मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 22 जुलाई, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग
5 : किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास,
पंचायत
और ग्रामीण
विकास, सामाजिक
न्याय एवं
निःशक्त जन
कल्याण, सहकारिता,
राजस्व,
पुनर्वास,
परिवहन,
विज्ञान
एवं
प्रौद्योगिकी,
लोक
सेवा
प्रबन्धन, जन
शिकायत
निवारण )
टेण्डर
दरों में अंतर
की जाँच
1. ( *क्र. 1539 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मनावर जिला धार में कार्यपालन यंत्री से सांठ-गांठ कर ठेकेदार श्री सुनील कुमार जायसवाल बाकानेर द्वारा अधिक दर पर कार्य स्वीकृत कराकर शासन को हानि पहुँचाई जा रही है तथा उक्त ठेकेदार ने मुख्य मंत्री सड़क योजना 2015-16 टेण्डर में, फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त कर कार्य लिया? (ख) क्या उक्त ठेकेदार द्वारा घटवाल नदी बाकानेर, आंगनवाड़ी सह-बैठक कक्ष बाकानेर तहसील मनावर जिला धार का कार्य 40% अधिक दर पर स्वीकृत करवा कर कार्य किया गया है, जबकि इसी संभाग में अन्य कार्य, अन्य ठेकेदारों द्वारा कम दरों पर किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री सड़क योजना 2015-16 के टेण्डर भी अन्य ठेकेदारों के रोककर 19 % अधिक दर पर स्वीकृत किये गये, जबकि धार जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग धार के 2015-16 के टेण्डर 25% कम दर पर मुख्यमंत्री सड़क योजना के स्वीकृत किये गये? यदि हाँ, तो यह कैसे उचित है? यदि नहीं, तो जाँच कर दोषी को दण्डित किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। विभागीय निर्देशों के अंतर्गत निविदाएं ऑनलाईन पद्धति से आमंत्रित की जाती हैं। प्रतिस्पर्धा में प्राप्त न्यूनतम दरों को स्वीकृत किया जाता है। निविदा दरें कार्य का स्वरूप, कार्य स्थल की भौगोलिक स्थिति, निर्माण सामग्री एवं कुशल श्रमिकों की उपलब्धता पर निर्भर होने से भिन्न होती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा आवास योजनांतर्गत अपात्रों को स्वीकृत राशि की जाँच
2. ( *क्र. 153 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के विकासखण्ड बहोरीबंद के ग्राम पंचायत बड़खेड़ा नीम में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन हितग्राहियों को इंदिरा आवास योजना के तहत राशि स्वीकृत की गई? सूची नाम पता सहित दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के हितग्राहियों के आवास उक्त पंचायत क्षेत्र में ही निर्मित हैं तथा संबंधित हितग्राही रह रहा है, इस बात का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? नाम पद सहित बताएं। (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी को पत्र दिनांक 13.6.2016 लिखा है एवं प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 477 दिनांक 15.06.2016 को लिखकर सत्यापन किये जाने का आग्रह किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र अनुसार क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन द्वारा कटनी जिले में इंदिरा आवास के अंतर्गत जिन्हें एक किश्त प्राप्त हो चुकी है, उनका सत्यापन न कर उन्हें दूसरी किश्त की राशि प्रदान नहीं की जा रही है, किन्तु जो व्यक्ति उक्त क्षेत्र के निवासी हैं ही नहीं उन्हें आवास स्वीकृत की समस्त किश्तें जारी की जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच करवाकर कार्यवाही की जायेगी तथा दोषियों को दंडित किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत बड़खेड़ा नीम में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक इंदिरा आवास स्वीकृत करने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश्ा (क) के हितग्राहियों के आवास उसी पंचायत क्षेत्र में निर्मित हैं तथा हितग्राही उसी ग्राम में निवासरत हैं, इसका सत्यापन उपयंत्री श्री चेतन सोनी द्वारा किया गया (ग) जी हाँ, पत्र दिनांक 13.06.2016 के अनुसार इंदिरा आवास योजना के लाभान्वित आवासों का सत्यापन कराया गया। (घ) जी, नहीं। शेष का प्रश्न नहीं उठता।
मण्डी बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
3. ( *क्र. 587 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक मण्डी बोर्ड द्वारा विभिन्न कृषि उपज मण्डियों में अन्य विभागों के कर्मचारी/अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर कितने समय तक के लिए लिये गये थे? विभागों के नाम सहित विवरण दें। (ख) क्या मण्डी बोर्ड द्वारा जिन कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर निर्धारित समय के लिये लिया गया, वह उससे अधिक समय तक किस आदेश से अभी तक पदस्थ हैं? विभाग द्वारा अभी तक उन्हें वापिस क्यों नहीं किया गया? कारण सहित विवरण दें। (ग) क्या कृषि उपज मण्डी समिति, शिवपुरी में नियुक्त सचिव रियाज अहमद वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिनियुक्ति पर समय पूरा होने के बाद भी पदस्थ है, किस आदेश से? क्या उसने विभाग की परीक्षा उत्तीर्ण की थी? इन्हें विभाग से कब तक हटायेंगे और दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) के अंतर्गत अन्य सभी पात्र प्रतिनियुक्त कर्मचारी/अधिकारियों के अलावा अपात्र लोगों की जाँच और उनको संरक्षण देने वाले या उनको वेतन भत्ते देने वाले अधिकारियों पर विभाग कार्यवाही करेगा, हाँ तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कर्मचारियों को प्रथमत: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कालम नं. 05 में दर्शायी गई अवधि हेतु प्रतिनियुक्ति पर लिया गया था, इनमें से जिन कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो गई थी और प्रतिनियुक्ति अवधि में वृद्धि का आदेश जारी नहीं हुआ है, उन्हें भी पदों की पूर्ति होने तक प्रतिनियुक्ति पर यथावत रखने का निर्णय लिया गया है, जिसके अनुक्रम में वह अभी प्रतिनियुक्ति पर निरंतर कार्यरत हैं। परिप्रेक्ष्य में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिनियुक्त कर्मचारियों को वापिस नहीं किया गया है। (ग) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 27.06.2014 से श्री रियाज अहमद सचिव-स की प्रतिनियुक्ति अवधि में मार्च 2017 तक की वृद्धि होने के आधार पर श्री रियाज अहमद प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं जी नहीं, मण्डी बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी को विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने के संबंध में म.प्र. राज्य मण्डी बोर्ड सेवा विनियम 1998 में प्रावधान नहीं है। अतएव शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
नकली खाद बीज निर्माता/विक्रेताओं पर कार्यवाही
4. ( *क्र. 1978 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में खण्डवा जिले में कृषि विभाग द्वारा कितने उर्वरक एवं बीज विक्रेताओं के संस्थानों की जांच की गई। (ख) विगत दिनों खण्डवा जिले में किन-किन नकली बीज उत्पादकों एवं विक्रेताओं पर पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए। वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलित है? (ग) किसानों के हित में वर्षाकाल के पूर्व गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराने हेतु कृषि विभाग की क्या कार्य योजना है? (घ) जिले में लंबे समय से किसान विरोधी अन्तर्राज्यीय नकली बीज के कारखाने संचालित होने के बाद भी कृषि विभाग के अधिकारियों का मौन रहने का क्या कारण है? ऐसे लापरवाह एवं भ्रष्ट अधिकारियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विगत तीन वर्षों में खण्डवा जिले में कृषि विभाग के निरीक्षकों द्वारा उर्वरक के 284 एवं बीज के 480 विक्रेताओं के संस्थानों की जाँच (निरीक्षण) की गई। (ख) विगत दिनों खण्डवा जिले में मेसर्स सेठी सीड्स इंडिया प्रा.लि., भवानी माता रोड, खंडवा के प्रोप्राइटर श्री कमलेश माणकचंद सेठी एवं ईगल सीड्स एवं बायोटेक लिमिटेड, सिल्वर सेक्चौरा, आर.एन.टी. मार्ग इन्दौर के प्रबंध संचालक श्री वैभव जैन के विरूद्ध थाना छैगांवमाखन में पुलिस प्रकरण दर्ज कराया गया है। वर्तमान में प्रकरण पुलिस विवेचना में है। (ग) किसानों के हित में वर्षाकाल पूर्व कार्ययोजना के तहत खण्डवा जिले में बीज निरीक्षकों द्वारा अपने-अपने कार्यक्षेत्र में नियमित रूप से बीज विक्रय केन्द्रों एवं भंडारण केन्द्रों का निरीक्षण करते हुये समय-समय पर बीज के नमूने लिये जाकर परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजे जाते हैं। अमानक पाये जाने पर गुण दोष के आधार पर बीज अधिनियम 1966 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (घ) बीज विक्रेताओं के द्वारा भंडारित बीज एवं कृषकों को विक्रय किया जा रहा बीज मानक स्तर का हो, यह सुनिश्चित करने के लिये कृषि विभाग के निरीक्षकों द्वारा विगत तीन वर्षों में 480 बीज प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर खरीफ एवं रबी बीज के 457 नमूने लेकर बीज परीक्षण प्रयोगशाला को गुणवत्ता परीक्षण हेतु भेजे गये। अमानक नमूनों पर गुण दोष के आधार पर विधिसंगत कार्यवाही की गई। इस प्रकार कृषि विभाग के अधिकारियों का मौन अथवा लापरवाह होने का प्रश्न नहीं उठता।
ग्राम पंचायत के अपूर्ण कार्यों की जाँच
5. ( *क्र. 2183 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र की ग्राम पंचायत पेटलावद के दिनांक 01.01.10 से दिनांक 31.12.14 तक अपूर्ण कार्यों की जानकारी देवें। (ख) ये कब तक पूर्ण होंगे? (ग) इस समयावधि के गुणवत्ताहीन कार्यों की जाँच तकनीकी समिति से कब तक करा ली जावेगी? (घ) गुणवत्ताहीन व अपूर्ण कार्यों के दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) कार्य प्रगतिरत है, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) ग्राम पंचायत के 66 कार्यों का तीन सदस्यीय दल जिसमें एक तकनीकी सदस्य भी थे, द्वारा भौतिक जाँच 02.07 2016 को की गई है। भौतिक जाँच में मौके पर अधिकतर कार्य होना पाया गया है। अतः शेष की जानकारी निरंक है। (घ) जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण कर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
वृहत्ताकार सहकारी कृषि साख समिति में कार्यरत अमला
6. ( *क्र. 673 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कुल कितनी वृहत्ताकार सहकारी कृषि साख समितियां हैं एवं उक्त संस्थाओं में कौन-कौन कर्मचारी कब से किस-किस पद पर कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं? कर्मचारियों के नाम पदनाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या अधिकांश संस्थाओं में पर्याप्त कर्मचारी होने के बाद भी कान्टीजेंसी में कर्मचारी रखकर अनावश्यक रूप से आर्थिक क्षति पहुंचायी जा रही है? किन-किन संस्थाओं में कौन-कौन व्यक्तियों को कान्टीजेंसी कर्मचारी के रूप में रखकर कब से कार्य करवाया जा रहा है? कान्टीजेंसी कर्मचारियों को रखने के क्या नियम हैं? (ग) क्या बिना पंजीयक के अनुमति के किसी भी कान्टीजेंसी कर्मचारी को दो वर्षों से अधिक लगातार समय तक कार्य पर रखना उचित है? यदि हाँ, तो सहकारी सोसायटी अधिनियम के किस नियम के तहत्। (घ) क्या अधिकांश संस्थाओं में संस्था प्रबंधक एवं संचालक मण्डल के द्वारा कान्टीजेंसी में नियुक्त कर्मचारी से सांठ-गांठ, लेन-देन करके बगैर कार्य के जानबूझकर बिना अनुमति के लम्बे समय तक लगातार उनकी उपस्थिति बताकर बाद में इन्हें स्थायी कर्मचारी की पात्रता दे दी जाती है? यदि नहीं, तो क्या इसकी जाँच करवाकर ऐसे कर्मचारियों को तत्काल बंद किया जावेगा एवं दोषी अधिकारी एवं संचालक मण्डल के विरूध्द क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 126. शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है. (ख) जी नहीं. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है. कान्टीजेंसी कर्मचारियों को रखे जाने के प्रावधान कर्मचारी सेवा नियम में नहीं है. (ग) जी नहीं. कान्टीजेंसी कर्मचारियों को रखे जाने के प्रावधान सहकारी अधिनियम/नियम तथा कर्मचारी सेवा नियम में नहीं है. (घ) जी नहीं. संस्थाओं में कान्टीजेंसी कर्मचारियों की नियुक्ति कर्मचारी सेवा नियम के प्रावधानों के विपरीत की गई है. ऐसे कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये हैं.
जनशिकायत निवारण प्रकोष्ट में की गयी शिकायतों पर कार्यवाही
7. ( *क्र. 2050 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 में प्रश्नकर्ता द्वारा विभागवार कितने शिकायती आवेदन दिये गये एवं उनमें क्या कार्यवाही की गयी? प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जावे। (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 27.11.15 के अनुसार विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही करते हुये जवाब तीन दिवस में दिये जाने का प्रावधान है? ऐसी स्थिति में उक्त पत्रों के जवाब न देने एवं कार्यवाही नहीं करने के कारण कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? (ग) यदि संबंधित अधिकारियों के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्या म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण, अपील) के नियम 1966 के अंतर्गत की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या की गयी कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को सूचित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सागर जिले में अनियमितता के प्रकरणों की जाँच
8. ( *क्र. 2245 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अता. प्रश्न संख्या 133 (क्रमांक 4872) दिनांक 10 मार्च, 2016 के उत्तर (ख) में प्राप्त जाँच रिपोर्ट में प्रबंध संचालक, बीज निगम ने अपने पत्र क्र. 3920 दिनांक 22 सितम्बर, 2015 के पैरा 3 में ''अन्य बीज समितियों को दिये गये उत्पादन एवं वितरण अनुदान की भी विस्तृत जाँच की जावेगी'' का उल्लेख किया था? यदि हाँ, तो अब तक कितनी व कौन-कौन सी समितियों की विस्तृत जाँच की गई? समितिवार जाँच परिणामों से अवगत करावें। (ख) प्रारंभिक जाँच प्रतिवेदन की कंडिका 4.4, 4.5 (3), 4.5 (5), 4.5 (6), 4.5 (7), 5.6 (2), 5.6 (4), 5.6 (5), 6.3 (2) एवं 6.3 (3) की जाँच विस्तृत रूप से कब कराई गई? जाँच में कौन-कौन दोषी पाया गया? (ग) गेहूँ प्रदर्शन 2014-15 में नीम तेल के उपयोग के प्रावधान न होने के बावजूद रू. 11.99 लाख के नीमतेल के भुगतान के मामले में क्या राशि वसूली योग्य पाई गई है? यदि हाँ, तो कब तक, किस-किस से वसूली की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) उल्लेखित जाँच प्रतिवेदन में शासन को गंभीर आर्थिक हानि होना पाया गया है? इस प्रकरण में कौन-कौन से शासकीय सेवक लिप्त पाये गये हैं? इनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? इनकी वर्तमान पदस्थापना का भी विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, जाँच संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवरण प्रश्नांश (क) एवं (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक एफ 4ए/22/2015/14-1 दिनांक 04.12.2015 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये। आरोप पत्र के संबंध में अपचारी अधिकारी से प्राप्त बचाव उत्तर परीक्षणाधीन है। तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सागर श्री एम.एल. चौहान वर्तमान में उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला नीमच हैं।
पात्र कर्मियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त की जाना
9. ( *क्र. 54 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डी बोर्ड भोपाल द्वारा सीधी भर्ती 2011 में चयनित/नवनियुक्त सहायक उपनिरीक्षक/लेखापाल/सहा. लेखापाल की 02 वर्ष की परिवीक्षा अवधि 05 वर्ष पूर्ण हो जाने पर भी समाप्त क्यों नहीं की गयी? (ख) परिवीक्षा अवधि समाप्त करने के लिये गोपनीय चरित्रावली की आवश्यकता 2013 तक की है जबकि हर साल गोपनीय चरित्रावली की जरूरत 01-01 साल बढ़ाकर 2016 तक क्यों की गयी? (ग) क्या परिवीक्षा अवधि समाप्त करने के लिये गोपनीय चरित्रावली समय पर मण्डी बोर्ड भोपाल पहुँचाने का दायित्व आंचलिक कार्यालय तथा मण्डी बोर्ड भोपाल के कर्मचारियों/अधिकारियों का है? यदि हाँ, तो ये दायित्व नवनियुक्त कर्मचारियों पर क्यों थोपा जाता है? (घ) गोपनीय चरित्रावली मण्डी बोर्ड भोपाल पहुंचने के बाद भी वहां इसे गुमाने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में सीधी भर्ती से नियुक्त सहायक उपनिरीक्षक/लेखापाल सेवकों की परिवीक्षा अवधि समाप्ति के लिये गोपनीय चरित्रावली सहित पुलिस चरित्र सत्यापन, जाति प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता का सत्यापन होने के साथ ही विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करना भी आवश्यक है। उक्त औपचारिकताओं की पूर्ति करने वाले कर्मियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त की जा चुकी है तथा शेष कर्मचारियों के संबंध में वांछित औपचारिकताओं की पूर्ति हेतु प्रयास किये जा रहे हैं जो कि एक निरंतर प्रक्रिया है। मण्डी बोर्ड में सहायक लेखापाल का पद नहीं है। (ख) परिवीक्षा अवधि समाप्त करने हेतु उत्तरांश (क) में वर्णित अभिलेखों के साथ सेवक के परिवीक्षाकाल अवधि के गोपनीय चरित्रावलियों की ही आवश्यकता है। इसलिये शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। नवनियुक्त एवं अन्य सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को स्वमूल्यांकन दर्ज कर निर्धारित समयावधि में वार्षिक गोपनीय चरित्रावली अपने नियंत्रणकर्ता अधिकारी को प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया जाता है, जो कि एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है और सभी कर्मियों पर समान रूप से लागू है। (घ) इस तरह का प्रकरण संस्था के संज्ञान में नहीं आने से कार्यवाही करने की स्थिति निर्मित नहीं हुई है।
भूदान किसानों की जमीनों पर किसानों को काबिज किया जाना
10. ( *क्र. 1052 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा तहसील के राजस्व ग्राम रकेरा में दिनांक 8-4-1976 में भूदान यज्ञ भोपाल द्वारा 240 बीघा जमीन कृषि के लिये किसानों को दी गई थी? उस पर वन विभाग द्वारा बिना कारण बताये कब्जा कर किसानों को खेती कराने से वंचित कर दिया गया है? (ख) क्या लगभग 10 वर्ष पूर्व गेल इण्डिया लि. द्वारा उक्त भूमि में निकाली गई गैस पाईप लाईन का बतौर मुआवजा वन विभाग को न देकर किसानों को भूमि स्वामी मानकर मुआवजा किसानों को दिया गया था? यदि हाँ, तो स्पष्ट है कि उक्त भूमि पर वन विभाग का अवैध कब्जा है? (ग) क्या उक्त भूमि को किसानों ने कड़ी मेहनत करके पसीना बहाकर उक्त भूमि को कृषि योग्य बनाया और 4-5 वर्ष खेती भी की लेकिन 1980-81 के समय वन विभाग ने किसानों को डरा धमका कर अपने अधिकारों का भय दिखाकर भगा दिया? (घ) क्या गरीब किसानों द्वारा उक्त भूमि पर खेती करने के उद्देश्य से के.सी.सी. ट्रेक्टर कृषि यंत्र भी ऋण लेकर खरीदे गये और वन विभाग ने उस भूमि पर खेती नहीं करने दी, जिससे किसानों द्वारा लिया गया ऋण कृषि यंत्र औचित्यविहीन अनुपयोगी हो गये और किसान भारी कर्ज में डूब गये? प्रकरण का स्थाई समाधान कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र भितरवार की मुख्य रोड की सड़कों का निर्माण
11. ( *क्र. 1847 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेरे पत्र क्र. 31 दिनांक 02.06.2016 को स्पष्ट करें? विधानसभा सत्र जुलाई, 2014 में दिनांक 07.07.2014 को प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्न संख्या 4 (क्र. 2078), में मा. मंत्री महोदय द्वारा सदन में आपसी सहमति उपरांत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र की भितरवार मुख्य रोड ए.बी. रोड नयागांव से भितरवार तक जिसकी एक मुख्य रोड को ही तीन रोडों का नाम दिया था (1) ए.बी. रोड नयागांव से चीनोर. (2) चीनोर से करईया. (3) करईया से भितरवार को इन रोडों की हालत बहुत जर्जर होने के कारण पी.एम.जी.एस.वाई. से आज ही (07.07.2014 का) लोक निर्माण विभाग में हस्तांतरण कर दिया जायेगा ऐसा आश्वासन दिया था? (ख) प्रश्नांश (क) के रोडों का ग्वालियर जी.एम. या भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 07.07.2014 के बाद विधानसभा में मा. मंत्री जी द्वारा दिये आश्वासन की पूर्ति इतने लंबे समय तक न हो पाने के कारणों का गहराई से अध्ययन करने हेतु कब-कब भौतिक निरीक्षण किया है? क्या उन्होंने इस रोड की हालत से मा. मंत्री महोदय एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी/प्रमुख अभियंता महोदय भोपाल को लिखित रूप से इस रोड के निर्माण हेतु अवगत कराया है? यदि हाँ, तो कब-कब तारीख एवं पत्र स्पष्ट करें? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक उक्त रोडों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त रोडों के संबंध में अब विभाग की आगामी क्या योजना है? इसके निर्माण के लिये विभाग द्वारा अब क्या उपाय किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के मार्गों के संबंध में दिये गये आश्वासन अनुसार लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरण हेतु प्राधिकरण के पत्र क्रमांक 19259 दिनांक 24.09.2014 द्वारा लेख किया गया। सड़कों के हस्तांतरण हेतु महाप्रबंधक, म.प्र.ग्रा.स.वि.प्रा. पी.आई.यू. ग्वालियर के पत्र क्रमांक 747 दिनांक 30.05.2014 एवं पत्र क्रमांक 1329 दिनांक 06.09.2014, मुख्यालय स्तर से प्रमुख अभियंता का पत्र क्रमांक 13938 दिनांक 30.07.2014 एवं पत्र क्रमांक 21725 दिनांक 03.11.2014 तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पत्र क्रमांक 19259 दिनांक 24.09.2014 एवं पत्र क्रमांक 21272 दिनांक 28.10.2014 द्वारा लोक निर्माण विभाग को अवगत कराया गया। उल्लेखित मार्ग ए.बी. रोड नयागांव से चीनोर के निर्माण का लोक निर्माण विभाग द्वारा डी.पी.आर. तैयार किया जा रहा है। चीनोर से करईया एवं करईया से भितरवार मार्ग को एम.डी.आर. घोषित करने हेतु मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, द्वारा सहमति दी गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर अनुसार मार्ग निर्माण की योजना है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तहसीलदार (राजस्व) की पदस्थापना
12. ( *क्र. 1105 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के तहसील पांढुर्णा में विगत 2 वर्षों से तहसीलदार का पद रिक्त है, जिससे पदस्थापना नहीं होने से ग्रामीण जनता/शहरी जनता को परेशानी हो रही है तथा न्यायालयीन कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पांढुर्णा तहसील में तहसीलदार की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्णा तहसील में श्री देवेन्द्र चौधरी तहसीलदार, दिनांक 01.11.2012 से 05.11.2014 तक, श्री गुरूनानक धुर्वे तहसीलदार, दिनांक 06.11.2014 से 16.03.2015 तक श्री देवेन्द्र चौधरी तहसीलदार, दिनांक 16.03.2015 से 01.06.2015 एवं श्री गुरूनानक धुर्वे, तहसीलदार द्वारा दिनांक 02.06.2015 से 21.07.2015 तक तहसीलदार के रूप में कार्य संपादित किया गया। तहसीलदार का पद रिक्त होने से कलेक्टर छिन्दवाड़ा द्वारा 22.07.2015 से कुमारी ज्योति ढोके नायब तहसीलदार को तहसीलदार का प्रभार सौंपा गया है। श्री महेश कुमार बट्टी राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार के पद पर कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। अतः तहसील पांढुर्णा में राजस्व न्यायालयों एवं ग्रामीण तथा शहरी जनता का कार्य सुचारू रूप से संपादित हो रहा है। (ख) कुमारी ज्योति ढोके, प्रभारी तहसीलदार के द्वारा कार्य संपादित किया जा रहा है।
अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में प्राप्त शिकायतों की जाँच
13. ( *क्र. 371 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में देपालपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में 01 जनवरी 2015 से आज दिनांक तक किस-किस विभाग की, कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? प्राप्त शिकायतों का विभागवार विवरण दें। (ख) प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों की जाँच की गई है और उन पर क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्राप्त शिकायतों में कितनी शिकायतें वैध एवं अवैध कालोनियों से संबंधित हैं? सूची उपलब्ध करावें एवं की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों पर जाँच एवं कार्यवाही लंबित है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) इंदौर जिले की देपालपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में 1 जनवरी 2015 से दिनांक 13/07/2015 तक कुल 386 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। शिकायतों का विभागवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) प्राप्त कुल 386 शिकायतों में से 369 शिकायतों पर जाँच एवं कार्यवाही कर नियमानुसार निराकरण किया गया है। (ग) वैध कॉलोनी से संबंधित 6 शिकायतें प्राप्त हुईं जो संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। अवैध कॉलोनी से संबंधित जानकारी निरंक है। (घ) प्राप्त शिकायतों में से 17 शिकायतों के सम्बन्ध में जाँच प्रचलित होकर कार्यवाही लंबित है।
दखल रहित भूमि का आवंटन
14. ( *क्र. 2208 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 में क्या-क्या प्रावधान थे, उनमें से किस-किस प्रावधान को वर्ष 2011 में लुप्त कर कौन-कौन से प्रावधान किए गए? (ख) धारा 237 में वर्ष 2011 में किए गए प्रावधानों के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक राज्य मंत्रालय ने रीवा संभाग के किस जिले की कितनी दखल रहित जमीन किस-किस निजी उद्योग, निजी परियोजना, निजी संगठन या संस्था को आवंटित किए जाने का निर्णय लिया जाकर किस दिनांक को आदेश किए? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आवंटित की गई दखल रहित भूमि के बदले प्रश्न दिनांक तक किस-किस उद्योग, परियोजना या संगठन की कितनी वैकल्पिक भूमि राज्य शासन या राजस्व विभाग या पंचायती राज व्यवस्था को उपलब्ध करवाई? (घ) धारा 237 के अनुसार वैकल्पिक भूमि उपलब्ध करवाए बिना दखल रहित भूमि आवंटित किए जाने का क्या कारण रहा है? कब तक वैकल्पिक भूमि प्राप्त कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुदूर ग्राम सड़क योजना के लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति
15. ( *क्र. 1043 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सुदूर ग्राम संपर्क सड़क योजना का संचालन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना में किन-किन मार्गों के निर्माण हेतु प्रस्ताव जिला पंचायत राजगढ़ में किन कारणों से लंबित हैं? लंबित प्रस्तावों में प्रश्न दिनांक तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या शासन विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत अत्यंत महत्वपूर्ण सुदूर सड़क धानोदा से बडाय राजस्थान सीमा तक, मोहली से सनखेड़ी तक, बरखेड़ा से मोयाखेड़ा तक, दुपाडिया से दगल्या तक, लसूल्डियाखेराज के कण्डेली तक, पीपल्दा से गागोरनी तक, सोनखेड़ा से गूगाहेड़ा सड़क, सदलपुर से पीपल्याकला होते हुये चितवालियां तक, जामोनिया से रूपारेल, हालाहेडी से दुंदाहेडी तक, जैतपुरा कलां से अमानपुरा तक तथा बामनगाँव से लसूल्डी तक सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना का संचालन किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक उक्त उपयोजना अंतर्गत प्राप्त प्रस्तावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्राप्त प्रस्ताव लंबित रहने तथा प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं करने का प्रमुख कारण खिचलीपुर विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत खिलचीपुर में 95 एवं जनपद पंचायत जीरापुर में 87, कुल 182 ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत 8007 कार्य (औसत प्रति ग्राम पंचायत 43 से अधिक) अपूर्ण/प्रगतिरत थे। राज्य शासन द्वारा 22 मई 2015 से जिलों को जारी निर्देश में जॉबकार्डधारी श्रमिकों के द्वारा काम की मांग किये जाने पर सर्वप्रथम अपूर्ण कार्यों में मस्टर रोल जारी किये जाने के निर्देश दिये गये हैं तथा योजनांतर्गत न्यूनतम 60 प्रतिशत व्यय कृषि एवं कृषि से संबंधित कार्यों में किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। (ग) उत्तर (ख) अनुसार वर्तमान में प्रचलित कार्यों में ही जॉबकार्डधारी श्रमिकों द्वारा रोजगार की मांग समायोजित हो जाने के कारण प्रश्नाधीन नवीन सड़क के कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषकों को अमानक बीज की सप्लाई
16. ( *क्र. 463 ) श्री सतीश मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वित्तीय वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में किसानों को नकली, अनुपयोगी, खराब बीज सप्लाई करने के संबंध में किन-किन बीज विक्रेताओं के खिलाफ शिकायत उज्जैन कलेक्टर एवं उपसंचालक कृषि उज्जैन को प्राप्त हुईं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने बीज सप्लायर्स के विरूद्ध जाँच की गई? कितने प्रकरणों में जाँच सही पाई गई? सूची उपलब्ध करावें। किन शिकायतकर्ताओं की शिकायत झूठी पाई गई? सूची उपलब्ध करावें। (ग) जो शिकायत सही पाई गई उन सप्लायर्स की जिन अधिकारियों/कर्मचारियों ने विभागीय नियमानुसार सप्लायर्स के टेग/भण्डार की रोस्टर अनुसार लायसेंस में दिये गये निर्देशों के अनुक्रम में नियमित विभागीय जाँच/सत्यापन किया था, उनके नाम पद एवं उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सेवा समाप्ति के उपरांत राशि की वसूली
17. ( *क्र. 2244 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत राजगढ़ के पूर्व लेखाधिकारी (मनरेगा) के नौकरी के लिए लगाये गए प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने के कारण कलेक्टर ने संविदा सेवा समाप्त कर वसूली के निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो अब तक कितनी राशि की वसूली हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या यह आपराधिक कृत्य नहीं है? यदि हाँ, तो अब तक प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं कराई गई? कब तक प्राथमिकी दर्ज करा दी जावेगी? (ख) क्या संविदा सहायक लेखाधिकारी (मनरेगा) गंजबासौदा जिला विदिशा द्वारा भी ऐसे ही फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी प्राप्त की गई है? क्या उनकी भी संविदा समाप्त की जाकर प्राथमिकी दर्ज कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित लेखाधिकारी द्वारा रायसेन में पदस्थापना के दौरान फर्जी यात्रा देयक प्राप्त किये गये थे? क्या इस मामले में भी वसूली की जाकर प्राथमिकी दर्ज कराई जायेगी? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा जारी संविदा समाप्ति आदेश 3862 दिनांक 13.4.16 में वसूली के निर्देश दिये गये थे। वर्तमान स्थिति तक वसूल की गई राशि निरंक है। जिस हेतु नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। शेष का प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रकरण में आयुक्त, भोपाल संभाग भोपाल द्वारा जाँच की जा चुकी है। प्रतिवेदन संबंधित सक्षम अधिकारी को संविदा के नियमानुसार कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित लेखाधिकारी के यात्रा देयक अनुमति योग्य नहीं पाये जाने से जिला पंचायत रायसेन द्वारा नियमानुसार वसूली की कार्यवाही की जा रही है।
जिला सहकारी बैंक द्वारा ऋण वसूली
18. ( *क्र. 831 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वित्त वर्ष 2015-16 में जबलपुर जिले को सूखा ग्रस्त घोषित कर जिला सहकारी बैंक द्वारा प्रदान किये गये ऋण की वसूली स्थगित करने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो जिला सहकारी बैंक जबलपुर की विभिन्न शाखाओं द्वारा किस आधार पर कृषकों से ब्याज सहित लिया गया ऋण गेहूँ की खरीदी के भुगतान से काटा गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कृषकों से की गई जबरन वसूली की क्या शासन जाँच कराकर दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही करते हुये कृषकों की गलत तरीके से वसूली गई राशि वापिस करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) खरीफ 2015 में जिला जबलपुर में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय रिजर्व बैंक एवं नाबार्ड के दिशा निर्देशानुसार अल्पावधि कृषि ऋणों को मध्यावधि ऋण में परिवर्तित किए जाने के निर्देश दिये गये थे. (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित मध्यावधि परिवर्तित ऋण के अतिरिक्त दिये गये ऋणों की वसूली गेहूँ खरीदी के भुगतान से की गई है. (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है.
सीमांकन/बंटवारा/नामांतरण के लंबित प्रकरणों का निराकरण
19. ( *क्र. 1708 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के नियमान्तर्गत सीमांकन, बंटवारा व नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त कितनी समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर में कितने प्रकरण नामांतरण, सीमांकन एवं बंटवारा के लंबित हैं, लंबित आवेदन कब-कब किस-किस दिनांक को प्रस्तुत किये गये थे? (ग) प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित हैं तथा शेष लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तीन वर्षों से अधिक समय तक पदस्थ उपयंत्री/सहायक यंत्री का स्थानांतरण
20. ( *क्र. 35 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं जनपद पंचायतों में तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही स्थान पर कितने उपयंत्री/सहायक यंत्री पदस्थ हैं? इनकी पदस्थी दिनांक संबंधी पूर्ण जानकारी उपयंत्री/सहायक यंत्रीवार पृथक-पृथक देवें। (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग की तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ होने पर स्थानान्तरण की नीति पंचायत विभाग में लागू है? यदि हाँ, तो इस नीति में कितने उपयंत्री/सहायक यंत्री स्थानान्तरण की श्रेणी में हैं? यदि नहीं, हैं तो विभाग द्वारा इस नीति को कब तक लागू किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उज्जैन जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं जनपद पंचायतों में तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत उपयंत्रियों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उज्जैन जिले में एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक समय से कोई भी सहायक यंत्री पदस्थ नहीं है। अत: सहायक यंत्रियों की जानकारी निरंक मानी जावे। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली स्थानांतरण नीति का पालन विभाग द्वारा किया जाता है। वर्तमान में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत प्रदेश में 56 सहायक यंत्री एवं 483 उपयंत्री एक ही स्थान पर तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं। शासन द्वारा वर्ष में जारी स्थानांतरण नीति/कार्यस्थल पर सहायक यंत्री एवं उपयंत्रियों की उपयोगिता/ आवश्यकता अनुसार स्थानांतरण किया जाता है। वर्ष 2016-17 में स्थानांतरण नीति जारी नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले में पेंशन राशि का भुगतान
21. ( *क्र. 1826 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा निराश्रित वृद्धावस्था, विकलांग, विधवा पेंशन का भुगतान प्रतिमाह कितनी राशि का किया जा रहा है? जनपद पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) दिनांक 31 मई 2016 की स्थिति में संबंधित हितग्राहियों को किस माह तक का पेंशन भुगतान हो गया है, पेंशन का भुगतान किस माध्यम से कैसे किया जाता है, प्रतिमाह हितग्राही को पेंशन का भुगतान क्यों नहीं किया जाता है? (ग) क्या विकलांग, वृद्ध, विधवाओं, लाचार व्यक्तियों को 10-12 किलो मीटर चलकर पेंशन प्राप्त करने पोस्ट ऑफिस/बैंक जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) योजनाओं का पेंशन भुगतान 31 मई 2016 तक कितने हितग्राहियों को किस माह तक कर दिया गया है और कितने माहों का पेंशन भुगतान लंबित है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) समस्त हितग्राहियों को 31 मई 2016 की स्थिति में अप्रैल 2016 तक का पेंशन का भुगतान किया जा चुका है। पेंशन का भुगतान जिला कोषालय के माध्यम से हितग्राही के बैंक/पोस्ट ऑफिस खाते में किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। बैंक खाताधारी हितग्राहियों के संबंध में कुछ स्थानों पर कठिनाई है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा यह निर्देश दिये गये थे कि प्रत्येक 5 किलोमीटर की परिधि में बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराई जाये, जिस हेतु बैंकिंग करेस्पोण्डेण्ट (बी.सी.) नियुक्त किये जाने थे। बैंकिंग करेस्पोण्डेण्ट (बी.सी.) सुविधा के सुचारु रुप से लागू न होने के कारण यह कठिनाई आई है, जिसको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। (घ) 31 मई 2016 की स्थिति में 65007 हितग्राहियों को माह अप्रैल 2016 तक पेंशन राशि का भुगतान किया जा चुका था। माह मई का भुगतान जून 2016 में किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. भू-राजस्व संहिता में संशोधन की प्रक्रिया
22. ( *क्र. 491 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) में किसी प्रकार के संशोधन करने के पूर्व आदिवासी मंत्रणा परिषद की सलाह लेना आवश्यक है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ-5-3-76-384-सात-एन-1 दिनांक 21 फरवरी, 1977 में किए गए संशोधन में आदिम मंत्रणा परिषद की सलाह की प्रति एवं संशोधन हेतु राज्यपाल महोदय को भेजी गयी नस्ती पर राज्यपाल महोदय द्वारा अनुमोदन दिया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंको में अनियमितता
23. ( *क्र. 2187 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में दिए गये ऋणों में सहकारिता नियमों, प्रक्रियाओं एवं मापदण्डों का पालन नहीं किये जाने से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक-खरगोन का नियुक्ति एवं ऋण घोटाला, होशंगाबाद में गबन, रीवा की डभौरा ब्रांच का गबन, सीधी का ट्रेक्टर घोटाला हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश की अन्य जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में ऐसे घोटाले की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए शासन ने कोई योजना बनाई है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) अपेक्स बैंक के 345 करोड़ रू. के भूमि घोटाले की जाँच में विलंब क्यों किया जा रहा है? ये जाँच कब तक पूर्ण होगी? (घ) प्रश्न (क) (ख) एवं (ग) से जुड़े हुए सहकारिता विभाग के सचिवालय स्तर के अधिकारियों द्वारा अपनी जवाबदेही का निर्वहन क्यों नहीं किया जा रहा हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ. (ख) प्रदेश की अन्य जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में ऐसे घोटाले की पुनरावृत्ति न हो, इस हेतु बैंकों की सतत् समीक्षा की जाती है, अपेक्स बैंक तथा नाबार्ड से बैंकों के निरीक्षण किये जाते हैं तथा जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा गबन धोखाधड़ी के प्रकरणों की त्रैमासिक समीक्षा कर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाती है. (ग) अपेक्स बैंक में 345 करोड़ रूपये का कोई भूमि घोटाला नहीं हुआ है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है. (घ) सहकारी संस्थाओं के दिन प्रतिदिन के कार्यों में सहकारिता विभाग के सचिवालयीन स्तर के अधिकारियों की सीधे कोई भूमिका नहीं होती है. सहकारी संस्थाओं में शिकायत एवं अन्य माध्यमों से अनियमितता/गबन घोटाले की जानकारी के तथ्य सामने आने पर राज्य शासन स्तर से समुचित दिशा निर्देश जारी किये जाते है.
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का क्रियान्वयन
24. ( *क्र. 193 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में प्रश्नांश दिनांक तक कितनी बार कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? स्वीकृत/निर्मित/निर्माणाधीन सड़कों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ख) स्वीकृत सड़कों में कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, कितनी अपूर्ण हैं? कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया? कार्य प्रारंभ न कराये जाने के क्या कारण हैं? अपूर्ण सड़कों का समयावधि में कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? (ग) परफारमेंस/गारंटी पीरियड के दौरान किन-किन सड़कों में मरम्मत कार्य किया गया? (घ) विभाग ने शासन को कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में भेजे थे एवं कितने स्वीकृत हुये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार स्वीकृत 9 सड़कों में से 5 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, शेष 4 सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ऐसी कोई भी सड़क नहीं है, जिसका निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
आवासीय पट्टे का प्रदाय
25. ( *क्र. 1066 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मऊगंज, हनुमना तहसील के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के खसरे में प्रविष्ट शासकीय भूमि पंचायतवार, ग्रामवार/टोला मोहल्ला पटवारी हल्का तथा खसरा नंबर सहित की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उपरोक्त शासकीय भूमि प्रश्न दिनांक तक अतिक्रमण से मुक्त है? यदि हाँ, तो उसे किस प्रयोजन के लिए सुरक्षित रखी गई है, ग्रामवार, पटवारी हल्का तथा खसरा नंबर सहित पृथक-पृथक अवगत करावें। यदि नहीं, तो किसके द्वारा किस रूप में अतिक्रमण किया गया है? ग्रामवार, पटवारी, हल्का तथा खसरा नंबर सहित पृथक-पृथक अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासकीय भूमि भूमिहीन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य को आवास हेतु आवंटित नहीं की जा सकती है? यदि हाँ, तो आवंटन के नियम बतावें। किस-किस ग्राम में आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है? सूची खसरा नम्बर, पूर्ण पता, नाम सहित उपलब्ध करावें। यदि आवंटन नहीं की जा सकती तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आवास हेतु आवंटन की प्रक्रिया क्या लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें तथा निराकरण कब तक किया जावेगा? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राजस्व भूमि पर मकान/झुग्गी, झोपड़ी बनाकर निवासरत अनु. जाति, अनु. जनजाति एवं अन्य को आवासीय पट्टे प्रदान किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
भूमि पर
अतिक्रमण
1. ( क्र. 4 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2016 के अता.प्रश्न संख्या 65 (क्र.6598) के संदर्भ में बतायें कि श्री बाबूलाल यादव, एडवोकेट, अशोकनगर को कौन-कौन सी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का विवरण दिया है तथा वर्तमान में शासन ने मार्च 2016 के बाद क्या कार्यवाही की विवरण देवें? (ख) इसी प्रश्न के भाग (क) में बताया था कि प्र.क्र. 8 अ 68/2013 - 14 को आदेश दिनांक 10.12.2014 को अतिक्रमण गजराज सिंह पुत्र आलोल सिंह निवासी खानपुर, चंदेरी माननीय उच्च न्यायलय के प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 8034 के आदेश दिनांक 22.12.2014 को न्यायालय के स्थगन आदेश पर मिले स्थगन को हटाने हेतु शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की तथा सत्र न्यायधीश अशोकनगर का प्रकरण क्रमांक 80 अ 15 अपील दीवानी जो विचाराधीन थी की अब क्या स्थिति है व शासन की तरफ से दोनों स्थगन हटाने की क्या कार्यवाही की है व इन दोनों प्रकरणों में शासकीय भूमि थी तो केविएट क्यों नहीं लगाया गया।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामान्तरण प्रकरण
2. ( क्र. 27 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1009 दिनांक 22/07/15 की जानकारी अनुसार वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में समस्त प्राप्त अविवादित नामांतरण आवेदन को निराकृत होना बताया है? साथ ही तारांकित प्रश्न क्रमांक 1012 दिनांक 21/07/2015 में प्रदत्त जानकारी (पुस्तकालय साहित्य) में तहसील उज्जैन में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में उज्जैन तहसील में 62, घट्टिया तहसील में 29, खाचरौद तहसील में 48, नागदा तहसील में 14, बडनगर तहसील में 48, तराना तहसील में 45, महिदरपुर तहसील में 21 प्रकरण पटवारी रिपोर्ट एवं राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट हेतु लंबित होना बताया है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार एक ही विषय पर दो विरोधाभाषी जानकारी देने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लंबित जाँच प्रकरणों का निराकरण
3. ( क्र. 28 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के अंतर्गत आने वाले अनुविभागीय कार्यालयों में जनवरी, 2010 से प्रश्न दिनांक तक जाँच के कितने प्रकरण लंबित हैं? तहसीलवार, प्रकरण क्रमांकवार, दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जाँच के महत्वपूर्ण प्रकरणों में विलम्ब के लिए कौन अधिकारी दोषी है? क्या जाँच के प्रकरणों में विलंब करने से जाँच प्रभावित होती है एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति के चलते जानबूझकर जाँच के प्रकरणों में विलम्ब किया जाता है, जिससे पीडि़त पक्ष न्याय प्राप्ति से वंचित रह जाता है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार जाँच के लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? प्रकरणों को लंबित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गुणवत्ताविहीन दुकानों का निर्माण
4. ( क्र. 88 ) श्री हरवंश राठौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्रांतर्गत मंडी बोर्ड की दुकानों का निर्माण किस ठेकेदार से तथा कितनी लागत से कार्य कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नकर्ता के निरीक्षण के दौरान दुकानों का निर्माण कार्य गुणवत्ताविहीन पाया गया? क्या दुकानों के निर्माण के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा या तकनीकी अधिकारियों द्वारा कभी निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब और किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया है? (ग) क्या तकनीकी अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान दुकान निर्माण कार्य में गुणवत्ता में कमी रहने संबंधी शिकायतें मिली हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों का विवरण और शिकायत दूर करने के लिए क्या उपाए किए गए?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा के अंतर्गत विद्यमान कृषि उपज मंडी समिति बण्डा में 50 नग विविध दुकानों का निर्माण कार्य श्री पी.के.खरे, ठेकेदार से लागत राशि रू. 144.56 लाख से कराया जा रहा है। (ख) उत्तरांश-"क" अनुसार निर्माणाधीन कार्य का प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा किये गये निरीक्षण में निर्माण कार्य की गुणवत्ताविहीन होने की स्थिति से अवगत कराया गया है। जी हाँ, निर्माणाधीन दुकानों के निर्माण कार्य का म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, तकनीकी संभाग सागर के विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा सतत् रूप से निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण किया जा रहा है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार तकनीकी अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण के दौरान दुकान निर्माण कार्य में गुणवत्ता में कमी रहने संबंधी शिकायतें नहीं मिली है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
5. ( क्र. 92 ) श्री हरवंश राठौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में किसानों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड खाद बीज ऋण आदि लेते समय कृषकों की फसल बीमा संबंधित ऋणदाताओं/संस्थाओं द्वारा करा दिया जाता है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बण्डा/शाहगढ़ में फसल बीमा योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 में किन-किन बीमा कंपनियों को कितनी राशि प्रीमियम के रूप में प्रदान की गई है? (ख) किसानों की फसल के लिये किए गए बीमा के पश्चात् प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों के विरूद्ध कितनी राशि का बीमा क्लेम ऋणदाता संस्थाओं एवं विभागों द्वारा किया गया एवं कितनी बीमा राशि किसानों को प्रदाय की गई? यदि नहीं, तो कब तक भुगतान की जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अंतर्गत फसल ऋण लेने वाले कृषकों का अनिवार्य बीमा किया जाता है तथा अऋणी कृषकों हेतु योजना ऐच्छिक है। विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत बण्डा/शाहगढ़ में किसानों से काटी गई प्रीमियम राशि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड भोपाल को जमा की गई। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 का बीमा आवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसानों की फसल के लिये किये गये बीमा के पश्चात् प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फलसों की क्षतिपूर्ति मापदण्डों में आने पर दावा राशि का भुगतान किया जाता है। खरीफ 2015 की दावा राशि का आंकलन कर लिया गया है। राशि प्राप्त होने पर भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। रबी वर्ष 2015-16 के दावा राशि का आंकलन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
आवास योजना की द्वितीय किश्त का भुगतान
6. ( क्र. 113 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिहोर के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर में वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी आवास योजना के तहत गरीब अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य वर्गों की विधवा, विकलांग एवं आपदा ग्रस्त महिला एवं पुरूष को कितनी कुटीर स्वीकृत की है? योजनावार हितग्राहियों की सम्पूर्ण सूची नाम/पतेवार बतायें? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ इनमें से कितने हितग्राहियों को आवास की प्रथम किश्त को भुगतान किये जाने के उपरांत द्वितीय किश्त का भुगतान किया जाना शेष है और यदि शेष है तो इसमें विलंब का क्या कारण है और इसके लिये कौन उत्तरदायी है तथा द्वितीय किश्त का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक इंदिरा आवास योजनान्तर्गत कुल 1071 एवं मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजनान्तर्गत कुल 53 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक इंदिरा आवास योजनान्तर्गत कुल 468 एवं मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजनान्तर्गत कुल 50 हितग्राहियों द्वितीय किश्त का भुगतान किया जाना शेष है। प्रथम किश्त की राशि से हितग्राही द्वारा दरवाजा स्तर तक निर्धारित मापदण्ड के पक्का आवास निर्माण करने एवं आवास सॉफ्ट में दरवाजा स्तर तक के निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने के उपरांत द्वितीय किश्त की राशि एफ.टी.ओ/आर.टी.जी.एस के माध्यम से जारी करने का प्रावधान है। तदानुसार शेष हितग्राहियों को द्वितीय किश्त जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने के उपरांत भुगतान कर दिया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उप संचालक के पद पर अनियमित पदोन्नति
7. ( क्र. 142 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 17 मार्च 2016 के तारांकित प्रश्न संख्या 07 (क्र. 6457) में सदन में हुई चर्चा अनुसार माननीय मंत्री द्वारा प्रकरण का परीक्षण किये जाने का आश्वासन दिया गया था तथा प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26.03.2016 को माननीय मंत्री, प्रमुख सचिव, आयुक्त/पंजीयक व प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ को सुलभ संदर्भ हेतु दस्तावेजी साक्ष्यों सहित लिखित में अवगत कराया गया था? प्रश्नकर्ता के प्रेषित पत्रों पर प्राप्त निर्देशों से अवगत करावें? (ख) क्या सदन में दिये गये आश्वासन अनुसार परीक्षण की प्रक्रिया एवं प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र व उन पर प्राप्त निर्देशों पर कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? उसके क्या निष्कर्ष निकले? प्रश्नकर्ता को शासनादेशों के अंतर्गत की गई कार्यवाही से कब व क्या अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन/विभाग माननीय मंत्री द्वारा सदन में दिये गये आश्वासन व प्रश्नकर्ता द्वारा दस्तावेजी साक्ष्यों सहित प्रेषित पत्रों व प्राप्त निर्देशों पर तत्काल कार्यवाही करते हुये अनियमित रूप से वंचित कर दिये गये वरिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति दिनांक से पदोन्नति प्रदान किये जाने के आदेश जारी कर अकारण पदोन्नति से वंचित करने वाले दोषियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में अधीनस्थों पर नियत्रंण पदीय दायित्वों के अंतर्गत आता है, ऐसी स्थिति में अधीनस्थ कर्मचारी की गोपनीय चरित्रावली लिखने का अधिकार नियत्रंणकर्ता अधिकारी को है चाहे नियत्रंणकर्ता अधिकारी की नियुक्ति का प्रकार नियमित हो अथवा संविदा. (ख) जी हाँ, उत्तरांश 'क' अनुसार, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक के पत्र दिनांक 13.07.2016 से. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
पटवारियों के मुख्यालय में न रहने पर कार्यवाही
8. ( क्र. 154 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र में एवं सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में कितने पटवारी हल्के बनाए गए? हल्कावार पदस्थ पटवारियों के नाम पदस्थापना दिनांक बताएं? उक्त पटवारियों में से कितने पटवारी उसी विधानसभा क्षेत्र या उसी तहसील के निवासी हैं? इन पटवारियों का मुख्यालय कहाँ नियत किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पटवारी मुख्यालय में निवास न कर कटनी एवं सतना में निवास करते हैं तथा मुख्यालय में कार्यालय/निवास मात्र बनाया है, जिसमें अवैधानिक व्यक्तियों को बैठाकर काम कराया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में एवं अन्य प्रकरणों से संबंधित विगत 5 वर्षों में किस-किस पटवारी की किस-किस के द्वारा शिकायतें की गई? क्या शिकायतकर्ता को सुना जाकर शिकायतों की जाँच की गई है? यदि नहीं, तो कारण बताएं तथा की गई शिकायतों के जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नागदा को अनुविभागीय अधिकारी सब-डिवीजन का पूर्ण दर्जा दिया जाना
9. ( क्र. 170 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय कब से प्रारंभ है? (ख) क्या इसे स्थाई सब-डिवीजन कार्यालय का दर्जा मिला हुआ है? यदि हाँ, तो इसमें इस विभाग का एक भी कर्मचारी पदस्थ क्यों नहीं है? (ग) एक अनुविभागीय अधिकारी सब-डिवीजन में कुल कितने पद विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के स्वीकृत रहते हैं? (घ) यदि नागदा अनुविभागीय अधिकारी सब-डिवीजन कार्यालय को सब-डिवीजन का दर्जा नहीं मिला है तो यह कब तक प्रदान किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अस्पष्ट। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नये विकासखण्ड बनाये जाने की प्रकिया
10. ( क्र. 181 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विगत 10 वर्षों में कितने नये विकासखण्ड बनाये गये हैं? (ख) नये विकासखण्ड बनाये जाने की क्या प्रक्रिया है? निर्देशिका उपलब्ध करावें? (ग) यदि विगत 10 वर्षों में एक भी नया विकासखण्ड नहीं बनाया गया है तो क्यों नहीं बना है? (घ) क्या शासन द्वारा केन्द्र सरकार को इस बावत् कोई प्रस्ताव भेजा गया है? यदि भेजा गया है, तो उसमें नागदा का नाम दर्ज है, या नहीं? (ड.) नागदा को विकासखण्ड का दर्जा कब तक मिल जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नये विकासखण्ड नहीं बनाए गए है। (ख) विकासखण्डों का गठन भारत शासन के सामुदायिक कार्यक्रम के संदर्भ में किया गया है। नवीन खण्ड बनाये जाने की प्रक्रिया म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 10 के अनुसार है, निर्देशिका संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विकासखण्डों का पुनर्गठन होने से जनपद पंचायतों की सीमाओं पर प्रभाव पड़ेगा। (घ) नहीं। (ड.) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
इंदिरा आवास कुटीर की स्वीकृति
11. ( क्र. 197 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 में ग्राम पंचायत मकरोनिया, रजाखेड़ी, बड़तुमा, गंभीरिया, सेमराबाग में कितने हितग्राहियों को इंदिरा आवास योजना की कुटीर स्वीकृत की गई थी? हितग्राहियों के नाम एवं स्वीकृत राशि सहित विवरण देवें। (ख) क्या स्वीकृत सभी हितग्राहियों को इंदिरा आवास कुटीर की समस्त किश्तें/राशि भुगतान की जा चुकी हैं? कितने हितग्राहियों की राशि शेष है? राशि शेष होने का क्या कारण है? (ग) उक्त पंचायतों का संविलियन नगर पालिका में हो जाने के उपरांत विभाग द्वारा राशि प्रदाय की जावेगी या नगर पालिका द्वारा वितरित की जावेगी? (घ) विभाग द्वारा हितग्राही को शेष राशि कब तक व किसके द्वारा प्रदाय की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2013-14 में ग्राम पंचायत मकरोनिया में 05, रजाखेडी में 03, बडतुमा में 03, गंभीरिया में 01 तथा सेमराबाग में 03 कुल 15 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये गये थे। वर्ष 2014-15 में ग्राम पंचायत मकरोनिया में 02 रजाखेडी में 03, बडतुमा में 03, गंभीरिया में 01 तथा सेमराबाग में 03 कुल 12 हितग्राहियों को इंदिरा आवास स्वीकृत किये गये थे। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है (ग) विभाग द्वारा केवल उन्ही हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि प्रदाय की जावेगी। जिन्हें प्रथम किश्त जारी की गई है। (घ) वर्ष 2013-14 के 01 हितग्राही को द्वितीय किश्त एफ.टी.ओ के माध्यम से जनपद पंचायत द्वारा भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है।
कलेक्टर/कमिश्नर कार्यालय के सहायक अधीक्षकों को पुनरीक्षित वेतनमान का प्रदाय
12. ( क्र. 201 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाई कोर्ट जबलपुर में कलेक्टर/कमिश्नर सागर संभाग सागर में पदस्थ 12 सहायक अधीक्षकों (राजस्व विभाग) द्वारा प्रस्तुत पिटीशन क्र./16118/2011 में दिनांक 13.01.2014 को आदेश पारित किये गये थे कि उक्त कर्मचारियों को पुराने वेतनमान 4500-7000 के स्थान पर 5000-8000 का वेतनमान दिनांक 01.04.2006 से स्वीकृत करते हुये एरियर्स की राशि 12 प्रतिशत ब्याज सहित 03 माह में प्रदाय किये जाने के आदेश प्रसारित किये गये थे? (ख) क्या उक्त आदेश के तारतम्य में विधानसभा में अतारांकित प्रश्न संख्या-41 (क्र. 456) दिनांक 10.12.2014 एवं अता. संख्या- 57 प्रश्न (क्र. 1540) दिनांक 16.12.2015 के माध्यम से प्रकरण स्वीकृत कर भुगतान हेतु निवेदन किया गया था? जिसके उत्तर में मान. मंत्री महोदय द्वारा भर्ती नियमों में संशोधन पश्चात् भुगतान करने का उल्लेख किया गया था? तो विभाग द्वारा उक्त आदेश पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) शासन द्वारा उक्त प्रकरण में स्वीकृति प्रदान करते हुये सहायक अधीक्षकों को कब तक एरियर्स राशि उपलब्ध कराई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। मान. हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा पिटीशन क्रमांक 16118/2011 में दिनांक 13.01.2014 को पारित आदेश की सत्यापित प्रति प्राप्त होने के दिनांक से 03 माह में समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। (ख) जी हाँ। वेतनमान संशोधन किये जाने हेतु सेवा भर्ती नियम 2015 बनाये जाने का अनुमोदन हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के पास विचाराधीन है। (ग) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सूखाग्रस्त क्षेत्र को मुआवजा व बीमा राशि का वितरण
13. ( क्र. 226 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर जिले के सूखाग्रस्त घोषित होने के बाद लगातार किसानों के द्वारा मांग, धरने, जेल भरो आंदोलन के माध्यम से शासन को अवगत कराया गया की फसल मुआवजा दिया जावें? यदि हाँ, तो आज तक मुआवजा क्यों नहीं दिया गया है? (ख) क्या प्रभारी मंत्री एवं जिला कलेक्टर द्वारा लगातार आश्वासन दिया जा रहा था कि सिंहस्थ के बाद शीघ्र ही मंदसौर जिले के किसानों को मुआवज़ा वितरण किया जावेगा? यह बात प्रेस के माध्यम से किसानों को कही गई थी? मुआवज़ा वितरण कि बात किस आधार पर कही गई थी? क्या शासन एवं प्रशासन की तरफ से की गई थी? (ग) जिले के समस्त सात तहसीलों से पटवारी की नुकसान राशि किसान संख्या का प्रपत्र अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जिला कार्यालय का भेजा गया था, उस रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा की मांग क्यों नहीं की गई है? (घ) अगर किसी से चूक हो गई है तो क्या उसे सुधार कर किसानों को फसल मुआवज़ा दिया जावेगा या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिवपुरी जिले में निर्माण कार्यों की राशि की वसूली
14. ( क्र. 294 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में मार्च-2016 तक या इसके वर्षों पूर्व निर्माण कार्यों की लाखों रूपये की राशि संबंधित ऐजेंसियों द्वारा आहरण कर ली गई है परंतु आहरित राशि से संबंधित कार्य जून-2016 की स्थिति में भी प्रारंभ नहीं हुए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से कितनी-कितनी लागत राशि के कार्य हैं, जो अप्रारंभ हैं? इन कार्यों की कितनी राशि कब-कब आहरित की गई है? (ख) क्या अप्रैल-2015 से जून-2016 तक जिला प्रशासन द्वारा निर्माण कार्यों की समीक्षा की है? यदि हाँ, तो उक्त समीक्षा में उक्त प्रकरण क्यों पकड़ में नहीं आए? यदि प्रकरण पकड़ आए तो जिला प्रशासन द्वारा उन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि कार्यवाही की गई तो संलग्न कर जानकारी दें? (ग) शिवपुरी जिले में ऐसे अनेकों निर्माण कार्य हैं जिनकी राशि सरपंच/सचिव द्वारा वर्षों पूर्व आहरित कर ली है परंतु निर्माण कार्यों के नाम पर निर्माण ऐजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक एक भी ईंट नहीं लगाई गई है, फिर जिला प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कराने एवं राशि वसूलने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि कार्यवाही की है तो किस प्रकरण में क्या कार्यवाही की है? (घ) क्या जिला स्तर पर विकासखण्ड और तहसील स्तर के अधिकारियों को प्रतिमाह बुलाकर मीटिंग तो की जाती है किंतु प्रश्न में वर्णित समस्या से संबंधित कोई समीक्षा नहीं होती है? इस पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 07 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों में शासन की विभिन्न संचालित योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों की समीक्षा किये जाने पर ही प्रश्नांश-‘क‘ में वर्णित कार्य प्रारंभ न होने से नियमानुसार ग्राम पंचायत से राशि वसूली की कार्यवाही की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 09 अनुसार है। (घ) जिला प्रशासन द्वारा जिन अधिकारियों के साथ विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की जाती है तथा कार्यों में गति लाने व पूर्ण कराने के निर्देश समय-समय पर दिये गये है।
सेवा सहकारी समिति मर्यादित सेमरिया में अनियमितता
15. ( क्र. 320 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवा सहकारी समिति मर्यादित सेमरिया के अध्यक्ष भागीरथी शुक्ला के विरूद्ध आर्थिक एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज है? क्या समिति प्रबंधक/सेवक संतोष वर्मा के साथ मिलकर समिति का पैसा रख लिये हैं? (ख) क्या सेमरिया से सतना पहुंच मार्ग में रानी तालाब के पास समिति का गोदाम स्थित है एवं इस गोदाम के पीछे शासकीय जमीन पर भागीरथी शुक्ला ने अवैध कब्जा कर घर का निर्माण कराया है? क्या उपरोक्त कृत्य की शासन को जानकारी है? यदि हाँ, तो अब तक इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक होगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, समिति से संबंधित कोई आर्थिक एवं अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है. जी नहीं. (ख) जी हाँ, समिति के गोदाम के पीछे दो कमरे का मकान निर्मित है. गोदाम के पीछे शासकीय जमीन पर श्री जगदीश प्रसाद पिता श्री केशव प्रसाद शुक्ला जो भागीरथी के पिता है, के द्वारा अवैध कब्जा कर मकान का निर्माण किया है. जी हाँ. अतिक्रमण के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत कार्यवाही की गई है जो न्यायालय में विचाराधीन है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
16. ( क्र. 327 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल के पत्र क्रमांक/सतर्कता/कटनी/5289 भोपाल दिनांक 16.11.2015 एवं पत्र क्रमांक/सतर्कता/194-692 कटनी 1417 भोपाल दिनांक 11.04.2016 से पृथक-पृथक प्रकरण में सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश सचिव कटनी को दिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो सचिव कृषि उपज मंडी कटनी ने अभी तक संबंधित कर्मचारी को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित क्यों नहीं की जब कि सचिव को ऐसा करने का पूर्ण अधिकार है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मंडी समिति दोषी कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय किए जाने का प्रयास कर रही है? इस आशय की शिकायत दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन के द्वारा की गई है और उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के अतिरिक्त भी अन्य मंडी कर्मचारियों के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे, उन पर भी अभी तक कर्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक की जावेगी और अब तक न करने के लिए कौन दोषी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांक "क" में उल्लेखित पत्र में श्रीमती कमला त्रिपाठी, सहायक ग्रेड-3 मंडी समिति सेवा की कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का अधिकार कृषि उपज मंडी समिति कटनी को है। श्रीमती कमला त्रिपाठी सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु मंडी समिति की साधारण बैठक दिनांक 17.03.16 के प्रस्ताव क्रमांक (09) में विचारार्थ रखा गया, जिसमें मंडी समिति द्वारा एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से प्रतिबंधित करने की शास्ति अधिरोपित कर कारणदर्शी सूचना पत्र जारी करने का निर्णय सर्व सम्मति से लिया गया। श्रीमती कमला त्रिपाठी द्वारा कारण कारणदर्शी सूचना पत्र का जवाब मंडी समिति की बैठक दिनांक 13.05.16 के प्रस्ताव क्रमांक 13 में विचारार्थ रखा गया, जिसमें एक वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने हेतु निर्णय लिया गया। मंडी समिति की साधारण बैठक दिनांक 31.05.16 के प्रस्ताव क्रमांक (13) में लिये गये निर्णय पर मंडी समिति द्वारा सर्वसम्मति से आपत्ति लगायी गयी। जिस कारण वर्तमान में श्रीमती कमला त्रिपाठी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में मंडी समिति दोषी कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय करने का प्रयास कर रही है, इस आशय की शिकायत श्री चंद्रशेखर अग्निहोत्री कटनी द्वारा दिनांक 13.05.2016 को प्रेषित की गई। सहायक संचालक (कार्मिक) के पत्र क्रमांक/मंडीकार्मिक/बी-1/टी/132/520 दिनांक 27.06.2016 द्वारा जाँच हेतु दिनांक 04.07.2016 से उपसंचालक आंचलिक कार्यालय जबलपुर में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। साथ ही श्री जागीर सिंह भट्टी, का आवेदन दिनांक 22.02.16 एवं श्री चंद्रशेखर अग्निहोत्री का पत्र दिनांक 06.06.16 प्राप्त हुआ, जिसे क्रमश: पत्र क्रमांक 567 दिनांक 04.03.16 से एवं 100 दिनांक 08.07.16 से उपसंचालक आंचलिक कार्यालय जबलपुर को जाँच सौंपी गई। जिसकी जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश "क" के अतिरिक्त कृषि उपज मंडी समिति की साधारण बैठक दिनांक 17.03.16 में मंडी समिति के प्रस्ताव क्रमांक (05) में कर्मचारी श्री मुकेश कुमार राय, सहायक ग्रेड-3 (निलंबित), श्री आर.पी. खम्परिया, सहायक ग्रेड-3 (निलंबित) एवं श्री पी.डी.पाठक, सहायक लेखापाल प्रस्ताव क्रमांक (6) में श्री मुकेश कुमार राय, सहायक ग्रेड-3 तथा श्री जगदीश नंदनवार, सहायक ग्रेड-3 प्रस्ताव क्रमांक (7) श्री अरविंद कुमार श्रीवास्तव भृत्य तथा श्री उमेश कुमार पांडे, दैनिक वेतन भोगी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का विचार किया गया। जिसमें प्रस्ताव क्रमांक (5) में श्री पी.डी.पाठक, सहायक लेखापाल को आरोपमुक्त कर बहाल करने तथा प्रस्ताव क्रमांक (7) श्री उमेश कुमार पांडे, दैनिक वेतन भोगी, कर्मचारी का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में लंबित होने से निर्णयोपरांत कार्यवाही करने का निर्णय पारित किया गया। शेष अन्य कर्मचारियों पर मंडी समिति की बैठक दिनांक 31.05.16 के प्रस्ताव क्रमांक (1) में पूर्व बैठक के निर्णय पर आपत्ति लेने से वर्तमान में अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी
17. ( क्र. 383 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत कार्यालय में (खरगोन) भगवानपुरा विधायक के कितने शिकायत पत्र किसी भी माध्यम से वर्ष 2014 एवं 2015, 2016 में प्राप्त हुए तथा इन पत्रों पर की गई कार्यवाही की सूची देवें? कितने जाँच पूर्ण तथा प्रक्रिया में है उल्लेख करें? (ख) वेबसाईड निर्माण संबंधी पुलिस प्रकरण कब दर्ज करने के आदेश हुए, कितनी दर्ज हुई, कितनी कार्यवाही हुई? जनपद C.E.O द्वारा माक कोटेशन पर ही भुगतान कराया गया, इन C.E.O पर क्या कर्यवाही की गई? (ग) निर्मल भारत अभियान संबंधित विधायक भगवानपुरा के पत्र में जो दस्तावेज मांगे गये है वह कब उपलब्ध करा दिए जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत कार्यालय में (खरगोन) भगवानपुरा विधायक के वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में 11 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिसमें से 02 जाँच पूर्ण होकर 09 प्रक्रिया में हैं। प्राप्त एवं निराकृत शिकायतों की सूची एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार। (ख) वेबसाईट निर्माण संबंधी पुलिस प्रकरण दर्ज कराने हेतु जिला पंचायत खरगोन के पत्र क्रमांक 14335, 14337, 14339, 14341, 14343, 14345, 14347, 14349 दिनांक 05.11.2014 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी समस्त जनपद पंचायत को आदेश दिये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी समस्त जनपद पंचायत द्वारा वेबसाईट पोर्टल पर प्रदर्शित होने से प्राथमिकी दर्ज कराने संबंधी निर्णय को निरस्त करने का अनुरोध किया। चूंकि पृथक से वेबसाईट निर्माण के संबंध में प्रकाश में आये तथ्य के आधार पर यह स्पष्ट है कि, ग्राम पंचायतों द्वारा सीधे वेबसाईट निर्माण के आदेश दिये गये हैं। जिला कार्यालय में वेबसाईट निर्माण का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। वेबसाईट निर्माण में तकनीकी पहलु होने के कारण तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से प्राप्त जानकारी अनुसार एफ.आई.आर. का आधार नहीं होने के कारण एफ.आई.आर. नहीं की गई। जनपद पंचायत द्वारा कोई कोटेशन नहीं बुलाये गये हैं, मात्र एक प्रकरण में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भगवानपुरा से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार 40 ग्राम पंचायतों में राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण जनपद पंचायत द्वारा भुगतान किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ग) निर्मल भारत अभियान संबंधित दस्तावेज मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खरगोन द्वारा पत्र क्रमांक 10384 दिनांक 06.07.2016 से मान. विधायक महोदय को भेजे गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार।
सामु. भवनों में विद्युतीकरण कार्य का मूल्यांकन
18. ( क्र. 384 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 में खरगोन जिले में समस्त पंचायतों द्वारा कितने सामु. भवनों का निर्माण प्रारंभ किया, पूर्ण किया, सी सी जारी की गई? ग्राम पंचायतवार नाम, राशि, मद सहित सूची देवें? (ख) उक्त सामु. भवनों में विद्युतीकरण में कितनी राशि व्यय हुई, इस विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण/मूल्यांकन किसके द्वारा कब किया गया? ग्राम पंचायतवार, निरीक्षण/मूल्यांकनकर्ता के नाम, निरीक्षण दिनांक सहित सूची देवें? (ग) उक्त सामु. भवनों में विद्युतीकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? चालू, बंद, मीटर नहीं, सामान है या चोरी हो गया? सूची देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरगोन जिले में वर्ष 2013-14 में कुल 257 सामुदायिक भवन निर्माण के कार्य स्वीकृत किये गये है जिसमें से 229 कार्य पूर्ण एवं 168 कार्य की सी.सी.जारी की गई है शेष 28 कार्य प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) उक्त सामुदायिक भवनों में से कसरावद एवं भगवानपुरा जनपद पंचायत के 39 भवनों में 3.98 लाख की बिजली फिटिंग का कार्य तकनीकी स्वीकृति (स्टीमेंट) के आधार पर हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) उक्त 39 सामुदायिक भवनों में बिजली फिटिंग है किन्तु मीटर नहीं लगे है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क संपर्क योजना का क्रियान्वयन
19. ( क्र. 400 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायतवार खरगोन जिले में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत मार्ग निर्माण हेतु कितनी राशि की किन-किन कार्यों की स्वीकृति दी गई? कार्यवार जानकारी बताई जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने कार्य प्रारंभ किये गये, कितने पूर्ण हो गये, कितने कार्य अप्रारंभ हैं, विकासखण्ड एवं कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा कितने कार्यों के प्रस्ताव दिये गये उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) क्या मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत योजना प्रारंभ से वर्तमान तक निर्मित मार्गों पर डामरीकरण कार्य किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने कार्यों के लिये प्रस्ताव तैयार किये गये हैं, कितने कार्यों में कितनी राशि की स्वीकृति की कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) वर्तमान में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़कों के डामरीकरण हेतु कोई योजना क्रियाशील नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं उठता।
पेंशनर्स हितग्राहियों (वृद्ध) के पुन: खाते खोलना
20. ( क्र. 409 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने विदिशा जिले को पेंशन योजना के विकेन्द्रीकरण अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट में शामिल किया है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो विदिशा जिले के समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा पंचायत के हितग्राहियों (पेंशनर्स) के विभिन्न बैंक में संचालित बैंक खातों को एक ही विशेष बैंक में खोले जाने के निर्देश जारी करते हुये पंचायत को हितग्राहियों की सूची दी गई है या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त पत्र की प्रति एवं पत्र के साथ संलग्न हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) उक्त निर्देश किस आधार पर किसके निर्देश पर जारी किये गये हैं, निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? क्या उक्त खाते जीरो (0) बैलेंस पर खोले जा रहे हैं या नहीं? (घ) इस प्रकार वृद्ध हितग्राहियों के बैंक खाते (प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत) संचालित होने के उपरांत भी अन्य बैंक में नवीन खाते खुलवाने का क्या कारण है? इस प्रकार वृद्ध हितग्राहियों के दस्तावेज की फोटोकॉपी, स्वयं की फोटो एवं आवागमन पर होने वाला व्यय के लिये कौन जिम्मेदार है? यह भार निर्देश जारीकर्ता अधिकारी द्वारा हितग्राहियों को उपलब्ध कराया जावेगा या नहीं? यदि नहीं, तो स्पष्ट कारण क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन द्वारा पाईंट ऑफ सेल (पी.ओ.एस.) मशीन के माध्यम से उचित मूल्य की दुकान पर कार्यरत सेल्समेन के माध्यम से पेंशन हितग्राही की पेंशन राशि वितरण किये जाने हेतु जिला विदिशा में पायलट किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जिले की समस्त जनपद पंचायतों के हितग्राहियों के विभिन्न बैंकों/पोस्ट आफिसों में संचालित खातों को किसी एक विशेष बैंक में खाते खोले जाने के निर्देश जारी नहीं किये गये है। क्षेत्रीय बैंकिंग सुविधा की दृष्टि से कुछ हितग्राहियों के खाते नजदीकी बैंकों में खुलवाये गये है, ताकि उन्हें उनके ग्राम पंचायत/ग्राम स्तर पर सुविधाजनक रुप से पेंशन प्रदाय करने हेतु डेबिट कार्ड संबंधित बैंकों से प्रदाय किए जा सकें। जनपद पंचायतवार हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ग) हितग्राहियों के बैक खाते ’’0’’ बैलेन्स पर खोले जा रहे है। जारी किये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री जनधन योजनातर्गत जिन हितग्राहियों के खाते संचालित है, उन हितग्राहियों के खाते नहीं खुलवाये जा रहे है। कुछ हितग्राहियों के खाते नजदीकी बैको में खुलवाये गये हैं, ताकि उनके ग्राम पंचायत/ग्राम स्तर पर सुविधाजनक रुप से पेंशन प्रदाय करने हेतु डेबिट कार्ड संबंधित बैंकों से प्रदाय किए जा सकें। हितग्राहियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए जिलों को स्थानीय स्तर पर शिविर लगाकर नये खाते खोलने के निर्देश दिये गये थे। हितग्राहियों के खाते खुलवाने पर मात्र फोटो कापी का व्यय भार आया है,जो कि नगण्य है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शक्त छात्रों को मोटर युक्त ट्रायसायकिल का प्रदाय
21. ( क्र. 410 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्कूलों एवं कॉलेजों में अध्ययनरत नि:शक्त छात्र-छात्राओं को मोटरयुक्त ट्रायसायकिल उपलब्ध कराने का प्रावधान है या नहीं? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति देवें? (ख) विदिशा जिले के शासकीय हाईस्कूल, हायर सेकण्डरी एवं शासकीय महाविद्यालयों में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किस कक्षा में कितने नि:शक्त छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है? उक्त नि:शक्तजनों में से ऐसे कितने नि:शक्त छात्र-छात्राएं है जो विद्यालय/कॉलेज अध्ययन हेतु ट्रायसायकिल से आते है, ऐसे छात्रों के नाम, पिता का नाम, पता तहसील सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधानानुसार कितने छात्र-छात्राओं को मोटरयुक्त ट्रायसायकिल उपलब्ध कराई गई है, कितने शेष है, शेष को कब तक मोटरयुक्त ट्रायसायकिल उपलब्ध कराई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पत्रक-‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) मोटरयुक्त ट्रायसायकिल उपलब्ध नहीं कराई गयी है। तीन छात्रों द्वारा मोट्रेट ट्रायसायकिल की माँग की गई है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कटरा को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
22. ( क्र. 423 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 114 (क्रमांक 1322) दिनांक 29.7.15 में विकासखण्ड सिहोरा के ग्राम कटरा को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में होने का उत्तर दिया गया था? (ख) ग्राम कटरा को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें तथा यह भी बतायें कि ग्राम कटरा को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अस्पष्ट। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विपणन सहकारी संस्था गोरमी द्वारा कराये गये कार्य
23. ( क्र. 439 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विपणन सहकारी संस्था मर्यादित गोरमी जिला भिण्ड का पंजीयन क्रमांक एवं दिनांक क्या है तथा कार्यक्षेत्र कहाँ तक है? (ख) विपणन सहकारी संस्था मर्यादित गोरमी जिला भिण्ड का पंजीयन किये जाने से पूर्व पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. भोपाल द्वारा जारी मापदण्ड एवं निर्देशों का पूर्ण रूपेण पालन किया गया है? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध पंजीकृत विपणन सहकारी संस्था गोरमी का पंजीयन अभी तक निरस्त क्यों नहीं किया गया? अगर किया जायेगा तो कब तक? (ग) विपणन सहकारी संस्था गोरमी का कार्यक्षेत्र और संस्था मेहगांव का कार्यक्षेत्र अधिनियम व पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. भोपाल के द्वारा जारी मापदण्ड एवं निर्देशों के अनुरूप है? यदि नहीं, तो नियम विपरीत कार्यवाही करने हेतु कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार हैं और दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विपणन सहकारी संस्था मर्यादित, गोरमी जिला भिण्ड का पंजीयन क्रमांक 1059 दिनांक 28.07.2015 है तथा कार्यक्षेत्र तहसील गोरमी तक है. (ख) विपणन सहकारी समिति गोरमी के पंजीयन में मापदण्डों का पालन किया गया है या नहीं, इस हेतु जाँच की जा रही है, कार्यवाही जाँच के निष्कर्षों के अधीन. (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार. कार्यवाही जाँच के निष्कर्षों के अधीन.
वॉटर शेड परियाजनाएं
24. ( क्र. 464 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वॉटर शेड की कितनी परियाजनाएं वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत हुई है? इनमें से कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हुए एवं कौन-कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हुए है? कब तक प्रारंभ किये जाएगें? (ख) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में निर्माणाधीन वाटरशेड में किन-किन कार्य हेतु कितना-कितना भुगतान किया गया है एवं कितने कार्य किये गये हैं? किन-किन अधिकारियों द्वारा किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया है? (ग) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में इस वित्तीय वर्ष में क्या नई परियोजनाएं लागू की जाना है? यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोई परियोजना स्वीकृत नहीं हुई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भूमि संसाधन विभाग ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास के अंतर्गत नवीन परियोजनायें स्वीकृत करने के बजाय पूर्व में स्वीकृत परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूर्ण करने के निर्देश जारी किये हैं। अतः नई परियोजना प्रांरभ किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री आवास की जानकारी
25. ( क्र. 469 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत राजगढ़ जिले की सारंगपुर विकासखण्ड हेतु वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में किस-किस बैंक को कितने-कितने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास स्वीकृत करने का लक्ष्य दिया गया है? बैंकवार आवासों की संख्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अवधि में बैंकवार लक्ष्य के विरूद्ध बैंकवार कितने-कितने प्रकरण प्राप्त हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त आवेदनों में से लक्ष्य के विरूद्ध कितने हितग्रहियों के आवास स्वीकृत किये गये है? (घ) बैंकों में प्राप्त आवेदन में लक्ष्यों के अनुरूप चयन करने की प्रक्रिया क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में राज्य स्तर से जनपदवार/बैंक शाखावार लक्ष्य निर्धारित नहीं किये जाते है। राजगढ़ जिले के सारंगपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत जनपद पंचायत द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में बैंकों को आवासीय ऋण प्रकरण स्वीकृति हेतु दिये गए लक्ष्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अवधि में बैंकवार लक्ष्य के विरुद्ध बैंकवार प्राप्त आवासीय ऋण प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त आवेदनों में से लक्ष्य के विरुद्ध हितग्राहियों के स्वीकृत किये गये आवासीय ऋण प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2016-17 में बैंकों को प्राप्त 605 ऋण प्रकरण स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है। (घ) बैंक द्वारा हितग्राही की पात्रता अनुसार एवं चेक लिस्ट अनुसार आवेदन सही पाये जाने पर प्रेषित प्रकरणों की वरीयता के क्रम से हितग्राही को ऋण स्वीकृत किया जाता है।
मुआवज़ा राशि का किसानों को भुगतान
26. ( क्र. 523 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा किसानों की खराब हुई सोयाबीन फसल 2015 की क्षतिपूर्ति करने का निर्णय किया गया था तथा उक्त निर्णय के परिपालन में शासन द्वारा माह नवंबर 2015 में जिला कलेक्टरों के माध्यम से क्षतिपूर्ति राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा कराई गई थी? यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत भी किसानों के बैंक खातों में करोड़ों रूपये की राशि सीधे जमा कराई गई जिससे प्रभावित कृषक लाभांवित हो सके? (ख) क्या माह नवंबर 2015 से प्रश्न दिनांक तक एक बड़ी राशि कृषकों के खातों में न पहुंचकर विभिन्न बैंकों में फंसी हुई है जिसमें विशेषकर ग्राम सलेहपुर, सेमलापार, बेरियाखेड़ी, लसूल्डियामीना, निवारा, गंगोहोनी, कडियाहाट, हांसरोद इत्यादि अनेकों ग्राम सम्मिलित है जिसमें सैकड़ों किसान आज भी लाभ से वंचित हैं? क्या इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अनेकों बार अग्रणी बैंक प्रबंधक, जिला कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार ब्यावरा सहित संबंधित सभी बैंक अधिकारियों से चर्चा के बाद भी स्थिति जस की तस है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन ऐसे सभी किसानों की विभिन्न बैंकों में फंसी राशि का निराकरण कर लाभांवित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी, हाँ राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत तहसील के 293 ग्रामों के पात्र कृषकों को आर.बी.सी. 6-4 अन्तर्गत नियमानुसार आंकलन उपरांत राहत राशि 36,54,20,806 (रू. छत्तीस करोड़ चौपन लाख बीस हजार आठ सौ छ: मात्र) राशि वितरित की गई है। (ख) जी नहीं, फेल पेमेंट की राशि रूपये 4,45,63,299/- (चार करोड़ पैंतालीस लाख तिरेसठ हजार दो सौ निन्यानवे मात्र) शासकीय लिंक ब्रांच एस.बी.आई से चैकों के माध्यम से संबंधित हितग्राहियों को वितरित की जा चुकी है। वर्णित ग्राम सलेहपुर, सेमलापार, बेरियाखेड़ी, लसूल्डियामीना, निवारा,गांगोहोनी, कडियाहाट, हांसरोद ग्रामों के पात्र कृषकों को अनुदान राशि 2,48,42,100/- (दो करोड़ अडतालीस लाख बयालीस हजार एक सौ) स्वीकृत कर वितरित की जा चुकी है। कोई पात्र किसान अनुदान राशि पाने से वंचित नहीं है। बैंक से असफल भुगतान की राशि कृषकों को बैंकों के माध्यम से वितरित कराई जा चुकी है। (ग) उपरोक्तानुसार लाभान्वित कर दिया गया है।
अध्यापक संवर्ग का छठवें वेतन आयोग में विसंगति पूर्ण आदेश
27. ( क्र. 559 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मंत्रलाय वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्र.एफ-1/2013/22/पं.-2 दिनांक 21/02/2013 समसंख्या आदेश दिनांक 04.09.2013 के अनुक्रम में जिला/ जनपद पंचायत में कार्यरत अध्यापक संवर्ग को दिनांक 01.01.2016 से छठवां वेतनमान स्वीकृत किया गया है, यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) द्वारा स्वीकृत आदेश विसंगतिपूर्ण है, जिसमें अध्यापक संवर्ग को लाभ की जगह हानि हो रही है एवं अंतरिम राहत को समयोजित न कर किश्तों में वसूली करने के आदेश जारी किये गये है? विवरण सहित बतावें? (ग) क्या उपरोक्त आदेश त्रुटिपूर्ण होने एवं अध्यापक संवर्ग के संगठनों द्वारा विरोध करने के कारण निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो नया आदेश कब तक जारी किया जावेगा एवं नये आदेश में वेतन निर्धारण तालिका में क्या संशोधन किया, विवरण सहित जानकारी देवें? (घ) क्या छठवें वेतनमान में वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक को स्वीकृत वेतनमान की अपेक्षा सहायक अध्यापक के वेतनमान में काफी अंतर है ऐसा क्यों, क्या इसमें सुधार किया जायेगा, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 21.2.2013 एवं 4.9.2013 के अनुक्रम में दिनांक 1.1.2016 से छठवां वेतनमान दिए जाने के संबध में आदेश जारी किये गये है। जारी आदेशों की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जारी किये गये आदेश में विसंगति नहीं है। अंतरिम राहत को समायोजित करने के आदेश है। किश्तों में वसूली करने के कोई आदेश नहीं है। (ग) जारी आदेश निरस्त नहीं किया गया है अपितु आगामी आदेश तक स्थगित किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक एवं सहायक अध्यापक को पृथक-पृथक वेतन बैण्ड एवं ग्रेड-पे छठवें वेतनमान के समान स्वीकृत किये गये है। प्रत्येक पद के लिए पृथक-पृथक वेतन बैण्ड एवं संवर्ग वेतन स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। उसी के अनुरूप आदेश जारी किये गये है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों का शोषण करने वाले एन.जी.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही
28. ( क्र. 572 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत जमुनिया के पूर्व सरपंच के विरूद्ध उनके सरपंच रहने के दौरान ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितता करने, पात्र हितग्राहियों का आर्थिक शोषण करने, पद का दुरूपयोग करने के संबंध में क्या जनपद पंचायत चौरई को पत्र प्रेषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस पत्र पर संबंधित के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) शासकीय कार्यालयों द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने हेतु क्या कोई विशेष प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्यों किसी शासकीय कार्यालय के समक्ष अधिकारी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने हेतु किन-किन दस्तावेजों को प्रस्तुत करने हेतु गृह विभाग के किन नियमों में क्या प्रावधान है? नियम निर्देश की प्रति संलग्न करें? (घ) क्या शासन जनपद पंचायत के सक्षम अधिकारी द्वारा थाना प्रभारी चौरई को प्रेषित पत्र और जाँच प्रतिवेदन पर संबंधित ग्राम पंचायत जमुनिया के पूर्व सरपंच के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश देगा यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चौरई द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने हेतु पत्र क्रमांक 605 दिनांक 01.07.2016 अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चौरई को प्रेषित किया गया है। प्रकरण में अभी प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) दर्ज नहीं हुई। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर पूर्व सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध वसूली हेतु मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चौरई के यहां प्रकरण क्रमांक 03/अ-89 (19) /2015-16 पंजीबद्ध है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसी शासकीय कार्यालय के द्वारा प्रथम सूचना लेख कराने हेतु शासकीय पत्र भेजा जाता है तथा प्रथम दृष्टया अथवा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर जाँच में कोई संज्ञेय अपराध पाया जाता है तो उस पर तत्काल अपराध पंजीबद्ध किया जाता है। (घ) जानकारी उत्तरांश-‘‘ख‘‘ अनुसार कानूनी कार्यवाही की जाती है।
कम्प्यूटर खसरों में विक्रय वर्जित शब्द अंकित होना
29. ( क्र. 588 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. गठन के पश्चात् से 1995 तक गुना जिले के समस्त भू-स्वामी कृषकों के खसरों के मूल रिकॉर्ड में कोई भी विक्रय वर्जित या विक्रय निषेध शब्द खसरे के कॉलम नं. 12 में दर्ज नहीं तो अब कम्प्यूटर खसरे में कैसा आया? (ख) यदि गुना जिले की समस्त तहसीलों के कौन से अधिकारी द्वारा किस आदेश और किस दिनांक से कम्प्यूटर खसरों या अन्य खसरों में कौन-कौन से सर्वे नम्बरों के कॉलम नं. 12 में विक्रय निषेध या वर्जित शब्द अंकित किया है? (ग) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहित 1959 में निहित प्रावधानों में कोई ऐसा प्रावधान है कि किसानों के खसरों में किसी सक्षम राजस्व निर्णयों के बिना कोई एन्ट्री शब्द जोड़ा या घटाया एवं दर्ज किया जाता हो तो बतायें? यदि नहीं, तो कारण सहित उत्तर दें? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) के बिंदु अनुसार म.प्र. के अन्य जिलों की तुलना में गुना जिले के भू-धारी कृषकों के खातों में विक्रय निषेध या विक्रय वर्जित शब्द कॉलम नं. 12 में कम्प्यूटर में क्यों दर्ज है, कौन से कानून और प्रक्रिया से हटाया जावेगा? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? कौन दोषी है, कब तक कार्यवाही करेंगे? क्या गुना जिले के किसानों को न्याय मिलेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुदान राशि का भुगतान
30. ( क्र. 607 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से बीज ग्राम योजनांतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-2016 में कितने कृषकों को कितनी मात्रा में फसलवार बीज वितरण किस अनुदान पर किया गया? कितने कृषकों के बैक खातों में कितनी अनुदान राशि जमा कराई गई व कितने कृषकों के बैक खातों में जमा नहीं कराई गई जानकारी ब्लॉकवार देवें? (ख) उक्त अवधि में उक्त योजनान्तर्गत कितना आवंटन वर्षवार श्योपुर जिले को मिला यदि नहीं, तो इस हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त अवधि में श्योपुर जिले के लगभग दो हजार से अधिक कृषकों ने लगभग 13 लाख का गेहूं चना,सोयाबीन,अरहर,का बीज कृषकों को उक्त योजनंतर्गत उपलब्ध कराया? यदि हाँ, तो अनुदान राशि का भुगतान उन्हें वर्तमान तक क्यों नहीं किया गया? क्रय किये गये बीज की गुणवता खराब होने की शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन उक्त तथ्यों की जाँच कराएगा तथा कृषकों को अनुदान राशि का लंबित भुगतान यथाशीघ्र करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बीज ग्राम योजनांतर्गत खाद्यान्न फसलों के बीज पर 50 प्रतिशत तथा दलहनी व तिलहनी फसलों के बीज पर 60 प्रतिशत अनुदान प्रति एकड बीज के लिये प्रति कृषक के मान से देय है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) जी हाँ, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में श्योपुर जिले के कुल 6276 कृषकों को कुल अनुदान राशि रूपये 25.78 लाख का गेहूं, चना, सोयाबीन, अरहर एवं सरसों का बीज कृषकों को उक्त योजना अंतर्गत उपलब्ध कराया, जिसमें से अनुदान राशि रूपये 10.42 लाख का भुगतान किया गया है। शेष भुगतान आवंटन के अभाव में लंबित रहा है। वर्ष 2014-15 में क्रय किये गये बीज की गुणवत्ता खराब होने की एक शिकायत प्राप्त हुई जिस पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। (घ) आवंटन के अभाव में अनुदान राशि का भुगतान लंबित रहा है, अत: जाँच का प्रश्न ही नहीं उठता। कृषकों को अनुदान राशि का लंबित भुगतान की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में हैं।
श्योपुर में को-ऑपरेटिव बैंक के जिला मुख्यालय का गठन
31. ( क्र. 608 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता की दिसम्बर 2015 सत्र की शून्यकाल सूचना क्रमांक 68, 119 के उत्तर में बताया है, कि को-ऑपरेटिव बैंक मुरैना से प्राप्त जानकारी के परीक्षण समग्रता में पाया कि जिला को-ऑपरेटिव बैंक मुरैना दिनांक 31.03.2014 को 477.99 लाख के लाभ में थी दिनांक 31.03.2015 को लाभ कम होकर 5.19 लाख रह गया, श्योपुर को-ऑपरेटिव बैंक 31.03.2015 को 332.36 लाख की हानि में रही, दिनांक 31.06.2015 को मुरैना बैंक की वसूली कम होकर 28.06 प्रतिशत रही इस कारण श्योपुर में को-ऑपरेटिव बैंक का जिला मुख्यालय का गठन संभव नहीं हैं? (ख) क्या वर्ष 2014-15, 2015-16 में श्योपुर जिले में प्राकृतिक आपदाओं के कारण तीन कृषि सीजन बर्बाद हुए, नतीजन जिले के कृषक वसूली नहीं दे पाये, उक्त वर्षों को छोड़कर जिला को-ऑपरेटिव बैंक मुरैना को हमेशा कुल वसूली की 70 प्रतिशत वसूली श्योपुर से ही मिलती रही है? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन श्योपुर की विगत् 10 वर्षों की वसूली की जानकारी मंगवाकर श्योपुर व मुरैना क्षेत्र की वसूली का समग्रता/पृथक-पृथक परीक्षण करवाकर दिनांक 24.02.2015 को सदन में दिये गये आश्वासनानुसार श्योपुर में को-ऑपरेटिव बैंक का जिला मुख्यालय स्थापित कराने का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु नाबार्ड/आर.बी.आई. को भेजेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ. (ख) जी हाँ. (ग) जी नहीं. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों का पुनर्गठन गत 10 वर्षों की वसूली की स्थिति के आधार पर नहीं वरन् बैंक की वर्तमान आर्थिक सक्षमता के आधार पर किया जाता है. भारतीय रिजर्व बैंक के मापदंडों के अनुसार विभाजन पश्चात् पुनर्गठित दोनों बैंकों का आर्थिक रूप से सक्षम होना आवश्यक है. अतः ऐसी स्थिति में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मुरैना के पुनर्गठन का प्रस्ताव नाबार्ड/आर.बी.आई को भेजा जाना संभव नहीं है
समितियों को खाद का आवंटन
32. ( क्र. 658 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. दतिया द्वारा वर्ष 2013 के उपरांत अभी तक कौन-कौन सी समितियों को कितना-कितना खाद कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया वर्षवार, समितिवार, गोदामवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) कंडिका (क) में वर्णित जिन समितियों को खाद आवंटित किया गया, उनसे खाद की राशि जमा कराने संबंधी शासन के क्या नियम हैं? नियम एवं निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? (ग) कंडिका (क) में वर्णित समितियों में किन-किन समितियों को नगद खाद एवं किन्हें उधार दी गई? जिन्हें नगद दिया उनसे राशि चेक से, बैंक स्लिप से ली गई? उसका विवरण उपलब्ध करायें एवं जिन्हें उधार दिया उनसे राशि कब और कौन से माध्यम से ली गई या लेना शेष है? (घ) क्या तत्कालीन डी.एम.ओ. श्री बाबूलाल शर्मा, सहायक लेखा अधिकारी, प्रीति गौड़ एवं ब्रजेन्द्र तिवारी द्वारा समितियों को नियम विरूद्ध बिना राशि जमा कराये बिल काटे गये, जिससे विभाग को लाखों रूपये की क्षति हुई? यदि हाँ, तो इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है. (ख) प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों को रिलीज आर्डर एवं डी.डी. पर खाद उपलब्ध कराने के निर्देश हैं, अन्य सहकारी समितियों को खाद की कीमत नगद/बैंकर्स चेक अथवा डी.डी. से प्राप्त कर खाद प्रदाय करने के निर्देश हैं. रासायनिक उर्वरकों की मूल्य राशि का भुगतान समय पर नहीं करने एवं राशि लंबित रहने के कारण आयुक्त सहकारिता द्वारा समस्या मूलक जिलों के लिये खाद वितरण के निर्देश जारी किये गये जिसमें दतिया जिले को भी समस्या मूलक जिले के अंतर्गत चिन्हित किया गया है, तदनुसार दतिया में खाद का वितरण किया गया है, रासायनिक उर्वरकों के वितरण बाबत् पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक 142 दिनांक 31.03.1975, क्रमांक 159 दिनांक 19/20.04.1985, क्रमांक 97 दिनांक 17/19.12.1997, क्रमांक 2051 दिनांक 19.11.2014, क्रमांक 1840 दिनांक 13.10.2015 एवं क्रमांक 687 दिनांक 21.03.2016 द्वारा दिये गये निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है. (ग) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक प्रदाय किये गये खाद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से उत्तर दिनांक तक राशि रू.1032.20 लाख लेना शेष है. (घ) तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी श्री बाबूलाल शर्मा, सहायक लेखाधिकारी प्रीति गौर एवं बृजेन्द्र तिवारी द्वारा समितियों को नियम विरूद्ध बिना राशि जमा कराये बिल नहीं काटे गये हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
शासकीय भूमि को लीज
33. ( क्र. 686 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की राजस्व भूमि को किसी निजी संस्थान या व्यक्ति को लीज पर देने के क्या प्रावधान हैं? नियम की प्रति उबलब्ध करावें। (ख) मेरे विधानसभा क्षेत्र की नगर पानसेमल में निवाली रोड पर स्थित शासकीय भूमि पवन इंडस्ट्रीज को दी गई थी? यदि हाँ, तो कब तक के लिए दी गई थी एवं लीज की शर्तें क्या थी? (ग) क्या लीज की समय-सीमा पूरी हो गई है या शेष है? शेष है तो कितनी? यदि समय-सीमा समाप्त हो गई है तो क्या शासन अपने कब्जे में उक्त भूमि को लेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अशासकीय संस्थाओं को भूमि आवंटन के संबंध में नीति बनाये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलित है। प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में पवन इंडस्ट्रीज को भूमि लीज पर इंडस्ट्रीज चालू रहने की स्थिति तक दी गई वर्तमान में इंडस्ट्रीज बन्द पडी है। लीज की शर्तें अनुसार पवन इंडस्ट्रीज बन्द होने पर लीज की जमीन शासन द्वारा आधिपत्य में ली जावेगी। (ग) नियमानुसार इंडस्ट्रीज बन्द होने की स्थिति में लीज की अवधि समाप्त होगी। लीज की अवधि शेष नहीं है वर्तमान में इंडस्ट्रीज बन्द हो चुकी है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। जी हाँ, अनुविभागीय अधिकारी पानसेमल द्वारा प्रश्नाधीन भूमि को अपने कब्जे में प्राप्त करने हेतु आदेश पारित कर दिया गया है, तहसीलदार पानसेमल को शासकीय भूमि अपने आधिपत्य में प्राप्त करने हेतु कार्यवाही करने के आदेश जारी कर, प्रक्रिया प्रचलन में है।
किसानों को सूखा राहत राशि वितरण
34. ( क्र. 739 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में किसानों को सूखा राहत राशि वितरण में किन-किन जिलों में राशि वितरण कार्य किस कारण से पिछड़ा? सरकार ने राहत वितरण कार्य समय पर न होने के लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की? (ख) किन-किन जिलों में किसानों के सूखा राहत प्रकरण अब तक लंबित हैं एवं किस कारण? (ग) संभाग में सूखा राहत राशि वितरण का जिलेवार प्रतिशत का ब्यौरा क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी बैंकों के संचालक मंडल का निर्वाचन
35. ( क्र. 740 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कितने जिला सहकारी बैंकों के संचालक मंडल के निर्वाचन अभी तक संपन्न नहीं हो सके? किस कारण? जिलेवार ब्यौरा क्या है। (ख) म.प्र. राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के संचालक मंडल के कार्यकाल का समय कब पूर्ण हुआ? कब संचालक मंडल हटाया गया? इस संबंध में सहकारिता अधिनियम में क्या संशोधन किया गया? (ग) अपेक्स बैंक में प्रशासक की पदस्थी किन प्रावधानों के अनुरूप की गई एवं कितने समय तक प्रशासक नियुक्त किये जा सकते है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश के 01 जिला सिवनी के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का निर्वाचन गणपूर्ति के अभाव में, 02 जिले पन्ना एवं छतरपुर के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के निर्वाचन न्यायालयीन आदेशों के कारण सम्पन्न नहीं हो सके है. शेष 13 जिलों शिवपुरी, ग्वालियर, टीकमगढ़, राजगढ़, देवास, रीवा, गुना, अशोकनगर, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, सीधी एवं सिंगरौली के 09 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक क्रमश: शिवपुरी, ग्वालियर, टीकमगढ़, राजगढ़, देवास, रीवा, गुना, शहडोल एवं सीधी के निर्वाचन नहीं हो पाने के कारणों का परीक्षण कराया जा रहा है. (ख) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के निर्वाचित संचालक मण्डल का पाँच वर्ष का कार्यकाल दिनांक 18.11.2014 को पूर्ण हुआ. आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक/साख/ए.पी./2015/897, दिनांक 13.05.2015 से संचालक मण्डल के स्थान पर आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, मध्यप्रदेश भोपाल को प्रशासक नियुक्त किया गया है. मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 49 में हुए संशोधन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (ग) सहकारी अधिनियम की धारा 49 (7-क) (ख) के अंतर्गत की गई है एवं सहकारी बैंकों के प्रशासक के लिए एक वर्ष की कालावधि निर्धारित है.
कृषि महाविद्यालय की स्थापना
36. ( क्र. 776 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि महाविद्यालय न होने के कारण शासकीय कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरखी के कृषि संकाय में अध्ययनरत बच्चों को उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने के लिये अपने विषय बदलना पड़ते है? नये विषय का अध्यापन नये सिरे से करने पर उसका प्रभाव बच्चों के भविष्य पर पड़ता है और हायर सेकण्डरी तक कृषि विषय से अध्यापन करने का औचित्य ही समाप्त हो जाता है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा 8 जनवरी 2014 में माननीय मुख्यमंत्री जी को सुरखी में कृषि महाविद्यालय प्रारंभ करने के संबंध में पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो लिखे गये पत्र का उत्तर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को कब और क्या दिया गया? प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उच्च शिक्षा विभाग कृषि संकाय से हायर सेकण्डरी बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुये सुरखी में कृषि महाविद्यालय प्रारंभ करने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के कृषि संकाय में अध्ययनरत छात्रों के साथ-साथ प्रदेश के समस्त छात्र पी.ए.टी. परीक्षा में भाग ले सकते हैं एवं मेरिट आधार पर प्रदेश में संचालित किसी भी कृषि महाविद्यालय में प्रवेश ले सकते हैं। कृषि महाविद्यालय में प्रवेश हेतु पी.ए.टी. परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। यदि छात्र विषय बदलना चाहते हैं तो छात्र को इसकी स्वतंत्रता है। (ख) जी हाँ, प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 08.01.2014 के उत्तर में क़ृषि विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 310 एवं 311/1620/2013/14-2 दिनांक 21.02.2014 को माननीय मुख्यमंत्री जी तथा प्रश्नकर्ता को पत्र प्रेषित किया गया जिसमें लेख किया कि कृषि महाविद्यालय खोलने हेतु लगभग 50 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि एवं 100-120 करोड़ रूपये की आवश्यकता होती है। वर्तमान में नवीन कृषि महाविद्यालय खोलने के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा कार्यवाही स्थगित रखी गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है (ग) जी नहीं, उत्तर (क) एवं (ख) के अनुसार।
मध्यान्ह भोजन के रसोइयों का मानदेय
37. ( क्र. 795 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में मध्यान्ह भोजन योजना में खाना बनाने वाली रसोइयों का मानदेय कितना है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जो क्या मानदेय शासन द्वारा दिया जा रहा है उससे उनके परिवार का पालन पोषण अच्छी तरह से हो सकता है? (ग) शासन द्वारा मनरेगा योजना में प्रति दिवस जो मजदूरी की दर निर्धारित की है उसमें एवं रसोइयों को मिलने वाली प्रतिदिवस मानदेय की राशि में कितना अंतर है? (घ) क्या शासन स्तर पर मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोइयों के मानदेय में वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. में मध्यान्ह भोजन योजना में खाना बनाने वाली रसोइयों का मानदेय रू. 1000/- प्रतिमाह है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रसोइयों को प्रतिमाह अंशकालीन मानदेय दिया जा रहा है, उन्हें इस कार्य के पश्चात् अन्य साधन से आय अर्जित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। (ग) मनरेगा में प्रतिदिवस मजदूरी दर रू. 167/- है तथा मजदूरी का भुगतान पूर्णकालिक (8 घण्टे) के लिये निर्धारित है, जबकि मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में मानदेय रू. 1000/- का भुगतान प्रतिमाह अंशकालीन कार्य रूप में किया जाता है। (घ) मध्यान्ह भोजन योजना केन्द्र शासन द्वारा संचालित योजना है तथा इसके कॉस्ट नार्म भारत शासन द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।
राजस्व रिकॉर्ड में सुधार
38. ( क्र. 832 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पाटन एवं मझौली तहसील सहित पूरे प्रदेश में राजस्व विभाग अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राजस्व रिकॉर्ड (खसरा, किस्तबंदी, नक्शा) के अद्यतीकरण हेतु लागू एम.पी.डब्लू.ई. बी.जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर के माध्यम से रिकॉर्ड दुरूस्त कराने में राजस्व अधिकारियों को समस्यायें आ रही है और किसानों को अपने आवश्यक कार्य समय पर न होने से तहसीलों के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। (ख) क्या एम.पी.डब्लू.ई. बी.जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर के माध्यम से हल्का पटवारियों द्वारा खसरावटांकन करने पर खसरा के कैफियत के कालम नं. 12 की जानकारी जैसी कि अहस्तान्तरणीय, बैक बंधक, मकान, पेड़ पौधे खसरा से हट जाते है? खसरा के कालम नं. 3 में सुधार करने/नामांतरण करने पर प्रबंधक कलेक्टर बैक बंधक खसरे से हट जाता है? क्या एम.पी.डब्लू.ई. बी.जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर खसरा में बटांक बढ़ने पर खसरा के अनुरूप नक्शे में नये बटांक करने का विकल्प बंद कर दिया गया है? क्या खसरे में फौती दुरूस्त करते समय बारसानों के नाम अधिक होने पर सॉफ्टवेयर द्वारा सभी बारसानों के नाम स्वीकार नहीं किये जाते हैं? क्या सॉफ्टवेयर में नक्शे में क्रमांक सुधार किये जाने के विकल्प नहीं होना। क्या एम.पी.डब्लू.ई. बी.जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर के माध्यम नामांतरण की प्रक्रिया कई चरणों से गुजरना पड़ता है जिससे एक नामांतरण करने में 25 से 30 मिनिट लगता है? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त एम.पी.डब्लू.ई. बी.जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर के माध्यम से रिकॉर्ड दुरूस्त करने उपरोक्तानुसार क्रमांक (ख) में वर्णित प्रकार से हो रही समस्या से किसानों को होने वाली समस्या के निदान के लिये कोई कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, किस प्रकार से कब तक बतलावें? (घ) क्या एम.पी.डब्लू.ई बी.जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में उपरोक्तानुसार आ रही समस्याओं के निदान हेतु अभी तक कोई संतोषजनक सुधार न किये जाने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है अथवा की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अस्पष्ट। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनपद पंचायत मझौली में पदस्थ महिला बाल विकास अधिकारी
39. ( क्र. 833 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत जनपद पंचायत की स्थाई समितियों का क्या महत्व है तथा इन समितियों को किस प्रकार के कौन-कौन से अधिकार प्राप्त है, क्या किसी अधिकारी/कर्मचारी के विपरीत कार्यों के प्रति जनपद पंचायत निंदा प्रस्ताव पास कर शासन के पास उचित कार्यवाही हेतु अग्रेषित कर सकती है? (ख) यदि हाँ, तो जनपद पंचायत मझौली जिला जबलपुर द्वारा मझौली में पदस्थ परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास श्रीमती राखी सैयाम के विपरीत कार्यों से असंतुष्ट होकर पारित निंदा प्रस्ताव पर शासन स्तर पर कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) विकासखण्ड मझौली जिला जबलपुर में पदस्थ महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती राखी सैयाम की कार्य प्रणाली को लेकर कब-कब किस-किस के द्वारा क्या-क्या शिकायत प्रेषित की गई एवं इन प्राप्त शिकायतों पर क्या संज्ञान लिया गया? क्या शासन विवादित महिला बाल विकास अधिकारी को अन्यत्र स्थानांतरित करेगा यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 47 के तहत् जनपद पंचायत स्थायी समिति गठन का प्रावधान है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उपरोक्त नियमों में निंदा प्रस्ताव पारित करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्न कलेक्टर (महिला एवं बाल विकास) जबलपुर के पत्र क्रमांक 2596 दिनांक 07.02.2016 के द्वारा श्रीमती राखी सैयाम, परियोजना अधिकारी को सचेत किया गया था कि वे जनपद मझौली में नियमित रूप से महिला एवं बाल विकास की बैठकों में उपस्थित रहें। (ग) श्रीमती राखी सैयाम, परियोजना अधिकारी के विरूद्ध जनपद पंचायत मझौली की सामान्य सभा की बैठक दिनांक 21.01.2016 को महिला एवं बाल विकास के सभापति के द्वारा शिकायत की गई थी कि श्रीमती राखी सैयाम,परियोजना अधिकारी द्वारा महिला एवं बाल विकास की नियमित बैठक नहीं ली जाती है। शिकायत के प्रकाश में कलेक्टर,महिला एवं बाल विकास के पत्र क्रमांक 25996 दिनांक 09.02.2016 के द्वारा सचेत किया गया।
मजदूरी का भुगतान
40. ( क्र. 886 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत घियार द्वारा शासन से आवंटित मद आई.ए.पी., मनरेगा एवं बी.आर.जी.एफ. से कराये गये कार्यों के मजदूरी भुगतान की राशि ग्राम पंचायत के चेक क्रमांक 207322 दिनांक 30.07.2014, 207324 दिनांक 31.07.2014, 000847 दिनांक 22.10.2014, 000849 दिनांक 25.11.2014, 001642 दिनांक 01.12.2014, 010707 दिनांक 01.08.2014, 010712 दिनांक 01.12.2014, 516798 दिनांक 27.08.2014 को कुल राशि 223187/- रूपये आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित करकी जिला शहडोल में जमा किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो संबंधित बैंक द्वारा ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तुत सूची मुताबिक मजदूरी का भुगतान मजदूरों के संबधित खाते में हस्तांतरित प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं की गई और संबंधित दोषीजन के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के मुताबिक ग्राम पंचायत द्वारा जमा राशि का भुगतान संबंधित मजदूरों के खाते में तत्काल राशि हस्तांतरित करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, चेक क्रमांक 516798 दिनांक 27.08.2014 की राशि रूपये 5700/- को छोड़कर शेष राशि जमा हुई है. (ख) आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित, करकी के तत्कालीन समिति प्रबंधक की मृत्यु हो जाने से ग्राम पंचायत से प्राप्त सूची उपलब्ध नहीं होने से मजदूरों के खातों में राशि हस्तांतरित नहीं की गई थी. वर्तमान में सूची प्राप्त कर सूची अनुसार मजदूरी का शत्- प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है. दोषी की मृत्यु हो जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है. (ग) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार.
भूमि का अधिग्रहण
41. ( क्र. 887 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाहडोल, अनूपपुर, उमरिया, जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न प्रयोजनार्थ भूमि का अधिग्रहण किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त जिलों में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमियों, किस-किस भूमि स्वामी की कब-कब किस प्रयोजन से किसके पक्ष में अधिग्रहीत की गई है? (ख) भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के प्रावधानों के मुताबिक किस-किस भूमि स्वामी को कितनी-कितनी राशि किस दर से भुगतान की गई है और क्या उक्त अधिनियम के मुताबिक संबंधित भूमि स्वामी को पुनर्वास की व्यवस्था नियमानुसार की गई है? यदि हाँ,तो कितने प्रभावित भूमि स्वामियों को कहाँ-कहाँ पुनर्वासित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के मुताबिक अनु.जाति एव अजजा के कितने और कौन-कौन भूमि स्वामियों की भूमि कितनी-कितनी अधिग्रहित की गई है? क्या म.प्र. पुनर्वास अधिनियम 2003 का पालन उक्त वर्ग के प्रभावित भूमि स्वामियों के लिये किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और उक्त नियम का पालन न करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सागर नगर के मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार
42. ( क्र. 913 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विभागीय मंत्री महोदय द्वारा सागर नगर के मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार नवीनीकरण, सुविधाओं के विस्तार का शिलान्यास किया गया है? उक्त कार्य कब प्रारंभ किया जा रहा है तथा कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत राशि से कौन सी सुविधायें उपलब्ध होगी तथा उन पर कितनी राशि व्यय की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनाँक 27.02.2016 से कार्य प्रारंभ किया गया है। कार्य नियमानुसार शीघ्र पूर्ण किया जायेगा। (ख) स्वीकृत राशि से सी.सी. रोड, सी.सी. ड्रेनेज बायोटायलेट, बूम बैरियर, गेट निर्माण, पार्किंग शेड, पार्किंग क्षेत्र का निर्माण एवं बसों के प्लेट फार्म का निर्माण प्रस्तावित है। जिस पर अनुमानित व्यय 269.32 लाख प्रस्तावित है।
सोनकच्छ नगर का राजस्व नक्शा
43. ( क्र. 917 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में सोनकच्छ नगर हेतु राजस्व विभाग के पास नक्शा नहीं है? यदि नहीं, है तो इसका क्या कारण है? विभाग के पास विगत कितने वर्षों से नक्शा नहीं है? क्या विभाग के पास वर्षों पूर्व नगर का नक्शा था? यदि था तो वह नक्शा कहाँ है? (ख) विभाग के पास नक्शा नहीं होने से राजस्व रिकॉर्ड का हिसाब कैसे रखा जाता है? सोनकच्छ नगर में बंदोबस्त 1980 के बाद कब-कब किया गया? यदि बंदोबस्त किया गया था तो नक्शा भी बना होगा? वह नक्शा कहाँ है? (ग) क्या नक्शे का गुम होना इस बात का संकेत नहीं है कि विगत वर्षों में शासकीय जमीनों का बड़ा हेर-फेर हुआ होगा, जिसके कारण नक्शा जानबूझकर गुम कराया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सोनकच्छ नगर हेतु राजस्व विभाग के पास नक्शा उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सोनकच्छ नगर हेतु राजस्व विभाग के पास नक्शा उपलब्ध है। सोनकच्छ नगर में वर्ष 1980 के बाद बन्दोबस्त नहीं हुआ है। (ग) सोनकच्छ नगर हेतु राजस्व विभाग के पास नक्शा उपलब्ध है।
प्रायवेट बस मालिकों की मनमानी
44. ( क्र. 923 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर भोपाल बसों को सोनकच्छ बस स्टैण्ड पर रूकने का प्रावधान है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो क्या सभी बसें बस स्टैण्ड पर आती हैं? नहीं तो क्यों नहीं? (ख) क्या विभाग में यह शिकायतें आती हैं कि इन्दौर भोपाल बसें सोनकच्छ बस स्टैण्ड पर नहीं आते हुए बायपास से चली जाती हैं? यदि हाँ, तो विभाग इस पर क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) क्या विभाग यातायात पुलिस द्वारा सोनकच्छ नगर की बायपास रामदेव बाबा चौराहा पर चौकी स्थापित करने का कोई प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या विभाग भविष्य में यहां पर चौकी स्थापित करेगा जिससे बायपास से सीधे जाने वाली बसों पर अंकुश लगाया जा सकता है
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। इन्दौर से भोपाल स्टेट गैरिज के रूप में संचालित वाहनों का सोनकच्छ बस स्टैण्ड पर रूकने का प्रावधान है। उक्त मार्ग पर नॉन स्टॉप सेवा के रूप में संचालित बसों का सोनकच्छ बस स्टैण्ड पर रूकने का प्रावधान नहीं है। (ख) ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विभाग की ओर से नियमित की जाने वाली जाँच के दौरान बसों का निर्धारित मार्ग से संचालन होना जाँचा जाता है व न पाये जाने पर नियमानुसार चालानी कार्यवाही की जाती है। (ग) पुलिस अधीक्षक जिला देवास की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार रामदेव बाबा चौराहा बाईपास पर चौकी स्थापित करने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है।
बिना वैध परमिट के बसों का संचालन
45. ( क्र. 933 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर के जिला मुख्यालय व पन्ना जिले के गुनौर, अमानगंज से होकर दिल्ली गुड़गांव के लिए बसों का संचालन प्रतिदिन होता है? यदि हाँ, तो बसों का परमिट, समय-सारिणी, राज्य शासन द्वारा स्वीकृत आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) यदि बगैर वैध परमिट के जिला मुख्यालय से होकर दिल्ली गुड़गांव के लिए बसें संचालित हो रही हैं तो क्या दोषी अधिकारी व बस संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? (ग) जिला छतरपुर में पंजीकृत बसों की बस चालक/परिचालकों के द्वारा वर्दी पहनकर बस का संचालन किया जाता है? यदि नहीं, तो बिना वर्दी पहने बस चला रहे चालकों के विरूद्ध कब-कब अभियान चलाते, कार्यवाही करते हुए जुर्माना वसूला गया? क्या निजी विद्यालयों के बसों के वाहन चालकों पर भी यह नियम लागू हैं? यदि हाँ, तो वे इस निर्देश का पालन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो वाहनों के क्रमांकवार, बस परमिट, फिटनेस, स्पीड गर्वनर एवं इमरजेंसी गेट सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या बसों में किराया सूची चस्पा नहीं होने से परिचालकों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जाता है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में ऐसी कितनी बसों के परिचालकों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त होने पर कार्यवाही कर परमिट रद्द करने की कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। छतरपुर से दिल्ली के लिए जिन यात्री वाहनों का संचालन प्रतिदिन होता है उनसे संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पन्ना से दिल्ली गुड़गाँव के लिए सीधी कोई बस नहीं है। (ख) उपरोक्तानुसार वैध अनुज्ञा के अंतर्गत वाहन संचालित होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अवैध संचालन पर रोक लगाये जाने हेतु विभाग द्वारा नियमित जाँच की जाती है व नियम विरुद्ध संचालन के विरुद्ध चालानी कार्यवाही की जाती है। (ग) जी हाँ, चालक परिचालकों द्वारा वाहन संचालन के दौरान वर्दी पहनी जाती है। व आकस्मिक जाँच कर भी सुनिश्चित किया जाता है। पृथक से अभियान चलाना अपेक्षित नहीं है। जी हाँ, निजी विद्यालय की बसों के वाहन चालकों पर भी यह नियम लागू है। जी हाँ, निर्देश का पालन करते है। जाँच के दौरान ऐसे कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आये। जिला छतरपुर में निजी विद्यालयों में पंजीकृत (स्कूल बसों ) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं, परिचालकों द्वारा नियमानुसार किराया वसूल किया जा रहा है, विभाग द्वारा की जाने वाली नियमित जाँच के दौरान परिचालकों द्वारा यात्रियों से निर्धारित किराया लिया जाना ही सुनिश्चित किया जाता है। विगत दो वर्षों में अधिक किराया वसूली संबंधी कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आने से परमिट रद्द किये जाने की स्थिति नहीं है।
औद्योगिक कम्पनियों द्वारा भूमि अधिग्रहण
46. ( क्र. 940 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत डभौरा में लगभग 5 वर्ष पूर्व विभिन्न कम्पनियों के द्वारा उद्योग अथवा फैक्ट्री स्थापित करने के प्रायोजन हेतु किसानों की भूमियों को सस्ते दामों में खरीद कर अधिग्रहण किया गया था तथा उनको नौकरी देने का प्रलोभन दिया गया था किन्तु आज तक उक्त भूमियों में किसी भी प्रकार का उद्योग स्थापित नहीं किया गया, जिससे सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि बंजर स्थिति में पड़ी है, जिससे उनका पैतृक व्यवसाय कृषि नष्ट हो गया है तथा उनको किसी भी प्रकार की नौकरी भी प्राप्त नहीं हो सकी? (ख) इन औद्योगिक कम्पनियों को भूमि अधिग्रहण की अनुमति किन प्रावधानों के तहत दी गई थी, क्या उक्त कम्पनियों के खिलाफ शासन स्तर पर कार्यवाही की जावेगी, यदि औद्योगिक कम्पनियां निर्धारित प्रायोजन के अनुसार कार्य नहीं करती तो किसानों को भूमि वापस करने का क्या प्रावधान है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संशोधन आदेश उपरांत रिकॉर्ड में दुरस्तीकरण
47. ( क्र. 948 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रजिस्टर्ड विक्रय पत्र दिनांक 28/05/2 के आधार पर न्यायालय तहसीलदार पिपरिया के संशोधन आदेश क्रमांक 28 दिनांक15/06/2011 के द्वारा संशोधन आदेश पारित किया जाकर भागवति बाई पत्नी रामफल के नाम भूमि दर्ज करने हेतु आदेश पारित किया गया? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 89/आर पिपरिया दिनांक 23/02/2015 के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिपरिया को कंडिका (क) में वर्णित संशोधन आदेश क्रमांक अनुसार संशोधन दर्ज कराने हेतु लिखा था यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुयी? (ग) क्या प्रकरण क्रमांक 45/अ-6/अ-2015-16 आदेश दिनांक 21/01/2016 द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि को नामांतरित किये जाने हेतु दोबारा आदेश जारी किया? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पारित आदेश अनुसार संशोधन दर्ज न करते हुये आपसी बंटवारे कर संयुक्त खाते की भूमि दूसरे भाई के नाम पर दर्ज कर दी गई? (ड.) कंडिका (क), (ख), (ग) में दिया उत्तर यदि हाँ, में हैं तो प्रथम आदेश अपास्त कर दिया गया? या प्रभाव शून्य कर दिया गया? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (च) नियम एवं विधि विपरीत कार्यवाही किये जाने के लिये कौन कौन उत्तरदायी हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घरों में शौचालय का निर्माण
48. ( क्र. 1004 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत अभियान जो 2 अक्टूबर 2014 से प्रारंभ किया गया उसमें घरों में शौचालय निर्माण के लिए अनुदान राशि रूपये 12000/- निर्धारित की गई? प्रश्नांश दिनांक तक भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई कितनी राशि व्यय की गई? माहवार जानकारी दें? (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने शौचालय का निर्माण प्रारंभ/पूर्ण/अपूर्ण हैं? कितने हितग्राहियों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) क्या इस अभियान के लिए कोई मार्गदर्शिका बनाई गई है प्रति उपलब्ध कराई जायें? क्या शौचालय निर्माण के उपरांत हितग्राही को राशि का भुगतान नहीं किया गया यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत हितग्राहियों को प्रेरित करने के लिए क्या कार्यवाही की गई? कितने हितग्राहियों ने शौचालय निर्माण करवाया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रवार राशि आवंटित नहीं की जाती है, माहवार व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में 300 शौचालय का निर्माण कार्य प्रारंभ है तथा 1489 शौचालय निर्माण पूर्ण हो चुके है। 1489 हितग्राहियों को राशि रूपये 178.68 लाख भुगतान किया गया है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। शौचालय निर्माण उपरांत पात्र हितग्राहियों को राशि का भुगतान किया गया है। (घ) भिण्ड जिले में स्थानीय स्तर पर ऑपरेशन स्वाभिमान एवं प्रेरकों के माध्यम से समुदाय को प्रेरित किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत 1489 हितग्राहियों ने शौचालय निर्माण करवाया है।
पंचायत बाजार (जिला पंचायत काम्पलेक्स) का निर्माण
49. ( क्र. 1005 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत भिण्ड में पंचायत बाजार (जिला पंचायत कॉम्पलेक्स) के निर्माण की कब स्वीकृत प्राप्त हुई? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कब निविदा आमंत्रित की गई? अस्वीकृत करने के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश के अंतर्गत निविदा चार बार आमंत्रित की गई? अधिकारियों की उदासीनता कारण निरस्त की गई? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) निविदा आमन्त्रित करने के लिए क्या प्रावधान है? प्रावधान के अन्तर्गत निविदा आमंत्रित क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) के अंतर्गत कब तक कार्यवाही पूर्ण हो जायेगी? कब निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत भिण्ड में आवासीय एवं व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 10/10/2014 को प्राप्त हुई थी। उक्त कार्य की दिनांक 06/08/2015, 09/12/2015, 15/01/2016 एवं 27/02/2016 को निविदा आमंत्रित की गई। प्राप्त निविदा दर जिले में प्रचलित दरों की तुलना में अधिक होने से अस्वीकृत की गई। (ख) जी हाँ। निविदा पर्याप्त औचित्य एवं गुणदोष के आधार पर निरस्त की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग अंतर्गत राज्य शासन से अधिकृत पोर्टल पर रू. 2.00 लाख से अधिक लागत के कार्यों की ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की जाती है। उक्त कार्य की निविदाएं उपरोक्त प्रावधानों के अंतर्गत आमंत्रित की गई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य की निविदा स्वीकृति एवं अनुबंध के उपरांत ही कार्य प्रारंभ किया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निराश्रित एवं वृद्ध पेंशन प्रदाय प्रणाली पूर्ववत किया जाना
50. ( क्र. 1031 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा निराश्रितों एवं वृद्धों को जीवन यापन हेतु पेंशन योजना संचालित है, क्या पूर्व में पेंशन वितरण का दायित्व डाकघरों का था, किन्तु उस प्रणाली को बदलकर ऑनलाईन प्रणाली के तहत् फिंगर प्रिंट के आधार पर पेंशन वितरण की जा रही है, क्या ग्रामीण अंचलों में रहने वाले निरक्षर निराश्रित वृद्धों को इस व्यवस्था से अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। (ख) यदि हाँ, तो क्या निराश्रित/वृद्धा पेंशन को ग्राम पंचायतों के माध्यम से वितरण नहीं किया जा सकता अथवा पूर्ववत प्रणाली डाकघरों के माध्यम से क्या वितरित नहीं की जा सकती? (ग) उपरोक्त पेंशन वितरण प्रणाली के सरलीकरण हेतु शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत ऐसे हितग्राही जिनका पूर्व से बैंक खाता नहीं था, उनके बैंक खाते खोले गये है। इस योजना के अन्तर्गत ऐसे ग्राम,जिनकी बैंक शाखा से पाँच किलो मीटर से अधिक दूरी है, वहाँ भारत सरकार के निर्देशानुसार बैंकिग करसपॉन्डेन्ट (बी.सी.) की सुविधा प्रारंभ की गई है। बी.सी. की व्यवस्था में राशि के आहरण हेतु फिंगर प्रिंट की आवश्यकता पडती है। यह सही है कि कुछ स्थानों पर इस व्यवस्था के तहत भुगतान में कठिनाई आ रही है। (ख) वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था के अन्तर्गत हितग्राहियों के खाते (बैंक/पोस्ट आफिस) में ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जाता है तथा पेंशन राशि हितग्राही के बैंक/पोस्ट आफिस खाते में जमा की जाती है। इस व्यवस्था के स्थान पर अगर ग्राम पंचायतों के माध्यम से भुगतान कराया जाता है तो ग्राम पंचायत स्तर पर पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा समय पर राशि वितरित न करने तथा भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त होने से इनकार नहीं किया जा सकता तथा उस दशा में पेंशन राशि हितग्राहियों के खातों में भी अन्तरित किया जाना संभव नहीं हो सकेगा। इसके साथ ही पिछले वर्ष भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई दो योजनाओं-प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु बैंक खाता होना आवश्यक है, तभी बीमा योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा। अतः पूर्ववत व्यवस्था पर लौटना उचित नहीं होगा। (ग) शासन द्वारा पाईंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन के माध्यम से उचित मूल्य की दुकान पर कार्यरत सेल्समेन के द्वारा पेंशन हितग्राही की पेंशन राशि वितरण किये जाने हेतु जिला सागर व विदिशा में पायलट किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पायलेट प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन से जो परिणाम सामने आयेगें, उस आधार पर भविष्य हेतु रणनीति तैयार की जावेगी।
उपायुक्त सहकारिता जिला भिण्ड के विरूद्ध कार्यवाही
51. ( क्र. 1053 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपायुक्त सहकारिता जिला भिण्ड भारत सिंह चौहान के द्वारा अपने पद की शक्तियों का दुरूपयोग कर बिना अधिकार के पत्र क्र./सह./निर्वाचन/2015/2070 दिनांक 9-7-2015 से प्राथ. कृषि साख सह. समितियों के निर्वाचन निरस्त कर दिये गये थे? यदि हाँ, तो उसके खिलाफ कोई जाँच संस्थित की गई हैं? (ख) क्या उपरोक्त अधिकारी द्वारा क्रमांक/विधि./2016/454/मुरैना दिनांक 4-3-2016 को प्रभारी अधिकारी रहते हुये उक्त आदेश पारित कर प्रभावित संस्था का फर्जी उपाध्यक्ष माताराम की उपस्थिति दर्शाकर एक पक्षीय आदेश जारी किया गया हैं। यदि हाँ, तो माताराम के उपस्थिति हस्ताक्षर एवं समस्त कार्यवाही के दस्तावेज उपलब्ध कराये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अवैधानिक आदेशों के प्रति विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी है और उन पर क्या-क्या कार्यवाही संपादित की गई हैं? शिकायत कर्ता के नाम सहित की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (घ) उपरोक्त अधिकारी के विरूद्ध विगत तीन वर्षों में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुयी हैं और उन पर कोई जाँच की गई हैं? यदि हाँ, तो कितनी शिकायतों में दोषी पाया गया हैं और कितनी शिकायतें विचाराधीन हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) उपायुक्त सहकारिता जिला भिण्ड श्री भारतसिंह चौहान के द्वारा पत्र क्र./सह/निर्वाचन/2015/170, दिनांक 09.07.2015 से 11 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के निर्वाचन निरस्त किये गये थे. प्राप्त शिकायत दिनांक 06.04.2016 को मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी को कार्यवाही हेतु भेजी गई. उनके द्वारा यह शिकायत कलेक्टर भिण्ड को जाँच हेतु प्रेषित की गई है. कार्यालय कलेक्टर जिला भिण्ड से प्रतिवेदन अपेक्षित है. (ख) जी नहीं. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) दो शिकायतें प्राप्त हुई श्री राकेश कुमार द्वारा प्रेषित शिकायत म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी को कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई एवं उनके द्वारा उक्त शिकायत जाँच हेतु कलेक्टर भिण्ड को भेजी गई है. श्री सूबेदार सिंह रजौधा माननीय विधायक द्वारा की गई शिकायत दिनांक 31.03.2016, जाँच हेतु संयुक्त आयुक्त सहकारिता, चंबल (मुरैना) संभाग को भेजी गई है. शिकायतों की जाँच प्रक्रियाधीन है. (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है.
रेत की रॉयल्टी
52. ( क्र. 1057 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की विधानसभा क्षेत्र 112 अंतर्गत पंचायतों के समस्त सरपंचों को म.प्र. शासन के नियमानुसार रेतघाट के लिए रॉयल्टी किस प्रकार और कितनी दी जाती है? (ख) क्या पंचायत क्षेत्र में सरपंचों को निर्माण कार्यों के लिए तहसीलदार वारासिवनी द्वारा आवश्यकता अनुसार रॉयल्टी नहीं दी जा रही है? (ग) वारासिवनी तहसीलदार द्वारा पंचायत क्षेत्र में निर्माण कार्यों की अधिकता होने के बावजूद सरपंचों को निर्माणकार्यों के लिए तहसीलदार द्वारा कितनी रॉयल्टी दी जा रही है और संरपचों को कितने बार तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने पडते हैं? (घ) क्या तहसीलदार वारासिवनी द्वारा संरपचों को कम रॉयल्टी देने के कारण पंचायत में चल रहे निर्माण कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है? यदि हाँ, तो उक्त तहसीलदार के खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करेगा एवं कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग, भोपाल के परिपत्र क्रमांक-एफ-19-1/2013 /2012/1 (पार्ट), भोपाल दिनांक 10.04.2013 के तहत म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम-3 (तीन) के प्रावधानों के अनुसार खनिज विभाग द्वारा संबंधित तहसीलदार को रायल्टी मुक्त अभिवहन पास उपलब्ध कराई जाती है। तहसीलदार द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत को शासकीय भूमि से गौण खनिज निकालने की स्वीकृति तथा अभिवहन पास कार्य में लगने वाले खनिज मात्रानुसार अभिवहन पास जारी की जाती है। (ख) वारासिवनी तहसीलदार द्वारा पंचायत क्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिये खनिज शाखा द्वारा जारी रायल्टी मुक्त अभिवहन पास (टी.पी.) मांग के आधार पर जारी की गई है। सरपंचों को टी.पी. के लिये तहसील कार्यालय आना पड़ता है। (ग) वारासिवनी तहसीलदार द्वारा पंचायत क्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिये खनिज शाखा द्वारा जारी रायल्टी मुक्त अभिवहन पास (टी.पी.) मांग के आधार पर जारी की गई है। सरपंचों को टी.पी. के लिये तहसील कार्यालय आना पड़ता है। (घ) तहसीलदार वारासिवनी के द्वारा निर्माण कार्य की जाँच के अनुरूप ही टी.पी. दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.आर.जी.एफ. योजना
53. ( क्र. 1067 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी्.आर.जी.एफ. योजना रीवा जिले में वर्ष 2007-08 से प्रारंभ की गई, जो वर्ष 2015-16 में भारत शासन द्वारा बंद करने के उपरांत राज्य शासन ने भी बंद कर दी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो आयुक्त पंचायत राज्य संचालनालय के पत्र क्र. 2764 दिनांक 19.03.2015 के द्वारा योजना बंद होने पर नवीन कार्य स्वीकृत नहीं किये जावेंगे? जिला रीवा अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण /अप्रारंभ किए गए और कितने प्रारंभ किये गए? सूची ब्लॉकवार ग्राम पंचायतवार कार्य का नाम सहित उपलब्ध करावे एवं कितने ऐसे कार्य प्रारंभ किन्तु निर्माण एजेन्सी द्वारा राशि आहरण उपरांत कार्य न करने के दोषी हैं? ब्लॉकवार, ग्रामपंचायतवार, कार्य का नाम सहित उपलब्ध करावें? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही अब तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ग) अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल का पत्र क्रमांक 5461 दिनांक 14.03.2011 के बिंदु क्रमांक 3 के पैरा 2 में अप्रारंभ कार्य के निरस्तीकरण एवं उनके स्थान पर पूर्व वर्षों की कार्ययोजना से जो जिला योजना समिति से अनुमोदित हो को लिये जाने वाले कार्यों का कार्योंत्तर अनुमोदन जिला योजना समिति से अनिवार्य रूप से प्राप्त किये जाने हेतु निर्देश है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में कितने कार्य वर्ष 2013-14 से निरस्त किये गए सूची उपलब्ध करावें? दिनांक 19.3.2015 से बंद योजना के पूर्व जिला योजना समिति द्वारा कार्य योजना अनुमोदित की सूची उपलब्ध करावे तथा प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि शेष हैं? (ड.) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्रियान्वयन न करने के लिए कौन से कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनका नाम बतावें? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं की जावेगी तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिले में स्वीकृत कुल 337 कार्यों में से 26 कार्य पूर्ण, 227 कार्य अपूर्ण/प्रगतिरत एवं 84 कार्य अप्रारंभ हैं। ब्लॉकवार, ग्राम पंचायतवार, कार्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रारंभ की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) जिले द्वारा कोई कार्य निरस्त नहीं किये गये। जिला योजना समिति द्वारा अनुमोदित कार्ययोजना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। जिला पंचायत के पास योजनान्तर्गत रूपये 310.00 लाख उपलब्ध हैं, जिसमें अपूर्ण कार्य एवं ब्याज की राशि शामिल है। (ड.) दोषी अधिकारी/कर्मचारी का चिन्हांकन किया जा रहा है। विस्तृत जाँच के लिए जाँच दल गठित किये जाने के निर्देश दिए गये हैं। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर विधि संगत कार्यवाही की जायेगी।
मुख्यमंत्री सड़क योजना के टेण्डर
54. ( क्र. 1154 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मनावर में मुख्यमंत्री सड़क योजना वर्ष 2015-16 अंतर्गत किये गये टेण्डर प्रक्रिया में मनमानी कर एक ही ठेकेदार को दिये गये? (ख) क्या प्रश्नांकित विभाग के अधिकारी एवं संबंधित ठेकेदार के द्वारा अन्य ठेकेदारों की अमानत राशि (एफ.डी.आर.) एवं अन्य दस्तावेज प्रश्नांकित विभाग के कार्यालय में जमा नहीं करने दिये गये? अगर नहीं तो कितने ठेकेदारों द्वारा टेण्डर फार्म खरीदे गये थे तथा उनके दस्तावेज किन कारणों से जमा नहीं हुये? (ग) क्या प्रश्नांकित विभाग एवं कार्यों में अधिकारियों ने शासकीय राशि का दुरूपयोग कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया है, क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग धार में मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत लगाये गये टेंडरों में प्रतिस्पर्धा हुई एवं 25 प्रतिशत कम दर तक टेण्डर आये एवं स्वीकृत हुए तथा क्या कारण रहा कि प्रश्नांकित विभाग द्वारा टेण्डरों में प्रतिस्पर्धा न करवाते हुए एक ही ठेकेदार को 19 प्रतिशत अधिक दर पर टेण्डर स्वीकृत कर दिये गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की गई। (ख) जी नहीं। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मनावर संभाग में वर्ष 2015-16 में 02 पैकेज की निविदाएं आमंत्रित की गई, जिसमें 09 निविदा फार्म ऑन लाईन निविदा प्रक्रिया में भाग लेते हुऐ ई-पेमेंट से ठेकेदारों द्वारा खरीदे गये। इनमें से 04 निविदाओं में निविदा शर्तों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज नियत समय पर जमा किये गये। निविदा शर्तों अनुसार दस्तावेज जमा करना या न करना ठेकेदारों के विवेक पर निर्भर करता है। विभाग को किसी ठेकेदार की फार्म जमा न करने देने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ग) जी नहीं। धार संभाग में निविदा में 22.14 कम से 4.90 प्रतिशत अधिक दरें स्वीकृत की गई है। विभाग अंतर्गत शासन द्वारा निविदा के लिए अधिकृत पोर्टल पर ऑनलाईन प्रक्रिया द्वारा पारदर्शी तरीके से निविदाएं आमंत्रित की जाती है। निविदा दरें ठेकेदार द्वारा कार्य के स्वरूप, निर्माण सामग्री एवं कुशल श्रमिकों की उपलब्धता के आधार पर ऑनलाईन प्रस्तुत की जाती है। प्रश्नाधीन पैकेज के अंतर्गत अधिकांश मार्ग वन भूमि क्षेत्र में होने से निर्माण सामग्री की लीड को ध्यान में रखते हुए पैकेज में दरें स्वीकृत की गई। प्रत्येक कार्य एवं क्षेत्र की परिस्थितियां भिन्न होती है एवं तदनुसार ही दरें स्वीकृत की जाती है।
आवासीय योजना में अतिक्रमित भूमि के पट्टे दिये जाना
55. ( क्र. 1156 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा राजस्व विभाग अंतर्गत आवासीय योजना में अतिक्रमित भूमि जो कि पंचायतों एवं नगर में है के पट्टे दिये जाना प्रस्तावित है तथा अन्य प्रयोजनों के लिये आरक्षित भूमि में से प्रस्तावित है? (ख) धार जिले अंतर्गत राजस्व की कितनी भूमि अतिक्रमित है एवं अतिक्रमणकर्ता को आवासीय पट्टे दिये गये हैं? जिले की पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें? अगर नहीं, दिये गये तो कब तक दिये जायेंगे? (ग) धार जिले में जिन व्यक्तियों को आवासीय पट्टे दिये गये हैं, क्या उन पट्टों की जमीन पर व्यवसायिक कार्य चल रहे हैं? ब्लॉकवार जानकारी उपलब्ध करावें? क्या उन्हें पट्टे दिये जाना प्रस्तावित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तहसीलदार रघुराजनगर के विरूद्ध गंभीर शिकायतों की जाँच
56. ( क्र. 1164 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मंत्री राजस्व विभाग के पत्र क्र. 10/0/मंत्री/रा.पु./2015, दिनांक 20.04.2016 के द्वारा सतना जिले में पदस्थ तहसीलदार महेन्द्र पटेल के विरूद्ध गंभीर शिकायतों की जाँच हेतु निर्देश प्रमुख सचिव म.प्र. शासन को दिये गये थे? यदि हाँ, तो जाँच हेतु गठित समिति एवं जाँच प्रतिवेदन के संबंध में अद्यतन जानकारी दें। (ख) कलेक्टर सतना के आदेश क्र. 87, दिनांक 22.03.2016 के द्वारा सतना जिले में वर्ष 1959 के बन्दोबस्ती अभिलेख के अनुसार शासकीय भूमियों के पतासाजी करने हेतु एवं शासकीय भूमियां जो विभिन्न षड़यंत्रों के माध्यम से भू-अभिलेख/राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से खुर्दबुर्द की जा चुकी हैं, उनकी जाँच करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में प्रत्येक तहसील के तहसीलदार एवं प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख को सदस्य बनाया जाकर 3 माह में प्रतिवेदन चाहा गया था? जाँच प्रतिवेदन की प्रति प्रस्तुत करें? (ग) उक्त जाँच में दोषी पाये गये सदस्य भूमाफिया एवं अधि./कर्मचारियों के विरूद्ध कितनी एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाकर दण्डात्मक कार्यवाही की गई तथा कितनों के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना शेष है? कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? तहसीलवार जानकारी दें? (घ) कलेक्टर सतना के आदेशानुसार रघुराजनगर तहसील के अंतर्गत पटवारी हल्का सिजहटा के, सोनौरा, पटवारी हल्का कृपालपुर, कोलगवां के उतैली चेक में कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से खुर्दबुर्द की गई 38.38 एकड़ भूमि शासकीय घोषित की गई है? जाँच पूरी होने एवं दोषियों के नाम उजागर होने के बाद कितने आरोपियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की गई तथा कितने के विरूद्ध कार्यवाही शेष है, की अद्यतन जानकारी दोषियों के नाम सहित तथा की गई कार्यवाही के विवरण सहित प्रस्तुत करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बेनामी भूमि क्रय करने वाले भू-माफियाओं पर कार्यवाही
57. ( क्र. 1181 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माण्डव के ग्राम जामन्या में स्थित भूमि सर्वे नंबर 268/1 एवं 269/1 में स्थित गरीब आदिवासी वर्ग के भूमि स्वामी श्री राजाराम पिता हगरिया की कुल कृषि भूमि रकबा 1.048 हेक्टेयर में से 0.632 हेक्टेयर भूमि इन्दौर के उच्च वर्ग के व्यवसायी श्री मिश्रा द्वारा खरीद कर अजजा वर्ग के श्री हटेसिंह पिता टन्टू जाति भीलाला, निवासी मेलखेड़ी तहसील महेश्वर के नाम से उसका बेनामी नामांतरण एवं फर्जी डायवर्सन करवाकर अपना फार्म हाउस बना लिया गया है तथा गरीब आदिवासियों को डायवर्सन आदेश की प्रति दिखाकर समीप की वन भूमि एवं शासकीय व अन्य कृषकों की लगभग एक हेक्टेयर भूमि पर तार फेंसिंग कर कब्जा कर लिया गया है? (ख) क्या शासन उक्त प्रकरण एवं वर्ष 2005 से अब तक राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज ऐसे अनेकों बेनामी नामांतरणों की जाँच करवाकर पूंजीपतियों द्वारा गरीब आदिवासियों का किये जा रहे शोषण को रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि आदान क्रय समिति
58. ( क्र. 1183 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन नीति अनुसार गरीब एवं अजा/अजजा वर्ग के छोटे कृषकों को प्रतिवर्ष उन्नत बीज एवं दवाइयां व कृषि यंत्र एवं सिंचाई सुविधा के तहत विद्युत/डीजल पंप, पाईप लाईन आदि अनुदान पर अथवा रियायती दर पर प्रदाय किये जाते हैं? (ख) क्या उपरोक्त सामग्री विभागीय ईकाइयों द्वारा निर्मित की जाती है अथवा निर्माता कंपनियों से क्रय कर वितरित की जाती है? यदि क्रय की जाती है तो किस स्तर पर कितनी मात्रा में क्रय करने के अधिकार किस स्तर की क्रय समिति को है व क्रय सामग्रियों की दर के निर्धारण व सत्यापन संबंधी क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ग) क्रय समिति का कार्यकाल कितने समय का रहता है व उसमें कितने सदस्य शासकीय कर्मचारी व कितने गैर शासकीय सदस्य रहते हैं? गैर शासकीय सदस्य के नामांकन का अधिकार किसे है व उसकी योग्यता व चयन के क्या मापदण्ड निर्धारित है? (घ) धार जिले में वर्ष 2013 से अब तक प्रतिवर्ष दवाइयां व कृषि यंत्र एवं सिंचाई सुविधा के तहत विद्युत/डीजल पंप, पाईप लाईन आदि सामग्री क्रय हेतु किस-किस संस्था को कितना-कितना वंटन प्रदाय किया गया? संस्थाओं द्वारा किस-किस दर पर किन-किन फर्मों से सामग्रियां क्रय की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभाग द्वारा सामग्री क्रय नहीं की जाती है, अनुदान का भुगतान किया जाता है। शेष का प्रश्न नहीं उठता।
सुखेड़ा उपमंडी हेतु भूमि आवंटन
59. ( क्र. 1222 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा कृषि उपज मंडी समिति अंतर्गत ग्राम सुखेड़ा में उपमंडी प्रारंभ किये जाने हेतु शासन के नियमानुसार मंडी समिति जावरा द्वारा भू-भाटक की राशि जमा करवा दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या राजस्व तहसील अनुविभाग एवं जिले द्वारा नियमानुसार कार्यवाही कर संभागायुक्त उज्जैन के माध्यम से प्रस्ताव शासन को अग्रेषित किया है? (ग) यदि हाँ, तो काफी समय पूर्व नियमानुसार औपचारिकाताओं, आवश्यकताओं को पूर्ण कर भेजे गये प्रस्ताव को कब अनुशंसित/अनुमोदित किया जाएगा? (घ) साथ ही सुखेड़ा उपमंडी की भूमि आवंटन की प्रक्रिया कब पूर्ण होकर जावरा कृषि उपज मंडी समिति को भूमि प्रदान की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामीण सड़कों हेतु कार्ययोजना
60. ( क्र. 1223 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री सड़क, खेत योजना इत्यादि योजनाओं के बावजूद अनेक ग्राम लिंक सड़क मार्गों से वंचित हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न विभागीय योजनाओं के बावजूद अनेक ग्राम बहुत सी लिंक सड़कें नहीं होने से अपना कृषि एवं दैनंदिनी रोजमर्रा का कार्य करने में कठिनाइयां भोगते हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या रतलाम जिले में प्रधानमंत्री सड़क महाप्रबंधक लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री की एक समिति बना कर उक्त सड़कों हेतु सर्वे किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त समिति के सर्वे चिन्हित सड़क मार्गों एवं ग्रामों की रतलाम जिले में विकासखण्डवार किस प्रकार की स्थिति है एवं इस हेतु शासन/विभाग कार्ययोजना पर क्या कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के जनसंख्या के मापदण्डानुसार पात्र ग्रामों को बारहमासी सड़कों से एकल सम्पर्कता प्रदान करने हेतु स्वीकृतियां प्रदान की गई है। प्रतिवर्ष प्राप्त संसाधनों एवं स्वीकृतियों के अधीन निरन्तर ग्रामों को जोड़ने हेतु बारहमासी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। (ग) जी हाँ, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के पात्र ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है। (घ) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्रतानुसार विकासखण्ड बाजना में 10, सैलाना में 03 एवं आलोट 04 सड़कों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
निर्मल ग्राम योजना अंतर्गत पुरस्कार वितरण
61. ( क्र. 1254 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्मल ग्राम योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम पुरस्कार दिये गये हैं? (ख) क्या 10 वर्ष पूर्व निर्मित शौचालयों में से वर्तमान में निर्मल ग्रामों के शौचालय क्षतिग्रस्त या अस्तित्वहीन है, जिसके उपयोग होने का प्रश्न ही नहीं है? (ग) क्या शौचालय न होने के कारण निर्मल ग्रामवासी परिवार खुले में शौच करने हेतु विवश है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर पर निर्मल ग्रामों के शौचालयों के पुनर्निर्माण हेतु कार्ययोजना बनाई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) शौचालय का संधारण उपयोगकर्ता द्वारा किया जाना होता है, क्षतिग्रस्त शौचालयों में सुधार/निर्माण एवं उपयोग करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। (ग) स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पात्र परिवारों को निर्मल ग्रामों में भी शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहन राशि दी जाती है। (घ) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा अनुपयोगी शौचालयों को उपयोगी बनाने हेतु स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत स्वच्छ भारत कोष का प्रावधान किया गया है। जिसके अंतर्गत जिलों के द्वारा हितग्राहीवार प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजने का प्रावधान है।
मंडी बोर्ड द्वारा सड़कों की स्वीकृति
62. ( क्र. 1278 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हटा विधानसभा अंतर्गत विगत 2 वर्षों से कृषि मंडी बोर्ड द्वारा सी.सी. मार्ग कराए जाने हेतु कितनी फाइलें लंबित हैं एवं मंडी बोर्ड द्वारा उक्त निर्माण कार्य कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त सड़कें कब तक स्वीकृत किए जाने की आशा है? समय-सीमा बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) हटा विधान सभा अंतर्गत विगत 02 वर्षों से कृषि मंडी बोर्ड में सी.सी. मार्ग कराये जाने हेतु फाइलें लंबित नहीं है। अपितु प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा हटा विधान सभा अंतर्गत 10 मार्गों के निर्माण के प्राप्त प्रस्तावों को किसान सड़क निधि मद के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति के निर्णय हेतु माननीय मुख्यमंत्रीजी की अध्यक्षता में शासन द्वारा गठित साधिकार समिति के समक्ष स्वीकृति के निर्णय हेतु रखे जाने वाले एजेण्डा में सम्मिलित किया गया है। (ख) उत्तरांश "क" में उल्लेखित साधिकार समिति की बैठक की तिथि नियत न होने से सड़कों की स्वीकृति की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रदाय कुटीरों की संख्या
63. ( क्र. 1281 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13, 2013-14, 2015-16 में बाढ़ राहत कुटीरें व मुख्यमंत्री आवास कुटीरें एवं अन्य मद की कुटीरें हटा, पटेरा विकासखण्ड अंतर्गत किन-किन हितग्राहियों को प्रदाय की गई, नामवार, राशिवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) प्रदाय कुटीरों की स्थिति क्या है, मूल्यांकनकर्ता अधिकारी कौन थे, पूर्ण/अपूर्ण की स्थिति क्या है, क्या भ्रमण उपरांत शिकायतें प्राप्त हो रही हैं जाँच दल कब तक बनाया जावेगा एवं कुटीरें अपूर्ण की स्थिति में मूल्यांकन पूर्ण होने पर मूल्यांकनकर्ता पर क्या कार्यवाही, कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विकासखण्ड हटा एवं पटेरा में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2015-16 में बाढ़ राहत मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास, होमस्टेड एवं इंदिरा आवास योजनान्तर्गत प्रदाय कुटीरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2012-13, 2013-14, 2015-16 में बाढ़ राहत मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास एवं इंदिरा आवास योजनान्तर्गत प्रदाय पूर्ण अपूर्ण कुटीरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिले में किसी भी प्रकार की शिकायत लंबित नहीं है। कुटीर अपूर्ण की स्थिति में पूर्ण का मूल्यांकन किये जाने की स्थिति जिले में नहीं है।
बहुविकलांग पेंशन की स्वीकृति
64. ( क्र. 1309 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहुविकलांग पेंशन के क्या नियम हैं, उक्त नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावे? बड़वाहा क्षेत्र में से ऐसे कितने बहुविकलांग हैं, जिन्हें पेंशन भुगतान किया जा रहा है? कब तक का भुगतान किया जा चुका है एवं कितना भुगतान से शेष है? शेष राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यालयीन पत्र दिनांक 24.04.2016 एवं पत्र दिनांक 02.06.2016 अनुसार जिला प्रशासन, विभाग प्रमुख आदि को बहुविकलांग रामदास बर्डे के पेंशन स्वीकृति के संबंध में लिखा गया था? क्या जनपद, बड़वाहा द्वारा पत्र क्रमांक 847 दिनांक 05.02.2016 पेंशन स्वीकृति के संबंध में लिखने के बाद भी संबंधित को भुगतान न होने के क्या कारण रहें है? इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी के नाम स्पष्ट करें? (ग) क्या जनप्रतिनिधि के पत्रों के उत्तर न देने की स्थिति में संबंधित विभाग के अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो तद्नुसार संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी वस्तुस्थिति से अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बड़वाह क्षेत्र में मानसिक रूप से अविकसित 113 हितग्राही तथा 07 बहुविकलांग हितग्राही इस प्रकार कुल 120 हितग्राही अनुदान सहायता प्राप्त कर रहे है। हितग्राहियों को माह जून 2016 तक की अनुदान सहायता भुगतान की गई है। कोई भुगतान शेष नहीं है (ख) जी हाँ। श्री रामदास बर्डे, निवासी जामन्या ग्राम पंचायत दाभड, जनपद पंचायत बड़वाह नियमानुसार बहुविकलांग पेंशन की पात्रता नहीं रखते है। जनपद पंचायत बड़वाह के पत्र क्र. 847 दिनांक 5.2.16 द्वारा पेंशन स्वीकृति के संदर्भ में उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग खरगोन द्वारा पत्र क्रमाक 1655 दिनांक 5.5.16 के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बड़वाह को हितग्राही के बहुविकलांग पेंशन हेतु पात्र न होने संबंधी जानकारी से अवगत करवाया गया। आवेदक पूर्व में बी.पी.एल कार्ड धारी नहीं होने से नियमानुसार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना के लिये अपात्र थे। दिनांक 07.05.2016 को हितग्राही को बी.पी.एल. कार्ड जारी किया गया है। बी.पी.एल कार्ड जारी होने के उपरांत आवेदक द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन हेतु आवेदन किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बड़वाह द्वारा आवेदन पर कार्यवाही करते हुए पत्र क्रं/4092 बड़वाह दिनांक 11.7.2016 अनुसार समग्र पोर्टल पर पेंशन प्रकरण स्वीकृत कर हितग्राही को माह जुलाई 2016 हेतु निःशक्त पेंशन राशि रू. 300/- का भुगतान किया जा चुका है। (ग) जी हाँ। माननीय श्री हितेन्द्र सिंह सोलंकी विधायक विधानसभा क्षेत्र बड़वाह को उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, खरगोन के पत्र क्र.1655 दिनांक 5.5.16 द्वारा हितग्राही के संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बकाया राशि का भुगतान
65. ( क्र. 1312 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा राज्य वस्त्र निगम की अवन्ति सूत मिल को वर्कस सोसायटी को लीज शर्तों के साथ इकाई चलाने हेतु दी गई है इसमें कितने कर्मचारीगण वर्कस सोसायटी को लीज शर्तों के अनुसार देने के पूर्व कार्यरत थे, इसकी सूची दी जावें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इन पूर्व मिल कर्मचारियों को व्ही.आर.एस. की राशि एवं 10 माह का बकाया वेतन भुगतान के बारे में कब-कब पत्र जारी किये गये थे, उसकी जानकारी दी जावें एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के द्वारा समय-समय पर दिये गये पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इन कर्मचारियों को शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन वितरण हेतु प्रदान किया गया था? इस प्राप्त राशि में से कितनी राशि का भुगतान संबंधित सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वितरण किया गया है एवं कितनी राशि शेष है? क्या शेष राशि का भुगतान कर्मचारियों को किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक? (ग) इन कर्मचारियों में से ऐसे कितने कर्मचारीगण है जिन्हें सूत मिल परिसर में स्थित आवास गृह आवंटित किये गये थे और उसमें से ऐसे कितने कर्मचारी अथवा उनके परिवार के लोग है जो इसमें निवास कर रहे है? इन धारित कर्मचारियों को मिल संचालन के पूर्व धारित आवास को विक्रय हेतु कोई सूचना-पत्र जारी किया गया है और कोई राशि शासन द्वारा जमा कराई गई है यदि हाँ, तो कितनी राशि जमा कराई गई है? इन धारित आवास गृहों को धारण करने वाले कर्मचारी अथवा उनके परिवारों को कब विक्रय हेतु पंजीयन किया जावेगा? इसकी समय-सीमा बताई जावें? यदि पंजीयन नहीं किया जावेगा, तो क्या कारण है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) राज्य वस्त्र निगम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण में है. राज्य शासन के द्वारा अवंति सूत मिल सनावद में स्थित प्लांट, मशीनरी, फैक्टरी एवं आवासीय मकानों को विक्रय किया गया एवं भूमि को लीज पर दिया गया. मिल बंद होने के समय कार्यरत कर्मचारी/श्रमिक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है. (ख) माननीय विधायक से पूर्व मिल कर्मचारियों को व्ही.आर.एस. की राशि एवं 10 माह का बकाया वेतन भुगतान के संबंध में राज्य वस्त्र निगम को पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा वस्त्र निगम को उन मकानों के मालिकाना हक के लिए लिखा गया, जिनमें वे पूर्व से निवासरत हैं. इस संबंध में पूर्व में संबंधित कर्मचारियों को यह अवगत कराया जा चुका है कि इन मकानों को अवंति मिल वर्कर्स सोसायटी सनावद को विक्रय किया जा चुका है एवं विक्रय के आधार पर उक्त आवासीय मकानों का पंजीयन सोसायटी के पक्ष में हो चुका है. कर्मचारियों को व्ही.आर.एस. (स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति) हेतु कुल राशि रूपये 11,95,54,315/- मात्र (रूपये ग्यारह करोड़ पिन्चानवें लाख चौवन हजार तीन सौ पन्द्रह) प्राप्त हुई है एवं वितरित कर दी गई. राशि वितरण करने हेतु शेष नहीं है. (ग) अवंति सूत मिल सनावद के 65 कर्मचारी/श्रमिकों को मिल के परिसर में आवासीय मकान आवंटित किए गए थे, 62 कर्मचारी अभी भी आवास गृहों पर निवास कर रहे हैं. यह सही है कि आवास गृह विक्रय के संबंध में उनसे राशि इस शर्त के साथ जमा की गई थी कि अंतिम निर्णय निगम के संचालक मण्डल/राज्य शासन का होगा जिसकी सूचना मिल के सूचना पटल पर चस्पा की गई थी. संचालक मण्डल की बैठक क्रमांक-146वीं दिनांक 3.04.2002 में निर्णय लिया गया कि प्रकरण को मंत्री-परिषद् की अनुमति हेतु शासन को शीघ्र प्रेषित किया जाए, किन्तु मंत्री-परिषद् की बैठक दिनांक 13.06.2004 के अनुसार मिल की परिसम्पत्ति का विक्रय करने का निर्णय लिया गया. तत्पश्चात् अवंति मिल वर्कर्स सोसायटी सनावद का परिसम्पत्तियों जैसे प्लांट, मशीनरी, फैक्टरी एवं आवासीय मकान का विक्रय कर दिनांक 2.04.2007 को सौंप दी गई. विक्रय के आधार पर उक्त आवासीय मकानों का पंजीयन सोसायटी के पक्ष में हो चुका है. अतः श्रमिकों से आवास गृहों के विरूद्व काटी गई राशि इस शर्त पर लौटाई जावेगी कि कर्मचारी उक्त आवास रिक्त कर कब्जा अध्यक्ष मिल वर्कर्स सोसायटी को सौंपे जिसकी सूचना निगम द्वारा 18 नवंबर, 2015 को जारी की गई.
इंदिरा आवास प्रकरणों की स्वीकृतियों में गंभीर अनियमितता
66. ( क्र. 1325 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में वर्ष 15-16 एवं 16-17 में इंदिरा आवास कुटीर ग्राम पंचायत की ग्राम सभा द्वारा अनुमोदन के अनुसार स्वीकृत किये जाने के आदेश हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष में कितने पत्र स्वीकृत हेतु दिये गये? उन पर अब तक स्वीकृति क्यों नहीं की गई? (ग) मुख्यमंत्री आवास के कितने प्रकरण बनाये गये? कितने प्रकरण लंबित हैं? स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा इंदिरा आवास योजनान्तर्गत 02 पत्र दिये गये है, जिसमे पात्रता परीक्षण उपरान्त ग्राम पंचायत नांद जनपद पंचायत राजनगर के 02 हितग्राहियों को इंदिरा आवास स्वीकृत कर दिये गये है। (ग) मुख्यमंत्री आवास अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में 4500 प्रकरण बनाये गये है, जिसमें सभी प्रकरण स्वीकृत हो गये है। वर्ष 2016-17 में 1449 प्रकरण बनाकर बैंक को भेजे गये है। जो कि स्वीकृत हेतु लंबित है।
गोटेगांव कृषि उपज मंडी में शेड निर्माण
67. ( क्र. 1342 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र क्र. 118 गोटेगांव अंतर्गत गोटेगांव में कृषि उपज मण्डी का संचालन शासन द्वारा किया जा रहा है? क्या इन मंडियों में व्यापारियों को छाया प्रदान करने हेतु शेड एवं रूकने हेतु भवन उपलब्ध है? अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अगर शेड नहीं है तो क्या भविष्य में कृषि उपज मंडी में शेड निर्माण की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि व्यापारियों के रूकने हेतु कक्ष/भवन नहीं है तो क्या शासन की कोई ऐसी मंशा है जिससे किसानों को रात्रि विश्राम की सुविधा प्राप्त हो सके? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 118 गोटेगांव अंतर्गत विद्यमान कृषि उपज मंडी समिति गोटेगांव में अधिसूचित कृषि उपज के क्रय-विक्रय स्थलों पर कृषकों तथा व्यापारियों सहित अन्य मंडी के कृतकारियों के लिये छायादार शेड्स उपलब्ध है, किंतु मंडी प्रागंण में व्यापारियों को रूकने हेतु अलग से कोई भवन नहीं है, प्रागंण में उपलब्ध कृषक विश्रामगृह का कृषकों सहित व्यापारियों तथा अन्य मंडी के कृतकारियों द्वारा भी उपयोग किया जा सकता है। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में शेडों की उपलब्धता के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भूमि पर कब्जे देने संबंधी घोषणा
68. ( क्र. 1362 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन विधान सभा में ऐसा कोई बिल लाने पर विचार कर रहा है जिसके तहत माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जेधारियों को आवासीय पट्टा देकर मालिकाना हक दिलाएगा? (ख) क्या शासन ऐसा कोई सर्वे करवा रहा है जिसके तहत शासकीय भूमि पर कब्जेधारियों की संख्या का अनुमान लगाया जा सके? (ग) यदि उक्त बिल लाने पर विचार किया जा रहा है तो केन्द्र की तत्कालीन सरकार द्वारा लाए गए वन अधिकार अधिनियम की तर्ज पर एक निश्चित तिथि तय की जाएगी, जिस तिथि तक ही कब्जा करने वालों को पट्टे वितरित किये जाएं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधान सभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत राजस्व प्रकरणों की जानकारी
69. ( क्र. 1363 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में (जानकारी भेजने के दिनांक तक) एस.डी.एम. लांजी, एस.डी.एम. बालाघाट, तहसीलदार लांजी, तहसीलदार किरनापुर के पास ऐसे कितने राजस्व प्रकरण चल रहे है जिनमें दस या उससे अधिक बार पेशी की तारीखें दी गयी है? (ख) उक्त प्रकरणों की विस्तृत जानकारी तथा कितनी बार पेशी दी गयी है उनकी प्रकरण अनुसार संख्या बताएँ। (ग) क्या राजस्व प्रकरणों के निपटारे में निर्णय करने से बचने के लिए अनावश्यक रूप से पेशी देकर लोगों को परेशान किया जाता है? (घ) क्या शासन राजस्व प्रकरण अनुसार प्रकरणों का निराकरण करने हेतु समय-सीमा तय करने के लिए कोई गाइड लाइन जारी करने पर विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वर्ष 15-16 में सुखा राहत राशि वितरण में गंभीर अनियमितता
70. ( क्र. 1375 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजनगर तहसील अंतर्गत विभिन्न सोसायटियों के माध्यम से किसानों को सूखा राहत राशि का वितरण सूची के अनुसार कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या समिति प्रबंधकों को तहसीलदार द्वारा आदेश किये गये थे? यदि हाँ, तो कब? (ग) तहसीलदार द्वारा मुआवजा/सुखा राहत राशि का भुगतान अभी तक कितने कृषकों का शेष पड़ा है? उसके लिए कौन दोषी है? (घ) सोसायटी द्वारा नगद राशि का भुगतान किसानों को किया गया, जिसमें गड़बड़ी हुई, इसकी जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं. किसानों के संयुक्त खाते होने, विवादास्पद होने एवं किसानों के बाहर होने से शत्-प्रतिशत भुगतान नहीं हो सका है. (ख) तहसीलदार द्वारा भुगतान हेतु सूची तथा राशि जारी की गई थी. दिनांक 07.12.2015 से दिनांक 03.03.2016 की अवधि में. (ग) 18 खातेदारों की राशि रूपये 2,32,880/- बजट आवंटन नहीं होने से भुगतान हेतु शेष है. तहसीलदार द्वारा बजट आवंटन हेतु मांग पत्र भेजा गया है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है. (घ) जी नहीं, नगद भुगतान नहीं किया गया, समितियों द्वारा बचत खाते खोलकर मुआवजा राशि का समायोजन किया गया है. राहत राशि के वितरण में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है.
दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
71. ( क्र. 1399 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31.03.2016 में मुद्रित प्रश्न संख्या 94 (क्रमांक 7010) के उत्तर (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है? दिया है तो प्रश्न अनुसार चाही गई जानकारी अगर प्राप्त हो चुकी हो तो उपलब्ध करावें साथ ही प्रश्नांश दिनांक तक में क्या संबंधित बिल्डरों/ठेकेदारों को क्या नये अनुबंध एवं शर्तों के आधार पर नई जमीनें आवंटित की गई? अगर की गई तो इनका भी विवरण देवें? (ख) नियम विरूद्ध शासकीय नियमों एवं शर्तों से हटकर बिल्डरों/ठेकेदारों को जमीन आवंटित करने के लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के साथ संबंधित बिल्डरों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए क्या जमीनों के पट्टों/लीजों को निरस्त करने की कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने बावत्
72. ( क्र. 1400 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 17.03.2016 में मुद्रित परि.अता.प्रश्न संख्या 46 (क्रमांक 3955) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायतों को जारी स्पष्टीकरण के अनुसार गुणदोष का परीक्षण कर किन-किन को दोषी मानकर किस स्तर की कार्यवाही प्रस्तावित की गई? अगर स्पष्टीकरण का जवाब प्राप्त नहीं हुआ तो उस पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? स्पष्टीकरण की प्रति एवं जवाब भी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या निर्मल घोषित पंचायतों में आज भी शौचालय विहीन घर एवं परिवार हैं एवं फर्जी जानकारी शासन को भेजनकर पंचायतों को निर्मल घोषित कराया गया? शौचालय विहीन परिवारों के द्वारा क्या शौचालय निर्माण कराने के बाद अनुदान राशि की मांग की जा रही है? क्या भारत सरकार के पोर्टल सर्वे में जानकरी पूर्व में संबंधितों के घरों में शौचालय निर्माण की गलत दी जा चुकी है? क्या इस कारण संबंधितों को शौचालय निर्माण कराने के बावजूद भी शासन के अनुदान से वंचित होना पड़ रहा है, जिससे शासन के मूल उद्देश्य एवं लक्ष्य की पूर्ति बाधित हो रही है? इस पर म.प्र. सरकार ने क्या योजना तैयार की है? (ग) जिला एवं जनपद स्तर से वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में प्रचार-प्रसार सामग्री की खरीदी वाहन के किराये एवं तेल पर कितनी राशि व्यय की गई? अगर राशि फर्जी तरीके से व्यय की गई तो दोषियों के विरूद्ध वसूली प्रस्तावित करेंगे। (घ) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार शौचालयों का निर्माण नहीं कराया गया तो संबंधित परिवारों के नाम से राशि आहरित कर ली गई तो इसके लिए किन-किन को दोषी मानते हुए राशि की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला रीवा की जनपद पंचायतों को जारी स्पष्टीकरण के परिप्रेक्ष्य में शिकायत बिन्दुओं का स्वरूप विस्तृत होने से जिला पंचायत रीवा के आदेश क्र 459 दिनांक 11-07-2016 से जाँच हेतु दल गठित कर जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है। (ख) योजना की गाइड लाइन एवं निर्धारित मापदंडों के अनुसार पंचायतें निर्मल घोषित की गई हैं। ग्राम पंचायतों में बी.पी.एल. परिवारों की संख्या परिवर्तित होने तथा वर्ष 2012 से ए.पी.एल. भी पात्रता श्रेणी में सम्मिलित होने के कारण हितग्राही द्वारा शौचालय निर्माण कार्य हेतु उचित माध्यम से आवेदन पत्र प्रेषित किये जाते है जिनका तत्काल निराकरण किया जाता है। यह सतत् प्रक्रिया है। भारत सरकार के पोर्टल में सही जानकारी फीड कराई जाती है, शौचालय निर्माण के पश्चात् सभी पात्र हितग्राहियों को अनुदान दिया जाता है। शासन द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जा रही है। (ग) जिला स्तर से अप्रैल 2012 से प्रश्न दिनांक तक प्रचार-प्रसार सामग्री खरीदी में राशि रूपये 6.81 लाख तथा वाहन किराया एवं ईंधन में राशि रूपये 6.75 लाख व्यय की गई थी। जनपद स्तर से अप्रैल 2012 से प्रश्न दिनांक तक प्रचार-प्रसार सामग्री खरीदी में राशि रूपये 56.43 लाख तथा वाहन किराया एवं ईंधन में राशि रूपये 30.93 लाख व्यय की गई। फर्जी बिल वाउचर से भुगतान करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
शासकीय एवं अशासकीय भूमियों पर कंपनी के द्वारा अवैधानिक कब्जा
73. ( क्र. 1410 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील रामपुर बाघेलान एवं रघुराज नगर के किस-किस ग्राम में प्रिज्म सीमेंट की किस-किस क्रमांक की कितने-कितने रकबे की अराजियां किस-किस कार्य हेतु हैं? ग्रामवार, रकबावार, आराजी क्रमांकवार, प्रयोगवार दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कंपनी के द्वारा किस-किस ग्राम की निजी भूमियों एवं शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा एवं उत्खनन की क्या-क्या शिकायतें नायब तहसीलदार/तहसीलदार/एस.डी.एम/ कलेक्टर कार्यालय आयुक्त रीवा को 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक प्राप्त हुई? कब-कब किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से क्या कार्यवाही हुई? शिकायतवार, माहवार, वर्षवार विवरण दें? (ग) तहसील रामपुर बाघेलान के ग्राम सिजहटा की अराजी क्रमांक 141 एवं 142 खसरे में किसके नाम पर कितने रकबे की कब से दर्ज है? खसरा पंचशाला की एक प्रति दें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित कंपनी के द्वारा रामपुर एवं रघुराज नगर तहसील की किन-किन शासकीय भूमियों को दस्तावेजों में कूट रचना कर कंपनी ने किन-किन लोगों से प्रश्नांश (ख) में वर्णित समयानुसार खरीदा? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासियों की भूमि का अवैध रूप से खरीदा एवं हस्तांतरण होना
74. ( क्र. 1411 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न संख्या-18 (क्र.-3452) दिनांक 16 जुलाई 2014 के प्रश्न पर माननीय राजसव मंत्री महोदय के द्वारा सदन में प्रकरण की जाँच कराये जाने के दिए गए आश्वासन पर प्रश्नतिथि जाँच के क्या-क्या आदेश विभाग द्वारा जारी किये गये? जारी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? जाँच अधिकारी का नाम एवं पदनाम दें? अगर जाँच पूर्ण हो गई हो तो जाँच रिपोर्ट एवं निष्कर्षों की एक एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या उक्त कंपनी के द्वारा अवैधानिक रूप से आदिवासियों की भूमियों को कंपनी के ड्रायवर सुंदर कोल के नाम पर खरीदा? क्या सुंदर कोल के नाम पर खरीदी गई आदिवासियों की भूमि कंपनी के नाम पर प्रश्नतिथि तक हस्तांतरित हो चुकी है? अगर हाँ, तो प्रत्येक भूमि का पटवारी हल्का, अराजी क्रमांक, रकबा बतायें? (ग) राज्य शासन क्या कार्यवाही उक्त कंपनी के विरूद्ध करेगा जिससे क्षेत्र के गरीब आदिवासियों को न्याय प्राप्त हो सके?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदर्शन बीज का वितरण
75. ( क्र. 1425 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के द्वारा किसानों को किन-किन योजनांतर्गत प्रदर्शन हेतु कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सा बीज/उर्वरक का वितरण किया गया है? योजनावार लक्ष्य व पूर्ति बतलावें वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में भारत शासन द्वारा किसानों को प्रति हेक्टर प्रदर्शन नार्म्स के अंतर्गत बीज वितरण का लक्ष्य क्या निर्धारित किया गया है तथा इस संबंध में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सा बीज प्रदाय किया गया है? मांग-पूर्ति के अनुपात कितनी मात्रा में बीज का वितरण किया गया है तथा कितनी मात्रा में बीज अवितरित और कितना खराब हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) में निर्धारित लक्ष्य के तहत किन-किन योजनांतर्गत कितने कृषकों को कितने हेक्टेयर क्षेत्र में कितनी मात्रा में कौन-कौन सा प्रदार्शन बीज वितरण किया गया है? जिलेवार जानकारी दे? (घ) प्रश्नांश (क) में प्रदर्शन बीज के वितरण में अनियमितता व गुणवत्ताविहीन/अमानक बीज प्रदाय करने बावत् प्राप्त शिकायतों पर विश्वविद्यालय जबलपुर ने क्या कार्यवाही की?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। (घ) प्रदर्शन बीज के वितरण में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय को किसी भी प्रकार की अनियमितता अथवा गुणवत्ता विहीन/अमानक बीज प्रदाय करने बावत् कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: विश्वविद्यालय स्तर पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई।
टैंकर क्रय में अनियमितताओं की जाँच
76. ( क्र. 1453 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में परफारमेंस ग्राण्ड फण्ड से वर्ष 2013-14, 2014-15 में जिला पंचायत धार को आवंटित राशि लगभग सात करोड़ रूपये से जिला पंचायत द्वारा टैंकर क्रय किये गये थे तथा क्या उक्त फण्ड से टैंकर क्रय करने का प्रावधान था? (ख) यदि हाँ, तो क्या केवल म.प्र. लघु उद्योग निगम के लिये आरक्षित आयटम, टैंकर का एम.पी.एग्रो के माध्यम से क्रय करने की अनुमति राज्य शासन से प्राप्त की गई थी? (ग) क्या जिन गांवों में टैंकर प्रदाय किये गये है, उनमें सूची अनुसार अनेक गाँव विरान अंकित हैं तथा क्या ग्राम पंचायतों को टैंकर प्रदाय करने के साथ-साथ जिला पंचायत सदस्यों के नाम पर भी दो-दो अतिरिक्त टैंकर प्रदाय किये गये थे? इस संबंध में शासन का क्या प्रावधान था। (घ) क्या इस प्रकरण में पूर्व में प्रश्नकर्ता विधायक एवं अन्य व्यक्ति तथा समाचार पत्रों में प्रकाशित विस्तृत जानकारी के आधार पर प्राप्त शिकायतों की जाँच की गई थी तथा जाँच में किन-किन को दोषी पाया गया व दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेज से उजागर तथ्यों का समाचार पत्रों में प्रकाशित होने पर शासन पृथक से प्रकरण में निष्पक्ष जाँच संस्थित करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीहोर जिले में DAP खाद की उपलब्धता
77. ( क्र. 1472 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीफ सीजन 2016 में सीहोर जिले में डी.ए.पी. खाद की मांग क्या है? मांग के विरूद्ध उपलब्ध स्टाक की जानकारी ब्लॉकवार दें। सहकारी समितियों में कितनी डी.ए.पी. खाद उपलब्ध कराई गई है? (ख) जिले की सहकारी समितियों में किन-किन कंपनियों की कितनी-कितनी खाद उपलब्ध कराई गई है? ब्लॉकवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सहकारी समितियों में उपलब्ध डी.ए.पी. खाद के दाम बाजार में उपलब्ध डी.ए.पी. खाद की कीमतों में अंतर है? यदि हाँ, तो ब्रांड के दाम सहित विवरण दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 26000 मे. टन, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है. (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है. (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
मुख्य सचिव के पत्र पर की गई कार्यवाही
78. ( क्र. 1494 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन मुख्य सचिव कार्यालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 1809/अ.स./मु.स./2016, भोपाल दिनांक 08 मार्च 2016 में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 04.03.2016 में तहसीलदार अम्बाह जिला मुरैना द्वारा कत्ल जैसी घटना घटित करने की परिस्थितियों को जन्म दिये जाने के विषय को लेकर अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव राजस्व विभाग की ओर भेजा गया था व पत्र की प्रति भी प्रश्नकर्ता व (शिकायतकर्ता विधायक) को भी भेजी गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों को लेकर प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या कार्यवाही से प्रश्नकर्ता विधायक को भी पत्र द्वारा अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता विधायक को भेजे गये कार्यवाही के उत्तर की जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों कारण दर्शाते हुए कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तहसीलदार की जाँच
79. ( क्र. 1495 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसीलदार अम्बाह जिला मुरैना द्वारा बेजा लाभ की दृष्टि से जिसमें कत्ल जैसी घटनाएं घटित होने की संभावना को लेकर आयुक्त चंबल संभाग मुरैना आदि अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा शिकायत माह मार्च, 2016 में की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो शिकायत दिनांक से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक तहसीलदार अम्बाह के विरूद्ध की गई शिकायत को जाँच को लेकर क्या-क्या कार्यवाही, किस-किस के द्वारा की गई, की जानकारी जाँचकर्ता का नाम, पद व जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि जाँच नहीं की गई तो क्या यह शासन के निर्देशों का उल्लंघन होकर विधायक के विशेषाधिकारों का उल्लंघन नहीं है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वित्तीय अनियमितता की जाँच
80. ( क्र. 1582 ) पं. रमेश दुबे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्सा सेवा सहकारी समिति चौरई जिला छिन्दवाड़ा में वित्तीय अनियमितता और किसानों के साथ धोखाधड़ी एवं प्रबंधक श्री मजहर खान द्वारा बिना अवकाश के कर्तव्य से लगातार अनुपस्थित रहने के मामले विगत एक वर्ष में प्रकाश में आया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने भी उक्त के संबंध में समय-समय पर पत्र क्रमांक 430 दिनांक 02.04.2016, पत्र क्र. 709 दिनांक 27.5.2016, क. 710 दिनांक 27.5.2016, क्रमांक 771 दिनांक 4.6.2016 महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. छिन्दवाड़ा को एवं पत्र क्रमांक 78 दिनांक 9.1.2016, क्र. 111 दिनांक 14.1.2016, क्र. 246 दिनांक 10.2.2016, क्रमांक 708 दिनांक 27.5.2016 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रस्तुत किया था? (ग) यदि प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' का जवाब हाँ है तो उक्त पत्रों पर और प्रकाश में आये मामलों पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी? प्रकाश में आये मामलों एवं पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पत्रवार देते हुए यह बतावें कि क्या जाँच हुई यदि हाँ, तो जाँच में क्या पाया गया? कौन लोग दोषी पाये गये? (घ) क्या जाँच में आरोप सिद्ध होने के पश्चात् भी आरोपियों के विरूद्ध किसानों के साथ धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितता का प्राथमिकी स्थानीय थाने में दर्ज नहीं करायी गयी? क्यों? क्या आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? क्या शासन आरोपियों के विरूद्ध शीघ्र प्राथमिकी दर्ज कराने और आरोपियों से राशि वसूल कर किसानों को राहत प्रदान करने का आदेश देगा? हाँ तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ. (ख) जी हाँ. (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (घ) थाना चौरई में पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने हेतु दिनांक 02.07.2016 को दस्तावेज प्रस्तुत किये गये है तथा वसूली हेतु संबंधितों के विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धारा 64 के अंतर्गत वाद दायर किया जा रहा है. न्यायालयीन निर्णय के पश्चात् नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
ग्राम संसद का आयोजन नहीं किया जाना
81. ( क्र. 1585 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड चौरई और बिछुआ में इस वर्ष किन-किन ग्रामों में किन-किन तिथियों में ग्राम संसद का आयोजन किया गया था? इस ग्राम संसद के नोडल अधिकारी और सचिव कौन-कौन थे? (ख) क्या दिनांक 14.5.2016 से 16.5.2016 तक 3 दिन का ग्राम संसद ग्राम पंचायत खटकर में आयोजित किये जाने का आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति संलग्न करें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद पंचायत चौरई, तहसीलदार चौरई एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ दिनांक 16.5.2016 को ग्राम संसद खटकर में शामिल होने गये थे तब पाया कि ग्राम संसद आयोजित नहीं थी? नोडल अधिकारी और ग्राम पंचायत का सचिव ग्राम संसद में उपस्थित नहीं थे? जिसकी शिकायत प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 655 दिनांक 17.5.2016 मुख्य कार्यपाल अधिकारी जिला पंचायत को पत्र क्रमांक 654 दिनांक 17.5.2016 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रस्तुत किया था? (घ) यदि हाँ, तो भारत शासन और मध्यप्रदेश शासन के इस महत्वपूर्ण आयोजन ग्राम संसद को आयोजित नहीं करने के दोषी नोडल अधिकारी एवं ग्राम पंचायत खटकर के सचिव के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है? नहीं तो क्यों? क्या शासन उनके विरूद्ध कार्यवाही कर आदेश देगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड चौरई और बिछुआ में इस वर्ष समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम संसद का आयोजन किया गया था। आयोजन की तिथियां, नोडल अधिकारी और सचिवों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जी हाँ। विकासखंड चौरई की ग्राम पंचायत खटकर में दिनांक 16.05.2016 को ग्राम संसद का आयोजन किया गया था। परंतु दिनांक 16.05.2016 को ग्राम खटकर में एक ग्रामवासी श्री कन्हैया लाल वर्मा की आकस्मिक मृत्यु हो जाने के कारण ग्राम संसद का आयोजन 11.00 बजे के पश्चात् अपरान्ह 03.00 बजे हुआ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद पंचायत चौरई तहसीलदार चौरई एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ माननीय विधायक महोदय चौरई द्वारा समय 1.30 बजे ग्राम खटकर में उपस्थित हुये थे। जी हाँ। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुरुप।
प्रदेश में साहूकार एक्ट का निर्माण
82. ( क्र. 1623 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में राजस्व विभाग दवारा साहूकार कानून लागू करने का विचार प्रचलन में है? यदि है, तो कब तक? (ख) क्या ग्रामीण इलाकों में साहूकार कानून के तहत सूदखोरों के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या साहूकार कानून के आभाव में ग्रामीण 2%- 5% तक ब्याज देने पर मजबूर हैं? जनवरी 2015 के पश्चात् इंदौर-उज्जैन संभाग में ऐसी कितनी शिकायत जिला कलेक्टर में दर्ज है? उन पर क्या निर्णय लिया गया? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवंटित राशि का दुरूपयोग
83. ( क्र. 1641 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012-13 से 2013-14 तक की बी.आर.जी.एफ. योजना अंतर्गत रीवा जिले में ग्राम पंचायतों को राशि आवंटित की गयी और पंचायतों के खातों में जमा करा दी गयी? यदि हाँ, तो किन-किन विकासखण्डों में किन-किन ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि किस कार्य हेतु जारी की गयी उसका पूर्ण विवरण देवें? (ख) क्या उक्त जारी की गयी राशि को ग्राम पंचायतों द्वारा आहरित कर लिया गया है यदि हाँ, तो कार्य का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया जाकर पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये है? उनका नाम, पद सहित बताएं? (ग) क्या जिला पंचायत रीवा द्वारा बी.आर.जी.एफ. फण्ड की जारी राशि में हुए घोटाले की जाँच का आदेश किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश कब हुआ कॉपी उपलब्ध करायें और क्या जाँच रीवा जिले के बाहर के उच्च अधिकारियों से करायी जायेगी तथा जाँच में गड़बड़ी पाये जाने पर क्या आपराधिक मामला भी कायम किया जायेगा बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। निर्माण कार्य का भौतिक सत्यापन उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम 10 अनुसार। जी नहीं। पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को निर्देश जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी नहीं। बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत राशि का उपयोग निहित प्रयोजन में न होने संबंधी प्रथम दृष्ट्या तथ्य संज्ञान में आने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के पत्र क्र. 1454 दिनांक 20.06.2016 द्वारा जिले की 68 ग्राम पंचायतों एवं पत्र क्रमांक 1614 दिनांक 28.06.2016 द्वारा 67 ग्राम पंचायतों में स्वीकृत निर्माण कार्यों की राशि वसूली संबंधी नोटिस जारी किये जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (समस्त) एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत (समस्त) जिला रीवा को पत्र जारी किया गया है। प्रकरण में वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
ज्ञापन/शिकायती पत्र पर कार्यवाही
84. ( क्र. 1648 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कलेक्टर सतना को 6 जून 16 को जिला कांग्रेस कमेटी शहर के द्वारा महदेवा, बगहा एवं अमौघा तालाबों में गहरीकरण कर निकल रही खनिज मुरूम को शहर की अवैध कालोनियों में ठेकेदारों द्वारा बेचे एवं उपयोग किये जाने की शिकायत की गई थी? (ख) क्या उक्त तालाबों के गहरीकरण के नाम पर जो मुरूम निकल रही है उसकी परमीशन क्या कलेक्टर सतना ने या उनके अंतर्गत आने वाले संबंधित सक्षम कार्यालयों द्वारा जारी की गई है? अगर हाँ तो जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायत पर प्रश्नतिथि तक क्या-क्या कार्यवाही किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से की गई? बिन्दुवार विवरण दें? अगर नहीं की गई तो क्यों? कारण दें? नियम बतायें? (घ) जिला कांग्रेस कमेटी सतना के द्वारा अपने शिकायती पत्र/ज्ञापन में जिन-जिन स्थानों का जिक्र किया गया है क्या उन स्थानों पर किस नाम/पदनाम के अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा कब-कब स्थल निरीक्षण कर कलेक्टर/जिला दण्डाधिकारी को क्या-क्या रिपोर्ट लिखित में दी? विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियमों के विपरीत मीटिंग बुलाया जाना
85. ( क्र. 1652 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी भी सेवा सहकारी समिति के संचालक मंडल की मीटिंग चेयरमेन को सूचना दिए बिना उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित की जा सकती है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत्? यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार की मीटिंग विधि विरूद्ध मानी जाएगी? (ख) क्या वृत्ताकार सेवा सहकारी समिति जामगढ़ जिला रायसेन के संचालक मंडल की मीटिंग दिनांक 20 फरवरी, 2016 को बुलाई गई थी? यदि हाँ, तो बैठक की अध्यक्षता किसने किस नियम के तहत् की? मीटिंग की अध्यक्षता चेयरमेन से क्यों नहीं कराई गई? मीटिंग की सूचना चेयरमेन को क्यों नहीं दी गई? क्या इस मीटिंग की सूचना सभी संचालकों को दी गई थी? मीटिंग का एजेंडा किसके हस्ताक्षर से तय हुआ? मीटिंग सूचना रजिस्टर की छायाप्रति देते हुए जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश ''ख'' के तहत् क्या मीटिंग की अध्यक्षता करने वाले संस्था उपाध्यक्ष ने प्रस्ताव पास कराकर अपने करीबी रिश्तेदार को गेहूं उपार्जन केन्द्र का प्रभारी नियुक्त किया? क्या इस बैठक में प्रस्ताव पास कर उपाध्यक्ष को चेक के अधिकार दिए गए? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत्? क्या इसकी अनुमति डी.आर./जिला सहकारी बैंक के सी.ओ. रायसेन से ली गई थी? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध कार्य के लिए कौन-कौन दोषी हैं? पदनाम/नाम सहित जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश ''ख'' व ''ग'' के तहत् नियम विरूद्ध बैठक आयोजित कर विधि विरूद्ध प्रस्ताव पास करने वाले दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो क्या और कब?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं. प्रश्न उपस्थित नहीं होता. जी हाँ. (ख) जी हाँ. बैठक की अध्यक्षता उपाध्यक्ष के द्वारा की गई, जो किसी नियम के अंतर्गत नहीं है. अध्यक्ष से अध्यक्षता नहीं करवाने एवं सूचना नहीं देने के संबंध में जाँच आदेशित की गई है. प्रबंधक द्वारा अध्यक्ष को मीटिंग की सूचना देने का प्रथम दृष्ट्या कोई प्रमाण नहीं है. बैठक की सूचना समिति के 08 संचालकों की दी गई. प्रबंधक के हस्ताक्षर से मीटिंग की सूचना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है. (ग) सेवा सहकारी समिति मर्यादित जामगढ़ के संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 20.02.2016 के निर्णय क्रमांक-1 के द्वारा श्री संदीप कुमार रघु, जो उपाध्यक्ष श्रीमती मनोरमा बाई के भतीजे हैं, को गेहूं खरीदी केन्द्र जामगढ़ का प्रभारी नियुक्त किया गया. बैठक के निर्णय क्रमांक-2 के अनुसार इस सहकारी समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती मनोरमा बाई, संचालक श्री शिवनारायण रघु एवं प्रबन्धक श्री दीनदयाल पाराशर को बैंक से लेन-देन के संबंध में हस्ताक्षर करने हेतु अधिकृत किया गया. नियम विरूद्ध है. किसी कर्मचारी की नियुक्ति हेतु उप पंजीयक/जिला सहकारी बैंक से अनुमति का प्रावधान नहीं है, अपितु कर्मचारी सेवा नियम के अंतर्गत नियुक्ति की जा सकती है. बैठक में उपस्थित संचालक एवं संस्था प्रबंधक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है. (घ) उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला रायसेन को दोषी संचालक मण्डल एवं प्रबन्धक के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
भिण्ड जिले के विकासखण्ड लहार की ग्राम पंचायतें
86. ( क्र. 1659 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या-23 (क्रमांक 437) दिनांक 02.03.2016 के संदर्भ में भिण्ड जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों की प्राप्त शिकायतों में कौन-कौन सी शिकायत प्रमाणित/सिद्ध पाई गई तथा इनमें किन-किन दोषियों के विरूद्ध अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या ग्राम पंचायत पर्राइच विकासखण्ड लहार के रोजगार सहायक द्वारा निर्माण कार्य में फर्जीकरण की सहायक यंत्री जनपद पंचायत लहार द्वारा की गई विस्तृत जाँच में तत्कालीन सरपंच/सचिव एवं रोजगार सहायक दोषी पाए जाने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही किए जाने हेतु दिनांक 23.06.2016 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार को प्रारंभिक जाँच प्रतिवेदन प्रेषित कर आगामी कार्यवाही हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में ग्राम पंचायत अजनार, मड़ोरी एवं मेहरा बुजुर्ग का दिनांक 17.06.2015 एवं दिनांक 18.06.2015 को अध्यक्ष जनपद पंचायत लहार द्वारा भ्रमण कर हितग्राहीमूलक योजनाओं एवं निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया था जिसमें पाई गई अनियमितताओं की जाँच कराए जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार के पत्र क्र. 1772 दिनांक 15.07.2015 द्वारा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जिला भिण्ड को लिखा गया था? यदि हाँ, तो इस पत्र के तारतम्य में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) भिण्ड जिले के विकासखण्ड लहार एवं रौन जनपद पंचायतों द्वारा माह मई-जून 2016 में सामान्य सभा की आयोजित बैठक में रोजगार गारण्टी योजना के अंतर्गत कराए गए कार्यों में किन-किन पंचायतों में निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की जाँच कराने का निर्णय लिया था? यदि हाँ, तो किन-किन पंचायतों के कार्यों की जाँच किन-किन अधिकारियों से कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक जाँच कराई जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भिण्ड जिले की जनपद पंचायत लहार की ग्राम पंचायत मडोरी की शिकायत सिद्ध पाई गई। अतिरिक्त कक्ष निर्माण की राशि रू. 102500.00 बिना कार्य कराये आहरित कर ली गई थी, जो सरपंच/सचिव मढोरी द्वारा सर्वशिक्षा अभियान के खाता क्र 31457874752 में जमा करा दी गई हैं। जनपद पंचायत रौन अंतर्गत ग्राम पंचायत अचलपुरा, चाचीपुरा, असनेहट एवं पुराभीमनगर की शिकायत प्राप्त हुई थीं, जिसमें ग्राम पंचायत अचलपुरा से राशि रू. 19.932 लाख, ग्राम पंचायत असनेहट से राशि रू. 4.19 लाख एवं ग्राम पंचायत चाचीपुरा से राशि रू. 1.795 लाख रूपये की वसूली हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लहार को प्रकरण भेजे गये हैं एवं ग्राम पंचायत पुराभीमनगर की जाँच कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भिण्ड द्वारा कराई जा रही है। (ख) जी हाँ, ग्राम पंचायत पर्राइच के ग्राम रोजगार सहायक द्वारा निर्माण कार्यों में फर्जीकरण की शिकायत पाई गई। शिकायत की जाँच सहायक यंत्री, जनपद पंचायत लहार द्वारा की गई विस्तृत जाँच हेतु एवं सम्पूर्ण अभिलेख जप्त करने हेतु खण्ड पंचायत अधिकारी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पत्र क्रं. 1435 दिनांक 08.07.2016 के माध्यम से निर्देश दिये गये। विस्तृत जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर ग्राम रोजगार सहायक/सरपंच/सचिव के विरुद्ध नियमानुसार विधि अनुरुप कार्यवाही की जायेगी। (ग) कार्यालय जनपद पंचायत लहार द्वारा पत्र क्रं./क्यू/ज.पं./2015-16/1772 दिनांक 15.07.2015 को पत्र के माध्यम से ग्राम पंचायत अजनार, मडोरी एवं पर्राइच की जाँच हेतु कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जिला भिण्ड को लेख किया गया था। जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जनपद पंचायत रौन अन्तर्गत सामान्य सभा की आयोजित बैठक दिनांक 04.06.2016 में ग्राम पंचायत रायपुरा, इमलाहा एवं जैतपुरा गुढा के निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की जाँच कराने का निर्णय लिया गया। उक्त पंचायतों की जाँच सहायक यंत्री मनरेगा लहारध्रौन एवं सहायक यंत्री पी.डब्ल्यू.डी. लहार से कराने हेतु कार्यालयीन पत्र क्रं./2539 दिनांक 08.06.2016 से निर्देशित किया गया है। जाँच रिपोर्ट अप्राप्त है, रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जनपद पंचायत लहार क्षेत्रान्तर्गत 29.05.2016 की सामान्य सभा की बैठक में ग्राम पंचायत अजनार, मडोरी एवं पर्राइच में मनरेगा योजना में चल रहे निर्माण कार्यों की जाँच हेतु प्रस्ताव रखा गया, जिसकी जाँच हेतु दिनांक 20.06.2016 को समिति का गठन किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
अनुबंध की शर्तों के विरूद्ध अधिक राशि की वसूली
87. ( क्र. 1660 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक लोक सेवा केन्द्र गोहद जिला भिण्ड के द्वारा अनुबंधों की शर्तों के विरूद्ध जाकर आवेदकों से निर्धारित दरों से अधिक की राशि वसूली किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा शिकायतकर्ता श्री सत्यदेव माहौर, निवासी एंचाया रोड गोहर जिला भिण्ड के शिकायती पत्र मय दस्तावेज के साथ संलग्न करते हुए माननीय मंत्री मध्यप्रदेश शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग भोपाल को दिनांक 23/05/2016 को विधिसम्मत कार्यवाही कर लोक सेवा केन्द्र गोहद को निरस्त करने हेतु पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 2.05.2016 को उपरोक्त संबंध में उक्त केन्द्र की अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गोहद द्वारा प्राप्त शिकायत के आधार पर की गई जाँच का जाँच प्रतिवेदन संलग्न कर जाँच रिपोर्ट के आधार पर लोक सेवा केन्द्र के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने हेतु कलेक्टर भिण्ड को पत्र लिखा था? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गोहद जिला भिण्ड ने अपने पत्र क्र. क्यू/अविअ/जनसुनवाई22016/346 गोहद, दिनांक 12.03.2016 में लोक सेवा केन्द्र गोहद के विरूद्ध प्राप्त लोक सेवा केन्द्र की की गई जाँच में शिकायत सही पाए जाने पर अनुबंध तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने की अनुशंसा कलेक्टर लोक सेवा प्रबंधन जिला भिण्ड को की गई थी? यदि हाँ, तो कलेक्टर भिण्ड द्वारा अभी तक कार्यवाही न करने का कारण बताएं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, कलेक्टर जिला भिण्ड के आदेश क्रमांक/क्यू/लोसेप्र/2016/118 दिनांक 12/07/2016 के द्वारा उक्त लोक सेवा केन्द्र संचालक, गोहद के विरूद्ध रूपये 10,000/- (दस हजार रूपये मात्र) के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाकर भविष्य के लिए सचेत किए जाने की कार्यवाही की गई है।
कृषकों को फसल क्षति का मुआवजा वितरण
88. ( क्र. 1677 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित आगर जिले में विगत 03 वर्षों में कितने कृषकों को फसल क्षति मुआवजा वितरण कार्य सहकारी संस्थाओं में संचालित खातों के माध्यम से किया गया? इनमें से कितने कृषकों को पासबुक दी गई एवं कितनों को नहीं? सहकारी संस्थावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने कृषकों के किसान क्रेडिट कार्ड वर्तमान तक बनाए गए हैं? सहकारी संस्थावार जानकारी देवें? बनाए गए किसान क्रेडिट कार्ड की पासबुक एवं लेजर संधारण की क्या स्थिति हैं? (ग) कृषकों के खाते खोलने/खाता संचालन हेतु कम से कम कितनी राशि खाते में रखी जाना प्रावधानित हैं? विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कृषकों के खाते खोलने हेतु कितनी राशि काटी गई हैं? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत किसानों की पासबुक में राशि की प्रविष्टि, विड्राल पत्रक एवं दी गई मुआवजा राशि में भिन्नता हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से विगत 03 वर्ष में दी गई मुआवजा राशि कृषकों को स्वीकृति अनुसार मिली या नहीं की विस्तृत जाँच कर कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री,सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 188639 (एक लाख अठ्ठासी हजार छ: सौ उन्तालीस) कृषक। 162840 कृषकों को पास-बुक दी गई एवं 2162 कृषकों को संयुक्त खाते होने तथा गांव से बाहर होने के कारण मुआवजा राशि वितरित नहीं होने से पासबुक नहीं दी गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 41284 कृषक। संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। किसान क्रेडिट कार्ड की पासबुक एवं लेजर संधारण की स्थिति पूर्ण है। (ग) राशि रूपये 100/- किंतु शासकीय योजनान्तर्गत भुगतान हेतु शून्य बैलेन्स पर खाते खोले जाने के निर्देश है। कृषकों के खाते से कोई राशि काटी नहीं गई है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भिन्नता नहीं होने तथा स्वीकृत मुआवजा राशि का भुगतान किए जाने से विस्तृत जांच की आवश्यकता नहीं है।
अंत्योदय मेलों के आयोजन में नियम विरूद्ध व्यय
89. ( क्र. 1678 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित आगर जिले में विगत 03 वर्षों में कितने अंत्योदय मेलों का आयोजन किया गया? मेलों के आयोजन हेतु व्यवस्थाओं में कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया व व्यय हेतु निर्धारित मापदण्ड व प्रक्रिया क्या थी? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत माह मार्च 16 में अंत्योदय मेले का आयोजन किया गया? यदि हाँ, तो मेले में व्यवस्था यथा - टेंट, स्टेशनरी, वीडियो शूटिंग/फोटोग्राफी आदि हेतु कितनी राशि का आवंटन दिया गया एवं इसके विरूद्ध कितनी राशि का भुगतान किया गया? इस हेतु जारी विज्ञप्ति, तुलनात्मक पत्रक, स्वीकृत बिल एवं व्हाउचर्स की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार की जाने वाली टेन्ट व्यवस्था के लिए तैयार किए निविदा के तुलनात्मक पत्रक में प्रविष्ट सामग्री के अतिरिक्त भी सामग्री बिल में अंकित की जाकर बिल स्वीकृत कर भुगतान किये गये हैं? इसके अलावा बिना वर्क आर्डर दिए ही कार्य करवाये गये? यदि हाँ, तो क्या यह आर्थिक अनियमितता नहीं हैं? यदि हाँ, तो दोषी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पर क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। आर्थिक अनियमितता के संबंध में जाँच उपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। जाँच उपरांत ही संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
ग्रामीण सड़कों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाना
90. ( क्र. 1684 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के मुख्यमंत्री सड़क योजना/प्रधानमंत्री सड़क योजना के मापदण्डों के अन्तर्गत कितने ग्रामों एवं मजरे टोलों को पहुँच मार्गों के निर्माण कार्य कर मुख्य सड़कों से जोड़ा जाना शेष है जिला स्तरीय अधिकारियों/कर्मचारियों से सर्वे करा कर प्रश्न दिनांक तक पहुँच मार्गवार जानकारी दें? साथ ही बतायें कि उक्त योजनाओं के मापदण्डों के अन्तर्गत कितने छूटे हुए एवं कितने ग्रामों को डबल कनेक्टिविटी कर जोड़ा जाना आवश्यक है और कितने ग्रामों एवं मजरे टोलों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाना आवश्यक है? (ख) क्या उक्त विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामों एवं मजरे टोलों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए पहुँच मार्ग निर्माण कार्यों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समक्ष कितने-कितने प्रस्ताव जिला स्तर से शासन के निर्देश पर स्वीकृति हेतु माह मार्च-अप्रैल, 2016 में प्राप्त हुए और उस पर प्रश्न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश ''ख'' में दर्शित प्रस्तावों में कौन-कौन से पहुँच मार्गों की स्वीकृति जारी की गई और उनके निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे? शेषों की स्वीकृति आदेश कब तक जारी कर इसी वित्तीय बजट में निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कसरावद विधान सभा क्षेत्र में 04 ग्रामों को योजनांतर्गत जोड़ा जाना शेष है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कसरावद विधान सभा क्षेत्र के सभी ग्रामों को जोड़ा जा चुका है। उक्त दोनों योजनाओं में राज्य में मजरे टोलों एवं डबल कनेक्टीविटी वाली सड़कों को शामिल नहीं किया जाता है। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार 04 ग्रामों में सड़क निर्माण के प्रस्ताव विचाराधीन है। राज्य में मजरे टोलों को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना/प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल नहीं किया जाता है। (ग) उत्तरांश (ख) अंतर्गत प्रस्तावित ग्रामों में मार्गों की स्वीकृति की कार्यवाही विचाराधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुल का निर्माण
91. ( क्र. 1685 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत रोडिया से छिर्वा मार्ग पर स्थित रपटा वर्षाकाल में पानी भरने से डूब जाने के कारण संबंधित रहवासियों का आवागमन ठप्प हो जाता है तो बतायें कि उक्त रपटे के स्थान पर बड़े पुल निर्माण किये जाने हेतु संबंधित विभाग द्वारा प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भेजा है हाँ तो कहाँ और वर्तमान में कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश ''क'' में दर्शित रहवासियों के आवागमन की परेशानियों को देखते हुए क्या उक्त बड़े पुल निर्माण की स्वीकृति जारी कर कब तक निर्माण कार्य करा लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) यह सही है कि अधिक वर्षा होने की स्थिति में आवागमन कुछ समय के लिये अवरूद्ध होता है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रथम चरण में पैकेज क्रमांक एम.पी. 2204 के अंतर्गत रोडिया से अंजन गाँव मार्ग का निर्माण किया गया था। प्रश्न में उल्लेखित रोडिया से छिर्वा मार्ग इसी निर्मित मार्ग का एक भाग हैं यह मार्ग पाँच वर्ष पश्चात् की संधारण अवधि के अंतर्गत संधारित किया जा रहा है। यह रपटा पूर्व निर्मित होने के कारण यहां पर बड़े पुल का निर्माण नहीं किया गया था। मार्ग रोडिया से अंजन गाँव की उल्लेखित रपट पर वर्षा ऋतु में पानी बहने से कोई आवागमन बाधित नहीं होता है। रोडिया की तरफ की बसाहट खरगोन सनावद मार्ग (एम.डी.आर.) से कहीं भी आ जा सकते हैं। इसी प्रकार छिर्वा, अंजन गाँव की बसाहट भिकनगाँव सनावद मार्ग (एम.डी.आर.) पर जाकर अन्यत्र आ जा सकते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व नक्शे की दुरुस्ती
92. ( क्र. 1728 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम भिड़ौसा तहसील अम्बाह पटवारी हल्का 54 जिला मुरैना की श्रीमती सोनकली पत्नी मलखान सिंह तोमर के स्वामित्व की भूमि क्र. 432, 433 का नंबर नया सर्वे नंबर 653 के स्थान पर 652 हो गया है, जानकारी वर्तमान स्थिति के अनुसार दी जावे? (ख) क्या उक्त नक्शा दुरुस्ती हेतु भूमि स्वामी द्वारा आवेदन देने के बावजूद महिला किसान को परेशान किया जा रहा है, क्यों? (ग) शासन की प्रक्रिया में हुई त्रुटि के लिये कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) राजस्व विभाग में इन त्रुटियों के लिये वर्षों भूमि स्वामियों को राजस्व न्यायालय के चक्कर काटने पड़ते हैं? क्या शासन कोई सुगम नीति बनाकर इस समस्या का समाधान करायेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, (ख) नक्शा दुरुस्ती हेतु राजस्व न्यायालय अपर कलेक्टर जिला मुरैना के प्रकरण क्रमांक 19/14-19/बी 121 दिनांक 01.06.2016 से नक्शा दुरुस्ती हेतु आदेश पारित किया जाकर दुरुस्त किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त त्रुटि बन्दोबस्त प्रक्रिया के दौरान हुई है, जिसमें सक्षम अधिकारी के आदेशानुसार नक्शा दुरुस्त किया जा चुका है। (घ) बन्दोबस्त रिकार्ड के प्रथम प्रकाशन के पूर्व संबंधित कृषक को पट्टे एवं नक्शे की प्रति दी जाती है। ग्राम में सार्वजनिक स्थान पर कैम्प लगाकर प्रमाणीकरण किया जाता है स्वच्छ अभिलेख तैयार कर आमजन को दावे आपत्ति हेतु एक माह का समय दिया जाता है। इसके बाद भी बन्दोबस्त की त्रुटियों को ठीक करने की अधिकारिता म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 89 व 113 में एस.डी.ओ. को है एवं धारा 107 (5) में नक्शे की त्रुटि/पुनरीक्षण की अधिकारिता बन्दोबस्त अवधि में कलेक्टर को है। शासन द्वारा त्रुटियों के शीघ्र निराकरण हेतु एस.डी.ओ. की धारा 89 की शक्तियाँ सभी तहसीलदारों को वेष्ठित की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पटवारी हल्का में अनियमितता
93. ( क्र. 1730 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की कैलारस तहसील के पटवारी हल्का नंबर 18 की क्वारी नदी के पुल निर्माण में किस-किस किसान की कौन-कौन से सर्वे नंबर की कितनी भूमि पर निर्माण होना है। किसान का नाम, सर्वे नंबर, रकबा सहित वर्तमान स्थिति की जानकारी दी जावे? (ख) क्या सर्वे नंबर 65/1 व सर्वे नंबर 66/2 सड़क निर्माण में नहीं आने के बावजूद उसका अधिग्रहण दर्शाया जा रहा है, क्यों? (ग) क्या सर्वे नं. 73 मिनी 5 के स्वामित्व के स्थान पर सर्वे नंबर 66/2 के मुआवजे का निर्धारण किया जा रहा है, क्या शासन इसकी जाँच कर कार्यवाही करेगा? (घ) क्या सर्वे नंबर 65/2 जो शासकीय भूमि है का भी अधिग्रहण कर मुआवजा दिया जा रहा है, क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी परिवहन विस्तार
94. ( क्र. 1743 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर से लगे 20 कि.मी. तक की दूरी तक आने वाले ग्रामों में बी.सी.एल.एल. की लोकल बसों के संचालन के लिये परमिट दिए गए हैं? इस संबंध में क्या प्रावधान है? (ख) भोपाल जिले में पूर्व से ही किन-किन ग्रामों तक शहरी परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो रही है? इन ग्रामों की सूची, वाहनों की टाईमिंग और रूट के साथ उपलब्ध करवायें? (ग) भोपाल नगर निगम सीमा से 20 कि.मी. की दूरी तक के कौन से मार्ग शहरी परिवहन विस्तारित करने हेतु अधिसूचित किए गए हैं? इनकी सूची उपलब्ध करवायें? (घ) यदि ऐसे मार्ग अधिसूचित हो चुके हैं और उन पर वाहन नहीं चल रहे हैं तो यहां वाहनों की सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु क्या प्रयास किए गए हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। आयुक्त नगर निगम भोपाल से पंजीकृत वाहनों को इस कार्यालय द्वारा सिटी बस के रूप में परमिट जारी किये जाते हैं जो राजधानी भोपाल के विभिन्न मार्गों पर संचालित है। (ख) मार्गों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन परमिटों में समय चक्र जारी नहीं किया जाता है। (ग) भोपाल नगर निगम सीमा से 20 किमी दूरी तक वर्तमान में शहरी परिवहन विस्तारित करने हेतु कोई मार्ग अधिसूचित नहीं किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों की पदस्थापना की अधिकतम समयावधि
95. ( क्र. 1746 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी जिले में विभाग के प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के कार्यकाल की क्या कोई समयावधि निर्धारित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग में भोपाल जिले में कौन-कौन अधिकारी इस समयावधि से अधिक अवधि से पदस्थ है? अधिकारी का नाम, पदस्थापना स्थल और पदस्थापना दिनांक का उल्लेख करते हुए सूची उपलब्ध करवायें? (ग) जिले में लंबे समय से पदस्थ अधिकारियों की पदस्थापना के मामले में विभाग की आगामी क्या योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा राहत राशि में अतिविलंब पाया जाना
96. ( क्र. 1768 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा में खरीफ की फसल के समय सूखा की स्थिति निर्मित हुई है और उसमें किन्हीं ग्रामों के कोई कृषक प्रभावित हुये हैं? (ख) क्या राहत राशि उपलब्ध कराने हेतु प्रश्नांश (क) के किन ग्रामों के प्रभावितों की सूची किन तिथियों में किन बैंकों को प्रस्तुत की गई हैं और क्या उन बैंकों के द्वारा प्रभावितों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर दी गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के किन बैंकों द्वारा किन प्रभावितों के खातों में राशि ट्रांसफर नहीं की जाने की स्थिति में विभागीय संबंधित अधिकारियों ने ट्रांसफर कराये जाने की दिशा में कब कोई प्रयत्न किये हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) तिथियों में बैंकों में प्रस्तुत सूची दिनांक से दिनांक 30.06.2016 तक कितनी-कितनी अवधि व्यतीत हो गई है और ऐसी स्थिति में सूखा राहत का औचित्य क्या शेष रहा है? (ड.) क्या विभाग प्रश्नांश (क) से (घ) के सरलीकरण और निदान की दिशा में कोई ठोस कदम उठाकर त्वरित प्रभाव से प्रभावित किसानों को राहत राशि प्रदान करावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंचायत सचिवों का स्थानांतरण
97. ( क्र. 1770 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 में किस दिनांक के विभागीय आदेश द्वारा ग्राम पंचायत के सचिवों की कोई स्थानान्तरण नीति जारी की गई थी और उसकी मार्गदर्शिका के प्रमुख बिन्दु क्या रहे है? विवरण देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत किन कारणों से किन जिलों के पंचायत सचिवों के स्थानान्तरण प्रतिबंधित रहे हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 18.08.2015 व 02.01.2016 को मा. मंत्री जी एवं आयुक्त को एवं वर्ष 2015 व 2016 में अनेक पत्रों द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी एवं जनपद ढीमरखेड़ा व बड़वारा को किन्हीं पंचायत सचिवों को स्थानांतरित करने हेतु कोई लेखा किया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा चालू वर्ष में कब तक स्थानांतरण किये जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी को निर्देशित किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 24.07.2014 के द्वारा स्थानांतरण नीति जारी की गई थी, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला कटनी में विधान सभा उप चुनाव की आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया जा सका। (ग) जी हाँ। (घ) ग्राम पंचायत सचिवों की स्थानांतरण की नीति विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण
98. ( क्र. 1784 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी, जिला सिवनी अंतर्गत पलारी से भीमगढ़ प्रधानमंत्री सड़क जो 15 जनवरी 2015 को पूर्ण कर ली गई थी जिसकी लंबाई 12.9 कि.मी. है। क्या उक्त मार्ग गुणवत्ताविहीन निर्माण के कारण एक वर्ष की अवधि में ही जजर्र हो गया है? यदि हाँ, तो इस घटिया निर्माण का दोषी कौन है? (ख) क्या शासन द्वारा गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण के दोषी के ऊपर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या और नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या उक्त मार्ग पलारी से भीमगढ़ (12.9 कि.मी. की लंबाई) पुन: निर्माण कराया जायेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें और नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत पलारी से भीमगढ़ सड़क का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत आई.आर.सी.-72 के मापदण्डानुसार 8 टन एक्सल लोड के हिसाब से डिजाईन कर बनाया गया था। जी नहीं, उक्त मार्ग उगली क्षेत्र की हिर्री नदी की रेत खदानों के भारी वाहनों के आवागमन के कारण अधिक एक्सल लोड के परिप्रेक्ष्य में क्षतिग्रस्त हुआ। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) के प्रकाश में उक्त सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार एवं गुणवत्ता के अनुरूप कराया गया था। उक्त मार्ग का स्टेट क्वालिटी मॉनीटर द्वारा किये गये निरीक्षण में मार्ग की गुणवत्ता संतोषजनक पाई गई थी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पलारी से भीमगढ़ सड़क को भारी वाहनों के आवागमन से हुई क्षति को देखते हुये मार्ग को मोटरेवल रखने के लिये निर्देशित किया गया।
शांतिधाम उपयोजना के तहत स्वीकृत कार्य
99. ( क्र. 1788 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्डों में मनरेगा योजना से कितनी ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा की शांतिधाम उपयोजना के तहत वर्ष 2013-14 से प्रश्न तिथि तक कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? जनपद पंचायतवार स्वीकृत कार्यों की संख्या, स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में चबूतरा निर्माण शेड निर्माण हेतु एवं कूप निर्माण कुल कितनी राशि स्वीकृति की गई है? उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं कितने अप्रारंभ है तथा कितने अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितने कार्यों का मूल्यांकन किया गया है? शेष कार्यों का मूल्यांकन कब तक किया जावेगा? (घ) प्रश्नकर्ता के पवई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जहां शांतिधाम हेतु चबूतरा, शेड निर्माण एवं नल-कूप खनन नहीं हुये हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पन्ना जिले के पवई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्डों में मनरेगा योजना से 39 ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा की शांतिधाम उपयोजना के तहत वर्ष 2013-14 से प्रश्न तिथि तक 57 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जनपद पंचायतवार स्वीकृत कार्यों की संख्या, स्वीकृत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु कुल रूपये 342.11 लाख की राशि स्वीकृति की गई है, जिसमें चबूतरा निर्माण व शेड निर्माण कार्य शामिल हैं। कूप निर्माण का प्रावधान प्राक्कलन में शामिल नहीं है। उक्त स्वीकृत 57 कार्यों में से 05 कार्य पूर्ण तथा 52 अपूर्ण हैं, कोई भी कार्य अप्रारंभ नहीं है। (ग) मूल्यांकन एक सतत् प्रक्रिया है, कार्यों की प्रगति के आधार पर साप्ताहिक मूल्यांकन उपयंत्रियों द्वारा किया जाता है। प्रश्नाधीन अवधि में सम्पादित कार्यों में मूल्यांकन लंबित होने की स्थिति प्रतिवेदित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार पवई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में से विकासखण्ड पवई में 48 ग्रामों में तथा विकासखण्ड शाहनगर में 04 ग्रामों में चबूतरा एवं शेड का निर्माण होना शेष है। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत नल-कूप खनन का कार्य अनुमत नहीं है।
विभागीय योजनाओं में अनियमितता पर कार्यवाही
100. ( क्र. 1815 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत तीन वर्षों में प्रदेश के कटनी, सागर, सतना एवं रीवा जिलों में विभागीय योजनाओं में अनियमितताओं की संभागीय संयुक्त संचालकों एवं राज्य स्तरीय जाँच दलों द्वारा जाँच की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों में यह जाँच की गई, इनके जाँच प्रतिवेदन क्या थे, इनमें किन-किन शासकीय सेवकों को जिम्मेदार पाया गया और प्रश्न दिनांक तक जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत अनियमितता के किन-किन प्रकरणों में जाँच कार्य पूर्ण होकर संचालनालय को कब-कब प्राप्त हुये और किन-किन पर कब-कब एवं क्या-क्या कार्यवाही आदेशित की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत विभागीय योजनाओं में अनियमितताओं पर रोकथाम और जाँच में त्वरित कार्यवाही न होने के क्या कारण है? क्या जाँच में पाई गई अनियमितताओं के दोषियों पर शीघ्र वैधानिक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) पूर्ण विवरण प्रश्नांश क अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
राजस्व के लंबित प्रकरण
101. ( क्र. 1816 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की तहसीलों में अविवादित नामांतरण एवं अविवादित बंटवारे तथा सीमाकंन के कितने एवं कौन-कौन से प्रकरण प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से लंबित हैं, इन प्रकरणों का पंजीयन किन-किन दिनांकों को किया गया, प्रकरणवार, तहसीलवार बतायें, (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या इनमें से कई प्रकरण 06 माह से अधिक समय से लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों एवं कब से लंबित हैं, प्रकरणवार, तहसीलवार बतायें? (ग) कटनी जिले की तहसीलों में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी अहस्तांतरणीय भूमियों को हस्तांतरणीय और हस्तांतरणीय भूमियों को अहस्तांतरणीय भूमि में किन आदेशों के तहत परिवर्तन किया गया, प्रकरणवार, तहसीलवार बतायें, साथ ही आदेश पारित करने वाले सक्षम प्राधिकारी का नाम, पदनाम भी बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अस्पष्ट। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्वहन सिंचाई संस्थाओं को प्रदाय राशी
102. ( क्र. 1822 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले के कराहल एवं विजयपुर विकासखंड अंतर्गत कितनी फल,फूल, साग-भाजी एवं उद्वहन सिंचाई संस्थाओं का पंजीयन, विभाग में कराया गया? पंजीकृत संस्थाओं की पंजीयन दिनांक, संस्थाओं के सदस्यों के नाम, पता, उम्र, वर्ग (अ.ज.जा. है तो विशेष पिछड़ी जनजाति एवं गैर विशेष पिछड़ी जनजाति सहित प्रथक-प्रथक) ग्राम पंचायतवार, विकासखंडवार सूची सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत पंजीकृत संस्थाओं में सदस्यों द्वारा कितनी-कितनी राशि जमा की गई? संस्थावार जानकारी दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संस्थाओं के बैंक खातों में जिला प्रशासन द्वारा राशि अंतरित की है? यदि हाँ, तो कितनी कितनी राशि, किस-किस विभाग के किस-किस मद से, किस-किस कार्य हेतु, किस-किस दिनांक को अंतरित की गई? जिन कार्यों हेतु राशि अंतरित की गई उनकी प्रशासकीय स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें? साथ ही इन कार्यों का मूल्यांकन कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा, कितनी-कितनी राशि का किया गया?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 35, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है. (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है. (ग) जी हाँ, उत्तरांश ‘क’ अनुसार संस्थाओं के बैंक खातों में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से राशि अंतरित की गई. कराहल विकासखण्ड में आदिवासी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत 13 समितियों को राशि रूपये 90.00 लाख (रूपये नब्बे लाख) अध्यक्ष/सचिव फल, फूल, साग, भाजी एवं उद्वहन सिंचाई सहकारी समितियों के बैंक खातों में प्रदाय की गई तथा आदिवासी बस्ती विकास योजना अंतर्गत 07 समितियों को राशि रूपये 10.20 लाख (रूपये दस लाख बीस हजार) आदिवासी बस्तियों में नल-कूप खनन/विद्युत मोटर पम्प आदि के लिये राशि समितियों को प्रदाय की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है, सहरिया विकास अभिकरण को सी.सी.डी. प्लान मद में 26 समितियों को राशि रूपये 1,18,59,395/- तथा विशेष केंद्रीय सहायता मद में 06 समितियों को राशि रूपये 25,00,000/- अध्यक्ष/सचिव फल, फूल, साग, भाजी एवं उद्वहन सिंचाई सहकारी समितियों को नल-कूप खनन, सामूहिक कृषि सिंचाई आदि कार्यों हेतु प्रदाय की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है तथा विकासखण्ड विजयपुर की 02 समितियों को मोटर केवल, पाईप लाईन राशि रूपये 3,70,000/- संरक्षण सह विकास योजना से प्रदाय की गई एवं नल-कूप खनन आदि कार्यों की राशि रूपये 6,00,000/- विशेष केंद्रीय सहायता से प्रदाय की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है एवं उपरोक्त कार्यों के प्राक्कलन, प्रशासकीय स्वीकृति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है, विधायक निधि एवं जनभागीदारी समिति से भी राशि प्रदाय की गई है, जिससे इसी प्रकार के कार्य कराये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है. कार्य एजेंसी फल, फूल, साग, भाजी एवं उद्वहन सिंचाई सहकारी समिति द्वारा पूर्ण कराये जाने के पश्चात् कराये गये कार्यों का मूल्यांकन/सत्यापन नल-कूप खनन, मोटर पम्प केवल पाईप लाईन आदि के कार्यों का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री एवं उपयंत्री तथा विद्युतीकरण कार्यों का मूल्यांकन/सत्यापन उप महाप्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. श्योपुर एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है.
रोजगारमूलक कार्यों हेतु जिलों को प्रदाय राशी
103. ( क्र. 1823 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष अवर्षा के कारण प्रदेश की 42 जिलों की 268 तहसीलें सूखा प्रभावित घोषित की गई हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने व पेय-जल की व्यवस्था कराने हेतु कितनी-कितनी राशि जिलों को प्रदाय की गई व जिलों द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? जिलेवार बतायें? यदि राशि नहीं दी गई तो इसके क्या कारण हैं? (ख) राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में विशेष पैकेज के रूप में मेमोरेंडम (ज्ञापन) भेजकर कितनी-कितनी राशि की मांग केंद्र सरकार को कब-कब भेजी गई? केन्द्र सरकार द्वारा उक्त मांग के विरुद्ध राज्य सरकार को कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदाय की गई? (ग) क्या भयंकर सूखे के बावजूद प्रदेश में सूखा राहत कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने से लाखों युवा रोजगार की तलाश में प्रदेश से बाहर पलायन कर गए हैं? यदि नहीं, तो शासन द्वारा सूखा राहत कार्यों के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि के राहत कार्य स्वीकृत कर लोगों को रोजगार प्रदाय किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसल बीमा योजनांतर्गत मुआवजा वितरण
104. ( क्र. 1827 ) श्री दिनेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के सिवनी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत रबी 2014-15 में फसल बीमा राशि किस किस पटवारी हल्के हेतु कितने हितग्राही हेतु कितनी राशि का वितरण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिवनी विधान सभा क्षेत्र के कितने किसानों को फसल बीमा का लाभ दिया गया एवं कितने लाभांवित होना शेष हैं? शेष बचे किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं देने के क्या कारण थे? (ग) जिला सिवनी विधान सभा क्षेत्र सिवनी में वर्ष 2014-15 में फसल बीमा योजना के अंतर्गत दावों का आंकलन किस आधार पर किया गया? पटवारी हल्कावार क्षतिपूर्ति राशि की जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सिवनी जिले के सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत रबी 2014-15 में पटवारी हल्के, उनके हितग्राही एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना के मापदण्डों के आधार पर पात्र हितग्राहियों की दावा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजना प्रावधानों के अनुसार, अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु वास्तविक उपज यदि थ्रेश होल्ड उपज से कम पाई जाती है तो पात्र कृषकों को नियमानुसार दावा राशि भुगतान की जाती है, अन्यथा नहीं। (ग) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अंतर्गत क्षतिपूर्ति प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पटवारी हल्कावार, क्षतिपूर्ति राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम पंचायत में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाना
105. ( क्र. 1842 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत पथरिया जाट के ग्राम पथरिया रैयतवारी में विगत 5 वर्षों में शासन द्वारा कौन-कौन सी मूलभूत सुविधाएं जैसे सामुदायिक भवन, सड़क, नल आदि उपलब्ध करायी गई हैं? वर्षवार बजटवार बताएं। (ख) क्या मुख्य मार्ग से ग्राम पहुँच मार्ग पर पक्की सड़क नहीं है? यदि हाँ, तो इस पहुँच मार्ग हेतु कितने बजट में कितनी दूरी तक सड़क बनाया जाना प्रस्तावित थी? वर्तमान में इसकी प्रगति से अवगत कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सुविधायें कब तक मुहैया करायी जायेंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। ग्राम पथरिया, ग्राम पंचायत रैयतवारीजॉट का आश्रित ग्राम है अतः ग्राम पथरिया का पृथक से बजट प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) ग्राम पथरिया, रैयतवारी सागर रहली मार्ग के किनारें पर बसा हुआ है मुख्य मार्ग से गाँव के अंदर तक सीमेंट क्रांक्रीट रोड निर्मित है। (ग) ग्राम में मूलभूत सुविधा यथा सड़क एवं ग्राम पंचायत पथरियजॉट के ग्राम पथरिया रैयतवारी में जल व्यवस्था हेतु 06 हैण्डपंप स्थापित होने से पानी उपलब्ध है। प्रत्येक ग्राम में सामुदायिक भवन का प्रावधान नहीं है।
राजस्व अमले के स्वीकृत एवं रिक्त पद
106. ( क्र. 1861 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत आने वाली तहसीलें देवेन्द्रनगर, गुनौर, अमानगंज में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध वर्तमान में कितने रिक्त पद भरे हैं एवं कितने रिक्त हैं? तहसीलवार, मंडलवार, हल्कावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) तहसील देवेन्द्रनगर, गुनौर, अमानगंज में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी कितने समय से एक ही स्थान पर पदस्थ है? वर्तमान में एक पटवारी के पास अधिकतम कितने हल्कों का प्रभार है? (ग) क्या कुछ पटवारियों को अधिकारियों की मिलीभगत से मनचाहे ज्यादा से ज्यादा हल्के प्रभार में दिये गये हैं और उनकी शिकायतें होने के बाद भी उन्हें उन हल्कों से नहीं हटाया जाता है? (घ) क्या जिन पटवारियों के पास ज्यादा हल्के हैं, उनके प्रभार जिन पटवारियों के पास कम हल्के हैं, उन्हें दिया जाएगा? क्या एक पटवारी को ज्यादा हल्के प्रभार में दिये जाने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन तहसीलों के भवन का निर्माण
107. ( क्र. 1862 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत देवेन्द्रनगर एवं अमानगंज नवीन सृजित तहसीलों के भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति कब दी गई एवं उक्त निर्माणाधीन तहसील भवनों की निर्माण एजेंसी कौन है? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित तहसील भवनों के निर्माण बाबत् कितनी राशि निर्माण एजेंसी को प्रदाय की गई तथा समयावधि में निर्माण कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण है? (ग) क्या समय पर कार्य पूर्ण न होने पर सामग्री मूल्य बढ़ जाने के कारण अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होती है? यदि हाँ, तो समय पर कार्य पूर्ण न करने के लिये कौन दोषी है और शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (घ) तहसील देवेन्द्रनगर एवं अमानगंज के नवीन तहसील भवनों के अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु क्या योजना है? क्या इस अधूरे निर्माण कार्य को पूरा किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक? क्या इन तहसीलों के नवीन निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों के बकाया का भुगतान
108. ( क्र. 1879 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2011-12 के ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्य की राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अभी कितनी ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जिनका कितना-कितना भुगतान अभी तक रूका है? वर्षवार जानकारी दें? (ग) इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है क्या शासन उन पर कार्यवाही करेगा? (घ) कब तक पंचायतों/संस्थाओं/मजदूरों का भुगतान हो जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सीहोर द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2011-12 का किसी भी ग्राम पंचायत का भुगतान शेष नहीं है। (ख) उत्तरांश-‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक। (ग) उत्तरांश-‘‘क‘‘ अनुसार होने से जानकारी निरंक। (घ) उत्तरांश-‘‘क‘‘ अनुसार होने से शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सब्जी मण्डी प्रारंभ की जाना
109. ( क्र. 1911 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की कृषि उपज मण्डी समिति जीरापुर को नये स्थान पर स्थानांतरित करने से वर्तमान में पुराने मण्डी परिसर का कोई उपयोग नहीं हो रहा है? (ख) क्या पुराने मण्डी परिसर का कोई उपयोग व देख-रेख नहीं होने से उक्त परिसर में आवारा पशुओं, असामाजिक तत्वों का जमघट लगा रहता है? यदि हाँ, तो क्या पुराने मण्डी परिसर में सब्जी मण्डी लगाने की स्वीकृति हेतु कृषि उपज मण्डी समिति जीरापुर द्वारा प्रबंध संचालक, मण्डी बोर्ड भोपाल को विगत दो-तीन माह पूर्व प्रस्ताव भेजा गया है ताकि पुराने मण्डी परिसर की सुरक्षा व पूर्ण उपयोग हो सके? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन पुराने मण्डी परिसर में सब्जी मण्डी लगाने की स्वीकृति एवं परिसर के विकास व सुव्यवस्थित करने हेतु विकास राशि रूपये 2 करोड़ की स्वीकृति भी प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्तमान में पुराने मंडी प्रांगण में समर्थन मूल्य पर कृषि उपज का कार्य किया जाता है। (ख) जी नहीं। म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972, की धारा 19 की उपधारा (1) के अंतर्गत म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की अधिसूचना क्रमांक डी-15-42-2015-चौदह-3 दिनांक 15 जून 2016 के द्वारा फल-सब्जी विपणन हेतु कृषि उपज मंडी समिति जीरापुर को अधिसूचित किया गया है। (ग) जीरापुर मंडी समिति के फल-सब्ज़ी मंडी की अधिसूचना दिनांक 15 जून 2016 को जारी की गई है। मंडी जीरापुर में फल-सब्जी के विकास कार्य हेतु कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि से स्वीकृति हेतु राशि रूपयें 220.56 लाख का प्रस्ताव गठित अनुदान समिति की आगामी बैठक में रखे जाने हेतु प्रस्तावित किया गया है। समिति की बैठक में गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्कुलर के विपरित लाल बत्ती का उपयोग
110. ( क्र. 1915 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवहन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा 6 मार्च 2014 को राजपत्र में प्रकाशित कर शासकीय वाहनों के अग्र भाग पर लाल बत्ती/पीली बत्ती/नीली बत्ती लगाये जाने वाले संबंधित पदाधिकारियों की सूची प्रकाशित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष/वाहन को लाल बत्ती/पीली बत्ती/नीली बत्ती लगाये जाने वाले पद के अंतर्गत रखा गया है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की बत्ती के अंतर्गत रखा बतावें। (ग) यदि नहीं, तो अध्यक्ष म.प्र. वक्फ बोर्ड के वाहन क्रमांक एमपी.04/सीजी. 8315 में लाल बत्ती का प्रयोग किस अधिकारिता के तहत उनके द्वारा किया जा रहा है? विभाग इस संबंध में क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वफ्फ बोर्ड के अध्यक्ष के संबंध में इस अधिसूचना में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। (ग) नियमित जाँच की कार्यवाही की जाती है। नियम विरूद्ध बत्ती का उपयोग होने पर दण्ड का प्रावधान है।
मर्जर भूमियों का निराकरण
111. ( क्र. 1916 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नवाब और भारत सरकार के मध्य दिनांक 30 अप्रैल 1949 को मर्जर एग्रीमेंट निष्पादित हुआ और प्रश्नकर्ता के अतांकित प्रश्न संख्या 11 (क्रमांक 784) दिनांक 10 मार्च 2008 को उत्तर दिया गया था कि मूल मर्जर एग्रीमेंट की प्रति भारत सरकार के आधिपत्य में होने के कारण जानकारी देना संभव नहीं है, तो वर्ष 2001 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल की मर्जर की भूमियों का निर्णय राजस्व विभाग/कलेक्टर कार्यालय द्वारा किस आधार पर तथा किन-किन अधिकारियों द्वारा निर्णय लिये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश की राजधानी की मर्जर की भूमियों के करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार हुआ है इसकी गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए क्या मर्जर की प्रति विधान सभा पटल पर रखेगें? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत प्रोत्साहन राशि की जानकारी
112. ( क्र. 1920 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन द्वारा सामूहिक विवाह योजनांतर्गत तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राही लाभांवित हुये? हितग्राहियों के नाम, पता सहित जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या शासन द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि हितग्राहियों को प्रदान की जा चुकी है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत तेन्दूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक 385 हितग्राही लाभांवित हुए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश ‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
113. ( क्र. 1946 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पीथमपुर क्षेत्र के पटवारी हल्का नम्बर 61 की भूमि सर्वे क्रमांक 303 क्षेत्रफल 0.084 हे., सर्वे क्रमांक 304 क्षेत्रफल 0.021 हे. तथा सर्वे क्रमांक 307 क्षेत्रफल 0.136 शासकीय भूमि होकर राजस्व दस्तावेज में नजूल व मरघट के नाम पर इंद्राज है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त सर्वे नम्बर की भूमि पर अल्पाईन इण्डस्ट्री पीथमपुर, जो वर्तमान में बंद होकर बेच दी गई है, इसके क्रेता द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर अपनी स्वयं की निजी भूमि के साथ मिलाकर व्यवसायिक प्रयोजन हेतु कालोनी निर्मित की जा रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त शासकीय सर्वे नम्बर की भूमियों का सीमांकन किया जाकर अतिक्रमण मुक्त किया जा चुका है वर्तमान स्थिति बतावें? (घ) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सर्वे नम्बर की भूमियों का सीमांकन कर अतिक्रमण मुक्त कब तक करवाई जावेगी? समयावधि बतावें तथा क्या अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में अल्पाईन इण्डस्ट्री पीथमपुर की निजी भूमि व प्रश्नांश (क) में दर्शित भूमि एक दूसरे से लगी होकर पास-पास स्थित है। सीमांकन करने के पश्चात् ही नजूल एवं मरघट भूमि की स्थिति स्पष्ट हो पायेगी, मौके पर अल्पाईन इण्डस्ट्री द्वारा भूमि का समतलीकरण किया जा रहा है एवं कॉलोनी जैसी कोई स्थिति निर्मित नहीं है। अल्पाईन इण्डस्ट्री पीथमपुर विक्रय किये जाने के संबंध में इस कार्यालय के संज्ञान में नहीं है। कम्प्यू्ट्रीकृत राजस्व अभिलेखों में वर्ष 2015-16 में अल्पलाईन इण्डस्ट्री पीथमपुर की भूमि के सर्वे नम्बर प्रश्नांश (क) में दर्शित सर्वे नम्बर से पृथक है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त शासकीय सर्वे नम्बर की भूमियों के सीमांकन की कार्यवाही पृथक से की जाकर अतिक्रमण की स्थिति पाये जाने पर विधिवत् अतिक्रमण की कार्यवाही यथाशीघ्र की जावेगी।
शौचालय उपयोग हेतु पानी की उपलब्धता
114. ( क्र. 1951 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों के उपयोग हेतु पानी की उपलब्धता नहीं है? (ख) यदि यह सही है तो क्या बनाये गये शौचालय उपयोग विहीन रहेंगे? (ग) यदि हाँ, तो क्या समस्त ग्रामों में नल-जल योजना का निर्माण कर पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों के उपयोग हेतु समस्त ग्राम पंचायतों में पानी की उपलब्धता है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों में पानी की व्यवस्था का दायित्व स्वंय हितग्राही का है। हितग्राहियों को शौचालय के उपयोग हेतु प्रेरित कर ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुरूप नल-जल योजना का संचालन किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनग्रामों का राजस्व ग्राम में परिवर्तन
115. ( क्र. 1983 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा विधान सभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामीण क्षेत्रों को राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रस्ताव जिला स्तर पर विचाराधीन है? इसमें वर्तमान में किस स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? (ख) ग्रामीण बसाहट को राजस्व ग्राम घोषित करने के क्या प्रावधान हैं? क्या इन क्षेत्रों में ग्रामीण को मूलभूत सुविधाएं पाने का अधिकार है। (ग) खण्डवा विधान सभा क्षेत्र के ऐसे किन-किन क्षेत्रों के प्रस्ताव जिला प्रशासन/राजस्व विभाग द्वारा शासन को प्रेषित किए गए हैं? प्रेषित प्रस्तावों का विवरण उपलब्ध कराएं? (घ) उक्त प्रस्ताव किस स्तर पर एवं किन कारणों से कार्यवाही हेतु लंबित हैं? ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अस्पष्ट। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपूर्ण सड़क का निर्माण कार्य
116. ( क्र. 2022 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के शहपुरा वि.स. के अंतर्गत निर्माणाधीन प्रधान मंत्री सड़क ''इंद्रा नगर-भैरोंघाट'' का अब तक कितना निर्माण कार्य हुआ है? कितना शेष है? (ख) उक्त इंद्रा नगर-भैरोंघाट प्रधानमंत्री सड़क निर्माण की निर्धारित अवधि क्या थी? अपूर्ण निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जबलपुर जिले के शहपुरा विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्माणाधीन ''इन्द्रानगर से भैरोंघाट'' में 18.633 कि.मी. का निर्माण कार्य हुआ है। शेष 4.12 कि.मी. निर्माण कार्य की वन विभाग से अनुमति प्राप्त न होने से नहीं किया गया है। उक्त मार्ग की स्वीकृत लंबाई 26.67 कि.मी. है, मार्ग की आर.डी. 0 कि.मी. से 2.12 कि.मी. तक नैरादेही अभ्यारण्य क्षेत्र होने के कारण वर्तमान में फारेस्ट कंजरवेशन एक्ट के कारण सड़क निर्माण की अनुमति प्राप्त नहीं है। मार्ग की आर.डी. 2.12 कि.मी. से 20.955 तक के भाग में आर.डी. 19.2 कि.मी. से 19.4 कि.मी. में 200 मीटर लंबाई का सी.सी. मार्ग का कार्य प्रगति पर है। आर.डी. 21.50 कि.मी. से 23.50 कि.मी. में सड़क निर्माण हेतु आवश्यक चौड़ाई 6 मीटर में कार्य कराने की वन विभाग से अनुमति नहीं होने से उक्त लंबाई का सड़क निर्माण कार्य विलोपित किया गया है। मार्ग की आर.डी. 23.5 कि.मी. से 26.67 कि.मी. के मध्य कोई ग्राम स्थित नहीं होने एवं लक्ष्य ग्राम भैरोंघाट जो मार्ग की 26.67 कि.मी. पर स्थित है को लोक निर्माण विभाग द्वारा पाटन मनखेड़ी मार्ग से पिपरियाकलां मुख्य मार्ग द्वारा संपर्कता प्रदान करने के कारण मार्ग को आर.डी. 20.955 कि.मी. तक ही पूर्ण किया जा रहा है। (ख) ''इन्द्रानगर से भैरोंघाट'' तक प्रधानमंत्री सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करने की अनुबंधानुसार निर्धारित अवधि दिनांक 25.11.2012 थी। मार्ग पूर्ण करने हेतु दिनांक 30.06.2016 तक समयावृद्धि दी गई थी। ठेकेदार द्वारा दिसम्बर 2016 तक समयावृद्धि हेतु निवेदन किया है। निर्माण कार्य की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वाटरशेड निर्माण की गुणवत्ता
117. ( क्र. 2032 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के कालापीपल विकासखण्ड में एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम अंतर्गत किन-किन गाँवों में कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रस्तावित थे उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके है तथा कितने कार्य चल रहे हैं? कार्यवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्य के स्ट्रक्चर (फाउंडेशन) में उपयोग किये जा रहे मटेरियल का स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार किस तकनीकी अधिकारी द्वारा कब-कब गुणवत्ता परीक्षण करवाया गया? दिनांकवार जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
118. ( क्र. 2033 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों के सड़क निर्माण के कार्य पूर्ण या चल रहें हैं तथा किन-किन गांवों के सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत कर दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में शाजापुर जिले के शुजालपुर विकासखण्ड के खेरखेड़ी तथा कालापीपल विकासखण्ड के सेमलीखेड़ा व सुरतीकापुरा गांवों को सड़क मार्ग से क्यों नहीं जोड़ा गया? क्या उक्त ग्रामों को अन्य योजना से सड़क सुविधा प्राप्त हो गयी है? (ग) जनसंख्या के मान से प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित गांवों को सड़क मार्ग से कब तक जोड़ा जाना था?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हरूखेड़ी से सेमलीखेड़ा मार्ग स्वीकृत किया गया था, किन्तु शासकीय भूमि उपलब्ध न होने से निर्माण नहीं हो सका। ग्राम खेरखेड़ी की मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार मुख्यमार्ग से दूरी कम होने के कारण योजना में पात्र नहीं है। ग्राम सुरतीकापुरा में मार्ग निर्माण के प्रस्ताव का परीक्षण कराया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशि भुगतान में अनियमितता
119. ( क्र. 2035 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत प्रा.वि./मा.वि. संचालन हेतु कितनी मात्रा में गेहूं एवं राशि स्वयं सहायता समूह को प्रदाय की गई है? माहवार प्रदाय राशि एवं गेहूं (खाद्यान्न) की जानकारी समूहवार उपलब्ध करावें? (ख) यह भी बतायें कि प्रा.वि./मा.वि. में वर्ष 2013-14 में से वर्ष 2015-16 तक कितनी मात्रा में खाद्यान्न (गेहूं) एवं कितनी राशि प्रति बच्चे के अनुमान से प्रदाय किया जाना था? अगर वर्ष 2013 के पश्चात् राशि प्रदाय/खाद्यान्न की दर में परिवर्तन हुआ है? तो वह किस माह में लागू किया गया है? शासन के कार्यक्रम अंतर्गत संबंधित सर्कुलर उपलब्ध करावें? (ग) क्या वर्ष 2013 के पश्चात् निर्धारित मापदण्ड अनुसार बच्चों की उपस्थिति के अनुपात में खाद्यान्न एवं राशि, समूहों को अधिक प्रदाय की गई? हाँ, तो ऐसे समूह की संख्या कितनी है तथा यह कौन से विद्यालयों में संचालन कर रहे हैं तथा समूह का नाम क्या है तथा कितनी अधिक राशि एवं खाद्यान्न प्रदाय दिया गया है तथा यह अधिकता किस माह से हुई है तथा इसका क्या कारण था? (घ) क्या किसी समूह के पास स्टॉक में खाद्यान्न एवं राशि शेष रहने के उपरांत गेहूं एवं राशि प्रदाय की गई है? हाँ, तो क्यों? क्या यह आर्थिक अनियमितता नहीं है और है तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं तथा भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसके लिये दोषी पर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। (ख) मध्यान्ह भोजन योजना के कास्ट नार्म भारत शासन द्वारा निर्धारित की जाती है, जिसके अनुसार प्रति बच्चा प्राथमिक विद्यालय में 100 ग्राम एवं माध्यमिक विद्यालय में 150 ग्राम प्रति छात्र के मान से दिए जाने के शासन के निर्देश है। भोजन पकाने की राशि शासन निर्देशानुसार निर्धारित दर से प्रदाय की है। वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय हेतु रू. 3.86 एवं माध्यमिक विद्यालय हेतु रू 5.78 प्रति छात्र प्रति दिन है। परिवर्तित दरें शासन के निर्देशानुसार निर्धारित तिथियों से लागू की गई है, दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाटर शेड योजना में कराये गये कार्य
120. ( क्र. 2039 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत वाटर शेड योजना से कितने गाँव में कितने कार्य सन् 2014 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कराये गये हैं? (ख) कौन सा कार्य कितनी राशि से कराया जा रहा है एवं कौन से कार्य में कितनी राशि खर्च हुई है एवं कितनी राशि शेष है? कितने कार्य पूर्ण हो गये हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? (ग) यह कार्य मजदूरों से कराये जाते हैं या मशीनों से कराये जाते हैं? कितने कार्य मजदूरों से एवं कितने कार्य मशीनों से कराये गये? (घ) क्या आज की स्थिति में जिस जल संरक्षण के उद्देश्य से यह योजना चलाई जा रही है उस मंशा की पूर्ति हो रही? (ड.) क्या 2013 से लेकर प्रश्न दिनांक संपूर्ण कार्यों की जाँच कराकर अनियमितता पाये जाने पर इन पर संबंधित कर्मचारी अधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आस्थामूलक कार्य व वाटरशेड विकास कार्य मजदूरों एवं मशीनों से कराये जाते हैं। आजीविका उन्नयन कार्य तथा उत्पादन प्रणाली संबंध कार्य स्वयं हितग्राही द्वारा किये जाते है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। (ड.) प्रश्नाधीन कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं निरीक्षण समय-समय पर किया गया है, जिनमें कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। अतः जाँच एवं कर्मचारी व अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भारत उदय कार्यक्रम
121. ( क्र. 2040 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम पंचायत सिरसिरी विकासखण्ड साईंखेड़ा में ग्राम सभा किन-किन तारीखों में आयोजित की गई थी? (ख) ग्राम सभा आयोजित करने के लिए क्या ग्राम में ग्राम पंचायत भवन उपलब्ध होने पर ग्राम सभा आयोजित करने का प्रावधान है ग्राम पंचायत भवन उपलब्ध न होने की दशा में क्या अन्य शासकीय भवन में ग्राम सभा आयोजित करने का प्रावधान है? (ग) क्या उपरोक्त ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत भवन उपलब्ध होने के बावजूद एवं अन्य छोटे से भवन में ग्राम सभा अयोजित की गई जहां पर कि न तो लोगों को बैठने की जगह है और न पेय-जल आदि अन्य सुविधायें? (घ) क्या इस संबंध में कलेक्टर नरसिंहपुर एस.डी.एम. गाडरवारा एवं सी.ई.ओ. साईंखेड़ा को शिकायत प्राप्त हुई है? (ड.) क्या ग्राम पंचायत सरपंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं नोडल अधिकारी की कोई गलती पायी गई है एवं उनके खिलाफ कोई जाँच हुई है बतावें? भविष्य में इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत सिरसिरी में ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 10.05.2016, 11.05.2016 एवं 12.05.2016 व दिनांक 01.06.2016 को ग्राम सभा (ग्राम संसद) का आयोजन किया गया था। (ख) ग्राम सभा के आयोजन स्थल के संबंध में निर्णय स्थानीय परिस्थिति अनुसार किया जा सकता है। (ग) जी हाँ। ग्राम पंचायत भवन उपलब्ध होने के बावजूद शासकीय प्राथमिक शाला सिरसिरी में ग्राम सभा आयोजित की गई भवन में 150 व्यक्तियों के बैठने की जगह है, शाला परिसर में पेय-जल हेतु हैंडपंप उपलब्ध है। (घ) जी हाँ। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी साईंखेड़ा एवं अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व गाडरवारा को शिकायत प्राप्त हुई थी। (ड.) जी हाँ। इस संबंध में संबंधितों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है, संबंधितों का जवाब संतोषजनक पाये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टीकमगढ़ जिले की साख समिति में अनियमितता
122. ( क्र. 2047 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक साख सह. समिति मर्या. गोर में दिनांक 31.12.15 से अध्यक्ष हैं? यदि हाँ, तो कौन है नाम एवं पदग्रहण का दिन बतावें? (ख) क्या दिनांक 19.1.2016 को समिति प्रबंधक गोर को उपायुक्त सहकारिता टीकमगढ़ के आदेश पर संचालक मण्डल की बैठक में निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो किसकी अध्यक्षता में नाम बताये एवं समिति प्रबंधक ने स्टे किस आदेश पर लिया? (ग) क्या स्टे उपरांत समिति प्रबंधक ने अपनी उपस्थिति दी थी यदि हाँ, तो किसको दी क्या अध्यक्ष पदेन होने के उपरांत समिति में उपाध्यक्ष कार्य करने हेतु विधि संगत ही बतायें एवं उपस्थिति किस आधार पर वैधानिक है? (घ) क्या दि. 4.1.16 से आज दिनांक तक राशि का आहरण किया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितना, क्या आचरण नियम संगत है? यदि नहीं, तो कौन दोषी एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही होगी एवं कब तक समय-सीमा बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, दिनांक 26.09.2015 से समिति के अध्यक्ष का प्रभार उपाध्यक्ष श्रीमती राजकुंवर यादव के पास है. (ख) जी नहीं. प्रश्न उपस्थित नहीं होता. समिति प्रबंधक द्वारा उप आयुक्त सहकारिता जिला टीकमगढ़ के पत्र दिनांक 18.01.2016 एवं पूर्व अध्यक्ष के अवैधानिक आदेश दिनांक 19.01.2016 के क्रियान्वयन पर स्थगन प्राप्त किया गया है. (ग) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता. समिति की उपविधि अनुसार अध्यक्ष के अपात्र हो जाने पर उपाध्यक्ष को समिति के अध्यक्ष का प्रभार दिए जाने का प्रावधान है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (घ) जी हाँ. राशि रूपये 8,20,913.00 का आहरण किया गया है जो नियम संगत है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
दोषी पर कार्यवाही
123. ( क्र. 2068 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न संख्या-148 (क्र. 5209) दिनांक 10 मार्च 2016 के पैरा (घ) का उत्तर जी हाँ (अंकेक्षण अनुसार) बैलेन्स शीट में अधिरोपित राशि की वसूली हेतु म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 वा 68 के तहत बाद दायर कर निर्णय लिया जावेगा तब दोषी समिति प्रबंधकों की पदस्थापना अन्यत्र कर दी गई है क्या दिया गया है, तो किन-किन समितियों के समिति प्रबंधकों की पदस्थापना अन्यत्र की गई है आदेश पूर्ति के साथ जानकारी देवें तथा उक्त समिति प्रबंधक वर्तमान में किस समिति में पदस्थ हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) (ख) के समिति प्रबंधक अपने उसी मूल पूर्व पदस्थापना समितियों में पदस्थ रहते हुए कार्य कर रहे हैं तथा अन्यत्र हटाने का उत्तर दिया गया है तो उक्त असत्य जानकारी देने में कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? क्या उक्त समिति प्रबंधक उसी पद प्रभार में कार्य कर रहे है? यदि हाँ, तो सदन में दिए गए उत्तर के परिपालन में कब तक अन्यत्र हटा दिया जावेगा? आदेश की प्रति के साथ जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, सेवा सहकारी समिति मर्यादित, मनगवां में पदस्थ समिति प्रबंधक श्री गोपाल नारायण शर्मा की पदस्थापना जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के आदेश क्रमांक 3011, दिनांक 29.02.2016 द्वारा अन्यत्र की गई है, आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, उक्त आदेश का पालन न करने के कारण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के आदेश दिनांक 29.06.2016 के द्वारा उक्त श्री गोपाल नारायण शर्मा को निलंबित किये जाने से पदस्थापना का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ख) उत्तरांश "क" के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होते.
अवैध पट्टा (लीज) निरस्त किए जाने बाबत्
124. ( क्र. 2069 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशा.उ.मा.वि. संस्कार बैली स्कूल मैदानी ढेकहा रीवा जिला रीवा किस भूमि में संचालित है? उसका खसरा नं. रकबा अंकित कर जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की भूमि वर्ष 1980 के पूर्व खसरा में तथा वर्ष 1958-59 के खतौनी में किस के नाम दर्ज थी? उक्त भूमि विद्यालय अथवा विद्यालय संचालन समिति के नाम कब, किस आधार पर परिवर्तित की गई है की जानकारी राजस्व रिकार्डों के साथ देवें। (ग) यदि प्रश्नांश (क) की भूमि नियम विरूद्ध विद्यालय अथवा संचालन समिति के नाम दर्ज की गई है तो क्या उक्त भूमि अतिक्रमण मुक्त कराते हुए पूर्व के भॉति 1958-59 के खतौनी अनुसार खसरा में इद्रांज करा देगें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश की भूमि का नियम विरूद्ध व्यवस्थापन करने में कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध तथा संचालन समिति के एवं विद्यालय प्राचार्य के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज कराते हुए राजस्व रिकार्डों में सुधार करायेगें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लिपिकीय वर्ग से नायब तहसीलदार की विभागीय परीक्षा
125. ( क्र. 2078 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के राजस्व विभाग लिपिक वर्ग से नायब तहसीलदार विभागीय परीक्षा का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्ष 2005 के पश्चात् परीक्षा क्यों नहीं करवाई गई? लिपिक वर्ग से नायब तहसीलदार के कितने पद वर्तमान में रिक्त हैं? (ग) वर्ष 2005 में कितने पदों के लिये विभागीय परीक्षा करवाई गई थी? जिसके विरूद्ध कितनों की नियुक्ति की जा चुकी है व कितने पद रिक्त हैं? (घ) कब तक लिपिक वर्ग से नायब तहसीलदार के पदों की विभागीय परीक्षा कराई जाकर नियुक्ति की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मध्य प्रदेश शासन, राजस्व विभाग के अधिसूचना क्रमांक 464 दिनांक 19.10.2011 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लिपिक वर्ग से नायब तहसीलदार के पद पर विभागीय परीक्षा आयोजित किये जाने हेतु भर्ती नियम में संशोधन की कार्यवाही विचाराधीन होने के कारण परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी। लिपिक वर्ग से नायब तहसीलदार के 29 पद रिक्त है। (ग) वर्ष 2005 में विभागीय परीक्षा आयोजित नहीं कराई गई। (घ) समय-सीमा बतायें जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना की जानकारी
126. ( क्र. 2088 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी में केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी प्रधानमंत्री सड़कें निर्माण हेतु स्वीकृत हैं? कितनी सड़कों का कार्य प्रगति पर है एवं कितनी सड़कें अपूर्ण हैं? विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत वन ग्राम मोरडोंगरी डूंडलखेड़ा, (वि.खं. सिवनी) से छुई एवं विकासखण्ड केवलारी के ग्राम भादू टोला से तुर्गा तक प्रधानमंत्री सड़क निर्माण होना है? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या वि.खं. सिवनी अंतर्गत सिंघोड़ी से भालीवाड़ा तक प्रधानमंत्री सड़क निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्णता की समयावधि बतावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सड़क निर्माण विगत 3 वर्षों से चल रहा है जबकि इसकी लम्बाई महज 5 कि. मी. है? यदि हाँ, तो विलम्ब होने का क्या कारण है एवं इसका उत्तरदायी कौन है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला सिवनी केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में अद्यतन 173 मार्ग, की स्वीकृतियां प्राप्त हुई है जिनमें से 110 मार्ग पूर्ण, 44 मार्ग प्रगति पर एवं 19 सड़कें निविदा स्तर पर है। विकासखंडवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत वनग्राम मोरडोंगरी से छुई पैकेज क्रमांक 36136 (शेष कार्य) के अंतर्गत अनुबंध दिनांक 23.06.2016 को किया गया है। भादूटोला से तुर्गा मार्ग का अनुबंध किया जाना शेष है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विकासखंड सिवनी के अंतर्गत सिघोंडी से भालीवाड़ा मार्ग निर्माणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। सिघोंडी से भालीवाड़ा मार्ग का कार्य अनुबंधकर्ता द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण दिनांक 27.05.2015 को अनुबंध समाप्त किया गया। शेष कार्य हेतु माह अक्टूबर 2015 में नई एजेंसी का निर्धारण कर कार्य प्रगति पर है। कार्यपूर्णता में विलंब के लिये पूर्व अनुबंधकर्ता उत्तरदायी है जिसके विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के अधीन कार्यवाही की गई।
विधायक के पत्र पर कार्यवाही
127. ( क्र. 2127 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पत्र क्रमांक36/MLA/2016 दिनांक 12.05.2016 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व करैरा को प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रस्तुत किया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त (क) में वर्णित पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण दर्शाते हुये कार्यवाही कब तक की जायेगी? निश्चित दिनांक बतावें? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल के अनेकों बार निर्देश आदेशों के माध्यम से आयुक्त एवं कलेक्टर्स आदि अधिकारियों को अवगत कराया है कि माननीय सांसद व विधायक द्वारा प्रस्तुत पत्रों की प्राप्ती की सूचना एवं की गई कार्यवाही से अवगत अतिशीघ्र कराया जावे? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र का उत्तर न देना शासन के नियमों का उल्लंघन होकर विधायकों के विशेषाधिकारों का हनन भी है? (घ) क्या उपरोक्त प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र पर कार्यवाही न करने के कारण पत्र में उल्लेखित शिकायत के संबंध में लगातार प्रगति हो रही है जो निरंतर जारी है व भू-माफियाओं के हौंसले भी बुलंद हैं एवं यदि समय रहते कार्यवाही नहीं की गई तो नगर नरवर की सभी शासकीय भूमि, भू-माफियाओं द्वारा हथिया ली जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
128. ( क्र. 2143 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सभाओं के आयोजन की व्यवस्था की गई थी? यदि हाँ, तो टीकमगढ़ जिले की कितनी ग्राम पंचायतों में यह आयोजन किये गये और कितनी पंचायतों में नहीं किये गये? जनपद पंचायतवार संख्या पृथक-पृथक बतायी जावे? (ख) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत ग्राम सभाओं के आयोजन में कुल कितने आवेदन प्राप्त हुये? इनमें से पात्र हितग्राहियों की संख्या जिनके आवेदन स्वीकृत किये गये तथा अपात्र हितग्राहियों की संख्या बतायी जावे? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में प्राप्त आवेदनों में से अधिकांश आवेदन निरस्त हुये हैं? कारण सहित बताया जावे कि आगामी अभियान कार्यक्रमों में स्वीकृत आवेदनों की संख्या बढ़ाने के लिये शासन द्वारा क्या कोई पहल की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत आयोजित ग्राम सभाओं में 67730 आवेदन पत्र प्राप्त हुये, जिनमें 64583 आवेदन पत्र पात्र पाये गये और 3147 आवेदन पत्र अपात्र पाये गये। (ग) जी नहीं। 5 प्रतिशत से भी कम आवेदन अपात्र होने से निरस्त किये गये। शेष जानकारी निरंक है।
हितग्राही मूलक योजनाएं
129. ( क्र. 2148 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हितग्राही मूलक योजनाओं जैसे पाईप लाईन, यंत्र आदि के लिये शासन द्वारा ऑन-लाईन आवेदन की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो इस योजना के माध्यम से दूरस्थ जिलों, विकासखण्डों और ग्राम पंचायतों के किसानों को क्या शासन की मंशानुसार लाभ मिल पाता है या नहीं? यदि नहीं, तो कारण बताये जावें? (ख) क्या इन योजनाओं के लिये शासन द्वारा विकासखण्डवार लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं किन्तु ऑनलाईन व्यवस्था होने के कारण विकासखण्डवार लक्ष्यानुसार पूर्ति नहीं हो पाती है? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिये शासन द्वारा कौन-कौन से सुधार प्रस्तावित हैं? (ग) क्या इस नई व्यवस्था में हितग्राहियों का चयन भोपाल स्तर से लाटरी के माध्यम से किया जाता है? यह प्रावधान क्या छोटे किसानों के लिये प्रासंगिक है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। ऑनलाईन आवेदन व्यवस्था से किसानों को शासन की मंशानुसार लाभ प्राप्त हो रहा है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग द्वारा जिले हेतु लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं, जिला स्तर से विकासखंडवार लक्ष्य आवंटित किये जाते है। जिन कृषकों द्वारा ऑनलाईन आवेदन किया जाता है, उनके आवेदनों पर लक्ष्यानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। हितग्राहियों का चयन "प्रथम आवे प्रथम पावें" के सिद्धांत पर किया जाता है। इसमें सभी कृषकों को आवेदन के समान अवसर प्राप्त रहते है।
उपयंत्रिकों का अन्य विभाग में समायोजन
130. ( क्र. 2182 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.आर.जी.एफ. योजना 30-06-2015 को बंद कर दिये जाने के बाद उसमें कार्यरत उपयंत्रियों को अन्य विभाग में समायोजित करने की कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या पंचायत राज संचालनालय द्वारा बी.आर.जी.एफ. में कार्यरत रहे उपयंत्रियों का जुलाई, 2015 में साक्षात्कार भी किया गया है तथा मध्यप्रदेश रोजगार गारंटी परिषद् की सशक्त समिति की उसी बैठक में भी निर्णय लिया गया है कि बी.आर.जी.एफ. के 16 उपयंत्रियों को मनरेगा योजना में समायोजित करने की अनुमति प्रदान की गयी है? (ग) क्या विभागीय मंत्री जी द्वारा भी अपर सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को परीक्षण उपरांत प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है? यदि हाँ, तो निर्देशानुसार क्या कार्यवाही हुई और कब तक उपयंत्रियों को मरनेगा योजनांतर्गत समायोजित कर लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। वर्तमान में मनरेगा योजनान्तर्गत प्रशासनिक व्यय मद में स्वीकृत पात्रता सीमा से अधिक व्यय होने से प्रकरण विचारण में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कुओं का निर्माण
131. ( क्र. 2188 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छता अभियान के तहत हो रहे शौचालयों के निर्माण कार्य प्रदेश में किस स्थिति में हैं?। (ख) इसी अभियान के अंतर्गत बड़वानी जिले की अलग-अलग ग्राम पंचायतों द्वारा निर्मित शौचालयों को कितनी राशि प्रदान कर दी गई, कितनी शेष है? जहां राशि प्रदान करना शेष है वहां राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) प्रश्न दिनांक तक बड़वानी जिले में इंदिरा आवास योजना एवं कपिल धारा कुएँ की कितनी राशि, कितने हितग्राहियों की शेष है? विधान सभावार, ग्रामवार बतावें। यह राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (घ) उपरोक्त अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा एवं इससे जुड़े विभागीय अधिकारियों द्वारा जवाबदेही का निर्वहन क्यों नहीं किया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत प्रदेश में निर्मित हो रहे शौचालय उपयोगी है। (ख) बड़वानी जिले में ग्राम पंचायतवार निर्मित शौचालयों को प्रदाय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शौचालय निर्माण निरंतर चालू हैं, जिस हेतु राशि सतत् रूप से उपलब्ध कराई जा रही है। (ग) बड़वानी जिले में इंदिरा आवास योजनांतर्गत प्रश्न दिनांक तक विधान सभावार, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इंदिरा आवास योजनांतर्गत हितग्राहियों द्वारा लिटल लेवल तक के आवास निर्माण पूर्ण कर निर्धारित मापदण्ड अनुसार फोटो आवास सॉफ्ट में अपलोड करने के पश्चात् एफ.टी.ओ. के माध्यम से द्वितीय किश्त हितग्राहियों के बैंक खातों में राशि हस्तांतरित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। मनरेगा अंतर्गत कपिलधारा कूप निर्माण में हितग्राहियों को राशि देने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शौचालय निर्माण, इंदिरा आवास एवं कपिलधारा कूप निर्माण कार्य सतत् प्रक्रिया है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं उठता है।
गौण खनिजों के उपयोग हेतु नीति
132. ( क्र. 2191 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण विकास कार्य के लिए म.प्र. गौण खनिज अधिनियम 1996 के नियम 3 में क्या प्रावधान दिए गए हैं? इन प्रावधानों के तहत म.प्र. शासन खनिज विभाग ने अप्रैल 2013 में क्या प्रक्रिया निर्धारित की है? (ख) जिला पंचायत बैतूल एवं जिले की जनपद पंचायतों द्वारा ग्राम विकास कार्यों के लिए किस-किस गौण खनिज के लिए खदान आरक्षित किए जाने के संबंध में वर्ष 2013 से प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) किस विकासखण्ड की कितनी पंचायतों के लिए किस ग्राम में, कितनी मुरम, गिट्टी, पत्थर एवं रेत की खदान प्रश्नांकित दिनांक तक आरक्षित की गई है? यदि खदान आरक्षित नहीं की गई है, तो उसके क्या कारण है? (घ) ग्राम विकास कार्यों के लिए कितनी गौण खनिजों का आरक्षण किया जाएगा तथा कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 अधिसूचित है, नियम 3 में उल्लेखित प्रावधान जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। मध्यप्रदेश शासन खनिज विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 10.04.2013 में निर्धारित प्रक्रिया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार, कलेक्टर खनिज शाखा बैतूल द्वारा म.प्र.शासन खनिज साधन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 22 जून, 2015 अनुसार किये गये संशोधन बाबत् कार्यवाही किये जाने हेतु कार्यालय के पत्र क्रमांक-917 दिनांक 06.07.2015 से अधिसूचना की प्रति समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसीलदारों एवं समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को भेजी गई तथा कार्यालय के पत्र क्रमांक-1583 दिनांक 03.11.2015 से जिले के तहसीलदारों को साधारण पत्थर, मुरम एवं फर्शी पत्थर खनिज अधिनियम-5 हेक्टेयर की एक-एक खदान आरक्षित करने हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव प्राप्त कर आवश्यक जाँच उपरांत प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है तथा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को आवश्यक कार्यवाही हेतु लेख किया गया है। इसके अतिरिक्त जिला पंचायत से भी इस संबंध में पत्र क्रमांक-3179 दिनांक 10.04.2015 के द्वारा भी निर्देश दिये गये हैं। (ग) प्रश्नांश ‘क‘ में उल्लेखित प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग, भोपाल द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 22 जून 2015 अनुसार किये गये संशोधन बाबत् कार्यवाही किये जाने हेतु कलेक्टर बैतूल ने पत्र क्रमांक 917 दिनांक 06.07.2015 से अधिसूचना की प्रति मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व, समस्त तहसीलदार एवं समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायतों को भेजी गई है तथा कलेक्टर बैतूल ने पत्र क्रमांक 1583 दिनांक 03.11.2015 से जिले के समस्त तहसीलदारों को साधारण पत्थर, मुरम एवं फर्शी पत्थर खनिज की अधिकतम 5 हेक्टेयर की एक-एक खदान आरक्षित करने हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव प्राप्त कर आवश्यक जाँच उपरांत प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है तथा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायतों को आवश्यक कार्यवाही हेतु लेख किया है, किंतु किसी भी तहसीलदार से विधिवत् प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने के कारण खदान आरक्षित नहीं की गई है। (घ) प्रस्ताव प्राप्त होने पर उनका परीक्षण किया जायेगा। परीक्षण उपरांत विधि समस्त कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनपद पंचायत परासिया में वित्तीय अनियमितताएं
133. ( क्र. 2194 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत परासिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राजधर पटेल के खिलाफ पिछले विधान सभा सत्र के परि.अता. प्रश्न संख्या 70 (क्र. 1681) दिनांक 02/03/2016 के द्वारा अवगत कराया गया था कि संबंधित अधिकारी के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है, जिसकी प्रारंभिक जाँच में श्री पटेल दोषी पाये गये हैं। यह कार्यवाही कितनी प्रगति पर है अवगत करायें? श्री राजधर पटेल द्वारा की गई अनियमितताओं की विभागीय जाँच कब तक पूर्ण कर दी जायेगी? (ख) क्या अभी तक की गई विभागीय जाँच के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राजधर पटेल को इन अनियमितताओं के आधार पर निलम्बन की कार्यवाही की जावेगी? यदि निलम्बन की कार्यवाही की जावेगी तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शिकायत की जाँच संभागीय आयुक्त जबलपुर द्वारा करायी जाने पर दोषी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया श्री राजधर पटेल के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रकरण में आदेश क्र.1199/विकास शाखा-स.अ., दिनांक 11 जुलाई 2016 द्वारा एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाने की शास्ति अधिरोपित की गई है। (ख) जी नहीं। अनियमितताओं के आधार पर प्रश्नांश 'क' अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है।
पेंशन राशि में वृद्धि करना
134. ( क्र. 2196 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में विधवा, वृद्धा, विकलांग एवं अन्य श्रेणी में कितने हितग्राहियों को कितनी पेंशन किस दर से दी जा रही है? (ख) विगत पेंशन प्रदाय किन-किन दिनांक को किया गया? पेंशन समय पर प्रदाय न होने के कारण भी बतावें? (ग) अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश सरकार का राज्यांश कम क्यों है, कारण बतावें? (घ) क्या शासन राज्यांश बढ़ाकर इनकी पेंशन राशि में वृद्धि करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार (ख) हितग्राहियों को विगत माह की पेंशन का भुगतान दिनांक 01.06.2016 से 05.06.2016 के मध्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) यह एक नीतिगत मुद्दा है। प्रत्येक राज्य अपने वित्तीय संसाधनों तथा हितग्राहियों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए राज्यांश की सीमा तय करता है। राज्यांश में वृद्धि की तुलना अन्य राज्यों से नहीं की जा सकती है। (घ) पेंशन राशि में वृद्धि करने की कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के मेंटेनेंस कार्य
135. ( क्र. 2197 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2014 से 30.05.2016 तक मेंटेनेंस के कितने कार्य, कितनी राशि के किन स्थानों पर हुए माहवार जानकारी दे देवें? (ख) उपरोक्त अनुसार कार्य के एस्टीमेट की, मेंटेनेंस हेतु टेंडर की विज्ञप्ति की छायाप्रति, टेंडर की प्रक्रिया में शामिल फार्म/एजेंसी की जानकारी चयनित फर्म समेत देवें? प्रत्येक कार्य के संबंध में जानकारी देवें? (ग) संबंधित एजेंसी द्वारा दिए गए बिल, किए भुगतान की जानकारी देवें? क्या इन मेंटेनेंस के कार्यों का निरीक्षण किया गया यदि हाँ, तो निरीक्षण का विवरण देवें? (घ) मेंटेनेंस कार्यों का निरीक्षण न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विधान सभा क्षेत्र कुक्षी में दिनांक 01.01.2014 से 30.05.2016 तक कुल 75 सड़कों के संधारण कार्यों पर कुल रूपये 1197.28 लाख का भुगतान किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब, 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा राशि का वितरण न होना
136. ( क्र. 2199 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई वि.स. क्षेत्र के वि.खं. प्रभात पट्टन के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा वर्ष 2014-15 में खरीफ की फसल हेतु कितने कृषकों का बीमा किया गया? इन्हें कितनी बीमा राशि स्वीकृत हुई? (ख) क्या यह बीमा राशि कृषकों के खाते में जमा कर दी गई, यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) जिले के अन्य बैंकों द्वारा वर्ष 2014-15 की बीमा राशि जमा कर दिया गया वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्रभात पट्टन द्वारा अभी तक राशि जमा नहीं की गई क्यों? इसके लिए दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम बतावें? (घ) राशि जमा नहीं होने पर क्या किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई बैंक या बीमा कंपनी द्वारा की जावेगी एवं इतने दिनों के ब्याज की प्रतिपूर्ति की जावेगी? इसके दोषी अधिकारियों एवं एजेंसी पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मुलताई वि.स. क्षेत्र के विकासखंड प्रभात पट्टन के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा खरीफ की फसल हेतु 611 कृषकों का फसल बीमा किया गया है। किसानों को बीमा राशि स्वीकृत नहीं हुई है। (ख) जी नहीं, बीमा राशि किसानों के खाते में जमा नहीं की गई है। इस संबंध में किसानों से प्राप्त शिकायत के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुलताई द्वारा जाँच की गई जिसमें यह तथ्य पाया गया है कि उक्त बैंक द्वारा किसानों की के.सी.सी. के तहत काटी गई बीमा प्रीमियम राशि शाखा प्रबंधक द्वारा समयावधि में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड भोपाल को नहीं भेजी गई। इस संबंध में शाखा प्रबंधक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्रभात पट्टन को कलेक्टर बैतूल के पत्र क्रमांक 6871 दिनांक 18.01.2016 के तहत बीमा राशि का समायोजन करने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही पत्र क्रमांक 6873 दिनांक 18.01.2016 के तहत जनरल मैनेजर भारतीय स्टेट बैंक भोपाल को संबंधित बैंक पर कार्यवाही हेतु लेख किया गया है। (ग) प्रकरण में तत्कलीन बैंक शाखा प्रबंधक द्वारा समयावधि में प्रीमियम राशि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड भोपाल को जमा नहीं की गई है जिसके लिये तत्कलीन शाखा प्रबंधक जिम्मेदार है। (घ) एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड भोपाल द्वारा जारी अधिसूचना के परिपत्र के बिन्दु क्रमांक 6.4 में स्पष्ट उल्लेखित है कि नोडल बैंक शाखा की गलती की वजह से किसान फसल बीमा के लाभ से वंचित रहता है तो संबंधित वित्तीय संस्थायें ही ऐसी हानियों की भरपाई करेगी।
अनु.जनजाति की भूमि का विक्रय
137. ( क्र. 2200 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में अनु.जनजाति वर्ग की जमीन सामान्य वर्ग को क्रय करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियम/आदेश की छायाप्रति देवें? (ख) यदि अनु.जनजाति वर्ग का व्यक्ति अपनी जमीन सामान्य वर्ग के व्यक्ति को विक्रय करना चाहता हो तो उसे अनुमति किन-किन कारणों से मिलेगी? मुलताई तहसील में विगत 2 वर्षों में इस संबंध में कितने लोगों ने भूमि विक्रय हेतु आवेदन किया उनके नाम, ग्राम नाम, पटवारी हल्का नम्बर एवं रकबे सहित बतावें? (ग) कितने प्रकरणों को अनुमति दी गई, कितनों को निरस्त किया गया? नामवार दोनों पक्षों के ग्रामवार हल्का नंबर, रकबा विक्रय राशि अनुमति कारण सहित बतावें। निरस्त प्रकरणों की सूची कारण सहित देवें? (घ) क्या अनु.जनजाति के भूमि विक्रय प्रकरणों में कितनों की अवहेलना की गई? यदि हाँ, इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भू-रा.संहिता 1959 की धारा 165 (6) की पुस्तकालय में रखे अनुसार है। (ख) विक्रय अनुमति हेतु कारण विशेष निर्धारित नहीं किए गए हैं। विगत 02 वर्षों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 10 आवेदकों/व्यक्तियों द्वारा भूमि विक्रय करने की अनुमति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किए गए। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ग) कुल 07 आवेदन पत्रों में अनुमति प्रदान की गई है। कुल 01 आवेदन निरस्त किया गया है तथा 02 आवेदन पत्र, जाँचकर्ता अधिकारी का प्रतिवेदन अप्राप्त होने के कारण निराकरण हेतु लंबित हैं। स्वीकृत एवं निरस्त आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। कोई अवहेलना नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
स्वच्छता अभियान के अंतर्गत निर्मित राशि
138. ( क्र. 2201 ) श्री जितू पटवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छता अभियान के अंतर्गत इंदौर, उज्जैन संभाग की अलग-अलग ग्रामवार, क्षेत्रवार, जिलावार, विधान सभावार पंचायतों द्वारा निर्मित राशि प्रदान कर दी गई, कितनी राशि शेष है? जहां राशि प्रदान करना शेष है वहां राशि कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (ख) प्रश्न दिनांक तक इंदौर, उज्जैन संभाग में इंदिरा आवास योजना एवं कपिल धारा कुएं की कितनी राशि कितने हितग्राहियों की शेष है? विधान सभावार, ग्रामवार बतावें? यह राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) उपरोक्त अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा एवं इससे जुड़े विभागीय अधिकारियों द्वारा जवाबदेही का निर्वहन क्यों नहीं किया? कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उज्जैन जिले की जानकारी संकलित की जा रही है। शौचालय निर्माण सतत् प्रक्रिया है, निर्माण कार्य पूर्ण होने पर नियमानुसार राशि प्रदान की जाती है। (ख) इंदिरा आवास योजना की जिला इंदौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। इंदिरा आवास की शेष जिलों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। मनरेगा अंतर्गत कपिल धारा कूप निर्माण में हितग्राहियों को राशि देने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शौचालय निर्माण, इंदिरा आवास एवं कपिलधारा कूप निर्माण कार्य सतत् प्रक्रिया है, जिस हेतु हितग्राहियों एवं ग्राम पंचायतों को निरंतर प्रेरित किया जाता है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं उठता है।
स्वच्छता अभियान में प्रचार-प्रसार के बजट
139. ( क्र. 2202 ) श्री जितू पटवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छता अभियान में वर्ष 2015-16 में प्रचार-प्रसार के लिये कितना बजट दिया गया था एवं अभी तक कितना खर्च कर दिया गया? (ख) इन्दौर, उज्जैन संभाग में स्वच्छता अभियान में किन-किन संस्था एवं एजेन्सियों को कार्य दिया गया, जिलेवार जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छता अभियान में वर्ष 2015-16 में प्रचार-प्रसार के लिए प्रावधानित राशि रूपये 4838.18 लाख थी। अभी तक राशि रूपये 970.45 लाख व्यय की जा चुकी है। (ख) स्वच्छता अभियान अंतर्गत जिला पंचायत धार में नाहर प्रिंटर्स धार, आयुषी आर्ट धार, अजय कला केन्द्र धार, गोयल फ्लेग्स एण्ड प्रिंटर्स धार, अजय कला मंदिर धार एवं लक्ष्मी नारायण डी.जे. धार को, जिला खरगोन में एम.पी. कॉन को, मंदसौर में पंचायती राज मुद्रणालय उज्जैन को एवं जिला नीमच में पंचायती राज मुद्रणालय उज्जैन तथा अरूणोदय सर्वेश्वरी सामाजिक संस्था को कार्य दिया गया है।
अतिक्रमण को हटाया जाना
140. ( क्र. 2205 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2 मार्च, 2016 को किये गए प्रश्न क्रमांक (2772) का पूर्ण उत्तर अभी तक न आने का क्या कारण है? (ख) क्या तहसीलदार एवं पटवारी द्वारा जानबूझकर जानकारी भेजने में देरी की जा रही है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? उत्तर कब तक दिया जावेगा? (ग) क्या भूमि स्वामी को उतनी ही जमीन शासन द्वारा ली गई जमीन के एवज में अन्यत्र कहीं दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्या मुआवजा बाजार दर से दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार की शक्तियां प्रदान किया जाना
141. ( क्र. 2206 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्रमुख राजस्व आयुक्त मध्य प्रदेश राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार की शक्तियां प्रदाय किये जाने हेतु वरिष्ठता क्रम से राजस्व निरीक्षकों की जानकारी चाही गई थी? (ख) क्या राजस्व निरीक्षकों की वरिष्ठता राजस्व निरीक्षक संवर्ग की पदक्रम सूची से निर्धारित होती है? (ग) कार्यालय प्रमुख राजस्व आयुक्त मध्य प्रदेश द्वारा राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के कार्य करने हेतु जो जानकारी जिला भोपाल से भेजी गई है उस सूची में प्रत्येक राजस्व निरीक्षकों के नाम एवं राजस्व निरीक्षक संवर्ग की पदक्रम सूची अनुसार वरिष्ठता क्रम बतावें? (घ) क्या कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त मध्य प्रदेश के आदेश क्रमांक 111/गोप.2/रा.नि./2016, ग्वालियर, दिनांक 05.04.2016 को राजस्व निरीक्षक से नायब तहसीलदार एवं सहायक अधीक्षक, भू-अभिलेख के पद पर पदोन्नति हेतु प्रारंभिक तैयारी के लिये पत्र एवं सूची जारी की गई है? यदि हाँ, तो भोपाल जिले से कार्यालय प्रमुख राजस्व उपायुक्त मध्यप्रदेश को भेजी गई जानकारी में प्रत्येक राजस्व निरीक्षकों के नाम एवं उक्त सूची अनुसार वरिष्ठता क्रम बतावें? (ड.) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 12 मई, 2016 द्वारा भोपाल जिले में पदस्थ वरिष्ठ राजस्व निरीक्षकों को छोड़कर कनिष्ठ राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार की शक्तियां प्रदान की गई हैं? यदि हाँ, तो उसके लिये कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी हैं उनके नाम बतावें एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (च) क्या शासन वरिष्ठता क्रम अनुसार भोपाल जिले की संशोधित सूची जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभिन्न योजनाओं में लंबित आवेदन
142. ( क्र. 2209 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कितने प्रकार की निराश्रित, विधवा, विकलांग एवं नि:शक्त आदि पेंशन दी जा रही है? (ख) किस-किस योजना में कौन-कौन से हितग्राही पात्र है? (ग) क्या उपरोक्त योजनाओं में पूर्व से बी.पी.एल. की पात्रता अनिवार्य थी यदि नहीं, तो क्यों की गई? बी.पी.एल. की अनिवार्यता कब तक समाप्त की जावेगी? (घ) सीधी एवं सिंगरौली के जनपदों में उपरोक्त योजनाओं के कितने आवेदन लंबित है और क्यों? ये आवेदन कब तक पात्र किये जाकर लाभांवित होंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) भारत सरकार की पेंशन योजनाओं में पूर्व से ही बी.पी.एल. की अनिवार्यता निर्धारित है। राज्य की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 25 जून 2013 से बी.पी.एल. की अनिवार्यता निर्धारित की गई है, जिससे अधिक से अधिक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जाना संभव हो सके। 60 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित वृद्ध, कन्या अभिभावक एवं मानसिक बहुविकलांग पेंशन योजना में बी.पी.एल.की अनिवार्यता नहीं है। योजनांतर्गत बी.पी.एल. बंधन हटाने संबधी निर्णय एक नीतिगत बिन्दु है। वर्तमान में बी.पी.एल. अनिवार्यता समाप्त करने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) सीधी एवं सिंगरौली जिले के जनपदों में उपरोक्त योजनाओं के अंतर्गत किसी भी पात्र हितग्राहियों के आवेदन पत्र लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ईंट भट्टा समिति व सोसायटी के ऋण
143. ( क्र. 2212 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में सहकारिता विभाग अंतर्गत जिला सहकारी बैंक द्वारा ईंट भट्टों की समितियों का पंजीयन किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या उन्हें निर्माण के लिये अनुदान सहित ऋण दिये जाने का प्रावधान है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उप पंजीयन सहकारी संस्थाएं जिला राजगढ़ द्वारा ईंट भट्टों की समितियों के पंजीयन किये गये है? यदि हाँ, तो किन-किन समितियों के? उन समितियों के पंजीयन, सदस्यों के पूर्ण नाम, पते व यदि ऑडिट कराया गया है, तो अंतिम ऑडिट रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त समितियों को ईंट भट्टा निर्माण के लिये भी ऋण प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो दिनांक 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले में किन-किन भट्टों के लिये ऋण प्रदान किया गया है? उन्हें प्रदान किये गये अनुदान की राशि सहित समितियों के नाम, सदस्यों के नाम, पिता का नाम, स्थान की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) विगत एक वर्ष में राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत संचालित सोसायटी कालीपीठ, माचलपुर, पीपलबे पुरोहित, फूलखेड़ी, चाटूखेड़ी, बांसखेड़ा, सुस्तानी, ओढ़पुर, करनवास, पपडेल, छीपीपुरा, भोजपुर, भूमरिया, रूपपुरा आदि के द्वारा कितने कृषकों को कितनी राशि का ऋण प्रदान किया गया है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं. सहकारी समितियों के पंजीयन की अधिकारिता सहकारिता विभाग के जिला अधिकारी को है, बैंक को नहीं. बैंक में अनुदान सहित ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है. (ख) जी हाँ. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है, दो समितियों कालीसिंध ईंट भट्टा समिति फूलपुर एवं ईंट भट्टा सहकारी समिति मर्यादित फुन्दिया के पंजीयन प्रस्ताव उपलब्ध नहीं होने से पंजीयन सदस्यों के नाम एवं पते उपलब्ध नहीं हैं. अतः रिकार्ड संधारित करने वाले उत्तरदायी कर्मचारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं. (ग) बैंक द्वारा ईंट भट्टा निर्माण के लिए समितियों को ऋण नहीं दिया जाकर साख सीमा प्रदाय की गई है. कुल 11 समितियों को 1.07 लाख रूपये की साख सीमा प्रदाय की गई है. शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है. (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजगढ़ के द्वारा 9235 किसानों को राशि 3775.77 लाख रूपये का ऋण वितरण किया गया है. समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है.
रोजगार गारंटी योजनांतर्गत निर्माण कार्य
144. ( क्र. 2213 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जनपद पंचायतों के माध्यम से ग्राम पंचायतों में रोजगार ग्यारंटी योजनान्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाते हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जनपद पंचायत खिलचीपुर के माध्यम से ग्राम पंचायत भोजपुर में रोजगार ग्यारंटी योजनान्तर्गत कोई निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत भोजपुर में दिनांक 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से आंतरिक मार्ग, कूप निर्माण, खेत सड़क, जनभागीदारी सांसद निधि, विधायक निधि एवं आदिम जाति विभाग के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं। वर्षवार स्वीकृत व मूल्यांकित राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) उक्त स्वीकृत निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो मूल्यांकनकर्ता अधिकारी का नाम बतावें? यदि नहीं, तो कार्य पूर्ण नहीं होने का क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जनपद पंचायतों के माध्यम से ग्राम पंचायतों में रोजगार गारंटी योजनांतर्गत स्वीकृत किए जाने वाले कार्यों का विवरण व निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के कॉलम 8 अनुसार है।
संयुक्त आयुक्त सहकारिता भोपाल के पत्र पर कार्यवाही
145. ( क्र. 2226 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग भोपाल द्वारा यदि जिले में पदस्थ उपायुक्त सहकारिता के पत्र/निर्देश दिये जाते हैं तो उक्त पत्र/निर्देश के पालन करने के क्या विभागीय नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) संयुक्त आयुक्त सहकारिता भोपाल ने पत्र क्र./शिकायत/2015/1023, दिनांक 22.09.2015 से उपायुक्त सहकारिता राजगढ़ को क्या नरसिंहगढ़ मार्केटिंग सोसायटी में पदस्थ कर्मचारी के संबंध में क्या कोई पत्र जारी किया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति तथा पत्र प्राप्त होने दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उपायुक्त सहकारिता राजगढ़ द्वारा किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई/पत्र लिखे/कारण बताओ नोटिस जारी किए/सूचना पत्र जारी किया? दिनांक अनुसार पत्रों की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार उपलब्ध जानकारी प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध नियमों के अनुसार है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (घ) प्रश्न की कंडिका (क), (ख), (ग) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या उपायुक्त सहकारिता राजगढ़ ने विभागीय नियमों का पालन कर वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त पत्र के ऊपर समुचित कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? नहीं तो क्या शासन उपायुक्त सहकारिता राजगढ़ के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या? समय-सीमा बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वरिष्ठ अधिकारियों के वैध निर्देश मानना कनिष्ठ अधिकारियों के लिये बंधनकारी है. म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है. (ख) जी हाँ. प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, पत्र प्राप्त होने दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उपायुक्त सहकारिता राजगढ़ द्वारा शिकायत की जाँच की जाकर जाँच प्रतिवेदन पत्र दिनांक 4.11.2015 से प्रेषित किया गया एवं पत्र दिनांक 03.11.2015 द्वारा संस्था प्रबंधक को शिकायत प्रमाणित पाये जाने पर सहायक सेल्समैन को नियमानुसार कार्यवाही कर सेवा से पृथक किये जाने के निर्देश संस्था को दिये गये, कारण बताओ नोटिस/सूचना पत्र जारी नहीं किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है. (ग) जी हाँ. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है. (घ) जी हाँ, उत्तरांश 'क', 'ख', 'ग' अनुसार, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता.
सोयाबीन फसल की मुआवज़ा राशि
146. ( क्र. 2227 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश के किसानों को 2015 में सोयाबीन फसल की राहत (मुआवज़ा) राशि आवंटित की गई है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जो ग्राम तहसील नरसिंहगढ़, पचौर, सारंगपुर में आते हैं? किस-किस ग्राम में कितने किसानों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ग) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने किसान हैं जो राहत राशि से वंचित रह गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व ग्राम घोषित करना
147. ( क्र. 2234 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने मजरा-टोला है जिनकी जनसंख्या 100 या इससे अधिक है और वह राजस्व गाँव घोषित नहीं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कितने ऐसे मजरा-टोला हैं जिनके प्रस्ताव शासन के पास राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु भेजे गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उक्त प्रस्ताव कब और कहाँ भेजे गए? इनमें प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मान. प्रश्नकर्ता विधायक के बिजावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कुल 26 मजरा टोला ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या 100 या उससे अधिक है, जिन्हें राजस्व ग्राम नहीं बनाया गया है। (ख) उक्त ग्राम, राजस्व ग्राम बनाए जाने के निर्धारित मापदण्ड अनुसार न होने से कलेक्टर द्वारा प्रस्ताव शासन को नहीं भेजे गए। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम की भूमि
148. ( क्र. 2235 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम की छतरपुर जिले में कितनी भूमि है? इनका खसरा नं. एवं रकबा कितना है यह भूमि कहाँ-कहाँ पर स्थित है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त भूमि का बाजार मूल्य प्रश्न दिनांक में क्या होगा? उपरोक्त भूमि पर क्या अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो किसका एवं किस जगह पर अतिक्रमण है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इस बेशकीमती शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने हेतु शासन क्या प्रभावी कदम उठाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) छतरपुर जिले में म.प्र.स. परि. निगम की रकबा 7.99 एकड़ जमीन है, जो वर्तमान में म.प्र. शासन के नाम दर्ज है जिस पर जिला परिवहन कार्यालय संचालित है। इसका खसरा क्रमांक 1687 एवं 1688/1 (बंदोबस्त पश्चात् 2346 एवं 2347) है। उक्त भूमि छतरपुर जिले के महौबा रोड स्थित सौरा तिराहे पर है। (ख) उपरोक्त भूमि का बाजार मूल्य रुपये 3,65,47,338.50 है। उक्त भूमि के कुछ आवासीय भाग पर बुन्देलखण्ड मोटर ट्रांसपोर्ट कम्पनी छतरपुर का अतिक्रमण है। (ग) भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु कलेक्टर (नजूल) छतरपुर के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 83/अ-60/2008-09 पंजीबद्ध है, जिसमें न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
149. ( क्र. 2243 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैरसिया विधान सभा की ग्राम पंचायत भूरीपठार का लालूखेडी, रमपुरा का बालाचौन, हिरनखेडी का करौली राजस्व ग्राम नहीं होने के बावजूद आबादी स्थल के रूप में है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो इन्हें राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अस्पष्ट। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आरक्षकों की अवैध नियुक्ति
150. ( क्र. 2248 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग में वे कौन-कौन से आरक्षक हैं जिसकी नियुक्ति व्यापम के माध्यम से वर्ष 2007 के बाद हुई थी, कुल कितने पद स्वीकृत थे भरे कितने गये और किस-किस ने, कार्य पर उपस्थिति कब और कहाँ दी, उनके नाम, तैनाती स्थल, पद, उपस्थिति दिनांक बतायें? (ख) क्या नियुक्ति आदेश जारी करने से पूर्व, उनके शैक्षणिक योग्यता तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज का मिलान, मूल दस्तावेजों से किया गया था तथा उक्त प्रमाण पत्रों की छायाप्रति का सेट, विभाग/कार्यालय में रिकार्ड हेतु सुरक्षित रखा गया है? यदि हाँ, क्या यह पूर्ण सुरक्षित है? (ग) यदि रिकार्ड सुरक्षित है तो बतायें कि उक्त नियुक्ति किये गये आरक्षकों में से वे कौन-कौन है जिन्होंने कि महाराष्ट्र राज्य के शिक्षा मण्डल या वहां स्थित केन्द्र से, हाई स्कूल या इंटरमीडियट की परीक्षा उत्तीर्ण की है? उनके नाम पते बतायें? (घ) आरक्षकों को किस प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य था?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) परिवहन विभाग में आरक्षकों के कुल 342 पद स्वीकृत थे। जिनके विरूद्ध 327 पद भरे गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व उनके शैक्षणिक योग्यता प्रमाण-पत्र आदि का मिलान मूल दस्तावेजों से किया गया था, उक्त प्रमाण पत्रों की छायाप्रतियाँ कार्यालय में सुरक्षित है। (ग) अभिलेखानुसार महाराष्ट्र राज्य के शिक्षा मण्डल या वहाँ स्थित केन्द्र से हाई स्कूल या इंटरमिडियट की परीक्षा किसी भी नियुक्त आरक्षक द्वारा उत्तीर्ण नहीं की है। (घ) परिवहन आरक्षकों की भर्ती के संबंध में व्यापम द्वारा जारी विज्ञापन के बिन्दु क्रमांक 1.6 के अनुसार नागरिकता एवं स्थाई निवासी के संबंध में निम्न प्रावधान रखा गया था :- (क) आवदेक को भारत का नागरिक होना चाहिए या (ख) आवेदक को सिक्किम की प्रजा होना चाहिए या (ग) भारतीय मूल का कोई ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो भारत में स्थाई रूप से बसने के अभिप्राय से पकिस्तान से आया हो या (घ) नेपाल की या भारत स्थित किसी पुर्तगाली या फ्रांसीसी प्रदेश की प्रजा होना चाहिए।
बंद मिल का शेष भुगतान
151. ( क्र. 2261 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या 33 (क्र. 622) दिनांक 2 मार्च, 2016 के उत्तर (ख) के संदर्भ में बंद शक्कर मिल बरलाई के कर्मचारियों के लंबित वेतन/स्वत्वों तथा कृषकों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु राशि 5.62 करोड़ अग्रिम के रूप में प्रदाय करने का निर्णय लिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा राशि प्रदाय कर दी गई है? यदि हाँ, तो कृपया भुगतान की स्थिति स्पष्ट करने की कृपा करें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कर्मचारियों के वेतन/स्वत्वों तथा कृषकों को बकाया गन्ना मूल्यों का भुगतान कब तक किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि नहीं, तो राशि कब तक प्राप्त होगी तथा प्राप्त राशि के भुगतान की प्रक्रिया क्या होगी? स्थिति स्पष्ट करें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ. (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं. (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार, राशि प्राप्त होने के उपरांत कर्मचारियों के देय वेतन/स्वत्वों एवं कृषकों के गन्ना मूल्य की राशि संबंधितों के बैंक खातों में जमा की जा सकेगी.
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
जमीन पर
अतिक्रमण
1. ( क्र. 5 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील मुंगावली के ग्राम छैवलाई में अतिक्रमण की गई शासकीय भूमि पर किस-किस व्यक्ति का कितनी-कितनी भूमि पर कितने-कितने वर्ष से कब्जा है व कितना-कितना जुर्माना कब-कब किया गया? इसकी जानकारी देते हुए बताएं कि क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पटवारी व राजस्व अधिकारियों से मिलकर कम भूमि पर अतिक्रमण बताने व कम जुर्माना करने की शिकायत की थी? उस पर क्या कार्यवाही हुई, विवरण दें। (ख) क्या छैवलाई के राजेन्द्र सिंह ने भी पुनः आवेदन इस माह दिया कि इस गोचर भूमि पर पुनः प्लाऊ चलाकर खेती करने की शिकायत जन-सुनवाई में दी? उसका विवरण दें? (ग) मुंगावली में सेंट्रल स्कूल के सामने सरदारपुर में राजस्व विभाग ने किस-किस व्यक्ति से कितनी-कितनी भूमि के कब्जे पर कितना-कितना जुर्माना किस-किस वर्ष लिया है व कब-कब किया? क्या इस भूमि पर राजस्व व वन विभाग का विवाद था, जो समाप्त हो गया यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अशोकनगर जिले में अतिक्रमण
2. ( क्र. 16 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02 मार्च, 2016 के अता.प्रश्न संख्या 2 (क्र. 97) के संदर्भ में बताएं कि विभाग द्वारा वर्णित सभी प्रकरणों में केविएट नहीं लगाई जाने का क्या कारण है? क्या इसके अभाव में अतिक्रमण करने वालों को एक तरफा स्टे नहीं मिल जाता है? अतिक्रमण करने वाले गजराज सिंह, खामखेड़ा, चंदेरी, यादवेन्द्र सिंह, पिपरई, नरेश यादव, अथाईखेड़ा को सिविल जेल की कार्यवाही कर अतिक्रमण नहीं तोड़ कर न्यायालय जाकर स्टे प्राप्त करने का मौका क्यों दिया गया तथा ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें दण्डित क्यों नहीं कर रहे हैं? करोड़ों के मूल्य की अशोकनगर की भूमि पर दस हजार के अर्थदण्ड का क्या अर्थ है? (ख) जिला व सत्र न्यायधीश महोदय अशोकनगर के न्यायालय में लंबित प्रकरण की वर्तमान स्थिति बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि उपकरणों का वितरण
3. ( क्र. 37 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले के बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितने किसानों को कितने, किस प्रकार के कृषि उपकरण वितरित किये गये एवं कितना-कितना अनुदान दिया गया? कितने कृषकों का अनुदान शेष है? अनुदान नहीं मिलने के क्या कारण हैं? (ख) हितग्राही किसान चयन का मापदण्ड क्या है? इसके लिये प्रचार-प्रसार किस तरह से किया जाता है तथा इसकी पात्रता क्या है? भविष्य में वास्तविक पात्र किसानों को कृषि उपकरण मिल सके इसके लिये विभाग क्या कार्यवाही करने जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जनवरी 2014 से उज्जैन जिले के बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कृषि उपकरणों में अनुदान भुगतान किया गया जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, 15 कृषकों का अनुदान शेष है। विकासखण्ड से देयक सत्यापन विलंब से प्राप्त होने से भुगतान नहीं हो सका है। (ख) जनवरी 2014 से 05 नवम्बर 2015 तक कृषि यंत्रों का पंजीयन मेनुअली विकासखण्ड एवं जिला स्तर पर कृषकों का चयन प्रथम आओं प्रथम पाओं के आधार पर किया जाता था। 5 नवम्बर, 2015 से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। प्रचार-प्रसार विभागीय वेबसाईट, स्थानीय समाचार पत्रों, ग्राम पंचायत की बैठकों, शिविर, प्रशिक्षण, भ्रमण एवं विभागीय मैदानी अमले द्वारा किया जाता है। योजनाओं के मार्गदर्शी निर्देशों में पात्रता निर्धारित है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों के जीर्णशीर्ण पंचायत भवनों के निर्माण की स्वीकृति
4. ( क्र. 42 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में जनपद पंचायत बड़नगर की कितनी ग्राम पंचायतों में भवन जीर्णशीर्ण होकर उनके नवीन भवन निर्माण हेतु स्वीकृति जिला पंचायत द्वारा जारी की जाना लंबित हैं? जिला पंचायत उज्जैन द्वारा ऐसी ग्राम पंचायतों में भवनों के निर्माण हेतु क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई हैं? (ख) क्या जिला पंचायत उज्जैन को उपलब्ध आवंटन से भवनों के निर्माण हेतु स्वीकृति की कार्ययोजना है तथा इस हेतु कितना आवंटन शेष हैं? क्या शासन से इस हेतु अतिरिक्त आवंटन की मांग की गई हैं? (ग) क्या शासन द्वारा बड़नगर क्षेत्र के जीर्णशीर्ण भवनों में नवीन पंचायत भवन निर्माण हेतु आवंटन एवं स्वीकृति जारी की जावेगी? हाँ तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत बड़नगर की 10 ग्राम पंचायतों यथा सलवा, सिजावता, सुन्दराबाद, बीराखेडी, सुनेडा, असावता, भिडावद, पिपलू, पीरझलार एवं नरसिंगा के भवन जीर्णशीर्ण है। इनमें से किसी भी पंचायत के नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति जिला पंचायत उज्जैन द्वारा जारी की जाना लंबित नहीं है। सर्वप्रथम भवन विहीन ग्राम पंचायतों में राशि की उपलब्धता के आधार पर नवीन पंचायत भवन निर्माण किये जाने की योजना है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी हाँ किन्तु सर्वप्रथम भवन विहीन ग्राम पंचायतों में राशि की उपलब्धता के आधार पर नवीन पंचायत भवन निर्माण किये जाने की योजना है। (ग) उत्तरांश (ख) के संबंध में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिवों के वेतनमान में विसंगति
5. ( क्र. 43 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत सचिवों को 01.08.2013 से नवीन संशोधित वेतनमान शासन द्वारा स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो इस वेतनमान के अनुरूप क्या प्रदेश के सभी सचिवों को एक समान वेतन दिया जा रहा है? एक ही जिले कि जनपदों में अलग-अलग वेतन भुगतान हो रहा है, तो उसका क्या कारण है? क्या शासन द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश दिये जाकर इस विसंगति को समाप्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या शासन द्वारा पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन लागू की गई है? हाँ तो इस योजना का लाभ कितने सचिवों को दिया जाकर योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन द्वारा समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर पंचायत सचिवों को अंशदायी कटौत्रा हेतु स्पष्ट निर्देश जारी किये गये हैं? इस अवधि में सचिवों के सेवानिवृत्त/मृत्यु होने पर आर्थिक रूप से क्षति के लिये कौन-कौन अधिकारी जवाबदार हैं? (ग) क्या सचिवों को पंचायत समन्वयक के पद पर पदोन्नति का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या प्रावधान किया गया है? शासन द्वारा सचिवों की पदोन्नति की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। 10 वर्ष से कम सेवा वाले ग्राम पंचायत सचिवों को वेतनमान रूपये 3500-10000+ संवर्ग वेतन 1100 तथा 10 वर्ष पूर्ण करने वाले एवं उससे अधिक सेवा वाले ग्राम पंचायत सचिवों को वेतनमान रूपये 3500-10000+ संवर्ग वेतन 1200 संवर्ग अलग-अलग वेतन स्वीकृत किया गया है। वेतन विसंगति होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। योजना का लाभ सभी पात्र पंचायत सचिवों के लिए प्रारंभ/लागू किया गया है। प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। जी हाँ। सचिव की सेवानिवृत्ति अथवा मृत्यु होने पर पात्रतानुसार नियमों के अधीन लाभ प्रदान किया जा सकेगा। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राकृतिक आपदा के तहत मुआवज़ा राशि का वितरण
6. ( क्र. 93 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा/शाहगढ़ में वर्ष 2015-16 में प्राकृतिक आपदा के तहत कितनी राशि स्वीकृति हुई थी एवं कितने कृषकों को राशि के अभाव में राहत राशि प्रदान नहीं की गई है? (ख) शेष किसानों को राहत राशि प्रदान किए जाने हेतु प्रशासन द्वारा कब-कब, क्या कार्यवाही की गई? (ग) कुल कितने किसानों को कितनी राशि वितरित की गई एवं शेष कितने किसान राहत राशि से वंचित हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा/शाहगढ़ में वर्ष 2015-16 में प्राकृतिक आपदा के तहत रू. 266762025 की राशि स्वीकृत की जाकर वितरित की गई है अब राहत राशि वितरण हेतु कोई कृषक शेष नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी निरंक है। (ग) विधान सभा क्षेत्र बण्डा/शाहगढ़ अंतर्गत कुल 62464 कृषकों को रू. 266762025 की राहत राशि वितरित की जा चुकी है। अब कोई कृषक राहत राशि से वंचित नहीं है।
ग्रामीण भूमि पर अतिक्रमण
7. ( क्र. 130 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तह. बल्देवगढ़ के ग्राम इमलाना में भूमि खसरा क्रमांक 443/1 पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य कर लिया गया है? (ख) क्या दिनांक 13/5/15 को डिप्टी कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा शासकीय भूमि 443/1 पर से कब्जा हटाये जाने का आदेश जारी किया गया था तथा 16/6/15 को कब्जा हटाये जाने का आदेश संयुक्त कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा किया गया था परन्तु अनावेदक ने जबरन शासन की बेशकीमती भूमि पर कब्जा कर मकान निर्माण कर लिया है और ऐसा कौन सा कारण है कि उक्त भूमि से कब्जा नहीं हटाया जा रहा है? (ग) क्या उक्त भूमि खसरा क्र. 443/1 को अतिक्रमण से मुक्त करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अपर कलेक्टर के प्रश्नाधीन आदेश के पालन में नायब तहसीलदार डारगुवा ने प्रकरण क्रमांक-01/अ-68/ 3-14 में दिनांक 10.09.2015 को बेदखली का आदेश पारित किया था। इस आदेश के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ के न्यायालय में अपील विचाराधीन होने से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में प्रचलित अपील प्रकरण में अंतिम आदेश पारित होने के बाद तद्नुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में राशि का दुरूपयोग
8. ( क्र. 132 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत संचालक द्वारा जारी आदेश क्र./5060/22/वि-9/आर.जी.एम./2015, भोपाल दिनांक 18/3/15 को सृजन संस्था को परियोजना क्र. 1 से पृथक कर दिया गया था तथा अनुबंध के प्रावधानों के विरूद्ध राशि 26,13 लाख के कार्य सक्षम अधिकारी से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किये बिना ही जि.पं. टीकमगढ़ में पदस्थ तकनीकी विशेषज्ञ की मिलीभगत से जारी कर दिया गया था? क्या अभी भी सृजन संस्था से तकनीकी विशेषज्ञ कार्य करा रहे? क्या तकनीकी विशेषज्ञ की जाँच कराकर इनके विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या तकनीकी विशेषज्ञ जिला पंचायत टीकमगढ़ को संचालक भोपाल द्वारा पत्र क्र. 3789 दिनांक 29/3/16 को जारी पत्र के पद क्र. 1 से 5 तक में तकनीकी विशेषज्ञ की अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है और संविदा सेवा शर्तों का उल्लंघन होना पाया गया है? क्या ऐसी स्थिति में उक्त तकनीकी विशेषज्ञ को पद से हटायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) क्या टीकमगढ़ जिले में किसी भी टीम लीडर का पद रिक्त होता है तो तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा परियोजना क्र.3 को ही प्रभार दिया जाता है कारण स्पष्ट करें तथा परियोजना क्र. 1, 2 एवं 3 के तहत विभिन्न मदों में परियोजना प्रारंभ से अभी तक व्यय हुई राशि का विवरण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, परन्तु बिना स्वीकृति करायें गये कार्यों में जिला पंचायत में पदस्थ तकनीकी विशेषज्ञ की मिली भगत नहीं थी। वर्तमान में सृजन संस्था द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है। तकनीकी विशेषज्ञ को केवल निगरानी नहीं किये जाने के लिए उत्तरदायी होने के कारण भविष्य में सचेत रहने हेतु चेतावनी पत्र जारी किया जा चुका है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांकित पत्र में अनियमितताओं का उल्लेख नहीं था। यह पत्र श्री राजेश शर्मा, तकनीकी विशेषज्ञ-जिला पंचायत टीकमगढ़ को राज्य मुख्यालय में पदस्थ लेखाधिकारी से अमर्यादित वार्तालाप के अनुक्रम में संविदा सेवा शर्तों के प्रतिकूल व्यवहार के कारण स्पष्टीकरण हेतु जारी किया गया था। श्री राजेश शर्मा द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण समाधान कारक पाया गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मंडी शुल्क अपवंचन पर कार्यवाही
9. ( क्र. 161 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 10.03.2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 156 (क्रमांक 5345) के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ वर्तमान में प्रक्रियाधीन जाँच के प्रभावित होने की स्थिति को देखते हुए अंतरिम प्रतिवेदन को सार्वजनिक करना उपयुक्त नहीं होगा? (ग) का उत्तर वर्तमान में जाँच प्रक्रियाधीन है, जिसके पूर्ण होने पर वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी? अत: अभी शेष प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है, दिया है? तो क्या जाँच प्रतिवेदन शासन को भेज दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन अनुसार किस-किस मंडी में कितना-कितना मंडी शुल्क का अपवंचन पाया गया है तथा उक्त अपवंचन के लिये कौन-कौन मंडी सचिव एवं कर्मचारी दोषी पाए गए हैं तथा मंडी शुल्क अपवंचन की वसूली की क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। आंचलिक अपर संचालक मंडी बोर्ड भोपाल संभाग का प्रश्नाधीन अंतरिम जाँच प्रतिवेदन दिनांक 04.05.2016 को प्राप्त हुआ। (ख) प्रश्नगत प्रकरण में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आंचलिक अपर संचालक भोपाल संभाग के अंतिम जाँच प्रतिवेदन दिनांक 11.07.2016, आंचलिक संयुक्त संचालक उज्जैन संभाग के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 10.02.2016 तथा आंचलिक संयुक्त संचालक सागर संभाग के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 14.01.2016 के अनुसार मंडीवार मंडी फीस अपवंचन की स्थिति तथा उसकी वसूली की कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है उज्जैन संभाग के मंडी सचिवों/कर्मचारियों की दोषिता का निर्धारण किया गया है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है शेष दो संभागों के उक्त जाँचकर्ता अधिकारियों को प्रकरण अंतर्गत दोषिता का निर्धारण करने हेतु निर्देश जारी किये गये है।
उद्योग निर्माण हेतु निस्तारी तालाब का आवंटन
10. ( क्र. 162 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के विकासखण्ड बड़वारा के ग्राम पंचायत रूपौंद में मुर्तिहा तालाब का निर्माण वर्ष 2010-11 से 2011-12 की अवधि में कितनी लागत से मनरेगा योजना अंतर्गत कराया गया था? क्या कार्य पूर्ण हो गया? भौतिक सत्यापन कब किसके द्वारा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तालाब को क्या किसी प्लांट को उद्योग स्थापित करने के लिये आवंटित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस एवं आवंटन आदेश की प्रति देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित तालाब को भी मनरेगा के तहत तालाब निर्माण में व्यय की गई राशि पर ही आवंटन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुकूल और शासन के हित व नीति के अनुकूल है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कटनी जिले के विकासखण्ड बड़वारा की ग्राम पंचायत रूपौंद में मुर्तिहा तालाब निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2010-11 में राशि रू. 3.28 लाख की जारी की गई थी। जी हाँ, कार्य का भौतिक सत्यापन सहायक यंत्री, जनपद पंचायत बड़वारा द्वारा दिनांक 4.10.2013 को किया गया है। (ख) जी हाँ, मेसर्स जे.के. वाईट्स सीमेंट को उक्त भूमि महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, कटनी के आवंटन क्रं. 565 दिनांक 10.05.2014 द्वारा लीज पर दी गई है। आवंटन आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाडियों में खाद्यान्न वितरण
11. ( क्र. 174 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र के नागदा खाचरौद शहरीय क्षेत्रों में मध्यान्ह भोजन किस संस्था द्वारा वितरित किया जा रहा है? उक्त संस्था का अनुबंध कब से कब तक का है? (ख) मध्यान्ह भोजन ठेका शहरी क्षेत्रों को देने के क्या दिशा-निर्देश हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) यह ठेका कितने समय के लिए किस सक्षम अधिकारी द्वारा दिया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नागदा शहरी क्षेत्र में “शाजापुर श्री नाकोडा जनकल्याण समिति“ द्वारा मध्यान्ह भोजन वितरित किया जा रहा है। उक्त संस्था से वर्ष 2011-12 में अनुबंध किया गया था। जो वर्ष 30.07.2016 तक प्रभावशील रहेगा। खाचरौद शहरी क्षेत्र में निम्नानुसार स्व-सहायता समूहों के द्वारा मध्यान्ह भोजन वितरित किया जा रहा है- 1. सुमन स्व-सहायता समूह खाचरौद 2. सरस्वती स्व-सहायता समूह खाचरौद 3. शिवाजी स्व-सहायता समूह खाचरौद 4. लक्ष्मी स्व-सहायता समूह खाचरौद 5. सांई स्व-सहायता समूह खाचरौद 6. स्वामी विवेकानंद स्व-सहायता समूह खाचरौद 7. राज स्व-सहायता समूह खाचरौद 8. लक्ष्मी केटर्स खाचरौद उक्त समूहों से वर्ष 2008-09 में अनुबंध किये गये है, जो वर्तमान में प्रभावशील है। (ख) म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा चयनित संस्था का अनुमोदन शासन से प्राप्त होने के उपरान्त संबंधित संस्था को मध्यान्ह भोजन संचालन का कार्य 02 वर्ष के लिए सौंपा जाता है तथा विस्तार एक बार में एक वर्ष के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाता है।
ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़ना
12. ( क्र. 182 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा खाचरौद के ग्राम कंथारखेड़ी ग्रा.पं. गोठड़ा एवं ग्राम ब्राह्मणखेडी ग्रा.पं. नंदियासी किसी भी सड़क मुख्य मार्ग से आज तक नहीं जुड़े हैं? इन ग्रामों को किसी भी अन्य ग्राम से सड़क कनेक्टिविटी नहीं हुई है? (ख) यदि हाँ, तो इन दोनों ग्रामों को कब तक सड़क मार्ग से जोड़ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम कंथारखेड़ी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार जुड़े हुये ग्रामों की श्रेणी में है। ग्राम ब्राहमणखेड़ी, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार पात्र नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्य
13. ( क्र. 183 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा खाचरौद के ग्रामों में अप्रैल, 2014 से आज तक विभाग द्वारा संचालित समस्त योजनाओं में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुये? उनमें कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण एवं कितने अप्रारंभ है? निर्माण कार्य की सूची जनपदवार उपलब्ध करावे? (ख) जो कार्य विगत छ: माह से प्रारंभ नहीं हुये हैं, उनके लिए कौन दोषी है? (ग) दोषियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ख) विगत छः माह से स्मार्ट विलेज के 08 कार्य अप्रारम्भ है उक्त कार्य में विवाद होने के कारण एवं विधायक निधि के 14 कार्य राजीव गांधी सेवा केन्द्र के 01 कार्य अ.जा. विकास बस्ती के 01 कार्य विगत माह स्वीकृत होने से तथा आंगनवाड़ी भवन लुहारी में भूमि विवाद होने के कारण कार्य अप्रारम्भ है एवं जनभागीदारी के 19 कार्य की राशि का उपयोग नहीं होने से अप्रारंभ है। उक्त सभी अप्रारम्भ कार्य इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराने हेतु क्रियान्वयन एजेन्सी ग्राम पंचायत को निर्देशित किया गया है। मनरेगा योजनांतर्गत स्वीकृत समस्त कार्य प्रारंभ किये जा चुके है। 19 अप्रारम्भ कार्यों हेतु क्रियान्वयन एजेंसी उत्तरदायी है। (ग) प्रश्नांश (ख) में कुल 43 कार्य पिछले 06 माह प्रारंभ नहीं हुये है जिसमें से 09 कार्यों के भूमि विवाद तथा अन्य तरह के विवाद है। 15 विधायक निधि के तथा अ.जा. विकास बस्ती के कार्य है जो पिछले माह ही स्वीकृत हुए है जिनको शीघ्र ही प्रारंभ करवानें के निर्देश दिये गये है। शेष 19 कार्यों को प्रारम्भ न करनें के संबंध में क्रियान्वयन एजेंसी को नोटिस दिये गये है।
मनरेगा के कार्य
14. ( क्र. 236 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा मनरेगा की राशि से वर्तमान स्थिति जनपद पंचायतवार कितने कार्य प्रगतिरत है?। (ख) 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र सुवासरा में मनरेगा राशि से कितने हितग्राही मूलक एवं सामूहिक कार्य स्वीकृत किये गये है? ग्राम पंचायतवार कार्यों की संख्या बतायें? (ग) मंदसौर जिले में पशु शेड़ एवं हाट बाजार के लिए किए गए कार्य की विधान सभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र की 130 पंचायतों में शौचालय निर्माण हेतु दिनांक 30.06.2016 तक कितने प्रतिशत् कार्य पूर्ण किये गये है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा मनरेगा की राशि से वर्तमान स्थिति में जनपद पंचायत सीतामऊ में 1479 एवं जनपद पंचायत गरोठ में 357 कार्य प्रगतिरत हैं। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र सुवासरा में मनरेगा की राशि से 1282 हितग्राही मूलक एवं 411 सामुदायिक कार्य स्वीकृत किये गये हैं। ग्राम पंचायतवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में मंदसौर जिले में पशु शेड के 35 कार्य किये गये हैं एवं हाट बाजार संबंधी कोई कार्य नहीं कराये गये हैं। विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में 63243 शौचालय में से 21149 शौचालय निर्माण होकर, 33 प्रतिशत् कार्य किये गये हैं।
ग्रामोदय से भारत उदय योजना
15. ( क्र. 237 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के द्वारा ग्रामोदय से भारत उदय योजना के तहत सुवासरा विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से प्रस्ताव ग्राम सभा में किए गए हैं? (ख) ग्रामोदय से भारत उदय योजना के तहत किए गए प्रस्ताव का पालन किस मद की राशि से एवं कब से प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में अभियान के तहत ग्राम सभा के माध्यम से कितने गरीबी रेखा कूपन में नाम जोड़े एवं काटे गए? (घ) ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के तहत ग्राम सभा में कितने आवासहीन व्यक्तियों के नाम जोड़े गए हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत सीतामऊ अंतर्गत 107 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजनांतर्गत 437 सामुदायिक व 601 हितग्राही मूलक व स्टापडेम 175 व जलाशय के 29 कार्य के प्रस्ताव ग्राम सभा के माध्यम से किये गये है। इसी प्रकार जनपद पंचायत गरोठ की ग्राम पंचायतों में 37 स्टापडेम, 35 जलाशय, 43 अन्य, 05 एनिकट, 02 नहरों के प्रस्ताव ग्राम सभा में लिये गये। (ख) विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्राप्त आवंटन से। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) अभियान के दौरान 565 नाम बी.पी.एल. सूची से हटाये गये तथा 285 नये नाम जोड़े गये। (घ) किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं जोड़ा गया।
ग्रामोदय से भारत उदय अभियान
16. ( क्र. 277 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्र में ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत ग्राम सभाओं द्वारा किस-किस पंचायत में जल संरचनाओं के निर्माण, जल संरक्षण एवं संवर्धन संबंधी कौन-कौन से प्रस्ताव पारित हुए हैं? पंचायतवार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्तावित जल संरचनाओं के निर्माण, जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित है व उनकी अद्यतन स्थिति क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जल संरचनाओं के निर्माण, जल संरक्षण एवं संवर्धन संबंधी ग्राम पंचायतों द्वारा पारित प्रस्तावों अनुसार वर्तमान में तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रकिया अंतर्गत है।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना
17. ( क्र. 278 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सिंचाई योजनान्तर्गत कौन-कौन सी जल संरचनाएं प्रस्तावित की गयी है? जानकारी पंचायतवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) जिला योजना समिति शिवपुरी द्वारा प्रधानमंत्री सिंचाई योजनान्तर्गत कौन-कौन से प्रस्ताव राज्य स्तर पर प्रेषित किए गये हैं? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पोहरी में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना अंतर्गत प्रस्तावित संरचनायें की विकासखण्डवार एवं पंचायतवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला शिवपुरी द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत जिला योजना समिति से डी.आई.पी. (जिला सिंचाई योजना) का अनुमोदन नहीं होने से प्रस्ताव राज्य स्तर पर अप्राप्त है।
नामांतरण एवं बंटवारे के लंबित प्रकरणों का निराकरण
18. ( क्र. 304 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में जून 2016 की स्थिति में नामांतरण एवं बंटवारे के कितने-कितने प्रकरण कब से लंबित है? तहसीलवार बतावें? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक दिया जाएगा? (ख) जिला प्रशासन द्वारा जून 2014 से जून 2016 तक नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरणों के निराकरण हेतु कब-कब समीक्षा की? कब-कब निर्देश दिए? दिए गए निर्देशानुसार कितने नामांतरण एवं बंटवारें के प्रकरण मिटाए गए? (ग) प्रदेश में भूमि के नामांतरण एवं बंटवारे के लिए जून 2016 की स्थति में शासन के कौन से नियम लागू है? लागू नियमों की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? (घ) क्या शिवपुरी जिले में सुनवाई न होने के कारण नामांतरण एवं बंटवारें के प्रकरण में बढ़ोत्तरी हो रही है तथा जिला प्रशासन सख्त कदम नहीं उठा रहा है? यदि हाँ, तो शासन इस पर क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शिवपुरी जिले में जून 2016 की स्थिति में नामांतरण एवं बंटवारे के शिवपुरी-198, पोहरी-102, बैराठ-44, करैरा-125, नरवर-139, कोलारस-62, बदरवास-24, पिछोर-102, खनियाधाना-14 प्रकरण सिटिजन चार्टर में विहित समय-सीमा के भीतर लंबित है। लंबित प्रकरणों का निराकण सिटिजन चार्टर में विहित समय-सीमा में कर दिया जावेगा। (ख) जिला प्रशासन द्वारा जून 2014 से जून 2016 तक नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरणों के निराकरण हेतु राजस्व अधिकारियों की बैठक, साधिकार अभियान, टी.एल. बैठक ग्रामोदय अभियान आदि के तहत समीक्षा की गई। दिए गए निर्देशों के पालन में वर्तमान राजस्व वर्ष में जून 16 की स्थिति में नामांतरण/बंटवारा के 9383 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ग) प्रदेश में नामांतरण एवं बंटवारे के निराकरण के लिए जून 16 की स्थिति में म.प्र. शासन राजस्व विभाग के निर्देश दिनांक 18 मई, 2016 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109,110 एवं 178 के प्रावधान लागू है नियम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिला शिवपुरी में विभिन्न अभियान एवं प्राप्त आवेदन पत्रों के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया जा रहा है।
दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही
19. ( क्र. 326 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति कटनी की फर्म मदन लाल मूलचंद के प्रोपराईटर द्वारा दिनांक 11.04.2016 को राशि 100000.00 लाख का चेक सहायक लेखापाल को दिया था जिसकी पावती संबंधित को नहीं दी गई और चेक गुमा दिया। इस आशय की शिकायत सचिव कृषि उपज मंडी कटनी को शपथ पत्र के साथ दिनांक 17.06.2016 को दी गई है? (ख) क्या चेक गुमने के कारण मंडी शुल्क जमा नहीं होने से फर्म पर मंडी शुल्क की देनदारी निकाली गई है? यदि हाँ, तो इस फर्म से उस चेक के बदले दूसरा चेक प्राप्त किया जा सकता था? फर्म ने विस्तृत आवेदन शपथ पत्र के साथ दिनांक 17.06.2016 को दिया है, उसकी निष्पक्ष जाँच के पूर्व सहायक लेखापाल को निलंबित किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो फर्म ने चेक से एक लाख जमा करने पर कृषि उपज की निकासी पर फर्म पर दण्डित मंडी शुल्क अधिरोपित क्यों किया जा रहा है? जबकि फर्म की कोई गलती नहीं है? क्या अनुज्ञा जारी करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं होनी चाहिए? (घ) कटनी मंडी में दिनांक 3 जून, 2016 की स्थिति में किन-किन फर्मों ने पाक्षिक विवरणी कब से प्रस्तुत नहीं की और शाखा प्रभारी ने पाक्षिक विवरण प्रस्तुत न करने वाले व्यापारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं, मंडी समिति कटनी में फर्म मदनलाल मूलचंद के प्रोपराईटर द्वारा दिनांक 11.04.2016 को राशि रू. 100000.00 का चेक सहायक लेखापाल को नहीं दिया गया। मंडी समिति द्वारा दिनांक 11.06.2016 से फर्म को मंडी में बिना मंडी शुल्क जमा किये निकासी के संबंध में मांगे गये स्पष्टीकरण पर फर्म द्वारा दिनांक 17.06.2016 को दिये गये शपथ पत्र में उक्त चेक का उल्लेख किया गया। इस संबंध में फर्म द्वारा पूर्व किसी तरह की शिकायत या सूचना नहीं की गई। (ख) जी नहीं, चेक गुमने के कारण नहीं अपितु फर्म द्वारा बिना मंडी शुल्क जमा किये निकासी किये जाने पर नियमानुसार मंडी शुल्क देनदारी निकाली गई। दूसरा चेक प्राप्त करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। फर्म द्वारा दिनांक 17.06.2016 को दिये गये शपथ पत्र के उल्लेखित तथ्यों की जाँच हेतु मंडी समिति द्वारा फर्म को आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करने हेतु लिखा गया है। जाँच उपरांत ही प्रकरण में दाषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। (ग) फर्म द्वारा बिना मंडी शुल्क जमा किये गेहूँ की निकासी पर मंडी अधिनियम की धारा 19 (4) के अंतर्गत दाण्डिक मंडी शुल्क अधिरोपित की गई है। इस तथ्य का निराकरण जाँच उपरांत ही हो सकेगा। बिना मंडी शुल्क जमा कराये अनुज्ञापत्र जारी करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रकियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिन व्यापारियों द्वारा पाक्षिक विवरणी प्रस्तुत नहीं की है। उन्हें मंडी समिति द्वारा सूचना पत्र जारी किया गया है। सूचना पत्र जारी करने की कार्यवाही होने से कोई दोषी नहीं है।
धान क्रय में अनियमितता
20. ( क्र. 328 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नरसिंहपुर एवं सतना जिलों में खरीफ वर्ष 2007-08 एवं 2008-09 में शंकर धान धान्या डी.आर.एच 775 की कितनी मात्रा किस दर से किस कंपनी से क्रय की गई है तथा क्रय आदेश किस-किस अधिकारी द्वारा जारी किए गए? जारी आदेशों की छायाप्रति दें। क्या उक्त धान क्रय हेतु क्रय नियमों का पालन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) की धान क्रय हेतु बजट में किस-किस मद से अनुदान भुगतान किया गया? मद परिवर्तन किसके आदेश से किये गये? क्रय संबंधी योजना में वितरण न होने के कारण इसका वितरण अन्नपूर्णा अनुदान योजना में जानबूझकर क्यों कराया गया? ( ग) क्या धान का वितरण धान की बोनी के पश्चात् किया गया है? यदि हाँ, तो बोनी समय पश्चात् वितरण के लिए कौन दोषी हैं? प्रदाय संस्था को कितनी राशि भुगतान किया जाना शेष है? जिलेवार जानकारी देवें? अभी तक राशि जमा न करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में खरीफ वर्ष 2007 एवं 2008 में तथा सतना जिले में खरीफ वर्ष 2007 में संकर धान धान्या डी.आर.एच. 775 क्रय नहीं की गई। सतना जिले में खरीफ वर्ष 2008 में संकर धान धान्या डी.आर.एच. 775 की मात्रा 396.30 क्विंटल कृषकों को विक्रय दर रूपये 175/- प्रति किलोग्राम से म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. भोपाल द्वारा प्रदाय की गई। उक्त धान प्रदाय संबंधी आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। जी हाँ। (ख) जिला सतना में संकर धान धान्या डी.आर.एच. 775 क्रय हेतु बजट में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं अन्नपूर्णा योजना के मद से भुगतान किया गया। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिला सतना में वितरित उक्त धान की मात्रा 285.98 क्विंटल के विरूद्ध कुल राशि रूपये 3046325/- का भुगतान किया है। लंबित भुगतान के संबंध में धान्या सीड्स लिमि. द्वारा दायर रिट याचिका क्रमांक 283/2012 वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है। जिला सतना में दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है।
हाट बाजार निर्माण में अनियमितता
21. ( क्र. 389 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री हाट बाजार की TS, AS दिनांक ठेकेदार को कार्य आदेश दिनांक, पूर्णता दिनांक बताएं? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति बताएं? निर्माण कार्यों में देरी का कारण बताएं? इन ठेकेदारों को कब-कब नोटिस दिए, कितनी पेनल्टी लगाई तथा कब-कब इनकी कार्य अवधि बढ़ाई गई? पत्रों की प्रति देवें? (ख) भगवानपुरा हाट बाजार का निर्माण इसके स्टीमेंट से कितना भिन्न है और क्यों है? कारण बताएं? इस हाट बाजार के मुख्य सी.सी. मार्ग की मोटाई कितनी है? इस हाट बाजार में प्रयुक्त स्टील/इस्पात सामग्री किस कंपनी के है? इस इस्पात/एंगल/पाइप की गेज स्टीमेट में उल्लेखित गेज/आकार से कितनी भिन्न है, कारण सहित बताएं? (ग) हाट बाजार में प्रयुक्त पतरे (प्रोफाईल शीट) किस कंपनी की कितने गेज की है? इसका मुल्यांकनकर्ता का नाम, पद बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ख) भगवानपुरा हाट बाजार का निर्माण निर्धारित प्राक्कलन अनुसार कराया गया है, जिससे भिन्नता का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। हाट बाजार के मुख्य सी.सी. मार्ग की मोटाई 20.00 सेमी है। हाट बाजार में प्रयुक्त स्टील/इस्पात आई.एस.आई. मार्क का, गोयल कंपनी का है। कार्य के एस्टीमेट में इस्पातध/एंगल/पाइप गेज आकार का उल्लेख नहीं किया गया है। आवश्यकतानुसार 50 गुणा 50 गुणा 05 मीमी एवं 50 गुणा 25 गुणा 05 मीमी का उपयोग किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) हाट बाजार में प्रयुक्त पतरे (प्रोफाईल शीट) टाटा स्टील की है, जिसकी गेज 0.6 मीमी है। इसके मूल्यांकनकर्ता का नाम श्रीमती शीला बिल्लौरे, उपयंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, उपखण्ड भगवानपुरा है।
बिना टेण्डर जारी पंचायतों द्वारा खरीदी
22. ( क्र. 390 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2015 एवं 2016 में कितनी ग्राम पंचायतों में खरीदी हेतु निविदा का प्रकाशन समाचार पत्र में कराया गया सूची देवें? खरीदी हेतु टिन नंबर की आवश्यकता कितनी राशि तक आवश्यक एवं कितनी राशि तक आवश्यक नहीं रहती है? नियमावली की प्रति देवें? (ख) निविदा का प्रकाशन कितनी राशि की खरीदी के लिए आवश्यक है? बिना निविदा प्रकाशन किए किन-किन पंचायतों ने कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई सूची देवें? इन पंचायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (ग) उक्त अनियमितताओं संबंधी पूर्व में कोई जाँच हुई है तो प्रति देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। खरगोन जिले में वर्ष 2015-16 में तीन पंचायत बरूड़, भगवानपुरा एवं बहादरपुरा में खरीदी हेतु निविदा का प्रकाशन समाचार पत्र में कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) निविदा का प्रकाशन राशि रूपये 1.00 लाख से अधिक पर रूपये 5.00 लाख तक सीमित निविदा तथा राशि रूपये 5.00 लाख से अधिक खुली निविदा हेतु आवश्यक है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंच-सरपंचों की मानदेय भुगतान
23. ( क्र. 417 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरपंचों एवं पंचों को मानदेय भुगतान करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितना-कितना प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) विदिशा जिले अंतर्गत कितनी पंचायतें है, इन पंचायतों के अधीन कितने सरपंच एवं पंच निर्वाचित है? विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधानुसार कितने सरपंचों, पंचों को माह अप्रैल 16 से प्रश्नांश दिनांक तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है? इसके लिये कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सरपंचों को राशि रुपये 1750/- प्रतिमाह तथा पंचों को राशि रुपये 100/- प्रति मासिक बैठक के मान से अधिकतम राशि रुपये 600/- वार्षिक मानदेय दिये जाने का प्रावधान है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-1-13/22/पं.-1 दिनांक 18.04.2013 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) विदिशा जिले अंतर्गत 577 पंचायतें है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) माह अप्रैल, 16 से प्रश्न दिनांक तक भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स‘‘ अनुसार है।
भूमिहीन कृषकों को प्रशिक्षण
24. ( क्र. 418 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उत्पादन तथा अन्य स्त्रोतों से आय अर्जित करने हेतु भूमिहीन कृषकों को पाँच दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त निर्देश के क्रम में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विदिशा जिले में किस-किस विकासखण्ड के कितने भूमिहीन कृषकों को प्रशिक्षण किस दिनांक, किस-किस स्थान पर, किस व्यवसाय/लघु उद्योग के संबंध में दिया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो प्रशिक्षित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी विधान सभावार उपलब्ध करावें? नहीं तो कारण देवें? (ग) उक्त प्रशिक्षित भूमिहीन कृषकों के चयन का मापदण्ड क्या है? (घ) वर्ष 2016-17 में कितने भूमिहीन कृषकों को विकासखण्डवार प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्तमान में यह योजना संचालित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी निरंक है। वर्तमान में यह योजना संचालित नहीं है। (घ) जानकारी निरंक है।
भूमि का हस्तांतरण
25. ( क्र. 426 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2431 दिनांक 10.3.16 में नगर पालिका सिहोरा के अंतर्गत ख.नं. 1214/1 1214/2 की भूमि को जल संसाधन विभाग से राजस्व विभाग में हस्तांतरण हेतु कार्यवाही किये जाने का लेख किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिपालन में भूमि जल संसाधन से राजस्व विभाग के अधीन कब तक आ जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन भूमि के संबंध में कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग जबलपुर से अपर कलेक्टर (ग्रामीण) के ज्ञापन क्रमांक /1858/री./ अप.कले.-2/2016 दिनांक 29-02-2016 द्वारा भूमि समर्पण पर अभिमत चाहा गया है अभिमत प्राप्त होने पर हस्तांतरण की कार्यवाही की जा सकेगी।
मांगो का निराकरण
26. ( क्र. 427 ) श्रीमती
नंदनी मरावी :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
पंचायत सचिव
संगठन के
द्वारा 1
जनवरी, 2016 से 30
जून, 16 के बीच
सौंपे गये 8
सूत्रीय मांग
पत्र की प्रति
उपलब्ध
करायें। (ख)
प्रश्नांश
(क) ज्ञापन में
बिन्दुवार
मांगों पर
विभाग द्वारा
की गई कार्यवाही
विभागीय टीप
की प्रति
उपलब्ध
करायें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार। (ख)
मांगों पर
कार्यवाही
विचाराधीन है।
पन्ना जिलान्तर्गत कराए गए कार्य
27. ( क्र. 442 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक 2 लाख रू. से ज्यादा राशि के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर, किये गये वर्षवार राशिवार, कार्यवार स्थानवार विवरण दें । (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेंटेनेंस पर किस-किस स्थान पर, किस-किस प्रकार के, क्या-क्या कार्यों पर, कितनी राशि, व्यय की गयी वर्षवार, राशिवार, कार्यवार, स्थानवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में कितनी-कितनी राशि का भुगतान, किस-किस रूप में किया गया? माहवार, वर्षवार, राशिवार, कार्यवार, भुगतानकर्तावार, ठेकेदारवार विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का पूर्णता प्रमाण पत्र किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में मेन्टेनेंस हेतु राशि उपलब्ध न होने से शेष जानकारी निरंक। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2, 3, 4 एवं 5 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का संधारण
28. ( क्र. 465 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में घट्टिया विधान सभा में प्रधानमंत्री सड़क योजना प्रारंभ होने की तिथि से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कि.मी. सड़क कहाँ-कहाँ बनाई गई? (ख) वर्तमान में इन सड़कों की स्थिति क्या है? क्या विभाग द्वारा इन सड़कों की मरम्मत कराई जा रही है? ऐसी कितनी सड़के है जिनकी गांरटी पूर्ण हो चुकी है तथा उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उज्जैन जिले में घट्टिया विधान सभा में प्रधानमंत्री सड़क परियोजनान्तर्गत निर्मित ऐसी कितनी सड़के है जो आवागमन योग्य नहीं है? सूची उपलब्ध करावें? उक्त सड़कों के मरम्मत हेतु विभाग के पास क्या प्रस्ताव है? विभाग कब तक सड़कों को आवागमन योग्य बना देगा? (घ) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में उज्जैन जिले में प्रधानमंत्री सड़क परियोजनान्तर्गत निर्मित सड़कों के मरम्मत हेतु विभाग को कितनी राशि स्वीकृत हुई है तथा उक्त राशि से कितनी सड़कों की मरम्मत कितनी राशि से की गई ठेकेदारवार, राशिवार, सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले में घटि्टया विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सभी सड़कें आवागमन योग्य है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।
धान का भण्डारण
29. ( क्र. 501 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपार्जन केन्द्रों से धान खरीदी कर विपणन संघ द्वारा परिवहन कर गोदामों में भण्डारण का कार्य किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले के उपार्जन केन्द्रों द्वारा कितनी-कितनी मात्रा, में किन-किन गोदामों में भण्डारण हेतु धान भेजा गया?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ. (ख) बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 प्रश्न दिनांक तक धान उपार्जन केंद्रों से विभिन्न गोदामों में भण्डारण की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है.
समग्र स्वच्छता अभियान अंतर्गत अनियमितता की जांच
30. ( क्र. 502 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा समग्र स्वच्छता अभियान योजनांतर्गत जिला पंचायत बालाघाट के जिला समन्वयक द्वारा की गई अनियमितता एवं गबन की जाँच हेतु शिकायत पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या जाँच के आदेश किये गये तथा जाँच कहाँ तक पूरी की गई और जाँच के आदेश नहीं दिये गये तो कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल संरचनाओं की मरम्मत कर उपयोगी बनाना
31. ( क्र. 524 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-145 (क्रमांक 3888), दिनांक 2 मार्च, 2016 के उत्तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि विभाग के अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा वर्ष 2001 से 2004 के मध्य स्टॉपडेम एवं निस्तार तालाबों का निर्माण किया गया है? इन संरचनाओं के सर्वे उपरांत परीक्षण कराया जाकर उन्हें उपयोगी बनाये जाने हेतु लागत का आंकलन कराया जा रहा है? तो उत्तर दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त अवधि में निर्मित किन-किन संरचनाओं का सर्वे कराया जाकर परीक्षण कर कितनी-कितनी लागत का आंकलन कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक किन-किन संरचनाओं की मरम्मत कर उन्हें उपयोगी बनाये जाने की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक ऐसी संरचनाओं को मरम्मत कर उपयोगी बनाया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार 21 संरचनाओं की मरम्मत किये जाने हेतु स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्यों की स्वीकृति उपरांत महात्मा गांधी नरेगा के प्रावधान अनुसार मरम्मत कार्य सम्पादित कराया जावेगा। योजना मांग आधारित होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
मृदा परीक्षण प्रयोगशाला
32. ( क्र. 525 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत मृदा परीक्षण प्रयोगशाला ब्यावरा का नवीन भवन बनकर तैयार हो चुका है? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रयोगशाला में आवश्यक उपकरण एवं तकनीकी अमला पदस्थ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में आवश्यक उपकरण एवं तकनीकी अमला पदस्थ नहीं किया गया है, जिससे क्षेत्र के किसानों को उक्त मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का कोई लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में आवश्यक उपकरण एवं तकनीकी अमला पदस्थ करने संबंधी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, जिला राजगढ़ (ब्यावरा) में नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवन का निर्माण (सिविल) कार्य पूर्ण हो चुका है। भवन में जल एवं विद्युत व्यवस्था कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन का हस्तांतरण मंडी बोर्ड से विभाग को किया जाने की कार्यवाही पूर्ण होने पर आवश्यक उपकरण प्रदाय करने की कार्यवाही की जावेगी। तकनीकी अमले को पदस्थ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ग) मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था प्रयोगशाला के हस्तांतरण उपरांत की जावेगी तकनीकी अमले की पदस्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जिला प्रशासन एवं सहकारी विपणन संघ द्वारा प्याज खरीदी
33. ( क्र. 595 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में म.प्र. शासन द्वारा प्रत्येक जिले में किसानों से प्याज खरीदने की घोषणा कर खरीदी केन्द्र विपणन संघ को बनाया है? यदि हाँ, तो गुना जिले की प्रत्येक तहसील में कितनी प्याज खरीदी गई? (ख) क्या जिला प्रशासन और विपणन संघ द्वारा प्याज खरीदी केन्द्रों से किसानों को जानबूझकर वापिस किया जाकर प्याज नहीं खरीदी गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्य अनुसार प्याज खरीदी जानबूझकर बंद करने के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? यदि हाँ, तो पीड़ित किसानों को क्या शासन हर्जाना देगी? (घ) क्या गुना के पड़ोसी जिले राजगढ़ की प्याज खरीद कर गुना के वेयर हाउस में रखी है? फिर गुना में प्याज क्यों नहीं खरीदी गई? क्या विभाग प्याज खरीदी का समय बढ़ाकर गुना जिले के किसानों की प्याज कब तक खरीदेगा और दोषियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? पीड़ित किसानों को मुआवज़ा का वितरण कब तक किया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ. गुना जिले में जिला मुख्यालय पर एक खरीदी केंद्र बनाया गया था जिसमें कृषकों से 212.80 क्विंटल प्याज की खरीदी की गई है, तहसील स्तर पर खरीदी केंद्र नहीं बनाये गये थे. (ख) जी नहीं. (ग) उत्तरांश ‘क’ एवं ‘ख’ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (घ) गुना जिले में क्रय की गई प्याज के भण्डारण के अतिरिक्त वेयर हाउस में स्थान रिक्त होने से शेष स्थान पर पड़ोसी जिला राजगढ़ में क्रय की गई प्याज गुना जिले के वेयर हाउस में जमा की गई है, गुना जिले में 212.80 क्विंटल प्याज की खरीदी निर्धारित तिथि दिनांक 4.06.2016 से दिनांक 30.06.2016 तक की गई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता.
नीलामी की गई दुकानों और गोदामों की नियम विरूद्ध रजिस्ट्री
34. ( क्र. 596 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति, गुना द्वारा वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक कितनी दुकानें एवं गोदामों की नीलामी की गई थी? क्या उन सभी की रजिस्ट्री नीलामी में भाग लेने वाले सदस्यों को करा दी गई है या नहीं कारण बतायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों को पूरा न करके नीलामी में भाग लेने वाले सदस्यों के अलावा अन्य सदस्यों को रजिस्ट्री मंडी समिति ने करायी है? यदि हाँ, तो कौन-कौन को? विवरण दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) में वर्णित तथ्यों के अनुसार कौन से अधिकारी दोषी है, जिन्होंने नियम विरूद्ध रजिस्ट्री बिना नीलामी वाले सदस्यों को कराई है और अभी तक नीलामी वाले सदस्यों को रजिस्ट्री क्यों नहीं कराई? उन दोषियों पर क्या विभाग कार्यवाही करेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की जाँच विभाग कोई कमेटी बनाकर करायेगा और कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति गुना द्वारा वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक 211 प्लाट/भूखण्ड एवं 195 सेण्ड्रीशॉप की नीलामी की गई एवं 211 प्लाट/भूखण्ड एवं 67 सेण्ड्रीशॉप की पंजीयन की कार्यवाही की गई है। शेष 126 सेण्ड्रीशाप के पंजीयन की कार्यवाही नहीं हुई। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है (ग) कार्यालयीन आदेश क्रमांक/मंडी/प्रागंण/वि.प्र./596/603 दिनांक 12.07.16 से जाँचदल गठित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) कार्यालयीन आदेश क्रमांक/मंडी/प्रागंण/वि.प्र./ 596/603 दिनांक 12.07.16 से जाँचदल गठित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
नवीन राजस्व ग्रामों के अधिकार अभिलेख तैयार करना
35. ( क्र. 623 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले के नि 26 ग्राम मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाने संबंधी आदेश कब जारी किये की प्रति सहित पृथक राजस्व ग्राम बनाने हेतु शासन के क्या नियम प्रक्रियाएं हैं, की भी जानकारी देवें? (ख) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कितने व कौन-कौन से ग्राम मजरे टोले हैं जो राजस्व ग्राम बनाने की पात्रता में आते हैं इन्हें कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा? (ग) क्या उक्त घोषित ग्राम मजरे टोलों के अधिकार अभिलेख बनाने का कार्य आउटसोर्स (सेवा निवृत्त अधिकारी/ कर्मचारियों से) कराया जा रहा है इस कारण तीन वर्ष व्यतीत हो जाने उपरांत भी 22 ग्राम मजरे टोलों के अधिकार अभिलेख बनने हेतु लंबित पड़े हैं, यदि हाँ, तो शासन इनके अधिकार अभिलेख शीघ्रता से तैयार कराने हेतु क्या कार्यवाही करेगा? (घ) उक्त कारण से उक्त ग्राम मजरे टोलों के बाशिन्दों को शासन की समस्त कल्याणकारी योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है वे मूल ग्राम पर अब भी आश्रित हैं, यदि हाँ, तो क्या शासन शेष 22 ग्राम मजरे टोलों के अधिकार अभिलेख विभाग में कार्यरत कर्मचारियों से ही शीघ्रता से बनवाने के निर्देश जारी करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट के पप्रत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) 26 मजरे टोलों के अतिरिक्त शेष मजरे टोले मापदण्ड में नहीं आते है। इसलिए राजस्व ग्राम नहीं बनाये गये। (ग) जी नहीं। अधिकार अभिलेख बनाये जाने हेतु उपलब्ध अमले से कार्य कराया जा रहा है। (घ) जी नहीं। जी नहीं, उपलब्ध अमले से कार्य शीघ्रता से कराया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कों की स्थिति
36. ( क्र. 624 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत वर्ष 2012-13 से वर्तमान तक कौन-कौन सी सड़क स्वीकृत की, का नाम, लागत, कार्य एजेन्सी का नाम व कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित जानकारी वर्षवार देवें? (ख) उक्त में से कौन-कौन सी सड़कों का कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हुआ कौन-कौन सी सड़कों का नहीं व क्यों कारण बतावें इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभागीय अमले की उदासीनता के कारण मूढ़ला-प्रेमसर रोड से उतनवाड़ मार्ग, जवासा से सिरसौद, महाराजपुरा से हलगावड़ा खुर्द पहुंच मार्ग सहित कई सड़के निर्धारित अवधि के पश्चात् भी अधूरी पड़ी हैं इस हेतु उत्तरदायियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) उक्त अवधि में पूर्ण हो चुकी अधिकांश सड़कों का निर्माण भी गुणवत्ताहीन कराया गया, नतीजन वे गारंटी पीरियड में ही बदहाल हो गई? क्या शासन इनकी गुणवत्ता की जाँच करवाएगा यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मूँडला, प्रेमसर रोड से उतनवाड एवं जवासा से सिरसौद मार्ग का कार्य पूर्ण है एवं महाराजपुरा से हलगावड़ा खुर्द मार्ग पर डामरीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है। केवल 1 पुलिया का कार्य शेष है। विलंब हेतु उत्तरदायी ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही कर चल देयकों से राशि रूपये 1287674 रोकी गई है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समितियों के माध्यम से किसानों को ऋण
37. ( क्र. 663 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. दतिया के माध्यम से कितने किसानों को शून्य प्रतिशत् ब्याज की दर पर ऋण उपलब्ध कराया गया इसके संबंध में शासन के क्या नियम है उपलब्ध कराते हुये वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में कितनी समितियों द्वारा कितने कृषकों को ऋण उपलब्ध कराया गया है वर्षवार कृषकों की संख्या एवं राशि की जानकारी दें? (ख) क्या यह 0 प्रतिशत् ब्याज दर पर ऋण देने की योजना सिर्फ ड्यू यानि नियमित रूप से वसूली जमा करने वाले कृषकों के लिये हैं, ओव्हर ड्यू किसानों को इसका लाभ दिया जाता है कि नहीं जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ग) क्या जिला सह. केन्द्रीय बैंक दतिया द्वारा शासन से 0 प्रतिशत् ब्याज योजनान्तर्गत नियम विरूद्ध ड्यू किसानों के साथ-साथ ओव्हर ड्यू किसानों की मांग में अगणित ब्याज करोड़ों रूपये प्राप्त कर शासन को चूना लगाने की कोशिश की गई है, यदि हाँ, तो उसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी हैं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कमेटी बनाकर कराई जावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्षवार शून्य प्रतिशत् ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराये जाने वाले कृषकों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, जिन कृषक सदस्यों द्वारा ड्यू डेट तक बकाया राशि जमा कर दी जाती है, उन्हें शून्य प्रतिशत् ब्याज दर का लाभ दिये जाने का नियम है तथा ड्यू डेट तक बकाया राशि जमा नहीं करने वाले कृषक सदस्यों को ऋण वितरण दिनांक से ड्यू डेट तक तीन प्रतिशत् की ब्याज दर वसूल किये जाने का नियम है, राज्य शासन द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 हेतु शून्य प्रतिशत् ब्याज दर के लिये जारी आदेश की प्रतियां क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2, 3 एवं 4 अनुसार है. वर्षवार कृषकों की संख्या एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है. (ख) जी हाँ. ड्यू डेट तक बकाया राशि जमा नहीं करने वाले कृषक सदस्यों को ऋण वितरण दिनांक से ड्यू डेट तक केवल तीन प्रतिशत् की ब्याज दर वसूल किये जाने का नियम है. (ग) जी नहीं, शून्य प्रतिशत् योजना के प्रावधानों के अनुसार ही बैंक द्वारा ब्याज अनुदान के दावे प्रस्तुत किए गए है. अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है.
कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के कर्मचारियों का संविलियन
38. ( क्र. 666 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सह. केन्द्रीय बैंक दतिया में जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के कर्मचारियों के संविलियन के सबंध में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक का आयोजन किस दिनांक को हुआ? इसमें क्या निर्णय लिये गये रिक्त पदों की जानकारी, संविलियन होने वाले कर्मचारियों की सूची के साथ जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) अतारांकित प्रश्न संख्या 81 (क्र. 6836) दि. 31.3.16 के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई गई कि राज्य/जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के कर्मचारियों के संविलियन की एक ही योजना है तो फिर इन्हें अलग-अलग विभागों में क्यों मर्ज किया जा रहा है? राज्य बैंक वालों को मार्कफैड व जिला बैंक वालों को जिला बैंक में, योग्यता के आधार पर क्यों नहीं लिया जा रहा है? (ग) क्या संविलियन हेतु गठित स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा विलय होने वाले कर्मचारियों के समकक्ष पद रिक्त होने के बावजूद अपनी सहमति प्रस्ताव नहीं भेजा है? इस तर्क के साथ कि उक्त कर्मचारियों की योग्यता कम है जबकि संविलियन की योजना में पृष्ठ 4 पर 3.6 में स्पष्ट उल्लेख है कि समान पद एवं समान वेतन पर विलय किया जायेगा, यदि पद रिक्त नहीं है तो आस-पास के जिलों में विलय किया जायेगा? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इन्हें प्रदेश स्तर से पुन: निर्देश जारी किये जायेंगे? यदि नहीं, तो प्रकरण की जांच कराई जावे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 13.06.2016 को. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है. (ख) जी हाँ. विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-3/2012/15-1 दिनांक 21.10.2015 के द्वारा लागू की गई संविलियन योजना की कंडिका 3.2 के तहत गठित स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा संविलियन हेतु उपयुक्त पाये गये कर्मचारियों की चयन सूची तैयार किए जाने का प्रावधान है. उक्त आदेश की कंडिका 2.1 के तहत बैंक के सेवायुक्तों को प्रदेश के विभिन्न सहकारी बैंकों/सहकारी संस्थाओं में सीधी भर्ती के रिक्त पदों के विरूद्ध किया जाना है. तद्नुसार विभिन्न सहकारी संस्थाओं में पदों की रिक्तता एवं उपयुक्तता के आधार पर स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा अपनी अनुशंसा की जाती है. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा अपनी बैठक दिनांक 13.06.2016 में 15 कर्मचारियों को शैक्षणिक योग्यता में पंजीयक सहकारी संस्थायें के स्तर से शिथिलता दिये जाने पर संविलियन की अनुशंसा की गई है. प्रस्ताव परीक्षणाधीन है. शेष कर्मचारियों के संबंध में परीक्षणोपंरात यथास्थिति कार्यवाही की जायेगी.
पंजीकृत तिलहन समितियां
39. ( क्र. 693 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कितनी तिलहन समितियां वर्तमान में पंजीकृत की गई है? कितनी तिलहन समितियां वर्तमान में कार्यरत हैं? (ख) कौन-कौन तिलहन समितियों के पास कहाँ-कहाँ स्वयं का गोदाम, भूमि, अन्य अचल सम्पत्तियां हैं और वर्तमान में इन समितियों के अचल सम्पत्तियों का उपयोग/संरक्षण कौन कर रहा है? इन अचल सम्पत्तियों के संबंध में सहकारिता विभाग की क्या योजना है? (ग) क्या सहकारिता विभाग तिलहन समितियों के संबंध में समीक्षा कर, इन समितियों की अचल सम्पत्तियां, जमा पूंजी लेनदारी, देनदारी आदि पर निर्णय लेगा? इन तिलहन समितियों की भविष्य में कोई योजना तैयार की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 32, सभी तिलहन समितियां परिसमापन में है. (ख) किसी भी तिलहन समिति के पास स्वयं का गोदाम, भूमि एवं अचल सम्पत्ति नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते. (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होते.
कृषि विकास दर
40. ( क्र. 741 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सन् 2013-14 से जून 2016 तक कृषि विकास दर का ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त अवधि में कमजोर तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों का आर्थिक स्तर सुधारने हेतु सरकार ने क्या-क्या कदम उठाये? (ग) जैविक खेती के विकास की दिशा में सरकार द्वारा उठाये गये कदमों एवं उज्जैन संभाग में जिलेवार प्राप्त परिणामों का ब्यौरा (2013 से अब तक) क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जिलो में संचालित योजनाओं में प्रावधान अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग, अनुसूचित जन जाति एवं कमजोर वर्ग के किसानों का आर्थिक स्तर सुधारने हेतु लाभान्वित किया जा रहा है। विशेष कर अन्नपूर्णा/सूरजधारा एवं नलकूप खनन योजनान्तर्गत उक्त वर्ग के हितग्राहियों को ही लाभान्वित किया जा रहा है। (ग) जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु संभाग के समस्त जिलों में आयोजित विभिन्न प्रशिक्षणो एवं प्रचार-प्रसार विस्तार कार्यकर्ताओं के माध्यम से किया जाकर कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप जैविक खेती करने वाले कृषकों एवं जैविक खेती के रकबे में वर्ष 2013 से अब तक वृद्धि हुई है जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
पटवारी हल्कों का पुनर्गठन
41. ( क्र. 742 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पटवारी हल्कों के पुनर्गठन के संबंध में शासन ने कोई निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो कब एवं क्या? (ख) क्या विभाग द्वारा शासन से स्वीकृति हेतु पटवारी हल्कों एवं पदों के सृजन संबंधी प्रस्ताव भेजे थे? यदि हाँ, तो कितने पटवारी हल्को एवं पदों के लिए तथा वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उज्जैन संभाग के जिलों में पटवारियों के कुल कितने पद है तथा कितने-कितने हल्कों का दायित्व उन्हें दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पटवारी हल्कों के पुनर्गठन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उज्जैन संभाग के जिलों में पदस्थ पटवारियों के स्वीकृत पदों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
जिला |
स्वीकृत पद |
भरे पद |
रिक्त पद |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
1 |
उज्जैन |
354 |
308 |
46 |
2 |
देवास |
241 |
230 |
11 |
3 |
शाजापुर |
193 |
180 |
13 |
4 |
रतलाम |
239 |
214 |
25 |
5 |
मंदसौर |
262 |
204 |
58 |
6 |
नीमच |
152 |
141 |
11 |
7 |
आगर मालवा |
142 |
99 |
43 |
|
योग |
1583 |
1376 |
207 |
उपरोक्तानुसार संभाग जिलो में हल्कों के निकटतम पटवारियों को रिक्त पटवारी हल्कों के प्रभार दिये गये है। |
हितग्राहियों
का स्थायी
पट्टे
42. ( क्र. 781 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र में 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में, कितने-कितने हितग्राहियों को स्थायी पट्टे वितरित किये गये हैं तथा ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें स्थायी पट्टे दिये जाने हेतु चिन्हित किया गया है? (ख) प्रश्नांश कंडिका (क) में दर्शित चिन्हित हितग्राहियों को कब तक पट्टों का वितरण कर दिया जावेगा? (ग) कितने स्थायी पट्टेदार ऐसे हैं जिनके पट्टों के नवीनीकरण, शर्त उल्लंघन एवं अपालन के मामले लंबित हैं? ऐसे प्रकरणों पर कार्यवाही न होने से शासन को भू-भाटक के रूप में होने वाली आय में लगभग कितना नुकसान हुआ है और इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) प्रश्नांश कंडिका (ग) में दर्शित लंबित प्रकरणों पर कार्यवाही न करने के लिये दोषियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का संचालन
43. ( क्र. 844 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास क्या है प्रदेश में कौन-कौन से जिलों में इसे कब से प्रारंभ किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत कौन-कौन से कार्य किसके द्वारा किनके दिशा-निर्देशों में कराये जायेगें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत जबलपुर जिले में वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस एजेंसी द्वारा कौन-कौन से कार्य, कितनी लागत से, कहाँ-कहाँ कराये गये एवं उक्त निर्मित कार्यों का निरीक्षण एवं मूल्यांकन किसके द्वारा कब किया गया एवं मूल्यांकन में क्या कमियां पाई गई? (घ) जबलपुर जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत वित्त वर्ष 2016-17 में कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य किस एजेंसी द्वारा कराये जाना प्रस्तावित है? ग्रामवार, कार्यवार, लागत, निर्माण एजेंसी सहित सूची देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास (पूर्व में आई.डब्ल्यू.एम.पी.) जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यों, आजीविका उन्नयन कार्यों तथा उत्पादन प्रणाली संबंधी कार्यों की समेकित योजना है। यह योजना वर्ष 2009-10 से प्रारंभ की गई एवं वर्तमान में सभी जिलों में लागू है। (ख) आस्थामूलक कार्य, जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्य, आजीविका उन्नयन कार्य तथा उत्पादन प्रणाली संबंधी कार्य परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी और वाटर शेड समिति द्वारा भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भूमि संसाधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी मार्गदर्शिका के अनुसार कराये जाते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पंचायत सचिवों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
44. ( क्र. 845 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पाटन एवं मझौली विकासखण्डों में कार्यरत ग्राम पंचायत सचिवों के विरूद्ध वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी शिकायतें जिला पंचायत जबलपुर को प्राप्त हुई एवं इन प्राप्त शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा की बैठक दिनांक 31 मार्च, 2016 को पूछे गये परि.अता.संख्या 125 प्रश्न (क्रमांक 7665) के उत्तर की कंडिका (घ) में बतलाया गया कि जी हाँ श्री संतोष जैन सचिव का अन्यत्र स्थानांतरण विचाराधीन है? (ग) यदि हाँ, तो श्री संतोष कुमार जैन सचिव ग्राम पंचायत इन्द्राना जनपद पंचायत मझौली जिला जबलपुर का अन्यत्र स्थानांतरण प्रश्न दिनांक तक न होने के क्या कारण हैं? उनका स्थानांतरण किस प्रकार से कब तक कर दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं, तो क्यों नहीं बतलावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पाटन विधान सभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले जनपद पंचायत पाटन के तहत 6 ग्राम पंचायत सचिवों एवं जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत 7 ग्राम पंचायत सचिवों के विरुद्ध वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक कुल 13 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) कार्यवाही प्रशासनिक प्रक्रिया अंतर्गत विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
झाबुआ जिले में 165 (क) की स्वीकृति
45. ( क्र. 871 ) श्री
शान्तिलाल
बिलवाल :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) झाबुआ
जिले में 165 (क) की स्वीकृति
दिये जाने के
क्या
प्रावधान हैं
एवं उक्त 165 (क) कि स्वीकृति
किस के द्वारा
दी जाती है? (ख)
वर्तमान में
वर्ष 2014 से
झाबुआ जिले
में 165 (क)
के कितने
प्रकरणों में
स्वीकृति दी
गई एवं अभी तक
कितने प्रकरण
जिला स्तर पर
लंबित है? (ग) क्या
शासन स्तर पर
165 (क) की
स्वीकृति
दिये जाने पर
प्रतिबंध है? अगर
नहीं तो झाबुआ
जिले में 165 (क) के
इतने लंबित
प्रकरण क्यों
है? लंबित
रहने की दशा
में जिला
अधिकारी के
विरूद्ध शासन
कोई कार्यवाही
करेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से (ग)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
नामांतरण बंटवारे के प्रकरण
46. ( क्र. 906 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिला अंतर्गत कितने अविवादित नामांतरण बंटवारे किए गये हैं? वृत्तवार एवं तहसीलवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वृत्तों के विवादित नामांतरण बंटवारों में विगत 02 वर्षों से कितने प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं? वृत्तवार, तहसीलवार संख्या से अवगत करावें? (ग) किस कर्मचारी एवं अधिकारी के उत्तरदायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरते जाने के कारण उपरोक्तानुसार प्रकरण लंबित हैं एवं लंबित प्रकरण कब तक निराकृत किये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
47. ( क्र. 907 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत 14 अप्रैल, 2016 से 31 अप्रैल, 2016 तक ग्राम सभाओं का आयोजन प्रत्येक ग्राम पंचायतों में किया गया है एवं जनपद स्तर एवं जिला स्तरों में भी उपरोक्त संबंध के कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उपरोक्त कार्यक्रमों के लिये शासन स्तर से कितनी राशि व्यय की गई? प्रत्येक जनपद पंचायतवार राशियों का व्यय किन-किन कार्यों के लिये किया गया है तथा राशि व्यय के संबंध में शासन के नियमानुसार कौन सी प्रक्रिया अपना कर व्यय की कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) इस कार्य हेतु कोई अलग से कोई आवंटन नहीं दिया गया है। जिला शहडोल द्वारा व्यय की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। व्यय की गई राशि भण्डार क्रय नियम की प्रक्रिया अपनाकर किया गया है।
अनुकंपा नियुक्ति
48. ( क्र. 924 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में कितने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लंबित हैं? (ख) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों पर कब तक कार्यवाही कर नियुक्ति की जाएगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 01. (ख) 03 माह में पात्रता अनुसार नियुक्ति दी जा सकेगी.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित मार्ग
49. ( क्र. 934 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के विधान सभा क्षेत्र महाराजपुर के अंतर्गत विकासखण्ड नौगांव में कितनी जनसंख्या के कौन-कौन से ग्राम प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत पक्की सड़कों से जोड़े गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में किन ग्रामों की किन सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? किनकी निविदा कब स्वीकृत हुई, कब कार्यादेश जारी हुए, किन तिथि में किस चरण में कितने कि.मी. के कार्य पूर्ण हुए? कार्य रोकने के कारण क्या है एवं कौन से कार्य कब पूर्ण होंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के किन्हीं प्रचलित मार्गों के निर्माण की अवधि पूर्ण हो गई है और उसमें से किनका रिन्युअल कार्य पूर्ण हो चुका है और किनके विषय में क्या कार्यवाही चल रही है? (घ) जनपद पंचायत नौगांव की कितने कि.मी. की सड़कें कब स्वीकृत हुई और उनका निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया तथा किस स्तर तक कार्य पूर्ण हुआ है और कब तक कार्य पूर्ण करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) नौगांव विकासखण्ड के निर्मित 47 सड़कों में से 24 सड़कों की पूर्णता उपरांत पाँच वर्ष से अधिक की अवधि है जिसमें से 14 मार्गों का रिन्यूअल हो चुका है। शेष 10 मार्गों पर आवश्यकतानुसार रिन्यूअल किया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है।
रीडिप्लयमेंट पर पदस्थ कर्मचारी
50. ( क्र. 949 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपखण्ड पिपरिया अन्तर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिपरिया, तहसील पिपरिया, तहसील बनखेड़ी एवं तहसील पचमढ़ी के अन्तर्गत किन-किन विभागों के किन-किन कर्मचारियों के रीडिप्लामेंट किये जाकर पदस्थ किये गये हैं, विभागवार, पदवार जानकारी देवें? (ख) रीडिप्लायमेंट किस दिनांक तक का हैं? प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्मचारीवार, पदवार जानकारी देवें? (ग) तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं अतिरिक्त तहसीलदार के प्रवाचक के पद पर अन्य विभागों के कौन-कौन कर्मचारी पदस्थ/ रीडिप्लायमेंट हैं, इनकी मूल पदवार जानकारी देवें? (घ) प्रवाचक के पद पर किस श्रेणी तथा किस योग्यता के कर्मचारी रखे जाने का प्रावधान हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कम्प्यूटर सामग्री क्रय अनियमिमता
51. ( क्र. 950 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में जिला सहकारी बैंक मर्यादित होशंगाबाद में कम्प्यूटर क्रय करने व कम्प्यूटर से संबंधित सामग्री के क्रय हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो निविदा किन-किन उपकरणों हेतु आहूत की गई थी? इस हेतु निर्धारित नियम व शर्तों की जानकारी भी देवें? (ख) उपयुक्त प्रश्नांश (क) में वर्णित उल्लेखित निविदा में भाग लेने वाली प्रत्येक फर्म का नाम/पता, संचालक का नाम/पता एवं टिन नम्बर देते हुये बतायें की किस निविदादाताओं की निविदा स्वीकृत की गई? (ग) क्या जिस फर्म को अनुबंधित किया गया, उसकी निविदा शर्त अनुसार फर्म को न तो 5 वर्षों का अनुभव था न ही टिन नम्बर अधिकृत था? यदि हाँ, तो क्यों एवं किसके द्वारा निविदादाता को अनुबंधित किया गया? (घ) क्या 13 जुलाई, 2015 को इस संबंध में सी.एम. हेल्प लाइन नम्बर 181 पर शिकायत की गई थी? (ड.) क्या जुलाई 2015 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत होशंगाबाद को उक्त निविदा निरस्त किये जाने हेतु आवेदन दिया गया था? यदि हाँ, तो बतायें कि उक्त दोनों शिकायतों के संबंध में कौन से तथ्य प्रकाश में आये?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है. (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है. (घ) जी नहीं. (ड.) जी नहीं. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है.
बलराम तालाब निर्माण की स्वीकृति
52. ( क्र. 981 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 5 वर्षों से अब तक कितने बलराम तालाब निर्माण की स्वीकृति दी गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत बलराम तालाबों के निर्माण में कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ पर व्यय की गई? कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि का अनुदान अभी तक भुगतान किया जा चुका है? कितने कृषक अनुदान प्राप्ति हेतु कब से शेष है, अवशेष रहने का क्या कारण है? (ग) कितने स्वीकृत बलराम तालाबों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कितने तालाब का कार्य अपूर्ण है? कार्य अपूर्ण रहने का क्या कारण है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? निर्मित किये गये एवं अपूर्ण बलराम तालाबों की निगरानी किस-किस अधिकारी द्वारा की जा रही है? उसका नाम, पद सहित बतलावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दमोह जिले के जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 5 वर्षों (2011-12 से) में अब तक कुल 110 बलराम तालाबों की तकनीकी स्वीकृति दी गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत बलराम तालाबों में से 42 बलराम तालाबों के निर्माण में राशि रू. 30.95 लाख अनुदान के रूप में व्यय की गई तथा वर्ष 2015-16 में मार्च माह में शासन द्वारा आहरण पर प्रतिबंध के कारण 35 कृषकों की राशि रू. 32.31 लाख अनुदान भुगतान किया जाना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 110 स्वीकृत बलराम तालाबों में से 77 बलराम तालाबों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, 33 बलराम तालाबों के प्रकरणों में कृषकों द्वारा कार्य न किये जाने के कारण प्रकरण निरस्त कर दिये गये है तथा कोई बलराम ताल अपूर्ण नहीं है। योजना प्रावधान अनुसार किये गये कार्यों का पर्यवेक्षण/निरीक्षण/भौतिक सत्यापन किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
शासकीय विभागों में किराये के वाहन का भुगतान
53. ( क्र. 1015 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत विगत 05 पाँच वर्षों में समस्त शासकीय विभागों में कौन से वाहन किराये पर लिए गए? उनको प्रतिमाह कितना भुगतान किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत अनुबंध कब और किस प्रकार किया गया? अनुबंध में एफ.डी./डी.डी. कितने की जमा करवाई गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या एफ.डी. रू. 15000/- अमान्य की गई? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में शासन ने क्या प्रावधान निर्धारित किए गए? किस नियम के तहत प्रतिभूति/गारन्टी/जमानत राशि मांग की जाती है? क्या वाहन स्वत: प्रतिभूति नहीं है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (घ) भिण्ड जिले के अंतर्गत अनुबंधित वाहन डीजल/पेट्रोल शासकीय 17वीं वाहिनी के पेट्रोल पंप से क्यों नहीं लेते हैं? निजी पेट्रोल पंप से क्यों लेते हैं? सैनिक कल्याण के लिये पेट्रोल पंप से क्रय में क्या आपत्ति है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भिण्ड जिलान्तर्गत किराये पर वाहन बुलेरो, स्कार्पियो, सफारी आदि लगाये गये प्रश्नाधीन अवधि में भुगतान की गई राशि एवं मासिक दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) भिण्ड जिलांतर्गत विभागों के द्वारा वाहन किराये पर लिये जाने हेतु किये अनुबंध किये जाने के दिनाँक एवं डी.डी. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जिलांतर्गत किसी भी विभाग द्वारा रू 15000/- की डी.डी. अमान्य की जाना नहीं बताया है। (ग) जिलांतर्गत विभिन्न विभागों के पृथक-पृथक नियमानुसार प्रतिभूति राशि जिनके द्वारा जमा कराई गई है की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वाहन अस्थाई (चालित) संपत्ति के श्रेणी में होने से प्रतिभूति जमा कराई गई है। (घ) 17वीं वाहिनी के पेट्रोल पंप से डीजल लेने में कोई अपत्ति नहीं है। शासन द्वारा निजी पेट्रोल पंपों से डीजल/पेट्रोल क्रय न करने के कोई निर्देश नहीं है।
भिण्ड प्रवास पर मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाएं
54. ( क्र. 1018 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 27/2/2016 को भिण्ड से इटावा रेल चलाने पर मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा कौन सी घोषणा की गई? कौन सी घोषणा कौन से नम्बर पर कब दर्ज की गई? (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला भिण्ड क्र. 2546 दि. 2/3/2016 को सचिव म.प्र. शासन मुख्यमंत्री कार्यालय भोपाल को जारी पत्र पर प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) दि. 27/2/2016 को घोषित घोषणाओं में प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? इन्दिरा गांधी तिराहे से सुभाष तिराहे तक सी.सी. निर्माण की प्रक्रिया किस स्तर पर प्रचलित है कब तक कार्य प्रारंभ हो जाएगा? (घ) टेहनगुर से हिसगवां सिंध नदी पर पुल निर्माण मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर कब अमल हो जाएगा? किस विभाग द्वारा कब पुल निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ हो जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बलराम तलाबों का निर्माण
55. ( क्र. 1023 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत् 5 वर्षों में अब तक कहाँ-कहाँ पर बलराम तालाब का निर्माण करने की स्वीकृति दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत् 5 वर्षों में बलराम तालाबों के निर्माण पर भिण्ड विधान सभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि कहाँ पर व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बलराम तालाब योजनान्तर्गत कितने तालाबों का निर्माण पूर्ण किया गया है कितने तालाबों का निर्माण अपूर्ण हैं कितने तालाबों का निर्माण शेष है किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण किया गया क्या निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है? विवरण सहित जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कितने बलराम तालाब निर्माण किन कारणों से शेष रहे? कितने बलराम तालाब निर्माण स्वीकृत के प्रकरण विचाराधीन है? कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 5 वर्षों (2011-12 से) अब तक कुल 28 बलराम तालाबों के निर्माण करने की स्वीकृति दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में 17 बलराम तालाबों का निर्माण किया गया। जिन पर राशि रू. 12.00 लाख व्यय की गई विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) विगत 5 वर्षों में स्वीकृत 28 बलराम तालाबों में 12 बलराम तालाबों का कार्य पूर्ण, 5 तालाब अपूर्ण है तथा 11 बलराम तालाब का कार्य अप्रारंभ है। कृषि विकास अधिकारी एवं सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया। जी हाँ, निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (घ) शेष 11 बलराम तालाबों का कार्य कृषकों द्वारा प्रारंभ नहीं किये जाने के कारण शेष है। बलराम तालाब निमार्ण का कोई प्रकरण स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है।
परफॉरमेंस ग्रान्ट फण्ड के कार्यों की स्वीकृति
56. ( क्र. 1024 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत भिण्ड में परफॉरमेंस ग्रान्ट फण्ड मद से वर्ष 2011 से प्रश्नांश दिनांक तक कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में परिवर्तन किया जा रहा है यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में कितनी राशि प्राप्त हुई किस कार्य के लिए कितनी राशि व्यय की गई? (घ) परफॉरमेंस ग्रान्ट फण्ड के अंतर्गत 2014, 2015, 2016 एवं 2017 के लिए क्या कार्ययोजना तैयार की गई? कब तक कार्यवाही पूर्ण हो जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में परफॉरमेंस ग्रान्ट मद के अंतर्गत जिला पंचायत भिण्ड को कोई राशि प्रदाय नहीं की गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) परफॉरमेंस ग्रान्ट के अंतर्गत वर्ष 2014 में प्राप्त राशि जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति से कार्ययोजना अनुमोदन कर तैयार की गई है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में परफॉरमेंस ग्रान्ट अंतर्गत प्राप्त राशि से शासन निर्देशानुसार कराये जाने वाले कार्यों की कार्ययोजना जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में अनुमोदन कर तैयार की जावेगी। वर्ष 2016-17 में कोई राशि जिला पंचायत भिण्ड को प्रदाय नहीं की गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा के निर्माण कार्य
57. ( क्र. 1054 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान की स्थिति में मुरैना जिले में मनरेगा के तहत निर्माण कार्य बन्द कर दिये गये हैं? कौन-कौन सी योजनाओं के निर्माण कार्य बन्द किये गये हैं और कौन-कौन सी योजनाओं के निर्माण कार्य जारी हैं? निर्माण कार्य बन्द करने के क्या कारण हैं? (ख) क्या मनरेगा के तहत निर्माण कार्य बन्द होने से श्रमिकों को रोजगार पाना अवरूद्ध हो गया है? यदि हाँ, तो उन्हें रोजगार दिये जाने के अन्य क्या उपाय किये गये हैं? (ग) मनरेगा के तहत बन्द किये गये कार्य को किसके आदेश से रोका गया है और इसमें निर्माण कार्य कब तक शुरू कर दिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, जॉबकार्डधारी श्रमिकों को उनकी मांग अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है, अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी का प्रदाय
58. ( क्र. 1073 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के हनुमना तहसील में स्थित ग्राम खटखरी की भूमि नंबर 3439/1 ख/2 रकबा 0.006 हेक्टे. रीवा-हनुमना फोरलेन सड़क निर्माण में भारत सरकार सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिग्रहण के पूर्व के भूमि स्वामी का नाम एवं पूर्ण पता बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि नंबर का पटवारी हल्का खटखरी क्रमांक 22 तहसील हनुमना जिला रीवा द्वारा दिनांक 25.04.2015 को प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी तहसील हनुमना को दिया गया था कि रीवा हनुमना फोरलेन सड़क निर्माण के बाद नक्शे एवं आर.ओ.डब्ल्यू. में उपरोक्त भूमि नंबर पर सड़क संचालित नहीं है, न ही सड़क दर्ज है तथा उक्त भूमि पर भारत सरकार सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय अभिलेख दर्ज है, जबकि भूमि स्वामी द्वारा मुआवज़ा प्राप्त नहीं किया गया है, उक्त भूमि की राशि शासन के खाते में जमा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या पूर्व भूमि स्वामी का नाम खसरे में अंकित किये जाने हेतु अभिलेख सुधार का प्रकरण तहसील हनुमना जिला रीवा में लंबित है? यदि हाँ, तो अभिलेख सुधार किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा योजना अंतर्गत किए गए कार्य
59. ( क्र. 1158 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की जनपद पंचायत गंधवानी की ग्राम पंचायत बलवारीखुर्द, चिकली, कोसदना एवं पानवा में मनरेगा अंतर्गत किये गये कार्यों में कार्य मशीन से किया जाकर भ्रष्टाचार किया गया? (ख) क्या प्रश्नांकित पंचायतों में मजदूरी भुगतान में धांधली की गई है एवं मजदूरों के खाते बदलकर भुगतान निकाला गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्राम पंचायतों के वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किये गये कार्यों के मस्टर रोल, मजदूरी भुगतान हेतु बैंक में दी गई सूची, मूल्यांकन पुस्तिका तथा प्रशासकीय स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति का विवरण उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांकित ग्राम पंचायतों के वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किये गये कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। शेष जानकारी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की वेबसाईट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है।
जमीन का सीमांकन
60. ( क्र. 1168 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रामपुर बाघेलान अंतर्गत नगर पंचायत रामपुर बाघेलन के वार्ड क्र. 2 ग्राम सगौनी प.ह.नं. 68 की आराजी नं. 238/3 रकबा 8 हेक्टेयर के सीमांकन हेतु राजेन्द्र गुप्ता पिता सुंदरलाल गुप्ता द्वारा तहसील कार्यालय में मई 1999 में आवेदन दिया गया था एवं पुन: अप्रैल 2006 में सीमांकन शुल्क जमा किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या सीमांकन हेतु तहसीलदार रामपुर बघेलन द्वारा राजस्व निरीक्षक को दिनांक 24.06.2006 को सीमांकन कर प्रतिवेदन एक सप्ताह के अंदर दिये जाने के निर्देश दिये गये थे, लेकिन विगत 10 वर्ष बीत जाने के बाद आज दिनांक तक संबंधित पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा सीमांकन क्यों नहीं किया गया? क्या इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? (ग) क्या आवेदक राजेन्द्र गुप्ता द्वारा कलेक्टर सतना को अपनी आराजी के सीमांकन हेतु दिनांक 18.09.08, 27.05.14, 28.05.15 एवं 19.05.16 तथा आयुक्त (राजस्व) रीवा को दिनांक 15.07.14 को आवेदन पत्र देने के बावजूद भी दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई क्यों, कारण सहित बताएं? (घ) क्या प्रशासन स्तर पर कार्यवाही नहीं होने पर सी.एम. हेल्प लाइन 181 में भी शिकायत करने के बावजूद भी शासन स्तर से भी कोई कार्यवाही नहीं की गई? कब तक पीड़ित आवेदक की जमीन का सीमांकन करा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गरीब आदिवासियों की भूमि का अन्य वर्ग के लोगों द्वारा क्रय
61. ( क्र. 1187 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन नियमों में निर्धारित प्रावधान अनुसार आदिवासियों के स्वामित्व की कृषि भूमि आदि की खरीदी अन्य वर्ग के लोग शासन की अनुमति के बगैर नहीं कर सकते हैं? यदि हाँ, तो क्या विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल माण्डव क्षेत्र में अधिकांशत: बड़े-बड़े उद्योगपतियों एवं व्यवसायियों द्वारा आदिवासियों की जमीन सस्ते दामों में अपने यहां कार्यरत अ.ज.जा. वर्ग के अन्यत्र निवासरत अनपढ़ व गरीब मजदूर के नाम से धड़ल्ले से खरीदी जा रही है व उनके नाम से बेनामी नामांतरण करवाया जाकर स्वयं के होटल, रेस्ट हाउस, ढाबा आदि व्यवसाय में उपयोग किया जा रहा है? (ख) क्या शासन विगत वर्षों से अब तक राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज ऐसे बेनामी नामांतरणों की जाँच करवाकर पूंजीपतियों द्वारा गरीब आदिवासियों का किये जा रहे शोषण को रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम उठायेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हितग्राही मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन
62. ( क्र. 1191 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में किसानों के कल्याण की संचालित किन-किन हितग्राही मूलक योजनाओं में कितनी राशि व कितनी मात्रा में कौन-कौन सा बीज, उर्वरक, कीटनाशक का आवंटन किया गया तथा कितना वितरित किया गया? अनुदान की कितनी राशि वितरित की गई? विगत 3 वर्षों की योजनाओं की लक्ष्य पूर्ति बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में केंद्र सहायित किन-किन योजनांतर्गत व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभांवित कितने-कितने हितग्राही कृषकों को, कितनी मात्रा में कौन-कौन सा बीज, नि:शुल्क वितरित किया गया तथा अनुदान की कितनी राशि दी गई? इसका सत्यापन किसने किया? (ग) प्रश्नांश (क) में सूरज धारा योजना, अन्नपूर्णा योजना, बीज ग्राम योजना के तहत कितनी मात्रा में कौन-कौन सा बीज आवंटित किया गया तथा कितनी मात्रा में कौन-कौन सा बीज कितने प्रतिशत् अनुदान पर कितने अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को वितरित किया गया? इसका सत्यापन किसने किया तहसीलवार सूची दें? (घ) प्रश्नांश (क) में किन-किन योजनांतर्गत प्रदाय आदान सामग्री का किसानों को नगद विक्रय करने योजनांतर्गत अनुदान पर बीज का वितरण न करने व बीज वितरण में अनियमितता की शिकायतों पर कब किस पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1 एवं 1 (अ) ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में केंद्र सहायित एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत विगत तीन वर्षों में 5700 हितग्राही कृषकों को सोयाबीन बीज मात्रा 416.00 क्विंटल तथा मूंगफली बीज मात्रा 100.00 क्विंटल नि:शुल्क वितरित किया गया। बीज मिनिकिट्स की राशि का भुगतान भारत सरकार द्वारा किया जाता है। सत्यापन संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '4' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2, 3 एवं 4' अनुसार है। (घ) जिला धार में विगत 3 वर्षों में योजनाओं के अंतर्गत प्रदाय आदान सामग्री एवं बीज वितरण में अनियमितता की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं होना पाया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
स्टॉप डेम एवं तालाबों का निर्माण
63. ( क्र. 1221 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी मिशन के अंतर्गत भोपाल जिले में कुल कितने स्टॉप डेम और छोटे तालाबों का निर्माण विगत 5 वर्ष में किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इनकी वर्तमान में क्या वस्तुस्थिति है और इनके संधारण एवं दुरूस्ती का जिम्मा किस कार्यालय के अन्तर्गत आता है? इनके द्वारा दुरूस्त किये गये स्टाप डेम /तालाब की क्षेत्रवार जानकारी व इसमें हुए व्यय की जानकारी बतायें? (ग) विगत वर्षों में क्या इन स्टॉप डेम एवं छोटे तालाबों का सर्वेक्षण कार्य विभागीय स्तर पर किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ और कब-कब? (घ) प्रधानमंत्री जल संधारण एवं संरक्षण योजनांतर्गत भोपाल अथवा उसके आस-पास इनके निर्माण की क्या स्थिति है? क्या कोई नये स्थल का चयन इस जल संधारण एवं संरक्षण की दृष्टि से किया गया है? यदि नहीं, तो क्या चयन किया जा सकता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 428 स्टाप डेम और छोटे तालाबों का निर्माण किया गया है। (ख) वर्तमान वस्तुस्थिति के संदर्भ में उक्त जल संरक्षण संरचनाएं उपयोगी है। इनके संधारण एवं दुरूस्ती का जिम्मा संबंधित जल ग्रहण क्षेत्र समितियों का है। प्रश्न दिनांक तक उक्त संरचनाओं का दुरूस्तीकरण नहीं कराया गया है, अतः व्यय का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांकित नाम से कोई योजना वर्तमान में लागू नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक भवन एवं राजीव गांधी सेवा केन्द्र
64. ( क्र. 1228 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्रीय आवश्यकता अनुसार भवनविहीन स्थिति होने पर शासन/ विभाग केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से इन कमियों को दूर कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक भवनों एवं राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के जावरा एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत कितने प्रस्ताव प्राप्त होकर स्वीकृत हुए? (ग) साथ ही उपरोक्त वर्षों में प्राप्त प्रस्तावों की किन-किन स्थानों की कुल संख्या क्या है तथा कुल कितने स्वीकृत होकर कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे? (घ) उपरोक्त वर्षों में किन-किन स्थानों हेतु किन-किन कार्यों के लिये कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर क्या-क्या कार्य किये गये? भौतिक सत्यापन सहित अवगत कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, भवनविहीन ग्राम पंचायतों में उपलब्ध राशि के आधार पर नवीन पंचायत भवन निर्माण के विभाग की योजना है। सामुदायिक भवन निर्माण के परिप्रेक्ष्य में भवनविहीन के आधार पर निर्माण की कोई निहित योजना नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में विधान सभा क्षेत्र जावरा अंतर्गत जनपद पंचायत जावरा में 03 एवं पिपलौदा में 02 सामुदायिक भवन हेतु परफॉरमेंस ग्रान्ट से प्रति सामुदायिक भवन रू. 10.00 के मान से राशि प्रदाय की गई है। राजीव गांधी सेवा केन्द्र हेतु जनपद पंचायत जावरा के 24 एवं पिपलौदा के 16 इस प्रकार कुल 40 राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के कार्य प्रस्तावित थे। (ग) जनपद पंचायत जावरा में राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के कुल 24 कार्यों में से 24 कार्य अपूर्ण एवं जनपद पंचायत पिपलौदा में 16 कार्यों में से 16 कार्य अपूर्ण है तथा जनपद पंचायत जावरा में 03 सामुदायिक भवनों में से 03 कार्य पूर्ण एवं जनपद पंचायत पिपलौदा 02 सामुदायिक भवनों हेतु प्रदाय राशि से कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार।
मंडी बायपास एवं सड़कों की स्वीकृति
65. ( क्र. 1233 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा कृषि उपज मंडी अरनिया पीथा फोरलेन पर स्थित होकर आस-पास के जिलों की काफी बड़ी मंडी होकर प्रदेश की बड़ी मंडियों में गिनी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या आस-पास के 10-15 जिलों से एवं लगी राजस्थान की सीमाओं से कृषकों का कृषि उपज लेकर काफी आवागमन होता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या अरनिया पीथा मंडी हेतु (1) बरगढ़ फंटे से व्हाया भीमाखेड़ी-भैसाना बायपास. (2) बरगढ़ फंटे से व्हाया लुहारी-भूतेड़ा बायपास. (3) अरनिया पीथा-रोजाना सड़क. (4) अरनिया पीथा-ईदगाह सड़क मार्गों की मांग की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्या उक्त दोनों बायपास एवं दोनों छोटी सड़कों के प्रस्ताव डी.पी.आर. सहित अधिकार कमेटी के समक्ष विचाराधीन है, तो इन्हें स्वीकृति कब तक दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सड़क कार्यों के प्रस्ताव किसान सड़क निधि के अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्रीजी की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने वाले एजेण्डा में स्वीकृति के निर्णयार्थ सम्मिलित है। साधिकार समिति की बैठक की तिथि नियत नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
निर्मल नीर योजना में अनियमितता
66. ( क्र. 1265 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में 2014-15 के पश्चात् वित्त वर्षवार जनपद पंचायतवार कितने कुएं निर्मलनीर उपयोजना के अन्तर्गत स्वीकृत किये गये? स्वीकृत पूर्ण तथा अपूर्ण कार्यों की संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) क्या पूर्ण किये गये कुओं में विद्युत कनेक्शन लेकर विद्युत मोटर एवं पाइप डाल दिये गये है? यदि हाँ, तो कितनी ग्राम पंचायतों में इन कुओं से पेयजल प्राप्त हो रहा है क्या जिले की अधिकतर ग्राम पंचायतों में पूर्ण किये गये कुओं में अधिकारियों की लापरवाही के चलते उनमें विद्युत मोटर एवं पाइप लाइन नहीं लग पाई है? यदि हाँ, तो क्या इसके लिये जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त खोदे गये कितने कुओं के लिये कुल कितना भुगतान जनपद पंचायतवार किया गया अन्य कार्यों में भुगतान नहीं किये जाने का क्या कारण है? (घ) उक्त कुओं के संबंध में क्या कुछ शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या इन शिकायतों पर कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मंदसौर जिले में 2014-15 के पश्चात् निर्मलनीर उपयोजना के तहत 526 कुएँ स्वीकृत किये गये। वित्त वर्षवार, जनपद पंचायतवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत कुओं में विद्युत कनेक्शन लेकर विद्युत मोटर एवं पाइप का प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त खोदे गये कुओं के लिये राशि रू. 793.52 लाख भुगतान किया गया है। जनपद पंचायतवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। सम्पादित कार्यों का उपयंत्री के मूल्यांकन अनुसार भुगतान किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। भूमि विवाद से संबंधित एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसका निराकरण किया गया है।
सिंहस्थ 2016 हेतु स्वीकृत कार्य
67. ( क्र. 1298 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ, 2016 हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किस-किस मद में किन-किन कार्यों हेतु, कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? उक्त कार्य किस दिनांक तक पूर्ण होना थे? इनमें से कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण हुये एवं कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण नहीं हो पाये एवं कितने कार्य अभी भी चल रहे है? कारण सहित पृथक-पृथक कार्य की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार नियत समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने के लिए दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। स्वीकृत कार्य दिनांक 28.02.2016 तक पूर्ण होने थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नम्बर 5 एवं 6 अनुसार। (ख) समस्त कार्यों की क्रियान्वयन एजेन्सी ग्राम पंचायत है। मनरेगा में श्रमिक एवं केन्द्र शासन से राशि उपलब्धता प्रभावित होने से कार्य नियत समयावधि में पूर्ण नहीं हो सके। इस लिये अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी स्कीम
68. ( क्र. 1302 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी स्कीम के अंतर्गत उज्जैन जिल में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गई? ग्रामवार, तहसीलवार जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार आवंटित राशि में से कितनी राशि का उपयोग हितग्राहियों हेतु किया गया तथा आवंटित राशि में से कितनी राशि लेप्स हुई? ग्रामवार, तहसीलवार लाभान्वित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध कराते हुये वित्तीय वर्ष अनुसार लेप्स राशि का विवरण प्रस्तुत करें? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार आवंटित राशि लेप्स होने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी स्कीम के अन्तर्गत उज्जैन जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 में राशि रू. 6790.00 लाख तथा वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि रू. 1555.80 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 141.73 लाख आवंटित की गई। ग्रामवार, तहसीलवार, जानकारी संकलित नहीं की जाती है। ग्राम पंचायतवार एवं जनपद पंचायतवार जानकारी जनसामान्य के अवलोकन हेतु भारत सरकार ग्रामीण विकास विभाग की वेबसाईट www.nrega.nic.in की एम.आई.एस. रिपोर्ट अन्तर्गत आर 7.1.2 पर दर्शित है। (ख) उत्तरांश (क) की जानकारी अनुसार वित्त वर्ष 2014-15 में उपलब्ध राशि में से राशि रू. 4064.35 लाख का उपयोग हितग्राहियों हेतु किया गया। वित्त वर्ष 2015-16 में राज्य स्तरीय बैंक खाते से भुगतान की व्यवस्था अन्तर्गत जिले द्वारा राशि रू. 2549.93 लाख का भुगतान वित्तीय वर्ष 2015-16 में तथा राशि रू. 174327 लाख का भुगतान वित्तीय वर्ष 2016-17 में हितग्राहियों हेतु किया गया। कोई भी राशि लेप्स नहीं हुई है। ग्रामवार, तहसीलवार, जानकारी संकलित नहीं की जाती है। ग्राम पंचायतवार एवं जनपद पंचायतवार जानकारी जनसामान्य के अवलोकन हेतु भारत सरकार ग्रामीण विकास विभाग की वेबसाईट www.nrega.nic.in की एम.आई.एस. रिपोर्ट अन्तर्गत आर 7.1.2 पर दर्शित है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंचलिक कार्योंलय मण्डी बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी
69. ( क्र. 1331 ) श्री तरूण भनोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के अधीनस्थ 12 संयुक्त संचालक मण्डी बोर्ड के पद पर विभागीय अधिकारी कार्यरत है? यदि हाँ, तो जानकारी उनके नामवार कार्यस्थलवार दी जावें। (ख) क्या मण्डी बोर्ड भोपाल के अंतर्गत म.प्र. में सात आंचलिक मण्डी बोर्ड कार्यालय स्थापित है एवं आंचलिक कार्यालय में कितने अधिकारी अन्य विभाग के प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है? (ग) विभाग में 12 संयुक्त संचालक कार्यरत होने के बाद भी आंचलिक कार्यालय में अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी लेने का क्या औचित्य है? क्या अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी लेने से क्या मण्डी बोर्ड को अनावश्यक व्यय नहीं उठाना पड़ रहा है? (घ) क्या शासन (मण्डी बोर्ड प्रशासन) प्रतिनियुक्ति पर आये अधिकारियों को हटाकर विभागीय अधिकारियों को नियुक्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड सेवा के अभी संयुक्त संचालक संवर्ग के 11 अधिकारी कार्यरत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, वर्तमान में मंडी बोर्ड के 07 आंचलिक कार्यालयों में अधिकारी संवर्गों के 02 अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है। (ग) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में रिक्त पदों पर सेवा विनियम में प्रतिनियुक्ति पर लेने के प्रावधान अंतर्गत कार्य की आवश्यकता, प्रशासनिक क्षमता, फील्ड में कार्य के अनुभव आदि के आधार पर अन्य विभागों/संस्थाओं से प्रतिनियुक्ति पर लिये गये अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। अतएव शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) मुख्यालय एवं आंचलिक कार्यालय में कार्य की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अधिकारी की पदस्थापना संबंधी निर्णय लिया जाता है, अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
म.प्र. के मूल निवासी को अनिवार्य किया जाना
70. ( क्र. 1332 ) श्री तरूण भनोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसान कल्याण एवं उद्यानिकी प्रक्षेत्र वानिकी विभाग द्वारा व्यापम के माध्यम से ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी एवं अन्य समकक्ष पदों हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा का विज्ञापन दि. 25.6.15 को निकाला गया था, जिसकी परीक्षा दि. 6.9.15 को आयोजित होनी थी? क्या उक्त परीक्षा आयोजित की गई? यदि नहीं, तो क्यों? विलंब होने के क्या कारण है? (ख) क्या वर्णित (क) की परीक्षा में अर्हता में भारत का निवासी होना बताया गया था? जबकि छत्तीसगढ़ एवं अन्य प्रदेशों में वहां के मूल निवासी होना आवश्यक अर्हता होती है? जबकि म.प्र. में यह नियम क्यों लागू नहीं किया जा रहा है? कारण बताया जावें। (ग) क्या प्रदेश के मान. कृषि मंत्री महोदय ने कृषि छात्रों के आंदोलन पर उक्त परीक्षा को निरस्त करवाते हुये भारत के मूल निवासी के स्थान पर म.प्र. का मूल निवासी होने का आश्वासन दिया था, लगभग एक वर्ष होने के पश्चात् भी इस हेतु क्या कार्यवाही की गई? (घ) अब कब तक वर्णित (क) की परीक्षा में म.प्र. के मूल निवासी को प्राथमिकता देते हुये परीक्षा का आयोजन किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। दिनांक 6.9.2015 को आयोजित होने वाली परीक्षा निरस्त होने से आयोजित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ख) जी हाँ, म.प्र. का मूलनिवासी होने के संबंध में भरती नियम संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ग) जी हाँ। वर्णित ''क'' अनुसार प्रस्तावित भर्ती नियम संशोधन का अनुमोदन प्राप्त होने पर भर्ती संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) वर्णित ''क'' अनुसार प्रस्तावित भर्ती नियम में संशोधन का अनुमोदन प्राप्त होने पर भर्ती संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी।
बी.पी.एल. कार्ड संबंधी लंबित प्रकरण
71. ( क्र. 1337 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र में (बी.पी.एल.) गरीबी रेखा के कार्ड बनाये जाने के संबंध में कितने आवेदन लंबित है, तहसीलवार लंबित रहने का कारण, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही एवं निराकरण तिथि सहित जानकारी दें। (ख) क्या संबंधित कर्मचारियों द्वारा रू. 500 से 1000 प्रति आवेदन कार्य के हितग्राहियों से लिये जा रहे है? यदि हाँ, तो तहसीलदार अथवा एस.डी.एम. स्वयं के अधिकारियों से जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं, तो क्यों? (ग) विगत 02 वर्षों में जोड़े गये एवं हटाये गये व्यक्तियों के नाम, ग्रामवार जानकारी दें। (घ) विगत 05 वर्षों में मनरेगा के अंतर्गत कितने जॉब कार्ड बनाये गये तथा कितने दिवस कार्य दिया गया? क्या जॉब कार्ड बनाने में गंभीर अनियमितता की गई? यदि हाँ, तो न्यायिक दण्डाधिकारी स्तर के अधिकारी से जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र में (बी.पी.एल) गरीबी रेखा के कार्ड बनाये जाने के संबंध में 36 आवेदन लंबित है। आवेदन तहसील रैपुरा अन्तर्गत जाँच हेतु लंबित है। प्राप्त आवेदन समय-सीमा के अंदर है, जिससे कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। आवेदनों का निराकरण दिनांक 25.07.2016 तक कर लिया जायेगा। (ख) जी नहीं। (ग) विगत 02 वर्षों में जोड़े गये एवं हटाये गये, व्यक्तियों के नाम, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विगत 05 वर्षों में मनरेगा के अन्तर्गत कोई नवीन कार्ड नहीं बनाये गये है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय खोला जाना
72. ( क्र. 1343 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा बजट सत्र के दौरान माननीय मंत्री महोदय द्वारा गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय को जल्द से जल्द खोले जाने का बोला गया था, तो गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय खोले जाने की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय की उपलब्धता कब तक हो सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पदस्थ है। (ख) गोटेगांव अनुविभाग में कार्यालय उपलब्ध है तथा एक डिप्टी कलेक्टर, सहायक ग्रेड-2 के 02 तथा चतुर्थ श्रेणी का एक कर्मचारी पदस्थ हैं।
जिला बालाघाट में परफार्मेंस ग्रांट की राशि का आवंटन
73. ( क्र. 1367 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा परफार्मेंस ग्रांट की राशि के आवंटन में संबंधित जनपद के अंतर्गत आने वाले विधायकों की सहमति से तथा सामान्य प्रशासन समिति के अनुमोदन से राशि जारी करने के निर्देश दिये गये थे? (ख) क्या जनपद पंचायत लांजी द्वारा परफार्मेंस ग्रांट की राशि जारी करते समय स्थानीय विधायक द्वारा दी गयी अनुशंसाओं की पूरी तरह अनदेखी की गयी है? उक्त परिस्थितियों में यदि सामान्य प्रशासन समिति ऐसा करे तो क्या प्रस्ताव शासन की ओर निर्णय हेतु भेजने के प्रावधान है? (ग) विधायक की अनुशंसाओं की अनदेखी के बावजूद राशि जारी करने के लिए तत्काल सी.ई.ओ. जनपद पंचायत लांजी पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत राज संचालनालय के पत्र क्र. 8132/पं.रा./प.फा.ग्रा./2014/भोपाल दिनांक 25.07.2014 द्वारा प्रदेश की समस्त जनपद पंचायतों को सामुदायिक भवन निर्माण हेतु प्रति भवन रू. 10.00 लाख के मान से राशि प्रदाय की गई थी। पत्र की कंडिका-1 के अनुसार सामुदायिक भवन के कार्यों का अनुमोदन सामान्य प्रशासन समिति एवं संबंधित जनपद पंचायत के विधान सभा क्षेत्र के मान. विधायक की सहभागिता से किये जाने का उल्लेख है। (ख) जी नहीं। जनपद पंचायत लांजी की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक के आयोजन की सूचना बैठक के पूर्व मान. विधायक विधान सभा क्षेत्र लांजी को दी गई थी। बैठक में मान. विधायक/ विधायक प्रतिनिधि उपस्थित नहीं रहे। सामान्य प्रशासन समिति जनपद पंचायत लांजी के सदस्यों द्वारा मा. विधायक की अनुशंसा पर विचार नहीं करते हुए सर्व समिति से 03 सामुदायिक भवन निर्माण की स्वीकृति का प्रस्ताव पारित किया गया। जी नहीं ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ग) परफॉरमेंस ग्रान्ट योजनान्तर्गत कार्यों का अनुमोदन सामान्य प्रशासन समिति द्वारा किया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ऋण पुस्तिकाएं उपलब्ध करायी जाना
74. ( क्र. 1390 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त मुख्यालय ग्वालियर द्वारा नवीन एकीकृत भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिकाएं वितरण हेतु आदेश किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले में बंदोबस्त में आने वाले गामों में जिनके नामांतरण हो चुके हैं उनको ऋण पुस्तिकाएं उपलब्ध न कराये जाने पर बंदोबस्त अधिकारी अथवा तहसीलदार जिम्मेदार हैं, स्पष्ट करें? (ग) बंदोबस्त भू-अभिलेख छतरपुर में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों के आवेदन पत्र लंबित हैं? लंबित प्रकरणों के लिए कौन जिम्मेदार है? उनके पद सहित नाम बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अस्पष्ट। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने
75. ( क्र. 1403 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत रीवा के पत्र क्र. 872/स्था.पंचा./2016 दिनांक 25.05.2016 के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान को श्री वीरेन्द्र सिंह दैनिक वेतन भोगी (पद से पृथक) की सेवा बहाली बावत् पत्र लिखा गया? यदि हाँ, तो क्या इस तरह बार-बार पत्राचार कर अपने अधीनस्त अधिकारी के ऊपर दवाब बनाकर दोषी लिपिक को बहाल करने का प्रयास नियम से हटकर किया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान ने अपने पत्र क्रमांक 45/स्था./ज.पं./2016 दिनांक 31.05.2016 के माध्यम से म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम तथा शासन के नियम निर्देशों का परिशीलन करने के बाद श्री वीरेन्द्र सिंह दैनिक वेतन भोगी (पद से पृथक) को पुन: पद पर बहाल नहीं किया जा सकता? का उल्लेख किया है। (ग) क्या जनपद पंचायत की सामान्य सभा में दोषी लिपिक के बहाली बावत् प्रस्ताव दिनांक 28.05.2016 को प्रस्ताव क्र. 13 के माध्यम से पारित किया गया, जो विधि संगत एवं पंचायत राज अधिनियम एवं शासन के आदेशों एवं निर्देशों के विपरीत है, यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव पारित करने वाले के विरूद्ध पंचायत राज अधिनियम के तहत पद से पृथक करने की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रीवा ने पंचायत राज संचालनालय के पत्र क्रमांक स्था-4/जि.जन./2006/पं.राज./ 2016/2877 दिनांक 08.01.2016 के संदर्भ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत रायपुर कचुर्लियान जिला रीवा को पत्र दिनांक 14.01.2016 द्वारा 18 वर्षों से कार्यरत अपीलार्थी श्री वीरेन्द्र सिंह दैनिक वेतनभोगी की सेवाएं बहाल करने के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही कर प्रतिवेदन पंचायत राज संचालनालय एवं आयुक्त रीवा संभाग रीवा, जिला पंचायत रीवा को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये थे। प्रकरण में आयुक्त रीवा संभाग रीवा ने पत्र दिनांक 11.03.2016 एवं पुनः स्मरण पत्र दिनांक 11.05.2016 द्वारा तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रीवा ने पत्र दिनांक 25.05.2016 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रायपुर कचुर्लियान से विधिसंगत परीक्षण कर अभिमत चाहा था। अतः दबाव बनाकर नियम से हटकर पत्राचार करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत रायपुर कचुर्लियान ने पत्र दिनांक 31.05.2016 द्वारा सामान्य सभा की बैठक दिनांक 28.5.2016 के अनुक्रम में यह अभिमत दिया है कि श्री वीरेन्द्र सिंह के पद से पृथक किये जाने के उपरांत बहाली का अनुमोदन राज्य शासन से लेने के पश्चात् ही बहाल की कार्यवाही किया जाना उचित होगा के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रीवा के पत्र दिनांक 08.07.2016 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रायपुर कचुर्लियान जिला रीवा को स्पष्ट लेख किया कि पंचायत राज संचालनालय द्वारा लिये गये निर्णय के पश्चात् भी संचालनालय/राज्य शासन से अनुमोदन चाहते हैं तो प्रस्ताव वैधानिक नियमों के तहत प्रेषित करें। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश-‘‘क‘‘ एवं ‘‘ख‘‘ में वर्णित स्थिति अनुसार किसी के विरुद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पंचायतराज अधिनियम के तहत कार्यवाही
76. ( क्र. 1404 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 17.03.2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 83 (क्रमांक 4915) के परिप्रेक्ष्य में गठित समिति द्वारा क्या परीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो प्रति देवें तथा बतावें कि कौन-कौन दोषी हैं, उनके विरूद्ध क्या पंचायतराज अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए राशि की वसूली करायेंगे? अगर प्रतिवेदन अप्राप्त है तो गठित समिति के सदस्यों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के समिति द्वारा क्या जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के पारित प्रस्ताव दिनांक 22.10.2014 को बगैर विधिक प्राधिकारी के अनुमति से निरस्त कर पुन: पारित निर्णय एवं प्रस्ताव से विपरीत राशि का दोबारा बंदरबाट किया गया? क्या इस बिन्दु पर भी समिति द्वारा परीक्षण किया गया? परीक्षण उपरांत किन-किन को दोषी मानकर कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में दोषियों की पहचान कर राशि वसूली के साथ पंचायतराज अधिनियम के तहत कार्यवाही प्रस्तावित करते हुए राशि की वसूली के साथ कूट-रचित दस्तावेज तैयार कर लाभ पहुंचाने का दोषी मानते हुए अपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विधान सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 83 (क्रमांक 4915) के परिप्रेक्ष्य में गठित जाँच समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 1587 दिनांक 06.07.2016 द्वारा प्रस्तुत किया गया। जाँच प्रतिवेदन में जाँच समिति द्वारा स्पष्ट अभिमत नहीं दिये जाने के कारण जिला पंचायत रीवा के पत्र दिनांक 06.07.2016 द्वारा जाँच प्रतिवेदन में स्पष्ट अभिमत सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। जाँच प्रक्रियाधीन है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जाँच प्रक्रियाधीन है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) उत्तरांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विधायक को समिति में नहीं रखा जाना
77. ( क्र. 1416 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 18 (क्रमांक 3452) दिनांक 16 जुलाई 2014 में माननीय राजस्व मंत्री महोदय द्वारा सदन में यह आश्वासन दिया था कि जाँच समिति में सदन का सदस्य भी शामिल रहेगा? तो क्या प्रश्न तिथि तक उक्त समिति में सदन के सदस्य को शामिल करते हुये जाँच समिति का गठन कर दिया गया है? अगर हाँ तो जाँच समिति में कौन-कौन सदस्य हैं? (ख) अगर जाँच समिति का गठन प्रश्न तिथि तक नहीं हुआ है तो क्या कारण हैं? जाँच समिति प्रश्न तिथि तक क्यों गठित नहीं की गई? अगर की गई है तो जाँच की क्या स्थिति है? जाँच कब तक पूर्ण होगी? जाँच रिपोर्ट का विवरण देवें? (ग) आदिवासियों की जमीनों को आदिवासियों के नाम पर खरी कर उसे सामान्य व्यक्तियों/कंपनियों के नाम पर अवैधानिक रूप से हस्तांतरित करने वाले किस-किस नाम/पदनाम के अधिकारियों/कर्मचारियों को राज्य शासन द्वारा चिन्हित कर उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही प्रश्न तिथि तक की गई है? बिन्दुवार जानकारी दें? अगर नहीं की गई है तो क्यों? कारण दें? नियमों का उल्लेख करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामूहिक विवाह अंतर्गत लाभांवित हितग्राही
78. ( क्र. 1464 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग के शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने जोड़ों का सामूहिक विवाह किस दिनांक को कहाँ कराया गया? इनमें से कितने आदिवासी जोड़े और कितने गैर आदिवासी जोड़े एवं कितने अल्पसंख्यक जोड़े शामिल रहे? (ख) सामूहिक विवाह के लिये किस पत्र क्रमांक व दिनांक से कितनी राशि शासन ने स्वीकृत की एवं कितने जोड़ों का विवाह होने के बाद में शासन ने राशि स्वीकृत की जानकारी दें? (ग) सामूहिक विवाह में शामिल जोड़ों को कितनी राशि एवं कौन-कौन सी सामग्री प्रदान की गई, अन्य खर्चे के लिये कितनी राशि प्रदान की गई? (घ) सामूहिक विवाह के पूर्व राशि स्वीकृत किये जाने के बजाय विवाह के बाद राशि स्वीकृत किये जाने का कारण क्या था? क्या बाद में स्वीकृत राशि संबंधित हितग्राही/जोड़ों को प्रदान कर दी गई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन उत्तरदायी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। शासन द्वारा उक्त राशि विवाह पूर्व जारी की गई है, विवाह पश्चात् राशि जारी नहीं की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (घ) उत्तरांश ’’ ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीहोर जिले में सोयाबीन बीज की उपलब्धता
79. ( क्र. 1475 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में खरीफ सीज़न वर्ष 2016 के लिए सोयाबीन का कितना बीज उपलब्ध कराया गया? ब्लाकवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सोयाबीन की गुणवत्ता जाँच की गई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बीज के लक्ष्य के अनुसार जिले में सोयाबीन बीज की मात्रा उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्यों? ब्लॉकवार लक्ष्य और उपलब्ध बीज की मात्रा बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पंचायत सचिवों की भर्ती
80. ( क्र. 1476 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में पंचायत सचिवों के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो पंचायतवार ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों पर भर्ती की कोई प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों की भर्ती कब तक कर दी जाएगी? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार पंचायत सचिवों के रिक्त पदों से पंचायतों के कार्य प्रभावित हो रहे है? यदि हाँ, तो क्या व्यवस्था की गई है? (1) क्या एक से अधिक पंचायत के प्रभार सचिवों को देने से कार्य प्रभावित हो रहे हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पंचायत सचिवों के रिक्त ग्राम पंचायत का विवरण निम्नानुसार हैः-1. जनपद पंचायत सीहोर की ग्राम पंचायत सीलखेड़ा, लोधीपुरा, बरखेड़ाहसन, चरनाल, घाटपलासी, सोठी, नाईहेडी, तकीपुर एवं श्यामपुर। 2. जनपद पंचायत आष्टा की ग्राम पंचायत बरछापुरा, मुरावर एवं सैधोखेड़ी। 3. जनपद पंचायत इछावर की ग्राम पंचायत मूंडला एवं बाबडियानौआबाद। 4. जनपद पंचायत बुधनी की ग्राम पंचायत सेमरी। 5. जनपद पंचायत नसरुल्लाहगंज की ग्राम पंचायत में कोई भी पद रिक्त नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) वित्तीय वर्ष 2016-17 में कर दी जायेगी। (घ) जी नहीं। जी नहीं।
नि:शक्त (विकलांगों) जन को सहायता
81. ( क्र. 1498 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त कल्याण विभाग द्वारा नि:शक्त व्यक्तियों को क्या-क्या सुविधाएं देने का प्रावधान होकर उनके क्रियान्वयन की क्या-क्या नीति/नियम प्रचलन में है? उपलब्ध करावें? (ख) जनपद पंचायत मुरैना, अम्बाह एवं जिला कार्यालय मुरैना में कितने आवेदन प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यक्तियों के प्राप्त हुए? जानकारी जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक दी जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त आवेदनों में से कितने व्यक्तियों को क्या-क्या सुविधा, किस-किस प्रकार की दी गई? जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी दी जावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है।
कृषक समुदाय को वितरित सामग्री
82. ( क्र. 1499 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन की नीति अनुसार किन-किन वर्ग के कृषकों को खाद, बीज एवं कीटनाशक दवाओं में छूट देने के क्या प्रावधान है? क्या इस हेतु नीति/नियम प्रचलन में हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यालय उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मुरैना द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायत अम्बाह व मुरैना में वितरित की गई सामग्री की जानकारी, कृषक संख्या व सामग्री का विवरण वर्षवार दी जावे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में प्रावधान अनुसार विभिन्न वर्ग के कृषकों को बीज एवं कीटनाशक दवाओं में अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
तालाब निर्माण में घोटाला
83. ( क्र. 1540 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मनावर जिला धार में जनपद के उपयंत्री से लाखों रूपये की लागत के कार्य लिये जा रहे है? यदि हाँ, तो विभाग के उपयंत्री को कार्य न सौंपकर जनपद के उपयंत्री से कार्य लिये जाने में क्या रूचि और लाभ है क्या उसे नियमानुसार पात्रता है? यदि हाँ, तो नियम बतायें? (ख) क्या प्रस्तावित संभाग के उप संभाग धरमपुरी में निस्तारी तालाब 'डोबला खो' जिसकी लागत 49.00 लाख रूपया है का कार्य, जनपद पंचायत के संविदा उपयंत्री श्री संतोष खाडे के द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो, ऐसा निर्णय किस प्राधिकारी ने और क्यों लिया? (ग) क्या करत तालाब 'डोबला खो' में केलकुलेशन सीट (केटमेंट एरिया) प्रारंभिक ग्राउंड लेवल, मय मूल्यांकन पुस्तिका तथा ई.ई. द्वारा स्वीकृत परिवहन हेतु ड्यूटी चार्ट फर्जी तरीके से तैयार कर तालाब निर्माण हेतु गलत स्थल का चयन कर, लाखों का भ्रष्टाचार किया गया है, यदि हाँ, तो ऐसा किसके अनुमोदन परीक्षण से किया गया, यदि नहीं, तो क्या जाँच कराई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मनावर जिला धार अंतर्गत जनपदों में मनरेगा के कार्यों के तकनीकी पर्यवेक्षण हेतु पदस्थ उपयंत्रियों से उनकी कार्य दक्षता उन्हें आवंटित ग्राम पंचायत अनुसार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के माध्यम से होने वाले कार्यों का तकनीकी पर्यवेक्षण/मूल्यांकन का कार्य सौंपा गया है। प्रशासनिक कारणों से इन उपयंत्रियों को कार्य सौंपा गया है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश के शेष भाग का उत्तर उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तुण्डवाड़ा जलाशय में प्रभावित भूमि का मुआवजा भुगतान नहीं होना
84. ( क्र. 1588 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड चौरई में निर्मित तुण्डवाड़ा जलाशय के लिये भूमियों का अधिग्रहण कब किया गया था और मुआवजा प्रकरण कब तैयार किया गया था? (ख) प्रश्नांश ''क'' के प्रकाश में उक्त जलाशय के कितने भूमिस्वामियों को मुआवजे का भुगतान किया जाना शेष है? प्रकरण क्रमांक, अवार्ड आदेश व प्रतिकर पत्रक की विवरण सहित भुगतान हेतु शेष भूमिस्वामियों के नाम पता व मुआवजा राशि की जानकारी देते हुए भुगतान न होने का कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या श्री घुरूप्रसाद पिता शोभाचंद निवासी तुण्डवाड़ा को तुण्डवाड़ा जलाशय में प्रभावित भूमि के मुआवजा का चैक क्रमांक 60301 प्रदाय किया गया था जो भुगतान हेतु सेन्ट्रल बैंक चौरई में दिनांक 1.3.2014 को जमा किया गया था? जहां से चैक गुम होने और किसान को भुगतान नहीं होने की सूचना एस.डी.एम. चौरई और अमरवाड़ा दोनों को संबंधित भूमिस्वामी द्वारा दी जाकर पुन: चैक जारी करने का निवेदन किया गया? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने भी उक्त स्थिति से अवगत कराते हुए एस.डी.एम. चौरई और अमरवाड़ा को माह जनवरी 2016 में पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो सेन्ट्रल बैंक से चैक गुम हुए लगभग 2 वर्ष व्यतीत होने की सूचना एस.डी.एम. को होने के पश्चात् भी अभी तक भूमिस्वामी को मुआवजा राशि का भुगतान? नहीं होने का क्या कारण है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधिग्रहित भूमि एवं भवन का मुआवजा भुगतान नहीं होना
85. ( क्र. 1589 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड बिछुआ के ग्राम उमरीघाट टोला एवं ग्राम पलासपानी के भूमि/भवन स्वामियों के भूमि/भवन का तोतलाडोह जलाशय हेतु अधिग्रहण कर उन्हें अन्य स्थान पर विस्थापित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त ग्रामों के सभी अधिग्रहित भूमि/भवन स्वामियों को मुआवजा का भुगतान कर दिया गया है? नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नकर्ता को उक्त आशय का शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 576 दिनांक 8.5.2016 अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चौरई एवं पत्र क्रमांक 577 दिनांक 8.5.2016 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रस्तुत किया है? (ग) यदि हाँ, तो इस पत्र पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी? पत्र के साथ संलग्न आवेदन में से किन-किन व्यक्तियों को अभी तक उनके भवन/भूमि का मुआवजा भुगतान नहीं होने का उल्लेख है? इन्हें भुगतान किये जाने की दिशा में अब तक क्या प्रयास किये गये है? (घ) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ग'' के प्रकाश में क्या शासन मुआवजा से वंचित भूमि/ भवन स्वामियों को मुआवजा राशि ब्याज सहित शीघ्र भुगतान करने का आदेश देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पाँचवें एवं छठवें वेतनमान की स्वीकृति
86. ( क्र. 1654 ) श्री अजय सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में कार्यरत कितने सेवायुक्तों को पाँचवा/छठवां वेतनमान का लाभ स्वीकृत किया है? कब से? उनके नाम व पद बतावें? (ख) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में कार्यरत कितने सेवायुक्तों को पाँचवा एवं छठवां वेतनमान स्वीकृत नहीं किया? क्यों? (ग) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में पदस्थ कितने सेवायुक्तों का संविलियन कब-कब किया? शेष का क्यों नहीं किया? क्या संविलियन की कार्यवाही करेंगे? (घ) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम पर कार्यरत सेवायुक्तों को पाँचवा वेतनमान का लाभ स्वीकृत है? यदि हाँ, तो किन-किन को कब से?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। इन्हें राज्य मण्डी बोर्ड सेवा विनियम-1998 के विनियम 6 (2) (10) में निहित प्रावधान एवं सहपठित सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ सी-3/15/1/3/99 दिनांक 20 जुलाई 1999 और म.प्र. शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक 1336/530/2000/सी/चार दिनांक 28 जून 2000 के अंतर्गत पात्रता नहीं होने से पाँचवा एवं छटवां वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया। (ग) म.प्र.राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहे 03 सेवायुक्तों का दिनांक 03.07.2003 एवं 03 सेवायुक्तों का दिनांक 07.04.2015 से म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में संविलियन हुआ है। म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक सी-3-14/2013/1/3 दिनांक 12 अगस्त 2013 द्वारा जारी म.प्र. राज्य तिलहन संघ उत्पादन संघ के कर्मचारियों के ''संविलियन की योजना'' अंतर्गत उक्त संस्था के शेष प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों के संविलियन का प्रस्ताव राज्य शासन के समक्ष परीक्षणाधीन है। (घ) म.प्र.राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम में म.प्र.राज्य तिलहन संघ से कोई भी अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
राजस्व विभाग में जमीनों की नाप हेतु मशीनों की भारी कमी होना
87. ( क्र. 1657 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग द्वारा म.प्र. में जमीनों की नाप हेतु क्या मशीनों का क्रय किया है? अगर हाँ तो किस प्रकार की कितनी मशीनें किस दर पर किस नाम की कंपनी से कब-कब खरीदी गई हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित जमीनों की नाप करने वाली मशीनें किन-किन जिलों में कितनी संख्या में दी गई हैं? क्या यह संख्या पर्याप्त है? मशीनों की कमी होने से क्या पूरे प्रदेश में जिन लोगों को जमीनों की नाप करवाना पड़ती है वो परेशान हो रहे हैं? (ग) क्या प्रश्नतिथि तक जमीनों की नाप हेतु निजी मशीन रखने वालों से राजस्व विभाग का कोई अनुबंध नहीं है? अनुबंध नहीं होने के बाद भी निजी मशीन धारकों द्वारा जमीनों की नपाई की जा रही है? क्या उक्त निजी मशीन धारकों की नपाई बिना किसी वैध आदेश के नियमानुसार माना जा सकता है? (घ) म.प्र. में जमीनी नाप की मशीनों की कमी होने से क्या राजस्व विभाग एक निविदा के माध्यम से जिलेवार निजी मशीन धारकों को वैध रूप से जमीनी नाप किये जाने की प्रक्रिया करेगी? अगर हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? कारण दें? नियम बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आर्थिक अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही
88. ( क्र. 1663 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के किन-किन विकासखण्डों की किन-किन ग्राम पंचायतों के वर्तमान सरपंच, सचिव एवं पूर्व सरपंच तथा सचिवों द्वारा की गई आर्थिक अनियमितताओं की कराई गई जांचों में कितनी-कितनी राशि की वूसली प्रस्तावित है? वसूली हेतु क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (ख) उक्त प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में क्या ग्राम पंचायत अटेर के सचिव श्री राजीव शर्मा द्वारा की जा रही वित्तीय अनियमितता/ भ्रष्टाचार के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जाँच श्री सुरेन्द्र सिंह माहौर पंचायत समन्वयक अधिकारी जनपद पंचायत अटेर द्वारा की जाकर जाँच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील अटेल जिला भिण्ड को दिनांक 24.04.2016 को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें? (ग) उक्त प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष के आधार पर दोषी पंचायत सचिव के विरूद्ध विभाग द्वारा अभी तक कार्यवाही नहीं किए जाने के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’अनुसार। वसूली हेतु म.प्र.पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत प्रकरण संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराये गये हैं। राशि वसूली हेतु प्रकरण प्रचलित है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’अनुसार। (ग) संबंधित पंचायत सचिव को निलंबित किया जाकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई।
भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को प्रदत्त राशि को व्यय किया जाना
89. ( क्र. 1664 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 13 वें वित्त आयोग से प्रदेश को प्राप्त राशि को जिला पंचायतों, जनपद पंचायतों तथा ग्राम पंचायतों को जनसंख्या के अनुपात में वितरण करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश एवं आदेशों की प्रतियां दें? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2012-13 में 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत मध्य प्रदेश को प्राप्त राशि से किन-किन माननीय मंत्री, राज्यमंत्री, सांसद एवं विधायक की अनुशंसा पर माह अगस्त-सितम्बर, 2013 में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी माननीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिखित निर्देश पर आयुक्त पंचायती राज संस्थाएं म.प्र. भोपाल द्वारा स्वीकृति जारी की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त प्रस्ताव संबंधित जिला पंचायतों को नियमानुसार कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये थे, पंचायत राज संचालनालय द्वारा किसी भी प्रस्ताव की स्वीकृति जारी नहीं की गई थी। अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
परफारमेन्स ग्रांट योजना अंतर्गत नियम विरूद्ध आवंटन
90. ( क्र. 1679 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित आगर जिले में विगत 03 वर्षों में परफारमेन्स ग्रांट योजना के तहत किन-किन ग्रामों में सामुदायिक भवन स्वीकृत किए गए एवं कितनी राशि का आवंटन किया गया? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नियम विरूद्ध कार्य स्वीकृति/राशि आवंटन किए जाने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर प्रचलित जाँच के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न (क्रमांक 2513) दिनांक 18.03.2015, प्रश्न क्रमांक 587 दिनांक 14.12.15 एवं प्रश्न क्रमांक 592 दिनांक 14.12.15 उठाये गये थे? यदि हाँ, तो कोई जाँच बिठाई जाकर कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार की गई जाँच किन अधिकारियों द्वारा की गई? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि जाँच नहीं करवाई गई तो क्या स्वप्रेरणा से परफारमेन्स ग्रांट योजना के तहत प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नियम विरूद्ध आवंटन हेतु विस्तृत जाँच की जाकर दोषी सी.ई.ओ. श्रीमती माधुरी शर्मा पर प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सुसनेर श्रीमती माधूरी शर्मा को परफारमेंस ग्रान्ट योजना की राशि के दूरूपयोग के संबंध में जिला पंचायत शाजापुर द्वारा पत्र क्र. जि.पं./2014/5096 दिनांक 02.09.2014 एवं पंचायत राज संचालनालय द्वारा पत्र क्र. 581/पं.रा./पं. ग्रा.2015 भोपाल दिनांक 21.01.2015 के द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। श्रीमती माधूरी शर्मा के द्वारा जिला पंचायत शाजापुर एवं पंचायत राज संचालनालय द्वारा प्रेषित कारण बताओं सूचना पत्र का उत्तर प्रेषित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। प्रेषित उत्तर के आधार पर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी नहीं अतः शेष जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जाँच उपरांत गुणदोष के आधार पर विधि अनुरुप यथोचित कार्यवाही की जावेगी।
अनुदान योजनाओं का क्रियान्वन
91. ( क्र. 1680 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में वर्ष 2015-16 में कितने कृषकों को अनुदान योजनाओं में लाभ प्रदान किया गया है? योजनावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुदान पर बीज वितरण कृषियंत्र वितरण की अनुदान राशि की जानकारी योजनावार देवें? (ग) विकासखण्ड सुसनेर अन्तर्गत विगत तीन वर्षों में कृषि समिति की कितनी बैठकें की गई? की गई बैठकों के कार्यवाही विवरण की जानकारी उपलब्ध करावें कृषि समिति की बैठकों में कौन-कौन अपेक्षित होते है? (घ) विकासखण्ड सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने कृषकों को अनुदान योजनाओं का लाभ दिया गया हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। समिति की बैठक में कृषि स्थाई समिति अध्यक्ष वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सदस्य सचिव एवं समिति के अन्य सदस्य गण बैठक में अपेक्षित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
हाट बाजार के निर्माण कार्य की स्वीकृति
92. ( क्र. 1686 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 456 दिनांक 11.09.2015 को जिला पंचायत खरगोन एवं जनपद पंचायत कसरावद को प्राप्त हुआ है तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बोरावां में मुख्यमंत्री हाट बाजार के निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु दिनांक 03.06.16 के उपरांत कोई पत्र आयुक्त, पंचायत राज भोपाल को प्राप्त हुआ है? हाँ तो उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई वर्तमान स्थिति सें अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के अनुसार ग्राम बोरावां में उक्त हाट बाजार की स्वीकृति जारी कब तक निर्माण कार्य करा लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता का पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खरगोन को कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग महेश्वर के पत्र क्रमांक 854/हाटबाजार/ग्रायासेवा/2016 दिनांक 03.06.2016 के साथ संलग्न प्राप्त हुआ। जिसमें मान. विधायक ने ग्राम पानवा खलबुजुर्ग में हाट बाजार का स्थान परिवर्तन कर ग्राम बोरावा में हाटबाजार निर्माण की स्वीकृति का अनुरोध किया था। हाटबाजार योजना के अवधारणा नोट के अनुसार योजनान्तर्गत स्वीकृति देने की अवधि 31 मार्च 2016 को समाप्त होने से और उक्त पत्र उसके बाद आने से अब उक्त पत्र पर कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। संचालनालय द्वारा की गई कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) मुख्यमंत्री ग्राम हाट बाजार योजना की योजना अवधि 31 मार्च 2016 को समाप्त होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाट बाजार के निर्माण कार्य
93. ( क्र. 1687 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र कसरावद जनपद में ग्राम बालसमद, पीपलगोन एवं खामखेड़ा में मुख्यमंत्री हाट बाजार की स्वीकृति होने के उपरांत निर्माण कार्य में विलंब के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' में विलंब में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? (ग) उक्त हाट बाजारों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र कसरावद जनपद में ग्राम बालसमद, पीपलगोन एवं खामखेडा में मुख्यमंत्री हाट बाजार की स्वीकृति हेतु आधा अधूरा प्रस्ताव कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग महेश्वर से प्राप्त हुए थे। संचालनालय के पत्र क्रमांक 2438 दिनांक 01.03.2016 के द्वारा योजना के दिशा-निर्देशानुसार पूर्ण प्रस्ताव उपलब्ध कराये जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खरगोन को निर्देश जारी किये गये, अनुक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खरगोन के पत्र क्रमांक 6338-39 दिनांक 28.04.2016 के संलग्न प्रस्ताव दिनांक 23.05.2016 को संचालनालय में योजना की अवधि 31.03.2016 के समाप्त होने के पश्चात् प्राप्त होने से स्वीकृति की कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुख्यमंत्री ग्राम हाट योजना के अवधारणा नोट अनुसार योजना अवधि दिनांक 31.03.2016 को समाप्त होने से कार्यवाही की जाना संभव नहीं।
गौ-शालाओं हेतु भूमि आवंटन
94. ( क्र. 1718 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ-शाला को भूमि आवंटन किये जाने संबंधी शासन ने क्या कोई दिशा-निर्देश जारी किये हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें? गौ-शालाओं हेतु भूमि आवंटन का आवेदन पत्र प्राप्त होने के कितने दिवस के अंदर प्रकरण के निराकरण करने का नियम है? (ख) गौ-शाला को भूमि आवंटन किये जाने संबंधी प्रकरणों में समय-सीमा निर्धारण हेतु विभागीय मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन संसद सदस्यों/विधायकों के पत्र प्राप्त हुये तथा उन पर क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में शहडोल संभाग की किन-किन गौ-शालाओं के लिये भूमि आवंटन के आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं तथा लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? (घ) गौ-शाला को भूमि आवंटन किये जाने संबंधी प्रकरण में विलंब के लिये कौन उत्तरदायी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को बीज एवं खाद्य की आपूर्ति
95. ( क्र. 1719 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल संभाग के किसानों की रबी एवं खरीफ की फसल हेतु बीज एवं खाद की आपूर्ति किये जाने और उस पर कितना अनुदान दिये जाने की व्यवस्था वर्तमान में शासन द्वारा की गई है? (ख) शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में गत दो वर्षों में कितना बीज एवं कितना खाद किसानों को किस दर पर उपलब्ध करवाया गया है तथा इस दर पर शासन द्वारा कितना अनुदान दिया गया है? (ग) गत दो वर्षों में कितनी संख्या में खाद एवं बीज के नमूने अमानक स्तर के पाये गये? अमानक खाद एवं बीज पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो अमानक नमूनावार जानकारी देवें? (घ) अमानक स्तर के खाद एवं बीज की किसानों को की गई आपूर्ति के बदले कितने किसानों को कितनी राशि क्षतिपूर्ति के रूप में उपलब्ध कराई गई? कितनी उपलब्ध कराई जाना शेष है तथा कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में गत दो वर्षों में उपलब्ध कराया गया बीज, खाद एवं अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। बीज एवं खाद शासन द्वारा निर्धारित दर पर उपलब्ध कराया गया है। (ग) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' एवं '4' अनुसार है। (घ) अमानक स्तर के खाद एवं बीज पर क्रमश: उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 तथा बीज अधिनियम 1966 में मुआवजा देने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है।
नि:शक्तजनों के इन्टरव्यू
96. ( क्र. 1733 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 में निशक्तजनों के रिक्त पदों के लिये इन्टरव्यू हेतु बुलाये गये लोगों के इन्टरव्यू न लेते हुए उनके केवल आवेदन लिये थे, भोपाल संचालनालय में कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ख) निशक्तजनों की भर्ती हेतु कितने पद किस-किस विभाग में रिक्त हैं पदों की संख्या, विभाग, विज्ञापन की दिनांक सहित जानकारी दी जावे? (ग) विभागों में रिक्त पदों के इन्टरव्यू हेतु क्या विज्ञापन में तिथि निर्धारित की गई थी विज्ञापन किस अधिकारी द्वारा जारी किया एवं इन्टरव्यू किस अधिकारी द्वारा स्थगित किया? क्या शासन उनके खिलाफ कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
ओला पीड़ित किसानों को मुआवजा
97. ( क्र. 1734 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना तहसील के सुमावली विधान सभा क्षेत्र के ग्राम रिठौरा, मृगपुरा, गोरखा, गौसपुर, गडौरा के कितने किसानों को वर्ष 2016 में ओलों की मुआवजा राशि प्रदान की गई उनके गाँव, नाम सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या उक्त गॉंव के किसानों को मुआवजा की राशि नगद दी गई थी या उनके बैंक खाता में जमा कराई थी? (ग) क्या उक्त ग्रामों में ओला पीड़ित किसानों के कई लोगों को अभी तक मुआवजा राशि प्राप्त नहीं हो पाई है, क्यों? उन्हें कब तक आर्थिक सहायता प्रदान कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मुरैना तहसील के सुमावली विधान सभा क्षेत्र के ग्राम रिठौराखुर्द के 143 खातेदारों, गोरखा के 10 खातेदारों, ग्राम गोसपुरा के 150 खातेदारों एवं ग्राम गडोरा के 25 खातेदारों को वर्ष 2016 में ओला पीड़ित किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम मृगपुरा में ओलावृष्टि से नुकसान न होने के कारण कोई सहायता राशि प्रदान नहीं की गई है। (ख) ग्राम रिठौराखुर्द के 143 खातेदारों, गोरखा के 10 खातेदारों, ग्राम गोसपुरा के 150 खातेदारों एवं ग्राम गडोरा के 25 खातेदारों की मुआवजा राशि उनके बैक खातों में जमा की गई है। (ग) उक्त ग्रामों के समस्त ओला पीड़ित किसानों के खाते में मुआवजा राशि जमा करा दी गई है तथा कोई शेष नहीं है।
पंचायत सचिव के अनियमित रूप से वेतन भुगतान
98. ( क्र. 1742 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मंदसौर के अंतर्गत ग्राम पंचायत लाल गुवा में पंचायत सचिव, प्रारंभ रखने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन कब से रहा नाम अवधि बतायें? (ख) क्या पंचायत सचिव द्वारा त्याग पत्र 01.11.2013 को दिया गया था यदि हाँ, तो वह कब स्वीकृत हुआ? (ग) क्या त्याग पत्र देने वाले सचिव को भी अभी भी वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों कौन जिम्मेदार हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मंदसौर जिले के अंतर्गत गाम पंचायत पडलियालालमुहाँ में श्री दिनेश शर्मा सचिव (अनामेलित/पंचायतकर्मी) प्रारंभ से दिनांक 1.11.2013 तक कार्यरत् थे। श्री दिनेश शर्मा, सचिव (अनामेलित/पंचायतकर्मी) द्वारा दिनांक 1.11.2013 को अपने पद से त्याग पत्र दिये जाने के कारण कार्यालय जिला पंचायत मंदसौर के आदेश क्रमांक पंचायत सेल/13/6594, दिनांक 28.11.2013 से श्री सुभाष शर्मा सचिव ग्राम पंचायत सेमलियाहीरा के कार्य के साथ साथ ग्राम पंचायत पाडलियालालमुहाँ का अतिरिक्त प्रभार के रुप में प्रश्न दिनांक तक कार्यरत् हैं। (ख) जी हाँ। त्याग पत्र स्वीकृत नहीं किया गया। (ग) जी हाँ। वेतन दिये जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मंदसौर जिम्मेदार है।
कम्पार्टमेंट से घेरकर सुविधाओं से वंचित करना
99. ( क्र. 1777 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा की ग्रा.पं. कचनारी के राजस्व ग्राम करौंदी में कितने मकानों में किस जनजाति के कितने परिवार और सदस्य निवासरत हैं और क्या पेशा करते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) राजस्व ग्राम की बसाहट कितने वर्ष पूर्व की है और किन-किन व्यक्तियों द्वारा किन्हीं प्रकार के अतिक्रमण के प्रकरणों में न्यायालय तहसीलदार ढीमरखेड़ा को किन्हीं तिथियों में कोई जुर्माना जमा किया है? (ग) क्या शासन की वनभूमि के पट्टा देने की कोई नीति किन्हीं दिनांक से प्रभावशील हुई है और क्या प्रश्नांश (क), (ख) के लोगों को किन्हीं दिनांक को पट्टे आवंटित कर दिये गये है? (घ) क्या विभाग के किसी दिनांक के आदेश के द्वारा प्रश्नांश (क), (ख) भूमि में कोई कम्पार्टमेन्ट बनाया जाकर ग्रामीण को हटाने और किन्हीं प्रकार की सुविधाओं से वंचित करने की कार्यवाही की जा रही है जो कहाँ तक औचित्यपूर्ण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपात्र व्यक्तियों को आवंटित पट्टे
100. ( क्र. 1778 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2004 की अवधि के पूर्व किसी नीति के अंतर्गत जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा में किन्हीं ग्राम के लोगों को कृषि प्रयोजन हेतु किन्हीं ग्राम के खसरे व रकबे की भूमि पट्टों पर आवंटित की गई है? विवरण देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के जिन ग्राम की भूमि जिन्हें पट्टों पर आवंटित की गई हैं, उनमें से कौन उन ग्रामों का मूल निवासी है और पूर्णतया भूमिहीन व निर्बल वर्गीय है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) तहसील की ग्रा.पं. गूड़ा के ग्राम भैंसवाही में पीढि़यों पूर्व से कृषि करते आ रहे कृषकों की काबिज किसी अन्यत्र ग्राम के किन्हीं व्यक्तियों को किन्हीं खसरे व रकबे की भूमि किन्हीं वर्ष में आवंटित की गई है? विवरण देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (ग) पट्टाधारियों के नाम पर कब प्रारंभ हुई प्रक्रिया उपरांत कब किसके द्वारा नामांतरण किया गया है और किनके द्वारा कब सीमांकन कर कब्जा दिलाया गया है? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) से (घ) की जाँच किसी उच्चाधिकारी से करायी जाकर अवैध पट्टाधारियों के पट्टे निरस्त कर पीढि़यों से काबिज किसानों को पट्टे आवंटित कराये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही।
नियम विरूद्ध व्यवस्थापन करने वाले अधिकारियो पर कार्यवाही
101. ( क्र. 1810 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परि. अता. संख्या 36, दिनांक 17 मार्च, 2016 के उत्तर में यह अवगत कराया गया है कि जानकारी एकत्र की जा रही है यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जानकारी एकत्र की जा चुकी है यदि हाँ, तो विवरण दे यदि नहीं, तो समय-सीमा तय की जा सकेगी? (ख) म.प्र. शासन राजस्व विभाग भोपाल के ज्ञाप क्रं. एफ 30-18/2002/सात 2 ए दिनांक 21-01-2003 से भूमि वंटन/व्यवस्थापन पर रोक लगाई गई थी? यदि हाँ, तो वर्ष 2003 के बाद ग्राम सेमई स्थित भूमि सर्वे क्र.1395 रकबा 2.05 हेक्टेयर में से 02 बीघा 10 बिस्वा का नियम विरूद्ध बंटन व्यवस्थापन किया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित राजस्व अधिकारियों के प्रति सक्षम अधिकारी के जाँच संस्थित कर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या उपरोक्त बंटन व्यवस्थापन पर आयुक्त चंबल संभाग द्वारा दिनांक 30.06.2015 को कलेक्टर मुरैना को निर्देशित कर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो कौन-कौन दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो ऐसा क्यों? (घ) तहसील कैलारस के ग्राम सेमई, गुलापुरा, कुटरावली, बघरेटा में शासन के नियम का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के प्रति दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय निर्देशों का क्रियान्वन
102. ( क्र. 1817 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-5-1/2016/1/8 दिनांक 01/04/2016 के अनुसार राजस्व अधिकारियों द्वारा डायरी का संधारण किये जाने के निर्देश दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो अर्धन्यायिक कार्य करने वाले कटनी जिले में पदस्थ राजस्व अधिकारियों द्वारा क्या 01 अप्रैल 2016 से डायरी का संधारण किया जाना प्रारंभ किया जा चुका है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक अधिकारीवार, संधारित डायरी का ब्यौरा प्रदान करें, यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा मानसून सत्र दिनांक 22/07/2015 का विधान सभा प्रश्न सं-62 (क्रमांक-1058) का उत्तर ''जानकारी एकत्रित की जा रही है'' दिया गया था, यदि हाँ, तो प्रश्न की एकत्रित जानकारी/उत्तर उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कटनी जिले में बीज वितरण
103. ( क्र. 1818 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न सं-114 (क्रमांक-2081) 27 जुलाई 2015 के प्रश्नांश ''ग'' एवं ''घ'' का उत्तर जानकारी एकत्रित की जा रही है, दिया गया था, यदि जानकारी एकत्रित हो गई हो तो बताएं। (ख) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 में खरीफ एवं रबी सीजन में खेतों में बीज रोपण, फसल बुआई की आदर्श समयावधि क्या थी? (ग) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 में खरीफ एवं रबी सीजन में बीज वितरण हेतु समितियों/संस्थाओं को किन दिनांकों से भण्डारण प्रारंभ कराया गया एवं उनके माध्यम से किसानों को बीज का वितरण किन-किन दिनांकों से प्रारंभ किया गया, सीजनवार बताएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क्रमांक 1 (अ), 1 (ब) एवं 2 अनुसार है। प्रश्नांश ''घ'' के संदर्भ में प्रथम दृष्टया निर्देशों का उल्लंघन किया जाना पाया गया है, अत: जाँच कर गुण-दोषों के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (ख) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 में खरीफ सीजन में बीज रोपण की आदर्श समयावधि जुलाई द्वितीय सप्ताह से अगस्त प्रथम सप्ताह तक थी। रबी सीजन में असिंचित फसलों की बोनी की आदर्श समयावधि 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर 2014 तथा सिंचित फसलों की बोनी की आदर्श समयावधि 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2014 तक थी। (ग) जिले में वर्ष 2014-15 में खरीफ एवं रबी सीजन में बीज वितरण हेतु समितियों/संस्थाओं में भण्डारण दिनांक एवं उनके माध्यम से किसानों को बीज वितरण प्रारंभ दिनांक की जानकारी (म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित जिला कटनी एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित जबलपुर के आधार पर) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है।
प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार से की गई खाद की मांग
104. ( क्र. 1824 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष खरीफ 2016 में प्रदेश सरकार द्वारा कितने मीट्रिक टन उर्वरक की मांग केन्द्र सरकार से की गई? मांग के विरूद्ध कितने मीट्रिक टन उर्वरक दिनांक 30.6.2016 तक उपलब्ध कराया गया है? (ख) वर्ष 2016 में खरीफ फसल हेतु कितना मीट्रिक टन यूरिया एवं डी.ए.पी. उर्वरक की आवश्यकता का आंकलन किया गया एवं मांग के विरूद्ध कितना-कितना यूरिया एवं डी.ए.पी. उर्वरक जिलों को उपलब्ध कराया गया हैं? वर्तमान में कितना-कितना यूरिया एवं डी.ए.पी. उर्वरक जिलो में उपलब्ध हैं? (ग) जिला श्योपुर एवं मुरैना में कितना-कितना यूरिया एवं डी.ए.पी. उर्वरक की आवश्यकता का आंकलन किया गया? आंकलन के विरूद्ध कितना-कितना यूरिया एवं डी.ए.पी. उर्वरक उपलब्ध कराया गया हैवर्तमान में कितना-कितना यूरिया एवं डी.ए.पी. उर्वरक उपलब्ध है? अभी तक कितना-कितना उर्वरक बाटा गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ 2016 में 24.54 लाख मे.टन उर्वरक की मांग केन्द्र सरकार से की गई है। मांग के विरूद्ध दिनांक 30.06.2016 तक 18.05 लाख मे. टन उर्वरक की उपलब्धता है। (ख) खरीफ 2016 हेतु यूरिया 9.00 लाख मे. टन, (0.50 लाख मे. टन रिजर्व) एवं डीएपी 6.50 लाख मे. टन, उर्वरक की आवश्यकता का आंकलन किया गया। जिसके विरूद्ध यूरिया 7.12 लाख मे. टन एवं डीएपी 6.36 लाख मे.टन उपलब्ध कराया गया। किसानों को वितरण उपरान्त वर्तमान में जिलों में यूरिया 3.83 लाख मे. टन एवं डीएपी 4.41 लाख मे. टन उपलब्ध है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंको में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति
105. ( क्र. 1825 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 13 अप्रैल 2015 को प्रकाशित मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2015 की धारा 49 की (दो) उपधारा (2) में जिला सहकारी केंद्रीय बैंको में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा अपेक्स बैंक (स) वर्ग से किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रावधान अनुसार प्रदेश की किन-किन जिला सहकारी बैंकों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा अपेक्स बैंक 'स' वर्ग से की गई है? किन-किन जिलों में नहीं एवं क्यों? कारण सहित बतावें? (ग) क्या जिला सहकारी बैंक मुरैना में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति प्रश्नांश (क) के प्रावधानों के तहत नहीं की जाकर स्थानीय बॉडी द्वारा ही की गई है जिससे बैंक घाटे में चल रही हैं एवं बैंक में लगातार अनियमिताएं एवं भ्रष्टाचार के प्रकरण उजागर हो रहे हैं? प्रश्नांश (क) के प्रावधानों के तहत कब तक जिला मुरैना सहकारी बैंक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति की जावेगी? निश्चित समय-सीमा बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं. (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना के संचालक मण्डल द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति तत्समय प्रचलित प्रावधानों के अनुसार की गई है. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते.
सहकारी संस्थाओं द्वारा रासायनिक खाद की बिक्री
106. ( क्र. 1828 ) श्री दिनेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा रासायनिक खाद वितरण नीति किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से वितरण कराने की बनाई है? क्या गत वर्ष और वर्तमान में रासायनिक खाद की दरों में परिवर्तन हुआ है? यदि हाँ, तो कितना? (ख) क्या खुले बाजार में सुपर फास्फेट, यूरिया, डी.ए.पी.एन.पी. आदि में अन्य रासायनिक उर्वरक का विक्रय मूल्य और म.प्र. की सहाकारी संस्थाओं को विक्रय मूल्य में 50 रूपये से अधिक अंतर है? सहकारी संस्थाओं में विक्रय मूल्य अधिक क्यों हैं? कौन जिम्मेदार है? कारण बतायें? (ग) क्या म.प्र. शासन द्वारा किसानों के हित में किये गये खाद वितरण नीति में सहकारिता द्वारा संशोधन कर दिया गया है? यदि नहीं, तो बाजार दर से अधिक विक्रय क्यों हो रहा है? (घ) यदि रासायनिक उर्वरकों की विक्रय दर सहाकारी सोसायटी या प्राईवेट लायसेंसधारियों से अधिक है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? किसानों का शोषण करने वाले कौन जिम्मेदार है? उन पर कब और कैसे कार्यवाही करेंगे? विक्रय दर कब तक कम करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, राज्य शासन द्वारा रासायनिक उर्वरक वितरण नीति किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से वितरण हेतु वर्ष 1975 से पत्र क्रमांक /खाद/12 (2) /175-142 भोपाल दिनांक 31 मार्च, 1975 से लागू की गई है। राज्य शासन के आदेशानुसार रासायनिक उर्वरकों के क्रय/विक्रय दरों के निर्धारण के लिये उर्वरक समन्वय समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा प्रत्येक सीजनवार आफर आमंत्रित किये जाकर दरों का निर्धारण किया जाता है। वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में सुपर फास्फेट को छोड़कर अन्य किसी भी उर्वरक की दरों में कोई अंतर नहीं है। सुपर फास्फेट पाउडर की दर में रूपये 8.41 पैसे एवं सुपर फास्फेट दानेदार की दर में 12.86 पैसे की प्रति बोरी की कमी हुई है। (ख) विपणन संघ द्वारा रासायनिक उर्वरकों को क्रय करने के लिये आफर आमंत्रित किये जाते हैं। उर्वरकवार प्राप्त आफरों में न्यूनतम दरों के आधार पर, गठित उर्वरक समन्वय समिति द्वारा उर्वरकों की प्रदाय दरें निर्धारित की जाती है। आफर फार्म की शर्तों में यह व्यवस्था है कि यदि प्रदायक द्वारा विपणन संघ की निर्धारित दरों से सीजन के दौरान कम दरों पर निजी क्षेत्र में विक्रय किया जाता है तो वह दरें विपणन संघ के लिये लागू होंगी। मेसर्स इफको द्वारा डी.ए.पी. एवं एन.पी.के. की दरों में रूपये 53/- प्रतिबोरी की कमी की गई है। विपणन संघ द्वारा पत्र क्रमांक 2859 दिनांक 04.07.2016 से एन.पी.के. की नई दरें (कमी की दरें) प्रसारित की गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है एवं इपको डी.ए.पी. की नई विक्रय दरें (कमी की दरें) प्रसारित की गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। जिला कार्यालयों को उर्वरकों की दर बाजार में कम पाए जाने पर बाजार में प्रचलित दर पर ही विक्रय के आदेश दिये गये हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा उर्वरक वितरण नीति में सहकारिता के लिये कोई संशोधन नहीं किया गया है। सहकारिता क्षेत्र में उर्वरक समन्वय समिति द्वारा सीजन के लिये निर्धारित दरों पर ही विक्रय किया जा रहा है। (घ) बिन्दु 'ख' में वर्णित प्रावधानों अनुसार बाजार में प्रचलित दर संज्ञान में आने पर उसी दर पर सहकारिता द्वारा विक्रय किये जाने के संबंध में उर्वरक समन्वय समिति के निर्णयानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छता अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण
107. ( क्र. 1829 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत पिछले 03 वर्षों में विभाग द्वारा कितने शौचालयों का निर्माण किन किन पंचायतों में कराया गया है एवं कितने व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया है? जनपद पंचायतवार, ग्रामवार एवं हितग्राहीवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) शौचालयों निर्माण कार्यों का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया है? शेष कितने हितग्राहियों के यहां शौचालय नहीं बनवाये हैं? कब तक बनाये जावेंगे? (ग) शौचालय निर्माण की यदि शिकायतें हैं, तो शिकायत की दिनांक, जाँच दिनांक एवं दोषियों पर कार्यवाही की दिनांक जनपद पंचायतवार बतावें? (घ) क्या शौचालय निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्ड के अनुसार नहीं बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शौचालय निर्माण का सत्यापन सचिव/रोजगार सहायक/पंचायत समन्वय अधिकारी/उपयंत्री/ब्लाक समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा किया गया है। शेष 109191 शौचालय का निर्माण दिनांक 02/10/2019 तक पूर्ण का लक्ष्य निर्धारित है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय का निर्माण निर्धारित मापदण्ड के अनुसार किया जा रहा है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
108. ( क्र. 1833 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील के ग्राम सिकन्द्रा के खसरा नं. २८४/३क रकबा ३.१११ हेक्टेयर की शासकीय भूमि एवं आर.आई.क्वाटर के बाजू में कितने-कितने भू-भाग पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा कब से कब्जा किया गया है? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम पते सहित जानकारी देवें? (ख) उक्त स्थल पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं को क्या विभाग/अन्य संस्था द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को पट्टा दिया गया हैं? कब-कब कितने-कितने भू-भाग पर? किन नियमों के तहत्? (ग) क्या उक्त स्थल को अतिक्रमण से मुक्त किये जाने हेतु विभाग/शासन द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को अपने-अपने अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? (घ) उक्त स्थल से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? उक्त स्थल को अतिक्रमण से कब तक मुक्त कर दिया जावेगा? निश्चित समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शा.महाविद्यालय पर अतिक्रमण
109. ( क्र. 1834 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील के शा.महाविद्यालय वारासिवनी के पटवारी ह.नं. २८९/२ड,२८९/३ग रकबा ०.२६३ हे. एवं खसरा नं.२८९/२च,२८९/३घ रकबा ४.०४७ हेक्टेयर शासकीय नजूल भूमि पर कितने-कितने भू-भाग पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा कब से कब्जा किया गया है? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम पते सहित जानकारी देवें? (ख) उक्त स्थल पर किन-किन अतिक्रमणकर्ताओं को विभाग/अन्य संस्था द्वारा कब-कब कितने-कितने भू-भाग पर? किन नियमों के तहत् पट्टा दिया गया हैं? (ग) क्या उक्त स्थल को अतिक्रमण से मुक्त किये जाने हेतु विभाग/शासन द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को अपने-अपने अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? (घ) उक्त स्थल से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूध्द विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? उक्त स्थल को अतिक्रमण से कब तक मुक्त कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बालाघाट जिले के तहसील वारासिवनी के ग्राम सिकन्द्रा प.ह.न. 31 स्थित शासकीय नजूल भूमि ख.न. 286/10 रकबा 1. 942 हे. तथा ख.न. 289/2 ड. 289/3ग रकबा 0.263 हे. एवं ख.न. 445/4 रकबा 0.971 हे. शासकीय भूमि के अंश रकबा 22x78=1716 वर्ग फीट पर मकान बना कर एवं रकबा 22x78=1716 वर्ग फीट पर कमरे बना कर नौसाद खैरों पिता रसीद कुरैशी मुसलमान निवासी सिकन्द्रा द्वारा वर्ष 2008-09 से अतिक्ररमण कर ज्ञान गंगा माध्यमिक विद्यालय संचालित है। (ख) उक्त भूमि का पट्टा जारी नहीं किया गया है। (ग) उक्त स्थल को अतिक्रमण से मुक्त किये जाने हेतु अतिक्रमणकर्ता को न्यायालय तहसीलदार वारासिवनी के द्वारा दिनांक 15.10. 2014 व दिनांक 22.06.2016 को नोटिस जारी किये गये है। (घ) अतिक्रमणकर्ता का उक्त स्थल से अतिक्रमण हटाने के लिये न्यायालय तहसीलदार द्वारा बेदखली के आदेश देने के बाद अतिक्रमणकर्ता द्वारा न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर में अपील प्रस्तुत किये जाने के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। उक्त अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही न्यायालय में प्रचलित है।
मण्डी समितियों के निर्माण कार्य
110. ( क्र. 1860 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डी समिति लश्कर, भितरवार एवं डबरा में 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर किस-किस प्रतिनिधि/ अधिकारी या मण्डी समिति की अनुशंसा पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस निर्माण एजेंसी/ठेकेदार द्वारा किस-किस यंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री के सुपर विज़न में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? उनकी वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है, स्पष्ट करें? (ख) कृषि उपज मण्डी लश्कर, लक्ष्मीगंज में मण्डी के पीछे जो नवीन निर्माण कराया जा रहा है, किस की अनुशंसा पर किस उद्देश्य से कितनी लागत से कराया जा रहा है? (ग) मण्डी लश्कर, भितरवार एवं डबरा में 01 अप्रैल, 2015 से 30 जून, 2016 तक प्रति माहवार कितनी-कितनी राजस्व की प्राप्ति हुई है? प्राप्त राजस्व राशि का किस-किस रूप में उपयोग किया गया है या किया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंडी समिति लश्कर, भितरवार एवं डबरा में दिनांक 01 अप्रैल, 2015 से 30 जून 2016 तक की निर्माण कार्यों की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति लश्कर, की अनुशंसा के आधार पर मण्डी के पीछे की ओर कृषकों तथा व्यापारियों के सुगम आवागमन हेतु डब्लू.बी.एम. रोड सह डामरीकरण का निर्माण कार्य कराया गया है। जिसकी लागत राशि रूपये 86.36 लाख है। (ग) मंडी लश्कर, भितरवार एवं डबरा में 01 अप्रैल, 2015 से 30 जून, 2016 तक माहवार राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' एवं '3' अनुसार है।
जनपद पंचायतों में प्राप्त शिकायतें
111. ( क्र. 1872 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2011 से 2013 तक जनपद पंचायत गुनौर जिला पन्ना में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी ओ.पी.अस्थाना द्वारा व्यापक भ्रष्टाचार अनिमितता के संबंध में की गई शिकायतों के आधार पर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. 5917 दिनांक 01.04.2015 एवं कलेक्टर पन्ना के पत्र क्र. 374 दिनांक 30.04.2015 के पालन में उक्त अधिकारी के विरूद्ध जिला पंचायत पन्ना द्वारा पत्र क्र. 93 दिनांक 17.06.2015 के द्वारा जाँच रिर्पोट जारी की गई, किन्तु आज तक तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ओ.पी.अस्थाना के विरूद्ध कोई भी अनुशासनात्मक/ दण्डात्मक कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या कार्यवाही न किये जाने संबंधी शासन द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या जिस अधिकारी को कार्यवाही का दायित्व सौंपा गया उसे पुन: कार्यवाही हेतु दिशा-निर्देश जारी किये जावेगे? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जनपद पंचायत गुनौर जिला पन्ना के तत्कालीन मु.का.अधि. श्री ओ.पी. अस्थाना द्वारा भ्रष्टाचार, अनियमितता के संबंध में की गई शिकायत के अनुक्रम में मु.का.अधि. जि.पं. पन्ना के पत्र क्रमांक 315 /स्था. अधि/2015 दिनांक 14/01/2016 से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पहुंच विहीन ग्रामों के लिए
112. ( क्र. 1873 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत तहसील देवेन्द्रनगर, गुनौर, अमानगंज के ऐसे कितने राजस्व ग्राम व पुराने मजरा-टोला है जो विगत सैकड़ों वर्षों से अस्तित्व में है और जनसंख्या भी अधिक होने के बाद भी आज दिनांक तक इन ग्रामों में शासकीय आम रास्ता आम जनता के लिए नहीं है? (ख) क्या कई गांवों के लिए शासकीय रिकार्ड में रास्ता है लेकिन बीच में निजी भूमि होने के कारण उन ग्रामों में कच्ची रोड भी शासकीय राशि से नहीं बन सकती है? (ग) क्या प्रश्न (क) से संबंधित ग्रामों व मजरा टोलों की जनता रास्ता के अभाव में बुनियादी सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य से आज भी वंचित है? ऐसे ग्रामों एवं मजरा टोलों की नामवार जानकारी बतावें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित ग्रामों व मजरा टोलों के लिये रास्ता निजी भूमि से होने के कारण रास्ता निर्माण शासकीय राशि से संभव नहीं है? क्या शासन के पास ऐसी कोई योजना है जिससे जनता के हित में ध्यान में रखकर शासकीय रास्तों के बीच की भूमि जो शासकीय रास्तों को जोड़ने में अवरोध है को अधिग्रहित की जाकर रास्ता निर्माण किया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या भूमि का अधिग्रहण कर रास्तों का निर्माण कराया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
इंदिरा आवास योजना का क्रियान्वयन
113. ( क्र. 1885 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में इंदिरा आवास योजना के हितग्राहियों को आवास पूर्ण हो जाने के बाद भी विगत तीन वर्षों पश्चात् भी राशि का भुगतान नहीं किया गया? (ख) यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है वर्षवार जानकारी देवें? इंदिरा आवास की दूसरी किश्त कब तक दे दी जायेगी? (ग) इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है क्या शासन उन पर कार्यवाही करेगी? (घ) कब तक हितग्राहियों को भुगतान हो जायेगा समयावधि बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2013-14 के 01 हितग्राही की मृत्यु हो जाने से द्वितीय किश्त जारी किया जाना शेष है। हितग्राही के वारिस को द्वितीय किश्त जारी किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव एवं सहायक विकास विस्तार अधिकारियों को द्वितीय किश्त जारी करने में विलंब हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। (घ) समयावधि दिया जाना संभव नहीं है।
रिश्वत की मांग करने वाले आरआई के विरूद्ध कार्यवाही
114. ( क्र. 1917 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री अभिषेक जैन ने अपने पिता श्री सुभाषचन्द्र जैन के मकान नंबर 7 मेन रोड लक्ष्मी टॉकीज के निर्माण हेतु एनओसी प्राप्त करने हेतु दिनांक 09 जुलाई 2014 को अनुविभागीय अधिकारी शहर वृत्त भोपाल के समक्ष समस्त आवश्यक दस्तावेज सहित आवेदन प्रस्तुत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या आवेदन के 15 दिन बाद श्री अभिषेक जैन से आर.आई. श्री राकेश सिंह द्वारा 50 हजार रूपये रिश्वत की मांग इस बात के साथ की गई कि उपर तक पैसे देने पड़ते है कि रिकार्डिंग (सीडी) सहित शिकायत कलेक्टर भोपाल के समक्ष शपथ पत्र के माध्यम से दिनांक 31.03.2015 को की गई जिसके साक्ष्य एस.डी.एम. के समक्ष हुए और कार्यवाही नहीं होने के कारण पुन: कलेक्टर के समक्ष शिकायत दिनांक 15.09.2015 को किए जाने के पश्चात् भी दोषी आरआई के विरूद्ध कार्यवाही नहीं हो सकी है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, दिनांक 31.3.2015 को जनसुनवाई में अपर कलेक्टर भोपाल के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की गई थी, जी नहीं। सितम्बर 2015 की शिकायत कलेक्टर भोपाल में नहीं पाई गई। दिनांक 31.03.2015 को की गई शिकायत की जाँच अनुविभागीय अधिकारी, नजूल शहर वृत्त भोपाल द्वारा कराई गई। अनुविभागीय अधिकारी, नजूल शहर बृत्त का प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट पर है। प्रतिवेदन अनुसार शिकायत प्रथम दृष्टया सत्य प्रतीत होती है तथापि प्रकरण साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत सी.डी. की फोरेंसिक जाँच कराई जा रही है। प्रतिवेदन के आधार पर अनावेदक राकेश सिंह तत्कालीन राजस्व निरीक्षक वर्तमान में नायब तहसीलदार जिला बैतूल के विरूद्ध विभागीय जाँच आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल को प्रस्तावित की गई है। (ग) उत्तरांश ”ख” अनुसार।
स्वच्छता अभियान में आवंटित/व्यय राशि
115. ( क्र. 2014 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समग्र स्वच्छता अभियान के तहत विगत 5 वर्षों में अशोकनगर जिले को कितनी धनराशि आवंटित की गई। (ख) चन्देरी ईसागढ़ विधान सभा क्षेत्र में किस-किस मद में कितनी राशि खर्च की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
भवन विहीन पंचा. में पंचा. भवन की स्वीकृति
116. ( क्र. 2029 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र की कितनी एवं कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें भवन विहीन हैं? विकासखण्डवार नाम सहित जानकारी दें? उक्त ग्राम पंचायतों को पंचायत भवन कब तक स्वीकृत किये जावेंगे? (ख) बरगी वि.स. क्षेत्र में कितने पंचा. भवन जर्जर हैं? उक्त जर्जर पंचायत भवनों का निर्माण कब तक कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र की 11 ग्राम पंचायतें भवन विहीन है जिसमें विकासखण्ड जबलपुर की 07 ग्राम पंचायते यथा ग्राम पंचायत घाटपिपरिया, बरगी, सालीवाडा बरगी, सगडा झपनी, हरई, सालीवाडागौर एवं तिघरा तथा विकासखण्ड शहपुरा की 04 ग्राम पंचायतें यथा ग्राम पंचायत कुडन, उमरिया, नीची एवं सूखा शामिल है। सर्वप्रथम भवन विहीन ग्राम पंचायतों में राशि की उपलब्धता के आधार पर नवीन पंचायत भवन निर्माण किये जाने की योजना है। (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्र की 10 पंचायत भवन जर्जर है। जिसमें विकासखण्ड जबलपुर की 07 एवं शहपुरा की 03 ग्राम पंचायतों शामिल है। सर्वप्रथम भवन विहीन ग्राम पंचायतों में राशि की उपलब्धता के आधार पर नवीन पंचायत भवन निर्माण किये जाने की योजना है।
उड़द एवं सोयाबीन की फसलों के नुकसान का मुआवजा
117. ( क्र. 2031 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2015 में भारी वर्षा से उड़द एवं सोयाबीन की फसलों को हुयी हानि के मुआवजे का भुगतान किन-किन ग्रामों में किया जा चुका है? (ख) कितने ग्रामों के किसानों को अब तक उड़द एवं सोयाबीन का मुआवजा भुगतान नहीं किया गया? उक्त मुआवजा कब तक भुगतान किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2015 में भारी वर्षा से उड़द एवं सोयाबीन की फसलों को क्षति नहीं हुई है। बल्कि अवर्षा (सूखा) से उड़द/मूंग एवं सोयाबीन की फसलों में क्षति होने से तहसील जबलपुर (बरगी) के 80 ग्रामों एवं तहसील शहपुरा के 216 ग्रामों कुल 296 ग्रामों में आर.बी.सी. 6-4 के अंतर्गत राहत राशि के प्रकरण तैयार कर राहत राशि का भुगतान किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ए एवं बी अनुसार है। (ख) तहसील जबलपुर (बरगी) में 66 ग्रामों के 310 किसानों एवं तहसील शहपुरा में 20 ग्राम के 750 किसानों कुल 86 ग्रामों के 1060 किसानों को उनके खाता नम्बर अप्राप्त होने एवं एक से अधिक सह खातेदार होने के कारण उड़द एवं सोयाबीन के मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सका है। संबंधित किसानों के खाता नम्बर प्राप्त कर एवं खाते खुलवाकर शीघ्र ही मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया जावेगा।
राजीव गांधी जलग्रहण मिशन अंतर्गत संचालित कार्य
118. ( क्र. 2036 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी जलग्रहण मिशन अंतर्गत भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितनी संस्थाओं द्वारा कार्य कराया जा रहा है तथा संस्था का कार्यक्षेत्र कौन सा है, जिसमें कार्यों का संपादन दिया जा रहा है? संस्था का नाम, सम्मिलित क्षेत्र सहित विवरण देवें? (ख) भीकनगांव विधान सभा में राजीव गांधी जलग्रहण मिशन अंतर्गत 2013 के पश्चात् तथा वर्तमान तक कहाँ पर कौन-कौन से कार्य किए गए हैं तथा कौन सी संस्था द्वारा कार्य किये गये? कार्यों की लागत क्या थी तथा वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है तथा कार्य कौन से स्थान पर किया गया? जानकारी कार्यवार उपलब्ध करावें? (ग) यह भी बतायें कि वर्तमान में चल रहे कार्यों के ग्रामों में वर्ष 2016-17 में कौन-कौन से कार्य कराये जायेंगे तथा उनसे क्या लाभ होगा? तत्संबंध में प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार किया गया है तो भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत चल रही सभी परियोजनाओं में वर्ष 2016-17 का वार्षिक आयोजना का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कार्य संचालन के पूर्व समस्त जानकारी क्षेत्रीय विधायक को उपलब्ध कराना चाहिए? हाँ, तो क्षेत्रीय विधायक को जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्य, आजीविका उन्नयन कार्य तथा उत्पादन प्रणाली संबंधी कार्य कराये जायेंगे, जिनसे क्रमशः जल संरक्षण/संवर्द्धन, आजीविका के अवसरों में वृद्धि और कृषि उत्पादन में सुधार होगा। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) भारत सरकार द्वारा योजना के संबंध में जारी मार्गदर्शिका में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बस मालिकों द्वारा यात्री भाड़ा मनमर्जी से वसूलना
119. ( क्र. 2037 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में खरगोन जिले अंतर्गत यात्री परिवहन में उपयोग में लाई जाने वाली बसों का किराये का निर्धारण किया गया है? हाँ तो वह क्या है? इस संबंध में जारी पत्र/आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) क्या वाहन मालिकों द्वारा वर्तमान में अपनी मनमर्जी से किराया निर्धारण कर यात्रियों से लिया जा रहा है? हाँ तो उस पर अंकुश लगाने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? की गई कार्यवाही का विवरण दें? (ग) झिरन्या विकासखण्ड के पहाड़ी क्षेत्र पर महाराष्ट्र सीमा तक वर्तमान में कौन-कौन से वाहन यात्रियों के परिवहन हेतु संचालित है? क्या उनके द्वारा यात्री किराया विभाग द्वारा निर्धारित सीमा में राशि वसूल की जा रही है? नहीं तो उसमें अंकुश लगाने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? (घ) क्या यात्री प्रतिक्षालयों/सार्वजनिक स्थानों पर निर्धारित किराया चस्पा करने हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जा सकती है? हाँ, तो कब तक यह कार्यवाही का संपादन किया जायेगा? समयावधि बताएं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) हाँ। यात्री बस किराये का निर्धारण राज्य परिवहन प्राधिकार द्वारा किया जाता है। राजपत्र में प्रकाशित आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ऐसी कोई शिकायत इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) यात्री बसे संचालित है। जो यात्रियों से निर्धारित किराया लेती है। (घ) जी हाँ। यह कार्यवाही निरंतर जारी रहती है।
भारत उदय कार्यक्रम
120. ( क्र. 2045 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा में विगत दिनों सम्पन्न ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम के अंतर्गत कितने आवेदन कौन-कौन विभाग को प्राप्त हुये विभागवार जानकारी देवें? (ख) विभागवार कितने आवेदनों का निराकरण हुआ कितने निरस्त हुये एवं कितने पेंडिंग हैं? (ग) क्या 1 जून को विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर आवेदनों के निराकरणों के लिये निश्चित की गयी थी उसमें कितनी ग्राम पंचायतों के सचिव उपस्थित नहीं हुए कितनों में रोजगार सहायक एवं कितनों में नोडल अधिकारी उपस्थित नहीं हुये? (घ) क्या जिनने अनियमितता बरती उन पर कोई कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। कार्यक्रम अनुसार सभी नोडल अधिकारी एवं सचिव एवं रोजगार सहायक ग्राम सभा में उपस्थित हुये। मात्र जनपद पंचायत चिचली की ग्राम पंचायत चारगांव कलां में सचिव अनुपस्थित रहे। (घ) अनुपस्थित सचिव श्री सत्यनारायण कौरव, ग्राम पंचायत चारगांवकलां को निलंबित किया गया है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
121. ( क्र. 2046 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में गाडरवारा वि.स. में विकासखण्ड साईखेड़ा विकासखण्ड बाबई चीचली एवं नगरपालिका गाडरवारा में विभिन्न तारीखों को आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में कितने विवाह संपन्न कराये गये? (ख) क्या इन कन्या विवाह आयोजन में समितियों को विवाह की शासन द्वारा निर्धारित राशि उपलब्ध करा दी गयी है? यदि नहीं, तो क्यों अभी तक यह राशि विभाग द्वारा प्रदान नहीं किये जाने के क्या कारण है? कब तक यह विवाह राशि उपलब्ध करा दी जायेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समितियों को राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। उत्तरांश-’’क’’ में वर्णित विवाह हेतु संबंधित निकायों यथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सांईखेड़ा, चिचली एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, गाडरवारा को राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टीकमगढ़ जिले में स्टाप डेम के निर्माण में अनियमितता
122. ( क्र. 2049 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक टीकमगढ़ जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा स्टाप डेम का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो ग्रामवार, राशिवार, वर्षवार, एजेंसीवार, स्थानवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्टाप डेम के लिए क्या तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति ली गयी यदि हाँ, तो कब-कब बतावें? (ग) क्या कुछ स्टाप डेम आज दिनांक तक पूर्ण नहीं किये गये एवं उनकी कार्य पूर्णता अवधि समाप्त हो चुकी है यदि हाँ, तो कौन-कौन से नामवार, गांववार, स्थानवार एवं एजेंसीवार बतावें? इसके लिए कौन दोषी है? क्या विभाग दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा तो क्या एवं कब तक एवं नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विवरण उत्तरांश ’’क’’ के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारियों द्वारा काम की मांग पर निर्भर होने से किसी को उत्तरदायी नहीं माना गया है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंडियों में बुन्देलखण्ड विशेष पैकेज से निर्मित अधोसंरचना
123. ( क्र. 2052 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग की कृषि उपज मंडियों के प्रांगण में निर्मित भूखण्ड आवंटन की प्रक्रिया के क्या नियम हैं? (ख) क्या मंडियों की भूमि भूखण्ड संरचना आवंटन 2009 के नियम के अंतर्गत ही शासकीय/अर्द्धशासकीय/व्यापारियों के आवंटन करने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या प्रावधान है? (ग) क्या उपरोक्तानुसार प्रावधान होते हुये भी करोड़ों रूपये की मण्डियों की भूमि वेयरहाउस कार्पोरेशन एवं मार्कफेड को गोदाम बनाने हेतु बुन्देलखण्ड विशेष पैकेज अंतर्गत दे दी गयी, जिससे मंडियों को करोड़ों रूपये की हानि हुई है? (घ) क्या शासन/मण्डीबोर्ड उक्त भूमि का मंडियों को मुआवजा संबंधित विभाग से दिलवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सागर संभाग की कृषि उपज मंडियों के प्रांगण में भूखण्ड आवंटन, म.प्र. कृषि उपज मंडी (भूमि एवं संरचना का आवंटन) नियम 2009 के विहित प्रावधानों के अंतर्गत। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। केंद्र शासन की विशेष पैकेज तथा समय-सीमा की बुंदेलखण्ड विशेष पैकेज के अतंर्गत म.प्र. वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन एवं म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित को मंडी प्रांगण में गोदाम आदि संरचनाओं के लिये भूमि उपलब्ध कराई गई है, परंतु इस भूमि के भुगतान के संबंध में प्रस्ताव राज्य शासन को प्रस्तुत किया गया है, जो विचाराधीन है। (घ) प्रश्नांश "ग" के अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भूमि की लीज़/पट्टों का प्रदाय
124. ( क्र. 2053 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर कार्यालय छतरपुर द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक विभिन्न मदों में कितनी भूमि की लीज़ या पट्टे जारी किये गये हैं? दस्तावेज एवं सूची प्रदाय करें? (ख) क्या लीज़ प्रदाय करते समय सभी विभागों से अनापत्ति प्राप्त कर ली गई थी? (ग) क्या किसी को आवासीय उद्देश्य के लिये भी लीज़ पर पट्टा प्रदाय किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो सूची प्रदाय की जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कलेक्टर कार्यालय छतरपुर द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक किसी भी मद में शासकीय भूमि के लीज या पट्टे जारी नहीं किये गये। (ख) से (घ) प्रश्नांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जनपद पंचायत सिहोरा में पदस्थ सहायक यंत्री को हटाया जाना
125. ( क्र. 2059 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा जनपद पंचायत सिहोरा में पदस्थ सहायक यंत्री (मनरेगा) के खिलाफ विभाग को विगत कई वर्षों से गंभीर एवं तथ्यात्मक शिकायतें किये जाने के बाद भी आज तक क्यों नहीं हटाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) सहायक यंत्री के विरूद्ध की गई शिकायतों की जाँच उसे हटाकर कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत सिहोरा में पदस्थ सहायक यंत्री (मनरेगा) के विरूद् प्राप्त शिकायत पर जिला स्तर से जाँच दल गठन कर जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन अनुसार उक्त को दोषी नहीं पाया गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी पर कार्यवाही
126. ( क्र. 2071 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या 137 (क्र. 3742) दिनांक 2 मार्च 2016 के पैरा (क) के उत्तर में 725.71 लाख रूपये वितरण बताया गया है तथा हिस्से की राशि अनुपातिक जमा होना नहीं पाया गया है तथा विस्तृत जाँच उपरांत अंश पूंजी राशि की वसूली एवं दोषी पर कार्यवाही की जावेगी का उत्तर दिया गया है, तो किस अधिकारी से जाँच कराई गई है जाँच आदेश एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति देते हुए जानकारी देवें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो सेवा सहकारी समिति गढ़वाह चांदी जवां नोवस्ता में जाँच उपरांत उक्त अवधि में कुल नगद वितरित ऋण राशि पर अंशपूजी की राशि जमा न होना पाया गया तथा अब तक कुल कितने कृषकों से कितनी अंशपूजी राशि जमा कर दी गई है तथा कितने कृषकों की कितनी राशि जमा किया जाना शेष है?। (ग) प्रश्नांश (क) की यदि जाँच पूरी नहीं हुई तो क्यों? कारण बताएं? क्या उक्त जाँच जिले में पदस्थ कलेक्टर से कराते हुए दोषी पर कार्यवाही करेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ. जी हाँ. जी हाँ. पृथक-पृथक संस्था के लिये पृथक-पृथक जाँच अधिकारी की नियुक्ति के आदेश की प्रतियां तथा जाँच अधिकारी द्वारा प्रेषित जाँच प्रतिवेदनों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है. (ख) जी हाँ तथा अब तक 653 कृषकों से अंशपूंजी की राशि रूपये 8,03,778/- जमा कर दी गई है. अब कोई राशि जमा किये जाने हेतु शेष नहीं है. (ग) जाँच पूर्ण हो चुकी है. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है.
नियम विरूद्ध प्रतिनियुक्ति समाप्त की जाना
127. ( क्र. 2072 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डी बोर्ड आंचलिक कार्यालय रीवा जबलपुर के उप संचालक द्वारा मण्डी सचिव, मण्डी निरीक्षक, सहायक उपनिरीक्षक की पद स्थापना नियम विरूद्ध संभाग के किस-किस मण्डी में नियम विरूद्ध किया गया है? मण्डीवार, कर्मचारीवार, पदवार सूची देते हुए किस नियम के तहत किया गया है? नियम की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपसंचालक के विरूद्ध पद के दुरूपयोग भ्रष्टाचार मनमानी करने प्रताडि़त करने की कुल शिकायतें शासन/मण्डी बोर्ड को प्राप्त हुई है? उन शिकायतों पर कब क्या, कार्यवाही की। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) से संबंधित उपसंचालक मण्डी बोर्ड को प्रतिनियुक्ति में रखा गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रतिनियुक्ति अवधि क्या है? यदि अवधि पूरी हो गई तो क्या उसे हटायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन संचालक को पदस्थ मण्डी बोर्ड से हटाकर उसके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की निष्पक्ष जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आंचलिक कार्यालय रीवा तथा जबलपुर के क्रमश: संयुक्त संचालक एवं उप संचालक द्वारा प्रश्नागत संवर्गों में किये गये स्थानांतरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त स्थानांतरण में परीक्षणोपरांत नियम के पालन की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। मंडी बोर्ड की स्थानांतरण नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आंचलिक कार्यालय रीवा तथा जबलपुर के क्रमश: संयुक्त संचालक पदस्थ है जबकि आंचलिक कार्यालय जबलपुर में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अंतर्गत प्रतिनियुक्ति अवधि आगामी आदेश तक है। अत: शेष प्रश्न उदृभूत नहीं होता है। (घ) वर्तमान में प्रतिनियुक्ति उप संचालक, मंडी बोर्ड जबलपुर संभाग को हटाने की स्थिति नहीं है।
केवलारी विधान सभा क्षेत्र में शौचालयों का निर्माण
128. ( क्र. 2097 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक समग्र स्वच्छता अभियान के तहत जिला सिवनी के विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अन्तर्गत प्रदत्त राशि का जनपद पंचायतवार विवरण देवें। (ख) समग्र स्वच्छता अभियान के तहत प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में किस-किस कार्य हेतु किस-किस एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किया गया? एजेंसी के चयन की प्रक्रिया बतायें? (ग) केवलारी विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में कुल कितने परिवारों में शौचालय का निर्माण किया है? कितने परिवार शौचालय विहीन हैं? शौचालय विहीन परिवारों का विवरण ग्राम पंचायतवार दें? (घ) केवलारी विधान सभा क्षेत्र को स्वच्छ बनाने एवं शौचालय विहीन परिवारों में शौचालयों का निर्माण कब तक कराया जाने का लक्ष्य है? लक्ष्य की पूर्ति हेतु शासन की क्या कार्य योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) योजना प्रारम्भ से समग्र स्वच्छता अभियान में विधान सभा क्षेत्र केवलारी को जारी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। समग्र स्वच्छता अभियान 31-03-2012 को समाप्त हो चुका है। (ख) समग्र स्वच्छता अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण हेतु ग्राम पंचायतों को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजनांतर्गत ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी है। (ग) केवलारी विधान सभा अंतर्गत शौचालय निर्माण एवं शौचालय विहीन परिवारों की ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है। (घ) केवलारी विधान सभा क्षेत्र को स्वच्छ बनाने एवं शौचालय विहीन परिवारो में शौचालयों का निर्माण 02-10-2019 तक कराये जाने का लक्ष्य है। शासन द्वारा शौचालय निर्माण हेतु हितग्राहियों को प्रेरित किया जा रहा है।
बीज समितियों के द्वारा प्रदत्त बीज मानक
129. ( क्र. 2098 ) श्री रजनीश सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी में कितनी बीच उत्पादन समितियां है वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालयवार बतावें? (ख) बीच उत्पादन समितियां मानक स्तर का बीज तैयार करने हेतु किन-किन कृषकों को सीड प्रोग्राम देते हैं? रवी एवं खरीफ तथा इनसे कितना बीज किस-किस प्रजाति का कितना क्रय करती है? इन कृषकों का किस-किस इंस्पेक्टर द्वारा सवी सीजन एवं खरीफ सीजन में वर्ष 2014-15 में निरीक्षण किया गया? (ग) इन सीड प्रोग्रामों के प्लाटों का बीच प्रमाणीकरण संस्था द्वारा किन-किन इंस्पेक्टर अधिकारी द्वारा कृषकों के प्लाटों का निरीक्षण किया जाता है तथा इस सीड का सत्यापन एवं इनकी गुणवत्ता की जाँच किसके द्वारा की जाती है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सिवनी जिले में कुल 15 बीज उत्पादक समितियां म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में पंजीकृत है, जिसमें से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय सिवनी में 7, लखनादौन में 3, बरघाट में 2, कुर्रई में 2 तथा केलवाडी में 1 बीज उत्पादक समिति वर्तमान में क्रियाशील है। (ख) बीज उत्पादक समितियां मानक स्तर का बीज तैयार करने हेतु समिति के बीज उत्पादक कृषक सदस्यों को सीड प्रोग्राम देती है। बीज उत्पादक समितियों की स्वयं की उप विधियां होती है, जिसके तहत बीज उत्पादन संबंधी निर्णय लिये जाकर कार्यवाही की जाती है। पंजीकृत कृषकों का सिवनी जिले में श्री एस.पी.बोपचे एवं श्रीमती मेघना भावे, सहायक बीज परीक्षण अधिकारी द्वारा रबी एवं खरीफ सीजन में वर्ष 2014-15 में निरीक्षण किया गया। (ग) जिला सिवनी में पंजीकृत सीड प्रोग्रामों के प्लाटों का बीज प्रमाणीकरण संस्था के श्री एस.पी.बोपचे एवं श्रीमती मेघना भावे, सहायक बीज परीक्षण अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया। बीज नियम, 1968 के तहत पंजीकृत क्षेत्र से उपार्जित बीज का सत्यापन एवं गुणवत्ता की जाँच बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा निर्धारित कार्यप्रणाली के मानकों अनुसार की जाती है।
उप लोक सेवा केन्द्र राहतगढ़ का संचालन
130. ( क्र. 2109 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर तहसील में उप लोक सेवा केन्द्र राहतगढ़ संचालित था एवं कब से संचालित किया जा रहा था? (ख) उप लोक सेवा केन्द्र को सागर तहसील से बंद करने का क्या कारण है? (ग) क्या व्यावहारिक, भौगोलिक, दृष्टि से यह केन्द्र सागर तहसील में स्थापित किया गया था क्योंकि इस केन्द्र से ग्राम सेवारा सेवारी, गढ़ौली, बहरेया साहनी, कानौनी, मेहर, खैजरा, मोठी, जेरवारा, रानीपुरा भापेल, खजुरिया आदि सागर मुख्यालय से समीप है एवं इनकी दूरी राहतगढ़ से अधिक है? (घ) क्या उप लोक सेवा केन्द्र राहतगढ़ को पूर्व की भांति सागर तहसील प्रागंड में पुन: शुरू किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं एवं प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) व्यवहारिक दृष्टि से नागरिकों को सुगमता पूर्वक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कलेक्टर द्वारा शासन से अनुमोदन की प्रत्याशा में अतिरिक्त व्यवस्था की गयी थी। (घ) जी नहीं। ज्ञापन क्रमांक एफ 6-8/ 2015/लोसेप्र/61 भोपाल दिनांक 15/01/2016, के कारण अब नागरिकों को सुलभता से सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी तथा भविष्य में उक्त लोक सेवा केन्द्रों की व्यवस्था नहीं रहेगी।
सूखा राहत राशि वितरण
131. ( क्र. 2149 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के बहुत से किसानों को सूखा राहत राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो किसानों की संख्या व इस हेतु आवश्यक अनुमानित राशि बतायी जावे? (ख) किसानों के द्वारा अपने खाते की जानकारी नहीं दिये जाने के कारण कितने किसान सूखा राहत राशि से वंचित हैं? उनकी संख्या ग्रामवार बतायी जावे? (ग) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत ऐसे कितने किसान हैं जिनकी राशि गलत खातों में पहुंचा दी गई है? खातेवार, ग्रामवार जानकारी देवें एवं ऐसे किसानों की जानकारी भी खातेवार व ग्रामवार देवें, जिनके खातों में एक से अधिक किसानों का सूखा राहत राशि का पैसा डाला गया है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र निवाडी अन्तर्गत मात्र 3530 किसानो के बैंक खाता नंबर उपलब्ध न होने से उनको स्वीकृत राशि रूपये 3663321/- भुगतान हेतु शेष है। (ख) ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। संबंधित पटवारी के विरुद्ध दिनांक 25.6.2016 को विभागीय जाँच प्रस्तावित की गई है।
कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था द्वारा भू-खण्डों का आवंटन
132. ( क्र. 2180 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था भोपाल द्वारा श्री नित्य प्रकाश तिवारी एवं श्री प्रभाकर चौधरी को सदस्यता प्रदान की गई थी एवं इन्हें भूखण्ड आवंटित किया गया था? सदस्यता क्र., दिनांक एवं भूखण्ड क्र. सहित जानकारी दें? इनकी सदस्यता कब एवं क्या समाप्त की गई थी एवं कब इन्हें आवंटित भूखण्ड का आवंटन निरस्त किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सदस्यों द्वारा कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के विरूद्ध भूखण्ड की रजिस्ट्री नहीं कराने के कारण पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी एवं क्या संस्था के पदाधिकारियों द्वारा जमानत प्राप्त करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में इन सदस्यों के भूखण्डों की रजिस्ट्री कराने का वचन दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सदस्यों के पक्ष में भूखण्डों की रजिस्ट्री कब कराई गई? भूखण्ड क्र. सहित जानकारी दें एवं इन सदस्यों की सदस्यता कब एवं किस प्रकार बहाल की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ. श्री नित्यप्रकाश तिवारी एवं श्री प्रभाकर चौधरी का सदस्यता क्रमांक क्रमशः 931 एवं 1036, दिनांक क्रमशः 01.01.2008 एवं 12.05.2008, भूखण्ड क्रमांक क्रमशः 113 एवं 88 है. संस्था की वार्षिक आमसभा दिनांक 27.05.2009 में इनकी सदस्यता समाप्त करने का निर्णय लिया गया. इन्हें आवंटित भूखण्ड का आवंटन कब निरस्त किया गया था, इसका उत्तर संस्था द्वारा नहीं दिये जाने से संस्था के अध्यक्ष/प्रबंधक के विरूद्ध म.प्र.सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 56 (3) के तहत कार्यवाही करते हुये उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है. (ख) जी हाँ. जी हाँ. (ग) दिनांक 07.08.2010, भूखण्ड क्रमांक 113 एवं 88 इन सदस्यों की सदस्यता कब एवं किस प्रकार बहाल की गई इसका उत्तर संस्था द्वारा नहीं दिये जाने से संस्था अध्यक्ष/प्रबंधक के विरूद्ध म.प्र.सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 56 (3) के तहत कार्यवाही करते हुये उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है.
राहत राशि वितरण
133. ( क्र. 2185 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के लिए वर्ष 2015-16 में कितनी राहत राशि स्वीकृत की गई? (ख) उपरोक्त में से कितनी राशि वितरित की जा चुकी है, कितनी शेष है? (ग) शेष राशि का वितरण कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2015-16 में कुल रूपये 74,59,908/- राहत राशि स्वीक़त की गई थी। (ख) स्वीकृत राहत राशि में से कुल राहत राशि रू. 71,33,96,362/ वितरित कर दी गई है। वितरण हेतु रू 3,25,79,546/ शेष है। (ग) राशि के वितरण का कार्य प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बैजनाथ सेवा सहकारी समिति की जाँच
134. ( क्र. 2186 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र की बैजनाथ सेवा सहकारी समिति की जाँच में गेहूँ उपार्जन गबन राशि उर्वरक अनियमितता, ऋण वितरण धांधली एवं अन्य क्या-क्या कमियां पाई गई? (ख) इनकी वसूली के लिए की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (ग) जाँच कब तक पूर्ण कर संबंधित अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रकरण में कराई गई जाँच के प्रतिवेदन के परीक्षण में कतिपय बिन्दु स्पष्ट नहीं होने से जाँच अधिकारी को पुनः स्पष्ट प्रतिवेदन देने हेतु लिखा गया है. शेष जाँच निष्कर्षाधीन. (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ अनुसार स्पष्ट प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत जानकारी दी जा सकेगी. (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ अनुसार स्पष्ट प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं.
कृषि उपज मंडी अंजड़ के कार्यों
135. ( क्र. 2189 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मंडी अंजड़ जिला बड़वानी के वर्तमान संचालक मंडल के कार्यकाल के दौरान कृषकों के खेतों की फसलों को मंडी तक लाने के लिए सड़कों एवं पुल-पुलियाओं का निर्माण किया गया है? (ख) यदि नहीं, तो इसका कारण स्पष्ट करें। निर्माण कार्य कब तक कराए जाएगें? (ग) क्या कृषि उपज मंडियों द्वारा मंडी बोर्ड भोपाल को केवल टैक्स संग्रह कर जमा करने का कार्य रह गया है जिसे मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा अन्यत्र व्यय कर दिया जाता है? स्पष्ट करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) सड़क निर्माण एवं पुल पुलियाओं के निर्माण हेतु मंडी समिति अंजड़ के पास पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है। अतएव शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। राज्य विपणन विकास निधि के अंतर्गत मंडी समितियों से प्राप्त मंडी शुल्क की 1 प्रतिशत राशि में से किसान सड़क निधि, कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि, गौ संवर्धन एवं संरक्षण निधि तथा मुख्य मंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना निधि से मंडी क्षेत्र/प्रांगण में विकास कार्य कराये जाते है। बोर्ड शुल्क के रूप में प्राप्त राशि का उपयोग भी मंडी बोर्ड के अन्य प्रशासनिक व्यय एवं मंडियों में अधोसंरचना विकास संबंधी कार्य कराये जाते है।
राहत राशि का वितरण
136. ( क्र. 2190 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर वि.स. के कितने ग्रामों में फरवरी-मार्च 2016 में ओलावृष्टि हुई? (ख) क्या कारण है कि इन ग्रामों में राहत राशि अभी तक वितरित नहीं की गई है? कितनी राहत राशि निर्धारित की गई बतावें। (ग) राहत राशि कब तक वितरित कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजपुर विधान सभा क्षेत्र के 27 ग्रामों में फरवरी-मार्च 2016 में ओलावृष्टि हुई थी। (ख) शासन द्वारा जिला बडवानी को 66.38 लाख (छियांसठ लाख अडतीस हजार) राहत राशि का आबंटन दिया गया है तथा राहत राशि 66,37,244/- रूपये निर्धारित की गई है। (ग) राहत राशि रूपये 66.38 लाख का आवंटन दिया जा चुका है। उक्त राहत राशि वितरण की कार्यवाही प्रचलित है।
राजस्व ग्राम
137. ( क्र. 2192 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितने राजस्व ग्राम हैं? इनमें से कितने ग्राम वीरान हैं? कितने ग्राम नगरीय सीमा में हैं, कितने रैयतवाड़ी हैं? इन ग्रामों में कितने खाते की भूमि एवं कितने गैरखाते की भूमि वर्तमान में किस-किस मद में दर्ज है? (ख) राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा बंदी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज कितनी भूमियों के भारतीय वन अधिनियम 1937 की धारा 29 एवं 4 के तहत अधिसूचित कर वर्किंग प्लॉन में शामिल कर लिया है? कितनी भूमि को वन विभाग असीमांकित वन, नारंगी वन तथा अवर्गीकृत वन बता रहा है? (ग) वन विभाग द्वारा प्रतिवेदित वन भूमियों की प्रश्नांकित दिनांक तक भी निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में संशोधित न किए जाने के क्या-क्या कारण रहे हैं? (घ) राजस्व विभाग कब तक राजस्व अभिलेखों में वन भूमि से संबंधित ब्यौरों को दर्ज कर लेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व ग्रामों के जलाशय
138. ( क्र. 2193 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में राजस्व ग्रामों की भूमियों पर निर्मित जलाशय/नहर एवं सड़कों के ब्यौरे अभी तक भी पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज नहीं किए गए हैं? क्या अभी भी किसानों से लगान वसूली की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस जलाशय एवं उसकी नहर के लिए अर्जित कितनी भूमियों के ब्यौरे पटवारी, मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज कर लिए गए है तथा किस-किस जलाशय/नहर के ब्यौरे किन कारणों से पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज नहीं किए गए हैं? (ग) किस-किस सड़क के ब्यौरे पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज कर लिए गए हैं किस-किस के नहीं किए? कारण सहित पृथक-पृथक बतायें। (घ) गिरदावरी के क्या नियम हैं? कब तक वर्षों पूर्व निर्मित जलाशय/नहर एवं सड़क के ब्यौरे पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज कर दिए जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अस्पष्ट। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति
139. ( क्र. 2195 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पंचायत राज संचालनालय कार्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक/पं.रा./पंचा.-626/2016/5495, दिनांक 11.05.2016 के द्वारा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, मध्यप्रदेश को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अगर हाँ तो छिन्दवाड़ा जिले की ग्राम पंचायतों में अभी तक, सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति नहीं की गई है। सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति नहीं किए जाने का क्या कारण है? सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति विभाग द्वारा कब तक कर दी जायेगी? (ख) क्या सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति नहीं किए जाने में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही है। अगर हाँ तो ऐसे लापरवाह अधिकारियों के ऊपर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जिला पंचायत छिंदवाड़ा द्वारा कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषक अनुदान में अनियमितता
140. ( क्र. 2203 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर उज्जैन संभाग में वर्ष 2014 से जून 2016 तक कितने कृषक को किस-किस मद में कितना-कितना अनुदान (सब्सिडी) किस दिनांक को दिया गया? (ख) इंदौर उज्जैन संभाग में कितने सब्सिडी के आवेदन लंबित हैं, उनकी सूची आवेदनकर्ता, आवेदन की दिनांक तथा लंबित रहने के कारण सहित जानकारी दें? (ग) इंदौर उज्जैन संभाग में आर्थिक अनियमितता, भ्रष्टाचार आदि के कितने प्रकरण पिछले तीन वर्षों में विभाग स्तर पर, लोकायुक्त आदि में दर्ज हुये? (घ) इंदौर उज्जैन संभाग में वार्षिक ऑडिट में वर्ष 2015 में पायी गयी अनियमितता की सूची देवे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व विभाग में आर्थिक अनियमितता के विचाराधीन प्रकरण
141. ( क्र. 2204 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन. 2014 से जून 2016 तक इन्दौर संभाग के राजस्व विभाग में कार्यरत कितने कर्मचारियों अधिकारियों पर भ्रष्टाचार को लेकर लोकायुक्त ने छापा या अन्य कार्यवाही की? नाम, पद, दिनांक, कार्यस्थल सहित सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित में से कौन-कौन अभी सस्पेंड हैं, कौन-कौन नौकरी से निकाल दिये गये तथा कौन अभी कार्यरत हैं? जिनको सस्पेंड नहीं किया उनके कारण बतावें? (ग) राजस्व विभाग में कार्यरत कितने कर्मचारियों अधिकारियों पर भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितता आदि को लेकर न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन हैं? नाम, पद, प्रकरण क्र., न्यायालय का नाम, कायमी दिनांक तथा अद्यतन स्थिति सहित जानकारी दें? (घ) राजस्व विभाग में गंभीर अनियमितता एवम् भ्रष्टाचार को देखते हुये सरकार, क्या कदम उठा रही है? इन पर अंकुश लगाने हेतु क्या कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजपत्रित विभागीय नियम-1988 में संशोधन
142. ( क्र. 2207 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के राजपत्रित विभागीय भर्ती नियम 1988 में कब-कब संशोधन किये गये हैं? संशोधन का कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या उक्त संशोधन में विभाग के कुछ संवर्ग के अधिकारियों के पदोन्नति के प्रावधान को समाप्त किया गया है, यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? जबकि इन्हें भर्ती नियम के संशोधन के पूर्व विद्यमान भर्ती नियम 1988 अनुसार पदोन्नति की पात्रता थी? (ग) क्या पदोन्नति के प्रावधान समाप्त हो जाने से आगे किसी भी प्रकार की पदोन्नति से वंचित ऐसे संवर्ग के अधिकारियों की पदोन्नति का प्रावधान किये जाने हेतु भर्ती नियम में संशोधन किया जाकर उक्त संवर्ग के अधिकारियों के साथ न्याय किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 1994, 1996, 1999 एवं 2014 में संशोधन किये गये हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रशासकीय आवश्यकता अनुसार संशोधन किया गया। (ख) जी हाँ, शेष प्रश्नांश ''क'' अनुसार। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में उल्लेखित कारण के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संघ द्वारा शासन के आदेश का पालन न करना
143. ( क्र. 2210 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल के द्वारा राज्य शासन राज्य मंत्रालय के 15 मई 1998 के आदेशानुसार ग्रामीण विकास एवं वन विकास की पूरी राशि प्राथमिक मनोपज सहकारी समितियों को उपलब्ध न करवाए जाने पर भी सहकारिता विभाग ने संघ के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक भी वैधानिक कार्यवाही नहीं की है? (ख) यदि हाँ, तो मई 1998 के अनुसार शुद्ध लाभ की राशि के संबंध में क्या आदेश दिए गए थे, उन आदेशों में राज्य शासन ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या संशोधन किया इन आदेशों के अनुसार ग्रामीण विकास एवं वन विकास की राशि किसे प्रदान किए जाने के प्रावधान किए गए? (ग) वर्ष 1998 से वर्ष 2015 तक राज्य संघ ने किस वर्ष में शुद्ध लाभ की कितनी राशि घोषित की उसमें से कितनी राशि ग्रामीण विकास एवं वन विकास के लिए प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को उपलब्ध कराई गई? कितनी राशि प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को प्रश्न दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई गई वर्षवार बतावें? (घ) ग्रामीण विकास एवं वन विकास की बकाया राशि प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को उपब्ध करवाए जाने के संबंध में सहकारिता विभाग क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक बकाया राशि समितियों को उपलब्ध करवा दी जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. के पत्र क्रमांक/अंके-04/वनोपज/ 2014/639 दिनांक 16.09.2014 एवं पत्र क्रमांक/विप/वनो./15/1264 दिनांक 15.07.2015 द्वारा नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं. (ख) म.प्र. शासन वन विभाग के परिपत्र दिनांक 15 मई 1998, तत्संबंध में जारी संशोधन आदेश दिनांक 31.01.2006 एवं दिनांक 10.02.2012 अनुसार प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को राशि प्रदाय किये जाने के प्रावधान किये गये हैं, आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है. (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार निर्देश दिये गये हैं, म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार ग्रामीण विकास एवं वन विकास की राशि जिला यूनियनों से प्रस्ताव प्राप्त होने पर संघ मुख्यालय स्तर पर गठित छानबीन एवं मूल्यांकन समिति के परीक्षण उपरांत, राशि जिला वनोपज यूनियनों को उपलब्ध कराई जाती है, यह एक सतत प्रक्रिया है, अत: समय-सीमा का निर्धारण किया जाना संभव नहीं है.
निजी उद्योगों को आवंटन दखल रहित भूमि
144. ( क्र. 2211 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 320 उत्तर दिनांक 02 जुलाई 2014 के परिशिष्टों में किस जिले में किस उद्योग को किस आदेश क्रमांक दिनांक से कितनी दखल रहित भूमि आवंटित किए जाने की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है? (ख) मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 में दखल रहित भूमियों का आवंटन किए जाने और वैकल्पिक भूमि प्राप्त किए जाने के संबंध में धारा 237 (4) में क्या प्रावधान किए जाकर किस दिनांक से लागू किए गए है? (ग) मध्य प्रदेश शासन द्वारा दखल रहित भूमियों का निजी उद्योगों एवं परियोजनाओं को आवंटन किए जाने के संबंध में दिनांक 30 मई, 2013 को जारी नीति में समतुल्य वैकल्पिक भूमि प्राप्त की जाकर निस्तारी अधिकारों की पूर्ति के लिए आरक्षित किए जाने का प्रावधान किस कंडिका में किया है? (घ) निजी उद्योगों, निजी परियोजनाओं को आवंटित दखल रहित भूमि के बदले वैकल्पिक समतुल्य भूमि प्राप्त की जाकर निस्तारी अधिकारों की पूर्ति के लिए आरक्षित किए जाने के संबंध में राज्य शासन क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा समय-सीमा सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला सहकारी बैंक राजगढ़ द्वारा कृषकों के ऋण व खाद वितरण
145. ( क्र. 2214 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सहकारिता विभाग अंतर्गत जिला सहकारी बैंक द्वारा कृषकों को क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जाती है? (ख) क्या सहकारी बैंक द्वारा किसानों को खाद एवं बीज भी उपलब्ध कराये जाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले में कौन सी कंपनी की खाद किसानों को उपलब्ध कराई जाती हैवर्ष, 2015-16 एवं 2016-17 सें प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी कंपनी की कितनी-कितनी खाद किस दर पर किसानों को उपलब्ध करवाई गई वर्षवार एवं डबललॉक केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध कराये? (घ) क्या कृषकों को ऋण भी प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो किन कृषकों को किस सीमा तक किस अवधि के लिये कितना-कितना ऋण प्रदान किये जाने का प्रावधान है। 1 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को कितनी अवधि के लिये कितना-कितना ऋण प्रदान किया गया है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा उनसे संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कृषकों को कृषि एवं अकृषि ऋण, खाद, बीज, कृषि यंत्र तथा कृषि कार्य हेतु आवश्यक अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा उनसे संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से खाद एवं बीज उपलब्ध कराया जाता है. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है. (घ) जी हाँ. राजगढ़ जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के द्वारा उनके कार्यक्षेत्र अंतर्गत निवासरत् सदस्य किसानों को जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित तकनीकी समूह की बैठक में मौसमवार खरीफ, रबी हेतु फसलवार निर्धारित ऋणमान अनुसार किसान की धारित भूमि के आधार पर पात्रतानुसार ऋण का 50 प्रतिशत नगद व 50 प्रतिशत वस्तु भाग (खाद, बीज, दवाई आदि) का ऋण दिये जाने का प्रावधान हैं. प्रति किसान अधिकतम ऋण राशि रूपये 2,50,000/- तक की सीमा तक ऋण दिये जाने का प्रावधान हैं. तकनीकि समूह द्वारा निर्धारित ऋणमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है. 01 अप्रैल, 2015 से कृषकों को वितरित ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है.
कृषकों को उपलब्ध उपकरण
146. ( क्र. 2219 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग द्वारा म.प्र. में कृषकों के कल्याण के लिये कौन-कौन सी योजना संचालित हैं? (ख) क्या राजगढ़ जिले में भी शासन की उक्त योजनाएं संचालित हैं? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले में वर्ष 2015-16 में उक्त योजनाओं का लाभ कितने कृषकों को दिया गया है? (ग) क्या शासन द्वारा किसी भी प्रकार के कृषि उपकरण भी उपलब्ध करायें जाते हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से उपकरण बतावें? (घ) राजगढ़ जिले में वर्ष 2015-16 में कितने कृषकों को कितनी राशि के उपकरण अनुदान पर उपलब्ध कराये गये हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है।
जिला संघों के सुदृढ़ीकरण हेतु आर्थिक सहायता
147. ( क्र. 2229 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला संघों के चन्दे की वसूली न होने से जिला संघों की आर्थिक स्थिति दयनीय बनी हुई है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा जिला संघों के सुदृढ़ीकरण हेतु कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है? (ख) क्या जिला संघों को नवीन सहकारी संस्थाओं को आर्थिक सहायता योजना अंतर्गत अंशपूजी सहायता उपलब्ध कराई जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या जिला संघो को सहकारी प्रेस के संचालन हेतु अथवा उपविधि के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, यद्यपि आय में कमी हुई है। वर्तमान में जी नहीं. (ख) जी नहीं, क्योंकि प्रश्न में उल्लेखित योजना के मापदण्डों को जिला सहकारी संघ पूरा नहीं करते है. (ग) जी नहीं, वर्तमान में ऐसी कोई विशिष्ट योजना नहीं है.
भूमि सीमांकन नियम
148. ( क्र. 2230 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धारा 129 के अंतर्गत भूमि सीमांकन के क्या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या ग्राम पीपलनेर पटवारी हल्का न. 41 तहसील हुजूर नजूल बैरागढ़ जिला भोपाल में भूमि खसरा क्र. 247/1/3 तथा खसरा क्र. 247/1/2 का सीमांकन का आवेदन दिनांक 30.05.16 को विधिवत बैंक चालान की राशि के साथ राजस्व निरीक्षक मण्डल रा.नि.म. 4 ईंटखेड़ी सड़क ग्राम-पीपलनेर तहसील हुजूर जिला भोपाल को प्रस्तुत किया गया? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) का यदि हाँ, तो क्या प्रश्न की कंडिका (क) में शासकीय नियमानुसार प्रश्न की कंडिका (ख) में दर्शायी गई भूमि का सीमांकन संबंधित राजस्व निरीक्षक द्वारा कर दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों नहीं किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम पीपलनेर प.ह.नं. -41 तहसील हुजूर, नजूल बैरागढ़, जिला भोपाल में स्थित भूमि खसरा क्रमांक 247/1/2 तथा खसरा क्रमांक 247/1/3 भूमि का सीमांकन आवेदन दिनांक 30/05/2016 को विधिवत बैंक चालान क्रमांक -जे/29232423/0087 दिनांक राशि 50/- रूपये एवं 4304593/460 रूपये दिनांक 10 फरवरी 2015 द्वारा जमा किया गया। आवेदक क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक मण्डल रा.नि.4 ईंटखेड़ी सड़क ग्राम पीपलनेर, तहसील हुजूर जिला भोपाल को प्रस्तुत किया गया था। (ग) जी हाँ, उपरोक्त प्रश्नाधीन भूमियो का सीमांकन क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक द्वारा किया जा चुका है। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता।
भूमि का मुआवजा प्रदान किया जाना
149. ( क्र. 2233 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर कटनी द्वारा भू-राजस्व संहिता की धारा 247 (4) के अंतर्गत ग्राम गैरतलाई एवं ग्राम रोंड़ा तहसील विजयराघवगढ़ जिला कटनी की 114 से अधिक किसानों की भूमि अधिग्रहीत कर उक्त धारा में 3 साल का प्रावधान होने के बावजूद 20 साल के लिए कुटेश्वर माइंस लाइम स्टोन के उपयोग हेतु वर्ष 1971-72 से 1984-85 के माध्यम समय-समय पर दे दी गई थी? कृपया संबंधित किसानों के नाम, उनसे ली गई भूमि की मात्रा एवं वर्ष, लीज डीड की शर्तों की प्रति के साथ जानकारी दें। (ख) क्या उक्त कुटेश्वर माइंस स्टोन के द्वारा लीज में 20 वर्ष के लिए प्राप्त जमीन किसानों को उसकी स्थिति में वापस अब तक नहीं की गई है जबकि जमीन लिए हुए उसे 30 से 45 वर्ष की समयावधि हो चुकी है और उक्त जमीन के बदले संबंधित किसानों को निर्धारित अवधि के बाद जमीन का उपयोग करने के कारण कोई मुआवजा राशि भी अभी तक नहीं दी गई है? (ग) यदि प्रश्न (ख) का उत्तर हाँ है तो उक्त किसानों की जमीन लीज डीड में निर्धारित शर्त अनुसार उन्हें उसी रूप में कब तक वापस कर दी जायेगी तथा डीड में निर्धारित अवधि के बाद तक जमीन का उपयोग करने के लिए मुआवजा कब तक दे दिया जायेगा? यदि जमीन वापस नहीं की जा रही है तो किसानों को कब तक वर्तमान कलेक्टर दर से मुआवजा की राशि दे दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि पर अतिक्रमण किया जाना
150. ( क्र. 2240 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलांतर्गत तहसील नौगांव के पटवारी हल्का 22 मौजा ग्राम दौरिया का खसरा नं. 907 किसके नाम से एवं किस प्रयोजनार्थ दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त खसरा नं. 907 में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण किया गया था? यदि हाँ, तो किसके द्वारा और कब से? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उपरोक्त खसरा नं. में अतिक्रमण किए जाने की कोई शिकायत शासन को प्राप्त हुई है क्या? यदि हाँ, तो उपरोक्त शिकायत पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नगत भूमि मरघट शासकीय एवं कालम नं. 12 में मध्यप्रदेश शासन (छेवला-2 नीम-2 ) प्रयोजनार्थ दर्ज है। (ख) जी हाँ, दिनांक 5/5/2016 अनावेदक नरेन्द्र सिंह तनय लक्ष्मण सिंह द्वारा 40 फीट लम्बी दीवार बनाकर अतिक्रमण किया गया है। (ग) जी हाँ अनावेदक नरेन्द्र सिंह तनय लक्ष्मण सिंह निवासी दौरिया के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर स्थगन आदेश जारी किया गया, साथ ही 10000/- रूपये का अर्थदण्ड अधिरोपित कर, अतिक्रमित भूमि से बेदखल करने का आदेश पारित किया गया।
बीज अनुदान वितरण अनियमितता
151. ( क्र. 2246 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह एवं सागर जिले में खरीफ 2013 के लिए सोयाबीन बीज पर बीज वितरण अनुदान राशि शासन से कितनी मिली थी? कितनी राशि सोयाबीन बीज वितरण अनुदान खरीफ 2013 पर व्यय की गई? (ख) दमोह एवं सागर जिले में खरीफ 2013 में सोयाबीन बीज वितरण अनुदान कितने किसानों को दिया गया? (ग) दमोह एवं सागर जिले में खरीफ 2013 में सोयाबीन बीज वितरण अनुदान कौन-कौन सी बीज उत्पादक समितियों को भु्गतान किया गया? कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई? (घ) रवि 2013-14 में चना बीज वितरण अनुदान कौन निजी बीज उत्पादक समिति को दिया गया? कितनी राशि भुगतान की गई? क्या चना व सोयाबीन बीज अनुदान केवल किसानों को भुगतान किया जाना था? फिर समितियों को भुगतान करने के मामले में कौन-कौन उत्तरदायी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दमोह एवं सागर जिले में खरीफ 2013 के लिये सोयाबीन बीज पर बीज वितरण अनुदान राशि शासन से क्रमश: राशि रूपये 50.00 लाख तथा 369.77 लाख मिली थी, जिसमें से दमोह जिले में 48.51 लाख तथा सागर जिले में 115.56 लाख सोयाबीन बीज वितरण अनुदान खरीफ 2013 पर व्यय की गई। (ख) दमोह एवं सागर जिले में खरीफ 2013 में सोयाबीन बीज वितरण अनुदान क्रमश: 3237 तथा 5777 किसानों को दिया गया। (ग) दमोह जिले में खरीफ 2013 में सोयाबीन बीज वितरण अनुदान की राशि सीधे कृषकों के खाते में भुगतान की गई है, जबकि सागर जिले द्वारा भुगतान की राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) दमोह एवं सागर जिले में रबी 2013-14 में चना बीज वितरण अनुदान भुगतान का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है। सोयाबीन बीज वितरण अनुदान राशि के भुगतान सीधे किसान को तथा चना बीज वितरण अनुदान संस्था को भुगतान के निर्देश थे। जिला सागर में समितियों को भुगतान के मामले में तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सागर के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में है।
भू-अर्जन कानून का पालन
152. ( क्र. 2247 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से लागू भूमि अर्जन, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 11, 23, 24, 30, 31, 41 एवं धारा 87 में क्या-क्या प्रावधान किया गया है? (ख) दिसम्बर 2013 को सागर एवं बैतूल जिले में अधिनिर्णय के लिए किस ग्राम के कितने किसानों की कितनी निजी भूमि के अर्जन का प्रकरण लंबित था? इनमें से किस प्रकरण में किस दिनांक को कितना प्रतिकर, कितना तोषण, कितना पुनर्वास अनुदान एवं कितना पुनर्व्यवस्थापन अनुदान का आदेश दिया गया? (ग) जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक राजपत्र में धारा 11 के अनुसार किस ग्राम के कितने किसानों की कितनी निजी भूमि अर्जित किये जाने की अधिसूचना का प्रकाशन किया गया? (घ) दिसम्बर 2013 को अधिनिर्णय के लिए लंबित प्रकरणों की धारा 11 के तहत राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किये बिना ही मुआवजा निर्धारण का आदेश दिये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? पद, पदस्थापना व नाम सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कार्यालय की अपराधियों से सांठ-गांठ
153. ( क्र. 2249 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या 77 (क्र. 921) दिनांक 21.7.15 के संदर्भ में क्या अपर आयुक्त (गृह निर्माण) में दि. 08.02.2015 को उप आयुक्त (स्थापना) दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो बतावें कि लिपिक ने दि. 09.12.2015 की टीप में अपने स्तर से ही यह प्रस्ताव किस आधार पर और कौन सी अधिकारिता शक्ति के आधार पर दिया था कि दोषियों को वर्गीकरण नियम 16 के अन्तर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किये जाये? क्या लिपिक को यह अधिकार है कि किसे कौन सी सजा दी जाना है? यह निर्णय ले? उसने कारण बताओ सूचना पत्र का अनुमोदन न कराकर सीधे स्वच्छ प्रति में दिया, कारण बाताओं सूचना पत्र का उत्तर आने से पूर्व ही 2 वेतनवृद्धि वह भी असंचयी प्रभाव से रोके जाने का उल्लेख कर निर्णय किस शक्ति के आधार पर लिया? (ख) क्या सांठ-गांठ, मिलीभगत कर दोषियों को बचाने का नियोजित प्रयास सही है? उन्हें आरोप पत्र जारी क्यों नहीं किये गये? (ग) क्या दोषी लिपिक को दंडित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ. विधान सभा प्रश्न क्रमांक 921 के संदर्भ में हजरत निजामुद्दीन गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल की जाँच पूर्ण करने में विलंब हेतु तीन कर्मचारियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 16 अंतर्गत लिपिक द्वारा नियंत्रणकर्ता अधिकारी के निर्देशानुसार कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी. जी नहीं. जी नहीं. नियंत्रणकर्ता अधिकारी के निर्देशानुसार लिपिक द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 16 अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र प्रस्तुत किए थे, जिसमें दण्ड का निर्धारण नियंत्रणकर्ता अधिकारी के निर्देशों के अनुरूप किया जाकर आदेश जारी किए गए थे. (ख) जी नहीं. नियम 16 अंतर्गत पृथक से आरोप पत्र जारी करने की आवश्यकता न होने के कारण. (ग) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता.