मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र


सोमवार, दिनांक 22 मार्च, 2021


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर



नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्या. द्वारा उपलब्‍ध कराये गये भूखण्‍ड

[सहकारिता]

1. ( *क्र. 4068 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित संस्‍था में उपलब्‍ध भूमि में से कितने सदस्‍यों को भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराये जा चुके हैं, उन सदस्‍यों की सूची तथा संस्‍था में कुल कितने सदस्‍य हैं, जिन्‍हें भूखण्‍ड उपलब्‍ध नहीं कराये गये हैं? उनके लिये भूमि की व्‍यवस्‍था की जावेगी या उनकी सदस्‍यता समाप्‍त की जावेगी?                                                   (ख) संस्‍था में भूमि उपलब्‍ध न होने के कारण अधिक सदस्‍य बनाये जाने का क्‍या औचित्‍य है? वर्ष 2008 से 2020 तक कितने भूखण्‍डों का पंजीयन कराया गया है तथा री-सेल में कितना पंजीयन कराया गया है? (ग) आयुक्‍त सहकारिता, म.प्र. भोपाल द्वारा तत्‍कालीन श्री विनोद कुमार सिंह, उपायुक्‍त, सहकारिता जिला भोपाल को नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्यादित, भोपाल के विरूद्ध रहवासियों द्वारा की गई शिकायत की जाँच नियत समय में न किये जाने के कारण दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी अथवा नहीं? स्‍पष्‍ट करें। (घ) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 तथा 2020-21 में उक्‍त संस्‍था में नियुक्‍त जाँच अधिकारियों द्वारा जाँच प्रतिवेदन कार्यालय में प्रस्‍तुत किया गया है तो उस पर कार्यालय द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्या. भोपाल में उपलब्‍ध भूमि में से 93 सदस्‍यों को भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराये जा चुके हैं। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार तथा संस्‍था में 54 सदस्‍य हैं, जिन्‍हें भूखण्‍ड उपलब्‍ध नहीं कराये गये हैं, उनके लिये संस्‍था के पास 2.49 एकड़ भूमि की व्‍यवस्‍था है, परन्‍तु भूमि मास्‍टर प्‍लान में रोड प्रस्‍तावित है। संस्था द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार यदि शासन के द्वारा उक्‍त भूमि छोड़ी जाती है तो शेष सदस्‍यों को भूखण्‍ड उपलब्‍ध करा दिये जायेंगे या शासन मुआवजा देती है तो उनको भूखण्‍ड के मान से राशि वापस कर सदस्‍यता समाप्‍त की जावेगी। (ख) संस्था द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार संस्था के पास 2.49 एकड़ भूमि थी, इसलिये उस भूमि पर भूखण्‍ड देने हेतु सदस्‍य बनाये गये थे, परंतु उत्‍तरांश (क) अनुसार यह भूमि मास्‍टर प्‍लान में रोड प्रस्‍तावित होने से शेष सदस्‍यों को भूखण्‍ड नहीं दिये जा सके। संस्‍था द्वारा 2001 से वर्तमान तक 93 सदस्‍यों को भूखण्‍ड का पंजीयन कराया गया है, परंतु वर्ष 2008 से 2020 तक पंजीयन कराये गये भूखण्‍डों की पृथक से जानकारी नहीं है। संस्‍था द्वारा रीसेल में कोई पंजीयन नहीं कराया गया है। (ग) आयुक्‍त सहकारिता म.प्र. भोपाल द्वारा तत्‍कालीन उपायुक्‍त सहकारिता जिला भोपाल श्री विनोद सिंह को नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल की शिकायत की जाँच दी गई थी। श्री विनोद कुमार सिंह, उपायुक्‍त, सहकारिता जिला भोपाल द्वारा जाँच नहीं की गई। तत्‍कालीन उपायुक्‍त द्वारा उपरोक्‍त विषयांकित जाँच प्राप्‍त होने के पूर्व वही शिकायत जाँच हेतु श्री विलीन खटावकर सहकारी निरीक्षक को दी गई थी, जिसका जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होकर उपायुक्‍त सहकारिता जिला भोपाल के यहां दिनांक 01.02.2020 से विचाराधीन है। इस पर शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। (घ) वर्ष 2018-19 में कोई शिकायत प्राप्‍त न होने से जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ है। वर्ष 2019-20 में एक शिकायत का जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त हुआ है एवं 2020-21 में एक शिकायत का जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त हुआ जो परीक्षणाधीन है।

रेरा के नियमों का पालन न करने वाले कॉलोनाइजरों पर कार्यवाही

[राजस्व]

2. ( *क्र. 5956 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मे. मंगलम डेवलपर्स व आदिनाथ एवेन्‍यू महिदपुर वि.स. क्षेत्र के द्वारा कितनी भूमि विकसित करने की अनुमति अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) से ली गई? इसके अनुमति से संबंधित समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रमाणित प्रति पृथक-पृथक देवें। (ख) उपरोक्‍त द्वारा नियत नियमों व शर्तों का उल्‍लंघन कर प्‍लाट विक्रय करने पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की है? (ग) क्‍या कारण है कि इन कॉलोनाइजरों द्वारा रेरा के नियमों का पालन नहीं करने पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? (घ) कब तक नियम विरूद्ध कार्य करने वाले ऐसे कॉलोनाइजरों पर कार्यवाही की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मे. मंगलम डेव्लपर्स द्वारा ग्राम ताजपुरा तहसील महिदपुर में आदिनाथ ऐवेन्यू कॉलोनी कुल 3.991 हेक्टर रकबे पर विकसित करने की अनुमति ली गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मे. मंगलम डेव्लपर्स द्वारा नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन कर प्लाट विक्रय करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही नहीं की गई। (ग) म.प्र. ग्राम पंचायत (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निबंधन तथा शर्तें) नियम 1999 अन्तर्गत कॉलोनी की विकास अनुमति दिनांक 23.06.2014 को जारी की गई है। उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खरगोन जिलांतर्गत नदियों को पुनर्जीवित किया जाना

[जल संसाधन]

3. ( *क्र. 4315 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की बोराड, वंसावली, अम्‍बक, साटक, कुंदा, वेदा और निमगुल प्रमुख नदियां हैं? इन नदियों में ग्रीष्‍म काल के समय में पूर्ण रूप से पानी उपलब्‍ध नहीं होने के कारण नदियों किनारे बसे गांवों के किसानों और ग्रामीणों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? इस संबंध में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्‍त नदियों से पूर्व में किसान सिंचाई, पेयजल एवं पशुओं को भी 24 घंटे पानी उपलब्‍ध होना था, किन्‍तु अब क्‍यों नहीं हो रहा है? इस संबंध में उक्‍त ग्रामों के लिए पानी उपलब्‍ध कराने हेतु क्‍या कार्ययोजना बनाई गई है?                                                       (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावाद के अंतर्गत कितनी नदियां कितने ग्रामों से बहती हैं, उनकी                                   जानकारी दें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित नदियों पर उपयुक्‍त स्‍थल पर सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कराया जाकर सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) अत्‍यधिक नदी के जल के दोहन के कारण ऐसी स्थिति उत्‍पन्‍न होती है। जल संसाधन विभाग द्वारा उपयुक्‍त स्‍थानों पर जलाशय/बैराजों का निर्माण ग्रामों के लिए सिंचाई कार्य हेतु कराये जाते हैं। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत स्‍वीकृत/प्रस्‍तावित परियोजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।                                                   (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।

परिशिष्ट - "एक"

वि.स. क्षेत्र परासिया में श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ किया जाना

[श्रम]

4. ( *क्र. 3778 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के गरीब व श्रमिक वर्ग के छात्र/छात्राओं को तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें, इसलिए शासन द्वारा श्रमोदय विद्यालय संचालन समिति भोपाल द्वारा श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को परासिया (चांदामेटा) में प्रारंभ किये जाने हेतु प्रस्तावित कर स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? अगर हाँ तो उपरोक्त संबंध में अभी तक विद्यालय को प्रारंभ किए जाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ किये जाने हेतु लगभग 5 एकड़ शासकीय भूमि नगर चांदामेटा में आवंटित कर उपलब्ध करा दी गई है, जिसका प्रस्ताव राजस्व विभाग द्वारा शासन स्तर पर प्रेषित भी किया जा चुका है, परंतु फिर भी विभाग द्वारा श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को परासिया (चांदामेटा) में प्रारंभ किये जाने में काफी विलंब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? (ग) श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को परासिया (चांदामेटा) में प्रारंभ किये जाने हेतु संबंधित विभागीय एवं अन्य सभी औपचारिकताओं को कब तक पूर्ण कर श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ कर दिया जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) आई.टी.आई. की स्‍वीकृति न होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनि निरीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही

[खनिज साधन]

5. ( *क्र. 4658 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड द्वारा दिनांक 31.05.2017 को खनिज शाखा भिण्ड का औचक निरीक्षण करने के पश्‍चात जाँच कराने पर खनिज संदेश पिपलोदिया के विरूद्ध क्या अनियमितताएं पायी गईं तथा क्या कार्यवाही की गई? आरोप पत्र कब जारी किए गए, उनसे उत्तर कब प्राप्त किए गए? प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा प्राप्त उत्तर पर अपनी टीप/अनुशंसा विभागीय जाँच अधिकारी को कब प्रेषित की गई? (ख) क्या उक्त खनि निरीक्षक/खनिज सर्वेयर अभी भी खनिज शाखा में पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में कहां पदस्थ हैं? (ग) क्या विभागीय जाँच का अंतिम रूप से निराकरण हो गया है? यदि नहीं, तो विभागीय जाँच प्रकरण का कब तक निराकरण कर लिया जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। खनि निरीक्षक श्री संदेश पिपलोदिया के विरूद्ध रेत/गिट्टी के अवैध परिवहन से संबंधित प्रकरणों में जप्‍त वाहनों में अधिकारिता न होते हुए भी अपने हस्‍ताक्षरों से उक्‍त वाहनों में अर्थदण्‍ड राशि चालान द्वारा शासकीय मद में जमा कराकर पुलिस अभिरक्षा से मुक्‍त करने के आदेश दिये जाने की अनियमितताएं पाए जाने से दिनांक 07.07.2017 को आरोप पत्र जारी किये गये। जबाव प्राप्‍त न होने पर कलेक्‍टर, भिण्‍ड के आदेश क्रमांक क्‍यू/2ख/स्‍था/2017/8311, दिनांक 07.09.2017 से विभागीय जाँच संस्थित की गई। श्री संदेश पिपलोदिया द्वारा दिनांक 22.10.2018 को जबाव प्रस्‍तुत किया गया एवं प्रस्‍तुतकर्ता अधिकारी द्वारा विभागीय जाँच पर अभिमत दिनांक 28.01.2021 को विभागीय जाँच अधिकारी को प्रेषित किया गया। (ख) श्री संदेश पिपलोदिया, खनि निरीक्षक वर्तमान में जिला धार में पदस्‍थ है तथा खनिज सर्वेयर श्री विजय कुमार चक्रवर्ती वर्तमान में खनिज शाखा जिला भिण्‍ड में ही पदस्‍थ है। (ग) जी नहीं। जाँच प्रकरण निराकरण किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

मनावर वि.स. क्षेत्रांतर्गत सीमांकन, नामंतरण, बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

6. ( *क्र. 5934 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) मनावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न-दिनांक तक तहसील कार्यालय में भूमि सीमांकन, नामंतरण, बंटवारे के कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है और कितने आवेदन लंबित हैं? तत्संबंधी समस्त ब्यौरा दें। आवेदनों के लंबित होने के कारण-सहित प्रकरणवार ब्यौरा दें। (ग) क्या राजस्व विभाग के राजस्व ग्रामों के नक्शे गुम हो गये हैं, नष्ट हो गये हैं और इनका अद्यतीकरण लंबे समय से नहीं किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो इस भारी विसंगति के लिए किसकी जवाबदेही तय कर किस दिनांक को किस के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो विधिसम्मत कारण बताएं 

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले में तहसील मनावर अन्तर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक सीमांकन, नामांतरण, बंटवारे के निम्नानुसार आवेदन-पत्र प्राप्त हुए हैं :- सीमांकन-323, नामांतरण-5075, बंटवारा-950 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) धार जिले में तहसील मनावर अन्तर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक सीमांकन, नामांतरण, बंटवारे के निराकृत व लंबित आवेदन पत्रों का विवरण निम्‍नुसार है :- मद निराकृत (शेष/लंबित) सीमांकन 302 (21) नामांतरण 4504 (571) बंटवारा 816 (134) शेष/लंबित प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है तथा समय-सीमा में उनका निराकरण किया जा रहा है। (ग) धार जिले के अन्तर्गत राजस्व ग्रामों के नक्‍शे गुम, नष्ट नहीं हुए हैं और इनका अद्यतीकरण समय से किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में लागू नहीं होता।

इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी को दिये गये बस परमिट

[परिवहन]

7. ( *क्र. 5801 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी को दिनांक 31 जनवरी, 2021 के अनुसार दिये गये परमिट की प्रति देवें तथा बतावें कि इस कंपनी द्वारा यात्री के साथ-साथ यात्री बसों में माल परिवहन की भी अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो उस अनुमति की प्रति देवें। (ख) इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी को इंदौर से अन्‍य शहर के लिये बस चलाने का परमिट देते वक्‍त उसी रूट पर चलने वाली अन्‍य निजी बसें जो शासकीय बस स्‍टैण्‍ड से चलती हैं, उनके समय के अनुसार उनको अनुमति दी जाती है? यदि नहीं, तो बताएं कि नियमों की अवहेलना क्‍यों की जाती है? (ग) इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट के द्वारा चलाई जा रही बसों का किराया क्‍या कंपनी स्‍वयं तय करती है या शासन के नियमों से तय होता है? यदि नियमों से होता है तो कंपनी के गठन से लेकर अभी तक किराया तय करने संबंधी नियमों की प्रति देवें              (घ) शासकीय कार्यक्रमों में तथा चुनाव में कार्य के लिये कलेक्‍टर द्वारा पिछले पांच वर्ष में                                 कितनी-कितनी इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट क. की बसें अधिग्रहित की गईं? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के नियम 78 एवं 80 में मंजिली गाड़ी पर माल परिवहन किये जाने के प्रावधान विहित किये गये हैं। पृथक से अनुमति प्राप्त किये जाने का प्रावधान विहित नहीं किया गया है। (ख) मंजिली गाड़ी (यात्री बस) को अनुज्ञा पत्र (परमिट) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 70, 71, 72 एवं 80 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत स्वीकृत/जारी किये जाते हैं। अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, इन्दौर की यात्री बसों को भी इन्हीं प्रावधानों के अंतर्गत अनुज्ञा पत्र (परमिट) स्वीकृत/जारी किये गये हैं। यह सही नहीं है कि नियमों की अवहेलना की जाती है। (ग) जी नहीं। मंजिली गाड़ी (यात्री बस) के किराए का निर्धारण मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 67 के अंतर्गत शासन द्वारा किया जाता है, जिसके क्रम में ही मंजिली गाड़ी (यात्री बसों) में यात्रियों से किराया लिया जाना निर्धारित होता है। जो कि सभी मंजिली गाड़ी यात्री बसों पर लागू होता है। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 67 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड इन्दौर द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार शासकीय कार्यक्रमों में बसों के अधिग्रहण संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उनके स्वामित्व की बसों का चुनाव कार्य हेतु अधिग्रहण नहीं किये जाने का उल्लेख किया गया है।

प्रदूषण की रोकथाम हेतु वाहनों का पी.यू.सी. कराया जाना

[परिवहन]

8. ( *क्र. 6079 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                           (क) क्‍या प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिये सड़कों पर संचालित वाहनों का पी.यू.सी. कराना अनिवार्य किया है? यदि हाँ, तो इसके संबंध में संपूर्ण जानकारी दें कि पी.यू.सी. क्‍या है, क्‍यों कराना है? कितनी-कितनी राशि का व्‍यय किस-किस प्रकार से किस-किस कार्य पर होगा? प्रमाण पत्र कितनी अवधि के लिये मान्‍य होगा? यदि पी.यू.सी. नहीं कराई जाती है, तो किस-किस प्रकार की कार्यवाही वाहनों के चालकों, मालिकों पर की जायेगी? (ख) क्‍या पी.यू.सी. प्रमाण पत्र जनरेट होने पर कोई जानकारी परिवहन विभाग को प्राप्‍त होती है? यदि हाँ, तो किस प्रकार से, कितनी अवधि में क्‍या-क्‍या? (ग) क्‍या भोपाल में संचालित शासकीय वाहनों (एम.पी. 02) का रजिस्‍ट्रेशन विभाग द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो कितने वाहन किस-किस प्रकार के विभागीय कार्यालय में रजिस्‍टर्ड हैं? (घ) उपरोक्‍त के संबंध में क्‍या शासकीय वाहनों की पी.यू.सी. की जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कितने वाहनों द्वारा पी.यू.सी. करायी गयी, बतायें यदि नहीं, तो क्‍यों? पी.यू.सी. नहीं कराने के लिये कौन जिम्‍मेदार है, जिम्‍मेदारों पर कब तक क्‍या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र प्रत्येक वाहन के लिये अनिवार्य है। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र से तात्पर्य है कि ऐसा निरीक्षण प्रमाण पत्र जो केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 115 के उपनियम 7 के अधीन प्राधिकृत जांच केन्द्र द्वारा मोटरयान के स्वामी को जारी किया जाता है। प्रदूषण प्रमाण पत्र की फीस निम्नानुसार है :-                                                          (क) दो पहिया यान हेतु रूपये 100/- (ख) तीन पहिया यान हेतु रूपये 150/- (ग) चार पहिया यान हेतु रूपये 250/- (घ) मध्यम मोटरयान हेतु रूपये 300/- (ड.) भारी मोटरयान हेतु रूपये 500/- नई वाहन के लिये प्रथम पंजीयन दिनांक से एक वर्ष तक की अवधि के लिये तथा तत्पश्चात प्रत्येक 06 माह के लिये प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण न लेने की स्थिति में मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 190(2) के तहत किसी वाहन पर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र न पाये जाने पर प्रथम अपराध के लिये रूपये 10,000/- जुर्माने के साथ-साथ 03 महीने के कारावास या दोनों ही दण्ड अधिरोपित किये जा सकते हैं और वह तीन महीने के लिये चालक लायसेंस धारण करने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है। द्वितीय अपराध होने पर छह माह तक की सजा या 10,000/- रूपये जुर्माना या दोनों ही दण्ड अधिरोपित किये जा सकते हैं। (ख) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं है।                                              (ग) जी हाँ, वाहनों के पंजीयन का श्रेणीवार विवरण वृहद स्‍वरूप का होने के कारण जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार विभागीय सर्वर की लिंक न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

मढ़ीखेड़ा बांध की उकायला कैनाल की खुदाई में अनियमितता

[जल संसाधन]

9. ( *क्र. 6090 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के मढ़ीखेड़ा बांध से निकली उकायला कैनाल किस वर्ष खोदी गई एवं इसकी लम्‍बाई क्‍या है? कैनाल की खुदाई का कितना हिस्‍सा मिट्टी-मुरम एवं कितना हिस्‍सा हार्डरोक (पत्‍थर) खोदा गया एवं किस मान से खुदाई का भुगतान किया गया? पृथक-पृथक प्राक्‍कलन सहित बतायें। (ख) कैनाल की खुदाई किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारियों की देख-रेख में किस ठेकेदार द्वारा की गई? योजना की लागत क्‍या है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खोदी गयी कैनाल की लम्‍बाई कम है, भुगतान ज्‍यादा लम्‍बाई का किया है, हार्डरॉक (पत्‍थर) की खुदाई हुई ही नहीं, सिर्फ मिट्टी मुरम की हुई है? यदि हाँ, तो खोदा गया पत्‍थर कहां है? (घ) क्‍या कैनाल की खुदाई में भारी तादाद में भ्रष्‍टाचार हुआ तथा शासन को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है, तो क्‍या इसकी जाँच लोकायुक्‍त या उच्‍च स्‍तर से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) उकायला नहर वर्ष 2002 से 2013 के मध्‍य खोदी गई। नहर की लम्‍बाई 43.17 कि.मी.। चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उकायला नहर की लागत रू. 19,974.64 लाख है। (ग) जी नहीं। कार्य के अनुरूप ही ठेकेदार को भुगतान किया गया है। नहर की खुदाई के दौरान प्राप्‍त हार्डरॉक को अनुबंध में निर्धारित दरों पर ठेकेदार को प्रदाय किया गया है। शेष हार्डरॉक कार्यस्‍थल पर उपलब्‍ध होना प्रतिवेदित है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

सीधी जिले में घटित बस दुर्घटना की जाँच

[परिवहन]

10. ( *क्र. 5798 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) क्‍या सीधी जिले में हाल ही में हुई त्रासदीपूर्ण बस दुर्घटना प्रशासन के अदूरदर्शिता एवं असंवेदनशीलता के कारण हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) क्‍या परीक्षार्थियों का केन्‍द्र रीवा, सीधी, सिंगरौली में नहीं बनाया जा सकता था? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध गैर इरादन हत्‍या का प्रकरण क्‍यों दर्ज नहीं किया गया? (ग) क्‍या संबंधित बस सतना जिले में रजिस्‍टर्ड है, फिटनेस, परमि‍ट भी वहीं से जारी हुआ होगा? यदि हाँ, तो सीधी जिले के अधिकारियों के निलंबन का क्‍या औचित्‍य है? (घ) रीवा/सीधी/सिंगरौली मार्ग बंद होने की जवाबदेही किस विभाग की थी, दोषियों के ऊपर की गई कार्यवाही एवं मृत परीक्षार्थियों के परिवार को शासकीय नौकरी दिये जाने की व मुआवजा राशि में वृद्धि की क्‍या कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्‍या? नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि सीधी जिले में हुई बस दुर्घटना प्रशासन की अदूरदर्शिता एवं असंवेदन शीलता के कारण हुई है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। फिटनेस सतना से एवं परमिट रीवा से जारी हुआ है। घटना सीधी जिले में घटित होने के कारण लापरवाही के कारण सीधी जिले के अधिकारी का निलंबन किया गया है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पंचम नगर परियोजना का विस्‍तार

[जल संसाधन]

11. ( *क्र. 63 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में पंचम नगर परियोजना कब कितनी राशि से स्‍वीकृत हुई थी, उक्‍त योजना का कार्य किस कार्य एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है एवं इस योजना से कितने किसान लाभांवित होंगे? (ख) पंचम नगर परियोजना से हटा विधानसभा के किन-किन ग्रामों को लाभ प्राप्‍त होगा एवं कितने किसानों की भूमि सिंचित होगी तथा क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत किसानों के द्वारा प्रदाय किये गये ज्ञापनों के माध्‍यम से उक्‍त योजना का विस्‍तार हटा व पटेरा विकासखण्‍ड के ग्रामों में भी किये जाने का विभाग को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो हटा एवं पटेरा विकासखण्‍ड के किसानों को लाभ दिये जाने के उद्देश्‍य से योजना का विस्‍तार कब तक किया जावेगा।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला दमोह में पंचमनगर परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 31.03.2012 को रू. 263.10 करोड़ की तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.01.2017 को रू. 674.90 करोड़ की प्रदान की गई। एजेंसियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजना से 97 ग्रामों के लगभग 59,500 किसान लाभान्वित होना प्रतिवेदित है। (ख) पंचमनगर परियोजना से हटा विधान सभा क्षेत्र के किसी भी ग्राम को लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। परियोजना के मूल प्रस्ताव में सम्मिलित ग्रामों की सिंचाई एवं पेयजल हेतु जल आवंटन के उपरांत कोई जल शेष नहीं होने के कारण प्रश्‍नाधीन विकासखण्‍ड के अन्य ग्रामों को सम्मिलित किया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दो"

विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत राजस्व ग्राम घोषित किया जाना

[राजस्व]

12. ( *क्र. 4962 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत तहसील पनागर एवं बरेला क्षेत्र में राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु मजरा-टोला चिन्हित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से मजरा-टोला चिन्हित किये गये हैं? नाम बतावें (ग) यदि नहीं, तो राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्या मापदण्ड हैं? (घ) चिन्हित मजरा-टोला कब तक राजस्व ग्राम घोषित किये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) मजरा-टोला राजस्‍व ग्राम घोषित किये जाने के आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 1195/11, भू-प्र/मा.चि.शा./म.टो./2012 दिनांक 14.06.2012 में निर्धारित मापदण्‍ड निम्‍नानुसार है :- (1) मूल राजस्व ग्राम से मजरे टोले की दूरी लगभग 2 कि.मी. या अधिक होनी चाहिये। (2) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक हुये उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिये। (3) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की चतुर्सीमाएं मूल ग्राम से एवं अन्य सीमावर्ती ग्राम से मिलनी चाहिये, मजरे टोले से पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की सीमाएं मूल ग्राम की सीमाओं के अंदर ही स्थित न रहें। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।

सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत भू-राजस्व के उपलब्‍ध नक्शे

[राजस्व]

13. ( *क्र. 5932 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 1. तहसील सिवनी मालवा                                            2. डोलरिया 3. इटारसी तथा 4. केसला में सभी ग्रामों के पटवारी हल्के के भू-राजस्व के नक्शे उपलब्ध हैं? (ख) यदि नहीं, तो कहां-कहां के नक्शे नहीं हैं? (ग) विवादित मामलों में खेत, आबादी व लगानी भूमि एवं रास्तों का सीमांकन नक्शे के अभाव में कैसे किया जाता है? (घ) अभी तक कितने नपाई के प्रकरण लंबित हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवादित मामलों में पुरानी मिसल बन्‍दोबस्त एवं पुराने नक्‍शे से स्‍थाई सीमा चिन्‍ह, बन्‍दोबस्‍ती मेड़ों का मिलान कर खेतआबादीलगानी भूमि, रास्‍तों का सीमांकन किया जाता है।                                        (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 99 नपाई के प्रकरण लंबित हैं।

परिशिष्ट - "तीन"

सतना जिलांतर्गत अवैध खनन/ परिवहन/भण्‍डारण के विरूद्ध कार्यवाही

[खनिज साधन]

14. ( *क्र. 5990 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 05 वर्षों में सतना जिले में खनिज विभाग द्वारा अवैध खनन, परिवहन व भण्‍डारण के विरुद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो वाहनों, क्रेशरों व वैध लीज़धारकों व संरक्षित खनिज क्षेत्रों से मिलने वाले सभी प्रकार के खनिजों से कितनी वसूली की गई?                                                   (ख) जिला अंतर्गत कितने क्रेशर संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) विगत 5 वर्षों से आज दिनांक तक किन क्रेशरों में क्या कार्यवाही हुई, अगर कार्यवाही हुई तो क्या दण्‍ड दिया गया? अगर दण्‍ड दिया गया तो क्या संचालकों द्वारा कार्यवाही के दौरान पाई गई कमियों में सुधार किया गया? (घ) सतना जिले के सभी प्रकार के भण्‍डारण की सूची प्रस्तुत करें और क्या सभी भण्‍डारण सही तरीके से संचालित हैं? ऐसे भण्‍डारण की सूची पृथक से देवें, जिनकी कोई भी खदान नहीं हो, वह सिर्फ भण्‍डारण का काम कर रहे हों? (ड.) गौण खनिज के अन्तर्गत आने वाले खनिज के सतना जिले में कितनी खदानें स्वीकृत हैं, कितनी क्रियाशील हैं, अभी तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है, किस खदान पर कितना डेड रेन्ट बकाया है, कितनी खदानें निरस्त की गईं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नानुसार विगत पांच वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पर दर्शित है।                                                (घ) प्रश्‍नानुसार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं 'पर दर्शित है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पर दर्शित है। इस परिशिष्‍ट में कार्यशील एवं अकार्यशील खदानों की जानकारी दर्शित है। चालू वित्‍तीय वर्षों में गौण खनिज से 11,61,13,298/- रूपये का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं 'पर दर्शित है।

सागर जिलांतर्गत नहरों का निर्माण

[जल संसाधन]

15. ( *क्र. 5715 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की सोनपुर मध्यम परियोजना द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने हेक्टेयर तथा किन ग्रामों के किसानों को सिंचाई सुविधा दी जा रही है? (ख) क्या जल संसाधन संभाग क्र. 02 जिला सागर द्वारा सोनपुर मध्यम परियोजना के तहत विकासखण्ड देवरी अंतर्गत उपनहरों के निर्माण हेतु भू-अर्जन प्रकरण गठित किये गये थे? यदि हाँ, तो अब तक इस हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) वर्णित परियोजना अंतर्गत उपनहरों एवं माइनर नहरों के निर्माण हेतु गठित प्रकरणों में शीघ्र भू-अर्जन कर नहरों का निर्माण कार्य करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सोनपुर मध्यम परियोजना से प्रश्न दिनांक तक 3500 हेक्टर क्षेत्र में कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जाना प्रतिवेदित है। लाभाविन्त ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ, सोनपुर मध्यम परियोजना के तहत विकासखण्ड देवरी अंतर्गत 03 उपनहरों के निर्माण हेतु भू-अर्जन प्रकरण तैयार किये गये थे। भू-अर्जन प्रकरणों की स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) मुख्य नहर की आर.डी. 0 किमी. से 29.70 किमी. के मध्य आने वाली 07 उपनहरों के भू-अर्जन प्रकरणों में प्रक्रिया पूर्ण कर अवार्ड पारित होने के उपरांत निर्माण कराया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। अनुबंध के अनुसार निर्माण कार्य 30.06.2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

परिशिष्ट - "चार"

सार्वजनिक वितरण प्रणाली अन्‍तर्गत की जाने वाली खरीदी हेतु राशि का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

16. ( *क्र. 5730 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या केन्‍द्र सरकार के द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्‍तर्गत की जाने वाली खरीदी हेतु राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान केन्‍द्र सरकार द्वारा नहीं किया गया है? केन्‍द्र सरकार द्वारा भुगतान नहीं किये जाने के क्‍या कारण हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुख्‍यमंत्री सम्‍मान निधि‍ की राशि का भुगतान

[राजस्व]

17. ( *क्र. 763 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) बैतूल जिले में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना में कितनी राशि का वितरण किया गया है? उक्‍त राशि में से मुलताई तहसील के कितने किसानों के खाते में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की कितनी राशि डाली गई है? (ख) क्‍या मुलताई तहसील के किसानों के खाते में प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री सम्‍मान निधि की राशि का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके क्‍या कारण हैं एवं किसानों के खाते में राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?  

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजनांतर्गत राशि रु. 29.93 करोड़ का वितरण किया गया है। मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजनांतर्गत मुलताई तहसील में 20846 हितग्राहियों के खातों में राशि रु. 4.1692 करोड़ डाली गई है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना में अपात्र किसानों से वसूली

[राजस्व]

18. ( *क्र. 5969 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) दिनांक 01.01.2021 की स्थिति में भोपाल, इन्‍दौर तथा ग्‍वालियर संभाग के अलग-अलग जिलों में कितने किसानों को अपात्र मानकर प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के अंतर्गत दी गई सहायता वापस जमा करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं? (ख) दिनांक 01.01.2021 की स्थिति में उपरोक्‍त में से कितने किसानों से राशि वसूल की जा चुकी है तथा कितने किसानों से राशि अभी वसूल की जाना शेष है?  

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                                                    (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पात्र-अपात्र का निर्धारण नहीं होने से शेष वसूली की संख्‍या बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पांच"

इंदौर में सहकारी संस्‍थाओं द्वारा भूमि का अवैध विक्रय

[सहकारिता]

19. ( *क्र. 5944 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2009 में राज्‍य सरकार द्वारा भू-माफियों के विरूद्ध अभियान चलाया गया था?                                                                   (ख) यदि हाँ, तो इंदौर जिले की किन-किन गृह निर्माण सहकारी समितियों के घोटाले संज्ञान में आये और उनमें क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या इंदौर की 45 समितियों ने लगभग 252 एकड़ जमीन की हेराफेरी कर जमीन बेची थी? यदि हाँ, तो उन समितियों का ब्‍यौरा दें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) इंदौर जिले की गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में अनियमितताओं के लिए चिन्हित संस्थाओं पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ग) इंदौर जिले की गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं द्वारा की गई भूमि विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है।

शीघ्रलेखकों का पदनाम परिवर्तित कर सेवा भर्ती नियमों में संशोधन

[राजस्व]

20. ( *क्र. 3375 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग (वेतन आयोग प्रकोष्ठ) के आदेश क्र. एफ-1-6/1/वेआप्र/91, दिनांक 11 नवम्बर, 1997 द्वारा शासन के सभी विभागों, समस्त संभागीय आयुक्तों एवं कलेक्टरों को सचिवालयेत्तर शीघ्रलेखकों के पदनाम परिवर्तित कर परिवर्तित पदनामों को सेवा भर्ती नियमों में संशोधन करने की कार्यवाही एक माह में करने के आदेश जारी किए गए थे? यदि हाँ, तो उक्त आदेश के परिपालन में राजस्‍व विभाग द्वारा निर्देशानुसार कार्यवाही कर अपने विभाग के शीघ्रलेखकों के पद नाम परिवर्तित कर सेवा भर्ती नियमों में पद नाम संशोधित कर दिए गए हैं? (ख) राजस्‍व विभाग द्वारा यदि उक्‍त कार्यवाही नहीं की गई है, तो उसके क्‍या कारण हैं? उक्‍त कार्यवाही कब तक पूर्ण करा ली जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बाणसागर के पथन्‍डा नहर से खेत में नाली निर्माण

[जल संसाधन]

21. ( *क्र. 6482 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र सतना के तहसील रघुराजनगर, विकासखण्‍ड सोहावल, रामस्‍थान से पूर्वा और पथन्‍डा नहर की निकासी हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों के खेतों से हुई है? सदस्‍य शुल्‍क जमा करने वाले व्‍यक्तियों के नाम सहित बतायें। (ख) क्‍या सदस्‍य शुल्‍क जमाकर्ता एवं किसानों के खेतों से होकर निकली नहर का पानी का उपयोग करने दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो नामजद किसानों को नहर से खेत तक सिंचाई करने हेतु आईकट नाली का निर्माण कराकर पानी छोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यदि नाली का निर्माण किया जाता है तो सिंचाई सुविधा का लाभ किसानों को मिल सकेगा?  

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी, हाँ। किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। किसी भी कृषक से सदस्यता शुल्क जमा नहीं कराना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) कमाण्ड एरिया में आने वाले समस्त कृषकों को सिंचाई हेतु पानी का उपयोग करने दिया जा रहा है। ग्राम रामस्थान में 250 हेक्‍टर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। काडा कार्य के अंतर्गत 5820 मीटर नाली का निर्माण किया जा चुका है। नाली के माध्यम से 194 हेक्‍टर क्षेत्र में कृषक सिंचाई कर रहे हैं, शेष 56 हेक्‍टर में कृषकों द्वारा उनकी जमीन नहर तल से ऊपर होने के कारण सीधे लिफ्ट के माध्यम से सिंचाई हेतु पानी लिया जाना प्रतिवेदित है। लिफ्ट हेतु कृषक निजी पंप रखे हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

डूब क्षेत्र प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा वितरण

[जल संसाधन]

22. ( *क्र. 5885 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती सिंचाई परियोजना का कार्य प्रगतिरत है? यदि हाँ, तो परियोजना की लागत निर्माण एजेंसी एवं अनुबंध शर्तों सहित कार्य पूर्ण करने की समयावधि आदि पूर्ण विवरण सहित बतावें (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त परियोजना के वर्तमान डूब क्षेत्र/वर्षाकाल में जल स्‍तर बढ़ने से डूब क्षेत्र तथा बाढ़ आने की स्थिति में ड़ूब क्षेत्र से कितने ग्रामों में कितनी चल-अचल संपत्ति पूर्ण व आंशिक रूप से प्रभावित हो रही है एवं प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रभावित लोगों को कितनी राशि का मुआवजा दिया जा चुका है तथा कितने लोगों को मुआवजा दिया जाना किन कारणों से कब से शेष है? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या परियोजना के ड़ूब क्षेत्र में पूर्व में हुये सर्वेक्षण के दौरान कई खामियां होने से प्रभावित किसानों की चल-अचल संपत्ति का सही आंकलन नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त संबंध में किस-किस स्‍तर पर कब-कब क्‍या-क्‍या शिकायतें प्राप्‍त हुईं तथा उनमें क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? क्‍या शासन डूब क्षेत्र विसंगति को दूर करने के लिये पुन: सर्वेक्षण करवाकर मुआवजा वितरण की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। परियोजना की लागत रू. 1815.54 करोड़ है। बांध के निर्माण हेतु कार्य की एजेंसी मेसर्स एल.सी.सी. प्रोजेक्‍ट प्रा.लि. भुज गुजरात। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि 03 वर्ष। नहर कार्य हेतु निर्माण एजेंसी मेसर्स पी.ई.एल. पार्वती (जे.व्‍ही.) हैदराबाद। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि 05 वर्ष। अनुबंध की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" एवं "2" अनुसार है। (ख) परियोजना के डूब क्षेत्र से 41 ग्रामों की 3048.042 हेक्‍टर भूमि प्रभावित हो रही है। डूब क्षेत्र में 04 ग्राम पूर्ण एवं 12 ग्राम आंशिक रूप से प्रभावित होना प्रतिवेदित है। 296 व्‍यक्तियों को रू. 43.59 करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है एवं 2917 व्‍यक्तियों को मुआवजा दिया जाना शेष है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ग) जी नहीं। अभिलेख अनुसार शासन स्‍तर पर कोई शिकायती पत्र प्राप्‍त होना नहीं पाया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

तहसीलदार द्वारा मान. न्‍यायालय के आदेशों का पालन न करने पर कार्यवाही

[राजस्व]

23. ( *क्र. 4860 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                           (क) क्‍या सक्षम शासकीय अधिकारियों द्वारा न्‍यायालयीन प्रकरणों में माननीय न्‍यायालय द्वारा पारित निर्णय/आदेश का पालन नहीं करना कदाचार की श्रेणी में आता है? (ख) यदि हाँ, तो नगर खिलचीपुर में स्थित पटवारी हल्‍का क्रमांक 57 (18) सर्वे क्र. 465/40 रकबा 2.023 हे. के विवादित प्रकरण में अपर आयुक्‍त भोपाल संभाग के प्र.क्र. 250/अपील/2018-19, आदेश दिनांक 09.09.2020 के द्वारा जो आदेश पारित किया गया? क्‍या उसका पालन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो किन कारणों से पालन नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित अपर आयुक्‍त भोपाल संभाग तथा माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेशों की अवहेलना करने पर तहसीलदार खिलचीपुर के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा बतायें 

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के प्रकरण क्रमांक डब्‍ल्‍यू.पी. 15591/2020 में पारित आदेश दिनांक 19.01.2021 अनुसार अपर आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल द्वारा अपील प्रकरण क्रमांक 250/अपील/2018-19 में पारित आदेश दिनांक 09.09.2020 निरस्त किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के आदेश के अनुक्रम में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

खदानों का सीमांकन कर चिन्‍हांकित स्‍थानों पर बोर्ड लगवाया जाना

[खनिज साधन]

24. ( *क्र. 6129 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न क्रमांक 280, दिनांक 22.09.2020 के उत्‍तर के (ग) में बताया गया था कि चिन्‍हांकित रेत खदानों पर शासन की ओर से किसी प्रकार का बोर्ड नहीं लगाया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) संदर्भित प्रश्‍नांश (ग) में यह भी बताया गया कि निविदा प्रपत्र की कंडिका 28 के अनुसार सूचना पटल पर कतिपय जानकारी ठेकेदार द्वारा प्रदर्शित किया जाना प्रावधानिक है, अगर है तो प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस खदान पर उनका सीमांकन करके चिन्‍हांकित स्‍थानों पर कब-कब बोर्ड लगवा दिये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उपरोक्‍त कार्य कराने में प्रश्‍न दिनांक तक लापरवाही की है, उनके विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि संबंधित जिले के उन ठेकेदारों ने प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍त कार्यों को नहीं कराया तो क्‍यों? ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? क्‍या ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध ठेका निरस्‍त करने की कार्यवाही की जावेगी तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। चिन्‍हांकित रेत खदानों पर शासन की ओर से बोर्ड लगाये जाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिये गये उत्‍तर अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छ:"

कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सिंध नदी पर स्वीकृत रेत खदानें

[खनिज साधन]

25. ( *क्र. 3635 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सिंध नदी पर वर्तमान स्थिति में किन-किन स्थानों पर रेत खदानों की स्वीकृति कब-कब जारी की गई? क्या उक्त स्वीकृत खदानों से रेत निकालने की विधिवत अनुमति प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो किन-किन खदानों से कितनी-कितनी मात्रा में रेत निकालने की अनुमति प्राप्त हुई है? स्वीकृत समस्त रेत खदानों के सर्वे नंबर, रकवा सहित समस्त जानकारी उपलबध करावें (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सिंध नदी पर स्टॉप डेमों के निर्माण होने के उपरांत ही उक्त सभी रेत खदानों की स्वीकृति पहली बार हुई है तथा पूर्व में कभी भी उक्त स्थानों पर रेत खदान स्वीकृत नहीं थीं? क्या उक्त नदी पर रेत खदान क्षेत्र में स्टॉप डेम होने से पानी भरा हुआ है, जो किसानों की कृषि सिंचाई हेतु उपयोग किया जा रहा है? क्या नियमानुसार जहां पानी भरा हुआ है, उस स्थान से रेत का खनन किया जा सकता है अथवा नहीं? (ग) यदि नहीं, तो फिर वर्षभर में 08 माह से अधिक समय तक खदान स्वीकृति क्षेत्र में पानी भरा होने पर रेत का खनन नियमानुसार कैसे हो सकता है? (घ) क्‍या जल भराव क्षेत्र से रेत खनन किए जाने हेतु असामाजिक तत्वों द्वारा स्टॉप डेमों के गेट तोड़कर रेत खनन हेतु पानी निकालने का लगातार प्रयास किया जा रहा है? ऐसी स्थिति में जबकि नियमानुसार उक्त खदानें संचालित नहीं हो सकती तो उक्त सभी खदानों की स्वीकृति को कब तक निरस्त कर दिया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में सिंध नदी पर स्‍वीकृत खदानों की प्रश्‍नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। पूर्व में दिनांक 30.01.2013 को नीलामी के माध्‍यम से 4 खदानें स्‍वीकृत की गईं थीं, परन्‍तु नियत समय-सीमा में वैधानिक अनुमतियां प्राप्‍त न होने के कारण खदान का संचालन नहीं किया गया। प्रश्‍नाधीन नदी पर 5 स्‍टॉप डेम बने हुए हैं, जिसके पानी का उपयोग सिंचाई हेतु किसानों द्वारा किया जा रहा है। रेत खदानें नियमानुसार स्‍टॉप डेम से 200 मीटर दूरी छोड़कर चिन्हित की गई हैं, जिन स्‍थानों पर पानी भरा है, उस स्‍थल से रेत का खनन नहीं किया जा सकता है। (ग) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण एवं व्‍यापार) नियम 2019 के प्रारूप-पांच की कंडिका 17 के अनुसार रेत का खनन नदी, नाले के भीतर प्रतिबंधित है। (घ) कुछ अज्ञात व्‍यक्तियों द्वारा गेट हटाकर पानी निकाला गया था। तत्‍समय सूचना मिलने पर जल संसाधन विभाग द्वारा गेट बन्‍द कर दिये गये हैं। स्‍टॉप डेम से नियमानुसार 200 मीटर की दूरी छोड़कर खदानें चिन्हित की गई हैं एवं विधिवत अनुमतियां प्राप्‍त होने के उपरांत ही रेत खदानों का संचालन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में सभी खदानों को निरस्‍त किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सात"

 

 

 

 








भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


श्रम कानूनों का पालन

[श्रम]

1. ( क्र. 1656 ) श्री राकेश मावई : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कुल कितनी औद्योगिक इकाईयां खोली गई है? उन औद्योगिक इकाईयों में क्‍या स्‍थानीय लोगों को रोजगार देने का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो किस श्रेणी अथवा श्रमिकों के कितने प्रतिशत लोगों को रोजगार दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के औद्योगिक इकाईयों में श्रम नीति क्‍या है? श्रम नीति की प्रति दें तथा उक्‍त इकाईयों में स्‍‍थानीय स्‍तर के युवाओं अथवा बेरोजगारों के कितने-कितने लोगों को कुशल, अकुशल, श्रमिक अथवा अर्द्ध श्रमिक व अन्‍य पदों पर रखा गया है? नाम, पद, स्‍थायी पता के साथ औद्योगिक इकाईवार जानकारी देवें। (ग) यदि प्रश्नांश (क) के औद्योगिक इकाईयों में स्‍थानीय लोगों का अनुबंध के अनुसार रखे गये (ख) के पदों की संख्‍या कम है? तो कौन-कौन दोषी है? उन पर कब क्‍या कार्यवाही करेंगे तथा अनुबंध मापदण्‍ड के अनुसार कब तक पदों की पूर्ति कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के औद्योगिक इकाईयों में से मयूर यूनी कोटर्स लिमिटेड एवं विक्‍टस में क्‍या एक भी स्‍थानीय एवं जिले के लोगों को किसी तरह के पदों में नहीं रखा गया है? तो क्‍यों? क्‍या इसे यह माना जायेगा कि उक्‍त औद्योगिक इकाई अपने अनुबंधों एवं श्रम कानून के विपरीत कार्य कर रही है? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध कब क्‍या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक स्‍थानीय लोगों को मापदण्‍डों के अनुसार पदों पर रखवा देंगे।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।

प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की जानकारी

[सहकारिता]

2. ( क्र. 1756 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली कौन-कौन सी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति विधानसभा क्षेत्र के बाहर स्थित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक (सीसीबी) की किन-किन शाखाओं में सम्मिलित है? बैंक की शाखावार उनमें सम्मिलित समितियों की जानकारी देवें?                   (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित विधानसभा क्षेत्र से बाहर स्थित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा छापीहेड़ा, खुजनेर एवं तलेन से पृथक कर विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कार्यरत सी.सी.बी. की शाखाओं में सम्मिलित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. राजगढ़ अंतर्गत सारंगपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली 12 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां निम्न शाखाओं में सम्मिलित है :- बैंक शाखा, पचोर अंतर्गत समिति-सुल्तानिया, पचोर, पटाडिया धाकड़ एवं उदनखेड़ी बैंक शाखा छापीहेड़ा अंतर्गत समिति-सिमरोल, बैंक शाखा तलेन अंतर्गत समिति- टिकोद एवं पाडल्या आंजना बैंक शाखा तलेन अंतर्गत समिति- पाटक्या, चिडलावनिया, धामन्दा, सांडावता एवं भ्याना। (ख) नियमानुसार निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी।

सिविल न्यायालय हेतु भूमि का आंवटन

[राजस्व]

3. ( क्र. 1758 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) राजगढ़ जिले में पचोर नगर में सिविल न्यायालय के निर्माण हेतु किस दिनांक को किस सर्वे नं. की कितनी हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया गया है एवं क्या उक्त भूमि का कब्जा न्यायालय के संबंधित अधिकारी को सौंप दिया गया है? यदि हाँ, तो, कब्जा सौंपने की दिनांक से अवगत करावें? यदि नहीं तो कब तक सौंपा जावेगा? (ख) क्या 4 दिसंबर 2020 को अपर कलेक्टर राजगढ़ के नेतृत्व में राजस्व अधिकारी, न्यायालय प्रतिनिधि व राजस्व अमले की उपस्थिती में जो पंचनामा बनाया गया था, उस पर क्या कार्यवाही की गयी है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले में पचोर नगर में सिविल न्यायालय के निर्माण हेतु दिनांक 12.10.2012 को सर्वे नंबर 249 रकवा 1.556 हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया गया है। भूमि का कब्जा दिनांक 27.05.2017 को न्यायालय के संबंधित अधिकारी को सौंप दिया गया। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

श्रमिक सुविधाओं की अद्यतन स्थिति

[श्रम]

4. ( क्र. 1917 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा श्रमिकों को क्या-क्या सुविधाएं देने के प्रावधान हैं व इस हेतु क्या-क्या नियम प्रक्रिया प्रचलन में है? (ख) श्रम विभाग द्वारा किस-किस वर्ग के श्रमिक शासकीय योजनाओं के लाभ के हकदार है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विगत दो वर्ष में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 32, अशोकनगर में किस-किस वर्ग के कितने श्रमिकों को क्या-क्या लाभ दिये गये?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाओं एवं योजनाओं का लाभ प्राप्‍त करने हेतु प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना असंगठित क्षेत्र के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को मिलने वाली योजनाओं एवं उनका लाभ प्राप्‍त करने हेतु प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। 3. म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल  योजना संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाओं एवं योजनाओं का लाभ प्राप्‍त करने हेतु प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र अ-2 अनुसार है। (ख) 1. म.प्र.भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कार्यों में संलग्‍न पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्‍त करने की पात्रता है। 2. मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना अंतर्गत प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। 3. म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल योजनांतर्गत संगठित क्षेत्र के श्रमिक योजनाओं का लाभ प्राप्‍त करने के हकदार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र क्र. 32 अशोकनगर में विगत 02 वर्षों में- 1. म.प्र.भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल  पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं में दिये गये हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। 2. मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल  योजना अंतर्गत प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 अनुसार है।

अशोकनगर जिले में खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

5. ( क्र. 1924 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में खनिज विभाग द्वारा कितनी रेत, मुरम, गिट्टी खदानें वर्तमान में किन-किन ठेकेदारों द्वारा कब से संचालित की जा रही है और किस अवधि तक की जावेंगी?               (ख) इनकों किस दर से खदानें दी गई खदान स्‍वीकृति के लिये शासन द्वारा वर्तमान में प्रचलित जारी दिशा निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अशोकनगर जिले में पत्‍थर, मुरूम व रेत की खदानें जो वर्तमान में स्‍वीकृत व संचालित हैं, उनका विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। शेष जानकारी भी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्‍थर व मुरूम की खदानें मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत उत्‍खननपट्टों पर स्‍वीकृत हैं तथा रेत की खदानें मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत समूह के ठेकेदारों को निविदा से ठेके पर स्‍वीकृत है। उक्‍त दोनों नियम अधिसूचित है।

चालक प्रशिक्षण स्‍कूल खोलने के निर्देश

[परिवहन]

6. ( क्र. 2303 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) चालक प्रशिक्षण स्‍कूल खोलने के संबंध में राज्‍य सरकार तथा भारत सरकार के क्‍या-क्‍या निर्देश है उनकी प्रति दें। (ख) मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को चालक प्रशिक्षण स्‍कूल बेगमगंज में खोलने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र 1 दिसम्‍बर 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब प्राप्‍त हुए? (ग) उक्‍त पत्रों पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा प्रश्‍नकर्ता विधायक को की गई कार्यवाही से कब अवगत कराया? (घ) चालक प्रशिक्षण स्‍कूल बेगमगंज में कब तक प्रारंभ हो जायेगा पूर्ण विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) चालक प्रशिक्षण स्कूल खोलने के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी स्कीम की वांछित प्रतियां  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट अनुसार  है।            (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक ने माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को पत्र क्रमांक 676 दिनांक 12.12.2019 को लिख कर बेगमगंज जिला रायसेन में ''चालक प्रशिक्षण स्कूल खोले जाने के संबंध में भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में माननीय श्री नितिन गड़करी जी को लिखे उनके पत्र क्रमांक 512 दिनांक 19 जुलाई 2019 के अनुसरण में माननीय केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा उनके पत्र क्रमांक 12017/18/2019/आरएस दिनांक 18 नवंबर 2019 के अनुसरण में चालक प्रशिक्षण स्कूल बेगमगंज जिला रायसेन में खोले जाने का प्रस्ताव पत्र भारत सरकार को भेजने का उल्लेख किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय म.प्र. के पत्र क्रमांक 111/CMS/MLA/143/2020 भोपाल दिनांक 02.01.2020 से माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह का पत्र विभाग को भेजा गया। जिस पर म.प्र. शासन परिवहन विभाग ने परिवहन आयुक्त म.प्र. ग्वालियर को उपरोक्त संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही करने हेतु लेख किया। इसी अनुसरण में परिवहन विभाग म.प्र. शासन ने पत्र क्रमांक एफ 22-28/2020/आठ/300 दिनांक 04.02.2020 पत्र क्रमांक एफ 22-28/2020/आठ भोपाल दिनांक 12.02.2020 एवं पत्र क्रमांक 22-28/2020/आठ भोपाल दिनांक 06.03.2021 परिवहन आयुक्त कार्यालय को प्रेषित किये गये।  (ग) माननीय श्री नितिन गड़करी जी, परिवहन मंत्री भारत सरकार को माननीय विधायक द्वारा संबोधित पत्र, परिवहन आयुकत कार्यालय में भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पत्र दिनांक 28 अक्टूबर, 2019 के साथ 31.10.2019 को प्राप्त हुआ था। जिसके क्रम में माननीय विधायक जी को पत्र क्रमांक 04/तक/टीसी/2019 दिनांक 01.1.2020 से केन्द्र सरकार की स्कीम अनुसार बेगमगंज में चालक प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने के विषय में अवगत कराकर प्रस्ताव संबंधी प्रक्रिया का अनुरोध किया गया था। परिवहन आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 3833/निज सचिव/टीसी/2020 ग्वालियर दिनांक 05.09.2020 के द्वारा समस्त जिला परिवहन कार्यालयों को केन्द्र सरकार की स्कीम No. RT-25044/03/2017-RS के तहत चालक प्रशिक्षण स्कूल खोलने जाने हेतु जारी किया गया था। किन्तु उक्त स्कीम के तहत चालक प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने हेतु निर्धारित मापदंडों का बेगमगंज में चालक प्रशिक्षण स्कूल खोलने का प्रस्ताव किसी संस्था/व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया; इस कारण बेगमगंज में चालक प्रशिक्षण स्कूल खोलने का प्रस्ताव भारत सरकार को नहीं भेजा गया है। जिला परिवहन अधिकारी, रायसेन ने इस स्कीम के तहत पत्र क्रमांक 22/जि.प.अ./2021 रायसेन दिनांक 20.01.2021 से कलेक्टर द्वारा आवंटित भूमि पर ड्रायविंग ट्रेनिंग स्कूल स्थापित करने हेतु प्रस्ताव परिवहन आयुक्त कार्यालय में प्राप्त हुआ था जो परिवहन आयुक्त द्वारा अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 521/टीसी/2021 दिनांक 23.01.2021 से संयुक्त सचिव, भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को स्वीकृति हेतु अग्रेषित किया जा चुका है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

रामपुरटोला के निवासियों का व्‍यवस्‍थापन

[जल संसाधन]

7. ( क्र. 2304 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रायसेन जिले के विकासखण्‍ड सिलवानी के अन्‍तर्गत नगरपुरा नगझिरी जलाशय के निर्माण में ग्राम सनाईडार के रामपुरटोला का बांध के पानी भर जाने के कारण मूल ग्राम सनाईडार से विभाजन हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम सनाईडार के रामपुरटोला के निवासियों का व्‍यवस्‍थापन क्‍यों नहीं किया जा रहा है तथा इस संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश है? उनकी प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में माननीय मंत्री जी, विभाग के अधिकारियों तथा कलेक्‍टर रायसेन को 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुये उक्‍त पत्रों में उल्‍लेखि‍त बिन्‍दुओं पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा प्रश्‍नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम सनाईडार का रामपुरटोला डूब प्रभावित नहीं है, परन्‍तु तीन तरफ पानी से घिरा होने एवं पहुंच मार्ग बाधित होने के कारण प्रभावित 17 मकानों के मुआवजा प्रदान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) पत्रों पर की गई कार्यवाही से माननीय सदस्‍य को अवगत कराया गया है। पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "आठ"

माथनी लघु जलाशय के क्षतिग्रस्‍त नहर गेट

[जल संसाधन]

8. ( क्र. 2338 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या जल संसाधन संभाग मुलताई अंतर्गत निर्मित लघु जलाशय माथनी नहर का गेट वर्षों से क्षतिग्रस्‍त है तथा नहर गेट के लोहे की चादरें व सामग्री स्‍थायी रूप से क्षतिग्रस्‍त है। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संबंध में ग्रामवासियों द्वारा लगातार मांग करने पर अस्‍थायी रूप से वर्षाकाल में मिट्टी डाल कर प्रवाह बंद किया जाता हैं। (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के संबंध में 20 हा.पा. का जल प्रवाह गेट बंद होने के बाद भी चालू रहता हैं, जिससे कि जल का अपव्‍यय होता हैं।            (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में व्‍यापक जनहित में नहर गेट की क्षति का मरम्‍मत कार्य शासन शीघ्र पूर्ण करायेगा और कब तक।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) इस वर्ष गेट को बंद करते समय कुछ छोटे पत्‍थरों के टुकड़े गेट के नीचे फस जाने से संपूर्ण गेट बंद नहीं होने के कारण वर्षाकाल में मिट्टी डालकर प्रवाह बंद किया जाना प्रतिवेदित है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) गेट क्षतिग्रस्‍त नहीं होने से मरम्‍मत कराने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

मुलताई में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना

[जल संसाधन]

9. ( क्र. 2341 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मरकालढोडा, जामुनडोर, झिरी, पावल एवं सोमगढ़ विकासखण्‍ड पट्टन के कृषकों हेतु शासन की ओर से फसलों की सिंचाई के लिए कौन-कौन से संसाधन उपलब्‍ध है एवं इससे कितने हेक्‍टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध हो रही है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए शिवझिरी नदी पर बांध बनाने की शासन की कोई योजना है, यदि हाँ, तो प्रगति से अवगत कराएं यदि नहीं तो क्‍या शिवझिरी नदी पर बांध बनाया जाकर उक्‍त ग्राम के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मरकालढोडा, जामुनडोर एवं सोमगढ़ ग्राम में जल संसाधन विभाग की कोई परियोजना निर्मित नहीं है। झिरीग्राम में झिरी बांध से एवं पावल ग्राम में पावल बांध से क्रमश: 110 हेक्‍टेयर एवं 240 हेक्‍टेयर रकबे में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं, अपितु शिवझिरी नदी पर पूर्व से ही झिरी बांध निर्मित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ

 [राजस्व]

10. ( क्र. 2486 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अन्तर्गत किसानों को लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को लाभ दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पात्र किसानों में से कितने किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदाय की गई है और कितने किसानों को सम्मान निधि का लाभ नहीं दिया गया हैं? जिले की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि भुगतान नहीं हुई भुगतान न होने के क्या करण है? यदि किसानों का सत्यापन नहीं होने से भुगतान नहीं हुआ है तो सत्यापन हेतु जिम्मेदार अधिकारी कौन-कौन है नाम व पदनाम सहित सूची देवें? क्या दोषी अधिकारी पर कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक। (घ) सत्यापन नहीं होने के कारण जिन किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना अन्तर्गत राशि भुगतान नहीं हुई है उन्हें कब तक सत्यापन कर राशि भुगतान की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। 85976 किसानों को योजना का लाभ दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 85976 किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि की राशि प्रदाय की गई है। पात्र किसानों द्वारा वांछित दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराने पर योजना का लाभ दिया जाता है। जिले में 85976 किसानों को योजना का लाभ दिया गया है। किसानों की संख्‍या परिवर्तन शील होने के कारण शेष संख्‍या बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पात्र किसानों द्वारा वांछित दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराने पर योजना का लाभ दिया जा रहा है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

181 सी.एम. हेल्‍पलाईन में शिकायत का निराकरण

[लोक सेवा प्रबन्धन]

11. ( क्र. 2682 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 181 सी.एम. हेल्‍पलाईन में एक मार्च 2020 से 05 फरवरी, 2021 तक कितनी शिकायतें  नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में दर्ज की गईं? संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें? (ख) क्‍या यह सही है कि 181 सी.एम. हेल्‍पलाईन में शिकायत करने के पश्‍चात् संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा शिकायतकर्ता पर दबाव डालकर व झूठा आश्‍वासन देकर उससे शिकायत वापस करवा ली जाती है तथा निराकरण की सूचना शासन को प्रेषित कर शासन को गुमराह किया जाता है? जबकि शिकायतें यथास्थिति में रहती हैं जिससे शासन की छवि खराब होती है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 181 सीएम हेल्‍पलाईन में 01 मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में कुल 8037 शिकायतें दर्ज की गई है, जिसमें से 6285 संतुष्टि के साथ बंद, 952 शिकायतें फोर्स क्‍लोज, 207 शिकायतें आंशिक रूप से बंद, 28 शिकायते cpgrams के अंतर्गत बंद, 18 शिकायतें मर्ज की गई एवं 547 शिकायतें लंबित है। (ख) जी नहीं, 181 सीएम हेल्‍पलाईन पोर्टल पर शिकायतकर्ता की संतुष्टि परिक्षण पश्‍चात उसकी सहमति के आधार पर 181 कॉल सेंटर द्वारा बंद की जाती है। अत: शेष प्रश्‍नांश के उत्‍तर का प्रश्‍न नहीं उठता।

उज्जैन संभाग में अनावरी रिर्पोट की जानकारी

[राजस्व]

12. ( क्र. 3179 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्या उज्जैन संभाग में वर्ष 2018 से 2021 प्रश्‍न दिनांक तक फसलों का नुकसान हुआ है? यदि हाँ तो कितने किसानों की कौन-कौनसी फसल को किस कारण से नुकसान हुआ है? क्या इसकी अनावारी कराई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उज्जैन संभाग में कलेक्टर के द्वारा पटवारियों के दल बनाकर कब-कब और कहाँ-कहाँ पर अनावारी कराई गई? फसलों की नुकसानी की अनावारी की रिर्पोट का तहसीलवार, आंकड़ा देवें। (ग) किसानों ने उज्जैन संभाग में कौन-कौनसी फसल बोई थी? पटवारी की निरीक्षण रिर्पोट तहसीलवार किसानों की संख्‍या सहित देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। फसल नुकसान की कृषकों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिलों द्वारा आनावारी कराई गई है। (ख) उज्जैन संभाग में कलेक्टर द्वारा राजस्‍व विभाग एवं कृषि विभाग का संयुक्‍त दल गठित कर फसल क्षति का सर्वे कराया गया। आनावारी रिपोर्ट का तहसीलवार आंकड़ा  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) उज्जैन संभाग में मुख्‍यत: सोयाबीन, गेंहू, चना, आलू, लहसन, प्‍याज, मक्‍का, कपास, उड़द, मसूर, धनिया, राई-सरसौं, मूंग, मूंगफली, मेथी, इसबगोल आदि फसले बोई गई थी। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

ऋण पुस्तिका जारी न करने वालों पर कार्यवाही

[राजस्व]

13. ( क्र. 3221 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) जिला सिंगरौली में तहसीलों द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में कितने भू-अधिकर पत्र/ऋण पुस्तिकाएं किसानों को आवंटित की गई तथा कितने ऐसे आवेदन तहसीलों में ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र कब से लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऋण पुस्तिका आवंटित की गई उनमें से कितने पुराने ऋण पुस्तिका  जमा कराकर नई ऋण पुस्तिका जारी की गई की यह भी बतावें कि द्वितीय ऋण पुस्तिका जारी किये जाने के पूर्व किसानों से कौन-कौन सी औपचारिकताएं पूरी कराई जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी ऋण पुस्तिकाओं में से कितनी ऋण पुस्तिकाएं द्वितीय प्रति किसानों की गुम हो जाने या नष्‍ट हो जाने से आवेदन प्राप्‍त कर जारी की गई इस बाबत् कितने आवेदन किन तहसीलों में कब से लंबित हैं इस बाबत् क्‍या निर्देश जारी करेंगे एवं इन किसानों को कब तक ऋण पुस्तिका उपलब्‍ध करा देवेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तारतम्‍य में किसानों के नवीन ऋण पुस्तिका एवं द्वितीय प्रति ऋण पुस्तिका बाबत् जो आवेदन दिये गये उनमें से कितने आवेदन लोक सेवा के माध्‍यम से तहसीलदारों को प्राप्‍त हुये एवं कितने आवेदन सीधे तहसील कार्यालय में जमा कराये गये की जानकारी पृथक-पृथक देवें? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार ऋण पुस्तिका किसानों को समय पर उपलब्‍ध नहीं करायी गई किसानों के आवेदन तहसीलों में लंबित हैं थानों में आवेदन दर्ज कराने एवं शपथ पत्र के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है इसके लिये किसको जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे एवं जिन किसानों के आवेदन ऋण पुस्तिका बाबत् लंबित हैं कब तक दिलवा देगें बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सिंगरौली की तहसीलों द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में 23476 भू-अधिकार पत्र/ऋण पुस्तिकायें किसानों को आवंटित की गई तथा 811 आवेदन तहसीलों में भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका के समय-सीमा में लंबित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र जो आवंटित की गई उनमें से 3243 पुराने ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र जमा कराकर नई ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र जारी की गई। द्वितीय ऋण पुस्तिका जारी किये जाने के पूर्व किसानों से आवेदन पत्र, थाना की प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति, शपथ पत्र, स्‍थानीय बैंकों के नोड्यूज आदि औपचारिकतायें पूरी कराई जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी ऋण पुस्तिकाओं में से 703 ऋण पुस्तिकायें द्वितीय प्रति किसानों की गुम हो जाने या नष्‍ट हो जाने से आवेदन प्राप्‍त कर जारी की गई। इस बावत तहसील सिंगरौली नगर में         05 आवेदन ऋण पुस्तिका के लंबित है, जो समय-सीमा के अन्‍दर के है एवं इन किसानों को  समय-सीमा में ऋण पुस्तिकाये उपलब्‍ध करा दी जावेंगी। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तारतम्‍य में किसानों के नवीन ऋण पुस्तिका एवं द्वितीय प्रति ऋण पुस्तिका बावत जो आवेदन दिये गये उनमें से सभी आवेदन लोक सेवा के माध्‍यम से तहसीलदारों को प्राप्‍त हुये। तहसीलो में कोई भी आवेदन जमा नहीं कराया गया है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार ऋण पुस्तिका किसानों को समय पर उपलब्‍ध कराई गई है। किसानों के आवेदन तहसीलो में जो लंबित है उन्‍हें समय-सीमा में निराकृत कर ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र उपलब्‍ध करा दी जावेंगी। थानों में आवेदन दर्ज कराने एवं शपथ पत्र के नाम पर किसानों को परेशान नहीं किया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरचनाओं की स्थिति

[जल संसाधन]

14. ( क्र. 3342 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) खंडवा जिले के ग्रामीण किसानों के हित में विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कितनी जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है? वर्षवार उनकी संख्या एवं उनपर किये गये व्यय की स्थिति बताएँ? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में कितने तालाब, स्टॉप डेम एवं नहरों का निर्माण किया गया है? सूची उपलब्ध कराये? (ग) क्या विभाग द्वारा शासन की योजनाओं को केवल कागज पर क्रियान्वित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इनके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) क्या विभाग की निष्क्रिय कार्यप्रणाली के कारण आवश्यक जलसंरचनाओं की सुविधा से वंचित ग्रामीण किसानों के हित में विभाग द्वारा जिला/शासन स्तर से निर्णय लिये जाएगे? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खण्‍डवा जिला अंतर्गत जल संसाधन संभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में 02 लघु सिंचाई तथा 02 मध्‍यम सिंचाई परियोजनाओं का कार्य कराया जा रहा है, जो निर्माणाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) खण्‍डवा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में किसी तालाब अथवा स्‍टॉप डैम का निर्माण नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।          (घ) परियोजनाओं का निर्माण कार्य उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों पर निर्भर होती है। खण्‍डवा जिले में प्रस्‍तावित एवं चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सर्वेक्षित परियोजनाओं की डी.पी.आर. शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "नौ"

गौण खनिज के मामलों में कार्यवाही

[खनिज साधन]

15. ( क्र. 3368 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग जिला जबलपुर में किस-किस पद पर कब से कौन-कौन पदस्थ हैं एवं कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों? सूची दें। (ख) जबलपुर जिले में स्वीकृत व पट्टे पर आवंटित  गौण खनिज क्षेत्रों में क्या अनियमितताएं व शिकायतें पाई गई हैं और इस सम्बंध में किन-किन खदान संचालकों पर कब किसने क्या कार्यवाही की है? वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित किन कर्मचारियों/अधिकारियों ने गौण खनिज का अवैध रूप से उत्खन्न, परिवहन व भण्डारण से सम्बंधित कितने प्रकरण पंजीकृत किये हैं एवं कहाँ-कहाँ से कितनी मात्रा में कितनी राशि गौण खनिज और कितने वाहनों को जब्त किया है? तथस कितने-कितने वाहनों को किसके आदेश से छोड़ा गया है? (घ) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत किन प्रकरणों में अभियोजना की कार्यवाही हेतु न्यायालय कलेक्टर जबलपुर में कब प्रस्तुत किया गया है एवं किन प्रकरणों को प्रस्तुत नहीं किया है एवं क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है।              (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं होने से शेष जानकारी निरंक है।

सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी

[सहकारिता]

16. ( क्र. 3888 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में बैतूल विकासखण्‍ड क्षेत्रांतर्गत कितने कर्मचारी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में किस-किस पद पर कार्यरत है? कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी उनके नाम पते, पद तथा उक्‍त सहकारी समितियों के नाम सहित उपलब्‍ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों द्वारा सभी सह.समि.दुकानें बंद कर प्रदेश भर में नियमितीकरण एवं अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कलम बंद आंदोलन किया जा रहा है? क्या कर्मचारियों ने इस संबंध में सरकार को कोई ज्ञापन सौंपा है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा ज्ञापन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावे। (ग) शास.उचित मूल्य की दुकानें बंद कर कर्मचारियों द्वारा हड़ताल पर चले जाने से गरीब उपभोक्ताओं पर क्या असर होगा? इस संबंध में शासन द्वारा क्या व्यवस्था की जावेगी? (घ) कर्मचारियों के मांगों के अनुरूप उनके ज्ञापन बिन्दुओं पर क्या शासन द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब की जावेगी।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  पर है। (ख) जी नहीं, जी हाँ, प्राप्त ज्ञापन परीक्षणाधीन है। (ग) शासकीय उचित मूल्‍य दुकानें यथावत संचालित हो रही हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '' अनुसार समायवधि बताना संभव नहीं।
परिशिष्ट - "दस"

खनिज रायल्‍टी का समायोजन

[खनिज साधन]

17. ( क्र. 4005 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी एवं सतना जिलों की सीमेन्‍ट फैक्‍टरियों को एवं प्रदेश के बाहर के संयत्रों को रेल्‍वे के माध्‍यम से भी सप्‍लाई किए गए लाईम स्‍टोन, लेटेराईट बिना रायल्‍टी चुकाए विगत वर्षों में विक्रय किया था। जिनके प्रकरण कलेक्‍टर कटनी एवं सतना कलेक्‍टर के न्‍यायलय से जुर्माना किए गए है ऐसी जानकारी प्राप्‍त हुई है और कुछ प्रकरण अभी भी इन्‍हीं न्‍यायालयों में चल भी रहे है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विगत 3 वर्षों में किन-किन के प्रकरणों में किन-किन फर्मों के विरूद्ध कलेक्‍टर न्‍यायालय सतना एवं कटनी से कितना-कितना जुर्माना किया गया है प्रकरणवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्‍या ट्रेडर्सों द्वारा सप्‍लाई किए चूना पत्‍थर, लेटेराईट मैहर सीमेन्‍ट वर्तमान में अल्‍ट्राटेक सीमेन्‍ट लिमिटेड सतना के प्रकरणों में कलेक्‍टर सतना (खनिज शाखा) जिला सतना द्वारा पत्र क्रमांक 185/खनिज/2020 दिनांक 21/01/2020 से 27,75,97,677 रूपये चूना पत्‍थर कुल देय रायल्‍टी में से समायोजित किया गया है आगे भी कोई राशि और भी समायोजित करने के निर्देश शासन से प्राप्‍त हुए है यदि हाँ, तो उन आदेशों का विवरण उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में कटनी के ट्रेडर्सों के प्रकरण में भी समान कार्यवाही को दृष्टिगत रखते हुए अल्‍ट्राटेक की भांति रायल्‍टी की वापसी या समायोजन किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्न अनुसार न्यायालय कलेक्टर कटनी में दर्ज/निराकृत/विचाराधीन प्रकरणों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। जिन प्रकरणों में न्यायालय कलेक्टर कटनी द्वारा जुर्माना अधिरोपित किया गया है वह जानकारी भी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। सतना जिले में इस प्रकार का कोई भी प्रकरण न्यायालय कलेक्टर सतना में दर्ज नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।           (ख) विगत 05 वर्षों में न्यायालय कलेक्टर कटनी द्वारा जिनके विरूद्ध जुर्माना अधिरोपित किया गया हैउसकी प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। जहाँ तक सतना जिले का प्रश्न हैप्रश्नांश (क) में दिए गए उतर के परिप्रेक्ष्य में सतना जिले की जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं। (घ) कलेक्टर खनिज शाखा सतना से प्राप्त जानकारी अनुसार ट्रेडर्स द्वारा सप्लाई किए गए चूना पत्थर/लेटेराइट मैहर सीमेंट वर्तमान में अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेडसतना के प्रकरणों में कलेक्टर सतना द्वारा कोई रायल्टी समायोजित नहीं की गई है। पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ  अनुसार ट्रेडर्सों के प्रकरण न्यायालय कलेक्टर कटनी में दर्ज किए गए थे जिनमें से कुछ प्रकरणों में निर्णय लिया जाकर जुर्माना अधिरोपित किया गया है। 01 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया हैशेष प्रकरण न्यायालय कलेक्टर कटनी में विचाराधीन है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

खनिज निरीक्षक के संबंध में

[खनिज साधन]

18. ( क्र. 4006 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के खनिज साधन विभाग में कुल कितने खनिज निरीक्षक कब से कार्यरत है? नाम सहित बताएं तथा कार्यरत खनिज निरीक्षकों को क्‍या-क्‍या कार्य सौंपे गए है? (ख) क्‍या            श्री पवन कुशवाहा खनिज निरीक्षक के कार्य क्षेत्र में भारी मात्रा में अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है? जिससे शासन को भारी क्षति हो रही है? उक्‍त निरीक्षक ने खनन माफियाओं को भारी लाभ पहुँचाया और स्‍वयं भी लाभ प्राप्‍त किया? (ग) प्रश्नांश (ख) के निरीक्षक की चल अचल संपत्ति का क्‍या विवरण विभाग को प्रस्‍तुत किया है? विगत पाँच वर्षों की वर्षवार जानकारी दें। (घ) उक्‍त खनिज निरीक्षक के सतना कार्यकाल में उनके कार्यक्षेत्र की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में संबंधित खनिज निरीक्षक को सतना से अन्‍यंत्र स्‍थानांतरित कर उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के खनि निरीक्षक की चल सं‍पत्ति की जानकारी उपलब्‍ध नहीं है। अचल संपत्ति की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-द अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

घोघरी डेम का निर्माण कार्य

[जल संसाधन]

19. ( क्र. 4037 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल में क्या घोघरी डेम का निर्माण कार्य प्रारंभ है? इस डेम के लाभान्वित ग्रामों में क्या कमांड क्षेत्र से लगे ग्राम सोनारखापा, गौंडीगौला तथा बघोली को भी सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इन ग्रामों के सभी किसानों को सिंचाई हेतु डेम का पानी प्राप्त होगा? ऐसे किसान जो लाभ से वंचित है, ग्रामवार संख्‍या देते हुए लाभ नहीं मिलने का कारण सहित पूरी जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या ग्राम बघोली में कई किसानों के खेतों की मेड़ से डेम की नहर जा रही है किन्तु उन्हे डेम के पानी से वंचित रखा गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कृषकों की संख्‍या लाभ से वंचित रखे जाने के कारण सहित उपलब्ध करावे। क्या इन किसानों को प्रश्नाधीन डेम से लाभान्वित किया जावेगा? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नाधीन डेम के लाभान्वित ग्रामों में क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों को सम्मिलित किया जाकर सभी किसानों को लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बैतूल जिले में घोघरी बांध का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। ग्राम बघोली पूर्णता सम्मिलित किया गया है, जिससे सभी किसानों को सूक्ष्‍म सिंचाई पद्धति से पानी प्राप्‍त होगा। सोनारखापा एवं गौड़ी-गौला ग्राम का पूर्ण रकबा घोघरी बांध के प्रस्‍तावित सिंचित रकबे से बाहर होने से शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। ग्राम बघोली के अंतर्गत आने वाला सम्‍पूर्ण जी.सी.ए. की भूमि सिंचित होगी। अत: शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। केवल बघोली ग्राम सम्मिलित है। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

रेत के अवैध उत्‍खनन, परिवहन एवं भण्‍डारण के लंबित प्रकरण

[खनिज साधन]

20. ( क्र. 4075 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में शहडोल जिले में अवैध रेत उत्‍खनन, परिवहन एवं अवैध भण्‍डारण के कितने-कितने प्रकरण कहाँ-कहाँ पकड़े गये हैं?                           (ख) प्रश्‍नाधीन पकड़े गये प्रकरणों में किस-किस व्‍यक्ति के कौन-कौन से वाहन तथा कितनी-कितनी मात्रा में रेत जप्‍त की गई? विवरण सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) किन-किन प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णय पारिय कर दण्डित किया गया और किन-किन प्रकरणों को दण्‍ड देने योग्‍य नहीं पाया गया तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के कॉलम क्रमांक 8 पर दर्शित अनुसार है।

वैध एवं अवैध केसर खादनों की जानकारी

[खनिज साधन]

21. ( क्र. 4209 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में कितने क्रेसर खदान आदिवासी एवं गैर आदिवासियों के नाम से संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) क्‍या उक्‍त खदानें जिस व्‍यक्ति या फर्म के नाम से ली गई लीज भूमि/खदानों पर वास्‍तविक मालिक द्वारा संचालित हैं या किसी अन्‍य व्‍यक्ति द्वारा संचालित की जा रही है। लीज अवधि, स्‍थल का नाम व खसरा नं. एवं रकबा सहित नामजद क्रेसर खदानों की जानकारी प्रदान करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मण्‍डला जिले में 06 क्रेशर खदानें आदिवासी के नाम पर संचालित है एवं 50 खदानें गैर आदिवासियों के नाम से संचालित है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है।

भू-दान से प्राप्‍त भूमि का आवंटन

[राजस्व]

22. ( क्र. 4243 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) बाबा विनोवाभावे द्वारा चलाया गया भू-दान आन्दोलन मध्यप्रदेश में भी चला था यदि हाँ, तो कब से कब तक? (ख) भू-दान आन्दोलन के आरम्भ से नवगठित मध्यप्रदेश में (छत्तीगढ़ छोड़कर) कितनी भूमि दान में प्राप्त हुई जिलेवार जानकारी देवें? (ग) भू-दान से प्राप्त भूमि कितने लोगों को आवंटित की गई जिलेवार जानकारी देवें? (घ) भू-दान से प्राप्त भूमि जिसका आवंटन शेष है उस भूमि की जिलेवार जानकारी देवें। (ङ) क्या भू-दान की शेष भूमि के आवंटन की कोई योजना शासन स्तर पर बनी है अथवा विचाराधीन है यदि हाँ, तो जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भू-दान आन्‍दोलन वर्ष 1951 से प्रारम्‍भ होकर मध्‍यप्रदेश के गठन दिनांक 1/11/1956 के पूर्व से भू-दान आन्‍दोलन प्रचलित था, जो मध्‍यभारत, विंध्‍यप्रदेश आदि द्वारा लागू विभिन्‍न अधिनियमों के अंतर्गत प्रचलित था तथा राज्‍य पुनर्गठन उपरान्‍त इन अधिनियमों को निरसित करते हुए म.प्र. भू-दान यज्ञ अधिनियम, 1968 पारित किया गया जो कालान्‍तर में मध्‍यप्रदेश भूदान यज्ञ (निरसन) अधिनियम, 1992 के द्वारा निरसित किया गया। (ख) जिलेवार प्राप्‍त भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भूदान में प्राप्‍त भूमि कितने लोगों को आवंटित की गई इसकी जिलेवार जानकारी संधारित नहीं है।            (घ) भूदान में प्राप्‍त भूमि जिनका आवंटन शेष है उसकी जिलेवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

किसानों को चने की उपज का भुगतान

[सहकारिता]

23. ( क्र. 4371 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष जून 2020 में किसानों द्वारा शासकीय उपार्जन केन्द्रों पर तौली गई चने की उपज में खरई उपार्जन केन्द्र के 15 किसानों को उनकी कुल उपज 1226.50 राशि रू. 5979187 तथा कोलारस में 12 किसानों को कुल उपज 616.00 की राशि रू. 3002997.00 का भुगतान आज दिनांक तक किन कारणों से नहीं हो सका है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी किसानों के पास उपार्जन केन्द्र पर कराई गई तौल की कम्प्यूटर की रसीद उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो क्या बिना उपज की तौल कराए किसी किसान को कम्प्यूटर से निकली तौल रसीद प्रदाय की जा सकती है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं तो फिर तौल कराने की रसीद होते हुए भी किन-किन आधारों पर उक्त किसानों को ही चिन्हित कर उनका भुगतान रोका गया है? स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या उपार्जन केन्द्र के कर्मचारियों की लापरवाही से हुई शार्टेज को इन किसानों पर थोपकर उपज का समायोजन किए जाने की योजना है? विभाग द्वारा इस पहलू पर अब तक क्या कोई जाँच की गई है? यदि नहीं तो क्यों? उक्त सभी 27 किसानों के प्रकरण में अब तक की गई जाँच के समस्त दस्तावेज/प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध करावें तथा स्पष्ट करें कि कब तक उक्त सभी किसानों को उनकी उपज के मूल्य का भुगतान कर दिया जावेगा?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) कोलारस केन्द्र के 15 किसानों की मात्रा 1226.50 क्विंटल राशि 5979187.00 रूपये एवं खरई केन्‍द्र के 12 कृषकों की मात्रा 616.00 क्विंटल राशि 3002997.00 रूपये के कृषकों का भुगतान अनुविभागीय स्‍तर की जाँच में पंजीयन/खरीदी पावती रसीद फर्जी पाई जाने से, हम्मालों, केन्‍द्र प्रभारी से जाँच करने पर पाया गया कि उक्‍त कृषकों के द्वारा जिंस केन्‍द्र पर लाना नहीं पाया गया। जिला उपार्जन कमेटी में लिए गये निर्णयानुसार उक्‍त किसानों को भुगतान नहीं किया गया। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश "क" में उल्‍लेखित किसानों के पास तौल की रसीद उपलब्‍ध है, बिना उपज प्रदाय किये तौल पर्ची प्रदाय किया जाना पाया गया है, जाँच के आधार पर तत्‍कालीन समिति सहायक द्वारा मिली भगत कर आपरेटर से फर्जी रसीद जारी करवाना पाया गया है। संस्‍था प्रबंधक/हम्मालों के बयान के आधार एवं हम्मालों द्वारा उक्‍त कृषकों की तौल नहीं कराई गयी है। संस्था कर्मचारियों से मिली भगत कर फर्जी पावती प्राप्‍त की गयी। (ग) उपार्जन केन्‍द्र के कर्मचारियों की लापरवाही के लिये तत्कालीन समिति सहायक एवं प्रशासक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, संस्था सहायक एवं प्रशासक दोनों को निलंबित भी किया गया है। शार्टेज को कृषकों पर नहीं थोपा जा रहा है बल्कि लापरवाही के लिये कर्मचारियों पर कार्रवाई कर फर्जी खरीदी को रोका जा रहा है। शार्टेज की जाँच अनुविभागीय स्‍तर पर कराई गई।  2 प्रकरण में कुल मात्रा 520 क्विंटल राशि रूपये 25.35 लाख का किसी अन्य की भूमि में फर्जी पंजीयन होना सिद्ध पाया गया है तथा शेष प्रकरणों में फर्जी खरीदी (पंजीयन) की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण जिला उपार्जन कमेटी के समक्ष रखा जाकर जिला उपार्जन कमेटी के‍ निर्णय अनुसार उक्‍त कृषकों को भुगतान नहीं किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

समर्थन मूल्य पर उपार्जित अनाज का भंडारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

24. ( क्र. 4579 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में अनाज भंडारण हेतु कितनी-कितनी भंडारण क्षमता के कितने और कौन-कौन से एवं किन-किनके भंडारगृह एवं ओपन-कैप और सायलों बैग कहाँ-कहाँ,कब से स्थापित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) विगत 03 वर्षों में मार्कफेड एवं विभागीय ओपन-कैपों के निर्माण और मरम्मत के कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य किन शासकीय सेवकों के पर्यवेक्षण में किस-किस ठेकेदार कंपनी से कब-कब कराये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) कैपवार अनाज के सुरक्षित भंडारण हेतु क्या-क्या व्यवस्था की गयी एवं क्या-क्या सामग्री क्रय की गयी और कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी तथा कैपों में कितने और कौन-कौन कर्मचारियों की किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा किन कार्यों हेतु कब-कब नियुक्ति की गयी? नियुक्त कर्मचारियों के क्या दायित्व नियत थे? (घ) कटनी जिले में वर्ष 2019-20 से रबी, खरीफ और दलहन फसलों का समर्थन मूल्य पर किन-किन खरीदी केन्द्रों से कितना-कितना अनाज कब-कब खरीदा गया और उपार्जित अनाज को किन-किन शासकीय/अनुबंधित भंडार ग्रहों एवं विभागीय कैंपों/सायलों बैगों में कब-कब भंडारित किया गया?             (ङ) प्रश्नांश (घ) ओपन-कैपों में भंडारित कितना-कितना और किस-किस अनाज का कब-कब उठाव किया गया और भंडारित कितना-कितना कौन सा अनाज किन कारणों से खराब होना पाया गया? खराब हुये अनाज का मूल्य कितना था? (च) प्रश्नांश (क) से (ड़) के परिप्रेक्ष्‍य में अनाज भंडारण में अत्याधिक राशि व्यय होने के बाद भी बहुमूल्य अनाज के खराब होने का संज्ञान लिया जाकर कार्यवाही की जायेंगी? हाँ, तो किस प्रकार से कब तक नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मछलीपालन हेतु पट्टों का आवंटन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

25. ( क्र. 4644 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मछलीपालन हेतु पट्टे आवंटित किये जाते हैं? यदि हां, तो पट्टा आवंटन हेतु क्या मापदण्ड-प्रक्रिया एवं शर्तें हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत विभाग द्वारा कौन-कौन से जलाशयों को पट्टे पर कितनी-कितनी राशि पर किन-किन शर्तों के अधीन किस-किसकों कितनी समयावधि के लिये मछलीपालन हेतु दिया गया? संस्थाओं/समितियों के पंजीयन दिनांक, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि, नाम पता सहित सम्पूर्ण सूची देवें? (ग) क्या पट्टा आवंटन हेतु जलाशय क्षेत्र के लोगों को प्राथमिकता देने संबंधी कोई नियम है? यदि हां, तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पट्टा आवंटन में नियम का पालन किया गया है? (घ) विगत 5 वर्षों में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पट्टा आवंटन में कब-कब किस-किसके द्वारा किस-किस प्रकार की शिकायतें कहाँ-कहाँ पर दर्ज कराई एवं इन शिकायतों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या कुछ संस्थाओं/समितियों द्वारा जलाशय पट्टे पर लेकर मछलीपालन एवं निकालने का काम बड़े साधन-सम्पन्न ठेकेदारों को देने से स्थानीय मछुआरों का रोजगार प्रभावित होता है? यदि हां, तो क्या शासन इस प्रवृत्ति को रोकने हेतु कोई प्रयास करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार।              (ग) जी हाँ। पालन किया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स अनुसार।

भिण्ड जिले में नाकों पर तैनात कर्मचारियों की जानकारी

[खनिज साधन]

26. ( क्र. 4659 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड में कार्यरत रेत कंपनी पॉवरमैक कम्पनी/खनिज विभाग के द्वारा कितने अधिकृत चैक पोस्ट किन-किन स्थानों पर लगाए गए हैं? क्या उन नाकों पर खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के कर्मचारी तैनात हैं? नामवार बताएं। (ख) क्या उक्त नाकों पर पॉवरमैक कम्पनी द्वारा निजी कर्मचारी भी तैनात किए गए हैं? यदि हाँ, तो उक्त नाकों पर कर्मचारियों को तैनात करने से पहले कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन किया गया था? उक्त कर्मचारियों पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हैं? यदि हाँ, तो किस कर्मचारी पर कितने और किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं? नामवार विवरण देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला प्रशासन द्वारा खनिज के अवैध उत्‍खनन/अवैध परिवहन की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए 11 जाँच केन्‍द्र स्‍थापित किये गये हैं। जाँच केन्‍द्र स्‍थल की जानकारी, तैनात किये गये कर्मचारियों के नाम  संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी नहीं।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

कार्य प्रारंभ किए बिना करोड़ों रूपए भुगतान की जाँच

[जल संसाधन]

27. ( क्र. 4678 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रतनगढ़ कैनाल प्रोजेक्‍ट कार्य प्रारंभ किये बिना निर्माण एजेंसी को भुगतान करने की जाँच कराने एवं अन्‍य जानकारी देने हेतु प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य ने अधीक्षण यंत्री/मुख्‍य अभियंता जल संसाधन विभाग ग्‍वालियर को पत्र क्र. 175/2021 दिनांक 10/02/2021 दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक पत्रानुसार चाही गई जानकारी क्‍यों नहीं दी गई? कारण सहित बतायें। (ख) रतनगढ़ कैनाल प्रोजेक्‍ट में किस तरह की नहर कहाँ बनाई जा रही है उसकी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति कितनी-कितनी राशि की है तथा निर्माण एजेंसी कौन है, कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा एवं वर्तमान में कार्य की भौतिक स्थिति क्‍या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्माण एजेंसी को कार्य प्रारंभ किये बिना कितनी राशि का भुगतान कब किया गया? कार्य प्रारंभ किये बिना लागत राशि का कितने प्रतिशत तक राशि आहरण करने का प्रावधान है? (घ) क्‍या रतनगढ़ कैनाल प्रोजेक्‍ट कार्य को प्रारंभ किये बिना निर्माण एजेंसी को करोड़ों रूपये के भुगतान की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र लिखा गया था। पत्र में चाही गई जानकारी अतिरिक्‍त परियोजना संचालक के पत्र क्रमांक 183/तक/20 दिनांक 01.03.2021 द्वारा माननीय सदस्‍य को भेजी गई है। पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) माँ रतनगढ़ नहर परियोजना के अंतर्गत प्रेशराइज्‍ड पाइप माइक्रो नहर सिंचाई प्रणाली दतिया,ग्वालियर एवं भिण्ड जिलों में प्रस्तावित है। माँ रतनगढ़ परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 2244.97 करोड़ एवं नहर कार्य की तकनीकी स्वीकृति रूपये 1185.39 करोड़ है। निर्माण एजेन्सी मंटेना वशिष्ठा माइक्रो जे.व्ही. हैदराबाद है। निर्माण कार्य जुलाई 2024 तक पूर्ण करना लक्षित है। वर्तमान में परियोजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है व डिजाइन ड्राइंग तैयार की जाकर मुख्य अभियंता बोधी भोपाल में परीक्षणाधीन है। (ग) एवं (घ) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि कम्‍पनी को सामग्री के विरूद्ध रू. 412.50 करोड़ का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। शासन के आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जाँच हेतु समिति का गठन किया गया है। नियम विरूद्ध भुगतान हुआ अथवा नहीं के संबंध में जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर जाँच निष्‍कर्षानुसार प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगा। परियोजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है व डिजाइन ड्राइंग तैयार की जाकर मुख्य अभियंता बोधी भोपाल में परीक्षणाधीन है। कार्य प्रारंभ किए बिना राशि आहरण का कोई प्रावधान नियमों में नहीं है।

परिशिष्ट - "बारह"

अवैध उत्‍खनन के प्रकरण

[खनिज साधन]

28. ( क्र. 4689 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्ष में एन.टी.पी.सी. पावर प्लांट सेल्दा जिला खरगोन से सम्बंधित/क्षेत्र में चोरी अवैधानिक/अवैध उत्खनन/अन्य प्रकरण किन-किन स्तर पर कब-कब दर्ज हुए प्रकरणवार विभाग,विषय, दिनांक तथा वर्तमान स्थिति सहित सूची देवें। (ख) N.T.P.C. पावर प्लांट सेल्दा में विगत 5 वर्षों में क्या कोई अवैध खनिज (रेत गिट्टी मुरम) की जब्ती की गई है? जप्त/सिज खनिज के मापन संबंधित विभागीय गाइडलाइन क्या है। तथा प्लांट से जप्त खनिज की मात्रा कितनी है। मूल्यांकन एवं सत्यापन संबंधी दस्तावेजों का विवरण देवें। (ग) बिंदु () वाले प्रकरण में जप्त खनिज की क्या स्थिति है। यह किसकी अभिरक्षा में रखा गया है। इसकी मात्रा को कब-कब निरीक्षण किया गया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्‍नाधीन पावर प्‍लांट से संबंधित क्षेत्र अंतर्गत खनिजों के अवैध उत्‍खनन, परिवहन के कोई प्रकरण दर्ज नहीं किये गये हैं। तहसील सनावद में दर्ज अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  में दर्शित है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खाद्यान्न का वितरण हेतु दिशा-निर्देश

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

29. ( क्र. 4710 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) म.प्र. शासन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा कोविड 19 में शासकीय उचित मूल्य राशन विक्रेताओं को पी.ओ.एस. मशीन को स्थगित कर हितग्राही उपभोक्ताओं के अंगूठें लेने की अनिवार्यता को समाप्त कर वितरण पंजी से खाद्यान्न का वितरण करने हेतु कब क्या दिशा निर्देश जारी किये गये थे? आदेश की छायाप्रति दें। (ख) क्या प्रश्‍नांकित जारी दिशा निर्देश के तहत शासकीय उचित मूल्य राशन विक्रेताओं ने हितग्रहियों उपभोक्ताओं को वितरण पंजी के आधार पर खाद्यान्न का वितरण किया हैं जिसका समायोजन पोर्टल पर अभी तक नहीं किया गया है। यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या शासन ने दिनांक 22/12/2020 को आदेश जारी कर अक्टूबर 2019 से फरवरी 2021 तक वितरण पंजी के माध्यम से उपभोक्ताओं को वितरित खाद्यान्न का पी.ओ.एस. मशीन से समायोजित करने हेतु निर्देशित किया गया है एवं इस सम्बंध में                 मा. म.प्र.उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत रिट याचिका क्र. 531/2021 में दिये गये निर्देश का पालन कराने हेतु शासन ने कब क्या कार्यवाही की हैं? आदेश की छायाप्रति दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुआवजा राशि का प्रदाय

[राजस्व]

30. ( क्र. 4814 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या खरीफ 2020-21 की फसलों की क्षति के लिए प्रदेश के केवल 20 जिलों में मुआवजा राशि प्रदान की गई हैं यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन जिलों में मुआवजा राशि कितनी कितनी दी गई है सूची उपलब्ध कराएं? (ख) क्या प्रदेश के शेष जिलों में खरीफ 2020-21 की फसलों की क्षति हेतु राशि जमा क्यों नहीं की गई है क्या शेष जिलों में फसलों का नुकसान नहीं हुआ है (ग) रतलाम जिले में खरीफ 2020-21 की फसलों में अल्प वृष्टि एवं पीले मौजेक के कारण कुल कितनी क्षति हुई है रकबा तहसीलवार बताएं। (घ) क्या नुकसान के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट जिले द्वारा शासन को भेजी गई है यदि हाँ, तो भेजी गई रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराएं और यदि नहीं तो क्यों?  (ड.) रतलाम जिले में खरीफ 2020-21 की फसलों की क्षति हेतु मुआवजा राशि कब तक प्रदान कर दी जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में बाढ/अतिवृष्टि एवं कीट प्रकोप से प्रभावित कुल 32 जिलों में मुआवजा राशि आवंटित/आहरण की अनुमति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ख) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होने पर सहायता देने का प्रावधान नहीं है तद्नुसार जिले द्वारा आवंटन की मांग नहीं की गई। (ग) उत्‍तरांश "घ" के परिप्रेक्ष्‍य में निरंक। (घ) जी हाँ। फसल क्षति के संबंध में जिले द्वारा प्रेषित की गई रिर्पोट प्रारूप 4 (ए), 5 (ए), 14 एवं 15 पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) उत्‍तरांश "ग" एवं "घ" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनूपपुर जिले में गौण खनिज मद से स्‍वीकृत कार्य

[खनिज साधन]

31. ( क्र. 4842 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक गौण खनिज मद से कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं? उक्‍त मद से कौन-कौन से कार्य कराये जा सकते हैं। कुल स्‍वीकृत किये गये कार्य एवं पूर्ण कार्य की जानकारी वर्षवार उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या नगर परिषद जैतहरी द्वारा खनिज प्रतिष्‍ठान मद से जैतहरी के वार्ड क्रमांक-एक में सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो भूमि का खसरा नक्‍शा तथा भूमि स्‍वामी का नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या उक्‍त भवन के निजी भूमि पर होने की शिकायत जिला प्रशासन को दी गई थी यदि हाँ, तो शिकायत का विवरण उपलब्‍ध कराते हुये की गई कार्यवाही से भी अवगत करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला अनूपपुर में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनाँक तक गौण खनिज मद से आज दिनाँक तक कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किए गए हैं। शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। (ग) नगर परिषद जैतहरी में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नर्मदा जयंती महोत्‍सव में व्‍यय राशि

[खनिज साधन]

32. ( क्र. 4907 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 एवं 2021 में डिस्ट्रिक्‍ट मारनिंग फंड की कितनी राशि नर्मदा जंयती महोत्‍सव में अनूपपुर जिले में व्‍यय की गई वर्षवार बतावें। (ख) उपरोक्‍तानुसार कार्य नाम, स्‍थान, व्‍यय राशि की जानकारी देवें। इसके लिए जिन्‍हें भुगतान किया गया उनके नाम, फर्म नाम, G.S.T नंबर सहित देवें। यदि बिना G.S.T. नबर वाली फर्म को भुगतान किया गया है तो उसका कारण भी बतावें। (ग) इसके लिए कितना T.D.S. काटा गया फर्मवार, व्‍यक्तिवार जानकारी देवें। यदि T.D.S. नहीं काटा है तो उसके जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नामांतरण, सीमांकन, बटवारा के लंबित प्रकरण की जानकारी

[राजस्व]

33. ( क्र. 4963 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिले में नामांतरण, सीमांकन, बटवारा आदि के अनेक प्रकरण 1 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं? (ख) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) के अनुसार समय-सीमा निर्धारित की गई है?           (ग) यदि हाँ, तो कार्य के अनुसार समय-सीमा बतायें? (घ) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत गत 1 वर्ष में नामांतरण, सीमांकन, बटवारा के लंबित प्रकरणों की जानकारी देवें

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) मध्‍यप्रदेश लोकसेवाओं की गारंटी अधिनियम 2010 के अनुसार अविवादित नामांतरण एवं सीमांकन की समय-सीमा 30 कार्य दिवस तथा अविवादित बटवारा की समय-सीमा 90 कार्य दिवस तथा विवादित नामान्‍तरण के मामले में 5 माह निर्धारित है। (घ) जानकारी निरंक है।

मृतक के परिवारजनों को मुआवजा का प्रदाय

[राजस्व]

34. ( क्र. 4997 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जन कल्याण नया सवेरा योजना 2018 में पंजीकृत असंगठित श्रमिक मजदूर जितेन्द्र सिंह पुत्र श्री विजय सिंह निवासी ग्राम पचेखा हाल निवास अशोक गली कैलारस जिला मुरैना की कैलारस के पास क्वादी नदी में डूबने से दिनांक 15.08.2020 को मृत्यु हो गयी है और आकस्मिक मृत्यु मुआवजा हेतु प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सबलगढ़ के यहां लम्बित है? यदि हाँ, तो कब से और क्यों? (ख) क्या मृतक के परिवारजन को मुआवजा प्रदाय हेतु पटवारी तहसीलदार, गिरदावल व पंचायत द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सबलगढ़ को अभिमत भेजे गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में मुआवजा प्रदाय न करना क्‍या एक अमानवीय व्यवहार नहीं है यदि हाँ, तो जिम्मेदारों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो विलम्ब के कारणों का निदान कर मुआवजा प्रकरण का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) अनुभाग सबलगढ़ के न्‍यायालयीन प्र.क्र. 0070/2020-21/बी-121 आदेश दिनांक 16.02.2021 के द्वारा राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 में निहित प्रावधानों के अनुसार मृतक जितेन्‍द्र सिंह के वारिसान पिता विजय सिंह पुत्र गरसिंह सिकरवार निवासी ग्राम पचेखा को राशि 4.00 लाख रूपये आर्थिक सहायता स्‍वीकृत की गयी है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

ओलावृष्टि का मुआवजा का लाभ

[राजस्व]

35. ( क्र. 5071 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत 16 एवं 17 फरवरी 2021 में हुई ओलावृष्टि-अतिवृष्टि से रबी फसलों की हुई क्षति की भरपाई सरकार करेगी? यदि हाँ, तो सर्वे कराकर मुआवजा कब तक दिला दिया जायेगा, मुआवजा दिलाये जाने की समयावधि बताएं? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान हुई ओलावृष्टि-अतिवृष्टि से हुई क्षति को संज्ञान में लेते हुये माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने निर्देश देते हुये ओलावृष्टि-अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों के सर्वे के साथ फोटोग्राफी और विडियोग्राफी कराते हुये मुआवजा देने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो कितने किसानों को इसका लाभ दिया जावेगा? किसान संख्‍यावार, तहसीलवार जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। आर.बी.सी.6-4 के प्रावधान अनुसार भरपाई की जावेगी। जी हाँ सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है। राशि वितरण की अनुमति दी गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) विडियोग्राफी, फोटोग्राफी की कोई घो‍षणा नहीं की गई है। असामायिक वर्षा एवं ओलावृष्टि से प्रभावित तहसील छपारा के 503 कृषक तथा तहसील सिवनी के 63 कृषक इस प्रकार कुल 566 प्रभावित कृषकों को राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के मानदण्‍डों के तहत राहत राशि स्‍वीकृत किया गया है।

बीना नदी परियोजना एवं हनौता सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

36. ( क्र. 5084 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) बीना नदी परियोजना एवं हनौता सिंचाई परियोजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) बीना नदी परियोजना एवं हनौता सिंचाई परियोजना से विधानसभा क्षेत्र बीना के कितने ग्रामों के किसानों को लाभ मिलेगा ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) परियोजना का कार्य किस वर्ष पूर्ण होना है एवं वर्तमान मै किस स्तर पर लंबित है? कार्य पूर्णता की समय-सीमा बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बीना सिंचाई परियोजना की वर्तमान स्थिति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। हनौता सिंचाई परियोजना की पर्यावरणीय स्‍वीकृति प्राप्‍त है। परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्रामों के भू-अर्जन की कार्यवाही प्रचलन में है तथा बांध के नींव की खुदाई का कार्य प्रगति पर है। नहर से संबंधित सर्वेक्षण कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। हनौता परियोजना के भू-अर्जन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) बीना परियोजना एवं हनौता परियोजना से विधानसभा क्षेत्र बीना के लाभान्वित ग्रामों की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स एवं द अनुसार है।            (ग) बीना परियोजना का कार्य वर्ष 2025-26 एवं हनौता परियोजना का कार्य फरवरी 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। दोनों परियाजनाएं लंबित न होकर निर्माणाधीन प्रतिवेदित है।

शासन द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति

[राजस्व]

37. ( क्र. 5098 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी स्‍थानांतरण नीति एक ही स्‍थान/कार्यालय में 03 वर्षों से अधिक समय से पदस्‍थ लोक सेवकों को स्‍थानांतरण करने का प्रावधान है, अगर है उसका पालन क्‍यों नहीं किया गया? (ख) क्‍या म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग के ज्ञाप क्र. एफ-2-71/2016/5926/सात/4-एफ-भोपाल दिनांक 09.08.2016 द्वारा तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को एक शाखा में 5 वर्ष तक पदस्‍थ होने पर उनके शाखा परिवर्तन करने के निर्देश दिये गये हैं। अगर निर्देश हैं तो क्‍या उनकी शाखाओं का परिवर्तन किया गया अगर नहीं तो क्‍यों? कब तक शाखाओं का परिवर्तन किया जायेगा। (ग) क्‍या कटनी-सतना जिला अंतर्गत राजस्‍व विभाग में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय/तहसील कार्यालय तथा राजस्‍व न्‍यायालय एवं जिला कार्यालय में पदस्‍थ लिपिक/प्रवाचक पिछले 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही शाखा/कार्यालय/न्‍यायालय में पदस्‍थ हैं तथा पूर्व में भी उसी कार्यालय में पदस्‍थ रहे हैं। विवरण उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या  कटनी-सतना जिला अंतर्गत राजस्‍व विभाग में 10 वर्षों से एक ही शाखा/कार्यालय में तृतीय श्रेणी कर्मचारी पदस्‍थ हैं? ऐसे कितने कर्मचारी हैं सूची उपलब्‍ध कारयें? क्‍या ऐसे कर्मचारियों का शासन के स्‍थानांतरण नीति के तहत स्‍थानांतरण नहीं किया जाएगा? अगर किया जायेगा तो कब तक?                  (ङ) क्‍या शासन के स्‍थानांतरण नीति एवं राजस्‍व विभाग भोपाल के निर्देश दिनांक 09.08.2016 के निर्देशों की अवहेलना की गई? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या शासन के स्‍थानांतरण नीति एवं राजस्‍व विभाग भोपाल के निर्देश के तहत 3 वर्ष एवं 5 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्‍थ तृतीय श्रेणी लिपिकों का स्‍थानांतरण किया जायेगा अगर हाँ तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2019/एक/9, दिनांक 04 जून, 2019 को जारी स्‍थानांतरण नीति की कंडिका 11.4 के अनुसार जिलों में पदस्‍थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्‍थान पर तीन वर्ष की पदस्‍थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्‍यत्र प्राथमिकता पर स्‍थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्‍थान पर सामान्‍यत: 03 वर्ष या उसके अधिक पदस्‍थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्‍थानांतरण किया जा सकेगा। यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्‍थानांतरण किया ही जावे। वर्क्‍स एवं रेगुलेटरी विभागों को छोड़कर अन्‍य विभागों में मात्र 03 वर्ष की अवधि को ही स्‍थानांतरण का आधार न बनाया जाये। (ख) जी नहीं। राजस्‍व स्‍थापना अंतर्गत पदस्‍थ तृतीय श्रेणी कर्मचरियों को कार्यालयीन व्‍यवस्‍था एवं प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से आवश्‍यकतानुसार कार्यालय/शाखा परिवर्तन किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) राजस्‍व स्‍थापना अंतर्गत पदस्‍थ तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को कार्यालयीन व्‍यवस्‍था एवं प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से आवश्‍यकतानुसार कार्यालय/शाखा परिवर्तन किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। स्‍थानांतरण नीति के अनुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताई जाना सम्‍भव नहीं है। (ड.) जी नहीं। शासन द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति के मापदण्‍डों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताई जाना सम्‍भव नहीं है।

सिंचाई तालाब की नहर पक्‍कीकरण हेतु स्‍वीकृत राशि

[जल संसाधन]

38. ( क्र. 5122 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा के विकासखण्‍ड बाग में निर्मित खनिअंबा सिंचाई तालाब की नहर पक्‍कीकरण हेतु विभाग द्वारा शासन स्‍तर पर प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया है?                           (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, ता खनिअंबा सिंचाई तालाब की नहर पक्‍कीकरण हेतु राशि स्‍वीकृत कब तक कर दी जावेगी? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि प्रश्‍नांकित कार्य के नहर पक्‍कीकरण का प्रस्‍ताव राज्य आपदा राहत कोष के अंतर्गत प्रस्‍तावित होकर राजस्‍व विभाग को प्रेषित किया गया है, जिसकी स्‍वीकृति अपेक्षित है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

ग्राम मोयदा के सीमांकन का आदेश

[राजस्व]

39. ( क्र. 5178 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के बड़वाह अनुविभागीय अधिकारी ने आदेश क्रमांक 4431/री-1/20, दिनांक 27/10/2020 को ग्राम मोयदा के सीमांकन हेतु किस-किस का दल गठित किया है उस दल के द्वारा प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी सीमांकन नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है। (ख) ग्राम मोयदा की खतौनी पंजी एवं पटवारी मानचित्र वर्ष 1980-81 एवं ऑनलाईन खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र वर्ष 2019-2020 में कितनी खाते की भूमि किस-किस किसान के नाम पर दर्ज है, कितनी गैर खाते की भूमि किस-किस मद एवं प्रयोजन के लिए दर्ज है। (ग) पटवारी मानचित्र किस-किस अक्षांश, देशांश पर बनाया गया है उसमें दर्ज कितनी भूमियों से किस-किस किसान को वन विभाग ने किस दिनांक को बेदखल किया उन किसानों की भूमि का सीमांकन कर कब्‍जा दिलवाने के संबंध में विभाग क्‍या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (‍क) खरगोन जिले के अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह के आदेश क्रमांक 4431/री-1/20, दिनांक 27/10/2020 के द्वारा वन एवं राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन/सर्वेक्षण हेतु तहसीलदार, वन परिक्षेत्र अधिकारी, राजस्व निरीक्षक बड़वाह, हल्का पटवारी बड़वाह का दल गठित किया गया है। वनग्राम मोयदा के सम्पूर्ण वन ग्राम अथवा शिकायतों के संबंध में सीमांकन किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) खरगोन जिले की तहसील बड़वाह वन मंडल बड़वाह के वनग्राम मोयदा की वर्ष 1980-81 में वन एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई मिसल बन्दोबस्त में आरक्षित वन की वनग्राम मोयदा के 59 खसरो की 21 कृषकों के नाम 137.091 हे. भूमि दर्ज है। सूची संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निस्तार पत्रक में निस्तार मद की भूमि (नाला-3.145 हे., रास्ता- 3.196 हे., आबादी 0.053 हे.) जंगल मद की 70.390 हे. भूमि दर्ज है। सूची  संलग्न  परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वन ग्राम मोयदा का पटवारी मानचित्र वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। आरक्षित वन भूमि को अवैध रूप से रजिस्ट्री कर क्रय करने वाले 8 व्यक्तियों, रकबा 71.075 हेक्टेयर से बेदखल किया गया है। सूची  संलग्न  परिशिष्‍ट के  प्रपत्र-ब अनुसार है। वन ग्राम मोयदा के किसानों की भूमि के सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तेरह"

पत्‍थर की स्‍वीकृत खदानें

[खनिज साधन]

40. ( क्र. 5218 ) श्री बाबू जण्‍डेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना, श्योपुर जिले में मुरम एवं पत्थर की कितनी खदानें स्वीकृत होकर कार्यरत हैं? पट्टेदार का नाम, पता एवं स्थल का नाम एवं स्वीकृत एरिया का रकबा की जानकारी बतावें? (ख) क्या पूर्व में स्वीकृत कई खदानों के पट्टेदारों के पास सिया डिया एवं क्षेत्रीय कार्यालय पर्यावरण की अनापत्ति न होने के बाद भी अवैध उत्खनन किया जा रहा है? क्या प्रशासन इन अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही करेगा? (ग) क्या कई स्थानों पर शासन के मापदंड पूर्ण न करने वाले पट्टेदार/ठेकेदार द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही एवं कब तक की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुरैना जिले में विभिन्न गौण खनिजों की स्वीकृत खदानों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। इस परिशिष्ट  में मुरूमखण्डा पत्थरक्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर की स्वीकृत खदानों की जानकारी व शेष जानकारी भी दर्शित है। श्योपुर जिले में पत्थरमुरूमक्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर के स्वीकृत खदानों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित हैजिसमें शेष जानकारी भी दर्शित है। (ख) पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ से स्पष्ट है कि मुरैना जिले में खण्डा पत्थरक्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर व मुरूम की खदानें जो पूर्व से स्वीकृत होकर कार्यशील हैं वे खदानें वर्तमान में ''सिया''/''डिया'' एवं क्षेत्रीय कार्यालय मध्यप्रदेश प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड की अनापत्ति प्राप्त होने के उपरांत ही कार्यशील हैं। पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  से स्पष्ट है कि श्योपुर जिले में पत्थरमुरूम व क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर की जो खदानें पूर्व से स्वीकृत होकर कार्यशील हैंवे खदानें वर्तमान में ''सिया''/''डिया'' से अनापत्ति प्राप्त होने के उपरांत ही कार्यशील हैं। मुरैना/श्योपुर जिले में अवैध उत्खनन करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  अनुसार मुरैना जिले के जिन खदान धारकों द्वारा खदानें शिथिल रखी गई हैं उन्हें सूचना पत्र जारी किया गया है तथा बकाया राशि जमा करने हेतु मासिक पत्रक जमा करने हेतुकर निर्धारण हेतु नोटिस भी जारी किए गए हैं। इस  परिशिष्ट  में खण्डा पत्थरक्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर एवं मुरूम की जिन खदान धारकों को नोटिस जारी किए गए हैं वह भी दर्शित है। पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-द अनुसार श्योपुर जिले में क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर उत्खनन पट्टाधारियों के विरूद्ध अनुबंध शर्तों के उल्लंघन के फलस्वरूप जो कार्यवाही की गई है, वह दर्शित है।

ग्राम कोटवारों को प्रदाय वेतन

[राजस्व]

41. ( क्र. 5240 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या प्रदेश में ग्राम कोटवार पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो इनका क्या-क्या कार्य है? इन्हें किस मद से और कितना मासिक वेतन/पारिश्रमिक दिया जाता है और क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं? जिन्हें शासकीय कृषि भूमि भी दी जाती है उन्हें कितना वेतन/पारिश्रमिक दिया जाता है और जिन्हें शासकीय कृषि भूमि नहीं दी जाती है उन्हें कितना वेतन/पारिश्रमिक दिया जाता है? (ख) वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुवे म.प्र.शासन कोटवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए क्या-क्या उपाय कर रहा है? जिन कोटवारों की आर्थिक, सामाजिक व पारिवारिक स्थिति अत्यधिक दयनीय है उनकी उक्त स्थितियों को सुधारने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं? इन्हें इससे कब तक राहत मिल जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कोटवारों के कर्तव्‍य  संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहित-1959 की धारा-231 के प्रावधानानुसार मजदूरी मद से पारिश्रमिक दिया जाता है। जिन्‍हें शासकीय कृषि भूमि प्रदान की गई है, उन्‍हें क्रमश: 1000/- रूपये (3 एकड़ से कम भूमि होने पर) 600/- रूपये (3 एकड़ से एकड़ भूमि होने पर) 400/- रूपये (10 एकड़ तक भूमि होने पर) पारिश्रमिक दिया जाता है। जिनके पास कोई भूमि नहीं है, उन्‍हें 4000/- रूपये पारिश्रमिक दिया जाता है। (ख) कोटवारों को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहित-1959 की धारा-231 के प्रावधानानुसार पारिश्रमिक दिया जा रहा है। कोटवारों की सेवा शर्तें/पारिश्रमिक आदि की व्‍यवस्‍था भू-राजस्‍व संहिता-1959 के तहत प्रावधानित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चौदह"

किसान सम्मान निधि से संबंधित लंबित शिकायतें

[राजस्व]

42. ( क्र. 5362 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत सी.एम किसान सम्मान निधि से संबंधित कितनी शिकायतें सी.एम. हेल्पलाईन पर लम्बित हैं? (ख) क्‍या पी.एम. किसान निधि से संबंधित शिकायतें सीएम हेल्पलाईन में लम्बित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत कुल कितनी शिकायतें नियत समय-सीमा में निराकृत नहीं की गयी है? (घ) निराकरण न होने का क्या-क्या कारण है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत सी.एम.हेल्‍पलाइन पर मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना से सबंधित 110 शिकायतें लंबित है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत केवल डिन्डौरी जिले में कुल 9 शिकायतें समय-सीमा में निराकृत नहीं की गयी हैं। (घ) पी.एम. किसान निधि केंद्र शासन की योजना है राज्य स्तर पर पात्रता संबंधी कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत ही भुगतान की कार्यवाही की जाती है।

सीधी जिले की दुर्घटनाग्रस्‍त बस का परमिट/फिटनेस

[परिवहन]

43. ( क्र. 5391 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) सीधी में हुई दुर्घटना में विभाग की क्‍या-क्‍या लापरवाही हुई? परमिट फिटनेस रूट टाईम आदि क्‍या बराबर था? यदि नहीं तो किस-किस में क्‍या-क्‍या कमी या गलती थी? (ख) सीधी-सतना मार्ग पर कुल कितनी बसों को परमिट दिया गया है? उनकी संख्‍या बतावें। इस मार्ग पर वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक परमिट शुल्‍क के रूप में कितनी राशि प्राप्‍त की गई है? (ग) क्‍या शासन शासकीय कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने के लिये बसों के उपयोग पर रोक लगायेगा वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक सीधी एवं सतना जिले के ऐसे कितने बस मालिक हैं? जिनके बिलों का भुगतान वर्तमान में लंबित है? नाम सहित सूची देवें और जिनका भुगतान किया जा चुका है उनकी भी नाम सहित सूची देवें? (घ) सीधी की बस जिससे दुर्घटना हुई वह अप्रैल, 2020 से जनवरी, 2021 तक कितनी बार शासकीय कार्यक्रम/मुख्‍यमंत्री की सभा के लिये भीड़ जुटाने के लिये प्रवासी मजदूर के लिये अनुबंधित की गई सूची देवें तथा बतावें कि सीधी में पिछले वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक कितनी निजी बसों को (चुनाव छोड़कर) अधिग्रहित कर कुल कितना किराया भाड़ा दिया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रकरण में मैजिस्ट्रियल जांच की जा रही है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर जानकारी दी जाना संभव हो सकेगा। (ख) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार  है। वर्ष 2014-2015 से 2019-20 तक परमिट शुल्क के रूप में प्राप्त हुई राशि का विवरण  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार  है। (ग) एवं (घ) परिवहन अधिकारियों द्वारा संबंधित जिला कलेक्टर के आदेश से वाहनों को अधिग्रहित किये जाने पर उन्हें उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है। भुगतान भी संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय से ही किया जाता है। शेषांश का जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जिला अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध कार्यवाही

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

44. ( क्र. 5432 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या त्रिस्‍तरीय पंचायत राज व्‍यवस्‍था के तहत मछली पालन विभाग के जिला अधिकारी द्वारा कार्यों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्‍वयन हेतु धनराशि का आहरण जिला पंचालय के नियंत्रण एवं निर्देशन में करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो जिला भोपाल में मछली पा‍लन विभाग के जिला अधिकारी द्वारा कौन से नियम में बिना जिला पंचायत के नियंत्रण एवं निर्देशों के करोड़ों रूपया का अनुदान भ्रष्‍टाचार कर सीधे  दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत मछली विभाग के जिला अधिकारी द्वारा अनुदान राशि के देयकों को कोषालय आहरण हेतु भेजने के लिए बजट नियंत्रण अधिकारी मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भोपाल के काउंटर हस्‍ताक्षर कराने के स्‍थान पर उप संचालक मत्‍सयोद्योग भोपाल संभाग के हस्‍ताक्षर कौन से नियम के तहत कराये जा रहे हैं। क्‍या यह नियमानुकूल है? (ग) यदि नहीं तो शासन द्वारा मछली विभाग के संबंधित संभागीय अधिकारी एवं जिला अधिकारी के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब तक की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश मत्‍स्‍य पालन की नीति एवं त्रिस्‍तरीय पंचायतों को मत्‍स्‍योद्योग के अधिकारी/कार्यक्रमों का विकेन्‍द्रीकरण से जारी निर्देश की कंडिका 11 बजट व्‍यवस्‍था एवं वित्‍तीय अधिकार अंतर्गत जिला अधिकारी पंचायत को अंतरित कार्यों/कार्यक्रमों के क्रियान्‍वयन हेतु धनराशि का आहरण जिला पंचायत के नियत्रंण एवं निर्देशानुसार करेंगें। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार(ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता।

प्रदेश के उद्योगों में श्रमिकों की मृत्यु

[श्रम]

45. ( क्र. 5513 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न उद्योगों में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक उद्योगों में कार्य करने के दौरान कितने श्रमिकों की मृत्यु किन-किन कारणों से हुई, उद्योग मालिक द्वारा मृतक परिवार को क्या-क्या, किस-किस तरह की मद्द दी गयी? इनमें कितने प्रकरण परिवार द्वारा उद्योग मालिक की शिकायत के रूप में विभाग के समक्ष आये विभाग ने उद्योग मालिक के खिलाफ क्या कार्यवाही की? (ख) उद्योगों में श्रमिक की मृत्यु होने पर उद्योग संचालक द्वारा मृतक परिवार को क्या-क्या मदद देने का संवैधानिक नियम है उस पर अमल नहीं करने पर श्रम विभाग द्वारा उद्योगों पर क्या कार्यवाही का संवैधानिक नियम है श्रम विभाग ने उक्त अवधि में इस सम्बन्ध में किन-किन उद्योगों पर क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) क्या गत 10 वर्षों में रतलाम की इप्‍का लेबोरेटरी में कुएं में विषैली गैस, सैफ्टी उपकरण के अभाव के कारण लगातार श्रमिकों की मृत्यु हो रही है श्रम अधिकारी की सांठ-गांठ के चलते श्रमिक परिवारों को न्याय नहीं मिल पा रहा है श्रम अधिकारों द्वारा फैक्ट्री संचालक के पक्ष में प्रकरण रफा-दफा कर दिया जाता है यदि नहीं तो गत 10 वर्षों में प्लांट के खिलाफ क्या-क्या कठोर कार्यवाही की गयी और किन-किन मृतक परिवारों को बड़ी मद्द दिलाई गयी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश के कारखाना अधिनियम 1948 के अतंर्गत पंजीकृत कारखानों में दिनांक 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कारखानों में कार्य करने के दौरान घटित दुर्घटनाओं में श्रमिक की मृत्‍यु होने, मृत्‍यु का कारण, कारखाना प्रबंधन द्वारा मृतक के परिवार को दी गई सहायता तथा इन प्रकरणों में विभाग द्वारा कारखाना प्रबंधन के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) कारखानों में कार्य के दौरान श्रमिक की मृत्‍यु होने पर मृतक श्रमिक के आश्रितों को कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम द्वारा नियमानुसार पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। यदि श्रमिक कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम के प्रावधानों के अंतर्गत बीमित नहीं है, ऐसी स्थिति में कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 के प्रावधानों के अंतर्गत श्रमिक के आश्रितों को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। श्रमिक के कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम के अंतर्गत बीमित नहीं होने की स्थिति में विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्र के माननीय क्षतिपूर्ति आयुक्‍त, श्रम न्‍यायालय में दुर्घटना की सूचना देते हुए कारखाना प्रबंधन को क्षतिपूर्ति राशि माननीय क्षतिपूर्ति आयुक्‍त श्रम न्‍यायालय में जमा किए जाने के लिए निर्देशित किया जाता है। साथ ही मृतक श्रमिक के आश्रितों को क्षतिपूर्ति संबंधी दावा माननीय श्रम न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत करने की सलाह दी जाती है। क्षतिपूर्ति राशि का निर्धारण एवं वैध आश्रितों को क्षतिपूर्ति राशि वितरण की कार्यवाही माननीय क्षतिपूर्ति आयुक्‍त श्रम न्‍यायालय द्वारा की जाती है। इस संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ग) रतलाम की इप्‍का लेबोरेटरीस लिमिटेड में विगत 10 वर्षों में विभिन्‍न कारणों से हुई 3 दुर्घटनाओं में 4 श्रमिकों की प्राणांतक दुर्घटना हुई है। कारखाने में घटित इन दुर्घटनाओं की जाँच विभाग द्वारा की जाकर कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के उल्‍लंघन फलस्‍वरूप कारखाना प्रबंधन के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है। इन दुर्घटनाओं का विवरण, विभाग द्वारा कारखाना प्रबंधन के विरूद्ध की गई कार्यवाही तथा मृतक के परिवारों को प्रदान की गई सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है।

सहकारी समि‍तियों को घाटे से निकालने की योजना

[सहकारिता]

46. ( क्र. 5518 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी सहकारिता समि‍तियां घाटे में चल रही हैं? (ख) क्‍या सरकार घाटे को समाप्‍त करने की दिशा में कोई प्रयास कर रही है? अगर हां, तो अवगत करावें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी एकत्र की जा रही है (ख) सहकारी संस्थायें स्वायत्तशासी संस्थायें हैं इनके लाभ/हानि के लिये वे स्वयं उत्तरदायी हैं। शासन के समक्ष हानि समाप्त करने की कोई योजना नहीं है।

सड़क निर्माण हेतु उपयोग की जाने वाली खनिज खदानें

[खनिज साधन]

47. ( क्र. 5524 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यातायात वाली सड़कों के 100 से 200 मीटर की दूरी पर जो खदानें आंवटित की गई है उस पर कार्य समाप्त हो जाने के बाद सुरक्षा के हिसाब से क्या-क्या कार्यवाही की जाना चाहिए। (ख) खण्ड (क) के सन्दर्भ में बताएं की उन गड्डों पर नियमानुसार सुरक्षा हेतु कार्यवाही हुई हैं या नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित इन खदानों में ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी तथा अधिकारियों की जवाबदारी तय की जायगी क्या यह सही है कि रतलाम के पास नामली में ऐसे ही एक गड्डे में बस के गिर जाने से 12 लोग की मौत हुई थी तथा आज तक उस गड्डे पर सुरक्षा हेतु कोई कदम नहीं उठाए गए। (घ) क्या नामली की घटना तथा सीधी में 16 फरवरी को नहर में बस के गिर जाने के मुद्दे नजर क्या ऐसे सारे गड्डों पर जो मौत के गड्डे बन चुके है जनहानि रोकने के लिये सरकार  कोई कदम उठाएगी यदि हाँ, तो  की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 42 (ञ) (3) में अंतिम खान बंद करने की योजना के प्रावधान दिये गये हैं। खदान समाप्ति उपरांत खदान क्षेत्र के पुर्नभरण, वृक्षारोपण, तार फेंसिंग आदि चरणबद्ध तरीके से किया जाना उल्‍लेखित है। खदान में खनन कार्य के दौरान एवं खनन कार्य समाप्ति उपरांत खदान क्षेत्र की सुरक्षा हेतु अनुबंध की शर्तों भाग 07 की कंडिका (5) में प्रावधान दिये गये हैं। जिसके अनुसार पट्टेदार द्वारा खदान क्षेत्र में सीमाचिन्‍ह की स्‍थापना, कटिले तारों की बाड़, इत्‍यादि की व्‍यवस्‍था किया जाना होता है।  (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। रतलाम जिले के पास नामली में हुई बस दुर्घटना के बाद सड़क व गड्डे के मध्‍य सुरक्षा हेतु क्रास बेरियर लगाये गये हैं। (घ) जानकारी प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार है।

माचलपुर को तहसील घोषित करना

[राजस्व]

48. ( क्र. 5548 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) जिला राजगढ़ के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर की विकासखण्‍ड जीरापुर को अनुभाग (राजस्‍व) एवं माचलपुर को तहसील घोषित किये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत दो वर्षों में कब एवं किसको लेख किया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पत्रों पर शासन तथा विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाहियां की गई हैं? दिनांकवार पत्र का विवरण उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या शासन जीरापुर को अनुभाग (राजस्‍व) एवं माचलपुर को तहसील घोषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

भगवंत सागर तालाब में मछली पालन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

49. ( क्र. 5553 ) श्री राम दांगोरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या खंडवा जिले के भगवंत सागर तालाब में मत्स्य पालन का प्रतिवर्ष ठेका दिया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में किस व्यक्ति अथवा संस्था को कितनी-कितनी राशि पर दिया गया? (ख) क्या इस जलाशय में कागजों पर साधारण मछली पालन दिखाया जाकर वास्तव में समुद्री मछली (बड़े झींगे) का उत्पादन अवैध रूप से कराया जा कर लाखों रुपए की अवैध कमाई की जा रही है? (ग) क्या जिला मत्स्य पालन अधिकारी का पद रिक्त होने से प्रभारी मत्स्य पालन अधिकारी के संरक्षण में होने वाले मछली के अवैध पालन एवं व्यवसाय से विभाग को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो प्रभारी मत्स्य पालन अधिकारी की विवादास्पद कार्यप्रणाली के कारण स्थानीय मछुआरों में उत्पन्न रोष को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय जाँच कराई जा कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक क्या जाँच में दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी को निलंबित कर उनसे शासन को हुई लाखों रुपए की राजस्व की वसूली की जाएगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं । शेष का प्रश्‍न ही नहीं उपस्थित होता । (ख) जी नहीं। (ग) जिला अधिकारी का पद रिक्‍त नही है और न ही किसी प्रकार की राजस्‍व हानि हो रही है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के आलोक में उच्‍च स्‍तरीय जांच एवं अनुशासनात्‍मक कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नही होता।

सी.एम. हेल्पलाईन में की गई फर्जी शिकायतें

[लोक सेवा प्रबन्धन]

50. ( क्र. 5558 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूरभाष क्रमांक 181 सी.एम. हेल्पलाईन में सिवनी जिले के विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिये जनता द्वारा शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? विभागवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) शिकायतों में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतों का निराकरण एल-1, एल-2, एल-3 एवं एल-4 में किया गया सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने शिकायतकर्ता है जिनके द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान 10 या इससे ज्यादा शिकायतें की गई हैं, जो निराधार, झूठी तथा शासन प्रशासन का समय खराब करने और संबंधित विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को ब्लैक मैलिंग करने के उद्देश्य से की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो शासन झूठी शिकायतकर्ता को चिन्हित कर विभागवार सूची तैयार कर संबंधित शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने पर विचार कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें। (ड.) क्या ले‍बल-1,23 स्‍तर के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा फोर्स क्लोज करने के बाद भी लेबल-4 अधिकारी द्वारा अनेक शिकायतों को बंद नहीं किया जा रहा है जिससे एल-4 स्तर पर अनेक शिकायतें लंबित रहती है? यदि हाँ, तो क्यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, सीएम हेल्‍पलाईन दूरभाष क्रमांक 181 पर सिवनी जिले के विभिन्‍न विभागों की समस्‍याओं के निराकरण के लिए जनता द्वारा 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक (01.04.2019 से 28.02.2021) में कुल 84802 शिकायतें प्राप्‍त हुई। विभागवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जिला सिवनी अंतर्गत प्राप्‍त कुल 84802 शिकायतों में से कुल 82104 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। एल-1, एल-2, एल-3 एवं एल-4 में किये गये निराकरण की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रब अनुसार(ग) वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक (01.04.2019 से 28.02.2021) कुल 84802 शिकायतों में दर्ज मोबाइल नम्‍बर के आधार पर 223 (शिकायतकर्ता) मोबाइल नम्‍बर से 10 या इससे ज्‍यादा शिकायतें की गई है। शेष प्रश्‍नांश के संबंध में लेख है कि सीएम हेल्‍पलाइन पर आम नागरिक शिकायत दर्ज कराते हैं, जिसे शिकायत से संबंधित विभाग को कार्यवाही हेतु ऑनलाईन अग्रेषित किया जाता है। संबंधित विभाग द्वारा शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अत: की गई शिकायत झूठी है अथवा शासन-प्रशासन का समय खराब करने अथवा संबंधित अधिकारी/कर्मचारी को ब्‍लैकमैलिंग करने के उद्देश्‍य से की गई है यह जानकारी संबंधित विभाग के पास ही उपलब्‍ध हो सकती है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के संदर्भ में लेख है कि यदि की गई शिकायत झूठी है तो उस पर नियमानुसार प्रचलित कानून के अनुसार कार्यवाही करने का दायित्‍व संबंधित विभाग का है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं, सीएम हेल्‍पलाईन 181 पोर्टल अंतर्गत लेवल-1 एवं लेवल-2 स्‍तर के अधिकारियों को शिकायत फोर्स क्‍लोज करने की सुविधा प्रदत्‍त नहीं है। शिकायत को फोर्स क्‍लोज करने का अधिकार लेवल-3 एवं लेवल-4 स्‍तर के अधिकारियों को ही प्रदत्‍त है, लेवल 3 अधिकारी द्वारा शिकायत फोर्स क्‍लोज करने के उपरांत शिकायत लेवल-4 स्‍तर पर प्रेषित नहीं होती है। दिशा-निर्देश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रस अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाओं को आवंटित भूमि

[राजस्व]

51. ( क्र. 5568 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) भोपाल जिले के कोलार (पूर्व हुजूर तहसील) के ग्राम महावड़ि‍या, पटवारी हल्‍का नं. 31, की भूमि खसरा क्र. 297, रकबा 26.67 हेक्‍टेयर में किन-किन गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाओं को भूमि आवंटित किए जाने का प्रस्‍ताव शासन के पास विचाराधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्‍नांकित रकबे में से किसे-किसे, कितनी-कितनी, कब-कब भूमि आवंटित की गई है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांकित रकबे में आवंटन हेतु प्राप्‍त प्रस्‍तावों में सभी को भूमि आवंटित कर दी गई है? या कोई शेष है? शेष समितियों को भूमि आवंटन हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है एवं कब तक भूमि आवंटित कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।     (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्‍नांकित रकबे में कोई भी भूमि किसी को भी आवंटित नहीं की गई है।             (ग) जी नहीं। आवंटन शेष है। उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनुविभागीय अधिकारी द्वारा वकीलों से दुर्व्‍यवहार

[राजस्व]

52. ( क्र. 5588 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर अभिभाषकों के साथ दुर्व्‍यवहार करते हैं बोर्ड पर नहीं बैठते हैं, किसानों के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं है तथा क्‍या इस संबंध में अभिभाषक संघ बड़नगर भी हड़ताल कर धरने पर बैठ गए थे यदि हाँ, तो शासन ऐसे अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर द्वारा स्वयं अपने निवास के लिए लोक निर्माण विभाग से 5 लाख रूपये की राशि व्यय करवाई गई जबकी उक्त निर्माण कार्य पर लगभग 15 लाख रूपये का खर्च हुआ, शेष राशि शासन के किस विभाग से प्रदान की गई? (ग) उक्त निर्माण कार्य की प्रतिनिधि मण्डल से जांच कब करवाई जावेगी दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश '''' के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनन पर प्रतिबंध

[खनिज साधन]

53. ( क्र. 5607 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनों से 250 मीटर तक खनन की अनुमति प्रतिबंध लगाने का वैधानिक आधार क्‍या है इसका तकनीकी एवं वैज्ञानिक आधार क्‍या है पृथक-पृथक बतावें। (ख) वनों से दूरी के आधार पर राज्‍य में खनन की अनुमति किस दिनांक से प्रतिबंधित की गई है उसे लेकर किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या आदेश निर्देश जारी किए है सभी की प्रति सहित बतावें। (ग) वनों से 50 मीटर तक खनन प्रतिबंध से संबंधित निर्णय वर्तमान में किस स्‍तर पर लंबित है उसे लागू किन कारणों से नहीं किया जा रहा यह निर्णय कब तक लागू किया जाकर 50 मीटर तक प्रतिबंध के आदेश कब तक जारी किए जावेंगे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वन सीमा से 250 मीटर तक की दूरी खनन हेतु प्रतिबंधित नहीं है। परंतु इस सीमा के भीतर खनिजों के उत्‍खनन हेतु खनिपट्टा स्‍वीकृत करने की अनुशंसा करने के लिये सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक एफ 19-71/2012/ 1/4 दिनांक 31/07/2012 द्वारा संभागायुक्‍त की अध्‍यक्षता में गठित समिति सक्षम है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लॉकडाउन की अवधि में राजस्‍व न्‍यायालयों का संचालन

[राजस्व]

54. ( क्र. 5608 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन की अवधि में राजस्‍व न्‍यायालय में प्रकरणों की सुनवाई एवं आदेश‍ किए जाने से संबंधित क्‍या क्‍या छूट शासन ने प्रदान की थी। (ख) बैतूल जिले में वर्ष 2020 में किस दिनांक से किस दिनांक तक पूर्ण लॉकडाउन रहा, किस दिनांक से किस दिनांक तक राजस्‍व न्‍यायालयों में प्रकरणों की सुनवाई एवं आदेशों की कार्यवाही प्रतिबन्धित रखी गई, लॉकडाउन की अवधि में किन प्रकरणों की सुनवाई एवं आदेशों की छूट तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ओर अनुविभागीय अधिकारियों को प्रदान की गई पृथक-पृथक बतावें। (ग) बैतूल जिले की बैतूल तहसील, शाहपुर तहसील में मार्च 2020 से मई 2020 तक की अवधि में किस प्रकरण में सुनवाई की गई, आदेश किए गए, रेत खदानों पर छापामार कर कितने प्रकरण बनाए गए।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासन द्वारा कोई छूट प्रदान नहीं की गई थी। (ख) बैतूल जिले में वर्ष 2020 में दिनांक 22/3/2020 से दिनांक 08/05/2020 तक, अत्‍यावश्‍यक कार्यों एवं सेवाओं हेतु शिथिलता के साथ लॉकडाउन रहा है। दिनांक 09/05/2020 से कन्‍टेनमेंट एरिया को छोड़कर