मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018
सत्र
गुरुवार, दिनांक 22 मार्च, 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
फोरलेन
निर्माण में
अधिग्रहित
भूमि का
मुआवजा
[राजस्व]
1. ( *क्र. 4219 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत निर्माण हेतु विचाराधीन एन.एच. 76 झांसी-खजुराहो फोरलेन मार्ग के लिए भूमि का अधिग्रहण वर्षों पुरानी दरों पर शुरू कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों को कितने-कितने रकबे का मुआवजा किस दर पर उनके खाते में जमा कर दिया गया है और कितने किसान शेष रह गये हैं? दोनों जानकारियां कारण सहित बतायी जावें। (ख) क्या किसानों को पुरानी दरों पर मुआवजा राशि दिये जाने की कोई विधिवत सूचना नहीं दी गई है और प्रशासन एवं इंडसइंड बैंक द्वारा मनमर्जी से कार्यवाही अमल में ली जा रही है? यदि हाँ, तो इस तरह की अनियमित कार्यवाही कब तक रोकी जायेगी? (ग) विधानसभा क्ष्ोत्र निवाड़ी के प्रश्नगत किसानों को वर्ष 2018 में प्रचलित दरों पर क्या मुआवजा राशि का भुगतान किया जायेगा अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत निर्माण हेतु विचाराधीन एन.एच 76 झांसी-खजुराहो फोरलेन मार्ग के लिये भूमि का अधिग्रहण भारत का राजपत्र असाधारण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना का प्रकाशन स्थानीय समाचार पत्र दैनिक जागरण एवं दैनिक भास्कर दिनांक 23 जुलाई 2010 के समय प्रभावी प्रचलित कलेक्टर गाईड लाईन वर्ष 2010-11 के आधार पर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार 234 किसानों को अर्जित रकबे में से हिस्सानुसार कुल 65,81,480 रू. की राशि का भुगतान निम्नांकित दर पर किया गया है।
ग्राम का नाम
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निर्धारित मुआवजा की दर (प्रति हेक्टेयर) |
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सिंचित |
असिंचित |
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निवाड़ीखास |
406000 |
203000 |
निवाड़ीभाटा |
380000 |
190000 |
मुडारा |
406000 |
203000 |
देवेन्द्रपुरा |
380000 |
190000 |
नैगुवां |
306000 |
153000 |
उरदौरा |
306000 |
153000 |
घूघसीखास |
356000 |
178000 |
घूघसीग्रंट |
330000 |
165000 |
प्रतापपुरा |
860000 |
660000 |
बबेडीजंगल |
847000 |
847000 |
104 किसानों की राशि भुगतान हेतु शेष है। (ख) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत निमार्ण हेतु विचाराधीन एन.एच. 76 झांसी-खजुराहो फोरलेन मार्ग के लिये भूमि का अधिग्रहण भारत का राजपत्र असाधारण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना का प्रकाशन स्थानीय समाचार पत्र दैनिक जागरण एवं दैनिक भास्कर दिनांक 23 जुलाई 2010 में अधिग्रहण की सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कराई गई है तथा तत्समय प्रभावी प्रचलित कलेक्टर गाईड लाईन वर्ष 2010-11 के आधार पर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। समस्त कार्यवाही विधि अनुसार की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रावधानों के तहत की जा रही है।
सिवनी जिले में सूखा प्रभावित सोयाबीन एवं धान का मुआवजा
[राजस्व]
2. ( *क्र. 3295 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017-18 में अल्प वर्षा के कारण सिवनी जिले में सोयाबीन एवं धान की फलस सूखे की चपेट में आकर नष्ट हो गई थी? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार क्षति (हेक्टेयर में) बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त फसलों को सूखे से नष्ट हो जाने पर किसानों को राहत राशि प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि किस मापदण्ड से विकासखण्डवार बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या अल्पवर्षा से नष्ट हुई सोयाबीन एवं मक्का की फसलों का मुआवजा प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो किस मापदण्ड से एवं कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
श्रमिकों के पंजीयन की प्रक्रिया
[श्रम]
3. ( *क्र. 4860 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग के अन्तर्गत कौन-कौन से श्रमिकों के पंजीयन किये जाते हैं? उनके पंजीयन की क्या प्रक्रिया है? (ख) क्या श्रम विभाग के अन्तर्गत मछुआ श्रमिकों के भी पंजीयन किये जाते हैं? यदि हाँ, तो उनके पंजीयन के लिये क्या आवश्यक शर्तें हैं? (ग) क्या राजगढ़ जिले में मछुआ श्रमिकों के पंजीयन किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने मछुआ श्रमिकों के पंजीयन किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावेंl (घ) उनमें से किस-किस श्रमिक को किस-किस योजना का लाभ दिया गया है?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत ऐसे निर्माण श्रमिकों के पंजीयन किये जाते हैं, जिनकी आयु 18 वर्ष से 60 के बीच हो तथा जिनके द्वारा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य किया गया हो। पंजीयन के लिये निर्माण श्रमिक द्वारा निर्माण कार्य में संलग्न होने संबंधी स्व-प्रमाणीकरण, पास बुक की प्रति, दो फोटो एवं समग्र आई.डी. दिये जाने पर ग्रामीण क्षेत्र हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा तथा शहरी क्षेत्र हेतु नगर निगम आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरीय निकाय द्वारा आवश्यक जाँच उपरांत पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। पंजीयन हेतु रूपये 5/- पंजीयन शुल्क निर्धारित है। (ख) श्रम विभाग के अंतर्गत मछुआ श्रमिकों का पंजीयन नहीं किया जाता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आपराधिक शिकायतों पर कार्यवाही
[गृह]
4. ( *क्र. 4740 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल के झोन क्रमांक 11, वार्ड क्रमांक 41 अंतर्गत मकान नं. सी 265 बाग दिलकुशा, भोपाल निवासी अरविंद शाक्य के विरूद्ध दिनांक 01.01.2010 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले के विभिन्न थानों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? इन प्राप्त हुई शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गयी? शिकायतों के विवरण सहित जानकारी दी जाये। (ख) क्या अपने आपको विधायक प्रतिनिधि बतलाने वाला अरविंद शाक्य 1. विक्रमजीत सिंह 2. ओमप्रकाश शाक्य और 3. महेन्द्र सिंह के अतिरिक्त भी पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग करने वालों के साथ मिलकर लोगों से अवैध रूप से पैसे की उगाही करता है, जिसकी अनेक शिकायतें विभिन्न थानों में किये जाने के बावजूद भी इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाती? क्या इसके लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या अरविंद शाक्य और उसके उपरोक्त नामित व्यक्तियों की गलत हरकतों की शिकायत करने पर अशोक नगर, पुल बोगदा निवासी दिनेश शाक्य, उसके परिजनों तथा अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध राजनैतिक इशारे पर पुलिस थाना ऐशबाग जिला भोपाल द्वारा कई झूठे प्रकरण कायम किये गये हैं? इसके लिये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय सॉफ्टवेयर बीटा वर्जन में परिवर्तन
[राजस्व]
5. ( *क्र. 3602 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. उच्च न्यायालय खण्डपीठ रिट क्रमांक 5107/2016 के निर्देशानुसार webgis को nic के समकक्ष सुधार किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (ख) जब पूर्व से शासकीय सॉफ्टवेयर बीटा वर्जन प्रचलित था तो प्रायवेट कंपनी द्वारा अपूर्ण webgis प्रारंभ किये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या webgis पर टेक्निकल अथवा नॉन टेक्निकल स्टॉफ से कार्य कराया जा रहा है? यदि नॉन टेक्निकल स्टॉफ से webgis पर कार्य कराया जा रहा है, तो राजस्व रिकॉर्ड में त्रुटियां होने पर किसे दोषी माना जावेगा? (घ) webgis को पूर्ण और कार्य करने में सरल स्वीकार किया गया तो फिर nic पर कार्य करने की अनुमति प्रदाय क्यों की गई एवं webgis पर कार्य करने में कठिनाई आती है और nic पर कार्य करना सरल है, तो फिर क्यों पुनः webgis प्रारंभ किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ की रिट क्र. 5107/2016 के निर्देशानुसार webgis में सुधार करने हेतु निर्देश नहीं दिए गए हैं। (ख) पूर्व से प्रचलित एन.आई.सी. बीटा वर्जन सॉफ्टवेयर क्लाइन्ट/सर्वर आधारित ऑफलाइन सॉफ्टवेयर है। इससे नकल प्राप्त करने के लिए नागरिकों को शासकीय कार्यालय में जाना होता है, जबकि नया वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर वेब आधारित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर है। इससे नागरिकों को आवश्यकतानुसार घर बैठे इन्टरनेट के माध्यम से भी नकल उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही डाटा ऑनलाइन होने से अन्य विभागों जैसे पंजीयन, मोबाइल एप गिरदावरी, राजस्व न्यायालय आदि के साथ डाटा शेयरिंग हो सकेगी जो EOBD (Ease Of Business Doing) एवं डाटा अपडेशन हेतु अति आवश्यक है। अतः नागरिकों की सुविधाओं एवं भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते ऑनलाइन सॉफ्टवेयर को लागू किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, webgis सॉफ्टवेयर का निर्माण निविदा में चयनित वेंडर के तकनीकी अमले द्वारा किया जा रहा है। वेंडर द्वारा सॉफ्टवेयर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। भू-अभिलेख को संधारण/सुधार करने का कार्य राजस्व अमले द्वारा किया जाता है। (घ) नागरिकों को कोई असुविधा न हो इसलिए वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर की समस्याओं के निराकरण होने तक जिला कलेक्टर की मांग अनुसार उन्हें N.I.C. सॉफ्टवेयर पर कार्य करने की अनुमति दी गई थी। जिलों से प्राप्त सुझाव अनुसार वेब जी.आई.एस. ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन एवं प्रकिया का सरलीकरण कराया गया है। एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर क्लाइन्ट/सर्वर आधारित ऑफलाइन सॉफ्टवेयर है। इससे नकल प्राप्त करने के लिए नागरिकों को शासकीय कार्यालय में जाना आवश्यक है, जबकि नया वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर वेब आधारित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर है। इससे नागरिकों को आवश्यकतानुसार घर बैठे इन्टरनेट के माध्यम से नकल उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही डाटा ऑनलाइन होने से अन्य विभागों जैसे पंजीयन, मोबाइल एप गिरदावरी, राजस्व न्यायालय आदि के साथ डाटा शेयरिंग हो सकेगी। अतः भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाइन वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर को लागू किया जा रहा है।
दस्तावेजी साक्ष्य के परिप्रेक्ष्य में FIR में नाम शामिल किया जाना
[गृह]
6. ( *क्र. 4459 ) श्री रामपाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना कोलगवां में अपराध क्र. 168/16 एवं सिटी कोतवाली में अपराध क्र. 169/17, धारा 420, 419, 467, 468, 34 ता. हि. के तहत कायम की गयी है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है तो पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा क्र. पु.अ., सतना, रीडर, 438, 2016 दिनांक 23.07.2016 के तहत बिन्दु क्र. 2 में अधिकारी कर्मचारी के नामों का उल्लेख है तथा बिन्दु क्र. 3 में स्पष्ट लेख है कि शासकीय अभिलेखों में हेरा-फेरी किये जाने की बात प्रकाश में आती है तो तत्कालीन अधिकारी, कर्मचारियों को आरोपी बनाया जाना सुनिश्चित करें? साथ ही प्रकरण में भ्रष्टाचार की निहित धाराओं का समावेश करें। नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा कोलगवां थाना प्रभारी को विभिन्न पत्रों के माध्यम से दिये गये निर्देशों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वाले राजस्व अधिकारी एवं कर्मचारियों को कब तक आरोपी बना दिया जायेगा? (घ) क्या तत्कालीन एस.पी. ने विवेचना अधिकारी नरेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया था? अब 22 रजिस्ट्रीधारकों को तथा राजस्व विभाग के कर्मचारी अधिकारी एवं भूमाफियाओं को कब तक दोनों प्रकरणों में आरोपी बना दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण अनुसंधान में होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं होगा। (ग) प्रकरण अनुसंधान में है। अनुसंधान में आई साक्ष्य अनुरुप विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी जिसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। प्रकरण में अनुसंधान जारी है। आई साक्ष्य अनुरुप विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी, जिसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजस्व हलकों में कर्मचारियों की पदस्थापना
[राजस्व]
7. ( *क्र.
3841 ) श्री
गोविन्द
सिंह पटेल : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गाडरवारा
विधान सभा क्षेत्र
में कितने
राजस्व हलके
हैं? क्या
प्रत्येक
हलके में
पटवारी पदस्थ
हैं? यदि
नहीं, है
तो कितने
राजस्व हलके
खाली हैं? इनमें
कब तक
पटवारियों की
नियुक्ति कर
दी जाएगी? (ख) गाडरवारा
तहसील में
कितने राजस्व
निरीक्षण मण्डल
हैं? इनमें
कितने राजस्व
निरीक्षक पदस्थ
हैं? कितने
रिक्त हैं? रिक्त
पदों पर कब तक
राजस्व निरीक्षकों
की नियुक्ति
कर दी जावेगी? (ग) चालू
वर्ष 2018-19
में कितनी
सड़कें स्वीकृति
हेतु प्रस्तावित
हैं एवं कब तक
स्वीकृत हो
जावेंगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) गाडरवारा
विधानसभा
क्षेत्र में
कुल 111
पटवारी हल्के
हैं,
जिनमें 111 पटवारी हल्कों
पर 35
पटवारी
कार्यरत हैं। इन्हीं
35
पटवारीगणों
के मध्य 111
पटवारी हल्कों
का कार्य
विभाजन करते
हुए प्रभार
दिया गया है, वर्तमान
में
प्रोफेशनल
एग्जामीनेशन
बोर्ड भोपाल
द्वारा
प्रदेश में पटवारियों
के रिक्त 9235 पदों
की भर्ती हेतु
परीक्षा
आयोजित कराई
गई है। परीक्षा
परिणाम आते ही
रिक्त पदों
की पूर्ति की
कार्यवाही की
जावेगी। (ख) गाडरवारा
तहसील में 8 राजस्व
निरीक्षक मण्डल
हैं,
जिनमें से 7 राजस्व
निरीक्षक
कार्यरत हैं। 1 राजस्व
निरीक्षक मंडल
अतिरिक्त
प्रभार में है।
पदोन्नति
हेतु वर्तमान
में माननीय
उच्चतम न्यायालय
का निर्णय
अपेक्षित है। माननीय
न्यायालय के
निर्णय के पश्चात्
राजस्व
निरीक्षकों
के पदों की
पूर्ति की
जायेगी। (ग) कार्यपालन
यंत्री लोक
निर्माण
विभाग
नरसिंहपुर से
प्रस्तावित
सड़कों की
सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( *क्र. 4449 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में विगत 08 वर्षों में पी.एच.ई. विभाग द्वारा नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र घोड़ाडोंगरी के अन्तर्गत कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं कितनी-कितनी लागत की हैं और किन-किन स्थानों में स्वीकृत हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) की सभी नल-जल योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक पूर्ण हो जाएंगी? योजनावार समय-सीमा बताएं। (घ) क्या सभी नल-जल योजना चालू हैं? यदि हाँ, तो कितनी हैं और कितने स्थानों की बंद हैं? बंद नल-जल योजना कब तक चालू की जाएंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) जी नहीं। 12 योजनाएं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
प्रदेश में घटित आर्थिक अपराध (सायबर सेल) के मामले
[गृह]
9. ( *क्र. 4695 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्रमांक 28, दिनांक 29.11.2017 के खण्ड (क) के उत्तर में बताया गया की वर्ष 2015 से 2016 तक 9.24 % आर्थिक अपराध बढ़े, विभाग की दृष्टि में अपराध बढ़ने के क्या कारण रहे, दिनांक 01 जनवरी, 2017 से 31 दिसंबर, 2017 तक प्रदेश में कितने आर्थिक एवं सायबर अपराध के प्रकरण सामने आये? संख्या बतायें। (ख) उज्जैन, इंदौर संभाग में दिनांक 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभाग ने कितने आर्थिक एवं सायबर अपराध के कितने प्रकरणों की विवेचना कर प्रकरण मा. न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए हैं? सिर्फ संख्या बतायें। प्रश्नकर्ता के उक्त तारांकित प्रश्न के खण्ड (घ) में बताया गया कि स्टेट फोरेंसिक लेबोरेट्री के विकास के लिए दिनांक 15.11.2017 को सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के साथ मीटिंग आयोजित की गयी थी। इसमें प्रदेश के किन-किन बिन्दुओं, सुविधाओं को रेखांकित किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित तारांकित प्रश्न के खण्ड (ख) के उत्तर में बताया गया कि सायबर अपराध से निपटने के लिए 146 अधिकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है, दी गयी जानकारी के अनुसार इनमें से आधे से अधिक कर्मचारी/अधिकारी आर्ट्स एवं कॉमर्स विषय से हैं, क्या सायबर प्रशिक्षण के लिए विभाग ने कोई विषय योग्यता निर्धारित की थी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग द्वारा भविष्य में सायबरसेल के लिए उच्च प्रशिक्षत योग्यता धारी आई.टी. इंजीनियर के पद सृजित किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बैंकिंग में नई-नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। लोगों द्वारा ई-कॉमर्स साइटों का उपयोग बहुतायत में किया जा रहा है, परन्तु पर्याप्त डिजीटल साक्षरता का अभाव है, जिस कारण आर्थिक एवं सायबर अपराध के आकड़े बढ़े हैं। दिनांक 01.01.2017 से दिनांक 01.12.2017 तक प्रदेश में 219 आर्थिक एवं सायबर अपराध के प्रकरण सामने आये। (ख) उज्जैन, इन्दौर संभाग में दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक विभाग ने आर्थिक एवं सायबर अपराध के कुल 85 अपराध दर्ज किये एवं 25 प्रकरणों में चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं। आई.टी. एक्ट सेक्शन 79 'क' तहत केन्द्रीय सरकार किसी न्यायालय या अन्य अधिकारी के समक्ष इलेक्ट्रॉनिक रुप में साक्ष्य पर विशेषज्ञ राय उपलब्ध कराने के प्रयोजनों के लिये, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार के किसी विभाग, निकाय या अभिकरण कोई इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के परीक्षक के रुप में विनिर्दिष्ट कर सकेगी। राज्य सायबर सेल की फोरेंसिक लैबोरेट्री को साक्ष्य का परीक्षक आई.टी. एक्ट सेक्शन 79 'क' के तहत अधिसूचित करने के संबंध में दिनांक 15.11.2017 को सूचना एवं प्रोद्यौगिकी मंत्रालय भारत सरकार के साथ मीटिंग आयोजित की गई थी, उक्त संबंध में प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन है। (ग) सायबर मुख्यालय में तत्समय आरक्षक से इन्सपेक्टर स्तर के कुल 146 अधि./कर्म. पदस्थ थे तथा उनको सायबर प्रशिक्षित किया जा चुका था, वर्तमान में राज्य सायबर मुख्यालय में 162 अधि./कर्म. पदस्थ हैं, जिसमें 87 तकनीकी अर्हता रखते हैं (बी.ई., एम.सी.ए., बी.सी.ए., बी.एस.सी., एम.एस.सी. एवं पी.जी.डी.सी.ए.) तथा 75 गैर तकनीकी शैक्षणिक अर्हता से है। सायबर पुलिस मुख्यालय में प्रशासनिक कार्य तथा आरोपियों की धरपकड़ हेतु जिला बल, विसबल एवं अन्य इकाइयों के गैर तकनीकी शैक्षणिक अर्हताओं के कर्मचारियों की भी आवश्यकता होती है, जिस कारण राज्य सायबर मुख्यालय में तकनीकी एवं गैरतकनीकी शैक्षणिक अर्हता के अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं। सायबर में पदस्थापना हेतु तकनीकी अर्हता रखने वाले उप निरीक्षक एवं आरक्षकों की परीक्षा आयोजित कर 305 योग्य अधिकारी/कर्मचारियों का चयन किया गया, जिनकी पदस्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) भविष्य में सायबर सेल के लिए सायबर क्राईम कन्सलटेंट को नियुक्त करने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना सम्भव नहीं।
विधानसभा क्षेत्र करैरा में संचालित नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( *क्र. 4286 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा जिला शिवपुरी में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने हैंडपंप खराब बंद होकर अनुपयोगी हैं व नल-जल योजना कहाँ-कहाँ किस-किस गांव में कब-कब से बंद है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्नांकित दिनांक तक इन्हें चालू करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई व उनमें से कितने हैंडपम्प व नल-जल योजना ठीक कर दिये गये हैं व कितने शेष हैं? शेष की जानकारी ग्राम व संख्यावार दी जावे, इन्हें कब तक ठीक कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (ख) सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत् साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को अधिकतम 15 दिवस में सुधार कर चालू किया जाता है। इसी प्रकार जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के अंतर्गत पंचायतों के माध्यम से एवं विभाग द्वारा नल-जल योजनाओं का सुधार कार्य करवाया जाकर चालू की जा रही हैं। 5760 हैण्डपंप सुधारे गये एवं 17 नल-जल योजनाएं सुधार कर चालू की गईं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 के अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
कृषि भूमियों/भूखण्डों के व्यपवर्तन पर प्रीमियम एवं भू-राजस्व का निर्धारण
[राजस्व]
11. ( *क्र. 3856 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कृषि भूमियों/भूखण्डों के व्यपवर्तन पर प्रीमियम एवं भू-राजस्व निर्धारण्ा हेतु वर्तमान में किन नियमों में क्या प्रावधान है? नियम व आदेश/निर्देश की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में मौजा चौरई के वार्ड नं. 8 छिन्दवाड़ा सिवनी मुख्य मार्ग पर पेट्रोल पंप के पास स्थित 2000 वर्गफुट कृषि भू-खण्ड/कृषि भूमि का व्यावसायिक/आवासीय प्रयोजनार्थ व्यपवर्तन पर प्रीमियम व भू-राजस्व का पुनर्निर्धारण किस प्रकार से किस दर पर कितना होगा? अलग-अलग प्रयोजन हेतु उदाहरण सहित बतायें? (ग) इसी प्रकार प्रश्नांश (क) के प्रकाश में मौजा चौरई के वार्ड नं. 14 चौरई चॉद मार्ग पर बायपास चौराहा से पूर्व स्थित 1500 वर्गफुट कृषि भू-खण्ड/कृषि भूमि का व्यावसायिक/आवासीय प्रयोजनार्थ व्यपवर्तन पर प्रीमियम व भू-राजस्व का पुनर्निर्धारण किस प्रकार से किस दर पर कितना होगा? अलग-अलग प्रयोजन हेतु उदाहरण सहित बतायें? (घ) क्या छिन्दवाड़ा जिले में कृषि भूमियों/भूखण्डों का आवासीय/व्यावसायिक प्रयोजनार्थ व्यपवर्तन पर वर्तमान में प्रभावशील नियमों के तहत सिंचित कृषि भूमि का बाजार मूल्य के विपरीत कलेक्टर गाईड लाईन दर पर जहां जिस हेतु जो दरें निर्धारित हैं, उसके अनुरूप भूमियों/भूखण्डों का वर्गमीटर में बाजार मूल्य के आधार पर प्रीमियम और भू राजस्व का पुनर्निर्धारण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या यह नियमानुकुल है? यदि नहीं, तो क्या शासन उदाहरण सहित सही निर्धारण करने का आदेश देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-1/2012/सात'/शा.6 भोपाल दिनांक 10 जुलाई, 2014 में प्रावधान है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। (ख) चौरई के वार्ड नं. 8 छिन्दवाड़ा सिवनी मुख्य मार्ग पर पेट्रोल पंप के पास स्थित 2000 वर्गफुट कृषि भू-खण्ड/कृषि भूमि का व्यावसायिक/आवासीय प्रयोजनार्थ व्यपवर्तन पर प्रीमियम व भू-राजस्व का पुनर्निर्धारण प्रश्नांश (क) में दिये गये नियम निर्देशों के अनुसार बाजार मूल्य निर्धारित करने हेतु कलेक्टर गाईडलाईन एवं गाईडलाईन हेतु बने उपबंधों के अनुसार बाजार मूल्यों की गणना की जाती है। पश्चात् निर्धारित बाजार मूल्य के आधार पर प्रीमियम एवं भू-राजस्व पुनर्निर्धारण नियमानुसार किया जाता है। उदाहरण स्वरूप गणना पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार। (ग) चौरई के वार्ड नं. 14 चौरई चॉद मार्ग पर बायपास चौराहा से पूर्व स्थित 1500 वर्गफुट कृषि भू-खण्ड/कृषि भूमि का व्यावसायिक/आवासीय प्रयोजनार्थ व्यपवर्तन पर प्रीमियम व भू-राजस्व का पुनर्निर्धारण प्रश्नांश (क) में दिये गये नियम निर्देशों के अनुसार बाजार मूल्य निर्धारित करने हेतु कलेक्टर गाईड लाईन एवं गाईड लाईन हेतु बने उपबंधों के अनुसार बाजार मूल्यों की गणना की जाती है। पश्चात् निर्धारित बाजार मूल्य के आधार पर प्रीमियम एवं भू-राजस्व का पुनर्निर्धारण नियमानुसार किया जाता है। उदाहरण स्वरूप गणना पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार। (घ) छिन्दवाड़ा जिले में कृषि भूमियों/भूखण्डों का आवासीय/व्यावसायिक प्रयोजनार्थ व्यपवर्तन पर वर्तमान में प्रभावशील नियमों के तहत बाजार मूल्य का निर्धारण कलेक्टर गाईड लाईन एवं कृषि भूमि हेतु बने उपबंधों के आधार पर होता है। जो नियमानुकूल है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भू-स्वामित्व की भूमि को फ्री-होल्ड कराया जाना
[राजस्व]
12. ( *क्र. 5252 ) श्री रमेश पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1700, दिनांक 29.11.2017 के संदर्भ में बैतूल जिले के मुलताई नगर में 1257 पट्टों के भू-खण्ड खसरा आबादी नजूल की है अथवा भू-स्वामित्व की है? (ख) यदि उक्त भूमि भू-स्वामित्व की है तो क्या उक्त भूमि को फ्री-होल्ड कराये जाने की आवश्यकता है या नहीं? नियम प्रावधान सहित बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार नजूल घोषित किए गए क्षेत्र में सम्मिलित 'खसरा आबादी' के आवासीय भू-खण्डों पर भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रवृत्त होने के दिनांक या नजूल नोटिफिकेशन दिनांक (जो लागू हो) के पूर्व से निवासरत पैतृक अधिकार से या विधिपूर्वक धारित अधिकार से काबिज व्यक्ति को भूमि स्वामी अधिकार रहेगा या नहीं? यदि रहेगा तो किन प्रावधानों के तहत उक्त सरकारी भूमि पट्टा लेने हेतु प्रशासन किन नियमों एवं प्रावधानों के तहत जबरिया भूमि स्वामी की भूमि के भू-स्वामियों को फ्री-होल्ड किए जाने हेतु बाध्य किया जा रहा है? (घ) क्या वर्तमान में खसरा आबादी नजूल के भू-खण्डों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है? यदि हाँ, तो भू-स्वामी की संपत्ति के क्रय-विक्रय अनुमति के नियमों की छायाप्रति के साथ इसका कारण देवें। ऐसा मनमाना आदेश देने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1700, दिनांक 29.11.2017 के संदर्भ में बैतूल जिले के मुलताई नगर में 1257 पटटों के भू-खण्ड नजूल के हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नजूल घोषित किये गये क्षेत्र में सम्मिलित खसरा आबादी के आवासीय भू-खण्डों पर भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रवृत होने के दिनांक या नजूल नोटिफिकेशन दिनांक (जो लागू हो) के पूर्व से निवासरत पैतृक अधिकार से या विधिपूर्वक धारित अधिकार से काबिज व्यक्ति को भूमि स्वामी अधिकार रहेगा। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होगा। नजूल भूमि को फ्री-होल्ड कराने के प्रावधान ऐच्छिक है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( *क्र. 4304 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पो.सतना द्वारा समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य सोसायटियों द्वारा गोदाम स्त्ार पर कराया गया था? यदि हाँ, तो ऐसी सोसायटियों के नाम एवं उनके द्वारा उपार्जित मात्रा की सोसायटीवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित सोसायटियों के संबंध में क्या उनके द्वारा वेयरहाउस गोदाम स्तर पर की गयी खरीदी के परिदान व्यय की राशि आज पर्यन्त तक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पो. सतना द्वारा भुगतान नहीं की गयी है? यदि हाँ, तो ऐसी राशि का भुगतान किस दर पर और कब तक किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में अभी तक भुगतान ना किये जाने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा अभी तक भुगतान ना किये जाने का कारण स्पष्ट करें? उक्त सोसायटियों की लम्बित उक्त राशि का भुगतान ब्याज सहित कब तक किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। सतना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में गोदाम स्तर पर धान उपार्जन हेतु संलग्न संस्थाओं एवं उपार्जित मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में गोदाम स्तर पर धान उपार्जन हेतु समितियों को पृथक से परिदान व्यय के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं था। समितियों को निर्धारित कमीशन के अतिरिक्त लेबर व्यय रू. 8 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किए जाने का प्रावधान था, जिसका भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समितियों का कोई भुगतान लंबित न होने से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
खसरे की नकल हेतु सॉफ्टवेयर तैयार किया जाना
[राजस्व]
14. ( *क्र. 5204 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कृषकों की खसरा बी, 1 एवं कृषकों की खाता अद्यतन की प्रविष्टि की नकल प्रदान करने हेतु कौन-कौन से अधिकारी से सॉफ्टवेयर तैयार किये गये? सॉफ्टवेयर तैयार करने हेतु जारी निविदा, विज्ञप्ति, प्राप्त आवेदन, अनुबंध, कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा, सॉफ्टवेयर प्रारंभ करने की शिकायत, सॉफ्टवेयर प्रारंभ करने के बाद प्राप्त शिकायत, संबंधित कंपनी/एजेंसी को किये गये भुगतान, प्राप्त शिकायत पर की गई कार्यवाही आदि का विस्तृत ब्यौरा मय दस्तावेज के प्रदान करें? वर्तमान में कौन सा सॉफ्टवेयर कार्य कर रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार सॉफ्टवेयर के ठीक से काम नहीं करने के लिये साफ्टेवयर प्रारंभ करने से पहले सभी पहलुओं पर विचार नहीं करते हुए सॉफ्टवेयर प्रारम्भ करने से कृषकों को और विभाग के कर्मचारियों को होने वाली कठिनाईयों और विभाग के आर्थिक नुकसान के लिये कौन अधिकारी दोषी है? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी द्वारा संपूर्ण जाँच किये जाने के उपरान्त दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज किये जाने के आदेश देने के बाद भी थाना प्रभारी द्वारा पुन: जाँच कर आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) के जवाब के प्रकाश में आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया? विवरण प्रस्तुत करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कृषकों की खसरा बी, 1 एवं कृषकों की खाता अद्यतन की प्रविष्टि की नकल प्रदान करने हेतु NIC क्लाइन्ट/सर्वर सॉफ्टवेयर आधारित ऑफलाइन सॉफ्टवेयर NIC द्वारा बनाया गया है तथा वेब बेस्ड जी.आई.एस. ऑनलाइन वेब आधारित सॉफ्टवेयर जो निविदा में चयनित वेंडर द्वारा बनाया जा रहा है। अन्य जानकारी वृहद होने से संकलित की जा रही है। (ख) जिलों से प्राप्त विभिन्न सुझावों/समस्याओं/शिकायतों के आधार पर सॉफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन/सरलीकरण किया गया है। अतः नागरिकों की सुविधाओं एवं भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर को लागू किया जा रहा है। सरलीकरण एक सतत् प्रक्रिया है। सॉफ्टवेयर का निर्माण निविदा में चयनित वेंडर के तकनीकी अमले द्वारा PPP Boot model पर किया जा रहा है, जिससे शासन को कोई आर्थिक नुकसान नहीं हो रहा है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिना अनुमति के अचल सम्पत्ति की खरीदी
[गृह]
15. ( *क्र. 4462 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लखविंदर सिंह म.प्र. पुलिस में लिपिक/उप निरीक्षक के पद पर या अन्य किसी पद पर वर्ष 2011 में आई.जी. भोपाल के कार्यालय में या एस.पी. भोपाल के कार्यालय में पदस्थ रहे? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्ति की म.प्र. पुलिस में किस दिनांक को, किस पद पर, किस स्थान पर पहली पदस्थापना, किस पे ग्रेड पर हुई? उक्त व्यक्ति अपने सेवाकाल के दौरान किस-किस स्थान पर कितने-कितने समय, किस-किस कार्यालय में पदस्थ रहा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्ति के द्वारा शासकीय सेवा में रहते हुये शासन के गृह (पुलिस) विभाग एवं पुलिस महानिदेशक म.प्र. पुलिस या अन्य किस सक्षम कार्यालय से अपने स्वयं के नाम/पत्नी के नाम/नाबालिक पुत्रियों के नाम/बालिग पुत्रियों के नाम कितनी राशि की अचल संपत्ति खरीदे जाने की आज्ञा/अनुमति/एन.ओ.सी. कब-कब ली? (ग) क्या शासकीय सेवा के दौरान खरीदी जाने वाली अचल संपत्ति का विवरण विभाग को देना अनिवार्य है तथा क्या उक्त खरीदी गई अचल संपत्ति की अनुमति भी लेना अनिवार्य है? क्या सेवा में रहते लखविंदर सिंह ने जो अचल संपत्ति खरीदी उसकी विभाग ने मंजूरी कब-कब, किस सक्षम कार्यालय ने जारी की? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यक्ति के विरूद्ध उसकी सेवाकाल के दौरान पुलिस महानिदेशक/ए.डी.जी. शिकायत/ए.डी.जी. ई.ओ.डब्लू./आई. जी. भोपाल/एस.पी. भोपाल को कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? उक्त शिकायतों पर क्या जाँच हुई? जाँच रिपोर्टों एवं जाँच के निष्कर्षों का विवरण उपलब्ध करायें? क्या कार्यवाही विभाग ने की? विवरण दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) लखविंदर सिंह की सेवा पुस्तिका में अंकित जानकारी के अनुसार उनके द्वारा स्वयं के नाम/पत्नी के नाम/नाबालिक पुत्रियों के नाम/बालिग पुत्रियों के नाम कुल तीन अचल संपत्ति खरीदे जाने की अनुमति विभाग से ली गई है। लखविंदर सिंह द्वारा ली गई अनुमति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ, मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 19 में दिये गये प्रावधान के अनुसार शासकीय सेवक को सेवा के दौरान खरीदी जाने वाली अचल सम्पत्ति स्वयं के नाम या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर अर्जित करने की जानकारी निर्धारित प्राधिकारी को देना आवश्यक है। प्रश्नांश का शेष अंश प्रश्नांश (ख) के उत्तर को दृष्टिगत रखते हुये उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'अनुसार है।
सिटी कोतवाली टी.आई. द्वारा व्यापारियों से अभद्र व्यवहार
[गृह]
16. ( *क्र. 2800 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 04 फरवरी, 2018 को जैन मेडिकल स्टोर पुस्तक बाजार भिण्ड में दोपहर 12 बजे सिटी कोतवाली टी.आई. ने घुसकर नीरज पुजारी से मारपीट की? यदि हाँ, तो मारपीट करने का क्या कारण था? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत अतिक्रमण हटाने को लेकर पूर्व में लिखित और मौखिक सूचना कब दी गई? क्या अतिक्रमणकारी व्यक्तियों की मारपीट एवं गाली-गलौच करना वैधानिक प्रक्रिया है? यदि नहीं, तो इस प्रक्रिया को क्यों अपनाया गया? इसके लिये कौन दोषी हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में नियमों के विपरीत कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच की जायेगी? क्या निर्दोष व्यक्तियों के ऊपर पंजीबद्ध प्रकरणों को हटाया जायेगा? (घ) क्या घटना के समय एडीशनल एस.पी. ने पीड़ित व्यक्तियों से चर्चा की? यदि हाँ, तो उस समय क्या बलवा, हमला, झगड़ा अवरोध प्रतिरोध हुआ था? यदि नहीं, तो घटना के समय प्राथमिक सूचना रिपोर्ट किस आदेश से पंजीबद्ध की गई? क्या व्यापारी द्वारा नियमों के विपरीत कार्य किया गया था? यदि हाँ, तो विवरण दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) अतिक्रमण के कारण मार्ग अवरूद्ध होने से अतिक्रमण हटाने हेतु थाना प्रभारी सिटी कोतवाली भिण्ड द्वारा शहर भ्रमण के दौरान दिनांक 08.01.2018, 14.01.2018, 17.01.2018 एवं 24.01.2018 को मौखिक रूप से समझाईश दी गई थी। जी नहीं। मारपीट एवं गाली-गलौच की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उच्च स्तरीय जाँच की आवश्यकता नहीं है। अपराध विवेचना में है। पाये गये साक्ष्य अनुसार कार्यवाही की जाएगी। (घ) अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने घटना के समय चक्का जाम कर रहे व्यक्तियों को समझाईश दी थी। चक्का जाम कर रहे व्यक्तियों द्वारा आवागमन के मार्ग को बाधित किये जाने की घटना अपराध की श्रेणी में होने से थाना कोतवाली भिण्ड में अपराध क्रमांक 48/2018 धारा 341, 147 भारतीय दण्ड विधान पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण विवेचना में है।
मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
17. ( *क्र. 4729 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन निर्देशानुसार किसी भी मजरे टोले को पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु क्या ग्राम मजरे टोलों की जनसंख्या 200 से अधिक, मूल आबादी से 2 कि.मी. की दूरी व 200 एकड़ का क्षेत्रफल होना चाहिए? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मापदण्डानुसार श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 01.01.2014 से वर्तमान तक कौन-कौन से चिन्हित मूल ग्रामों के कौन-कौन से मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित किया गया, में से किन-किन मजरे टोलों के ग्रामों के अधिकार अभिलेख व अन्य वैधानिक कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं, कौन-कौन से ग्रामों के नहीं व क्यों? कब तक पूर्ण किये जावेंगे? इन्हें पूर्ण करने में विलम्ब के लिये उत्तरदायियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्षेत्रान्तर्गत ग्राम, मजरा व टोला चिमलका सौभागपुरा, हनुमानखेड़ा, कोलूखेड़ा, झोपड़ी सहित कौन-कौन से मजरे टोले ग्राम ऐसे हैं, जो उक्त मापदण्डानुसार राजस्व ग्राम बनाने हेतु पात्र हैं, इन्हें पृथक राजस्व ग्राम घोषित क्यों नहीं किया जा रहा है? कब तक घोषित किया जावेगा? शेष अपात्र मजरे टोलों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने हेतु क्या शासन उक्त मापदण्डों को और अधिक सरल करेगा व कब तक? यदि नहीं, तो क्यों।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) मूलग्राम बर्धाबुजुर्ग का मजरा टोला प्रताप नगर मूलग्राम खोजीपुरा का मजरा टोला नीमदा का सहराना मूलग्राम वगदरी का मजरा टोला छोलघटा मूलग्राम हॉसलपुर का मजरा टोला शालापथ मूलग्राम धीरौली का मजरा टोला हरनामचन्द का टपरा मूलग्राम काशीपुर का मजरा टोला कल्याणपुरा मूलग्राम सेवापुर का मजरा टोला बहरामपुरा मूलग्राम जावदेश्वर का मजरा टोला चीमलका मूलग्राम बहरावदा का मजरा टोला ढ़ीमचोतरा, मूलग्राम शंकरपुर का मजरा टोला मथुरा का सहराना, मूलग्राम ईछना खेडली का मजरा टोला दीतपुरा, मूलग्राम छीताखेडली का मजरा टोला रामनगर, मूलग्राम पटपडा का मजरा टोला कोल्हूखेड़ा, मूलग्राम विजरपुर का मजरा टोला मालीवाड़ी, मूलग्राम पनवाड का मजरा टोला रूण्डी, मूलग्राम फिलोजपुरा का मजरा टोला भैरूखेडी को मध्य प्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल की अधिसूचना क्र. एफ-15-7/2017/सात/शाखा-6/886 भोपाल, दिनांक 05.08.2017 एवं अधिसूचना क्र. एफ-15-21/2017/सात-6 भोपाल दिनांक 25.01.2018 से राजस्व ग्राम घोषित की जाने की अधिसूचना जारी की गई है। उक्त घोषित किये गये राजस्व ग्रामों के अधिकार अभिलेख व अन्य वैधानिक कार्य पूर्ण किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। प्रक्रिया चरणबद्ध होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मजरा टोला चीमलका व कोल्हूखेड़ा को मध्य प्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल की अधिसूचना क्र. एफ- -15-21/2017/सात-6 भोपाल दिनांक 25.01.2018 से राजस्व ग्राम घोषित किये जा चुके हैं। शेष मजरा टोला सौभागपुरा, हनुमानखेड़ा एवं झोपड़ी सहित अन्य पात्र मजरा टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। मापदण्ड में न आने वाले मजरे टोलों में भी मूलभूत सुविधायें शासन द्वारा उपलब्ध करायी जा रही हैं, शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों की भूमि का क्रय-विक्रय
[राजस्व]
18. ( *क्र. 4597 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के तहत अनुसूचित जन जाति के भूमियों को कलेक्टर की आज्ञा के बिना गैर अनुसूचित जनजाति के नाम पर हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सोहागपुर नं. 1 पटवारी हल्का नम्बर 77 तहसील सोहागपुर जिला शहडोल की भूमि खसरा नं. 1685 रकबा 5.00 एकड़ भूमि अनुसूचित जनजाति के कृषक के नाम पर थी, किन्तु अवैधानिक तरीके से गैर अनुसूचित जनजातियों के द्वारा अपने नाम पर नामांतरण कराकर विक्रय कर दिया गया? (ग) क्या शासन द्वारा विस्तृत जाँच कराकर नियमानुसार पूर्ववत् मूल कृषक या उनके वारिसों के नाम पर दर्ज किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या गैरकानूनी तरीके से भूमि क्रय-विक्रय करने वाले तथा अवैधानिक नामांतरण करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
सूखाग्रस्त क्षेत्र के किसानों को राहत राशि का प्रदाय
[राजस्व]
19. ( *क्र. 191 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र जतारा जिला-टीकमगढ़ में इस वर्ष भयंकर सूखा पड़ा है? किसानों के खेत खाली पड़े हैं, पूरा क्षेत्र सूखे की चपेट में है? (ख) यदि हाँ, तो कृषि विभाग किसानों की इस दयनीय स्थिति में क्या राहत देने जा रहा है, जिससे किसानों को इस संकट से राहत मिल सके। (ग) क्या किसानों के खेत खाली होने से जानवरों के चारे की विकट समस्या खड़ी हो रही है? यदि हाँ, तो इसके लिए शासन क्या कदम उठायेगा? (घ) सूखा राहत राशि किसानों को कब तक वितरण की जाएगी? साथ ही राहत राशि वितरण का क्या मापदण्ड होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, सूखा मैन्युल 2016 के अनुसार खरीफ फसल हेतु सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है। (ख) सूखा प्रभावित किसानों को आर.बी.सी. 6-4 के तहत राहत राशि प्रदाय किए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी नहीं, पशुओं के चारे की व्यवस्था की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के अनुसार कुल 86093 प्रभावित कृषकों में से 32781 कृषकों को 17.59 करोड़ राहत राशि का वितरण किया गया है, शेष कृषकों को वितरण राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के मापदण्ड अनुसार शीघ्र कर दिया जायेगा।
रीवा संभाग अंतर्गत संचालित फैक्िट्रयों में प्रदूषण की जाँच
[पर्यावरण]
20. ( *क्र. 3775 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन प्रतिष्ठानों/फैक्ट्रियों एवं सीमेन्ट प्लान्टों को पर्यावरण के प्रदूषण कन्ट्रोल के लिए प्रदूषण विभाग व ग्रीन ट्रिब्यूनल विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र/अनुज्ञा पत्र सक्षम अधिकारी राज्य व केन्द्र सरकार से प्राप्त है? जिलावार, इकाईवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन फैक्ट्रियों व प्लान्टों को कारण बताओ नोटिस प्रदान किये गये हैं? कारण सहित जिलावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पर्यावरण व ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियम के पालन न करने के लिए कौन दोषी है? फैक्ट्री/प्लान्ट या अधिकारी बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में दण्डात्मक कार्यवाही न करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा रीवा संभाग के जिला सिंगरौली, सतना, रीवा एवं सीधी के प्रतिष्ठानों/फैक्ट्रियों (सीमेंट प्लांट सहित) को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानानुसार प्रदत्त सम्मति, परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ठ (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 तथा जीव चिकित्सा अपशिष्ठ (प्रबंधन एवं हथालन) नियम, 2016 के अंतर्गत प्रदत्त प्राधिकार व केन्द्र शासन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राज्य/जिला स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण से प्राप्त पर्यावरणीय स्वीकृति (ई.सी.) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। ग्रीन ट्रिब्यूनल विभाग की अनापत्ति/अनुज्ञा की जानकारी बोर्ड के संज्ञान में नहीं है। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुम्हार कारीगरों को आवंटित भूमि पर कब्जा
[राजस्व]
21. ( *क्र. 2250 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश के कुम्हार कारीगरों को मिट्टी का कार्य करने हेतु भूमि आवंटित की गयी थी? यदि हाँ, तो सागर संभाग में कितनी भूमि आवंटित की गयी थी? जिलेवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त संभाग के जिलों में उक्त आरक्षित भूमि पर कब्जा हो गया है? यदि हाँ, तो जिलेवार उक्त भूमि पर कब्जा करने वाले व्यक्तियों के नाम पता, भूमि का खसरा क्र. सहित जानकारी देवें? (ग) क्या सागर संभाग के सभी जिलों में मिटटी का कार्य करने वाले कुम्हार/प्रजापति समाज के कारीगरों को शासन द्वारा आवंटित भूमि पर कब्जा होने से जीविकोपार्जन व मिट्टी का कार्य करने में जमीन ना होने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार प्रजापति समाज के कारीगरों/मिट्टी का कार्य करने वालों को शासन द्वारा उक्त भूमि कब्जाधारियों से वापिस कब तक प्रदाय की जावेगी एवं कारीगरों को उक्त भूमि के अलावा और क्या योजनायें उपलब्ध करायी जावेंगी व कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। सागर संभाग में सागर जिले में 22.34 हे. भूमि। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दमोह जिले में 14.36 हे. भूमि, टीकमगढ़ जिले में 146.433 हे. भूमि कुम्हार कारीगरों को मिट्टी का कार्य करने हेतु आरक्षित की गई है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ख) आरक्षित भूमि पर कोई कब्जा नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
उद्योगों को लीज पर भूमि का आवंटन
[राजस्व]
22. ( *क्र. 4489 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर एवं पिपलौदा नगर में जिनिंग कार्यों एवं रबर फैक्ट्री इत्यादि संबंधी उद्योगों को स्थापित किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा उक्ताशय के उद्योगों को स्थापित किये जाने हेतु लीज पर भूमियां अनुबंध कर शर्तों के आधार पर दी थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या जावरा नगर स्थित वतर्मान में जवाहर कॉलोनी महावीर कॉलोनी, तिलक नगर कॉलोनी एवं पिपलौदा नगर में जिनिंग फैक्ट्री भूमि इत्यादि स्थानों के अलावा भी भिन्न-भिन्न प्रकार के उद्योग धंधे स्थापित किये जाने हेतु अनुबंध कर भूमियां दी गई थीं? जो उद्योग बंद हो गये? (ग) यदि हाँ, तो विगत वर्षों में षडयंत्रपूर्वक उद्योग धंधों पर ऋण लेकर नहीं चुकाया गया, ना ही विक्रय कर की (सेल्स टैक्स) अदायगी की गई, जिन कारणों से बैंकों एवं सेल्स टैक्स विभाग की बकाया राशि शेष होने से नीलामी की गई? लीज प्रयोजन समाप्त होने पर भूमि क्या शासन समर्पित होना थी? (घ) यदि हाँ, तो बताएं कि ऋण की बकाया राशि उद्योगों फर्मों, व्यक्तियों पर शास्तिक होती थी, जिसकी वसूली उनके स्वामित्व की भूमियों, भवनों, फैक्ट्रियों, मशीनरी, जेवर, जायदाद इत्यादि से वसूल की जाना थी, जो कि षड्यंत्रपूर्वक नहीं की जाकर उनसे वसूली क्यों नहीं की गई एवं शासनाधीन भूमियां वसूली हेतु नीलाम कर दी गई तो संपूर्ण स्थितियों की सक्षम जाँच की जाकर कार्यवाहियां की जाएंगी, तो कब की जाएंगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
मुलताई विधानसभा क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों की संख्या
[राजस्व]
23. ( *क्र. 5184 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुलताई नगरीय क्षेत्र में राजस्व अभिलेख का नक्शा 1 : 16 के अनुपात में निर्मित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या नगरीय क्षेत्र में छोटे-छोटे भू-खण्ड के नक्शे दर्ज हो पाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मुलताई न्यायालय में वर्ष अप्रैल 2009 से प्रश्न दिनांक तक दर्ज हुये प्रकरणों की जानकारी प्रकरण का नाम, प्रकरण दर्ज दिनांक, प्रकरण निराकरण हुये या नहीं, प्रकरण निराकरण दिनांक के साथ सूची में देवें। (ग) मुलताई शहरी क्षेत्र में वर्ष 2009 से आज दिनांक तक अवैध कालोनियों की जानकारी अवैध कॉलोनी का नाम, की गयी कार्यवाही की जानकारी दिनांकों से कॉलोनीवार सूची में उपलब्ध करायें। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुलताई द्वारा किस भू-स्वामी की कौन से खसरे नम्बर की भूमि प्रबंधन में ली गई? इनमें से किस खसरे को विक्रय की अनुमति किस स्तर के अधिकारियों द्वारा कब दी गयी, कारण सहित सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार नपा मुलताई द्वारा उक्त अवैध कालोनियों में क्या-क्या विकास कार्य वर्ष 2009 से आज प्रश्न दिनांक तक कराये गये? कार्य का नाम, कार्य पूर्णता दिनांक, स्वीकृत राशि, व्यय की गई राशी की जानकारी सूची में दें। क्या उक्त कार्य में व्यय की गई राशि शासकीय राशि का अपव्यय माना जायेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
इंदिरा सागर जलाशय/ओंकारेश्वर जलाशय में मत्स्याखेट
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
24. ( *क्र. 5187 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर जलाशय में मत्स्याखेट करने हेतु वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक किन-किन ठेकेदारों को कितनी अवधि का ठेका दिया गया है? (ख) क्या मत्स्याखेट करने वाले ठेकेदारों से भी मत्स्य बीज डलवाए गए हैं? यदि हाँ, तो किस ठेकेदार से बीज कब कब डलवाये गए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इन ठेकेदारों द्वारा किस-किस प्रान्त से कितनी मात्रा में प्रतिवर्ष मत्स्य बीज खरीदा गया है? मत्स्याखेट करने वाले ठेकेदारों के द्वारा मत्स्य बीज का परिवहन किन-किन वाहनों से किया गया है? उन वाहनों के नम्बर तथा इन वाहनों द्वारा जिस स्थान से बीज का परिवहन किया है वहां से बीज डाले जाने वाले स्थान तक की टोल टैक्स रसीदें उपलब्ध करावें। जहां से बीज भरा गया है वहां की रसीद एवं जहां बीज डाला गया वहां की भी रसीद उपलब्ध करावें। (घ) क्या इंदिरा सागर जलाशय व ओंकारेश्वर जलाशय में मत्स्य बीज डाला गया था? (ड.) क्या मत्स्य बीज डालते समय जनप्रतिनिधियों को बुलाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक मत्स्य बीज, जलाशयों में डालते समय किन-किन जनप्रतिनिधियों को उपस्थित रहने की सूचना दी है? यदि सूचना नहीं दी गई तो उसका क्या कारण है? मत्स्य बीज डालते समय कौन जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन जलाशयों को मत्स्य पालन ठेके पर नहीं दिया जाता है। अपितु आखेटित मछली के विक्रय हेतु ई-टेण्डर से अनुबंध निष्पादित किया जाता है। मत्स्य विक्रय अनुबंधग्राहिताओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर सनावद के बीमा अस्पताल को प्रारम्भ करना
[श्रम]
25. ( *क्र. 2943 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर सनावाद में संचालित बीमा अस्पताल को राज्य शासन द्वारा कब से एवं क्यों बंद कर दिया गया है? उचित कारण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1151, दिनांक 12.08.2017 से मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव आदि के नगर सनावाद में सूत मिल, सेलदा में पावर प्लांट, ओंकारेश्वर में पावर प्लांट, पुनासा में पावर प्लांट आदि के लेबर में मेडिकल सुविधा के लिए लिखे गए पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? संदर्भित पत्रों के संलग्न आवेदन में लेबरों द्वारा इंदौर स्थित बीमा अस्पताल में उन्हें सनावद अस्पताल में रेफर पर्ची मांगने की शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या इन हजारों कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुविधा को देखते हुए शासन नगर सनावद के अस्पताल की सुविधा प्रारम्भ करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? यदि नहीं, तो ये कर्मचारी अपना एवं उनके परिवार का उपचार कैसे कराएंगे?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) नगर सनावद में संचालित बीमा अस्पताल को राज्य शासन द्वारा दिनांक 01.09.2005 से बन्द किया गया, क्योंकि तत्समय बीमितों की संख्या घटकर 50 हो गई थी और उस समय 22 श्रमिक ही व्याप्ति के क्षेत्र में थे। इस कारण सनावद केन्द्र की उपयोगिता समाप्त हो गई एवं वहां पदस्थ अमले पर लगभग रूपये दस लाख व्यय भार आ रहा था। इस कारण राज्य शासन द्वारा नगर सनावद के बीमा अस्पताल को बन्द किया गया। (ख) प्रश्नांश के सन्दर्भ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम, पंचदीप भवन, इन्दौर द्वारा निम्न जानकारी प्रेषित की गई है :- 1. प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 1151 दिनांक 12.08.2017 के सन्दर्भ में पावर प्लांट सैलदा, ओंकारेश्वर, पुनासा के बीमितों/आश्रितों हेतु निजी चिकित्सकों/निजी चिकित्सालयों से अनुबंध करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। 2. कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न होने की स्थिति में बीमित/परिवार सदस्य कर्मचारी राज्य बीमा निगम के रेग्युलेशन 96-ए के अंतर्गत चिकित्सा सुविधा का लाभ ले सकते हैं, अर्थात् बीमित हितग्राही किसी भी निजी चिकित्सालय से निदान/उपचार प्राप्त कर देयक क्षेत्रीय कार्यालय कर्मचारी राज्य बीमा निगम, पंचदीप भवन, नन्दानगर इन्दौर के पते पर भुगतान हेतु भेज सकते हैं। 3. इन्दौर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा आदर्श चिकित्सालय द्वारा सनावद के बीमितों/आश्रितों से रैफर पर्ची मांगने के सन्दर्भ में चिकित्सा अधीक्षक, आदर्श चिकित्सालय, इन्दौर को निर्देश दिये गये हैं कि जब तक उपरोक्त क्षेत्रों में बीमा चिकित्सा व्यवसायी/औषधालय की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक बिना फार्म-4 (संदर्भन पर्ची) के उपचार/निदान उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। तदुपरान्त इन्दौर स्थित बीमा अस्पताल में इलाज उपलब्ध भी कराया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश के सन्दर्भ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम, पंचदीप भवन, इन्दौर द्वारा निम्न जानकारी प्रेषित की गई है :- सनावद केन्द्र में कालान्तर में बीमित व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि हुई है। अतः सनावद केन्द्र में औषधालय खोलने की कार्यवाही की जा रही है। चूंकि सनावद में पुनः बीमा अस्पताल को खोलने की कार्यवाही कर्मचारी राज्य बीमा निगम (भारत शासन) द्वारा की जाना है, इसलिये राज्य स्तर पर बीमा अस्पताल प्रारंभ करने की तिथि बता पाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पहाड़ भूमि
का आबादी भूमि
में परिवर्तन
[राजस्व]
1. ( क्र. 12 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के मालनपुर में सर्वे क्रमांक 506 पहाड़ पर श्री महेन्द्र जाटव एवं अन्य लोगों द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किये जाने एवं पहाड़ी भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तित किए जाने के संबंध में कलेक्टर भिण्ड को की गई शिकायतों की जाँच की कार्यवाही प्रचलित है? (ख) यदि हाँ, तो जाँच कब से किस स्तर के अधिकारी द्वारा की जा रही है? जाँच निष्कर्षों के आधार पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच में कौन-कौन दोषी पाये गये तथा अतिक्रमण हटाने की दिशा में अब तक क्या कार्यवाही की गई और कब तक अतिक्रमण हटा दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
धोखाधड़ी के सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाना
[गृह]
2. ( क्र. 761 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक अ.अ.वि./वि.स./ध्याना सू.क्र./172/1632/16 दिनांक 4/11/2016 एवं कार्यालय पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्रमांक/पुअ/सतना/कोलगवां/417/16 दिनांक 07/04/2017 एवं कार्या.पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र./पु.अ./सतना/ओ एम/126-ए/2017 दिनांक 11/05/17 एवं कार्यालय पु.अधीक्षक सतना के पत्र क्र./पु.अ./सतना/शिकायत/सीएसपी/161/17 दिनांक 17/10/17 में उल्लेखित धोखाधड़ी के प्रकरणों में प्रश्नतिथि तक अपराध पंजीबद्ध क्या किया गया है? (ख) क्या सतना जिले की थाना कोलगवां एवं सिटी कोतवाली की पुलिस द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों के बिंदुओं पर प्रश्नतिथि तक एफ.आई.आर. दर्ज न कर पुलिस अधीक्षक सतना एवं ए.डी.जी. अपराध अनुसंधान विभाग को लगातार असत्य जानकारी देकर सदन के पटल पर गुमराह करने वाली जानकारी दी जा रही है? अगर नहीं तो एफ.आई.आर. दर्ज हुई? (ग) क्या थाना सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध क्रमांक 169/2017 के आरोपियों की जमानत याचिकायें जिला/उच्च न्यायालय से निरस्त होने के बाद भी उन्हें प्रश्नतिथि तक गिरफ्तार नहीं किया गया है? गिरफ्तार ना करने पर संबंधित थाने के टी.आई. को अब तक निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करने के आदेश डी.जी.पी. म.प्र. जारी करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में नहीं तो पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्रमांक/पु.अ./सतना/ शिकायत/सी.एस.पी./161/7 दिनांक 17/10/17 से नगर पुलिस अधीक्षक को 07 दिवस में कार्यवाही किये जाने के आदेश के बाद प्रश्नतिथि तक कोई भी एफ.आई.आर. दर्ज न होने पर पुलिस महानिदेशक म.प्र. पुलिस/ए.डी.जी. अपराध अनुसंधान विभाग किस नाम/पदनाम के अधिकारियों/ कर्मचारियों को दोषी मानता है? अगर नहीं मानता है तो कारण दें? नियमों का उल्लेख करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। शिकायत पत्र क्रमांक 161/2017 की जाँच नगर पुलिस अधीक्षक, सतना द्वारा धोखाधड़ी एवं पैसों के लेन देन की जाँच कराई गई जो अप्रमाणित पाई गई। (ख) जी नहीं। (ग) प्रकरण अनुसंधान में होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं होगा। (घ) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश ''क'' में समाहित है।
शासकीय भूमि को निजी भूमि में बदले जाने पर जाँच एवं कार्यवाही
[राजस्व]
3. ( क्र. 762 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर सतना के द्वारा पत्र क्रमांक/राजस्व/2016/87 दिनांक 22/03/2016 से जो आदेश जारी किया गया था इसके परिपालन में क्या तीन माह के अंदर जाँच समितियों के द्वारा प्रतिवेदन कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कार्यालय को प्रस्तुत किया गया? उक्त जारी आदेश की एक छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें कि उक्त आदेश का पालन प्रश्नतिथि तक नहीं करने वाले किस-किस अनुविभागीय अधिकारी/नायब तहसीलदार/तहसीलदार के विरूद्ध कलेक्टर सतना/मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव राजस्व/राजस्व आयुक्त म.प्र. शासन ने किस पत्र क्रमांकों एवं दिनांकों को कब व क्या क्या कार्यवाही की? अगर नहीं की तो क्यों? (ख) क्या राजस्व निरीक्षक एवं पदेन नायब तहसीलदार रघुराजनगर सतना के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी रघुराजनगर सतना को 24/01/2017 को जो प्रतिवेदन जमा किया उसमें वर्ष 2010 से 2016 तक शासकीय भूमियों को निजी स्वामित्व में करने वाले शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों एवं भूमाफियाओं के नामों का उल्लेख है? उक्त पत्र की एक छायाप्रति देते हुये बतायें कि किन-किन शासकीय कर्मचारियों एवं भूमाफियाओं के नाम उक्त प्रतिवेदन में शामिल हैं? क्या कार्यवाही जिला कलेक्टर/राज्य शासन के द्वारा निजी हो गयी भूमियों को शासकीय भूमियों में वापस तब्दील करने एवं इसमें शामिल शा. कर्मचारियों एवं भूमाफियाओं के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने की कार्यवाही प्रश्नतिथि तक की गयी? (ग) सतना जिले के किस-किस अनुविभाग के किस-किस पटवारी हल्के की किस किस क्रमांकों की कितनी कितनी रकबे की शासकीय भूमियों को दस्तावेजों में कूट रचना कर निजी स्वामित्व में बदले जाने (हस्तांतरित ) के प्रकरण प्रश्नतिथि तक आये हैं? प्रकरणवार/रकबे व आराजी क्रमांकवार/पटवारी हल्केवार/अनुविभागवार विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हैण्डपंप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
4. ( क्र. 808 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत 1 जनवरी 2015 से 31 दिसम्बर 2017 तक किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितने हैण्डपंप खनन कराये गये? विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग संख्या दें। (ख) विधानसभा के प्रश्न क्रमांक 1674 दिनांक 29.11.2017 (क) के उत्तर में क्रमांक 142 से लेकर क्रमांक 145 एवं 147 से लेकर क्रमांक 150 तक विधायक लहार की अनुशंसा पर कुल 8 हैण्डपंप तथा शेष 142 हैण्डपंप का खनन कार्ययोजना अनुसार कराया जाना बताया गया है, कार्य योजना बनाने का मापदण्ड (नियम) दें तथा हैण्डपंप के स्थान का चयन, ग्रामों की जनसंख्या बताते हुए कार्ययोजना अनुसार हैण्डपंप खनन किये ग्रामों में पूर्व से कितने-कितने हैण्डपंप स्थापित थे? किस-किस अधिकारी ने किस-किस ग्राम की कार्ययोजना बनाकर हैण्डपंप खनन की अनुशंसा प्रस्ताव किया है? नाम पद सहित विस्तार से विवरण दें। (ग) उपरोक्तानुसार प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्रमांक 144 ग्राम गोरई स्थान तिराहे पर लहार विधायक की अनुशंसा के पत्र की प्रति दें तथा यह भी स्पष्ट करें कि ग्राम गोरई लहार विधानसभा के किस मतदान केन्द्र के अंतर्गत आता है। (घ) उपरोक्तानुसार प्रश्नांश (ख) के उत्तर में ग्राम विश्वारी, रायपुरा नं. 1, वीसनपुरा एवं अधियारी नं. 02 में बिना पूर्ण पाईप लाईन डाले तथा टाकी से कनेक्शन बिना किये मोटर पंप खराब अथवा फंसी होने का असत्य उत्तर देने की जाँच कराई जावेगी? उपरोक्त ग्रामों में मोटर कब और किस अधिकारी ने डाली गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विधानसभा क्षेत्र भिण्ड, अटेर, गोहद, मेहगांव एवं लहार में क्रमशः 68, 56, 81, 64 एवं 22 हैण्डपंप। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। ग्रामीण बसाहटों की पेयजल व्यवस्था की जानकारी आई.एम.आई.एस. प्रणाली के अंतर्गत पूर्व से संधारित होती है, जिसे वर्षान्त पश्चात् किये गये कार्यों के आधार पर अद्यतन किया जाकर प्राथमिकता के आधार पर बसाहटों में नलकूप खनन का कार्य किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम गोरई मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। विधानसभा प्रश्न क्र. 1674 के उत्तर के अंतर्गत टंकण त्रुटिवश लहार विधानसभा क्षेत्र एवं मान. विधायक लहार की अनुशंसा उल्लेखित हो गया था। (घ) उल्लेखित ग्रामों में टंकियों से जलप्रदाय नहीं होने के संदर्भ में बंद योजना का कोई एक कारण दिया गया था, जो असत्य नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्री एम.सी.दुबे, प्रभारी सहायक यंत्री, उपखण्ड लहार की पदस्थापना अवधि में मोटरपंप डाली गई।
आरक्षकों की स्थानांतरण नीति
[गृह]
5. ( क्र. 924 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पुलिस आरक्षकों की स्थानांतरण नीति वर्ष 2008 में क्या थी एवं वर्तमान में क्या है? (ख) क्या शासन प्रदेश के आरक्षकों की स्थानांतरण नीति के संबंध में विचार करेगा? जिन्हें अत्यंत पारिवारिक कठिनाई या अन्य कठिनाई हो, जिस कारण से वह अपने गृह जिला या गृह जिले के आस-पास के जिलों में स्थानांतरण चाहते हो? (ग) क्या प्रदेश के जो आरक्षक (पुलिस) अपनी पारिवारिक कठिनाईयों के बावजूद ईमानदारी एवं मेहनत से नौकरी कर रहे हैं उन्हें अपनी सुविधानुसार अथवा मनचाहे स्थान पर स्थानांतरण करने पर शासन विचार करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश में पुलिस आरक्षकों के लिए स्थानांतरण की नीति वर्ष 2008 में जी.ओ.पी. 127/08 एवं वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2017-18 है। (ख) वर्तमान में आरक्षकों को उनकी पारिवारिक कठिनाई या अन्य कठिनाई को दृष्टिगत रखते हुये सामान्यतः गृह जिले के आस-पास के जिलों में स्थानांतरण किया जाता है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश 'ग' उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव
[राजस्व]
6. ( क्र. 926 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत आने वाले 22 मजरों को वर्तमान जनसंख्या के आधार पर राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव कलेक्टर जिला ग्वालियर को प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे? (ख) क्या विधानसभा प्रश्न क्र. 2452 दिनांक 29/01/2015 के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता धारा 73 के तहत विधानसभा क्षेत्र के 12 मजरों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो शेष वंचित 10 मजरों को राजस्व ग्राम कब तक घोषित किया जावेगा? समय-सीमा बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एस.सी./एस.टी. एवं ओ.बी.सी. वर्ग के अभ्यार्थियों से अवैध रूप से फीस वसूली की जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
7. ( क्र. 1244 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा शासन के विभिन्न विभागों, मंडल, निगम आदि में रिक्त पदों की सीधी भर्ती हेतु परीक्षाएं आयोजित करायी गई थी एवं करायी जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो माह अक्टूबर 2016 के बाद जनवरी 2018 तक पी.ई.बी. द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के कितने-कितने अभ्यर्थी सम्मिलित हुए? उनसे फीस के रूप में कितनी-कितनी राशि ली गई वर्षवार, परीक्षावार, अभ्यार्थियों की संख्या एवं फीस की राशि सहित जानकारी दें? (ग) क्या म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-3-9/2016/1-3 दिनांक 10.10.2016 के बिन्दू क्रमांक-7 में उल्लेख है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों की फीस की प्रतिपूर्ति अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा आयोग/विभाग सीधे प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को करेंगे? यदि हाँ, तो उक्त संबंधित विभाग द्वारा अक्टूबर 2016 से अभी तक कितनी-कितनी राशि फीस प्रतिपूर्ति के रूप में पी.ई.बी. को भुगतान की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के बावजूद पी.ई.बी. द्वारा उपरोक्त वर्गों के अभ्यर्थियों से फीस ली जाना शासनादेशों के विपरीत है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त अभ्यार्थियों से ली गई फीस वापिस करने की कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के निलंबन से बहाल करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
8. ( क्र. 1381 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की नागौद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित तुसगवां की शासकीय उचित मूल्य की दुकानें, परसमनिया, पिपरिया, आलमपुर, तुसगवां, गढौत, पटिहट, रामपुर पाठा को निलंबित कर महिला बहुउद्देशीय सेवा सहकारी समिति अटरा जो पहले से दो दुकानें अटरा और नंदहा संचालित कर रही थी एवं बेहटा सोसायटी गोवरॉव खुर्द की दुकान तथा इसी तरह पिथौराबाद सोसायटी पोड़ी की शा.उ.मूल्य की दुकान अटैच कर दी गई है? उसी में तत्कालीन प्रभारी, एस.डी.एम., उचेहरा द्वारा आर्थिक लाभ लेकर अटैच कर दिया, अटरा सहकारी समिति द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों द्वारा विगत 3 माह से खाद्यान्न एवं केरोसीन का वितरण कार्डधारियों को नहीं किया जा रहा है, खुले बाजार में कालाबाजारी कर विक्रय किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित तुसगवां के अन्तर्गत शासकीय उचित मूल्य की दूकानें उनके क्षेत्र की वापस कब तक कर दी जायेंगी? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिस क्षेत्र की सहकारी समिति की उचित मूल्य की दुकानें हैं निलंबित कर अटैच की गई हैं उनकों उन्हीं की समितियों में बहाल कर कब तक वापस किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांतर्गत उल्लेखित दुकानें तथा अनियमितता पर विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विगत तीन माह में अटरा समिति की उचित मूल्य दुकानों द्वारा खाद्यान्न एवं केरोसीन की काला-बाजारी करने का कोई तथ्य/शिकायत प्रकाश में नहीं आया है। (ख) उचित मूल्य दुकानों के प्रकरणों में निर्णय सक्षम अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी द्वारा अर्धन्यायिक प्रक्रिया अंतर्गत लिया जाता है। (ग) प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर निर्णय सक्षम अधिकारियों द्वारा लिया जाता है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौसेवा पशुपालन केन्द्र का संचालन
[पशुपालन]
9. ( क्र. 1656 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में मान्यता प्राप्त गौसेवा-पशुपालन केन्द्र है? यदि है तो कहाँ-कहाँ पर है तथा इसका संचालन कौन करता है? (ख) क्या इन केन्द्रों को शासन द्वारा कोई राशि अथवा अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो कितनी राशि अथवा अनुदान दिया जाता है तथा उसकी प्रक्रिया क्या है? (ग) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा उत्तम गोवंश/भैस आदि किसानों को उचित दामों पर दी जाती है, यदि हाँ, तो उसकी क्या प्रक्रिया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। विभागीय योजनाएं '' नंदीशाला योजना'' में गौवंशीय सांड तथा ''सम्मुनत पशु प्रजनन योजना'' में मुर्रा सांड, मध्यप्रदेश पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के माध्यम से प्रदाय किये जाते है ग्राम सभा में हितग्राही का नाम, अनुमोदित होने पर वह नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान में आवेदन कर सकता है। आवेदन प्राप्त होने पर प्रकरण स्वीकृत कर लाभ दिया जाता है।
बी.पी.एल. योजना/मापदण्ड में संशोधन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 1661 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र सोनकच्छ में कितने ग्रामीण/नगरीय क्षेत्र में कितने बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी किये गये? (ख) क्या शासन द्वारा प्रदेश के गरीब व निर्धन व्यक्तियों को जीवन यापन करने व शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने हेतु बी.पी.एल. एवं अंत्योदय योजना अंतर्गत राशन कार्ड जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस मापदण्ड अनुसार जारी किये गये हैं वर्तमान में शासन द्वारा बी.पी.एल. व अन्त्योदय राशन कार्ड बनाये जाने हेतु जो मापदण्ड एवं नियम दिये गये हैं, उस मापदण्ड अनुसार किसी भी व्यक्ति का नाम बी.पी.एल. व अन्त्योदय योजना में जोड़ा जाकर किसी भी व्यक्ति को लाभ दिया जाना संभव नहीं हैं? क्या शासन इस हेतु नियम परिवर्तन बाबद विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) वर्तमान में बी.पी.एल. मापदण्ड एवं प्रपत्र अनुसार मासिक आय निर्धारण के अंतर्गत पात्रता निर्धारण किये जाने हेतु पात्रता बिन्दु में संशोधन किया जावेगा? यदि किया जावेगा तो आगामी निर्धारण क्या रहेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांतर्गत बी.पी.एल. परिवारों को जारी पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) गरीब व निर्धन व्यक्तियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लाभांवित करने के लिए अंत्योदय के अतिरिक्त 24 श्रेणियां की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है, जिसमें अन्य 23 श्रेणियों के अतिरिक्त बी.पी.एल. भी सम्मिलित है। गरीब एवं निर्धन व्यक्ति जो अन्य 23 श्रेणी में आते हैं, पी.डी.एस. हेतु उन्हें बी.पी.एल. कार्ड की आवश्यक नहीं है। अत: पहले से ही विभाग की योजना में गरीब एवं निर्धन व्यक्तियों के लिए पर्याप्त विकल्प बनाए गए हैं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षेत्र में आ रहे पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 1662 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत वर्ष 2017 में विभाग द्वारा सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में जल संकट के निराकरण हेतु क्या-क्या कदम उठाए गये? (ख) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2017 में कुल कितने हैण्डपंप, बोरवेल, पानी की टंकी एवं जल मोटर स्वीकृत की गई? (ग) वर्ष 2018 में विधान सभा क्षेत्र को जल संकट से निपटने के लिए संभावित कितने हैण्डपंप, बोरवेल, जल मोटर, पानी की टंकी प्रदाय की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विभागीय कार्यक्रम अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार ग्रामीण बसाहटों, आंगनवाड़ियों, ग्रामीण शालाओं में नलकूप खनन कर पेयजल व्यवस्था, बंद ग्रामीण नल-जल योजनाओं को पुनः चालू करने का कार्य, जलस्तर नीचे जाने से बन्द होने वाले हैण्डपंपों के स्थान पर समस्याग्रस्त ग्राम/बसाहटों में सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर पेयजल व्यवस्था के कार्य कराये गये हैं। (ख) 66 नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना, नल-जल योजनाओं हेतु 23 नलकूपों का खनन, 58 पानी की टंकियां एवं 54 सिंगलफेस मोटर पंप स्वीकृत एवं स्थापित की गई। (ग) पेयजल संकट की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यकतानुसार सामग्री का प्रदाय किया जाता है।
नामांतरण बंटवारा के प्रकरण
[राजस्व]
12. ( क्र. 1808 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ज्यादातर विवाहित बहनें अपने भाईयों के पक्ष में अपने हित का त्यजन करने हेतु राजस्व न्यायालयों में उपस्थित होकर शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर भी, अपनी अधिकारिता में तहसीलदार/नायब तहसीलदारों द्वारा बहिनों के नाम विलोपित नहीं किये जाते हैं? यदि बालिग कोई भी नागरिक अपने संबंध में स्वयं निर्णय लेने का अधिकार रखता है तो अपनी सम्पत्ति के त्यजन का अधिकार क्यों नहीं रखता है? (ख) क्या यह सही है कि जिन बंटवारा/नामांतरण प्रकरणों में तहसीलदार/नायब तहसीलदारों को उपकृत कर दिया जाता है, उन प्रकरणों में बहिनों के नाम विलोपित कर नामांतरण/बंटवारा कर दिया जाता है और जिन प्रकरणों में उपकृत नहीं किया जाता उनमें बहिनों के नाम जोड़कर बंटवारा प्रकरण को उलझा दिया जाता है। यदि हाँ, तो तहसील गुनौर देवेन्द्रनगर में विगत दो वर्षों में फौती बंटवारा के कितने प्रकरणों का फौती बंटवारा बहिनों के हिस्सा लिए बगैर किए एवं कितनों में नहीं संख्यावार बताएं तथा कितने प्रकरणों में भाई बहिनों में बराबर हिस्सा दिया या कम दिया, रकबावार बताएं। क्या जिन बंटवारा/नामांतरण प्रकरणों में तहसीलदार/नायब तहसीलदारों को पैसे दे दिये जाते हैं उन प्रकरणों में बहिनों के नाम विलोपित कर नामांतरण/बंटवारा कर दिया जाता है और जिन प्रकरणों में पैसे नहीं दिये जाते हैं उनमे बहिनों के नाम जोड़कर बंटवारा प्रकरण को उलझा दिया जाता है? २०१३ से आज दिनांक ऐसे कितने प्रकरण लंबित है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) से संबंधित बंटवारा/नामांतरण प्रकरणों में एक ही विषय वस्तु पर दो प्रकार के आदेश पारित किये जाने का क्या कारण है? क्या ऐसे प्रकरणों की जांच कराई जाकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 सहखातेदारों में से किसी एक सहखातेदार द्वारा दूसरे सहखातेदार के पक्ष में शपथ पत्र द्वारा अपने हित का त्यजन करने बावत् आवेदन प्रस्तुत करने पर हित त्यजन का प्रावधान नहीं है। सहखातेदार द्वारा पंजीकृत विक्रय पत्र/हक त्याग पत्र निष्पादित करने पर संबधित राजस्व न्यायालय में विधि अनुसार आदेश पारित किया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' से संबंधित तहसील देवेन्द्रनगर एवं गुनौर में एक ही विषयवस्तु पर दो प्रकार के आदेश पारित नहीं किये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तहसीलदार (राजस्व) की पदस्थापना
[राजस्व]
13. ( क्र. 1853 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा तहसील में विगत 6-7 माह से तहसीलदार का पद रिक्त हैं तथा पदस्थापना नहीं होने से ग्रामीण जनता, शहरी जनता को भारी परेशानी हो रही है तथा न्यायालयीन कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पांढुर्णा तहसील में तहसीलदार की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छिंदवाडा जिले की पांढुर्ना तहसील में पदस्थ तहसीलदार का जिला सिहोर स्थानांतरण होने से कार्यालयीन आदेश दिनांक 07/12/2017 द्वारा उन्हें सीहोर जिले के लिये भारमुक्त किया गया है वर्तमान में पांढुर्णा तहसील में पदस्थ श्री भरत सिंह वटटे सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख प्रभारी तहसीलदार के रूप में कार्यरत है। अत: आम जनता एवं न्यायालयीन कार्य प्रभावित होने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जिले में तहसीलदार की उपलब्धता अनुसार संतुलन बनाये रखते हुये पदस्थापना की जाती है।
पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस थाने/चौकी में पद पूर्ति
[गृह]
14. ( क्र. 1871 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस थाने/चौकी में वर्तमान में कितने-कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पुलिस थाना/चौकी में कितना बल होना चाहिए? इसकी सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार पुलिस थाने/चौकी में यदि पुलिस बल कम है, तो इसकी पदपूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट (ग) रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के द्वारा की जाती है। पदों की रिक्त होना और भरना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।
प्रौद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
15. ( क्र. 1873 ) श्री जतन उईके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की नीति यह है कि ऐसे विकासखण्ड जिसमें कोई भी शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था आई.टी.आई. नहीं है वहां पर आई.टी.आई. स्थापित किये जायेंगे। (ख) प्रदेश में ऐसे कितने विकासखण्ड है जहां एक से ज्यादा आई.टी.आई. स्थापित है? नाम सहित जानकारी देवें। (ग) छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड मोहखेड़ में क्या कोई आई.टी.आई है? प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में बताये की मोहखेड़ में प्रश्न दिनांक तक आई.टी.आई खोले जाने हेतु क्या-क्या विभागीय प्रयास किये गये है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में विकास खण्ड मोहखेड में शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने हेतु विभाग प्रयासरत है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में आई.टी.आई. (शासकीय अथवा प्राइवेट) खोलने की है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में 11 विकासखण्डों में से 05 विकासखण्डों क्रमश: छिन्दवाड़ा, जामई/जुन्नारदेव, सोंसर, पांढुर्णा एवं हर्रई में शासकीय आई.टी.आई. संचालित है। 06 विकासखण्डों क्रमश: तामिया, परासिया, मोहखेड, बिछुआ, अमरवाडा एवं चौरई में शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है वर्तमान में 58 विकासखण्ड ऐसे है जिनमें शासकीय/प्राइवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है एवं 119 विकासखण्ड ऐसे है जिनमें शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। इतनी अधिक संख्या में एक साथ आई.टी.आई. स्थापित करना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ।
अग्नि काण्ड में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही
[गृह]
16. ( क्र. 1996 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अंतर्गत दिनांक 29 मार्च 2017 एवं एक वर्ष पूर्व वर्ष 2016 में नागरिक आपूर्ति निगम के धान भण्डार बरबसपुर में आग लग गई थी। यदि हाँ, तो कितना नुकसान हुआ है? विवरण दें। (ख) प्रश्नांकित प्रकरण की जाँच किस पुलिस अधिकारी द्वारा की जा रही है तथा जाँच में क्या तथ्य सामने आए?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित घटना दिनांक 30.03.2017 को घटित हुई है वर्ष 2016 में प्रश्नांश में वर्णित घटना घटित होना नहीं पाया गया है। घटना में 3739 बोरी धान वजनी 1495.6 क्विंटल एवं 12334 बारदाने (खाली बोरे) का नुकसान हुआ है जिसकी राशि लगभग 27,69,462 रुपये है। (ख) प्रश्नांकित प्रकरण की जाँच उप निरीक्षक एस.एल.मरावी थाना कोतवाली जिला अनूपपुर द्वारा की जा रही है। प्रकरण जाँच में होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं।
कॉलोनाइजर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराना
[राजस्व]
17. ( क्र. 1997 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) याचिका क्रमांक 3413 निर्णय दिनांक 09.01.2018 में अंतरिम फैसला किया गया था तथा उक्त निर्णय में जिन बिन्दुओं पर निर्देश कलेक्टर सतना को दिए गए हैं, उन निर्देशों का पालन प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में किया जाकर प्रतिवेदन माननीय उच्च न्यायालय को भेजना था? भेजा गया प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के मामले नगरीय विकास निकाय, वाणिज्यकर एवं पर्यावरण से संबंधित है? यदि हाँ, तो कलेक्टर सतना द्वारा संबंधित विभाग से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त कर जाँच की गई? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो कालोनाईजर संजय कापड़ी जिला-सतना, घनश्याम विहार कालोनी का निर्माण जो किया गया है वह शासन के गाइड लाइन के विपरीत यदि किया गया है तो क्या पूर्व में तत्कालीन कलेक्टर सतना ने प्र.क्र. 156/अ 74/2015-16 दिनांक 9.2.2017 के पारित निर्णय अनुसार कब तक कॉलोनाइजर के विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करा दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मान. उच्च न्यायालय जबलपुर याचिका क्रमांक 3413/2017 में अंतरिम आदेश दिनांक 09/02/18 को पारित कर न्यायालय कलेक्टर जिला सतना के आदेश दिनांक 09-02-17 का पालन कराये जाने हेतु एवं 03 माह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत किए जानेके निर्देश दिये गये हैं जिसके पालन में न्यायालय कलेक्टर सतना के प्रकरण क्रमाक 184अ74/2017-18 एवं पृ.क्र. 29/4आर/2018 दिनांक 01-02-18 के द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम सतना एवं उप संचालक नगर तथा ग्रामनिवेश सतना को आदेश जारी कर न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 156 अ74/201516 में पारित आदेश दिनांक 09-02-17 के अनुसार विधि संगत कार्यवाही की जाकर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाने हेतु आदेशित किया गया है। पालन प्रतिवेदन भेजने संबंधित कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित कार्यवाही का संबंध आयुक्त नगर पालिक निगम सतना एवं उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश सतना से है जिन्हें उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही किए जाने के संबंध में आदेश जारी किया जा चुका है। कार्यवाही का प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
व्यापम परीक्षाओं में खर्च राशि
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
18. ( क्र. 2244 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम द्वारा पिछले 5 वर्षों में परीक्षा शुल्क के रूप में कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार बतावें तथा उक्त राशि में कितनी राशि किस संस्था को किस दिनांक को अनुदान स्वरूप प्रदान कर दी गई तथा 10 वर्ष की परीक्षा में कुल कितने विद्यार्थी शामिल हुये तथा इन परीक्षाओं के आयोजन पर कुल कितना खर्च हुआ? (ख) जनवरी 2008 से जून 2018 तक प्रत्येक 31 जनवरी को व्यापम के किस-किस बैंक में चालू खाता तथा सावधि जमा खाता या अन्य खाता में कितने-कितने रूपये जमा थे तथा पिछले 10 वर्षों में कर्मचारियों अधिकारियों को वेतन मेडिकल एलाउन्स, यात्रा भत्ता के रूप में कितना-कितना भुगतान किया गया वर्ष अनुसार बतावें। (ग) वर्ष 2006 पी.एम.टी. परीक्षा से वर्ष 2013 पी.एम.टी. परीक्षा के कितने अभ्यर्थियों की परीक्षा गलत साधन का उपयोग करने के कारण निरस्त की गई वर्ष अनुसार उनकी नाम सहित सूची देवें। इस अवधि में अन्य किस-किस परीक्षा के अभ्यर्थियों की परीक्षा निरस्त की गई? उनकी भी वर्ष अनुसार सूची देवें तथा बतावें कि इन अभ्यर्थियों पर प्रकरण दर्ज करने हेतु गृह विभाग/पुलिस को लिखा गया या नहीं? यदि हाँ, तो किन पर प्रकरण दर्ज हुआ तथा किन पर नहीं हुआ? (घ) जनवरी 2018 तक कौन-कौन सी परीक्षाएं आयोजित की गईं, उन परीक्षाओं में चयनित/सफल अभ्यर्थियों के नाम, पिता का नाम, निवास का पता, व्यापम परीक्षा के प्राप्तांक प्रावीण्य सूची की रैंक सहित सूची देवें तथा बतावें कि उक्त परीक्षाओं के वर्ग अनुसार कट आफ प्वाइंट क्या-क्या थे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बंटवारा, नामांतरण एवं सीमांकन
[राजस्व]
19. ( क्र. 2277 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन के क्या दिशा निर्देश हैं, की फोटो उपलब्ध करावें? (ख) तहसील जिला मुरैना में वर्तमान जनवरी 2018 तक कितने नामांतरण बंटवारा व सीमांकन के प्रकरण लम्बित हैं संख्यावार जानकारी दी जावें? (ग) क्या सभी प्रकरण समय-सीमा में पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो क्यों व लंबित होने के क्या कारण हैं? (घ) क्या तहसील कार्यालय में लंबित प्रकरण की जानकारी हेतु कृषकों द्वारा कृषि कार्यालय में संपर्क करने पर उनसे दुर्व्यवहार किया जाता हैं क्या विभाग इसकी जाँच करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 3 के तहत अविवादित नामांतरण-30 दिवस, अविवादित बंटवारा-30 दिवस, सीमांकन-30 दिवस में निराकरण करने का प्रावधान है। (ख) जिला मुरैना अन्तर्गत 31 जनवरी 2018 की स्थिति में नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन के लम्बित प्रकरण की तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है:-
तहसील नामान्तरण
बंटवारा
सीमांकन
पोरसा 101 80 14
अम्बाह 88 63 00
मुरैना 747 72 00
जौरा 184 88 03
कैलारस 81 37 10
सबलगढ़ 57 36 02
योग 1258 376 29
(ग) जी नहीं। लंबित प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के है। (घ) जी नहीं। कृषकों से दुर्व्यवहार किये जाने संबधी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत की गई अनियमितता
[गृह]
20. ( क्र. 2327 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 खरीफ फसलों के बीमा प्रीमियम एवं क्लेम के वितरण में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने पर ऋणी किसानों के के.सी.सी. खातों में यूनियन बैंक गुना के तत्कालीन प्रबंधक धर्मवीर वर्मा, रवि गंगराडे तथा एच.डी.एफ.सी. अरगो जनरल इन्श्योरेंस क. भोपाल के प्रबंधन द्वारा दी गई कूटरचना, अमानत में खयानत, धोखाधड़ी करने के विरूद्ध कोतवाली थाना गुना एवं पुलिस अधीक्षक गुना सी.एस.पी. गुना को सुरेशसिंह रघुवंशी द्वारा अपराध दर्ज करने हेतु आवेदन दिया है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों पर आवेदन अनुसार अब तक अपराध क्यों दर्ज न कर सी.एस.पी. गुना द्वारा आवेदक के कथन लेने के बाद बैंक प्रबंधन एवं बीमा कम्पनी के दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की? प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाइड-लाइन पालन न करने वाले यूनियन बैंक के तत्कालीन अधिकारियों पर कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारियों के दबाव एवं प्रलोभन में गुना जिले की पुलिस द्वारा अपराध दर्ज करने की कार्यवाही पेंडिंग है? कोतवाली गुना द्वारा आज दिनांक तक शिकायत पर कार्यवाही न करने के लिये दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) के पालन में शिकायती आवेदन में वर्णित रिकार्ड यूनियन बैंक गुना से तलब कर जाँच कार्यवाही, अपराध कायम कर बीमा कम्पनी के दोषियों पर कार्यवाही कब तक करेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक गुना को एवं कोतवाली गुना में आवेदन पत्र दिया गया है। सी.एस.पी. गुना को आवेदक द्वारा कोई आवेदन पत्र नहीं दिया गया। (ख) आवेदन पत्र की जाँच जारी है। जाँच पाये गये तथ्यों के अनुसार विधि अनुरुप कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। शिकायत की जाँच जारी है। कोई पुलिस अधिकारी दोषी नहीं। (घ) आवेदन जाँच पूर्ण होने पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी, सयम-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं।
मुख्यमंत्री नल-जल योजना, सोलर पंप, नलकूप खनन एवं मोटर पंप स्थापित करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( क्र. 2450 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत कितनी मुख्यमंत्री नल-जल योजना, कितने सोलर पंप एवं ग्राम पंचायतों के द्वारा जनभागीदारी से सहभागिता करने हेतु कितनी नल-जल योजना प्रश्न दिनांक तक प्रस्तावित हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ख) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन नलकूप खनन के प्रस्ताव प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता ने प्रेषित किये हैं? अभी तक उन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई है एवं कब तक उन्हें क्रियान्वित कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र में कितनी सिंगल फेस मोटर प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है? उनकी संख्या एवं समय-सीमा बतायें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में कितनी राशि का आंवटन वित्तीय वर्ष २०१७-१८ एवं २०१८-२०१९ में इन्दौर जिला अन्तर्गत किया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) केवल 3 मुख्यमंत्री नल-जल योजना। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 440 नलकूप खनन के प्रस्ताव। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) ग्रीष्मकाल में आवश्यकता एवं स्त्रोत की उपयुक्तता के आधार पर लक्ष्य एवं वित्तीय संसाधनों के अनुसार किया जा सकेगा। निश्चित संख्या एवं समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) वर्ष 2017-18 में रूपये 3800.01 लाख, जिसमें राज्य ग्रामीण पेयजल योजना तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना की राशि सम्मिलित है वर्ष 2018-19 हेतु वर्तमान में कोई आवंटन नहीं दिया गया है। आवंटन जिलेवार दिया जाता है विधानसभा क्षेत्रवार नहीं।
नलकूप हेतु रिफ्रेश (सफाई) योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( क्र. 2452 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किये गये नलकूप के लिए रिफ्रेश (सफाई) की कोई योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इन्दौर संभाग अन्तर्गत विभाग के पास उक्त कार्य करने हेतु कुल कितनी मशीन उपलब्ध हैं एवं नलकूप को रिफ्रेश (सफाई) करने के मापदण्ड एवं प्राथमिकता क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष २०१६-१७, २०१७-१८ में इन्दौर जिला अन्तर्गत कुल कितनी राशि का व्यय किस-किस विधानसभा क्षेत्र में किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक इन्दौर संभाग की किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितने नलकूप रिफ्रेश (सफाई) किये गये है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) एक विभागीय मशीन उपलब्ध है। पेयजल की आवश्यकता वाली एसी बसाहटें जिनमे भरे पटे नलकूप जिनकी जल आवक क्षमता पूर्व में पर्याप्त थी, प्राथमिकता क्रम से कार्य करवाए जाते हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
नवीन हैण्डपम्प खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( क्र. 2481 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधानसभा क्षेत्र के सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से ग्राम में कहाँ-कहाँ कितने नवीन हैण्डपम्प किस-किस वर्ष में खनन किये गये? हैण्डपम्प खनन हेतु कितनी-कितनी राशि का व्यय हुआ है? इनमें से कितने हैण्डपम्प सफल रहे एवं कितने असफल रहे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या क्षेत्रीय विधायक की अनुशंसा/मांग के आधार पर भी नवीन हैण्डपम्प लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ और कब-कब वर्षवार पूर्ण जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
झुग्गी झोपड़ी की भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
24. ( क्र. 2523 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक 1154/CMS/SKM/17 दिनांक 20.11.2017 जो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने से सम्बंधित था, के सम्बंध में की गई कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी दी जाय। (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत अतिक्रमण कर भूमि पर हैण्ड-पम्प स्थापित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अभी तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें तथा आगे क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) भूमि को पट्टा किस अधिकारी द्वारा दिया गया है तथा भूमि पर किया गया अतिक्रमण कब तक में हटाया जाकर क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या भूमिहीन व्यक्ति को दिया गया पट्टा पर सक्षम एवं अन्य व्यक्ति द्वारा किया जा रहा कब्जा अवैध है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक 1154/CMS/SKM/17 दिनांक 20.11.2017 जो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने से सम्बंधित था, उक्त पत्र विभाग में आना नहीं पाया गया है। अत: किसी कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
प्रदेश की गौशालाओं को अनुदान
[पशुपालन]
25. ( क्र. 2540 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन जिलों में कितनी पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं? जिलेवार विवरण दिया जाए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गौशालाओं को वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 प्रश्न दिनांक तक गौशालाओं को गायों के भरण-पोषण एवं रख-रखाव हेतु कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ग) प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं के अनुदान देने हेतु क्या मापदण्ड/प्रक्रिया निर्धारित की गई है? (घ) प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं के अनुदान हेतु प्रति गाय प्रतिदिन के मान से कितनी राशि निर्धारित की गई है? (ड.) क्या शासन द्वारा गौशालाओं के अनुदान में वृद्धि हेतु बजट में प्रावधान किया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) राशि रूपये १०/- प्रति दिवस प्रति गौवंश बजट की उपलब्धता के आधार पर कराये जाने का प्रावधान है। (ड.) वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
नीमच जिले के नक्शा विहीन ग्राम
[राजस्व]
26. ( क्र. 2694 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नक्शा विहीन ग्रामों में नक्शा तैयार करने के संबंध में शासन के क्या-क्या दिशा निर्देश हैं? नीमच जिले में ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं, जिनके नक्शे फट गये हैं? खराब हो गये हैं अथवा उपलब्ध नहीं हैं? (ख) क्या नीमच जिले के ग्रामों का वर्ष 1959,60,61 के बन्दोबस्त का ग्वालियर स्टेट के नक्शे शासन को प्रदाय किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में वे नक्शे कलेक्ट्रेट नीमच में उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो नीमच विधानसभा सभा क्षेत्र में जो सीमांकन किये जा रहे हैं, वे किस आधार पर किए जा रहे हैं? ? पूर्ण ब्यौरा दें। (ग) नीमच विधानसभा सभा क्षेत्र के नक्शा विहीन ग्रामों के नक्शे कब तक तैयार कर लिए जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू राजस्व सहिता की धारा 108 (2) के तहत नक्शा विहीन ग्रामों के नवीन अधिकार अभिलेख बनाये जाने के निर्देश हैं। नीमच जिले में 28 ग्रामों के नक्शे फट गये है, खराब हो गये है अथवा नक्शे उपलब्ध नहीं है। 28 ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सूची जिले के ऐसे ग्रामों के नक्शों की सूची, जो फट गये है, खराब हो गये है अथवा उपलब्ध नहीं है, निम्नानुसार है। (1) तहसील- नीमच -1- कनावटी 2-बघाना 3- नीमच सिटी (2) तहसील जीरन - 1- जीरन ( 3) तहसील जावद - 1- सरवानियां महाराज 2- अमरपुरा (4) तहसील मनासा -1- शिवपुरिया (5) - तहसील सिंगोली -1- फुसरिया 2-परीछा 3-केवडियां 4- गुंजालिया 5-इन्दरजी का खेडा 6- रूपपुरा (6) - तहसील रामपुरा - 1 भवानीपुरा 2-सालरमाला ब्लॉक 3-बिलवास 4-निम्बोद 5-थडोद 6-हाडाखेडी 7-करणपुरा ब्लॉक 8-भदाना 9-कुषल्या 10 -मातासरा 11- मोखमपुरा ब्लॉक 12-नगपुरा 13-चेनपुरिया फारेस्ट 14 - जल्लोद 15-रौधना (ख) जिला नीमच 30 जून 1998 में जिला मन्दसौर से विभक्त होकर बना है। नीमच जिलें के ग्रामों के वर्ष 1936-37 वर्ष 1959,60,61 एवं वर्ष 1991-92 आदि समस्त बन्दोबस्त के नक्शे जिला मन्दसौर से प्राप्त हुवे है। जिला मन्दसौर से प्राप्त हुवे ग्रामों के नक्शे ही कलेक्ट्रेट नीमच में उपलब्ध है। जिला नीमच कलेक्ट्रेट में उपलब्ध नक्शे के आधार पर ही नीमच विधानसभा क्षेत्र में सीमांकन किये जा रहे है। (ग) नीमच विधानसभा क्षेत्र के नक्शे विहीन ग्राम सावन एवं हरनावदा के नक्शे तैयार किये जाने का कार्य प्रचलित होकर अंतिम चरण में है, जिसे शीघ्र ही पूर्ण करा लिया जाएगा।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत नलकूप खनन हेतु स्थान चयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
27. ( क्र. 2701 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सिविल एवं मैकेनिकल विभागों के अधिकारियों को नलकूप खनन हेतु ग्रामवार लक्ष्य दिये जाते हैं? यदि हाँ, तो ग्रामों के चयन करने का क्या मापदण्ड है? (ख) क्या लक्ष्य निर्धारण करने के पूर्व ग्रामों का सर्वे किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2017-18 में भीषण जल समस्या से ग्रस्त ककरतला, घाना, कैलवास, रिछाई शारदानगर, परतला, लहंगी, सिलपुरी, देवरी, बसनिया, इन्द्रा, हिनौतिया बारहा, सिलगौर, तिलहरी, सालीवाड़ा (खम्हरिया), सरौरा, गाड़रखेड़ा, चौखड़ा, बारहा, कुकरीखेड़ा, बंधी, बिलखरवा, सिमरा, धरहर, खम्हरिया, मटामर, पड़री, सूखा, रैयाखेड़ा आदि ग्रामों में सर्वे किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो इन ग्रामों को लक्ष्य में क्यों नहीं लिया गया? यदि लक्ष्य में लिया गया तो नलकूप खनन क्यों नहीं किये गये?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। आंशिकपूर्ण श्रेणी की बसाहटों का जिलेवार संख्यात्मक लक्ष्य आवंटन की उपलब्धता के अनुसार सिविल एवं मैकेनिकल खण्डों को दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ग्रामीण बसाहटों की पेयजल व्यवस्था की जानकारी आई.एम.आई.एस. प्रणाली के अंतर्गत पूर्व से संधारित होती है, जिसे वर्षान्त पश्चात् किये गये कार्यों के आधार पर अद्यतन किया जाता है। अतः प्रतिवर्ष सर्वेक्षण की आवश्यकता नहीं होती है। (ग) उत्तरांश-'ख' अनुसार। (घ) प्रश्नांश-'ग' में उल्लेखित में से 10 ग्रामों को वर्ष 2017-18 की कार्य योजना में शामिल किया जाकर 7 ग्रामों में नलकूप खनन किये गये हैं शेष 3 ग्रामों में नलकूप खनन किया जाना लक्षित है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर में एक वर्ष पूर्व खनन किये गये नलकूपों
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
28. ( क्र. 2705 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एक वर्ष पूर्व बम्हनी तिराहा, कैलाशधाम, मटामर, महगवां बरेला, खैरी, बैरागी, उमरिया, कुड़ारी, सरौरा, परतला, सिलपुरी, देवरी पटपरा, धनपुरी, हिनौतिया भौई, हिनौतिया बारहा एवं अन्य 05 ग्रामों में नलकूप खनन किये गये हैं? (ख) क्या इन नलकूपों में पंप नहीं डाले गये हैं? इसका क्या औचित्य है? (ग) क्या ऐसी स्थिति में बोर अनुपयोगी हो जाते है? (घ) क्या ऐसी व्यवस्था की जावेगी कि खनन होने के तुरंत बाद पंप डाला जाये?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जल परीक्षण उपरांत शीघ्रता से आवश्यकतानुसार हैण्डपंप/मोटर पंप डाले जाते हैं।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग क्षरा संचालित योजनाओं के तहत प्रशिक्षण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
29. ( क्र. 2725 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से कौशल विकास योजनाओं के तहत किन-किन ट्रेडों में किन-किन संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं? प्रशिक्षण स्थल के पूर्ण पता सहित बतायें। (ख) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र को उक्त योजनाओं के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कितना बजट प्राप्त हुआ तथा प्राप्त बजट को कब एवं किस योजना पर व्यय किया गया? योजनावार एवं वर्षवार बतायें। (ग) प्रशिक्षण केन्द्र प्रारम्भ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रशिक्षणर्थियों को प्रशिक्षित किया गया एवं उन्हें कितनी-कितनी छात्रवृत्ति प्रदान की गई? विद्यार्थियों के नाम, पता, राशि सहित बतायें। (घ) क्या शासन द्वारा प्रशिक्षित हितग्राहियों को रोजगार/स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने हितग्राहियों को रोजगार/स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) राज्य सरकार द्वारा संचालित योजना प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (राज्य कम्पोनेन्ट) मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना 776 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (राज्य कम्पोनेन्ट) मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना में छात्रों को किसी प्रकार की छात्रवृत्ति का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (राज्य कम्पोनेन्ट) मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना में प्रशिक्षित किये जा रहे प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण प्रचलन में होने के कारण रोजगार/स्वरोजगार उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भेल भोपाल को आवंटित भूमि
[राजस्व]
30. ( क्र. 2814 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड की स्थापना हेतु शासन द्वारा कब कब कितनी कितनी एकड़ भूमि भेल प्रबंधन को आवंटित की गई? पृथक-पृथक जानकारी दी जाए? (ख) भेल प्रबंधन को किस किस प्रयोजन हेतु भूमि आवंटित की गई थी? भूमि आवंटन की नियम एवं शर्तें क्या-क्या बनाई गई थी? (ग) क्या शासन द्वारा भेल प्रबंधन को आवंटित भूमि का किसी प्रकार का शुल्क वसूला गया था एवं शासन को भेल को आवंटित भूमि से कितना-कितना भू-भाटक प्रत्येक वर्ष वसूला जा रहा है? (घ) भेल क्षेत्र भेल प्रबंधन को आवंटित भूमि में से अनुपयोगी भूमि क्या शासन द्वारा भेल से वापस लेने पर विचार किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भोपाल में भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड की स्थापना हेतु वर्ष 1956 एवं 1962 में भेल प्रबंधन को भूमि आवंटित की गई थी। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) भेल प्रबंधन को यह भूमि हैवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड को सार्वजनिक प्रयोजन हेतु प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) वर्तमान में भेल प्रबंधन को आवंटित भूमि से किसी प्रकार का शुल्क वसूल नहीं किया जा रहा है। (घ) विचारोपरांत समुचित निर्णय लिया जाएगा।
सीलिंग भूमि की वापसी हेतु मा. महाधिवक्ता का अभिमत
[राजस्व]
31. ( क्र. 2871 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर सीमा के किन ग्रामों के कितने कृषकों की कृषि प्रयोजन की भूमि के कितने वर्षों में अधिग्रहित किये जाने के उपरान्त उनमें से कितने कृषकों की भूमि का आज दिनांक तक भौतिक रूप से कब्जा लिया गया? कितनों को एकमुश्त मुआवजा भुगतान कर दिया गया और कितनों का अनुबंध कर लिया गया है और उन्हें कितनी किश्तों में कितनी-कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है? (ख) प्रश्नकर्त्ता द्वारा दस्तावेजों सहित पत्र दिनांक 10-9-2017 के प्रश्नांश (क) (ख) भूमि को प्रभावित मूल कृषकों को वापस करने की मांग उठाने पर मा. मुख्यमंत्री जी ने राज्य के अनेक नगरों की समस्या होने पर मा. महाधिवक्ता से अभिमत प्राप्त कर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किस दिनांक को मा. महाधिवक्ता से अभिमत मांगा गया है और किस दिनांक को क्या अभिमत प्राप्त हुआ है? (संलग्न करें) (घ) उक्त प्राप्त अभिमत के अनुसार विभाग द्वारा प्रभावित मूल कृषकों को उनकी भूमि वापस करने के संबंध में क्या योजना बनायी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नगर भूमि सीमा अधिनियम के अंतर्गत मास्टर प्लान में ''कृषि भिन्न '' प्रयोजन की भूमियाँ ही अतिशेष घोषित की जाकर कब्ज़ा लिया गया है न कि कृषि प्रयोजन की भूमि का। अत: प्रथम प्रश्नांश का उत्तर ''निरंक'' है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) मा. विधायक का पत्र विभाग में परीक्षणाधीन है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना एवं नर्मदा गंभीर लिंक योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 2949 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग 'जल निगम' के माध्यम से नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना एवं नर्मदा गंभीर लिंक योजना के द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र एवं इन्दौर तथा उज्जैन जिले के गांवों में पेयजल और सिंचाई हेतु किसानों को पानी देने की योजना पर कार्य कर रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो योजना क्या है? योजना की प्रश्न दिनांक तक प्रगति कितनी हुई है? इन योजनाओं से सांवेर विधानसभा क्षेत्र एवं इन्दौर तथा उज्जैन जिले के कितने-कितने गांव लाभांवित होंगे? लाभांवित होने वाले गांवों की सांवेर विधानसभा क्षेत्र, इन्दौर जिला एवं उज्जैन जिले की पृथक-पृथक सूची नामों सहित उपलब्ध करवायें तथा किस योजना में कौन-कौन से गांव लाभांवित होंगे? ये सूची भी पृथक-पृथक उपलब्ध करवायें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजनाओं की लागत कितनी-कितनी है एवं योजना पूर्ण होकर क्रियान्वित होने की समय-सीमा कब तक की है? गांवों में पेयजल व सिंचाई हेतु जल कब से प्रदान करना प्रारंभ हो जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, जल निगम के माध्यम से पेयजल हेतु योजनाएं बनाने का कार्य किया जा रहा है। नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत नर्मदा मालवा गंभीर लिंक परियोजना निर्माणाधीन है। इसके अंतर्गत इंदौर एवं उज्जैन जिले के ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी। (ख) नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना एवं नर्मदा गंभीर लिंक परियोजना से कच्चा जल प्राप्त कर समूह जलप्रदाय योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है। नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना आधारित समूह जल प्रदाय योजना की डी.पी.आर. तैयार की गई है तथा नर्मदा गंभीर लिंक परियोजना आधारित समूह जलप्रदाय योजना की डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। इन योजनाओं से सांवेर विधानसभा क्षेत्र के 218 ग्राम, इंदौर जिले के 571 ग्राम एवं उज्जैन जिले के 1072 ग्राम लाभांवित होंगे। लाभांवित होने वाले ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। नर्मदा मालवा लिंक परियोजनान्तर्गत 158 ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी, जिसमें इंदौर जिले के 101 एवं उज्जैन जिले के 57 ग्राम सम्मिलित है। लाभान्वित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) नर्मदा क्षिप्रा लिंक योजना की लागत रु. 432.00 करोड़ होकर योजना 2014 में पूर्ण की जा चुकी है। इसी प्रकार नर्मदा गंभीर योजना की लागत रु 2187.00 करोड़ है योजना का कार्य प्रगति पर है। योजना दिसम्बर 2018 में पूर्ण की जाना लक्षित है। इस योजना से किसानों को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध करवाया जायेगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना आधारित समूह जल प्रदाय योजना की अनुमानित लागत रूपये 63365.00 लाख है तथा नर्मदा गंभीर लिंक परियोजना आधारित समूह जल प्रदाय योजना की डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। पेयजल योजनाओं हेतु वित्तीय संयोजन प्राप्त होने के उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 2970 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिंगरौली में सतही नल-जल योजना प्रत्येक गांव में पानी पीने हेतु योजना कब तक में प्रारंभ की जावेगी? (ख) क्या वर्ष 2016-17 में उमरिया, शहडोल अनूपपुर एवं सिंगरौली जिले के लिए योजना बनाई गयी थी, परंतु आज दिनांक तक लागू नहीं की गई है? इसके लिए उत्तरदायी कौन है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आय.ए.पी. योजनाओं के स्टेजिंग की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
34. ( क्र. 3136 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा क्रियान्वित आय.ए.पी. की स्टेजिंग आधारित सोलर पम्प योजनाओं में स्टेजिंग की निविदा क्या मुख्य अभियंता जबलपुर द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक आमंत्रित की गई थी? जिलेवार स्वीकृत की संख्या बतावें। (ख) इन निविदाओं में किन-किन ठेकेदारों द्वारा भाग लिया गया था? (ग) क्या प्रदाय की गई स्टेजिंग का वजन उसके स्वीकृत वजन से कम है? इस हानि के लिए कौन अधिकारी दोषी है? (घ) क्या विभाग इसकी जाँच लोकायुक्त तथा सी.टी.ई. से करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश-'ख' अनुसार।
छतरपुर में कमिश्नर लिंक कोर्ट की स्थापना
[राजस्व]
35. ( क्र. 3143 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कमिश्नर लिंक कोर्ट की स्थापना कब की गयी है? (ख) क्या कमिश्नर लिंक कोर्ट/न्यायालय अपर कमिश्नर प्रतिदिन नहीं बैठते है, यदि हाँ, तो इनकी बैठकें प्रतिदिन किये जाने की व्यवस्था की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समय-सीमा बतावें। (ग) क्या छतरपुर जिले में अपर कमिश्नर के उपस्थिति होने से पक्षकारों को प्रत्येक माह लाभ मिलेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो कब तक कार्यालय न्यायालय अपर कमिश्नर की नियमित व्यवस्था की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छतरपुर जिले में माह मार्च, 2010 में कमिश्नर लिंक कोर्ट की स्थापना की गयी है। (ख) अपर कमिश्नर सागर द्वारा माह के प्रथम सप्ताह (शुक्रवार के दिन) छतरपुर जिले में प्रकरणों की सुनवाई की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित अनुसार अपर कमिश्नर प्रतिमाह उपस्थित होते है। यह स्थानीय जनों के लिये लाभकारी है। (घ) कोर्ट प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिथि शिक्षक आई.टी.आई.टी.ओ. का स्थायीकरण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
36. ( क्र. 3246 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग अंतर्गत शासकीय आई.टी.आई. कालेज में कई वर्षों से कार्य करने वाले अतिथि शिक्षक आई.टी.आई.टी.ओ. के उज्जवल भविष्य को देखते हुये इनके स्थाईकरण अथवा इनको आगामी शा.आई.टी.आई.टी.ओ. भर्ती या अन्य भर्ती में किसी भी तरह का बोनस अंक आदि का लाभ दिया जाने का कोई प्रस्ताव/योजना/नीति शासन स्तर पर प्रस्तावित या प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो कब तक यह प्रक्रिया पूर्ण की जाकर इसके आदेश प्रसारित किये जायेंगे? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शा.आई.टी.आई. कालेज में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करने वाले आई.टी.आई.टी.ओ. के अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह उनके मानदेय बढ़ाने, वेतन भत्ता या किसी भी अन्य तरह का भत्ता दिये जाने की कोई नीति/योजना/प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो कब तक इस नीति के आदेश प्रसारित किये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योगों में कार्यरत श्रमीकों को योग्यातानुसार विभिन्न श्रेणियों का वेतन देना
[श्रम]
37. ( क्र. 3320 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा नगर में संचालित ग्रेसीम, केमिकल डिविजन एवं लेंसेक्स उद्योगों में कार्यरत ठेका श्रमिकों जो कि अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल के पद पर कार्य कर रहे हैं, उन्हें उद्योगों के द्वारा इन्हें केवल अकुशल श्रमिक श्रेणी का ही वेतन दिया जा रहा हैं, जबकि इनसें चारों श्रेणी का कार्य लिया जा रहा है? (ख) वर्तमान में इन उद्योगों में चारो श्रेणी के कुल कितने-कितने पद स्वीकृत हैं एवं इन स्वीकृत पदों पर कितने श्रमिक कार्यरत हैं? इन श्रमिकों को योग्यातानुसार सामान कार्य समान वेतन लागू करते हुए अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल श्रेणीयों का वेतन कब तक दे दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी, नहीं। (ख) किसी श्रम कानून में इस आशय का प्रावधान नहीं है कि स्थापना में कितने अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्चकुशल श्रमिक के पद स्वीकृत अथवा कार्यरत होना चाहिए। प्रश्नांकित उद्योगों में श्रमिकों को निर्धारित न्यूनतम वेतन अथवा उससे अधिक वेतन प्राप्त हो रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों को स्थायी प्रवृति का वेतन देना
[श्रम]
38. ( क्र. 3321 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा नगर में संचालित ग्रेसीम, केमिकल डिविजन एवं लैंसेक्स उद्योगो में कार्यरत श्रमिक जो कि स्थायी रिक्त पदों पर स्थायी प्रवृति का कार्य कर रहे हैं, इन्हें वेतन अस्थायी पदों का दिया जा रहा है तथा जब भी इन पदों पर भरती होती है तो इन श्रमिकों को पदोन्नत नहीं करते हुए नए लोगों की नियुक्तियां कर दी जाती हैं? (ख) यदि हाँ, तो इन कर्मचारियों को कार्य के अनुरूप स्थायी कर कब तक स्थायी श्रेणी का वेतन दे दिया जावेगा? नागदा के उक्त उद्योगों में स्थायी प्रवृति के कुल कितने पद स्वीकृत हैं एवं इनमें से कितने पद वर्तमान में रिक्त हैं?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नागदा के प्रश्नांकित उद्योगों में स्थाई पदों तथा इनमें से रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है।
क्र. संस्थान स्थाई पद रिक्त स्थाई पद
1. ग्रेसिम (एस.एफ.डी.द) 1365 निरंक
2. ग्रेसिम केमीकल डिवीजन 203 निरंक
3. लैंसेक्स इंडिया लि. 23 निरंक
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 की अवेहलना करना
[राजस्व]
39. ( क्र. 3398 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (3) में लगाए गए प्रतिबन्ध के बाद भी बैतूल जिले के ग्राम कटंगी, सिवनपाट एवं डुल्हारा की निस्तार पत्रक में बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनों के 6 अप्रैल 2016 को सालीवाड़ा में आयोजित अन्त्योदय मेले में गैर आदिवासियों को कृषि कार्य के पट्टें वितरित किए गए हैं? (ख) ग्राम सालीवाड़ा के अन्त्योदय मेले में 6 अप्रैल 2016 को ग्राम कटंगी, ग्राम डुल्हारा, ग्राम सिवनपाट के निस्तार पत्रक में किस मद में किस प्रयोजन के लिए दर्ज किस खसरा क्रमांक के कितने रकबे कितने कृषि कार्य के पट्टें किसके द्वारा वितरित किए गए? (ग) भू-राजस्व संहिता की धारा 237 (2) में क्या प्रावधान थे, उन्हें किस दिनांक को विलुप्त किया, धारा 237 (3) में कृषि कार्य के पट्टे आवंटित करने के संबंध में क्या प्रावधान किया गया? इन प्रावधानों के बाद भी निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों के कृषि कार्य के लिए पट्टे आवंटित कर निस्तार पत्रक संशोधित किए जाने का आदेश किन कारणों से दिया गया? (घ) पट्टे पर आवंटित बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीन की वन संरक्षण कानून 1980 के अनुसार बिना अनुमति कृषि कार्य के पट्टे आवंटित किए जाने का क्या कारण रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में वर्णित किसी प्रयोजन के लिए विशेष रूप से प्रथक रखी गई भूमियां, कलेक्टर की मंजूरी से ही व्यपवर्तित की जाएंगी, अन्यथा नहीं। म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 30 दिसंबर 2011 में प्रकाशित (संशोधन) अधिनियम क्रमांक 42 सन् 2011 द्वारा संहिता की धारा 237 की उपधारा (2) का लोप किया गया है। धारा 237 (3) इस संहिता के अधीन बनाये गये नियमों के अध्याधीन रहते हुए कलेक्टर उपधारा (1) के खण्ड (ख) में वर्णित भूमि को उस ग्राम की कुल कृषक भूमि के न्यूनतम 2 प्रतिशत तक सुरक्षित रखने के पश्चात उपधारा (1) वर्णित ऐसी दखल रहित भूमि को आबादी सड़कों, राजमार्गों, नहरों, तालाबों, अस्पतालों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, गौशालाओं के निर्माण या अन्य किसी जन उपयोगी परियोजनाओं, के लिए जैसी की राज्य सरकार द्वारा अवधारित की जाये व्यपवर्तित कर सकेगा। विधि अनुसार कार्यवाही की गई है। (घ) बांग्लादेश/वर्मा देशों से आए विस्थापित परिवारों को पुनर्वास विभाग द्वारा आवंटित भूमि के रिकार्ड दुरूस्ती की कार्यवाही कलेक्टर बैतूल के प्रकरण क्रमांक 6/अ 59 वर्ष 2015-16 में पारित आदेश दिनांक 06.04.2016 के पालन में की गई है।
नजूल पट्टों के नवीनीकरण एवं नामांतरण
[राजस्व]
40. ( क्र. 3485 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा नजूल पट्टा धारियों के पट्टा नवीनीकरण हेतु कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। क्या यह दिशा-निर्देश अत्यंत अव्यवहारिक हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इन दिशा-निर्देशों में संशोधन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नजूल पट्टा धारियों ने पट्टा अवधि समाप्त होने पर नवीनीकरण हेतु आवेदन किये हैं? यदि हाँ, तो, प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने स्वीकृत हुए एवं कितने लंबित हैं? लंबित आवेदन कब तक स्वीकृत कर दिये जायेंगे? (ग) क्या सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नजूल पट्टों के नामांतरण हेतु आवेदकों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये है? यदि हाँ, तो कितनों का नामांतरण कर दिया गया है? कितने शेष है? कारण सहित बतायें। शेष का कब तक नामांतरण कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ ६-४८/२०१४/सात/नजूल दिनांक ११ जुलाई २०१४ में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संशोधन की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक नवीनीकरण हेतु 303 आवेदन पत्र प्राप्त हुये, जिनमें से 133 आवेदन पत्रों का निराकरण किया जा चुका है, 170 आवेदन पत्र निराकरण हेतु लंबित है। निराकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक 45 आवेदन पत्र नजूल पट्टो के नामांतरण हेतु प्राप्त हुये थे, जिनमें से 18 आवेदन पत्रों का निराकरण किया जा चुका है, शेष रहे 27 आवेदन पत्रों का निराकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत् किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
41. ( क्र. 3560 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नीमच जिले में विभाग द्वारा विगत चार वर्षों में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत नल-जल योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? योजना कौन-कौन से ग्रामों में क्रियाशील है व किन-किन ग्रामों में बंद है? बंद नल-जल योजनाओं को कब तक प्रारंभ किया जावेगा? यदि नहीं, तो उसका कारण बतायें? (ग) नीमच जिले में ऐसे कितने प्रकरण लंबित हैं, जहाँ पर नल-जल योजना स्वीकृत किया जाना शेष है? उन्हें कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 65 स्वीकृत योजनाओं में से 60 चालू। एक स्त्रोत के अभाव में बंद है तथा 4 योजनाएं प्रगतिरत हैं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 3 प्रकरण। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है।
अधिकारी/कर्मचारियों की भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में प्रतिनियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
42. ( क्र. 3565 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र. के कितने अधिकारी/कर्मचारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में प्रतिनियुक्ति पर म.प्र. में कहाँ-कहाँ पर कब से कार्यरत हैं? अधिकारी/कर्मचारीवार, स्थानवार, प्रतिनियुक्ति दिनांकवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र. के अधिकारी/कर्मचारियों का भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो कब किया गया है एवं किस अधिनियम के तहत किया गया है? अधिनियम की प्रति उपलब्ध करावें तथा कितने अधिकारी/कर्मचारियों का किया गया है? अधिकारी/कर्मचारीवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र. के कितने अधिकारी/कर्मचारियों की भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में प्रतिनियुक्ति के पहले एवं प्रतिनियुक्ति के बाद विभागीय जाँच प्रचलित थी? उसमें कितने अधिकारी/कर्मचारियों पर प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई है? अधिकारी/कर्मचारीवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र. द्वारा प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अधिकारी/कर्मचारियों को पूरे सर्विसकाल हेतु प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है या उनको निश्चित अवधि हेतु भेजा गया है? क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र. का कार्य अधिकारी/कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने पर प्रभावित नहीं हो रहा है? क्या शासन इस मामले को संज्ञान में लेकर कोई निर्णय लेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार। (ख) जी हाँ। विभागीय आदेश दिनांक 12.10.2015 द्वारा संविलियन की अनुमति दी गई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की मांग एवं विभाग की सहमति के आधार पर। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दो अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रतिनियुक्ति अवधि के बाद प्रचलित है। विभागीय आदेश दिनांक 13.7.2016 द्वारा श्री विजय अग्रवाल एवं श्री राजेश भण्डारी, सहायक यंत्री, को निलंबित किया जाकर आदेश दिनांक 23.02.2017 द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (घ) जी नहीं निश्चित समयावधि के लिए भेजा गया है। जी हाँ। आदेश क्रमांक एफ 1-55/2015/1/34, दिनांक 03 मार्च, 2016 द्वारा प्रतिनियुक्ति से सेवायें वापस लिए जाने के आदेश जारी किये गये। अधिकारियों द्वारा माननीय केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण से स्थगन प्राप्त करने के कारण वे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में ही कार्यरत हैं।
जिला इन्दौर में दिल्ली पब्लिक स्कूल बस दुर्घटना
[गृह]
43. ( क्र. 3566 ) श्री सतीश मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला इन्दौर में दिल्ली पब्लिक स्कूल बस दुर्घटना में कितने बच्चों की मौत हुई है? बस दुर्घटना के बाद इन्दौर प्रशासन द्वारा मजिस्ट्रियल जाँच में कौन-कौन दोषी पाये गये हैं? जाँच रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (ख) क्या मजिस्ट्रियल जाँच में स्कूल प्रबंधन के साथ ही परिवहन निरीक्षक एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सम्पतहिल्स कार्यालय इन्दौर के अधिकारी भी दोषी पाए गए हैं? यदि हाँ, तो केवल डी.पी.एस. स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अभियोजन की कार्यवाही की गई है एवं परिवहन निरीक्षक एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या मजिस्ट्रियल जाँच में दोषी परिवहन निरीक्षक एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को इतनी बड़ी एवं दुःखद घटना के बाद भी बचाया जा रहा है? यदि नहीं, तो शासन संज्ञान में लेकर परिवहन निरीक्षक एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के ऊपर कठोर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिल्ली पब्लिक स्कूल बस दुर्घटना में 04 स्कूली बच्चों की मृत्यु हुई। दुर्घटना के बाद कलेक्टर द्वारा घटना की मजिस्ट्रियल जाँच हेतु रुचिका चौहान अपर जिला दण्डाधिकारी इन्दौर को नियुक्त किया गया, जिनके द्वारा जाँच पूर्ण कर जाँच प्रतिवेदन भेजा गया, उस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्यवाही जारी होने से जानकारी देना न्यायसंगत नहीं है। (ख) एवं (ग) मजिस्ट्रियल जाँच उपरांत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः प्रश्न से संबंधित जानकारी दिया जाना न्यायसंगत नहीं है।
शासकीय पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय में नियुक्त
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
44. ( क्र. 3644 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में शासकीय पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय में संस्था के शासकीय निकाय द्वारा संस्था स्तर पर भर्ती नियम 2004 के अन्तर्गत व्याख्याता, विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्य की नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो कुल कितने पदों पर नियुक्ति की गई है एवं नियुक्ति पश्चात कितने व्याख्याता,विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्य अपनी सेवा से त्याग पत्र दे चुके हैं? इस पद पर कार्यरत अधिकारियों को वेतन किस मद से और किस प्रकार भुगतान किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या प्रदेश के शासकीय पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय में कार्यरत व्याख्याता, विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्यों का वेतन प्रदान करने की नियत तिथि क्या है और क्या नियत तिथि पर वेतन का भुगतान किया जाता है? यदि नहीं, तो किस कारण वेतन भुगतान में विलंब होता है? (ग) क्या शासकीय पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय में कार्यरत व्याख्याता, विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्यों का वेतन भुगतान नियत समय पर हो, इसके लिए विभाग द्वारा क्या नियम बनाये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में संस्था के शासी निकाय द्वारा भरती नियम 2004 के अंतर्गत व्याख्याता के पद पर 663, विभागाध्यक्ष के पद पर 56 एवं प्राचार्य के पद पर 08 नियुक्तियां की गई है। नियुक्ति पश्चात 87 व्याख्यताओं, 07 विभागाध्यक्षों एवं 01 प्राचार्य द्वारा सेवा से त्यागपत्र दिया गया है। इसी प्रकार इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में संस्था के शासी निकास द्वारा भरती नियम 2004 के अंतर्गत सहायक प्राध्यापक के पद पर 127 एवं प्राचार्य के पद पर 02 नियुक्तियां की गई है। नियुक्ति के पश्चात 17 सहायक प्राध्यापकों द्वारा सेवा से त्यागपत्र दिया गया है। विभागीय प्रपत्र दिनांक 21.07.2008 में निहित निर्देशानुसार योजना क्रमांक 8885-स्वशासी तकनीकी संस्थाओं को सहायता-उद्देश्य शीर्ष-42 सहायक अनुदान-विस्तृत शीर्ष-002-संधारण व्यय मद से वेतन भुगतान किया जाता है। बजट राशि का प्रावधान कर राशि का भुगतान किया जाता है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार नियत तिथि में वेतन प्रदाय करने संबंधी कोई नियम संधारित नहीं है। जी नहीं। नियत तिथि को वेतन भुगतान की कार्यवाही की जाती है। योजना में प्राप्त राशियां तीन सेगमेंट के अंतर्गत विभक्त कर त्रैमासिक कार्य योजना अन्तर्गत 10 प्रतिशत कटौती की जाकर उपलब्ध कराई जाती है। वेतन भुगतान सहायक अनुदान की राशि होने से त्रैमासी भुगतान व्यवस्था लागू है। अतएव अनुदान त्रैमास के माह के प्रथम दिवस को प्रदाय किया जाता है। संस्थाओं द्वारा गेस्ट फेकल्टी के भुगतान करने तथा सी.ए.एस. के कारण हुये एरियर के भुगतान के कारण इस वित्तीय वर्ष में अनुदान की राशि वेतन भुगतान में आई कमी के कारण। संस्थाओं द्वारा भी वेतन भुगतान को प्राथमिकता न देते हुये एरियर राशि का भुगतान किया गया। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्राकृतिक प्रकोपों/दुर्घटना सहायता राशि में एकरूपता
[राजस्व]
45. ( क्र. 3680 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राकृतिक प्रकोपों से सर्पदंश/गुहेरा/जहरीले जन्तु के काटने से अथवा बस या अन्य अधिकृत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी में गिरने या पहाड़ी आदि से खड्डे में गिरने के कारण इन वाहनों पर सवार व्यक्तियों की मृत्यु होने पर मृत व्यक्ति के परिवार/वारिस को रूपये 50,000/- के स्थान पर 4 लाख का प्रावधान किया गया है? (ख) क्या किसी व्यक्ति की ज्ञात अथवा अज्ञात वाहन से दुर्घटना उपरांत मृत्यु होने पर दस हजार एवं पच्चीस हजार रूपए का प्रावधान है? जबकि कंडिका (क) एवं (ख) में व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु हुई है, ऐसी स्थिति में अनुदान सहायता राशि में भिन्नता क्यों? (ग) क्या भविष्य में कंडिका (क) एवं (ख) में प्राकृतिक घटना एवं ज्ञात/अज्ञात वाहन से व्यक्ति की मौत उपरांत एकरूपता हेतु सहायता राशि प्रदान करने बावत् राजस्व परिपत्र में संशोधन जारी करेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) सड़क दुर्घटना में ज्ञात वाहन से दुर्घटना होने पर मृतक के परिवार को रूपये 15,000/- एवं गंभीर घायल को रूपये 7,500/- देने का प्रावधान है। अज्ञात वाहन से मृत्यु होने पर परिवहन विभाग के अधीन सोलेशियम फन्ड के तहत राशि प्रदान की जाती है। प्राकृतिक आपदा में राजस्व विभाग द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मापदंडों के अनुसार राशि प्रदाय की जाती है तथा वाहन दुर्घटना में राशि परिवहन विभाग द्वारा प्रदाय की जाती है। अलग-अलग विभागों एवं प्रावधानों से सहायता राशि दिये जाने के कारण भिन्नता है। (ग) राजस्व विभाग तथा परिवहन विभाग से अलग-अलग घटनाओं में सहायता राशि विभागीय निर्देशानुसार दी जाती है। अत: एकरूपता का प्रश्न ही उदभूत नहीं होता।
रीवा संभाग के फैक्ट्रियों से राजस्व राशि की वसूली
[राजस्व]
46. ( क्र. 3774 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में वर्ष 2012 से 2017 तक किन फैक्ट्रियों, सीमेन्ट प्लान्टों एवं औद्योगिक इकाइयों के संचालन हेतु कितने रकबा की भूमि लीज की अनुज्ञा प्रदान की गई है? इकाईवार, क्षेत्रफलवार, जिलावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्राप्त लीज से अधिक भूमि क्षेत्रफल के उपयोग करने के लिए शिकायतें प्राप्त हुई हैं? इकाईवार, शिकायतवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त शिकायतों के विरूद्ध राजस्व राशि वसूली, रॉयल्टी वसूली, प्रदूषण कन्ट्रोल के लिए कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? प्लान्टवार, फैक्ट्री इकाईवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में दण्डात्मक कार्यवाही न करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा संभाग में वर्ष 2012 से 2017 तक सतना जिले में फैक्ट्रियों, सीमेंट प्लांटों तथा औद्योगिक इकाईयों को कुल 11 खनि पट्टा प्रदान किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त अवधि में क्रेसर आधारित औद्योगिक इकाई को कुल 50 उत्खनि पट्टे स्वीकृत किए गए हैं जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सिंगरौली जिला में 102 औद्योगिक इकाइयों के संचालन हेतु 5118.38 हे. रकबे पर भूमि लीज की अनुज्ञा प्रदाय की गई है। इकाईवार, क्षेत्रफलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष जिलों में अनुज्ञा प्रदान नहीं होने से जानकारी निरंक हैं। (ख) सतना जिले में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में केवल एक क्रेसर आधरित औद्योगिक इकाई के आधार पर स्वीकृत उत्खनि पट्टा ग्राम ककलपुर में माँ गायत्री स्टोन क्रेसर के विरूद्ध स्वीकृत क्षेत्र से अधिक क्षेत्र पर खनन करने पर अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज किया गया है। शेष जिलों से जानकारी निरंक हैं। (ग) सतना जिले में प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में संबंधित उत्खनि पट्टाधारी के विरूद्ध अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज किया गया है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रचलन में है। शेष जिलों से जानकारी निरंक हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार सतना जिले में अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही प्रचलित हैं। शेष जिलों से जानकारी निरंक हैं।
नवीन मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये भूमि का आवंटन
[राजस्व]
47. ( क्र. 3778 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2009 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रदेश में किस-किस संस्था/व्यक्ति/सोसायटी को नवीन मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि शासकीय भूमि का आवंटन किन-किन शर्तों के तहत किस-किस दर पर कितनी-कितनी अवधि के लिए किया गया है? कितनी-कितनी भूमि किस-किस संस्था/व्यक्ति/सोसायटी को निःशुल्क उपलब्ध कराई गयी है? संस्था/व्यक्ति/सोसायटी के नाम, पता, भूमि का रकबा, दर, स्थान, जिला सहित जानकारी दें तथा शासन एवं भूमि प्राप्त करने वाले संस्था/व्यक्ति/सोसायटी के मध्य हुए अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार हुए अनुबंध अनुसार कितनी अवधि के भीतर नवीन मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य प्रारंभ कर कब तक पूर्ण कर संचालन प्रारंभ किया जाना था? किस-किस संस्था/व्यक्ति/सोसायटी द्वारा अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण कर दिए गए? किन-किन के द्वारा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अनुबंधों की शर्तों का पालन न करने की स्थिति में किस किस संस्था/व्यक्ति/सोसायटी के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी? क्या उनके भूमि आवंटन निरस्त किये गए? यदि हाँ, तो किस-किस के? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशुओं की अप्राकृतिक मृत्यु पर मुआवजा
[पशुपालन]
48. ( क्र. 3783 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशुओं की अप्राकृतिक मृत्यु पर विभाग द्वारा मुआवजा देने का कोई प्रावधान है? यदि है तो अप्राकृतिक मृत्यु की श्रेणी में कौन-कौन सी घटनाओं को मानता है और उस पर पशुपालकों को मुआवजा किस प्रकार दिया जाता है? (ख) क्या किसानों का कृषि के बाद पशुपालन ही आय का स्त्रोत और जीवन यापन का मुख्य व्यवसाय है? यदि हाँ, तो उनके पशुओं की आकस्मिक मृत्यु जैसे कि सर्पदंश अन्य जहरीले कीटों के काटने से मृत्यु हिंसक जंगली जानवरों के हमलों से मृत्यु आदि पर मुआवजा दिया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 4 वर्षों में जौरा विधानसभा अंतर्गत कितना-कितना, किस-किस को मुआवजा दिया गया है? यदि नहीं, तो क्या शासन उपरोक्त पशुओं की मृत्यु के कारणों से हुई मृत्यु पर पशुपालकों को आर्थिक सहायता राशि देने का प्रावधान करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ख) जी हाँ। हिंसक जंगली जानवरों के हमले से पशुओं की मृत्यु पर मुआवजा वन विभाग द्वारा दिया जाता है। सर्पदंश अन्य जहरीले कीटों के काटने से पशुओं की मृत्यु पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पशुओं की आकस्मिक मृत्यु जैसे कि सर्पदंश अन्य जहरीले कीटों के काटने से मृत्यु पर पशुपालकों को आर्थिक सहायता राशि दिया जाना विचाराधीन नहीं है।
परिशिष्ट - ''पन्द्रह''
सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने में भेदभाव
[राजस्व]
49. ( क्र. 3840 ) श्री शिवनारायण सिंह लल्लू भैया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिला अंतर्गत कितने विधान सभा क्षेत्र हैं तथा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विकासखण्डवार 2017 में वर्षा के आंकड़े की स्पष्ट जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सूखा ग्रस्त घोषित विधानसभा क्षेत्र में कितना धान समर्थन मूल्य पर क्रय किया गया? प्रत्येक खरीदी केन्द्र अनुसार संपूर्ण विधान सभा क्षेत्र में कितना धान क्रय किया गया है तथा अन्य विधान सभा क्षेत्र खरीदी केन्द्र अनुसार पूरे विधान सभा क्षेत्र में कुल खरीदी की मात्रा बताएं? (ग) क्या सूखा ग्रस्त घोषित विधान सभा क्षेत्र से भी कम वर्षा बांधवगढ़ विधान सभा क्षेत्र में हुयी है? यदि हाँ, तो असत्य आंकड़े व जानकारी भेजकर सूखा प्रभावित क्षेत्र के साथ भेदभाव करने के दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उमरिया जिला अंतर्गत 02 विधान सभा क्षेत्र है। विकासखण्डवार 30.09.2017 की स्थिति में वर्षा के आंकड़े की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) सूखाग्रस्त घोषित विधान सभा क्षेत्र मानपुर अंतर्गत 20 खरीदी केन्द्रों में 1,93,653.35 क्वि. धान समर्थन मूल्य पर क्रय किया गया है तथा बांधवगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 09 खरीदी केन्द्रों में 1,36,869.40 क्वि. धान समर्थन मूल्य पर क्रय किया गया है। दोनों विधान सभा क्षेत्र में धान खरीदी केन्द्रवार सूची पृथक से संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जी नहीं। सत्य जानकारी भेजी गई है इसलिए कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
पेजयल की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
50. ( क्र. 3842 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में सरकार की मंशानुसार शुद्ध पेयजल लोगों को उपलब्ध हो सके इसके लिए सरकार की क्या कार्ययोजना है? (ख) प्रत्येक व्यक्ति को मापदण्ड के अनुसार कितने पेजयल की आवश्यकता होती है? क्या मापदण्ड के मान से प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक बसाहट में वर्तमान में पेयजल उपलब्ध हो रहा है? यदि नहीं, तो इस हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है? (ग) भविष्य में प्रत्येक व्यक्ति को शुद्ध पेजयल मिल सके इस हेतु विभाग क्या तैयारी कर रहा है? (घ) ग्राम पंचायतों की पेयजल योजना संचालन में असफलता के कारण क्या विभाग पेयजल योजना के संचालन में विचार कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) आंशिक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलबध करवाने हेतु नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना, सिंगलफेस मोटरपंप स्थापना एवं नल-जल योजना के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना हैं। (ख) प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर प्रतिदिन के मान से पेयजल की आवश्यकता होती है। जी नहीं। उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। (घ) जी नहीं।
पन्ना जिले को सूखाग्रस्त कर किसानों को मुआवजा राशि दिलाये जाना
[राजस्व]
51. ( क्र. 3920 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले को वर्ष 2017-18 में सूखागस्त घोषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो सूखे के कारण हुई फसल क्षति पर कितने कृषकों को कितनी राहत राशि प्रदाय की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पन्ना जिले में अन्य जिलों की अपेक्षा कम वर्षा हुई है फिर भी अन्य जिलों जैसे सतना, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं दमोह को सूखाग्रस्त घोषित कर मुआवजा राशि स्वीकृत की गई एवं पन्ना जिले को क्यों सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया? (घ) क्या अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा मौके का सर्वे न कर, मनमाने तरीके से शासन को गलत जानकारी दी गई है, जिससे किसानों को फसल का जो नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा नहीं मिला है? क्या संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही कर पन्ना जिले में सूखा प्रभावित कृषकों को राहत राशि प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) निरंक, मांग परीक्षणाधीन है। (ग) जी नहीं। पन्ना जिला में 842 मि.मि. वर्षा हुई है। जबकि टीकमगढ़ में 584.5 मि.मि., छतरपुर में 669.5 मि.मि., दमोह में 708.3 मि.मि. एवं सतना में 729.1 मि.मि. बारिश हुई है। (घ) जी नहीं। शासन निर्देशानुसार सर्वेक्षण कराया गया है। उत्तरांश 'ख' अनुसार कार्यवाही परीक्षणाधीन है।
केवलारी नगर की जर्जर पाईप लाईनों का सुधार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
52. ( क्र. 3936 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत केवलारी नगर में नल-जल योजना के पाईप लाईन जो कि वर्ष 1972 से संचालित है अत्यंत जर्जर हो चुकी है तथा क्या जर्जर नल-जल योजना से केवलारी नगर (जनसंख्या वर्तमान में 10 से 15 हजार) को सुचारू रूप से पेयजल हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा दिये गये प्राक्कलन अनुसार उक्त योजना के नवीनीकरण में 2 करोड़ 32 लाख की राशि का व्यय होना बताया गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा नवीन नल-जल योजना के लिए आगे प्रस्ताव पहुंचा गया है? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन जर्जर हो चुकी नल-जल योजना को स्वीकृत कर नई पाइप लाइन विस्तारीकरण का कार्य करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। पूर्व संचालित योजना के अतिरिक्त ग्राम में स्थापित 28 हेण्डपंपों एवं अतिरिक्त नलकूप पर स्थापित मोटरपंप के माध्यम से पर्याप्त पेयजल उपलब्ध होता है। (ख) रूपये 282.12 लाख का प्रारंभिक प्राक्कलन तैयार किया गया है। नियमानुसार ग्रामपंचायत का प्रस्ताव एवं जनभागीदारी की राशि प्राप्त होने पर आवर्धन योजना की स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
ओला वृष्टि से क्षति को मुआवजा का वितरण
[राजस्व]
53. ( क्र. 3938 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में दिनांक 13 फरवरी 2017 को संध्या के समय हुई भारी ओला वृष्टि में कितने ग्रामों की कितने हेक्टेयर फसलों का नुकसान हुआ है? विकासखंडवार, फसलवार विवरण देवें? (ख) क्या शासन उक्त प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति का सर्वे करवाकर सहायता राशि/मुआवजा राशि का वितरण करेगा? यदि हाँ, तो किस माध्यम से राहत राशि का वितरण किया जावेगा और कब तक? (ग) क्या उक्त प्राकृतिक आपदा से ग्रामीण जनों के मकान अत्यंत क्षतिग्रस्त हो गये हैं? साथ ही अन्य वस्तुएं पाइप लाइन, कबेलू, शौचालय एवं घरों के दरवाजे, सीमेंट की चादरें, खाद्य सामग्री यदि हाँ, तो क्षतिग्रस्त मकानों एवं अन्य क्षतिग्रस्त सामग्रियों का सर्वे कराकर क्या शासन उचित मुआवजा की राहत राशि का वितरण करेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसा यदि हाँ, तो किस मापदण्ड से कितनी-कितनी राशि का वितरण शासन द्वारा प्रभावितों को दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिवनी जिले में दिनांक 13 फरवरी 2017 को संध्या के समय ओलावृष्टि नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
भोपाल स्थित मर्जर भूमि की जानकारी
[राजस्व]
54. ( क्र. 3966 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व भोपाल रियासत से संबंधित विवादित मर्जर भूमि की खसरा नंबर, रकबा नंबर, ग्राम, मोहल्ले के नाम सहित कुल भूमि का विवरण दें? भोपाल की विवादित मर्जर भूमि में वर्तमान में रह रहे निवासियों के मकान नं., खसरा नं., ग्राम सहित कुल भूमि की जानकारी दें? (ख) भोपाल की विवादित मर्जर भूमि पर निर्माण में रोक के आदेश के बाद भी तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों, पटवारियों की मिली भगत से भवन निर्माण की दी गई अनुमतियों पर नायब तहसीलदार, पटवारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) मार्च 2017 में विधानसभा में म.प्र. शासन द्वारा अधिकारियों की नाम सहित, जानकारी दी गई थी, उस पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रतियां प्रदान करें? (घ) भोपाल की विवादित मर्जर भूमि की वर्तमान स्थिति क्या है एवं म.प्र. शासन की इस बाबत् क्या नीति है वर्ष 1949 में भोपाल के मर्जर एग्रीमेंट के हस्ताक्षर के समय निर्धारित की गई नवाब की भूमि, भवन एवं शासन की भूमि भवन का विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) मर्जर एग्रीमेंट की भूमियों के संबंध में मान. उच्च न्यायालय में रिट याचिका डब्लू.पी. 7175/15 क्रियेशन एण्ड प्रोजेक्शन डॉट-कॉम विरूध्द म.प्र.शासन प्रचलित होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना/मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के क्रियान्वन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
55. ( क्र. 4017 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन/कौशल्या योजना अंतर्गत प्रारम्भ होने से आज दिनांक तक योजना उज्जैन संभाग अंतर्गत कितना बजट आवंटित हुआ हैं? वित्तीय वर्षवार जिलेवार पूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से कार्य आगर एवं शाजापुर जिले के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान या कौशल विकास केन्द्रों में किए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई आयोजन किए हैं? यदि हाँ, तो आयोजन में कितना व्यय किया गया? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 841 उत्तर दिनांक 19.07.2017 के उत्तरांश (ख) में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना को संचालित करने की दृष्टि से नवीन ट्रेड प्रारम्भ करना नहीं बताया गया हैं? क्या पुनः विचार कर फैशन डिजाइनिंग एवं हिन्दी स्टेनो ट्रेड आई.टी.आई. सुसनेर में प्रारम्भ करने हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ट्रायसेम मैकेनिकों को नियमित करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 4046 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र.शासन भोपाल द्वारा हैण्डपंपों के सुधार हेतु ट्रायसेम हैण्डपंप मैकेनिकों की भर्ती किन-किन जिलों में की गई थी? (ख) क्या प्रदेश के कुछ जिलों में ट्रायसेम हैण्डपंप मैकेनिक नियमित किये गये हैं? किस नियम के तहत? नियम की कॉपी उपलब्ध करावें? यदि हाँ, तो बालाघाट जिले के समस्त ट्रायसेम मैकेनिकों को नियमित क्यों नहीं किया गया? इसके क्या कारण थे? (ग) क्या ट्रायसेम हैण्डपंप मैकेनिकों का मानदेय 7500 रू. व उसके बाद भविष्य में कोई भी सुविधा का प्रावधान नहीं है? कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति या आकस्मिक मृत्यु होने पर विभाग क्या कोई किसी भी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? (घ) शेष बचे ट्रायसेम हैण्डपंप मैकेनिकों को कब तक नियमित किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ट्राइसेम हैण्डपंप मैकेनिकों को वर्तमान में हैण्डपंपों के मान से रू. 7500/- मासिक मानदेय दिया जा रहा है। अनुबंध में अन्य कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ट्राईसेम हैण्डपंप मैकेनिकों की सेवा शर्तों (अनुबंध) में नियमित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
57. ( क्र. 4048 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कितने वर्षों से कार्यरत हैं? (ख) विभाग उक्त कर्मचारियों को कौन-कौन सी सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है? (ग) क्या तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की सेवा निवृत्ति के दौरान पेंशन लागू की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो किन-किन श्रेणी के कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान किया जावेगा? (घ) क्या तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार में से किसी एक सदस्य को सेवा में रखने के प्रावधान हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बालाघाट जिले में म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं उनकी पदस्थी अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा कर्मचारियों को कोई सेवाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं। (ग) म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन में म.प्र. वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन एप्लाईज प्रोविडेन्ट फण्ड, 1963 लागू है, जिसके अंतर्गत नियमित तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियोक्ता अंशदान 12 प्रतिशत का भुगतान कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में किया जाता है एवं इतना ही अंशदान कर्मचारी के वेतन से कटौत्रा किए जाने का प्रावधान है। निगम में पेंशन योजना लागू नहीं है। (घ) शासन के नियमानुसार अधिकारी/कर्मचारी की सेवावधि में मृत्यु होने पर पात्रतानुसार अनुकम्पा नियुक्ति दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धारा 165 (6) के तहत पट्टे वाली जमीन के विक्रय की अनुमति
[राजस्व]
58. ( क्र. 4052 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासियों को शासन द्वारा कृषि हेतु पट्टे पर दी गई जमीन का विक्रय गैर आदिवासी को किया जा सकता है, यदि नहीं, तो बताएं की धार जिले में पिछले 05-07 वर्षों में धारा 165 (6) के तहत ऐसे कितने पट्टे वाली जमीन के विक्रय की अनुमति दी गई? (ख) धारा 165 (6) में बेची गई आदिवासी जमीन के डायवर्सन तथा पुनः विक्रय हेतु क्या नियम हैं तथा इन नियमों का पालन न होने पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है? (ग) क्या धार जिले में विगत 05 वर्षों में धारा 165 (6) में बेची गयी सारी जमीन पर प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमों का पालन हुआ है? यदि नहीं, तो उन जमीनों की सूची तथा की गई कार्यवाही की जानकारी प्रस्तुत करें? (घ) क्या धार जिले में पिछले 05 वर्षों के दौरान धारा 165 (6) में आदिवासियों की हजारों बीघा जमीन के विक्रय की जाँच हेतु किसी उच्च अधिकारी की नियुक्ति की जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) सहपठित धारा 165 (7-ख) के तहत गैर आदिवासी को शासन द्वारा कृषि पट्टे पर आंवटित भूमि कलेक्टर की अनुमति से ही विक्रय की जा सकती है। धार जिले में पिछले 05-07 वर्षों में धारा 165 (6) के तहत कलेक्टर न्यायालय से आदिवासी को कृषि पट्टे पर दी गई भूमि के विक्रय की अनुमति नहीं दी गई। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 के तहत जमीन के डायवर्सन का प्रावधान है। पुनः विक्रय हेतु धारा 165 (6) (एक) एवं (दो) में प्रावधान है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। धारा 165 के प्रावधानों का पालन न होने पर भू-राजस्व संहिता की धारा 170,170-क, 170-ख के तहत कार्यवाही का प्रावधान है। (ग) जी हाँ शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम खाताखेड़ी एवं मंगलगढ़ में गेहूँ उपार्जन केन्द्र
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
59. ( क्र. 4083 ) श्री विष्णु खत्री : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम खाताखेड़ी एवं मंगलगढ़ में नीवन गेहूँ उपार्जन केन्द्र खोले जाने हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो ग्राम खाताखेड़ी एवं मंगलगढ़ में गेहूँ उपार्जन केन्द्र/उपकेन्द्र में खरीदी क्या वर्तमान रबी के मौसम से प्रारंभ हो जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। माननीय सदस्य द्वारा रबी विपणन वर्ष 2018-19 में बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम खाताखेड़ी एवं मंगलगढ़ में नवीन उपार्जन केन्द्र खोलने हेतु जिला कलेक्टर, भोपाल को पत्र लिखा गया है। ग्राम खाताखेड़ी में 200 से कम किसान पंजीयन होने के कारण रबी विपणन वर्ष 2018-19 की उपार्जन नीति अनुसार नवीन उपार्जन केन्द्र खोलने की अनुशंसा जिला उपार्जन समिति द्वारा नहीं की गई है। ग्राम मंगलगढ़ में 224 किसान पंजीयन होने के कारण जिला उपार्जन समिति द्वारा नवीन उपार्जन केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव किया गया है। ग्राम मंगलगढ़ वर्तमान में उपार्जन केन्द्र रूनाहा से संलग्न है, जिसमें वर्तमान में 781 पंजीकृत किसान है एवं उपार्जन केन्द्र, रूनाहा से ग्राम मंगलगढ़ की दूरी लगभग 5 कि.मी. है। उपार्जन नीति अनुसार 800 किसान से अधिक पंजीयन होने पर अतिरिक्त उपार्जन केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। उक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए मंगलगढ़ में उपार्जन केन्द्र खोलने की स्वीकृति जारी नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार।
जबलपुर इंजीनियर कॉलेज को टेक्निकल यूनिवर्सिटी का दर्जा
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
60. ( क्र. 4086 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर इंजीनियर कॉलेज को टेक्निकल यूनिवर्सिटी बनाने की प्रक्रिया शासन स्तर पर प्रचलन में है? यदि हाँ, तो यूनिवर्सिटी का स्वरूप कैसा होगा? (ख) वर्णित (क) हेतु शासन द्वारा कितना संभावित व्यय रखा है? क्या विगत माह भोपाल में उज्जैन एवं जबलपुर को यूनिवर्सिटी बनाने के लिए बैठक बुलाई गई थी, जिसमें निश्चित किया गया था कि दोनों स्थानों की यूनिवर्सिटी को डीम्ड का दर्ज दिया जावेगा? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) सही तो कब तक जबलपुर शहर के विकास को दृष्टिगत रखते हुये जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को टेक्निकल यूनिवर्सिटी का दर्जा दे दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। स्वरूप के निर्धारण यू.जी.सी. तथा एन.सी.टी.ई. के प्रावधानों के अनुसार किया जा सकेगा। (ख) ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
समस्या का शीघ्र निराकरण करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
61. ( क्र. 4103 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर जिला रीवा को पत्र क्र. 30 दिनांक 30.01.2018 को मऊगंज विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में भीषण पेय जल की समस्या के निदान के संबंध में लिखा गया था? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कमिश्नर रीवा संभाग रीवा को पत्र क्रमांक 34 दिनांक 13.02.2018 को रीवा-हनुमना फोरलेन के निर्माण में ग्राम टड़हर नम्बर 1 पटवारी हल्का बहुती ने मनमानी मुआवजा बनाये जाने की शिकायत को, निराकरण के संबंध में लिखा गया था? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक संबंधित समस्याओं के निराकरण के क्या-क्या प्रयास किये गये? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के प्रकाश में यदि प्रयास नहीं किये गए तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषी के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि (क), (ख) के संबंध में प्रयास किये जावेंगे तो क्या और कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित हैण्डपंपों को सतत हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत निरंतर सुधारा जा रहा है। जल स्तर नीचे जाने वाले हैण्डपम्पों में राइजर पाईप बढ़ाकर एवं सिंगल फेस मोटर पंप डालकर पेयजल उपलब्धता सुनिश्चचित की जा रही है। पेयजल परीक्षण अधिनियम लागू किया जा चुका है। आवश्यकता होने पर निजी नलकूपों का अधिग्रहण भी पेयजल व्यवस्था हेतु किया जा सकेगा। प्रश्नांश-'ख' के उल्लेखित पत्र के सभी 19 प्रकरणों का निराकरण आयुक्त रीवा द्वारा किया जा चुका है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशुओं के संरक्षण हेतु गो-शालाओं का संचालन
[पशुपालन]
62. ( क्र. 4106 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितनी गौ-शालाएं शासन से अनुबंधित एवं कितनी गैर अनुबंधित संचालित है? ये गौ-शालाएं किन-किन समितियों द्वारा संचालित हैं? इन गौ-शालाओं में कितनी-कितनी गायें, किस-किस प्रकार की हैं? विकासखण्डवार, स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिले में कितनी गौ-शालाएं शासन से संबंधित हैं तथा कितनी ऐसी गौ-शालाएं हैं, जो संचालित हैं, किंतु शासन से संबद्ध नहीं है? नाम, संचालन स्थान विकासखण्डवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में दिनांक 1 अप्रैल 2014 के उपरांत प्रश्न दिनांक तक शासन के किस-किस विभाग से कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को उपलब्ध कराई गयी? उक्त राशि को किस-किस मद में खर्च किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियोग्राफी
[गृह]
63. ( क्र. 4132 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस द्वारा जनवरी 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक ग्वालियर जिले में किन-किन आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी कराई गई है? माहवार ब्यौरा दें। क्या इस कार्य के लिए हैण्डीकेम कैमरे आवंटित किए गए थे? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों को कब-कब तथा किस-किस अधिकारी के आदेश से आवंटित किए गए? (ख) कार्यालय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर पश्चिम ग्वालियर द्वारा आर.टी.आई. कार्यकर्ता आशीष कुमार चतुर्वेदी के नाम का उल्लेख कर अप्रैल 2017 से मई 2017 तक वरिष्ठ अधिकारियों को लेख किए गए पत्रों से संबंधी प्रतिवेदनों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) ग्वालियर जिल में आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी के संबंध में पुलिस को प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवही के प्रतिवेदनों/जाँच रिपोर्टों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (घ) थाना झांसी रोड़ ग्वालियर के सी.सी.टी.वी. फुटेज डिलीट होने के संबंध में ग्वालियर पुलिस द्वारा वर्ष 2017 से वर्तमान तक की गई जांचों के प्रतिवेदनों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। थाना झांसी रोड़ ग्वालियर के सी.सी.टी.वी. फुटेज वर्ष 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक कब-कब डिलीट किए गए हैं? ग्वालियर जिले के किन-किन थानों के सी.सी.टी.वी. फुटेज वर्ष 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक कब-कब डिलीट किए गए हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) ग्वालियर जिले में जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक किसी आर.टी.आई कार्यकर्ता की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी नहीं कराई गई हैं। थाना झांसी रोड़ क्षेत्र में निवासरत आर.टी.आई. कार्यकर्ता श्री आशीष कुमार चतुर्वेदी को सुरक्षा प्रदान की गई है। सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को दिनांक 25.01.2017 को वीडियो कैमरा थाना झांसी रोड से प्रदान किया गया था। (ख) पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रतिवेदनों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) थाना झांसी रोड के सी.सी.टी.वी. फुटेज डिलीट करने के संबंध में कराई गई जाँच के प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। थाना झांसी रोड ग्वालियर के सी.सी.टी.वी. फुटेज दिनांक 29.04.2017 को डिलीट किया गया था।
फरवरी माह में हुई ओलावृष्टि से नुकसान का मुआवजा
[राजस्व]
64. ( क्र. 4133 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2018 के दौरान प्रदेश के किन-किन जिलों में ओलावृष्टि का प्रकोप हुआ है तथा भोपाल संभाग के किन-किन ग्रामों में कौन-कौन सी फसलों को क्षति हुई? जिलावार, ब्लॉकवार, ग्रामवार ब्यौरा दें। (ख) क्या शासन द्वारा ओलावृष्टि से हुए नुकसान के आंकलन का कार्य प्रारंभ कर दिया है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में प्रारंभिक दृष्टि में कितने हेक्टेयर रकबे में फसलों के खराब होने से किसानों को कितनी राशि का नुकसान का आंकलन किया गया हैं? जिलावार, ब्लॉकवार, ग्रामवार ब्यौरा दें। (ग) क्या शासन द्वारा प्रभावित किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए राशि प्रदान की जाएगी? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या कार्यवाही प्रचलित हैं? (घ) क्या ओलावृष्टि से मकानों, पशुओं तथा घरेलू व कृषि उपकरणों को क्षति हुई हैं? यदि हाँ, तो ऐसे मामलों में सीहोर जिले में कितने प्रकण सामने आए हैं तथा नुकसान की भरपाई के लिए शासन द्वारा क्या कदम उठाए जाएंगे? ब्लॉकवार, ग्रामवार, प्रकरणवार ब्यौरा दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में फरवरी 2018 में छिन्दवाड़ा, सिवनी, मण्डला, बैतूल, विदिशा, सागर, होशंगाबाद, देवास, सीहोर, रायसेन, भोपाल, अशोकनगर, जबलपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, खण्डवा, बुरहानपुर, अनूपपुर तथा बालाघाट, शिवपुरी (आंशिक) जिलो के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई थी तथा भोपाल संभाग के जिला राजगढ़ में ओलावृष्टि का प्रकोप नहीं हुआ है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, भोपाल संभाग के ओलावृष्टि से प्रभावित जिलों की संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत प्रभावित कृषकों को राहत राशि प्रदाय किए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी हाँ, सीहोर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
मेधावी छात्र योजना का विस्तार
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
65. ( क्र. 4169 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि प्रदेश के मेधावी छात्रों को लाभ देने की मा. मुख्यमंत्री जी की योजना केवल शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों तक ही सीमित है? इससे संबंधित आदेश की छायाप्रति देवें। (ख) क्या इसमें निजी चिकित्सा महाविद्यालयों, निजी आयुर्वेद या अन्य मेडिकल संबंधी महाविद्यालय सम्मिलित नहीं किए गए हैं यदि हाँ, तो क्यों? (ग) यह विसंगति कब तक दूर कर प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के मेधावी छात्रों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) निजी चिकित्सा महाविद्यालय सम्मिलित है। निजी आयुर्वेदिक एवं अन्य को सम्मिलित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सबमर्सिबल पंप लगाना एवं जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
66. ( क्र. 4225 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वर्ष जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितने सबमर्सिबल पम्प किस संस्था से किस दर पर खरीदे गये हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के किस-किस गांव में सबमर्सिबल पम्प स्थापित किये गये हैं? भौतिक सत्यापन कर बतायें कि आज की स्थिति में वे चालू हैं या बंद पडें हैं? यदि बंद पड़े हैं तो कारण बतावें? (ग) क्या जिस कम्पनी का सबमर्सिबल पंप ग्रामीण क्षेत्रों की नल-जल योजनाओं में उपयोग किया जा रहा है वह बार-बार जल जाता है, जिससे कि अक्सर नल-जल योजना बंद रहती है? यदि हाँ, तो शासन उक्त कम्पनी की मोटर को बदलकर नवीन कम्पनी की मोटर क्यों जारी नहीं कर रहा? क्या इसमें शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो इसकी भरपाई विभाग कैसे करेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? इन लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 82 सिंगलफेस सबमर्सिबल पम्प। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग की हितग्राही योजनायें
[पशुपालन]
67. ( क्र. 4226 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत पशुपालन विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों को पिछले 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इनमें से कितने हितग्राही सामान्य वर्ग से एवं कितने आरक्षित वर्ग से लाभांवित हुए हैं वर्गवार, ग्रामवार, जनपदवार सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार पशुपालन विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब, कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये? दिनांकवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इनमें से कितने हितग्राहियों को प्रशिक्षण उपरांत ऋण आदि व रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम के माध्यम से क्या सहयोग प्रदान किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 17 गौसेवकों को। (ख) 17 प्रशिक्षित गौसेवकों में से 10 सामान्य वर्ग के एवं 07 आरक्षित वर्ग के गौसेवक लाभान्वित हुए वर्गवार, ग्रामवार, जनपदवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) गौ-सेवक प्रशिक्षण उपरांत 15 गौ-सेवकों को प्राथमिक उपचार किट विभाग द्वारा प्रदाय की गई है जिससे वे अपनी ग्राम पंचायत में प्राथमिक पशु उपचार कर पशुपालकों से शुल्क प्राप्त कर स्वरोजगार स्थापित कर सके। कृत्रिम गर्भाधान (मैत्री) प्रशिक्षण उपरांत दो प्रशिक्षणाथियों को ए.आई. संबंधी उपकरण प्रदान किये गये जिससे वे पशुपालकों के पशुओं को कमृत्रिम गर्भाधान सुविधा प्रदान कर सेवा शुल्क प्राप्त कर लाभान्वित हो सके।
अनाधिकृत तौर पर वाहनों में हूटर एवं लाईट लगाना
[परिवहन]
68. ( क्र. 4259 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राजपत्र क्र. 395 दिनांक 31 अगस्त 2013 के संलग्न परिशिष्ट में अधिकृत व्यक्तियों के अलावा भी वाहन मालिकों द्वारा अनाधिकृत तौर पर हूटर/प्रावधानों के विपरीत लाईटें लगाकर वाहन चलाएं जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन वाहन मालिकों के प्रकरण जिला सागर में विभागीय अमले द्वारा तैयार किए जाकर क्या कार्यवाही की गई है? वाहन मालिकवार जानकारी दी जाए।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) अधिकृत व्यक्तियों के अलावा वाहन मालिकों द्वारा उल्लंघन की दशा में दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। दण्डात्मक प्रावधान संबंधी अधिसूचना की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में आई.टी.आई की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
69. ( क्र. 4287 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा एवं विभाग की नीति एवं उद्देश्यों में यह स्पष्ट है कि प्रदेश के हर विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. स्वीकृत की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र करैरा जिला शिवपुरी में दो विकासखण्ड करैरा, नरवर, कार्यरत हैं परंतु एक भी जगह पर आई.टी.आई. नहीं हैं, जो धोखा शासन की नीति व उद्देश्यों की अवहेलना नहीं है? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन युवा बेरोजगारों की समस्या को ध्यान में रखते हुये अतिशीघ्र अनुपूरक अनुमान क्र. 3 (बजट सत्र) में शामिल करते हुये उपरोक्त दोनों स्थानों पर आई.टी.आई. की स्थापना करेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शिवपुरी जिले के 08 विकासखण्डों में से 06 विकासखण्डों में शासकीय आई.टी.आई. खोली जा चुकी है वर्तमान में 58 विकासखण्ड ऐसे है जिनमें कोई भी शासकीय अथवा प्राइवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है तथा 119 विकासखण्ड ऐसे है जिनमें शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। इतनी अधिक संख्या में एक साथ आई.टी.आई. खोलना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं।
म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ सतना द्वारा कटौती की गयी वारदाना शार्टेज की राशि
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
70. ( क्र. 4305 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलान्तर्गत वर्ष 15-16 में म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ सतना द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी कार्य में सोसायटीयों को एच.डी.पी. (प्लास्टिक) वारदाने दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रत्येक सोसायटीवार ऐसे वारदानों की जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसी सोसायटियों द्वारा कृषकों से गेहूँ उपार्जन कर कितने वारदानों का उपार्जन कर वेयर हाउस में भण्डारित किये गये हैं? प्रत्येक सोसायटीवार जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या सोसायटियों को दिये गये वारदानों और खरीदी उपरांत उपयोग किये गये वारदानों तथा सोसायटियों के पास शेष वारदानों के विरूद्ध प्लास्टिक बोरियों की जगह जूट बोरियों की राशि कटौती कर कमीशन भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो क्या ऐसी त्रुटिपूर्ण की गयी कटौती की राशि सोसायटियों को वापस की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो कारण स्पष्ट किया जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 15-16 में म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ सतना द्वारा गेहूँ खरीदी के कार्य हेतु एच.डी.पी. (प्लास्टिक) बारदाना नहीं दिए जाने के कारण उसमें भंडारण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कमीशन में अनावश्यक कटौती
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 4306 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन मूल्य पर धान/गेहूँ उपार्जन कार्य में परम्परागत तरीके से कमीशन प्राप्त कर कार्य करने वाली सहकारी सोसायटियों के कमीशन में से कटौती की वेयरहाउस कार्पो. को भुगतान करने के निर्देश जारी किये है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो इस कार्य से संबंधित सोसायटियों को धान/गेहूँ उपार्जन कार्य में किस दर पर कमीशन भुगतान किया जाना प्रावधानित है? जिन्सवार जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वेयर हाउसों द्वारा आज तक ऐसा कोई कार्य नहीं किया जा रहा है कि उसे सोसायटियों के कमीशन में से राशि कटौती कर सोसायटियों की क्षति करते हुए लाभ पहुँचाया जावे? यदि हाँ, तो इस तरह के निर्देश क्या सोसायटियों के हित में समाप्त किये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या वेयर हाउस कार्पो. एवं वेयर हाउस मालिकों को अनाधिकृत रूप से सोसायटियों के अधिकारों की राशि में से कटौती कर भुगतान की नीति सीधा लाभ पहुँचाये जाने की दृष्टि से बनायी गयी है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो ऐसे विवादित निर्देश जारी किये जाने का औचित्य स्पष्ट करते हुये पूर्व वर्षों की भांति भारत शासन सह. म.प्र. से निर्धारित कमीशन यथावत सोसायटियों को भुगतान किया जावेगा की स्थिति भी स्पष्ट करायी जावे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उपार्जन केन्द्रों पर खाद्यान उपार्जन करने वाली संस्थाओं को देय कमीशन में कोई कटौती के निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जिन उपार्जन केन्द्रों को गोदाम स्तर एवं स्टील सायलो पर उपार्जन हेतु संलग्न किया गया है, उन गोदाम मालिकों/स्टील सायलो को 1 प्रतिशत कमीशन साझा किए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। उपार्जन संस्थाओं को अपने केन्द्र पर उपार्जन करने पर धान पर रूपये 31.25 तथा गेहूँ पर रूपये 27 प्रति क्विंटल कमीशन देने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। गोदाम स्तर पर समर्थन मूल्य पर खाद्यान उपार्जन के लिए गोदाम संचालकों को दिए गए दायित्व का विवरण संलग्न परिशिष्ट की कंडिका-2 में वर्णित है। गोदाम संचालकों को सौंपे गए दायित्व की प्रतिपूर्ति हेतु 1 प्रतिशत कमीशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार।
ग्राम पौण्डीकला की नल-जल योजना का विस्तार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
72. ( क्र. 4327 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा सिहोरा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत पौण्डीकला की नल-जल योजना के विस्तार हेतु दिनांक 1 जनवरी 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक कार्यपालन यंत्री जबलपुर को कब-कब पत्र लिखे गये? (ख) प्रश्नांश (क) पत्रों पर की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत न कराया जाकर क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी के द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों की अनदेखी की गई हैं? इसके लिये इनके विरूद्ध विभाग द्वारा अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) पौण्डीकला में नल जल योजना कब आरंभ की गई थी? उस समय ग्राम की आबादी कितनी थी वर्तमान में कितनी आबादी है और प्रति व्यक्ति के हिसाब से कितने पानी की आवश्यकता है? योजना विस्तार का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दिनांक 23.05.2017 एवं दिनांक 03.10.2017 को। (ख) जी नहीं। कार्यवाही से अवगत कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जून 1996 में। तत्कालीन जनसंख्या 2017 थी वर्तमान में 2661 हेतु 70 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से 186270 लीटर प्रतिदिन। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
गाँधीसागर बांध से मत्स्य उत्पादन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
73. ( क्र. 4369 ) श्री कैलाश चावला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत 10 वर्षों में गाँधीसागर बांध मंदसौर जिले से मत्स्य महासंघ द्वारा कितनी मछली का उत्पादन प्रतिवर्ष किया गया? (ख) चरण एक में उल्लेखित मछली उत्पादन के विक्रय से मत्स्य महासंघ को कितनी राशि प्रतिवर्ष प्राप्त हुई? (ग) चरण दो में उल्लेखित राशि में से मछुवारा समितियों को पारिश्रमिक एवं बोनस के रुप में कितनी राशि प्रतिवर्ष प्रदान की गई? (घ) मत्स्य महासंघ को उक्त 10 वर्षों में मत्स्य व्यवसाय से कितना लाभ हुआ? (ड.) उक्त लाभ में से कितनी राशि मछुवारों के कल्याण हेतु व्यय की गई? राशि व कल्याण कार्यों के शीर्षवार बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ग) चरण दो से प्राप्त राशि में से पारिश्रमिक एवं बोनस का भुगतान किए जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार।
शस्त्रों के लायसेंस
[गृह]
74. ( क्र. 4373 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में कुल कितने शस्त्र लायसेंस फौजी, वृद्धावस्था, नवीन के आवेदन पुलिस अधिक्षक कार्यालय में जमा हुये? उनमें से कितने स्वीकृत हुये? कितने अस्वीकृत एवं कितने अभी अनुशंसा हेतु लंबित है? प्रकरण नामवार/विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या शासन से लायसेंस स्वीकृत न किये जाने हेतु जिले को कोई निर्देश दिये गये हैं? यदि नहीं, तो फिर क्यों थानों से जाँच रिपोर्ट आने के बावजूद लम्बे समय तक उन्हें लंबित रखा जाता है? यदि हाँ, तो निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या जिले के प्रत्येक थानों में सैकड़ों थानों में सैकड़ों की संख्या में मृत व्यक्तियों के शस्त्र जमा हैं किन्तु उनके वारिसों के नाम लायसेंस न बनने के कारण थानों में ही जंग खा रहे हैं यदि हाँ, तो क्या उनके लिये कोई पृथक से आदेश जारी करने की कार्यवाही करेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस अधीक्षक, दतिया, कार्यालय में शस्त्र लायसेंस फौती, वृद्वावस्था, नवीन के कुल 1085 आवेदन पत्र प्राप्त हुये। जिनमें से 226 आवेदन पत्रों की अनुशंसा की गयी, 309 आवेदन पत्रों की अनुशंसा नहीं की गई तथा 550 आवेदन पत्र थानों एवं अनुभाग स्तर पर जांच में लंबित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। थानों से जाँच रिपोर्ट आने के बाद अकारण लंबित न रखकर शीघ्र अतिशीघ्र निराकरण किया जाता है। (ग) जी नहीं। फौती शस्त्र लायसेसों के आवेदन पत्रों पर शीघ्र अतिशीघ्र कार्यवाही की जाती है एवं थानों में शस्त्र सुरक्षित रुप से रखे जाते है।
भवन का निर्माण
[राजस्व]
75. ( क्र. 4374 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की इन्दरगढ़ तहसील का नवीन तहसील भवन कब स्वीकृत हुआ? निर्माण एजेंसी का नाम, लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त भवन के निर्माण के लिये शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि विभाग को उपलब्ध कराई जा चुकी है? क्या उक्त भवन पूर्ण होकर उसमें तहसील कार्यालय शुरू हो गया है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या 4 वर्ष व्यतीत हो जाने के बावजूद आज तक पूर्ण राशि उपलब्ध न होने के कारण उक्त भवन आज तक अधूरा पड़ा होकर खंडहर होने की स्थिती में है? साथ ही छोटे से भवन में तहसील कार्यालय चल रहा है, जिसमें रिकार्ड रखने कर्मचारियों के बैठने व किसानों के बैठने की कोई व्यवस्था न होने से भिन्न-भिन्न समस्यायें हैं? (घ) यदि हाँ, तो शेष राशि कब तक उपलब्ध कराकर कब तक भवन निर्माण कार्य पूर्ण कराया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 08/06/2011। निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग है तथा कार्य की लागत रूपये 44.81 लाख है। (ख) रूपये 30.00 लाख। भवन निर्माणाधीन होने से उसमें कार्यालय प्रारंभ नहीं हुआ है। दिनांक 13.03.2018 को शेष राशि रूपये 14.81 लाख का आवंटन प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध करा दिया गया है। (ग) भवन निर्माणाधीन है। फिनिशिंग का कार्य शेष है। (घ) शेष राशि दिनांक 13/3/2018 को उपलब्ध करा दी गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राइस मिलों के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 4399 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में किस-किस राइस मिल में कितनी-कितनी धान कस्टम मिलिंग हेतु प्राप्त किया? कितना चावल जमा किया, इसके अतिरिक्त उक्त अवधि में कितनी धान व्यापारियों से मंडी से क्रय कर चावल का निर्माण किया जाकर विक्रय किया तथा कितनी धान का विक्रय किया गया वर्षवार, राइस, मिलवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) की राइस मिलों की उत्पादन क्षमता क्या है? उक्त राइस मिल द्वारा उक्त अवधि में जमा चावल में से कब-कब कितने लाटों को अमानत किया गया? मिलवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांकित अवधि में राइसमिलों द्वारा धान मिलिंग एवं अमानक चावल जमा करने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) क्या कलेक्टर कटनी ने विधान सभा क्रमांक 2400 के प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में सचिव कृषि उपज मंडी समिति कटनी को पत्र क्रमांक 989/खाद्य/वि.सभा/2017 दिनांक 15/09/2017 लिखकर राइसमिलों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु लिखा था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कटनी जिले में वर्ष 2015-16 से राईस मिलों द्वारा कस्टम मिलिंग हेतु उठाई गई धान एवं जमा चावल की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कटनी जिले में किसी भी व्यापारी द्वारा मंडी से धान क्रय कर चावल का निर्माण/धान का विक्रय नहीं किया गया है। (ख) कटनी जिले के राईस मिलवार उत्पादन क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त अवधि में अमानक किए गए चावल की वर्षवार एवं मिलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 में प्राप्त शिकायत के परिप्रेक्ष्य में जमा हुए अमानक चावल को संबंधित मिलर्स से अपग्रेड की कार्यवाही कराई गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में राईस मिलर्स द्वारा धान मिलिंग एवं अमानक चावल जमा करने संबंधी शिकायत निरंक है। (घ) जी हाँ। जिसके परिपालन में संबंधित राईस मिलर्स को मंडी समिति कटनी द्वारा कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया है वर्तमान कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
खाद्य परिवहन के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 4421 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना, कटनी, रीवा, सीधी, सिंगरौली जिले में वर्ष 2015-17 के दौरान एल.आर. से सामान्य निविदा अन्तर्गत किस-किस लीड में कितना-कितना परिवहन कार्य किस-किस परिवहकर्ता द्वारा किया गया और कितना- कितना भुगतान किया गया पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) क्या उक्त जिलों में परिवहन कार्य कराया गया तो कार्यशील लीड कहलायेगी या नहीं कार्यशील लीड की परिभाषा/तात्पर्य बताएं। (ग) वर्ष 2017-18 में एल.आर.टी. निविदा जो वर्ष 2017-19 के लिए बुलाई गई थी उनमें से उक्त जिलों में कितनी कार्यशील लीड है? अगर ज्यादा लोडस में परिवहन हुआ है तो उन लीड को निविदा के परिशिष्ट-1 (ब) में शामिल क्यों नहीं किया गया? ऐसे त्रुटिपूर्ण निविदा को क्या निरस्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सामान्यत: विगत वर्षों में जिन लीड्स में निरंतर परिवहन कार्य संपादित होता है उक्त लीडों को जिला प्रबंधक के प्रमाण-पत्र के आधार पर कार्यशील लीड घोषित किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। चूंकि वर्ष पर्यन्त निरंतर परिवहन कार्य करने वाले लीड्स को ही कार्यशील लीड घोषित किया जाता है, अत: परिवहन कार्य के आधार पर कार्यशील लीड घोषित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उक्त तथ्य के प्रकाश में त्रुटिपूर्ण निविदा का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आरोपियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. न होना
[गृह]
78. ( क्र. 4455 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय पुलिस अधीक्षक सतना में आदेश क्रमांक पु.अ./सतना/वि.स.प्र./32बी/2016 दिनांक 09.03.2016 से सात (7) सदस्यीय अनुसंधान बनायी गयी थी? अगर हाँ तो थाना कोलगवां में दर्ज अपराध क्रमांक 168/2016 के प्रकरण में उक्त टीम के द्वारा प्रश्नतिथि तक किस किस नाम/पते के आरोपियों के विरूद्ध क्या क्या दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त कर उन्हें आरोपी बनाते हुये उन्हें गिरफ्तार किया? अगर प्रकरण में कोई प्रगति नहीं हुई तो पुलिस महानिदेशक/ए.डी.जी., अ.अ.वि. किस-किस नाम/पदनाम के अधिकारी/कर्मचारी को कार्य में लापरवाही करने, आरोपियों से साठ-गांठ करने पर उनके विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र. पु.अ./सतना/रीडर/438/2016 दिनांक 23.07.2016 से जो पत्र सी एस.पी. को लिखा है पैरा (2) में किस-किस नाम के राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम उल्लेखित हैं? उक्त पत्र की एक प्रति देते हुये बताये की शासकीय भूमि का निजी नामांतरण आदेश जारी करने पर इनके प्रश्नतिथि तक कथन पुलिस द्वारा क्यों नहीं लिये हैं? कब तक लिये जायेंगे? कब तक इन्हें आरोपी बनाया जायेगा? (ग) क्या थाना सिटी कोतवाली में दर्ज प्रकरण क्रमांक 169/2017 के आरोपी की पुलिस से सांठ-गांठ है? अगर पुलिस के द्वारा संरक्षण नहीं दिया जा रहा है तो उक्त आरोपी की जमानतें किस-किस सक्षम कार्यालयों से कब-कब निरस्त हो चुकी हैं? उक्त आरोपी किस-किस शासकीय भूमि का क्रेता/विक्रिता/गवाह हैं? क्या उसके विरूद्ध थाना कोतवाली एवं कोलगवां में चार (4) अन्य प्रकरण शासकीय भूमि को निजी भूमि के रूप में बेचे जाने के आपराधिक प्रकरण कायम हो जाने चाहिये थे? प्रश्नतिथि तक क्यों प्रकरण कायम नहीं हुये हैं? राज्य शासन/पुलिस महानिदेशक उक्त प्रकरण में दोषी किस पदनाम/नाम को निलंबित कर विभागीय जाँच के आदेश कब तक जारी करेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। थाना कोलगवां के अपराध क्रमांक 168/2016 में गठित टीम द्वारा आरोपी राजा भाई पिता दादू भाई निवासी मानिकपुर ईलाहाबाद (उ.प्र.), को दिनांक 13.06.2016 को, आरोपी लक्ष्मण सिंह पिता होरिल निवासी रामपुरा सतना को दिनांक 15.06.2016 तथा अखिलेश पिता नंदकिशोर ब्राहम्ण निवासी बैरगवां, सतना को दिनांक 03.02.2017 को गिरफ्तार कर इनके विरुद्ध अभियोग पत्र दिनांक 09.09.2016 को तैयार कर इसी दिनांक को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। आरोपी रजनीश शर्मा की गिरफ्तारी पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा रोक लगाई गई है। प्रकरण में धारा 173 (8) दण्ड प्रक्रिया संहिता में अनुसंधान जारी होने से प्रश्नांश की शेष जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं होगा। (ख) प्रकरण अनुसंधान में होने से प्रश्न की जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रकरण अनुसंधान में होने से शेष प्रश्नांश की जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं होता। प्रकरण में अब तक किसी को भी दोषी नहीं पाया गया अतएव कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि घोटाले की जाँच के प्रकरण
[राजस्व]
79. ( क्र. 4474 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा बैतूल, विदिशा जिले एवं अन्य जिलों में भूमि घोटाले की जाँच एवं शासकीय राजस्व भूमि के घोटाले की जाँच बाबत् मुख्य सचिव को लिखे पत्र मुख्य सचिव के पत्र क्रमांक 5410/मु.स./2017 दिनांक 29 जुलाई 2017 से प्रमुख सचिव राजस्व को प्रेषित किए जाने पर भी प्रश्नांकित दिनांक तक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किए गए? (ख) प्रश्नकर्ता ने अपने किस पत्र में किस जिले के राजस्व अभिलेखों में दर्ज कितनी गैरखाते की दखल रहित जमीन वर्किंग प्लान में शामिल किए जाने की शिकायत संलग्न कर जाँच का निवेदन किया है? (ग) प्रश्नकर्ता ने किस क्रमांक के पत्र एवं उसके साथ किस जिले में हुए भूमि घोटाले का प्रकरण किस क्रमांक पर किस दिनांक को किसने पंजीबद्ध किया है? यदि प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया हो तो, उसका कारण है? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र एवं उसके साथ संलग्न शिकायत पर कब तक भूमि घोटाले की जाँच का प्रकरण पंजीबद्ध किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभाग के पत्र दिनांक 16.08.2017 से समस्त जिलों को कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। संबंधित जिलों द्वारा कार्यवाही की जा रही है। (ख) माननीय विधायक द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायत पत्र के संलग्न मुख्य सचिव को संबोधित श्री गिरीश गर्ग एडवोकेट द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन सलंग्न किया गया है। जिसमें उन्होंने गैरखाते की दखल रहित राजस्व भूमि को वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन, नारंगी वन प्रतिवेदित किए जाने एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 में अधिसूचित किये जाने का उल्लेख किया गया है। अभ्यावेदन में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भूमियों का विस्तृत विवरण अंकित है। शिकायती पत्र एवं श्री गिरीश गर्ग के अभ्यावेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
व्यवसायिक बैंकों की कर्ज वसूली
[राजस्व]
80. ( क्र. 4477 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यवसायिक बैंकों के द्वारा दी जाने वाली तीन प्रतिशत की राशि के कारण कलेक्टर, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार कर्जदारों को समझौता योजना के अनुसार लाभ दिलवाए जाने की बजाय बैंकों के द्वारा प्रस्तुत स्टेटमेन्ट के आधार पर कर्ज वसूली की कार्यवाही कर रहे हैं? (ख) विदिशा, बैतूल, हरदा एवं सीहोर जिले में गत दो वर्षों में किस व्यवसायिक बैंक ने कितने कर्जदाताओं से कितनी राशि की वसूली के प्रकरण कलेक्टर, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को भेजी? इनमें से कितने प्रकरणों में तीन वर्ष पूर्व कर्ज दिया गया था, कितने प्रकरण एन.पी.ए. के दायरे में थे? पृथक-पृथक बैंकवार बतावें। (ग) किस बैंक की कौन सी समझौता योजना इस अवधि में लागू की थी? उसके अनुसार कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार ने कितने कर्जदारों को समझौता योजना का लाभ दिलवाया? (घ) यदि कलेक्टर, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ने कर्जदारों को समझौता योजना का लाभ नहीं दिलवाया हो, तो उसका कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। कलेक्टर के माध्यम से बैंको द्वारा प्रेषित आर.आर.सी. पर वसूली अधिकारी द्वारा मध्यप्रदेश लोकधन वसूली अधिनियम 1966 में दिए प्रावधानों के अनुसार वसूली की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सभी राष्टीकृत एवं व्यवसायिक बैंको ने कृषि श्रण हेतु पृथक-पृथक एक मुश्त समझौता योजना लागू है। जिस पर सीधे तौर पर बैंक द्वारा ही कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्न अंश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय अनुपयोगी सामग्रियों को भण्डार गृह में जमा किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 4490 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले में शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विगत कई वर्षों से अनेक पेयजल मूलक जनसुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु विभिन्न स्थानों पर अनेक कार्य किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा किये गये विभिन्न स्थानों के कार्य कतिपय कारणों से बंद हो जाते हैं एवं अनुपयोगी स्थिति में आकर समाप्त होकर पूर्णतया बंद होकर किसी उपयोग के नहीं होने से उक्त सामग्रियों को निकाला जाकर भण्डार गृहों में जमा किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2015 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जिले में कितने वर्षों से बंद पड़े हैण्डपंपों, पाईपों अनुपयोगी प्लास्टिक टंकियों को, विद्युत मोटरों को निकाला, इत्यादि प्रकार के अन्य सामग्रियों को निकाला जाकर भण्डारगृहों में रखा गया है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में किन-किन स्थानों से किस-किस प्रकार की अनुपयोगी सामग्रियां भण्डार गृहों में रखी गई एवं पंजी में उनका संधारण किया गया साथ ही कितने खुले बोरवेलों के मुंह बंद कर दुर्घटनाओं को रोका गया तथा फैल हुए बोरो (नलकूप) की अनुपयोगी राडों एवं पाईपों को निकाला गया तो भण्डार गृह में पहुंचने के बाद कितना संग्रहण होकर, इनका क्या किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांकित अवधि अंतर्गत एक से अधिक वर्षों की पेयजल से संबंधित अनुपयोगी सामग्री निकाली जाकर भण्डार गृह में रखी गई। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 97 खुले असफल नलकूपों पर बोरकैप लगाकर कांक्रीट ब्लॉक बनाकर बंद किये गये है। अनुपयोगी सामग्री को नियमानुसार नीलाम किया जाता है।
स्टेशन मशीन से सीमांकन के संबंध में
[राजस्व]
82. ( क्र. 4554 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार के स्टेशन मशीन से ही सीमांकन के निर्देश हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराएं? (ख) यदि हाँ, तो बैतूल जिले में कुल कितनी स्टेशन मशीन प्रदाय की गई हैं? तहसीलवार जानकारी दें? (ग) बैतूल जिले में तहसीलवार सीमांकन के कितने प्रकरण लंबित हैं? क्या इन लंबित प्रकरणों की संख्या को देखते हुए स्टेशन मशीन पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्या तहसीलों को और मशीन प्रदाय की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या सरकार सीमांकन की काफी संख्या को देखते हुए अविवादित प्रकरणों में जरीब से सीमांकन की अनुमति देगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) हाँ। शासन के निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) बैतूल जिले में कुल 09 स्टेशन मशीन प्रदाय की गई है। तहसील बैतूल में 02, आमला में - 01 मुलताई में - 01, आठनेर में - 01, भैसदेही में - 01, चिचोली में - 01, शाहपुर में - 01, घोड़ाडोंगरी में – 01 ई.टी.एस. मशीन है। (ग) जिले में तहसीलवार लंबित सीमांकन प्रकरण आर.सी.एम.एस. में दर्ज प्रकरणो के आधार पर जानकारी इस प्रकार है:- बैतूल - 220, शाहपुर - 36, चिचोली- 76, आठनेर - 27, भैसदेही - 30, घोड़ाडोंगरी – 33 मुलताई - 47 एवं आमला 85 कुल 554 सीमांकन प्रकरण समय-सीमा में लंबित है। तहसीलदारों द्वारा लंबित सीमांकन प्रकरणों हेतु सीमांकन दल गठित कर निराकरण किया जा रहा है। ई.टी.एस. मशीनों की आवश्यकता होने पर मांग की जायेगी। (घ) सीमांकन कार्य हेतु जिले में पर्याप्त मशीने है, जिले द्वारा मांग किये जाने पर परीक्षणोपरान्त आवश्यकता अनुसार मशीनें उपलब्ध करायी जायेंगी।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
83. ( क्र. 4577 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में कितने राजस्व ग्राम हैं तथा कितने मजरा टोलों एवं वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया गया है? क्या उन राजस्व ग्रामों को म.प्र. शासन राजस्व विभाग के पोर्टल में दर्ज किये जाने के आदेश/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो कितने राजस्व ग्रामों को अब तक पोर्टल में दर्ज किया गया है? सूची उपलब्ध कराये? (ख) क्या पन्ना जिले में मजरा टोलों एवं वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया जाकर उन्हें पोर्टल में दर्ज नहीं किया गया। न ही उनके राजस्व अभिलेख पृथक किये गये हैं? ऐसे कितने ग्राम हैं, जिन्हें पोर्टल में दर्ज नहीं किया गया और उन्हें दर्ज न करने का कारण क्या है? (ग) क्या मजरा टोलों एवं वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाने के उपरान्त उनका राजस्व अभिलेख खसरा खतोनी एवं नक्शा पृथक नहीं किया गया? जिसमें किसानों को खसरा, खतोनी एवं नामान्तरण बंटवारा में परेशानी होती है इसमें किस विभाग की जिम्मेदारी है? इस पर सरकार क्या कार्यवाही कर रही है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार मजरा टोलों को राजस्व ग्राम बनाया जाकर विभाग के पोर्टल में दर्ज न करने के कारण क्या इसके लिये किस विभाग के अधिकारी कर्मचारी दोषीं है? सरकार द्वारा अब तक दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाना
[राजस्व]
84. ( क्र. 4590 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विकासखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में दिनांक 13.02.2018 को अत्यधित ओलावृष्टि एवं वर्षा होने के कारण ग्राम खजरीअन्तू, भूली, ईटावा, चारगांव, तिनसई, मानकादेहीकलां, डोमरी, कचराम, झुर्रे, बागबर्धिया एवं परासिया विकासखण्ड के अन्य ग्रामों में भी गेहूँ, टमाटर एवं अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है और किसानों की फसलें नष्ट हुई है। ऐसे प्रभावित कितने किसानों की कितने रकबे में लगी कौन-कौन सी फसलों का कितना-कितना नुकसान हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या खराब एवं नष्ट हुई फसलों का सर्वे शासन द्वारा करा लिया गया है? अगर हाँ, तो इसका आंकलन कितना आया है और यदि सर्वे नहीं कराया गया है तो ऐसे प्रभावित किसानों की फसलों का सर्वे शासन द्वारा कब तक करा लिया जायेगा? (ग) परासिया विकासखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक ओलावृष्टि एवं वर्षा होने के कारण जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं, ऐसे प्रभावित किसानों को खराब एवं नष्ट हुई फसलों की मुआवजा राशि प्रदान किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? ऐसे प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि कब तक शासन द्वारा प्रदान कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, विकासखण्ड के तहसील परासिया/उमरेठ के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में दिनांक 13/02/2018 को ओलावृष्टि एवं वर्षा होने के कारण ग्राम खजरीअन्तू, भूली, ईटावा, चारगांव, तिनसई, मानकादेहीकलां, डोमरी, कचराम, झुर्रे, बागबर्धिया एवं परासिया विकासखण्ड के अन्य ग्रामों में भी गेहूँ, टमाटर एवं अन्य फसलों को नुकसान होने की सूचना प्राप्त होने पर सर्वे दल द्वारा सर्वक्षण कराया गया। प्रस्तुत सर्वे रिपोर्ट के आधार पर परासिया विधानसभा क्षेत्र में 19 ग्रामों के 541 कृषकों की फसल गेहूँ, चना, मटर सागभाजी रकबा 101.356 हेक्टेयर में 25 से 33 प्रतिशत क्षति पाई गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ, सर्वे कार्य पूर्ण करा लिया गया है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ग्राम खजूरीअन्तू, भूली, ईटावा, चारगांव, तिनसई, मानकादेहीकलां में 25 से 33 प्रतिशत एवं ग्राम डोमरी, कचराम झुर्रे बागबर्धिया में 10 से 15 प्रतिशत क्षति होना पाया गया। (ग) परासिया विकासखण्ड में ओलावृष्टि एवं वर्षा होने के कारण प्रभावित किसानों को फसलों की मुआवजा राशि आर.बी.सी. 6-4 के तहत शीघ्र वितरित कर दी जायेगी।
मीठे पेयजल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
85. ( क्र. 4618 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आलोट जिला रतलाम के ग्रामीण क्षेत्रों में मीठे पेयजल सप्लाय हेतु स्वीकृत माही समूह जल प्रदाय पेयजल योजना एवं गांधी सागर पेयजल योजना का पूर्ण ब्यौरा मय लाभान्वित होने वाले ग्रामों के नाम सहित विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अतिरिक्त और कौन-कौन सी पेयजल योजनाएँ रतलाम एवं उज्जैन जिलों के लिए स्वीकृत अथवा विचाराधीन है? (ग) प्रश्नांश (क) योजना क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति क्या है? कब तक आलोट विधानसभा क्षेत्र के ग्राम उक्त योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 4 अनुसार है। (ग) माही समूह जलप्रदाय योजना हेतु आवश्यक जल आवंटन अपेक्षित है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना
[गृह]
86. ( क्र. 4631 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न क्रमांक 478 दिनांक 29.11.2017 के संबंध में पत्र क्रमांक 1326/1327 दिनांक 30.11.2017 में मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश/पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश को गंभीर अपराधों में संलिप्त लम्बे समय से पुलिस गिरफ्त से बाहर रह रहे अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार कराये जाने के संबंध में पत्र प्रस्तुत हुए? पत्रों की प्रतियां देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पत्रों में उल्लेखित तथ्यों पर मुख्यमंत्री कार्यालय/पुलिस महानिदेशक कार्यालय से पुलिस अधीक्षक छतरपुर को निर्देश/आदेश प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो पत्रों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या उल्लेखित हत्या के प्रकरण के मुख्य आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करवाकर पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। पत्रों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पत्रों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। फरार आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 की कार्यवाही गिरफ्तारी वारंट जारी कराने की कार्यवाही एवं गिरफ्तारी हेतु टीम का गठन किया गया है। पीड़ित परिवार को तत्कालीन समय में सुरक्षा प्रदान की गई थी वर्तमान में पुलिस बल द्वारा समय-समय पर ग्राम भ्रमण कर सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
विधानसभा सिरमौर अंतर्गत बंद पड़ी पानी टंकियों को चालू कराना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
87. ( क्र. 4636 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कारण है कि विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत 05 पंचायतों क्रमशः डभौरा, अतरैला, चैखण्डी, जवा एवं पटेहरा में लगभग 05 वर्ष पूर्व नल जल योजनान्तर्गत निर्मित टंकियों के द्वारा जल प्रदाय प्रारंभ नहीं हो सका है? (ख) उक्त टंकियों के द्वारा जल प्रदाय व्यवस्था सुचारु रुप से संचालित न करा पाने में दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? (ग) यह कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थलों में पूर्व निर्मित टंकियों से जल प्रदाय व्यवस्था कब तक ग्रामवासियों को प्राप्त हो सकेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
हैण्डपंप मरम्मतीकरण का कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
88. ( क्र. 4639 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिला अंतर्गत विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा में पिछले तीन वर्षों में कुल कितने हैण्डपंप खनन किये गये हैं? कुल कितने हैण्डपंप बिगड़े हुए हैं? (ख) बिगड़े हैण्डपंपों को कब तक बनवा दिया जावेगा तथा अतिरिक्त पाइप कब तक आवंटित किये जावेंगे? (ग) क्या विभाग के द्वारा हैण्डपंप मरम्मतीकरण का कार्य निजी ठेका प्रणाली से पृथक कर पूर्व की भांति ग्राम पंचायतों एवं विभागीय हैण्डपंप मैकेनिकों के द्वारा कराये जाने संबंधी प्रक्रिया की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा में क्रमशः 594 एवं 262 हैण्डपंप खनित किये गये हैं तथा क्रमशः 173 एवं 125 हैण्डपंप बिगड़े हैं। (ख) बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाने का प्रावधान हैं। आवश्यकतानुसार उपलब्ध करवाये जाते हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) आवश्यकता होने पर।
हितग्राहियों को भूमि आवंटन
[राजस्व]
89. ( क्र. 4642 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमिहीन अनुसूचित जाति एवं जनजातीय वर्ग के लोगों को घर निर्माण हेतु भूमि आवंटन एवं पट्टा वितरण किये जाना सुनिश्चित किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि जिला रीवा के सिरमौर एवं जवा विकासखण्ड की ग्राम पंचायतों क्रमशः तिलखन, गेंदुरहा एवं चैर पंचायतों में निवासरत अनुसूचित जाति एवं जनजातीय वर्ग के परिवारों को भूमि आवंटन एवं पट्टा वितरण क्यों नहीं किया गया? (ख) यह कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पंचायतों में पट्टा वितरण एवं भूमि आवंटन प्रक्रिया कब तक कर ली जावेगी? (ग) क्या पट्टा वितरण होने के उपरांत भी हितग्राही को भूमि का आवंटन नहीं किया जाता? जिस कारण हितग्राही शासन की आवास योजना का लाभ नहीं ले पाता। ऐसी विसंगतियों का निराकरण विभाग द्वारा कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत तिलखन में घर निर्माण हेतु 09 व्याक्तियों को पट्टा वितरण किया गया है। जवा विकासखण्ड के ग्राम पंचायतों गेंदुरहा एवं चौर पंचायतों में आबादी भूमि उपलब्धि नहीं होने से पट्टा वितरण कार्य नहीं किया जा सका। (ख) जवा विकासखण्ड के ग्राम पंचायतों गेंदुरहा एवं चौर पंचायत में आबादी घोषित किये जाने हेतु भूमि का चयन कर न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा राहत राशि के वितरण की जानकारी
[राजस्व]
90. ( क्र. 4686 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले को कौन से वर्ष में सूखा घोषित किया गया था एवं सूखा राहत के तहत कितनी राशि शासन द्वारा मन्दसौर जिले के प्रभावित किसानों हेतु स्वीकृति दी गई? (ख) क्या उपरोक्त राशि आर.बी.सी. 6 (4) के नियम के तहत स्वीकृत कर राशि का वितरण किया गया? सूखा राहत राशि के वितरण के नियम की भी जानकारी देवें। (ग) रामसिंह पिता देवीसिंह निवासी गुजरबर्डिया तहसील एवं जिला मन्दसौर द्वारा माननीय हाई कोर्ट इन्दौर में पूर्व में दी गई जनहित याचिका पी.आई.एल. क्रमांक 2974/16 दिनांक 13/10/2016 के पक्ष में शासन को क्या आदेश दिया गया? (घ) मन्दसौर जिले में किसानों को आर.बी.सी. 6 (4) के अन्तर्गत सूखा राहत राशि का निर्धारित राशि से कम राशि वितरण होने का क्या कारण है तथा शेष राशि का वितरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मन्दसौर जिले को वर्ष 2015-16 में सूखा घोषित किया गया था। इस जिले को वर्ष 2016-17 में सूखा राहत मद में राशि रू. 90, 00, 00, 000/- एवं वर्ष 2017-18 में राशि रू. 3, 56, 000/- कुल रू. 90, 03, 56, 000/- का आवंटन प्राप्त हुआ था। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में सूखा राहत मद में राशि रू. 90, 01, 82, 157/- वितरण की गई। सूखा राहत राशि का वितरण राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 04 के अनुसार किया जाता है। (ग) रामसिंह पिता देवी सिंह चौहान निवासी गुजरबर्डिया द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पी.आई.एल. क्रमांक 2974/16 दिनांक 13.10.2016 से माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया कि जिला मन्दसौर में 2, 79, 452 सूखा प्रभावित कृषकों को राहत राशि स्वीकृत की जाकर वितरित की गई है। इनके अतिरिक्त अन्य पात्र कृषक पाये जाते है, तो उनको भी राहत राशि दी जावे। आवेदक की कुल भूमि रकबा 4.610 हे. में से प्रभावित रकबा 0.960 हे. भूमि का प्रति हेक्टेयर 6, 800/- के मान से राशि 6, 528/- राशि प्रदाय की गई है। जिला मन्दसौर के अन्य किसानों को भी आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधान अनुसार आर्थिक सहायता दी गई है। (घ) सूखा राहत मद में नियमानुसार राहत राशि प्रभावित कृषकों को वितरण की गई है वर्तमान में वितरण शेष नहीं है।
उचित मूल्य की दुकानों पर अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 4696 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में दि. 1 जनवरी 2015 के पश्चात कितने खाद्य अधिकारियों के खिलाफ किस-किस व्यक्ति, संस्था ने कहाँ-कहाँ, किस-किस प्रकार की शिकायत की, उनके खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? जानकारी जिलेवार देवें? (ख) उज्जैन संभाग में उक्त अवधि में किन-किन उचित मूल्य की दुकानों पर अनियमितता की किस-किस तरह की शिकायत किस-किस के द्वारा की गयी? उसके खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? जानकारी जिलेवार देवें। (ग) क्या उक्त संभाग में सभी स्थान पर थम्ब इम्प्रेशन से अनाज वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर सर्वर डाउन होने के कारण अनाज नहीं मिलाने की शिकायत विभाग को एक से अधिक बार प्राप्त हुई, वहाँ पर विभाग द्वारा अनाज वितरण सुचारू करने के लिए क्या कार्यवाही की गयी? (घ) उज्जैन संभाग में उक्त अवधि में कहाँ-कहाँ फर्जी कूपन कितनी मात्रा में पाए गये? इसकी जाँच कब-कब उच्च अधिकारियों ने की? कितनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किये गये? प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने प्रकरणों में पुलिस कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उज्जैन, इंदौर संभाग के जिलो में जिला अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग के जिलो में उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध अनियमितता के संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उपभोक्ताओं द्वारा सी.एम. हेल्प-लाईन में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित शिकायतें दर्ज कराई जाती हैं, जिसका निराकरण पोर्टल पर ही विभागीय अमले द्वारा दर्ज किया जाता है। सी.एम. हेल्प-लाईन द्वारा उपभोक्ता की संतुष्टि उपरांत ही शिकायतें बंद की जाती हैं, जिसका विवरण पोर्टल पर देखा जा सकता है। जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने के कारण दी जाना सम्भव नहीं है। (ग) प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों की 4, 301 दुकानों में बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण व्यवस्था लागू की गई है। ग्रामीण क्षेत्र की 17, 160 दुकानों में बायोमेट्रिक सत्यापन वैकल्पिक रखा गया है अर्थात बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होने पर समग्र परिवार आई.डी. से राशन वितरण किया जाता है। प्रदेश की लगभग 1047 उचित मूल्य की दुकानों पर नेट कनेक्टिविटी न होने के कारण ऑफ-लाईन समग्र परिवार आई.डी. से राशन वितरण किया जा रहा है। सर्वर डाउन होने के कारण राशन वितरण न होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होने पर वितरण पंजी के माध्यम से राशन वितरण कराए जाने के निर्देश हैं। (घ) उज्जैन संभाग के जिलों में जनवरी, 2015 से फर्जी पाए गए कूपन एवं की गई जाँच तथा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होने के कारण परिवारों का विलोपन एवं नवीन हितग्राहियों को जोड़ना एक निरंतर प्रक्रिया है।
राजस्व न्यायालयों में राजस्व से संबंधित प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
92. ( क्र. 4697 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा संभाग में सर्वाधिक राजस्व न्यायालयों में राजस्व से संबंधित प्रकरण लम्बित हैं, जिनमें आर.सी.एस पोर्टल, अविवादित नामान्तरण, सीमांकन, आपसी बंटवारे, नक्शा, तरमीन एवं मुआवजा भुगतान के कितने हैं, का विवरण न्यायालयवार, प्रकरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में क्या प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा दिनांक 24.11.2017 को सतना में लिए समीक्षा बैठक के दौरान लम्बित राजस्व प्रकरणों पर चिंता भी व्यक्त की गई थी, रीवा संभाग के राजस्व न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों में से 5 वर्ष ज्यादा अवधि के कितने प्रकरण हैं? अधिकतम कितने समय में प्रकरणों के निराकृत करने के नियम है। नियम की प्रति देते हुये बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में वर्ष 2017 के दौरान ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान राजस्व से संबंधित कितने प्रकरण/आवेदन प्राप्त हुए, उनमें से कितने निराकृत किए का विवरण तहसीलवार देवें। अगर प्रकरण/आवेदन लम्बित हैं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार मुआवजे के भुगतान संबंधी प्रकरण आयुक्त न्यायालय, अपर आयुक्त न्यायालय, कलेक्टर न्यायालयों एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालयीन न्यायालयों के यहां कितने प्रकरण कब से लम्बित हैं, का विवरण देते हुए बतावें कि प्रकरण इतने वर्षों से क्यों लम्बित है तथा इस हेतु उत्तरदायी कौन-कौन है? इनको पहचान कर इन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेगें? बतावें। अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रशिक्षित गौ-सेवकों की पद नियुक्ति
[पशुपालन]
93. ( क्र. 4698 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन पशु पालन विभाग द्वारा प्रदेश में गौ-सेवकों का प्रशिक्षण कराया गया जिसमें संचालनालय चिकित्सा सेवाएं म.प्र. द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र दिया गया, जिसमें गौ-सेवक आचार संहिता का पालन कर उपचार करेंगे का भी उल्लेख है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गौ-सेवकों को छ: माह का जिला स्तर में एवं कृतिम गर्भाधान, मैत्री प्रशिक्षण, चार माह का शिवपुरी, मण्डला, भोपाल में दिया गया। म.प्र. शासन पशु पालन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 2-22/2007/35/2225/भोपाल दिनांक 07.06.2003 तक जारी आदेश के पैरा 04 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति में कृतिम गर्भाधान प्रशिक्षित गौ-सेवकों को प्राथमिकता दी जावेगी। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के गौ-सेवकों को पशु पालन विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 15 मई 2012 में भी प्रत्येक गौ-सेवकों को अपने अधिकारिता के भीतर टीकाकरण, बधियाकरण, प्राथमिक पशु चिकित्सा करने का उल्लेख किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के गौ-सेवकों प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अर्थात प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने एवं इनको प्राथमिकता देने की कार्यवाही नहीं की जा रही तो कब तक रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही की जाएगी, जिसमें प्रशिक्षण प्राप्त गौ-सेवकों प्रथमिकता दी जावेगी? संचालित गौ-अभयारण्यों में क्या इनको उचित मानदेय पर रखे जाने के आदेश जारी करेंगे, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं, इस दिनांक से इस आशय का कोई आदेश म.प्र.शासन पशुपालन विभाग द्वारा पारित नहीं किया गया है। (ग) म.प्र. राजपत्र (आसाधारण) क्रमांक 240, भोपाल, मंगलवार दिनांक 15 मई 2012 द्वारा, पशुपालन विभाग द्वारा प्रशिक्षित समस्त गौ-सेवकों को किसी रजिस्ट्रीकृत पशु चिकित्सा व्यवसायी के पर्यवेक्षण तथा निदेशन के अधीन लघु पशु चिकित्सा सेवाएं जैसे - ।. आम रोगों का उपचार जिसमें प्राथमिक पशु चिकित्सा सहायता देना सम्मिलित है, ।।. सभी प्रकार के टीके लगाना एवं रोग निरोधक उपचार एवं ।।।. बधियाकरण करने की अनुज्ञा दी गई। (घ) जी नहीं। गौ-सेवक योजना के प्रावधान अनुसार यह एक स्व-रोजगारोन्मुखी योजना है।
लघु कृषकों को जमीन एवं मुआवजा राशि
[राजस्व]
94. ( क्र. 4714 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खण्डवा, तहसील पुनासा की ग्राम पंचायत गोगल गांव, के अंतर्गत ग्रामों के किन-किन लघु कृषकों की कितनी-कितनी कृषि भूमि ओंकारेश्वर परियोजना के अंतर्गत डूब प्रभावित हुई है? उनके नाम पते सहित जानकारी दें। क्या शासन के दिशा-निर्देश अनुसार इन सभी लघु कृषकों का पुनर्वास पूर्ण रूप से किया गया है? (ख) माननीय उच्च न्यायालय के आदेश एवं शासन द्वारा समय-समय पर दिए गए दिशा-निर्देशों के पारिपालन में प्रश्नांश (क) में दर्शित सभी लघु किसानों को जमीन के बदले पाँच एकड़ जमीन एवं प्लाट दिये गये हैं? हाँ तो किन-किन को दिए गए? कितने शेष हैं और क्यों? कारण दें। शेष लघु किसानों को कब तक पाँच एकड़ जमीन एवं प्लाट प्रदाय किए जायेंगे? (ग) क्या उक्त सभी किसानों को 90 दिन के अंदर पाँच-पाँच एकड़ भूमि दी जानी थी? हाँ तो तय समय में कार्यवाही पूर्ण नहीं किए जाने में कौन-कौन संबंधित अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? (घ) उक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? तत्संबंध में समय-समय पर प्राप्त आदेश किस-किस के द्वारा कब-कब प्राप्त हुए? आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला खंडवा तहसील पुनासा की ग्राम पंचायत घोगलगांव के अंतर्गत ग्राम घोगलगांव के 145 लघु कृषकों की 215.40 एकड़ कृषि भूमि, ग्राम टोंकी के 59 लघु कृषकों की 74.62 एकड़ कृषि भूमि तथा ग्राम कामनखेड़ा के 82 लघु कृषकों की 126.68 एकड़ कृषि भूमि ओंकारेश्वर परियोजना के अन्तर्गत डूब से प्रभावित हुई है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शासन के निर्देश तथा पुनर्वास नीति के प्रावधानों के तहत उपरोक्तानुसार कृषकों को मुआवजा, विशेष पुनर्वास अनुदान व पुनर्वास अनुदान आदि की राशि का भुगतान किया जा चुका है। (ख) शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा विस्थापितों को भूमि के बदले भूमि के प्रकरणों में 60/90 दिन की अवधि में मुआवजा का 50 प्रतिशत तथा विशेष पुनर्वास की सम्पूर्ण राशि जमा करने संबंधी आदेश के पालन में ग्राम घोगलगांव के 76 लघु कृषकों, टोंकी के 14 लघु कृषकों तथा कामनखेड़ा के 21 लघु कृषकों द्वारा राशि एन.एच.डी.सी. में जमा की कराई गई। जिनको नर्मदा परियोजनाओं के विस्थापितों हेतु शासकीय भूमि की लेंड बैंक की भूमि में से पात्रतानुसार कृषि आवंटित/आवंटन प्रस्ताव दिया गया एवं कृषकों को भूमि दिखाई गई, जिसे उनके द्वारा स्वीकार नहीं किया। शासन की लेंड बैंक की भूमि के अतिरिक्त विस्थापितों के प्रतिनिधियों को जिला नरसिंहपुर की तहसील तेंदूखेड़ा के ग्राम केसली, चावरपाठा, बडियाघाट की राजस्व भूमि एवं जिला होशंगाबाद की तहसील बाबई के ग्राम पीलीकरार में भूमि आवंटित करने हेतु दिखाई गई। उक्त भूमि को भी लेने के लिये कोई विस्थापित तैयार नहीं हुए। शेष लघु कृषकों द्वारा शिकायत निवारण प्राधिकरण के आदेश में दी गई अवधि में राशि जमा नहीं कराने कारण भूमि के बदले भूमि की पात्रता नहीं है। ग्राम घोगलगांव के 145 लघु कृषकों में से 64 लघु कृषकों को भू-खंड तथा 24 लघु कृषकों को भू-खंड के बदले नगद राशि रू.20000/- दी गई है। शेष 57 लघु कृषकों को पात्रता नहीं है। ग्राम टोंकी के 59 लघु कृषकों में से 36 लघु कृषकों को भू-खंड तथा 13 लघु कृषकों को भू-खंड के बदले नगद राशि रू. 20000/- दी गई है। शेष 10 लघु कृषकों को पात्रता नहीं है। ग्राम कामनखेड़ा के 82 लघु कृषकों में से 14 लघु कृषकों को भू-खंड तथा 06 लघु कृषकों को भू-खंड के बदले नगद राशि रू. 20000/- दी गई है। शेष 62 लघु कृषकों को पात्रता नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में अद्यतन स्थिति स्पष्ट की गई है। शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा कृषकों के प्रकरणों में दिये गये आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
खरगोन जिलांतर्गत नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
95. ( क्र. 4715 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में नल-जल योजनान्तर्गत वर्ष 2014-2015 से 2017-18 में कितना बजट प्राप्त हुआ? वर्षवार जानकारी दें। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी नल-जल योजनाएं वर्तमान में बंद हैं और क्यों? कितनी अपूर्ण हैं, कितने ग्राम नल-जल योजनओं से वंचित हैं और क्यों? प्रश्न दिनांक तक तत्संबंध में विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) उक्त क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कितनी योजनाओं से संबंधित कार्यों के प्रस्ताव प्रस्तावित किये गये, कितने लंबित हैं और क्यों? क्या इसी वित्तीय वर्ष 2018-19 में इन प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में क्रमशः रूपये 466.20 लाख, 745.10 लाख, 261.10 लाख एवं 961.49 लाख। (ख) 4 योजनाएं बंद है 3 स्त्रोत के अभाव में एवं 1 पंचायत द्वारा नहीं चलाये जाने से। कोई भी अपूर्ण नहीं है। 53 ग्राम। योजनाओं का क्रियान्वयन हेतु निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने के कारण। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 8 नल-जल योजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तावित, कोई भी लंबित नहीं। सभी स्वीकृत हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आबादी भूमि घोषित किया जाना
[राजस्व]
96. ( क्र. 4730 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में ऐसे कौन-कौन से ग्राम मजरे-टोले हैं, जिनकी बसाहट वाली भूमि राजस्व अभिलेखों में आबादी घोषित नहीं है, इन्हें आबादी भूमि घोषित करने के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) उक्त निर्देशानुसार उक्त ग्राम मजरे-टोलों की गैर आबादी भूमि का वर्तमान तक आबादी भूमि घोषित न करने के क्या कारण हैं? कब तक घोषित की जावेगी? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्षेत्रान्तर्गत ग्राम/मजरा माकड़ोद, चिमकला, चैनपुरा ग्रा.पं. दांतरदाकलां, मजरा कोंकण ग्रा.पं. लाडपुरा, ढेगदा, प्रेमपुरा बस्ती, श्रीजी की गावड़ी, चकबमूल्या, कोटरा के पूर्ण/आंशिक भाग को आबादी भूमि घोषित करने हेतु कलेक्टर श्योपुर को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त ग्रामों सहित प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम मजरे-टोलों की भूमि को आबादी घोषित न करने के कारण इनमें निवासरत ग्रामीणों को शासन की समस्त योजनाओं को पूर्ण व प्रत्यक्ष लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन अब उक्त ग्राम मजरे-टोलों का सर्वे कराकर इनकी बसाहट वाली भूमि की नाईयत परिवर्तित करवाकर इन्हें राजस्व अभिलेखों में आबादी भूमि कब तक घोषित करा दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तहसील श्योपुर के ग्राम चकबमूल्या की मूल बसाहट 1960 से आबादी घोषित नहीं है किन्तु इस ग्राम में आबादी का रकबा 2.769 हेक्टर राजस्व रिकार्ड में आबादी नोईयत दर्ज है। (ख) ग्राम कोटरा, चैनपुरा ग्राम पंचायत दांतरदाकलां में आबादी भूमि घोषित की जाकर आबादी भू-खण्ड प्रमाण-पत्र जारी किये जा चुके हैं। माकड़ोद, ढेगदा, कोंकण में पूर्व से ही आबादी अभिलेख में दर्ज है। चिमल्का में कृषक अपने-अपने खाते कि भूमि पर पृथक-पृथक बसे हुऐ हैं। आबादी घोषित नहीं की जा सकती है। (ग) तहसील श्योपुर के ग्राम माकड़ोद, कोंकण, ढेगदा के अभिलेख में पूर्व से ही आबादी भूमि दर्ज है। ग्राम कोटरा, मजरा चैनपुरा ग्रा. पंचायत दांतरदाकलां में मान. विधायक महोदय पत्र के क्रम में आबादी भूमि घोषित की जाकर आवासीय भू-खण्ड के पट्टे जारी किये गऐ। चिमल्का में कृषक अपने-अपने खाते की भूमि पर पृथक-पृथक बसे हुये हैं। आबादी घोषित नहीं की जा सकती है। ग्राम चकबमूल्या में सर्वे क्रमांक 24/6 रकबा 2.769 हेक्टर भूमि राजस्व रिकार्ड में आबादी दर्ज है, जिसमें सहरिया समुदाय के 30 परिवार निवासरत हैं। सर्वे क्रमांक 27/4 रकबा 2.090 हेक्टर संवत 2022 सन् 1965 में पून्या के नाम भूदान पट्टा दर्ज हुऐ हैं। वर्तमान में पून्या के वारिसान देवीशंकर, सियाराम, रामेश्वर, महावीर पुत्रगण पून्या बैरवा की भूमि में 60 परिवार वर्ष 1960 से ग्राम बसा है, तभी से कच्चे-पक्के मकान बनाकर निवासरत हैं। भूमि खाते की होने से आबादी घोषित नहीं की जा सकती है। तहसील बडोदा के ग्राम श्रीजी की गांवड़ी के सर्वे क्रमांक 5 कुल रकबा 1.672 हेक्टर में 04 पट्टेदार राजस्व रिकार्ड में दर्ज है, जिसमें से रकबा 01 हेक्टर में 30 परिवार बसे हुऐ हैं व सर्व क्रमांक 27 रकबा 1.630 में 03 पट्टेदार राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। सम्पूर्ण रकबे में 30 परिवार बसे हुऐ है, पट्टे की भूमि पर अन्य निस्तार भी है। पट्टे की भूमि को आबादी घोषित किया जाना सम्भव नहीं है। (घ) ग्राम में निवासरत सभी ग्रामवासियों को शासन की सभी योजनाओं का समुचित लाभ मिल रहा है।
शासकीय आवासों की रिक्तता एवं आवंटन
[गृह]
97. ( क्र. 4753 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल में शासकीय आवास कार्यरत कर्मचारियों की तुलना में काफी कम है? यदि हाँ, तो नार्थ एवं साउथ टी.टी.नगर में शासकीय आवासों को क्यों तोड़ा जा रहा है? (ख) क्या शासकीय आवासों का आवंटन भी अधिकारियों/कर्मचारियों को रिक्त आवासों की तुलना में नहीं किया जा रहा है? प्रश्न दिनांक तक भोपाल में विभिन्न टाइप के रिक्त आवासों की सूची दें तथा 'एफ' टाइप शासकीय आवास आवंटन के लिए पात्रता की क्या शर्तें हैं? (ग) क्या अधिकारियों को गृह भाड़ा भत्ते का भुगतान छठवें वेतनमान के अनुसार ही किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सातवे वेतनमान के अनुरूप कब तक भुगतान किया जायेगा? यदि नहीं, किया जाएगा तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। भोपाल शहर की स्मार्ट सिंटी योजनांन्तर्गत आवश्यक भूमि की उपलब्धता के कारण नार्थ एवं साउथ टी. टी. नगर के शासकीय आवासों को तोड़ा जा रहा है। (ख) जी हाँ। शासन की स्मार्ट सिटी योजना के क्रियान्वयन के कारण प्रश्नांश (क) में दर्शाये शासकीय आवास गृहों के अधिपत्य धारियों को अन्य स्थान पर शासकीय आवास उपलब्ध कराने के लिये आवास आवंटन समिति की बैठक के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह निर्देश दिये गये थे कि समिति द्वारा प्राथमिकता में स्मार्ट सिटी योजना में विभिन्न श्रेणियों के तोड़े जाने वाले शासकीय आवासों के आवंटितियों को आवास परिवर्तन कर अन्य समान श्रेणी का वैकल्पिक आवास आवंटित कर, रिक्त शासकीय आवासों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। 'एफ' श्रेणी आवास द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारियों को आवंटित किये जाते हैं। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-कूप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
98. ( क्र. 4759 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा मुरैना जिले में कुल कितने नल-कूप खनन विभागीय मद से कराये गये हैं तथा किस-किस अधिकारी/नेताओं की/जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर कराये गये हैं? मय, खनन स्थान, पंचा. एवं अनुशंसा करने वाले जनप्रतिनिधि के नाम सहित जानकारी दी जावे। दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक क्या विभागीय नल-कूप खनन में प्रति विधानसभा क्षेत्र के मान से खनन किये गये हैं? यदि हाँ, तो अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में भेदभाव क्यों किया गया है? इसके लिये दौषी कौन है? दोषी के प्रति क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) शासन द्वारा मुरैना जिले के लिये कुल कितनी मोटरें जारी की गई हैं तथा क्या विधान सभावार इन मोटरों को शासकीय नलकूपों में डालने हेतु भेजा गया है? क्या प्रत्येक विधानसभा के लिये बराबर-बराबर मोटरें इश्यू की गई हैं? यदि मोटर वितरण में असमानता है, तो दोषी कौन है? जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभाग से प्राप्त कुल मोटरें तथा किन-किन विधानसभाओं में किसकी अनुशंसा से मोटरें दी गई हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 413 नल-कूप। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) 378 मोटर। जी नहीं, मोटरें संपूर्ण जिले हेतु प्रदाय की जाती हैं। जी नहीं, पेय-जल समस्या को मद्देनजर रखते हुए पर्याप्त जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में सिंगल-फेस मोटर स्थापित की जाती है। कोई दोषी नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
नवीन थाना भवन का निर्माण
[गृह]
99. ( क्र. 4784 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में दीनदयाल नगर थाना भवन, जो वर्तमान में किराये के मकान में संचालित हो रहा है, उसके निर्माण हेतु (बाजना रोड़) खेतलपुर में भूमि का चयन कर प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया हैं, इसके निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) यह राशि कब तक प्राप्त हो जायेगी? (ग) नया थाना भवन कब तक बनकर तैयार हो जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन में राशि रू. 173.18 लाख प्रावधानित थी, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) एवं (ग) समय-सीमा बताना सम्भव नहीं।
स्टेडियम की भूमि के विनिमय की अनुमति
[राजस्व]
100. ( क्र. 4806 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के ग्राम अछरोनी तहसील खनियाधाना में निर्मित स्टेडियम की भूमि विनिमय के सम्बंध में माननीय उच्च न्यायालय, खंडपीठ ग्वालियर में प्रस्तुत रिट पिटीशन क्रमांक 236/2016 (PIL) में पारित निर्णय दिनांक 7.04.2016 के परिपालन में कलेक्टर शिवपुरी जिला शिवपुरी द्वारा प्रकरण प्रमुख राजस्व आयुक्त भोपाल को भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि विनिमय संबंधी प्रकरण के निराकरण हेतु माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा 02 माह की समयावधि में निराकरण करने के निर्देश दिये गये थे तथा आज भी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से स्वीकृति जारी नहीं हुई है तथा स्टेडियम का निर्माण कार्य कराया जाना लंबित है? (ग) उक्त भूमि विनिमय की स्वीकृति लंबित रखने वाले कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? नाम, पदनाम सहित बतावें तथा स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में भूमि विनिमय संबंधी कार्यवाही प्रचलन में हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण में आवश्यक पूर्ति होकर स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
नल-जल योजना एवं अन्य कार्यों हेतु ग्राम पंचायतों को जारी राशि की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
101. ( क्र. 4861 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जिला राजगढ़ के माध्यम से क्या नल-जल योजना एवं अन्य कार्य हेतु ग्राम पंचायतों को कोई राशि जारी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की किस-किस पंचायत को कितनी-कितनी राशि जारी की गई है? (ग) क्या उक्त राशि का क्या पंचायत द्वारा उपयोग किया जा चुका है? यदि हाँ, तो, उसका क्या उपयोग किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो पंचायत का उसके द्वारा क्या उपयोग किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आदिवासियों को वितरित पट्टों की जानकारी
[राजस्व]
102. ( क्र. 4864 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधासभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नचने, गंज, कुलगंवा मड़ैयन एवं बिरहा मंटोला में शासन द्वारा वर्ष 1990-91 में आदिवासियों को पट्टे वितरित किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या संबंधित ग्रामों में जिन आदिवासियों को पट्टे वितरित किये गये थे तब से उस भूमि पर खेती कर रहे हैं, परन्तु उनके पट्टे को न तो राजस्व रिकार्ड में दर्ज किये गये और न ही नक्शा आदि में उनकी तरमीम की गई? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित आदिवासियों को पट्टे में प्राप्त भूमि का राजस्व अभिलेख में अमल न होने के कारण न तो वहां के आदिवासियों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है और न ही बीज खाद्य प्राप्त हो रही हैं तथा सूखाग्रस्त होने के बाद भी इन्हें राहत राशि नहीं मिल पा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित आदिवासियों के पट्टों को राजस्व अभिलेख में कब तक अमल कराया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
कृषकों को असिंचित भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
103. ( क्र. 4868 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा बाँध एवं नहर निर्माण हेतु अधिग्रहित की जाने वाली भूमि में सिंचित एवं असिंचित माने जाने के क्या प्रावधान हैं? क्या कुछ काश्तकारों की भूमि भू-अभिलेख (खसरा) में सिंचित होने के बावजूद भी उन्हें असिंचित भूमि का मुआवजा प्रदाय किया जाता है, जिससे कृषक को आर्थिक नुकसान होता है? (ख) क्या भू-अभिलेख (खसरा) में सिंचित होने पर पंजीयन विभाग द्वारा जिले की गाइड-लाइन के अनुसार सिंचित भूमि की स्टाम्प ड्यूटी ली जाती है और उसी भूमि का अर्जन होने पर उसका असिंचित का मुआवजा दिया जाता है? क्या यह काश्तकारों के साथ अन्याय नहीं है? शासन इसके लिये दोषी अधिकारियों पर कब तक और क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भू-अर्जन हेतु प्रस्तावित भूमि को राजस्व अभिलेख (खसरें) में दर्ज अनुसार सिंचित या असिंचित माना जाता है। जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
टप्पा एवं तहसील बनाने के नियम
[राजस्व]
104. ( क्र. 4873 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत नवीन तहसील एवं तहसील अंतर्गत टप्पा कार्यालय स्वीकृत करने की क्या (नियम) गाइड-लाइन है? (ख) क्या उक्त नियम अनुसार खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नेमावर को टप्पा एवं हरणगांव को तहसील बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या शासन के पास प्रस्ताव विचाराधीन है एवं कब तक निर्णय लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्या वर्तमान में नेमावर को टप्पा एवं हरणगांव को तहसील बनाने के लिए कोई कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पटवारियों के किये गये स्थानान्तरण आदेश के पालन न कराने
[राजस्व]
105. ( क्र. 4914 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में पटवारियों के स्थानान्तरण के आदेश क्रमांक 0790/5-भू.अ./19-11/स्था/2017 दिनांक 10 जुलाई 2017 की प्रति दें। क्या आदेश में स्थानान्तरण किये गये पटवारियों द्वारा आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक पालन किया गया? यदि हाँ, तो किस-किस पटवारी द्वारा नाम बतावें। क्या जिन पटवारियों द्वारा आदेश का पालन नहीं किया तो क्यों? कारण बतावें। क्या आदेश पालन कराने में अधिकरियों द्वारा भ्रष्टाचार किया जाता है? यदि नहीं, तो अभी तक आदेश का पालन किन अधिकारियों की मिलीभगत या लापरवाही से नहीं किया? क्या जिन पटवारियों द्वारा आदेश पालन नहीं किया है, उनको इस कृत्य के लिये पत्र लिखे गये? यदि हाँ, तो पत्रों की प्रतियां दें। यदि नहीं, लिखे गये तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? उनके नाम एवं पद बतावें। क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें। अब कब तक उक्त आदेश का पालन करा दिया जावेगा? (ख) दिनांक 19/2/2018 के ज्ञापन क्रमांक 020 विषय पटवारियों की समस्याओं के निराकरण के सम्बन्ध में पटवारी संघ जिला ग्वालियर के अध्यक्ष श्री ज्ञानसिंह राजपूत के नेतृत्व में ग्वालियर जिले के पटवारियों द्वारा कलेक्टर ग्वालियर को 16 बिन्दुओं का ज्ञापन दिया था? यदि हाँ, तो ज्ञापन की प्रति दें। ज्ञापन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या समस्याओं का निराकरण किया गया है? प्रत्येक बिन्दुवार स्पष्ट करें। (ग) ग्वालियर जिले में पटवारियों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? दिनांक 1 फरवरी 2018 की स्थिति में कुल कितने पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की कब तक पूर्ति कर ली जावेगी? ग्वालियर जिले में पदस्थ पटवरियों का नाम हल्का नम्बर, तहसील एवं हल्के पर पदस्थापना दिनांक बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्वालियर जिले में पटवारियों के स्थानांतरण आदेश क्रमांक 0790/5भू.अ./19-11/स्था/17 दिनांक 10 जुलाई 2017 की प्रति पुस्तकालय के परिशिष्ट ''एक'' अनुसार। हाँ आंशिक रूप से पालन किया गया। जानकारी परिशिष्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक' के आदेश में 1. श्रीमती रीता राठौर 2. श्री अजय सिंह राणा 3. श्री सुरेन्द्र पाल 4. श्री सुखलाल इटारिया 5. श्री हरिमोहन राजपूत 6. श्री संदीप राजावत के द्वारा पालन किया गया है। श्री कमल किशोर शर्मा तथा श्री सुरेश कुशवाह का कार्यालयीन आदेश क्रमांक 1371 दिनांक 06/10/17 से स्थानांतरण निरस्त किया गया एवं श्री विजय शर्मा व श्री राकेश राजपूत का स्थानांतरण कार्यालयीन आदेश क्र. 850 दिनांक 16/07/17 से निरस्त किया गया। तहसील भितरवार के एक पटवारी, तहसील चीनोर के दो तथा तहसील ग्वालियर के तीन पटवारियों द्वारा आदेश का पालन नहीं हुआ है, क्योंकि पटवारियों की कमी होने से उनका प्रभार अन्य को नहीं दिया जा सका है। आदेश का पालन कराने में अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार एवं मिलीभगत या लापरवाही किया जाना नहीं पाया गया। कार्यालयीन आदेश में ही संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों एवं पटवारियों को पालन करने हेतु आदेशित किया गया था, पृथक से कोई पत्र जारी नहीं किये गये पटवारियों की कमी होने से उनको भारमुक्त न किये जाने के कारण कोई दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्न नहीं है। उक्त आदेश का पालन न करने वाले पटवारियों को इस कार्यालय से भारमुक्त करने हेतु आदेश जारी कर दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) ज्ञापन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। ज्ञापन में वर्णित 16 बिन्दुओं के संबंध में पत्र जारी किये गये हैं। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (ग) जिले में पटवारियों के 202 पद स्वीकृत हैं। दिनांक 01 फरवरी 2018 की स्थिति में 36 पद रिक्त हैं। जिले में पदस्थ पटवारियों का नाम, हल्का नंबर, तहसील एवं हल्के पर पदस्थापना दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल के माध्यम से परीक्षा आयोजित कराई गई है। परिणाम पश्चात रिक्त पदों की पूर्ति की जा सकेगी।
म.प्र. में त्रुटिपूर्ण WEBGIS सॉफ्टवेयर पुनः प्रतिबंधित किया जाना
[राजस्व]
106. ( क्र. 4915 ) श्री लाखन सिंह यादव, श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व में प्रचलित एन.आई.सी. द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर बीटा के स्थान पर निजी कम्पनी का अपूर्ण, अविकसित और अव्यवहारिक WEBGIS सॉफ्टवेयर किस अधिकारी के आदेश से किस दिनांक से किन-किन जिलों में चल रहा था? आदेश की प्रति दें। क्या उसे पुनः लागू किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) माननीय उच्च न्यायालय की खण्डपीठ रिट क्र. 5107/2016 के निर्देशानुसार WEBGIS में अपेक्षित सुधार किये गये अथवा नहीं? यदि किये गए तो किसके द्वारा इनका परीक्षण एवं प्रमाणीकरण किया गया? (ग) क्या पूर्व में त्रुटिपूर्ण WEBGIS सॉफ्टवेयर को बन्द किया जाकर पुनः शासकीय एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर लागू किया गया? यदि हाँ, तो किस अधिकारी के किस दिनांक के आदेश द्वारा आदेश की प्रति दें। क्या उसी के द्वारा संधारित रिकॉर्ड के आधार पर राजस्व अभियान 2017 में किसानों को निःशुल्क खसरा खतौनी आदि का वितरण भी किया गया? यदि हाँ, तो क्या यह निर्विवाद एवं सफल रहा? यदि हाँ, तो फिर पुनः विवादित WEBGIS सॉफ्टवेयर को क्यों लागू किया जा रहा है? (घ) क्या पूर्व में जन मित्र केन्द्रों के माध्यम से पंचायत स्तर पर शासकीय एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर द्वारा संधारित राजस्व रिकॉर्ड खसरा खतौनी आदि किसानों को पंचायत स्तर पर बहुत कम खर्च में उपलब्ध होता था? यदि हाँ, तो फिर क्या पुनः उसी एन.आई.सी. व्यवस्था को यथावत रखा जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं, यह कहना गलत है प्रचलित एन.आई.सी. द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के स्थान पर निजी कम्पनी का अपूर्ण, अविकसित और अव्यवहारिक WEBGIS सॉफ्टवेयर का उपयोग प्रारंभ किया गया। आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त द्वारा WEBGIS को 51 जिलों में लागू करने हेतु निम्नलिखित आदेश पारित किये गए थे, जिनमें से यह सॉफ्टवेयर 31 जिलों में लागू हो पाया था। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
कार्यालयीन पत्र क्रमांक |
दिनांक |
128/9-कम्प्यूटर/NLRMP/WebGIS/2015 |
17/04/2015 |
263/9-कम्प्यूटर/NLRMP/WebGIS/2015 |
28/08/2015 |
354/9-कम्प्यूटर/NLRMP/WebGIS/2015 |
19/11/2015 |
460/9-कम्प्यूटर/NLRMP/WebGIS/2015 |
05/02/2016 |
855/9-कम्प्यूटर/NLRMP/WebGIS/2016 |
19/05/2016 |
एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर क्लाइन्ट/सर्वर आधारित ऑफ-लाईन सॉफ्टवेयर है। इससे नकल प्राप्त करने के लिए नागरिकों को शासकीय कार्यालय में जाना होता है। जबकि नया वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर वेब आधारित ऑन-लाईन सॉफ्टवेयर है। इससे नागरिकों को आवश्यकतानुसार घर बैठे इन्टरनेट के माध्यम से नकल उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही डाटा ऑन-लाईन होने से अन्य विभागों जैसे पंजीयन, मोबाइल एप गिरदावरी, राजस्व न्यायालय आदि के साथ डाटा शेयरिंग हो सकेगी। (ख) जी नहीं, मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ की रिट क्र. 5107/2016 के निर्देशानुसार WEBGIS में सुधार करने हेतु निर्देश नहीं दिए गए है। (ग) जी नहीं, WEBGIS सॉफ्टवेयर त्रुटिपूर्ण नहीं है। पूर्व से प्रचिलित एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर क्लाइन्ट/सर्वर आधारित ऑफ-लाईन सॉफ्टवेयर है। इससे नकल प्राप्त करने के लिए नागरिकों को शासकीय कार्यालय में जाना आवश्यक है। जबकि नया वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर वेब आधारित ऑन-लाईन सॉफ्टवेयर है। इससे नागरिकों को आवश्यकतानुसार घर बैठे इन्टरनेट के माध्यम से नकल उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही डाटा ऑन-लाईन होने से अन्य विभागों जैसे पंजीयन, मोबाइल एप गिरदावरी, राजस्व न्यायालय आदि के साथ डाटा शेयरिंग हो सकेगी। प्रमुख सचिव राजस्व के पत्र क्रमांक 71/सात-6/2018 दिनांक 24/01/2018 द्वारा WEBGIS को पुनः प्रारम्भ करने हेतु आदेश दिया गया है। (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार)। जी हाँ, राजस्व अभियान 2017 में प्रदेश के समस्त जिलों (जिला इंदौर छोड़कर) में किसानों को निःशुल्क खसरा खतौनी का वितरण एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर द्वारा किया गया। जिलों से प्राप्त विभिन्न सुझावों/समस्याओं/शिकायतों के आधार पर WEBGIS सॉफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन/सरलीकरण किया गया है। अतः नागरिकों की सुविधाओं एवं भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए ऑन-लाईन सॉफ्टवेयर को लागू किया जा रहा है। (घ) नया ऑन-लाईन वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर लागू होने उपरान्त लोक सेवा केंद्र, एम.पी. ऑन-लाईन क्योस्क, अन्य नागरिक सुविधा केंद्र (जिनमें जनमित्र केन्द्र भी शामिल हो सकता है) के अतिरिक्त इंटरनेट के माध्यम से नागरिकों द्वारा घर बैठे निर्धारित शुल्क में नकल प्राप्त की जा सकेगी। एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर क्लाइन्ट/सर्वर आधारित ऑफ-लाईन सॉफ्टवेयर है, जिससे भू-अभिलेख की अद्यतन जानकारी विलम्ब से मिलती है तथा नकल पर डिजिटल हस्ताक्षर नहीं होने से वैधानिकता नहीं रहती है। अतः नागरिकों की सुविधाओं एवं भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए एन.आई.सी. के ऑफ-लाईन सॉफ्टवेयर को यथावत रखा जाना सम्भव नहीं है।
शासन द्वारा घोषित नवीन राजस्व ग्रामों के अधिकार अभिलेख तैयार करना
[राजस्व]
107. ( क्र. 4930 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा मजरे-टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित करने उपरांत अधिकार अभिलेख तैयार कर नवीन ग्राम के रूप में अस्तित्व में लाने हेतु समस्त अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल की अधिसूचना दिनांक 24.10.2016 से विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत मूल ग्राम सीलखेड़ा के मजरे लोदा का पुरा, मूल ग्राम पहाड़गढ़ के मजरे शेखपुरा एवं कोटरा को नवीन राजस्व ग्राम घोषित कर अधिकारी अभिलेख तैयार करने हेतु अधीक्षक, भू-अभिलेख जिला राजगढ़ को निर्देश प्रदान किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त नवीन ग्रामों के अधिकार अभिलेख तैयार कर उन्हें, अस्तित्व प्रदान कर दिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में विलंब के क्या कारण हैं तथा इसके लिये कौन दोषी है? प्रश्न दिनांक तक विधिवत् कार्यवाही पूर्ण नहीं किये जाने हेतु संबंधित दोषियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त नवीन ग्रामों के अधिकार अभिलेख तैयार करवाये जाकर उन्हें अस्तित्व प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। नवीन राजस्व ग्राम के अधिकार अभिलेख तैयार करने हेतु अधीक्षक भू-अभिलेख जिला राजगढ़ को निर्देश प्रदान किए गए हैं, जिसके तारतम्य में अधिकार अभिलेख तैयार करने हेतु कार्यालय के आदेश क्रमांक 2300/17/भू. अ./रा.नि./2017 दिनांक 17.11.2017 से दल गठित किया गया है। शीघ्र हि क्षेत्रीय कार्य सम्पन्न किया जाकर अधिकार अभिलेख तैयार किया जायेगा। उक्त ग्रामों का नवीन अभिलेख तैयार करने हेतु पृथक से शासकीय अमला उपलब्ध न होने से रा.नि./पटवारी द्वारा अपने नियमित कार्यों के साथ उक्त कार्य किया जा रहा है, तकनीकी श्रेणी का कार्य होने से उक्त कार्य में विलंब हुआ है। नवीन अभिलेख निर्माण शीघ्र कर लिया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उपरोक्त मजरों को राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है। अधिकार अभिलेख तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है।
बस संचालक को बस परमिट/समय चक्र न दिया जाना
[परिवहन]
108. ( क्र. 4954 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा अ.जा./अ.ज.जा./अन्य पिछड़ा वर्ग के ऐसे हितग्राहियों, जिनके द्वारा केंद्र शासन एवं राज्य शासन के विभिन्न वित्तीय योजनाओं से ऋण प्राप्त कर वाहन क्रय किये हैं, ऐसे वाहनों को चार वर्ष के लिए 50 प्रतिशत वाहन कर से मुक्त रखा गया है, जिससे इन हितग्राहियों को परिवहन व्यवसाय में स्थापित किया जा सके? यदि हाँ, तो हितग्राहियों को वाहन क्रय हेतु ऋण स्वीकृत करते समय ही परमिट भी जारी किया जाता है ताकि वे आसानी से बैंक किश्तों की अदायगी कर सकें? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या अ.जा. के हितग्राही अजय साकेत निवासी लालपुर सतना द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक से ऋण स्वीकृत कराकर बस क्रय की गई है, यदि हाँ, तो बस परमिट (वाहन क्रमांक एम.पी.19 पी.-1118) हेतु विगत 6 महीनों से रीवा आर.टी.ओ. कार्यालय में आवेदन करने के बाद दिनांक 06/02/2018 को परमिट दिया गया, लेकिन समय चक्र नहीं दिए जाने से बस का संचालन न होने से बैंक को किस्त अदा करने में कठिनाई आ रही है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या परिवहन कार्यालय रीवा में पदस्थ अस्थाई परमिट प्रभारी श्री बघेल द्वारा अन्य ट्रांसपोर्टरों के प्रभाव में आकर समय चक्र समय पर जारी न करने एवं समय चक्र में संशोधन न करने पर इनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी तथा बताएं कि संशोधन समय चक्र कब तक जारी कर दिया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। संबंधित विभाग द्वारा हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत होने के उपरान्त परिवहन विभाग द्वारा नियमानुसार परमिट जारी किये जाते हैं। (ख) हितग्राही अजय साकेत निवासी लालपुर सतना की वाहन का पंजीयन दिनांक 19.05.2017 को किया गया है। आवेदक श्री अजय साकेत आत्मज श्री सम्भूलाल साकेत निवासी ग्राम लालपुर सतना द्वारा दिनांक 24.11.2017 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिस पर सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार रीवा द्वारा आदेश दिनांक 05.12.2017 को मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 87 (1) (सी) के अधीन मार्ग सतना से रीवा तीन वापसी फेरा स्वीकृत किया गया था। आवेदक द्वारा मार्ग का अग्रिम कर जमा न किये जाने के कारण परमिट प्रिंट नहीं किया जा सका। दिनांक 03.01.2018 को आवेदक द्वारा माह जनवरी एवं फरवरी के लिये आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा पूर्वानुसार अस्थाई अनुज्ञापत्र स्वीकृत किया गया था। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) यह सही नहीं है कि परिवहन कार्यालय रीवा में पदस्थ स्थाई परमिट प्रभारी श्री बघेल द्वारा समय चक्र, समय पर जारी न करने या समय चक्र को संशोधित नहीं किया जा रहा है। वस्तुस्थिति यह है कि सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा पूर्व से ही समय चक्र स्वीकृत किया जा चुका है। अतः परमिट प्रभारी के विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री नल-जल योजना एवं ग्रुप वॉटर सप्लाई स्कीम
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
109. ( क्र. 4975 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री नल-जल योजना में केन्द्र तथा राज्य की हिस्सेदारी की जानकारी दें। वर्तमान सत्र में इस योजना हेतु कितने बजट का प्रावधान किया जा रहा है? (ख) बालाघाट जिले की जिन मुख्यमंत्री नल-जल योजनाओं का एस.एफ.सी. में अनुमोदन हो गया हो उनकी तथा जिनका आगामी एस.एफ.सी. हेतु प्रस्ताव है, उनकी जानकारी प्रस्तावित प्रशासकीय स्वीकृति की राशि अथवा डी.पी.आर. की लागत सहित जानकारी दें। (ग) एस.एफ.सी. में अनुमोदन के पश्चात क्या प्रक्रिया अपनायी जाती है? यह भी बताएं कि आगामी एस.एफ.सी. में अनुमोदन के पश्चात शासन प्रशासकीय अनुमोदन जारी कर देगा या आगामी अनुपूरक बजट तक उसका इन्तजार करना पड़ेगा? (घ) विकासखण्ड लांजी जिला बालाघाट में कुल्पा-कारंजा-बापड़ी-परसोड़ी-परसवाड़ा ग्रुप वॉटर सप्लाई स्कीम को क्या वर्तमान बजट में शामिल किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पूर्णतः राज्यांश की योजना है, केन्द्र की हिस्सेदारी नहीं है। ग्रामीण नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु रूपये 600.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वित्तीय संयोजन के अनुसार प्रशासकीय अनुमोदन जारी किया जाकर नियमानुसार क्रियान्वयन की कार्यवाही की जाती है। नल-जल योजनाओं का प्रशासकीय अनुमोदन उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।
आई.टी.आई. कॉलेज की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
110. ( क्र. 4976 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अन्तर्गत ब्लाक पंधाना में आई.टी.आई. कॉलेज प्रस्तावित किया गया था, जिसकी स्वीकृति क्यों नहीं दी गई। (ख) जबकि प्रश्नकर्ता के क्षेत्र के गरीब छात्र-छात्राओं की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से छैगांवमाखन के प्रायवेट आई.टी.आई. कॉलेज में पढ़ने में सक्षम नहीं है एवं ब्लाक पंधाना से करीब ३० से ४० ग्रामों के छात्र-छात्राओं को ५० कि.मी. दूर जिला खण्डवा जाना पड़ता है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अन्तर्गत ब्लाक पंधाना में आई.टी.आई. कॉलेज स्वीकृत किया जायेगा? (घ) यदि किया जायेगा तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) एवं (ख) जिला खण्डवा के अन्तर्गत 07 विकासखण्ड में से कुल 05 विकासखण्ड क्रमश: खण्डवा, पुनासा, हरसूद (मूंदी), खालवा (खेडी) एवं बलडी (किल्लौद) में शासकीय आई.टी.आई. संचालित है। वर्तमान में 58 विकासखण्ड ऐसे हैं, जिनमें शासकीय अथवा प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है तथा 119 विकासखण्ड ऐसे हैं जिनमें शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। इतनी अधिक संख्या में एक साथ शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में विकासखण्ड पंधाना में नवीन आई.टी.आई. खोलने की विभाग की कोई योजना नहीं है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के स्थाईकरण की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
111. ( क्र. 4982 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा में श्री मुनेन्द्र कुमार मिश्रा को दिनांक 04.07.1980 को अकुशल दैनिक वेतन के पद पर नियुक्ति दैनिक वेतनभोगी को प्राचार्य रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के आदेश क्र./स्था./2/2017/615 दिनांक 17.02.2017 के द्वारा बिना सेवा के सेवा कार्यावधि को जोड़कर स्थाई कब बनाया गया है? (ख) क्या दिनांक 25.02.2002 से 15.05.2006 तक सेवा से पृथक रखा गया है तथा इस अवधि के बिना कोई सेवा सत्यापन के आदेश क्र./स्था/2/2488 रीवा दिनांक 17.7.17 के द्वारा वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उच्च न्यायालय जबलपुर के डब्ल्यू.पी. नं./1831/2006 में क्या आदेश पारित हुआ है तथा आदेश के परिपालन में कॉलेज स्तर पर गठित छानबीन समिति ने क्या निर्णय पारित किया न्यायालय के आदेश तथा समिति को निर्णय के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में किस नियम के तहत वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया है? इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) प्राचार्य, इंजीनियरिंग महाविद्यालय के आदेश दिनांक 17.02.2017 द्वारा स्थायी कर्मी घोषित किया है। (ख) जी हाँ। संस्था स्तर पर गठित छानबीन समिति की अनुशंसा के आधार पर वेतन वृद्धि की गणना वेतन निर्धारण हेतु की गई। (ग) जी हाँ। माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में संस्था स्तर पर गठित छानबीन समिति के निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं न्यायालय के आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग आदेश के प्रकाश में संस्था स्तर पर गठित छानबीन समिति की अनुशंसा पर काम नहीं वेतन नहीं (नोशनल) के आधार पर वेतन वृद्धि का लाभ प्रदान किया गया। उक्त वेतन निर्धारण की जाँच उप संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा से करा ली गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों पर कार्यवाही की जानकारी
[गृह]
112. ( क्र. 4984 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला हनुमना तहसील अंतर्गत हुए भूमि घोटाले में अपराध क्र./154/2005 धारा 420, 467, 468, 471, 120 में पंजीबद्ध हुआ था? यदि हाँ, तो उक्त अपराध में किन-किन शासकीय सेवक, अधिकारी व अन्य को आरोपी बनाया गया है, की जानकारी पुलिस एफ.आई.आर. पुलिस द्वारा की गयी जाँच रिपोर्ट में लगे सहपत्रों की प्रति के साथ देवें। प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के भूमि घोटाला को उजागर करने वाला लिपिक काशी प्रसाद दुबे वर्तमान में कहाँ है? उसका स्थाई पता मूल पद क्या है। उसके द्वारा इस भूमि घोटाले से संबंधित कहाँ-कहाँ शिकायत की गयी है। जानकारी देवें। उन शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गयी है? जानकारी देवें। शिकायतों पर कब-कब क्या कार्यवाही की गयी है? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के भूमि घोटाले में तत्कालीन कलेक्टर रीवा को सह-अभियुक्त बनाया गया था? यदि हाँ, तो उसकी गिरफ्तारी हुई कि नहीं? यदि गिरफ्तारी नहीं हुई तो क्यों कारण बतायें तथा कब तक उक्त अधिकारी की गिरफ्तारी करा दी जावेगी? समय-सीमा बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकरण का चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया कि नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। अभी तक न्यायालय में चालान प्रस्तुत न करने में कौन-कौन दोषी है? दोषी पर कब क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रकरण वर्तमान में विवेचना में होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं। (ख) श्री काशी प्रसाद दुबे (तत्कालीन प्रवाचक तहसीदार हनुमना) वर्तमान में अधिवक्ता निवास 8/142 सौरभ नगर बोदाबाग रीवा में निवासरत है। वर्तमान में ये शासकीय सेवा में नहीं हैं। इनके द्वारा अपराध क्रमांक 154/05 से संबंधित शिकायत पत्र दिनांक 27.01.2018 को मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन को दिया गया है, जिसकी जाँच कराई जा रही है। (ग) प्रकरण वर्तमान में विवेचना में होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) प्रकरण में विवेचना जारी होने से चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया। किसी भी अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं।
स्थापित/संचालित स्टोन क्रेशरों की जानकारी
[पर्यावरण]
113. ( क्र. 5000 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में स्टोन क्रेशर स्थापित/संचालित हैं? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त स्थापित/संचालित स्टोन क्रेशरों को विभाग द्वारा कब-कब प्रदूषण संबंधी एन.ओ.सी. जारी की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित एन.ओ.सी. के मानकों का कब-कब परीक्षण किया गया एवं किसके द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्टोन क्रेशरों की एन.ओ.सी उपरांत विभाग को किन-किन स्टोन क्रेशरों की प्रदूषण/धूल इत्यादि की शिकायतें प्राप्त हुई एवं विभाग द्वारा इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
अलिपिकीय कर्मचारियों का नियमितीकरण
[पशुपालन]
114. ( क्र. 5003 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग के ज्ञाप क्र.एफ.क्र.सी./3-4/ 89/49 भोपाल दिनांक 24.01.1989 के परिपालन में संचालनालय के आदेश क्र./10776/स्वा.-व/एफ-55/89-90/भोपाल, दिनांक 31.08.1989 के द्वारा दिनांक 31.03.1986 के पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति अलिपिकीय कर्मचारियों को नियमित किया गया था? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या उपरोक्त आदेश में उनकी वरिष्ठता के संबंध में पृथक से आदेश प्रसारित किए जाने का उल्लेख था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में पृथक से आदेश प्रसारित किए गए? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि उपरोक्त आदेश के परिपालन में आदेश जारी नहीं किए गए तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा आदेश कब तक जारी किए जावेंगे? (घ) क्या मान. मंत्री महोदय के पत्र क्र. 11554 दिनांक 15.09.16 एवं क्र. 12520 दिनांक 24.01.17 के माध्यम से विभाग में वरिष्ठता सूची की त्रुटियों का सुधार कार्य किये जाने हेतु संचालक को पत्र जारी किए गए थे? विभाग द्वारा पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डूब भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
115. ( क्र. 5018 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना की आसन बैराज बांध में कितने गांवों की कृषि व अन्य जमीन डूब क्षेत्र में आने की मुआवजा राशि जनवरी 2018 तक स्वीकृत की गई है? (ख) क्या डूब में आने वाली जमीनों का राजस्व विभाग एवं जल संसाधन विभाग द्वारा अलग-अलग जानकारी देने से किसानों के कई प्रकरण अभी तक चिन्हित नहीं किये गये? (ग) जनवरी 2018 तक मुआवजा हेतु राजस्व विभाग में किसानों द्वारा कितने ज्ञापन, आवदेन किन-किन गांवों व्यक्ति के प्राप्त हुये हैं, जिन्हें मुआवजा प्रकरणों में सम्मिलित नहीं किया है? तथ्यों सहित विवरण दिया जावे। (घ) क्या राजस्व एवं जल संसाधन विभाग द्वारा अधिकारियों जन प्रतिनिधियों की संयुक्त समिति बनाई थी? उस समिति की कितनी बार बैठकें हुई तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सुमावली विधान क्षेत्र मुरैना की आसन बैराज बांध (आरान बैराज परियोजना) 12 ग्रामों की निजी कृषि भूमि का अर्जन किया गया है। जनवरी 2018 तक पाँच ग्रामों की भूमि हेतु रूपये 24, 95, 99, 091/- का अवार्ड पारित कर मुआवजा राशि स्वीकृत की गई है। (ख) डूब में आने वाली जमीनों का राजस्व विभाग एवं जल संसाधन विभाग द्वारा अलग-अलग जानकारी देने से किसानों के चिन्हित हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) जनवरी 2018 तक मुआवजा हेतु 02 ज्ञापन एवं 07 ग्रामों में जिनमें अवार्ड पारित होना है, के कुल 103 आवेदन प्राप्त हुये है। मुआवजा प्रकरणों में भू-अर्जन अधिनियम की धारा 21 (2) की कार्यवाही के पश्चात आवेदन प्राप्त होते हैं, जो प्रक्रियाधीन है। (घ) पुनर्वास हेतु राजस्व विभाग जल संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों की संयुक्त समिति के गठन हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है।
खसरा सुधार एवं नामांतरण
[राजस्व]
116. ( क्र. 5026 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खसरा सुधार एवं नामांतरण करने हेतु तीन माह की समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या रामकुशल द्वारा जालसाजी कर उक्त आराजी नं. 850, पूर्व हल्का को अपने नाम करा लिया गया था? यदि हाँ, तो रीवा जिले के तहसील सेमरिया में प्रकरण क्र.19अ6अ वर्ष 2002-03 के रूप में पंजीबद्ध किया जा कर खसरा सुधार एवं नामांतरण करने हेतु प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था? (ख) क्या मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार नामांतरण हेतु एक वर्ष से अधिक लंबित प्रकरण को बताने पर इनाम देने की घोषणा की गई है? (ग) वर्ष 2003 से प्रचलित प्रकरण में मा. राजस्व मंत्री महोदय इस पर क्या कार्यवाही कर रहे हैं? क्या उक्त प्रकरण की पेशी दिनांक 16/04/12 को नियत की गई थी? तब से उक्त नस्ती को क्यों गुमा दिया गया? यदि नस्ती नहीं गुमाई गई है, तो पेशी दिनांक बतावें। यदि गुमा दी गई है, तो दोषी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या उक्त प्रकरण को पुनर्जीवित करने हेतु राज्य सूचना आयोग के माध्यम से नस्ती की संपूर्ण प्राप्त कर दिनांक 15/11/17 को नकल प्राप्त होने पर एस.डी.एम. सेमरिया जिला रीवा के कार्यालय में पुन: प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया, जिसकी नियत पेशी दिनांक 26/02/2018 है, उक्त प्रकरण में खसरा सुधार एवं नामांतरण करने के आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नामांतरण हेतु समय-सीमा निर्धारित है खसरा सुधार हेतु नहीं। लालमन पिता मथुरा कहार द्वारा ग्राम पुर्वा की आ.नं. 850क अंश भाग रकबा 0.30 ए. का नामांतरण पंजी क्रमांक 10 आदेश दिनांक 21.06.85 द्वारा विधिवत कराया गया था, जो वर्ष 1984-85 से 1988-89 तक भूमि स्वामी के रूप में दर्ज रहा। किन्तु 1989-90 में खसरा में पुन: पूर्व भूमि स्वामी रामकुशल के नाम हो गया। तहसील सेमरिया में प्रकरण क्रमांक 19/अ-6अ/वर्ष 2002-03 के रूप में खसरा सुधार हेतु पंजीबद्ध किया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) उक्त प्रकरण की पेशी दिनांक 29.02.2012 नियत की गई थी। उक्त नस्ती गुमी नहीं थी तथा प्रकरण दिनांक 29.02.2012 को अदम पैरवी सें खारिज होकर जिला अभिलेखागार में दाखिल किया गया था। कोई अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। उक्त प्रकरण को पुनर्जीवित करने हेतु राज्य सूचना आयोग के माध्यम से नस्ती की सम्पू्र्ण प्रति दिनांक 17.11.2017 को प्राप्त कर अनुविभागीय अधिकारी सेमरिया जिला रीवा के न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है, जिसकी पेशी दिनांक 26.02.2018 नियत थी। उक्त प्रकरण में गुण-दोष जाँच पश्चा्त आदेश पारित किये जायेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत पेय-जल आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
117. ( क्र. 5040 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुंवरपुर तहसील पाटन में पेय-जल व्यवस्था हेतु पेय-जल टंकी का निर्माण कितनी लागत से कब किया गया? उक्त ग्राम की जनसंख्या कितनी है? पेय-जल योजना प्रारंभ के समय पेय-जल आपूर्ति हेतु किस प्रकार की कितनी पाईप-लाईन कितने खर्चे से बिछाई गई? (ख) क्या पेय-जल योजना प्रारंभ के समय संपूर्ण ग्राम में पाईप-लाईन नहीं बिछाई गई एवं जो थोड़ी पाईप-लाईन पूर्व में बिछाई गई वह पाईप-लाईन क्षतिग्रस्त हो जाने से वर्तमान समय में इस ग्राम में पेय-जल आपूर्ति पूर्णत: बाधित है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पेय-जल योजना के संपूर्ण ग्राम में पेय-जल आपूर्ति हेतु कितनी लंबाई की पाईप-लाईन की आवश्यकता है? किस प्रकार से कब तक आवश्यक पाईप-लाईन बिछाकर ग्राम के शत्-प्रतिशत घरों में पेय-जल आपूर्ति प्रारंभ कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2015-16 में लागत रूपये 10.46 लाख वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार जनसंख्या 2102 है। वर्ष 2008 में प्रारंभ के समय स्वीकृत योजना में प्रस्तावित पाईप-लाईन के अनुसार 50 मि.मी. व्यास की जी.आई. पाईप 799.10 मीटर, 80 मि.मी. की जी.आई. पाईप 652.70 मीटर एवं 90 मि.मी. व्यास की पी.व्ही.सी. पाईप 1002 मीटर कुल 2453.80 मीटर पाईप-लाईन रूपये 6.57 लाख के खर्च से बिछाई गई। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार वर्तमान में योजना चालू है। (ग) वर्तमान में बढ़ी हुई आबादी को दृष्टिगत रखते हुये 1000 मीटर पाईप-लाईन की आवश्यकता होगी। ग्राम पंचायत द्वारा आवर्धन योजना बनाये जाने का सहमति पत्र एवं नियमानुसार योजना लागत की जनभागीदारी की राशि जमा करने पर एवं योजना स्वीकृति उपरांत, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
राजस्व विभाग में प्रचलित सॉफ्टवेयर
[राजस्व]
118. ( क्र. 5041 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह राजस्व विभाग द्वारा पूर्व में प्रचलित हस्तलिखित अभिलेख के स्थान पर पहले एन.आई.सी. का इस्तेमाल किया जाता था जो कि भारत सरकार द्वारा संचालित था, को बंद कर वर्तमान समय में डब्लू.ई.बी. - जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो पूर्णत: टेक्निकल है? (ख) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ, तो क्या पटवारी पद टेक्निकल है? यदि नहीं, तो जो इस कार्य में दक्ष नहीं हैं, उनसे तकनीकी कार्य लेने का क्या कारण है? क्या शासन प्रायवेट कंपनी की मंहगी सेवाओं के स्थान पर पूर्व से प्रचलित भारत सरकार द्वरा संचालित एन.आई.सी. में सुधार कर उसका इस्तेमान पुन: करेगा? (ग) क्या वेब जी.आई.एस. में अपलोड पूरा डेटा पूर्णत: शुद्ध नहीं है? लगभग प्रत्येक गांव का 60-70 प्रतिशत गांव का क्षेत्रफल (मिसल अनुसार) जी.आई.एस. के सॉफ्टवेयर के क्षेत्रफल से मिलान नहीं करता तथा प्रत्येक पटवारी हल्का नम्बर के क्षेत्रफल में हस्तलिखित रिकार्ड से 20 से 30 प्रतिशत की अशुद्धियां प्राप्त हो रही हैं? राजस्व अभिलेखों में 1. हस्तालिखित 2. एन.आई.सी. अपलोड डेटा 3. बी.ई.बी. - जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर के ऑन-लाईन डेटा इन तीनों में समानता नहीं होने के क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित तीनों अभिलेखों में विषमतओं का दोषी कौन है? इसमें किस प्रकार से कब तक सुधार कार्य हो पायेगा? (ड.) वर्तमान समय में कृषकों से खसरे की नकल हेतु प्रथम पेज हेतु 30 रू. लिये जाते हैं तथा एक पेज में खाते के समस्त खसरे भी नहीं आते हैं। क्या शासन इसमें सुधार कर कृषकों को राहत देगा? क्या प्रत्येक नकल के लिये तहसीलदार के डिजिटल हस्ताक्षर होना आवश्यक है? उत्तर में यदि हाँ, तो इसकी कोई समय-सीमा निर्धारित हैं, जिससे कृषकों को नकल प्राप्त करने हेतु भटकना न पड़े। यदि नहीं, तो विभाग इसमें किस प्रकार से कब तक क्या सुधार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। पूर्णत: टेक्निकल नहीं है। (ख) जी नहीं। पटवारी पद टेक्निकल नहीं है। उक्त कार्य हेतु कम्प्यूटर की सामान्य जानकारी होने से कार्य किया जा सकता है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। जी नहीं। एन.आई.सी. डाटा को ही ऑन-लाईन वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में माइग्रेट किया गया है। राजस्व न्यायालय द्वारा जारी आदेश अनुसार भू-अभिलेख में संशोधन किया जाता है। आदेश का पालन नहीं होने की स्थिति में भू-अभिलेख अद्यतित नहीं हो पाता है। राजस्व न्यायालय के समस्त आदेश समय पर अमल हो इस हेतु एवं राजस्व न्यायालय के सॉफ्टवेयर (RCMS) एवं WEBGIS की सम्बद्धता (Integration) की जा रही है जिससे डाटा हमेशा अद्यतित रहेगा, जिससे नागरिकों को समय पर अद्यतित नकल प्राप्त हो सकेगी। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के अनुक्रम में कोई दोषी नहीं है। डाटा अद्यतन एक निरंतर प्रक्रिया है, जिस कारण से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ड.) नकल प्रदाय करने हेतु शासन द्वारा दर को बदला गया है। शासन द्वारा WEBGIS के माध्यम से चार खसरा नम्बर की प्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु राशि 30/- रूपये निर्धारित की गई है। नकल की सत्यापित प्रतिलिपि प्रदान करते समय हस्ताक्षर की अनिवार्यता होने से डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाता है। तहसीलदार की कार्य अधिकता को देखते हुए नकल में डिजिटली हस्ताक्षर किये जाने हेतु तहसील स्तर के नकल शाखा प्रभारी को जिम्मेदारी दिए जाने के सम्बन्ध में इस कार्यालय द्वारा आदेश जारी किये गए है। उपरोक्त जबाब के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता है।
बंदियों से मुलाकात करने वालों का विवरण
[जेल]
119. ( क्र. 5059 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जेल में निरूद्ध बंदियों से मुलाकात करने के क्या नियम हैं? मुलाकात किस प्रयोजन से की जा सकती है व परिजन के अतिरिक्त और कौन-कौन से मिलाने के नियम हैं? (ख) केन्द्रीय कारागार भोपाल में निरूद्ध बंदियों से दिनांक 24 जनवरी 2018 से 31 जनवरी 2018 तक किस-किस मुलाकाती द्वारा किस-किस बंदी से मुलाकात की गई? मुलाकात का दिनांक, समय कब से कब तक, मुलाकात का प्रयोजन मुलाकात करने वाले का नाम व पता, बंदी का नाम एवं पता, जिससे मुलाकात की गयी, आदि का पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या केन्द्रीय कारागार भोपाल में मुलाकात करने वालों हेतु मुलाकाती रजिस्टर संधारित किया जाता है? यदि हाँ, तो उसकी छायाप्रति उपलब्ध करायी जाये।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जेल में निरूद्ध बंदियों से मुलाकात करने के संबंध में मध्यप्रदेश जेल नियमावली, 1968 के नियम-675 से 697 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मुलाकात का प्रयोजन सामान्यत: बंदियों के हालचाल जानना, न्यायालयीन प्रकरण तथा अपील प्रकरण से संबंधित जानकारी का आदान-प्रदान करना एवं पारिवारिक स्थितियों से अवगत होना होता है। बंदियों को उनके परिवार के सदस्यों, मित्रों, रिश्तेदारों तथा विधिक सलाहकारों से मुलाकात दी जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) केन्द्रीय जेल भोपाल में बंदियों की मुलाकात Visitor Management System के द्वारा करायी जाती है किन्तु जब इंटरनेट सुविधा में कोई तकनीकी खराबी आ जाती है, तो उस दौरान आने वाले मुलाकातियों की जानकारी जेल में संधारित मुलाकात रजिस्टर में इंद्राज की जाती है। दिनांक 24/01/2018 से 31/01/2018 तक के मुलाकात रजिस्टर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
ओवर-लोड वाहनों पर कार्यवाही
[गृह]
120. ( क्र. 5080 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के पुलिस विभाग के द्वारा अपनी जिम्मेदारी न निभाने के कारण आये दिन सड़कों पर निर्दोष लोगों की जान जा रही है? (ख) क्या राहतगढ़ थाना क्षेत्रांतर्गत ओवर-लोड वाहनों पर पुलिस विभाग द्वारा मिलीभगत के कारण कोई कार्यवाही नहीं की जाती और इन वाहनों पर कार्यवाही न होने के कारण गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष एक्सीडेंट की घटनाओं पर अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी हुई है? (ग) क्या भोपाल स्तर से टीम गठित कर एक्सीडेंट की घटनाओं की विस्तृत जाँच करायी जाकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर ओवर-लोड वाहनों के विरूद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही की जाती है। जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यात्री बसों के संचालन की जानकारी
[परिवहन]
121. ( क्र. 5093 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में निजी बस सेवा व्यवस्था में निजी बस संचालकों ड्रायवरों एवं कंडेक्टरों द्वारा सिर्फ रूपये कमाने के उद्देश्य से अपनी मनमर्जी से यात्रियों को बैठाना एवं अभद्र व्यवहार करने जैसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, को रोकने एवं सुगम यात्रा हेतु पुनः सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में राज्य परिवहन निगम द्वारा सभी रास्तों पर यात्री बसों का संचालन किया जा सकता है? (ख) नहीं तो क्यों नहीं तथा कोई योजना है, तो कब तक प्रारंभ की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। जिला परिवहन अधिकारी एवं विशेष जाँच दल (Flying Squads) के द्वारा बसों के चैकिंग के दौरान इस बिन्दु पर भी ध्यान दिया जाता है। चूंकि मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के परिसमापन का राज्य शासन द्वारा सैद्धांतिक निर्णय लिया जा चुका है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तकनीकी शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
122. ( क्र. 5094 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 के पश्चात प्रश्न दिनांक तक भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित तकनीकी संस्थानों से कितने विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा यह भी बताएं कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात कितने विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या शत्-प्रतिशत विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है? नहीं तो क्या कारण है? क्या इसके लक्ष्य को शत्-प्रतिशत पूर्ति हेतु शासन की कोई योजना है? हाँ, तो वह क्या है तथा नहीं तो प्रशिक्षण प्राप्त कर बेरोजगार युवाओं को भविष्य का क्या होगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। आई.टी.आई. का उद्देश्य प्रशिक्षण संचालित करना है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रकरण की सी.आई.ड़ी. जाँच तथा सी.सी.टी.एन.एस. परियोजना
[गृह]
123. ( क्र. 5096 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना लांजी, तहसील लांजी जिला बालाघाट में दिनांक 9/3/2016 को यशोदा बाई पांचे की हत्या के प्रकरण में पुलिस द्वारा आरोपी मृतक के पिता सियाराम को जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 23/8/2016 दोषमुक्त कर देने के बाद प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा स्वयं गृह मंत्री जी अपने पत्र क्रं 289/वि.स./2017 दिनांक 07/06/2017 द्वारा प्रकरण की सी.आई.डी. जाँच हेतु कोई पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उस पर अभी तक हुई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्या शासन पुलिस द्वारा बनाए गये आरोपी न्यायालय द्वारा दोषमुक्त करार देने के बाद वास्तविक आरोपी को पकड़ना अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं समझता या तो पुलिस को समय-सीमा में जिला एवं सत्र न्यायालय के विरूद्ध उच्च न्यायालय में जाना चाहिए था या वास्तविक आरोपी का पता लगाने की कार्यवाही करना था? (ग) सी.सी.टी.एन.एस. के संचालन के लिए विभाग के पास पर्याप्त तकनीकी कर्मचारी है? यदि नहीं, तो कब तक इनकी भर्ती कर दी जाएगी? क्या शासन यह महसूस नहीं करता की पुलिस अपना समय फील्ड़ में न देकर इस सिस्टम में ही दे रही है? सम्पूर्ण प्रदेश में इस सिस्टम को लगने में आए खर्च की जानकारी दें तथा यह भी बताएं कि इस सिस्टम की मदद से पुलिस ने कितने अपराधी प्रदेश में पकड़े है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक द्वारा माननीय गृह मंत्री जी को पत्र लेख किया गया था, उक्त पत्र के संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बालाघाट जोन द्वारा प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। सी.आई.डी. जाँच नहीं कराये जाने की आवश्यकता प्रतिवेदित की गई है। (ख) पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर समस्त साक्ष्यों एवं आरोपी के साथ माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत करने की कार्यवाही पूर्व में ही की जा चुकी है। साक्षियों के पक्ष विरोधी होने से आरोपी दोषमुक्त हुआ है। (ग) जी हाँ। इस सिस्टम के क्रियान्वयन हेतु वर्तमान तक कुल राशि रूपये 78.50 करोड़ खर्च हो चुके हैं। सी.सी.टी.एन.एस. परियोजना भारत सरकार की मिशन मोड योजना है। जिसका उद्देश्य समस्त राज्यों के पुलिस संगठनों की कार्यप्रणाली को कम्प्यूटरीकृत कर विवेचना एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों को अपराध एवं अपराधियों की जानकारी त्वरित रूप से उपलब्ध कराना है। यह सिस्टम समग्र रूप से अपराधों की रोकथाम व पतारसी में सहायक है।
मोटरयानों की फिटनेस जारी हेतु अधिकारियों की न्यूनतम योग्यता/अर्हता
[परिवहन]
124. ( क्र. 5103 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम/नियम में यानों की फिटनेस जारी करने वाले अधिकारियों की न्यूनतम योग्यता/अर्हता निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में परिवहन विभाग में निर्धारित न्यूनतम योग्यता/अर्हता रखने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम पदस्थापना स्थल अर्हता सहित सूची प्रदाय करें। (ग) क्या बिना न्यूनतम योग्यता/अर्हता प्राप्त किए अधिकारियों द्वारा यानों की फिटनेस जारी की जा रही? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन–कौन उत्तरदायी हैं तथा उनके विरुद्ध क्या–क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि तकनीकी अधिकारियों द्वारा यानों के परीक्षण उपरांत फिटनेस जारी की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम/नियमों में फिटनेस हेतु परीक्षण केंद्र खोले जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 1989 से आज तक यह व्यवस्था सुनिश्चित क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन उत्तरदायी है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 56 (1), केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 62, 63 एवं मध्य प्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 48 अनुसार फिटनेस प्रमाण-पत्र पंजीयन प्राधिकारी या परिवहन विभाग के परिवहन उप निरीक्षक के पद से अनिम्न अधिकारी या प्राधिकृत परीक्षण केन्द्र के प्रचालक द्वारा जारी किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) परिवहन कार्यालयों में अधिकारियों की उपलब्धता के आधार पर कार्य का विभाजन किया जाता है। (ङ) जी हाँ। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 56 में परीक्षण केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। भारत सरकार सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा पांढुर्णा जिला छिंदवाड़ा में एक व्हीकल इन्सपेक्शन सेन्टर खोला गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पाईप-लाईन निर्माण कार्य की राशि का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
125. ( क्र. 5124 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हरनभटा के ग्राम लोहांगी में पाईप-लाईन कार्य (1500 मी.) राशि 1.00 लाख रूपये निर्माण कार्य की स्वीकृति विधायक निधि मद वर्ष 2014-15 में जिला योजना एवं सांख्यिकीय जिला छिन्दवाड़ा शाखा द्वारा प्रदान की गई थी जिसमें क्रियान्वयन एजेंसी कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छिन्दवाड़ा को बनाया गया था और उक्त राशि का भुगतान भी किया जा चुका था? क्या पुन: प्रश्नकर्ता की अनुशंसा पर उपरोक्त निर्माण कार्य की क्रियान्वयन एजेंसी को परिवर्तित कर उपरोक्त कार्य हेतु क्रियान्वयन एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया को बनाया गया परंतु क्या उपरोक्त निर्माण कार्य की राशि 1.00 लाख रूपये का भुगतान कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छिन्दवाड़ा द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया को प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधायक निधि मद से वर्ष 2014-15 में स्वीकृत पाईप-लाईन निर्माण कार्य की राशि 1.00 लाख रूपये का भुगतान क्रियान्वयन एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया को किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2017/855 दिनांक 16.12.2017 को कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया गया था, जिस पर अभी तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्य की राशि 1.00 लाख रूपये का भुगतान कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छिन्दवाड़ा द्वारा कब तक क्रियान्वयन एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया को कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ वर्ष 2014-15 में छिंदवाड़ा को स्वीकृत राशि रू. 10.50 लाख के विरूद्ध केवल रूपये 9.57 लाख प्राप्त होने के कारण प्रदाय नहीं की जा सकी थी। शेष राशि रूपये 0.93 लाख वर्तमान में जारी कर दी गई है। (ख) जी हाँ, शेष राशि वर्तमान में जारी कर दी गई है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
126. ( क्र. 5125 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ख) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों को किस-किस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है? जिले के प्रत्येक विकासखंडवार हितग्राहियों की संख्या एवं योजना के नाम सहित उपलब्ध करायें। (ग) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का प्रचार-प्रसार सुचारू रूप से नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण जानकारी के आभाव में जिले के बहुत सारे हितग्राही योजनाओं के लाभ से वंचित रह जा रहे हैं? जिसका क्या कारण है? (घ) क्या प्रश्न दिनांक से छिंदवाड़ा जिले में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार सुचारू रूप से कराते हुए अधिक से अधिक हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" एवं "स" अनुसार। (ग) जी नहीं। किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ।
आधार कार्ड के नाम पर जनसमुदाय को आवश्यक सेवाओं से वंचित किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
127. ( क्र. 5141 ) श्री आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्यों के पास आधार कार्ड नहीं होने के कारण राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रदेश के किस-किस जिले में कितने-कितने गरीबों को कब-कब से राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिन उपभोक्ताओं के पास आधार कार्ड नं. न होने के कारण आवश्यक सेवाओं, जैसे पी.डी.एस. के तहत मिलने वाला राशन शा.उ.मू. की दुकानों से नहीं दिये जाने संबंधी शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुए आधार कार्ड नंबर जारी करने वाली भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा प्रदेश सरकार को अवगत कराया था कि जिन उपभोक्ताओं के पास आधार कार्ड नंबर नहीं है उनको आवश्यक सेवाओं से वंचित नहीं रखने संबंधी दिनांक 24 अक्टूबर 2017 को एक परिपत्र जारी किया है? (ग) यदि हाँ, तो गरीबी रेखा के राशन कार्ड धारियों के पास आधार कार्ड नहीं होने के आधार पर प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परिपत्र के अनुसार भोपाल सहित प्रदेश की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से गरीबों को राशन वितरित नहीं करने को लेकर शासन द्वारा कार्यवाही की गई अथवा करेगा? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रदेश में आधार नंबर के अभाव में किसी भी पात्र हितग्राही को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभ से वंचित नहीं किया जा रहा है। (ग) प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण व्यवस्था लागू की गई है किन्तु किसी हितग्राही के सत्यापन विफल होने पर उन्हें वितरण पंजी के माध्यम से राशन का वितरण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आत्महत्या के प्रकरण एवं बाल आयोग की अनुशंसाओं की जानकारी
[गृह]
128. ( क्र. 5142 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले में आत्महत्या किए जाने के मामले उजागर हुए हैं? यदि हाँ, तो जनवरी 2016 से दिसम्बर 2017 तक आत्महत्या के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आत्महत्याओं के क्या-क्या कारण रहे तथा सरकार द्वारा आत्महत्या रोकने हेतु क्या नीति/योजना बनाई गई है? (ग) क्या मध्यप्रदेश बाल आयोग द्वारा जनवरी 2015 से दिसम्बर 2017 तक बच्चों की सुरक्षा के लिये अनुशंसाएं की गई हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन सी अनुशंसाओं को लागू किया गया और कौन-कौन सी अनुशंसाएं किन-किन कारणों से लागू नहीं की गई? वे कब तक लागू की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
आवासीय पट्टों का वितरण
[राजस्व]
129. ( क्र. 5158 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा चलाई जा रही आवासीय पट्टों की वर्तमान कौन सी योजना है? नियमों सहित जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं जो वर्षों से निवास करने के बाद भी उन्हें आवासीय पट्टे शासन द्वारा नहीं दिए गए हैं? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की तहसील शामगढ़ की ग्राम पंचायत बरखेड़ा उदा के ग्राम तीन टापरी एवं तहसील सुवासरा की ग्राम पंचायत बर्डिया गुर्जर के ग्राम बावड़ीखेडा की आबादी में कितने वर्षों से व्यक्ति यहां निवास कर रहे हैं? (घ) वर्षों से निवासरत उपरोक्त व्यक्तियों को प्रश्न दिनांक तक पट्टे क्यों नहीं दिये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व विभाग द्वारा वर्तमान में आवासीय पट्टे निम्न अधिनियमों के तहत प्रदत्त किये जाते हैं:- (1) म.प्र. वासस्थान दखलकार (भूमि स्वामी अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1980। (2) म.प्र. ग्रामों में की दखल रहित भूमि (विशेष उपबंध) अधिनियम 1970। (ख) समय समय पर नियमानुसार पट्टे दिये गये हैं। छूटे हुये पात्र परिवारों को पट्टा देने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) तहसील शामगढ़ की ग्राम पंचायत बरखेड़ा उदा के ग्राम माकड़ीचामुण्डा के मजरा तीन टापरी में निवासरत लोग पिछले 40 वर्षों से निवास कर रहे हैं। इनके लिये 1994 से आबादी भूमि घोषित की गई। पंचायत ले-आउट स्वीकृत कर पट्टे बांट सकती है। तहसील सुवासरा की ग्राम पंचायत बर्डिया गुर्जर के ग्राम बावड़ीखेड़ा की राजस्व रिकार्ड अनुसार आबादी में वर्ष 1959 के पूर्व से व्यक्ति निवास कर रहे हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
130. ( क्र. 5161 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव पर्यावरण विभाग एवं अध्यक्ष म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड म.प्र. शासन भोपाल को अपने पत्र क्रमांक 325, 327, 328, 332 दिनांक 29/12/2017 एवं पत्र क्रमांक 02 दिनांक 06/01/2018 तथा पत्र क्रमांक 01 दिनांक 06/01/2018 को मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को प्रेषित करते हुए जानकारी चाही गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर संबंधीजनों के विरुद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? की गई जाँच का बिन्दुवार विवरण देवें। (ग) क्या पत्र क्रमांक 02 दिनांक 06/01/2018 के द्वारा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल में सदस्य सचिव के रूप में पदस्थ ए.ए. मिश्रा की नियुक्ति एवं पदोन्नति तथा इनके द्वारा किये गए पद के दुरूपयोग की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो इनके विरुद्ध की गई जाँच का विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) प्राप्त पत्रों में उल्लेखित बिंदुओं की जाँच संबंधी कार्यवाही प्रचलित है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पात्र उपभोक्ताओं को राशन सामग्री का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
131. ( क्र. 5167 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कम्प्यूटराईजेशन किया गया है और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के परिवारों को प्राथमिकता परिवारों में दर्ज कराने का अभियान संचालित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दुकानवार कितने परिवारों को पात्रता पर्ची प्राप्त है एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के कितने परिवारों को अभियान के तहत किन-किन राशन दुकानों से प्राथमिकता/पात्रता परिवार में कब-कब सम्मिलित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या कई राशन दुकानों की सूची में पिछड़ा वर्ग के कई परिवार अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के अंतर्गत पात्र दर्शाये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्या सक्षम अधिकारी ऐसा न होना सत्यापित करेंगे? (घ) दिनांक 01/01/2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने परिवारों को पात्रता पर्ची प्रदान की गई तथा कितने परिवारों की पात्रता पर्ची किन कारणों से निरस्त की गई? क्या कई अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के परिवारों की पात्रता जाति सत्यापन न होने से निरस्त की गई? यदि हाँ, तो जाति सत्यापन किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जानी थी एवं जाति सत्यापन कार्य न करने का कारण बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में अपात्र किये गये परिवारों के मान से पात्र परिवारों की संख्या क्यों कम है और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के परिवारों को नियमानुसार प्राथमिकता/पात्र परिवारों की सूची में क्यों दर्ज नहीं किया गया? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? इस पर क्या कार्यवाही, कब तक की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) मुडवारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दुकानवार जारी पात्रता पर्ची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत माह मई, 2014 से जुलाई, 2014 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सम्मिलित किए गए परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कटनी जिले में 01 जनवरी, 2017 से 4,494 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की गई। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होने के कारण परिवारों का विलोपन एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसके तहत जिले में 4,695 परिवारों को विलोपित किया गया है। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के परिवारों की पात्रता पर्ची जाति सत्यापन न होने के कारण निरस्त नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) माह नवम्बर, 2017 तक सत्यापित समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों को जोड़ना तथा प्रश्नांश (घ) के उत्तर अनुसार पात्रता में परिवर्तन होने से नाम विलोपन पृथक-पृथक प्रक्रिया होने से अंतर होना स्वाभाविक है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर परीक्षण उपरांत पोर्टल पर स्थानीय निकाय द्वारा नियमित रूप से सत्यापन किया जा रहा है। अपात्र परिवारों का विलोपन एवं पात्र परिवारों को जोड़ना एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्न दिनांक स्थिति में अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदन करने वाले एवं सत्यापित कोई भी परिवार पात्रता पर्ची जारी किए जाने हेतु शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी नगर के राजस्व सर्किल का पुन: निर्धारण
[राजस्व]
132. ( क्र. 5168 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर (भू-अभिलेख) कटनी द्वारा जारी पत्र क्रमांक-721/भू-अभि./2017 दिनांक 14/06/2017 किस विषय/संबंध में है और संबंधित शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब, क्या प्रतिवेदन एवं अभिमत दिये गये तथा प्रतिवेदन एवं अभिमत निर्देशित समय-सीमा में प्रस्तुत न करने का कारण बतायें। साथ ही दिये गये प्रतिवेदनों/अभिमतों पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ख) प्रश्नांश (क) की कार्यवाही क्या नवीन पटवारी हल्का नं. 44 को रा.नि.मं. पहाडी से प्रथक कर पूर्ववत रा.नि.मं. मुडवारा-01 में किये जाने के संबंध में है और प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1429 दिनांक 29/11/2017 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर क्या था? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत जब कार्यालय कलेक्टकर (भू-अभिलेख) जिला कटनी से उपरोक्त कार्यवाही प्रचलन में थी तो विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1429 का उपरोक्त उत्तर किस आधार पर दिया गया? स्पष्ट करें और इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या नवीन पटवारी हल्का नं. 44 को रा.नि.मं. पहाडी से प्रथक कर पूर्ववत् रा.नि.मं. मुडवारा-01 में जोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख के पत्र क्रमांक 721 कोषालय अधिकारी कटनी को जिन कर्मचारियों का वेतन आहरित नहीं किया गया था, उस संबंध में है। कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख के पत्र क्रमांक 722 का संबंध रा.नि.मं. पहाडी के ग्राम टिकुरी टिकरिया को रा.नि.मं. मुडवारा-1 में सम्मिलित करने से संबंधित है। उक्त पत्र के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटनी से नवीन पटवारी हल्का नं. 44 को रा.नि.मं. मुडवारा-01 में सम्मिलित करने के संबंध अभिमत/प्रतिवेदन चाहा गया था। उक्त पत्र के प्रत्युत्तर में तहसीलदार कटनी के पत्र क्रमांक 627 दिनांक 29-08-17 द्वारा प.ह.नं. 44 पडरवारा को मुडवारा-1 में सम्मिलित करने बाबत् अभिमत प्रस्तुत किया गया था। चूंकि जिले में अन्य तहसीलों से भी रा.नि.मं. के सीमाओं में परिवर्तन करने के संबंध में मांग की जा रही थी। उक्त मांगों के अनुरूप रा.नि.मं. का गठन व्यवहारिक दृष्टि से संभव नहीं होने से राजस्व निरीक्षक मंडल पहाड़ी एवं मुड़वारा-1 की सीमाओं में परिवर्तन नहीं किया गया है। तदानुसार कार्यालयीन पत्र क्रमांक 590 दिनांक 12.05.17 के द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को सूचित किया गया था। (ख) जी हाँ। नवीन प.ह.नं. 44 को पहाडी से पृथक करने के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्र.क्र. 1429 दिनांक 19.11.17 में दिया गया प्रश्नांश (ग) का उत्तर निम्नानुसार है-"प्रश्नांश (ख) के संबंध में कटनी नगर में प्रचलित हल्काबंदी के अनुसार उल्लिखित वार्ड व ग्राम रा.नि.मं. पहाडी व नायब तहसीलदार कार्यालय पहाडी से संबद्ध है। इन वार्डों व ग्रामों को अन्य सर्किल में सम्मिलित किये जाने का प्रस्ताव नहीं है। अत: स्वीकृत हेतु समय-सीमा का प्रश्न ही नहीं है।" (ग) प्रश्नांश (ख) विधानसभा प्रश्न 1429 के उत्तर दिये जाने के दौरान रा.नि.मं. पहाडी के प.ह.नं. 44 को पृथक कर रा.नि.मं. मुडवारा-1 में सम्मिलित किये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलित नहीं थी। अत: इस संबंध में कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिले की अन्य तहसीलों से भी रा.नि.मं. की सीमाओं में परिवर्तन की मांग की जा रही है। जिसकी पूर्ति किया जाना संभव नहीं है। अत: नवीन प.ह.नं. 44 को रा.नि.मं. पहाडी से पृथक कर रा.नि.मं. मुडवारा-1 में जोड़े जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला परिवहन अधिकारियों द्वारा बी.एस.थ्री यात्री वाहनों का पंजीयन
[परिवहन]
133. ( क्र.
5173 ) श्री
कैलाश चावला : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
1
अप्रैल 2017 से 31
दिसम्बर 2017 तक उज्जैन
संभाग के विभिन्न
जिला परिवहन
अधिकारियों
के कार्यालय
से कितने
बी.एस.थ्री
यात्री
वाहनों का
पंजीयन विक्रय
दिनांक से एक
माह से अधिक
अवधि के पश्चात्
किया गया? निम्न
बिन्दुओं पर
जानकारी
प्रदान करें - वाहन
का पंजीयन
क्रमांक, क्रय करने
की तारीख, अस्थाई
पंजीयन की
तारीख, आर.टी.ओ.
द्वारा
नियमित
पंजीयन की
तारीख, वाहन बीमा
तारीख, बीमा राशि
जमा करने की दिनांक।
(ख) उक्त
वाहन कितने
सीटर थे व उन
पर कितना शुल्क
पेनाल्टी
यान-कर आदि
वसूल किए
गए। (ग) क्या
नियमानुसार
पेनाल्टी
यानकर अनुबंध
शुल्क कन्वर्जन शुल्क
वसूल न किया
जाकर केवल पाँच
सौ रुपए विलंब
शुल्क लेकर
चरण एक में
उल्लेखित
वाहनों का
पंजीयन कर
दिया गया? (घ) यदि
हाँ, तो
उज्जैन
संभाग के विभिन्न
जिलो में की
गई उक्त
कार्यवाही से
कितनी राजस्व
की हानि हुई? जिलेवार
हानि बतावें।
गृह
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांकित
अवधि में
उज्जैन संभाग
के विभिन्न परिवहन
कार्यालयों
के अंतर्गत
कुल 42
वाहनों में
बी.एस.थ्री
यात्री
वाहनों का
पंजीयन
विक्रय दिनांक
से एक माह से
अधिक अवधि के
पश्चात् किया
गया। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं प्रश्नांश
(क) के
उत्तर में
पत्रक में संलग्न परिशिष्ट अनुसार
दर्शाये गये
यात्री
वाहनों में
नियमानुसार फीस
व यानकर की
राशि वसूल की
गई है। (घ) उज्जैन
संभाग में
उक्त वाहनों
के पंजीयन से
राजस्व की कोई
हानि नहीं हुई
है।
परिवहन विभाग मुरैना द्वारा की गई कार्यवाही
[परिवहन]
134. ( क्र. 5182 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना परिवहन विभाग में वर्तमान में कितने पद स्वीकृत हैं और कितने पद रिक्त हैं? क्या विभाग उक्त रिक्त पदों को भरने के लिये कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यो? (ख) परिवहन विभाग मुरैना पर दिनांक 3/2/2018 को मुरैना जिलाधीश द्वारा क्या कार्यवाही की गई थी? कि उक्त कार्यालय पर बाबुओं के स्थान पर प्रायवेट व्यक्तियों द्वारा संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उन लोगों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) परिवहन विभाग मुरैना में जिलाधीश द्वारा की गई कार्यवाही पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या परिवहन विभाग मुरैना में प्रायवेट लोगों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उक्त लोगों पर क्या कार्यवाही की गई है? नाम सहित स्पष्ट करेंगे। यदि नहीं, तो क्यों? क्या विभाग दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मुरैना में सभी संवर्गों के कुल 20 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 10 पद रिक्त हैं। रिक्त सीधी भर्ती वाले पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलित है तथा पदोन्नति पर आरक्षण के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण विचारधीन होने के कारण पदोन्नति वाले पद रिक्त है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जावेगी। अतः पदो को भरने के संबंध में समय बताया जाना संभव नहीं है। (ख) कलेक्टर मुरैना द्वारा दिनांक 03.02.18 को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मुरैना का आकास्मिक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान पाये गये प्रायवेट व्यक्ति श्री शकील खान, श्री सर्वेश भदौरिया एवं श्री राहूल सिकरवार को पकड़कर पुलिस को सुपूर्द कर दिया गया था, किन्तु पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करते हुये इन्हें छोड़ दिया गया। (ग) जिलाधीश द्वारा अनुपस्थित कर्मचारियों का 03 दिवस का वेतन काटा गया है, जिसकी प्रविष्टि सेवा-पुस्तिका में करने हेतु जिला परिवहन अधिकारी मुरैना को निर्देशित कर दिया गया है। (घ) प्रायवेट व्यक्तियों के विरूद्ध प्रश्नांश (ख) अनुसार पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अनुपस्थित कर्मचारियों का 03 दिवस का वेतन काटने के आदेश दिये जा चुके हैं।
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग के कार्य
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
135. ( क्र. 5186 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विभाग की कितनी योजनायें वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक संचालित हैं? योजनावार हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी तथा दिए गए लाभ की जानकारी वर्षवार देवें। (ख) विभाग द्वारा कितनी समितियां जिले में संचालित की जा रही हैं? प्रत्येक समिति की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। साथ ही यह भी बतायें कि समितियों को विभाग द्वारा बांधों में पट्टे देने का क्या प्रावधान है? (ग) विभाग द्वारा पट्टों का वितरण बैतूल जिले में किन बिन्दुओं को ध्यान में रखकर किया गया? बिन्दुओं की जानकारी देवें। (घ) क्या एक व्यक्ति एक से अधिक समितियों का सदस्य हो सकता है? यदि ऐसा हुआ है, तो इसमें कौन दोषी है? दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) 63 समितियां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। मत्स्य पालन नीति 2008 के अनुसार बांधों को पट्टे पर देने के लिये समितियों को प्रथम प्रथामिकता है। (ग) मत्स्य पालन नीति 2008 के बिन्दुओ के आधार पर पट्टों का आवंटन किया जाता है। (घ) जी हाँ। यदि समितियों का उद्देश्य अलग-अलग हो तो विभाग में इस प्रकार की जानकारी प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी।
मत्स्य पालन ठेका एवं मत्स्य बीज की जानकारी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
136. ( क्र. 5188 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर जलाशय में मत्स्य बीज वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 में किन-किन ठेकेदारों को मत्स्य पालन का ठेका दिया गया है? (ख) क्या इन जलाशयों में मत्स्य बीज डालने हेतु मत्स्य बीज वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक प्रतिवर्ष किन-किन ठेकेदारों द्वारा किस-किस प्रान्त से कितनी मात्रा में प्रतिवर्ष मत्स्य बीज खरीदा गया है? (ग) मत्स्य बीज का परिवहन किन-किन वाहनों से किया गया है? उन वाहनों के नम्बर तथा इन वाहनों द्वारा जिस स्थान से बीज का परिवहन किया है वहां से बीज डाले जाने वाले स्थान तक की टोल टैक्स रसीदें उपलब्ध करावें। जहां से बीज भरा गया है वहां की रसीद एवं जहां बीज डाला गया वहां की भी रसीद उपलब्ध करावें। (घ) क्या इंदिरा सागर जलाशय व ओंकारेश्वर जलाशय में मत्स्य बीज डाला गया, इसकी वाहन सहित वीडियोग्राफी एवं बीज डालने की फोटोग्राफी की प्रति उपलब्ध करावें। (ड.) क्या मत्स्य बीज डालते समय जनप्रतिनिधियों को बुलाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक मत्स्य बीज, जलाशयों में डालते समय किन-किन जनप्रतिनिधियों को उपस्थित रहने की सूचना दी है? यदि सूचना नहीं दी गई तो उसका क्या कारण है? मत्स्य बीज डालते समय कौन जनप्रतनिधि उपस्थित रहे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन जलाशयों को मत्स्य पालन ठेके पर नहीं दिया जाता है। अपितु आखेटित मछली के विक्रय हेतु ई-टेण्डर से अनुबंध निष्पादित किया जाता है। मत्स्य विक्रय अनुबंध ग्राहिताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) अनुबंधानुसार अनुबंध ग्राहिता को लक्ष्यानुसार मत्स्य बीज संचयन करना होता है। मत्स्यबीज क्रय के संबंध में अभिलेखों के संधारण का प्रावधान नहीं है। (ग) अनुबंधन में प्रावधान न होने से जानकारी संधारित नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। विडियोग्राफी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। फोटोग्राफी का प्रावधान नहीं। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनोपज पर समाज के अधिकारों से संबंधित नियम
[राजस्व]
137. ( क्र. 5190 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में दिये प्रावधानों के अनुसार वनोपज एवं लघु वनोपज से संबंधित शासन ने नियम राजपत्र में अधिसूचित किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस वनोपज एवं किस-किस लघुवनोपज से संबंधित भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को नियम अधिसूचित किये, उनमें किस दिनांक को संशोधन अधिसूचित किया वर्तमान में क्या नियम प्रचलित है? (ग) किस-किस वनोपज एवं किस-किस लघु वनोपज पर संविधान की 11वीं अनुसूची, पेशा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में पंचायती राज व्यवस्था को क्या-क्या अधिकार सौंपे गये हैं? उन अधिकारों के संबंध में शासन ने किस दिनांक को पत्र, परिपत्र, आदेश, निर्देश जारी किये? प्रति सहित बतावें। यदि जारी नहीं किए हो तो कारण सहित कब तक जारी किये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 240 जो कतिपय वृक्षों के काटे जाने का प्रतिषेध से संबंधित है, के तहत ''वनोपज नियम'' अधिसूचित है। ''वनोपज नियम'' के नियम-5 में वनोपज लाख, हर्रा, रूसातेल, गोंद इमारती लकड़ी तथा वाणिज्यिक मूल्य की अन्य पैदावार (वन) जिन पर उपयोग के अधिकार नहीं दिये गये हैं, का विवरण है। वन की उपज को गिराने, हटाने, प्रबन्ध नियंत्रण को विनियमित करने संबंधी नियम अधिसूचना क्रमांक 5262-3472-सात-ना नियम दिनांक 28 सितम्बर 1964 तथा अधिसूचना क्रमांक 618-6074-सात-ना-1, दिनांक 10 जनवरी 1966 (वनोपज नियम) द्वारा राजपत्र में अधिसूचित किये गये है। जिसमें राजपत्र दिनांक 27 मई 1966 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक 618-6074-सात-ना-1, दिनांक 10 जनवरी 1966 द्वारा शब्द ''तेन्दू पत्ते'' कम करने बाबत् संशोधन किया गया है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवास निर्माण की स्वीकृति
[गृह]
138. ( क्र. 5194 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2629 दिनांक 06 मार्च 2017 के उत्तर अनुसार मुख्यमंत्री आवास योजना की डी.पी.आर. में राजगढ़ जिले के पुलिस थाना ब्यावरा एवं सुठालिया में आवास निर्माण कार्य सम्मिलित है? यदि हाँ, तो पुलिस थाना ब्यावरा एवं सुठालिया में कितने आवासों का निर्माण किया जाना कब तक प्रस्तावित है तथा क्या उक्त थानों में आवास के अतिरिक्त अन्य निर्माण कार्य भी सम्मिलित है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पुलिस थाना ब्यावरा एवं सुठालिया में आवास निर्माण कार्य को स्थगित कर जिले के किसी अन्य थाने में उक्त स्वीकृत आवास निर्माण कराये जाने की कोई कार्यवाही विभाग द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही का आधार स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन पुलिस थाना ब्यावरा एवं सुठालिया में डी.पी.आर. अनुसार आवास निर्माण तथा पुलिस थाना ब्यावरा परिसर में सी.सी.करण तथा पुलिस थाना सुठालिया परिसर की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। राजगढ़ जिले के लिये द्वितीय चरण वर्ष 2018-19 में 68 आवास गृह एवं 208 आवास गृह पाँचवे चरण में निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में जिला मुख्यालय में ही आवास निर्माण कार्य किया जा रहा है। जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
139. ( क्र. 5195 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा तहसील स्तर पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा दिनांक 31 जनवरी 2017 के परिपालन में टप्पा सुठालिया को नवीन तहसील बनाया गया है तथा तहसील सुठालिया के अंतर्गत आने वाले 131 ग्रामों एवं नगर सुठालिया सहित पड़ोसी नगर मधुसूदनगढ़ तक के छात्र-छात्राओं को कौशल प्रशिक्षण हेतु ब्यावरा नगर स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पर निर्भर होना पड़ता है, लेकिन संकायवार रिक्तियों की संख्या समिति होने से सुठालिया क्षेत्र के बच्चों को कौशल प्रशिक्षण के लाभ से निरंतर वंचित होना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन ग्रामीण क्षेत्र के निर्धन परिवार के छात्र-छात्राओं को उनकी तहसील में ही कौशल प्रशिक्षण प्राप्त हो सके, इस हेतु सुठालिया नगर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) से (ग) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। सुठालिया नगर विकासखण्ड ब्यावरा के तहत आता है। ब्यावरा में पूर्व से ही शासकीय आई.टी.आई. ब्यावरा संचालित है। अतएव सुठालिया नगर में पृथक से आई.टी.आई. खोलने की विभाग की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही
[गृह]
140. ( क्र. 5205 ) डॉ. मोहन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) १ जनवरी २०१८ से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिलों के पुलिस थानों में शासकीय, अर्द्धशासकीय संस्थाओं से एफ.आई.आर. करने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों पर एफ.आई.आर. करवा दी गई है? तहसीलवार, पुलिस थानों वार जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार गंभीर अपराध कारित करने एवं शासकीय एवं अर्द्धशासकीय संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के पालन में एफ.आई.आर. हेतु दिये गये आवेदन पर भी प्रकरण पंजीबद्ध नहीं करने के क्या कारण है? कब तक प्रकरण पंजीबद्ध कर लिये जावेंगे? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी द्वारा संपूर्ण जाँच किए जाने के उपरान्त दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज किये जाने के आदेश देने के बाद भी थाना प्रभारी द्वारा पुन: जाँच कर आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) के जवाब के प्रकाश में आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में कुल 25 आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं, जिनमें 04 आवेदन पत्रों पर जाँच के बाद एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। प्रकरण थाना चिमनगंज, थान उन्हेंल, थाना खाचरोद तथा थाना देवास गेट में दर्ज किये गये हैं। (ख) आवेदन पत्रों की जाँच में संज्ञेय अपराध के घटित होने संबंधी तथ्य पाये जाने पर जाँच उपरान्त एफ.आई.आर. दर्ज की जाती है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित विवरण अनुसार प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर विवेचना की जा रही है।
रिपोर्ट पर कार्यवाही नहीं करने की शिकायत की जाँच
[गृह]
141. ( क्र. 5207 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर के कालापीपल थाना अंर्तगत ग्राम खोकराकलां के निवासी नटवरलाल लेवे द्वारा रिपोर्ट पर कार्यवाही नहीं करने की शिकायत दिनांक 27.11.2017 को गृह मंत्री महोदय को की गई थी? यदि हाँ, तो क्या उसकी जाँच करायी गयी? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायत क्या सही पायी गयी? यदि हाँ, तो जानबूझ कर प्रकरण पंजीबद्ध करने में विलम्ब क्यों किया गया? क्या दोषी पुलिस अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नटवरलाल लेवे निवासी ग्राम खोकराकलां थाना कालापीपल जिला शाजापुर द्वारा रिपोर्ट पर कार्यवाही नहीं करने की शिकायत दिनांक 04.11.2017 को दी गयी थी। आवेदन की जाँच अनुविभागीय अधिकारी शुजालपुर जिला शाजापुर से कराई गयी थी। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवेदक नटवरलाल लेवे द्वारा एक्स-रे परीक्षण समय पर नहीं करवाया गया था। इस कारण एक्स-रे परीक्षण में विलम्ब हुआ। मेडीकल परीक्षण उपरान्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई पुलिस अधिकारी दोषी नहीं।
पेय-जल की समस्या
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
142. ( क्र. 5209 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के गांवों में वर्तमान में सूखे के कारण पेय-जल की विकराल समस्या पैदा हो गयी है? पेय-जल की समस्या को देखते हुए विभाग ने गांववार क्या योजना बनायी है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गांवों में से अभी तक किन-किन गांव में हैण्डपम्प हेतु बोर उत्खनन का कार्य कर लिया है तथा शेष में कब तक कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में क्या उल्लेखित गांवों में से कई गांव में हैण्डपम्प में वॉटर लेवल कम हो जाने के कारण पानी आना बन्द हो गया है? क्या हैण्डपम्पों के स्थान पर सिंगल फेस विद्युत पम्प लगाये जावेंगे? यदि हाँ, तो किन-किन गांवों को चिन्हित किया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। आगामी पेय-जल संकट की संभावना को दृष्टिगत रखते हुये जिले की आकस्मिक कार्य योजना लागत रूपये 250.88 लाख की राहत आयुक्त को स्वीकृति हेतु भेजी गई है जिसमें कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के 57 चिन्हांकित ग्राम सम्मिलित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 8 ग्रामों में, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
अपराधी को संरक्षण
[गृह]
143. ( क्र. 5211 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला टीकमगढ़ के ओरछा स्थित रामराजा मंदिर के प्रबंधन में कार्यरत श्री मुन्नालाल तिवारी लोक सेवक को नियम विरूद्ध अनियमितताएं तथा भ्रष्टाचार इत्यादि करने की शिकायत पर प्रथम दृष्ट्या दोषी पाया गया था और उसके विरूद्ध अमानत में खयानत जैसी गैर जमानती धाराओं में पुलिस प्रकरण दर्ज किया गया था? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति एफ.आई.आर. और दिये गये दण्ड आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो मुन्नालाल तिवारी के विरूद्ध क्या-क्या मामले अनुशासनिक कार्यवाही के प्रचलित है? (ख) क्या श्री मुन्नालाल तिवारी को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो जिले के कलेक्टर, एस.डी.एम. और तहसीलदार के द्वारा शिकायतें प्राप्त होने के बावजूद श्री मुन्नालाल तिवारी के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ग) क्या श्री मुन्नालाल तिवारी यथावत मंदिर प्रशासन के कार्यों में दखल दे रहा है और सांठगांठ के चलते अपनी चलित जाँच को भी प्रभावित कर रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? यदि नहीं, तो, आरोपी के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जा सकी है? (घ) क्या विभाग मुन्नालाल तिवारी के सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच कर उसके खिलाफ कार्यवाही के निर्देश जारी करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रथम सूचना प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष दस्तावेज प्रकरण के अनुसंधान में होने के कारण दिया जाना न्यायसंगत नहीं होगा। आरोपी लोक सेवक नहीं है। (ख) जी नहीं। आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना की जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध प्रकरण में विधि अनुरूप कार्यवाही की जा रही है, अतः पृथक से निर्देश जारी किए जाने की आवश्यकता नहीं है।
लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
144. ( क्र. 5213 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों ने नामांतरण, सीमांकन, आपसी बंटवारा, फौती उठाने, बटांक के कितने आवेदन दिए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं किन-किन प्रकरणों का प्रश्न दिनांक तक निराकरण क्यों नहीं हो सका? सूची सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदनों के निराकरण के संबंध में शासन के क्या दिशा-निर्देश एवं समय-सीमा निर्धारित है? प्रश्नांश (क) एवं (ख) में समय-सीमा के अंदर निराकरण न होने के क्या कारण हैं? इसका दोषी कौन है? क्या शासन प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नामांतरण, सीमांकन, आपसी बंटवारा, फौती उठाने, बटांक के लंबित प्रकरणों की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण के 12928, बंटवारा-3078, सीमांकन के 2864 आवेदन प्राप्त हुए हैं। बंटाकन के पृथक से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। (ख) प्राप्त आवेदनों के निराकरण एवं शेष होने की स्थिति निम्नानुसार है -
निराकृत शेष
नामान्तरण 12104 824
बंटवारा 2699
379
सीमांकन 2618 246
शेष प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 3 के तहत- अविवादित नामांतरण-30 दिवस, अविवादित बंटवारा-30 दिवस, सीमांकन-30 दिवस में निराकरण करने का प्रावधान है। शेष न्यायालीन प्रकरणों का निराकरण विधि अनुसार किया जाता है। समय-सीमा निर्धारित नहीं है। संबंधित प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखाग्रस्त तहसीलों की जानकारी
[राजस्व]
145. ( क्र. 5216 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में विगत तीन वर्षों में किन-किन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में केन्द्र एवं राज्य सरकार से कितनी सहायता राशि प्राप्त हुई तथा सूखाग्रस्त तहसीलों में कौन-कौन से राहत कार्य प्रारंभ किये गये? कितने प्रभावित किसानों को कितनी राहत/मुआवजा राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन पटवारी हल्का में कितने किसानों को म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 146 के अधीन फार्म अथवा मांग पत्र तहसीलदार, पुष्पराजगढ़ द्वारा जारी किये गये ग्रामवार, पटवारी हल्कावार कृषक संख्यावार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कुछ ऐसे भी प्रकरण हुये हैं, जिसमें किसानों को दुबारा सूखा राहत/मुआवजा की राशि उनके खाते में पहुंच गई है? जिससे उनके खाते होल्ड में डाल दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब तक किसानों के खाते से होल्ड हटाकर के संबंधित अधिकारी/कर्मचारी जिसकी गल्ती के कारण खाते होल्ड में गये हैं, उनके विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अनूपपुर जिले में विगत तीन वर्षों की अवधि में मात्र वर्ष 2015-16 में तहसील अनूपपुर/कोतमा/जैतहरी एवं पुष्पराजगढ़ को सूखाग्रस्त घोषित किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में मात्र राज्य सरकार से सूखा राहत राशि वितरण हेतु रूपये 74, 51, 95, 000/- का आवंटन प्रदाय किया गया तथा सूखाग्रस्त तहसीलों में मनरेगा के अन्तर्गत 100 दिन रोजगार दिवस के स्थान पर 150 दिन का रोजगार प्रदाय किया गया। प्रभावित कृषकों को राहत/मुआवजा राशि के वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में तहसील पुष्पराजगढ़ के 597 कृषकों को दोहरा भुगतान हो जाने के कारण तहसीलदार पुष्पराजगढ़ द्वारा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 146 के अधीन मांग पत्र जारी किया गया, जिसकी ग्रामवार/पटवारी हल्कावार/कृषक संख्यावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। दोहरे भुगतान की राशि वापस प्राप्त होने पर कृषकों के खातों से होल्ड हटवा दिए जावेंगे। दोहरे भुगतान हेतु उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने की कार्यवाही की जा चुकी है
नल-जल योजना एवं हैण्डपंपों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
146. ( क्र. 5217 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी नल-जल योजनायें कहाँ-कहाँ पर स्थापित की गई हैं? उनमें से कितनी योजनायें पूर्ण रूप से और कितनी आंशिक रूप से बंद हैं और इसके क्या कारण हैं? (ख) उक्त विधानसभा क्षेत्र में कितनी बसाहट में पानी के लिये कितने हैंडपंप हैं? कितने हैंडपंप में पानी का स्तर कम होने से स्थाई तौर पर बंद हैं? कितने गांव/बसाहट हैंडपंप विहीन हैं? उनके नाम भी बतायें और वहां पर पेय-जल की विभाग ने क्या व्यवस्थायें की हैं? (ग) विभाग द्वारा पूर्ण की गई कितनी नल-जल योजनायें ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की गई हैं? ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित कितनी योजनायें पूर्ण और आंशिक रूप से बंद हैं? वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक सिविल और मैकेनिकल डिवीजन में कितनी राशि, किन-किन कार्यों पर व्यय की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 1295 बसाहटों में 3464 हैण्डपंप स्थापित हैं। एक भी नहीं। एक ग्राम रमना सरकारी, विभाग द्वारा निर्मित डगवेल से पेय-जल प्राप्त करते हैं। (ग) 65 नल-जल योजनाएं पूर्ण एवं हस्तांतरित। 13 योजनाएं पूर्ण रूप से बंद हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
147. ( क्र. 5220 ) सुश्री मीना सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कुल कितने परिवार पात्रता रखते हैं? उसमें से कितने परिवारों को लाभ प्राप्त हो रहा है तथा कितने परिवार इस लाभ से वंचित हैं? विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों व अन्य व्यक्तियों की खाद्यान्न पर्ची बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो कारण बताये और कब तक खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी जायेगी। (ग) उक्त अवधि में उक्त विधानसभा क्षेत्र में बी.पी.एल. हेतु पात्र लोगों ने जो आवेदन तहसीलदार के माध्यम से दिया है, पात्रतानुसार उनके नाम बी.पी.एल की सूची में जोड़ते हुये उनके कार्ड कब तक जारी कर दिये जायेंगे। यदि नहीं, तो कारण बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 75, 390 परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण कर लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही योजना का लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत इस सीमा से अधिक आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील मानपुर एवं पाली में बी.पी.एल. हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों पर जाँच उपरांत पात्र व्यक्तियों का नाम बी.पी.एल. सूची में जोड़ दिए गए हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत उमरिया जिले में बी.पी.एल. व्यक्तियों सहित 2253 परिवार को 2017-18 में पात्रता पर्ची जारी की गई है।
समूह पेय-जल योजना प्रारंभ की जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
148. ( क्र. 5221 ) सुश्री मीना सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला उमरिया के विधानसभा क्षेत्र नागपुर मानपुर में समूह पेय-जल योजना अंतर्गत इंदवार पेय-जल योजना, लगभग रू. 300 करोड़ लागत से सोन नदी से 200 गांव को पेय-जल उपलब्ध कराये जाने हेतु योजना प्रारंभ की गई थी? यदि हाँ, तो योजना की तकनीकी स्वीकृति, प्रशासनिक स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें कि कार्य की निविदायें कब तक आमंत्रित कर दी जायेंगी? साथ ही योजना से लाभान्वित होने वाले गांव की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्षवार पेय-जल योजना में कराये गये कार्यों की सूची दें। किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) उक्त योजना में भारत सरकार/ मध्यप्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार ही राशि व्यय की गई है? पेय-जल योजना की कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुये उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिवहन/यातायात व्यवस्था की जानकारी
[परिवहन]
149. ( क्र. 5234 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक परिवहन विभाग बालाघाट द्वारा बालाघाट शहर की परिवहन/यातायात व्यवस्थाओं को लेकर कब-कब बैठक आयोजित की गई तथा शहर के गणमान्य नागरिकों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ किस-किस प्रस्ताव पर अमल किया गया? (ख) बालाघाट शहर स्थित बस स्टैण्ड यातायात/परिवहन व्यवस्था किन नियमों के अंतर्गत संचालित की जा रही है तथा बालाघाट शहर में किस-किस मार्ग पर कब-कब तक भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है तथा बालाघाट शहर में भारी वाहनों की पार्किंग के लिए कौन-कौन से स्थान चिन्हित हैं? (ग) बालाघाट शहर की शालाओं के लगने एवं समय परिवहन विभाग द्वारा भारी वाहनों एवं चार पहिया वाहनों के लिए कौन-कौन से नियम का पालन करवाकर हो रही घटनाओं को रोकने का क्या प्रयास किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट शहर की परिवहन/यातायात व्यवस्था हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा से जुड़े हुये संबंधित विभाग के स्थानीय नागरिकों तथा प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें आयोजित की गईं। बैठकों के संबंध में कृत कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बालाघाट शहर में स्थित बस स्टैण्ड शहर के मध्य में स्थित है, यातायात के दबाव को देखते हुये जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिये गए निर्णय अनुसार बसों का संचालन किया जाता है। बालाघाट शहर में सिविल लाईन रोड़ अम्बेडकर चौक से काली पुतली चौक व अवंती बाई चौक तक काली पुतली चौक से हनुमान चौक तक भारी वाहनों के प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। भारी वाहनों की पार्किंग व्यवस्था वाहन स्वामी द्वारा उनके स्वयं के स्थानों पर की जाती है तथा बसों की पार्किंग व्यवस्था हेतु पुराना बस डिपो, ट्रामा सेंटर के पीछे मैदान में पार्किंग की गई है। (ग) बालाघाट शहर के स्कूल एवं कॉलेज लगने एवं छूटने के समय यातायात व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रखने के प्रवेश सीमा पर नो एण्ट्री पॉइण्ट, गर्रा नाका, भटेरा नाका, बैहर बायपास (देवटोला) सरेखा नाका आदि पर 7.00 से 9.00, 11.00 से 13.00 व 16.00 से 18.00 बजे में एक-एक यातायात कर्मचारी लगाकर शहर के अंदर एवं शहर के बाहर भारी वाहनों के आने जाने पर प्रवेश निषेध है तथा थाना यातायात में उपलब्ध शासकीय वाहनों से लगातार पेट्रोलिंग कर यातायात व्यवस्था बनाई जाती है। नियम विरूद्ध संचालित वाहन चालकों के विरूद्ध निरंतर चालानी कार्यवाही की जा रही है।
लीज पर भूमि आवंटन की जानकारी
[राजस्व]
150. ( क्र. 5241 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3189 दिनांक 30.07.2015 के (क) व (ख) के उत्तर में जिन उद्योगों को स्थापनाधीन बताया उनकी अद्यतन स्थिति की जिलेवार, संभागवार जानकारी देवें। (ख) क्या कारण है कि इन्दौर, उज्जैन, रतलाम एवं मंदसौर जिलों में लीज पर ली गई भूमि का बिना अनुमति प्रयोजन बदल कर गोडाउन या अन्य कार्यों के लिए प्रयोग की जा रही है? इस मामले में विभाग को उद्योग विभाग से जो पत्र या जानकारी दिनांक 01.01.2016 से 31.01.2018 तक दी गई, उनकी छायाप्रति माहवार, जिलावार, संभागवार देवें। इस पर की गई कार्यवाही भी प्रकरणवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार लीज भूमि पर उद्योग स्थापित न करने व बिना अनुमति प्रयोजन बदलने के प्रकरणों में विभाग लीज निरस्तीकरण के आदेश कब तक जारी करेगा? प्रकरणवार, जिलावार, संभागवार दें। (घ) इस और ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय आयोजनों में वाहनों के अधिग्रहण की जानकारी
[परिवहन]
151. ( क्र. 5242 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में आयोजित विभिन्न शासकीय आयोजनों में जनता की उपस्थिति हेतु निजी बसें अनुबंधित की जाती हैं? किराये पर ली जाती हैं, यदि हाँ, तो किस नियम से यह कार्य किया जाता है तथा खर्च को किस शीर्ष (मद) में दर्ज किया जाता है? (ख) वर्ष 2016 से फरवरी 2018 तक परिवहन विभाग द्वारा कितने शासकीय आयोजनों हेतु कुल कितनी बसें किराये पर ली गई एवं अनुबंधित की गई तथा बस ऑपरेटर को कुल कितना भुगतान किया जाना था? कितना किया गया तथा शेष कितना है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आयोजनों में उन आयोजन की दिनांक स्थान तथा आयोजन का नाम बतावें, जिस हेतु दो हजार से ज्यादा बसें अनुबंधित की गई? किराये पर ली गई तथा कुल कितना भुगतान किराये में आयोजन अनुसार किया गया? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1244 दिनांक 19 जुलाई 2017 का उत्तर दिलाया जाये, क्या यह सही है कि 15 मई 2017 को नर्मदा यात्रा के समापन पर लगभग 4500 बसें अधिग्रहित की गई थीं तथा देय किराया/भुगतान राशि 16 करोड़ लगभग है? यदि हाँ, तो बतावें कि 12 फरवरी 2018 को आयोजित किसान महापंचायत के लिये कुल कितनी बसें अधिग्रहित की गई तथा देय भुगतान राशि कितनी है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजना एवं आर्थिक संख्यिकी विभाग एवं किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रतलाम में संग्रहित जहरीले कचरे का निपटान
[पर्यावरण]
152. ( क्र. 5256 ) श्री बाला बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में जो लगभग तीस हजार टन जहरीला कचरा रखा है वह किस-किस बंद फैक्ट्री/कंपनी का कितना-कितना, किस-किस स्थान पर संग्रहित है? इसका निपटान अभी तक क्यों नहीं किया गया है? विभाग द्वारा प्रत्येक संग्रण स्थल पर विगत 5 वर्षों में जो निरीक्षण किया, उसकी छायाप्रति अधिकारी नाम, स्थान सहित वर्षवार देवें। (ख) क्या विभाग द्वारा इससे स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का अध्ययन किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी छायाप्रति देवें। यदि नहीं, तो क्यों? विगत लगभग 20 वर्षों से निपटान न होना क्या हानिकारक नहीं है? (ग) इस कचरे के निपटान पर एवं भूमिगत जल स्त्रोतों की स्थिति सुधारने पर कुल कितना व्यय होगा व किससे वसूला जाएगा कब तक इसका निपटान होगा? इसके निपटान न होने के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही होगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) रतलाम शहर के डोसीगाँव औद्योगिक क्षेत्र में 02 बंद पड़े उद्योगों मेसर्स सज्जन केमिकल्स एण्ड इनवेस्टमेंट प्रा.लि. के 24316.6 मेट्रिक टन में से प्लाट नं.-54 ई, पर 20906.6 मे.टन, प्लाट नं.-61 बी पर 2000 मे.टन एवं कांडरवासा माईन्स नामली में 1410 मे.टन तथा मेसर्स जयंत विटामिन्स लि. के परिसर में 0.4 मे.टन परिसंकटमय अपशिष्ट संग्रहित है। उक्त के निपटान (रेमिडियेशन) हेतु केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली द्वारा कन्सलटेंट नियुक्त किया गया है, जिनके द्वारा अध्ययन व योजना की डी.पी.आर. तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। बोर्ड द्वारा विगत् 05 वर्षों में किये गये निरीक्षणों की रिपोर्टों की छायाप्रतियां, निरीक्षणकर्ता अधिकारी के नाम व स्थान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बोर्ड द्वारा स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का अध्ययन नहीं किया जाता है, अपितु पर्यावरण पर होने वाले प्रभावों का मापन किया गया है, जिसके आधार पर इसे प्रदूषित क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है। अपशिष्टों के अवैज्ञानिक तरीके से भण्डारण के कारण पर्यावरणीय दुष्प्रभाव परिलक्षित हुये हैं। इस क्षेत्र के पर्यावरणीय सुधार हेतु उत्तरांश (क) के अनुसार केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मार्गदर्शन में कार्यवाही जारी है। (ग) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा इसके निपटान व रेमिडियेशन आदि हेतु वर्ष 2013 में कन्सलटेंट नियुक्त कर योजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार करने का कार्य प्रगति पर है, तत्पश्चात् ही अपशिष्टों के निपटान एवं भूमिगत जल स्त्रोतों की स्थिति सुधार पर होने वाला व्यय, राशि की वसूली एवं निपटान अवधि की जानकारी ज्ञात हो सकेगी। उत्तरांश (क) में उल्लेखित दोषी उद्योगों के विरूद्ध पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के अन्तर्गत नियमानुसार न्यायालयीन प्रकरण दायर किये जा चुके हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कार्यवाही की जानकारी
[राजस्व]
153. ( क्र. 5273 ) श्री कमलेश शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1309, दिनांक 02.07.14 में वर्णित जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) इस जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी जिलावार देवें। (ग) जिन प्रकरणों में कार्यवाही नहीं की गई, उसके कारण प्रकरणवार देवें। (घ) इन पर कार्यवाही कब तक होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
154. ( क्र. 5276 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जं. जिला उज्जैन स्थित ग्रेसिम इंडस्ट्रीज की मा. पर्यावरण मंत्री की उपस्थिति में दि. 02-02-17 को जाँच आदि कार्यवाही की गई, उसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ख) इसके जाँच प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कब तक कार्यवाही होगी? (ग) कब तक उच्च स्तर के जल शोधन व वायु शोधन संयंत्र स्थापित किये जाएंगे? यदि उद्योग द्वारा ये स्थापित नहीं किए जा रहे, तो इसका कारण भी बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. नागदा में जल तथा वायु नियंत्रण की व्यवस्थायें की गई हैं, जल शोधन संयंत्र उन्नयन हेतु उद्योग द्वारा जून, 2018 तक कार्य पूर्ण करने की कार्य योजना बैंक गारंटी सहित प्रस्तुत की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदूषणकारी उद्योगों की ऑन-लाईन मॉनीटरिंग
[पर्यावरण]
155. ( क्र. 5277 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2016 में उज्जैन जिले में स्थापित किन-किन प्रदूषणकारी उद्योगों की ऑन-लाईन सतत् मॉनीटरिंग कब से की जा रही है? उद्योग का नाम, मॉनीटरिंग प्रारंभ दिनांक सहित देवें। इंदौर, भोपाल के संबंध में भी देवें। (ख) इसके मापदण्ड बतावें कि इनमें किन उद्योगों की निगरानी की जाती है एवं किन उद्योगों को बाहर रखा जाता है? किन बिंदुओं को किन मानक स्तर के मापदण्ड से निगरानी की जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मॉनीटरिंग जिन उद्योगों के संबंध में की जा रही है, उनकी प्रश्न दिनांक तक की जानकारी मानक स्तर सहित उद्योगवार, जिलावार दें। (घ) नागदा जं. जिला उज्जैन की ग्रेसिम इंडस्ट्रीज, केमिकल डिवीजन लैंक्सेस उद्योगों की क्या-क्या अनियमितता इसके फलस्वरूप पाई गई? उद्योगवार बतायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्तमान में 17 प्रकार के अति-प्रदूषणकारी उद्योगों की सतत् ऑन-लाईन रियल टाईम निगरानी हेतु निर्देशित किया गया है। अन्य उद्योगों को उक्त निगरानी से बाहर रखा गया है। उद्योगों के नाम, निगरानी के बिन्दु तथा मापदण्ड संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज केमिकल्स डिवीजन उद्योग नागदा द्वारा निर्धारित समयावधि में सतत् ऑन-लाईन रियल-टाईम निगरानी व्यवस्था नहीं की गई थी तथा उपकरण स्थापना उपरांत प्राप्त हो रहे ऑन-लाईन परिणामों में त्रुटियों के निराकरण हेतु उपकरणों का कैलिब्रेशन करने, पी.टी.जेड. कैमरा को पर्यावरण निगरानी केन्द्र के कम्प्यूटर से जोड़े जाने के निर्देश दिये गये थे। बोर्ड के निर्देशों के फलस्वरूप उद्योग द्वारा उपरोक्त सुधार कर लिये गये हैं। मेसर्स लैंक्सेस इंडिया प्रा. लिमि. 17 प्रकार के अति-प्रदूषणकारी उद्योग की श्रेणी में न होने के कारण उद्योग को सतत् ऑन-लाईन रियल-टाईम निगरानी व्यवस्था करना आवश्यक नहीं है।
प्रदेश में किसानों पर दर्ज प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
156. ( क्र. 5280 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किसानों पर कुल कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? (ख) (क) अनुसार वर्षों में दर्ज प्रकरणों में से कुल कितने किसानों की अब तक गिरफ्तारी की गई है और कितने किसान अभी तक फरार हैं? कितने किसानों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने के प्रकरण कहाँ-कहाँ दर्ज किये गये हैं? जिलावार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में प्रदेश में किसानों ने कितने स्थानों पर और कब-कब, धरना प्रदर्शन और रैलियाँ की हैं? कितने स्थानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज, अश्रुगैस और गोली चालन का प्रयोग किया है? जिलावार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में कुल कितने किसानों की मृत्यु हुई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
धोखाधड़ी के प्रकरण में गिरफ्तारी की जानकारी
[गृह]
157. ( क्र. 5281 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दि. 1 फरवरी 2018 को ब्यावरा थाने में दुर्गा शाक्यवार नाम की महिला ने अपने साथ की गई धोखाधड़ी के मामले में ब्यावरा थाने में प्रकरण (FIR) दर्ज कराया है? (ख) क्या फरियादी ने राघौगढ़ निवासी असलम शेरखान के विरूद्ध 2 लाख रूपये की धोखाधड़ी करने और फर्जी तरीके से मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम के माध्यम से टवेरा गाड़ी दिलाने का झांसा दिया था? (ग) क्या आरोपी ने मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम के प्रबंधक एस.एल. मुजाल्दा के फर्जी हस्ताक्षर युक्त पत्र देकर दुर्गा शाक्यवार के साथ धोखाधड़ी की है? क्या फर्जी शासकीय दस्तावेज बनाने की जाँच पुलिस ने कर ली है? यदि हाँ, तो क्या प्रकरण में और आपराधिक धारायें बढ़ाई जायेंगी? (घ) क्या दुर्गा शाक्यवार द्वारा की गई एफ.आई.आर. में आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई है? यदि नहीं, की गई है, तो आरोपी की कब तक गिरफ्तारी की जायेगा? क्या प्रकरण में अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम से पूछताछ की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रकरण वर्तमान में विवेचना में है। विवेचना में पाये तथ्यों के आधार पर उचित वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। (घ) जी नहीं। प्रकरण वर्तमान में विवेचना में है तथा विवेचना में पाए गए तथ्यों के आधार पर गिरफ्तारी संबंधी कार्यवाही विधि अनुरुप की जावेगी, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बजट के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
158. ( क्र. 5284 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर के जनपद जतारा और पृथ्वीपुर में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के द्वारा कितना बजट दिया गया? वर्षवार, किस योजना के लिये दिया गया एवं कब-कब क्या-क्या सामग्री खरीदी गई बतावें एवं किस कार्य के लिये सामग्री खरीदी गई? (ख) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर के कुल कितनी नल-जल योजनायें हैं? संख्या बतावें एवं कितनी चालू कन्डीशन में हैं एवं कितनी बंद हैं? ग्रामवार बतावें एवं योजनाओं में कितनी-कितनी राशि कब-कब खर्च की गई? वर्षवार बतावें। (ग) जो योजनायें बंद है उनके लिये प्रश्न दिनांक तक विभाग के चालू करने के क्या-क्या उपाय किये हैं? बन्द योजनाओं को कब तक चालू कर लिया जायेगा और नहीं किया जायेगा तो क्यों? (घ) क्या बोर खनन में अधिकारियों के द्वारा उदासी बरती गई, जिस कारण आज बोर (नल स्त्रोत) सूख गये हैं, अगर हाँ तो इनके लिये जो लोग दोषी हैं, उन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) आवंटन जिलेवार दिया जाता है, विधानसभा क्षेत्रवार नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) भू-जलविद् द्वारा अनुशंसित सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर नल-कूप खनन की कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुल सचिव के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
159. ( क्र. 5287 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान कुल सचिव राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को उनकी पदस्थापना अवधि दिनांक 20.07.15 से प्रश्न दिनांक तक कुलपतियों द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो उनकी संख्या बतावें और क्यों? (ख) विभाग के पत्र क्रमांक 1393/2401/2016 दिनांक 07.12.16 के द्वारा यू.आई.टी, आर.जी.पी.व्ही. शहडोल के संबंध में वर्तमान कुल सचिव के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने का आदेश देकर जवाब हेतु 15 दिवस का समय दिया गया था? क्या कुल सचिव द्वारा निर्धारित समय-सीमा में जवाब दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या जवाब शासन द्वारा मान्य किया गया है? (ग) क्या राज्यपाल के प्रमुख सचिव के पत्र क्र. एफ-61-1/16/रा.स./यू.ए. 1/77 दिनांक 28.01.17 के द्वारा प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग मंत्रालय के पत्र के बिंदु 3 में वर्तमान कुल सचिव को प्रथम दृष्ट्या में अधिनियमों के प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाया है? यदि हाँ, तो वर्तमान कुल सचिव के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। कुल 11 पत्र जारी किये गये थे। जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री एस.के. जैन द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय आदेश दिनांक 23.12.2017 द्वारा श्री एस.के. जैन, कुल सचिव, रा.गां.प्रो.वि., भोपाल के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
हिन्दु नागरिकों को भारत की नागरिकता प्रदान किया जाना
[गृह]
160. ( क्र. 5290 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत की नागरिकता संबंधी हिन्दु नागरिकों के कितने प्रकरण विभाग में लंबित हैं? (ख) उक्त प्रकरण कब से किन कारणों से किस स्तर पर लंबित है? प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) प्रकरणों के निराकरण हेतु किए गए/किए जा रहे प्रयासों की प्रकरणवार जानकारी दें। (घ) कब तक प्रकरणों के निराकरण कर दिया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
दर्ज एफ.आई.आर. पर कार्यवाही
[गृह]
161. ( क्र. 5599 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 154 दण्ड प्रक्रिया संहिता का उल्लंघन करने पर थाना कोलारस जिला शिवपुरी मध्यप्रदेश दिनांक 22/02/2018 समय 22.29 बजे प्रकरण क्रमांक 0090 धारा 341, 323, 294, 506, 147, 336, 427 में दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत सौरभ जैन पुत्र राकेश जैन नई आबादी भिण्ड पर रूद्राक्ष उर्फ गोलू तथा 7 व 8 अन्य कोलारस जिला शिवपुरी ने हवाई फायर किया। गाड़ी क्रमांक एम.पी. 09 एस.आर. 1001 को क्षति पहुंचाई तथा अभद्र गंदी गालियां दी? इस पर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन दोषी हैं तथा कार्यवाही की जावेगी, तो समय-सीमा सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत रूद्राक्ष उर्फ गोलू जगतपुर कोलारस जिला शिवपुरी पर कौन से प्रकरण कब पंजीबद्ध किए गए हैं और उन पर कब क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रति सहित जानकारी दें। क्या यह व्यक्ति शिवपुरी का कुख्यात बदमाश है? यदि हाँ, तो पुलिस ने कठोर कार्यवाही क्यों नहीं की? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में उप निर्वाचन के पूर्व कौन-कौन कुख्यात लोगों पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रकरण की विवेचना जारी है। (ख) उल्लेखित घटना के संबंध में थाना कोलारस जिला शिवपुरी में अपराध पंजीबद्ध होकर विवेचना की जा रही है। विधि अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) रूद्राक्ष उर्फ गोलू निवासी जगतपुर कोलारस के विरूद्ध थाना कोलारस में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपराध के अतिरिक्त अन्य कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
डी.ई.जी.एस. में संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों का वेतनमान
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
162. ( क्र. 5607 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.ई.जी.एस. में संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों को समान कार्य, समान वेतन/वेतनमान का प्रवधान है तथा समान कार्य समान वेतन/वेतनमान एवं भत्ते, EPF, HR पॉलिसी इत्यादि हेतु आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से और कब तक पूर्ण होगें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या मानव संसाधन विकास के दृष्टिकोण से इन कर्मचारियों के तकनीकी दक्षता, क्षमता संवर्धन एवं सुरक्षित भविष्य के प्रति सरकार किस प्रकार से विचार एवं उपाय कर रही है? ताकि कर्मचारियों में रोजगार असुरक्षा की भावना खत्म हो एवं पलायन को रोका जा सके? (ग) क्या संविदा में पदस्थ ई-गवर्नेन्स अमले को नियमित करते हुये विभाग में संविलयन की कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो नियमित न करने का औचित्य बतलाएं? यदि हाँ, तो कब तक नियमितीकरण की कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में जिला ई-गवर्नेन्स सोसायटी (डी.ई.जी.एस.) में संविदा पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को शासन द्वारा मासिक मानदेय का प्रावधान स्वीकृत है। इन कर्मचारियों को शासन के अन्य संविदा कर्मियों की भॉति यात्रा एवं दैनिक भत्ते तथा दूरभाष व्यय की पात्रता है। डी.ई.जी.एस. में संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों के पी.एफ. कटौत्रे की कार्यवाही The Employees provident Funds and Miscellaneous provisions Act. 1952 एवं Employees provident Funds Scheme 1952 के प्रावधानों के तहत किये जाने हेतु प्रदेश के समस्त कलेक्टर एवं पदेन सचिव, डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेन्स सोसायटी को मैप-आईटी के ज्ञापन क्रमांक मैप-आईटी/डी.ई.जी.एस./2018/2689 दिनांक 27/02/2018 एवं क्र./मैप-आईटी/डी.ई.जी.एस./2018/2700 दिनांक 28/02/2018 द्वारा निर्देशित किया गया है। (ख) डी.ई.जी.एस. में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को समय-समय पर मैप-आईटी द्वारा तकनीकी दक्षता एवं क्षमता संवर्धन हेतु प्रशिक्षण प्रदाय किया जाता हैं। (ग) जी नहीं। डी.ई.जी.एस. में पदस्थ पदों की अवधि 5 वर्ष अथवा परियोजना के जारी रहने की अवधि जो पहले हो तक संविदा आधार पर स्वीकृत है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल संसाधन विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
163. ( क्र. 5614 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? कितने ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत हैं? जिन ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत हैं, उनमें कितनी नल-जल योजनाएं वर्तमान में सुचारू रूप से संचालित हैं और कितनी नल-जल योजनाएं बंद हैं? (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में जो नल-जल योजनाएं बंद हैं, उनके बंद होने के क्या कारण हैं? बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं विभाग द्वारा बंद नल-जल योजनाओं को कब तक प्रारम्भ कर दिया जायेगा? (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कितनी ग्राम पंचायतों में एवं ग्रामों में नल-जल योजना प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है? इन प्रस्तावित योजनाओं की स्वीकृति के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है और प्रस्तावित नल-जल योजनाओं को कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) हैण्डपंप, नल-जल एवं स्पॉटसोर्स योजनाएं संचालित हैं। 58 ग्रामों में नल-जल योजनाएं 43 योजनाएं चालू तथा 15 योजनाएं बंद हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) 21 ग्राम पंचायतों के 21 ग्रामों में। इन योजनाओं की डी.पी.आर. बनाई गई है। प्रस्तावित योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शस्त्र लाइसेंस की अवधि एवं उसका कार्यक्षेत्र का निर्धारण
[गृह]
164. ( क्र. 5766 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 12 बोर बंदूक शस्त्र लाईसेंस की स्वीकृति के समय शस्त्र लाइसेंस की अवधि उसका कार्यक्षेत्र का निर्धारण किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो अवधि एवं कार्यक्षेत्र के निर्धारण के लिये क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ग) सागर जिले में शस्त्र लाइसेंस प्रदाय करते समय कार्य क्षेत्र का निर्धारण अप्रैल वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक क्या रहा और किन-किन शस्त्र लाइसेंसधारियों को जिला/मध्यप्रदेश में प्रदाय किये गये? जिला एवं मध्यप्रदेश की जानकारी अलग-अलग नाम सहित देवें? (घ) जिला एवं मध्यप्रदेश क्षेत्र का लाइसेंस देने में विभाग द्वारा किन मापदंडों के आधार पर दिये गये?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) आयुध अधिनियम 2016 में निहित प्रावधान के आधार पर 3 वर्षों की अवधि के लिये शस्त्र लायसेंस जारी किया जाता है, इसके पश्चात नियमानुसार लायसेंसी द्वारा समय-समय पर नवीनीकरण कराना आवश्यक होता है। आयुध अधिनियम 2016 में निहित प्रावधान एवं समय-समय पर शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार एवं आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन में दर्शित सीमा क्षेत्र एवं उसके आवश्यकतानुसार सीमा क्षेत्र का निर्धारण किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) आयुध अधिनियम 2016 में निहित प्रावधान एवं समय-समय पर शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार एवं आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन में दर्शित सीमा क्षेत्र एवं उसके आवश्यकतानुसार सीमा क्षेत्र का निर्धारण किया गया है।
डी.एम.एफ. की राशि का उपयोग
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
165. ( क्र. 5786 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी जिले दि. 14/9/17 को विद्युत, पेय-जल, सिंचाई के संबंध में प्रभारी मंत्री के निर्देशानुसार बैठक का आयोजन किया गया? यदि हाँ, तो बैठक कार्यवाही में शामिल बिन्दु अनुसार विद्युत, पेय-जल, फसल बीमा, सिंचाई हेतु किन-किन बिंदुओं का पालन विभाग द्वारा शत्-प्रतिशत किया गया? बिंदुवार, विभागवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के पालन प्रतिवेदन अनुसार विद्युत विभाग के कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के पालन प्रतिवेदन अनुसार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा डी.एम.एफ. अंतर्गत, प्रस्तावित हैण्डपम्प का खनन कराया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्राम में? बतावें। (घ) क्या डी.एम.एफ. की राशि का उपयोग प्राथमिकता के तौर पर पेय-जल सुनिश्चित किए जाने के लिए किया जाना था, पर कटनी जिले द्वारा नियमों को परिवर्तित कर गैस आधारित शवदाह और सुरखी डैम का सौंदर्यीकरण पर्यटन हेतु रू. 1, 51, 00, 000 का व्यय किया गया, जबकि पेय-जल का जिले में भीषण संकट है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्भया फंड में प्राप्त राशि का व्यय
[गृह]
166. ( क्र. 5841 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार से विगत चार वर्षों में दुष्कर्म से पीड़ित महिलाओं के लिये कितना बजट प्राप्त हुआ है? वर्षवार बतायें। (ख) केन्द्र सरकार प्राप्त राशि से (क) अनुसार वर्षों में कितनी पीड़ित महिलाओं को कितनी राशि दी गई है? जिलावार बतायें। (ग) क्या राज्य सरकार ने १९५१ दुष्कर्म से पीड़ित महिलाओं को एक करोड़ रूपये की मदद की जानकारी सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की है? (घ) राज्य सरकार द्वारा निर्भया फंड के उपयोग हेतु तैयार की गई नीति, नियम, निर्देश, आदेश की जानकारी देवें। इस फंड की जानकारी के संबंध में योजना प्रारंभ से कब-कब, किस माध्यम से प्रचार किया गया और कितनी राशि व्यय की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
घटनाओं की मजेस्ट्रियल जाँच
[गृह]
167. ( क्र. 5979 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की ग्राम पंचायत खैरी विकासखण्ड़ बालाघाट में 7 जून 2017 को फटाका फेक्ट्री में हुए विस्फोट, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी तथा ग्राम पंचायत टेमनी विकासखण्ड़ लांजी में दिनांक 5 जून 2016 को शराब दुकान में आक्रोशित भीड़ द्वारा 2 लोगों को जिंदा जलाने की मजेस्ट्रियल जाँच कराई गई थी? जाँच रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो जाँच अब तक पूरी नहीं होने का कारण बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित दोनों घटनाओं की विषयांकित जाँच में की गई अनुशंसाओं पर शासन ने क्या कार्यवाही की? (ग) बालाघाट जिले की ग्राम पंचायत खैरी में फटाका फैक्ट्री विस्फोट की घटना के बाद तत्कालीन कलेक्टर का स्थानांतरण सामान्य प्रक्रिया के तहत किया गया था या घटना के लिए उन्हें जिम्मेदार मानते हुए किया गया? (घ) क्या शासन प्रदेश में ऐसी सभी फैक्ट्रियां जिनमें विस्फोट का प्रयोग किया जाता हैं, को चालू करने अथवा नवीनीकरण का लाइसेंस जारी करने के लिए जिले के कलेक्टर, एस.पी. तथा जिला श्रृम अधिकारी को स्वयं निरीक्षण करने तथा अपने अधीनस्थों की रिपोर्ट के आधार पर हस्ताक्षर न करने हेतु आदेश जारी किए जाएंगे, ताकि अधिकारियों की सीधे जवाबदेही तय होने से भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
नवीन नल-जल
योजनाओं का
कार्य
प्रारंभ
कराना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 475 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में दिनांक 25/06/2017 को माननीय मुख्यमंत्री जी ने ग्राम ढोढर से श्योपुर तक रोड शो के दौरान मानपुर नल-जल योजना के विस्तार, ढोढर में बड़ी नल-जल योजना व बालापुरा में मुख्यमंत्री नल-जल योजना सहित बगदिया, मानपुर, धीरोली स्पॉट सोर्स योजना स्वीकृत कर प्रारंभ कराने की घोषणा की थी। (ख) क्या मुख्यमंत्री ग्रामीण नल-जल योजनान्तर्गत उक्त समस्त योजनाओं को स्वीकृत कर इनके निर्माण हेतु कब-कब निविदायें आमंत्रित कर इन्हें स्वीकृति प्रदान की गई। (ग) उक्त निविदायें किस-किस ठेकेदार के नाम से आवंटित हुई? तत्पश्चात् इनसे अनुबंध एवं अन्य आवश्यक कार्यवाहियां पूर्ण करवाकर क्या उक्त सभी योजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया गया है? यदि नहीं, तो क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के शीघ्र क्रियान्वयन हेतु धरातल पर कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ करवाएगा? इस हेतु निश्चित समय-सीमा बतावे? यदि नहीं, तो क्यों।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) घोषणा क्रमांक बी-3573 के अंतर्गत केवल ग्राम ढोढर की नल-जल योजना की कमियों को पूरा करने हेतु धनराशि उपलब्ध करवाने की घोषणा की गई थी। उल्लेखित अन्य ग्रामों में नियमानुसार परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। (ख) प्रश्नांकित स्वीकृत योजनाओं के अंतर्गत आमंत्रित निविदाओं का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्री जयप्रकाश गोयल एवं श्री विमलेश कुमार दीक्षित श्योपुर को। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
तालाब पर किया गया अतिक्रमण
[राजस्व]
2. ( क्र. 809 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के तहसील रौन के ग्राम दरियापुरा निवासियों ने सर्वे क्रमांक 41 रकबा 0.120 है. शासकीय तालाब से अतिक्रमण हटाने हेतु तहसीलदार रौन श्री प्रदीप मिश्रा को अनेकबार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (लहार, मिहोना, रौन) को दिनांक 28.09.2017 एवं 09.01.2018 को एवं कलेक्टर भिण्ड को माह जनवरी 2018 में तथा सचिव ग्राम पंचायत नोधा को दिनांक 02.10.2017 को, कलेक्टर भिण्ड को जनसुनवाई में दिनांक 10.10.2017 एवं 05.11.2017 को आवेदन देने के साथ-साथ सी.एम हेल्पलाईन में शिकायत कर तालाब का अतिक्रमण हटाने हेतु आवेदन दिये हैं। यदि हाँ, तो अभी तक अतिक्रमण न हटाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या तहसीलदार रोन श्री प्रदीप मिश्रा दिनांक 19.12.2017 को तथा पुन: दिनांक 22.01.2018 को पुलिस गार्ड लेकरग्राम दरियापुरा में तालाब अतिक्रमण हटवाने गये थे। यदि हाँ, तो क्या यह भी सच है कि श्री मिश्रा ने अतिक्रमणकारियों से सांठ गांठ कर बिना अतिक्रमण हटाये आने का कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या श्री मिश्रा ने शिकायतकर्ता श्री रामअवतार पुत्र श्री धनीराम दौहरे पर सी.एम. हेल्पलाईन में की गई शिकायत का राजीनामा हेतु दबाब डाला था। यदि नहीं, तो फिर शिकायतकर्ता श्री रामअवतार दौहरे (अ.जा.) को पुलिस चौकी मछण्ड थाना रौन में धारा 151 में गिरफ्तार कराने की वरिष्ठ अधिकारी से जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध, कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) सार्वजनिक उपयोग के तालाब का अतिक्रमण हटाने की समयावधि बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। अतिक्रमण 14.02.2018 को हटा दिया गया है। (ख) दिनांक 19.12.2017 को मौका निरीक्षण हेतु गए थे तथा अतिक्रामकों को स्वयं अतिक्रमण हटाने को निर्देश दिये गए। 22.01.2018 को कुछ अतिक्रमण हटाया गया, महिलाओं द्वारा विरोध करने के कारण महिला पुलिस बल नहीं होने के कारण पूरा अतिक्रमण नहीं हट पाया। (ग) जी नहीं। शिकायतकर्ता एवं अतिक्रमणकारी के आपसी विवाद पर दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 151 के तहत कार्यवाही की गई। उक्त कार्यवाही न्यायालयीन प्रवृत्ति की है। परिवेदित पक्ष सक्षम न्यायालय में वाद दायर कर सकता है। (घ) सार्वजनिक तालाब से दिनांक 14.02.2018 को अतिक्रमण हटाया जा चुका है। तालाब अतिक्रमण मुक्त है।
भिण्ड जिले के थाना मालनपुर में पंजीबद्ध अपराध
[गृह]
3. ( क्र. 812 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के थाना मालनपुर, थाना एन्डोरी, थाना गोहद चौराहा एवं थाना गोहद में श्री मेहताबसिंह गुर्जर, पुत्र श्री रामसिंह एवं कल्ला उर्फ श्री रविन्द्र गुर्जर पुत्र श्री किशन सिंह निवासी घिरोंगी (मालनपुर) के विरूद्ध वर्ष 2006 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन अपराधों में प्रकरण पंजीबद्ध किये गये, दिनांक सहित बतायें? (ख) क्या उपरोक्त दोनों व्यक्तियों के विरूद्ध थाना मालनपुर में धारा 452, 354, 323, 294, 506 एवं 34 दर्ज अपराधों में माननीय न्यायालय गोहद में 164 के कथन लिपिबद्ध होने के बाद भी अभियुक्तों को अभी तक गिरफ्तार न करने का कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या महिला श्रीमती क्रांति पत्नी श्री कमलेश कुशवाह निवासी कुशवाह कालोनी हरीराम की कुईया थाना मालनपुर ने दिनांक 12.12.17 को थाना घाटीगांव जिला ग्वालियर का फरार आरोपी श्री सत्यभान गुर्जर एवं श्री मेहताबसिंह गुर्जर आदि के विरूद्ध पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन ग्वालियर को आवेदन देकर सचिन को जान से मारने की धमकी देने के संबंध कार्यवाही करने का अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण में विवेचना जारी होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं। (ग) जी हाँ। आवेदन पत्र की जाँच कराई गई। आवेदिका की रिपोर्ट पर थाना मालनपुर में अपराध क्रमांक 10/2018 धारा 452, 354, 323, 294, 506, 34 भारतीय दण्ड विधान का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में है।
शाजापुर जिला मुख्यालय पर नवीन इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
4. ( क्र. 994 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले में कोई इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित है? (ख) यदि नहीं, है तो शाजापुर जिले के आस-पास कितनी दूरी पर कहाँ इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं? (ग) क्या शाजापुर जिले मुख्यालय पर इंजीनियरिंग महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।
कौशल विकास केन्द्र की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
5. ( क्र. 995 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र स्थापित करने के क्या नियम एवं अर्हताएं है एवं इसके कितने ट्रेड आते है? (ख) जिला शाजापुर के अंतर्गत कितने केन्द्र संचालित है? (ग) अध्यन/प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अभ्यार्थी को केन्द्र द्वारा रोजगार संबंधी क्या सुविधा प्रदान की जाती हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र भारत शासन की योजना है एवं उनके द्वारा ही संचालित की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व प्रकरण के निराकरण
[राजस्व]
6. ( क्र. 1431 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के राजस्व न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण हेतु कोई समयावधि निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो विवरण सहित जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों औचित्य बतायें। (ख) क्या कृषकों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समयावधि छ: महीने तय की जायेंगी? यदि हाँ, तो कब तक निर्देश जारी हो जायेंगे। यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश
लोक सेवा
गारंटी
अधिनियम 2010 की
धारा 3 के
तहत राजस्व
विभाग की
कतिपय सेवाओं
के निराकरण
हेतु समयावधि
निर्धारित की
गई है विवरण संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
परिशिष्ट
- ''तैंतालीस''
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( क्र. 1435 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिलान्तर्गत स्वच्छ पानी पीने के उद्देश्य से समूह नल-जल योजना के तहत् किन-किन ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें। (ख) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजनान्तर्गत किन ग्रामों में कितने लागत की कार्य स्वीकृति हुई है? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। अब तक की कार्य प्रगति क्या है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
राजगढ़ जिले के नक्शा विहीन ग्रामों की जानकारी
[राजस्व]
8. ( क्र. 1500 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कितने ग्राम/नगर नक्शा विहीन है? विधानसभावार नक्शा विहीन ग्राम/नगर के नामों की सूची प्रदान करें? ग्रामों के नक्शा विहीन होने की दिनांक से अवगत करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के नक्शा विहीन ग्राम/नगर के नवीन नक्शे बनाने का कार्य प्रगति पर है? ग्रामों/नगर के नाम तथा कार्य पूर्ण करने की समयावधि से अवगत करावें? (ग) नक्शा विहीन ग्रामों/नगर की सम्पति (जमीन) का क्रय/विक्रय किस आधार पर किया जा रहा है? प्रश्न दिनांक तक नक्शा विहीन ग्राम/नगर की कितनी सम्पति का क्रय/विक्रय, किस आधार पर हुआ हैं वर्षवार, ग्रामवार, सम्पत्ति के क्रय/विक्रय की जानकारी से अवगत करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्तमान में राजगढ़ जिले में कोई भी ग्राम/नगर नक्शा विहीन नहीं है। शेष प्रश्नांश के संदर्भ में जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश "क" के संदर्भ में जानकारी निरंक है।
प्राचार्य एवं व्याख्याताओं की नियुक्ति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
9. ( क्र. 1508 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय पोलिटेक्निक महाविद्यालय पचोर में प्राचार्य, व्याख्याता एवं प्राध्यापकों के कितने पद स्वीकृत है? (ख) स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने पद भरे हुए हैं एवं कितने पद कब से रिक्त हैं? भरे हुए पदों पर कार्यरत व्याख्याता एवं प्राध्यापकों के नाम बतावें तथा रिक्त पदों पर प्राचार्य, व्याख्याता एवं प्राध्यापकों की नियुक्ति/पदस्थापना कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एन.एच.-3 के निर्माण कार्य हेतु भूमि अधिग्रहण
[राजस्व]
10. ( क्र. 1614 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभाग सारंगपुर जिला राजगढ़ अंतर्गत एन.एच.-03 के फोर लाईन सड़क निर्माण में शासकीय भूमि पर निर्मित मकान का मुआवजा देने का प्रावधान है? (ख) क्या शासकीय भूमि पर निर्मित मकान मालिकों को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी मुआवजा राशि किस-किस को प्रदाय की गई? ग्रामवार, नामवार, मुआवजा राशि से अवगत करावें? (ग) क्या दिनांक1 जनवरी 2018 के पश्चात् भूमि स्वामियों को मुआवजा देने के संबंध में नई गाईड लाईन बनायी गयी है? यदि हाँ, तो, नई गाईड लाईन की प्रति उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एन.एच-3 फोरलेन सड़क निर्माण में तहसील सारंगपुर/ पचोर की आबादी/शासकीय भूमि पर निर्मित मकान सरंचना का मुआवजा देने संबंधी अवार्ड पारित किया गया है। (ख) आबादी/शासकीय भूमि पर निर्मित संरंचना का मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। ग्रामवार नामवार मुआवजा राशिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) वित वर्ष 2017-18 में स्वीकुत अनुसार 31 मार्च 2018 तक कलेक्टर गाईड लाईन स्वीकृत की गई है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.03 के निर्माण कार्य
[राजस्व]
11. ( क्र. 1615 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभाग सारंगपुर जिला राजगढ़ के अंतर्गत एन.एच-3 फोरलोन सड़क निर्माण कार्य हेतु डायवर्सन सुदा (व्यवसायिक एवं आवासीय) भूमि का किस दर से अवार्ड पारित किया गया है? क्या उक्त दर सामान्य भूमि से दोगुने मूल्य पर लेने का प्रावधान है? (ख) निर्माण कार्य हेतु भूमि अधिग्रहण में किन-किन भू-स्वामी को डायवर्सन सुदा भूमि का अवार्ड किस दर से एवं कितनी राशि का पारित किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अनुविभाग सारंगपुर जिला राजगढ़ में एन एच 03 सड़क निर्माण हेतु अधिग्रहित डायवर्सन भूमियों को आधार वर्ष की कलेक्टर गाईड लाईन अनुसार दरों से अवार्ड पारित किया गया है। इस हेतु कलेक्टर गाईड लाईन में परिवर्तित भूमियों के लिए पृथक दर निर्धारण के प्रावधान है। (ख) जिला राजगढ़ में अनुविभाग सारंगपुर में उक्त सड़क निर्माण कार्य हेतु परिवर्तित भूमियों का गाईड लाईन अनुसार सामान्य दर पर अवार्ड पारित किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गुना जिले में राशन वितरण एवं नवीन दुकानें खोलने
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 1716 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में खाद्यान्न वितरण हेतु कितनी दुकाने संचालित हैं? विधानसभा क्षेत्रवार बतायें क्या विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर राशन वितरण की नवीन दुकानें खोलने की नीति बनायी हैं, यदि हाँ, तो कब तक अमल होगी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों अनुसार बमोरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी राशन दुकानों पर समय पर राशन वितरण होता है? इन राशन दुकानों को कौन सी लीड संस्था वितरण करती है? उसका कार्यक्षेत्र क्या है? क्या बमोरी क्षेत्र में विभाग द्वारा लीड संस्था राशन वितरण हेतु क्यों नहीं बनायी? कौन उत्तरदायी है, विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित तथ्यों पर विभाग द्वारा राशन वितरण केन्द्र खोलने, नवीन दुकाने खोलने एवं जिस क्षेत्र में सहकारी संस्था उपलब्ध है, उस क्षेत्र में दूसरी सहकारी संस्था से राशन वितरण किस नियम से कौन से आदेश से कौन-कौन सी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है? उन्हें कब तक बंद कर देंगे। (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित तथ्यों की समीक्षा और भौतिक सत्यापन कर विभाग द्वारा कब तक रिपोर्ट और कार्यवाही की जावेगी? या नहीं दूसरे संस्थाओं के कार्य क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण के लिये कौन दोषी है? उन दुकानों पर नवीन दूकान पंचायतों के माध्यम से संचालित क्यों नहीं हैं? कारण बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) गुना जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 218 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। विधानसभा क्षेत्रवार दुकानों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ, जिले में दुकान विहीन ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकान खोलने हेतु कुल 713 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें परीक्षण उपरांत 90 उचित मूल्य दुकान आंवटन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। शेष दुकानों के आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 49 उचित मूल्य दुकानों पर राशन सामग्री का वितरण किया जाता है। उक्त दुकानों पर एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा 'द्वार प्रदाय योजना' अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों पर राशन सामग्री पहुंचाई जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उचित मूल्य दुकानें किसके द्वारा संचालित की जा सकती हैं का नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) राज्य शासन के आदेश दिनांक 25 सितम्बर 2017 के अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों के आवंटन की कार्यवाही प्रचलित होने से एवं प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध कराना
[पशुपालन]
13. ( क्र. 1838 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक गो-सेवक को पशु चिकित्सा संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है? (ख) क्या प्रशिक्षण का व्यय गो-सेवकों को स्वयं उठाना पड़ता है? (ग) प्रशिक्षण पर कितना व्यय प्रशिक्षणार्थी द्वारा वहन किया जाता है? (घ) क्या प्रशिक्षण का व्यय शासन द्वारा वहन किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) गौसेवक योजना अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत से वहां के निवासी दसवीं पास बेरोजगार को प्रशिक्षण दिए जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं। (घ) शासन द्वारा वहन किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिक कार्ड का नवीनीकरण
[श्रम]
14. ( क्र. 1875 ) श्री जतन उईके : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में छिन्दवाड़ा जिले में वर्तमान तक कितने श्रमिकों के कार्ड निरस्त किये गये हैं और क्यों? कितने कार्डों का नवीनीकरण किया गया है? कितनों का शेष है और क्यों? (ख) कितने प्रकार के श्रमिकों को कार्ड जारी किया जाता है? क्या नियम है उक्त नियम से कितने श्रमिक पात्र है? क्या हितग्राहियों का चिन्हांकित कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या चिन्हांकित श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं जैसे प्रसूति सहायता इलाज हेतु योजना का लाभ दिया जा रहा है?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) म. प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के विगत 03 वर्षों में छिंदवाड़ा जिले में वर्तमान तक कुल 1606 निर्माण श्रमिक की मृत्यु तथा पंजीयन के लिये निर्धारित मापदंडों के अंतर्गत 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच एवं पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य संबंधी मापदण्ड पूरा न करने के कारण निरस्त किये गये है। प्रश्नांकित अवधि में कुल 21203 निर्माण श्रमिकों के कार्डो का नवीनीकरण किया गया है। 4334 कार्डो का नवीनीकरण शेष है। नवीनीकरण हेतु प्राप्त आवेदनों में समुचित जाँच उपरांत निर्धारित समय-सीमा में नवीनीकरण किया जाता है। उपरोक्त सभी 4334 आवेदन समय-सीमा में है तथा प्रक्रियाधीन है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु वर्तमान में 43 श्रेणी निर्धारित की गई है, जिसकी श्रेणीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत ऐसे निर्माण श्रमिकों के पंजीयन किये जाते हैं, जिनकी आयु 18 वर्ष से 60 के बीच हो तथा जिनके द्वारा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य किया गया हो। पंजीयन के लिये निर्माण श्रमिक द्वारा निर्माण कार्य में संलग्न होने संबंधी स्व-प्रमाणीकरण, पास बुक की प्रति, दो फोटो एवं समग्र आई.डी. दिये जाने पर ग्रामीण क्षेत्र हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा तथा शहरी क्षेत्र हेतु नगर निगम आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरीय निकाय द्वारा आवश्यक जाँच उपरांत पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। पंजीयन हेतु रूपये 5/- पंजीयन शुल्क निर्धारित है। श्रमिकों के पंजीयन उपरांत उन्हें पंजीयन क्रमांक प्राप्त होता है जिससे उन्हें चिन्हांकित किया जाता है। सभी पात्र चिन्हांकित श्रमिकों द्वारा मण्डल की योजनाओं के अंतर्गत आवेदन करने पर पात्रता जाँच उपरांत योजनाओं का हितलाभ प्रदान किया जाता है।
ड्राईविंग लायसेंस हेतु नवीन नियम
[परिवहन]
15. ( क्र. 1876 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गैर एवं बिना गैर वाले टू-विलर-फोर विलर वाहनों को चलाने के लिये कितने-कितने उम्र के पश्चात् लायसेंस दिये जाने का प्रावधान हैं? नियम की प्रतिलिपि सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विभाग लायसेंस देने की उम्र कम करने का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक क्या कम उम्र में वाहन चलाने पर दण्डात्मक कार्यवाही को लेकर नवीन निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियम की प्रतिलिपि देवें? (ग) टू-विलर फोर विलर लायसेंस बनाने हेतु सामान्यत: विभाग द्वारा कितना शुल्क लिया जाता है? विभागीय लापरवाही के चलते विभिन्न यातायात एजेंसी लायसेंस बनाने के लिये छिन्दवाड़ा जिले में 4 गुना से अधिक पैसा वसूल रहे हैं, यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या विभाग द्वारा यातायात एजेंसियों को टू-विलर फोर विलर लायसेंस बनाने के लिये कोई शुल्क दर निर्धारित हैं, यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो अवगत करायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 4 के प्रावधानुसार गियर वाले टू व्हीलर एवं फोर व्हीलर वाहनो को चलाने के लिये लायसेंस 18 वर्ष की आयु पूर्ण हो जाने पर दिये जाते है। बिना गियर वाले टू व्हीलर (फोर व्हीलर नहीं) वाहनों को चलाने के लिये लायसेंस 16 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेने तथा अभिभावकों की सहमति होने पर दिये जाते हैं। परिवहन यान चलाने के लिये 20 वर्ष की आयु पूर्ण होना आवश्यक है। नियम की प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मोटरयान अधिनियम में पूर्व से ही प्रावधान होने के कारण नवीन निर्देश जारी नहीं किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शिक्षार्थी लायसेंस का शुल्क 200/- रू एवं टू व्हीलर एवं फोर व्हीलर दोनों वर्गों का शिक्षार्थी लायसेंस देने हेतु 350/- रू. है। टू व्हीलर या फोर व्हीलर किसी एक वर्ग के स्थाई लायसेंस का शुल्क रूपये 700/- एवं टू व्हीलर एवं फोर व्हीलर दोनो वर्गों का स्थाई लायसेंस का शुल्क 1000/-रू है। जी नहीं। (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा विभिन्न यातायात ऐजेंसियो को लायेसेंस बनाने के लिये पृथक से अधिकृत नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशुपालन विभाग द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं का संचालन
[पशुपालन]
16. ( क्र. 1916 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत पशुपालन विभाग द्वारा शासन की कितनी और कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बकरीपालन/मुर्गी पालन हेतु कितनी संस्था/व्यक्तियों ने विभाग की योजना का लाभ लेकर बकरीपालन/मुर्गीपालन कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विगत 02 वर्षों में उक्त योजना हेतु इन्दौर संभाग को जिलेवार कितने हितग्राहियों को शासन की योजना का लाभ दिया गया तथा कितने को दिया जाना शेष है? शेष रहने का क्या कारण हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 8 हितग्राहीमूलक योजनायें। कम्रश: 1. वत्सपालन प्रोत्साहन योजना, 2. नंदीशाला योजना 3.समुन्नत पशु प्रजनन योजना 4.बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई प्रदाय योजना 5.अनुदान पर बैकयार्ड कुक्कुट इकाई प्रदाय योजना 6.अनुदान पर कड़कनाथ इकाई का प्रदाय योजना 7. अनुदान पर नर बकरों का प्रदाय योजना 8. आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना। (ख) इन्दौर जिले में वर्ष 2017-18 में बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई प्रदाय योजनान्तर्गत 26 हितग्राहियों को तथा अनुदान पर कुक्कुट इकाई प्रदाय योजनान्तर्गत 81 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है जो बकरीपालन/मुर्गीपालन का कार्य कर रहे है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. में सूखे की स्थिति
[राजस्व]
17. ( क्र. 2015 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न तिथि के दौरान किस-किस वर्ष सूखे की स्थिति किस-किस जिलों में/तहसीलों में कितनी-कितनी आंकी गई? आंकलन के आधार पर किस वर्ष, किस जिले की किस तहसील को सूखे से प्रभावित माना गया वर्षवार/जिलेवार/तहसीलवार/सूखा प्रभावित क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों में एवं वर्णित समयानुसार सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए राज्य शासन के द्वारा केन्द्र सरकार से कितनी-कितनी राशि का आर्थिक पैकेज, किस आधार एवं मापदण्ड से कब-कब मांगा? राज्य द्वारा केन्द्र को दिए गए विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांगों से संबंधित पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। केन्द्र द्वारा राज्य शासन को उसके पत्रों के जवाब में क्या पत्र लिखे एवं कितनी राशि की आर्थिक सहायता जारी की? लिखे गए एवं प्राप्त पत्रों की एक-एक प्रति सूखा प्रभावित जिलों/तहसीलवार/प्राप्त राशिवार/माहवार/वर्षवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किस-किस सूखा प्रभावित जिलों/तहसीलों में कितनी-कितनी राशि की फसलें बरबाद हुईं? उन बरबाद फसलों के लिए कितनी-कितनी राशि की सहायता कृषकों को दी गई? बरबाद फसल की राशिवार/जिलेवार/तहसीलवार/किसान संख्यावार/सहायता राशिवार जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के अनुसार सूखा प्रभावित क्षेत्र हेतु केन्द्र सरकार द्वारा जारी राज्य आपदा राहत निधि (SDRF) के प्रावधान, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के निर्धारित मापदण्डों तथा नवीन सूखा मैन्युल 2016 के अनुसार फसल क्षति हेतु राशि की गणना की जाकर केन्द्र सरकार से सहायता राशि की मांग की जाती है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है तथा प्राप्त आर्थिक सहायता राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के संदर्भ में जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बसों के परमिट के संबंध में
[परिवहन]
18. ( क्र. 2263 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र अर्न्तगत सरबई, गौरिहार, चन्दला, बारीगढ़ लवकुशनगर से छतरपुर के लिये कितनी बसे चल रही है एवं किस समय संचालित होती हैं? बस का नाम, समय, कहाँ से कहाँ तक सूचीवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन बस मालिकों को बस के आवागमन हेतु परमिट दिये गये है बस मालिक का नाम, परमिट की अवधि सहित जानकारी एवं किराया सूची प्रदान करें? (ग) क्या चन्दला विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सरबई, गौरिहार, चन्दला, बारीगढ़, लवकुशनगर से छतरपुर के लिये सायं 5 बजे के बाद आवागमन हेतु कोई बस हैं? यदि हाँ, तो सूची प्रदाय करें। यदि नहीं, तो कब तक चलाई जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सरबई, गौरिहार, चन्दला, बारीगढ़, लवकुशनगर से छतरपुर के लिये कुल 6 अस्थाई एवं 33 बसें स्थायी परमिट से आच्छादित होकर संचालित है। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विभागीय अधिसूचना दिनांक 22.04.2015 द्वारा किराया निर्धारण किया गया है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। आवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार परमिट प्रदाय किया जावेगा।
पट्टे की जमीन पर भवन निर्माण की स्वीकृति
[राजस्व]
19. ( क्र. 2467 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या झाबुआ में शहर के मध्य उदयपुरिया सर्वे क्रमांक 99/1 की 2 बीघा 18 बीस्वा, सर्वे नं. 100 की 1 बिस्वा, सर्वे नं. 101/1 की 5 विस्वा इस प्रकार कुल 3 बीघा 19 विस्वा, शासकीय भूमि टीचर्स गृह निर्माण सहकारी मर्यादित झाबुआ को गृह निर्माण हेतु आवंटित की थी? (ख) अगर हाँ तो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 56 की धारा 181) (3) एवं धारा 162 (2) (सी) के अंतर्गत लीज पर कलेक्टर, मण्डला, झाबुआ द्वारा दी गई थी? (ग) अगर दी गई थी तो उक्त आदेश अनुसार एवं समय-समय पर जारी स्वीकृति अनुसार उदयपुरिया सर्वे नं. 99 1/2,100,101,113 क्षेत्रफल 3, 4 पर भवन निर्माण की स्वीकृति किस-किस को दी गई है? (घ) अगर स्वीकृति दी गई तो वर्तमान में नम्रता पति अनमोल नागर द्वारा भवन निर्माण की स्वीकृति चाही गई तो नजूल अधिकारी द्वारा स्वीकृति क्यों नहीं दी गई? नजूल अधिकारी द्वारा उक्त कृत्य किया जाकर आवेदक को अनावश्यक प्रताडि़त क्यों किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत लीज पर आदेश दिनांक 11.5.1962 द्वारा दी गई थी। (ग) नगर पालिका परिषद झाबुआ के द्वारा प्रस्तुत आवेदनों पर राजस्व विभाग से प्राप्त अनापत्ति के आधार पर भवन अनुज्ञा जारी की गई है जिसका विवरण निम्नानुसार है- श्रीमती सुशीला पति स्व. ब्रजकिशोर भट्ट, श्री विवेक कुमार पिता बंसत कुमार दुबे एवं श्री शांतीलाल पिता अर्जुनलाल चौहान को भुतल एवं अन्य तलों की भवन अनुज्ञा आवेदन प्रस्तुत करने पर जारी की गई है। (घ) तहसीलदार झाबुआ के प्रतिवेदन क्रमांक 3128/रीडर-1/2016 झाबुआ दिनांक 05/07/2016 के अनुसार नम्रता पति अनमोल नागर का उदयपुरिया के सर्वे नंम्बर 98/2 पर अतिक्रमण पाया जाने से प्रकरण क्रमांक 657/बी-121/2016-17 में आदेश दिनांक 03/03/2018 तथा स्वामित्व संबधी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व झाबुआ के प्रकरण क्रमांक 72/अ-20 (4)/2016-17 में आदेश दिनांक 21/04/2017 द्वारा आवेदिका का आवेदन पत्र निरस्त किया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तकनीकी शिक्षा संस्थानों में अनिवार्य या वैकल्पिक शुल्क
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
20. ( क्र. 2652 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में खरगोन जिले में समस्त प्रायवेट तकनीकी शिक्षा संस्थानों में दर्ज विद्यार्थी संख्या कोर्सवार, बैचवार देवें? (ख) उक्त संस्थानों में कौन-कौन से शुल्क प्रति विद्यार्थी अनिवार्य हैं तथा कौन-कौन से शुल्क वैकल्पिक हैं? (ग) अशासकीय तकनीकी शिक्षा संस्थानों में अनिवार्य या वैकल्पिक शुल्क संबंधी शासन के दिशा निर्देशों की प्रति देवें। (घ) क्या बस शुल्क को प्रति विद्यार्थी अनिवार्यरूप से तकनीकी शिक्षा संस्थान द्वारा लिया जाना उचित है? इस प्रकार का कोई प्रकरण आने पर क्या कार्यवाही के निर्देश हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) खरगौन जिले में 03 निजी क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा संस्थायें संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-। अनुसार है। (ख) अधिनियम-2007 तथा संशोधित अधिनियम 2013 के तहत गठित प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के द्वारा अधिनियम के अध्याय-4 फीस का निर्धारण 9 (1) में दिये गये प्रावधानों के तहत निजी व्यवसायिक शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के इच्छुक अभ्यार्थियों से प्रभारित की जाने वाली फीस का निर्धारण किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) यातायात शुक्ल को उपयोगिता के आधार पर ऐच्छिक मद में रखते हुये इस मद की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होने पर प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा इसे संज्ञान में लेते हुये अधिनियम-2007 तदोपरांत संशोधित अधिनियम 2013 में दिये गये प्रावधानों के तहत संस्था पर कार्यवाही की जाती है।
भूमि का राजस्व नक्शा
[राजस्व]
21. ( क्र. 2692 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग अंतर्गत आधुनिक तकनीक से नगरीय एवं नगरेत्तर क्षेत्र की भूमि का सर्वे कर डिजिटल नक्शा एवं अधिकार अभिलेख तैयार करने की योजना कब से संचालित है तथा योजना पूर्ण होने की अवधि क्या है? (ख) उक्त योजना में क्या नीमच जिले को भी शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा योजना के सभी चरणों का कार्य समय-सीमा में पूर्ण किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों।
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) राजस्व
विभाग
अंतर्गत
आधुनिक तकनीक
से नगरीय एवं
नगरेत्तर
क्षेत्र की
भूमि का सर्वे
कर डिजिटल
नक्शा एवं
अधिकार
अभिलेख तैयार
करने की योजना
मार्च 2014 से संचालित
है। कार्य तीन
चरणों में
निष्पादित
किया जाना है।
प्रथम चरण का
कार्य पूर्ण
होने के
पश्चात् ही
द्वितीय एवं
तृतीय चरण का
कार्य किया जा
सकता है।
तीनों
चरणों के
कार्यपूर्ण
करने की
समयावधि निम्नानुसार
निर्धारित है-
प्रथम चरण - 58 सप्ताह
द्वितीय चरण - 85 सप्ताह एवं
तृतीय चरण - 85 सप्ताह
(ख) जी हाँ। योजना में नीमच जिला शामिल है। कार्यप्रगति निम्नानुसार है -
प्रथम चरण - कार्य पूर्ण।
द्वितीय चरण - कार्य प्रगति पर है।
तृतीय चरण - कार्य प्रगति पर है।
(ग) नीमच जिले में प्रथम चरण का कार्य एजेंसी द्वारा समयावधि में पूर्ण कर लिया गया है। द्वितीय एवं तृतीय चरण का कार्य प्रगति पर है।
नलकूपों में पॉवर पंप के स्थान पर हैंडपंप लगाये जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( क्र. 2706 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत इन्द्रा, परतला, सिहोरा, डूंडी, पटपरा, देवरी, हिनौतिया भौई, खम्हरिया एवं पिपरिया ग्रामों में खनन किये गये बोर में पॉवर पंप के स्थान पर हैंडपंप लगा दिये गये हैं? (ख) क्या इन हैंडपंपों में पानी नहीं आ रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत 500-600 फुट के गहरे बोर में पॉवर पंप से ही पानी आ सकता हैं? (घ) क्या नलकूपों की जाँच कर आवश्यकता के अनुरूप पंप लगाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
स्थानांतरित कर्मचारी को कार्यमुक्त किया जाना
[राजस्व]
23. ( क्र. 2810 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील कार्यालय विरसिंहपुर पाली, जिला उमरिया में सहायक ग्रेड-2 के कुल कितने कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं वर्तमान में कितने कर्मचारी पदस्थ हैं? (ख) क्या इसी कार्यालय में सहायक ग्रेड-2 में पदस्थ कर्मचारी का स्थानांतरण उमरिया कलेक्टर ने अपने आदेश क्रमांक 322/3-1/स्था./2016, दिनांक 12.08.2016 को विकासखण्ड करकेली किया था? यदि हाँ, तो क्या उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया? यदि हाँ, तो कब किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) इनको कार्यमुक्त न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या जनपद पंचायत करकेली से सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी का स्थानांतरण तहसील कार्यालय विरसिंहपुर पाली में किया गया है? क्या इनके आने पर सहायक ग्रेड-2 की अतिशेष कर्मचारी की संख्या क्या होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील कार्यालय पाली जिला उमरिया में सहायक ग्रेड-2 के कुल 02 पद स्वीकृत हैं। जिसके विरूद्ध वर्तमान में 02 कर्मचारी पदस्थ हैं। (ख) तहसील कार्यालय पाली में सहा.ग्रेड-2 में पदस्थ श्री विनोद कुमार चौकसे का स्थानांतरण कार्यालयीन आदेश क्रमांक 322/3-1/स्था./2016 दिनांक 12.08.2016 को विकासखण्ड करकेली जिला उमरिया में किया गया था, जिन्हें तहसीलदार पाली द्वारा कार्यमुक्त नहीं किया गया है, क्योंकि श्री विनोद कुमार चौकसे सहा.ग्रेड-2 प्रवाचक के रूप में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पाली के कार्यालय में संलग्न है एवं तहसील कार्यालय के वासि बाकिब नवीस शाखा का प्रभार भी इनके पास है। तहसील कार्यालय पाली में स्थानांतरित किये गये 01 कर्मचारी श्री रविकुमार वर्मा सहा.ग्रेड-3 मानपुर द्वारा आज दिनांक तक पदभार ग्रहण नहीं किया गया है वर्तमान में तहसील पाली में पदस्थ 02 कर्मचारी (सहा.वर्ग-3) निलंबित हैं अनुभाग पाली में श्री विनोद कुमार चौकसे सहित 03 लिपिक कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित परिस्थितियों के दृष्टिगत कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। (घ) जनपद पंचायत करकेली से श्री दशरथ प्रसाद गुप्ता सहायक ग्रेड-02 का स्थानांतरण तहसील कार्यालय पाली में किया गया है। तहसील पाली में सहा.ग्रेड 2 के 02 पद स्वीकृत हैं, जिससे श्री गुप्ता के उपस्थित होने पर तहसील पाली में सहायक ग्रेड 02 के दो पद स्वीकृत होने से दोनों पदों की पूर्ति हैं। दोनों पदों के लिऐ पदस्थ कर्मचारियों के वेतन तहसील कार्यालय पाली से ही आहरित हो रहे हैं। अत: इस पद के विरूद्ध अतिशेष कर्मचारियों की संख्या निरंक है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
24. ( क्र. 2815 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा वर्ष 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 एवं 2018 में प्रश्न दिनांक तक किन-किन जिलों के किन-किन स्थानों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था प्रारंभ की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में किन-किन संस्थाओं का भवन निर्माण कर लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में खोले गये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में किन-किन संस्थानों में प्रशिक्षण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? किन-किन संस्थाओं में प्रशिक्षण कार्य प्रारंभ किया जाना है? पृथक-पृथक दिनांक सहित बताया जाये।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित सभी आई.टी.आई. में उनके खोले गये सत्र से प्रशिक्षण कार्य प्रारंभ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रकरण पर कार्यवाही
[राजस्व]
25. ( क्र. 2827 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का पत्र क्रमांक File No. MN/24/ 2014/STGMP/DELAAL/RO-BH दिनांक 08/12/2015 एवं दिनांक 30/01/105 जो कि मुख्य सचिव को संबोधित था वह मुख्य सचिव कार्यालय से विभाग को प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो कब और उस पर क्या-क्या कार्यवाही किस-किस प्राधिकारी ने किस-किस तिथि को की? (ख) क्या पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जाँच की गई? यदि हाँ, तो निष्कर्ष बतायें और निष्कर्षों के आधार पर जो निर्णय हुआ हो उसकी प्रति बतायें? (ग) क्या प्रकरण वर्ष 2014 से चल रहा है तथा शासन के संज्ञान में है, यदि हाँ, तो 4 वर्षों में भी इस पर निर्णय न किये जाने का क्या कारण है और उसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (घ) उपरोक्त प्रकरण राजस्व मंडल ग्वालियर कमिश्नर सागर, राजस्व विभाग म.प्र. शासन तथा कलेक्टर के यहां प्रचलित रहा। यदि हाँ, तो क्या निर्देश जारी किये गये? अद्यतन स्थिति बतायें। (ड.) क्या कलेक्टर पन्ना से इस मामले में अभिमत एवं जाँच प्रतिवेदन मांगा था? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भारत सरकार राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का पत्र क्रमांक फाईल नं. एम.एन./24/2014/STGMP/DELAAL/ROBH दिनांक 08-12-2014 एवं दिनांक 30-01-2015 जो कि मुख्य सचिव को संबोधित था वह मुख्य सचिव कार्यालय से विभाग को दिनांक 18-03-2015 को प्राप्त हुआ था उक्त पत्र में उल्लिखित शिकायत के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पवई से प्राप्त प्रतिवेदन क्रमांक 2055 दिनांक 23-12-2014 के आधार पर कलेक्टर कार्यालय पन्ना के द्वारा पत्र क्रमांक 42/रीडर/2014 पन्ना दिनांक 07-02-2015 दिनांक 13-04-2015 को प्रतिवेदन आयुक्त, आदिवासी विकास मध्यप्रदेश की ओर प्रेषित किये गये है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त पत्र में उल्लेखित शिकायत के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पवई जिला पन्ना के द्वारा पत्र क्रमांक 2055/शिकायत/2014 दिनांक 23-12-2015 के माध्यम से प्रेषित प्रतिवेदन अनुसार शिकायत असत्य पाई गई। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस संबंध में वर्तमान में जिला स्तर पर कोई प्रकरण प्रचलित नहीं है। (घ) उपरोक्त प्रकरण/शिकायत के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पवई के जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रतिवेदन प्रेषित किये जाने के पश्चात कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है क्योंकि शिकायत में उल्लिखित तथ्य जाँच में असत्य पाये गये थे। (ड.) अवर सचिव म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 1846/3695/2014/सात/4-ए भोपाल दिनांक 01-12-2014 कलेक्टर पन्ना से जाँच प्रतिवेदन मांगा गया था। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
एफ.सी. श्रेणी अंतर्गत ग्रामों में पेयजल समस्या
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
26. ( क्र. 2844 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष २०१६ से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्राम अथवा बसाहट एफ.सी. (फूल कवर्ड) श्रेणी में किस नियमानुसार सम्मिलित किये गये हैं? एफ.सी. श्रेणी अंतर्गत सम्मिलित ग्रामों में कितने पेयजल स्त्रोत हैं? जानकारी उपलब्ध करायें ग्रामवार, तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एफ.सी. श्रेणी अंतर्गत ग्रामों में कितने पेयजल स्त्रोत वर्तमान में चालू हैं तथा कितने बंद हैं? कितने आंशिक चालू हैं (केवल वर्षा उपरांत)? ग्रामवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एफ.सी. श्रेणी अतर्गत ग्रामों में कितने नवीन बोरिंग खनन/नवीन हैण्डपंप लगाने के प्रस्ताव प्रश्नकर्ता, ग्राम पंचायत व अन्य जनप्रतिनिधि के माध्यम से विभाग को भेजे गये हैं तथा उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? ग्रामवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में भेजे गये प्रस्तावों में से कितने प्रस्तावों पर नलकूप खनन की कार्यवाही कर दी गई है व कितने पर कार्यवाही शेष है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें? शेष रहे नलकूप खनन के प्रस्तावों के शेष/लंबित रहने का विस्तृत कारण देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 121 ग्राम/बसाहट एफ.सी. (पूर्ण आच्छादित) श्रेणी में विभागीय मापदण्डानुसार 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन पेयजल उपलब्ध कराने पर सम्मिलित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विभागीय लक्ष्यों, निर्धारित मापदण्डों एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार नलकूप खनन के कार्य कराये जाते हैं।
लीज, रियायत दरों पर दी गई भूमि/भूखण्ड
[राजस्व]
27. ( क्र. 2846 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत शिक्षा एवं अन्य उद्देश्य से कितने भूमि/भूखण्ड संस्थानों को लीज, रियायत दरों पर अथवा नि:शुल्क उपलब्ध कराये गये हैं? इन संस्थानों से शर्तों अनुसार प्रतिवर्ष कौन-कौन से शुल्क लिये जाने का प्रावधान है तथा कौन-कौन सा शुल्क वसूला जाता है? क्या किसी संस्थान का शुल्क बकाया है? यदि हाँ, तो अवधि एवं राशि स्पष्ट करें। तहसीलवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें? भूमि/भूखण्ड का उपयोग प्रयोजन अनुसार किया जा रहा है हाँ या नहीं (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भू-खण्ड आवंटन की क्या शर्ते है? तहसीलवार जानकारी उपलब्धं कराये? आवंटित भू-खण्ड का उपयोग शर्तों अनुसार किया जा रहा है? या नहीं? इसकी जाँच कौन-कौन अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई है? तहसीलवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या जाँच में शर्तों का उल्लंघन संस्थानों द्वारा किया जाना पाया गया है? क्या लीज शर्तों में आंवटित भूमि से अधिक शासकीय भूमि पर कब्जा कर उसका उपयोग किया जा रहा है? क्या अधिकारियों द्वारा लीज शर्त अनुसार भूमि आवंटन से अधिक उपयोग की जाने वाली भूमि की जाँच की गई? क्या कहीं पर अनियमितता पाई गई? हाँ या नहीं यदि हाँ, तो लीज उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर कोई कार्यवाही की गई या की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत शिक्षा एवं अन्य उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा कुल 103 संस्था/ट्रस्ट/व्यक्तियों को स्थायी लीज पर भूमि आवंटित की गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। इन संस्थानों से शासन द्वारा अधिरोपित वार्षिक भू-भाटक की राशि लिये जाने का प्रावधान है। संस्थानों द्वारा प्रतिवर्ष भू-भाटक की अदायगी की जा रही है। जिन लीजधारियों द्वारा लीज भूमि का प्रयोजन परिवर्तन किया गया है उनसे नियमानुसार प्रयोजन अनुरूप भू-भाटक की वसूली की जा रही है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम नंबर 7 में भूखंड आवंटन का प्रयोजन तहसीलवार उल्लेखित है। (ग) जिन लीजधारियों द्वारा लीज भूमि का प्रयोजन परिवर्तन किया गया है उनसे नियमानुसार प्रयोजन अनुरूप भू-भाटक की वसूली की जा रही है। आवंटित भूमि से अधिक शासकीय भूमि पर कब्जे का मामला वर्तमान तक प्रकाश में नहीं आया है। लीज शर्त उल्लंघन करने वाली संस्थानों पर म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-6-48/2014/सात/नजूल/भोपाल, दिनांक 11 जुलाई 2014 के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
खंडवा पशु चिकित्सा विभाग में गंभीर अनियमितता
[पशुपालन]
28. ( क्र. 2981 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले के पशु चिकित्सा विभाग में कार्यरत् समस्त पशु चिकित्सा अधिकारी कब से कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं? (ख) क्या विभाग में विगत दिनों गंभीर वित्तीय अनियमितता एवं भण्डार सामग्री में हेराफेरी करने वाले किसी कर्मचारी को निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? समय-समय पर इनका भौतिक सत्यापन करने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? जिनके द्वारा सत्यापन नहीं किया गया? (ग) क्या शासन के संलग्नीकरण नहीं किये जाने के आदेश के उपरान्त भी प्रश्नांश (क) जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय में महिला/पुरूष कर्मचारी अनावश्यक रूप से संलग्न किये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कर्मचारी कब से संलग्न हैं और उनके द्वारा क्या कार्य किया जा रहा है? उन्हें मूल पदस्थापना स्थान के लिए कब भारमुक्त किया जाएगा? (घ) पशुचिकित्सा विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आने वाले उन्नत नस्ल के पशुओं का प्रदाय ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों को नहीं दिया जाकर अवैध रूप से व्यापारियों एवं बाजार में बेचा जा रहा है? विभाग की इस गंभीर अनियमितता की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर दोषी अधिकारियों को दण्डित किया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। क्रय समिति द्वारा समय-समय पर भौतिक सत्यापन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट के उपाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
29. ( क्र. 2983 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खंडवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बैडियावं, सहेजला एवं सुरगांव बंजारी में विभाग द्वारा पेयजल टंकी स्वीकृत की गई हैं? यदि हाँ, तो उसकी स्वीकृति दिनांक एवं कार्य पूर्ण होने का दिनांक क्या है? (ख) क्या विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण ठेकेदार द्वारा उक्त निर्माण कार्य आज दिनांक तक पूर्ण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कार्यादेश अनुसार समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या मुख्यमंत्री नल-जल योजना सहित विभाग के ऐसे अनेक स्वीकृत कार्य जिले में अधिकारियों की मानीटरिंग नहीं करने से लंबित हैं? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार की कार्यप्रणाली में सुधार किया जाएगा? (घ) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावनाओं को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में इसके निवारण संबंधी क्या कार्य योजना है? क्या जिलाधीश एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में ऐसी कार्य योजना बनाने पर विचार किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, ग्राम बैडियांव, सहेजला एवं सुरगांव बंजारी में टंकी स्वीकृति क्रमशः दिनांक 2.6.2011, 5.5.2011 एवं 2.6.2011 को की जाकर टंकियों का कार्य वर्तमान में अपूर्ण है। (ख) जी नहीं। समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध नियमानुसार अनुबंध निरस्त कर अमानत एवं सुरक्षा राशि राजसात कर ली गई है। (ग) जी नहीं, अधिकारियों द्वारा सतत् मॉनिटरिंग की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट का सामना करने हेतु आकस्मिक कार्य योजना रूपये 1042.53 लाख की तैयार की गई है, जिसमें आवश्यकता अनुसार प्रभावित बसाहटों में नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग एवं पेयजल परिवहन आदि कार्य प्रस्तावित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डायवर्सन की जानकारी
[राजस्व]
30. ( क्र. 2996 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग आगर-बड़ौद द्वारा वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक कितने डायवर्सन आवेदन प्राप्त हुये हैं और उसमें से कितने डायवर्सन किये गये हैं? आदेश प्रति संलग्न करें? समय-सीमा में डायवर्शन हीं होने से शासन को कितनी क्षति हुई? यदि हाँ, तो शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने प्रकरणों में वसूली की कार्यवाही की गई? कितनी वसूली कार्यवाही में कितने राजस्व की वसूली की गई तथा कितने लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) किस नियम के तहत डायवर्सन आदेश जारी किये गये? आदेश की प्रति उपलब्ध करावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग आगर-बड़ौद में वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक डायवर्सन के कुल 677 आवेदन प्राप्त हुये हैं जिसमें से 508 डायवर्शन किये गये है। पारित आदेशों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। सभी प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) उत्तर 'क' अनुसार आदेश किये गये समस्त प्रकरणों में वसूली की कार्यवाही की गयी है, अनुविभाग आगर-बड़ौद अंतर्गत प्रीमियम व भू-भाटक की कुल 31.86 लाख की वसूली की गई है। चालू वर्ष में शेष राशि रूपये 15.50 लाख की वसूली की कार्यवाही की जा रही है। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 के तहत डायवर्सन आदेश किये गये हैं। संहिता में उल्लेखित प्रावधानों के अनुरूप ही डायवर्शन आदेश जारी किये जाते है। पारित आदेशों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 3098 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले में स्वीकृत नल-जल योजना कितनी है तथा कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक उक्त नल-जल योजना के लिए कितनी धन राशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई है? स्वीकृति पश्चात् विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण बतायें? (ख) मण्डला विधानसभा क्षेत्र में उक्त नल-जल योजनाओं में कितनी चालू, कितनी बंद एवं कब से प्रगतिरत हैं? क्या ग्राम पंचायत बंडीखेरी अन्तर्गत वृहद नल-जल योजना अपने निश्चित अवधि में पूर्ण हो गई हैं? यदि हाँ, तो कब समयावधि बतायें? इस योजना के तहत पीने के पानी के पाईप लाईन का विस्तार कितना है? यदि नहीं, तो लापरवाही और ठेकेदार को लाभ देने वाले विभागीय अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) विभाग के स्टोर में कितनी खराब विद्युत मोटरें उपलब्ध हैं तथा कौन-कौन सी कंपनी की है कब क्रय की गई? कितने समय पश्चात् खराब हो गई, क्या इनका परीक्षण कराया जावेगा? किसके आदेश एवं निर्देश से कौन सी कम्पनी की मोटरें क्रय की जा रही हैं? (घ) जो नल-जल योजनाऐं लम्बी समयावधि के बीत जाने के पश्चात् भी प्रगतिरत दर्शाई जा रही हैं, उन्हें कब तक पूर्ण किया जावेगा? क्या इस संबंध में संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 488 योजनाएं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में जिले को नल-जल योजना मद अंतर्गत कुल रूपये 1890.46 लाख का आवंटन दिया गया है। 125 योजनाएं पूर्ण तथा 42 योजनाएं प्रगतिरत हैं। (ख) 127 चालू, 19 बंद एवं 4 प्रगतिरत हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं, कुल 105286 मीटर वन विभाग से समय पर अनुमति नहीं मिलने के कारण योजना पूर्ण करने में विलंब हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 10 मोटरें, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) शीघ्र पूर्ण करने का प्रयास है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। दोषी पाये जाने पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुविभागीय अधिकारियों के समक्ष लंबित प्रकरण
[राजस्व]
32. ( क्र. 3099 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला, डिण्डोरी, कटनी एवं बैतूल जिले में भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 238 (1) के तहत सार्वजनिक प्रयोजन के लिए आरक्षित गैरखाते की दखल भूमि को आरक्षित वन बनाये जाने की जाँच एवं कार्यवाही 1988 से प्रश्नांकित दिनांक तक भी अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा पूरी नहीं की गयी हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष आरक्षित वन बनाये जाने के लिए प्रस्तावित कितने ग्रामों की किस-किस मद एवं प्रयोजन के लिए कितनी-कितनी भूमि की जाँच एवं कार्यवाही 1988 से प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की जा सकी? (ग) धारा 237 (1) के तहत आरक्षित भूमि के संबंध में भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में अनुविभागीय अधिकारी को क्या-क्या अधिकार दिये गये हैं? किस धारा में उन्हें दखल भूमि को आरक्षित वन बनाये जाने की जाँच का अधिकार दिया गया है? (घ) धारा 237 (1) में आरक्षित भूमि को आरक्षित वन बनाये जाने की जाँच करने वाले अनुविभागीय अधिकारियों के विरूद्ध राजस्व विभाग ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की तो कारण बतावें? कार्यवाही की जावेगी तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कटनी जिले में सार्वजनिक प्रयोजन के लिए आरक्षित गैरखाते की दखल भूमि को आरक्षित वन बनाये जाने की जाँच एवं कार्यवाही प्रचलित है। अनुविभाग बैतूल, में भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 238 (1) के तहत सार्वजनिक प्रयोजन के लिए आरक्षित भूमि दर्ज नहीं है। जिला डिण्डौरी एवं मण्डला में भूराजस्व संहिता 1959 की धारा 238 (1) के तहत सार्वजनिक प्रयोजन के लिए आरक्षित गैर खाते की दखल रहित भूमि को आरक्षित वन बनाये जाने की जाँच की कार्यवाही प्रचलन में नहीं हैं। (ख) कटनी जिले में आरक्षित वन बनाये जाने हेतु प्रस्तावित ग्रामों की भूमियों के मद का अनुभागवार विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
अनुविभागीय अधिकारी |
कुल ग्रामों की संख्या |
भूमि का मद |
कुल भूमि |
01 |
ढीमरखेड़ा |
61 |
पहाड़-चट्टान, छोटे-बड़े झाड़ का जंगल, घास/अन्य मद |
4723.51 हे. |
02 |
बहोरीबंद |
56 |
16493.58 हे. |
|
03 |
कटनी |
01 |
- |
|
04 |
विजयराघगढ़ |
01 |
17.82 हे. |
जिला
बैतूल के कुल 494
ग्रामों की 492
वनखण्डों की
भूमि की
भारतीय वन
अधिनियम 1927 की
धारा 4
(1) में
आरक्षित वन
घोषित करने की
प्रारम्भिक
अधिसूचना
जारी की गई
थीं। इन
अधिसूचनाओं
में भूमि जो
राजस्व
रिकार्ड में
छोटे-बड़े
झाड़ के वन, पहाड़
चट्टान आदि मद
की भूमि है जो
विभिन्न प्रयोजनों
के लिए दर्ज
हैं। जिला डिण्डौरी
एवं मण्डला
की जानकारी
निरंक है। (ग) म.प्र. भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 237 (1) के
तहत आरक्षित
भूमि के संबंध
में अनुविभागीय
अधिकारी को
अधिकार
प्रदत्त
नहीं किये गये
है। (घ) कार्यवाही
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नल-जल योजना की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 3127 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में किन-किन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना चालू हैं? (ख) कितनी ग्राम पंचायतों में वर्तमान में नल-जल योजना का कार्य चल रहा हैं? ग्रामवार जानकारी देवें? (ग) कितनी ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना बंद पड़ी हैं? ग्रामवार जानकारी देवें एवं बंद होने का स्पष्ट कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) से बंद पड़ी हुई नल-जल योजना कब तक चालू हो जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
नवीन हैंडपंप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
34. ( क्र. 3134 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोकनगर जिले को वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2017-18 तक नवीन हैंडपंप खनन हेतु कितनी बजट राशि प्राप्त हुई वर्षवार बतावें? (ख) नवीन खनन का विधानसभा क्षेत्रवार क्या लक्ष्य रखा गया? (ग) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक नवीन हैंडपंप खनन हेतु आवंटित राशि की जानकारी बतायें? (घ) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में लगाये गये नवीन हैंडपंप की जानकारी ग्रामवार संख्या बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) लक्ष्य का निर्धारण जिलेवार किया जाता है, विधानसभा क्षेत्रवार नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश-'क' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पुन: मेडिकल परीक्षण
[गृह]
35. ( क्र. 3151 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में आरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2016 में आयोजित की गयी थी? यदि हाँ, तो सागर, जबलपुर संभाग में कहाँ-कहाँ भर्ती आयोजित की गयी? (ख) क्या उक्त भर्ती में चयनित प्रक्रिया के बाद मेडिकल परीक्षण सागर संभाग सागर के दमोह जिले के मेडिकल बोर्ड से होने के उपरान्त पुन: परीक्षण हेतु जबलपुर के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर को लिखा गया है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण बतावें। (ग) क्या दिनांक 23/5/17 को चयनित अभ्यर्थियों का मेडिकल पुन: संभागीय बोर्ड मेडिकल बोर्ड सागर के बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर से कराया गया, पुन: चयनित अभ्यर्थियों के फिट होने के बाद भी आज दिनांक तक नियुक्ति प्रदान नहीं की गयी, क्यों? कारण बतावें। (घ) आरक्षक भर्ती परीक्षा-2016 में दो बार मेडिकल होने के बाद फिट होने पर चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश अब तक जारी क्यों नहीं किये गये? उक्त आदेश कब तक जारी किये जावेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, सागर में यह परीक्षा इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज, बहेरिया सागर एवं जबलपुर में परेड ग्राउण्ड 6वीं वाहिनी विसबल रांझी जबलपुर में आयोजित की गयी। (ख) जी हाँ, मेडिकल बोर्ड दमोह द्वारा 04 उम्मीदवारों को कलर ब्लाईड होने से पुनः पुनरीक्षण हेतु नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर को भेजा गया था। (ग) संभागीय मेडिकल बोर्ड सागर से, चयनित 06 उम्मीदवारों का परीक्षण करवाया गया, जिसमें से 04 उम्मीदवार अलग-अलग कारणों से अनफिट पाये गये। 01 उम्मीदवार अनुपस्थित रहा तथा एक उम्मीदवार फिट पाया गया। फिट पाए उम्मीदवार को नियुक्ति दी जा चुकी है। (द) फिट उम्मीदवार का दिनांक 01.09.2017 को नियुक्ति आदेश जारी किया जा चुका है।
अभ्यारण्य एवं पार्क की सीमा में आने वालों की सम्पत्ति का अर्जन
[राजस्व]
36. ( क्र. 3157 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अभ्यारण्य एवं पार्क की सीमा में आने वाले राजस्व ग्रामों एवं वन ग्रामों की सम्पत्ति के अर्जन की कार्यवाही कलेक्टर/अपर कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी भू-अर्जन अधिनियम 1894 की किस धारा के अनुसार एवं जनवरी 2014 से लागू भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता के अधिकार अधिनियम 2013 की किस धारा के अनुसार कर सकते हैं? (ख) जनवरी 2014 से दिसंबर 2017 तक नौरादेही अभ्यारण्य एवं पचमढ़ी पार्क की सीमा में आने वाले किस राजस्व ग्राम एवं वन ग्राम के कितने परिवारों की सम्पत्ति अर्जन का आदेश कलेक्टर होशांगाबाद, बैतूल, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, दमोह एवं सागर ने किस दिनांक को दिया। (ग) इनमें से किस आदेश के लिए भू-अर्जन अधिनियम 1894 की किस धारा के प्रावधानों का पालन किया? किस आदेश के लिए जनवरी, 2014 से लागू कानून की किस धारा के प्रावधानों का पालन किया? पृथक पृथक प्रकरणवार बतावें। (घ) जनवरी 2014 से लागू कानून के अनुसार सम्पत्ति का प्रतिकर, तोषण, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के आदेश नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है उसके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। पार्क एवं अभ्यारण के लिए भू-अर्जन हेतु वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही की जाती है। (ख) जनवरी 2014 से 2017 तक सागर जिले के सीमा में आने वाले 07 राजस्व एवं 01 वन ग्राम के परिवारों के संपत्ति का अर्जन किया गया है, आदेश दिनांकवार संलग्न परिशिष्ट पर है। नरसिंहपुर जिले में ग्राम मेह्गावा एवं खापा में दिनांक 06.10.2017 से कार्यवाही प्रारंभ की गयी है l वर्तमान में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है l शेष जिलो दमोह, बैतूल, होशंगाबाद, छिन्दवाड़ा में राजस्व एवं वन ग्रामों में परिवारों की संपत्ति का अर्जन नहीं किया गया है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
निरीक्षकों, उपनिरीक्षकों के स्थानांतरण
[गृह]
37. ( क्र. 3406 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में जिला पुलिस मुख्यालय द्वारा किन-किन निरीक्षक, उपनिरीक्षकों के स्थानांतरण वर्ष 2017 में किये गये हैं? (ख) क्या स्थानांतरित निरीक्षक, उपनिरीक्षक को कार्यमुक्त कर दिया गया है? यदि कार्यमुक्त नहीं किये गये हैं, तो क्यों? कब तक कार्यमुक्त कर दिये जायेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
उपजेल स्थापनाओं के संबंध में जानकारी
[जेल]
38. ( क्र. 3442 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रत्येक जिले के तहसील मुख्यलाय पर उपजेल स्थापना हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? क्या उज्जैन संभाग की सभी तहसीलों में विधानसभा क्षेत्रों में उपजेल स्थापित हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ एवं नहीं है तो किस कारण? (ख) आलोट जिला रतलाम में उपजेल स्थापना अब तक क्यों नहीं हुई? आलोट से जावरा जेल तक लगाभग ४० किलोमीटर दूरी होने एवं आलोट क्षेत्र अनुसूचित जाति बाहूल्य होने व गरीब क्षेत्र होने के उपरांत भी यहाँ बार-बार मांग उपरांत भी उपजेल स्थापित क्यों नहीं की जा रही है। (ग) क्या प्रदेश व संभाग में ३० किलोमीटर की दूरी पर ही उपजेल कई स्थानों पर है? फिर यहॉं दोहरा मापदण्ड क्यों? शासन यहॉ कब तक उपजेल स्थापित करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) वर्तमान में ऐसा कोई मापदण्ड नहीं है। जी नहीं। स्थापित 20 जेलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष तहसीलों में विचाराधीन बंदियों की संख्या अधिक नहीं होने के कारण। (ख) उत्तर-'क' के परिप्रेक्ष्य में आलोट तहसील के बंदियों की संख्या कम होने से जेल का निर्माण शासन हित में संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, कुछ जेलें 30 किलोमीटर की परिधि में स्थित हैं, किन्तु उत्तर-'क' के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कोई दोहरा मापदण्ड नहीं है। उत्तर-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निःशक्तजनों की प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति दिए जाने
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
39. ( क्र. 3506 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निःशक्तजनों के सहायक वर्ग-3 अंतर्गत भर्ती हेतु रोजगार प्रभार उद्योग संचालनालय म.प्र. भोपाल द्वारा व्यापम को 06 पदों पर भर्ती किये जाने हेतु आरक्षण रोस्टर निर्धारित कर अपने विज्ञापन पत्र क्रमांक/उसंरोप्र/12/स्था/निःजन.3386 दिनांक 04/06/2013 को जारी कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त विज्ञापन के तारतम्य में प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति प्रदान करने हेतु दिनांक 28/07/2015 को आयोजित काउंसलिंग में दृष्टिबाधित अनारक्षित श्रेणी में अभ्यार्थी सोनम श्रीवास्तव जिला सतना को आमंत्रित कर काउंसलिंग की प्रक्रिया संपन्न कराई गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार निःशक्तजन काउंसलिंग कराये जाने के उपरांत नियुक्ति आदेश जारी न कर 08 माह पश्चात् आवेदक द्वारा पत्राचार करने पर 06 माह बाद सूचित किया गया कि जारी विज्ञापन में आरक्षण रोस्टर सा.प्र.वि. के निर्देश दिनांक 30 जून 2014 के अनुसार न होने के कारण समाप्त कर दिया गया, जिस कारण नियुक्ति नहीं की जा सकी, जबकि उसी आरक्षण/विज्ञापन के आधार पर 03 कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है, फिर एक ही विज्ञापन में दो तरह की व्यवस्थाएं अपनाया जाना क्या उचित है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो आरक्षण रोस्टर यदि दोषपूर्ण है, तो इस दोषपूर्ण रोस्टर तैयार करने के लिए दोषी लिपिक/प्रभारी अधिकारी/विज्ञापन जारीकर्ता अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए अधिनियम के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के आदेश कब तक जारी किये जायेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नारंगी वनखंडों में शामिल भूमि
[राजस्व]
40. ( क्र. 3576 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत बन्दोबस्त अधिकारी बैतूल के समक्ष दिनांक २२ जनवरी, २०१८ को नारंगी वनखंडों में शामिल भूमि को पृथक किए जाने के आवेदन प्रस्तुत हुए हैं? यदि हाँ, तो किस ग्राम की कितनी भूमि को पृथक किए जाने के तथा इन आवेदनों की जाँच किस-किस के द्वारा की जा रही है? (ख) क्या मिसल बंदोबस्त, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं २०१७ तक की खसरा पंजी में सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए जंगल मद और गैर जंगल मद में दर्ज जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे, नारंगी वनखंड एवं वर्किंग प्लान में शामिल करने का अधिकार वन विभाग को दिया है? किस कानूर, किस नियम, किस न्यायालयीन आदेश में इसका उल्लेख है? आदेश एवं निर्देश की प्रति उपलब्ध कराते हुए अवगत करावें? (ग) मप्र शासन राजस्व विभाग वल्लभ भवन भोपाल एवं कलेक्टर बैतूल ने कितने ग्रामों की कितनी दखल रहित राजस्व भूमि नारंगी वनखंड एवं वर्किंग प्लान में शामिल करने की अनुमति किस दिनांक को वन विभाग को दी है? यदि नहीं, दी हो तो उसका कारण बतावें? (घ) कब तक बन्दोबस्त अधिकारी बैतूल २२ जनवरी २०१८ को प्रस्तुत आवेदनों की जाँच करवाकर दखल रहित राजस्व भूमियों को नारंगी वनखंडों से पृथक किए जाने के आदेश जारी कर देंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। तहसील चिचोली के क्षेत्रांतर्गत ग्राम खैरी की 62.305 हे. विधवा 24.102, सिपलई 72.306, अटारी 7.603, 110.973, देवपुरकोटमी 321.605, चूड़िया 42.140, बल्लौर 114.152, मोतीपुर 15.457, पाटाखेड़ा 24.275, चिरापाटला 25.012, चुरनी 10.258, चूनागोसाई 6.000 जामनगरी 83.928, झिरियाडोह 70.141 एवं ग्राम पटालदा 44.285 हे. तहसील शाहपुर के कुल 17 ग्रामों की 551.280 हेक्टेयर, तहसील आठनेर के अन्तर्गत ग्राम सुकवा 53.842 हे, पानबेहरा 35.660 हे., रेणुकाखापा 11.482 हे. अम्बाड़ा 17.628 हे. एवं ग्राम ऐनखेड़ी 38.250 हे.तहसील बैतूल के ग्राम बोडी 29.494 टिकारी 49.752 मरामझिरी 43.699 टिकारी 49.752 नीमझिरी 30.953 जैतपूर 20.989 सावंगा 119.366 सेहरा 18.000 हमलापूर 15.341 डुडाबोरगांव 86.976 बडगी खुर्द 30.102 इटिया बिटिया 94.554 सेलगांव 11.814 सराड 51.909 कनारा 35.571 भयावाडी 47.106 सेनाधाटी 46.214 कढाइ्र्र 44.827 सोनाधाटी 22.934 झगडिया 148.870 कढाई 44.827 सोनाघाटी 22.934 झाड़ेगांव 13.287, परतापुर 32.520 कुल 24 आवेदनों पर कार्यवाही प्रारंभ है। तहसील घोड़ाडोंगरी अन्तर्गत ग्राम कान्हावाड़ी 17.583, नीमपानी 4.767, घोड़ाडोंगरी 41.825, बगडोना 118.114, कोल्हिया 83.650, लोनिया 11.395, नूतनडंगा 146.285, झोली 20.825, लखीपुर 156.539, निश्चितपुर 133.275, तवाकाटी 90.39 के 11 आवेदन प्राप्त हुए है। तहसील आमला अन्तर्गत ग्राम जैतपुर 26.279, ग्राम पिन्डरई 42.400, ग्राम बिसखान 46.392, हसलपुर 22.797, खटगढ़ 57.133, झिटापाटी 16.041 हे., तहसील मुलताई अन्तर्गत ग्राम जाम अ 64.085 जाम ब 33.612 लेन्दागोदी 40.188 बुआलखापा अ 10.646 बुआलखापा ब 4.652 बुआलखापा स 45.661 बुआलखापा द 16.123 बुआलखापा ई 5.749 घाटबिरोली 14.792 चरूड अ 14.295 चरूड ब 39.709 उमरी 20.407 अम्बोरी अ 57.19 अम्बोरी ब 58.08 खापा 58.803 दातोरा 97.869 इसापुर 1.778 कुम्भीखेडा अ 102.864 कुम्भीखेडा ब 20.706 सावरी 29.157 मल्हारा अ 64.477 मल्हारा ब 12.120 खेडीदेवनाला ब 5.000 खेडीदेवनाला द 25.521 प्रभातपट्टन 38.040 बिछुवा अ 33.395 बिछुवा ब 11.531 बिछुवा स 29.353 की जाँच राजस्व निरीक्षक पटवारी द्वारा की जा रही है। (ख) जी नहीं। उत्तर बैतूल (सा.) वनमण्डल के अंतर्गत म.प्र.शासन वन विभाग के पत्र दिनांक 14 मई 1996 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर) से प्राप्त निर्देशानुसार असीमांकित संरक्षित एवं राजस्व विभाग से प्राप्त छोटे-बड़े झाड़ के जंगल मद की सूची अनुसार नारंगी क्षेत्र सर्वेक्षण एवं सीमांकन इकाई बैतूल द्वारा सर्वे में शामिल कर उपयुक्त भूमि के वनखण्ड बनाये जाकर धारा-4 (1) में अधिसूचना प्रकाशन हेतु प्रस्तावित किया गया है एवं प्रस्तावित वनखण्डों को वर्किंग प्लान में शमिल किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग वल्लभ भवन भोपाल एवं कलेक्टर बैतूल द्वारा दखल रहित राजस्व भूमि नारंगी वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल करने की अनुमति वन विभाग को नहीं दी गई है। (घ) आवेदनों पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय एवं स्वशासी इंजीनियरिंग महा. में प्राचार्य की नियुक्ति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
41. ( क्र. 3649 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के शासकीय एवं स्वशासी इंजीनीरिंग महाविद्यालय में कितने स्थाई प्राचार्य नियुक्त हैं? यदि स्थाई प्राचार्य नहीं हैं तो इनकी भर्ती किन नियमों के आधार पर होगी एवं कब तक की जाएगी? (ख) मध्यप्रदेश के शासकीय एवं स्वशासी पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में कितने स्थाई प्राचार्य नियुक्त हैं? यदि स्थाई प्राचार्य नहीं हैं, तो इनकी भर्ती किन नियमों के आधार पर होगी एवं कब तक की जाएगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) विभाग के अंतर्गत स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में कोई भी नियमित प्राचार्य नियुक्त नहीं है। नियमित प्राचार्यों की नियुक्ति वर्तमान प्रचलित सेवा भरती नियमों के आधार पर की जाती है। भरती की कार्यवाही एक सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) विभग के अंतर्गत शासकीय/स्वशासी/ महिला पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में शासकीय संवर्ग के 09 एवं स्वशासी संवर्ग के 06 प्राचार्य नियुक्त है। नियमित प्राचार्यों की नियुक्ति वर्तमान प्रचलित सेवा भरती नियमों के आधार पर की जाती है। भरती की कार्यवाही एक सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोलार रोड राजहर्ष कालोनी की शासकीय भूमि के संबंध
[राजस्व]
42. ( क्र. 3667 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलार रोड स्थित राजहर्ष कालोनी/विक्टोरिया कॉलेज के पास की शासकीय भूमि कितनी है वह किस को कब से आवंटित है व किस चौकीदार को कब से आवंटित है वर्तमान में आवंटित चौकीदार का इस भूमि पर कब्जा है अथवा नहीं? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त चौकीदार (कोटवार) से भूमि आज दिनांक तक अपने पक्ष में क्यों नहीं ली गई तथा इस भूमि पर शासन द्वारा कोई शासकीय भवन जैसे अस्पताल, स्कूल, महाविद्यालय शासकीय उद्यान आदि अन्य प्रकार से शासकीय हित में इस भूमि का उपयोग क्यों नहीं किया गया? क्या इस भूमि का उपयोग शासन किस उद्देश्य के लिये करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या चौकीदार (कोटवार) द्वारा अनाधिकृत रूप से इस भूमि का उपयोग कृषि कार्य के रूप में किया जा रहा है? क्या शासन तत्काल प्रभाव से कोटवार का कब्जा हटाते हुए भूमि को अपने संरक्षण में लेने की कार्यवाही करेगा तथा इस भूमि की सुरक्षा हेतु बाउंड्रीवॉल का निर्माण कर इसे सुरक्षित रखने हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील हुजूर भोपाल स्थित कोलार रोड राजहर्ष कालोनी/विक्टोरिया कालेज के पास की भूमि ग्राम नयापुरा में स्थित होकर खसरा क्रमांक 248 रकबा 1.280 है। उक्त भूमि म.प्र. शासन सेवा भूमि थी जो ग्राम चौकीदार के जीवन निर्वाह हेतु शासन द्वारा प्रदत्त की गई थी वर्तमान में उक्त भूमि पर ग्राम चैकीदार का कब्जा न होकर शासन का अधिपत्य है। (ख) ग्राम कोटवार को वर्ष 2008 में पद से पृथक कर उक्त भूमि का अधिपत्य शासन द्वारा प्राप्त कर लिया गया था तथा रा.प्र.क्र. 379/बी-121/2010-11 आदेश दिनांक 19/8/2011 द्वारा भूमि म.प्र. शासन नगर बाह्य नजूल घोषित की जा चुकी है। उपयोगिता होने पर शासकीय कार्यों हेतु निकायों को आवंटित की जा सकती है। उपयोग का प्रयोजन एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) जी नहीं। उक्त प्रश्नाधीन भूमि पर शासन का अधिपत्य है, किसी का अनाधिकृत कब्जा नहीं है तथा उक्त भूमि विगत कई वर्षों से पड़त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
मनासा विधानसभा के 29 गाँवों की पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 3793 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मनासा विधानसभा क्षेत्र के 29 गाँवों की पेयजल योजना में जिन ग्रामों के मोहल्ले, नई आबादी, मजरे छूट गए हैं, उनको जोड़े जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 14-10-2015 को पत्र जल निगम के अधिकारियों को लिखा गया था। (ख) क्या अन्य ग्रामों को भी पेयजल योजना से जोड़ने हेतु प्रस्ताव भेजे गए थे। उक्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं का परीक्षण किया गया। मंदसौर एवं नीमच जिले की गांधीसागर-2 समूह जलप्रदाय योजना की डी.पी.आर. तैयार की गई है, जिसमें नीमच जिले के अन्य ग्रामों को भी सम्मिलित कर लिया गया है।
सार्वजनिक शासकीय कुएं पर किया गया अतिक्रमण
[राजस्व]
44. ( क्र. 3796 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले की खिरकिया तहसील में रेल्वे गेट के पास सार्वजनिक शासकीय कुएं को बन्द कर उस पर अतिक्रमण कर पक्का व्यवसायिक निर्माण अतिक्रमणकर्ता द्वारा कर लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो तहसीलदार खिरकिया एवं अनुविभागीय अधिकारी (रा.) खिरकिया द्वारा अतिक्रमणकर्ता द्वारा की गई अपील निरस्त किये जाने के बाद भी उक्त अतिक्रमण अभी तक नहीं हटाये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या उक्त अतिक्रमण से आम रास्ता एवं रेल्वे फाटक पास होने से लोगों को हमेशा परेशानी होती है व रास्ता संकीर्ण होने से आये दिन उक्त स्थल पर दुर्घटनायें होती रहती हैं, को ध्यान में रखकर उक्त अतिक्रमण को हटाया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। राजस्व रिकॉर्ड में सार्वजनिक शासकीय कुंआ अंकित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश-(क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) रेल्वे फाटक एवं आम रास्ता परम्परागत रूप से बना है। मौके पर अतिक्रमण नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
45. ( क्र. 3820 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जोलाई, में मुख्यमंत्री नल-जल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, हाँ या नहीं? (ख) क्या ग्राम जोलाई में नलकूप खनन का कार्य पूर्ण हो चुका है? (ग) ग्राम जोलाई में उक्त योजना कब तक पूर्ण की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
46. ( क्र. 3845 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जाती हैं? उद्योग लगाने हेतु हितग्राही चयन की क्या प्रक्रिया है? (ख) लागों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार प्राप्त हो सके इस हेतु विभाग क्या-क्या उपाय करता है? बताने का कष्ट करें। (ग) विगत 5 वर्षों में नरसिंहपुर जिले में विभाग द्वारा अभी तक कितने उद्योग स्थापित किये गए एवं कितने लोगों को लाभान्वित किया है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री जालम सिंह पटेल ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मलबरी स्वावलंबन योजना एवं निजी क्षेत्र में मलबरी विस्तार योजनाएं संचालित है। हितग्राही चयन की प्रक्रिया के संबंध में योजना की मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) अधिकाधिक लोगों को स्वरोजगार प्राप्त हो इसलिये रोजगार सम्मेलन, स्वरोजगार मेले एवं अन्त्योदय मेले में पेम्पलेट/ब्रोशर आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर प्रेरित किया जाता है। रेशम योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु शिविर, कार्यशाला, एक्सपोजर विजिट एवं मलबरी ककून का न्यूनतम समर्थन मूल्य शतप्रतिशत क्रय कर विपणन सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। (ग) नरसिंहपुर जिले में विगत पाँच वर्षों में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं आर्थिक कल्याण योजना तथा इसके पूर्ववृत्ति कुटीर उदयोग विकास योजना, परिवार मूलक इकाई स्थापना योजना एवं श्रीयादे माटीकला योजना में 721 हितग्राहियों को लाभान्वित कर 721 उद्योग स्थापित किये गये है। रेशम योजनाओं में 390 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
तकनीकी संस्थानों की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
47. ( क्र. 3846 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में सरकार के कितने आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्र संचालित हैं? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) इन आई.टी.आई. और कौशल विकास केन्द्रों में कितने-कितने ट्रेड संचालित हैं? क्या इन केन्द्रों में और नये ट्रेड बढ़ाने की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो किस-किस आई.टी.आई. में कितने ट्रेड बढ़ाये जावेंगे? (ग) क्या सब केन्द्रों में केन्द्र के अपने स्वयं के भवन हैं? यदि नहीं, तो इनमें कब तक भवन बनवा दिये जायेंगे? (घ) किसी केन्द्र को बंद करने की योजना है? बताने का कष्ट करें या क्षेत्र में औद्योगिक विकास को दृष्टिगत रखते हुये और केन्द्र खोलने की योजना है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) गाडरवाडा विधानसभा क्षेत्र में एक शासकीय आई.टी.आई. गाडरवाडा संचालित है एवं शासकीय कौशल विकास केन्द्र वर्तमान में संचालित नहीं है। (ख) शासकीय आई.टी.आई. गाडरवाडा में 07 ट्रेड संचालित है वर्तमान में कोई नया ट्रेड खोलने की योजना नहीं है। (ग) आई.टी.आई. गाडरवाडा स्वयं के भवन में संचालित है। (घ) जी नहीं। जी नहीं।
विचाराधीन कैदियों की हत्या करने वालों के विरूद्ध 302 का प्रकरण पंजीबद्ध
[जेल]
48. ( क्र. 3898 ) श्री आरिफ अकील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आई.एस.ओ. अवार्ड भोपाल की सेंट्रल जेल से फरार 8 विचाराधीन कैदियों का दिनांक 30-31 अक्टूबर 2016 को हुए एनकाउण्टर की जाँच हेतु दिनांक 7/11/2016 को एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच गठित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या जाँच आयोग द्वारा जाँच प्रतिवेदन शासन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है? यदि हाँ, तो विचाराधीन कैदियों का एनकांउटर करने वाली टीम में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी मौजूद थे? उनके नाम व पद सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिन 8 विचारधीन कैदियों का एनकांउटर किया गया वह जाँच प्रतिवेदन के अनुसार अवैधानिक होने के कारण उनके परिजन को 10-10 लाख रूपये का मुआवजा और एक सदस्य को शासकीय नौकरी देंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) न्यायिक जाँच प्रतिवेदन में की गई अनुशंसा अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
रेल्वे लाईन के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा
[राजस्व]
49. ( क्र. 3919 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेल्वे लाईन के निर्माण हेतु विगत दो वर्षों में कितनी भूमियों का अधिग्रहण पन्ना जिले में किया गया है? ग्रामवार, खसरा नं. वार रकबावार जानकारी दें। (ख) अधिग्रहित की गई जमीनों में मुआवजा दिये जाने का क्या प्रावधान है? क्या जिस दर की रजिस्ट्री करवाई गई है, उसी दर से मुआवजा दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या क्रेताओं के साथ अन्याय नहीं है? (ग) क्या जिन लोगों की भूमि रेल्वे लाईन के लिये अधिग्रहित की गई है, उसमें मुआवजा के साथ नौकरी भी दी जावेगी, यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर एवं वह भूमि कितने समय पहले से अभिलेख में दर्ज होनी चाहिये? (घ) क्या जिन लोगों द्वारा छोटे-छोटे प्लाट बनाकर हॉल ही में बेचे गये हैं और वह भूमि अधिग्रहित की जा रही है, उन्हें मुआवजा एवं नौकरी किस आधार पर दी जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रेलवे लाईन के निर्माण हेतु विगत दो वर्षों में पन्ना जिले में 14 ग्रामों की कुल 81.813 हे. भूमि का अधिग्रहण किया गया है। ग्रामवार, खसरा नम्बरवार, रकवावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अधिग्रहित की गयी जमीनों का मुआवजा भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 में दिये गये प्रावधानानुसार बाजार मूल्य गाईड लाईन के अनुसार मुआवजा निर्धारण किया जाता है। (ग) जिन लोगों की भूमि रेलवे लाइन के लिये भूमि अधिग्रहित की गयी है उन्हें भूमि अर्जन अधिनियम 2013 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत मुआवजा दिया जा रहा है। (घ) अधिग्रहित की गयी जमीनों का मुआवजा भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 में दिये गये प्रावधानानुसार बाजार मूल्य गाइड लाइन के अनुसार मुआवजा दिया जावेगा।
प्रदेश में खाद्य सामग्री वितरण में थम्ब इम्प्रेशन की आवश्यकता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
50. ( क्र. 3921 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण प्रदेश में वर्तमान उचित मूल्य की दुकानों पर "थम्ब इम्प्रेशन" से खाद्य वितरण हो रहा है? यदि नहीं, तो कितनी उचित मूल्य की दुकानों पर वितरण नहीं हो रहा है संख्या बतायें? (ख) क्या प्रदेश में मजदूरी, पत्थर की खादानों में काम करने वाले मजदूर, कृषि कार्य करने वाले मजदूरों के अंगूठों की चमड़ी खराब हो जाने के कारण उनके थम्ब इम्प्रेशन मशीन पढ़ नहीं पाती, जिससे उन्हें उचित मूल्य की दुकानों पर सामग्री नहीं मिल पाती? यदि हाँ, तो क्या ऐसे मजदूरों को चिन्हित कर उन्हें ऑफ़ लाईन राशन वितरित किया जा रहा है? यदि नहीं, तो ऐसे मजदूर वर्ग के लिए विभाग ने क्या व्यवस्था निर्धारित की है? (ग) प्रदेश में प्रश्नांश (ख) संदर्भित कितनी दुकानों पर मजदूरों के थम्ब इम्प्रेशन सही नहीं आने के कारण राशन नहीं मिलने की शिकायत कहाँ-कहाँ प्राप्त हुई? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रदेश में आनलाइन थम्ब इम्प्रेशन से राशन देने के बाद कितने फर्जी व्यक्तियों के कूपन की कमी आयी एवं राशन का आवंटन कितना कम या ज्यादा हुआ? जिलेवार तुलनात्मक रिपोर्ट देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) नगरीय क्षेत्र की 4,301 दुकानों में बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण व्यवस्था लागू की गई है। ग्रामीण क्षेत्र की 17,160 दुकानों में बायोमेट्रिक सत्यापन वैकल्पिक रखा गया है अर्थात् बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होने पर समग्र परिवार आई.डी. से राशन वितरण किया जाता है। प्रदेश की लगभग 1047 उचित मूल्य की दुकानों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने के कारण ऑफलाईन समग्र परिवार आई.डी. से राशन वितरण किया जा रहा है। (ख) जिन पात्र हितग्राहियों के उंगलियों के निशान स्पष्ट न होने के कारण बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होता है, ऐसे हितग्राहियों को वितरण पंजी के माध्यम से राशन वितरण की व्यवस्था की गई है। किसी भी पात्र परिवार को बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण से वंचित नहीं किया जा रहा है। (ग) विभाग को बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होने पर राशन वितरण न करने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपभोक्ताओं को इंटरनेट कनेक्टिविटी, सभी के आधार नंबर न होने, थम्ब इम्प्रेशन न मिलने के कारण प्रदेश में बायोमेट्रिक सत्यापन से शत-प्रतिशत वितरण नहीं किया जा रहा है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छपारा जलावर्धन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
51. ( क्र. 3937 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत छपारा नगर में कई वर्षों से प्रगतिरत छपारा जलावर्धन योजना की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि जलावर्धन योजना अपूर्ण है तो इसे कब पूर्ण कर लिया जावेगा? इस महत्वाकांक्षी योजना का कार्य पूर्णता की दिनांक में पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? समयावधि में पूर्ण नहीं होने पर इसके लिए कौन जिम्मेवार है एवं उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त योजना किस सन में स्वीकृत की गई थी? इसकी स्वीकृत राशि क्या थी? इसकी पूर्णता की दिनांक क्या थी वर्तमान समय में इसमें कितनी राशि व्यय की जा चुकी है एवं कितनी राशि शेष है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 31 दिसंबर 2018 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। उपयुक्त स्त्रोत स्थल चयन में विलंब होने एवं योजना के घटकों में तकनीकी रूप से परिवर्तन होने के कारण कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं हो सके। श्री एस.के. जैन, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, इनकी 01 वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की शास्ति अधिरोपित की गई। (ग) फरवरी 2010। लागत रू. 275.00 लाख। स्वीकृति के उपरान्त 2 वित्तीय वर्ष में पूर्ण किया जाना लक्षित था। रूपये 197.50 लाख व्यय एवं रू. 77.50 लाख शेष है।
म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 131 में संशोधन
[राजस्व]
52. ( क्र.
3991 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
उज्जैन में
म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता की
धारा 131-मार्गाधिकार
तथा अन्य
प्रायवेट
सुखाचार
संबंधी
अधिकार के तहत
धारा उप धारा 3
जिसमें कृषक
भूमि सींचने
के लिए अन्य
भू-स्वामी की
भूमि के 1 मीटर अंदर
गहराई से अपनी
पाईप लाईन
तहसीलदार की
अनुमति से ले
जा सके, कब तक जोड़
दी जाएगी? (ख) क्या
कारण है कि इसमें
विलंब किया जा
रहा है, जिससे कृषक
परेशान हो रहे
हैं? (ग) इसके
विलंब के उत्तरदायी
अधिकारियों
पर शासन कब तक
कार्यवाही करेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से
(ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
अनुदान पर पशुपालन को प्रोत्साहन
[पशुपालन]
53. ( क्र. 4018 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन को बढ़ावा देने हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है जिनमें अनुदान पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है? योजना के मापदण्ड, प्रक्रिया, शर्तें आदि सहित पूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत कितने हितग्राहियों को विगत 04 वर्षों में लाभान्वित किया गया है? लाभांश राशि सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों को ऋण किन-किन बैंकों द्वारा दिया गया एवं अनुदान प्राप्ति की क्या स्थिति है? हितग्राहियों की पूर्ण सूची उपलब्ध करावें? (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने हितग्राहियों ने वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में आवेदन किए हैं? इनमें से कितने हितग्राहियों को बैंक ने ऋण दिया हैं एवं कितने हितग्राहियों के प्रकरण बैंको में या विभाग में किस कारण लंबित हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना एवं बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी प्रदाय योजना। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) कुल 113 प्रकरण। कुल 22 हितग्राहियों को ऋण दिया गया एवं शेष 91 प्रकरण बैंक स्तर पर स्वीकृत न करने के कारण लंबित है।
कैरियर काउंसलिंग कार्यक्रमों के आयोजन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
54. ( क्र. 4019 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैरियर काउंसलिग कार्यक्रमों के आयोजन हेतु उज्जैन संभाग अंतर्गत कितना बजट विगत 04 वित्तीय वर्षों में आवंटित हुआ हैं? वित्तीय वर्षवार जिलेवार पूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत कौन-कौन से आयोजन किए गए हैं? आयोजनवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई आयोजन किए हैं? यदि हाँ, तो आयोजन में कितना व्यय किया गया? भुगतान किए गए बिल/व्हाउचर का सत्यापित प्रति में विवरण उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) यदि नहीं है तो क्या स्वप्रेरणा से युवाओं एवं विद्यार्थियों को समग्र रूप से दक्ष बनाने हेतु कैरियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित करने संबंधी कोई कार्ययोजना बनाई जाकर आयोजन किये जावेगे? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डायवर्टेड भूमि का सीमांकन व वास्तविक मालिक आदि की जाँच
[राजस्व]
55. ( क्र. 4054 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माण्डव के ग्राम जामन्या में स्थित भूमि सर्वे नम्बर 268/1 एवं 269/1 में स्थित गरीब आदिवासी वर्ग की भूमि स्वामी श्री राजाराम पिता हगरिया की कुल कृषि भूमि रकबा 1.048 हेक्टेयर में से 0.632 हेक्टेयर भूमि इन्दौर के उच्च वर्ग के व्यवसायी श्री मिश्रा द्वारा खरीद कर अ.ज.जा. वर्ग के श्री हटेसिंह पिता टन्टू जाति भीलाला, निवासी मेलखेड़ी तहसील महेश्वर के नाम से उसका बेनामी नामांतरण एवं डायवर्सन करवाकर अपना फार्म हाउस बना लिया गया है तथा क्या गरीब आदिवासियों को डायवर्सन आदेश की प्रति दिखाकर समीप की वन भूमि एवं शासकीय व अन्य कृषकों की लगभग एक हेक्टेयर भूमि पर तार फेंसिंग कर कब्जा कर लिया गया है? (ख) क्या शासन उक्त भूमि पर बने हुए फार्म हाउस के वास्तविक मालिक की एवं स्थल पर उसके अधीन काबिज भूमि का सीमांकन व जाँच करवाकर एवं वर्ष 2005 से अब तक राजस्व रिकार्ड में दर्ज माण्डव व आस-पास क्षेत्र के ऐसे अनेकों बेनामी नामांतरणों की जाँच करवाकर पूंजीपतियों द्वारा गरीब आदिवासियों के किये जा रहे शोषण को रोकने की दिशा में कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) माण्डव के ग्राम जामन्या में स्थित भूमि सर्वे 268/1 रकबा 0.300 एवं सर्वे नम्बर 269/1 रकबा 0.332 हेक्टेयर वर्तमान में श्री हटेसिंह पिता टंटु जाति भीलाला, निवासी मेलखेड़ी, तहसील महेश्वर जिला खरगोन के द्वारा क्रय की जाने से तहसीलदार धार के नामांतरण पंजी क्रमांक 08 आदेश दिनांक 12.08.2015 द्वारा क्रेता श्री हटेसिंह पिता टंटु का नामांतरण स्वीकृत किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) धार के प्रकरण क्रमांक 186/अ-2/2014-15 आदेश दिनांक 15.6.2015 द्वारा भूमि सर्वे नम्बर 268/1 रकबा 0.300 एवं सर्वे नम्बर 269/1 रकबा 0.332 हेक्टेयर कृषि भूमि से कृषि भिन्न आशय में परिवर्तन में स्वीकृत किया गया है। जी नहीं। उक्त भूमि पर भूमि स्वामी हटेसिंह का ही आधिपत्य है। जी नहीं। भूमि स्वामी का अन्य किसी भूमि पर कोई कब्जा नहीं पाया गया है। (ख) राजस्व रिकार्ड अनुसार उपरोक्त भूमि पर बने हुए फार्म हाउस के वास्तविक मालिक हटेसिंह पिता टंटु, जाति भीलाला, निवासी मेलखेड़ी, तहसील महेश्वर जिला खरगोन है। उक्त भूमि की जाँच करवाने पर अवैध कब्जा एवं बेनामी नामांतरण होना नहीं पाया गया है। 52 माण्डव व आस-पास क्षेत्र के बेनामी नामांतरण होने संबंधी शिकायत की जाँच करने हेतु मध्य प्रदेश शासन, राजस्व विभाग, मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 20/48/2017/सात-2ए भोपाल, दिनांक 4.4.2017 द्वारा आयुक्त, इन्दौर संभाग, इन्दौर को अधिकृत करते हुऐ प्रश्नकर्ता माननीय, विधायक धरमपुरी जिला धार को जाँच में आवश्यक तथ्य उपलब्ध करवाने हेतु सूचित किया गया है।
पशुपालन की योजनाओं के संबंध में
[पशुपालन]
56. ( क्र. 4094 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में पशुपालन विभाग को बजट प्राप्त होता है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्नांकित दिनांक तक कुल कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कुल कितनी राशि व्यय की गई? कुल कितनी राशि शेष है? तत्संबंध में वर्षवार कुल राशिवार जानकारी दें। (ख) जिला खरगोन की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा योजनाओं का आवंटन विधानसभा क्षेत्रवार नहीं किया जाता है। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं हेतु राशि का आवंटन जिले के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को आवंटित किया जाता है वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनांक तक खरगोन जिले को आवंटित एवं व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
गौ-संवर्धन योजना
[पशुपालन]
57. ( क्र. 4117 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में दूध उत्पादन व रोजगार को बढ़ावा देने के लिये आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना पशु चिकित्सा विभाग द्वारा चलाई जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या किसानों को ऋण के साथ-साथ सब्सिडी भी दिये जाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो सब्सिडी की राशि सभी वर्ग के लोगों के लिये निर्धारित की गई हैं? यदि हाँ, तो वर्गवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में विगत 2 वर्षों में रीवा जिले में कितने लागों को लाभ मिला? लाभ प्राप्त लोगों के नाम, पूर्ण पता तथा प्राप्त सब्सिडी राशि, ऋण उपलब्ध कराने वाले बैंक का नाम का विवरण उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। योजना में सब्सिडी की (मार्जिन मनी सहायता) राशि सभी वर्ग के लिए निर्धारित है। योजना अंतर्गत मार्जिन मनी सहायता अनुदान सामान्य वर्ग हेतु परियोजना लागत का २५ प्रतिशत अधिकतम रू १.५० लाख तथा अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति हेतु परियोजना लागत का ३३ प्रतिशत, अधिकतम रू. २.०० लाख निर्धारित की गई है तथा इकाई लागत के ७५/६७ प्रतिशत पर या हितग्राही द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर जो भी कम हो ५ प्रतिशत वार्षिक दर से (अधिकतम रू२५०००/- प्रति वर्ष) ब्याज की प्रतिपूर्ति सात वर्षों तक विभाग द्वारा की जाती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
अपराध दर्ज कर कार्यवाही करने
[गृह]
58. ( क्र. 4118 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिंडोरी जिले के करंजिया थाना अन्तर्गत गोपालपुर चौकी के चकमी गांव से बावकैट लोडर की लूट अज्ञात लोगों द्वारा की गई? घटना की रिपोर्ट दिनांक 27.05.2017 को दूरभाष, ई-मेल एवं डाक द्वारा भेजी गयी तथा कार्यवाही नहीं होने पर दिनांक 10.06.2017 को पुन: पुलिस उपमहानिरीक्षक शहडोल को कार्यवाही करने का निवेदन किया था एवं फिर भी कार्यवाही नहीं होने पर दिनांक 07.10.2017 को पुलिस महानिदेशक को आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में शिकायतकर्ता द्वारा कार्यवाही नहीं होने पर सी.एम. हेल्पलाईन में शिकायत क्रमांक 3976585 दिनांक 05.06.2017 एवं दिनांक 08.07.2017 को पुन: शिकायत दर्ज करायी गई? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में क्या पुलिस द्वारा रिपोर्टकर्ता का बयान दर्ज किया, यदि हाँ, तो बयान की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? क्या सी.एम. हेल्पलाईन दिनांक 08.07.2017 एवं दिनांक 21.11.2017 को थाना प्रभारी करंजिया द्वारा भिन्न-भिन्न कथन किये गये हैं? क्या पुलिस द्वारा अपराधी को बचाने के लिये समय-समय पर भिन्न-भिन्न लेख कर रही हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में पुलिस ने अपराधी के कब्जे में ले जाने का उल्लेख किया कि क्रेसर प्लांट में मशीन रखे होने का उल्लेख किया, किन्तु घटना स्थल से रखे होने के स्थान की कितनी दूरी है? मशीन किसकी सुरक्षा में रखी है? आदि का स्पष्ट लेख बतावें? इन सब के लिये कौन-कौन जवाबदार हैं? एफ.आई.आर. की गयी, यदि हाँ, तो किसको मुल्जिम बनाया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या पुलिस अपराधी को बचा रही हैं? यदि नहीं, तो एफ.आई.आर. क्यों नहीं की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। घटना की रिपोर्ट दिनांक 27.05.2017 को श्री गिरजेश पाण्डेय द्वारा दूरभाष पर डायल 100 को की गई थी। ई-मेल एवं डाक द्वारा पुलिस को कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। रिपोर्टकर्ता नोटिस तामीली उपरांत भी कथन हेतु उपस्थित नहीं हुआ, जिससे कथन नहीं लिये जा सके। रिपोर्टकर्ता के द्वारा दिनांक 05.06.2017 एवं 08.07.2017 को सी.एम. हेल्पलाईन में शिकायत की गई है, दिनांक 21.11.2017 को शिकायत नहीं की गई है। थाना प्रभारी करंजिया द्वारा भिन्न-भिन्न कथन नहीं किये गये हैं। पुलिस द्वारा अपराधी को बचाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। (घ) मशीन क्रेशर प्लांट बटिया थाना समनापुर पर रखी थी, जो घटनास्थल ग्राम चकमी स्कूल प्रांगण से 63 कि.मी. की दूरी पर है। चालक राम जी द्वारा ठेकेदार गिरजेश पाण्डेय से बात कर स्वयं मशीन क्रेशर प्लांट बटिया में ले जाकर रखी थी, जहां से इंडस इंड बैंक ने ऋण राशि की किश्त जमा न करने से मशीन मालिक को सूचना देकर अपने अधिपत्य में लेकर इंडस इंड बैंक यार्ड मंडला में रखवाई है। मामला आपसी लेन देन का पाया जाने से एफ.आई.आर. नहीं लेख की गई है। पुलिस द्वारा अपराधी को बचाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
आर.टी.आई. कार्यकर्ता को हेण्डीकेम कैमेरे की जाँच
[गृह]
59. ( क्र. 4141 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना झांसी रोड ग्वालियर द्वारा आर.टी.आई. कार्यकर्ता आशीष कुमार चतुर्वेदी को हेण्डीकेम कैमरे की जाँच हेतु जारी किए गए नोटिस के संबंध में लंबित अथवा निराकृत शिकायत की प्रति व शिकायत की जाँच रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। (ख) क्या आर.टी.आई. कार्यकर्ता आशीष कुमार चतुर्वेदी की सुरक्षा में लगाया गया थाना झांसी रोड ग्वालियर का पैनासोनिक फुल एच.सी.-वी. 160-8.9 मेगा पिक्सल कैमरा छुपाए जाने/चुराए जाने के संबंध में जाँच लंबित है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जाँच का ब्यौरा दें। (ग) अधिष्ठाता गजरारजा चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर डॉ. एस एन अयंगर के विरूद्ध लोकायुक्त में आशीष कुमार चतुर्वेदी आर.टी.आई. कार्यकर्ता द्वारा पंजीबद्ध कराए गए प्राथमिक जाँच प्रकरण 32/16 के जाँच प्रतिवेदन कर विवरण उपलब्ध कराएं।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) आवेदन पत्र एवं जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री आशीष कुमार चतुर्वेदी की सुरक्षा हेतु तैनात सुरक्षा गार्ड आरक्षक-144 बनवारीलाल ई कंपनी 13 बटालियन एस.ए.एफ. ग्वालियर द्वारा दिनांक 15.06.2017 को थाना झांसी रोड में आवेदन पत्र दिया गया था कि ''आशीष कुमार चतुर्वेदी ने कैमरा ले लिया उसे दिलाया जावे''। आवेदन की जाँच पूर्ण की जा चुकी है। जाँच में दोषी पाये जाने पर आरक्षक क्रमांक 144 बनवारी लाल को ''आगामी वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिए असंचयी प्रभाव से रोके जाने'' के दण्ड से दण्डित किया गया है। (ग) डॉ. एस.एन. अयंगर अधिष्ठाता गजराजा चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर के विरुद्ध विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त ग्वालियर में प्राथमिक जाँच 32/2016 अभी प्रचलन में है।
भू-राजस्व संहिता 1959 के सबंध में
[राजस्व]
60. ( क्र. 4142 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 की किस धारा में क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं? किस धारा के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को नियम अधिसूचित किए गए है? (ख) अध्याय 18 में बताई गई दखल रहित भूमियों को भू-राजस्व संहिता की किस धारा में दिए गए प्रावधान के तहत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29, धारा 4, धारा 20 एवं धारा 34 (अ) में वन विभाग अधिसूचित कर सकता है यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ग) भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले के राजस्व अभिलेखों में दर्ज कितनी दखल रहित जमीनों को वन विभाग ने धारा 29, धारा 4 एवं धारा 20 में अधिसूचित कर वर्किंग प्लान में शामिल कर लिया है तथा इसकी कलेक्टर ने किस आदेश दिनांक से वन विभाग को अनुमति प्रदान की है? (घ) यदि कलेक्टर ने प्रश्न दिनांक तक अनुमति प्रदान नहीं की है तो क्या कारण हैं तथा कब तक कलेक्टर वन विभाग को अनुमति प्रदान करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में आबादी तथा दखल रहित भूमि और उसकी उपज में अधिकार वर्णित है। धारा 233 में दखल रहितभूमि का अभिलेख, 234 में निस्तार पत्रक का तैयार किया जाना, 235 में विषय जिनके लिए निस्तार-पत्रक में उपबंध किया जाएगा 236 में निस्तार पत्रक में कतिपय विषयों के लिए उपबंध, 237 में निस्तार-अधिकारों के प्रयोग के लिए कलेक्टर द्वारा भूमि का पृथक रखा जाना, 238 में दूसरे ग्राम की बंजर भूमि में अधिकार, 239 में दखल रहित भूमि में रोपित फलदार वृक्षों और अन्य वृक्षों में अधिकार, 240. कतिपय वृक्षों के काटे जाने का प्रतिषेध, 241 में सरकारी वनो से इमारती लकड़ी की चोरी रोकने के उपाय, 242 में वाजिब-उल-अज, 243 में आबादी, 244 में आबादी स्थलों का निपटारा, 245 में भू-राजस्व दिए बिना गृह स्थल धारण करने का अधिकार, 246 में आबादी में गृह स्थल धारण करने वाले व्यक्तियों का अधिकार, 247 में खनिजों के संबध में सरकार का 248 में अप्राधिकृत रूप से भूमि पर कब्जा कर लेने के लिए शास्ति 249 में मछली पकड़ने, आखेट करने आदि का विनियमन, 250 में अनुचित रूप से बेकब्जा किए गए भूमिस्वामी का पुन: स्थापन, 251 में तालाबों का राज्य सरकार में निहित होना, 252 में लोकोपयोगी निर्माण कार्यों का अनुरक्षण, 253 में उपबंधों के उल्लंघन के लिए दण्ड, 254 में ग्राम सभा के कर्त्तव्यों का पटेल द्वारा पालन संबंधी प्रावधान है। उक्त धाराऐं तथा उक्त धाराओं में अधिसूचित नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. भू- राजस्व संहिता में कोई प्रावधान नहीं है। (ग) भोपाल सीहोर एवं रायसेन जिले में राजस्व अभिलेखों में दर्ज किसी दखल रहित राजस्व जमीनो को धारा 29 धारा 4 धारा 20 में अधिसूचित कर वर्किंग प्लान में शामिल करने की अनुमति के प्रस्ताव नहीं भेजे गये है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा का क्रियान्वयन
[गृह]
61. ( क्र. 4150 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा घोषणा क्र. 1045-B दिनांक 31-8-2015 की घोषणा अनुसार इन्डस्ट्रियल एरिया में वर्ष 2001 में निर्मित फायर स्टेशन नगर निगम देवास को 5 फायर वाहनों के साथ हेन्डओवर करने की घोषण की गई थी? (ख) घोषणा के पालनार्थ उद्योग विभाग द्वारा फायर पुलिस की लीज निरस्त करते हुए, नगर निगम देवास को फायर जमीन की नई लीज करते हुए फायर स्टेशन व जमीन नगर निगम देवास को हेन्डओवर किये जाने के बाद भी फायर पुलिस इंदौर द्वारा माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा एवं उद्योग विभाग के आदेश की अवहेलना क्यों की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा एवं उद्योग विभाग के आदेश का पालन कब तक होगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा औद्योगिक क्षेत्र क्रमांक 1 में स्थित भवन उद्योग विभाग द्वारा नगर पालिक निगम को हस्तांतरित किया जायेगा की घोषणा की गयी थी। औद्योगिक क्षेत्र क्रमांक 1 में स्थित भवन उद्योग विभाग द्वारा नगर पालिक निगम को हस्तांतरित किया गया। (ख) उद्योग विभाग द्वारा पुलिस विभाग के पक्ष में की गई भूखण्ड लीज को निरस्त कर नई लीज नगर निगम देवास के पक्ष में की गई है। नगर निगम देवास द्वारा फायर वाहन खड़े कर अग्निशमन कार्यवाही का संचालन किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय (स्वशासी) इंजीनियरिंग महाविद्यालय रांझा में आवास व्यवस्था
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
62. ( क्र. 4193 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय (स्वशासी) इंजीनियरिंग महाविद्यालय रांझी जबलपुर में सेवारत् कर्मचारियों/ अधिकारियों/व्याख्याताओं के लिये आवास की क्या व्यवस्था है? इसके लिये किस-किस टाईप के कितने-कितने आवास हैं? इन आवासों में क्या-क्या सुविधाएं हैं? पानी निकासी की क्या व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांकित किस-किस टाईप के कितने-कितने आवास अत्यधिक कमजोर/जर्जर व खण्डहर हो गये हैं? इनका पुनर्निमाण व मरम्मत न कराने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांकित किस-किस टाईप के कितने-कितने भवनों की मरम्मत, सुधार जीर्णोद्धार रंग रोशन कब कितनी राशि में किस एजेन्सी से कराया गया है? इसकी जाँच कब किसने की है वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांकित किस-किस टाईप के कितने-कितने आवास किस-किस वर्ग के कर्मचारियों/अधिकारियों/व व्याख्याताओं को आवंटित हैं? किन-किन आवासों में कब से कौन-कौन अनाधिकृत रूप से निवासरत् हैं? किसने अवैध कब्जा, अतिक्रमण व अवैध निर्माण कराया है एवं क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आवासों में मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, साफ-सफाई एवं शौचालयों की व्यवस्था है। पानी निकासी हेतु नालियों की व्यवस्था है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा आवास की मांग न होने के कारण। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। अनाधिकृत रूप से निवासरत व्यक्तियों की जानकारी एकत्र किये जाने हेतु संस्था स्तर पर समिति गठित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
छाबनी स्थित रक्षा भूमि
[गृह]
63. ( क्र. 4194 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्टोमेंट जबलपुर छावनी स्थित रक्षा भूमि में कितने व्यक्ति स्थाई रूप से निवासरत् हैं? इस भूमि पर निवासरत् स्थानीय व्यक्तियों को डिफेंस आफिसर द्वारा बेदखल करने पर उनके व्यवस्थापन/स्थाई आवास की प्रदेश शासन ने क्या योजना बनाई है? (ख) क्या छावनी स्थित रक्षा भूमि पर स्थाई रूप से निवासरत् व्यक्तियों को बिना किसी व्यवस्थापन व स्थाई आवास की समुचित व्यवस्था किये बिना उन्हें बेदखल किया जा सकता है? (ग) क्या केन्टोमेंट जबलपुर स्थित करोंदी भोंगाद्वार के आसपास व बंगला नंबर 45 बाजपेयी कम्पाउंड के स्थाई निवासियों को इस्टेट डिफेंस आफिसर द्वारा रक्षा भूमि को खाली कराने हतु नोटिस दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसे बेदखल होने वाले व्यक्तियों कि लिए आवास की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) में कहाँ-कहाँ की कितनी-कितनी रक्षा भूमि को एक्सटेंशन सिविल एरिया घोषित किया गया है, जिसका टेक्स केंट बोर्ड में जमा होता है? क्या ऐसी भूमि को भी डिफेंस आफिसर द्वारा खाली कराया जा सकता है? क्या प्रदेश शासन इन्हें स्थाई पट्टा दिलवाना सुनिश्चित करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
थानों में जब्त वाहन एवं शस्त्र
[गृह]
64. ( क्र. 4227 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के थानों में वर्षों से जप्त किये गये वाहन व शस्त्र रखे हुए हैं, जो थानों एवं शस्त्रागारों में जगह घेरे हैं? इनका कोई रिकार्ड थानों में संधारित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो नरसिंहपुर जिले अन्तर्गत 2015 से प्रश्न दिनांक तक जब्त किये गये वाहनों व शस्त्रों की संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें। (ग) इन वाहनों व शस्त्रों के निराकरण हेतु कोई प्रावधान किया गया है? यदि नहीं, तो जब्त शस्त्रों एवं वाहनों के डिस्पोजल हेतु कोई प्रावधान किया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया अपनायी जावेगी? (घ) इनके निराकरण की समय-सीमा बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। वाहनों एवं शस्त्रों का रिकार्ड संबंधित इकाइयों में रखा जाता है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में नरसिंहपुर जिले में कुल 1449 वाहन जब्त किए गए थे, जिनमें से कुल 1295 का निराकरण कराया जा चुका है, मात्र 154 वाहन लंबित हैं। इसी प्रकार कुल 49 शस्त्र जब्त किये गये थे, जिनमें से 41 शस्त्रों का निराकरण कराया जा चुका है, मात्र 08 शस्त्र लंबित है। (ग) जब्त शुदा वाहनों एवं शस्त्रों का निराकरण सक्षम न्यायालयों द्वारा किया जाता है। वाहनों एवं शस्त्रों के निराकरण हेतु दण्डप्रक्रिया संहिता में प्रावधान है। (घ) यह निरंतर प्रक्रिया है एवं निरंतर निराकरण कराया जा रहा है जैसा कि प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर में टीप दी गई है।
पुलिस वाहनों में सायरन के उपयोग
[गृह]
65. ( क्र. 4260 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय पुलिस वाहनों या विभाग के अधिकारियों या क्षेत्रीय अमले के व्यक्तिगत वाहनों में सायरन लगाने का विभाग के अधिनियम में कोई प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो कृपया संबंधित का लिखित उद्धरण उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रदेश के डायल 100 वाहनों में भी सायरनों के उपयोग करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या इसकी आवाज सुनकर चोर या शातिर बदमाश अपराध करने के पूर्व सतर्क होकर बाद में वाहन 100 डायल निकल जाने के बाद अपराधों को अंजाम देने में सफल नहीं हो जाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो रात में पुलिस वाहनों या गश्त देने वाले वाहनों से सायरन का उपयोग करना बंद किया जावेगा या नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सजा में राहत दिये जाने के संबंध में
[गृह]
66. ( क्र. 4262 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस रेगुलेशन एक्ट के पैरा 226 के अनुसार दी जाने वाली सजा में आरक्षक और प्रधान आरक्षकों को राहत दिये जाने का प्रावधान हैं? (ख) वर्ष 2005 से 2010 तक आरक्षक और प्रधान आरक्षकों के कितनों मामलों में विभागीय जाँच या अपील में राहत दी गई? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ग) वर्ष 2005 से 2010 तक ऐसे कितने मामले हैं, जिनमें डी.जी.पी./एस.पी. द्वारा जारी आदेशों के अनुसार पुलिसकर्मियों को न्यूनतम वेतनमान या आर्थिक दण्ड सजा में राहत दी गयी हैं? (घ) होशंगाबाद रेंज के 2005 से 2010 तक कितने आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों को विभागीय जाँच के उपरांत अपील में आई.जी./डीआई.जी. द्वारा न्यूनतम वेतनमान पर किये जाने, वेतनवृद्धि रोके जाने की सजा दी गयी? उक्त सजाओं में अन्य स्तर पर क्या निर्णय लिया गया? उक्त निर्णयों में पुलिस रेगुलेशन एक्ट के पैरा 226 एवं विभाग द्वारा जारी आदेशों का कितना पालन हुआ? क्या न्यूनतम वेतनमान पर किये जाने या स्थायी रूप से वेतनवृद्धि रोके जानी की सजाओं को रद्द कर उनके आर्थिक नुकसान को रोका गया? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण था?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2005 से 2010 तक आरक्षक और प्रधान आरक्षकों के 1278 प्रकरणों के परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर विभागीय जाँच, अपील में राहत दी गई है। (ग) वर्ष 2005 से 2010 तक कुल 422 आरक्षक और प्रधान आरक्षकों को न्यूनतम वेतनमान या आर्थिक सजा में राहत दी गयी है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
1980 के पूर्व के अतिक्रमण पर पट्टे दिए जाना
[राजस्व]
67. ( क्र. 4270 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा सत्र नवम्बर दिसम्बर 2017 में प्रश्न क्रमाक 1687 दिनांक 06 मार्च 2017 पर आधे घण्टे की चर्चा में माननीय राजस्व मंत्री जी द्वारा मनासा विधानसभा क्षेत्र के गांधी सागर डूब में आये कृषकों के 1980 के पूर्व के अतिक्रमणकारियों को पट्टे कृषि अधिकार दिये जाने की मांग पर उक्त क्षेत्र के अतिक्रमणकारियों का सर्वे करवाये जाने का आश्वासन तथा उक्त प्रकरण परीक्षण करने हेतु दाणी समिति को भेजने का आश्वासन दिया गया। (ख) राजस्व मंत्री जी के उत्तर के प्रकाश में सर्वेक्षण किस दिनांक को प्रारंभ किया गया व कितना कार्य पूर्ण किया जा चुका है? (ग) उक्त प्रकरण परीक्षण हेतु दाणी समिति को विभाग द्वारा कब भेजा गया हे व समिति द्वारा परीक्षण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तहसील कार्यालय में लंबित प्रकरणों का निकारण
[राजस्व]
68. ( क्र. 4292 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील कार्यालय करैरा एवं नरवर जिला शिवपुरी में जो राजस्व संबंधी प्रकरण जनवरी 2014 से फरवरी 2018 तक लंबित हैं, की जानकारी दायरा रजिस्टर क्रमांक, दिनांक, कार्य विवरण, आदि सहित बताऐं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों के निराकरण हेतु एल आर सी के तहत क्या समय-सीमा निर्धारित है? (ग) क्या सभी प्रकरण निर्धारित समय-सीमा में निराकृत कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें व इन्हें कब तक निराकृत कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बन्द नल-जल योजनाओं को प्रारम्भ कराना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 4301 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पी एच ई डी द्वारा विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में ग्राम पंचायतों के माध्यम से जो नल-जल योजना संचालित थी वह बन्द हैं? (ख) उपरोक्त (क) में बन्द योजनाओं हेतु अप्रैल 2017 में शासन द्वारा राशि उपलब्ध करा दी गई थी व जिसकी जानकारी समस्त माननीय विधायकों को प्रति के माध्यम से दे दी गई थी? क्या उपरोक्त (क) में बन्द नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, अथवा नहीं? तो उसके क्या कारण हैं व नल योजना कब तक प्रारम्भ कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 9 योजनाएं बंद हैं। (ख) जी हाँ, जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खाद्यान पर्ची उपलब्ध कराने
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
70. ( क्र. 4302 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना के बी.पी.एल. राशन कार्डधारियों को खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने हेतु जो खाद्यान्न उपलब्ध पर्ची दी जाती हैं वह नहीं देने से खाद्यान्न सामग्री से वंचित हैं? (ख) यदि हाँ, तो खाद्यान्न उपलब्ध पर्ची कब तक दे दी जायेगी? जिससे वो अपना खाद्यान्न ले सकें? (ग) क्या खाद्यान्न उपलब्ध पर्ची नहीं देना अधिकारों का हनन है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा 3 के अधीन भारत सरकार द्वारा राज्यों के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित की है। मध्यप्रदेश में भी अधिनियम की धारा 3 की सीमा के अंदर ही हितग्राहियों को लाभांवित किया जाता है। सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राहियों की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। राज्य में अधिनियम अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में 25 श्रेणियों को सम्मिलित किया गया है, जिसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार (बी.पी.एल.) भी एक श्रेणी है। स्थानीय निकाय द्वारा समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्र परिवारों के सत्यापन एवं उचित मूल्य दुकानों की मेपिंग उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित सीमा तक परिवारों को सम्मिलित करते हुए पात्रता पर्ची जारी की जाती है। मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र में विगत माहों में नवीन सत्यापित 854 बी.पी.एल. परिवारों की पात्रता पर्ची जारी कर वितरित की गई है। बी.पी.एल. श्रेणी के सत्यापित एवं उचित मूल्य दुकान से मैप परिवार पात्रता पर्ची से वंचित नहीं है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिवहन भाड़ा राशि भुगतान न किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 4307 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला अंतर्गत विगत वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16 में लीड सोसायटियों द्वारा क्या मध्यान्ह भोजन परिवहन कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या उन्हे परिवहन भाड़ा की राशि का भुगतान मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पो. सतना द्वारा किया गया है? सोसायटीवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि नहीं, तो क्यों? क्या अविलंब इस लंबित परिवहन भाड़ा राशि का भुगतान किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पो. सतना द्वारा जिले की सोसायटियों के साथ भुगतान में जानबूझकर त्रुटियां की जाती हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कार्य के उत्तरदायी अधिकारी का नाम स्पष्ट किया जावे, साथ ही उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। उक्त परिवहन राशि का भुगतान मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के द्वारा नहीं किया जाना है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस थानों में स्टॉफ
[गृह]
72. ( क्र. 4331 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पुलिस थाना सिहोरा, खितौला, गोसलपुर, मझगवां एवं कुण्डम में किन-किन पदों के लिये कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कितने भरे हुये हैं? कितने रिक्त हैं? क्या रिक्त पदों की पूर्ति न किये जाने से स्टॉफ की कमी के कारण कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? (ख) इन पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) यह भी बतायें कि राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित सिहोरा थाना के अंतर्गत सिहोरा शहर की यातायात पुलिस की पदस्थापना कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के द्वारा की जाती है। पदों का रिक्त होना और भरना एक निंरतर चलने वाली प्रक्रिया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (ग) सिहोरा थाना के अंतर्गत सिहोरा शहर की यातायात व्यवस्था हेतु 03 आरक्षकों की पदस्थापना की गई है।
पत्रों के जवाब के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
73. ( क्र. 4333 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक स्वा.यां.वि. जबलपुर को 1 जनवरी 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम के अंतर्गत हैण्डपंप खनन, नल-जल योजना एवं पाईप लाईन विस्तार हेतु कब-कब पत्र लिखे गये? (ख) प्रश्नांश (क) पत्रों की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया। अवगत न कराये जाने से सामान्य प्रशासन विभाग के जारी निर्देशों की अनदेखी प्रश्नांश (क) अधिकारी के द्वारा की गई। इसके लिये इनके विरूद्ध विभाग द्वारा अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई। क्या कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कहाँ कहाँ की नल-जल योजनायें वर्तमान में बंद पड़ी है। इन्हें चालू कराने की क्या कार्य योजना बनाई गई है? ग्रीष्म ऋतु में योजना चालू कराते हुये पेयजल की आपूर्ति कब से कराई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) दिनांक 16.01.2017, दिनांक 8.3.2018 एवं दिनांक 9.03.2018 को। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
अधीक्षक हमीदिया अस्पताल के विरूद्ध जाँच रिपोर्ट
[गृह]
74. ( क्र. 4342 ) श्री सुदेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय पुलिस अधीक्षक (उत्तर क्षेत्र) जिला भोपाल द्वारा अपने पत्र क्र. विविध-73 दिनांक 18.04.2017 द्वारा अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय एवं अन्य आवेदकगणों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों के सबंध में अन्तरिम पत्रों के संबंध में अन्तरिम रिपोर्ट अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल को भेजते हुए उक्त पत्र में शिकायतों की जाँच जारी है एवं प्रस्तुत प्रतिवेदन से शीघ्र अवगत कराने का लेख किया गया है? (ख) क्या थाना प्रभारी कोहेफिजा एवं विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा बिना जांच करे ही जाँच नस्तीबद्ध कर दी गई है? (ग) उपरोक्तानुसार कर्मचारियों से प्राप्त शिकायत पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच अधिकारी कौन है? किन-किन के बयान लिये गये? उपरोक्तानुसार विस्तृत प्रतिवेदन अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय को कब भेजा गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्तानुसार लगभग एक वर्ष बीतने के पश्चात् भी जाँच पूर्ण क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन जवाबदेह है, जाँच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांकित शिकायत पर अलग-अलग दिनांकों को आवेदक एवं साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये उनके नाम बताया जाना न्यायसंगत नहीं होगा। जांच थाना कोहेफिजा के सहायक उप निरीक्षक श्री रामकरण सिंह द्वारा की गई। प्रतिवेदन दिनांक 26.02.2018 को भेजा गया। (घ) जांच पूर्ण हो गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसलों को हुआ नुकसान
[राजस्व]
75. ( क्र. 4352 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2018 से अब तक प्रदेश में कहाँ-कहाँ मावठा, ओलावृष्ठि, चक्रवात आदि प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसलों में नुकसान हुआ? जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत किस-किस फसल का कितना-कितना नुकसान हुआ? फसलवार ब्यौरा दें। (ग) फसल बर्बादी पर सरकार ने किसानों को क्या-क्या सहायता, सुविधा दी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में फरवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक छिन्दवाड़ा, सिवनी, शिवपुरी (आंशिक), मण्डला, बैतूल, विदिशा, सागर, होशंगाबाद, देवास, सीहोर, रायसेन, भोपाल, अशोकनगर, जबलपुर, टीकमगढ, छतरपुर, खण्डवा, बुरहानपुर, अनूपपुर तथा बालाघाट जिलो के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र छ: क्रमांक 04 के प्रावधान अनुसार फसल क्षति हेतु राहत राशि प्रदान किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।
नगरीय क्षेत्रों में पटटे की भूमियों के संबंध में फ्री होल्ड अधिकार
[राजस्व]
76. ( क्र. 4355 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने मध्यप्रदेश भूराजस्व संहिता १९५९ की धारा १८१ क जोड़ते हुए धारा २५८ के अंतर्गत मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों में स्थित पट्टे की भूमियों के संबंध में फ्रीहोल्ड अधिकार दिए जाने का नियम बनाया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस नियम में आवासीय प्रयोजन हेतु प्रदत्त स्थाई नजूल पट्टे को फ्री होल्ड कराने के बाद अगर पटटेदार पट्टे का व्यवसायिक प्रयोजन के लिए उपयोग करना चाहे तो इस संबंध में अनुमति देने का कोई प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या सरकार एसा प्रावधान करने पर विचार कर रही है जिससे शासन को हानि न हो? (ग) क्या यदि नजूल पट्टे का मिश्रित भू उपयोग है वहां फ्री होल्ड कराने हेतु राज्य शासन द्वारा जारी होने वाली किसी अधिसूचना की अनिवार्यता है? यदि हाँ, तो कब तक अधिसूचना जारी की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। नियम 2 के परन्तुक अनुसार ''जहाँ मिश्रित भू-उपयोग है वहाँ ये नियम केवल तभी लागू होंगे जब ऐसे क्षेत्रों को, राज्य सरकार द्वारा, राजपत्र में विशेष रूप से अधिसूचित कर दिया गया हो। ''नियम 2 के परन्तुक अनुसार आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
थाना प्रभारी गोदन द्वारा पद का दुरूपयोग करना
[गृह]
77. ( क्र.
4358 ) श्री
घनश्याम
पिरोनियॉं : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या अपराध
क्रमांक 75/17
धारा 307
आई.पी.सी. में
कोकसिह, दीपक, लाडले
पुत्रगण
अमरसिह
वंशकार
निवासी ग्राम कर्रा
थाना गोदन
जिला दतिया के
विरूद्ध थाना गोदन
में झूठा
प्रकरण
पंजीबद्ध हुआ
था? जिसकी
निष्पक्ष
जाँच हेतु
कथित
आरोपीगणों के
पिता अमरसिह
ने एक आवेदन
दिया था, जिसे भाण्डेर
विधायक ने
पत्र दि. 20/9/17 द्वारा
पुलिस
अधीक्षक
दतिया से निष्पक्ष
जाँच कराने
हेतु मांग की
थी? (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) के प्रकरण
की जाँच पुलिस
अधीक्षक
दतिया द्वारा
अतिरिक्त
पुलिस
अधीक्षक
दतिया से कराई
और उनकी जाँच
में पूर्णत
आरोपीगण
निर्दोष पाये
गये तथा पुलिस
अधीक्षक
दतिया ने पत्र
क्र
पुअ/दतिया/शिजे/वि/प्रति
05-ए/17
दिनांक 20/12/17 द्वारा
थाना प्रभारी
गोदन को आवश्यक
कार्यवाही कर
पालन
प्रतिवेदन 7 दिवस
में भेजने
हेतु
निर्देशित
किया था? यदि हाँ, तो क्या
थाना प्रभारी
गोदन ने नियत
समयावधि में
पालन
प्रतिवेदन
भेजा?
यदि
हाँ, तो
प्रतिवेदन की
प्रति तथा किस
दिनांक को प्राप्त
हुई? सहित
उपलब्ध कराई
जाए? यदि
नहीं, तो
क्यों? (ग) निर्दोष
सिद्ध होने
बावजूद थाना
प्रभारी द्वारा
अ.जा.वर्ग
के आरोपियों
को निरंतर
प्रताडि़त
करने एवं
वरिष्ठ
अधिकारियो के
आदेशों का
पालन नहीं
करने के लिये
क्या
कार्यवाही की
गई है?
(घ) क्या
थाना प्रभारी
गोदन को लाईन
अटैच करके
उनके द्वारा
प्रताडि़त
पक्ष की
शिकायत की
निष्पक्ष
जाँच कराकर कब
तक दोषियों के
खिलाफ
कार्यवाही की
जावेगी?
गृह
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जी
नहीं। जी हाँ।
(ख) प्रश्नांश
''क'' में
वर्णित
प्रकरण की
जांच
अतिरिक्त
पुलिस अधीक्षक
दतिया से कराई
गई थी। जांच
पर आरोपीगण निर्दोष
नहीं पाये गये
हैं तथा
अग्रिम विवेचना
में और साक्ष्य
एकत्रित करने
की आवश्यकता
बताई थी। पुलिस
अधीक्षक
दतिया ने उनके
कार्यालय के
पत्र क्रमांक-पुअ/दतिया/सीजे/विधा/प्रति/05-ए/17 दिनांक 30.12.2017
थाना प्रभारी
गोदन को लेख
किया था। उक्त
पत्र थाना
गोदन के
आवक-जावक
रजिस्टर में
आमद नहीं हुआ
है, जिसके
लिये दोषी पुलिसकर्मियों
को दण्डित
किया गया है। (ग) थाना
प्रभारी गोदन
द्वारा
निर्दोष अ.जा.
वर्ग के
आरोपियों को
प्रताड़ित
नहीं किया जा
रहा है।
आरोपीगण
निर्दोष
सिद्ध नहीं
हुए हैं। शेष
प्रश्नांश की
जानकारी
उत्तर ''ख'' में
समाहित है। (घ) तत्कालीन
थाना प्रभारी
का
स्थानांतरण
गोदन से
अन्यत्र हो
गया है। आवेदन
पत्र की जाँच
अतिरिक्त
पुलिस
अधीक्षक, दतिया से
कराई जा चुकी
है। शेष
प्रश्नांश की
जानकारी
उत्तर ''ख'' में
समाहित है।
अपराधों की जानकारी
[गृह]
78. ( क्र. 4382 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के कौन-कौन से थाने में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में कितनी-कितनी राशि/ जेवरात/अन्य सामग्रियों की चोरियों की घटनायें हुई? थानेवार/ग्रामवार समस्त ब्यौरा सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) उक्त चोरियों की घटनाओं को ट्रेस करने के लिये पुलिस द्वारा क्या प्रयास किये? किस-किस चोरी को ट्रेस किया गया तथा कितना-कितना माल बरामद किया? किस-किस चोर को पकड़ा गया, किस-किस चोर को कितने-कितने दिन की रिमाण्ड पर लिया गया तथा किस-किस चोर को बिना रिमाण्ड मांगे (कोर्ट से) सीधा जेल भेजा गया? (ग) क्या सेंबढ़ा तहसील के भगुवापुरा थाना अंतर्गत ग्राम परसौंदा वामन में दिनांक 26.11.17 को श्रीवास्तव के घर 20 लाख की चोरी हुई, फरियादी सुबह 5 बजे FIR करने थाने पहुंचा, दोपहर 12 बजे पुलिस ने अपनी मर्जी से 96000/- की FIR लिखी, पुलिस के प्रयास से चोरों की जानकारी मिली 6 चोरों में से 4 गिरफ्तार किये गये जिनसे 6 लाख व खाली जब्त की गई 2 चोर अभी भी फरार हैं? यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा अपने मन से रू. 96000 की FIR क्यों की, शेष दो को कब तक गिरफ्तार किया जायेगा? (घ) क्या उक्त संपूर्ण प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे, यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रिमांड की जानकारी विवेचनाओं से संबंधित होने के कारण दी जाना न्याय संगत नहीं है। (ग) जी नहीं। सूचनाकर्ता सुनील श्रीवास्तव के थाना भगुआपुरा में उपस्थित होकर उसके द्वारा दी गई सूचना अनुसार अपराध पंजीबद्ध किया गया है। विवेचना के दौरान सूचनाकर्ता की मां एवं पत्नि के कथनों से चोरी गये जेवरात व नगदी का वास्तविक मूल्यांकन 8 लाख रूपये होना पाया गया। अपराध की विवेचना में 4 आरोपी गिरफ्तार किये गये जिनसे नगदी व जेवरात कुल कीमती 4,15000/- जप्ती की गई हैं। शेष 2 आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं, रू. 5000-5000/- के ईनाम की उद्घोषणा भी की गई है। गिरफ्तारी की समय-सीमा बताना संभव नहीं। (घ) सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सेवढ़ा से कराई गई है। जाँच पर किसी अधिकारी को दोषी नहीं पाये जाने से दोषियों के खिलाफ कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना की मरम्मत में लापरवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
79. ( क्र. 4393 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पत्र क्रमांक एफ 08-03/2017/2/34 दिनांक 02/03/2017 के निर्देशानुसार बंद ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजनाओं को चालू करने के लिये कार्यपालन यंत्री द्वारा पवई विधानसभा क्षेत्र के किस-किस ग्राम के प्रस्ताव एवं प्राक्लन समिति के अध्यक्ष को सौंपे गये? (ख) पाईपलाइन क्षेत्र में कहाँ-कहाँ नल-जल योजनाएं है, उनमें कितनी मोटरे, पम्प, पाईप लाईन, ओवर हेड टेंक, स्वीच बोर्ड इत्यादि क्या सही हालत में है? जिनसे कि जब चाहे पानी का प्रदाय किया जा सकता हो, यदि नहीं, तो किस-किस में क्या-क्या कमी है और क्या-क्या, टूट-फूट है, उसके लिये कितनी राशि की आवश्यकता अनुमानित प्राक्कलन के आधार पर होगी? (ग) स्वीकृत हेतु प्रस्तावित प्राकलन को वित्तीय संसाधन जिला पंचायत को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पिछले तीन वर्षों में कितनी राशि का प्रावधान रखा गया? (घ) पवई विधान सभा क्षेत्र में पेय जल हेतु विभाग की कार्ययोजना क्या-क्या है ताकि आगामी गर्मी के मौसम में पेय जल की कमी ना हो सके? (ड.) विभाग के अधिकारियों के क्षेत्र में दौरे इस मामले में कब-कब और कहाँ-कहाँ किये?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) रूपये 409.28 लाख। (घ) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट का सामना करने हेतु आकस्मिक कार्य योजना रूपये 615.25 लाख की तैयार की जाकर राहत आयुक्त को स्वीकृति हेतु भेजी गई है जिसके नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग एवं पेयजल परिवहन आदि कार्य प्रस्तावित हैं। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नए हैण्डपम्पों की खुदाई एवं मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
80. ( क्र. 4403 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत कुल कितने हैण्डपम्पों में पानी जल स्तर नीचे जाने से सूख गए? कितने अन्य कारणों से खराब है तथा कितनी नल-जल योजना किन कारणों से बन्द है? (ख) क्या शासन नए सिरे से प्रत्येक गांव में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागौद में गहरे बोर करायेगा। जिसमें पानी उपलब्ध हो जिसके कारण क्षेत्र की जनता को पानी मिल सके वर्तमान में कितने प्रतिशत जल स्त्रोत हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के हैण्डपंपों की मरम्मत कब तक कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों, कारण बताएं? प्रश्नांश (ख) के संबंध में शासन द्वारा सूखा मद एवं विभागीय मद से कब तक नए हैण्डपम्पों के खनन को मंजूरी दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जलस्तर नीचे जाने से 708 हैण्डपंप। 41 हैण्डपंप। कुल 10 नल-जल योजनाएं, 3 स्त्रोत के अभाव, 2 मोटरपंप खराबी से, 3 विद्युत अभाव एवं 2 योजनाएं पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण। (ख) ग्रामों में रजिस्टिविटी सर्वे कराकर, सर्वे के आधार पर प्रस्तावित गहराई के अनुसार नलकूप खनन किये जाते हैं वर्तमान में 80 प्रतिशत जल स्त्रोत चालू हैं। (ग) साधरण खराबी से बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् निरंतर सुधार करवाया जाता है। राहत आयुक्त से कार्ययोजना की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात्। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
अनुसूचित जनजाति वर्ग को भूमि का नामान्तरण
[राजस्व]
81. ( क्र. 4404 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति वर्ग के भू-स्वामियों के भूमि का रजिस्टर्ड क्रय-विक्रय किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब से शासन द्वारा अनुमति प्रदान की गई? यदि नहीं, तो जिन अनुसूचित जनजाति के भू-स्वामियों की भूमि को बिक्री पट्टा लिखाकर नामांतरण करा लिया गया है ऐसे प्रकरण संज्ञान में आने पर उसे निरस्त किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में रीवा जिले के थाना तहसील मऊगंज के गाम पकरा निवासी बनीमाधव आदिवासी तनय भुअर आदिवासी की आराजी नम्बर 800/74 रकबा 30 एकड़ स्थित ग्राम पचपहरा रकरी पटवारी हल्का नं. 57 राजस्व नि.म. सीतापुर से श्री चैनलाल गुप्ता पिता रामेश्वर प्रसार गुप्ता साकिन मऊगंज वार्ड क्र.6 मऊगंज विक्री शपथ-पत्र अनुबंध पर 5-5 रूपये के स्टाम्प क्रमांक 09 एए 949076,09एए 949077 स्टाम्प वेन्डर प्रदीप कुमार मिश्रा द्वारा चढ़ाया गया क्रमांक 1494, 1495 दिनांक 29.7.2010 से नोटरी अब्दुल सरीफ सिद्दीकी द्वारा प्रमाणित एवं 100 रूपये के स्टाम्प नम्बर आई 539766 पर आपसी बिक्री अनुबंध पत्र स्टाम्प विक्रेता अब्दुल रशीद सिद्दीकी एडवोकेट से पत्र क्रमांक 45 दिनांक 4.4.2012 पर को लिखाया जाकर नोटरी अब्दुल सरीफ सिद्दीकी एडवोकेट से प्रमाणित कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) द्वारा ही आपसी बिक्री पट्टा दिनांक 5.1.2008 लिखाकर प्रकरण 231/अह/07-08 दिनांक 28.5.2008 द्वारा तहसीलदार मऊगंज से आदिवासी को जमीन प्रश्नांश (ख) के क्रेता द्वारा कराली गई? (घ) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में यदि पत्र स्टाम्प के विक्री क्रमांक दिनांक नोटरी के शपथ-पत्र प्रमाणित आदि सत्य है तो प्रश्नांश (ग) के बिक्री पट्टा एवं तहसीलदार के आदेश पिछले दिनांक में दर्शाकर इत्तालवी दर्ज करायी गयी है क्या इसका परीक्षण कर इत्तालाबी निरस्त की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? आदिवासियों के साथ छल कपटपूर्वक उनकी जमीन हासिल करने वालो के खिलाफ अपराध पंजीकृत किया जावेगा? (ड.) यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में पुन: आदिवासियों या अन्य वारिसों को जमीन का नामान्तरण कर दिया जावेगा? क्या रजिस्ट्री की अनुमति कलेक्टर द्वारा दी गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भू. राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) के प्रावधानों के अधीन अनुसूचित जनजाति की भूमि का रजिस्टर्ड क्रय विक्रय किया जा सकता है। (ख) जाँच संस्थित की गई है। (ग) जी हाँ। प्रकरण क्रमांक 231/अ.6/2007.08 आदेश दिनांक 28.05.2008 से नामान्तरण किया गया है किन्तु दायरा रजिस्टार वर्ष 2007.08 में प्रकरण अनुचित रूप से बगैर किसी सक्षम अनुमति से कूटरचित तरीके से दर्ज किया गया है। विधान सभा प्रश्न से प्रकरण प्रकाश में आया है। प्रकरण की जाँच की जा रही है दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी हाँ परीक्षण उपरान्त प्रकरण दर्ज कर नियमानुसार यदि अवैध रूप से आदिवासी की जमीन का अन्तरण पाया गया हो तो दोषी कर्मचारियों पर जाँच उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) जाँच उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। रजिस्ट्री की अनुमति कलेक्टर द्वारा नहीं दी गई है।
बन्द नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
82. ( क्र. 4410 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 20 फरवरी 2018 की स्थिति में रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज, सिलवानी के किन-किन ग्रामों की नल-जल योजना क्यों बंद पड़ी है? उक्त योजना चालू करवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त नल-जल योजनाओं पर कितना बिजली बिल बकाया है तथा क्यों? बंद नल-जल योजना का बिजली बिल माफ करवाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त विकासखण्डों में किन-किन ग्रामों में स्वीकृत नल-जल योजना का निर्माण का कार्य अपूर्ण अप्रारंभ है तथा क्यों? कारण बतायें, उक्त कार्य कब तक पूर्ण जाएगा? (घ) उक्त विकासखण्डों के किन-किन ग्रामों में हैण्डपम्प खराब हैं? किन-किन में पाईप डालना है? इस संबंध में विभाग की क्या योजना है? विगत 1 वर्ष में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के इस संबंध में पत्र कब-कब प्राप्त हुए और उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संबंधित पंचायतों द्वारा विद्युत देयकों का भुगतान नहीं करने के कारण। कोई नहीं। यद्यपि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन के माध्यम से बंद नल-जल योजनाओं के बिजली के बिल में संशोधन/विलोपन हेतु महाप्रबंधक, म.प्र.वि.वि.कं. रायसेन से अनुरोध किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जलस्तर नीचे जाने वाले हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने एवं आवश्यकतानुसार सिंगलफेस मोटरपंप डालने की योजना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
पात्रता पर्ची पात्र परिवारों को दिया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
83. ( क्र. 4411 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कितने पात्र परिवारों को पात्रता (राशन) पर्ची नहीं दी गई? तहसीलवार संख्या बतायें? उक्त पात्र परिवारों को कब तक पात्रता पर्ची दे दी जायेगी? (ख) क्या उक्त जिलों में पात्रता पर्ची में संशोधन, नाम जोड़ने पर रोक लगी है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) नहीं तो उक्त जिलों में पात्रता पर्ची में संशोधन क्यों नहीं किया जा रहा है तथा इस संबंध में विभाग क्या क्या कार्यवाही करेगा? (घ) पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची (राशन पर्ची) में संशोधन के संबंध में किस-किस अधिकारी कर्मचारी को क्या-क्या अधिकार हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण रायसेन 2,13,521 एवं नरसिंहपुर जिले में 1,98,768 परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण कर लाभ दिया जा रहा है। तहसीलवार पात्र परिवारों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिला रायसेन में प्रश्न दिनांक में कोई आवेदन पात्रता पर्ची हेतु शेष नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। दिनांक 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/ जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) हितग्राही द्वारा संशोधन हेतु आवेदन किए जाने पर उसके समग्र परिवार डाटाबेस में नियमानुसार संशोधन स्थानीय निकाय द्वारा किया जाता है, तदुपरांत एन.आई.सी. द्वारा संशोधित पात्रता पर्ची जारी की जाती है। (घ) पात्र हितग्राही के डाटाबेस में समस्त संशोधन का अधिकार स्थानीय निकाय को दिया गया है।
तहसीलों के भवन निर्माण
[राजस्व]
84. ( क्र. 4439 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत देवेन्द्रनगर एवं अमानगंज नवीन सृजित तहसीलों के भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति कब दी गई एवं उक्त निर्माणाधीन तहसील भवनों की निर्माण एजेंसी कौन है? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित तहसील भवनों के निर्माण बाबत् कितनी राशि निर्माण एजेंसी को प्रदाय की गई तथा समयावधि में निर्माण कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण है? (ग) क्या समय पर कार्य पूर्ण न होने पर सामग्री मूल्य बढ़ जाने के कारण अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होती है? यदि हाँ, तो समय पर कार्य पूर्ण न करने के लिये कौन दोषी है और शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (घ) तहसील देवेन्द्रनगर एवं अमानगंज के नवीन तहसील भवनों के अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु क्या योजना है? क्या इस अधूरे निर्माण कार्य को पूरा किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्या इन तहसीलों के नवीन निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 4/6/2010 । निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग है। (ख) रूपये 30.00 लाख प्रति तहसील के मान से कुल रूपये 60.00 लाख प्रदाय किये गये थे, निर्माण एजेन्सी के द्वारा उक्त राशि में कार्य पूर्ण नहीं किया गया। (ग) निर्माण कार्य समय पर पूर्ण न होने पर निर्माण एजेन्सी एवं ठेकेदार के मध्य निष्पादित अनुबंध अनुसार कार्यवाही की जाती है। अधूरे निमार्ण कार्य प्राथमिकता के आधार पर अतिशीघ्र पूर्ण कराने की योजना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भोपाल एवं रायसेन जिले की भूमियों की जानकारी
[राजस्व]
85. ( क्र. 4461 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में ग्राम नेवरी में स्थित दी भोपाल पुलिस कर्मचारी को आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी भोपाल जिसे संजीव नगर पुलिस कालोनी भी कहते हैं में पलाट क्र. एच.आई.जी. 110 एवं 111 किस नाम/पिता या पति के नाम पर किस आराजी क्र. एवं रकबे के खसरा पंचशाला में दर्ज है? ग्राम नेवरी की खसरा क्र.66/2/1, रकवा 0.293 एकड़ एवं खसरा क्र.66/1 रकवा 0.725 एकड़ प्रश्नतिथि तक किसके नाम पर दर्ज है? कब से दर्ज है? नवनीत कौर के नाम उक्त ग्राम में कुल कितने एकड़/हेक्टेयर भूमि किस-किस क्रमांकों के खसरों में कब से दर्ज हैं? खसरा पंचशाला की एक प्रति दें? (ख) ग्राम नेवरी में विकसित की जा रही कृष्णपुरम कालोनी के आधिपत्य में कुल कितने एकड़/हेक्टेयर भूमि है? उक्त भूमि पर किसका आधिपत्य है? खसरा पंचशाला में किसके नाम पर कबसे दर्ज है? खसरे की प्रश्नतिथि तक की स्थिति में एक प्रति दें? संजीव नगर के भूखण्ड क्रमांक एम.आई.जी. 528 के खसरा पंचशाला की एक प्रति देते हुये बतायें कि उक्त भूखंड किसके नाम पर कब खरीदा गया? (ग) रायसेन जिले की तहसील रायसेन हल्का दीवानगंज ग्राम छोला खसरा क्र. 17/2 एवं 17/1/2 कुल रकवा 2.5 एकड़ या अन्य किसके नाम पर कब से दर्ज है? खसरे की एक प्रति दें? उक्त ग्राम छोला के खसरा क्र.78/1 रकवा 1.45 एकड़ भूमि कब से किसके नाम दर्ज है? खसरे की एक प्रति दें? ग्राम छोला की खसरा क्रमांक 16/1, 16/2 17/2/2, 75, 73/3, 83/2/1/1, 83/2/12 की भूमियों का खसरा पंचशाला की एक एक प्रति दें? उक्त भूमियों का प्रश्नतिथि तक भूमि स्वामी कौन हैं? भूमिवार नाम दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भोपाल जिले में ग्राम नेवरी में स्थित दी भोपाल पुलिस कर्मचारी को आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी भोपाल जिसे संजीव नगर पुलिस कालोनी भी कहते है में प्लाट क्रमांक एच.आई.जी. 110 एवं 111, के संबंध में हाऊसिंग सोसायटी के स्वीकृत ले-आऊट अनुसार भू-खण्ड का खसरे में एच.आई.जी. एवं एम.आई.जी. वर्गीकृत नहीं है अतः संबंधित धारक का नाम एवं पता बताया जाना संभव नहीं है। ग्राम के खसरा नम्बर 66/2/1 रकवा 0.293 हैक्टर नवनीत कौर राय आ. एल. एस. राय के नाम से नामांतरण पंजी क्रमांक 25 दिनांक 04.07.2008 के स्वत्व पर अंकित है एवं खसरा क्रमांक 66/1 रकवा 0.809 हैक्टर श्रीमति आशा गुरु पुत्री पुरुषोत्तम लाल शुक्ला पत्नि एच.एन.गुरु निवासी-57 सनसिटी बाम्बे अस्पताल के पास महालक्ष्मी नगर इन्दौर के नाम नामान्तण पंजी क्रमांक 7 दिनांक 27.06.2016 से स्वत्व पर अंकित होना पाया गया है ग्राम नेवरी नवनीत कौर के नाम 66/2/1 खसरा नम्बर दर्ज है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम नेवरी के राजस्व अभिलेख अनुसार कोई भूमि कृष्णपुरम कालोनी के नाम दर्ज नहीं पाई गई है। प्रश्नांकित भू-खण्ड ग्राम नेवरी स्थित दी भोपाल पुलिस कर्मचारी को- आपरेटिव हाऊसिंग सोसायटी भोपाल (संजीव नगर) जिसका अभिन्यास क्रमांक-1448 दिनांक 20.05.2005 से स्वीकृत होकर खसरा नम्बर-8/1, 8/2, 9, 11/1/1, 11/2, 11/4, 12, 13, 14, 15/1, 15/2, 16, 17, 18, 19, 20, 21,22, 23, 24, 27, 28, 29, 30, 31, 32, 57, 61/1/3, 62/3, 67/1, 67/2, 67/3/1, 67/3/2, 67/3/3, 124/76, 129/36, 131/69/1/2, 139/67, 3/1, 3/2/2/1/2, 4/6, 7/1, 7/2 व 145/1 के सम्मिलित भाग पर स्थित है। अभिन्यास के भू-खण्डों का राजस्व अभिलेख (खसरा) में इन्द्राज नहीं किया जाता। उक्तांकित खसरा दी भोपाल पुलिस कर्मचारी को-आपरेटिव हाऊसिंग सोसायटी भोपाल के नाम से अंकित है। (ग) रायसेन जिले की तहसील रायसेन के अन्तर्गत ग्राम छोला खसरा क्रमांक 17/2 में दो बटांकन हो गये है। खसरा क्रमांक 17/2/1रकबा 0.949 हेक्टेयर वर्तमान अभिलेख में श्रीमति हरवंश कौर पत्नि लखबिन्दर सिंह निवासी भोपाल के नाम दर्ज हैं और 17/2/2 रकबा 1.618 हेक्टेयर श्री मोहनसिंह आ. रामसिंह निवासी संजीव नगर भोपाल के नाम से दर्ज हैं। खसरा क्रमांक 17/1/2 रकबा 0.072 हेक्टेयर श्रीमति हरवंश कौर पत्नि लखबिन्दरसिंह निवासी भोपाल के नाम दर्ज है। यह भूमियॉ इन भूमिस्वामियों के नाम वर्ष 2013-14 से अंकित हैं। खसरे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खसरा क्रमांक 78/1 के वर्तमान अभिलेख में दो बटांकन हो गये हैं। खसरा क्रमांक 78/1/1 रकबा 0.294 हेक्टेयर भूमि स्वामी लीलाबाई वेवा भैयालाल व आरती, उमा पुत्री भैयालाल जाति लोधी निवासी ग्राम भूमिस्वामी के नाम दर्ज है एवं खसरा क्रमांक 78/1/2 रकबा 0.293 हेक्टेयर गुरप्रीत कौर आ. लखबिन्दर सिख निवासी भोपाल के नाम से दर्ज है। यह भूमि वर्ष 13-14 से इन भूमि स्वामियों के नाम दर्ज है। खसरे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खसरा क्रमांक 16/1, 16/2, 17/2/2, 75, 83/2/1/1, 83/2/1/2 भूमि स्वामी मोहनसिंह आ. रामसिंह के नाम से दर्ज है। जबकि खसरा क्रमांक 73/3 अभिलेख में नहीं है। इसके स्थान पर खसरा क्रमांक 73 अभिलेख पर हैं। जो शासकीय रास्ता मद की भूमि है। इन खसरा नम्बरों की पाँचसाला नकल वर्ष 2013-18 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त भूमि पर उनके भूमि स्वामियों का ही कब्जा है।
विभागीय योजनाओं एवं निर्माण कार्यों के संबंध में
[पशुपालन]
86. ( क्र. 4491 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अन्तर्गत केन्द्रों/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाएं शासन/विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाकर पशु संवर्धन एवं संरक्षण हेतु अनेक कार्य किये जा रहे हैं? साथ ही पशु औषधालय एवं चिकित्सालय भी संचालित हो रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो जिला अन्तर्गत किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार की नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रीय व्यवस्थाएं की जा रही हैं? इस हेतु कितने पद स्वीकृत होकर कितने भरे, कितने रिक्त हैं? (ग) अवगत कराएं की वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक हितग्राही मूलक कौन-कौन सी योजनाएं क्रियान्वित हुई? कितना बजट प्राप्त हुआ? कितना व्यय हुआ? (घ) अवगत कराएं कि वर्षवार कितने ऋण प्रकरणों के आवेदन प्राप्त होकर कितने स्वीकृत हुए एवं विभागीय स्वीकृति के पश्चात् बैंकों द्वारा कितनों को स्वीकृति दी, कितने निरस्त किये और यदि निरस्त किये तो विभाग ने क्या कार्यवाही की? साथ ही स्वीकृत पशु चिकित्सालय पशु औषधालय के निर्माण कार्य कितने पूर्ण, अपूर्ण रहे? इस हेतु कितना बजट प्राप्त होकर कितना व्यय हुआ?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्ताकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। स्वीकृत पशु चिकित्सालय एवं औषधालय के निर्माण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
पर्यावरण के संबंध में
[पर्यावरण]
87. ( क्र. 4494 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में अनेक उद्योगों के माध्यम से पर्यावरण अत्यधिक प्रदूषित हो रहा है चूंकि एक और उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले केमिकल एवं निर्धारित मापदंडो के अनुसार ईंधन का उपयोग नहीं किया जाता तथा दूसरी ओर प्रदूषित उद्योगों के तरल एवं पदार्थों को विसर्जित किये जाने से अत्यंत गंभीर स्थिति निर्मित हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत ऐसे कितने उद्योगों को चिन्हित किया जा कर उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) बताएं कि जिला अंतर्गत चिन्हित उदयोगों वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक को प्रदूषित तरल निकासी घातक पदार्थों की सीधे निकासी प्रदूषित धुआं इत्यादि प्रकार के अन्य भी प्रदूषण के कार्यों को रोके जाने हेतु कब-कब चेतावनियां दी गई है? उससे क्या सुधार हुआ? (घ) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी उक्ताशय के कारणों से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई अथवा शासन/विभाग द्वारा भी सीधे सीधे क्या कार्यवाही की? क्या जिला अंतर्गत अनेक गांवों को लाल पानी एवं प्रदूषित पानी पीने के साथ ही प्रदूषित वातावरण में जीने को मजबूर होना पड़ रहा है तथा अनेक खनिज खदानों जो कि गांव शहर से सटी है वह भी घातक हो रही हैं। तो रोकथाम हेतु उक्त वर्षों में क्या किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। रतलाम जिले में उत्पादनरत प्रदूषणकारी उद्योगों द्वारा जल तथा वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्थायें स्थापित की गई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) रतलाम के डोसीगांव औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़े 02 उद्योग क्रमशः मेसर्स जयंत विटामिंस रतलाम (वर्ष 1995 से बंद) एवं मेसर्स सज्जन केमिकल्स एडं इनवेस्टमेंट रतलाम (वर्ष 1999 से बंद) में भंडारित परिसंकटमय अपशिष्ट के नियमानुसार डिस्पोजल नहीं करने के कारण उक्त क्षेत्र को प्रदूषण क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है तथा उक्त दोनों उद्योगों के विरूद्ध पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत न्यायालयीन प्रकरण दायर किये गये है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक समीप गांवों में भूमिगत जल प्रदूषित व लाल होने से संबंधित 04 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इस प्रकार की शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, दिल्ली द्वारा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली के माध्यम से देश में स्थित अवैधानिक डम्प साईट के पर्यावरणीय सुधार हेतु ''रेमीडेशन ऑफ कंटामिनेटेड हैजार्ड्स वेस्ट डम्प साईट'' नामक प्रोजेक्ट आरंभ किया गया है। उक्त संबंध में विस्तृत कार्ययोजना (डी.पी.आर.) तैयार करने का कार्य केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली द्वारा मेसर्स ई.आर.एम. इंडिया गुड़गांव को सौंपा गया है। उक्त संस्थान द्वारा डोसीगांव औद्योगिक क्षेत्र तथा समीपी खण्डरवासा खदान में पूर्व में फेके गये अपशिष्टों का अध्ययन कर योजना की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। रतलाम के आस-पास के 07 गांवों में ट्यूबवेल से लाल पानी निकलने के कारण वर्तमान में इन गांवों में वैकल्पिक सुरक्षित पेयजल स्त्रोतों के माध्यम से पेयजल प्रदान किया जा रहा है। पेयजल के स्थाई समाधान हेतु विभाग द्वारा प्रभावित 07 गांवों तथा आस-पास के अन्य 07 गांवों को जोड़कर 14 गांवों की एक समूह पेयजल योजना की पुनरीक्षित डी.पी.आर. अनुमानित लागत राशि रू. 3044.00 लाख की बनाई गई है। नगरपालिक निगम, रतलाम के वार्ड क्रमांक 1, 2, 3, 6, 8, 9 व 30 में ट्यूबवेल से लाल पानी निकलने के कारण निगम द्वारा उपरोक्त वार्डों में जिन क्षेत्रों में पेयजल लाईन विद्यमान है वहाँ पर पाईप लाईन के माध्यम से तथा जिन क्षेत्रों में पेयजल पाईपलाईन नहीं है वहाँ पर टैंकरों के माध्यम से शुद्ध पेयजल वितरण किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीमांकन कर कब्जा प्रतिवेदन
[राजस्व]
88. ( क्र.
4503 ) श्रीमती
प्रतिभा सिंह
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 1624
दिनांक 04/12/2017 के उत्तर (क) में
बताया था कि
तहसीलदार, कोतवाली
जबलपुर के
पत्र क्रमांक 287
दिनांक 03/02/2017 से जाँच दल
गठित कर
सीमांकन करके
किस व्यक्ति/संस्था
का कितने भाग
पर कब्जा है, प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करने के
निर्देश दिये
गये थे एवं
प्रतिवदेन
अप्राप्त था? उक्त
दल द्वारा
सीमांकन कर
कब्जा
प्रतिवेदन कब
तक दिया
जावेगा? (ख) प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
में बताया था
कि तहसीलदार
(नजूल)
कोतवाली जबलपुर
द्वारा विधान
सभा अता.
प्रश्न
क्रमांक 1619 के
संबंध में
कलेक्टर, जबलपुर
को अवगत कराया
है कि प्रश्नांश
में दर्शित
रकबा में
त्रुटि के
निराकरण हेतु
पूर्व के
अभिलेख, अभिलेखागार
से आहूत किये
जा रहे हैं, जिसका
निराकरण
मिलान करने के
उपरांत विधि
अनुसार किया
जावेगा? यदि हाँ, तो
उपरोक्त
रकबा की
त्रुटि या
निराकरण अब तक
हुआ या नहीं? यदि
नहीं, तो
कब तक किया
जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
हाँ, जाँच
हेतु राजस्व
निरीक्षकों
का दल गठित कर
दिया गया है।
राजस्व
निरीक्षकों
के जाँच दल द्वारा, यह
प्रतिवेदित
किया गया है
कि सोसायटी के
नाम दर्ज
भूमियों का सीमांकन
जरिये प्रकरण
क्र. 01/अ-12/2015-16 में
पारित आदेश
दिनांक 21.03.2016 को
प्रमाणीकरण
किया जा चुका
है तथा भूमि
की सीमा
संस्था के
अधिकारी श्री
पुनीत तिवारी
को बताई जा
चुकी है।
संस्था
द्वारा
तत्समय ले-आउट
एवं सदस्यों
की सूची प्रस्तुत
नहीं की गई थी
जिससे संस्था
के नाम दर्ज भूमि
के बाहरी सीमा
के अंदर किस
व्यक्ति का
कब्जा है, उक्त
आशय की जाँच
नहीं की जा
सकी है।
संस्था द्वारा
अधिकृत
सदस्यों व
टी.एन.सी.पी. से
स्वीकृत नक्शे
की जानकारी
प्रदाय
उपरांत ही शेष
कार्यवाही पूर्ण
की जा सकती
है। (ख) जी
हाँ। उक्त
रकबा की
त्रुटि के
निराकरण हेतु
तहसीलदार कोतवाली
के प्रकरण
क्रमांक 0018/अ-6-अ/2017-18 में
पूर्व अभिलेख, अभिलेखागार
से आहूत किये
जाकर निराकरण
दिनाक 20.02.2018 को किया जा
चुका है। उक्त
निराकरण में
खसरा नं. 223/12 का रकबा 0.092 हे.
के स्थान पर 0.097 हे.
अंकित किया
गया है। शेष
प्रश्न उत्पन्न
नहीं होता है।
समर्थन मूल्य पर धान खरीद हेतु पंजीकृत खाते
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
89. ( क्र. 4514 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त वर्ष 2017-18 में समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीद पर समर्थन मूल्य पर खरीद करने वाली संस्थाओं द्वारा कूट रचना कर उपार्जन कार्यवाली संस्थाओं द्वारा उपार्जन कार्य के लिये पंजीयन के समय किसानों के व्यक्तिगत खातों के स्थान पर अपनी संस्था के प्राथमिक बैंक बचत खाते का नम्बर अंकित कर दिया गया, जिससे किसानों को मिलने वाली राशि उनके खातों में न जाकर समिति के खाते में चली गई? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन जिलों में कहाँ-कहाँ उल्लेखित गड़बड़ी प्रकाश में आई एवं कितने कृषकों की कितनी राशि के भुगतान में गड़बड़ी हुई? (ग) एक ही बैंक खाते पर कई-कई कृषकों के नाम पंजीकृत कैसे हुये, जबकि नियमानुसार एक व्यक्ति का खाता एक कृषक के नाम से पंजीकृत होना चाहिए? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कृत्यों का दोषी कौन है? क्या प्रशासन इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गड़बड़ी को रोकने हेतु भविष्य में सरकार द्वारा क्या योजना/नियम बनाये जा रहे हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। प्रकरण की प्रारंभिक जाँच में पाया गया है कि किसानों द्वारा विक्रय की गई उपज का मूल्य का भुगतान किया गया है। (ख) जिलेवार एक ही खाता नंबर एक से अधिक किसानों के पंजीयन में दर्ज होने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 में धान एवं गेहूं उपार्जन हेतु किसानों के नवीन पंजीयन उपार्जन समितियों के माध्यम से कराए गए। पंजीयन में किसान का बैंक खाता एवं आई.एफ.सी. कोड दर्ज किए जाने के निर्देश दिए गए थे। एक ही खाता नंबर एक से अधिक किसानों के पंजीयन में दर्ज किन परिस्थितियों में, किसके द्वारा किए गए इसकी जानकारी जाँच उपरांत ही ज्ञात हो सकेगी। इस संबंध में जाँच हेतु समस्त कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत सॉफ्टवेयर में संशोधन की व्यवस्था की गई है कि किसान पंजीयन में एक ही खाता नंबर एक से अधिक किसानों के पंजीयन में दर्ज न हो।
नवीन हैण्डपम्प खनन/मरम्त
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
90. ( क्र. 4518 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन भोपाल को ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के अन्तर्गत ग्रामों में नवीन हैण्डपम्प खनन हेतु प्रस्ताव दिया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत भिण्ड विधानसभा के अन्तर्गत प्रस्ताव अनुसार कब नवीन हैण्डपम्प खनन किये जावेंगे? (ग) भिण्ड विधानसभा के अन्तर्गत दी 1.4.2015 से प्रश्नांश दिनांक तक कहाँ पर हैण्डपम्प खनन मरम्मत नवीनीकरण सुधारीकरण प्लेट फार्म किया गया है? यदि हाँ, तो बिन्दुवार जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। 44 नलकूप खनन करा दिये गये हैं। (ख) आंशिक पूर्ण (पी.सी.) श्रेणी के ग्रामों में उपलब्ध आवंटन एवं प्राथमिकता के आधार पर नलकूप खनन किये जाते हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) हैण्डपम्प खनन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र के हैण्डपम्पों की मरम्मत एवं संधारण किया गया, कोई भी प्लेटफार्म का निर्माण नहीं किया गया हैं।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी करने की नियत प्रक्रिया एवं अवधि
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 4549 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्यान्न सुरक्षा मिशन अंतर्गत प्रदेश में खाद्यन्न पर्ची प्राप्त करने की पात्रता रखने वाले नवीन पात्र परीवारों को पात्रता पर्ची जारी करने के लिये विभाग अंतर्गत क्या प्रक्रिया निर्धारित है? प्रस्ताव प्राप्ति उपरांत विभाग द्वारा कितने दिवस में पर्ची जारी करना निर्धारित है? (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2017-18 में कितने ग्रामों से कितने-कितने नवीन पात्र परिवारों के खाद्यान्न पर्ची प्राप्ति हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए तथा प्राप्त प्रस्तावों में से कितने पात्र परिवारों को खाद्यान्न पर्ची जारी की गई तथा कितने प्रस्ताव लंबित है? ग्रामवार, बतावे तथा वर्तमान तक कितने परिवारों को पात्रता/खाद्यान्न पर्ची वितरित किया जाना शेष है तथा उन्हें कब तक वितरित कर दी जावेगी? (ग) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2017-18 में नवीन पात्र परिवारों के लिये किस-किस शासकीय उचित मूल्य दुकान को कितने ग्रामों के कितने-कितने नवीन परिवारों का खाद्यान्न प्रदाय किया गया है/किया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणियों के छूटे हुए हितग्राहियों द्वारा स्थानीय निकाय में आवेदन प्रस्तुत करने पर परीक्षण उपरांत समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर संबंधित श्रेणी में सत्यापन किया जाता है। सत्यापन के बाद उचित मूल्य दुकान से मैप करने पर भारत सरकार अधिनियम के अंतर्गत हितग्राहियों की निर्धारित सीमांतर्गत स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता पर्ची जारी की जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों की अधिकतम संख्या निर्धारित है। सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होने पर दिनांक 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्यों की संख्या के विरूद्ध विलोपन योग्य सदस्यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में नवीन सत्यापित सदस्यों को सम्मिलित किया जाता है। इस प्रकार नवीन चिन्हित हितग्राही की पात्रता निर्मित होने पर सतत प्रकिया अंतर्गत माह में पात्रता जारी की जाती है। (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2017-18 में पात्रता श्रेणी के अंतर्गत नाम जोड़ने हेतु 126 ग्रामों के 445 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए, जिनकी पात्रता पर्ची सत्यापन उपरांत माह जनवरी, 2018 में जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अतिक्रमणकारियों को पट्टे दिए जाने के संबंध में
[राजस्व]
92. ( क्र. 4553 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार का निर्णय है कि कई वर्षों से शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर रहे लोगों को पट्टा दिया जाएगा? (ख) यदि हाँ, तो जिस ग्राम में चरनोई भूमि ०२ प्रतिशत अथवा उससे कम है और लोगों का शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है क्या उन्हें भी पट्टे दिए जाएंगे? (ग) यदि नहीं, तो क्या सरकार ऐसे व्यक्तियों को पट्टे दिए जाने की कोई योजना बना रही है? यदि हाँ, तो क्या एवं कब इसे लागू किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
परमिट एवं फिटनेश प्रमाण पत्र की जानकारी
[परिवहन]
93. ( क्र. 4562 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवहन विभाग द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में यात्रियों की आवागमन सुविधा हेतु निजी वाहन मालिकों को प्राथमिकता के आधार पर परमिट दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो परमिट दिये जाने के क्या नियम निर्देश हैं? (ख) क्या परिवहन विभाग द्वारा वाहनों का फिटनेस प्रमाण-पत्र देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वाहनों का फिटनेस परिक्षण किस तरह किया जाता है? नियम क्या है क्या वाहन का फिटनेस परीक्षण हेतु इंजीनियर नियुक्त है या मशीन से परीक्षण किया जाता है? (ग) क्या परिवहन विभाग द्वारा वाहनों का फिटनेस प्रमाण या तो बनाये ही नहीं जाते या फिर बिना किसी गंभीरता से जांच किये बनाये जाते है? जिससे वाहन फिट न होने के कारण आये दिन सड़क हादसे होते हैं? (ग) क्या वाहन में यात्रीगणों की सुविधा एवं सुरक्षा हेतु अग्निशमन व प्राथमिक उपचार हेतु चिकित्सीय व्यवस्था का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस वाहन में क्या-क्या व्यवस्था है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 24.10.2010 एवं दिनांक 28.12.2015 एवं 13.11.2017 के नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यालयों में वाहन प्रस्तुत करने पर परीक्षण में निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति पाये जाने पर फिटनेस जारी की जाती है। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 56 एवं मोटरयान नियम 1994 के नियम 48 में प्रावधान विहित हैं। फिटनेस परीक्षण हेतु इंजीनियर की नियुक्ति आवश्यक नहीं है। पंजीयन अधिकारी द्वारा स्वयं परीक्षण किया जाता है। (ग) जी नहीं। गंभीरता से नियमों में विहित मापदण्डों अनुसार जाँच कर ही फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। सड़कों पर हादसे विभिन्न कारणों से होते है। (घ) यात्रीगणों की सुविधा हेतु अग्निशमन यंत्र व प्राथमिक उपचार पेटी अनिवार्यतः बस में रखने हेतु परमिटों में शर्तें अधिरोपित की जाती है। जाँच में उल्लंघन पाये जाने पर नियमानुसार चालानी कार्यवाही की जाती है।
फसल बीमा की राशि का भुगतान
[राजस्व]
94. ( क्र. 4581 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 व 1 अप्रैल, 15 से प्रश्न दिनांक तक प्राकृतिक आपदा फसलों के नुकसान होने पर सागर संभाग के किसानों को किस प्रकार/दर से प्रति एकड़ मुआवजा राशि का वितरण किया गया? जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संभाग व वर्ष में किसानों में फसल बीमा का प्रीमियम किस दर से जमा कराया गया था? जिलावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के तहत बीमा कंपनी ने फसलों के नुकसान का आंकलन किस पद्धति से किया है और प्रति एकड़ किस दर से राशि वितरित की है? जिलावार जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्राकृतिक आपदा में फसलों के क्षति होने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 04 के अनुसार आर्थिक अनुदान सहायता राशि वितरण किये जाने के प्रावधान है। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वच्छ पेय जल तथा निस्तार जल की आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
95. ( क्र. 4584 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पवई विधान सभा क्षेत्र में फरवरी 2018 की स्थिति के अनुसार कुल कितने गांव हैं और पेयजल की दृष्टि से कुल कितने समस्या मूलक गांव है? (ख) इन गांव को स्वच्छ जल आपूर्ति के साधन उपलब्ध कराने की सरकार की क्या योजना है? (ग) पवई विधानसभा क्षेत्र के वे कौन-कौन से गांव हैं जहां निस्तार के लिए भी पानी की समस्या है, उनके नाम बताते हुए यह भी बतायें की पानी के लिये सरकार क्या-क्या कार्यवाही कब-कब करेंगी? (घ) स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हेतु किस गांव में क्या व्यवस्था है और उस स्त्रोत कि क्षमता तथा वर्तमान स्थिति क्या है? क्या गांव कि आबादी के अनुपात में मापदंडों के अनुसार पर्याप्त है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 418 ग्राम वर्तमान में कोई भी ग्राम समस्यामूलक नहीं है। यद्यपि कुछ ग्राम आंशिक पूर्ण श्रेणी के हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आंशिक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में प्रचलित मापदण्डानुसार पेयजल कार्य कराए जा सकेंगे। (ग) ऐसे कोई ग्राम नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) हैण्डपंप एवं नल-जल योजनाओं के माध्यम से पेयजल व्यवस्था हैं वर्तमान में स्त्रोतों के स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कुछ ग्रामों में प्रचलित मापदण्ड निर्धारित मात्रा 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन से कम पेयजल की उपलब्धता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम चूना भट्टी भोपाल के शासकीय नाला की भूमि का सीमांकन
[राजस्व]
96. ( क्र. 4586 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चूना भट्टी भोपाल के खसरा क्र. 70/1 के शासकीय नाला के संबंध में किसी भी न्यायालय का कोई स्थगन आदेश प्रभावशील नहीं है? (ख) क्या आयुक्त नगर निगम भोपाल के पत्र क्र. 712/भ.अ.शा./16, दिनांक 09.09.2016, नगर निवेशक, नगर निगम भोपाल के पत्र क्र. 695/भ.अ.शा./16 दिनांक 05.08.2016 से तथा संयुक्त संचालक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग भोपाल के पत्र क्रमांक 2586/न.ग्रा.नि./बी-28/जि.का./2016 दिनांक 24.09.2016 एवं स्मरण पत्र क्र.3184 एवं 3185 दिनांक 26.11.2016 एवं 289/बी-28/न.ग्रा.नि./2017 दिनांक 04.12.2017 से उक्त खसरा के शासकीय नाला के सीमाकंन कराने हेतु नजूल अधिकारी टी.टी. नगर वृत्त जवाहर चौक भोपाल को लिखा गया है? (ग) क्या मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को प्रस्तुत जनशिकायत क्र. 10118353 दिनांक 19.04.2017 जिला भोपाल तहसील राजधानी परियोजना टी.टी. नगर के ग्राम चूना भट्टी खसरा क्र. 70 के शासकीय नाला के सीमांकन संबंधी प्रमुख सचिव राजस्व विभाग भोपाल को प्राप्त हुई है एवं शिकायत कलेक्टर जिला भोपाल को पत्र क्र. 37/1607/217/सात/नजूल दिनांक 11.01.2008 प्रेषित की गई है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के पत्रों के अनुक्रम में प्रश्नाधीन शासकीय नाला खसरा क्र. 70//1 के सीमांकन की कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं हुई है? क्या इसके लिये कोई दोषी है? यदि हाँ, तो कौन? क्या संबंधित के विरूद्ध एवं सीमांकन की कोई कार्यवाही होगी, यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) चूनाभट्टी के खसरा क्रमांक 70/1 शासकीय नाला के संबंध में विनिमय प्रकरण में शासन हित निहित होने से इस संबंध में प्रकरण आयुक्त भोपाल संभाग को स्वमेव निगरानी में भेजा गया था तथा आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल के द्वारा मामले में विनिमय निरस्त करने हेतु कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया था जिसके विरूद्ध दानिश गृह निर्माण समिति द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर रिट याचिका डब्लू.पी. 12216/2013 दायर की है, जो अंतिम सुनवाई हेतु नियत है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में कार्यवाही प्रारंभ की गई किन्तु प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तथ्यों एवं संलग्न परिशिष्ट में वर्णित किये गये तथ्यों के आधार पर मूल विनिमय आदेश की अमल न होने एवं पूर्व के विनिमय आदेश में त्रुटि होने के कारण कार्यवाही न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति का होने से इस संबंध में किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। अद्यतन स्थिति अनुसार प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित होने से माननीय न्यायालय के आदेश उपरान्त ही आगामी कार्यवाही विधि अनुसार की जावेगी।
ग्राम चूना भट्टी भोपाल का बटानों के अमल
[राजस्व]
97. ( क्र. 4587 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्र. 7002 दिनांक 28.03.2017 में चूना भट्टी भोपाल के खसरा क्र. 70/1, 70/2, 115-69/2/1, 115-69/2/2, 96-91/1, 96-91/2 के बटान का उल्लेख होकर अमल की कार्यवाही चल रही होना बताया है, यदि हाँ, तो वर्ष 2010 में राजस्व अधिकारियों के ज्ञान में प्रश्नाधीन उक्त बटांकन का अमल भू-अभिलेख नक्शा में नहीं होने का तथ्य ज्ञान में आ-जाने पर भी तथा उक्त विधानसभा प्रश्न के जवाब में भू-अभिलेख संशोधन की कार्यवाही चल रही होना बताने पर भी प्रश्नाधीन बटान का नक्शा सहित भू-अभिलेखों में अमल होकर भू-अभिलेख संशोधन तथा अद्यतन की कार्यवाही क्यों नहीं हुई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बटानों के अमल विषयक कार्यालय प्रमुख राजस्व आयुक्त मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्र. एफ-6-41/शि.शा./प्र.रा.आ./2017/2168 दिनांक 10.04.2017 एवं पत्र क्र. एफ-6-41/शि.शा./प्र.रा.आ./2017/391 दिनांक 15.01.2018 से कलेक्टर जिला भोपाल को जाँच एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु लिखा है? यदि हाँ, तो माह अप्रैल 2017 से अभी तक तदविषयक क्या कार्यवाही हुई है? क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम बटानों के अमल एवं भू-अभिलेख के संशोधन तथा अद्यतन की आवश्यक कार्यवाही नहीं करने के लिये कोई दोषी है? क्या संबंधित के विरूद्ध एवं प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बटानों के अमल की कोई कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया अन्तर्गत प्रचलन में है। भू-अभिलेखों में संशोधन तथा अद्यतन किये जाने संबंधी कार्यवाही की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही का विस्तृत विवरण उत्तरांश (क) संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति का होने से इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश उपरांत विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
चूना भट्टी, भोपाल के शासकीय नाला खसरा क्र. 70 बाबत्
[राजस्व]
98. ( क्र. 4595 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम चूना भट्टी (भोपाल) में खसरा क्र. 70 का शासकीय नाला स्थित होकर उसमें से 0.37 एकड़ भूमि का विनियम खसरा क्रं 115-69/2 की 0.37 एकड़ भूमि से होने से खसरा क्र. 70 के दो बटान 70/1 एवं 70/2 तथा खसरा क्रं 115-69/2/1 एवं के दो ब्ाटान 115-69/2/2 के दो बटान 115-69/2/1 एवं 115-69/2/2 तहसीलदार न्यायालय के प्रकरण क्र. 53/ए-3/90/91 से स्वीकृत हुए हैं? (ख) क्या दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति चूना भट्टी ने अमलतास फेस-2 में से प्रवाहित तथा विनिमय में प्राप्त खसरा क्र. 70/2 रकबा 0.37 एकड़ के नाला को खसरा क्र. 90-91/2/3/1/4 रकबा 0.08 एकड़ एवं 96-91/1 रकबा 0.26 एकड़ की भूमियों में से इन्हें दिनांक 09 एवं 10 मई 1985 को क्रय कर डायवर्ट किया है तथा क्या, खसरा क्र. 96-91/1, 90-91/2/3/1/4 एवं 96-91/2 के नामांतरण एवं बटांकन तहसीलदार श्री डी.के व्यास से दिनांक 02.07.1986 को नामांतरण पंजी में स्वीकृत किये हैं। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खसरा क्र. 70/2 रकवा 0.37 एकड़ 96-91/1 रकवा 0.26 एकड़ तथा, 90-91/2/3/1/4 रकवा 0.8 एकड़ की भूमियों की प्रविष्टि वर्ष 1994-95 के पटवारी हल्का क्र. 40 ग्राम चूना भट्टी के खसरा में दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या. भोपाल अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद खान के स्वत्व की दर्ज है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित बटांकनों की तरमीम वर्ष 1986 से अभी तक संबंधित नक्शा में नहीं उठी है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? क्या भू-अभिलेख संशोधित एवं अघ्ातन की आवश्यक कार्यवाही नहीं करने के लिये कोई दोषी है? यदि हाँ, तो कौन? क्या उसके विरूद्ध एवं खसरा व नक्शा संशोधन/अद्यतन की कोई कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ग्राम चूना भट्टी भोपाल में खसरा क्रमांक 70 का शासकीय नाला स्थित होकर उसमें से 0.37 एकड़ भूमि का विनिमय पूर्व में स्वीकृत किया गया था, किन्तु उक्त विनिमय प्रकरण में शासन हित निहित होने से इस संबंध में प्रकरण आयुक्त महोदय को स्वमेव निगरानी में भेजा गया था तथा आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल के द्वारा मामले में विनिमय निरस्त करने हेतु कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया था, जिसके विरूद्ध दानिश गृह निर्माण समिति द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर रिट याचिका डब्लू.पी. 12216/2013 दायर की है, जो अंतिम सुनवाई हेतु नियत है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये गये उल्लेख अनुसार विनिमय प्रकरण शासन हित निहित होने से स्वमेव निगरानी में पूर्व विनिमय आदेश को निरस्त करने हेतु कार्यवाही की गई। मूल विनिमय आदेश का अमल न होने एवं पूर्व के विनिमय आदेश में त्रुटि होने के कारण कार्यवाही न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
शिकायतों की जाँच एवं कार्यवाही
[राजस्व]
99. ( क्र. 4614 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 17-1-2017 को न्यूरामनगर, अमखेरा नयावार्ड 74 न.नि. जबलपुर निवासियों ने संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त मांगपत्र कलेक्टर, आयुक्त न.नि. जबलपुर को सम्बोधित कर प्रतिलिपि मा. मुख्यमंत्रीजी व संभागायुक्त जबलपुर आदि को किसी प.ह.नं., रा.नि.मं., तहसील के खसरों की भूमि की किन्हीं 19 अनियमितताओं की कोई शिकायत की है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) पत्र में दर्शित अनुसार द्वारा दिनांक 7-9-2005 व 10-9-2010 को किन्हीं के द्वारा कोई सहमतिनामा व दानपत्रों का लेख किया है और किसी तहसीलदार ने आदेश दिनांक 21-11-2012 द्वारा किसी भूमि को शासनाधीन किया जाकर निर्देशानुसार अभिलेख दुरूस्त कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) की शिकायत के 19 बिन्दुओं की जाँच कब किनके द्वारा करायी गई है और उनमें क्या पाया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) पर किन्हें दोषी पाये जाने पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि नहीं, तो कब तक कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। दिनाक 17.01.2017 को लिखित संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त शिकायत विधानसभा प्रश्न प्राप्त होने के उपरांत शिकायतकर्ता सम्पर्क करने पर प्राप्त हुई है। इसके पूर्व पत्र प्राप्त नहीं हो सका था, पत्र प्राप्त होने पर दिनाक 09/03/2018 को तहसीलदार पनागर के न्यायालय में एक जाँच प्रकरण क्रमांक/549/बी-121/2017-18 दर्ज कर जाँच प्रारंभ कर दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायती पत्र को तहसीलदार पनागर के न्यायालय में जाँच प्रकरण क्रमांक/549/बी-121/2017-18 दर्ज कर जाँच की जा रही है। कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच उपरान्त स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जाँच प्रचलन में है। (घ) जाँच उपरांत दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना स्थापित करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
100. ( क्र. 4615 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वि.स.क्षे. बडवारा के वि.ख. बड़वारा, कटनी, ढ़ीमरखेड़ा के किन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजनायें चल रही हैं और सर्वेक्षण अनुसार कितनी जनसंख्या के ग्रामों में आवश्यकता पायी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) की किन ग्राम पंचायतों ने किन सामान्य एवं आदिवासी ग्रामों के लिये नल-जल योजना की मांग की है और उनमें से किनके द्वारा कोई जनभागीदारी की राशि जमा कर दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के विभागीय यंत्री के द्वारा किन्हीं स्मरण पत्रों द्वारा किन्हीं से राशि जमा कराये जाने हेतु लेख किये हैं? (घ) क्या किन्हीं अवधि तक किन्हीं सकारात्मक प्रयत्नों से राशि जमा कराकर योजनायें प्रारंभ करा दी जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जिला पंचायत के माध्यम से समन्वय कर संबंधित ग्राम पंचायतों से योजना लागत की जनभागीदारी की राशि नियमानुसार जमा करवाने के प्रयास किए जा रहे है। राशि जमा होने पर योजना प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
कल्लो बाई की कृषि भूमि के संबंधी जानकारी
[राजस्व]
101. ( क्र. 4617 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किटियानी मंदसौर स्थित कल्लो बाई की कृषि भूमि के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय व डिक्री आदेश १६/०८/१९९३ की जानकारी ट्रायल कोर्ट को मय आदेश मान. उच्च न्यायालय से मूल फाइल के प्राप्त हुए थे, या नहीं? (ख) उक्त दिनांक के बाद प्रार्थिया के आवेदन मय कलेक्टर, ए.डी.एम. अनुविभागीय अधिकारी के ओदश के साथ कब-कब तहसीलदार को प्राप्त हुए? (ग) उक्त आवेदनों एवं आदेश के उपरांत भी बटा नंबर नहीं करते हुए अवैध रजिस्ट्री के कितने नामांतरण उक्त कृषि भूमि में किसके आदेश से किये? अवैध रजिस्ट्रीकर्ता, अवैध कब्जेधारियों को घनी आबादी में किसने बसाया? क्या यह माननीय न्यायालय के आदेश की अवमानना व गरीब की भूमि हड़पने का षडयंत्र नहीं है? (घ) आबादी की आड़ लेकर बटा नंबर न करना व कब्जा न दिलाने हेतु जिम्मेदार अधिकारियों की शासन उच्च स्तरीय जाँच करायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन भूमियो के संबंध में माननीय न्यायालय में प्रचलित प्रकरण में शासन पक्षकार नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) आवेदिका के आवेदन पर बंटवारा के प्रकरण तहसीलदार न्यायालय में दर्ज किया गया। तहसीलदार न्यायालय के आदेश के विरूद् अपील कलेक्टर/ए डी एम/अ. वि अ. न्यायालय में प्रस्तुत की गई निगरानी अपील में समय समय पर उक्त न्यायालय द्वारा तहसीलदार को आदेश दिये गये है। (ग) तहसीलदार ने प्रश्नाधीन भूमि के सबंध में बंटवारा आदेश पारित किया लेकिन तत्समय बटांकन नंबर स्वीकृत नहीं किये, भूमि यथावत दर्ज रही ओर राजस्व रिकार्ड में दर्ज भूमि स्वामी द्वारा भूमि का विक्रय किया गया। प्रस्तुत विक्रय पत्र के आधार पर 40 नामांतरण हुए है। (घ) अनियमितता का प्रतिवेदन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जायेगी।
नाप तौल विभाग में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
102. ( क्र. 4624 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के विभिन्न जिलों में नाप-तौल विभाग के कितने अधिकारी/कर्मचारी कितने समय से एक ही स्थल पर पदस्थ हैं, दि. 1 जनवरी, 2013 के पश्चात इनके खिलाफ किस-किस प्रकार की अनियमितता की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? जिलेवार सूची देवें? (ख) उक्त अवधि में उक्त अधिकारियों ने कहाँ-कहाँ, किस-किस फर्म के खिलाफ प्रकरण बनाए? क्या लम्बे समय से एक ही स्थल पर जमे ये अधिकारी तौल-कांटे पर वर्ष में एक बार सील लगाकर खाना पूर्ति कर रहे हैं, उक्त संभाग की किन-किन मंडियों के तौल-काँटों का उक्त अवधि में कब-कब परीक्षण किया गया? (ग) मंदसौर, रतलाम जिले में कितने तौल कांटे वर्तमान में ऐसे हैं जिन पर विभाग की सील नहीं होकर रजिस्टर्ड नहीं है और वे उपयोग में लाये जा रहे हैं, इन्हें रजिस्टर्ड करने के लिए क्या-क्या प्रयास किये गये? क्या यह सही है कि मंदसौर, रतलाम में विभाग के अधिकारियों द्वारा बाहरी एजेंटों के माध्यम से व्यापरियों, पेट्रोल पम्प मालिक के साथ अनियमितता कर तौल काँटों की जाँच कभी नहीं की जाती, व्यापारी, पेट्रोल पम्प मालिक मनमाफिक काँटों को सेट कर ग्राहकों को भारी नुक्सान पहुँचा रहे हैं,क्या मंदसौर जिले में इसकी जाँच किसी उच्च अधिकारी से कराई जाएगी? (घ) क्या खराब हुये रजिस्टर्ड तौल-काँटों की जानकारी दुकानदारो को विभाग को देना आवश्यक है? यदि हाँ, तो मंदसौर जिले में कितने दुकानदारों ने उक्त अवधि की जानकारी विभाग को दी है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उज्जैन संभाग के विभिन्न जिलों में इस विभागाध्यक्ष अंतर्गत कुल 38 अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। दिनांक 1 जनवरी, 2013 के पश्चात संभाग में प्राप्त शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है शिकायत केवल रतलाम जिले में पदस्थ कर्मचारियों की ही प्राप्त हुई है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) विधिक मापविज्ञान अधिनियम 2009 एवं विधिक मापविज्ञान नियम 2011 में तौल कांटो का रजिस्ट्रेशन का प्रावधान नहीं है। नाप-तौल उपकरण के उपयोगकर्ता को अपने उपकरण निरीक्षक नाप-तौल कार्यालय/शिविर कार्यालय में प्रस्तुत कर सत्यापित मुद्रकिंत कराना आवश्यक है। निरीक्षक समय समय पर निरीक्षण कर अनियमितता पाये जाने पर कार्यवाही करते है। शेष विवरण एकत्रित किया जा रहा है। यह सही नहीं हैं कि रतलाम एवं मंदसौर जिले में किसी भी बाहरी एजेन्टों के माध्यम से व्यापारियों पट्रोल पंप मालिको के साथ मिलकर कोई अनियमितता की जाती हैं। पेट्रोल एवं डीजल मशीनों के संबंध में मशीनों के निर्माता प्रतिनिधि/आयल कम्पनी के फिटर की उपस्थिति में पुनः सत्यापन एवं मुद्रांकन का कार्य किया जाता है। नियमों में प्रावधान अनुसार ही तौल कांटों का सत्यापन कर सील लगाई जाती हैं। रतलाम/मन्दसौर जिलें में पेट्रोल पंप एवं तौल कांटों का समय समय पर निरीक्षक नाप-तौल द्वारा निरीक्षण किया जाता है। (घ) इस बावत प्रावधान नहीं हैं।
बिल्डरों पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
103. ( क्र. 4632 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विल्डरों के द्वारा दिये जाने वाले निर्माण कार्यों, आवासीय परिसरों एवं बेचिंग प्लाट के संबंध में किस-किस कानून, नियम के अनुसार मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आवश्यक अनुमति, सहमति या सम्मति लिया जाना आवश्यक है? ऐसा न करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाहियों किये जाने का प्रावधान है? शासनादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सागर एवं रीवा क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले किस-किस जिले में किस-किस बिल्डर को किन-किन प्रावधानों के तहत किस दिनांक को अनुमति, सहमति एवं सम्मति कितनी अवधि के लिए प्रदान की गई एवं किस-किस के आवेदन कब-कब से किन-किन कारणों से लंबित/विचाराधीन है? (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किस-किस बिल्डर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कब-कब कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया है एवं किस-किस के खिलाफ माननीय न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये तथा किस-किस के विरूद्ध किन-किन कारणों से न्यायालय में प्रकरण दायर नहीं किए जा सके है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 15.06.2017 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार ऐसे बिल्डिंग एण्ड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्टस जिनका बिल्टप एरिया 5000 वर्गमीटर तथा टाउनशिप प्रोजेक्टस जिनका एरिया 5 हेक्टेयर से अधिक है तथा बेंचिंग प्लांटस को भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रवर्तित जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 25/26, वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 के अंतर्गत सम्मति प्राप्त करना आवश्यक है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत बनाये गये विभिन्न नियमों (यथा लागू) के अन्तर्गत सम्मति/प्राधिकार लिया जाना आवश्यक है, प्रदूषण फैलाने एवं नियमों का पालन न करने वालों पर अधिनियमों के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही किये जाने का प्रावधान उपरोक्त अधिनियमों में ही निहित हैं। जिनकी प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है वर्तमान में किसी भी बिल्डर्स के आवेदन लम्बित/विचाराधीन नहीं हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है वर्तमान में क्षेत्रीय कार्यालय, सागर एवं रीवा के क्षेत्रान्तर्गत किसी भी बिल्डर के विरूद्ध माननीय न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत नहीं किये गये हैं।
तकनीकी शिक्षा संस्थानों में भर्ती नियम
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
104. ( क्र. 4644 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तकनीकी शिक्षा संस्थानों में वर्तमान में तथा इसके पूर्व में भर्ती नियम की प्रति देवें। क्या वर्ष 2004 नियम अंतर्गत आर्टिकल 73 अनुसार सभी पद अशासकीय हो गये हैं? क्या वर्तमान में वर्ष 2004 भर्ती नियम अंतर्गत समस्त भर्तियों को नियम विरूद्ध स्थानांतरण किया जा रहा है? (ख) क्या वर्ष 2004 भर्ती नियम संबंधी कोई प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रचलन में है? यह प्रकरण प्रश्न दिनांक तक किस स्तर पर हैं? इस नियम से भर्ती व्याख्याताओं/ विभागाध्यक्षों को वर्ष 2018 में किस आदेश अंतर्गत पदोन्नति प्रदान की जा रही है? क्या यह माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रचलित वर्ष 2004 भर्ती नियम संबंधी प्रकरण के निराकरण पूर्व यह पदोन्नति आदेश जारी करना अवमानना की श्रेणी में आता है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) वर्ष 2004 भर्ती नियम में शासन द्वारा सत्र 2017-18 में कब-कब एवं क्या-क्या संशोधन किये गये? बिंदुवार कारण सहित बतायें। प्रति देवें। (घ) विभाग द्वारा दिनांक 09/02/2018 को किस पत्र में व्याख्याताओं को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति करने संबंधी आदेश प्रदान किया गया है? प्रति देवें। क्या यह पत्र माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रचलित पदोन्नती संबंधी प्रकरण के निराकरण के पूर्व यह पदोन्नती आदेश जारी करना अवमानना की श्रेणी में आता है? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कोई पदोन्नति नहीं दी जा रही है, बल्कि केरियर एडवांस योजना (केस) योजना के अंतर्गत वेतनमान दिये जा रहे है। (ग) संशोधन में उल्लेखित कारणों से संशोधन किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) दिनांक 9.2.2018 को विभाग के अंतर्गत कार्यरत रूपये 10000/- एजीपी में कार्यरत व्याख्याताओं को पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में नियमित प्राचार्य के पद पर चयन हेतु आवेदन प्राप्त करने हेतु पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। विभाग के अंतर्गत रूपये 10000/- एजीपी प्राप्त करने वाले व्याख्याताओं के आवेदन पत्र प्राप्त कर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के राजपत्र-2012 की कंडिका-5 एवं संशोधित राजपत्र दिनांक 22.11.2017 के अनुसार चयन कर, नियमित प्राचार्य की नियुक्ति किये जाने का उल्लेख है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पीड़ित अ.जा./अ.ज.जा. व्यक्तियों तथा साक्षियों को प्रदत्त यात्रा पोषण आहार व्यय
[गृह]
105. ( क्र. 4648 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विगत 4 वर्षों में पीड़ित अ.जा./अ.ज.जा. व्यक्तियों तथा साक्षियों को प्रदत्त यात्रा पोषण आहार व्यय की माहवार संवर्गवार वितरित राशि की जानकारी देवे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक को आवंटित/पुनरांवटित राशि की जानकारी देवें। (ख) विगत 4 वर्षों में उक्त बिंदु संबंधित जानकारी जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति खरगोन की समीक्षा बैठकों में प्रदान की गई विभागीय जानकारी के प्रपत्र-01 की प्रतियां देवें। (ग) सितंबर 2017 एवं दिसंबर 2017 को सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति खरगोन की बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रदत्त प्रपत्र-01 में दर्ज यात्रा भत्ता, मजदूरी भत्ता, आहार भत्ता वितरण की सूची प्रकरणवार हितग्राहियों के पूर्ण नाम, पिता का नाम, पता, मदवार राशि की सूची देवें। राशि प्रदायकर्ता अधिकारी के नाम व पद का उल्लेख भी हितग्राहीवार करें। (घ) उक्त सूची में से अनु.जनजाति के राशि प्राप्तकर्ताओ की पावती/रसीद की प्रति देवें। इन हितग्राहियों के उस दिनांक में न्यायालय में प्रचलित प्रकरण क्रमांक, अभिभाषक के नाम सहित हितग्राहीवार सूची देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
राशि की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
106. ( क्र. 4703 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा सतना जिले में शासन द्वारा सब्सिडी देकर स्वयं के द्वारा निर्मित वेयर हाउस (खाद्यान गोदाम) की संख्या नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितनी है? निर्मित वेयर हाउसों पर सब्सिडी की राशि किन-किन विभागों द्वारा प्रदान की गयी? के विवरण के साथ निर्माणकर्ता (मालिक) नाम स्थान व ग्राम पंचायत के नाम सहित जनपद पंचायत का नाम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तहसील मुख्यालयों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के क्रय किये गये खाद्यान्न उसी तहसील के वेयर हाउस में रखने अथवा दूसरे तहसील के वेयर हाउसों में रखे जाने के आदेश हैं। आदेश की प्रति के साथ वेयर हाउसों के खाद्यान्न रखने की क्षमता क्या हैं, पृथक पृथक वेयर हाउसवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) के वेयर हाउसों में प्रश्नांश (ख) अनुसार कितना-कितना खाद्यान्न किन-किन वेयर हाउसों में वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक में रखे गये उनका किराया शासन द्वारा कितना प्रदान किया गया? एक तहसील से दूसरे तहसील के वेयर हाउसों में खाद्यान्न ले जाने से कितना ढुलाई का अतिरिक्त व्यय शासन को हुआ? यह भी बतावें कि इस दौरान कितने नजदीकी वेयर हाउस खाली थे? (घ) प्रश्नांश (क) के वेयर हाउसों के निर्माण पर सब्सिडी नियम से हट कर दी गयी एवं खाद्यान्नों का उठाव दूसरे तहसील के वेयर हाउसों तक पहुंचाकर ढुलाई एवं वेयर हाउसों के मालिको को लाभान्वित किया गया, जबकि नजदीक के वेयर हाउस खाली पड़े थे। इसके लिए जिम्मेदारों को पहचान कर नियम विरूद्ध व्यय की गयी राशि की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करावेंगे? तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही बाबत्
[गृह]
107. ( क्र. 4708 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार के गृह विभाग द्वारा जिलों में घटित अपराधों की जानकारी वर्षवार एकत्रित की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक में बलात्कार, हत्या, लूट, डकैती, अपहरण एवं महिला उत्पीड़न की कितनी घटनाएं घटित हुयी, जिन पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध किए गये, संख्यात्मक जानकारी जिलेवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बलात्कार के घटित अपराधों में बलात्कार के बाद कितनों की हत्याएं की गयी? अपहरण की घटनाओं अनुसार कितने अपहरण कर्तायों सें छुड़ाए गये व कितनों की हत्याएं हुयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार घटित अपराधों में से कितने अपराधिओं की गिरफ्तारी पुलिस द्वारा की गयी एवं कितने अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी तो क्यों? बलात्कार से पीडितों में से कितनों की शासन से सहायता राशि प्रदान की गयी। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार घटित अपराधों में जिलों का जिलेवार अपराध का प्रतिशत क्या है? अपराधों के रोकथाम बाबत् 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार घटित अपराधों पर पुलिस एवं विभाग द्वारा अपराधों को रोकने बाबत् समुचित कार्यवाही नहीं की गयी जिससे प्रश्नांश (ग) एवं (घ) अनुसार अपराधों में बढ़ोत्तरी हुयी, इसके लिए जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? अपराधों के रोकथाम बाबत् क्या कार्ययोजना सरकार ने तैयार की हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
उचित मूल्य की दुकानों के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
108. ( क्र. 4731 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले की समस्त 225 ग्राम पंचायतो में उचित मूल्य की दुकानें स्वीकृत कर खोलने हेतु जिला खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को शासन द्वारा आदेश भेजे गये हैं की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी ग्राम पंचायते ऐसी हैं जिनमें उक्त दुकाने संचालित है कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में नहीं? (ग) क्षेत्रान्तर्गत उक्त आदेशानुसार उक्त दुकान विहीन ग्राम पंचायतों में उक्त दुकाने प्रारंभ कराने हेतु विभाग द्वारा विज्ञप्ति कब जारी की गई, की प्रति उपलब्ध करावें तत्पश्चात इस संबंध में क्या-क्या वैधानिक कार्यवाही पूर्ण कर ली है? क्या-क्या नहीं कब तक पूर्ण की जावेगी? (घ) क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में ग्राम पंचायत ढोटी, आमल्दा सहित कई ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जिनमें निवासरत नागरिकों को उचित मूल्य की सामग्री क्रय करने हेतु 5 से 10 कि.मी. की दूरी तय कर अन्यत्र जाना आना पड़ता हैं, इस कारण उन्हें कठिनाइयाँ आती हैं, इसके निवारण हेतु क्या शासन/विभाग उक्त अपूर्ण कार्यवाहियों को शीघ्र पूर्ण करवाकर दुकान विहीन ग्राम पंचायतों में कब तक उक्त दुकानें स्वीकृत कर प्रारंभ करवा दी जावेंगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। राज्य शासन द्वारा उचित मूल्य की दुकान विहीन पंचायतों में दुकान खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी ग्राम पंचायतें जिनमें पूर्व से दुकान संचालित है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) अनुसार है। उक्त विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत दुकान विहीन ग्राम पंचायतों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (स) अनुसार है। (ग) उचित मूल्य दुकान विहीन ग्राम पंचायतों की विज्ञप्ति श्योपुर जिले में 13 अक्टूबर, 2017 को जारी की गई है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (द) अनुसार है। आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरांत उपरोक्त विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 19 ग्राम पंचायतों में दिनांक 07 मार्च, 2018 को दुकान आवंटन की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। शेष 11 दुकान विहीन ग्राम पंचायतों में आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जिला श्योपुर के ग्राम पंचायत ढ़ोटी एवं आमल्दा में नवीन शासकीय उचित मूल्य दुकान दिनांक 7 मार्च, 2018 को आवंटित की गई है। दुकान से सामग्री वितरण यथासमय प्रारंभ की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व ग्राम बनाये जाने बाबत्
[राजस्व]
109. ( क्र. 4751 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सेवढ़ा जिला दतिया के ग्राम कडूरा वरिया एवं रसूलपुर की जनसंख्या कितनी हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त तीनों ग्राम राजस्व ग्राम हैं? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि इनकी जनसंख्या राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु पर्याप्त हैं? (ग) क्या उक्त तीनों ग्रामो को राजस्व ग्राम बनाये जाने की कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या? कार्यवाही विवरण की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाने के निर्देश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक इन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जायेगा ताकि इन ग्रामों में शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामवासियों को मिल सके?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाड़पुरा तह. विजपुर (श्योपुर) की चतुर सीमाएं
[राजस्व]
110. ( क्र. 4769 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित ग्रा. पंचायत लाड़पुरा पुराना पटवारी हल्का नं. 15 नया प.ह.न. 21 जो कि खण्ड शिक्षाधिकारी कार्या. बाउण्ड्रीवॉल के पीछे स्थित है, जिसका खसरा नं. 1092, 93 मि. रकवा 45 x 30 = 1350 व.फि. जो कि दिनेश चन्द्र बंसल के नाम से विधिवत रजिस्टर्ड होकर नामांतरित है उसकी चतुर सीमाएं बताएं। उपरोक्त प्लाट कहाँ स्थित है? सीमांकन करके, उक्त प्लाट के उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, प्लाट स्वामियों के नाम व उनकी माप बतावें तथा उक्त प्लाट का रोड किस दिशा में है तथा कितने फिट का है, मय नक्शे के जानकारी प्रदाय की जावे। (ख) क्या तत्कालीन तहसीलदार श्री गर्ग द्वारा उपरोक्त प्लाट को एवं अन्य प्लाटों को खुर्द वुर्द करने की नियत से अन्य प्लाटधारियों को गलत सीमांकन बताकर 35 वर्ष पूर्व भरी हुई नीव को उखाड़ दिया जाकर अवैध कब्जा करा दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? यदि ऐसा नहीं है तो कब तक प्रश्नांश (क) में वर्णित प्लाट का सीमांकन सही तरीके से कराकर प्लाट स्वामियों को प्लाट का हक दिला दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्योपुर जिले की तहसील विजयपुर के ग्राम लाड़पुरा की भूमि सर्वे नम्बर 1092, 1093 मिन 4 कुल रकवा 0.021 हेक्ट. दिनेश पुत्र मोतीलाल जाति वैश्य निवासी विजयपुर भू-राजस्व 0.12 पैसे के नाम से राजस्व अभिलेख में अंकित है। विक्रेता मावसिया पुत्र बिहारी जाति कुशवाह नि. प्रहलादपुरा द्वारा स्थल पर जाकर विक्रीत भू-खण्ड की चतुर सीमाओं को चिन्हित कराया तथा मौके पर खाली भू-खण्ड जिसकी बुनियाद भरी पड़ी है। उत्तर से दक्षिण भू-खण्ड के सामने रास्ता दिया गया है एवं पूर्व से पश्चिम नाले की तरफ भी रास्ता है। (ख) राजस्व रिकॉर्ड में दिनेश पुत्र मोतीलाल वैश्य के नाम से दर्ज है तथा मौके पर तत्कालीन तहसीलदार द्वारा उक्त भू-खण्ड को खुर्द-बुर्द नहीं किया गया है। मौके पर जमीन स्थल पर बुनियाद भरी है। किसी का अवैध कब्जा नहीं है।
गौवंश एवं लावारिस गौवंश के संरक्षण हेतु गौ अभ्यारण्य स्थापित करना
[पशुपालन]
111. ( क्र. 4850 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितना गौवंश है? साथ ही यह भी बतावें की कितना गौवंश गौशालाओं में है एवं कितना गौवंश व्यक्तिगत पशुपालकों के यहाँ है? जिलेवार, पृथक-पृथक संख्या बतावें? (ख) प्रदेश में लावारिश गौवंश कितना है? जिलेवार संख्या बतावें? क्या प्रदेश का लावारिस गौवंश किसानों की फसलों के लिए बहुत बड़ी समस्या है? यदि हाँ, तो क्या शासन लावारिस गौवंश के संरक्षण के लिए कोई वयवस्था करेगा एवं प्रदेश के समस्त जिलों के लावारिश गौवंश की गणना कराकर गौ अभ्यारण स्थापित करेगा? (ग) वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में प्रदेश की किस-किस गौशाला को कितनी-कितनी राशि अनुदान के रूप में कब-कब उपलब्ध कराई गयी? किन-किन गौ-शालाओं द्वारा उपलब्ध कराई गयी राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र कब-कब शासन को उपलब्ध कराये गए? किस-किस के द्वारा नहीं? गौशालाओं को अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई गयी राशि का ऑडिट अथवा व्यय का सत्यापन शासन द्वारा कराया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस गौशाला में अनुदानित राशि के उपयोग में अनियमितताएं पाई गयी? (घ) वर्ष 2016 एवं 2017 में किस-किस गौशाला में कितने कितने गौवंश की मृत्यु किन-किन कारणों से हुई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जी हाँ वर्तमान में लावारिस गौवंश की व्यवस्था हेतु प्रत्येक जिले में गौशाला संचालित है। जिनमें उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समितियों के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है वर्ष २०१८ में पंचवर्षीय पशु संगणना में निर्देश प्राप्त होने पर लावारिस गौवंश की गणना कराई जायेगी। गौ अभ्यारण्य हेतु वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) वर्ष २०१६-१७ की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार एवं वर्ष २०१७-१८ की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। गौशालाओं को प्रदाय राशि का ऑडिट गौशालाओं द्वारा सी.ए से कराया जाता है। (घ) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स''' अनुसार।
सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना
[गृह]
112. ( क्र. 4851 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी, 2013 से प्रश्नांकित तिथि तक प्रदेश में कितने आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं, पत्रकारों एवं मीडियाकर्मियों के साथ जान से मारने की धमकी, जानलेवा हमला एवं हत्या की घटनाएं घटित हुई? इन घटनाओं में कितने प्रकरण, किन-किन धाराओं के तहत, किन-किन आरोपियों के विरुद्ध दर्ज किये गए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों के आरोपियों में कितने गिरफ्तार किये जा चुके हैं? कितनों की गिरफ्तारी शेष है? कितने फरार हैं? फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) दिनांक 01 जनवरी 2013 से प्रश्नांकित दिनांक तक किन-किन आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं, पत्रकारों एवं मीडियाकर्मियों के द्वारा अपनी जान को खतरा बताते हुए शासन से सुरक्षा उपलब्ध करने की मांग की गयी? उक्त आवेदनों पर राज्य सुरक्षा समिति/डी.एस.बी. शाखा द्वारा क्या-क्या अनुसंशाएं की गयी? किन-किन को सुरक्षा उपलब्ध कराई गयी? किन-किन को नहीं एवं क्यों? राज्य सुरक्षा समिति, पुलिस विभाग की डी.एस.बी. शाखा के प्रतिवेदनों/रिपोर्टों की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या व्यापम व्हिसिल ब्लोअर/आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी कराई गयी है? यदि हाँ, तो किस-किस की, किस-किस कारण से? इस सम्बन्ध में शासन के क्या-क्या नियम एवं निर्देश हैं? प्रति उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्यापम घोटाले के सम्बन्ध में मिले गुमनाम पत्र पर कार्यवाही
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
113. ( क्र. 4855 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने एक दैनिक समाचार पत्र में दि. 19.02.18 दिए गए साक्षात्कार में कहाँ कि व्यापम का मामला प्रकाश में तब आया जब उनके पास बच्चों की गुमनाम चिट्ठी आई जिसमें इंदौर में कुछ फर्जी बच्चों के परीक्षा में बैठने का ज़िक्र किया गया था? (ख) क्या मुख्यमंत्री ने दि. 2 जुलाई 2014 को व्यापम घोटाले पर विधानसभा में कहाँ कि ''जब वर्ष 2013 में जून माह में 20 जून को हमारी गुप्तचर शाखा को गुमनाम पत्र इंदौर में मिलता है कि पी.एम.टी. परीक्षा में कुछ फर्जी छात्र बैठने वाले हैं? साथ ही वर्ष 2009 पारस सकलेचा जी के पूछे गए प्रश्न में बताया था कि हमने समिति बनाई थी, समिति ने छानबीन की थी. छानबीन के बाद संदिग्ध छात्र पहचाने गए थे.'' यदि हाँ, तो 2009 में आने के बाद संज्ञान में आने के बाद 2010 से 2013 तक घोटाला चार गुना कैसे हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि पत्र मुख्यमंत्री जी को मिला था या गुप्तचर शाखा इंदौर को तथा अभी वह पत्र किस विभाग में है, उस अनुसार क्या कार्यवाही की गयी तथा एस.टी.एफ. तथा सी.बी.आई. के दस्तावेजों में उस पत्र का उल्लेख क्यों नहीं है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजगढ़ जिला मुख्यालय पर संचालित महाविद्यालय में पानी एवं लाईट की व्यवस्था
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
114. ( क्र. 4862 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला मुख्यालय पर पॉलिटेक्निक महाविद्यालय संचालित हैं कब से और किस स्थान पर संचालित हैं? (ख) क्या उक्त महाविद्यालय का स्वयं का भवन बना हुआ है? यदि हाँ, तो उसमें लाईट एवं पानी की क्या व्यवस्था हैं? (ग) क्या महाविद्यालय में लगने वाली कक्षाओं के समय में पूरे समय पूरी लाईट मिल रही है? यदि हाँ, तो कितने समय कितने बजे से कितने बजे तक लाईट मिल रही है? (घ) क्या महाविद्यालय में लगे हुये ट्यूबवेल में फ्लोराईड होने से उस पानी का पीने में उपयोग नहीं हो पा रहा है, तो महाविद्यालय में छात्रों एवं स्टाफ हेतु पीने के पानी की क्या व्यवस्था की जा रही हैं? क्या शासन उक्त फ्लोराईड पानी को फिल्टर करने हेतु कोई संयत्र लगवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) 21 जनवरी, 2013 से बायपास रोड पर किराये के भवन में एवं दिनांक 30 जून, 2016 से खुजनेर रोड स्थित संस्था स्वयं के भवन में संचालित है। (ख) जी हाँ। (ग) पूरे समय लाईट नहीं मिल रही है। समय निर्धारित नहीं है। (घ) जी हाँ। पीने के पानी के लिये आर.ओ. युक्त मिनरल वाटर संयंत्र लगाने की अतिशीघ्र व्यवस्था करने की कार्यवाही की जा रही है।
चिकित्सालय में पुलिस चौकी की स्थापना किये जाने
[गृह]
115. ( क्र. 4863 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में किन-किन स्थानों पर पुलिस चौकी स्थापित है? विधानसभा क्षेत्रवार बतायें l (ख) क्या जिला चिकित्सालय राजगढ़ में आये दिन हो रही घटनाओं पर नियंत्रण हेतु पुलिस चौकी स्थापित किया जाना अत्यन्त आवश्यक है? (ग) यदि हाँ, तो राजगढ़ जिला चिकित्सालय में पुलिस चौकी की स्थापना कब तक की जावेगी? (घ) यदि पुलिस चौकी स्थापित नहीं की जावेगी तो, क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। घटनाओं पर नियंत्रण हेतु पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहता है। (ग) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''सत्तर''
श्रमिकों के पंजीयन एवं शासन की योजनाओं
[श्रम]
116. ( क्र. 4874 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजनांन्तर्गत श्रमिकों के कल्याण हेतु शासन द्वारा कुछ योजनायें संचालित की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनायें संचालित की गई है? (ख) क्या उक्त योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु शासन द्वारा एक कार्यक्रम निर्धारित कर समस्त श्रेणी के श्रमिकों को पंजीकरण करने के निर्देश दिये गये थे, यदि हाँ, तो नियत समय में दतिया जिले में कितने श्रमिकों का पंजीकरण हुआ? तहसीलवार, नगर, ग्रामवार तथा श्रमिक संख्यावार जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) क्या मई 2016 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त योजनांतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिया गया है, यदि हाँ, तो किस-किस योजना के अंतर्गत कितने श्रमिक को क्या-क्या लाभ दिया गया है? तहसील, नगर, ग्राम एवं श्रमिक, संख्यावार जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (घ) क्या 70 प्रतिशत श्रमिक प्रशासनिक लापरवाही से पंजीयन से वंचित रह गये हैं, यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो यह प्रमाणीकरण उपलब्ध करायें कि दतिया जिले में किसी भी श्रेणी का कोई भी श्रमिक पंजीयन हेतु शेष नहीं बचा है? यदि पंजीकरण से वंचित श्रमिक है तो उनका पंजीयन कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा और इस गंभीर लापरवाही के लिये कौन दोषी है?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिये वर्तमान में 21 जनकल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही है। योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) योजनाओं का लाभ प्राप्त होने के लिये निर्माण श्रमिक का म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीयन होना आवश्यक है। पंजीयन के लिये कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। निर्माण श्रमिक द्वारा आवेदन करने पर पात्रता जाँच उपरांत संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा मंडल के विभागीय पोर्टल द्वारा आनलाईन पंजीयन किया जाता है। दतिया जिले में कुल 4350 निर्माण श्रमिकों का आनलाईन पंजीयन है। तहसीलवारए नगरए ग्रामवार तथा श्रमिक संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को संबंधित पदाभिहीत अधिकारी के समक्ष आवेदन करने पर पात्रतानुसार योजनाओं में लाभांवित किया गया है। योजनावार तहसील, नगर, ग्राम एवं श्रमिक, संख्यावार चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) जी नहीं। निर्माण कार्यों में लगे श्रमिक द्वारा संबंधित पदाभिहीत अधिकारी के समक्ष आवेदन करने पर पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। यह एक निरंतरित प्रक्रिया है। पात्रता शर्त पूर्ण करने की स्थिति में आवेदन करने पर नये निर्माण श्रमिक पंजीकृत किये जाते है पात्रता शर्ते पूर्ण न करने की स्थिति में जाँच उपरांत श्रमिकों का पंजीयन निरस्त भी किया जाता है। 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के पश्चात निर्माण श्रमिक का पंजीयन स्वत: समाप्त हो जाता है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रमाणीकरण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दतिया जिले में शस्त्र लायसेंस दिये जाने
[गृह]
117. ( क्र. 4875 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत दिनांक 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदकों ने शस्त्र लायसेंस के लिये आवेदन प्रस्तुत किये और उनमें कितने आवेदन निरस्त हुये और कितने आवेदको को शस्त्र लायसेंस दिये गये? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदको ने पिस्टल/रिवाल्वर लायसेंस हेतु आवेदन प्रस्तुत किये? कितने के आवेदन निरस्त किये गये? कितने के संभागीय आयुक्त ग्वालियर को भेजे गये और कितने आवेदकों को पिस्टल/रिवाल्वर के लायसेंस जारी किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदकों को शस्त्र लायसेंस प्रश्नकर्ता की अनुशंसा पर जारी किया गया है? तहसीलवार, ग्रामवार आवेदकवार जानकारी उपलब्ध कराए? (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने फौती लायसेंस एवं वृद्धास्था के कारण बच्चे के नाम लायसेंस हेतु आवेदन प्राप्त हुये और उनमें से कितनों का निराकरण कर लायसेंस जारी कर दिये हैं और कितने लायसेंस हेतु लंबित हैं लम्बित आवेदनों का निराकरण कब तक किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मछली पालन हेतु पट्टे पर दिये जाने संबंधी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
118. ( क्र. 4888 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों को उनके कार्य क्षेत्र के तालाब जलाशय मत्स्य नीति वर्ष 2008 के अनुसार मछली पालन हेतु पट्टे पर दिये जाने का क्या प्रावधान है? प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों को मछली पालन के रोजगार हेतु सदस्य संख्या के अनुरूप पर्याप्त जल क्षेत्र में पट्टा आवंटन न होने की दशा में समिति के कार्य क्षेत्र के तालाब जलाशय पट्टे गैर मछुआ समूहों को किस प्रावधान व निर्देश के तहत आवंटित किये जा सकते हैं? प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या बैतूल जिले के विकासखण्ड शाहपुर में देशावाडी एवं मोखामाल सिंचाई जलाशय की पट्टा अनुशंसा सहायक संचालक मत्स्य उद्योग बैतूल द्वारा कार्य क्षेत्र की पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति को पट्टा देने हेतु की गई या नहीं यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) विदिशा जिले में संचालित जलाशयों को किन-किन पंजीकृत समितियों को पट्टे दिये गये हैं? उनकी जानकारी जलाशय व समितिवार उपलब्ध करावें? बतावें कि एक समिति को दो जलाशय दिये जा सकते हैं, या नहीं? यदि हाँ, तो विदिशा जिले में किस समिति को दो पट्टे दिये गये हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ग) जी नहीं। कलेक्टर न्यायालय से कार्यवाही स्थगित की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। जी हाँ। सिरोज समिति को।
म.प्र. पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं को नियमित करने बावत
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
119. ( क्र. 4916 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याता संघ म.प्र. के प्रतिनिधि श्री दिनेश कुमार सेन के नेतृत्व में ज्ञापन क्र./AVS/MP/006 दिनांक 14/06/2017 एवं ज्ञापन क्र./AVS/MP/ज्ञापन/2018/28 दिनांक 05/02/2018 को मान. मुख्यमंत्री को विषय मध्यप्रदेश शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों के अतिथि व्याख्याताओं के नियमितीकरण आदेश एवं माँगों की अनुशंसा के सम्बन्ध में ज्ञापन दिये थे ज्ञापन की प्रति उपलब्ध करावें? इस ज्ञापन में अतिथि व्याख्याता संघ द्वारा जोचार बिन्दुओं पर अपनी माँग रखी है क्या म.प्र. सरकार उन माँगों को जायज मानता है यदि हाँ, तो ज्ञापन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक अतिथि व्याख्याताओं के हित में शासन द्वारा उनके ज्ञापनानुसार क्या कार्यवाही की गई है बिन्दु क्र. 1 से 4 तक प्रत्येक बिन्दुवार विवरण दें? यदि सरकार इन अतिथि व्याख्याताओं की माँग को अनुचित मानता है तो कारणों सहित बिन्दुवार विवरण दें? (ख) म.प्र. में कुल कितने पॉलीटेक्निक कालेज हैं? इन कालेजों में कितने पद व्याख्याताओं के हैं? फरवरी 2018 की स्थिति में कितने पद रेग्यूलर भरे हैं तथा कितने पदों पर अतिथि व्याख्याता रखे गये हैं रेग्यूलर तथा अतिथि व्याख्याताओं की मिनिमम योग्यता क्या है? क्या अतिथि व्याख्याता जो लम्बे समय से कार्य कर रहे हैं उनको प्रतिवर्ष पुनः साक्षात्कार भर्ती प्रक्रिया में सम्मलित करने का क्या औचित्य है? क्या वह लगातार जिस महाविद्यालय में अध्यापन कार्य करा रहे हैं तो क्या महाविद्यालय उनके इस पूरे वर्ष के अध्यापन कार्य से संतुष्ट नहीं था? यदि था तो पुनः नये सत्र में अतिथि व्याख्याता पर रखने के लिये पुनः भर्ती प्रक्रिया से गुजारने की क्या आवश्यकता है? क्या यह भ्रष्टाचार का तरीका है? यदि नहीं, तो आखिर क्यों? कारण बतावें? क्या पुनः हर वर्ष की जा रही भर्ती प्रक्रिया को बन्द किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब से? (ग) पुनः अतिथि व्याख्याता पर रखने के लिये किस आदेश के तहत हर वर्ष भर्ती प्रक्रिया की जाती है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मध्यप्रदेश शासकीय/स्वशासी/महिला पॉलीटेक्निक महाविद्यालयो की संख्या 67 है। इन पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में वर्ष 2018-19 तक व्याख्याता संवर्ग के 1558 पद स्वीकृत है तथा फरवरी 2018 की स्थिति में 792 पद भरे हुये है एवं 878 अतिथि व्याख्याताओं को पठन-पाठन कार्य हेतु रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। तकनीकी शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 09.06.2004 में दिये गये निर्देश अनुसार प्रतिवर्ष साक्षात्कार एवं भर्ती प्रक्रिया की कार्यवाही संस्था स्तर पर की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विदिशा शहर में खाद्यान्न सामाग्री वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
120. ( क्र. 4917 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आधार कार्ड के बिना गरीब, मजदूर व्यक्तियों को राशन देने पर शासन द्वारा रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो किस आदेश के द्वारा? आदेश की प्रति दें। यदि नहीं, तो 1 जनवरी, 2017 से 1 जनवरी, 2018 तक विदिशा शहर में अत्यन्त गरीब एवं निर्धन लोग जिन के पास वैध खाद्यान्न पर्ची है, उनको आधार कार्ड न होने का कहकर राशन देने से विक्रेताओं द्वारा क्यों वंचित किया जा रहा है? कारण सहित बतावें। (ख) क्या 1 जनवरी, 2017 से 1 जनवरी, 2018 तक आधार कार्ड का बहाना बताकर पात्रता प्राप्त गरीब, मजदूरों को राशन न देकर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विदिशा एवं राशन विक्रेता दुकानदारों की मिली भगत से गरीब, मजदूर व्यक्तियों के राशन को फर्जी तरीके से प्राप्त कर भ्रष्टाचार किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम बतावें? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेंगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्या उक्त बड़े स्तर के घोटाले की जाँच हेतु भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर जाँच कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विदिशा जिले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। आधार नंबर न होने पर राशन देने से वंचित किये जाने का कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आधार नंबर न होने के आधार पर किसी पात्र परिवार को राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र में आधार आधारित राशन वितरण व्यवस्था लागू की गई है, किन्तु किसी पात्र हितग्राही के बायोमैट्रिक सत्यापन विफल होने पर उन्हें वितरण पंजी के माध्यम से राशन वितरण किये जाने के निर्देश है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विदिशा ज़िले में खाद्य विभाग में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारी के नाम, पद, पदस्थापना, दिनांक एवं मुख्यालय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रयोगशाला में भेजे गए सेम्पल की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
121. ( क्र. 4962 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रभारी मंत्री खरगोन द्वारा खरगोन जिले में वर्ष 2016 में किस पेट्रोल/डीजल पंप पर जाँच की गई एवं जाँच कराई गई? उस समय किस-किस सामग्री के कितने-कितने सेम्पल लिए गए? कितनी सामग्री जब्त की गई तथा यह सामग्री वर्तमान में कहाँ रखी गई है? (ख) उक्त सेम्पल कब-कब, कौन-कौन प्रयोगशाला में भेजे गए? पत्रो की प्रति देवे। इनमें से किस-किस सामग्री की टेस्ट रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हुई? जब्त अमानक सामग्री की मात्रावार सूची देवे। (ग) किस-किस प्रयोगशाला से किन सामग्री की रिपोर्ट आना बाकी है? लैबवार सामग्री सहित सूची देवे। इस रिपोर्ट सम्बन्धित स्मरण पत्र एवं पत्राचार को प्रति देवे। (घ) उक्त प्रकरण में आरोपियों पर लगाई गई पेनाल्टी, जमा पेनाल्टी, बाकी राशि सहित सूची देवें। क्या इस प्रकरण में पम्प संचालक दोषी नहीं है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) माननीय प्रभारी मंत्रीजी द्वारा खरगौन जिले में वर्ष 2016 में किसी भी पेट्रोल/डीजल पंप की न तो जाँच की गई और न ही कोई जाँच कराई गई है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं से लाभान्वित हितग्राही
[पशुपालन]
122. ( क्र. 4963 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक खरगोन जिले में पशुपालन विभाग की समस्त योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की संख्यात्मक राशि अनुदान राशि सहित बताएं? (ख) उक्त हितग्राहियों के जनपद पंचायत की कृषि विकास समिति की किस-किस बैठक में सूची का अनुमोदन लिया गया? (ग) वर्ष 2017 में अनुमोदित उक्त बैठक के कार्यवृत्त की प्रति देवे। (घ) वर्तमान में समस्त योजनाओं में कितने आवेदन विभाग में लंबित हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) वर्तमान में कोई आवेदन लंबित नहीं है।
विभिन्न विभागों की भर्ती में अभ्यार्थियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण
[गृह]
123. ( क्र. 4972 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के विभिन्न विभागों की शासकीय सेवा हेतु की गई भर्ती प्रक्रिया में चयनित हुए किसी अभ्यार्थी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने पर उसे नियुक्ति हेतु अपात्र मान्य कर दिया जाता है? यदि हाँ, तो शासन के किन-किन विभागों में ऐसे अभ्यार्थियों को अपात्र मान्य किया जाता है तथा किन-किन विभागों में न्यायालय के अंतिम निर्णय तक अपात्र मान्य नहीं किया जाता है? विभागवार सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या गृह विभाग द्वारा सहायक उपनिरीक्षक (एम) परीक्षा वर्ष 2017 में मान. उच्चतम न्यायालय द्वारा मेहर सिंह बनाम दिल्ली पुलिस के प्रकरण में दिए निर्णय दिनांक 02.7.2013 का पूर्ण रूप से पालन किया गया? यदि हाँ, तो उक्त परीक्षा में चयनित हुए ऐसे कितने अभ्यार्थियों के प्रकरण नियुक्ति हेतु न्यायालय के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा में लंबित रखे गए हैं? अभ्यार्थी के नामवार सूची उपलब्ध करावे? यदि उक्त भर्ती में मान. उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पालन नहीं किया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन के सभी विभागों की भर्ती प्रक्रिया में चयनित अभ्यार्थियों को मान. न्यायालय के अंतिम निर्णय तक नियुक्ति हेतु अपात्र मान्य नहीं किए जाने का नियम शासन द्वारा बनाया जाना चाहिए? यदि हाँ, तो कब तक ऐसे नियम बना लिए जाऐंगें? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) अभ्यार्थी के विरूद्ध प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने की स्थिति में शासन के पत्र क्रमांक एफ 8609/5712/92/सी-1 दिनांक 15/02/1992 तथा क्रमांक एफ 17-72/2002/दो/सी-1 भोपाल दिनांक 05/06/2003 के दिशा-निर्देश अनुसार गुणदोष के आधार पर नियोजक को राय दी जाती है एवं तदानुसार नियुक्त अधिकारी को प्रतिवेदन प्रेषित किया जाता है। उक्त निर्देशों का पालन राज्य शासन के समस्त विभागों में चयनित अभ्यार्थियों पर समान रूप से किया जाता है। (ख) वर्ष 2017 सूबेदार एम/सहायक उप निरीक्षक एम भर्ती परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों के चरित्र सत्यापन की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्तमान प्रक्रिया प्रतिवेदित है। भविष्य में आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाएगी।
दोषी पर कार्यवाही किया जाना
[राजस्व]
124. ( क्र. 4987 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुशीला देवी पाण्डेय एवं देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ग्राम दुआरी, तहसील गुढ़ जिला रीवा द्वारा दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक में अपर कलेक्टर रीवा के रीडर के विरूद्ध कितनी शिकायतें कलेक्टर रीवा, कमिश्नर रीवा, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन से की है। उन शिकायतों पर कब किससे जाँच करायी गयी है। जाँच प्रतिवेदन एवं की गयी कार्यवाही के प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के शिकायती आवेदन पत्रों में अंकित रीडर कब से अपर कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ हैं? उक्त पद के कर्मचारी को एक पद प्रभार में कितने अवधि तक रखने का नियम एवं शासना आदेश हैं? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो इतने विवादित रीडर की पदस्थापना अपर कलेक्टर कार्यालय रीवा में रखने का औचित्य क्या है? इसे कब तक हटाकर इसके विरूद्ध शासन विभाग को प्राप्त शिकायतों की जाँच कर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के शिकायतों की जाँच न कराने एवं शिकायती पत्रों में कार्यवाही न करने में कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों पर कब, कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सुशीला देवी पाण्डेय एवं देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ग्राम दुआरी, तहसील गुढ़ जिला रीवा द्वारा जिला कलेक्ट्रेट रीवा में पदस्थ संतोष कुमार पाण्डेय सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध, शिकायतें की गई थी। प्राप्त शिकायतों की जाँच श्री नागेन्द्र प्रसाद मिश्रा तत्कालीन अपर कलेक्टर जिला रीवा द्वारा की गई। जाँच प्रतिवेदन क्रमांक 551/रीडर/2016 रीवा दिनांक 04.10.2016 के अनुसार शिकायत सिद्ध न होने के कारण नस्तीबद्ध की गई हैं। जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) वर्ष 2013 से में पदस्थ है। लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के तीन वर्ष में शाखा परिवर्तन किये जाने के शासनादेश हैं। (ग) प्रवाचक का कार्य महत्वपूर्ण होने के कारण श्री पाण्डेय को अन्य कुशल कर्मचारी के आभव में निरंतर रखा गया है। उनके विरूद्ध शिकायत की जाँच कराई गई जाँच के दौरान शिकायती बिन्दु सत्य न पाये जाने के कारण शिकायत नस्तीबद्ध की गई है, जिसके अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर क परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
पंजीबद्ध प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
125. ( क्र. 4988 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के थाना सिरमौर, जवा, पनवार, डभौरा, जनेह, अतरैला में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने अपराध लूट, बलात्कार एवं अज्ञात हत्या, हत्या के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? थानावार, अपराधवार, घटना का दिनांक, अपराध क्रमांक, धारा आरोपी का नाम, पिता का नाम, स्थाई पता, गिरफ्तारी की स्थिति अंकित कर जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के कितने ऐसे अपराध हैं जिनमें मृतक की पहचान अथवा आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई? आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सक्षम अधिकारियों द्वारा क्या प्रयास किये गये तथा कब-कब जाँच की गयी? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के हत्या जैसे प्रकरणों में यदि घटना को स्पष्ट नहीं किया गया तो क्या यह माना जावेगा की संबंधित अधिकारी, कितने गंभीर अपराध एवं निर्मम हत्या के प्रति सजग, सचेत नहीं हैं? यदि हाँ, तो लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही कब तक करेंगे? (घ) प्रश्नांश के लंबित अपराधों की जाँच पुन: से प्रांरभ कराकर अपराधों का निराकरण करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। विवेचना संबंधी जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश के लंबित अपराधों की विवेचना शीघ्र पूर्ण कराई जाकर अपराधों का निराकरण कराया जावेगा। समयावधि बताई जाना संभव नहीं।
बंद नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
126. ( क्र. 5007 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले की नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं वर्तमान में बंद हैं? (ख) नरयावली विधान सभा क्षेत्रांतर्गत स्त्रोत से बंद/जल स्तर कम होने से बंद नल-जल योजनाओं की ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्त्रोत से बंद नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक पुन: शुरू करने के लिए क्या योजना/प्राक्कलन तैयार किए गए हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित स्त्रोत से बंद नल-जल योजनाएं कब तक पुन: चालू की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 23 योजनाएं। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्त्रोत निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
कैदियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण
[जेल]
127. ( क्र. 5009 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर केन्द्रीय जेल में वर्तमान में कितने सजायाफता कैदी/विचाराधीन कैदियों के लिए विभाग द्वारा उनके उत्थान के लिए रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण/ट्रैड आयोजित किए जा रहें है? (ख) उपरोक्त प्रशिक्षणों में कौन-कौन से प्रशिक्षक शासन स्तर से एवं कौन स्थानीय स्तर पर नियुक्त हैं। स्थानीय स्तर पर नियुक्त प्रशिक्षकों के नाम, योग्यता, अनुभव, उम्र एवं दिया जाने वाले परिश्रमिक सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रशिक्षणों में कितने कैदियों को वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण किन-किन ट्रेडों में दिया गया हैं? ट्रेडवार जानकारी देवें। (घ) वर्तमान में किन-किन ट्रेडों में प्रशिक्षण कार्य संचालित हैं एवं स्थानीय स्तर पर नियुक्त प्रशिक्षकों की जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) केन्द्रीय जेल सागर में सजायाफ्ता/विचाराधीन कैदियों के लिए विभाग द्वारा उनके उत्थान के लिए रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण/ट्रेड के लिए संख्या निर्धारित नहीं है वर्तमान में केन्द्रीय जेल सागर में बढ़ई, लोहारी, सिलाई, बुनाई, स्क्रीन, कम्प्यूटर, कृषि एवं बागवानी कार्य में दक्ष बनाने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ट्रेडवार प्रशिक्षणरत् कैदियों की संख्या निम्नानुसार है :- (1) बढ़ई/लोहारी - 43 कैदी (2) सिलाई - 51 कैदी (3) बुनाई - 196 कैदी (4) चंदेरी साड़ी बनाना - 16 कैदी (5) स्क्रीन प्रिंटिंग - 35 कैदी (6) कम्प्यूटर - 06 महिला कैदी (7) बड़ी-पापड़ निर्माण - 25 महिला कैदी (8) कृषि एवं बागवानी - 39 कैदी (ख) शासन स्तर से श्री नेपाल ब्राम्हने, बढ़ई प्रशिक्षक के रूप में पदस्थ है, जो बढ़ई प्रशिक्षण के अतिरिक्त बुनाई एवं लोहारी का भी प्रशिक्षण दे रहे हैं तथा सिलाई प्रशिक्षण का कार्य श्री जलालुद्दीन काजी, प्रहरी जो इस कार्य में अनुभवी हैं, के द्वारा दिया जा रहा है एवं स्क्रीन प्रिंटिंग का प्रशिक्षण जेल में परिरूद्ध स्क्रीन प्रिंटिंग कार्य में दक्ष बंदी द्वारा अन्य बंदियों को दिया जाता है। स्थानीय स्तर पर किसी प्रशिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। स्थानीय स्तर पर एन.जी.ओ. द्वारा कम्प्यूटर, बड़ी-पापड़, चंदेरी साड़ी का प्रशिक्षण कैदियों को प्रदान किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रशिक्षणों में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कैदियों को ट्रेडवार दिये गए प्रशिक्षण का विवरण निम्नानुसार है :- (1) बढ़ई कार्य में 48 कैदी (2) बुनाई कार्य में 172 कैदी (3) चंदेरी साड़ी में 16 कैदी (4) सिलाई कार्य में 56 कैदी (5) स्क्रीन प्रिंटिंग कार्य में 38 कैदी (6) आटोमोबाइल में 23 कैदी (7) बड़ी-पापड़ निर्माण कार्य में 25 महिला कैदी (8) सिलाई, कढ़ाई, बुनाई कार्य में 13 महिला कैदी (9) ब्यूटीपार्लर में 23 महिला कैदियों को प्रशिक्षण दिया गया है। (घ) वर्तमान में बढ़ई, लोहारी, सिलाई, बुनाई, स्क्रीन, कम्प्यूटर, चंदेरी साड़ी, बड़ी-पापड़ का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर किसी प्रशिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है।
जलाशयों से मछली निकालने का ठेका
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
128. ( क्र. 5021 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, चंबल संभाग के कितने जलाशयों से मछली निकालने का ठेका वर्ष 2016, 2017 के लिए किन-किन ठेकेदार को दिया गया? (ख) क्या जिन ठेकेदारों के मछली निकालने का ठेका स्वीकृत हुआ है उनके द्वारा कई ठेकेदारों को पेटी पर ठेका देकर मछली निकालने का कार्य कराया जा रहा है? (ग) उक्त जलाशयों में कितनी राशि का ठेका वर्णित अवधि हेतु स्वीकृत हुआ था? अलग-अलग जलाशयों की राशि वर्ष सहित जानकारी दी जावे।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जलाशयों से मछली निकालने का ठेका दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिक कार्ड एवं श्रम शिविरों का संचालन
[श्रम]
129. ( क्र. 5022 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में सड़क, ईट भट्टा, बांध आदि पर कार्य करने वाले श्रमिकों के वर्ष 2016, 2017 में कितने श्रमिक कार्ड बनाये गये? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दी जावे। (ख) दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों, महिलाओं के कार्ड बनाने के कितने जन शिविर लगाये गये तथा उनमें कौन अधिकारी कर्मचारी सम्मिलित रहे तथा उनमें किन जन प्रतिनिधियों को आंमत्रित किया गया था? दिनांक वर्ष सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या चंबल संभाग के मुख्यालय मुरैना में श्रम विभाग का कार्यालय स्थाई रूप से संचालित होने की घोषणा की गई थी वर्तमान में कौन अधिकारी पदस्थ है?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) मुरैना जिले में म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के वर्ष 2016-2017 में कुल 6629 पंजीयन कर कार्ड बनाये गये है। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भवन संनिर्माण श्रमिकों से संबधित चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चंबल संभाग के लिये मुरैना में सहायक श्रमायुक्त का कार्यालय खोलने की अधिसूचना 2012 में शासकीय राजपत्र में प्रकाशित हुई थी वर्तमान में श्री एच. सी. मिश्रा सहायक श्रमायुक्त के पद पर पदस्थ है।
प्रदेश में घटित अपराध
[गृह]
130. ( क्र. 5047 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब, कहाँ-कहाँ, कौन-कौन सी बलात्कार, नाबालिक लड़कियों के अपहरण एवं छेड़छाड़ की कुल घटनाएं हुई? जिलेवार दर्ज अपराधों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराधों में से कितने प्रकरणों में महिलाओं की हत्या हुई एवं कितने प्रकरणों में कितनी पीड़ितों ने आत्महत्या की? जिलेवार, जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने प्रकरणों में कब-कब आरोपियों को हिरासत में लिया गया? कितनों को अग्रिम जमानत मिली एवं कौन-कौन से प्रकरणों में कितने आरोपी फरार हैं? जिलेवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में कितने प्रकरणों के कब-कब चालान अदालत में पेश किये गये? यह भी बतालवें कि इनमें से कितने प्रकरणों पर कब क्या फैसला हुआ? किन-किन अपराधों के कितने प्रकरणों का निपटारा अदालत में विचाराधीन है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत राजस्व अभिलेख
[राजस्व]
131. ( क्र. 5048 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा अंतर्गत वित्त वर्ष 2000 से 2004 तक कहाँ-कहाँ के किन-किन आदिवासी/ हरिजन/भूमिहीनों को कृषि कार्य हेतु कितनी-कितनी भूमि पट्टे पर आवंटित की गई? ग्रामवार, तहसीलवार, संख्यात्मक सूची देवें। (ख) ग्राम बरगी पटवारी हल्का नं. 75 तहसील मझौली स्थित खसरा नं. 235 एवं उससे वटांक वर्तमान समय में किसके नाम पर दर्ज है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खसरा नं. 235 बंदोबस्त के पूर्व किस मद पर किस-किस के नाम पर दर्ज थी एवं किस प्रकार से प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भूमि धारकों के नाम पर स्थानांतरित हुई? नामांतरणवार सूची देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले की पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित वर्ष 2000 से 2004 तक अजा./अ.ज.जा. हरिजन/भूमिहीनों को कृषि कार्य हेतु आवंटित की गई भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) ग्राम बरगी पटवारी हल्का नं. 75 में उल्लेखित खसरा नम्बर 235 वर्तमान खसरा अभिलेख वर्ष 2017-18 के अनुसार तीन वटांकों में क्रमश: खसरा नं. 235/1 मलालू वल्द नोखेलाल मुन्नीबाई वेवा रामगोपाल राजेश नरेश राजकुमारी गीता वल्द रामगोपाल फग्गोबाई टिन्कू वल्द जकला गेदसिंह वल्द बुद्धूसिंह गौड पता निवासी ग्राम भूमि स्वामी व खसरा नं. 235/2 आकाश दुबे वल्द आनंद मोहन दुबे पता निवासी भोपाल भूमि स्वामी तथा खसरा नं. 235/3 बिहारीलाल वल्द जमनाप्रसाद कोल पता निवासी ग्राम किरहाई पिपरिया भूमि स्वामी के नाम दर्ज है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खसरा नं. 235 बंदोबस्त के पूर्व साविक खसरा नम्बर 198/1, 198/2, 198/3, 198/4, 206, 199/1, 199/2, 200, 201। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। बन्दोबस्त में उक्त साविक नम्बरों का हाल नम्बर 235 बनाया गया। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। परिवर्तन की स्थिति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'' अनुसार है।
प्राकृतिक आपदा के अंतर्गत आर्थिक सहायता
[राजस्व]
132. ( क्र. 5064 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा भिण्ड जिले को चालू वर्ष की रवि फसल के लिये आपदाग्रस्त जिला घोषित किया गया हैं? यदि हाँ, तो आपदाग्रस्त होने के बाद किसानों के हित में कौन-कौन से निर्णय लिये गये? (ख) अटेर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत आपदाग्रस्त किसानों को सहायता राशि के रूप में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध करायी जावेंगी एवं कब तक? विशेषकर पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिये क्या कोई कार्ययोजना बनायी गयी हैं? (ग) अटेर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में विगत तीन वर्ष में प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गयी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ख) वर्तमान में अटेर विधानसभा क्षेत्र में किसानों के मध्य आपदा की कोई स्थिति नहीं है। पशुओं के चारे की व्यवस्था में कोई कमी नहीं है। (ग) तहसील अटेर के अंतर्गत माह मार्च 2016 में ओलावृष्टि से 08 ग्रामों महाराजपुरा, रमटा, मौरा, रिदौली, अहरौलीघाट, सौरा, निवारी तथा अंगदपुरा के 724 कृषकों को कुल सहायता राशि रूपये 70,42,100/- उपलब्ध कराई गयी तथा वर्ष 2016 में बाढ़ एवं जलभराव से प्रभावित 06 ग्रामों नखलौली, कोषण, खेराहट, नावली वृन्दावन, अटेर, दिन्नपुरा (मघेरा), में 172 कृषकों को 1101376/- राशि की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गई।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग के अंतर्गत ऋण एवं अनुदान
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
133. ( क्र. 5065 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में किन-किन नई इकाइयों का पंजीयन किया गया? नयी एवं पुरानी इकाइयों के साथ कुल कितनी इकाइयों को कितने अनुदान की राशि किस-किस कार्य में वर्षवार उपलब्ध करायी गयी? (ख) पंजीकृत कुटीर एवं ग्रामोद्योग इकाइयों को शासन के किस-किस विभाग से कार्यादेश प्राप्त हुये एवं किन-किन इकाइयों द्वारा इन आदेशों के अंतर्गत कौन-कौन सी सामग्री उत्पादित कर किस-किस विभाग को प्रदाय की गयी? (ग) अटेर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग की प्रचलित कौन सी इकाईयां हैं एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा इनका कब-कब निरीक्षण किया गया?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री जालम सिंह पटेल ) : (क) भिण्ड जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग अंतर्गत विगत तीन वर्ष में म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा एक जूता निर्माण इकाई का पंजीयन किया गया। पंजीकृत इकाई को बोर्ड द्वारा कोई अनुदान नहीं दिया गया है। (ख) पंजीकृत इकाई को शासन के विभागो से कार्य आदेश प्राप्त नहीं हुए है। (ग) अटेर विधानसभा क्षेत्र में विभाग की पंजीकृत इकाई नहीं है अत: निरीक्षण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरोदा रहली नल जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
134. ( क्र. 5090 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बरोदा रहली में पेयजल व्यवस्था हेतु पानी की टंकी वर्ष 2012-13 में बनायी जाकर नल जल योजना चालू कर दी थी? (ख) क्या वर्तमान सरपंच के द्वारा कई बार लिखित में यह दिया जा चुका है कि ग्राम बरोदा रहली में नल जल योजना जब से बनी है, आज दिनांक तक चालू नहीं की गयी और ग्रामवासियों के द्वारा भी इसकी शिकायत सी.एम. ऑन लाइन नम्बर 2178773 एवं कलेक्टर जन सुनवाई में कई वर्षों से लगातार दी जा रही है? प्रश्नकर्ता द्वारा भी नल जल योजना चालू करवाये जाने के संबंध में जिला योजना समिति, दिशा, विभागीय समीक्षा बैठकों में भी इस बात को उठाया गया एवं कमिश्नर और कलेक्टर सागर को भी पत्र लिखे गये? परन्तु आज भी उक्त नल जल योजना क्यों बंद पड़ी हुई है? उक्त संबंध में विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी एवं पत्राचार की प्रतियां उपलब्ध करायी जावे। (ग) कब तक उक्त नल जल योजना को चालू करा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। योजना के समस्त अवयव जीर्णशीर्ण होने के कारण बंद थी परंतु वर्तमान में स्थल पर आंशिक रूप से जल प्रदाय चालू किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
टोटल स्टेशन मशीन से सीमांकन
[राजस्व]
135. ( क्र. 5091 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा Total station Machine (TSM) से सीमांकन के निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) मध्यप्रदेश के किस-किस जिले में कितनी-कितनी मशीनें उपलब्ध हैं? जानकारी जिलेवार तहसीलवार दी जाये। (ग) सागर जिले में TSM के उपयोग करने संबंधी प्रशिक्षण कब एवं किसके द्वारा कितने पटवारियों को दिया गया? प्रशिक्षण पटवारियों के नाम सहित अप्रशिक्षित पटवारियों की संख्या बतावें? (घ) क्या TSM के उपयोग का प्रशिक्षण पटवारियों को न दिये जाने के कारण तथा TSM की जिलेवार पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण सीमांकन कार्य प्रभावित हो रहा है तथा पुराने तरीके के आधार पर सीमांकन कार्य किया जाकर TSM द्वारा किया गया सीमांकन दर्शाया जा रहा है? उक्त विसंगति कब तक दूर की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में प्रदाय ई.टी.एस. मशीनों की जानकारी जिला-तहसीलवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जिले में वर्ष 2014 से आज दिनांक तक कुल 74 पटवारियों एवं 09 राजस्व निरीक्षकों को श्री चन्द्रशेखर शिल्पी राजस्व निरीक्षक पटवारी प्रशिक्षण शाला सागर द्वारा प्रशिक्षण प्रदाय किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। कुल पदस्थ पटवारियों में से 247 अप्रशिक्षित है। (घ) जी नहीं। जिले में 74 प्रशिक्षित पटवारियों एवं 09 राजस्व निरीक्षकों के द्वारा तहसीलों में प्राप्त आवेदनों को रोस्टर बनाकर सीमांकन कार्य किया जाता है। टी.एस.एम.से ही सीमांकन कार्य कराया जा रहा है।
पशुपालन विभाग के रिक्त पदों की पूर्ति
[पशुपालन]
136. ( क्र. 5095 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड भीकनगाँव एवं झिरन्या में पशुपालन विभाग में कुल कितने पद सृजित हैं वह पद कौन-कौन से हैं तथा वर्तमान में कितने पदों की पूर्ति होकर कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावे? (ख) क्या अधिकतम पद वर्तमान में रिक्त हैं? हाँ तो क्या कारण हैं तथा जिन क्षेत्रों में कर्मचारी नहीं हैं उन क्षेत्रों पर कार्य कौन देख रहा है? (ग) क्या इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन की कोई योजना है? हाँ तो वह क्या है तथा कब तक इन पदों की पूर्ति हो जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार। (ख) कुछ पद रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है। निकटतम संस्था के अधिकारी/ कर्मचारी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अतिरिक्त प्रभार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभिन्न जिलों में लंबे समय से पदस्थ अधिकारियों की जानकारी
[राजस्व]
137. ( क्र. 5097 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में तीन या उससे अधिक वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ नायब तहसीलदारों तथा तहसीलदारों की जानकारी उनके जिले में पदस्थ होने के दिनांक सहित जिले अनुसार दें? (ख) क्या जिलों में पदस्थ नायब तहसीलदारों तथा तहसीलदारों को पदोन्नत करने के पश्चात किसी अन्य जिले में पदस्थ न करते हुए उसी जिले में पदस्थ कर दिया गया है? (ग) क्या आगामी विधानसभा चुनाव 2018 को देखते हुए लंबे समय से एक ही जिले में पदस्थ अधिकारियों के स्थानान्तरण किए जाएंगे? (घ) क्या लंबे समय से पदस्थ नायब तहसीलदारों को पदोन्नत कर उसी जिले में तहसीलदार पदस्थ करने पर नवीन पदस्थ तहसीलदार की जिले में अवधि बताते समय चुनाव आयोग को तहसीलदार के रूप में काम करने की अवधि की जानकारी दी जाएगी अथवा उस व्यक्ति विशेष के सभी पदों पर रहते हुए जिले में पदस्थ अवधि की जानकारी दी जाएगी? इसी प्रकार क्या तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नत होकर उसी जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर की जानकारी चुनाव आयोग को दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जबलपुर संभाग में तीन या उससे अधिक वर्षों से पदस्थ नायब तहसीलदारों तथा तहसीलदारों की जिले में पदस्थ होने के दिनांक सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जबलपुर संभाग अंतर्गत जिला जबलपुर में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ रहने एवं पदोन्नति उपरांत तहसीलदार के पद पर जिला जबलपुर में पदस्थ रहे अधिकारी निम्नानुसार है- 1- श्री शैलेन्द्र बडोनिया, 2- श्रीमती स्वाती आर सूर्या एवं 3- श्री शैलेष द्विवेदी है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ग) निर्वाचन आयोग के निर्देशों एवं स्थानांतरण नीति अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। जी हाँ।
ईंट भट्टा संचालन संबंधी जानकारी
[पर्यावरण]
138. ( क्र. 5101 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी सीमा, ग्रामों के समीप ईंट भट्टा निर्माण व संचालन हेतु क्या शासन ने अनुमतियां प्रदान की हैं? यदि हाँ, तो रतलाम एवं उज्जैन जिले में ऐसे कितने ईंट भट्टे हैं, जो शहर व आबादी के करीब किन नियम व प्रावधान अनुरुप संचालित हैं? (ख) ईंट भट्टों की कौन-कौन सी खतरनाक गैसें जन जीवन पर विपरीत प्रभाव डाल रही हैं? शासन ने अवैध ईंट भट्टों को आबादी के समीप से हटाने हेतु क्या-क्या कार्यवाहियां की हैं? (ख) आबादी के समीप ईंट भट्टा संचालन के संबंध में उन्हें हटाने के संबंध में प्रश्नांश (क) जिलों में माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का ब्यौरा व शासन द्वारा किये गये पालन का ब्यौरा क्या है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) शहरी सीमा, ग्रामों के समीप ईंट भट्टा निर्माण व संचालन हेतु शासन द्वारा कोई अनुमति प्रदान नहीं की है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौ-शालाओं को दिए गए अनुदान की जानकारी
[पशुपालन]
139. ( क्र. 5102 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ-शालाओं को अनुदान देने हेतु शासन द्वारा क्या मापदंड तय किए गए हैं? (ख) विगत पाँच वर्षों में किन-किन गौ-शालाओं को किन-किन कार्यों के लिए कितना-कितना अनुदान शासन द्वारा दिया गया वर्षवार जानकारी दें? (ग) अनुदान में दी गयी राशि का उपयोग गौ-शालाओं में हुआ या नहीं हुआ, यह जानने के लिए शासन क्या प्रक्रिया अपनाता है? (घ) बालाघाट जिले में गौ-शालाओं को अनुदान देने हेतु क्या कोई प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है? कृपया गौ-शालाओं के नाम सहित जानकारी दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) अनुदान के रूप में गौशालाओं को दी गई राशि का उपयोग किये जाने की पुष्टि गौशालाओं से सी.ए. की आडिट रिपोर्ट तथा उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर की जाती हैं। साथ ही जिले के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं द्वारा गौशालाओं में समय-समय पर भेट दे कर पर्यवेक्षण किया जाता है। प्रदाय की गई राशि के समुचित उपयोग एवं गौशालाओं की प्रगति की जानकारी प्राप्त की जाती है। (घ) सुरभि गोशालाओं एवं गोसंवर्धन समिति, कांरजा, विकासखण्ड-लांजी का पंजीयन दिनांक ०८-०२-२०१७ को हुआ है। जिसका पंजीयन क्रमांक १२६९ (अस्थायी सशर्त) है। गौशाला का समय-समय पर निरीक्षण करने पर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु न्यनूतम पशु संख्या से कम संख्या में पशु पाये जाने से अनुदान राशि प्रदाय नहीं की गई है। इसके अतिरिक्त जिले में गौशालाओं को अनुदान हेतु कोई प्रस्ताव लंबित नहीं हें।
मत्स्य बीज उत्पादन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
140. ( क्र. 5104 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्स्य विभाग जिला शिवपुरी में कौन-कौन से मत्स्य बीज प्रक्षेत्र केन्द्र कब-कब से संचालित हैं व उनकी वर्तमान अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वित्तीय वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 तक उक्त प्रक्षेत्र केन्द्रों पर कौन-कौन प्रभारी अधिकारी रहे, उनके नाम, मूलपद की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। उक्त वर्षों में मत्स्य बीजों के उत्पादन हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये थे व लक्ष्य के अनुरूप कितना-कितना बीज संचयन कर उत्पादन किया गया? जानकारी वर्षवार, केन्द्रवार, पृथक-पृथक उपलब्ध करावे। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार मत्स्य बीज के उत्पादन कम होने के क्या कारण थे? यदि वर्षा कम होना एक कारण था तो उक्त वित्तीय वर्षों में किस-किस वर्ष शिवपुरी जिला सूखाग्रस्त घोषित किया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार लक्ष्य के विरूद्ध मत्स्य बीज के कम उत्पादन के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है व उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी अथवा की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) मत्स्य बीज प्रक्षेत्र भगौरा वर्ष 1984 से वर्तमान में विभाग के अधीन है। (ख) श्री आर.बी. शर्मा मत्स्य निरीक्षक। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अल्प वर्षा से मत्स्य बीज उत्पादन के लक्ष्य प्रभावित हुये है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में। (घ) प्रक्षेत्र प्रभारी। प्रक्षेत्र प्रभारी को दिनांक 24.02.2018 से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
विभिन्न योजनाओं की जानकारी
[पशुपालन]
141. ( क्र. 5127 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? योजनावार संपूर्ण विवरण नियमावली सहित उपलब्ध करायें। (ख) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक पशुपालन विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों को विभाग द्वारा संचालित कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है? छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार हितग्राहियों की जानकारी नाम व पता एवं योजना का नाम सहित पृथक-पृथक उपलब्ध करायें। (ग) छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2017-18 में विभिन्न योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को प्रदान किये जाने हेतु किन-किन योजना के अंतर्गत कितना-कितना लक्ष्य विभाग द्वारा प्रत्येक विकासखण्डवार निर्धारित किया गया था? क्या विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? अगर नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है? कब तक हितग्राहियों को लाभान्वित किया जायेगा? (घ) क्या छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार सुचारू रूप से कर योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को समय-सीमा पर प्रदान किया जा रहा है? अगर नहीं किया जा रहा है, तो इसका क्या कारण है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में वर्ष 2017-18 में विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के विकासखण्डवार लक्ष्य एवं लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स“ अनुसार है। मात्र पशुधन बीमा योजनान्तर्गत लक्ष्य पूर्ति नहीं हो पाई है। लक्ष्य अतिशीघ्र पूर्णकर लिया जाएगा। (घ) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का विभाग द्वारा आयोजित शिविरों में प्रदर्शिनियों एवं अन्य माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाकर योजना का लाभ हितग्राहियों को प्रदान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का विभाग द्वारा आयोजित शिविरों में प्रदर्शिनियों एवं अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाकर योजना का लाभ हितग्राहियों को प्रदान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधि./कर्म. को पुन: विभाग द्वारा निरंतर सेवा करने का अवसर उपलब्ध
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
142. ( क्र. 5128 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा पूर्व में चलाई जा रही योजनाओं को बंद कर कौशल संवर्धन एवं कौशल्या योजना प्रारंभ की गई है? पूर्व में चलाई जा रही योजनाओं को बंद किये जाने का क्या कारण है? क्या पूर्व की योजनाएं असफल रही? पूर्व की योजनाएं एवं नवीन प्रारंभ की गई योजनाओं में क्या अंतर है? क्या दोनों योजनाओं का उद्देश्य एक ही है? (ख) क्या म.प्र. व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद् (एमपीसीवेट) भोपाल द्वारा संचालित 133 कौशल विकास केन्द्रों में कार्यरत समस्त लगभग 1000 संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों की सेवाओं को विभाग द्वारा आदेश जारी कर समाप्त कर दिया गया जिसके कारण कर्मचारी/अधिकारी बेरोजगार हो गये है और उन्हें परिवार का पालन पोषण करने हेतु बहुत अधिक परेशानियों एवं असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? जो उचित नहीं है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ऐसे समस्त प्रभावित कर्मचारी/अधिकारियों को पुन: विभाग द्वारा निरंतर सेवा करने का अवसर उपलब्ध कराते हुये कर्मचारी/अधिकारियों के हितों में उचित पालिसी बनाकर शासन द्वारा विचार कर निर्णय लिया जायेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। पूर्व में चलाई जा रही योजनाओं को बंद नहीं किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से प्रशिक्षित किये जा रहे हितग्राहियों को रोजगार देने की बाध्यता नहीं है, न ही छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाता है तथा इस योजनान्तर्गत एन.एस.क्यू.एफ. अलाईड पाठयक्रमों में प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है, जबकि मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना में प्रशिक्षित (उत्तीर्ण) प्रशिक्षणार्थियों में से 70 प्रतिशत को रोजगार/स्वरोजगार देने की बाध्यता है, छात्रवृत्ति का प्रावधान नहीं है एवं एन.एस.क्यू.एफ. अलाईड पाठयक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाता है। दोनों योजनाओं का उददेश्य प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार/स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। (ख) 133 शासकीय कौशल विकास केन्द्रो में संविदा पर कार्यरत लगभग 540 कर्मचारियों के संविदा अवधि पूर्ण होने पर उनकी सेवाए समाप्त करने बाबत् निर्देश एमपीसीवेट, भोपाल द्वारा जारी किये गये थे। सेवाए समाप्त करने से कर्मचारी/अधिकारी के बेराजगार होने की जानकारी तथा उन्हें परिवार का पालन पोषण करने हेतु बहुत अधिक परेशानियों एवं असुविधा का सामना करने की जानकारी ज्ञात नहीं हैं। (ग) जी नहीं।
आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियोग्राफी का मामला
[गृह]
143. ( क्र. 5131 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में किन-किन आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी पुलिस द्वारा कब-कब कराई गई है। किन-किन थानों द्वारा आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के लिए कब से हैंडीकेम कैमरे आवंटित किये गये व किस अधिकारी के आदेश से? (ख) कार्यालय अति. पुलिस अधीक्षक शहर (पश्चिम) ग्वालियर द्वारा आर.टी.आई. कार्यकर्ता आशीष कुमार चतुर्वेदी के नाम का उल्लेख कर अप्रैल 2017 से मई 2017 तक वरिष्ठ अधिकारियों को कब-कब पत्र लेख किये गये। पत्रों व प्रतिवेदनों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) ग्वालियर जिले में आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं की वीडियाग्राफी एवं फोटोग्राफी के संबंध में विभाग को प्राप्त शिकायतों का क्या व किस प्रकार निराकरण किया गया? की गई कार्यवाही, जाँच का विवरण, प्रतिवेदनों की छायाप्रति सहित दें। (घ) थाना झांसी रोड ग्वालियर व ग्वालियर जिले के अन्य थानों में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब सी.सी.टी.व्ही. फुटेज किसके द्वारा डिलीट किये गये। क्या इस संबंध में कोई जाँच की गई है? यदि हाँ, तो जाँच निष्कर्ष व प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) ग्वालियर जिले में जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक किसी आर.टी.आई. कार्यकर्ता की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी नहीं कराई गई हैं। थाना झांसी रोड क्षेत्र में निवासरत आर.टी.आई. कार्यकर्ता श्री आशीष कुमार चतुर्वेदी को सुरक्षा प्रदान की गई है। सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु उनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को दिनांक 25.01.2017 को वीडियों कैमरा थाना झांसी रोड से प्रदान किया गया था। (ख) अप्रैल 2017 से मई 2017 तक आर.टी.आई. कार्यकर्ता श्री आशीष कुमार चतुर्वेदी के नाम का उल्लेख कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर (पश्चिम) ग्वालियर द्वारा दिनांक 19.04.2017, 01.05.2017,17.05.2017 तथा 18.05.2017 को पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर को पत्र लेख किए गए थे तथा अति. पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) ग्वालियर द्वार दिनांक 16.04.2017, 10.05.2017, 05.05.2017, 24.05.2017 को लेख पत्रों की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को भेजी गई थी। पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) ग्वालियर जिले के आर.टी.आई. कार्यकताओं की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी के संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) ग्वालियर को ''11'' नगर पुलिस अधीक्षक झांसी रोड ग्वालियर तथा थाना प्रभारी थाना झांसी रोड को 07 शिकायते प्राप्त हुई। इनकी विधिवत जाँच कराई गई। जाँच पर संज्ञेय अपराध का घटित होना या निजता का उल्लघंन होना नहीं पाया गया। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) थाना झांसी रोड के सी.सी.टी.वी. फुटेज डिलीट करने के संबंध में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर के आदेश दिनांक 03.05.2017 द्वारा आरक्षक 1483 जितेन्द्र शर्मा को निलंबित किया गया था जिसकी जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर (पूर्व) ग्वालियर द्वारा की गई। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
फलदार वृक्ष में अंदर से रास्ता न देना
[राजस्व]
144. ( क्र. 5140 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम करड़ावद तह. पेटलावद (झाबुआ) में कृषक मन्नालाल पिता लक्ष्मण को नाबार्ड से दिए गये फलदार वृक्ष विगत 3 वर्षों से फलफूल रहे हैं? क्या पटवारी हल्का नं. 6 एवं प्रभारी तहसील द्वारा उक्त कृषि भूमि को शासकीय बताकर एवं गलत सर्वे नं. 2594, 2524 दर्शाकर विपक्ष को रास्ता दिए जाने हेतु झूठा पंचनामा बनाया जाकर अनु.विभागीय अधिकारी पेटलावद को गलत निर्णय हेतु बाध्य किया गया, जबकि अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिनांक 10.01.2018 को मौके पर मुआयना कर समझाईश भी दी गयी कि नया रास्ता नहीं बनाया जायेगा और पिपली वाले रास्ते से आवागमन कर सकने की समझाईश दी गयी? (ख) यदि हाँ, तो क्या अभी भी कतिपय लोगों द्वारा विवाद की स्थिति निर्मित की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो प्रकरण की जाँच कर विवादित लोगों पर क्या कार्यवाही की जायेगी स्थिति स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। फलदार वृक्ष लगाये गये है, परन्तु यह वृक्षारोपण शासकीय भूमि ग्राम करड़ावद सर्वे न. 2594 पर किया गया था। रास्ते का विवाद होने पर न्यायालय तहसीलदार पेटलावद के प्रकरण क्र. 8/अ-13/2016-17 में दिनांक 30.08.2017 को आदेश पारित किया। उक्त आदेश के विरूद्ध मन्नालाल ने न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी पेटलावद में अपील क्रमांक 0077/अपील/2016-17 दायर की थी जिसमें विधिवत आदेश दिनांक 16.02.2018 को पारित किया गया है। (ख) विवाद न्यायालयीन आदेश द्वारा निराकरण किया गया है। (ग) विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
शासन की राशि बंदरबांट किया जाना
[गृह]
145. ( क्र. 5143 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के देहात थानों के लिए विद्युत समस्या को दृष्टिगत रखते हुए सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित किये जाने वाली योजना स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि से किन-किन थानों में ऊर्जा संयत्र स्थापित किया जाना था तथा किन-किन थानों में संयत्र स्थापित हो चुके हैं और किन-किनमें, किन-किन कारणों से नहीं थानेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऊर्जा संयत्र स्थापित करने वाली योजना के नाम पर क्या अनियमितता उजागर हुई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन लोग संलिप्त हैं, के विरूद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें। (ग) क्या मध्यप्रदेश पुलिस के कर्मचारियों को एक दिवस का साप्ताहिक अवकाश दिये जाने का प्रावधान पुलिस विभाग द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो कब से प्रदेश के किस-किस जिले में लागू किया गया और यदि नहीं, तो उक्त प्रावधान लागू किए जाने हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या प्रयास किए गए तथा कब तक लागू कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। एक मुश्त राशि आवंटित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। निरीक्षक से आरक्षक स्तर तक के अधिकारियों/कर्मचारियों को माह में एक दिवस का अवकाश देने हेतु समस्त जोनल पुलिस महानिरीक्षकों को निर्देशित किया गया है।
भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
146. ( क्र. 5144 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजेश गोयल एवं योगेश गोयल द्वारा वर्ष 2014 में मंदाकिनी को-ऑपरेटिव सोसायटी कोलार रोड भोपाल से प्लाट क्रमांक 46 क्रय करने के पश्चात रजिस्ट्री एवं नामांतरित भी हैं, पर देवेश शुक्ला नाम का बोर्ड लगाकर मालिकाना हक यानि अवैध कब्जा किए जाने के संबंध में दिनांक 09 फरवरी 2018 को थाना प्रभारी कोलार के समक्ष कब्जाधारी के विरूद्ध उचित कार्य किए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है? (ख) यदि हाँ, तो यह अवगत करावें कि माह फरवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में भोपाल के किन-किन थानों में एक-एक प्लाट पर एक से अधिक स्वामित्वता के होने के विवाद को लेकर किन-किन के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किए गए? थानेवार प्लाट का साईज सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि एक-एक प्लाट पर एक से अधिक स्वामित्व के मामले उजागर होने पर तत्समय भू-माफियाओं के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित देवेश शुक्ला जैसे बाहुबली भू-माफियाओं के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। क्या पुनरावृत्ति को दृष्टिगत रखते हुए यथाशीघ्र कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। आवेदन पत्र नगर पुलिस अधीक्षक हबीबगंज के कार्यालय में प्रस्तुत किया था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में वैधानिक कार्यवाही की गई है। प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में किसी अपात्र व्यक्ति द्वारा कब्जा नहीं पाया गया।
फर्जी नियुक्ति की जाँच
[गृह]
147. ( क्र. 5151 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग विदिशा में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में हुई फर्जी नियुक्तियों की एफ.आई.आर. दिनांक 5.9.2017 को थाना कोतवाली विदिशा में दर्ज की गई हैं? (ख) क्या उक्त नियुक्ति घोटाले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी विदिशा का नाम एफ.आई.आर. में नहीं है? यदि हाँ, तो कारण बतायें। (ग) उक्त नियुक्ति कांड की जाँच प्रक्रिया किस चरण में है? (घ) उक्त नियुक्ति कांड में आज दिनांक तक कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई? सूची उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला विदिशा डॉ. बी.एल. आर्य द्वारा स्वयं थाना कोतवाली विदिशा में अपने विभागीय पत्र से आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करवाया गया था, इस कारण एफ.आई.आर. में उनका नाम नहीं है। (ग) प्रकरण अभी अनुसंधान में है। (घ) प्रकरण में विवेचना जारी होने से जानकारी दी जाना न्याय संगत नहीं।
राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में
[राजस्व]
148. ( क्र. 5159 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्राम राजस्व के अन्तर्गत आते हैं और कितने नहीं? (ख) राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्या नियम हैं? क्या वर्ष 2015-16 उपचुनाव से पहले गरोठ-सुवासरा में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा समस्त ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कितने ग्रामों को राजस्व घोषित किया गया है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की सुवासरा तहसील की ग्राम पंचायत घसोई के ग्राम बागरीखेडा तथा शामगढ तहसील की ग्राम पंचायत बरखेड़ा उदा के ग्राम देवीसिंह जी का खेड़ा को प्रश्न दिनांक तक राजस्व ग्राम घोषित क्यों नहीं किया गया है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वंचित ग्रामों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कुल 305 राजस्व ग्राम आते है जिनमें तहसील सीतामउ के 173 तहसील सुवासरा के 78 तहसील शामगढ के 54 ग्राम है। (ख) राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु नियम (1) मूल राजस्व ग्राम से मजरे टोले की दूरी 2 किलो मीटर या अधिक होना चाहिये (2) प्रत्येक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक मजरे की आबादी 200 या अधिक होना चाहिये (3) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की चतुर्सीमा मूल ग्राम में एवं अन्य समीपवर्ती ग्रामों से मिलनी चाहिये वर्ष 2015-16 उप चुनाव से पहले गरोठ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मजरे टोले जो राजस्व ग्राम घोषित होने के मापदंड पूरे करते है को राजस्व ग्राम घोषित करने की घोषणा की गयी थी। जिसके अनुसार गरोठ विधान सभा क्षेत्र में कुल चार मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र की सुवासरा तहसील की ग्राम पंचायत घसोई के ग्राम बागरीखेडा को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रचलित है तहसील शामगढ की ग्राम पंचायत बरखेडा उदा के ग्राम देवीसिंह जी का खेडा निर्धारित मापदण्ड में न आने से राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया जा सकता। (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के राजस्व ग्राम के वे मजरे टोले जो राजस्व ग्राम बनने हेतु निर्धारित मापदण्ड को पूर्ण करते है को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रचलित है। अमले की कमी है उपलब्ध अमले से ही कार्य कराए जाने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
क्षेत्र में कंजरों द्वारा की जा रही वारदाते
[गृह]
149. ( क्र. 5160 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कंजरों द्वारा की जा रही वारदातों की जानकारी शासन को जनता द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाने पर या शासन की खुफिया एजेंसियों से भी सूचना प्राप्त होती है? (ख) क्षेत्र में कंजरों द्वारा की जा रही सभी वारदातों की रिपोर्ट जनता द्वारा दर्ज करवाई जाती है या नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) विगत चार माह में लारनी क्षेत्र में कंजरों द्वारा विद्युत मोटरों, स्टार्टर चोरी की कोई वारदात की गई है या नहीं? यदि हाँ, तो रिपोर्ट दर्ज है तो जानकारी देवें और नहीं तो कारण बतावें। (घ) क्या माननीय गृह मंत्री जी द्वारा आश्वासन के बाद भी खेताखेड़ा एवं नकेड़िया में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना नहीं की गई है? इसका कारण बतावें तथा कब तक स्थापना कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। लारनी क्षेत्र में कंजरों द्वारा विगत 04 माह में विद्युत मोटरों, स्टार्टर चोरी की कोई रिपोर्ट जनता द्वारा दर्ज नहीं कराई गई है। (घ) नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। ग्राम खेताखेडा एवं ग्राम नकेड़िया (थाना-सीतामऊ) में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने के प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किए गए हैं। अतः पुलिस चौकी स्थापित नहीं की गई है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[गृह]
150. ( क्र. 5163 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग म.प्र. शासन भोपाल को अपने पत्र क्रमांक 16 दिनांक 07/01/2018, पत्र क्रमांक 50 दिनांक 25/01/2018 तथा पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल को पत्र क्रमांक 52, 53 दिनांक 25/01/2018 को दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्रों में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ग) क्या पत्र क्र.16 द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में श्रीमती ज्योति सिंह द्वारा प्रस्तुत रिट पिटीशन नंबर 5958/17 में पारित निर्णय दिनांक 24/04/2017 का अक्षरश: पालन करते हुए सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए शासकीय व्यय पर सशस्त्र सुरक्षा गार्ड उपलब्ध करने का जिक्र किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या पत्र क्रमांक 53 द्वारा श्री नितिनलाल चंदानी पुत्र श्री चंदनलाल चंदानी निवासी 40, 43 लक्ष्मीविला ईदगाह हिल्स भोपाल से विक्रय अनुबंध पत्र निष्पादित करने वाले बलमत देवबक्श एवं अन्य निवासी ग्राम लहारपुर तहसील हुजूर जिला भोपाल द्वारा धोखाधड़ी कर 20 लाख रूपये की रकम प्राप्त करने के बावजूद अन्य व्यक्तियों को पत्र में वर्णित अराजियों का विक्रय करने पर थाना बागसेवनिया भोपाल/पुलिस अधीक्षक दक्षिण भोपाल के समक्ष शिकायत करने के बावजूद दोषियों पर कार्यवाही न करने हेतु लिखा गया था? उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
पात्र परिवारों को खाद्यान्न का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
151. ( क्र. 5169 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत किस-किस वर्ग/परिवारों को शासन द्वारा पात्रता श्रेणी में रखा गया है और क्या इन श्रेणी के परिवारों को कटनी जिले में पी.डी.एस. सामग्री प्राप्त हो रही है? यदि हाँ, तो किस-किस श्रेणी के कितने-कितने परिवारों को सामग्री प्राप्त हो रही है एवं वर्तमान में क्या पात्रता पर्ची जारी है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत अपात्र परिवारों को पोर्टल से विलोपित करने पर नये परिवारों को पात्रता प्रदान करने के क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं और क्या पात्र परिवार की श्रेणियों में से किन्हीं श्रेणीयों के परिवारों को प्राथमिकता दिये जाने का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस प्रकार? क्रमवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत पोर्टल से हटाये गये अपात्र परिवारों को किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब चिन्हित कर हटाया गया और पात्र किये गये परिवारो को किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब सत्यापित कर पोर्टल पर दर्ज किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी जिले में समग्र-पोर्टल पर पात्रता परिवारों का सत्यापन एवं अपात्र परिवारों को हटाया जाना तथा नवीन पात्र परिवारों को जोड़ने की कार्यवाही नियमानुसार की गयी है? यदि हाँ, तो कैसे? स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो इस पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत 25 श्रेणियों के परिवारों को पात्र परिवार श्रेणी अंतर्गत रखा गया है। पात्रता श्रेणी में सम्मिलित परिवारों में से स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापित वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राशन सामग्री आवंटित की जा रही है। श्रेणीवार पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होने की दशा में दिनांक 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में निरतंर प्रक्रिया के तहत नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकने के निर्देश है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश हैं। (ग) समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्र परिवारों के सत्यापन एवं अपात्र परिवारों के विलोपन का अधिकार स्थानीय निकाय को दिया गया है। पोर्टल पर पात्र परिवारों के सत्यापन एवं अपात्र परिवारों के विलोपन एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) पात्र परिवारों के सत्यापन एवं अपात्र परिवारों को हटाने की कार्यवाही स्थानीय निकाय द्वारा किया जाना प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार एक सतत् प्रक्रिया है। जिलो द्वारा नियमित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जाती है। इसके विपरीत नाम जोड़ने/हटाने का कोई मामला प्रकाश में नहीं आने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही
[राजस्व]
152. ( क्र. 5170 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटनी द्वारा राष्ट्रीय-राजमार्ग अधिनियम-1956 के अधीन भूमि-अधिग्रहण की अधिसूचना का प्रकाशन किया गया था और दिनांक 26/11/2016 को प्रकरण क्रं-04/अ-82/2015-16 अवार्ड आदेश पारित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) सक्षम अधिकारी द्वारा क्या प्रकाशन में भूमि-अर्जन का प्रकार सिंचित एवं असिंचित मानकर किया गया था? यदि हाँ, तो व्यपवर्तित भूखण्डों को नजरअंदाज क्यों किया गया? किन भूमियों का रकबा प्रकाशन में कम अंकित था एवं कितनी भूमियों का रकबा अधिक था? कितनी भूमि वास्तविक अधिग्रहित की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत भूमि अधिग्रहण की कार्यवाहियों पर किन-किन भूमिस्वामियों द्वारा क्या-क्या आपत्तियां प्रस्तुत की और प्राप्त आपत्तियों का क्या-क्या निराकरण किया गया? क्या प्राप्त आपत्तियों पर भूमि स्वामियों को सुनवाई का अवसर दिया गया? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) प्रस्तावित भूअर्जन हेतु पारित अवार्ड के अतिरिक्त क्या पंजीकृत विक्रय पत्र के द्वारा कम मूल्य पर भूमि क्रय कर अधिग्रहित की जा रही है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। इसके क्या शासनादेश एवं प्रावधान हैं और क्या अधिग्रहित-भूमि के मूल्य के अनुपात में पंजीकृत विक्रय पत्र द्वारा कम मूल्य पर भूमि क्रय की जा रही है? प्रश्न दिनांक तक रा.रा.क्रं-78 हेतु अधिग्रहित भूमि का कितना मुआवजा भुगतान किया जाना शेष है? विवरण दें। (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ, तो कितना मूल्य कम प्राप्त होगा और क्या भूमिस्वामी को होने वाली क्षति की पूर्ति की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण क्र. 04/अ-82/2015-16 में ग्राम जुहला के लिये सक्षम अधिकारी द्वारा भू-अर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार 3ए के प्रकाशन के समय प्रचलित गाईड लाईन में दी गई व्यवस्था अनुसार अर्जित की जा रही भूमि की भौतिक स्थिति रोड से लगी हुई एवं रोड से दूर के भूखण्डों की दी गई दरों के आधार पर मुआवजा राशि की परिगणना की गई है। जुहला विशेष ग्राम में शामिल होने से सिंचित असिचिंत के मान से गाईड लाईन में दरें उल्लेखित नहीं थी। उक्त आधार पर ही प्रत्येक प्रभावित भूखण्डों का मुआवजा निर्धारण किया गया है। व्यपवर्तन भूखण्डों के मान से सक्षम अधिकारी द्वारा कोई निर्धारण नहीं किया गया। 3डी के प्रकाशन के समय ग्राम का कुल निजी भूमि रकवा 3.439 हे. के मान से अवार्ड पारित किया गया था। जिनमें से राजस्व विभाग के प्रतिवेदन अनुसार दिनांक 10.01.2017 को रकवा 0.935 हे0 अर्जन योग्य नहीं था। जो कम करते हुये कुल रकवा 2.504 हे0 का अर्जन आदेश अघतन मुआवजा पत्रक में भुगतान हेतु नियत किया गया है। (ग) आपत्तियों की सुनवाई हेतु सूचित कर दिनांक 10.08.2015 को सुनवाई हेतु कैम्प ग्राम जुहला में किया गया। उक्त नियत कैम्प में प्रभावित खातेदारों/वारसानों/प्रतिनिधियों की ओर से 08 खातों की आपत्तियां प्राप्त हुई एवं सभी आपत्तियों का निराकरण प्रकरण के ततस्थानी आदेश पत्रिका में निराकरण किया गया है। इस प्रकार प्रकरण में प्राप्त आपत्तियों का विधिक रूप से निराकरण किया गया। (आदेश पत्रिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) एवं (ड.) प्रकरण में अनिवार्य अर्जन अवार्ड के अतिरिक्त विभागीय प्रस्ताव अनुसार शासन द्वारा आपसी सहमति से क्रय नीति के तहत ग्राम की 0.157 हे0 निजी भूमि 02 खातेदारों की अर्जन कार्यवाही की गई है। आदेशानुसार अर्जन के समय प्रचलित जिला पंजीयक की गाईड लाईन दर के आधार पर मुआवजा का निर्धारण किया गया है एवं भूमि के मूल्यांकन के अतिरिक्त 100 प्रतिशत अनुग्रह राशि की परिगणना कर एक मुश्त मुआवजें के भुगतान पत्रक तैयार किये गये है। इस प्रकार प्रकरण में 0.157 हे0 की कुल राशि 5696607/- के मुआवजा पत्रक बनाये गये जिनमें से 1 खाता रकवा 0.089 हे0 राशि 555900/- का भुगतान खातेदार द्वारा भूमि का पंजीयन न कराने से भुगतान शेष है। इस प्रकार प्रकरण में आपसी सहमति क्रय नीति के तहत अर्जन हेतु शासन द्वारा जारी आदेशानुसार अर्जन कार्यवाही की गई है। जिसमें किसी प्रकार कम मुआवजा दिये जाने का प्रश्न ही नहीं है।
व्यवसायिक बैंक की कर्ज वसूली
[राजस्व]
153. ( क्र. 5171 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत तीन वर्षों में बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी एवं शाहपुर तहसील में कितने कर्जदारों के कितने कर्ज की वसूली के लिए किस-किस बैंक के प्रस्ताव कलेक्टर, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को प्राप्त हुए, उनमें से किस प्रकरण को बैंक ने किस दिनांक को एन.पी.ए. में दर्ज बताया? (ख) एन. पी.ए. प्रकरणों में ब्याज की गणना कर तहसीलदार से वसूली के क्या प्रावधान हैं? इन प्रकरणों के लिए बैंक की इस अवधि में कौन-सी समझौता योजना लागू रही है? योजना की प्रति सहित बतावें। (ग) कलेक्टर, तहसीलदार व्यवसायिक बैंकों की कर्ज वसूली के प्राप्त प्रकरणों में समझौता योजना का लाभ दिए जाने या दिलवाए जाने के लिए क्या कार्यवाही करते हुए इस अवधि में कितने कर्जदारों को समझौता योजना के अनुसार कितनी राशि की राहत दिलवाई गई? (घ) एन.पी.ए. प्रकरणों में ब्याज की वसूली एवं समझौता योजना का लाभ नहीं दिलवाए जाने का क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसीलदार घोड़ाडोगरी एवं शाहपुर को 3 वर्षों में बैंकों से वसूली के प्राप्त प्रकरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) बैंक से कलेक्टर के माध्यम से आर.आर.सी. प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश लोकधन वसूली अधिनियम 1966 में दिए गये प्रावधानों के तहत तहसीलदार वसूली अधिकारी द्वारा वसूली की कार्यवाही की जाती है। सभी राष्ट्रीकृत एवं व्यवसायिक बैंको की पृथक-पृथक अपनी समझौता योजना है। सीधे तौर पर बैंकों द्वारा ही इस पर कार्यवाही की जाती है। (ग) बकायदारों के विरूद्ध बैंक से आर.आर.सी. प्राप्त होने पर मांग पत्र जारी कर बकायादारों को आहुत कर बकाया राशि जमा किया जाना तथा समझौता योजना का लाभ लेने हेतु सूचित किया जाता है। बैंकों की समझौता योजना के तहत लाभान्वित हितग्राहियों की सूची संबंधित बैंकों में संधारित रहती है। (घ) संबंधित बैंको द्वारा उनकी समझौता योजना के तहत लाभान्वित किया जाता है।
प्रदेश के संविदा हैण्डपम्प टेक्नीशियनों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
154. ( क्र. 5185 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या हैण्डपम्प टेक्नीशियन विभाग में पिछले 7 वर्षों से कार्यरत हैं? इनको मासिक वेतन कितना दिया जाता है? संविदा अवधि 3 वर्ष में समाप्त हो जाती है, तो क्या इनको नियमित हैण्डपम्प टेक्नीशियन के रिक्त पदों पर संविलियन कर नियमित कर दिया जायेगा? (ख) क्या प्रमुख अभियंता लो.स्वा.या. विभाग भोपाल द्वारा हैण्डपम्प टेक्नीशियनस की E. P. F. की कटौती के लिये मुख्य अभियंता लो.स्वा.या. विभाग जबलपुर को पत्र लिखा गया है? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या हैण्डपम्प टेक्नीशियनस की E. P. F. कटौती चालू कर दी गयी है? यदि नहीं, तो कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जी नहीं। नियमानुसार की जावेगी, समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
इंदिरा सागर व ओंकारेश्वर जलाशयों में मत्स्याखेट
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
155. ( क्र. 5189 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर जलाशय और ओंकारेश्वर बांध के जलाशय में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक मत्स्य पालन का कार्य, किन ठेकेदारों को कब से कब तक दिया गया है? (ख) इन्दिरा सागर और ओंकारेश्वर जलाशय के अंतर्गत कौन-कौन सी मछुआरा समितिया पंजीकृत हैं? ठेकेदार द्वारा किन-किन पंजीकृत मछुआरा समितियों से मत्स्याखेट कराया जा रहा है? इन समितियों से किस रेट में मछली ली जा रही है? उन समितियों के नाम सहित रेट एवं पंजीकृत समितियों से प्रतिवर्ष कितनी मछली ली गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन जलाशयों को मत्स्य पालन के कार्य हेतु ठेके पर नहीं दिया जाता है। अपितु आखेटित मछली के विक्रय हेतु ई-टेण्डर से अनुबंध निष्पादित किया जाता है। मत्स्य विक्रय अनुबंधग्रहिताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। समितियों से मत्स्याखेट का कार्य महासंघ के नियंत्रण में किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार।
केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में प्राप्त राशि
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
156. ( क्र. 5192 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किन-किन योजनाओं में प्राप्त हुई थी एवं कहाँ-कहाँ, किन-किन योजनाओं में कितना-कितना व्यय किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार, मदवार, योजनावार, मांग संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री जालम सिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार, विधानसभा क्षेत्रवार एवं मांग संख्यावार प्राप्त एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- (अ), (ब), (स), (द) एवं (इ) पर है।
ट्रायसेम हैण्डपम्प मेकेनिकों का नियमितीकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
157. ( क्र. 5193 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. के कितने जिलों में ट्रायसेम हैण्डपम्प मेकेनिकों को नियमित किया गया तथा कितने जिलो में संविदा हैण्डपम्प मेकेनिकों की नियुक्ति की गई? क्या बालाघाट जिले में इनकी नियुक्ति हुई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें। यदि हाँ, तो इन मेकेनिकों को कब तक नियमित किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ख) विभाग के 23-1-1983 पात्रतानुसार औद्योगिक संस्था/विभागीय कार्यशाला दोनों ही प्रशिक्षण संस्था हैं फिर ट्रायसेम हैण्डपम्प मेकेनिकों के साथ में शासन भेद-भाव क्यों कर रहा हैं? (ग) क्या विभाग द्धारा ट्रायसेम मैकेनिकों को स्वास्थ्य संबंधी कोई सुविधा दे रहा है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। क्या ट्रायसेम मेकेनिकों का मानदेय संविदा हैण्डपम्प मेकेनिकों के मानदेय से कम हैं? यदि हाँ, तो कारण सहित इनके मानदेय में शासन कब तक वृद्धि करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र. के अंतर्गत किसी भी जिले में ट्राईसेम हैण्डपंप मैकेनिक को नियमित नहीं किया गया है। 28 जिलों में। बालाघाट जिले में संविदा मैकेनिक की नियुक्ति नहीं की गई है। बालाघाट जिले में नियमित, कार्यभारित एवं ट्राईसेम में पर्याप्त हैण्डपंप मैकेनिक होने के कारण संविदा मैकेनिकों की नियुक्ति नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) दिनांक 23.11.83 के परिपत्र की कंडिका-3 के अनुसार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान/विभागीय कर्मशाला पद की पात्रता नहीं है अपितु प्रशिक्षण स्थल है, अतः ट्राईसेम मैकेनिकों से भेदभाव का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। ट्राइसेम मैकेनिकों को स्वास्थ्य संबंधी सुविध का लाभ नियमों में प्रावधान नहीं होने के कारण नहीं दिया जा रहा है। ट्राईसेम मैकेनिकों को 75 रूपये के मान से 100 हैण्डपंप के आधार पर 7500/- प्रतिमाह एवं संविदा हैण्डपंप मैकेनिकों को 75 रूपये के मान से 120 हैण्डपंप के आधार पर 9000/- प्रतिमाह दिया जा रहा है। अभी ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
पेयजल संकट ग्रस्त ग्रामों हेतु कार्ययोजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
158. ( क्र. 5196 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित, भोपाल द्वारा क्रियान्वित बांकपुरा (कुशलपुरा), मोहनपुरा बांध तथा पहाड़गढ़ सतही स्त्रोत आधारित समूह नल-जल योजनाओं में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के कौन-कौन से ग्राम प्रश्न दिनांक तक सम्मिलित है? सूची सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों के अलावा विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के लगभग 60 ग्राम ऐसे हैं, जिनमें भीषण पेयजल संकट व्याप्त है तथा पेयजल हेतु कोई स्थाई स्त्रोत उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त वंचित ग्रामों में पेयजल संकट के स्थाई निराकरण हेतु उपरोक्तानुसार ही क्या कोई कार्ययोजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो ऐसी कार्ययोजना का क्रियान्वयन कब तक संभव हो सकेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
निजी शिक्षण संस्थानों में मानक अनुरूप वाहन संचालन
[परिवहन]
159. ( क्र. 5197 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाल ही में इन्दौर शहर में निजी शिक्षण संस्थान के वाहन दुर्घटना मामले के उपरांत माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा समस्त निजी शिक्षण संस्थानों में संलग्न वाहनों के फिटनेस एवं आवश्यक उपकरणों की जाँच हेतु आवश्यक कार्यवाही के निर्देश प्रदान किये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों के पालन में राजगढ़ जिले के किन-किन निजी शिक्षण संस्थानों के वाहनों में क्या-क्या कमियां परिलक्षित हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन निजी शिक्षण संस्थानों के वाहन निर्धारित मापदण्ड अनुरूप नहीं पाये गये, उनके विरूद्ध विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? संस्थावार वाहन क्रमांक सहित बतावें? (ग) उपरोक्तानुसार क्या प्रश्न दिनांक तक संचालित सभी निजी शिक्षण संस्थानों के वाहनों ने तय मानक पूर्ण कर लिये है? यदि नहीं, तो भविष्य में कोई भी संभावित घटना/दुर्घटना पर कौन उत्तदायी होगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं/स्कूली वाहनों के सुरक्षित संचालन सुनिश्िचत किये जाने के संबंध में दिये गये निर्देशों के परिपालन में मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग, मंत्रालय द्वारा परिपत्र क्रमांक 157/128/2018/आठ भोपाल दिनांक 17/01/2018 जारी कर स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल को आवश्यक निर्देश जारी किये गये है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ द्वारा शासन निर्देशानुसार राजगढ़ जिले के निजी शिक्षण संस्थानों की 34 वाहनों में परिलक्षित कमियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी। उक्त कार्यवाही के तहत इन वाहनों से समझौता शुल्क रूपये 28,000/- एवं मोटरयान कर रूपये 53,597/-राजस्व वसूला गया। जिसका विवरण्ा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिला अंतर्गत जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ द्वारा शिक्षण संस्थानो की वाहनों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शाया गया है। (ग) परिवहन आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर द्वारा सभी निजी शिक्षण संस्थानों के वाहनों के सुरक्षित परिवहन हेतु मानक निर्धारित करने संबंधी परिपत्र क्रमांक 120/टीसी दिनांक 08/01/2018 जारी किया गया है। अतः निजी शिक्षण संस्थानों की वाहनों द्वारा उक्त मानक पूर्ण करने उपरांत ही वाहनों को फिटनेस जारी की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
माटीकला बोर्ड के कार्य
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
160. ( क्र. 5198 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माटीकला बोर्ड का कार्य क्या है और यह किस-किस वर्ग के लोगों के हित में कार्य करता है? (ख) क्या माटीकला बोर्ड द्वारा पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को ऋण या अनुदान भी प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो कितना और उसकी प्रक्रिया क्या है? (ग) उज्जैन जिले में बोर्ड द्वारा क्या कार्य किये जा रहे हैं?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री जालम सिंह पटेल ) : (क) म.प्र. माटीकला बोर्ड के कार्य कुम्हारी (पाटरी) एवं मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों/उद्यमियों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिये स्वरोजगार हेतु वित्त पोषण मार्जिनमनी सहायता उपलब्ध कराना/कौशल उन्नयन एवं नवीन तकनीकी का प्रशिक्षण देना, आधुनिक मशीन/उपकरण उपलब्ध कराना तथा विपणन सहायता हेतु मेला प्रदर्शनियों का आयोजन एवं भागीदारी कराना आदि है। बोर्ड कुम्हारी (पाटरी) एवं मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों/उद्यमियों के लिये कार्य करता है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले में बोर्ड द्वारा वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 16 इकाई स्थापना हेतु रूपये 8.76 लाख तथा आर्थिक कल्याण योजना में 8 इकाई स्थापना हेतु रूपये 1.05 लाख की मार्जिनमनी सहायता स्वीकृत की है।
अनुदान योजना
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
161. ( क्र. 5199 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा हैण्डलूम और हैण्डिक्रॉफ्ट के संरक्षण और संवर्धन के लिये क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ख) हैण्डलूम और हैण्डिक्रॉफ्ट का कार्य करने वाले हितग्राहियों को विभाग क्या-क्या सुविधा प्रदान कर रहा है? (ग) क्या विभाग की कोई अनुदान प्रदान करने की योजना है? यदि हाँ, तो क्या है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री जालम सिंह पटेल ) : (क) से (ग) विभाग द्वारा हैण्डलूम और हैण्डिक्रॉफ्ट के संरक्षण संवर्धन सुविधा एवं अनुदान प्रदान करने के लिये संचालित योजनाओ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ (1) एवं (2) पर है।
चालान से प्राप्त राशियों की जानकारी
[परिवहन]
162. ( क्र. 5200 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा नियम विरूद्ध गाड़ी चलाने हेतु कितना-कितना दण्ड का प्रावधान है? (ख) पिछले 2 वर्षों में विभाग द्वारा उज्जैन जिले में कितना-कितना दण्ड वसुला गया है वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ग) पिछले 2 वर्षों में कितने लोगों को दण्ड प्रदान किया गया और क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) परिवहन विभाग द्वारा केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 200 एवं म.प्र. मोटरयान नियमों में वर्णित प्रावधानों के अनुसार नियम विरूद्ध गाड़ी चलाने पर विभिन्न वाहनो पर अलग-अलग दण्ड राशि वसूल किये जाने की कार्यवाही की जाती है। दण्ड विषयक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पिछले 2 वर्षों में उज्जैन जिले में वूसल की गई दण्ड राशि की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
चालान संख्या |
वसूला गया दण्ड |
2016-17 |
1086 |
53,33,322/- |
2017-18 |
753 |
47,74,014/- |
कुल |
1839 |
1,010,7,336/- |
(ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पिछले 2 वर्षों में चैकिंग के दौरान 1839 वाहन अवैध रूप से संचालित पाई जाने पर कुल दण्ड राशि रूपये 1,010,7,336/- वसूल की गई है।
चारा बैंक योजना
[पशुपालन]
163. ( क्र. 5201 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा चारा बैंक योजना संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो यह योजना क्या है और यह योजना किस स्तर पर संचालित की जा रही है? (ग) क्या पिछले 4 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में इस योजना का लाभ प्राप्त किया है? यदि हाँ, तो किस संस्था या व्यक्ति द्वारा इस योजना का लाभ प्राप्त किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभिन्न प्रयोजन हेतु भूमि का आवंटन
[राजस्व]
164. ( क्र. 5206 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुजालपुर अनुभाग क्षेत्र की किन-किन पंचायतों से खेल मैदान, बस स्टैण्ड, शमशान, सामुदायिक भवन बनाने हेतु भूमि आवंटन एवं ग्राम आबादी क्षेत्र घोषित करने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदनों की वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु भूमि का आवंटन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो तहसीलवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु भूमि का आवंटन नहीं हुआ है तो कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शुजालपुर अनुभाग क्षेत्र की पंचायतो से खेल मैदान, बस स्टेण्ड, श्मशान सामुदायिक भवन बनाने हेतु भूमि आवंटन एवं ग्राम आबादी क्षेत्र घोषित करने के प्राप्त प्रस्ताव संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) है। (ख) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-(ब) हैं। (ग) शेष प्रस्तावों पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है जो संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र (स) हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
बन्द पड़ी नल जल योजनाओं को प्रारंभ करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
165. ( क्र. 5208 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कालापीपल व शुजालपुर विकासखण्ड में कौन-कौन सी नल जल योजनाएँ बन्द हैं? क्या बन्द पड़ी योजनाओं को प्रारंभ करने हेतु राशि का आवंटन किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नल जल योजनाओं को सुधारने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो ग्रीष्म काल में जनता को पानी कैसे उपलब्ध कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। विद्यमान वैकल्पिक पेयजल स्त्रोत हैण्डपंपों एवं सिंगलफेस मोटरपंप के माध्यम से।
अधिकारी/कर्मचारियों के वेतन भत्ते का निर्धारण
[गृह]
166. ( क्र. 5210 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को कौन-कौन से भत्ते किस दिनांक से प्राप्त हो रहे हैं? आदेश की प्रति सहित विवरण प्रदान करें तथा इनका कब से पुनर्निर्धारण अंतिमवार किया गया था? आदेश व दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) क्या वर्तमान में पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के वेतन भत्तों के पुनर्निर्धारण की शासन की कोई मंशा/नीति है, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को अधिकतर भत्तों का नवीनीकरण विगत 35-40 वर्षों से नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? जबकि वेतनमान का निर्धारण प्रत्येक 10 वर्षों में किये जाने के मापदण्ड हैं। (घ) पुलिस विभाग के भत्तों/सुविधाओं में कौन-कौन से प्रस्ताव शासन के पास लंबित हैं तथा उन पर शासन का क्या मत है और उन पर कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भू-जल स्तर गिरने से उत्पन्न पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
167. ( क्र. 5212 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिवनी जिले में वित्तीय वर्ष 2017-18 की अवधि में भू-जल स्तर क्रमशः कितने-कितने फुट घटा है और उसमें पेयजल पर क्या प्रभाव पड़ा है? (ख) सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र सिवनी के कितने मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामों में प्रश्नांश (क) के अनुसार जल स्तर कितना घटा है और विभाग को उक्त वर्षों में कितने हैण्डपंप व ट्यूबवेलों में अतिरिक्त राईजर पाइप जोड़ने पड़े और नये खनन किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में सिवनी विधानसभा क्षेत्र में भू-जल स्तर निरंतर घटने के कौन-कौन से कारण पाये गये और इनसे आगामी ग्रीष्मकालीन समय में जल स्तर घटने की स्थिति क्या होना संभावित है? (घ) क्या विभाग द्वारा किन्हीं अन्य विभागों के समन्वय एवं योजनानुसार 10 वर्षों पूर्व की भू-जल स्तर की स्थिति बनाये जाने का किन्ही प्रकार का प्रयत्न प्रारंभ किया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) औसतन लगभग 11 फुट घटा है, जिससे हैण्डपंपों एवं नल-जल योजनाओं के स्त्रोतों में पेयजल का स्तर भी नीचे चला गया है एवं जल आवक क्षमता प्रभावित हुई है। (ख) 122 ग्रामों में, औसतन 11 फुट। 257 हैण्डपंपों एवं 32 नलकपों में अतिरिक्त राईजर पाईप बढ़ाये गये है। आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों मं पेयजल व्यवस्था हेतु 74 नलकूप एवं बंद नल-जल योजनाओं में स्त्रोत विकसित करने हेतु 47 नलकूप, इस प्रकार कुल 121 नलकूप खनन किये गये। (ग) अल्पवर्षा एवं भू-गर्भीय जल का अधिक दोहन है, जिससे और अधिक जलस्तर नीचे जाना संभावित है। (घ) जी नहीं, यद्यपि स्त्रोतों के स्थायित्व हेतु विभाग द्वारा भू-गर्भीय स्ट्रेटा के अनुसार विभिन्न प्रकार की पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण समय-समय पर करवाया जाता है।
प्याज की रैके अनुसार बिक्री
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
168. ( क्र. 5218 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में वर्ष जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्याज की कितनी रैक भेजी गई? रैक से किन-किन व्यापारियों को रैक पाईंट से कितनी-कितनी मात्रा में किस दर से प्याज बेची गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रैक पाईंट से किन-किन गोदामों में परिवहन कराया गया तथा रैक पाईंट से गोदाम की दूरी कितनी थी? किन परिवहनकर्ताओं से परिवहन कराया गया? नाम फर्म के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किस परिवहनकर्ता को किस दिनांक को कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्षवार परिवहनकर्ता को भुगतान की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) शहडोल जिले में वर्ष 2017 में 5 रैक प्याज प्राप्त हुआ। प्राप्त रैक से सुनील कुमार कुकरेती को 14,950.82 क्विंटल रू. 225 प्रति क्विंटल की दर से एवं अविनाश बर्मन को 7,686.64 क्विंटल प्याज रू. 205 प्रति क्विंटल की दर से विक्रय किया गया। (ख) रैक प्वाइंट से जिन गोदामों में प्याज परिवहन कराया गया उनकी दूरी, गोदाम एवं फर्म की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परिवहनकर्ता श्री सुनील कुमार कुकरेती को दिनांक 27.06.2017 को रू. 4 लाख एवं श्री माहेश्वरी रोड लाईंस को दिनांक 13.07.2017 को रू. 9 लाख परिवहन राशि का भुगतान किया गया।
पशुपालन विभाग को पशु औषधालयों की जीर्णोंद्धार
[पशुपालन]
169. ( क्र. 5219 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं के माध्यम से क्या-क्या लाभ दिया गया? (ख) क्या विभाग द्वारा पशुओं को होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिये नि:शुल्क टीकाकरण, दवाई का वितरण किया जाता है, यदि हाँ, तो इसके प्रचार-प्रसार के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जाते हैं? (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने पशु औषधालय कार्यरत हैं? सूची उपलब्ध करायें। उक्त विधानसभा क्षेत्र के जो जीर्णशीर्ण अवस्था वाले पशु औषधालय हैं, क्या उनके जीर्णोंद्धार के लिये विभाग कोई योजना बना रहा हैं? यदि हाँ, तो कब तक इनका जीर्णोंद्धार कर दिया जायेगा? (घ) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में किन-किन पशु औषधालय में कितनी राशि किस कार्य के व्यय हेतु व्यय की गई तथा किन-किन केन्द्रों पर कौन-कौन से कर्मचारियों की पद स्थापना की गई हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जी हाँ, विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित लोक कल्याण शिविर, जन समस्या निवारण शिविर, विभागीय पशु चिकत्सा शिविर, प्रदर्शनी एवं स्टॉल आदि के माध्यम से। (ग) १२। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। विभागीय संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु पूर्व से ही योजना संचालित है। पशु चिकित्सा भवनों का समय-समय पर बजट प्रावधान एवं आवश्यकतानुसार सुदृढ़ीकरण किया जाता है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' एवं ''ई'' अनुसार।
आर.आई. एवं पटवारी की नियुक्ति
[राजस्व]
170. ( क्र. 5222 ) सुश्री मीना सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी में जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक आर.आई. एवं पटवारी में नियुक्त सेवा एवं अस्थाई सेवा के कितने लोग पदस्थ हैं? ऐसे कितने आर.आई. एवं पटवारी उक्त जिले में पदस्थ हैं, जिनकी पाँच वर्ष की सेवा एक जिले में पूर्ण हो गई है? सूची उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में जुलाई 2017 से ऐसे कितने आर.आई. एवं पटवारी के स्थानांतरण आदेश राजस्व विभाग द्वारा जिले से अन्यत्र किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायें। स्थानांतरित किये गये आर.आई. एवं पटवारी में से शासन के आदेश के तहत कितने आर.आई. एवं पटवारी को कार्यमुक्त कर दिया गया है? दिनांक सहित बतावें। (ग) ऐसे कितने आर.आई. एवं पटवारी उक्त जिले से अभी भी कार्यमुक्त नहीं किये गये हैं? नाम बतायें। शासनादेश के विरूद्ध कार्यमुक्त नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं स्थानांतरित आर.आई. एवं पटवारी को कब तक कार्यमुक्त कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला सीधी में 27 राजस्व निरीक्षक एवं 169 पटवारी सेवा में पदस्थ है। पटवारी का पद जिला संवर्ग का है। ऐसे राजस्व निरीक्षक जिनकी जिले में 5 वर्ष की पदस्थापना अवधि पूर्ण हो गई है जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
नाम राजस्व निरीक्षक |
जिले में पदस्थापना का दिनांक |
1 |
श्री बीरेन्द्र कुमार |
22.05.2000 |
2 |
श्री अनादि प्रसाद पाण्डेय |
12.12.2008 |
3 |
श्री हरिलाल वर्मा (निलम्बित) |
02.03.2009 |
4 |
श्री रोशन लाल कोल |
02.03.2009 |
5 |
श्री सुनील कुमार द्विवेदी |
02.06.2010 |
6 |
श्री देवकरण सिंह |
26.03.2009 |
7 |
श्री रामभरोसा पाण्डेय (निलम्बित) |
26.04.2010 |
8 |
श्री प्रदीप कुमार सिंह |
02.08.2011 |
9 |
श्री प्रताप सिंह |
30.03.2012 |
10 |
श्री वीरेन्द्र सिंह परस्ते |
25.07.2012 |
11 |
श्री सूर्यभान कोल |
06.08.2012 |
12 |
श्री सरोज कुमार सिंह |
25.04.2012 |
13 |
श्री जगजीवन सिंह |
17.08.2012 |
(ख) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोवस्त म.प्र. ग्वालियर द्वारा जुलाई 2017 में निम्नलिखित राजस्व निरीक्षक के स्थानान्तरण अन्यत्र किये गये है:-
क्र. |
नाम राजस्व निरीक्षक |
स्थानान्तरित कार्या. का नाम |
1 |
श्री राघवेन्द्र सिंह |
जिला रीवा |
2 |
श्री वीरेन्द्र सिंह परस्ते |
जिला अनूपपुर |
3 |
श्री शिवमूर्ति सरल |
जिला उमरिया |
4 |
श्री देवकरण सिंह |
जिला उमरिया |
1. श्री राघवेन्द्र सिंह रा0नि0 को दिनांक 26-10-2017 को जिला रीवा के लिए भारमुक्त किया गया है।
2. श्री वीरेन्द्र सिंह परस्ते, श्री शिवमूर्ति सरल, श्री देवकरण सिंह रा.नि. को दिनांक 09.03.2018 को भारमुक्त कर दिया गया है। (ग) जिला सीधी में सभी स्थानांतरित राजस्व निरीक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया गया है। भारमुक्त करने हेतु कोई शेष नहीं है
पेयजल योजना संबंधी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
171. ( क्र. 5223 ) सुश्री मीना सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला उमरिया के विधानसभा क्षेत्र मानपुर में समूह पेयजल योजना अंतर्गत पेयजल व्यवस्था हेतु लगभग 48 करोड़ रूपये लागत से योजना प्रारंभ की गई थी? यदि हाँ, तो योजना की तकनीकी स्वीकृति, प्रशासनित स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये बताये कि कार्य की निविदायें कब तक आमंत्रित कर दी जायेंगी? साथ ही योजना से लाभान्वित होने वाले गांव की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्षवार पेयजल योजना में कराये गये कार्यों की सूची दें, किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) उक्त योजना में भारत सरकार/ मध्यप्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही राशि व्यय की गई है? पेयजल योजना की कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुये बतायें कि उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, लागत रूपये 38.1089 करोड़ की। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। योजना क्रियान्वयन हेतु निविदा दिनांक 10.01.2014 को आमंत्रित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जी हाँ। मानपुर समूह जलप्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है एवं माह मई 2018 तक कार्य पूर्ण होना संभावित है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के पूर्ण सर्वे एवं मुआवजा
[राजस्व]
172. ( क्र. 5235 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2018 में हुई ओलावृष्टि से कुल कितने ग्राम प्रभावित हुए हैं तथा उन ग्रामों का कब तक पूर्ण सर्वे किया जाएगा? (ख) तहसीलदार बालाघाट एवं तहसीलदार परसवाड़ा द्वारा ओलावृष्टि उपरांत किन-किन ग्रामों का दौरा किया गया तथा शासकीय दौरे के दौरान उनके साथ शासकीय अमले में कौन-कौन शामिल रहे? (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक तहसील कार्यालय बालाघाट एवं तहसील कार्यालय परसवाड़ा द्वारा किसानों को हुई ओलावृष्टि सूखा अतिवृष्टि से हुई नुकसानी के किस-किस ग्राम में किस-किस किसान को, कितना-कितना मुआवजा प्रकरण बनाए गए, कब-कब कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? पूर्ण विवरण विकासखण्डवार, ग्रामवार प्रस्तुत करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2018 में हुई ओलावृष्टि से 137 ग्राम प्रभावित हुए है तथा उन ग्रामों का सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (ख) तहसीलदार बालाघाट एवं तहसीलदार परसवाडा द्वारा ओलावृष्टि उपरांत दौरा किये गये ग्रामों तथा शासकीय दौरे के दौरान उनके साथ शासकीय अमले में नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी, ग्राम सचिव शामिल थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक तहसील कार्यालय बालाघाट एवं तहसील कार्यालय परसवाडा द्वारा किसानों को हुई ओलावृष्टि सूखा, अतिवृष्टि से हुई नुकसानी वाले ग्रामों के प्रकरण, किसानों एवं मुआवजा राशि वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। फरवरी 2018 में ओलावृष्टि से हुई नुकसानी वाले ग्रामों के प्रकरण बनाये जा रहे है। राहत राशि प्रदाय की जाने की कार्यवाही प्रचलित है।
विभागीय जानकारी
[गृह]
173. ( क्र. 5236 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अधीनस्थ वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से खेल आयोजन किस-किस ग्राम में करवाए गए तथा उक्त आयोजन को आयोजित करवाने पर कुल कितनी राशि खर्च हुई? विवरण प्रस्तुत करें। (ख) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक पुलिस अधीक्षक कार्यालय खेल विभाग द्वारा कौन-कौन सी खेल सामग्री किस-किस एजेंसी से किन-किन माध्यमों से खरीदी की गई? या भोपाल वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त हुई पूर्ण विवरण सहित प्रस्तुत करें? (ग) शासकीय खेल आयोजनों के अलावा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक निजी संस्थाओं में कौन-कौन से खेल आयोजन हुए तथा उन खेल संस्थाओं को कितनी-कितनी शासकीय राशि दी गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिलाओं पर अपराधों की जानकारी
[गृह]
174. ( क्र. 5245 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक महिलाओं, बालिग युवतियों व नाबालिग युवतियों से छेड़छाड़ बलात्कार व ज्यादती की घटनाएं पंजीबद्ध हुई हैं वर्षवार अपराधवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत हुए अपराधों पर वर्तमान स्थिति क्या है? कितने केसों में गिरफ्तारी होना बाकी है व जिनमें गिरफ्तारी हुई किस केस की क्या वर्तमान स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में इंदौर जिले से कितनी महिलाएं, बालिग व नाबलिक युवतियाँ लापता हुई व आज दिनांक तक वापस नहीं मिली? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में सेवारत कितने पुलिस कर्मी आत्महत्या, ह्यदय व ड्रिप्रेशन के शिकार हुये व शासन इसके रोकथाम हेतु प्रयास कर रही है? (ड.) प्रश्नांश (क) इंदौर जिले में आबादी के अनुसार कितने थाने व बल होना चाहिए व कितना है कमी को दूर करने हेतु क्या प्रस्ताव हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) शासन द्वारा नवीन पुलिस थाने एवं न्यूनतम बल हेतु निर्धारित मापदण्ड के अनुसार शहरी क्षेत्र में 50,000 की आबादी पर 01 थाना तथा 75 का बल, नगर पंचायत क्षेत्र में 50,000 की आबादी पर 01 थाना तथा 50 का बल एवं ग्रामीण क्षेत्र में 40,000 की आबादी पर 01 थाना तथा 35 का बल होना चाहिए वर्तमान में जिला इन्दौर में 51 थाने एवं स्वीकृत बल 4896 है वर्तमान में इन्दौर जिले की आबादी एवं अपराधों के आधार पर पर्याप्त थाने है। आवश्यक संसाधनों से कमी की पूर्ति की जा रही है। अनुक्रम वर्ष 2018 में जिला इन्दौर के थानों में बलवृद्धि हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है।
नदियों में प्रदूषण रोकने
[पर्यावरण]
175. ( क्र. 5246 ) श्री जितू पटवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की नर्मदा सहित अन्य प्रमुख नदियों की जल गुणवत्ता की भारतीय मानक 2296 जेम्स तथा मीनार्स के अनुसार वर्ष 2014 से 2017 तक के परिणामों की विस्तृत जानकारी दे तथा बतावें कि वर्ष 2014 के अनुसार कौन-कौन से उद्योग का प्रदूषित जल किस-किस नदी में मिलता है तथा वर्ष 2017 दिसम्बर तक कितनों को बंद करा दिया गया है? (ख) क्या इंदौर स्थित देवगुराडिया कचरा संग्रह (ट्रेचिंग ग्राउंड) को अन्यंत्र स्थानांतरित करने की मांग क्षेत्रिय विधायक व आसपास स्थित कालोनी व ग्रामों के रहवासियों ने की थी, यदि हाँ, तो उस मांग पर क्या कार्यवाही हुयी? प्रश्न 4402 दिनांक 16/03/2015 के बिन्दु (5) में क्या निर्णय हुआ अवगत करावें। (ग) रतलाम शहर में वर्ष 2000 से रखे 30 हजार मैट्रिक टन जहरीले कचरे का निपटारा आज तक क्यों नहीं किया गया तथा बतावें कि रतलाम के आसपास के कितने गांवों में तथा रतलाम शहर की कितनी बस्तियों में भूमिगत जल प्रदूषित होकर ट्यूबवेल से लाल पानी निकल रहा है, जिससे दो लाख जनता प्रभावित हो रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) के जहरीले कचरे से भूमिगत जल को ठीक करने तथा कचरे का निपटान करने में कुल कितना खर्च आवेगा तथा क्या यह खर्च जिम्मेदार फैक्ट्री मालिकों से वसूला जावेगा? (ड.) रतलाम शहर के धोलावाड के पेयजल ट्यूबवेल के लाल पानी, वाहन उत्सर्जन मापन, ध्वनि स्तर मापन वायु की गुणवत्ता की लेटेस्ट जाँच की जानकारी दे तथा बतावें कि पिछले तीन वर्षों में इन जाँच में क्या परिवर्तन पाये गये।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। किसी भी उद्योग का अनुपचारित निस्त्राव किसी भी नदी में नहीं मिलता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान में देवगुराड़िया स्थित ट्रेचिंग ग्राउण्ड को उपयुक्त वैकल्पिक व्यवस्था/स्थान न होने के कारण अन्यत्र स्थानांतरित करने की निगम की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। प्रश्न में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 4402 दिनांक 16/03/2015 पर्यावरण विभाग में प्राप्त नहीं हुआ था। (ग) रतलाम शहर के डोसीगाँव औद्योगिक क्षेत्र में 02 बंद पड़े उद्योगों मेसर्स सज्जन केमिकल्स एण्ड इनवेस्टमेंट प्रा.लि. के 24316.6 मेट्रिक टन में से प्लाट नं.-54 ई, पर 20906.6 मे.टन, प्लाट नं.-61 बी पर 2000 मे.टन एवं कांडरवासा माईन्स नामली में 1410 में.टन तथा मेसर्स जयंत विटामिन्स लि. के परिसर में 0.4 में.टन परिसंकटमय अपशिष्ट संग्रहित है। रतलाम के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के 07 गांवों में भूमिगत जल प्रदूषित होकर ट्यूबवेल से लाल पानी निकल रहा है, जिनकी वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार कुल संख्या 7213 है। नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत वार्ड क्र. 01, 02, 03, 06, 08, 09 व 30 के ट्यूबवेल में लाल रंग का पानी निकलता है वर्तमान में उक्त 7 ग्रामों में वैकल्पिक सुरक्षित पेयजल स्त्रोतों से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। पेयजल के स्थाई समाधान हेतु विभाग द्वारा प्रभावित 7 गांवों तथा आसपास के 7 गांवो को छोड़कर 14 गांवों की एक समूह पेयजल योजना की डी.पी.आर., जिसकी प्रथम चरण की अनुमानित लागत राशि रूपये 3044.00 लाख की बनाई गई है। (घ) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा इसके निपटान व रेमिडियेशन आदि हेतु वर्ष 2013 में कन्सलटेंट नियुक्त कर योजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार करने का कार्य प्रगति पर है तत्पश्चात् ही अपशिष्टों के निपटान एवं भूमिगत् जल स्त्रोतों की स्थिति सुधार पर होने वाला व्यय, राशि की वसूली एवं निपटान अवधि की जानकारी ज्ञात हो सकेगी। (ड.) रतलाम शहर के धोलावाड के पेय जल के ट्यूबवेल के लालपानी, वाहन उत्सर्जन मापन, ध्वनि स्तर मापन व वायु गुणवत्ता की अद्यतन जाँच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। पिछले 03 वर्षों में पूर्व की अपेक्षा ट्यूबवेल के जल की गुणवत्ता में सुधार पाया गया है। वाहन, ध्वनि स्तर मापन व वायु गुणवत्ता निर्धारित मानक स्तरों में वृद्धि परिलक्षित हुई है, जिसका प्रमुख कारण वाहनों की संख्या में वृद्धि होना, नगर में निर्माण कार्य होना, भारी वाहनों के आवागमन एवं सड़कों की स्थिति खराब होना है।
शासकीय भूमि अतिक्रमण पर कार्यवाही
[राजस्व]
176. ( क्र. 5254 ) श्री रमेश पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम टिकुरी तह. मनगवां जिला रीवा के आराजी नं. 832 रकबा 0.328 तथा आराजी नं. 831 रकबा 0.672 म.प्र. शासन के नाम दर्ज हैं? क्या इन भूमियों में से कोई पट्टा शासन द्वारा इंद्रमणि प्रसाद पिता रामनिधी सोंधिया को जारी किया गया है, यदि हाँ, तो इसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ख) यदि नहीं, तो किस आधार पर इंद्र मणि प्रसाद द्वारा उपरोक्त भूमियों में अतिक्रमण कर कब्जा किया गया है? इस संबंध में तहसील मनगवां जिला रीवा में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) क्या कारण है कि म.प्र. शासन की भूमि जिस पर स्कूल, खेल मैदान आदि स्थित हैं पर अतिक्रमणकर्ता को हटाया नहीं जाकर अनुचित संरक्षण दिया जा रहा है? (घ) इन्हें कब तक हटा कर शासकीय भूमि मुक्त करा ली जाएगी? इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) इन्द्र मणि प्रसाद द्वारा उक्त आराजी के अंश भाग पर अतिक्रमण कर कब्जा किया गया था। इन्द्र मणि प्रसाद द्वारा आराजी नं. 831 एवं 832 के खसरा सुधार हेतु आवेदन प्रस्तु्त किया गया था जिसका प्रकरण क्रमांक 102/अ6अ/15..-16 आदेश दिनांक 12/09/2017 को धारा 115-116 की परिधि में न होने से निरस्त कर दिया गया। (ग) उक्त आराजी के संबंध में आवेदक द्वारा अपील न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी मनगवां के न्यायालय में की गई जो प्रचलन में है जिसका प्रकरण क्रमांक 22/अ6अ/ 2017-18 है। (घ) अनुविभागीय अधिकारी मनगवां के न्यायालय में प्रचलित अपील पर आदेश उपरांत विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
विभागीय आदेश के पालन हेतु
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
177. ( क्र. 5257 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के आदेश क्रमांक एफ-1/1/2017/ब्यालीस (1) दिनांक 17/01/2017 द्वारा कुल सचिव राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रतिनियुक्ति समाप्त करते हुए उनके मूल संस्थान में पदस्थ किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि उन्हें 1 वर्ष से भी अधिक समय हो जाने के पश्चात भी कार्यमुक्त क्यों नहीं किया गया है? इसके जिम्मेदार अधिकारी कौन है, उनके नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि आदेश का पालन करवाने में विलंब के लिए उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) कुल सचिव को कब तक विश्वविद्यालय से कार्यमुक्त कर दिया जाएगा? जब ये तत्कालीन प्राचार्य इंजी. महाविद्यालय उज्जैन थे क्या तब इनके कार्यकाल में अपात्र शिक्षकों को नियम विरूद्ध पी.एच.डी. की वेतनवृद्धि प्रदान की गई? इससे कितनी वित्तीय व राजस्व हानि हुई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार इसके लिए इन पर कार्यवाही की जाएगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यमुक्त किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कोई जिम्मेदार नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
एफ.आई.आर. दर्ज करने संबंधी
[गृह]
178. ( क्र. 5258 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण हैं कि स्व. भागीरथ पिता शोभाराम निवासी ग्राम नराक्ला तहसील राजपुर जिला बड़वानी की हत्या की एफ.आई.आर. नहीं की जा रही, जबकि मृतक की पत्नी ने उसे अंतिम बार 100 नंबर वाहन के ड्राइवर दिनेश पिता दगडिया द्वारा जबरिया 100 नंबर वाहन में ले जाते देखा था दिनांक 23-24/05/2017 को घटित इस प्रकरण में कब तक एफ.आई.आर. की जावेगी? (ख) क्या कारण है कि उपरोक्तानुसार दिनांक 23/05/2017 की रात्रि 9 बजे से दिनांक 24/05/2017 तक की दिनेश पिता दगडि़या की 100 नंबर वाहन की जी.पी.एस. लोकेशन नहीं निकाली गई? दिनांक 24/05/2017 की प्रात: 9 बजे तक के संदर्भ में देवें। (ग) प्रश्नकर्ता को (ख) अनुसार जी.पी.एस. लोकेशन की प्रमाणित प्रति देवें? इस अवधि के मोबाईल लोकेशन की जानकारी क्यों नहीं ली गई? (घ) कब तक उक्त प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) स्वर्गीय भागीरथ पिता शोभाराम निवासी ग्राम नरावला तहसील राजपुर जिला बड़वानी की मृत्यु से संबंधित प्रकरण में मर्ग जांच उपरांत अपराध क्रमांक 411/17 धारा 306 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर अनुसंधान किया जा रहा है। (ख) प्रकरण अनुसंधान में होने से जानकारी दिया जाना न्यायसंगत नहीं होगा। (ग) प्रकरण अनुसंधान में होने से जानकारी दिया जाना न्यायसंगत नहीं होगा। (घ) प्रकरण विवेचनाधीन है, साक्ष्य अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
धार, बड़वानी जिलों में गेहूं परिवहन संबंधी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
179. ( क्र. 5268 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार एवं बड़वानी जिले में दिनांक 01/01/16 से 30/06/17 तक कितनी उपार्जन केन्दों से गेहूं का परिवहन किया की जानकारी जिलावार देवें। (ख) उपार्जन केंद्र से गेहूं कहाँ पहुंचाया गया? प्रत्येक उपार्जन केंद्र का नाम, ग्राम स्थल, नाम, फर्मनाम जिलेवार देवें। (ग) परिवहन समय पर न करने के कितने प्रकरण सामने आए? इनमें कितने पेनाल्टी निर्धारित की गई? कितनी वसूल की गई? की जानकारी प्रकरणवार फर्मनाम सहित देवें। (घ) समय पर परिवहन न करने पर शासन को उपार्जन समितियों को कितना किराया व ब्याज अधिक देना पड़ा? जिलावार, समिति नाम, स्थान सहित वर्षवार देवें। इस नुकसान की निगरानी के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) धार एवं बड़वानी जिले में दिनांक 01/01/16 से 30/06/17 तक गेहूं के उपार्जन हेतु निर्धारित केन्द्रों एवं गेहूं परिवहन की गई मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) धार एवं बड़वानी जिले में उपार्जन केंद्रों से गोदाम तक पहुंचाए गए गेहूं की उपार्जन केंद्रवार, गोदाम/ग्रामवार एवं फर्मवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) धार एवं बड़वानी जिले में गेहूं का परिवहन समय-सीमा में किया गया है। अत: जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहर के मुआवजे संबंधी
[राजस्व]
180. ( क्र. 5274 ) श्री कमलेश शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की तह. हुजूर पटवारी हल्का सगरा 579 में नहर निर्माण हेतु कितने किसानों की जमीन का भू-अर्जन किया गया है? नाम, रकबा, खसरा नं., मुआवजा राशि की जानकारी देवें। (ख) प्रमुख सचिव राजस्व के पत्र क्र./797/PSR/PA/17 दिनांक 06.04.2017 पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। इसके तहत समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा जिले की तहसील हुजुर पटवारी हल्का सगरा 579 में नहर निर्माण हेतु 120 खातेदारों की भूमि का अर्जन किया गया है। नाम, खसरा का विवरण हेतु अवार्ड की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं।
चोरी की घटना पर कार्यवाही संबंधी
[गृह]
181. ( क्र. 5275 ) श्री कमलेश शाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय पुलिस अधीक्षक बड़वानी को F.I.R. क्रमांक 99/2015 व 100/2015 थाना खेतिया जिला बड़वानी के संबंध में आवेदक द्वारा दिनांक 14.12.17 को दिए आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या कारण है कि दो वर्ष से अधिक समय होने के उपरांत भी संबंधित घटना के आरोपी अभी तक नहीं पकड़े जा सके हैं? क्या इस प्रकरण में मोबाईल ट्रेकिंग व अन्य सुविधाओं का उपयोग किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कब तक इस प्रकरण के आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) आवेदक द्वारा दिये गये आवेदन पत्र दिनांक 14.12.2017 की जांच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस विभाग राजपुर द्वारा की जा रही है। (ख) अपराध क्रमांक 99/2015 एवं 100/2015 थाना खेतिया जिला बड़वानी की विवेचना में अज्ञात आरोपियों का पता नहीं चलने पर उक्त दोनों प्रकरणों में खात्मा तैयार किया गया हैं। विवेचना से संबंधित जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं। (ग) समय-सीमा बताना सम्भव नहीं।
गेहूँ उपार्जन परिवहन संबंधी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
182. ( क्र. 5278 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में इस वर्ष कितने गेहूँ उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) प्र.क्र.2982 दि: 26-07-17 में वर्णित गेहूँ का परिवहन किन-किनके द्वारा किया गया? फर्म का नाम, दर, भुगतान राशि, की जानकारी देवें। (ग) यह भी बतावें कि उपार्जन केंद्र से उपरोक्तानुसार परिवहन कर गेहूँ कहाँ पहुँचाया गया? उपार्जन केंद्र नाम गंतव्य स्थल नाम, दिनांक सहित देवें। (घ) गेहूँ का परिवहन समय पर न करने के कितने प्रकरण सामने आए। इनमें कितनी पेनल्टी कितने प्रकरणों में लगाई गई? प्रकरणवार नाम, राशि सहित देवें। जिन पर पेनल्टी नहीं लगाई क्यों? समय पर परिवहन न करने पर शासन को उपार्जन समितियों को कितना किराया व ब्याज अधिक देना पड़ा? उपार्जन समितिवार नाम, राशि सहित देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रबी विपणन मौसम 2018-19 में उज्जैन जिले में गेहूं उपार्जन हेतु कुल 73 उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं। तहसील उज्जैन में 14, घटिया-7, खाचरोद-5, नागदा-7, महिदपुर-11, बड़नगर-17 एवं तराना-12 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। (ख) रबी विपणन मौसम 2017-18 में उज्जैन जिले में उपार्जित गेहूं के परिवहन करने वाले परिवहनकर्ताओं का नाम, परिवहन दर एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं को परिवहन कर जिले के उज्जैन, घटिया, महिदपुर, खाचरोद, बड़नगर, तराना, नागदा केन्द्रों के विभिन्न गोदामों पर दिनांक 15 मार्च से 25 मई, 2017 तक पहुंचाया गया। उपार्जन केन्द्रों पर गोदामों पर एवं स्टील सायलो पर संलग्न उपार्जन समितियों द्वारा उपार्जित किए गए गेहूं का परिवहन नहीं किया गया है। शेष समितियों द्वारा उपार्जित गेहूं के परिवहन एवं भंडारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गेहूँ उपार्जन 10 मार्च से करने बाबत्
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
183. ( क्र. 5279 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि प्रदेश में गेहूँ उपार्जन का कार्य 15-20 मार्च से तय किया गया है? (ख) प्रदेश में मालवांचल में दिनांक 1 मार्च से गेहूँ मंडियों में आना प्रारंभ हो जाता है तो फिर उपार्जन तिथि इतने विलंब से क्यों है? (ग) इसे 10 मार्च कब तक कर दिया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) इन्दौर, उज्जैन संभाग के जिलों में 15 मार्च से, भोपाल एवं नर्मदापुरम के जिलों में 20 मार्च से एवं चम्बल, ग्वालियर, रीवा, शहडोल, जबलपुर एवं सागर के जिलों में दिनांक 26 मार्च, 2018 से उपार्जन प्रारम्भ करने समय-सीमा निर्धारित है। (ख) समर्थन मूल्य पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू गुणवत्ता का गेहूं उपार्जित किया जाता है। मालवा क्षेत्र की मंडियों में गेहूं फसल की आवक बहुत कम है एवं जिसमें गेहूं उपज में नमी की प्रतिशत भी अधिक है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी मालवा क्षेत्र में 15 मार्च से गेहूं उपार्जन की समय-सीमा निर्धारित की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पॉलीटेक्निक कॉलेज राघौगढ़ की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
184. ( क्र. 5282 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले की राघौगढ़ तहसील में स्थित शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज में कुल कितने छात्र किस-किस ट्रेड में अध्ययनरत हैं? विगत 5 वर्षों की जानकारी दी जाये। इस कॉलेज में कुल कितने पद किस-किस संवर्ग के स्वीकृत हैं और कितने पद कब से रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जायेगी? (ख) इस कॉलेज को विगत 5 वर्षों में कब-कब, किस-किस योजना और कार्यक्रम के लिये शासन से कितनी राशि प्राप्त हुई और उसमें से कितनी राशि किस प्रयोजन के लिये व्यय की गई है तथा जनभागीदारी मद में कितनी राशि प्राप्त हुई है और उसका क्या उपयोग किया गया है? (ग) वर्ष 2013-14 से अब तक इस संस्थान में अध्ययनरत छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये क्या कोई प्रयास किये गये थे? यदि हाँ, तो कितने छात्रों को रोजगार मिला है? (घ) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने छात्र बिना कोर्स पूरा किये किन कारणों से संस्थान छोड़कर चले गये वर्षवार नाम एवं संख्या बतायें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
थाना कोतवाली जिला भोपाल में लंबित प्रकरण में कार्यवाही
[गृह]
185. ( क्र. 5289 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना कोतवाली, जिला भोपाल अंतर्गत अपराध क्रमांक 238/15 में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420/467/468/471 की विवेचना में विसंगतियां पाई गईं थीं? (ख) क्या थाना कोतवाली द्वारा न्यायालय से अग्रिम विवेचना हेतु अनुमति चाही गई है? यदि हाँ, तो कब? (ग) क्या थाना कोतवाली द्वारा जाँच में आए तथ्यों से न्यायालय को अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) एक वर्ष से अधिक समय तक लंबित जाँच रिपोर्ट पर थाना कोतवाली द्वारा कार्यवाही न किए जाने हेतु कौन अधिकारी दोषी है एवं उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 04.01.2018 को। (ग) जी हाँ। (घ) विवेचना में त्रुटियां पाए जाने पर दो निरीक्षक एवं एक उपनिरीक्षक को अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।
मछली पालन नीति के तहत नियम विरूद्ध पट्टा आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
186. ( क्र. 5291 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मछली पालन नीति वर्ष 2008 के तहत मछली पालन सहकारी समिति का पंजीयन मछली विभाग के जिला अधिकारी की अनुशंसा के आधार पर किया जाना आवश्यक है। (ख) क्या उक्त नीति के तहत सहकारी समिति का उद्देश्य मछली पालन होना आवश्यक है एवं बहुउद्देशीय समिति को पट्टे की प्रात्रता होने संबंधी नीति में कोई प्रावधान नहीं है? (ग) क्या विभाग के जिला अधिकारियों की सांठगांठ से भोपाल स्थित जवाहर बाल उद्यान पाँच नम्बर स्टॉप के तालाब का पट्टा एक फर्जी बहुउद्देशीय संस्था को प्रदान किए जाने संबंधी अनुशंसा नगर निगम भोपाल को प्रेषित की गई है? (घ) क्या शासन उक्त नीति विरूद्ध दिए गए पट्टे को निरस्त कर नियम विरूद्ध कार्यवाही की जाँच कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। बहुउद्देशीय समिति को पट्टे की पात्रता होने संबंधी नीति में कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऊपार्जित खाद्यान हेतु मैपिंग कार्य
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
187. ( क्र. 5292 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत ऊपार्जित गेहूँ एवं धान के भण्डारण हेतु शासकीय गोदामों/संयुक्त भागादारी के अंतर्गत अनुबंधित गोदामों एवं किराये पर अनुबंधित गोदामों में मैपिंग किस स्तर पर की जाती है? (ख) वर्ष 2016-17 में मैपिंग हेतु किस स्तर से आदेश जारी किए गए थे एवं क्या समस्त जिलों में उक्त आदेश के अनुसार मैपिंग की गई थी? (ग) वर्ष 2017-18 हेतु किस स्तर से मैपिंग हेतु आदेश जारी किए गए हैं एवं क्या समस्त जिलों में उक्त आदेश के अनुसार मैपिंग की कार्यवाही की जा रही है? (घ) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में मैपिंग में क्या-क्या परिवर्तन किस-किस स्तर से किए गए हैं? (ड.) क्या उक्त सारी कार्यवाही नियमानुसार, सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों, इस हेतु कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं एवं धान के भण्डारण हेतु शासकीय गोदामों/संयुक्त भागीदारी के अंतर्गत अनुबंधित गोदामों एवं किराये पर अनुबंधित गोदामों में मैपिंग जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाती है। (ख) वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न भंडारण हेतु गोदामों की मैपिंग संबंधी निर्देश राज्य की उपार्जन नीति 2017 की कंडिका-19.1 में दिए गए हैं, जिसका पालन समस्त एजेंसी एवं जिलों को करना होता है। उक्त के उल्लंघन पर जिला स्तर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निराकरण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है। (ग) वर्ष 2017-18 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न भंडारण हेतु गोदामों की मैपिंग संबंधी निर्देश विभाग द्वारा जारी किये गये हैं। शासन के निर्देशों का पालन जिलों के लिये बाध्यकारी है। (घ) वर्ष 2016-17 एवं 2017-2018 में मैपिंग के संबंध में जारी निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ। समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के भण्डारण हेतु गोदामों की मैपिंग संबंधी निर्देश सक्षम स्तर से स्वीकृति उपरांत जारी किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उप पुलिस अधीक्षक एवं अन्य स्टॉफ आरक्षित वर्ग के रखा जाना
[गृह]
188. ( क्र. 5666 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के अन्दर अनुसूचित जाति कल्याण थाने संचालित हैं? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में संचालित हैं? (ख) क्या इन थानों में उपपुलिस अधीक्षक एवं स्टॉफ सामान्य वर्ग के पदस्थ होने से आरक्षित वर्ग के पीड़ित परिवारों को सही न्याय नहीं मिल पाता है एवं थाना प्रभारी द्वारा सामान्य वर्ग के आरोपियों का बचाव कर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की जाति है? (ग) क्या आरक्षित वर्ग के पीड़ित पारिवारों को उचित न्याय दिलाने हेतु प्रदेश के संचालित सभी अनुसूचित जाति थानों में थाना प्रभारी एवं स्टॉफ आरक्षित वर्ग के पदस्थ करने के निर्देश जारी किये जायेंगे, जिससे पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके? (घ) क्या प्रदेश के अन्य सामान्य थानों में आरक्षित वर्ग की फ़रियाद पर विवेचना अधिकारी अनुसूचित जाति वर्ग के नियुक्त करने के निर्देश हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा अनिवार्य रूप से आरक्षित वर्ग के अधिकारी नियुक्त करने के आदेश जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण सहित बताएं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। समस्त 51 जिलों में। (ख) अजाक थानों में सभी वर्ग के पुलिस अधिकारी/कर्मचारी तैनात किये जाते है। थानों में पदस्थ पुलिस स्टॉफ नियमानुसार एफ.आई.आर. दर्ज कर पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने तथा दोषी आरोपियों को न्यायालय से दण्डित कराने का प्रयास करते है। (ग) आरक्षित वर्ग के आधार पर थानों में स्टॉफ पदस्थ किये जाने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।