मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
सितम्बर, 2020 सत्र
सोमवार, दिनांक 21 सितम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
तराना
विधानसभा
अंतर्गत
मनरेगा हेतु
आवंटित राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 36 ) श्री महेश परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना के निराशाजनक परिदृश्य में तराना विधानसभा क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मनरेगा में गत वर्ष 2019-20 एवं चालू वित्त वर्ष में राशि दी गयी थी? यदि हाँ, तो अवधिवार त्रैमासिक ऑडिट रिपोर्ट संकलित कर ऑडिट आपत्तियों की संकलित प्रमाणित प्रति देवें? यदि राशि नहीं दी गयी है, तो कारण बताएं। (ख) उक्त अवधि के दौरान मनरेगा की राशि से तराना विधानसभा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की तस्वीर क्या है? स्पष्ट कर प्रशासनिक रिपोर्ट देवें। कुल कितने निर्माण कार्य, कब-कब, कहाँ-कहाँ करवाए गए? निर्माण कार्यों का मूल्यांकन कब-कब किसके द्वारा कहाँ-कहाँ किया गया? अवधिवार अवलोकन रिपोर्ट की प्रमाणित प्रतियाँ देवें। (ग) उक्त अवधि के दौरान प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र तराना में मनरेगा के अंतर्गत निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन की संकलित रिपोर्ट की प्रमाणित रिपोर्ट देवें। (घ) लॉकडाउन के दौरान मनरेगा की आर्थिक गतिविधियों की आय व्यय का मदवार ब्यौरा एवं बेलेन्स शीट उपलब्ध करायें। उक्त खर्च से तराना विधानसभा क्षेत्र को दी गयी राहत और बुनियादी सुरक्षा से अवगत कराएं। कोविड-19 के संकट से सामना करने के लिए मनरेगा से किए गए निर्माण कार्य एवं निर्माण कार्यों में लगाए गए श्रमिकों की प्रामाणिक सूची उपलब्ध करायें। (ड.) उक्त अवधि में प्रशासनिक एवं निर्वाचित कमेटियों की बैठक कब कब किन एजेंडों पर हुई? उन सभी की एजेंडेवार संक्षेपिका देवें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जिला उज्जैन की जनपद पंचायत तराना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोरोना के निराशाजनक परिदृश्य में ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में सुधार के लिए समस्त ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजनांतर्गत अनुमत्य हितग्राही व सामुदायिक मूलक कार्यों पर श्रमिकों को उनकी मांग अनुसार दिनांक 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक रोजगार उपलब्ध करवाया गया। जिस पर वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रू. 242.35 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रू. 959.31 लाख का व्यय किया गया। मनरेगा योजनांतर्गत वर्तमान में त्रैमासिक ऑडिट नहीं किये जाने के कारण जानकारी निरंक है। (ख) जिला उज्जैन अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा योजनांतर्गत अनुमत्य कार्यों पर ग्राम पंचायत द्वारा उक्त अवधि में ग्राम में निवासरत जॉबकार्डधारी परिवारों को उनकी मांग अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाया गया। प्रश्न दिनांक तक 11299 जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाकर 476384 मानव दिवस सृजित किये जाकर राशि रू. 873.91 लाख मजदूरी का भुगतान संबंधित मजदूरों को किया गया। इस अवधि के दौरान पूर्व से प्रगतिरत एवं नवीन कुल 1708 निर्माण कार्य करवाये गये। प्रश्नांश अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। उक्त अवधि में उपयंत्रियों को आवंटित क्लस्टर की ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य उनके पर्यवेक्षण में करवाये गये। जिसकी अवधिवार रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जिला उज्जैन अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा योजनांतर्गत कराये गये निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन की संकलित रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) जिला उज्जैन अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजनान्तर्गत निर्माण कार्यों पर वर्ष 2019-20 में मजदूरी मद में राशि रू. 188.75 लाख, सामग्री मद में राशि रू. 53.60 लाख, प्राप्ति व मजदूरी मद में राशि रू. 188.75 लाख, सामग्री मद में राशि रू. 53.60 लाख व्यय एवं वर्ष 2020-21 में मजदूरी मद में राशि रू. 685.16 लाख, सामग्री मद में राशि रू. 274.15 लाख प्राप्ति व मजदूरी मद में राशि रू. 685.16 लाख, सामग्री मद में राशि रू. 274.15 लाख व्यय किया गया। शेष राशि निरंक है। वित्तीय वर्ष 2019-20 का वित्तीय अंकेक्षण वर्तमान में प्रचलन में है। श्रमिकों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु शासन से प्राप्त निर्देशानुसार समस्त ग्राम पंचायतों में श्रमिकों को स्व-सहायता समूह से मास्क, सेनिटाईजर एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन करवाया गया। कोविड-19 के संकट से सामना करने के लिये मनरेगा योजनान्तर्गत किये गये निर्माण कार्य एवं निर्माण कार्यों में लगाये गये मजदूरों की प्रमाणित सूची उत्तरांश (ग) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ड.) जिला उज्जैन अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में प्रशासनिक एवं निर्वाचित कमेटियों की बैठक की जानकारी निरंक है।
रायसेन जिलान्तर्गत लंबित सिंचाई योजनायें
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 268 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सिंचाई योजनाओं का कार्य क्यों अप्रारंभ है? किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है तथा क्यों? योजनावार कारण बतायें। (ख) रायसेन जिले में कौन-कौन सी सर्वेक्षित सिंचाई योजनाएं तथा बैराज स्वीकृति हेतु कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? उनको कब तक स्वीकृत किया जायेगा? (ग) नवम्बर 19 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी तथा प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) रायसेन जिले की सर्वेक्षित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इन योजनाओं के परियोजना प्रतिवेदन शासन स्तर पर प्राप्त होने पर परीक्षणोंपरांत गुण-दोष के आधार पर स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। परियोजना की स्वीकृति बजट की उपलब्धता से आबद्ध होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) नवम्बर 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के मान. विधायकों से प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही हेतु प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग तथा मुख्य अभियंता, चंबल बेतवा कछार, भोपाल को निर्देशित किया गया। पत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। मान. विधायकों के पत्रों में उल्लेखित कार्यों पर कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात विभाग द्वारा मान. विधायकों को पत्रों के उत्तर दिये जाने की व्यवस्था है।
सीमा जांच चौकियों को बंद किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( *क्र. 249 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड ने अपने पत्र क्र./404/दिनांक 24.06.2020 के द्वारा सीमाओं पर स्थापित जांच चौकियों को तत्काल प्रभाव से बंद किये जाने के आदेश/निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो जब उक्त सीमा पर जांच चौकियां म.प्र. शासन कृषि विभाग के ज्ञापन क्र./दिनांक 01.04.1998 के परिपालन में स्थापित की गई थी, तो ऐसी स्थिति में प्रबंध संचालक ने बिना शासन के आदेश से उक्त जांच चौकियां किस प्राधिकार से बंद की? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रबंध संचालक के आदेश/निर्देश जारी करने पर व्यापारियों द्वारा मनमानी खरीदी कर बिना मण्डी शुल्क चुकाए परिवहन करने से मण्डियों की आय में भारी गिरावट दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो आय/आवक में गिरावट वाली मण्डियों के नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या उक्त आवक/आय में कमी वाली मण्डियों में कर्मचारियों के वेतन भत्ते एवं अन्य नियमित व्यय प्रतिमाह होता है? यदि हाँ, तो आय में भारी गिरावट होने पर मण्डियों की वित्तीय व्यवस्था हेतु क्या कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों और क्या मण्डियों में सरकार तालाबन्दी करेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा कृषक उत्पाद व्यापार तथा वाणिज्य (संवर्धन तथा सुविधा) अध्यादेश दिनांक 05.06.2020 जारी कर ''ट्रेड एरिया'' में कृषि उपज के मण्डी फीस से मुक्त अंतर्राज्यीय व्यापार का प्रावधान किया है। भारत सरकार के अध्यादेश जारी होने से वर्तमान मण्डी समितियों/बोर्ड का कार्यक्षेत्र मण्डी/उपमण्डी प्रांगण तक सीमित हो जाने से अंतर्राज्यीय जांच चौकियों का औचित्य समाप्त हो गया है। मण्डी बोर्ड अथवा मण्डी समितियों को ''ट्रेड एरिया'' में किसी प्रकार की जांच चौकियां स्थापित करने का अधिकार नहीं है तदानुसार ही भारत सरकार के अध्यादेश के परिप्रेक्ष्य में जांच चौकियां समाप्त करने के औपचारिक आदेश जारी किये गये हैं। (ख) भारत सरकार के अध्यादेश दिनांक 05.06.2020 से ही प्रभावशील है तथा अध्यादेश में वर्तमान प्रबंध संचालक द्वारा आदेश जारी करने के दिनांक 24.6.2020 अर्थात जून 2020 के पश्चात अगस्त माह तक कुल तीन माह में मण्डी शुल्क में कोई गिरावट नहीं है, बल्कि वृद्धि प्रदर्शित हुयी है। मण्डी/उपमण्डी परिसरों के बाहर सभी प्रकार के कृषि उपजों का व्यापार शुल्क एवं नियमन मुक्त घोषित है। (ग) प्रदेश की कुछ जिलों की मण्डी समितियों में ऑफ सीजन में आवक कम होने से मण्डी कर्मचारियों के वेतन भत्तों में एक-दो माह का विलम्ब होता है, पीक सीजन में आवक की वृद्धि हो जाने से संबंधित मण्डी कर्मचारियों को वेतन भत्तों का भुगतान हो जाता है, शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
दोषी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 247 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर राजगढ़ एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजगढ़ द्वारा एवं विकास आयुक्त कार्यालय भोपाल के पत्र क्र./2285/सी.एम.एस./22/वि-15/शिकायत/2016, भोपाल दिनांक 30.11.2019 के द्वारा जनपद पंचायत मोहन बड़ोदिया जिला शाजापुर की जांच रिपोर्ट निरस्त करने के पश्चात भी तथा माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा पारित आदेश डब्ल्यू.पी./2836/2020 को दृष्टिगत रखते हुये अभी तक शिकायतकर्ता के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ख) सभी जांच रिपोर्ट एवं विकास आयुक्त भोपाल के आदेश एवं माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा पारित निर्णय के अनुसार अध्यापक एवं सहायक अध्यापक शासकीय कन्या उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला राजगढ़ का निलंबन निरस्त करने के पश्चात अभी तक निलंबन अवधि को सभी प्रयोजनों के लिये कर्तव्य अवधि मान्य करने के आदेश प्रदान क्यों नहीं किये गये हैं? (ग) विकास आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल द्वारा शिकायतकर्ता उच्चतर माध्यमिक शिक्षक जो कि जांच में दोषी पाई गई हैं, उसके विरूद्ध अभी तक अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा इस संबंध में आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल को आदेशित किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रकरण आयुक्त, लोक शिक्षण स्तर पर प्रचलन में है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
पैक हाउस/भण्डारण गृह निर्माण की योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
5. ( *क्र. 64 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों के उपयोगार्थ पैक हाउस/भण्डारण गृह निर्माण हेतु विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) सागर जिले अन्तर्गत इस योजना के तहत वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में कितने किसानों को इस नीति के तहत लाभ प्रदाय किया गया? विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों ने इस योजना के तहत आवेदन प्रस्तुत किये थे? कितने किसानों का चयन किया गया? चयन का क्या आधार था? (घ) कितने किसानों द्वारा भण्डार गृह/पैक हाउस का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितने किसानों का शेष है? उन्हें कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। एकीकृत बागवानी विकास मिशन तथा भण्डारण गृह निर्माण हेतु नश्वर उत्पादों की भण्डारण क्षमता में वृद्धि की विशेष योजना संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भण्डारण गृह निर्माण के तहत प्याज भण्डार गृह निर्माण हेतु 02 कृषकों के आवेदन वर्ष 2019-20 में प्राप्त हुये, जिनमें से 02 कृषक की स्वीकृति जारी की गई किसानों को विभागीय MPFSTS पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन करने पर लक्ष्य उपलब्ध होने पर वरिष्ठता के अनुसार किया जाता है। (घ) जिले के कुल 29 कृषकों में से 28 कृषकों द्वारा प्याज भण्डार गृह तथा 01 कृषक द्वारा कोल्ड रूम का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। किसी भी कृषक का निर्माण कार्य शेष नहीं है। जिसमें से 26 कृषकों की अनुदान राशि रूपये 46.25 लाख प्रदाय कर दी गई है, केवल 03 कृषकों की अनुदान राशि शेष है। कृषकवार प्रदाय राशि (भुगतान) एवं शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
ग्राम पंचायतों में अनियमितता की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 231 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के वि.खं. खिलचीपुर की ग्राम पंचायतें भाटखेड़ा, ब्यावराकलां, जैतपुराकलां, देवाखेड़ी, हालाहेड़ी, रनारा, फतेहपुर एवं वि.खं. जीरापुर की ग्राम पंचायतें खारपा, ब्राहम्णखेड़ा, मोहली, रूपाहेड़ा में ग्रामवासियों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा पत्राचार के माध्यम से सरपंच/सचिव द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों में कपिल धारा कूप, खेल मैदान संबंधित कार्य, सुदूर सड़क कार्य ग्राम पंचायतों में विभिन्न स्थलों पर कराये गये सी.सी. रोड़ निर्माण कार्य, मनरेगा में मशीनरी से कराये गये कार्य व प्रधानमंत्री आवास योजना में हेराफेरी करने संबंधी, पेयजल हेतु मोटर, नल-जल योजना हेतु टंकियों का क्रय करना आदि की शिकायतें की गईं थीं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विभिन्न पंचायतों में विभाग द्वारा किस स्तर पर कार्यवाही की गई? क्या इस हेतु जांच दल गठित कर जांच की गई? जांच में क्या-क्या अनियमितताएं पाई गईं? सरपंच/सचिव द्वारा की गई अनियमितताओं के विरूद्ध एवं वसूली हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? ग्राम पंचायतवार बतावें। (ग) ग्राम पंचायत भाटखेड़ा वि.खं. खिलचीपुर में क्या ग्रामवासियों द्वारा अधिकारियों की जांच से असंतुष्ट होकर वसूली में अंकित राशि से कहीं ज्यादा राशि में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है? क्या इसकी सक्षम अधिकारी द्वारा पुन: जांच करवाई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, पुन: जांच हेतु जांच दल गठित किया गया है।
बरगी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों पर हुई फायरिंग की घटना की जाँच
[गृह]
7. ( *क्र. 240 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर की विधानसभा क्षेत्र बरगी के बेलखेड़ा थाना अंतर्गत ग्राम कूड़ा में दिनांक 12.07.2020 को जो फायरिंग संबंधी घटना की एफ.आई.आर. दर्ज की गई, उसमें अभी तक कितने आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है? अभी तक कौन-कौन फरार हैं? मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हेतु शासन द्वारा कोई इनाम की राशि क्यों घोषित नहीं की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत मुख्य आरोपी की संपत्ति कुर्क हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई? क्या इन अपराधियों पर जिलाबदर की कार्यवाही की जायेगी? अगर हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत अभी तक इस प्रकरण में जो गिरफ्तार किये गये हैं और जिन्हें गिरफ्तार किया जाना है, उन पर पहले से कितने और किस-किस धारा के तहत अपराध कायम हैं? अपराधीवार, वर्षवार धारा अंकित कर सूची प्रदान करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्य आरोपी गोलू उर्फ अनुराग सिंह सहित 17 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोपी 01. मोनू उर्फ अमित टेहनगुरिया, 02. आलोक जैन, 03. यशपाल, 04. रंजीत, 05. सतेन्द्र सिंह, 06. पिंकू सिंह, 07. मयंक सिंह, 08. पप्पू राणा के विरूद्ध प्रकरण में संलिप्तता न होने बाबत् उनके द्वारा दिये गये आवेदन पत्र की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा की जा रही है। तद्नुसार जांच उपरांत गिरफ्तारी, ईनाम उद्घोषणा की कार्यवाही की जावेगी। शेष आरोपी पुष्पराज व अरविंद के विरूद्ध ईनाम उद्घोषणा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) मुख्य आरोपी गोलू उर्फ अनुराग सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष आरोपी पुष्पराज व अरविंद के विरूद्ध द.प्र.स. की धारा 82,83 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आरोपीगणों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिंचाई परियोजना मूझरी बांध श्योपुर की निविदा आमंत्रण
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 214 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन जलसंसाधन विभाग द्वारा सिंचाई परियोजना मूझरी बांध श्योपुर का कार्य स्वीकृत किया गया? यदि हाँ, तो उक्त कार्य अभी तक प्रारंभ न होने का क्या कारण है? (ख) उक्त स्वीकृत सिंचाई परियोजना की निविदा अभी तक आमंत्रित न करने का क्या कारण है? निविदायें कब तक आमंत्रित की जावेंगी? (ग) उक्त स्वीकृत सिंचाई परियोजना का कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। परियोजनाओं का निर्माण कार्य उपलब्ध वित्तीय संसाधनों पर निर्भर है, वर्तमान में उपलब्ध आवंटन निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने के कारण प्रश्नाधीन परियोजना हेतु आगामी कार्यवाही यथास्थिति में रखी गयी है। भविष्य में बजट की उपलब्धता सुनिश्चित होने पर परियोजना के संबंध में आगामी कार्यवाही किया जाना संभव होगा। अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध पदोन्नति की जांच
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 24 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 04-13/07/वि-5/22/स्था. दिनांक 05.07.2007 से विभागीय जांच संस्थित कर तत्समय पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग नरसिंहपुर को विभागीय जांच के चलते कार्यपालन यंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया था? (ख) क्या नियमों के विरूद्ध पदोन्नति आदेश जारी करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) क्या म.प्र. शासन जलसंसाधन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 1225/आर-565/2017/पी-2/31 भोपाल दिनांक 20-09-2017 एवं म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन करने पर संबंधित पदोन्नति प्राप्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि नहीं, तो कारण बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, बल्कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 04-13/07/वि-5/22/स्था. दिनांक 05.07.2007 तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग, नरसिंहपुर को आरोप पत्र जारी किया गया। विभागीय जांच की जानकारी जल संसाधन विभाग के संज्ञान में नहीं आने के कारण पदोन्नत किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) संबंधित को ''कारण बताओ सूचना पत्र'' जारी किया गया है एवं उनसे प्राप्त उत्तर परीक्षणाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 190 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड की ग्राम पंचायत चौड़ाखेड़ी, कोरवासा, भौंरिया, अमीरगढ़, छापू, खेजड़ागोपाल, पामाखेड़ी, भगवंतपुर, पगरानी, कस्बाताल, झूकरजोगी, मुरवास, उनारसीकलां, सावनखेड़ी, मलनिया, वीरपुरकलां, सेमरामेघनाथ एवं देहरीपामा ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत कितने सामुदायिक एवं कितने हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत राशि, मूल्यांकन अनुसार व्यय राशि क्या है? ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्यों पर मजदूरी एवं सामग्री मद में कितना-कितना भुगतान किया गया है? क्या भुगतान में अनियमितताएं की गई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त पंचायतों में मनरेगा योजना के हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक मूलक कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें। हितग्राही मूलक योजना के तहत कूप निर्माण की स्वीकृति के क्या नियम हैं? आदेश नियम एवं निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या ग्राम पंचायत भौरिया विकासख्ाण्ड सिरोंज के सरपंच द्वारा उनके भाई पंचायत सचिव की पत्नी को वर्क कोर्ड IF22012034469613 का कूप निर्माण स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो सरपंच पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नकर्ता के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरोंज, लटेरी को कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए? उन पर कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो इसके लिए दोषी कौन है तथा पत्रों में उल्लेखित कार्य कब-तक स्वीकृत किये जावेंगे? (ड.) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा के आदेश क्रमांक 11060, दिनांक 07.08.02020 द्वारा पंचायतों की जांच की गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी पंचायतों की? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) 259 सामुदायिक एवं 1533 हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किये गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। भुगतान में प्रथम दृष्टया अनियमितता परिलक्षित नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) वांछित जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। हितग्राही मूलक योजना के तहत कूप निर्माण स्वीकृति के नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–3 अनुसार है। जी हाँ। ग्राम पंचायत भौंरिया के सरपंच द्वारा उनके भाई पंचायत सचिव की पत्नी को कूप स्वीकृति का दोषी पाया गया है, जिसमें सचिव को निलंबित किया गया है। विभागीय जांच उपरांत उसे दोषी पाया जाकर कार्यालयीन आदेश क्र. 7947/पं.प्रको./2020 दिनांक 01.06.2020 से एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी जाकर बहाल किया गया है। सरपंच ग्राम पंचायत भौरिया को धारा 40 के अंतर्गत प्रकरण क्र. 16/10.07.2020 दर्ज कर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–4 अनुसार है। प्राप्त पत्रों में मनरेगा योजनांतर्गत कार्यों की स्वीकृति की मांग की गयी है। माननीय विधायक महोदय द्वारा कुल 299 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 97 प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं। समय पर सत्यापन कार्य पूर्ण कर कार्यों की स्वीकृति नहीं किये जाने के कारण दोनों मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ड.) जी हाँ, जनपद पंचायत लटेरी अंतर्गत झूकरजोगी, उनारसीकलां, मलनिया, सावनखेडी, वीरपुरकलां, सेमरामेघनाथ, देहरीपामा एवं जनपद पंचायत सिरोंज अंतर्गत चौड़ाखेड़ी, कोरवासा, भौंरिया, अमीरगढ़, छापू, खेजडागोपाल, पामाखेडी, भगवंतपुर, पगरानी, प्याराखेड़ी, कस्बाताल जांच की कार्यवाही प्रचलन में है।
जाति प्रमाण पत्र में हेराफेरी की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( *क्र. 200 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तात्कालीन उपसंचालक कृषि जयराम हेडाऊ पर जाति प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ का प्रकरण चल रहा है? यदि हाँ, तो बतावें कि उक्त प्रकरण में जांच तथा कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नाधीन अधिकारी पर आर्थिक अनियमितता, भ्रष्टाचार से संबंधित कौन-कौन से प्रकरण विभागीय जांच में लंबित हैं? उनकी सूची देवें तथा बतावें कि जांच कब तक पूर्ण होगी? (ग) प्रश्नाधीन अधिकारी वर्तमान में किस पद पर, किस शहर में, किस विभाग में पदस्थ है तथा इंदौर में लॉकडाउन के दौरान तात्कालीन उप संचालक कृषि को उनके पद से क्यों हटाया गया? (घ) इंदौर में उप संचालक कृषि के पद पर पदस्थ अधिकारी कौन है? क्या ये इस पद की योग्यता नहीं रखते हैं, फिर भी इन्हें पदोन्नत किया गया? यदि हाँ, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र हेतु गठित उच्च स्तरीय छानबीन समिति के प्रतिवेदन क्रमांक 254/2003 पर श्री जे.आर. हेडाऊ उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा मान. उच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 6092/2016 में मान. न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है। प्रकरण मान. न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) प्रश्नाधीन अधिकारी श्री जे.आर. हेडाऊ उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास पर प्रचलित विभागीय जांच प्रकरणों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभागीय जांच में जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदनों के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) प्रश्नाधीन अधिकारी वर्तमान में उप संचालक के पद पर उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला छिन्दवाड़ा में पदस्थ है तथा इन्दौर में तत्कालीन उप संचालक कृषि शासन के आदेश क्रमांक एफ 1ए/15 (ए)/2020/14-1, दिनांक 25.04.2020 द्वारा प्राचार्य, कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र, इन्दौर में स्थानीय व्यवस्था के अंतर्गत स्थानांतरित किया गया। (घ) श्री रामेश्वर पटेल, इन्दौर में उप संचालक कृषि के पद पर पदस्थ है। श्री पटेल इस पद की योग्यता रखते हैं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
शासनाधीन मंदिरों के पुजारियों के मानदेय में वृद्धि
[अध्यात्म]
12. ( *क्र. 88 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2019 में सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के सभी शासनाधीन मंदिर के पुजारियों के मानदेय में पूर्ववत सरकार की तुलना में 3 गुना वृद्धि की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में प्रश्नाधीन मंदिरों के पुजारियों को वृद्धि किया गया मानेदय शासन द्वारा दिया गया जा रहा है? यदि हाँ, तो 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिवस तक कितने शासनाधीन मंदिरों के पुजारियों को कितना-कितना मानदेय प्रदान किया गया? (ग) क्या शासन द्वारा प्रश्नांकित पुजारियों को प्रत्येक माह मानदेय दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो कोरोना संक्रमण काल के लॉकडाउन अवधि में जहां मंदिर दर्शनार्थियों के दर्शन के लिये पूर्णत: बंद रहे, ऐसे में पुजारियों के परिवार का भरण पोषण कैसे हुआ? (घ) शासनाधीन मंदिरों/निजी मंदिरों के पुजारियों के भरण पोषण हेतु उन्हें मानदेय प्रदान न किये जाने के लिये विभाग के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिवस तक 18133 शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों को वित्तीय वर्ष 2019 में राशि रूपये 19,40,55,351/- एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 10,44,29,080/- का आवंटन मानेदय के रूप में प्रदान किया गया है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
गोटेगांव तहसील के ग्रामों में निर्माण कार्यों में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 98 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील के ग्राम पंचायत इमलिया, ग्राम पंचायत सिलारी एवं ग्राम पंचायत कुसीवाड़ा में 2015-16 से आज दिनांक तक हुए निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के संबंध में पत्र क्र. जे.एस.पी./एन.एस.पी./5116, दिनांक 18.02.2020 कलेक्टर नरसिंहपुर को उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्यवाही के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जनपद स्तरीय गठित जांच दल के प्रतिवेदन अनुसार पंचायतों द्वारा कराये गये निर्माण कार्य मौके पर पाये गये हैं। अत: किसी के ऊपर दोष सिद्ध न होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
धार जिले में ड्रिप सिंचाई उपकरणों की खरीदी में अनियमितता की जांच
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
14. ( *क्र. 136 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिसम्बर 2019 में प्रश्न क्रमांक 114 के माध्यम से धार जिले में ड्रिप सिंचाई उपकरणों की खरीदी की जांच के संबंध में पूछे गये प्रश्न के तारतम्य में क्या धार जिले में वर्ष 2018-19 में उपकरणों की खरीदी संबंधी शिकायत की जांच कलेक्टर स्वयं द्वारा की गई थी तथा क्या उनके द्वारा स्वयं हितग्राहियों से मिलकर उनके बयान आदि लिये गये थे? (ख) यदि नहीं, तो दल में कौन-कौन से अधिकारी थे तथा उनके द्वारा संबंधित हितग्राहियों से मिलकर उनके बयान तथा मौके पर सामग्री का भौतिक सत्यापन आदि किया गया? यदि हाँ, तो क्या इस जांच में किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता ज्ञात हुई या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो क्या दिनांक 8 व 10 फरवरी, 2020 को समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों में इस जांच तथा सदन में दिये उत्तर पर जो प्रश्न उठाये उसे लेकर विभाग द्वारा कोई संज्ञान लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग वर्ष 2018-19 की भी निष्पक्ष जांच आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर से करवायेगा? (घ) क्या वर्ष 2016-17 की जांच पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो जांच की वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। कलेक्टर धार द्वारा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर संयंत्र की स्थापना/वितरण में हुई अनियमितता की जांच दल गठित कर कराई गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जांच हेतु गठित दल में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, संबंधित कृषि अधिकारी, उद्यानिकी अधिकारी, पंचायत अधिकारी एवं पटवारी आदि शामिल थे। जांच दल द्वारा हितग्राहियों के बयान नहीं लिये गये बल्कि हितग्राहियों से जानकारी प्राप्त की गई एवं कुछ प्रकरणों में सामग्री का भौतिक सत्यापन भी किया गया। जांच में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई। (ग) जी हाँ। जिला कलेक्टर द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों का दल गठित कर जांच कराई गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दाल मिलों से निराश्रित शुल्क की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( *क्र. 106 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति कटनी की किन-किन दाल मिलों पर किस अवधि का कितना-कितना निराश्रित शुल्क बकाया है, जो जमा होना शेष है? पृथक-पृथक विवरण ब्याज सहित बताएं। (ख) क्या शोध्य राशि एवं ब्याज बकाया रहते मण्डी लायसेंस का नवीनीकरण किया जा सकता है? यदि नहीं, तो प्रबंध संचालक/अपर संचालक (नियमन) मण्डी बोर्ड ने सचिव मण्डी कटनी को पत्र क्रमांक बी-6/नियमन/47/कटनी 1360 एवं 1361, दिनांक 18.02.2019 से नि:शुल्क बकाया रहते अनुज्ञप्ति नवीनीकरण न रोका जाय, ऐसे निर्देश दिए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त पत्र प्रबंध संचालक द्वारा अनुमोदित है या नहीं? यदि नहीं, तो इस तरह के निर्देश देने के लिए अपर संचालक (नियमन) मण्डी अधिनियम को नजर अंदाज कर सकते हैं? यदि नहीं, तो शासन इनके विरूद्ध क्या और कब कार्यवाही करेगा? (घ) अपर संचालक (नियमन) मण्डी बोर्ड भोपाल एवं सचिव मण्डी कटनी की गंभीर शिकायतों को देखते हुए उन्हें हटाकर जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक तथा इन दोनों के विरूद्ध जो शिकायतें हैं, उनका शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तालाब, डेम, नहर योजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
16. ( *क्र. 359 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलौदा व जावरा तहसील में भूजल स्तर अत्यधिक निचले स्तर पर जाने के कारण अतिदोहित (ट्यूबवेल खनन इत्यादि) होने के कारण भी जल संकट ग्रस्त गंभीर क्षेत्र होकर दोनों तहसीलों को डार्क जोन एरिया केन्द्र/राज्य व शासन/विभाग द्वारा घोषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रस्तावित/स्वीकृत मचून डेम, इन्द्रपुरी डेम, खोडाना तालाब डेम नहर परियोजना, आम्बा, उम्मेदपुरा तालाब, चिकलाना तालाब, हतनारा डेम तालाब, नांदलेटा डेम तालाब (पिपलौदा तहसील) एवं कलालिया तालाब, असावती मरम्या डेम (जावरा तहसील) की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) साथ ही अति जल दोहित एवं भूजल स्तर अत्यधिक नीचे (लगभग 800 से 1000 फीट) होने से दोनों तहसीलें डार्क जोन एरिया घोषित होने पर शासन/विभाग द्वारा प्रस्तावित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाहियां की गईं? (घ) अवगत कराएँ कि क्या नर्मदा-ताप्ति कछार जल संसाधन इंदौर के पत्र क्र. 335/कार्य/डी-22/2006, दिनांक 20.04.2006 द्वारा 4.41 लाख रूपये की सर्वेक्षण कार्य हेतु प्रशासकीय स्वीकृति खोडाना तालाब हेतु की गई एवं दिनांक 22 जुलाई, 2008 के विभागीय पत्र क्र. 1741/1742/08/लघु/अ के द्वारा 8.19 लाख रू. की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की गई तो किन कारणों से अब असाध्य माना जा रहा है, जो तकनीकी कमियां हैं, उन्हें कब तक दूर कर पुन: बजट स्वीकृति दी जा सकेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। केन्द्रीय भूजल, बोर्ड की रिपोर्ट वर्ष 2017 (प्रकाशन वर्ष 2019) के आधार पर पिपलोदा एवं जावरा तहसील अतिदोहित (डार्क जोन) क्षेत्र घोषित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। खोड़ाना एक निमज्जित तालाब है। निमज्जित तालाब का मुख्य उद्देश्य वर्षाऋतु उपरान्त तालाब के पानी को खाली कर रिक्त भूमि में भू-स्वामियों द्वारा रबी की खेती करना है। परियोजना तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्डों पर असाध्य होने से इसकी प्रशासकीय स्वीकृति शासन के आदेश दिनांक 16.06.2011 द्वारा निरस्त की गई। स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है।
रतलाम में स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
17. ( *क्र. 341 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम में खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्पलेक्स) बनाने का प्रस्ताव लंबे समय से क्यों अटका हुआ है? (ख) कलेक्टर ने जमीन देकर निरस्त क्यों कर दी? (ग) वर्तमान में प्रस्ताव की क्या स्थिति है? खेल संकुल का निर्माण कब तक हो जायेगा तथा उसमें खेल गतिविधियां कब से प्रारंभ हो जायेंगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जिला प्रशासन द्वारा विभाग को भूमि आवंटित नहीं होने के कारण खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्पलेक्स) के निर्माण हेतु अग्रिम कार्यवाही संभव नहीं हो सकी। (ख) खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्पलेक्स) के निर्माण हेतु ग्राम सालाखेडी स्थित आरक्षित भूमि पर ट्रांसपोर्ट नगर प्रस्तावित होने से रतलाम विकास प्राधिकरण रतलाम द्वारा आपत्ति प्रस्तुत होने के कारण भूमि आवंटन की कार्यवाही निरस्त की गई। (ग) खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स) निर्माण हेतु बंजली रतलाम में हल्का नंबर 38, सर्वे क्रमांक 29/1 में से रकबा 3.440 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। यह भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम आवंटन होने की कार्यवाही प्रचलन में है। भूमि आवंटन होने के पश्चात ही प्रकरण में आगामी कार्यवाही संभव होगी। खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्पलेक्स) निर्माण व उसमें खेल गतिविधियां आरंभ करने की निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
परासिया विधानसभा क्षेत्र के स्थानों को पर्यटक स्थल घोषित किये जाना
[पर्यटन]
18. ( *क्र. 76 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित 1. हिंगलाज मंदिर अम्बाड़ा 2. कोसमी हनुमान मदिर 3. माँ खेड़ापति मन्दिर चांदामेटा 4. जिल्हेरी घाट इटावा 5. देवरानी दाई मंदिर तुरसी प्रसिध्द धार्मिक एवं पर्यटक स्थल हैं, उपरोक्त चारों स्थानों पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रृद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों का आना-जाना रहता है? यदि हाँ, तो फिर उपरोक्त चारों प्रसिध्द/पर्यटक स्थलों को अभी तक विभाग द्वारा पर्यटक स्थल घोषित क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) उपरोक्त चारों प्रसिध्द धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों को श्रृद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों की सुविधा को देखते हुए, शासन/विभाग द्वारा कब तक पर्यटक स्थल घोषित कर दिया जायेगा? (ग) क्या पर्यटन विभाग मंत्रालय के आदेश पत्र क्र. एफ 6-28/2019/तैंतीस भोपाल, दिनांक 22.11.2019 के माध्यम से परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत खेड़ापति मंदिर परासिया, देवरानी दाई वाटरफाल, जिल्हेरी घाट, कोसमी हनुमान मंदिर में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राशि रू. 817 लाख (आठ करोड़ सत्रह लाख) की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? क्या उपरोक्त निर्माण कार्यों के विभाग द्वारा टेन्डर लगाये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो किसे टेंडर प्रदान किया गया है? क्या अनुबंध हो चुका है? अगर हाँ, तो कब तक निर्माण कार्य को प्रारंभ कर दिया जायेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) किसी भी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की शासन की कोई नीति नहीं है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
शासकीय महाविद्यालय घट्टिया में एम.ए. संकाय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
19. ( *क्र. 147 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय घट्टिया में एम.ए. संकाय का संचालन कराने का प्रस्ताव पत्र क्र. 1386, दिनांक 03.10.2019 माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र विभाग में प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या नवीन शिक्षा सत्र वर्ष 2020-21 से शासकीय महाविद्यालय घट्टिया में एम.ए. संकाय का संचालन करा दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। पत्र पर की गई कार्यालयीन कार्यवाही के परीक्षणोपरान्त पाया गया कि वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शासकीय महाविद्यालय घट्टिया में कला संकाय (एम.ए.) की कक्षायें प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( *क्र. 324 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषकों का बीमा करने हेतु कम्पनी चयन चौथी प्रक्रिया तथा पूर्व की तीन प्रक्रियाओं में न्यूनतम प्रतिशत राशि क्या-क्या थी तथा तय की गई चौथी प्रक्रिया में चौथी राशि क्या है? चयनित कम्पनी का नाम बतायें। (ख) जुलाई 2020 से उत्तर दिनांक तक फसल बर्बादी के प्राप्त आवेदनों की जिलेवार सूची देवें तथा बतावें कि जो बीमित किसान नहीं हैं, उन्हें आर.बी.सी 6-4 के तहत पिछली सरकार अनुसार मुआवजा दिया जायेगा? (ग) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में स्थित सोसायटी द्वारा वर्ष 2018 से 2019 तथा 2019 से 2020 में रवी तथा खरीफ की फसल हेतु कितने सदस्यों का बीमा किया गया तथा कितने सदस्यों का बीमा नहीं किया गया? सोसायटी अनुसार सूची उपलब्ध करायें तथा कितनों को कितनी बीमा राशि प्राप्त हुई? (घ) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 से 2019-20 में कितने किसानों ने बीमा कराया, कितनों ने नहीं कराया तथा कितने किसानों को फसल बर्बादी पर बीमा के तहत भुगतान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा कंपनियों से निविदा में प्राप्त न्यूनतम वेटेड एवरेज प्रीमियम दरों के आधार पर बीमा कंपनी का चयन किया जाता है। ई-निविदा के माध्यम से प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ निविदा में प्राप्त क्लस्टरवार न्यूनतम वेटेड एवरेज प्रीमियम दर प्रतिशत की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। खरीफ एवं रबी वर्ष 2020-21 में प्रदेश में कार्य करने हेतु एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. का चयन किया गया है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2020 में विभिन्न जिलों से 410 फसल हानि की सूचनायें बीमा कंपनी को प्राप्त हुईं, जिनका निरीक्षण एवं सर्वे का कार्य प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। जो बीमित किसान नहीं हैं, उन्हें आर.बी.सी. 6-4 के तहत मुआवजा देने संबंधी निर्णय राजस्व विभाग से संबंधित है। (ग) बीमित सदस्यों एवं दावा प्राप्त लाभान्वित सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र चार अनुसार है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल
[उच्च शिक्षा]
21. ( *क्र. 272 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री शिवराज सिंह चौहान शासकीय प्रवास के दौरान दिनांक 30.08.2018 को टीकमगढ़ जिले के नगर जतारा एवं नगर खरगापुर गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि उन्होंने अपने शासकीय प्रवास के दौरान क्या-क्या घोषणाएं की थी? उनकी घोषणा क्रमांक एवं दिनांक, स्थान, घोषणा का प्रकार क्या था? ऐसी समस्त जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उच्च शिक्षा विभाग की घोषणा के अनुपालन में घोषणाओं पर अमल करने हेतु म.प्र. शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण करवा ली थी? क्या प्रदेश शासन के तत्कालीन एवं वर्तमान मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल कराने का कार्य विभाग द्वारा किया गया है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित तत्कालीन एवं वर्तमान मुख्यमंत्री जी की घोषणा के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले के शासकीय स्नातक महाविद्यालय जतारा को स्नात्कोत्तर पी.जी. किया जावेगा तो कब तक एवं नगर खरगापुर में स्नातक महाविद्यालय की कक्षाएं प्रारंभ की जावेंगी तो कब तक और नहीं तो क्यों? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि विभाग कब तक इनके आदेश जारी कर देगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परीक्षणोपरान्त पाया गया कि वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शासकीय महाविद्यालय जतारा में स्नातकोत्तर कक्षाएं एवं नगर खरगापुर में स्नातक महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जतारा से शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टीकमगढ़ एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय टीकमगढ़ 40 कि.मी. की दूरी पर संचालित है, जिसमें विद्यार्थी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हेतु अध्ययन कर सकते हैं। नगर खरगापुर से 10 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय बल्देवगढ़ तथा 28 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय पलेरा संचालित हैं। जहाँ पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपद पंचायत सबलगढ़ के सहायक यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( *क्र. 44 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना के जनपद पंचायत सबलगढ़ में पदस्थ सहायक यंत्री रामसेवक शर्मा के खिलाफ सरपंच संघ तथा जनपद पंचायत के अधिकारियों द्वारा शिकायत करने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जिला मुरैना के जनपद पंचायत सबलगढ़ में पदस्थ सहायक यंत्री श्री रामसेवक शर्मा के विरूद्ध सरपंच संघ एवं जनपद पंचायतों के अधिकारियों द्वारा शिकायत करने पर जिला पंचायत द्वारा दिनांक 22.07.2020 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। (ख) कार्यवाही प्रचलन में होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायत में किये गये कार्यों में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( *क्र. 251 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत आरोन की ग्राम पंचायत डिमरयाई और जनपद पंचायत राघौगढ़ की ग्राम पंचायत खिरिया एवं रामनगर में वर्ष 2015-2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कितने निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के किस-किस योजना के अन्तर्गत प्रारंभ कराये गये? प्रारंभ कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? लागत बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितताओं के कितने प्रकरण संज्ञान में आये हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई है? जांच रिपोर्ट सहित अवगत करायें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या ग्राम पंचायत ढिमरयाई, खिरिया एवं रामनगर के सरपंच के विरूद्ध शासकीय क्षति की वसूली की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी राशि किन कार्यों के विरूद्ध वसूल की जाना है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सरपंच के विरूद्ध क्या धरनावदा थाने में कोई एफ.आई.आर. दर्ज है? यदि हाँ, तो किस मामले में किस दिनांक को किस अपराध क्रमांक से प्रकरण दर्ज कराया गया? एफ.आई.आर. पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, ग्राम पंचायत ढिमरयाई एवं खिरिया के सरपंच के विरूद्ध शासकीय क्षति वसूली की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है, प्रकरण में एफ.आई.आर. पर थाना धरनावदा द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
पी.एम.टी. फर्जीवाड़े की जांच
[गृह]
24. ( *क्र. 196 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सितम्बर 2019 में सी.बी.आई. ने पी.एम.टी. 2012 के विशेष न्यायालय में प्रस्तुत चालान में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पी.एम.टी. के माध्यम से भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के मालिक तथा अधिकारियों को आरोपी बनाया? यदि हाँ, तो बतावें की एस.टी.एफ. ने उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया था? (ख) क्या एस.टी.एफ. निजी चिकित्सा महाविद्यायल के मालिक तथा अधिकारियों को बचाने के लिये पी.एम.टी. परीक्षा के माध्यम से निजी चिकित्सा महाविद्यालय में फर्जीवाडे की जांच नहीं कर रही है? यदि नहीं, तो बतावें की क्या जांच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी. 2007 से 2013 के मध्य में भर्ती में कोई फर्जीवाड़ा नहीं पाया गया? (ग) क्या ए.एफ.आर.सी. अपील अथॉरिटी पी.के. दास के निर्णय के खिलाफ जबलपुर उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित फर्जीवाड़े की जांच पर स्थगन दिया गया है? (घ) क्या आई.पी.सी. में सी.बी.आई. तथा एस.टी.एफ. हेतु एक जैसे आरोप में जांच की धाराएं तथा अधिकार अलग-अलग हैं? यदि नहीं, तो सी.बी.आई. प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित न्यायालयीन प्रकरण के बाद भी वर्ष 2019 में निजी चिकित्सा महाविद्यालय को आरोपी बना सकती है, तो एस.टी.एफ. क्यों नहीं बना सकती?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, सी.बी.आई. (व्यापम प्रकरण) भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार सी.बी.आई. द्वारा पी.एम.टी. 2012 के विशेष न्यायालय में प्रस्तुत चालान में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पी.एम.टी. के माध्यम से भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर 04 निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के मालिक तथा अधिकारियों को आरोपी बनाया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 372/15 में दिनांक 09.07.2015 को पारित आदेश के परिपालन में व्यापम संबंधी प्रकरणों की अग्रिम विवेचना सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने से एस.टी.एफ. द्वारा अग्रिम कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। सी.बी.आई. कार्यालय (व्यापम केसेस) भोपाल के पत्र क्रमांक सी.बी.आई./व्यापम/केसेस/एस.टी.एफ./बी.पी.एल./2016/5412 दि. 29.11.2019 के माध्यम से प्राप्त जानकारी अनुसार पी.एम.टी. 2004 से 2013 तक फर्जीवाड़े की विवेचना सी.बी.आई. द्वारा की जा रही है। एस.टी.एफ. म.प्र. द्वारा पी.एम.टी. 2012 एवं पी.एम.टी. 2013 में फर्जीवाड़े के माध्यम से भर्ती पर पंजीबद्ध अपराध की विवेचना भी सी.बी.आई. को सुपुर्द की जा चुकी है। (ग) चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार माननीय अपील प्राधिकारी द्वारा ए.एफ.आर.सी. द्वारा दिए गए निर्णय को उचित ठहराया गया। ए.एफ.आर.सी. द्वारा 2013 में 198 छात्रों के अनियमित प्रवेश पर निजी चिकित्सा महाविद्यालयों पर लगाये आर्थिक दण्ड पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश दिया गया था। ए.एफ.आर.सी. द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से स्थगन आदेश निरस्त कराने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार प्रकरण की विवेचना सी.बी.आई. द्वारा की जा रही है। प्रकरण की विवेचना में आरोपी पर कार्यवाही प्रकरण के विवेचक द्वारा ही की जायेगी।
जनपद पंचायतों में मनरेगा से कराए गए कार्यों पर व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( *क्र. 104 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के जनपद पंचायत सिवनी एवं छपारा की ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न तिथि के दौरान मनरेगा योजना से आंतरिक सीमेन्ट कांक्रीट सड़क, कपिलधारा कूप, खेत सड़क तालाब गहरीकरण कार्य तथा अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन के कुल कितने कार्यों हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी राशि व्यय की गयी? वर्षवार/जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में व्यय की गई राशि का उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण पत्र जनपद पंचायत के किन अधिकारियों द्वारा जारी किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन किन अधिकारियों के द्वारा किया गया एवं पूर्ण कार्य होने का उपयोगिता प्रमाण पत्र किसके द्वारा जारी किया गया? कार्यों की प्रकारवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्तीय वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्नांश तिथि तक स्थल पर भौतिक रूप से मौजूद हैं? सूची प्रदान करें। (ड.) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्तीय वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्नांश तिथि तक अपूर्ण हैं? इन अपूर्ण कार्यों में से किन कार्यों में वसूली की कार्यवाही प्रचलित है? अपूर्ण होने पर कार्य एजेन्सियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) कुल स्वीकृत कार्य 681 एवं कुल स्वीकृत राशि रू. 2852.57 लाख शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 3 अनुसार है। (ख) प्रश्न (क) में उल्लेखित कार्यों पर व्यय की गई राशि के उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण–पत्र जनपद पंचायत के उपयंत्री एवं सहायक यंत्री अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं। (ग) कार्यों का भौतिक सत्यापन तथा पूर्ण कार्य होने पर उपयोगिता प्रमाण-पत्र सेक्टर के उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा जारी किया गया। कार्यों की प्रकारवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) प्रश्नाधीन अवधि में जनपद पंचायत सिवनी एवं जनपद पंचायत छपारा में कुल 437 कार्य अपूर्ण हैं। इन अपूर्ण कार्यों में कोई भी वसूली की कार्यवाही प्रचलित नहीं है। अपूर्ण कार्यों को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराये जाने के संबंध में कार्य एजेंसी ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया गया है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
दूध
प्रशीतन
केंद्र
बिजावर को
पुनः
प्रारम्भ
किया जाना
[पशुपालन]
1. ( क्र. 3 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दूध प्रशीतन केंद्र बिजावर को पुनः प्रारम्भ करने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) दूध प्रशीतन केंद्र बिजावर को पुनः प्रारम्भ करने में क्या-क्या परेशानी आ रही है? इनका निराकरण कब तक करके केंद्र पुनः प्रारम्भ किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) बिजावर स्थित प्रशीतन केन्द्र को पुन: प्रारंभ किए जाने हेतु 3000 लीटर क्षमता का बल्क मिल्क कूलर स्थापित किया गया है तथा 25 दुग्ध समितियों का पंजीयन कराया गया है। (ख) 25 दुग्ध समितियों से 08 दुग्ध समितियों में दूध अनुपलब्ध होने से अस्थाई रूप से बन्द है। 03 दुग्ध समितियां प्रस्तावित हैं वर्तमान में लगभग 760 लीटर दूध प्रतिदिन संकलित हो रहा है, जिसकी मात्रा अत्यंत कम होने के कारण, संचालन घाटे में न हो के दृष्टिगत बिजावर क्षेत्र की दुग्ध समितियों का दूध, दुग्ध शीतकेन्द्र छतरपुर के माध्यम से संकलित किया जा रहा है। क्षेत्र में 15 से 20 और नवीन दुग्ध समितियां गठित किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। पर्याप्त मात्रा में दुग्ध संकलन प्राप्त होने पर ही बिजावर दुग्ध शीतकेन्द्र पुन: प्रारंभ हो सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निजी तकनीकी महाविद्यालयों में कोविड-19 के दौरान फीस वसूली के नियम
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
2. ( क्र. 8 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कोविड-19 के चलते दिनांक 1 अप्रैल 2020 के पश्चात तकनीकी निजी महाविद्यालयों में फीस वसूली को लेकर क्या नियमावली निर्धारित की गयी है? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये। (ख) क्या प्रदेश के उक्त निजी महाविद्यालयों द्वारा शैक्षणिक शुल्क के अलावा होस्टल, मेस, बस आदि अन्य शुल्क की भी वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? विभाग को किस-किस व्यक्ति/अभिभावक द्वारा ऐसी शिकायत प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रदेश में उक्त निजी महाविद्यालय द्वारा कोविड-19 के चलते 1 अप्रैल 2020 के पश्चात अवैध फीस वसूली को लेकर किस-किस न्यायालय में किस-किस व्यक्ति द्वारा किस-किस महाविद्यालय के खिलाफ प्रकरण दर्ज है? सभी प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (घ) प्रदेश में कोविड-19 के चलते फीस विवाद को लेकर अभिभावकों एवं तकनीकी महाविद्यालयों के बीच विभाग द्वारा कोई बैठक प्रदेश स्तर पर आयोजित की गयी है? यदि हाँ, तो उसमें क्या निर्णय लिए गये?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रदेश में कोविड-19 के चलते दिनांक 1 अप्रैल 2020 के पश्चात् तकनीकी निजी महाविद्यालयों में फीस वसूली को लेकर ए.एफ.आर.सी. द्वारा कोई नियमावली निर्धारित नहीं की गई है। (ख) ए.एफ.आर.सी. द्वारा होस्टल, मेस एवं बस शुल्क की अधिकतम सीमा को ऐच्छिक शुल्क के रूप में नामांकित किया गया है। जो छात्र-छात्रायें इनका उपयोग करेंगे उन्ही छात्र-छात्राओं से शुल्क लिया जाता है। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) निजी महाविद्यालय द्वारा कोविड-19 के चलते दिनांक 1 अप्रैल 2020 के पश्चात् अवैध फीस वसूली को लेकर ए.एफ.आर.सी. में कोई न्यायालयीन प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) कोविड-19 के चलते फीस विवाद को लेकर अभिभावकों एवं तकनीकी महाविद्यालयों के बीच ए.एफ.आर.सी. द्वारा कोई बैठक आयोजित नहीं की गई है।
निजी महाविद्यालयों में कोविड 19 के दौरान अवैध फीस वसूली
[उच्च शिक्षा]
3. ( क्र. 9 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोविड-19 के चलते दिनांक 1 अप्रैल 2020 के पश्चात निजी महाविद्यालयों में फीस वसूली को लेकर क्या नियमावली निर्धारित की गयी है? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रदेश के उक्त निजी महाविद्यालयों द्वारा शैक्षणिक शुल्क के अलावा होस्टल, मेस, बस आदि अन्य शुल्क की भी वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ विभाग को किस-किस व्यक्ति/अभिभावक द्वारा ऐसी शिकायत प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रदेश में उक्त निजी महाविद्यालय द्वारा कोविड-19 के चलते 1 अप्रैल 2020 के पश्चात अवैध फीस वसूली को लेकर किस-किस न्यायालय में किस-किस व्यक्ति द्वारा किस-किस महाविद्यालय के खिलाफ प्रकरण दर्ज है? सभी प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (घ) प्रदेश में कोविड-19 के चलते फीस विवाद को लेकर अभिभावकों एवं निजी महाविद्यालयों के बीच विभाग द्वारा कोई बैठक प्रदेश स्तर पर आयोजित की गयी है? यदि हाँ, तो उसमें क्या निर्णय लिए गये?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित समस्त महाविद्यालयों में सत्र 2020-2021 में स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश प्रक्रिया संचालित है। आवेदकों से प्रवेश के समय राशि रू.1000/- (एक हजार मात्र) एवं शेष राशि किश्तों में जमा करने की सुविधा प्रदान की गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश से ऐसी काई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रदेश में ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं लाया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
4. ( क्र. 10 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 9 जुलाई 2014 को स्थापित महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक कितना बजट प्रदाय किया जा चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विश्वविद्यालय की स्थापना के 6 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी किन कारणों से भवन निर्माण हेतु बजट आवंटित नहीं किया जा सका? बजट आवंटित करने में कहा एवं किस स्तर पर व्यवधान हो रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर के भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक बजट उपलब्ध नहीं हुआ है। (ख) विश्वविद्यालय के भवन निर्माण हेतु डी.पी.आर. की प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
हत्या के प्रयास का असत्य प्रकरण दर्ज करने की निष्पक्ष जांच
[गृह]
5. ( क्र. 15 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 3255/नागदा, दिनांक 09/08/2020 को पुलिस अधीक्षक उज्जैन से पुलिस थाना नागदा में अपराध क्रं. 426/2020 धारा 307, 34 भादवि दिनांक 09/08/2020 को दबाव वश अजा वर्ग के सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश मालवीय का नाम आरोपियों में गलत दर्ज करने व सामान्य चोट पर हत्या के प्रयास का असत्य प्रकरण दर्ज करने के संबंध में निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो जांच किस अधिकारी द्वारा की गई? जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। यदि जांच नहीं की गई तो क्यों? कब तक कर ली जायेगी? (ख) क्या श्रीमान डी.जी.पी., आई.जी., एस.पी. को जगदीश मालवीय द्वारा 19/05/2020 को शपथ पत्र के माध्यम से स्वयं की हत्या किए जाने के षडयंत्र करने, हमला करने व असत्य मुकदमे में फंसाने की सूचना के पश्चात दिनांक 02/07/2020 को प्रार्थी जगदीश के घर पर हमला करने की एफ.आई.आर. व पुलिस द्वारा कथन नहीं लिये जाने पर दिनांक 12/07/2020 को मय शपथ पत्र देकर कार्यवाही कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई थी? (ग) यदि हाँ तो क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा कितने लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? पृथक-पृथक विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) संदर्भित पत्र क्रमांक 3255 दिनांक 09/08/2020 को पुलिस अधीक्षक, कार्यालय उज्जैन के रिकार्ड अनुसार प्राप्त होना नहीं पाया गया। दिनांक 08.08.2020 को फरियादी राहुल जैन की रिपोर्ट पर थाना नागदा में अपराध क्रमांक 426/20 धारा 307, 34 भादवि का अपराध आरोपी जितेन्द्र जाटव, गब्बर राजपूत एवं अन्य 10-15 के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण विवेचनाधीन है। (ख) दिनांक 19.05.2020 को कोई आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक, कार्यालय उज्जैन को प्राप्त नहीं हुआ, आवेदक जगदीश मालवीय का आवेदन पत्र मय शपथ पत्र के दिनांक 29.05.2020 को प्राप्त हुआ वर्तमान में जांच जारी है। दिनांक 02.07.2020 को घटित घटना के संबंध में फरियादी लखन की रिपोर्ट पर थाना बिरलाग्राम में अपराध क्रमांक 238/2020 धारा 458, 452, 323, 294, 506, 427, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया। दिनांक 02.07.2020 को ही साक्षियों के कथन लेख किये गये थे। (ग) थाना बिरलाग्राम में अपराध क्रमांक 238/2020 धारा 458, 452, 323, 294, 506, 427, 34 भादवि के नामजद आरोपी आकाश संकत व अन्य 04 आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
फसल
बीमा एवं ऋण
माफी योजना की
स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 16 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा एवं खाचरौद तहसील में वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में क्षेत्र के कितने किसानों का किस-किस फसल का बीमा किस कम्पनी के माध्यम से किया गया वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) उपरोक्त वर्षों में गेहूँ, चना, सोयाबीन आदि की फसल बीमा की राशि कितने किसानों को कितनी-कितनी मिली है तथा कितने किसानों का फसल बीमा की राशि स्वीकृत हो गई है परंतु आना शेष है? पृथक-पृथक किसानों की संख्या पटवारी हल्कों के नाम सहित विवरण दें। (ग) क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि में खराब हुई सोयाबीन की फसल मुआवजा की प्रथम किस्त का भुगतान कितने किसानों को कर दिया है? किसानों की संख्या व गांव सहित विवरण दें। शेष राशि कब प्रदान कर दी जाएगी? (घ) वर्ष 2018-19 व 2019-20 में क्षेत्र में चने की फसल बीमा की कितनी राशि स्वीकृत कर दी गई है? किसानों की संख्या, राशि पटवारी हल्का सहित विवरण दें। (ड.) 31 मार्च 2018 की स्थिति में नागदा खाचरौद विधान सभा क्षेत्र के कितने किसानों का कितनी राशि का तक का ऋण ''जय किसान फसल ऋण माफी योजना'' में माफ हुआ है तथा 5 मार्च को कृषि मंत्री द्वारा 1 लाख तक के तहसील खाचरौद के कितने किसानों को ऋण माफी के प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। उनके नाम ऋण माफी राशि सहित विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) नागदा एवं खाचरौद तहसील में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड एवं वर्ष 2019-20 में द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लि. के माध्यम से फसल बीमा किया गया था। बीमित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्त वर्षों में पात्र कृषको को दावा भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रबी वर्ष 2018-19 अंतर्गत चना फसल के दावों की राशि की गणना प्रक्रिया में है अत: संख्या बताना संभव नहीं है। खरीफ 2019 के दावा राशि भुगतान का कार्य बीमा कंपनी स्तर पर प्रकिया में है अत: संख्या बताना संभव नहीं है। (ग) खरीफ 2019 के लिये बीमा कंपनी को प्रीमियम राशि का भुगतान कर दिया गया है। पात्र कृषकों को दावा राशि भुगतान का कार्य बीमा कंपनी स्तर पर प्रक्रिया में है। अत: संख्या बताना संभव नहीं है। (घ) रबी वर्ष 2018-19 अंतर्गत चना फसल के दावों की राशि की गणना प्रक्रिया में है अत: संख्या बताना संभव नहीं है। रबी वर्ष 2019-20 के फसल कटाई प्रयोगों के आंकड़े का संकलन आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त, ग्वालियर द्वारा किया जा रहा है। अत: संख्या बताना संभव नहीं है। (ड.) 31 मार्च 2018 की स्थिति में नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में 11856 कृषकों का 44.60 करोड का ऋण जय किसान फसल ऋण माफी योजना में माफ हुआ है तथा 5 मार्च को कृषि मंत्री द्वारा 1 लाख तक के तहसील खाचरौद में 2548 किसानों को ऋण माफी के प्रमाण पत्र वितरित किये गये। कृषकों की सूची (पोर्टल के अनुसार) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार है।
तिलहरी जलाशय का निर्माण
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 25 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत ग्राम तिलहरी ग्राम पंचायत मलारा जिला जबलपुर के तिलहरी जलाशय का निर्माण शासन द्वारा वर्ष 1988-89 में किसानों को सिंचाई की सुविधा देने हेतु कराया गया था? (ख) क्या तिलहरी जलाशय की नहर की टूट फूट एवं रिसाव होने के कारण किसानों की फसलों की सिंचाई नहीं हो पाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या नहर की टूट फूट एवं रिसाव को दुरूस्त कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वार्षिक अनुरक्षण मद एवं जल उपभोक्ता संथा को प्राप्त अनुदान राशि से नहर की आवश्यकतानुसार साफ-सफाई एवं मरम्मत कार्य कराया जाकर सिंचाई कराना प्रतिवेदित है। (ग) नहर मरम्मत कराने से संबंधित कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस वृद्धि में अनियमितता
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
8. ( क्र. 32 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में डीमेट, पी.एम.टी तथा एन.आर.आई. से हुई भर्ती की जांच प्रवेश एवं फीस नियामक समिति करेगी? यदि हाँ, तो बतावें कि चर्चित व्यापम घोटाले में AFRC द्वारा कौन-कौन से वर्ष की जांच की गई तथा वर्ष 2017 में एनआरआई कोटे से भर्ती की जांच के अभ्यार्थी द्वारा दिये समस्त दस्तावेज तथा उन परिपत्रों की प्रति देवें जिसके आधार पर जांच हुई? (ख) AFRC द्वारा निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस में वृद्धि हेतु आवेदन की चेकलिस्ट की सूची देवें तथा बतावें कि वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक फीस वृद्धि हेतु प्राप्त आवेदन के संलग्न दस्तावेज की प्रति देवें तथा बतावें कि पिछले 4 साल में फीस 3-4 गुना करने के कारण क्या हैं। (ग) 2014-15 से 2019-20 तक फीस वृद्धि के लिए निर्णय के कारणों निजी चिकित्सा महाविद्यालय अनुसार चार्ट बनाकर प्रस्तुत करें तथा बतावें कि फीस वृद्धि की सिफारिश पर केबिनेट, माननीय मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्री की अनुशंसा प्राप्त हुई। (घ) क्या AFRC द्वारा निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस वृद्धि करने के पूर्व नागरिकों से आपत्ति तथा सुझाव प्राप्त किये जाते हैं? यदि हाँ तो बतावें कि 2014-15 से 2019-20 में कब आपत्ति, सुझाव मंगवाये गये?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में डीमेट, पी.एम.टी. तथा एन.आर.आई. से हुई भर्ती की जांच के बारे में शिकायत प्राप्त होने पर प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के द्वारा शिकायत को संज्ञान में लेकर जांच की जा सकती है। व्यापमं घोटाले की जांच समिति द्वारा नहीं की गई। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनांक 18 मई 2018 में दिये गये निर्देशानुसार वर्ष 2017 में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में एन.आर.आई. कोटे में प्रवेशित 107 अभ्यार्थियों की जांच प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा की गई। एन.आर.आई. अभ्यार्थियों की जांच किये जाने हेतु उनके मूल अभिलेख संचालक, चिकित्सा शिक्षा से प्राप्त हुये थे जिसे जांच के पश्चात् संचालक, चिकित्सा शिक्षा को वापस कर दिये गये। (ख) ए.एफ.आर.सी. द्वारा निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस में वृद्धि हेतु आवेदन की चेक लिस्ट के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं:- 1. सोसायटी के आय-व्यय का ब्यौरा, 2. कॉलेज के आय-व्यय का ब्यौरा, 3. पाठ्यक्रम एवं अस्पताल के आय-व्यय का ब्यौरा वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक फीस वृद्धि 3-4 गुना नहीं हुई बल्कि 2-3 गुना हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। फीस वृद्धि का कारण पाठ्यक्रम एवं अस्पताल के खर्चे में वृद्धि है। (ग) फीस की वृद्धि की सिफारिश पर कैबिनेट, माननीय मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्री की अनुशंसा प्राप्त नहीं हुई क्योंकि अधिनियम में ऐसा प्रावधान नहीं है। (घ) प्रत्येक केलैण्डर वर्ष में जनवरी माह के अंतिम सप्ताह शैक्षणिक सत्र के लिये व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं के शुल्क निर्धारण की अधिसूचना में समिति द्वारा छात्र/अभिभावक/अधिकृत संस्थाओं से शुल्क विनियमन से संबंधित सुझाव मांगे जाते हैं। जारी किये गये अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मंदसौर गोलीकांड की जांच
[गृह]
9. ( क्र. 33 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 06 जून 2017 को पिपलीयामंडी में पाश्वर्नाथ चोपाटी पर भीड़ ने 12:30 बजे सी.आर.पी.एफ. नीमच के विवेक मिश्रा, उदयप्रकाश तथा अरूणकुमार को गिराकर मारने के लिए तीनों पर पेट्रोल डालकर आग लगाने लगे पास खड़े विजयकुमार तथा बी साजी को घेरकर मारपीट की तथा पांचों की रायफल छीनने का प्रयास किया तथा विजयकुमार ने रायफल लोड कर एक साथ फायर कर दिया? भीड़ जिससे तितर-बितर हो गई एवं फिर ये पांचों बस में बैठकर चले गये इन्होंने कोई रिपोर्ट नहीं कि अस्पताल में इलाज नहीं करवाया तथा रात्रि को वापस नीमच चले गये तथा घटना के 18 दिन बाद जली हुई वर्दी और जूते जप्त करायें। (ख) क्या इन पांचों ने 07 जून को 12.30 बजे कम्पोजिट हास्पीटल नीमच में डॉ.एम.एल.पाटीदार को दिखाया तो खरोच तथा सूजन के अलावा कोई बाहरी चोट नहीं पायी गयी? यदि हां, तो बतावें कि घातक हथियारों से लेस, हजारों की भीड़ नीचे गिराकर 10-15 मिनट तक मारपीट करे तो क्या मात्र खरोंच ही आयेगी? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) से यह स्पष्ट नहीं होता कि सी.आर.पी.एफ. नीमच के जवान असत्य बोल रहे हैं तथा उन्होंने बिना वजह गोली चालन किया? यदि हाँ, तो इन पर प्रकरण उसी दिन दर्ज क्यों नहीं किया जबकि जैन आयोग का गठन 12 जून 2017 को 06 दिन बाद किया गया था?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) उपरोक्त गोलीचालन के घटना के संबंध में म.प्र. शासन द्वारा न्यायिक जांच आदेशित की गई थी। न्यायिक जांच श्री जे.के. जैन, सेवानिवृत्त माननीय न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इंदौर के द्वारा की गई है। कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।
बालाघाट जिले की पंचायतों को बजट आंवटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 34 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के बजट में आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अनुसुचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति योजनायें (सब स्किम) के प्रावधान के तहत विभाग को बजट आवंटन होता है? (ख) यदि हां, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई? किन-किन जिलों में कितनी-कितनी राशि योजनावार जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान के तहत प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि में जिला बालाघाट को योजनावार किन-किन ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अनुसूचित जन जाति एवं अनुसूचित जाति योजनायें (सब स्किम) के प्रावधान के तहत विभाग को बजट राशि व्यय संबंधी नियम/निर्देश की प्रति देवें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सदस्यता अभियान में कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन पर कार्यवाही
[गृह]
11. ( क्र. 38 ) श्री महेश परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र सरकार की गाइडलाइन अनुसार कोविड-19 के तहत शादी के लिए 50 लोग, शवयात्रा के लिए 20 लोग की अनुमति एवं गणपती महोत्सव के पंडालों पर पूर्णतः रोक लगाई गयी है? यदि हाँ, तो भाजपा द्वारा सदस्यता अभियान में ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम को किन नियमों के तहत परमिशन दी गयी? पंडाल लगाने की अनुमति एवं निर्धारित गाइडलाइन से अधिक संख्या में लोगों को एकत्रित होने की अनुमति के आधार क्या थे? (ख) यदि उक्त कार्यक्रम के लिए कानून का पालन कराने वाले कलेक्टर एवं एसपी द्वारा गाइडलाइन का उल्लंघन कर अनुमति दी गयी है तो कार्मिक विभाग में शिकायत दर्ज़ कर आईएएस,आईपीएस अवार्ड वापिस लिए जाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? यदि अनुमति नहीं दी गयी है तो कार्यक्रम में उपस्थित दोषी नेताओं पर प्रकरण दर्ज़ क्यों नहीं किए गए? जबकि गणपती के पंडालों पर लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा रखी है। (ग) उज्जैन में जनहितैषी मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन करने वाले और श्रमिकों के लिए न्याय यात्रा निकालने के प्रयास पर प्रकरण दर्ज़ कर गाइडलाइन का हवाला देकर जेल भेजा गया और ग्वालियर भाजपा के कार्यक्रम में 05 से अधिक भीड़ होने पर कोविड-19 की गाइडलाइन को दरकिनार किया गया, ऐसा क्यों? क्रमबद्ध जवाब प्रस्तुत करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला ग्वालियर में दिनांक 22.08.2020 से 24.08.2020 के दौरान जिलाधीश ग्वालियर द्वारा आदेश क्रमांक स्टेनो/एडीएम/711/2020 दिनांक 21.08.2020 के माध्यम से कोविड-19 के संबंध में केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा गाईडलाइन का अक्षरांश: पालन की शर्त पर भाजपा द्वारा आयोजित सदस्यता अभियान की अनुमति जारी की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार। (ग) जिला उज्जैन दिनांक 13.05.2020 को कस्बा तराना जिला उज्जैन के माननीय विधायक श्री महेश परमार एवं श्री मनोज चावला द्वारा कोविड-19 की संक्रमक बिमारी को लेकर शासन द्वारा गरीब मजदूर एवं किसानों को हो रही समस्या को लेकर महाकाल मंदिर के सामने से एक पैदल यात्रा बगैर अनुमति के प्रारंभ करने एवं प्रशासन द्वारा समझाने पर भी नहीं मानने पर शांति व्यवस्था भंग होने की संभावना से माननीय विधायकगण एवं अन्य 05 विरेन्द्र सिंह, अजीत सिंह, जीवन उर्फ सोनू शर्मा, कमल किशोर एवं निजाम काजी के विरूद्ध थाना महाकाल इस्तगासा क्रमांक 54/13.05.2020 धारा 151 जाफौ अंतर्गत गिरफ्तार कर भेरूगढ़ जेल निरूद्ध किया गया एवं बाद में 500-500 के मुचलके पर सभी 07 को रिहा किया गया। ग्वालियर भाजपा के कार्यक्रम प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार है।
सहारा इंडिया चिटफंड के आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
12. ( क्र. 54 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 793 दिनांक 17 दिसंबर 2019 के खंड (ख) का उत्तर दिलाया जाए कि जो प्रकरण दर्ज किया गया है उनमें कौन-कौन आरोपी हैं तथा बतावें कि सहारा के खिलाफ शेष 13 जिलों में तथा चिटफंड के खिलाफ भोपाल इंदौर रीवा तथा शाजापुर में प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया? कब तक किया जाएगा? (ख) बतावे की दर्ज प्रकरण में किन-किन आरोपी की गिरफ्तारी किस दिनांक को हुई तथा सारी 181 शिकायत मिलाकर कुल कितने करोड़ रुपए के घोटाले की राशि है तथा कितनी राशि का भुगतान हुआ शेष कितनी है। (ग) प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण दिनांक 19-12-2019 के संदर्भ में बताएं कि क्या त्वरित कार्यवाही के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है? यदि नहीं तो बतावें की कब तक किया जाएगा तथा बतावें की किन पांच शिकायतों में न्यायालय में जांच की समझाइश किस आधार पर दी गई। (घ) जिन प्रकरणों में सहारा इंडिया द्वारा राशि दी गई उनकी सूची देवें तथा बतावें कि शेष प्रकरण में राशि कितनी बनी है तथा अभी तक क्यों नहीं दी गई तथा वर्तमान में सहारा इंडिया का कार्य बंद है या चालू है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' 'ब' एवं 'स' अनुसार, दर्शाये गये कारणों के अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' में समाहित है। घोटाले की राशि शिकायत जांच तथा विवेचना उपरांत ही निर्धारित हो सकती है। (ग) चिटफंड कंपनी से संबंधित शिकायतों की सतत् मॉनिटरिंग के लिये सदन में पूर्व में दिये गये आश्वासन अनुसार पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत एक सेल का गठन किया गया है एवं प्रश्नाधीन वर्णित आश्वासन के अनुक्रम में त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देशानुसार इसी सेल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'य' अनुसार है। (घ) जिन प्रकरणों में सहारा इण्डिया द्वारा राशि का भुगतान किया गया है वह पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'र' अनुसार है। शेष प्रकरण विवेचनाधीन होने से राशि बताया जाना संभव नहीं है। अशोकनगर जिले को छोड़कर मध्यप्रदेश के शेष जिलों में सहारा इण्डिया के कार्यालय खुले हुये है।
किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 65 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान ऋण माफी योजना में कितने किसान वर्तमान में शेष रह गये हैं जिनके बचत खातों में राशि जमा होनी है? (ख) क्या किसान ऋण माफी योजना में शेष रह गये किसानों के खातों में राशि सरकार द्वारा जमा की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं सरकार ने इसके लिए कोई योजना तैयार की है? (ग) क्या किसान ऋण योजना माफी में शेष रह गये किसानों ने सरकार के आश्वासन पर आज दिनांक तक ऋण जमा नहीं किया है जिससे उनकी ऋण राशि में ब्याज लग जाने के कारण उनकी ऋण राशि में काफी वृद्धि हो गई है? क्या सरकार ऋण राशि का ब्याज माफ करेगी? (घ) यदि सरकार ऋण राशि का ब्याज माफ नहीं कर रही है एवं मूल राशि में भी सरकार द्वारा राशि जमा की कोई नीति/प्रावधान नहीं है तो क्या सरकार इस संबंध में किसानों के लिए कोई आदेश वक्तव्य जारी करेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के प्रावधान अनुसार राशि पात्र किसानों के फसल ऋण खाते में जमा कराने के निर्देश है अत: बचत खातों में राशि जमा कराने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ख) ऋण माफी योजना की विस्तृत समीक्षा शासन के विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय शासन द्वारा लिया जावेगा। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) ऋण माफी योजना की विस्तृत समीक्षा शासन के विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिए जावेंगे।
शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
14. ( क्र. 77 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में संचालित है, जिसमें अधिक संख्या में अलग-अलग ब्रांचों में छात्र/छात्रायें अध्ययनरत हैं, क्या आवश्यकता की दृष्टि से छात्र/छात्राओं की अध्ययन संबंधी सुविधा को ध्यान में रखते हुए, शास. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में राजीव गाँधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय से वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना कराये जाने के संबंध में कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कब तक आवश्यक कार्यवाही करते हुए, शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में राजीव गाँधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय से वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?। (ग) शास. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में राजीव गाँधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय से वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना कराये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी एवं विभाग को पत्र प्रेषित किये गये है? उन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, परासिया (खिरसाडोह) में वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय नहीं खोले जाने का निर्णय लिया है।
तत्कालीन सरपंच की F.I.R. निरस्त किया जाना
[गृह]
15. ( क्र. 91 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना लांजी के तत्कालीन सरपंच युगेश पिता शोभाराम रामटेककर के विरूद्ध क्या अपराध क्रमांक 105/2012 के तहत धारा 465, 471, 181, 120 बी-467, 468 द्वारा दर्ज किया गया था? (ख) क्या उक्त सरपंच द्वारा जारी राशन कार्ड का उपयोग पुलिस ने गलत तरीके से शस्त्र लाइसेंस के एक प्रकरण में पहचान पत्र के रूप में कर लिया जबकि राशन कार्ड का उपयोग पहचान पत्र के रूप में नहीं किया जा सकता? (ग) क्या पुलिस द्वारा की गई गलती को तत्कालीन सरपंच पर अधिरोपित कर लगायी गयी समस्त धाराएं निरस्त की जायेंगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) सरपंच योगेश रामटेककर द्वारा अपने लेटर पेड पर गलत निवास प्रमाण पत्र दिया गया था। इस संबंध में थाना लांजी में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 105/2012 धारा 465, 471, 181, 120 (बी) , 467, 468 भादवि, 30 आर्म्स एक्ट का चालान माननीय जे.एम.एफ.सी. न्यायालय लांजी में दिनांक 19.09.2019 को पेश किया जा चुका है, जो न्यायालय में विचाराधीन है।
सिंचाई परियोजना के लंबित प्रस्ताव
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 92 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित जिले की सिंचाई परियोजना तथा लाइनिंग के कितने प्रस्ताव शासन तथा विभाग के पास लंबित है? नाम तथा प्रस्तावित राशि सहित जानकारी दें। (ख) विधान सभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत खराड़ी जलाशय बांध परियोजना की नहरों के लाइनिंग के कार्य कब तक स्वीकृत कर दिये जायेंगे? (ग) विधान सभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत बांध परियोजना जो कि एक अंतर्राज्यीय परियोजना है, की मुख्य नहर में लाइनिंग कार्य की स्वीकृति हेतु दोनों राज्यों के बीच सचिव स्तर की बैठक क्या आयोजित करा ली गयी है? (घ) यदि नहीं करायी गयी है तो कब तक कराएगें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। प्रमुख अभियंता कार्यालय से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) शासन स्तर पर इस संबंध में कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मनावर में अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही
[गृह]
17. ( क्र. 94 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनावर में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने तथा अवैध अतिक्रमण हटाने बाबत प्रश्नकर्ता द्वारा ई-मेल एवं पत्राचार द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय, कलेक्टर धार एवं एसपी धार को जून-जुलाई 2019 एवं जुलाई-अगस्त 2020 माह में कई पत्र लिखे गए? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी? (ख) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अप्रैल 2018 से प्रश्न-दिनांक तक कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई? उक्त सड़क दुर्घटनाओं में कितने लोगों की मृत्यु हुई? घायलों एवं मृतकों के परिजनों को मुआवजे-स्वरुप कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही नहीं किए जाने की स्थिति में किस संबंधित अधिकारी की क्या जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की गई? कब तक जवाबदेही तय कर कार्यवाही की जाएगी? जवाबदेही तय नहीं किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) मनावर में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने तथा अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? कार्यवाही नहीं किए जाने की स्थिति में विधिसम्मत कारण बताएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मनावर में ट्रॉफिक व्यवस्था दुरूस्त करने तथा अवैध अतिक्रमण हटाने बावत् माह जून 2019 में कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ। माह जुलाई 2019 में जिला कलेक्टर कार्यालय धार के माध्यम से एक पत्र क्र.-/328/एमपी-एमएलए/2019 दिनांक 06 जुलाई 2019 पुलिस अधीक्षक धार को 11 जुलाई 2019 को प्राप्त हुआ। जिस पर कार्यवाही की गई है। जुलाई एवं अगस्त 2020 की अवधि में कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुए। पुलिस अधीक्षक धार के माध्यम से पत्र क्रमांक-पुअ/धार/याता./419/2019 दिनांक 27.07.2019 एवं पत्र क्र.पुअ/धार/ याता./27/2020 दिनांक 08.01.2020 के माध्यम से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी एवं थाना प्रभारी मनावर को यातायात व्यवस्था एवं अतिक्रमण हटाने संबंधी कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जाकर निम्नानुसार कार्यवाही की गई है:- 1. ट्रॉफिक नियंत्रण हेतु प्रतिदिन 02 पुलिस जवान लगाये जाते हैं, जो यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करते हैं। 2. भारी वाहन-भारी वाहनों को नगर में प्रवेश से रोकने हेतु एस.डी.एम. मनावर के आदेशानुसार प्रातः 08:00 बजे से रात्रि 08:00 बजे तक प्रतिबंधित किया गया है एवं उल्लंघन करने पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। 3. ट्रॉफिक सिग्नल- ट्रॉफिक सिग्नल हेतु गांधी चौक एवं सेमल्दा तिराहा को चिन्हित किया जाकर वण्डर सीमेन्ट कम्पनी लिमिटेड मनावर से कॉरपोरेट सोशल रिस्पान्सिबिलिटी योजना के अंतर्गत लगवाने का प्रयास किया जा रहा है। 4. अतिक्रमण संबंधी मुहीम-उपरोक्त चौराहे एवं आस-पास अस्थायी दुकानदारों द्वारा जो अवैध अतिक्रमण किया गया है उसे हटाये जाने हेतु नगर पालिका मनावर के सहयोग से मुहीम चलायी जाकर लगातार कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही की गई है। यातायात व्यवस्था के संबंध में प्रतिदिन कार्यवाही की जाती है एवं ट्रॉफिक सिग्नल लगाये जाने हेतु प्रयास जारी है। (ख) कुल 524 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। उक्त सड़क दुर्घटनाओं में 146 व्यक्तियों की मृत्यु हुई। घायलों के 01 प्रकरण में 7500/- रू. एवं मृतकों के कुल 30 प्रकरणों में 4,50,000/- मुआवजे की राशि प्रदान की गई है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) में समाहित। यह एक निरंतर कार्यवाही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टरफा योजना अंतर्गत बीज का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 99 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग की टरफा योजना क्या है और इस योजना का उददे्श्य क्या है? (ख) जिला नरसिंहपुर में वर्ष 2019 में कितने किसानों को टरफा योजना अंतर्गत बीज प्रदान किया गया है? सूची प्रदान करें। (ग) जिला नरसिंहपुर में टरफा योजना अंतर्गत रबी फसल 2019 में जिन किसानों को सहायक सामग्री का प्रदाय एवं भुगतान किया गया है? उन किसानों की सूची प्रदान करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) टरफा योजना भारत सरकार की धान पड़त भूमि क्षेत्र कार्यक्रम योजना है। इसका उद्देश्य धान की पड़ती भूमि में दलहन एवं तिलहन फसले लेना है। (ख) जिला-नरसिंहपुर में रबी वर्ष 2019-20 में कुल 3676 किसानों को टरफा योजना अंतर्गत बीज प्रदाय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जिला नरसिंहपुर में टरफा योजना अंतर्गत रबी वर्ष 2019-20 में जिन कृषकों द्वारा सहायक सामग्री स्वयं क्रय कर फसल प्रदर्शन में उपयोग किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है एवं जिन कृषकों को अनुदान की राशि रू. 532212 का भुगतान किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मंडी अधिनियम में संशोधन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
19. ( क्र. 109 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड द्वारा पत्र क्रमांक 402 दिनांक 24.06.2020 से केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (सम्वर्धन और सरलीकरण) अध्यादेश 2020 को प्रदेश की मंडियों में लागू किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अध्यादेश के प्रावधानों को प्रदेश में क्रियान्वयन हेतु विस्तृत गाईड लाईन कब जारी की गई? उक्त नियम के संशोधन से कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की कौन-कौन धाराएं प्रभावशील है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अधिनियम प्रभावशील होने के बाद प्रदेश की मंडियों की आवक-आय में भारी गिरावट हुई है? यदि हाँ, तो (समर्थन मूल्य को छोड़कर) कितनी-कितनी आवक-आय की गिरावट प्रश्न दिनांक तक हुई? मण्डीवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मंडियों की आय एवं आवक में भारी गिरावट होने से कर्मचारियों के वेतन पेंशन एवं स्वत्वों के भुगतान की क्या योजनाएं बनाई गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार के अध्यादेश दिनांक 05.06.20 जारी होने के दिनांक से ही प्रदेश में लागू है। भारत सरकार का अध्यादेश ''ट्रेड एरिया'' में कृषक उत्पाद के व्यापार के सम्बन्ध में है जिसके लिए पृथक से गाईडलाइन जारी किया जाना अपेक्षित नहीं है। अध्यादेश से मंडी अधिनियम, 1972 की प्रभावित धाराओं की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) अध्यादेश के उपरांत मंडी आय में कमी/वृद्धि की तुलनात्मक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रदेश की कुछ जिलो की मंडी समितियों में ऑफ सीजन में आवक कम होने से मंडी कर्मचारियों के वेतन भत्तों में एक-दो माह का विलम्ब होता है पीक सीजन में आवक की वृद्धि हो जाने से संबंधित मंडी कर्मचारियों को वेतन भत्तों का भुगतान हो जाता है शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
उपयंत्री के विरूद्ध शिकायत की जाँच
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 118 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले के जल संसाधन विभाग में श्री बालमुकुन्द पयासी कब से पदस्थ है? (ख) प्रश्नांश (क) के उपयंत्री के विरूद्ध विगत दो वर्षों में विभाग को कितनी शिकायतें किस-किस माध्यम से जांच हेतु प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों की जांच क्या शिकायतकर्ताओं को सुना जाकर की गई? यदि हां, तो उक्त शिकायतों के जांच प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त उपयंत्री ने विभाग को दिए गए चल अचल सम्पत्ति के ब्यौरे से बहुत अधिक अनुपातहीन सम्पत्ति एकत्रित की है? (घ) क्या उक्त उपयंत्री के विरूद्ध लोकायुक्त में कोई जांच प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हां, तो उक्त जांच प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में उक्त उपयंत्री को निलंबित कर सेवा आचरण नियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) दिनांक 30.07.2007 से। (ख) प्राप्त 03 शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''1'' से ''6'' (कुल पृ.10) अनुसार है। शेष प्रश्नांश पर कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में उल्लेखित विभागों द्वारा की जाना है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जांच प्रकरण क्रमांक-294/2019 पंजीबद्ध है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में दर्शित है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में उल्लेखित विभागों से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने से शेषांश का उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
संगीन अपराध के आरोपी की गिरफ्तारी
[गृह]
21. ( क्र. 119 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अभिषेक तिवारी पिता अशोक तिवारी निवासी विराट नगर सतना के विरूद्ध कोतवाली सतना में प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0320 दिनांक 02.07.2020 को भा.द.स. की धारा 420,406,418 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो आरोपी को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? फरियादी अनेकों माध्यम से धमकी दे रहा है जिसकी शिकायत फरियादी ने दिनांक 19.08.2020 को पुलिस अधीक्षक को की गई है? यदि फरियादी के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसका कौन जिम्मेदार होगा? (ग) राम बहादुर साकेत ग्राम महुआपार थाना सभापुर जिला सतना द्वारा दिनांक 09.03.2020 एवं दिनांक 12.03.2020 को थाना प्रभारी सभापुर को शिकायत की थी? थाना प्रभारी द्वारा शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं करने पर पुलिस अधीक्षक सतना को पंजीकृत डाक से दिनांक 04.05.2020 को एवं दिनांक 23.03.2020 को शिकायत की थी, जिस पर आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक प्राथमिकी दर्ज की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के आरोपी के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक सतना को दिनांक 19.01.2019 एवं 28.01.2019 को फरियादी आरिफ अंसारी पिता हारून अंसारी निवासी खेरमाई जिला सतना द्वारा शिकायत की गई थी, उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) आरोपी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। दिनांक 19.08.2020 को की गई शिकायत को संज्ञान में लिया गया है। परिशान्ति कायम रखने के लिये प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अंतर्गत धारा 107, 116 (3) दण्ड प्रक्रिया संहिता की गई है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायत पत्र की जांच पर श्मशान भूमि से रास्ता निकालने संबंधी विवाद होने से परिशान्ति कायम रखने हेतु प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही अंतर्गत धारा 107,116 (3) दण्ड प्रक्रिया संहिता की गई है। (घ) फरियादी आरिफ अंसारी द्वारा दिनांक 19.01.2019 को एक आवेदन पत्र दिया गया है जिसका घटनाक्रम थाना कोतवाली सतना के अपराध क्रमांक- 320/2020, धारा 420, 406, 418 भादवि से संबंधित होने से शिकायत पत्र, प्रकरण की केस डायरी में शामिल कर अनुसंधान में लिया गया है। दिनांक 28.01.2019 को आरिफ अंसारी द्वारा कोई आवेदन पत्र देना नहीं पाया गया है।
प्रदेश में 5 वर्षों में गायब बच्चों के मामलों में कार्यवाही
[गृह]
22. ( क्र. 128 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में मध्यप्रदेश से कितने बच्चे गायब हुए हैं एवं कितने बच्चे वापस मिले? जिलेवार, लिंगवार बतावें। (ख) माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 10 मई 2013 के दिशा निर्देशानुसार कितने बच्चों के प्रकरण एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट को हस्तांतरित किये गये? (ग) प्रदेश के कितने जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट का गठन किया जा चुका है? इनके अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जो गायब बच्चे वापस नहीं मिले हैं उनके संबंध में प्रदेश सरकार की क्या नीति है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रदेश के प्रत्येक जिले में एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट का गठन किया जा चुका है। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जो गायब बच्चे वापस नहीं मिलते हैं उनके संबंध में निम्न कार्यवाही की जाती हैः- 1. प्रत्येक गुम बालक/बालिकाओं की अपहरण की सूचना पर तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। 2. गुमशुदा बच्चे की प्रथम सूचना पत्र पंजीबद्ध होने के 4 माह तक अदमदस्तायाबी पर प्रकरण मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाई को अग्रेषित कर तथा जिन जिलों में मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाई कार्यरत नहीं है वहां मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाई के नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक/उप पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में मानव दुर्व्यापार के प्रकरणों की विवेचना की जा रही है। 3. समय-समय पर गुम बालक/बालिकाओं की तलाश हेतु मुख्यालय स्तर पर विशेष अभियान चलाये जाकर बालक/बालिकाएं दस्तयाब किये जा रहे हैं वर्ष 2019 में तीन विशेष अभियान चलाये गये, जिसके दौरान 794 बालक एवं 2781 बालिकाओं को दस्तयाब किया गया वर्ष 2020 में माह मार्च एवं जुलाई में दो विशेष अभियानों के दौरान 429 बालक एवं 2,202 बालिकाओं को दस्तयाब किया गया। 4. गुम बालक/बालिकाओं की तलाश हेतु पुलिस मुख्यालय से मानक प्रक्रिया संचालन (एस.ओ.पी.) जारी कर, निर्देशानुसार गुम बालक/बालिकाओं की तलाश कराई जा रही है।
विश्वविद्यालयों में श्रमसाध्य भत्ते का प्रदाय
[उच्च शिक्षा]
23. ( क्र. 129 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अवकाश दिवसों में विश्वविद्यालय कर्मचारियों द्वारा किये गए कार्य के एवज में दिए गये पारिश्रमिक भुगतान को श्रमसाध्य भत्ता कहा गया है? यदि हाँ, तो इससे संबंधित शासन के नियम/नीति की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) मध्यप्रदेश के किन-किन विश्वविद्यालयों में कब-कब से श्रमसाध्य भत्ता दिया जा रहा है? इन सभी को उच्च शिक्षा विभाग तथा वित्त विभाग द्वारा दी गयी अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या बिना उच्च शिक्षा विभाग तथा वित्त विभाग की अनुमति के उक्ताशय के भत्तों का भुगतान वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो उक्त अनियमितता हेतु किन-किन जिम्मेदारों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। अपितु कार्यालयीन समय के अतिरिक्त, किए गए कार्यों के एवज में कर्मचारियों को प्रदान किए जा रहे भत्ते को श्रमसाध्य भत्ता कहा गया है। समन्वय समिति की बैठक दिनांक 10.09.2012 के विषय क्रमांक 21 के निर्णय के अनुक्रम में विश्वविद्यालयों में श्रमसाध्य भत्ता दिया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल एवं जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में समन्वय समिति के निर्णय दिनांक 10.09.2012 अनुसार एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में दिनांक 01.04.2019 से श्रमसाध्य भत्ता दिया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नही। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जिला समन्वयक समग्र स्वच्छता अभियान में नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 152 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तहत स्वच्छता अभियान एवं स्वजल धारा कार्यक्रम योजना को विभाग के पदाधिकारी सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को हस्तांरित किया गया था? (नियम एवं निर्देशों की प्रति सहित जानकारी देवें। ) (ख) क्या टीकमगढ़ में पदस्थ जिला समन्वयक मनीष जैन की नियुक्ति उनकी शैक्षणिक योग्यता एवं नियुक्ति से संबंधित अन्य दस्तावेजों का सत्यापन कराने के बाद ही की गई थी? यदि हाँ, तो नियुक्ति सम्बन्धित दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।) (ग) दिनांक 28.12.2011 को विकास आयुक्त कार्यालय राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक/7877/687/22/वि-7/टीएससी/11 में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) दिनांक 28.04.2012 को समन्वयक मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम भोपाल के पत्र क्रमांक 5673/22/वि-9/एम.डी.एम./12 भोपाल जिसके अनुसार मध्यान्ह भोजन प्रभारी को दोषी मानकार उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं वसूली की कार्यवाही कर पालन प्रतिवेदन चाहा गया था। क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या दिनांक 27.12.2011 को राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन विकास आयुक्त कार्यालय अनुसार व्यक्तिगत नस्ती चाही गई थी? (च) यदि उक्त सभी जांच में सम्बन्धित कर्मचारी दोषी पाया गया है तो उनके विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों एवं कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तहत् स्वच्छता अभियान एवं स्वजल धारा कार्यक्रम योजना को विभाग के पदाधिकारी कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं जिला समन्वयक के पद पर कार्यरत अधिकारियों को पद सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को हस्तांरित किया गया। (ख) समग्र स्वच्छता अभियान/स्वजलधारा योजना अंतर्गत तत्समय जिला समन्वयक नियुक्त करने हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा चयन समिति का गठन कर संभागीय आयुक्तों को मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 547 भोपाल दिनांक 21.06.2006 द्वारा आदेशित किया गया था। आयुक्त, सागर संभाग सागर को पत्र क्र. 1206 दिनांक 01.09.2020, पत्र क्र. 1259 दिनांक 08.09.2020 एवं पत्र क्र. 1305 दिनांक 11.09.2020 से जानकारी चाही गई है, जानकारी अपेक्षित है। (ग) विकास आयुक्त कार्यालय में स्थापना एवं बजट (आवक-जावक) शाखा में दिनांक 28.11.2013 की मध्यरात्रि में आग लगने के कारण जावक शाखा के डिस्पैच रजिस्ट्रर नष्ट हो गये है, जिससे विषय की जानकारी अप्राप्त होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। (च) वर्तमान में श्री मूलचंद वर्मा, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत टीकमगढ़ के विरूद्ध सामान्य प्रशासन विभाग में कार्यवाही प्रचलित है।
फर्जी तरीके से शासन का लाभ लेने पर कार्यवाही
[गृह]
25. ( क्र. 154 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 9.10.2019 को गृह मंत्री के कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक 2412 में आज दिनांक तक पुलिस अधीक्षक जिला-टीकमगढ़ द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या आवेदक श्री नारायण सिंह निवासी-ग्राम मातोल, तहसील-खरगापुर, जिला-टीकमगढ़ के आवेदन में एक ही महिला का नाम बदलकर दो जगह से शासन से लाभ लेना बताया पाया गया है? (ग) क्या जांच के उपरांत दोषी व्यक्ति पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो कब तक की जायेगी? (घ) क्या मध्यांचल ग्रामीण बैंक खरगापुर में खाता क्रमांक 8041735224 एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 में एक ही महिला की फोटो दो अलग-अलग नामों से लगाई गई हैं? (ड.) यदि हाँ, तो जालसाजी करने वाले व्यक्ति पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र के संबंध में जांच कराई गई। जांच पर कोई अपराध घटित होना नहीं पाया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) से संदर्भित शिकायत में आवेदक नारायण सिंह द्वारा एक ही महिला का नाम बदलकर दो जगह से शासन से लाभ लेने संबंधी शिकायत की गई है। जिसकी जांच में पाया गया कि महिला का विवाह पूर्व मायके का नाम हरिदेवी एवं पिता का नाम टीकाराम है एवं विवाह के बाद ससुराल की कुलरीति अनुसार उक्त महिला का ही नाम बदल कर कौशल्या देवी रखा गया है जिसके पति का नाम भुमानी सिंह सिसौदिया है। इस संबंध में दिनांक 17.09.2016 को न्यायालय तहसीलदार, खरगापुर द्वारा उक्त महिला के नाम में संशोधन कर हरिदेवी उर्फ कौशल्या पत्नी भुमानी सिंह संशोधित किये जाने संबंधी आदेश पारित किया गया है। जांच में पाया गया कि उक्त महिला को मध्याँचल ग्रामीण बैंक खरगापुर खाता क्रमांक 8041735224 में दिनांक 02.01.2016 को 8000/-रूपये प्राप्त हुए है जो महिला द्वारा आहरित नहीं किये गये है, यह राशि भूमि खसरा क्रमांक 357/1/1 से संबंधित है एवं उसी दिनांक 02.01.2016 को जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 में राशि 24820/-रूपये प्राप्त हुए है जो भूमि खसरा क्रमांक 282-अ से संबंधित है। (ग) प्रश्नांश का उत्तर (क) एवं (ख) में समाहित है। (घ) मध्याँचल ग्रामीण बैंक खरगापुर में खाता क्रमांक 8041735224 हरिदेवी पुत्री टीकाराम के नाम से है जो महिला का विवाह पूर्व का नाम है एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 कौशल्या देवी पति भुवानी सिंह सिसौदिया के नाम से है जो उक्त महिला का ही विवाह के बाद का नाम होकर उक्त दोनो खातो में एक ही महिला की फोटो लगी है। जांच में उक्त महिला हरिदेवी (विवाह पूर्व का नाम) उर्फ कौशल्या देवी (विवाह के बाद का नाम) पिता टीकाराम पति भुमानी सिंह सिसौदिया पाया गया है तथा उक्त महिला द्वारा खातो का दुरूपयोग करना नहीं पाया गया है एवं कोई अपराध घटित होना भी नहीं पाया गया है। (ड.) प्रश्नांश का उत्तर (क),(ख) एवं (घ) में समाहित है।
नईगढ़ी माइक्रो सिंचाई परियोजना अंतर्गत लाभान्वित गांव
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 156 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नईगढ़ी माइक्रो सिंचाई परियोजना शासन से स्वीकृत है? यदि हाँ, तो संबन्धित परियोजना की स्वीकृति क्रमांक/दिनांक सहित स्वीकृत लागत राशि की जानकारी स्पष्ट की जाये। (ख) उक्त सिंचाई परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में त्योंथर के कौन-कौन से ग्राम सम्मलित है? उक्त परियोजना से संबन्धित ग्रामों के लाभान्वित सिंचित रकबा की स्थिति स्पष्ट कि जाये। (ग) उक्त माइक्रो सिंचाई परियोजना की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है तथा स्वीकृत परियोजना का कार्य पूर्ण किए जाने का लक्ष्य क्या है? समय-सीमा सहित जानकारी प्रदान की जाए।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति पत्र क्रमांक 22 (ए)/229/2016/एमपीएस/31/2202 दिनांक 03.11.2016 को रू. 856.04 करोड़ की सैच्य क्षेत्र 50,000 हेक्टर हेतु प्रदान की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में भौतिक प्रगति 25 प्रतिशत है। माह 12/2021 तक लक्षित है किन्तु परियोजना का पूर्ण होना उपलब्ध वित्तीय संसाधनों पर निर्भर है।
त्योंथर तहसील के रायपुर सोनौरी में नवीन महाविद्यालय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
27. ( क्र. 157 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्योंथर तहसील के पूर्वांचल क्षेत्र का आम जन मानस उच्च शिक्षा के गुणात्मक लाभ के उच्च शिक्षा के संस्थान के अभाव में आज तक वंचित है। ऐसी स्थिति में क्या त्योंथर तहसील के पूर्वांचल रायपुर सोनौरी अंतर्गत नवीन शासकीय महाविद्यालय के संचालन शासन के कार्ययोजना में है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर सकरात्मक है तो प्रस्तावित महाविद्यालय के संचालन की स्वीकृत आदेश क्रमांक/दिनांक सहित स्पष्ट जानकारी दी जाये। यह भी स्पष्ट किया जाये कि महाविद्यालय का संचालन शैक्षणिक सत्र से प्रारम्भ किया जायेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर नकारात्मक है, तो क्या लोक महत्व के इस विषय पर विभाग द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता से त्योंथर क्षेत्र से पूर्वांचल में रायपुर सोनौरी में अतिशीघ्र नवीन महाविद्यालय के संचालन की प्रक्रिया पूर्ण कर शासनादेश जारी किया जायेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। रायपुर सोनौरी से अशासकीय एन.पी.जी. महाविद्यालय चाकघाट 22 कि.मी. एवं शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय त्योंथर 30 कि.मी. की दूरी पर संचालित है, जहाँ पर विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं वर्तमान में सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए रायपुर सोनौरी में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
28. ( क्र. 162 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में विगत 15 वर्षों से अधिक समय से प्राचार्य का पद रिक्त है तथा महाविद्यालय में 3000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिसमें 95 प्रतिशत आदिवासी वर्ग के विद्यार्थी हैं? उक्त महाविद्यालय में स्थायी प्राचार्य की पदपूर्ति कब तक की जाएगी? (ख) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में सहायक प्राध्यापक के अंग्रेजी के 02, भौतिकी शास्त्र का 01 भूगोल का 01 एवं वनस्पति शास्त्र का 01 पद रिक्त हैं, उक्त पदों के पूर्ति कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। स्थाई प्राचार्य की पद पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। महाविद्यालय में कुल 2879 विद्यार्थी अध्ययनरत है, जिसमें से 2050 विद्यार्थी आदिवासी वर्ग है, जो कुल विद्यार्थियों का 71.20 प्रतिशत है। (ख) महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के भूगोल के पद की पूर्ति की जा चुकी है। अंग्रेजी, भौतिक एवं वनस्पति में एक-एक पदों की पूर्ति की जा चुकी है। शेष एक-एक पद रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग, इंदौर के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रचलन के साथ ही रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों की व्यवस्था का भी प्रावधान है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
अशासकीय संस्थाओं को अनुदान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
29. ( क्र. 163 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की कितनी अशासकीय संस्थाओं को विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कितनी अनुदान राशि स्वीकृत की गयी? संस्थावार वर्षवार बतावें। (ख) क्या संस्थाओं में स्वीकृत शिक्षकों के पद बच्चों की संख्या के मान से सही है? संस्थाओं में कर्मचारियों को कौन सा वेतनमान दिया जा रहा है? (ग) बड़वानी जिले के विभाग से मान्यता प्राप्त अशासकीय संस्थाओं की सूची दें। (घ) विभाग द्वारा जिन संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है? क्या ये संस्थाएं अस्तित्व में हैं या नहीं? (ड.) विभाग द्वारा जिन संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है, उन संस्थाओं की 3 वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट बतलावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) बड़वानी जिले में विभागीय मान्यता व राज्य अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्था आशाग्राम ट्रस्ट एवं श्रीकांता विकलांग सेवा ट्रस्ट (झाकर) निवाली को विगत 3 वर्षों में स्वीकृत अनुदान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी हाँ वर्तमान में कर्मचारियों को पांचवां वेतनमान, संविदा मानदेय व कलेक्टर दर पर वेतन दिया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ग) बड़वानी जिले में विभाग से मान्यता प्राप्त अशासकीय संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (घ) विभागीय अनुदानित अशासकीय संस्था आशाग्राम ट्रस्ट बड़वानी व श्रीकांता विकलांग सेवा ट्रस्ट (झाकर) निवाली क्रियाशील होकर अस्तित्व में है। (ड.) देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन होने से विभागीय अनुदानित अशासकीय संस्था आशाग्राम ट्रस्ट बडवानी एवं श्रीकांता विकलांग सेवा ट्रस्ट (झाकर) निवाली का वर्ष 2019-20 का सी.ए.ऑडिट कार्य की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 की सी.ए. ऑडिट रिर्पोट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
शासकीय कॉलेजों में अधिक दर से फर्नीचर की खरीदी
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 169 ) श्री मनोज चावला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय कॉलेजों के लिए अप्रैल से अगस्त 2020 में फर्नीचर लघु उद्योग निगम द्वारा पंजीकृत उद्योगों से खरीदा गया? यदि हाँ, तो बतावें कि (1) कुल कितनी राशि का फर्नीचर खरीदा (2) किस किस कॉलेज के लिए, क्या-क्या फर्नीचर, कुल कितनी लागत का खरीदा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पंजीकृत उद्योगों के नाम तथा पता देवें तथा बतावें की किस-किस उद्योग से, किस-किस कॉलेज के लिए, क्या-क्या फर्नीचर, किस दर से कितनी मात्रा में खरीदा तथा फर्नीचर भेजने के भाड़े तथा बीमा राशि का भुगतान किसके द्वारा किया जाएगा तथा रास्ते में होने वाली टूट-फूट की जिम्मेदारी किसकी होगी? (ग) बतावें कि इतनी राशि के फर्नीचर खरीदी हेतु टेंडर क्यों नहीं निकाला गया? राज्य स्तर पर खरीदी कि जगह कालेज स्तर पर खरीदी क्यों नहीं की गई? अगर कॉलेज स्तर पर खरीदी होती तो वह अपने आवश्यकतानुसार साइज का फर्नीचर खरीदते। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जो फर्नीचर खरीदा उसकी दर, निर्माण सामग्री के गुणधर्म सहित बतावें। क्या आर्डर देने के पहले तुलनात्मक पत्रक बनाया गया था? यदि हां, तो उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि बाजार भाव से 3 गुना दर से अधिक पर लघु उद्योग निगम से फर्नीचर क्यों खरीदा गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। फर्नीचर क्रय की कार्यवाही म.प्र. भंडार क्रय तथा सेवा उर्पाजन नियम 2015 के तहत प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. भण्डार क्रय एवं उपार्जन नियम 2015 की कंडिका 8 के अंतर्गत ''म.प्र. लघु उद्योग निगम में उपलब्ध होने की दशा में क्रयकर्ता द्वारा इन संस्थाओं से भी सामाग्री क्रय की जा सकेगी''। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01 अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) फर्नीचर क्रय की कार्यवाही म.प्र. भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के तहत प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01 अनुसार है। तुलनात्मक पत्रक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
सितपुरा में पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
31. ( क्र. 174 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में शिवराजपुर एवं सितपुरा क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व, क्षेत्रफल एवं पुलिस मुख्यालयों से दूरी को देखते हुये शिवराजपुर एवं सितपुरा में पुलिस चौकी एवं रैगाँव चौकी का उन्नयन कर थाना प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सितपुरा एवं शिवराजपुर में चौकिया के स्थापित न होने एवं रैगाँव में थाना न होने के कारण इन क्षेत्रों में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक घटित अपराधों के किन-किन थानों में कुल कितने प्रकरण दर्ज हुये? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के इस अंचल के लोगों को अपनी शिकायत दर्ज करानें हेतु सिंहपुर, नागौद अथवा जिला मुख्यालय सतना आना पड़ता है, जिससे विलंब एवं परेशानी होती है? यदि हाँ, तो यह बतावें कि विधानसभा क्षेत्र के सम्मलित कौन-कौन से ग्राम कितनी-कितनी दूरी के किस-किस थाने एवं चौकी से संबद्ध हैं थानावार, चौकीवार पूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने एवं सुगम पुलिस-सुविधा प्रदान करने हेतु कब तक रैगाँव चौकी का उन्नयन थाने के रूप में किया जाकर सितपुरा एवं शिवराजपुर में नई पुलिस चौकियाँ प्रारंभ कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शिवराजपुर एवं सितपुरा में पुलिस चौकी एवं रैगांव चौकी का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुरूप नहीं पाए जाने से अमान्य किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जनवरी 2018 से दिनांक 31.08.2020 तक घटित भादवि एवं अन्य अपराधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। थाना सिंहपुर, नागौद एवं पुलिस चौकी रैगांव से दूरी कम होने के कारण इस अंचल के लोग अपनीशिकायत इन्हीं थाना/चौकी में दर्ज कराते है। लोगों को शिकायत दर्ज कराने जिला मुख्यालय सतना आने की आवश्यकता नहीं होती है। ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सतना मंडी सचिव की मूल विभाग में वापसी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
32. ( क्र. 175 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति पर एक कर्मचारी/अधिकारी को अधिकतम कितने वर्षों तक किन-किन मापदण्डों पर बनाये रखने का प्रावधान है? अनुशासनात्मक कार्यवाही होने के उपरांत भी प्रतिनियुक्ति समाप्त न करने के क्या प्रावधान हैं? शासनादेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) कृषि-उपज-मंडी-समिति सतना में वर्तमान में पदस्थ सचिव, दुग्ध संघ से वर्ष 2005 से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं, जबकि उक्त सचिव की 8 वेतन वृद्धि रोकने, 6 बार परिनिन्दा, 8 बार भविष्य के लिये चेतावनी के दण्ड से दण्डित किया गया है, क्या ऐसी स्थिति में भी संबंधित प्रतिनियुक्ति के मापदण्डों की पूर्ति करते हैं? (ग) मंडी बोर्ड भोपाल के आदेश दि. 9/9/2019 से उक्त सचिव की सेवायें पैत्रक विभाग को किन कारणों से वापस की गई, तथा दि. 20/11/2019 को किन कारणों से उक्त आदेश निरस्त किया गया, नोटशीट की प्रति देवें। (घ) मंडी अधिनियम में संशोधन होने, आय-आवक की दिन-प्रतिदिन गिरावट होने पर प्रतिनियुक्ति पर ऐसे सचिव को क्यों बनाये रखा गया है, जबकि मंडी में ही कार्यरत किसी वरिष्ठ निरीक्षक से सचिव का कार्य लिया जा सकता है, फिर ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है? (ड.) प्रश्नांश (क),(ख),(ग),(घ) के प्रकाश में उक्त सचिव को प्रतिनियुक्ति अवधि सहित सेवा अवधि में कई बार दण्डित किये जाने के कारण मूल विभाग को कब तक वापस करते हुये पदावनत की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी चिटफंड कंपनियों की जांच और कार्यवाही
[गृह]
33. ( क्र. 178 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में चिटफंड एवं फर्जी वित्तीय कंपनियों का संचालन होना पाया गया हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में कटनी तथा पूरे मध्यप्रदेश में संचालित एवं पूर्व में संचालित रही ऐसी चिटफंड एवं भ्रामक विक्रय/प्रशिक्षण अन्य फर्जी कंपनियों का ब्योरा देवें, जिनके द्वारा नागरिकों से राशि जमा/प्राप्त कर भुगतान नहीं किया गया? तथा धोखाधड़ी एवं अन्य आर्थिक अनियमितताएँ की गयी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) कंपनियों को नियमानुसार व्यापार/कारोबार करने के लिए किन-किन दस्तावेजों/अनापत्तियों/अनुमतियों की आवश्यकता होती हैं तथा शासन/विभाग द्वारा इस प्रकार की कंपनियों की जांच एवं कार्यवाही के निर्देश/आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो यह आदेश क्या हैं? क्या इन कंपनियों के व्यापार का नियमित पर्यवेक्षण/परीक्षण किए जाने की कोई कार्ययोजना बनाई जायेंगी? (ग) कटनी जिले में प्रश्नांश (क) कंपनियों द्वारा विगत-03 वर्षों में किन-किन स्थानों से कारोबार का संचालन किया जा रहा था एवं किन-किन कंपनियों द्वारा क्या-क्या वित्तीय घोटाला किए जाने की सूचना/जानकारी विभाग के किस-किस कार्यालयों को किस माध्यम से कब-कब प्राप्त हुई? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत क्या-क्या कार्यवाही, किन व्यक्तियों/संस्थाओं पर प्रश्न दिनांक तक की गयी एवं किन व्यक्तियों/संस्थाओं की क्या जांच/परीक्षण एवं कार्यवाही किया जाना किस स्तर पर कब से प्रचलन में हैं? क्या चिटफंड कंपनियों के अवैध कारोबारों पर सख्ती से रोक एवं कार्यवाही की जाएंगी? यदि हाँ, तो किस-प्रकार एवं कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दी चिटफंड एक्ट, 1982 की धारा-4 के प्रावधानों के तहत् व्यवसाय करने हेतु राज्य शासन की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करना होती है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त अधिनियम के तहत व्यवसाय करने हेतु किसी भी कम्पनी या संस्था को कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है और न ही व्यवसाय करने हेतु किसी के द्वारा कोई अनुबंध पंजीकृत करवाया गया है। मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम-2000 के प्रावधानों के तहत सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर द्वारा निक्षेपकों के हितों को संरक्षित करने हेतु वित्तीय स्थापनाओं के विरुद्ध कार्यवाही की जाना अपेक्षित है। दि बैनिंग ऑफ अनरेगूलेटेड डिपाजिट स्कीम्स एक्ट, 2019 (क्रमांक 21 सन् 2019) केन्द्रीय अधिनियम, के प्रावधानों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा अधिनियम की धारा-30 के प्रयोजनों के लिये भारसाधक सचिव, गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन को सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किया गया है तथा संभागीय आयुक्त को उनके अपने क्षेत्राधिकार के भीतर इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिये धारा-30 के प्रावधानों को छोड़कर सक्षम प्राधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया है। (ख) किसी भी कम्पनी को पंजीयन प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज द्वारा केन्द्रीय अधिनियम दि कम्पनीज एक्ट, 2013 के सुसंगत प्रावधानों के तहत जारी किया जाता है। कम्पनी के पंजीयन में राज्य शासन की कोई भूमिका नहीं होती है। किसी भी कम्पनी के विरुद्ध रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज के द्वारा ही दि कम्पनीज एक्ट, 2013 के सुसंगत प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा सकती है। राज्य शासन द्वारा इसमें किसी प्रकार का हस्ताक्षेप नहीं किया जा सकता है। (ग) कटनी जिले में वित्तीय स्थापनाओं द्वारा निक्षेप (डिपाजिट) स्वीकार करने तथा नियत समयावधि पर वापस नहीं करने की प्राप्त शिकायत की जानकारी का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) नियत समयावधि पर निक्षेप (डिपाजिट) वापस नहीं करने की प्राप्त शिकायतों पर मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत वित्तीय स्थापनाओं के विरुद्ध इस कार्यालय द्वारा कार्यवाही की गई है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कटनी जिले में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 179 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचालनालय-मध्यप्रदेश के पत्र-क्रमांक–7287/पंरा/सा-शिका-33/2020, दिनांक 03/07/2020 से जिला-कलेक्टरों/मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जांच/कार्यवाही के क्या निर्देश क्यों दिये गए और निर्देशानुसार कटनी जिले में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) कटनी-जिले की विधान सभा क्षेत्र मुडवारा अन्तर्गत ग्राम-पंचायतों में जनवरी 2019 से किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि किस मद/योजना अंतर्गत कब-कब स्वीकृत/प्रदाय की गयी? कार्यों का प्रस्ताव किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा तैयार, प्रस्तावित एवं स्वीकृत किया गया था और कार्यों का निरीक्षण, भौतिक सत्यापन किन-किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया गया एवं क्या प्रतिवेदन दिये गए? (ग) कटनी-जिले की विधान सभा क्षेत्र मुडवारा अन्तर्गत किन-किन ग्राम-पंचायतों में अनियमितता के कौन-कौन से प्रकरण कब से प्रचलित हैं? विवरण बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) प्रकरणों में प्रश्न दिनांक तक किन प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा कब-कब जांच की गयी और कार्यालय जिला पंचायत कटनी को प्रतिवेदन कब प्रेषित किए गये? प्रकरणवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (घ) क्या निर्माण-कार्यों में अनियमितताओं के सभी प्रकरणों में तकनीकी-अधिकारियों (सहायक/उपयंत्री) की भूमिका की जांच की गयी? यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों में क्या अनियमितता के लिए कौन-कौन जिम्मेदार पाये गये? यदि नहीं तो क्यों? कार्यों के प्राक्कलन/तकनीकी-स्वीकृति, कार्यों का निरीक्षण/माप/भौतिक सत्यापन और कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र के कार्य उपयंत्रियों/सहायक यंत्रियों की ज़िम्मेदारी हैं, तो कार्यवाही न करने का कारण बताये?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) पंचायत राज संचालनालय के पत्र क्रमांक/7287 दिनांक 03.07.2020 द्वारा प्रदेश के समस्त कलेक्टर को संपूर्ण मध्यप्रदेश की समस्त पंचायतों में कराधान एवं करारोपण की विधिवत उच्च स्तरीय टीम गठित कर पंचायत वार/ब्लॉक वार/जिलेवार जांच कराये जाकर दोषियों के उपर दण्डात्मक कार्यवाही करने विषयक शिकायती आवेदन प्राप्त होने के कारण आवश्यक कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश दिये गये है। कटनी जिले में 31 ग्राम पंचायतों को स्वकराधान की प्राप्त राशि संबंधी शिकायत की जांच कराई गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन अनुसार सहायक/उपयंत्री जिम्मेदार नहीं पाये गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई परियोजनाओं का भुगतान
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 188 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जल संसाधन विभाग में राज्य के बाहर की कितनी कम्पनियों और ठेकेदारों से निर्माण और अन्य कार्यों के अनुबंध किये गये हैं? कम्पनियों का कार्य अनुबंध के साथ सूची उपलब्ध करावें। 1 जनवरी 2019 से 20 मार्च 2020 तक कितनी-कितनी कम्पनियों को कितना-कितना भुगतान किया गया है? कम्पनी का नाम एवं भुगतान की गई राशि का ब्यौरा देवें। क्या विभाग ने भुगतान पर प्रतिबंध लगाया हुआ था? यदि हां, तो मध्यप्रदेश के बाहर की पंजीकृत कम्पनियों और ठेकेदारों को भुगतान क्यों किया गया था? (ख) जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बृहद्ध, मध्यम एवं लघु स्तर की कौन-कौनसी सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? कार्यरत निर्माण कार्यों को कौन-कौन सी निर्माण ऐजेंसियां/ठेकेदार कौन-कौन सा कार्य किस-किस स्तर पर कर रहे हैं? निर्माण ऐजेंसी का नाम तथा कार्यादेश की तिथियों से अभी तक कितना कार्य हुआ है? कार्य पूर्णतः की अवधि सहित स्वीकृत/निर्माणाधीन योजना के अनुसार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में एच.ई.एस.बेंसर, हैदराबाद (राजू मोन्टेना) द्वारा प्रदेश की किन-किन सिंचाई परियोजनाओं का काम किया जा रहा है एवं किस-किस योजना में कितना-कितना भुगतान इस एजेंसी को किया गया है? योजनानुसार भुगतान की गई राशि की जानकारी दें। (घ) क्या उक्त राजू मोन्टेना की कम्पनी भी ई-टेण्डरिंग घोटाले में लिप्त पाई गई है? यदि हां, तो क्या इस कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड न किया जाकर करोड़ों रूपयों का भुगतान कर दिया गया है? किस आधार पर भुगतान किया गया? इसमें विभाग के किन बड़े एवं छोटे अधिकारियों की संलिप्तता है? नाम बतलावें। क्या सम्पूर्ण घोटाले की जांच विभाग उच्च स्तर पर करायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कार्यों एवं भुगतान की जानकारी मुख्य अभियंतावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनुबंध की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) जानकारी मुख्य अभियंतावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एच.ई.एस. बेंसर, हैदराबाद (राजू मन्टेना) को नहीं अपितु मेसर्स एच.ई.एस. इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड एवं बेन्सार कन्स्ट्रक्शन कम्पनी लिमिटेड हैदराबाद संयुक्त उपक्रम को केवल कोठा बैराज वृहद परियोजना के शीर्ष कार्य एवं नहर कार्य लागत रू. 34900.00 लाख का निर्माण कार्य स्वीकृत है जिसके विरूद्ध रू. 6652.89 लाख का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) ई-टेण्डरिंग घोटाले की जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (Economic Offences Wing) द्वारा की जा रही है। राजू मन्टेना की कंपनी के ई-टेण्डरिंग घोटाले में लिप्त होने एवं जांच से संबंधी कोई आधिकारिक जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं।
दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
36. ( क्र. 192 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर के विभिन्न थानों में सुनील टेबड़ेवाल (कृष्णा बिल्डर्स), मनीष मोटवानी एवं मनीष वर्मा (लक्ष्य रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड) तथा सुनील मूलचंदानी एवं अन्य चिनार रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के विरूद्ध किस-किस प्रकरण में किस-किस धारा में कब-कब, किन-किन व्यक्तियों द्वारा कितने प्रकरण दर्ज कराये गये हैं? थानावार/प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों में संबंधितों की गिरफ्तारी हो चुकी है? कितने प्रकरणों में जमानत हुई है? कितने प्रकरणों में फरारी है तथा कितने प्रकरणों में गिरफ्तारी होना शेष है? थानावार/प्रकरणवार बतायें। (ग) शेष कौन-कौन से प्रकरण हैं, जिनमें अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है तथा उनमें कब तक दोषियों की गिरफ्तारी की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? आज दिनांक तक दोषियों पर कार्यवाही नहीं होने के क्या कारण हैं? थानावार/प्रकरणवार/कारणवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यक्तियों में से किस-किसके विरूद्ध किस प्रकरण में उच्च न्यायालय के निर्देश पर गिरफ्तारी पर कब से रोक (स्टे) लगी है एवं उपरोक्त रोक (स्टे) को हटाने (वैकेट) के लिए शासन द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कब तक स्टे हटवा दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
37. ( क्र. 193 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत कालातीत किसानों का 2 लाख तक एवं चालू किसानों का एक लाख तक कर्ज माफ हो चुका है? यदि हां, तो ब्लॉक/गांववार, नाम, पता, सहित कृषक वार सूची देवे और नहीं तो क्यों? दिशा-निर्देश की छाया प्रति देवें। (ख) क्या उक्त योजना अंतर्गत सिर्फ खरगोन विधानसभा क्षेत्र के चालू किसानों/खाताधारकों का ही एक लाख तक का कर्जा माफ नहीं हुआ? यदि नहीं माफ हुआ है तो उसका क्या कारण है? दिशा-निर्देश की छाया प्रति देवें और इन चालू खाता धारकों का एक लाख तक का कर्ज कब तक माफ किया जायेगा या नहीं किया जाएगा? (ग) क्या उक्त योजना में ऐसा कोई नियम था कि कर्ज माफी के प्रमाण पत्रों का वितरण मंत्री द्वारा किया जाएगा तो ही कर्ज माफ होगा? यदि हां, तो छायाप्रति देवें और नहीं तो खरगोन विधानसभा क्षेत्र के किसानों का एक लाख तक का कर्जा क्यों नहीं माफ किया गया? (घ) क्या उक्त योजना अंतर्गत शासन द्वारा 2 लाख तक का कर्जा माफ करने की स्वीकृति दी गई थी? यदि हां, तो उसकी छाया प्रति देवें और दो लाख तक का कर्ज कब तक माफ किया जाएगा? यदि नहीं होगा तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) खरगोन जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत कालातीत किसानों का 2 लाख तक एवं चालू किसानों का एक लाख तक कुल 100194 किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। किसानों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। योजना का द्वितीय चरण में राष्टीयकृत बैंक के 14 किसानों का मार्च 2020 में कोषालय के सॉफ्टवेयर (IFMIS) में बिल आहरण करते समय आवंटित राशि शून्य दर्शित होने से बिल का भुगतान नहीं होने से उक्त 14 किसानों का ऋण माफ नहीं हो पाया तथा ऋण माफी पोर्टल पर कलेक्टर लॉगिन से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के खरगोन विधानसभा क्षेत्र के खाताधारक कृषकों की स्वीकृति देने के पश्चात भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या.खरगोन द्वारा कुल 7676 किसानों का ऋण माफ नहीं किया गया है। दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हां, उक्त योजना अंतर्गत द्वितीय चरण में सिर्फ खरगोन विधानसभा क्षेत्र के राष्ट्रीयकृत बैंक के 14 किसानों का बिल आहरण नहीं होने से एवं ऋण माफी पोर्टल पर कलेक्टर लॉगिन से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के खाताधारक कृषकों की स्वीकृति देने के पश्चात भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. खरगोन द्वारा कुल 7676 किसानों का ऋण माफ नहीं हुआ है। दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। ऋण माफी की योजना की समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिये जायेंगे। (ग) जी नहीं, उक्त योजना में ऐसा कोई नियम नहीं था कि कर्ज माफी के प्रमाण पत्रों का वितरण मंत्री द्वारा किये जाने के पश्चात ही कर्ज माफ होगा। खरगोन विधानसभा क्षेत्र के द्वितीय चरण में राष्ट्रीयकृत बैंक के 14 किसानों का बिल आहरण नहीं होने से एवं ऋण माफी पोर्टल पर कलेक्टर लॉगिन से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के खाताधारक कृषकों की स्वीकृति देने के पश्चात भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. खरगोन द्वारा कुल 7676 किसानों का ऋण माफ नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ, उक्त योजना अंतर्गत शासन द्वारा 2 लाख तक का कर्जा माफ करने की स्वीकृति दी गई थी। दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। ऋण माफी की योजना की समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिये जायेंगे।
बैंकों द्वारा किसानों से ऋण की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
38. ( क्र. 197 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी के सामने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने दिनांक 22 जून 2020 को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कर्ज माफी की घोषणा में शेष रहे किसानों के बारे में ब्यौरा दिया? यदि हाँ तो उसके निष्कर्ष से अवगत करावें। सम्पूर्ण दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) क्या कर्ज माफी में शेष 23 लाख किसानों पर बैंक ऋण चुकाने हेतु दबाव बना रहे हैं तथा उन्हें आगे ऋण देने से इंकार कर दिया तथा उन्हें डिफाल्टर घोषित कर दिया? (ग) क्या पूर्व सरकार की घोषणा अनुसार सरकार शेष किसानों के ऋण माफ करेगी? यदि हाँ तो बतावें कि उनकी संख्या क्या है तथा कुल राशि कितनी है? (घ) वर्तमान कृषि बजट की राशि क्या है? यह पूर्व सरकार के बजट से कितने प्रतिशत कम है तथा क्यों है? इसमें प्रश्नांश (ग) हेतु कितनी राशि का प्रावधान रखा गया है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) बैंक द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड द्वारा समय-समय पर जारी मार्गदर्शी निर्देशों के अनुसार ऋण की वसूली नवीनीकरण आदि की कार्यवाही की जाती है। (ग) ऋण माफी योजना की समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिए जावेंगे। (घ) वर्ष 2020-21 में कृषि बजट राशि रूपये 26264.78 करोड़ का रखा गया है, जो गत वर्ष 2019-20 की तुलना में 43.58 प्रतिशत कम है। वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 2000.00 करोड़ का प्रावधान बजट पुस्तिका में किया गया है।
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा परीक्षा फीस का निर्धारण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
39. ( क्र. 201 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा परीक्षा फीस तय करने का सूत्र क्या है? परीक्षा फीस में खर्च घटाकर लाभ/बचत कितने प्रतिशत रखा जाता है तथा वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक पी.ई.बी. को प्रतिवर्ष कितनी-कितनी बचत या हानि हुई है? (ख) अप्रैल-2020 के बाद पी.ई.बी. द्वारा कौन-कौन सी परीक्षा लिए जाने की विज्ञप्ति निकाली गई? उसमें कितने आरक्षित वर्ग तथा सामान्य अभ्यार्थियों ने आवेदन पेश किया? परीक्षा फीस के रूप में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) की विज्ञप्ति में कुल पद कितने थे तथा एक पद पर आरक्षित वर्ग के तथा सामान्य वर्ग के कितने आवेदन प्राप्त हुए? दोनों वर्गों में महिला आवेदकों की संख्या कितनी है? (घ) प्रश्नांश (ख) की विज्ञप्ति परीक्षा ऑनलाइन किस एजेंसी द्वारा ली जाएगी तथा उसे किस दर से भुगतान किया जाएगा? क्या एजेंसी को प्रति परीक्षार्थी अनुसार कुल शामिल परीक्षार्थी अनुसार भुगतान होगा या अनुपस्थित अभ्यार्थियों का भी भुगतान किया जावेगा? एजेंसी तथा पी.ई.बी. में हुए अनुबंध की प्रति देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) फीस तय करने का पृथक से कोई सूत्र नहीं है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में आवेदकों से ली जाने वाली परीक्षा शुल्क का निर्धारण प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की आंतरिक समिति के प्रस्तावनुसार बोर्ड की कार्य समिति की स्वीकृति के पश्चात् किया जाता है। फीस तय करने के मापदण्ड संबंधी आशय के आदेशों की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। परीक्षा फीस से खर्च घटाकर लाभ-हानि/बचत का प्रतिशत निश्चित नहीं है। वर्ष 2014-2015 से 2019-2020 तक बचत/हानि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। विज्ञप्ति की गई परीक्षाओं में आरक्षित वर्ग तथा सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों की संख्या के संबंध में लेख है कि आवेदन-पत्र संबंधी डेटा प्रवेश पत्र जारी करते समय ही खोला जाता है, इसके पूर्व यह सम्पूर्ण डेटा गोपनीय प्रकृति का होता है। अप्रैल 2020 के बाद की परीक्षाओं के प्रवेश-पत्र जारी नहीं किये गये हैं। इसलिए इस आशय की जानकारी सम्भव नहीं है। अप्रैल 2020 के बाद प्रश्नांश दिनांक तक परीक्षा फीस की राशि रूपये 1135.00 लाख प्राप्त हुई है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परीक्षाओं में से जेल प्रहरी की भर्ती परीक्षा के कुल 282 पद हेतु विज्ञप्ति जारी की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) एजेंसी चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। एजेंसी के चयन उपरान्त एम.ओ.यू., एस.एल.ए. एवं वर्क ऑर्डर में निर्धारित दरों के अनुसार एजेंसी को भुगतान किया जायेगा। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुदूर सड़क एप्रोच रोड का निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 215 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रं. 401 दिनांक 02.06.2020 के क्रम में श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में मनरेगा अन्तर्गत सुदूर सड़क एप्रोच रोड मिट्टी मुरम/ग्रेवल सड़क स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराये जा चुके हैं? अवगत करायें। (ख) क्या जनपद पंचायत श्योपुर अंतर्गत जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम पंचायतों द्वारा सुदूर सड़क एप्रोच रोड बनाये जाने की मांग हेतु लिखित अनुशंसा या प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं? यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता की अनुशंसा/प्रस्तावों में तकनीकी अधिकारियों द्वारा उपयुक्त पाये गये कार्यों में से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करा दिये गये हैं? (ग) यदि नहीं तो कब तक स्वीकृत कर कार्य प्रारम्भ करा दिये जायेंगे? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत पनवाड़ के ग्राम पनवाड़ में रामेश्वर केवट के खेत से गंगावर केवट के खेत की ओर खेत सड़क (ग्रेवल) का कार्य राशि रूपये 14.48 का स्वीकृत कर दिनांक 05.07.2020 को प्रारंभ कराया गया। ग्राम पंचायत रतोदन के ग्राम रतोदन में प्रधान मंत्री सड़क से नैनू आदिवासी के खेत से गीताबाई के खेत की खेत सड़क (ग्रेवल) का कार्य राशि रू. 14.48 लाख का स्वीकृत कर दिनांक 29.6.2020 को प्रारंभ कराया गया। (ख) जी हाँ, कुल प्राप्त 27 सड़कों के प्रस्तावों में से उत्तरांश (क) के अनुसार स्वीकृत कर प्रारंभ कराये गये। शेष कार्यों का परीक्षण कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से कराया जा रहा है। परीक्षण में कार्य साध्य पाये जाने पर वर्षाकाल उपरांत कार्यवाही की जाएगी। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
परम्परागत कृषि विकास योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 223 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत कटनी जिले में किन मार्गदर्शी निर्देशों के तहत विगत 3 वर्षों में कब-कब, किन–किन ग्रामों के कृषकों/समूहों का चयन किन शासकीय सेवकों द्वारा किया गया तथा इसकी जानकारी परियोजना संचालक आत्मा को कब–कब प्रेषित की गई? बनाये गए समूह एवं कलस्टर क्षेत्र के सहित सम्पूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कृषकों/समूहों को कब-कब, कहाँ–कहाँ भ्रमण कराया गया एवं कहाँ–कहाँ, किस–किस के द्वारा कब-कब क्या प्रशिक्षण दिया गया? क्या मृदा परीक्षण एवं रिकॉर्ड संधारण का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ तो दस्तावेज उपलब्ध करावें एवं यह भी बतलावें कि इन कृषकों/समूहों को वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्रशासनिक व्यय की प्राप्त हुई और किस-किस कार्य के भुगतान में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत अनुशंसित आदान सामग्री क्या है और किस-किस दर पर किस-किस संस्था से कब-कब कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई और भूमि के जैविक परिवर्तन हेतु क्या सहायता और कितनी राशि समूहवार/वर्षवार प्रदाय की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक जैविक क्षेत्रों एवं गतिविधियों का प्रश्न दिनांक तक कब-कब कौन-कौन से शासकीय सेवकों एवं जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति द्वारा पर्यवेक्षण/निरीक्षण/भौतिक सत्यापन किया गया और क्या निरीक्षण रिपोर्ट/अनुशंसा की गई? सभी दस्तावेजों की छायाप्रति देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय, म.प्र. भोपाल दिनांक 14.08.2018 एवं म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक बी-14-11/2018-14-2 भोपाल दिनांक 05.10.2018 के द्वारा मार्गदर्शी निर्देश द्वारा लागू की गई। जिले में समूहों, कृषकों का चयन कलस्टर के क्षेत्र एवं क्षेत्रफल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। चयन की जानकारी शासकीय सेवकों द्वारा 13.09.2018 को परियोजना संचालक आत्मा को भेजी गई। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेख हेतु कृषकों/समूहों को कब-कब, कहाँ-कहाँ भ्रमण कराया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। मृदा नमूने एकत्रित किये जा रहे है। परीक्षण उपरांत मृदा परीक्षण, कलस्टर क्षेत्रों का निरीक्षण एवं रिकार्ड संधारण का कार्य सहभागिता प्रतिभूति प्रणाली के अंतर्गत ऑनलाइन किया जाता है। दस्तावेज संधारण वेबसाईट (https://pgsindia-ncof.gov.in) कृषकों/समूहों को वर्ष में कोई भी राशि प्रशासनिक व्यय की प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) परम्परागत कृषि विकास योजना हेतु अनुशंसित आदान सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। भूमि को जैविक परिवर्तन हेतु परंपरागत कृषि विकास योजना में सहायता और राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक जैविक क्षेत्रों एवं गतिविधियों का प्रश्न दिनांक तक भ्रमण एवं अनुशंसा की निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
कटनी जिले में उद्यानिकी विभाग की योजनायें
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
42. ( क्र. 224 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद (डी.एम.एफ.) से प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक- 2382 दिनांक 18-03-2020 से कार्यालय परियोजना अधिकारी उद्यान अधिकारी उद्यान कटनी को कितनी राशि किस कार्य/कार्यक्रम हेतु किस मांग/आवश्यकता के चलते स्वीकृत/प्रदाय की गई और किस प्रक्रिया से क्या प्रस्ताव किन नाम, पदनाम के समकक्ष प्राधिकारों द्वारा तैयार अनुमोदित एवं स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) वर्मी कम्पोस्ट यूनिट हेतु अस्थाई वर्मीबेड एस.डी.पी.ई. क्रय करने का प्रस्ताव क्या उचित है जबकि शासन द्वारा मनरेगा और पंच परमेश्वर की मद की राशि से ईंट गारा/सीमेन्ट से पक्का एवं अस्थाई निर्माण कराये जाने के निर्देश हैं फिर पृथक से डी.एम.एफ. फन्ड से राशि स्वीकृत करने का क्या कारण है एवं क्या इस स्वीकृत डी.एम.एफ. राशि का प्रदाय वर्तमान परिस्थितियों एवं शासनादेशों के अनुरूप है? (ग) कटनी जिले में किन-किन खद्यान्न/अनाजों के प्रसंस्करण, भण्डारण की कितनी और कौन-कौन सी इकाईयां किन-किन स्थानों में वर्तमान में संचालित हैं और विगत 5 वर्षों में शासन/विभाग द्वारा किन-किन इकाईयों को क्या-क्या सुविधायें और कितनी-कितनी अनुदान राशि कब-कब प्रदान की गई? (घ) प्रश्नांक (ग) में उल्लेखित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों पर मिलिंग की अनियमितता एवं शुल्क अपवंचन के प्रकरण वर्तमान में जांच एवं कार्यवाही हेतु प्रचलित हैं? सूची देवें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जिले को राशि रूपये 1, 49, 63, 079 की कार्य योजना की प्रशासकीय स्वीकृति जिला कलेक्टर एवं उपाध्यक्ष (डी.एम.एफ.) द्वारा प्रदाय की गई है। जिले में कृषकों को आत्म निर्भर बनाने एवं जैविक सब्जी समेकित कृषि/उद्यानिकी/पुष्प उत्पादन कार्यक्रम अन्तर्गत उद्यानिकी का क्षेत्र विस्तार एवं रकबा बढ़ाने की आवश्यकता के चलते योजना की मांग के तहत स्वीकृति प्राप्त की गई है। प्रस्ताव की मांग तत्कालीन श्री ए.के. पांडे, परियोजना अधिकारी जिला उद्यान कटनी द्वारा श्री जगदीशचन्द्र गौमे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी के माध्यम से श्री एस.बी.सिंग, जिलाध्यक्ष (कलेक्टर) कटनी के द्वारा अनुमोदित एवं स्वीकृत किया गया है। जिला कलेक्टर एवं उपाध्यक्ष DMF जिला कटनी का आदेश क्रमांक 382 दिनांक 18.03.2020 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 'अ' अनुसार है। (ख) वर्तमान में कृषकों की परिस्थिति एवं शासन की मंशानुसार जैविक खेती को बढ़ावा देने एवं बड़े कृषकों के साथ-साथ लघु एवं सीमांत कृषक अपनी आवश्यकता अनुसार यूनिट को समय-समय पर विभिन्न स्थानों तक ले जाकर उपयोग करने के उद्देश्य से वर्मी कम्पोस्ट यूनिट अस्थायी वर्मीबेड HDPE का कृषकों को प्रदाय करने हेतु प्रस्ताव उचित है। जबकि मनरेगा और पंच परमेश्वर मद की राशि से ईंट, गारा, सीमेंट से पक्का एवं स्थायी निर्माण कराये जाने की योजना, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित है। स्वीकृत राशि का प्रदाय जिले के उद्यानिकी कृषकों को जैविक खेती उत्पादन हेतु वर्तमान परिस्थितियों में आत्मनिर्भर बनाने हेतु उचित है। (ग) जिले में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से प्राप्त स्थापित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 'ब' अनुसार है। जिले में उद्योग संवर्धन नीति 2010 एवं एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को दी गई सुविधाओं एवं अनुदान राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 'स' अनुसार है। जिले में संचालनालय उद्यानिकी द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को देय विशिष्ट वित्तीय सहायता योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को दी गई सुविधाओं एवं अनुदान राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र – 'द' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी द्वारा प्रदाय अनुदान प्राप्त खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों में से कार्यालय कृषि उपज मंडी समिति कटनी में मिलिंग में अनियमितता/शुल्क अपवंचन के लंबित प्रकरण संबंधी फर्मों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र – 'इ' अनुसार है।
सरपंच एवं प्रधान के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 227 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत के पदाधिकारी जिनको अपने पंचवर्षीय कार्यकाल में मध्यप्रदेश पंचायत राज की धारा 40 एवं 92 के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर वर्तमान में प्रधान एवं अन्य पदाधिकारी पर धारा 40 की कार्यवाही की जा सकती है या नहीं और दोषी सरपंच प्रधान की पात्रता रखता है या नहीं? (ख) प्रधान के पद पर कार्य करते हुए प्रधान द्वारा राशि का गबन अथवा नियम विरुद्ध निर्माण करने, आर्थिक अनियमितता करने पर क्या कार्यवाही की जा सकती है? (ग) ग्राम पंचायत के निष्क्रिय प्रधान को जिला कलेक्टर द्वारा पद से हटाए जाने के बाद अन्य किसी न्यायालय में अपील करने का प्रावधान है अथवा नहीं? अगर नहीं है तो कितने ग्राम पंचायत प्रधान द्वारा अपील की गई और उनकी अपील किस आधार पर स्वीकार की गई?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) पंचायत के पदाधिकारी जिन पर उनके पंचवर्षीय कार्यकाल में मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 40 एवं 92 के अंतर्गत आरोप अधिरोपित किये गये हैं, उन पर उक्त धाराओं में कार्यवाही की जा सकती है। दोषी सरपंच-प्रधान पद की पात्रता नहीं रखता। (ख) प्रधान के पद पर कार्य करते हुए किसी व्यक्ति को राशि का गबन अथवा नियम विरुद्ध निर्माण करने, आर्थिक अनियमितता करने का दोषी पाये जाने पर प्रधान पद से पृथक करने तथा आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की जा सकती है। (ग) म.प्र. पंचायत (अपील तथा पुरीक्षण) नियम, 1995 के अंतर्गत अपील का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मोहनपुरा एवं कुण्डालिया वृहद परियोजना का निर्माण
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 230 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मोहनपुरा एवं कुण्डालिया वृहद परियोजना जिला राजगढ़ से खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के संपूर्ण क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है? अगर हाँ तो इन दोनों योजनाओं से इन विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन एजेंसी कितने-कितने क्षेत्र में प्रेशर पाईप पद्धति से निर्माण कार्य में कार्यरत है? (ख) निर्माण एजेंसी के कार्य प्रारंभ करने का दिनांक, अद्यतन स्थिति व निर्माण कार्य पूर्ण करने की जानकारी एजेंसीवार देवें। साथ ही मूल अनुबंधित समयावधि व एजेंसीवार अनुबंधित राशि भी बताएं। (ग) दोनों जलाशयों के नहर (प्रेशर पाईप पद्धति) निर्माण जो की खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में करवाया जा रहा है, उस कार्य में विलंब का दोषी कौन है? उस पर शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) निर्माण एजेंसी की अनुबंधित समयावधि अभी समाप्त नहीं हुई है। कार्य प्रगतिरत होने से कोई दोषी नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर जिले में बढ़ते अपराधों पर कार्यवाही
[गृह]
45. ( क्र. 241 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर व जबलपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते अपराध के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या जबलपुर जिले में गोली काण्ड/नशा का कारोबार, जुआ-सट्टा के बढ़ते प्रभाव के लिये संबंधित थाना जिम्मेदार नहीं है? यदि हाँ तो इनके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? जिले में सभी अपराधों की जानकारी भी दी जावे। (ग) जबलपुर जिले में एक जनवरी, 2020 से 31 मार्च 2020 एवं 1 अप्रैल 2020 से 31 अगस्त 2020 तक के अपराधों की जानकारी एवं किन-किन पुलिस थानों में प्रकरण दर्ज है? बिंदुवार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह कहना सही नहीं है कि जबलपुर व जबलपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध बढ़ रहे हैं। वस्तुस्थिति यह है कि मुख्य अपराध शीर्षों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं है केवल अन्य भा.द.वि. में धारा 188 की अधिक कार्यवाही करने के कारण हुई है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित अपराध शीर्षो में समुचित कार्यवाही की गई है। अपराधों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' एवं ''घ'' अनुसार है।
सिंचाई हेतु नहरों का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 244 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गुलाब सागर परियोजना के तहत कितने हेक्टर में सिंचाई हेतु नहरों का निर्माण हो गया है। मुख्य नहर से कितनी माईनर निकली है? इनसे सिंचित रकबे की ग्रामवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) उक्त कार्यों में अब तक कितनी राशि खर्च की गई है एवं किस संविदाकार द्वारा कौन-कौन सा कार्य किया गया है? वर्षवार, संविदाकारवार, कार्यवार जानकारी दें। कितने क्षेत्र में लाईनिंग हो गई है? विवरण दें तथा इसके कार्य की गुणवत्ता की कब-कब किस संस्था द्वारा जांच की गई है? यदि इंटरनल ऑडिट हुई है तो रिपोर्ट का विवरण प्रस्तुत करें। (ग) गुलाब सागर बांध से जुड़ी किन-किन जल उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा अब तक कितनी राशि का कार्य कितने कृषकों के खेत में किया गया? जानकारी दें तथा इससे किस-किस ग्राम के कितने रकबे को सिचिंत किया गया है? (घ) चुरहट विधानसभा में इस योजना के अंतर्गत जिन ग्रामों में पानी नहीं पहुँचा है, उनके लिए सरकार की क्या योजना है? क्या उद्वहन सिंचाई की कोई योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) चुरहट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत गुलाब सागर परियोजना के तहत 8461.89 हेक्टर में सिंचाई हेतु नहरों का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। मुख्य नहर से माईनर नं. 1 से 16 तक एवं खड्डी उदवहन सिंचाई योजना की 1 से 15 नग माईनर नहरें निकली है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) कार्यों पर रू.214.88 करोड़ व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। मुख्य नहर के कि.मी. 0 से 48 एवं 52.80 से 57 कि.मी. तथा माईनर 1 से 9 तक लाईनिंग कार्य पूर्ण। खड्डी उद्वहन योजना में 0 मीटर से 1850 मीटर तक मेसनरी चैनल एवं इसके पश्चात अंतिम छोर तक लाईनिंग कार्य तथा 15 नग माईनरों में लाईनिंग कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांच विभागीय क्वालिटी कन्ट्रोल द्वारा की गई। जी नहीं। (ग) संथाओं द्वारा किए गए कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। सिंचित रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में दर्शित है। (घ) वर्तमान में शासन स्तर पर कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत अपात्र हितग्राहियों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 245 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत रामपुर नैकिन जनपद एवं सीधी जनपद के अंतर्गत आने वाली पंचायतों में से अब तक प्रारंभिक सूची में नाम होने के बाद भी कितने हितग्राहियों का दावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपात्र किया गया है? ग्रामवार हितग्राहीवार कारण सहित जानकारी दें। (ख) चुरहट विधान सभा के अंतर्गत रामपुर नैकिन जनपद एवं सीधी जनपद में कितनी ग्राम पंचायतों में रोजगार गांरटी के कितने सामुदायिक कार्य पिछले 2 वर्षों में पूर्ण किये गए हैं? जनपद पंचायतवार कार्य क्षेणीवार जानकारी दें। (ग) पंच परमेश्वर योजना के तहत पिछले 2 वर्षों में किन-किन पंचायतों में कितनी राशि किस-किस मद में खर्च की गई है एवं इस खर्च का क्या कोई ऑडिट किया गया है? यदि हाँ तो कब? ऑडिट रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी ग्रामवार, मदवार दें। (घ) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पिछले 03 वर्षों में कितने गांवों में नलजल योजना बनाकर पंचायतों को संचालन हेतु सौंपी गई एवं किस वर्ष में? इनमें से कितनी योजनाएं वर्तमान में किन-किन ग्रामों में जल की सप्लाई कर रही है एवं कितनी बंद हो गई है एवं क्यों? बंद नलजल योजनाएं कब तक प्रारंभ हो जाएगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) चुरहट विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत रामपुर नैकिन एवं सीधी जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में 1699 हितग्राही अपात्र पाये गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) चुरहट विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत रामपुर नैकिन एवं सीधी जनपद में 373 सामुदायिक कार्य पूर्ण किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में कोई योजना बनाकर नहीं सौंपी गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंजीबद्ध अपराध में कार्यवाही
[गृह]
48. ( क्र. 252 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना आरोन जिला गुना में दिनांक 19 मार्च 2020 को अपराध क्र. 0217 पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ तो किसके द्वारा उक्त अपराध किस-किस के विरूद्ध किस-किस धारा में पंजीबद्ध किया था एवं आरोपियों के विरूद्ध विवेचना अधिकारी द्वारा विवेचना पूर्ण कर विवेचना निष्कर्ष के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि आरोपी पर कार्यवाही नहीं की गई है तो क्या विवेचना अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या फरियादी श्रीमती रीता सोनी को आरोपी द्वारा धमकाया जा रहा है? रीता सोनी ने इस आशय की शिकायत की थी? क्या आरोपी के विरूद्ध शासकीय कर्मचारी को धमकाने के लिये प्रकरण दर्ज किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? (घ) उपरोक्त प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक नहीं की गई? कब तक गिरफ्तारी कर ली जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) आवेदिका रीता सोनी संविदा कर्मी नगर पंचायत आरोन की सूचना पर आरोपी शंकर पिता रमेश सिंह रघुवंशी निवासी आरोन के विरूद्ध अप.क्र. 217/20 धारा 420, 406, 353 भादवि पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण विवेचना में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्रीमती रीता सोनी से इस आशय की शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत जांच पर डराने-धमकाने का आरोप प्रमाणित नहीं पाया गया। (घ) प्रकरण विवेचनाधीन है। विवेचना में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधि सम्मत् कार्यवाही की जाएगी।
थाना लहार में पंजीबद्ध अपराध क्र. 83/20 के आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
49. ( क्र. 254 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के थाना लहार में अपराध क्र./0083/दिनांक 29/03/2020 पंजीबद्ध किया गया था? यदि हाँ तो अपराध भारतीय दण्ड संहिता की किन-किन धाराओं के अंतर्गत किनके द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट देने पर किन-किन के विरूद्ध किन कारणों से पंजीबद्ध किया गया? (ख) क्या उपरोक्त पंजीबद्ध अपराध के आरोपियों को गिरफ्तार कर लूटा गया सामान बरामद कर लिया गया है? यदि नहीं तो संबंधित उत्तरदायी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? घटना स्थल से थाने की दूरी कितनी है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में श्री अमर सिंह, सचिव ग्राम पंचायत बैशपुरा जनपद पंचायत लहार जिला भिण्ड द्वारा दिनांक 29/03/2020 को ग्राम पंचायत बैशपुरा द्वारा ग्राम छिपावली नं. 01 में नवनिर्मित गौशाला की दीवारों को गिराकर तथा सामान ले जाने विषयक थाना प्रभारी लहार जिला भिण्ड को लिखित में शिकायत की गई थी? यदि हाँ तो उक्त शिकायत के संबंध में पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? शिकायत की छायाप्रति संलग्न करें। (घ) क्या उपरोक्त पंजीबद्ध अपराध के आरोपियों को लहार थाने में पदस्थ पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की आरोपियों से सांठ-गांठ होने से गिरफ्तारी नहीं की गई और न ही लूट/चोरी का सामान बरामद किया गया? यदि नहीं तो अभी तक गिरफ्तारी न करने के कारण क्या हैं और कब तक गिरफ्तार किया जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हां। फरियादी श्री अमरसिंह पिता श्री रामदास जाटव उम्र 28 साल सचिव निवासी ग्राम छिवावली थाना जिला भिण्ड की रिपोर्ट पर आरोपी 1. हरगोविन्द पिता बालादिन 2. अनिल पिता मुन्ना 3. मुन्ना पिता जगदीश 4. बन्टी पिता जगदीश 5. महेश पिता दुर्गादास 6. राजू पिता दुर्गादास 7. अतुल पिता महेश 8. रौनू पिता महेश 9. कैलाश पिता श्रीराम 10. अनूप पिता कैलाश 11. दीपक पिता कैलाश तथा 12. दिलीप पिता 02 नरेश शर्मा सभी निवासी ग्राम छिवावली के विरूद्ध शासकीय गौशाला निर्माण स्थल पर बनी दीवार तोड कर रेत गिट्टी सरिया आदि उठाकर ले जाने के कारण थाना लहार जिला भिण्ड में अपराध क्रमांक 83/2020 धारा 384, 427, 34 भादवि, सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 03 व इजाफा 3 (1) द, ध एससी एसटी एक्ट का पंजीबद्ध किया गया। (ख) प्रकरण में 05 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है व अन्य आरोपियों की पतारसी की जा रही है। थाने से घटना स्थल की दूरी पश्चिम करीब 05 कि.मी. है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शिकायत पर थाना लहार में अपराध क्रमांक 83/2020 धारा 384, 427, 34 भादवि, सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 03 व इजाफा 3 (1) द, ध एस.सी. एस.टी. एक्ट का पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान धारा 384 भादवि अपराध से पृथक की गई है। शिकायत की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तर (ख) में समाहित है।
पंजीबद्ध अपराध के आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
50. ( क्र. 255 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के थाना दबोह में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 0038 दिनांक 15.03.2020 में फरियादी श्री चन्दन सिंह दोहरे पुत्र श्री तातीराम प्रसाद निवासी ग्राम जगदीशपुरा ने किन-किन के विरूद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी? (ख) उपरोक्त अपराध किन-किन धाराओं में पंजीबद्ध किया गया है? (ग) आरोपियों के निवास की दूरी दबोह थाने से लगभग 300 मीटर की होने के बाद भी गिरफ्तारी न करने का कारण बतायें। (घ) क्या पुलिस अधिकारियों की सांठ-गांठ से शासकीय हनुमान मंदिर एवं कृषि उपमण्डी दबोह की भूमि आरोपियों द्वारा विक्रय की जाने से करोड़ों की राशि का आपस में बटवारा करने से आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा है? यदि नहीं तो घटना के 05 माह बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार न करने के लिए दोषी पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) दिनांक 18/03/2020 को फरियादी श्री चन्दन सिंह दोहरे पुत्र श्री तातीराम प्रसाद निवासी ग्राम जगदीशपुर की रिपोर्ट पर आरोपी गोपाल कृष्ण ब्राम्हण एवं राजेश कुमार ब्राम्हण निवासी दबोह के विरूद्ध थाना दबोह में अप.क्रं. 38/20 धारा 323, 294, 506, 34 भादवि., 3 (1) (द) (ध) 3 (2) (व्ही.ए) एस.टी./एस.सी एक्ट का पंजीबद्ध किया गया था। (ग) आरोपियों के विरूद्ध अब तक की विवेचना में पर्याप्त साक्ष्य का अभाव होने से गिरफ्तारी नहीं की गई है। विवेचना जारी है। (घ) प्रश्नांश उत्तर (ग) में समाहित है।
अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 269 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितम्बर 20 की स्थिति में रायसेन जिले की ग्राम पंचायतों में 14वां वित्त आयोग एवं पंच-परमेश्वर योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत कोन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) नवंबर 19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन कार्यों में अनियमितताओं की किन-किन माध्यमों से माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को शिकायतें प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) अप्रारंभ कार्यों को प्रारंभ करवाने में ग्राम पंचायतों को क्या-क्या कठिनाईयां हैं तथा किन-किन अप्रारंभ कार्यों में कितनी-कितनी राशि कब-कब आहरित कर ली गई तथा क्यों? (घ) अपूर्ण कार्य पूर्ण करवाने के लिए उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत द्वारा क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये गये? पूर्ण विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) सितंबर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले की ग्राम पंचायतों में 14वां वित्त आयोग एवं पंच-परमेश्वर योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में से अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों की जानकारी एवं अपूर्ण तथा अप्रारंभ रहने का कारण, कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु विभागीय अधिकारियों के द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) नवम्बर 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कार्यों में अनियिमितताओं की किसी माध्यम से शिकायतें प्राप्त नहीं हुई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अप्रारंभ कार्यों को प्रारंभ करवाने में ग्राम पंचायतों को परिलक्षित कठिनाईयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। अप्रारंभ कार्यों में राशि का आहरण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अपूर्ण कार्य पूर्ण करवाने के लिए उपयंत्री सहायक यंत्री कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला एवं जनपद पंचायत द्वारा की गई कार्यवाही/प्रयास का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
सिंचाई परियोजनाओं के कार्यों की स्थिति
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 273 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में बानसुजारा बांध एवं हरपुरा सिंचाई परियोजना कब और कितनी लागत की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई थी? इस योजना से कौन-कौन से ग्रामों के किसानों को खेती के लिए पानी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था? सूची प्रदाय करें एवं यह भी बताएं कि कौन-कौन सी नहरों से कौन-कौन से तालाबों में फेस-1 एवं फेस-2 के माध्यम से पानी दिये जाने का लक्ष्य था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि किस-किस ठेकेदार को कौन-कौन से कार्य का किस दर पर कितनी-कितनी लागत का दिया गया था? प्रश्न दिनांक तक कार्य कराने की समयावधि क्या-क्या थी? क्या-क्या कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो चुके हैं? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं। कब तक सम्पूर्ण कार्य पूरे करवा दिये जावेंगे? प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक योजना पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदारों को किया जा चुका है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि ऐसी कौन-कौन सी परियोजनाएं हैं जो प्रश्न दिनांक के पूर्व साध्यता में आती थीं, मगर विभाग ने अब काम न करने हेतु उसे असाध्य घोषित कर दिया है, क्यों? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि हरपुरा परियोजना का फेस-2 का कार्य चालू करवाने बराना के तालाब में नहर डाली जावेगी तो कब तक? इसके लिए स्वीकृत राशि का कितना-कितना और कब तक उपयोग कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि बानसुजारा बांध की योजना में जो स्वीकृत ग्राम छोड़ दिये गए हैं उन ग्रामों के किसानों को पाईप लाईन बिछवाकर कब तक कार्य पूर्ण करवाया जावेगा एवं कब तक धसान नदी का पानी किसानों के खेतों में पहुंचेगा? हरपुरा सिंचाई परियोजना का फेस-2 का कार्य जो बंद है उसे निरस्त कर दिया गया है, पुन: स्वीकृति हेतु जामनी नदी के पानी की गणना हरपुरा सिंचाई परियोजना हेतु आदेश जारी किया जावेगा तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बानसुजारा परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 13.01.2016 को रू. 176850.00 लाख की सैच्य क्षेत्र 75, 000 हेक्टर हेतु प्रदान की गई। हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-1 की प्रशासकीय स्वीकृति 27.08.2011 को रू.4133.00 लाख की एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 18.08.2015 को रू. 6191.69 लाख एवं फेस-2 की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.02.2013 को रू. 3318.08 लाख की प्रदान की गई। हरपुरा परियोजना फेस-1 से 10 तालाबों को भरने तथा फेस-2 से 02 तालाबों को भरना लक्षित था। बानसुजारा वृहद सिंचाई परियोजना से लाभान्वित होने वाले ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार तथा हरपुरा परियोजना फेस-1, फेस-2 के अंतर्गत भरे जाने वाले तालाबों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार एवं लाभान्वित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (ग) हरपुरा परियोजना फेस-2 के अंतर्गत हरपुरा वियर के अपस्ट्रीम में जामनी नदी पर उत्तरप्रदेश द्वारा भौंराट बांध के निर्मित कर लेने से हरपुरा नहर में पानी की उपलब्धता केवल 10 तालाबों को भरने की रह गई है। अतः अतिरिक्त तालाबों को भरने हेतु पानी की उपलब्धता न होने से हरपुरा परियोजना फेस-2 तकनीकी रूप से असाध्य हो गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) बानसुजारा वृहद सिंचाई परियोजना में उपलब्ध 250 मि.घ.मी. जल का अधिकतम उपयोग करते हुए उत्तरांश (क) में दर्शित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कार्य प्रगतिरत है। परियोजना में अतिरिक्त जल उपलब्ध न होने के कारण अन्य ग्रामों को जोड़ा जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
53. ( क्र. 285 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में केन्द्र सरकार एवं म.प्र. शासन की कौन-कौन सी योजनाएं विभाग द्वारा पन्ना और कटनी जिले में संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत पन्ना और कटनी जिले में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई तथा क्या-क्या सामग्री कितने किसानों/हितग्राहियों को प्रदाय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) राशि का व्यय और सामग्री का वितरण नियमानुसार किया गया? यदि हाँ तो कैसे? (घ) क्या DMF मद से कटनी जिले में समन्वित कृषि विकास प्रस्तावित कार्यक्रम 2019-20 हेतु राशि स्वीकृत की गयी है? यदि हाँ तो कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा कितना व्यय किया गया तथा कितने हितग्राही/किसानों को इस कार्यक्रम का लाभ हुआ? (ड.) जिले में DMF मद की राशि से कार्यों की स्वीकृति एवं उपयोग नियमानुसार हुआ है, यदि हाँ तो प्रश्नांश (घ) के कार्यक्रम की स्वीकृति और सामग्री का वितरण किस प्रकार नियमानुसार है? (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) पन्ना और कटनी जिले में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों का सोशल ऑडिट/तृतीय पक्ष से मूल्यांकन कराया गया है? यदि हाँ तो किस प्रकार तथा कब?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) वर्तमान में केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन की विभाग द्वारा पन्ना और कटनी जिले में संचालित की गयी योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला पन्ना और कटनी में विभागीय योजनाओं में प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा योजनाओं में प्रदाय सामग्री एवं लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ, योजनाओं में जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सामग्री का वितरण एवं राशि का व्यय नियमानुसार किया गया है। (घ) जी हाँ, कार्यक्रम हेतु स्वीकृत राशि एवं व्यय की गई राशि तथा लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ड.) जी हाँ, समन्वित कृषि विकास प्रस्तावित कार्यक्रम का माननीय प्रभारी मंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन से प्राप्त अनुमोदन उपरांत कलेक्टर एवं उपाध्यक्ष (DMF) जिला कटनी मध्यप्रदेश द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति एवं कार्यों के अनुमोदन उपरांत सामग्री का वितरण किया गया है। (च) जी नहीं, पन्ना और कटनी जिले में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों का सोशल ऑडिट/तृतीय पक्ष से मूल्यांकन नहीं कराया गया है।
शासकीय अभिभाषकों की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
54. ( क्र. 312 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 17/12/2018 से 20/03/2020 तक जिन नोटरी के स्टाम्प विधि विभाग में प्राप्त हुए, उनमें कितनों के आदेश जारी किये गए और कितनों के नहीं? कारण सहित स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) दिनांक 17/12/2018 से दिनांक 20/03/2020 तक प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त होने के उपरांत कितने शासकीय अभिभाषक/अतिरिक्त शासकीय अभिभाषकों की नियुक्ति कर आदेश जारी किये गये अथवा नहीं? सूची सहित स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराएं तथा आदेश कब तक जारी किये जायेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) तक की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों की लंबित समस्याओं का निराकरण
[उच्च शिक्षा]
55. ( क्र. 323 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विभागीय समस्याओं का निराकरण वर्षों से नहीं किया जा रहा है और वरिष्ठता सूची जारी नहीं किए जाने का क्या कारण है? कब तक जारी की जावेगी? (ख) इनके स्थायीकरण के आदेश कब से जारी नहीं किए गये? स्थायीकरण के क्या प्रावधान है? (ग) इनके जी.आई.एस./एफ.बी.एफ. स्वीकृत किए जाने के क्या प्रावधान है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। कर्मचारियों की विभागीय समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता/नियमानुसार किया जाता है। महाविद्यालयीन तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची प्रतिवर्ष जारी की जाती है। दिनांक 01/04/2019 की स्थिति में नवीनतम वरिष्ठता सूची जारी की गई है। उच्च शिक्षा संचालनालय के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची 01/04/2014 की स्थिति में जारी की गई है। इस वरिष्ठता सूची पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 705/2012 विचाराधीन होने के कारण इसके पश्चात् वरिष्ठता सूची जारी नहीं की गई है। संचालनालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची दिनांक 01/04/2018 की स्थिति में जारी की गई है। (ख) संचालनालय के कर्मचारियों के स्थायीकरण के आदेश वर्ष-2004 एवं महाविद्यालयीन कर्मचारियों के स्थायीकरण के आदेश वर्ष-1999 में जारी किये गए हैं। शेष पर नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है। स्थायीकरण से संबंधित प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी.आई.एस./एफ.बी.एफ. से संबंधित प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
उर्वरक बीज की गुणवत्ता जांच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
56. ( क्र. 325 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल, 2020 से अगस्त 2020 तक कृषि विभाग द्वारा उर्वरक बीज और कृषि दवा के कितने-कितने सेम्पल लिये गये? कितने जांच के लिए भेजे तथा कितने-कितने अमानक पाये गये और क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नाधीन अवधि में एन.एस.सी. और बीज निगम के सोयाबीन के कितने लॉट किन-किन जिलों में फेल हुए हैं और क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रदेश में प्रश्नाधीन अवधि में सोयाबीन सीड में मिक्सिंग तथा अमानक की शिकायत पर किन-किन कम्पनी का बीज परीक्षण में फेल हुआ? क्या इन्दौर में ईगल सीड के 15 में 14 सेम्पल फेल हुये? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) तथा (ग) अनुसार अमानक बीज पर कितने उत्पादक किसानों का निरीक्षण कर कितना-कितना भुगतान किया गया तथा अमानक बीज पर हुये नुकसान की भरपाई हेतु क्या कदम उठाये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 तक कृषि विभाग द्वारा उर्वरक, बीज और कृषि दवा के लिये गये सेम्पल, जांच के लिये भेजे गये सेम्पल एवं अमानक पाए गये सेम्पल और की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में एन.एस.सी. और बीज निगम के सोयाबीन के जिलों में फेल हुए लॉट एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रदेश में प्रश्नाधीन अवधि में सोयाबीन सीड में मिक्सिंग तथा अमानक की शिकायत पर जिन कम्पनी का बीज परीक्षण में फेल हुआ उनकी जानकारी तथा इंदौर में ईगल सीड के 15 में 14 सेम्पल फेल होने की जानकारी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) तथा (ग) अनुसार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
फालेन आउट अतिथि विद्वानों की सेवा में वापसी
[उच्च शिक्षा]
57. ( क्र. 328 ) श्री जितू पटवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा फालेन आउट अतिथि विद्वानों को सेवा में लेने हेतु 09 मार्च तक ऑनलाइन च्वाईस फिलिंग करवाई गई थी? यदि हाँ तो कितने अतिथि विद्वानों को आमंत्रण पत्र जारी किए गए? सूची उपलब्ध कराएं और नहीं तो कब तक उन्हें सेवा में रख लिया जाएगा? (ख) क्या विभाग की अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण हेतु कोई योजना है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग के पूर्व मंत्री ने 15 मार्च को अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण हेतु निर्देश विभाग को नोटशीट पर जारी किए थे? यदि हाँ तो उसमें प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विभाग अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण होने तक कार्यरत अतिथि विद्वानों को सेवा में बनाये रखेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। मार्च-2020 में ऑनलाइन च्वाईस फिलिंग के बाद आमंत्रण पत्र जारी नहीं किया गया। माह अगस्त-2020 में पुनः च्वाईस फिलिंग कराकर, आमंत्रण की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। प्रकरण परीक्षणाधीन है। (घ) म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ-1-42/2017/38-1, दिनांक 17.12.2019 अतिथि विद्वानों के आमंत्रण के संबंध में जारी नीति/निर्देश अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
किसानों की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 329 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन पूर्व कमलनाथ सरकार की किसान कर्ज माफी की घोषणा का पालन कर शेष किसानों का कर्ज अक्टूबर 2020 तक माफ कर देगी? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या शासन पूर्व कमलनाथ सरकार की किसान कर्ज माफी की घोषणा से मुकर सकता है? क्या वह कानूनी रूप से शेष किसानों का कर्ज माफ करने से इंकार कर सकता है? (ग) क्या शासन जिन किसानों का पूर्व सरकार की घोषणा अनुसार कर्ज माफ होना शेष है उन्हें फिर से ऋण देने हेतु बैंकों को निर्देश प्रदान करेगा तथा उन्हें डिफाल्टर नहीं मानने हेतु पत्र लिखेगा? (घ) क्या शासन पूर्व कमलनाथ सरकार की कर्ज माफी योजना में शेष किसानों के कर्ज माफ करने में कोई नयी योजना लाकर परिवर्तन करने जा रहा है? यदि हाँ तो उसकी जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) ऋण माफी योजना की विस्तृत समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिये जावेंगे। (ख) से। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
59. ( क्र. 332 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में रायसेन जिले के कितने किसानों को कितनी राशि फसल बीमा के तहत प्रदान की गई तथा कितने किसानों को राशि अभी तक देना बाकी है? सूची देवें। (ख) वर्तमान में रायसेन जिले में कितने किसानों का कितने हेक्टेयर का बीमा करवाया गया तथा 2019 में भारी वर्षा के कारण रायसेन जिले के कितने किसानों का नुकसान हुआ तथा कितनी राशि कितने व्यक्तियों को प्रदान की गयी? रायसेन जिले के किसानों की तहसीलवार सूची देवें। (ग) वर्ष 2019-20, 2020-21 में किसानों की उपार्जित की गई गेहूं एवं चने की फसलों में कितना भुगतान किया? क्या किसानों का भुगतान अभी शेष है? अगर हाँ तो यह भुगतान कब तक होगा? अगर नहीं तो किसान क्यों भुगतान नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं? (घ) वर्तमान में क्या रायसेन जिले के अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में यूरिया की पर्याप्त व्यवस्था है? यदि हाँ तो किसानों को उपलब्ध क्यों नहीं हो रहा है एवं यदि नहीं तो कब तक समुचित व्यवस्था हो पायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खरीफ 2019 के लिये बीमा कंपनी को प्रीमियम राशि का भुगतान कर दिया गया है। पात्र कृषकों को दावा राशि भुगतान का कार्य बीमा कंपनी स्तर पर प्रक्रिया में है। अत: संख्या बताना संभव नहीं है। रबी वर्ष 2019-20 के फसल कटाई प्रयोगों के आंकडे का संकलन आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त, ग्वालियर द्वारा किया जा रहा है। अत: संख्या बताना संभव नहीं है। (ख) खरीफ वर्ष 2020 में रायसेन जिले में लगभग 57743 किसानों का लगभग 116042 हेक्टेयर का फसल बीमा किया गया। खरीफ 2019 के लिये बीमा कंपनी को प्रीमियम राशि का भुगतान कर दिया गया है। पात्र कृषकों को दावा राशि भुगतान का कार्य बीमा कंपनी स्तर पर प्रक्रिया में है। अत: संख्या बताना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना के
अपूर्ण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 333 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रारंभ होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में किन-किन ग्रामों में सड़कें स्वीकृत की गई? विकासखण्डवार स्वीकृत लंबाई स्वीकृत राशि कार्य पूर्ण होने की दिनांक सहित सूची दें। (ख) उक्त स्वीकृत सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कें गारण्टी अवधि में हैं? उनकी मरम्मत क्यों नहीं करवाई गई? किन-किन सड़कों तथा पुलों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है एवं क्यों? उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में रायसेन जिले की किन-किन सड़कों के प्रस्ताव भारत सरकार को कब-कब भेजे गए? किन-किन की स्वीकृति प्राप्त हुई तथा उनका कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (घ) 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई रायसेन को जिले के अन्य विधायक, सांसद तथा प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं को निराकरण क्यों नहीं हुआ? पत्रों के जबाब कब-कब दिये? किन-किन पत्रों के जबाब क्यों नहीं दिये तथा कब तक देंगें?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है तथा मार्गों की मरम्मत अनुबंध के प्रावधानुसार करवाई गई है। अपूर्ण तथा अप्रारंभ सड़कों तथा पुलों के कार्यों की जानकारी तथा कार्य पूर्ण कराने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण सहित समस्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
कोविड-19 से संबंधित सामग्री
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 347 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत प्रदेश में कितने स्व-सहायता समूहों से कोविड-19 से संबंधित सामग्री जैसे मास्क आदि बनवाए गए? जिलावार वस्तुवार संख्या बतावें। (ख) क्या शासन ने इन उत्पादित सामग्री के क्रय के लिए कोई नोडल एजेंसी बनाई है? यदि हाँ तो उसका नाम व कार्य का विवरण देवें। (ग) इंदौर, उज्जैन, भोपाल, सागर में इन स्व-सहायता समूहों से कितनी राशि की कौन सी सामग्री इस नोडल एजेंसी को विक्रय की गई? सामग्री नाम, मात्रा, राशि प्रति नग सहित कुल सामग्री का विवरण देवें। (घ) नोडल एजेंसी द्वारा यह सामग्री अभी तक कहाँ-कहाँ विक्रय की गई? सामग्री नाम, विक्रय मूल्य राशि, सामग्री मात्रा सहित देवें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विभाग अंतर्गत 5, 940 स्व-सहायता समूहों द्वारा कोविड-19 से संबंधित सामग्री जैसे मास्क, सेनेटाइजर, साबुन, हैंडवॉश, पी.पी.ई कीट आदि बनाए गए, जिसकी विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 महामारी के बचाव हेतु व्यय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 348 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-04-2020 से 25-08-2020 तक कोविड-19 महामारी से संबंधित विभाग द्वारा कितनी राशि किन कार्यों के लिए व्यय की गई? बड़वानी जिले के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्रवार कार्य का नाम राशि सहित बतावें। (ख) इन कार्यों के लिए जो टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई उसका विवरण उपरोक्तानुसार कार्य नाम, लागत सहित विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ग) उपरोक्तानुसार कितनी राशि का भुगतान किन फर्मों/व्यक्तियों को किया गया की जानकारी फर्म/व्यक्ति नाम सहित विधानसभा क्षेत्रवार देवें। लंबित भुगतान की जानकारी भी साथ में देवें। (घ) बड़वानी जिले में मजदूरों को बाहर से लाने के लिए जो राशि व्यय की गई उसकी जानकारी मजदूर संख्या, राशि, वाहन क्रमांक सहित जिलावार देवें। भुगतान/लंबित की जानकारी भी देवें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) दिनांक 01 अप्रैल 2020 से दिनांक 25 अगस्त 2020 तक कोविड-19 महामारी से विभाग अंतर्गत विभिन्नक कार्यों पर किये गये व्यय का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इन कार्यों के लिए टेंडर प्रकिया नहीं अपनाई जाकर कार्यालय कलेक्टर के आदेश क्रमांक 2945/राहत/2020 बड़वानी दिनांक 30 अप्रैल 2020 के द्वारा अनुविभागीय स्तर पर क्रय समिति का गठन किया गया जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जिले के विभिन्न विकासखण्डों द्वारा फर्मों/व्यक्तियों को किये गये भुगतान के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
ग्रामों की नल-जल योजनाएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 351 ) श्री सुनील सराफ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्रामों में विभागीय रूप से कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? ग्रामों के नाम बतावें। (ख) उपरोक्त योजनाओं के ग्रामवार प्रारंभ दिनांक भी देवें। इसकी लागत भी बतावें। (ग) वर्तमान में कितनी योजनाएं चालू/बंद हैं की ग्रामवार जानकारी देवें। बंद योजनाओं के कारण भी देवें। इन्हें कब तक चालू कर दिया जाएगा? (घ) शेष योजनाएं कब तक स्वीकृत की जाकर प्रारंभ कर दी जाएगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) कोतमा विधानसभा क्षेत्र में 59 ग्रामों में 63 नलजल योजनायें संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जल जीवन मिशन अंतर्गत समस्त ग्रामों में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जल प्रदाय की योजना वर्ष 2024 तक पूर्ण की जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उज्जैन के माधवनगर थाना में प्रकरण दर्ज न किया जाना
[गृह]
64. ( क्र. 352 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन के माधवनगर थानांतर्गत माह अगस्त 2020 में प्रमोद शुक्ला द्वारा मृत्यु पूर्व दिए बयान में अर्पित द्विवेदी, यतीन्द्र कुमार द्विवेदी निवासी 23, अणु परिसर उज्जैन एवं राजेन्द्र शर्मा निवासी कन्नौद, जिला देवास द्वारा आत्महत्या के लिए विवश करने का उल्लेख किया था। क्या कारण है कि इन तीनों पर अभी तक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया? (ख) प्रकरण पंजीबद्ध होने में विलंब के उत्तरदायी अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) स्व. प्रमोद शुक्ला द्वारा आत्महत्या करने के कुछ दिन पूर्व दिनांक 31.07.2020 को पुलिस अधीक्षक उज्जैन को प्रश्नांश (क) में वर्णित संबंधितों द्वारा दी गई प्रताड़ना संबंधी आवेदन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखितों पर कब तक प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनाँक 06/08/2020 को प्रमोद शुक्ला की मृत्यु होने से थाना माधवनगर में मर्ग क्रमांक-26/2020 धारा 174 द.प्र.सं. की जांच पश्चात अपराध क्रमांक 847/2020 धारा 306, 34 भादवि, आरोपीगण अर्पित द्विवेदी, यतीन्द्र द्विवेदी एवं राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। (ख) दिनांक 06.08.2020 को रात्रि 13:52 बजे करीब मृत्यु होने से थाना माधवनगर में 26/06.08.20 को मर्ग कायम कर जांच में लिया गया, जिसकी मर्ग जांच 25 दिन में पूर्ण कर आरोपी अर्पित द्विवेदी, यतीन्द्र द्विवेदी, राजेन्द्र शर्मा के विरूद्ध दिनांक 01.09.2020 को अपराध क्रमांक 847/2020 धारा 306, 34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। (ग) आवेदन पत्र दिनांक 31.07.2020 की जांच जारी है। (घ) आरोपी अर्पित द्विवेदी, यतीन्द्र द्विवेदी की गिरफ्तारी की जा चुकी है, शेष 01 आरोपी घटना दिनांक से फरार है जिसकी गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
65. ( क्र. 355 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर के तुकोगंज थाने में दिनांक 23/07/2020 को सारिका पिता नंदकिशोर तिवारी द्वारा दिए आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) क्या कारण है कि आवेदन देने के लगभग 1 माह बाद भी इस पर उचित कार्यवाही नहीं की गई? (ग) इस पर कब तक कार्यवाही कर संबंधित विषय का निराकरण किया जाएगा? समय-सीमा बतावें और इस प्रकरण में विलंब के लिये जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्राप्त शिकायत की जांच उपरांत, यह प्रकरण सम्पत्ति बंटवारे को लेकर विवाद का पाया गया। प्रकरण सिविल प्रकृति का होने से पुलिस अहस्तक्षेप योग्य है। अनावेदिका द्वारा सिविल न्यायालय में प्रकरण दायर किया गया है, जो विचाराधीन है। (ख) यह कहना सही नहीं है। (ग) उत्तर प्रश्नांश (क) में समाहित है।
कोरोना काल में मृतक पुलिस कर्मियों की जानकारी
[गृह]
66. ( क्र. 356 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एवं उज्जैन संभाग में कोरोना से कितने पुलिसकर्मी संक्रमित हुए? कितनों की मृत्यु हुई? जिलावार जानकारी देवें। (ख) क्या समस्त मृतक पुलिसकर्मियों के परिजनों को सहायता राशि एवं अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक प्रदान की जाएगी? (ग) इंदौर में पदस्थ स्व. श्री कुवर सिंह खरते की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को सहायता राशि एवं अनुकंपा नियुक्ति अब तक नहीं दी गई, क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कोरोना संक्रमण से कुल 334 पुलिसकर्मी सक्रंमित हुए है, जिला इंदौर में 138, धार में 13, झाबुआ में 02, अलीराजपुर में 01, खरगोन में 16, खण्डवा में 11, बड़वानी में 25, बुरहानपुर में 06, उज्जैन में 49, देवास में 11, शाजापुर में 10, रतलाम में 26, मंदसौर में 16, नीमच में 07, आगर-मालवा में 03 । कोरोना संक्रमण से कुल 03 पुलिस कर्मियों की मृत्यु हुई है, जिला इंदौर में 01, जिला बड़वानी में 01, जिला उज्जैन में 01 की मृत्यु हुई है। (ख) जिला इंदौर एवं जिला उज्जैन में मृतक पुलिसकर्मी के परिजनों को सहायता राशि एवं अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है तथा जिला बड़वानी में मृतक पुलिसकर्मी के परिवारजन को सहायता राशि प्रदान करने एवं अनुकंपा नियुक्ति देने की नियमानुसार कार्यवाही सतत् रूप से जारी है। (ग) स्व. श्री कुवर सिंह खरते की पत्नी श्रीमती सुषमा खरते पूर्व से शासकीय सेवा में नियोजित है। अत: उनके परिजनों को म.प्र.शासन के परिपत्र क्रमांक/सी-3- 12/2013/1/3 भोपाल दिनांक 29.09.2014 के बिन्दु क्रमांक 4.1 के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है।
योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
67. ( क्र. 360 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि कार्यों (उत्पादन) से संबंधित कृषकों की कुल संख्या कितनी है? साथ ही कुल कितने कृषकों का पंजीयन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत हुआ तथा कितने कृषक प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में पात्र होकर सूचीबद्ध किये गये? दोनों की कुल संख्या बताएं। (ख) दोनों योजनाओं के अंतर्गत कुल पात्र कृषकों में से कितने कृषकों को वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी प्रधानमंत्री फसल बीमा का कितना-कितना लाभ प्राप्त हुआ? पटवारी हल्कावार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ होने के दिनांक से लेकर प्रश्न दिनाक तक कितने पात्र कृषकों को योजना का लाभ मिला? कितने कृषक लाभ से वंचित रहे? इसके क्या कारण है? (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में वर्षवार कुल कितनी राशि फसल बीमा की क्षेत्र के कृषकों को प्राप्त हुई? कितने कृषकों की प्रश्न दिनांक तक फसल बीमा राशि लंबित है? इसके क्या कारण हैं? प्रधानमंत्री सम्मान निधि से कितने कृषक वंचित हैं? इस हेतु क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि कार्यों (उत्पादन) से संबंधित कृषकों की कुल संख्या 65375 है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत मौसम/वर्षवार कृषकों की संख्या निम्नानुसार है - खरीफ 2016 में 39672, रबी 2016-17 में 18534, खरीफ 2017 में 25835, रबी 2017-18 में 25472, खरीफ 2018 में 25059, रबी 2018-19 में 34774 तथा खरीफ 2019 में 23418 तथा रबी 2019-20 में 35461 कृषकों का पंजीयन किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत 48565 कृषकों को पंजीकृत किया गया है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 से रबी 2018-19 तक दावा प्राप्त लाभान्वित कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत वर्ष 2019-20 में जावरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 39063 कृषक लाभान्वित किये गये हैं। (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत प्रारंभ होने के दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 39063 कृषकों को लाभान्वित किया गया एवं योजनांतर्गत 9502 कृषक वंचित रहे हैं। इसका कारण - 1. बैंकों द्वारा आई.एफ.एस.सी. कोड/अकाउंट नंबर चेंज होने के कारण। 2. पोर्टल पर विभिन्न तकनीकी त्रुटियों के कारण। 3. कृषकों द्वारा अपूर्ण की जानकारी देने, बैंक एवं आधार में नाम संबंधी भिन्नता होने के कारण। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 से रबी 2018-19 तक दावा प्राप्त लाभान्वित कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रबी 2018-19 में गेहूँ फसल के दावों की गणना प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2019 की प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कंपनियों को कर दिया गया है तथा दावों की गणना कर भुगतान की कार्यवाही प्रक्रिया में है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 9502 कृषक वंचित है। वंचित कृषकों को लाभ दिलाने हेतु बैंकों द्वारा चेंज किये गये आई.एफ.एस.सी. कोड व अकाउंट नंबर का सुधार पोर्टल पर किया जा रहा है तथा कृषकों से संशोधित आधार एवं बैंक के सही खाता नंबर के दस्तावेज प्राप्त कर कृषकों की जानकारी पोर्टल पर दुरस्त की जा रही है।
मध्यान्ह भोजन वितरण में अनियमितताएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 374 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2020-21 में प्रदेश में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था लागू है? (ख) यदि हाँ तो दिनांक 23 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कोरोना काल में जब प्रदेश के समस्त विद्यालय एवं आंगनवाड़ी केंद्र बंद हैं, ऐसी स्थिति में मध्यान्ह भोजन वितरण व्यवस्था किस तरह से की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में मध्यान्ह भोजन पर कुल कितनी राशि व्यय की गई? विवरण दें। (घ) क्या कोरोना काल में उक्त राशि कागजों पर व्यय कर फर्जीवाड़ा किया गया? क्या शासन इसकी जांच करायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत प्रदेश की समस्त लक्षित शालाओं में दर्ज विद्यार्थियों को उक्त अवधि में शालाएं बंद होने के कारण खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता प्रदाय किया जा रहा है, जिसमें भोजन पकाने की राशि प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में राज्य स्तर से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से प्रदाय की गई है तथा प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों को 100 ग्राम प्रति दिन/प्रति छात्र एवं माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों को 150 ग्राम प्रतिदिन/प्रति छात्र के मान से खाद्यान्न (गेहूँ/चावल) का वितरण क्रियान्वयन एजेन्सी स्व-सहायता समूह, शाला प्रबंधन समिति एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। महिला बाल विकास योजनांतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र बंद होने के कारण पात्र हितग्राहियों को टेक होम राशन के रूप में रेडी टू ईट फूड घर पर दिए जाने की व्यवस्था भारत सरकार महिला बाल विकास विभाग से प्राप्त निर्देशानुसार की गई है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत दिनांक 18 मार्च, 2020 से दिनांक 31 जुलाई, 2020 तक कुल 110 शैक्षणिक दिवसों हेतु खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में भोजन पकाने की राशि रू. 316, 79, 47, 928/- का प्रदाय विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से किया गया है एवं 69441.08 मै.टन खाद्यान्न का आवंटन जारी कर, खाद्यान्न का वितरण क्रियान्वयन एजेन्सी स्व-सहायता समूह, शाला प्रबंधन समिति एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिवहन की जानकारी
[गृह]
69. ( क्र. 389 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1040, दिनांक 17.12.2019 में प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में क्या केवल आरोपियों के कथनों के आधार पर, जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है? उनके कथनों का विश्लेषण शिकायत में उल्लेखित परिवहन अधिकारियों के अभिमत से नहीं किया गया है, जिसमें परिवहन अधिकारियों द्वारा बिना स्कूल मान्यता प्रमाण-पत्र के सेल लेटर देना एवं उसका पंजीयन करना परिवहन नियमों के विपरीत माना गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में जांच प्रतिवेदन के संलग्न दस्तावेजों से यह सिद्ध होता है कि एच.डी.एफ.सी. बैंक में फायनेंस हेतु आवेदन पत्र दिनांक 06 अप्रैल, 2017 को किया गया एवं लोटस वेली स्कूल ओझर का फर्जी पंजीयन नंबर डाला गया है जबकि जांच प्रतिवेदन के अनुसार स्कूल को मान्यता 12 मई 2017 को प्राप्त हुई तो लोन आवेदन करने के पूर्व ही शासकीय दस्तावेजों में बैंक का फायनेंस किस कानूनी प्रक्रिया के तहत किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक शाखा औझर का सिग्नेचर वेरीफिकेशन पत्र के अवलोकन से यह स्पष्ट हो जाता है कि दिनांक 13 अप्रैल 2017 तक लोन की प्रोसेस बैंक के द्वारा की जा रही थी तो शासकीय दस्तावेजों में बैंक का फायनेंस 13 अप्रैल 2017 के पूर्व ही किस कानूनी प्रक्रिया के प्रावधानों के तहत किया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अध्ययन से क्या यह सिद्ध नहीं हो जाता है कि स्कूल को मान्यता 12 मई 2017 को प्राप्त हुई बसों के लिये लोन का आवेदन 06 अप्रैल, 2017 को किया? वाहन डीलर को राशि का भुगतान 18 अप्रैल, 2017 को हुआ है परन्तु इस समस्त प्रक्रियाओं के पूर्व ही दिनांक 30 मार्च 2017 को लोटस वेली स्कूल के नाम पर DIESEL BSIII बसें बेची गई हैं। जांच में इन तथ्यों का सूक्ष्म विश्लेषण क्यों नहीं किया गया? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि सत्य है तो पुलिस अधीक्षक पूर्व दिनांक में फर्जी दस्तावेज तैयार कर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 29 मार्च 2017 के विरूद्ध धोखाधड़ी पूर्वक वाहन बेचने वाले डीलरों, वाहन मालिकों, बैंक प्रबंधन, बीमा एजेंसी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करेंगे अथवा नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह सही नहीं है कि जांच प्रतिवेदन मात्र अनावेदकों के कथनों के आधार पर तैयार किया गया है। परिवहन अधिकारी से अभिमत प्राप्त किया गया जिसमें वाहन के अस्थायी पंजीयन जारी करते समय स्कूल की मान्यता की आवश्यकता नहीं होना लेख किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) लोटस वेली स्कूल की मान्यता प्रक्रिया के दौरान संत सिंगाजी शिक्षा समिति के अंतर्गत संचालित होने के आधार पर एच.डी.एफ.सी. बैंक द्वारा सिंगाजी शिक्षा समिति की शाख के आधार पर एच.डी.एफ.सी. बैंक द्वारा लोन स्वीकृत किया जाना बताया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) शिकायत जांच के दौरान जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक शाखा ओझर के संबंध में कोई भी तथ्य नहीं पाया गया। (घ) एवं (ड.) संत सिंगाजी शिक्षा समिति ओझर रजिस्टर्ड सोसायटी अधीन संचालित होने पर इसकी साख के आधार पर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण होने पर एच.डी.एफ.सी. बैंक द्वारा लोन प्रदाय किया गया था। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
अवैधानिक नामांतरण
[गृह]
70. ( क्र. 390 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत ग्राम रामस्थान में सरकारी जमीनों के अवैधानिक नामांतरण उच्च न्यायालय एवं शासन के निर्देशों के उल्लंघन करते हुए ओवर लोडिंग करने की शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना एवं एस.डी.एम. रघुराजनगर को दिनांक 22/06/2019 को तथा नगर पुलिस अधीक्षक एवं थाना प्रभारी कोलगवां को दिनांक 23/06/2019 को 13 बिंदुओं का आवेदन देकर जांच की मांग की गई है? (ख) यदि हाँ तो आवेदन के विषय में उल्लेखित खनिज एवं भू-माफिया, ट्रांसपोर्टर, हाईवा मालिकों से एग्रीमेंटकर्ता तथा शासकीय जमीनों के अवैधानिक नामांतरण करने वाले पटवारी द्वारा जिन्हें कलेक्टर सतना ने निलंबित कर आरोप पत्र दे दिया है, उक्त लोगों के विरूद्ध राज्य शासन एफ.आई.आर. करने के निर्देश जारी करेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) ग्राम रामस्थान की शासकीय जमीन जो गरीबों को आवंटित थी, ऐसी जमीनों को पाठक परिवार कैला परिवार, अमीरे कोल एवं प्रिज्म सीमेंट फैक्ट्री के मैनेजर ने अपने नाम अवैधानिक नामांतरण कराया है, ऐसे भू-माफिया के विरूद्ध आज दिनांक तक एफ.आई.आर. क्यों नहीं करायी गयी है, जबकि उक्त माफियाओं की आराजी को एस.डी.एम. रघुराजनगर द्वारा दिनांक 02/02/2019 एवं 08/03/2019 को पुन: शासकीय दर्ज करा दी गयी है। इनके विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. करा दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) सही है तो पुलिस अधीक्षक सतना एवं स्वयं आवेदनकर्ता के 13 बिंदुओं के अवलोकन पश्चात नगर निगम अधीक्षक सतना एवं थाना प्रभारी कोलगवां को दोषियों के विरूद्ध जिन्होंने कूट रचना कर शासकीय जमीनों को खुर्द-बुर्द करने का प्रयास किया, एग्रीमेंट कर ओवर लोडिंग किया, ऐसे भू-माफिया, खनिज माफिया एवं ट्रांसपोर्टर के खिलाफ एफ.आई.आर. कराने के निर्देश देंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिकायतों की जांच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
71. ( क्र. 392 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक उपसंचालक कृषि सागर के विरूद्ध विभागीय प्रमुख सचिव, संचालक कृषि एवं कमिश्नर सागर को कब-कब कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? कौन-कौन सी शिकायतें जांचाधीन है? जिन शिकायतों की जांच हो चुकी है उन शिकायतों का जांच प्रतिवेदन दें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित समयान्तर्गत उक्त अधिकारी मूल पद के अतिरिक्त जिले में किन-किन पदों पर अतिरिक्त प्रभार में पदस्थ रहे? इनके मूल एवं प्रभार पद कार्यालयों को प्रश्नाधीन समय में कितनी कंटनजेन्सी राशि दी गई? मदवार व्यय राशि बतायें तथा यह राशि किन मदों पर व्यय की जा सकती है? नियम की प्रति दें। क्या व्यय सही है? (ग) उक्त अधिकारी ने किस कार्यालय के लिए, वाहन किराये पर लिए हैं? वाहन की लॉगबुक सहित वाहन नम्बर, किराया, डीजल व्यय राशि बतायें। (घ) क्या इन अधिकारी ने खाद, बीज, कीटनाशक दवा के लायसेंस नियमानुसार निरस्त किये एवं स्वयं प्रभारी संयुक्त संचालक की हैसियत से, अपने ही हाथों निरस्त लायसेंस बहाल किये? यदि हाँ, तो इन पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) अगस्त 2017 से श्री ए.के. नेमा, उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास सागर के पद पर कार्यरत हैं। कमिश्नर सागर को श्री नेमा के संबंध में दो शिकायतें प्राप्त हुई थी जो मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर के पास जांच हेतु प्रक्रियाधीन है। शासन स्तर पर दो शिकायतें प्राप्त हुई हैं, दिनांक 10.05.2018 को प्राप्त शिकायत पर संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जबलपुर को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है एवं दिनांक 08.11.2019 को प्राप्त शिकायत की जांच हेतु अपर संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास संचालनालय को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) समयांतर्गत उक्त अधिकारी मूल पद के अतिरिक्त जिले में संयुक्त संचालक एवं परियोजना संचालक (आत्मा) के पदों पर पदस्थ रहे हैं। इनके मूल एवं प्रभार पद कार्यालय को प्रश्नाधीन समय में प्राप्त कंटनजेन्सी राशि का मदवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उक्त अधिकारी द्वारा विभागीय कार्यों की पूर्ति हेतु तीनों कार्यालयों के शासकीय कार्य हेतु किराये पर लिये गये वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) विगत तीन वर्षों में उक्त दोनों अधिकारियों के द्वारा खाद बीज कीटनाशक दवा के लायसेंस प्रकरण में तत्समय प्रस्तुत अभिलेखों के आधार पर नियमानुसार निरस्त किये एवं अपील के समय प्रस्तुत अभिलेखों के गुण-दोष के आधार पर अपीलीय अधिकारी होने के अधिकारों को धारित रहने से बहाल किये गये। विगत 3 वर्षों में मात्र कुल 2 लायसेंस जिसमें 1 उर्वरक का एवं 1 लायसेंस कीटनाशक का बहाल किया गया है। चूंकि निरस्ती होने पर बीज/उर्वरक/कीटनाशक अधिनियमों के तहत अपीलीय अधिकारी संयुक्त संचालक, कृषि को शासन द्वारा प्रदत्त है। उन्हीं शक्तियों का उपयोग कर तत्समय प्रस्तुत अभिलेखों के अनुसार संबंधितों के लायसेंस बहाल किये गये। अत: कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
लॉकडाउन के दौरान वापस आये मजदूरों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 393 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लागू किए जाने की तिथि कब से कब तक रही? (ख) प्रदेश के सागर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन के दौरान वापस आये प्रवासी श्रमिकों की संख्या ग्राम पंचायतवार, जनपद पंचायतवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या मजूदरों को मनरेगा में मजदूरी उपलब्ध कराई गई है? वित्तीय वर्ष 2020-2021 में प्रश्न दिनांक तक समस्त मजदूरों को किये गये मजदूरी भुगतान की जानकारी जनपद पंचायतवार बतायें। (घ) यदि प्रश्नांश (ख) के प्रवासी मजदूरों को मजदूरी उपलब्ध न कराई गई तो मजदूरी उपलब्ध न कराने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) 25 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक चरणबद्ध लॉकडाउन था। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। मजदूरी भुगतान की प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) मनरेगा अंतर्गत मांग अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माफियाओं पर कार्यवाही
[गृह]
73. ( क्र. 395 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में प्रदेश में चलाई गई एन्टी माफिया मुहिम के तहत ग्वालियर शहर में क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो माफिया तय करने का मापदण्ड क्या हैं? ग्वालियर शहर में उक्त कार्यवाही के तहत कितने माफियाओं को चिन्हित किया गया? नामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) इस मुहिम के दौरान कुल कितने लोगों को नोटिस जारी किये गये? किन-किन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) शहर में सक्रिय बड़े माफियाओं के बच जाने के क्या कारण हैं? यदि लापरवाही बरती गई तो इस हेतु कौन उत्तरदायी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2019 में जिला ग्वालियर में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। माफिया तय करने के मापदंड जारी नहीं किये गये थे। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पुलिस और प्रशासन टीम के सहयोग से माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई, उक्त कार्य में किसी भी प्रकार की ढील अथवा लापरवाही नहीं बरती गई है। अतः कार्यवाही का कोई प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होता है।
सेवानिवृत्ति अधिकारियों द्वारा संपत्तियों के क्रय में निवेश
[गृह]
74. ( क्र. 510 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि भोपाल के बावड़िया कलां स्थित फेथ अकादमी प्रोजेक्ट में कई रिटायर्ड आई.पी.एस., आई.ए.एस. अधिकारियों द्वारा निवेश किया गया है? (ख) यदि हाँ तो इनमें से कितने तथा किन-किन अधिकारियों द्वारा अपने संबंधितों/कर्मचारियों के नाम पर संपत्ति क्रय की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या विगत वर्षों में रिटायर्ड आई.पी.एस. एवं आई.ए.एस. अधिकारियों द्वारा प्रदेश के अन्य शहरों में संपत्तियों के क्रय में निवेश के प्रमाण भी मिले हैं? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) , (ख) , (ग) एवं (घ) अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के सेवा में रहते हुये, उनके द्वारा प्रेषित चल-अचल संपत्ति के क्रय-विक्रय किये जाने संबंधी जानकारी संधारित की जाती है। सेवानिवृत्ति उपरान्त अधिकारियों के चल-अचल संपत्ति क्रय-विक्रय किये जाने संबंधी कोई जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: जानकारी निरंक है।
हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
75. ( क्र. 647 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में उद्यानिकी या कृषि विभाग के हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन संबंधी राजस्व विभाग के किसी भी स्तर पर हुए पत्राचार की प्रति देवें। खरगोन जिले में कृषि उद्यानिकी विभाग के हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन कब-कब किए? क्या इन हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन पत्रक में पटवारी के हस्ताक्षर का स्थान रहता है? क्या पटवारी के हस्ताक्षर करने संबंधी कोई दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं? यदि हाँ तो छायाप्रति देवें। (ख) खरगोन जिले में विगत 5 वर्षों में सब्जी का रकबा कितना-कितना हुआ? वर्षवार बताएं। (ग) खरगोन जिले में सिंचित और असिंचित रकबा ब्लॉकवार बताएं। वर्षा से सिंचित, कुएं से सिंचित, नहर से सिंचित, नदी से सिंचित रकबा ब्लॉकवार अलग-अलग बताएं।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
मंदसौर के
नवीन शासकीय
महाविद्यालय
दलौदा का भवन
निर्माण
[उच्च शिक्षा]
1. ( क्र. 13 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर के नवीन शासकीय महाविद्यालय दलौदा के भवन निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? क्या भवन निर्माण हेतु स्थल का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ तो कहाँ और कितनी भूमि का? (ख) क्या नवीन बजट 2020-21 में दलौदा शासकीय महाविद्यालय भवन हेतु बजट में राशि शामिल की गयी है? यदि हाँ तो कितनी? यदि नहीं तो भवन निर्माण की विभाग की क्या योजना है? अवगत कराये। (ग) क्या उक्त भवन निर्माण के लिए कोई स्वीकृति जारी की है? यदि हां, तो दलौदा शासकीय महाविद्यालय भवन का निर्माण कब तक कर दिया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मंदसौर के नवीन महाविद्यालय दलौदा के भवन निर्माण प्रक्रिया अंतर्गत भूमि का चयन किया जा चुका है। जी हॉं, उक्त भूमि ग्राम फतेहगढ़ में स्थित है। भूमि सर्वे नम्बर 577 में से 10 बीघा, जिसका नवीन सर्वे नम्बर 617/1 रकबा 3.818 हेक्टेयर है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
मंदसौर में 400 मी. एथलेटिक्स का सिंथेटिक ट्रेक निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
2. ( क्र. 14 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर में 1 जनवरी 2018 के पश्चात विभाग के अधिपत्य में निर्माणाधीन स्ट्राटर्फ हांकी ग्राउंड की आवंटित भूमि में से 400 मी. एथलेटिक्स के सिंथेटिक ट्रेक निर्माण को लेकर कब-कब प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा विभाग को पत्र लिखे? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) प्रदेश में उक्त अवधि पश्चात ''खेलो इंडिया'' योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये? (ग) मंदसौर में 400 मी. एथलेटिक्स का सिंथेटिक ट्रेक निर्माण कब तक स्वीकृत कर दिया जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मान. प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 08/02/2018 को मंदसौर में एथेलेटिक सिंथेटिक ट्रेक निर्माण हेतु विभाग को पत्र प्रेषित किया गया, खेलों इंडिया योजनान्तर्गत भारत सरकार से मंदसौर शहर में सिंथेटिक एथेलेटिक ट्रेक की स्थापना हेतु केन्द्रीय सहायता स्वीकृति हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये है। (ख) 01 जनवरी 2018 के पश्चात प्रदेश में ''खेलो इंडिया'' योजनान्तर्गत कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं है। (ग) खेलो इंडिया योजनान्तर्गत मंदसौर शहर में सिंथेटिक एथेलेटिक ट्रेक की स्थापना हेतु केन्द्रीय सहायता स्वीकृति हेतु प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाना है, इस कारण निर्माण स्वीकृत करने की निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
पाडसुत्या-बागेडी बैराज व राजगढ़ बैराज का निर्माण
[जल संसाधन]
3. ( क्र. 17 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग की निविदा सूचना क्रं. -725/2019-20/प्रमुख अभियंता/ई-टेंडरिंग/भोपाल, दिनांक 18/03/2020 के द्वारा निविदा क्रं. 2020-डब्ल्यु.आर.डी.-84185 व 84186 टर्न की पद्धति पाडसुत्या बैराज व बागेडी बैराज की निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हां तो क्या निविदा स्वीकृत कर कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं? यदि नहीं तो क्यों? क्या निविदा पुनः आमंत्रित की गई है या की जा रही है? (ख) तकनीकी व वित्तीय रूप से साध्य राजगढ़ बैराज की उंचाई बढ़ाने के संबंध में पत्र क्रं. एफ-22/1/2019-20/ल.सि./31/444 भोपाल, दिनांक 16/03/2020 के द्वारा डी.पी.आर. बनाने के निर्देश अनुसार डी.पी.आर. बना ली गई है? यदि हाँ तो क्या टेण्डर आमंत्रित किए गए हैं? यदि नहीं तो कब तक किए जायेंगे? (ग) क्या सन् 1908 में निर्मित बनबना पाडल्या तालाब नागदा जो क्षतिग्रस्त हो चुका है अत्यधिक वर्षा में टूट सकता है के मरम्मत का कोई प्रस्ताव/योजना शासन के पास विचाराधीन है? यदि हां तो विभाग द्वारा मरम्मत हेतु कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र की कितनी योजनाएं, स्टॉप डेम, बैराज, तालाब की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु व तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति हेतु शासन के पास लम्बित है? नाम सहित विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हॉं। जी नहीं, निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण। जी नहीं, अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। 1908 में निर्मित बनबना पाडल्या तालाब स्टेट समय का होने के कारण कुछ जगह रेनकट्स एवं साइडवॉल में सामान्य श्रेणी की टूट-फूट है एवं मानसून के दौरान आवश्यक लघु सुधार कार्य वार्षिक मरम्मत के अंतर्गत कराया जाता है तथापि उक्त जलाशय की क्षति के सुधार के लिए विशेष मरम्मत अंतर्गत प्रस्ताव प्रमुख अभियंता स्तर पर परीक्षणाधीन है। शासन स्तर पर प्रस्ताव अप्राप्त है अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी निरंक है अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवनिर्मित बम्हनी (बरेला) तालाब का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 26 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री सरोवर योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत बम्हनी (बरेला) तालाब के निर्माण हेतु 18 मई 2018 को राशि रू. 60 लाख स्वीकृत की गई थी एवं निर्माण कार्य का समय 30-6-2019 तक था? (ख) क्या तालाब रिसाव के कारण तालाब का औचित्य समाप्त हो गया है? (ग) क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण के दोषी का नाम बतायेंगे एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि नहीं तो क्या शासन के द्वारा तालाब के मजबूतीकरण हेतु अतिरिक्त राशि स्वीकृत की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नांकित कार्य के निर्माण हेतु दिनांक 30 मई 2018 को राशि रूपये 60.03 लाख स्वीकृत की गई थी एवं निर्माण का समय दि. 26.09.2019 तक था। (ख) तालाब में रिसाव जैसी स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (ग) कार्य गुणवत्ताविहीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मत्स्य उत्पादन हेतु लघु तालाबों का निर्माण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
5. ( क्र. 27 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मत्स्य के उत्पादन में वृद्धि के लिये नहरों के किनारे लघु तालाबों का निर्माण किया जावेगा? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक लघु तालाब निर्माण किये जाने हेतु विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कौन-कौन से स्थानों का चयन किया गया है? (ग) क्या तालाबों के निर्माण के लिये समय-सीमा निर्धारित की गई है? (घ) मत्स्य उत्पादन का संचालन किन के द्वारा किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नही। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार।
आदिवासी
उपयोजना
क्षेत्र के
विकास हेतु
राशि का आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 43 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग एवं मध्यप्रदेश बजट पुस्तिका के भाग नौ आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के लिये किये गये प्रावधानों में विभाग को राशि आवंटित की गई? (ख) यदि हां तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि कब-कब आवंटित की गई? कितनी-कितनी राशि कहां-कहां व्यय की गई एवं कितनी-कितनी राशि समर्पण की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राज्य सरकार के बजट भाग नौ में प्रावधानित राशि का आवंटन वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को कितना-कितना प्राप्त हुआ, कितनी-कितनी राशि जिलो को योजनावार आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि समर्पण की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हॉ। (ख) आदिवासी उपयोजना हेतु राशि विभाग के बजट में प्रावधानित होती है। योजनावार आवंटन व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है तथा आदिवासी उपयोजना अंतर्गत जिलावार, योजनावार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
जारौली स्टॉप डेम निर्माण में अनियमितता
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 48 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ के रामपुर घाटी क्षेत्र के निर्माणाधीन जारौली स्टापडेम में घटिया निर्माण की वजह से दरार आ गई है? (ख) यदि हां तो अब तक उसके दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ के रामपुर घाटी क्षेत्र में जारौली स्टॉप डैम नामक कोई भी सिंचाई योजना निर्माणाधीन नहीं है अपितु ग्राम जारौली के पास रामपुर स्टॉप डैम निर्माणाधीन है। यह सत्य नहीं है कि रामपुर स्टॉप डैम में घटिया निर्माण की वजह से दरार आ गई है वस्तुत: रामपुर स्टॉप डैम के फाउण्डेशन में कन्फाइण्ड लेयर आने की वजह से फाउण्डेशन में हल्का सेटलमेंट होने के कारण स्टॉप डैम में दरार आई न कि घटिया निर्माण के कारण, जिसका उपचार विभागीय मापदण्डानुसार कर दिया गया है अत: इस हेतु किसी अधिकारी के दोषी न होने के कारण किसी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
थाना प्रभारी की पदस्थापना
[गृह]
8. ( क्र. 49 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में निरीक्षक स्तर के थानों की संख्या नामवार बतायें। क्या निरीक्षक स्तर के थानों पर उपनिरीक्षकों को थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ किया गया है उन थानों का नाम तथा पदस्थ किये गये उपनिरीक्षक थाना प्रभारी का नाम सहित विवरण देवें। (ख) म.प्र. में निरीक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या बतायें, साथ ही इनकी जिलेवार आवंटित संख्या थानों के नाम सहित बतायें। (ग) क्या म.प्र. में उपनिरीक्षकों को निरीक्षक स्तर के थानों में की जा रही पदस्थापनाओं पर संज्ञान लेकर तत्काल प्रभावी कार्यवाही करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश में निरीक्षक स्तर के थानों की संख्या नामवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हॉ। थानों का नाम तथा पदस्थ किये गये उप निरीक्षक थाना प्रभारी का नाम सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) मध्यप्रदेश में निरीक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 1697 है। जिनकी जिलेवार, थानावार एवं कार्यालय शाखावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) मध्यप्रदेश में निरीक्षकों के स्वीकृत 1697 पदों के विरूद्ध वर्तमान में 681 पद रिक्त है। विभाग में निरीक्षक के पद 100 पदोन्नति से भरे जाने वाले पद है जो वर्तमान में पदोन्नति संबंधित प्रकरण माननीय उच्च्तम न्यायालय में लंबित होने के कारण रिक्त है। अत: जिलों में कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु आवश्यकतानुसार निरीक्षक स्तर के उपयुक्त अधिकारी उपलब्ध न होने पर पुलिस रेग्युलेशन के प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुये थाना का प्रभार निरीक्षक से कनिष्ठ अधिकारी जो भी उस थाना में पदस्थ हो को दिया जा सकता है।
व्यापारी से अवैध वसूली व जान से मारने की शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
9. ( क्र. 61 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना नागदा में व्यापारी कैलाश पोरवाल द्वारा दिनांक 24.10.2019 को गोपाल ट्रेडर्स दुकान में राघवेन्द्र ठाकुर चेतन नामदेव के द्वारा जबरन घुसकर गाली गलौच कर जान से मारने की धोंस देने व रूपये की अवैध वसूली की मांग करने की शिकायत की थी? यदि हॉ तो पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूद्ध अवैध वसूली की धारा 387 भा.द.वि. व अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हॉ तो प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों? (ख) 1 जनवरी 2016 से 25 अगस्त 2020 तक नागदा-खाचरौद पुलिस थाने में जनता द्वारा सादा कागज पर दी गई कितनी शिकायतों को जांच में लिया गया है? आवेदनकर्ता के नाम, आवेदन की छायाप्रति वर्षवार विवरण दें। (ग) क्या पुलिस थाने पर सादे कागज पर आवेदन लेकर जांच करवाने के शासन के नियम, निर्देश और आदेश हैं? यदि हॉ तो आदेश की प्रतिलिपी उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो सादे कागज पर आवेदन शिकायत क्यों ली जाती है? (घ) 1 जनवरी 2016 से 25 अगस्त 2020 तक पुलिस महानिदेशक भोपाल व उज्जैन रेंज के आई.जी. व एस.पी. को नागदा, खाचरौद थाने की कितने शिकायतें प्राप्त हुई थी? उनके द्वारा शिकायतों की जांच किस अधिकारी से कराई गई? क्या कई शिकायतों को जिन थाना क्षेत्रों की शिकायत थी उन्हीं थाना अधिकारियों को जांच हेतु दे दिया गया है? शासन द्वारा ऐसी शिकायती जांच के क्या नियम, निर्देश बनाये गये हैं? (ड.) पुलिस विभाग में जनता से प्राप्त आवेदन व दस्तावेज नष्टीकरण के क्या नियम हैं एवं पुलिस थाने पर लगे विडियो केमरे के फुटेज आम जनता को देने के क्या नियम हैं? थानों में ऑन लाईन रिपोर्ट लिखाने के क्या नियम हैं? झूठी रिपोर्ट की शिकायत पर मोबाईल लोकेशन लेने के क्या नियम हैं और झूठी रिपोर्ट के ऊपर जांच करने के क्या नियम है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, व्यापारी कैलाश पोरवाल द्वारा दिनांक 24.10.2019 को गोपाल ट्रेडर्स दुकान में जबरन घुसकर गाली गलौच कर जान से मारने की धोंस देने व रुपये की अवैध वसूली की मांग करने की शिकायत थाना नागदा में की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' एवं 'ई' अनुसार है।
नरयावली में शासकीय महाविद्यालय भवन की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
10. ( क्र. 74 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय नरयावली भवन की स्वीक़ृति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदान की गई है? यदि हां तो कब? यदि नहीं तो कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) क्या राजस्व विभाग द्वारा महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आरक्षित कर दी गई है? स्थान, रकबा सहित जानकारी देवें। यदि नहीं तो भूमि आवंटन की प्रक्रिया कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) क्या विभाग द्वारा महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु आरक्षित भूमि का अधिग्रहण/ आधिपत्य प्राप्त कर लिया गया है एवं आरक्षित भूमि जन भावनाओं एवं छात्र-छात्राओं के अनुरूप भूमि आरक्षित की गई है? (घ) क्या महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हॉ। न्यायालय कलेक्टर सागर जिला सागर (म.प्र.) के आदेश क्रमांक 1685, दिनांक 23/02/2019 द्वारा भूमि आवंटित कर दी गई है। भूमि का विवरण ग्राम नगना, पटवारी हल्का नं. 9, ख.नं. 224, कुल आवंटित रकबा 8 हेक्टेयर। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है।
खेल स्टेडियम मकरोनिया की स्वीकृति/निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
11. ( क्र. 75 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका परिषद मकरोनिया में खेल मैदान/स्टेडियम की मुख्यमंत्री की घोषणा की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब? लागत सहित जानकारी देवें। यदि नहीं तो कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) क्या खेल स्टेडियम मकरोनिया हेतु खेल विभाग को राजस्व विभाग द्वारा भूमि आवंटित की गई है? यदि हां, तो स्थान/आरक्षित भूमि का रकबा सहित जानकारी देवें। (ग) यदि हां, तो क्या विभाग द्वारा उक्त भूमि का आधिपत्य/अधिग्रहण विभाग ने कर लिया है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) खेल मैदान/स्टेडियम का निर्माण कार्य विभाग द्वारा कब तक कराया जायेगा तथा विभाग द्वारा निर्माण के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद् मकरोनिया के अन्तर्गत ग्राम गंभीरिया के प.ह.नं. 76 में स्थित खसरा नं. 561/1 में से 3.000 हेक्टेयर भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग को आरक्षित की गई है। (ग) विभागीय अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया, निरीक्षण में पाया गया कि भूमि गांव से बहुत अधिक दूरी पर होने तथा सेना परिसर से लगी हुई होने के कारण स्टेडियम निर्माण हेतु भूमि उपयुक्त नहीं होने के कारण आधिपत्य नहीं लिया गया है। (घ) प्रश्नोत्तर (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई योजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
12. ( क्र. 78 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव एवं शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित व विचाराधीन सिंचाई योजनायें कौन-कौन सी हैं? शासन द्वारा ऐसी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है? उल्लेखित वर्षों में स्वीकृत सिंचाई योजनाओं में से कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं और कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्य अपूर्ण हैं एवं कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना शेष है? सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्य की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिन सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्य अपूर्ण हैं एवं जिन सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्यों को प्रारंभ किया जाना शेष है, ऐसे अपूर्ण सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण एवं अप्रारंभ सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्यों को कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? विभाग द्वारा स्वीकृत सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण एवं प्रारंभ नहीं कराये जाने का क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक भी सिंचाई योजना का प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित व विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ कराये जाना एवं पदों का सृजन किए जाना
[उच्च शिक्षा]
13. ( क्र. 79 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री श्री लक्ष्मीनारायण शास. पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ कराये जाने एवं विभिन्न विषयों के शैक्षणिक एवं अन्य अशैक्षणिक पदों के सृजन किए जाने के संबंध में प्राचार्य द्वारा प्राप्त पत्र पर आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2019/1941 दिनांक 14.10.2019 एवं अनुस्मरण पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2020/239 दिनांक 10.02.2020 के माध्यम से अवगत कराया गया था? उक्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ कराये जाने एवं विभिन्न विषयों के शैक्षणिक एवं अन्य अशैक्षणिक पदों के सृजन किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा कब तक आवश्यक कार्यवाही करते हुए, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ एवं विभिन्न विषयों के शैक्षणिक एवं अन्य अशैक्षणिक पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हॉं। कार्यालयीन परीक्षणोपरांत वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम खोलने एवं शैक्षणिक अशैक्षणिक पदों के सृजन में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औषधि की खरीदी
[पशुपालन]
14. ( क्र. 87 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा पशु उपचार/टीकाकरण हेतु औषधि की खरीदी की जाती है? (ख) यदि हां तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी औषधि की निविदा/ई-टेण्डरिंग कब-कब बुलाई गई? किन-किन व्यक्तियों/फर्म/संस्थाओं ने निविदा में हिस्सा लिया? सफल निविदाकार का नाम, पता एवं स्वीकृत दर की जानकारी एवं अनुबंध की प्रमाणित प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि में कौन-कौन सी औषधि कितनी-कितानी मात्रा में किस-किस दर से कब-कब किन-किन व्यक्तियों/फर्म/संस्थाओं से खरीदी गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार। (ग) पशुपालन विभाग में औषधि का क्रय जिला कार्यालयों द्वारा किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार।
सामुदायिक भवनों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( क्र.
93 ) सुश्री
हिना लिखीराम
कावरे : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विषयांकित
क्षेत्र के
अन्तर्गत
ग्राम पंचायत
कान्द्रीकला, ग्राम
पंचायत
मुर्री
विकासखण्ड
किरनापुर तथा
कुम्हारी
कला विकासखण्ड
लांजी में स्वीकृत
सामुदायिक
भवनों की
दूसरी किस्त
नहीं जमा होने
के कारण
बतायें। (ख) उक्त
पंचायतों में
सामुदायिक
भवनों की किस्तें
कब तक जमा करा
दी जायेगी?
पंचायत
मंत्री ( डॉ.
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया ) : (क) कार्य
प्रगति के
आधार पर मांग
अनुसार ग्राम
पंचायत
मुर्री जनपद
पंचायत
किरनापुर में
सामुदायिक
भवन की
द्वितीय किश्त
राशि जारी की
गई है, ग्राम
पंचायत कान्द्रीकला
एवं ग्राम
पंचायत कुम्हारीकला
के सामुदायिक
भवनों की
द्वितीय किश्त
का मांग पत्र
ग्राम पंचायत
द्वारा
प्रेषित नहीं
किये जाने के
कारण इनकी
द्वितीय किश्त
जारी नहीं की
गई है। (ख) उत्तरांश (क)
अनुसार।
विभाग द्वारा स्वीकृत योजनाएं
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 95 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा अप्रैल 2016 से प्रश्न-दिनांक तक मनावर एवं उमरबन विकासखंड में कितनी राशि की कौन-कौन सी योजनाएं/कार्य स्वीकृत किये गये? कितनी योजनाएं पूर्ण कर ली गई, कितनी अपूर्ण है? पृथक-पृथक संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) मनावर एवं उमरबन विकासखंड में अप्रैल 2016 से प्रश्न-दिनांक तक विभाग द्वारा कितने जलाशयों के निर्माण एवं गहरीकरण के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? कितनी जारी की गई? पंचायतवार पृथक-पृथक संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) वर्ष 2020-21 के लिए विभाग द्वारा मनावर एवं उमरबन विकासखंड के लिए किन योजनाओं/कार्यों के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई है? कितनी राशि जारी की गई है? पंचायतवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि राशि स्वीकृत नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री एवं कलेक्टर धार को जलाशय निर्माण एवं गहरीकरण के लिए ई-मेल एवं पत्राचार द्वारा पत्र लिखे गए? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक कार्यवाही कर ली जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी निरंक है अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2020-21 में मनावर एवं उमरबन विकासखण्ड की किसी योजना/कार्य के निर्माण के लिए कोई राशि स्वीकृत एवं जारी नहीं की गई है क्योंकि मनावर एवं उमरबन विकासखण्ड की कोई योजना वर्ष 2020-21 में स्वीकृत नहीं हुई तथा पूर्व स्वीकृत समस्त योजनाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है। मनावर एवं उमरबन विकासखण्ड की पूर्व निर्मित योजनाओं/कार्यों के रखरखाव हेतु राशि स्वीकृत एवं जारी की गई। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मान. सदस्य द्वारा मान. मुख्यमंत्री, मान. मंत्री को जलाशय निर्माण एवं गहरीकरण के लिए प्रेषित ई-मेल एवं किए गए पत्राचार की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। कलेक्टर धार के पत्र दिनांक 10.09.2020 से प्राप्त जानकारी के अनुसार मान. सदस्य द्वारा कलेक्टर धार को प्रेषित पत्र दिनांक 06.08.2020 में विधानसभा क्षेत्र कुक्षी के विकासखण्ड़ निसरपुर की ग्राम पंचायत भैसलाई में तालाब गहरीकरण कार्य के लिए अनुरोध किया गया जिसे कलेक्टर धार द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु कार्यपालन यंत्री, मनावर को प्रेषित किया गया। मान. सदस्य के पत्र दिनांक 23.05.2020 द्वारा कार्यपालन यंत्री, मनावर से भी ग्राम भैसलाई में पूर्व निर्मित तालाब के गहरीकरण का अनुरोध किया गया था। भैसलाई तालाब के गहरीकरण कार्य के राशि रू.38.98 लाख का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय स्तर पर परीक्षणाधीन है। शासन स्तर पर प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षणोंपरांत बजट की उपलब्धता के आधार पर स्वीकृति हेतु निर्णय लिया जा सकेगा अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सड़कों के निर्माण के लिये स्वीकृत राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 97 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में मनावर एवं उमरबन विकासखंड के कितने ग्राम-पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की किन-किन सड़कों के निर्माण के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई कितनी राशि जारी की गई वर्षवार-ग्रामवार पृथक विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों के निर्माण की मंजूरी के लिए माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री एवं कलेक्टर धार, एस.डी.एम. मनावर को जून, सितंबर, दिसंबर 2019 एवं फरवरी-मार्च, जुलाई-अगस्त 2020 माह में पत्र सं. 235/2019, 491/2019, 1000/2019, 1124/2019, 338/2020, 384/2020, 495/2020, 496/2020 समेत अनेक ई-मेल एवं पत्रों द्वारा अवगत कराया गया? उक्त पत्रों पर प्रश्न-दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कब तक कार्यवाही कर ली जाएगी? यदि नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) मनावर एवं उमरबन विकासखंड की पंचायतों की मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की जर्जर सड़कों के निर्माण के लिए मंत्री महोदय कब तक आदेश देंगे? यदि आदेश नहीं देंगे तो विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा किए जा रहे मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग जिसकी कुल लंबाई 56.11 कि.मी. का निर्माण कार्य पूर्ण होने की तिथि क्या है? प्रश्न-दिनांक तक भी उक्त मार्ग का निर्माण कार्य अपूर्ण क्यों है? इसके लिए किसकी जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की गई? जवाबदेही तय कर कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक उक्त मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मनावर एवं उमरबन विकासखंड में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत कोई सड़क स्वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (ख) जी हां। पत्र क्र. 338/2020 विभाग के संज्ञान में न होने से एवं शेष पत्रों में उल्लेखित कार्य मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतो के अनुरूप नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित सडकें जर्जर स्थिति में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग, लंबाई 56.11 कि.मी. का निर्माण कार्य पूर्ण करने की अनुबंधित समयावधि 25-03-2020 थी। ठेकेदार की उदासीनता के कारण कार्य अपूर्ण है। ठेकेदार द्वारा समानुपातिक प्रगति नहीं देने पर ठेकेदार की जवाबदेही निर्धारित कर अनुबंध की धारा 27, 27.1.2.3 अंतर्गत अनुबंध विखंडित किया गया। ठेकेदार के आवेदन पर अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग मंडल इंदौर द्वारा सुनवाई उपरांत कार्यालयीन पत्र क्र 690 दिनांक 18-05-2020 के द्वारा अनुबंध को पुनर्जीवित कर दिनांक 30-11-2020 तक कार्य पूर्ण करने की समयावधि निर्धारित की गई है।
सड़क, बाउंड्रीवॉल, नाली निर्माण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 100 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा विगत 3 वर्षों में ग्राम पंचायत रांकई जिला नरसिंहपुर द्वारा सड़क, बाउंड्रीवाल, नाली निर्माण में गुणवत्ताहीन निर्माण एवं अन्य अनियमितताओं की शिकायत जिला नरसिंहपुर कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर की गई है? (ख) यदि हां तो क्या उपरोक्त संदर्भ में जांच की गई? (ग) यदि जांच की गई तो क्या तथ्य जांच में सामने आये? संपूर्ण अद्यतन जानकारी देवें। (घ) क्या अनियमितता करने वाले दोषी लोगों पर कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हां। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करेली एवं कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा नरसिंहपुर से पृथक-पृथक शिकायत की जांच कराई गई। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करेली के जांच प्रतिवेदन दिनांक 06.02.2019 अनुसार ग्राम पंचायत निर्माण एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने तथा कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग नरसिंहपुर के जांच प्रतिवेदन दिनांक 13.11.2019 के अनुसार निर्माण एजेन्सी के द्वारा मूल्यांकन से अधिक राशि रू. 61040/- आहरण करने का तथ्य पाया गया है। (घ) जी हां। सरपंच, सचिव गाम पंचायत रांकई पर जांच प्रतिवेदन अनुसार मूल्याकंन से अधिक राशि आहरण करने पर उसकी वसूली अधिरोपित की जाकर वसूली राशि रू. 61040/- जमा करायी गई। धारा 40 के तहत तत्कालीन सरपंच पर प्रकरण दर्ज कर एवं सचिव के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
सतधरू परियोजना के अंतर्गत विस्थापित परिवारों के मुआवजा
[जल संसाधन]
19. ( क्र. 101 ) श्री राहुल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के अंतर्गत सतधरू परियोजना के पूर्ण होने में कितने वर्षों का समय निर्धारित किया गया? परियोजना का निर्माण कब तक पूर्ण हो जावेगा? उक्त परियोजना के क्रियान्वयन होने से कितने गांव प्रभावित हो रहे हैं और डूब क्षेत्र में आ रहे लोगों के पुनर्वास की क्या योजना है? (ख) क्या डूब क्षेत्र में रह रहे ग्रामवासियों को खेती की जमीन का मुआवजा वितरण किया गया है? यदि हां तो हितग्राहियों की संख्या तथा अधिग्रहित कुल रकबे की जानकारी उपलब्ध कराई जावे जो शासन द्वारा उक्त परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई? (ग) सतधरू परियोजना के सफल क्रियान्वयन की निर्माण एजेन्सी कौन है? निर्माण एजेन्सी के पास इसके पहले किए गए कार्यों के क्या-क्या अनुभव हैं? सतधरू जैसी विशाल परियोजना के समकक्ष निर्माण एजेन्सी ने इसके पूर्व क्या-क्या कार्य किए गए हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बॉंध कार्य हेतु 24 माह तथा प्रेशराइज्ड सिंचाई प्रणाली (नहर) हेतु 30 माह। जनवरी 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। दो गॉंव। डूब क्षेत्र में आ रहे लोगों के पुनर्वास के लिए पुनर्वास एवं विस्थापन (R & R) का राशि रूपये 02.21 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में प्रभावित होने वाले 90 परिवारों के लिए ग्राम अधरोटा में आवंटित 02.50 हेक्टर भूमि में प्रत्येक परिवार को 9 मी. x 9 मी. का प्लॉट तथा पक्की सड़क, बिजली, स्कूल, सामुदायिक भवन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। R&R का प्रस्ताव मैदानी स्तर पर परीक्षणधीन है। (ख) जी हॉं। 296 हितग्राही। 214.32 हेक्टर। (ग) सतधारू परियोजना की निर्माण एजेंसी के नाम तथा उनके कार्यों के अनुभव का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं निर्माण एजेंसी द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
मंडी सचिव कटनी के विरूद्ध कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( क्र. 107 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी में वर्तमान में सचिव के पद पर कौन, कब से कार्यरत है और उनकी कितनी शिकायतें हैं शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के सचिव के विरूद्ध गम्भीर आर्थिक अनियमितताओं संबंधी बहुत अधिक शिकायतें जांच हेतु लंबित हैं यदि हां तो क्या उक्त सचिव के कटनी पदस्थ रहने से जांच कार्य एवं गवाहों को प्रभावित कर सकते है? क्या ऐसे आरोपी सचिव को निलम्बित कर विभागीय जांच की जावेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बताएं। (ग) कृषि उपज मंडी समिति कटनी के किन-किन दाल मिलों पर कब-कब का कितना निराश्रित शुल्क बकाया है? मिलवार विवरण दें। उक्त बकाया रहते उक्त दाल मिलों की अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण क्यों किया गया? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? क्या प्रकरण में उच्चतरीय जांच कराई जावेगी। यदि हां तो कब तक बताएं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या अपर संचालक नियमन म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल ने सचिव मंडी कटनी को पत्र क्र. बी-6/नियमन/47/कटनी/1361 दिनांक 18/02/2019 को पत्र लिख कर मिलों पर निराश्रित शुल्क बकाया रहते हुए अनुज्ञप्ति नवीनीकरण के निर्देश दिये थे तथा उक्त पत्र क्या प्रबंध संचालक से अनुमोदित था? नोटशीट की प्रति उपलब्ध करावें जिसमें अनुमोदन प्राप्त किया था। यदि नहीं तो क्या अपर संचालक को निलम्बित कर जांच कराई जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बाड़ी किचन गार्डन योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
21. ( क्र. 108 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में घरेलू बागवानी की आदर्श योजना (बाडी किचन गार्डन योजना) के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में कितनी राशि का प्रावधान रखा गया है? उक्त अवधि में वर्तमान तक कितने हितग्राहियों के बीज उपलब्ध कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की योजना में वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक कितनी राशि व्यय की गई है? जिलेवार विवरण दें। (ग) क्या बी.पी.एल. परिवार वाले हितग्राहियों के लिये यह योजना बनाई गई थी? शासन की उदासीनता के कारण उक्त योजना के लक्ष्य एवं बजट में निरंतर कमी क्यों की जा रही है? उसके क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) की योजना में वर्ष 2020-21 में अधिक से अधिक बी.पी.एल. योजना के हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने का क्या प्रावधान किया जावेगा? यदि नहीं तो कारण बताएं।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में राशि रूपये 19.21 लाख का प्रावधान रखा गया है वर्तमान में हितग्राहियों को कोई भी बीज उपलब्ध नहीं कराया गया है, क्योंकि वर्ष 2020-21 की आवंटित राशि वर्ष 2019-20 की लंबित भुगतान हेतु जिलों को आवंटित की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हॉ। योजना के लक्ष्य एवं बजट में कमी शासन की उदासीनता के कारण नहीं हैं, अपितु वित्तीय संसाधनों के अनुसार ही बजट आवंटन उपलब्ध कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में बजट उपलब्ध न होने के कारण हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने का वर्तमान में प्रावधान नहीं किया गया है।
प्रिज्म सीमेंट पर अपराध कायम नहीं किया जाना
[गृह]
22. ( क्र. 124 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला सतना के पत्र क्र. पु.अ./सतना/ओ.एम./विसप्र./23/2017 दिनांक 18.07.2017 से नगर पुलिस अधीक्षक एवं उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सतना को आठ (8) बिन्दुओं पर पत्र जारी किया गया था? क्या नगर पुलिस अधीक्षक ने पत्र क्रमांक/न.पु.अ./ सतना/2094/17, दिनांक 04.09.2017 से थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारी बाबूपुर को तेरह (13) बिन्दुओं का पत्र लिखा था? क्या इन पत्रों में अवैध उत्खन्न की जांच एवं कार्यवाही करने का उल्लेख था? (ख) क्या पुलिस अधीक्षक सतना जिस अवैध उत्खनन की जांच के लिए पत्र लिख रहे हैं उसे विधानसभा के पटल पर तीन बार अवैध उत्खनन खनिज विभाग स्वीकार कर चुका है? जैसे प्रश्न क्रमांक 2246 दिनांक 28 फरवरी 2017 में तत्कालीन खनिज मंत्री ने एकड़ 60 डिस्मिल में अवैध उत्खनन होना स्वीकार किया है एवं तारांकित प्रश्न कमांक 2882 दिनांक 28 फरवरी 2017 को खनिज मंत्री ने सदन में उत्तर दिया जिसमें स्वीकार किया है कि, अवैध उत्खनन पाया गया तथा तारांकित प्रश्न क्रमांक 695 दिनांक 21 फरवरी 2019 के परिप्रेक्ष्य में जिला खनिज अधिकारी सतना ने संचालक, भौमिकी एवं खनिकर्म को पत्र क्रमांक 419/खनिज/2019 सतना 10.02.2019 से लेख किया जिसके बिन्दु क्रमांक 5 में अवैध उत्खनन पाया गया है? (ग) क्या प्रिज्म सीमेंट लिमिटेड मनकहरी जिला सतना के द्वारा रामस्थान में अनुसूचित जाति के लोगों को आवंटित भूमि बिना कलेक्टर की अनुमति से अवैध रूप से क्रय करने पर एस.डी.एम. रघुराजनगर ने दिनांक 02.02.2019 को म.प्र. शासन के नाम पर पुन: दर्ज किया? इस पर भी जिला पुलिस ने प्रिज्म सीमेंट के विरूद्ध शासकीय दस्तावेजों की कूट रचना का प्रकरण प्रश्नतिथि तक क्यों कायम नहीं किया है? (घ) क्या म.प्र. शासन गृह (पुलिस) विभाग एवं पुलिस महानिदेशक म.प्र. पुलिस सतना जिले के पुलिस विभाग को प्रिज्म सीमेंट कं. सतना का एवं अन्य के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए आदेश करेंगे? अगर हां, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हां। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 2246 दिनांक 28 फरवरी 2017, तारांकित प्रश्न क्रमांक 2882 दिनांक 28 फरवरी 2017, तारांकित प्रश्न क्रमांक 695 दिनांक 21 फरवरी 2019 तथा खनिज अधिकारी द्वारा संचालक को लिखे पत्र दिनांक 10.02.2019 की प्रति क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'ब' 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ग) अवैध उत्खनन के विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही प्रचलन में है। अतः दोषियों के बचाए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्राप्त साक्ष्य अनुसार विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी।
नकली “सेस्बानिया रोस्ट्राटा” हरी खाद बीज का क्रय एवं वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 131 ) श्री विनय सक्सेना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में नेशनल सीड कोर्पोरेशन से विभाग द्वारा “सेस्बानिया रोस्ट्राटा” हरी खाद बीज खरीदा गया? (ख) जिले वार कितनी मात्रा में “सेस्बानिया रोस्ट्राटा” हरी खाद बीज खरीदा गया? (ग) क्या बीज के नकली होने की शिकायतें विभाग सहित ई.ओ.डब्ल्यू., लोकायुक्त तथा एस.टी.एफ. को की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या जांच हुई? (घ) पूरा नकली बीज दिए जाने की शिकायत के बावजूद विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? इस घोटाले के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) वर्ष 2017-18 में ''सेस्बानिया रोस्टेटा'' हरी खाद बीज खरीदा गया। प्रश्नाधीन शेष वर्षों में नहीं खरीदा गया। (ख) प्रदेश में 2976801.00 कि.ग्रा. ''सेस्बानिया रोस्टेटा'' हरी खाद बीज खरीदा गया। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हॉ, जुलाई 2019 के विधानसभा सत्र में माननीय विधायक श्री फुंदेलाल सिंह मार्को द्वारा ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 372 लगाया गया था, जिसके अंतर्गत विधानसभा द्वारा जांच कमेटी एवं जांच बिन्दुओं का निर्धारण किया जा चुका है एवं जांच प्रक्रियाधीन है। ई.ओ.डब्ल्यू. में शिकायत क्रमांक 141/19 एवं एस.टी.एफ. में शिकायत क्रमांक 86/2019 पंजीबद्ध कर जांच की जा रही है। लोकायुक्त में कोई जांच नहीं चल रही है। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर दोषियों के विरूध कार्यवाही की जायेगी।
अपूर्ण सामुदायिक भवनों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 142 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार विधानसभा क्षेत्र में राज्य वित्त आयोग मद से तत्कालीन सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में सामुदायिक भवनों की स्वीकृति की गई थी? (ख) यदि हां तो धार विधानसभा क्षेत्र में इन स्वीकृत सामुदायिक भवनों के लिये प्रथम किस्त के रूप में पचास प्रतिशत राशि प्रत्येक ग्राम पंचायतों को प्रदान की गई थी? यदि हां तो इनमें से कितने पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने अपूर्ण हैं? (ग) क्या धनाभाव में पिछली सरकार द्वारा इन स्वीकृत कार्यों में से निर्माणाधीन तथा अपूर्ण कुछ कार्यों को निरस्त करते हुए राशि पुनः राज्य शासन द्वारा मांगी गई थी? (घ) यदि हां तो क्या धार विधानसभा क्षेत्र में निरस्त किये गये सामुदायिक भवनों की प्रथम किस्त की राशि जून 2020 की स्थिति में भी ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध है? (ड.) यदि हां तो जनहित को दृष्टिगत रखते हुए क्या विभाग धार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम ज्ञानपुरा-आमखेडा के निर्माणाधीन सामुदायिक भवन तथा ग्राम नारायणपुरा के सामुदायिक भवन की द्वितीय किस्त राशि रूपये दस-दस लाख जारी कर कार्य पूर्ण करवायेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हॉ, राज्य वित्त आयोग मद से ग्राम देदला, ज्ञानपुरा एवं नारायणपुरा में सामुदायिक भवन स्वीकृत किये गये थे। (ख) जी हॉ। ग्राम देदला एवं ज्ञानपुरा में कार्य प्रगतिरत है तथा ग्राम नारायणपुरा में भूमि विवाद होने से कार्य अप्रारंभ है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्य निरस्त नहीं होने से प्रथम किश्त राशि ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध है। (ड.) ग्राम ज्ञानपुरा के निर्माणाधीन सामुदायिक भवन की द्वितीय किश्त राशि जारी की गई है तथा ग्राम नारायणपुरा के सामुदायिक भवन का कार्य भूमि विवाद के कारण अप्रारंभ होने से द्वितीय किश्त स्वीकृत करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
25. ( क्र. 146 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों में अनुकम्पा नियुक्तियों के कितने प्रकरण लंबित हैं? किस-किस शासकीय विश्वविद्यालय में किस-किस का प्रकरण कब से और क्यों लंबित हैं? सम्पूर्ण विवरण सहित सूची देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए किस-किस के द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया? सूची देवें। किस-किस आवेदन पत्र पर कब-कब और क्या क्या कार्यवाही की गई? किस का आवेदन पत्र लंबित है? अद्यतन स्थिति बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार प्रकरणों में वर्तमान स्थिति के साथ अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों पर समय पर कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें और कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों तथा कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अनुकंपा नियुक्ति के कुल 39 प्रकरण शासकीय विश्वविद्यालयों में लंबित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों की परिवीक्षा हटाने तथा गोपनीय चरित्रावली
[पशुपालन]
26. ( क्र. 148 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में किस किस कार्यालय में कौन-कौन कर्मचारी किस किस पद पर पदस्थ हैं? कर्मचारी का नाम, पद, नियुक्ति दिनांक वर्ग, सहित सूची देवें। ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त की जा चुकी है और किस-किस कर्मचारी की परिवीक्षा अवधि समाप्त की जाना है और कब से? नाम व पद सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन कर्मचारी हैं, जिसकी परिवीक्षा अवधि हटाना लंबित है? नाम, पद व पदस्थापना स्थान सहित सूची दें। लंबित होने का क्या कारण है? विलम्ब के लिए कौन अधिकारी दोषी है और दोषी पर कब और क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कर्मचारियों में से किन-किन कर्मचारियों की किस-किस वर्ष की गोपनीय चरित्रावली लंबित है? लंबित होने का कारण क्या है? ऐसे कितने प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारी हैं जिनकी गोपनीय चरित्रावली लंबित है और किस वर्ष से? नाम, पद व पदस्थापना स्थान सहित सूची उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। परिवीक्षा अवधि समाप्त की जाना एक निरंतर प्रक्रिया है जो समयावधि पूर्ण होने पर समय-समय पर समाप्त की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार।
मंदिर ट्रस्ट का निर्माण
[अध्यात्म]
27. ( क्र. 150 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कलेक्टर टीकमगढ़ को संबंधित प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 298/B-2/MLA/KH/2019 दिनांक 23.12.2019 के बिन्दु -02 में उल्लिखित मंदिर ट्रस्ट निर्माण की दिशा में कोई कार्यवाही की गई है? (ख) यदि नहीं तो कब तक की जायेगी? जिससे मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण एवं अन्य विवादों की भविष्य में पुनरावृत्ति न हों।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) मंदिर ट्रस्ट निर्माण के संबंध में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बल्देवगढ़ द्वारा प्रकरण क्रमांक 001/सी-113 (4) 2020-21 दर्ज किया गया है। (ख) शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रोजगार सहायक की नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 153 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2013 तक ग्राम पंचायत जिनागढ़, जनपद बल्देवगढ़, जिला-टीकमगढ़ में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर किसकी पद स्थापना थी? (ख) वर्ष 2010 से 2013 के बीच रहे ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति किस दिनांक को हुई थी तथा उसने किस दिनांक को अपना त्यागपत्र दिया था? नियुक्ति एवं त्यागपत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) वर्ष 2010 से 2013 तक की समयावधि में जनपद पंचायत बल्देवगढ़ के आदेश क्रमांक 1259/एनआरईजीएस-म.प्र/ज.पंचा./2020 बल्देवगढ़ दिनांक 30.05.2012 के द्वारा श्री कमलेश कुमार मिश्रा को ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत जिनागढ़ के पद पर नियुक्ति की गई थी। (ख) जनपद पंचायत बल्देवगढ़ के आदेश क्रमांक 1259/ एनआरईजीएस-म.प्र/ज.पंचा./2020 बल्देवगढ़ दिनांक 30.05.2012 के द्वारा श्री कमलेश कुमार मिश्रा को ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत जिनागढ़ के पद पर नियुक्ति की गई थी एवं संबंधीजन ग्राम पंचायत जिनागढ़ द्वारा प्रस्तुत त्यागपत्र क्रमांक ज.पं./मनरेगा-13/700 बल्देवगढ़ दिनांक 06.07.2013 द्वारा स्वीकृत किया गया। नियुक्ति एवं त्याग पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सेंधवा के एतिहासिक किले का संरक्षण
[संस्कृति]
29. ( क्र. 166 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. एवं महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित सेंधवा में एक ऐतिहासिक किला जिसके अन्दर मंदिर तालाब रानी तालाब स्थित है, यह किला जीर्णशीर्ण हो रहा है यह किला होल्करों की एतिहासिक धरोहर एवं माता अहिल्या बाई के संरक्षण में था, किले के रखरखाव एवं संरक्षण के लिए शासन द्वारा राशि आवंटित कब तक की जावेगी? (ख) क्या किले के अन्दर मंडी में गोडाउन बने थे जिन्हें राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल म.प्र. द्वारा निरस्त कर दिए गए है क्योकि उक्त गोडाउन की भूमि पुरातत्व विभाग को 2010 में ही आवंटित की जा चुकी थी? (ग) क्या इस पूरे परिसर को पर्यटक केंद्र के रूप में स्थापित करने हेतु योजना बनाई जाकर राशि आवंटित की जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हां। सेंधवा किला राज्य संरक्षित स्मारक है। किले के रख-रखाव, संरक्षण के लिए राशि आवंटन की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हां। (ग) वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु योजना
[पर्यटन]
30. ( क्र. 167 ) श्री मनोज चावला : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु कोई योजना बनाई है? यदि हां तो योजना संबंधी दिशानिर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले के कौन-कौन से स्थल पर्यटन विकसित करने हेतु चयनित किए गए? उक्त अवधि में विभाग द्वारा कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य कब स्वीकृत किए गए हैं? स्थल का नाम, कार्य विवरण, व्यय राशि, संबंधित एजेंसी की जानकारी वर्ष वार उपलब्ध कराएं। (ख) क्या रतलाम जिले के अंतर्गत आलोट विधानसभा क्षेत्र में प्राचीन दीपेश्वर धाम सिपावरा और अनादिकल्पेश्वर महादेव मंदिर धरोला को पर्यटन के रूप में विकसित करने हेतु विभाग को कोई पत्र/प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? शासन की कोई योजना है? (ग) यदि हां तो लाखों लोगों की आस्था, के केंद्र अनादि कल्पेश्वर महादेव मंदिर को शासन द्वारा कब तक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित कर दिया जाएगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र आलोट में पर्यटन स्थल या पुरातात्विक स्थलों को धरोहर के रूप में संरक्षित करने हेतु किस किस स्थान पर कितनी-कितनी भूमि सुरक्षित की गई है? सर्वे नंबर एवं रकबा सहित जानकारी उपलब्ध कराएं।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की स्वदेश दर्शन, प्रसाद एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति हेतु पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किये जाते है। इसके अतिरिक्त पर्यटन विभाग म.प्र. शासन को आवंटित बजट के अंतर्गत पर्यटन अधोसंरचनाओं के प्रस्ताव स्वीकृत किये जाते है। स्वेदश दर्शन एवं प्रसाद योजना की गाइड लाइन्स पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” एवं “ब” अनुसार। जी नहीं, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वीकृति परियोजनाओं में रतलाम जिले के किसी भी स्थल के विकास का कोई प्रस्ताव सम्मिलित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ख) जी हॉ, अनादिकल्पेश्वर महादेव मंदिर के सौन्दर्यीकरण एवं पर्यटन सुविधाओं के विकास संबंधी प्रस्ताव पर आगामी कार्यवाही विचाराधीन है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विधान सभा क्षेत्र आलोट में पर्यटन स्थल पुरातात्विक स्थलों को धरोहरों के संरक्षित करने हेतु कोई भूमि आवंटित नहीं की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यापम घोटाले में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के फर्जीवाड़े की जांच
[गृह]
31. ( क्र. 168 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 794 दिनांक 17/12/2019 के संदर्भ में लेख है कि प्रश्न क्र. 466 दिनांक 8 जुलाई 2019 का उत्तर प्रेषित करने के उल्लेख के बाद भी प्राप्त नहीं हुआ, दिलाया जाए तथा खंड (ख) तथा (घ) की जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) व्यापम घोटाले की अगस्त 2019 में STF द्वारा प्रारंभ की गई जांच में जिन 197 शिकायतों को शामिल किया गया था, उनमें निजी कॉलेजों की डी.मेट परीक्षा, एन.आर.आई. कोटे से भर्ती तथा पी.एम.टी. से भर्ती में हुए फर्जीवाड़ा शामिल है या नहीं तथा वर्तमान में जांच की अद्यतन स्थिति क्या है। (ग) क्या पूर्व विधायक पारस सकलेचा की सी.बी.आई. को भेजी गई शिकायत, जिसे सी.बी.आई. द्वारा सितंबर 2016 में मुख्य सचिव को भेजकर चार बिंदुओं पर जांच हेतु उल्लेख किया था वह एस.टी.एफ. की जांच में शामिल है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज किए प्रकरण के क्रमांक, दिनांक, धाराएं, आरोपी के नाम तथा पता गिरफ्तारी की दिनांक तथा न्यायालय में चालान पेश करने की दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावें कि जिले के थानों में भेजी गई 510 शिकायतों में जांच की अद्यतन स्थिति क्या है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 466,दिनांक 28.06.2019 को विभाग द्वारा दिये गये उत्तर की प्रति संलग्न प्रेषित है। (ख) एस.टी.एफ. म.प्र. भोपाल में जांच अंतर्गत व्यापम संबंधी 197 लंबित शिकायतों में पी.एम.टी. तथा एन.आर.आई. कोटे में भर्ती की जांच सम्मिलित है। डी-मेट से संबंधित शिकायतों की जांच इकाई निर्धारण के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। इसी तारतम्य में माननीय पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा भी ट्रांसफर पिटीशन (सिविल) क्रमांक 327/2015 सहपठित Interlocutory Application (इंटरलोकेटरी एप्लीकेशन) नंबर 13864/2015 दायर की गई है जो उपरोक्त रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के साथ सुनवाई हेतु लंबित है। डी-मेट से संबंधित शिकायतों की जांच के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी नहीं। (घ) व्यापम घोटाले से संबंधित शेष 197 लंबित शिकायतों की जांच में 13 अपराधिक प्रकरण तथा 03 अपराध अन्य जानकारियों पर से, इस प्रकार कुल 16 अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिये जा चुके है सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिलों में भेजी गई 530 शिकायतों की जानकारी संकलित की जा रही है।
अपर संचालक नियमन मंडी बोर्ड के विरूद्ध कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
32. ( क्र. 172 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल का पत्र क्रमांक/बी-6/नियमन/47/ कटनी/1360 दिनांक 18/2/2019 श्री केदार सिंह अपर संचालक (नियमन) द्वारा मंडी सचिव कटनी को लिखा है जो प्रबंध संचालक द्वारा अनुमोदित है? यदि हां तो पूर्ण जानकारी अभिलेख सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हॉं तो प्रबंध संचालक द्वारा अनुमोदित नोटशीट की प्रति दें। यदि प्रबंध संचालक द्वारा अनुमोदित नहीं है तो क्या उक्त अपर संचालक को निलंबित कर धोखाधड़ी के प्रकरण की पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जावेगी? यदि हॉं तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अपर संचालक (नियमन) के विरूद्ध उनके मंडी बोर्ड सेवाकाल एवं अन्य विभागों में पदस्थापना अवधि की कितनी शिकायतें हैं? शिकायतवार कार्यवाही विवरण दें। मंडी बोर्ड की शिकायतों की जांच किसको दी गई है? उनके द्वारा जांच अभी तक क्यों नहीं की गई? कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास प्रशिक्षण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
33. ( क्र.
176 ) श्री
संदीप
श्रीप्रसाद
जायसवाल : क्या
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) कटनी-जिले
में तकनीकी
शिक्षा एवं
कौशल विकास के
कौन-कौन से
शासकीय एवं
अशासकीय
संस्थान वर्तमान
में कब से
किन-किन
स्थानों पर
संचालित हैं, इन
संस्थानों
में किन
विषयों पर
शिक्षण/प्रशिक्षण
दिया जा रहा
है? (ख)
कटनी-जिले
में जनवरी-2019 से तकनीकी
शिक्षा एवं
कौशल विकास के
कौन-कौन से
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
कब-कब एवं
कहाँ-कहाँ
किन-किन सस्थाओं
के माध्यम से
आयोजित किए गए
और कितने प्रशिक्षणार्थियों
को किन-किन
विषयों का
शिक्षण/प्रशिक्षण
दिया गया? (ग) प्रश्नांश
(क) शासकीय
संस्थानों
में
जनवरी-2019 से
शासन द्वारा
किस मद
कितनी-कितनी
राशि प्रदाय की
गयी? प्रदत्त
राशि कितनी उपयोग
की गई?
क्या
सामग्री, किस दर
पर किस फर्म
से क्रय
की गयी? (घ) प्रश्नांश
(क) संस्थानों
में
उपकरण/संसाधनों/
प्रशिक्षकों
की उपलब्धता
और निरीक्षण
के क्या नियम
हैं और जनवरी-2019 से
किन सक्षम
प्राधिकारियों
द्वारा इन
संस्थानों का निरीक्षण
किया गया और
क्या
प्रतिवेदन
दिये गये? (ड.) प्रश्नांश
(ख) प्रशिक्षणार्थियों
का
नियमानुसार
प्लेसमेंट
किया गया? यदि
हां तो विवरण
बतायें। (च)
क्या खनिज एवं
अन्य
उद्योगों की
बाहुल्यता और
वर्तमान
परिस्थिति को
दृष्टिगत कर कटनी
जिले में
संचालित
शासकीय
तकनीकी संस्थानों
में खनिज
संबन्धित
पाठ्यक्रमों
का संचालन
प्रारम्भ
किया जायेगा?
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार
है। (घ)
महानिदेशक, रोजगार
एवं
प्रशिक्षण
(डी.जी.ई.टी.) के
मापदण्ड के
अनुसार
क्षेत्र के
संयुक्त
संचालक
औद्योगिक
प्रशिक्षण का
निरीक्षण करते
हैं एवं
पॉलीटेक्निक
महाविद्यालय
का निरीक्षण
अखिल भारतीय
तकनीकी
शिक्षा
परिषद्
(ए.आई.सी.टी.ई.) के
अनुसार निरीक्षण
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-4 अनुसार है।
(ड.) जी हां। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-5 अनुसार है।
(च) जी नहीं।
कटनी जिले की
आई.टी.आई. में
विद्युतकार
एवं फिटर व्यवसाय
संचालित है।
इन ट्रेडों से
उत्तीर्ण
प्रशिक्षणार्थियों
का प्लेसमेंट
खनिज एवं अन्य
औद्योगिक
उद्योगों में
होता है। पृथक
से व्यवसाय
खोलने की
योजना नहीं
है।
आरक्षण रोस्टर का पालन न करनें पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 183 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत सतना में सचिवों के वर्गवार कुल कितने पद है, उनमे वर्गवार कितने पद भरे हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? जनपदवार पदस्थ सचिवों की वर्गवार नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराए तथा क्या सचिवों की नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया हैं। (ख) जिला पंचायत सतना के सचिवों की वर्ष 2019-20 एवं 20-21 के आरक्षण रोस्टर की प्रति उपलब्ध कराए? क्या आरक्षण रोस्टर का पालन कर सचिवों की नियुक्ति की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त रोस्टर अनुसार वर्ष 2019-20 एवं 20-21 में कितने सचिवों की नियुक्ति की गयी है वर्गवार नाम सहित बताएं? (घ) जिला पंचायत सतना में वर्ष 2019-20 एवं 20-21 में सचिवों की अनुकम्पा नियुक्ति किस अधिकारी द्वारा की गयी है, नियुक्ति हेतु जांच समिति में कौन-कौन सदस्य थे और किस-किस पद पर पदस्थ थे? (ड.) क्या जिला पंचायत सतना में संविदाकर्मी एवं लिपिकवर्गीय कर्मचारियों की समिति बना कर आरक्षण नियमों का पालन किये बिना नियुक्ति की गयी है, यदि हाँ तो आरक्षण नियमों के उल्लंघन के लिये दोषी को कब तक दंडित किया जावेगा, कब तक जांच कर की गई कार्यवाही से अवगत कराया जावेगा यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
सिंचाई परियोजनाओं का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 189 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव को पत्र क्रमांक 104/बी.पी.एल./2019 दिनांक 25.07.2019 व प्रमुख अभियंता को पत्र क्रमांक 89/बी.पी.एल/2019,दिनांक 22.07.2019 एवं पत्र क्र.684/एस.आर.जे./2020,686/एस.आर.जे./2020 दिनांक 18.08.2020 को प्राप्त हुए हैं? यदि 'हां' तो इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बरखेड़ा हरगन लघु सिंचाई योजना, सेमरखेड़ी तीर्थ लघु सिंचाई योजना, दौलतपुरा बैराज पूर्व में स्वीकृत सेमरखेड़ी बांध (लटेरी), उनारसीकलां तालाब, मुरारिया तालाब, बरखेड़ा घोषी लघु सिंचाई, सुगनाखेड़ा लघु सिंचाई परियोजना एवं दौलतपुरा रामनगर लघु सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति/निर्माणाधीन कार्यों की क्या प्रगति है? योजनानुसार विस्तृत जानकारी अद्यतन स्थिति अनुसार बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में उल्लेखित विभिन्न सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति कब-तक कर दी जावेगी एवं स्वीकृत योजनाओं के कार्य को कब-तक पूर्ण कर दिया जावेगा? प्रस्तावित और स्वीकृत योजनाओं के स्थल निरीक्षण सम्भागीय कार्यपालनी यंत्री गंजबासौदा एवं अन्य अधिकारियों द्वारा कब-कब,किस-किस तिथि को किया गया है? तिथिवार ब्यौरा दें। (घ) क्या विदिशा जिले की टेम मध्यम सिंचाई परियोजना में किसानों व विस्थापितों के मुआवजे में आरही भोपाल एवं विदिशा जिले में असमानता को देखते हुए अन्य वृहद,मध्यम परियोजनाओं के समान इस योजना के प्रभावितों को भी विशेष पैकेज देने हेतु शासन विचार कर रहा है? क्या इसके लिए मंत्रि परिषद की स्वीकृति हो गई है?क्या संक्षेपिका तैयार की गई हैं? यदि'हां'तो जानकारी उपलब्ध करावें व संभागीय कार्यपालन यंत्री द्वारा इस दिशा में क्या-क्या प्रयास किये जा रहे है?तिथिवार बतलावें और केबिनेट में पैकेज को कब तक स्वीकृत करवाकर किसानों/विस्थापितों को तद्नुसार मुआवजा राशि वितरित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हॉं। प्रश्नकर्ता के पत्रों में उल्लेखित सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में मुख्य अभियंता, चंबल बेतवा कछार, भोपाल को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। पत्रों में उल्लेखित सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) शासन स्तर पर प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति बजट की उपलब्धता से आबद्ध होने के कारण स्वीकृति प्रदान किए जाने तथा निर्माण पूर्ण किए जाने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। स्थल निरीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
36. ( क्र. 191 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 17 दिसम्बर 2018 से पंचायत राज संचालनालय द्वारा प्रदेश के किन-किन जिलों में किस-किस मद से किन-किन कार्यों/योजनाओं के लिए राशि स्वीकृत की गई है? विकासखण्डवार एवं पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। पंचायतराज संचालनालय द्वारा कार्य स्वीकृति के क्या नियम,निर्देश है आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त कार्यों को जनप्रतिनिधियों के अनुशंसा पर स्वीकृत किये गये हैं? यदि हां तो किन-किन जनप्रतिनिधियों के द्वारा कौन-कौन से कार्यों की अनुशंसा की गई? कितने कार्य स्वीकृत किये गये? जिलावार एवं विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या कार्यों की स्वीकृति में भेदभाव किया जाता है? यदि हां तो बतावें। (ग) क्या उक्त कार्यों की स्वीकृति अनाधिकृत रूप से राज्य स्तर से की गई? यदि हॉ तो किसके द्वारा एवं क्या कार्यों में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता कर कार्य स्वीकृत किये गये हैं? क्या इस कृत्य की उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच की जावेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जनपद पंचायत सिरोंज में 17 दिसम्बर 2018 से किन-किन ग्राम पंचायतों में स्वकराधान योजना की प्रोत्साहन राशि से कार्य स्वीकृत हुये हैं? यदि हां तो क्या इन पंचायतों की भी अनियमितताओं की जांच की गई है? यदि हां तो किसके द्वारा एवं किन-किन जनप्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण कार्य विभागीय मंत्री द्वारा प्रशासकीय अनुमोदन के आधार पर स्वीकृत किये गये है। (ख) जी हॉ, विभागीय मंत्री/मुख्यमंत्री कार्यालय/जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार कार्य स्वीकृत किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं कार्यों की स्वीकृति में भेदभाव नहीं किया जाता है। (ग) जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हॉ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी हॉ। 20 ग्राम पंचायतों में से 6 ग्राम पंचायतों की अनियमितता पाये जाने पर सचिवों की सेवायें समाप्त की गई है।
उद्यानिकी विभाग की माइक्रो ड्रिप इरिगेशन योजना की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
37. ( क्र. 194 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में खरगोन एवं बड़वानी जिले में कितने हितग्राहियों को किन-किन योजना में माइक्रो ड्रिप इरिगेशन के लिए अनुदान दिया गया? उनकी सूची नाम, पता, ड्रिप कंपनी का नाम , डीलर का नाम, रकबा, ड्रिप का प्रकार, स्वीकृति दिनांक सहित सूची देवें। (ख) क्या विगत 3 वर्षों में खरगोन एवं बड़वानी जिले में जिन हितग्राहियों को माइक्रो ड्रिप इरीगेशन योजना के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग ने ड्रिप दी? क्या उन हितग्राहियों से कृषक अंश जमा करवाया गया? यदि हां तो जमा कराने का माध्यम क्या है? दिशा निर्देश की छाया प्रति देवें। बैंक के माध्यम से जमा किया गया या अन्य किस माध्यम से विवरण देवें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जी हॉ। विगत 03 वर्षों में खरगौन एवं बड़वानी जिले में जिन हितग्राहियों को माइक्रो ड्रिप इरीगेशन योजना के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग ने ड्रिप दी उन हितग्राहियों से कृषक अंश एम.पी.एग्रो/वेण्डर को जमा कराया गया। कृषक अंश राशि बैंक के माध्यम से आर.टी.जी.एस./एन.इ.एफ.टी./डी.डी./चेक/सेम बैंक स्थानांतरण से जमा किया गया है। विगत 03 वर्षों के दिशा-निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र खुलवाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
38. ( क्र. 195 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माह फरवरी मार्च 2018 के प्रश्न क्रमांक 329 दिनांक 14 मार्च 2018 के उत्तर में आश्वस्त किया गया था कि जिन-जिन विकासखंडों में कौशल प्रशिक्षण केंद्र बंद हो गए हैं या नहीं है वहां पर औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे तो कब तक खोले जाएंगे। (ख) क्या विकासखंड मुख्यालय पर शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र नहीं होने के कारण कक्षा 10वीं व 12वीं के पश्चात छात्र-छात्राएं तकनीकी शिक्षा से वंचित हो रहे है जिस कारण शिक्षित बेरोजगार छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ रही है? इसके लिए क्या शासन स्तर से तकनीकी प्रशिक्षण देने हेतु कोई योजना बनाई गई है। (ग) क्या प्राइवेट औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं की फीस अधिक होने के कारण निर्धन छात्र-छात्राएं तकनीकी प्रशिक्षण से वंचित रह रहे हैं? इस हेतु शासन द्वारा क्या प्रयास किया जा रहा है? (घ) खरगोन विधानसभा क्षेत्र के गोगावा ब्लॉक में अभी तक औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र नहीं है? यहां कब तक औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा? शासन की क्या तैयारी है? (च) खरगोन विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत ऊन में कैबिनेट मंत्री माननीय बाला बच्चन जी द्वारा ऊन में औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की गई थी, यह घोषणा कब तक पूरी की जाएगी वर्तमान स्थिति क्या है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। वर्तमान में 104 विकासखण्ड ऐसे है, जिनमें शासकीय आई.टी.आई. नहीं है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार आई.टी.आई. खोलने की कार्यवाही की जाती है। इतनी अधिक संख्या में शासकीय आई.टी.आई. एक साथ खोला जाना सम्भव नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रदेश में कुल 243 शासकीय आई.टी.आई. संचालित है जिनमें सभी वर्ग के एवं सभी स्थानों के छात्र/छात्राओं हेतु कुल प्रवेश क्षमता 43532 है जिनमें सभी जगह के छात्र/छात्राऐं प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। (घ) खरगोन विधानसभा क्षेत्र के गोगावा ब्लॉक में शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था वर्ष 2015 से संचालित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) समय-सीमा बताना संभव नहीं है। ऊन, ग्राम पंचायत खरगोन ब्लॉक में स्थित है, जो खरगोन से मात्र 15 कि.मी. दूर है। खरगोन में शासकीय औ.प्र.संस्था संचालित है।
व्यापम घोटाले की जांच
[गृह]
39. ( क्र. 198 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 951 दि. 17.12.2019 के संदर्भ में बतावें कि सी.बी.आई. की 212 प्रकरण की जॉंच के दौरान एस.टी.एफ. ने अन्य लंबित प्रकरणों की जॉंच किसके आदेश पर रोकी? उस आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि 04 साल 06 माह तक जॉंच रोकना क्या एस.टी.एफ. का आपराधिक कृत्य नहीं हैं? (ख) पूर्व विधायक पारस सकलेचा, आनंद राय तथा आशीष चतुर्वेदी के बयान को लगभग 10 माह हुये, इस अवधि में इन बयानों के आधार पर किये गये दर्ज प्रकरण, जांच, विवेचना अनुसंधान की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) प्रश्न क्र. 951 दि. 17.12.2019 के खण्ड (ग) का स्पष्ट उत्तर दिलाया जाये। (घ) प्रश्न क्र. 951 दि. 17.12.2019 के खण्ड (घ) के उत्तर में मात्र डी.मेट का उल्लेख है, पी.एम.टी. तथा एन.आर.आई. से भर्ती का उत्तर नहीं दिया गया, उत्तर दिलावें तथा बतावें कि अपूर्ण उत्तर क्यों दिये जा रहे हैं? (ड.) क्या पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने अपने 11.09.2019 से 13.09.2019 के बयान के पेरा 12 में डीमेट की जांच सी.बी.आई. हेतु लंबित पिटीशन का उल्लेख करते हुये कहा कि इस मांग के तहत् एस.टी.एफ. जांच से इंकार नहीं कर सकती, क्या यह कथन कानूनी रूप से सही हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/2015 दिनांक 09.07.2015 में व्यापम द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े से संबंधित पंजीबद्ध समस्त अपराधिक प्रकरणों की अग्रिम विवेचना सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने का आदेश पारित किये जाने से एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम संबंधी लंबित शिकायतों की जांच स्थगित की गई थी। याचिका क्रमांक 372/2015 दिनांक 09.07.2015 को पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित व्यक्तियों के बयान एस.टी.एफ. द्वारा लेखबद्ध किये गये, शिकायत जांच प्रगति पर है, जिसके निष्कर्ष के आधार पर साक्ष्यानुरूप वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले की लंबित शिकायतों के संबंध में समुचित जांच बिना किसी भेदभाव तथा निष्पक्षतापूर्वक की जा रही है। (घ) प्रश्न क्र. 951 दि. 17.12.2019 के खण्ड (घ) के अनुसार लेख है कि डी-मेट द्वारा निजी कॉलेजों में भर्ती की परीक्षा संचालित की जाती थी। इस संबंध में विवेचना इकाई निर्धारण को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी। एस.टी.एफ. म.प्र. द्वारा व्यापम संबंधी लंबित शिकायतों में पी.एम.टी. तथा एन.आर.आई. कोटे में भर्ती की जांच भी की जा रही है। प्रश्न अनुरूप ही उत्तर दिये गये हैं। (ड.) डीमेट द्वारा निजी कॉलेजों में भर्ती के संबंध में विवेचना इकाई निर्धारण को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में माननीय पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा ट्रांसफर पिटीशन (सिविल) क्रमांक 327/2015 सहपठित Interlocutory Application (इंटरलोकेटरी एप्लीकेशन) नंबर 13864/2015 दायर की गई है जो माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली की रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के साथ सुनवाई हेतु लंबित है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी।
एम.एस.पी. पर मूंग की खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र. 199 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि मंत्री ने ट्वीटर के माध्यम से एम.एस.पी. पर मूंग खरीदी किये जाने का उल्लेख किया? यदि हां तो बतावें कि उसके बाद एम.एस.पी. पर खरीदी क्यों नहीं की गई तथा केन्द्र की सहमति बिना ट्वीट क्यों किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों को मूंग के विक्रय पर प्रति क्विंटल तीन हजार रूपये के नुकसान की भरपाई कैसे की जावेगी? (ग) हरदा में चोकडी समिति ने 65 लाख किसानों को चना खरीदी का भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया? क्या समिति शासन की सहमति से खरीदी कर रही थी? यदि हां तो भुगतान कब होगा तथा समिति पर क्या कार्यवाही होगी? (घ) प्रदेश में गेहूँ खरीदी पर अभी तक कितने किसानों का भुगतान नहीं हुआ, कितने किसानों के बिल बनना बाकी है? देरी से होने वाले भुगतान पर होने वाले नुकसान की भरपाई कैसे की जावेगी? (ड.) प्रदेश में उर्वरक के कितने सेम्पल अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 के दौरान लिए गये तथा कितने फैल हुए? उस पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गृह विभाग में आवेदन पंजीबद्ध करने की प्रक्रिया
[गृह]
41. ( क्र. 202 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह विभाग में प्राप्त किसी आवेदन पर प्रकरण दर्ज करने के क्या दिशा-निर्देश हैं तथा क्या आवेदन को जांच के नाम पर महीनों लंबित रखा जा सकता है? आवेदन पर प्रकरण दर्ज करना या नहीं करना, यह निर्णय कितने दिनों में होना चाहिए? इस संदर्भ में संबंधित परिपत्र आदेश की प्रति देवें। (ख) पुलिस थाने में अथवा गृह विभाग में किसी कथित अपराध पर फरियादी द्वारा आवेदन दिए जाने पर क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है तथा उस प्रक्रिया की समय-सीमा का परीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया जाता है? आवेदन की जांच में क्या दस्तावेज, गवाहों के बयान, इत्यादि का परीक्षण किया जाना चाहिए? (ग) पुलिस की जांच की समय-सीमा क्या है तथा वह न्यायालयीन कार्यवाही से भिन्न क्या है? (घ) इंदौर, उज्जैन संभाग में अगस्त 2020 की स्थिति में कितने आवेदन जांच हेतु लंबित हैं तथा अभी तक प्रकरण दर्ज नहीं हुए है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) गृह विभाग में प्राप्त शिकायत आवेदन पत्र कि जांच में पुलिस द्वारा संज्ञेय अपराध पाया जाने पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाता है। शिकायत के स्वरुप अनुसार जांच में समय लगता है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पुलिस में प्राप्त शिकायत के संबंध में संबंधित जिला एवं जोन के वरिष्ठ अधिकारी एवं पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के अधीन शिकायत शाखा द्वारा शिकायतों के त्वरित निराकरण के संबंध में समीक्षा की जाती है। (ग) प्राप्त सामान्य व गंभीर शिकायतों को गंभीरता से लिया जाकर शीघ्र अतिशीघ्र जांच करवायी जाती है एवं संबंधित वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी द्वारा उचित निर्णय लिया जाता है। माननीय न्यायालय में आरोपी एवं फरियादी कथन एवं दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं तथा दण्ड देने का अधिकार मात्र माननीय न्यायालय ही निर्धारित करता है, जो कि पुलिस कार्यवाही से भिन्न है। (घ) इंदौर संभाग में अगस्त 2020 की स्थिति में जिला-इन्दौर-21, जिला-धार-01 तथा जिला-झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, खण्डवा, बड़वानी एवं बुरहानपुर में निरंक है। इस प्रकार कुल-22 शिकायतें जांच प्रक्रिया में होने से जिलों में लंबित है तथा उज्जैन संभाग में अगस्त 2020 की स्थिति में गृह विभाग से प्राप्त लंबित शिकायत जिला उज्जैन-02, देवास-01, रतलाम-04, मंदसौर-02 तथा जिला-शाजापुर, आगर व नीमच में निरंक है। इस प्रकार संभाग में कुल-09 शिकायतें जांच प्रक्रिया में होने से जिलों में लंबित है।
भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की जांच
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
42. ( क्र. 203 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या व्यापम अध्यक्ष ने 2013 में स्वतः संज्ञान लेकर निर्देश दिये थे कि पी.एम.टी. परीक्षाओं में षडयंत्रपूर्वक अपराधिक घटनाओं की जांच व्यापम की आंतरिक समिति करें? यदि हाँ तो बतावें कि ऐसा निर्देश भर्ती परीक्षाओं के लिए दिया गया या नहीं? (ख) व्यापम ने षडयंत्रपूर्वक अपराधिक घटनाओं की 27 भर्ती परीक्षाओं में जांच क्यों नहीं की जबकि 12 परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा पाया गया? क्या व्यापम पी.एम.टी. की तर्ज पर स्वतः संज्ञान लेकर शेष 27 भर्ती परीक्षाओं की जांच करेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जांच में पी.एम.टी. 2011 में 98, 2010 में 90, 2009 में 85 तथा 2008 में 42 कुल 315 परीक्षार्थी को यूएफएम प्रकरण मानकर इनका परीक्षा परिणाम निरस्त किया गया? यदि नहीं तो क्यों? (घ) पी.एम.टी. 2012-13 के आरोपियों पर धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी, भादवि 3 (घ) 1, 2/4 म.प्र. मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया? यदि हाँ तो बतावें कि 2008 से 2011 पी.एम.टी. में प्रश्नांश (ग) के अनुसार प्रकरण दर्ज हुआ या नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्र. 07 पर घटित सड़क दुर्घटनाएं
[गृह]
43. ( क्र. 211 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत थाना सिवनी, बंडोल, छपारा व थाना लखनादौन में राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्र. 07 पर विगत 03 वर्षों में कहाँ-कहाँ सड़क दुर्घटनाएं हुई? इन दुर्घटनाओं में कितने लोगों की म़ृत्यु हुई व कितने लोग घायल हुये? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित दुर्घटनाओं का मुख्य कारण क्या है? क्या निर्माणाधीन राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्र. 07 में नियम विरूद्ध डायवर्सन, सेफ्टी नियमों का निर्माण एजेन्सी द्वारा पालन न लिये जाने के कारण अधिकांश दुर्घटनाएं हुई हैं? (ग) उपरोक्त दुर्घटनाओं के संबंध में दोषी सड़क निर्माता एल.एण्ड.टी. कंपनी पर विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत थाना कोतवाली अंतर्गत छिन्दवाड़ा रोड़ वायपास, सिमरिया के पास, लोनिया रोड़ ब्रिज के पास अधिकांश दुर्घटनायें हुई, थाना लखनादौन में मढई घाटी, चौथामील शेड नदी के पास गणेशगंज समनापुर बम्होड़ी ब्रिज, सिरमंगनी के आस-पास अधिकांश दुर्घटनायें हुई, थाना बंडोल अंतर्गत अलोनिया टोल, राहीवाड़ा भोगाखेड़ा सोनाडोगरी जैसीबी पांईट गोरखपुर के पास बंड़ोल वायपास, नगझर तिरहा के आस-पास अधिकांश दुर्घटनायें हुई एवं थाना छपरा अंतर्गत छपरा के पास बंजोरी मंदिर घुनई घाटी, सादकसिवनी छपारा वायपास पटेल ढाबा के आस-पास अधिकांश दुर्घटनाऐं घटित हुई है। विगत तीन वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 07 के उपरोक्त थाना अंतर्गत कुल 328 सड़क दुर्घटनाऐं घटित हुई है जिसमें 123 लोगों की मृत्यु हुई है एवं 351 लोग घायल हुए है। (ख) उक्त दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहनों का तेज गति व लापरवाही से वाहन चलाना अधिकांश पाया गया है। जी नहीं। (ग) विभाग द्वारा उपरोक्त दुर्घटनाओं के संबंध में एल.एण्ड.टी कंपनी के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त न होने से कंपनी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।
जिला/जनपद पंचायतों का आडिट
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 212 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 जनवरी, 2012 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत सिवनी एवं सिवनी जिले की समस्त जनपद पंचायतों में महालेखाकार एवं स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा आडिट किया गया जनपद पंचायतवार बतावें? आडिटर द्वारा आडिट में कितनी आपत्ति ली गई? कितनी आडिट में कितनी आपत्तियों का निराकरण किया गया है? निराकरण की जानकारी उपलब्ध करायें। कितनी आडिट आपत्तियों का निराकरण होना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जिन आपत्तियों का निराकरण नहीं किया गया है इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) क्या किसी कर्मचारी को निलंबन अवधि के दौरान कार्यरत संस्था का आडिट कराने और आडिट कंडिकाओं का निराकरण करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? यदि नहीं तो, सिवनी जिले के अंतर्गत जिला पंचायत अथवा सिवनी जिले की जनपद पंचायत अंतर्गत किसी कर्मचारी के द्वारा निलंबन अवधि के दौरान आडिट कार्य सम्पादित कराकर लंबित आडिट कंडिकाओं निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कर्मचारियों की सूची एवं उक्त अवधि के दौरान कार्यरत अधिकारी का नाम देवें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) शेष ऑडिट आपत्तियों का निराकरण किया जा रहा है। ऑडिट आपत्तियों का निराकरण एक सतत प्रक्रिया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। किसी निलंबित कर्मचारी को निलंबन अवधि के दौरान कार्यरत संख्या का ऑडिट कराने व निराकरण करने का प्रावधान नहीं है। जिला पंचायत एवं समस्त जनपद पंचायतों में किसी भी निलंबित कर्मचारी के द्वारा ऑडिट कार्य संपादन एवं निराकरण नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओलावृष्टि, अतिवर्षा, सूखा, भावान्तर, फसल खरीदी बोनस, कर्जमाफी आदि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 225 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषकों को ओलावृष्टि, अतिवर्षा, सूखा, भावान्तर, फसल खरीदी बोनस, कर्जमाफी की वर्ष 2019 की घोषणा, अनुसार वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक की कितनी राशि का भुगतान अथवा देय राशि शेष है? (ख) वर्ष 2020-21 के बजट में प्रश्नांश (क) की राशि हेतु कितनी राशि का प्रावधान रखा गया है तथा वर्ष 2020-21 में कृषकों की प्राकृतिक कारणों से संभावित हानि हेतु मुआवजा के लिये इस बजट में कितनी राशि का प्रावधान रखा गया है? (ग) इस वित्तीय वर्ष का कृषि बजट कितनी राशि का है तथा वर्ष 2019-20 से यह कितने प्रतिशत ज्यादा अथवा कम है तथा उसका कारण क्या है? (घ) कोरोना प्रकोप से प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा? क्या इसका विभागीय स्तर पर अध्ययन किया गया है? यदि हाँ तो रिपोर्ट की प्रति देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) ओलावृष्टि, अतिवर्षा, सूखा से संबंधित जानकारी राजस्व विभाग से संबंधित है। फ्लैट भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत खरीफ वर्ष 2018 विपणन वर्ष 2019-20 हेतु सोयाबीन फसल के लिए राशि रू. 475.00 करोड़ रूपये का भुगतान किया जाना शेष है। कर्जमाफी योजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) फ्लैट भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 राशि रू. 500.00 करोड़ का प्रावधान भुगतान हेतु रखा गया है। जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 हेतु राशि रूपये 2000.00 करोड़ का प्रावधान बजट पुस्तिका में किया गया है। (ग) इस वित्तीय वर्ष का कृषि बजट राशि रू. 46,55,95,752 हजार है। (घ) विभागीय स्तर पर कोई अध्ययन नहीं किया गया है।
मन्दसौर गोलीकांड की जैन आयोग का प्रतिवेदन एवं STF द्वारा व्यापम घोटाले की जांच
[गृह]
46. ( क्र. 226 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर गोलीकांड के लिये गठित जैन आयोग का अंतिम प्रतिवेदन शासन को किस दिनांक को प्राप्त हुआ? उसे अभी तक विधानसभा के पटल पर क्यों नहीं रखा गया? (ख) क्या STF व्यापम घोटाले के प्राप्त 197 आवेदन की जांच कर रही है? यदि हाँ तो उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। यदि नहीं तो जांच बन्द करने की दिनांक और कारण बतावें। (ग) STF द्वारा व्यापम घोटाले पर प्राप्त आवेदन में से विभिन्न जिलों में भेजे गये 500 से ज्यादा प्रकरणों की अद्यतन स्थिति जिलेवार बतावें। आवेदन प्राप्ति की दिनांक, विभिन्न जिलों में भेजने की दिनांक से अवगत करावें। (घ) क्या शासन CBI को भेजे गये प्रकरणों के अतिरिक्त शेष व्यापम घोटाले की जांच के प्रति वचनबद्ध है? यदि हाँ तो उस हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) मान. जैन आयोग के प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश की जानकारी विभिन्न जिलों से संकलित की जा रही है।
आवंटित प्लाटों पर अवैध कब्जा
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 232 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुण्डलिया वृहद परियोजना तह. जीरापुर जिला राजगढ़ के डूब क्षेत्र में आने वाले विस्थापितों को जीरापुर में छापी बांध जलाशय निकट वाले आवासीय प्लाट आवंटित किये गये है? (ख) क्या नई कोर्ट परिसर के पास आवंटित पट्टाधारी 1. श्री मेहरवानसिंह ग्राम पथरिया 2. दरबार सिंह ग्राम कडलावद 3. बहादुरसिंह ग्राम कालापीपल एवं पप्पूसिंह ग्राम कालापीपल को आवासीय प्लाट पर इस भूमि से लगे हुए हिस्से में दबंग अतिक्रमणकारी द्वारा इन विस्थापितों के आवासीय प्लाट हड़प लिये हैं? (ग) अगर हाँ तो इनको प्लाट पर कब्जा दिलवाने हेतु राजस्व एवं जल संसाधन विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है एवं कब तक इन प्लाटों पर विस्थापितों को काबिज करवाया जावेंगा? (घ) इन लोगों को विस्थापित हुए 2 वर्ष हो गये हैं, इस कार्यवाही में अनावश्यक विलंब करने वाले कर्मचारी एवं अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पट्टेधारियों के आवेदन पर परियोजना प्रबंधक, मोहनपुरा कुण्डालिया परियोजना प्रबंधन इकाई, कैंप जीरापुर जिला राजगढ़ के पत्र दिनांक 13.05.2020, 22.06.2020 तथा 03.09.2020 द्वारा थाना प्रभारी, पुलिस थाना जीरापुर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), खिलचीपुर-जीरापुर तथा पत्र दिनांक 17.07.2020 द्वारा तहसीलदार जीरापुर को अतिक्रमण हटाने एवं अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है। प्रकरण तहसीलदार न्यायालय, तहसील जीरापुर में पंजीबद्ध कर कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विभाग द्वारा पट्टेधारियों को आवंटित आवासीय प्लाटों का कब्जा दिनांक 22.02.2019 को दिलाया गया था। किसी प्रकार का अनावश्यक विलंब नहीं हुआ है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
घाटाखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
48. ( क्र. 233 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र जिला राजगढ़ की घाटाखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण कार्य की साध्यता कब और कितनी राशि की प्रदान की गई थी? (ख) क्या योजना का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है? अगर सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो गया है तो प्रशासकीय स्वीकृति प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? (ग) शासन स्तर पर सभी औपचारिकता पूर्ण कर इस योजना पर कार्य कब तक प्रारंभ किया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र जिला राजगढ़ की घाटाखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण कार्य की राशि रू. 09.97 लाख की स्वीकृति दिनांक 09.09.2019 को प्रदान की गई थी। (ख) एवं (ग) जी हाँ। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन मैदानी स्तर पर परीक्षणाधीन है। शासन स्तर पर प्रतिवेदन प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत गुण-दोष तथा बजट की उपलब्धता के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
चरगवां एवं शहपुरा में महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
49. ( क्र. 242 ) श्री संजय यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले की बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले शहपुरा/चरगवां में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने के बाद अभी तक प्रवेश की प्रक्रिया क्यों नहीं हो पायी है? इन महाविद्यालयों में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों की स्वीकृति की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत इन महाविद्यालयों हेतु कहाँ और कितनी भूमि आवंटित की गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शहपुरा/चरगवां में शासकीय महाविद्यालय स्थापित नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जबलपुर कलेक्टर द्वारा शहपुरा के लिये दिनांक 24.08.2019 को 2.42 हेक्टेयर भूमि तथा चरगवां के लिये दिनांक 17.07.2019 को 2.92 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गयी है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सहजपुरा मटर मण्डी की सड़क का चौड़ीकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 243 ) श्री संजय यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के बरगी विधानसभा क्षेत्र में आने वाली जनपद पंचायत शहपुरा की ग्राम पंचायत सहजपुर में हरा मटर मण्डी की सड़क चौड़ीकरण की निविदा कब जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत यदि निविदा जारी हो गई है, तो क्या कार्य आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो सड़क निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जनपद पंचायत शहपुरा की ग्राम पंचायत सहजपुर में विद्यमान उपमण्डी सहजपुर (बरखेड़ा) के पहुँच मार्ग चौड़ीकरण निर्माण कार्य लागत राशि रू. 158.03 लाख हेतु निविदा दिनांक 01.10.2019 से जारी की गई है। (ख) उत्तरांश (क) की निविदा कार्यवाही अंतर्गत प्राप्त निविदा का कार्य आदेश अभी जारी नहीं है, क्योंकि प्राप्त निविदा पर निर्णय की कार्यवाही प्रचलन में है, जिस पर निर्णय अनुरूप आगामी कार्यवाही की जावेगी।
ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन कॉरिडोर से जोड़े जाना
[पर्यटन]
51. ( क्र. 246 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी जिले को देश के पर्यटन से जोड़ने के लिये क्या ऐतिहासिक, सांस्कृतिक प्राकृतिक, धार्मिक स्थलों को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ तो यह कौन-कौन से स्थल हैं? (ख) संजय गांधी नेशनल पार्क के साथ परशुली चंद्रेह, हनुमानगढ़ बढोरा होते पर्यटन कॉरिडोर हेतु सरकार की क्या कोई योजना है? यदि नहीं तो इस हेतु आवश्यक सर्वे कब तक किया जाएगा? (ग) चंद्रेह का शिव मंदिर एवं भंवर्सेन का संगम स्थल के विकास हेतु सरकार की क्या योजना है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) सीधी जिले के प्राकृतिक पर्यटन स्थल संजय गांधी नेशनल पार्क को पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की स्वेदश दर्शन योजनान्तर्गत स्वीकृत वाईल्ड लाईफ सर्किट में चिन्हित किया गया है। (ख) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
जय किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
52. ( क्र. 253 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रथम एवं द्वितीय चरण में कुल कितने किसानों के ऋण माफ किये गये एवं कितनी राशि माफ की गई? जिलेवार बताये। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुल कितने किसान ऋण माफी हेतु शेष रहे हैं? इन शेष किसानों की ऋण माफी कब तक कर दी जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) गुना जिले में 01 लाख तक की राशि के किन-किन किसानों के ऋण माफ किये गये हैं? तहसीलवार जानकारी दें। कितने किसान शेष हैं तथा शेष किसानों के ऋण कब तक माफ किये गये जायेंगे? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के तारतम्य में 02 लाख तक के ऋण वाले किसानों की कर्जा माफी करने के संबंध में वर्तमान सरकार किसानों के हित में निर्णय लेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। ऋण माफी योजना की समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिये जावेंगे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (घ) ऋण माफी योजना की समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिये जावेंगे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मनरेगा योजनांतर्गत फर्जी भुगतान प्राप्ति की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 257 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा के तहत गोहद, मेहगांव विकास खण्ड की किन-किन पंचायतों तथा रौन विकासखण्ड की ग्राम पंचायत इमलाहा, जैतपुरागुढ़ा रायपुरा नं. 01 के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) उपरोक्त अवधि में मनरेगा द्वारा कराये गये कार्यों की शिकायतें जनपद एवं जिला स्तर पर कब-कब, किन-किन के द्वारा की गई? उनकी जांच किन-किन अधिकारियों से कराई गई? जांच में किन-किन को दोषी पाया गया एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विकासखण्ड गोहद में बिना तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के ग्रेवल रोड़ निर्माण ग्राम पंचायत छरैटा करवास, ग्राम पंचायत आलौरी में दो मार्ग, ग्राम पंचायत इकाहरा में दो मार्ग प्रहलाद सिंह की बागिया से मुख्य मार्ग खितौली की ओर एवं नागौर बंधवाला पुरा मेन रोड़ से चक करैना स्कूल तक के भुगतान कर दिये गये? यदि हाँ तो बगैर तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के भुगतान करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 20.6.2020 को मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर मनरेगा अंतर्गत मजदूरों के नाम फर्जी भुगतान किए जाने एवं मशीनों से कार्य कराये जाने की जांच कराने हेतु अनुरोध किया था? यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता के पत्र पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं, जनपद पंचायत गोहद में ग्रेवल रोड़ निर्माण ग्राम पंचायत छरेंटाकरवास, ग्राम पंचायत आलोरी में दो मार्ग, ग्राम पंचायत इकाहरा में दो मार्ग, प्रहलाद सिंह की बगिया से मुख्य मार्ग खितौली की ओर कार्य नियमानुसार तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कराये गये है। नागौर बंधवालापुरा मैनरोड से चकबरौना स्कूल तक कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है न ही कार्य पर कोई राशि व्यय हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। उक्त पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जांच उपरांत जिला देवास, सागर, रायसेन, अनूपपुर, भिण्ड, आगर-मालवा, ग्वालियर, गुना, इंदौर एवं मंदसौर की शिकायतें निराधार पायी गयी है। जिला दतिया की ग्राम पंचायत ईटौंदा (वि.खं. सेवढा) में मनरेगा प्रावधानों के प्रतिकूल कार्य होना पाया गया, जिसके लिये सरपंच/सचिव/उपयंत्री दोषी पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। जिला धार, मुरैना, अशोकनगर एवं शिवपुरी में जांच की कार्यवाही प्रचलित है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 270 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में प्राप्त लक्ष्य का जिलेवार वितरण किस आधार पर किसने किया? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ख) अपर सचिव भारत सरकार ने मई 2018 में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत S.E.C.C. 2011 के आंकड़ों में रायसेन जिले के कई गांवों की मेपिंग सही न होने तथा छूट जाने विषयक पत्र अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को कब प्राप्त हुआ? उक्त पत्र पर उनके द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत S.E.C.C. 2011 के आंकड़ों में मैपिंग सही न होने तथा छूट गये ग्रामों को जोड़ने के प्रकरण सितम्बर 20 की स्थिति में किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है? (घ) रायसेन जिले के प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत S.E.C.C. 2011 के आंकड़ों में मेपिंग सही न होने तथा छूट गये ग्रामों को जुड़वाने के संबंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास, कार्यवाही की गई तथा इस संबंध में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र विभाग के अधिकारियों को कब-कब, किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण अंतर्गत आवास का आवंटन पंचायतों में SECC सूची 2011 में सूचीबद्ध हितग्राहियों की वंचिचता (deprivation) की तीव्रता तथा वर्ग अनुसार किया गया है। लक्ष्य का जिलेवार विवरण शासन स्तर से किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उक्त ग्रामों की मैपिंग सही करने हेतु प्रकरण सितम्बर 20 की स्थिति में 26 ग्रामों में से 13 ग्रामों की मैपिंग सही की गई है। शेष 13 भारत सरकार स्तर पर लंबित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
हितग्राहियों को पेंशन राशि का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
55. ( क्र. 271 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितम्बर, 20 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी पेंशन का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है? निकायवार, ग्रामपंचायतवार संख्या बतायें। (ख) सितम्बर 2020 की स्थिति में संबंधित हितग्राहियों को किस माह तक की पेंशन का भुगतान हुआ है? पेंशन का भुगतान किस माध्यम से कैसे किया जाता है? (ग) क्या दिव्यांग विधवा एवं वृद्ध जनों को उनके घर पर ही पेंशन मिले तथा पेंशन प्राप्त करने हेतु हितग्राही को 5 कि.मी. से दूर न जाना पड़े, इस हेतु पेंशन आपके द्वार व्यवस्था के अंतर्गत बैंकिग करस्पान्डेंट के माध्यम से पेंशन का भुगतान कराये जाने के शासन के निर्देश है? यदि हाँ तो उक्त निर्देशों का रायसेन जिले में पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) रायसेन जिले में किन-किन स्थानों से किन-किन ग्राम पंचायतों के हितग्राहियों को पेंशन राशि का भुगतान किस-किस माध्यम से किया जा रहा है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सितम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले के 92479 हितग्राहियों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निशक्त पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मानसिक बहुविकलांगों को आर्थिक सहायता, कन्या अभिभावक, कल्याणी पेंशन एवं अविवाहिता पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) सितम्बर 2020 की स्थिति में सम्बन्धित हितग्राहियों को अगस्त माह तक का भुगतान हुआ है। पेंशन का भुगतान राज्य स्तर से सीधे पेंशन पोर्टल के माध्यम से सिंगल क्लिक के द्वारा तथा बैंकिंग करस्पाडेंट के माध्यम से पेंशन राशि का भुगतान किया गया है। (ग) जी हाँ। रायसेन जिले में पेंशन आपके द्वार व्ययवस्था के अन्तर्गत बैंकिंग करस्पाडेंट तथा राज्य स्तर से सिंगल क्लिक के माध्यम से पेंशन वितरण का कार्य शासन निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लंबित केसों का निराकरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
56. ( क्र. 282 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार द्वारा कोल्ड स्टोरेज के निर्माण हेतु, प्रदेश के अनुदान हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई है वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले में किस-किस को इसका लाभ दिया जा चुका है? नाम, पिता/पति, जाति, पता एवं कोल्ड स्टोरेज निर्माण का स्थान एवं कुल लागत एवं छूट (अनुदान) सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि शासन द्वारा इसको स्वीकृत किये जाने हेतु संपूर्ण दिशा-निर्देश क्या-क्या हैं? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि अभी किस-किस के केस कार्यालय में कब से लंबित रखे हैं? जो इस समयावधि में स्वीकृत किये गये है? उसमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किस-किस के प्रकरण हैं? लंबित केसों का निराकरण कर स्वीकृत किया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
प्रावधानित राशि (लाख में) |
1. |
2014-15 |
910.00 |
2. |
2015-16 |
1400.00 |
3. |
2016-17 |
1680.00 |
4. |
2017-18 |
2730.00 |
5. |
2018-19 |
896.93 |
6. |
2019-20 |
420.40 |
7. |
2020-21 |
1540.00 |
(ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति समाप्त करने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 283 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास में ऐसे कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी हैं जो जनरल मैनेजर, महाप्रबंधक एवं अन्य पदों पर पदस्थ हैं, जो प्रश्न दिनांक को जिले से संचालित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का कार्य देख रहे हैं? उनके नाम, मूल पद का नाम एवं विभाग एवं उनमें पद क्या है और वह प्रश्न दिनांक को कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं? सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि यह अधिकारी अपने मूल विभाग से कब से इन विभागों में प्रतिनियुक्ति पर आए थे और पुन: कब-कब कितनी-कितनी बार से यह प्रतिनियुक्ति लेते हुए चले आ रहे हैं और उनकी प्रतिनियुक्ति कब तक के लिए है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक को इन अधिकारियों को कितना-कितना कुल वेतन प्रतिमाह दिया जा रहा है? क्या इससे भी कम वेतन प्रतिमाह व्यय होने पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कोई ऐसे अधिकारी नहीं होते हैं जो इस योजना के कार्यों का मॉनिटरिंग/संचालन कर सके? अगर हाँ तो इन्हें उपरोक्त कार्य योजना की ऐसी जिम्मेदारी दी जावेगी तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि क्या बिजली विभाग या अन्य कौन-कौन से विभाग से जो अधिकारी इस विभाग में उपरोक्त कार्य योजना को संचालित करने हेतु लगे हैं, उन्हें इस विभाग से कब तक प्रतिनियुक्ति से हटाकर मूल विभाग में भेज दिया जावेगा? निश्चित समय-सीमा बताएं।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी उनके मूल विभाग की नीतियों/नियमों के अनुरूप अलग-अलग अवधियों के लिये प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा आहरित किये जा रहे प्रतिमाह कुल वेतन की राशि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्राधिकरण द्वारा विभिन्न पदों पर प्रतिनियुक्ति हेतु व्यक्तिगत साक्षात्कार के माध्यम से चयन किया जाता है। चयन का आधार वेतनमान न होकर योग्यता होता है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा में पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
58. ( क्र. 284 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान समय ''मनरेगा'' विभाग ग्रामीण क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहा है, इस योजना में पदस्थ राज्य स्तरीय/जिला स्तर के कर्मचारियों/अधिकारियों की सूची देवें। इसमें से कितने कर्मचारी संविदा/प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है? (ख) जिन कर्मचारियों ने 14-15 वर्ष का समय संविदा में पूर्ण कर लिया है उन्हें नियमित तथा 90 प्रतिशत वेतन न देने का कारण क्या है? (ग) क्या वर्तमान सरकार ने 90 प्रतिशत वेतन समस्त संविदा कर्मियों को दिये जाने के आदेश दिये थे? इस योजना का क्रियान्वयन क्यों नहीं किया गया? कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय अधिकारियों/ कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इनमें से संविदा पर 3260 तथा प्रतिनियुक्ति पर 35 सहित कुल 3295 अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र.शासन के पत्र क्र. सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 5.6.18 के बिन्दु क्र. 1.14.5 से नीति निर्देश जारी किये गये है, जिन पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र.शासन के पत्र क्र. सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 5.6.18 के बिन्दु क्र. 1.14.5 से नीति निर्देश जारी किये गये है, जिन पर कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी
[गृह]
59. ( क्र. 313 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल संभाग अंतर्गत जिलों में हत्या, डकैती, लूटपाट, चोरी, बच्चियों अथवा महिलाओं से बलात्कार, मारपीट, अपहरण आदि के कितने अपराध विभिन्न थानों में पंजीबद्ध हुए? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित अपराधों में पुलिस द्वारा कितनी गिरफ्तारी एवं कितनी राशि की संपत्ति की बरामदगी हुई? कितनी महिलाओं पर अत्याचार के प्रकरणों पर अपराधियों की गिरफ्तारियां हुई हैं और कितने अपराधी आज दिनांक तक फरार हैं? (ग) प्रश्नांकित अवधि में हुए अपराध पूर्व वर्षों की तुलना में कम या अधिक हुए, विगत तीन वर्षों का ब्यौरा दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (ग) आलोच्य अवधि में विभिन्न जिलों की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार दर्शित है।
शमन शुल्क से प्राप्त राशि
[गृह]
60. ( क्र. 314 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से प्रदेश में वाहनों के चालान से प्राप्त शमन शुल्क के रूप में कितनी राशि विभाग को माहवार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर से प्राप्त हुई है? (ख) क्या शहरों के प्रमुख चौराहों पर यातायात पुलिस अथवा थाना पुलिस के द्वारा बनाये गये वाहनों के चालान की राशि शासन के राजकोष में जमा होती है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित अवधि में कितनी राशि जमा हुई? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें। (ग) क्या पुलिस मुख्यालय द्वारा वाहनों के चालान से प्राप्त राशि पुलिस कल्याण मद में अथवा पुलिस के वाहनों की खरीदी में व्यय की जाती है? यदि हाँ तो क्यों एवं कब से की जा रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। दिनांक 01.04.2020 से 31.08.2020 तक प्रदेश के जिलों द्वारा रू. 15,55,86,120/- शमन शुल्क राशि जमा की गई है। (ग) जी नहीं शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आई.पी.एस. अधिकारियों के कार्यालय एवं बंगले पर पदस्थ स्टॉफ
[गृह]
61. ( क्र. 317 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के सेवानिवृत्त एवं वर्तमान में पदस्थ आई.पी.एस. अधिकारियों के बंगले एवं कार्यालय में कितने स्टॉफ की पात्रता है? अर्दली ड्रायवर सहित पदवार बतावें। (ख) पुलिस मुख्यालय भोपाल एवं भोपाल से बाहर पदस्थ आई.पी.एस. एवं सेवानिवृत्त आई.पी.एस. अधिकारियों के यहां पर कितने-कितने ड्रायवर एवं अर्दली अभी तक अपनी सेवायें दे रहे हैं एवं उनकी मूल पदस्थापना कहाँ पर है? (ग) वर्तमान में पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ आई.पी.एस. अधिकारियों के बंगले पर कितने कर्मचारियों का स्टॉफ कार्यरत है? स्वीकृत कर्मचारियों से अतिरिक्त कर्मचारियों को क्या वापिस बुलाया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कलियासोत डेम के गेट पूर्व सूचना दिये बिना खोलने से हुये नुकसान का मुआवजा
[जल संसाधन]
62. ( क्र. 318 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अगस्त 2020 में कलियासोत डेम के दो गेट खोलने की सूचना देने के बाद 11 गेट खोले गये? (ख) यदि हाँ, तो क्या डेम के 11 गेट एक साथ खोलने के कारण दामखेड़ा झुग्गी बस्ती में आई बाढ़ के कारण मकान एवं झुग्गियां गृहस्थी के सामान सहित बह गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बाढ़ के कारण हुई तबाही के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या संबंधित बाढ़ पीड़ित परिवारों को शासन द्वारा मुआवजा उपलब्ध कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। अगस्त 2020 में कलियासोत डैम के 02 गेट खोलने की सूचना देने के बाद 11 गेट नहीं खोले गए अपितु अगस्त 2020 में कलियासोत डैम के 02 गेट खोलने की सूचना देने तथा बाद में 10 और गेट की सूचना देने के उपरांत गेट क्रमश: खोले गए। (ख) एवं (ग) जी नहीं। कलियासोत डैम के 10 गेट एक साथ नहीं खोले गए अपितु 10 गेट क्रमश: खोले गए तथा गेट से रूपांकित क्षमतानुसार ही पानी छोड़ा गया। बांध की स्पिल चैनल के जल भराव क्षेत्र के अंदर कोई भी मकान एवं झुग्गियां ग्रहस्थी के सामान सहित नहीं बही हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र दिनांक 14.09.2020 से प्राप्त जानकारी के अनुसार कलियासोत डैम के एक-एक गेट बारी-बारी से खोलने के उपरांत भी कलियासोत नदी में अचानक पानी बढ़ने के कारण नदी के किनारे स्थित झुग्गी बस्ती के कुछ मकान एवं समान बाढ़ में बह गए। बांध के गेट खोलने के कारण आई बाढ़ से हुई क्षति के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित परिवारों का सर्वे कराया गया है। शासन स्तर पर मुआवजा दिए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
व्यापम घोटाले की जांच
[गृह]
63. ( क्र. 327 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 996 दिनांक 17.12.2019 के संदर्भ में बतावें कि क्या एस.आई.टी ने भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों के फिंगर प्रिंट की ओ.एम.आर. शीट से जांच कराने के निर्देश दिये थे? यदि हां, तो बतावें कि ऐसा क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या एस.टी.एफ. व्यापम घोटाले के 197 आवेदन पर जांच कर रहा है? क्या थाने को भेजी गई 510 शिकायतों को वापस बुलाकर उनकी जांच एस.टी.एफ. से कराई जावेगी तथा नस्तीबद्ध 393 शिकायतों की पुन: विवेचना की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) जून 2015 के बाद से अगस्त 2019 तक एस.टी.एफ. ने व्यापम घोटाले की जांच किसके निर्देश पर रोकी? उस आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि एस.टी.एफ. ने पी.एम.टी. 2012 तथा 2013 की जांच में निजी चिकित्सा कॉलेज के मालिकों को आरोपी क्यों नहीं बनाया तथा 2008 से 2011 तक रोल नम्बर सेटिंग का प्रकरण क्यों दर्ज नहीं किया? (घ) क्या जून 2015 की व्यापम की बंद जांच अगस्त 2019 में पुन: जांच प्रारम्भ करने से क्या यह दर्शाता है कि जांच गैर कानूनी रूप से रोकी गई थी? चार साल तक आरोपियों को मोका देना, दस्तावेजों को हेर-फेर करने की संभावना पैदा करने की साजिश करने के लिए कौन जिम्मेदार है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 996 के संदर्भ में एस.आई.टी. को भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट, ओ.एम.आर. की जांच के संबंध में पृथक से निर्देश नहीं थे। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी हाँ, एस.टी.एफ. म.प्र. द्वारा व्यापम घोटाले से संबंधित 197 आवेदन पत्रों पर जांच की जा रही है। जी नहीं, व्यापम संबंधी 530 शिकायतें जिलों में भेजी गई थीं, जिनकी जांच एवं वैधानिक कार्यवाही जिला पुलिस द्वारा संपादित की जा रही है। उक्त अनुक्रम में गुमनाम, अदमपता, छद्मनाम, तथ्यहीन आदि कारणों से 313 शिकायतों को नस्तीबद्ध किया गया, जिनकी तथ्यों के अभाव में पुनः जांच संभव नहीं है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/2015 दिनांक 09.07.2015 में व्यापम द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े से संबंधित दर्ज समस्त अपराधिक प्रकरणों की अग्रिम विवेचना सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने का आदेश पारित किये जाने से व्यापम संबंधी लंबित शिकायतों के संबंध में जांच एजेन्सी निर्धारण होने तक जांच स्थगित की गई थी। याचिका क्रमांक 372/2015 दिनांक 09.07.2015 को पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। व्यापम संबंधी प्रकरणों की अग्रिम विवेचना सी.बी.आई को हस्तांतरित किये जाने से अग्रिम कोई कार्यवाही एसटीएफ द्वारा नहीं की गई है। म.प्र. शासन के पत्र क्रं. 1277/CMS/PRS/2019 भोपाल दिनांक 01.08.2019 के परिपालन में मात्र इम्पेरिकल रूल के आधार पर तथा किसी अन्य संपुष्टिकारक सुसंगत साक्ष्य के अभाव में अभ्यार्थियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज न करने के निर्णायानुरूप पीएमटी वर्ष 2008 से 2011 में कार्यवाही की गई। (घ) जी नहीं। मान. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली की रिट याचिका क्र. 372/15, दिनांक 09.07.2015 के निर्णयाधीन व्यापम संबंधी प्रकरणों की जांच सी.बी.आई. को हस्तांतरित करने का आदेश पारित किया जाने से व्यापम संबंधी लंबित शिकायतों के संबंध में जांच एजेन्सी निर्धारण के संबंध में स्थिति स्पष्ट न होने से जांच स्थगित की गई थी।
आत्महत्या की घटित घटनाएं
[गृह]
64. ( क्र. 330 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में किस-किस जिले में कितने कृषकों ने, कितने खेतिहर श्रमिकों ने, कितने युवाओं ने, कितनी महिलाओं ने आत्महत्या की? (ख) 25 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस जिले में कितनी हत्याएं हुई, कितनों को आरोपी बनाया तथा कितनों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई? (ग) प्रश्न (क) की अवधि में कितने पुलिस महकमें से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों का स्थानांतरण प्रशासकीय एवं स्वैच्छिक आधार पर किये गये व उसके एवज में शासन पर स्थानांतरण एलाउंस का कितना भार आया? (घ) प्रश्नाधीन अवधि में कितने पुलिस अधिकारी कर्मचारी मृत हुये? कितने कोरोना के कारण तथा कितने अन्य कारण से मृत हुये? किस-किस को कितना मुआवजा दिया गया तथा किसे नहीं दिया गया? न देने का कारण बतावें। (ड.) क्या विभाग कोरोना काल में मृत प्रत्येक पुलिस कर्मचारी अधिकारी को कोरोना योद्धा मानकार एक करोड़ रूपये का मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) प्रश्नांश की जानकारी वृह्रद एवं व्यापक है, संकलित की जा रही है।
अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 336 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से सितम्बर 20 की स्थिति में रायसेन जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में किन-किन योजनाओं में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों में वन विभाग की अनुमति एवं विद्युत पोल एवं तारों का व्यवधान है? उनकी अनुमति के संबंध में कार्यपालन यंत्री एवं प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा उक्त कार्यों की स्वीकृति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई वर्तमान में उक्त प्रकरण किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है? (ग) 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक प्रमुख अभियंता एवं कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रायसेन को रायसेन जिले के किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? कब तक निराकरण होगा? (घ) प्रमुख अभियंता एवं कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रायसेन द्वारा संबंधित सांसद तथा विधायकों को पत्रों के जवाब कब-कब दिये तथा किन-किन पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये तथा कब तक पत्रों के जवाब देगें?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
बारना बांयी नहर संभाग बाड़ी की लाइनिंग
[जल संसाधन]
66. ( क्र. 337 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रायसेन अंतर्गत बारना बांयी नहर संभाग बाड़ी अंतर्गत नहरों का लाइनिंग कार्य चल रहा है? यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ तथा किस योजना अंतर्गत तथा कितनी राशि का एवं किस एजेंसी ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य संपन्न किया जा रहा है? (ख) बारना बांयी नहर की माइनर M2 की सबमाइनर SM5 की वास्तविक स्थिति क्या है? (ग) क्या बारना दांयी नहर में संपादित की गई सी.सी. लाइनिंग के निर्माण कार्य का निरीक्षण प्रतिवेदन कार्यपालन यंत्री बारना बांयी नहर संभाग जिला रायसेन के पत्र क्रमांक 1164 दिनांक 22.05.2019 द्वारा घटिया एवं स्तरहीन कार्य किये जाने का उल्लेख किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अगर हाँ तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं ठेकेदार पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। बारना परियोजना की बांयी एवं दांयी मुख्य नहर की माइनर एवं सबमाइनर नहरों में ईआरएम योजनांतर्गत लाइनिंग का कार्य संपन्न किया जा रहा है। एजेंसी एवं राशि इत्यादि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बारना बांयी नहर के स्थान पर बारना दांयी नहर की वितरिका क्रमांक 4 की माइनर M2 में सबमाइनर SM5 है वर्तमान में SM5 में लाइनिंग नहीं है। SM5 से रूपांकित क्षमतानुसार 310 हेक्टर में सिंचाई की जा रही है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। बारना दांयी नहर की वितरिका क्रमांक-3 की माइनर M3 में पाई गई खराब लाइनिंग एवं क्रैक्ड पैनल को ठेकेदार द्वारा तोड़कर स्वयं के व्यय पर ठीक करा दिया गया है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी एवं ठेकेदार को दोषी मानकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
हार्टीकल्चर हब का निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
67. ( क्र. 342 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम शहर विधान सभा क्षेत्र के करमदी में प्रस्तावित हार्टीकल्चर हब विकसित करने के लिये कलेक्टर ने 20 हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी? यदि हाँ तो क्या इस जमीन का कब्जा ले लिया गया है वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) हार्टिकल्चर हब विकसित करने का कार्य किस स्तर पर है और कब तक पूरा होगा? (ग) इसकी प्रस्तावित निर्माण लागत कितनी अनुमानित है? क्या धनराशि का आवंटन कर दिया गया है?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला रतलाम के आदेश पारित दिनांक 12.06.2014 के माध्यम से ग्राम करमदी की शासकीय भूमि खसरा नम्बर 545/1, 545/6, 545/8 की भूमि कुल रकबा 32.29 हेक्टेयर (80.725 एकड़) भूमि में से 14.14 हेक्टेयर (35 एकड़) हॉर्टीकल्चर हब की स्थापना हेतु सुरक्षित रखकर शेष भूमि 18.15 हेक्टेयर (45.72 एकड़) भूमि पुन: राजस्व विभाग में ली जाकर इसे नमकीन एवं एलाईड फूड प्रोडक्ट की इकाईयों की स्थापना हेतु उद्योग विभाग को हस्तांतरित की गई है। इस तरह कुल 14.14 हेक्टेयर (35 एकड़) भूमि विभाग को हॉर्टीकल्चर हब हेतु आवंटित है। उक्त भूमि पर विभाग द्वारा कब्जा लिया गया है। (ख) भूमि आरक्षित कराई गई थी वर्ष 2012 में स्वीकृत हॉर्टीकल्चर हब की योजना पर क्रियान्वयन संभव नहीं हो सका एवं वर्तमान में योजना प्रचलन में नहीं है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रों को स्मार्ट फोन का वितरण
[उच्च शिक्षा]
68. ( क्र. 343 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत विधानसभा में पूछे गये प्रश्न के जबाव में उच्च शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बावजूद कॉलेज छात्रों को अब तक उच्च गुणवत्ता वाले स्मार्ट फोन का वितरण नहीं हुआ? यदि हाँ तो क्यों तथा छात्रों को फोन कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे? (ख) क्या पिछले वर्षों में सरकार द्वारा वितरित स्मार्ट फोन की गुणवत्ता की जांच करा ली गई है क्या? यदि हाँ तो जांच की क्या रिपोर्ट आई है और उस पर सरकार ने क्या कार्यवाही की है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सत्र जुलाई 2019 में प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के प्रश्न क्र. 2804 के संदर्भ में स्मार्ट फोन की गुणवत्ता की जांच कराए जाने के संबंध में ''आपकी भावनाओं के अनुरूप होगा, जांच होगी'' का आश्वासन दिया गया था। जांच प्रतिवेदन वर्तमान में परीक्षणाधीन है वर्तमान में स्मार्ट फोन वितरण के संबंध में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार।
झारड़ा महाविद्यालय स्वीकृत पद की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
69. ( क्र. 345 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के झारड़ा महाविद्यालय में वर्तमान में कितने संकाय चालू हैं? (ख) इनमें कितने पद स्वीकृत हैं? कितने भरे/रिक्त हैं? पदवार बतावें। (ग) कब तक इस महाविद्यालय के भवन की स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय झारड़ा में वर्तमान में केवल कला संकाय संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मंदिर निर्माण की कार्यवाही
[अध्यात्म]
70. ( क्र. 346 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के झारड़ा कस्बे स्थित बड़ा राम मंदिर के निर्माण के लिए विभाग में अब तक क्या कार्यवाही की है? (ख) इसके निर्माण पर विभाग द्वारा लगभग 5 करोड़ रू. की स्वीकृति की कोई कार्यवाही की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो यह स्वीकृति कब तक दी जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) प्रश्न संबंधी मंदिर का प्रस्ताव विभाग में अप्राप्त है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्तानुसार।
कोरोना से संक्रमित कैदियों की जानकारी
[जेल]
71. ( क्र. 349 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की जेलों में दिनांक 01.04.2020 से 25.08.2020 तक कितने कैदी कोरोना से संक्रमित पाए गए? जिलावार, संख्या बतावें। इन्हें उपचार के लिये कहाँ-कहाँ भेजा गया? जेलवार, अस्पताल के नाम सहित बतावे? (ख) इनके उपचार पर कितनी राशि शासन द्वारा व्यय की गयी? जेलवार, कैदी संख्या, राशि सहित बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जय किसान फसल ऋण योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
72. ( क्र. 350 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में ''जय किसान फसल ऋण माफी'' योजना संचालन की स्थिति बतावें। (ख) इस योजना के द्वितीय चरण में कितने किसानों की एक लाख रूपये तक की कर्ज राशि माफ होना शेष है? जिलावार, कृषक संख्या सहित बतावें। (ग) उपरोक्त कर्ज राशि व तृतीय चरण के दो लाख रूपये तक के किसानों की कर्ज राशि कब तक माफ कर दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत कुल 5153534 आवेदन भरे गए। प्रथम चरण में 2023136 प्रकरण राशि रूपये 710896.00 लाख के स्वीकृत किए गए। द्वितीय चरण में 672245 प्रकरण राशि रूपये 453802.00 लाख के स्वीकृत किए गए एवं 590848 प्रकरण राशि रूपये 749225.00 लाख के स्वीकृति हेतु शेष है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऋण माफी योजना की विस्तृत समीक्षा शासन के विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिए जावेंगे समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
धोखाधड़ी के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
73. ( क्र. 353 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अर्पित द्विवेदी 23, अणु परिसर उज्जैन द्वारा की गई धोखाधड़ियों के संबंध में पुलिस अधीक्षक उज्जैन को दिनांक 05.03.2020, 16.03.2020 एवं 31.07.2020 को अलग-अलग आवेदनकर्ताओं द्वारा दिए, आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ख) अर्पित द्विवेदी द्वारा की गई धोखाधड़ी एवं धमकाने के फलस्वरूप एक आवेदनकर्ता प्रमोद शुक्ला को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा लेकिन उनके द्वारा मृत्यु पूर्व दिए बयानों जिसमें इनके दो परिजनों के द्वारा भी प्रताड़ना का उल्लेख है पर आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) कब तक प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कार्यवाही कर दोषियों की गिरफ्तारी की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) संबंधित प्राप्त शिकायतों की जांच पर मामला रुपयों के लेन-देन का अर्थात् सिविल प्रकृति का पाया गया है। (ख) एवं (ग) दिनांक 06.08.2020 को आवेदक प्रमोद शुक्ला की मृत्यु होने से थाना माधवनगर में मर्ग क्रमांक 26/2020 धारा 174 दंड प्रक्रिया संहिता की जांच पश्चात अपराध क्रमांक 847/2020 धारा 306,34 भादवि के आरोपीगण अर्पित द्विवेदी, यतीन्द्र द्विवेदी एवं राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी अर्पित द्विवेदी और यतीन्द्र कुमार द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया है।
इंदौर के राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र में दिए गए आवेदन पर कार्यवाही
[गृह]
74. ( क्र. 354 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर के राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र में श्रीमती भागवंती जायसवाल द्वारा दिनांक 26.08.2020 को दिए आवेदन पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति देवें। (ख) उनकी भूमि पर बार-बार असामाजिक तत्व अवैध कब्जा करने वालों पर कब तक सख्त कार्यवाही कर भूमि पर से अवैध कब्जा हटाया जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आवेदिका भागवंती जायसवाल पति अनिल कुमार जायसवाल निवासी इंदौर द्वारा दिनाँक 26/08/2020 को एक आवेदन पत्र प्लाट नं0 347 जवाहरनगर इंदौर पर असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध कब्जे को हटाने के संबंध में थाना राजेन्द्रनगर में दिया गया था। जांच में मौके पर प्लॉट कब्जे के संबंध में विवाद होने व विभिन्न दावेदारों द्वारा अपने-अपने स्वामित्व के संबंध में बोर्ड लगे होना पाया गया। अतः परिशांति भंग होने की संभावना पर इश्तगासा क्रमांक 01/2020 धारा 145 जा0फौ0 दिनाँक 01/07/2020 तैयार कर अनुविभागीय दंडाधिकारी राऊ, इन्दौर के न्यायालय में दिनाँक 02/07/2020 को पेश किया गया है। (ख) उक्त प्लॉट कब्जे के संबंध में विवाद के निराकरण हेतु प्रकरण अनुविभागीय दंडाधिकारी राऊ, इन्दौर में विचाराधीन है।
आशापुर माता मंदिर निर्माण
[पर्यटन]
75. ( क्र. 357 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पर्यटन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-15/2020 सैंतीस दिनांक 19.03.2020 में वर्णित कुक्षी विधान सभा के ग्राम पंचायत ढोल्या अंतर्गत आशापुरा माता मंदिर निर्माण की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) यह निर्माण कब तक पूर्ण होगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) कुक्षी विधानसभा के ग्राम पंचायत ढोल्या अन्तर्गत आशापुर माता मंदिर निर्माण हेतु म.प्र. शासन पर्यटन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-15/2020/तैंतीस, दिनांक 19/03/2020 द्वारा राशि रूपये 156.83 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
76. ( क्र. 358 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में ''जय किसान फसल ऋण माफी'' योजना के द्वितीय चरण में कितने किसानों का एक लाख रूपये तक का कर्ज माफ होना शेष है? विधान सभा क्षेत्रवार, कृषक संख्या सहित बतावें। (ख) कब तक द्वितीय चरण की कर्ज माफी प्रक्रिया पूर्ण होगी? (ग) तृतीय चरण जिसमें दो लाख रूपये तक का कर्ज माफ होना है कब से प्रारंभ होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। धार जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत द्वितीय चरण में 5572 किसानों का एक लाख रूपये तक का कर्ज माफ होना शेष है। विधानसभा क्षेत्रवार कृषक संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ऋण माफी योजना की विस्तृत समीक्षा शासन के विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय शासन द्वारा लिया जावेगा। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
खेल मैदान एवं सुदुर ग्राम सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
77. ( क्र. 369 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभिन्न ग्राम पंचायतों के अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा के तहत खेल मैदान एवं सुदुर ग्राम सड़क बनाए जाने हेतु स्वीकृति प्रदान कर निर्धारित बजट आवंटित किया गया? (ख) यदि हाँ तो उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में क्षेत्र अंतर्गत वर्षवार खेल मैदान एवं सुदुर ग्राम सड़क निर्माण हेतु किन-किन स्थानों पर निर्माण कार्य किये जाने हेतु कितनी राशि स्वीकृत की तथा इनमें से कितने कार्य पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे लंबित रहे अथवा अप्रारंभ हैं? ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) साथ ही निर्माण कार्य कब प्रारंभ किये गये,कार्यों की पूर्णता का भौतिक सत्यापन कर कितना भुगतान किया गया वर्षवार बतलावें? (घ) समय-समय पर भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी की उपस्थिति में किया गया? साथ ही लंबित कार्यों एवं अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों, जिन कार्यों हेतु शासन/विभाग द्वारा संबंधित कार्य एजेंसी को राशि भी आवंटित कर दी गई किंतु अब तक कार्य नहीं हुए, गुणवत्ताविहीन हुए तथा हुए ही नहीं, ऐसे कार्यों के संबंध में संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा परिपत्र दिनांक 09/12/2016, 31/05/2019 खेल मैदान एवं परिपत्र दिनांक 18/10/2016 से सुदूर ग्राम सम्पर्क सड़क उपयोजना के क्रियान्वयन हेतु निर्देश जारी किये गये हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 व 3 अनुसार हैं। मनरेगा योजना अंतर्गत कार्यवार राशि आवंटन का प्रावधान नहीं है। कार्यों के सम्पादन के दौरान मजदूरी एवं सामग्री मद में जॉबकार्डधारी मजदूरों एवं सामग्री प्रदायकर्ता वेण्डर के खातों में सीधे फण्ड ट्रांसफर आर्डर के माध्यम से राशि अंतरित की जाती है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) वांछित जानकारी उत्तरांश (ख) के परिशिष्ट में दी गयी है। (घ) कार्य संपादन के दौरान मूल्यांकन उपयंत्री द्वारा तथा मूल्यांकन का सत्यापन सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। उत्तरांश (क) अनुसार कार्य एजेंसी को राशि आवंटित नहीं होने, मौके पर हुये ही नहीं होने तथा कार्य गुणवत्ताविहीन होने की स्थिति के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा दी गयी जानकारी निरंक होने से कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
निर्माण कार्यों एवं रख-रखाव
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
78. ( क्र. 370 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अरनिया पीथा मंडी, खाचरौंद नाका मंडी, फलफूल सब्जी मंडी, बडावदा, रिंगनौद, ढोढर, कालूखेडा सुखेड़ा एवं पिपलौदा उपमंडी क्षेत्र में क्या-क्या नवीन कार्य हुए तथा रख-रखाव (मेटेनेंस) हेतु क्या किया गया? (ख) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत उल्लेखित उपरोक्तानुसार मंडी/उपमंडियों में कार्यों को किये जाने हेतु कार्यवार/वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) उपरोक्त वर्षों में प्राप्त स्वीकृत बजट राशि से किस-किस प्रकार के नवीन कार्य प्रारंभ हुए, उनमें से कितने पूर्ण हुए, कितने कार्य अपूर्ण रहे, कितने अप्रारंभ रहे? (घ) कार्य किन कारणों से अपूर्ण अथवा अप्रारंभ रहे? कारण सहित कार्यवार, स्थलवार बताएं तथा मंडी क्षेत्रों में रख-रखाव हेतु पृथकत: किन-किन कार्यों को किया गया? उन पर कितना व्यय हुआ? कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे? नवीन कार्यों एवं रख-रखाव के कार्यों हेतु स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि भौतिक सत्यापन सहित बताएं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ, वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक अरनियापीथा मंडी, खाचरोद नाका मंडी, फल-सब्जी मंडी, बड़ावदा एवं पिपलौदा उपमंडी क्षेत्र में कराये गये कार्यों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। प्रश्नांकित समयावधि में उपमंडी कालूखेड़ा एवं हाटबाजार रिंगनोद, ढोढर में कोई नवीन कार्य तथा रख-रखाव (मेंटनेंस) कार्य नहीं कराये गये। (ख) कृषि उपज मंडी समिति, जावरा में उक्त वर्षों के अंतर्गत मंडी, उपमंडियों में कराये गये निर्माण कार्यों की वर्षवार प्राप्त हुई राशि का मंडी/उपमंडी प्रांगणवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) वर्ष 2016-17 में मंडी जावरा को प्राप्त स्वीकृत बजट में संलग्न परिशिष्ट अनुसार नवीन कार्य प्रारंभ कराये गये, पूर्ण कराये गये एवं अपूर्ण कार्यों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) कृषि उपज मंडी समिति जावरा के अंतर्गत मंडी एवं उपमंडियों में निर्माण कार्यों के अपूर्ण, अथवा अप्रारंभ होने का कारण कार्यवार, स्थलवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है। मंडी क्षेत्र में कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है, अत: शेष जानकारी निरंक है।
शाजापुर द्वारा की गई नियम विरूद्ध जांच रिपोर्ट को नस्तीबद्ध किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 371 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा श्री पुरूषोत्तम शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मोहन बडोडिया जिला शाजापुर की जांच रिपोर्ट दिनांक 15.04.2019 को नस्तीबद्ध कर दी गई थी तथा पुलिस अधीक्षक, शाजापुर की ही जांच रिपोर्ट मान्य की गई थी, इस संबंध में आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल को अवगत कराया गया था? (ख) पुलिस अधीक्षक शाजापुर की जांच रिपोर्ट को मान्य करने के पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर की जांच रिपोर्ट क्रमांक 142 शाजापुर, दिनांक 30 मई 2019 की जांच रिपोर्ट को नस्तीबद्ध की गई है अथवा नहीं? इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा पारित आदेश जिसमें जांच के आदेश को खारिज किया गया है, पालन किया जायेगा? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र एवं अनावेदक के पत्रों एवं मान्यता संबंधी सभी साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुये क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या संविदा नियुक्ति वर्ष 2006-07 में की गई थी तथा शिक्षा विशारद की मान्यता होने पर जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर के लिखित आदेश पर प्रशिक्षण के अंक प्रदान किये गये थे, इसका उल्लेख जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर की जांच रिपोर्ट में उल्लेख नहीं होने पर क्या नस्तीबद्ध की जायेगी? (घ) आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा कब जांच रिपोर्ट नस्तीबद्ध की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) मान. विधायक एवं अन्य से प्राप्त पत्र आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल को पत्र क्र. 8734/22/वि-15/शिका./2020 दिनांक 14.09.2020 से निराकरण हेतु प्रेषित किया गया। (ग) एवं (घ) विभाग से संबंधित नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ में स्टापडेम/जलाशय निर्माण
[जल संसाधन]
80. ( क्र. 376 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ के अंतर्गत कितने स्टाप डेम एवं जलाशय निर्माण के कौन-कौन से प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं? (ख) उक्त जलाशयों के निर्माण कार्य लंबित होने का क्या कारण है एवं उनकी स्वीकृति कब तक जारी कर निर्माण कार्य प्रारंभ किये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) देवास जिले के विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ के किसी भी स्टॉप डैम एवं जलाशय निर्माण के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित नहीं हैं अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घटित अपराधों की संख्या
[गृह]
81. ( क्र. 378 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से उपलब्ध जानकारी अनुसार प्रदेश में 23 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से अपराध कितनी-कितनी संख्या में किस-किस जिले में घटित हुये हैं? जिलेवार संख्यावार विवरण दें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में महिलाओं एवं नाबालिक लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार/बलात्कार की घटनायें किस-किस जिले में घटित हुई हैं? इन घटनाओं में से कितनी घटनाओं के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) क्या उपरोक्त घटित अपराधों की संख्या में तीव्र वृद्धि यह दर्शाता है कि कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है? अपराधों की रोकथाम के लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अपराधों की रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों की संक्षिप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
हिंदी ग्रंथ अकादमी की कार्य समिति एवं प्रबंधक मण्डल की बैठकें
[उच्च शिक्षा]
82. ( क्र. 391 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के विधान के अनुसार अकादमी की कार्य समिति एवं प्रबंधक मण्डल की बैठकें आहूत करने का क्या नियम है? (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में अकादमी की कार्य समिति एवं प्रबंधक मण्डल की आहूत बैठकों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के विरूद्ध किस-किस न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है? न्यायालयवार प्रकरणों की सूची उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कार्य समिति एवं प्रबंधक मण्डल की बैठकें आहूत करने का नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) कार्य समिति/प्रबंधक मण्डल की बैठक दिनांक 27.03.2020 को आहूत की गई थी, किंतु कोविड-19 के कारण बैठक स्थगित की गई। (ग) माननीय न्यायालय में 05 प्रकरण विचाराधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
समर्थन मूल्य पर चना खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
83. ( क्र. 394 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन मूल्य पर चना प्रति हेक्टेयर, कितने क्विंटल खरीदने का प्रावधान था? बाद में कब कितने क्विंटल प्रति हेक्टेयर खरीदने का प्रावधान किया गया? चना खरीदी किस तारीख से शुरू की गई? खरीदी की अंतिम तिथि पहले क्या थी? बाद में क्या रखी गई? (ख) दो प्रतिशत तेवड़ा युक्त चना खरीदने का आदेश कब जारी किया गया? कौन-कौन से जिले में दो प्रतिशत तेवड़ा युक्त चना खरीदने का आदेश दिया गया? आदेश के पहले मण्डी में चना बेच चुके किसानों की आर्थिक हानि की भरपाई कैसे की जावेगी? (ग) क्या प्रति हेक्टयर चना खरीदी की सीमा बाद में बढ़ाने से पहले चना बेच चुके किसानों का बाद में शेष चना कम्प्यूटर सिस्टम में स्वीकार नहीं होने से नहीं खरीदा गया? ऐसे किसानों को हुई आर्थिक हानि की भरपाई कैसे की जावेगी? (घ) चना, गेहूं, समर्थन मूल्य पर खरीदी में गड़बड़ियों पर सागर जिले में कहाँ-कहाँ मुकदमा दर्ज किए गये? क्या सागर जिले के देवरी मण्डी क्षेत्र के महाराजपुर के व्यापारी की गोदाम से चना समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्र मढपिपरिया एवं अन्य व्यापारियों के माध्यम से बेलढाना में बिकने गया, जिस पर जागरूक जनता, पत्रकारों ने फोटो लेकर मामला उजागर किया, लेकिन उक्त दोनों उपार्जन केन्द्र प्रभारियों पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया? यदि हाँ तो क्यों? व्यापारी को किसान के नाम से लाभ क्यों दिया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) समर्थन मूल्य पर चना उपार्जन के लिए औसत उत्पादकता रायसेन एवं विदिशा जिले के लिए 17 क्विंटल प्रति हेक्टर, सीहोर के लिए 18 क्विंटल प्रति हेक्टर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद एवं हरदा के लिए 19 क्विंटल प्रति हेक्टर तथा शेष 44 जिलों में 15 क्विंटल प्रति हेक्टर नियत की गई थी। रबी वर्ष 2019-20 के फसल कटाई प्रयोगों के आकड़े प्राप्त न होने पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार उत्पादकता निर्धारित की गई। चना खरीदी की अवधि 29 अप्रैल 2020 से 31 मई 2020 तक थी, परन्तु कृषकों द्वारा चना 31 मई 2020 तक पूर्ण रूप से चना खरीदी न होने के कारण 15 जून 2020 तक अवधि बढाई गई। (ख) दो प्रतिशत तिवड़ा युक्त चना खरीदने का आदेश दिनांक 03.06.2020 जारी किया गया। दो प्रतिशत तिवड़ा युक्त चना खरीदा गया जो क्रमश: जबलपुर, पन्ना, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, छतरपुर, रायसेन एवं विदिशा। तेवड़ा युक्त चना खरीदने से कृषको को लाभ हुआ। (ग) ऐसी स्थिति निर्मित नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) गेहूँ समर्थन मूल्य पर खरीदी में गड़बडियों पर संभाग के सागर जिला में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति भैसा पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। चना समर्थन मूल्य पर खरीदी में गड़बडियों पर प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति खमरिया पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। बेलढाना एवं मढपिपरिया समिति में चना खरीदी के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच की गई थी, जॉच में उक्त चना कृषकों का ही पाया गया था। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
कर्मचारी/अधिकारियों की अधिवार्षिकी की आयु
[उच्च शिक्षा]
84. ( क्र. 397 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी भोपाल में आदेशानुसार कर्मचारियों/अधिकारियों की अधिवार्षिकी आयु 60 वर्ष के स्थान पर 62 वर्ष की गई है अथवा नहीं? (ख) अगर नहीं तो क्या तत्संबंधी निर्णय संबंधी विचार कार्य समिति/प्रबंधक मण्डल में लिया जा चुका है? (ग) अगर कार्यसमिति एवं प्रबंधक मण्डल स्तर पर अधिवार्षिक आयु संबंध शासन आदेश पर विचार नहीं किया गया, तो इस लापरवाही के लिये संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। कार्य समिति/प्रबंधक मण्डल की बैठक कोविड-19 संक्रमण महामारी के कारण स्थगित रही है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
साज-सज्जा एवं वाहन का क्रय
[उच्च शिक्षा]
85. ( क्र. 408 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी में वित्तीय वर्ष 2019-20 में साज-सज्जा एवं वाहन के क्रय के मद में किये गये व्यय का मदवार संपूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। साथ ही किये गये व्यय की सक्षम स्वीकृति संबंधी जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सामग्री के क्रय में मदवार यह जानकारी भी उपलब्ध करवाई जावे कि किये गये क्रय प्रक्रिया में भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं? (ग) अगर भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण भी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी में, साज-सज्जा मद में, पृथक-पृथक सामग्री हेतु कुल रू. 2,06,627/- एवं वाहन क्रय मद में रू. 16,25,000.00/- व्यय किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ
[उच्च शिक्षा]
86. ( क्र. 409 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी द्वारा विगत 5 वर्षों में निर्धारित मापदंडों के अनुरूप अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ दिया गया है अथवा नहीं? (ख) अगर लाभ दिया गया है तो लाभार्थियों के नाम एवं दी गई पदोन्नति की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) का उत्तर अगर नहीं में है तो इस लापरवाही के लिये जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एतद् संबंधी प्रकरण विचाराधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. में नशे के शिकार बच्चों के नशामुक्ति के लिए किये गये प्रयास
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
87. ( क्र. 483 ) श्री विनय सक्सेना : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में नशे के शिकार बच्चों के नशामुक्ति के लिए कुल कितने शासकीय गृह संचालित हैं? सूची देवें। (ख) प्रदेश में विगत 2 वर्षों में किशोर न्याय अधिनियम-2015 के अंतर्गत कितने बच्चे सामने आये हैं तथा कितने बच्चों का पुनर्वास किया जा चुका है? बालक/बालिकावार, जिलावार जानकारी देवें। (ग) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2016 के आदेशानुसार नशे के संबंध में जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना था व राज्य स्तरीय कार्ययोजना बनायीं जानी थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (घ) म.प्र. बाल देख-रेख संस्थाओं में कुल स्वीकृत पद, रिक्त पद की जिला वार जानकारी देवें तथा यह भी बतावें की रिक्त पदों को भरने की क्या कार्य-योजना है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ग) जी हाँ, वर्ष 2016 में राज्य की कक्षा 6 से 8 की विज्ञान की पुस्तकों में नशे के संबंध में जानकारी दी गई थी किंतु मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार सत्र 2017-18 से NCERT द्वारा निर्मित पाठय पुस्तकें मध्यप्रदेश शासन द्वारा अभिग्रहीत कर ली गई है, जिसमें कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 8 ''मानव स्वास्थ्य तथा रोग के अंतर्गत जानकारी रोकथाम एवं नियंत्रण के उपाय दिये गये हैं तथा कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान पाठ 10 ''हमारा समाज'' अंतर्गत नशीले पदार्थो का सेवन पर जानकारी दी गई है। शैक्षिक संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त बनाने के संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश क्रमांक/राशिके/पा.पु./19/7075 भोपाल दिनांक 14/11/2019 जारी किया गया। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' पर है। रिक्त पदों की पूर्ति के लिए भर्ती नियमानुसार की जावेगी।
कोरोना प्रकोप में हुए आयोजनों की जानकारी
[गृह]
88. ( क्र. 581 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाजपा द्वारा जिला ग्वालियर मुरैना तथा भिण्ड में अगस्त 2020 में सदस्यता अभियान के तहत सभा/रैली का आयोजन किस दिनांक को किया गया? उनमें कौन-कौन प्रमुख अतिथि उपस्थित थे तथा कितनी संख्या में जनता थी, मंच तथा पंडाल की साईज क्या थी तथा आयोजन किस समय प्रारंभ तथा समाप्त हुआ? (ख) प्रश्नाधीन आयोजनों हेतु दिये गये आवेदन तथा दी गयी स्वीकृति की प्रतियां देवें तथा प्रशासन द्वारा अनुमती हेतु लगाई गई शर्तों की जानकारी देते हुये बतायें कि क्या सारी शर्तों का नियमानुसार पालन किया गया था? यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जिला प्रशासन के संज्ञान में था कि प्रश्नाधीन आयोजन में मुख्यमंत्री जी उपस्थिति रहेंगे तथा क्या यह भी संज्ञान में था की सामान्यता मुख्यमंत्री की उपस्थिति पर सभा रैली में कितनी उपस्थिति होती है? यदि हाँ तो इस संदर्भ में जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के मध्य हुई बैठक का ब्यौरा तथा नोटशीट की प्रतिया देवें। (घ) क्या कोरोना प्रकोप के चलते इस तरह के आयोजनों की अनुमति देना उचित है वहां उपस्थित लोग कार्यक्रम के बाद जब पूरे जिले में गये तो आम आदमी के स्वास्थ्य का जान-लेवा खतरा संभावित नहीं था? तीनों जिलों में आयोजन के दिन तथा उत्तर दिनांक के दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बांध के निर्माण में अनियमितता
[जल संसाधन]
89. ( क्र. 730 ) श्री राम दांगोरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पंधाना में भाम नदी पर बांध स्थानीय अधि. की मिलीभगत से सीमेंट के स्थान पर मिट्टी से बनाया जा रहा है? (ख) क्या प्रदेश स्तरीय कोई जांच कमेटी का गठन इसकी अनुसंधान हेतु गठित करेंगे? (ग) क्या दोष पाये जाने पर अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ F.I.R. दर्ज की जायेगी? (घ) क्या निर्माणकर्ता पर जुर्माना लगाया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जी नहीं। यह सत्य नहीं है कि विधानसभा क्षेत्र पंधाना में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से भाम नदी पर सीमेंट के स्थान पर मिट्टी से बांध बनाया जा रहा है अपितु भाम नदी पर प्रस्तावित भाम मध्यम सिंचाई परियोजना के स्वीकृत परियोजना प्रतिवेदन में प्रावधानित 3108 मीटर लंबाई के मिट्टी के बांध एवं 148 मीटर लंबाई के सीमेंट कांक्रीट के स्पिलवे का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश स्तरीय जांच कमेटी के गठन की स्थिति नहीं है अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।