मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
बुधवार, दिनांक 22 फरवरी 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
दोषी
कर्मचारी के
विरूद्ध
कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( *क्र. 789 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी के आदेश क्रमांक/मंडी/स्था./ 09-10/4850 दिनांक 28.10.2009 से किस कर्मचारी की वेतन वृद्धि बंद की गई थी? उक्त वेतन वृद्धि को बंद करने को लेकर संबंधित कर्मचारी द्वारा न्यायालय अपर संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल में अपील की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अपील प्रकरण क्रमांक 6/3/अ/1/59-2010 में पारित निर्णय 27 अक्टूबर 2010 के बिन्दु क्रमांक 6 आवेदक को किस आरोप में दोषी मानते हुये दंडित किया गया है? इसका उल्लेख विवादित आदेश में नहीं किया गया है, क्या इसलिए मंडी समिति का प्रश्नाधीन आदेश निरस्त किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो पारित निर्णय दिनांक 27.10.2010 में उल्लेखित बिन्दु क्रमांक 6 की कमियों को दूर कर पुन: कारणदर्शी सूचना पत्र जारी कर विभागीय जांच में दोषी पाए गए कर्मचारी को अभी तक दंडित क्यों नहीं किया गया? कब तक दंडित किया जावेगा और अभी तक दंडित नहीं करने के लिए स्थापना लिपिक एवं अन्य दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या 47 दाल मिलों को 4 करोड़ के लगभग छूट देने के प्रकरण में उक्त कर्मचारी पुन: दोषी पाया गया है जिसके लिए मंडी समिति द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया था कि उक्त कर्मचारी यदि इसी तरह की गतिविधियों में पुन: लिप्त पाया जायेगा तो उसकी सेवा समाप्त कर दी जावेगी? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव के परिप्रेक्ष्य में सेवा समाप्त करने की क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मण्डी समिति कटनी के आदेश क्रमांक/मण्डी/स्था/09-10/4850 दिनांक 28.10.2009 से श्री मुकेश राय, सहायक ग्रेड-3 की वेतनवृद्धियां बंद की गईं हैं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) मण्डी समिति कटनी की बैठक दिनांक 28.02.2011 के प्रस्ताव क्रमांक-12/7 में उक्त अपील प्रकरण क्रमांक-6/3/अ/1/59-2010 में पारित निर्णय दिनांक 27 अक्टूबर 2010 को सर्वसम्मति से मान्य करते हुये पुष्टि की गयी थी। मण्डी समिति के उक्त प्रस्ताव में निर्णय दिनांक 27 अक्टूबर, 2010 के बिन्दु क्रमांक-06 की कमियों को दूर कर पुन: कारणदर्शी सूचना-पत्र जारी कर विभागीय जाँच के संबंध में कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया। उक्त अवधि में बिन्दु क्रमांक-06 की कमियों को दूर कर पुन: कारणदर्शी सूचना-पत्र जारी कर आगामी कार्यवाही नहीं की गई। इस संबंध में मण्डी समिति सचिव कटनी को दोषिता का निर्धारण करने एवं श्री मुकेश कुमार राय पर वांछित उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) मण्डी समिति कटनी की 47 दाल मिलों द्वारा राज्य के बाहर आयातित दलहन पर देय मण्डी शुल्क की छूट के संबंध में श्री मुकेश कुमार राय, सहायक ग्रेड-3 को पत्र दिनांक 07.12.2016 से कारणदर्शी सूचना-पत्र जारी किया गया था। प्राप्त उत्तर मण्डी समिति कटनी की बैठक दिनांक 20.01.2017 के प्रस्ताव क्रमांक-07 में विचारार्थ रखा गया, जिस पर निर्णय लिया गया कि उक्त प्रकरण के संबंध में विभागीय जाँच कराई जावे। विभागीय जाँच उपरान्त गुण-दोष के आधार पर मण्डी समिति द्वारा निर्णय पारित कर आगामी कार्यवाही की जावेगी।
सिंचाई तालाबों की क्षमता
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 1185 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इछावर विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने सिंचाई तालाब हैं और उनकी जल भराव क्षमता कितनी है, ब्यौरा दें। यदि बैराज भी बनाए गए हैं, तो ब्यौरा दें। (ख) कितने सिंचाई तालाब जल संसाधन विभाग के आधिपत्य में हैं और कितने तालाब ग्राम पंचायतों के आधिपत्य में हैं? तालाबवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार तालाबों से कितने हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा रही है? तालाबवार ब्यौरा दें। (घ) प्रश्न दिनांक से 2 वर्षों के दौरान तालाबों और बैराजों के रख-रखाव और मरम्मत कार्य में किए गए खर्च का तालाबवार, मदवार खर्च का ब्यौरा दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) इछावर विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के कुल 33 तालाब एवं 38 बैराज स्थित हैं। पंचायत से संबंधित तालाबों की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। इनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तालाबों से 8,429 हे. भूमि में सिंचाई की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कृषक सेवा सह. संस्था मर्या. बैजनाथ महिदपुर पर कार्यवाही
[सहकारिता]
3. ( *क्र. 1172 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 127 (क्र. 1170) दि. 05.12.16 के (क) उत्तर अनुसार दोषी कर्मचारी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करा दी गई या नहीं? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. की छायाप्रति देवें। (ख) यदि नहीं, तो कब तक एफ.आई.आर. करा दी जावेगी? (ग) इसी प्रश्न के (ख) उत्तर अनुसार निर्देशों का पालन नहीं करने पर संचालक मंडल के विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर संचालक मंडल बर्खास्त कर दिया जाएगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) और (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देहरदा-ईसागढ़ मार्ग में गड्ढों का डामरीकरण
[लोक निर्माण]
4. ( *क्र. 486 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के अंतर्गत देहरदा-ईसागढ़ मार्ग का निर्माण किया गया है और निर्माण एवं डामरीकरण के कारण उसमें जनवरी-2017 की स्थिति में बहुत बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं? यदि हाँ, तो इन गड्ढों को पुन: डामरीकरण कराकर कब तक सही कराया जावेगा? (ख) क्या देहरदा-ईसागढ़ मार्ग के स्वीकृत अपूर्ण कार्य देहरदा, पचावली, खतौरा एवं पीरोंठ कस्बों में नालियों का निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया गया है? यदि नहीं, तो उक्त कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? निश्चित समयावधि बताएं? (ग) क्या देहरदा-ईसागढ़ मार्ग का प्रोविजनल पूर्णता प्रमाण-पत्र दिनांक 28.07.2016 को जारी किया गया है? यदि हाँ, तो देहरदा, पचावली, खतौरा एवं पीरोंठ कस्बों में स्वीकृत नालियों का निर्माण कार्य किए बगैर यह पूर्णता प्रमाण-पत्र कैसे जारी किया गया? (घ) क्या पचावली, खतौरा एवं पीरोंठ कस्बों में मार्ग की ऊंचाई अधिक हो जाने एवं दोनों ओर नाली-निर्माण न होने के कारण वर्षा ऋतु में बाढ़ आ गई थी? यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2017 में वर्षा ऋतु से पूर्व उक्त नाली-निर्माण करा दिया जावेगा, जिससे पुन: बाढ़ जैसी त्रासदी से उक्त कस्बों के निवासियों को न जूझना पड़े?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। अपितु मार्ग कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। अनुबंधानुसार कंसेशन अवधि में मार्ग के रख रखाव एवं मरम्मत का दायित्व कंसेशनायर का है। अत: मार्ग के क्षतिग्रस्त भागों की मरम्मत हेतु कंसेशनायर को निर्देशित किया गया है एवं शीघ्र ही मरम्मत कार्य पूर्ण करा दिया जायेगा। (ख) जी नहीं। कंसेशनायर को शीघ्र नाली निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार ही पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इलेक्ट्रिक पोल की शिफ्टिंग
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 196 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा मोहनपुर, बेहट, व्हाया मौ गांव के रोड निर्माण हेतु प्राक्कलन के साथ इलेक्ट्रिक पोल शिफ्टिंग की भी स्वीकृति थी? (ख) क्या पोल शिफ्टिंग का कार्य प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो कब, नहीं तो कब तक प्रारंभ किया जायेगा? समय-सीमा बतायें। (ग) पोल शिफ्टिंग का कार्य रोड निर्माण के पहले किया जाता है अथवा बाद में किया जाता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्य शीघ्र प्रारंभ कर दिया जायेगा। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मार्ग निर्माण के पूर्व, किन्तु इसे मार्ग निर्माण के प्रारंभिक चरण में एवं मार्ग निर्माण के साथ-साथ भी कराया जाता है।
कृषि मंडियों में मृदा परीक्षण प्रयोग शालाओं का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( *क्र. 960 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की कृषि मण्डी अम्बाह, पोरसा, सबलगढ़, पहाड़गढ़, जौरा, कैलारस में मृदा परीक्षण प्रयोग शालाओं के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? मण्डीवार जानकारी दी जावे। (ख) उक्त निर्माण कार्य किस एजेन्सी से कराये जा रहे हैं? निविदायें कब जारी हुईं, कार्य आदेश कब प्राप्त हुये, जनवरी 2017 तक निर्माण की क्या स्थिति है? निर्माण पूर्ण करने की अवधि क्या है? वर्ष, दिनांक सहित जानकारी दी जावे। (ग) उक्त प्रयोगशालाओं में मिट्टी परीक्षण हेतु टेक्निकल व्यक्तियों की नियुक्ति होगी या संभाग, जिला मुख्यालय पर कृषि वैज्ञानिक परीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेंगे? प्रक्रिया की जानकारी दी जावे। (घ) वर्तमान में मुरैना जिले में कितने मिट्टी के नमूने परीक्षण हेतु प्राप्त हुये हैं? तहसीलवार उनकी संख्या बताई जावे एवं परीक्षण कब तक किया जा सकेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विकासखण्ड अम्बाह, पोरसा, सबलगढ़, पहाडगढ़, जौरा, कैलारस में प्रयोगशाला निर्माण हेतु स्वीकृत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) प्रयोगशालाओं का निर्माण कार्य म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा कराया जा रहा है। प्रश्नांश (ख) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) उक्त प्रयोगशालाओं में मिट्टी परीक्षण हेतु टेक्नीकल व्यक्तियों की नियुक्ति की जाना प्रस्तावित है। विकासखण्ड स्तर पर स्थापित होने वाली मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में पदस्थ तकनीकी अमले द्वारा नमूना परीक्षण किये जा कर कृषकों को रिपोर्ट उपलब्ध करायी जायेगी। (घ) मुरैना जिलें में 50339 मिट्टी के नमूने परीक्षण हेतु प्राप्त हुए हैं, तहसीलवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। प्राप्त नमूनों का 31 मार्च 2017 तक परीक्षण किया जाना लक्षित है।
नागदा गुजरी सीमेंटेड रोड निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 165 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 32 (क्रमांक 283) एवं अता.प्रश्न संख्या 33 (क्रमांक 284) दिनांक 05 दिसंबर 16 के माध्यम से प्रश्नकर्ता द्वारा मुद्दा उठाकर, 250 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले नागदा से गुजरी तक सीमेंटेड रोड की गुणवत्ता ठीक नहीं होने व कांक्रीट की ऊंचाई 300 एम.एम. होने बाबत् निर्धारित मापदण्डों के बावजूद निर्माण एजेंसी द्वारा धार से लून्हैरा तक बनाई गई सीमेंटेड रोड में कांक्रीट की ऊंचाई 20 एम.एम से लेकर 40 एम.एम. तक कम रखी जाना बताया गया था? लेकिन विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रतिउत्तर में कार्य की गुणवत्ता उपयुक्त बताई जाकर कार्य निर्धारित स्पेसिफिकेशन के अनुरूप होना बताया गया है? क्या उपरोक्त कार्य की तकनीकी विशेषज्ञों से प्रश्नकर्ता के समक्ष जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा निर्धारित करें? (ख) नागदा से गुजरी तक बनने वाले सीमेंटेड रोड का म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा नियुक्त अथॉरिटी इंजीनियर, अति. प्रबंधक, सहा. महा प्रबंधक एवं मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करना बताया गया है? उनके द्वारा प्रस्तुत प्रत्येक निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रतियां उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। आवश्यकता नहीं है। प्रश्न नहीं उठता है। (ख) जी हाँ निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
चौरा घाट का निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 509 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 82 (क्रमांक 1329) दिनांक 23 जुलाई 2015 में बताया गया कि हनुमना सोनौरी मार्ग में स्थित चौराघाट निर्माण में वनीकरण की राशि जमा कर कार्य प्रारंभ कराने एवं एस.ओ.आर. दर में परिवर्तन पर पुन: प्राक्कलन दिनांक 23.03.2015 को प्रेषित किया गया। स्वीकृति व कार्य प्रारंभ कराने हेतु निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नकर्ता के द्वारा विधान सभा में दिनांक 08.12.2016 को भाषण में भी चौराघाट के लिये बजट प्रदान करने का आग्रह किया था? प्रश्नकर्ता के पत्र पर एम.पी.आर.डी.सी. रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 1498 रीवा दिनांक 26.05.2015 को लेख किया है कि चौराघाट निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार कराया जा रहा है। मार्ग की महत्ता को देखते हुए शासन की किसी योजना में शामिल किया जा सकता है एवं प्रश्नकर्ता की ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक-585 दिनांक 14.03.2016 तथा ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक-163, दिनांक 18.07.2016 को विभागीय टीप में चौराघाट मार्ग ए.डी.बी. पंचम ऋण परियोजना में सम्मिलित कर निर्माण कार्य अक्टूबर 2016 में प्रारंभ कर दो वर्ष में पूर्ण किये जाने का उल्लेख किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो कार्य क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक क्या प्रगति है? सभी की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। इसे कब तक स्वीकृत कर बजट आवंटन किया जाकर कार्य प्रारंभ कराया जावेगा? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, किया जावेगा तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) हनुमना-चाकघाट मार्ग ए.डी.बी. की पाँचवी वित्त पोषित परियोजना अंतर्गत प्रस्तावित किया गया था लेकिन मार्ग के एकरेखण लगभग 6 कि.मी. लंबाई में आरक्षित वन भूमि में वन भूमि के अधिग्रहण की आवश्यकता होने के कारण ए.डी.बी. वित्तीय पोषित परियोजना में तत्समय सम्मिलित नहीं किया जा सका। (ग) वन विभाग से आवश्यक अनुमति का अभाव वन क्षेत्र में आवश्यक भूमि की अनुपलब्धता के कारण। (घ) ए.डी.बी. वित्त पोषित परियोजना में पर्यावरण संबंधी स्वीकृति को दृष्टिगत रखते हुये उक्त मार्ग में चाकघाट से सोनोरी तथा लटेहरा से हनुमना तक के भाग को ए.डी.बी. की पाँचवी वित्त पोषित परियोजना में समाहित करने हेतु पुन: प्रस्तावित किया जा चुका है। ए.डी.बी. से स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत ही निर्माण संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
नवीन न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
9. ( *क्र. 234 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की कार्ययोजना में कितने नवीन न्यायालय खोले जाने का प्रावधान किया है? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) उक्त कार्ययोजना में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत त्यौंदा एवं ग्यारसपुर तहसील मुख्यालय पर नवीन न्यायालय खोलने का प्रावधान किया है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो कब तक न्यायालय खोलने की घोषणा की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसल बीमा/मुआवजा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( *क्र. 1007 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वर्ष 2015 खरीफ फसल सोयाबीन की बीमा राशि का कुल कितने किसानों को कितनी राशि का बीमा भुगतान किया गया है? विकासखण्डवार बतायें। (ख) प्रश्नांकित जिले में कितने बीमित किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया जाना शेष है व उसका क्या कारण है? कब तक शेष रहे किसानों को बीमा राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? (ग) हरदा जिले में बहुत से किसानों को बहुत ही कम बीमा राशि का भुगतान प्राप्त हुआ है, जिसकी शिकायत किसानों द्वारा शासन को की गई है तो क्या उसकी जांच करायी जाकर पुनर्भुगतान की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांकित जिले में राजस्व विभाग के सर्वे में आनावारीवार क्षति के आंकलन का क्या आधार है तथा किस अनुपात में बीमा राशि का भुगतान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) हरदा जिले की खरीफ वर्ष 2015 के विकास खण्डवार बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ वर्ष 2015 मौसम के अंतर्गत विभिन्न बैंकों द्वारा हरदा जिले में कुछ घोषणा पत्रों में बीमांकन में त्रुटियां की थीं, जिनके संशोधन उपरांत सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त कर राज्य शासन की राशि बीमा कंपनी को जारी कर दी गई है तथा केन्द्र शासन की राशि प्राप्त होने पर संबंधित कुल 7605 कृषकों को कुल क्षतिपूर्ति राशि रू. 165610892 का भुगतान किया जावेगा। (ग) कृषकों को फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर योजना के प्रावधानों के अनुसार गणना कर दावा राशि का भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राजस्व विभाग के सर्वे में आनावारीवार क्षति के आंकलन का फसल बीमा से संबंध नहीं है। योजना अनुसार दावा राशि की गणना प्रश्नांश (ग) अनुसार की जाती है।
पी.आई.यू. द्वारा निर्मित भवनों की गारंटी
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 133 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के पी.आई.यू. द्वारा बनाये गये भवनों के लिये गारंटी समय-सीमा तय है? यदि हाँ, तो क्या है? (ख) विधान सभा क्षेत्र पथरिया में पी.आई.यू. द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने भवनों का निर्माण कराया जा चुका है या प्रगतिरत हैं। भवन का नाम, स्थान, निर्माण वर्ष सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) ऐसे कितने भवन हैं, जिनकी स्थिति गारंटी समय-सीमा में ही दयनीय हो गई। ऐसे भवनों के बारे में विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं व शिकायत के पश्चात् कहाँ-कहाँ क्या-क्या कार्य कराया गया? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र पथरिया के केवलारी हा.स्कूल व वकायन हाईस्कूल की शिकायत के पश्चात कोई सुधार कार्य नहीं कराया गया? यदि ऐसा है तो इस संबंध में दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के पी.आई.यू. द्वारा बनाये गये भवनों के लिये गारंटी समय-सीमा इस प्रकार है। (1) 01.01.2014 से 02 वर्ष की गारंटी समय-सीमा थी। (2) म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. 1595/2464/2015/19/यो दिनांक 20.03.2015 द्वारा 03 वर्ष की गई। (3) म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. एफ-53/2/2011/19/यो/2959 दिनांक 28.05.2015 द्वारा 05 वर्ष की गई। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संलग्न परिशिष्ट अनुसार पी.आई.यू. संभाग दमोह द्वारा निर्मित भवनों में से कोई भी भवन गारंटी अवधि में दयनीय स्थिति में नहीं है। गारंटी अवधि वाले भवनों की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जी नहीं सुधार कार्य कराया गया है कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयातित धान पर मण्डी शुल्क की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( *क्र. 790 ) श्री रमेश पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की सतना, रीवा बालाघाट सिवनी, कटनी मण्डी के व्यापारियों, राईस मिलरों द्वारा 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अन्तर्राज्जीय नाका चाकघाट एवं हनुमना में दर्ज प्रदेश के बाहर से आयातित धान आवक पंजीयन अनुसार किन-किन फर्मों द्वारा कितनी मात्रा में क्रय की है? फर्मवार मण्डीवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज विवरण अनुसार क्या इन मण्डियों में प्रदेश के बाहर से आयातित धान पर मण्डी शुल्क जमा किया गया है? यदि नहीं, किया गया तो क्या प्रश्नांकित मण्डियों ने उक्त फर्मों से पाँच गुना मण्डी शुल्क वसूल करते हुये विवरण छुपाने के आरोप में जांच कराकर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) प्रश्नांकित अवधि में अन्तर्राज्यीय नाकों से विवरण प्राप्त कर संबंधित मंडियों को सूचना भेजकर मण्डी शुल्क जमा किये जाने हेतु कार्यवाही की गई या नहीं और ऐसा न करने के लिये कौन उत्तरदायी है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में मण्डी शुल्क की चोरी की शिकायत क्या श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) कटनी द्वारा प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड भोपाल को दिनांक 26.06.2016, 23.07.2016 को एवं दिनांक 02.08.2016 को संयुक्त संचालक, मण्डी बोर्ड रीवा को की गई थी। यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? उसमें कितना मण्डी शुल्क 5 गुना मय ब्याज के वसूल किया गया? फर्मवार, मण्डीवार विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) जांच आदेशित की गई है। जांच में पाई गई स्थिति अनुसार गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्थिति अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। विषय संदर्भ में वर्ष 2016 में शिकायती पत्र के आधार पर जांच आदेशित की गई है। उक्त जांच में प्रश्नांश (ख) के अनुसार जांच में उक्त बिंदुओं को भी जोड़ा गया है।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
13. ( *क्र. 436 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च, 2012 से अगले 5 वर्षों में विभाग द्वारा किन-किन जिलों में कितनी-कितनी सिंचाई योजनाओं (100 करोड़ से अधिक धनराशि की योजनाएं) की स्वीकृति प्रदान की गई है? जिले के नाम एवं योजना का नाम सहित बताया जाये। (ख) उक्त स्वीकृत योजनाओं में से अभी तक किन-किन योजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? जिले का नाम एवं योजना का नाम सहित बताया जाये। (ग) उक्त योजनाएं कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मार्च 2012 से अगले 05 वर्षों में विभाग द्वारा 100 करोड़ से अधिक धनराशि की 32 योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
मूण्डला बांध परियोजना के निर्माण की स्थिति
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 1198 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में जल संसाधन विभाग द्वारा मूण्डला बांध परियोजना कब स्वीकृत की गई थी और क्या वह पूर्ण हो गई? एजेंसी का नाम बतावें? उसकी लागत कितनी थी? कार्य कब पूर्ण किया गया तथा मूल्यांकनकर्ता अधिकारी का नाम बतावें? (ख) क्या उक्त बांध से आस पास के ग्रामों में सिंचाई हेतु नहरें भी निकाली गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो राजगढ़ विधानसभा के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी लंबाई, चौड़ाई एवं गहराई की कच्ची एवं पक्की नहरों का निर्माण किया गया है? एजेंसी का नाम, लागत एवं कब पूर्ण किया गया? बतावें। किसके द्वारा मूल्यांकन किया गया है? (घ) यदि पूर्ण नहीं किया गया है तो क्यों नहीं? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं, उनका नाम बतावें तथा उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) मूंडला बाँध परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति शासन के आदेश दिनांक 31.03.2012 द्वारा रू. 57.50 करोड़ की एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 18.08.2015 को रू. 9759.97 लाख की प्रदान की गई। बाँध का निर्माण कार्य मार्च 2016 में पूर्ण किया गया। बाँध कार्य की एजेंसी मेसर्स फेरो कांक्रीट कन्स्ट्रक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर है। बाँध की लागत रू. 3459.95 लाख है। मूल्यांकनकर्ता अधिकारी पूर्व में श्री अनिल सिंह एवं वर्तमान में श्री ओ.पी. गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, राजगढ़ हैं। जी हाँ। (ग) मूंडला परियोजना से दो मुख्य नहर प्रस्तावित हैं। दाँयी तट नहर की लम्बाई 11 कि.मी. निर्धारित होकर रूपांकन अनुसार पक्की नहर का निर्माण किया जा रहा है जिससे ग्राम नरसिंहपुरा, खाजला, बड़दला, घोघड़ियाकला, घोघड़ियाखुर्द, हिरनखेड़ा, टांडीकला तथा सेमलीजागीर की भूमि सिचिंत होगी तथा बाँयी मुख्य नहर की लम्बाई 12 कि.मी. निर्धारित होकर रूपांकन अनुसार पक्की नहर का निर्माण किया जा रहा है इससे ग्राम मूंडला, हिरनखेड़ी, पीपलबे, भवानीपुरा, रामपुरिया, ऊँचाखेड़ा, उदपुरिया तथा पड़ियाजागिर की भूमि सिंचित होगी। नहर निर्माण ऐजेंसी मेसर्स ए.के. शिवहरे इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लिमि., ब्यावरा है। कार्य की अनुबंधित राशि रू. 1264.69 लाख होकर नहर कार्य मई 2017 में पूर्ण किया जाना लक्षित है। मूल्यांकनकर्ता अधिकारी पूर्व में श्री अनिल सिंह एवं वर्तमान में श्री ओ.पी. गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, राजगढ़ हैं। (घ) नहर कार्य प्रगति पर है। नहर मार्ग में भारत ओमान क्रूड ऑइल पाइप लाईन तथा गेल इंडिया गैस पाइप लाईन की क्रासिंग की अनापत्ति विलंब से प्राप्त होने एवं तीन पहाड़ियों में हार्ड स्ट्रेटा मिलने के कारण विलंब हुआ है। इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
रीवा से डभौरा मुख्य मार्ग का मरम्मतीकरण
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 656 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा से डभौरा मुख्य मार्ग क्या अभी भी ठेकेदार की गारण्टी अवधि में है? यदि गारण्टी अवधि में है तो वर्तमान में उक्त मार्ग की स्थिति दयनीय क्यों है? (ख) क्या उखड़ी सड़क एवं गड्ढ़ों के मरम्मतीकरण का कार्य विभाग द्वारा कराया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो चुका है अतएव मार्ग की मरम्मत/पुनर्निर्माण का दायित्व भारत सरकार सड़क परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली का है। (ख) मरम्मतीकरण हेतु प्राक्कलन स्वीकृति एवं राशि उपलब्ध कराने हेतु पत्र दिनांक 18.01.2017 से भारत सरकार सड़क परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली को भेजा जा चुका है। स्वीकृति एवं आवश्यक राशि प्राप्त होने के उपरांत कार्य सम्पन्न कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
पार्वती रिंसी वृहद परियोजना के शीर्ष कार्य का सर्वेक्षण
[जल संसाधन]
16. ( *क्र. 401 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप सचिव मध्यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 3441000/16/2016/एम.पी.एस./31/ भोपाल दिनांक 22.10.2016 से प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को राजगढ़ जिले की पार्वती रिंसी वृहद परियोजना के शीर्ष कार्य के सर्वेक्षण कार्य कराने की अनुमति प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त परियोजना के शीर्ष कार्य का सर्वेक्षण कार्य करा लिया गया है अथवा नहीं? (ग) यदि हाँ, तो किस एजेन्सी के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है तथा एजेन्सी को किस-किस विधानसभा क्षेत्र में सर्वे कार्य हेतु निर्देशित किया गया है एवं विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के कौन-कौन से ग्रामों का कितना रकबा सर्वेक्षणाधीन है? (घ) उपरोक्तानुसार उक्त सर्वेक्षण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। परियोजना के शीर्ष कार्य के सर्वेक्षण कार्य की निविदा आमंत्रित की जाकर ठेकेदार एकता एसोसिएट भोपाल को दिया जाना प्रतिवेदित है। शीर्ष कार्य का सर्वेक्षण विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ एवं सीहोर में किया जा रहा है। सर्वेक्षण में ब्यावरा विधान सभा क्षेत्र सम्मिलित नहीं है। (घ) शीर्ष कार्य का सर्वेक्षण दिनांक 22.04.2017 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है।
श्योपुर जिले में सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
17. ( *क्र. 225 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2017 की स्थिति में श्योपुर जिले में सिंचाई का रकबा बढाने एवं जल संवर्धन हेतु कौन कौन सी सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण किया गया है? इनमें से किन-किन परियोजनाओं को साध्य पाया जाकर डी.पी.आर. तैयार कराई जाकर स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? (ख) क्या शासन पूर्व की सर्वेक्षित परियोजनाओं जैसे- गावड़ी के पास ईडर नदी पर बाँध, डोकरका का तालाब, पिपरवास के कुंडा नाले पर बांध, मूंझरी मध्यम योजना, कदवाल तालाब, रीछी तालाब, वर्धा तालाब इत्यादि पूर्व सर्वेक्षित परियोजनाओं का पुन: सर्वे कराकर स्वीकृति की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? श्योपुर जिले में सिंचाई का रकबा बढ़ाने, जल संरक्षण एवं संवर्धन की शासन की क्या योजना है? (ग) क्या विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई का रकबा बढ़ाने हेतु चेंटीखेड़ा माध्यम सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. तैयार की जाकर स्वीकृति हेतु लंबित है? यदि हाँ, तो स्वीकृति में विलम्ब के क्या कारण हैं? (घ) क्या उक्त परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामीणों के विस्थापन हेतु जमीन आरक्षित कर ली गयी है? यदि नहीं, तो कब तक कर ली जावेगी? (ड.) क्या शासन उक्त परियोजना की स्वीकृति इसी वित्तीय वर्ष में प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो कब तक करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश में उल्लेखित परियोजनाएं तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्ड पर साध्य नहीं पाई गई हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जी हाँ। चेंटीखेड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. मुख्य अभियंता, बोधी के कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं। डी.पी.आर. परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मोहनपुरा वृहद् सिंचाई परियोजना अंतर्गत बांध निर्माण
[जल संसाधन]
18. ( *क्र. 1010 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की मोहनपुरा वृहद् सिंचाई परियोजना अंतर्गत बांध कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? इस परियोजना का कितने प्रतिशत कार्य शेष रहा है? यह शेष कार्य कब तक पूरा हो जायेगा? (ख) उक्त परियोजना से कुल कितने गांव तथा उनकी कुल कितनी आबादी प्रभावित हुई है? इस प्रभावित आबादी के पुनर्वास की व्यवस्थाओं की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने लोगों का पुनर्वास कर दिया गया है तथा कितना पुनर्वास शेष है? शेष पुनर्वास कार्य कब तक पूरा हो जायेगा? (ग) उक्त परियोजना से प्रभावित कितने लोगों को उनकी भूमि अधिग्रहण के लिये मुआवजा दिया जा चुका है? कितने लोगों को मुआवजा दिया जाना शेष है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना के बाँध का कार्य 80 प्रतिशत पूर्ण है तथा शेष कार्य जून 2018 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। नहरों का कार्य 15 प्रतिशत पूर्ण है तथा जून 2021 तक पूर्ण करना लक्षित है। (ख) परियोजना से 55 ग्राम की भूमि एवं इनमें से 27 ग्राम की कुल आबादी 13,103 प्रभावित है। प्रभावित ग्रामों का पुनर्वास दो चरणों में किया जाना लक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। अक्टूबर 2013 की स्थिति में 18 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले वयस्कों सहित 4,902 पात्र परिवारों को पुनर्वास किया जाना है। प्रथम चरण में प्रभावित ग्रामों के परिवारों का जून 2017 तक एवं द्वितीय चरण के ग्रामों के परिवार को जून 2018 तक विस्थापित किया जाना लक्षित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नवनिर्मित पॉली हाउस निर्माण में अनियमितता
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
19. ( *क्र. 195 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2013 के पश्चात उज्जैन, इंदौर संभाग में कितने कृषकों ने पॉली हाऊस हेतु आन लाइन या अन्य प्रक्रिया में कहाँ-कहाँ के लिए आवेदन किये, कृषक के नाम सहित जानकारी देवें? इनमें से कितने आवेदन स्वीकृत कर कहाँ-कहाँ पर पॉली हाऊस का निर्माण किया गया? इनमें ऐसे कितने कृषक हैं जिनको आवेदन के पश्चात भी पॉली हाऊस निर्माण की स्वीकृति नहीं मिली, पॉली हाउस अस्वीकृत करने के क्या कारण रहे? (ख) प्रश्नांश (क) सन्दर्भित इनमें से कितने ऐसे पॉली हाऊस हैं, जिन्हें पॉली हाउस लगने के पश्चात भी सब्सिडी प्राप्त नहीं हुई तथा ऐसे कितने कृषक हैं, जिन्हें पॉली हाउस लगने के 1 माह के अंदर ही सब्सिडी प्राप्त हो गई, सब्सिडी एवं अन्य अनियमितता को लेकर कितनी शिकायत किस किस व्यक्ति द्वारा कहाँ-कहाँ पर की गई? उन पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें? (ग) बढ़ती शिकायतों को लेकर प्रदेश स्तर के किस किस वरिष्ठ अधिकारी ने किस किस दिनांक को शिकायतों की समीक्षा की उस पर क्या निर्देश दिए? (घ) क्या विभागीय लापरवाही के कारण पॉली हाउस जैसी महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो पा रहा है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में उज्जैन संभाग के 185 तथा इन्दौर संभाग के 157 कृषकों ने आवेदन किये। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विभागीय प्रमुख सचिव द्वारा उत्तरांश (ख) के परिशिष्ट में उल्लेखित रतलाम जिले की शिकायत की समीक्षा दिनांक 12.07.2016 को की गई, जिसमें पॉली हाउस के स्ट्रेन्थ परीक्षण एवं इन्दौर जिले की शिकायत की समीक्षा दिनांक 08.08.2016 को की गई, जिसमें पॉली हाउस निर्माण के परीक्षण हेतु संचालक उद्यानिकी को निर्देशित किया गया। संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी द्वारा उक्त प्राप्त शिकायतों की क्रमश: समीक्षा दिनांक 09.07.2015 एवं 19.07.2016 को की गई जिसमें उप संचालक रतलाम को निर्माता कंपनी को लीगल नोटिस देकर कार्य पूर्ण कराने एवं उप संचालक उद्यान इन्दौर को स्थल निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। (घ) जी नहीं।
तालाब निर्माण एवं लायनिंग कार्यों की गुणवत्ता
[जल संसाधन]
20. ( *क्र. 616 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल कितने ऐसे तालाब हैं जिनसे नहरों के माध्यम से सिंचाई कार्य किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करावें। उपरोक्त वर्णित तालाबों का निर्माण कौन-कौन से वर्ष में हुआ है तथा वर्तमान में तालाबों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या किसी तालाब की मरम्मत की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। क्या तालाबों के निर्माण पश्चात् नहरों का लाईनिंग कार्य किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कौन से तालाब में कितने मीटर नहरों में लाईनिंग कार्य किया गया है तथा क्या लागत है? निर्माण की अवधि क्या थी तथा वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। दो तालाबों में मरम्मत की आवश्यकता है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। निर्माण पश्चात् 8 परियोजनाओं में नहरों की लाइनिंग का कार्य किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
जलाशयों से सिंचित क्षेत्र
[जल संसाधन]
21. ( *क्र. 648 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में वित्तीय वर्ष 2016-17 में किन-किन ग्राम में नवीन जलाशय निर्माण स्वीकृत किये गये हैं तथा कितनी-कितनी धनराशि से निर्माण किया जायेगा। स्वीकृत राशि, व्यय राशि, शेष राशि सहित निर्माण एजेंसी का नाम व पता सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक बांधों से कितने किलोमीटर नहर निर्माण किया जायेगा? कितने किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है तथा किन-किन किसानों की जमीन डूब क्षेत्र से प्रभावित हुई है। प्रत्येक किसान का नाम, पिता का नाम, प्रभावित रकबा क्या है तथा कितनी भूमि शासकीय है? प्रत्येक बांध से कितने हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होना प्रस्तावित है? (ग) क्या किसानों को भूमि के बदले भूमि दी गई है? यदि नहीं, दी गई है तो कार्य प्रारंभ करने के पूर्व किस दर से प्रभावितों को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है? प्रत्येक किसानों को दी गई मुआवजे की राशि की जानकारी उपलब्ध करायें? यदि कार्य, बिना मुआवजे भुगतान किये, प्रारंभ कर दिया गया है तो ऐसे नियम विरूद्ध कार्य करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर दी जायेगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत बड़ी तुम्मी जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.05.2016 को राशि रू. 197.42 लाख की प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) बड़ी तुम्मी जलाशय में 1.20 कि.मी. लम्बी नहर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। जलाशय से 75 हेक्टर में सिंचाई होगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। धारा 19 के राजपत्र में प्रकाशन के उपरांत शासकीय भूमि में कार्य प्रारंभ किया जाना प्रतिवेदित है। प्रभावित किसानों को मुआवजा का भुगतान अभी नहीं किया गया है। कार्य शासकीय भूमि एवं आपसी सहमति के आधार पर प्रारंभ किये जाने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
सबलगढ़ से अटार घाट के निर्माण कार्य की जांच
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 122 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सबलगढ़ से अटार घाट तक 12 कि.मी. तक सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा राजश्यामा कंस्ट्रक्शन कंपनी गाजियाबाद द्वारा जो रोड बनाई जा रही है, उसमें स्तरहीन कार्य कराया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) कार्य में प्राक्कलन अनुसार मिट्टी की खुदाई 9 कि.मी. तक 1.5 x 1.0 मीटर दोनों तरफ करनी थी जो कि नहीं कराई गई है एवं बीच रोड पर 4.5 मीटर में 9 कि.मी. तक ढ़ाई फीट खुदाई न करते हुए लोकल की घटिया मुरम एवं मिट्टी डालकर कार्य कर दिया गया है एवं प्राक्कलन अनुसार सिंध नदी की रेत न डालकर लोकल बीहड़ की अमानक स्तर की रेत डालकर सी.सी. एवं नाली का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे पुलिया एवं नालियां कार्य प्रारंभ से ही क्षतिग्रस्त होने लगी हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) कार्य की जॉंच प्रश्नकर्ता सदस्य के समक्ष करवाई जावेगी एवं कब तक? समयावधि बतावें। क्या स्तरहीन कार्य कराने के कारण ठेकेदार से राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। मार्ग का निर्माण अनुबंध के प्रावधानों एवं निर्धारित विनिर्देशों के अनुरूप शासन द्वारा नियुक्त तकनीकी सलाहकार एवं गुणवत्ता नियंत्रक अथारिटी इंजीनियर की देखरेख में किया जा रहा है। (ग) आवश्यकता नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( *क्र. 732 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में फसल बीमा की कितनी प्रीमियम राशि कितने किसानों से ली गई? ग्रामवार, कृषक संख्या प्रीमियम राशि सहित बतावें। (ख) क्या फसल बीमा के नवीन प्रावधानों के तहत नुकसान की स्थिति में प्रारंभ में 25 प्रतिशत राशि दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो सिवनी विधानसभा क्षेत्र में वर्षाकाल के प्रारंभ में अल्पवर्षा एवं सितम्बर में अतिवृष्टि होने पर विभाग द्वारा किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सितम्बर के अतिवृष्टि के नुकसान के सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। इस भुतगान को कब तक कर दिया जायेगा? (घ) समय पर फसल बीमा का भ़ुगतान न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ वर्ष 2016-17 में जिला सिवनी में कुल 19242 अऋणी कृषकों एवं 72744 ऋणी कृषकों द्वारा फसल बीमा करवाया गया। प्रीमियम राशि रू. 57523775 कृषक अंश के रूप में जमा कराई गई। योजना की न्यूनतम बीमा इकाई पटवारी हल्का है। अत: पटवारी हल्कावार जानकारी बीमा कंपनी द्वारा संधारित की जाती है। सिवनी विधानसभा क्षेत्र की पटवारी हल्कावार बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत फसल मौसम के प्रारंभ में बीमित इकाई के 75 प्रतिशत या उससे अधिक क्षेत्रफल में अधिसूचित फसल की बुआई विफल होने पर बीमित राशि का अधिकतम 25 प्रतिशत भुगतान करने का प्रावधान है। सिवनी विधानसभा क्षेत्र में बुआई विफल होने संबंधी अधिसूचना जिला प्रशासन द्वारा जारी नहीं की गई है एवं वर्षाकाल के प्रारंभ में अल्पवर्षा एवं सितंबर में अतिवृष्टि की जानकारी निरंक है। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में अतिवृष्टि की जानकारी निरंक है। अत: नुकसान सर्वे एवं भुगतान का प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समितियों के आडिट में अनियमितता
[सहकारिता]
24. ( *क्र. 429 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारी समितियों के आय-व्यय के आडिट करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो कितने वर्ष के अंतराल से सहकारी समिति का आडिट किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला छतरपुर में पंजीकृत सहकारी समितियों में से वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितनी समितियों का अंकक्षेण किया गया तथा कितनी समितियां अंकेक्षण हेतु शेष हैं? वर्गवार अंकेक्षण की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार की गई आडिट रिपोर्ट में ली गई आपत्तियों का निराकरण किया गया है? यदि नहीं, तो शेष रही आपत्तियों का निराकरण कब तक कर लिया जावेगा? (घ) छतरपुर जिले की जिन सहकारी समितियों का पिछले 5 वर्षों से आज दिनांक तक आडिट नहीं कराया गया है तो उन समितियों में कार्यरत कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर। (ख) वर्गवार अंकेक्षित एवं अंकेक्षण हेतु शेष संस्थाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आडिट रिपोर्ट में ली गई आपत्तियों का 26 समितियों से प्राप्त पालन प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) किसी भी समिति का विगत पाँच वर्षों का अंकेक्षण शेष नहीं है। लंबित अंकेक्षण वाले संस्थाओं के कर्मचारियों/संचालक मण्डल के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53, 56 एवं 57 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत निर्मित सड़कें
[लोक निर्माण]
25. ( *क्र. 724 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं शहडोल जिले में वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक एम.पी. आर.डी.सी. विभाग के द्वारा मुख्य मंत्री एवं प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत कितनी सड़कें निर्मित अथवा निर्माणाधीन हैं, दोनों की विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार एवं बजटवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की सड़कों के चयन हेतु विधानसभा क्षेत्रवार कौन सी प्राथमिकतायें, मापदण्ड व दिशा-निर्देश हैं। सभी निर्देशों एवं मापदण्डों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' की सड़कों के पूर्णता हेतु कितनी समय-सीमा व लागत राशि तय की गई है, यदि समय-सीमा व लागत राशि बढ़ाई-घटाई गई है तो क्यों, किसके आदेश से? प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कौन अधिकारी अथवा संविदाकार जिम्मेवार है? दोषी के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम लि. द्वारा मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत सड़कों का निर्माण नहीं किया जाता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ‘क’ के अनुसार। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
उज्जैन
संभागान्तर्गत
गन्ने की
खेती
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( क्र. 3 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में गन्ने की खेती का वर्ष 2012 से अब तक का क्षेत्रफल कितना है वर्षवार, जिला व तहसीलवार ब्यौरा दें? (ख) गन्ना कृषि उत्पादन व क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए शासन ने क्या-क्या योजनाएँ संभाग में लागू की? उक्त योजनाओं का परिणाम क्या रहा? (ग) गन्ने की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में आलोट जिला रतलाम के किसानों को विगत 03 वर्षों में कितना-कितना अनुदान शुगरकेन हार्वेस्टर पर दिया वर्षवार? पूर्ण ब्यौरा दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) उज्जैन संभाग में गन्ने के अंतर्गत वर्षवार, जिलेवार एवं तहसीलवार क्षेत्रफल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग में गन्ना कृषि उत्पादन व क्षेत्रफल बढ़ाने हेतु कोई योजना संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) आलोट जिला रतलाम में विगत 3 वर्षों में शुगरकेन हार्वेस्टर का कोई प्रकरण प्राप्त न होने के कारण कोई अनुदान नहीं दिया गया है।
स्टेट हाईवे एवं एम.डी.आर. सड़कों के प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 6 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने प्रदेश के स्टेट हाईवे एवं एम.डी.आर., नेशनल हाईवे अथॉरिटी को देने संबंधी कोई निर्णय लिया है अथवा प्रस्तावित किया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) क्या सरकार ने 2200 कि.मी. से अधिक सड़कों को एन.एच.बनाने की दिशा में कोई निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो उक्त सड़कों का ब्यौरा क्या है एवं कौन-कौन सी सड़कें इसमें सम्मिलित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) निर्णय से प्रदेश व सरकार को होने वाले लाभ व सुविधाओं का ब्यौरा दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, किन्तु कुल लंबाई 2200 कि.मी. से कम है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समितियों के सचिव एवं सहायक सचिवों के विरूद्ध प्राप्त शिकायत
[सहकारिता]
3. ( क्र. 10 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र की ओंडेर सहकारी समिति के सहायक सचिव अरविंद शर्मा के विरूद्ध कितनी शिकायतें जिलाधीश, गुना, अशोकनगर उप पंजीयक सहकारिता गुना, अशोकनगर एवं एस.डी.ओ. मुंगावली को पिछले 2 वर्ष में मिली व उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) गेहूँ खरीदी में अनियमितताओं की शिकायतों पर उन्हें वहां के केन्द्र से हटाकर अन्यत्र कहाँ कब पदस्थ किया तथा पुनः उसे ओंडेर में कब व क्यों पदस्थ किया? (ग) बर्रा की राशन दुकान का वितरण ओंडेर से कब से किया जा रहा है व उक्त राशन दुकान बर्रा में क्यों नहीं खोली जा रही है व कई शिकायतों के बाद भी पूर्व में व दिसम्बर 2016 में भी बर्रा का राशन वितरण उक्त सहायक सचिव को क्यों दिया गया? (घ) क्या ओंडरे सोसायटी के अध्यक्ष राजाबाबू डॉगी, उक्त सहायक सचिव को हटाने के बारे में लिखकर दे चुके हैं व कई आसपास के गावों के किसान उप पंजीयक गुना व जिलाधीश जो कि अशोकनगर जिले के जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं, इस कर्मचारी सहायक सचिव को हटाकर वहां सचिव पदस्थ क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या उक्त सहायक सचिव को शासन लगातार संरक्षण दे रहा है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 16 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनकी जांच करायी गई, की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गेहूं खरीदी में अनियमितताओं के शिकायतों के आधार पर संस्था के सहायक प्रबंधक को नहीं हटाया गया है, अतः पुनः पदस्थी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय उचित मूल्य दुकान बर्रा का संचालन प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., ओंडेर द्वारा कभी नहीं किया गया है, ग्राम पंचायत बर्रा संस्था ओंडेर के क्षेत्र में नहीं है, बर्रा दुकान के राशन का वितरण ओंडेर संस्था के सहायक सचिव के द्वारा नहीं किया जा रहा है। (घ) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., ओंडेर के संचालक मंडल के स्थान पर दिनांक 06.10.2016 से प्रशासक कार्य कर रहा है। संस्था के प्रशासक को श्री अरविन्द शर्मा, सहायक समिति प्रबंधक के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश दिये गये है। संस्था के पूर्व अध्यक्ष श्री राजाबाबू दांगी का एक शिकायती पत्र कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता, जिला अशोक नगर को प्राप्त हुआ था, जिसकी जांच में शिकायती आवेदन सत्य नहीं पाया गया है। सहायक सचिव को किसी भी प्रकार का संरक्षण नहीं दिया जा रहा है।
कर्मचारियों द्वारा समितियों में की गई अनियमितताएं
[सहकारिता]
4. ( क्र. 11 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चंदेरी के तत्कालीन विधायक श्री राजकुमार सिह यादव के वर्ष 2010 में विधानसभा में दिये दी गई ध्यानाकर्षण पर शासन ने खाद्य संचालनालय के सुकृति सिंह व श्री चंदेल की जांच रिपोर्ट पर जिस बैंक कर्मचारी जगदीश कुशवाह ने ग्वालियर न्यायालय से स्टे प्राप्त किया वह अब तक वेकेंट क्यों नहीं किया तथा उक्त कर्मचारी को गुना जिले में स्थानांतर किया था उसको पुनः चंदेरी ब्लॉक अशोकनगर में स्थानांतर किस तिथि व वर्ष में पदस्थ किया गया है? स्थगन 2017 तक वेकेंट नहीं होने के क्या कारण है? (ख) क्या उक्त जगदीश कुशवाह ने अपनी पत्नी व रिश्तेदारों को सदस्य बनाकर फतेहबाद, चंदेरी व अन्य सहकारी समिति पर कब्जा कर रखा है? उस पर नियमानुसार कार्यवाही कर उस समिति को भंग क्यों नहीं किया गया? (ग) खाद्य विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, सुकृतिसिंह व चंदेल की जाँच रिपोर्ट का विवरण देते हुए बताएं कि जिन-जिन जिला सहकारी बैंक व सहाकारिता विभाग के कर्मचारियों के विरूद्ध जो रिपोर्ट आई है व जिन प्राथमिक सहकारी समितियों के विरूद्ध राशन वितरण में शिकायतों पर दोषी पाया गया है उनके विरूद्ध शिकायतों का विवरण देते हुए बताएं कि उन्हें राशन वितरण से अलग कर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ ग्वालियर में डब्ल्यू.पी. 3615/2010 तथा डब्ल्यू.पी. 4747/2010 में याचिकाकर्ताओं द्वारा स्थगन प्राप्त किया है। प्रकरण में प्रभारी अधिकारी द्वारा दिनांक 12.10.2010, 05.05.2014, 23.08.2014, 03.12.2014, 26.03.2016 तथा दिनांक 18.01.2017 को स्थगन वेकेंट कराने हेतु माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर में आवेदन प्रस्तुत किये गये है। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। श्री जगदीश कुशवाहा को दिनांक 04.10.2016 को पुनः शाखा चन्देरी की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., महोली में पदस्थ किया गया है। (ख) श्री जगदीश कुशवाहा की पत्नी श्रीमती उमादेवी प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था, रामनगर में संचालक थी, जिन्हें सहकारी अधिनियम की धारा 48-एए के अंतर्गत अयोग्य कर दिया गया है। श्री जगदीश कुशवाहा के परिवार का अन्य कोई सदस्य सहकारी संस्था के संचालक नहीं है। सहकारी संस्था का संचालन उसकी उपविधि अनुसार संचालक मंडल द्वारा किया जाता है, किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा संचालित नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित जांच प्रतिवेदन के आधार पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
क्षेत्रीय सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
5. ( क्र. 21 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत कई वर्षों से जावरा एवं पिपलौदा तहसील सूखाग्रस्त होकर जल अभावग्रस्त क्षेत्र में आने से शासन द्वारा डार्क जोन एरिया घोषित कर जल संकट को दूर किये जाने हेतु अनेक योजनाएं बनाई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या पिपलौदा तहसील अंतर्गत 1. अंगेठी 2. हतनारा 3. नांदलेटा 4. मचून 5. बानीखेड़ी (काबुलखेड़ी) इत्यादि एवं जावरा तहसील अन्तर्गत 1. मांडवी 2. कुच्चीघाट (रिंगनोद-कामलिया) 3. बानीखेड़ी (मीनाखेड़ा) 4. आलमपुर ठिकरिया इत्यादि योजनाओं को चिन्हित किया गया है? (ग) क्या दोनों तहसीलों में जलस्तर, विगत वर्षों में 1000-12000 फीट नीचे चले जाने की गंभीर स्थिति होकर सूखाग्रस्त क्षेत्र जैसी बनने से क्षेत्र को शासन द्वारा सूखाग्रस्त भी घोषित किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) हां, तो उपरोक्तानुसार गंभीर स्थितियों को दृष्टिगत रख शासन/विभाग द्वारा सर्वेक्षित एवं चिन्हित प्रस्तावित योजनाओं को बजट में सम्मिलित करते हुए कब तक स्वीकृति दी जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) भू-जल का अत्याधिक दोहन करने से जावरा एवं पिपलौदा तहसील डार्क-जॉन घोषित है। प्रश्नांश में उल्लेखित परियोजनाएं विचाराधीन नहीं है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। दोनों तहसील को वर्ष 2015 में सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है। जावरा तहसील में बानीखेड़ी (मीनाखेड़ी) बैराज के निर्माण हेतु निविदा स्वीकृत हो चुकी है। मांडवी तालाब तथा आलमपुर ठिकरिया बैराज की डी.पी.आर. बनाने के निर्देश दिये गये हैं। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्र की जर्जर सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 22 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत अनेक गांवों के यातायात के प्रमुख मार्ग विगत कई वर्षों से अत्यंत जर्जर होकर ध्वस्त होकर यातायात में बाधक बनकर कृषकों की एवं ग्रामीणजनों के आवागमन की गंभीर समस्या है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा तहसील के 1. रिंगनोद से व्हाया कलालिया फोरलेन फंटे तक 2. मुंडली रसूलपुर से मामरखेड़ा 3. बनवाड़ा से दाहखेड़ा 4. गोदी धर्मसी से मन्या खेड़ी 5. सरसौदा से कलालिया 6. तरासिया से पिपलियासीर 7. कलालिया से झालवा 8. मार्तण्डगंज से हनुमंतिया 9. ढोढर से झण्डी बांधडा बस्ती 10. रीधागुजर से खामरा 11. कलालिया से परवलिया 12. रीधाचांदा से सेमलिया इत्यादि मार्गों के साथ ही अनेक अन्य मार्ग भी हैं? (ग) यदि हाँ, तो पिपलौदा तहसील अंतर्गत 1. पिपलोदा मार्ग से व्हाया पंचे वा-सुखेड़ा 2. सुखेड़ा से व्हाया भीमकुआ पिपलौदा 3. कसेर से चिपिया 4. गणेशगंज से थेरपुर फरा 5. चिपिया से बिलंदपुर 6. आक्यादेह से ममरखेड़ा 7. गुडरखेड़ा से चाचरी 8. रानीगांव फंटा से व्हाया नवेली बागिया होकर कालूखेड़ा मार्ग 9. बहायला माता जी से पिपलौदा 10. आंवा से मचून 11. रियावन से भाखरखेड़ी 12. सेमलखेड़ी से पिंगराला मार्ग अत्यंत जर्जर है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त दोनों तहसील अंतर्गत उल्लेखित अत्यंत जर्जर एवं कष्टप्रद मार्गों के निर्माण किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या किया जा रहा है एवं इन्हें बजट में कब तक सम्मिलित किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
क्षेत्रान्तर्गत मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 57 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत मार्ग निर्माण हेतु विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से प्रस्ताव भेजे हैं/मांग की हैं? विवरण देवें? (ख) कार्यपालन यंत्री जिला आगर एवं शाजापुर द्वारा विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से नवीन मार्गों के प्रस्ताव भेजे हैं/मांग की हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या आगर जिला अंतर्गत 12 मार्गों को मुख्य जिला मार्ग घोषित करने के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं जिनमें से 02 स्वीकृत हुए हैं एवं शेष प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृत मार्गों पर निर्माण कार्य कब प्रारम्भ होगा एवं प्रक्रियाधीन प्रस्तावों की स्वीकृति कब तक होगी? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत इन्दौर-कोटा मार्ग से देहरियासोयत एवं इन्दौर-कोटा मार्ग से हरिजन बस्ती डोंगरगांव मार्ग निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति कब तक होगी? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से उक्त मार्गों एवं इनके अलावा छोटे - छोटे मार्गों के निर्माण हेतु प्रभावी कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में विगत 03 वर्षों में उज्जैन-झालावाड राज्य मार्ग के नगरीय क्षेत्र सुसनेर एवं सोयतकलां में फोरलेन किये जाने हेतु प्रस्ताव दिया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) प्रस्ताव के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा सुसनेर एवं सोयतकलां नगरीय क्षेत्र में फोरलेन निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये है, परन्तु उज्जैन-झालावाड मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो जाने के कारण मार्ग के फोरलेन का प्रस्ताव एन.एच.ए.आई. को सौंप दिया गया है। मुख्य जिला मार्ग घोषित करने संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
फसल बीमा योजना का क्रियान्वन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( क्र. 58 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन कृषि बीमा योजनान्तर्गत बीमा की शर्तें क्या-क्या हैं एवं बीमा क्लेम हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही हैं? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कामर्शियल/राष्ट्रीयकृत बैंकों के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों के डिफाल्टर/कर्जदार होते हुए भी फसल बीमा किया जा रहा हैं? क्या समान रूप से सहकारी साख संस्थाओं द्वारा भी फसल बीमा किया जा रहा हैं? (ग) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या बीमा की शर्तें सहकारी साख संस्थाओं एवं कामर्शियल/राष्ट्रीयकृत बैंकों के लिए अलग-अलग हैं? क्या सहकारी साख संस्थाओं को उचित निर्देश प्रसारित किये जावेंगे, ताकि समान रूप से कृषकों का बीमा हो सके? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) वर्ष 2015 में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत बीमित कृषकों की पटवारी हल्लावार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के कुछ पटवारी हल्लों में अपेक्षाकृत काफी कम बीमा क्लेम प्राप्त हुआ है यदि हाँ, तो पुन: समीक्षा की जाकर कृषक हित में उचित बीमा क्लेम प्रदाय किया जावेगा यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति के विकल्प निम्नानुसार है :- (1) योजना में ओलावृष्टि, जल-भराव एवं भूस्खलन होने पर बीमित किसानों को व्यक्तिगत क्षतिपूर्ति का प्रावधान है। (2) योजना के अंतर्गत बुआई के दौरान विपरीत मौसम परिस्थितियों एवं कम बारिश से नुकसान होता है तो बीमा राशि का 25 प्रतिशत दावा देय होगा व बीमा आवरण समाप्त हो जायेगा। (3) मौसम के मध्य में प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों में भी संभावित दावा राशि का 25 प्रतिशत दावा भुगतान। (4) मौसम के अंत में वास्तविक पैदावार के आंकड़ों के आधार पर दावा भुगतान। (5) फसल कटाई के बाद भी चक्रवात एवं बेमौसम बारिश का जोखिम भी 14 दिनों तक आवरित। योजना की मार्गदर्शी निर्देशिका संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) योजना के प्रावधान अनुसार डिफाल्टर/ कर्जदार कृषक अऋणी कृषक के रूप में स्वैच्छिक रूप से निर्धारित आवेदन प्रस्तुत कर फसल बीमा करवा सकते हैं। ऋणी कृषकों हेतु फसल बीमा अनिवार्य है। योजना के नियम सभी बैंकों/ सहकारी बैंको के लिये समान। (ग) योजना के प्रावधान सभी फसल ऋण वितरित संस्थाओं पर समान रूप से लागू होते हैं तथा केन्द्र एवं राज्य शासन से प्राप्त दिशा निर्देशों के आधार पर योजना का क्रियान्वयन किया जाता है एवं संपूर्ण नोडल बैंकों को अवगत कराया जाता है ताकि पात्र कृषकों का बीमा सुचारू रूप से किया जा सके। (घ) खरीफ 2015 मौसम के लिये आयोजित फसल कटाई प्रयोग के आधार पर प्राप्त उपज के आंकड़ों के आधार पर सुसनेर विधानसभा क्षेत्र हेतु क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान उन पटवारी हल्कों के लिये किया जा चुका है जिन हल्कों में किसी अधिसूचित फसल हेतु थ्रेशहोल्ड उपज वास्तविक उपज से कम पाई गई थी। खरीफ 2015 मौसम में सुसनेर विधानसभा क्षेत्र की पटवारी हल्कावार संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
कृषकों को आदान सामग्री वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 78 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को कृषि उपकरण, खाद बीज, नींदानाशक, कीटनाशक अनुदान पर दिये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्नांश दिनांक तक कितने किसानों को लाभांवित किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत पनागर विधानसभा क्षेत्र के अनेक किसान योजना के लाभ से वंचित रह गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिले में कुल 132477 किसानों को लाभांवित किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, लक्ष्यानुसार किसानों को लाभांवित किया गया है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( क्र. 79 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में निर्धारित लक्ष्यानुसार कृषकों की फसलों का बीमा कराया गया हैं? (ख) यदि हाँ तो योजनांतर्गत कितने कृषकों का बीमा किया गया हैं एवं कितने कृषकों को फसल खराब होने की स्थिति में बीमित राशि स्वीकृत की गई है? सूची देवें। (ग) क्या लक्ष्यानुसार बीमा किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन जबावदार है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत वर्ष 2016-17 में ऋणी कृषकों के लिये अनिवार्य एवं अऋणी कृषकों के लिये स्वैच्छिक है। लक्ष्य निर्धारित नहीं है, अपितु अधिक से अधिक अऋणी कृषकों को योजना से जोड़ने हेतु प्रयास किया गया है। (ख) योजनान्तर्गत खरीफ 2016 में 4215112 लाख कृषकों द्वारा बीमा कराया गया। फसल मौसम प्रतिकूलता के मध्य अवधि फसल क्षति हेतु एच.डी.एफ.सी कम्पनी द्वारा राशि रू. 9.41 करोड़ का भुगतान 16293 कृषकों को किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं।
चम्बल दाहिनी मुख्य नहर पर पुलिया निर्माण
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 123 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल दाहिनी मुख्य नहर पर स्थिति पुलिया जो कि मानपुर एवं किशोरगढ़ गांव के मध्य सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बावड़ीपुरा के मध्य स्थित है, काफी क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण ग्रामवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विभाग को कई बार पत्र देकर अवगत कराने के बाद भी आज दिनांक क्षतिग्रस्त पुलिया को दुरूस्त नहीं कराया गया है? कारण बतावें? (ग) क्षतिग्रस्त पुलिया/पुल कब तक दुरूस्त करा दी जावेगी? जिन दोषी अधिकारियों ने आज दिनांक तक शासन को अवगत नहीं कराया है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक प्रस्तावित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित स्थल पर चम्बल दाहिनी मुख्य नहर में आम रास्ता नहीं होने के कारण पुलिया निर्मित नहीं है। ग्रामवासियों को खेतों तक आने जाने के लिए आर.डी. 14,854 मी. पर परियोजना निर्माण काल से फुट ब्रिज निर्मित है। जो वर्तमान में सही स्थिति में है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। मान. सदस्य द्वारा शासन को मात्र एक पत्र दिनांक 25.08.2015 को लिखा गया। जिसके परिप्रेक्ष्य में फुटब्रिज की क्षतिग्रस्त रेलिंग एवं वियरिंगकोट का सुधार कार्य संथा द्वारा प्रांरभ कराये जाने पर ग्रामवासियों ने विरोध कर कार्य रोका व नवीन चौड़ी पुलिया बनाने की माँग की, उक्त स्थिति से मान. सदस्य को कार्यपालन यंत्री द्वारा पत्र दिनांक 10.09.2015 से अवगत कराया जाना प्रतिवेदित है। नवीन पुल का निर्माण निर्धारित मापदण्ड में न होने से संभव नहीं है। उल्लेखित फुटब्रिज की रेलिंग व वियरिंगकोट आदि का सुधार कार्य नहर संचालन बंद होने के उपरांत प्रारंभ करा दिया जाएगा। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
उद्यानिकी फसलों का विकास
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
12. ( क्र. 134 ) श्री लखन पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक संचालित योजनाओं में किस योजना के लिये शासन से कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? योजनावार बतावें। (ख) दमोह जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं के लिये क्या लक्ष्य निर्धारित था? निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई? कितने कृषकों को किस-किस योजना का क्या-क्या लाभ दिया गया? विधानसभा क्षेत्र पथरिया के कृषकों की संख्यात्मक जानकारी ग्रामवार बतावें। (ग) दमोह जिले में उद्यानिकी विभाग को किस योजना में कितने कृषकों के ऑनलाईन एवं कितने कृषकों के ऑफ लाईन आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने कृषकों को लाभ दिया गया तथा कितने आवेदन पत्र किस कारण से निरस्त किए गये वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब एवं स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- द अनुसार है। 170 आवेदन पात्र न होने के कारण निरस्त किये गये हैं।
प्लाटों के आवंटन की वैधता एवं बजट की अनयिमितता
[जल संसाधन]
13. ( क्र. 151 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाण सागर परियोजना रीवा द्वारा दिनांक 14.10.2010 से प्रश्न दिनांक तक कितने पात्र हितग्राही विस्थापितों को वैद्य भूखण्डों का आवंटन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पात्र हितग्राही का नाम, अनुदान सूची क्रमांक, आदर्श ग्राम का नाम, आवंटित भूखण्ड क्रमांक एवं दिनांक के साथ ही मूल आवंटन पंजी में अंकित आवंटन संख्या एवं पृष्ठ क्रमांक आदि की जानकारी भी दें। (ग) बाण सागर परियोजना द्वारा आवंटित भूखण्डों में वाद-विवाद की स्थिति में विवाद निराकरण के लिए किस प्राधिकरण में आवंटतियों द्वारा वाद प्रस्तुत किया जायेगा? (घ) बाण सागर परियोजना रीवा के प्रभावित विस्थापितों के हितार्थ वित्तीय वर्ष 2016-17 को तीसरी तिमाही का बजट आवंटन अभी तक नहीं दिये जाने का क्या कारण है। कब तक दें दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़कों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 153 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बडवाहा विधानसभा क्षेत्र में विभाग की ऐसी कितनी सड़के हैं जो विभाग के बुक पर है जिस पर डामरीकरण होना है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उन सड़कों पर जनप्रतिनिधियों द्वारा विगत एक वर्ष में कितने प्रस्ताव डामरीकरण हेतु विभाग प्रमुख एवं जिला प्रशासन को प्रस्तुत किये गये है? प्राप्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित किये गये डामरीकरण के कितने प्रस्तावों को स्वीकृति की गई है, क्या इस वित्त वर्ष में स्वीकृत किये जावेगें? यदि हाँ, तो कितने प्रस्ताव बजट में शामिल किये गये है उसकी सूची दी जावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वाह में विभाग की बुक पर अंकित 5 नग गिट्टीकृत सड़कें। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नहरों के पक्कीकरण/मरम्मतीकरण
[जल संसाधन]
15. ( क्र. 167 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा के अंतर्गत कितने वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित हैं नाम सहित जानकारी देवें? क्या कोई नई सिंचाई परियोजनायें स्थापित करने के संबंध में प्रस्ताव है यदि है तो प्रस्तावित परियोजना कब तक पूर्ण कर ली जायेंगी? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सिंचाई हेतु नई बेराज निर्माण स्वीकृति के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्मेदार हैं? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुए क्या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी, यदि हाँ, तो क्या तथा नहरों की मरम्मत/लाईनिंग का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा के अंतर्गत कोई वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजना संचालित नहीं हैं। बारना सिंचाई परियोजना की बायीं मुख्य नहर का विस्तारीकरण के अंतर्गत अतिरिक्त 9,917 हेक्टेयर सैच्य क्षेत्र के लिये नहरों के विस्तार का कार्य प्रगतिरत् है जिसे जून-2018 तक पूर्ण करना लक्षित है। विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा में संचालित लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं प्रस्तावित परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। मान. विधायक जी द्वारा प्रेषित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्तमान में निर्माणाधीन तथा प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त परियोजनाओं को पूर्ण कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होने के कारण प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) बारना परियोजना की बायीं मुख्य नहर का विस्तारीकरण का कार्य अनुबंध अनुसार जून 2018 तक पूर्ण करना लक्षित होने से कोई अधिकारी अथवा ठेकेदार दोषी नहीं हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
सड़क निधि से सड़कों की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 169 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान सड़क निधि योजना से प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा की कितनी सड़कों को उक्त योजना में सम्मिलित किया गया है? (ख) उन सड़कों का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? यदि योजना नहीं बनी है, तो कब तक योजना बना ली जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान सड़क निधि के अन्तर्गत उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र के सम्मिलित सड़क कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मान. मुख्यमंत्रीजी के निर्देश के तारतम्य में मुख्य सचिव महोदय की नोटशीट क्रमांक 1515 दिनांक 25.09.2016 के अनुक्रम में मण्डी बोर्ड द्वारा मण्डी प्रांगण के बाहर भवन या सड़क के कार्य नहीं कराये जायेगे अपितु उपरोक्त कार्य लोक निर्माण विभाग या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से कराये जायेंगे। उपरोक्त निर्देश के अनुक्रम में मण्डी बोर्ड को प्राप्त उपरोक्त प्रस्ताव को भी पत्र क्रमांक 72 दिनांक 06.01.2017 के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, भोपाल को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। शेष का प्रश्न ही नहीं है।
मनासा से नीमच मार्ग का सीमेन्ट कांक्रीट से निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 183 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सड़क निगम द्वारा मनासा से नीमच मार्ग सीमेन्ट कांक्रीट बनाया जा रहा है, उक्त योजना से मनासा नगर में 1.6 किलोमीटर मार्ग को सम्मिलित करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 09-05-2016 को महाप्रबंधक (बी.ओ.टी.) म.प्र. सड़क निगम भोपाल व माननीय लोक निर्माण मंत्री जी व 28-09-2016 को प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग भोपाल को लिखा गया था। उक्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कदम उठाए गए है। (ख) क्या इस योजना में प्रारंभिक तौर पर मेसी फगुर्सन शो रुम तक सी-सी निर्माण का प्राक्कलन बनाया गया था व स्वीकृत किया गया था तत्पश्चात् नगर पालिका नीमच अन्तर्गत आने वाली मार्ग के लगभग 2 किलोमीटर मार्ग का निर्माण इसी प्राक्लन के अंतर्गत दिया गया है। (ग) यदि हाँ, तो मनासा नगर के दोनों तरफ सीसी मार्ग बनाते हुए बीच का 1.6 किलोमीटर मार्ग सीसी न करने का क्या औचित्य है व प्रश्नकर्ता द्वारा बार-बार पत्र लिखने के बाद भी इसके स्वीकृत न किए जाने के क्या कारण है। जबकि उक्त मार्ग नीमच झालावाड़ रोड का भाग होकर म.प्र. सड़क विकास निगम के अधीन ही आता है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग नगर परिषद् मनासा के द्वारा मनासा नगर में मार्ग पर लंबाई 1.6 कि.मी. का निर्माण किया गया। उक्त हिस्सा ग्यारन्टी पीरियेड में होने के कारण निर्माणाधीन नीमच-मनासा, ई.पी.सी. परियोजना के अंतर्गत शामिल नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग द्वारा संधारित मार्ग का फगुर्सन शोरूम से बस स्टैण्ड तक 1600 मीटर को अतिरिक्त रूप से निर्माणाधीन ई.पी.सी. योजना में प्रगतिरत नीमच-मनासा मार्ग में चेंज ऑफ स्कोप के तहत सीसी फोरलेन निर्माण के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। प्रबंध संचालक म.प्र.स.वि.नि. भोपाल के उक्त मार्ग के निरीक्षण प्रतिवेदन दिनांक 14.12.2016 में सैद्धांतिक स्वीकृति में माईनर ब्रिज आ जाने के कारण 700 मीटर लंबाई को कम किया जाकर लगभग 900 मीटर में निर्माण किये जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त है। (ग) नीमच-झालावाड एसएच-30 के अंतर्गत नगर परिषद् सीमा क्षेत्र मनासा में लंबाई 1.6 कि.मी. नगर परिषद् मनासा द्वारा फोरलेन निर्माण कार्य वर्ष 2013 में पूर्ण किया गया है। मार्ग की क्रस्ट के प्रावधानानुसार बी.सी.-40 एमएम, डीबीएम-50 एमएम, डब्ल्यू.एम.एम.-250 एम.एम. एवं जी.एस.बी.-230 एम.एम. का अनुमोदन सड़क विकास निगम से प्राप्त कर नगर परिषद् मनासा द्वारा कार्य कराया गया है। वर्तमान में उक्त फोरलेन तकनीकी मापदण्डानुसार अच्छी स्थिति में है।
उज्जैन संभाग की कृषि मण्डीयों के प्रस्ताव पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 186 ) श्री कैलाश चावला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग की किस-किस कृषि उपज मंण्डियों द्वारा मण्डी अधिनियम के तहत् अधिसूचित फसलों की सूची में नई फसलें जैसे खरबूजे का बीज, कलोंजी आदि को सम्मिलित करने हेतु प्रस्ताव पारित कर प्रबंध संचालक मण्डी/आयुक्त कृषि को विगत एक वर्ष की समयावधि में भेजे गए हैं। (मण्डीवार, दिनांकवार, जीन्सवार जानकारी देवें) (ख) उक्त प्रस्ताव पर प्रबंध संचालक मण्डी/आयुक्त कृषि द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
संविदा कर्मी द्वारा गोपनीय चरित्रावली लिखा जाना
[सहकारिता]
19. ( क्र. 229 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 05.12.2016 की प्रश्नोत्तरी में परि.अता.प्र.स. 73 (क्र. 643) के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ, देते हुये प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तरानुसार पंजीयक सहकारी संस्थायें द्वारा सहकारी सोसायटी के अधिनियम 1960 की धारा (1) में क्या संविदा पर नियुक्त अधिकारी द्वारा गोपनीय चरित्रावली लिखी जाने का उल्लेख है? उक्त अधिनियम कब से लागू किये गये, बताते हुए प्रति देवें? क्या उक्त अधिनियम म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा नवम्बर 2015 में दी गई पदोन्नति के समय लागू थे? हां, तो उक्त अधिनियम का उल्लेख कर प्रति देवें? (ख) क्या उक्त प्रश्नोत्तरी के प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग से जानकारी कब व क्या मांगी गई? चाही गई जानकारी कब व क्या प्राप्त हुई? उनकी व निष्कर्षों की प्रति देते हुए निष्कर्ष बतावें? क्या उपरोक्त प्रश्नोत्तरी के प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रश्नों के प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक की जावेगी? (ग) क्या शासन/विभाग प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर तथ्यात्मक जानकारी सहित दिया जाकर नियम/निर्देशों के विरूद्ध प्रकरण को अकारण लंबित रखते हुये सदन को बार-बार गलत जानकारी देने वाले दोषियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा (1) के अन्तर्गत नहीं अपितु मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 55 (1) के अन्तर्गत पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. को सोसायटियों के नियोजन की शर्तों का अवधारण करने की शक्तियां प्रदत्त है, जिसके अन्तर्गत म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ के सेवायुक्तों हेतु पंजीयक द्वारा सेवानियम जारी किए गए है, उक्त सेवा नियम की कंडिका 46 में गोपनीय चरित्रावली के नियम दिनांक 15.07.1991 से अनुमोदित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उक्त सेवा नियम म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा माह नवम्बर 2015 में दी गई पदोन्नति के समय लागू थे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी गयी जानकारी एवं विभागीय निष्कर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र- 3 एवं 4 अनुसार है। विभागीय निष्कर्ष के अनुसार ''सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त जानकारी के आधार पर संविदा पर नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी को गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में राज्य शासन के कोई निर्देश नहीं है। सहकारी संस्थाओं के मामले में सहकारी अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर निर्देश देने हेतु पंजीयक सक्षम है''। (ग) प्रश्नांश "क" एवं "ख" में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लेबड़ नया गांव फोर लेन सड़क के अधूरे कार्य
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 254 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक लेबड़-नयागांव सड़क के समस्त टोल पर कितनी राशि वसूल की गयी, माहवार राशि बतायें। 1 जनवरी 2013 के पश्चात उक्त सड़क के विभिन्न टोल पर किस अनुपात से किस-किस नियम अंतर्गत, कितनी राशि प्रति वाहन टोल बढ़ा कर वसूली की गई, अर्थात अनुबंध अनुसार कितने वर्षों में किस अनुपात में राशि बढ़ाने का प्रावधान है? नियमों की प्रतिलिपि सहित जानकारी दें। (ख) क्या अनुबंध अनुसार सम्पूर्ण सड़क पर प्रति 5 साल में टुकड़ों-टुकड़ों में रिपेयर के स्थान पर सम्पूर्ण रोड पर पूरा नवीन डामरीकरण करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो जावरा से नायगांव तक तो कन्सेशनेयर ने सम्पूर्ण सड़क का नवीन डामरीकरण किया किन्तु जावरा से लेबड़ तक सिर्फ गड्ढे भरकर खाना पूर्ति की गई? यदि हाँ, तो जावरा से लेबड तक सम्पूर्ण सड़क का नवीन डामरीकरण कब तक कर दिया जाएगा? (ग) उक्त फोरलेन सड़क पर अनुबंध अनुसार कितने साईंन बोर्ड कहाँ-कहाँ लगाने थे, इनमें से कितने बोर्ड कहाँ-कहाँ टूट गये हैं इन्हें प्रश्न दिनांक तक रिपेयर नहीं करने के क्या कारण हैं? क्या यह सही है कि साईंन बोर्ड के अभाव में नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक लेबड़-नयागांव फोरलेन पर टोल वसूली राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। जनवरी, 2013 के पश्चात् लेबड़-नयागांव फोरलेन पर अनुबंध अनुसार सीओडी दिनांक से प्रतिवर्ष 01 अप्रैल से प्रत्येक वाहन पर 7 प्रतिशत की दर से बढ़ा कर टोल वसूल की जाती है। लेबड़-जावरा फोरलेन मार्ग के अनुबंध आर्टिकल-27 यूजर फी एवं शेड्यूल-आर-अधिसूचना की छाया प्रति तथा जावरा-नयागांव फोरलेन मार्ग के अनुबंध आर्टिकल-6 फी एवं शेड्यूल-सी-अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार। (ख) जी नहीं। लेबड़-नयागांव मार्ग दो भागों में विभाजित होकर प्रथम भाग लेबड़-जावरा फोरलेन मार्ग 125.00 कि.मी. के बी.टी. नवीनीकरण के लिए अनुबंध के आर्टिकल-17 एवं शेड्यूल-के के अनुसार रफनेस टेस्ट में 3000 मी.मी./कि.मी. से ज्यादा होने पर उक्त कि.मी. में डामर करने का प्रावधान है एवं द्वितीय भाग जावरा-नयागांव फोरलेन मार्ग 127.812 कि.मी. के बी.टी. नवीनीकरण के लिए अनुबंध आर्टिकल-16 एवं शेड्यूल-एम के अनुसार सीओडी के पश्चात् प्रत्येक 6 वर्ष में रिन्यूअल का प्रावधान है। लेबड़-जावरा फोरलेन मार्ग पर 40 कि.मी. टू-लेन में रिन्यूअल एवं 53 कि.मी. टू-लेन में माइक्रो सरफेसिंग का कार्य जून 2016 तक पूर्ण किया जा चुका है। आवश्यकतानुसार रिन्यूअल कार्य कराया जा रहा है। (ग) साईन बोर्ड का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार। जी नहीं। साईन बोर्ड टूटने पर, कंशेसनायर द्वारा साईन बोर्ड पुनः लगाया जाना एक सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् किया जाता है। साईन बोर्ड अभाव के कारण नागरिकों को परेशानी का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
वृहद पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 297 ) श्री जतन उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र 128 में सम्मिलित ग्राम पंचायत में आवागमन हेतु वृहद पुल निर्माण के लिये रायबास में सर्प नदी, पाठईढाना में उस्मान नदी पर, भुयारी में जाम नदी पर, जामघाट में उस्मान नदी पर, सीताढाना में नदी पर पुल निर्माण हेतु कोई सर्वे कार्य विभाग द्वारा कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इस वृहद पुल निर्माण की स्वीकृति कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
छिंदवाड़ा जिला अंतर्गत कराये गये निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 298 ) श्री जतन उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत आने वाले लोक निर्माण विभाग के सभी संभागों में 01 जनवरी 2013 से प्रश्न तिथि तक 02 लाख रू. से कम कार्यादेश किस-किस स्थान के किस-किस निर्माण कार्य के आदेश हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार मेंटेनेंस के कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? किस-किस ठेकेदार को कितना-कितना भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में किये गये कार्यों में से किस कार्यों की शिकायतें अधीक्षण यंत्री/मुख्य अभियंता/प्रमुख अभियंता/राज्य शासन को प्राप्त हुई? किस आदेश क्रमांक एवं दिनांक से उक्त कार्यालयों द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दि. तक की गई? (घ) छिंदवाड़ा जिले में स्थित लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों को 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दि. तक कितनी राशि किस कार्य हेतु बजट से प्राप्त हुई? कितनी राशि व्यय की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
विभाग द्वारा किए गए विकास कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 335 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों से कृषि विभाग द्वारा कितने बलराम तालाब किन-किन ग्रामों में बनवाए गये हैं। (ख) निर्मित बलराम तालाबों की निर्माण राशि एवं किसान का नाम बतावें। (ग) वर्तमान में सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं बनाई जा रही हैं। (घ) प्रश्नांश (क) क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में बलराम तालाब निर्माण हेतु प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन लंबित हैं, ग्राम सहित जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में 27 बलराम तालाब बनाये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत फार्म पॉण्ड/बलराम तालाब/तालाब निर्माण की योजनायें स्वीकृत की गई है। (घ) वर्तमान में कुल दो आवेदन श्रीमति विमला कुंअर पिता श्री विजय बहादुर सिंह पुरोहित जाति ब्राम्हण, ग्राम हालूखेड़ी (कयामपुर) एवं श्री मंसूलअली पिता टेयबअली, जाति बोहरा, ग्राम नाटाराम (सीतामऊ) के लंबित है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र निधि का व्यय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( क्र. 345 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास कार्यों हेतु विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो आदिवासी उपयोजना क्षेत्र कौन-कौन सा है? वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि योजनावार, जबलपुर संभाग में व्यय की गयी जिलेवार जानकारी दें? (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि को किन-किन क्षेत्रों में व्यय करने सम्बन्धी प्रावधान म.प्र. बजट नियमावली 2012 में दिये गये है, उन प्रावधानों के अनुसार व्यय किया जा रहा है या अन्य प्रावधान/आधार के अनुसार व्यय किया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ (ख) आदिवासी उपयोजना क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक आदिवासी उपयोजना अन्तर्गत विभाग को प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। योजनावार जबलपुर संभाग के जिलों के द्वारा व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि को व्यय करने संबंधी प्रावधान बजट मैन्युअल नियमावली 2012 के अध्याय 15 में अंकित दिशा निर्देशों (चेप्टर15) जिसकी छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है, तदानुसार ही व्यय किया जा रहा है।
बालाघाट जिले की सिंचाई क्षमता
[जल संसाधन]
25. ( क्र. 347 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी लघु, मध्यम, वृहद सिंचाई तालाब/डेम, कितनी-कितनी रूपांकन सिंचाई क्षमता की, कितनी-कितनी लागत से कब-कब पूर्ण किया गया एवं कौन-कौन सी प्रस्तावित है? जो शासन स्तर पर लंबित है? (ख) वित्तीय वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनाँक तक प्रत्येक तालाब/डेम से कृषकों की कितनी-कितनी भूमि में रबी एवं खरीफ की फसलों हेतु सिंचाई की जा रही है? (ग) क्या कुछ तालाब/डेम से जितनी भूमि पर सिंचाई होनी थी उतनी सिंचाई नहीं हो पा रही है? (घ) यदि हाँ तो कौन-कौन तालाब/डेम है एवं किन कारणों से सिंचाई क्षमता के अनुसार सिंचाई नहीं हो पा रही है और कब तक क्षमतानुसार सिंचाई हेतु पूर्ण कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) बैहर विधान सभा क्षेत्र की कोई परियोजना शासन स्तर पर लंबित नहीं है। प्रश्नांश में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला से कृषकों को लाभ प्रदान करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
26. ( क्र. 402 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-37 (क्रमांक 331) दिनांक 5 दिसम्बर 2016 के उत्तर में बताया गया था कि जिला राजगढ़ (ब्यावरा) में नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवन में जल एवं विद्युत व्यवस्था की कार्यवाही एवं प्रयोगशाला हेतु पदों के सृजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में कार्यवाही पूर्ण कर ली गई? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में विलम्ब के क्या कारण है तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ख) उपरोक्तानुसार क्षेत्र के किसानों को मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का त्वरित लाभ प्रदान करने हेतु कब तक उक्त प्रयोगशाला को उपयोगी बनाया जा सकेगा एवं आवश्यक संसाधन व तकनीकी अमले की पू्र्ति कराई जावेगी? (ग) क्या उक्त मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की सुरक्षा की दृष्टि से प्रयोगशाला परिसर की बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य के लिये विभाग द्वारा क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कब तक बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य करवा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) हाँ। मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवनों में जल एवं विद्युत व्यवस्था के लिये किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक/डी/6/5/2014/14-3, दिनांक 25.01.2017 के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त हुई है। उक्त कार्य कराने हेतु तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है। प्रदेश में विकासखंड स्तर पर स्थापित होने वाली नवीन 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु आवश्यक तकनीकी अमले/पदों के सृजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिसमें राजगढ़ (ब्यावरा) जिलें की प्रयोगशालाओं का अमला भी सम्मिलित है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान में मिनी लैब द्वारा मृदा की जांच की जाकर जिलें के कृषकों को स्वाईल हैल्थ कार्ड उपलब्ध कराये जा रहें है। नवीन स्थापित होने वाली मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को क्रियान्वित किये जाने हेतु आवश्यक संसाधन व तकनीकी अमले की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य के लिये कार्य योजना बनाई गई है। कार्य योजना की स्वीकृति उपरांत बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य तद्नुसार कराया जावेगा।
अनूपपुर से जैतहरी मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 405 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अंतर्गत अनूपपुर से जैतहरी मार्ग नवीनीकरण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृत राशि बतायें? (ख) क्या प्रश्नांकित मार्ग का भूमि पूजन किया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? (ग) क्या प्रश्नांकित मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से यदि नहीं, तो क्यों? निर्माण कार्य कब पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, उन्नयन हेतु। रूपये 5744.18 लाख। (ख) जी हाँ, दिनांक 11.10.2015 को। (ग) जी हाँ। दिनांक 18.11.2015 से। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अनुबंधानुसार दिनांक 17.11.2017 तक।
सड़क चौड़ीकरण एवं पुल-पुलियों का निर्माण
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 434 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर से सागर मार्ग पर कई महीनों से अनेक डायवर्सन और खुदाई से आवागमन बाधित करने वाले सड़क निर्माण कार्य का ठेका कौन सी फर्म को कब कितने दिन में पूर्णता की शर्त पर कितनी राशि का दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त मार्ग के चौड़ीकरण का कितने किलो मीटर में कितनी राशि का कार्य स्वीकृत है? चौड़ीकरण पूर्व की निविदा पर हो रहा है या नये टेंडर बुलाये गये है? कितनी राशि का कार्य कितने दिन में होना है? क्या-क्या शर्तें है। (ग) उक्त मार्ग में पुल- पुलियों के निर्माण की क्या अवधि है? कुल कितनी पुल पुलिया निर्मित हो चुकी हैं? कितनी निर्माणाधीन हैं। कितनी अभी और निर्मित होना है? इनकी अलग-अलग संख्या बतायें एवं इनकी निर्माण लागत कितनी है अलग-अलग बतायें? (घ) छतरपुर-सागर मार्ग में निर्माणाधीन पुल-पुलिया के कुल कितने ठेकेदार कार्यरत हैं? किस रेट पर कार्य हो रहा है? कुल कितनी लागत का कार्य है? पुल-पुलियों का स्थान भी बताये कि छतरपुर से मातगुवा-गुलगंज-बडामलहरा-हीरापुर-दलपतपुर-बंडा-सागर के बीच कहाँ-कहाँ बन चुकी है? कहाँ बनना शेष है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है।
उज्जैन जिले में प्रोजेक्ट आत्मा का संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
29. ( क्र. 450 ) श्री सतीश मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में प्रोजेक्ट आत्मा कब से संचालित की जा रही है? राज्य शासन एवं केंद्र शासन द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि दी गई वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त योजना अंतर्गत विगत दो वर्षों में जिले में कब-कब कितने-कितने किसानों को प्रशिक्षण दिया गया? प्रशिक्षण अवधि तथा प्रत्येक प्रशिक्षण पर हुए व्यय की अलग-अलग जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) उक्त योजना मद में जिले को कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है वर्षवार ब्यौरा देवें तथा बतावें की इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से अब तक कितने किसानों को किस तरह का लाभ प्राप्त हुआ है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) उज्जैन जिले में प्रोजेक्ट आत्मा वर्ष 2005-06 से संचालित की जा रही है। राज्य शासन एवं केंद्र शासन द्वारा की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) राशि आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से अब तक 6985 किसानों को उन्नत एवं नवीन कृषि तकनीकी प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त हुआ।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 86 का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 462 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरियावली विधानसभा क्षेत्र में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 86 के किमी 3/8 मकरोनिया चौराहे से लेकर बहेरिया तिगड्डा तक का चौड़ीकरण का आश्वासन विभागीय मंत्री द्वारा सागर प्रवास के दौरान दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त सड़क मार्ग का प्राक्कलन विभाग द्वारा तैयार किया गया है? (ग) उक्त प्राक्कलन की स्वीकृति विभाग द्वारा कब प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्राक्कलन राशि रूपये 13.08 करोड़ का दिनांक 26.05.2016 को भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित, स्वीकृति अप्राप्त वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
बम्होरी बीका से राठौर मंदिर सदर तक सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 463 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में बम्होरी बीका तिराहा से राठौर मंदिर केंट सदर का सड़क मार्ग पूर्व में एन.एच. 26 मार्ग से लोक निर्माण विभाग के अधीन हो गया है? (ख) लोक निर्माण विभाग में संविलियन उपरांत उक्त मार्ग में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये एवं क्या नवीन प्राक्कलन तैयार किया गया है? (ग) नवीन प्राक्कलन तैयार किया गया है तो उक्त प्राक्कलन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) डामरीकरण, नवीनीकरण एवं पेंच मरम्मत कार्य कराया गया है। जी हाँ। (ग) प्राक्कलन परीक्षणाधीन है। पर्याप्त वित्तीय उपलब्धता होने पर स्वीकृति पर विचार किया जा सकेगा।
फसल बीमा हेतु चयनित किसानों की सूची एवं गाईड-लाईन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
32. ( क्र. 497 ) श्री रामसिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में फसल बीमा हेतु किसानों का चयन किया गया है? यदि हाँ, तो चयनित किसानों की संख्या बताएं एवं इसकी गाईड-लाईन की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ख) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कितने किसानों को कितनी-कितनी मुआवजा राशि स्वीकृत एवं वितरित की गई है? (ग) क्या कुछ किसानों को मुआवजा राशि दिया जाना है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को कितनी-कितनी मुआवजा राशि दिया जाना शेष है? इसका भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 19/12/2016 से उप संचालक, किसान कल्याण एवं कृषि विभाग जिला-शिवपुरी से कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में फसल बीमा हेतु चयनित किसानों की सूची एवं गाईड-लाईन चाही थी? यदि हाँ, तो सूची एवं गाईड-लाईन क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) हाँ, खरीफ 2016 में ऋणी कृषक 8116 एवं अऋणी कृषक 3060 कुल 11176 कृषक, रबी 2016-17 में ऋणी कृषक 3899 एवं अऋणी कृषक 512 कुल कृषक 4411 ने फसल बीमा कराया। गाईड-लाईन की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2016 हेतु दावा राशि की गणना प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) माननीय विधायक महोदय द्वारा चाही गई जानकारी उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला शिवपुरी के पत्र क्रमांक/टी-5/प्रमफबी/2016-17/73 दिनांक 6.01.2017 द्वारा उपलब्ध कराई गई।
कैलाशपुर माइक्रो उद्हवन सिंचाई योजना के प्राक्कलन एवं बजट की स्वीकृति
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 510 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग के महत्वपूर्ण बाणसागर अंतर्राज्यीय बहुउद्देशीय वृहद परियोजना का पानी नहर के माध्यम से सीधी जिले के हर्दी गांव से विधान सभा क्षेत्र मऊगंज-71 के पिपराही में स्थित अदवा नाला में गिरता है, जो उत्तर प्रदेश को जा रहा है। प्रश्नकर्ता द्वारा 21 मई 2016 को एक दिवसीय धरने पर क्षेत्रीय विशाल जन समूह के साथ विधान सभा क्षेत्र मऊगंज के तहसील हनुमना को सिंचित करने हेतु कैलाशपुर माइक्रो उद्हवन सिंचाई योजना बनाकर पानी दिये जाने हेतु था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा तीन माह में डी.पी.आर. बनाकर शासन को भेजने का आश्वासन उपरांत धरना खत्म किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या कैलाशपुर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना के नाम से 470.02 करोड़ की लागत का जो 220 गांवों के 18000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करने हेतु प्रोजेक्ट को छत्तीस माह में पूरा किये जाने का लक्ष्य रखकर वर्ष 2018-19 तक पूर्ण करने के संभावना के साथ डी.पी.आर. तैयार किया जाकर शासन को भेजा गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो विधान सभा में दिनांक 08.12.2016 को प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये भाषण में इसे बजट में जोड़ने हेतु कथन किया गया था? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांश (ग) के प्रकाश के अनुसार कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। कारण का निराकरण कब तक किया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) बाणसागर अंर्तराज्यीय परियोजना का पानी उत्तरप्रदेश द्वारा निर्मित नहर के माध्यम से अदवा नाले में गिरता है, जो उत्तरप्रदेश को जाता है। कैलाशपुर माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना की प्रारंभिक रिपोर्ट अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्डल, रीवा द्वारा तैयार किया जाना प्रतिवेदित है, जिसका परीक्षण मुख्य अभियंता, बोधी द्वारा किया जा रहा है। परियोजना प्रारंभिक स्थिति में होने व अंतर्राज्यीय विषय होने के कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
रोडों के निर्माण कराने एवं राशि के गबन करने के दोषियों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 517 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कितने सड़कों/रोड़ों के मरम्मत बाबत् राशि विगत 03 वर्षों में कितनी-कितनी, किन-किन किलोमीटरों बाबत् किन-किन रोडों हेतु प्रदान की गई? प्रदान राशि अनुसार कार्य कराने हेतु निविदा कब-कब बुलाई गई एवं किन-किन ठेकेदारों/संविदाकारों को कार्यादेश कब, किस शर्त पर जारी किये गए? क्या ठेकेदारों/संविदाकरों की कार्यवधि भी बढ़ायी गई, अगर बढ़ायी गई तो किन-किन शर्तों एवं नियमों के तहत प्रति देते हुए बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) की सड़कों की मरम्मत बाबत् शासन द्वारा क्या नीति निर्धारित की गई है? नीति की प्रति देते हुए बतावें कि मरम्मत कितने अंतराल/समय बाद रोडों/सड़कों के करने के प्रावधान निहित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गुढ़ विधान सभा क्षेत्र की कितनी ऐसी रोडें/सड़कें हैं, जिनके मरम्मत एवं निर्माण बाबत् प्रस्ताव राशि शासन को भेजे गए हैं, इनमें से कितने-कितने लागत के प्राक्कलन किन-किन रोडों के तैयार कर शासन के पास स्वीकृति बाबत् लंबित हैं तथा कितने स्वीकृत हो चुके हैं, की प्रति देते हुए बतावें। जिन रोडों/सड़कों की स्वीकृति प्राक्कलन प्राप्त करने के बाद भी शासन द्वारा नहीं की गई तो क्यों? जबकि प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय मंत्री जी के रोड़ों के निर्माण बाबत् पत्र भी लिखे गये? (घ) प्रश्नांश (क) की सड़कों/रोडों के मरम्मत के नाम पर राशि फर्जी बिल वाऊचर के आधार पर संविदाकारों एवं अधिकारियों में मिलीभगत से बगैर मौके पर काम कराये आहरित कर ली गई है एवं मनमानी तरीके से कार्यों के कार्यावधि बढ़ाकर संविदाकारों को लाभ पहुँचाया गया तो इसके लिए दोषियों के विरूद्ध क्या गबन का मामला पंजीबद्ध कराते हुए राशि की वसूली ब्याज सहित करेंगे, हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों? प्रश्नांश (ग) के सड़कों/रोडों का प्राक्कलन शासन द्वारा प्राप्त करने के बाद भी रोडों/सड़कों के निर्माण एवं मरम्मत बाबत् स्वीकृति शासन एवं प्रशासन द्वारा प्रदान नहीं की गई तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषीयों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। जी हाँ। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कोई नहीं। इंडियन रोड कांग्रेस के द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार किया जाता है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘ब’ के कालम-7 में दर्शाई गई है, स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘ब’ अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध वसूली
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 518 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाणसागर परियोजना के पुरवा नहर के शेष कार्य पूर्ण कराने हेतु हाई ड्रॉलिक एक्सकेवेटर को किराये पर लेने का कार्यादेश ठेकेदार को मई 2011 में किस शर्त एवं अनुबंध अनुसार दिया गया था? अनुबंध एवं शर्तों की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि, किस-किस माध्यम से ठेकेदार को भुगतान की गई? अनुबंध में मशीन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने हेतु परिवहन व्यय क्या ठेकेदार को वहन करना था? भुगतान हेतु मशीन का किराया किस मान से तय किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या ठेकेदार को अतिरिक्त 4033.77 घण्टों का अधिक भुगतान मशीन का कर ठेकेदार को संबंधित अधिकारियों द्वारा लाभ पहुँचाया गया, यदि हाँ, तो क्यों बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ठेकेदार को अदेह लाभ अनुबंध की शर्तों से हटकर पहुँचाने के लिए संबंधित दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए ज्यादा भुगतान की गई राशि की वसूली संबंधितों से ब्याज सहित करायेंगे? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अनुबंध एवं शर्तों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) पूरवा नहर के कार्य हेतु किए गए ई-भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। जी हाँ। विभाग द्वारा मशीनों के परिवहन हेतु कोई भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कालीसिंध वृहद सिंचाई परियोजना अंतर्गत डेम निर्माण
[जल संसाधन]
36. ( क्र. 538 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले में कालीसिंध नदी पर वृहद सिंचाई परियोजना अंतर्गत डेम बनाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण की जाकर परियोजना किस स्तर पर लंबित है? (ख) परियोजना के अंतर्गत कितने हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी तथा क्षेत्र की कितने हेक्टेयर भूमि डूब में आना प्रस्तावित है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) उल्लेखित वृहद सिंचाई परियोजना प्रस्तावित है तो परियोजना की स्वीकृति में विलंब के क्या कारण हैं तथा कब तक परियोजना को स्वीकृत किया जाकर कार्य प्रारंभ हो सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन परियोजना की स्वीकृति के लिए लागत-लाभ का अनुपात देखने की व्यवस्था है। दिनांक 04.10.2008 को जारी प्रशासकीय स्वीकृति के मुताबिक कालीसिंध वृह्द परियोजना से प्रस्तावित वार्षिक सिंचाई 50,400 हे. होकर अनुमानित लागत राशि रू.453.54 करोड़ है। परियोजना के डूब क्षेत्र में बहुमूल्य भूमि आने, डूब क्षेत्र की भूमि की कलेक्टर गाईड लाईन दर में अत्यधिक वृद्धि हो जाने, भू-अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रभावशील होने के परिप्रेक्ष्य में परियोजना की लागत में लगभग 5 गुना वृद्धि और सिंचाई क्षेत्र केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार मात्र 32,400 हे. अनुमानित है। गाईड-लाईन वर्ष 2014-15 के अनुसार परियोजना की लागत रू.1747.20 करोड़ आंकलित है। जो वर्तमान गाईड-लाईन के अनुसार और अधिक लागत बढ़ने की संभावनाओं के कारण परियोजना वर्तमान में साध्य नहीं रही है। परियोजना के असाध्य हो जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
सिंचाई योजनाओं से संबंधित विभागीय प्रस्तावों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 539 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंचाई विभाग द्वारा 0.5 मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता से कम क्षमता की सिंचाई योजनाओं को शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है? (ख) क्या सिंचाई विभाग द्वारा 40 हेक्टेयर तक की योजनाओं को स्वीकृत किये जाने का कोई प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो 40 हेक्टेयर तक की योजनाओं को स्वीकृत किये जाने संबंधी शासन द्वारा विभाग को कोई निर्देश जारी किये जा रहें हैं तथा कब तक इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये जायेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं। जल संसाधन विभाग की सिंचाई परियोजनाओं के लिए 0.5 मि.घ.मी. जल क्षमता का बंधन नहीं है। परियोजनाओं की स्वीकृति उनकी जलग्रहण क्षेत्र में उपलब्ध जल की मात्रा तथा जीवित जल क्षमता पर निर्भर होती है। 40 हे. से कम क्षमता वाली परियोजनाओं को स्वीकृत किए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पुल/पुलियाओं का निर्माण
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 548 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के मनसाया-सेमलिया-बडबेली मार्ग एवं पोलायाकला- रनायल मार्ग में कितने पुल/पुलियाओं का निर्माण कार्य नहीं किया गया था? इन निर्माण कार्यों का निर्माण नहीं होने का क्या कारण है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित सड़कों पर पुल/पुलियाओं के निर्माण नहीं होने से वर्षाकाल में आवागमन बंद हो जाता है? आवागमन के वैकल्पिक मार्ग क्या है? (ग) क्या जनहित में पोलायाकला- रनायल मार्ग एवं मनसाया-सेमलिया-बडबेली मार्ग में पड़ने वाले पुल/ पुलियाओं का निर्माण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
डेम की मरम्मत
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 549 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पार्वती नदी पर बापचा डेम, पीली कराड़ डेम तथा नेवज नदी पर बांकाखेड़ी- डूंगलाय डेम का निर्माण कार्य कब पूर्ण करवाया गया था? क्या इन बांधों में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में मरम्मत का कार्य किया गया था? यदि हाँ, तो कितना भुगतान किया गया वर्षवार/कार्यवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तीनों बांधों के पक्के स्ट्रक्चर में से पानी की अत्यधिक निकासी होती है, क्या विभाग द्वारा पानी की निकासी रोकने के लिए मरम्मत कार्य करने हेतु, प्राक्कलन तैयार किये गए हैं? यदि हाँ, तो कार्यवार जानकारी देवे।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कालापीपल तहसील के बापचा वियर, बांकाखेड़ी डूगंलाय वियर तथा पीलीकराड़ वियर का निर्माण कार्य क्रमशः वर्ष 2008-09, 2008-09 एवं 2014-15 में पूर्ण किया गया। उक्त परियोजनाओं पर वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में मरम्मत कार्य कराया जाना प्रतिवेदित नहीं है। (ख) तीनों वियर के पक्के स्ट्रक्चरों में से पानी का रिसाव नहीं है। गेटों की फ्रेम खराब होने एवं रबरसील कट जाने से पानी का रिसाव होना प्रतिवेदित है। क्षतिग्रस्त रबरसील, फ्रेम बदलने तथा मरम्मत कार्यों के प्राक्कलन बनाने के निर्देश दे दिये गये हैं। वर्षा पूर्व मरम्मत कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा।
नागदा के चामुण्डा माता मंदिर के डाउन स्ट्रीम में स्टॉप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
40. ( क्र. 556 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा के चामुण्डा माता मंदिर के चम्बल नदी के डाउन स्ट्रीम में दिनांक 07 अगस्त 2007 को स्टॉप डेम निर्माण की स्वीकृति हुई थी एवं इसका टेण्डर भी नवम्बर 2007 में हो चुका था, किन्तु इसके बाद भी डेम का निर्माण आज तक नहीं हुआ है? (ख) उक्त डेम निर्माण की प्रक्रिया वर्तमान में किस स्तर पर प्रचलित है? इस डेम का निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ हो जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी हाँ। प्रस्तावित स्थल के डाउन स्ट्रीम में नगर-पालिका परिषद् नागदा द्वारा जल आवर्धन परियोजना प्रस्तावित करने के कारण परियोजना निरस्त करने का प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति के समक्ष विचाराधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
नागदा में ए.डी.जे. कोर्ट के सम्बंध में
[विधि और विधायी कार्य]
41. ( क्र. 557 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. न्यायाधीशों के आवास के लिये नागदा में कोई योजना प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत हो जावेगी? (ख) क्या वर्तमान न्यायालय परिसर नागदा के प्रथम मंजिल के निर्माण के लिये कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत हो जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील नागदा में न्यायिक अधिकारियों के लिये आवासीय भवनों के निर्माण हेतु कलेक्टर, उज्जैन के आदेश दिनांक 29.1.14 के द्वारा ग्राम पाडल्या कला तहसील नागदा स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 294 रकबा 3.512 हेक्टेयर गोचर में से 0.20 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। उक्त भूमि अनुपयुक्त होने के कारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश उज्जैन के द्वारा उक्त भूमि के स्थान पर नागदा में सर्वे क्रमांक 438 रकबा 3.585 हेक्टेयर शासकीय भूमि नवीन न्यायालय भवन एवं आवासीय भवनों के निर्माण हेतु आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) वर्तमान न्यायालय भवन नागदा में एक न्यायालय कक्ष, अभिलेखागार कक्ष, प्रतिलिपि कक्ष, मालखाना कक्ष के निर्माण हेतु विस्तृत प्राक्कलन तैयार कराये जाने के लिये जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उज्जैन द्वारा संभागीय परियोजना यंत्री, लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. उज्जैन को पत्र दिनांक 20.1.16, स्मरण पत्र दिनांक 23.2.16 एवं 12.3.16 को लिखा गया है परंतु लोक निर्माण विभाग से उक्त निर्माण कार्य से संबधित विस्तृत प्राक्कलन आज दिनांक तक अपेक्षित है।
एक ही भूखण्ड को दो भूखण्डों का आवंटन
[सहकारिता]
42. ( क्र. 564 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. संख्या 97 (क्रमांक 795), दिनांक 05.12.2016 के उत्तर (क) में बताया गया था कि तत्कालीन पदाधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. करने एवं एक से अधिक भूखण्डों के विक्रय पत्र शून्य करने की कार्यवाही की जा रही है तथा उत्तर (ख, ग) के उत्तर में बताया गया था कि प्रभारी अधिकारी द्वारा पूर्व में आवंटित भू-खण्ड क्र. 61 के आवंटन एवं विक्रय की जानकारी संज्ञान नहीं लिये जाने एवं उसी सदस्य अनिल शर्मा को दोबारा 1473.6 वर्ग फिट के भू-खण्ड की रजिस्ट्री दिनांक 14.09.2016 को नियम विरूद्ध की गई है एवं दोषी प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध सोसायटी अधिनियम के प्रावधानुसार कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो शिक्षक गृह निर्माण समिति में दोबारा आवंटित भू-खण्ड के विक्रय पत्र शून्य करने एवं दोषी प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) वर्णित (क) अनुसार दोबारा आवंटित भू-खण्ड विक्रय-पत्र को कब शून्य किया जायेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, अपितु उत्तर (क) में बताया गया था कि दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. करने एवं एक से अधिक भूखण्ड के विक्रय पत्र शून्य करने संबंधी कार्यवाही हेतु सोसायटी को निर्देश दिये गये है‘‘ तथा (ख, ग) के उत्तर में बताया गया था कि, संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा भूखण्ड क्रमांक 61 को संस्था के अन्य सदस्य को विक्रय करने की अनुमति देने से वह दोषी है। प्रभारी अधिकारी द्वारा न्यायालयीन आदेशानुसार सदस्य श्री अनिल कुमार शर्मा को 1473.6 वर्गफीट के भूखण्ड की रजिस्ट्री दिनांक 14.09.2016 को करवाई थी। उक्त भूखण्ड की रजिस्ट्री कराने के पूर्व उनके द्वारा उक्त सदस्य को पूर्व में आवंटित/रजिस्ट्रीकृत भूखण्ड क्रमांक 61 के विक्रय के संबंध में अधिनियम/उपनियम के अनुसार संज्ञान नहीं लिये जाने से प्रभारी अधिकारी भी दोषी है। दोषियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में वर्णित प्रावधानान्तर्गत कार्यवाही करने हेतु उपायुक्त, सहकारिता जिला जबलपुर को निर्देशित किया गया है। शिक्षक गृह निर्माण समिति में दोबारा आवंटित भूखण्ड के विक्रय पत्र को शून्य करने के निर्देश संस्था प्रशासक को दिये गये है एवं पूर्व अध्यक्ष एवं प्रशासक के विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धारा 76 (2) के अन्तर्गत उपायुक्त, सहकारिता जिला जबलपुर द्वारा कार्यवाही की जा रही है। (ख) दोबारा आवंटित भूखण्ड के विक्रय पत्र को शून्य कराने के निर्देश संस्था के प्रशासक को दिये गये है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अपात्र विस्थापितों को प्लाट आवंटन की उच्चस्तरीय जाँच
[जल संसाधन]
43. ( क्र. 591 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाणसागर परियोजना के अंतर्गत सतना जिले में 336 गावों का विस्थापन हुआ था और विस्थापित ग्रामीण परिवारों को बसाने के लिए 20 माडल विलेज बनाये गए थे? यदि हाँ, तो क्या गाइड लाइन बनाकर यह तय किया गया था कि एक परिवार को शासकीय अनुदान के तौर पर 40X90 का एक पट्टा देना है तथा विस्थापित परिवार की संपत्ति चाहे जितनी हो उसका पूरा मुआवजा दिया जाएगा किन्तु प्लाट का पट्टा एक ही रहेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या आवंटनकर्ता प्रभारियों ने नियम विरुद्ध तरीके से मोटी रकम वसूल कर एक परिवार को दो से तीन पट्टे दे दिए गए? ऐसे कितने अपात्र हितग्राही हैं जिन्हें एक से अधिक पट्टा दिया गया है? नामवार, ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) क्या इस फर्जीवाड़े में तत्कालीन भू-अर्जन अधिकारी अभयलाल मिश्रा एवं मौजूदा प्रभारी एस.के. पाण्डे संलिप्त हैं तथा वर्तमान यूनिट क्र.6 के लेखापाल हरीश त्रिवेदी जिन्हें पट्टा आवंटनकर्ता प्रभारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जिनके द्वारा ऐसे विस्थापित हितग्राहियों को दो-तीन प्लाटों के पट्टे आवंटित कर दिए गए हैं जो अपात्र हैं? (घ) क्या बाणसागर परियोजना की यूनिट क्र.6 द्वारा वर्तमान में भी विस्थापितों के प्लाट आवंटन में फर्जीवाड़ा करते हुए लगभग 100 हितग्राहियों को एक के बजाय तीन-तीन प्लाट आवंटित किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। बाणसागर परियोजना के अंतर्गत सतना जिले में कुल 175 ग्राम डूब से प्रभावित है, इनमें से 133 ग्रामों में विस्थापन की कार्यवाही की गई है। शेष 42 ग्रामों में कोई भी भवन प्रभावित न होने से विस्थापन की कार्यवाही नहीं की गई है। विस्थापित परिवारों को बसाने के लिये सतना जिले में 09 माडल विलेज बनाये गये हैं, इनमें से आदर्श ग्राम न्यूरामनगर में 40‘x90‘ के आवासीय भूखण्ड तथा शेष 08 आदर्श ग्रामों में 50x90 के भूखण्ड विस्थापितों को आवंटित किये गये हैं। शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुसार डूब प्रभावित भवनों के अवार्ड धारियों एवं भू-अर्जन अधिनियम, 1894 की धारा-4 के प्रकाशन दिनांक की स्थिति में भवन अवार्ड धारियों के वयस्क पुत्रों को, जिनके द्वारा प्लाट के बदले राशि प्राप्त नहीं की गई है ऐसे विस्थापितों को एक प्लाट आवंटन की पात्रता है। (ख) से (घ) अपात्र हितग्राहियों को पट्टा आवंटित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
नहर हेतु भूमि अधिग्रहण
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 592 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की तहसील त्यौंथर के ग्राम बड़ागाँव में मुख्य नहर निर्माण हेतु खसरा क्र.3136 से खसरा क्र.3218 तक कितनी भूमि खसरावार अधिग्रहण की गई? खसरावार अधिग्रहित भूमि की लम्बाई, चौड़ाई एवं रकवा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित गाँव के खसरा क्र.3195 में से कितनी भूमि का अधिग्रहण किया गया, उसकी लम्बाई, चौड़ाई एवं रकवा क्या है? (ग) त्यौंथर के ग्राम बड़ागाँव की अराजी क्र.3195/1/1 एवं खसरा क्र.3195/1/1ग की भूमि लेबल सर्वे के अनुसार क्या है एवं कितनी लम्बाई-चौड़ाई तथा रकवा की भूमि अधिग्रहित की गई है? (घ) क्या त्यौंथर तहसील के ग्राम बड़ागाँव में खसरा क्र.3136 से 3218 तक सर्वे में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा भुगतान के बावजूद नहर का निर्माण नहीं किया गया है, नहर का मार्ग अकारण परिवर्तित क्यों किया गया? जांच कराकर इसके लिए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खसरा क्रं. 3195 में से लम्बाई 89 मीटर, चौड़ाई 22 मीटर तथा लम्बाई 126.50 मीटर, चौड़ाई 28 मीटर कुल 0.55 हे. भूमि अधिग्रहित की गई है। (ग) ग्राम बड़ागाँव की आराजी खसरा क्रं. 3195 का नक्शे में बटाकंन नहीं है। खसरे के स्वामित्व कृषकों की आपसी सहमति तथा मोके पर कब्जा अनुसार सीमाकंन के आधार पर खसरा क्रं. 3195/1/1 में लम्बाई 89 मीटर, चौड़ाई 22 मीटर एवं खसरा क्रं. 3195/1/1ग में लम्बाई 126.50 मीटर, चौड़ाई 28 मीटर भूमि आवश्यकतानुसार अधिग्रहित की गई है जिसका सर्वे के अनुसार लेविल आर.एल. 108.28 मीटर से 107.85 मीटर है। (घ) ग्राम बड़ागाँव के खसरा क्रं. 3136 से 3218 में निर्माण के लिये आवश्यक अधिग्रहित भूमि पर ही नहर का निर्माण एलाइनमेंट में बिना परिवर्तन किये स्वीकृति अनुसार किया जाना प्रतिवेदित है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
बेलखेड़ा-कटाईघाट-बरमान मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 600 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बेलखेड़ा से कटाई घाट-बरमान मार्ग की स्वीकृति कब प्राप्त हुयी? उक्त मार्ग कितनी लागत राशि से बनाया जाना है? (ख) बेलखेड़ा-कटाईघाट-बरमान मार्ग का निर्माण कब तक प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मार्ग निर्माण में अनियमितताऐं
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 601 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कुंआखेड़ा-केवलारी-करहैया मार्ग का निर्माण/डामरीकरण का कार्य कब पूर्ण हुआ? उक्त मार्ग निर्माण का मापन मूल्यांकन एवं गुणवत्ता परीक्षण किन-किन अधि./कर्म. द्वारा किया गया? (ख) उपरोक्त मार्ग के ग्राम केवलारी से करहैया का डामरीकरण गुणवत्ताहीन निर्माण के कारण बनते ही जर्जर हो गया है? क्या शासन उक्त गुणवत्ताहीन निर्माण की जांच कराकर संबंधित ठेकेदार से गुणवत्तापूर्ण सुधार करायेगा हां, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लंबाई 1.80 कि.मी. में से 200.00 मीटर लंबाई में सीमेंट कांक्रीट कार्य एवं 1600.00 मीटर लंबाई में डामरीकरण का कार्य होना है। कार्य प्रगति पर है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। कार्य के चलते अचानक वर्षा के कारण डामरीकरण कार्य खराब हो गया था, जिसे विभाग द्वारा आमान्य कर पुन: कराने हेतु निर्देशित किया गया है। अत: जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। पुन: डामरीकरण का कार्य प्रगति पर है एवं 900.00 मीटर लंबाई में डामरीकरण का कार्य भी हो गया है। कार्य गुणवत्तापूर्ण कराया जा रहा है।
लाईनिंग कार्य की जाँच
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 617 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालधा तालाब अन्तर्गत नहरों से सिंचाई का प्रावधान हैं? हाँ तो तालाब बनने के पश्चात् क्या तालाब में नहरों के माध्यम से सिंचाई हेतु चिंहित शत् प्रतिशत क्षेत्र में पानी उपलब्ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्ष में कौन सी समयावधि में पानी उपलब्ध कराया गया यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ख) क्या विगत वर्षों में पूरी नहर का लाईनिंग कार्य किया गया है वर्तमान में कई स्थानों पर नहर क्षतिग्रस्त है? (ग) कालधा तालाब में नहरों के निर्माण एवं लाईनिंग कार्य पर कुल कितना खर्च विभाग द्वारा किया गया है तथा नहर पर की गई लाईनिंग कार्य की गुणवत्ता हेतु निरीक्षणकर्ता अधिकारी कौन-कौन थे? क्या वर्तमान में पूर्णतः क्षतिग्रस्त होने से लाईनिंग कार्य की जांच विभाग द्वारा कराई जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। नहर के प्रारंभिक भाग में निर्मित एक्वाडक्ट एवं नहर क्षतिग्रस्त होने से नहर में पानी नहीं चलने के कारण शत्-प्रतिशत् क्षेत्र में पानी उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। वर्तमान में क्षतिग्रस्त भाग का मरम्मत एवं सुधार कार्य प्रगति पर है। विगत पाँच वर्ष में की गई सिंचाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कालधा तालाब की नहर की कुल 4600 मीटर लम्बाई में से 4270 मीटर लम्बाई में लाईनिंग का कार्य पूर्ण किया गया है। शेष स्थानों पर क्षतिग्रस्त नहर का सुधार एवं लाईनिंग का कार्य प्रगति पर है। (ग) नहरों का निर्माण एवं लाईनिंग कार्य पर कुल 56.73 लाख खर्च किया जाना प्रतिवेदित है। लाईनिंग कार्य का समय-समय पर निरीक्षण संबंधित अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया है। तीन से चार स्थानों पर कृषकों द्वारा खेतों में एकत्रित वर्षा जल निकालने हेतु नहर में पानी डालने से क्षतिग्रस्त हुई नहर को ठेकेदार के व्यय पर सुधारा जाएगा। वर्तमान में जाँच कराने की स्थिति नहीं है।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा दिये गए ऋण
[सहकारिता]
48. ( क्र. 639 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था द्वारा विगत 3 वित्तीय वर्षों में कितने कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कितना ऋण उपलब्ध कराया गया वर्षवार, समितिवार जानकारी देवें एवं वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने कृषकों के किस मान से कितनी राशि के क्रेडिट कार्ड बनाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऋणी कृषकों के संदर्भ में प्राकृतिक आपदा के कारण कितने कृषकों के कितने-कितने ऋण को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित किया गया वर्षवार, संस्थावार सूची देवें? (ग) क्या प्राकृतिक आपदा ग्रस्त प्रश्नांश (क) के ऋण प्राप्त कृषकों को चिन्हित कर बीमा की राशि प्रदान करने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो इनमें से कितने कृषक पात्र पाये गये एवं पात्र पाये गये कितने कृषकों को किस मान से कितनी बीमा की राशि प्रदान की गई? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन ऋण प्राप्त कृषकों को किन कारणों से बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया? उपरोक्त वित्तीय अनियमितताओं का दोषी कौन है तथा उन पर कब तक किस प्रकार से कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण वितरण संबंधी वर्षवार समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। वर्षवार समितिवार किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) प्राकृतिक आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत राज्य शासन के राजस्व विभाग द्वारा प्रदाय वास्तविक औसत पैदावार के आंकड़ों के आधार पर दावा (क्षतिपूर्ति) का भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा किया जाता है। प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित ऋण प्राप्त कृषकों में से बीमा दावा (क्षतिपूर्ति) प्राप्त कृषकों की वर्षवार समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अंतर्गत पात्रता धारित नहीं करने से शेष ऋण प्राप्त कृषकों को बीमा दावा का लाभ प्राप्त नहीं हुआ। उक्त में वित्तीय अनियमितता नहीं पाये जाने से कोई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों द्वारा खरीदे गये बीज पर अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
49. ( क्र. 641 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषकों द्वारा कृषि विभाग (बीज निगम) से खरीदे गये बीज पर अनुदान प्रदान करने के शासन के क्या नियम है नियम की छाया प्रति देवें? (ख) वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिला अंतर्गत कितने कृषकों ने कितनी मात्रा का बीज किस दर से बीज निगम से खरीफ एवं रबी फसलों हेतु क्रय किया वर्षवार, फसलवार एवं विकासखंडवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बीज खरीद पर शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के तहत कितना अनुदान दिया जाना था? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में बीज निगम से कृषकों द्वारा खरीदें गये बीज पर वर्षवार कितना अनुदान कृषकों को प्रदान किया गया एवं कितना अनुदान किन कारणों से अभी तक कृषकों को प्रदान नहीं किया गया है? अनुदान प्रदान न करने अथवा विलंब से करने के क्या कारण है, क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में बीज निगम से कृषकों द्वारा खरीदे गये बीज पर वर्षवार अनुदान कृषकों को प्रदान करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अनुदान प्रदान न करने अथवा विलंब से करने संबंधी जांच कराकर गुण-दोष के आधार पर दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी।
डबरा डिवीजन द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
50. ( क्र. 652 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा डिवीजन के द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में किन किन स्थानों पर क्या क्या कार्य कराये गये सूची उपलब्ध करावें तथा कराये गये कार्यों का किस उपयंत्री के द्वारा कब कब मूल्यांकन किया गया तथा किस अधिकारी द्वारा कब कब किस कार्य का भौतिक सत्यापन किया गया नहीं तो क्यों (ख) प्रश्नांश (क) डबरा में डिवीजन के द्वारा डबरा विधान सभा के क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में किन कार्यों का कितनी कितनी राशि से कहाँ कहाँ मरम्मत कार्य कराये गयें है सूची उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्वालियर जिले के डबरा संभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कोई निर्माण कार्य नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। (ख) ग्वालियर जिले डबरा संभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कराये गये मरम्मत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
छछँद नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 653 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधान क्षेत्रांतर्गत डबरा से गिजौर्रा मार्ग पर ग्राम भर्रौली के पास छछँद नदी पर पुल का निमार्ण कब और किस ऐजेंसी के द्वारा कराया गया क्या पुल के निर्माण में पुल पर दोनों साइट में रैलिंग कार्य तकनीकी प्रतिवेदन में लिया गया है? यदि हाँ, तो फिर रैलिंग का निर्माण आज दिनांक तक क्यों नहीं कराया गया? क्या पुल के निर्माण कार्य की जानकारी तकनीकी स्वीकृति एवं मूल्यांकन सहित प्रदाय की जावे? (ख) प्रश्नांश (क) पुल निर्माण कार्य में वर्तमान की स्थिति तक दोनों ओर रैलिंग का कार्य नहीं कराया गया है तो क्यों नहीं अब कब तक करा दिया जावेगा क्या इस में कोई अधिकारी/ठेकेदार दोषी है यदि हाँ तो उस पर कोई कार्यवाही की गई है नहीं तो कब तक की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 31.03.1985 को मेसर्स एस.एन. श्रीवास्तव ठेकेदार झांसी द्वारा। जी हाँ। प्रावधान अनुसार कोलेप्सीबल रेलिंग लगाई गयी थी, जो कि क्षतिग्रस्त होकर नष्ट हो गई है। तकनीकी स्वीकृति के प्राक्कलन की लागत राशि रूपये 10.32 लाख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं मूल्याकंन माप पुस्तिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। पुन: रेलिंग का कार्य हेतु रू. 3.84 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। निविदा की कार्यवाही की जा रही है। कोई अधिकारी एवं ठेकेदार दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बैकुण्ठपुर से लालगांव मार्ग को रीवा-डभौरा मुख्य मार्ग से जोड़ा जाना
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 659 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लालगांव से बैकुण्ठपुर मार्ग का निर्माण वर्तमान में कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त मार्ग की स्वीकृति कहाँ से कहाँ तक प्रदाय की गई है? (ख) रीवा-डभौरा मुख्य मार्ग से उक्त निर्माणाधीन मार्ग को जोड़ा जावेगा अथवा नहीं? उक्त निर्माण की समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। रीवा-सिरमौर-डभौरा मुख्य मार्ग से लालगांव तक कुल लंबाई 17.80 कि.मी.। (ख) जी हाँ। अनुबंधानुसार दिनांक 17.05.2017 तक।
बरनू एवं मड़ई जलाशय का घटिया निर्माण
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 661 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा के अधीन बरनू एवं मड़ई जलाशय को नहर निर्माण के घटिया निर्माण कार्य के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र पर कलेक्टर शिकायत शाखा जबलपुर के पत्र क्र. 11100 दिनांक 24.12.16 के परिप्रेक्ष्य में एस.डी.एम. सिहोरा द्वारा 13.01.17 को जिला सतर्कता अधिकारी जबलपुर को इस तथ्य के साथ प्रतिवेदन भेजा गया है कि निर्माण कार्य घटिया स्तर का प्रमाणित हो रहा है? इस हेतु अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण की एक टीम गठित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) टीम का प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराये तथा कौन-कौन अधिकारी इसमें दोषी पाये गये? उनके विरूद्ध किन-किन धाराओं के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है तथा इसके द्वारा शासकीय राशि की बर्बादी की वसूली कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) बरनू एवं मड़ई जलाशय की नहर के घटिया निर्माण के संबंध में एस.डी.एम. सिहोरा ने उनके पत्र दिनांक 13.01.2017 द्वारा अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग (भ./स.) मण्डल जबलपुर के अधीनस्थ क्वालिटी कन्ट्रोल टीम से गुणवत्ता की जांच कराने हेतु लेख करते हुए जिला सर्तकता अधिकारी को सूचित किया गया है। प्रकरण कलेक्टर जबलपुर के कार्यालय में विचाराधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 663 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर विकासखण्ड कुण्डम अंतर्गत जबलपुर अमरकंटक मार्ग से घुघरी मार्ग छपरा करौदी से बड़खेरा मार्ग, पड़रिया पडवार से मड़ई मार्ग, कन्हवारा मार्ग एवं सातमझिर से मेन पठारी मार्ग अत्यंत जर्जर हो चुके हैं? इन मार्गों में आवागमन में लोगों को अत्यंत कठिनाई होती है आदिवासी अंचल के ये महत्वपूर्ण मार्ग है? (ख) प्रश्नांश (क) मार्गों के नव निर्माण की क्या कार्य योजना है मार्गवार विवरण उपलब्ध कराये। यह भी बताये कि इन मार्गों का निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित सभी मार्ग प्रथम श्रेणी साधारण (डब्ल्यू.बी.एम.) मार्ग है। स्थाई श्रमिकों द्वारा संधारण कार्य/सुधार कार्य कराया जा रहा है। पडरिया पड़वार से मड़ई मार्ग जनपद पंचायत कुण्डम के अंतर्गत आता है। (सरपंच ग्राम पंचायत मड़ई जनपद पंचायत कुण्डम से प्राप्त प्रमाण पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है) (ख) प्रश्नांश ‘क’ के मार्गों का नव निर्माण किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जल उपभोक्ता संस्थाओं में किये गये कार्य
[जल संसाधन]
55. ( क्र. 725 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले में कितनी जल उपभोक्ता संस्थायें संचालित हैं संस्थाओं के अध्यक्षों एवं सदस्यों की सूची संस्थावार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में प्रत्येक संस्थाओं में विगत 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य एवं राशि स्वीकृत किये गये हैं, संस्थावार, कार्यवार वर्षवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में संस्थावार कार्यों की तथा संविदाकारों की सूची देवें एवं किये गये कार्यों की प्रगति भी देवें जिन कायों में विलंब एवं मापदण्ड का पालन नहीं किया गया उस पर क्या कार्यवाही की गई है, की गई कार्यवही की सूची देवें? (घ) प्रश्नांश 'ग' के संदर्भ में यदि कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुये व मापदण्ड अनुसार नहीं किये गये तो उसके लिए कौन जवाबदार व दोषी है उसके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बेहतर सड़कों के निर्माण हेतु मशीनों का उपयोग
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 728 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक-715 दिनांक-05/12/2016 के प्रश्नांश ''घ'' के उत्तर में विभाग द्वारा बेहतर सड़कों के निर्माण हेतु निर्धारित निविदा प्रपत्र में मशीनों के उपयोग का प्रावधान होने की जानकारी दी गयी थी एवं प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट प्रपत्र-अ के क्रमांक 3, 5, 8, 9 एवं 12 में ठेकेदार द्वारा बाईब्रेटरी रोलर एवं पेवर फिनिशर उपयोग न करने के कारण विभिन्न राशियों की कटौतियां की जाने की जानकारी दी गयी थी? (ख) प्रश्नांश ''क'' में यदि हाँ, तो ठेकेदारों द्वारा बाइब्रेटरी रोलर एवं पेवर फिनिशर उपयोग न करने के क्या कारण थे एवं बेहतर सड़कों के निर्माण हेतु मशीनों के उपयोग न होने से बेहतर सड़क के निर्माण न होने के लिये कौन जवाबदार है? (ग) क्या प्रश्नांश ''क'' में उल्ले खित मशीनों के प्रावधान के कारण छोटे ठेकेदार निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाते है एवं कुछ ठेकेदारों द्वारा मशीनों की उपलब्ध ता बताते हुए निविदा हासिल करने के उपरांत मशीनों का उपयोग नहीं किया जाता है, जिससे बेहतर सड़कों का निर्माण नहीं हो पाता है एवं निविदाओं में प्रतिस्पर्धा भी नहीं हो पाती है एवं शासन को क्षति पहुंचती है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) किये जाने वाले कार्यों में एस.ओ.आर. में प्रावधान थे कि यदि बाइब्रेटरी रोलर एवं पेवर फिनिशर का उपयोग नहीं किया जायेगा तो राशि में कटौती की जावेगी। तदानुसार राशि की कटौती की गई है। उल्लेखित मशीनों के उपयोग न होने की स्थिति में भी गुणवत्तापूर्वक कार्य करवाया गया है। प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) जी नहीं। कार्य की आवश्यकता अनुसार मशीनों का उपयोग किया जाता है।
डी.ए.पी. उर्वरक के अधिक मूल्य पर विक्रय
[सहकारिता]
57. ( क्र. 729 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रबी सीजन 2016-17 में विभिन्न कंपनियों के डीएपी उर्वरक की कटनी जिले में बाजार दर क्या थी, कंपनीवार बतायें? (ख) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित भोपाल के पत्र क्रमांक/खाद्यप्रशासन/6495/2016-17 दिनांक-18/11/2016 के अनुसार डीएपी की दर 1090.38 रूपये एवं 1090.89 रूपये प्रति बोरी के मान से विक्रय किये जाने के निर्देश थे एवं यह दर भी बाजार मूल्य से अधिक थी, यदि हाँ, तो कितनी? प्रति बोरीवार बतायें? (ग) रबी सीजन 2016-17 में कटनी जिले में सहकारी संस्थाओं के द्वारा किस-किस दर पर डीएपी-उर्वरक बेचा गया, क्या विपणन संघ के प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित पत्र के पूर्व दर अधिक थी एवं यह दर बाजार मूल्य से भी अधिक थी एवं कृषकों को केसीसी के चलते सहकारी समितियों से उर्वरक लेना पडता है, यदि हाँ, तो विवरण प्रदान करें एवं बतायें कि अधिक दर पर डीएपी उर्वरक विक्रय करने के क्या कारण रहे एवं इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश ''क'' से ''ग'' के तहत किसानों से बाजार मूल्य से अधिक की ली गयी राशि क्या किसानों को वापिस कर बैंक खातों में जमा की गयी, यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्यों,
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों की आय के संबंध में विस्तृत योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 733 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किसानों की आय को दोगुना करने के लिये शासन स्तर पर क्या योजना बनाई गई है? क्या सिवनी जिला में कार्यशाला भी आयोजित की गई है? तो कब और किनकी उपस्थिति में? (ख) सिवनी जिले में योजना के संबंध में अभी तक क्या कार्य निष्पादित किये गये है? क्या इन योजनाओं में जनप्रतिनिधियों को भी विश्वास में लिया गया है? यदि हाँ तो कब किस स्तर पर ऐसा विचार अथवा कार्यशाला हुई? (ग) कृषि से संबंधित अन्य सहयोगी विभागों की क्या भूमिका निरूपित की गई क्या उसका अनुपालन किया जा रहा है? खाद बीज कीटनाशक प्रदाय सुनिश्चित करने हेतु क्या गाईड लाईन तैयार की गई है? (घ) क्या घटिया बीज एवं नकली खाद प्रदाय करने वालों के विरूद्ध कोई नियम है तथा अभी तक ऐसे कितने लोगों के लायसेन्स जिला सिवनी में निरस्त किये गये हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले में कार्यशाला कलेक्टर की अध्यक्षता में सभी संबंधित जिला प्रमुखों की उपस्थिति में दिनांक 03.09.2016 एवं 27.10.2016 आयोजित की गई है। (ख) सिवनी जिलें में कृषि के विभिन्न मॉडल विकसित किये गये है, जिसमें जिले के कृषक उनके पास उपलब्ध संसाधनों के अनुसार अपना रहे है। जी हाँ। दिनांक 10.12.2016 को माननीय प्रभारी मंत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं अन्य सम्मानित जनप्रतिनिधियों के समक्ष कृषि के विभिन्न मॉडलों का पॉवर पांइट प्रस्तुतिकरण किया गया। (ग) संबंधित विभागों के सहयोग से विभिन्न मॉडल विकसित किये गये। उन मॉडलों के अनुसार विभागवार कार्यवाही की जा रही है। जी हाँ रोडमैप तैयार किया गया है। (घ) जी हाँ। जिलें में वर्ष 2016-17 में अभी तक 3 विक्रताओं के लायसेंस निरस्त किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नरसिंहपुर विधानसभा अतंर्गत मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 745 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा करेली, आमगांव, निवारी, सिंहपुर, खुरपा, डांगीढाना मार्ग निर्माण हेतु क्या कोई कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या उपरोक्त कार्य का प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु निर्माण एजेंसी ने प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त कर ली है? (ग) वर्तमान में उपरोक्त कार्य की क्या स्थिति है विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया है या नहीं यदि हाँ, तो कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) निविदा प्रक्रियाधीन है। अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
इन्दौर के प्राचीन बिजासन माता मंदिर के सौन्दर्यीकरण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 757 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा इन्दौर के प्राचीन बिजासन माता मंदिर के सौन्दर्यीकरण के लिये योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितना कार्य हो चुका है व कितना शेष है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार बिजासन माता मंदिर का सौन्दर्यीकरण समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाया है? (ग) यदि हाँ, तो किन कारणों से कार्य पूर्ण होने में समय लग रहा है व कब तक कार्य पूर्ण हो जावेगा कारण सहित निर्धारित समय-सीमा स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर शहर के मनोरमा राजे टी.बी.अस्पताल का मरम्मतीकरण
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 758 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर के मनोरमा राजे टी.बी.अस्पताल की हालत जर्जर अवस्था में हो कर अस्पताल की दीवार व छत पर बडी दरारे पड़ गई है, जिससे पानी का रिसाव बना रहता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा भवन मरम्मत हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है, यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जर्जर भवन के स्थान पर विभाग द्वारा नवीन भवन बनाए जाने की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्या कार्ययोजना बनाई गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) भवन मरम्मत हेतु रूपये 68.8 लाख का प्राक्कलन दिनांक 05.11.2015 को संयुक्त संचालक, संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. भोपाल को स्वीकृति हेतु भेज दिया गया है। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उद्वहन सिंचाई हेतु बैराजों का निर्माण
[जल संसाधन]
62. ( क्र. 764 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी के वि.स.क्षे. बड़वारा में माननीय मुख्ययमंत्री जी की जनदर्शन यात्रा दिनांक 11/9/2016 को प्रश्ननकर्त्ता विधायक द्वारा महानदी में देवरी-गुड़ाकला, महुदा-कौआझाल के मध्य उद्वहन सिंचाई हेतु बैराज निर्माण की मागें उठायी है? (ख) क्या जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की दिनांक 27/12/2016 की समीक्षा बैठक में विभाग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं की अद्यतन जानकारी दिनांक 25/11/2016 के सरल क्रमांक 1 से 7 की किन अधिकारी द्वारा किस ग्राम के किस स्थल का किस तकनीकी से परीक्षण कर किस आधार पर यह दर्शाया है कि घोषणा पूरी नहीं की जा सकती है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के किन स्थलों में नदीतल और रेत की गहराई कितने-कितने फुट पायी गई है और क्या इस प्रकार के स्थल उद्वहन सिंचाई योग्य प्रचुर जल भण्डारण क्षमता तथा बैराज व बांध आदि बनाये जाने योग्य नहीं रहते हैं? (घ) क्या विभाग द्वारा किसी विशेषज्ञ दल से प्रश्नांश (क), (ख) व अन्य उपयुक्त स्थलों का परीक्षण कराकर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना द्वारा खेत-खेत तक पानी पहुंचाने की माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा को मूर्तरूप प्रदान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मान. मुख्यमंत्री जी की जन दर्शन यात्रा दिनांक 11.09.2016 को मान. प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित सिंचाई परियोजनाओं की माँग से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं है। मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 11.09.2016 को की गई घोषणा क्रमांक बी-2550 निम्नानुसार हैः- महानदी का पानी सिंचाई हेतु लिफ्ट एरिगेशन योजना के तहत् लाया जायेगा। (ख) से (घ) जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में की गई समीक्षा बैठक की जानकारी शासन स्तर पर संधारित नहीं की जाती है। घोषणा के परिप्रेक्ष्य में स्थल का निरीक्षण किया गया। स्थानीय लोगों के द्वारा आमाझाल के समीप महानदी में उद्वहन सिंचाई परियोजना की माँग की गई है। उद्वहन सिंचाई योजनाओं को सामुदायिक समिति द्वारा संचालित करने के निर्देश है किन्तु क्षेत्र के कृषकों द्वारा परियोजना को सामुदायिक समिति द्वारा चलाने में असमर्थता व्यक्त करने के कारण परियोजना का निर्माण कराना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पन्ना जिले में अतिवर्षा में बांधों का टूटना
[जल संसाधन]
63. ( क्र. 769 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दिनों में अतिवृष्टि के कारण पन्ना जिले में आई बाढ़ के कारण कितने सिंचाई बांध टूटे एवं कितने बांधों के टूटने की संभावनाओं को देखते हुये कितने सिंचाई बांधों में कट लगाये गये हैं? (ख) इन टूटे हुये बांधों में कितनी राशि व्यय की गई थी? (ग) इन बांधों से कितनी हेक्टेयर सिंचाई की संभावनायें थी? (घ) किन कारणों से बांध टूटे और तोड़े गये दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पन्ना जिले के अंतर्गत सिरस्वाहा एवं बिलखुरा बाँध अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त एवं दो बाँध क्रमशः नचनौरा एवं महुआडाडा में अनुबंधित एजेंसी द्वारा कट लगाया जाना प्रतिवेदित है। (ख) सिरस्वाहा बाँध में रू. 3279.82 लाख एवं बिलखुरा बाँध में रू. 564.62 लाख व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) सिरस्वाहा बाँध से 1719 हे. एवं बिलखुरा बाँध से 603 हे., कुल 2,322 हेक्टेयर। (घ) अतिवृष्टि के कारण बाँध में अत्याधिक पानी की अचानक आवक के कारण बाँध नाला भाग से क्षतिग्रस्त हुए। बाँध के क्षतिग्रस्त होने के कारण तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं तत्कालीन उपयंत्री को निलंबित किया गया। वर्तमान में इनके विरूद्ध विभागीय जाँच की जा रही है। बिलखुरा तालाब के ठेकेदार मेसर्स देवी कन्स्ट्रक्शन रीवा का पंजीयन निलंबित किया जा चुका है। सिरस्वाहा तालाब के ठेकेदार मेसर्स त्रिशूल कन्स्ट्रक्शन जबलपुर के विरूद्ध पंजीयन निलंबन की कार्यवाही हेतु मुख्य अभियंता, धसान केन कछार, सागर द्वारा नोटिस जारी किया गया है। कार्यपालन यंत्री पन्ना द्वारा सिरस्वाहा तालाब निर्माण कार्य का अनुबंध कंडिका 4:3:3:3 के अंतर्गत विखंडित कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत पूर्ण व्यय ठेकेदार से वसूल किया जायेगा।
बीज ग्राम योजना का बजट
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
64. ( क्र. 770 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिलान्तर्गत वर्ष 2013-2014 एवं 2014-2015 बीज ग्राम योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण बाबत् कितना बजट (आवंटन) खरीफ/रवि की फसल के लिये दिया गया एवं इसके विरूद्ध कृषि विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि विकासखण्डवार वितरित की गयी? (ख) कंडिका (क) में वर्णित राशि के उपयोग के लिये किन वरिष्ठ कृषि अधिकारियों द्वारा कितने ग्राम में कितने किसानों को प्रशिक्षण दिलाया गया तथा कितनी राशि का व्यय किया गया विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करायी जायें। (ग) क्या पन्ना जिले में विगत कई वर्षों से एक ही परिवार के लोगों को बार-बार लाभ दिया जा रहा है,? (घ) एक ही योजना में एक पंचवर्षीय में एक ही व्यक्ति को कितनी बार लाभान्वित किया जा सकता है। यदि नियम विरूद्ध कार्य हुआ है तो उसके लिये कौन-कौन से अधिकारी तथा कौन-कौन से वितरक दोषी है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है जो प्रत्येक मौसम में आयोजित किये जाते हैं। एक मौसम में एक कृषक को एक ही बार लाभांवित किया गया है। (घ) योजना के प्रावधान अनुसार पात्र हितग्राही को लाभांवित किया जाता है। नियम विरूद्ध कोई कार्य नहीं हुआ है। अत: कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
सी.सी. व माईनर निर्माण में शासकीय राशि का दुरूपयोग
[जल संसाधन]
65. ( क्र. 831 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में बरियापुर परियोजना अंतर्गत संचालित नहर में तहसील चंदला, गौरिहार अंतर्गत नहर में सी.सी. व माईनर निर्माण में राज्य शासन द्वारा बरियापुर नहर स्वीकृत दिनांक से, प्रथम प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से मद से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिए स्वीकृत की गई? स्वीकृत आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा निर्माण से संबंधित कब-कब निविदायें जारी की गई तथा किन-किन फर्मों को निर्माण एजेंसी निर्धारित की गई? (ग) क्या निर्माण एजेंसी के द्वारा गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य कराये जाने की शिकायतें क्या राज्य शासन को प्राप्त हुईं? शिकायतों में क्या कार्यवाही हुई? शिकायत के आधार पर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) क्या शिकायत के आधार पर राज्य शासन द्वारा जांच दल गठित किया गया? यदि हाँ, तो जांच दल ने स्थल निरीक्षण के उपरांत राज्य शासन को क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की रिपोर्ट की? प्रति उपलब्ध करायें। क्या वित्तीय अनियमितता करने वाली निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करते हुए, गलत भौतिक सत्यापन करने वाले सहायक यंत्री या उपयंत्री को सेवा से पृथक करते हुए, शासकीय राशि वसूल करने की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें, यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बरियारपुर बाँयी तट नहर परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 30.06.1978 को रू.1840 लाख तथा प्रथम पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 29.08.2002 को रू.19,086.55 लाख एवं द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 15.02.2013 को रू.54,590 लाख की क्रमशः माँग संख्या 23,513 केपीटल आउटलेट प्लान 16-ए, माँग संख्या 23 लेखा-शीर्ष 4701 वृहद एवं मध्यम सिंचाई पर पूँजी व्यय आयोजना 212 बरियारपुर परियोजना (0101) राज्य आयोजना सामान्य (2884) विशेष कार्य रु 26 वृहद निर्माण कार्य एवं माँग संख्या 23 लेखा-शीर्ष 4700 (मुख्य सिंचाई पर पूँजीगत व्यय) के अंतर्गत प्रदान की गई। स्वीकृति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) मुख्य तकनीकी परीक्षक (सर्तकता) भोपाल द्वारा की गई जांच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 4 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। एजेंसी को परीक्षण उपरांत काली सूची में रखने के निर्देश दे दिये गये हैं। भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विभागीय जांच में दोषी पाये जाने पर कार्यवाही संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
66. ( क्र. 832 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद जिला छतरपुर में कितने कृषकों का फसल बीमा किया है? कितनी राशि प्रीमियम के रूप में किस-किस कंपनी को जमा की गई? प्रीमियम राशि में से कितनी राशि सरकार द्वारा दी गई है? कितनी राशि किसानों द्वारा जमा की है? तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) क्या माह सितम्बर एवं अक्टूबर 2016 में आंधी, तूफान एवं वर्षा एवं अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो किस-किस तहसील में? क्या फसल नुकसानी का सर्वे कराया गया? सर्वे अनुसार किस-किस तहसील कितने-कितने कृषकों की फसल को नुकसान हुआ? क्या फसलों को हुई क्षतिपूर्ति हेतु राहत राशि दी गई? फसल बीमा योजना के तहत किसानों को दावा राशि दी गई? (ग) यदि हाँ, तो किस-किस तहसील में कितने-कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो समय-सीमा बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद जिला छतरपुर में 55276 कृषकों का फसल बीमा किया गया है। राशि रू. 37800996 कृषक अंश प्रीमियम के रूप में एच.डी.एफ.सी.इरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को जमा की गई है। तहसीलवार बीमा विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। शासन का प्रीमियम अंश बीमा कंपनी द्वारा गणना उपरान्त मांग पर उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत आंधी, तूफान वर्षा एवं अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण छतरपुर जिले में बीमा कंपनी को सर्वेक्षण हेतु पात्र 171 कृषकों के प्रकरण प्राप्त हुये। जिसका सर्वे विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। दावा राशि का भुगतान बीमा कंपनी को राज्यांश एवं केन्द्रांश प्रीमियम राशि प्राप्त होने पर किया जावेगा। इसके अलावा फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त परिणामों के आधार पर दावा वितरण सभी पात्र कृषकों को किया जावेगा। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। खरीफ वर्ष 2016 के फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर दावों की गणना प्रक्रियाधीन है। फसल कटाई प्रयोगों के प्राप्त परिणामों के आधार पर योजना के प्रावधानों अनुसार गणना कर पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से दावा राशि का भुगतान किया जावेगा।
एम.पी.आर.डी.सी. की सड़कें
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 837 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने एम.पी.आर.डी.सी. जबलपुर/मण्डला को सड़कों का निर्माण संधारण व मरम्मत कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) एम.पी.आर.डी.सी. जबलपुर द्वारा किन-किन सड़कों का निर्माण कराने हेतु कब-कब, किन-किन निर्माण एजेंसी/ठेकेदारों को कितनी-कितनी राशि में ठेका दिया है? इन सड़कों की निर्माण अवधि व लागत तथा लंबाई बतलावें? (ग) प्रश्नांकित किन-किन सड़कों का निर्माण कार्य कब किस एजेंसी द्वारा कराया गया है? किन-किन सड़कों का कार्य अपूर्ण व निर्माणाधीन है? इन पर अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई? (घ) गौर से बरगी बांध तक की सड़क निर्माण का ठेका कब, किस एजेंसी को राशि, किस शर्तों पर दिया गया? इसका निर्माण कार्य कब से किस एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है? इस पर अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई। निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कब-कब किसने की है एवं निर्माण कार्य में क्या-क्या अनियमितताएं पायी गई हैं? दोषी निर्माण एजेंसी पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन गुणवत्ता विहीन कराये जा रहे निर्माण कार्य की जांच कराकर दोषी एजेंसी व अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
रोड की मरम्मत/पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 865 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा अता.प्रश्न संख्या-31 (क्र. 274) दिनांक 05.12.2016 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ, (ख) का उत्तर निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है किसी भी योजना एवं वार्षिक बजट में शामिल न होने के कारण दिया गया है, तो जब प्रश्नांश (क) में होने वाली परेशानी को स्वीकार कर जी हाँ, कहाँ गया है तो अभी तक किसी योजना के तहत वार्षिक बजट में प्रावधान क्यों नहीं किया गया कब तक किया जायेगा। (ख) विधान सभा प्रश्न अता.प्रश्न संख्या-30 (क्र. 273) दिनांक 05.12.16 के प्रश्नांश (क) में आंशिक रूप से खराब होना स्वीकार किया गया है। (ख) में मरम्मतीकरण कार्य की स्वीकृत न होने के कारण मरम्मतीकरण कार्य नहीं कराया गया दिया गया है मरम्मतीकरण कार्य का प्रस्ताव एवं प्राक्कलन कब तैयार कराया गया और अभी तक स्वीकृति न देने के क्या कारण है कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा। (ग) विधान सभा अता.प्रश्न संख्या-30 (क्र. 273) दिनांक 05.12.2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में दी गई जानकारी में संलग्न परिशिष्ट में गोपाल गुप्ता कार्यपालन यंत्री राजीव श्रीवास्तव, ए.पी.सिंह जो विगत तीन वर्षों से ही जबलपुर में पदस्थ है उनकी जानकारी छुपाई गई है नहीं दी गई है ऐसा क्यों किया गया है जानकारी छुपाने के लिये कौन दोषी है जांच कराकर दण्डित किया जायेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं तथा जो तीन वर्ष से अधिक अवधि से कार्यरत है उन्हें अन्यत्र स्थानान्तरित किया जायेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, स्थायी वित्तीय समिति की 158वीं बैठक में समिति के द्वारा अनुमोदित कर बजट में सम्मिलित होने पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की गई है। (ख) जी हाँ। प्राक्कलन परीक्षणाधीन है, पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्धता होने पर स्वीकृति पर विचार किया जा सकेगा। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। (ग) कोई दोषी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में स्थानांतरण के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधान सभा प्रश्न क्र.328 दिनांक 22 जुलाई 2016
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 866 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा अता.प्रश्न संख्या- 20 (क्र. 328) दिनांक 22 जुलाई 16 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में जिला सतना में दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध जारी आरोप पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधान सभा अता.प्रश्न संख्या-61 (क्र. 3354) दिनांक 10 मार्च 2016 के प्रश्नांश (ख) में प्रथम दृष्टया अनियमित्ताएं प्रमाणित पाई जाने से अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किये जाने की संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये गये अधिकारियों को जारी किये गये आरोप पत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) सतना जिले के किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के अंतर्गत वर्ष 2012 से 31.10.16 तक की विभिन्न योजनाओं में वर्षवार कितनी-कितनी राशि तिथिवार अनुविभागीय अधिकारी नागौद, मझगवां एवं अमरपाटन को अग्रिम के रूप में भुगतान की गई है। पृथक-पृथक विवरण दें? क्या उक्त अग्रिम भुगतान का विवरण कैश बुक में दर्शाया गया है या नहीं बताएं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अग्रिम को उसी वर्ष में समयोजित उप संचालक द्वारा क्यों नहीं किया गया इसके लिए कौन दोषी है कितना अग्रिम किस-किस का समयोजन किया जाना शेष है इसकी जांच कराकर दोषियों को दण्डित किया जायेगा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है। जी हाँ, उक्त अग्रिम भु्गतान का विवरण केशबुक में दर्शाया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार प्रदाय अग्रिम राशि के भौतिक लक्ष्यों के अनुसार उसी वित्तीय वर्ष में पूर्ति की जाकर, राशि व्यय कर ली गई थी। जिले में जांच प्रक्रिया में अग्रिम का लेखा-जोखा होने से उसी वित्तीय वर्ष में समयोजन नहीं हो पाया। उक्त लेखा-जोखा का संभागीय एवं महालेखाकार से परीक्षण होने के बाद समायोजन की कार्यवाही की गई, जिस कारण समायोजन में विलंब हुआ। अत: समायोजन प्रक्रिया शासकीय कार्यवाही होने के कारण विलम्ब के लिये कोई दोषी नहीं है। असमायोजित अग्रिम राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 4 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायत पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
70. ( क्र. 877 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 05.12.2016 में मुद्रित परि.अता.प्रश्न संख्या 30 (क्रमांक 26) के परिप्रेक्ष्य में किस संयुक्त संचालक से जांच कराई जा रही है, उन्होंने अभी तक क्या जांच की क्या शिकायतकर्ता को समक्ष में सुना जाकर कथन लिए गए। यदि नहीं, तो क्या जांचकर्ता ने जांच प्रतिवेदन दे दिया। यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उपसंचालक मंडी बोर्ड जबलपुर जो वर्तमान में पदस्थ हैं। पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक के वाहन की लागबुक उक्त अवधि की डायरी निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्ध करावें तथा विभाग प्रस्तुत में चल-अचल संपत्ति के ब्यौरे की प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्नांश में संलग्न परिशिष्ट अनुसार जो कर्मचारी दोषी पाए गए हैं, जिनको कारणदर्शी सूचनापत्र जारी किए गए हैं, उन पर निर्णायक अंतिम कार्यवाही क्या की गई है? पृथक-पृथक लिए गए निर्णयों की प्रतियां उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 05.12.2016 में मुद्रित परि.अता.प्रश्न संख्या 30 (क्रमांक 267) में संदंर्भित शिकायत की जांच श्री संजय कौल संयुक्त संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड मुख्यालय भोपाल से कराई जा रही है, जिसका जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) वर्तमान उपसंचालक जबलपुर में दिनांक 21.10.2014 से पदस्थ है, उनकी पदस्थापना माह अक्टूबर 2014 से नवम्बर 2016 तक की अवधि में किराये के वाहन की लॉगबुक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा दौरा डायरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष अवधि की लॉगबुक एवं दौरा डायरी तैयार कर अनुमोदन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त अवधि में सामान्य निरीक्षण के दौरान मंडी समिति के कार्यकलापों के संबंध में मंडी सचिव को मौके पर ही आवश्यक निर्देश दिये जाने से निरीक्षण प्रतिवेदन जारी नहीं किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त अचल सम्पत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में बीमा राशि का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
71. ( क्र. 878 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सन् 2015 की सोयाबीन फसल की बीमा राशि का वितरण किया गया है? (ख) क्या नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों के बीमा की राशि वितरित की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? यदि कुछ ग्राम/किसान छूट गये तो क्यों? छूटे ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। छूट गये ग्रामों/किसानों को कब तक बीमा राशि वितरित की जावेगी? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) की जानकारी अनुसार नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के किस ग्राम में कितनी-कितनी राशि कितने किसानों को दी गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2015 हेतु पात्र कृषकों को दावा राशि का वितरण किया गया है। (ख) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के उन पटवारी हल्कों के पात्र कृषकों को दावा राशि का वितरण किया गया है, जिन हल्कों में उपज में कमी पाई गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। इसके अलावा नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कुछ बैंकों द्वारा कुछ घोषणा पत्रों में बीमांकन में त्रुटियां की थी, जिसका संशोधन उपरांत सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है एवं राज्य शासन के हिस्से की राशि बीमा कंपनी को उपलब्ध करा दी गई है। केन्द्र शासन की राशि प्राप्त होते ही पात्र कृषकों को दावा राशि का वितरण कर दिया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।
सहकारी बैंक कर्मचारियों के समयमान वेतनमान का प्रदाय
[सहकारिता]
72. ( क्र. 879 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 55 (1) के अंतर्गत प्रदत्त व्यक्तियों के अधीन प्रदेश में कार्यरत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कर्मचारियों की सेवा शर्तों एवं वेतनमान आदि का निर्धारण आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. द्वारा किया जाता है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार म.प्र. शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों के लिए म.प्र. शासन के वित्त विभाग के ज्ञापन क्र./एफ/11-17/2014/नियम/चार दिनांक 30 सितम्बर 2014 के द्वारा राज्य शासन के सभी विभागों के समान संवर्गों के लिए सुनिश्चित केरियर प्रोन्नयन योजना लागू करने के संबंध में तृतीय समयमान वेतन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कर्मचारियों के लिए तृतीय समयमान वेतनमान के संबंध में सेवा शर्तों के संबंध में आदेश जारी किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार म.प्र. में किन-किन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा अपने कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान की सुविधा दी गई है? जिन सहकारी केन्द्रीय बैंकों ने यह सुविधा नहीं दी उनके द्वारा कब दी जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रदेश की किसी भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा अपने कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
नयागांव से भितरवार व्हाया चीनौर-करईया रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 882 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक ए.बी. रोड नयागांव से भितरवार व्हाया चीनौर करईया रोड निर्माण के लिये प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, माननीय लोक निर्माण मंत्री, श्रीमान प्रमुख सचिव, लोक निर्माण एवं श्रीमान प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को उक्त रोडों के निर्माण के लिये बार-बार आग्रह (निवेदन) किया है फिर उक्त रोडों को स्वीकृत कर निर्माण क्यों नहीं कराया गया? (ख) क्या उक्त रोडों के निर्माण हेतु प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल द्वारा पत्र क्र.15064/22/वि-12/ग्रा.स./टी.-6/2016 दिनांक 21 जुलाई 2016 को प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, भोपाल को पत्र लिखा था यदि हाँ, तो पत्र को स्पष्ट करें। उक्त पत्र दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है, की गई कार्यवाही का विवरण स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त रोड जो ग्वालियर से भितरवार विधान सभा मुख्यालय की प्रमुख रोड है वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक जानबूझकर रोड का निर्माण रोके जाने का कारण स्पष्ट करें। क्या अब निर्माण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘क’ अनुसार। (ग) सीमित वित्तीय संसाधनों एवं मार्गों के पी.एम.जी.एस.वाय. के अंतर्गत परफारमेंस गारंटी अवधि में होने के कारण वर्तमान में उक्त निर्माण पर कार्यवाही संभव नहीं है।
हिम्मतगढ़ तालाब के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र की फसलों की सिंचाई
[जल संसाधन]
74. ( क्र. 883 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के हिम्मतगढ़ तालाब से सिंचाई हेतु कितना रकबा निर्धारित किया गया था? इस तालाब से किस वर्ष से कृषकों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध नहीं कराया गया, क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) उक्त हिम्मतगढ़ तालाब क्षेत्र में ग्राम वनवार, हिम्मतगढ़, पार, मऊछ, घिरौली, रावत वनवारी, गुर्जर वनवारी, उर्वा वंजारो के पुरा, ठाठी, इमलिया, सिमिरिया, जखा इत्यादि गांव आते हैं। क्या जल संसाधन विभाग इन ग्रामों में सिंचाई के लिये हिम्मतगढ़ तालाब में हर्सी हाईलेवल का पानी डालेगा या ककैटो, अपर ककैटो, पेहसारी इत्यादि तालाबों से हिम्मतगढ़ तालाब में पानी डालेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त ग्राम में लगभग 10-12 वर्षों से सूखे से (अल्प वर्षा के कारण) पीडि़त है, उनको सिंचाई हेतु कोई व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कहाँ से और कब तक? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें। (ग) उक्त तालाब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों के कृषक फसलों में पानी न लग पाने के कारण आर्थिक रूप से भुखमरी की स्थिति में आ गये हैं वह पलायन की स्थिति में है। क्या शासन (जल संसाधन विभाग) इन कृषकों को कोई वैकल्पिक राहत प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्या इनको इसी हालत में छोड़कर पलायन करने को मजबूर किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हिम्मतगढ़ परियोजना से सिंचाई हेतु 5,365 हे. रकबा निर्धारित है। अल्पवर्षा के कारण जलाशय में जल भराव न होने से वर्ष 2004 से तालाब के कमाण्ड क्षेत्र में न कोई ऐलान किया गया और न ही सिंचाई किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों का कमाण्ड क्षेत्र हरसी उच्च स्तरीय नहर के स्तर से ऊंचा होने के कारण उक्त नहर से पानी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। मा. उच्च न्यायालय ग्वालियर के आदेश अनुसार अपर ककेटों, ककेटों एवं पेहसारी बांधों का जल ग्वालियर शहर की पेयजल आपूर्ति हेतु आरक्षित रखे जाने के कारण इन बांधों का पानी हिम्मतगढ़ तालाब को उपलब्ध कराना संभव नहीं होने से। वर्षाकाल में तालाब में संग्रहित जल से ही सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाना संभव हो सकेगा। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जी नहीं। उक्त तालाब के कमाण्ड क्षेत्र के ग्राम उर्वा, सूरतपुर, पुरावनवार एवं वैरनी आदि को हरसी उच्च स्तरीय नहर से सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराये जाने से पलायन की स्थिति नहीं है। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
सोनकच्छ नगर की कालीसिंध नदी के पुराने पुल की मरम्मत
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 886 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ स्थित पुराने पुल की हालत खराब है? यदि हाँ, तो कब से खराब है? आज दिनांक तक पुल की हालत क्यों नहीं सुधरी? (ख) क्या कारण है कि विगत 2 वर्षाकाल बीत जाने के बाद आज भी पुलिया का जीर्णोद्धार नहीं किया जा रहा है? (ग) उक्त पुलिया के जीर्णोद्धार/सुधार हेतु क्या कार्यवाही प्रचलित है तथा कार्य में हो रही देरी के लिये कौन जिम्मेदार है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है, कोई जिम्मेदार नहीं है।
अस्पताल चौराहे से बायपास तक रोड निर्माण बाबत्
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 887 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ में अस्पताल चौराहे से बायपास तक रोड निर्माण हेतु विभाग के पास कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही चल रही है? (ख) क्या उक्त रोड की प्रशासनिक स्वीकृति जारी हो चुकी है यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा कब तक स्वीकृति जारी हो सकेगी? (ग) नगरवासियों व छात्राओं द्वारा विगत कई वर्षों से अस्पताल चौराह से बायपास तक रोड निर्माण की, की जा रही मांग कब तक पूर्ण हो सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश के सहकारी बैंकों में जमा राशि
[सहकारिता]
77. ( क्र. 906 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर, रायसेन, जिले स्थित जिला सहकारी बैंक एवं उनके अंतर्गत आने वाली समस्त संस्थाओं समस्त नागरिक बैंकों अन्य को ऑपरेटिव संस्थाओं की सूची देवें। इनमें 08 नवम्बर, 2016 तक कितने अकाउंट थे कि जानकारी संस्थावार अकाउंट संख्या सहित जिलावार देवें। 01 नवम्बर, 2016 से 31.12.2016 तक नये अकाउंट खोले थे की संख्या भी देवें। इनमें जमा राशि भी खाता धारकों का नाम, पता सहित देवें? (ख) 500-1000 के नोट इन संस्थाओं द्वारा स्वीकार न करने संबंधी आर.बी.आई. केन्द्र सरकार के आदेश एवं इस तारतम्य में राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश की छायाप्रति देवें? (ग) शादी के लिये निर्धारित 2.5 लाख रूपये की राशि जिन संस्थाओं ने जिन खाताधारकों को दी उसकी संख्या देवें? यदि आवेदकों को यह राशि नहीं दी तो इसके लिये संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? दिनांक 15.11.2016 से 15.01.2017 तक के संदर्भ में जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सीहोर एवं रायसेन जिले की सहकारी संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। सीहोर नागरिक सहकारी बैंक में दिनांक 8 नवम्बर, 2016 तक कुल डिपाजिट खातों की संख्या 13,905 थी। सीहोर एवं रायसेन जिले की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में दिनांक 08 नवम्बर, 2016 की स्थिति में संस्थावार डिपाजिट खातों की संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। सीहोर नागरिक सहकारी बैंक द्वारा दिनांक 01 नवम्बर, 2016 से 31 दिसम्बर, 2016 तक की अवधि में 77 नये डिपाजिट खाते खोले गये हैं। सीहोर एवं रायसेन जिले की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में दिनांक 01 नवम्बर, 2016 से 31 दिसम्बर, 2016 तक की अवधि में कोई भी नये डिपाजिट खाते नहीं खोले गये हैं। डिपाजिट खातों में जमा राशि का खातेवार विवरण दिया जाना भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के अंतर्गत प्रतिबंधित है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों को 500-1000 के नोट स्वीकार नहीं करने संबंधी भारतीय रिजर्व बैंक का परिपत्र दिनांक 14.11.2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। मुद्रा विनियमन राज्य शासन का विषय नहीं होने से राज्य शासन द्वारा आदेश जारी किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सीहोर एवं रायसेन जिले के किसी भी जिला सहकारी केन्द्रीय एवं नागरिक सहकारी बैंक द्वारा शादी के लिए निर्धारित 2.50 लाख रूपये की राशि किसी भी खातेधारक को नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्लोबल समिट हेतु में आवंटित राशि की जानकारी
[जनसंपर्क]
78. ( क्र. 907 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में इंदौर में हुई ग्लोबल समिट के लिए कितनी राशि आवंटित की गई कितनी राशि व्यय की गई कितने भुगतान शेष हैं, की जानकारी देवें? (ख) इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया पर कितनी राशि व्यय की गई समाचार पत्रों, मैगजीनों, चैनलों एवं अन्य को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई नाम, राशि सहित बतावें? समाचार पत्रों, मैगजीनों में प्रसारित विज्ञापनों की छायाप्रति भी देवें? (ग) होर्डिंग्स, वीडियो शूटिंग, डाक्यूमेंट्री के लिए किए भुगतान की जानकारी फर्म नाम, कार्य नाम, राशि सहित बतावें? (घ) वाहन व्यय, अतिथियों के ठहराने का व्यय कितना हुआ? समस्त वाहन निल, होटल बिल की छायाप्रति देवें? विभाग द्वारा प्राप्त उपहारों की संदर्भ की जानकारी भी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्लोबल समिट इन्दौर के लिए रूपये 20 करोड़ की राशि आवंटित की गई। अभी भुगतान नहीं किया गया, प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) टी.वी. चैनलों पर प्रसारित विज्ञापनों पर राशि रूपये 2,02,80,254/- का व्यय हुआ है, जिसकी सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विभिन्न समाचार पत्रों में कुल राशि रूपये 8,88,28,684/- को विज्ञापनों का प्रकाशन कराया गया है, जिसकी सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सोशल मीडिया से संबंधित रूपये 2,06,28,862/- का कार्य किया गया है, जिसकी सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) भुगतान की कार्यवाही अभी नहीं हुई है। (घ) निरंक।
सहकारी संस्थाओं की साधारण सभा के अधिकारों एवं कर्तव्य
[सहकारिता]
79. ( क्र. 910 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारी अधिनियम अनुसार संस्थाओं की साधारण सभा में संस्था को सर्वोच्च शक्ति प्राप्त हैं? यदि हाँ, तो उसके निर्णय के पालन के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार होता हैं? क्या भोपाल सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की ए.जी.एम.में पारित निर्णय का पूर्णत: पालन किया है? यदि नहीं, किया गया है तो उनके विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है नहीं तो क्यों ओर की जायेगी तो कब तक? (ख) प्रश्न (क) के परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय सहकारी बैंक भोपाल की साधारण सभा की बैठक दिनांक 23.09.2016 के विषय क्र. 8 (2) के निर्णय अनुसार दैनिक वेतन कर्मचारियों को नहीं हटाया जाने के निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो इसका पालन क्यों नहीं किया गया? पालन प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दैनिक वेतन कर्मचारियों को संयुक्त, भोपाल संभाग के आदेश क्र./शिका./2015/64, दिनांक 18.01.2015 वैतनिक कर्मचारी माना गया है? यदि हाँ, तो उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के कैसे हटाया गया, यदि भूलवश हटाया गया है तो उनकी वापसी की क्या प्रक्रिया प्रचलित है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शर्तों का उल्लंघन कर राशि बंटन में अनियमितता
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास]
80. ( क्र. 936 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय सुंदरलाल पटवा जी के कार्यकाल 1990 से नवम्बर 1992 की अवधि में भोपाल के गैस पीडि़तों के इलाज हेतु जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल को मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रेदश सरकार को कितनी राशि व किन शर्तों के तहत उपलब्ध हुई थी? शर्तों की प्रति उपलब्ध कराते हुए यह अवगत करावें कि क्या गैस पीडि़तों के इलाज में उक्त शर्तों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अवगत करावें और यदि नहीं, तो किन कारणों से तथा इस लापरवाही के लिये कौन-कौन दोषी हैं, उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ग) वर्ष 1990 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में गैस राहत विभाग द्वारा गैस पीडि़त कैंसर रोगियों के इलाज हेतु जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल भोपाल को जो राशि उपलब्ध कराई गई थी, उससे किस-किस वर्ष में कितने-कितने रोगियों का इलाज किया गया और इलाज उपरांत कितनी-कितनी शेष बची राशि गैस राहत विभाग को वापिस की गई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित वर्षवार शेष राशि का समायोजन किस प्रकार किया जावेगा बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-5-17/93/47-1/ 488, भोपाल, दिनांक 31.03.1993 म.प्र. कैंसर चिकित्सा एवं सेवा समिति भोपाल हेतु रू.1,00,00,000 (रू. एक करोड़) का आवंटन आर्थिक सहायता/सहायक अनुदान के रूप में उपलब्ध करायी गयी। म.प्र. कैंसर चिकित्सा एवं सेवा समिति भोपाल में निर्मित कराये जा रहे अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल, जिसमे गैस पीडि़तों के लिये 01 पृथक वार्ड का निर्माण शामिल है। चिकित्सालय में गैस पीडि़तों के उपचार के लिए एक 08 शैयायुक्त पृथक वार्ड निर्मित किया जावेगा तथा इस वार्ड की सुविधा अस्पताल प्रारम्भ होने कि तिथि से 10 वर्ष की अवधि तक उपलब्ध होगी। इस अवधि में शैया का शुल्क मरीज द्वारा देय नहीं होगा, परन्तु चिकित्सा संबंधी अन्य शुल्क देय करना होगा। शर्तों का पालन किया गया है। चिकित्सालय के सेवा निर्माण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वर्ष 1990 से जवाहरलाल नेहरू कैंसर चिकित्सालय भोपाल को प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 41,69,69,621/- (रू. इकत्तालीस करोड़ उनहत्तर लाख उन्हत्तर हजार छ: सौ इक्कीस मात्र) का भुगतान गैस पीडि़त कैंसर मरीजों में होने वाले उपचार पर व्यय की होने वाली प्रतिपूर्ति हेतु किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष उत्तरांश (ख) में स्पष्ट किया गया हैं।
किसानों की के.सी.सी. बनाई जाना
[सहकारिता]
81. ( क्र. 961 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपेक्स बैंक भोपाल द्वारा मुरैना जिला सहकारी बैंक को राशि नहीं देने के कारण वर्ष 2015, 2016 में सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को के.सी.सी. नहीं बनाई जा रही है? (ख) मुरैना-श्योपुर जिलों की अधिकांश सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को खाद, बीज एवं ऋण नहीं दिया जा रहा है, क्या कारण है? ऐसी सहकारी समितियों के नाम बताये जावें। उन पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) मुरैना जिले की ऐसी कितनी समितियां हैं, जिन पर सबसे अधिक ओवर ड्यूज राशि बाकी है? ऐसी दस समितियों के नाम, उन पर कितनी राशि बकाया है वसूली हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, अपेक्स बैंक द्वारा देय किश्तों में चूक होने के कारण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना को साख सीमा से आहरण की सुविधा नहीं दी गई है, परन्तु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना द्वारा स्वयं के स्त्रोतों से के.सी.सी. के माध्यम से ऋण वितरण किया जा रहा है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना द्वारा बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से खाद एवं बीज उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुरैना जिले की सबसे अधिक ओवर ड्यूज राशि बकाया वाली 10 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना द्वारा संस्था राजौदा एवं ऐसहा में संबंधित दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. एवं ऋण वसूल करने हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 64 में वाद दायर किये गये है। कालातीत ऋणी सदस्यों के विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धारा 84 एवं क्रिस योजना अंतर्गत वसूली की कार्यवाही जारी है।
बीमा दावा राशि भुगतान में अनियमितता की जांच
[सहकारिता]
82. ( क्र. 976 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2015-16 में सहकारी समितियों ने कितने किसानों की कितनी-कितनी बीमा प्रीमियम राशि काट कर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजगढ़ को भेजी जाकर बैंक ने बीमा कंपनी को भेजी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या समितियों/बैंकों द्वारा किसानों से अधिक प्रीमियम काट कर बीमा कंपनी को कम प्रीमियम जमा कराई गई जिस कारण किसानों को फसल बीमा का उचित बीमा दावा राशि का भुगतान नहीं हो पाने के कारण किसानों में असंतोष है? ग्राम करौदी ओर अन्य ग्रामों में किसानों की प्रीमियम राशि काटने के पश्चात् भी बीमा दावा राशि से वंचित किया गया जिसके लिये कौन दोषी है? दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) जिला राजगढ़ अंतर्गत समितियों/बैंकों द्वारा वर्ष 2015-16 में बीमा प्रीमियम की राशि कटौत्रा कर बीमा कंपनियों को कम राशि भेजने/हेरा फेरी कर बैंक कर्मचारियों/अधिकारियों से सांठ-गांठ कर किसानों को कम राशि डाली गई? शासन ऐसे दोषी बैंक अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) खरीफ 2015 में 30 समितियों के 15311 किसानों की प्रीमियम राशि रूपये 174.55 लाख तथा रबी 2015-16 में 30 समितियों के 19656 किसानों की प्रीमियम राशि रूपये 62.91 लाख काटी जाकर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, राजगढ़ के माध्यम से बीमा कंपनी को प्रेषित की गई। (ख) जी नहीं। सांरगपुर विधान सभा क्षेत्र की 30 समितियों के खरीफ 2015 के फसल बीमा दावा राशि रूपये 17.47 करोड़ 12676 किसानों को भुगतान किया गया है इसमें से ग्राम करोंदी के 137 किसानों को राशि रूपये 21,19,000 बीमा दावा का लाभ दिया गया है। रबी 2015-16 की बीमा दावा राशि बीमा कंपनी से बैंक को प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टॉफ क्वाटर्स का निर्माण
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 977 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परियोजना संचालक, लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) निर्माण, भवन, अरेरा हिल्स, भोपाल की स्थाई वित्तीय समिति (एस.एफ.सी.) की बैठक वित्तीय सत्र 2016-17 में किस-किस दिनांक को रखी गयी? (ख) क्या स्थाई वित्तीय समिति (एस.एफ.सी.) की उक्त बैठकों में संभागीय परियोजना यंत्री लो.नि.वि. (पी.आई.यू.) जिला राजगढ़ म.प्र. के पत्र क्र. 1331/पी.आई.यू. /2016-17 ब्यावरा (राजगढ़) दिनांक 24.09.2016 द्वारा प्रेषित शासकीय स्वामी विवेकानन्द महाविद्यालय सारंगपुर के परिसर में स्टॉफ क्वार्टर निर्माण कार्य का प्रस्ताव रखा गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो शासकीय स्वामी विवेकानन्द महाविद्यालय सारंगपुर जिला राजगढ़ में महाविद्यालय परिसर में स्टॉफ क्वाटर्स निर्माण हेतु क्या निर्णय लिया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की स्थाई वित्तीय समिति (एस.एफ.सी.) बैठक लोक निर्माण विभाग नहीं वरन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की जाती है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 2016-2017 में दिनांक 27.05.2016, 29.09.2016 व 19.12.2016 को बैठक रखी गई थी। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। कारण बताना संभव नहीं।
पत्र पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 991 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अवर सचिव म.प्र. विधान सभा द्वारा पत्र क्र. 1587/वि.स./स.सु./16 दिनांक 23.01.2016 के द्वारा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश शासन तथा प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग को कोयला फाटक रोड से मकोडिया आम चौराहा निर्माणाधीन मार्ग के संबंध में अनियमितता एवं गंभीर लापरवाही किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र का उल्लेख करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने तथा की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने हेतु निर्देशित किया था? यदि हाँ, तो संबंधित विभाग द्वारा उक्त पत्रों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन की तथा की गई कार्यवाही के संबंध में मय दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार एक वर्ष की समयावधि व्यतीत होने के पश्चात् भी प्रश्नकर्ता एवं संबंधित विभाग को उक्त संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के संबंध में कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई अधिकारी दोषी नहीं है, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गेहूँ खरीदी पर बोनस भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 1001 ) श्री सचिन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों की कृषि लागत मूल्य आधिक्य होने से वर्ष 2016-17 में सरकार ने गेहूँ का सर्मथन मूल्य 1525 रूपये रखा है तो क्या यह उत्पादन लागत से कम नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सरकार गेहूँ खरीदी पर 150 रूपये बोनस की राशि को पुन: क्यों प्रारंभ नहीं कर रही है? (ग) क्या उक्त बोनस की राशि को बढ़ाकर 200 रूपये की जायेगी? यदि हाँ तो बतायें? नहीं तो क्यों? कारण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भारत सरकार द्वारा रबी विपणन वर्ष 2016-17 के लिये गेहूँ का समर्थन मूल्य रूपये 1550 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। भारत सरकार द्वारा गेहूँ का समर्थन मूल्य कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की अनुशंसा के आधार पर निर्धारित किया जाता है। (ख) प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता से अधिक उपार्जन होने और बोनस दिये जाने की स्थिति में भारतीय खाद्य निगम द्वारा सरप्लस स्कन्ध को स्वीकृत नहीं करने की स्थिति में सरप्लस भण्डार के निराकरण में होने वाली भौतिक एवं वित्तीय कठिनाईयों के प्रकाश में बोनस नहीं दिया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में वृद्ध सिंचाई योजनाएं
[जल संसाधन]
86. ( क्र. 1002 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितनी वृह्द सिंचाई योजनाओं के अंतर्गत कार्य प्रारंभ/पूर्ण है और इनकी स्वीकृति दिनांक तथा कार्य प्रारंभ दिनांक क्या है? (ख) उक्त योजनाओं के अंतर्गत सिंचाई के लिए कुल कितने-कितने रकबे का लक्ष्य निर्धारित किया गया था/है और पूरा किया गया? योजनावार, जिलेवार तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) प्रदेश में कुल 32 वृहद सिंचाई परियोजनाएं प्रारंभ/पूर्ण हैं। जिनमें से 13 वृहद परियोजनाएं निर्माणाधीन (कार्य प्रारंभ) तथा 14 वृहद परियोजनाएं पूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त 05 परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है, जिनके क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रगति पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1008 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम मसनगांव से हण्डिया व्हाया छिड़गांव धनगांव रेलवां अजनास डुमलाय मार्ग विभाग से स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या समय अधिक होने से उक्त रोड निर्माण के लिये अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है? लोगों को आवागमन में हो रही परेशानी को दृष्टिगत रखते हुये विभाग द्वारा कब तक उक्त रोड का निर्माण कार्य प्रारंभ कर पूर्ण करा दिया जावेगा? (ग) उक्त रोड निर्माण कार्य का ठेका किस कंपनी अथवा ठेकेदार को दिया गया है व कार्यादेश देने का क्रमांक/दिनांक व कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा क्या है? (घ) समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन जिम्मेदार है? नहीं किये जाने पर संबंधित ठेकेदार अथवा कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मार्ग स्वीकृत होने के बाद निर्माण कार्य का कार्यादेश दिनांक 11.06.2008 को जारी किया गया तथा ठेकेदार द्वारा दिनांक 12.06.2008 से कार्य प्रारंभ किया गया तथा 4.22 कि.मी. में कार्य पूर्ण किया गया। कार्य की समानुपातिक प्रगति न होने के कारण ठेका दिनांक 03.04.2012 को धारा 3 (सी) में विखण्डित किया गया। (ख) जी नहीं। उक्त कार्य ठेकेदार की रिस्क एण्ड कास्ट पर होने से बढ़ी हुई लागत ठेकेदार से वसूली जावेगी। मार्ग की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। मार्ग के शेष भाग के निर्माण हेतु पूर्व ठेकेदार की रिस्क एण्ड कास्ट पर निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये ठेकेदार जिम्मेदार है। संबंधित ठेकेदार का ठेका निरस्त किया गया एवं पंजीयन काली सूची में दर्ज किया गया है।
सिंध नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 1011 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन भोपाल का भिण्ड प्रवास दिनांक 27/02/16 को टेहनगुर से हिलगवा मार्ग पर सिंध नदी पर पुल निर्माण के लिए घोषणा की गई थी यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) मा. मुख्यमंत्री कार्यालय का पत्र क्र.752/सी.एम.एस./एस.एच.आर/2015 दिनांक 19/10/15 के अनुसार सिंध नदी पर टेहनगुर से हिलगवा नदी पर पुल निर्माण के लिए जारी किया गया यदि हाँ, तो अभी तक किस स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत टेहनगुर से हिलगवा नदी पर कब तक पुल निर्माण कार्य प्रारंभ जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत पुल निर्माण में किस विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन कार्य विभाग के कार्य क्षेत्रांतर्गत नहीं है अपितु इस निर्माण हेतु मध्यप्रदेश ग्रामीण विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई भिण्ड द्वारा कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार। (घ) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार।
जिला जेल का निर्माण
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 1012 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा भिण्ड जिले में नवीन जिला जेल का निर्माण कब प्रारंभ किया गया, कब पूर्ण होना था, अब तक कितना कार्य पूर्ण हो गया? कार्य में विलंब के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत निर्माण का परीक्षण अवलोकन निरीक्षण किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब किया गया? क्या प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या पुन: निविदा आमंत्रित की गई यदि हाँ, तो किस कार्य के लिए कब निविदा आमंत्रित हुई? कब तक कार्य पूर्ण हो जायेगा? (घ) नवीन जेल निर्माण भिण्ड का किस प्रयोगशाला में कब परीक्षण किया गया? गुणवत्ताहीन कार्य की जांच किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब की गई क्या प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? विवरण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ के कालम क्रं. 5, 6, 8 एवं 9 में वर्णित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ के कालम क्रं. 4, 5, 6 एवं 7 में वर्णित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। जी नहीं, अपितु शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु परियोजना क्रियान्वयन इकाई भिण्ड द्वारा नवीन बाहरी एवं आंतरिक बाउण्ड्रीवॉल 2 नग, ई-टाईप, 4 नग, जी टाईप, 5 नग, एच टाईप एवं 30 नग आई टाईप आवास गृह निर्माण कार्य (मय बाहरी एवं आंतरिक विद्युतीकरण) की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ के कालम क्रं. 8, 9, 4, 5 एवं 7 में वर्णित है।
बांध निर्माण की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
90. ( क्र. 1015 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्र.सं. 115 (क्रमांक 1023) दिनांक 05.12.2016 के प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर में स्वीकारा है कि श्योपुर जिले में ई.ई. जल संसाधन श्योपुर द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत मूंझरी बांध निर्माण हेतु उपसंचालक कृषि श्योपुर के माध्यम से संचालनालय को डी.आई.पी. में प्राप्त हुआ हैं, इसे राज्य स्तरीय मंजूरी समिति के समक्ष आगामी बैठक में आवश्यक कार्यवाही हेतु रखा जावेगा एवं बांध निर्माण उपरांत 5100 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। योजना की लागत जल संसाधन विभाग के मापदण्डानुसार नहीं है स्वीकृति के संबंध में निर्णय उक्त समिति में लिया जाना है। (ख) कृपया बतावें कि उक्त समिति की बैठक कब होगी। (ग) क्या शासन उक्त बैठक शीघ्र आयोजित करवायेगा व उक्त प्रस्ताव से संबंधित नियमानुसार सभी कार्यवाहियां अविलंब पूर्ण कराकर क्या समिति/शासन क्षेत्र हित में लागत राशि के मापदण्डों को शिथिल करते हुए प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करेगा तत्पश्चात् समस्त विधिमान्य प्रक्रियायें पूर्ण करके केन्द्र से इस प्रस्ताव को स्वीकृत कराकर इसे बजट में शामिल करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, यह सही है कि विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1023 दिनांक 05.12.2016 के प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर में स्वीकारा है कि श्योपुर जिलें में ई.ई. जल संसाधन श्योपुर द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत मंझरी बांध निर्माण हेतु उप संचालक कृषि श्योपुर के माध्यम से संचालनालय को डी.आई.पी. में प्रस्तावित होकर प्राप्त हुआ है उक्त डी.आई.पी. को दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में भी प्रस्तुत किया जा चुका है। परन्तु इस संबंध में जल संसाधन विभाग ने अपने अभिमत में असहमति टीप दी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक दिनांक 22.12.2016 को सम्पन्न हो चुकी है। (ग) राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक दिनांक 22.12.2016 को माननीय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सम्पन्न की जा चुकी है। उत्तरांश ''क'' अनुसार, शेष का प्रश्न नहीं है।
पुलिया निर्माण
[जल संसाधन]
91. ( क्र. 1016 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्र से गुजर रही सी.आर.एम.सी. के बायीं ओर ग्राम बंदड़ी, बागल्दा सहित एक दर्जन से अधिक ग्राम बसे हैं? सी.आर.एम.सी. पर ग्राम बंदड़ी के पास वर्तमान तक बड़ी पुलिया का अभाव हैं इन ग्रामों के कृषकों को हमेशा जिला मुख्यालय अथवा अन्यत्र जाने आने हेतु समीप में बह रही बारहमासी नदी के तीन चार फिट पानी को पार करना पड़ता है तथा फसल विक्रय हेतु कृषकों को सड़क मार्ग से 15-20 कि.मी. का अतिरिक्त फेरा लगाकर जाना आना पड़ता है जो कठिनाई पूर्ण कार्य हैं? (ख) क्या उक्त समस्या का हल तभी संभव है जब ग्राम बंदड़ी के पास उपयुक्त स्थान नवीन बड़ी पुलिया का निर्माण करा दिया जावे, इस हेतु ई.ई. डब्ल्यू.आर.डी. श्योपुर द्वारा 39 लाख का प्रस्ताव/प्राक्कलन मुख्य अभियंता ग्वालियर/ प्रमुख अभियंता भोपाल को भेजा भी जा चुका हैं? (ग) क्या शासन क्षेत्रीय कृषकों की उक्त कठिनाईयों के मद्देनजर उक्त प्रस्ताव/प्राक्कलन को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा व पुलिया का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एस.डी.एम श्योपुर एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर ग्राम बरंडी के पास सी.आर.एम.सी की आर.डी. 9150 मीटर पर नवीन पुलिया निर्माण हेतु स्थल का चयन किया जाना प्रतिवेदित है। जी नहीं। रू.39.20 लाख का प्राक्कलन मंडल कार्यालय में परीक्षणाधीन है। (ग) प्राक्कलन अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बानसुजारा की नहरों से ग्वालसागर तालाब में पानी से भराव
[जल संसाधन]
92. ( क्र. 1070 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बानसुजारा की नहरों का पानी खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम जटेरा, जिनागढ़, सुजानपुरा, भिलौनी वनयानी, वैसा खास, राजनगर, दुर्गानगर, करमसान, अहार लड़वारी, गनेशपुरा, डुम्बार, झिगुंवा, प्रतापपुरा, नारायणपुर लुर्हरा, बल्देवगढ़ आदि स्थानों के किसानों को नहर का पानी, नहीं मिल रहा है। क्या बानसुजारा से निर्मित नहरों से इन ग्रामों में किसानों को नहरों का पानी दिये जाने का कोई प्रावधान शासन की योजना में इन ग्रामों के लिये है? यदि हाँ, तो संपूर्ण योजना की जानकारी, उपलब्ध करायें? (ख) क्या यदि बानसुजारा की नहर ग्वालसागर तालाब बल्देवगढ़ में बानसुजारा की नहर डालकर तालाब का भराव कर दिया जावेगा तो इन सभी ग्रामों के किसानों को पानी सिंचाई हेतु उपलब्ध हो जायेगा क्या इस प्रकार की कोई योजना किसानों के हित में बनाई गई है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी से अवगत करायें नहीं तो कारण स्पष्ट करें कि बानसुजारा की नहर से वंचित ग्रामों के किसानों को किस तरह से पानी सिंचाई हेतु उपलब्ध करायेंगे? (ग) यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बानसुजारा परियोजना की नहरों के प्रारंभिक सर्वेक्षण अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों की भूमि कमांड क्षेत्र में नहीं आने से इन ग्रामों को पानी दिया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) एवं (ग) बानसुजारा परियोजना में अतिरिक्त पानी नहीं होने के कारण ग्वाल सागर तालाब बलदेवगढ़ को भरने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
किसान सड़क निधि से किए जाने वाले कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
93. ( क्र. 1092 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान सड़क निधि से क्या-क्या कार्य किये जाने का प्रावधान है व इसके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या गाइड लाईन निर्धारित है? प्रति दी जावे व यह निधि किन-किन स्त्रोतों से प्राप्त होती है? (ख) जनवरी 2014 से जनवरी 2017 तक कृषि उपज मण्डी समिति मुरैना व अम्बाह जिला मुरैना में कितनी आय हुई, की जानकारी मासिक एवं वर्षवार दी जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किसान सड़क निधि से मुरैना व अम्बाह (मण्डियों से संबंधति कार्यक्षेत्र) में कराये गये कार्यों की जानकारी कार्य विवरण, एजेंसी का नाम, लागत राशि, कार्यादेश दिनांक, कार्यावधि दिनांक सहित बताया जावे व कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान सड़क निधि की राशि का उपयोग मंडी क्षेत्र की सड़कें तथा आधारभूत संरचनाओं को निर्मित करने का प्रावधान है। कार्यों की प्रक्रिया संबंधी दिशा निर्देश पत्र क्रमांक डी-15 -21/2008/14-3, भोपाल दिनांक 16.12.2008 से जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। उक्त निधि का स्त्रोत मंडी शुल्क है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति, मुरैना एवं अम्बाह, जिला मुरैना में आय की मासिक एव वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) किसान सड़क निधि से मुरैना व अम्बाह (मण्डियों से संबंधित कार्यक्षेत्र) में कराये गये कार्यों की जानकारी कार्य विवरण, एजेंसी का नाम, लागत राशि, कार्यादेश दिनांक कार्यावधि दिनांक एवं कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
94. ( क्र. 1093 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री बीमा योजना के क्या-क्या उद्देश्य हैं व इसके क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा क्या नीति निर्धारित की है? प्रति दी जावें। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु योजना प्रारंभ से जनवरी 2017 तक योजना के संबंध में विधान सभा 07 दिमनी जिला मुरैना में कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य हुए व इस हेतु कृषकों को प्रेरित करने हेतु शासन प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्य मैदानी स्तर पर किये गये की जानकारी प्रमाण सहित दी जावें? (ग) बीमा योजना के क्रियान्वयन हेतु तहसील अम्बाह व मुरैना जिला मुरैना के पटवारी हल्कों में किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा भ्रमण कर किन-किन पटवारी हल्कों में बीमा योजना से संबंधित कार्य किये गये, की जानकारी पटवारी हल्का का नाम, अधिकारी/कर्मचारी का नाम पद सहित दी जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा के उद्देश्य निम्नानुसार है :- (1) प्राकृतिक आपदाओं, कीट ओर रोगों से किसी भी अधिसूचित फसल के नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा आवरण एवं वित्तीय समर्थन प्रदान करना। (2) किसानों को खेती कार्य में बनाये रखने के लिये किसानों की आय को स्थिर करना। (3) किसानों को नवीन/अभिनव ओर आधुनिक कृषि प्रणालियों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना। (4) कृषि क्षेत्र के लिये ऋण की सुविधा सुनिश्चित करना। योजना की मार्गदर्शी निर्देशिका संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है एवं राज्य शासन की अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु योजना प्रारंभ से जनवरी 2017 तक योजना के संबंध में विधान सभा क्षेत्र दिमनी 07 में 4796 कृषकों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभान्वित किया गया है एवं दिनांक 14-4-16 से 24-4-16 के दौरान ग्राम उदय से भारत उदय अभियान चलाकर ग्राम सभाओं में शिविर आयोजित किये गये। आयोजित शिविरों में उपस्थित कृषकों को फसल बीमा से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराकर सहमति पत्र प्राप्त किये गये हैं। जिसका विस्तृत विवरण बैंकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। कृषकों को प्रेरित करने हेतु प्रशासन द्वारा बैंक स्तर पर अऋणी कृषकों के प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिनांक निर्धारित कर शिविरों का आयोजन किया गया है। जिसकी प्रमाणित प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ग) फसल बीमा के क्रियान्वयन हेतु तहसील अम्बाह मुरैना के पटवारी हल्का एवं कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भ्रमण कर कृषकों में योजना का प्रचार-प्रसार किया गया। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है।
नवीन रोड हेतु नीति निर्धारण
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 1114 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या 159 (क्र. 1207) दिनांक 05 दिसम्बर, 2016 में बताया गया है कि वर्तमान में नीति निर्धारित नहीं है, अपितु निर्माण/उन्नयन की आवश्यकता का परीक्षण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिगत रखते हुए प्राथमिकतानुसार कार्य किये जाते हैं, तो क्या म.प्र. शासन लोक निर्माण जैसे जो सड़क मार्ग का निर्माण करता है, जिसका आवागमन में जनहित की दृष्टि से महत्व होकर जनहित का महत्वपूर्ण है, के लिये कब तक नीति बनायेगा? (ख) क्या उत्तर (क) के अनुसार सड़क निर्माण/उन्नयन के लिये पी.डब्ल्यू.डी. संभाग स्तर पर किन-किन दिशा निर्देशों के तहत सड़क निर्माण एवं मरम्मत कार्य प्रारंभ हैं? अवगत करावें व क्या प्रश्नकर्ता (विधायक करैरा) से लिखित व मौखिक चर्चा कर प्रस्ताव मांगे गये थे? यदि हाँ, तो बताया जावे व क्या उन्हें योजना में शामिल किया गया है व नहीं तो क्या भविष्य में उनसे प्रस्ताव मांगे जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रदेश में सड़कों का निर्माण जनहित, स्थानीय आवश्यकताओं एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार किया जाता है। अत: पृथक किसी नीति को बनाये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ख) मार्ग निर्माण/उन्नयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार, वार्षिक मरम्मत नवीनीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार एवं विभागीय तौर पर (पेंच वर्क) के कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जल उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा कराए गए कार्यों पर व्यय
[जल संसाधन]
96. ( क्र. 1121 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री लहार जल संसाधन शाखा नहर संभाग लहार एवं कार्यपालन यंत्री भाण्डेर मुख्य नहर संभाग के अंतर्गत लहार विधान सभा क्षेत्र की किन-किन जल उपभोक्ता संस्थाओं में प्रश्न दिनांक तक नहर सफाई, नाली निर्माण आदि विकास कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि उपलब्ध है? प्रत्येक संस्था का विवरण दें? (ख) जल उपभोक्ता संस्था लहार, हीरापुर, गेंथरी एवं अंधियारी नं. 2 में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में रख-रखाव एवं वाटरकोर्स निर्माण पर हुए व्यय की जानकारी संस्थावार दें तथा मूल्यांकन करने वाले अधिकारी का नाम व पद सहित बतायें? (ग) क्या उपरोक्त संस्थाओं में निम्न गुणवत्ता का कार्य होने के कारण अनेक वाटरकोर्स क्षतिग्रस्त होकर टूट चुके हैं? यदि हाँ, तो जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। (ग) गुणवत्ता में कमी के कारण वाटरकोर्स क्षतिग्रस्त होकर टूटने का कोई प्रकरण प्रतिवेदित नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर कान्ट्रेक्टर योजना फेल होने से उत्पन्न स्थिति
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 1122 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा कान्ट्रेक्टर योजना कब प्रारंभ की गई थी एवं इसका उद्देश्य क्या था? (ख) उक्त योजना के अंतर्गत कितने चरणों में कितने युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है? इनके प्रशिक्षण दिये जाने पर कितनी-कितनी राशि किस कार्य पर व्यय हुई है? (ग) उक्त योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग प्राप्त इंजीनियर कितने ठेकेदार बन गये हैं एवं विभाग के अंतर्गत ट्रेनिंग प्राप्त किन-किन इंजीनियरों ने पंजीयन कराया है? ब्यौरा देवें। (घ) क्या जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता एवं लापरवाही के चलते उक्त योजना फेल हो चुकी है एवं इसका लाभ युवाओं को नहीं मिला है? यदि हाँ, तो क्या शासन इसकी जांच कराकर संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रदेश में मुख्य मंत्री युवा इंजीनियर कॉन्ट्रेक्टर योजना दिनांक 23/08/2013 से प्रारंभ की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अधोसंरचना विकास कार्यों के ठेकेदारी के क्षेत्र में प्रदेश के युवा अभियंताओं को आकर्षित करने, स्वउद्यम की ओर प्रेरित करने एवं तकनीकी रूप से सक्षम युवा ठेकेदारों की संख्या में वृद्धि करने का है। (ख) दो चरणों में 810 युवा इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया गया तथा चालू तृतीय चरण में 389 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षणरत है। व्यय की गई राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) प्रश्न दिनांक तक कुल 315 प्रशिक्षणार्थियों ने अपना पंजीयन कराया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्य पहुँच मार्ग निर्माण का भौतिक सत्यापन
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 1130 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत दुलहा तालाब से जैतहरी मुख्य पहुँच मार्ग लंबाई 5.00 कि.मी. की प्रशासकीय स्वीकृत 01.04.13 को राशि 246.77 लाख हुई थी। उक्त कार्यादेश क्रमांक 3372/25-09-13 अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की 24-07-2014 रही है। उक्त मार्ग किस कार्यपालन यंत्री तथा संविदाकार के द्वारा किया गया है? (ख) उक्त मार्ग निर्माण में कुल कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? क्या इतनी राशि व्यय के बाद भी सड़क की उपयोगिता नहीं है? (ग) क्या अनूपपुर के भू-माफियाओं को उपकृत करने का प्रयास किया गया है? यदि नहीं, तो क्या मार्ग की भौतिक सत्यापन उच्च अधिकारियों से कराया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। यह कार्य श्री बी.के. विश्वकर्मा, कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग अनूपपुर (म.प्र.) के कार्यकाल में मेसर्स पी.के. त्रिपाठी, संविदाकार अनूपपुर द्वारा किया गया है। (ख) राशि रूपये 184.97 लाख व्यय की जा चुकी है। 4.20 कि.मी. मार्ग का उपयोग किया जा रहा है शेष शुरूआत के चैनेज 128 मीटर में एवं मध्य छोर में चैनेज 2097 के 625 मीटर कुल 753 मीटर में निजी भूमि है, जिसे प्राप्त करने के लिये कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनूपपुर को पत्राचार किया गया किन्तु भू-स्वामियों द्वारा भूमि देने से साफ इंकार किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। संविदाकार को भुगतान के पूर्व मार्ग पर किये गये कार्य का भौतिक सत्यापन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा शत प्रतिशत किया गया है। अन्य उच्च अधिकारियों से भौतिक सत्यापन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शक्कर नदी पर बने पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 1135 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील की शक्कर नदी पर जो पुल का निर्माण इस वर्ष में हुआ था, क्या उसकी समयावधि समाप्त हो गई है? (ख) क्या उसकी मरम्मत समय पर नहीं होने के कारण क्षतिग्रस्त एवं जर्जर स्थिति होने से आये दिन दुर्घटना हो रही है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार पुल की आयु पूर्ण हो गई है, तो क्या नये पुल निर्माण पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कल्याणपुर-चांदनखेड़ा मार्ग पर स्थित शक्कर नदी पर पुल निर्माण इस वर्ष पूर्ण किया गया है। जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देवरी विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई योजनायें
[जल संसाधन]
100. ( क्र. 1140 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधान सभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में कौन-कौन सी नवीन सिंचाई योजनायें विभाग द्वारा तैयार की गई है? इनमें से कौन सी योजना स्वीकृति हेतु किस स्तर पर लंबित है? (ख) उक्त क्षेत्र की कौन-कौन सी योजनायें साध्य पाई गई हैं? इनमें से किन-किन को बजट में सम्मिलित किये जाने हेतु प्रस्तावित किया गया है? (ग) क्या इस क्षेत्र में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए विभाग गंभीर है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 में इस हेतु विभाग द्वारा किये गये प्रयासों की जानकारी दें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खतौला काम्पलेक्स जलाशय की डी.पी.आर. शासन स्तर पर परीक्षणाधीन है। (ख) संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त चार परियोजनाओं को बजट में सम्मिलित कर लिया गया है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पॉली हाउस निर्माण में गड़बड़ी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
101. ( क्र. 1143 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पॉली हाउस निर्माण की वर्तमान में कौन सी योजना प्रचलित है? योजना के मापदण्डों का विवरण दें। (ख) कृषकों की भूमि पर पॉली हाउस निर्माता एजेंसी का चयन किसके द्वारा किया जाता है? निर्माण एजेंसी द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य किया जावे, इस हेतु विभाग की क्या व्यवस्था है? (ग) वर्ष 2015-16 व 2016-17 में प्रदेश में जिलावार कितने कृषकों के खेतों में अनुदान योजनांतर्गत पॉली हाउस निर्मित कराये गये हैं? क्या स्वीकृत व निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ही कार्य कराया गया है? इनका भौतिक सत्यापन किन-किनके द्वारा किया गया? (घ) स्वीकृत क्षेत्रफल से कम क्षेत्रफल में निर्माण करने वाली एजेंसियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? छत्तीसगढ़ व राजस्थान में ब्लेक लिस्टेड एजेंसियों से प्रदेश में कार्य कराया जाकर शासन और किसान को होने वाले नुकसान को रोकने हेतु क्या उपाय किये जाएंगे? क्या एक बार पुन: निर्मित पॉली हाउस का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) पॉली हाउस निर्माण हेतु वर्तमान में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के घटक संरक्षित खेती, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तथा व्यवसायिक उद्यानिकी फसलों की संरक्षित खेती की प्रोत्साहन की योजना प्रचलित है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सूचीबद्ध एजेन्सियों में से निर्माण एजेन्सी का चयन कृषक द्वारा किया जाता है। कार्य की गुणवत्ता के मापदण्ड निर्धारित हैं, जिसका मौके पर परीक्षण विभागीय अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन के माध्यम से एवं आवश्यकतानुसार तकनीकी परीक्षण सीपेट, भोपाल से कराया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पॉली हाउस का निर्माण कार्य स्वीकृत व निर्धारित मापदण्डों के आधार पर ही कराया जाता है, जिसका भौतिक सत्यापन संभागीय उप संचालक उद्यान की अध्यक्षता में गठित समिति जिसमें सहायक संचालक उद्यान एवं एम.पी. एग्रो के नामांकित अधिकारी सदस्य हैं, के द्वारा किया जाता है। (घ) स्वीकृत से कम क्षेत्र में निर्माण की शिकायत पर कंपनी के विरूद्ध अनुबंध शर्तों अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। ब्लैक लिस्टेड एजेन्सी की जानकारी संज्ञान में आने पर उन्हें सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में शामिल न हो इसके उपाय किये जाते हैं। निर्मित पॉली हाउस का भौतिक सत्यापन निर्धारित प्रक्रिया के तहत कराया जाता है, अत: पुन: भौतिक सत्यापन की आवश्यकता नहीं है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत क्षतिपूर्ति राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
102. ( क्र. 1145 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद छिन्दवाड़ा जिले में कितने किसानों की फसलों का बीमा किया गया है? प्रीमियम राशि में से कितनी राशि सरकार के द्वारा दी गई है और कितनी राशि किसानों द्वारा जमा की गई है? प्रत्येक तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले में पिछले 03 वर्षों में प्राकृतिक आपदा के कारण जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं, क्या खराब हुई फसलों का विभाग द्वारा सर्वे कराया गया है? अगर हाँ तो उन प्रभावित किसानों को शासन के द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान की गई है? (ग) क्या अतिवृष्टि व सूखे से प्रभावित किसानों को बीमा या अन्य सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है? अगर नहीं किया गया है तो कब तक बीमा या अन्य सहायता राशि प्रदान कर दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' एवं 'दो' अनुसार है। (ख) वर्ष 2014 एवं 2015 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अंतर्गत क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान पात्र कृषकों को किया जा चुका है। योजनांतर्गत दावा राशि की गणना फसल कटाई से प्राप्त परिणामों के आधार पर की जाती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राज्य में खरीफ वर्ष 2016 से लागू है। खरीफ 2016 में छिंदवाड़ा जिले में फसल खराब होने संबंधी कोई प्रकरण नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं।
कृषि उपज मंडियों को विकास हेतु राशि प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
103. ( क्र. 1146 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में स्थित कृषि उपज मंडियों से मण्डी विकास बोर्ड को कितना कर विगत 03 वर्षों में प्रदान किया गया है? (ख) जिले की किस मंडी क्षेत्र में मंडी निधि से कौन-कौन से विकास कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि कब प्रदान की गई है वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक जिले को दी गई राशि का कार्य अनुसार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिले में प्रदाय राशि का कहाँ-कहाँ और क्या-क्या उपयोग हुआ है? क्या इस संबंध में क्षेत्रीय विधायकों से जानकारी लेकर उक्त राशि का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों? परासिया विधान सभा क्षेत्र में मंडी निधि के कार्यवार राशि व दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समितियों से म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड को कर के रूप में राशि प्रदान करने का प्रावधान नहीं है, अपितु मंडी समितियों द्वारा प्रावधान अनुसार बोर्ड शुल्क के रूप में राशि म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड को प्रदान की जाती है। छिंदवाड़ा जिलें में स्थित कृषि उपज मंडियों द्वारा विगत 03 वर्षों में प्रदान किये गये बोर्ड शुल्क की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले के किसी भी मंडी क्षेत्र में मंडी समितियों द्वारा मंडी निधि से विकास कार्य हेतु राशि प्रदान नहीं की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल जिले में निर्माणाधीन मुलताई-भैंसदेही मार्ग
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 1153 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के निर्माणाधीन मुलताई-भैंसदेही मार्ग की कुल लागत कितनी है? उक्त मार्ग की स्टेट हाईवे बनने के पश्चात् लागत में कितनी वृद्धि की गई? उक्त मार्ग का स्वीकृति दिनांक, टेंडर के खुलने का दिनांक वर्क आर्डर का दिनांक, निर्माण कार्य पूर्ण करने का दिनांक तथा निर्माण कार्य करने वाली फर्म का नाम एवं रजिस्ट्रेशन नम्बर दे। (ख) संबंधित फर्म को विभाग द्वारा कब-कब व कितना-कितना भुगतान किया गया? प्रत्येक भुगतान की रसीदें एवं आदेशों की छायाप्रति दें। प्रत्येक भुगतान के एवज में फर्म को क्या-क्या सेटअप लगाकर, कितना कार्य करना था? (ग) फर्म द्वारा प्राथमिक भुगतान लेकर क्या-क्या कार्य किये गये इसकी निगरानी व कार्य का अवलोकन करने वाले अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रत्येक रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति दें। (घ) फर्म द्वारा करवाये जा रहे इस निर्माण कार्य में कितने कर्मचारी, मजदूर आदि किस-किस पद पर कार्य कर रहे हैं? प्रत्येक का नाम, पद, पी.एफ. खाता नम्बर, अंशदान राशि तथा फर्म द्वारा इस मद में जमा की राशि की जानकारी सूची में दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बैतूल जिले के निर्माणाधीन मुलताई-भैंसदेही मार्ग की कुल लागत अनुबंधानुसार रू. 124.63 करोड़ है तथा प्रशासकीय स्वीकृति रू. 132.80 करोड़ दिनांक 24.09.2016 को मुलताई-आठनेर चिल्कापुर-भैंसदेही मार्ग को राज्यमार्ग घोषित किया गया। उक्त मार्ग का कार्य केन्द्रीय सड़क निधि के अंतर्गत स्वीकृत है, राज्यमार्ग घोषित होने के बाद लागत में कोई वृद्धि नहीं हुई है। मार्ग की स्वीकृति का दिनांक 28.10.2015, टेंडर खोलने का दिनांक 10.12.2015 वर्क आर्डर का दिनांक 11.04.2016, कार्य पूर्ण करने का दिनांक 10.04.2018 तथा फर्म का नाम मेसर्स तिरूपति बिल्डकान प्रा.लि. बुढार जिला शहडोल एवं विभागीय पंजीयन क्रमांक EA00783 एवं श्रेणी ‘अ’ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार एवं मशीनरी सेटअप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) ठेकेदार को कोई प्राथमिक भुगतान नहीं किया गया। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
सहकारी बैंक में चोरी के प्रकरण
[सहकारिता]
105. ( क्र. 1154 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारी बैंक रायआमला में चोरी की वारदात हुई थी? यदि हाँ, तो कब दिनांक एवं समय दें। घटना के पूर्व बैंक में कितनी राशि जमा थी तथा घटना के पश्चात् कितनी राशि जमा थी? आंकड़े दें। घटना के दिन से एक माह पूर्व तक प्रत्येक दिन बैंक में कितनी-कितनी राशि जमा हुई थी? (ख) सहकारी बैंक में क्या-क्या सुरक्षा इंतजाम होने चाहिए, सुरक्षा के नियमों की एक छायाप्रति दें। घटना के समय सहकारी बैंक में क्या-क्या सुरक्षा इंतजाम थे? सूची उपलब्ध कराये। उक्त में बैंक में कितने सुरक्षा उपकरण होने चाहिए, कितने चलित अवस्था है तथा कितने चलित अवस्था में है घटना के बाद उपकरणों की जांच रिपोर्ट की प्रति दें। (ग) क्या घटना के समय बैंक में सभी सुरक्षा इंतजाम, सुरक्षा के तय मानकों के अनुसार कार्य कर रहे थे? यदि हाँ, तो घटना कैसे हुई, कारण स्पष्ट करें? उक्त घटना की जिम्मेदारी किसकी है तथा जिला बैंक प्रबंधन इसके लिये क्या कर रहा है? कार्यवाही से संबंधित सभी दस्तावेजों की छायाप्रति दें। (घ) क्या उक्त घटना की शिकायत/F.I.R. पुलिस में दर्ज की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत/FIR की छायाप्रति दें तथा पुलिस एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण दस्तावेजों के साथ दें। यदि शिकायत/F.I.R. या कार्यवाही विभाग द्वारा अब तक नहीं की गई तो क्यों नहीं? कारण स्पष्ट करें। इस प्रकरण की अनदेखी कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही न करने वाले उच्च अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। दिनांक 07.11.2016 एवं दिनांक 08.11.2016 की मध्य रात्रि। घटना के पूर्व बैंक में अंतिम सिल्लक राशि 7,64,486.00 रूपये थी तथा घटना के बाद राशि रूपये 16.00 थी। घटना के दिन से एक माह पूर्व तक की बैंक में जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सहकारी बैंक में सुरक्षा के संबंध में प्रसारित नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। घटना के समय शाखा में सी.सी.टी.वी. कैमरा कार्यरत था, किन्तु चोरी के समय चोरों द्वारा केमिकल स्प्रे से सी.सी.टी.वी. कैमरा बंद कर दिया गया था, सी.सी.टी.वी. कैमरे से संबंधित एजेंसी द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बैंक की शाखा में सुरक्षा गार्ड तथा सिक्योरिटी अलार्म नहीं था। (ग) घटना के समय केवल सी.सी.टी.वी. कैमरा कार्य कर रहा था। घटना के दौरान सी.सी.टी.वी. कैमरे पर केमिकल स्प्रे करके कैमरा बंद कर दिया तथा गैस कटर से तिजोरी काटकर चोरी की गई। बैंक प्रबंधन द्वारा प्रकरण में तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज कर बीमा क्लेम किया गया है। की गई कार्यवाही के दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जी हाँ. एफ.आई.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। एफ.आई.आर. पर पुलिस थाना मुलताई द्वारा अपराध क्रमांक 701/16 धारा 457, 380 भारतीय दण्ड विधान, अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना दौरान पी.एस.टीन डाटा निकाला गया। होटल, ढाबा, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड आदि भीड़-भाड़ वाले आवागमन के स्थल चेक किये गये तथा टोल नाके पर चेकिंग लगाई गई थी। माल मुल्जिम की तलाश हेतु पुलिस द्वारा लगातार हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। आज तक की स्थिति में घटना से संबंधित आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। प्रकरण में किसी भी अधिकारी द्वारा अनदेखी नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खातों की जानकारी
[सहकारिता]
106. ( क्र. 1158 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि धार, रतलाम, झाबुआ-अलीराजपुर जिलों में स्थित जिला सहकारी बैंकों एवं उनके अंतर्गत आने वाली समस्त संस्थाओं, समस्त नागरिक सहकारी बैंकों एवं को-ऑपरेटिव संस्थाओं की सूची देवें। इन दिनांक में दिनांक 08.11.16 तक कितने खाते थे, की जानकारी संस्थावार, खाता संख्यावार, जिलावार देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1,2,3 एवं 4 अनुसार है। संस्थावार डिपाजिट खातों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5,6,7 एवं 8 अनुसार है।
बैतूल जिले में विभाग द्वारा केले के पौधे का प्रदाय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
107. ( क्र. 1161 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा तीन वर्षों में केले के पौधे क्रय कर किसानों को वितरित किए गए हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार, कितने-कितने पौधे, किस-किस स्थान से तथा कितनी-कितनी राशि के क्रय किए गए हैं? (ख) केले के पौधे क्रय हेतु उक्त वर्षों में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ग) क्रय किए गए केले के पौधों का वितरण कितने किसानों को कितनी-कितनी मात्रा में किया गया? विकासखण्डवार वर्षवार जानकारी दें। (घ) वितरित केले के कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं वर्षवार जानकारी दें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
सदन में दिये गये आश्वासन की पूर्ति की जानकारी
[सहकारिता]
108. ( क्र. 1164 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 21.03.2012 को प्रश्न संख्या 9 (क्रमांक 4677) में चर्चा के दौरान दोषियों की एफ.आई.आर. करने 1.95 करोड़ रूपये की वसूली करने और दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की जानकारी दी थी? (ख) क्या जिला आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर के जांच प्रतिवेदन दिनांक 12.02.2015 में प्रश्नांश (क) प्रकरण के विपरीत अभिमत देकर प्रकरण की वैधानिकता समाप्त कर दी है? (ग) प्रश्नांश (क) प्रकरण में 50 आरोपियों में से कौन-कौन को माननीय उच्च न्यायालय वसूली पर कितनी अवधि का स्थगत दिया था? शेष आरोपियों से वसूली क्यों नहीं की गई, बताएं? (घ) क्या (क) से (ग) तक के विलंब एवं आश्वासन पूर्ति में राजनैतिक दबाव बाधा है? यदि हाँ, तो किसका? यदि नहीं, तो कौन दोषी है? शासन दोषी पर क्या कार्यवाही करेगा और कब?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 21.03.2012 को तारांकित प्रश्न संख्या 9 क्रमांक (4677) में 1.97 करोड़ रूपये की वसूली करने, संबंधित अधिकारी को निलंबित करने एवं एफ.आई.आर. दर्ज कराने का आश्वासन दिया गया। (ख) जी नहीं। तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक, जबलपुर श्री आर.एस. ठाकुर के जांच प्रतिवेदन दिनांक 12.02.2015 के उपरांत संचालनालय, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के पत्र क्रमांक 1981/शिका/2015, दिनांक 05.08.2015 के द्वारा पुनः जांच किये जाने हेतु आदेश तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक, जबलपुर श्रीमती ज्योति शाह नरवरिया को दिये गये थे। उक्त में उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर प्रतिवेदन दिनांक 11.12.2015 को प्रस्तुत किया गया, जिसमें वर्तमान में उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर याचिका में जांच के अंतिम आदेश पर रोक लगायी गई है। अतः प्रकरण में वैधानिकता समाप्त होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 50 आरोपियों में से 6 कर्मचारी श्री रामेश्वर प्रसाद मिश्रा समिति प्रबंधक, श्री दिनेश कुमार शुक्ला समिति प्रबंधक, श्री राजेन्द्र प्रसाद तिवारी समिति प्रबंधक, श्री शिवकुमार द्विवेदी समिति प्रबंधक, श्री देवेन्द्र त्रिपाठी समिति प्रबंधक एवं श्री नारायण प्रसाद सेन समिति प्रबंधक को न्यायालय से स्थगन प्राप्त होने की सूचना है। स्थगन आदेश में अवधि का कोई उल्लेख नहीं है। शेष आरोपियों से वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) आश्वासन की पूर्ति हेतु खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को लिखा गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नलकूप खनन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
109. ( क्र. 1165 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के अ.जा. एवं अ.ज.जा. किसानों को नलकूप योजनांतर्गत नलकूप खनन एवं पंप दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कटनी जिले के कितने अ.जा./अ.ज.जा. किसानों के खेतों में नलकूप खनन हेतु वर्ष 2012-13 से कितने आवेदन प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में कितने प्रकरण पात्र एवं कितने अपात्र पाये गये? पात्र प्रकरणों में से कितने नलकूप सफल एवं कितने नलकूप असफल हुये? क्या सफल नलकूप के प्रकरणों में सभी किसानों को पंप उपलब्ध कराये गये वर्षवार, विधान सभा क्षेत्रवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 722, दिनांक 29.07.2016 एवं 1367, दिनांक 06.10.2016 पर उपसंचालक कृषि कटनी द्वारा रीठी को कार्यवाही हेतु लेख किया? उक्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या संबंधित किसानों को नलकूप योजना से लाभान्वित किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, किसने की, कब जांच की गई और उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 722, दिनांक 29.07.2016 एवं 1367, दिनांक 06.10.2016 के परिपालन में कृषक श्री दस्सू बल्द किन्जा चौधरी एवं कृषक श्री विश्राम पिता श्री घमण्डी चौधरी ग्राम बिलहरी विकासखण्ड रीठी में ट्यूबवेल खनन कराये जाने हेतु लेख किया गया था। जिसके परिपालन में उप संचालक कृषि कटनी के पत्र क्रमांक 1222 दिनांक 06.08.2016 एवं पत्र क्रमांक 2345 दिनांक 25.10.2016 द्वारा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखण्ड रीठी को संबंधित कृषकों से सम्पर्क कर नलकूल प्रकरण तैयार कराने हेतु निर्देशित किया गया था। उपरोक्त कृषकों में श्री विश्राम बल्द श्री घमण्डी चौधरी द्वारा ग्राम बिलहरी का प्रकरण वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखण्ड रीठी द्वारा तैयार कर प्रस्तुत किया गया है। जिसका नलकूप खनन स्वीकृत आदेश क्रमांक 2923 दिनांक 07.12.2016 द्वारा जारी कर दिया था। कृषक द्वारा नलकूप खनन उपरान्त देयक प्रस्तुत करने पर अनुदान भुगतान किया जा सकेगा। कृषक श्री दस्सू वल्द श्री किन्जा चौधरी ग्राम बिलहरी विकासखण्ड रीठी से सम्पर्क करने पर कृषक द्वारा नलकूप खनन कराने की इच्छा व्यक्त नहीं की गई और न ही कोई आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराये गये है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
आदेश का उल्लंघन कर भुगतान
[सहकारिता]
110. ( क्र. 1176 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल संभाग, भोपाल द्वारा प्रकरण क्रमांक 78-35/12-13 दि. 17.10.12 के अंतरिम आदेश में यशोदा बिल्डर को भुगतान करने पर रोक लगाई गई? (ख) क्या यह रोक प्रश्न दिनांक तक प्रभावी है? यदि हाँ, तो किस आधार पर किन-किन तारीखों में कितनी-कितनी राशि का भुगतान संबंधित को किया गया? नियम की प्रति सहित बतावें। (ग) प्रश्न (क) अनुसार आदेश का उल्लंघन कर भुगतान करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल द्वारा वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक कराये गये ऑडिट की प्रमाणित प्रति देवें। यदि ऑडिट नहीं करवाया गया तो इसके दोषियों के नाम, पदनाम सहित बतावें कि इसके लिए इन पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाऐं, भोपाल संभाग भोपाल द्वारा प्रकरण क्रमांक 78-35/12-13 में दिनांक 17.10.2012 के अंतरिम आदेश द्वारा यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश दिये गये थे। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है। (घ) कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल का वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 तक का अंकेक्षण लंबित होने से आडिट रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति उपलब्ध नहीं है। इस हेतु तत्कालीन संस्था अध्यक्ष के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 56 (3) के अंतर्गत संस्थित कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अनियमितताओं पर कार्यवाही
[सहकारिता]
111. ( क्र. 1180 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 33 (क्रं. 4598) दि. 31.03.16 के ''घ'' उत्तर अनुसार तत्कालीन उपायुक्त एवं तत्कालीन सहायक आयुक्त सहकारिता को पत्र क्रमांक गृ.नि./2011/4957 दि. 28.11.11 जारी करने के संबंध में जो कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया की छायाप्रति देवें। अधिकारियों द्वारा इसके जवाबी पत्र एवं संबंधित समस्त पत्र व्यवहार की छायाप्रति देवें। (ख) इस संबंध में इन अधिकारियों पर की गई समस्त कार्यवाही की प्रमाणित प्रति देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसका कारण बतावे इस पर कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी? (ग) अता.प्रश्न संख्या 67 (क्रं. 4596) दि. 17.03.16 के (ख) उत्तर अनुसार संबंधित पर कार्यवाही कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावे। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल को जारी कारण बताओ सूचना पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। तत्कालीन सहायक आयुक्त के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जवाबी पत्र एवं कार्यवाही की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 से लेकर 10 अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘क’ के अनुसार। शेष कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष श्री सुरेश राय एवं संचालक मण्डल के विरूद्ध पुलिस में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने हेतु संस्था के वर्तमान अध्यक्ष द्वारा पुलिस अधीक्षक भोपाल को दिनांक 10.10.2016 को पत्र लिखा गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही पुलिस द्वारा की जानी है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्प्रिंकलर सिंचाई योजना अनुदान वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
112. ( क्र. 1186 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा स्प्रिंकलर सिंचाई योजना के तहत किसानों के लिए कोई अनुदान दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो योजना का विवरण एवं किसानों को दिए जाने वाले अनुदान का ब्यौरा दें। (ख) गत 2 वर्षों के दौरान सीहोर जिले में कितने किसानों को स्प्रिंकलर पंप/यंत्र योजना के तहत दिए गए ब्लॉकवार ब्यौरा दें। (ग) यदि स्प्रिंकलर पंप प्रदाय करने के लिए कोई एजेंसी शासन द्वारा तय की गई है तो ब्यौरा दें। (घ) सीहोर जिले में स्प्रिंकलर सिस्टम से कितने हेक्टेयर रकबा में सिंचाई की जा रही है? तहसीलवार ब्यौरा दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। राज्य माइक्रोइरीगेशन मिशन में समस्त वर्ग के कृषकों को लागत का 80 प्रतिशत या अधिकतम राशि रूपये 12000/- प्रति हेक्टेयर जो भी कम हो अनुदान देय है तथा राष्ट्रीय तिलहन मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजनान्तर्गत ऑन फार्म वाटर मैनेजमेन्ट योजना में लघु एवं सीमान्त कृषकों को लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम राशि रूपये 6860/- तथा अन्य कृषकों को लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम राशि रूपये 4900/- एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनान्तर्गत लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम राशि रूपये 10000/- केन्द्रीय अनुदान दिया जाता है। साथ ही राज्य सरकार द्वारा स्प्रिंकलर पर अधिकतम राशि रूपये 4500/- का टापअप अनुदान दिया जाता है। (ख) वर्ष 2014-15 में 922 तथा वर्ष 2015-16 में 625 कुल 1547 किसानों को विभिन्न योजनान्तर्गत लाभान्वित किया गया है। विकासखण्डवार विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) स्प्रिंकलर पम्प प्रदाय करने हेतु शासन द्वारा मध्यप्रदेश कृषि उद्योग विकास निगम एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मार्यादित एजेन्सी एवं पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं से कृषक अपनी इच्छानुसार स्प्रिंकलर क्रय कर सकता है। (घ) जिलें में स्प्रिकंलर सिस्टम से 3094 हेक्टयेर रकबे में सिंचाई की जा रही है। तहसीलवार विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
सुक्ता बांध को पानी प्रदाय
[जल संसाधन]
113. ( क्र. 1193 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंधाना विधान सभा क्षेत्र के ग्राम घाटाखेड़ी एवं ऑठ गांवों को सुक्ता बांध से सिंचाई हेतु पानी प्रदाय करने के लिये जल संसाधन विभाग ने सर्वेक्षण एवं अन्य प्रस्ताव बनाये हैं? (ख) यदि हाँ, तो इन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सुक्ता बांध से नगर निगम खण्डवा को कब तक पानी दिया जायेगा? (घ) उपरोक्त ग्रामों को सिंचाई की सुविधा कब तक प्रदाय की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क), (ख) एवं (घ) पंधाना विधान सभा क्षेत्र के ग्राम घाटाखेड़ी एवं 8 ग्रामों को सुक्ता बांध परियोजना से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) खण्डवा शहर की पेयजल व्यवस्था हेतु नर्मदा जल योजना का क्रियान्वयन पूर्ण होने तक सुक्ता बांध से नगर निगम खण्डवा को पानी प्रदाय किया जाना प्रतिवेदित है।
नहर की स्वीकृति
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 1194 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र के ग्राम खैगावड़ा से सिलोदा की ओर जाने वाली नहर को क्यों छोड़ दिया गया है, जबकि इस नहर से ग्राम सिलोदा के किसानों को भी सिंचाई हेतु पानी दिया जा सकता है? तो क्यों नहीं दिया गया? (ख) इस ग्राम के किसानों को सिंचाई हेतु पानी का लाभ कब तक दिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) पंधाना विधान सभा क्षेत्र के ग्राम खेगावड़ा से सिलोदा की ओर जाने वाली नहर से ग्राम सिलोदा के 79 किसानों को 231 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु पानी प्रदाय किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
खुजनेर नगर में रेस्ट हाउस अथवा सर्किट हाउस की स्वीकृत
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 1199 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के नगर खुजनेर में लोक निर्माण विभाग द्वारा आने जाने वाले वी.आई.पी. के ठहरने के लिये रेस्ट हाउस अथवा सर्किट हाउस बनवाया गया है? (ख) यदि नहीं, तो क्या इंदौर, उज्जैन अथवा भोपाल से राजस्थान जो कि लम्बी दूरी पर स्थित है आने जाने वाले को विश्राम करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो खुजनेर नगर के पास ही स्थित प्रसिद्ध बगुलामुखी माताजी एवं भैसवा माताजी मंदिर पर वर्ष भर आने जाने वाले वी.आई.पी. के ठहरने के लिये रेस्ट हाउस/सर्किट हाउस का निर्माण करवाया जाना आवश्यक है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के नगर खुजनेर में लोक निर्माण विभाग द्वारा आने जाने वी.आई.पी. के ठहरने के लिये रेस्ट हाउस अथवा सर्किट हाउस स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। रेस्ट हाउस, सर्किट हाउस, पर्यटन विभाग के एवं निजी होटल ब्यावरा, राजगढ़ आदि में उपलब्ध है। (ग) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
बीहड़
भूमियों को
उपजाऊ बनाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( क्र. 4 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर- चंबल संभाग की बीहड़ भूमियों को उपजाऊ बनाने के लिए सरकार ने क्या योजनाएँ बनाई अथवा कदम उठाये? (ख) क्या बीहड़ों के सुधार हेतु राज्य शासन ने केन्द्र सरकार को कोई योजना/प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भेजा है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी पूर्ण ब्यौरा दें. (ग) प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने अब तक क्या कार्यवाही की है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) ग्वालियर संभाग में पूर्व में बीहड़ सुधार हेतु कोई योजनायें संचालित नहीं रही, चंबल संभाग में बीहड़ सुधार हेतु पूर्व में संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासन के पत्र क्रमांक पी0एस0/एफ0डब्ल्यु0एंडए0डी0/2015/411 दिनांक 01.07.2015 द्वारा कुल राशि रू. 1200.00 करोड़ की योजना भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। (ग) भारत सरकार स्तर से स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।
गांधी सागर चम्बल डेम जल भराव
[जल संसाधन]
2. ( क्र. 5 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी सागर बांध चंबल डेम में वर्षा पश्चात् जल भराव की स्थिति का वर्ष २०१४ से २०१६ तक ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त अवधि में कब-कब किस आदेश के तहत कितनी-कितनी जल की मात्रा डेम के गेट खोलकर भराव जल से छोड़ी गई? (ग) गांधी सागर बांध (चंबल डेम) से मध्य प्रदेश के किसानों के सिंचाई के रकबे का तहसीलवार ब्यौरा क्या है? साथ ही पड़ोसी राज्य को पानी देने संबंधी कोई करार हो, तो ब्यौरा दें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। पड़ोसी राज्य को पानी देने संबंधी करार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
हितग्राही मूलक योजनाओं में प्राप्त शिकायतें
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( क्र. 8 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद, बीज, पाईप एवं कृषि यंत्र आदि हितग्राही मूलक योजनाओं के प्रकरणों में पिछले 2 वर्ष में इंदौर व उज्जैन संभाग में कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ से मिली? (ख) शिकायतकर्ता का नाम, पते सहित विवरण देते हुए बताए की उन पर क्या कार्यवाही की गई व जांच के क्या परिणाम निकले?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों को कृषि एवं सिचाई यंत्रों का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
4. ( क्र. 9 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विभाग द्वारा किसानों के ऑनलाइन पंजीयन के बाद कृषि एवं सिचाई यंत्रों का वितरण विभाग द्वारा ही एम.पी.एग्रो के माध्यम से किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? इस संबंध में शासन के क्या दिशा निर्देश है? प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए बतायें कि क्या ऑनलाइन पंजीयन के बाद किसान खुले बाजार से सामग्री क्रय कर सकता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) अशोकनगर एवं रतलाम जिले के मुंगावली एवं जावरा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षां में कृषि विभाग द्वारा किस-किस योजना में कितने किसानों को क्या-क्या सामग्री कितनी-कितनी राशि की उपलब्ध करवाई व कितना-कितना अनुदान किस-किस माध्यम से उपलब्ध करवाया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि विभाग द्वारा किसानों के ऑनलाईन पंजीयन के बाद कृषि एवं सिंचाई यंत्रों का वितरण विभाग द्वारा एम0पी0एग्रो के माध्यम से नहीं किया जाता है। इस संबंध में शासन के निर्देश है कि ऑनलाईन पंजीयन के बाद किसान अपनी इच्छा अनुसार एम0पी0एग्रो अथवा संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी भोपाल में पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं से सामग्री क्रय कर अनुदान प्राप्त कर सकता है। शासन के दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्र की पुल-पुलियाओं का निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 23 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलौदा एवं जावरा तहसील के अनेक ग्रामों के आवागमन के व्यस्ततम मार्गों पर विगत कई वर्षों से पुल-पुलियाएं नहीं होने के कारण ग्रामीण आवागमन अत्यंत कष्टप्रद होकर ग्रामीण यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, जिसके कारण अनेक कठिनाई उत्पन्न हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जावरा तहसील के 1. खेड़ा-गोठडा मार्ग पर 2. मुंडला-मन्याखेड़ी 3. कलालिया-रीधाचांदा 4. मन्याखेड़ी-गोठड़ा 5. ढोढर में पंचायत के पास 6. मांडवी हाईस्कूल मार्ग पर 7. मोयाखेड़ा-कलालिया मार्ग पर 8. सरसौदा से मो.वि. मार्ग पर 9. हनुमतिया-पंथमेलकी मार्ग एवं 10. असावती-आनाखेड़ी मार्ग पर पुलिया नहीं होने से ग्रामीण आवागमन प्रभावित होता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या पिपलौदा तहसील के 1. अंगेठी-कुशलगढ़ मार्ग पर 2. बछोडिया-मांडवी 3. बाराखेड़ा-सुजापुर 4. ग्राम मचून में मलेनी नदी पर 5. सुखेड़ा बस स्टेंड पर 6. लांबाखोरा-जांबुडाबरा मार्ग पर एवं जावरा नगर में 1. जवाहर पथ से हाथी खाना-तालनाका मार्ग पर 2. मालीपुरा पुलिया एवं 3. नरसिंहपुरा-हाथी बाना पुलिया की अत्यंत कठिनाइयां है? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में हां, तो उपरोक्तानुसार अत्यंत व्यस्ततम मार्गों पर पुल-पुलियाएं बनाये जाने हेतु इन्हें शासन/विभाग कार्ययोजना में सम्मिलित कर बजट की स्वीकृति कब तक प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि उपज मंडियों के अपूर्ण कार्य को पूर्ण किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 24 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अरनिया पीथा मंडी, खाचरौद नाका मंडी एवं पिपलौदा तथा कालूखेड़ा मंडी कृषि प्रयोजन कार्य हेतु कार्यरत है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त मंडियों के अंतर्गत कृषि उपज विपणन के कार्यों को किये जाने हेतु अनेक कार्यों यथा फल-फूल सब्जी मंडी, कोल्ड स्टोरेज सेंटर, शेड निर्माण डामरीकरण, आर.सी.सी., ड्रेनेज, सीमेंट कांक्रीट पेवमेंट इत्यादि प्रकार के अनेक कार्यों की आवश्यकता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या अरनिया पीथा मंडी प्रांगण के सात (07) कार्य, खाचरौद नाका मंडी के पाँच (05) कार्य एवं पिपलौदा उपमंडी के दो (02) कार्यों के साथ ही अपूर्ण कार्यों को शीघ्र पूर्ण किये जाने की अत्यंत आवश्यकता है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी एवं आयुक्त सह प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड को संबोधित समय-समय पर दिये गये अनेक पत्रों पर कार्यों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत कराएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्रीजी एवं आयुक्त सह प्रबंधक मण्डी बोर्ड को संबोधित पत्र क्र 2251 दिनांक 07.10.2015, 2503 दिनांक 10.02.2016 व 2505 दिनांक 20.07.16 से प्राप्त (1) बरगढ़ फंटा से हरिसाखेड़ा व्हाया डाकन मगरा भेसाना फंटा होते हुए मुख्य हाईवे रोड तक (2) अरनियापीथा से रोजाना तक एवं (3) ईदगाह (सीएमओ निवास के पास) जावरा से अरनियापीथा तक 03 सड़कों के प्रस्ताव किसान सड़क निधि के अन्तर्गत साधिकार समिति में रखे जाने वाले एजेण्डा की प्रस्तावित सूची में सम्मिलित की गई थी। वर्तमान में शासन के निर्देशानुसार उपरोक्त निधि से सड़क कार्य मण्डी बोर्ड द्वारा नहीं कराये जाने के अनुक्रम में उपरोक्त वर्णित प्रस्ताव कार्यालयीन पत्र क्रमांक -72 दिनांक 06.01.2017 से सड़कों के प्रस्तावों की सूची म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को प्रेषित की गई है तथा पत्र क्रमांक-2253 दि. 07.10.2015 एवं पत्र क्र. 2112 दिनांक 27.07.2016 पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि अध्ययन को बढ़ावा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 59 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विषय के अध्ययन को बढ़ावा देने हेतु विभाग की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? (ख) नवीन कृषि महाविद्यालय/कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय प्रारम्भ करने हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित हैं, विगत 03 वर्षों में मध्यप्रदेश में कहाँ-कहाँ नवीन कृषि महाविद्यालय/कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय प्रारम्भ किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ में उल्लेखित मापदण्डों के आधार पर या क्षेत्र में कृषि अध्ययन की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में नवीन कृषि महाविद्यालय/कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाने के संबंध में कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु प्रदेश में परिस्थिति एवं आवश्यकतानुसार नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना की जाती है। वर्तमान प्रदेश में 01 उद्यानिकी 01 अभियांत्रिकी एवं 10 कृषि महाविद्यालय संचालित हैं। (ख) नवीन कृषि महाविद्यालय/कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय प्रारम्भ करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की पंचम डीन कमेटी की सिफारिशों के मापदण्ड निर्धारित है। विगत तीन वर्षों में मध्यप्रदेश के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत एक नवीन कृषि महाविद्यालय पवारखेड़ा जिला होशंगाबाद में सन् 2016-17 से प्रारम्भ किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मापदण्डों के आधार पर सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना संबंधी प्रस्ताव स्वीकृतार्थ विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उत्पादित संतरों का प्रबंधन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
8. ( क्र. 60 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 02 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितना संतरा उत्पादन हुआ है, ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) क्या म.प्र. कृषि उद्योग विकास निगम द्वारा जिला आगर में संतरा प्रसंस्करण उद्योगों से जुड़े 37 उद्योगपतियों को उद्योगों की स्थापना के लिये प्रेरित किया गया हैं? यदि हाँ, तो उद्योगपतियों की सूची उपलब्ध करावे? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में संतरे की अधिक पैदावार को दृष्टिगत रखते हुए संतरे से जुड़े उद्योग स्थापित करने हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही उद्योग विभाग से समन्वय स्थापित कर की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में संतरा भण्डारण हेतु कोई प्रभावी व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा संतरे का समर्थन मूल्य तय कर खरीदी हेतु कोई मांग की थी या प्रस्ताव प्रस्तुत किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से संतरा उत्पादक कृषकों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण (
श्री सूर्यप्रकाश
मीना ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 1 अनुसार है।
(ख) जी हाँ। प्रश्नांश
के शेष भाग की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 2 अनुसार है।
(ग) खाद्य
प्रसंस्करण
इकाई की स्थापना
राज्य शासन
द्वारा नहीं
की जाती है। सूक्ष्म, लघु एवं
मध्यम खाद्य
प्रसंस्करण
उद्योगों को
बढ़ावा देने
के लिए विभाग
द्वारा
विशिष्ट
वित्तीय
सहायताओं का
प्रावधान
किया गया है, जिसका
लाभ निजी
निवेशक ले
सकते है। संतरा
आधारित
उद्योग स्थापित
करने हेतु
निजी
निवेशकों से
प्रस्ताव
प्राप्त
करने हेतु
विज्ञप्ति
दिनांक 26.10.2016 को
प्रकाशित की
गई। (घ) नश्वर
उद्यानिकी
उत्पादों के
भण्डारण
हेतु योजना स्वीकृत
है जिसके तहत
विज्ञप्ति
जारी कर निजी
निवेशकों से
प्रस्ताव
चाहे गये हैं।
संतरा भण्डारण
हेतु पृथक से
कोई प्रस्ताव
प्राप्त
नहीं हुआ है। जी
हाँ। संतरे की
शेल्फ लाईफ
कम होने के
कारण इसका
समर्थन मूल्य
तय कर खरीदी
की व्यवस्था
नहीं की जा
सकती। किसानों
को संतरे की
फसल का उचित
मूल्य
प्राप्त हो
इस हेतु उत्तरांश
(ग) एवं (घ) में
उल्लेखित
नीतिगत व्यवस्थाएं
की गई है।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 77 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में सेटअप अनुसार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने कार्यरत एवं कितने रिक्त हैं? (ख) क्या उक्त रिक्त पद होने के कारण किसानों के कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं? (ग) क्या विभाग की सभी योजनाओं को कृषकों तक पहुँचाने की जिम्मेदारी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की होती हैं? (घ) यदि हाँ, तो रिक्त पदों की पूर्ति विभाग द्वारा कब तक की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जबलपुर जिले में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के सेटअप अनुसार स्वीकृत पद 156, कार्यरत 90 एवं रिक्त पद 66 है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में उपलब्ध अमले से ही शासकीय कार्य संपादित कराया जा रहा है,जिससे किसानों के कार्य निर्धारित समय पर हो रहे है। (ग) जी हाँ। (घ) ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संवर्ग के भर्ती नियम में संशोधन विचाराधीन है। संशोधन उपरान्त ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं।
किसानों का ऑनलाइन पंजीयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( क्र. 80 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पनागर में म.प्र. शासन की विभिन्न योजनाओं में कृषि विभाग द्वारा कितने किसानों का ऑनलाईन पंजीयन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने किसानों को विभिन्न योजनाओं में लाभांवित किया गया हैं? जानकारी देवें। (ग) क्या पंजीकृत अनेक किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिला है? (घ) यदि हाँ, तो कारण बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र पनागर में विभागीय योजनाओं अंतर्गत 653 किसानों द्वारा ऑनालाइन पंजीयन किया गया है। (ख) 100 किसानों को विभिन्न योजनाओं में लाभांवित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) विभाग की सभी योजनाएँ लक्ष्य आधारित है, जिले में योजनांतर्गत लक्ष्य अनुसार पूर्ति की गई है। आगामी वर्ष में लक्ष्य के आधार पर शेष कृषकों को लाभ दिया जा सकेगा।
उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत कार्य
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 166 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन विभाग से वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कार्य स्वीकृत हुए है यदि हाँ, तो कौन-कौन से वर्षवार, कार्यवार, राशिवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की पूर्णत: अवधि क्या थी क्या कुछ कार्य की पूर्णत: अवधि समाप्त होने पर भी वह कार्य पूर्ण नहीं किये गये यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य हैं, कार्यवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में जो कार्य अपूर्ण हैं, उन्हें कब तक पूर्ण किया जावेगा एवं जिन कार्यों की पूर्णत: अवधि समाप्त होने के बाद भी पूर्ण नहीं किये गये उनके लिए कौन दोषी है एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समस्त कार्य अनुबंधित अवधि में पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
रोड एवं पुल-पुलियों के निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 168 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले के उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की कोई सड़कें हैं? यदि हाँ, तो वह सड़कें कौन सी एवं कहाँ से कहाँ तक कितनी लंबाई की हैं? उक्त सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त सड़कें अत्यंत जर्जर हैं एवं उनकी पुलियां भी जर्जर हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कें एवं कौन-कौन सी पुलियाएं जर्जर हैं? जर्जर सड़कें एवं पुलियाओं का निर्माण कब तक कराया जाएगा? (ग) क्या उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुछ नवीन सड़कों का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो वह सड़कें कौन-कौन सी हैं? उक्त सड़कों की स्वीकृति कब तक प्रदान किए जाने की संभावना है? (घ) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से रोड एवं पुलिया निर्माण कार्यों के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्तावों में से शासन द्वारा अभी तक कितने रोड एवं पुलिया निर्माण के कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और कितने कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया जाना अभी बाकी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है। (ख) अत्यंत जर्जर नहीं, अपितु आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है, जिनका रख रखाव विभागीय अमले के द्वारा किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने के कारण इन कार्यों की स्वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) भेजे गये एवं स्वीकृत मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार एवं पुलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स-1’ अनुसार है।
रोड निर्माण में मुरम का उपयोग
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 179 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 250 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले नागदा से गुजरी तक 70 किलोमीटर लम्बाई व 7 मीटर चौड़ाई के सीमेंटेड रोड में कांक्रीट के पूर्व अर्थवर्क में सबग्रेड के लिये कितनी चौड़ाई में व कितनी ऊंचाई तक कुल कितनी मात्रा में मुरम का उपयोग किया जाना निर्धारित है? घनफीट में कुल मात्रा बतावें? (ख) नागदा से गुजरी तक बनने वाले सीमेंटेड रोड में अब तक कुल कितने घन फीट मुरम का उपयोग किया जा चुका है तथा क्या निर्माण एजेंसी द्वारा रोड निर्माण में उपयोग की जा रही मुरम के उत्खनन की अनुमति ली गई है तथा अब तक कुल कितनी लीज राशि जमा की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सबग्रेड में मुरम की कोई मात्रा निर्धारित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अनुबंध अनुसार उत्खनन की जानकारी विभाग में संधारित नहीं।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अन्तर्गत कार्यों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
14. ( क्र. 187 ) श्री कैलाश चावला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सिंचाई योजना की जिला योजना समिति की समीक्षा बैठक में मनासा विधानसभा क्षेत्र में संभावित तालाब, स्टापडेम जलाशय आदि की सूची विधायक मनासा द्वारा क्लेक्टर जिला नीमच को भेजी गई थी। (ख) उनका सर्वे कब किया गया वस्तुस्थिति की क्या अद्यतन जानकारी है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रधानमंत्री सिंचाई योजनान्तर्गत 11 कलस्टरों का सर्वे दिनांक 15.04.2016 से दिनांक 20.04.2016 तक किया जाकर प्राप्त प्रस्तावों को डी.आई.पी. में शामिल किया गया है।
सिंचाई रकबा बढ़ाने हेतु संचालित योजनाएं
[जल संसाधन]
15. ( क्र. 213 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली एवं कन्नौद वि.ख. में सिंचाई रकबा/ सुविधाओं में वृद्धि के लिए कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण विभाग द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक किया गया है, सर्वेक्षण में कौन-कौन सी योजनाएं साध्य पाई गई हैं व कौन-कौन सी असाध्य पाई गई हैं? स्थलवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार साध्य परियोजनाओं में से किन-किन परियोजनाओं की डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है अथवा प्रचलन में है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार डी.पी.आर. तैयार होने के पश्चात् कितनी-कितनी लागत की कौन-कौन सी परियोजनाओं की स्वीकृति प्रचलन में है? स्वीकृत में विलंब के क्या कारण हैं? कब तक स्वीकृति प्रदान दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जलाशयों की नहरों के लिये आवंटन
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 221 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के जलाशयों (बांध) दतूनी, चन्द्रशेखर, पारस, महिगांव, परियोजनाओं के अंतर्गत विभाग के द्वारा प्रश्नांकित बांधों की नहरों के विस्तार, नहरों के सुधार हेतु 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? कौन-कौन से बांध की कौन-कौन सी नहरों का निर्माण व सुधार कार्य किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कार्य पूर्ण हो गये हैं, कितने अपूर्ण हैं? कार्य के पहले कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित होती थी, कार्य के बाद, सिंचाई रकबा बड़ा है, अगर नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की नहरों की स्थलवार पृथक-पृथक जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एक कार्य पूर्ण, तीन कार्य अपूर्ण। कार्य के पहले 5,328 हे. भूमि सिंचित होती थी। कार्य के बाद सिंचाई रकबा 7,710 हे. बढ़ा है।
स्वीकृत सड़क, पुल, पुलिया का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 227 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर एवं मुरैना में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन से सड़क, पुल, पुलिया निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के किन किन योजनाओं के तहत निर्माणाधीन है एवं आगामी भविष्य में निर्माण हेतु प्रस्तावित हैं? सूची दें? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र विजयपुर में बाईपास मार्ग, गसवानी से बड़ोदाकलां मार्ग, टेंटरा-विजयपुर-धोबिनी मार्ग की डी.पी.आर. तैयार कर ली गई है. यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदेश के मा. मंत्री जी, लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग श्योपुर को 1- आवदा से सरजूपुरा-मसावनी रोड तक, 2- केरका से एम.डीआर. रोड तक, 3. श्यामपुर से धौरी बाबड़ी रोड नहर से काऊपुरा व्हाया रामोलापुरा, झोपडी 4. बरोली रोड से कतरनीपुरा, 5. हीरापुरा-नीमच रोड से अर्रोदरी, 6. टर्राखुर्द से भूतकछा, 7. काठोन रोड से दरिगंवा आदि कम लम्बाई के सड़क मार्ग को स्वीकृत किये जाने पत्र भेजे गए? (घ) यदि हाँ, तो इनमें से किन किन मार्गों की डी.पी.आर. तैयार कराई जाकर स्वीकृति हेतु किस स्तर पर लंबित है? इन्हें कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला श्योपुर एवं मुरैना अंतर्गत निर्माणाधीन मार्गों एवं पुलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘अ-1’ अनुसार एवं प्रस्तावित मार्ग एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’ एवं ‘अ-2’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) 02 मार्गों की डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
अटारघाट पर चम्बल नदी पर पक्का पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 228 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की तहसील सबलगढ़ अंतर्गत अटारघाट पर चम्बल नदी पर पक्का पुल निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है? (ख) क्या उक्त पुल के निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की एवं कब? यदि नहीं, तो उक्त पुल के निर्माण की स्वीकृति हेतु अभी तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? उक्त पुल के निर्माण हेतु राज्य स्तर एवं केंद्र स्तर से कौन कौन से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए जाने थे? कहाँ कहाँ से कौन कौन सी अनापत्तियां ली जा चुकी हैं? कौन कौन सी ली जाना शेष हैं? (ग) क्या अन्तर्राज्यीय महत्त्व के उक्त पुल निर्माण की स्वीकृति हेतु समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण कर शीघ्र प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नाधीन कार्य का रूपये 7594.71 लाख का डी0पी0आर0 तैयार कर एन0डी0बी0 योजना के अंतर्गत स्वीकृत हेतु प्रस्तावित किया गया है। वन अभ्यारण क्षेत्र में निर्माण हेतु मध्यप्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड एवं राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 05.10.2015 से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त। वन विभाग से अंतिम स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनियमितता के संबंध में की गई शिकायत पर कार्यवाही
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
19. ( क्र. 230 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 05.12.2016 की प्रश्नोत्तरी में अता.प्र.स. 73 (क्र. 644) का उत्तर पूछे गये प्रश्नांश अनुसार दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में शिकायत के बिंदुओं का बिंदुवार उत्तर नहीं देने का क्या कारण है? बिंदुवार उत्तर देते हुए उनकी प्रति देवें? दिये गये उत्तरानुसार अनुबंध में उल्लेखित शर्तों के अनुरूप संबंधित अधिकारियों द्वारा शिकायत का किये गये परीक्षण की प्रतियां उसके निष्कर्ष/जांच प्रतिवेदन का उल्लेख कर उसकी प्रति भी देवें? (ख) उपरोक्त प्रश्नोत्तरी के प्रश्न के प्रश्नांश (ग) में पूछे गये प्रश्नानुरूप पूर्ण उत्तर नहीं देने के क्या कारण हैं? क्या प्रश्नानुरूप उत्तर नहीं देकर एक कतिपय अधिकारी जिसका शिकायत में भी उल्लेख है, से ही जांच कराई जाकर दोषियों/भ्रष्टाचारियों को जानबूझकर बचाया जा रहा है? (ग) उपरोक्त प्रश्नोत्तरी के प्रश्न के प्रश्नांश (घ) का उत्तर संचालक के अभिमत सहित नहीं देने के क्या कारण हैं? प्रकरण में संचालक का अभिमत उपलब्ध करावें? (घ) क्या शासन/विभाग प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये प्रश्नांश (क) से (घ) का उत्तर तथ्यात्मक कार्यवाही सहित दिया जाकर आधी-अधूरी जानकारी विभागाध्यक्ष संचालक, गैस राहत को बायपास कर देने वाले दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। शिकायत में उल्लेखित बिंदु सुरक्षा एवं सफाई व्यवस्था के अनुबंध से संबंधित हैं। प्राप्त शिकायत इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 3728 दिनांक 01.09.2016 द्वारा संचालक कमला नेहरू चिकित्सालय गैस राहत को भेजी गयी थी। कार्यालय संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय द्वारा उनके पत्र क्रमांक 1438, दिनांक 05.07.2016 क्रमांक 3833, दिनांक 22.11.2016, क्रमांक 3849, दिनांक 24.11.2016, क्रमांक 118-120, दिनांक 18.01.2017 एवं क्रमांक 313, दिनांक 02.02.2017 के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गैस राहत एवं चिकित्सालय अधिक्षक/आहरण संवितरण अधिकारी जिनके द्वारा सुरक्षा एवं साफ सफाई व्यवस्था का अनुबंध प्रतिपादित किया गया है से संबंधित शिकायत का परिक्षण कर प्रतिवेदन चाहा गया था। दिनांक 09.02.2017 को संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय को प्रस्तुत किया है, जिसमे स्पष्ट किया गया है कि अनुबंध की शर्तों का पूर्णत: पालन किया जा रहा है। संबंधित चिकित्सालय के आहरण संवितरण अधिकारी द्वारा दिये गये प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया है कि शिकायत निराधार है। (ख) चिकित्सालय अधिक्षक/आहरण संमवितरण अधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर शिकायत निराधार है। शेष प्रश्नांश के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग एवं घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दिनांक 05.12.2016 की प्रश्नोत्तरी में प्र.स.74 (क्र. 645) के उत्तर
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
20. ( क्र. 231 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 05.12.2016 की प्रश्नोत्तरी में अता.प्र.स. 74 (क्र.645) का उत्तरानुसार सभी इकाइयों व एन.आई.सी. के अधीन कार्यरत कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से संधारित की जाती है? यदि हाँ, तो सुरक्षा एवं सफाई में कार्यरत कर्मियों की उपस्थिति पंजी रजिस्टर से संधारित किये जाने के क्या कारण है? क्या संबंधित एजेन्सियों एवं कुछ कतिपय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण स्वीकृत अमले के स्थान पर आधे अधूरे कर्मियों से कार्य लिया जाकर विभाग से स्वीकृत अमले का पूरे माह का भुगतान प्राप्त कर उनकी उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से संधारित नहीं कर विभाग को लाखों रूपये की वित्तीय हानि पहुंचाई जा रही है? (ख) क्या इकाइयों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी रजिस्टर से संधारित नहीं की जाती थी? क्या कर्मियों को उपस्थिति पत्रक संबंधित विभाग द्वारा प्रतिमाह प्रस्तुत नहीं किया जाता था? क्या कार्यरत कर्मियों को बिना उपस्थिति पत्रक के प्रतिमाह भुगतान किया जाता था? यदि उपरोक्त पत्रकों के पश्चात् भुगतान किया जाता था तो फिर बायोमेट्रिक मशीन लगाकर विभाग को लाखों रूपये की वित्तीय हानि पहुंचाई जाने के क्या कारण है? (ग) क्या शासन/विभाग प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर उपरोक्त प्रश्नोत्तरी के प्रश्नांश (ग) अनुसार कार्यवाही करते हुये सुरक्षा एवं सफाई में लगे कर्मियों की उपस्थिति भी बायोमेट्रिक मशीन से संधारित करते हुए विभाग को लाखों रूपये की वित्तीय हानि से बचाया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्या सुरक्षा एवं सफाई में कार्यरत कर्मियों के समान सभी इकाइयों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति भी पंजी रजिस्टर से संधारित करते हुये अनावश्यक रूप से बायोमेट्रिक मशीन क्रय करने वाले दोषियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। सुरक्षा एवं साफ-सफाई की व्यवस्था निविदा के आधार पर चयनित निजी ऐजेन्सी के माध्यम से आउट सोर्स से की गई है। उक्त एजेंसी के द्वारा अनुबंध में उल्लेखित शर्तों का पालन किया जा रहा है जिसमें बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति लेने की व्यवस्था नहीं है। अनुबंध की शर्त क्रमांक 07 जो नियोजित कर्मियो की उपस्थिति से संबंधित है, का पालन अनुबंधित एजेंसी द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है। आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा निजी एजेन्सी से प्राप्त उपस्थिति के आधार पर भुगतान की कार्यवाही नियमानुसार सुनश्चित की जाती है। (ख) इकाइयों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों का प्रशासनिक नियंत्रण विभाग के नियुक्तिकर्ता/सक्षम अधिकारी के अधीन है, की संचालक, गैस राहत की स्वीकृति उपरान्त ही बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति लिये जाने की व्यवस्था की गई है। यदि कतिपय इकाई में बायोमेट्रिक मशीन खराब होती है तो उपस्थिति पंजी में संबंधित की उपस्थिति ली जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
विभाग की कार्य योजना
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 243 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में वार्षिक कार्य योजना तैयार किये जाने का प्रावधान है या नहीं? इस कार्य योजना का क्या उद्देश्य है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हां, है तो वर्ष 2016-17 की कार्य योजना में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत किस-किस कार्य को सम्मिलित किया गया है? कार्य का नाम, लागत की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य योजना में सम्मिलित कितने कार्य स्वीकृत हो चुके हैं, कितने शेष हैं, शेष कार्यों की स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? ग्रामवार, पंचायतवार/ नगरपालिकावार जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वित्तीय प्रबंधन एवं नियंत्रण हेतु। (ख) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विवाद विहीन ग्राम योजना
[विधि और विधायी कार्य]
22. ( क्र. 244 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विवाद विहीन ग्राम योजना क्या है? इसका क्या उद्देश्य है? निर्देश की जानकारी देवें। (ख) उक्त कार्य जिला/तहसील स्तर पर कौन-कौन सी समितियों द्वारा किया जाता है? विधिक समितियों के सदस्यों के नाम, उनके मोबाईल नम्बर सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विधिक सेवा समितियों द्वारा भोपाल संभाग अंतर्गत किस-किस ग्राम के कितने व्यक्तियों को किस-किस प्रकरण में विधिक सहायता प्रदान की गई है? इन समितियों के सदस्यों को कितना मानदेय दिया गया है? प्रकरणवार, न्यायालयवार जानकारी देवें? (घ) भोपाल संभाग अंतर्गत कौन-कौन से विवाद विहीन ग्राम हैं? सूची उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इस योजना का संक्षिप्त नाम ''विवाद विहिन ग्राम योजना 2000 है'' विवाद विहिन ग्राम से अभिप्रेत ऐसे ग्राम से है जिसमें उस ग्राम में निवास कर रहे समस्त व्यवक्तियों में या कम से कम अनुसूचित जाति, जनजाति के तथा आर्थिक या अन्य निर्योग्यता धारक व्यक्तियों का कोई विवाद न हो और यदि हो तो विवाद को आपसी सूझ-बूझ, सुझाव-बुझाव व समझौते द्वारा न्यायालय में जाने के पूर्व ही निपटा लिया गया हो और यदि न्यायालय में पहुंच गया हो और विचाराधीन हो तो लोक अदालत के माध्यम से या न्यायालय के माध्यम से जल्द निपटा लिया जाए और ऐसे लोगों का कोई विवाद न रहे? उद्देश्य - 1- प्रत्येक तहसील के अंतर्गत चयनित ग्राम में निवास कर रहे अनुसूचित जाति, जनजाति तथा आर्थिक या अन्य निर्योग्यता धारक व्यक्तियों के विवादों को ग्राम को विवाद विहीन बनाने के लिए आपसी सूझ-बूझ सुझाव-बुझाव व समझौता द्वारा निपटाना व उनकी विधिक समस्याओं का निराकरण कराना और विधिक सहायता प्रदान कराना तथा ऐसे ग्रामों के द्वारा अन्य ग्रामों को विवाद विहीन ग्राम बनाने के लिए साक्षरता शिविर द्वारा प्रेरित करना। 2- समय-समय पर लोगों को साक्षरता शिविरों के माध्यम से उत्साहित व प्रेरित करने के उदृदेश्य से कार्यक्रम आयोजित करना और उसमें वहां की ग्राम पंचायत व वहां के स्थानीय शिक्षकों, विधायकों और सांसद आदि को भी संबद्ध करना। 3- ग्रामवासियों को उनके दिन प्रतिदिन के कार्य में आने वाली विधिक प्रक्रिया की जानकारी कराना व विधिक सेवा व विधिक सहायता संबंधी प्रकाशन का समुचित प्रचार प्रसार कराना और लोगों को अच्छे नागरिक बनने के लिए उनके मूल अधिकारों व मूल कर्तव्यों की जानकारी देना। (ख) अध्यक्ष, तहसील विधिक सेवा समिति द्वारा गठित विधिक स्वयं सेवी सेवादल से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), स्वयं सेवा कार्यकर्ता, गुरूजी, सरपंच, पंच, पटवारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वनरक्षक, ग्राम स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी, संबंधित ग्राम के थानेदार, तहसीलदार या नायब तहसीलदार, सचिव पंचायत, ग्राम सरकार के प्रतिनिधि व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष, जिला विधिक सहायता अधिकारी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987, मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नियम, 1996 तथा मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विनियम 1997 के अंतर्गत समिति के सदस्यों को मानदेय दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भोपाल संभाग अंतर्गत एक भी विवाद विहीन ग्राम नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहरों में पक्कीकरण/मरम्मतीकरण
[जल संसाधन]
23. ( क्र. 302 ) श्री जतन उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा के अंतर्गत कितने वृहद/ मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं? नाम सहित जानकारी देवें। साथ ही क्या कोई नई सिंचाई परियोजना स्थापित करने के संबंध में प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित परियोजनाएं कब तक पूर्ण कर ली जावेंगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पूर्व से संचालित सिंचाई परियोजनाओं की नहरें क्या क्षतिग्रस्त हैं, कच्ची हैं? यदि है तो नाम सहित जानकारी देवें। (ग) विगत 5 वर्ष में माही जलाशय, चांगोबा जलाशय के नहरों के मरम्मत हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्षतिग्रस्त कच्चे नहरों को पक्के नहरों लाईनिंग में परिवर्तन हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित योजना के नाम बतायें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 20 लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित है। संचालित, निर्माणाधीन तथा प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1, 2 एवं 3'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' में दर्शित है। (ग) मोही जलाशय के लिए रू.52.29 लाख, चांगोबा जलाशय के लिए रू.94.64 लाख। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कपास में लालिया रोग से नष्ट फसल बीमा का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( क्र. 309 ) श्री जतन उईके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्णा तहसील एवं सौंसर के अंतर्गत वर्ष 2016 में बोई गई कपास की फसल लालिया रोग से नष्ट हो गई है यदि हाँ, तो किस-किस पटवारी हल्का के कितने किसानों की फसल नष्ट हुई? पटवारी हल्कावार बताएँ? (ख) क्या जिन कृषकों की उक्त फसलें नष्ट हुई? उन कृषकों ने अपनी फसल बीमा कराया था? यदि हाँ, तो कितने कृषकों ने फसल का बीमा कराया गया था। क्या उक्त फसल बीमा का भुगतान कृषकों को कर दिया गया है? यदि नहीं, तो बीमा का भुगतान कब तक किया जावेगा। (ग) जिन कृषकों की फसल नष्ट हुई है उनमें से जिन कृषकों का फसल बीमा नहीं है? उन कृषकों को शासन अपनी ओर से फसल नुकसान का कितना-कितना भुगतान कब तक प्रदान करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा तहसील एवं सौंसर के अंतर्गत वर्ष 2016 में बोई गई कपास की फसल लालिया रोग से नष्ट नहीं हुई है। (ख) योजनांतर्गत कपास की फसल तहसील स्तर पर अधिसूचित है। योजना ऋणी कृषकों हेतु अनिवार्य एवं अऋणी कृषकों हेतु स्वेच्छिक है। छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा एवं सौंसर तहसील की बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजना के प्रावधानों के अनुसार दावा राशि का वितरण फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त परिणामों के आधार पर पात्र कृषकों को किया जावेगा। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं।
विभाग द्वारा किए गए नलकूप खनन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 339 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषकों के खेतों में नलकूप खनन करने की कोई योजना है, यदि है तो योजनाओं का नाम बतावें। (ख) विगत 3 वर्षों में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में उपरोक्त योजनाओं के अन्तर्गत कितने नलकूप खनन किये गये हैं, राशि, नाम एवं ग्राम सहित जानकारी देवें। (ग) विगत 3 वर्षों में कितने-कितने लक्ष्य निर्धारित किये गये थे वर्षवार जानकारी देवें एवं लक्ष्य के विरूद्ध कितने नलकूप खनन किये गये। (घ) योजनान्तर्गत कितने किसानों को नलकूप खनन हेतु अनुदान का लाभ दिया गया, राशि, किसान का नाम एवं ग्राम का नाम बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। राज्य पोषित नलकूप खनन योजना (अ.जा/अ.ज.जा.) एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत नलकूप खनन योजना (सामान्य वर्ग) संचालित है। (ख) विगत 3 वर्षों में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में योजनाओं के अन्तर्गत राज्य पोषित नलकूप खनन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत नलकूप खनन योजना अन्तर्गत कोई भी नलकूप खनन नहीं किया गया। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) राज्य पोषित नलकूप खनन योजना एवं राष्ट्रीय कृषि विकास नलकूप खनन योजना के लक्ष्य एवं प्रगति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (घ) योजनान्तर्गत 4 किसानों को राज्य पोषित नलकूप खनन हेतु अनुदान का लाभ दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 344 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग जिला मंदसौर में मुख्यालय सहित कितने अधिकारी एवं कर्मचारी हैं नाम, पद, स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) उक्त विभाग के मंदसौर जिले में कुल कितने अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय है वर्तमान समय में इनमें पदांकित अधिकारी के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) मंदसौर जिले में वर्तमान समय में उक्त विभाग में कुल कितने पद स्वीकृत है तथा कितने पद रिक्त है? (घ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग की ओर से क्या कार्यवाही या कदम उठाए जा रहे है।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। (ग) कुल 117 पद स्वीकृत हैं। 36 पद रिक्त हैं। (घ) पद पूर्ति की एक सतत् प्रक्रिया है।
सहकारी समिति मर्या. की ऋण वसूली
[सहकारिता]
27. ( क्र. 346 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा ब्लाक की किन-किन आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्या. द्वारा वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक जिला सहकारी बैंक की शाखाओं एवं जिला सहकारी संघ से किन-किन प्रयोजनों/ कार्यों/कृषक ऋण या उधार कितना-कितना प्रत्येक वर्ष में लिया गया और कितने ऋण की अदायगी की गई? रबी एवं खरीब की बतावें? (ख) अदरक हेतु किस-किस सोसायटी ने कितने कृषकों को वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक ऋण दिया? (ग) क्या कुछ आ.जा. सेवा सहकारी समिति मर्या. विगत कई वर्षों से ऋण की वसूली रही कर पा नहीं है? (घ) हाँ तो ऋण वसूली न कर सकने के कारण किन-किन प्रबन्धकों के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वित्तीय वर्ष 2012-13 से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., बालाघाट से लिये गये अल्पावधि कृषि ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा ऋण अदायगी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जिला सहकारी संघ द्वारा ऋण वितरण का कार्य नहीं किया जाता है। (ख) बालाघाट जिले के बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा ब्लाक में से केवल प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था, उकवा द्वारा 175 कृषकों तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था, दमोह द्वारा 49 कृषकों को वर्ष 2012-13 में खरीफ ऋण दिया गया था। इसके अतिरिक्त किसी भी संस्था द्वारा वर्ष 2012-13 से अदरक फसल हेतु ऋण वितरण नहीं किया गया। (ग) बालाघाट जिले के बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा ब्लाक की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा विगत वर्षों में की गई ऋणों की वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन्द्र सरकार से विभिन्न योजनाओं में विकास हेतु प्राप्त राशि
[जल संसाधन]
28. ( क्र. 348 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को केन्द्र सरकार से विभिन्न योजनाओं में विकास हेतु राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनाँक तक विभाग को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई योजनावार/मदवार बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ड्रिप सिस्टम प्रदायकर्ताओं के शिकायत पत्र
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
29. ( क्र. 354 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय राज्य माइक्रो इरीगेशन समिति, संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, भोपाल द्वारा वर्ष 2012-13 हेतु ड्रिप के लिए कब-कब निर्देश, नीति, संशोधन जारी किये गये, प्रतियां देवें। संशोधन के कारण भी बतायें। इस संशोधन के कारण कितने ड्रिप सिस्टम प्रदायकर्ताओं के पत्र, शिकायत, अनुशंसाएं प्राप्त हुई। इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गयी। (ख) उद्यानिकी विभाग की खरगोन जिले का निर्धारित वित्तीय लक्ष्य क्या था, यह कब निर्धारित हुआ दिनांक बतायें। इस वित्तीय लक्ष्य की पूर्ति कब किस दिनांक तक कितने हितग्राहियों के माध्यम से की गई। दिनांक 17.12.2012 के पत्र क्रमांक/उद्यान/माइक्रो/7/2011-12/205 के पूर्व खरगोन जिले में कितने लक्ष्यो की पूर्ति हो गई थी तथा इस पत्र के बाद कितने लक्ष्यों की पूर्ति हुई। हितग्राही संख्या, रकबा सहित बतायें। (ग) उक्त विषय में संबंधित माननीय मंत्री जी, श्रम पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा प्रेषित नोटशीट/पत्र, उद्यानिकी विभाग को किस स्तर पर प्राप्त हुई। इस नोटशीट/पत्र पर क्या कार्यवाही की गई। विवरण देवें। (घ) उद्यानिकी एवं खादय प्रसंस्करण विभाग, मंत्रालय द्वारा उक्त विषय पर भौतिक सत्यापन हेतु प्रेषित पत्र की प्रति देवें। इस पत्र पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें। भौतिक सत्यापन पश्चात् लिये गये निर्णय की प्रति देवें। यदि कोई निर्णय नहीं लिया गया है तो कारण बतायें। निर्णय हेतु समयावधि बतायें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, जिसमें संशोधन का कारण दर्ज है। संशोधन के कारण कोई शिकायत/अनुशंसा प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन नोटशीट शासन स्तर पर प्राप्त हुई, जिसमें कंपनियों/डीलर्स द्वारा कृषकों के यहां स्थापित संयंत्रों का भौतिक सत्यापन एक कमेटी से करने का उल्लेख था, परन्तु कंपनियों/डीलर्स द्वारा बिना कार्य आदेशों के स्वेच्छा से किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन कराने का कोई उद्देश्य नहीं होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। (घ) उत्तरांश 'ग' के तारतम्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मण्डला विधान सभा क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसलें
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
30. ( क्र. 368 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी के माध्यम से आजीविका उपार्जन करने वाले किसानों की उपज के लिये बीमें के क्या प्रावधान हैं? यदि कोई प्रावधान नहीं है, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मण्डला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राकृतिक आपदा के कारण कितने हेक्टेयर भूमि पर लगी कौन-कौन सी फसलें नष्ट हुई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रभावित किसानों को किस-किस उद्यानिकी फसल का कितना-कितना मुआवजा दिया गया? सूची भी उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण (
श्री सूर्यप्रकाश
मीना ) :
(क)
उद्यानिकी
फसल लेने वाले
किसानों की
उपज के लिए
प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना के
अंतर्गत मौसम
आधारित फसल
बीमा योजना के
प्रावधान
लागू हैं, जो पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख)
मण्डला
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत वर्ष 2014-15 में
प्राकृतिक
आपदा से 69.292
हेक्टेयर पर
लगी आलू,
टमाटर, बैंगन, गोभी, लौकी व
अन्य
सब्जियों की
फसलें
प्रभावित हुई
हैं। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
मण्डला विधान सभा क्षेत्र में हितग्राही कृषक
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
31. ( क्र. 369 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक उपसंचालक, किसान कल्याण एव कृषि विभाग मण्डला द्वारा विपणन संघ एवं एग्रो को स्प्रिंकलर, सिंचाई पाईप एवं विद्युत चलित तथा डीजल/केरोसिन चलित यंत्रों की कितनी स्वीकृति प्रदान की गई है वर्षवार संस्थावार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में हितग्राही कृषकों को किस कंपनी की सामग्री प्रदाय की गई? सामग्री सहित कंपनी की जानकारी बतायें। (ग) हितग्राही किसानों को प्राप्त सामग्री के लिये क्या कोई छूट शासन द्वारा दी गई है और इसके एवज में हितग्राहियों द्वारा कुल कितनी राशि जमा की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) हितग्राहियों के प्राप्त आवेदन पर उठाव आदेश स्वीकृति के रूप में प्रदान किये गये है। वर्षवार, संस्थावार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) विपणन संघ एवं एम.पी.एग्रो द्वारा हितग्राही कृषकों को सामग्री प्रदाय की जानकारी कम्पनी सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) जी हाँ, हितग्राही किसानों को शासन द्वारा मापदण्ड अनुसार छूट दी गई है। हितग्राहियों द्वारा कुल जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है।
किसान सड़क निधि के अंतर्गत गठित साधिकार समिति की बैठक
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
32. ( क्र. 403 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-12 (क्रमांक 116) दिनांक 7 दिसम्बर 2015 के उत्तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि किसान सड़क निधि के अंतर्गत गठित साधिकार समिति की बैठक की तिथि नियत नहीं होने से विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्रामीण सड़कों के प्रस्तावों को स्वीकृति नहीं मिल पाई है, तो क्या प्रश्न दिनांक तक साधिकार समिति की बैठक सम्पन्न हो चुकी है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामीण मार्गों को स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन ब्यावरा अंजनीलाल मंदिर रोड़ से ग्राम बहादुरपुरा व्हाया लसूल्डियागुर्जर से एन.एच.12 तक लंबाई 4 कि.मी. मार्ग को किसानों को आवागमन सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से किसान सड़क निधि से स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। मान. मुख्यमंत्री जी के निर्देश के तारतम्य में मुख्य सचिव महोदय की नोटशीट क्रमांक 1515, दिनांक 25-09-2016 के अनुक्रम में मंडी बोर्ड द्वारा मण्डी प्रांगण के बाहर भवन या सड़क के कार्य नहीं कराये जायेंगे अपितु उपरोक्त कार्य लोक निर्माण विभाग या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से कराये जायेंगे। उपरोक्त निर्देश के अनुक्रम में मंडी बोर्ड को प्राप्त उपरोक्त प्रस्ताव को भी पत्र क्र.72 दिनांक 06.01.2017 के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकारण, भोपाल को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। शेष का प्रश्न ही नहीं है।
पृथक-पृथक लोक अभियोजक की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
33. ( क्र. 404 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता की फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र की शून्यकाल सूचना क्रमांक 231 में प्राप्त विभागीय जानकारी में बताया गया था कि राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा में दो अपर सत्र न्यायालय कार्यरत है, लेकिन एक ही अपर लोक अभियोजक नियुक्त है। दोनों न्यायालयों में पृथक-पृथक लोक अभियोजक नियुक्त करने हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजगढ़ से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या न्यायालय संबंधी प्रकरणों के समय पर निराकरण कराये जाने के दृष्टिगत विभाग द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश से उक्त संबंध में प्रस्ताव प्राप्त कर कोई त्वरित कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पूर्व में दो एडीजे न्यायालय कार्यरत थे वर्तमान में एक एडीजे न्यायालय कार्यरत है। इसलिये एक ही अपर लोक अभियोजक नियुक्त है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आत्मा परियोजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
34. ( क्र. 412 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आत्मा परियोजना अंतर्गत जिला अनूपपुर में वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक कुल कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्राप्त आवंटन का उपयोग किस प्रयोजन में हुआ वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक प्राप्त आवंटन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) वर्षवार आवंटन के उपयोग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
आलू व लहसुन प्लांटर मशीनों का वितरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
35. ( क्र. 427 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी विभाग ने यंत्रीकरण योजना के तहत आलू व लहसुन प्लांटर मशीने उन्नत खेती में बढ़ावा देने के लिये किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो, इन्दौर संभाग में वर्ष 2016-17 में विभाग द्वारा इस यंत्रीकरण योजना के तहत कितने किसानों को लाभांवित किया है, जिलेवार व मशीनवार संख्या स्पष्ट करें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार योजना के तहत अभी भी कई किसानों को उक्त योजना अन्तर्गत मशीनें दिया जाना शेष हैं? यदि हाँ, तो संभागवार कितनी मशीनें ओर वितरण की जाना शेष हैं व कब तक वितरित कर दी जावेगी, जिलेवार वितरण की जाने वाली मशीनों की संख्या स्पष्ट कर सूची उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विभाग द्वारा यंत्रीकरण योजना अंतर्गत आलू एवं लहसून की प्लांटर मशीन उपलब्ध नहीं कराई जाती अपितु कृषक द्वारा क्रय करने पर योजना के प्रावधान अनुसार अनुदान दिया जाता है। वर्ष 2016-17 में इन्दौर संभाग में जिलेवार लाभांवित कृषकों की मशीनवार संख्या निम्नानुसार है :-
जिला |
आलू प्लांटर मशीन |
लहसून प्लांटर मशीन |
धार |
1 |
2 |
झाबुआ |
2 |
1 |
(ख)
उत्तरांश
(क) के अनुक्रम
में संभाग एवं
जिलेवार शेष
लक्ष्य पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। कृषक
द्वारा लक्ष्य
एवं योजना के
प्रावधानों
अनुसार मशीन
क्रय कर लेने
पर अनुदान
भुगतान किया
जाता है जिसके
लिए इस वित्तीय
वर्ष में 31 मार्च 2017 की
समय-सीमा
निर्धारित है।
विधिक सहायता प्रतिकर वितरण
[विधि और विधायी कार्य]
36. ( क्र. 435 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्राकृतिक मृत्यु व अन्य संबंधी प्रकरणों में प्रतिकर राशि जिला विधिक सहायता के माध्यम से दी जाती है? उक्त संबंध में बैतूल जिले में वर्ष २०१५ एवं २०१६ में प्रतिकर राशि का भुगतान कितना हुआ? (ख) कितने प्रकरणों की राशि शेष है? कितने प्रकरणों में राशि वितरित की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। बैतुल जिले में वर्ष 2015 एवं 2016 में 17,60,000/- (सत्रह लाख साठ हजार मात्र ) राशि का भुगतान किया गया। (ख) 6 प्रकरणों में राशि शेष है तथा 10 प्रकरणो में राशि वितरित की गई।
शिवपुरी जिले में कराए गए डामरीकरण एवं पैच वर्क
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 507 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा जनवरी 2016 से जनवरी 2017 तक डामरीकरण एवं पैच वर्क कहाँ-कहाँ पर कहाँ से कहाँ तक कब-कब कराया गया? (ख) उक्त कार्य किस-किस एजेन्सी द्वारा किए गए तथा कितनी-कितनी राशि का भुगतान संबंधित एजेन्सी को कब-कब किया गया? (ग) उक्त कार्यों का मूल्यांकन किन-किन के द्वारा किया गया तथा इसका सत्यापन/कार्य पूर्णत: प्रमाण पत्र किन के द्वारा जारी किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) डामरीकरण एवं पेंच वर्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘अ-1’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ‘क’ अनुसार।
बदरवास-बिजरौनी मार्ग के खतौरा-बिजरौनी को जोड़ा जाना
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 508 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र के बदरवास-बिजरौनी एवं खतौरा-बिजरौनी मार्ग आपस में नहीं जोड़े गए हैं? यदि हाँ, तो इस मार्ग को जोड़ने के लिए शेष लगभग 02 कि.मी. सड़क का निर्माण कार्य कब तक कराया जायेगा? (ख) क्या लगभग 02 कि.मी. नवीन सड़क निर्माण कराकर उक्त दोनों मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-03 से सीधे देहरदा-ईसागढ़ मार्ग से जुड़ जाएंगे, जिससे आवागमन सुगम होगा? यदि हाँ, तो उक्त जनहित का कार्य कब तक कराया जावेगा? (ग) बदरवास-बिजरौनी मार्ग का निर्माण करते समय इसे सीधे खतौरा-बिजरौनी मार्ग से क्यों नहीं जोड़ा गया? बदरवास-बिजरौनी मार्ग बिजरौनी के दूसरी तरफ छूता है तथा खतौरा-बिजरौनी मार्ग दूसरी तरफ छूता है, जिससे दोनों मार्ग आपस में न जुड़े होने के कारण इस मार्ग का पूर्ण लाभ क्षेत्रीय जनता को नहीं मिल पा रहा है? इस समस्या का समाधान मार्ग जोड़कर कब तक किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग पंचायत के अधीन है, मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत न होने से कोई कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ‘क’ अनुसार।
मुरैठा अलवा मार्ग के प्रथम भाग का कार्य कराना
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 515 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के याचिका क्रमांक - 521 रीवा जिले के हनुमना ब्लाक अंतर्गत मुरैठा (भाठी) - नाउनकला बांया लासा-अलवा मार्ग का उन्नतीकरण, डामरीकरण का कार्य कराये जाने पर प्राप्त प्रतिवेदन में शासन ने स्वीकार किया है कि कुल 21.60 किलोमीटर में 16.60 किलोमीटर लोक निर्माण के संधारण का पुराना मार्ग है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो उक्त 16.60 किलोमीटर की सड़क का मध्यभाग अलवा से लासा मार्ग लम्बाई 6.70 किलोमीटर के उन्नयन का कार्य स्वीकृत कर निविदा पूर्ण कर वर्तमान में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सड़क का प्रथम छोर मुरैठा (भाठी) से मझगवां अलवा मार्ग लंबाई 9.90 किलोमीटर स्वीकृत नहीं हुआ जबकि यह मार्ग एक रेखड़ मार्ग है, जिसमें पड़ने वाले 10 ग्रामों की जनसंख्या लगभग 20000 को ब्लाक तहसील मुख्यालय एवं अस्पताल की सुविधा हेतु इस मार्ग को स्वीकृत करना अतिआवश्यक है, जिसके उन्नयन कार्य में लगभग 950 लाख व्यय होने के प्राक्कलन शासन को भेजा जा चुका है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो इसकी प्रशासकीय स्वीकृति इसी सत्र में प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। क्या मध्य के भाग के निर्माण से शासन की राशि भी खर्च हो गयी और मुख्यालय से जुड़ने में जनता वंचित रह गई? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) जी नहीं। डी.पी.आर. की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोपला तालाब का निर्माण
[जल संसाधन]
40. ( क्र. 516 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा सत्र जुलाई 2016 के ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 214 में प्राप्त विभागीय टीप द्वारा विधान सभा क्षेत्र मऊगंज-71 अंतर्गत गोपला तालाब को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित कर जिला योजना समिति की दिनांक 24.04.2016 को आहूत बैठक में स्वीकृत होना प्रतिवेदित है? (ख) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 246 दिनांक 02.06.2016 पर अपर मुख्य सचिव जलसंसाधन भोपाल द्वारा प्रमुख अभियंता जलसंसाधन भोपाल के पत्र क्रमांक 3431607/25/पी-पी 1 दिनांक 20.06.2016 पर विधान सभा क्षेत्र मऊगंज-71 में निर्मित सिंचाई डैम/तालाब के नहरों का सुधार एवं डैम की ऊंचाई बढ़ाये जाने के संबंध में था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की? प्रत्येक की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें एवं प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? कार्यवाही की प्रत्येक की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कार्य कब प्रारंभ किया जाकर कब तक पूर्ण किया जावेगा एवं प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने हेतु लेख पर प्रश्नकर्ता को क्यों अवगत नहीं कराया गया? क्या वरिष्ठ कार्यालय को अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो कार्यवाही की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? नाम बतावें। उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) प्रमुख अभियंता को गोपाला तालाब का साध्यता प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये तथा गोरमा बांध परियोजना की मुख्य नहर, वितरिका एवं माईनर नहरों के लाईनिंग प्रस्ताव मुख्य अभियंता बोधी के अंतर्गत परीक्षणाधीन है। पत्र की सत्य-प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब एवं स अनुसार है। प्रस्ताव परीक्षणाधीन होने समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
41. ( क्र. 528 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में कितनी योजनाएं संचालित की गई? संचालित योजनाओं का वर्षवार (वर्ष 2012 से) लक्ष्य हेक्टेयर में क्या था? लक्ष्य की पूर्ति की स्थिति क्या थी? प्रश्नांश दिनांक तक की बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) की योजनाओं के संचालन एवं क्रियान्वयन बाबत् शासन द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ का वर्षवार विवरण देवें एवं प्राप्त राशि अनुसार लक्ष्य प्राप्ति बाबत् कब-कब, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? अगर व्यय राशि नहीं हुई एवं लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में से मौसम आधारित फसल बीमा कितने किसानों का वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में किया गया तथा कितने किसानों को इस योजना से लाभान्वित किया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) की योजनाओं का संचालन एवं क्रियान्वयन में कमी के कारण लक्ष्य पूर्ति नहीं हो सकी एवं राशि व्यय नहीं हुई तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही प्रश्नांश (ग) अनुसार किसानों का मौसम आधारित बीमा नहीं किया गया, किसान बीमा की राशि से वंचित हुए तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। कुछ योजनाओं में जिलों को आवंटित लक्ष्य के अनुसार आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण लक्ष्यपूर्ति में कमी हुई है, जिसके लिये कोई दोषी नहीं हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मौसम आधारित फसल बीमा योजनांतर्गत चयनित बीमा कंपनियॉ फसल बीमा का कार्य करती हैं। विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार किया जाता है। बीमा करवाने अथवा नहीं करवाने हेतु कृषक स्वतंत्र है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों के विरूद्ध वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 529 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा, सीधी, सतना एवं शहडोल जिले में संचालित कृषि उपज मंडियों में विपणन एवं अधोसंरचना मद से सीमेंट कांक्रीट सड़कों, प्रवेमेट के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति राज्य भण्डारण निगम के मुख्य अभियंता की समिति द्वारा दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2010 से कितने कार्य कहाँ कहाँ कराए गये एवं कितने प्रकरणों में प्राक्कलनों में वृद्धि की गयी। कार्यवार, तकनीकी स्वीकृति, प्राक्कलनवार जानकारी दें। प्राक्कलनों में वृद्धि के पूर्व क्या शासन के मापदण्डों को पूरा किया गया है यदि हाँ, तो प्रति दे यदि नहीं, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (ग) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्य प्राकलन एवं अनुबंध के शर्तों अनुसार नहीं कराये गए, बल्कि राशि फर्जी बिल-वाउचर के आधार पर ठेकेदारों एवं अधिकारियों ने मिलीभगत से नियम विरूद्ध तरीके से आहरित कर लिया है, तो इसके लिए दोषियों की पहचान कर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराते हुए राशि की वसूली करेंगे? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं, अपितु मंडियों में विभिन्न निधियों से सीमेंट कांक्रीट सड़कों, पेवमेंट के कार्यों की मंडी बोर्ड के तकनीकी अमले से सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर कार्य कराये जाते है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में रीवा, सीधी सतना एवं शहडोल जिले के मण्डी प्रांगणों में प्रावधान/मापदण्ड के अनुसार कराये गये सीमेंट कांक्रीट, पेवमेंट कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संलग्न परिशिष्ट में वर्णित कार्यों को प्राक्कलन एवं अनुबंध की शर्तों प्रावधान अनुसार कराया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
43. ( क्र. 541 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधान विभाग द्वारा कितनी सिंचाई संबंधित योजनाएँ साध्यता चिन्हित कर शासन को कार्ययोजना में सम्मिलित किये जाने हेतु प्रेषित की गई है। प्रेषित योजनाओं की जानकारी दी जावें। (ख) जल संसाधन विभाग द्वारा शासन को भेजे गये साध्यता प्रस्तावों को बजट में सम्मिलित किये जाने हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? योजनावार जानकारी दी जावे। (ग) यदि नहीं, तो जल संसाधन विभाग द्वारा भेजे गए साध्यता के प्रस्तावों को कब तक कार्ययोजना में सम्मिलित कर बजट प्रावधान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) चिन्हित 06 परियोजनाओं की साध्यता प्रतिवेदन वेबसाईड पर अपलोड किया गया है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसी परियोजना के साध्यता आदेश जारी नहीं किए होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है ।
शाजापुर जिले की बलेटी नदी पर श्रृंखलाबद्ध नवीन स्टॉप डेमों का निर्माण
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 550 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अरनियांकला से खेजडिया, पंचदेहरिया, बिशनखेडा की ओर बहने वाली स्थानीय बलेटी नदी पर श्रृंखलाबद्ध नवीन स्टॉप डेम निर्माण हेतु ग्रामवासियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा मांग की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा सर्वे करवाया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नदी पर श्रृंखलाबद्ध नवीन स्टॉप डेम बनाये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नदी पर यदि श्रृंखलाबद्ध नवीन स्टॉप डेम निर्माण हो सकते है तो कितने-कितने हेक्टेयर भूमि में सिंचाई हो सकेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) उल्लेखित मांग विभाग के संज्ञान में नहीं है। इस प्रश्न के संदर्भ में साध्यता परीक्षण के आदेश दे दिये गये है।
अधूरी सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 551 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग संभाग शाजापुर अंतर्गत वर्ष २०१२ में मनसाया सेमलिया बड़बेली सड़क, कालापीपल कुरावर मार्ग से चाकरोद हिराना सड़क, सालिया देवली सड़क का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त सड़कों का शेष रहा कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों के शेष कार्य पूर्ण नहीं होने से लाखों की लागत से निर्मित सड़कों का आवागमन में उपयोग नहीं हो रहा है तो क्या शेष रहे कार्यों को शीघ्र कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) मार्गों का उपयोग हो रहा है, सी.सी. कार्य की स्वीकृति प्राप्त होने पर एवं कालापीपल कुरावर मार्ग से चाकरोद हिरना सड़क का न्यायालयीन विवाद समाप्त होने पर ही निर्माण कार्य संभव हो सकेगा। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसान सड़क निधी से स्वीकृत राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
46. ( क्र. 558 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में किसान सड़क निधि योजना में विगत तीन वर्षों में कितनी सड़कें स्वीकृत हुई हैं एवं कितनी सड़कें प्रस्तावित है? (ख) इसमें प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र 212 नागदा-खाचरौद की कितनी सड़कें सम्मिलित हैं? प्रस्तावित सड़कें कब तक स्वीकृत हो जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांश अवधि में उज्जैन जिले में किसान सड़क निधि के अन्तर्गत कोई भी सड़कें स्वीकृत नहीं हुई है एवं उज्जैन जिले में किसान सड़क निधि से प्रस्तावित सड़कों की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र 212 नागदा - खाचरौद की (1) बेहलोला से चामुण्डा होते हुये 4.50 कि.मी. एवं (2) रूपखेडा तहसील खाचरौद से ग्राम धमोत्तर कुडेल नदी तक तहसील रतलाम 3.00 कि.मी. सड़क, किसान सड़क निधि के अन्तर्गत साधिकार समिति में रखे जाने वाले एजेण्डा की प्रस्तावित सूची में सम्मिलित की गई थी। वर्तमान में शासन के निर्देशानुसार उपरोक्त निधि से सड़क कार्य मण्डी बोर्ड द्वारा नहीं कराये जाने की दशा में उपरोक्त वर्णित सड़क क्रमांक (1) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 69 दिनांक 06.01.2017 से संलग्न मान. विधायकों द्वारा प्रस्तावित सड़क कार्यों की सूची में प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, भोपाल को एवं सड़क क्रमांक (2) का प्रस्ताव कार्यालयीन पत्र क्रमांक-72 दिनांक 06.01.2017 से सड़कों के प्रस्तावों की सूची म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
उप मण्डी चापाखेड़ा का भवन निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
47. ( क्र. 563 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी खाचरौद की उप मण्डी चापाखेडा में स्वीकृत हुई हैं? क्या इस मण्डी का भवन एवं बाउण्ड्रीवाल निर्माण की स्वीकृति हो गई है? (ख) यदि नहीं, हुई तो कब तक योजना में सम्मिलित कर स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। उपमण्डी के लिये शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने से उपमण्डी घोषित नहीं हुई है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान में निर्धारित मापदण्ड से भूमि कम होने से योजना में सम्मिलित किया जाना संभव नहीं है।
म.प्र. राज्य सह.कृ.एवं ग्रा. विकास के कर्मचारियों के संविलियन
[सहकारिता]
48. ( क्र. 578 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य विकास बैंक के कर्मचारियों का संविलियन का निर्णय केबिनेट के द्वारा दि. 21.10.15 को लिया गया था? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा कर्मचारियों का चिन्हांकन कर संविलियन का प्रस्ताव पंजीयक सहकारिता के पास अनुमति हेतु आज दिनांक तक लंबित है क्यों? चिन्हांकित कर्मचारियों के नाम एवं संस्थावार सूची देवें? (ख) वर्णित (क) के संस्थाओं के चिन्हित कर्मचारियों के संविलियन न करने से शासन को कितने राजस्व की हानि हुई है व इस विलम्ब के लिये कौन अधिकारी/जिम्मेदार है व शासन उनके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? (ग) अब कब तक उक्त वर्णित कर्मचारियों का संविलियन कर दिया जावेगा निश्चित तिथि बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं वरन राज्य शासन द्वारा दिनांक 21.10.2015 को राज्य/जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के सेवायुक्तों के संविलियन हेतु ‘‘संविलियन योजना‘‘ लागू की गई थी। योजनान्तर्गत स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा कर्मचारियों का चिन्हांकन किया गया था। संविलियन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन रहते हुए संविलियन योजना की समय-सीमा समाप्त हो जाने से। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रत्यक्ष रूप से शासन को राजस्व की कोई हानि नहीं हुई। प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही कक्ष में पदस्थ कर्मी की अन्यत्र पदस्थापना
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 579 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के आदेश के अनुक्रम में तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही कक्ष में पदस्थ कर्मचारियों के अन्यत्र पदस्थ किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर स्थित लो.नि.वि./पी.आई.यू. में अनेक कर्मचारी विगत कई वर्षों से एक ही कक्ष/सीट पर कार्यरत है तथा उनके विरूद्ध शिकायत होने के बावजूद भी इन्हें अन्यत्र पदस्थ क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. भोपाल के पत्र क्र./304/014/399/88 दि. 10/10/96 एवं मुख्य अभियंता लो.नि.वि. (मध्य क्षेत्र) जबलपुर के अर्धशासकीय पत्र क्र./8135/8 (6) /83पार्ट-2 दिनांक 3.9.98 में स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी लो.नि.वि. संभाग क्र.1/विद्युत यांत्रिकीय संभाग जबलपुर एवं P.I.U. में कुछ विशेष कर्मचारी विगत कई वर्षों से लेखा कक्ष में पदस्थ है उन्हें अन्यत्र कब पदस्थ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तीन वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर पदस्थापना की अवधि पूर्ण करने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। (ख) मुख्य अभियंता, लोक निर्माण मध्य परिक्षेत्र, जबलपुर के आदेश दिनांक 10/02/2017 द्वारा कर्मचारियों के स्थान परिवर्तन किया गया, पी.आई.यू. जबलपुर के अंतर्गत मात्र एक कर्मचारी 03 वर्ष से अधिक समय दिनांक 04/02/2013 से पदस्थ है, कार्य की आवश्यकता के कारण इनका स्थानांतरण नहीं किया गया। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्नांश ‘ख’ अनुसार।
सतना बेला फोरलेन मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 593 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.75 सतना बेला मार्ग फोरलेन कार्य की कार्य एजेंसी (ठेकेदार) एवं शासन की उदासीनता के कारण फोरलेन का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है? यदि हाँ, तो बिलम्ब का कारण बताएँ एवं दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) फोरलेन के खनाई खुदाई के कारण मुख्य राजमार्ग भी जर्जर हो गया है? अपूर्ण निर्माण कार्य के कारण राजमार्ग के नजदीक रह रहे रहवासी पिछले तीन वर्षों से काफी संख्या में प्रदूषण के कारण दमा रोग से ग्रसित होते जा रहे हैं तथा आए दिन हो रही दुर्घटनाओं में मौतें हो रही हैं? इसके लिए कौन दोषी हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से बी.टी.आई. ग्राउंड से सबेरा होटल सतना तक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य प्रारंभ है, जिसमें गुणवत्ता का ध्यान न देते हुए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है जिस कारण बनाई जाने वाली सी.सी. रोड उखड़ गई है? (घ) उक्त ओवहर ब्रिज पूर्ण होने की अवधि, लम्बाई एवं चौड़ाई तथा लागत राशि सहित जानकारी देवें? क्या रेलवे ओव्हर ब्रिज पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है? इसके मरम्मत के लिए बजट में प्रावधान किया गया है या नहीं यदि नहीं, तो कारण सहित बताएँ तथा यह भी बताएँ की क्या मुख्त्यारगंज रेलवे ओव्हर ब्रिज भी प्रस्तावित है, अगर हाँ तो कार्य प्रारम्भ क्यों नहीं किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। निवेशकर्ता द्वारा वित्तीय कठिनाई के कारणों से निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है। अनुबंध के प्रावधानों के अनुरूप निवेशकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित है। (ख) जी नहीं। सतना-बेला मार्ग 4 लेन का अधिकांश कार्य बाईपास के रूप में किया जा रहा है। अत: यह कहना न्यायोचित नहीं है कि 4 लेन खनाई खुदाई के कारण मुख्य राजमार्ग जर्जर हो गया है। पूर्व प्रचलित मुख्य राजमार्ग को मोटरेबल रखने का कार्य किया जाता रहा है। अत: कोई अधिकारी इसके लिए दोषी नहीं है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। (घ) ओव्हर ब्रिज पूर्ण होने की अवधि 28 माह वर्षाकाल सहित अर्थात दिनांक 17.05.2018 तक पुल की लंबाई 1101.00 मीटर तथा चौड़ाई 12.90 मीटर एवं लागत राशि रूपये 4283.34 लाख है। जी नहीं। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त। जी हाँ। विशेष मरम्मत मद के अंतर्गत रूपये 371.42 लाख की स्वीकृति प्राप्त। जी हाँ। स्वीकृति के अभाव में कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका।
म.प्र. सहकारी न्यायाधिकरण भोपाल में अध्यक्ष की नियुक्ति
[सहकारिता]
51. ( क्र. 594 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सहकारी न्यायाधिकरण भोपाल में विगत दो वर्ष से अधिक समय से अध्यक्ष का पद रिक्त है? (ख) यदि हाँ, तो क्या अध्यक्ष का पद रिक्त होने से सहकारी न्यायाधिकरण में हजारों मुक़दमे लंबित हैं, जो सहकारी निर्वाचन, गबन, कर्मचारियों की नियुक्ति/पदोन्नति एवं वसूली से संबंधित हैं एवं इससे सम्पूर्ण प्रदेश के कर्मचारियों एवं किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा है? (ग) क्या सतना जिले की सहकारी समितियों के कर्मचारियों के मुक़दमे सहकारी न्यायाधिकरण भोपाल में चल रहे हैं जिनमें से कुछ की अंतिम सुनवाई होनी है लेकिन अध्यक्ष के नहीं होने से कर्मचारियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अध्यक्ष की नियुक्ति हेतु विधि मंत्री को पत्र लिखा गया था जिस पर तीन माह के लिए माह फ़रवरी 2016 से अप्रैल 2016 तक के लिए अध्यक्ष की नियुक्ति की गई थी पुनः अध्यक्ष की नियुक्ति स्थाई रूप से कब तक कर दी जाएगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। सहकारिता विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 15-2/2016/15-1, दिनांक 13/12/2016 से मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अधिकरण में अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में विचाराधीन प्रकरणों में सुनवाई नियमित रूप से की जा रही है। (ग) सतना जिले की सहकारी समितियों के कर्मचारियों के विचाराधीन प्रकरणों में नियमानुसार सुनवाई की जा रही है। (घ) सहकारिता विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 15-16/99/15-1, दिनांक 01/02/2016 से मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अधिकरण में श्री वेदप्रकाश शर्मा को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, दिनांक 05/04/2016 को उनके द्वारा त्याग पत्र दिए जाने से अध्यक्ष का पद दिनांक 06/04/2016 से रिक्त हो गया था, दिनांक 15/12/2016 से डा. मोहम्मद शमीम अध्यक्ष नियुक्त हैं।
गृह निर्माण समिति की भूमि का सीमांकन
[सहकारिता]
52. ( क्र. 610 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास. शिक्षक गृह निर्माण समिति, जबलपुर कब भंग की गयी? समिति के वर्तमान प्रशासक समिति का कार्यभार कब से संभाल रहे हैं? अवधि बताएं। (ख) गृह निर्माण समिति की अल्प आय वर्ग की भूमि पर किन-किन के द्वारा कितनी-कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शासकीय शिक्षक गृह निर्माण समिति मर्यादित, जबलपुर दिनांक 17.09.2012 को भंग की गई। दिनांक 08.03.2013 से वर्तमान प्रशासक समिति का कार्यभार संभाल रहे है। अवधि 03 वर्ष 11 माह। (ख) उक्त गृह निर्माण समिति की विभिन्न खसरों की भूमि पर कब्जे की जानकारी का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु तहसीलदार, तहसील नजूल कोतवाली, जबलपुर द्वारा दिनांक 03.02.2017 को 05 सदस्यीय दल का गठन किया गया है। अभी उक्त दल से प्रतिवेदन अप्राप्त है।
हीरापुर एवं उर्रम नाला बांधों का कार्य पूर्ण किया जाना
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 613 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्माणाधीन हीरापुरा एवं उर्रम नाला बांधों का निर्माण कार्य एवं नहरों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा? उक्त बांधों एवं नहरों के निर्माण में विलम्ब करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या शासन उक्त बांधें का निर्माण कार्य पूर्ण कराने की कार्यवाही करेगा, ताकि किसानों को शीघ्र इसका लाभ प्राप्त हो सके?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हीरापुर (घुघरा नाला) परियोजना का निर्माण दिसंबर-2017 एवं उर्रमनाला परियोजना का निर्माण मार्च-2017 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। विलंब करने के लिए ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ एवं अ-1, अ-2, अ-3 तथा अ-4'' अनुसार है। (ख) जी हाँ।
मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 621 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक लोक निर्माण विभाग खरगोन द्वारा मद-67-2054 एवं 67-2216 से गैर आवासीय एवं आवासीय भवनों का मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य किन-किन भवनों में कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या कार्य कराये गये वर्षवार बतायें? कराये गये कार्य की तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति का विवरण उपलब्ध करावें तथा उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी/ कर्मचारी द्वारा किया गया नाम पदनाम सहित बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक लोक निर्माण विभाग खरगोन द्वारा मद 67-2059 एवं 67-2216 से गैर आवासीय एवं आवासीय भवनों का मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार, मद 67-2054 गैर आवासीय भवनों की मरम्मत का मद नहीं है।
पाटन विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत पुल एवं मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 642 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधान सभा अंतर्गत किन-किन सड़कों की मरम्मत अथवा नवीन मार्ग निर्माण तथा नवीन पुल/पुलियाओं का निर्माण किये जाने के कौन-कौन से प्रस्ताव शासन को भेजे गये हैं प्रेषित प्रस्तावों की जानकारी सड़कों के नाम-प्रस्तावित कार्य की अनुमानित लागत, किलो मीटर सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रेषित प्रस्तावों में से किन-किन के निर्माण एवं मरम्मत की स्वीकृति प्रदान की गई स्वीकृति दिनांक निर्माण राशि सहित बतलावें? जिन निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है वह किन कारणों से लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृति प्राप्त निर्माण कार्य वर्तमान समय में किस स्थिति में है एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य कब प्रारंभ होकर किस दिनांक को कितनी लागत से पूर्ण हुये एवं कौन-कौन से निर्माण किन कारणों से अभी तक अपूर्ण है सूची देवें? (घ) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग की कितनी लम्बाई की कौन-कौन सी सड़कें है? सूची देवें। एवं कितनी नवीन सड़कों एवं पुल-पुलियों का निर्माण होना है लागत सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मार्गों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार एवं देवनगर-खिन्नी (तिंदनी) मुरैठ मार्ग में हिरन नदी पर जलमग्नीय पुल राशि रू. 602.85 लाख स्थाई वित्तीय समिति से अनुमोदित। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ में दर्शित है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ में दर्शित है। (घ) विभाग के अंतर्गत मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’ एवं ‘ब’ अनुसार है एवं निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[जल संसाधन]
56. ( क्र. 643 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियंता/संरचनाओं में 31 दिसम्बर, 2016 की स्थिति में उपयंत्री नाग.वि.याँ. के स्वीकृत कार्यरत एवं रिक्त पदों की स्थिति मुख्य अभियंतावार/संरचनावार बताएं? (ख) उपरोक्त रिक्त पदों पर विभाग में वर्षों से कार्यरत डिप्लोमाधारी कर्मचारियों की कब तक नियुक्त किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति की जाना एक सतत प्रकिया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नहर/बांध सुधार कार्य
[जल संसाधन]
57. ( क्र. 650 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के पुष्पाराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बांध के सुधारात्मक कार्य करवाने के संबंध में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की बांधों पर कितनी-कितनी राशि वर्षवार खर्च हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रत्येक बांध के नहर सुधार कार्य, पक्कीकरण में बांधवार वर्षवार कितनी-कितनी राशि खर्च हुई तथा कितने किलोमीटर का सुधार कार्य कराया गया है? क्या कोई नवीन नहर विस्तार भी किया गया है यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें। (ग) क्या अधिकांश नहरों में आवश्यकता से अधिक पानी का भराव होने के कारण नहरें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, यदि ऐसा है तो क्या कारण है और उसको दूर करने के लिये शासन क्या कर रहा है? (घ) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के जोहिला जलाशय पर सुधारात्मक कार्य हेतु किस-किस कार्य के लिये, कितनी राशि का प्राकलन स्वीकृत किया गया है।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई नवीन नहर का विस्तार नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। अतिवृष्टि होने पर कभी-कभी नहरों में क्षमता से अधिक पानी का भराव होने से क्षतिग्रस्त होने की स्थिति निर्मित हो जाती है। क्षतिग्रस्त नहरों का वर्षाकाल उपरांत सुधार कार्य कराया जाता है। (घ) जोहिला जलाशय के बांध एवं नहर के सुदृढ़ीकरण, पुर्नस्थापन एवं सुधार कार्य (आरआरआर) अंतर्गत बांध एवं नहर मरम्मत नवीनीकरण तथा नहर लाईनिंग के प्रमुख कार्यों हेतु रू.358.49 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है।
डबरा विधान सभा के क्षेत्रांतर्गत किसानों को प्रदाय बीज
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 654 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किसानों को वर्ष २०१६-१७ में प्रश्न दिनांक तक किस किस योजना में कितना बीज कितने किसानों को प्रदाय किया गया है? । (ख) बीज वितरण के पश्चात् क्या किसी अधिकारी द्वारा कोई भौतिक सत्यापन किया गया है? नहीं तो क्यों यदि हाँ तो क्या बीज वितरण में कोई अनियमितता पाई गई है? यदि हाँ तो इसमें कौन दोषी है? क्या दोषी अधिकारी पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो नाम एवं पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) क्षेत्रांतर्गत वर्ष २०१६-१७ में किसानों से बीज उपलब्ध कराने हेतु कोई राशि जमा कराई गई है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की कितनी राशि जमा कराई गई है? । (घ) क्या राशि जमा कराने वाले सभी किसानों को बीज उपलब्ध करा दिया गया है? नहीं तो क्यों इसमें कोन दोषी है और उस क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं कृषि विकास अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें बीज वितरण में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। योजना प्रावधान अनुसार कृषकों से कृषक अंश राशि जमा कराई गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के अनुसार कृषक अंश राशि जमा कराने वाले कृषकों को बीज उपलब्ध करा दिया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा सिरमौर अन्तर्गत पनियारी घाट मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 657 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरमौर से जवा को जोड़ने वाला पनियारी घाट मार्ग का निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तावित है। यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य में विलम्ब का क्या कारण है। (ख) उक्त महत्वपूर्ण मार्ग के निर्माण की समय-सीमा विभाग द्वारा क्या निर्धारित की गई है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। स्वीकृति जारी न होना। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डभौरा से बंडे-सिगमा मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 658 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जवा विकासखण्ड अन्तर्गत डभौरा से बंडे-सिगमा मार्ग जो कि मानिकपुर उत्तरप्रदेश की सीमा को जोड़ता है क्या उक्त मार्ग का शिलान्यास सत्र 2013 में कराया जा चुका है। यदि हाँ, तो अधूरा कार्य छोड़ देने के पीछे क्या कारण है? (ख) उक्त अपेक्षित मार्ग का क्या पुर्ननिर्माण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन नहीं है। अत: इस विभाग की जानकारी निरंक है। म.प्र. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गाडा पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 664 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 15 (क्रमांक 432) दिनांक 21/7/2016 में अवगत कराया गया था कि विधान सभा क्षेत्र सिहोरा अंतर्गत सैलवारा से कछारगांव मार्ग में बनने वाले गाडा पुल सहित अन्य पुल पुलियों की स्वीकृति 1/6/2006 को प्रदान की गई है? कार्य हेतु एजेंसी से 11/6/2016 को अनुबंध किया गया। कार्य 10/7/2017 को कार्य पूर्ण होने की तिथि निश्चित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार एजेंसी द्वारा कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया? कितनी-कितनी राशि कब-कब संबंधित एजेंसी को दी जा चुकी है? कार्य की क्या प्रगति है? किस अधिकारी के द्वारा कार्य का सतत् निरीक्षण किया जा रहा है? कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, कार्य हेतु एजेन्सी से अनुबंध दिनांक 11.04.2016 को किया गया है। जी हाँ, अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता की तिथि दिनांक 10.07.2017 है। (ख) नवीनतम बोरिंग डिटेल्स के आधार पर ड्रांइग डिजाइन का प्रस्ताव अनुमोदन हेतु परीक्षणाधीन है। अत: कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है। संबंधित एजेन्सी को कोई भुगतान नहीं किया गया है। कार्य प्रारंभ होने पर कार्य का निरीक्षण लोक निर्माण विभाग संभाग कटनी के अधिकारियों/कर्मचारियों तथा समय समय पर उच्च अधिकारियों द्वारा किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कार्यों की जानकारी एवं अनियमितता की जांच
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 722 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कितने कार्य अपूर्ण है उक्त कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्षवार भुगतान की गई राशि का ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य है जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें? अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) बालाघाट जिले के अन्तर्गत विभाग में विगत तीन वर्षों से समस्त प्रकार के कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रस्तावित है तथा किन-किन कार्यों के प्रस्ताव/प्राक्कलन किस-किस तिथि को शासन/वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये है? कितने कार्य लंबित पड़े है उक्त कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
कार्यों की जानकारी एवं अनियमितता की जाँच
[जल संसाधन]
63. ( क्र. 723 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण है कितने अपूर्ण है उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को चेक/डाफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार, कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य है जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें? अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला एवं राज्य स्तर पर प्राप्त हुई शिकायतों का विवरण देते हुये बताये कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जांच किसके द्वारा की गई एवं जांच पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। किसी कार्य में कार्य से अधिक राशि का भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। एक कार्य अपूर्ण होने पर संबंधित ठेकेदार को काली सूची में डालने हेतु नोटिस जारी किया गया। (घ) एक कार्य की शिकायत राज्य स्तर पर प्राप्त हुई शिकायत की जांच एवं कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
रीवा जिले के न्यायालयों में शासकीय अधिवक्ताओं एवं नोटरी की नियुक्त
[विधि और विधायी कार्य]
64. ( क्र. 727 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला के सभी न्यायालयों में कितने शासकीय अधिवक्ता व नोटरी मनोनीत या नियुक्त हैं। न्यायालयवार व जातीवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में यदि आजादी के बाद आज दिनांक तक अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जन जाति एवं पिछड़ा वर्ग के अधिवक्ताओं को संवैधानिक व अनुपातिक संख्या में नियुक्त नहीं मिली तो क्यों, नियुक्ति या मनोनयन का क्या प्रावधान है नियमावली की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में यदि आरक्षित वर्ग के अधिवक्ताओं को नियुक्ति व भागीदारी नहीं मिली तो उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं। यदि कोई आरक्षण की व्यवस्था नहीं है तो क्या व्यवस्था की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक, बतायें? (घ) प्रश्नांश 'ग' के संदर्भ में आरक्षित वर्ग के अधिवक्ताओं की नियुक्ति न देने में कौन दोषी है दोषी के विरूद्ध कौन सी कार्यवाही व कब तक की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एक शासकीय अधिवक्ता एवं पाँच अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता नियुक्त है तथा नोटरी 41 मनोनीत है। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार जातिगत आधार पर नियुक्ति नहीं की जाती है। (ख) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के अधिवक्ताओं की नियुक्ति देने का कोई संवैधानिक व अनुपातिक संख्या में प्रावधान नहीं हैं, विभाग के परिपत्र संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार उक्त वर्ग के अधिवक्ताओं का पैनल भेजने में प्राथमिकता देने के दिशा निर्देश है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
65. ( क्र. 730 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना मद में कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई और राशि का व्यय कार्यवार वर्षवार, विकासखण्डवार बतायें? (ख) जिला कटनी में वर्ष 2014-15 से किन-किन कृषि साख समितियों के द्वारा बीज वितरण किया गया क्या किसानों को प्रश्न दिनांक तक अनुदान राशि का भुगतान हो गया है यदि हाँ, तो किस माध्यम से अनुदान भुगतान कितने कृषकों को हुआ विकासखण्डवार बताये यदि नहीं, तो क्यों? क्या इस अनियमितता की जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी? (ग) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से बीज खाद एवं दवा का किसानों को वितरण क्या गुणवत्ता परीक्षण प्राप्त होने के पूर्व किया गया? यदि हाँ, तो क्यों, यदि नहीं, तो किसानों को वितरित सामग्री के परीक्षण परिणाम कब-कब प्राप्त हुए? क्या शासन इस कार्यशैली पर संज्ञान लेकर कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार एवं वर्षवार प्राप्त हुई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार एवं विकासखण्डवार वर्षवार व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) बीज गुण नियंत्रण का कार्य बीज अधिनियम 1966, बीज अधिनियम 1968 तथा बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के तहत उर्वरक गुण नियंत्रण का कार्य उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के तहत तथा पौध संरक्षण दवाओं का गुण नियंत्रण कार्य कीटनाशक अधिनियम 1968 के तहत नियमानुसार संपादित किया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक के नमूना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
मुडवारा विधानसभा अंतर्गत विभागीय कार्य
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 731 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा जिला चिकित्सालय कटनी में ट्रामा सेंटर का निर्माण किया जा रहा है, यदि हाँ, तो ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य कब प्रारंभ हुआ एवं यह कार्य अनुबंध अनुसार कब पूर्ण होना था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत ट्रामा सेंटर का निर्माण किन कारणों से अब तक पूर्ण नहीं हो सका और यह निर्माण कब तक पूर्ण होगा? (ग) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से कार्य है, जिनकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है और कार्यादेश के पश्चात् भी कार्य प्रारंभ नहीं हुए और कौन-कौन से ऐसे कार्य है, जो नियत समयावधि पूर्ण होने के पश्चात् भी अब तक पूर्ण नहीं हुए? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत निर्माण कार्यों के समयावधि में पूर्ण न होने पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्यादेश दिनांक 28.06.2013 एवं अनुबंधानुसार कार्य दिनांक 28.12.2014। (ख) ड्राइंग में परिवर्तन होने के कारण दिनांक 30 सितम्बर 2017 तक कार्य पूर्ण करने का प्रयास किया जावेगा। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एक कार्य कटनी शहर में मिशन चैक स्थित सागर पुलिया (अण्डर ब्रिज) के स्थान पर आर.ओ.बी. का निर्माण स्वीकृत है किन्तु रेल्वे भाग की ड्राइंग का अनुमोदन की कार्यवाही प्रचलन में है और कार्यादेश जारी नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) समयावधि पर कार्य पूर्ण न होने पर ठेकेदार द्वारा किये गये विलंब के लिये, ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की जावेगी।
समितियों की शेष राशि
[सहकारिता]
67. ( क्र. 734 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता विभाग के अंतर्गत सिवनी जिले में कितनी समितियां संचालित है? (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार संचालित समितियों में से कितनी समितियों का विधिवत आडिट नहीं हुआ है? आडिट न कराने पर विभाग द्वारा कभी कोई कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में किस-किस समिति पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश ''क'' अनुसार समितियों के खातो में जिस-जिस मद की राशि भुगतान करने हेतु प्राप्त हुई थी क्या उन मदों की सभी राशि का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो, किसानों को भुगतान हेतु कितनी राशि शेष है तथा कब तक इसका भुगतान किया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 680 (ख) 03 सहकारी समितियों का। प्रबंधक, वृहत्ताकार सहकारी समिति मर्यादित सिवनी को धारा 56 (3) के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
68. ( क्र. 735 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने जलाशय हैं, विधानसभा क्षेत्रवार नहरों की जानकारी दें तथा उक्त नहरों के निर्माण के बाद प्रश्न दिनांक तक वर्षवार मरम्मत एवं अन्य कार्य में कितनी राशि स्वीकृत एवं व्यय की गई? पृथक-पृथक नहरवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश ''क'' के जलाशयों के निर्माण के बाद प्रश्न दिनांक तक सिंचित रकबा कितना है? कब-कब घटा-बढ़ा वर्षवार जलाशयवार विवरण दें? (ग) क्या सिवनी जिले के सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचित रकबा बढाये जाने हेतु शासन कोई विशेष कार्य योजना बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो कारण बतायें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) 01 वृहद, 05 मध्यम एवं 60 लघु कुल 66 जलाशय है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1 एवं 2'' अनुसार है। (ग) रकबा बढ़ाये जाने हेतु पेंच व्यपवर्तन परियोजना निर्माणाधीन है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 753 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है और इस योजना के संदर्भ में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में क्या क्या कार्य किये जाने प्रस्तावित हैं? (ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत भूमि एवं जल संरक्षण कार्य के लिये क्या क्या प्रस्ताव एवं डी. आर. पी. प्रस्तुत की गई है। (ग) वर्तमान में प्रस्तुत डी.आर. पी. के संदर्भ में क्या क्या कार्यवाही पूर्ण हो गई है !
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य, प्रदेश में ग्राम स्तर पर सिंचाई क्षेत्र निवेश को बढा़कर हर खेत को पानी पहुंचाना तथा उपलब्ध जल का उचित प्रबंध कर ''पर ड्राप मोर क्राप'' के लक्ष्य को प्राप्त करना है। प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना की गाईड लाइन अनुसार जिले की डी.आई.पी. विकासखण्डवार तैयार की गई है। योजनान्तर्गत प्रदेश के 51 जिलों से संचालनालय को प्राप्त डी.आई.पी. में कुल राशि रूपया 129396.99 करोड़ के कार्य वर्ष 2022 की अवधि में क्रियान्वयन हेतु प्रस्तावित किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र (विकासखण्ड बड़नगर) में प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजनान्तर्गत वर्ष 2022 तक की अवधि में क्रियान्वयन हेतु 18916.00 लाख के भूमि एवं जल संरक्षण के कार्यों के प्रस्ताव जिले की डी.आई.पी. में सम्मिलित किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) वर्तमान में डी.आई.पी. का जिले में प्रभारी मंत्रीजी से अनुमोदन प्राप्त हो गया है। जिला योजना समिति तथा राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति से डी.आई.पी. का अनुमोदन प्राप्त होना शेष है। डी.आई.पी. का राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति से अनुमोदन प्राप्त होने एवं भारत सरकार से रिलीज प्राप्त होने पर वर्ष 2017-18 से जिलें में योजना में सम्मिलित कार्यों का क्रियान्वयन किया जावेगा।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
70. ( क्र. 754 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में उज्जैन जिले में कौन-कौन सी किसान हितैषी योजना का संचालन किया गया है। (ख) उपरोक्त योजनाओं में उज्जैन जिले के विधान सभा क्षेत्रवार कितने-कितने किसानों को क्या-क्या, कितना-कितना लाभ प्रदान किया गया। (ग) बड़नगर विधान सभा में संचालित होने वाली योजनाओं को एवं लाभांवित होने वाले किसानों की संख्यात्मक जानकारी, ग्रामवार बतावें एवं प्रदान की गई सामग्री, राशि या अनुदान की जानकारी को भी पृथक-पृथक बतावें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
नोटरी के रिक्त पदों पर नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
71. ( क्र. 755 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले नोटरी में कितने पद कहाँ-कहाँ पर रिक्त हैं। (ख) बड़नगर में नोटरी के रिक्त पदों पर कब तक नियुक्ति हो जायेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला उज्जैन में कुल 20 पद (मुख्यालय - उज्जैन 09, तहसील नागदा, खाचरौद में 03-03 बड़नगर में 02 एव तहसील तराना, महिदपुर, घटिया में तीनों जगह 01-01) रिक्त हैं। (ख) तहसील बड़नगर सहित जिला मुख्यालय, उज्जैन एवं जिला उज्जैन की अन्य तहसीलों को आवंटित नवीन नोटरी पदों के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उज्जैन से अधिवक्ताओं का पैनल अप्राप्त है, नियुक्ति की कार्यावाही विचाराधीन है, नियुक्ति के संबध में निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
शासन द्वारा जारी विज्ञापन
[जनसंपर्क]
72. ( क्र. 756 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वर्ष 2016-17 में अभी तक कितने रूपये के विज्ञापन जारी किये गये। इनमें कितने विभागों के विज्ञापनों को जारी किया गया। (ख) शासन द्वारा प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अतिरिक्त किन किन को विज्ञापन जारी किये जाते है? (ग) क्या किसी वेब साईट या वेब पोर्टल पर विज्ञापन जारी किये जाते है यदि हाँ, तो उस संदर्भ में शासन की क्या नीति है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में रूपये 170 करोड़ के विज्ञापन जारी किये गये। इनमें 47 विभागों के विज्ञापन जारी किए गए। (ख) प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अतिरिक्त अन्य किसी को विज्ञापन जारी नहीं किए जाते है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सहकारी बैंको में कर्मचारियों की भर्ती
[सहकारिता]
73. ( क्र. 759 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में जिला सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी बैंकों में कर्मचारियों की भर्ती की जाना है? यदि हाँ, तो जिलावार भर्ती कये जाने वाले रिक्त पदों की संख्या स्पष्ट कर सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न (क) अनुसार रिक्त पदों पर होने वाली कर्मचारी भर्ती के लिये क्या चयन प्रक्रिया अपनाई जा रही है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) म.प्र. राज्य सहकारी बैंक एवं प्रदेश के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में कर्मचारियों की भर्ती की जाना है। म.प्र. राज्य सहकारी बैंक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा प्रदेश के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) बैंकों के कर्मचारी सेवानियम के प्रावधान अनुसार आई.बी.पी.एस. मुम्बई के द्वारा लिपिकीय वर्ग के संबंध में लिखित परीक्षा तथा अधिकारी वर्ग के संबंध में लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से।
मण्डी बोर्ड द्वारा सड़कों की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 763 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में विगत 05 वर्षों में कृषि मण्डी बोर्ड द्वारा सी.सी. रोड/डामरीकरण एवं निर्माण कार्य कराये जाने संबंधी कितने प्रस्ताव एवं नस्तियां लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लंबित प्रस्तावों/नस्तियों में उक्त निर्माण कार्य कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई प्रस्ताववार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित निर्माण कार्य कब तक स्वीकृत किये जाकर निर्माण कार्य कराये जावेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) गुना जिले के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त लंबित प्रस्तावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) गुना जिले के अंतर्गत मंडी/उपमंडी प्रांगणों के विकास कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार किसान सड़क निधि से स्वीकृत हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा सड़क कार्यों के प्रस्ताव माननीय मुख्यमंत्री जी कार्यालय के निर्देश क्रमांक 468/सीएमएस/एसएचआर/2016 दिनांक 07.04.2016 के अनुक्रम में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 72 दिनांक 06.01.17 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, भोपाल को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये हैं।
कृषि साख समितियों के ऋण प्रकरण
[सहकारिता]
75. ( क्र. 787 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक पन्ना में वित्तीय वर्ष 2013 से 2016 तक किन-किन कृषि साख समितियों में कितने किसानों को कितनी-कितनी राशि के ऋण दिये गये। (ख) कितने कृषकों से कितनी-कितनी राशि के ऋण की वसूली की गई। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक पन्ना के संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में वर्ष 2013-2014, 2014-2015 में फर्जी पेपर ट्रान्जेक्शन के माध्यम से फर्जी किसानों के फर्जी ऋणों की वसूली की गई है। उनका नामवार/पतेवार/राशिवार/ समितिवार किसानवार/ऋणवार/स्थानवार विवरण दें। (घ) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के अंतर्गत संचालक बचत बैंक जिनमें कृष्णगढ़, हथकुरी, मुडवारी, पगरा, करिया, महेवा, सुनवानी, रैकरा एवं बृजपुर में किसानों की जमा पूंजी को फर्जी वसूली दिखाकर बैंक के खातों में ट्रांन्सफर किया गया है। क्या यह गंभीर मुद्दे महालेखाकार ग्वालियर के विशेष ऑडिट में भी प्रकाश में आये हैं। इनमें से किस नाम/पदनाम के दोषी पाये गये है। उनका प्रश्नतिथि तक कब व क्या कार्यवाही की गई है। अगर नहीं की गई है तो क्यों अगर की जायेगी तो कब तक, प्रकरणवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) बचत बैंक बृजपुर एवं महेवा को छोड़कर शेष में महालेखाकार ग्वालियर द्वारा आपत्ति ली गई थी। महालेखाकार ग्वालियर की टीप के आधार पर 04 शाखा प्रबंधक श्री मानवेन्द्र सिंह परमार शाखा अमानगंज, श्री रामखिलावन गर्ग शाखा गुन्नौर, श्री देवेन्द्र सिंह सोलंकी शाखा सिमरिया तथा श्री शिवकुमार पाण्डेय शाखा पवई को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., पन्ना द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये थे, जिनके जवाब संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर विभागीय जांच की कार्यवाही की जा रही है।
नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा-धन
[सहकारिता]
76. ( क्र. 788 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के अपेक्स को-आपरेटिव बैंक और जिला सहकारी बैंकों में नोटबंदी अर्थात 8 नवम्बर 2016 से 31 दिसम्बर, 2016 की अवधि में 500 और 1000 रूपये के कुल कितने नोट जमा किये गये, जिलेवार, शाखावार बैंकों में जमा धन की जानकारी दीजिये। (ख) उपरोक्त अवधि में इन बैंकों में 500 और 1000 रू. के कितने नोट बदले गये?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक एवं प्रदेश की 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक एवं प्रदेश की 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।
कन्नौद से सत्वास मार्ग के लिए बायपास मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 820 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कन्नौद नगर पंचायत चौराहे से होकर गुजरने वाले कन्नोद व्हाया सत्वास पुनासा मार्ग वर्तमान में निर्माणाधीन है उक्त मार्ग को पूर्ण होने में कितना समय लगेगा? समयावधि बतावें। (ख) एम.पी.आर.डी.सी. विभाग द्वारा जो मार्ग बनाये जाते हैं तो क्या उक्त विभाग में बायपास मार्ग बनाया जाने संबंधी कोई प्रावधान है या नहीं बतावें? (ग) कन्नौद पुनासा मार्ग नगर पंचायत चौराहा कन्नौद से होकर गुजरता है एवं उक्त चौराहे से 59 A मार्ग भी निकलता है जिसके कारण नगर पंचायत चौराहे पर वाहन का अत्यधिक दबाव रहता है आवागमन को सुलभ बनाये जाने हेतु शासन क्या ठोस कदम उठायेगा बतावे? (घ) नगर पंचायत चौराहे के आस-पास के लगभग 50 से 60 मकान अतिक्रमण में आये हैं जिसके कारण लगभग 200-300 परिवार प्रभावित होंगे एवं कई बेरोजगार हो जावेंगे। क्या उक्त मार्ग हेतु शासन द्वारा कन्नौद पुनासा मार्ग हेतु बायपास मार्ग स्वीकृत किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंध अनुसार कार्य को दिनांक 13.01.2018 तक पूर्ण किया जाना है। (ख) जी नहीं। (ग) अनुबंधानुसार चौराहे का विकास कार्य किया जावेगा। (घ) जी नहीं।
लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
78. ( क्र. 823 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजना किन-किन ग्रामों/नगरों स्वीकृत की गई है ग्राम/नगर का नाम व परियोजना का नाम बताएं? (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजना संचालित है? लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजना के अलग-अलग नाम बतावें? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनायें स्वीकृत हुई थीं किन्तु प्रश्नांश दिनांक तक उक्त सिंचाई परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। उक्त ग्रामों के नाम बतावे? (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं होने का क्या कारण है? इसके लिए जवाबदार अधिकारी कर्मचारी कौन है? उनका नाम बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 19 लघु एवं 01 मध्यम सिंचाई परियोजना। विवरण संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' अनुसार है। (ख) 17 लघु परियोजनाएं संचालित है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-2'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) 12 लघु एवं 1 मध्यम परियोजनाओं की। सभी परियोजनाएं प्रगतिरत है, सभी का पूर्णता लक्ष्य जून-2017 है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-3'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
उद्यानिकी फसलों के विकास हेतु संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
79. ( क्र. 835 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों के विकास के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक संचालित योजनाओं में किस योजना के लिये शासन से कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? योजनावार बतावें। (ख) छतरपुर जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं के लिये क्या लक्ष्य निर्धारित था? निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई? कितने कृषकों को किस-किस योजना का क्या-क्या लाभ दिया गया? (ग) छतरपुर जिले के किस ग्राम में किस क्षेत्रीय कर्मचारी को तैनात किया गया है? सूची उपलब्ध करावें एवं उनके द्वारा कितने ग्रामों का भ्रमण कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया? वित्तीय वर्ष 2016-17 में कृषकों को योजनाओं की जानकारी देने एवं उन्हें जागरूक करने के लिये विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये हैं? (घ) छतरपुर जिले में उद्यानिकी विभाग को किस योजना के कितने कृषकों के ऑन-लाईन एवं कितने आवेदकों के ऑफ-लाईन आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने कृषकों को लाभ दिया गया तथा कितने आवेदन पत्र किस कारण से निरस्त किए गये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) क्षेत्रीय कर्मचारियों को सीधे ग्रामों में पदस्थ नहीं किया जाता अपितु विकासखण्ड में पदस्थ कर उन्हें आवश्यकतानुसार कार्य क्षेत्र के ग्रामों में भ्रमण हेतु भेजा जाता है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'द' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-च अनुसार है। योजनाओं के मापदण्ड अनुसार पात्रता नहीं होने से 1990 आवेदन निरस्त किये गये।
एन.एच.-7 फोर लेन सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 850 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच.-7 रीवा से लखनादौन 287 कि.मी. फोर लेन सड़क निर्माण की मूल कार्य योजना के तहत इस पर अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई। कार्य की प्रगति क्या है? इसकी कुल लागत अवधि व एजेन्सी सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में अधिग्रहित कितनी भूमि खाली नहीं कराई गई है एवं क्यों? कितने कच्चे-पक्के मकानों/दुकानों को चिन्हित कर तोड़ने की क्या कार्यवाही की गई। अधिग्रहित कितनी भूमि के मुआवजे की कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया है एवं क्यों? बतलावें। जबलपुर जिले की अधिग्रहित कितनी भूमि को खाली नहीं कराया गया है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में सड़क चौड़ीकरण हेतु राजस्व व वन विभाग ने कितने पेड़ों को काटने की स्वीकृति दी है एवं कितने पेड़ों की कटाई किस एजेन्सी से किन शर्तों पर कराई गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
एन.एच.-12-ए फोर लेन सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 851 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग 12-ए जबलपुर से मण्डला तक फोर लेन सड़क निर्माण की मूल कार्य योजना, अवधि व लागत क्या है? इसका निर्माण कार्य का ठेका किस एजेन्सी को कब किन शर्तों पर दिया गया है वर्तमान में किस एजेन्सी द्वारा कहाँ से कहाँ तक कितने कि.मी. का कौन-कौन सा कार्य कराया गया है कार्य की प्रगति बतलावें। (ख) प्रश्नांकित एन.एच.12-ए को एन.एच.7 रीवा लखनादौन से मिलाने गौर से चूल्हा गोलाई तक बायपास का निर्माण व नर्मदा नदी के बीच 1 कि.मी. पुल के निर्माण का ठेका किस एजेन्सी दिया गया है। निर्माण एजेन्सी ने इस कार्य के लिए कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी मात्रा में गिट्टी, मुरम आदि का उत्खन्न का उपयोग किया है। इसकी जांच कब किसने की है। गौण खनिज मिट्टी के उत्खनन की रायल्टी की कब कितनी राशि की वसूल की गई है? बतलावें। (ग) प्रश्नांकित सड़क निर्माण कार्य में उपयोग की जाने वाली गौण खनिज मिट्टी, मुरम, गिट्टी व बोल्डर आदि का कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी मात्रा में उत्खनन परिवहन व भंडारण करने हेतु लीज की स्वीकृति/अनापत्ति कब किस एजेन्सी को कब किन शर्तों पर किसने दी है? भूमि का ख.नं./प.ह.नं. व रकबा सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांकित निर्माण कार्य में किस एजेन्सी ने कब कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी मात्रा में गौण खनिज मिट्टी, मुरम का अवैध रूप से उत्खनन कर उपयोग किया है। इसकी जांच कब किसने की है तथा दोषी निर्माण एजेन्सी पर कब क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) निर्माण का ठेका एजेन्सी एवं उपयोग की गई गौण खनिज की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। शेष जानकारी विभाग में संधारित नहीं की जाती। (ग) अनुबंध के प्रावधान अनुसार ठेकेदार द्वारा उत्खनन की जानकारी विभाग में संधारित नहीं की जाती। (घ) अवैध रूप से गिट्टी, मुरम के उत्खनन की जानकारी विभाग को नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण में संचालित नर्सरियां
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
82. ( क्र. 852 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपसंचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जबलपुर के कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी नर्सरियां संचालित हैं। इनका क्षेत्रफल कितना-कितना है? किन-किन नर्सरियों में कितना स्टॉफ स्वीकृत व पदस्थ है तथा कौन-कौन, कब से किस पद पर पदस्थ हैं। किन-किन नर्सरियों के प्रभार में कब से कौन पदस्थ है एवं क्यों? इनका मूल पद क्या है? सूची दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन नर्सरियों को किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? इसकी जांच कब-कब, किस-किस ने की है वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन नर्सरियों को किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि की कितनी-कितनी मात्रा में किस-किस प्रजाति के फल-फूल, बीज-पौधों और उर्वरक का कब-कब प्रदाय किया गया। किस-किस प्रजाति के कितनी-कितनी मात्रा में फल, फूल, बीज पौधों का रोपण कार्य कब-कितने क्षेत्रफल में कराया गया। इसके रोपण कार्य, रख-रखाव आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इसकी जांच कब-कब, किसने की है। (घ) प्रश्नांकित किन-किन नर्सरियों में किन-किन योजनांतर्गत कितने-कितने हितग्राही कृषकों को कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि के किस-किस प्रजाति के फल, फूल, बीज, पौधों व उर्वरक का नि:शुल्क वितरण किया गया? इसकी जांच कब किसने की है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित नर्सरियों को किसी योजना अंतर्गत राशि प्रदाय नहीं की गई है केवल आयोजनेत्तर मद से मजदूरी/ अनुरक्षण में राशि प्रदान की गई है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित नर्सरियों में किसी भी योजना अंतर्गत फल, फूल, बीज, पौधे और उर्वरक न प्रदाय किया गया है और न रोपण किया गया है। रोपणियों में मात्र वृक्षों के रख-रखाव पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित नर्सरियों में किसी भी योजना अंतर्गत फल, फूल, बीज, पौधे एवं उर्वरक का नि:शुल्क वितरण नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दाल मिलों की जांच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
83. ( क्र. 871 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 10/3/2016 में मुद्रित परि.अता.प्रश्न संख्या 80 (क्रमांक 3791) के प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में जिन 43 फर्मों पर मंडी शुल्क एवं निराश्रित शुक लगभग 4 करोड़ की छूट देने के लिए जो दोषी कर्मचारी/अधिकारी पाए गए हैं उनकी सूची उपसंचालक आंचलिक कार्यालय म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड जबलपुर द्वारा मंडी बोर्ड भोपाल मुख्यालय को पत्र क्रमांक 5038 दि. 29/2/2016 द्वारा भेजी गई थी। उक्त सूची भी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त सूची अनुसार दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही अभी तक की गई? बताएं। यदि नहीं, की गई तो इतनी बड़ी राशि की क्षति पहुंचाने के लिए दोषियों को निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? बताएं। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त दोषियों में से कटनी एवं अन्य मंडी में वर्तमान में कितने पदस्थ हैं? उन्हें कब तक निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित की जावेगी? बताएं। जिन दाल मिलों की जांच पूर्ण हो गई और राशि बकाया निकाली गई, उनसे वसूली कब तक की जावेगी? (घ) शेष दाल मिलों की जो नस्तियां नहीं मिलने के कारण जांच नहीं हुई थी, क्या वे नस्तियां मिल गईं? यदि हाँ, तो उनकी जांच अभी तक क्यों नहीं की गई? नस्तियां किसके पास से मिलीं और उसके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रारंभिक रूप से दोषी की सूची प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) अधिकारी/कर्मचारियों पर की कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 03 व 04 में स्थिति अंकित है, उल्लेखित अनुसार कार्यवाही पूर्ण होने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। संबंधित दाल मिलों द्वारा सम्मिलित रूप से याचिका क्रमांक-डब्ल्यु.पी.-20561/2016 दायर की गई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 22.12.2016 को आगामी निर्णय तक याचिकाकर्ता दाल मिलों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही न करने का अंतरिम आदेश जारी किया गया है। (घ) जी नहीं। नस्तियां उपलब्ध न कराने पर तत्कालीन लेखा सत्यापन शाखा प्रभारी श्री आर.पी. खम्परिया के विरूद्ध थाना कुठला जिला कटनी में प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है तथा श्री मुकेश कुमार राय, सहायक ग्रेड-3, श्री आर.पी.खम्परिया, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री पी.डी.पाठक, सहायक लेखापाल के विरूद्ध मंडी समिति की बैठक दिनांक 20.01.17 में विभागीय जांच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है।
कृषि फसलों का बीमा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
84. ( क्र. 872 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विधान सभा क्षेत्र नागौद में वर्ष 2016-17 में फसल बीमा की कितनी प्रीमियम राशि कितने कृषकों से ली गई? पटवारी हल्कावार कृषक संख्या प्रीमियम राशि सहित विवरण दें तथा फसल बीमा के नवीन प्रावधान क्या है? उसकी एक प्रति उपलब्ध कराते हुए बताएं कि फसल नुकसान की स्थिति में प्रारंभ में 25 प्रतिशत दिये जाने का प्रावधान है, तो उक्त अवधि में वर्षाकाल के प्रारंभ में अल्प वर्षा एवं सितम्बर में अतिवृष्टि होने पर विभाग द्वारा किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया है? माह सितम्बर 2016 के अतिवृष्टि के नुकसान के सर्वे रिपोर्ट दें। (ख) रबि वर्ष 2015-16 की क्षतिपूर्ति का आंकलन पूर्ण कर लिया गया तो जानकारी उपलब्ध करावें एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत वर्ष 2016 में कितने ऋणी/अऋणी कृषकों का फसल बीमा किया गया? कुल रकबा, कुल बीमित राशि का कुल कितना प्रीमियम राशि ऋणी/अऋणी कृषकों से बीमा कम्पनी को प्राप्त हुई? (ग) बीमा कम्पनी के द्वारा बीमा करने के पूर्व कौन से जोखिम घटक प्राकृतिक आपदा के निर्धारित किये गये थे? क्या बीमा कंपनी राजस्व, कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा कीट व्याधि बीमारियों से नुकसान होने वाली फसलों को बीमा जोखिम घटक में शामिल किया जाना बताया था? यदि ऐसा था तो किन-किन पटवारी हल्कों में कीट व्याधि-फफूंद जनित रोगों से भारी मात्रा में कृषकों को नुकसान हुआ है? (घ) क्या बैंकों द्वारा त्रुटिपूर्ण प्रकरण भेजे गये थे, हाँ तो ऐसे प्रकरणों की संख्या दें तथा उसमें सुधार की क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार वस्तुस्थिति बताएं और विधान सभा क्षेत्र नागौद में खरीफ वर्ष 2015 की दावा राशि का भुगतान नोडल बैंकों को कर दिया गया है, तो जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) क्या उक्त अवधि में बैंकों द्वारा त्रुटिपूर्ण प्रकरण भेजे गये थे? यदि हाँ, तो संख्या उपलब्ध करावें तथा त्रुटिपूर्ण प्रकरणों में किन-किन का निराकरण कर दिया गया? प्रकरण की वस्तुस्थिति सहित बताएं तथा खरीफ वर्ष 2015-16 की दावा राशि का भुगतान नोडल बैंकों को कर दिया गया या नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सतना जिले की विधान सभा क्षेत्र नागौद की खरीफ 2016 की बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की मार्गदर्शी निर्देशिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। योजना के प्रावधानों अनुसार फसल मौसम के प्रारंभ में बीमित इकाई की अधिसूचित फसल यदि कुल क्षेत्रफल के 75 प्रतिशत या उससे अधिक क्षेत्रफल में बुआई विफल होती है तो कुल बीमित राशि का 25 प्रतिशत अधिकतम दावा राशि देय है तथा फसल मौसम के मध्य में प्राकृतिक आपदा आदि के कारण फसल क्षति होने पर उपज यदि औसत उपज के 50 प्रतिशत से कम आने की संभावना होने पर 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान किया जाता है। इस हेतु जिला प्रशासन द्वारा क्षति संबंधी अधिसूचना जारी की जाती है। सतना जिले में खरीफ 2016 मौसम में इस आशय की अधिसूचना जारी नहीं की गई है अत: दावों का भुगतान फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर नियमानुसार गणना कर पात्र कृषकों को किया जायेगा। (ख) रबी 2015-16 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति आंकलन प्रक्रियाधीन है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत म.प्र. में कुल 3829049 ऋणी कृषकों का एवं 386063 अऋणी कृषकों का बीमा किया गया। कुल बीमित रकबा 8236785.15 हेक्टेयर है। ऋणी/अऋणी कृषकों से कुल राशि रू. 454.14 करोड़ कृषक अंश प्रीमियम राशि प्राप्त हुई। (ग) योजना के अंतर्गत निम्नांकित अवस्थाओं में फसल व जोखिम जिनके कारण फसल का नुकसान होता है को कवर किया गया है :- (1) बाधित बुआई/रोपण जोखिम-बीमाकृत क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमी दशाओं के कारण बुआई/रोपण क्रिया न होने एवं होने वाली हानि से सुरक्षा प्रदान करेगा। (2) खड़ी फसल (बुआई से लेकर कटाई तक) - गैर बाधित जोखिमों यथा सूखे, लंबी शुष्क अवधि, कीट व रोग, बाढ़ जलभराव, भू-स्खलनों, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटना और आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर और बवंडर के कारण फसल को होने वाले नुकसान की सुरक्षा के लिये वृहद जोखिम बीमा दिया जाता है। (3) फसल कटाई के उपरांत होने वाले नुकसान - यह बीमा कवर ऐसी फसलों को काटे जाने से अधिकतम दो सप्ताह के लिये चक्रवात और चक्रवातीय वर्षा एवं गैर मौसमी वर्षा के मामले में दिया जाता है जिन्हें फसल कटाई के बाद खेत में सूखने के लिये छोड़ा जाता है। (4) स्थानीयकृत आपदाएं- अधिसूचित क्षेत्र में पृथक कृषि भूमि को प्रभावित करने वाली ओलावृष्टि, भू-स्खलन और जलभराव के अभिचिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले नुकसान/क्षति। खरीफ 2016 मौसम हेतु सतना जिले की नागौद विधान सभा क्षेत्र में व्यक्तिगत क्षतिपूर्ति हेतु जलभराव जोखिम के लिये सूचनायें बीमा कंपनी को प्राप्त हुई थी एवं क्षतिपूर्ति निर्धारण हेतु प्रक्रियाधीन है। इसके अलावा सूखा, चक्रवाती बारिश, अत्यधिक वर्षा, बाढ़ कीट एवं रोग के लिये कुछ सूचनायें प्राप्त हुई एवं उक्त जोखिम मौसम के मध्य में प्रतिकूल मौसम परिस्थिति क्षतिपूर्ति विकल्प के अंतर्गत कवर किये जाते हैं किन्तु उपरोक्त संदर्भ में जिला प्रशासन द्वारा कोई अधिसूचना जारी नहीं की है, अत: क्षतिपूर्ति देय नहीं है। (घ) विधान सभा क्षेत्र नागौद के बैंक द्वारा कुछ घोषणा-पत्रों में बीमांकन में त्रुटियां की थी जिसका क्षतिपूर्ति आंकलन नहीं किया गया था। उक्त घोषणा-पत्रों में संशोधन उपरांत सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त हुआ है एवं राज्य शासन की राशि बीमा कंपनी को जारी की जा चुकी है एवं केन्द्र शासन की राशि प्राप्त होने पर क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान पात्र कृषकों को किया जावेगा। शेष क्षतिपूर्ति भुगतान राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। नागौद विधान सभा क्षेत्र की खरीफ 2015 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। इस मौसम हेतु क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान दिनांक 21.11.2016 को नोडल बैंकों को भुगतान किया गया है। (ड) उत्तरांश (घ) अनुसार।
नरसिंहगढ़ ब्लॉक में उपलब्ध बीज
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 880 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ ब्लॉक में कृषि विभाग द्वारा 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से बीज व खाद किसानों को वितरित करने के लिए उपलब्ध कराई? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार नरसिंहगढ़ ब्लॉक के कितने किसानों को कौन-कौन सा बीज व खाद किस-किस दर पर दिया गया? ग्राम का नाम/बीज का नाम/खाद का नाम व किस दर पर दी गई? जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नरसिंहगढ़ ब्लाक में कृषि विभाग द्वारा 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक, किसानों को वितरण करने के लिये उपलब्ध कराई बीज व खाद संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
उद्यानिकी विभाग की योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
86. ( क्र. 881 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार संचालित योजनाओं में 01 अप्रैल 2016 से पत्र दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आई है? योजनावार राशि की जानकारी देवें। (ग) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार संचालित योजनाओं में कितने व्यक्ति को क्या-क्या योजना उपलब्ध कराई? ग्राम का नाम सहित सूची उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
बेला गोविन्दगढ़ चुरहट मार्ग पर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 908 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग के बेला गोविन्दगढ़-चुरहट मार्ग को ओ.एम.टी. योजना में टोल वसूली हेतु कितने-कितने कि.मी. के सेक्शन में बांटा गया है? अनुबंध की प्रति सहित बताये? (ख) क्या व्यवसायिक वाहनों से टोल वसूली दर सेक्शन की लंबाई के हिसाब से तय की गई है? (ग) यदि हाँ, तो टोल प्रारंभ से प्रति सेक्शन लंबाई के हिसाब से दरों की सूची उपलब्ध कराये यदि नहीं, तो निवेशक को लाभ देने के लिए दरें तय करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रीवा संभाग के बेला गोविंदगढ़-चुरहट मार्ग को ओ.एम.टी. योजना में टोल वसूली हेतु क्रमशः कि.मी. 0.000 से कि.मी. 056.740 लंबाई 56.740 कि.मी. का सेक्शन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार।
जिला सहकारी संघ मर्यादित भोपाल के संचालक की अपात्रता
[सहकारिता]
88. ( क्र. 912 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल के संचालक श्री नारायणसिंह मीणा को किस संस्था के व्यतिक्रमी होने पर अपात्र घोषित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिला संघ का अंशदान न चुकाने पर संचालक को अपात्र घोषित करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियमावली का उल्लेख करें? (ग) यदि व्यतिक्रमी संस्था अंशदान, अभिदाय चुका दें, तो उस संस्था का संचालक पुन: बहाल किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) उक्ताशय में कार्यालय आयुक्त एवं पंजीयक के परिपत्र क्र./प्रशि.57/13 भोपाल, दि. 17.09.13 का पालन जिला सहकारी संघ मर्यादित भोपाल एवं व्यतिक्रमी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? पालन नहीं की जाने वाली व्यतिक्रमी संस्थाओं की जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सेवा सहकारी समिति मर्यादित पिपलिया जाहिर पीर के जिला सहकारी संघ मर्यादित भोपाल के व्यतिक्रमी होने पर श्री नारायण सिंह मीणा, संचालक को अपात्र घोषित किया गया है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम 1962 के नियम 45 (3) के साथ सहपठित मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 48-कक अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यालय आयुक्त एवं पंजीयक का परिपत्र क्रमांक/प्रशि/57/13, दिनांक 17/09/2013 को जारी होना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छोटी महानदी में सेतु निर्माण हेतु बजट प्रावधान
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 923 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 1.1.2015 एवं 7.5.2015 द्वारा वि.स. क्षेत्र बड़वारा की छोटी महानदी के महगवां-बीजापुरी, विलयतखुर्द-खरहटा, गुडा-देवरी, बसाड़ी-भदौरा आदि में सेतु निर्माण हेतु मांग उठायी है? (ख) क्या महगवां-बीजापुरी एवं बसाड़ी-भदौरा में कितनी लागत के सेतु निर्माण की डी.पी.आर. कार्यालय प्रमुख अभियंता के समक्ष विचाराधीन है? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) को किन्हीं दिनांकों में प्रशासकीय स्वीकृतियां प्रदान कर दी गई है? विवरण देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) सेतु निर्माणों को बजट में सम्मिलित कर लिया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जी नहीं।
विधान सभा क्षेत्र बड़वारा में मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 924 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा में विगत 5 वर्षों में कितनी लागत व लम्बाई की किन-किन सड़कों का निर्माण किया गया है? (ख) क्या दिनांक 10.8.2016 एवं 11.9.2016 की जनदर्शन यात्रा में माननीय मुख्यमंत्री जी ने किन्हीं स्थानों में किन्हीं दूरी के मार्गों की घोषणा की है और उनमें से कब किन्हें कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृतियां प्राप्त हो गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) मार्गों में से किनकी निविदायें स्वीकृत हो गई हैं और किन निर्माण एजेंसियों द्वारा निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) का निर्माण कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
नियम विरूद्ध अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया जाना
[जल संसाधन]
91. ( क्र. 938 ) श्री आरिफ अकील : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि सेवा से वेतन पाने वाले कर्मचारियों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति हेतु वर्तमान में सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र दिनांक 31 अगस्त, 2016 अथवा उसके पश्चात् मृत्यु होने वाले शासकीय सेवकों के परिवार के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति पर विचार किया जावेगा और दिनांक 31 अगस्त, 2016 के पूर्व के प्रकरणों पर पूर्व की भांति प्रावधान अनुसार कार्यवाही किए जाने के निर्देश जारी किए है? (ख) यदि हाँ, तो 12 सितम्बर, 2005 से मृतक कर्मचारी मुजाहिद खान के आश्रितों (उमर खां) द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के लिये निरंतर रूप से प्रयासरत होने के बावजूद शासन द्वारा अनुकंपा नियुक्ति पर प्रतिबंध होने के कारण उन्हें नियुक्ति का लाभ नहीं मिल पाया है, ऐसे और कौन-कौन लोग हैं तथा दिनांक 31 अगस्त, 2016 अथवा उसके पश्चात् के कौन-कौन लोग है, सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि यदि दिनांक 31 अगस्त, 2016 अथवा उसके पश्चात् के लोगों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाती है, तो दिनांक 31 अगस्त, 2016 के पूर्व के लोग जो वर्षों से प्रयासरत है, उनके साथ अन्याय नहीं होगा? (घ) प्रश्नांश (क) (ग) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि दिनांक 31 अगस्त, 2016 के पूर्व के लोग जिन्हें प्रश्न दिनांक की स्थिति में नियुक्ति का लाभ नहीं मिलने के कारण तथा आयु अधिक होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति के अधिकार से वंचित हो जावेंगे ऐसे कौन-कौन लोग हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र दिनांक 31.08.2016 जारी होने के दिनांक से प्रभावशील है। (ख) कार्यालयीन अभिलेख अनुसार स्व. श्री मुजाहिद खान, जल संसाधन विभाग से संबंधित नहीं है। दिनांक 12 सिंतबर-2005 के पश्चात दिनांक 31.08.2016 तक मृत कर्मचारियों, जिन्हें लाभ नहीं मिल पाया है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है एवं दिनांक 31 अगस्त, 2016 एवं उसके पश्चात दिवंगत कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्यवाही की जाती है। (घ) वांछित जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।
माननीय न्यायालय के निर्देशों की अवमानना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास]
92. ( क्र. 939 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा गैस राहत की निगरानी समिति द्वारा गैस पीडि़तों के हित में अनुशंसित कार्यों पर पालन नहीं किया जाना न्यायालय के निर्देशों की अवमानना माना जावेगा के निर्देश जारी हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में निगरानी समिति द्वारा गैस पीडि़तों के उत्थान हेतु कौन-कौन से कार्य अनुशंसित किए है? वर्षवार अनुशंसित कार्यों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कौन-कौन से कार्य है जो निगरानी समिति द्वारा अनुसंशित किए हुए एक वर्ष या उससे अधिक समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी अनुशंसाओं का पालन नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन दोषी है, उनके विरूद्ध शासन द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में क्या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में लंबित याचिका क्र. (सी) 50/98 में दिनांक 17.09.2004। द्वारा पारित आदेश के अनुक्रम में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में सर्वोच्च न्यायालय की उक्त याचिका से संबंधित विचाराधीन प्रकरण क्र.डब्ल्यु.पी.-15658/2012 में दिनांक 11.12.2013 के द्वारा जस्टिस व्ही.के.अग्रवाल (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में 04 सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया गया है। निगरानी समिति के व्दारा गैस प्रभावित क्षेत्र में विभाग द्वारा संचालित चिकित्सा इकाइयों में गैस पीडि़तों की उपचार व्यवस्था की निगरानी कर प्रत्येक तीन माह में प्रतिवेदन अनुशंसा सहित माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर को संबंधित प्रकरण में प्रस्तुत किया जाता है। तदोपरांत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निगरानी समिति की अनुशंसा पर पारित आदेश का क्रियान्वयन/पालन विभाग द्वारा किया जाता है। (ख) प्रश्न दिनांक तक निगरानी समिति की कुल 34 बैठकों की अनुशंसा/सुझाव व 07 त्रैमासिक प्रतिवेदन के व्दारा सुझाव/अनुशंसा प्रतिवेदन विभाग को प्राप्त हुई है। जिनमें से अब तक 29 बैठकों तथा 07 त्रैमासिक प्रतिवेदनों का पालन प्रतिवेदन संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय गैस राहत व्दारा प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर निगरानी समिति को प्रेषित किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) यथा संभव संसाधनों की उपलब्धा के अनुसार निगरानी समिति की अनुशंसाओं की पूर्ति की कार्यवाही की जाती है। पालन प्रतिवेदन की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष बिन्दु पर प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अतएव किसी को दोषी ठहराने की स्थिति नहीं है।
अम्बाह ब्रांच केनाल की 22-एल का निर्माण
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 969 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की अम्बाह ब्रांच कैनाल की डिस्ट्रीब्यूटरी 22-एल खांड़ौली, कैमारा की कितनी लम्बाई है? (ख) क्या उक्त डिस्ट्रीब्यूटरी पर गिट्टी, मुरहम या डामरीकरण कराने का शासन का प्रस्ताव है? शाखा की अत्याधिक लम्बाई होने के कारण विभाग के वाहनों को जाने में परेशानी रहती है? कब तक यह कार्य कराया जायेगा? (ग) वर्तमान में कितनी उप-शाखाओं पर गिट्टी, मुरहम या डामरीकरण कराया गया है? नाम सहित जानकारी दी जावे।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 18,557 मीटर। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी भी उपशाखा पर गिट्टी, मुरुम या डामरीकरण का कार्य नहीं कराया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सड़क मार्ग में जल भराव की रोकथाम
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 970 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना-पोरसा सड़क मार्ग का निर्माण कब किस कंपनी द्वारा किया गया? इस पर कितनी राशि खर्च की गई वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त मार्ग के किस-किस किलोमीटर पर जल भराव हो रहा है या होने से मार्ग खराब हो रहा है? स्थान का नाम, किलोमीटर दूरी सहित, पूर्ण जानकारी दी जावे। जनवरी 2017 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ग) क्या अधिकारियों की उदासीनता के कारण मार्ग पर पानी बहता रहता है एवं मार्ग खराब हो जाता है? इसके लिये कौन-कौन दोषी है? जल भराव की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 01.06.2010 में, मेसर्स के.एन.आर. कंस्ट्रक्शन हैदराबाद द्वारा किया गया था। राशि रू. 97.61 करोड़ व्यय हुआ। (ख) उक्त मार्ग के बायपास के पास कि.मी. 3 में 150 मीटर में जल भराव की स्थिति निर्मित होती है। (ग) जी नहीं, मार्ग पर निर्मित नालियों में घरों का कचरा, पत्ते, डालियां, मिट्टी आदि डालने से नालिया चौक हो जाती हैं, जिस कारण मार्ग पर पानी बहता रहता है। नालियों की साफ सफाई आदि कार्य की जिम्मेदारी संबंधित नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत की है। नालियों की साफ सफाई हेतु म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत को समय समय पर पत्र लिखा जाता रहा है।
स्टॉप डेम निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
95. ( क्र. 980 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत सिंचाई का रकबा बढ़ाने हेतु वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग के वरिष्ठ कार्यालय को नवीन स्टॉप डेम निर्माण हेतु कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत हेतु भेजे गये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वरिष्ठ कार्यालय को भेजी गई योजनाओं जैसे काली सिंध नदी पर कूपा स्टॉप डेम, काई नदी पर श्रृंखलाबद्ध स्टॉप डेम आदि की स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कूपा स्टॉप डेम का साध्यता आदेश दिनांक 08.02.2017 को निर्गत कर दिये गये हैं।
निर्माण कार्यों के प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 993 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन जिले में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण संबंधी कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार स्वीकृत प्रस्तावों में से कितने प्रस्तावों पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया तथा कितने प्रस्तावों के कार्य अपूर्ण हैं? पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करते हुए कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण हुए तथा कितने कार्य नियत समयावधि के पश्चात पूर्ण हुए? (ग) अपूर्ण कार्यों को नियमानुसार एवं अनुबंध अनुसार कब तक पूर्ण हो जाना था? कार्यवार, विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। नियत समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के संबंध में कितने ठेकेदारों पर कार्यवाही की गई तथा विलंब के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) मार्ग निर्माण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2', ‘ब’ एवं पुल निर्माण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब-1‘ अनुसार है।
प्रोजेक्ट आत्मा के तहत प्रशिक्षण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
97. ( क्र. 1013 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में प्रोजेक्ट आत्मा कब से संचालित की जा रही है? राज्य शासन और केन्द्र शासन द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि दी गई? वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विगत चार वर्षों में कब कितने कृषकों को प्रशिक्षण दिया गया? प्रशिक्षण अवधि दिनांक सहित तथा प्रत्येक प्रशिक्षण पर हुए व्यय की अलग-अलग जानकारी दें। (ग) भिण्ड विधान सभा के अंतर्गत किसकी अनुशंसा पर किन-किन कृषक को विगत चार वर्ष में प्रशिक्षण दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) अंतर्गत योजना मद में जिलें को कब कितनी राशि दी गई? प्रशिक्षण कार्यक्रम में अब तक कितने किसानों को किस तरह का लाभ हुआ है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिले में प्रोजेक्ट आत्मा वर्ष 2007-08 से संचालित है। केंद्र शासन द्वारा जारी राशि में प्रावधानित राज्यांश की राशि सहित जिले को दी गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) शासन से अनुमोदित लक्ष्यों के अनुरूप जिले के आत्मा गवर्निंग बोर्ड के अनुमोदन उपरांत कृषकों को प्रशिक्षण दिया गया है, अत: शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वर्षवार जारी राशि से प्रशिक्षण में व्यय राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 3627 किसानों को उन्नत एवं नवीन कृषि तकनीकी प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त हुआ है।
राड़ेप से सलमानिया मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 1041 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम राडेप से सलमानिया मार्ग पहुँच विहीन कच्चा मार्ग है ग्राम सलमानिया में शासकीय गेहूँ विक्रय केन्द्र सायलो भी विद्यमान है मार्ग पर क्षेत्र कई ग्रामों के कृषक फसलों के विक्रय हेतु इसी मार्ग से जाते है उन्हें कठिनाइयां आती है। (ख) क्या वर्षा काल में उक्त मार्ग पर अत्यधिक कीचड़ जमा होने कारण बंद हो जाता है इसी कारण उक्त मार्ग को डामरीकृत किये जाने की आवश्यकता है? (ग) इस संबंध में चालू वित्त वर्ष में विभागीय मंत्री/विभाग को प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन क्षेत्रीय कृषकों के हित में उक्त मार्ग की डी.पी.आर. तैयार करवाकर इसे बजट में शामिल कर डी.पी.आर. को स्वीकृति प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, गेहूँ विक्रय केन्द्र (साइलो) ग्राम वावड़ीचापा में स्थित है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) कोई भी पत्र विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नाधीन मार्ग में राडेप से वावड़ीचापा तक का भाग लंबाई 3.00 कि.मी. है, जो कि वार्षिक योजना 2016-17 में सम्मिलित न होने एवं सीमित वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होने से वर्तमान में कार्यवाही संभव नहीं।
तलावड़ा ढोंढपुर मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 1042 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम तलावड़ा से ढोंढपुर पहुँच विहिन मार्ग है। इस कारण नागरिकों को आवागमन में कठिनाई होती है। वर्षाकाल में इस मार्ग में आवागमन भी बन्द हो जाता है? (ख) क्या उक्त मार्ग दर्जन भर ग्रामों को जोड़ता भी है, इसी कारण क्षेत्रीय नागरिक उक्त मार्ग डामरीकरण कराने की मांग कर रहे है और ये कार्य आवश्यक भी है? (ग) इस संबंध में जनवरी 2017 में प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री/विभाग को प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन मार्ग निर्माण की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये डामरीकरण कार्य का प्रस्ताव तैयार कराने उपरांत इसे बजट में शामिल कर इसकी स्वीकृति प्रदान करेगा व कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों की भूमि पर अवैध रूप से मटेरियल डाला जाना
[जल संसाधन]
100. ( क्र. 1072 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वान सुजारा की नहरों की खुदाई करके नहर के दोनों तरफ खोदा गया मटेरियल काफी किसानों की पटैती भूमि में डाला गया है, जिससे कई किसानों की कृषि भूमि में पानी भरकर फसलें नष्ट हो गई हैं? (ख) क्या खसरा क्र. 5 रकबा 1.044, खसरा क्र.-7 रकबा 0.0077, खसरा क्र.-9 रकबा 0.223, खसरा- 11/7/16 रकबा 0.121, खसरा क्र.11 रकबा 0.644, खसरा क्र. 2 रकबा 0.523, खसरा क्र.3 रकबा 0.247, खसरा क्र.18 रकबा 0.117, खसरा क्र.22 रकबा 0.497 खसरा क्र.24 रकबा 0.497, खसरा क्र. 16 रकबा 0.726 पटवारी हल्का खोड़ेरा के किसानों की भूमि (पटैती) के बीचों-बीच से नहर वान सुजारा निकली है, जिसके दोनों तरफ खोदी गई नहर की मिट्टी दोनों तरफ उक्त भूमि वर्णित खसरा की भूमि में बरसात का पानी भर जाने एवं मटेरियल डले होने के कारण किसान फसलें नहीं बो पा रहे है। क्या उक्त किसानों की पटैती भूमि से मटेरियल हटाये जाने की कार्यवाही करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित खसरा नंबरों के किसानों को हो रहे नुकसान का मुआवजा दिलायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें कि मुआवजा क्यों नहीं दिया जा सकता है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बानसुजारा की नहर की खुदाई से प्राप्त मिट्टी नहर हेतु अधिग्रहित भूमि में नहर के दोनों किनारों पर सर्विस रोड एवं नॉन-सर्विस बैंक में डाली गई है। वर्तमान में किसी भी किसान की फसल पानी भरने से नष्ट होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 1102 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के क्या-क्या नीति व उद्देश्य है? इसकी जानकारी उपलब्ध कराते हुए योजना के संचालन हेतु शासन द्वारा क्या-क्या मार्गदर्शन प्रचलन में है, की जानकारी भी दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजना प्रारंभ से जनवरी 2017 तक तहसील अम्बाह व मुरैना जिला मुरैना अथवा विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में सिंचाई से संबंधित क्या-क्या कार्य हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार ही योजना के संचालन हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा भ्रमण कर सिंचाई से संबंधित क्या-क्या सर्वेक्षण कार्य किये गये की जानकारी देते हुए शासन प्रशासन ने उनको मूर्तरूप देने के लिये क्या-क्या गतिविधियां प्रारंभ की हैं अथवा प्रारंभ करने की योजना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत प्रदेश के सिंचाई स्त्रोत व संसाधनों से सिंचित क्षेत्र में वृद्धि कर कृषकों के आय में वृद्धि किये जाने का उद्देश्य है। योजना के संचालन हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के मार्गदर्शी निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही प्रचलन में है। मार्गदर्शी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना प्रारंभ से जनवरी 2017 तक तहसील अम्बाह में 21 व मुरैना जिला में 437 तथा विधान सभा क्षेत्र दिमनी में 19 स्प्रिंकलर प्रकरण ऑन लाईन पंजीकृत हुए है। (ग) योजना संचालन हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा विभाग के विभिन्न आयोजित प्रशिक्षणों, कृषक संगोष्टियों एवं ग्रामोदय अभियान के दौरान आयोजित ग्राम सभाओं में उपस्थित कृषकों को प्रधानमंत्री सिंचाई से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई है। योजनान्तर्गत वित्तीय प्रावधान अनुसार कार्य किया जावेगा।
नहरों का मरम्मतीकरण
[जल संसाधन]
102. ( क्र. 1115 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा के अंतर्गत निकली नहरों में पिछले 03 वर्ष में किन-किन स्थानों पर मरम्मत कार्य हुये हैं व उन कार्यों के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई व कितनी राशि व्यय की गई, की जानकारी जनवरी, 2014 से जनवरी, 2017 तक दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी राशि किस-किस नहर, डिस्ट्रीब्यूटरी आदि पर व्यय की गयी, की जानकारी नहर आदि का नाम, एजेंसी का नाम, व्यय राशि, मांग संख्या, लेखा शीर्ष वर्ष, दिनांक आदि सहित दी जावे? (ग) क्या उपरोक्त कार्यों की निर्माण से संबंधित स्थिति क्या है? अवगत करावें? यदि कुछ कार्य शेष हैं, तो कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य संबंधित जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से लेखा-शीर्ष-23/2702 अनुरंक्षण मद के अंतर्गत कराये गये हैं। सभी कार्य निर्माण से संबंधित न होकर वार्षिक मरम्मत कार्य है जिन्हें यथा-समय पूर्ण कराया जा चुका है।
नवीन रोड़ हेतु नीति निर्धारण
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 1117 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या 159 (क्र. 1207), दिनांक 05 दिसम्बर, 2016 के भाग (ख) में बताया गया है कि संलग्न जानकारी के अनुसार प्रपत्र क्रमांक 35 'अ' एवं 'ब' के अनुसार है? (ख) यदि उपरोक्त उत्तर हाँ में है तो परिपत्र 'अ' के स.क्र. 3 में उत्तर प्रगति पर अंकित है, तो यह कार्य पूर्ण होने की अवधि क्या थी व कार्य क्या अवधि में पूर्ण हुआ अथवा नहीं हुआ? बतावें। यदि कार्य समय पर पूर्ण न होने पर क्या प्राक्कलन राशि का री-एस्टीमेट बनाया गया है, तो इसकी भी जानकारी दी जावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, क्रमांक 35 ‘अ’ एवं ‘ब’ नहीं अपितु केवल प्रपत्र ‘अ’, -अ-1’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ख) अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता की दिनांक 20.02.2014 थी, जी नहीं, कार्य दिनांक 31.05.2016 को पूर्ण किया गया। जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
करधन तालाब दबोह के जीर्णोद्धार/मरम्मत
[जल संसाधन]
104. ( क्र. 1126 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र लहार, जिला भिण्ड के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में सिंचाई तालाब स्थापित है? प्रत्येक तालाब का सर्वे क्रमांक एवं रकबा सहित बतायें? (ख) उपरोक्त तालाबों के रख-रखाव हेतु वर्ष 1 अप्रैल, 2014 से 31 जनवरी, 2017 तक हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? यदि नहीं, तो क्यों? जीर्ण-शीर्ण तालाबों का कब तक मरम्मत एवं खुदाई कार्य करा लिया जावेगा? (ग) क्या करधन तालाब दबोह के जीर्णोद्धार/मरम्मत कराने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक जीर्णोद्धार/मरम्मत का कार्य करा लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई राशि व्यय नहीं की गई। सभी तालाब निमज्जित तालाब हैं, जिनके डूब क्षेत्र में कृषकों द्वारा कृषि की जाती है एवं डूब क्षेत्र की भूमि कृषकों के निजी स्वामित्व की है। अत: जल भण्डार नहीं किया जा सकता है। फलस्वरूप विभाग द्वारा इनकी मरम्मत एवं खुदाई का कार्य कराया जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
न्यायालय कार्यालय भवन एवं न्यायाधीशों के आवास बनाना
[विधि और विधायी कार्य]
105. ( क्र. 1127 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में अतिरिक्त सत्र न्यायालयों के अंतर्गत कहाँ-कहाँ न्यायालय स्थापित किये गये एवं स्थापित न्यायालयों हेतु कब-कब भवन व माननीय न्यायाधीशों के निवास हेतु कितने-कितने आवास निर्माण कराये गये? (ख) माननीय अतिरिक्त न्यायाधीश एवं माननीय अन्य न्यायाधीश कार्यालयों एवं आवासों के निर्माण हेतु कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी भूमि आवंटित की गई? सर्वे क्रमांक एवं रकबा सहित बतायें? (ग) क्या उपरोक्त न्यायालयों हेतु आवंटित भूमि पर्याप्त होने के बाद भी माननीय न्यायाधीशों के कार्यालय एवं आवासों के निर्माण हेतु लहार जिला भिण्ड में तहसील के प्रांगण में ही कार्यालय एवं आवास निर्माण की योजना है? यदि हाँ, तो बतायें कि कितनी भूमि लहार तहसील प्रांगण में उपरोक्त भवनों के निर्माण हेतु उपलब्ध है? तहसील प्रांगण लहार की भूमि शासन ने आवंटित कर दी है? यदि नहीं, तो शासन द्वारा आवंटित भूमि के निर्माण कार्य न कराने का कारण बतायें? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 1995 से माननीय अतिरिक्त न्यायाधीश कार्यालय एवं आवास निर्माण की मांग के बावजूद भी निर्माण कार्य प्रारंभ न करने का कारण बतायें? कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा? समयावधि बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधूरे जलाशय को पूर्ण किया जाना
[जल संसाधन]
106. ( क्र. 1134 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के विकासखण्ड जैतहरी के ग्राम धनपुरी (धनगवा पश्चिम) के दतिया जलाशय का निर्माण कार्य 1985-87 तक किया गया है वर्ष 1988 में उक्त कार्य बंद कर दिया गया था। वर्ष 2002 में पुन: कार्य आंशिक रूप से प्रारंभ करते ही बंद कर दिया गया था। उक्त जलाशय का निर्माण कार्य किन कारणों से बंद कर दिया गया है? जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या शासन उक्त जलाशय की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। बांध स्थल वन प्रभावित होने के कारण। (ख) अद्यतन डी.पी.आर. बनाये जाने हेतु साध्यता आदेश दिनांक 09.01.2017 को निर्गत किए जा चुके हैं।
बैंक की नई सरकारी समितियां एवं बैंक शाखाएं खोली जाना
[सहकारिता]
107. ( क्र. 1137 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील में कितनी सहकारी बैंकों की शाखाएं एवं कितनी सहकारी समितियां कार्यरत हैं? नामवार सूची देवें। (ख) क्या शासन ग्रामों की बढ़ती हुई आबादी एवं आवश्यकता को देखते हुए नई सहकारी समितियां एवं बैंक शाखाओं को खालने पर विचार करेगा? (ग) वर्तमान में संचालित सहकारी समितियों में नए सदस्य जोड़े जाने एवं ऋण वितरण को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता को देखते हुए संचालित समिति बनवारी में डुंगरिया, तुमड़ा समिति में निमावर, सास बहु समिति में बम्होरी-कलां, मड़गुला समिति में इछावर, कामती समिति में जमाड़, बाबई कला समिति में सहावन, बसरिया समिति में बैरागढ़ पचामा समिति में खैरूवा, गांगई समिति में चांदनखेड़ा आदि ग्रामों में नयी सहकारी समितियां बनाई जाएगी।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यदि ऐसा कोई प्रस्ताव प्राप्त होता है, तो पात्रता का परीक्षण उपरांत विचार किया जा सकेगा। (ग) निर्धारित मापदण्डों के अंतर्गत प्रस्ताव प्राप्त होने पर नयी समितियों के गठन पर विचार किया जा सकेगा।
पत्रकारों के कल्याण के लिए प्रचलित योजनाएं
[जनसंपर्क]
108. ( क्र. 1141 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पत्रकारों/संवाददाताओं के कल्याण के लिए विभाग की कौन-कौन सी योजनायें प्रचलित हैं? योजनावार विवरण देते हुए वर्ष 2016-17 में इनसे लाभान्वित पत्रकारों की जानकारी दें। (ख) ग्रामीण अंचलों में कार्यरत पत्रकारों के संरक्षण व कल्याण हेतु क्या कोई योजना है? क्या विभाग इस दिशा में प्रयास करेगा? (ग) छोटे समाचार पत्रों व जिला तहसील स्तर से प्रकाशित समाचार पत्रों के संरक्षण व संवर्धन हेतु विभाग की क्या योजना है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस हेतु किये गये प्रयासों का विवरण दें। (घ) वर्ष 2016-17 में विभाग की जानकारी में पत्रकारों पर हमले व पुलिस-प्रशासन द्वारा पत्रकारों की प्रताड़ना आदि के कितने मामले आए? इन मामलों में जनसंपर्क विभाग की ओर से क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) योजनावार विवरण निम्नानुसार है :- 1. पत्रकार कल्याण कोष से चिकित्सा के लिये आर्थिक सहायता योजना। 377 पत्रकारों को रूपये 74.24 लाख। 2. पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना के अर्न्तगत बीमा। वर्तमान में 1507 पत्रकारों का बीमा। 3. राज्यस्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को लेपटाप वितरण योजना। 49 पत्रकारों को लैपटाप राशि दी गई। 4. वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों को श्रद्वानिधि की योजना। प्रदेश के 126 वरिष्ठ पत्रकार लाभान्वित। 5. राज्य/जिला एवं तहसील स्तर पर पत्रकारों को अधिमान्यता देने की योजना। दिसंबर 2016 की स्थिति में 1158 राज्य 1678 जिला 663 तहसील स्तर पर अधिमान्यता दी गई। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना ग्रामीण अंचलों के पत्रकारों के लिये भी लागू है। (ग) आवश्यकता, उपयोगिता और बजट उपलब्धता के आधार पर विज्ञापन नीति के अन्तर्गत समय-समय पर विज्ञापन दिये जाते हैं। (घ) अध्यक्ष, एम.पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल का इस संबंध में एक अभ्यावेदन दिनांक 13.11.2015 को प्राप्त हुआ था, जिसे 09 दिसम्बर, 2015 को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) को आवश्यक कार्यवाही के लिये भेजा गया।
शून्य ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाना
[सहकारिता]
109. ( क्र. 1142 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कृषकों को खाद बीज और अन्य जरूरी कार्यों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज की दर से सहकारी ऋण उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार वर्ष 2014-15, 2015-16 में सागर जिले में किस-किस प्राथमिक साख सहकारी समिति के सदस्यों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है? लाभान्वित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी सहकारी समितिवार उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2016-17 में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र देवरी अंतर्गत किस-किस सहकारी समिति के कितने सदस्यों को ऋण दिया जाना प्रस्तावित है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की लाभान्वित कृषकों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
कम दरों पर निविदाओं की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 1144 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक सड़क व भवन निर्माण कार्यों की किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि की निविदा जारी की गई? कार्यवार, स्थानवार बतायें। (ख) जारी निविदाओं में कितनी निविदाएं निर्धारित दर से अधिक राशि की स्वीकृति की गई है? नाम, स्थान, कार्य का नाम, निविदा मूल्य एवं स्वीकृत दर सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में कितनी निविदाएं निविदा मूल्य/दर से, कम दर/मूल्य की स्वीकृत की गई? कार्यों के नाम, स्थान, निविदा दर/मूल्य, स्वीकृत दर/मूल्य का विवरण दें। किन-किन प्रकरणों में कम दर पर स्वीकृत कार्यों में अधिक कार्य कराया जाकर राशि भुगतान की गई है? ऐसे कार्य, स्थान, स्वीकृत राशि एवं अधिक कार्य दिखाकर भुगतान राशि सहित बतायें। (घ) क्या कम दर पर स्वीकृत कार्य प्राक्कलन अनुसार गुणवत्तापूर्ण पाये गये हैं? यदि नहीं, तो कौन से कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं पाये गये हैं? इसका प्रमाणीकरण किस कार्य कराने वाले एवं उच्च स्तर के सक्षम अधिकारी द्वारा किया है? नाम, पद, कार्य सहित बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, अ-1 एवं अ-2 अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-2’ अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘अ-1’ एवं ‘अ-2’ अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘अ-1’ अनुसार है।
ऋतुओं अनुसार सब्जियों के उत्पादन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
111. ( क्र. 1152 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऋतुओं के अनुसार कौन-कौन सी सब्जियों का उत्पादन कितने-कितने हेक्टेयर में किया जाता है? (ख) क्या उपरोक्त सब्जियों के उत्पादित क्षेत्रफल के आधार पर परासिया विधान सभा क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग की कोई यूनिट स्थापित की जावेगी? (ग) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सब्जियों के उत्पादन को देखते हुये हार्टिकल्चर हब बनाने का प्रावधान है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना राज्य शासन द्वारा नहीं की जाती है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान किया गया है, जिसका लाभ निजी निवेशक ले सकते हैं। (ग) जी नहीं।
बैतूल जिले में निर्माणाधीन मुलताई-भैंसदेही मार्ग की जानकारी
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 1155 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के निर्माणाधीन मुलताई-भैंसदेही मार्ग को किस दिनांक में स्टेट हाईवे घोषित किया गया? स्टेट हाईवे का क्रमांक दें। स्टेट हाईवे निर्माण के मापदंडों एवं नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) उक्त कार्य के D.P.R. को वर्क आर्डर के दिनांक से आज दिनांक तक कितनी बार रिवाईज्ड किया गया? प्रत्येक रिवाईज्ड D.P.R. की जानकारी दें। इसमें परिवर्तित या उन्नत किये गये कार्यों को स्पष्ट रेखांकित करके, प्रत्येक में अंतर की सूची पृथक से दें। इसमें लागत वृद्धि के समस्त बिन्दु दर्शायें। (ग) स्टेट हाइवे घोषित होने के पश्चात क्या उपरोक्त निर्माणाधीन मार्ग की लागत में वृद्धि की गई? यदि हाँ, तो कितनी तथा किस नियम/आदेश के तहत, स्पष्ट जानकारी दें। यह भी बतायें कि लागत वृद्धि के साथ तकनीकी निर्माण मापदंडों में परिवर्तन करना अनिवार्य है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो उपरोक्त मार्ग में क्या-क्या परिवर्तन किये गये? लागत वृद्धि के साथ प्रत्येक परिवर्तन की जानकारी दें। प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। लागत वृद्धि के अनुरूप कितने प्रतिशत सड़क चौड़ीकरण में वृद्धि होती है, स्टेट हाईवे के नियमानुसार संपूर्ण जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 24.01.2017 को। नवीन घोषित राज्यमार्ग को क्रमांक जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भारतीय सड़क कांग्रेस के प्रावधान अनुसार निर्माण किये जाते है। इस हेतु पृथक से कोई निर्धारित नियम नहीं है। (ख) कोई नहीं। शासन के द्वारा नितिगत निर्णय अनुसार पुनरीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार। शासन के आदेश दिनांक 20.01.2017 के अनुसार। आवश्यक नहीं। (घ) पुनरीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष का उत्तर वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं।
किसानों को कृषि बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
113. ( क्र. 1156 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्रश्न संख्या 171 (क्र.5518) दिनांक 10.03.2016 के उत्तर के अनुसार जिन किसानों को प्रीमियम भुगतान के बाद प्रश्न दिनांक पश्चात भी फसल बीमा नहीं मिला? उन्हें कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (ख) इस संबंध में शासन द्वारा किये गये समस्त पत्राचार की छायाप्रति दें। (ग) इसके दोषियों पर शासन कब तक F.I.R. दर्ज करायेगा? (घ) इस प्रकरण की अनदेखी कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही न करने वाले उच्चाधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2014 मौसम हेतु पंजाब नेशनल बैंक शाखा दुनावा, बैतूल एवं भारतीय स्टेट बैंक प्रभात पट्टन द्वारा घोषणा पत्र एवं प्रीमियम राशि योजनानुसार निर्धारित समयावधि में नहीं भेजी थी। इसके उपरांत दोनों बैंकों द्वारा अतिरिक्त दावों के लिये प्रकरण बना कर बीमा कंपनी को भेजा गया था। उक्त दोनों प्रकरणों को राज्य स्तरीय फसल बीमा तकनीकी समिति द्वारा अतिरिक्त दावों के भुगतान हेतु अनुशंसा की गई जिसे केन्द्र शासन से अनुमोदन हेतु अग्रेषित किया गया है। केन्द्र शासन के अनुमोदन अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार कार्यवाही। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार कार्यवाही।
स्वीकृत विभागीय कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 1160 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार, बड़वानी, जिलों में दिनांक 01.01.2014 से 30.12.2016 तक कितने कार्य, कितनी लागत के स्वीकृत हुए, स्वीकृत फर्म/एजेंसी के नाम, कार्य नाम, स्थान सहित जिलावार बतावें? (ख) उपरोक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं? इनकी भुगतान राशि, दिनांकवार, फर्मवार, जिलावार वर्षवार देवें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) धार जिले में 29 एवं बड़वानी जिले में 66 कार्य स्वीकृत हुए। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बैतूल जिले में विभागीय योजना की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
115. ( क्र. 1162 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर की स्थापना हेतु किसानों को अनुदान हेतु बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) उपरोक्त योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किस-किस विकासखण्ड के किस-किस श्रेणी के कितने किसानों को कितना-कितना अनुदान स्वीकृत किया गया? कितना-कितना भुगतान हुआ? विकासखण्डवार/ग्रामवार एवं किसानों की श्रेणीवार जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2016-17 में उपरोक्त योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कितना भुगतान हो चुका है? कितना शेष है तथा कितने वर्क आर्डर ऐसे हैं जिनके कार्य नहीं हुए है? किसानों की संख्या एवं ग्रामवार जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 263.59 लाख एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 188.45 लाख का बजट आवंटन प्राप्त हुआ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन वर्ष में प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 173.79 लाख का भुगतान हो चुका है। कोई भुगतान शेष नहीं है। जिन वर्क आर्डर पर अभी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
बैतूल-सारणी मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 1163 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में M.P.R.D.C. द्वारा बैतूल से सारणी होते हुए सड़क का निर्माण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कब तथा कहाँ से कहाँ तक कितने किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है तथा क्या समस्त सड़क का निर्माण पूर्ण हो चुका है? (ग) सड़क निर्माण के लिए कितनी राशि स्वीकृत हुई थी? प्रति किलोमीटर कितनी राशि व्यय की गई? (घ) क्या समस्त भुगतान हो चुका है? यदि हाँ, तो कब-कब एवं कितना-कितना एवं किस-किस कार्य का किस-किस एजेंसी को?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
फसल बीमा राशि का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
117. ( क्र. 1170 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कौन-कौन फसलें कृषि उपज बीमा हेतु चिन्हित हैं? जनवरी 2013 से विधान सभा क्षेत्रवार बताएं? यह भी बताएं कि इन फसलों की कितने क्षेत्र में खेती की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शायी फसलों में विधान सभा क्षेत्रवार कौन-कौन सी फसलें कितने क्षेत्र के कितने किसानों की सूखा, अतिवृष्टि, पाला एवं अन्य प्राकृतिक प्रकोपों द्वारा प्रभावित हुई? फसलवार, मौसमवार, विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रभावित दर्शायी गई कौन-कौन फसलों के लिये किसानों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस मापदंड के आधार पर किया गया? कौन-कौन प्रभावित फसलों में कितने किसानों को बीमा राहत राशि प्रदाय नहीं की गई और क्यों? विधान सभा क्षेत्रवार बताएं। (घ) क्या किसानों की फसल प्रभावित होते हुये भी उन्हें बीमा अनुदान की राशि प्रदाय नहीं की गई है? हाँ तो क्यों और कितने किसानों को कितनी राशि? राशि प्राप्त न होने की शिकायत कृषि, सहकारिता विभागों के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुई? उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कटनी जिले में रबी 2012-13 से खरीफ 2016 मौसम तक निम्नानुसार फसलें अधिसूचित हैं :- खरीफ मौसम हेतु-पटवारी हल्का स्तर पर - सोयाबीन, धान सिंचित, धान असिंचित, बाजरा, मक्का, तुअर। तहसील स्तर पर - ज्वार, कोदो कुटकी, तिल, मूंगफली, कपास। जिला स्तर पर - मूंग, उड़द। रबी मौसम हेतु-पटवारी हल्का स्तर पर - गेहूँ सिंचित, गेहूँ असिंचित, चना, राई सरसों। तहसील स्तर पर - अलसी। जिला स्तर पर - मसूर इन फसलों का रकबा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) फसल बीमा योजनान्तर्गत क्षतिपूर्ति राशि का आंकलन फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर किया जाता है। फसलवार बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) कटनी जिले के लिये उपरोक्त मौसम अवधि में क्षतिपूर्त राशि का भगतान फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर प्राप्त उपज के आंकडों के आधार पर किया जा चुका है। क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान उन पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से किया गया जिन्होंने किसी अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल हेतु बीमा करवाया था और उपज आंकड़ों के आधार पर अधिसूचित फसल हेतु थ्रेशहोल्ड उपज से वास्तविक उपज कम पाई गई थी। क्षतिपूर्ति राशि और लाभान्वित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है तथा रबी 2015-16 और खरीफ 2016 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति की गणना प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 1171 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी सड़कों का निर्माण, कितनी सड़कों के मरम्मत हेतु स्वीकृति प्राप्त है एवं कितनी सड़के आगामी वर्ष हेतु प्रस्तावित है? प्रश्नांकित अवधि में कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी कितनी सड़के अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन सड़क कितनी-कितनी राशि की कितनी दूरी की स्वीकृत है? स्वीकृत सड़कों का निर्माण किस एजेंसी या विभाग द्वारा कराया जा रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 1370 दिनांक 06.10.16 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, किसने की, कब जांच की गई और उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘अ-1’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘अ-1’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब-1’ अनुसार है। (घ) शिकायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘ब’ एवं ‘स-1’ अनुसार है।
मंडी निधि से विकास कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
119. ( क्र. 1174 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्र.सं. 127 (क्रं. 1171) दि. 05.12.16 के (क) उत्तर अनुसार वर्ष 2014-15 में स्वीकृत 78.61 करोड़ रू. एवं वर्ष 2015-16 में स्वीकृत 120.48 करोड़ रू. में से महिदपुर वि.स. में कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) वर्ष 2016-17 प्रश्न दिनांक मंडी शुल्क कितना संग्रहण हुआ एवं कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये? (ग) वर्ष 2016-17 में स्वीकृत राशि से महिदपुर में कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि नहीं, तो कब कार्य स्वीकृत किए जाएंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी महिदपुर के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में 04 निमार्ण कार्य राशि रू. 85.44 लाख एवं वर्ष 2015-16 में 08 कार्य रू. 117.00 लाख के स्वीकृत किये गये हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति महिदपुर जिला उज्जैन में 01 अप्रैल 2016 से 31 जनवरी 2017 तक की अवधि में राशि रू. 4,06,50,516.00 (चार करोड़ छ: लाख पचास हजार पाँच सौ सोलह रूपये मात्र) मंडी शुल्क प्राप्त हुआ है। कृषि उपज मंडी महिदपुर के अंतर्गत राशि रू. 199.37 लाख के स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2016-17 में कृषि उपज मंडी समिति महिदपुर के अंतर्गत कुल 05 कार्य राशि रूपये 199.37 लाख के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषकों को उपकरणों का प्रदाय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
120. ( क्र. 1175 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में दि. 01.01.14 से 20.01.17 तक कितने किसानों को ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई हेतु उपकरण दिए गए। ग्रामवार, कृषक की संख्यावार, सिंचाई रकबा, सिंचाई उपकरण ड्रिप/स्प्रिंकलर की जानकारी वर्षवार देवें। (ख) इन सप्लायकर्ता फर्मों के नाम, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन दिनांक, उनकी लाइसेंस वैधता अवधि सहित जानकारी देवें? (ग) क्या कारण है कि एक ही पंजीयन क्रमांक पर कई फर्मों ने सप्लाई दिया? इसके लिए उन कंपनियों एवं इसकी अनुमति देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन ने अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) उपकरण कृषकों द्वारा स्वयं क्रय किये गये, जिस पर विभाग द्वारा अनुदान दिया गया है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एक ही पत्र से जितनी कंपनियों का पंजीयन किया गया उनका पंजीयन क्रमांक एवं दिनांक एक ही होना कारण रहा है, जो एक नियमित प्रक्रिया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल, कटनी, खरगोन जिलों में जमा राशि
[सहकारिता]
121. ( क्र. 1183 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भोपाल, कटनी, खरगोन जिलों में स्थित जिला सहकारी बैंको एवं उनके अंतर्गत आने वाली समस्त संस्थाओं समस्त नागरिक सहकारी बैंको एवं को-आपरेटिव संस्थाओं की सूची देवें। इनमें 8.11.2016 तक कितने आकउंट थे कि जानकारी संस्थावार, खाता संख्यावार, जिलावार बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1,2 एवं 3 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4,5,6 एवं 7 अनुसार है।
जिला एवं राज्य स्तरीय अधिमान्यता
[जनसंपर्क]
122. ( क्र. 1184 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने पत्रकार जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय एवं अन्य प्रकार की अधिमान्यता प्राप्त है? इनकी सूची अधिमान्यता दिनांक सहित देवें। (ख) यह किस संस्थान से अधिमान्यता प्राप्त करते समय संबद्ध थे? (ग) वर्तमान में अधिमान्यता के कितने प्रकरण शासन के समक्ष लंबित है? (घ) सबसे पुराने प्रकरण से वर्तमान तक लंबित प्रकरणों की संख्या वर्षवार बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में दिसम्बर 2016 की स्थिति में राज्य 1157, जिला 1679 एवं तहसील स्तरीय 662 अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं, सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 801 (घ) पुराने प्रकरण लंबित नहीं है। 15 दिसंबर 2016 से आवेदनों की ऑन-लाईन प्रक्रिया शुरू की गई है। ऑन-लाईन प्रक्रिया के पश्चात जो आवेदन-पत्र प्राप्त हुए हैं, उन पर परीक्षण उपरान्त अधिमान्यता समिति विचार करेगी।
जनसंपर्क कार्यालयों में स्टॉफ की स्थिति
[जनसंपर्क]
123. ( क्र. 1189 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कितने जिलों में जनसंपर्क विभाग द्वारा अपने कार्यालय संचालित किए जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभागीय जिला कार्यालयों में स्टॉफ की नियुक्ति की क्या प्रक्रिया है? भोपाल संभाग एवं संचालनालय में 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों का ब्यौरा दें। (ग) क्या जिला कार्यालयों में 3 वर्ष से अधिक समय से कोई कर्मचारी अधिकारी पदस्थ है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग का ब्यौरा दें। नियुक्ति/पदस्थी अवधि का नियम का ब्यौरा दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 51 जिलों में संचालित है। (ख) राजपत्रित वर्ग की लोक सेवा आयोग और अराजपत्रित वर्ग की नियुक्तियां पी.ई.बी. के माध्यम से की जाती है। भोपाल संभाग (भोपाल, सीहोर, राजगढ., विदिशा, रायसेन) में 23 तथा संचालनालय में 192 अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं। (ग) जी हाँ। भोपाल संभाग (भोपाल, सीहोर, राजगढ़, विदिशा, रायसेन) में 23 अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर प्रसारित नियमों/निर्देशों तथा विभागीय भर्ती नियमों के तहत की जाती है।
भवनों के अनुरक्षण पर व्यय
[लोक निर्माण]
124. ( क्र. 1190 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले में लोक निर्माण विभाग के आधिपत्य में शासकीय भवन है? यदि हाँ, तो तहसीलवार भवनों की संख्या व किस विभाग को आवंटित किए गए है ब्यौरा दें। (ख) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा समय-समय पर उक्त भवनों का संधारण व अनुरक्षण कार्य किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक से दो वर्ष पूर्व के दौरान कितने भवनों का अनुरक्षण/रिपेयरिंग का कार्य किया गया है। (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा सीहोर जिलान्तर्गत प्रश्न दिनांक से 02 वर्ष के पूर्व दिनांक तक कितने नवीन भवनों का निर्माण किया गया ब्लॉकवार, भवनवार लागत एवं निर्माण एजेंसी सहित ब्यौरा दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। कुल 461 भवनों का अनुरक्षण/रिपेयरिंग का कार्य किया गया है। (ग) 16 नवीन भवनों का निर्माण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’ एवं ‘ब’ अनुसार है।
सिल्टीया, बलखड़ नहर की स्वीकृति
[जल संसाधन]
125. ( क्र. 1195 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंधाना विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सिल्टीया से बलखड़ की नहर को आगे बढ़ा कर किसानों की 350 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई हेतु पानी देने के लिये सर्वे कर विभाग द्वारा प्रस्ताव बनाया गया है, जिसकी डी.पी.आर. शासन स्तर पर प्रस्तुत है? (ख) इस नहर के लिये कब तक स्वीकृति प्रदान कर नहर का कार्य प्रारंभ किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। डी.पी.आर. मुख्य अभियंता, बोधी के अंतर्गत परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
नोटरी/शपथ आयुक्त की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
126. ( क्र. 1200 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालयों में नोटरी एवं शपथ पत्र के कार्य किये जाने हेतु अधिवक्ताओं को नोटरी/शपथ आयुक्त नियुक्त किया जाता है? यदि हाँ, नोटरी/शपथ आयुक्त नियुक्त किये जाने के शासन के क्या निर्देश है? निर्देश की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) राजगढ़ जिले में आज दिनांक की स्थिति में नोटरी/शपथ आयुक्त के कितने पद रिक्त है? न्यायालयवार बतावें। (ग) उक्त रिक्त नोटरी एवं शपथ आयुक्त के पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजगढ़ से बगा फत्तूखेड़ी मार्ग की स्थिति
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 1201 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में राजगढ़ से बगा फत्तूखेड़ी सड़क निर्माण मार्ग स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो कब तथा कितनी लंबाई का स्वीकृत किया गया है। (ख) उक्त मार्ग लागत, निर्माण एजेंसी का नाम एवं कार्यपूर्ण करने की समयावधि बतावें? (ग) क्या उक्त मार्ग पूर्ण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो बतावें? (घ) यदि नहीं, तो कार्य पूर्ण नहीं करने का क्या कारण है? कार्य नहीं पूर्ण होने के लिये कौन दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.09.2015 को। कुल लंबाई 20.50 कि.मी.। (ख) मार्ग की कुल लागत राशि रूपये 1071.56 लाख है। मार्ग निर्माण हेतु एजेन्सी मेसर्स जगदीश वर्मा ए क्लास ठेकेदार तहसील जीरापुर। समयावधि अनुबंधानुसार 18 माह। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्य प्रगतिरत है एवं अनुबंधानुसार दिनांक 03.05.2017 तक कार्य पूर्ण किया जाना है शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
तालाब निर्माण
[जल संसाधन]
128. ( क्र. 1206 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम चंदवासला, तहसील खाचरौद, जिला उज्जैन के अंतर्गत सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा चंदवासला तालाब निर्माण हेतु सर्वे कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या सर्वे कार्य किया गया? (ख) क्या प्राथमिक सर्वे के आधार पर ग्राम निमाड़ी नंदियासी ब्राहनखेड़ी, खाताखेड़ी, चंदवासला तालाब व बड़नगर तहसील के खाजाखेड़ी भुवासा वनवनी रतलाम तहसील के धानासुता के लगभग साढ़े नौ हजार बीघा जमीन डूब में जा रही है? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण दें? (ग) क्या सर्वे में चंदवासला तालाब निर्माण के अंतर्गत कई गांव डूब में आयेंगे? यदि हाँ, तो विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, किंतु ग्रामीणों के द्वारा तालाब निर्माण का विरोध किए जाने के कारण सर्वेक्षण कार्य स्थगित है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राज्य मार्ग पर टोल टैक्स वसूली
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 1694 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य मार्ग-41 के आष्टा से पचोर के बीच में टोल लगाया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से किन-किन स्थानों पर? (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित राज्य मार्ग पर कंपनी को टोल वसूली सड़क मरम्मत के बाद प्रारंभ करना थी या पहले? क्या कंपनी के साथ विभाग का अनुबंध हुआ है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावे। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित राज्य मार्गों पर टोल टैक्स लगाने पर कंपनी द्वारा मार्ग पर अनुबंध अनुसार क्या-क्या मरम्मत कार्य कराये गए? क्या इन कार्यों का निरीक्षण सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो टूर डायरी का विवरण उपलब्ध करायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। सी.ओ.डी. दिनांक 07/11/2016 से पचोर से शुजालपुर के बीच कि.मी. 14 + 855 एवं शुजालपुर से आष्टा के बीच में कि.मी. 80 + 375 पर लगाया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राज्य मार्ग पर कंपनी को सी.ओ.डी. दिनांक से मरम्मत के साथ टोल वसूली का प्रावधान है। जी हाँ। अनुबंध की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पचोर-आष्टा मार्ग लंबाई 80.00 कि.मी. में से 64.00 कि.मी. मार्ग में पेंच रिपेयर कार्य कर दिया गया है, शेष 16.00 कि.मी. में कार्य प्रगतिरत् है। जी हाँ। सहायक महाप्रबंधक, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम, शुजालपुर द्वारा मार्ग पर निरंतर निरीक्षण किया गया, जिसकी टूर डायरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार।
टोल टैक्स वसूली
[लोक निर्माण]
130. ( क्र. 2397 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में कितने टोल टैक्स वसूली केंद्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? क्या टोल टैक्स वसूली के सम्बन्ध में स्थानीय 10 कि.मी. की दूरी वाले किन किन वाहनों को टोल मुक्त रखने के प्रावधान है यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सैलाना नगर के वाहनों को धामनोद स्थित टोल पर टोल टैक्स वसूली से मुक्त रखा जा रहा है, यदि नहीं, तो क्यों? इस सम्बन्ध में विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या टोल टैक्स संचालक द्वारा प्रतिदिन आने जाने वाले वाहनों के मासिक पास जारी किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार के वाहन का कितनी राशि का मासिक पास बनाने का प्रावधान हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा निर्मित बी.ओ.टी. मार्ग रतलाम सैलाना-बांसवाड़ा मार्ग कि.मी. 36.50 पर चेक पोस्ट संचालित है। अनुबंध में टोल टैक्स से 20.00 कि.मी. तक की दूरी पर रहने वाले स्थानीय रहवासियों के नॉन कमर्शियल वाहनों के मासिक पास बनाये जाकर टोल से मुक्त रखा गया है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में स्थानीय रहवासियों के नॉन कमर्शियल वाहनों के मासिक पास दिखाये जाने पर टोल नहीं लिया जा रहा है। टोल प्लाजा पर मासिक पास बनाये जाने की सुविधा उपलब्ध है। (ग) जी हाँ। अनुबंध के आर्टिकल-27 एवं आर्टिकल-48 अनुसार टोल प्लाजा से 20 कि.मी. तक के रजिस्टर्ड गैर व्यवसायिक उपयोग किये जाने वाले वाहनों के मासिक पास रूपये 50 प्रतिमाह की दर से बनाया जाकर प्रत्येक वर्ष डब्ल्यू.पी.आई. के अनुसार राशि में बदलाव किये जाने का प्रावधान है।