मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर, 2022 सत्र


बुधवार, दिनांक 21 दिसम्बर, 2022


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



वन विभाग के कार्यों की जानकारी

[वन]

1. ( *क्र. 938 ) श्री अनिल जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                 (क) क्या निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में विकास हेतु एवं आदिवासियों की मूलभूत सुविधाओं हेतु सरकार के द्वारा वन विभाग के विभिन्न कार्य स्वीकृत किये गए हैं? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से मद से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये थे? कार्यवार, राशिवार एवं किन-किन स्थानों पर उक्त कार्य किये गये? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? उक्त कार्यों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है, कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है तथा सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम एवं निर्माण कार्य एजेंसी का नाम बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

जलाशयों का निर्माण

[जल संसाधन]

2. ( *क्र. 951 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पारना जलाशय के निर्माण हेतु तीन बार निविदाओं का आमंत्रण किया गया है? निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात निर्माण एजेंसी निर्धारित की गई, किंतु एजेंसी द्वारा कार्य न किए जाने के कारण तीन बार निविदा प्रक्रिया निरस्त हुई है, इसका क्या कारण है? क्या निविदा प्रक्रिया के नियमों में शिथिलता व सरलीकरण की आवश्यकता है? चौथी बार निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर कब तक निर्माण कार्य पूर्ण किया जायेगा?                      (ख) जल संसाधन विभाग, उप संभाग तेंदूखेड़ा के अंतर्गत झापन नाला जलाशय, देवरी जलाशय आदि योजनाएं मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल में लंबित हैं? यदि हाँ, तो उक्त योजनाओं पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त योजनाओं की विभागीय स्वीकृतियां कब तक पूर्ण की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वस्‍तुस्थिति यह है कि दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पारना जलाशय के निर्माण हेतु तीन बार निविदाओं का आमंत्रण किया गया। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात प्रथम बार वन भूमि प्रभावित होने, द्वितीय बार एकल निविदा प्राप्त होने के कारण एवं तृतीय बार एजेंसी द्वारा समय पर अनुबंध न करने के कारण निविदा निरस्त की गई। जी नहीं, निविदा प्रक्रिया के नियमों में शिथिलता व सरलीकरण की आवश्यकता नहीं है। चौथी बार निविदा आमंत्रण करने की प्रक्रिया प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग भोपाल कार्यालय में प्रचलन में है। निविदा की समस्‍त प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्‍चात कार्य प्रारंभ कराना संभव होगा। निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि झापन नाला जलाशय योजना की हाइड्रोलॉजी की स्वीकृति एवं देवरी जलाशय योजना की डी.पी.आर. अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्डल सागर कार्यालय में परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। (ग) शासन स्‍तर पर डी.पी.आर. प्राप्‍त होने पर गुण-दोष के आधार पर स्‍वीकृति हेतु निर्णय लिया जाना संभव होगा। स्वीकृति हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

नहरों की लाईनिंग का गुणवत्‍ताहीन कार्य

[जल संसाधन]

3. ( *क्र. 919 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2022 तक कितनी वृहद/मध्‍यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित हैं? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) इन परियोजनाओं में जो लाईनिंग एवं पक्‍कीकरण का कार्य हुआ है, वह अत्‍यन्‍त ही गुणवत्‍ताहीन है, इस पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने एवं गुणवत्‍ताहीन कार्य होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कब-कब और क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? सम्‍पूर्ण विवरण सहित बतावें। (घ) बाईं तट नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने तथा गुणवत्‍ताहीन कार्य होने से कौन-कौन अधिकारी एवं एजेन्‍सी जिम्‍मेदार हैं? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुये क्‍या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2022 तक तवा वृहद परियोजना की दायीं तट नहर 0 से 07.10 कि.मी. तक दायीं तट नहर की पिपरिया शाखा नहर के 0 से 28.29 कि.मी. तक, बागरा शाखा नहर के कि.मी. 0 से कि.मी. 23.59 तक बायीं तट नहर प्रणाली के 0 से 23.47 कि.मी. तक तथा एक गुड्डीखेड़ा लघु जलाशय संचालित होना प्रतिवेदित है। (ख) नहर लाईनिंग एवं पक्कीकरण का कार्य मापदण्डों के अनुरूप कराया गया है, जिस स्थान पर गुणवत्ताहीन कार्य हुआ था, वहाँ लाईनिंग के कार्य को तोड़कर ठेकेदार से स्वयं के व्यय पर पुनः लाईनिंग का कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) अभिलेख अनुसार कार्य पूर्ण नहीं होने तथा गुणवत्ताहीन कार्य से संबंधित माननीय सदस्य का कोई पत्र शासन स्तर पर विभाग में प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बायीं तट नहर का कार्य पूर्ण हो चुका है। बायीं तट नहर की आर.डी. 6523 से 23470 मीटर के मध्य लाईनिंग कार्य में कुछ स्थान पर गुणवत्ता अनुसार कार्य नहीं पाये जाने पर तत्काल कार्यवाही करते हुये उक्त स्थानों की लाईनिंग को तोड़कर संबंधित ठेकेदार मेसर्स सोरठिया वेलजी रतनम एण्ड कम्पनी से स्वयं के व्यय पर पुनः विभागीय मापदण्ड एवं गुणवत्तानुसार कार्य संपादित कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य से संबंधित अधिकारियों को जाँच उपरांत दोषी पाये जाने पर प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग के आदेश दिनांक 08.02.2018 द्वारा दण्डित कर एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाना प्रतिवेदित है। दोषी अधिकारी के नाम निम्नानुसार है :- (1.) श्री अरविंद कुमार यादव, सहायक यंत्री। (2.) श्री एम. एल. चन्द्रोल, उपयंत्री। (3.) श्री बी. के. उपाध्याय, उपयंत्री। (4) श्री एन.के. सूर्यवंशी, उपयंत्री।

अनुग्रह सहायता के लंबित प्रकरण

[श्रम]

4. ( *क्र. 814 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्बल योजनान्तर्गत जनपद पंचायत श्योपुर में सामान्य मृत्यु के सामान्य अनुग्रह सहायता के पात्र हितग्राही 202 तथा दुर्घटना मृत्यु के 15 प्रकरण स्वीकृत होकर भुगतान हेतु लंबित हैं? यदि हाँ, तो प्रकरणवार (हितग्राहियों का), दिनांकवार कब से लंबित हैं? अवगत करायें।                                  (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्वीकृत एवं पात्र प्रकरणों का भुगतान लंबित रहने का क्या कारण है? (ग) क्या ज.पं. श्योपुर में लम्बे समय से लंबित पात्र प्रकरणों की भांति ही श्योपुर जिले के समीपस्थ जिले शिवपुरी की ज.पं. करैरा, पोहरी या अन्य जनपदों में भी उक्त अवधि का भुगतान लंबित है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त जनपदों में भुगतान किये जाने के नियम मापदण्ड पृथक से बने हैं? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ज.पं. श्योपुर में अनुग्रह सहायता के लंबित प्रकरणों का भुगतान कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। वस्तुतः जनपद पंचायत, श्योपुर में सामान्य मृत्यु के 190 प्रकरण भुगतान हेतु, 13 प्रकरण पात्रता सत्यापन हेतु लंबित है एवं दुर्घटना मृत्यु के 13 प्रकरण भुगतान हेतु एवं पात्रता सत्यापन हेतु 02 प्रकरण लंबित हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत एवं पात्र प्रकरणों में बजट उपलब्धता अनुसार भुगतान किया जाता है। (ग) जी नहीं। पूरे प्रदेश में समान नियम से भुगतान किया जाता है। (घ) स्वीकृत एवं पात्र प्रकरणों में बजट उपलब्धता अनुसार भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खनिज प्रतिष्‍ठान निधि

[खनिज साधन]

5. ( *क्र. 911 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में जिला खनिज निधि की कुल कितनी राशि संग्रहित है? जिलेवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) जिला अनूपपुर में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्‍ठान मद से कुल कितनी राशि जिले की रॉयल्‍टी के नाम पर प्राप्‍त हुई? वर्षवार प्राप्‍त राशि की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार अनूपपुर जिले की पुष्‍पराजगढ़, कोतमा एवं अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसंख्‍या और स्‍थानीय आवश्‍यकतानुसार कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण उक्‍त निधि से स्‍वीकृत किये गये? कार्य का स्‍वरूप सहित वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार कार्य की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) उक्‍त अवधि एवं जिले में खनिज प्रतिष्‍ठान मद से कितने प्राथमिक, माध्‍यमिक, हायर सेकेन्‍डरी भवनों का निर्माण, मरम्‍मत, साज सज्‍जा, रख-रखाव पर कितनी राशि व्‍यय की गई? वर्षवार विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ड.) विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ में स्‍थानीय विधायक की सिफारिश पर कौन-कौन से कार्य उक्‍त अवधि में स्‍वीकृत किये गये? स्‍वीकृत न होने के क्‍या कारण रहे? उक्‍त जिले में उक्‍त अवधि में खनिज प्रतिष्‍ठान निधि का कहां-कहां उपयोग किया गया तथा कौन-कौन से कार्यों को किया गया? कौन से कार्य पूर्ण हो गये तथा कौन से कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के कारण सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में जिला खनिज निधि की कुल राशि रूपये 5461.615 करोड़ संग्रहित है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) अनूपपुर जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक रॉयल्टी जमा करने का प्रावधान न होने से रॉयल्टी के नाम पर कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त अवधि में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ड.) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में स्थानीय विधायक की सिफारिश पर स्वीकृत किये गये कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                   प्रपत्र-स पर दर्शित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍नांश अनुसार अनूपपुर जिले में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि के उपयोग के संबंध में वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है।

वनग्रामों की भूमि का अन्‍तरण

[वन]

6. ( *क्र. 903 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्‍या भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले के वनग्रामों के अन्‍तरण हेतु मंत्रालय से जारी आदेश क्रमांक 12427/1/64, दिनांक 07.10.1964 एवं आदेश क्रमांक 3263/10/62, दिनांक 26.4.1962 से अन्‍तरित ग्रामों की भूमि भा.व.अ. 1927 संशोधन 1965 धारा 20 '' के अनुसार आरक्षित वन प्रतिवेदित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो वनग्राम की कितनी आबादी भूमि, कृषि भूमि, निस्‍तार मद की भूमि शासन के किस आदेश दिनांक के अनुसार राजस्‍व विभाग को किस दिनांक को हस्‍तांतरित की गई? इनमें से किस ग्राम की भूमि को धारा 20 '' के अनुसार आरक्षित वन भूमि प्रतिवेदित कर रहा है? (ग) 1962 एवं 1964 में अन्‍तरण के लिए आदेशित वनग्रामों की भूमि को 1965 में स्‍थापित धारा 20 अ के तहत आरक्षित वन प्रतिवेदित करने का आदेश या निर्देश वनमंडल को किस दिनांक को किसने दिया? यदि कोई आदेश नहीं है, तो आरक्षित वन प्रतिवेदित करने का कारण क्‍या है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 3263-10-62, दिनांक 26.04.1962 एवं आदेश क्रमांक/5730/4640/10/2/75, दिनांक 4/12/1975 तथा 4670/3238/10/2/75, दिनांक 06.10.1975 से प्राप्त निर्देशानुसार भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाले वन मण्डल भोपाल, सीहोर, रायसेन एवं औबेदुल्लागंज के अंतर्गत वनग्रामों को राजस्व विभाग को हस्तांतरित किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 1962 एवं 1964 में अन्तरण के लिए आदेशित वनग्रामों की भूमि को 1965 में स्थापित धारा-20 '''' के तहत आरक्षित वन प्रतिवेदित करने संबंधी कोई आदेश, प्रश्‍नाधीन जिलों के अंतर्गत आने वाले वनमंडलों के अभिलेख में उपलब्ध नहीं हैं। राजस्व विभाग को हस्तांतरित आरक्षित वनक्षेत्रों में स्थित वनग्रामों की उक्त भूमियां डिनोटिफाइड नहीं होने से भा.व.अ. 1927 की धारा-20 '''' के तहत आरक्षित वन प्रतिवेदित की जा रही है।

अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों में वसूली

[खनिज साधन]

7. ( *क्र. 890 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न क्रमांक 3346, दिनांक 17.03.2022 के माध्‍यम से अवैध उत्‍खनन की जानकारी मांगी गई थी, जिसके उत्‍तर में माननीय मंत्री महोदय द्वारा बताया गया था कि 15 अवैध उत्‍खनन के प्रकरण दर्ज हुए थे, जिनमें से 13 प्रकरणों में कलेक्‍टर न्‍यायालय राजगढ़ द्वारा जुर्माना राशि जमा कराई जा चुकी है? शेष दो प्रकरण कलेक्‍टर न्‍यायालय राजगढ़ के समक्ष विचाराधीन बताये गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कलेक्‍टर न्‍यायालय राजगढ़ में शेष दो प्रकरण किस कारण से विचाराधीन हैं? क्‍या उपरोक्‍त दोनों प्रकरणों में करोड़ों रूपयों का जुर्माना लगाया गया है? यदि हाँ, तो कब तक वसूली हो जायेगी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित जुर्माना नहीं वसूले जाने से शासन को जो वित्‍तीय हानि हो रही है, इसके लिये जिम्‍मेदार अधिकारी/कर्मचारियों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित जुर्माना को शीघ्र वसूलने हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है? कब तक वसूली हो जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से 02 प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत् विचाराधीन हैं। एक प्रकरण में अर्थदण्ड राशि रुपये 11,51,05,500/- अधिरोपित की गई थी। इस आदेश के विरूद्ध अपील प्रकरण में संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा अर्थदण्ड संबंधी आदेश को अपास्त किया जाकर शिकायत की जाँच तथा प्रकरण में पुनः विधि संगत कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे। शेष 01 प्रकरण न्यायालय में आदेश हेतु नियत है। न्‍यायालयीन प्रक्रिया होने से जुर्माने की राशि वसूली की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित जुर्माने की राशि की वसूली के संबंध में पारित आदेश के विरुद्ध प्रस्तुत अपील प्रकरण में आदेश अपास्‍त किया गया है एवं निर्देशानुसार कार्यवाही प्रचलित है। अत: जुर्मान की राशि वसूली का प्रश्‍न नहीं है व शासन को वित्‍तीय हानि जैसी स्थिति नहीं है। शेष 01 प्रकरण में न्‍यायालयीन आदेश अपेक्षित है। अत: अधिकारी/कर्मचारियों पर किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्तर अनुसार।

रेत/पत्‍थर का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

8. ( *क्र. 114 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में रेत खदान व पत्‍थर खदान हेतु कितने घाट/स्‍थल चयनित हैं व रेत/पत्‍थर हेतु किन-किन ठेकेदारों को वर्ष 2022-23 का ठेका दिया गया है? नाम, पतावार, राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या जिला दमोह में अवैध रेत/पत्‍थर उत्‍खनन का धंधा जोरों पर चल रहा है? यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा क्‍यों कार्यवाही नहीं की जा रही है? विगत वर्ष में प्रशासन द्वारा जिला दमोह में कितने केस दर्ज किये व क्‍या कार्यवाही की एवं जिला प्रशासन द्वारा अवैध उत्‍खनन रोके जाने हेतु क्‍या प्रयास किये हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। विगत तीन वर्ष में दर्ज किये गये प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 अनुसार कार्यवाही की जा रही है।

परिशिष्ट - "एक"

संबल योजना में स्‍वघोषित प्रमाणीकरण व्‍यवस्‍था

[श्रम]

9. ( *क्र. 992 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संबल योजना में शहरी क्षेत्रों में नये पंजीकरण हेतु आवश्‍यक पटवारी प्रमाणीकरण के स्‍थान पर स्‍वघोषित प्रमाणीकरण व्‍यवस्‍था लागू करेंगे? (ख) पटवारी के प्रमाणीकरण प्रारूप के कारण हितग्राहियों को हो रही परेशानियों के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा मंत्री जी को अवगत कराया था और मंत्री जी ने स्‍वघोषित प्रमाणीकरण व्‍यवस्‍था लागू करने का आश्‍वासन दिया था,  इस आश्‍वासन की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल 2.0) योजनांतर्गत पंजीयन हेतु वर्तमान में पटवारी प्रमाणीकरण आवश्‍यक नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल 2.0) योजनांतर्गत पंजीयन हेतु जारी दिशा निर्देश क्रमांक 745, दिनांक 05.05.2022 अनुसार भूमि प्रमाणीकरण हेतु पटवारी से प्रमाणीकरण आवश्‍यक था, जिसके स्‍थान पर संशोधित जारी आदेश क्रमांक 2504, दिनांक 29.08.2022 द्वारा भूमि प्रमाणीकरण हेतु भू-अभिलेख पोर्टल से बी-1 की प्रति के आधार पर भूमि प्रमाणीकरण किया जाना प्रावधानित किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बीना परियोजना के डूब क्षेत्र में प्रतिपूरक वनीकरण

[वन]

10. ( *क्र. 710 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) क्या जिले की बहुउद्देशीय बीना-परियोजना के निर्माण में डूब में आई वनभूमि के एवज में प्रतिपूरक वनीकरण कार्य कराया गया है? विभागीय जांच में गड़बड़ी पाई गई? यदि हाँ, तो उक्त वनीकरण कार्य किन स्थानों पर कराया गया है, उसका स्थल-चयन एवं निगरानी के लिए                          किन-किन अधिकारियों को नियुक्त किया गया? उसकी प्रस्तावित रिर्पोर्ट में दर्ज व्यय का अनुमान क्या था, जिसे पूर्ण करने के लिए कितनी राशि जारी की गई एवं उसमें कितनी राशि व्यय कर कितना कार्य पूर्ण कराया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वनीकरण-कार्य की विभागीय जांच में क्या गड़बड़ी पाई गई है? यदि हाँ, तो जांचकर्ता अधिकारी का नाम, जांच प्रतिवेदन एवं कृत कार्रवाई से अवगत करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या विभागीय जांच एवं कार्यवाही में जिला-स्तरीय एवं निगरानीकर्ता अधिकारियों को बचाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो कृत कार्यवाही बतावें। नियमानुसार उनकी पदस्थापना अन्‍यत्र क्यों नहीं हुई? जांच में             जिला-स्तरीय अधिकारियों की संलिप्तता एवं लापरवाही उजागर होने के बाद भी कार्यवाही लंबित है? लंबित कार्यवाही कब तक की जावेगी? जांच अनुसार दोषियों के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सागर जिला के अंतर्गत बीना बहुउद्देशीय परियोजना के डूब क्षेत्र में आई वन भूमि के बदले गैर वन भूमि एवं बिगड़े वन क्षेत्रों में वन मण्डल दक्षिण सागर में रकबा 166.61 हेक्‍टेयर एवं उत्तर सागर में रकबा 1206.02 हेक्‍टेयर में प्रतिपूरक वनीकरण कार्य कराया गया है। रोपण स्थलों पर कराये गये कार्यों की मुख्यालय स्तर से हुई जांच में कार्यों में कमी पाई गई है। वर्नीकरण कार्य की स्थलवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। वन विभाग में रोपण स्थलों के चयन का दायित्व परिक्षेत्र अधिकारी व उप वन मण्डल अधिकारी एवं निगरानी का दायित्व क्षेत्रीय वन अधिकारियों का होता है। वन मण्डल दक्षिण सागर एवं उत्तर सागर के अंतर्गत उपरोक्त योजनांतर्गत वनीकरण कार्यों को कराने हेतु तैयार की गई योजना का अनुमानित व्यय, कार्यों को कराने हेतु आवंटित राशि एवं कार्यों को कराने पर व्यय की गई राशि की स्थलवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार मुख्यालय स्तर से वन मण्डल दक्षिण सागर के अंतर्गत कराये गये कार्यों की जांच                   श्री असीम श्रीवास्तव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण) म.प्र. भोपाल एवं वन मण्डल उत्तर सागर के अंतर्गत कराये गये कार्यों की जांच श्री संजय शुक्ला, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सूचना प्रौद्योगिकी) व श्री एस. पी. शर्मा, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (उत्पादन) म.प्र. भोपाल के द्वारा की गई है। जांच प्रतिवेदनों की प्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 में है। जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रस्तावित अनुशासनात्मक कार्यवाही/विभागीय जांच की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 में है। (ग) जी नहीं, जिला स्तरीय एवं निगरानीकर्ता अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 में है। तत्समय वन मण्डल दक्षिण सागर एवं उत्तर सागर में पदस्थ रहे वन मण्डल अधिकारियों की प्रशासकीय आधार पर पदस्थापना अन्यत्र की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 में है।

 

जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

11. ( *क्र. 1053 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा में दिनांक 10.03.2022 को प्रश्‍न क्रमांक 1175 के आश्‍वासन संबंधी गठित जांच दल ने क्‍या कार्यवाही पूर्ण कर ली है? यदि हाँ, तो इस जांच रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति देवें।                         (ख) यदि जांच अभी तक पूर्ण नहीं हुई है तो कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) जांच को लंबित रखने वाले अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जाँच दल की रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

कूटरचित दस्‍तावेजों के आधार पर प्राप्‍त जाति प्रमाण पर कार्यवाही

[राजस्व]

12. ( *क्र. 749 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 973, दिनांक 27.07.2022 के उत्‍तर की कंडिका (ग) में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया है कि जांच प्रतिवेदन के निष्‍कर्ष अनुसार अनावेदक द्वारा अपना मूल हिन्‍दू धर्म बदल कर बौद्ध धर्म को अपनाना और फिर हिन्‍दू धर्म के आधार पर जाति प्रमाण पत्र हासिल कर सरपंच पद का चुनाव लड़ना इस बात का द्योतक है कि अनावेदक ने केवल सरपंच पद के निर्वाचन का लाभ उठाने के लिए गलत आधारों पर जाति प्रमाण पत्र हासिल करने का एक सुनियोजित कुचक्र किया है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक अनावेदक के विरूद्ध विभाग द्वारा कोई कानूनी कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त अनावेदक द्वारा कूटरचित दस्‍तावेजों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र हासिल करना, शासन-प्रशासन को गुमराह करना एवं आरक्षण का नियम विरूद्ध लाभ लेकर सरपंच के रूप में वित्‍तीय अनियमितता करना स्‍पष्‍ट रूप से एक गंभीर अपराध होने से क्‍या शासन तत्‍काल अनावेदक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाकर वित्‍तीय अधिकारों के दुरूपयोग के दृष्टिगत राशि वसूली की भी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ के आदेश क्रमांक 483/स्टेनो/2022 नरसिंहगढ़ दिनांक 02.03.2022 के द्वारा तहसीलदार नरसिंहगढ़ के अधीन एक जांच दल गठित किया गया। जिनके द्वारा प्रारंभिक जांच की गई। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने “Kumari Madhuri Patil vs Addl. Commissioner  on  2 September, 1994'' 1995 AIR 94, 1994  SCC  (6)  241 में निर्देश दिए हैं कि

(4) All the State Governments shall constitute a Committee of three officers, namely, (I) an Additional or Joint Secretary or any officer higher in rank of the Director of the department concerned, (II) the Director, Social Welfare/Tribal Welfare/Backward Class Welfare, as the case may be, and (III) in the case of Scheduled Castes another officer who has intimate knowledge in the verification and issuance of the social status certificates. In the case of the Scheduled Tribes, the Research Officer who has intimate knowledge in identifying the tribes,  tribal communities,  parts of  or  groups of tribes or tribal communities. मान. सर्वोच्च

न्यायालय ने जाति प्रमाण पत्र संबंधी मामलों की जांच राज्‍य स्‍तरीय छानबीन समिति से कराने हेतु उक्‍त आदेश पारित किया है। अत: प्रकरण राज्‍य स्‍तरीय छानबीन समिति को आवश्‍यक कार्यवाही हेतु भेजा गया है। (ख) राज्‍य स्‍तर से गठित छानबीन समिति के प्रतिवेदन के आधार पर ही नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाना संभव होगा। राज्‍य स्‍तरीय छानबीन समिति से प्रकरण की जांच हेतु प्रस्‍ताव पत्र क्रमांक/वि.स/जाति प्रमाणपत्र/2022/520, दिनांक 13.12.2022 से आयुक्‍त अनुसूचित जाति विकास मध्‍यप्रदेश भोपाल को प्रेषित किया गया।

सीमेंट कारखानों हेतु भूमि अधिग्रहण

[राजस्व]

13. ( *क्र. 58 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) सतना जिले में स्‍थापित सीमेंट कारखानों को निजी भूमियों में उत्‍खनन हेतु कितनी भूमि म.प्र.भू.रा.सं. की धारा 247 के तहत अधिगृहित कर भू-प्रवेश की अनुमति कितने दिनों के लिये प्रदाय की गई है? लीज़ एवं खसरा अनुसार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या म.प्र.भू.रा.सं. की धारा 247 के तहत भूमि का अधिग्रहण निर्धारित समय-सीमा के लिये होता है? यदि हाँ, तो                   समय-सीमा की समाप्ति के पश्‍चात् क्‍या भूमि किसानों को वापस करने का प्रावधान है? निर्धारित समय-सीमा के पूर्ण होने पर मूल किसानों को क्‍या भूमि वापस की गई है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि वापस की गई है? (ग) यदि नहीं, तो कितनी भूमियों का पुनर्मूल्‍यांकन कर किसानों को नई अवधि का मुआवज़ा प्रदाय किया गया? यदि नियमानुसार कार्यवाही नहीं की गई है, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक एवं क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। म.प्र.भू.रा.सं. की धारा 247 के तहत भूमि का अधिग्रहण निर्धारित समय-सीमा के लिए नहीं होता है। बल्कि खनिपट्टा की स्वीकृत अवधि के लिए होता है। सतना जिले में किसी सीमेंट संयंत्र के खनिपट्टा की अवधि पूर्ण नहीं होने के कारण मूल किसानों को भूमि वापस किये जाने की जानकारी निरंक है। (ग) सतना जिले में सीमेंट प्लांट की किसी भी लीज़ की अवधि समाप्त नहीं होने के कारण जानकारी निरंक है।

अतिवृष्टि का मुआवज़ा

[राजस्व]

14. ( *क्र. 1041 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौरई विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2019 में अतिवृष्टि से हुई हानि की क्षतिपूर्ति के लिए तीन किश्‍तों में मुआवज़ा स्‍वीकृति की जानकारी प्रदाय की गई थी, लेकिन प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में प्रभावितों को दो किश्‍त/एक किश्‍त दी गई एवं कहीं-कहीं एक भी किश्‍त नहीं दी गई, ऐसा क्‍यों? (ख) सर्वे रिपोर्ट में शामिल प्रभावित ग्रामों एवं कृषकों की सूची ग्रामवार देवें। प्रत्‍येक कृषक को तय मुआवज़ा राशि की जानकारी देवें। इस तय मुआवज़ा राशि में से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में भुगतान राशि की जानकारी कृषकवार एवं ग्रामवार देवें। (ग) इस लंबित राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? वर्ष 2022 में हुई अतिवृष्टि का सर्वे प्रश्‍न दिनांक तक नहीं हुआ है, इसमें बहुत बड़े क्षेत्र में फसलें खराब हुई थी? यह सर्वे कब तक किया जा कर मुआवज़ा प्रदान कर दिया जायेगा? (घ) राशि लंबित रख कृषकों को प्रताड़ित करने वाले उत्‍तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) चौरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील चांद, चौरई एवं बिछुआ में वर्ष 2019 में अतिवृष्टि से फसल क्षति होने पर राहत राशि 1,56,40,827/- स्‍वीकृत की गयी है। जिसका शत-प्रतिशत वितरण प्रभावित कृषकों को किया जा चुका है। (ख) जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) समस्‍त प्रभावित कृषकों को राहत राशि का वितरण किया जा चुका है। वर्ष 2022 में चौरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सर्वे किया जा चुका है। तहसील बिछुआ में 41 ग्रामों के 676 प्रभावित कृषकों को फसल क्षति हेतु राहत राशि 40,63,760/- रूपये का वितरण किया जा चु‍का है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

सुकलाना बैराज एवं धुरेरी बैराज का निर्माण

[जल संसाधन]

15. ( *क्र. 958 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम सुकलाना में जल संसाधन विभाग द्वारा चामला नदी पर सुकलाना बैराज लागत 260.52 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी होकर निविदा क्र. 664, दिनांक 25.02.2019 के द्वारा आमंत्रित की गई थी, परंतु लगभग 3 वर्ष के बाद भी बैराज का निर्माण कार्य प्रांरभ नहीं होने के क्या कारण हैं? इसमें दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?                     (ख) बड़नगर विधानसभा अन्तर्गत ग्राम धुरेरी में धुरेरी बैराज की स्वीकृति बजट में प्रदान की गई थी, उक्त बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर अंतर्गत चामला नदी पर सुकलाना बैराज के निर्माण कार्य की निविदा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग, भोपाल के आदेश दिनांक 13.04.2022 द्वारा राशि रू.220.53 लाख स्वीकृत की गई है। ठेकेदार द्वारा अनुबंध संपादित कर कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। (ख) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर अन्तर्गत धुरेरी बैराज की प्रशासकीय स्‍वीकृति शासन के आदेश दिनांक 04.02.2022 द्वारा राशि रू.278.30 लाख की प्रदान कर दी गई है।

नामांतरण एवं बंटवारे के ल‍ंबित प्रकरण

[राजस्व]

16. ( *क्र. 1016 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या प्रदेश में माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा यह घोषणा की गई थी कि भूमि एवं मकान विक्रय होने पर तुरन्‍त ही स्‍वयं नामांतरण एवं बंटवारा हो जाएगा तथा पटवारियों व तहसील में नहीं जाना पड़ेगा? यदि हाँ, तो मुरैना जिले में पटवारियों द्वारा बंटवारा एवं नामांतरण भूमि विक्रय के तुरन्‍त बाद स्‍वयं क्‍यों नहीं किए जा रहे हैं? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक तहसील मुरैना एवं बामौर में कितने बंटवारे के प्रकरण क्‍यों विचाराधीन हैं तथा कितने नामांतरण क्‍यों विचाराधीन हैं? तहसीलवार बंटवारे एवं नामांतरण की जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। अविवादित नामांतरण के विभिन्‍न श्रेणी के प्रकरणों में विक्रयपत्र द्वारा अंतरण की दशा में पक्षकारों को व्‍यैक्तिक उपस्थिति से छूट प्रदान करते हुए नामान्तरण की कार्यवाही के लिये सायबर तहसील का गठन किया गया। इसे माह जून 2022 से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जिला सीहोर एवं सागर जिले से प्रारम्भ किया गया है। वर्तमान में इसके अन्‍तर्गत प्रदेश के जिले इन्दौर, दतिया, डिडौंरी एवं हरदा को भी शामिल किया गया है। मुरैना जिले में अभी सायबर तहसील प्रारम्भ नहीं की गई। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न दिनांक तक मुरैना जिले में सायबर तहसील न होने से वर्तमान में आवेदकों द्वारा स्वयं/ऑनलाईन आवेदनों, लोकसेवा केन्द्रों से प्राप्त आवेदनों तथा ई-संपदा पोर्टल से प्राप्त आवेदनों का नियमानुसार निराकरण किया जा रहा है। प्रश्‍न दिनांक तक तहसील मुरैना एवं बामौर में बंटवारा एवं नामान्तरण के विचाराधीन प्रकरण निम्नानुसार है :-

क्र.

शीर्ष

तहसील मुरैना

तहसील बामौर

कुल योग

1.

बंटवारा

76

45

121

2.

नामान्तरण

1685

765

2450

 

बंटवारा एवं नामान्तरण के उक्त समस्त प्रकरण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में विहित प्रावधानानुसार न्यायालयीन प्रक्रिया के अन्‍तर्गत न्‍यायाधीन है।

वन विकास निगम द्वारा किया गया पौधारोपण

[वन]

17. ( *क्र. 1065 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) विदिशा जिले में वन विकास निगम द्वारा किन-किन कक्षों में कितने हेक्‍टेयर भूमि पर वृक्षारोपण किया जा रहा है? कार्य का नाम, राशि, भौतिक स्थिति, कार्य पूर्णता दिनांक, सहित कक्षवार, वर्षवार, तहसीलवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन से सर्वे नंबर, रकबा, बीट में क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये? कार्य का नाम, फर्म/वेंडर/व्‍यक्ति का नाम, भुगतान राशि, खाता संख्‍या, दिनांक, भुगतानकर्ता अधिकारी का नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।                          (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में किये गये कार्यों/पौधारोपण में भ्रष्‍टाचार किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें दोषी पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? कितने पौधे जीवित हैं? रकबा, बीट एवं परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (घ) मुरवास, इस्‍लाम नगर शहरखेड़ा, बलरामपुर ग्रामों के पास वन भूमि, वन विकास निगम की वन भूमि पर कितने-कितने व्‍यक्तियों का अतिक्रमण है एवं कब-कब, किस-किस का अतिक्रमण हटाया गया? यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो इसके लिए दोषी कौन है और कब तक अतिक्रमण हटा दिया जावेगा? (ड.) विदिशा जिले में वन विकास निगम के कार्यों का निरीक्षण प्रमुख सचिव, प्रबंध संचालक, अपर प्रबंध संचालक, क्षेत्रीय मुख्‍य महाप्रबंधक, संभागीय प्रबंधक, जिला प्रबंधक द्वारा दिनांक एक अप्रैल 2019 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक कब-कब निरीक्षण किया गया, निरीक्षण में क्‍या कमियां पाई गई? दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? वर्षवार, तहसीलवार, बीटवार जानकारी दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विदिशा जिले में वन विकास निगम द्वारा वर्तमान में कोई वृक्षारोपण नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुरवास, इस्‍लाम नगर, शहरखेड़ा, बलरामपुर ग्रामों के पास वन भूमि, वन विकास निगम की वन भूमि पर अतिक्रमण निम्‍नानुसार है :-

भूमि

अतिक्रमण (हेक्‍टेयर में)

व्‍यक्तियों की संख्‍या

वन भूमि

निरंक

निरंक

वन विकास निगम की वन भूमि

554.629

555

 

हटाये गये अतिक्रमण का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। अत: दोषी कोई नहीं है। अतिक्रमण हटाये जाने की तिथि निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।

टेम परियोजना से प्रभावित परिवारों का विस्‍थापन

[राजस्व]

18. ( *क्र. 968 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) टेम परियोजना में बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्राम एवं परिवार प्रभावित हो रहे हैं? (ख) क्‍या विभाग द्वारा इन प्रभावित परिवारों के विस्‍थापन की कोई कार्य योजना बनाई गई है?                          (ग) क्‍या इन प्रभावित परिवारों को विस्‍थापन हेतु मकान की मुआवज़ा राशि प्रदान करने का प्रावधान है? विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) टेम परियोजना में बैरसिया विधासभा के 05 ग्राम के 923 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। (ख) विस्थापन हेतु भूमि अर्जन, पुनर्वासन पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 11 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) भूमि अर्जन, पुनर्वासन पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 11 के प्रकाशन उपरांत प्रभावित मकानों का मूल्यांकन कर प्रभावितों को मुआवज़ा वितरण किया जावेगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नगरपालिका परिषद सारनी की सीमा में वनभूमि का निर्वनीकरण

[वन]

19. ( *क्र. 790 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) बैतूल जिले के अंतर्गत नगरपालिका परिषद, सारनी में सार्वजनिक उपयोग की कितनी भूमि वन क्षेत्र के रूप में दर्ज है? (ख) क्‍या नगरीय क्षेत्र की अधिकांश भूमि वन क्षेत्र के रूप में दर्ज होने के कारण डब्‍ल्‍यू.सी.एल., मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी तथा नगरपालिका को निर्माण कार्यों हेतु वन विभाग से अनुमति लेनी होती है तथा इस बाध्‍यता के कारण निर्माण कार्यों में अनावश्‍यक विलंब होता है? (ग) सारनी नगर में स्थित सार्वजनिक प्रयोजन की भूमि यथा सड़क, खेल मैदान, आवासीय कॉलोनी, शमशान घाट, कब्रिस्‍तान आदि को निर्वनीकृत कर भूमि को राजस्‍व मद में दर्ज किये जाने अथवा स्‍थानीय निकायों को सौंपने हेतु सरकार क्‍या कोई कार्यवाही कर रही है?                                 (घ) यदि हाँ, तो कार्यवाही का स्‍वरूप क्‍या है? यह कार्यवाही कब तक कर ली जायेगी? यदि नहीं,               तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नगर पालिका परिषद, सारनी जिला बैतूल में सार्वजनिक उपयोग की भूमि की जानकारी वन विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) राजस्व अभिलेखों में वन के रूप में दर्ज भूमियों एवं भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29, धारा-20 एवं धारा-4 (1) में अधिसूचित वनभूमि को गैर-वानिकी प्रयोजन के लिये उपयोग में लिये जाने हेतु वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधान लागू होते हैं। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवेदक संस्था से आवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं।                         (घ) उत्तरांश '' अनुसार। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत प्रस्ताव प्राप्त होने पर भारत सरकार की स्वीकृति उपरान्त कार्यवाही की जाती है।

विस्‍थापित परिवारों का पुनर्वास

[राजस्व]

20. ( *क्र. 798 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजस्‍व विभाग द्वारा अपने ज्ञापन क्रमांक 6-16/2018/सात/नजूल तथा क्रमांक                       21-3/2008/पुनर्वास, दिनांक 03.04.2018 द्वारा मध्‍यप्रदेश में पश्चिम पाकिस्‍तान से आये विस्‍थापित परिवारों के पुनर्वास के लंबित मामलों के निराकरण के संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्‍टर्स को परिपत्र जारी किया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त निर्देशों के संदर्भ में प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, रीवा, कटनी, सतना, सागर, बुरहानपुर, खंडवा, बालाघाट, छिंदवाड़ा, मंदसौर, दतिया शहर में निवासरत सिंधी विस्‍थापितों के कितने-कितने मामले वर्तमान में लंबित हैं? कृपया शहरवार संख्‍या दें और उक्‍त जिलों के कलेक्‍टर्स द्वारा उक्‍त दर्शित शहरों के कितने-कितने मामले निर्देश दिनांक 03.04.2018 से प्रश्‍न दिनांक तक निराकृत किये गये, जिन विस्‍थापितों के मामलों को कलेक्‍टर्स द्वारा निपटाया गया, शहरवार उनके नाम भी दें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

आबादी भूमि पर काबिज लोगों के नाम दर्ज होने संबंधी

[राजस्व]

21. ( *क्र. 352 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्‍या नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले के इटारसी एवं ग्रामीण क्षेत्र की आबादी भूमि पर निवासरत/व्‍यवसायरत नागरिकों के नाम राजस्‍व अभिलेख में अंकित किये जाने के संबंध में प्रश्‍न क्रमांक 732, दिनांक 18.11.2009 के संबंध में पूछे गये प्रश्‍न क्रमांक 610 में जानकारी दी गई थी कि इस संबंध में परिपत्र क्रमांक 2-11/2005/सात/शाखा-6, दिनांक 09.02.2005 एवं एफ                              2-22/2010/2010/सात/शाखा-6, दिनांक 28.12.2010 जारी किया गया है? (ख) गरीबी लाइन, पुरानी इटारसी एवं नर्मदापुरम में आबादी की कुल कितनी भूमि है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित परिपत्रों के संबंध में अभी तक कितने नागरिकों के नाम आबादी भूमि पर अंकित किये गये हैं?                                     (घ) क्‍या आबादी की भूमि पर बसे नागरिकों के नाम राजस्‍व अभिलेख में दर्ज न होने से (1) बैंक ऋण न मिलना. (2) नक्‍शा पास न हो पाना. (3) रजिस्‍ट्री या भू-अभिलेख न होने से जमानत न ले पाने जैसी समस्‍या हो रही है? यदि हाँ, तो उक्‍त समस्‍या का निराकरण कब तक हो सकेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) गरीबी लाईन इटारसी में आबादी भूमि नहीं है एवं पुरानी इटारसी क्षेत्र में अभिलेख में कुल ख.नं. 43 रकबा 19.323 हेक्‍टर भूमि पर यद्यपि आबादी अंकित है, तदापि नजूल निर्वतन निर्देश, 2020 के अनुसार वर्तमान में यह भूमि अब नजूल हो चुकी हैं, तहसील नर्मदापुरम नगर अन्‍तर्गत आबादी भूमि 30.677 हेक्‍टर है, तहसील नर्मदापुरम ग्रामीण अन्‍तर्गत आबादी मद में भूमि का अभिलेख में दर्ज रकबा 208.081 हेक्‍टर है। (ग) तहसील इटारसी अन्तर्गत प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित परिपत्रों के अनुसार नागरिकों के नाम आबादी भूमि पर अंकित नहीं किये गये। राजस्व विभाग के परिपत्र क्रमांक 2-22/2010/21010/ सात/शाखा-6, दिनांक 28.12.2010 द्वारा आबादी क्षेत्र में भू-खण्ड धारकों को प्रमाण-पत्र प्रदाय संबंधी निर्देश के क्रम में तहसील इटारसी में ग्रामीण क्षेत्र के आबादी भूमि पर निवासरत लोगों को 9177 भू-खण्ड धारक प्रमाण पत्र वितरण किये गये। वर्तमान में राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ                         03 -04/2020/सात/शा-6, भोपाल दिनांक 07.07.2020 द्वारा प्रदत्त निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी सर्वेक्षण कर अधिकार अभिलेख के निर्माण के लिए ''स्वामित्व'' योजना क्रियान्वित है। राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 6-75/2019/सात/शा.3, भोपाल दिनांक 24 सितम्बर, 2020 द्वारा नगरीय क्षेत्र की शासकीय भूमि के धारकों को धारणाधिकार के तहत पट्टे जारी किये जाने हेतु शहर इटारसी में कुल 988 नागरिकों के धारणाधिकार के तहत आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे, जिनमें से कुल 15 नागरिकों को पट्टे जारी कर वितरण कर दिये हैं, शेष आवेदनों पर कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (घ) जानकारी उत्तरांश '' अनुसार है।

शासकीय आवासों में अतिक्रमण

[राजस्व]

22. ( *क्र. 244 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) तहसील जवा अंतर्गत जनपद पंचायत जवा कार्यालय प्रांगण में कुल कितने शासकीय आवास निर्मित हैं? जिस भूमि पर शासकीय आवास निर्मित हैं, उसका भूमि खसरा क्रमांक एवं कुल रकबा की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में ऐसे कितने शासकीय आवास हैं, जो अतिक्रमण में हैं? ऐसे कितने शासकीय सेवक हैं, जो सेवानिवृत्त होने के पश्चात भी शासकीय आवासों में निवासरत हैं? नामवार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) ऐसे शासकीय सेवक जो जवा जनपद स्थित शासकीय आवासों में कब्जाधारी हैं, क्या उनसे बाजार मूल्य पर नियमानुसार किराया वसूल कर आवासों को रिक्त कराने की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के तहसील जवा अन्तर्गत जनपद पंचायत जवा कार्यालय प्रांगण में कुल 17 शासकीय आवास निर्मित है, जिसमें से 11 आवासीय भवन सही हालत में हैं एवं 6 आवासीय भवन जीर्णशीर्ण हैं। जिनका खसरा नम्बर रकबा ग्रामवार निम्नानुसार है :-

ग्राम का नाम

खसरा नम्बर

रकबा

बरौली ठकुरान

101

1.536

बरौली ठकुरान

103/1

0.809

जवा

1533

0.336

जवा

1580

0.162

जवा

1581

0.360

जवा

1583/1

0.162

 

(ख) प्रश्‍नांश में उल्लेखित शासकीय आवासों पर अतिक्रमण का सर्वे कराया जाकर जानकारी एकत्र की जा रही है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार जानकारी प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

वियर सिस्टम से स्टॉप डेम का निर्माण

[जल संसाधन]

23. ( *क्र. 209 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किसानों के खेतों की सिंचाई की समस्या के समाधान हेतु वियर सिस्टम से स्टॉप डेम बनाये जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी नदियों पर स्टॉप डेम बनाये जाना है? (ख) बरांझ, पांड़ाझिर एवं सिंदूर नदियों पर कौन-कौन से स्थानों पर स्टॉप डेम बनाये जाना प्रस्तावित है? स्थानवार, लागत सहित जानकारी प्रदान करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "दो"

सड़क निर्माण हेतु मकान, दुकान का अर्जन

[राजस्व]

24. ( *क्र. 417 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 69 एवं राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 59 ए के लिए होशंगाबाद संभाग के किस-किस ग्राम के कितने-कितने मकान, दुकान का अर्जन किया जाकर पीड़ि‍त एवं प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन कार्यवाही प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं की गई? (ख) भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 30, 31 एवं 32 अनुसूची एक, दो एवं तीन में क्‍या प्रावधान दिया है? इन प्रावधानों में से                                     किस-किस का पालन किए जाने की छूट राष्‍ट्रीय राजमार्ग से संबंधित भू-अर्जन में किस अधिसूचना/आदेश से दी गई है? (ग) राष्‍ट्रीय राजमार्ग हेतु अर्जित मकान एवं दुकान के पीड़ि‍त एवं प्रभावितों का पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवथापन नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है? पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन के संबंध में किस दिनांक को पारित अवार्ड में क्‍या-क्‍या उल्‍लेख किया है।                            (घ) मकान एवं दुकान के अर्जन से प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन के संबंध में शासन क्‍या कार्यवाही कब तक करेगा? समय-सीमा सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) हरदा जिले अंतर्गत ग्राम हंडिया से टेमागांव तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना अंतर्गत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग 47 (पुराना 59 ए) के निर्माण हेतु कुल 134 भूमियों का अर्जन किया जा रहा है। जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। बैतूल जिले के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 69 में 28 ग्रामों के 261 मकान/दुकान एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 59 ए में 14 ग्रामों के 60 मकान/दुकानों का आंशिक रूप से अर्जन किया गया हैं। नर्मदापुरम जिले की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्‍नांश से संबंधित प्रावधान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) भू-अर्जन अधिकारी/समुचित सरकार अनुसार उत्‍तरांश '' में उल्‍लेखित राष्‍ट्रीय राजमार्ग से संबंधित भू-अर्जन प्रकरणों में आवश्‍यकता न होने से प्रभावितों का पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उत्‍तरांश '' एवं '' अनुसार है।

योजनाओं के लिए भू-अर्जन

[राजस्व]

25. ( *क्र. 194 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में किन-किन योजनाओं के लिए भू-अर्जन का कार्य किया जा रहा है? जिले अनुसार परियोजना के नाम कितनी जमीन का भू-अर्जन किया जाना है तथा भू-अर्जन करने की निर्धारित तिथि‍ अनुसार जानकारी देवें? भू-अर्जन पर भूमिस्‍वामी को दी जाने वाली राशि के संबंध में भी जिले अनुसार जानकारी देवें? (ख) क्‍या विभिन्‍न कारणों से भू-अर्जन में हो रही देरी की वजह से शासन को करोड़ों रूपये ब्‍याज की राशि का भुगतान करना पड़ रहा है? जिले अनुसार भू-अर्जन में देरी से दी गयी ब्‍याज की राशि की जानकारी दें। (ग) क्‍या शासन भू-अर्जन में देरी से ब्‍याज में शासन पर पड़ रहे करोड़ों रूपयों के वित्‍तीय बोझ की समीक्षा कर ऐसे उपाय करेगा, जिससे समय पर भू-अर्जन हो तथा ब्‍याज की राशि न देना पड़े।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश क की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जिला सिवनी, शहडोल, विदिशा एवं कटनी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष 48 जिलों की जानकारी निरंक है।                            (ग) भू-अर्जन परियोजनाओं में समय पर भू-अर्जन किये जाने के लिये उनकी सतत समीक्षा की जाती है।

 

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


शासकीय भूमियों की हेराफेरी

[राजस्व]

1. ( क्र. 5 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत शासकीय भूमियों पर निरंतर षडयंत्रपूर्वक कूटरचित दस्‍तावेजों एवं भ्रामक जानकारियों को आधार बनाकर की जा रही धोखाधड़ी अतिक्रमण के संबंध में शासन/विभाग का ध्‍यान आकृष्‍ट किया है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर शासन/ विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) पत्र क्रमांक 3081/22/जावरा दिनांक 19/05/2022, पत्र क्रमांक 3457/22/जावरा दिनांक 14/10/2022 एवं पत्र क्रमांक 3561/22/जावरा दिनांक 15/11/2022 के माध्‍यम से श्रीमान जिलाधीश रतलाम के साथ ही शासन/विभाग को कार्यवाही हेतु भेजा गया था? (घ) यदि हाँ तो प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित पत्रों के संदर्भों के साथ ही प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्रों के माध्‍यम से शासकीय भूमियों की हेराफेरी को रोके जाने एवं संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाने का आग्रह किया था? यदि हाँ तो जांच की जाकर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा रतलाम जिले की तहसील जावरा में शासकीय भूमियों पर निरंतर षडयंत्रपूर्वक कूटरचित दस्‍तावेजों एवं भ्रामक जानकारियों को आधार बनाकर की जा रही धोखाधड़ी अतिक्रमण के संबंध में पत्रों के माध्‍यम से ध्‍यान आकृष्‍ट किया है तथा उनके द्वारा पूर्व में तहसील पिपलौदा में शासकीय भूमियों पर निरंतर षडयंत्रपूर्वक कूटरचित दस्‍तावेजों एवं भ्रामक जानकारियों को आधार बनाकर की जा रही धोखाधड़ी अतिक्रमण के संबंध में ध्‍यान आकृष्‍ट किये जाने से संबंधित जानकारी संज्ञान में नहीं है। (ख) वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक विभाग में प्रश्‍नकर्ता के 2 पत्र प्राप्‍त हुए जिन्‍हें कलेक्‍टर रतलाम को आवश्‍यक कार्यवाही करने हेतु दिनांक 21/06/2022 एवं दिनांक 01/12/2022 को भेजा गया। माननीय विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 3195/22/जावरा दिनांक 02/08/2022 जो कि ग्राम हरियाखेडा की गोचर भूमि पर अवैध कब्जा करने एवं रिकार्ड में हेराफेरी करने से संबंधित है, जिसमें जांच प्रक्रिया प्रचलित होकर संबंधित कर्मचारी को सूचना पत्र जारी कर जवाब मांगा गया है। शेष अन्य प्राप्त पत्रों पर उत्तरांश (घ) के अनुसार कार्यवाही की गई। (ग) पत्र क्रमांक 3081/22/जावरा दिनांक 19/05/2022, पत्र क्रमांक 3457/22/जावरा दिनांक 14/10/2022 एवं पत्र क्रमांक 3561/22/जावरा दिनांक 15/11/2022 के माध्‍यम से जिलाधीश रतलाम को प्राप्‍त हुए हैं। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के तारतम्य में जानकारी निम्नानुसार है - (1) पत्र क्रमांक 3081/22 जावरा दिनांक 19.5.2022 के सम्बन्ध में राजस्व न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 19/ब.-121/22-23 पंजीबद्ध किया जाकर प्रकरण में दिनांक 27.9.2022 को पारित आदेशानुसार माननीय सिविल न्यायालय वर्ग.2 जावरा के वाद क्रमांक 134ए/173 आदेश दिनांक 23.04.1976 एवं माननीय द्वितीय अपर न्यायाधीश महोदय जिला रतलाम के प्रकरण क्रमांक 11ए/76 आदेश दिनांक 19.07.1980 तथा माननीय उच्च न्यायलय खंडपीठ इंदौर के सिविल रिविजन क्रमांक 370/75 में आदेश दिनांक 02.07.1980 के तारतम्य में शिकायत प्रमाणित न होने से समाप्त किया गया। (2) पत्र क्रमांक 3457/22/जावरा दिनांक 14.10.2022 के सम्बन्ध में राजस्व न्यायलय में प्रकरण क्रमांक 90/ब-121/22-.23 पंजीबद्ध किया जाकर प्रकरण आदेशार्थ नियत है। (3) पत्र क्रमांक 3561/22 जावरा दिनांक 15.11.2022 के तारतम्य में पत्र में उल्लेखित ग्रामों की शासकीय भूमि के सम्बन्ध में जाँच हेतु आदेश क्रमांक 5519 दिनांक 05.12.2022 के माध्यम से दल गठित किया गया है।

खोडाना तालाब कार्य योजना

[जल संसाधन]

2. ( क्र. 6 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या मन्‍दसौर-रतलाम जिला सीमा स्थित ''खोडाना निमज्जित तालाब'' में वर्ष भर पर्याप्‍त पानी होने के साथ ही काफी मात्रा में पानी ओवरफ्लो भी होता है तथा गेट खोलकर व्‍यर्थ बहाया भी जाता है? (ख) यदि हाँ तो मन्‍दसौर तहसील, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील के अनेक ग्रामों में जल अभाव होकर जल संकट बना रहता है? सिंचाई कार्यों के साथ ही पेयजल मूलक कार्यों में भी कठिनाई आती है? (ग) यदि हाँ तो तात्‍कालिक समय के विगत वर्षों में शासन/विभाग द्वारा खोडाना तालाब से दोनों ओर नहर निकालकर विभिन्‍न ग्रामों तक जल पहुंचाये जाने की कार्ययोजना को साध्‍य पाया जाकर प्रशासकीय व वित्‍तीय स्‍वीकृति प्रदान की गई थी? (घ) यदि हाँ तो विगत कई वर्षों की अनेक ग्रामों के कृषकों एवं आमजन की मांग रही है कि खोडाना तालाब कार्ययोजना को पुन: स्‍वीकृति दी जाकर जल संकटग्रस्‍त क्षेत्र को जल अभाव से बचाया जा सके तो शासन/विभाग द्वारा कब तक स्‍वीकृति दी जा सकेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) खोडाना एक निमज्जित तालाब है। निमज्जित तालाब का मुख्‍य उद्देश्‍य वर्षा ऋतु उपरांत तालाब के पानी को खाली कर रिक्‍त भूमि में भू-स्‍वामियों द्वारा रबी की खेती करना है। यह सही है कि केन्‍द्रीय भू-जल बोर्ड की रिपोर्ट वर्ष 2017 (प्रकाशन वर्ष 2019) के आधार पर प्रश्‍नाधीन क्षेत्र अतिदोहित क्षेत्र में वर्गीकृत है। जी हाँ, शासन के आदेश क्र.373/8/168/07/ल.सि./31/भोपाल दिनांक 07.08.2007 द्वारा रू. 819.18 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति दी गई थी। परियोजना तकनीकी एवं वित्‍तीय मापदण्‍डों पर असाध्‍य होने से इसकी प्रशासकीय स्‍वीकृति शासन के आदेश दिनांक 16.06.2011 द्वारा निरस्‍त की गई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उचित मूल्‍य दुकानों की आकस्मिक जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

3. ( क्र. 37 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चाचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकानें है? (ख) इस वर्ष प्रश्‍न दिनांक तक राशन वितरण में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उपरोक्‍त में से कितनी राशन दुकानों की आकस्मिक जांच की गई? (ग) जांच में कितनी राशन की दुकानों में गड़बड़ी पाई गई? कितनी राशन की दुकानों पर कार्यवाही की गई तथा कितनी दुकानें निरस्‍त की गई? (घ) चाचौड़ा विधान सभा में राशन पर्ची निर्माण की प्रक्रिया एवं इस वर्ष निर्मित राशन पर्ची की संख्‍या से अवगत कराएं।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा अंतर्गत कुल 132 उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। (ख) चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र की 60 उचित मूल्‍य दुकानों की आकस्मिक जांच की गई। (ग) जांच में चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 19 राशन दुकानों पर अनियमितताएं पाई गई। जिसमें पांच दुकानों पर गंभीर गड़बड़ी पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई और उन्‍हीं में एक दुकान पर गंभीर अनियमितता किए जाने के फलस्‍वरूप चोर बाजारी अधिनियम, 1980 के तहत कार्यवाही कराई गई है। 14 दुकानों को निलंबित किया गया है। उक्‍त निलंबित दुकानों में एक दुकान का आवंटन निरस्‍त किया गया है बाकी अन्‍य संस्‍था/समूह से संलग्‍न है। (घ) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को नवीन पात्रता पर्ची जारी करने, पात्रता पर्ची में नाम सुधारने एवं पात्रता पर्ची में नाम जोड़ने हेतु स्‍थानीय निकाय के अधिकृत कर्मचारी द्वारा कार्यवाही की जाती है। स्‍थानीय निकाय द्वारा प्राप्‍त आवेदन के परीक्षण उपरांत 28 पात्रता श्रेणियों के अंतर्गत पात्र पाए जाने पर स्‍थानीय निकाय के अधिकृत कर्मचारी द्वारा एम-राशन मित्र पोर्टल पर नवीन पर्ची जारी करने एवं पात्रता पर्ची में नाम सुधारने या नाम जोड़ने हेतु पोर्टल पर प्रविष्टि की जाती है फिर निकाय द्वारा सत्‍यापन किया जाता है। तत्‍पश्‍चात् खाद्य विभाग द्वारा सत्‍यापन किया जाता है। इसके उपरांत नवीन पात्रता पर्ची जारी होने हेतु ऑनलाइन डाटा को एन.आई.सी. भोपाल से एन.आई.सी. हैदराबाद को भेजा जाता है। डाटा अपडेट होने के उपरांत नवीन पर्ची को पोर्टल से डाउनलोड किया जाता है। चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में कुल 3115 पात्रता पर्ची निर्मित की गई है।

कृषकों को समर्थन मूल्‍य का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

4. ( क्र. 47 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में वर्ष 2021-22 में खरीफ एवं रबी की फसलों धान, गेहूँ, चना, सरसों आदि को कितने किसानों द्वारा समर्थन मूल्‍य पर बेचा गया? सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या पन्‍ना जिले के किसानों द्वारा बेची गई फसलों की राशि का समस्‍त भुगतान किसानों को हो गया है? यदि नहीं तो इनकी राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा और कौन-कौन से किसान राशि भुगतान हेतु शेष हैं?                (ग) भुगतान न होने की स्थिति में दोषी कौन है? दोषी समूहों, अधिकारियों पर अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) मध्‍यप्रदेश कृषि मंडी बोर्ड द्वारा पवई विधानसभा क्षेत्र में कितनी सड़कों का निर्माण किया गया है एवं इनके रख-रखाव एवं मरम्‍मत का क्‍या प्रावधान है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) पन्‍ना जिले में वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर कृषकों से उपार्जित गेहूँ, चना, धान एवं ज्‍वार की उपार्जित मात्रा एवं विक्रेता किसानों की संख्‍यावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) पन्‍ना जिले में वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ, चना एवं ज्‍वार विक्रय करने वाले समस्‍त कृषकों को समर्थन मूल्‍य का भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान में से केवल 35 किसानों की राशि रू. 18,02,580/- भुगतान हेतु लंबित है। उपार्जन केन्‍द्र संचालन करने वाले स्‍व-सहायता समूह के अध्‍यक्ष, सचिव, केन्‍द्र प्रभारी एवं कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर से धान की शार्टेज मात्रा की राशि वसूल करने हेतु चल/अचल सम्‍पत्ति कुर्क करने हेतु तहसीलदार, सिमरिया द्वारा कार्यवाही की जा रही है। राशि की वसूली होने पर शेष किसानों को भुगतान किया जा सकेगा। भुगतान से शेष किसानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ग) पन्‍ना जिले में वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन हेतु संस्‍था प्रिया स्‍व-सहायता समूह द्वारा धान की कुल उपार्जित मात्रा के विरूद्ध 92.915 मे.टन धान का अपग्रेड कराकर गोदाम में जमा न करने के कारण किसानों का भुगतान लंबित है। कृषकों के भुगतान न होने के लिए उपार्जन करने वाले प्रिया स्‍व-सहायता समूह के अध्‍यक्ष, सचिव, केन्‍द्र प्रभारी एवं डाटा एन्‍ट्री ऑपरेटर दोषी पाए गए हैं, जिनके विरूद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है एवं धान की शार्टेज मात्रा की राशि वसूल करने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) पन्‍ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 8 सड़कों का निर्माण का कार्य किया गया है। निर्माण कराई गई सड़कों का रख-रखाव एवं मरम्‍मत की गारंटी अवधि सड़क कार्य की पूर्णता दिनांक से 5 वर्ष तक प्रावधानित है, जो समाप्‍त हो चुकी है, जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। शासन के निर्णयानुसार मंडी बोर्ड द्वारा मंडी प्रांगण के बाहर निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा। मंडी बोर्ड द्वारा सड़कों का रख-रखाव एवं मरम्‍मत का कार्य प्रावधानित नहीं है।

बैराज बांधों की प्रशासकीय स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

5. ( क्र. 51 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) पन्‍ना जिले के पवई विधानसभा में कितने बैराजों की तकनीकी स्‍वीकृत हो चुकी है? क्‍या यह सत्‍य है, कि विधानसभा अंतर्गत 8 बैराजों की तकनीकी स्‍वीकृति हो जाने के बावजूद प्रशासकीय स्‍वीकृत नहीं हो पा रही है? यदि हाँ, तो इनकी प्रशासकीय स्‍वीकृति क्‍यों नहीं हो पा रही है या कब तक हो पायेगी? (ख) पवई विधानसभा अंतर्गत टिर्री गुरने बांध अधूरा पड़ा है, इसकी प्रशासकीय स्‍वीकृति कब की गयी थी हां, क्‍या योजना का बांध एवं नहर निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है? योजना से कितने हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई की जा रही है? क्‍या यह सत्‍य है कि बांध का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो फिर नहर पर व्‍यय क्‍यों किया गया? कौन-कौन अधिकारी इसमें दोषी है? उन पर क्‍या कार्यवाही की जा रही है एवं योजना को कब तक पूर्ण कराया जायेगा? (ग) पवई विधानसभा अंतर्गत सिंचाई विभाग की कितनी लघु एवं मध्‍यम सिंचाई परियोजनाओं के प्रस्‍ताव शासन के पास भेजे गये हैं एवं भेजे गये प्रस्‍तावों की अद्यतन स्थिति क्‍या है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सलैया बैराज एवं तुल्‍ला बैराज की स्‍वीकृति दिए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष परियोजनाओं के प्रस्‍ताव पर प्रमुख अभियंता द्वारा उठाई गई आपत्तियों का निराकरण की कार्यवाही संभागीय कार्यालय में प्रचलन में होने के कारण स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने पर निर्णय लिया जाना संभव होगा। स्‍वीकृति हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) वस्‍तुस्थिति यह है कि पवई विधानसभा अंतर्गत निर्माणाधीन टिर्री गुरने बांध का कार्य अधूरा होना प्रतिवेदित है। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 12.02.2013 को प्रदान की गई थी। परियोजना अंतर्गत बांध एवं नहर का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। वर्तमान में योजना से कोई भी सिंचाई नहीं की जा रही है। बांध निर्माण के साथ-साथ नहर निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था। वन भूमि की स्वीकृति के अभाव में बांध एवं नहर कार्य प्रभावित है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं हैं। वनभूमि व्‍यपवर्तन की स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के उपरांत कार्य पूर्ण कराया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश '' अनुसार।

परिशिष्ट - "तीन"

पन्‍ना जिले में खदानों का संचालन

[खनिज साधन]

6. ( क्र. 52 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) पन्‍ना जिले में खनिज विभाग द्वारा पत्‍थर की कितनी खदानों का संचालन हो रहा है? कितनी जमीन खदानों को लीज पर दी गयी है? कृपया विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) पन्‍ना जिले में रेत एवं मुरम की कितनी खदानों का संचालन हो रहा है एवं खदानें किनके नाम पर आवंटित हैं? (ग) क्‍या यह सत्‍य है कि शाहनगर विकासखण्‍ड के ग्राम रैयासाटा में किसी राजेन्‍द्र सिंह के नाम से मुरम की लीज प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो लीज कब स्‍वीकृत की गई एवं इस अवैध लीज से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी मुरम निकाली गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पन्‍ना जिले में पत्‍थर की 81 खदानें स्‍वीकृत हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) पन्‍ना जिले में रेत की कोई भी खदान संचालित नहीं है तथा खनिज मुरूम की 02 खदानें स्‍वीकृत हैं, जिसमें से 01 खदान संचालित एवं 01 खदान असंचालित है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नवीन संभाग बनाये जाने हेतु प्रतिवेदन पर कार्यवाही

[राजस्व]

7. ( क्र. 66 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर छतरपुर ने प्रमुख सचिव राजस्व विभाग को पत्र क्रमांक/182/एस.सी. 1/2019 छतरपुर दिनांक 18.10.2019 के द्वारा नवीन संभाग छतरपुर बनाये जाने हेतु प्रतिवदेन प्रेषित किया था? (ख) यदि हाँ तो प्रतिवेदन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्‍टर छतरपुर से उत्‍तरांश '' में उल्‍लेखित प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है।

मोहनपुरा विस्तार परियोजना

[जल संसाधन]

8. ( क्र. 68 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या मोहनपुरा विस्तार परियोजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर का कुल कितने हेक्टेयर रकबा सिंचित किये जाने हेतु सम्मिलित किया गया है? ग्रामवार प्रस्तावित रकबा की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदाय कर दी जावेगी एवं निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कराया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) मोहनपुरा परियोजना में उपलब्‍ध जल का इष्‍टतम उपयोग करने के उद्देश्‍य से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए मोहनपुरा विस्‍तार परियोजना चिन्हित किया गया है, जिसमें प्रारंभिक आंकलन के अनुसार डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से ग्रामों की संख्‍या एवं रकबे की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। डी.पी.आर. शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने के उपरांत निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

ड्रोन माध्‍यम से भू-स्‍वामित्‍व अभिलेख तैयार किया जाना

[राजस्व]

9. ( क्र. 81 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्‍या ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍वामित्‍व योजना के अंतर्गत शासन द्वारा आवेदन प्राप्‍त करने का कोई प्रावधान नहीं है? (ख) यदि हाँ तो क्‍या ग्रामीण क्षेत्र की आबादी भूमि में निवासरत व्‍यक्तियों के    भू-खण्‍ड का ड्रोन के माध्‍यम से सर्वे कर अधिकार अभिलेख तैयार किये जाते हैं? (ग) यदि हाँ तो प्रश्‍नांश (ख) के अंतर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या पनागर एवं बरेला तहसील में निवासरत व्‍यक्तियों के अभिलेख तैयार किये गये हैं? (घ) यदि हाँ तो सूची उपलब्‍ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍वामित्‍व योजना के अंतर्गत शासन द्वारा आवेदन प्राप्‍त करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) ग्रामीण क्षेत्र की आबादी भूमि में निवासरत व्‍यक्तियों के भू-खण्‍ड का ड्रोन के माध्‍यम से सर्वे कार्य कर अधिकार अभिलेख तैयार किये जाने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। योजना के प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक तहसील पनागर एवं उप तहसील बरेला में निवासरत व्‍यक्तियों के अभिलेख तैयार किये गये है। (घ) सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार।

मुआवजा राशि का वितरण

[जल संसाधन]

10. ( क्र. 92 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुण्डालिया बांध के डूब क्षेत्र में सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सामगीघाटा को मुआवजा राशि निर्धारण करने का प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ तो प्रकरण का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित प्रकरण का यदि निराकरण कर दिया गया है तो उसके आदेश की प्रति उपलब्ध करावें तथा प्रभावित ग्रामवासियों को मुआवजा राशि का वितरण कब तक कर दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि कुण्डालिया बांध के एफ.टी.एल. से ऊपर स्थित ग्राम सामगीघाटा के व्‍यक्तियों को उनके मकानों के मुआवजा दिये जाने के प्रस्‍ताव पर वित्‍त विभाग की सहमति चाही गई, जिस पर वित्‍त विभाग द्वारा असहमति व्यक्त की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

केनाल एवं नहरों की मरम्‍मत कार्य

[जल संसाधन]

11. ( क्र. 116 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के पिपरिया जलाशय, गुदरी जलाशय, खोवा जलाशय, पवैया बांध का निर्माण कब व कितनी राशि से किया गया था? कितने किसान उक्‍त जलाशयों से सिंचाई का लाभ प्राप्‍त कर रहे हैं? जलाशयवार बताने की कृपा करें। (ख) उक्‍त बांधों/जलाशयों में से कितनों की केनाल व नहरें क्षतिग्रस्त है व मरम्‍मत हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा कई बार पत्राचार किये जाने उपरांत सुधार कार्य क्‍यों नहीं किया गया? उक्‍त केनाल/नहरों की मरम्‍मत कब तक की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।              (ख) प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित परियोजनाओं में से केवल गुदरी जलाशय की नहर में निर्मित सायफन क्षतिग्रस्‍त होना प्रतिवेदित है, जिसके सुधार कार्य हेतु डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में है। प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर स्‍वीकृति दी जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष जलाशयों की नहरों की मरम्‍मत का कार्य रबी सिंचाई के पूर्व अनुरक्षण मद अंतर्गत आवश्‍यकता अनुसार सुधार कराया जाकर कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जाना प्रतिवेदित है।

परिशिष्ट - "चार"

बाजरा खरीदी हेतु बनाये गये केन्द्र

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

12. ( क्र. 128 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) ग्वालियर चम्बल सम्भाग में कितने किसानों द्वारा बाजरा एवं अन्य उपजों की शासन द्वारा खरीदी हेतु वर्ष 2022 खरीफ फसलों के पंजीयन कराये गये हैं? जिलावार संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) शासन द्वारा कितने जिलों में बाजरा खरीदी केन्द्र बनाये गये एवं उन पर नवम्बर 2022 तक कहाँ-कहाँ खरीदी प्रारंभ की गई है? यदि खरीदी प्रारंभ नहीं की गई है तो उसके क्या कारण रहे? (ग) क्या शासन द्वारा समय पर खरीद प्रारंभ न कर किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिल पा रहा है, क्यों? जानकारी दी जावे।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग में जिलेवार बाजरा, ज्‍वार एवं धान के किसान पंजीयन की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्‍य पर बाजरा उपार्जन हेतु बनाए गए उपार्जन केन्‍द्रों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर मोटा अनाज (ज्‍वार, बाजरा) उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार बाजरा उपार्जन का कार्य दिनांक 01.12.2022 से प्रारम्‍भ किया गया है, इस कारण माह नवम्‍बर, 2022 तक बाजरा उपार्जन की जानकारी निरंक है। उपार्जन नीति अनुसार निर्धारित समयावधि में बाजरा उपार्जन की व्‍यवस्‍था की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपार्जन नीति में निर्धारित समयानुसार फसल उपार्जन की व्‍यवस्‍था की जाकर एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता की उपज का उपार्जन किया जाता है। किसानों के एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता की उपज का समर्थन मूल्‍य न मिलने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पांच"

कृषकों को फसलों की क्षति का मुआवजा

[राजस्व]

13. ( क्र. 145 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत हुई अतिवर्षा से बड़ी नदियों में आई बाढ़ के कारण जल भराव से कृषकों की खड़ी फसलों को हुई क्षति के संबंध में कितने कृषकों की फसलों की क्षति हुई एवं उनको दी गई मुआवजा राशि वितरण की जानकारी तहसीलवार, ग्रामवार, उपलब्ध करायें। (ख) जिला प्रशासन द्वारा नदी के दोनों ओर किनारे के नजदीक लगे हुए कृषकों की हुई फसलों की क्षति का आंकलन किया एवं मुआवजा भी दिया गया लेकिन उसी नदी का पानी थोड़ी दूरी पर स्थित अन्य खेतों में जल भराव की स्थिति निर्मित होने पर भी उक्त किसानों को मुआवजा राशि नहीं दिये जाने के कारण सहित जानकारी दें। इस संबंध में कितनी शिकायतें अथवा आवेदन मुआवजा राशि हेतु कृषकों से प्राप्त हुए? इस संबंध में निराकरण की कार्यवाही से अवगत करायें। क्‍या उक्त संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा कलेक्टर विदिशा को पत्र क्र. 531 दिनांक 19.09.2022 के माध्यम से कार्यवाही हेतु आग्रह किया था? यादि हाँ तो पत्र के क्रम में की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) क्या शासन प्रश्‍नांश (ख) के क्रम में जल भराव से हुई फसलों को हुई क्षति के संबंध में यथाशीघ्र मुआवजा राशि से वंचित कृषकों को राशि प्रदान किये जाने के संबंध में निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला विदिशा अंतर्गत अतिवर्षा से बड़ी नदियों में आई बाढ़ के कारण जल भराव से कुल 23758 कृषकों की फसल क्षति होने पर राहत राशि 38,74,26,740/- रूपये का वितरण किया गया है। तहसीलवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) संयुक्त सर्वेक्षण के अनुसार नदी किनारे के ग्रामों में नदी के नजदीक लगी हुई फसलों में आर.बी.सी 6-4 के तहत 25 प्रतिशत से अधिक क्षति होने के कारण मुआवजा दिया गया। साथ ही ऐसे खेत जो नदी के पानी से दूर स्थित हैं एवं 25 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति हुई है, उनके कृषकों को मुआवजा दिया गया है। इसके अतिरिक्त ऐसे खेत जिनमें 25 प्रतिशत से कम क्षति हुई है, उनके कृषकों को आर.बी.सी 6-4 की पात्रता में नहीं आने के कारण मुआवजा राशि नहीं दी गई है। इस संबंध में जिले में कुल 74 शिकायतें अथवा आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका निराकरण कर दिया गया है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा कलेक्टर विदिशा को प्रेषित पत्र क्र. 531 दिनांक 19.09.2022 के संबंध में प्रभारी अधिकारी राहत शाखा, समस्त अनुविभागीय अधिकारी एवं समस्त तहसीलदारों को विडियो कॉन्‍फ्रेन्‍स के माध्यम से फसल क्षति सर्वे कार्य तत्काल पूर्ण कर क्षति पत्रक तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया। पत्र के क्रम में की गई कार्यवाही की नोटशीट की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परासिया को जिले का दर्जा प्रदान किया जाना

[राजस्व]

14. ( क्र. 149 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया को जिले का दर्जा प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री जी को पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2021/1068 दिनांक 20.12.2021 प्रेषित किया गया था, जिस पत्र पर मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 449/637/2021/सात/शा-7 भोपाल दिनांक 23/09/2022 के माध्यम से कलेक्टर जिला छिंदवाड़ा को पत्र जारी कर आवश्यक कार्यवाही करते हुए प्रतिवेदन व जानकारी विभाग को भिजवाने हेतु निर्देशित किया गया था, जिस पर अभी तक चाही गई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है, जिसका क्या कारण है? कब तक आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करा दी जायेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार आवश्यक कार्यवाही व औपचारिकताओं को शासन द्वारा पूर्ण करते हुये परासिया को जिले का दर्जा प्रदान कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रकरण में, कलेक्‍टर छिन्‍दवाड़ा द्वारा दिनांक 10/11/2022 को परासिया को जिला बनाये जाने बाबत् प्रतिवेदन प्रेषित किया है जो परीक्षणाधीन है। (ख) उत्‍तरांश (क) के संदर्भ में परासिया को जिले का दर्जा प्रदान करने की समय-सीमा निर्धारण में कठिनाई है।

प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि का वितरण

[राजस्व]

15. ( क्र. 160 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) रायसेन जिले की तहसील बेगमगंज एवं सिलवानी में राजस्‍व अभिलेखों में खातेदार के रूप में कितने किसानों के नाम दर्ज है? ग्राम पंचायतवार संख्‍या बतायें। उनमें से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि तथा मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि नहीं मिल रही है? ग्राम पंचायतवार संख्‍या बतायें। (ख) तहसील बेगमगंज एवं सिलवानी के सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि तथा मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि क्‍यों नहीं मिल रही है? कारण बतायें तथा कब तक सभी पात्र किसानों को राशि मिलने लगेगी? (ग) तहसील बेगमगंज एवं सिलवानी में कितने वन भूमि के पट्टाधारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि तथा मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि मिल रही है तथा कितने पट्टाधारियों को राशि क्‍यों नहीं मिल रही है? कारण बतायें तथा उनको कब तक राशि मिलेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा जिले के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब मिले तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : () जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। उक्‍त खातों में से जिन पात्र खातेदारों द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नियत मापदण्ड अनुसार सही जानकारी प्राप्त हुई है, उन्हें योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। () उत्‍तरांश के अनु्क्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                () तहसील बेगमगंज में 539 एवं तहसील सिलवानी में 3336 वन भूमि के पात्र पट्टाधारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि तथा मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि मिल रही है। शेष तहसील बेगमगंज के 48 एवं तहसील सिलवानी के 546 वन पट्टाधारियों को योजना अनुसार अपात्र होने के कारण योजना का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।

अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान

[श्रम]

16. ( क्र. 161 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना तथा मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्‍यु उपरांत अन्‍तयेष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के किन-किन के प्रकरण किस स्‍तर पर कब से एवं क्‍यों लंबि‍त हैं? (ख) रायसेन जिले में स्‍वीकृत किन-किन श्रमिक शेड में द्वितीय किश्‍त का भुगतान क्‍यों नहीं किया जा रहा है? कारण बतायें तथा कब तक द्वितीय किश्‍त का भुगतान होगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जुलाई 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? पत्रों के जवाब क्‍यों नहीं दिये? (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ? कारण बतायें तथा कब तक निराकरण होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रायसेन जिले में मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मृत्‍यु की दशा में अनुग्रह सहायता योजनांतर्गत 03 प्रकरण भुगतान किए जाने हेतु लंबित है। उक्‍त प्रकरण संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत किए जा चुके हैं, भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अनुग्रह सहायता हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। रायसेन जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के 287 प्रकरण लंबित है। अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान शासन स्‍तर से बजट उपलब्‍धता अनुसार किया जाता है। अंत्येष्टि सहायता का कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की निर्माण श्रमिक आश्रय शेड योजना के अंतर्गत जिला रायसेन में स्‍वीकृत 21 श्रमिक शेडों में से 12 शेडों के संबंध में द्वितीय किश्‍त का मांग पत्र प्राप्‍त न होने से आवंटन नहीं किया जा सका है तथा 01 प्रकरण में आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विस्‍तृत विवरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल से संबंधित प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में 1 जुलाई 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रश्‍नकर्ता विधायक के माध्‍यम से प्राप्‍त पत्र, उन पर की गई कार्यवाही एवं मान. विधायक महोदय को प्रेषित पृष्‍ठांकित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल से संबंधित मान. मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को 01 जुलाई 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक निम्न पत्र प्राप्त हुये :- 1. मान. विधायक महोदय द्वारा प्रमुख सचिव, श्रम विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 1229 दिनांक 26-08-2020 के तारतम्य में अग्रिम कार्यवाही हेतु श्रम पदाधिकारी, जिला रायसेन को मण्‍डल द्वारा पत्र क्रमांक 4583 दिनांक 19-09-2022 प्रेषित किया गया। 2. मान. विधायक महोदय द्वारा मान. मुख्‍यमंत्री जी, मध्‍यप्रदेश शासन को प्रेषित पत्र क्रमांक 1230 दिनांक 26-08-2020 के तारतम्य में अग्रिम कार्यवाही हेतु श्रम पदाधिकारी, जिला रायसेन को मण्‍डल द्वारा पत्र क्रमांक 5372 दिनांक 20-10-2022 प्रेषित किया गया। 3. मान. विधायक महोदय द्वारा मान. मंत्री जी, श्रम विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 1488 दिनांक 23-10-2022 के तारतम्य में अग्रिम कार्यवाही हेतु श्रम पदाधिकारी, जिला रायसेन को मण्‍डल द्वारा पत्र क्रमांक 6172 दिनांक 21-11-2022 प्रेषित किया गया। 4. मान. विधायक महोदय द्वारा मान. मंत्री जी, श्रम विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 1281 दिनांक 18-09-2022 के तारतम्य में अग्रिम कार्यवाही हेतु श्रम पदाधिकारी, जिला रायसेन को मण्‍डल द्वारा पत्र क्रमांक 6166 दिनांक 21-11-2022 प्रेषित किया गया। उपरोक्त वर्णित सभी पत्रों में निज सहायक मान. विधायक महोदय को प्रतिलिपि दी गई। कार्यवाही – 1. 2. मण्डल के पत्र क्र. 5372 दिनांक 20-10-2022 तथा पत्र क्र. 4583 दिनांक 09-09-2022 समविषयक पत्र है। उक्त पत्र के तारतम्य में श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, बेगमगंज को पत्र क्र. 2135 दिनांक 30-11-2022 कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया, जिसकी प्रतिलिपि निज सहायक माननीय विधायक जी को पत्र क्र. 2136 दिनांक 30-11-2022 के माध्यम से दी गई। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, बेगमगंज से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रेषित 14 में से 04 प्रकरणों में अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष 10 प्रकरणों में ई.पी.ओ. जारी किये जा चुके हैं। ई.पी.ओ. जारी प्रकरणों में बजट प्राप्त होने पर भुगतान किया जाता है।           3. उक्‍त पत्र के तारतम्‍य में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद्, देवरी को पत्र क्रमांक 2133 दिनांक 30.11.22 कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। जिसकी प्रतिलिपि निज सहायक माननीय विधायक जी को पत्र कमांक 2134 दिनांक 30-11-2022 के माध्यम से दी गई। मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद् देवरी से प्रकरण में की गई कार्यवाही का जबाव अपेक्षित है। 4. उक्त पत्र के तारतम्य में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बेगमगंज को पत्र क्रमांक 2135 दिनांक 30-11-2022 कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया, जिसकी प्रतिलिपि निज सहायक माननीय विधायक जी का पत्र कमांक 2136 दिनांक 30-11-2022 के माध्यम से दी गई। मुख्य कार्यपालन अधिकारी बेगमगंज से प्रकरण में प्राप्त जानकारी अनुसार स्व. श्री संतोष रैकवार आत्मज श्री शंकर रैकवार में अनुग्रह सहायता राशि 4.00 लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है। (घ) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के संबंध में जिला रायसेन में स्‍वीकृत निर्माण श्रमिक शेडों की द्वितीय किश्‍त का भुगतान संबंधित अधिकारी से मांग पत्र प्राप्‍त न होने के कारण नहीं किया जा सका है। ग्रांम पंचायत सुमेर, जनपद पंचायत बेगमगंज के 01 प्रकरण में आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल :-         1. माननीय विधायक महोदय द्वारा उल्लेखित प्रकरण स्व. श्री संतोष रैकवार आत्मज श्री शंकर रैकवार में अनुग्रह सहायता राशि 4.00 लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है। 2. स्व. श्री राजाराम कहार के प्रकरण में कार्यवाही हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी देवरी को पत्र क्रमांक 2133 दिनांक             30-11-2022 प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 3. पत्रों के तारतम्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी कार्यालय जनपद पंचायत, बेगमगंज से प्राप्त जानकारी अनुसार अनुग्रह सहायता राशि के 14 प्रकरणों में से निम्न 04 प्रकरणों में अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान हो चुका हैं :-

क्र

श्रमिक का नाम

मृत्यु दिनांक

भुगतान राशि

ई.पी.ओ. क्र.

दिनांक

1

स्व. श्री संतोष रानी

14.12.21

4.00 लाख

258547

04.03.22

2

मोजी लाल

27.12.21

2.00 लाख

256201

14.12.22

3

सोहन लाल

09.12.21

2.00 लाख

248837

11.01.22

4

शांति बाई

23.11.21

2.00 लाख

248065

06.01.22

शेष 10 प्रकरणों में ई.पी.ओ. जारी किये जा चुके हैं तथा भुगतान की कार्यवाही शासन स्तर से किया जाना है। माननीय विधायक जी द्वारा प्रेषित पत्र में उल्लेखित 02 प्रकरण जिनमें मृत्यु दिनांक 07-12-2020 तथा 19-12-2020 है, भी उक्त 10 प्रकरणों में सम्मिलित है।

गरीब परिवारों को पट्टे का आवंटन

[राजस्व]

17. ( क्र. 178 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि नगरपालिका परासिया अन्‍तर्गत वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड प्रबंधन द्वारा लीज पर ली गई भूमि की लीज खत्म हो चुकी है और लीज खत्म होने के बाद भी भूमि वे.को.लि. प्रबंधन के कब्जे में है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो क्या उपरोक्त भूमि को शासन के नाम पर परिवर्तित कर शासकीय मद में दर्ज कर नगरपालिका परासिया अंतर्गत गरीब व असहाय परिवारों को जिन्हें पट्टा प्रदान किया जाना आवश्यक है, क्या ऐसे विभिन्न पात्र गरीब वर्ग के हितग्राहियों को शासन की योजनांतर्गत आवास निर्माण हेतु भूमि का पट्टा प्रदान कराये जाने की शासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जायेगी? अवगत करायें। (ग) वर्तमान समय में परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित खिरसाडोह रेलवे स्टेशन के आस-पास खमराजेठू (महादेवपुरी) में रेलवे की भूमि में निवासरत गरीब परिवारों के आवासों को रेलवे द्वारा तोड़ दिया गया है। ऐसे गरीब परिवारों को कब तक विस्थापित किये जाने हेतु शासकीय योजना के अन्तर्गत शासकीय भूमि का पट्टा प्रदान कर दिया जायेगा? (घ) नगरपालिका परासिया अर्न्तगत वर्ष 2014 से 2023 तक शासन की योजनांतर्गत किन-किन हितग्राहियों को भूमि का पट्टा प्रदान किया गया है? हितग्राहियों के नाम, पता, प्रदाय भूमि का विवरण उपलब्ध करायें। अगर भूमि का पट्टा प्रदान नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वे.को.लि. प्रबंधन द्वारा लीज पर ली गई जमीन की लीज समाप्‍त होने पर भारत सरकार द्वारा प्रकाशित राजपत्र में अधिसूचना क्रमांक सा.का.नि. 717 (अ) दिनांक 01 अक्‍टूबर 2021 के अनुसार लीज नवीनीकरण स्‍वीकृत हो गई है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) वर्तमान समय में परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित खिरसाडोह रेलवे स्‍टेशन के आसपास-खमराजेठू (महादेवपुरी) में रेलवे की भूमि में निवासरत व्‍यक्तियों के मकान एवं दुकान हटाने की कार्यवाही रेलवे द्वारा की गई है। जिनमें से 20 व्‍यक्ति ऐसे है जिनकी निजी भूमि नहीं है। उनमें से 07 व्‍यक्तियों को पूर्व में पंचायत द्वारा पट्टा दिया जा चुका है एवं 13 पात्र हितग्राहियों को आवासीय भू-खण्‍ड दिये जाने के संबंध में ग्राम खिसराडोह माल की शासकीय आबादी भूमि खसरा नम्‍बर 16/1/2 रकबा 1.595 हे. में से चिन्हित कर ले-आउट तैयार किया जा चुका है। (घ) शासन की योजना के अंतर्गत नगरपालिका परासिया में वर्ष 2014 से 2023 तक किसी भी हितग्राही को पट्टा वितरित किये जाने योग्‍य भूमि न होने से पट्टा वितरित नहीं किया। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति

[जल संसाधन]

18. ( क्र. 179 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र परासिया के अन्तर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव विभाग द्वारा प्रस्तावित कर शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश '''' के अनुसार जिन सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव विभाग द्वारा प्रस्तावित कर स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं, उनमें से कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की जा चुकी है और किन-किन सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है? स्वीकृति प्रदान नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय को विधानसभा क्षेत्र परासिया में प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2022/674 व पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2022/672 एवं पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2022/670 तीनों पत्र दिनांक 12.09.2022 को प्रेषित किये गये थे जिन पत्रों पर उल्लेखित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? मय दस्तावेज सहित जानकारी उपलब्ध करायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) विधान सभा क्षेत्र परासिया अन्तर्गत विभागीय वेबसाइट में दर्ज चिन्हित लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। शासन स्‍तर पर साध्‍यता स्‍वीकृति का कोई प्रस्‍ताव लंबित नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित माननीय सदस्‍य द्वारा माननीय मंत्री जी जल संसाधन विभाग को लिखे गए पत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"1", "2" एवं "3" अनुसार हैं। पत्रों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब", "स" एवं "द" अनुसार है।

अरूणाम घोष स्टेडियम सिहोरा का विस्तारीकरण

[राजस्व]

19. ( क्र. 205 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 929 दिनांक 17 जुलाई 2019 में अवगत कराया गया था कि‍ अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण के संबंध में कराए गए सर्वे में 75 परिवार प्रभावित पाए जाने से उनके विस्थापन की कार्यवाही प्रचलित है। आज दिनांक तक काफी समय बीत जाने के बाद भी विस्थापन की कार्रवाई क्यों नहीं की गई? खेल प्रतिभाओं की मांग के अनुरूप स्टेडियम का विस्तारीकरण नहीं हो पा रहा है। कब तक प्रभावित परिवारों का विस्थापन कर स्टेडियम का विस्तारीकरण कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिहोरा के न्यायालीन मामला क्रं. 0001/अ-59/2022-23 एवं क्रं. 0002/अ-59/वर्ष 2022-23 में कलेक्टर जबलपुर के आदेशानुसार भूमि खसरा नं. 522/1 रकवा 1.00 हेक्टे. एवं ख.नं. 1360 रकवा 1.00 हेक्टे. का विस्थापन हेतु आबादी मद में परिवर्तन किया जा चुका है। उक्त भूमि का सीमाकंन कर अग्रेतर कार्यवाही हेतु यह मुख्य नगरपालिका अधिकारी सिहोरा को सौंपी गई है। उक्त भूमि में विस्थापन हेतु ले-आउट इत्यादि की कार्यवाही प्रगतिशील है। अरूणाम घोष स्टेडियम सिहोरा के विस्तारीकरण हेतु ग्राम मनसकरा स्थित खसरा नं. 480/3 रकवा 0.409 हेक्टे. दिनांक 26 नवम्बर 2022 को सीमाकंन कर नगरपालिका को सौंपी गई इस प्रकार अरूणाम घोष स्टेडियम विस्‍तारीकरण हेतु प्रस्तावित ख.नं. 480/2 रकवा 0.801 एवं ख.नं. 480/3 रकवा 0.409 हेक्टे., कुल रकवा 1.210 हेक्टे. है। ग्राम मनसकरा स्थित खसरा नं. 480/3 रकवा 0.409 में कुल 75 परिवार निवासरत हैं। उक्त परिवारों के विस्थापन हेतु जनप्रतिनिधियों एवं नगरपालिका अधिकारी सिहोरा द्वारा दिनांक 18.11.2022 को जनसुनवाई आयोजित की गई एवं विस्थापन की मूलभूत सुविधाओं की जानकारी दी गई। विस्थापन की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण किये जाने हेतु नगरपालिका स्तर पर कार्यवाही प्रगतिशील है।

माइक्रो लिफ्ट इरीगेशन योजना की स्वीकृति

[जल संसाधन]

20. ( क्र. 255 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्र. 61,62 एवं 63 दिनांक 12/10/2022 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय, माननीय जल संसाधन मंत्री महोदय एवं अपर मुख्य सचिव महोदय जल संसाधन विभाग को पत्र लिखे पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करावें। क्या पत्र दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक उक्त पत्रों के विषय में हिम्मतगढ़ फीडर एवं आरोन-पाटई माइक्रो लिफ्ट इरीगेशन योजना की स्वीकृति की गई हैं? स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक के ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 5697 दिनांक 15 मार्च 2021 के उक्त विषय पर माननीय जल संसाधन मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 16 मार्च 2021 को अपने वक्तव्य में कहा था कि वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक अनुकूल होने पर निर्णय लिया जाना संभव होगा? क्या अब योजना को नवीन संशोधित डी.पी.आर. 240 करोड़ जी.एस.टी. सहित को प्रशासकीय स्वीकृति दी जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? क्‍या उक्त क्षेत्र के गरीब सिंचाई से वंचित किसानों को ऐसी ही हालत में छोड़ दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) माननीय सदस्‍य द्वारा प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र क्रमांक 61, 62 एवं 63 दिनांक 12.10.2022 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"1", "2" एवं "3" अनुसार है। अभी परियोजना की स्‍वीकृति नहीं हुयी है। जी हाँ, सूचकांक अनुकूल होने पर प्रशासकीय स्‍वीकृति के संबंध में आगामी निर्णय लिया जाना संभव होगा, की बात कही गयी थी। वर्तमान में तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि आरोन-पाटई माईक्रो उद्वहन योजना का नवीन संशोधित डी.पी.आर. लागत रू. 105.185 करोड़ (जी.एस.टी. सहित) मुख्‍य अभियंता, ग्‍वालियर द्वारा दिनांक 21.09.2022 को प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना से 17 ग्रामों की 4,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई प्रस्तावित है। हिम्मतगढ़ बांध को सांकनून नहर के माध्यम से पेहसारी बांध से भरने हेतु सांकनून नहर की मरम्मत का कार्य प्रगतिरत है। हिम्मतगढ़ बांध से 16 ग्रामों की 5,365 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। प्रश्‍नाधीन परियोजना की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। स्‍वीकृति हेतु निश्‍चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

राजस्व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

21. ( क्र. 256 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) ग्वालियर जिले के तहसील भितरवार, चीनौर एवं घाटीगांव के अन्तर्गत 01 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक राजस्व प्रकरणों के निपटारे हेतु किन-किन कृषकों द्वारा आवेदन दिये गये थे? उनका नाम, पिता/पति का नाम, ग्राम, ग्राम पंचायत का नाम, आवेदन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कितने नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का निपटारा किया गया है? कितने प्रकरण लंबित हैं? जिन कृषकों के प्रकरणों का निपटारा किया गया है तथा              किन-किन का नहीं किया गया है, उनके भी नाम, ग्राम पंचायतवार बतावें। (ख) क्या नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों के निपटारा हेतु म.प्र शासन द्वारा समय-सीमा निश्चित की गई है? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या राजस्व अभिलेखीय (खसरा) अनुसार नक्शों में तरतीम किये गये हैं? यदि नहीं किये गये हैं तो इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम, पद, बतायें क्या दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या और कब? यदि नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) यह कि नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरण RCMS पोर्टल पर दर्ज किए जाते हैं, जो निम्‍नानुसार हैं :-

तहसील

चाही गई अवधि में प्राप्‍त आवेदन

निराकृत आवेदन

शेष आवेदन

नामांतरण

बंटवारा

सीमांकन

नामांतरण

बंटवारा

सीमांकन

नामांतरण

बंटवारा

सीमांकन

भितरवार

8172

533

315

7331

457

308

841

76

07

चीनोर

7387

588

749

7044

518

744

440

70

05

घाटीगांव

2716

194

182

2455

149

137

261

45

45

शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार(ग) राजस्‍व अभिलेखों में खसरा अनुसार तरमीम किए जा रहे हैं, जिसमें कोई अधिकारी/ कर्मचारी दोषी नहीं है।

खनिज विभाग के अधिकारी की शिकायत पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

22. ( क्र. 302 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक अलीराजपुर जिले के खनिज विभाग के किन-किन अधिकारी एवं कर्मचारियों की शिकायतें शासन को प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों की किन-किन अधिकारियों के द्वारा जांच की गई है? जांचकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम और विभाग बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जांच में दोषी पाये गये अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो इसके क्या कारण हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर दर्शित है।

परिशिष्ट - "छ:"

गौण खनिज की जानकारी

[खनिज साधन]

23. ( क्र. 303 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में कितने शासकीय निर्माण कार्य संचालित है? संचालित निर्माण कार्य किन-किन विभाग एवं योजना के हैं? सूची सहित जानकारी देवें। (ख) अलीराजपुर जिले में खनिज विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ से गौण खनिज प्राप्त किया गया? सूची सहित जानकारी देवें।                    (ग) अलीराजपुर जिले में खनिज विभाग द्वारा गौण खनिज हेतु कितने ठेकेदारों व फर्मों को कितने परमिट जारी किये गये हैं और कितने अनापत्ति प्रमाण-पत्र किस-किस आधार पर दिये गये हैं? ठेकेदार व फर्मवार जारी किये गये परिमिट एवं अनापत्ति प्रमाण-पत्र की प्रति देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिले के शासकीय निर्माण विभागों/ऐजेंसियों से प्राप्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जिले में जारी टेम्‍पररी परमिट की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स एवं अनापत्ति प्रमाण-पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है।

अतिवृष्टि से नष्ट हुई खरीफ फसल का मुआवजा

[राजस्व]

24. ( क्र. 325 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2022 में बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील बण्डा एवं शाहगढ़ के किसानों की सोयाबीन, उड़द, मूंग तिली आदि खरीफ खसलें अतिवृष्टि के कारण सड़ कर खेतों में ही पूर्णतः नष्ट हो गई थी? यदि हाँ तो, विकासखण्डवार, पटवारी हल्कावार क्षति के सर्वे की जानकारी फसलवार, किसानवार सूची सहित प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत क्या प्रभावित किसानों को फसल बीमा राशि एवं मुआवजा राशि प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक प्रदान कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2022 में बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील बण्डा एवं शाहगढ़ के किसानों की सोयाबीन, उड़द मूंग तिली आदि खरीफ फसलें अतिवृष्टि के कारण सड़कर खेतों में पूर्णतः नष्ट नहीं हुई है। फसलों का सर्वे नियमानुसार कराया गया, विस्‍तृत सर्वे अनुसार फसल क्षति 25% से कम होना पाया गया। (ख) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार फसल क्षति 25% से कम होने के कारण राहत राशि प्रदान नहीं की गयी। फसल बीमा के दावों की राशि फसल कटने के बाद उपज हानि के आधार पर बीमा कंपनी द्वारा पात्र कृषकों को भुगतान की जाती है। वर्ष 2022-23 में दावों का भुगतान नहीं किया गया है।        समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

गौवंश के लिये आरक्षित गौचर भूमि

[राजस्व]

25. ( क्र. 327 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ तहसील के पटवारी हल्का ग्राम नचनवारा में भूमि खसरा नम्बर 215, 224, 225 एवं 226 संवत 2015 के राजस्व अभिलेखों में क्या गौचर हेतु आरक्षित थी?                 (ख) प्रश्‍नांश (क) हाँ तो, खसरा नम्बर 215 में किसी/किन्हीं व्यक्तियों को वृक्षारोपण हेतु भूमि पट्टे पर दी गई है? यदि हाँ तो पट्टेदारों के नाम सहित वर्तमान में उक्त भूमि किसके नाम दर्ज है? व्यक्ति का नाम बतायें। क्या उक्त भूमि का विक्रय हुआ है? यदि हाँ तो विवरण दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार प्रश्‍नाधीन भूमि के विक्रय हेतु सक्षम अधिकारी से पूर्वानुमति प्राप्त की गई है? क्या गौचर भूमि का अन्य भूमि से तल-बदल कर किसी व्यक्ति का नाम उक्त भूमि पर दर्ज किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हाँ तो ऐसे आदेशों की प्रतियां दें और बतायें कि विनिमयकृत रकवे के समतुल्य गौवंश हेतु भूमि कहाँ आरक्षित की गई है? पहचान सहित रकवा बतायें। यदि नहीं तो उक्त भूमियों की प्रविष्टी में यथावत गौचर कब तक दर्ज किया जावेगा? चूककर्ता अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित उनके विरूद्ध की जाने वाली कार्यवाही का ब्‍यौरा व                  समय-सीमा बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वर्तमान में भूमि खसरा नंबर 215, रकवा 1.699 हेक्टेयर, दीपेन्द्र सिंह तनय वीरेन्द्र सिंह ठाकुर निवासी टीकमगढ़ के नाम दर्ज है जो विक्रय पत्र क्रमांक MP421162020A1208660 दिनांक 18.03.2020 के अनुसार वीरेन्द्र सिंह, नरेन्द्र सिंह, नेपाल सिंह तनय, हुकुम सिंह यादव निवासी नीमखेरा को उक्त भूमि विक्रय कर दी गई है। टीकमगढ़ तहसील के ग्राम नचनवारा की भूमि खसरा नम्बर 215 में से टन्टू तनय तिजू कुशवाहा (प्रकरण क्रमांक 95/अ-61/1986 से 87) निवासी नचनवारा एवं चुन्नीलाल तनय तिजू कुशवाहा (प्रकरण क्रमांक 95/अ-61/1986 से 87) निवासी नचनवारा को वृक्षारोपण हेतु भूमि पट्टे पर दी गई थी (ग) जी हाँ। न्यायालय कलेक्टर जिला टीकमगढ़ के प्रकरण क्रमांक 45/अ-59/1995-96 आदेश दिनांक 28.06.1996 के द्वारा ग्राम भेसवारी की भूमि खसरा नंबर 530, 543, 544, 538/1463 रकवा 3.485 हे. से ग्राम नचनवारा की शासकीय गौचर भूमि खसरा नम्बर 215, 224, 225, 226 कुल रकवा 3.828 हे. में से 3.485 हेक्टेयर भूमि विनिमय (तल बदल) की गई थी। वर्तमान में ग्राम नचनवारा की उक्त भूमि दीपेन्द्र सिंह तनय वीरेन्द्र सिंह ठाकुर निवासी टीकमगढ़ के नाम दर्ज है। (घ) ग्राम नचनवारा की भूमि के बदले ग्राम भेसवारी की खसरा नंबर 530, 543, 544, 538/1463 में रकवा 3.485 हेक्टेयर भूमि शासकीय दर्ज की गई गई, न्यायालय कलेक्टर जिला टीकमगढ़ के प्रकरण क्रमांक 45/अ-59/1995-96 आदेश दिनांक 28.06.1996 की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम नचनवारा में वर्तमान में 19.270 हेक्टेयर भूमि गौचर मद में दर्ज है, जो ग्राम के कृषिक भूमि के दो प्रतिशत से अधिक है, अतः अतिरिक्त गौचर भूमि आरक्षित नहीं की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सात"

भारतीय मजदूर संघ की शिकायत पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

26. ( क्र. 347 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या प्रदेश के सिवनी जिले में कार्यालय जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम-सिवनी द्वारा वर्ष 2018-19 में क्रय किये गए बारदाना में वृहद-स्तर में शासकीय नियमों व म.प्र. भंडार क्रय नियमों के उल्लंघन व बारदाना विक्रेता/क्रेता द्वारा जी.एस.टी. राशि व क्रय प्रक्रिया में अनियमितता किये जाने के संबंध में भारतीय मजदूर संघ सिवनी द्वारा जिला प्रशासन, प्रदेश शासन व विभाग प्रमुख को शिकायत की गई है? यदि हाँ तो कब? उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के सिवनी जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबों को बांटने हेतु गोदामों में रखा स्तरहीन चावल व मिलिंग में की जा रही अनियमितता की जांच के संबंध में भारतीय मजदूर संघ सिवनी द्वारा लिखित शिकायत पत्र कार्यालय कलेक्टर सिवनी को दिनांक 06.12.201908.09.2020 दिया गया है? यदि हाँ तो उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, सिवनी के विरूद्ध भारतीय मजदूर संघ, सिवनी द्वारा दिनांक 15.07.2021 को शिकायत प्रस्‍तुत की गई है। शिकायत की प्रारंभिक जांच कलेक्‍टर, सिवनी द्वारा की जाकर जांच प्रतिवेदन दिनांक 25.03.2022 को कार्पोरेशन को प्रेषित किया गया, जिसके आधार पर सिवनी जिले में वर्ष 2018-19 में पदस्‍थ तत्‍कालीन 3 जिला प्रबंधकों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई, जो कि प्रचलित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्यालय कलेक्‍टर सिवनी में दिनांक 06.12.2019 में प्रदीप पटेल, अधिवक्‍ता भारतीय मजदूर संघ सिवनी द्वारा शिकायत पत्र प्राप्‍त हुआ है, जिसके संबंध में जिला प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, सिवनी द्वारा पत्र दिनांक 23.12.2021 से लेख किया गया है कि शासकीय गोदामों एवं वेयर हाउसों से शासन नीति नियमानुसार मिलर्स को वर्तमान में 433.00 क्विंटल (एक लॉट) प्रदाय धान के विरूद्ध 67 प्रतिशत चावल मिलिंग उपरांत केन्‍द्र शासन द्वारा निर्धारित मानक अनुसार 290.00 क्विंटल गुणवत्‍ता निरीक्षक द्वारा मानक गुणवत्‍ता का चावल मिलर्स से स्‍वीकार किया जाता है एवं रिकार्ड संधारित किया जाता है। जिसका समय-समय पर भारतीय खाद्य निगम/निगम मुख्‍यालय-भोपाल द्वारा गठित जांच दल/गुणवत्‍ता नियंत्रक, निरीक्षण/परीक्षण द्वारा किया जाता है जिसका सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्‍यम से गरीबों को बांटने हेतु किया जाता है। जांच रिपोर्ट पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। दिनांक 08.09.2020 का भारतीय मजदूर संघ सिवनी द्वारा लिखित पत्र इस कार्यालय में प्राप्‍त होना जानकारी में नहीं आ रहा है।

बिना सक्षम अनुमतियों के उद्योग का संचालन

[श्रम]

27. ( क्र. 359 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सच है कि आदिवासी विकासखण्‍ड केसला की ग्राम शिवनगर पंचायत चांदौन में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग की फैक्‍ट्री का संचालन बिना सक्षम अनुमतियों (फायर एवं सेफ्टी विभाग एवं अन्‍य) के द्वारा संचालित किये जाने के संबंध में शिवनगर चांदौन के अनेक ग्रामीणों के शिकायती पत्र के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा कलेक्‍टर, नर्मदापुरम को अक्‍टूबर 2022 में पत्र लिखा गया था?           (ख) उक्‍त उद्योग किन-किन सक्षम अनुमतियों के अभाव में प्रारंभ की गयी? (ग) बिना सक्षम अनुमतियों के प्रारंभ किए गए उद्योग के संबंध में प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्‍टर जिला नर्मदापुरम से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग फैक्‍ट्री संचालन हेतु म.प्र. मध्‍यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, फायर सेफ्टी, नगर तथा ग्राम निवेश, श्रम विभाग की अनुमतियां, जी.एस.टी. नंबर आदि प्राप्‍त करना था जो नहीं किया जाना जांच में पाया गया है। उप संचालक औद्योगिक स्‍वास्‍थ्‍य एवं सुरक्षा, संभागीय कार्यालय भोपाल द्वारा शिवनगर चांदौन, तहसील इटारसी, जिला होशंगाबाद में तिरूपति ट्रेडर्स के नाम से स्‍थापित उद्योग का निरीक्षण किये जाने पर 10 से कम श्रमिकों को नियोजित कर एवं विद्युत शक्ति की सहायता से पुराने ट्रांसफार्मर का रिपेयरिंग कार्य किया जाना पाया गया। इस प्रकार वर्तमान में यह उद्योग कारखाना अधिनियम, 1948 की परिधि में नहीं आता है। अत: अनुज्ञप्ति प्राप्‍त करने की आवश्‍यकता नहीं है। आदिवासी विकासखण्‍ड केसला की ग्राम शिवनगर पंचायत चांदौन में म.प्र. दुकान एवं स्‍थापना अधिनियम, 1958 प्रभावशील नहीं है। महाप्रबंधक जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र नर्मदापुरम म.प्र. से प्राप्‍त जानकारी अनुसार उद्योग प्रारंभ करने हेतु कोई अनुमति पृथक से प्रदान नहीं की जाती है। क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मण्डीदीप, जिला रायसेन से प्राप्‍त जानकारी अनुसार आदिवासी विकासखण्‍ड केसला की ग्राम शिवनगर पंचायत चांदौन में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग की फैक्‍ट्री हेतु उद्योग द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया है। अत: कार्यालय द्वारा उद्योग को सहमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) कलेक्‍टर नर्मदापुरम से प्राप्‍त जानकारी अनुसार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) इटारसी को शिकायत की जांच हेतु भेजी गई थी। जिनसे जांच प्रतिवेदन के आधार पर उक्‍त अनापत्तियों के संबंध में संबंधित को सुनकर विस्‍तृत जांच कर अपने अधिकार क्षेत्रानुसार कार्यवाही कर जिला स्‍तर से कार्यवाही प्रस्‍तुत करने हेतु आदेशित किया गया है।

एफ.सी.आई. में धान भण्‍डारण की क्षमता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

28. ( क्र. 370 ) श्री तरूण भनोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में एफ.सी.आई. के अंतर्गत धान भंडारण की कुल क्षमता कितनी है और ओपन कैप में रखने के कारण अब तक कितना धान बर्बाद हो चुका है ? पिछले तीन वर्षों का वर्षवार ब्‍यौरा दें।     (ख) क्‍या प्रदेश में पर्याप्‍त मात्रा में निजी वेयर हाउस होने के बावजूद वेयर हाउस संचालकों ने पूरे प्रदेश में एम.पी.डब्‍ल्‍यू.डी.एल.सी. द्वारा निकाले गए ऑफर को स्‍वीकार नहीं किया है? (ग) यदि हाँ तो ऑफर में निजी वेयर हाउस के द्वारा ऑफर नहीं भरे जाने के कारण क्‍या हैं? (घ) क्‍या आगामी धान की खरीदी के उपरांत उस धान को सुरक्षित रखने के लिए विचार किया गया? उसकी रूपरेखा की विस्‍तृत जानकारी दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में एफ.सी.आई. द्वारा धान भंडारण नहीं किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। खरीफ सीजन वर्ष 2022-23 हेतु निजी वेयर हाउस संचालाकों द्वारा कुल 74.45 लाख मे. टन गोदाम क्षमता ऑफर की गई है जो प्रदेश की खरीफ सीजन की आवश्‍यकता 45.04 लाख मे. टन से 29.41 लाख मे. टन अधिक है। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) MPWLC द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 हेतु धान के सुरक्षित भंडारण की व्‍यवस्‍था की गई है।

भुगतान एवं गेहूँ खरीदी की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

29. ( क्र. 386 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में इस वर्ष किस-किस कृषक से किस दिनांक को कितनी मात्रा में गेहूँ कितनी राशि का शासन द्वारा तय एजेन्‍सी द्वारा खरीदा गया तथा भुगतान किस दिनांक को किया गया तथा किस-किस कृषक का भुगतान उत्‍तर दिनांक तक शेष है? (ख) प्रश्‍नांश (क) सूची में किस-किस कृषक से कितनी राशि सोसायटी आदि के बकाया ऋण की किस दिनांक को काटी गई, वह राशि सोसायटी इत्‍यादि को कृषक के ऋण पेटे किस दिनांक को दी गई, इसमें विलंब का कारण क्‍या है तथा नियमानुसार उसे कितने दिवस में सोसायटी को देना था? (ग) क्‍या कई दिनों के अंतराल से ऋण पेटे काटी गयी राशि सोसायटी देने से कृषक को शून्‍य प्रतिशत ब्‍याज का लाभ नहीं मिला तथा सोसायटी ने ऋण पर सात प्रतिशत से दस प्रतिशत की दर से ब्‍याज लगा दिया? यदि हाँ तो बतावें कि ऐसे कृषकों की संख्‍या कितनी है? (घ) क्‍या विलंब से भुगतान पर लगाये गये ब्‍याज की राशि संबंधित एजेन्‍सी जिसने विलंब किया उससे वसूली की जायगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) शाजापुर जिले के कालापीपल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2022-23 में 39 खरीदी केन्‍द्रों पर कृषकों से समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ की मात्रा एवं भुगतान की दिनांकवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र कालापीपल में उत्‍तर दिनांक तक किसी भी कृषक का भुगतान शेष नहीं है।                    (ख) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन हेतु 2571 कृषकों से 10.85 करोड़ रू. की राशि सोसायटी आदि के बकाया ऋण पेटे में काटी गई है। किसानों की राशि जिस दिनांक को काटी गई है उसका समायोजन उसी दिनांक को कृषक के ऋण खाते में है। किसानों के ऋण मद में काटी गई एवं जमा की गई राशि की दिनांकवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'अनुसार है। (ग) जी हाँ। कालापीपल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 170 कृषकों से ऋण वसूली की राशि विलंब से जमा होने के कारण 7.36 लाख दण्‍ड की राशि का आंकलन किया गया है। काटी गई ऋण राशि की कृषकवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'अनुसार है। (घ) जी हाँ। विलंब से भुगतान पर कृषक पर लगाये गये ब्‍याज तथा पेनल्‍टी को निरस्‍त करने हेतु सहकारिता विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए है कि ऐसे कृषक जिनके द्वारा अपनी उपज 15/04/2022 तक समर्थन मूल्‍य पर विक्रय की गई है और उनकी बकाया ऋण राशि की वसूली कटौती भी कर ली गई है, परंतु विक्रय की गई फसल की राशि 15/04/2022 के पश्‍चात प्राप्‍त होने से कृषकों के खाते में विलंब से जमा हुई है, उनसे निर्धारित अवधि के पश्‍चात का ब्‍याज एवं दण्‍ड ब्‍याज की वसूली नहीं की जाए तथा ऐसे कृषकों को डिफाल्‍टर न मानते हुए शून्‍य प्रतिशत ब्‍याज दर योजना का लाभ जाए और पात्रता अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में अल्‍पकालीन ऋण उपलब्‍ध कराया जाए।

स्‍टोन क्रेशर की जांच

[खनिज साधन]

30. ( क्र. 403 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अन्‍तर्गत स्‍टोन क्रेशर कहाँ-कहाँ संचालित हैं तथा स्‍टोन क्रेशरों की सूची मालिकों के एवं उनके फर्म के नाम सहित उपलब्‍ध कराई जावे। इनका पंजीयन कब-कब               किस-किस सन् में कहाँ-कहाँ किन शर्तों के तहत उद्योग लगाने की अनुमति शासन द्वारा प्रदाय की गई? पत्‍थर उत्‍खनन की लीज किन-किन ग्रामों में कितने एरिया को क्रेशर लगाने एवं माइनिंग द्वारा लीज की अनुम‍ति दी गई है? आराजी नम्‍बर रकवा, नक्‍शा व रायल्‍टी कब-कब कितनी राशि शासन को जमा की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में पत्‍थर उत्‍खनन कितने मीटर गहराई तक खुदाई व उत्‍खनन पश्‍चात् गड्ढ़ों की भराई वृक्षारोपण का कार्य कहाँ-कहाँ कराया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) स्‍टोन क्रेशरों में धूल से अनेकों गंभीर बीमारियां होती हैं? जैसे दमा, श्‍वास, टी.बी. खांसी, कैंसर आदि गंभीर बीमारियां हो रही हैं। इसके बचाव के लिये क्‍या प्रदूषण यंत्र लगाये गये हैं? इनके विवरण सहित बतावें। (घ) स्‍टोन क्रेशर से पत्‍थर निकालने के लिए ब्‍लास्टिंग से उत्‍खनन की जाती है, तो वहां के आस-पास के मकानों में धमाके के कारण दरारें आ जाती हैं, जिससे ग्रामवासियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है? सरकार के द्वारा प्रदूषण रोकने के लिए कई गाइड-लाइन बनाई गई हैं? क्‍या इन मापदण्‍डों का पालन हो रहा है? अगर नहीं हो रहा है तो उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? रीवा जिले में अवैध स्‍टोन क्रेशर चल रहे हैं, शासन के द्वारा उनके प्रति क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जिले में सं‍चालित स्‍टोन क्रेशर, उनके मालिकों के नाम, फर्म का नाम, गाइड-लाइन आदि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पत्‍थर खनन हेतु स्‍वीकृत उत्‍खनन पट्टे का स्‍थान, क्षेत्रफल एवं जमा रॉयल्‍टी राशि तथा अन्‍य वांछित विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उत्खनन पट्टों में खनन कार्य अनुमोदित खनन योजना में निर्धारित मात्रा तथा निर्धारित गहराई के अनुरूप किये जाने के प्रावधान है। खनन कार्य 6 मीटर से अधिक गहराई की स्थिति में खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किया जाकर किया जा सकता है। स्वीकृत क्षेत्र में खान बंद करने की योजना के प्रावधानों के अधीन उत्खनित भूमि का समतलीकरण किया जाकर वृक्षारोपण किये जाने के प्रावधान है। जिले में स्वीकृत पत्थर खदानों में खनिज समाप्त होने जैसी स्थिति नहीं है, जिसका पर्यावरण संरक्षण दृष्टिकोण से वृक्षारोपण किये जाने के निर्देश समस्त पट्टेदारों को दिये गये है(ग) प्रदूषण निवारण बोर्ड द्वारा धूल से वायु प्रदूषण होने संबंधी कोई तथ्य संज्ञान में नहीं लाया गया है। जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुष्टि की गई है कि स्टोन क्रेशर के आस-पास के गांवो में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों में दमा, श्वास, टी.बी, खांसी, कैंसर आदि बीमारी संबंधी किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं पाई गई। (घ) स्टोन क्रेशर में उपयोग हेतु पत्थर निकाले जाने हेतु कन्ट्रोल ब्लास्टिंग की जाती है। आस-पास के मकानों में दरार पड़ने जैसी स्थिति प्रकाश में नहीं आयी है। प्रदूषण निवारण बोर्ड द्वारा स्टोन क्रेशर से होने वाले प्रदूषण नियंत्रण हेतु गाइड-लाइन जारी किये गये हैं, जिसका पालन बोर्ड द्वारा कराया जा रहा है। ऐसे स्टोन क्रेशर जिनके द्वारा गाइड-लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है, उनके विरुद्ध न्यायालयीन कार्यवाही की गई है।

मुआवजे का भुगतान

[राजस्व]

31. ( क्र. 418 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगोन जिले की बड़वाह तहसील के ग्राम मोयदा से संबंधित वर्ष 1928-29 से 2022 तक के       भू-स्‍वामी हक में दर्ज 137.091 हेक्‍टयर निजी भूमि से संबंधी अभिलेख एवं दस्‍तावेज उपलब्‍ध होने की जानकारी प्रश्‍न क्रमांक 133 दिनांक 26/7/2022, प्रश्‍न 3056 दिनांक 14 मार्च, 2018 को प्रस्‍तुत की गई है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 1928 से वर्ष 2022 तक ग्राम मोयदा की भू-स्‍वामी हक में दर्ज भूमि से संबंधित किस-किस वर्ष के कौन-कौन से अभिलेख, किस-किस शासकीय अभिलेखागार में उपलब्‍ध हैं? उनमें कितने किसानों के नाम पर कितनी भूमि भू-स्‍वामी हक में दर्ज है?                कितनी-कितनी भूमि आबादी मद, निस्‍तार पत्रक, जंगल मद एवं आर.एफ. में दर्ज है? (ग) भू-स्‍वामी हक में दर्ज भूमियों को आरक्षित वन अधिसूचित करने हेतु किस प्रकरण क्रमांक से किस आदेश दिनांक से कितना मुआवजा निर्धारित कर अर्जित किया? कितना मुआवजा भुगतान किया? यदि भूमि अर्जित नहीं की गई एवं मुआवजा भी भुगतान नहीं किया गया तो निजी भूमि को किस आधार पर राजस्‍व विभाग आरक्षित वन भूमि प्रतिवेदित कर रहा है? (घ) भू-स्‍वामी हक में दर्ज निजी भूमि को मध्‍य भारत वन विधान 1950 की धारा 3 धारा 4 एवं धारा 20 और धारा 29 में अधिसूचित करने का क्‍या-क्‍या अधिकार किस प्रक्रिया एवं कार्यवाही के बाद दिया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला खरगोन तहसील बड़वाह अंतर्गत वनग्राम मोयदा है। इन वनग्रामों का अभिलेख राजस्‍व विभाग द्वारा गिरदावरी एवं आर.बी.सी. 6-4 के लिए संधारणकर्ता है। (1) वर्तमान में हल्‍का पटवारी के पास वर्ष 1948-49 का नक्‍शा व मिसल बंदोबस्‍त उपलब्‍ध है, जिसमें कुल 24 किसानों के नाम दर्ज है, जिनके नाम के आगे पक्‍का कृषक लिखा हुआ है, जिसका कुल रकबा, 137.091 हेक्टर आबादी मद में, 0.053 हेक्टर निस्‍तार मद में दर्ज भूमि 37.385 हेक्टर तथा 32.953 हेक्टर भूमि जंगल मद में दर्ज है l                (2) तहसील बड़वाह के अभिलेखागार में ग्राम मोयदा के खसरा बी.1 वर्ष 2011-12 से 2017-18 तक उपलब्‍ध है, जिसमें कुल 48 किसानों के नाम दर्ज है, जिनके नाम के आगे भूमि स्‍वामी लिखा हुआ है, जिसका कुल रकबा 137.091 हेक्टर, आबादी मद में 0.053 हेक्टर, निस्‍तार मद में दर्ज भूमि 37.385 हेक्टर तथा 32.953 हेक्टर भूमि जंगल मद में दर्ज है। (3) ऑनलाइन वेब जी.आय.एस. पर खसरा, बी.1 वर्ष 18-19 से वर्तमान तक उपलब्‍ध है, जिसमें कुल 48 किसानों के नाम दर्ज है, जिसमें किसानों के आगे भूमि स्‍वामी लिखा हुआ है, जिसका कुल रकबा 137.091 हेक्टर आबादी मद में, 0.053 हेक्टर निस्‍तार मद में दर्ज भूमि 37.385 हेक्टर तथा 32.953 हेक्टर भूमि जंगल में दर्ज है। (ग) वनग्राम मोयदा वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक/1623/एक्‍स.एफ/114/54/दिनांक 09.10.1954 से आरक्षित वन घोषित किया गया है, अत: वनग्राम मोयदा पूर्व से ही वन ग्राम है, मोयदा ग्राम राजस्‍व ग्राम नहीं है। (घ) मध्‍य भारत वन विधान 1950 की धारा 3, धारा 4 एवं धारा 20 और धारा 29 में अधिसूचित करने के प्रावधान एवं प्रक्रिया संलग्‍न हैं।

ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को लघु वनोपज के अधिकार

[वन]

32. ( क्र. 433 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) ग्राम सभा/ग्राम पंचायत को किस-किस लघु वनोपज से संबंधित अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबन्धन को लेकर वन अधिकार कानून 2006, पेसा कानून 1996, संविधान की 11वीं अनुसूची, भू-राजस्व संहिता 1959, भारतीय वन अधिनियम 1927 की किस-किस धारा में क्या-क्या प्रावधान दिया है? किस-किस धारा में अधिकार नियंत्रण एवं प्रबन्धन वन विभाग के क्षेत्र का विषय माना है? (ख) लघु वनोपज का व्यापार सहकारी संस्था एवं सहकारी समिति द्वारा किया जाने, लघु वनोपज पर डी.एफ.ओ. द्वारा प्रतिबन्ध लगाने, लघु वनोपज के परिवहन पर अपराध पंजीबद्ध कर लघु वनोपज एवं वाहन जप्त करने, राजसात करने का क्याक्या प्रावधान, अधिकार या छूट वन अधिकार कानून, 2006, पेसा कानून 1996, संविधान की 11वीं अनुसूची की किस-किस धारा में दिए गए हैं। (ग) राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों की ग्राम सभाओं तथा राज्य के गैर अधिसूचित क्षेत्र की ग्राम सभा/ग्राम पंचायत को किस-किस नियम में लघु वनोपज से संबंधित क्या-क्या अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन सौंपा गया है तथा क्या-क्या छूट ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को दी गई है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्लेखित अधिनियमों एवं नियमों के प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। मध्यप्रदेश में तेन्दूपत्ता का संग्रहण एवं विपणन मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1964 के प्रावधानों के अनुसार संचालित है। मध्यप्रदेश पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 के नियम 26 (4) में भी इसका प्रावधान है। भारतीय वन अधिनियम, 1927, जैवविविधता अधिनियम, 2002 एवं मध्यप्रदेश वनोपज (जैवविविधता का संरक्षण और पोषणीय कटाई) नियम, 2005 के अंतर्गत नियंत्रण एवं प्रबंधन वन विभाग का विषय माना गया है। (ख) लघु वनोपज का व्यापार सहकारी संस्था एवं सहकारी समिति द्वारा किये जाने के संबंध में अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासियों के (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत अधिसूचित यथा संशोधित नियम, 2008 के नियम 2 (1) (घ) में तथा मध्यप्रदेश पंचायत (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 के नियम 26 (4) में प्रावधान दिये गये हैं। लघु वनोपज के विनाशकारी विदोहन को रोकने के लिये प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वन अधिनियमों में वनमंडलाधिकारी को अधिकार दिये गये हैं। अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासियों के (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 5 में भी वन्यजीव, वन और जैव विविधता का संरक्षण करने का दायित्व ग्राम सभा का है। (ग) लघु वन उपज के नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायतों को सौंपे जाने के संबंध में जारी किये गये आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। पेसा नियम 2022 के तहत प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।

डिनोटिफाइड भूमियों से संबंधित

[वन]

33. ( क्र. 436 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 146/विधा/2022 दिनांक 24/3/2022 में डिनोटिफाइड भूमियों से संबंधित किस-किस विषय पर पत्र लिखा तथा राज्‍य मंत्रालय से श्री अशोक कुमार अपर सचिव वन विभाग ने पत्र क्रमांक 2013/261/2021/10-3 दिनांक 31/10/2022 को प्रश्‍नकर्ता को क्‍या-क्‍या जानकारी दी गई? (ख) राजपत्र में डिनोटिफाइड की गई आरक्षित वन भूमि एवं संरक्षित वन भूमि को धारा 29 धारा 4 एवं धारा 20 में अधिसूचित करने का क्‍या-क्‍या प्रावधान, अधिकार या छूट किस धारा में दी जाकर क्‍या-क्‍या उल्‍लेख धारा में किया है? (ग) राजपत्र में डिनोटिफाइड आरक्षित वन एवं संरक्षित वन भूमि को नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्‍ड में शामिल करने तथा वन भूमि मानकर व्‍यक्तिगत वन अधिकार दावे मान्‍य एवं अमान्‍य किए जाने का अधिकार किस कानून की किस धारा या किस न्‍यायालयीन आदेश में दिया है? (घ) प्रश्‍नकर्ता के पत्र दिनांक 24/3/2022 से संबंधित पत्र दिनांक 31/10/2022 को गलत जानकारी दी जाकर गुमराह किए जाने पर अपर सचिव के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा? यदि नहीं करेगा, तो कारण बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नकर्ता का पत्र मध्यप्रदेश में भारतीय अधिनियम, 1927 की धारा-34 '' डिनोटिफाइड की गई भूमियों वनभूमि बताया जाकर वन अधिकार कानून, 2006 का उपयोग विषयक पत्र लिखा, जिसका उत्तर मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र क्रमांक-2013/651/ 2021/10-3 दिनांक 31.10.2022 द्वारा प्रश्‍नकर्ता को तत्समय प्रचलित/अधिनियमों/नियमों/प्रक्रियाओं एवं न्यायालयीन निर्णयों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही करने की जानकारी तथा किसी समुदाय को प्रताड़ित अथवा अधिकारों से वंचित नहीं करने का लेख कर अवगत कराया गया।              (ख) डिनोटिफाइड भूमियों को पुनः आरक्षित/संरक्षित वनभूमि के रूप में अधिसूचित करने का पृथक से प्रावधान भारतीय वन अधिनियम, 1927 में नहीं हैं, अपितु उक्त अधिनियम की धारा-29 में वनभूमि या पड़त भूमि जिस पर राज्य सरकार को सम्पतिक अधिकार है तथा आरक्षित वन नहीं है उन्हें राज्य सरकार संरक्षित वन घोषित कर सकती है, का प्रावधान है। इसी प्रकार के प्रावधान    धारा-3 में आरक्षित वन बनाने के संबंध में है। यदि वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की धारा-2 अन्तर्गत व्यपवर्तित वन भूमियों के एवज में डिनोटिफाइड भूमियां गैर-वनभूमि के रूप में वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु प्राप्त होती हैं, तो उन्हें भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 में अधिसूचित किया जा सकता है। (ग) डिनोटिफाइड भूमियों को नारंगी भूमि सर्वे एवं वनखण्ड में शामिल करने का किसी अधिनियम की किसी धारा या किसी न्यायालयीन आदेश में पृथक से निर्देश/आदेश नहीं दिये गये हैं, अपितु मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ-5/43/ 90/10-3 दिनांक 14.05.1996 के निर्देशानुसार नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में वन प्रबंधन हेतु उपयुक्त पाई गई भूमियों को ही शामिल किया गया है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत वनभूमि पर पात्र काबिज दावेदारों के दावे त्रिस्तरीय समिति द्वारा जांच एवं अंतिम विनिश्चियन उपरांत मान्य/अमान्य किये जाने की कार्यवाही नोडल आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा इस अधिनियम की धारा-3 (1) के अनुसार की जाती है। (घ) उत्तरांश '' अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही की जानकारी से अवगत कराया गया है। अतः प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

राजस्व विभाग को हस्तांतरित वनग्रामों की जानकारी

[वन]

34. ( क्र. 437 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वन मुख्‍यालय सतपुड़ा भवन, भोपाल द्वारा 1982 में जारी संकलन वन ग्रामों का इतिहास एवं भविष्‍य के पृष्‍ठ क्रमांक 77 से पृष्‍ठ क्रमांक 85 पर पत्र क्रमांक 16091/रीवा दिनांक 5-8 जुलाई 1961 की कंडिका 21 में बताए गए 678 राजस्‍व ग्रामों का प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी राजस्‍व विभाग को हस्‍तांतरण नहीं किया गया? (ख) 678 राजस्‍व ग्रामों में से राजपत्र में दिनांक 25/5/1962 को अधिसूचित 479 ग्राम एवं दिनांक 7/10/1964 को अधिसूचित 33 ग्राम में से किस वनमण्‍डल के किस ग्राम का हस्‍तांतरण राजस्‍व विभाग को किया गया है? किस ग्राम का हस्‍तांतरण किन कारणों से प्रश्‍नांकित दिनांक तक नहीं किया गया? (ग) 678 राजस्‍व ग्रामों में से किस-किस ग्राम का नियंत्रण एवं प्रबंधन वर्तमान में भी वन विभाग के पास ही है? 678 राजस्‍व ग्रामों में से किस ग्राम को किस दिनांक को वनग्राम या वीरान ग्राम किस कानून की किस धारा के अनुसार घोषित किया? (घ) 678 राजस्‍व ग्रामों में से हस्‍तांतरण के लिए शेष ग्रामों का कब तक राजस्‍व विभाग को हस्‍तांतरण पूरा किया जावेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍नांश में उल्लेखित पत्र की कंडिका-21 में वर्णित 678 राजस्व ग्रामों में से 199 वीरान ग्रामों को छोड़कार शेष ग्रामों की मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 25.05.1962 से 479 ग्रामों में से 435 ग्राम राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये गये हैं। (ख) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा प्रकाशित दिनांक 25.05.1962 को जारी 479 ग्रामों की अधिसूचना एवं दिनांक 07.10.1964 को प्रकाशित 33 ग्रामों की अधिसूचना से राजस्व विभाग को हस्तांतरित वनग्रामों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। शेष ग्राम, वनों के बीचों-बीच स्थित होने/भूमि निरंक होने अथवा वीरान ग्राम होने से तत्समय राजस्व विभाग को हस्तांतरित नहीं किये गये। (ग) 678 राजस्व ग्रामों में से 199 वीरान ग्रामों को छोड़कर राज्य शासन द्वारा जारी 479 ग्रामों की प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 25.05.1962 में से 435 ग्राम राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये गये। शेष ग्राम वन विभाग के नियंत्रण एवं प्रबंधन में हैं। राजस्व ग्रामों को वनग्राम या वीरान ग्राम घोषित किये जाने संबंधी विभाग में कोई नियम नहीं है। (घ) 678 राजस्व ग्रामों में से राजस्व विभाग को हस्तांतरण उपरांत शेष ग्रामों को वन विभाग के प्रबंधन एवं नियंत्रण के 827 ग्रामों को सूची में शामिल कर, अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (ज) के प्रावधानों के तहत सम्परिर्वतन की कार्यवाही किया जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

मछुआ क्रेडिट कार्ड का‍ वितरण

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

35. ( क्र. 471 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र की अंतर्गत मछुआरा समाज के कितने लोगों को मछुआ क्रेडिट कार्ड बनाकर वितरण कर दिया गया है? उन हितग्राहियों के नाम व गांव का नाम बतावें। (ख) अगर खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के मछुआ जाति के हितग्राहियों को मछुआ क्रेडिट कार्डों को बनाकर अगर वितरण नहीं किया गया है तो क्‍यों नहीं किया गया है? (ग) प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजना के अंतर्गत खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के कितने हितग्राही लाभान्वित हुए हैं? उनके एवं उनके ग्राम का नाम बतावें। (घ) मछुआ समाज के लोग मछली पालन करते हैं एवं अपनी जीविका चलाते हैं, क्‍या इन्‍हें कोई अन्‍य और किसी योजना का लाभ दिया जा रहा है अथवा मिलेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट-एक अनुसार।            (ख) 95 हितग्राहियों के मछुआ क्रेडिट कार्ड तैयार कर विभिन्‍न बैंक शाखाओं को प्रस्‍तुत किये गये हैं। प्रकरण बैंक शाखाओं में लंबित है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट-दो अनुसार। (घ) जी हाँ। विभाग द्वारा संचालित समस्‍त योजनाओं का लाभ इच्‍छुक हितग्राहियों द्वारा आवेदन कर नियमानुसार अनुदान का लाभ लिया जा सकता है।

परिशिष्ट - "आठ"

गौण खनिज के स्वीकृत उत्खनिपट्टों की जानकारी

[खनिज साधन]

36. ( क्र. 485 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत कितने गौण खनिज के उत्‍खनन हेतु लीज/पट्टे स्‍वीकृत किये गये हैं? नाम सहित पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। गौण खनिज उत्‍खनन हेतु पट्टे/लीज स्‍वीकृत करने के संबंध में खनिज एवं पर्यावरणीय नियम के साथ स्‍थानीय लोगों को रोजगार देने के संबंध में प्रावधान हैं? यदि हाँ तो संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विकासखण्‍ड मझौली में विगत तीन वर्षों में स्‍वीकृत गौण खनिज उत्‍खनन के लिये कितनी जमीन का लीज/पट्टा जारी किया गया है? खसरा नंबर, रकबा सहित पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। अनुसूचित जनजाति वर्ग के जमीन उत्‍खनन कार्य के लिये खरीदी गई है, तो क्रेता एवं विक्रेताओं के नाम, पता एवं खसरा मय रकबा सहित पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में गौण खनिज उत्‍खनन के लिये कृषि भूमि क्रय की गई थी, क्‍या व्यवसायिक भूमि में परिवर्तन किया गया था? यदि हाँ तो पूर्ण खसरा नंबर, रकबा सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। क्‍या कृषि भूमि में ही सीधे गौण खनिज उत्‍खनन कार्य हो रहा है? यदि हाँ तो क्‍यों? कारण बतायें। अवैध उत्‍खनन के लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में स्‍वीकृत गौण खनिज ग्रेनाइट पत्‍थर उत्‍खनन कार्य के लिये पट्टे जारी किये गये थे लेकिन वहां पर क्रेशर से गिट्टी उत्‍पादन का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्‍ध करायें। ग्रेनाइट पत्‍थर से गिट्टी का निर्माण किया जा रहा है तो रॉयल्‍टी ग्रेनाइट पत्‍थर की ली जा रही है अथवा साधारण पत्‍थर की गिट्टी की रॉयल्‍टी ली जा रही है? पूर्ण जानकारी रॉयल्‍टीवार सहित उपलब्‍ध करायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला सीधी में गौण खनिज के स्वीकृत उत्खनिपट्टों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के ''1'' एवं जिला सिंगरौली में गौण खनिज के स्वीकृत उत्खनिपट्टों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के ''2'' पर दर्शित है। स्थानीय लोगों को रोजगार देने के संबंध में अधिसूचित नियम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 के उप-नियम 20 की कंडिका (घ) में "न्यूनतम 75 प्रतिशत मजदूर, जो कि मध्यप्रदेश के मूल निवासी हों, को नियोजन प्रदान करना अनिवार्य होगा" प्रावधानित है। (ख) मझौली विकासखण्ड जिला सीधी अंतर्गत स्थित है, जिसमें प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है। अधिसूचित नियम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 9 (ट) एवं 9-क (1) में निजी भूमि होने की दशा में खनन कार्य हेतु भूमि स्वामी की सहमति प्राप्त किये जाने के प्रावधान है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                (ग) अधिसूचित नियम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में गौण खनिज उत्खनन के लिये कृषि भूमि क्रय करने एवं इसके व्यवसायिक भूमि में परिवर्तन के संबंध में कोई प्रावधान न होने से भूमि स्वामी की सहमति उपरांत खनन अनुमति दी जाती है। अतः प्रश्‍नांश अनुसार कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (घ) जी हाँ। मझौली विकासखण्ड में ग्रेनाइट खनिज (जिनका उपयोग काटकर और तराशकर विशिष्ट आकार के ब्लाक, स्लैब्स एवं टाइल्स के निर्माण हेतु) के कुल 07 उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये गये हैं। जिनमें से 02 उत्खनिपट्टों में ग्रेनाइट खनिज के विशिष्ट आकार के ब्लाक, स्लैब्स एवं टाइल्स के साथ निकले अनुपयोगी पत्थर के टुकड़ों का उपयोग यांत्रिक क्रिया से गिट्टी निर्माण हेतु अनुमोदित खनन योजना के अनुसार किया जा रहा है, जिसमें ग्रेनाइट ब्लाक एवं स्लैब की रायल्टी के साथ-साथ अनुपयोगी पत्थर के टुकड़ों से निर्मित गिट्टी की रॉयल्टी पृथक-पृथक रूप से ली जा रही है, विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है।

क्षतिग्रस्‍त सिंचाई नहरों की मरम्मत कार्य

[जल संसाधन]

37. ( क्र. 486 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत कितनी सिंचाई परियोजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या वरचर बांध, कोड़ार बांध, बकिया बांध एवं जमधर बांध की सिंचाई नहरें पूरी तरह से क्षतिग्रस्‍त हैं? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्‍ध करायें। क्षतिग्रस्‍त सिंचाई नहरों की मरम्मत का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में मुख्‍य सिंचाई नहरों को पक्‍कीकरण किये जाने की क्‍या योजना है? यदि हाँ तो कब‍ तक पक्‍कीकरण कर दिया जावेगा? यदि पक्‍कीकरण किये जाने की योजना नहीं है तो कारण बतायें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में गौड़ सिंचाई परियोजना एवं अमहोरा बांध मड़वास सिंचाई बांध स्‍वीकृत है? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्‍ध करायें। क्‍या स्‍वीकृत सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ तो पूर्ण जानकारी मय व्‍यय की गई राशि सहित उपलब्‍ध करायें। यदि निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है तो कारण बतायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सीधी जिले में 01 वृहद, 01 मध्यम एवं 33 लघु सिंचाई परियोजनाएं तथा सिंगरौली जिले में 01 मध्यम तथा 31 लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) कोड़ार बांध एवं बकिया बांध की नहरें लगभग 40 वर्ष पुरानी होने के कारण आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित है। कोड़ार जलाशय की नहरों के लाईनिंग कार्य हेतु विशेष मरम्मत कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 07.12.2022 को राशि रू. 30.44 लाख की प्रदान की गई है। बकिया जलाशय की नहरों के मरम्‍मत कार्य का प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु प्रचलन में है। वरचर बांध एवं जमधर बांध की नहरों के लाईनिंग कार्य का प्रस्‍ताव मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। मरम्‍मत कार्य पूर्ण करने हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि गोंड़ परियोजना के निर्माण हेतु टर्न-की पद्धति के आधार पर निविदा आमंत्रण पश्चात सक्षम स्‍तर से स्वीकृति उपरांत न्‍यूनतम निविदाकार मे. पी.ई.एल. गोंड़ प्रोजेक्ट हैदराबाद को आवंटित कर अनुबंध किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना के पूर्व चयनित स्थल जालपानी में बांध बनाने पर अत्यधिक वन भूमि प्रभावित होने एवं बांध की नींव हेतु उपयुक्त स्ट्रेटा न मिलने के कारण प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग द्वारा नवीन स्थल ग्राम सोनगढ़ एवं गोतरा का चयन किया गया है। नवीन स्थल पर बांध निर्माण हेतु भू-अर्जन एवं डिजाइन/ड्राइंग के अनुमोदन की कार्यवाही प्रचलन में है। परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में माइक्रो सिस्टम से सिंचाई हेतु सामग्री के विरूद्ध ठेकेदार को राशि रुपये 243.95 करोड़ का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। अमोहराडोल बांध मड़वास की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 25.01.2016 को रु. 1433.33 लाख की 410 हेक्‍टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रदान की गई है। अमोहराडोल बांध से संजय टाइगर रिजर्व फारेस्‍ट सीधी की 11.54 हेक्टेयर वनभूमि प्रभावित होगी। वनभूमि के बदले राजस्व भूमि उपलब्ध कराकर वनभूमि की स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। वनभूमि की स्वीकृति प्राप्‍त होने के उपरांत निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना संभव होगा।

दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

38. ( क्र. 499 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्‍डेकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला बुरहानपुर तह. नेपानगर के पटवारी हल्‍का 24 के अंतर्गत ग्राम डवालीखुर्द अंतर्गत उद्योग स्‍थापना हेतु टेक्‍समों कं. की भूमि लीज पर दी गई है? यदि हाँ तो उद्योग स्‍थापना के भूमि का खसरा नक्‍शा एवं लीज एग्रीमेंट की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) टेक्‍समों कं. द्वारा उद्योग स्‍थापना हेतु किस प्रकार की कार्यवाही सुनिश्चित की गयी है तथा क्‍या कंपनी को उद्योग स्‍थापना सुविधायें उपलब्‍ध करायेगा? (ग) क्‍या कार्या. जि.पंचा.जि. बुरहानुपर के प्रशा. स्‍वीकृति आदेश क्र. 4402/MGNREGS-MP/दि. 04.10.2011 द्वारा श्री नर्मदा निमाड़ विकास संस्‍थान खरगोन म.प्र. को क्रियान्‍वयन एजेंसी बनाते हुये तह. नेपानगर के ग्राम डवाली खुर्द पटवारी हल्‍का 24 के भूमि पर वृक्षारोपण हेतु राशि स्‍वीकृत की गयी थी? यदि हाँ तो क्‍या स्‍वीकृ‍त राशि 43.73 लाख के विरूद्ध वृक्षारोपण की भूमि भी वृक्षों को नष्‍ट कर टेक्‍समों कं. को लीज पर दी गयी है? (घ) क्‍या जिला प्रशासन बुरहानपुर/राजस्‍व विभाग वृक्षारोपण की जांच कर क्रियान्‍वयन एजेंसी के विरूद्ध व दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित कर राशि वसूली की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।               (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही प्रचलित होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय भूमि का अवैध विक्रय

[राजस्व]

39. ( क्र. 524 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कलेक्‍टर (भू-अर्जन) ग्‍वालियर का आदेश क्र.भू-स/180-81/अ-22, दिनांक 11/10/1982 के अनुसार दामोदर बाग की भूमि ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण को आवंटित की गई है? यदि हाँ तो जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर यदि हाँ है तो कलेक्‍टर ग्‍वालियर के आदेश के पश्‍चात दामोदर बाग की भूमि पर ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा क्‍या-क्‍या आवासीय योजना तथा व्‍यवसायिक योजनाएं बनाई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार क्‍या उक्‍त भूमि पर कलेक्‍टर के आवंटन आदेश के बाद भी ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा कोई कार्य नहीं किया तो क्‍यों नहीं किया? यदि उक्‍त भूमि पर किसी निजी/सहकारी गृह निर्माण समिति या अन्‍य व्‍यक्तियों ने उक्‍त भूमि का विक्रय कर दिया? यदि हाँ तो किस नियम से किया? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर यदि अनियमित्‍ता हुई, शासकीय भूमि का अवैध विक्रय हुआ, नियम विरूद्ध निजी भवन निर्मित हुए तो क्‍या शासन दोषी व्‍यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? हाँ तो क्‍या एवं कब तक? नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '', '', '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

गरीबों के मकान तोड़े जाना

[राजस्व]

40. ( क्र. 537 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम नगर निगम के सामने बन रहा गोल्‍ड कॉप्‍लेक्‍स का खसरा नंबर तथा रकबा कितना है तथा यह जमीन 1956/57 के बंदोबस्त में किसके नाम थी तथा शासन के नाम किस वर्ष में हुई? (ख) क्‍या 18 नवंबर को 40 साल से स्‍थापित लगभग 20 से अधिक गुमटी को हटाया गया। यदि हाँ तो इनके पुनर्स्‍थापना की क्‍या व्‍यवस्‍था की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या 18 नवंबर को मेहदी लुई लालाजी के पास स्थित गरीबों के 6 से 8 मकान तथा शेष मकानों के सार्वजनिक टॉयलेट भी तोड़ दिए गए जब की नजूल की जमीन पर बने इन मकानों में 70 वर्षों से अधिक समय से गरीब लोग रह रहे थे तथा कई बार आवेदन देने के बाद भी इन्‍हें पट्टे नहीं दिए गए?       (घ) क्‍या खंड (ग) में उल्‍लेखित जिन मकानों को तोड़ा गया उन्‍हें उनका सामान निकालने का भी मौका नहीं दिया गया तथा उनके पुनर्वास की कोई व्‍यवस्‍था नहीं की गई? ऐसा किसके आदेश से किया गया तथा इस संदर्भ में नोटशीट तथा आदेश की प्रति देवें। (ड.) क्‍या शासन प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित मकान के निवासियों को उसी स्‍थान पर पट्टा देगें? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम की भूमि सर्वे नंबर 100, 104, 105, 106/2, 108/2, 116 कुल रकबा 2.490 हेक्‍टर है तथा यह जमीन 1956-57 में शासकीय रही है।       (ख) प्रश्‍न में उल्‍लेखित गुमटियों को 40 वर्ष की कालावधि का होना नहीं कहा जा सकता है, यह शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर अस्‍थायी रूप से लगाई गई थी। अत: अतिक्रमण होने से म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत विधिसम्‍मत आदेश पारित कर हटाई गई है। अतिक्रमण होने से पुनर्स्थापना का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। (ग) उक्‍त मकान उपरोक्‍त उत्‍तर (क) में वर्णित शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर निर्मित किए गए थे। उक्‍त भूमि न्‍यायालय कलेक्‍टर जिला रतलाम के प्रकरण क्रंमाक 57/अ-20 (3)/2014-15 आदेश दिनांक 17.07.2015 के माध्‍यम से जेम्‍स एण्‍ड ज्‍वेलरी पार्क हेतु आरक्षित की गई थी। अत: प्रयोजन विशेष के लिए आरक्षित भूमि पर पट्टा दिये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता हैं। (घ) जी नहीं। अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रामकों को अपना सामान इत्‍यादि हटाने का समुचित अवसर प्रदान किया गया था। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही न्‍यायालय तहसीलदार रतलाम शहर के प्रकरण क्रमांक 05/अ-68/2022-23 में पारित आदेश दिनांक 16.11.2022 के अनुक्रम से की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ड.) उक्‍त भूमि पर शासन की बहुउद्देशीय योजना गोल्‍ड पार्क निर्मित हो रही है। अत: उत्‍तरांश (ग) में उल्‍लेखित मकान के निवासियों को उसी स्‍थान पर पट्टा दिया जाना संभव नहीं है।

मिशन कंपाउंड की भूमि की जानकारी

[राजस्व]

41. ( क्र. 538 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में मिशन कंपाउंड, जिसमें चर्च स्‍कूल, अस्‍पताल तथा रहवासी भवन है, का खसरा नंबर तथा रकबा क्‍या है? (ख) क्‍या प्रशासन ने उक्‍त सारी जमीन को शासकीय बताकर बंद पड़े अस्‍पताल तथा आसपास के भवन को तोड़ दिया है? य‍दि हाँ तो बतावें कि किस दिनांक को किसके आदेश से तोड़ा गया? इस संदर्भ में बनाई गई नोटशीट तथा आदेश की प्रति देवें। (ग) क्‍या जमीन को खाली करने हेतु 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था, जबकि इस जमीन पर 100 से अधि‍क वर्ष से अस्‍पताल तथा मसीही आबादी रह रही है फिर जमीन को शासकीय कैसे माना गया?           (घ) क्‍या नगर निगम के दस्‍तावेज में यह जमीन मिशनरी ट्रस्‍ट की है? यदि हाँ तो फिर नजूल की कैसे हो गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम में मिशन कंपाउंड, जिसमें चर्च स्‍कूल, अस्‍पताल तथा रहवासी भवन है, का सर्वे नं. 87, रकबा 2.60, हेक्टर व सर्वे नं. 88, रकबा 3.290 हेक्टर है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित भूमि वर्ष 1912-13 से शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है जिस पर स्थित बंद अस्पताल व आसपास के भवनों को तोड़ा नहीं गया है, क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय इन्‍दौर के रिट पिटीशन क्रमांक 25999/2022 में पारित आदेश दिनांक 11.11.2022 के द्वारा यथास्थिति बनाये रखने का आदेश पारित किया है। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय इन्‍दौर के आदेश दिनांक 17.10.2022 के पालन में दिनांक 02.11.2022 को तहसीलदार रतलाम शहर द्वारा जो आदेश पारित किया गया, उक्त आदेश पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 11.11.2022 को स्थगन प्रदाय किए जाने से कार्यवाही स्थगित है। उक्‍त भूमि वर्ष 1912-13 से आज तक राजस्व अभिलेखों में शासकीय दर्ज है। (घ) नगर निगम के दस्तावेज केवल संपत्तिकर से संबंधित है। उक्त प्रश्‍नाधीन भूमि वर्ष 1912-13 से शासकीय भूमि के रूप में दर्ज रही है।

परिशिष्ट - "नौ"

विस्थापितों को प्रदाय भूमि की जानकारी

[वन]

42. ( क्र. 583 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला श्‍योपुर के कूनो नेशनल पार्क में एशियाई शेर बसाने हेतु चौबीस गांवों के 1545 परिवारों को विस्थापित किया गया था? उन परिवारों की नवम्बर 2022 की स्थिति क्या है? पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त परिवारों को राजस्व भूमि के बदले वन भूमि दी गई थी लेकिन कई परिवारों की वन भूमि राजस्व भूमि में तब्दील नहीं हो सकी है, क्यों? कारण सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) ग्राम पीपलबावड़ी के चार परिवार सोनेराम पुत्र गडुआ, हरी पुत्र गयाजीत, स्व. रामदयाल के परिवारजन को जमीन के कब्जे नहीं मिले हैं, इन्हें कब तक जमीन पर कब्जा दिलाया जावेगा?                (घ) वर्तमान में ग्राम बागचा के 191 परिवार भी कूनो नेशनल पार्क की जद में आ गये हैं एवं ग्राम जहानगढ़ भी विस्थापित हो सकता है, उनके लिए विभाग क्या वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है? नवम्बर 2022 की स्थति की जानकारी दी जावे।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला श्‍योपुर के कूनो राष्‍ट्रीय उद्यान में वन्‍यप्राणियों के रहवास को सुरक्षित करने हेतु चौबीस गांवों के विस्‍थापित 1545 परिवारों की नवम्‍बर, 2022 की स्थिति में सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) उक्‍त परिवारों को राजस्‍व भूमि के बदले वन भूमि दी गई थी। समस्‍त पुनर्स्‍थापित ग्रामों की वनभूमि को निर्वनीकृत किया जाकर राजस्‍व भूमि में परिवर्तित किया जा चुका है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। ग्राम पीपलबावड़ी के सोनेराम पुत्र गडु, हरी पुत्र गयाजीत, स्‍व. रामदयाल के परिवारजन के जमीन के कब्‍जे के संबंध में परिक्षेत्र अधिकारी विस्‍थापन क्षेत्र अगरा से प्राप्‍त वास्‍तविक स्थिति का प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। कब्‍जे दिये गये हैं, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नवम्‍बर, 2022 की स्थिति में ग्राम बागचा के पात्र 191 परिवारों का नियमानुसार विस्‍थापन की कार्यवाही प्रगति पर है। ग्राम जहानगढ़ के ग्रामीणों की सहमति प्राप्‍त हो चुकी है। विस्‍थापन की प्रक्रिया पूर्णत: स्‍वैच्छिक है। ग्रामीणों द्वारा स्‍वेच्‍छा से चयनित विकल्‍प, ग्राम सभा की सहमति उपरांत विस्‍थापन सम्‍भव है।

किसानों को भूमि के अभिलेख का प्रदाय

[राजस्व]

43. ( क्र. 584 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या प्रदेश में किसानों के भूमि अभिलेख राजस्व शाखाओं से दस रूपये प्रति पेज प्रदाय करने का नियम है? नवम्बर 2022 की स्थिति में सम्पूर्ण म.प्र की जानकारी दी जावे। (ख) क्या मुरैना जिले में छह माह से राजस्व शाखाओं से शासन की निर्धारित दर से पेज देना बन्द कर दिया है? क्या मुरैना जिला प्रशासन द्वारा उक्त आशय का आदेश जारी किया गया है तो किसके आदेश से यह कार्य किया गया? (ग) क्या उक्त अभिलेख जिला कार्यालय में स्थापित लोक सेवा केन्द्र से प्रति पेज बीस रूपये, आवेदन शुल्क पचास के साथ सात दिन में एवं अर्जेन्ट देने पर प्रति पेज चालीस रूपये का दिये जा रहे हैं। (घ) क्या इस समस्या का समाधान हेतु मुख्य सचिव महोदय भोपाल, जिला कलेक्टर मुरैना को शिकायत पत्र जनप्रतिनिधियों द्वारा दिया गया था? कार्यवाही की जानकारी दी जावे एवं उपभोक्ताओं से जबरन वसूली करवाने वालों के खिलाफ कार्यवाही कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम, 2020 के अध्याय 6 अनुसूची 4 एवं 5 में विहित दरों पर भू अभिलेखों की प्रति प्रदाय की जा रही हैजानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट– '' अनुसार। (ख) जी नहीं। उक्‍त के अनुक्रम में शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी नहीं (घ) जी हाँ। कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट– '' अनुसार, उक्‍त के अनुक्रम में शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

चम्बल नदी घाट पर रेत की खदान खोलने की योजना

[खनिज साधन]

44. ( क्र. 590 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में वर्ष 2021-22 में कितनी रेत की सप्लाई किनके द्वारा कराई गई? (ख) इन संचालित खदानों से रेत सप्लाई में चोरी की कितनी घटनाएं शासन के पकड़ में आई? (ग) क्या चम्बल संभाग में जिला श्योपुर, सबलगढ़, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अम्बाह व जिला भिण्ड तक रेत की खदान संचालित करने से शासन को रॉयल्टी भी प्राप्त होगी व लोगों को काम भी प्राप्त होगा? रेत की खदान खोलने हेतु शासन द्वारा किसी योजना पर प्रयास किया जा रहा है? अगर हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) चम्बल संभाग के जिला मुरैना, श्योपुर में वर्तमान में रेत की कोई खदान स्वीकृत नहीं है एवं भिण्ड जिले में पावरमेक प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी द्वारा माह अप्रैल 2021 से माह जून 2021 तक 25,75,353 घ.मी. रेत की सप्लाई की गई। (ख) भिण्ड जिले में वर्ष 2021 से 2022 में अवैध रेत परिवहन/उत्खनन के कुल 161 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ग) वन मण्डलाधिकारी, सामान्य वनमण्डल, मुरैना का पत्र क्रमांक-मा.चि./22/1040 मुरैना, दिनांक 07.03.2022 का पत्र विषयांकित संबंध में प्राप्त हुआ, जिसमें लेख किया गया है कि राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य के संरक्षण एवं स्थानीय लोगों की आजीविका हेतु स्थानीय निवासियों को रेत आपूर्ति की व्यवस्था हेतु अभयारण्य के आंशिक क्षेत्र का डिनोटिफिकेशन हेतु राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य अंतर्गत कुल 05 घाटों क्रमश: बड़ोदिया बिंदी, दलारना, राजघाट (पिपरई), बरवासिन एवं बड़ापुरा को रेत आपूर्ति की व्यवस्था हेतु पत्र क्रमांक-मा.चि./9244 दिनांक 08.12.2021 से अनुशंसा सहित उपवन महानिरीक्षक (व. प्रायवेट डिवीजन) भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उक्त प्रस्ताव की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दस"

नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

45. ( क्र. 591 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में विधासभा क्षेत्र दिमनी में विगत 20 वर्षों में कितनी भूमि के पट्टे स्वीकृत किये गये? पट्टेधारी का नाम, पट्टा स्वीकृत करने का वर्ष, कितनी भूमि का पट्टा दिया गया, भूमि संचित हैं अथवा असंचित की विस्तृत जानकारी सहित अवगत करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत कितनी शहरी भूमि किस-किस प्रयोजन हेतु लीज पर दी गई। व्यवसाय हेतु लीज पर भूमि किस-किस व्यक्ति को कितनी भूमि, किस वर्ष में स्वीकृत की गई? (ग) क्‍या मुरैना जिले में राजस्व अधिकारी/पटवारी आदि द्वारा नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन आदि प्रकरणों के निराकरण की समयावधि निश्चित की जायेगी क्‍योंकि कर्मचारियों द्वारा संबंधित को परेशान किया जाता है, अवैध वसूली कर राजस्व कार्य किये जा रहे हैं। इस संबंध में सुधार हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला मुरैना में विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत 20 वर्षों में 855 पट्टे स्वीकृत किये गये हैं। पट्टेधारी का नाम, पट्टा स्वीकृत करने का वर्ष, कितनी भूमि का पट्टा दिया गया, भूमि सिंचित हैं अथवा असिंचित है की विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) जानकारी निरंक हैI (ग) नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खेती के पट्टों का आवंटन

[राजस्व]

46. ( क्र. 596 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) सन् 2002 में तत्कालीन काँग्रेस सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के गरीब लोगों को खेती के पट्टे आवंटित किए गए थे? खेती के वे पट्टे ऑनलाइन क्यों नहीं दिखाई दे रहे हैं? (ख) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों को आवंटित किए गए खेती के पट्टे के सीमांकन, बंटवारे के लिए लाभार्थी किसानों को क्यों भटकाया जा रहा है? (ग) क्या सरकार के पास तत्कालीन काँग्रेस के समान अनुसूचित जाति एवं जनजातियों को खेती के पट्टे आवंटित करने की ऐसी कोई योजना है, जिससे कि म.प्र. में निवासरत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के गरीब लोग लाभान्वित हो सकें? (घ) यदि ऐसी कोई योजना है तो कब तक अमल में लाई जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। बंटिति का नाम भू-लेख पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्‍ध है। मंडला जिले में तकनीकी त्रुटिवश कुछ पट्टेधारियों का नाम ऑनलाइन दिखाई नहीं दे रहा है। (ख) यह सही नहीं है। आवेदन प्राप्‍त होने पर विधिक कार्यवाही की जाती है। (ग) एवं (घ) राज्‍य शासन द्वारा म.प्र. के निवासियों के लिये अनेक हितग्राही मूलक योजनायें संचालित की जा रही हैं, जो समय-समय पर निवासियों की आवश्‍यकताओं अनुसार संशोधित की जाती हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बरगी को पूर्णकालिक तहसील घोषित किए जाने की मांग

[राजस्व]

47. ( क्र. 605 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गत 3 वर्षों से बरगी को पूर्णकालिक तहसील घोषित किए जाने की मांग की जा रही है परंतु विभाग की उदासीनता एवं धीमी कार्य प्रणाली से प्रस्ताव अनावश्यक लंबित है? यदि नहीं तो प्रस्ताव को मंत्रि-परिषद् कैबिनेट की बैठक के समक्ष कब तक प्रस्तुत किया जावेगा? (ख) बरगी को पूर्णकालिक तहसील का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है एवं कब तक स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी? (ग) उक्त प्रस्ताव की विभागीय वर्तमान स्थिति क्या है? गत 1 माह में की गई कार्रवाई से अवगत करावें। (घ) बरगी में तहसील नहीं होने से यहाँ पर सिविल कोर्ट व अन्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं क्या नागरिकों के मौलिक अधिकारों का सरकार द्वारा हनन किया जा रहा है? बरगी तहसील हेतु मुख्यमंत्री जी ने कितनी बार अनुशंसा की है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। बरगी तहसील गठन हेतु संशोधित अधिसूचना प्रकाशन उपरांत कृषि उत्‍पादन आयुक्‍त की अध्‍यक्षता में गठित समिति द्वारा दिनांक 12/10/2022 को बैठक में इसका अनुमोदन किया गया। तत्‍पश्‍चात इसमें मंत्रि-परिषद् संक्षेपिका प्रस्‍तुति हेतु कार्यवाही प्रावधानित है, जिसकी समय-सीमा निर्धारिण में कठिनाई है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार है। (घ) जी नहीं। इस संबंध में मुख्‍यमंत्री कार्यालय से मॉनिट पत्र दिनांक 21/08/2019, 20/09/2019, 10/01/2020, 08/06/2021, 28/12/2021 एवं 24/03/2022 को प्राप्‍त हुए है।

जिला खनिज मद एवं सेंड मद से कार्यों की स्वीकृति

[खनिज साधन]

48. ( क्र. 606 ) श्री संजय यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के बरगी विधानसभा क्षेत्र के कितने प्रस्ताव मेरे जिला खनिज मद एवं सेंड मद से स्वीकृति हेतु गत 3 वर्षों में कलेक्टर जबलपुर, खनिज अधिकारी जबलपुर एवं विभाग को प्राप्त हुए? प्रस्तावों की सूची देवें। (ख) उक्त समस्त प्रस्ताव में से कितने को स्वीकृति प्रदान की गई है एवं कितनों को अस्वीकृत कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है? अस्वीकृति के उचित कारण देवें। उक्‍त प्रस्‍तावों को कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ग) गत 3 वर्षों में जिला खनिज मद एवं सेंड मद जबलपुर में कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि किस-किस विधानसभा क्षेत्र में किन विकास कार्यों हेतु जारी की गई? सूची देवें। क्या नियमानुसार खनन प्रभावित क्षेत्रों में ही स्वीकृति जारी की है अथवा अन्य क्षेत्रों में भी की है? (घ) बरगी विधानसभा क्षेत्र से गत 3 वर्षों में गौंण खनिज व रेत की रोयल्टी से कितनी राशि प्राप्त हुई? बिन्दुवार विवरण देवें। उक्त राशि में से कितनी राशि को बरगी विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों हेतु स्वीकृत की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) जिला जबलपुर अंतर्गत गत 03 वर्षों में मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में कुल राशि रूपये 36.22 करोड़ एवं मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 21 (2) के तहत रेत खनिज से प्राप्‍त जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की कुल राशि रूपये 3.10 करोड़ प्राप्‍त हुई है। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से स्‍वीकृत कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 संशोधन दिनांक 25/08/2022 अनुसार नियम 12 के उप-नियम (1) के खण्‍ड (पाँच) में राज्‍य का समस्‍त भू-भाग खनन प्रभावित क्षेत्र मान्‍य होगा, प्रावधानित है। (घ) बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गत 03 वर्षों में गौण खनिज से राशि रूपये 25.21 करोड़ एवं रेत खनिज से राशि रूपये 2.65 करोड़ की रॉयल्‍टी प्राप्‍त हुई है। उक्‍त खनिज से प्राप्‍त रॉयल्‍टी राशि को राज्‍य की संचित निधि में जमा किया जाता है। जिसका उपयोग विधानसभा से स्‍वीकृत बजट के अनुरूप किया जाता है।

प्रस्तावित स्टापडेम के निर्माण की जानकारी

[जल संसाधन]

49. ( क्र. 611 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस पत्र क्रमांक व दिनांक से किस-किस विषय पर कार्यपालन यंत्री जल संशाधन विभाग विदिशा को पत्र प्रेषित किए गये हैं? सूचीबद्ध विषयवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में प्रेषित पत्रों के माध्यम से कितने स्थानों पर, स्थानीय नदियों पर स्टाप डेम निर्माण कार्य स्वीकृत किए जाने हेतु कृषकों के हित में अनुरोध किया गया? प्रस्तावित स्टाप डेम निर्माण कार्यों की जानकारी दें।              (ग) प्रश्‍नांश (ख) के क्रम में प्रस्तावित स्टाप डेम निर्माण कार्य कब तक स्वीकृत किए जाएंगे? पूर्व में बने क्षतिग्रस्त स्टाप डेम के मरम्मतीकरण हेतु किन-किन स्टाप डेमों पर आवश्यक मरम्मतीकरण एवं सुधार कार्य कराये जाएंगे? जानकारी स्टाप डेमवार उपलब्ध करायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) एवं (ग) माननीय सदस्‍य द्वारा कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, विदिशा को लेख किए गए पत्रों में स्‍टाप डेम को सुधारने, गेट लगाने, नहर की गहरीकरण करने तथा जीर्णोद्धार कराने के संबंध में है। स्‍टाप डेम स्‍वीकृत करने का लेख नहीं होने से प्रस्‍तावित स्‍टाप डेम की जानकारी निरंक है। अत: स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। निर्मित स्‍टाप डेमों के मरम्‍मतीकरण एवं सुधार कार्य कराने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

राहत राशि का प्रदाय

[राजस्व]

50. ( क्र. 613 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत तहसील विदिशा ग्रामीण एवं शहर विदिशा के साथ ही तहसील गुलाबगंज में जुलाई अगस्त सितम्बर 2022 में अतिवर्षा एवं बाढ़ से हुई क्षति के संबंध में कितनी राशि मुआवजे के रूप में स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में स्वीकृत राशि में से कितनी राशि पात्र हितग्राहियों को दी गई एवं कितने हितग्राहियों को पात्रता होने के बाद भी मुआवजा राशि दिया जाना शेष है, के संबंध में हितग्राहीवार, तहसीलवार, नगरपालिका परिषद् विदिशा क्षेत्र सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में कितने हितग्राहियों को राहत राशि स्वीकृत होने के बाद भी लिपकीय त्रुटि अथवा बेण्डर फेल्ड होने के कारण उनके खातों में अभी तक राशि नहीं पहुंची है, की जानकारी हितग्राही के नाम एवं बैक विवरण सहित उपलब्ध करायें। कब तक उनको राशि उपलब्ध करा दी जायेगी, की भी जानकारी उपलब्ध कराएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला विदिशा अंतर्गत तहसील विदिशा ग्रामीण/विदिशा शहर एवं तहसील गुलाबगंज में जुलाई, अगस्‍त, सितम्‍बर 2022 में अतिवर्षा एवं बाढ़ से हुई क्षति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के क्रम में स्‍वीकृत राशि में से राशि 24,60,37,130/- रूपये प्रभावितों को प्रदाय की गई है। लिपिकीय त्रु‍टि एवं वेन्‍डर फेल्‍ड होने के कारण कुल 428 प्रभावितों की कुल राशि 23,44,400/- रूपये प्रदाय किया जाना शेष है। शेष प्रभावित हितग्राहीवार, तहसीलवार, नगरपालिका परिषद् विदिशा क्षेत्र की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) उपरोक्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है।

क्रय प्रक्रिया में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

51. ( क्र. 620 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या प्रदेश के सिवनी जिले में कार्यालय जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम-सिवनी द्वारा वर्ष 2018-19 में क्रय किये गए बारदाना में वृहद स्तर में शासकीय नियमों व म.प्र. भंडार क्रय नियमों के उल्लंघन व बारदाना विक्रेता/क्रेता द्वारा जी.एस.टी. राशि व क्रय प्रक्रिया में अनियमितता किये जाने के संबंध में भारतीय मजदूर संघ सिवनी द्वारा जिला प्रशासन, प्रदेश शासन व विभाग प्रमुख को शिकायत की गई है? यदि हाँ तो कब? उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के सिवनी जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबों को बांटने हेतु गोदामों में रखा स्तरहीन चावल व मिलिंग में की जा रही अनियमितता की जांच के संबंध में भारतीय मजदूर संघ सिवनी द्वारा लिखित शिकायत पत्र कार्यालय कलेक्टर सिवनी को दिनांक 06.12.201908.09.2020 दिया गया है? यदि हाँ तो उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, सिवनी के विरूद्ध भारतीय मजदूर संघ, सिवनी द्वारा दिनांक 15.07.2021 को शिकायत प्रस्‍तुत की गई है। शिकायत की प्रारंभिक जांच कलेक्‍टर, सिवनी द्वारा की जाकर जांच प्रतिवेदन दिनांक 25.03.2022 को कार्पोरेशन को प्रेषित किया गया, जिसके आधार पर सिवनी जिले में वर्ष 2018-19 में पदस्‍थ तत्‍कालीन 3 जिला प्रबंधकों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई, जो कि प्रचलित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्यालय कलेक्‍टर सिवनी में दिनांक 06.12.2019 में प्रदीप पटेल, अधिवक्‍ता भारतीय मजदूर संघ सिवनी द्वारा शिकायत पत्र प्राप्‍त हुआ है, जिसके संबंध में जिला प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, सिवनी द्वारा पत्र दिनांक 23.12.2021 से लेख किया गया है कि शासकीय गोदामों एवं वेयर हाउसों से शासन नीति नियमानुसार मिलर्स को वर्तमान में 433.00 क्विंटल (एक लॉट) प्रदाय धान के विरूद्ध 67 प्रतिशत चावल मिलिंग उपरांत केन्‍द्र शासन द्वारा निर्धारित मानक अनुसार 290.00 क्विंटल गुणवत्‍ता निरीक्षक द्वारा मानक गुणवत्‍ता का चावल मिलर्स से स्‍वीकार किया जाता है एवं रिकार्ड संधारित किया जाता है। जिसका समय-समय पर भारतीय खाद्य निगम/निगम मुख्‍यालय-भोपाल द्वारा गठित जांच दल/गुणवत्‍ता नियंत्रक, निरीक्षण/परीक्षण द्वारा किया जाता है, जिसका सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्‍यम से गरीबों को बांटने हेतु किया जाता है। जांच रिपोर्ट पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। दिनांक 08.09.2020 का भारतीय मजदूर संघ सिवनी द्वारा लिखित पत्र इस कार्यालय में प्राप्‍त होना जानकारी में नहीं आ रहा है।

मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम-1996 के तहत प्रदाय की गई रॉयल्टी से छूट

[खनिज साधन]

52. ( क्र. 630 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार ने दिनांक 20.09.2019 को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 की धारा 68 (3) में संशोधन करते हुए केन्द्र सरकार के किसी विभाग या उपक्रम को भी प्रदेश में निर्मित की जाने वाली सड़क या अन्य निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली साधारण मिट्टी तथा मुरम के संबंध में आदेश जारी कर रॉयल्टी से छूट प्रदान की है? (ख) क्या यह छूट इस आदेश के जारी होने की तारीख के बाद जारी होने वाली निविदाओं पर ही लागू होने का प्रावधान है? (ग) क्या मध्यप्रदेश सरकार ने मात्र एक माह के अंतराल में पुनः दिनांक 17.11.2019 को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 की धारा 68 (3) के नियम में संशोधन करते हुए वह छूट पूर्व की निविदाओं पर भी लागू कर दी? (घ) क्या जिन निविदाकारों को प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित संशोधन दिनांक के पूर्व निविदा का कार्यादेश प्राप्त हो चुका था तो उन्हें पूर्व प्रभावी दिनांक से यह छूट दी जा सकती है? यदि हाँ तो कैसे प्रदान की जा सकती है? विस्तृत जानकारी दें। (ड़) क्या यह छूट पूर्व प्रभावी दिनांक से लागू करने से राज्य शासन को राजस्व की हानि हुई है? यदि हाँ तो कितनी राशि की हानि हुई? वित्तीय वर्ष 2019-20 से उत्तर दिनांक तक वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 20.09.2019 से मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (3) में संशोधन करते हुए केन्द्र सरकार के किसी विभाग या उपक्रम को भी प्रदेश में निर्मित की जाने वाली सड़क या अन्य निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली साधारण मिट्टी तथा मुरम के संबंध में आदेश जारी किये जाकर रायल्टी से छूट प्रदान किये जाने के प्रावधान नियत किये गये हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश में उल्लेखित तिथि को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में कोई संशोधन नहीं किया गया है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित अनुसार प्रश्‍नांश में उल्लेखित दिनांक को नियम में संशोधन संबंधी कोई अधिसूचना नहीं जारी की गई है। अतः प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्‍तरांश (ग) अनुसार उल्‍लेखित दिनांक को कोई अधिसूचना जारी नहीं किये जाने के फलस्वरूप प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अमानक चावल का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

53. ( क्र. 631 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में ऐसे कितने धान मिलर्स हैं जिन्‍होंने कस्‍टम मिलिंग के लिए दी गयी धान का चावल नहीं लौटाया? फर्म तथा मालिक के नाम सहित धान की मात्रा तथा चावल लौटाने हेतु निर्धारित समय-सीमा सहित जानकारी दें। क्‍या उपरोक्‍त वर्णित मिलर्स पर कार्यवाही के नाम पर विभाग उन्‍हें केवल ब्‍लैक लिस्‍टेड कर देता है? शासन को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए विभाग ने मिल की नीलामी क्‍यों नहीं की? आर्थिक भरपाई के लिए कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा विभाग के प्रमुख सचिव को दिनांक 10.9.22 को लिखे गये पत्र पर की गई कार्यवारी की विस्‍तृत जानकारी दें। (ग) बालाघाट जिले से पी.डी.एस हेतु अन्‍य जिलों को चावल भेजा गया था जिसे उन जिलों के प्रशासन द्वारा अमानक मानकर वापस भेज दिया गया है उसकी जानकारी चावल की मात्रा तथा मिलर्स के नाम सहित देते हुए मिलर्स पर हुई कार्यवाही से अवगत करावें। पी.डी.एस में अमानक चावल वितरण करने के कारण भारत सरकार ने प्रदेश के कितने करोड़ रूपये रोके हैं? कृपया विस्‍तृत जानकारी दें। (घ) अक्‍टूबर 2022 में राज्‍य नागरिक आपूर्ति निगम के तत्‍कालीन महाप्रबंधक द्वारा सिवनी के गोडाउन में रखी धान के आर.ओ. किस मापदण्‍ड के आधार पर बालाघाट मिलर्स को वितरित किये गये थे?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विगत 2 वर्षों में कस्‍टम मिलिंग के लिये दी गई धान का चावल नहीं लौटाने वाले मिलर्स, फर्म तथा मालिक के नाम सहित चावल की मात्रा एवं चावल लौटाने हेतु निर्धारित समय-सीमा तथा मिलर्स से चावल की राशि वसूली की जिलेवार/मिलरवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। मिलर द्वारा समयावधि में चावल जमा नहीं किये जाने पर मिलिंग नीति एवं अनुबंध अनुसार संबंधित मिलर्स से राशि की वसूली करने के कारण मिल की नीलामी करने की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक द्वारा प्रमुख सचिव, खाद्य को प्रेषित पत्र दिनांक 10.09.2022 में उल्‍लेखित तथ्‍यों की जांच हेतु क्षेत्रीय प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, जबलपुर क्षेत्रीय प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन, जबलपुर एवं मंडल प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी विपणन संघ का संयुक्‍त जांच दल गठित किया जाकर जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन अनुसार पत्र में उल्‍लेखित तथ्‍य प्रमाणित नहीं पाए गए हैं। (ग) बालाघाट जिले से लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अन्‍य जिले में वितरण हेतु प्रेषित चावल में से 645.10 मे.टन अमानक चावल वापस प्राप्‍त हुआ है, जिसे अपग्रेड कराकर लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरण कराया गया है। अमानक चावल देने वाले मिलर्स का नाम एवं चावल की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। अमानक चावल प्रेषित करने के कारण मिलर्स से राशि रू. 1,55,922 का कटौत्रा किया गया है। मिलर्स द्वारा अमानक चावल प्रदाय करने के कारण भारत सरकार द्वारा मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन द्वारा प्रस्‍तुत दावों में से राशि                रू. 387.283 करोड़ रोकी गई है, जिसके संबंध में भारत सरकार स्‍तर से समन्‍वय स्‍थापित किया जाकर राशि निर्गमन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) सिवनी जिले के गोडाउन में रखी धान के आर.ओ. जिला प्रबंधक, सिवनी द्वारा जारी किये गये हैं। मिलिंग नीति की कंडिका-9.4.3 के अनुसार माह अक्‍टूबर 2022 में बालाघाट जिले के मिलर्स को सिवनी जिले की धान को अंतर जिला मिलिंग की अनुमति अनुमोदन उपरांत जारी की गई थी।

परिशिष्ट - "बारह"

निजी वेयर हाउस के मालिकों की समस्‍या

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

54. ( क्र. 632 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन जे.व्‍ही.एस. पॉलिसी 2022-23 में गोदाम में भण्‍डारित धान का किराया 40 रूपये प्रति मीट्रिक टन प्रतिमाह करने तथा गेहूँ के भंडारण का किराया पूर्ववत् 83 रूपये मीट्रिक टन रखने का कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) निजी वेयर हाउस में जब जे.व्‍ही.एस. पालिसी लागू है तो धान की सूखत की वसूली शासन केवल वेयर हाउस मालिकों से क्‍यों करता है? स्‍टेट वेयर हाउस कॉरपोरेशन से क्‍यों नहीं करता? भारत सरकार द्वारा मान्‍य एफ.सी.आई. 12.12.12 नियम निजी वेयर हाउस पर क्‍यों लागू नहीं किये जा रहे हैं? (ग) व्‍यवहारिक सच्‍चाई है कि धान में नमी होने के कारण उसमें 5 से 6 प्रतिशत सूखत आती है तो शासन ने किस मापदण्‍ड के आधार पर इसे 2 प्रतिशत माना है? कृपया वैज्ञानिक तथ्‍य दें अन्‍यथा सूखत का निर्धारण नमी नामक यंत्र के आधार पर सुनिश्चित करने पर क्‍या शासन विचार करेगा? (घ) बालाघाट जिले में शासन द्वारा धान भण्‍डारण हेतु अधिग्रहीत किये गये गोदामों का किराया कब से लंबित है तथा इसका भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? एक वर्ष बीत जाने के बाद भी वेयर हाउस मालिकों से 20 प्रतिशत जोखिम हेतु तथा 10 प्रतिशत भण्‍डारण हेतु ली जाने वाली अमानत राशि अब तक नहीं लौटाने के क्‍या कारण है? स्‍पष्‍ट करते हुए बतायें कि इसे कब तक लौटाया जायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) (1) भारत सरकार द्वारा धान भंडारण के लिए राज्‍य शासन को मात्र रूपये 24/- प्रति मे. टन प्रतिमाह के रूप में स्‍टोरेज चार्जेस की प्रतिपूर्ति की जाती है। गोदाम संचालकों को किराये के रूप में भुगतान की जा रही शेष राशि का वित्‍तीय भार राज्‍य शासन द्वारा वहन किया जाता है। शासन के इस वित्‍तीय भार को कम करने के उद्देश्‍य से खरीफ सीजन 2022-23 में यह योजना लागू की गई है। (2) गोदामों में गेहूँ भण्‍डारण हेतु भारत सरकार द्वारा प्रावधानित कास्‍टशीट अनुसार भंडारण मद में शत्-प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाती है। जिससे राज्‍य शासन पर कोई अतिरिक्‍त वित्‍तीय भार नहीं आता है, इसलिए गेहूँ की भंडारण योजना में कोई परिवर्तन फिलहाल प्रस्‍तावित नहीं है। (ख) (1) शासन द्वारा मान्‍य सूखत शासकीय एवं निजी दोनों श्रेणी के गोदामों पर समान रूप से प्रभावशील है। (2) भारत सरकार के परिपत्र दिनांक 02.02.2012 के मापदण्‍ड अनुसार भारत सरकार द्वारा धान में आने वाली सूखत के आधार पर हुई क्षति की प्रतिपूर्ति नहीं की जाती है। (ग) धान में आने वाली प्राकृतिक सूखत के लिए वर्तमान में कोई मापदण्‍ड निर्धारित नहीं है। (2 % राज्‍य शासन एवं 1% भारत सरकार) सूखत शासन द्वारा मान्‍य की गई है। यदि भारत सरकार धान भंडारण के लिए नमी आधारित मापदण्‍ड निर्धारित करती है तो उस अनुसार राज्‍य शासन अनुपालन सुनिश्चित करेगा। (घ) क्षेत्रीय प्रबंधक जबलपुर द्वारा अवगत कराया गया है कि जिले में धान भंडारण हेतु विभिन्‍न योजनाओं के तहत लिए गये गोदामों का किराये का भुगतान दिसम्‍बर-2020 तक गोदाम संचालकों कर दिया गया है। मार्कफेड बालाघाट से धान की भंडारण शुल्‍क राशि प्राप्‍त न होने के कारण जनवरी-2021 से गोदाम किराया लंबित है। जैसे ही मार्कफेड से भंडारण शुल्‍क राशि प्राप्‍त होती है, वैसे ही गोदाम संचालकों को उनके किराये का भुगतान कर दिया जावेगा। (2) वेयर हाउस मालिकों से 20 प्रतिशत जोखिम हेतु एवं 10 प्रतिशत भंडारण हेतु ली जाने वाली अमानत राशि अमान्‍य शार्टेज के विरूद्ध समायोजित की गयी है, अत: वापस करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन विभाग कम्पाउण्ड पर अवैध कब्जा

 [वन]

55. ( क्र. 640 ) श्री राकेश गिरि : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के वन विभाग के परिक्षेत्र मजना की वन भूमि कम्पाउण्ड (बीट) नम्बर 57, 58 एवं 59 पर क्या विभाग का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र पर आधिपत्य है? यदि हाँ तो बीट में वृ़क्षों की काष्ट प्रजाति सहित अनुमानित संख्या प्रजातिवार बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुरूप क्या कम्पाउण्ड सीमा में स्थानीय नागरिकों द्वारा निर्माण तथा कुआ एवं पत्थरों की सीमा (खकरी) लगाकर अवैध कब्जा किया गया है? यदि हाँ तो अतिक्रमणकर्ताओं की सूची तथा उन पर की गई अथवा की जाने वाली कार्यवाही का विवरण दें। यदि नहीं तो कम्पाउण्ड में पूर्णतः वनाच्छादित क्षेत्र और रिक्त क्षेत्र का प्रतिशत बतायें। तथा इस आशय का प्रमाण-पत्र भी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कम्पाउण्ड की वन भूमि को कब तक अतिक्रमण मुक्त किया जायेगा? समय-सीमा बतायें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कम्पाउण्ड सीमा में अतिक्रमण करने के विरूद्ध उपेक्षा करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के नाम पदनाम तथा उनके विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है।      (ख) जी हाँ। अतिक्रमणकर्ताओं की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। इन अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध वन विभाग द्वारा वन अपराध प्रकरण क्रमांक-3591/18 दिनांक 30.07.2010, 228/20 दिनांक 07.07.2020, 3591/17 दिनांक 30.07.2020, 429/03 दिनांक 04.09.2021 एवं 429/12 दिनांक 04.12.2022 पंजीबद्ध किये गये हैं, जिनमें से 03 प्रकरण माननीय न्यायालय टीकमगढ़ में विचाराधीन हैं। 02 प्रकरणों में जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) न्यायालयीन प्रकरणों को छोड़कर शेष प्रकरणों में अतिक्रमण बेदखली हेतु भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-80 (अ) के तहत नोटिस जारी कर कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार कम्पार्टमेंट सीमा में अतिक्रमण करने के विरूद्ध उपेक्षा करने वाले कर्मचारी बीटगार्ड श्री अंचल चतुर्वेदी, वनरक्षक को निलम्बित किया जाकर विभागीय जांच प्रचलन में है।

नागदा को जिला बनाने की घोषणा पर कार्यवाही

[राजस्व]

56. ( क्र. 653 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या मुख्‍यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा 17 सितम्‍बर, 2018 को नागदा में पुराने बस स्‍टैण्‍ड पर जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान हुई आमसभा में नागदा को जिला बनाने की घोषणा की थी? यदि हाँ तो घोषणा पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या मुख्‍यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्ष 2013 में नागदा में जन आर्शीवाद यात्रा के दौरान नागदा को जिला बनाने की कार्यवाही किए जाने की बस स्‍टैण्‍ड पर हुई आमसभा में मंच से घोषणा की थी? यदि हाँ तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) दिनांक 18 मार्च, 2020 को तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री माननीय कमलनाथ जी की अध्‍यक्षता में आयोजित मंत्रि-परिषद् की बैठक में मंत्रि-परिषद् द्वारा सर्वसम्‍मति से नागदा को जिला बनाने का प्रस्‍ताव पास कर निर्णय लिया गया था? यदि हाँ तो उसके पश्‍चात शासन द्वारा जिला बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाते हुए गजट नोटिफिकेशन कर दावे/आपत्ति आमंत्रित किए गए हैं? यदि हाँ तो कब किए गए? (घ) मध्‍यप्रदेश शासन के मंत्रि-परिषद् के सर्वसम्‍मति से स्‍वीकृत प्रस्‍ताव पर नागदा को जिला बनाने की अधिसूचना जारी कर दावे/आपत्ति आमंत्रित करने के आदेश प्रदान करने की मांग पर मुख्‍यमंत्री द्वारा पत्र क्रं. 4102/सीएमएस/एमएलए/212/2020, दिनांक 11/11/2020 प्रमुख सचिव राजस्‍व को आवश्‍यक कार्यवाही करने के निर्देश प्रदान किए गए थे? उनके द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ड.) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 6063 दिनांक 22/03/2021 के प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में बताया गया कि माननीय थावरचंद गेहलोत सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री का पत्र दिनांक 14/08/2019 मुख्‍य सचिव (कार्यालय की टीप क्र. 6695/2019 दिनांक 03/09/2019 द्वारा आवश्‍यक कार्यवाही हेतु प्राप्‍त हुआ था? यदि हाँ तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? सम्‍पूर्ण कार्यवाही की नस्‍ती/नोटशीट की कॉपी उपलब्‍ध करावें। प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर में बताया गया कि जी हाँ। इस पर क्‍या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही नस्‍ती/नोटशीट की कॉपी उपलब्‍ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 18 मार्च, 2020 को आयोजित मंत्रि-परिषद् की बैठक में नागदा को जिला बनाने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया था। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। मुख्‍यमंत्री कार्यालय को प्राप्‍त पत्र नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही के लिए अग्रेषित किया गया था। (ड.) जी हाँ। वर्तमान में पत्र पर कार्यवाही लंबित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित पत्र पर कार्यवाही वर्तमान में लंबित है।

प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण

[राजस्व]

57. ( क्र. 654 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) नागदा व खाचरौद तहसील के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में नागदा विधानसभा क्षेत्र के गांव) में     01 जनवरी 2022 से 24/11/2022 तक कितने आवेदन सीमांकन, बंटवारा के प्राप्‍त हुए हैं? प्राप्‍त आवेदन में कितने आवेदनों के आदेश जारी कर न्‍यायालयीन प्रकरण दर्ज किए गए हैं तथा उनमें से कितनों के प्रकरण दर्ज करना शेष हैं? आवेदक का नाम सहित सम्‍पूर्ण विवरण दें। (ख) प्राप्‍त आवेदनों में से कितने सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा समय-सीमा में स्‍वीकृत किए गए? कितने आवेदन अस्‍वीकृत व विचाराधीन है? आवेदक के नाम व कारण सहित विवरण दें। (ग) कितने सीमांकन, त्रृटि सुधार, बंटवारा, नामांतरण के प्रकरण राजस्‍व अधिकारियों द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण निरस्‍त हुए हैं? आवेदनकर्ता के नाम व कारण सहित विवरण दें।     (घ) क्‍या यह सही है कि विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 822 दिनांक 22 दिसम्‍बर 2021 के प्रश्‍नांश (ड.) में बताया गया कि जी हाँ। पत्र दिनांक 30/10/2021 के क्रम में लेख है कि अर्जित परिसम्‍पत्तियों को नियमित रूप से भू-अभिलेख में दर्ज किया जाता है। अभियान के अंतर्गत भी दर्ज किया जाता है। यदि हाँ तो कितने सड़कों को भू-राजस्‍व रिकार्ड में में खसरा नम्‍बर सहित दर्ज किया गया है? सड़कों के नाम सहित विवरण दें। (ड.) कार्यालय तहसीलदार तहसील नागदा के पत्र क्रं./256/ रीडर/22, नागदा दिनांक 08/04/2022 में प्रधानमंत्री रोड भगतपुरी से किलोडिया को भू-राजस्‍व के रिकॉर्ड में दर्ज करने के संबंध में राजस्‍व निरीक्षक वृत्‍त नागदा, रूपेटा प्रेषित किया गया था? यदि हाँ तो क्‍या रोड को भू-राजस्‍व रिकॉर्ड में खसरा नम्‍बर सहित दर्ज कर लिया गया है? यदि हाँ तो प्रति उपलब्‍ध कराएं। यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) 01 जनवरी 2022 से 24/11/2022 तक तहसील नागदा व खाचरौद शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सीमांकन, बंटवारा के प्राप्त आवेदनों का विवरण तहसीलवार निम्नानुसार हैः-

क्रमांक

तहसील

सीमांकन

बंटवारा

1

नागदा

1171

771

2

खाचरौद

887

574

समस्त आवेदन पत्रों पर से न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। (ख) समस्त न्यायालयीन प्रकरणों का गुण-दोष के आधार पर तहसीलवार निम्नानुसार निराकरण किया गया हैः-

तहसील

सीमांकन

नामान्तरण

बंटवारा

 

निराकृत

प्रचलित

निराकृत

प्रचलित

निराकृत

प्रचलित

नागदा

1130

41

5362

897

614

157

खाखरौद

847

40

2970

967

409

165

सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) आवेदन पत्रों का निराकरण गुण-दोष के आधार पर किया गया है। राजस्व अधिकारियों द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं होने से प्रकरण निरस्त नहीं हुए है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी निम्‍नानुसार :-

तहसील नागदा में दर्ज सड़क संख्या

तहसील खाचरौद में दर्ज सड़क संख्या

कुल दर्ज     सड़क संख्या

19

181

200

जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' एवं '' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। प्रश्‍नांश में अंकित सड़क को राजस्‍व अभिलेख में कालम नंबर 12 में इंद्राज किया गया है।

खाद्यान्न का आवंटन एवं वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

58. ( क्र. 685 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) विधानसभा जबलपुर पूर्व के तहत संचालित कितनी शासकीय उचित मूल की राशन दुकानों को राज्य एवं केन्द्रीय किन-किन योजनाओं में कितना-कितना खाद्यान्न, शक्कर, केरोसिन आदि का आवंटन किया गया तथा कितना-कितना वितरित किया गया और कितना-कितना अवितरित रहा? वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक की माहवार व राशन दुकानवार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में कितने-कितने बी.पी.एल., ए.पी.एल. एवं अंत्योदय कार्डधारी उपभोक्ताओं के पास पात्रता पर्ची नहीं हैं? राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कितने-कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची जारी की गई है। कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं के मुखिया का नाम परिवर्तित किया गया, कितने उपभोक्ताओं के नाम जोड़े गये, कितने-कितने राशन कार्डों में सुधार किया गया तथा कितने लम्बित हैं? वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में किन-किन योजनाओं में कितने-कितने पात्रता पर्चीधारक उपभोक्ताओं को कितना-कितना खाद्यान्न, शक्कर, केरोसिन आदि का वितरण नहीं किया गया एवं क्यों? पात्रता पर्ची विहीन कार्डधारी उपभोक्ताओं के लिये खाद्यान्न वितरण की क्या व्यवस्था की गई है? यदि नहीं तो क्यों? राशन दुकानवार व माहवार जानकारी दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विधानसभा जबलपुर पूर्व के तहत संचालित 164 उचित मूल्‍य दुकानों हेतु वर्ष अप्रैल, 2020 से नवम्‍बर, 2022 तक आवंटित, वितरण तथा अवितरित राशन सामग्री की माहवार एवं दुकानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना एवं प्राथमिकता श्रेणी अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाती है, जिसमें गरीबी रेखा से नीचे एवं अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के परिवार भी सम्मिलित हैं। अधिनियम अंतर्गत गरीबी रेखा से ऊपर की श्रेणी की कोई पात्रता श्रेणी नहीं है। प्रश्‍नांश (क) में आवंटित एवं राशन सामग्री प्राप्‍त करने वाले समस्‍त वैध पात्रताधारी परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। विधानसभा जबलपुर पूर्व के अंतर्गत माह नवम्‍बर, 2022 की स्थिति में 49350 पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। माह अप्रैल, 2020 से 15 जनवरी, 2021 तक 405 राशन कार्डों में संशोधन किया गया है। पात्र परिवारों को जारी पात्रता पर्ची को ही ई-राशन कार्ड के रूप में मान्‍यता प्रदान करते हुए राशन कार्ड में नाम सुधार, नाम जोड़ने, नाम काटने, पता परिवर्तन की कार्यवाही पर रोक लगाई गई है। हितग्राहियों को जारी पात्रता पर्ची में उक्‍त संशोधन कराने की सुविधा स्‍थानीय निकाय के माध्‍यम से एम-राशन मित्र पोर्टल पर उपलब्‍ध कराई गई है। बी.पी.एल., अन्‍त्‍योदय राशन कार्ड में मुखिया का नाम परिवर्तन करने, नाम जोड़ने एवं नाम सुधारने हेतु जिला खाद्य कार्यालय, जबलपुर में कोई आवेदन लंबित नहीं है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को उचित मूल्‍य दुकान पर राशन प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित होने पर खाद्यान्न, शक्कर, केरोसीन का वितरण किया गया है। केवल उचित मूल्‍य दुकानों पर राशन प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित न होने वाले ही हितग्राहियों द्वारा राशन प्राप्‍त नहीं किया जा सका है। पात्र परिवारों को वितरण पश्‍चात् उचित मूल्‍य दुकानों पर शेष रही मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है, जिसका समायोजन कर आगामी माह में नेट आवंटन जारी किया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राशन वितरण का प्रावधान है। पात्रता पर्चीविहीन परिवारों को राशन का आवंटन एवं वितरण जारी नहीं किया जाता है। अधिनियम के अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के परिवारों द्वारा स्‍थानीय निकाय में आवेदन प्रस्‍तुत कर पात्रता पर्ची प्राप्‍त कर राशन सामग्री प्राप्‍त की जा सकती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना

[श्रम]

59. ( क्र. 686 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग जिला जबलपुर को शासन की संचालित किन-किन हितग्राही मूलक योजनाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किन-किन योजनाओं में कितने-कितने हितग्राही लाभांवित हुये हैं तथा उनके खातों में कितनी-कितनी राशि जमा की गई एवं कितनी राशि जमा नहीं की है एवं क्यों? बतलावें। वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांकित किन-किन योजनाओं में श्रमिक पंजीयन शिविरों का आयोजन कब-कब, कहां-कहां पर किया गया? इसमें कितने-कितने श्रमिकों का पंजीयन किया गया एवं कितने संबल कार्ड बनाये गये? शिविरों के आयोजन पर कितनी राशि व्यय हुई? (ग) म.प्र. श्रम कल्याण मण्डल, म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार मण्डल के तहत संचालित किन-किन योजनाओं में लाभांवित कितने-कितने हितग्राहियों के खाते में कितनी-कितनी राशि जमा की गई एवं कितनी-कितनी राशि जमा नहीं की गई एवं क्यों? किन-किन योजनाओं में कितने-कितने हितग्राही लाभ से वंचित हैं? (घ) जबलपुर पूर्व विधानसभा के तहत निम्नांकित योजनाओं में लाभांवित एवं योजनाओं के लाभ से वंचित हितग्राहियों की राशि सहित सूची दें।     (1) संबल कार्डधारी की मृत्यु उपरांत आर्थिक सहायता (2) अन्‍त्येष्टि सहायता (3) दुर्घटना मृत्यु अनुग्रह सहायता (4) विवाह सहायता योजना।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक जबलपुर जिले में मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत संचालित विभिन्‍न हितग्राहीमूलक योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों तथा वितरित की गई राशि की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-1 अनुसार है। विवाह सहायता योजना के 470 लंबित प्रकरणों में परीक्षण उपरांत भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल-2.0 योजना अंतर्गत जिला जबलपुर को 49,44,71,630 रूपये आवंटित किये गये हैं। योजना में लाभांवित हितग्राहियों, प्रदत्त राशि तथा जमा किये जाने हेतु शेष राशि की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-2 अनुसार है। मध्‍यप्रदेश श्रम कल्‍याण मंडल के अंतर्गत जबलपुर जिले में मंडल की श्रमिक कल्‍याणकारी योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 (30 नवम्‍बर 2022 तक) हितग्राही संख्‍या एवं हितलाभ राशि की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-3 अनुसार है। राशि हस्‍तांरित की जा चुकी है। उक्‍त अवधि में स्‍वीकृत प्रकरणों में हितलाभ राशि भुगतान हेतु शेष नहीं है। (ख) मुख्‍यमंत्री जन सेवा अभियान के अंतर्गत दिनांक 17.09.2022 से 31.10.2022 तक प्रत्‍येक जिले में ग्राम स्‍तर/वार्ड स्‍तर पर शिविरों का आयोजन कर श्रमिकों के आवेदन प्राप्‍त कर पंजीयन किये गये। अभियान अवधि में 1,28,540 निर्माण श्रमिकों के नवीन पंजीयन जारी किये गये। शिविर आयोजन पर मण्‍डल स्‍तर से कोई भी राशि व्‍यय नहीं की गई। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत श्रमिक पंजीयन हेतु ग्रामीण क्षेत्र में सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक तथा शहरी क्षेत्रों में वार्ड प्रभारी द्वारा वर्ष 2018 में श्रम सेवा मोबाईल एप्लीकेशन द्वारा घर-घर जाकर पंजीयन आवेदन प्राप्त किये गये जिन पर पंजीयन की कार्यवाही पदाभिहित अधिकारी द्वारा की गई। साथ ही समस्त निकाय स्तर पर शिविर आयोजित किये गये। वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजनांतर्गत तत्समय कुल 2,17,88,959 श्रमिकों का पंजीयन किया गया था। वर्ष 2022-23 में संबल-2.0 योजना अंतर्गत श्रमिकों को ऑनलाईन आवेदन की सुविधा दी गई है, जिसमें वर्तमान में 4,13,425 पंजीयन किये जा चुके है। पंजीयन शिविरों के आयोजन पर कोई भी राशि व्यय नहीं की गई है। मध्‍यप्रदेश श्रम कल्‍याण मंडल द्वारा संगठित क्षेत्र में प्रदेश में स्‍थापित औद्योगिक इकाईयों/स्‍थापनाओं का पंजीयन किया जाता है। इन औद्योगिक इकाईयों/स्‍थापनाओं में कार्यरत श्रमिकों का व्‍यक्तिगत पंजीयन नहीं किया जाता है। अ‍त: प्रश्‍नांश () में चाही गई जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-1 अनुसार है। विवाह सहायता योजना के 470 लंबित प्रकरणों में परीक्षण उपरांत भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल के तहत संचालित अंत्येष्टि सहायता योजनांतर्गत 2,27,845 हितग्राहीयों को राशि रूपये 113.90 करोड़ रूपये प्रदाय किये गये है, अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) में 1,44,026 प्रकरणों में राशि रूपये 2,880.52 करोड़, अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु) में 16299 प्रकरणों में राशि रूपये 651.96 करोड़, अनुग्रह सहायता (स्थाई अपंगता) में 77 प्रकरणों में 1.54 करोड़ तथा अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थाई अपंगता) में 188 प्रकरणों में राशि रूपये 1.88 करोड़ की राशि हितग्राहियों के खाते में जमा की गई। वर्तमान में कुल 24,370 प्रकरणों में राशि रूपये 538.17 करोड़ रूपये की राशि वितरण उपरान्त हितग्राही के खाते में जमा किया जाना शेष है। शासन स्तर से बजट उपलब्ध होने पर राशि प्रदाय की जाती है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में पात्र हितग्राही जिनका प्रकरण पदाभिहित अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाता है, लाभ से वंचित नहीं है। मध्‍यप्रदेश श्रम कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 (30 नवम्‍बर 2022 तक) प्रदेश में लाभांवित हितग्राहियों एवं राशि की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-4 अनुसार है। सभी लाभांवित हितग्राहियों के बैंक खाते में पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-4  अनुसार राशि हस्‍तांरित की जा चुकी है। उक्‍त अवधि में स्‍वीकृत प्रकरणों में हितलाभ राशि भुगतान हेतु शेष नहीं है। (घ) जबलपुर पूर्व विधानसभा अंतर्गत म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना तथा विवाह सहायता योजना में लाभान्वित तथा योजनाओं के लाभ से वंचित हितग्राहियों की सूची संकलित की जा रही है। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल से संबंधित प्रश्‍नांश (घ) की जानकारी नगर निगम, जबलपुर द्वारा संकलित की जा रही है। जबलपुर पूर्व विधानसभा के तहत म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित अंतिम संस्‍कार सहायता एवं विवाह सहायता योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 (30 नवम्‍बर 2022 तक) लाभांवित हितग्राहियों एवं राशि की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-5 अनुसार है।

जिगनिया-बारकरी से बिलौआ क्षेत्र में सिंचाई हेतु पाइप-लाइन

[जल संसाधन]

60. ( क्र. 698 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) विधानसभा क्षेत्र डबरा का ग्राम जिगनिया-बारकरी से बिलौआ तक सिंचाई हेतु डाली गयी पाइप-लाइन से किस प्रकार खेतों में सिंचाई की जावेगी? यह कुल कितनी राशि का प्रोजेक्ट है? सिंध नदी से पानी किस प्रकार लाया जायेगा? सिंध नदी पर क्या कार्य प्रारंभ किये गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार सिंचाई हेतु कितनी किलोमीटर पाइप-लाइन बिछायी जानी है? प्रश्‍न दिनांक तक कितनी बिछायी जा चुकी है? कार्य प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक किस फर्म/ठेकेदार को कितना भुगतान किया जा चुका है? पूर्ण हुए कार्य की कितनी राशि का भुगतान शेष है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या किसानों की रबी की फसल खोद कर खेतों में पाइप-लाइन बिछायी जा रही है? क्या यह नियमानुसार है? क्या पुनः वर्ष 2022-23 में पूर्व में डाले गए बड़े पाइप निकाल कर छोटे पाइप डाले गए? यदि हां तो क्यों? इस दोहरे कार्य पर किस फर्म/ठेकेदार को अभी तक कितना भुगतान किया गया है? इस गंभीर समस्या के लिए किस अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाए? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र डबरा के ग्राम जिगनियां-बारकरी से विलौआ तक किसानों के खेतों तक उच्च दाब पर सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से पानी पहुँचा कर सिंचाई करने की व्‍यवस्‍था है। माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना हेतु राशि रू.2244.99 करोड़ स्वीकृत हैं। सिंध नदी पर ग्राम डांग डिरौली के समीप बांध का निर्माण कर पानी लाया जाएगा। परियोजना के तहत सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होकर वन भूमि के व्‍यपवर्तन की कार्यवाही भारत सरकार के स्‍तर पर विचाराधीन है। (ख) विधानसभा क्षेत्र डबरा में देवगढ़-विलौआ नहर प्रणाली (जिगनियां-बारकरी) के अंतर्गत लगभग 350 कि.मी पाइप नेटवर्क बिछाया जाना प्रस्तावित है। अभी तक 17 किमी पाइप-लाइन बिछायी जाना प्रतिवेदित है। कार्य प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक               पाइप-लाइन बिछाने के कार्य का निर्माण कर रही एजेंसी मैसर्स मंटेना वशिष्टा को किये गये कार्य एवं सामग्री के विरूद्ध राशि रू.427.022 करोड़ का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। पूर्ण हुए कार्य की भुगतान हेतु कोई राशि शेष नहीं है। (ग) किसानों की सहमति से खोदकर पाइप लाइन बिछाई जाना प्रतिवेदित है। नहर का निर्माण कर रही एजेंसी ने पूर्व में डिजाईन अनुसार पाइप नहीं डालने के कारण वर्ष 2022-23 में बडे़ डाले गये पाइप निकालकर डिजाईन अनुसार पाइप बिछाये जा रहे हैं, जिसके लिये निर्माण एजेंसी को अलग से कोई भी राशि का भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण एजेंसी द्वारा किये गये त्रुटिपूर्ण कार्य के लिये किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रेत खदानों की नीलामी

[खनिज साधन]

61. ( क्र. 699 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र में रेत की विभिन्न खदानों की नीलामी प्रक्रिया होने के बाद भी वैध रेत खनन प्रारंभ क्यों नहीं किया जा रहा है? वर्ष 2022-23 के दौरान किस फर्म/ठेकेदार को            कितनी-कितनी राशि में कब से कब तक के लिए लीज़ प्रदान की गयी है? विवरण प्रदान करें l           (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार सिंध नदी के आसपास के ग्रामों की रेत खदानें अनुबंधित होने के उपरान्त ठेकेदार/फर्म द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया है? अवैध रूप से रेत मफियायों द्वारा मशीनों की सहायता से रेत उत्खन कार्य जारी है जो मनमाने रूप से तीन से चार गुना अधिक राशि में रेत बेच रहे हैं जिस कारण मध्यम वर्गीय आम लोगों को सभी प्रकार के निर्माण कार्यों में परेशानियाँ आ रही हैं तथा मजदूर परिवारों के जीवन यापन पर संकट उत्पन्न हो गया हैl इसके निदान के लिए क्या कार्यवाही की गयी? विवरण प्रदान करें। यदि नहीं तो कारण बतावेंl (ग) वर्ष 2018-19 से 2021-22 में जिला ग्वालियर के अंतर्गत संचालित रेत खदानें किस-किस फर्म/ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि में कब से कब तक के लिए दी गई तथा कितनी राशि शासन को प्राप्त हुयी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले के डबरा विधानसभा क्षेत्र सहित जिला रेत समूह का ई-निविदा प्रक्रिया के माध्यम से निवर्तन उपरांत वैधानिक अनुमतियां प्रक्रियाधीन होने से रेत खनन प्रारंभ नहीं हुआ है। वर्ष 2022-23 में श्री सुनील सिंह भदौरिया, निवासी ग्वालियर को रूपये 12.75 करोड़ वार्षिक ठेका धन पर अनुबंध निष्पादन दिनांक से दिनांक 30/06/2023 तक की अवधि के लिए जिला रेत समूह का ठेका दिया गया है। (ख) सिंध नदी के आस-पास की ग्वालियर जिला रेत समूह की खदानों का अनुबंध निष्पादन, वैधानिक अनुमतियां प्रक्रियाधीन होने के कारण, नहीं हुआ है। इस कारण से ठेकेदार द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। जिले में अवैध रूप से रेत का उत्खनन/परिवहन/भण्डारण करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की गई है, जिसमें कुल 127 प्रकरण दर्ज कर 108 प्रकरणों का निराकरण करते हुए रूपये 70,93,373/- वसूल किया गया है एवं 66 प्रकरणों में संबंधितों के खिलाफ पुलिस थानों में एफ.आई.आर. दर्ज की गयी है। जिले में समीपवर्ती जिले भिण्ड एवं शिवपुरी में स्वीकृत एवं संचालित खदानों से रेत की आवक होती है। जिससे निर्माण कार्य में परेशानी एवं मजदूर परिवार के जीवन यापन पर संकट उत्पन्न होने जैसी स्थिति नहीं है। (ग) वर्ष 2018-19 से 2021-22 में जिला ग्वालियर में समूह रेत खदानों को ठेकेदार मेसर्स एम.पी. सेल्स कॉर्पोरेशन, प्रोपराईटर श्री मनोज अग्रवाल, निवासी-6, राम जानकी मंदिर, जीवाजीगंज, मुरैना के पक्ष में ई-निविदा प्रक्रिया से उच्चतम बोली 30.05 करोड़ प्रतिवर्ष के आधार पर 03 वर्ष की अवधि अर्थात दिनांक 30/06/2023 तक के लिये आवंटन किया गया था। ठेकेदार द्वारा ठेका किश्तों का भुगतान न किये जाने फलस्वरूप संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म, भोपाल के आदेश दिनांक 30/06/2022 से उक्त ठेका निरस्त किया गया। उपरोक्त खदानों से पूर्व ठेका अवधि के दौरान में कुल राशि 51,11,34,958/- राजस्व बतौर प्राप्त हुई है।

भूमि विक्रय की शिकायत की जांच

[राजस्व]

62. ( क्र. 711 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले अन्तर्गत देवरी तहसील के राजस्व मौजा धुलतरा स्थित खसरा भूमि नम्बर 129/2 एवं 129/3 की भूमि विक्रय के संबंध में विभाग सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब एवं किन किन समाचार पत्रों के माध्यम से इश्‍तहार जारी किया गया था? इश्‍तहार की प्रति उपलब्ध करावें। मार्च 2022 के माध्यम से प्राप्त शिकायत/आवेदन अनुसार विक्रयकर्ता के पास उपलब्ध रकबे से अधिक रकबे की भूमि के विक्रय के संबंध में आपत्ति/शिकायत दर्ज कराई गई हैं? प्राप्त आपत्ति/शिकायत पर क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई हैं? विस्तृत विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार मौजा धुलतरा स्थित खसरा नम्बर 129/2 एवं 129/3 में वर्ष 2006 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी भूमि का विक्रय किया गया? विक्रयकर्ता/क्रेता के नाम सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें।     (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार मौजा धुलतरा में 129/2 एवं 129/3 रकवा के विक्रय के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच किस-किस अधिकारी को सौंपी गई? जांच प्रतिवेदन/जांचकर्ता अधिकारी एवं सत्यापनकर्ता के पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जब विक्रेता द्वारा धारित रकवा से अधिक रकवा का फर्जी एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से विक्रय करने वाले एवं गलत बेनामा पास करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सागर जिले की तहसील देवरी के मौजा धुलतरा स्थित भूमि खसरा नं. 129/2 एवं 129/3 के भूमि विक्रय के संबंध में कोई इश्‍तहार विधिसंगत न होने से जारी नहीं किया गया। न्‍यायालय कलेक्‍टर जिला सागर में संधारित दायरा पंजियों के अवलोकन पर उक्‍त खसरा नंबरों के विक्रय से संबंधित कोई भी प्रकरण पंजीबद्ध होना नहीं पाया गया है। खसरा नंबर 129/2 मौजा धुलतरा तहसील देवरी निजी भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व की भूमि है। जिसके विक्रय के संबंध में किसी कार्यालय से विक्रय अनुमति नहीं दी जाती। क्रेता व विक्रेता के मध्‍य आपसी संव्‍यवहार के आधार पर क्रय-विक्रय होता है। खसरा नं. 129/3 रकवा 0.12 हे. भू-अर्जन से प्राप्‍त भूमि है जो वर्तमान अभिलेख में केन्‍द्र सरकार राष्‍ट्रीय राजमार्ग के नाम अभिलेख में दर्ज है। अनुविभागीय अधिकारी देवरी के न्‍यायालय में राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 354/अ-6-अ/2021-22 पक्षकार महेन्‍द्र पालीवाल विरूद्ध म.प्र. शासन की प्रचलन में होने के समय श्री लक्ष्‍मीकांत दुबे द्वारा प्रकरण में इस आशय की आपत्ति प्रस्‍तुत की गई थी कि उक्‍त विक्रय पत्र फर्जी एवं कूटरचित है, जिसकों अस्‍वीकार कर प्रकरण का निराकरण दिनांक 17/06/2022 को न्‍यायालयीन आदेश के माध्‍यम से कर दिया गया। शिकायत/आपत्ति की प्रति व आदेश की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) वर्ष 2006-07 से 2022-23 तक उप पंजीयक देवरी से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार खसरा नंबर 129/2 कुल 03 दस्‍तावेज का विक्रय हुआ विवरण निम्‍न है:-

क्र.

दस्‍तावेज क्रमांक

विक्रेता का नाम

क्रेता का नाम

ख.नं.

रकवा (हे.)

1

MP33742022 A1436654

लक्ष्‍मीकांत पिता बैजनाथ दुबे निवासी धुलतरा तहसील देवरी

कमलेश पिता देवीप्रसाद साहू

129/2

0.02

2

MP33742022 A1718118

महेन्‍द्र पिता जयरामदास पालीवाल

निश्‍चल पिता भरतलाल दुबे

129/2/2

0.06

3

MP33742021 A1178678

लक्ष्‍मीकांत पिता बैजनाथ दुबे निवासी धुलतरा तहसील देवरी

संजय पिता करन सिंह यादव निवासी छीर तहसील देवरी

129/2

0.02

खसरा नंबर- 129/3 वर्तमान में राजस्‍व अभिलेख में केन्‍द्र सरकार सड़क राष्‍ट्रीय राजमार्ग मद में दर्ज है। (ग) विक्रय के संबंध में माननीय व्‍यवहार न्‍यायालय वर्ग-2 देवरी में व्‍यवहार वाद प्रचलित है। अत: तहसीलदार देवरी के प्रतिवेदन प्राप्‍त करने के अतिरिक्‍त अन्य कोई जांच नहीं कराई गई। प्रकरण आपसी क्रय-विक्रय के संबंध में निजी भूमि से संबंधित है। (घ) रजिस्‍टर्ड विक्रय पत्र की वैधता की जांच की अधिकारिता राजस्‍व न्‍यायालयों को प्राप्‍त नहीं है। नामांतरण विधिक प्रक्रिया का पालन किए जाने से शेष प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता।

अवैध उत्‍खनन पर अर्थदण्‍ड

[खनिज साधन]

63. ( क्र. 716 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बदौरा कला तहसील गौरिहार के खसरा नंबर 1155 रकवा 7.009 हेक्टेयर में से 3.000 हेक्टेयर पर भाऊ स्टोन मिल कबरई जिला महोबा (उ.प्र ) को स्वीकृत किया गया था?             (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हां, तो क्या उक्त फर्म द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध उत्खनन किया गया था? यदि हां, तो क्या अवैध उत्खनन करने पर उक्त फर्म पर 73,44.00.000/अर्थदंड अधिरोपित किया गया था? (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि हां, तो क्या उक्त फर्म द्वारा अर्थदंड की राशि जमा की गई थी? यदि हां तो रसीद की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त भूमि पर पुनः खुदाई की अनुमति दी गई है? यदि हां, किस फर्म को? उल्लेख करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। तहसीलदार गौरिहार/खनि निरीक्षक के प्रतिवेदन अनुसार स्‍वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध उत्‍खनन पाये जाने पर अर्थदण्‍ड की राशि रूपये 73,44,00,000/- प्रस्‍तावित किया गया है। वर्तमान में प्रकरण पंजीबद्ध कर न्‍यायालय कलेक्‍टर में विचाराधीन है। (ग) प्रकरण वर्तमान में कलेक्‍टर न्‍यायालय में विचाराधीन होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्‍त भूमि पर पुन: खुदाई की अनुमति किसी अन्‍य फर्म को नहीं दी गई है।

पोर्टल से पब्लिक डोमेन हटाया जाना

[राजस्व]

64. ( क्र. 725 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्या रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम RCMS के अंतर्गत प्रकरणों में पारित होने वाले आदेश पहले पोर्टल पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थे व नागरिकों द्वारा किसी भी समय एक्सेस किये जा सकते थे? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त आदेशों को RCMS पोर्टल के पब्लिक डोमेन से क्यों हटा दिया गया है? RCMS पोर्टल में अपलोड होने वाले आदेशों को पब्लिक डोमेन से हटाने संबंधी कार्यवाही,पत्राचार,नोटशीट आदि दस्तावेज पटल पर रखें। (ख) ई-गवर्नेंस के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जिसमे राजस्व न्यायालयों के पारित आदेश पब्लिक डोमेन में होने से पारदर्शिता के साथ नागरिक सुविधाओं में इजाफा हुआ था। इस व्यवस्था में बड़ा बदलाव कर आदेशों/निर्णयों को पब्लिक डोमेन से हटाने के मामले में सरकार क्या कार्यवाही करेगी? (ग) आज जहाँ देश में समस्त जिला, उच्च न्यायालय,अधिकरण, आयोग, सर्वोच्च न्यायालय अपने प्रकरणों में पारित निर्णय पब्लिक डोमेन में बगैर शुल्क के देखने डाउनलोड करने की सुविधा दे रहे हैं वही दूसरी ओर राजस्व न्यायालय इसके विपरीत उक्त सुविधाओं को छीन रहे हैं? इसके पीछे की क्या मंशा है? (घ) क्या उक्त पोर्टल पर समस्त आदेश पुन: पब्लिक डोमेन में बगैर आवेदन किये देखने एवं डाउनलोड करने हेतु उपलब्ध कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। RCMS के अंतर्गत राजस्‍व प्रकरणों में पारित होने वाले आदेश सार्वजनिक रूप से पोर्टल पर पूर्ववत उपलब्‍ध हैं एवं नागरिकों द्वारा किसी भी समय एक्‍सेस किये जा सकते हैं। RCMS Portal का नियमित रूप से संधारण किया जाता है, संभवत: कतिपय आदेश तकनीकी कारणों से दर्शित नहीं होते हैं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।             (ख) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिंचाई परियोजनाओं में अनियमित भुगतान

[जल संसाधन]

65. ( क्र. 728 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वर्ष 2018-19 में सात सिंचाई परियोजनाओं में 877 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े अथवा निर्माणकर्ता कम्पनियों को अनियमित भुगतान के प्रकरण प्रकाश में आये थे? (ख) उक्त प्रकरणों में की गयी जांच के प्रतिवेदन उपलब्‍ध करावें। (ग) जांच प्रतिवेदन आने के बाद की गयी समस्त कार्यवाही तथा प्रकरण की वर्तमान स्थिति बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी नहीं। तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि वर्ष 2020-21 में 07 सिंचाई परियोजनाओं में राशि रू.877 करोड़ के भुगतान के प्रकरण प्रकाश में आए थे। शासन स्‍तर पर परीक्षणोंपरांत अनुबंध के शर्तें शिथिल कर 03 सिंचाई परियोजनाओं में राशि रू.495.19 करोड़ के भुगतान के प्रकरण पाए गए। जिसके संबंध में प्रकरण आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ द्वारा पंजीबद्ध किया जाकर वर्तमान में प्रकोष्‍ठ में विचाराधीन है। अत: जांच प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन भूमियों पर वृक्षारोपण

[वन]

66. ( क्र. 733 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) वन विभाग द्वारा सिवनी जिले में विगत 03 वर्षों में कितने पौधे लगाये गये? किस-किस वीट के किस-किस कक्ष क्रमांक पर लगाये गये? पौधों की वर्तमान स्थिति क्‍या है? कितने पौधे जीवित है, कितने पौधे मृत हैं की जानकारी तहसीलवार वीटवार कक्ष क्रमांक सहित देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किये गये वृक्षारोपण में चैनलिंक के जाली, बारवेड वायर, सीमेंट पोल, उर्वरक, मानव श्रम तथा अन्‍य समस्‍त में किया गया व्‍यय, किस-किस वीट/रेंज में कब-कब हुआ? वीट रेंज अनुसार हुये व्‍यय की वित्‍तीय व्‍यय अनुसार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या वन परिक्षेत्र लखनादौन के अंतर्गत लगाये गये पौधारोपण में गड्ढे में डालने वाली मिट्टी का टेन्‍डर स्‍थानीय व्‍यक्ति/फर्म को न देते हुये सिवनी की फर्म को दिया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम कमली में किये गये पौधारोपण की शिकायत ग्रामवासियों द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो शिकायत की जाँच पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? इसी प्रकार ग्राम केरपानी से खूबी तक वन मार्ग में मजदूरों से कार्य न कराया जाकर जेसीबी मशीन से कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? (ड.) क्‍या प्रश्‍नांश (क) परिक्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा वृक्षारोपण के दौरान काछी खमरिया एवं ग्राम चिखली में सीमेंट बोर्ड/साईन बोर्ड एवं चौकीदार हट का निर्माण नहीं कराया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों नहीं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सिवनी जिले के वनमण्डलों से संबंधित जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-1 में है। वन विकास निगम से संबंधित जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-2 में है। (ख) वन विभाग के वनमण्डलों से संबंधित जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट - 1 पर है। वन विकास निगम से संबंधित जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-2 में है। (ग) जी हाँ। उत्तर सिवनी वनमण्डल अंतर्गत पौधा रोपण के उपयोग में उपजाऊ मिट्टी प्रदाय करने के लिये निविदा आमंत्रित की जाकर विभागीय क्रय समिति की अनुशंसा अनुसार सिवनी के सफल निविदाकार को सामग्री प्रदाय हेतु आदेश जारी किये गये हैं। (घ) ग्राम वन समिति कमली के अंतर्गत लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अपितु ग्राम वासियों द्वारा मौके पर शिकायत करने पर उनको आने जाने का रास्ता दिया गया है तथा ग्राम केरपानी से खूबी तक वनमार्ग मरम्मत का कार्य ग्राम वन समिति केरपानी के सदस्यों द्वारा म.प्र. शासन के संकल्प वर्ष 2001 में निहित प्रावधान अनुसार समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित कर समिति खाते में उपलब्ध राशि से समिति सदस्यों एवं श्रमिकों द्वारा कार्य किया गया है, जे.सी.बी. द्वारा मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) ग्राम काछी खमरिया एवं ग्राम चिखली में वृक्षारोपण क्षेत्र तैयारी अंतर्गत साईन बोर्ड एवं चौकीदार हट का निर्माण कार्य कराया गया है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पेंच व्‍यपवर्तन नहर निर्माण

[जल संसाधन]

67. ( क्र. 734 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पेंच व्‍यपवर्तन नहर निर्माण हेतु प्राक्‍कलन अनुसार कितनी राशि स्‍वीकृत की गई थी? इसकी जलाशय के निर्माण की प्रस्‍तावना में इस जलाशय की कितनी लम्‍बाई की नहरों का निर्माण कर कितने ग्रामों की कितनी-कितनी कृषि भूमि की सिंचाई होनी थी? (ख) इस जलाशय एवं नहर के निर्माण में कितनी राशि व्‍यय कर कितनी लम्‍बाई की नहर का निर्माण किया गया तथा शेष कितनी राशि बची तथा उसका क्‍या उपयोग किया गया? वर्तमान समय में इससे कितने ग्रामों की कितनी कृषि भूमि सिचिंत हो रही है? (ग) निर्माण के समय प्रस्‍तावित सिंचाई क्षमता से कम क्षेत्र में सिंचाई होने के क्‍या कारण हैं? क्‍या शासन इस जलाशय की सिंचाई क्षमता बढ़ाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला मुख्‍यालय विभाग प्रमुख को प्रस्‍तावित ग्रामों तक पाईप लाईन ओपन/अण्‍डरग्राउण्‍ड बिछाकर सिंचाई जल प्रदान करने की कोई योजना बनाकर विभाग से मंजूरी लेगा ताकि इस जलाशय का निर्माण सार्थक हो सके? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिवनी जिले के सिवनी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत पेंच व्यपवर्तन नहर निर्माण हेतु प्राक्कलन अनुसार रू.26841.00 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी। इस जलाशय के निर्माण की प्रस्तावना में मुख्य नहर 81.81 कि.मी., वितरक नहर 94.95 कि.मी. एवं लघु नहर 280.64 कि.मी. इस प्रकार कुल 457.40 कि.मी. लम्बाई की नहरों का निर्माण कर 97 ग्रामों की 41755 हे. कृषि भूमि की सिंचाई होनी थी। (ख) इस जलाशय की नहर के निर्माण में राशि रू.26052.68 लाख व्यय कर मुख्य नहर 81.81 कि.मी. वितरक नहर 94.95 कि.मी. एवं लघु नहर 253.64 कि.मी. इस प्रकार कुल 430.40 कि.मी. लम्बाई की नहर का निर्माण किया गया है तथा शेष राशि रू.788.32 लाख शेष है जिसका उपयोग शेष कार्य पूर्ण करने में किया जा रहा है। वर्तमान में 56 ग्रामों की 27034 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है।             (ग) नहरें कच्ची होने एवं सिवनी शाखा नहर की वितरिका शाखा डी-4 निर्माणाधीन होने के कारण प्रस्तावित सिंचाई क्षेत्र से कम क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। बांध में उपलब्ध जल क्षमता अनुसार नहर प्रणाली से सिंचाई हेतु रकबा केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली तथा मुख्‍य अभियंता बोधी भोपाल द्वारा निश्चित किया गया है। अतः अन्य अतिरिक्त रकबे हेतु जल उपलब्‍ध कराना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रहवासी क्षेत्रों में हाथियों द्वारा नुकसान

[वन]

68. ( क्र. 741 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) मण्डला जिले के किन-किन ग्रामों में कब-कब हाथियों का दल सक्रिय रहा है? किन-किन ग्रामों में किन-किन ग्रामीणों को इनके द्वारा चोटिल व मृत किया गया है? इनके उपचार व सहायता हेतु विभाग द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई है? इस हेतु शासन के प्रावधान हैं? क्या इस हेतु प्रश्‍नकर्ता ने फील्ड डायरेक्टर कान्हा पार्क, कलेक्टर मण्डला डीएफओ पूर्व सामान्य मण्डला को पत्र लिखकर आवश्यक कार्यवाही हेतु लेख किया था, यदि हाँ तो पत्रों की प्रति उपलब्ध करवाएं। उस पर संबंधितों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या हाथियों द्वारा बड़ी मात्रा में ग्रामीणों की खेतों में लगी फसलों को नष्ट किया गया है? क्या विभाग द्वारा इस संबंध में कोई आंकलन या रिपोर्ट तैयार की गई है? यदि नहीं तो क्यों? फसल नुकसानी मुआवजा हेतु विभाग के क्‍या प्रावधान हैं? क्या मण्डला जिले में हाथियों द्वारा नष्ट की गई किसानों की फसलों के मुआवजा हेतु विभाग इसे विशेष प्रकरण मानते हुए क्षतिपूर्ति राशि प्रदाय करेगा? यदि हां, तो कब तक और कितनी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) विभाग द्वारा कान्हा नेशनल पार्क के अलावा क्षेत्रीय वन मंडलों में हिंसक वन्य प्राणियों के ग्रामों में प्रवेश करने पर सुरक्षित रेस्क्यू करने हेतु क्या संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं? इसके लिए कितना बजट दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? क्या इस हेतु वनकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? वनकर्मियों की सुरक्षा हेतु क्या उपाय किये गए हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मंडला जिले में वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में हाथियों का दल सक्रिय रहा है। इस संबंध में कोई लॉग बुक तैयार नहीं की जाती है। हाथियों द्वारा चोटिल/मृत की जानकारी एवं उन्हें प्रदाय की जाने वाली सहायता की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट-1 में है। प्रश्‍नकर्ता सदस्य द्वारा विभिन्न अधिकारियों को लिखे गये पत्र की प्रतियां  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-2 में है। पत्रों पर की गई कार्यवाही  पुस्तकालय  में रखे   परिशिष्ट-3 में है। उपचार एवं सहायता का प्रावधान  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-4 में है। (ख) हाथियों द्वारा बड़ी मात्रा में फसलों को नष्ट नहीं किया गया है। वन विभाग द्वारा फसल नुकसानी का आंकलन नहीं किया जाता अपितु राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। शासन निर्देशानुसार फसल नुकसानी के आंकलन में वन विभाग द्वारा राजस्व विभाग को सहयोग किया जाता है। हाथियों द्वारा फसल नुकसानी के मुआवजे का प्रावधान  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-5 में है। मंडला जिले में हाथियों द्वारा नष्ट फसलों के मुआवजा वितरण की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-6 में है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन्यप्राणियों को रेस्क्यू करने हेतु प्रदेश में 15 रीजनल रेस्क्यू स्क्वाड कार्यरत है। जिनमें वन्य प्राणी चिकित्सक के साथ समस्त रेस्क्यू उपकरण एवं दवायें उपलब्ध रहती है। प्रदेश के क्षेत्रीय वन मंडलों में हिंसक वन्य प्राणियों के ग्रामों में प्रवेश करने पर रेस्क्यू करने हेतु पिंजरा, जाल, रस्सा, वन्यप्राणी विशेष संबंधी उपकरण, टूल किट, प्राथमिक उपचार सामग्री, टार्च एवं अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये गये है। इसकी जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-7 में है। प्रदेश के क्षेत्रीय वनमंडलों को उपलब्ध कराये गये बजट की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-8 में है। सुरक्षा हेतु वन कर्मियों को समय-समय पर प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षणों के दौरान वनकर्मियों को सुरक्षित रहकर वनों एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा किये जाने की समझाइश दी जाती है।

डोलोमाइट उत्‍खनन के नियम

[खनिज साधन]

69. ( क्र. 743 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला अंतर्गत कौन-कौन सी डोलोमाइट खदानें कब से संचालित हैं? ग्राम का नाम खसरा नंबर सहित खदान मालिक के नाम की जानकारी उपलब्ध करवाएं? वर्ष 2020 के बाद स्वीकृत खदानों की जानकारी भी उपलब्ध करवाएं। (ख) डोलोमाइट उत्खनन हेतु शासन के क्या नियम हैं? खदान भूमि में कितनी गहराई तक उत्खनन किया जा सकता है? क्या मण्डला जिले की डोलोमाइट खदानों में इसका कड़ाई से पालन किया जा रहा है? वर्ष 2019 से लेकर अब तक जिले के किन-किन अधिकारियों ने किस-किस खदान का कब-कब निरीक्षण किया है एवं निरीक्षण में क्या पाया गया? क्या अनेक खदानों में निर्धारित गहराई से ज्यादा खुदाई की जा चुकी है? क्या इस संबंध में राज्य स्तर से टीम गठित कर जांच करवाई जाएगी? (ग) जिले में डोलोमाइट खदानों की जांच कब-कब एवं किसके द्वारा की गई है? उन जांचों के आधार पर खदान मालिकों के विरुद्ध क्या क्या कार्यवाहियां अब तक की गई हैं एवं प्रत्येक प्रकरण की वर्तमान में क्या स्थिति है? अवगत करायें। (घ) निर्धारित रकबे से ज्यादा में उत्खनन की अब तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उनमें अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। जिले में वर्ष 2020 के पश्चात् डोलोमाईट की खदान स्वीकृत नहीं हुई है।  (ख) डोलोमाईट उत्खनन हेतु पूर्व में स्वीकृत खनिपट्टों में खनिज रियायत नियम, 1960 एवं मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित है। खदानों में उत्खनन की कोई निर्धारित गहराई नहीं होती है। डोलोमाईट उत्खनन हेतु 06 मीटर से अधिक उत्खनन किये जाने हेतु महानिदेशक, खान सुरक्षा के निर्धारित मानकों का पालन करते हुये किया जाता है। खदान संचालकों से उक्त नियमों निर्देशों का पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाता है। वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक खदानों के निरीक्षण किये जाने की  जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। खदानों में उत्खनन की कोई निर्धारित गहराई नहीं होती है अपितु महानिदेशक, खान सुरक्षा के निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन एवं अनुमोदित खनन योजना में विनिर्दिष्ट खनन योग्य खनिज की मात्रा अनुसार खदान की गहराई निर्धारित होती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नियम विरूद्ध सामग्री का भुगतान

[जल संसाधन]

70. ( क्र. 750 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 975 दिनांक 27.07.2022 के उत्‍तर की कंडिका (ख) एवं (ग) के अनुसार प्रश्‍नांश में वर्णित तथ्‍य संज्ञान में आने पर परियोजना में निर्माण एजेंसी को सामग्री के विरूद्ध भुगतान किए जाने के फलस्‍वरूप निर्माणाधीन परियोजनाओं में सामग्री के विरूद्ध किए गए भुगतान की जांच हेतु शासन द्वारा अपर सचिव, जल संसाधन विभाग की अध्‍यक्षता में समिति गठित की गयी हैं। जिसमें मुख्‍य अभियंता बोधी तथा अधीक्षण यंत्री, प्रशासन सदस्‍य हैं। जांच समिति से जांच प्रतिवेदन अपेक्षित हैं? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त हो चुका हैं? यदि हाँ, तो उसमें क्‍या-क्‍या निष्‍कर्ष प्राप्‍त हुये एवं क्‍या विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त संबंध में कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्‍या और किस-किस के विरूद्ध? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में निर्माण एजेंसी को सामग्री के विरूद्ध कब-कब व कितना भुगतान किया गया है एवं इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। समिति से अंतिम जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। समिति के निष्‍कर्ष के आधार पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही संभव है।                (ख) जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। भुगतान सम्बंधित कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया है।

परिशिष्ट - "तेरह"

आवंटित भूमि का कम्‍प्‍यूटरीकरण

[राजस्व]

71. ( क्र. 759 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) प्रश्‍न क्रमांक 1374, दिनांक 17 मार्च, 2022 में उक्त कालोनी को त्रुटिवश अभिलेख कम्प्यूटराइज न होना बताया गया था? यदि हां, तो उक्त त्रुटि‍ किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) माह मार्च 2022 के बाद भी उक्त प्रकरण किन-किन अधिकारियों के पास कब-कब आया व कहां-कहां लंबित रहा? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के द्वारा पटवारी के समस्त रिकार्ड को कम्प्यूटराइज करने का आदेश है? यदि है तो इंदिरा शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति को आवास हेतु आवंटित भूमि का कम्प्यूटराइज प्रश्‍न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या शासन द्वारा आवंटित भूमि पर मकानों का निर्माण हो चुका है? शासनादेश के अनुसार कर्मचारी कॉलोनी को खसरा में इंद्राज होते हुए भी कम्प्यूटराइज क्यों नहीं किया गया? इसके लिए कौन अधिकारी या कर्मचारी दोषी है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, राजस्व रिकार्ड त्रुटिवश कम्प्यूटराइज नहीं हो पाया था। हस्तलिखित रिकार्ड से कम्प्यूटर रिकार्ड किये जाने का उत्तरदायित्व तत्कालीन पटवारी का था, तत्समय श्री देवकरण शर्मा पटवारी के रूप में पदस्थ थे, तत्कालीन पटवारी श्री शर्मा की मृत्यु हो चुकी है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ब्यावरा दिनांक 08.04.2022 से 18.04.2022 तक न्यायालय तहसीलदार ब्यावरा दिनांक 18.04.2022 से 13.05.2022 तक न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ब्यावरा दिनांक 13.05.2022 से 21.10.2022 तक न्यायालय न्यायालय कलेक्टर राजगढ़ दिनांक 21.10.2022 से 02.12.2022 तक न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ब्यावरा दिनांक 05.12.2022 से 07.12.2022 तक न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ब्यावरा के प्रकरण क्रमांक 110/अ-6- (अ)/2022-23 आदेश दिनांक 07.12.2022 से निराकृत कर अभिलेख दुरूस्त किया गया। (ग) जी हाँ। अध्यक्ष इंदिरा शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र पर प्रकरण क्रमांक 110/अ -6 (अ)/2022-23 दर्ज किया जाकर कार्यवाही प्रचलित होने के कारण प्रश्‍न दिनांक तक नहीं किया जा सका। (घ) जी हाँ। हस्तलिखित खसरे से कम्प्यूटराईज खसरा निर्मित करते समय उक्त त्रुटि हुई है अत: कम्प्यूटराइज नहीं हो सका। शेष उत्तर उत्‍तरांश () के अनुसार।

आलोच्य बसों पर कार्यवाही

[परिवहन]

72. ( क्र. 765 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर अहमदाबाद रूट पर चलने वाली बसें सरदारपुर की सवारी को शहर से 2 किलोमीटर दूर फोरलेन पर उतार देती हैं। यदि हां तो बतावें कि विभाग यात्रियों की सुविधा का संतुलन कैसे कर रहा है? (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 5478 दिनांक 16 मार्च 2011 खंड (क) तथा (ख) के संदर्भ में बतावे कि इंदौर से अहमदाबाद चलने वाली बसें जिसमें सरदारपुर के लिए टिकट दिया जाता है तो फिर परमिट में सरदारपुर में विराम क्यों नहीं दिया गया तथा इतनी शिकायतों के बाद भी अभी तक बसों में सरदारपुर विराम का उल्लेख क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) इंदौर से अहमदाबाद रोड पर नवंबर 2022 की स्थिति में जिन-जिन बसों को परमि‍ट दिए गए हैं उनकी प्रति देवें तथा बतावें की उन बसों में सरदारपुर का विराम क्यों नहीं हैं? परमिट देते समय विराम स्थल क्यों और कैसे तय किया जाता है? (घ) क्या विभाग आलोच्य बसों पर कार्यवाही कर उनके परमिट निरस्त करेगा जो सरदारपुर बस स्टैंड पर सवारी उतारने की जगह फोरलेन पर सवारी उतार कर यात्रियों को परेशान कर रहे हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) इंदौर अहमदाबाद मार्ग पर व्हाया सरदारपुर चलने वाली यात्री बसों द्वारा सरदारपुर की सवारी शहर से 02 किलोमीटर दूर फोरलेन पर उतार देने के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, धार द्वारा एसडीएम कार्यालय सरदारपुर में इस मार्ग पर चलने वाली बसों के मालिकों की बैठक ली जाकर उन्हें सख्त निर्देश दिए गए तथा इस प्रकार का अपराध करते हुए पाए जाने पर 09 यात्री बसों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही कर उनसे रू 18000/- शमन शुल्क वसूल किया गया। (ख) एवं (ग) राज्य परिवहन प्राधिकार, ग्वालियर के द्वारा इंदौर से अहमदाबाद मार्ग पर 05 अस्थायी परमिट स्वीकृत हैं। पारस्परिक करार में दिए गए व्हाया में सरदारपुर नहीं है। पूर्व में इंदौर से अहमदाबाद व्हाया धार, राजगढ़, झाबुआ, पिटोल होकर मध्यप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा वाहन संचालन किए जा रहे थे, मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के बंद होने के पश्‍चात उसके स्थान पर उन्हीं व्हाया पर आवेदकों को अस्थायी अनुज्ञायें जारी की जा रही है। परमिटों की  प्रतियां  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-अनुसार है। आवेदकों द्वारा भी सरदारपुर व्हाया की मांग नहीं की गई है। उक्त वाहनों में सरदारपुर का टिकिट दिए जाने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। मध्यप्रदेश सीमांतर्गत इंदौर से अहमदाबाद रोड पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकारी, इंदौर द्वारा अपने क्षेत्रांतर्गत आने वाले मार्गों पर नवंबर 2022 की स्थिति में स्थायी एवं अस्थायी अनुज्ञापत्र जारी किए गए हैं, जिसमें आवेदन के आधार पर व्हाया सरदारपुर का उल्लेख है। परमिटों की सूची  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-2 अनुसार  है। परमिट आवेदक द्वारा किए गए आवेदन में उल्लेखित विराम स्थल के आधार पर वाहन का विराम स्थल तय किया जाता है। (घ) सरदारपुर बस स्टैण्ड पर सवारी उतारने की जगह फोरलेन पर सवारी उतारकर यात्रियों को परेशान करने की शिकायत प्राप्त होने पर उक्त मोटरयान के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम, 1988 एवं उसके अंतर्गत बनाये गए नियमों में विहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है।

अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान

[श्रम]

73. ( क्र. 766 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवंबर 2022 की स्थिति में संनिर्माण कर्मकार मंडल मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या कितनी है तथा वर्ष 2019 से नवंबर 2022 तक धार जिले में पंजीकृत श्रमिकों को किस-किस मद में कुल कितनी अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान किया गया तथा किस मद में कितने प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं? (ख) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में नवंबर 2022 की स्थिति में संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि के कितने प्रकरण लंबित हैं और उनका कारण क्या है? पात्र हितग्राही जिनका भुगतान लंबित है उनका नाम, आवेदन की दिनांक लंबित होने का कारण सहित सूची प्रदान करें। (ग) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में किस-किस मद में कुल कितने हितग्राहियों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? उनका नाम, आवेदन की दिनांक, स्वीकृति दिनांक, मृत्यु दिनांक, भुगतान दिनांक आदि सहित सूची देवें। (घ) क्या सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में अधिकारियों ने आवेदनों को क्रम से भुगतान नहीं किया तथा रिश्‍वत लेकर क्रम तोड़कर भुगतान पहले किया? क्या इसकी जांच की जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत नवंबर 2022 तक की स्थिति में कुल 1538891 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है, जिसमें धार जिले में 23478 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। वर्ष 2019 से नवंबर 2022 तक जिला धार में कुल 577 हितग्राहियों को राशि रू. 1146.71 लाख अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान किया गया। मण्‍डल की अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत धार जिले में 16 प्रकरण लंबित है। मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना के अंतर्गत नवम्‍बर 2022 की स्थिति में 1,44,96,078 पंजीकृत श्रमिक है। धार जिले से संबंधित वांछित जानकारी  पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र- 1 अनुसार है।                 (ख) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना के अंतर्गत सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र की नवंबर 2022 की स्थिति में अनुग्रह सहायता राशि की जानकारी निकायवार निम्‍नानुसार है:-

क्र

निकाय का नाम

मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना अंतर्गत

1.

जनपद पंचायत,सरदारपुर

207

2.

नगर परिषद,सरदारपुर

05

3.

नगर परिषद,राजगढ

14

 

कुल

226

उक्‍त लंबित 226 प्रकरणों की विस्‍तृत जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में अनुग्रह सहायता योजना में कुल 43 हितग्राहियों को राशि रूपये 96 लाख का भुगतान किया गया है। लाभान्वित हितग्राहियों की विस्‍तृत जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र 3 अनुसार है। मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना के अंतर्गत सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में हितग्राहियों को भुगतान संबंधित जानकारी निकायवार निम्‍नानुसार है:

क्र.

निकाय का नाम

मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता योजना में भुगतान किये गये प्रकरणों की संख्‍या

प्रकरण संख्‍या

भुगतान राशि लाख में

1.

जनपद पंचायतसरदारपुर

491

1098.00

2.

नगर परिषदसरदारपुर

37

78.00

3.

नगर परिषदराजगढ़

63

131.00

 

कुल

591

1307.00

उक्‍त भुगतान किये गये प्रकरणों की विस्‍तृत जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल एवं म.प्र.शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में अधिकारियों द्वारा आवेदनों को क्रम से भुगतान नहीं किये जाने तथा रिश्‍वत लेकर क्रम तोड़कर भुगतान किये जाने संबंधी कोई शिकायत/सूचना प्राप्‍त नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

ग्रामसभा की सीमा में आने वाले संसाधन

[वन]

74. ( क्र. 774 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) ग्रामसभा की सीमा में आने वाले गौण खनिज, लघु वनोपज, जैव विविधता, मुख्य वनोपज पर ग्रामसभा को क्या-क्या अधिकार, छूट किस-किस कानून एवं किस-किस नियम तथा राज्य सरकार के किस दिनांक के आदेश से दिए गए हैं? (ख) पेसा नियम 2022 में ग्रामसभा की सीमा में आनेवाले गौण खनिज, लघु वनोपज, जैव विविधता, वनोपज, क्रय विक्रय के दस्तावेजों के पंजीकरण आदि को लेकर किस दर से कितनी राशि पर ग्रामसभा का क्या-क्या अधिकार माना गया है, निर्धारित राशि का ग्रामसभा को भुगतान किए जाने के क्या-क्या प्रावधान किए हैं। (ग) पेसा नियम 2022 में यदि ग्रामसभाओं को उनके अधिकार के अनुसार राशि भुगतान से संबंधित कोई भी प्रावधान नहीं किया हो तो उसका कारण बताएं। इस बाबत कब तक नियम में प्रावधान किए जाएंगे?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पेसा नियम, 2022 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश () के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रदेश के जलाशय एवं उनका आवंटन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

75. ( क्र. 775 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में एक हजार से अधिक हेक्टेयर के कितने जलाशय हैं, उक्त जलाशय कितनी-कितनी राशि में किस-किस को आवंटित किए गए हैं? नाम, पता सहित जातिवार सूची उपलब्ध करवाएं।     (ख) क्या मछली पालन नीति 2008 के तहत वंशानुगत मछुआ (परंपरागत मछुआ) जातियों को तालाब आवंटित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में अब तक जारी आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रदेश में शून्य से 1000 हेक्टेयर के कुल तालाबों की संख्या एवं वंशानुगत मछुआ समितियों को आवंटित तालाबों की समितिवार सूची उपलब्ध करवाएं। (घ) जनवरी 2018 से           प्रश्‍न-दिनांक तक वंशानुगत मछुआ समितियों को भंग किया गया है तो कारण सहित भंग समितियों की सूची उपलब्ध करवाएं। (ङ) आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रदेश में कितनी-कितनी लागत का तालाब किस निर्माण एजेंसी को स्वीकृत किया गया है, वह तालाब किस ग्राम के किस खसरा नंबर के कितने रकबे पर बनाया है, जिलेवार-ग्रामवार सूची देवें। क्या इन तालाबों को वंशानुगत मछुआ-जाति/अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति को लीज (पट्टे) पर दिया जाएगा? यदि हाँ, तो कितनों को दिया गया है? सूची उपलब्ध करवाएं। (च) धार जिले में किस-किस प्रकार के कितने हेक्टेयर के कितने जलाशय हैं, उक्त जलाशयों को कितनी राशि में किन-किन को आवंटित की गई है, कितने अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति को आवंटित की गई है? नाम, पता सहित ग्रामवार पृथक-पृथक बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रदेश में 1000 हेक्‍टेयर से अधिक के 25 जलाशय है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार। (ग) 0 से 1000 हेक्‍टेयर तालाब की कुल संख्‍या 40343 उपलब्‍ध है, इनमें से वंशानुगत 906 समितियों को 1338 तालाब/जलाशय आवंटित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार (घ) प्रदेश में जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक 09 वंशानुगत मछुआ समितियों को भंग किया गया, शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार। (ड.) आजादी के अमृत महोत्‍सव में विभाग द्वारा को कोई तालाब निर्माण नहीं कराया गया। (च) धार जिले के 0 से 1487.69 हेक्‍टेयर तक के 293 तालाब/जलाशय है जिनका जलक्षेत्र 8742.18 हेक्‍टेयर है। उक्‍त जलाशयों को राशि रूपये 1.79 करोड़ में मछुआ/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के मछुआ सहकारी समिति/समूह को आवंटित किया गया है, जिसमें अनुसूचित जनजाति को 250 तालाब एवं अनुसूचित जाति को 01 तालाब आवंटित किया गया जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ड अनुसार।

संभाग आयुक्त एवं कलेक्ट्रेट में अधीक्षक के पद पर पदोन्नति

[राजस्व]

76. ( क्र. 777 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) प्रदेश के संभागायुक्त तथा कलेक्टर कार्यालयों में अधीक्षक के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? (ख) क्या प्रमुख राजस्व आयुक्त, म.प्र. भोपाल द्वारा संभागायुक्त तथा कलेक्टर कार्यालयों में पदस्थ अधीक्षकों की दिनांक 01.04.2022 की स्थिति में पदक्रम सूची जारी की गई है? (ग) प्रदेश के संभागायुक्त एवं कलेक्टर कार्यालय में अधीक्षक का एकल पद होने तथा इस पद पर आरक्षण लागू नहीं होने की स्थिति में भी प्रमुख राजस्व आयुक्त, म.प्र. भोपाल द्वारा अधीक्षक के पद पर पदोन्नति क्यों बाधित की जा रही है? प्रमुख राजस्व आयुक्त, म.प्र. भोपाल द्वारा सहायक अधीक्षक से अधीक्षक पद पर पदोन्नति कब तक कर दी जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व विभाग अंतर्गत संभागायुक्‍त एवं कलेक्‍टर कार्यालयों में राजस्‍व स्‍थापना अंतर्गत कार्यालय अधीक्षक के 62 पद स्‍वीकृत है तथा वर्तमान में 58 पद रिक्‍त हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। म.प्र. राजस्‍व (तृतीय श्रेणी लिपिक वर्गीय) सेवा भर्ती नियम-1985 एवं संशोधित 2017 अनुसार कार्यालय अधीक्षक का पद सहायक अधीक्षक से 100 प्रतिशत पदोन्‍नति का पद है, जिसमें भर्ती नियमों में निर्धारित चैनल अनुसार आरक्षण रोस्‍टर के आधार पर पदोन्‍नति की कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में पदोन्‍नति में आरक्षण के संबंध में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय से स्‍थगन प्राप्‍त होने पर पदोन्‍नति की कार्यवाहियां स्‍थगित हैं।  समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

दोषी पर कार्यवाही और परिजनों को सहायता

[वन]

77. ( क्र. 781 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या थाना प्रभारी उन्हेल ने वन विभाग अधिकारी ज़िला कार्यालय उज्जैन में दिनांक 10/11/2022 को मर्ग कृमांक 10/2021 व मर्ग क्रमांक 11/2021 की जानकारी देते हुए ग्राम पंचायत सरवणा उन्हेल का प्रमाणीकरण हल्का नंबर 40 का जांच प्रतिवेदन मौके पर ग्रामीणों का पंचनामा संलग्न कर नीलगाय से टक्कर मार देने से 02 व्यक्ति की मृत्यु का मामला सामने आया है? यदि हाँ, तो दोनों परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए अभी तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) वन विभाग ने प्रश्‍नांश (क) के अनुसार सूचना प्राप्ति उपरांत क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं की है तो विलंब का कारण क्या है? यदि की है तो की गयी कार्यवाही की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं और साथ ही बताएं दोनों परिवारों को कितनी आर्थिक सहायता दी गयी है? (ग) वन विभाग द्वारा घटना स्थल पर व आसपास वन परिक्षेत्र में नीलगाय की संरक्षण व सुरक्षा को लेकर किन अधिकारियों को ज़िम्मेदारी दी थी? उन जिम्मेदार अधिकारियों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं की गयी तो उनको बचाने का कारण क्या है और यदि की गयी है तो प्रमाण देवें। (घ) क्या शासन दोनों गरीब मृतकों अजा परिवारों को आर्थिक सहायत प्रदान करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। थाना प्रभारी, उन्हेल का संदर्भित पत्र मय शव परीक्षण प्रतिवेदन के साथ प्राप्त हुआ, प्रश्‍नांश में वर्णित अन्य अभिलेख थाना प्रभारी उन्‍हेल के पत्र क्रमांक-889 दिनांक 13.12.2022 से थाना उन्‍हेल में परिक्षेत्र सहायक खाचरौद द्वारा उपस्थित होकर प्राप्‍त किए गए। प्राप्‍त अभिलेखों का परीक्षण करने के उपरांत अभिलेख सुसंगत पाए जाने पर आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने संबंधी कार्यवाही की जाकर भुगतान आदेश जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित सूचना दिनांक 10.11.2022 के पश्‍चात दिनांक 14.11.2022 को थाना प्रभारी उन्‍हेल को वैध प्रमाण पत्रों के संबंध में लेख किया गया, थाना प्रभारी द्वारा पत्र क्रमांक-889, दिनांक 13.12.2022 से अभिलेख एवं अन्‍य प्रमाण पत्र उपलब्‍ध कराए गए अभिलेख प्राप्‍त होने के उपरांत आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु वैध वारिसानों के लिए शासन आदेश दिनांक 29.04.2016 अनुसार कार्यवाही की गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। (ग) घटना स्‍थल वन क्षेत्र नहीं है एवं निकटस्‍थ वन विभाग के अधीन वन क्षेत्र घटना स्‍थल से लगभग 25 कि.मी. दूरी पर है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, दोनों गरीब मृतकों अजा परिवारों को आर्थिक सहायता राशि का भुगतान आदेश जारी होने के 15 दिवस के भीतर कर दिया जावेगा।

नवीन ऑटो रिक्शा चालकों को नए लाइसेन्स का प्रदाय

[परिवहन]

78. ( क्र. 783 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) उज्जैन ज़िले में ई-रिक्शा और सीएनजी व पेट्रोल संचालित ऑटो रिक्शा के कितने रजिस्टर्ड ऑटो रिक्शा हैं और कितने लाइसेन्स के लिए विभाग में प्रचलित हैं? विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) नवीन ऑटो चालकों को लाइसेन्स देने के लिए क्या शासन ने रोक लगा रखी है? यदि हाँ, तो कब से और क्यों? आदेश की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। (ग) क्या राज्य सरकार महाकाल लोक के कारण पर्यटकों की आवागमन को दृष्टिगत रखते हुए क्या ई-ऑटो रिक्शा तथा रिक्शा चालकों को लाइसेन्स देने के लिए लगाई गयी रोक को हटाने का कार्य करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) गरीब परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन ने परिवहन विभाग को कौन-कौन से परिवहन पर लाइसेन्स देने की छूट दे रखी है? पूर्ण ब्योरा देते हुए जानकारी प्रदान करें।                (ङ) वर्तमान में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा अन्य किसी योजनाओं में ऑटो चालकों को बढ़ावा देने के लिए और प्रोत्साहित करने के लिए कौन-कौन सी योजनाएँ तैयार की हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन जिले में ई-रिक्शा के कुल पंजीयन संख्या 1426 एवं सी.एन.जी व पेट्रोल संचालित ऑटो रिक्शा की कुल पंजीयन संख्या 3332 है। सूची  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  '' एवं '' अनुसार  है। वाहनों का पंजीयन परिवहन विभाग के कम्प्यूटराईज्ड सिस्टम से होता है, जिसके तहत वाहनों का पंजीयन विधानसभावार नहीं होकर जिलेवार होता है। अतः विधानसभावार वाहनों का पंजीयन न होने के कारण विधानसभावार श्रेणी विभाजित किया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा हेतु आवेदक द्वारा लायसेंस हेतु जमा कोई भी आवेदन कार्यालय में निराकरण हेतु प्रचलित नहीं है। (ख) जी नहीं। अपितु उज्जैन शहर में अधिक ऑटो रिक्शा संचालित होने के कारण यातायात प्रभावित होने से ऑटो रिक्शा के नवीन पंजीयन एवं उनके नवीन परमि‍ट दिये जाने पर अस्थाई तौर पर जिला सड़क सुरक्षा समिति उज्जैन द्वारा रोक लगाई गई है। (ग) यदि उज्जैन शहर के यातायात को देखते हुये नवीन ई-रिक्शा/ऑटो रिक्शा को परमिट दिये जाने की आवश्यकता होगी तो तद्नुसार संबंधित एजेन्सियों के द्वारा नवीन ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा पंजीयन एवं उनके नवीन परमिट जारी किये जाने हेतु प्रस्ताव अध्यक्ष जिला सड़क सुरक्षा समिति के समक्ष रखा जावेगा। (घ) जी नहीं। समस्त आवेदकों को समान रूप से लायसेंस जारी किए जाते है। (ड.) जी नहीं। विभाग में कोई योजना लागू नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सेल्टिया जलाशय का निर्माण

[जल संसाधन]

79. ( क्र. 791 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा जुन्‍नारदेव विकासखण्‍ड में सेल्टिया जलाशय का निर्माण कब एवं कितनी लागत से कराया गया है? इस जलाशय से छिंदवाड़ा त‍था बैतूल जिले में कितने रकबे में सिंचाई रूपांकित की गई है? (ख) क्‍या एजेंसी द्वारा गुणवत्‍ताहीन निर्माण कार्य किये जाने से जलाशय, नहरों के गेट तथा नहरों की लाइनिंग बुरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गई है तथा घटिया निर्माण कार्य के कारण बैतूल तथा छिंदवाड़ा जिले के किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्‍त पानी उपलब्‍ध नहीं हो पा रहा है? (ग) क्‍या सेल्टिया जलाशय के घटिया निर्माण के संबंध में शासन को प्राप्‍त शिकायतों पर कोई जांच की गई? यदि हाँ, तो जांच में दोषी अधिकारियों तथा ठेकेदार पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो शासन निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता के संबंध में उच्‍च स्‍तरीय जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक करेगा? (घ) सेल्टिया जलाशय की रूपांकित क्षमता के अनुसार किसानों के खेतों तक कब तक पानी पहुँचाया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) छिंदवाडा जिले के जुन्नारदेव विकासखंड में सेल्टिया जलाशय के अंतर्गत बांध का निर्माण कार्य मार्च 2021 में पूर्ण किया गया तथा नहर कार्य 95 प्रतिशत पूर्ण होकर प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। जलाशय के निर्माण की लागत रू.930.88 लाख हैं। जलाशय, छिन्दवाड़ा जिले की 330 हेक्टेयर एवं बैतूल जिले की 200 हेक्टेयर कुल 530 हेक्‍टेयर सिंचाई हेतु रूपांकित है। (ख) नहरों का निर्माण कार्य प्रगतिरत होने के कारण गतवर्ष छिन्दवाड़ा एवं बैतूल जिले के कृषकों को सिंचाई सुविधा प्रदाय नहीं की जा सकी। वर्षाकाल के दौरान, अत्‍यधिक वर्षा से हुयी क्षति का कार्य करा लिया जाना प्रतिवेदित है। इस वर्ष कृषकों को पूर्ण सिंचाई सुविधा प्रदान करने हेतु विभाग प्रयासरत है। (ग) माननीय सदस्‍य का कोई शिकायती पत्र शासन स्‍तर पर अभिलेख में प्राप्‍त होना नहीं पाया गया है। तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि सेल्टिया जलाशय के निर्माण के दौरान मैदानी अधिकारियों द्वारा ध्यान में लायी गयी कमियों को तत्समय अनुबंधित ठेकेदार से ठीक करा लिया जाना प्रतिवेदित है। ठेकेदार द्वारा स्‍वयं के व्‍यय पर मरम्‍मत का कार्य ठीक करने से किसी भी अधिकारी/ठेकेदार पर कार्यवाही करने अथवा उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सेल्टिया जलाशय की रूपांकित सिंचाई क्षमता के अनुसार कृषकों के खेत तक वर्ष 2022-23 के रबी सीजन में पानी पहुंचाने हेतु विभाग प्रयासरत है। वर्तमान में दांयी तट नहर से बैतूल जिले की 200 हेक्टेयर क्षेत्र में पलेवा हेतु पानी दिया जा चुका है एवं छिन्‍दवाड़ा जिले के शेष कृषकों को 330 हेक्‍टेयर क्षेत्र में दिसम्‍बर 2022 तक सिंचाई हेतु पानी दिया जाना लक्षित है।

विस्‍थापित परिवारों को पट्टा/मालिकाना हक दिया जाना

[राजस्व]

80. ( क्र. 799 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 15 सितम्‍बर 2022 के प्रश्‍न क्रमांक 1153 के उत्‍तर में विभाग ने यह बताया था कि भोपाल शहर के ईसरानी/बेनर्जी मार्केट के बैरेक्‍स में रह रहे सिंधी विस्‍थापित परिवारों को आवंटित बैरेक्‍स/आवास जर्जर हैं और रहने योग्‍य नहीं रह गये हैं? (ख) क्‍या शासन ने अपने पत्र क्रमांक 55/29/2019 सात-8 दिनांक 23.02.2019 तथा विभागीय पत्र क्रमांक 248/29/2019सात-8 दिनांक 02.03.2020 एवं विभागीय पत्र क्रमांक 452/29/2019 सात-8 दिनांक 15.07.2022 के द्वारा बैरेक्‍स के रहवासियों को शीघ्र पट्टे/मालिकाना हक देने के लिये कलेक्‍टर भोपाल को मार्गदर्शन/निर्देश दिया था? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त निर्देशों/मार्गदर्शन के संदर्भ में प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही न हो पाने के क्‍या कारण है? (घ) क्‍या शासन एक समय-सीमा तय कर इस कार्यवाही को पूर्ण करायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) इसरानी मार्केट के 147 परिवारों में से 138 को पट्टे प्रश्‍न दिनांक तक प्रदाय किये जा चुके हैं,शेष 09 प्रकरणों में निष्पादन की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) इसरानी मार्केट स्थित भूमि पर विस्थापितों को शासन के निर्देशानुसार पट्टे प्रदान किये जाने की कार्यवाही निरन्तर प्रचलित है। समय-सीमा तय की जाना संभव नहीं है।

अवैध रेत उत्खनन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

81. ( क्र. 809 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) भिण्ड जिले में दिनांक 20/07/2022 को खनिज विभाग द्वारा पर्रायंच खदान पर अवैध रेत उत्खनन करते हुए कितनी गाड़ियां पकड़ी गई? कितनी गाड़ियों पर जुर्माना लगा? कितना जुर्माना जमा किया गया? (ख) क्या अवैध उत्खनन करते हुए निविदाकार कंपनी पायी गई थी? निविदाकार कंपनी पर जुर्माना लगाया गया था? यदि हाँ, तो कितना? (ग) क्या निविदाकार कंपनी द्वारा अवैध उत्खनन करने पर निविदा की शर्तों का उल्लंघन किया गया? यदि हाँ, तो कंपनी के ऊपर क्या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्‍ड जिले में दिनांक 20/07/2022 को खनिज विभाग द्वारा पर्रायंच खदान पर अवैध उत्‍खनन का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं हुई। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्‍तरांश  (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

किसानों को राशि का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

82. ( क्र. 813 ) श्री संजीव सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक भिण्ड जिले में समर्थन मूल्य पर क्रय धान, गेहूँ, मूंग, चना एवं अन्य फसलों के उपरांत किन-किन किसानों को राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ख) समर्थन मूल्य पर फसल क्रय के उपरांत किसानों को राशि भुगतान के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। तथा किस-किस अधिकारी की क्या-क्या जवाबदारी है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में माह जुलाई 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान, ज्‍वार, गेहूँ एवं चना की समर्थन मूल्‍य की राशि भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित स्‍कन्‍ध की गुणवत्‍ता परीक्षण उपरांत एफएक्‍यू स्‍कन्‍ध के स्‍वीकृति पत्रक/डब्‍ल्‍यूएचआर जारी होने पर किसान के बैंक खाते में ऑनलाईन राशि का भुगतान किया जाता है। भुगतान की प्रक्रिया एवं भुगतान की कार्यवाही करने वाले अधिकारियों का विवरण उपार्जन नीति में उल्‍लेखित है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है।

सूण्‍डी ग्रामवासियों का विस्‍थापन

[राजस्व]

83. ( क्र. 815 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है,कि श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सूण्डी, पार्वती नदी के दोनों तरफ से घिरा हुआ है? यदि हाँ, तो क्या यह भी सत्य है कि उक्त ग्राम को प्रतिवर्ष पार्वती नदी में आने वाली बाढ़/उफान के कारण डूब का दंश/पीड़ा झेलनी पड़ती है? (ख) क्या ग्राम सूण्डी के ग्रामवासियों द्वारा विस्थापित किये जाने की मांग लम्बे समय से की जाती रही है एवं वर्तमान में भी ग्राम सूण्डी वासियों द्वारा जिला श्योपुर के हृदय स्तम्भ पटेल चौक पर विस्थापन को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उक्त ग्राम को विस्थापित करने हेतु क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या दिनांक 18.08.2021 को माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश के परिपालन में कलेक्टर जिला श्योपुर के पत्र क्रं. 2821/2021-22/दिनांक 22.12.2021 के द्वारा बाढ़ पीड़ित गांव सूण्डी के ग्रामवासियों को तहसील श्योपुर के ही ग्राम चकबमूल्या में शासकीय भूमि उपलब्ध कराकर बसाये जाने की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है? यदि हां, तो उक्त पत्र पर राज्य शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? अवगत करावें। उक्त गांव को विस्थापित किये जाने की समय-सीमा बतावें। यदि नहीं तो कारण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी, हाँ। (ख) सूण्‍डी के ग्रामवासियों द्वारा की जा रही विस्‍थापन की मांग के क्रम में अनुसार ग्रामवासियों की सहमति अनुसार ग्राम चकबमूल्‍या एवं शंकरपुर में वनभूमि पर विस्‍थापन हेतु प्रस्‍ताव म.प्र. शासन वनविभाग के परिवेश पोर्टल पर वनभूमि के वि‍निमय हेतु दर्ज किया गया। ग्रामवासियों का धरना समाप्‍त हो चुका है। (ग) श्‍योपुर जिले में सूण्‍डी ग्राम को वनक्षेत्र में बसाने के लिए 118.00 हे. वनभूमि प्रत्‍यवर्तन का प्रस्‍ताव उत्‍तरांश (ख) अनुसार अनुसार प्रचलन में है।

स्कूल बसों में सुरक्षा हेतु दिशा-निर्देश

[परिवहन]

84. ( क्र. 821 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा हेतु शासन द्वारा क्या दिशा निर्देश हैं? (ख) छतरपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी स्कूल बसें संचालित हैं? कितनी बसें दिशा निर्देश के अनुसार संचालित हो रही हैं? सभी के फिटनेस सर्टिफिकेट कब तक है? (ग) कितनी बसों के चालक/परिचालक के पुलिस वेरिफिकेशन किये गए? (घ) कितनी बसों में CCTV कैमरा लगा है? वर्तमान में कितने चालू हालत में हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा WP (C) 13029/1985 श्री एम.सी.मेहता विरूद्ध यूनियन ऑफ इण्डिया, में दिनांक 16.12.2017 को जारी दिशा निर्देशों तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के परिपत्र दिनांक 23.02.2017 के अनुक्रम में मुख्यालय के पत्र क्रमांक 3777/नीति/टीसी/2022 दिनांक 08.07.2022 द्वारा प्रदेश के समस्त परिवहन अधिकारियों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गये हैं जिसकी छायाप्रति  संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार  है। (ख) छतरपुर जिला क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कुल 125 स्कूल बसें माननीय सर्वोच्च न्यायालय की गाईडलाईन अनुसार संचालित हैं। जिनके फिटनेस प्रमाण-पत्र दिनांक 28.11.2024 तक वैध हैं। (ग) छतरपुर जिले में संचालित कुल 125 बसों के चालक/परिचालक के पुलिस वेरिफिकेशन भी प्रावधानुसार किये गए है। (घ) छतरपुर जिले में संचालित कुल 125 स्कूल बसों में सी.सी.टी.व्ही कैमरा चालू हालत में लगे हुये पाये गये है।

परिशिष्ट - "चौदह"

ग्राम पंचायतों द्वारा प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

85. ( क्र. 829 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायतों को अविवादित नामांतरण, अविवादित बंटवारा, अविवादित फौती के निराकरण के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो आदेश एवं निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो कटनी जिले के किस-किस तहसील के किन-किन राजस्व पटवारियों द्वारा         किन-किन ग्राम पंचायतों व ग्राम सभाओं में अविवादित प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रकरण ग्राम पंचायतों में प्रस्तुत किये गये? ग्राम पंचायतवार, प्रकरणवार वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक जानकारी देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में आदेशों एवं निर्देशों के उल्लंघन के लिए कौन-कौन से अधिकारी दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। राजपत्र की  प्रति संलग्न  परिशिष्‍ट  पर है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी निरंक होने से लागू नहीं हैं।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

ग्रामीण स्वामित्व योजनांतर्गत आबादी भूमि का वितरण

[राजस्व]

86. ( क्र. 830 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण स्वाभिमान योजनांतर्गत आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को स्वामित्व संबंधी पट्टे प्रदान किये जाने का प्रावधान मध्यप्रदेश शासन का है? यदि हाँ, तो आदेशों एवं निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आदेश दिनांक से जिला कटनी की            किन-किन तहसीलों में पात्र हितग्राहियों को स्वामित्व संबंधी पट्टे प्रदान किये गये? तहसीलवार, पटवारी मुख्यालयवार, ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में पात्र शेष हितग्राही जिन्हें अभी तक स्वामित्व संबंधी पट्टे प्रदान नहीं किये गये हैं उन्हें कब तक प्रदाय किये जायेंगे? नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। मध्‍यप्रदेश राजस्‍व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 03-04/2020/सात/शा-6 भोपाल दिनांक 07/07/2020 के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी सर्वेक्षण कर अधिकार अभिलेख के निर्माण के लिये स्‍वामित्‍व योजना के क्रियान्‍वयन के निर्देश दिये गये हैं जिसमें आबादी सर्वे कर केवल उन संपत्ति धारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जायेगा जो म.प्र.       भू-राजस्‍व संहिता 1959 यथा संशोधित 2018 के लागू होने के दिनांक 25/09/2018 को आबादी भूमि पर अधिभोगी थे अथवा जिन्‍हें इस दिनांक के पश्‍चात विधिपूर्वक आबादी भूमि में भूखण्‍ड का आवंटन किया गया। शासन के आदेशों एवं निर्देशों की  प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-क  अनुसार है।      (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले की कुल 9 तहसीलों में स्‍वामित्‍व योजना (आबादी सर्वे) अंतर्गत पात्र हितग्राहियो को 531 ग्रामों में 59908 अधिकार अभिलेख प्रदाय किये गये हैं,जो तहसीलवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार  की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार  है। (ग) जिले में स्‍वामित्‍व योजना लगातार गतिशील है। सभी पात्र हितग्राहियों के अधिकार अभिलेख नियमानुसार प्रदाय किये जायेंगे। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गोदाम/सामुदायिक भवन की स्वीकृति

[वन]

87. ( क्र. 831 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नाकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 32/2022 दिनांक 18-04-2022 एवं पत्र क्रमांक 95/2022 दिनांक 09-05-2022 द्वारा तेन्दूपत्ता लघु वनोपज मद से गोदाम एवं सामुदायिक भवन स्वीकृत करने हेतु वन मण्डलाधिकारी उत्तर सामान्य वन मण्डल बालाघाट को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नाकर्ता के पत्रों में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नकर्ता के पत्रों को संबंधित लघु वनोपज सहकारी प्राथमिक समितियों के विचारार्थ भेजा गया है। (ग) समितियों से प्राप्त विकास कार्यों के प्रस्ताव जिला यूनियन के अनुमोदन उपरान्त म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल को प्राप्त होने पर उपलब्ध राशि की सीमा में उनकी स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

आदिवासियों की भूमि का विक्रय

[राजस्व]

88. ( क्र. 835 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1976 से म.प्र.भू.राजस्व संहिता की धारा 165 (6) (एक) में संशोधन ऐसे क्षेत्रों में, जिनमें आदिम जनजातियां प्रमुख रूप से निवास करती हो तथा ऐसी तारीख से, जिसे/जिन्हें कि राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट करे, किसी ऐसी व्यक्ति को, जो कि उक्त अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए गए क्षेत्र में की ऐसी जनजाति का न हो, विक्रय द्वारा या अन्यथा या उधार संबंधी किसी संव्यहार के परिणामस्‍वरूप न तो अंतरित किया जाएगा और न ही अंतरणीय होगा, कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त धारा में संशोधन के पूर्व राज्य सरकार द्वारा आदिवासी मंत्रणा परिषद में संशोधन का प्रस्ताव/सलाह भेजा गया था? यदि हाँ, तो आदिवासी मंत्रणा परिषद के प्रस्ताव/सलाह की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित संशोधन के उपरान्त भी जिला बालाघाट के ग्राम भिमजोरी, खुरसीपार, जगताटोला, करमसरा, रेहंगी, पिंडकेपार, कोसाटोला के आदिवासियों की भूमि ताम्र परियोजना मलाजखण्ड के लिए विक्रय करने की अनुमति किस अधिनियम/नियम के तहत दी गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) संबंधित (नस्‍ती क्रमांक एफ            5-3/1976/सात/शा-1) विनिष्‍ट किये जाने से जानकारी देना संभव नहीं है। (ग) जिला बालाघाट के ग्राम भीमजोरी,पिंडकेपार (रै.) की भूमि भू-अर्जन अधिनियम 1894 के तहत भूमि ताम्र परियोजना मलाजखंड हेतु अधिग्रहित की गई है।

हल्‍का पटवारी द्वारा राजस्‍व अभिलेख में की गई कूटरचना

[राजस्व]

89. ( क्र. 841 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या‍ राजस्व विभाग अंतर्गत जिलों में हल्का स्तर पर कार्यरत पटवारियों को एक किसान की कृषि भूमि सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा के बिना अन्य के नाम शासकीय अभिलेख में दर्ज करने का अधिकार है(ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्तर यदि नहीं है तो विधान सभा क्षेत्र खरगापुर के पटवारी हल्का बूदौर में मार्च 2022 की स्थिति में पदस्थ पटवारी द्वारा वर्षों से कृषकों के नाम अभिलेख में दर्ज एवं प्रदर्शित भूमि को अन्य व्यक्ति के नाम दर्ज किया गया है? ऐसे मामलों में सक्षम अनुज्ञा की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित स्‍वरूप के मामलों का संज्ञान लेकर तहसीलदार पलेरा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी जतारा (राजस्व) प्रतिवेदित किया गया था? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें एवं बतावें कि‍ प्रतिवेदन में कौन-कौन दोषी पाये गये थे(घ)  प्रश्‍नांश (ख) अनुसार किसानों को पीड़‍ित करने व शासकीय अभिलेख में कूटरचना करने का आपराधिक मामला बनता है यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (ग) में उल्लिखित दोषियों पर विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) हल्का बूदोर में पीड़‍ित शेष किसानों के अभिलेख मे कब तक सुधार हो जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, बिना सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा के शासकीय अभिलेख में प्रविष्टि या परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। (ख)  तत्‍कालीन हल्‍का पटवारी बूदौर द्वारा बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के अप्राधिकृत तरीके से शासकीय अभिलेख में परिवर्तन किया गया। (ग) तहसीलदार पलेरा द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदन में तत्‍कालीन हल्‍का पटवारी श्री मोतीलाल आदिवासी द्वारा बिना सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा के शासकीय अभिलेख में हेर-फेर किया गया। (घ) तहसीलदार पलेरा के प्रतिवेदन के आधार पर तत्‍कालीन हल्‍का पटवारी बूदौर श्री मोतीलाल आदिवासी द्वारा बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के शासकीय अभिलेख में हेर-फेर करने के कारण तत्‍काल प्रभाव से निलंबित किया गया एवं विभागीय जांच संस्थित की गई है तथा रिकॉर्ड सुधार की कार्यवाही प्रारंभ की गई। (ड.) तत्‍कालीन हल्‍का पटवारी बूदौर द्वारा किये गये शासकीय अभिलेख में परिवर्तन के कारण आवेदकों द्वारा 20 प्रकरण रिकॉर्ड सुधार हेतु प्रस्‍तुत किये गये, जिनमें से 13 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है एवं शेष 07 प्रकरणों में कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी जतारा के न्‍यायालय में विचाराधीन है। सम्‍यक सुनवाई उपरांत विधिसंगत निराकरण किया जावेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

विधायकों की अवेहलना

[राजस्व]

90. ( क्र. 852 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 29/05/2022 को उज्जैन संभागीय मुख्यालय पर 2716 लाख की लागत का प्रशासनिक संकुल भवन का लोकार्पण किया गया था? यदि हाँ, तो विशिष्ट अतिथि के रूप में उज्जैन उत्तर, दक्षिण विधायक के अलावा अन्य कौन-कौन से विधायकों को आमंत्रित किया गया? (ख) उक्त लोकार्पण कार्यक्रम में क्या कारण है कि विशिष्ट अतिथि के रूप में अन्य विधानसभा क्षेत्रों से मात्र भाजपा विधायक को ही बुलाया गया, शेष 04 काँग्रेस विधायकों को नहीं बुलाया गया? इस प्रोटोकॉल उल्‍लंघन के लिए क्या शासन त्वरित कार्यवाही के रूप में दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक(ग) क्या इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री जी सम्मिलित हुए थे? यदि हाँ, तो उनकी उपस्थिति में हुए प्रोटोकॉल के उल्‍लंघन को लेकर विधायकों की उपेक्षा के संबंध में निष्पक्षता से मौके पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) विधानसभा के चुने हुए प्रतिनिधियों की इस उपेक्षा के लिए क्या दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही के आदेश जारी किए जाएंगे? जबकि उक्त कार्यक्रम में आयुक्त और कलेक्टर भी शामिल थे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यक्रम में महिदपुर के माननीय विधायक भी उपस्थित थे। (ख) चूंकी लोकार्पण कार्यक्रम अल्‍प समय में आयोजित किया गया था इसलिए लोकार्पण कार्यक्रम हेतु आमंत्रण पत्र को मुद्रित कराकर शीघ्र वितरित कराया जाना संभव नहीं था। अल्प समय में माननीय विधायकों को प्रत्यक्ष एवं उनके निज सचिव के माध्यम से कार्यक्रम हेतु सूचित किया गया था। किसी भी प्रकार के प्रोटोकॉल का उल्लघंन नहीं किये जाने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संबल और विवाह सहायता योजना

[श्रम]

91. ( क्र. 853 ) श्री महेश परमार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन ज़िले और तराना विधानसभा में जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक संबल योजना में कितने प्रकरण प्राप्त हुए? कितने स्वीकृत हुए? कितने निरस्त किए गए? कितने प्राकृतिक दुर्घटना से संबंधित होने के कारण राजस्व विभाग को अंतरित किए गए? पूर्ण विवरण सहित विधानसभावार पूर्ण ब्योरा देवें। (ख) मध्यप्रदेश भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल की विवाह सहायता योजना में कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने स्वीकृत हुए? कितने निरस्त हुए? अलग-अलग जानकारी देवें।              (ग) संबल योजना में कितने परिवारों के मुखिया की अंत्येष्टि पर सहायता राशि दी गयी? सामान्य मृत्यु पर अनुग्रह राशि कितने परिवारों को दी गयी? दुर्घटना मृत्यु पर 04 लाख रुपए की हितलाभ राशि कितने परिवारों को दी गयी? परिवार सहित पूर्ण जानकारी देवें। (घ) मध्यप्रदेश भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल की विवाह सहायता योजना में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में शासन ने कितनी राशि स्वीकृत की? कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितने प्रकरण विभाग द्वारा तैयार किए गए? उन प्रकरणों का निराकरण कब-कब किया गया? वर्तमान में कितने प्रकरण शेष हैं? उनका निराकरण कब तक किया जाएगा? सप्रमाण जानकारी देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सहायक श्रमायुक्त, उज्जैन से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार उज्जैन जिले में जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक संबल योजना में कुल 6951 आवेदन प्राप्त हुये, 6618 प्रकरण स्वीकृत एवं 333 प्रकरण निरस्त किये गये। तराना विधानसभा में 832 प्रकरण प्राप्त हुये, 794 स्वीकृत हुये, 38 निरस्त किये गये। 01 प्रकरण प्राकृतिक दुर्घटना से संबंधित होने के कारण राजस्व विभाग को अंतरित किया गया। शेष जानकारी संकलित की जा रही है।  (ख) उज्‍जैन जिले में जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की विवाह सहायता योजना में कुल 2979 आवेदन प्राप्‍त हुए, प्राप्‍त आवेदनों में से कुल 2353 आवेदन स्‍वीकृत हुए एवं 626 निरस्‍त हुए। (ग) मुख्‍यमत्री जनकल्याण संबल योजना में 2,24,003 प्रकरणों में अंत्येष्टि पर सहायता राशि दी गई। सामान्य मृत्यु पर 1,44,026 प्रकरणों में अनुग्रह राशि दी गई। दुर्घटना मृत्यु पर 16,299 प्रकरणों में हितलाभ राशि दी गई। मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक अथवा उसके परिवार के किसी सदस्‍य की मृत्‍यु होने पर राशि रू. 5000/- अंत्‍येष्टि सहायता के रूप में प्रदान की जा‍ती है। पंजीकृत श्रमिक की मृत्‍यु/अपंगता की स्थिति में निम्‍नानुसार राशि मृतक श्रमिक के उत्तराधिकारी अथवा अपंगता की स्थिति में श्रमिक को प्रदान की जाती है। 1. अंत्येष्टि सहायता - 5 हजार रूपये 2. अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) - 2.00 लाख रूपये 3. अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु) - 4.00 लाख रूपये                 4. अनुग्रह सहायता (स्थाई अपंगता) - 2.00 लाख रूपये 5. अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थाई अपंगता) - 1.00 लाख रूपये (घ) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल की विवाह सहायता योजना अंतर्गत शासन स्‍तर से राशि स्‍वीकृत नहीं की जाती है। योजना के प्रावधान अनुसार विहित प्राधिकारियों द्वारा प्राप्‍त प्रकरणों में स्‍वीकृति उपरांत श्रम सेवा पोर्टल पर उपलब्‍ध करायी गई लॉगिन आई.डी. के माध्‍यम से डी.बी.टी. पद्धति से ऑनलाईन भुगतान किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। उज्‍जैन जिले में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में विवाह सहायता योजना अंतर्गत प्राप्‍तस्‍वीकृत तथा निराकृत प्रकरणों की जानकारी प्रश्‍नांश () के उत्‍तर में निहित है। योजना के प्रावधान अनुसार निर्धारित पदाभिहित अधिकारियों द्वारा 2269 प्रकरणों में राशि रूपये 10,28,45,000/- स्‍वीकृत की जाकर भुगतान की गई। शेष प्रकरणों का परीक्षण कर निराकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

प्रदेश में रजिस्टर्ड एम्बुलेंस

[परिवहन]

92. ( क्र. 856 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में परिवहन विभाग में कुल कितनी अशासकीय एम्बुलेंस रजिस्टर्ड हैं? केवल संख्या बतायें। (ख) प्रदेश में अशासकीय एम्बुलेंस रजिस्ट्रेशन के क्या मापदंड हैं? क्या इसके लिए विभाग ने कोई किराया तय किया है? यदि हाँ, तो कितना? (ग) मंदसौर, नीमच जिले में वर्तमान में किस-किस अशासकीय अस्पताल की एवं निजी की कुल कितनी एम्बुलेंस रजिस्टर्ड हैं? सूची देवें। क्या यह सभी रजिस्टर्ड एम्बुलेंसों में तय मापदंड अनुसार समस्त सुविधाएं हैं, इसकी जांच कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने की? दिनांक सहित जानकारी देवें। (घ) क्या मंदसौर,नीमच जिले में अवैध रुप से सैकड़ों एम्बुलेंस चल रही हैं जिनमें निरंतर अवैध मादक पदार्थों की तस्करी राजस्थान एवं अन्य प्रदेशों में हो रही है? यदि हां तो 1 जनवरी 2018 के पश्चात कितनी एम्बुलेंस में मादक पदार्थ की तस्करी या अन्य अवैध गतिविधियां पकड़ाई? गाडी नम्बर सहित जानकारी देवें तथा बतायें कि क्या इस सम्बन्ध में उक्त अवधि में इस विषय को लेकर कोई संयुक्त बैठक परिवहन विभाग ने गृह विभाग से की है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को कहाँ-कहाँ?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में परिवहन विभाग में कुल 5804 अशासकीय एम्बुलेंस रजिस्टर्ड हैं। (ख) एम्बुलेंस के निर्माण हेतु केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए मापदंड AIS-125 के अनुसार निर्मित एम्बुलेंस का प्रदेश में पंजीयन मोटरयान अधिनियम, 1988 एवं उसके तहत बनाए गए नियमों में विहित प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 22-30/2021/आठ, दिनांक 05.05.2021 द्वारा एम्बुलेंस के किराया दरों का निर्धारण किया गया है। प्रति  पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-1 अनुसार  है।           (ग) मंदसौर, नीमच जिले में वर्तमान में किस-किस अशासकीय अस्पताल की एवं निजी की कुल कितनी एम्बुलेंस रजिस्टर्ड हैं, की सूची  पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-2 अनुसार  है। एम्बुलेंस का पंजीयन/फिटनेस जारी करते समय निर्धारित मापदंडों के अनुसार उसकी जांच की जाती है तथा पूर्ति करने पर ही पंजीयन/फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त समय-समय पर सक्षम अधिकारी द्वारा वाहन चैकिंग के दौरान एम्बुलेंस की चैकिंग की जाती है। मदसौर एवं नीमच जिले में वाहन चैकिंग के दौरान एम्बुलेंस के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-3 अनुसार  है। (घ) मंदसौर एवं नीमच जिलों में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी एवं अन्य अवैध गतिविधियों में संलिप्त एम्बुलेंसों के विरूद्ध 01 जनवरी 2018 के पश्चात पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की वाहन नंबर सहित  जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-4 अनुसार  है। उक्त अवधि में इस विषय को लेकर गृह विभाग एवं परिवहन विभाग की संयुक्त बैठक की जानकारी निरंक हैं अपितु मंदसौर जिले में दिनांक 21.05.2021 को जिला कलेक्टर संभागृह में जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त बैठक आयोजित की गई थी।

परिवहन विभाग की बकाया वसूली

[परिवहन]

93. ( क्र. 857 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के परिवहन विभाग में किन जिलों में वर्तमान में कितनी राशि,किस मद में            किस-किस कारण से वसूली बकाया है? किस-किस दिनांक को वसूली के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गयी,जारी नोटिस आदेशों की प्रतिलिपियाँ सहित विवरण देवें। (ख) परिवहन विभाग में किस पद पर,किस जिले में कितने अधिकारी कर्मचारी प्रतिनियुक्ति/डेपुटेशन आदि पर पदस्थ हैं? आदेशों की प्रतियां सहित विवरण देवें। इस प्रकार की नियुक्ति शर्तों की प्रतिया भी देवें। (ग) परिवहन विभाग में 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध किन कारणों से अनियमितता आदि के कारण लोकायुक्त, EOW, विभागीय जांच प्रचलन में हैं, कितनों को क्या-क्या सजा दी गयी? प्रतिवेदन, आदेश की प्रतियां देवें। (घ) क्या मंदसौर में शिकायत के आधार पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के खिलाफ शिकायत, जिसमें किसी अनाधिकृत अर्दली की जांच के लिए विभाग ने 10 नवम्बर को डिप्‍टी कमिश्‍नर स्तर के किसी अधिकारी को भेजा था? यदि हाँ, तो क्या जांच में अर्दली की अनियमितता का कोई वीडियो भी प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की रिपोर्ट से अवगत करायें तथा विभाग ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मंदसौर एवं अर्दली के खिलाफ क्या कार्यवाही की?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

जलाशयों की नहरों का सीमेंटीकरण

[जल संसाधन]

94. ( क्र. 865 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्री महोदय बरघाट विधान सभा में सुकला जलाशय, बोरी जलाशय, चीचबंद जलाशयों की नहरें पूर्व में मिट्टी की बनी थीं, जिसके कारण पानी टेल तक नहीं पहुंच पाता है। नहरों में सीमेंटीकरण कार्य कराये जाने की दिशा में शासन द्वारा क्‍या योजनाएं बनायी गई हैं और यदि इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया है तो क्‍यों नहीं किया गया है? (ख) बरघाट मुख्‍यालय के नजदीक कांचना मण्‍डी जलाशय की नहर गहरी होने के कारण क्षेत्र के कृषकों की भूमि में सिंचाई संभव नहीं हो पा रही है। नहरों से कृषकों के खेतों में किस प्रकार पानी जायेगा, इस संबंध में क्‍या योजना बनायी गयी है? (ग) माननीय मंत्री महोदय वॉटट लिफ्टिंग के माध्‍यम से सिंचाई की व्‍यवस्‍था बनायी जाती है तो हर जगह विद्युत की व्‍यवस्‍था करनी पड़ेगी, इस हेतु शासन द्वारा क्‍या योजना बनाई गई है? किस प्रकार नहरों से किसानों की फसलों के लिए सिंचाई सुविधा बनायी जायेगी? इस दिशा में क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बरघाट विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शुक्ला (अरी) जलाशय, बोरी जलाशय, चीचबंद जलाशय की नहरों के सुधार हेतु सुदृढ़ीकरण, पुर्नरूद्धार एवं पुर्नस्थापना, (आर.आर.आर.) के अन्तर्गत प्रस्‍ताव पर मुख्य अभियंता बोधी भोपाल द्वारा उठाई गई आपत्तियों का निराकरण कर पुन: प्रस्‍ताव मुख्‍य अभियंता, सिवनी के पत्र दिनांक 22.08.2022 द्वारा मुख्य अभियंता बोधी भोपाल को प्रेषित करना प्रतिवेदित है। शासन स्‍तर पर प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि काचनामंडी जलाशय की नहरों का निर्माण कार्य भौगोलिक स्थिति अनुसार अधिकतर नहर अधिक गहराई में किया जाना प्रतिवेदित है। नहर का कार्य अपूर्ण है। कार्य की प्रगति धीमी तथा विगत 02 वर्षों से ठेकेदार द्वारा कोई कार्य नहीं करने के कारण कार्यपालन यंत्री द्वारा दिनांक 12.10.2022 को अनुबंध विखण्डित किया गया है। शेष कार्य के लिए सर्वेक्षण पूर्ण कर पुन: निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। परियोजना की बांयी तट नहर 70 प्रतिशत पूर्ण है, जिसमें कृषकों द्वारा स्‍वयं के साधन से जल उद्वहन कर लगभग 500 हेक्‍टेयर (खरीफ+रबी) तथा दांयी तट नहर लगभग 50 प्रतिशत पूर्ण है, जिसमें कृषकों द्वारा स्‍वयं के साधन से जल उद्वहन कर लगभग 250 हेक्‍टेयर (खरीफ+रबी) क्षेत्र में सिंचाई करना प्रतिवेदित है। (ग) काचनामंडी जलाशय की नहरों का निर्माण कार्य स्वीकृत एवं विस्तृत प्राक्कलन के अनुसार कराया गया है। स्वीकृत प्राक्कलन में पानी उद्वहन कर कृषकों को सिंचाई के लिए पानी दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रदेश में वृहद एवं मध्‍यम सिंचाई परियोजनाओं में जल उद्ववहन कर सूक्ष्‍म सिंचाई प्रणाली के तहत सिंचाई करने की व्‍यवस्‍था की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

हरदुआ वितरक नहर का निर्माण

[जल संसाधन]

95. ( क्र. 867 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरघाट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुरई ब्‍लॉक में माचागोरा बांध से पेंच व्‍यपवर्तन परियोजना के अंतर्गत हरदुआ वितरक नहर का निर्माण कार्य होना प्रस्‍तावित है? आज दिनांक तक नहर का निर्माण नहीं हुआ? (ख) इस प्रस्‍तावित नहर के अंतर्गत जोगीवाड़ा-20 में टीसी नम्‍बर-1 से टीसी नम्‍बर-12 में जल उपभोक्‍ता समिति के चुनाव दो बार 2015 एवं 2017 में म.प्र. शासन द्वारा कराया गया, यह चुनाव किस नियम के आधार पर कराया गया और कहां कराया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) पूर्व विधानसभा सत्र में प्रश्‍न क्र. 847 में उत्‍तर चाहा गया था उक्‍त प्रश्‍न के उत्‍तर में माननीय मंत्री जी के द्वारा जवाब दिया गया था कि विधानसभा क्षेत्र बरघाट अंतर्गत कुरई ब्‍लॉक में पेंच व्‍यपवर्तन परियोजना के तहत निर्माणाधीन हरदुआ वितरक नहर की आर.डी. 630 मी. से प्रस्‍तावित माण्‍डवा उपवितरक नहर के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रण का प्रस्‍ताव मैदानी स्‍तर पर तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बरघाट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुरई ब्लॉक में माचारोगा बांध से पेंच व्यपवर्तन परियोजना अंतर्गत निर्माणाधीन हरदुआ वितरक नहर की आर.डी. 630 मी. से प्रस्तावित मांडवा उपवितरक नहर का निर्माण पूर्व में खुली नहर प्रणाली से किया जाना प्रस्‍तावित था। इस उपवितरक नहर का अलाईमेंट छिन्दवाड़ा सिवनी नेशनल हाईवे एवं जंगल के मध्य से 12.50 कि.मी. लंबाई में लगभग 10-12 मी. कटिंग में थी। दिनांक 04.04.2018 को भोपाल में सम्पन्न समीक्षा बैठक में उक्‍त खुली नहर के स्‍थान पर होज सिंचाई पद्धति बनाने हेतु प्राप्‍त निर्देशअनुसार, मांडवा होज इरीगेशन सिस्टम की तकनीकी स्वीकृति मुख्‍य अभियंता, सिवनी द्वारा राशि रूपये 32.35 करोड़ की प्रदान की गयी थी। विभागीय सी.एस.आर. की दरों में परिवर्तन होने के कारण उक्त कार्य की पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति दिनांक 17.09.2022 को राशि रू.59.485 करोड़ की प्रदान की गयी। वर्तमान में उक्त कार्य की निविदा दिनांक 21.11.2022 द्वारा राशि रू.5877.34 लाख की आमंत्रित की जा चुकी है। एजेंसी निर्धारण उपरांत कार्य प्रारंभ कराया जाना संभव होगा। (ख) जोगीवाड़ा-20 में टीसी नंबर -1 से टीसी नंबर-12 में जल उपभोक्ता संथा के चुनाव म.प्र.कृषक संगठन गठन अधिनियम-1999, के तहत कराया गया। टी.सी. क्रमांक एवं ग्रामों के नाम  संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) जी हाँ। वस्‍तुस्थिति उत्तरांश '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "सोलह"

शासन के निर्देशानुसार कार्यवाही न करने वालों पर कार्यवाही

[राजस्व]

96. ( क्र. 878 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं रीवा जिले के राजस्‍व न्‍यायालयों में कितने प्रकरण सुनवाई में चल रहे है? इन प्रकरणों के न्‍यायालय में दायर होने के दिनांक का वितरण देते हुये बतावे कि न्‍यायालय में प्रकरण के लंबित रहने की अवधि कितने वर्षों की हो चुकी है। इनके निराकरण बाबत् शासन के क्‍या निर्देश हैं, निर्देश की प्रति देते हुये बतावें। अगर निर्देशों के पालन में कार्यवाही कर प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया तो किन-किन पर कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्‍‍तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?          (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार लंबित प्रकरणों में से कम्‍प्‍यूटर में नाम त्रुटि के कारण खसरा सुधार बाबत् कितने प्रकरण किन-किन राजस्‍व न्‍यायालयों में लंबित है? इनके निराकरण बाबत् क्‍या निर्देश देगें? जिससे न्‍यायालयों में प्रकरणों की कमी हो सके? अगर नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के तारतम्‍य में प्रकरण क्र. 913/रीडर/तहसील/गुढ़/2006 के प्रकरण की संपूर्ण नस्‍ती संलग्‍न दस्‍तावेज की प्रति देते हुये बतावे कि तहसीलदार गुढ़ द्वारा पत्र क्र. 913 दिनांक 13.12.2006 के द्वारा आवेदक रामस्‍वरूप द्विवेदी दुआरी द्वारा षष्‍टम व्‍यवहार न्‍यायाधीश महोदय के आदेश के पालन में आराजी नं. 2097 रकबा 65 डिसमिल स्‍िथत ग्राम दुआरी के संबंध में मार्गदर्शन कलेक्‍टर रीवा से नामान्‍तरण बाबत् चाहा गया था। इस पत्र पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें। (घ) दिनांक 18.10.2022 को एडवोकेट मयंकधर द्विवेदी द्वारा आयुक्‍त राजस्‍व रीवा संभाग रीवा को पत्र लिखकर प्रश्‍नांश (ग) अनुसार नस्‍ती की नकल न देने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही का निवेदन किया गया था जिस पर कलेक्‍टर रीवा को पत्र क्र. 3153 दिनांक 21.10.2022 को कार्यवाही बाबत् उल्‍लेख किया गया। कार्यवाही की स्थिति बतावें एवं जिम्‍मेदार कौन-कौन है उन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार कार्यवाही न करने प्रकरणों का लंबित रखने, जानकारी न देने, फाइलों को गुमा देने पर जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे एवं उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार कार्यवाही बाबत् क्‍या निर्देश देंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) शहडोल एवं रीवा जिले के राजस्‍व न्‍यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों की, लम्बित अवधि सहित, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्टअ अनुसार है। अविवादित नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन प्रकरणों के निराकरण के लिये शासन द्वारा                    समय-सीमा नियत की गई है, शासन निर्देशों की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट – ब अनुसार है। जिला रीवा में कमिश्‍नर रीवा द्वारा समीक्षा उपरांत 11 राजस्‍व अधिकारियों के विरूद्ध नोटिस जारी किया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्टस अनुसार  है। (ख) रीवा एवं शहडोल जिले में खसरा सुधार के लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट – द अनुसार  है। इन प्रकरणों के निराकरण हेतु इनकी सतत समीक्षा की जाती है। इसके अतिरिक्‍त प्रकरणों की संख्‍या में कमी लाने के लिये अभिलेख शुद्धीकरण पखवाड़ा भी आयोजित किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश (ग) में संदर्भित विषय पर कलेक्‍टर जिला रीवा द्वारा दिनांक 26.12.2006 को तहसीलदार तहसील गुढ़ को यह मार्गदर्शन दिया गया था कि प्रकरण में शासन की ओर से अपील किये जाने के संबंध में शासकीय अभिभाषक रीवा से राय लेकर अपील मेमों के साथ प्रस्ताव भेजें। पत्र की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार  है। (घ) कमिश्‍नर रीवा संभाग रीवा द्वारा श्री मयंकधर द्विवेदी, एडवोकेट के आवेदन 18.10.2022 पर पत्र क्रमांक 3153 दिनांक 21.10.2022 के माध्‍यम से कलेक्‍टर रीवा को समुचित कार्यवाही बावत निर्देशित किया था, जिसमें कार्यवाही प्रचलित है। ऐस‍ी स्थिति में शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ड.) जानकारी उत्तरांश (घ) अनुसार है।

आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाना

[खनिज साधन]

97. ( क्र. 879 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या न्‍यायालय तहसीलदार वित्‍त आखेटपुर तहसील ब्‍यौहारी जिला शहडोल म.प्र. द्वारा ब्‍यौहारी विकासखण्‍ड अन्‍तर्गत ग्राम बोडिह्डा से लगें बनास नदी पर पंचायत को स्‍वीकृत रेत खदान 04 हेक्‍टेयर के अलावा अवैध रेत उत्‍खनन के संबंध में जांच प्रतिवेदन की प्रति अधोहस्‍ताक्षर कर्ता को पत्र क्रमांक 643/2019 दिनांक 11.12.2019 के द्वारा जानकारी प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भ में राजस्‍व निरीक्षक एवं पटवारी, खनिज एवं राजस्‍व के संयुक्‍त जांच दल व वन विभाग के पंचनामें के अनुसार स्‍वीकृत खदान की लम्‍बाई 24.75 जरीब व 495 मीटर व चौड़ाई 4.55 जरीब व 91 मीटर से हटकर कुल लम्‍बाई 60 जरीब व 1200 मीटर, चौड़ाई 4.50 जरीब व 90 मीटर पर अवैध उत्‍खनन किया गया, इस प्रकार अवैध उत्‍खनन का क्षेत्र लम्‍बाई 45.25 जरीब व 705 मीटर चौड़ाई 4.50 जरीब व 90 मीटर एवं गहराई 0.50 मीटर का क्षेत्र प्रमाणित किया गया है?                   (ग) प्रश्‍नांश (क) के प्रतिवेदन में प्रश्‍नांश (ख) अनुसार 31725 घन मीटर अवैध उत्‍खनन होना प्रमाणित हुआ, इस अवैध उत्‍खनन पर संबंधितों से राजस्‍व की वसूली के साथ खनिज अधिनियम अनुसार कार्यवाही के साथ आपराधिक प्रकरण कब तक पंजीबद्ध करावेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?                (घ) प्रश्‍नांश (क) के जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार 31725 घनमीटर के अवैध उत्‍खनन के प्रकरण को अगर व्‍यक्तिगत हित पूर्ति कर समाप्‍त किया गया हो तो इसके लिये किन-किन को जिम्‍मेदार मानकर किस तरह की कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्‍यों? अवैध उत्‍खनन पर कार्यवाही हेतु क्‍या निर्देश जारी करेगें? (ड.) प्रश्‍नांश (क) के जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के आधार पर 31725 घन मीटर के रेत का अवैध उत्‍खनन जो हुआ इस पर कितना राजस्‍व की क्षति का आंकलन कर वसूली किन-किन से प्रस्‍तावित कर उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करावेंगें? साथ ही जिम्‍मेदारों के पद व नाम का विवरण भी देवें। इस तरह के अवैध उत्‍खनन पर रोक लगाये जाने बावत् क्‍या निर्देश जारी करेंगे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रश्‍नांश (क) संदर्भ राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी, खनिज एवं राजस्व के संयुक्त जाँच दल के अनुसार स्वीकृत खदान की लम्बाई 24.75 जरीब व 495 मीटर व चौड़ाई 4.55 जरीब व 91 मीटर से हटकर कुल लम्बाई 60 जरीब व 1200 मीटर, चौड़ाई 4.50 जरीब व 90 मीटर एवं गहराई 0.50 मीटर का क्षेत्र प्रमाणित किया गया। (ग) प्रश्‍नांश (क) के प्रतिवेदन में प्रश्‍नांश (ख) अनुसार मौके पर 31725 घनमीटर रेत का अवैध उत्खनन पाया गया था। चूंकि प्रश्‍नाधीन रेत खदान ग्राम पंचायत द्वारा संचालित की जा रही थी, अतः संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध नियमानुसार अवैध उत्खनन का प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 213/B-121/2019-20 पंजीबद्ध किया गया था। कार्यालय कलेक्टर, खनिज शाखा, जिला शहडोल के आदेश दिनांक 05/03/2020 को अवैध उत्खनन का प्रकरण अर्ध न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार निराकरण कर प्रकरण समाप्त किया गया। अतः आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (क) के जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित प्रश्‍न अनुसार 31725 घनमीटर के अवैध उत्खनन के प्रकरण को तत्समय ही नियमानुसार कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया था। जिसमें न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत संबंधितों को नोटिस जारी कर आवश्यक सुनवाई उपरांत प्रकरण का निराकरण दिनांक 05/03/2020 को विधिवत आदेश जारी कर अवैध उत्खनन का प्रकरण समाप्त किया गया है। प्रश्‍नाधीन प्रकरण न्यायालयीन प्रकरण है, जिसमें कलेक्टर न्यायालय द्वारा निर्धारित वैधानिक प्रक्रिया अनुसार प्रकरण का निराकरण किया है। अतः किसी की जिम्मेदारी एवं कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्‍नांश (क) के जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर 31725 घनमीटर के अवैध उत्खनन के प्रकरण को तत्समय ही नियमानुसार कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया था। जिसमें न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत संबंधितों को नोटिस जारी कर आवश्यक सुनवाई उपरांत प्रकरण का निराकरण दिनांक 05/03/2020 को विधिवत आदेश जारी कर अवैध उत्खनन का प्रकरण समाप्त किया गया है। प्रश्‍नाधीन प्रकरण न्यायालयीन प्रकरण है, जिसमें कलेक्टर न्यायालय द्वारा निर्धारित वैधानिक प्रक्रिया अनुसार प्रकरण का निराकरण किया गया है, अतः किसी की जिम्मेदारी एवं कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में प्रश्‍नाधीन रेत खदान शहडोल जिला रेत समूह निविदा रूपये 44.50 करोड़ प्रति वर्ष ठेकाधन पर स्वीकृत निविदा में शामिल है, जिसका वैधानिक रूप से संचालन किया जा रहा है।

कुण्‍डालिया वृहद सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

98. ( क्र. 891 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत निर्माणाधीन कुण्‍डालिया वृहद सिंचाई परियोजना के तहत खिलचीपुर विधानसभा के अंतर्गत प्रेशर पाईप नहर से रबी वर्ष 2022-23 में किन-किन ग्रामों में कितने-कितने हेक्‍टेयर सिंचाई की जा रही है या किया जाना प्रस्‍तावित है? सूचीवार विवरण दें। (ख) खिलचीपुर विधानसभा के शेष ग्रामों में कब तक सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जाएगा? (ग) मूल प्रशासकीय स्‍वीकृति के समय जो कमांड क्षेत्र खिलचीपुर विधानसभा का इस योजना के अंतर्गत सिंचाई हेतु प्रस्‍तावित क‍िया गया था, उसमें अगर परिवर्तन किया गया है, तो ग्रामवार, क्षेत्रफल सहित बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना के तहत खिलचीपुर विधानसभा के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में ग्रामवार परीक्षण के साथ प्रस्‍तावित सिंचाई की  जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-"अ" अनुसार है(ख) शेष ग्रामों में वर्ष 2023-24 में रबी सिंचाई हेतु जल प्रदाय करना लक्षित है। (ग) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत मूल प्रशासकीय स्वीकृति में कुल 179 ग्राम प्रस्‍तावित थे जो पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति में 179 से बढ़कर 245 ग्राम होना प्रतिवेदित है। ग्रामवार क्षेत्रफल सहित  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है।

आबादी भूमि को नजूल भूमि से मुक्‍त किये जाने का अधिकार

[राजस्व]

99. ( क्र. 896 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजस्‍व विभाग को आबादी भूमि को नजूल से मुक्‍त किये जाने का अधिकार है? यदि हाँ, तो मुलताई नगर की वर्तमान में नजूल में दर्ज खसरा क्रमांक 553, 554, 555, 706 एवं 1087 की भूमि के समस्‍त भूमिधारियों भूमि अधिकार पत्र सक्षम अधिकारी (अनुविभागीय अधिकारी, राजस्‍व) द्वारा प्रदान कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो मुलताई नगर के कितने लोगों को भूखण्‍ड का भूस्‍वामी अधिकार पत्र प्रदान कर दिये हैं और कितने लोग शेष हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं तो इसके क्‍या कारण है? इसके लिये कौन-कौन दोषी है? प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1527 के तारतम्‍य में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? विस्‍तार पूर्वक जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा आबादी भूमि में कितने लोगों को भू‍-अधिकार पत्र किस आधार पर दिये गये हैं? पूर्ण विवरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता की धारा 2 (क) की उपधारा (1) खंड (क) अनुसार नगरीय क्षेत्र में आबादी भूमि की अवधारणा नहीं है। धारणाधिकार योजना के अंतर्गत मुलताई नगर में भू-अधिकार पत्र प्राप्‍त किये जाने के 803 आवेदन-पत्र प्राप्‍त होकर परीक्षणाधीन है। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार कार्यवाही परीक्षणाधीन है। कोई दोषी नहीं है। राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना कमांक एफ-6-75-2019 सात-शा-3 भोपाल दिनांक 24 सितम्बर 2020 के क्रम में जानकारी उत्‍तरांश '''' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

अधिकारियों एवं ठेकेदार की लापरवाही पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

100. ( क्र. 897 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग के द्वारा ग्रामों में सिंचाई हेतु नहर उपलब्‍ध कराये जाने हेतु पाईप-लाईन बिछाने का कार्य किया जा रहा है? यदि हां, तो इस कार्य में लापरवाही के कारण हुई कोई दुर्घटना में किन-किन व्‍यक्तियों (ठेकेदार/उपयंत्री/कार्यपालन यंत्री) के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है? (ख) प्रश्‍नांश  (क) यदि हां, तो ग्राम सोनोरा, पोस्‍ट पौनी, थाना सांईखेड़ा, तहसील मुलताई, जिला बैतूल में पारसडेह जलाशय से खेत में पाईप-लाईन बिछाकर पानी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा था? इस कार्य को कार्यपालन यंत्री जल संसाधन के निर्देश से उपयंत्री जल संसाधन द्वारा एजेंसी के.डी.एस. कंपनी द्वारा किया जा रहा था? संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ यदि हां, तो क्‍या शासन को ठेकेदार की गलती से ब्‍लास्‍ट किये जाने वाली सामग्री में से लापरवाही पूर्वक जिंदा ब्‍लास्‍ट केप छूट जाने के कारण निहाल पुत्र महेश बारस्‍कर, निवासी गाम सोनोरा, पंचायत निमनवाड़ा, तहसील मुलताई, जिला बैतूल के घायल होकर अपने बायें हाथ का पंजा खो देने की जानकारी है? (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) एवं (ग) यदि हां, तो शासन द्वारा उक्‍त घायल को मुआवजा राशि प्रदान की है? क्‍या संबंधित अध‍िकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? क्‍या ठेकेदार के विरूद्ध एफ.आई.आर. (F.I.R.) दर्ज की गई है? यदि नहीं तो कब तक पीड़‍ि‍त को मुआवजा राशि प्रदान कर दी जावेगी और कब तक अधिकारियों और ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर दण्डित किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

लघु एवं मध्‍यम सिंचाई योजनाओं की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

101. ( क्र. 914 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा पुष्‍पराजगढ़ क्षेत्र में कितनी लघु एवं मध्‍यम सिंचाई योजनाएं विभाग द्वारा स्‍वीकृत एवं प्रस्‍तावित की गई है? (ख) क्‍या पुष्‍पराजगढ़ क्षेत्र के किसानों के हित में बहने वाली नदी माँ नर्मदा एवं नालों पर सर्वेक्षण करवाकर क्षेत्र में एनीकेट एवं तालाबों का सर्वे कराकर सिंचाई हेतु प्राक्‍कलन तैयार करवायेंगे? अगर हां तो कब तक? (ग) पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में जनवरी 2020 से आज दिनांक तक वर्तमान में स्‍वीकृत तालाबों एवं जल संरचनाओं के स्‍थलवार कितने कार्य स्‍वीकृत हुये हैं एवं बजट के अभाव में कितने कार्य लंबित हैं? (घ) जनवरी 2020 से आज दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित जल संरचनाओं से कितना एकड़ रकबा सिंचित हुआ है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ अंतर्गत स्‍वीकृत एवं सर्वेक्षित तथा सर्वेक्षणाधीन परियोजनाओं की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) पुष्पराजगढ क्षेत्र अंतर्गत बहने वाली माँ नर्मदा नदी एवं नालों की टोपोग्राफी का अध्ययन मैदानी कार्यालय द्वारा कर लिया जाना प्रतिवेदित है। संभावित चिन्हित परियोजनाओं की साध्यता का परीक्षण किया गया। विकासखण्ड- पुष्पराजगढ़ के अन्‍तर्गत जोहिला नदी में सल्हरो मध्यम परियोजना का सर्वेक्षण प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा 40 हेक्टेयर से अधिक सिंचाई क्षमता वाली कोई भी चिन्हित परियोजना का कार्य स्थल विभागीय मापदण्ड के अनुसार साध्य नहीं पाई जाना प्रतिवेदित है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में शासन स्‍तर पर स्‍वीकृति हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-"ब" अनुसार है।

संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों की जानकारी

[वन]

102. ( क्र. 915 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) म.प्र. में कुल कितनी संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियां संचालित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक संचालित संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों को विकास कार्य हेतु वन मण्‍डलवार कितनी-कितनी धन राशि वित्‍तीय वर्षवार समितियों को दी गयी है? कार्य का नाम, स्‍वीकृत राशि मद का नाम सहित प्रशासकीय स्‍वीकृति‍ की छायाप्रति देवें। (ग) निर्माण कार्यों में वन विभाग की दैनिक मजदूरी क्‍या है? प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्षों के लिये तय की गई मजदूरी दर की छायाप्रति देवें। (घ) विधान सभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ अंतर्गत वन ग्राम में निवासरत ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध कराने में विभाग से निर्माण कार्यों की अनुमति के आवेदन ऑनलाईन/ऑफलाईन प्राप्‍त हुये हैं? यदि हां, तो ग्रामवार आवेदनों का विवरण दें।                  (ड.) उक्‍त विधान सभा क्षेत्र में ग्राम पंचायत और अन्‍य विभागों द्वारा वन ग्रामों को मूलभूत सुविधाओं के साथ ही विकास कार्यों (बिजली, पानी, सड़क निर्माण) के लिये विभाग को आवेदन प्रस्‍तुत किये हैं? यदि हां, तो जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्‍त हुये, कितने निराकरण हुये तथा कितने लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्‍यप्रदेश में 15608 संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियां गठित हैं। (ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार गठित संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों को वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक बजट मद 9664 वैकल्पिक वृक्षारोपण (कैम्‍पा) से 4 समितियों को विकास कार्य हेतु राशि प्रदाय की गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति की छायाप्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। (ग) वन विभाग में निर्माण कार्यों का भुगतान पी.डब्‍ल्‍यू.डी., एस.ओ.आर. में प्रावधानित दर अनुसार किया जाता है। श्रमायुक्‍त इंदौर द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक तय की गई मजदूरी दर की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-3 में है। (घ) मध्‍यप्रदेश के अनूपपुर जिला में स्थित वनमण्‍डल अनूपपुर के अंतर्गत कोई भी वनग्राम नहीं हैं। अत: शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

वितरण हेतु खरीदी गई ज्वार की गुणवत्ता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

103. ( क्र. 929 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में वर्ष 2019-20 से उत्तर दिनांक तक शासन द्वारा ज्वार खरीदी गई? यदि हाँ, तो कितनी मात्रा में? किससे तथा किस दर पर? कितनी राशि भुगतान की गई? (ख) क्या उक्त अवधि में क्रय की गई ज्वार की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या क्रय ज्वार का एफ.सी.आई. द्वारा क्वालिटी कंट्रोल के माध्यम से कोई सर्वे कराया गया? यदि हां, तो सर्वे रिपोर्ट में पायी गई स्थिति अनुसार क्या कार्यवाही की गई? क्या खरीदी गई ज्वार की गुणवत्ता एफ.ए.क्यू. मानक अनुसार थी? सर्वे रिपोर्ट एवं की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या सामग्री खरीदते समय गुणवत्ता की जांच हेतु प्राइवेट सर्वे एजेंसी नियुक्त की जाती है? उसकी क्या जवाबदेही होती है? वर्ष 2019-20 से उत्तर दिनांक तक किस एजेंसी को कार्य दिया गया एवं कितना भुगतान किया या करना है? अनुबंध की प्रति एवं वर्षवार जानकारी दें। (ड.) विगत वर्ष 2019-20 से उत्तर दिनांक तक खरीदी गई सामग्री अमानक पायी गई? यदि हां, तो कौन दोषी है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? दोषी से किसी प्रकार की कोई राशि की वसूली की गई? यदि हां, तो किससे एवं कितनी राशि? यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। ग्‍वालियर जिले में वर्ष 2019-20 से उत्‍तर दिनांक तक किसानों से समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित ज्‍वार की मात्रा, दर एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट– 'अनुसार है। (ख) उक्‍त अवधि में क्रय की गई ज्‍वार की गुणवत्‍ता के संबंध में क्षेत्रीय प्रबंधक, ग्‍वालियर से प्राप्‍त प्रतिवेदन के आधार पर शासन द्वारा ग्‍वालियर संभाग के जिलों में उपार्जित मोटे अनाज की गुणवत्‍ता का आंकलन एवं परीक्षण कार्य कराया जाकर नियमानुसार प्रक्रिया अपनाते हुए उपार्जित मोटे अनाज का निस्‍तारण किए जाने हेतु समिति का गठन किया गया है, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार समिति का गठन किया गया जिसमें भारतीय खाद्य निगम के प्रतिनिधि को भी रखा गया है, जिसके संबंध में कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी हां। उपार्जन के समय स्‍कंध की गुणवत्‍ता जांच हेतु निजी सर्वेयर एजेन्‍सी नियुक्‍त की गई है। सर्वेयर एजेन्‍सी के साथ किए गए अनुबंध/निविदा दस्‍तावेज़ों में वर्णित शर्तें के अंतर्गत सर्वेयर एजेन्‍सी की जवाबदेही होती है। वर्ष 2019-20 से उत्‍तर दिनांक तक उपार्जन स्‍कंध की गुणवत्‍ता जांच हेतु सर्वेयर एजेन्‍सी को दिए गए कार्य एवं किए गए भुगतान का विवरण तथा अनुबंध की प्रति संलग्‍न  परिशिष्‍ट- 'अनुसार है। (ड.) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेख अनुसार कृषकों से अमानक ज्‍वार क्रय नहीं की गई है। शेष जानकारी निरंक।

परिशिष्ट - "सत्रह"

विस्थापितों को मुआवजा

[जल संसाधन]

104. ( क्र. 945 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंर्तगत जो बण्डा ''वृहद'' सिंचाई परियोजना (धसान नदी पर) बनाई जा रही है, उसमें डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों की खेती की मुआवजा राशि हेक्टेयर में सिंचित और असिंचित के लिए कितनी राशि निर्धारित की गई है? ग्रामवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या यह सही है कि डूब क्षेत्र के किसानों की वह भूमि जो नदी, नहर एवं तालाब के किनारे स्थित है वह सरकारी रिकॉर्ड में सिंचित दर्ज थी लेकिन अब मुआवजा के समय असिंचित कर दिया गया है? यदि हां तो ऐसा क्यों? (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) में दर्शित परियोजना का कार्य चलते हुये यह दूसरा वर्ष है लेकिन प्रभावितों को मुआवजा राशि का वितरण आज दिनांक तक नहीं किया गया है? यदि हां, तो प्रभावितों को मुआवजा राशि का वितरण कब तक कर दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु धारा-11 के प्रकाशन के पूर्व के वर्षों में राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज सिंचित/असिंचित का निर्धारण राजस्‍व रिकार्ड अनुसार राजस्‍व विभाग द्वारा किया जाता है। उसी अनुसार मुआवजे का प्रकरण तैयार किया जाता है। (ग) बण्‍डा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 17 ग्रामों में से 06 मूल ग्राम तथा 06 पूरक ग्रामों के कुल 12 प्रकरणों के अवार्ड स्‍वीकृत किये गये हैं जिसमें से 04 ग्राम क्रमश: कोटिया, पुराबिनैका, डहकुली नीमोन के मूल अथवा पूरक प्रकरणों के भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। शेष ग्रामों के अवार्ड की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-"ब" अनुसार है।

परिशिष्ट - "अठारह"

निर्माण हेतु अनुमति का प्रदाय

[वन]

105. ( क्र. 952 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद तेंदूखेड़ा में उप वन मंडल कार्यालय तेंदूखेड़ा के सामने टीन टप्पर वाली दुकानों को हटाकर पक्की दुकानों के निर्माण हेतु माननीय वन मंत्री महोदय द्वारा सिंग्रामपुर प्रवास के दौरान वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया था? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा तथा नगर परिषद तेंदूखेड़ा कार्यालय द्वारा भी उपवन मंडल अधिकारी तेंदूखेड़ा एवं वन मंडल अधिकारी दमोह को दुकान निर्माण हेतु 4 फुट भूमि उपवन मंडल कार्यालय तेंदूखेड़ा की बाउंड्रीवॉल के अंदर देने हेतु अनुमति प्रदान करने के लिए पत्र प्रेषित किया गया है? यदि हां, तो वन विभाग द्वारा उपवन मंडल कार्यालय की भूमि देने के लिए अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक अनुमति प्रदान की जाएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वनमण्डलाधिकारी के पत्र दिनांक 02.11.2022 द्वारा परिक्षेत्र कार्यालय तेन्दूखेड़ा परिसर की बाउंड्रीवॉल के बाहर दुकान निर्माण हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् तेन्दूखेड़ा को अनापत्ति जारी कर प्रश्‍नकर्ता सदस्य को अवगत करा दिया गया है।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के विस्थापित ग्राम

[वन]

106. ( क्र. 955 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में कितने ग्रामों को विस्थापित किया गया?                (ख) विस्थापन के बाद किन ग्रामों में बसाया गया एवं कितनी-कितनी भूमि तथा नगद राशि प्रदान की गई? (ग) क्या इन विस्थापित ग्रामों में पेयजल सड़क पक्की सड़क बिजली स्कूल तथा आवागमन जैसी सभी सुविधाएं इन विस्थापित ग्रामों में प्रदान की गई? (घ) यदि नहीं की गई तो आवश्यक सभी सुविधाएं कब तक प्रदान कर दी जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 46 ग्रामों को विस्थापित किया गया है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट-1 में है। शासन योजना के विकल्प-1 (क) के तहत विस्थापित 3358 परिवारों (इकाई) को कुल राशि रुपये 3,44,15,00,000/- नगद के रूप में दिया गया है। शासन योजना के विकल्प-2 के तहत विस्थापित/पुनर्वासित 1565 परिवारों (इकाई) को 02-02 हेक्टेयर भूमि के मान से 3130.00 हेक्टेयर भूमि एवं आवास निर्माण एवं अनुदान के रूप में कुल राशि रूपये 41,30,50,000/- प्रदाय किया गया है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट-2 में है। (घ) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में विस्थापित कर पुनर्वासित किये गये ग्रामों में सभी सुविधाएं शासन निर्देशानुसार पुनर्वास प्रारंभ होने के 2 वर्ष के अंदर पूर्ण करने का प्रावधान है।

तवा नहर झाडवीड़ा उद्वहन सिंचाई योजना

[जल संसाधन]

107. ( क्र. 956 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तवा नहर से झाडवीड़ा उद्वहन सिंचाई योजना की लागत क्या है? (ख) इस उद्वहन योजना हेतु क्या निविदाएं बुलाई गई थी? (ग) निविदाओं पर अभी तक इस योजना का कार्य शुरू क्यों नहीं हुआ? (घ) कब तक उद्वहन सिंचाई योजना का कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) झाडवीड़ा उद्वहन सिंचाई की लागत रू.19184.83 लाख आकलित है। (ख) से (घ) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि झाडवीड़ा उद्वहन सिंचाई निर्माण हेतु अभी तक 08 बार निविदा आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। निविदाकारों द्वारा विभिन्‍न कारणों से तथा निविदा पूर्व अर्हता में निर्धारित मापदण्‍डों को पूर्ण नहीं करने से अनर्हतित होने के कारण निविदाएं निरस्‍त की गई है। निविदा स्‍वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ कराया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

कार्यालय भवन की स्‍वीकृति

[राजस्व]

108. ( क्र. 972 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) सीधी जिले के सिहावल ब्‍लॉक अंतर्गत तहसील बहरी में तहसील कार्यालय भवन न होने की स्थिति‍ में क्‍या तहसील कार्यालय साड़ा भवन में संचालित हो रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में तहसील कार्यालय भवन की स्‍वीकृति हेतु क्‍या कार्य योजना में शामिल किया गया है? क्‍या भवन स्‍वीकृति हेतु प्राक्‍कलन तैयार किया गया है? यदि नहीं तो कब तक किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क)  जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नौरादेही अभयारण्‍य के ग्रामों का विस्‍थापन

[वन]

109. ( क्र. 977 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) नौरादेही अभयारण्‍य के बीच आने वाले ग्राम झिल्‍पनी, ढाना, मलकुही, हाडीकाट जो जिला नरसिंहपुर में आते हैं। कब तक विस्‍थापित किये जावेंगे? (ख) क्‍या पत्र क्रमांक jsp/00906/bpl/22 दिनांक 03.02.2022 माननीय वन मंत्री जी को दिया गया था उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है(ग) उक्‍त ग्रामों में स्‍कूल, पेयजल, विद्युत, सड़क, राशन इन्‍टरनेट सुविधा, रोजगार, पेंशनधारियों, गर्भवती महिलाओं, बीमार व्‍यक्ति जो स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा एवं मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं? उक्‍त सुविधाओं के लिये कौन जिम्‍मेदार है? (घ) विस्‍थापन के नियम क्‍या हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नौरादेही अभयारण्‍य के अंतर्गत नरसिंहपुर जिले के ग्राम झिल्‍पनी, ढ़ाना, मलकुही एवं हांडीकाट के विस्‍थापन संबंधी कार्यवाही के तहत कलेक्‍टर द्वारा           कट-ऑफ डेट निर्धारित कर दी गई है। खण्‍ड स्‍तरीय समिति, नरसिंहपुर के समक्ष पात्रता निर्धारण की कार्यवाही प्रारम्‍भ है। ग्रामों के विस्‍थापन की प्रक्रिया स्‍वैच्छिक एवं ग्राम सभा की सहमति पर आधारित है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन पत्र का उत्‍तर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (वन्‍यप्राणी) मध्‍यप्रदेश के पत्र क्रमांक/मा.चि./2022/शिका./11-5 (281)/8712, दिनांक 02.12.2022 से माननीय प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य को भेजा गया है। (ग) प्रश्‍नांकित मूलभूत सुविधाएं संबंधित विभाग द्वारा उपलब्‍ध करायी जाती है। उपलब्‍ध सुविधाओं का विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। (घ) प्रश्‍नांकित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है।

स्‍वामित्‍व योजना

[राजस्व]

110. ( क्र. 978 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) जिला नरसिंहपुर में आबादी की भूमि पर स्‍वामित्‍व योजना से कितने ग्रामों में कितने-कितने पट्टे प्रदान किये गये हैं? (ख) क्‍या स्‍वामित्‍व योजना शहरी क्षेत्रों में लागू है? अगर लागू है तो उसकी जानकारी प्रदान करें। (ग) विधान सभा नरसिंहपुर में कितने ग्रामों में स्‍वामित्‍व योजना का लाभ प्रदान किया गया है तथा कितने ग्रामों में योजना का लाभ नहीं दिया है? अगर लाभ नहीं दिया गया है तो इसके लिये दोषी कौन है? (घ) स्‍वामित्‍व योजना में पट्टे देने के लिये व्‍यक्ति या परिवार को चिन्हित किया जाता है? जो ग्राम या व्‍यक्ति स्‍वामित्‍व योजना पट्टों से वंचित हैं इन्‍हें कब तक लाभ दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला नरसिंहपुर में आबादी की भूमि पर स्‍वामित्‍व योजना से 589 ग्रामों में 79949 पट्टे प्रदान किये गये है। (ख) जी नहीं। (ग) विधानसभा नरसिंहपुर के आबादी भूमि में निवासरत समस्‍त 214 ग्रामों के पात्र परिवार एवं व्‍यक्तियों को स्‍वामित्‍व योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, आबादी भूमि में निवासरत पात्र परिवार या व्‍यक्ति को चिन्हित करते हुए स्‍वामित्‍व योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिला नरसिंहपुर में आबादी की भूमि पर स्‍वामित्‍व योजना से 589 ग्रामों में 79949 पट्टे प्रदान किये गये हे, विधानसभा नरसिंहपुर में 214 ग्रामों में स्‍वामित्‍व योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है, कोई भी ग्राम स्‍वामित्‍व योजना के दिशा-निर्देशानुसार योजना के लाभ हेतु शेष नहीं है।

लंबित प्रकरणों की जानकारी

[वन]

111. ( क्र. 984 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले में वन आच्‍छादित क्षेत्रफल कितना है? यहां की प्रमुख उपज क्‍या है? इन उपजों से कितने राजस्‍व की प्राप्ति होती है? ब्‍लॉकवार, वन परिक्षेत्रवार गौशवारा बनाकर बताये। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में कितने वन अपराध, किन-किन धाराओं में पंजीबद्ध हुये है? कितने प्रकरणों में चालान पेश किये गये? कितने प्रकरणों में मुआवजा राशि वसूली की गई? कितने प्रकरण किन कारणों से लंबित है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में जिले में पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारी सहित समस्‍त स्‍टॉफ की सूची उपलब्‍ध कराये? नाम, पदनाम, पदस्‍थापना, कितने वर्षों से एक ही स्‍थान पर पदस्‍थ, कितनों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्‍त हुयी, शिकायतों के आधार पर कृत कार्यवाही सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) उपरोक्‍त के संबंध में गुना कलेक्‍टर कार्यालय तथा अन्‍य कार्यालयों से नवीन कार्यों एवं पूर्व कार्यों की वन विभाग की अनुमतियों के कितने प्रकरण प्राप्‍त है? कितनों पर कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? कितने किस कारण से लंबित है? लंबित प्रकरणों पर कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में गुना जिले में वन आच्छादित क्षेत्रफल 1470.858 वर्ग किलो मीटर है। अधिकांश वन सागौन एवं मिश्रित प्रजातियों के बिगड़े वन होने से कोई राजस्व प्राप्त नहीं होता है, किन्तु प्रमुख लघु वनोपज तेन्दूपत्ता से प्राप्त विक्रय मूल्‍य का वन परिक्षेत्रवार गोशवारा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट-1 अनुसार है। ब्‍लॉकवार जानकारी संधारित नहीं है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में जिले में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट-3 अनुसार है। पदस्थ कर्मचारियों में से 18 कर्मचारियों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से              03 शिकायतों में 02 कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) गुना जिले में कलेक्टर कार्यालय एवं अन्य कार्यालयों से कार्यों की वन विभाग की अनुमतियों हेतु 579 प्रकरण प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 354 प्रकरणों में कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है तथा 225 प्रकरण लंबित हैं। प्रकरण लंबित रहने का मुख्य कारण संयुक्त स्थल निरीक्षण न होने एवं आवेदक संस्था से अपूर्ण प्रकरण प्राप्त होना है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट-5 अनुसार है। आवेदक संस्था द्वारा पूर्ण प्रकरण प्रस्तुत करने पर तथा संयुक्त स्थल निरीक्षण हो जाने पर निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण करना संभव है।

राजस्‍व के लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

112. ( क्र. 985 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय अन्‍तर्गत कितने पद स्‍वीकृत हैं? कितने पदों पर स्‍टॉफ कार्यरत है? कितने पद कब से रिक्‍त है? रिक्‍त पदों को भरने के लिये कब-कब और क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? नाम, पदनाम, उत्‍तरदायित्‍व संपर्क नं., कब से पदस्‍थ, एक ही स्‍थान पर कब से पदस्‍थ कितने कब-कब स्‍थानांतरित लेकर अन्‍यत्र गये हैं तथा वर्तमान में कितने कार्यरत हैं सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में कार्यालय अन्‍तर्गत कितने प्रकरण किन-किन कार्यों के प्राप्‍त हुये हैं? उनमें से कितने प्रकरणों का निराकरण कर लिया गया है? कितने प्रकरण कब से किन कारणों से लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का निराकरण नि‍श्चित समय-सीमा में कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। (ग) स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों, वरिष्‍ठ कार्यालयों से कब और कितने पत्र, आदेश, नोटशीटें किन-किन प्रयोजनों से प्राप्‍त हुए हैं? क्‍या उन पर कार्यालय ने कार्यवाही पूर्ण कर संबंधितों को जवाब प्रस्‍तुत कर दिये हैं? यदि हां, तो वर्षवार गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) कार्यालय में कार्यरत कितने अधिकारी, कर्मचारियों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं तथा सूचना के अधिकारी के तहत आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये हैं? कितने पर कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? कितने प्रकरण किस कारण से कब से किसके पास लंबित है? गौशवारा बनाकर मय दस्‍तावेजों के बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) गुना जिले के राघौगढ़ विधान सभा में अनुविभागीय अधिकारी राघौगढ़ एवं अनुविभागीय अधिकारी आरोन से संबंधित जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  "क" अनुसार है। (ख) लंबित प्रकरणों की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  "ख" अनुसार है। न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।      (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  "ग" अनुसार है। (घ) कार्यालय में कार्यरत किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है एवं सूचना के अधिकार के तहत सभी आवेदन पत्रों पर कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है।

मोघा/कुकरा/ऊँचखेड़ा जलाशयों की प्रगति

[जल संसाधन]

113. ( क्र. 990 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 नवंबर 2019 से वर्ष 01 नवंबर 2022 तक जिला रायसेन की उदयपुरा विधानसभा के अंतर्गत मोघा जलाशय, ऊँचाखेड़ा जलाशय और कुकरा जलाशय में विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किए गए एवं कितनी राशि खर्च की गई? मदवार एजेंसीवार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जलाशयों की मुख्‍य नहरों एवं सहायक नहरों का संधारण करने हेतु क्‍या कोई नवीन प्रस्‍ताव है? प्रस्‍ताव सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समय-सीमा में उक्‍त जलाशयों संबंधित निर्माण कार्यों एवं समस्‍याओं के निराकरण हेतु किन-किन माननीय सांसदों एवं विधायकों के पत्र प्राप्‍त हुए एवं उन प्राप्‍त पत्रों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नाधीन जलाशयों के नहरों की मरम्‍मत से संबंधित कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लंबित नहीं है। सुधार कार्य के प्रस्‍ताव एवं माननीय सांसद/विधायकों से प्राप्‍त पत्रों की  जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-"ब" अनुसार है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

कारम बांध की जानकारी

[जल संसाधन]

114. ( क्र. 997 ) श्री जितु पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कारम बांध की पुराने डी.पी.आर. में परिवर्तन कर बांध की ऊंचाई कम कर नई डी.पी.आर. बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो इसके कारण क्‍या हैं तथा इससे संबंधित समस्‍त दस्‍तावेज की प्रति देंवे। (ख) कारम बांध की पूर्व में डी.पी.आर. किस कंसलटेंट द्वारा बनाई गई थी, उसका नाम, पता तथा भुगतान की गई राशि की जानकारी दें तथा बतावे की अगर पूर्व की डी.पी.आर. उचित नहीं थी तो उस कंसलटेंट पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी? (ग) कंसलटेंट और शासन के बीच हुए अनुबंध की प्रति देंवे। क्‍या बांध के निर्माण में गलती के कारण 15 करोड़ का नुकसान हुआ? यदि हाँ, तो बतायें कि यह गणना कैसे की गई और गणना संबंधित समस्‍त दस्‍तावेज दें तथा बतावें कि अनुबंध की किस धारा के तहत सारथी कंपनी पुन: कार्य कर इसको ठीक करेगी? जो कंपनी एक बार बांध को निम्‍न गुणवत्‍ता का बना चुकी है, फिर से उच्‍च गुणवत्‍ता का बनाएगी, यह कैसे तय किया गया? इस संबंध में नोटशीट की प्रति देंवे। (घ) कारम बांध के अलावा प्रदेश में और कौन-कौन से बांधों में पिछले 5 साल में, रिसाव हुआ या अन्‍य कोई गड़बड़ी हुई की विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराएं तथा बताएं कि उसके लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार था और उन पर क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अमानक अनाज का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

115. ( क्र. 1005 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) जुलाई-अगस्‍त 2020 में केन्‍द्र की जांच में अमानक चावल के बाद प्रदेश में किस-किस जिले में चावल की जांच की गई? कितना अमानक पाया गया? जिलेवार जानकारी दें तथा की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) केन्‍द्र तथा राज्‍य की जांच में जो अमानक चावल पाया गया, उससे प्रदेश को कितनी राशि की क्षति हुई तथा उस राशि को कैसे वसूल किया जाएगा? क्‍या अमानक चावल से वर्ष 2020 में 12 सौ करोड़ रूपये की क्षति हुई? (ग) जनवरी 2020 से नवम्‍बर 2022 तक जांच में जो चावल अमानक पाया गया उस मिलर्स का नाम क्‍या है? कुल प्रदाय मात्रा कितनी थी? उसमें से कितनी मात्रा जनता में वितरित कर दी गई थी? (घ) जांच में जो चावल अमानक पाया गया उसका निष्‍पादन कैसे किया गया तथा वितरित खाद्यान्‍न वापस कैसे बुलाया गया तथा हितग्राही द्वारा किये गये भुगतान को कैसे एडजस्‍ट किया गया? (ड.) प्रश्‍नाधीन घटना में उच्‍च अधिकारियों पर कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जुलाई-अगस्‍त 2020 में केन्‍द्र की जांच में अमानक चावल के बाद प्रदेश में भारत सरकार के संयुक्‍त जांच दल एवं भारतीय खाद्य निगम द्वारा गुणवत्‍ता जांच की गई। उक्‍त जांचों में अमानक पाये गये चावल की जिलेवार एवं मिलरवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) भारत सरकार के संयुक्‍त जांच दल एवं भारतीय खाद्य निगम द्वारा की गई गुणवत्‍ता जांच में पाये गये अमानक चावल को संबंधित मिलर्स से रिप्‍लेसमेंट उपरांत मानक चावल प्राप्‍त किया गया। वर्ष 2020 के रिकेटेग्राइजेशन के दौरान पाये गये अमानक चावल के संबंध में भारत सरकार से राशि रूपये 387.283 करोड़ रूपये प्राप्‍त होना शेष है। जिसके संबंध में भारत सरकार स्‍तर से समन्‍वय स्‍थापित किया जाकर राशि निर्गमन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जनवरी 2020 से नवम्‍बर 2022 तक प्रदेश में भारत सरकार के संयुक्‍त जांच दल एवं भारतीय खाद्य निगम द्वारा की गई गुणवत्‍ता जांच में जो चावल अमानक पाया गया उसकी मिलरवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। अमानक चावल जनता में वितरित किये जाने की जानकारी संज्ञान में नहीं आई। (घ) भारत सरकार के संयुक्‍त जांच दल एवं भारतीय खाद्य निगम द्वारा की गई गुणवत्‍ता जांच में पाये गये अमानक चावल को संबंधित मिलर्स से रिप्‍लेसमेंट उपरांत मानक चावल प्राप्‍त किया गया। अमानक चावल वितरित नहीं किया जाता है। (ड.) माह जुलाई-अगस्‍त में केन्‍द्र की जांच में अमानक पाये गये चावल की घटना के संबंध में संबंधित जिलों के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध निम्‍नानुसार कार्यवाही की गई:-

1.            जिला कार्यालय मंडला में प्रभारी जिला प्रबंधक श्री मनोज श्रीवास्‍तव को दो‍षी पाये जाने पर मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम (8) के प्रावधान अंतर्गत 'सेवा से हटाये जाने' की शास्ति अधिरोपित की जाती है।

2.            जिला कार्यालय बालाघाट में तत्‍कालीन जिला प्रबंधक श्री राजेन्‍द्र सोनी को दो‍षी पाये जाने पर मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम (8) प्रावधान अंतर्गत सेवा से हटाये जाने' की शास्ति अधिरोपित की जाती है।

3.            जिला कार्यालय बालाघाट में कनिष्‍ठ सहायक श्री नागेश उपाध्‍याय को दो‍षी पाये जाने पर मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम (8) प्रावधान अंतर्गत सेवा से हटाये जाने' की शास्ति अधिरोपित की जाती है।

4.            जिला कार्यालय बालाघाट में कनिष्‍ठ सहायक श्री मुकेश कन्‍हेरिया को दो‍षी पाये जाने पर मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम (8) प्रावधान अंतर्गत सेवा से हटाये जाने' की शास्ति अधिरोपित की जाती है।

5.            जिला कार्यालय बालाघाट में कनिष्‍ठ सहायक श्री राकेश सेन को दो‍षी पाये जाने पर मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम (8) प्रावधान अंतर्गत सेवा से हटाये जाने' की शास्ति अधिरोपित की जाती है।

6.            जिला कार्यालय मंडला में कनिष्‍ठ सहायक श्री संदीप मिश्रा को दो‍षी पाये जाने पर मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम (8) प्रावधान अंतर्गत सेवा से हटाये जाने' की शास्ति अधिरोपित की जाती है।

आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी को बेचने की जानकारी

[राजस्व]

116. ( क्र. 1006 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) पिछले 10 साल में इंदौर, उज्‍जैन संभाग में आदिवासियों की कितनी जमीनों को डायवर्सन कर धारा 165 (6) की अनुमति के बगैर गैर आदिवासी को बेच दिया गया, जिलेवार सूची देवें। (ख) इंदौर उज्‍जैन संभाग में धारा 165 (6) में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति के बाद उन जमीनों की सूची दें जिनको गैर आदिवासी द्वारा क्रय करने के बाद उसने 10 साल पहले डायवर्सन करवा लिया? (ग) क्‍या खंडवा में मुख्‍यमंत्री जी की चेतावनी के बाद इंदौर उज्‍जैन संभाग में पिछले 10 साल में बेची गई आदिवासी की लगभग दो हजार हेक्‍टेयर जमीन की जांच कर रजिस्‍ट्री निरस्‍त कर उन्‍हें पुन: आदिवासियों के नाम किया जाएगा? (घ) इंदौर उज्‍जैन संभाग में 2004 से 2011 तक धारा 165 (6) में आदिवासियों को अपनी जमीन गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति दी गई, जिलेवार प्रकरण की संख्‍या तथा बेची गई जमीन का रकबा बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला धार एवं रतलाम में प्रश्‍नानुसार संव्‍यवहार किया गया है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। संभाग के शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ख) जिला-धार, खण्‍डवा, खरगौन, देवास, नीमच एवं रतलाम की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। संभाग के शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं।            (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है।

भूमि पर कब्‍जा देना

[राजस्व]

117. ( क्र. 1022 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या जिला शिवपुरी में कस्‍बा करेरा के वार्ड 15 झांसी शिवपुरी रोड पर भूमि सर्वे क्रमांक 2149/1 मिन 21 रकवा 0.006 हेक्‍टेयर (900 वर्गफिट) पर कब्‍जा दिलाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 55/22 दिनांक 8.3.2022 प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त म.प्र. भोपाल एवं पत्र क्रमांक 539 दिनांक 15.09.2022 प्रमुख सचिव राजस्‍व को दिए गये? यदि हाँ, तो दोनों पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक            क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार भूमि सर्वे क्रमांक 2149/1 मिन 21 एक दुकान सहित प्‍लाट की रजिस्‍ट्री सुमित साहू एवं कृष्‍ण साहू ने भूमि स्‍वामी आविद खां पुत्र सुबराती खां से दिनांक 27.06.2012 में कराई और कब्‍जा प्राप्‍त किया? दिनांक 15.01.2015 को सर्वें क्रमांक 2135/मिन 34 भू-भाग की रजिस्‍ट्री रामेश्‍वर प्रसाद ने राजकुमार खटीक के नाम की गई? यदि हां तो सर्वे क्रमांक 2135/मिन 34 का प्रकरण क्रमांक 42 अ/13 इ.डी. सिविल न्‍यायालय करेरा में विचाराधीन होने पर भी तत्‍कालीन तहसीलदार करेरा ने नियम विरूद्ध ताला तुड़वा कर सामान जब्‍त कर सर्वें क्रमांक 2149/मिन 21 का कब्‍जा क्‍यों दिया गया? बाद में सुमित साहू द्वारा एस.डी.एम. न्‍यायालय करेरा के यहां अपील की गई तो भूमि सर्वें क्रमांक 2135/मिन 34 की जगह मौके पर नहीं होने पर नामांतरण खारिज कर दिया गया? इसलिये दोषी तहसीलदार पर कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (ग) भूमि सर्वें क्रमांक 2149/1 मिन 21 की 0.006 हेक्‍ट. जगह पर सुमित साहू एवं कृष्‍ण साहू की दुकान एवं प्‍लांट का कब्‍जा कब तक दिया जायेगा तथा दोषी तहसीलदार के विरूद्ध कार्यवाही कब की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, माननीय विधायक का पत्र दिनांक 10.03.2022 को प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त कार्यालय को प्राप्‍त हुआ जिसे पत्र क्रमांक एफ-6-68/शि.शा./2022/2597 दिनांक 14.03.2022 से कलेक्‍टर जिला शिवपुरी को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। पत्र क्र 539 दिनांक 15.09.2022 प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त कार्यालय में प्राप्‍त होना नहीं पाया गया। (ख) जी हाँ। यह सही है कि विक्रय पत्र अनुसार 27/08/2012 द्वारा सर्वे क्रमांक 2149/1मिन21 एक दुकान सहित प्‍लॉट की रजिस्‍ट्री सुमित साहू एवं कृष्‍ण कुमार साहू ने भूमि स्‍वामी आविद खां पुत्र सुबराती खां से क्रय की थी तथा 15/01/2015 को सर्वे क्रमांक 2135 मिन 34 भू-भाग की रजिस्‍ट्री रामेश्‍वर प्रसाद ने राजकुमार खटीक के नाम से की गई। माननीय व्‍यवहार न्‍यायालय करैरा में प्रकरण क्रमांक42/अ-13/इ.डी. में विचाराधीन था एवं उक्‍त प्रकरण में कोई स्‍थगन आदेश पारित नहीं था। तत्‍कालीन तहसीलदार के द्वारा सर्वं क्रमांक 2149/1मिन21 में कोई कब्‍जा नहीं दिया गया। उनके द्वारा सर्वे क्रमांक 2135 मिन34 में कब्‍जा प्रदान किया गया। तहसीलदार करेरा के प्रकरण क्रमाक 148/2014-15/बी121 आदेश पारित दिनांक                  07-04-2015 के विरूद्ध सुमित साहू द्वारा अनुविभागीय अधिकारी करैरा के न्‍यायालय में अपील प्रस्‍तुत की गई जिसमें पारित आदेश दिनांक 19/09/2019 के माध्‍यम से अधिनस्‍थ न्‍यायालय के प्रकरण क्रमांक 148/14-15/बी121 में पारित आदेश को अपास्‍त कर अपील अंशिक स्‍वीकार करते हुये,विवादित भूमि के संबंध में,माननीय व्‍यवहार न्‍यायालय का जो आदेश होगा वह उभय पक्षों पर बंधन कारी होगा,का उल्‍लेख किया गया। अनुविभागीय अधिकारी करैरा के द्वारा उनके अपील प्रकरण क्र. 186/अपील/2015-16 के माध्‍यम से कोई नामान्‍तरण खारिज नहीं किया गया। (ग) उक्‍त विवादित भूमि के संबंध में माननीय व्‍यवहार न्‍यायालय वर्ग-1 करैरा के न्‍यायालय में प्रकरण क्रमांक 65ए/98इ.दी. में प्रस्‍तुत अधीक्षक       भू-अभिलेख की सीमांकन रिपोर्ट अनुसार उक्‍त विवादित भूमि सर्वे क्रमांक 2135 में स्थित है। इसी प्रकार प्रकरण क्रमांक148/14-15/बी-121 में संलग्‍न राजस्‍व निरीक्षक वृत करैरा की रिपोर्ट दिनांक 02/04/2015 के अनुसार भी उक्‍त विवादित स्‍थल सर्वे क्रमांक 2135 में स्थित होना बताया है जबकि आवेदक सुमित साहू,कृष्‍ण साहू का विक्रय पत्र सर्वे क्रमांक 2149/1 में होना उल्‍लेखित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राशन घोटाले के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

118. ( क्र. 1023 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                  (क) वर्ष 2022 में भोपाल शहर अंतर्गत कितनी शासकीय अचित मूल्‍य की दुकानों पर राशन घोटाला एवं अनियमितता की जांच की गई तथा उनमें से जांच टीमों द्वारा कितनी राशन दुकानों पर किस-किस प्रकार की गड़बड़ी एवं अनियमितता किस आधार पर देखी गई। जांच रिपोर्ट सहित दुकानदारवार गड़बड़ी एवं अनियमितता की जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार राशन घोटाले के लिये कौन-कौन दोषी पाया गया तथा उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कितनी राशन दुकानों को निलंबित कर उनके संचालकों पर प्रकरण दर्ज किया गया एवं कौन-कौन से अधिकारियों का निलंबन कर प्रकरण दर्ज‍ किया गया? नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार राशन की निगरानी करने वाले एवं राशन घोटाले की जांच करने वाले अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज कर बर्खास्‍त क्‍यों नहीं किया गया तथा घोटाले की राशि वसूली की कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? राशन घोटाले के दोषी अधिकारियों पर कब तक प्रकरण दर्ज कर राशि वसूली की जायेगी?

 खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कार्यालयीन अभिलेख अनुसार वर्ष 2022 में भोपाल शहर की 117 शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों की सघन जांच की गई। जांच में 43 शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों में अनियमितताऐं प्रतिवेदित है। जांच रिपोर्ट सहित दुकानवार अनियमितताओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (ख) में दोषी शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान संचालकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ग) 30 शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों को निलंबित कर प्रकरण दर्ज किये गये। निरीक्षण एवं जांच में लापरहवाही के लिए संचालक, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग म.प्र. भोपाल द्वारा जिले में पदस्‍थ अधिकारियों एवं जांच दल के अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'' अनुसार है। (घ) राशन की निगरानी करने वाले एवं राशन घोटाले की जांच करने वाले अधिकारियों को नियमानुसार निलंबित किया जाकर उन्‍हें आरोप पत्रादि जारी किये गये है, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।

अनुसूचित जाति/जनजातीय की भूमि एवं जाति के संबंध में

[राजस्व]

119. ( क्र. 1027 ) श्री ठाकुर सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह (शेरा भैया) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर के विधानसभा क्षेत्र नेपानगर अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कितने किसानों द्वारा शासकीय पड़त भूमि व चरनोई की भूमि पर वर्ष 1990 के पूर्व से अतिक्रमण कर कास्‍त की जा रही है? पटवारी हल्‍केवार किसानों के नाम व किस भूमि पर कब्‍जा (अतिक्रमण) किया है? उसका खसरा नंबर व कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया है भूमि एकड़ में बतायें। (ख) उक्‍त अतिक्रमणकारियों में कितने ऐसे किसान हैं जिन्‍होंने लगातार प्रतिवर्ष अतिक्रमण के एवज में अर्थदण्‍ड तहसील मुख्‍यालय पर जमा किया है? उसकी सूची पटवारी हल्‍केवार उपलब्‍ध करावें। क्‍या शासन उक्‍त पात्र कब्‍जे‍ धारियों को कृषि भूमि के पट्टे देने की कोई योजना बना रहा है? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) क्‍या संपूर्ण मध्‍यप्रदेश में हलवा जाति को आदिवासी घोषित किया गया है? अगर किया गया है तो प्रमाणित दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें और नहीं किया है तो हलवा जाति म.प्र. में कौन से जिले/तहसील में आदिवासी की पात्रता श्रेणी में आती है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) बुरहानपुर के विधानसभा क्षेत्र नेपानगर अंतर्गत अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के तहसील नेपानगर में 145 व खकनार तहसील में 16 कृषकों द्वारा शासकीय पड़त भूमि व आबादी की भूमि पर वर्ष 1990 के पूर्व से अतिक्रमण कर खेती की जा रही है। विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) अतिक्रमणकारियों में तहसील नेपानगर के 145 व तहसील खकनार के 16 किसान है। जिन्होंने अतिक्रमण के एवज में अर्थदंड तहसील मुख्यालय पर जमा किया हैजानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट – ब अनुसार। राजस्व विभाग के आदेश दिनांक मई 2001 से नर्मदा सागर,ओमकारेश्वर तथा महेश्वर परियोजनाओं के डूब क्षेत्र में आने से विस्थापित होने वाले व्यक्तिओं के पुनर्वास के लिए म. प्र. कृषि ज्योत उच्चतम सीमा अधिनियम 1960 के तहत अतिशेष घोषित भूमि तथा अन्य प्रकार से कृषि योग्य पड़ती भूमि का अन्य व्‍यक्तियों को आवंटन रोक दिये जाने से कृषि भूमि के पटटों का जिला बुरहानपुर में आवंटन नहीं हुआ। विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 4-1/2003/सात/2ए दिनांक 4.12. द्वारा चरनोई के लिए आरक्षित भूमि 2 प्रतिशत से कम होने की   स्थिति में नोईयत परिवर्तन कर किसी व्‍यक्तिकों कृषि प्रयोजन के लिये आवंटित नहीं करने के निर्देश है। उक्‍त कब्‍जाधारियों को भूमि पट्टे पर देने की कोई योजना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा मध्‍यप्रदेश राज्‍य के लिए जारी अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 17 पर हलबा, हलबी    (न कि हलवा) जनजाति को सम्‍पूर्ण म.प्र. के लिए अनुसूचित जनजाति अधिसूचित किया गया है। उपरोक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में पौधारोपण

[वन]

120. ( क्र. 1033 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2018 से 20.11.2022 तक कितने पौधे रोपे गए की जानकरी वर्षवार देवें? (ख) जिन स्‍थलों पर पौधारोपण किया गया उनके नाम, कक्ष क्रमांक रकबा नंबर, पौधों की संख्‍या सहित बतावें। इस पर व्‍यय राशि की जानकारी भी वर्षवार देवें। भुगतान राशि, भुगतान प्राप्‍तकर्ता नाम, भुगतान दिनांक सहित वर्षवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार जानकारी वर्ष 2014-15, 2015-162016-17 के हरियाली महोत्‍सव के संदर्भ में भी देवें। (घ) क्‍या कारण है कि एक ही भूखण्‍ड रकबा नंबर पर कई बार पौधारोपण किया गया? ऐसा करने वाले संबंधित अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि उन पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।               (घ) वन विभाग अंतर्गत एक ही कक्ष क्रमांक में विभाग की स्‍वीकृत कार्य आयोजना अनुसार ही कार्य कराये जाते हैं। साथ ही किसी एक भूखण्‍ड रकबा नंबर पर स्‍वीकृत प्रोजेक्‍ट के अनुसार पूर्व में रोपित किए गए पौधों में से कई पौधों के मृत हो जाने के कारण उसी भूखण्‍ड स्‍थल पर कैजुअल्‍टी रोपण के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्य किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सोयाबीन प्‍लांट में श्रम मानकों का उल्‍लंघन

[श्रम]

121. ( क्र. 1038 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन जिले के तराना में स्थित सोयाबीन प्‍लॉट में कितने श्रमिक कार्यरत हैं? साथ ही कुल कितना नियमित व अनियमित कर्मचारी स्‍टॉफ हैं? (ख) श्रमिक/कर्मचारी का नाम, पदनाम, पी.एफ. नम्‍बर सहित देवें। विगत एक वर्ष में इनके पी.एफ. में श्रमिक/कर्मचारी अंश, नियोक्‍ता अंश में कितना राशि जमा की गई हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ग) क्‍या कारण है कि इस उद्योग द्वारा शासन के निर्धारित दरों से कम दर पर श्रमिकों को भुगतान किया जा रहा है व उनका पी.एफ. भी जमा नहीं किया जा रहा हैं इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) इस ओर ध्‍यान न देने वाले संबंधित जिला अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) उज्‍जैन जिले के तराना में स्थित सोयाबीन प्‍लांट स्‍काईलार्क प्रोटीन प्रा.लि. में 51 श्रमिक/कर्मचारी कार्यरत है जो कि नियमित है। संस्‍थान में कोई अनियमित कर्मचारी नहीं है। (ख) संस्‍थान में कार्यरत कर्मचारी श्रमिकों के नाम, पदनाम एवं पी.एफ. नवम्‍बर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विगत एक वर्ष में पी.एफ. में कर्मचारी का अंशदान राशि रूपये 9,11,660/- एवं नियोक्‍ता का अंश राशि रूपये 9,52,385/- जमा है। (ग) इस उद्योग संस्‍थान द्वारा निर्धारित दरों से कम वेतन भुगतान होने की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। कर्मचारियों को बैंक खाते के माध्‍यम से वेतन का भुगतान किया जा रहा है जो निर्धारित दर से अधिक है। सभी श्रमिक/कर्मचारियों का पी.एफ. नियमानुसार नियमित रूप से जमा किया जा रहा है। (घ) प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यवाही अपेक्षित नहीं।

परिशिष्ट - "बीस"

राजस्‍व मंडल ग्‍वालियर के प्रकरण

[राजस्व]

122. ( क्र. 1039 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्‍व मण्‍डल ग्‍वालियर में दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड़ जिला उज्‍जैन के प्रकरण में उत्‍तर दिनांक तक कितनी तारीखें लगी? तारीख वार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्‍त तारीखों में कितनी बार सम्‍बंधित के वकील उपस्थित/अनु‍पस्थित रहे की जानकारी तारीखवार देवें। (ग) चूंकि यह प्रकरण लगभग 29 करोड़ रूपये की रिकवरी का है तो सम्‍बंधित व्‍यक्ति कलेक्‍टर, कमि‍श्‍नर उज्‍जैन ने अपना पक्ष हार चुका है तो इनसे सुनवाई के पूर्व कितनी अमानत राशि जमा करवाई है? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) कब तक उपरोक्‍त प्रकरण की सुनवाई पूर्ण कर निर्णय पारित कर दिया जायेगा? इस निर्णय में विलंब के उत्‍तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व मण्‍डल ग्‍वालियर में दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्‍जैन के प्रकरण में उत्‍तर दिनांक तक 07.09.2021, 02.11.2021, 02.02.2022, 03.03.2022, 06.04.2022, 06.05.2022, 01.06.2022, 05.07.2022, 26.09.2022, 12.10.2022 एवं 07.12.2022 इस प्रकार कुल 11 तारीखें लगी। (ख) उपरोक्‍त समस्‍त तारीखों पर अपीलार्थी के वकील उपस्थित रहे। (ग) संहिता में सुनवाई के पूर्व अमानत राशि जमा करवाने संबंधी प्रावधान नहीं होने के कारण प्रकरण में कोई अमानत राशि जमा नहीं करवायी गयी। (घ) प्रकरण में सम्‍यक सुनवाई उपरांत विधिसंगत आदेश पारित किया जाएगा। निर्णय हेतु कोई समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अनूपपुर एवं मण्‍डला जिले का पौधारोपण

[वन]

123. ( क्र. 1054 ) श्री सुनील सराफ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) अनूपपुर एवं मण्‍डला जिले में दिनांक 01.06.2018 से दिनांक 20.11.2022 तक कितने पौधे रोपे गये की, जानकारी जिलावार वर्षवार देवें। (ख) जिन स्‍थलों पर पौधारोपण किया गया उनके नाम, भूखण्‍ड रकबा नं. पौधों की संख्‍या सहित जिलावार देवें। (ग) उपरोक्‍त पौधारोपण पर कितनी राशि व्‍यय की गयी, की जानकारी कार्य नाम भुगतान प्राप्‍त कर्ता संस्‍था/व्‍यक्ति नाम, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक सहित वर्षवार देवें। (घ) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में हरियाली महोत्‍सव के तहत अनूपपुर एवं शहडोल जिलों में कितने पौधे रोपे गये की जानकारी जिलावार वर्षवार देवें। दिनांक 02 जुलाई, 2017 को इन जिलों में रोपित पौधों की संख्‍या भी जिलावार देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अनूपपुर एवं मण्‍डला जिले के अंतर्गत वन विभाग द्वारा रोपित पौधों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। अनूपपुर वनमंडल की संस्‍था/व्‍यक्ति को भुगतान किये जाने की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है।                   (घ) हरियाली महोत्‍सव से संबंधित वन विभाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 में है। दिनांक 02 जुलाई, 2017 को नर्मदा कछार के अंतर्गत अनूपपुर जिले में वन विभाग द्वारा 748631 पौधे रोपित किये गये। शहडोल जिले में वन विभाग द्वारा नर्मदा कछार के अंतर्गत दिनांक       02 जुलाई, 2017 को वृक्षारोपण नहीं किया गया।

हितग्राहियों की जानकारी

[श्रम]

124. ( क्र. 1066 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल योजनान्‍तर्गत अनुग्रह एवं विवाह सहायता अंतर्गत कुल कितने हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया? संख्‍या एवं भुगतान राशि की जानकारी बतलावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में संबल योजनान्‍तर्गत कितने नवीन हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है? उनमें से कितने हितग्राहियों को भुगतान किया जा चुका है? कितने हितग्राहियों को भुगतान किया जाना शेष है? हितग्राहियों का योजनानुसार भुगतान के लिए विलंब हेतु कौन उत्‍तरदायी एवं दोषी है? दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी तथा शेष हितग्राहियों को योजना का लाभ कब तक प्रदान कर दिया जावेगा? (ग) संबल योजनान्‍तर्गत वर्तमान में कितने नवीन पंजीयन लंबित हैं तो क्‍यों एवं कब तक उनका पंजीयन किया जावेगा? (घ) संबल योजनान्‍तर्गत वर्ष 2018 में जिन हितग्राहियों का पंजीयन हुआ था परंतु सत्‍यापन नहीं हो पाया था उनका नवीन पंजीयन पोर्टल पर नहीं हो रहा है। उनके सत्‍यापन कार्य की सुविधा पोर्टल पर कब से की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि सहायता एवं अनुग्रह भुगतान योजना अंतर्गत 73,668 हितग्राहियों को राशि रू. 6,22,78,73,392/- एवं विवाह सहायता योजना अंतर्गत 2,97,384 हितग्राहियों को राशि रू. 10,25,17,68,567/- का हितलाभ प्रदान किया गया। (ख) विदिशा जिले में संबल 2.0 योजनान्तर्गत 7431 नवीन हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है। पदाभिहित अधिकारियों से प्राप्त जानकारी अनुसार नवीन पंजीयन धारी हितग्राहियों से योजना अंतर्गत सहायता प्राप्‍त करने हेतु आवेदन प्राप्त नहीं हैं। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी निरंक है। (ग) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल 2.0) योजना अंतर्गत 11,25,002 आवेदन प्राप्‍त हैं। प्राप्‍त आवेदन में जांच उपरांत पंजीयन किया जाता है जांच पूर्ण 3,78,082 आवेदनों में पंजीयन जारी हो गया है जांच पूर्ण होते ही पंजीयन जारी किया जाना सतत् प्रक्रिया है। उक्‍त कार्यवाही निरंतरित है। (घ) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल 2.0) योजना अंतर्गत जिन हितग्राहियों का पंजीयन 2018 में हुआ था, किन्‍तु सत्‍यापन कार्यवाही नहीं हुई, ऐसे प्रकरणों हेतु सत्‍यापन पत्रक उपलब्‍ध है। सत्‍यापन कर पंजीयन वैध किया जाता है। नवीन पंजीयन की आवश्‍यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कनेरादेव सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

125. ( क्र. 1073 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र की एकमात्र कनेरादेव जलाशय सिंचाई परियोजना किस सन में पूर्ण हुई थी एवं इसके अंतर्गत कितने हेक्‍टेयर भूमि में सिंचाई किया जाना प्रस्‍तावित था एवं इस योजनांतर्गत कितनी नहरों का निर्माण किया जाना था? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक इस योजनांतर्गत कितने हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है? क्‍या कनेरादेव जलाशय निर्माण के पश्‍चात् आज दिनांक तक कभी पूर्ण रूप से भरा नहीं गया है? यदि हाँ तो इसका क्‍या कारण है तथा शासन स्‍तर पर इस हेतु अब तक क्‍या कार्यवाही गई है? (ग) क्‍या शासन कनेरादेव जलाशय पूर्ण न भरे जाने के संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण कराकर इसको पूर्ण भराव हेतु समूचित कार्यवाही करेगा, ताकि ये परियोजना अपने उद्देश्‍यों को पूर्ण कर सके तथा कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कनेरादेव जलाशय वर्ष 2013-14 में पूर्ण हुआ था जिसकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 110 हेक्‍टेयर थी। मात्र एक नहर 02.40 कि.मी. का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) कनेरादेव योजना से वर्षवार सिंचाई की  जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है तथा जलाशय में जल भराव की  जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। कम वर्षा एवं केचमेन्‍ट एरिया में आवासीय क्षेत्र विकसित हो जाने के कारण जलाशय की जल संग्रहण क्षमता प्रभावित हुई है। कनेरादेव जलाशय पूर्ण न भरे जाने के संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण हेतु भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, मध्‍य क्षेत्र एवं जल संसाधन विभाग जिला सागर के मध्‍य दिनांक 23.06.2022 को समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किया जाकर दिनांक 13.09.2022 को राशि रू.1,08,123 का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। वरिष्‍ठ भू-गर्भ शास्‍त्री, जी.एस.आई. द्वारा कनेरादेव जलाशय का प्रथम निरीक्षण किया जा चुका है। शीघ्र ही द्वितीय विस्‍तृत निरीक्षण के पश्‍चात उनके द्वारा उपचारात्‍मक सुझाव दिये जाने के उपरांत आगामी कार्यवाही संभव होगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

भू-अर्जन मुआवजा

[राजस्व]

126. ( क्र. 1074 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) शासकीय प्रयोजन/लोक प्रयोजन के लिए अर्जित की गई निजी भूमि का मुआवजा कितने दिन के भीतर दिये जाने का प्रावधान हैं? (ख) सागर जिला में अब तक कितने वर्षों में मुआवजा दिये जाने के प्रकरण लंबित हैं? वर्षवार योजना प्रयोजनवार अधिग्रहित भूमि की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या वर्षों से लंबित देय मुआवजा के प्रकरणों में मुआवजा राशि भू-अर्जित वर्ष के आधार पर दी जाती हैं अथवा भुगतान किये जा रहे वर्ष को आधार मानकर भुगतान किया जाता हैं? (घ) क्‍या शासन मुआवजा राशि का पुनर्निर्धारण कर चालू वर्ष की गाइड लाईन के आधार पर देगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 38 के तहत अर्जित भूमि का कब्‍जा लेने के पूर्व अधिनिर्णय की तारीख से प्रारंभ होने वाली तीन मास की अवधि के भीतर प्रतिकर के लिए और छह मास की अवधि के भीतर पुनर्वास और पुनर्व्‍यवस्‍थापन के धनीय भाग (Monetary part) के संदाय किये जाने का प्रावधान है। (ख) सागर जिले में मुआवजा राशि दिये जाने के लंबित प्रकरणों की वर्षवार एवं योजनावार अधिग्रहित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) भू-अर्जन अधिनियम2013 की धारा 26 (1) के परंतु अनुसार अर्जित भूमि के बाजार मूल्‍य की अवधारणा की तारीख वह तारीख होती है जिसको अधिनियम 2013 की धारा 11 के अधीन प्रारंभिक अधिसूचना जारी की गई है तथा अधिनियम 2013 की धारा 30 (3) के तहत अधिनियम 2013 की धारा 4 की उपधारा (2) के अधीन अधिसूचना के प्रकाशन दिनांक से कलेक्‍टर के निर्णय की तारीख तक या भूमि का कब्‍जा लेने की तारीख तक इसमें से जो भी पूर्वतर हो की अवधि के लिए बारह प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्‍याज राशि भी दी जाती है। (घ) जिले में भू-अर्जन अधिनियम 2013 के अन्‍तर्गत प्रचलित प्रकरण में मुआवजा राशि का निर्धारण उत्‍तरांश '''' अनुसार किया जाता है।

कैम्‍पा व लाभांश की राशि से किए गए कार्य

[वन]

127. ( क्र. 1077 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) विगत पांच वर्षों में लघु वनोपज संघ द्वारा तेंदूपत्‍ता के व्‍यापार से अर्जित शुद्ध लाभ की 15% राशि से ग्रामों की अधोसंरचना व मूलभूत सुविधाओं के विकास हेतु सतना जिले में वर्षवार कितनी राशि से कहां-कहां, क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये हैं? पूर्ण विवरण दें। (ख) वन मंडल सतना अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कैम्‍पा व अन्‍य मदों/योजनाओं से किन-किन स्‍थानों पर कितनी-कितनी लागत से किस योजना/मद में कब-कब वृक्षारोपण कार्य किया गया?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।        (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

उप तहसीलों के गठन संबंधी प्रावधान

[राजस्व]

128. ( क्र. 1078 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 13 में प्रदेश में उप तहसीलों के गठन एवं वहां पर नायब तहसीलदार सहित अन्‍य राजस्‍व अमले की पदस्‍थापना को लेकर कोई प्रावधान नहीं है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित धारा में संशोधन किये बिना उप तहसीलों का गठन व वहां पर राजस्‍व अमले की पदस्‍थापना किया जाना संभव नहीं हैं? यदि हां तो कब तक संशोधन कर उप तहसीलों का गठन सुनिश्चि‍त किया जायेगा? (ग) क्‍या दिनांक 26.09.2015 को प्रदेश के माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा सतना जिले के मैहर के ग्राम घुनवारा को उप तहसील बनाये जाने की घोषणा की गई थी, जिसके फलस्‍वरूप मैहर तहसील में तीन उप तहसीलों के गठन के लिये घुनवारा, बदेरा एवं नादन में उप तहसील भवन सहित राजस्‍व निरीक्षकों व पटवारियों के आवास भवन व कार्यालय बनाये गये थे, किन्‍तु इनमें नायब तहसीलदार कार्यालय अब तक आरंभ क्‍यों नहीं हो सके? (घ) माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय की उक्‍त घोषणा की पूर्ति व प्रदेश में अन्‍य घोषित स्‍थानों पर उप तहसील आरंभ किये जाने हेतु कब तक मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 13 में संशोधन किया जाकर घोषणाओं की पूर्ति की जावेगी? नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। (ख) विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-1-3/2015/सात/शा.7, दिनांक 26/1/2015 एवं पत्र क्रमांक 28/646/2017/सात/शा-7 दिनांक 13/01/2022 के तहत उप तहसीलों के गठन के निर्देश जिलाध्‍यक्षों को दिए गए है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, दिनांक 26.09.2015 को प्रदेश के माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा घुनवारा को उप तहसील बनाये जाने की घोषणा नहीं की गई थी। अपितु सतना जिले के मैहर में तीन उप तहसील नादन,बदेरा एवं अमदरा को बनाने की घोषणा की गई थी। तीनों उप तहसील कलेक्‍टर सतना के आदेश दिनांक 28.08.2015 के आधार पर प्रारंभ हो चुकी है। अमदरा एवं बदेरा में उप तहसील भवन बन चुके है। स्‍थाई वित्‍त समिति की बैठक दिनांक 14/10/2022 से सतना जिले की तहसील मैहर की उप तहसील नादन में उप तहसील भवन अनुशंसित है तथा तीनों स्‍थानों पर राजस्‍व निरीक्षक/पटवारी भवन भी बनाये गये हैं। उक्‍त तहसीलों में नायब तहसीलदार सप्‍ताह में एक-दो दिवस बैठने हेतु नियत है। (घ) उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित निर्देशों से उप तहसील गठन किया जा रहा है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता है।

खनिज रायल्‍टी के नियम, निर्देश

[खनिज साधन]

129. ( क्र. 1081 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सीधी एवं सिंगरौली जिले में प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र में संचालित खदानों से वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक संचालित खदान से प्राप्‍त रायल्‍टी की कितनी राशि प्राप्‍त हुई है एवं प्राप्‍त रायल्‍टी राशि के खर्च करने के क्‍या नियम एवं निर्देश है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्राप्‍त रायल्‍टी क्‍या संबंधित पंचायतों को दी गई है? अगर नहीं तो कब तक दी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जिला सीधी में रूपये 20,32,71,782/- एवं जिला सिंगरौली में रूपये 19,82,29,167/- प्रश्‍नांकित अवधि में रॉयल्‍टी के रूप में प्राप्‍त हुए हैं। उपरोक्‍त रॉयल्‍टी राशि राज्‍य शासन की संचित निधि में जमा होती है, जिसे राज्‍य शासन द्वारा आवश्‍यकतानुसार विकास कार्यों में खर्च किया जाता है। गौण खनिजों से प्राप्‍त रॉयल्‍टी के संवितरण के संबंध में अधिसूचित नियम मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 56 में प्रावधान हैं। (ख) गौण खनिजों से प्राप्‍त रॉयल्‍टी वित्‍त विभाग द्वारा बजट प्रावधान के अधीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्‍ध कराई जाती है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

समर्थन मूल्‍य पर धान खरीदी की मिलिंग

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

130. ( क्र. 1086 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्षों में समर्थन मूल्‍य पर कितनी धान खरीदी गयी एवं कितनी मिलिंग हुई? कितनी मिलिंग हेतु शेष है? मिलिंग हेतु शेष धार की वर्षवार, जिलेवार जानकारी दें। (ख) धान उपार्जन/ मिलिंग के संबंध में किस वर्ष तक का हिसाब केन्‍द्र शासन को प्रस्‍तुत कर दिया गया है एवं किन वर्षों का किन कारणों से लंबित है? वर्षवार जानकारी दें। (ग) क्‍या केन्‍द्र शासन को हिसाब प्रस्‍तुत न करने के कारण सहकारी संस्‍थाओं को प्रशासनिक/व्‍ययों का अंतिम भुगतान नहीं किया है? यदि हां तो कितने वर्षों का कितनी राशि का भुगतान समितियों को किया जाना शेष है? जिलेवार जानकारी दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित, मिलिंग एवं मिलिंग से शेष धान की वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। मिलिंग से शेष धान की वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 तक के लेखे भारत सरकार को प्रेषित किए जा चुके हैं। भारत सरकार के निर्देशानुसार उपार्जित स्‍कन्‍ध के संपूर्ण निराकरण उपरांत विपणन वर्षवार लेखे भारत सरकार को प्रेषित किए जाने की व्‍यवस्‍था है। इसी अनुक्रम में 2017-18 एवं 2018-19 के उपार्जन लेखे तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) भारत सरकार द्वारा विपणन वर्षवार जारी प्रावधानिक आर्थिक लागत के अनुसार उपार्जन समितियों/संस्‍थाओं द्वारा अंकेक्षित देयकों की प्रस्‍तुति पर निर्धारित प्रशासकीय/प्रासंगिक व्‍ययों का भुगतान किए जाने की प्रक्रिया है।

दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[जल संसाधन]

131. ( क्र. 1087 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के कारम बांध निर्माण के लिए टेण्‍डर कब जारी किया गया था तथा कार्यादेश किस निर्माण एजेंसी को कब दिया गया? स्‍वीकृत टेण्‍डर जिस कंपनी का था, उस कंपनी ने किस आधार पर कार्य सबलेट कर सारथी कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी को दिया गया, जबकि उक्‍त कंपनियों को ब्‍लैक लिस्‍ट थी? (ख) क्‍या उक्‍त बांध में घटिया निर्माण के कारण माह अगस्‍त 2022 में रिसाव होने से बांध का ड्रेनेज पानी निकाला गया जिससे बांध की 20 मीटर से अधिक की पाल टूट गई थी? (ग) यदि हां तो उक्‍त घटिया निर्माण के किन-किन दोषियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) उक्‍त बांध के कारण कितने आदिवासी परिवार प्रभावित हुए? सरकार की ओर से उन्‍हें क्‍या-क्‍या सहायता दी गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) धार जिले के कारम बांध निर्माण के लिए टेण्डर जारी करने की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"अ" (संलग्‍नक 1 से 7) अनुसार है। वर्तमान में विभाग में पृथक से कार्यादेश जारी नहीं किये जाते है अपितु अनुबंध करने की दिनांक ही कार्य प्रारंभ करने की तिथि मानी जाती है। मेसर्स ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्‍शन कंपनी, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 10.08.2018 को अनुबंध किया गया। अनुबंध की धारा 23.1, 23.2, 23.3 में निहित प्रावधान अनुसार 50 प्रतिशत कार्य सारथी कन्स्ट्रक्‍शन कंपनी को सबलेट किया गया था। कार्यपालन यंत्री द्वारा दिनांक 13.08.2020 को सबलेटिंग की अनुमति प्रदान की गई। तत्समय मेसर्स ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्‍शन लिमिटेड, नई दिल्ली एवं सारथी कन्स्ट्रक्‍शन कंपनी ब्लैक लिस्टेड नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) प्रथम दृष्ट्या निर्माणाधीन बांध में अपर्याप्त वाटरिंग एवं काम्पेशन परिलक्षित हुआ है। वर्षाकाल के दौरान बांध से रिसाव होने पर बांध की सुरक्षा एवं जनधन हानि को रोकने की दृष्टि से बांध कटाव नियंत्रण तकनीक द्वारा सुरक्षित एवं नियंत्रित तरीके से बायपास चैनल निर्मित कर जल निकासी की गई। निर्माणाधीन कारम बांध के निर्माण कार्य से संबंधित तत्कालीन मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं चार उपयंत्रियों को निलंबित कर आरोप पत्र जारी कर दिये गये हैं। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"ब" (संलग्‍नक 1 से 11) अनुसार है।

कारम बांध के विस्‍थापितों को मुआवजा दिया जाना

[राजस्व]

132. ( क्र. 1092 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) धार जिले में बनाये गये कारम बांध के निर्माण हेतु किस-किस ग्राम में कितने-कितने आदिवासियों/किसानों/रहवासियों की कितनी-कितनी भूमि का अधिग्रहण किया गया? नाम, पता एवं अधिग्रहित भूमि की जानकारी देवें। (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में जिनकी भूमि अधिग्रहित की गई है, उन्‍हें कितनी-कितनी राशि का मुआवजा किस-किस दर पर दिया गया एवं कितनों को अभी तक मुआवजा किन-किन कारणों से नहीं दिया जा सका है तथा कब तक दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले के अंतर्गत कारम बांध निर्माण अंतर्गत तहसील धरमपुरी के 06 ग्राम एवं तहसील पीथमपुर के 02 ग्राम की कुल 226 आदिवासियों की 86.294 हे. भूमि अर्जित की गई विवरण निम्नानुसार हैः-

क्र

तहसील का नाम

ग्राम नाम

प्रभावितों की संख्या

अर्जित भूमि हे.

1

पीथमपुर

जामन्दा

8

2.798

2

धरमपुरी

भैसाखो बुजुर्ग

50

19.93

3

धरमपुरी

कोठीदा

23

11.356

4

धरमपुरी

लालगढ

9

6.374

5

धरमपुरी

उतावली

107

34.602

6

पीथमपुर

सराय

7

3.178

7

धरमपुरी

भैसाखो खुर्द

19

5.792

8

धरमपुरी

चौकी

3

2.264

 

कुल योग

 

226

86.294

अधिग्रहित भूमि की ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट –'अनुसार। (ख) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित मुआवजा वितरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट –'अनुसार है। मुआवजे से शेष प्रभावित कृषकों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट –'' अनुसार है।

कारम बांध फूटने से उत्‍पन्‍न स्थिति

[जल संसाधन]

133. ( क्र. 1093 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की कारम नदी पर ग्राम-कोठीदा भारूड़पुरा पर निर्माणाधीन कारम बांध के लिए कब-कब निविदा आमंत्रित की गई एवं किस फर्म/एजेंसी की कितनी राशि की निविदा स्‍वीकृत कर किन-किन शर्तों पर कब कार्यादेश जारी किये गये? फर्म का नाम, पता एवं पंजीयन क्रमांक सहित जानकारी दें। (ख) क्या उक्‍त परियोजना के निर्माण कार्य हेतु केन्‍द्रीय वॉटर बोर्ड की स्‍वीकृति के अनुसार डिजाइन/ड्राइंग बनाकर तद्नुसार निर्माण कार्य कराया गया? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या उक्‍त बांध के ठेकेदार/निविदाकार द्वारा उक्‍त कार्य को पेटी कान्‍ट्रेक्‍ट पर (सारथी कंस्ट्रक्शन) को सबलेट किया गया? (घ) क्‍या उपरोक्‍त कार्य का ठेका जिस कंपनी को दिया गया वह वर्ष 2016-17 में ब्‍लैक लिस्‍टेड हो चुकी है एवं इस ब्‍लैक लिस्‍टेड कंपनी द्वारा जिस कंपनी को पेटी कान्‍ट्रेक्‍ट पर कार्य सबलेट किया गया वह भी वर्ष 2018 में ब्‍लैक लिस्‍टेड हो चुकी है? यदि हां तो ब्‍लैक लिस्‍टेड कंपनियों को कार्य दिये जाने के क्‍या कारण हैं? (ड.) क्‍या उक्‍त बांध पर ठेकेदार द्वारा कारम बांध की पाल में पत्‍थरों का उपयोग, पेड़ व उनकी जड़ों का नियम विरूद्ध उपयोग कर घटिया स्‍तर की मिट्टी डालकर कॉम्‍पेक्‍शन हेतु वायब्रेटर कॉम्‍पेक्‍टर (दांते ग्रुप) नहीं चलाये जाने से माह अगस्‍त 2022 में बांध फूट गया जिससे एक और शासन को करोड़ों रूपये की क्षति हुई वही आदिवासियों व अन्‍य परिवारों के मकान एवं खेतों की मिट्टी तक बह जाने से उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो गई है? यदि नहीं तो बांध फूटने/रिसाव का कारण स्‍पष्‍ट करें। (च) उक्‍त बांध से प्रभावितों को शासन की ओर से क्‍या-क्‍या सहायता दी गई ग्रामवार सूची दें? (छ) निर्माण एजेंसी एवं दोषी विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या उक्‍त निर्माण एजेंसी जिसे ब्‍लैक लिस्‍टेड किया गया था उसके विरूद्ध कार्यवाही करने की बजाय उसे फिर से बांध की मरम्‍मत का कार्य किस आधार पर दिया गया? स्‍पष्‍ट करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के               प्रपत्र-"अ" (संलग्‍नक 1 से 7) अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग के आदेश दिनांक 05.10.18 द्वारा विभागीय कार्य नियमावली में किये गये संशोधन के अनुसार वृहद एवं मध्यम परियोजनाओं के तकनीकी क्लीयरेन्स के लिए केन्द्रीय जल आयोग के स्थान पर बोधी जल संसाधन विभाग भोपाल को अधिकृत किया गया है। आदेश पुस्‍तकालय में रखे "परिशिष्‍ट-1" अनुसार है। अतः बोधी द्वारा तकनीकी क्लीयरेन्स एवं मुख्य अभियंता, नर्मदा-ताप्ती कछार द्वारा स्वीकृत डिजाईन ड्राईंग के आधार पर कारम बांध निर्माणाधीन है। (ग) जी हॉ, बांध के ठेकेदार मेसर्स ए.एन.एस कंस्ट्रक्शन, नई दिल्ली द्वारा अनुबंध की धारा 23.1, 23.2 एवं 23.3 में निहित प्रावधानों के अनुसार मेसर्स सारथी कंस्ट्रक्शन कम्पनी को 50 प्रतिशत कार्य सबलेट किया गया। (घ) जी नहीं, बांध के ठेकेदार मेसर्स ए.एन.एस. कंस्ट्रक्शन, नई दिल्ली को पूर्व में जल संसाधन विभाग द्वारा ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया था। अपितु कम्पनी का दिनांक 29.07.2013 को पंजीयन निलंबित कर दिनांक 26.12.2013 को पंजीयन बहाल किया गया एवं पुनः मेसर्स ए.एन.एस. कंस्ट्रक्शन, नई दिल्ली का दिनांक 19.05.2014 को पंजीयन निलंबित कर दिनांक 30.09.2014 को पंजीयन पुनः बहाल किया गया। इसी प्रकार सबलेट कम्पनी मेसर्स सारथी कंस्ट्रक्शन का पंजीयन दिनांक 26.08.2019 को निलंबित कर दिनांक 28.05.2020 को बहाल किया गया। कार्य आवंटन एवं सबलेट करने के दिनांक पर उक्त कम्पनियां ब्लैकलिस्टेड नहीं थी। (ड.) जी नहीं, बांध निर्माण में पत्थरों, पेड़ एवं उनकी जड़ों का उपयोग नहीं हुआ है अपितु मिट्टी का उपयोग किया गया है। हालांकि निर्माणाधीन बांध में अपर्याप्त वाटरिंग एवं काम्पेशन परिलक्षित होने से वर्षाकाल के दौरान बांध से रिसाव होने पर बांध की सुरक्षा एवं जनधन हानि को रोकने की दृष्टि से बांध कटाव नियंत्रण तकनीक द्वारा सुरक्षित एवं नियंत्रित तरीके से जल निकासी की गई। बांध से सुरक्षित जल निकासी से शासन को कोई वित्तीय हानि नहीं हुई, क्योंकि अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार बांध के पुनर्निर्माण का कार्य ठेकेदार को स्वयं के व्यय पर पुनः करना होगा। जी नहीं, आदिवासियों व अन्य परिवारों के मकान, खेतों की मिट्टी बह जाने पर रोजी रोटी की समस्या जैसी कोई स्थिति नहीं है। हालांकि जल निकासी के दौरान प्रभावित परिवारों को हुई आंशिक क्षति का राजस्व विभाग द्वारा आंकलन कर रू.15,85,698 की क्षति पूर्ति राशि दी जाना प्रतिवेदित है। (च) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"ब" (संलग्‍नक 1 से 11) अनुसार है। (छ) बांध निर्माण कार्य से संबंधित एजेंसियों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है एवं अधिकारियों को निलंबित कर आरोप पत्र जारी कर दिये गये हैं। ब्लैक लिस्टेड निर्माण एजेंसियों को सुसंगत आदेश पुस्‍तकालय में रखे "परिशिष्‍ट-2" अनुसार निहित प्रतिबंध लागू रहेंगे। अनुबंध में निहित शर्तों के अनुसार मूल ठेकेदार क्षतिग्रस्त भाग का पुनर्निर्माण स्वयं के व्यय पर करने के लिए बाध्य है, इसलिए यह कार्य मूल ठेकेदार मेसर्स ए.एन.एस.कंस्ट्रक्शन नई दिल्ली द्वारा किया जावेगा। पृथक से ठेकेदार को यह कार्य मरम्मत हेतु आवंटित नहीं किया गया है।

समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ एवं धान खरीदी की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

134. ( क्र. 1102 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 को समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ/धान खरीदी हेतु बैंकों से एवं भारत सरकार से कितनी साख सीमा स्‍वीकृत है तथा इसके विरूद्ध कितनी राशि बैंकों से ली गई तथा 31.10.2022 पर कितनी राशि शेष है? बैंकवार/जिंसवार जानकारी दें। (ख) शेष साख सीमा के विरूद्ध बैंक को गेहूँ एवं धान के स्‍टॉक कव्‍हरेज का विवरण उपलब्‍ध कराये गये एवं अंतिम स्‍टॉक कव्‍हरेज के अनुसार कितना स्‍टॉक शेष था? जिंसवार जानकारी दें। (ग) अंतिम स्‍टॉक कव्‍हरेज पत्रक के विरूद्ध वास्‍तविक शेष स्‍टॉक क्‍या था जिंसवार/जिलेवार जानकारी दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूं, धान, ज्‍वार एवं बाजरा के भुगतान हेतु रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में स्‍वीकृत खाद्यान्‍न साख सीमा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। प्रदेश में खाद्यान्‍न साख सीमा का संचालन स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया के माध्‍यम से होता है। दिनांक 31.10.2022 की स्थिति में खाद्यान्‍न साख सीमा खातों की आउट स्‍टेंडिंग राशि की जानकारी एजेंसीवार एवं उपार्जन मौसम अनुसार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ख) दिनांक 31.10.2022 की स्थिति में उपलब्‍ध अंतिम स्‍टॉक एवं स्‍टॉक की राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टस अनुसार है, जिसके अनुसार आउट स्‍टेंडिंग राशि उपलब्‍ध स्‍कन्‍ध मूल्‍य राशि से कवर्ड है। (ग) जिलेवार शेष स्‍टॉक की जिलेवार/जिंसवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टद अनुसार है।

कारम डेम निर्माण में अनियमितता

[जल संसाधन]

135. ( क्र. 1103 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले में निर्माणाधीन कारम डेम की बनाई गई घटिया मिट्टी की पाल में माह अगस्‍त 2022 में रिसाव होने से बांध के टूटने का खतरा उत्‍पन्‍न हो गया था एवं बांध तोड़कर पानी निकासी की गई जिससे 20 मीटर से भी अधिक की बांध की पाल बह गई थी? (ख) यदि हां तो क्‍या उक्‍त बांध की निर्माण एजेंसी को तत्‍समय ब्‍लैक लिस्‍ट किया गया था एवं 8 इंजीनियरों को निलंबित किया था? (ग) यदि हां तो क्‍या राज्‍य सरकार ने उक्‍त ब्‍लैक लिस्‍टेड कंपनी सारथी कंस्‍ट्रक्‍शन को पुन: कारम बांध निर्माण/मरम्‍मत का कार्य दे दिया है जबकि उक्‍त सारथी कंपनी द्वारा पूर्व में टीकमगढ़ जिले 41 करोड़ रूपये की लागत से बनाई गई हरपुरा नहर पहली टेस्टिंग में ही टूट गई, जिससे हजारों किसानों की फसलें बर्बाद हो गई? (घ) यदि हां तो पूर्व में ब्‍लैक लिस्‍ट की गई कंपनी को पुन: कारम डेम की मरम्‍मत का कार्य दिये जाने के क्‍या कारण है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि धार जिले में निर्माणाधीन कारम बांध से माह अगस्त 2022 में रिसाव होने पर बांध की सुरक्षा एवं जनधन हानि को रोकने की दृष्टि से बांध कटाव नियंत्रण तकनीक द्वारा बायपास चैनल बनाकर नियंत्रित एवं सुरक्षित तरीके से जल निकासी की गई। प्रथम दृष्ट्या बांध निर्माण में अपर्याप्त वाटरिंग एवं कम्पेक्शन परिलक्षित हुआ है। (ख) जी हां, निर्माण एजेंसी मेसर्स ए.एन.एस. कंस्ट्रक्शन कंपनी एवं सबलेट एजेन्सी मेसर्स सारथी कन्स्ट्रक्शन को ब्लैक लिस्टेड किया गया है। बांध निर्माण कार्य से संबंधित तत्कालीन मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं चार उपयंत्रियों को निलंबित कर आरोप पत्र जारी किए गए हैं। (ग) एवं (घ) जी नहीं। ब्लैक लिस्टेड निर्माण एजेंसियों को सुसंगत आदेश संलग्न परिशिष्‍ट में निहित प्रतिबंध लागू है। अनुबंध में निहित शर्तों के अनुसार मूल ठेकेदार क्षतिग्रस्त भाग का पुनर्निर्माण स्वयं के व्यय पर करने के लिए बाध्य है, इसलिए यह कार्य मूल ठेकेदार मेसर्स ए.एन.एस.कंस्ट्रक्शन नई दिल्ली द्वारा किया जावेगा। पृथक से यह कार्य मरम्मत हेतु सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी को नहीं दिया गया है। सारथी कंस्ट्रक्शन एजेंसी द्वारा टीकमगढ़ जिले की हरपुरा नहर का कार्य नहीं किया जाना प्रतिवेदित है।
परिशिष्ट - "बाईस"

भूमि का आवंटन

[राजस्व]

136. ( क्र. 1116 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या टीकमगढ़ जिले के नगर जतारा में दिगम्‍बर जैन समिति जतारा द्वारा चैरीटेबिल संस्‍था हेतु खसरा नं.1682 में 0.174 हेक्‍टर भूमि मांग की जा रही है? यदि हां तो कब से? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बतायें कि उपरोक्‍त समिति द्वारा क्‍या शपथ पत्र देकर यह लिखा जा रहा है कि हम बाजार मूल्‍य की सौ फीसदी राशि जमा करने को तैयार है? (ग) क्‍या म.प्र. शासन कृषि विभाग के पत्र क्रमांक 1983/2519/03/142 दिनांक 27.08.2003 में कलेक्‍टर जिला टीकमगढ़ को उक्‍त भूमि हस्‍तान्‍तरण करने की कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था एवं कमिश्‍नर सागर संभाग के पत्र क्र.912/एक/(1)/2008 दिनांक 11.09.2008 में उपरोक्‍त समिति की भूमि आवंटित करने की क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? जिला प्रशासन द्वारा कृषि विभाग से राजस्‍व विभाग में उपरोक्‍त भूमि आवंटित करने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न क्र.6130, दिनांक 22 मार्च 2021 उपरोक्‍त भूमि को आवंटित करने किया गया था? अगर प्रश्‍न का उत्‍तर हां तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई है? उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि कब तब तक दिगम्‍बर जैन समिति जतारा को चैरीटेविल संस्‍था हेतु खसरा नं. 1682 में मांगी गई भूमि बाजार मूल्‍य पर सौ फीसदी राशि जमा करवाकर दे दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। उक्त भूमि समिति के नाम आवंटन हेतु समिति अध्यक्ष श्री पवन जैन द्वारा दिनांक 03/06/2021 को ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, जिला प्रशासन द्वारा प्रश्‍नगत भूमि आवंटन हेतु प्रस्ताव जिला नजूल निवर्तन समिति टीकमगढ़ की बैठक दिनांक 28/11/2022 में रखा जाकर प्रकरण अनुसंशा सहित संभागीय नजूल निर्वर्तन समिति (कमिश्नर सागर संभाग सागर) की ओर अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। आयुक्‍त सागर संभाग सागर के अनुसार प्रकरण म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 में विहित प्रक्रिया अनुसार संभागीय नजूल निर्वर्तन समिति की बैठक में रखा जाकर समिति के निर्णय अनुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी। (घ) जी हाँ, प्रश्‍नगत भूमि आवंटन का प्रस्ताव संभागीय नजूल निवर्तन समिति (कमिश्नर सागर संभाग सागर) की ओर अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परियोजनाओं की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

137. ( क्र. 1117 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की ऐसी कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं हैं जिनके माध्‍यम से किसानों के खेतों में पानी दिया जा रहा है? ऐसी परियोजनाओं के नाम, प्रशासनिक स्‍वीकृति की दिनांक, स्‍वीकृत राशि प्रश्‍न दिनांक तक व्‍यय राशि तथा प्रश्‍न दिनांक तक सिंचित किया जा रहा रकबा की जानकारी देवें। ऐसी कौन-कौन सी लंबित योजनाएं हैं जिनका प्रश्‍न दिनांक तक कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है? कारण सहित सम्‍पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न 65 क्र. 1011, दिनांक 10 मार्च 2022 लंबित परियोजनाओं को पूर्ण कराने का प्रश्‍न किया गया था? प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? स्‍पष्‍ट एवं संपूर्ण जानकारी देते हुये बतायें कि लंबित परियोजनाएं प्रश्‍नकर्ता के विधनसभा क्षेत्र जतारा जिला टीकमगढ़ की कौन-कौन सी हैं जिनके डी.पी.आर. जिले से बनकर के शासन स्‍तर पर लंबित हैं? इनकी प्रशासनिक स्‍वीकृति जारी की जावेगी तो कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित एवं राशि‍ सहित बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर लंबित योजनाओं में हरपुरा सिंचाई परियोजना जामनी नदी से दिगौड़ा एवं बम्‍हौरी बराना के तालाबों में नहर द्वारा पानी भेजने हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी करने विभाग से जिला प्रशासन द्वारा डी.पी.आर. भेजा गया है? निश्‍चित समय-सीमा सहित बतायें कि कब तक उपरोक्‍त कार्य की पुन: प्रशासनिक स्‍वीकृति जारी कर दी जावेगी एवं कार्य प्रारंभ हो जावेगा? (घ) क्‍या जतारा नगर के मदन सागर तालाब में पानी भेजने हेतु विभाग में प्रश्‍न दिनांक तक कोई योजना बनाई है? अगर हां तो कब-कब और कितनी राशि की? क्‍या उपरोक्‍त तालाब में शाहपुर के पदमासागर तालाब की नहर द्वारा मुहारा होते हुये वैरवार अरेनेनाला से या बानसुजारा बांध की नहर से उपरोक्‍त तालाब भरने विभाग योजना बनायेगा तो कब तक?         (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जिले से डी.पी.आर. बना कर भेजी गई सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति शासन कब तक प्रशासनिक स्‍वीकृति जारी करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) निर्मित परियोजना की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार तथा निर्माणाधीन परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ख) माननीय सदस्‍य द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्‍न क्रं. 1011 दिनांक 10 मार्च, 2022 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। प्रश्‍नांश में चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"स" अनुसार है। परेवा बांध एवं टांनगा घाट वियर की डी.पी.आर. शासन को प्राप्‍त होने पर प्रशासकीय स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। स्‍वीकृति के लिए निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) हरपुरा वियर के अप स्‍ट्रीम में जामनी नदी पर उत्‍तर प्रदेश द्वारा भोराट बांध निर्मित कर लेने से हरपुरा नहर में पानी की उपलब्‍धता फेस-1 के 10 तालाबों को भरने की रह गई है। अतिरिक्‍त तालाबों को भरने हेतु पानी की उपलब्‍धता नहीं होने के कारण हरपुरा फेस-2 का कार्य कराना तकनीकी रूप से औचित्‍यपूर्ण नहीं है। (घ) जतारा नगर के मदन सागर तालाब में पानी भेजने हेतु तथा शाहपुर के पदमासागर तालाब की नहर मुहारा होते हुये वैरवार अरेने नाला से अथवा बानसुजारा बांध की नहर से तालाब भरने हेतु कोई योजना प्रस्तावित नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) शासन स्‍तर पर कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं होने से स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है।

प्रदेश में धान एवं गेहूँ की खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

138. ( क्र. 1279 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या प्रदेश में गेहूँ धान की खरीदी का समय पर ऑडिट न होने और उसका पूरा हिसाब न दिये जाने के कारण केन्द्र से भुगतान रुका हुआ है? (ख) यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितना भुगतान रूका हुआ है? (ग) क्या खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम में गेहूँ एवं धान खरीदी के लिए बैंकों से कर्ज लिया है? (घ) यदि हां तो केन्द्र द्वारा रोके गए भुगतान की राशि पर खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम की प्रतिदिन कितनी राशि ब्याज के लिए देना पड़ रही है? जानकारी उपलब्ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा नियत प्रक्रियानुसार प्रत्‍येक उपार्जन वर्ष के उपार्जित स्‍कन्‍ध के पूर्ण निस्‍तारण उपरांत ऑडिट पत्रक भेजे जाने की व्‍यवस्‍था है। रबी एवं खरीफ विपणन वर्ष में उपार्जित गेहूं एवं धान के वर्ष 2016-17 तक के लेखे भारत सरकार को प्रेषित किए जा चुके हैं एवं भारत सरकार द्वारा रबी विपणन वर्ष 2013-14 एवं खरीफ विपणन वर्ष 2010-11 तक के लेखों का ही अंतिमीकरण किया गया है। रबी एवं खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के अंतिम लेखों के सृजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रदेश में समर्थन मूल्‍य पर वृहद मात्रा में खाद्यान्‍न का उपार्जन होने के कारण आगामी वर्ष के स्‍कन्‍ध का अभी पूर्ण निराकरण होना प्रक्रियाधीन है। (ख) वर्तमान में भारत सरकार को प्रेषित अनुदान दावों की कुल राशि रूपये 7,953.75 करोड़ एवं वर्ष 2016-17 तक के भारत सरकार को प्रेषित अंतिम अं‍केक्षित लेखों की दावा राशि रू. 6,385.59 करोड़ इस प्रकार कुल राशि रू. 14339.34 करोड़ के दावे भारत सरकार के स्‍तर पर भुगतान हेतु प्रक्रियाधीन हैं। (ग) जी हां। (घ) मध्‍यप्रदेश शासन की शासकीय प्रत्‍याभूति पर विभिन्‍न बैंकों से ई-निविदा से प्राप्‍त की गई। वित्‍तीय व्‍यवस्‍था में दिनांक 30.11.2022 की स्थिति में औसत वार्षिक ब्‍याज दर 6.85 प्रतिशत प्रभावी रही है। प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित राशि पर लगभग राशि रू. 2.69 करोड़ प्रतिदिन का बैंक ब्‍याज होता है।

राशि का भुगतान न किये जाने संबंधी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

139. ( क्र. 1364 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) म.प्र. के जिला-भिण्ड, तहसील-गोहद के अन्तर्गत आने वाले प्राथमिक कृषि शाख सहकारी संस्था मर्यादित, जमदारा (मौ) का वर्ष 2019-20 का चना, मसूर सरसों का प्रासंगिक व्यय, कमीशन व स्टिचिंग के व्यय का भुगतान म.प्र. नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड भिण्ड द्वारा आज दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है? (ख) भुगतान कब तक किया जाएगा? (ग) ऐसे भुगतान संबंधी प्रश्‍न पूर्व में आयोजित किए गए विधानसभा सत्रों में भी निम्न संस्थाओं के लिए कई बार उठाए गए हैं, परन्तु आज दिनांक तक कोई निराकरण नहीं किया गया है, क्यों? (अ) पाली (डिरमन) शाखा गोहद, जिला भिण्ड, म.प्र.       (ब) सिरसौदा शाखा गोहद, जिला भिण्ड, म.प्र. (स) गोहद शाखा गोहद, जिला भिण्ड, म.प्र.।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) भिण्‍ड जिले की कृषि साख सहकारी संस्‍था मर्यादित जमदारा (मौ) द्वारा वर्ष 2019-20 में उपार्जित चना, मसूर एवं सरसों पर देय प्रासंगिक मद में राशि रूपये 8 प्रति क्विंटल के मान से भुगतान किया गया है। संस्‍था स्‍तर पर संचालित उपार्जन केन्‍द्रों को 0.85 प्रतिशत एवं गोदाम स्‍तरीय उपार्जन केन्‍द्र पर कार्यरत संस्‍था को 0.425 प्रतिशत कमीशन का भुगतान किया गया है। इसके अतिरिक्‍त गोदाम स्‍तरीय उपार्जन केन्‍द्रों पर हेण्‍डलिंग चार्ज के रूप में राशि रू 10 प्रति क्विंटल के मान से भुगतान किया गया है। (ख) कमीशन, प्रासंगिक एवं हेण्‍डलिंग व्‍यय का भुगतान किया गया है। (ग) भिण्‍ड जिले की पाली, सिरसौदा एवं गोहद उपार्जन केन्‍द्रों को निर्धारित दर से कमीशन, प्रासंगिक व्‍यय का भुगतान पूर्व में किया जा चुका है। केवल कमीशन मद में राशि रूपये 0.15 प्रतिशत का भुगतान नेफेड से प्राप्‍त न होने के कारण समितियों को नहीं किया जा सका है।

राशन दुकानों से खाद्यान्‍न का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

140. ( क्र. 1557 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भंडारगृहों से खाद्यान्‍न प्रदाय के पूर्व खाद्यान्‍न गुणवत्ता की जांच/परीक्षण की क्या प्रक्रिया हैं और जांच/परीक्षण किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा किस प्रकार किए जाने के नियम/निर्देश हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) कटनी जिले में विगत 02 वर्षों में किन-किन भंडारगृह के स्टेकों का चयन किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया? क्या प्रतिवेदन कब दिये गए? खाद्यान्‍न की निकासी कब-कब की गयी और किस-किस भंडारग्रह से किस-किस उचित मूल्य दुकान में खाद्यान्‍न कब-कब पहुंचा? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) क्या उचित मूल्य दुकानों हेतु प्रदाय खाद्यान्‍न को गुणवत्ता जांच/परीक्षण की नियमानुसार कार्यवाही कर वितरण हेतु भेजा गया? यदि हाँ,तो कैसे जबकि नागरिकों द्वारा गुणवत्ता विहीन खाद्यान्‍न वितरण की शिकायतें की जाती हैं? यदि नहीं तो क्या कार्यवाही प्रश्‍नाधीन अवधि में की गयी? बताइयें, (घ) क्या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक–1453 दिनांक-22/12/2021 के प्रश्‍नांश (ग) का उत्तर-जब नान एफएक्यू राशन प्रदाय होने की जानकारी प्राप्त होती हैं, तो उसको उसी स्तर पर वितरण के पूर्व ही वापस कर एफएक्यू गुणवत्ता का राशन प्रदाय कर वितरण कराया जाता हैं,” था? (ङ) प्रश्‍नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में जब गुणवत्ता की जांच कर खाद्यान्‍न क्रय किया जाता हैं, भंडारित किया जाता हैं,तो नान एफएक्यू खाद्यान्‍न किस प्रकार भंडारित हुआ और जब शासकीय सेवकों द्वारा स्टेक का चयन किया,तो नान एफएक्यू वितरण हेतु कैसे पहुँचा? स्पष्ट कीजिये। क्या इसका विभाग/शासन द्वारा संज्ञान लिया जाकर कार्यवाही की जाएंगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 


 

 


भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


पट्टों का नवीनीकरण तथा निरस्‍तीकरण

[राजस्व]

1. ( क्र. 15 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि शासन/विभाग की जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत अनेक शासकीय राजस्‍व भूमि नजूल भूमि है? (ख) यदि हां तो शासन/विभाग अंतर्गत देश की आजादी के पूर्व एवं आजादी के पश्‍चात उपरोक्‍तानुसार शासकीय भूमियों का संधारण शासकीय पंजियों में लिपिबद्ध है साथ ही तात्‍कालिक ट्रेस, नक्‍शा, सीमांकन इत्‍यादि भी उपलब्‍ध है? (ग) यदि हां तो नवाबी स्‍टेट के समय एवं उसके बाद उपरोक्‍त उल्‍लेखित प्रश्‍नांश (क) के क्षेत्रों के अंतर्गत किन-किन भू‍मियों को लीज पर दिये जाकर कार्य किये गये अथवा किये जा रहे है? (घ) जावरा नगर स्थित शहर मध्‍य रेलवे फाटक के दोनों ओर की कौन-कौन सी भूमियां लीज पर तात्‍कालिक समय में दी गई थी उनकी वर्तमान में क्‍या स्थिति है तथा इसी क्षेत्र में घुड़दौड़ मार्ग की स्थिति क्‍या है? लीज पट्टों एवं नजूल पट्टों के नवीनीकरण एवं निरस्‍तीकरण की जानकारी प्रदान करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी नहीं।                                                           (ग) विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जावरा नगर स्थित मध्य रेल्वे फाटक के दोनों ओर कौन-कौन सी भूमियां तत्कालीन समय पर लीज पर दी गई थी, इसका कोई तत्कालीन दस्तावेज रिकार्ड उपलब्ध नहीं होने से बताया जाना संभव नहीं है। घुड़दौड़ मार्ग की भूमि अधिकांश खुली है, कुछ भाग पर अतिक्रमण है, नजूल भूमि की लीज पर कुल 11 पट्टे है, जिसमें से एक पट्टे की भूमि पर ओवर ब्रिज निर्माण में अधिग्रहित की गई है। 01 पट्टे से संबंधित प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में विचाराधीन है। अन्य 04 पट्टे समयावधि में है एवं शेष 05 पट्टों का नवीनीकरण नहीं हुआ है।

परिशिष्ट - "तेईस"

विभागीय कार्यों एवं कार्य योजना की जानकारी

[जल संसाधन]

2. ( क्र. 16 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्‍या यह सही है कि शासन/विभाग द्वारा केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित विभिन्‍न योजनाओं के माध्‍यम से नवीन डेम, सिंचाई परियोजना के साथ ही उनके रखरखाव, मरम्‍मत हेतु अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हां तो पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अन्‍तर्गत शासन/विभाग द्वारा वर्ष                                    2019-20 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन कार्यों को स्‍वीकृति दी? (ग) उपरोक्‍त उल्‍लेखित वर्षों में नवीन डेम, सिंचाई परियोजना के साथ ही रखरखाव, मरम्‍मत पर किन-किन स्‍थानों पर क्‍या-क्‍या कार्य किये गये, कार्यों हेतु कितना बजट स्‍वीकृत होकर कितना व्‍यय हुआ? (घ) निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं के साथ ही पर्यवेक्षित साध्‍य परियोजना कौन-कौन सी होकर उन्‍हें कब स्‍वीकृति दी जा सकेगी तथा विभिन्‍न क्षेत्रीय डेमों के मरम्‍मत रखरखाव हेतु किन-किन स्‍थानों पर किस प्रकार के कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत हुई, कितना व्‍यय हुआ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) निर्माणाधीन एवं पर्यवेक्षित साध्‍य परियोजनाओं की  जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। विभिन्‍न क्षेत्रीय डेमों के मरम्‍मत एवं रखरखाव पर स्‍वीकृत एवं व्‍यय राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के  प्रपत्र-'''' पर है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

स्‍वीकृत नक्शे के आधार पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही

[राजस्व]

3. ( क्र. 31 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 470 दिनांक 10 मार्च 2022 में पूछे गये प्रश्‍नों के उत्‍तर में अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत कराया जायेगा? तत्‍कालीन सरपंच द्वारा बिना विभागीय स्‍वीकृति के, बिना स्‍वीकृत नक्‍शे के अपात्र लोगों को आवासीय पट्टे प्रदान करने हेतु जांच में दोषी पाये गये हैं? (ख) अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 571 दिनांक 27.07.2022 के संबंध में स्‍वीकृत नक्‍शे के आधार पर जांच दल द्वारा दिनांक 03.09.2022 को पंचनामा बनाया गया था, पंचनामों के आधार पर अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा? मा.मुख्‍यमंत्री मैनिट में आये अभ्‍यावेदन के बिन्‍दु क्रमांक 01 से 05 तक की, जांच की गई अथवा नहीं? यदि जांच की गई है तो स्‍पष्‍ट करें। (ग) नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्‍वीकृत नक्‍शे की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करने पर स्‍वीकृत नक्‍शा (1984-85) के द्वारा सीमांकन कर अतिक्रमण हटाया जायेगा या राजस्‍व नक्‍शा 1984-85 के द्वारा ही सीमांकन किया जायेगा? स्‍वीकृत नक्‍शा (1984-85) राजस्‍व नक्‍शा 1984-85 के द्वारा ही अनुमोदित होने पर स्‍वीकृत किया गया था, उक्‍त नक्शे के आधार पर सीमांकन तथा अन्‍य कार्यवाही की जायेगी? स्‍पष्‍ट करें। (घ) यदि हां तो कब तक नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 470 (में प्रदत्‍त उत्‍तर) के सबंध में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सारंगपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 41/ बी-121/2022-23 दिनांक 18.07.2022 दर्ज कर जांच की गई। तदनुसार तत्कालीन सरपंच द्वारा अपात्र लोगों को आवासीय पट्टे प्रदान किये गये थे चूंकि तत्‍समय यह क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र था किन्‍तु वर्तमान में शहरी क्षेत्र है। (ख) अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 571 में तारतम्य में जांच दल द्वारा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित तलेनी सारंगपुर के ले आउट की जांच, जांच दल द्वारा दिनांक 03.09.2022 को स्थल पर की गई थी। जांच में पाया गया कि वर्ष 1999 में जारी किये गये आवासीय पट्टे क्रमांक 04 एवं 05 असत्य आधारों पर जारी किये गये है एवं विधिसम्‍मत नहीं पाये गये है। उक्त पट्टों पर वर्तमान नगरीय निकाय द्वारा प्रधानमंत्री आवास स्‍वीकृत किया गया जो जांचोपरांत अतिक्रमण की श्रेणी में है। अतिक्रमण हटाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर द्वारा मुख्य नगर पालिका सारंगपुर को पत्र क्रमांक 2144/प्रवाचक/2022 दिनांक 23.09.2022 को जारी किया गया जिसके अनुसार मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी सारंगपुर द्वारा संबंधित व्‍यक्तियों को दिनांक 24.10.2022 को अंतिम सूचना पत्र जारी किया गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्‍यम से प्राप्‍त अभ्यावेदन के बिन्दु क्रमांक 01 से 05 तक उत्‍तरांश '''' में उल्लेखित जांच प्रकरण में सम्मिलित किये हैं। (ग) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित नगर व ग्राम निवेश का वर्ष 1984-85 का ''स्‍वीकृत नक्‍शा'' सक्षम अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत नहीं होने से, सीमांकन एवं अन्‍य कार्यवाही राजस्‍व नक्‍शे के आधार पर की जाना प्रावधानित है। (घ) उत्‍तरांश '''' अनुसार।

कार्यमुक्‍त करने तथा विभागीय जांच की जानकारी

[राजस्व]

4. ( क्र. 33 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) राजस्‍व निरीक्षक श्री कन्‍हैयालाल चौहान, सारंगपुर जिला राजगढ़ का आदेश क्रमांक 04 ग्‍वालियर दिनांक 05.10.2022 को प्रशासकीय आधार पर श्‍योपुर स्‍थानान्‍तरण किया गया था तथा कलेक्‍टर राजगढ़ द्वारा कब कार्यमुक्‍त किया गया? (ख) श्री चौहान द्वारा शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्यादित, तलेनी सारंगपुर, जिला राजगढ़ द्वारा सीमांकन दिनांक 24.02.2022 को करने के पश्‍चात् भ्रष्‍टाचार तथा सांठ-गांठ के द्वारा पुन: दिनांक 29.03.2022 को करने का क्‍या औचित्‍य था स्‍पष्‍ट करें। बनाये गये दोनों पंचनामा तथा जांच रिपोर्ट में अन्‍तर होने पर तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर जांच की जायेगी? (ग) कालोनी का नगर तथा ग्राम निवेश, भोपाल का स्‍वीकृत नक्शे के आधार पर कालोनी के प्लाट की रजिस्‍ट्री की गई थी उक्‍त स्‍वीकृत कालोनी का नक्‍शा राजस्‍व नक्‍शा 1984-85 के आधार पर बनाकर स्‍वीकृत किया था फिर सीमांकन राजस्‍व नक्‍शा 1984-85 से नहीं करने पर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जायेगी तथा नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल द्वारा स्‍वीकृत नक्‍शा 1984-85 का अनुमोदित नक्‍शा अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व को प्रदान करने पर उसी के आधार पर सीमांकन कर अतिक्रमण हटाया जायेगा? (घ) यदि हां तो कब तक नहीं तो क्‍यों नहीं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। उक्‍त स्‍थानांतरण के विरूद्ध                                     श्री कन्‍हैयालाल चौहान द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ इंदौर में याचिका क्रमांक 23854/ 2022 दायर की जिसमें पारित निर्णय दिनांक 18/10/2022 द्वारा श्री कन्‍हैयालाल चौहान के स्‍थानांतरण से संबंधित अभ्‍यावेदन का निराकरण होने तक वर्तमान कार्यस्‍थल जिला राजगढ़ में कार्य करते रहेंगे। (ख) आवेदिका सुनीता शर्मा के द्वारा शिकायती आवेदन दिनांक 04.02.2022 व दिनांक 07.02.2022 मुख्य नगरपालिका अधिकारी तहसीलदार सारंगपुर को प्रस्तुत शिकायती आवेदन की जाँच हेतु दिनांक 24.02.2022 को गृह निर्माण समिति, पड़ोसी पक्षों को सूचना पश्‍चात नगर पालिका राजस्व दल द्वारा आवेदन की जांच की गई थी उक्त दिनांक को कोई सीमांकन कार्यवाही मौके पर संपादित नहीं की गई है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारंगपुर के आवेदन व ग्राम तलेनी के ग्रामवासियों द्वारा प्रस्तुत सीमांकन आवेदन दिनांक 25.02.2022 का निराकरण हेतु न्यायालय तहसील सारंगपुर के आदेश क्रमांक 474 दिनांक 15.03.2022 के पालन में विधिवत सूचना पत्र जारी किये एवं सभी सरहदी प्रभावित पक्षों को सूचना उपरान्त राजस्व दल व नगरपालिका कर्मचारियों के साथ दिनांक 29.03.2022 को सीमांकन आवेदन का निराकरण किया। वस्तुतः सीमांकन कार्यवाही 24.02.2022 को नहीं की जाकर दिनाक 29.03.2022 को ही की गई है। पंचनामा दिनांक 24.02.2022 में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि आवास भूमि का ले आउट प्रस्तुत नहीं किया गया है एवं द्वितीय पंचनामा में सीमांकन आवेदन का निराकरण कर चतुर्थ सीमा पर निशान लगवाये गये जबकि यह गृह निर्माण समिति अपने अप्रमाणित ले आउट अनुसार सीमांकन करवाना चाहती है जो नियमानुसार नहीं होने से नहीं किया जा सकता है का उल्लेख किया गया है। अतः भ्रष्‍टाचार व सांठ-गांठ कर पुन: सीमाकंन किये जाने का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ग) नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा प्रदाय एवं गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित तलेन द्वारा प्रस्तुत नक्शे की जाँच की कार्यवाही की जा चुकी है। राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन प्रचलित राजस्व नक्शे के आधार पर ही किया जाता है। पूर्व नक्शे के आधार पर यदि वर्तमान नक्शे में कोई त्रुटि पाई जाती है तो वर्तमान प्रचलित नक्शे में सुधार किया जा सकता है। । अतः वर्ष                               1984-85 के नक्शे के आधार पर सीमांकन की कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है। जहां तक अतिक्रमण हटाने के संबंध में नगर पालिका सारंगपुर को पत्र क्रमांक 2144/प्रवाचक 2022 दिनांक 23.09.2022 को जारी कर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर के प्रकरण क्रमांक 41/बी-121/2022-23 अनुसार निराकरण किया जा चुका है। जाँच उपरान्त संबंधित को जारी आवासीय पट्टे असत्य आधारों पर जारी होने से खारिज किये जा चुके है एवं पश्चावर्ती अतिक्रमण हटाने व प्रधानमंत्री आवास की राशि की वसूली करने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारंगपुर को पत्र जारी किया जा चुका है।

आपराधिक प्रकरणों में समय-सीमा में कार्यवाही न करना

[वन]

5. ( क्र. 64 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के उद्योग स्‍थापना/विस्‍तार हेतु वन भूमि के आवंटन हेतु किन संस्‍थानों के प्रस्‍ताव लंबित है? किन प्रस्‍तावों के लिए नियमानुसार क्षतिपूर्ति वैकल्पिक भूमि कहां-कहां प्रस्‍तावित है? इस हेतु उपयुक्‍ता प्रमाण पत्र किन-किन अधिकारियों द्वारा जारी की गई है? (ख) सतना जिले के अंतर्गत वर्ष 2021-22 और 2022-23 में वन्‍य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कितने प्रकरण दर्ज किये गए है और इन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? इस अधिनियम के तहत कितने प्रकरणों पर विवेचना कितने दिनों से किस स्‍तर पर लंबित है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार आपराधिक प्रकरणों में समय-सीमा में कार्यवाही न करने के लिए उत्‍तरदायी अधिकारियों के प्रति शासन कब तक क्‍या कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क‍) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है।                                        (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ग) कार्यवाही समय-सीमा में सम्‍पादित किये जाने के कारण किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

6. ( क्र. 106 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) ग्राम खेला गांव, तहसील नलखेड़ा जिला आगर मालवा में स्थित पंचायत भवन के आसपास कितनी शासकीय भूमि पर असामाजिक तत्वों द्वारा अतिक्रमण किया गया है? क्या ऐसे अतिक्रमणकारियों द्वारा पंचायत भवन के पास शासकीय भूमि पर भवन निर्माण कराया गया है? यदि हां तो किसने? पंचायत/राजस्व विभाग द्वारा रोका क्यों नहीं गया? क्या ऐसे अवैध निर्माण को शासन तत्काल हटाने की कार्यवाही करेगा? (ख) क्‍या शासन शासकीय गोचर भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्‍या हनुमान मंदिर से रिंडोली ग्राम सड़क जोड़ तक किये गये अतिक्रमण को शासन द्वारा हटाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हां तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम खेलागांव में स्थित पंचायत भवन भूमि सर्वे क्रमांक 273 मद ग्रामीण आवास योजना का कुल रकबा 1.02 हे. में से 0.20 हे. पर ग्रामीणजन द्वारा कृषि भूमि के रुप में अतिक्रमण किया गया है। (ख) शासकीय भूमि पर भवन बनाकर अतिक्रमण नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित भूमि पर वर्तमान में अतिक्रमण नहीं है।

टाईगर रिजर्व अंतर्गत किसानों को हुआ नुकसान

[वन]

7. ( क्र. 119 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 57 हटा जिला दमोह अंतर्गत विकासखण्‍ड हटा व पटेरा में कितने ग्राम टाईगर रिजर्व आते हैं। ग्रामों के नाम बताने का कष्‍ट करें। टाईगर रिजर्व में आने वाले ग्रामों में क्‍या-क्‍या कार्य प्रतिबंधित रहते है। सरकार के आदेशों की छायाप्रति उपलब्‍ध कराये। (ख) टाईगर रिजर्व में आने वाले ग्रामों में जानवरों द्वारा फसल नुकसान, जन नुकसान या अन्‍य नुकसान करने पर भरपाई हेतु क्‍या प्रावधान है, क्‍योंकि क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत ऐसे कई प्रकरण आते है। निराकरण हेतु शासन की क्‍या रूपरेखा है।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पन्ना टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र मड़ियादों बफर का सम्पूर्ण भाग विकासखंड हटा अंतर्गत है। विकासखण्‍ड पटेरा अंतर्गत कोई क्षेत्र नहीं है। विकासखंड हटा अंतर्गत कुल 09 ग्राम पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में है, जो निम्नानुसार है :- 1. घोघरा                           2. कारीवरा 3. जुनेरी 4. मजरा 5. कलकुला 6. बनौली 7. मदनपुरा 8. बछामा 9. उदयपुरा। इन ग्रामों के ईको सेंसेटिव जोन के अधीन रहते हुये, भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के वन्य जीव प्रभाग की गाईडलाईन क्र. F-No. 1-9/2007 WL-I (pt), दिनांक 09 फरवरी 2011 के अनुसार कार्य प्रतिबंधित है गाईडलान की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। (ख) वन्‍यप्राणियों द्वारा जनहानि/फसल हानि/जन घायल/पशु हानि आदि नुकसान की भरपाई हेतु क्षतिपूर्ति राशि देने का प्रावधान है, विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। प्रकरण निराकरण की रूपरेखा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 में है।

 

 

 

तेन्‍दूपत्‍ता संग्रहण की राशि से स्‍वीकृत कार्य

[वन]

8. ( क्र. 125 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) जिला दमोह अंतर्गत 2021, 2022, 2023 में तेंदूपत्‍ता की 20 प्रतिशत शुद्ध आय से कितने कार्य स्‍वीकृत हुये नाम, पता, राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करायी जावें। (ख) तेंदूपत्‍ता की शुद्ध 20 प्रतिशत आय से स्‍वीकृत कार्यों की स्थिति क्‍या है? पूर्ण/अपूर्ण जानकारी देवें वर्तमान वर्ष 2022-23 में जिला दमोह में कितनी राशि बजट के रूप में उपलब्‍ध है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत कार्यों की स्थिति एवं पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी उत्तरांश '' के संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में जिला यूनियन दमोह के पास अधोसंरचना विकास मद में नये कार्यों की स्वीकृति हेतु रूपये 2,36,142/- उपलब्ध है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

मछली उत्‍पादन में वृद्धि

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

9. ( क्र. 147 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गत 3 वर्षों में मछली उत्‍पादन में वृद्धि हुई है? यदि हां तो वर्षवार तुलनात्‍मक आंकड़े देवें? (ख) यदि वृद्धि नहीं हुई है तो कारण बतावें? (ग) क्‍या शासन द्वारा मछली उत्‍पादन वृद्धि हेतु मछुआ पालन समितियों को सुविधायें दी गई हैं? यदि हां तो क्‍या सुविधायें दी गई हैं? (घ) प्रश्‍न दिनांक तक कितने तालाबों में मछली पालन हो रहा है? तालाबों की सूची देवें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हां। क्र. वित्‍तीय वर्ष मत्‍स्‍योत्‍पादन मे. टन में।

क्र.

वित्‍तीय वर्ष

मत्‍स्‍योत्‍पादन मे. टन में

1

2019-20

3340.00

2

2020-21

4538.197

3

2021-22

5381.00

(ख) जानकारी निरंक। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा मछली उत्‍पादन हेतु मछली पालन समितियों को विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजना, मछुआ क्रेडिट कार्ड योजना, शि‍क्षण प्रशि‍क्षण योजना एवं शासकीय दर समिति‍यों की मांग अनुसार उत्‍तम गुणवत्‍ता का मत्‍स्‍य बीज उपलब्‍ध कराया गया है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

10. ( क्र. 170 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) रायसेन जिले में नक्शे सुधार कार्य, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्‍यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने, बही में नाम सुधरवाने, बंटवारा, नामान्‍तरण, सीमाकंन एवं डायवर्सन, फौती नामान्‍तरण, नक्‍शा विहिन ग्रामों में नक्‍शा उपलब्‍ध करवाने के कितने प्रकरण लंबित है तथा उक्‍त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?                            (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित समस्‍याओं के निराकरण हेतु माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्‍या कब तक निराकरण होगा।                               (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों के जवाब कब-कब दिये तथा किन-किन पत्रों का जवाब क्‍यों नहीं दिया? कारण बताये तथा कब तक जवाब देंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रायसेन जिले में नक्‍शा सुधार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति वर्ग के व्यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने, बही में नाम सुधरवाने, बंटवारा, नामांतरण, सीमांकन एवं डायवर्सन, फौती नामान्तरण, नक्‍शा विहीन ग्रामों में नक्‍शा उपलब्‍ध करवाने के लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार। उक्त प्रकरण विभिन्‍न राजस्‍व न्‍यायालयों में न्‍यायाधीन होने से विधिक प्रावधानों के अनुसार निहित प्रक्रिया तथा पक्षकारों को प्राकृतिक न्‍याय के सिद्धांत के अनुरूप सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए संबंधित न्‍यायालय द्वारा निर्णित किया जाना प्रावधानित है जिनके निर्धारण की समय-सीमा तय किये जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित समस्याओं के निराकरण हेतु 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय विधायक के प्राप्त पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट -2 अनुसार। (ग) उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित पत्रों में वर्णित समस्याओं के निराकरण हेतु विभिन्‍न संबंधित राजस्‍व न्‍यायालयों में प्रकरण न्‍यायाधीन है। शेष जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार।

पत्रों पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

11. ( क्र. 175 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें। (ख) माननीय मंत्री जी के निर्देशानुसार उनके विशेष सहायक द्वारा प्रमुख अभियंता संसाधन विभाग को कार्यवाही हेतु अनेक पत्र भेजे प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग द्वारा उक्‍त पत्रों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें? (ग) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्‍या कब तक निराकरण होगा?                               (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों के जवाब कब-कब दिये तथा किन-किन पत्रों का जवाब क्‍यों नहीं दिया कारण बताये तथा कब तक जवाब देंगे?

 

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) 01 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के 77 पत्र भिन्‍न-भिन्‍न तिथियों में प्राप्‍त होना प्रतिवेदित है। प्राप्‍त पत्रों में की गई कार्यवाही पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) मान. मंत्रीजी के निर्देशानुसार उनके विशेष सहायक द्वारा प्रमुख अभियंता को कार्यवाही हेतु 46 पत्र प्राप्‍त होना प्रतिवेदित है। प्राप्‍त पत्रों में की गई कार्यवाही  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नकर्ता के पत्रों में उल्‍लेखित समस्‍याएं जिनका निराकरण नहीं हुआ वह पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' के कॉलम-7 में है। अनिराकृत समस्‍याओं का निराकरण संभागीय स्‍तर पर परीक्षणाधीन होना तथा परीक्षणोंपरांत निराकरण किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) प्रश्‍नकर्ता के पत्रों के जवाब देने संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' में है। जिन पत्रों में जवाब नहीं दिए जा सके है उन पर कार्यवाही परीक्षणाधीन है। परीक्षणोंपरांत पत्रों में उल्‍लेखित विषयों की वस्‍तुस्थिति से अवगत कराया जाना प्रतिवेदित है।

जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में एकत्रित राशि

[खनिज साधन]

12. ( क्र. 176 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में जिला खनिज प्रतिष्ठान में वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-222022-23 में कितनी राशि शासन द्वारा एकत्रित की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में एकत्रित की गई राशि से किन-किन निर्माण कार्यों, विकास कार्यों व अन्य कार्यों के लिये राशि आवंटित कर स्वीकृति प्रदान की गई है? छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभावार वर्षवार स्वीकृत किये गये निर्माण कार्यों की स्वीकृति आदेश पत्र सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में स्वीकृत किये गये निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभावार निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में वेस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड पेंच एवं कन्हान क्षेत्र ने कितनी रॉयल्टी की राशि दी है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ)  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स पर है।

खराब हुई फसलों का सर्वे एवं मुआवजा राशि

[राजस्व]

13. ( क्र. 177 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अन्तर्गत इस वर्ष अतिवर्षा होने के कारण किसानों की मक्का, सोयाबीन तथा अन्य किस्म की फसलें पूर्णतः खराब हुई हैं जिसके कारण उन्हें अत्यधिक आर्थिक नुकसान हुआ है जिले की प्रत्येक तहसीलवार अनुसार किन-किन हल्कों में अतिवर्षा से खराब हुई किसानों की कौन-कौन सी फसलों का सर्वे विभाग द्वारा कराया गया है? छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक तहसीलवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार अतिवर्षा से खराब हुई फसलों का कितना मुआवजा शासन द्वारा बनाकर कितने प्रभावित किसानों को प्रदान किया गया है? छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक तहसीलवार किसानों की संख्‍या, फसल का प्रकार, मुआवजा राशि सहित पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) अतिवर्षा से प्रभावित किसानों को अगर मुआवजे की राशि शासन द्वारा प्रदान नहीं की गई है तो उसका क्या कारण है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। छिंदवाड़ा जिले में इस वर्ष अतिवर्षा होने के कारण किसानों की मक्का, सोयाबीन, कपास, तुअर एवं सागभाजी की फसलों को क्षति हुई है। फसल क्षति का सर्वे राजस्‍व विभाग, पंचायत विभाग, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के संयुक्‍त सर्वे दल द्वारा कराया गया है। तहसीलवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में छिन्‍दवाड़ा जिले में अतिवर्षा से खराब हुई फसलों की आर्थिक सहायता राशि 2,13,31,689/- रूपये 3319 प्रभावित कृषकों को प्रदान की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) जिले में अतिवर्षा से समस्‍त प्रभावित कृषकों को राहत राशि का वितरण किया जा चुका है। अत: प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही

[राजस्व]

14. ( क्र. 230 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) जिला आगर मालवा में नलखेड़ा तहसील के अंतर्गत ग्राम खेला में स्थित पंचायत भवन के आसपास कितनी शासकीय भूमि पर असामाजिक तत्वों ने अतिक्रमण किया है?                                                                                                                               (ख) अतिक्रमणकारियों द्वारा पंचायत भवन के आसपास कितनी शासकीय भूमि पर अवैध रूप से भवन निर्माण करते हुए कब्जा किया है? पंचायत विभाग ने राजस्व विभाग की सहायता लेकर अतिक्रमण रोकने की कार्यवाही क्यों नहीं की? क्या इस प्रश्‍न के उपरांत अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही शासन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या हनुमान मंदिर से रिडोली ग्राम सड़क जोड़ तक एवं शासकीय गोचर भूमि पर किए गए अतिक्रमण पर क्या शासकीय भूमि को मुक्त कराने की कार्यवाही शासन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) उपरोक्त सभी प्रश्‍नांशों में संलिप्त अतिक्रमणकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम खेलागांव में स्थित पंचायत भवन भूमि सर्वे क्रमांक 273 मद ग्रामीण आवास योजना का कुल रकबा 1.02 हे. में से 0.20 हे. पर ग्रामीणजन द्वारा कृषि भूमि के रुप में अतिक्रमण किया गया है। (ख) शासकीय भूमि पर भवन बनाकर अतिक्रमण नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश '''' में उल्लेखित भूमि पर वर्तमान में अतिक्रमण नहीं है। (घ) अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही न्‍यायाधीन है।

 

एरियर्स का भुगतान

[राजस्व]

15. ( क्र. 243 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) क्या यह सत्य है कि शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय रीवा से सेवानिवृत्त सीनियर बाईण्‍डर                                                श्री रामकिंकर मिश्रा का स्वीकृत समयमान वेतनमान एरियर्स भुगतान विभाग स्तर पर लंबित है? यदि हाँ तो क्या कारण है कि 12 वर्ष व्यतीत होने के उपरांत भी अभी तक एरियर्स भुगतान नहीं हो सका? (ख) क्या यह सत्य है कि समयमान वेतनमान के संबंध में प्रस्तुत अभ्यावेदन क्रमांक 1362 में विभाग द्वारा अपनी टीप दिनांक 06.12.2021 में समयमान वेतनमान दिनांक 01.04.2006 से स्वीकृत किये जाने की जानकारी दी गई है? यदि हाँ तो कब तक श्री रामकिंकर मिश्रा के लंबित एरियर का भुगतान किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) श्री रामकिंकर मिश्रा बाईण्‍डर, शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय, रीवा को शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री म.प्र.भोपाल के आदेश क्रमांक 2051-2052, दिनांक 02.12.2021 द्वारा दिनांक 01.04.2006 से समयमान वेतनमान स्‍वीकृत किया गया है। चूंकि श्री रामकिंकर मिश्रा बाईण्‍डर, दिनांक 31.07.2010 को सेवानिव़ृत्‍त हो चुके है। अत: लंबित एरियर के भुगतान एवं वेतन निर्धारण हेतु संयुक्‍त संचालक कोष एवं लेखा भोपाल को वेतन निर्धारण अनुमोदन हेतु प्रकरण प्रेषित किया गया है। (ख) जी हां। श्री रामकिंकर मिश्रा के लंबित एरियर के भुगतान हेतु प्रकरण संयुक्‍त संचालक कोष एवं लेखा, भोपाल को वेतन निर्धारण अनुमोदन हेतु सेवापुस्तिका प्रेषित की गई है।

भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराना

[राजस्व]

16. ( क्र. 245 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) क्या यह सत्य है कि ग्राम बरौली तहसील जवा जिला रीवा निवासी श्री बब्बू जायसवाल आत्मज श्री हरीश प्रसाद जायसवाल के द्वारा जिला कलेक्टर को दिये गए आवेदन के परिपालन में बेदखली आदेश जारी किया गया था? यदि हाँ तो क्या कारण है कि अभी तक उक्त आदेश का पालन तहसीलदार जवा द्वारा नहीं किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में प्रकरण क्रमांक 0025/अ-70/2020-21 के परिपालन में भूमि का अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? कृपया समय-सीमा बताने का कष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। आवेदक श्री बब्बु प्रसाद जायसवाल पिता श्री हरीश जायसवाल द्वारा बरौली ठकुरान स्थित आराजी नं.334/1रकवा980ए. के अंशभाग 60x60 वर्गफीट से अनावेदक श्री बृजेश राजेश सुरेश,रमेश, दिनेश कुमार मिश्र पिता श्री रामलखन मिश्र स. बरौली ठकुरान तहसील जवा का बेजा कब्जा हटाने संबंधी आवेदन पर कलेक्टर महोदय रीवा के पत्र क्रमांक 336/प्रवाकले./2020 रीवा दिनांक10/12/2020 के द्वारा अनाधिकृत कब्जे से मुक्त कराने की कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिया गया जिसके क्रम में राजस्‍व न्यायालय तहसीलदार तहसील जवा के न्‍यायालय में (प्रकरण क्रमांक0025/अ-70/2021पंजीबद्ध कर) प्रकरण न्‍यायाधीन है। आवेदित आराजी के संबंध में माननीय न्यायालय अपर जिला न्यायाधीश त्यौंथर जिला रीवा के सिविल अपील 73/2017 निर्णय दिनांक 08/05/2019 बृजेश कुमार बगैरह बनाम श्री बब्बू प्रसाद जायसवाल बगैरह द्वारा न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग1 त्यौंथर के व्यवहारवाद क्रमांक 200021ए/11निर्णय दिनांक 18/08/2017-निरस्त किया गया है। जिस आदेश के विरूद्ध आवेदक श्री बब्बू प्रसाद जायसवाल द्वारा माननीय उच्च न्यायलय जबलपुर में अपील SA1964/2019 दायर की गई है जो न्‍यायाधीन है। (ख) प्रकरण विभिन्‍न न्‍यायालयों में न्‍यायाधीन होने से निराकरण की समय-सीमा निर्धारण में कठिनाई है।

संबल योजना के तहत मृतक सहायता

[श्रम]

17. ( क्र. 248 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत जवा अंतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना (संबल) के तहत कुल कितने हितग्राहियों को मृतक सहायता प्राप्त हुई है? (ख) क्या कारण है कि जनपद पंचायत जवा के अधीन ग्राम पंचायत देवखर निवासी मृतक सुखीचन्द्र यादव (संबल कार्ड पंजीयन क्र. 112054603) के परिजनों को अभी तक संबल योजना के तहत मृतक सहायता राशि प्राप्त नहीं हो सकी है?                                     (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में कब तक मृतक सुखीचन्द्र यादव के परिजन को मृतक सहायता राशि प्राप्त हो सकेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जनपद पंचायत जवा अन्तर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना (संबल) के तहत कुल 254 हितग्राहियों को मृत्यु उपरान्त सहायता राशि प्रदान की गई है। (ख) संबल योजना 2018 के तहत मृतक सुखीचन्द्र यादव का संबल योजना में पंजीयन था किन्तु श्रमिक की मृत्यु दिनांक 15.06.2019 को हो जाने के कारण भौतिक सत्यापन नहीं हो सका। वर्तमान में मुख्य मंत्री जन कल्याण संबल योजना 2.0 के तहत अनुविभागीय अधिकारी (रा.) के समक्ष अपील की गई है, जो विचाराधीन है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (रा.) के द्वारा अपील में पात्र/अपात्र संबंधी निर्णय अनुसार परिजनों को भुगतान संबंधी कार्यवाही की जावेगी।

वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण

[वन]

18. ( क्र. 261 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) जिला अशोकनगर के अंतर्गत सवरेंज ईसागढ़, गणेशपुरा व्‍लॉक वीट अगरई में सैकड़ों बीघा भूमि पर जिला शिवपुरी के ढोंगा, रिजोदा, भैसरवास, के व्‍यक्तियों द्वारा वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया है क्‍या उपरोक्‍त जानकारी वन विभाग के संज्ञान में है यदि वन विभाग को जानकारी है तो वन विभाग द्वारा अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) यदि अतिक्रमण संबंधी जानकारी सच है तो अतिक्रमण हटाने वन विभाग की क्‍या योजना है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमंडल अशोकनगर के अंतर्गत अगरई नामक कोई बीट नहीं है, अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

पी.डी.एस. के अंतर्गत मिलने वाली गेहूं पर अस्‍थायी रोक

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

19. ( क्र. 382 ) श्री तरूण भनोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों में पी.डी.एस. के माध्‍यम से मिलने वाले गेहूं पर अस्‍थायी रूप से रोक लगा दी गई है और उसके स्‍थान पर हितग्राहियों को केवल चावल का वितरण किया जा रहा है? (ख) यदि हां तो तत्‍संबंधी कारण क्‍या है? (ग) क्‍या यह सही है कि सरकार द्वारा गत वर्ष गेहूं की सरकारी खरीदी निर्धारित लक्ष्‍य से कम की गई थी? क्‍या यह भी बताएंगे कि अपेक्षाकृत प्रदेश में गेहूं की मांग और वर्तमान स्थिति में उपलब्‍ध गेहूं भण्‍डारण की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) यदि हां तो प्रदेश में गेहूं की मांग और पी.डी.एस. के लाभार्थियों को गेहूं वितरण को सुनिश्चित करने, बाहर से खरीदी पर विचार कर रही है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत जिला अनूपपुर, बालाघाट, डिंडौरी, मण्‍डला, शहडोल एवं उमरिया तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत जिला अनूपपुर, बालाघाट, डिंडौरी, मण्‍डला, शहडोल, उमरिया, बैतूल, भोपाल, छिन्‍दवाड़ा, जबलपुर, कटनी, नर्मदापुरम्, नरसिंहपुर, पन्‍ना, रायसेन, रीवा, सतना, सिवनी, सीधी एवं सिंगरौली जिलों में चावल तथा शेष जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चावल के साथ-साथ गेहूं का वितरण भी कराया जा रहा है। (ख) भारत शासन द्वारा राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत प्रदेश को आवंटित खाद्यान्‍न मात्रा अनुसार पात्र परिवारों को गेहूं एवं चावल का वितरण कराया जा रहा है। (ग) समर्थन मूल्‍य पर गेहूं उपार्जन का लक्ष्‍य निर्धारित नहीं किया जाता है अपितु उपार्जन की व्‍यवस्‍था हेतु रबी विपणन वर्ष 2022-23 में 129 लाख मे.टन उपार्जन की तैयारी की गई थी किन्‍तु, अंतर्राष्‍ट्रीय परिस्थितियों के कारण समर्थन मूल्‍य से गेहूं का बाजार मूल्‍य अधिक होने एवं गेहूं का निर्यात खुला रहने के कारण प्रदेश में 46.06 लाख मे.टन गेहू उपार्जित हुआ है। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्तमान आवंटन अनुसार लगभग 12.95 लाख मे.टन गेहूं की वार्षिक आवश्‍यकता होगी तथा वर्तमान में प्रदेश में 90 लाख मे.टन गेहूं भंडारित है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नईगढ़ी बहुती माइको एरीगेशन परियोजना

[जल संसाधन]

20. ( क्र. 405 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नईगढ़ी बहुती माइको एरीगेशन परियोजना से कितने ग्राम सिंचाई से लाभान्वित होंगे? कितनी राशि की शासन द्वारा स्‍वीकृति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में माइको एरीगेशन नईगढ़ी का कार्य किस एजेन्‍सी द्वारा कराया जा रहा है? कितना कार्य हुआ है? कितना शेष है? इसकी समय-सीमा कार्य करने की कब तक है? एजेन्‍सी का नाम व समय-सीमा बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में पाइप की गुणवत्‍ता क्‍या है? कौन सी पाइप एग्रीमेन्‍ट में दर्ज है? जो पाइप डालने का कार्य हो रहा है वह गुणवत्‍ताविहीन है, लोकल बनी हुई पाइप डाली जा रही है, इसकी जांच कमेटी बनाकर कराई जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) नईगढ़ी बहुती माइक्रो इरिगेशन परियोजना से 576 ग्राम सिंचाई से लाभान्वित होंगे। परियोजना को शासन द्वारा राशि रूपये 856.04 करोड़ की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना का कार्य मेसर्स जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमि. नोयडा उ.प्र. द्वारा कराया जा रहा है। परियोजना का कार्य 71 प्रतिशत पूर्ण एवं 29 प्रतिशत शेष होना प्रतिवेदित है। कार्य पूर्ण कराने की समय-सीमा सितम्‍बर 2023 निर्धारित है। (ग) परियोजना में उपयोग किए जा रहे पाइप की गुणवत्‍ता अनुबंध में निहित प्रावधानानुसार है अनुबंध में एम.एस. पाइप, डी.आई. पाइप एवं एच.डी.पी.ई. पाइप का प्रावधान है। परियोजना में गुणवत्‍ताहीन पाइप का उपयोग नहीं किया जा रहा है अपितु उपयोग किए जा रहे पाइप की गुणवत्‍ता अनुमोदित क्‍वालिटी इंश्योरेंश प्‍लान निर्धारित मापदण्‍डानुसार है तथा पाइप की गुणवत्‍ता का परीक्षण अनुमोदित क्‍वालिटी इंश्योरेंश प्‍लान के अनुसार समय-समय पर कराया जाता है। स्‍थानीय रूप से निर्मित पाइप का उपयोग नहीं किया जा रहा है। अत: कमेटी बनाकर जांच कराए जाने की स्थिति नहीं है।

खरीदी केन्‍द्र एवं समिति प्रबंधन की जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

21. ( क्र. 406 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) जिला रीवा के खरीदी केन्‍द्र के अधिकारियों द्वारा मिली भगत करके पात्र समूहों को खरीदी केन्‍द्र ना देकर अपात्र हितग्राहियों को खरीदी केन्‍द्र दिया जाता है जिसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जावेगी? पात्र एवं अपात्र समूहों की जिला पंचायत से निरीक्षण रिपोर्ट उपलब्‍ध कराई जावे।                                   (ख) खरीदी केन्‍द्रों में नापतौल संबंधित अनियमिततायें की जाती हैं, समिति प्र‍बंधक द्वारा किसानों के अच्‍छे अनाज को सड़ा-गला बताकर उनकी खरीदी नहीं की जाती है तथा किसानों को अच्‍छे अनाज को खरीदी केन्‍द्र से वापिस कर दिया जाता है। बाद में उसी अनाज को कम रेट में लेकर थोड़ा अच्‍छा अनाज मिलाकर ज्‍यादा रेट में बेच दिया जाता है। क्‍या इस अनियमितताओं की जांच कराई जावेगी? (ग) वर्तमान में रीवा जिले में कितने खाद्य वितरण केन्‍द्र एवं गोदाम है? (घ) खाद्य वितरण केन्‍द्रों में सप्‍लाई खाद्य की जानकारी उक्‍त दुकानों एवं गोदामों में स्‍टाक चस्‍पा होना चाहिए परन्‍तु केन्‍द्र संचालक स्‍टाक छुपा कर काला बाजारी करते हैं। काला बाजारी करने वालों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर धान खरीदी हेतु जारी उपार्जन नीति के प्रावधान अनुसार रीवा जिले में जिला उपार्जन समिति के निर्णय के आधार पर पात्र संस्‍थाओं को उपार्जन का कार्य दिया गया है। किसी अपात्र संस्थाओं को उपार्जन का कार्य न देने के कारण जांच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। NRLM के अंतर्गत पंजीकृत महिला स्‍व-सहायता समूह की जिला पंचायत रीवा से प्राप्‍त सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उपार्जन केन्‍द्रों पर नापतौल संबंधी अनियमितताएं की शिकायत प्राप्‍त होने पर उसकी जांच कराई जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। समर्थन मूल्‍य पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफ.ए.क्‍यू. मापदण्‍ड अनुसार उपज की खरीदी की जाती है। स्‍कंध की गुणवत्‍ता परीक्षण हेतु उपार्जन केन्‍द्रों एवं गोदाम स्‍तर पर गुणवत्‍ता सर्वेयर एवं गुणवत्‍ता परीक्षक नियुक्‍त किए गए है। नॉन एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता के अनाज को वापस करने के बाद उसी अनाज को कम रेट में लेकर थोड़ा अनाज मिलाकर ज्‍यादा दर पर विक्रय किए जाने का मामला संज्ञान में नहीं आने से जांच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                              (ग) रीवा जिले में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 916 उचित मूल्‍य दुकानें एवं मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन के 04 प्रदाय केन्‍द्र संचालित है। (घ) उचित मूल्‍य दुकानों के गोदामों पर उपलब्‍ध स्‍टॉक संबंधी जानकारी निर्धारित प्रारूप में प्रदर्शित कराई गई है। राशन की कालाबजारी करने वालों पर समय-समय पर जांच कराई जाकर कार्यवाही की जाती है।

भूमि अभिलेखों को अद्यतन किया जाना

[राजस्व]

22. ( क्र. 419 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन राज्‍य मंत्रालय भोपाल द्वारा दिनांक 26 जनवरी 2001 के आदेश से ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को पटवारी मानचित्र, बाजिबुल अर्ज, निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी की उपलब्‍ध करवाई गई प्रतियों का आदेश के अनुसार 6 माह में एक बार अद्यतन दिये जाने की कोई भी कार्यवाही पूरे राज्‍य में नहीं की जा रही है? (ख) आदेश दिनांक 26.1.2001 के द्वारा पटवारी मानचित्र एवं किन-किन अभिलेखों के संबंध में क्‍या-क्‍या निर्देश दिये जाकर कितनी-कितनी अवधि में अभिलेखों को अद्यतन किये जाने के संबंध में क्‍या-क्‍या निर्देश दिए गए, उसके अनुसार अभिलेख अद्यतन नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है? (ग) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार राज्‍य के कितने ग्रामों में ग्राम स्‍तरीय वनाधिकार समिति का गठन किया गया, कितने ग्रामों में कितनी भूमि के कितने दावे मान्‍य किए गए? व्‍यक्तिगत वन अधिकार दावे एवं सामुदायिक वन अधिकार दावे की पृथक-पृथक जिलेवार जानकारी उपलब्‍ध करवाए। (घ) मान्‍य दावों की प्रविष्टि निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किए जाने, अद्यतन नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) 26 जनवरी 2001 को विभाग द्वारा ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत में नागरिकों के सुलभ संदर्भ हेतु पटवारियों द्वारा हस्तलिखित वाजिबुल अर्ज, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए गये थे। वर्तमान में अभिलेख ऑनलाईन किये जाने के कारण उन्हें ऑनलाईन अद्यतन किया जाता है जो सार्वजनिक प्रभाव क्षेत्र में अवलोकन हेतु सुलभता से उपलब्ध है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट – अ अनुसार है l निर्देशानुसार अभिलेख अद्यतन किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होताl (ग) जिला- सागर, सतना, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, पन्ना, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, रीवा, आगर मालवा, अनूपपुर, बालाघाट, बड़वानी, बैतूल, भिण्ड, भोपाल, बुरहानपुर, छतरपुर, छिन्‍दवाड़ा, दमोह, देवास, धार, गुना, ग्वालियर, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, कटनी, खण्डवा, खरगोन, मण्डला, उमरिया, विदिशा, सीहोर, सिवनी, शहडोल, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन सहित 47 जिलों से वांछित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट – ब अनुसार है l शेष 05 जिलों की जानकारी निम्नानुसार है- अलीराजपुर-जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार जिला अलीराजपुर के 164 ग्राम पंचायतों में ग्राम स्‍तरीय वनाधिकार समिति का गठन किया गया, 287 ग्रामों में 54723.35हेक्‍टेयर भूमि के 9783 दावे मान्‍य किए गए। व्‍यक्तिगत वन अधिकार दावे 9457 एवं सामुदायिक वन अधिकार दावे 326 है। अशोकनगर-जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार जिला अशोकनगर अंतर्गत 694 ग्रामों में ग्राम स्‍तरीय वन अधिकार समितियां गठित की गई। कुल 694 ग्रामों में 1047 व्‍यक्तिगत अनुसूचित जनजाति वर्ग के दावे मान्‍य किये गये एवं 31 सामुदायिक दावे मान्‍य किये गये। व्‍यक्तिगत मान्‍य दावों का कुल रकवा 782.614 हेक्‍टर एवं सामुदायिक मान्‍य दावों का रकवा 48.010 हेक्‍ट. है। दतिया- जिले में कुल 600 ग्रामों में ग्राम स्‍तरीय वनाधिकारी समितियों का गठन किया गया। 06 ग्रामों में 94.22 हे. भूमि के 190 व्‍यक्तिगत दावे तथा 21.536 हे. भूमि के 10 सामुदायिक वनाधिकार दावे मान्‍य किये गये। डिंडोरी- जिले में 86 वनग्रामों में ग्राम स्‍तरीय वनाधिकार समितियों का गठन किया गया। 86 ग्रामों में 15204.017 हे. भूमि के 8460 व्‍यक्तिगत दावे तथा 144021.617 हे. भूमि के 1271 सामुदायिक वनाधिकार दावे मान्‍य किये गये। शाजापुर- वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत वर्ष 2008 में जिला शाजापुर के विकासखण्ड मो.बड़ोदिया में 03 आदिवासी वर्ग के व्यक्तिगत दावे प्राप्त हुए थे किन्तु जिला शाजापुर में वन भूमि नहीं होने से दावों को निरस्त किया गया। (घ) वन भूमि के अभिलेख राजस्‍व विभाग द्वारा संधारित नहीं किये जाने के कारण प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है

टास्‍कफोर्स कमेटी की रिपोर्ट पर कार्यवाही

[वन]

23. ( क्र. 422 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग के द्वारा गठित आरेंज एरिया टास्‍कफोर्स कमेटी के अध्‍यक्ष ए.सी.एस. वन श्री ए.पी. श्रीवास्‍तव द्वारा दिनांक 6 फरवरी 2020 को प्रस्‍तुत रिपोर्ट पर राज्‍य मंत्रालय से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी कोई आदेश, निर्देश, पत्र परि‍पत्र जारी नहीं किया गया? (ख) 6 फरवरी 2020 को प्रस्‍तुत रिपोर्ट सामान्‍य प्रशसन विभाग के द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री जी के सचिवालय को, राज्‍य मंत्रालय के राजस्‍व विभाग, वन विभाग, विधि विभाग, पंचायत विभाग, जनजा‍तीय कार्य विभाग को परीक्षण हेतु किस-किस दिनांक को प्रेषित की है? (ग) टास्‍कफोर्स कमेटी की रिपोर्ट का हिन्‍दी अनुवाद शासन द्वारा कब करवाया गया? यदि हिन्‍दी अनुवाद नहीं करवाया हो तो उसका कारण बतावें। कब तक हिन्‍दी अनुवाद करवाया जाकर उसकी प्रति प्रश्‍नकर्ता को उपलब्‍ध करवाई जावेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) टास्कफोर्स की रिपोर्ट विचाराधीन होने से अभी कोई आदेश/ निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी नहीं किये गये हैं। (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा रिपोर्ट प्रस्‍तुत नहीं की गई है। (ग) टास्कफोर्स कमेटी की रिपोर्ट का हिन्दी अनुवाद शासन द्वारा दिनांक 06 फरवरी, 2020 को करवाया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।



अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष लंबित जांच

[राजस्व]

24. ( क्र. 423 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) छतरपुर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के समक्ष सूरजपुरा वनखण्‍ड में शामिल किस ग्राम की कितनी खाते की भूमि, कितनी पट्टे पर आवंटित भूमि एवं कितनी गैर खाते में दर्ज भूमि से संबंधित भ.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच 1988 से लगातार लंबित है? (ख) सूरजपुरा वनखण्‍ड में किस ग्राम के किस खसरा नम्‍बर का कितना रकबा शामिल किया वह रकबा वर्तमान में पटवारी खसरा पंजी में किस-किस किसान के नाम पर दर्ज है? कितना रकबा गैरखाते की किस-किस मद एवं प्रयोजन के लिए दर्ज है, कितनी रकबा किस पट्टेधारी किसान के नाम पर दर्ज है? पृथक-पृथक बतावें। (ग) अनुविभागीय अधिकारी ने सूरजपुरा वनखण्‍ड में शामिल पटवारी अभिलेख में भूस्‍वामी हक में दर्ज भूमियों के संबंध में राज्‍य मंत्रालय भोपाल से मुख्‍य सचिव के आदेश दिनांक 1 जून, 2015 एवं प्रमुख सचिव वन के आदेश दिनांक 4 जून, 2015 के अनुसार प्रश्‍नांकित दिनांक तक किन-किन कारणों से कार्यवाही नहीं की है? इन आदेशों में निजी भूमि बाबत् क्‍या-क्‍या निर्देश दिए गए हैं? (घ) जून, 2015 में मंत्रालय से दिए गए, आदेश एवं निर्देश के अनुसार निजी भूमि को वनखण्‍ड से पृथक करने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के समक्ष सूरजपुरा वनखण्‍ड में शामिल ग्रामवार खाते की भूमि पट्टे पर आवंटित भूमि एवं गैरखाते में दर्ज भूमि से संबंधित भारतीय वन अधिनियम की धारा 5 से 19 तक की जांच कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट – 'अनुसार है। (ख) सूरजपुर वनखण्‍ड में शामिल ग्रामवार खसरा नम्‍बर, वर्तमान में पटवारी पंजी में दर्ज कृषकों के नाम, गैर खाते का वर्तमान प्रयोजन, पट्टेधारी के नामवार रकबा की पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट – 'अनुसार है। (ग) उत्‍‍तरांश (क) अनुसार जांच प्रचलित है। l (घ) उत्‍तराश (क) अनुसार कार्यवाही प्रचलित है।

मिट्टी मुरम खनन की अनुमति

[खनिज साधन]

25. ( क्र. 424 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय योजनाओं के लिए मिट्टी एवं मुरम के खनन की अनुमति दिए जाने के संबंध में किस ओदश क्रमांक दिनांक से क्‍या प्रावधान लागू किए गए है? मिट्टी एवं मुरम के परिवहन की अनुमति दिए जाने के संबंध में किस आदेश क्रमांक, दिनांक से क्‍या प्रावधान दिए है? खनन एवं परिवहन बाबत् नियम में क्‍या-क्‍या प्रावधान हैं? प्रति सहित बतावें। (ख) गत चार वर्षों में बैतूल एवं खरगौन जिले में किस ग्राम के किस खसरा नम्‍बर के कितने रकबे से किस योजना के लिए कितनी मिट्टी एवं कितनी मुरम के खनन की अनुमति प्रदान की है? इस अवधि में किस ग्राम के किस किसान की निजी भूमि से कितनी मिट्टी एवं मुरम के परिवहन की किस-किस दिनांक को अनुमति दी गई है? (ग) किस दिनांक को मिट्टी एवं मुरम के परिवहन की दी गई अनुमति के पूर्व किस-किस प्रकरण में किस-किस बिन्‍दु पर या विषय पर वन विभाग को पत्र लिखकर क्‍या-क्‍या प्रतिवेदन प्राप्‍त किया गया? यह प्रतिवेदन शासन के किस आदेश एवं निर्देश के अनुसार प्राप्‍त किया?                                           (घ) परिवहन की अनुमति के समस्‍त प्रकरणों में वन विभाग को पत्र नहीं लिखे जाने का क्‍या कारण है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार शासकीय योजनाओं के लिये मिट्टी व मुरम के खनन तथा परिवहन की अनुमति दिये जाने के संबंध में प्रावधान मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 में दिये गये हैं। यह नियम अधिसूचित हैं। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में बैतूल जिले में मिट्टी व मुरम के खनन हेतु कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है, इसी अवधि में जिले में मिट्टी व मुरम के परिवहन हेतु प्रदान की गई अनुमति का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 1 पर है। खरगौन जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में मिट्टी व मुरम के परिहवन हेतु दी गई अनुमति का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 2 अनुसार तथा जिले में इन खनिजों के खनन हेतु दी गई अनुमति का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) बैतूल जिले में मिट्टी व मुरम के परिवहन हेतु दी गई अनुमति के संबंध में जिन प्रकरणों में वन विभाग से अनापत्ति/अभिमत लिया जाकर परिवहन अनुज्ञा जारी की गई, उसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। खरगौन जिले में मिट्टी व मुरम के परिवहन अनुज्ञा हेतु दी गई अनुमति के पूर्व वन विभाग से अनापत्ति नहीं ली गई, चूंकि अनुज्ञा क्षेत्र न तो वन भूमि है और न ही वन सीमा के समीप है। (घ) मिट्टी व मुरम के परिवहन हेतु जारी की गई अनुज्ञा उन क्षेत्र में प्रदान की जाती है, जहाँ पूर्व से उत्‍खनित/ समतलीकरण से प्राप्‍त खनिज संग्रहित हो अर्थात् खनन संक्रिया नहीं की जाती है। साथ ही क्षेत्र वन सीमा के समीप नहीं होने तथा वन भूमि नहीं होने से वन विभाग की अनापत्ति/अभिमत प्राप्‍त किया जाना अपेक्षित नहीं है।

निर्वनीकृत की गई भूमियां

[वन]

26. ( क्र. 446 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) क्‍या प्रश्‍न क्रमांक 1080 दिनांक 11/12/2014 के उत्‍तरांश (ग) में दी गई जानकारी के बाद भी नारंगी भूमि ईकाई जबलपुर, मण्‍डला एवं बैतूल ने बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन एवं राजपत्र में निर्वनीकृत की गई भूमियों नारंगी भूमि के आंकड़ों से पृथक करने बावत् कोई भी कार्यवाही नहीं की है? (ख) यदि हां तो नारंगी भूमि ईकाई मण्‍डला, बैतूल एवं जबलपुर के द्वारा कितने राजस्‍व ग्रामों की बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज‍ कितनी भूमि, जिन ग्रामों की समस्‍त भूमि निर्वनीकृत की गई, ऐसे ग्रामों की कितनी भूमि नारंगी भूमि सर्वे, नारंगी वनखण्‍ड, वर्किंग प्‍लान एवं नारंगी भूमि के आंकड़ों में शामिल की है? (ग) प्रश्‍न क्रमांक 1080 दिनांक 11/12/2014 में दी गई जानकारी दिनांक से प्रश्‍नांकित दिनांक तक नारंगी भूमि ईकाई बैतूल, मण्‍डला एवं जबलपुर और वन विभाग ने नारंगी भूमि के आंकड़ों तथा नारंगी वनखण्‍डों से बड़े छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज कितनी भूमि एवं निर्वनीकृत किए गए कितने ग्रामों की कितनी भूमि पृथक की है? यदि यह कार्यवाही प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की हो तो उसका कारण बतावें।

 

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                      (ग) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-5/43/90/10-3 दिनांक 14.05.1996 से जारी निर्देशानुसार सर्वे-सीमांकन में सम्मिलित की गई है। अतः शेष प्रश्‍नांश के भाग का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

वनमण्‍डल बड़वाह में उपलब्‍ध अभिलेख

[वन]

27. ( क्र. 447 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) वनमण्‍डल बड़वाह में उपलब्‍ध ग्राम मोयदा की वर्ष 1948-49 वर्ष 1953-54 एवं वर्ष 1980-81 की मिसल बन्‍दोबस्‍त, खसरा पंजी, खतौनी पंजी में 137.091 हेक्‍टेयर भूस्‍वामी हक की भूमि में से किस खसरा नम्‍बर के कितने रकबे से संबंधित क्‍या-क्‍या प्रविष्टि दर्ज है, किस खसरा नम्‍बर का कितना लगान दर्ज है? किस किसान को किस ग्राम का निवासी होना बताया है? तीनों अभिलेखों की पृथक-पृथक जानकारी दें? (ख) वर्ष 1948-49 वर्ष 1953-54 एवं वर्ष 1980-81 के अभिलेखों में भू-स्‍वामी हक में दर्ज बताई गई किस खसरा नम्‍बर की कितनी भूमि का किस अधिकारी ने किस प्रकरण क्रमांक में किस आदेश दिनांक से कितनी राशि निर्धारित कर अर्जन किया, किस किसान को कितना मुआवजा भुगतान किया, यदि अर्जन एवं भुगतान की कार्यवाही प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं की हो तो उसका कारण बतावें? (ग) मध्‍य भारत वन विधान 1950 की धारा 3 धारा 4 धारा 20 एवं धारा 29 में भूस्‍वामी हक की निजी भूमियों को बिना मुआवजा निर्धारित किए, बिना मुआवजा भुगतान किए, अधिसूचित करने का क्‍या-क्‍या अधिकार वन विभाग को दिया गया है? ग्राम मोयदा की कितनी खाते में दर्ज भूमि को किस-किस दिनांक को आरक्षित वन अधिसूचित किया? (घ) ग्राम मोयदा की भूस्‍वामी हक में दर्ज निजी भूमियों का कब तक विधिवत अर्जन किया जाकर किसानों को भूमि एवं सम्‍पत्ति का मुआवजा भुगतान किया जावेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन मण्डल बड़वाह के वनग्राम मोयदा के उपलब्ध अभिलेखों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक एवं दो अनुसार है। (ख) प्रश्‍न अन्तर्गत कोई निजी भूमि अर्जन का नहीं किया गया है, इसका कारण भूमियॉं वनग्राम मोयदा की है जिसका मालिकाना हक मध्य भारत सरकार का था, जो राज्य शासन में वेष्ठित है तथा संविलियन के पूर्व से आरक्षित वन घोषित है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांकित वनग्राम आरक्षित वन के अन्तर्गत है, जिस पर साम्‍पतिक अधिकार राज्य शासन का है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के तारतम्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अधिसूचित वनग्राम

[वन]

28. ( क्र. 451 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य शासन द्वारा राजपत्र में दिनांक 25/5/1962 एवं 7/10/1964 को हस्‍तांतरण के लिए अधिसूचित दिनांक 3.12.1975 को हस्‍तांतरण के लिए आदेशित एवं राजपत्र में अधिसूचित ग्रामों को भी वनग्राम बताकर आदेश दिनांक 26.5.2022 से राजस्‍व ग्राम का दर्जा दिए जाने के संबंध में राज्‍य मंत्रालय से आदेश दिया गया है? (ख) यदि हां तो वन विभाग द्वारा वर्तमान में प्रतिवेदित 925 वनग्रामों में से किस ग्राम के संबंध में राजपत्र में दिनांक 25.5.1962 एवं दिनांक 7.10.1964 को अधिसूचित किया गया? इस तरह के ग्रामों को वनग्राम माना जाकर राजस्‍व ग्राम का दर्जा दिए जाने की कार्यवाही किए जाने का क्‍या कारण रहा है? (ग) 925 वनग्रामों में से किस ग्राम की भूमियों को राजपत्र के अधिसूचना दिनांक 21.10.1954 को आरक्षित वन अधिसूचित किया जाना एवं नवाब भोपाल के एलान नंबर 3 दिनांक 12 जनवरी 1916 से आरक्षित वन माना जाना वन विभाग ने प्रतिवेदित किया है, अधिसूचना एवं एलान में भू-स्‍वामी हक की दर्ज निजी भूमियों को आरक्षित वन माने जाने बाबत् क्‍या-क्‍या उल्‍लेख है? (घ) यदि इस तरह का कोई उल्‍लेख अधिसूचना एवं एलान में नहीं है तो निजी भूमियों के संबंध में शासन वर्तमान में क्‍या कार्यवाही कर रहा है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन राजपत्र दिनांक 25.05.1962 से 479 ग्राम तथा 07.10.1964 से 33 ग्राम एवं मध्यप्रदेश शासन के ज्ञाप दिनांक 03.12.1975 से 148 ग्राम राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये जाने के निर्देश जारी किये गये। उक्त के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा 531 वनग्राम राजस्व विभाग को प्रबंधन हेतु हस्तांतरित किये गये हैं। शेष ग्रामों सहित 827 ग्रामों को जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (ज) के तहत सम्परिवर्तन किये जाने हेतु दिनांक 26.05.2022 से निर्देश जारी किये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। शेष ग्रामों सहित 827 वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में सम्परिवर्तन हेतु एकजाई जानकारी तैयार कराई गई। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। प्रश्‍नांकित अधिसूचना एवं एलान में भू-स्वामी हक की निजी भूमियों को आरक्षित वन बनाये जाने से संबंधित कोई उल्लेख नहीं है।                                   (घ) कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।

सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण

[जल संसाधन]

29. ( क्र. 487 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के अंतर्गत सिंचाई विभाग वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक शासन द्वारा कितनी सिंचाई योजनाओं की स्‍वीकृति प्रदान की गई हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में स्‍वीकृत सिंचाई परियोजना के निर्माण हेतु कितनी निविदा स्‍वीकृत की गई हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में कितनी सिंचाई परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? सिंचाई परियोजनावार जानकारी उपलब्‍ध करायें। अपूर्ण परियोजनाओं के विलंब होने का कारण क्‍या हैं? विलंब परियोजनाओं के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि हां तो जानकारी उपलब्‍ध कराये। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतायें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में सिंचाई परियोजना से कितने रकबें में सिंचाई की जा रही है? यदि सिंचाई नहीं हो पा रही है तो क्‍यों? सिंचाई नहीं होने के क्‍या कारण हैं? इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) अनूपपुर जिले के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक शासन द्वारा 11 सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति प्रदान की गई जिनमें से 09 सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण हेतु निविदा स्‍वीकृत की गई है। 01 सिंचाई परियोजना का कार्य पूर्ण, 08 सिंचाई परियोजनाओं का कार्य अपूर्ण तथा 02 सिंचाई परियोजनाओं के निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। विस्‍तृत जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने में विलंब के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। वर्तमान में पूर्ण हो चुकी 01 सिंचाई परियोजना से सिंचाई क्षमतानुसार सिंचाई की जा रही है। शेष 08 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। अत: इन सिंचाई परियोजनाओं से सिंचाई नहीं हो रही है। इनमें से जिन निर्माणाधीन परियोजनाओं में आंशिक सिंचाई क्षमता निर्मित हो गई हैं उनसे आंशिक सिंचाई की जा रही है। सिंचाई न होने के लिए किसी के दोषी न होने के कारण कार्यवाही की स्थिति नहीं है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

शासकीय जमीन में की गई हेराफेरी

[राजस्व]

30. ( क्र. 543 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 847 दिनांक 27 जुलाई, 2022 प्रश्‍न (ख) के संदर्भ में बताएँ कि अपील करने का निर्णय प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर किस अधिकारी की सहमति से किया जाता है। उस अथॉरिटी का नाम बताएं तथा प्रश्‍न 988 दिनांक 10/3/22 के संदर्भ में गंभीर लापरवाही किस अधिकारी द्वारा की गई उसका नाम तथा की गई कार्यवाही से अवगत कराएं तथा बतावें कि आदेश के अंत में दी गई लिबर्टी में पेरा 16 की टिप्‍पणी 0 कैसे हुई। (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 847 खण्‍ड (ग) के संदर्भ में बताएं कि पैरा 15 में पटवारी के बारे में स्‍पष्‍ट टिप्‍पणी है फिर भी उत्‍तर में उसे क्‍यों नहीं माना जा रहा है? प्रश्‍न (घ) के संदर्भ में बताएँ कि 300 करोड़ की जमीन के संबंध में उच्‍चतम न्‍यायालय में शासकीय वकील के अनुपस्थित रहकर जो फैसला निजी नाम के पक्ष में लिया गया, उसे उच्‍चतम न्‍यायालय में रिव्‍यू पिटीशन क्‍यों नहीं दाखिल की जा रही है? अभिलेख उपलब्‍ध नहीं होने से क्‍या मतलब है? (ग) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 848 दिनांक 27 जुलाई, 2012 के खण्‍ड (घ) के संदर्भ में बताएँ कि अपील संबंधी तत्‍कालीन अभिलेख उपलब्‍ध न होने की बात कही गई है। दो हजार करोड़ की शासकीय जमीन की अफरा-तफरी को रोकने का प्रयास क्‍यों नहीं किया जा रहा? (घ) क्‍या उपरोक्‍त संदर्भ में अभिलेख कब तक उपलब्‍ध करा दिये जायेंगे? अभिलेख गायब होने को पुलिस में प्रकरण कब दर्ज किया जायेगा? प्रश्‍नाधीन जमीन के नामांतरण निरस्‍त किये जायेंगे या नही?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 847 दिनांक 27 जुलाई 2022 खण्‍ड '' के संदर्भ में उल्‍लेख है कि शासकीय भूमि से संबंधित मामलों में पूर्व में प्रचलित मुकदमा नीति 2011 अन्‍तर्गत मान. उच्‍चतम/उच्‍च न्‍यायालय में अपील अनुमति विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा प्रदत्‍त की जाती थी। वर्तमान में विधि एवं विधायी कार्य विभाग से प्रशासित मध्‍यप्रदेश राज्‍य मुकदमा प्रबंधन नीति, 2018 अनुसार माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय/उच्‍च न्‍यायालय में अपील अनुमति हेतु कलेक्‍टर्स सक्षम प्राधिकारी है। प्रश्‍न क्रमांक 988 दिनांक 10/03/2022 के संदर्भ में लेख है कि न्‍यायालयीन प्रकरणों में गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न न्‍यायालयीन आदेश के अर्थान्‍वयन से संबंधित है। (ख) न्‍यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के संबंध में प्रकरणों के गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है। (ग) न्‍यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के क्रम में शासकीय हितों के समुचित संरक्षण हेतु प्रकरण के गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरणों के आदेश की प्रति (अभिलेख) उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रकरण से संबंधित कोई अभिलेख गायब नहीं हुआ है जिससे शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कृषकों से गेहूं खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

31. ( क्र. 544 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में सन् 2017-18 से 2021-22 तक कितने उपार्जन केन्द्रों पर कितने लाख कृषकों से कितना गेहूं किस दर से क्रय किया गया तथा कृ‍षकों को कुल कितना भुगतान किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अनुसार कुल गेहूं क्रय राशि, परिवहन व्‍यय, गोडाउन, हम्‍माली, बारदार व अन्‍य खर्च मिलाकर कुल कितना हुआ तथा गेहूं की लागत प्रति किलों क्‍या हुई?                                                         (ग) प्रश्‍नांश (क) में खरीदे गए गेहूं के निस्‍तारण में कथित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्‍यान्‍ह् भोजना योजना, पूरक पोषण आहार योजना, कल्‍याण कारी योजना, दीन दयाल रसोई यो‍जना तथा केंद्रीय पुल अति शेष मात्रा का परिधान कितना-कितना किया गया तथा उसके उपरांत कितना शेष बचा? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में बचा हुआ शेष गेहूं निस्‍तारण किस प्रकार किया गया? कितना गेहूं निम्‍न गुणवत्‍ता का हो गया, उसे किस दर से किसे बेचा गया तथा उससे कितनी राशि प्राप्त हुई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रतलाम जिले में वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक समर्थन मूल्‍य पर गेहूं उपार्जन हेतु स्‍थापित उपार्जन केन्‍द्र, विक्रेता कृषक, समर्थन मूल्‍य, उपार्जित मात्रा तथा कृषकों को भुगतान की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट- ''अनुसार है। (ख) रतलाम जिले में प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में उपार्जित गेहूं का समर्थन मूल्‍य, परिवहन व्‍यय, प्रासंगिक व्‍यय, हेण्‍डलिंग, बारदाना आदि पर कुल व्‍यय एवं प्रति किलो ग्राम लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-''अनुसार है। (ग) रतलाम जिले में वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूं में से भारतीय खाद्य निगम को परिदान, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्‍य कल्‍याणकारी योजनांतर्गत वितरण तथा शेष मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट- '' अनुसार है।                                     (घ) रतलाम जिले में वर्षवार उपार्जित गेहूं में से शेष बची मात्रा का निस्‍तारण भारतीय खाद्य निगम को परिदान एवं लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्‍य कल्‍याणकारी योजनांतर्गत वितरण कर किया गया है। जिले में उपार्जित गेहूं निम्‍न गुणवत्‍ता का प्राप्‍त नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तीस"

संबल मृत्‍यु सहायता प्रकरण

[श्रम]

32. ( क्र. 568 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 नवम्‍बर, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक रायसेन जिले की विकासखण्‍ड बाड़ी एवं उदयपुरा में सम्‍बल मृत्‍यु उपरान्‍त अनुग्रह राशि संबंधित कितने आवेदन किये गये? ग्रामवार जानकारी दें।                                      (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में कितने प्रकरण स्‍वीकृत हैं सूचीवार जानकारी दें। यदि नहीं तो लंबित रहने के क्‍या कारण हैं? स्‍वीकृत प्रकरणों में राशि भुगतान में विलम्‍ब के क्‍या कारण है? (ग) सम्‍बल कार्ड बनवाने के लिए शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं एवं कौन-कौन सी श्रेणी के व्‍यक्ति पात्र है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 01 नवम्बर2021 से प्रश्‍न दिनांक तक रायसेन जिले के विकासखण्ड बाड़ी में संबल योजना अंतर्गत मृत्यु उपरांत अनुग्रह सहायता हेतु 139 आवेदन प्राप्त हुये। विकासखण्ड उदयपुरा में संबल योजना अंतर्गत मृत्यु उपरांत अनुग्रह सहायता हेतु 63 आवेदन प्राप्त हुये। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-क अनुसार है।                                       (ख) विकासखण्ड बाड़ी अंतर्गत 120 प्रकरण स्वीकृत है और 19 प्रकरणों पर स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विकासखण्ड उदयपुरा अंतर्गत 63 प्रकरण स्वीकृत है कोई भी प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। स्वीकृत प्रकरणों में राशि भुगतान बजट उपलब्धता पर किया जाता है।                                        (ग) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल 20) योजना अंतर्गत शासन द्वारा पंजीयन हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।

प्रधानमंत्री एवं मुख्‍यमंत्री किसान सम्‍मान निधि

[राजस्व]

33. ( क्र. 575 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                              (क) मुख्‍यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत नरसिंहपुर विधानसभा एवं जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान सम्‍मान निधि में कितने किसानों के नाम जोड़े गये हैं?                                                (ख) नरसिंहपुर विधानसभा एवं जिला में पूर्व से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान सम्‍मान निधि दी जाती रही है? (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान सम्‍मान निधि में नाम जोड़ने एवं लाभ देने के क्‍या-क्‍या नियम हैं? नियमों की जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मुख्‍यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत नरसिंहपुर विधानसभा में 1220 एवं जिले में 2131 नए किसानों के नाम प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के अंतर्गत जोड़े गए हैं। (ख) नरसिंहपुर विधानसभा अंतर्गत पूर्व से 44439 किसानों एवं जिले में पूर्व से 140796 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की निधि का लाभ प्रदान किया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

जल कर लगाने का प्रावधान

[जल संसाधन]

34. ( क्र. 581 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर, शिवपुरी, मुरैना, श्योपुर, भिण्ड के पांच लाख से अधिक किसानों को स्वयं के नलकूपों, ग्रामीण-तालाबों, नदियों के पानी के उपयोग पर जल कर लगाने का प्रावधान विभाग द्वारा किया गया है? क्यों? नवम्बर 2022 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या अक्टूबर 2021 में इस आशय की अधिसूचना विभाग द्वारा जारी की गई है? विस्तृत जानकारी दी जावे। (ग) क्या धान पर 380 रूपये प्रति हेक्टर, कपास पर 335 रूपये, हरी घास, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, मूंग, सोयाबीन, गेंहू, पर 275 रूपये प्रति हेक्टर दर निश्चित की जा रही है? क्यों? क्‍या यह नीति किसान विरोधी नहीं है? क्‍या उद्योगों को भूमिगत जल उपयोग एवं किसानों के जल का उपयोग एक समान नहीं रखा जा सकता है? पूर्ण जानकारी दी जावे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

डूब में आई कृषि भूमि का मुआवजा

[जल संसाधन]

35. ( क्र. 582 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधानसभा क्षेत्र जिला मुरैना में आसन नदी पर बने डेम के आस-पास के किसानों की डूब में आई कृषि योग्य जमीन के मुआवजा के कितने प्रकरण विभाग में लम्बित हैं? नवम्बर 2022 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त मुआवजों के प्रकरणों को अधिकारी जानबूझकर लम्बित कर रहे हैं? क्यों? सम्पूर्ण प्रकरणों का कब-तक निराकरण कर किसानों को मुआवजा दिया जावेगा? (ग) ग्राम गदाल के पुरा के विस्थापितों को कहाँ जमीन दी जा रही है? उसकी कार्यवाही कब तक की जावेगी? क्या डेम में जल भराव के पूर्व विस्थापितों को जमीन का आवंटन कर दिया जावेगा? समय-सीमा बताई जावे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) आसन बांध के डूब से प्रभावित कृषकों की जमीन के मुआवजे का कोई प्रकरण नवम्बर 2022 की स्थिति में जल संसाधन विभाग में लंबित नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं। मुआवजा प्रकरणों को अधिकारियों द्वारा जानबूझकर लंबित रखे जाने की स्थिति नहीं है। विभाग द्वारा भू-अर्जन अधिकारी, मुरैना एवं भू-अर्जन अधिकारी, जौरा को भू-अर्जन के समस्‍त प्रकरण प्रस्‍तुत किया जाना तथा इनमें से फौती नामांतरण, स्‍वामित्‍व परिवर्तन, खसरे में भिन्‍नता, नाम में भिन्‍नता एवं बैंक खाता अप्राप्‍त होना इत्‍यादि कारणों से कुछ प्रकरण भू-अर्जन अधिकारी स्‍तर पर लंबित होना प्रतिवेदित है। भू-अर्जन अधिकारी स्‍तर से वांछित पूर्ति उपरांत मुआवजा वितरित किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) ग्राम गदाल के पुरा के विस्‍थापितों को मुरैना जिले एवं तहसील के ग्राम छौंदा में जमीन दी जा रही है। जमीन के सीमांकन की कार्यवाही प्रगतिरत है। सीमांकन एवं अन्‍य कार्यवाही पूर्ण होने पर जमीन आवंटन कार्य प्रारंभ किया जाना तथा बॉंध भराव के पूर्व विस्‍थापितों को जमीन का आवंटन किया जाना प्रतिवेदित है।

बी.पी.एल. राशन कार्ड पर राशन का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

36. ( क्र. 588 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वर्तमान में बी.पी.एल. राशन कार्डधारी उपभोक्ताओं को कितना गेहूं, चावल प्रति सदस्य के हिसाब से आवंटित किया जा रहा है? (ख) क्या‍ एक उपभोक्ता के लिए आवंटित किया जा रहा राशन 01 माह के लिये पर्याप्त है? (ग) यदि नहीं तो उपभोक्ता‍ के हित में गेहूं व चावल की मात्रा बढ़ाने हेतु शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? अगर हॉ, तो उपभोक्ताओं को कितना-कितना राशन एक माह में वितरित किया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बी.पी.एल. सहित अन्‍य प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 05 किलोग्राम रू. 1.00 प्रति किलो की दर से एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत 05 किलोग्राम प्रतिमाह/सदस्‍य नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न प्रदाय किया जा रहा है। इस प्रकार एक हितग्राही को 10 किलोग्राम खाद्यान्‍न प्रतिमाह आवंटित किया जा रहा है। (ख) विभाग द्वारा हितग्राहियों की मासिक खाद्यान्‍न की आवश्‍यकता का आंकलन नहीं किया जाता है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार खाद्यान्‍न का वितरण कराया जा रहा है। (ग) पात्र परिवारों को राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित पात्रता के साथ-साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत भी खाद्यान्‍न का वितरण किया जा रहा है। शेष प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में उपस्थित नहीं होता है।

अनुविभागीय अधिकारी का पद का सृजन एवं नवीन भवन

[राजस्व]

37. ( क्र. 601 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक 1003 दिनांक 27.07.2022 के उत्‍तर में क्षेत्रान्तर्गत आने वाली जनपद पंचायत शहपुरा भिटौनी की तहसील शहपुरा भिटौनी को अनुभाग घोषित करने एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शहपुरा भिटौनी के पद का सृजन कर पद स्वीकृति एवं नवीन भवन की स्वीकृति हेतु विभाग की कार्यवाही प्रक्रियाधीन बताई गई है, तो बताया जावे कि शहपुरा को अनुभाग बनाने की प्रक्रिया विभाग कब तक पूर्ण की जावेगी? (ख) विधानसभा में दिये गये उत्तर दिनांक से आज दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) विभाग शहपुरा को राजस्व अनुभाग घोषित कब तक किया जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिला जबलपुर की तहसील शहपुरा भिटौनी को अनुविभाग बनाये जाने की कार्यवाही प‍रीक्षणाधीन है। (ख) प्रकरण में कलेक्‍टर, जिला जबलपुर से दिनांक 07/10/2022 को प्रतिवेदन प्राप्‍त हुआ, जो परीक्षणाधीन है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के प्रश्‍न में, शहपुरा को राजस्‍व अनुविभाग घोषित किये जाने की समय-सीमा निर्धारण में कठिनाई है।

तेंदूपत्ता लाभांश की राशि से विकास कार्य

[वन]

38. ( क्र. 604 ) श्री संजय यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तेंदूपत्ता लाभांश विकास निधी हेतु कितने प्रस्ताव वन मंडल अधिकारी जबलपुर को पत्राचार कर दिए गए? (ख) उक्त समस्त प्रस्ताव में से कितने को स्वीकृत कर प्रबंधक, लघु वनोपज संघ भोपाल के पास स्वीकृति हेतु भेजा गया एवं कितनों को अस्वीकृत कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है? अस्वीकृति के उचित कारण देवें एवं कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा गत 1 वर्ष में प्रबंधक लघु वनोपज संघ को कितने विकास कार्यों के प्रस्ताव दिए गए? समस्त प्रस्तावों पर उत्तर दिनांक तक क्या-क्या कार्रवाई की गई एवं कितने प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया? लंबित प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत किया जावेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा तेन्दूपत्ता लाभांश विकास निधि हेतु वन मण्डलाधिकारी को 11 कार्यों की सूची दी गई। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                       (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा कुल 11 कार्यों की सूची प्रस्तुत की गई जिसे संबंधित प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के विचारार्थ एवं निर्धारित चेकलिस्ट अनुसार तैयार करने हेतु प्रेषित किया गया। कोई कार्य ठंडे बस्ते में नहीं डाला गया है। समितियों से प्राप्त विकास कार्यों के प्रस्ताव जिला यूनियन के अनुमोदन उपरान्त म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ भोपाल को उपलब्ध राशि की सीमा में उनकी स्वीकृति हेतु प्रेषित किये जाते है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ, भोपाल को 05 कार्य कराये जाने की सूची दी गई है। जिसे अग्रिम कार्यवाही हेतु जिला यूनियन जबलपुर को भेजा गया है। अभी इनमें से कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राशन वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

39. ( क्र. 612 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 612 दिनांक 13.10.2022 के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र.शासन को पत्र लिखकर शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से पात्रताधारी निर्धन मजदूर वर्ग को एक मुश्त गेहूं दिए जाने का आग्रह किया गया था? यदि हाँ तो पत्र के क्रम में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विदिशा जिला अंतर्गत विगत 3-4 माह से शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले एवं राशन पर्ची पात्रताधारी हितग्राही परिवारों को गेहूं के स्थान पर चावल दिए जा रहे हैं? यदि हाँ तो कारण सहित जानकारी दें।                                        (ग) क्या म.प्र. गेहूं उत्पादन में अग्रणी प्रदेश होने के बाद भी पात्रताधारी हितग्राहियों को चावल दिया जाना उचित है, जबकि चावल सहायक भोज्य सामग्री है? उक्त कारण से गरीब वर्ग बाजार से अधिक दामों में गेहूं लेने को मजबूर है। क्या शासन शीघ्र ही पात्र हितग्राहियों को लगभग 3-4 माह का गेहूं एकमुश्त दिये जाने के संबंध में एवं प्रतिमाह गेहूं प्रदाय किए जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा प्रेषित पत्र क्र. 612 दिनांक 13.10.2022 विभाग में प्राप्‍त नहीं हुआ है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को मासिक पात्रतानुसार खाद्यान्‍न का वितरण कराए जाने की व्‍यवस्‍था है। एकमुश्‍त गेहूं के वितरण की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है। (ख) विदिशा जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत माह मई, 2022 से पात्र हितग्राहियों को गेहूं 4 किलो के स्‍थान पर 1 किलो गेहूं तथा राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत नियमित आवंटन के तहत माह जून, 2022 से अन्‍त्‍योदय परिवारों को गेहूं 30 किलो के स्‍थान पर 14 किलो प्रतिमाह/परिवार तथा प्राथमिकता परिवारों को गेहूं 4 किलो के स्‍थान पर 2 किलो प्रतिमाह/हितग्राही वितरण किया जा रहा है। गेहूं की कम की गई मात्रा के विरूद्ध चावल की मात्रा बढ़ाकर पात्रतानुसार वितरण किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत गेहूं के स्‍थान पर चावल के आवंटन में वृद्धि करने के कारण चावल की वितरण मात्रा में वृद्धि की गई है। (ग) राज्‍य शासन द्वारा विकेन्‍द्रीयकृत उपार्जन योजना के तहत भारत सरकार की ओर से गेहूं का उपार्जन केन्‍द्रीय पूल हेतु किया जाता है। प्रदेश में उपार्जित गेहूं में से लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा आवंटन अनुसार वितरण कराए जाने का प्रावधान है। प्रदेश में गेहूं के साथ-साथ चावल भी भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है। शेष प्रश्‍न का उत्‍तर प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के अनुसार है।

प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर की गई कार्यवाही

[परिवहन]

40. ( क्र. 619 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव परिवहन विभाग म.प्र. शासन भोपाल को एवं आयुक्त परिवहन विभाग ग्वालियर को पत्र क्र. 883-84 दिनांक 14.10.2022 को पत्र दिया गया है, प्रश्‍न दिनांक तक पत्र में की गई कार्यवाही से अवगत करायें। यदि कार्यवाही नहीं हुई तो क्यों एवं कब तक होगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 883-84 दिनांक 14.10.2022 के क्रम में मुख्यालय के पत्र क्रमांक 5950/शिका.ए./टीसी/2022 दिनांक 04.11.2022 द्वारा क्षेत्रीय उप परिवहन आयुक्त रीवा को पत्र में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में जाँच कर आवश्यक कार्यवाही करने व जाँच प्रतिवेदन प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया गया है। क्षेत्रीय उप परिवहन आयुक्त रीवा की ओर से प्राप्त जांच प्रतिवेदन क्रमांक 9/उ.प.आ./2022 दिनांक 18.11.2022 में प्रतिवेदित किया है कि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रीवा के विरूद्ध की गयी संबंधित शिकायत साक्ष्ययुक्त नहीं होकर नस्तीबद्ध योग्य है। जांच प्रतिवेदन दिनांक 18.11.2022 की छायाप्रति संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

श्रमिकों को स्थाईकर्मियों में विनियमितिकरण

[वन]

41. ( क्र. 622 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सिवनी जिले में पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी में लगभग 20-25 वर्षों से कार्यरत सुरक्षा-श्रमिकों को स्थाईकर्मियों में विनियमितिकरण करने हेतु भारतीय मजदूर संघ सिवनी द्वारा शासन/ विभाग को ज्ञापन सौंपा गया हैं? यदि हां तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? उन्हें कब तक स्थाईकर्मियों में विनियमितिकृत कर दिया जावेगा? (ख) क्या प्रदेश के सिवनी जिले के कार्यालय मंडल प्रबंधक बरघाट प्रोजेक्‍ट वन विकास निगम में 15-20 वर्षों से पदस्थ प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी सिवनी को अन्यत्र स्थानांतरित व उनके कार्यकाल में कराए गए विभिन्न निर्माण कार्यों की जांच कराने बाबत विभाग/निगम/शासन को पत्र लिखा गया हैं? यदि हां तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रदेश के सिवनी जिले में कार्यालय मंडल प्रबंधक बरघाट प्रोजेक्‍ट वन विकास निगम सिवनी में विभिन्न शाखा सहायकों व 65 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नियुक्ति में नियमों का विधिवत पालन नहीं करने के संबंध में शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उसमें क्या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशासन-। । ) मध्यप्रदेश भोपाल के द्वारा विनियमितिकरण के संबंध में तीन बिन्दुओं पर मांगी गई जानकारी (प्रशासन-। । ) को प्रेषित की जा चुकी है। विनियमितिकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कोई निश्चित तिथि दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। म.प्र. राज्य वन विकास निगम लि. के अंतर्गत बरघाट परियोजना मण्डल के सिवनी परिक्षेत्र में पदस्थ प्रभारी परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी श्री दिनेश झारिया द्वारा कराये गये समस्त निर्माण/प्लांटेशन कार्य की सूक्ष्म जांच कर उन्हें अन्य परिक्षेत्र में स्थानांतरित करने हेतु श्री प्रदीप पटेल अध्यक्ष/अधिवक्ता, भारतीय मजदूर संघ जिला सिवनी द्वारा की गई शिकायत बरघाट परियोजना  मण्डल, सिवनी को कार्यालय कलेक्टर सिवनी म.प्र. राज्य वन विकास निगम लिमिटेड भोपाल से प्राप्त हुई है। शिकायत पर जांच कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ। उक्त प्रश्‍नांश में उल्लेखित बिंदु के संबंध में बरघाट परियोजना मण्डल को श्री प्रदीप पटेल, अध्यक्ष/अधिवक्ता, भारतीय मजदूर संघ जिला सिवनी द्वारा की गई है, जो शिकायत क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक म.प्र. राज्य वन विकास निगम लिमिटेड भोपाल से प्राप्त हुई है। मण्डल प्रबंधक बरघाट प्रोजेक्ट डिविजन वन विकास निगम सिवनी में विभिन्न शाखा सहायक श्रम आयुक्त द्वारा स्वीकृत दरों पर कार्यरत हैं। कोई भी कार्यरत शाखा सहायक अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारी 65 वर्ष की आयु से अधिक का नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

लंबित राजस्‍व प्रकरणों की जानकारी

[राजस्व]

42. ( क्र. 633 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की विभिन्‍न तहसीलों में कुल कितने राजस्‍व प्रकरण लंबित है? प्रकरणों की जानकारी तहसील अनुसार प्रकरण के प्रकार जैसे नामान्‍तरण, सीमांकन आदि अनुसार दें तथा यह भी बतायें कि ये प्रकरण कब से लंबित हैं तथा लंबित होने का कारण क्‍या है? (ख) विभिन्‍न तहसीलों में आर.बी.सी. 6 (4) के अंतर्गत ऐसे कितने प्रकरण है। जिसमें शासन से राहत राशि आना शेष है? कृपया तहसील अनुसार तथा प्राकृतिक आपदा के नाम तथा लंबित राहत राशि की जानकारी देते हुए बतायें। राज्‍य शासन से जिले में यह राशि कब तक भेज दी जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) बालाघाट जिले के विभिन्‍न तहसीलों में लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। लंबित नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन की न्‍यायालयवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। प्रकरण विवादित प्रकृति के होने के कारण जिले के विभिन्‍न राजस्‍व न्‍यायालयों में न्‍यायालयीन प्रक्रिया के अनुसार न्‍यायाधीन है। (ख) बालाघाट जिले के अंतर्गत राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रकरणों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। प्रश्‍नांश (ख) में अंकित शासन से जिले को राशि प्रदान की जाने की समय-सीमा निर्धारित किये जाने में कठिनाई है।

नेशनल पार्को में एल.ए.सी के अधिकार

[वन]

43. ( क्र. 634 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नेशनल पार्को के पूर्व प्रचलित नियमों के अनुसार नवीन रिसोर्ट तथा होटल निर्माण हेतु स्‍थानीय निकायों की एन.ओ.सी., डायवर्सन तथा संवैधानिक दर्जा प्राप्‍त टाउन एण्‍ड कन्‍ट्री प्‍लानिंग जैसी संस्‍थाओं की एन.ओ.सी. के बाद एल.ए.सी. द्वारा एन.ओ.सी. के प्रकरणों को लंबित रखने का कारण स्‍पष्‍ट करेंगे? (ख) कान्‍हा नेशनल पार्क के आसपास इको सेन्‍सि‍टिव जोन घोषित होने से स्‍थानीय लागों की रोजमर्रा की जरूरतों तथा टूरिस्‍टों की सुविधाओं पर विपरीत असर न पड़े इसके लिए शासन क्‍या उपाय करेगा? (ग) कान्‍हा नेशनल पार्क के आसपास के क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन बनाने के लिए क्‍या कोई महापरियोजना तैयार की जा रही है? क्‍या परियोजना बनाते समय शासन प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित बातों का ध्‍यान रखेगा तथा पूर्व से निर्माणरत रिसोर्ट तथा होटलों पर महापरियोजना के दायरे से मुक्‍त करने पर शासन विचार करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय उद्यानों की ईको सेंसेटिव जोन की जारी अधिसूचनाओं में ईको सेंसेटिव जोन की आंचलिक महायोजना अनुमोदित होने तक कोई नवीन होटल अथवा रिसोर्ट की अनुमति नहीं देने के प्रावधान के कारण। (ख) कान्‍हा राष्‍ट्रीय उद्यान की ईको सेंसेटिव जोन की घोषित अधिसूचना में विनियमित एवं संवर्धित क्रियाकलाप के अंतर्गत स्‍थानीय लोगों की जरूरतों एवं टूरिस्‍ट सुविधाओं के विकास के उपाय प्रावधानित किये गये हैं जो आंचलिक महायोजना में शामिल कर महायोजना के अनुमोदन पर किये जा सकते हैं।                                               (ग) जी हां। उत्‍तरांश (ख) के अनुक्रम में आंचलिक महायोजना की अनिवार्यता होने से उसके दायरे से मुक्‍त करना विधि अनुकूल नहीं होगा।

शासकीय नजूल भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाना

[राजस्व]

44. ( क्र. 641 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिला मुख्यालय स्थित मध्य नगर टीकमगढ़ में, शासकीय नजूल भूमि खसरा नम्बर 277, 278 किसी को पट्टे पर दी गई है? यदि हाँ तो पट्टेदार का नाम व पट्टा अवधि बतायें।                                    (ख) प्रश्‍नांश (क) में यदि नहीं तो, क्या उक्त भूमि मौके पर रिक्त है? यदि नहीं तो, भूमि पर अतिक्रमण करके बेजा कब्जा/निर्माण किया गया है? यदि हाँ तो, अतिक्रमणकर्ता का नाम, क्षेत्रफल तथा निर्माण का प्रकार और अतिक्रमित भूमि से, क्या निर्माण के फलस्वरूप कोई किराया/आय प्राप्त हो रही है? यदि हाँ तो आय का अनुमानित ब्यौरा दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुरूप अतिक्रमणकर्ता के विरूद्ध भूमि मुक्त कराने हेतु क्या कार्यवाही की गई? बताये! यदि अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक शासकीय भूमि मुक्त कराई जायेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अतिक्रमण के विरूद्ध यथासमय कार्यवाही न करने के लिये कौन दोषी है? दोषी अधिकारी का नाम व पदनाम बताये तथा दोषी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जी नहीं। उक्त भूमि पर चद्दर की अस्थाई दुकानें, गैरेज बनाकर 6 व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है, अतिक्रमणकर्ताओं की जानकारी निम्नानुसार है

क्रमांक

अतिक्रमणकर्ता का नाम

क्षेत्रफल

रिमार्क

1

अजमेरी रायन पिता मरहूम सुब्बी रायन

49 वर्गफुट

उक्त दुकानों से शासन को कोई किराया प्राप्त नहीं हो रहा है

2

महेश पिता कमलेश सोनी

80 वर्गफुट

3

महबूब खां पिता हिम्मत खां

80 वर्गफुट

4

अजमेरी खां पिता इमाम बख्स

680 वर्गफुट

5

रविन्द्र सिंह पिता मोहन सिंह ठाकुर

105 वर्गफुट

6

सरजू सिंह पिता कुंवर बहादुर अजीतसिंह जू देव

390 वर्गफुट

(ग) अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत स्‍थानीय राजस्‍व न्‍यायालय में प्रकरण दर्ज होकर न्‍यायाधीन है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के संदर्भ में प्रकरण न्‍यायाधीन होने से निराकरण की समय-सीमा निर्धारण में कठिनाई है।

श्रम विभाग की विभिन्‍न योजनाओं का लाभ

[श्रम]

45. ( क्र. 655 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की विवाह सहायता योजना में 01 जनवरी, 2019 से उक्‍त योजना बंद होने तक उज्‍जैन जिले में कितने हितग्राहियों को इस योजना के तहत 51,000/- रूपये का सहायता लाभ मिला? हितग्राहियों का नाम, पता सहित विवरण दें। (ख) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना 01 जनवरी, 2019 से 24/11/2022 तक नगर पालिका परिषद् नागदा-खाचरौद व जनपद पंचायत खाचरौद में कितने हितग्राहियों को राशि स्‍वीकृत की गई है? नाम व राशि सहित योजनावार, वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) मुख्‍यमंत्री जन कल्याण सम्‍बल योजना (नया सवेरा) के तहत 01 जनवरी, 2019 से 24/11/2022 तक नगर पालिका परिषद् नागदा-खाचरौद व जनपद पंचायत खाचरौद में कितने हितग्राहियों को राशि स्‍वीकृत की गई? नाम व राशि सहित वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल योजना में घर से बालिका के विवाह करने पर विवाह सहायता योजना अन्‍तर्गत 51,000/- रूपये दी जा रही थी कब से बंद कर दी गई है? बंद करने के पूर्व जनपद पंचायत खाचरौद, नगर पालिका नागदा-खाचरोद में कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिला है? नाम, स्‍थान, राशि सहित विवरण दें।


खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की विवाह सहायता योजना में 01 जनवरी, 2019 से उक्‍त योजना के प्रावधानों में संशोधन होने की दिनांक 21.04.2022 तक (संशोधन दिनांक 22.04.2022 से प्रभावशील) उज्‍जैन जिले में 1812 हितग्राहियों को 51,000/- रूपये की सहायता राशि प्रदाय की गई है। निकायवार लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। हितग्राहियों के नाम एवं पता संबंधी जानकारी संबंधित नगरीय निकायों/जनपद पंचायतों से संकलित की जा रही है। (ख) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना में 01 जनवरी, 2019 से 24/11/2022 तक नगर पालिका परिषद नागदा में 21, नगर पालिका परिषद खाचरौद में 01 एवं जनपद पंचायत खाचरौद में 10 हितग्राहियों को सहायता राशि स्‍वीकृत की गई है। लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मुख्‍यमंत्री जन कल्याण संबल योजना, नया सवेरा के तहत 1 जनवरी 2019 से 24/11/2022 तक नगर परिषद नागदा, खाचरौद व जनपद पंचायत खाचरौद में हितग्राहियों को राशि स्‍वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना में म.प्र. राजपत्र दिनांक 15 अप्रैल 2022 के माध्‍यम से आंशिक संशोधन किया गया है। संशोधित प्रावधान दिनांक 22.04.2022 से लागू हैं। योजना समाप्‍त नहीं की गई है। मण्‍डल की विवाह सहायता योजना अंतर्गत दिनांक 22.04.2022 के पूर्व जनपद पंचायत खाचरौद में 111, नगर पालिका परिषद नागदा में 153 एवं नगर पालिका परिषद खाचरौद में 18 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

निर्माण कार्यों हेतु भूमि का आवंटन

[राजस्व]

46. ( क्र. 687 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) प्रश्‍न क्र.420 दिनांक 10 मार्च 2022 के संदर्भ में वर्ष 2018-19 में जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के तहत स्वीकृत किन-किन निर्माण कार्यों से सम्बंधित भूमि आवंटन हेतु कार्यवाही कब से प्रचलन में हैं? इस हेतु प्रस्ताव कब-कब, किस-किस स्तर से भेजा गया है? भूमि आवंटन में विलम्ब का क्या कारण हैं? क्या शासन इसके लिये दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत किन-किन निर्माण कार्यों हेतु कब-कब कितनी-कितनी भूमि के आवंटन संबंधी अभिलेख दिये गये हैं? सूची दें। कितने प्रस्ताव लम्बित हैं? (ग) जिला प्रशासन जबलपुर ने किन-किन निर्माण कार्यों से संबंधित कितनी-कितनी भूमि आवंटन के अधिकार पत्र कब-कब जारी किये हैं एवं कितने प्रस्ताव लम्बित हैं? वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक वर्षवार सूची दें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत कौन-कौन से निर्माण कार्य भूमि आवंटन के अभाव में कब से अप्रारंभ हैं? सूची दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। निर्माण कार्यों के लिये म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 जारी दिनांक 24/09/20 के तहत भूमि आवंटन के निर्देशों में तहत भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है। ग्राम बेतला न.ब. 52 स्थित खसरा नम्बर 191/3/4 रकवा 91.943 हेक्टेयर में से 10000 वर्गफुट भूमि नगर एवं ग्राम निवेश में वृक्षारोपण एवं नगर वन में निर्दिष्ट होने के कारण सार्वजनिक एवं अर्द्धसार्वजनिक मद में उपान्तरण हेतु पुनः संचालक नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल को दिनांक 18.10.2022 को लिखा गया है मद परिवर्तन की कार्यवाही होते ही भूमि आवंटन किया जा सकेगा। भूमि आवंटन में विलम्ब नहीं हुआ है। अतः दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (घ) भूमि आवंटन के अभाव के कारण सिद्धबाबा लालमाटी जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु पुनरीक्षित प्रशाकीय स्‍वीकृति हेतु राशि रू. 167.02 लाख का प्राक्‍कलन अतिरिक्‍त परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर कार्यालय के पत्र क्रमांक 35 दिनांक 05.01.2021 के द्वारा वरिष्‍ठ कार्यालय की ओर स्‍वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। ग्राम बैतला न.बं. 52 स्थित खसरा नम्बर 191/3/4 रकवा 91.943 हेक्टेयर में से 10000 वर्गफुट भूमि नगर एवं ग्राम निवेश में वृक्षारोपण एवं नगर वन में निर्दिष्‍ट होने के कारण सार्वजनिक एवं अर्द्धसार्वजनिक मद में उपांतरण हेतु पुनः संचालक नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल को दिनांक 18.10. 2022 को लिखा गया है, मद परिवर्तन की कार्यवाही होते ही भूमि आवंटन किया जा सकेगा।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

गौण खनिज मद व प्रतिष्ठान मद की जानकारी

[खनिज साधन]

47. ( क्र. 688 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज विभाग जबलपुर को गौण खनिज रायल्टी एवं गौण खनिज का अवैध रूप से उत्‍खनन परिवहन एवं भण्डारण के पंजीकृत प्रकरणों में अर्थदण्ड की कितनी-कितनी राशि की वसूली से कितनी-कितनी राजस्व आय हुई है? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में जिला खनिज मद व जिला प्रतिष्ठान मद में किस-किस स्तर से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कब स्वीकृत किये गये एवं कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की है? किन-किन स्वीकृत कार्यों की कब से कितनी-कितनी राशि आवंटित नहीं की गई एवं क्यों? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में मा. किन-किन विधायकों द्वारा प्रस्तुत कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? इन कार्यों हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं किन-किन कार्यों की कितनी-कितनी राशि कब से आवंटित नहीं की है एवं क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) में पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्रं.97 में अनुसूचित जाति विकास योजना में खनिज मद में स्वीकृत किन-किन निर्माण एवं विकास कार्यों की कितनी-कितनी राशि कब-कब आवंटित की हैं एवं किन-किन कार्यों की स्वीकृत कितनी-कितनी राशि कब से आवंटित नहीं की गई हैं एवं क्यों? शासन इन स्वीकृत कार्यों की राशि कब तक आवंटित करेगा? सूची दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है। (ख) जिला कार्यालय से प्राप्‍त जानकारी अनुसार गौण खनिज की रॉयल्‍टी तथा अवैध उत्‍खनन, परिवहन तथा भंडारण के प्रकरणों से प्राप्‍त अर्थदण्‍ड की राशि को राज्‍य की संचित निधि में जमा किया जाता है, जिसका उपयोग राज्‍य शासन के नियमों के अनुरूप किया जाता है। अत: शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

सूरजपुरा जलाशय की नहर निर्माण

[जल संसाधन]

48. ( क्र. 705 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र.951 दिनांक 27.07.2022 के उत्तर (ड.) में प्रकरणों में जांच हेतु जिम्मेदार अधिकारी को निर्देशित किया गया था, जिम्मेदार द्वारा क्या जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है? (ख) सागर जिले अन्तर्गत निर्मित सूरजपुरा जलाशय की मुख्य नहर सहित माईनर नहर निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या रबी सीजन में किसानों को प्रस्तावित लम्बाई तक नहर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों? कृषकों की भूमि अधिग्रहण किए जाने के बाद भी सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध ना करा पाने के दोषी अधिकारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार मुख्य नहर सहित माईनर नहर निर्माण कार्य पूर्ण कराए जाने हेतु कोई समय-सीमा तय की गई है? यदि हाँ तो अवगत करावें और यदि नहीं तो, उक्त जलाशय की नहर निर्माण कार्य किस ठेकेदारों के द्वारा पूर्ण कराने का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया एवं कब तक पूर्ण कराते हुए किसानों को पानी उपलब्ध कराया जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मान. प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा सत्र जुलाई 2022 में किए गए तारांकित प्रश्‍न क्रमांक-951 दिनांक 27.07.2022 के उत्‍तर (ड.) में विभाग द्वारा दिए गए उत्‍तर के अनुक्रम में प्रमुख अभियंता के पत्र क्रमांक 331601/7/सत./2021 दिनांक 05.08.2022 के परिप्रेक्ष्‍य में मुख्‍य अभियंता, धसान केन कछार, सागर द्वारा दिनांक 08.12.2022 को जांच प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) सूरजपुरा जलाशय की मुख्‍य नहर सहित माइनर नहर का निर्माण वर्तमान में अपूर्ण है। जी नहीं, विभागीय स्‍तर पर नहर में अतिआवश्‍यक मरम्‍मत कार्य कराते हुए वर्तमान में मुख्‍य नहर की 6000 मीटर लंबाई तक रबी सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध कराया जाना तथा 11,000 मीटर लंबाई तक 20 दिसंबर तक पानी उपलब्‍ध कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य की धीमी प्रगति, कार्य में रूचि न लेने तथा वर्षा पश्‍चात कार्य प्रारंभ नहीं करने के कारण अनुबंध के प्रावधानानुसार एजेंसी का अनुबंध दिनांक 16.11.2022 को विखण्डित किया जाकर शेष कार्य की निविदा आमं‍त्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। अत: सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध न करा पाने के लिए किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। मुख्‍य नहर सहित माइनर नहर निर्माण के शेष कार्य को पूर्ण कराने की अवधि 17.01.2023 थी परंतु कार्य की धीमी प्रगति, कार्य में रूचि न लेने तथा वर्षा पश्‍चात कार्य प्रारंभ नहीं करने के कारण एजेंसी का अनुबंध विखण्डित किया जाकर शेष कार्य की निविदा आमं‍त्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण ठेकेदार का नाम एवं कार्य पूर्ण कराया जाकर पानी उपलब्‍ध कराने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

शिकायतों का निराकरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

49. ( क्र. 708 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक सागर जिले की उचित मूल्य की दुकानों के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त हुई? यदि हाँ तो शिकायत कब और किससे प्राप्त हुई है? शिकायत अनुसार उचित-मूल्य दुकान का नाम/ पता समिति का नाम/डीलर का नाम/पता सहित बताएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों की जांच कब और किस सक्षम अधिकारी द्वारा की गई? यदि जांच पूर्ण हो चुकी है तो जाँच-प्रतिवेदन की प्रति सहित उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो समय-सीमा बतावें। (ग) क्या सागर जिले में उचित मूल्य-दुकानों में विगत 4-5 माहों से गेहूं वितरण के स्थान पर चावल का वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ तो कारण बतावें कि कहाँ-कहाँ और कब से ऐसी स्थिति निर्मित है? तहसीलवार बतावें। प्रदेश में गेहूं उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होने पर भी ऐसी स्थिति निर्मित होने के लिए कौन दोषी हैं? दोषियों के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब-तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) कोविड-काल में सागर जिले में राशन-दुकानों से पोल्ट्री ग्रेड का चावल गरीबों को वितरित होने की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो प्राप्त शिकायतों की जांच में कौन दोषी पाया गया? दोषियों के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ, सागर जिले में जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक उचित मूल्‍य दुकानों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। शिकायतें कब और किससे प्राप्‍त हुई? शिकायत अनुसार उचित मूल्‍य दुकान का नाम/पता, समिति का नाम/डीलर का नाम/पता की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '' अनुसार प्राप्‍त शिकायतों की जांच कब और किस सक्षम अधिकारी द्वारा की गई है इसकी जांच प्रतिवेदन सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार हैं। (ग) यह सत्‍य नहीं है कि, सागर जिले में उचित मूल्‍य दुकानों से विगत 4-5 माह में गेहूँ के स्‍थान पर चावल का वितरण किया जा रहा हैं। अत: शेष जानकारी निरंक हैं। (घ) कोविड काल में सागर जिले में राशन दुकानों से पोल्‍ट्री ग्रेड का चावल गरीबों को वितरित होने की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई हैं। अत: शेष जानकारी निरंक हैं।

अपीलीय एवं नामांतरण आवेदनों का निराकरण

[राजस्व]

50. ( क्र. 713 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍न क्रमांक 01206 दिनांक 10/03/2022 में माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि प्रकरण क्रमांक 0193 आदेश दिनांक 26/03/1972 के पुलिस विभाग के नाम प्रविष्टि दर्ज की गई? यदि हां तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ख) जिला छतरपुर के समस्त राजस्व अनुविभाग में अपीलीय प्रकरण एवं समस्त तहसीलों में नामांतरण हेतु कितने आवेदन कब से विचाराधीन हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उक्त अपीलीय एवं नामांतरण आवेदनों का निराकरण आर्थिक भ्रष्टाचारिता या इच्छापूर्ति न होने के कारण अपीलीय एवं नामांतरण आवेदनों का निराकरण नहीं किया गया है? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त अपीलीय एवं नामांतरण आवेदनों का निराकरण किया जावेगा? यदि हां तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) जिला छतरपुर के समस्त अनुविभाग एवं तहसीलों को लोकसेवा से वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब किस संबंध में आवेदन प्राप्त हुए हैं? सूची उपलब्ध कराएं। क्या उक्त आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा पर निराकरण किया गया था? यदि हां तो सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (च) क्या सक्षम अधिकारी द्वारा लोक सेवा नियम के तहत निर्धारित समय-सीमा पर निराकरण ना करने वाले अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की गई थी? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित आदेश की प्रति वर्ष 1972-73 की होने के कारण अभिलेखागार में खोज की जा रही है। (ख) जिला छतरपुर के समस्‍त अनुविभागों में एवं तहसीलों में न्‍यायाधीन अपीलीय एवं नामांतरण प्रकरणों की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

अनुभाग

अपील संख्‍या

तहसील

नामांतण संख्‍या

1

छतरपुर

721

छतरपुर

1988

 

 

 

छतरपुर नगर

3842

2

राजनगर

193

राजनगर

1270

3

नौगांव

321

नौगांव

194

 

 

 

महाराजपुर

368

4

बिजावर

301

बिजावर

657

 

 

 

बकस्‍वाहा

585

5

बडामलहरा

240

बड़ामलहरा

343

 

 

 

घुवारा

677

6

लवकुशनगर

742

लवकुशनगर

907

 

 

 

चंदला

198

 

 

 

गौरिहार

1267

सूची की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टअ अनुसार(ग) जी नहीं। लंबित न्‍यायालयीन प्रकरण साक्ष्‍य प्रस्‍तुत न करने या न्‍यायालयीन प्रक्रिया की पूर्ति न होने के कारण न्‍यायाधीन है।                                    (घ) जी हाँ। अपीलीय प्रकरणों में समय-सीमा निर्धारित नहीं है। नामांतरण प्रकरणें को गुणदोषों के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। (ड.) जिला छतरपुर के समस्‍त अनुविभाग एवं तहसीलों के लोक सेवा केन्‍द्रों में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त आवेदन पत्रों की सूची की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टब अनुसार। उक्‍त आवेदनों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा पर किया जाता है। (च) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 नामांतरण पंजी उपलब्ध कराए जाना

[राजस्व]

51. ( क्र. 714 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनुविभाग छतरपुर में प्रकरण क्रमांक 012/2022-23 रिकॉर्ड दुरस्त हेतु विचाराधीन है? यदि हां तो क्या उक्त प्रकरण का निराकरण किया जाएगा? यदि हां तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या अपर कमिश्नर सागर में प्रकरण क्रमांक 0064/अपील2022-23 फौती नामांतरण हेतु आवेदन विचाराधीन है? यदि हां तो क्या शासन के नियम अनुसार क्या अपील स्वीकार कर अपीलार्थी के नाम ऑनलाइन नाम दर्ज करने के आदेश जारी करेगा? यदि हां तो समय-सीमा बताएं। य़दि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) जिला अनुविभाग छतरपुर में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब भूमि संबंधी प्रकरणों को दर्ज किया गया एवं कब-कब प्रकरणों का निराकरण किया गया है? सूची उपलब्ध कराएं। (घ) जिला तहसील छतरपुर हल्का मौजा पलौठा के खसरा पंजी वर्ष 1970 से प्रश्‍न दिनांक तक से कब-कब तक की पंजी रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध नहीं है? उक्त पंजी कब तक रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध करा दी जाएगी? (ड.) क्या जिला तहसील छतरपुर हल्का मौजा बरकौहां की नामांतरण पंजी वर्ष 1970 से 2010 तक की संधारित की गई थी? यदि हां तो नामांतरण पंजी की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) छतरपुर के न्‍यायालय में राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 0012/अ-6अ/202-23 आवेदक साक्ष्‍य हेतु न्‍यायाधीन है। नियमानुसार रिकार्ड सुधार प्रकरण में समय-सीमा का बंधन नहीं है। (ख) जी हाँ। अपीलार्थी विक्रम गिरी गोस्‍वामी बगैरह द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (रा.) छतरपुर के रा.प्र. क्र. 0065/अपील/अ-6/2021-22 में पारित आदेश दिनांक 31/01/2022 के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 44 (2) के तहत द्वितीय अपील अपर आयुक्‍त न्यायालय में दिनांक 01/04/2022 को प्रस्‍तुत की गयी जो रा.प्र.क्र. 0064/अपील/2022-23 पंजीबद्ध होकर न्‍यायाधीन है। अपील प्रकरण न्‍यायाधीन होकर उसमें समय-सीमा का बंधन नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्ष 2020 से दिनांक तक आर.सी.एम.एस. में दर्ज निम्‍नानुसार रिकार्ड सुधार के प्रकरणों को दर्ज कर निराकरण किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है।

क्रमांक

वर्ष

दर्ज

निराकरण

1

2020-21

150

43

2

2021-22

1065

936

3

2022-23

142

09

(घ) जिला तहसील छतरपुर हल्का मौजा पलौठा के खसरा पंजी वर्ष 1987-88 से 2006-07 तक की समस्‍त खसरा पंजी न्‍यायालयीन कार्य हेतु थाना सिटी कोतवाली छतरपुर में जमा है जिस कारण रिकार्ड रूम में उपलब्‍ध नहीं है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट – 2 अनुसार। प्रश्‍नाधीन खसरा पंजी रिकार्ड रूम में उपलब्‍ध कराने की समय-सीमा बतायी जाने में कठिनाई है।                                      (ड.) तहसील छतरपुर हल्का मौजा बरकौहां की वर्ष 1975 से 2010 तक की नामांतरण पंजियां उपलब्‍ध है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट – 3 अनुसार है।

भूखण्‍ड सर्वे क्रमांक की अनिवार्यता

[राजस्व]

52. ( क्र. 726 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) क्या नगरीय क्षेत्रों में आबादी भूमि के पट्टों के आवेदन में उक्त भूमि का सर्वे अथवा भूखण्‍ड क्रमांक अंकित करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो जबलपुर जिले के नगरीय क्षेत्र के कितनी-कितनी आबादी भूमि का सर्वे कर भूखण्‍ड क्रमांक जारी कर दिए गये हैं? तहसीलवार, खसरावार बतावें।                                     (ख) कितनी-कितनी भूमि के सर्वे/भूखण्‍ड क्रमांक जारी होना शेष हैं? तहसीलवार, खसरावार बतावें? (ग) जबलपुर के नगरीय क्षेत्र की आबादी भूमि के सर्वे का कार्य कितने समय से चल रहा है? आज दिनांक तक लंबित रहने के क्या-क्या कारण है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। नगरीय क्षेत्रों का सर्वेक्षण हेतु मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा जारी चरणबद्ध मार्गदर्शिका कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर के पत्र क्रमांक 1266/11- भू.प्र./नगरीय सर्वेक्षण/2021 ग्वालियर दिनांक 02.12.2021 के माध्यम से प्राप्त मार्गदर्शिका में दिए गए निर्देशानुसार जिला स्तर से जिला स्तरीय समन्वय समिति, नगरीय निकाय (नगर निगम) स्तरीय समन्वय समिति, नगरीय निकाय (नगर पालिका परिषद/नगर परिषद) स्तरीय समन्वय समिति, वार्ड स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। अग्रिम कार्यवाही शासन निर्देशानुसार सम्पादित की जायेगी। (ख) प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता। (ग) वर्तमान में नगरीय क्षेत्रों के सर्वेक्षण का कार्य केवल जिला खंडवा के हरसूद में आरंभ किया गया है, जबलपुर जिले में नगरीय क्षेत्र की आबादी भूमि के सर्वे का कार्य प्रारंभ न होने से प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता।

खाद्यान्‍न वितरण की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

53. ( क्र. 727 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) जबलपुर जिले की राशन दुकानों के कितने-कितने हितग्राहियों के राशन पी.ओ.एस. मशीन से थम्ब इम्प्रेशन दे दिया जा रहा है? विगत 1 वर्ष की दुकानवार जानकारी देवें। (ख) कितने हितग्राहियों का राशन पी.ओ.एस. मशीन से थम्ब इम्प्रेशन के बगैर जारी किया जा रहा है? विगत 1 वर्ष की दुकानवार जानकारी देवें। (ग) किन-किन दुकानों का कितना-कितना स्टॉक अवितरित होने के कारण शेष बचा? विगत 1 वर्ष की दुकानवार, माहवार जानकारी देवें। (घ) स्टॉक तथा वितरण में मिलान ना होने के कितने-कितने प्रकरण सामने आये? क्या-क्या कार्यवाही की गयी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में नेट कनेक्टिविटी वाली उचित मूल्‍य दुकानों पर संचालित पी.ओ.एस. मशीन से पात्र हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। विगत एक वर्ष में दुकानवार बायोमेट्रिक सत्‍यापन से राशन प्राप्‍त करने वाले परिवारों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है।                                    (ख) जबलपुर जिले में नेट कनेक्टिविटीविहीन उचित मूल्‍य दुकानों से पात्र परिवारों को पी.ओ.एस. मशीन से समग्र परिवार आई.डी. के माध्‍यम से राशन का वितरण किया जाता है। इन दुकानों से वितरित राशन सामग्री की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'अनुसार है। (ग) उचित मूल्‍य दुकानों से पात्र परिवारों को वितरित राशन सामग्री के पश्‍चात शेष स्‍टॉक की दुकानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'अनुसार है। (घ) उचित मूल्‍य दुकान के स्टॉक तथा वितरण में मिलान न होने के प्रकरण एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट- '' अनुसार है।



वृक्षारोपण की जांच

[वन]

54. ( क्र. 735 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) सिवनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस प्रजाति के कितने वृक्ष एवं पौधे कहाँ-कहाँ रोपे गये एवं वृक्षारोपण में वन मण्‍डलों पर कितना व्‍यय हुआ? वृक्षारोपण में वीटवार, स्‍थलवार, जीवित पौधों की संख्‍या बताई जावें व प्राक्‍कलन सहित गड्ढों की खुदाई व रोपण पर व संरक्षण पर व्‍यय की जानकारी दी जावें। वृक्षारोपण की शिकायतें लगातार प्राप्‍त होती रहती है तो क्‍या एक प्रदेश स्‍तरीय जांच समिति बनाकर सिवनी, लखनादौन वीट अंतर्गत पूरे वृक्षारोपण की जांच कराकर कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किये गये वृक्षारोपण में साईनबोर्ड व चौकीदार हट में किये गये व्‍यय की जानकारी बिल व्‍हाउचर्स सहित वर्षवार देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत वनमण्‍डलों में वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक रोपित पौधों से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। वृक्षारोपण से संबंधित प्राक्‍कलन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। लखनादौन वीट अंतर्गत वृक्षारोपण से संबंधित कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। साईनबोर्ड व चौकीदार हट में किये गये व्‍यय के बिल व्‍हाउचर्स की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 में है।

खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची का प्रदाय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

55. ( क्र. 736 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) क्‍या सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्‍न नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों की ग्राम पंचायतों में अनेकों ऐसे गरीबी रेखा कार्डधारी व अन्‍य योजनाओं में पात्र हितग्राही हैं, जिन्‍हें पात्रता होने के बाद भी विभाग द्वारा अभी तक खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची प्रदान नहीं की गई है? ऐसे सभी पात्र हितग्राहियों की नगरीय निकाय व ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करायें।                    (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ऐसे सभी हरिजन वर्ग, आदिवासी व‍र्ग, विकलांग व अन्‍य पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची पात्र होने के बाद भी प्रदान नहीं किये जाने का क्‍या कारण है? (ग) ऐसे सभी हरिजन/आदिवासी वर्ग, विकलांग अन्‍य पात्र हितग्राहियों को विभाग द्वारा खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची कब तक प्रदाय कर दी जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सा कोई मामला विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। गरीबी रेखा कार्डधारी व अन्‍य योजनाओं में पात्र हितग्राहियों द्वारा पात्रता श्रेणी से संबंधित आवश्‍यक दस्‍तावेज जैसे- समग्र आई.डी., आधार कार्ड प्रस्‍तुत किए जाने पर एम-राशन मित्र पोर्टल पर सत्‍यापन किये जाने का कार्य निकायों द्वारा सतत् रूप से किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) पात्र हितग्राहियों का सत्‍यापन निकायों द्वारा प्रति माह सतत् रूप से किया जा रहा है एवं पात्रता पर्ची प्राप्‍त होते ही प्रदान की जा रही है। (ग) अनुसूचित जाति/ आदिवासी वर्ग, विकलांग, अन्‍य पात्र हितग्राहियों द्वारा आवश्‍यक दस्‍तावेज (वैध जाति प्रमाण-पत्र एवं विकलांगता प्रमाण-पत्र 40 प्रतिशत होने पर) एवं अन्‍य पात्र हितग्राहियों द्वारा पात्रता प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत करने पर पर्ची का सत्‍यापन सतत् रूप से किया जा रहा है। स्‍थानीय निकाय द्वारा एम-राशन मित्र पोर्टल पर सत्‍यापन पश्‍चात् खाद्य विभाग के सहायक/कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी लॉगिन से मैंपिंग करने के पश्‍चात् पात्रता पर्ची जनरेट होने पर हितग्राही को प्रदाय करने की प्रक्रिया सतत है।

पोल्ट्री ग्रेड चावल के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

56. ( क्र. 742 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्या प्रदेश में राशन की दुकानों में पोल्ट्री ग्रेड चावल को अपग्रेड करने के लिए मानकों का पालन करने और गुणवत्ता सुधारने की जानकारी न भेजने के कारण केंद्र सरकार द्वारा भुगतान रोका गया है? यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक कितना भुगतान रुका हुआ है? (ख) क्या प्रदेश में राशन की दुकानों में पोल्ट्री ग्रेड चावल को अपग्रेड किये बिना ही वितरित कर देने के कारण केंद्र सरकार को जानकारी नहीं भेजी जा रही है? (ग) कोविड काल में मण्डला जिले में राशन की दुकानों से पोल्ट्री ग्रेड का चावल गरीबों को वितरित किये जाने की कितनी शिकायतें/जानकारी मिली हैं? उपरोक्त दुकानों की सूची उपलब्ध कराएं। पोल्ट्री ग्रेड का चावल राशन की दुकानों से वितरित किये की शिकायत/जानकारी मिलने पर किस-किस राशन की दुकान पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?                                  (घ) मण्डला जिला अंतर्गत पोल्ट्री ग्रेड चावल की जांच उपरांत किन-किन मिल मालिकों के विरुद्ध कार्यवाही की गई? क्या यह कार्यवाही मिलावट के दायरे में की गई? उक्त मिलों में से कितनी मिलों को पुनः कस्टम राइस मिलिंग का काम पुनः दिया गया एवं क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) वर्ष 2020 के रिकेटेग्राइजेशन के दौरान पाये गये अमानक चावल को संबंधित मिलर्स से रिप्‍लेसमेंट कराया जाकर मानक चावल प्राप्‍त किया गया एवं इस संबंध में भारत सरकार को जानकारी भेजी गई हैं। भारत सरकार से इस संबंध में राशि रूपये 387.283 करोड़ रूपये प्राप्‍त होना शेष है जिसके संबंध में भारत सरकार स्‍तर से समन्‍वय स्‍थापित किया जाकर राशि निर्गमन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) वर्ष 2020 के रिकेटेग्राइजेशन के दौरान पाये गये अमानक चावल को संबंधित मिलर्स से रिप्‍लेसमेंट कराया जाकर मानक चावल प्राप्‍त किया गया एवं इस संबंध में भारत सरकार को जानकारी भेजी गई है। (ग) कोविड काल में मंडला जिले में राशन की दुकानों से पोल्‍ट्री ग्रेड का चावल गरीबों को वित‍रित किये जाने की कोई शिकायत कार्यालय को प्राप्‍त नहीं हुई है। पोल्‍ट्री ग्रेड का चावल राशन दुकानों पर वितरण हेतु प्रदाय नहीं किया गया था। प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी निरंक है। (घ) मंडला जिले अंतर्गत भारत सरकार के जांच दल द्वारा की गई जांच में पाये गये अमानक चावल को मिलर के साथ हुये अनुबंध की कंडिका अनुसार संबंधित मिलर्स के हर्जे-खर्चे पर रिप्‍लेस कर मानक स्‍तर का चावल प्राप्‍त किया गया एवं उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त मिलर्स के विरूद्ध मिलिंग कंडिकाओं अनुसार कार्यवाही कर ली गई थी। अत: उपार्जित धान की मिलिंग की आवश्‍यकता को देखते हुये मिलिंग नीति के प्रावधानों के तहत् उक्‍त मिलर्स से पुन: कस्‍टम मिलिंग का कार्य कराया जा रहा है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में पट्टों का वितरण

[राजस्व]

57. ( क्र. 744 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में धारणा का अधिकार के तहत कितने पट्टे वितरित किये गए हैं या कितनी भूमियों की रजिस्ट्री की गई है? नाम, पता सहित भूमि के खसरे रकबे की जानकारी प्रदाय करें। (ख) ग्रामीण क्षेत्र में नागरिकों को आवासीय भूमि का पट्टा प्रदाय करने की क्या योजना है? क्या मण्डला जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को पट्टे प्रदाय किये गए हैं? यदि हां तो नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करवाएं। यदि नहीं तो क्यों और कब तक प्रदाय करवाये जाएंगे? घास भूमि को आबादी भूमि मद में परिवर्तित करने की शासन की क्या योजना है? क्या इस हेतु मण्डला जिले में भूमियों का चिन्हांकन किया गया है? यदि हाँ, तो ग्रामवार भूमियों के खसरे रकबे सहित जानकारी उपलब्ध करवाएं। यदि नहीं तो कब तक करवाया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मुख्‍यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणधिकार) अन्‍तर्गत वितरित पट्टो की संख्‍या कुल 122 है। जिसमे कुल आवंटित रकवा 61858.525 वर्गफुट भूमि में है। नाम, पता की एवं खसरा रकवा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार है। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिका को मुख्‍यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना अंतर्गत आबादी भूमि पर भू-खण्‍ड आवंटन के प्रावधान है। मण्डला जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को भूमि स्‍वामी अधिकार पत्र प्रदाय किये जाने हेतु परीक्षण किया गया है। पात्रता परीक्षण पश्‍चात् भूमि स्‍वामी अधिकार पत्र प्रदाय किये जाने की कार्यवाही प्रस्‍तावित है। म.प्र.          भू-राजस्‍व संहिता-1959 की धारा-237 की उपधारा-3 में चारागाह, घास, बीड़ या चारे के लिए आरक्षित क्षेत्र को उस ग्राम की कुल कृषिक भूमि के न्‍यूनतम 2 प्रतिशत तक सुरक्षित रखने के पश्‍चात कलेक्‍टर इसे आबादी मद में व्‍यपवर्तित कर सकेगा (धारा-237 (3) की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। घास भूमि को आबादी भूमि मद में परिवर्तित करने हेतु तहसील निवास के 2 ग्रामों आमगांव के खसरा नंबर छोटे झाड़ के जंगल 45/2 का रकबा 1 हे. में से 0.45 हे. और बिझौली खसरा नंबर 99 रकबा 0.61 हे0 में से 0.38 हे. आबादी भूमि को चिन्हांकित करने का प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ है, जिनका नियमानुसार परीक्षण किया जा रहा है।

अनुशासनात्‍मक कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

58. ( क्र. 751 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 974 दिनांक 27.07.2022 के उत्‍तर की कंडिका (ख) अनुसार जिला प्रबंधक, राजगढ़ एवं गोदाम प्रभारी के पर्यवेक्षण में कमी के दृष्टिगत जिला प्रबंधक, राजगढ़ एवं संबंधित गोदाम प्रभारी को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया जाकर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जा रही हैं? यदि हां तो कारण बताओ सूचना पत्र एवं संबंधितों के जवाब की प्रति सहित बतावें कि प्रश्‍न दिनांक तक संबंधितों के विरूद्ध क्‍या अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में संबंधित जिला प्रबंधक, राजगढ़ के अन्‍यत्र स्‍थानांतरण पर स्‍थगन के विरूद्ध विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई तथा कब तक संबंधित को स्‍थानांतरित स्‍थान के लिये भार-मुक्‍त किया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 3289 दिनांक 04.07.2022 के अनुक्रम में जिला राजगढ़ में उचित मूल्‍य दुकान को प्रदाय किये गये स्‍कंध की POS से पावती प्राप्‍त नहीं करने के प्रकरण में श्री बी.एम. गुप्‍ता एवं श्री जे.पी. करोटिया कनिष्‍ठ सहायक को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया था। श्री करोटिया द्वारा प्रस्‍तुत कारण बताओं सूचना पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट -'''' अनुसार है। श्री गुप्‍ता द्वारा प्रस्‍तुत प्रति उत्‍तर समाधान कारक नहीं पाये जाने से आरोप पत्र दिनांक 03.10.2022 को जारी किया गया था। श्री गुप्‍ता द्वारा आरोप पत्र का प्रति उत्‍तर दिनांक 13.10.2022 को प्रस्‍तुत किया गया। प्रतिउत्‍तर में उल्‍लेखित तथ्‍यों की पुष्टि वर्तमान जिला प्रबंधक राजगढ़ से कराई जा रही है। श्री गुप्‍ता को जारी कारण बताओं सूचना पत्र एवं आरोप पत्र जारी किये गए थे। श्री गुप्‍ता द्वारा प्रस्‍तुत कारण बताओ सूचना एवं आरोप पत्र के उत्‍तर की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) श्री बी.एम. गुप्‍ता का राजगढ़ जिले से शहडोल स्‍थानांतरण के विरूद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय इंदौर में याचिका WP 25227/2021 दर्ज किया गया था जिसका प्रतिउत्‍तर कार्पोरेशन द्वारा माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत कर दिया गया है। प्रकरण वर्तमान में माननीय न्‍यायालय में विचाराधीन है एवं अगली सुनवाई दिनांक 20.12.2022 को नियत है। वर्तमान में श्री गुप्‍ता अन्‍य प्रकरण में निलंबित है एवं जिला प्रबंधक राजगढ़ के पद पर अन्‍य अधिकारी की पद स्‍थापना कर दी गई है।

शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों का आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

59. ( क्र. 752 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 976 दिनांक 27.07.2022 के उत्‍तर की कंडिका (ख) अनुसार प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र की 10 दुकानविहीन ग्राम पंचायतों के लिए ऑनलाइन विज्ञप्ति जारी कर दुकान आवंटन हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। जिसमें कुल 21 ऑनलाइन आवेदन पत्र 09 ग्राम पंचायतों हेतु प्राप्‍त हुये हैं। बड़नगर ग्राम पंचायत हेतु आवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ हैं। एक अन्‍य पंचायत सराना हेतु विज्ञप्ति जारी नहीं की गई थी। वर्तमान में चुनाव के आदर्श आचार संहिता को दृष्टिगत रखते हुए आवेदन पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई हैं। आचार संहिता समाप्ति उपरांत ऑनलाइन आवेदन पत्रों का नियमानुसार परीक्षण कर नवीन उचित मूल्‍य दुकान आवंटन की कार्यवाही पूर्ण की जायेगी एवं बड़नगर तथा सराना पंचायत हेतु आवेदन आमंत्रित किया जायेगा? यदि हां तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त ऑनलाइन आवेदन पत्रों का नियमानुसार परीक्षण कर नवीन उचित मूल्‍य दुकान आवंटन तथा बड़नगर एवं सराना पंचायत हेतु आवेदन आमंत्रित करने की कार्यवाही की जा चुकी हैं? यदि हां तो बतावे, यदि नहीं तो क्‍यों? (ख) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन नवीन उचित मूल्‍य दुकान आवंटन एवं बड़नगर एवं सराना पंचायत हेतु आवेदन आमंत्रित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍न क्रमांक 976 दिनांक 27.07.2022 के प्रश्‍नांश (ख) का उत्‍तर प्रश्‍नानुसार प्रेषित किया गया था। प्राप्‍त आवेदनों का नियमानुसार परीक्षण करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), नरसिंहगढ़ के पत्र क्रमांक 2582 दिनांक 01.12.2022 द्वारा तहसीलदार, सहकारिता निरीक्षक एवं कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी, नरसिंहगढ़ की त्रिसदस्‍यीय समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा प्राप्‍त परीक्षण प्रतिवेदन उपरांत शीघ्र ही उचित मूल्‍य दुकानों का आवंटन किया जायेगा। बड़नगर एवं सराना पंचायत हेतु आवेदन आमंत्रित करने की कार्यवाही प्रचलित है। आवेदन आमंत्रित करने की कार्यवाही 01 माह के अंदर पूर्ण किया जाना संभावित है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित समयावधि अनुसार।

निर्माण एजेंसी को अग्रिम भुगतान

[जल संसाधन]

60. ( क्र. 754 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा बांध तथा नहर निर्माण करने वाली एजेंसी को अग्रिम भुगतान करने का प्रावधान है? यदि हाँ तो नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ख) कंडिका (क) का उत्तर यदि हां है तो कितना कार्य करने के पश्चात किन-किन बिंदुओं के आधार पर कितना-कितना एडवांस दिया जाने का प्रावधान है? (ग) कंडिका (क) और (ख) के आधार पर ब्यावरा विधानसभा सुठालिया सिंचाई परियोजना के बांध एवं केनाल का निर्माण करने वाली एजेंसी को विभाग द्वारा कितना-कितना अग्रिम भुगतान किन-किन बिंदुओं के आधार पर किस-किस दिनांक को किया? यदि हां तो अग्रिम भुगतान लेने के पश्चात निर्माण एजेंसी ने कितना कार्य अग्रिम भुगतान के विरुद्ध किया? प्रश्‍न दिनांक तक उक्त परियोजना का कितने प्रतिशत कार्य हुआ? (घ) कंडिका (क), (ख), (ग), के आधार पर क्या किसी शासकीय नियम का उल्लंघन हुआ है? हां तो क्या? क्या शासन दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेगा? हाँ तो क्या एवं कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। जल संसाधन अंतर्गत बांध तथा नहर निर्माण करने वाली एजेंसी को अग्रिम भुगतान करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत निर्माणाधीन सुठालिया वृहद सिंचाई परियोजना अंतर्गत अनुबंधित एजेंसी को सक्षम अधिकारी द्वारा अग्रिम भुगतान नहीं किया जाना तथा वर्तमान में परियोजनांतर्गत 21 प्रतिशत कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित है।                                             (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर किसी शासकीय नियम का उल्लंघन नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संबल योजना की जानकारी

[श्रम]

61. ( क्र. 756 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की ब्यावरा विधानसभा में बीते 5 वर्षों में कितने संबल योजना के हितग्राहियों की मृत्यु हुई है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) कंडिका (क) के अनुसार किन-किन मृतक हितग्राहियों के परिवारों द्वारा आवेदन के उपरांत कितने दिनों बाद कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? (ग) विधानसभा ब्यावरा में कितने परिवार जिनका पंजीयन संबल योजना के अंतर्गत होते हुए मृतक परिवारों के प्रकरण लंबित हैं? (घ) संबल योजना के पात्र हितग्राहियों को मृत्यु उपरांत दी जाने वाली सहायता राशि कितने दिनों में दी जानी चाहिए व उसकी क्या प्रक्रिया है? राशि कहां से कौन कैसे स्वीकृत करता है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला राजगढ़ की ब्यावरा विधानसभा में बीते 5 वर्षों में संबल योजना की जाकनारी वर्षवार निम्‍नानुसार है-

क्र.

वर्ष

मृतको की संख्‍या

1

2018

65

2

2019

67

3

2020

143

4

2021

267

5

2022

129

(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा ब्यावरा में संबल योजनांतर्गत 178 प्रकरण जांच/जांच उपरान्त स्वीकृति/बजट उपलब्धता पर भुगतान हेतु प्रक्रियाधीन होने के कारण लंबित है। (घ) संबल योजना के पात्र हितग्राहियों की मृत्यु उपरांत उनके आश्रित नामांकित व्यक्ति को तत्काल 5000/- रूपये अंत्येष्टि सहायता का नगद भुगतान सचिव/वार्ड प्रभारी के माध्यम से प्रदान की जाती है, संबंधित ग्राम पंचायत/निकायों के द्वारा प्रकरण 07 दिवस के अंदर पोर्टल पर दर्ज करने पर उक्त राशि का समायोजन किया जाता है। अनुग्रह सहायता हेतु आवेदन प्राप्त होने पर पदाभिहित अधिकारी द्वारा 07 कार्य दिवस के भीतर सत्यापन की कार्यवाही करते हुये, आवेदन का निराकरण किया जाना प्रावधानित है। स्वीकृत प्रकरणों में राशि का भुगतान बजट उपलब्धता अनुसार किया जाता है।

ऑनलाइन मशीनों द्वारा राशन का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

62. ( क्र. 758 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में राशन की दुकान की कालाबाजारी रोकने और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए राशन की दुकान ऑनलाइन मशीनों द्वारा संचालित की जा रही है? यदि हां तो क्या उपभोक्ताओं को प्रतिमाह का राशन नियमित मिल रहा है? यदि नहीं तो क्या कारण रहा? (ख) क्या राशन दुकानों के सेल्समैनों द्वारा सर्वर समस्या के समाधान का पत्र या ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ तो प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या राजगढ़ जिले में माह अक्टूबर 2022 का राशन वितरण अभी तक नहीं किया गया एवं क्यों? (घ) ऑनलाइन सर्वर के कारण हो रही समस्या से ग्रामीणजनों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उसके लिए कौन जिम्मेदार है? ऑनलाइन सर्वर की व्यवस्था सुधार हेतु क्या किया जा रहा है या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था हो तो बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एण्‍डटू-एण्‍ड कम्‍प्‍यूटराईजेशन परियोजनांतर्गत राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अं‍तर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की पीओएस मशीन के माध्‍यम से बायोमेट्रिक/ओटीपी सत्‍यापन के आधार पर पहचान सुनिश्चित कर राशन वितरण की व्‍यवस्‍था की गई है ताकि पात्र परिवार को ही राशन का वितरण सुनिश्चित हो सके। पात्र परिवारों को प्रतिमाह नियमित राशन का वितरण हो रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) पात्र परिवारों को पीओएस मशीन से बायोमेट्रिक/ओटीपी सत्‍यापन के आधार पर राशन वितरण करने में सर्वर समस्‍या के संबंध में उचित मूल्‍य दुकान के विक्रेताओं द्वारा प्रस्‍तुत ज्ञापन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण स्‍तर पर आधार अथेंटिकेशन में तकनीकी समस्‍या के कारण माह अक्‍टूबर, 2022 में राशन वितरण में अल्‍पकालिक व्‍यवधान आने से माह अक्‍टूबर का वितरण 25 नवम्‍बर, 2022 तक जारी रखा गया है। राजगढ़ जिले में माह अक्‍टूबर, 2022 में 93.87 प्रतिशत परिवारों को राशन का वितरण किया गया है एवं प्रतिमाह जिले में लगभग इतने ही परिवारों द्वारा उचित मूल्‍य दुकानों से राशन प्राप्‍त किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) पात्र हितग्राहियों की पहचान भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण स्‍तर पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन से की जाती है, जिसमें तकनीकी स‍मस्‍या के कारण अल्‍पकालिक व्‍यवधान उत्‍पन्‍न हुआ, जिसके लिए किसी की जिम्‍मेदारी निर्धारित की जाना सम्‍भव नहीं है। पात्र हितग्राहियों के आधार अथेंटिकेशन के लिए एक से अधिक विकल्‍पों की व्‍यवस्‍था की गई है। व्‍यवस्‍था में निरंतर सुधार की कार्यवाही की जा रही है।

आदिवासियों की जमीन का गैर आदिवासियों को विक्रय

[राजस्व]

63. ( क्र. 767 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी ने खंडवा की सभा में कहा है कि आदिवासी की जमीन दूसरों के नाम नहीं की जाएगी। यदि हां तो बतावें कि क्या प्रदेश में धारा 165/6 में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी? (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1111 दिनांक 10 मार्च 2022 के संदर्भ में बताएं तात्कालिक परिस्थिति अनुसार सुविधा के संतुलन को दृष्टिगत रखते हुए सामान्य शर्तें क्या-क्या अधिरोपित की जाती हैं? शर्तों का स्पष्ट उल्लेख करें। (ग) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1111 के खंड (ख) एवं (ग) में उत्तर दिया है कि आदिवासी की भूमि के विक्रय के एवज में कितनी भूमि क्रय की गई, इसकी जानकारी संधारित नहीं की जाती। तो बताएं कि अगर आदिवासी कृषक से खेतिहर मजदूर बन जाएगा तो सुविधा का संतुलन उस के पक्ष में कैसे होगा? आदिवासी को भूमिहीन होने से कैसे रोकेंगे। (घ) क्या खंड (क) में मुख्यमंत्री जी के बयान के संदर्भ में धारा 165/6 में पिछले 15 वर्षों में प्रदेश में लगभग 30 हजार हेक्टेयर से ज्यादा आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने की जो अनुमति दी गई है, क्या उसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, शेष प्रश्‍नांश विधिक अर्थान्‍वयन से संबंधित है। (ख) धारा 165 की उपधारा-(6) में शर्तों का पृथक से कोई उल्‍लेख नहीं है किन्‍तु आदिवासी आवेदक के हितों का संरक्षण, स्‍थानीय और तात्‍कालिक परिस्थिति अनुसार सामान्‍य शर्तें अधिरोपित की जाती है, जो प्रत्‍येक प्रकरण की परिस्थिति‍ पर निर्भर होती है। (ग) आदिवासी की भूमि के विक्रय के एवज में कितनी भूमि क्रय की गई, इसकी जानकारी संधारित नहीं की जाती। प्रकरण में दर्शित परिस्थिति अनुसार जांच कर निर्णय पर पहुंचा जाता है। आदिवासी आवेदक के हितों के संरक्षण के लिये ही अंतरण पूर्व अनुज्ञा का प्रावधान है। (घ) धारा 165 की उपधारा (6) में विहित प्रावधान न्‍यायिक स्‍वरूप के होने के कारण प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

 

राशन की दुकानों में गड़बड़ी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

64. ( क्र. 768 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में राशन की कुल कितनी दुकाने हैं? विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) इस वर्ष प्रश्‍न दिनांक तक राशन वितरण में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उपरोक्त में से कितनी राशन दुकानों की आकस्मिक जांच की गई? (ग) जांच में कितनी राशन की दुकानों में गड़बड़ी पाई गई? (घ) कितनी राशन की दुकानों पर कार्यवाही की गई तथा कितनी दुकानें निरस्त की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित जिले में प्रश्‍नांकित अवधि तक कुल 169 उचित मूल्‍य दुकानों की आकस्मिक जांच की गई।             (ग) जांच में कुल 18 उचित मूल्‍य दुकानों में अनियमितता पाई गई। (घ) अनियमितता पायी गई कुल 18 उचित मूल्‍य की दुकानों के विरुद्ध सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की गई है एवं उनमें से 02 गंभीर अनियमितता वाली उचित मूल्‍य दुकानों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है एवं उन्‍हें निलंबित किया गया है। प्रश्‍नांकित जिले में आलोच्‍य अवधि में कोई उचित मूल्‍य दुकान निरस्‍त नहीं की गई है।

परिशिष्ट - "छतीस"

दखल रहित भूमियों के संबंध में

[राजस्व]

65. ( क्र. 776 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) म.प्र. में ग्रामों की दखल रहित भूमि (विशेष उपबन्ध) 1970 में किस दिनांक को राजपत्र में अधिसूचित किया गया? अधिनियम में किस-किस दिनांक को किस-किस धारा में क्या-क्या संशोधन अधिसूचित किए गए? (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय-18 की किस-किस धारा में दखल रहित भूमियों के संबंध में क्या-क्या प्रावधान दिए हैं? दखल रहित भूमियों को निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किस-किस मद और किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज किया जाता है।             (ग) दखल रहित भूमियों को निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज जंगल मद एवं गैर जंगल मद में परिवर्तन करने का क्या-क्या अधिकार भू-राजस्व संहिता की किस-किस धारा में किसे दिया है? (घ) दखल रहित भूमियों के सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों में बदलाव से संबंधित भू-राजस्व संहिता की किस-किस धारा में क्या-क्या प्रावधान रहा है? वर्तमान में क्या प्रावधान है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. में ग्रामों की दखल रहित भूमि (विशेष उपबन्‍ध) अधिनियम, 1970 दिनांक 24 अक्‍टूबर, 1970 को मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में अधिसूचित किया गया। अधिनियम में किये गये संशोधनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे   परिशिष्‍ट-एक अनुसार। (ख) दखल रहित भूमियों के संबंध में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता, 1959 के अध्‍याय–18 आबादी तथा दखल रहित भूमि में और उनकी उपज में अधिकार के संबंध में है। म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता, 1959 के अध्‍याय–18 में प्रावधानित धाराओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट – दो पर है। म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता, 1959 की धारा 237 की उपधारा (1) में दखल रहित भूमि को जिन प्रयोजन के लिए पृथक रखा जायेगा उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍टतीन पर है। (ग) दखल रहित भूमियों को निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज जंगल मद एवं गैर जंगल मद में परिवर्तन करने संबंधी अधिकार मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता में प्रावधानित नहीं है। (घ) दखल रहित भूमियों के सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों में बदलाव से संबंधित प्रावधान मध्‍यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 237 की उपधारा 3 एवं 4 में प्रश्‍नांश '' में वर्णित है। प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍टचार पर है।

शासन द्वारा किए गए प्रयास

[जल संसाधन]

66. ( क्र. 784 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग उज्जैन ज़िले में संसाधनों के विकास के लिए प्रयासरत है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से संसाधन बढ़ाने के लिए किन-किन योजनाओं में कितने लागत के कार्यों को शासन से स्वीकृत कराकर कार्यान्वित किया जा रहा है? (ख) क्या उज्जैन ज़िले की सभी विधानसभाओं में स्थित नहरों नालियों तथा छोटी-छोटी नदियों पर स्टॉप डेम बनाने के लिए शासन ने सिंचाई क्षमता बढ़ाने की योजना तैयार की है? यदि हाँ, तो सप्रमाण जानकारी प्रस्‍तुत करें। (ग) उज्जैन ज़िले में किसानों की असिंचित भूमि को सिंचित करने के लिए कितने प्रोजेक्ट आपके विभाग द्वारा चलाये जा रहे हैं और उनका चिन्‍हांकन एवं चिन्‍हांकन से कार्यों की प्रगति तक कितने जल संसाधनों को जीर्णोद्धार के द्वारा प्रोत्साहित किया गया है? कितने नए कार्य स्वीकृत किए गए हैं? कितने पुराने कार्यों को आगे बढ़ाया गया है? वर्तमान में उन सभी कार्यों की स्थिति क्या है? (घ) उज्जैन जिले के जल संसाधन विकास को लेकर उपरोक्त सभी बिन्दु की जानकारी क्रमबद्ध उपलब्ध कराएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों एवं नालियों पर स्‍टॉप डेम नहीं बनाए जाते हैं अत: उज्‍जैन जिले की विधान सभाओं में स्थित नहरों/नालियों पर सिंचाई क्षमता बढ़ाने हेतु कोई योजना तैयार नहीं की गई है। छोटी नदियों पर मांग अनुसार स्‍टॉप डेम हेतु स्‍थल उपलब्‍ध होने पर योजना चिन्हित की जाती है। (ग) उज्‍जैन जिले में किसानों की असिंचित भूमि को सिंचित करने के लिए विभाग द्वारा क्रियान्‍वित की जा रही परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। परियोजनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य समय-समय पर आवश्‍यकतानुसार किया जाता है। वर्तमान में स्‍वीकृत परियोजनाओं एवं निर्माणाधीन पुराने कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) जानकारी उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) तथा संबंधित संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ, , अनुसार है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

शासकीय जमीन से अति‍क्रमण हटाया जाना

[राजस्व]

67. ( क्र. 789 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) रीवा जिले में रीवा रेलवे स्‍टेशन के पास श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा क्‍या फार्म हाउस बनाकर भारतीय रेलवे की जमीन में अवैध कब्‍जा करके शासकीय जमीन में अतिक्रमण किया गया है?                (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में क्‍या राजस्‍व विभाग भारतीय रेलवे की जमीन का सीमांकन करवाते हुये किये गये अतिक्रमण/अवैध कब्‍जा को भू-माफियाओं से मुक्‍त करायेगी? यदि हां तो कब तक समय-सीमा बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्‍या सरकार भू-माफियाओं के द्वारा किये गये अतिक्रमण/अवैध कब्‍जाधारकों के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेगी? यदि नहीं तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले में रीवा रेलवे स्टेशन के पास श्रीमती नीलम मिश्रा के पति अभय मिश्रा द्वारा फार्म हाउस बनाया गया है। रेलवे की जमीन में अवैध कब्जे संबंधी जानकारी रेल्वे विभाग से प्राप्त नहीं हुई है। (ख) रेलवे विभाग की जमीन के सीमांकन हेतु तथा अवैध कब्जे हटाने हेतु लिये गये निर्णय की जानकारी रेलवे विभाग से प्राप्त होना अपेक्षित है। (ग) राज्य शासन की भूमि पर अतिक्रमण/अवैध कब्जा धारकों के विरुद्ध सतत् रूप से कार्यवाही की जाती है।

अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व की पदस्‍थापना

[राजस्व]

68. ( क्र. 795 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) तहसील मुख्‍यालय पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व की पदस्‍थापना हेतु न्‍यूनतम कितने पटवारी हल्‍के, राजस्‍व निरीक्षण मण्‍डल तथा नायब तहसीलदार की आवश्‍यकता होती है? क्‍या आमला तहसील में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व की पदस्‍थापना हेतु निर्धारि‍त मापदण्‍डों की पूर्ति होती है? (ख) आमला को पूर्ण तहसील का दर्जा दिये जाने के 40 वर्षों बाद भी यहां अनुविभागीय अधिकारी की पदस्‍थापना नहीं किये जाने के क्‍या कारण रहे हैं? क्‍या अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व मुलताई द्वारा आमला में सप्‍ताह में एक दिन कैंप में सुनवाई करने तथा राजस्‍व मामलों में पारित आदेशों की नकल हेतु मुलताई जाने की बाध्‍यता को दूर किये जाने हेतु जनता, जनप्रतिनिधियों तथा वकीलों द्वारा मांग की गई है? (ग) यदि हां तो आमला में स्‍थायी एवं पूर्ण कालिक अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) की पदस्‍थापना कब तक की जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता की धारा 13 (3) के अंतर्गत राज्‍य सरकार की स्‍वीकृति से उपखण्‍ड का सृजन किया जाता है तथा उपखण्‍ड में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) की पदस्‍थापना राज्‍य शासन द्वारा की जाती है। आमला को उपखण्‍ड बनाये जाने हेतु कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार कार्यवाही परीक्षणाधीन है। कार्य सुविधा की दृष्टि से सप्‍ताह में एक दिन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) मुलताई द्वारा तहसील मुख्‍यालय आमला में उपस्थित होकर राजस्‍व मामलों की सुनवाई प्रचलित है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

नवगठित टप्‍पा तहसील कार्यालयों में कर्मचारियों की पदस्‍थापना

[राजस्व]

69. ( क्र. 796 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) विधान सभा क्षेत्र आमला के अंतर्गत बोरदेही एवं सारनी में नवीन टप्‍पा तहसील भवनों का निर्माण किये जाने के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक भवनों में कितने दिन शासकीय कार्य हुये हैं? कितने दिन प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहे? कृपया माहवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या इन नवनिर्मित कार्यालयों में अधिकारी कर्मचारियों की स्‍थायी पदस्‍थापना नहीं किये जाने से आम जनता के इन कार्यालयों से संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं? (ग) यदि हां तो इन दोनों कार्यालयों में अधिकारियों तथा कर्मचारियों की स्‍थायी पदस्‍थापना कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विधान सभा क्षेत्र आमला अंतर्गत बोरदेही एवं सारनी में नवीन टप्‍पा तहसील कार्यालय (भवन) का निर्माण किये जाने के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक बोरदेही टप्‍पा तहसील में प्रतिमाह के सोमवार एवं गुरूवार को तथा टप्‍पा तहसील सारनी में प्रतिमाह के बुधवार को प्रभारी अधिकारी द्वारा उपस्थित रहकर किये गये कार्य दिवसों की माहवार जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्र.

माह का नाम

टप्‍पा तहसील बोरदेही के कार्य दिवस

टप्‍पा तहसील सारनी के कार्य दिवस

1

नवम्बर- 2021

06

-

2

दिसम्बर- 2021

09

-

3

जनवरी- 2022

09

-

4

फरवरी- 2022

08

-

5

मार्च- 2022

09

-

6

अप्रैल- 2022

07

-

7

मई- 2022

08

-

8

जून- 2022

08

-

9

जुलाई- 2022

08

-

10

अगस्त- 2022

07

02

11

सितम्बर- 2022

09

04

12

अक्टूबर- 2022

08

03

13

नवम्बर- 2022

08

04

14

दिसम्बर- 2022

06

-

 

कुल योग

110 दिवस

13 दिवस

(ख) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बोरदेही व सारणी टप्‍पा तहसील कार्यालय हेतु पृथक से राजस्‍व अमले के पद स्‍वीकृत नहीं किए गए है। तहसील आमला/घोड़ाडोंगरी हेतु स्‍वीकृत अमले के द्वारा उक्‍त कार्यालयों का कार्य सम्‍पादित किया जा रहा है। आम जनता के इन कार्यालयों से संबंधित कार्य प्रभावित नहीं हो रहे है। (ग) मुख्‍य तहसील अंतर्गत राजस्‍व प्रकरणों की संख्‍या अधिक बढ़ जाने तथा तहसील के अंतर्गत राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल की दूरी अधिक होने से जनसुविधा एवं राजस्‍व प्रकरणों के निराकरण की दृष्टि से संबंधित जिला कलेक्‍टर द्वारा उक्‍त तहसील के अंतर्गत नवीन टप्‍पा तहसील बनाया जाकर संबंधित तहसील कार्यालय हेतु स्‍वीकृत अमले द्वारा सप्‍ताह में कार्य दिवस निर्धारित किया जाकर प्रकरणों का निराकरण कराया जाता है। टप्‍पा तहसील हेतु पृथक से अमले की स्‍वीकृति नहीं की जाती है।

चम्‍बल सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

70. ( क्र. 816 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विधानसभा क्षेत्र श्योपुर के अंतर्गत वर्ष 2022 तक कितनी वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित हैं? नाम सहित जानकारी देंवें। क्या चम्बल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना जिला श्योपुर में निर्माणाधीन है? यदि हां तो इसका निर्माण कार्य कब शुरू हुआ था एवं कार्य पूर्णतः की तिथि/अवधि सहित जानकारी देवें। (ख) श्योपुर विधानसभा में चम्बल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से कितने ग्राम सिंचाई से लाभान्वित होंगे? सूची उपलब्ध करावें। परियोजना को कितनी राशि की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में चम्बल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है? कितना कार्य हुआ है, कितना शेष है, इसकी समय-सीमा कार्य कराने की कब तक है? एजेंसी का नाम व समय-सीमा बतावें। उक्त योजना के समय-सीमा में कार्यपूर्ण न होने के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेंगी? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) संदंर्भ में उक्त योजना में पाइप की गुणवत्ता क्या है? कौन सी पाइप एग्रीमेन्ट में दर्ज है? क्योंकि जो पाइप डालने का कार्य हो रहा है वह गुणवत्ता विहीन है, क्‍या इसकी जांच कमेटी बनाकर कराई जावेगी? (ड.) क्या उक्त कार्य मूल एजेन्सी द्वारा न कराते हुए पेटी ठेकेदारों से कराया जा रहा है? यदि हां तो, क्या इसकी जांच कराया जाना अतिआवश्यक है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र श्‍योपुर के अंतर्गत वर्ष 2022 तक संचालित वृहद/मध्‍यम/लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। जी हाँ, श्‍योपुर जिले में चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन है। इस परियोजना का कार्य दिनांक 10.10.2018 से प्रारंभ हुआ था एवं परियोजना का कार्य दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण कराया जाना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) चंबल सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना से श्‍योपुर विधानसभा क्षेत्र के 52 ग्राम लाभांवित होंगे। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। शासन द्वारा परियोजना को राशि रूपये 16758.00 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना का कार्य मेसर्स डब्‍ल्‍यूपीआईएल-सारथी (जे.व्‍ही.) कोलकाता से कराया जा रहा है। परियोजना का 88 प्रतिशत कार्य पूर्ण होना एवं 12 प्रतिशत कार्य शेष होना प्रतिवेदित है। परियोजना का कार्य दिनांक 09.10.2021 तक पूर्ण करना लक्षित था परंतु कोविड-19 तथा वर्ष 2021 में श्‍योपुर जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण परियोजना का कार्य प्रभावित हुआ जिसके कारण एजेंसी द्वारा दिनांक 31.12.2022 तक कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित की गई है। उपरोक्‍त प्राकृतिक आपदाओं के कारण कार्य प्रभावित होने से किसी के दोषी होने अथवा कार्यवाही की स्थिति नहीं है।                              (घ) अनुबंधानुसार परियोजना में विभिन्‍न व्‍यासों के एमएस पाइप, डीआई पाइप तथा एचडीपीई पाइप का प्रावधान है। तद्नुसार एजेंसी द्वारा अनुबंध में निहित Specification अनुसार ही पाइप डाले जा रहे है जिनकी गुणवत्‍ता का परीक्षण समय-समय पर फैक्‍ट्री, साइट लैब एवं शासन द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त एनएबीएल लैब से कराया गया है। सभी पाइप निर्धारित Specification एवं उच्‍च गुणवत्‍ता के होने के कारण कमेटी बनाकर जांच कराने की स्थिति नहीं है। (ड.) जी नहीं, परियोजना का कार्य मूल ठेकेदार एवं अनुबंध के प्रावधानुसार पेटी ठेकेदार से कराया जा रहा है। अत: जांच कराने की आवश्‍यकता नहीं है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

आवदा बांध की मरम्‍मत

[जल संसाधन]

71. ( क्र. 819 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत स्थित आवदा बांध विगत वर्षों में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गया है? यदि हां तो, उक्त बांध की मरम्मत/जीर्णोद्धार करवाये जाने हेतु म.प्र. शासन द्वारा आवश्यक पहल की गयी है? यदि हां तो अवगत करवायें। यदि नहीं तो कारण बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि श्‍योपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थित आवदा बांध के डाउन स्‍ट्रीम में विगत वर्षों में बाढ़ से क्षति हुई थी। यह सूक्ष्म सिंचाई परियोजना न होकर पूर्व से निर्मित मध्‍यम सिंचाई परियोजना है। आवदा बांध के डाउन स्‍ट्रीम में प्रोटेक्‍शन हेतु राहत आयुक्‍त, भोपाल से दिनांक 22.02.2022 को एसडीआरएफ मद में राशि रूपये 136.89 लाख की स्‍वीकृति प्राप्त कर एजेंसी निर्धारित की जाकर मरम्‍मत कार्य प्रारंभ होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

छतरपुर वनमण्डल द्वारा संकलित जानकारी

[वन]

72. ( क्र. 824 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर वनमण्डल द्वारा वर्ष 1988 में भा.व.अ. 1927 की धारा 4 के तहत अधिसूचित सूरजपुरा वनखण्ड में शामिल भूस्वामी हक में दर्ज भूमियों को शासकीय पट्टे की भूमि एवं अतिक्रमित भूमि दर्शाया जाकर सूचना के अधिकार कानून 2005 के तहत सूची में उपलब्ध करवाई है? (ख) सूरजपुरा वनखण्ड में शामिल किस ग्राम की किस खसरा नम्बर के कितने रकबे को वनमण्डल राजस्व पट्टे की भूमि एवं अतिक्रमित भूमि बताकर सूची उपलब्ध करवा चुका है, वह भूमि पटवारी अभिलेख में किस-किस भूस्वामी के नाम पर दर्ज है? (ग) सूरजपुरा वनखण्ड में वर्ष 1988 में अधिसूचित वर्तमान पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में भूस्वामी हक में दर्ज निजी भूमियों की सूची वन मुख्यालय के आदेश दिनांक 20 जुलाई 2009 में दिए प्रारूप में प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी वर्किंग प्लान में संलग्न नहीं किए जाने का क्या कारण है? (घ) कब तक दिनांक 20 जुलाई 2009 में दिए प्रारूप में सूची वर्किंग प्लान में लगा दी जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सूरजपुरा वनखण्ड में शामिल भूमियों के व्यवस्थापन की कार्यवाही संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा प्रचलित होने एवं राजस्‍व पट्टे की भूमि न होने के कारण वर्किग प्लान में सूची संलग्न नहीं की गई है। (घ) वन व्यवस्थापन की कार्यवाही पूर्ण होने पर वन व्यवस्थापन अधिकारी से भूमि संबंधित अधिकारिता निर्धारित होने पर संभव है।

तेन्दू्पत्ता लाभांश से निर्माण कार्य हेतु राशि आवंटन

[वन]

73. ( क्र. 832 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तेन्दूपत्ता लाभांश की राशि से निर्माण कार्य हेतु जिला लघु वनोपज सहकारी संघ मर्या. उत्तर (सा.) वन मण्डल बालाघाट को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हां तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, प्राप्त राशि से किन-किन कार्यों की कब-कब स्वीकृति प्रदान की गई? आदेश की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) तेन्दूपत्ता लाभांश से व्यय संबंधी दिशा- निर्देश/आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) जिला यूनियन उत्तर बालाघाट को वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक स्वीकृत एवं प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) लाभांश की राशि से व्यय म.प्र. शासन, वन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3 दिनांक 11.03.2022 के अनुसार लघु वनोपज के संग्रहण, भण्डारण, विपणन, प्रचार-प्रसार, प्रोत्साहन आदि से संबंधित अधोसंरचनाएं, वन ग्रामों की अधोसंरचना एवं मूलभूत सुविधाओं का विकास, वन विभाग एवं लघु वनोपज समितियों की अधोसंरचनाएं एवं संग्राहकों के लिये लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के निर्देश है। शासन के आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

ताम्र परियोजना मलाजखण्ड के भूमिगत खनन

[वन]

74. ( क्र. 833 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ताम्र परियोजना मलाजखण्ड (हि.कॉ.लि.) बालाघाट के भूमिगत खनन एवं विस्तारण के पर्यावरणीय अनु‍मति के पूर्व वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 एवं वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत आवश्यक अनुमति प्राप्त करने भारत सरकार द्वारा जारी टी.ओ.आर. के अनुसार रूपये 10.78 करोड़ की राशि जमा कराई गई है? (ख) यदि हां तो उक्त जमा कराई राशि से प्रस्तावित कार्यों की सूची से कौन-कौन से कार्य कब-कब, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? स्वीकृति आदेश की प्रति देवें। यदि स्वीकृत नहीं किये गये तो कब तक स्वीकृत किये जायेंगे? (ग) ताम्र परियोजना मलाजखण्ड हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड बालाघाट को भूमिगत खनन एवं विस्तारण हेतु पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी की गई पर्यावरण अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। यदि पर्यावरण अनुमति प्रदान नहीं की गई है, तो क्या कार्योत्‍तर अनुमति प्रदान की गई है? उसकी प्रति उपलब्ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एवं स्वीकृति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। कान्हा टाइगर रिजर्व का एक एवं उत्तर बालाघाट वनमण्डल का एक प्रस्ताव स्वीकृति हेतु परीक्षण में है। परीक्षण उपरान्त ही स्वीकृति सम्भव है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्राम पंचायतों द्वारा पात्रता पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

75. ( क्र. 838 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) चन्देरी विधानसभा अंतर्गत ईसागढ़ जनपद की ग्राम पंचायतों द्वारा पात्रता पर्ची हेतु आवेदन ऑनलाइन कर दिए गए थे, जो कि 2 माह पहले जनपद पंचायत द्वारा भी स्वीकृत कर दिए गए हैं। क्या कारण है कि अभी तक पात्रता पर्ची नहीं आई है? (ख) पात्रता पर्ची नहीं आने से राशन नहीं मिल पा रहा है, NIC भोपाल और खाद्य विभाग द्वारा कब तक पात्रता पर्ची ऑनलाइन राशन मित्र एप के माध्यम से आ जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ईसागढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत नवीन पात्रता पर्ची हेतु ग्राम पंचायत एवं स्थानीय निकाय से सत्यापन उपरांत खाद्य विभाग द्वारा माह अक्टूबर 2022 में एवं दिनांक 21 नवम्बर, 2022 सायं 7.00 बजें तक कुल 115 आवेदन एम राशन मित्र पोर्टल पर स्वीकृत किये गये थे, जिनकी पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। दिनांक 21 नवम्बर, 2022 सायं 7.00 बजे के पश्चात 64 आवेदन एम राशन मित्र पोर्टल पर स्वीकृत किये गये है जिनकी पात्रता पर्ची माह दिसम्‍बर, 2022 में जारी की जाएगी। (ख) जी नहीं। प्रतिमाह पात्रता पर्ची जारी किया जाना एक सतत प्रक्रिया है। पात्रता पर्ची जारी होने के पश्चात हितग्राहियों को खाद्यान्न का वितरण कराया जा रहा है।

अधिसूचित दरों पर डेड रेंट की वसूली

[खनिज साधन]

76. ( क्र. 854 ) श्री महेश परमार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन ज़िले में कुल कितनी खनिज की खदान अधिसूचित हैं? क्या प्रदेश सरकार द्वारा 09 मई 2022 से डेडरेंट अनुबंध निष्पादन की तिथि से वसूल किए जाने के संबंध में परिपत्र जारी किया है? यदि हाँ, तो अनुसूचित एवं धारा 9 के अनुसरण में कितना डेड रेंट शासन को प्रतिवर्ष प्राप्त होता है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2019 से अब तक उज्जैन ज़िला कलेक्टर राजस्व ने भू राजस्व संहिता की धारा 247 (5) के प्रावधानों के अंतर्गत कितने लीजधारियों को भूप्रवेश की अनुमति प्रदान की है? अनुमति की प्रति वर्षवार तथा लीजधारकों के नाम पते का विवरण देवें। (ग) वर्तमान में उज्जैन जिले में कुल कितनी लीजधारी डेडरेंट का भुगतान कर रहे हैं? उनके अनुबंध की प्रति एवं भू प्रवेश की अनुमति की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) उज्जैन ज़िले में वर्तमान में कुल कितनी खदानें संचालित हैं? कितने खनिजों की संचालित हैं? उन सभी खनिजों के लीजधारकों के नाम, पते सहित भू-प्रवेश के अनुबंध सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ङ) लीजधारियों से प्राप्त डेड रेंट की वसूली का उपयोग किन कार्यों में किया गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला उज्जैन अंतर्गत खदाने अधिसूचित नहीं हैं। जी हाँ। प्रदेश सरकार द्वारा 09 मई 2022 से डेडरेंट, अनुबंध निष्पादन की तिथि से वसूल किए जाने के संबंध में परिपत्र जारी किया गया है। उज्जैन जिले में कुल रूपये 4.02 करोड़ डेडरेंट वर्ष 2022 में प्राप्त हुआ है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में जिला उज्जैन में भू-राजस्व संहिता की धारा 247 (5) के प्रावधानों के अंतर्गत लीजधारियों को भू-प्रवेश कराये जाने की जानकारी निरंक है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। अपितु जिले में स्वीकृत खदानों को संबंधित तहसीलदार के माध्यम से मौके पर सीमांकन कर स्वीकृत खदान का कब्जा सौंपा जाता है। (ग) वर्तमान में उज्जैन जिले में कुल 165 लीजधारी डेडरेंट का भुगतान कर रहे हैं, उनके अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। प्रश्‍नानुसार भू-प्रवेश न दिये जाने से भू-प्रवेश अनुमति संबंधी जानकारी संलग्न नहीं की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। (ड.) लीजधारियों से डेडरेंट की वसूली ई-खनिज पोर्टल के माध्यम से राज्य की संचित निधि में खनिज शीर्ष 0853 के माध्यम से जमा कराया जाता है। संचित निधि का उपयोग बजट प्रावधान अनुसार किया जाता है।

बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाये जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

77. ( क्र. 855 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने नए बी.पी.एल. राशन कार्ड पर रोक लगाई है? यदि हाँ, तो इस रोक को हटाने के लिए शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ख) क्या नये बी.पी.एल. राशन कार्ड नहीं बनने से कई गरीब परिवारों में राशन नहीं मिलने, वृद्धा पेंशन नहीं मिलने की शिकायतें विभाग को नहीं मिली है? यदि मिली है तो इस संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) उज्जैन ज़िले में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं जहां राशन की दुकान उपलब्ध नहीं है? उन ग्राम पंचायतों में शासन कब तक राशन की दुकानें खोलने जा रही है? (घ) वर्तमान में उज्जैन जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कितने परिवारों को चिन्हित किया है? गरीबी रेखा के निर्धारण का मापदंड क्या है? शासन की नियम पुस्तिका उपलब्ध कराते हुए बी.पी.एल. कार्ड बनाए जाने और रोके जाने के संबंध में शासन द्वारा जारी किए गए सभी परिपत्रों को उपलब्ध कराएं। (ङ) शासन कब तक गरीबी रेखा के नये कार्ड बनाने के आदेश जारी करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) म.प्र. शासन के अधिसूचना क्रमांक 257 भोपाल दिनांक 07 जून 2017 के परिपालन में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 2245 दिनांक 15.01.2021 से राशन कार्ड/डुप्‍लीकेट राशन कार्ड जारी नहीं करने के निर्देश है। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कण्डिका 4 (1) अनुसार भौतिक अथवा इलेक्‍ट्रानिक रूप से राशन कार्ड जारी करने के प्रावधान है। हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ ऑनलाईन जारी पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) के माध्‍यम से प्रदाय कराया जा रहा है। (ख) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कण्डिका 4 (1) अनुसार भौतिक अथवा इलेक्‍ट्रानिक रूप से राशन कार्ड जारी करने के प्रावधान है। इसलिए बी.पी.एल. राशन कार्ड के स्‍थान पर ई-राशन कार्ड के रूप में पात्रता पर्ची जारी की जा रही है। जिले में पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) नहीं बनने संबंधी एवं गरीब परिवारों को राशन नहीं मिलने, वृद्धा पेंशन नहीं मिलने संबंधी कोई शिकायत विभाग में प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।               (ग) उज्‍जैन जिले में ऐसी 5 ग्राम पंचायते (बनबनी, किलोली, बडगारा, पात्‍याखेडी (जनपद पंचायत बड़नगर) एवं सिकंदरी (जनपद पंचायत उज्‍जैन) है, जहां राशन की दुकान उपलब्‍ध नहीं है। उक्‍त पंचायतों में प्राप्‍त आवेदन पत्रों में संस्‍थाओं के पात्र नहीं होने/आवेदन प्राप्‍त नहीं होने से दुकाने खोली नहीं जा सकी है। (घ) वर्तमान में उज्‍जैन जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 188711 परिवार चिन्हित किये गये है। गरीबी रेखा के निर्धारण का मापदण्‍ड एवं नियम पुस्तिका पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार है। बी.पी.एल. कार्ड के स्‍थान पर ई-राशन कार्ड के रूप में पात्रता पर्ची जारी की जा रही है। निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ड.) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कण्डिका 4 (1) अनुसार भौतिक अथवा इलेक्‍ट्रानिक रूप से राशन कार्ड जारी करने के प्रावधान है। हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ ऑनलाईन जारी पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) के माध्‍यम से प्रदाय कराया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

किसानों के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

78. ( क्र. 858 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2020 के पश्चात मन्दसौर विधानसभा क्षेत्र में अतिवृष्टि सहित अन्य आपदाओं से पीड़ित कितने किसानों के द्वारा आर्थिक मदद, मुआवजा प्राप्त करने के लिए कितने आवेदन राजस्व कार्यालय में प्रस्तुत किये गये? कितनों को कितनाकितना मुआवजा दिया गया? कितने आवेदन किन करणों से लंबित हैं? (ख) उक्त अवधि में किसानों के कितने आवेदन भूमि सम्बन्धी दस्तावेज संशोधन, मांग आदि के किन कारणों से लंबित हैं? (ग) विभिन्न योजनाओं में निर्धारित अवधि में कार्य नहीं करने के कारण किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? नाम आदेशों की प्रतिलिपि सहित जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) आर.बी.सी. 6-4 के तहत ग्राम में प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों का सर्वे कर राजस्‍व विभाग के कर्मचारियों द्वारा प्रतिवेदन प्रस्‍तुत उपरांत विभिन्‍न मदो में प्रकरण तैयार कर राहत राशि का भुगतान किया जाता है। 1 जनवरी 2020 के पश्‍चात मन्दसौर विधानसभा क्षेत्र में पृथक से कोई आवेदन पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है। उक्‍त अवधि में विभिन्‍न प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को प्रदाय राहत राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। वर्तमान में मंदसौर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत आपदा से प्रभावितों के आर्थिक सहायता के कोई आवेदन लंबित नहीं है। (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र के भूमि संबंधी दस्‍तावेज संशोधन मांग आदि के 34 आवेदन लंबित होकर आवेदको से दस्‍तावेज प्राप्‍त करने, साक्ष्‍य लिये जाने, आपत्ति का जवाब लिये जाने आदि न्‍यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत लंबित है। (ग) जानकारी निरंक है।

 

 

नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन

[वन]

79. ( क्र. 868 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) विधानसभा क्षेत्र बरघाट अंतर्गत विकासखण्‍ड कुरई जो कि एक आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र है, कुरई मुख्‍यालय में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु वर्ष 2016 में घोषणा की गई थी। महाविद्यालय 2018 से प्रारंभ किया गया है एवं जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत कन्‍या शिक्षा परिसर पूर्व से संचालित है परन्‍तु भवन न होने के कारण छात्र/छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शासन द्वारा उक्‍त दोनों संस्‍थाओं के भवनों के निर्माण हेतु राशि भी स्‍वीकृत हो चुकी है परंतु भवन निर्माण हेतु शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) शासकीय महाविद्यालय एवं कन्‍या शिक्षा परिसर के नवीन भवन निर्माण हेतु राजस्‍व एवं वन विभाग की भूमि के आवंटन संबंधी कार्यवाही लम्‍बे समय से चल रही है राजस्‍व विभाग द्वारा वन विभाग से 18.00 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित किए जाने के एवज में 36.00 हेक्‍टेयर गैर वन भूमि को वन विभाग के नाम आरक्षित कर भूमि का कब्‍जा भी सौंपा जा चुका है। इसके बाद भी मुख्‍य वन संरक्षक (भू-प्रबंध) म.प्र. भोपाल द्वारा अनापत्ति पत्र प्रदान नहीं किया जा रहा है, कृपया अवगत करावे कि भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित हो पायेगी या नहीं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) 02 ऑनलाईन आवेदन स्‍वीकृति हेतु प्रचलित है, विवरण जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही के साथ वसूली

[खनिज साधन]

80. ( क्र. 882 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं रीवा जिले में पत्‍थर उत्‍खनन बाबत कहां लीज कब-कब, कितने-कितने वर्षों के लिये कितने एरिया (क्षेत्रफल) में कहां-कहां स्‍वीकृत की गई, का विवरण क्षेत्रफलवार, वर्षवार 2015 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का स्‍वीकृत स्‍थानवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत पत्‍थर उत्‍खनन बाबत् अनुमति प्रदान की गई, उसके लिये शासन के क्‍या निर्देश हैं, की प्रति देते हुए बतावें कि उत्‍खनन पूर्व शर्तों का पालन संबंधित उत्‍खनन कंपनी द्वारा कर उत्‍खनन की कार्यवाही की गई या नहीं? शर्तों का पालन न करने पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब किन-किन पर की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत लीज से कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ का विवरण वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार, जिलेवार, लीजवार देवें। यह भी बतावें कि पत्‍थरों की लीज क्षेत्र कितने क्रशर संचालित हैं? इनके संचालन की अनुमति की प्रति देते हुए बतावें कि शासन की शर्तों का पालन कर क्‍या इनका संचालन किया जा रहा है? अगर नहीं तो इन पर कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही की गई, की प्रति देते हुए बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पत्‍थर उत्‍खनन हेतु जिनको अनुमति प्रदान की गई है, अनुमति में दी गई शर्तों के अनुसार उत्‍खनन का कार्य किया अथवा ज्‍यादा गहराई तक इसका सत्‍यापन व कार्यवाही कब-कब, किस-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किन-किन पर की गई? (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्‍लेखित आधारों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा सत्‍यापन कर कार्यवाहियां नहीं की गई, शासन को राजस्‍व की क्षति पहुंचाई, व्‍यक्तिगत हितपूर्ति कर दोषियों को बचाया गय, इसके लिये किन-किन को जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे? कार्यवाही का स्‍वरूप क्‍या होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जिला शहडोल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 1 एवं जिला रीवा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 2 पर दर्शित है। (ख) पत्थर उत्खनन पट्टा के संबंध में अधिसूचित नियम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधान हैं। शर्तों का पालन न करने के संबंध में जिला शहडोल द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के 1 एवं जिला रीवा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार प्रश्‍नाधीन अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक शहडोल जिले के पट्टेदारों द्वारा जमा की गई रायल्टी राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के 1 तथा रीवा जिले के पट्टेदारों द्वारा जमा की गई रायल्टी राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के 2 पर दर्शित है। शहडोल जिले में पत्थर की लीज के आधार पर कुल 79 क्रशर संचालित है तथा रीवा जिले में कुल 134 क्रशर संचालित है। जिनके द्वारा नियम/शर्तों का पालन किया जाकर संचालन किया जा रहा है। शर्तों के उल्लंघन पर मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अधीन कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना एवं अर्थदण्ड अधिरोपित करने के साथ ही पट्टा निरस्त किये जाने के प्रावधान है। वर्तमान स्थिति में शर्तों के उल्लंघन किये जाने के उपरांत किसी प्रकार की कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। अतः प्रश्‍नांश अनुसार अंतिम कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (ग) के उत्तर अनुसार नियम/शर्तों के पालन किये जाने एवं उत्खनन हेतु खान सुरक्षा महानिदेशालय के मानकों के अनुरूप कार्य किये जाने से प्रश्‍नांश अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही नहीं है। (ड.) समय-समय पर खदानों के निरीक्षण किये जाने एवं अनियमितता जैसी स्थिति परिलक्षित नहीं होने के कारण शासन को राजस्व हानि जैसी स्थिति नहीं पाई गई। अतः प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आदेश का पालन न करने वाले जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[राजस्व]

81. ( क्र. 884 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या समाज सेवियों द्वारा दिनांक 23.08.2022 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व गुढ़ हुजूर जिला रीवा को 15 सूत्रीय ज्ञापन पत्र सौंप कर समस्‍याओं के निराकरण का निवेदन किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व अनुभाग गुढ़ द्वारा अपने पत्र क्र. 533/एस.डी.ओ./2022 दिनांक 07.09.2022 द्वारा तहसीलदार गुढ़, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग क्र. 1, कार्यपालन यंत्री मध्‍यप्रदेश विद्युत मंडल संभाग, रीवा, मुख्‍य नगर परिषद गुढ़/गोविन्‍दगढ़ कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान को ज्ञापन पत्र की समस्‍याओं के निराकरण कर शीघ्र कार्यवाही बाबत पत्र लिखा गया था? (ग) यदि प्रश्‍नांश (ख) हां तो पत्र में आवेदक एडवोकेट मयंकधर द्विवेदी को भी की गई कार्यवाही से अवगत कराने एवं प्रतिवेदन एक सप्‍ताह में प्रस्‍तुत करने का भी लेख किया गया था? तदनुसार कार्यवाही की स्थिति‍ क्‍या है? अगर कार्यवाही समय पर नहीं की गई तो जिम्‍मेदारों की पहचान कर उन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) के ज्ञापन पत्र पर प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार संबंधितों द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें कि आवेदक को की गई कार्यवाही से कब तक किस दिनांक को व माह में अवगत कराया गया? अगर नहीं किया गया तो संबंधित जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों एवं कार्यवाही बाबत निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हां। (ग) जी हां। आवेदक को दिनांक 07.09.2022 को की गई कार्यवाही से अवगत कराया जा चुका है। प्राप्‍त आवेदन के बिन्‍दुओं पर समय पर कार्यवाही नहीं करने पर संबंधितो को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है।             (घ) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित ज्ञापन पर कार्यवाही प्रचलित है। कार्यवाही की प्रति जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार।

परिशिष्ट - "चालीस"

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[श्रम]

82. ( क्र. 885 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के जनपद पंचायत ब्‍यौहारी व जयसिंहनगर जनपद पंचायतों में कर्मकार मण्‍डल के तहत पंजीबद्ध श्रमिकों के कितने कार्ड/पहचान पत्र जारी किये गये, का विवरण जनपदवार, ग्राम पंचायतवार हितग्राहियों के नाम व पते सहित जिलेवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पंजीबद्ध श्रमिकों के पुत्रियों की शादी, मृत्‍यु व साइकिल खरीदी बावत् कितनी राशि देने के प्रावधान हैं? वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक में कितने हितग्राहियों को विवाह सहायता मृत्‍यु सहायता का लाभ दिया गया, का विवरण ग्राम पंचायतवार जनपदवार जिलों का देवें। साइकि‍ल खरीदी हेतु ला‍भांवित हितग्राहियों की सूची उपरोक्‍तानुसार ही देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तारतम्‍य में संबल योजना के तहत पंजीबद्ध श्रमिकों को मृत्‍यु उपरांत मिलने वाली सहायता राशि की जानकारी प्रश्‍नांश (क) के जनपदों अनुसार हितग्राही के नाम व ग्राम पंचायत के नाम के साथ सम्पूर्ण पते के साथ वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक का देवें एवं कितने प्रकरण स्‍वीकृति‍ बावत् लंबित हैं एवं कितने स्‍वीकृत उपरांत भुगतान बावत् लं‍बित हैं, की जानकारी भी उपरोक्‍तानुसार ही देवें।                                   (घ) प्रश्‍नांश (क) के पंजीबद्ध श्रमिकों को प्रश्‍नांश (ख) अनुसार लाभान्वित नहीं किया, उनके नाम से फर्जी आवेदन तैयार कर राशि आहरित कर ली गई, इसी तरह प्रश्‍नांश (ग) अनुसार भी हितग्राहियों के साथ फर्जीवाड़ा किया, व्‍यक्तिगत हितपूर्तिकर अपात्रों को पात्र किया गया, पात्र लाभ से वंचित हुये, क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय समिति बनाकर जांच करावेंगे एवं दोषियों से राशि वसूली के साथ अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराने बावत् निर्देश देगें तों कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शहडोल जिले के जनपद पंचायत ब्‍यौहारी में 4335 व जयसिंहनगर में 7154 निर्माण श्रमिक म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत पंजीबद्ध हैं। पंजीबद्ध श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल की विवाह सहायता योजना, मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि सहायता एवं अनुग्रह भुगतान योजना एवं सायकल अनुदान योजना अंतर्गत हितलाभ राशि के प्रावधान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विवाह सहायता योजना, मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि सहायता एवं अनुग्रह भुगतान योजना एवं सायकल अनुदान योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजनांतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कोई भी प्रकरण स्‍वीकृति हेतु लंबित नहीं है एवं कुल 220 प्रकरण स्वीकृत उपरांत भुगतान हेतु लंबित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।                             (घ) उत्‍तरांश (क) के अनुसार निकायों में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के फर्जी आवेदन तैयार कर राशि आ‍हरित करने/अपात्रों को पात्र किये जाने संबंधी कोई शिकायत अथवा प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा से संबंधित स्थिति निर्मित नहीं हुई है।

मुआवजा का वितरण

[जल संसाधन]

83. ( क्र. 892 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) मोहनपुरा एवं कुण्‍डालिया वृहद परियोजना के अंतर्गत राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के तहत निर्माणाधीन प्रेशर पाईप नहर के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में कितने-कितने हेक्‍टेयर क्षेत्र में मुआवजा कृषकों को प्रदान किया गया? (ख) जिन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रेशर पाईप नहर में डक्‍ट खुदाई के तहत भूमि का मुआवजा नहीं दिया गया है उस निर्माणाधीन एजेंसी पर क्‍या कार्यवाही की गई एवं किस स्‍तर पर लंबित है? साथ ही कब तक मुआवजा वितरित किया जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) मोहनपुरा एवं कुण्‍डालिया वृहद परियोजनांतर्गत राजगढ़ संसदीय क्षेत्र में निर्माणाधीन प्रेशर पाइप नहर के द्वारा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में दर्शित 342 ग्रामों के 227.098 हेक्टेयर क्षेत्र में कृषकों को मुआवजा प्रदान किया गया है। शेष क्षेत्र में कृषकों की सहमति से कार्य किया गया है एवं विभिन्‍न धाराओं के अंतर्गत प्रकाशन की कार्यवाही सक्षम स्‍तर पर पूर्ण होने के उपरांत शत-प्रतिशत भुगतान किया जाता है। अत: निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है।

टप्‍पा माचलपुर को तहसील घोषित किया जाना

[राजस्व]

84. ( क्र. 893 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत टप्‍पा माचलपुर को तहसील घोषित किए जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा कब एवं किसको लेख किया गया? (ख) इस आशय में शासन स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही हुई? अगर कार्यवाही हुई है तो इसमें कितनी प्रगति हुई? क्‍या शासन माचलपुर को तहसील घोषित करेगा? यदि हां तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय विधायक द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री जी को दिनांक 19/01/2019, 23/01/2019, 01/03/2019, 02/03/2019, 27/05/2019, 04/10/2019 तथा दिनांक 09/03/2022 को लिखे गये है। (ख) विभाग द्वारा राजगढ़ जिले के अंतर्गत टप्‍पा माचलपुर को तहसील घोषित किये जाने हेतु कलेक्‍टर जिला राजगढ़ से दिनांक 11/03/2019 को पत्र के माध्‍यम से जानकारी चाही गई। कलेक्‍टर जिला राजगढ़ से प्राप्‍त प्रस्‍ताव के परीक्षण उपरांत दिनांक 07/12/2019 को प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर आपत्ति/सुझाव चाहे गये। वर्तमान में प्रकरण परीक्षणाधीन है।

बांस राईजोम बैंक की जानकारी

[वन]

85. ( क्र. 898 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामाजिक वानिकी वृत्‍त बैतूल में वर्ष 2016-17 से वर्ष 2021-22 तक बांस राईजोम बैंक तैयार किये गये? यदि हां तो रोपणीवार, वर्षवार तैयार बांस राईजोम बेडों की संख्‍या, राईजोम की संख्‍या, उपयोग किये तथा शेष राईजोम की संख्‍या तथा उपयोग के प्रकार का विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में रोपणीवार, वर्षवार, कार्यवार कुल व्‍यय की गई राशि का विवरण देवें तथा उक्‍त अवधि में किस-किस मुख्‍य वनसंरक्षक की कार्यावधी में कितनी राशि व्‍यय की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में किस वानिकी वृत्‍त प्रभारी द्वारा कितने बेडों को कितनी संख्‍या में बिना उपयोग किये बांस राईजोम को अभिलेखों से हटाया गया? क्‍या उन्‍हें बांस राईजोम को कम करने का अधिकार प्राप्‍त है और कितनी राशि का? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में रोपणीवार बांस राईजोम बैंक के बेडों तथा बांस राईजोम की संख्‍या का भौतिक सत्‍यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? क्‍या शासन भौतिक सत्‍यापन करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही कर शासकीय राशि की वसूली करेगा और कब तक?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 में है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 में है। (ग) रोपणी प्रभारी द्वारा बेडों को बिना उपयोग किये बांस राईजोम को अभिलेखो से नहीं हटाया गया है। रोपणी में उपयोग एवं अन्य वन वृत्तों तथा वनमण्डलों को प्रदाय हेतु राईजोम खुदाई के दौरान जिन बेडों में अनुपयोगी बांस राईजोम निकला उन बेडों को भौतिक सत्यापन में सम्मिलित नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 में है। उत्‍तरांश (ग) के अनुक्रम में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लघु वनोपज के संबंध में

[वन]

86. ( क्र. 906 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लघु वनोपज के संबंध में मध्‍यप्रदेश वन उपज (व्‍यापार विनियम) अधिनियम, 1969 मध्‍यप्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम 2000, म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959, संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006 की किस धारा किस कंडिका में क्‍या-क्‍या प्रावधान दिया गया है? इनमें से किस धारा या कंडिका में किस लघु वनोपज के संग्रहण, परिवहन, भण्‍डारण एवं विपणन पर प्रतिबंध लगाने का क्‍या प्रावधान है? (ख) राज्‍य में किस लघु वनोपज का संग्रहण, विपणन, भण्‍डारण एवं परिवहन वन विभाग के नियंत्रण से मुक्‍त है किस लघु वनोपज के संग्रहण, विपणन, भण्‍डारण एवं परिवहन पर वन विभाग का कौन सा एवं कितना नियं‍त्रण है? पृथक-पृथक बतावें। (ग) भोपाल, सीहोर, रायसेन, खण्‍डवा एवं उज्‍जैन वनवृत्‍त के अंतर्गत गत तीन वर्षों में किस-किस के विरूद्ध कितनी और कौन सी लघु वनोपज का किस धारा में वन अपराध किन-किन कारणों से पंजीबद्ध कर कितनी वनोपज का वाहन राजसात किया?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश पंचायत (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 के नियम 25 (1) में अनुसूचित वनक्षेत्रों में शासकीय वनों के संवहनीय प्रबंधन हेतु ग्रामसभा, वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति गठित करेगी। नियम 25 (2) के अनुसार गौण वनोपज के प्रबंधन हेतु वन विभाग के परामर्श से सूक्ष्म प्रबंधन योजना तैयार करेगी। नियम 25 (3) के अनुसार गौण वनोपज का समुचित दोहन के साथ जैव विविधता एवं जैविक स्त्रोतों का संरक्षण एवं संवर्धन भी ग्रामसभा करेगी। नियम 25 (4) के अनुसार गौण वनोपज की मात्रा सीमित होने की स्थिति में वनोपज का संग्रहण प्रतिबंधित कर सकेगी। भारतीय वन अधिनियम, 1927, जैवविविधता (संरक्षण) अधिनियम, 2002 एवं मध्यप्रदेश वन उपज (जैव विविधता का संरक्षण एवं पोषणीय कटाई) नियम, 2005 के अंतर्गत विनाशकारी विदोहन की स्थिति में गौण वनोपजों के संरक्षण हेतु वन अधिकारियों को अधिकार दिये गये हैं। (ख) राज्य में तेन्दूपत्ता का संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1964 से संचालित है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासियों के (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत अधिसूचित नियम, 2008 की धारा 2 (1) (घ) एवं 3 (1) (ग) में वन अधिकार धारकों को गौण वन उत्पादों के संग्रहण, उपयोग एवं व्ययन के अधिकार दिये गये हैं। पंचायत उपबंध (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 के अंतर्गत मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश पंचायत (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 के नियम 25 में गौण वनोपज का परम्परागत प्रबंधन तथा नियम 26 में गौण वनोपज संबंधित अधिकार दिये गये हैं। इसके नियम 26 (4) में तेन्दूपत्ता का संग्रहण एवं विपणन मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ से कराये जाने का नियम है। यदि ग्रामसभा चाहे तो तेन्दूपत्ते का संग्रहण एवं विपणन स्वयं कर सकेगी बशर्ते ग्रामसभा इस संबंध में संबंधित संग्रहण वर्ष के पूर्व वर्ष में 15 दिसम्बर तक इस हेतु संकल्प पारित कर ग्राम पंचायत के माध्यम से वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को अवगत कराये। अन्य लघु वनोपज का संग्रहण एवं विपणन तथा जैव विविधता एवं जैविक स्त्रोतों का संरक्षण एवं संवर्धन ग्रामसभा करेगी। लघु वनोपज के विनाशकारी विदोहन को रोकने के लिये प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वन अधिनियमों में वनमंडलाधिकारी को अधिकार दिये गये हैं। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

आदिवासियों हेतु मूलभूत सुविधाएं

[वन]

87. ( क्र. 916 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्‍या अनूपपुर जिले की आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा में विकास हेतु एवं आदिवास‍ियों की मूलभूत सुविधाओं हेतु तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा वन विभाग के विभिन्‍न कार्य स्‍वीकृत किये थे? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हां, तो कौन-कौन से मद से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये थे? ब्‍लाकवार, कार्यवार एवं राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) उक्‍त स्‍वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? उक्‍त कार्यों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट में है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

नर्मदा डायवर्सन योजना की स्‍वीकृत राशि

[जल संसाधन]

88. ( क्र. 917 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में नर्मदा डायवर्सन योजना कब कितनी राशि से स्‍वीकृत की गई थी? स्‍वीकृति का प्रशासकीय आदेश उपलब्‍ध करावे, साथ ही यह भी बतावें कि नर्मदा डायवर्सन योजना से अनूपपुर जिले के कौन-कौन से गांव के किसानों को सिंचाई का लाभ प्राप्‍त हो जायेगा?                                (ख) विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ के किसानों की मांग के अनुसार अन्‍य गांव को सिंचाई का लाभ प्राप्‍त हो सके तथा उन गांव के किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके इस हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ है? (ग) किसानों के हित में सिंचाई से वंचित गांव को कब तक शामिल कर लिया जावेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) नर्मदा डायवर्सन परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति शासन द्वारा दिनांक 20.09.2018 को राशि रूपये 3442.47 लाख की प्रदान की गई है। प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। नर्मदा डायवर्सन परियोजना से अनूपपुर जिले के कुम्‍हरवार, मोंहदी, खुजरवार, काठी, पडरिया, सरईटोला, भीमकुण्‍डी एवं करौंदाटोला ग्राम के किसानों को सिंचाई का लाभ प्राप्‍त होगा। (ख) एवं (ग) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ के किसानों की मॉंग के अनुसार अन्‍य ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराने हेतु विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रस्‍तावों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सिंचाई से वंचित अन्‍य ग्रामों को सिंचाई का लाभ दिए जाने हेतु क्षेत्र से बहने वाली नर्मदा नदी एवं अन्‍य नालों की टोपोग्राफी का अध्‍ययन कर संभावित परियोजनाओं की साध्‍यता के परीक्षण में विभागीय मापदण्‍डानुसार प्रपत्र-'''' में दर्शित परियोजनाओं के अतिरिक्‍त अन्‍य परियोजनाओं हेतु कोई स्‍थल उपयुक्‍त नहीं पाया गया। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संग्रहित सामग्री को प्राइवेट वेयरहाउस में रखे जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

89. ( क्र. 930 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्राइवेट वेयरहाउस में माल भरने के क्या नियम हैं? क्या खरीदी केंद्र से निकटतम दूरी से लेकर अधिकतम दूरी तक वेयरहाउस क्रम से भरे जाते हैं? यदि हां तो खरीद केंद्रों से वेयरहाउस की दूरी के क्रम में ग्वालियर जिले की सीमा में स्थित प्राइवेट वेयरहाउस की क्षमता एवं समीपस्थ केन्द्र से दूरी सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 से उत्तर दिनांक तक किस प्राइवेट वेयरहाउस में कितना माल भरा गया? वेयरहाउस से माल उठाने के क्या नियम हैं? इसमें भी निकटतम से अधिकतम दूरी का मानक लागू होता है? प्राइवेट वेयरहाउस में रखे गये माल को किस पीडीएस दुकान पर सप्लाई किया? उसका नाम एवं दूरी सहित जानकारी देवें। इस हेतु किस ट्रांसपोर्टर को कितनी राशि भुगतान की गई? वर्षवार एवं वेयरहाउसवार जानकारी दें। (ग) क्या ग्वालियर जिले की सीमा में वेयरहाउस खाली होने के उपरांत भी 2019-20 से उत्तर दिनांक तक जिले के बाहर प्राइवेट वेयरहाउस भरे गए? यदि हां, तो किस नियम के तहत? खरीद केन्द्र से सामग्री जिस प्राइवेट वेयरहाउस में रखी गई उसकी दूरी सहित सूची उपलब्ध कराये। इस हेतु किस ट्रांसपोर्टर को कितनी राशि भुगतान की गई? वर्षवार एवं वेयरहाउसवार जानकारी दें। (घ) वेयरहाउस में रखे शासकीय माल में क्या कभी कोई शॉर्टेज आती है? यदि हां, तो क्यों एवं उसका क्या नियम है? इसके लिए कौन उत्तरदायी होता है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्राइवेट वेयरहाउस में मुख्‍यालय द्वारा जारी उपार्जन भंडारण नीति के त‍हत जिला कलेक्‍टर द्वारा गठित जिला उपार्जन समिति द्वारा मेंपिग के आधार पर स्‍कंध का भंडारण गोदामों में कराया जाता है। अधिकांश खरीदी केन्‍द्र गोदाम परिसर के अन्‍दर बनाये जाते हैं यदि कोई खरीदी केन्‍द्र की दूरी गोदाम से अधिक होती है तो शासन द्वारा जारी उपार्जन नीति के तहत निर्धारित प्रक्रिया एवं क्रम अनुसार मध्‍यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक्‍स कार्पोरेशन द्वारा उपलब्‍ध कराए गये गोदामों में जिला स्‍तरीय उपार्जन समिति द्वारा भण्‍डारण कराया जाता है। मध्‍यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक्‍स कार्पोरेशन द्वारा उपार्जन कार्य के दौरान विशेष परिस्थितियों में एक से अधिक गोदामों में भंडारण कराया जाता है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2019-20 से आज दिनांक तक प्राइवेट वेयरहाउस में स्‍कंध भंडारण की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। शासन की उपार्जन नीति अनुसार भंडार गृह (निगम) को स्‍कंध का भुगतान किया जाता है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। शासन के पीडीएस अंतर्गत खाद्यान्‍न वितरण हेतु जारी किए गये आवंटन अनुसार सेक्‍टर से संबंद्ध प्रदाय केन्‍द्रों पर फीको पद्धति अनुसार खाद्यान्‍न का उठाव किया जाता है। पीडीएस दुकानों पर स्‍कंध की सप्‍लाई प्रदाय केन्‍द्र के गोदामों से ऑनलाईन दर्शित आवंटन अनुरूप की जाती है संपूर्ण सेक्‍टर हेतु समस्‍त दुकानों की समान दूरी मानी जाती है। प्राईवेट वेयर हाउस में रखे माल को किस पीडीएस दुकान पर सप्‍लाई किया, जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। वर्ष 2019-20 से आज दिनांक तक सेक्‍टरवार परिवहनकर्ताओं को किये गये भुगतान की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है।                                 (ग) उपार्जन वर्ष 2019-20 से आज दिनांक तक ग्‍वालियर जिले में ऑनलाईन पंजीकृत गोदामों में ही भंडारण किया गया जिले के बाहर सीमा में स्थित गोदाम एच.जी. वेयरहाउस क्षमता 5610 में.टन एवं एच.जी.एग्री वेयर हाउस क्षमता 10687 मे.टन जो कि दोनों वेयरहाउस मुरैना जिले के राजस्‍व सीमा में स्थित है जिनका मुख्‍यालय द्वारा ऑनलाईन ऑफर (पंजीयन) की अनुमति शाखा बरौआ जिला ग्‍वालियर में दी गई है, अत: पंजीयन ग्‍वालियर जिला में होने के कारण नियमानुसार भंडारण किया जा रहा है। जिला ग्‍वालियर में पंजीकृत निजी वेयरहाउसों के अलावा अन्‍य जिले के किसी भी निजी वेयरहाउस में जिले के बाहर स्‍कंध का परिवहन नहीं कराया गया है। (घ) हां, सूखत के कारण एवं भंडारगृह में आने वाली शार्टेज के लिये निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

उचित मूल्य दुकानों से वितरित सामग्री

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

90. ( क्र. 931 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को वितरण किये जाने हेतु वर्ष 2019-20 से उत्तर दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में किस दर से क्रय की गई? उस पर कितनी राशि व्यय हुई? वर्षवार, सामग्री/स्कंधवार एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) खरीदी गई सामग्री में से कौन-कौन सी एवं कितनी सामग्री वितरण की गई? सामग्री के भण्डारण में कितनी मात्रा खराब हुई? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उसके विरूद्ध विभाग/सरकार द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हां, तो क्या? नहीं, तो क्यों? राज्‍य की जानकारी दें। (ग) वर्ष 2022-23 में उपभोक्ताओं को खाद्य सामग्री का कितना आवंटन निर्धारित किया है? उत्तर दिनांक को आगामी माह शेष अवधि में वितरण हेतु किस-किस प्रकार का कितनी मात्रा में भण्डारण हैं? (घ) वर्ष                     2022-23 में उत्तर दिनांक तक पीडीएस डिस्ट्रीब्यूशन के लिए ग्वालियर जिले से कोई सामग्री/स्कंध अन्य जिले में परिवहन किया गया? यदि हां, तो कौन-कौन सी सामग्री/स्कंध उसकी मात्रा सहित जानकारी जिलेवार बतायें। (ड.) ग्वालियर जिले में वर्ष 2022-23 में पीडीएस में ज्वार की कितनी मात्रा उपभोक्ताओं को वितरण हेतु केन्द्रों पर भेजी गई? क्या उपभोक्ताओं को वितरण के दौरान बीच में ही इसका वितरण रोका गया? यदि हां, तो किस नियम के तहत? इस बीच कितनी मात्रा में उपभोक्ताओं को वितरण हुआ? पीडीएस डिस्ट्रीब्यूशन में ज्वार को लेकर कोई शिकायत आई थी? यदि हां, तो जांच में कौन दोषी पाया? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्‍न राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न, नमक एवं शक्‍कर वितरण हेतु क्रय की गई मात्रा, आर्थिक लागत एवं कुल व्‍यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन द्वारा नमक एवं शक्‍कर का मुख्‍यालय स्‍तर पर क्रय कर उपलब्‍ध कराई जाती है। समर्थन मूल्‍य पर गेहूं, धान एवं मोटे अनाज की जिलेवार क्रय मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे                               परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ख) प्रदेश में समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न का उपार्जन विकेन्‍द्रीयकृत उपार्जन योजनांतर्गत किया जाता है। उपार्जित मात्रा में से प्रदेश की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत भारत सरकार द्वारा आवंटित मात्रा की सीमांतर्गत खाद्यान्‍न का वितरण पात्र परिवारों को किया जाता है एवं सरप्‍लस मात्रा को भारत सरकार को परिदान किया जाता है। पात्र परिवारों को वितरित राशन सामग्री की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। खाद्यान्‍न के भंडारण के दौरान खराब हुए स्‍कन्‍ध की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे                                   परिशिष्‍ट-द अनुसार है। भंडारण एजेंसी के कर्मचारी की लापरवाही से स्‍कन्‍ध खराब होने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जाती है। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के परिवारों को 35 किलो ग्राम एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 05 किलो ग्राम प्रति सदस्‍य प्रतिमाह के मान से खाद्यान्‍न का आवंटन निर्धारित किया गया है। उचित मूल्‍य दुकानों से संलग्‍न परिवारों का पात्रता अनुसार राशन सामग्री वितरण पश्‍चात शेष रही मात्रा का समायोजन करते हुए आगामी माह हेतु आवंटन जारी किया जाता है। माह दिसम्‍बर, 2022 में पात्र परिवारों को वितरण हेतु जारी नेट आवंटन एवं प्रदाय कर उचित मूल्‍य दुकानों पर भण्‍डारित खाद्यान्‍न मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे                                  परिशिष्‍ट-इ अनुसार है।(घ) वर्ष 2022-23 में उत्तर दिनांक तक लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत वितरण के लिए ग्वालियर जिले से परिवहन की गई सामग्री/स्कंध की जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-फ अनुसार है। (ङ) ग्वालियर जिले में वर्ष 2022-23 में पीडीएस अंतर्गत ज्वार 12937.063 मे.टन उपभोक्ताओं को वितरण उचित मूल्‍य दुकानों पर प्रदाय की गई है। प्रदाय मात्रा में से 12573.854 मे. टन ज्‍वार का वितरण पात्र परिवारों को हुआ है। उपभोक्ताओं को वितरण के दौरान ज्वार का वितरण नहीं रोका गया है। ज्‍वार वितरण के संबंध में कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनिज संसाधनों से होने वाले राजस्व लाभ

[खनिज साधन]

91. ( क्र. 946 ) श्री तरबर सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक बण्डा विधानसभा क्षेत्र में कितने खनिज संसाधन कार्यशील हैं? नाम सहित सूचीबद्ध जानकरी प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किस संसाधन से कितना राजस्व लाभ हुआ है? संसाधनवार राशिवार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित संसाधनों से होने वाली आय का कितना उपयोग बण्डा विधानसभा क्षेत्र के विकास में किया गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ग) खनिज संसाधनों से मिलने वाला राजस्‍व, राज्‍य की संचित निधि में जमा किया जाता है, जिसका उपयोग विधानसभा से अधिकृत बजट के अनुरूप विभिन्‍न विकास कार्यों में किया जाता है

भूमियों का उपयोग बदलने एवं तल-बदल करने

[राजस्व]

92. ( क्र. 964 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) टीकमगढ़ नगर निवासी एवं म.प्र. शासन के पूर्व मंत्री श्री यादवेन्द्र सिंह बुन्देला सुपुत्र                             स्व. श्री सरदार सिंह बुन्देला तथा इनके परिजनों (भाईयो-सर्वश्री महेन्द्र सिंह, वीरेन्द्र सिंह एवं पुष्पेन्द्र सिंह तथा दिवंगत भाई सत्येन्द्र सिंह एवं ज्ञानेन्द्र सिंह के नाम तथा श्री यादवेन्द्र सिंह की पत्नि श्रीमति सुषमा व भाईयों, दिवंगत भाईयों सहित की धर्मपत्नियों/पुत्रों के नाम कहॉ-कहॉ और कितनी-कितनी कृषि भूमियॉ है? रकवा, नाम व हल्कावार सूची दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुरूप सूची की जमीनें, क्या अर्जित/खरीदी गई हैं? यदि हाँ तो, क्रय या पट्टा तिथि तथा तत्कालीन मूल्य की जानकारी दें। क्या ऐसी जमीनों का उपयोग बदला गया है? यदि हाँ तो, वाणिज्यिक/कालोनी या अन्य प्रयोजनों का सदस्यवार रकबा सहित विवरण दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या वर्तमान अभिलेख में दर्ज किसी सदस्य की कोई भूमि का किसी अन्य भूमि से विनिमय (तल-बदल) किया गया है? यदि हाँ तो, सदस्यवार रकबा का विवरण सहित संबंधित अधिकारी द्वारा प्रदत्त अनुमति/आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार, क्या जमीनों का उपयोग बदलने तथा तल-बदल कार्यवाही में नियमों का उल्लंघन हुआ है? यदि हाँ तो, तदविषयक आदेश निरस्त किये जाकर त्रुटिकर्ता अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो कारण बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) पूर्व मंत्री श्री यादवेन्द्र सिंह बुन्देला सुपुत्र                     स्व. श्री सरदार सिंह बुन्देला तथा इनके परिजनों (भाईयो-सर्वश्री महेन्द्र सिंह, वीरेन्द्र सिंह एवं पुष्पेन्द्र सिंह तथा दिवंगत भाई सत्येन्द्र सिंह एवं ज्ञानेन्द्र सिंह के नाम तथा श्री यादवेन्द्र सिंह की पत्नि श्रीमति सुषमा व भाईयों, दिवंगत भाईयों सहित की धर्मपत्नियों/पुत्रों के नाम टीकमगढ़ जिले में धारित भूमियों की हल्कावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित भूमि अर्जित करने (पट्टा/क्रय) की जानकारी, तत्कालीन मूल्य एवं भूमि का उपयोग बदलने संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार के कालम 8, 9, 10, 11 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित भूमि के विनिमय संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार के कॉलम 12 अनुसार है। भूमि विनिमय (तल-बदल) संबंधी आदेश की प्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार हैं। (घ) भूमियों के भूमि विनिमय (तल-बदल) संबंधी कार्यवाही तत्समय शासन द्वारा जारी नियम/निर्देशों के अनुसार सक्षम न्यायालय द्वारा न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत की गई। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

महान नहर परियोजना

[जल संसाधन]

93. ( क्र. 973 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा क्षेत्र सिहावल की बहरी तहसील क्षेत्र के ग्रामों में महान परियोजना का सर्वे कार्य ग्राम तरका, लौआर, मायापुर, खुटेली, पोखरा, खोंचीपुर, पौड़ी में सिंचाई हेतु कराया गया है? यदि हां तो इस क्षेत्र के गरीब किसान कब तक नहर के पानी से लाभान्वित हो सकेंगे? यदि नहीं तो सरकार द्वारा इन ग्रामों में गरीब किसानों के लिए सिंचाई हेतु नहर योजना का सर्वे कार्य कब तक कराया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र सिहावल की बहरी तहसील क्षेत्र के तरका, लौआर, मायापुर, खुटेली, पोखरा, खोंचीपुर तथा पोड़ी इत्‍यादि ग्रामों में महान परियोजना से सिंचाई हेतु सर्वे कार्य कराया गया है। तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि प्रश्‍नाधीन ग्रामों में से मायापुर ग्राम महान परियोजना की बहरी मुख्‍य नहर के अंतिम छोर से बायीं ओर निकलने वाली उपशाखा नहर के कमाण्‍ड में शामिल है। इसके आगे पहाड़ी क्षेत्र एवं अत्‍यधिक उतार-चढ़ाव (Undulation) होने के कारण तकनीकी रूप से पानी पहुँचाना साध्‍य नहीं पाए जाने के कारण ग्राम लौआर, खुटेली को कमाण्‍ड में सम्मिलित नहीं किया गया है। इसी प्रकार बहरी मुख्‍य नहर के अंतिम छोर से दांयी ओर निकलने वाली उपशाखा नहर के अंतिम छोर से कटिंग रीच एवं पहाड़ी एरिया होने से पानी पहुँचाना साध्‍य नहीं पाए जाने के कारण ग्राम पोखरा, खोंचीपुर, पोड़ी, तरका इत्‍यादि ग्रामों को कमाण्‍ड में सम्मिलित नहीं किया गया है।

स्‍वीकृत बांध एवं वृक्ष परियोजना

[जल संसाधन]

94. ( क्र. 979 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2021-2022 में कितने बांध एवं किन-किन नदियों पर कितनी-कितनी लागत से स्‍वीकृत किये गये हैं? योजनावार जानकारी प्रदान करें। (ख) कितना परियोजनाओं के टेन्‍डर हो चुक है कितनी परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ हो चुके है? कितनी परियोजनाये किस स्‍टेज पर है? (ग) जिन परियोजनाओं के टेन्‍डर हो चुके हैं या काम प्रारंभ हो चुके हैं कितने समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर लिया जायेंगे? परियोजनावार जानकारी प्रदान करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) किसी परियोजना का टेण्‍डर स्‍वीकृत नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

बिना स्‍थाई लायसेन्‍स के वाहनों का उपयोग

[परिवहन]

95. ( क्र. 987 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्‍वालियर तथा राजगढ़ जिले में कितने नवीन वाहन पंजीकृत किये गये है? सभी गाड़ि‍यों के रजिस्‍ट्रेशन कार्ड आवेदकों को भेज दिये गये हैं। यदि नहीं तो क्‍यों? बिना रजिस्‍ट्रेशन कार्ड के वाहन चलाने पर विभाग का क्‍या उत्‍तरदायित्‍व निर्धारित होता है? नियम सहित बताये। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में वाहन रजिस्‍ट्रेशन कराते समय किसी अन्‍य जिले का वाहन चालक किसी अन्‍य जिले से वाहन रजिस्‍ट्रेशन कराता है तो इसके पूर्व क्‍या नियम थे तथा वर्तमान में क्‍या नियम हैं? नियमों की प्रति सहित उदाहरण बताये। (ग) उपरोक्‍त अवधि में उपरोक्‍त स्‍थानों पर कितने स्‍थाई ड्राइविंग लायसेंस जारी किये गये हैं? क्‍या सभी लायसेन्‍सधारियों को स्‍मार्टकार्ड जारी कर दिये गये हैं? यदि नहीं तो क्‍यों? नियमों सहित बतायें। (घ) उपरोक्‍त की जानकारी परिवहन आयुक्‍त, परिवहन कार्यालय ग्‍वालियर, विभाग प्रमुख तथा विभागीय मंत्री के संज्ञान में लाई गई है? यदि नहीं तो नियम विरूद्ध कार्यों के लिये जवाबदेही निर्धारित की जायेगी? यदि हां, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों? कब तक सभी को रजिस्‍ट्रेशन कार्ड एवं स्‍थाई लायसेन्‍स स्‍मार्टकार्ड जारी कर दिये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश अवधि में गुना, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर तथा राजगढ़ में पंजीकृत किए गए नवीन वाहनों की संख्या, जारी किए गए रजिस्ट्रेशन कार्डों तथा शेष रजिस्ट्रेशन कार्डों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। वाहनों में हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगाए बगैर पंजीयन कार्ड जारी न किए जाने के केंद्रीय मोटरयान नियम, 1989 में विहित प्रावधानों के कारण कार्ड जारी न किए जा सकने तथा विगत कुछ समय में प्लास्टिक कार्ड आपूर्ति बाधित होने के कारण वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी नहीं किए जा सके थे, वर्तमान में कार्डों की आपूर्ति सुचारू होने से यह समस्या दूर हो गई है एवं कार्डों की प्रिंटिंग जारी है। बिना रजिस्ट्रेशन कार्ड के वाहन चलाने पर मोटरयान अधिनियम, 1988 में विहित प्रावधानों के तहत विभाग द्वारा कार्यवाही किए जाने का उत्तरदायित्व है। (ख) मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 40 में सन 2019 में संशोधन उपरांत प्रावधान किया गया कि मोटरयान का स्वामी यान को उस राज्य में कोई भी रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी से रजिस्टर कराएगा जिसकी अधिकारिता में उसका निवास स्थान या कारबार का स्थान है, जहां कि यान आमतौर पर रखा जाता है। पूर्व में उक्त अधिनियम की धारा, 40 के अनुसार वाहन स्वामी उस रजिस्ट्रीकर्ता से रजिस्ट्रेशन कराएगा जिसकी अधिकारिता में उसका निवास स्थान या कारबार का स्थान है जहां कि यान आमतौर पर रखा जाता है। नियमों की प्रतियां संलग्न परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। उदाहरण-यदि कोई व्यक्ति जिसका निवास स्थान या कारबार का स्थान मध्यप्रदेश राज्य में है तो वर्तमान प्रचलित नियमानुसार वह व्यक्ति मध्यप्रदेश राज्य के किसी भी जिले में अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन करा सकता है। (ग) प्रश्‍नांश अवधि में उपरोक्त स्थानों पर जारी किए गए स्थायी ड्राइविंग लाइसेंसों की संख्या, जारी किए गए स्मार्ट कार्डों की संख्या तथा शेष कार्डों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। विगत कुछ समय में प्लास्टिक कार्ड आपूर्ति बाधित होने के कारण कुछ स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के स्मार्ट कार्ड जारी किए जाना शेष है। वर्तमान में कार्डों की आपूर्ति सुचारू होने से यह समस्या दूर हो गई है एवं कार्डों की प्रिंटिंग जारी है। (घ) जी हां, स्मार्ट कार्ड हेतु आवश्‍यक प्लास्टिक कार्डों की आपूर्ति बाधित होने की समस्या वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में आते ही तत्काल प्लास्टिक कार्डों की आपूर्ति सुनिश्‍चित किए जाने की कार्यवाही की गई एवं वर्तमान में रजिस्ट्रेशन कार्ड एवं स्थायी लाइसेंस स्मार्ट कार्ड प्रिंटिंग का कार्य निरंतर जारी है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

स्‍टील साइलो में गेहूं भंडारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

96. ( क्र. 999 ) श्री जितु पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पीपीपी मॉडल के तहत किस-किस फर्म द्वारा कितनी भंडारण क्षमता के स्‍टील साइलो किस स्‍थान पर किस वर्ष में बनाए गए। उन्‍हें 10 वर्ष तक उपयोग की व्‍यवसायिक ग्‍यारंटी के तहत किस अनुसार प्रतिवर्ष भुगतान देय है। (ख) 2018 से 2022 तक प्रत्‍येक वर्ष के 31 जनवरी 2021 की स्थिति में स्‍टील साइलो में गेहूं भंडारण की स्थिति बताएं तथा क्षमता का कितने प्रतिशत उपयोग हुआ। (ग) स्‍टील साइलो की भंडारण क्षमता का शत-प्रतिशत उपयोग क्‍यों नहीं हुआ? वर्षवार इसके कारण बताएं तथा क्‍या यह किसी साजिश का हिसता है? (घ) स्‍टील साइलो खाद्यान्‍न का वैज्ञानिक भंडारण है तथा इसके कई फायदे हैं, इसके बाद भी इनकी क्षमता का पूर्ण उपयोग क्‍यों नहीं हुआ तथा इतनी सुविधा के बाद भी प्रदेश में स्‍टील साइलो के लिए निवेशक क्‍यों नहीं आए?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) 1) प्रदेश में पीपीपी मॉडल के तहत निम्‍नलिखित स्‍थानों पर स्‍टील साइलो बनाये गये थे एवं उन्‍हे उपयोग हेतु व्‍यवसायिक ग्‍यारंटी के तहत निम्‍नलिखित वर्षों अनुसार भुगतान किया गया है:- (मात्रा मे.टन में)

क्र.

जिला

स्‍थान

फर्म का नाम

वर्ष

क्षमता

1

उज्‍जैन

मानपुर

अंडानी एग्री,

2015

50000

2.

देवास

सियाग्राम

2015

50000

3.

इंदौर

बरलई

रघुवेश एग्रीटेक

2016

50000

4

भोपाल

मुगालिया कोट

2015

50000

6

सीहोर

सीहोर

सीहोर एग्री सर्विसेस

2015

50000

7

विदिशा

पठारी हवेली

अंडानी एग्री,

2015

50000

8

नर्मदापुरम

बनखेडी

2016

50000

9

रीवा

ग्राम मौहारी

2016

50000

(संलग्‍न) कुल-

450000

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

2) उक्‍त फर्मों द्वारा ऑफर दर पर प्रतिवर्ष WPI के आधार पर किराये में वृद्धि की जाकर भुगतान किया जाता है। (ख) उक्‍त जानकारी क्षेत्रीय प्रबंधकों से प्राप्‍त की गई है जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) भण्‍डारण के किसी भी मोड में उपार्जित स्‍कंध की उपलब्‍ध मात्रा के आधार पर भण्‍डारण किया जाता है, जिन वर्षों में कम उपार्जन हुआ है, उस अवधि में स्‍टील साइलोज में आंशिक मात्रा रिक्‍त रही है। इस व्‍यवस्‍था में किसी साजिश की संभावना नहीं है।               (घ) यह सही है कि स्‍टील साइलो खाद्यान्‍न भण्‍डारण की वैज्ञानिक विधा है, जिसमें कीटनाशी औषधियों का नगण्‍य उपयोग होता है। जहॉ तक पूर्ण उपयोग का प्रश्‍न है, इसका उत्‍तर प्रश्‍न (ग) के उत्‍तर में दिया जा चुका है। चूंकि प्रदेश में गोदाम क्षमता पर्याप्‍त मात्रा में निर्मित हो चुकी है, अत: राज्‍य स्‍तर से आगे पहल नहीं की गई है। उल्‍लेखनीय है कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा प्रदेश में 10 स्‍थानों पर 4.25 लाख मे.टन क्षमता स्‍टील साइलो स्‍थापित करने की कार्यवाही की जा रही है।

शासकीय जमीनों की जानकारी

[राजस्व]

97. ( क्र. 1000 ) श्री जितु पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) इंदौर, उज्‍जैन संभाग में जिले अनुसार उन जमीनों के तत्‍कालीन तथा वर्तमान सर्वे क्रमांक, रकबा तथा गांव के नाम बताएं जो 1956-57 के दौरान खाते में शासकीय थी? (ख) इंदौर, उज्‍जैन संभाग में जिलेवार उन जमीनों के सर्वे क्रमांक, रकबा तथा गांव के नाम बताएं 1956-57 के दौरान शासकीय होकर किसी मंदिर के नाम दर्ज थी? (ग) खंड (क) तथा (ख) में उल्‍लेखित जमीनों में से उन जमीन के सर्वे क्रमांक, रकबा गांव के नाम बताएं जो अक्‍टूबर 2022 की स्थिति में निजी नाम पर दर्ज हो गई हैं? दर्ज व्‍यक्ति का नाम, जमीन का सर्वे क्रमांक, रकबा, गांव का नाम, जिस न्‍यायालय या प्रशासनिक आदेश से निजी नाम से दर्ज की गई हैं उसका नाम तथा आदेश की प्रति सहित सूची देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला बुरहानपुर एवं रतलाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। जिला झाबुआ, उज्‍जैन एवं खण्‍डवा में वर्ष 1956-57 का अभिलेख उपलब्‍ध न होने के कारण जबाव देने में कठिनाई है। जिला मंदसौर, बड़वानी, अलीराजपुर, नीमच, देवास, शाजापुर, इंदौर एवं आगर में 1956-57 के पश्‍चात बंदोबस्‍त होने के कारण खसरा पुन: क्रमांकित हो जाने तथा शासकीय भूमि का बंटन होने के कारण अभिलेख मिलान कर जानकारी तैयार किया जाना कठिन है। जिला धार के लिए जानकारी वृहत किस्‍म की होने से एकत्र करने में समय लगने की संभावना है। (ख) रतलाम जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। जिला बुरहानपुर की जानकारी निरंक हैं। प्रश्‍नांश से संबंधित जानकारी उतरांश (क) में अंकित कारणों से दिये जाने में कठिनाई है। जिला धार की जानकारी एकत्र की जा रही है(ग) जिला बुरहानपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। रतलाम जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। प्रश्‍नांश से संबंधित जानकारी उतरांश (क) में अंकित कारणों से दिये जाने में कठिनाई है। जिला धार की जानकारी एकत्र की जा रही है

ज्‍यादा गहरी खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

98. ( क्र. 1007 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खदान को कितने गहरे तक खोदा जा सकता है तथा अनुबंध समाप्‍त होने के बाद उस खदान में सुरक्षा के क्‍या कदम उठाए जाना जरूरी है। तथा बतावें नियम के विपरित खदान को अधिक गहरा करने पर ठेकेदार पर क्‍या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है। (ख) क्‍या विभाग के संज्ञान में है कि प्रदेश में खदानों के 20 फीट के नियम से अधिक गहराकर गड्ढे देने का कारण वे मौत के गड्ढे में परिवर्तित हो जाती है तथा उसमें प्रतिवर्ष 100 से ऊपर लोगों की मौत होती है। बतावें कि विभाग द्वारा नियमों के विपरीत खदान को गहरा करने पर अभी तक कितने ठेकेदार पर कार्यवाही की गई, इन्‍दौर, उज्‍जैन संभाग की विगत पांच वर्षों की जानकारी दें। (ग) इंदौर उज्‍जैन संभाग में वर्ष जनवरी 2010 से नवम्‍बर 2022 तक खदान को नियम से ज्‍यादा गहरा करने पर किस-किस ठेकेदार पर कार्यवाही की गई? (घ) इंदौर उज्‍जैन संभाग में उन खदानों की सूची देवें जो नियम से ज्‍यादा गहरी कर दी गई हैं। यह खदाने किस-किस ठेकेदार के पास थी तथा अधिक गहराई तक खोदने पर उन पर रायल्‍टी की कितनी चोरी का प्रकरण दर्ज किया गया।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रचलित खनिज नियमों में खदान की अधिकतम गहराई के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। किन्तु खदान की गहराई 06 मीटर से अधिक होने पर अधिसूचित नियम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में खान सुरक्षा निदेशालय से प्राप्त अनुमति के आधार पर खनन कार्य किये जाने के प्रावधान है। अनुबंध समाप्त होने पश्चात तार फेसिंग किया जाकर क्षेत्र को दुर्घटना से सुरक्षित किये जाने के प्रावधान है, साथ ही खनिज समाप्त होने की दशा में उत्खनित क्षेत्र को खान बन्द करने की योजना अनुरूप समतलीकरण किया जाकर, वृक्षारोपण किये जाने के प्रावधान है। रेत खनिज के संबंध में ससटेनेबल सेण्ड माइनिंग गाईडलाईन के तहत अधिकतम 03 मीटर गहराई तक रेत का खनन/संग्रहण किया जा सकता है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आने से कोई कार्यवाही नहीं की गई है।                 (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। स्वीकृत क्षेत्र में खनन कार्य किये जाने से रायल्टी चोरी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खराब अनाज की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

99. ( क्र. 1008 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 508, 1115, दिनांक 27 जुलाई 2022 का उत्‍तर दिलाया जाए। बतावें कि 2017-18 से 2021-22 तक प्रतिवर्ष कितना गेहूं निम्‍न गुणवत्‍ता का हुआ तथा कितना खराब होने पर नष्‍ट कर दिया गया? (ख) निम्‍न गुणवत्‍ता का तथा खराब गेहूं आलोच्‍य वर्ष में मिलाकर कुल कितना-कितना हुआ तथा उसका निष्‍पादन कैसे किया गया? (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में निम्‍न गुणवत्‍ता का गेहूं किस-किस फर्म को कितनी-कितनी मात्रा में किस दर से बेचा गया तथा उससे कुल मिलाकर कितनी हानि हुई? (घ) प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल मिलाकर कितना गेहूं नष्‍ट किया गया और उसके खराब होने के कारण क्‍या हैं तथा उसके लिए किसी को जिम्‍मेदार मानकर कोई कार्यवाही की गई या नहीं? (ड.) गेहूं के खराब होकर नष्‍ट होने तथा निम्‍न गुणवत्‍ता का होने से कुल मिलाकर प्रश्‍नाधीन अवधि में कितनी हानि हुई तथा वह बजट के किस योजना कोड में समाहित की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 508 एवं 1115, दिनांक 27 जुलाई 2022 का जवाब दिनांक 05.12.2022 को विधानसभा सचिवालय को प्रेषित किया जा चुका है। क्षतिग्रस्‍त खाद्यान्‍नों के निराकरण के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत गठित संयुक्‍त तकनीकी समिति के द्वारा गुणवत्‍ता परीक्षण कर खाद्यान्‍न का श्रेणीकरण किया जाता है। तत्‍पश्‍चात् श्रेणीकरण अनुसार क्षतिग्रस्‍त खाद्यान्‍न का निराकरण नीलामी के माध्‍यम से किया जाता है वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक वर्षवार निम्‍न गुणवत्‍ता (क्षतिग्रस्‍त) के हुए गेहूं को नीलामी के माध्‍यम से निराकरण की गई मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। खराब होने पर गेहूं नष्‍ट किए जाने की जानकारी निरंक है। (ख) निम्‍न गुणवत्‍ता के खराब हुए गेहूं एवं उसके निष्‍पादन की जानकारी प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार। (ग) निम्‍न गुणवत्‍ता (क्षतिग्रस्‍त) गेहूं क्रय करने वाली फर्मों एवं विक्रय दर की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। इसमें हुई हानि के निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) गेहूं खराब होने पर नष्‍ट किए जाने की जानकारी निरंक है। भण्‍डारित स्‍कंध का सुरक्षित भण्‍डारण का कार्य भण्‍डारण एजेन्‍सी द्वारा किया जाता है। समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन के दौरान असमायिक वर्षा, ओपन केप में अधिक समय तक स्‍कंध के भण्‍डारण होने आदि कारणों से गेहूं की गुणवत्‍ता में कमी आती है जो मानवीय नियंत्रण से परे है। भण्‍डारण के दौरान स्‍कंध के खराब होने पर भण्‍डारण शुल्‍क देयकों से भुगतान रोकने की कार्यवाही की जाती है। इस कारण किसी को जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्‍नाधीन अवधि में गेहूं खराब होने पर नष्‍ट किए जाने संबंधी जानकारी निरंक है। भण्‍डारित स्‍कंध का सुरक्षित भण्‍डारण का कार्य भण्‍डारण एजेन्‍सी द्वारा किया जाता है। भण्‍डारित गेहूं के खराब होने पर भण्‍डारण एजेन्‍सी से राशि वसूली का प्रावधान है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

नियम विरूद्ध अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

100. ( क्र. 1013 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नागदा तहसील के ग्राम भगतपुरी स्थित सर्वे क्र. 11, 12 व अन्‍य शासकीय भूमि पर कितने हेक्‍टेयर का उत्‍खनिपट्टा प्रथम बार वर्ष 1990 के बाद किस अवधि से किस अवधि तक के लिये प्रदान किया गया था? अवधि समाप्‍त होने के कितने समय पश्‍चात पुन: पट्टे का नवीनीकरण कितनी बार कराया गया है तथा विभिन्‍न विभागों की पुन: एनओसी ली गई है की नहीं? लीज अवधि समाप्ति एवं नवीनीकरण की मध्‍य अवधि में किये गये अवैध उत्‍खनन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) ग्राम भगतपुरी तहसील नागदा स्थित उत्‍खनिपट्टा क्रेशर मशीन संचालक द्वारा पर्यावरण विभाग की बगैर एनओसी/अनापत्ति के कार्य कर व माननीय न्‍यायालय एन.जी.टी. के आदेशों का उल्‍लंघन किया जा रहा है? यदि हां तो क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) नागदा तहसील के ग्राम भगतपुरी में स्‍वीकृत उत्‍खनि पट्टा क्रेशर मशीन संचालक द्वारा भारी अनियमितताएं कर म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 व संशोधन दिनांक 22.01.2021 के नियम व शर्तों का खुला उल्‍लंघन किया जा रहा है व उत्‍खनि पट्टा क्षेत्र के बाहर की ग्राम भुगतपुरी, गिन्‍दवानिया की शासकीय भूमि व चम्‍बल नदी से अवैध पत्‍थर व मोहरम का अवैध उत्‍खनन कर रॉयल्‍टी चोरी की जा रही है तो अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर कितने प्रकरण बनाये गए हैं? दिनांक, वर्षवार विवरण दें। (घ) क्‍या नियमानुसार स्‍वीकृत क्षेत्र की अवस्थिति व अन्‍य हेतु विवरण बोर्ड तथा कांक्रीट सीमा स्‍तम्‍भ की स्‍थापना, सुरक्षित संधारण एवं तार फेसिंग नहीं कराया गया है? उत्‍खनि पट्टा के संबंध में संधारित किये जाने वाले आवश्‍यक दस्‍तावेजों पट्टा शर्त के अनुरूप खनिजों की मात्रा एवं अन्‍य विवरण पट्टा वृत क्षेत्र से तारिख निकासी/खपत की मात्रा खनिजों से प्राप्‍त मूल्‍य क्रेता का नाम, प्राप्‍त धन की रसीद वहां नियोजित व्‍यक्तियों की संख्‍या दर्शाते हुये सही लेखा/पंजियां अभिलेख संधारित नहीं किये जा रहे हैं? यदि हां तो क्‍या कार्यवाही की गई? (ड.) क्‍या नियमानुसार समयावधि में आवश्‍यक मासिक/ अर्द्धवार्षिक/वार्षिक पत्रकों को खनिज कार्यालय में प्रस्‍तुत नहीं किया जा रहा है न ही निर्धारित समयावधि में कर निर्धारण नहीं कराया जा रहा है न ही अनिवार्य भाटक व रॉयल्‍टी को शासकीय कोष में जमा नहीं कराया जा रहा है? यदि हां तो क्‍या कार्यवाही की गई?                                (च) उत्‍खनि पट्टा क्षेत्र का डी.जी.पी.एम. टोल स्‍टेशन से सर्वेक्षण व सीमांकन कार्य आज दिनांक तक नहीं कराया गया है तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्धारित बिन्‍दुओं का पालन नहीं करते हुये वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु कोई उपाय नहीं किये हैं? क्रेशर प्रधानमंत्री रोड से 10 फीट दूरी पर स्थित है रोड की ओर बाउण्‍ड्रीवाल का निर्माण नहीं होने से गिट्टी की डस्‍ट से आने-जाने वालों को काफी परेशानियां होती है? इस हेतु क्‍या कार्यवाही की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन ग्राम के निजी भूमि खसरा क्रमांक 11, 12 के रकबा 1.710 हेक्टेयर क्षेत्र पर दिनांक 29.04.2000 से 28.04.2010 की अवधि तक के लिये पत्थर उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया, जिसका प्रथम नवीनीकरण दिनांक 29.04.2010 से 28.04.2020 तथा द्वितीय नवीनीकरण दिनांक 29.04.2020 से 28.04.2030 की अवधि के लिये किया गया। नवीनीकरण से संबंधित एन.ओ.सी. प्राप्त की गई। लीज अवधि समाप्ति व नवीनीकरण के मध्य की अवधि में अवैध उत्‍खनन संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। प्रश्‍नांश में उल्लेखित ग्राम में शासकीय भूमि पर कोई उत्खनन पट्टा स्वीकृत नहीं है। (ख) जी नहीं।                  (ग) द्वितीय नवीनीकरण अवधि दिनांक 29.04.2020 से वर्तमान स्थिति तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल व वायु सम्मति प्राप्त न होने से खदान अकार्यशील होकर शिथिल है। प्रश्‍नांश अनुसार नियम व शर्तों के उल्‍लंघन की स्थिति तथा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर ग्राम भगतपुरी एवं गिन्दवानिया की शासकीय भूमि एवं चम्बल नदी से पत्थर व मुरम के अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, अवैध खनन व परिवहन पर सतत् निगरानी रखी जा रही है इन क्षेत्रों से रायल्टी की चोरी की स्थिति नहीं पाई गई है। (घ) जी नहीं। खदान का विवरण दर्शाने वाला विवरण बोर्ड, तार फेसिंग व सीमा स्तंभ लगे हुये है, नियम व शर्तों के उल्लंघन का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। प्रश्‍नांश (ग) के उत्तर अनुसार खदान अकार्यशील होने के कारण खनिज उत्खनन/खपत की मात्रा, खनिजों का मूल्य, क्रेता का नाम, नियोजित व्यक्तियों की संख्या, पंजीयों का संधारण आदि नहीं रखा जा रहा है। शिथिल खदान होने के कारण कार्यवाही आपेक्षित नहीं है। (ड.) उपरोक्‍त प्रश्‍नांशों के उत्‍तर अनुसार खदान अकार्यशील होने से मासिक/अर्द्धवार्षिक/वार्षिक पत्रक प्रस्‍तुत किया जाना अपेक्षित नहीं है। अनिवार्य भाटक तथा अन्‍य देय राशि दिनांक 11.03.2022 को जमा कराई गई है। (च) प्रश्‍नांश अनुसार डी.जी.पी.एम. टोटल स्टेशन से सर्वेक्षण व सीमांकन कार्य नहीं कराया गया है। पट्टेदार द्वारा खदान क्षेत्र में तार फेसिंग कराया गया है, बाउण्ड्रीवाल का निर्माण नहीं कराया गया है। स्थापित उत्खनिपट्टा क्षेत्र के आस-पास नियमानुसार निर्धारित दूरी पर कोई पक्की सड़क नहीं है। उपरोक्तानुसार खदान अकार्यशील होने के कारण डस्ट उडने व वायु प्रदूषण जैसी स्थिति नहीं है। अतः किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ग्राम कोटवारों को कलेक्‍टर दर पर मानदेय

[राजस्व]

101. ( क्र. 1021 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या प्रदेश में ग्राम कोटवारो को मानदेय के रूप में मात्र 4000/- रूपये प्रति माह दिया जाता है तथा जिन कोटवारों पर सेवा खाते की भूमि का मालिकाना हक है उन्‍हें 400 से 600 रूपये प्रतिमाह दिया जाता है? यदि हां, तो क्‍या इतने कम पैसे से इनके परिवार का भरण पोषण हो पायेगा?                                                      (ख) क्‍या जिन कोटवारों को सेवा खाते की भूमि पर कब्‍जा भी नहीं मिल पाया है उन्‍हें भी मात्र 400 से 600 रूपये प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है? यदि हां, तो उनकी सेवा खाते की भूमि पर कब तक उन्‍हें कब्‍जा दिलवा दिया जायेगा? (ग) प्रदेश के सभी कोटवारों को नियमित करके कलेक्‍टर रेट पर निश्चित मानदेय कब तक दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। ग्राम कोटवार को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 की धारा 231 अनुसार सेवा भूमि या पारिश्रमिक या दोनों का प्रावधान किया गया है। वस्‍तुस्थिति की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

 

क्रमांक

कोटवारों की श्रेणी

वर्तमान दरें

1

2

3

1

जिनके पास कोई भूमि नहीं है।

राशि रू 4,000/- प्रतिमाह

2

जिनके पास 03 एकड़ तक सेवा भूमि हैं।

राशि रू 1,000/- प्रतिमाह

3

जिनके पास 03 एकड़ से 7.5 एकड़ तक सेवा भूमि हैं।

राशि रू 600/- प्रतिमाह

4

जिनके पास 10 एकड़ तक सेवा भूमि हैं।

राशि रू 400/- प्रतिमाह

 

(ख) जी नहीं। प्रश्‍नांश (क) अनुसार मानदेय दिया जाता है। (ग) ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

तालाबों, जलाशयों को पट्टे पर दिया जाना

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

102. ( क्र. 1032 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्‍स्‍य नीति 2008 के अनुसार क्‍या तालाब जलाशय मछली पालकों को 10 वर्ष के लिए पट्टे पर देने का प्रावधान है? यदि हां तो बैतूल जिले में ऐसे कितने जलाशय हैं जिनकी विज्ञप्ति निकलने के बाद पट्टे पर नहीं दिये गये? कितनी अवधि से लंबित है? (ख) लंबित रखने के लिए उत्‍तरदायी अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या बंद ऋतु में मत्‍स्‍य प्रजनन के लिए मत्‍स्‍य का परिवहन करने का प्रावधान है? यदि हां तो बंद ऋतु में मछली परिवहन की अनुमति देने के लिए प्राधिकृत अधिकारी कौन है? बैतूल जिले में ताप्‍ती सरोवर मुलताई से मत्‍स्‍य का परिवहन किया गया है? यदि हां तो अनुमति किस प्राधिकृत अधिकारी से ली गई है?                                          (घ) प्राधिकृत अधिकारी की बिना अनुमति के मत्‍स्‍य परिवहन करने वाले अधिकारी के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। बैतूल जिले में कुल 24 तालाब 01 वर्ष से पट्टा आवंटन हेतु प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।           (ख) कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी मुलताई से अनुमति ली गई जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार(घ) जी नहीं।

परिशिष्ट - "छियालीस"

 

 

गेहूँ परिवहन की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

103. ( क्र. 1040 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.03.19 से 30.06.2022 तक गेहूं का परिवहन किनके द्वारा करवाया गया? वाहन नं., परिवहनकर्ता का नाम सहित वर्षवार केन्‍द्रवार देवें। (ख) इन परिवहनकर्ताओं ने उपार्जन स्‍थल से भंडारण स्‍‍थल तक जो गेहूं पहुंचाया उसकी मात्रा, दूरी की जानकारी प्रति वाहनानुसार देवें। (ग) इसके लिए परिवहनकर्ताओं को कितना भुगतान किया गया? परिवहनकर्ता नाम, राशि दर सहित प्रत्‍येक आवागमन की जानकारी के साथ देवें। इनका अकाउंट नंबर, बैंक नाम, टी.डी.एस. कटौत्री की जानकारी सहित देवें। (घ) जिन भुगतानों में टी.डी.एस. नहीं काटा गया तो इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में उपार्जन वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूं का परिवहन करने वाले परिवहनकर्ता का नाम, वाहन नंबर, वर्षवार एवं केन्‍द्रवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट- '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित अवधि में परिवहनकर्ताओं ने उपार्जन स्‍थल से भंडारण स्‍थल तक परिवहन किए गए गेहूं की मात्रा एवं दूरी की वाहनवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''अनुसार है। (ग) उज्‍जैन जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में परिवहन करने वाले परिवहनकर्ताओं के नाम, राशि दर सहित आवागमन के भुगतान, टी.डी.एस. कटौत्रे की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। परिवहनकर्ताओं के अकाउंट नंबर एवं बैंक नाम की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट- '' अनुसार है। (घ) परिवहनकर्ताओं को भुगतान की गई राशि का नियमानुसार टी.डी.एस. काटा गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

इंदौर, खण्‍डवा एवं धार जिलों में पौधारोपण

[वन]

104. ( क्र. 1049 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, खण्‍डवा एवं धार वनमंडलों में दिनांक 01-06-2020 से 20-11-2022 तक कितने पौधे रोपे गए की, जानकारी वनमंडलवार वर्षवार देवें। (ख) जिन स्‍थलों पर पौधारोपण किया गया उनके नाम, कक्ष क्रमांक, रकबा व पौधों की संख्‍या सहित जानकारी देवें? (ग) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में हरियाली महोत्‍सव के तहत इन वनमंडलों में रोपित पौधों की संख्‍या, स्‍थान नाम, सहित वनमंडलवार देवें। (घ) दिनांक 02 जुलाई, 2017 को इन वनमंडलों में रोपित पौधों की जानकारी वनमंडलवार देवें?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है।                            (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। (घ) दिनांक 2 जुलाई, 2017 को वनमण्‍डल इन्‍दौर में 1346473, धार में 1380532 एवं खण्‍डवा में 1859975 पौधे रोपित किये गये हैं।

 

खरगोन, बड़वानी जिलों के पौधारोपण

[वन]

105. ( क्र. 1050 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) खरगोन एवं बड़वानी जिले के अन्‍तर्गत वनमंडलों में दिनांक 01.06.2020 से 20.11.2022 तक कितने पौधे रोपे गए की जानकारी वनमंडलवार/वर्षवार देवें। (ख) जिन स्‍थलों पर पौधारोपण किया गया उनके नाम/कक्ष क्रमांक रकबा व पौधों की संख्‍या सहित जानकारी देवें। उपरोक्‍त पौधारोपण पर कितनी राशि व्‍यय की गई, कि जानकारी वर्षवार देवें। (ग) संस्‍था/फर्म को किस कार्य हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई जानकारी वर्षवार देवें। (घ) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में हरियाली महोत्‍सव के तहत खरगोन एवं बड़वानी जिले के अन्‍तर्गत वनमंडलों में कितने पौधे रोपे गए की जानकारी पौधा संख्‍या, सहित वनमंडलवार वर्षवार देवें। दिनांक 02 जुलाई, 2017 के पौधारोपण की जानकारी भी इसी अनुसार देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में है।               (घ) खरगोन एवं बड़वानी जिलों के वनमण्‍डलों में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में हरियाली महोत्‍सव के तहत रोपित किये गये पौधों की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

जिला

वनमण्‍डल का नाम

वर्षवार रोपित किये गये पौधों की जानकारी

2014-15

2015-16

2016-17

1

खरगोन

खरगोन

319100

296000

367125

2

बड़वाह

275475

168680

97530

3

बड़वानी

बड़वानी

314186

312880

11850

4

सेंधवा

506430

522190

446250

दिनांक 02 जुलाई, 2017 के पौधा रोपण की जानकारी वनमण्‍डलवार निम्‍नानुसार है :-

क्र.

वनमण्‍डल

रोपित पौधों की संख्‍या

1

खरगोन

946000

2

बड़वाह

754080

3

बड़वानी

1152500

4

सेंधवा

105000


लंबित प्रकरणों की जानकारी

[राजस्व]

106. ( क्र. 1055 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) कोतमा विधानसभा क्षेत्र में नामांतरण, फौती नामांतरण, बंटवारे सीमांकन के कितने प्रकरण प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में लंबित हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ख) तीन माह से अधिक लंबित प्रकरणों की जानकारी उपरोक्‍तानुसार देवें। (ग) ऐसे कितने प्रकरण है जो छह माह या उससे अधिक समय से लंबित हैं? (घ) उपरोक्‍त (ख) व (ग) अनुसार लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार।                   (ख) तहसील/विधानसभा क्षेत्र कोतमा अन्‍तर्गत 3 माह से अधिक फौती नामान्‍तरण/नामान्‍तरण के 551, बटवारा के 96 एवं सीमांकन के 64 प्रकरण लंबित हैं। (ग) तहसील/विधानसभा क्षेत्र कोतमा अन्‍तर्गत 6 माह या उससे अधिक समय से नामान्‍तरण के 188, बटवारा के 139 एवं सीमांकन के 55 प्रकरण लंबित हैं। (घ) उपरोक्‍त (ख) व (ग) अनुसार प्रकरण न्‍यायाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

संबल योजना के लंबित हितग्रा‍ही का भुगतान

[श्रम]

107. ( क्र. 1056 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक 1099 दिनांक 27.07 .2022 के (क) उत्‍तर में जिन हितग्राहियों का भुगतान लंबित है उनकी अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) उपरोक्‍तानुसार लंबित भुगतान राशि कब तक प्रदाय कर दी जावेगी। (ग) विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में संबल योजना के लिए कितना बजट प्रावधान किया गया था? जानकारी वर्षवार देवें। (घ) वर्ष 2021-22 में संबल योजना के तहत निर्धारित बजट राशि में से प्रदेश में कितनी राशि व्‍यय की गयी? जिलावार बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                    प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) बजट उपलब्‍ध होने पर लंबित भुगतान राशि हितग्राहियों को प्रदान की जाती है। (ग) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना में वर्ष 2021-22 में कुल 13,25,00,00,000/- रूपये तथा वर्ष 2022-23 में 9,00,00,00,000/- रूपये का बजट प्रावधानित किया गया। (घ) वर्ष 2021-22 में संबल योजना में जिलेवार वितरित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।

प्रस्‍तावित जिला गठन की जानकारी

[राजस्व]

108. ( क्र. 1067 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में नवीन जिलों का गठन किया जाना है? यदि हां तो कौन-कौन से जिला प्रस्‍तावित है एवं कौन-कौन सी नवीन तहसीलों का गठन किया जाना प्रस्‍तावित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में 01/04/2019 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक किन-किन जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के जिला गठित करने हेतु पत्र विभाग को प्राप्‍त हुये? छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में किन-किन जिलों के कलेक्‍टरों द्वारा जिला गठन हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुये छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नकर्ता के सिरोंज जिला गठित करने आनंदपुर एवं पथरिया तहसील घोषित करवाने हेतु विभाग को कौन-कौन से पत्र प्राप्‍त हुये उन पत्रों पर क्‍या कार्यवाही हुई? उनकी छायाप्रति तथा पावती दिनांक सहित उपलब्‍ध करावें। (ड.) प्रश्‍नांश (क) से (घ) के संदर्भ में क्‍या सिरोंज तहसील जिला विदिशा को जिला बनाया जा रहा है? यदि हां तो कब तक जिला बना दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' में है।                        (ग) कलेक्‍टरों से प्राप्‍त प्रस्‍ताव पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' में है। (घ) माननीय विधायक से प्राप्‍त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' में है। (ड.) जी नहीं। कलेक्‍टर विदिशा से कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिंचाई परियोजना की जानकारी

[जल संसाधन]

109. ( क्र. 1068 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिलें में 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक विभाग द्वारा वृहद, मध्‍यम, लघु कितनी सिंचाई परियोजनाएं तथा नहरों के निर्माण की स्‍वीकृतियां हुई हैं? जिलावार, विकासखण्‍डवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा उनकी अद्यतन निर्माण की स्थिति क्या है? स्‍वीकृति पत्र एवं कार्यादेश की छायाप्रतियां योजनावार, तहसीलवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक मध्‍यप्रदेश में जल संसाधन विभाग को कौन-कौन सी मदों एवं योजनाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित हुई तथा आवंटित राशि के विरूद्ध कितना-कितना व्‍यय हुआ? योजनावार, मदवार, विकासखण्‍डवार, जिलावार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि क्‍या मध्‍यप्रदेश में किसी भी जलाशय के निर्माण के पूर्व डूब एवं निर्माण क्षेत्र में आने वाले किसान या अन्‍य भूमि एवं संपत्तियों के स्‍वत्‍वधारियों की सहमति आवश्‍यक है? यदि हां तो टेम मध्‍यम परियोजना ग्राम दपकन तहसील लटेरी, जिला विदिशा (म.प्र.) के समस्‍त डूब प्रभावित क्षेत्रों के कृषक, अन्‍य भूमि स्‍वामी तथा संपत्तिधारियों से सहमति ली गई थी? यदि हां तो उनके सहमति पत्र की ग्रामवार, तहसीलवार, डूब क्षेत्र के अनुसार छायाप्रतियां उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या नियमानुसार जलाशय के निर्माण पूर्व डूब में तथा निर्माण कार्य के उपयोग में आने वाली कृषकों एवं अन्‍य स्‍वत्‍वधारियों की जमीन एवं संपत्ति का मुआवजा मिल जाना चाहिए? यदि हां तो क्‍या उक्‍त टेम मध्‍यम परियोजना अंतर्गत भूमि एवं संपत्ति के स्‍वत्‍वधारियों को भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं किया गया तथा इसके लिए कौन दोषी है? यदि शासन के नियमों का पालन नहीं किया गया है तो कौन-कौन से दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई है? यदि नहीं तो कब तक कर दी जावेगी? (ड.) विदिशा जिले अंतर्गत निर्माणाधीन टेम मध्‍यम परियोजना तहसील लटेरी एवं सेमलखेड़ी तीर्थ क्षेत्र लघु तालाब तहसील सिरोंज का निर्माण कार्य गुणवत्‍ता अनुसार नहीं किया जा रहा है? इस हेतु क्‍या मुख्‍य तकनीकी परीक्षक से इनकी विस्‍तृत जांच कराई गई है? यदि हां तो जांच प्रतिवेदन उपलब्‍ध करावें। यदि अभी तक जांच नहीं कराई गई है तो गुणवत्‍ताहीन कार्य की जवाबदेही किसकी होगी? (च) प्रश्‍नांश (ख), (ग) एवं (ड.) के संदर्भ में बतावें कि टेम मध्‍यम सिंचाई परियोजना तहसील लटेरी एवं सेमलखेड़ी तीर्थ क्षेत्र लघु तालाब तहसील सिरोंज के निर्माण के समय प्रदेश एवं जिला स्‍तर के कौन-कौन से अधिकारियों ने अभियंताओं ने कब-कब निरीक्षण किया और क्‍या-क्‍या प्रतिवेदन दिया और कितने समय-सीमा में कौन-कौन से अधिकारियों को अभियंताओं को निरीक्षण कराना था? जानकारी देवें। यदि निरीक्षण नहीं किया गया तो इसके लिए कौन दोषी एवं उत्‍तरदायी हैं तथा दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? कब तक की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पदस्‍थापना व शासकीय भूमियों की हेराफेरी की जांच

[राजस्व]

110. ( क्र. 1079 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्‍या यह सत्‍य है कि तारांकित प्रश्‍न क्र. 31, दिनांक 16-12-2012 को विधान सभा में चर्चा के दौरान विभागीय मंत्री जी द्वारा दिये गये आश्‍वासन के परिप्रेक्ष्‍य में म.प्र. राजस्‍व विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक एफ 11-39/2012 भोपाल, दिनांक 22-01-2013 द्वारा प्रदत्‍त निर्देशानुसार तत्‍कालीन कलेक्‍टर ने पत्र क्र. 323, दिनांक 19-02-2013 के तहत पटवारियों को हटाते हुए राजस्‍व निरीक्षकों को प्रभार दिया गया था? उक्‍त आदेश के नगर निगम क्षेत्र में पदस्‍थापना की कुल अवधि को अवलोकन कर दूसरा आदेश पत्र क्र. 377, दिनांक 26-02-2014 को कलेक्‍टर सतना द्वारा जारी किया गया था। तीसरा आदेश अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर सतना द्वारा पत्र क्र. 2120, दिनांक         04-03-2014 को किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अगर सही है तो शासन के साफ-साफ निर्देश हैं कि ऐसी व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करें कि कोई भी पटवारी एवं राजस्‍व निरीक्षक अपनी सेवाकाल की कुल अवधि में तीन वर्ष से अधिक समय तक शहरी क्षेत्र में पदस्‍थ न रहे। शासन के साफ निर्देंशों के बाद भी कलेक्‍टर एवं एस.डी.एम. वर्षों से जमे पटवारी राजस्‍व निरीक्षकों का स्‍थानांतरण क्‍यों नहीं कर पा रहे हैं? (ग) रघुराजनगर तहसील के अंतर्गत पटवारी हल्‍का कोलगवां के आराजी नं. 502, 506, 507, 508, 532, 533, किता 6 कुल रकबा 13.127 हे. शासकीय है। क्‍या उक्‍त आराजी को निजी स्‍वत्‍व में करने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है? शहर के हृदय स्‍थल की उक्‍त आराजी को राज्‍य शासन को हर स्‍तर पर बचना चाहिए। मौजा बदखर की आराजी क्र. 343, 352, 355, 381 का जांच प्रतिवेदन नायब तहसीलदार हाटी द्वारा पत्र क्र. 414, दिनांक 22-07-2020 को तहसील रघुराजनगर को सौंपा गया था। तहसील रघुराजनगर ने पत्र क्र. 1441/1, दिनांक                      07-08-2020 को एस.डी.एम. रघुराजनगर को जमा करा दिया गया लेकिन आज दिनांक तक खसरा सुधार नहीं किया गया है। इसी तरह उक्‍त मौजा की आराजी नं. 39 रकबा 2.28 एकड़ की आराजी के संबंध में तहसील रघुराजनगर ने 18-12-2019 को एस.डी.एम. रघुराजनगर कार्यालय में जमा किया है लेकिन 90 वर्षीय बृजलाल नाई पिता बहोरिया नाई को आज दिनांक तक न्‍याय नहीं मिला है? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अगर सही है तो तहसील रघुराजनगर से उक्‍त पटवारियों को कब तक तहसील से बाहर स्‍थानांतरित कर दिया जायेगा तथा भू-माफियाओं के साथ मिलकर शासकीय आराजियों को खुर्द-बुर्द करने की जांच भी राज्‍य स्‍तरीय कमेटी बनाकर करायेंगे? नहीं करायेंगे तो क्‍यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : () जी, हाँ प्रश्‍नानुसार आदेश जारी किये गये थे।      (ख) उत्‍तरांश (क) के अनुसार तहसील रघुराजनगर अंतर्गत नगर पालिक निगम सतना के नगरीय क्षेत्र के पटवारी हल्‍कों में पटवारियों की पदस्‍थापना करते समय शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जा रहा है। शासन द्वारा जारी निर्देशों के पालन में नगरीय क्षेत्र अंतर्गत पटवारी के पदस्‍थापना की कुल सेवाकाल अवधि पर ध्‍यान दिया जाता है। (ग) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत पटवारी हल्‍का कोलगवां की आराजी नं. 502,506,507,508,532,533 किता कुल 06 रकबा 13.127 हे. भूमि के खसरे में वर्तमान समय पर कॉलम नं. 03 में म.प्र.शासन एवं कॉलम नं. 12 में व्‍यवहारवाद न्‍यायालय से पारित डिक्री एवं माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर के पारित आदेशों के अनुक्रम में निजी भूमि स्‍वामी स्‍वत्‍व में दर्ज करने की प्रविष्टि अंकित है। मौजा बदखर की आ.नं. 343,352,355,381 के संबंध में भेजे गये प्रतिवेदनों के अनुक्रम में न्‍यायालय कलेक्‍टर एवं जिला मजिस्‍ट्रेट सतना के प्रकरण क्र. 23/अ-74/2021-22 में पारित आदेश दिनांक 10.12.2021 द्वारा अधिकार अभिलेख में हुई कथित त्रुटि के सुधार हेतु प्रकरण में पर्याप्‍त आधार होना नहीं पाया जाता है। अत: विवेचना के आधार पर आवेदक द्वारा प्रस्‍तुत प्रकरण निराधार होने पर अस्‍वीकार किया गया है। इसी तरह मौजा बदखर की आराजी नं. 39 रकबा 2.28 एकड़ के संबंध में न्‍यायालय कलेक्‍टर सतना के न्‍यायालय में प्रकरण क्र. 7/अ-74/2022-23 के द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर अभिलेख तलवी हेतु पेशी दिनांक 06.12.2022 नियत है। प्रकरण में पारित आदेशानुसार विधिसंगत कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्तरांश में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

भू-माफियाओं पर कार्यवाही

[राजस्व]

111. ( क्र. 1080 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्या यह सत्य है कि तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्र. 87, दिनांक 22.03.2016 को पत्र जारी कर वर्णित प्रकरणों की पतासाजी पूर्व बन्दोबस्ती एवं वर्ष 1959 की भू-स्वामी शासकीय स्थिति के आधार पर कार्यवाही करते हुए जांच हेतु जिले के समस्त अनुविभागों के संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति गठित की गयी थी? कमेटी गठित हुए चार वर्ष से अधिक हो गये उक्त चार वर्षों में पूरे जिले के तहसीलों में कितने एकड़ जमीन शासकीय घोषित की गई तथा कितने प्रकरणों में संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराई गई है? प्रकरणवार, तहसीलवार बतायें। अगर एफ.आई.आर. नहीं करायी गयी तो कब तक करा दी जायेगी तथा राजस्व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों जो शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने में शामिल रहे, उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई, उसे भी तहसीलदार बतायें। (ख) तहसील रघुराज नगर ने पत्र क्र. 112 दिनांक 04.04.2016 के जरिये नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों को उपरोक्त जांच की जानकारी निर्धारित प्रपत्र पर प्रदाय करने के आदेश दिये थे तो फिर मौजा मझबोगवा की आराजी नं. 11 रकबा 8.55 उक्त मौजा मझगंवा की आराजी क्रमांक 39/2/क रकबा 0.0970, 40/2 रकबा 0.0360, 42/2 रकबा 0.2390 उक्त आराजी वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज थी वर्तमान में निजी स्वत्व में दर्ज है। ग्राम बम्हनगवां पटवारी हल्का बरदाडीह की आराजी नं. 32 रकबा 3.22 एकड़ ग्राम सतना की आराजी नं. 138 रकबा 1.92 एकड़ पटवारी हल्का अमौधा की आराजी नं. 751 वर्ष 1958-59 की खतौनी में चार बटाकों में था या 751/1 म.प्र. शासन 39 एकड़ 91डि. सन् 1992-1993 के बीच 751/1 अ और 751/5/1 को शामिल नंबर बनाया गया उसी साल लाल स्याही से गोला लगाकर 35.72 एकड़ और 35.66 कर दिया गया है। ग्राम लिलौरी पतौड़ा की शासकीय आराजी 307 के 18 बटांक हो चुके हैं। इसी तरह मौजा डिलौरा की आराजी नं. 775/1 रकबा 14-1 एकड़ उक्त आराजी सन् 1966-67 में कॉलम नं. 12 में महंत बद्रीदास फौत 30 धि. प्रबंधक चेला जगन्नाथ दास काबिज दर्जें दर्शित है। उक्त आराजी के 94 बटांक हो गये है चेला महत मंदिर की आराजी है उसका क्रय विक्रय नहीं हो सकता है? (ग) तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत आने वाले पटवारी हल्का चाहे शहर के हो या ग्रामीण के उन हल्कों में कितनी आराजी 1958-59 में शासकीय थी, कि कितनी आवंटित हुई एवं आवंटित आराजी बिना कलेक्टर के मंजूरी के कितनी बिक गई हल्कावार बतायें तथा कितनी शासकीय आराजियों में भू माफियों का आज भी कब्जा है, रिकार्ड में म.प्र. शासन है और कब्जा दूसरों का है? उक्त तहसील में कितनी आवंटित आराजियों के नामांतरण हो गये कितने प्रकरण पटवारियों द्वारा रोके गये हैं तथा कितने ऐसे प्रकरण हैं जिसमें पटवारी ने अपने प्रतिवेदन में कहा हो कि उक्त आराजी 1958-59 में शासकीय है, उसके बाद भी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ने नामांतरण कर दिये हो? (घ) यदि प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) सही है तो शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वाले भू-माफिया एवं राजस्‍व अधिकारियों/ कर्मचारियों पर कब तक एफ.आई.आर. की कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। जिला सतना अंतर्गत शासकीय घोषित की भूमि में तहसील रघुराज नगर में 104. 196 हे.,मझगंवा में 3.238 हे., मैहर में 58.459 हे., रामपुर बाघेलान में 10.448 हे. और नागौद में 37.538 हे. है। शासकीय घोषित की गई भूमियों के राजस्‍व प्रकरणों में पारित आदेशों में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं माना गया है, अत: किसी के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज नहीं कराई गई है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार। (ग) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत वर्तमान समय पर (नगरीय एवं ग्रामीण मिलाकर) कुल 71 पटवारी हल्‍के एवं कुल ग्रामों कि संख्‍या 209 है। वर्ष 1958-59 की खतौनी के अनुसार कुल शासकीय रकबा 15311.94 एकड़ रहा है। म.प्र.शासन के द्वारा जारी निर्देशों के तहत तहसील रघुराजनगर अंतर्गत उक्‍त शासकीय भूमि में समय-समय पर भूमिहीनों को कृषि कार्य हेतु भूमि का बंटन/व्‍यवस्‍थापन किया गया था। जानकारी विस्‍तृत और दीर्घ अवधि की होने से संकलित की जा रही है। (घ) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत वर्ष 1958-59 की स्थित में शासकीय भूमियों में से कुछ भूमियां भूमि स्‍वामी स्‍वत्‍व में परिवर्तित हो गयी थी, उनमें से कुछ भूमियों कि जांच की जाकर न्‍यायालय कलेक्‍टर सतना के द्वारा विभिन्‍न न्‍यायालयीन प्रकरणों के माध्‍यम से उत्‍तरांश (क) के अनुसार भूमियां पुन: म.प्र.शासन घोषित की जा चुकी है। विभिन्‍न न्‍यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों में किसी भी राजस्‍व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों को दोषी नहीं माना गया है जिससे प्राथमिकी दर्ज कराये जाने का कोई प्रश्‍न नहीं है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

 

 

तेन्‍दूपत्‍ता श्रमिकों को लाभांश का वितरण

[वन]

112. ( क्र. 1082 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       तेन्‍दूपत्‍ता श्रमिकों को तेन्‍दूपत्‍ता लाभांश योजना अन्‍तर्गत कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है? पिछले दो वर्षों में कितने तेन्‍दूपत्‍ता श्रमिकों को लाभांश का वितरण किया जा चुका है? कितने शेष हैं एवं शेष हितग्राहियों को कब तक लाभांश का वितरण किया जाएगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2020 के 10.80 लाख संग्राहकों को तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक वितरण किया गया है एवं 2.34 लाख संग्राहकों का शेष है। संग्रहण वर्ष 2021 में प्रोत्साहन पारिश्रमिक हेतु राशि रूपये 197.85 करोड़ स्वीकृत है जिसके वितरण की कार्यवाही प्रचलित है, समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।

उप तहसील दमोह जिला भिण्‍ड को पूर्ण तहसील बनाया जाना

[राजस्व]

113. ( क्र. 1088 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा दिनांक 23.09.2008 को मंगलादेवी प्रांगण लहार जिला भिण्‍ड में जन आशीर्वाद रैली में उप तहसील दमोह को पूर्ण तहसील बनाए जाने की घोषणा की थी? (ख) यदि हां तो उक्‍त घोषणा के परिपालन में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई एवं क्‍या उप तहसील दमोह को पूर्ण तहसील कब तक बना दिया जाएगा? (ग) क्‍या उप तहसील दमोह एवं आलमपुर का नवीन भवन बनकर तैयार है? यदि हां तो उक्‍त भवन कितनी-किनी लाग‍त से बनाए गए एवं इनका शिलान्‍यास एवं उद्घाटन किसके द्वारा किया गया? (घ) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) लहार जिला भिण्‍ड का कार्यालय वर्तमान में तहसील भवन लहार जो कि वर्ष 1930 में निर्मित हुआ था, में संचालित है? (ड.) यदि हां तो क्‍या लोक निर्माण विभाग भिण्‍ड द्वारा उक्‍त भवन को अनुपयोगी घोषित किए जाने हेतु कलेक्‍टर भिण्‍ड को पत्र लिखा गया है? यदि हां तो अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) लहार के नवीन भवन का निर्माण कब तक कराया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय पत्र क्रमांक एफ 1-39/ 2018/सात-6/896 दिनांक 06.08.2018 द्वारा जिला भिण्‍ड में उप तहसील दमोह को तहसील बनाये जाने हेतु प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर 60 दिवस में आपत्ति सुझाव चाहे गए थे। कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ग) उप तहसील दमोह का नवीन उप तहसील कार्यालय भवन पूर्णता की ओर है तथा उप तहसील आलमपुर का नवीन उप तहसील कार्यालय भवन बनकर तैयार है। उक्‍त दोनों भवनों की प्रशासकीय स्‍वीकृति राशि क्रमश: 85-85 लाख रूपये है। उक्‍त भवनों का लोकार्पण अभी नहीं हुआ है। (घ) जी नहीं, पुराने तहसील भवन के पास पृथक से अतिरिक्‍त कक्ष में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) लहार जिला भिण्‍ड का कार्यालय संचालित है। (ड.) जी हाँ। राजस्‍व विभाग के आदेश दिनांक 25/04/2022 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), लहार जिला भिण्‍ड के कार्यालय भवन की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

 

शिकायतों की जांच

[जल संसाधन]

114. ( क्र. 1089 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिकायत आवेदन/आर क्र.1232 (21) दिनांक 01.11.2021 एवं क्र. 1904/2021 दिनांक 17.12.2021 को तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग राजगढ़ के विरूद्ध जांच कर, जांच प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करने के संबंध में वरिष्‍ठ कार्यालय द्वारा अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्‍डल गुना को निर्देशित किया गया था? (ख) यदि हां तो क्‍या उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में जांच पूर्ण कर ली गई है? जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति उपलब्‍ध कराएं? (ग) क्‍या उपरोक्‍त दोनों शिकायतों की जांच कर तथ्‍यात्‍मक जांच प्रतिवेदन आर्थिक अपराध अन्‍वेषण ब्‍यूरो भोपाल को भेजे जाने हेतु मुख्‍य अभियंता चम्‍बल-बेतवा द्वारा अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्‍डल गुना को निर्देशित किया गया था? (घ) यदि हां तो क्‍या विभाग द्वारा ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. को जांच प्रतिवेदन भेज दिया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों तथा अभी तक दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के आधार पर की गई जांच का जांच प्रतिवदेन नहीं भेजे के क्‍या कारण है तथा कब तक प्रेषित किया जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जांच प्रक्रियाधीन है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। उपरोक्‍त दोनों शिकायतों की जांच कर तथ्‍यात्‍मक जांच प्रतिवेदन विभाग को भेजे जाने हेतु मुख्‍य अभियंता, चंबल बेतवा द्वारा अधीक्षण यंत्री, गुना को निर्देशित किया जाना प्रतिवेदित है। जांच प्रक्रियाधीन है।

अतिक्रमण हटाया जाना

[राजस्व]

115. ( क्र. 1094 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन के राजस्‍व विभाग के पत्र क्रमांक 4213, 4099/2021/सात-एक भोपाल दिनांक 21.12.2021 के द्वारा कलेक्‍टर अनूपपुर को विवेक बियानी के विरूद्ध शासकीय संपत्ति में कब्‍जा कर शासन को हानि पहुंचाने का अपराध करने पर अवर सचिव मध्‍यप्रदेश शासन राजस्‍व विभाग द्वारा कार्यवाही के निर्देश दिए थे? (ख) यदि हां तो अनूपपुर जिला कलेक्‍टर द्वारा कराए गए प्रथम सूचना पत्र का क्रमांक और धाराएं कौन-सी हैं? क्‍या भू-माफिया द्वारा बनाए गए आवासों को तोड़कर शासकीय भूमि को मुक्‍त कराया गया? यदि हां तो कब तक नहीं तो क्‍यों? (ग) अनूपपुर जिले के नगर पालिका का पटवारी हल्‍का अनूपपुर का शासकीय भूमि खाता क्रमांक 399/खसरा नंबर 5 एवं 36 जि‍समें संवत 1924-25 में जंगल की जमीन को राजस्‍व की जमीन में किसकी अनुमति से परिवर्तित किया गया है या शासकीय जंगल की भूमि को बिक्री के लिए शासकीय दस्‍तावेजों में कूटरचना कर परिवर्तित किया गया है? खसरा नंबर 5/2 जो नगर प्रशासन के लिए आवंटित था वह भूमि कहां पर है? (घ) क्‍या वर्तमान भूमि स्‍वामी आरा मशीन/लकड़ी चिरान का कार्य करता है एवं खसरा नंबर 5 एवं 36 में लगे बहुमूल्‍य वृ‍क्षों को काटकर उनका फर्नीचर बनाकर बेच दिया गया तथा अब खाली पड़ी शासकीय भूमि खसरा नंबर 5/2 पर भवन बनाकर बेच रहा है? उपरोक्‍त शासकीय भूमि का कब तक मुक्‍त कराया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। (ख) उत्‍तरांश (क) में वर्णित पत्र के संबंध में न्‍यायालय तहसीलदार तहसील अनूपपुर के समक्ष राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 0088/अ-74/2022-23 से जॉच कार्यवाही प्रचलित है जिसके निष्‍कर्षों के विनिश्‍चय पश्‍चात शेष कार्यवाहियां प्रावधानित है। (ग) ग्राम अनूपपुर पटवारी हल्‍का अनूपपुर तहसील एवं जिला अनूपपुर स्थित आराजी खसरा नम्‍बर 5 एवं 36 उपलब्‍ध राजस्‍व रिकार्ड में संवत 1983-94 के अनुसार नोईयत जंगल मद में दर्ज है। अभिलेखागार में उपलब्‍ध वार्षिक खतौनी जमाबंदी वर्ष1958-59मे खसरा नं. 5 जुज रकबा 2.95 एकड़ छूटनी वल्‍द दूदा गडारी, 5/6 जुज (पैकी) रकबा 4.00 एकड़ पुनउ महरा, 5 जुज (पैकी) 2.50 एकड़ भागवत राम ब्रा., 36 जुज (पैकी) रकबा 3.00 भास्‍कर दत्‍त ब्रा., 5 जुज (पैकी) रकबा 2.00 एकड़ विसम्‍भर राम ब्रा. के नाम वर्ग 6 गैर मौरूसी या गैरहकदार कास्‍तकार के रूप में दर्ज है। संवत 1983-94 एवं वर्ष 1958-59 के बीच का रिकार्ड राजस्‍व अभिलेखागार में उपलब्‍ध न होने से यह स्‍पष्‍ट नहीं होता कि जंगल की जमीन को राजस्‍व की जमीन में किसकी अनुमति से दर्ज किया गया। खसरा नम्‍बर 5/2 रकबा 0.809 हे. भूमि म.प्र.शासन नगरीय प्रशासन विभाग के नाम दर्ज है, जिसके संबंध में जांच प्रचलित है। (घ) बियानी आरा मशीन के नाम से आरा मशीन संचालित हो रही है। खसरा नंबर 5 एवं 36 जो वर्ष 1958-59 की खतौनी जमाबंदी में जुज बटांक होकर पृथकपृथक भूमि स्‍वामि के नाम दर्ज है। शासकीय भूमि खसरा नं. 5/2 पर भवन बनाकर बेचने संबंधी जांच प्रचलित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लिविंग वेजेस देने के संबंध में

[श्रम]

116. ( क्र. 1104 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में न्‍यूनतम वेतन अधिनियम-1948 की धारा-3 के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों एवं कलेक्‍टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को दिया जा रहा है? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त अधिनियम के तहत दिए जाने वाले न्‍यूनतम वेतन को प्रति 05 वर्ष में रिवाइज किये जाने का प्रावधान है? (ग) यदि हां तो क्‍या न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 की धारा-3 के तहत मिनिमम वेजेस रिवाइज कर केन्‍द्र के आउटसोर्स कर्मचारियों के बराबर लिविंग वेजेस देने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री जी को पत्र क्र. 715/2022, दिनांक 18-10-2022 को प्रेषित किया गया था? (घ) यदि हां तो उक्‍त पत्र के संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) न्यूनतम वेतन का निर्धारण समवर्ती सूची का विषय है, जिसमें राज्य को भी न्यूनतम वेतन निर्घारण का अधिकार है। राज्यों के लिए न्यूनतम वेतन का निर्धारण राज्य की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, व्यावसायिक एवं औद्योगिक स्थिति, आय के संसाधन एवं सूचकांक के आधार पर किया जाता है। प्रत्येक राज्य द्वारा उक्त आधार पर न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के प्रावधान अनुसार उनके राज्य के लिये न्यूनतम वेतन निर्धारित किया जाता है, जो पृथक-पृथक हो सकता है। अतः केन्द्र के आउटसोर्स कर्मचारियों के बराबर लिविंग वेजेस के आधार पर मध्यप्रदेश में न्यूनतम वेतन रिवाईज किया जाना समुचित प्रतीत नहीं होता है। तद्नुसार प्रश्‍नकर्ता/संबंधितों को अवगत किया गया है।

 

सुरक्षा श्रमिकों को देय वेतन

[वन]

117. ( क्र. 1105 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के वन परिक्षेत्र कन्‍नौद सबरेंज कुसमानिया अंतर्गत सिसा, कुसमानिया एवं भिलाई वन समितियों में सुरक्षा श्रमिकों को प्रतिमाह शासन की किस दर पर कितना-कितना वेतन दिया जाता है? (ख) क्‍या 15 से 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सुरक्षा श्रमिकों को मात्र तीन से चार हजार रूपये का वेतन दिया जा रहा है? साथ विगत 05 माह से वन विभाग के उच्‍च‍ाधिकारी के मनमाने रवैये के कारण उनका वेतन नहीं दिया गया? (ग) क्‍या सुरक्षा श्रमिकों के परिवारों की आर्थिक समस्‍या एवं भरण पोषण की समस्‍या को दृष्टिगत रखते हुए उनके प्रतिमाह के वेतन में वृद्धि करने की कार्यवाही राज्‍य सरकार द्वारा की जायेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतायें?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) देवास जिले के वन परिक्षेत्र कन्नौद सवरेंज कुसमानिया अंतर्गत सिया, कुसमानिया एवं भिलाई वन समितियों में मध्‍यप्रदेश शासन के संकल्प वर्ष 2001 के अनुसार समिति के अंतर्गत प्राप्त संसाधनों अनुसार ठहराव-प्रस्ताव पारित कर सुरक्षा सहायकों को मानदेय का भुगतान किया जाता है। (ख) जी नहीं, 15 से 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कोई भी सुरक्षा सहायक वन समिति सिया, कुसमानिया एवं भिलाई में कार्यरत नहीं है। वन समिति में वन सुरक्षा हेतु सुरक्षा सहायकों को समिति के ठहराव-प्रस्ताव के अनुसार रखा जाता हैं, जिन्हें समिति द्वारा मानदेय दिया जाता है। उक्त समितियों में माह सितम्बर 2022 तक की सुरक्षा राशि समिति खाते में प्रदाय की जा चुकी है। अत: शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन समिति द्वारा सुरक्षा सहायकों को समिति ठहराव-प्रस्ताव अनुसार मानदेय दिया जाता है। सुरक्षा सहायकों की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा नहीं की जाती, अत: उनके प्रतिमाह के मानदेय में वृद्धि करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता हैं।

बारना नगर के घटिया निर्माण की जांच

[जल संसाधन]

118. ( क्र. 1108 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रायसेन जिले की बारना जल संसाधन विभाग बाड़ी की डी-3 नहर अंतर्गत एस.एम.-2 का घटिया निर्माण विभाग के इंजीनियरों एवं ठेकेदार की मिली भगत से किये जाने से ग्राम चंदवार के पास की नहरों में दरार पड़ गई है एवं क्षतिग्रस्‍त होकर टूटने लगी है? (ख) यदि हां तो इस संबंध में शासन को कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? इनमें क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?                     (ग) उपरोक्‍त कार्य किस निर्माण एजेंसी को कितनी लागत का किन शर्तों के साथ दिया गया?             (घ) क्‍या समस्‍त नहर निर्माण के कार्य की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जायेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि अधीक्षण यंत्री, कोलार परियोजना मण्‍डल़, नर्मदापुरम द्वारा दिनांक 06.06.2022 को किए गए स्‍थल निरीक्षण में रायसेन जिले की बारना सिंचाई परियोजना की डी-3 नहर अंतर्गत एस.एम.-2 में ग्राम चंदवार के पास लाइनिंग का कार्य गुणवत्‍ता अनुरूप नहीं पाए जाने के कारण गुणवत्‍ताहीन कार्य को तोड़कर पुन: निर्माण किए जाने के निर्देश दिया जाना प्रतिवेदित है। अभिलेख अनुसार शासन को कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्‍त कार्य हेतु मेसर्स कृपा निधि कंस्‍ट्रक्‍शन, वड़ोदरा (गुजरात) के साथ राशि रू. 2649.07 लाख का टर्न की निविदा प्रारूप की शर्तों पर अनुबंध किया गया। (घ) गुणवत्‍ताहीन कार्य को तोड़कर ठेकेदार के स्‍वयं के व्‍यय पर पुनर्निर्माण करने के जारी निर्देश के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त कार्य की उच्च स्तरीय जांच कराई जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पट्टे की भूमि की खरीदी बिक्री की व्‍यवस्‍था पुन: बहाल किया जाना

[राजस्व]

119. ( क्र. 1109 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या वर्ष 2012 के पूर्व भू-राजस्‍व संहिता की धारा 158 के तहत पट्टेधारी 10 वर्ष पश्‍चात पट्टे की भूमि के स्‍वामी हो जाते थे? (ख) यदि हां तो किस आदेश के तहत पट्टे के भू-स्‍वामियों के खसरे खतौनी पर हस्‍तारणीय से अहस्‍तांतरणीय शब्‍द अंकित किया जाकर उनकी पट्टे की भूमि कलेक्‍टर की अनुमति के बाद खरीदी-बिक्री किये जाने से वंचित किन कारणों से कर दिया है? (ग) यदि हां तो वर्ष 2012 के पूर्व जो पट्टे की भूमि की खरीदी बिक्री हो गई है, क्‍या वह वैधानिक है? (घ) यदि हां तो वर्ष 2012 के आदेश के पश्‍चात ऐसे पट्टे की भूमि पर रोक लगाने का कारण क्‍या है? स्‍पष्‍ट करें।                                           (ड.) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या वर्ष 2012 के पूर्व की स्थिति को पुन: बहाल किया जायेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) धारा 158 के तहत आवंटन की तारीख से ही पट्टेधारी भूमि स्‍वामी हैं। (ख) मध्‍यप्रदेश भू राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 158 की उपधारा (3) के परन्‍तुक में उपबंध अनुसार ऐसे भूमि स्‍वामियों द्वारा आवंटन की दिनांक से दस वर्ष तक अंतरण पर प्रतिबंध है, उसके पश्‍चात धारा 165 की उपधारा (7-ख) के उपबंध अनुसार कलेक्‍टर की पूर्व अनुज्ञा से अंतरित किये जाने का प्रावधान है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में विहित अनुज्ञा प्राप्‍त कर विधि पूर्वक किया गया अंतरण वैधानिक है। (घ) उत्‍तरांश '''' अनुसार। (ड.) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

पवई मध्‍य सिंचाई परियोजना में अनियमितता

[जल संसाधन]

120. ( क्र. 1110 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में जल संसाधन संभाग पवई अंतर्गत निर्माणाधीन पवई मध्‍यम सिंचाई परियोजना कितने लागत की थी एवं निर्माण कार्य का ठेका किस निर्माण एजेंसी को किन शर्तों पर कब दिया गया था? विस्‍तृत ब्‍यौरा दें। (ख) क्‍या उक्‍त ठेका विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण निरस्‍त कर दिया गया था? (ग) यदि हां तो क्‍या उक्‍त ठेकेदार द्वारा ठेका निरस्‍त किये जाने पर मा.न्‍यायालय में याचिका दायर की थी एवं विभाग द्वारा अपना पक्ष नहीं रखे जाने एवं बाद में ठेकेदार के पक्ष में आर्बिट्रेटर का फैसला आने पर समय-सीमा में उक्‍त फैसले के विरूद्ध समक्ष न्‍यायालय में अपील न करने के कारण मा.न्‍यायालय ने शासन के पक्ष को नहीं सुना एवं सुप्रीम कोर्ट ने शासन की याचिका को खारिज कर दी एवं मा.न्‍यायालय ने समय बर्बाद करने पर एक लाख रूपये का जुर्माना राज्‍य शासन ने लगाया था? (घ) उक्‍त ठेका निरस्‍त करने से शासन को कितनी राशि का आर्थिक नुकसान हुआ, इसके लिए किन-किन जिम्‍मेदारों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ड.) उक्‍त परियोजना के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्‍या है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अवैध खदाने एवं क्रेशर संचालित होना

[खनिज साधन]

121. ( क्र. 1111 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले की गोहद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गौण खनिज की खदानें कहां-कहां पर कितने-कितने रकबे पर किन-किन के नाम पर कब-कब से स्‍वीकृत है? (ख) उक्‍त क्षेत्र में क्रेशर कहां-कहां संचालित है जिसमें कितने वैध, कितने अवैध हैं? संचालकों के नाम सहित ब्‍यौरा दें।     (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्‍या उक्‍त में स्‍वीकृत क्षेत्र से बाहर जाकर खनन कार्य एवं अवैध क्रेशर लंबे समय से विभागीय अधिकारी एवं पुलिस की मिली भगत से संचालित है, जिससे शासन को करोड़ों रूपये की प्रतिवर्ष हानि हो रही है? यदि नहीं तो क्‍या विधायकों की समिति बनाकर जांच कराई जायेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) उक्‍त क्षेत्र में वैध संचालित क्रेशरों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। उक्‍त क्षेत्र में अवैध क्रेशर स्‍थापित नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पटवारी हल्‍का को नजदीकी तहसील में जोड़ा जाना

[राजस्व]

122. ( क्र. 1118 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न 3615, दिनांक 17.03.2022 जतारा, लिधौरा, मोहनगढ़, दिगौड़ा, पलेरा तहसील के पटवारी हल्‍का को नजदीकी तहसील में लेकर पुन: राजस्‍व निरीक्षक केन्‍द्र एवं तहसील परिसीमन कराये जाने हेतु किया गया था? प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?            (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बतायें कि इन तहसीलों में अभी कौन-कौन से पटवारी हल्‍का, राजस्‍व निरीक्षक केन्‍द्र आते हैं? ग्रामीणों की मांग अनुसार क्‍या विभाग इसमें जनहित में संशोधन चाहता है तो प्रस्‍तावित प्रस्‍ताव इन तहसीलों से कब तक लिया जा सकता है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि वर्तमान तहसील के ग्रामीणों को अभी तक पटवारी हल्‍का तहसीलों से दूर होने के कारण भटकना नहीं पड़ रहा है? अगर हां तो समस्‍त तहसीलों के तहसीलदार कब तक संशोधित प्रस्‍ताव किस हल्‍का को लेकर किस तहसील से हटाकर किस में जोड़कर कया प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करेंगे तो कब तक और नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जनहित में कब तक ऐसे प्रस्‍ताव पर अमल कराकर राजस्‍व निरीक्षक केन्‍द्रों एवं तहसीलों का विभाग पुन: परिसीमन कर देगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 13 की उपधारा 1 (3) प्रावधान अन्‍तर्गत राज्‍य शासन द्वारा विचार उपरान्‍त संहिता की धारा 13 की उपधारा (2) शक्तियों के अन्‍तर्गत तहसीलों का सृजन किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। शेष उत्‍तर प्रश्‍नांश (क) में उत्‍तर दिये अनुसार। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उन्चास"

मेट्रों रेल डि‍पो शिफ्टिंग बावत

[राजस्व]

123. ( क्र. 1119 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न (क्र. 1012) दिनांक 10 मार्च, 2022 के उत्‍तर (क) में बताया गया था कि कलेक्‍टर जिला भोपाल द्वारा संशोधित आवंटन आदेश जारी करने राजस्‍व विभाग को प्रस्‍ताव भेजा गया है? प्रश्‍न दिनांक तक विभाग ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? कृपया स्‍पष्‍ट एवं संपूर्ण जानकारी दें कि इसके बाद फाइनल निराकरण क्‍या हो जावेगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताया कि अग्रिम आधिपत्‍य सीमांकन के साथ विभिन्‍न अधिकारियों एवं कर्मचारियों के समक्ष हुआ फिर त्रुटि क्‍यों हुई जिनसे त्रुटि हुई प्रश्‍न दिनांक तक उनके विरूद्ध, विभाग ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है?       (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि ग्रीन मेडोज कॉलोनी के उत्‍तर दिशा में स्थित ग्राम शहर भोपाल की शासकीय भूमि नगरीय विकास एवं आवास विभाग की मेट्रो रेल परियोजना हेतु जो भूमि राजस्‍व की 49.152 हेक्‍टर में से 27.495 हेक्‍टर भूमि हस्‍तांतरित की गई है वह उपरोक्‍त कॉलोनी से कितने-कितने मीटर छोड़कर भूमि आवंटित की गई है? क्‍या पास से मेट्रो रेल की डिपो बनने से रेल निकलने से कॉलोनी को खतरा नहीं होगा? अगर होगा तो इसकी भरपाई, भविष्‍य में कौन करेगा? कृपया सम्‍पूर्ण जानकारी नक्‍शा, ट्रेस, खसरा वी वन सहित दें। जब उपरोक्‍त रकबा 49.152 हेक्‍टर में से 27.495 हेक्‍टर भूमि नि:शुल्‍क आवंटित की गई है तो रहवासी कॉलोनी के निवासियों द्वारा लाखों रूपये व्‍यय किये है तो सभी पेड़ों की भूमि को छोड़कर कॉलोनी की बाउण्‍ड्री से लगभग 20 या 30 मीटर छोड़कर मेट्रो रेल का कार्य क्‍यों नहीं कराया जा रहा है?       (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जब मेट्रो रेल डिपो का रकबा की भूमि नि:शुल्‍क दी गई है तो उपरोक्‍त रहवासी कॉलोनी को खतरा एवं हजारों पेड़ों को काटकर जो मेट्रो रेल डिपो बनाया जा रहा है वह क्‍या सही है? प्रश्‍न क्र. 1012 के (घ) के उत्‍तर में बताया गया कि पेड़ नहीं काटे जा रहे है तो फिर क्‍यों हजारों पेड़ों को काटा जा रहा है? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि पेड़ों को काटने से रोका जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्‍यों एवं रहवासी कॉलोनी से 20 या 30 मीटर दूर से मेट्रो रेल डिपों का कार्य कराने विभाग आदेश जारी करेगा तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। कलेक्‍टर जिला भोपाल से विभागीय पत्र क्रमांक एफ 06-07/2007/सात/नजूल, दिनांक 03.03.2022, स्‍मरण पत्र दिनांक 23.06.2022, 06.09.2022 एवं पत्र दिनांक 09.11.2022 द्वारा प्रश्‍नाधीन क्षेत्रों के नजरी नक्‍शे, बाजार मूल्‍य एवं प्रश्‍नाधीन भूमि पर आधिपत्‍य के सबंध में जानकारी चाही गई है। जानकारी आपेक्षित है। (ख) भूमि का अग्रिम आधिपत्य म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसरंचना विकास मण्डल के तत्कालीन सहायक यंत्री श्री टी.एन. द्विवेदी (वर्तमान में सेवानिवृत्त) ने दिनांक 24.08.2006 को प्राप्त किया था। इस संबंध में श्री द्विवेदी एवं तत्कालीन राजस्व निरीक्षक को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी जा रही है। (ग) ग्रीन मेडोज कॉलोनी से लगे खसरा क्रमांक 959/1 पर मेट्रो रेल परियोजना हेतु भूमि आवंटित की गई है। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा दी गई जानकारी अनुसार नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मेट्रो रेल परियोजना हेतु ग्रीन मेडोज कॉलोनी के उत्तर दिशा में बाउंण्ड्री से लगकर ही हस्तांतरित की गई है। पास में मेट्रो रेल डिपो बनने से कॉलोनी को कोई खतरा होना प्रतीत नहीं होता है। मेट्रो रेल परियोजना द्वारा आवश्यकता पड़ने पर समुचित कार्यवाही की जावेगी। आवंटित भूमि का खसरा व नक्शा  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। अति आवश्यक तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए बाउण्ड्री वाल से 20 या 30 मीटर छोड़ना संभव नहीं है। (घ) मेट्रो रेल कारपोरेशन से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त रकबा की भूमि नगरीय विकास एवं आवास विभाग को आमजन की सुविधा हेतु मेट्रो रेल परियोजना के लिये दी गई है एवं संबंधित कार्य तकनीकी आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति करते हुए प्रतिपादित किया जा रहा है। मेट्रो रेल डिपो बनने से कॉलोनी को कोई खतरा होना प्रतीत नहीं होता है। मेट्रो रेल परियोजना द्वारा आवश्यकता पड़ने पर समुचित कार्यवाही की जायेगी। तकनीकी आवश्यकता अनुसार ही पेड़ों को चिन्हित कर हटाया जाना आवश्यक है। पेड़ों की कटाई के ऐवज में प्रचलित प्रक्रिया अनुसार क्षतिपूर्ति हेतु सर्वे उपरान्त पर्यावरण वानिकी वनमण्डल को 4 गुना वृक्ष आरोपित करने हेतु क्षतिपूर्ति राशि अग्रिम जमा करने उपरांत अनापत्ति प्राप्त कर नगर निगम द्वारा हटाये जाने की प्रक्रिया की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अतिवृष्टि की राहत राशि का भुगतान

[राजस्व]

124. ( क्र. 1121 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) शहर में अतिवृष्टि होने से हुए नुकसान हेतु मार्गदर्शिका की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं एवं क्या वर्ष 2022 में ब्यावरा नगर में अतिवृष्टि से बाढ़ जैसे हालात निर्मित हुए थे? यदि हां तो शासन द्वारा क्या-क्या सहायता मुहैया कराई गई थी? (ख) ब्यावरा नगर में अतिवृष्टि के कारण कितने घर डूब क्षेत्र में आए व कितना नुकसान हुआ? इसका सर्वे करवाया गया था? (ग) अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को कितनी राशि सहायता प्रदान की गई? कितने परिवार राहत राशी से वंचित रह गए हैं? इन परिवारों को कब तक राहत राशि प्रदान की जाएगी? (घ) अतिवृष्टि प्रभावित परिवारों को मिली राहत राशि देने का मापदंड क्या था? क्या उक्त राशि पर्याप्त दी गई है? क्या मुख्य बाजार की दुकानों व नदी किनारे वाले मकानों का काफी नुकसान हुआ था? यदि हां तो राशि कम क्यों दी गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। जी हाँ। राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत आर्थिक सहायता उपलब्‍ध कराई गई। (ख) ब्यावरा नगर में अतिवृष्टि के कारण 3854 मकान व दुकान प्रभावित हुये। जी हॉ, इसका सर्वे कराया गया था। (ग) अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को कुल 1,92,70,000/- रूपये की राहत राशि उपलब्ध कराई गयी। पात्र परिवारों में से कोई भी परिवार राहत राशि से वंचित नहीं रहा। (घ) अतिवृष्टि प्रभावित परिवारों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मानदण्‍ड अनुसार राहत राशि प्रदाय की गई। जी हाँ, मुख्य बाजार की दुकानों एवं नदी किनारे के मकानों को हुए नुकसान अनुसार प्रभावितों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के अनुक्रम में राहत राशि प्रदाय की गई।

दोषियों पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

125. ( क्र. 1358 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में धान एवं गेहूं खरीदी हेतु कितने खरीदी केन्‍द्र बनाये गये थे, का विवरण वर्ष 2019 से प्रश्‍नांश दिनांक से देते हुये बतावें कि कितने-कितने क्विंटल धान व गेहूं की खरीदी किन खरीदी केन्‍द्रों द्वारा की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खरीदी केन्‍द्रों से धान व गेहूं के उठाव का कार्य खरीदी के कितने दिनों बाद किया गया, की जानकारी खरीदी केन्‍द्रवार देवें। इनके उठाव बावत कार्यादेश किन-किन कंपनियों/ठेकेदारों को किन शर्तों पर दिया गया था? प्रति देते हुये बतावें। धान व गेहूं का उठाव कर किन जगहों पर भंडारण किया रखा गया, का विवरण केन्‍द्रवार देवें। यह भी बतावें कि खरीदी केंद्र से जहां पर भंडारण का कार्य किया गया उसकी दूरी कितने किलोमीटर हैं? प्रत्‍येक खरीदी केंद्रवार बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के खरीदी केंद्रों में पपौंद व कुआ खरीदी केंद्र जिला शहडोल में धान का उठाव 8 माह बाद किये जाने से धान के सूखने के कारण धान का वजन कम हो गया। जिससे धान की कमी हो गई, इसके संबंध में अधोहस्‍ताक्षरकर्ता द्वारा 22/11/2022 को कलेक्‍टर शहडोल को पत्र लिखा गया जिसमें शार्ट/धान की कमी के संयोजन का उल्‍लेख किया गया? पत्र अनुसार क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित खरीदी केंद्रों से उठाई गई धान को ओपेन कैंप में कहां-कहां रखा गया इन धानों को बरसात में पानी के कारण नष्‍ट होने, अंकुरित होने से नष्‍ट की अनुमानित कितनी मात्रा की जानकारी शासन एवं प्रशासन के पास है की जानकारी जिलेवार, ओपन कैंपवार भंडारित मात्रा अनुसार बतावें। (ड.) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित खरीदी केंद्रों से प्रश्‍नांश (ख) अनुसार धान का उठाव समय पर नहीं किया गया जिससे मात्रा में कमी हुई साथ ही उठाव हेतु कार्यादेश जिस कंपनी व ठेकेदार को दिया गया, उसके विरूद्ध उठाव में विलंब का दोषी मानकर कार्यवाही नहीं की गई, अपरोक्ष रूप से लाभ पहुंचाया गया, प्रश्‍नांश (ग) अनुसार शार्टेज धान के समायोजन बावत कोई निर्देश जारी नहीं किये गये जिससे केंद्रों में धान की कमी हुई एवं प्रश्‍नांश (घ) के अनुसार ओपन कैंप में रखी हुई धान जो पानी के कारण हजारों क्विंटल नष्‍ट हुई, शासन को आर्थिक क्षति देख-रेख के अभाव में हुई, इन सब के लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? इन जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेगें? अगर नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) शहडोल एवं रीवा जिले में वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक समर्थन मूल्‍य पर धान एवं गेहूं उपार्जन हेतु बनाये गये उपार्जन केन्‍द्र एवं केन्‍द्रवार खरीदी गई मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन हेतु जारी उपार्जन नीति के अनुसार उपार्जन केन्‍द्र पर उपार्जित उपलब्‍ध मात्रा के आधार पर रेडी टू ट्रांसपोर्ट जारी किया जाकर परिवहन का कार्य किया जाता है। उपार्जित खाद्यान्‍न के उठाव हेतु जिन कंपनियों/ठेकेदारों को कार्यादेश जारी किया गया है, उनके नाम एवं शर्तों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। उपार्जित गेहूं एवं धान के भंडारण केन्‍द्रों के नाम एवं उपार्जन केन्‍द्र से भंडारण की दूरी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।                  (ग) शहडोल जिले के पपौंद उपार्जन केन्‍द्र पर उपार्जित धान का परिवहन एवं भण्‍डारण दिनांक 11.12.2021 से 01.02.2022 तक 25545.12 क्विंटल एवं उपार्जन केन्‍द्र कुंआ से धान का परिवहन एवं भण्‍डारण दिनांक 30.12.2021 से 10.02.2022 तक 18775.18 क्विंटल किया गया। उपार्जन केन्‍द्र पपौंद एवं कुंआ द्वारा 40 किलोग्राम मानक वजन से कम वजन के बोरे के परिवहन हेतु ट्रक चालान जारी किये जाने के कारण उपार्जन पोर्टल पर उपार्जन केन्‍द्र पर परिवहन हेतु धान की शेष मात्रा प्रदर्शित नहीं हुई। कलेक्‍टर शहडोल द्वारा 4 समितियों में शेष बची धान को जमा कराने हेतु माह मई, 2022 में पत्र लिखा गया, जिसकी स्‍वीकृति उपरांत माह जून, 2022 में उपार्जन केन्‍द्र पपौंद- 1564.98, कुंआ- 1021.02, पपौढ लिखवा- 431.42 एवं करकी ठेगरहा- 312.28 क्विंटल आफलाईन धान जमा करायी गयी, जिसमें पपौंद समिति द्वारा 285.02 क्विंटल एवं कुंआ द्वारा 384.98 क्विंटल कम धान जमा हुई। (घ) शहडोल एवं रीवा जिले में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान को केन्‍द्रवार उठाई गई मात्रा को ओपन कैप में भण्‍डारण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे                                     परिशिष्‍ट-द अनुसार है। शहडोल जिले में बारिश के पानी से अंकुरित होने अथवा नष्‍ट धान की मात्रा निरंक है। रीवा जिले में बारिश के पानी से खराब हुई धान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-इ अनुसार है। (ड.) शहडोल एवं रीवा जिले में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान का परिवहन उपार्जन नीति में निर्धारित समयावधि में किया गया। समिति स्‍तर पर धान की कमी की राशि समिति एवं परिवहनकर्ता से वसूल करने का प्रावधान है जिसके लिये कार्यवाही प्रचलित है।

अवैध खनन से मृत व्‍यक्तियों की जानकारी

[खनिज साधन]

126. ( क्र. 1372 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनन से बने गड्ढे में मिट्टी निकालते हुए मिट्टी ढह जाने से जनवरी 2020 से अक्‍टूबर 2022 तक कुल कितनी घटनायें हुई और उसमें कितने लोगों की मौत हुई तथा कितने घायल हुए?          (ख) खनन से बने हुए गड्ढे में पानी भर जाने से उसमें डूब कर जनवरी 2020 से अक्‍टूबर 2022 तक कुल कितनी घटनायें हुई और उसमें कितने लोगों की मौत हुई? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित घटनाओं में कितने गड्ढे अवैध खनन से तथा कितने गड्ढे नियम के‍ विपरीत ज्‍यादा गहराई तक खनन करने से बने थे तथा इस बारे में खनन विभाग से या पर्यावरण विभाग से कोई पत्र व्‍यवहार किया गया या नहीं? पत्र व्‍यवहार की प्रति देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में हुई घटनाओं में खनन के नियम के विपरीत ज्‍यादा गहराई तक खनन के लिए जिम्‍मेदार ठेकेदार या अवैध खनन करने वाले ठेकेदार के ऊपर प्रकरण दर्ज किया गया या नहीं? कितने प्रकरण में उन्‍हें आरोपी बनाया गया, कितने में उन्‍हें नहीं बनाया गया तथा कितने में खनन तथा पर्यावरण विभाग के जिम्‍मेदार कर्मचारियों/अधिकारियों को आरोपी बनाया गया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश के जिला सीधी में खनन से बने गड्ढ़े में मिट्टी निकालते हुए मिट्टी ढह जाने से जनवरी 2020 से अक्‍टूबर 2022 तक जो घटना प्रकाश में आई है, उसकी जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ख) प्रदेश के जिला भोपाल, सीहोर, खण्‍डवा एवं सीधी में खनन से बने हुए गड्ढ़े में पानी भर जाने से उसमें डूब कर जनवरी 2020 से अक्‍टूबर 2022 तक जो घटनायें घटी हैं, उसकी जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब  अनुसार है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ग) एवं (घ) प्रश्‍नांश की  जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ एवं 'अनुसार है।

 परिशिष्ट - "पचास"

प्रधानमंत्री वन धन विकास केंद्र का संचालन

[वन]

127. ( क्र. 1480 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री वन धन विकास केंद्र का संचालन म.प्र.राज्य लघुवनोपज सहकारी संस्थाओं से राज्य शासन द्वारा संचालित किया जा रहा है? 89 जनजातीय विकास खंडों में कुल कितने केंद्र स्वीकृत है? (ख) प्रत्येक वन धन के केंद्र को ट्राईफेड भारत सरकार से कितनी राशि स्वीकृत की गई है तथा वर्तमान में समूह को समूहवार कितनी राशि छिंदवाड़ा में स्वीकृत चार केंद्रों को प्रदान की गई है? (ग) छिंदवाड़ा जिले के बम्हनी, तामिया, छिंदी व विकासखंड तामिया हर्रई जनजातीय विकासखंड में स्वीकृत आज तक वर्षवार कुल कितनी कितनी लघुवनोपज खरीदी गई है? खरीदी पर व्यय राशि एवं बिक्री से प्राप्त राशि से समूह की महिलाओं को कितनी-कितनी राशि बांटी गई है? (घ) जुन्नारदेव में दमुआ जामई परिक्षेत्र हर्रई विकासखंड में पूर्व हर्रई पश्चिम हर्रई पूर्व बटकाखापा पश्चिम बटकाखापा तथा बिछुआ विकासखंड में बिछुआ तथा कन्हान परिक्षेत्र का कार्यक्षेत्र है यहाँ वन धन केंद्र खोलने पर मंत्री जी विचार करेंगे? यदि हाँ तो कब तक?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रधानमंत्री वन धन विकास केन्द्र योजना अंतर्गत म.प्र. शासन वन विभाग राज्य नोडल एजेंसी है तथा म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ राज्य क्रियान्वयन एजेंसी है। वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य के 14 जिलों के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में 107 वन धन केन्द्र कलस्टर स्वीकृत किये गये है। (ख) प्रत्येक वन धन केन्द्र कलस्टर हेतु ट्राईफेड भारत सरकार द्वारा राशि रूपये 15.00 लाख स्वीकृत किये गये। छिन्दवाड़ा वन वृत्त के अन्तर्गत जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित पूर्व छिन्दवाड़ा के अन्तर्गत 02 एवं पश्चिम छिन्दवाड़ा के अन्तर्गत 02 कुल 04 वन धन केन्द्र कलस्टर स्थापित किये गये है। प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ भोपाल के पत्र क्रमांक/वनो./संघ/एमएसपी/2020/3242 दिनांक 09.03.2022 से निम्नानुसार राशि स्वीकृत की गई हैः-

क्र

वन धन विकास केन्‍द्र का नाम

स्वीकृत राशि (लाख रू. में)

प्राप्त राशि (लाख रू. में)

पूर्व छिन्दवाड़ा

1

चिलक

15.00

10.80

2

छिन्‍दी

15.00

10.10

 

योग:-

30.00

20.90

पश्चिम छिन्दवाड़ा

1

बम्हनी

15.00

9.62

2

मैनावाडी

15.00

11.62

 

योग:-

30.00

21.24

 

(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) क्रियान्वयन एजेंसी से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर विभाग से अनुशंसा सहित प्रेषित प्रस्ताव पर ट्रायफेड, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार से स्वीकृति एवं अनुदान प्राप्त होने पर वन धन केन्द्र खोलने की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "इक्यावन"