यूनिट का निर्माण नहीं हुआ? (ख) क्या भारत सरकार की योजना को राज्य स्तर पर बदलने के अधिकार थे? यदि हाँ, तो नियम निर्देश की प्रति दें? यदि नहीं तो दोषियों के नाम और पद बतावें? (ग) कितनी राशि के यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजे गये? क्या यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट में यह प्रमाणित किया गया है कि जिस प्रयोजन/उद्देश्य के लिये राशि मिली थी, उसी प्रयोजन/उद्देश्य पर खर्च की गई है? यदि हाँ, तो असत्य प्रमाणपत्र देने के दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं पद बतावें? (घ) दोषियों को बर्खास्त कर उनसे 12 करोड़ रूपये की वसूली कब तक कर ली जावेगी? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) दिनांक 21 मार्च, 2017 के पत्र द्वारा आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, भोपाल से संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल को 12 करोड़ रूपये राशि वर्मी कंपोस्ट यूनिट निर्माण के लिये भेजी गई। शासन स्तर से कार्ययोजना में वर्मी कंपोस्ट यूनिट स्वीकृत नहीं होने से वर्मी कंपोस्ट यूनिट निर्माण नहीं किया गया। (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है) (ख) भारत सरकार की योजना को राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग की अध्यक्षता में आयोजित बैठक दिनांक 17.04.2017 की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार संशोधित कार्ययोजना नाइट्रोजन हार्वेस्ट प्लांटिंग, लिक्विड बायोफर्टिलाईजर, लिक्विड बायोपेस्टिसाइड तथा फॉस्फेड रिच आर्गेनिक मैन्योर (प्रोम) घटक स्वीकृत किये गये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है एवं मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 768/886/17/9-25, भोपाल दिनांक 06.07.2017 द्वारा समस्त कलेक्टर्स को उक्त चार घटकों में कार्य करने हेतु पत्र जारी किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है एवं मध्यप्रदेश शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल द्वारा जारी मार्गदर्शी निर्देश, क्र.बह-14-2/2017/14-2, दिनांक 18.04.2017 के द्वारा संबंधित जिलों के परियोजना संचालक (आत्मा) के द्वारा स्वीकृत घटकों का क्रियान्वयन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, भोपाल को विभाग द्वारा 49.15 करोड़ केन्द्रांश राशि का यूटिलाईजेशन सर्टिफिकेट भेजे गये। जी हाँ, संशोधित कार्ययोजना अनुसार संबंधित परियोजना संचालक (आत्मा) द्वारा राशि व्यय की गई। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
पुलिस कार्यवाही में शिथिलता
[गृह]
138. ( क्र. 3683 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय में दिनांक 25 जून, 2018 को एडीशनल डायरेक्टर और ए.एस.ओ. के बीच हिंसक मारपीट के आरोपियों के खिलाफ उभयपक्षीय प्रकरण दर्ज न करने, गिरफ्तारी न करने और चालान पेश न करने के कारण बतावें? (ख) इसी कार्यालय में दिनांक 18 दिसंबर, 2017 को एडीशनल डायरेक्टर और स्टेनोग्राफर के बीच हिंसक मारपीट के आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज न करने के कारण बतावें? कार्यवाही कब तक होगी? (ग) जहांगीराबाद थाने की एफ.आई.आर. 889/2013 से संबंधित चालान, आर.सी.टी. 3103009/2014 के किस आरोपी ने किस गवाह के साथ मारपीट की? इस मामले में पुलिस क्या कार्यवाही करेगी? जहांगीराबाद थाने की एफ.आई.आर. क्रमांक 205/2012 के अनावेदक/आरोपी का पूरा ब्यौरा दें? (घ) पुलिस मुख्यालय की लंबित न्यायालयीन याचिका डब्ल्यू.पी. 16753/2017 में संज्ञान में आये कूटरचित प्रमाणपत्रों पर जहांगीराबाद भोपाल पुलिस क्या कार्यवाही करेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित घटनाओं की जाँच में मामला पुलिस अहस्तक्षेप योग्य पाया जाने से उभयपक्षीय प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। (ग) जहांगारीबाद थाने के अपराध क्रमांक 889/13 के आरोपी सुरेन्द्र सिंह भण्डारी द्वारा साक्षी अजय जायसवाल के साथ दिनांक 25.06.2018 को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मारपीट की घटना घटित की गई थी, जिसकी जाँच में मामला पुलिस अहस्तक्षेप योग्य पाया जाने से उभयपक्षीय प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। जहांगारीबाद थाने के अपराध क्रमांक 205/12 में अनावेदक/आरोपी का नाम सुरेन्द्र सिंह भण्डारी पिता स्व. भूपाल सिंह भण्डारी, निवासी संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना, सतपुड़ा भवन, भोपाल, वर्तमान पता ई-7/23 चार इमली, हबीबगंज, भोपाल है। (घ) न्यायालयीन याचिका डब्ल्यू.पी. 16753/2017 में याचिकाकर्ता श्री शिवेन्द्र सिंह तोमर के द्वारा प्रतिवादी सुरेन्द्र सिंह भण्डारी एडीशनल डायरेक्टर आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना भोपाल के विरूद्ध इनके द्वारा फर्जी कार्य अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी पाने के संबंध में म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में लंबित है। न्यायालीन निर्णय अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
शासकीय जमीनों को खुर्द-बुर्द करने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
139. ( क्र. 3690 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील रघुराज नगर के अंतर्गत ग्राम रामस्थान में सरकारी जमीनों के अवैधानिक नामांतरण, उच्च न्यायालय एवं शासन के निर्देशों के उल्लंघन करते हुए ओवर लोडिंग करने की शिकायत छत्रपाल सिंह छत्तू द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना एवं एस.डी.एम. रघुराजनगर को दिनांक 22.06.2019 को तथा नगर पुलिस अधीक्षक एवं थाना प्रभारी कोलगवां को 23.06.2019 को 13 बिन्दुओं का आवेदन देकर जाँच की मांग की गई है? (ख) यदि हाँ, तो आवेदन के विषय में उल्लेखित खनिज एवं भू-माफिया ट्रांसपोर्टर, हाईवा मालिकों से एग्रीमेन्टकर्ता तथा शासकीय जमीनों के अवैधानिक नामांतरण करने वाले पटवारी द्वारा, जिन्हें कलेक्टर सतना ने निलंबित कर आरोप पत्र दे दिया है, उक्त लोगों के विरूद्ध राज्य शासन एफ.आई.आर. करने के निर्देश जारी करेगा? यदि नहीं, करेगा तो क्यों? (ग) ग्राम रामस्थान की शासकीय जमीन जो गरीबों को आवंटित थी ऐसी जमीनों को पाठक परिवार, केला परिवार, अमीरे कोल एवं प्रिज्म सीमेंट फैक्ट्री के मैनेजर ने अपने नाम अवैधानिक नामांतरण कराया है, ऐसे भू-माफिया के विरूद्ध आज दिनांक तक एफ.आई.आर. क्यों नहीं करायी गयी है, जबकि उक्त माफियाओं की आराजी को एस.डी.एम. रघुराजनगर द्वारा दिनांक 02.02.2019 एवं 08.03.2019 को पुन: शासकीय दर्ज करा दी गयी है इनके विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. करा दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) सही है तो पुलिस अधीक्षक सतना स्वयं आवेदनकर्ता के 13 बिन्दुओं के अवलोकन पश्चात् नगर पुलिस अधीक्षक सतना एवं थाना प्रभारी कोलगवां को दोषियों के विरूद्ध जिन्होंने कूट रचना कर शासकीय जमीनों को खुर्द-बुर्द करने का प्रयास किया, एग्रीमेंट कर ओवर लोडिंग किया ऐसे भू-माफिया, खनिज माफिया एवं ट्रांसपोर्टर के खिलाफ एफ.आई.आर. कराने के निर्देश देंगे? यदि नहीं, देगें तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शहडोल जिले के स्वीकृत खेल-कूद मैदान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
140. ( क्र. 3696 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग शहडोल के अन्तर्गत ग्रामीण खेल-कूद मैदान वर्ष 2015-16 में स्वीकृत किये गए थे, जो आज दिनांक क्या पूर्ण नहीं हुए? यदि हाँ, तो कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत विलम्ब पर दोषी अधिकारी, कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) ग्रामीण खेल-कूद मैदान निर्माण कार्य बनशुकली ज.पा. जयसिंहनगर के संविदा कार्य के प्रारंभ से विभाग के समस्त विशिष्ट तकनीकी अधिकारी से कार्य स्थल पर उत्पन्न समस्या के निराकारण हेतु कई बार लेख किया, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। कार्य मार्च 2020 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण न होने से अनुबंधानुसार कार्यवाही किये जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नर्मदा घाटी विकास परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
141. ( क्र. 3698 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी बरगी परियोजना को 30 साल होने के बाद भी मण्डला जिले के डूब क्षेत्र के लिये कोई कार्ययोजना क्यों नहीं बनी है, जबकि बरगी बांध से जबलपुर और अन्य क्षेत्र लाभान्वित हो रहे हैं? (ख) जब नर्मदा बरगी डेम का पानी रीवा-सतना ले जाने की महंगी कार्य योजना बन सकती है तो मण्डला का डूब क्षेत्र जहां भरपूर पानी होने के बाद भी इस क्षेत्र के खेत-खलिहान, कुएं, तालाब सूखे हैं और सिंचाई की कोई कार्य योजना नहीं होने से जमीन बंजर भूमि के समान हो गई है? यदि हाँ, तो मण्डला के डूब क्षेत्र के लिए कार्ययोजना कब तक बना ली जावेगी?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) पुनर्वास की कार्य योजना वर्ष 1987 में बनाई गई। कार्य योजना अनुसार कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यह क्षेत्र ऊँचाई पर स्थित होने से बहाव द्वारा डूब क्षेत्र में सिंचाई क्षमता उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मण्डला जिले को ओ.डी.एफ. घोषित करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
142. ( क्र. 3699 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले को ओ.डी.एफ. (शौच मुक्त जिला) किन मापदण्डों पर किया गया है, जबकि जिले में आधे से ज्यादा शौचालय अपूर्ण या बने ही नहीं हैं? इसको किन अधिकारियों द्वारा, किन बिंदुओं को आधार मानकर ओ.डी.एफ. घोषित किया गया है एवं क्यों? (ख) कई सरपंच व सचिवों के ऊपर धारा-40 के तहत् ही जाँच चल रही है, अब ओ.डी.एफ. घोषित होने पर सरपंच व सचिव पर किस आधार पर जाँच हो रही है व क्यों? (ग) यदि वास्तव में ओ.डी.एफ. (शौच मुक्त) जल्दबाजी में घोषित की गई है तो कौन से अधिकारीगण इसमें शामिल हैं? क्या उन पर कार्यवाही की जावेगी? उक्त स्थिति में ओ.डी.एफ. कार्य कराने वाले ठेकेदार व अधिकारियों को अपूर्ण शौचालयों को पूरा करने का आदेश दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त कार्य में शामिल अधिकारियों व ठेकेदार व उनके द्वारा करायें गये कार्यों की सूची दी जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) बेसलाईन सर्वे 2012 अनुसार भारत सरकार के पोर्टल पर एम.आई.एस. में दर्ज शौचालयविहीन घरों ‘‘एक घर एक शौचालय’’ के आधार पर व स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाकर लक्ष्यपूर्ति उपरांत मण्डला जिला को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया है। ओ.डी.एफ. प्रक्रिया में विहित पदाधिकारी/अधिकारी यथा सरपंच, सचिव ग्राम पंचायत, ब्लॉक समन्वयक (एस.बी.एम.), मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत/जनपद पंचायत के प्रमाणीकरण पर जिला कलेक्टर के माध्यम से मण्डला जिला को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया है। (ख) जी नहीं, मण्डला जिले में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत धारा-40 का कोई प्रकरण प्रचलित नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एस.जी.एस.वाय. योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
143. ( क्र. 3705 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.जी.एस.वाय. योजना के अंतर्गत क्या आजीविका एवं कौशल उन्नयन योजना के तहत् बी.पी.एल. शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु योजना संचालित की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में अनूपपुर जिले में कितने बेरोजगार युवक एवं युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया? प्रशिक्षण देने वाली संस्था के नाम एवं प्रशिक्षण का स्थान बतावें? प्रशिक्षण प्राप्त युवक एवं युवतियों को कहाँ-कहाँ रोजगार उपलब्ध कराया गया? (ख) प्रशिक्षण हेतु अनूपपुर जिले में व्यय राशि की संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें? क्या उक्त योजना से संबंधित अनियमितता अथवा भ्रष्टाचार की शिकायतें भी प्राप्त हुईं थीं? यदि हाँ, तो उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) एस.जी.एस.वाय. योजना के अंतर्गत आजीविका एवं कौशल केन्द्रों की स्थापना अनूपपुर जिले में नहीं की गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
144. ( क्र. 3706 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डी.पी.आई.पी. परियोजना में प्रतिनियुक्ति पद पर कितने अधिकारी/कर्मचारी मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हुए? वर्तमान में कितने कार्यरत हैं? उक्त अधिकारी/कर्मचारी डी.पी.आई.पी. में कब से पदस्थ हैं? नाम, पदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) डी.पी.आई.पी. के किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को छठवें वेतनमान का कितना-कितना ऐरियर का भुगतान किया गया? (ग) क्या ऐरियर भुगतान हेतु वित्त विभाग की अनुमति प्राप्त की गई थी? यदि हाँ, तो दस्तावेज की छायाप्रति प्रस्तुत करें? यदि नहीं, तो अनुमति प्राप्त न करने का कारण बतावें? (घ) वित्त विभाग के आदेश दिनांक 14/5/2010 में स्पष्ट आदेश के बावजूद उक्त अधिकारी/कर्मचारियों को अगला ग्रेड-पे दिये जाने के बजाय एक उच्चतर वेतनमान दिये जाने का कारण बतावें तथा जिन शासकीय कर्मचारियों द्वारा इस आदेश के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण में लाया गया उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? ऐरियर के भुगतान से शासन को हुये रूपये 6 करोड़ के नुकसान का उत्तरदायित्व किसका है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) डी.पी.आई.पी. परियोजना से 79 अधिकारी/कर्मचारी मिशन में पदस्थ हुए थें। वर्तमान में 06 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत् हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश तथा राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय के पालन तथा अवमानना प्रकरणों के निराकरण किये जाने के परिप्रेक्ष्य में भुगतान की अनुमति दी गई। तत्पश्चात् कार्योत्तर अनुमोदन हेतु नस्ती वित्त विभाग को प्रेषित की गई। (घ) माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के आदेश दिनांक 13/12/2014 एवं 13/03/2015 के पालन में मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा भुगतान का आदेश दिया गया, जिसमें किसी भी व्यक्ति को अतिरिक्त वेतन प्रदाय नहीं किया गया है, बल्कि डी.पी.आई.पी. में प्रदाय किये जा रहे पाँचवें वेतनमान के समकक्ष ही छठवें वेतनमान में निरंतर रखते हुए भुगतान किया गया। माननीय न्यायालय में प्रकरण दायर करना कदाचरण नहीं है। अत: कार्यवाही किये जाने का मामला नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं उठता।
मदवार स्वीकृत राशि एवं व्यय की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
145. ( क्र. 3709 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में 2016-17, 2017-18 व 2018-19 तक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से कराये गये कार्यों की स्वीकृत राशि एवं व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत विगत 3 वर्षों में पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में पूर्ण कराये गये कार्यों की जनपदवार संख्या एवं व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में जनपदवार मनरेगा की राशि से मुख्य रूप से कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना से 23926 कार्य लागत राशि रू. 24676.32 लाख से स्वीकृत किये गये, जिनमें राशि रू. 13167.75 लाख व्यय किया गया। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ग) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
146. ( क्र. 3710 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा जिला अनूपपुर में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? इससे पिछले पाँच वित्तीय वर्ष में मदवार बजट उपलब्धता एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं में कितने कृषक लाभान्वित हुए हैं? (ख) विगत तीन वित्तीय वर्ष में इन योजनाओं में प्रचार-प्रसार एवं कृषि प्रशिक्षणों में कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ पर व्यय की गई एवं कितने कृषकों ने प्रशिक्षण में भाग लिया? (ग) विभाग की योजनाओं से गत पाँच वर्षों में उद्यानिकी फसलें/फल वृक्षों/मसालों की खेती में कितनी वृद्धि हुई है? क्या इन योजनाओं में अपात्र लोग लाभान्वित हुए हैं? यदि हाँ, तो जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’, ‘‘ब’’ एवं ‘‘स’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ई’’ अनुसार है तथा इन योजनाओं में अपात्र लोग लाभान्वित नहीं हुये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराध के संबंध में
[गृह]
147. ( क्र. 3713 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार विगत तीन वर्षों में सिवनी जिले में कितने नाबालिगों के साथ छेड़छाड़ एवं बलात्कार के मामले दर्ज किये गये? (ख) प्रत्येक थानेवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) कितने प्रकरणों में चालान पेश किया गया? कितने प्रकरणों में F.I.R. दर्ज की गई? पुलिस मुख्यालय के अनुसार जानकारी विगत तीन वर्ष की?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) सिवनी जिले में विगत तीन वर्षों में नाबालिगों के साथ छेड़छाड़ के 136 प्रकरण एवं बलात्कार के 74 प्रकरण दर्ज हुये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खेतों की फिशिंग हेतु अनुदान प्रदान करने बाबत
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
148. ( क्र. 3719 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में बेसहारा गौ एवं गौ-वंशों को खुला छोड़ देने से प्रदेश के किसानों की फसल नष्ट हो रही है? (ख) यदि उत्तर हाँ तो क्या सरकार किसानों को खेतों की फेंसिंग (तार-बाड़ी) हेतु अनुदान प्रदान करेगी? यदि हाँ, तो कब एवं कितना? इसका क्राइटेरिया क्या होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रदेश में बेसहारा गौ एवं गौ-वंशों को खुला छोड़ देने से प्रदेश के किसानों की फसल नष्ट होने के संबंध में विभाग द्वारा सर्वेक्षण नहीं कराया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न ही नहीं उठता।
पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
149. ( क्र. 3720 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कृतसंकल्पित है एवं क्या इस संदर्भ में सरकार कोई अतिरिक्त कार्य योजना भी तैयार कर रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत कई धार्मिक एवं रमणीय पर्यटन स्थल है, क्या सरकार इनके सौन्दर्यकरण हेतु कोई कदम उठा रही है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं।
परासिया में उपजेल प्रारंभ किया जाना
[जेल]
150. ( क्र. 3728 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया में उपजेल नहीं होने के कारण विभिन्न अपराधियों को छिन्दवाड़ा जेल से परासिया व जुन्नारदेव न्यायालय में पेशी पर लाने व पेशी कराकर वापिस छिन्दवाड़ा जेल ले जाने में पुलिसकर्मियों को बहुत अधिक असुविधाओं का सामना करना पड़ता है? क्या विभाग द्वारा परासिया में उपजेल को प्रारंभ किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करते हुए, उपजेल प्रारंभ कराया जायेगा? (ख) क्या परासिया में शासन द्वारा अतिशीघ्र अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ किया जा रहा है, क्या अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ होने के बाद उप जेल की अत्यंत आवश्यकता पड़ेगी? यदि हाँ, तो उक्त आवश्यकता की दृष्टि से क्या परासिया में उपजेल स्थापित किया जाना आवश्यक प्रतीत नहीं होता? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) सत्य है तो परासिया में उपजेल खोले जाने की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) बंदियों की अधिकांशत: पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से की जाती है, अत: पुलिस कर्मियों को असुविधा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। परासिया में उप जेल बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (ख) परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ किया जाना माननीय उच्च न्यायालय का कार्यक्षेत्र है, किन्तु उत्तर (क) के अनुसार उप जेल स्थापित करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) उत्तर (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिले के पंचायत में किये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
151. ( क्र. 3732 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की राजपुर विधान सभा क्षेत्र की तलवाड़ा डेव पंचायत में दि. 01.01.2016 से 31.05.2019 तक कितने कार्य स्वीकृत किये गये? कार्य नाम, लागत, दिनांक, आवंटित राशि कार्यवार, कार्यपूर्ण (अपूर्ण) सहित जानकारी देवें। (ख) क्या कारण है कि पंचायत सचिव पंचायत में नहीं बैठते हैं, जिससे प्रमाण-पत्र इत्यादि बनाने में परेशानी हो रही है? (ग) इसके द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने प्रमाण-पत्र जारी किए एवं कितने आगे फारवर्ड किए हैं? माहवार जानकारी देवें। (घ) अधूरे निर्माण कार्य एवं जनता के हितग्राहीमूलक कार्यों की लंबित रखने के कारण इन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? इन्हें नियुक्ति से अब तक कितना वेतन दिया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) बड़वानी जिले की राजपुर विधानसभा क्षेत्र की तलवाड़ा डेब पंचायत में दिनांक 01.01.2016 से 31.05.2019 तक कुल 59 कार्य किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन निर्देशानुसार सचिव ग्राम पंचायत को शासकीय अवकाश को छोड़कर प्रतिदिन सुबह 10.30 से 5.30 तक ग्राम पंचायत के कार्यालय को खोलकर शासकीय कार्य संपादन करने हेतु उपस्थित रहने के निर्देश हैं। इसके अतिरिक्त शासकीय कार्य हेतु मैदानी भ्रमण एवं समीक्षा आदि बैठकों में उपस्थित होना होता है। सचिव शासकीय कार्य हेतु मैदानी भ्रमण एवं समीक्षा आदि बैठकों में जाते हैं, उस दिन ग्राम पंचायत में उपस्थित नहीं रहते हैं। (ग) सचिव ग्राम पंचायत तलवाड़ा डेब जनपद पंचायत ठीकरी के विगत 03 वर्षों में जारी प्रमाण-पत्र (मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के पट्टे संबंधी) एवं फारवर्ड किये गये प्रमाण पत्रों के अभिलेख नहीं पाये जाने पर सचिव श्री संजय निहाले की सेवा समाप्ति की कार्यवाही की गई है। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिये जाने के फलस्वरूप सचिव पुन: ग्राम पंचायत में पदस्थ है। (घ) ग्राम पंचायत में अधूरे निर्माण कार्य एवं जनता के हितग्राही मूलक कार्यों को कराया जा रहा है। सचिव को नियुक्ति दिनांक से माह मई 2019 तक राशि रूपये 893319/- का वेतन भुगतान किया गया है।
इंदौर के विजयनगर थाना क्षेत्र में अपराध के संबंध में
[गृह]
152. ( क्र. 3735 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2019 से 15.06.2019 तक इंदौर के विजयनगर थाना क्षेत्र में कितने अपराध किनके विरूद्ध किन धाराओं में दर्ज किए गए? माहवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त अपराधों में पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी प्रकरणवार देवें। विगत 1 वर्ष में कितने प्रकरणों में फरारी में चालान प्रस्तुत होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में हत्या व आर्थिक अपराधों के मामलों में की कार्यवाही व अद्यतन स्थिति दें? मार्च 2019 में थाने के सामने मूर्तिकार की लाश को गाड़कर जला देने के मामले में एस.आई., पी.एस. शर्मा की लापरवाही पर विभाग ने क्या कार्यवाही की है? (घ) क्या कारण था कि कांस्टेबल द्वारा पकड़े गए लोगों को इनके आदेश से छोड़ा गया, जिन्हें बाद में पुलिस तलाशने लगी। प्रकरण की अद्यतन स्थिति देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ में समाहित है एवं फरारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ में समाहित है। दिनांक 20.03.2019 को एन.आर. बिजनेस पार्क के सामने थाना विजय नगर में अज्ञात व्यक्ति का शव होने की सूचना पर मौके की तस्दीक उपरांत मूर्तिकार को गाड़कर जला देने की जानकारी प्रकाश में आने पर मर्ग क्रमांक 14/19 धारा 174 जा.फो. कायम कर जाँच में हत्या का अपराध घटित होना पाया जाने से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अप. क्र. 269/19 धारा 302, 201 भा.द.वि. का कायम कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण की विवेचना में अज्ञात मृतक एवं अज्ञात आरोपी की तलाश विवेचना जारी है। प्रकरण की विवेचना प्रारंभ से उप निरीक्षक रामसिंह चौहान द्वारा की जा रही है, इस मामलें में एस.आई. पी.एल. शर्मा की कोई लापरवाही नहीं पायी गई है। (घ) घटना के संबंध में अज्ञात आरोपी की तलाश के लिए अनेक संदेहियों को पूछताछ के लिये थाना लाया गया था, जिन्हें पूछताछ एवं तस्दीक उपरान्त थाना प्रभारी के आदेश से छोड़ा गया था। वर्तमान में प्रकरण के अज्ञात मृतक की पतारसी एवं अज्ञात आरोपियों की तलाश जारी है।
वायरल ऑडियो की जाँच
[गृह]
153. ( क्र. 3738 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर के विजयनगर थाना क्षेत्र में पब संचालक के वायरल ऑडियो प्रकरण की जाँच किस स्तर पर की गई? मार्च 2019 के संदर्भ में बतावें। (ख) इसमें कौन-कौन किस स्तर के अधिकारी कर्मचारी दोषी पाए गए? उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसका कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) इंदौर जिले के विजयनगर थाना क्षेत्र में पब संचालक के वायरल ऑडियो की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-2 जिला इंदौर द्वारा की गई है। (ख) एवं (ग) जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जाँच में कोई दोषी नहीं पाया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जोड़े गये ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
154. ( क्र. 3748 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं, जो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जोड़े जा चुके हैं या जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, जो उत्तरप्रदेश बॉर्डर (सीमा) से 2 कि.मी. के अंदर है? गांव, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत का नाम सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि उपरोक्त योजना से मध्यप्रदेश की मुख्य सड़क से एक और सड़क जोड़कर जो मध्यप्रदेश बॉर्डर के अंतिम गांव को तो जोड़ा जा रहा है, लेकिन उस अंतिम गांव से उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक की सड़क क्यों छोड़ी जा रही है? प्रश्न दिनांक तक विभाग का इस ओर ध्यान क्यों नहीं गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि म.प्र. के जिन अंतिम ग्रामों से उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक सड़क निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है, म.प्र. के उन गांवों से उत्तरप्रदेश बॉर्डर (सीमा) तक अनुमानित औसत दूरी कितने कि.मी. है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि उक्त सड़कों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बनवाये जाने का शासन कब तक निर्णय ले लेगा और कब तक सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार राजस्व ग्रामों को पक्की सड़क से एकल संपर्कता प्रदान किये जाने के निर्देश हैं। योजना के निर्देशों के अनुरूप ही कार्य कराये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित ग्रामों की उत्तरप्रदेश बॉर्डर (सीमा) तक अनुमानित औसत दूरी 1.30 कि.मी. है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन केन्द्र घोषित करना
[पर्यटन]
155. ( क्र. 3749 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ऐसे कौन-कौन से शहर एवं नगर हैं, जो शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक पर्यटक केन्द्र घोषित किये जा चुके हैं? (ख) शासन किस आधार पर पर्यटन केन्द्र घोषित करता है? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ग) टीकमगढ़ जिले के जतारा अनुसूचित जाति विधानसभा क्षेत्र में जहां वीर योद्धा महाराजा छत्रसाल का ग्राम पंचायत दरियापुर, जनपद पंचायत पलेरा के ग्राम मोरपहाड़ी पर जन्म हुआ था? उपरोक्त जन्मोत्सव भूमि को पर्यटन केन्द्र बनाने हेतु शासन ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या और कब-कब कार्यवाही की है? (घ) मोरपहाड़ी एवं चंदेरा के साथ-साथ कब तक टीकमगढ़ जिले के शहर एवं नगरों को पर्यटन केन्द्र घोषित करवाकर विभाग द्वारा क्या-क्या विकास कार्य कराये जावेंगे, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) विभाग द्वारा जारी पर्यटन नीति 2016 के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत द्वारा कूप निर्माण में अपात्रों को लाभ देने के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
156. ( क्र. 3752 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत महुडिया जनपद पंचायत आगर जिला आगर-मालवा में विगत 05 वर्षों में मनरेगा अंतर्गत शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) ग्राम पंचायत महुडिया में कपिलधारा योजना अन्तर्गत कितने कुएं 05 वर्षों में स्वीकृत किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कपिलधारा योजना में क्या अपात्र व्यक्तियों को भी कुएं स्वीकृति किये गए? यदि हाँ, तो कितने अपात्र व्यक्तियों को स्वीकृति दी गई। (घ) क्या ग्राम पंचायत महुडिया में कपिलधारा योजना में अपात्रों को लाभ दिये जाने पर सरपंच एवं सचिव पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) ग्राम पंचायत महुडिया, जनपद पंचायत आगर मालवा में वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 1.58 लाख, वर्ष 2016-17 में 13.24 लाख, वर्ष 2017-18 में 19.48 लाख, वर्ष 2018-19 में 4.16 लाख तथा वर्ष 2019-20 में कोई व्यय नहीं किया गया है। (ख) कुल 7 कूप स्वीकृत किये गये। (ग) जी हाँ, 2 (दो) कपिलधारा कूप अपात्र व्यक्तियों को स्वीकृत किये गये। (घ) जी हाँ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत आगर द्वारा जाँच दल गठित कर ग्राम पंचायत महुडिया के कपिलधारा कूपों की जाँच कराई गई, जिसमें बनेसिंह ओंकारलाल एवं सवन बाई-निर्भय सिंह को अपात्र पाया गया। संबंधित सरपंच सचिव के विरूद्ध कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत आगर मालवा के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक/01/अ-89/19-20 दर्ज किया गया है।
गरीबी रेखा सूची में नाम दर्ज होने की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
157. ( क्र. 3818 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में माह दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के नाम गरीबी रेखा सूची में दर्ज किये गये एवं कितने परिवारों ने इस हेतु अपने आवेदन प्रस्तुत किये? अनुविभागीय अधिकारी राजस्व/तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ऐसे कितने परिवार हैं, जिनके केवल मुखिया का नाम से/एक नाम से गरीबी रेखा सूची में नाम दर्ज किया गया है? शेष सदस्यों के नाम दर्ज क्यों नहीं किये गये, जबकि समग्र आई.डी. में परिवार के अन्य सदस्य भी सम्मिलित थे? (ग) यदि केवल मुखिया के नाम से कार्ड जारी किया गया है, क्या उस परिवार के शेष सदस्यों को शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित रखा गया है? जानकारी देवें। (घ) यदि मुखिया के नाम से गरीबी रेखा की सूची में दर्ज किया गया है।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
आँगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
158. ( क्र. 3927 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में 37 आँगनवाड़ी केन्द्रों सहित अन्य निर्माण कार्य हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग-कटनी द्वारा निविदा क्रमांक 15/2018-19 आमंत्रित की गयी थी? यदि हाँ, तो इस निविदा को निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के कितने समय पश्चात् किस आपत्ति के आधार पर किस नाम/पदनाम के अधिकारी द्वारा निरस्त किया गया और किस नियम के तहत् कटनी जिले के 51 निर्माण कार्यों को अवरुद्ध कर जिले के विकास को रोका गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत् निविदा आमंत्रण से निविदा दर खोले जाने तक के चरणबद्ध कार्यक्रम में कोई आपत्ति प्रस्तुत न होने और निविदा में भागीदार ना होने पर तथा बाद में आपत्ति प्रस्तुत होने पर निविदा प्रक्रिया को दूषित बता कर निविदा को निरस्त करना क्या नियमानुसार था? यदि हाँ, तो किस प्रकार स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या उक्त निविदा क्रमांक-15/2018-19 के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण क्रमांक WP/3967/2018 आदेश दिनांक 04/04/2019 द्वारा वैध माना गया था और माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में संबंधित अधिकारी द्वारा की गयी कार्यवाही भी नियम विपरीत थी? (घ) प्रश्नांश (ग) क्या विकास कार्यों को व्यक्तिगत स्वार्थ से अवरुद्ध करने के जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर रिट याचिका क्रमांक WP/3967/2018 आदेश दिनांक 04/04/2019 द्वारा अधीक्षण यंत्री के आदेश क्र. 96 दिनांक 25.01.2018 को खारिज (Quashed) किया गया। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिये गये निर्णय में संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कोई टिप्पणी नहीं की गई है। पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है।
डी.आर.डी.ए. के वेतन कर्मचारियों के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
159. ( क्र. 4278 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.आर.डी.ए. सीधी भर्ती तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए वर्ष 1996-97 में आदर्श भर्ती नियम शासन द्वारा बनाये गये थे, जिसमें कर्मचारियों को वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाएं शासकीय सेवकों के समान दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 01.04.1999 से डी.आर.डी.ए. प्रशासन नामक नई योजना लागू करते हुए सितम्बर 1999 में निर्देश जारी किये गये हैं कि डी.आर.डी.ए. जिला पंचायत के अध्याधीन रहते हुए अपना पृथक अस्तित्व एवं पृथक लेखा व्यवस्था रखें? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या कुछ जिला पंचायतों द्वारा डी.आर.डी.ए. के कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाने पर विभाग द्वारा जुलाई 2010 में अविलम्ब भुगतान के निर्देश दिए गये थे? (घ) प्रश्नांक (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना से वेतन प्राप्त कर रहे डी.आर.डी.ए. सीधी भर्ती कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा अनुसार वेतन भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? शासन निर्देशों की अवहेलना करने पर कौन दोषी है? नाम सहित जानकारी देवें। क्या शासन इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा एवं डी.आर.डी.ए. के कर्मचारियों को कब तक सातवें वेतन का लाभ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। कुछ जिला पंचायतों द्वारा सातवें वेतनमान अनुसार भुगतान किया जा रहा है। डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
डी.आर.डी.ए. के कर्मचारियों की पेंशन संबंधी जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
160. ( क्र. 4279 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती कर्मचारियों को पेंशन लागू करने हेतु विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 2340, दिनांक 23.02.2012 से जिलों से जानकारी संकलित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त जानकारी पर शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या विकास आयुक्त के पत्र क्रमांक 2661/को.सू-22/वि-2/स्था-14, दिनांक 18.03.2014 द्वारा प्रांताध्यक्ष आल इंडिया डी.आर.डी.ए. वेलफेयर ऐसोसिएशन को सूचना के अधिकार के तहत् यह अवगत कराया गया कि दिनांक 28.11.2013 की मध्यरात्री को कार्यालय में अकस्मात आग लगने से डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजनांतर्गत सीधी भर्ती के कर्मचारियों की पेंशन संबंधी मूल नस्ती/अभिलेख भी नष्ट हो जाने से वांछित अभिलेख उपलब्ध कराने में कठिनाई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन द्वारा उक्त कर्मचारियों की पेंशन संबंधी नस्ती पुनः तैयार करने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक तैयार कर ली जावेगी? उक्त कर्मचारियों के भविष्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी तैयार ना करने से संबंधित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 28.11.2013 को मध्य रात्रि में विकास आयुक्त कार्यालय में अकस्मात आग लगने से डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना के सीधी भर्ती के कर्मचारियों की पेंशन संबंधी संकलित जानकारी की मूल नस्ती/अभिलेख नष्ट हो जाने से कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके लिए कोई दोषी नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। इस संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।