मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
सितम्बर, 2020 सत्र
सोमवार, दिनांक 21 सितम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
तराना
विधानसभा
अंतर्गत
मनरेगा हेतु
आवंटित राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 36 ) श्री महेश परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना के निराशाजनक परिदृश्य में तराना विधानसभा क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मनरेगा में गत वर्ष 2019-20 एवं चालू वित्त वर्ष में राशि दी गयी थी? यदि हाँ, तो अवधिवार त्रैमासिक ऑडिट रिपोर्ट संकलित कर ऑडिट आपत्तियों की संकलित प्रमाणित प्रति देवें? यदि राशि नहीं दी गयी है, तो कारण बताएं। (ख) उक्त अवधि के दौरान मनरेगा की राशि से तराना विधानसभा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की तस्वीर क्या है? स्पष्ट कर प्रशासनिक रिपोर्ट देवें। कुल कितने निर्माण कार्य, कब-कब, कहाँ-कहाँ करवाए गए? निर्माण कार्यों का मूल्यांकन कब-कब किसके द्वारा कहाँ-कहाँ किया गया? अवधिवार अवलोकन रिपोर्ट की प्रमाणित प्रतियाँ देवें। (ग) उक्त अवधि के दौरान प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र तराना में मनरेगा के अंतर्गत निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन की संकलित रिपोर्ट की प्रमाणित रिपोर्ट देवें। (घ) लॉकडाउन के दौरान मनरेगा की आर्थिक गतिविधियों की आय व्यय का मदवार ब्यौरा एवं बेलेन्स शीट उपलब्ध करायें। उक्त खर्च से तराना विधानसभा क्षेत्र को दी गयी राहत और बुनियादी सुरक्षा से अवगत कराएं। कोविड-19 के संकट से सामना करने के लिए मनरेगा से किए गए निर्माण कार्य एवं निर्माण कार्यों में लगाए गए श्रमिकों की प्रामाणिक सूची उपलब्ध करायें। (ड.) उक्त अवधि में प्रशासनिक एवं निर्वाचित कमेटियों की बैठक कब कब किन एजेंडों पर हुई? उन सभी की एजेंडेवार संक्षेपिका देवें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जिला उज्जैन की जनपद पंचायत तराना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोरोना के निराशाजनक परिदृश्य में ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में सुधार के लिए समस्त ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजनांतर्गत अनुमत्य हितग्राही व सामुदायिक मूलक कार्यों पर श्रमिकों को उनकी मांग अनुसार दिनांक 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक रोजगार उपलब्ध करवाया गया। जिस पर वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रू. 242.35 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रू. 959.31 लाख का व्यय किया गया। मनरेगा योजनांतर्गत वर्तमान में त्रैमासिक ऑडिट नहीं किये जाने के कारण जानकारी निरंक है। (ख) जिला उज्जैन अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा योजनांतर्गत अनुमत्य कार्यों पर ग्राम पंचायत द्वारा उक्त अवधि में ग्राम में निवासरत जॉबकार्डधारी परिवारों को उनकी मांग अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाया गया। प्रश्न दिनांक तक 11299 जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाकर 476384 मानव दिवस सृजित किये जाकर राशि रू. 873.91 लाख मजदूरी का भुगतान संबंधित मजदूरों को किया गया। इस अवधि के दौरान पूर्व से प्रगतिरत एवं नवीन कुल 1708 निर्माण कार्य करवाये गये। प्रश्नांश अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। उक्त अवधि में उपयंत्रियों को आवंटित क्लस्टर की ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य उनके पर्यवेक्षण में करवाये गये। जिसकी अवधिवार रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जिला उज्जैन अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा योजनांतर्गत कराये गये निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन की संकलित रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) जिला उज्जैन अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजनान्तर्गत निर्माण कार्यों पर वर्ष 2019-20 में मजदूरी मद में राशि रू. 188.75 लाख, सामग्री मद में राशि रू. 53.60 लाख, प्राप्ति व मजदूरी मद में राशि रू. 188.75 लाख, सामग्री मद में राशि रू. 53.60 लाख व्यय एवं वर्ष 2020-21 में मजदूरी मद में राशि रू. 685.16 लाख, सामग्री मद में राशि रू. 274.15 लाख प्राप्ति व मजदूरी मद में राशि रू. 685.16 लाख, सामग्री मद में राशि रू. 274.15 लाख व्यय किया गया। शेष राशि निरंक है। वित्तीय वर्ष 2019-20 का वित्तीय अंकेक्षण वर्तमान में प्रचलन में है। श्रमिकों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु शासन से प्राप्त निर्देशानुसार समस्त ग्राम पंचायतों में श्रमिकों को स्व-सहायता समूह से मास्क, सेनिटाईजर एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन करवाया गया। कोविड-19 के संकट से सामना करने के लिये मनरेगा योजनान्तर्गत किये गये निर्माण कार्य एवं निर्माण कार्यों में लगाये गये मजदूरों की प्रमाणित सूची उत्तरांश (ग) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ड.) जिला उज्जैन अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में प्रशासनिक एवं निर्वाचित कमेटियों की बैठक की जानकारी निरंक है।
रायसेन जिलान्तर्गत लंबित सिंचाई योजनायें
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 268 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सिंचाई योजनाओं का कार्य क्यों अप्रारंभ है? किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है तथा क्यों? योजनावार कारण बतायें। (ख) रायसेन जिले में कौन-कौन सी सर्वेक्षित सिंचाई योजनाएं तथा बैराज स्वीकृति हेतु कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? उनको कब तक स्वीकृत किया जायेगा? (ग) नवम्बर 19 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी तथा प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) रायसेन जिले की सर्वेक्षित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इन योजनाओं के परियोजना प्रतिवेदन शासन स्तर पर प्राप्त होने पर परीक्षणोंपरांत गुण-दोष के आधार पर स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। परियोजना की स्वीकृति बजट की उपलब्धता से आबद्ध होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) नवम्बर 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के मान. विधायकों से प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही हेतु प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग तथा मुख्य अभियंता, चंबल बेतवा कछार, भोपाल को निर्देशित किया गया। पत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। मान. विधायकों के पत्रों में उल्लेखित कार्यों पर कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात विभाग द्वारा मान. विधायकों को पत्रों के उत्तर दिये जाने की व्यवस्था है।
सीमा जांच चौकियों को बंद किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( *क्र. 249 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड ने अपने पत्र क्र./404/दिनांक 24.06.2020 के द्वारा सीमाओं पर स्थापित जांच चौकियों को तत्काल प्रभाव से बंद किये जाने के आदेश/निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो जब उक्त सीमा पर जांच चौकियां म.प्र. शासन कृषि विभाग के ज्ञापन क्र./दिनांक 01.04.1998 के परिपालन में स्थापित की गई थी, तो ऐसी स्थिति में प्रबंध संचालक ने बिना शासन के आदेश से उक्त जांच चौकियां किस प्राधिकार से बंद की? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रबंध संचालक के आदेश/निर्देश जारी करने पर व्यापारियों द्वारा मनमानी खरीदी कर बिना मण्डी शुल्क चुकाए परिवहन करने से मण्डियों की आय में भारी गिरावट दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो आय/आवक में गिरावट वाली मण्डियों के नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या उक्त आवक/आय में कमी वाली मण्डियों में कर्मचारियों के वेतन भत्ते एवं अन्य नियमित व्यय प्रतिमाह होता है? यदि हाँ, तो आय में भारी गिरावट होने पर मण्डियों की वित्तीय व्यवस्था हेतु क्या कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों और क्या मण्डियों में सरकार तालाबन्दी करेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा कृषक उत्पाद व्यापार तथा वाणिज्य (संवर्धन तथा सुविधा) अध्यादेश दिनांक 05.06.2020 जारी कर ''ट्रेड एरिया'' में कृषि उपज के मण्डी फीस से मुक्त अंतर्राज्यीय व्यापार का प्रावधान किया है। भारत सरकार के अध्यादेश जारी होने से वर्तमान मण्डी समितियों/बोर्ड का कार्यक्षेत्र मण्डी/उपमण्डी प्रांगण तक सीमित हो जाने से अंतर्राज्यीय जांच चौकियों का औचित्य समाप्त हो गया है। मण्डी बोर्ड अथवा मण्डी समितियों को ''ट्रेड एरिया'' में किसी प्रकार की जांच चौकियां स्थापित करने का अधिकार नहीं है तदानुसार ही भारत सरकार के अध्यादेश के परिप्रेक्ष्य में जांच चौकियां समाप्त करने के औपचारिक आदेश जारी किये गये हैं। (ख) भारत सरकार के अध्यादेश दिनांक 05.06.2020 से ही प्रभावशील है तथा अध्यादेश में वर्तमान प्रबंध संचालक द्वारा आदेश जारी करने के दिनांक 24.6.2020 अर्थात जून 2020 के पश्चात अगस्त माह तक कुल तीन माह में मण्डी शुल्क में कोई गिरावट नहीं है, बल्कि वृद्धि प्रदर्शित हुयी है। मण्डी/उपमण्डी परिसरों के बाहर सभी प्रकार के कृषि उपजों का व्यापार शुल्क एवं नियमन मुक्त घोषित है। (ग) प्रदेश की कुछ जिलों की मण्डी समितियों में ऑफ सीजन में आवक कम होने से मण्डी कर्मचारियों के वेतन भत्तों में एक-दो माह का विलम्ब होता है, पीक सीजन में आवक की वृद्धि हो जाने से संबंधित मण्डी कर्मचारियों को वेतन भत्तों का भुगतान हो जाता है, शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
दोषी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 247 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर राजगढ़ एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजगढ़ द्वारा एवं विकास आयुक्त कार्यालय भोपाल के पत्र क्र./2285/सी.एम.एस./22/वि-15/शिकायत/2016, भोपाल दिनांक 30.11.2019 के द्वारा जनपद पंचायत मोहन बड़ोदिया जिला शाजापुर की जांच रिपोर्ट निरस्त करने के पश्चात भी तथा माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा पारित आदेश डब्ल्यू.पी./2836/2020 को दृष्टिगत रखते हुये अभी तक शिकायतकर्ता के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ख) सभी जांच रिपोर्ट एवं विकास आयुक्त भोपाल के आदेश एवं माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा पारित निर्णय के अनुसार अध्यापक एवं सहायक अध्यापक शासकीय कन्या उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला राजगढ़ का निलंबन निरस्त करने के पश्चात अभी तक निलंबन अवधि को सभी प्रयोजनों के लिये कर्तव्य अवधि मान्य करने के आदेश प्रदान क्यों नहीं किये गये हैं? (ग) विकास आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल द्वारा शिकायतकर्ता उच्चतर माध्यमिक शिक्षक जो कि जांच में दोषी पाई गई हैं, उसके विरूद्ध अभी तक अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा इस संबंध में आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल को आदेशित किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रकरण आयुक्त, लोक शिक्षण स्तर पर प्रचलन में है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
पैक हाउस/भण्डारण गृह निर्माण की योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
5. ( *क्र. 64 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों के उपयोगार्थ पैक हाउस/भण्डारण गृह निर्माण हेतु विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) सागर जिले अन्तर्गत इस योजना के तहत वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में कितने किसानों को इस नीति के तहत लाभ प्रदाय किया गया? विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों ने इस योजना के तहत आवेदन प्रस्तुत किये थे? कितने किसानों का चयन किया गया? चयन का क्या आधार था? (घ) कितने किसानों द्वारा भण्डार गृह/पैक हाउस का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितने किसानों का शेष है? उन्हें कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। एकीकृत बागवानी विकास मिशन तथा भण्डारण गृह निर्माण हेतु नश्वर उत्पादों की भण्डारण क्षमता में वृद्धि की विशेष योजना संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भण्डारण गृह निर्माण के तहत प्याज भण्डार गृह निर्माण हेतु 02 कृषकों के आवेदन वर्ष 2019-20 में प्राप्त हुये, जिनमें से 02 कृषक की स्वीकृति जारी की गई किसानों को विभागीय MPFSTS पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन करने पर लक्ष्य उपलब्ध होने पर वरिष्ठता के अनुसार किया जाता है। (घ) जिले के कुल 29 कृषकों में से 28 कृषकों द्वारा प्याज भण्डार गृह तथा 01 कृषक द्वारा कोल्ड रूम का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। किसी भी कृषक का निर्माण कार्य शेष नहीं है। जिसमें से 26 कृषकों की अनुदान राशि रूपये 46.25 लाख प्रदाय कर दी गई है, केवल 03 कृषकों की अनुदान राशि शेष है। कृषकवार प्रदाय राशि (भुगतान) एवं शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
ग्राम पंचायतों में अनियमितता की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 231 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के वि.खं. खिलचीपुर की ग्राम पंचायतें भाटखेड़ा, ब्यावराकलां, जैतपुराकलां, देवाखेड़ी, हालाहेड़ी, रनारा, फतेहपुर एवं वि.खं. जीरापुर की ग्राम पंचायतें खारपा, ब्राहम्णखेड़ा, मोहली, रूपाहेड़ा में ग्रामवासियों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा पत्राचार के माध्यम से सरपंच/सचिव द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों में कपिल धारा कूप, खेल मैदान संबंधित कार्य, सुदूर सड़क कार्य ग्राम पंचायतों में विभिन्न स्थलों पर कराये गये सी.सी. रोड़ निर्माण कार्य, मनरेगा में मशीनरी से कराये गये कार्य व प्रधानमंत्री आवास योजना में हेराफेरी करने संबंधी, पेयजल हेतु मोटर, नल-जल योजना हेतु टंकियों का क्रय करना आदि की शिकायतें की गईं थीं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विभिन्न पंचायतों में विभाग द्वारा किस स्तर पर कार्यवाही की गई? क्या इस हेतु जांच दल गठित कर जांच की गई? जांच में क्या-क्या अनियमितताएं पाई गईं? सरपंच/सचिव द्वारा की गई अनियमितताओं के विरूद्ध एवं वसूली हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? ग्राम पंचायतवार बतावें। (ग) ग्राम पंचायत भाटखेड़ा वि.खं. खिलचीपुर में क्या ग्रामवासियों द्वारा अधिकारियों की जांच से असंतुष्ट होकर वसूली में अंकित राशि से कहीं ज्यादा राशि में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है? क्या इसकी सक्षम अधिकारी द्वारा पुन: जांच करवाई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, पुन: जांच हेतु जांच दल गठित किया गया है।
बरगी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों पर हुई फायरिंग की घटना की जाँच
[गृह]
7. ( *क्र. 240 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर की विधानसभा क्षेत्र बरगी के बेलखेड़ा थाना अंतर्गत ग्राम कूड़ा में दिनांक 12.07.2020 को जो फायरिंग संबंधी घटना की एफ.आई.आर. दर्ज की गई, उसमें अभी तक कितने आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है? अभी तक कौन-कौन फरार हैं? मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हेतु शासन द्वारा कोई इनाम की राशि क्यों घोषित नहीं की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत मुख्य आरोपी की संपत्ति कुर्क हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई? क्या इन अपराधियों पर जिलाबदर की कार्यवाही की जायेगी? अगर हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत अभी तक इस प्रकरण में जो गिरफ्तार किये गये हैं और जिन्हें गिरफ्तार किया जाना है, उन पर पहले से कितने और किस-किस धारा के तहत अपराध कायम हैं? अपराधीवार, वर्षवार धारा अंकित कर सूची प्रदान करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्य आरोपी गोलू उर्फ अनुराग सिंह सहित 17 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोपी 01. मोनू उर्फ अमित टेहनगुरिया, 02. आलोक जैन, 03. यशपाल, 04. रंजीत, 05. सतेन्द्र सिंह, 06. पिंकू सिंह, 07. मयंक सिंह, 08. पप्पू राणा के विरूद्ध प्रकरण में संलिप्तता न होने बाबत् उनके द्वारा दिये गये आवेदन पत्र की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा की जा रही है। तद्नुसार जांच उपरांत गिरफ्तारी, ईनाम उद्घोषणा की कार्यवाही की जावेगी। शेष आरोपी पुष्पराज व अरविंद के विरूद्ध ईनाम उद्घोषणा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) मुख्य आरोपी गोलू उर्फ अनुराग सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष आरोपी पुष्पराज व अरविंद के विरूद्ध द.प्र.स. की धारा 82,83 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आरोपीगणों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिंचाई परियोजना मूझरी बांध श्योपुर की निविदा आमंत्रण
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 214 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन जलसंसाधन विभाग द्वारा सिंचाई परियोजना मूझरी बांध श्योपुर का कार्य स्वीकृत किया गया? यदि हाँ, तो उक्त कार्य अभी तक प्रारंभ न होने का क्या कारण है? (ख) उक्त स्वीकृत सिंचाई परियोजना की निविदा अभी तक आमंत्रित न करने का क्या कारण है? निविदायें कब तक आमंत्रित की जावेंगी? (ग) उक्त स्वीकृत सिंचाई परियोजना का कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। परियोजनाओं का निर्माण कार्य उपलब्ध वित्तीय संसाधनों पर निर्भर है, वर्तमान में उपलब्ध आवंटन निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने के कारण प्रश्नाधीन परियोजना हेतु आगामी कार्यवाही यथास्थिति में रखी गयी है। भविष्य में बजट की उपलब्धता सुनिश्चित होने पर परियोजना के संबंध में आगामी कार्यवाही किया जाना संभव होगा। अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध पदोन्नति की जांच
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 24 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 04-13/07/वि-5/22/स्था. दिनांक 05.07.2007 से विभागीय जांच संस्थित कर तत्समय पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग नरसिंहपुर को विभागीय जांच के चलते कार्यपालन यंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया था? (ख) क्या नियमों के विरूद्ध पदोन्नति आदेश जारी करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) क्या म.प्र. शासन जलसंसाधन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 1225/आर-565/2017/पी-2/31 भोपाल दिनांक 20-09-2017 एवं म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन करने पर संबंधित पदोन्नति प्राप्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि नहीं, तो कारण बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, बल्कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 04-13/07/वि-5/22/स्था. दिनांक 05.07.2007 तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग, नरसिंहपुर को आरोप पत्र जारी किया गया। विभागीय जांच की जानकारी जल संसाधन विभाग के संज्ञान में नहीं आने के कारण पदोन्नत किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) संबंधित को ''कारण बताओ सूचना पत्र'' जारी किया गया है एवं उनसे प्राप्त उत्तर परीक्षणाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 190 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड की ग्राम पंचायत चौड़ाखेड़ी, कोरवासा, भौंरिया, अमीरगढ़, छापू, खेजड़ागोपाल, पामाखेड़ी, भगवंतपुर, पगरानी, कस्बाताल, झूकरजोगी, मुरवास, उनारसीकलां, सावनखेड़ी, मलनिया, वीरपुरकलां, सेमरामेघनाथ एवं देहरीपामा ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत कितने सामुदायिक एवं कितने हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत राशि, मूल्यांकन अनुसार व्यय राशि क्या है? ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्यों पर मजदूरी एवं सामग्री मद में कितना-कितना भुगतान किया गया है? क्या भुगतान में अनियमितताएं की गई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त पंचायतों में मनरेगा योजना के हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक मूलक कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें। हितग्राही मूलक योजना के तहत कूप निर्माण की स्वीकृति के क्या नियम हैं? आदेश नियम एवं निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या ग्राम पंचायत भौरिया विकासख्ाण्ड सिरोंज के सरपंच द्वारा उनके भाई पंचायत सचिव की पत्नी को वर्क कोर्ड IF22012034469613 का कूप निर्माण स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो सरपंच पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नकर्ता के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरोंज, लटेरी को कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए? उन पर कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो इसके लिए दोषी कौन है तथा पत्रों में उल्लेखित कार्य कब-तक स्वीकृत किये जावेंगे? (ड.) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा के आदेश क्रमांक 11060, दिनांक 07.08.02020 द्वारा पंचायतों की जांच की गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी पंचायतों की? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) 259 सामुदायिक एवं 1533 हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किये गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। भुगतान में प्रथम दृष्टया अनियमितता परिलक्षित नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) वांछित जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। हितग्राही मूलक योजना के तहत कूप निर्माण स्वीकृति के नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–3 अनुसार है। जी हाँ। ग्राम पंचायत भौंरिया के सरपंच द्वारा उनके भाई पंचायत सचिव की पत्नी को कूप स्वीकृति का दोषी पाया गया है, जिसमें सचिव को निलंबित किया गया है। विभागीय जांच उपरांत उसे दोषी पाया जाकर कार्यालयीन आदेश क्र. 7947/पं.प्रको./2020 दिनांक 01.06.2020 से एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी जाकर बहाल किया गया है। सरपंच ग्राम पंचायत भौरिया को धारा 40 के अंतर्गत प्रकरण क्र. 16/10.07.2020 दर्ज कर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–4 अनुसार है। प्राप्त पत्रों में मनरेगा योजनांतर्गत कार्यों की स्वीकृति की मांग की गयी है। माननीय विधायक महोदय द्वारा कुल 299 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 97 प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं। समय पर सत्यापन कार्य पूर्ण कर कार्यों की स्वीकृति नहीं किये जाने के कारण दोनों मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ड.) जी हाँ, जनपद पंचायत लटेरी अंतर्गत झूकरजोगी, उनारसीकलां, मलनिया, सावनखेडी, वीरपुरकलां, सेमरामेघनाथ, देहरीपामा एवं जनपद पंचायत सिरोंज अंतर्गत चौड़ाखेड़ी, कोरवासा, भौंरिया, अमीरगढ़, छापू, खेजडागोपाल, पामाखेडी, भगवंतपुर, पगरानी, प्याराखेड़ी, कस्बाताल जांच की कार्यवाही प्रचलन में है।
जाति प्रमाण पत्र में हेराफेरी की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( *क्र. 200 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तात्कालीन उपसंचालक कृषि जयराम हेडाऊ पर जाति प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ का प्रकरण चल रहा है? यदि हाँ, तो बतावें कि उक्त प्रकरण में जांच तथा कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नाधीन अधिकारी पर आर्थिक अनियमितता, भ्रष्टाचार से संबंधित कौन-कौन से प्रकरण विभागीय जांच में लंबित हैं? उनकी सूची देवें तथा बतावें कि जांच कब तक पूर्ण होगी? (ग) प्रश्नाधीन अधिकारी वर्तमान में किस पद पर, किस शहर में, किस विभाग में पदस्थ है तथा इंदौर में लॉकडाउन के दौरान तात्कालीन उप संचालक कृषि को उनके पद से क्यों हटाया गया? (घ) इंदौर में उप संचालक कृषि के पद पर पदस्थ अधिकारी कौन है? क्या ये इस पद की योग्यता नहीं रखते हैं, फिर भी इन्हें पदोन्नत किया गया? यदि हाँ, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र हेतु गठित उच्च स्तरीय छानबीन समिति के प्रतिवेदन क्रमांक 254/2003 पर श्री जे.आर. हेडाऊ उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा मान. उच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 6092/2016 में मान. न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है। प्रकरण मान. न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) प्रश्नाधीन अधिकारी श्री जे.आर. हेडाऊ उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास पर प्रचलित विभागीय जांच प्रकरणों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभागीय जांच में जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदनों के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) प्रश्नाधीन अधिकारी वर्तमान में उप संचालक के पद पर उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला छिन्दवाड़ा में पदस्थ है तथा इन्दौर में तत्कालीन उप संचालक कृषि शासन के आदेश क्रमांक एफ 1ए/15 (ए)/2020/14-1, दिनांक 25.04.2020 द्वारा प्राचार्य, कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र, इन्दौर में स्थानीय व्यवस्था के अंतर्गत स्थानांतरित किया गया। (घ) श्री रामेश्वर पटेल, इन्दौर में उप संचालक कृषि के पद पर पदस्थ है। श्री पटेल इस पद की योग्यता रखते हैं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
शासनाधीन मंदिरों के पुजारियों के मानदेय में वृद्धि
[अध्यात्म]
12. ( *क्र. 88 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2019 में सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के सभी शासनाधीन मंदिर के पुजारियों के मानदेय में पूर्ववत सरकार की तुलना में 3 गुना वृद्धि की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में प्रश्नाधीन मंदिरों के पुजारियों को वृद्धि किया गया मानेदय शासन द्वारा दिया गया जा रहा है? यदि हाँ, तो 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिवस तक कितने शासनाधीन मंदिरों के पुजारियों को कितना-कितना मानदेय प्रदान किया गया? (ग) क्या शासन द्वारा प्रश्नांकित पुजारियों को प्रत्येक माह मानदेय दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो कोरोना संक्रमण काल के लॉकडाउन अवधि में जहां मंदिर दर्शनार्थियों के दर्शन के लिये पूर्णत: बंद रहे, ऐसे में पुजारियों के परिवार का भरण पोषण कैसे हुआ? (घ) शासनाधीन मंदिरों/निजी मंदिरों के पुजारियों के भरण पोषण हेतु उन्हें मानदेय प्रदान न किये जाने के लिये विभाग के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिवस तक 18133 शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों को वित्तीय वर्ष 2019 में राशि रूपये 19,40,55,351/- एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 10,44,29,080/- का आवंटन मानेदय के रूप में प्रदान किया गया है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
गोटेगांव तहसील के ग्रामों में निर्माण कार्यों में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 98 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील के ग्राम पंचायत इमलिया, ग्राम पंचायत सिलारी एवं ग्राम पंचायत कुसीवाड़ा में 2015-16 से आज दिनांक तक हुए निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के संबंध में पत्र क्र. जे.एस.पी./एन.एस.पी./5116, दिनांक 18.02.2020 कलेक्टर नरसिंहपुर को उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्यवाही के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जनपद स्तरीय गठित जांच दल के प्रतिवेदन अनुसार पंचायतों द्वारा कराये गये निर्माण कार्य मौके पर पाये गये हैं। अत: किसी के ऊपर दोष सिद्ध न होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
धार जिले में ड्रिप सिंचाई उपकरणों की खरीदी में अनियमितता की जांच
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
14. ( *क्र. 136 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिसम्बर 2019 में प्रश्न क्रमांक 114 के माध्यम से धार जिले में ड्रिप सिंचाई उपकरणों की खरीदी की जांच के संबंध में पूछे गये प्रश्न के तारतम्य में क्या धार जिले में वर्ष 2018-19 में उपकरणों की खरीदी संबंधी शिकायत की जांच कलेक्टर स्वयं द्वारा की गई थी तथा क्या उनके द्वारा स्वयं हितग्राहियों से मिलकर उनके बयान आदि लिये गये थे? (ख) यदि नहीं, तो दल में कौन-कौन से अधिकारी थे तथा उनके द्वारा संबंधित हितग्राहियों से मिलकर उनके बयान तथा मौके पर सामग्री का भौतिक सत्यापन आदि किया गया? यदि हाँ, तो क्या इस जांच में किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता ज्ञात हुई या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो क्या दिनांक 8 व 10 फरवरी, 2020 को समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों में इस जांच तथा सदन में दिये उत्तर पर जो प्रश्न उठाये उसे लेकर विभाग द्वारा कोई संज्ञान लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग वर्ष 2018-19 की भी निष्पक्ष जांच आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर से करवायेगा? (घ) क्या वर्ष 2016-17 की जांच पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो जांच की वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। कलेक्टर धार द्वारा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर संयंत्र की स्थापना/वितरण में हुई अनियमितता की जांच दल गठित कर कराई गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जांच हेतु गठित दल में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, संबंधित कृषि अधिकारी, उद्यानिकी अधिकारी, पंचायत अधिकारी एवं पटवारी आदि शामिल थे। जांच दल द्वारा हितग्राहियों के बयान नहीं लिये गये बल्कि हितग्राहियों से जानकारी प्राप्त की गई एवं कुछ प्रकरणों में सामग्री का भौतिक सत्यापन भी किया गया। जांच में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई। (ग) जी हाँ। जिला कलेक्टर द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों का दल गठित कर जांच कराई गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दाल मिलों से निराश्रित शुल्क की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( *क्र. 106 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति कटनी की किन-किन दाल मिलों पर किस अवधि का कितना-कितना निराश्रित शुल्क बकाया है, जो जमा होना शेष है? पृथक-पृथक विवरण ब्याज सहित बताएं। (ख) क्या शोध्य राशि एवं ब्याज बकाया रहते मण्डी लायसेंस का नवीनीकरण किया जा सकता है? यदि नहीं, तो प्रबंध संचालक/अपर संचालक (नियमन) मण्डी बोर्ड ने सचिव मण्डी कटनी को पत्र क्रमांक बी-6/नियमन/47/कटनी 1360 एवं 1361, दिनांक 18.02.2019 से नि:शुल्क बकाया रहते अनुज्ञप्ति नवीनीकरण न रोका जाय, ऐसे निर्देश दिए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त पत्र प्रबंध संचालक द्वारा अनुमोदित है या नहीं? यदि नहीं, तो इस तरह के निर्देश देने के लिए अपर संचालक (नियमन) मण्डी अधिनियम को नजर अंदाज कर सकते हैं? यदि नहीं, तो शासन इनके विरूद्ध क्या और कब कार्यवाही करेगा? (घ) अपर संचालक (नियमन) मण्डी बोर्ड भोपाल एवं सचिव मण्डी कटनी की गंभीर शिकायतों को देखते हुए उन्हें हटाकर जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक तथा इन दोनों के विरूद्ध जो शिकायतें हैं, उनका शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तालाब, डेम, नहर योजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
16. ( *क्र. 359 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलौदा व जावरा तहसील में भूजल स्तर अत्यधिक निचले स्तर पर जाने के कारण अतिदोहित (ट्यूबवेल खनन इत्यादि) होने के कारण भी जल संकट ग्रस्त गंभीर क्षेत्र होकर दोनों तहसीलों को डार्क जोन एरिया केन्द्र/राज्य व शासन/विभाग द्वारा घोषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रस्तावित/स्वीकृत मचून डेम, इन्द्रपुरी डेम, खोडाना तालाब डेम नहर परियोजना, आम्बा, उम्मेदपुरा तालाब, चिकलाना तालाब, हतनारा डेम तालाब, नांदलेटा डेम तालाब (पिपलौदा तहसील) एवं कलालिया तालाब, असावती मरम्या डेम (जावरा तहसील) की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) साथ ही अति जल दोहित एवं भूजल स्तर अत्यधिक नीचे (लगभग 800 से 1000 फीट) होने से दोनों तहसीलें डार्क जोन एरिया घोषित होने पर शासन/विभाग द्वारा प्रस्तावित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाहियां की गईं? (घ) अवगत कराएँ कि क्या नर्मदा-ताप्ति कछार जल संसाधन इंदौर के पत्र क्र. 335/कार्य/डी-22/2006, दिनांक 20.04.2006 द्वारा 4.41 लाख रूपये की सर्वेक्षण कार्य हेतु प्रशासकीय स्वीकृति खोडाना तालाब हेतु की गई एवं दिनांक 22 जुलाई, 2008 के विभागीय पत्र क्र. 1741/1742/08/लघु/अ के द्वारा 8.19 लाख रू. की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की गई तो किन कारणों से अब असाध्य माना जा रहा है, जो तकनीकी कमियां हैं, उन्हें कब तक दूर कर पुन: बजट स्वीकृति दी जा सकेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। केन्द्रीय भूजल, बोर्ड की रिपोर्ट वर्ष 2017 (प्रकाशन वर्ष 2019) के आधार पर पिपलोदा एवं जावरा तहसील अतिदोहित (डार्क जोन) क्षेत्र घोषित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। खोड़ाना एक निमज्जित तालाब है। निमज्जित तालाब का मुख्य उद्देश्य वर्षाऋतु उपरान्त तालाब के पानी को खाली कर रिक्त भूमि में भू-स्वामियों द्वारा रबी की खेती करना है। परियोजना तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्डों पर असाध्य होने से इसकी प्रशासकीय स्वीकृति शासन के आदेश दिनांक 16.06.2011 द्वारा निरस्त की गई। स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है।
रतलाम में स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
17. ( *क्र. 341 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम में खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्पलेक्स) बनाने का प्रस्ताव लंबे समय से क्यों अटका हुआ है? (ख) कलेक्टर ने जमीन देकर निरस्त क्यों कर दी? (ग) वर्तमान में प्रस्ताव की क्या स्थिति है? खेल संकुल का निर्माण कब तक हो जायेगा तथा उसमें खेल गतिविधियां कब से प्रारंभ हो जायेंगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जिला प्रशासन द्वारा विभाग को भूमि आवंटित नहीं होने के कारण खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्पलेक्स) के निर्माण हेतु अग्रिम कार्यवाही संभव नहीं हो सकी। (ख) खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्पलेक्स) के निर्माण हेतु ग्राम सालाखेडी स्थित आरक्षित भूमि पर ट्रांसपोर्ट नगर प्रस्तावित होने से रतलाम विकास प्राधिकरण रतलाम द्वारा आपत्ति प्रस्तुत होने के कारण भूमि आवंटन की कार्यवाही निरस्त की गई। (ग) खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स) निर्माण हेतु बंजली रतलाम में हल्का नंबर 38, सर्वे क्रमांक 29/1 में से रकबा 3.440 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। यह भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम आवंटन होने की कार्यवाही प्रचलन में है। भूमि आवंटन होने के पश्चात ही प्रकरण में आगामी कार्यवाही संभव होगी। खेल संकुल (स्पोर्टस कॉम्पलेक्स) निर्माण व उसमें खेल गतिविधियां आरंभ करने की निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
परासिया विधानसभा क्षेत्र के स्थानों को पर्यटक स्थल घोषित किये जाना
[पर्यटन]
18. ( *क्र. 76 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित 1. हिंगलाज मंदिर अम्बाड़ा 2. कोसमी हनुमान मदिर 3. माँ खेड़ापति मन्दिर चांदामेटा 4. जिल्हेरी घाट इटावा 5. देवरानी दाई मंदिर तुरसी प्रसिध्द धार्मिक एवं पर्यटक स्थल हैं, उपरोक्त चारों स्थानों पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रृद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों का आना-जाना रहता है? यदि हाँ, तो फिर उपरोक्त चारों प्रसिध्द/पर्यटक स्थलों को अभी तक विभाग द्वारा पर्यटक स्थल घोषित क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) उपरोक्त चारों प्रसिध्द धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों को श्रृद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों की सुविधा को देखते हुए, शासन/विभाग द्वारा कब तक पर्यटक स्थल घोषित कर दिया जायेगा? (ग) क्या पर्यटन विभाग मंत्रालय के आदेश पत्र क्र. एफ 6-28/2019/तैंतीस भोपाल, दिनांक 22.11.2019 के माध्यम से परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत खेड़ापति मंदिर परासिया, देवरानी दाई वाटरफाल, जिल्हेरी घाट, कोसमी हनुमान मंदिर में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राशि रू. 817 लाख (आठ करोड़ सत्रह लाख) की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? क्या उपरोक्त निर्माण कार्यों के विभाग द्वारा टेन्डर लगाये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो किसे टेंडर प्रदान किया गया है? क्या अनुबंध हो चुका है? अगर हाँ, तो कब तक निर्माण कार्य को प्रारंभ कर दिया जायेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) किसी भी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की शासन की कोई नीति नहीं है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
शासकीय महाविद्यालय घट्टिया में एम.ए. संकाय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
19. ( *क्र. 147 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय घट्टिया में एम.ए. संकाय का संचालन कराने का प्रस्ताव पत्र क्र. 1386, दिनांक 03.10.2019 माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र विभाग में प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या नवीन शिक्षा सत्र वर्ष 2020-21 से शासकीय महाविद्यालय घट्टिया में एम.ए. संकाय का संचालन करा दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। पत्र पर की गई कार्यालयीन कार्यवाही के परीक्षणोपरान्त पाया गया कि वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शासकीय महाविद्यालय घट्टिया में कला संकाय (एम.ए.) की कक्षायें प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( *क्र. 324 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषकों का बीमा करने हेतु कम्पनी चयन चौथी प्रक्रिया तथा पूर्व की तीन प्रक्रियाओं में न्यूनतम प्रतिशत राशि क्या-क्या थी तथा तय की गई चौथी प्रक्रिया में चौथी राशि क्या है? चयनित कम्पनी का नाम बतायें। (ख) जुलाई 2020 से उत्तर दिनांक तक फसल बर्बादी के प्राप्त आवेदनों की जिलेवार सूची देवें तथा बतावें कि जो बीमित किसान नहीं हैं, उन्हें आर.बी.सी 6-4 के तहत पिछली सरकार अनुसार मुआवजा दिया जायेगा? (ग) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में स्थित सोसायटी द्वारा वर्ष 2018 से 2019 तथा 2019 से 2020 में रवी तथा खरीफ की फसल हेतु कितने सदस्यों का बीमा किया गया तथा कितने सदस्यों का बीमा नहीं किया गया? सोसायटी अनुसार सूची उपलब्ध करायें तथा कितनों को कितनी बीमा राशि प्राप्त हुई? (घ) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 से 2019-20 में कितने किसानों ने बीमा कराया, कितनों ने नहीं कराया तथा कितने किसानों को फसल बर्बादी पर बीमा के तहत भुगतान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा कंपनियों से निविदा में प्राप्त न्यूनतम वेटेड एवरेज प्रीमियम दरों के आधार पर बीमा कंपनी का चयन किया जाता है। ई-निविदा के माध्यम से प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ निविदा में प्राप्त क्लस्टरवार न्यूनतम वेटेड एवरेज प्रीमियम दर प्रतिशत की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। खरीफ एवं रबी वर्ष 2020-21 में प्रदेश में कार्य करने हेतु एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. का चयन किया गया है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2020 में विभिन्न जिलों से 410 फसल हानि की सूचनायें बीमा कंपनी को प्राप्त हुईं, जिनका निरीक्षण एवं सर्वे का कार्य प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। जो बीमित किसान नहीं हैं, उन्हें आर.बी.सी. 6-4 के तहत मुआवजा देने संबंधी निर्णय राजस्व विभाग से संबंधित है। (ग) बीमित सदस्यों एवं दावा प्राप्त लाभान्वित सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र चार अनुसार है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल
[उच्च शिक्षा]
21. ( *क्र. 272 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री शिवराज सिंह चौहान शासकीय प्रवास के दौरान दिनांक 30.08.2018 को टीकमगढ़ जिले के नगर जतारा एवं नगर खरगापुर गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि उन्होंने अपने शासकीय प्रवास के दौरान क्या-क्या घोषणाएं की थी? उनकी घोषणा क्रमांक एवं दिनांक, स्थान, घोषणा का प्रकार क्या था? ऐसी समस्त जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उच्च शिक्षा विभाग की घोषणा के अनुपालन में घोषणाओं पर अमल करने हेतु म.प्र. शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण करवा ली थी? क्या प्रदेश शासन के तत्कालीन एवं वर्तमान मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल कराने का कार्य विभाग द्वारा किया गया है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित तत्कालीन एवं वर्तमान मुख्यमंत्री जी की घोषणा के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले के शासकीय स्नातक महाविद्यालय जतारा को स्नात्कोत्तर पी.जी. किया जावेगा तो कब तक एवं नगर खरगापुर में स्नातक महाविद्यालय की कक्षाएं प्रारंभ की जावेंगी तो कब तक और नहीं तो क्यों? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि विभाग कब तक इनके आदेश जारी कर देगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परीक्षणोपरान्त पाया गया कि वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शासकीय महाविद्यालय जतारा में स्नातकोत्तर कक्षाएं एवं नगर खरगापुर में स्नातक महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जतारा से शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय टीकमगढ़ एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय टीकमगढ़ 40 कि.मी. की दूरी पर संचालित है, जिसमें विद्यार्थी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हेतु अध्ययन कर सकते हैं। नगर खरगापुर से 10 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय बल्देवगढ़ तथा 28 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय पलेरा संचालित हैं। जहाँ पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपद पंचायत सबलगढ़ के सहायक यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( *क्र. 44 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना के जनपद पंचायत सबलगढ़ में पदस्थ सहायक यंत्री रामसेवक शर्मा के खिलाफ सरपंच संघ तथा जनपद पंचायत के अधिकारियों द्वारा शिकायत करने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जिला मुरैना के जनपद पंचायत सबलगढ़ में पदस्थ सहायक यंत्री श्री रामसेवक शर्मा के विरूद्ध सरपंच संघ एवं जनपद पंचायतों के अधिकारियों द्वारा शिकायत करने पर जिला पंचायत द्वारा दिनांक 22.07.2020 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। (ख) कार्यवाही प्रचलन में होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायत में किये गये कार्यों में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( *क्र. 251 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत आरोन की ग्राम पंचायत डिमरयाई और जनपद पंचायत राघौगढ़ की ग्राम पंचायत खिरिया एवं रामनगर में वर्ष 2015-2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कितने निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के किस-किस योजना के अन्तर्गत प्रारंभ कराये गये? प्रारंभ कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? लागत बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितताओं के कितने प्रकरण संज्ञान में आये हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई है? जांच रिपोर्ट सहित अवगत करायें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या ग्राम पंचायत ढिमरयाई, खिरिया एवं रामनगर के सरपंच के विरूद्ध शासकीय क्षति की वसूली की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी राशि किन कार्यों के विरूद्ध वसूल की जाना है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सरपंच के विरूद्ध क्या धरनावदा थाने में कोई एफ.आई.आर. दर्ज है? यदि हाँ, तो किस मामले में किस दिनांक को किस अपराध क्रमांक से प्रकरण दर्ज कराया गया? एफ.आई.आर. पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, ग्राम पंचायत ढिमरयाई एवं खिरिया के सरपंच के विरूद्ध शासकीय क्षति वसूली की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है, प्रकरण में एफ.आई.आर. पर थाना धरनावदा द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
पी.एम.टी. फर्जीवाड़े की जांच
[गृह]
24. ( *क्र. 196 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सितम्बर 2019 में सी.बी.आई. ने पी.एम.टी. 2012 के विशेष न्यायालय में प्रस्तुत चालान में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पी.एम.टी. के माध्यम से भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के मालिक तथा अधिकारियों को आरोपी बनाया? यदि हाँ, तो बतावें की एस.टी.एफ. ने उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया था? (ख) क्या एस.टी.एफ. निजी चिकित्सा महाविद्यायल के मालिक तथा अधिकारियों को बचाने के लिये पी.एम.टी. परीक्षा के माध्यम से निजी चिकित्सा महाविद्यालय में फर्जीवाडे की जांच नहीं कर रही है? यदि नहीं, तो बतावें की क्या जांच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी. 2007 से 2013 के मध्य में भर्ती में कोई फर्जीवाड़ा नहीं पाया गया? (ग) क्या ए.एफ.आर.सी. अपील अथॉरिटी पी.के. दास के निर्णय के खिलाफ जबलपुर उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित फर्जीवाड़े की जांच पर स्थगन दिया गया है? (घ) क्या आई.पी.सी. में सी.बी.आई. तथा एस.टी.एफ. हेतु एक जैसे आरोप में जांच की धाराएं तथा अधिकार अलग-अलग हैं? यदि नहीं, तो सी.बी.आई. प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित न्यायालयीन प्रकरण के बाद भी वर्ष 2019 में निजी चिकित्सा महाविद्यालय को आरोपी बना सकती है, तो एस.टी.एफ. क्यों नहीं बना सकती?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, सी.बी.आई. (व्यापम प्रकरण) भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार सी.बी.आई. द्वारा पी.एम.टी. 2012 के विशेष न्यायालय में प्रस्तुत चालान में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पी.एम.टी. के माध्यम से भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर 04 निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के मालिक तथा अधिकारियों को आरोपी बनाया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 372/15 में दिनांक 09.07.2015 को पारित आदेश के परिपालन में व्यापम संबंधी प्रकरणों की अग्रिम विवेचना सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने से एस.टी.एफ. द्वारा अग्रिम कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। सी.बी.आई. कार्यालय (व्यापम केसेस) भोपाल के पत्र क्रमांक सी.बी.आई./व्यापम/केसेस/एस.टी.एफ./बी.पी.एल./2016/5412 दि. 29.11.2019 के माध्यम से प्राप्त जानकारी अनुसार पी.एम.टी. 2004 से 2013 तक फर्जीवाड़े की विवेचना सी.बी.आई. द्वारा की जा रही है। एस.टी.एफ. म.प्र. द्वारा पी.एम.टी. 2012 एवं पी.एम.टी. 2013 में फर्जीवाड़े के माध्यम से भर्ती पर पंजीबद्ध अपराध की विवेचना भी सी.बी.आई. को सुपुर्द की जा चुकी है। (ग) चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार माननीय अपील प्राधिकारी द्वारा ए.एफ.आर.सी. द्वारा दिए गए निर्णय को उचित ठहराया गया। ए.एफ.आर.सी. द्वारा 2013 में 198 छात्रों के अनियमित प्रवेश पर निजी चिकित्सा महाविद्यालयों पर लगाये आर्थिक दण्ड पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश दिया गया था। ए.एफ.आर.सी. द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से स्थगन आदेश निरस्त कराने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार प्रकरण की विवेचना सी.बी.आई. द्वारा की जा रही है। प्रकरण की विवेचना में आरोपी पर कार्यवाही प्रकरण के विवेचक द्वारा ही की जायेगी।
जनपद पंचायतों में मनरेगा से कराए गए कार्यों पर व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( *क्र. 104 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के जनपद पंचायत सिवनी एवं छपारा की ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न तिथि के दौरान मनरेगा योजना से आंतरिक सीमेन्ट कांक्रीट सड़क, कपिलधारा कूप, खेत सड़क तालाब गहरीकरण कार्य तथा अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन के कुल कितने कार्यों हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी राशि व्यय की गयी? वर्षवार/जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में व्यय की गई राशि का उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण पत्र जनपद पंचायत के किन अधिकारियों द्वारा जारी किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन किन अधिकारियों के द्वारा किया गया एवं पूर्ण कार्य होने का उपयोगिता प्रमाण पत्र किसके द्वारा जारी किया गया? कार्यों की प्रकारवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्तीय वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्नांश तिथि तक स्थल पर भौतिक रूप से मौजूद हैं? सूची प्रदान करें। (ड.) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्तीय वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्नांश तिथि तक अपूर्ण हैं? इन अपूर्ण कार्यों में से किन कार्यों में वसूली की कार्यवाही प्रचलित है? अपूर्ण होने पर कार्य एजेन्सियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) कुल स्वीकृत कार्य 681 एवं कुल स्वीकृत राशि रू. 2852.57 लाख शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 3 अनुसार है। (ख) प्रश्न (क) में उल्लेखित कार्यों पर व्यय की गई राशि के उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण–पत्र जनपद पंचायत के उपयंत्री एवं सहायक यंत्री अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं। (ग) कार्यों का भौतिक सत्यापन तथा पूर्ण कार्य होने पर उपयोगिता प्रमाण-पत्र सेक्टर के उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा जारी किया गया। कार्यों की प्रकारवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) प्रश्नाधीन अवधि में जनपद पंचायत सिवनी एवं जनपद पंचायत छपारा में कुल 437 कार्य अपूर्ण हैं। इन अपूर्ण कार्यों में कोई भी वसूली की कार्यवाही प्रचलित नहीं है। अपूर्ण कार्यों को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराये जाने के संबंध में कार्य एजेंसी ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया गया है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
दूध
प्रशीतन
केंद्र
बिजावर को
पुनः
प्रारम्भ
किया जाना
[पशुपालन]
1. ( क्र. 3 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दूध प्रशीतन केंद्र बिजावर को पुनः प्रारम्भ करने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) दूध प्रशीतन केंद्र बिजावर को पुनः प्रारम्भ करने में क्या-क्या परेशानी आ रही है? इनका निराकरण कब तक करके केंद्र पुनः प्रारम्भ किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) बिजावर स्थित प्रशीतन केन्द्र को पुन: प्रारंभ किए जाने हेतु 3000 लीटर क्षमता का बल्क मिल्क कूलर स्थापित किया गया है तथा 25 दुग्ध समितियों का पंजीयन कराया गया है। (ख) 25 दुग्ध समितियों से 08 दुग्ध समितियों में दूध अनुपलब्ध होने से अस्थाई रूप से बन्द है। 03 दुग्ध समितियां प्रस्तावित हैं वर्तमान में लगभग 760 लीटर दूध प्रतिदिन संकलित हो रहा है, जिसकी मात्रा अत्यंत कम होने के कारण, संचालन घाटे में न हो के दृष्टिगत बिजावर क्षेत्र की दुग्ध समितियों का दूध, दुग्ध शीतकेन्द्र छतरपुर के माध्यम से संकलित किया जा रहा है। क्षेत्र में 15 से 20 और नवीन दुग्ध समितियां गठित किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। पर्याप्त मात्रा में दुग्ध संकलन प्राप्त होने पर ही बिजावर दुग्ध शीतकेन्द्र पुन: प्रारंभ हो सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निजी तकनीकी महाविद्यालयों में कोविड-19 के दौरान फीस वसूली के नियम
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
2. ( क्र. 8 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कोविड-19 के चलते दिनांक 1 अप्रैल 2020 के पश्चात तकनीकी निजी महाविद्यालयों में फीस वसूली को लेकर क्या नियमावली निर्धारित की गयी है? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये। (ख) क्या प्रदेश के उक्त निजी महाविद्यालयों द्वारा शैक्षणिक शुल्क के अलावा होस्टल, मेस, बस आदि अन्य शुल्क की भी वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? विभाग को किस-किस व्यक्ति/अभिभावक द्वारा ऐसी शिकायत प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रदेश में उक्त निजी महाविद्यालय द्वारा कोविड-19 के चलते 1 अप्रैल 2020 के पश्चात अवैध फीस वसूली को लेकर किस-किस न्यायालय में किस-किस व्यक्ति द्वारा किस-किस महाविद्यालय के खिलाफ प्रकरण दर्ज है? सभी प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (घ) प्रदेश में कोविड-19 के चलते फीस विवाद को लेकर अभिभावकों एवं तकनीकी महाविद्यालयों के बीच विभाग द्वारा कोई बैठक प्रदेश स्तर पर आयोजित की गयी है? यदि हाँ, तो उसमें क्या निर्णय लिए गये?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रदेश में कोविड-19 के चलते दिनांक 1 अप्रैल 2020 के पश्चात् तकनीकी निजी महाविद्यालयों में फीस वसूली को लेकर ए.एफ.आर.सी. द्वारा कोई नियमावली निर्धारित नहीं की गई है। (ख) ए.एफ.आर.सी. द्वारा होस्टल, मेस एवं बस शुल्क की अधिकतम सीमा को ऐच्छिक शुल्क के रूप में नामांकित किया गया है। जो छात्र-छात्रायें इनका उपयोग करेंगे उन्ही छात्र-छात्राओं से शुल्क लिया जाता है। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) निजी महाविद्यालय द्वारा कोविड-19 के चलते दिनांक 1 अप्रैल 2020 के पश्चात् अवैध फीस वसूली को लेकर ए.एफ.आर.सी. में कोई न्यायालयीन प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) कोविड-19 के चलते फीस विवाद को लेकर अभिभावकों एवं तकनीकी महाविद्यालयों के बीच ए.एफ.आर.सी. द्वारा कोई बैठक आयोजित नहीं की गई है।
निजी महाविद्यालयों में कोविड 19 के दौरान अवैध फीस वसूली
[उच्च शिक्षा]
3. ( क्र. 9 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोविड-19 के चलते दिनांक 1 अप्रैल 2020 के पश्चात निजी महाविद्यालयों में फीस वसूली को लेकर क्या नियमावली निर्धारित की गयी है? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रदेश के उक्त निजी महाविद्यालयों द्वारा शैक्षणिक शुल्क के अलावा होस्टल, मेस, बस आदि अन्य शुल्क की भी वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ विभाग को किस-किस व्यक्ति/अभिभावक द्वारा ऐसी शिकायत प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रदेश में उक्त निजी महाविद्यालय द्वारा कोविड-19 के चलते 1 अप्रैल 2020 के पश्चात अवैध फीस वसूली को लेकर किस-किस न्यायालय में किस-किस व्यक्ति द्वारा किस-किस महाविद्यालय के खिलाफ प्रकरण दर्ज है? सभी प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (घ) प्रदेश में कोविड-19 के चलते फीस विवाद को लेकर अभिभावकों एवं निजी महाविद्यालयों के बीच विभाग द्वारा कोई बैठक प्रदेश स्तर पर आयोजित की गयी है? यदि हाँ, तो उसमें क्या निर्णय लिए गये?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित समस्त महाविद्यालयों में सत्र 2020-2021 में स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश प्रक्रिया संचालित है। आवेदकों से प्रवेश के समय राशि रू.1000/- (एक हजार मात्र) एवं शेष राशि किश्तों में जमा करने की सुविधा प्रदान की गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश से ऐसी काई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रदेश में ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं लाया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
4. ( क्र. 10 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 9 जुलाई 2014 को स्थापित महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक कितना बजट प्रदाय किया जा चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विश्वविद्यालय की स्थापना के 6 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी किन कारणों से भवन निर्माण हेतु बजट आवंटित नहीं किया जा सका? बजट आवंटित करने में कहा एवं किस स्तर पर व्यवधान हो रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर के भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक बजट उपलब्ध नहीं हुआ है। (ख) विश्वविद्यालय के भवन निर्माण हेतु डी.पी.आर. की प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
हत्या के प्रयास का असत्य प्रकरण दर्ज करने की निष्पक्ष जांच
[गृह]
5. ( क्र. 15 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 3255/नागदा, दिनांक 09/08/2020 को पुलिस अधीक्षक उज्जैन से पुलिस थाना नागदा में अपराध क्रं. 426/2020 धारा 307, 34 भादवि दिनांक 09/08/2020 को दबाव वश अजा वर्ग के सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश मालवीय का नाम आरोपियों में गलत दर्ज करने व सामान्य चोट पर हत्या के प्रयास का असत्य प्रकरण दर्ज करने के संबंध में निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो जांच किस अधिकारी द्वारा की गई? जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। यदि जांच नहीं की गई तो क्यों? कब तक कर ली जायेगी? (ख) क्या श्रीमान डी.जी.पी., आई.जी., एस.पी. को जगदीश मालवीय द्वारा 19/05/2020 को शपथ पत्र के माध्यम से स्वयं की हत्या किए जाने के षडयंत्र करने, हमला करने व असत्य मुकदमे में फंसाने की सूचना के पश्चात दिनांक 02/07/2020 को प्रार्थी जगदीश के घर पर हमला करने की एफ.आई.आर. व पुलिस द्वारा कथन नहीं लिये जाने पर दिनांक 12/07/2020 को मय शपथ पत्र देकर कार्यवाही कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई थी? (ग) यदि हाँ तो क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा कितने लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? पृथक-पृथक विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) संदर्भित पत्र क्रमांक 3255 दिनांक 09/08/2020 को पुलिस अधीक्षक, कार्यालय उज्जैन के रिकार्ड अनुसार प्राप्त होना नहीं पाया गया। दिनांक 08.08.2020 को फरियादी राहुल जैन की रिपोर्ट पर थाना नागदा में अपराध क्रमांक 426/20 धारा 307, 34 भादवि का अपराध आरोपी जितेन्द्र जाटव, गब्बर राजपूत एवं अन्य 10-15 के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण विवेचनाधीन है। (ख) दिनांक 19.05.2020 को कोई आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक, कार्यालय उज्जैन को प्राप्त नहीं हुआ, आवेदक जगदीश मालवीय का आवेदन पत्र मय शपथ पत्र के दिनांक 29.05.2020 को प्राप्त हुआ वर्तमान में जांच जारी है। दिनांक 02.07.2020 को घटित घटना के संबंध में फरियादी लखन की रिपोर्ट पर थाना बिरलाग्राम में अपराध क्रमांक 238/2020 धारा 458, 452, 323, 294, 506, 427, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया। दिनांक 02.07.2020 को ही साक्षियों के कथन लेख किये गये थे। (ग) थाना बिरलाग्राम में अपराध क्रमांक 238/2020 धारा 458, 452, 323, 294, 506, 427, 34 भादवि के नामजद आरोपी आकाश संकत व अन्य 04 आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
फसल
बीमा एवं ऋण
माफी योजना की
स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 16 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा एवं खाचरौद तहसील में वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में क्षेत्र के कितने किसानों का किस-किस फसल का बीमा किस कम्पनी के माध्यम से किया गया वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) उपरोक्त वर्षों में गेहूँ, चना, सोयाबीन आदि की फसल बीमा की राशि कितने किसानों को कितनी-कितनी मिली है तथा कितने किसानों का फसल बीमा की राशि स्वीकृत हो गई है परंतु आना शेष है? पृथक-पृथक किसानों की संख्या पटवारी हल्कों के नाम सहित विवरण दें। (ग) क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि में खराब हुई सोयाबीन की फसल मुआवजा की प्रथम किस्त का भुगतान कितने किसानों को कर दिया है? किसानों की संख्या व गांव सहित विवरण दें। शेष राशि कब प्रदान कर दी जाएगी? (घ) वर्ष 2018-19 व 2019-20 में क्षेत्र में चने की फसल बीमा की कितनी राशि स्वीकृत कर दी गई है? किसानों की संख्या, राशि पटवारी हल्का सहित विवरण दें। (ड.) 31 मार्च 2018 की स्थिति में नागदा खाचरौद विधान सभा क्षेत्र के कितने किसानों का कितनी राशि का तक का ऋण ''जय किसान फसल ऋण माफी योजना'' में माफ हुआ है तथा 5 मार्च को कृषि मंत्री द्वारा 1 लाख तक के तहसील खाचरौद के कितने किसानों को ऋण माफी के प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। उनके नाम ऋण माफी राशि सहित विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) नागदा एवं खाचरौद तहसील में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड एवं वर्ष 2019-20 में द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लि. के माध्यम से फसल बीमा किया गया था। बीमित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्त वर्षों में पात्र कृषको को दावा भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रबी वर्ष 2018-19 अंतर्गत चना फसल के दावों की राशि की गणना प्रक्रिया में है अत: संख्या बताना संभव नहीं है। खरीफ 2019 के दावा राशि भुगतान का कार्य बीमा कंपनी स्तर पर प्रकिया में है अत: संख्या बताना संभव नहीं है। (ग) खरीफ 2019 के लिये बीमा कंपनी को प्रीमियम राशि का भुगतान कर दिया गया है। पात्र कृषकों को दावा राशि भुगतान का कार्य बीमा कंपनी स्तर पर प्रक्रिया में है। अत: संख्या बताना संभव नहीं है। (घ) रबी वर्ष 2018-19 अंतर्गत चना फसल के दावों की राशि की गणना प्रक्रिया में है अत: संख्या बताना संभव नहीं है। रबी वर्ष 2019-20 के फसल कटाई प्रयोगों के आंकड़े का संकलन आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त, ग्वालियर द्वारा किया जा रहा है। अत: संख्या बताना संभव नहीं है। (ड.) 31 मार्च 2018 की स्थिति में नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में 11856 कृषकों का 44.60 करोड का ऋण जय किसान फसल ऋण माफी योजना में माफ हुआ है तथा 5 मार्च को कृषि मंत्री द्वारा 1 लाख तक के तहसील खाचरौद में 2548 किसानों को ऋण माफी के प्रमाण पत्र वितरित किये गये। कृषकों की सूची (पोर्टल के अनुसार) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार है।
तिलहरी जलाशय का निर्माण
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 25 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत ग्राम तिलहरी ग्राम पंचायत मलारा जिला जबलपुर के तिलहरी जलाशय का निर्माण शासन द्वारा वर्ष 1988-89 में किसानों को सिंचाई की सुविधा देने हेतु कराया गया था? (ख) क्या तिलहरी जलाशय की नहर की टूट फूट एवं रिसाव होने के कारण किसानों की फसलों की सिंचाई नहीं हो पाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या नहर की टूट फूट एवं रिसाव को दुरूस्त कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वार्षिक अनुरक्षण मद एवं जल उपभोक्ता संथा को प्राप्त अनुदान राशि से नहर की आवश्यकतानुसार साफ-सफाई एवं मरम्मत कार्य कराया जाकर सिंचाई कराना प्रतिवेदित है। (ग) नहर मरम्मत कराने से संबंधित कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस वृद्धि में अनियमितता
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
8. ( क्र. 32 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में डीमेट, पी.एम.टी तथा एन.आर.आई. से हुई भर्ती की जांच प्रवेश एवं फीस नियामक समिति करेगी? यदि हाँ, तो बतावें कि चर्चित व्यापम घोटाले में AFRC द्वारा कौन-कौन से वर्ष की जांच की गई तथा वर्ष 2017 में एनआरआई कोटे से भर्ती की जांच के अभ्यार्थी द्वारा दिये समस्त दस्तावेज तथा उन परिपत्रों की प्रति देवें जिसके आधार पर जांच हुई? (ख) AFRC द्वारा निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस में वृद्धि हेतु आवेदन की चेकलिस्ट की सूची देवें तथा बतावें कि वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक फीस वृद्धि हेतु प्राप्त आवेदन के संलग्न दस्तावेज की प्रति देवें तथा बतावें कि पिछले 4 साल में फीस 3-4 गुना करने के कारण क्या हैं। (ग) 2014-15 से 2019-20 तक फीस वृद्धि के लिए निर्णय के कारणों निजी चिकित्सा महाविद्यालय अनुसार चार्ट बनाकर प्रस्तुत करें तथा बतावें कि फीस वृद्धि की सिफारिश पर केबिनेट, माननीय मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्री की अनुशंसा प्राप्त हुई। (घ) क्या AFRC द्वारा निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस वृद्धि करने के पूर्व नागरिकों से आपत्ति तथा सुझाव प्राप्त किये जाते हैं? यदि हाँ तो बतावें कि 2014-15 से 2019-20 में कब आपत्ति, सुझाव मंगवाये गये?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में डीमेट, पी.एम.टी. तथा एन.आर.आई. से हुई भर्ती की जांच के बारे में शिकायत प्राप्त होने पर प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के द्वारा शिकायत को संज्ञान में लेकर जांच की जा सकती है। व्यापमं घोटाले की जांच समिति द्वारा नहीं की गई। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनांक 18 मई 2018 में दिये गये निर्देशानुसार वर्ष 2017 में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में एन.आर.आई. कोटे में प्रवेशित 107 अभ्यार्थियों की जांच प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा की गई। एन.आर.आई. अभ्यार्थियों की जांच किये जाने हेतु उनके मूल अभिलेख संचालक, चिकित्सा शिक्षा से प्राप्त हुये थे जिसे जांच के पश्चात् संचालक, चिकित्सा शिक्षा को वापस कर दिये गये। (ख) ए.एफ.आर.सी. द्वारा निजी चिकित्सा महाविद्यालय की फीस में वृद्धि हेतु आवेदन की चेक लिस्ट के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं:- 1. सोसायटी के आय-व्यय का ब्यौरा, 2. कॉलेज के आय-व्यय का ब्यौरा, 3. पाठ्यक्रम एवं अस्पताल के आय-व्यय का ब्यौरा वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक फीस वृद्धि 3-4 गुना नहीं हुई बल्कि 2-3 गुना हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। फीस वृद्धि का कारण पाठ्यक्रम एवं अस्पताल के खर्चे में वृद्धि है। (ग) फीस की वृद्धि की सिफारिश पर कैबिनेट, माननीय मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्री की अनुशंसा प्राप्त नहीं हुई क्योंकि अधिनियम में ऐसा प्रावधान नहीं है। (घ) प्रत्येक केलैण्डर वर्ष में जनवरी माह के अंतिम सप्ताह शैक्षणिक सत्र के लिये व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं के शुल्क निर्धारण की अधिसूचना में समिति द्वारा छात्र/अभिभावक/अधिकृत संस्थाओं से शुल्क विनियमन से संबंधित सुझाव मांगे जाते हैं। जारी किये गये अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मंदसौर गोलीकांड की जांच
[गृह]
9. ( क्र. 33 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 06 जून 2017 को पिपलीयामंडी में पाश्वर्नाथ चोपाटी पर भीड़ ने 12:30 बजे सी.आर.पी.एफ. नीमच के विवेक मिश्रा, उदयप्रकाश तथा अरूणकुमार को गिराकर मारने के लिए तीनों पर पेट्रोल डालकर आग लगाने लगे पास खड़े विजयकुमार तथा बी साजी को घेरकर मारपीट की तथा पांचों की रायफल छीनने का प्रयास किया तथा विजयकुमार ने रायफल लोड कर एक साथ फायर कर दिया? भीड़ जिससे तितर-बितर हो गई एवं फिर ये पांचों बस में बैठकर चले गये इन्होंने कोई रिपोर्ट नहीं कि अस्पताल में इलाज नहीं करवाया तथा रात्रि को वापस नीमच चले गये तथा घटना के 18 दिन बाद जली हुई वर्दी और जूते जप्त करायें। (ख) क्या इन पांचों ने 07 जून को 12.30 बजे कम्पोजिट हास्पीटल नीमच में डॉ.एम.एल.पाटीदार को दिखाया तो खरोच तथा सूजन के अलावा कोई बाहरी चोट नहीं पायी गयी? यदि हां, तो बतावें कि घातक हथियारों से लेस, हजारों की भीड़ नीचे गिराकर 10-15 मिनट तक मारपीट करे तो क्या मात्र खरोंच ही आयेगी? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) से यह स्पष्ट नहीं होता कि सी.आर.पी.एफ. नीमच के जवान असत्य बोल रहे हैं तथा उन्होंने बिना वजह गोली चालन किया? यदि हाँ, तो इन पर प्रकरण उसी दिन दर्ज क्यों नहीं किया जबकि जैन आयोग का गठन 12 जून 2017 को 06 दिन बाद किया गया था?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) उपरोक्त गोलीचालन के घटना के संबंध में म.प्र. शासन द्वारा न्यायिक जांच आदेशित की गई थी। न्यायिक जांच श्री जे.के. जैन, सेवानिवृत्त माननीय न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इंदौर के द्वारा की गई है। कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।
बालाघाट जिले की पंचायतों को बजट आंवटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 34 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के बजट में आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अनुसुचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति योजनायें (सब स्किम) के प्रावधान के तहत विभाग को बजट आवंटन होता है? (ख) यदि हां, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई? किन-किन जिलों में कितनी-कितनी राशि योजनावार जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान के तहत प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि में जिला बालाघाट को योजनावार किन-किन ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अनुसूचित जन जाति एवं अनुसूचित जाति योजनायें (सब स्किम) के प्रावधान के तहत विभाग को बजट राशि व्यय संबंधी नियम/निर्देश की प्रति देवें।
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सदस्यता अभियान में कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन पर कार्यवाही
[गृह]
11. ( क्र. 38 ) श्री महेश परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र सरकार की गाइडलाइन अनुसार कोविड-19 के तहत शादी के लिए 50 लोग, शवयात्रा के लिए 20 लोग की अनुमति एवं गणपती महोत्सव के पंडालों पर पूर्णतः रोक लगाई गयी है? यदि हाँ, तो भाजपा द्वारा सदस्यता अभियान में ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम को किन नियमों के तहत परमिशन दी गयी? पंडाल लगाने की अनुमति एवं निर्धारित गाइडलाइन से अधिक संख्या में लोगों को एकत्रित होने की अनुमति के आधार क्या थे? (ख) यदि उक्त कार्यक्रम के लिए कानून का पालन कराने वाले कलेक्टर एवं एसपी द्वारा गाइडलाइन का उल्लंघन कर अनुमति दी गयी है तो कार्मिक विभाग में शिकायत दर्ज़ कर आईएएस,आईपीएस अवार्ड वापिस लिए जाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? यदि अनुमति नहीं दी गयी है तो कार्यक्रम में उपस्थित दोषी नेताओं पर प्रकरण दर्ज़ क्यों नहीं किए गए? जबकि गणपती के पंडालों पर लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा रखी है। (ग) उज्जैन में जनहितैषी मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन करने वाले और श्रमिकों के लिए न्याय यात्रा निकालने के प्रयास पर प्रकरण दर्ज़ कर गाइडलाइन का हवाला देकर जेल भेजा गया और ग्वालियर भाजपा के कार्यक्रम में 05 से अधिक भीड़ होने पर कोविड-19 की गाइडलाइन को दरकिनार किया गया, ऐसा क्यों? क्रमबद्ध जवाब प्रस्तुत करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला ग्वालियर में दिनांक 22.08.2020 से 24.08.2020 के दौरान जिलाधीश ग्वालियर द्वारा आदेश क्रमांक स्टेनो/एडीएम/711/2020 दिनांक 21.08.2020 के माध्यम से कोविड-19 के संबंध में केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा गाईडलाइन का अक्षरांश: पालन की शर्त पर भाजपा द्वारा आयोजित सदस्यता अभियान की अनुमति जारी की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार। (ग) जिला उज्जैन दिनांक 13.05.2020 को कस्बा तराना जिला उज्जैन के माननीय विधायक श्री महेश परमार एवं श्री मनोज चावला द्वारा कोविड-19 की संक्रमक बिमारी को लेकर शासन द्वारा गरीब मजदूर एवं किसानों को हो रही समस्या को लेकर महाकाल मंदिर के सामने से एक पैदल यात्रा बगैर अनुमति के प्रारंभ करने एवं प्रशासन द्वारा समझाने पर भी नहीं मानने पर शांति व्यवस्था भंग होने की संभावना से माननीय विधायकगण एवं अन्य 05 विरेन्द्र सिंह, अजीत सिंह, जीवन उर्फ सोनू शर्मा, कमल किशोर एवं निजाम काजी के विरूद्ध थाना महाकाल इस्तगासा क्रमांक 54/13.05.2020 धारा 151 जाफौ अंतर्गत गिरफ्तार कर भेरूगढ़ जेल निरूद्ध किया गया एवं बाद में 500-500 के मुचलके पर सभी 07 को रिहा किया गया। ग्वालियर भाजपा के कार्यक्रम प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार है।
सहारा इंडिया चिटफंड के आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
12. ( क्र. 54 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 793 दिनांक 17 दिसंबर 2019 के खंड (ख) का उत्तर दिलाया जाए कि जो प्रकरण दर्ज किया गया है उनमें कौन-कौन आरोपी हैं तथा बतावें कि सहारा के खिलाफ शेष 13 जिलों में तथा चिटफंड के खिलाफ भोपाल इंदौर रीवा तथा शाजापुर में प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया? कब तक किया जाएगा? (ख) बतावे की दर्ज प्रकरण में किन-किन आरोपी की गिरफ्तारी किस दिनांक को हुई तथा सारी 181 शिकायत मिलाकर कुल कितने करोड़ रुपए के घोटाले की राशि है तथा कितनी राशि का भुगतान हुआ शेष कितनी है। (ग) प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण दिनांक 19-12-2019 के संदर्भ में बताएं कि क्या त्वरित कार्यवाही के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है? यदि नहीं तो बतावें की कब तक किया जाएगा तथा बतावें की किन पांच शिकायतों में न्यायालय में जांच की समझाइश किस आधार पर दी गई। (घ) जिन प्रकरणों में सहारा इंडिया द्वारा राशि दी गई उनकी सूची देवें तथा बतावें कि शेष प्रकरण में राशि कितनी बनी है तथा अभी तक क्यों नहीं दी गई तथा वर्तमान में सहारा इंडिया का कार्य बंद है या चालू है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' 'ब' एवं 'स' अनुसार, दर्शाये गये कारणों के अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' में समाहित है। घोटाले की राशि शिकायत जांच तथा विवेचना उपरांत ही निर्धारित हो सकती है। (ग) चिटफंड कंपनी से संबंधित शिकायतों की सतत् मॉनिटरिंग के लिये सदन में पूर्व में दिये गये आश्वासन अनुसार पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत एक सेल का गठन किया गया है एवं प्रश्नाधीन वर्णित आश्वासन के अनुक्रम में त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देशानुसार इसी सेल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'य' अनुसार है। (घ) जिन प्रकरणों में सहारा इण्डिया द्वारा राशि का भुगतान किया गया है वह पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'र' अनुसार है। शेष प्रकरण विवेचनाधीन होने से राशि बताया जाना संभव नहीं है। अशोकनगर जिले को छोड़कर मध्यप्रदेश के शेष जिलों में सहारा इण्डिया के कार्यालय खुले हुये है।
किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 65 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान ऋण माफी योजना में कितने किसान वर्तमान में शेष रह गये हैं जिनके बचत खातों में राशि जमा होनी है? (ख) क्या किसान ऋण माफी योजना में शेष रह गये किसानों के खातों में राशि सरकार द्वारा जमा की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं सरकार ने इसके लिए कोई योजना तैयार की है? (ग) क्या किसान ऋण योजना माफी में शेष रह गये किसानों ने सरकार के आश्वासन पर आज दिनांक तक ऋण जमा नहीं किया है जिससे उनकी ऋण राशि में ब्याज लग जाने के कारण उनकी ऋण राशि में काफी वृद्धि हो गई है? क्या सरकार ऋण राशि का ब्याज माफ करेगी? (घ) यदि सरकार ऋण राशि का ब्याज माफ नहीं कर रही है एवं मूल राशि में भी सरकार द्वारा राशि जमा की कोई नीति/प्रावधान नहीं है तो क्या सरकार इस संबंध में किसानों के लिए कोई आदेश वक्तव्य जारी करेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के प्रावधान अनुसार राशि पात्र किसानों के फसल ऋण खाते में जमा कराने के निर्देश है अत: बचत खातों में राशि जमा कराने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ख) ऋण माफी योजना की विस्तृत समीक्षा शासन के विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय शासन द्वारा लिया जावेगा। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) ऋण माफी योजना की विस्तृत समीक्षा शासन के विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिए जावेंगे।
शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
14. ( क्र. 77 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में संचालित है, जिसमें अधिक संख्या में अलग-अलग ब्रांचों में छात्र/छात्रायें अध्ययनरत हैं, क्या आवश्यकता की दृष्टि से छात्र/छात्राओं की अध्ययन संबंधी सुविधा को ध्यान में रखते हुए, शास. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में राजीव गाँधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय से वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना कराये जाने के संबंध में कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कब तक आवश्यक कार्यवाही करते हुए, शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में राजीव गाँधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय से वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?। (ग) शास. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में राजीव गाँधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय से वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना कराये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी एवं विभाग को पत्र प्रेषित किये गये है? उन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, परासिया (खिरसाडोह) में वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय नहीं खोले जाने का निर्णय लिया है।
तत्कालीन सरपंच की F.I.R. निरस्त किया जाना
[गृह]
15. ( क्र. 91 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना लांजी के तत्कालीन सरपंच युगेश पिता शोभाराम रामटेककर के विरूद्ध क्या अपराध क्रमांक 105/2012 के तहत धारा 465, 471, 181, 120 बी-467, 468 द्वारा दर्ज किया गया था? (ख) क्या उक्त सरपंच द्वारा जारी राशन कार्ड का उपयोग पुलिस ने गलत तरीके से शस्त्र लाइसेंस के एक प्रकरण में पहचान पत्र के रूप में कर लिया जबकि राशन कार्ड का उपयोग पहचान पत्र के रूप में नहीं किया जा सकता? (ग) क्या पुलिस द्वारा की गई गलती को तत्कालीन सरपंच पर अधिरोपित कर लगायी गयी समस्त धाराएं निरस्त की जायेंगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) सरपंच योगेश रामटेककर द्वारा अपने लेटर पेड पर गलत निवास प्रमाण पत्र दिया गया था। इस संबंध में थाना लांजी में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 105/2012 धारा 465, 471, 181, 120 (बी) , 467, 468 भादवि, 30 आर्म्स एक्ट का चालान माननीय जे.एम.एफ.सी. न्यायालय लांजी में दिनांक 19.09.2019 को पेश किया जा चुका है, जो न्यायालय में विचाराधीन है।
सिंचाई परियोजना के लंबित प्रस्ताव
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 92 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित जिले की सिंचाई परियोजना तथा लाइनिंग के कितने प्रस्ताव शासन तथा विभाग के पास लंबित है? नाम तथा प्रस्तावित राशि सहित जानकारी दें। (ख) विधान सभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत खराड़ी जलाशय बांध परियोजना की नहरों के लाइनिंग के कार्य कब तक स्वीकृत कर दिये जायेंगे? (ग) विधान सभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत बांध परियोजना जो कि एक अंतर्राज्यीय परियोजना है, की मुख्य नहर में लाइनिंग कार्य की स्वीकृति हेतु दोनों राज्यों के बीच सचिव स्तर की बैठक क्या आयोजित करा ली गयी है? (घ) यदि नहीं करायी गयी है तो कब तक कराएगें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। प्रमुख अभियंता कार्यालय से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) शासन स्तर पर इस संबंध में कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मनावर में अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही
[गृह]
17. ( क्र. 94 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनावर में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने तथा अवैध अतिक्रमण हटाने बाबत प्रश्नकर्ता द्वारा ई-मेल एवं पत्राचार द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय, कलेक्टर धार एवं एसपी धार को जून-जुलाई 2019 एवं जुलाई-अगस्त 2020 माह में कई पत्र लिखे गए? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी? (ख) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अप्रैल 2018 से प्रश्न-दिनांक तक कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई? उक्त सड़क दुर्घटनाओं में कितने लोगों की मृत्यु हुई? घायलों एवं मृतकों के परिजनों को मुआवजे-स्वरुप कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही नहीं किए जाने की स्थिति में किस संबंधित अधिकारी की क्या जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की गई? कब तक जवाबदेही तय कर कार्यवाही की जाएगी? जवाबदेही तय नहीं किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) मनावर में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने तथा अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? कार्यवाही नहीं किए जाने की स्थिति में विधिसम्मत कारण बताएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मनावर में ट्रॉफिक व्यवस्था दुरूस्त करने तथा अवैध अतिक्रमण हटाने बावत् माह जून 2019 में कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ। माह जुलाई 2019 में जिला कलेक्टर कार्यालय धार के माध्यम से एक पत्र क्र.-/328/एमपी-एमएलए/2019 दिनांक 06 जुलाई 2019 पुलिस अधीक्षक धार को 11 जुलाई 2019 को प्राप्त हुआ। जिस पर कार्यवाही की गई है। जुलाई एवं अगस्त 2020 की अवधि में कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुए। पुलिस अधीक्षक धार के माध्यम से पत्र क्रमांक-पुअ/धार/याता./419/2019 दिनांक 27.07.2019 एवं पत्र क्र.पुअ/धार/ याता./27/2020 दिनांक 08.01.2020 के माध्यम से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी एवं थाना प्रभारी मनावर को यातायात व्यवस्था एवं अतिक्रमण हटाने संबंधी कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जाकर निम्नानुसार कार्यवाही की गई है:- 1. ट्रॉफिक नियंत्रण हेतु प्रतिदिन 02 पुलिस जवान लगाये जाते हैं, जो यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करते हैं। 2. भारी वाहन-भारी वाहनों को नगर में प्रवेश से रोकने हेतु एस.डी.एम. मनावर के आदेशानुसार प्रातः 08:00 बजे से रात्रि 08:00 बजे तक प्रतिबंधित किया गया है एवं उल्लंघन करने पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। 3. ट्रॉफिक सिग्नल- ट्रॉफिक सिग्नल हेतु गांधी चौक एवं सेमल्दा तिराहा को चिन्हित किया जाकर वण्डर सीमेन्ट कम्पनी लिमिटेड मनावर से कॉरपोरेट सोशल रिस्पान्सिबिलिटी योजना के अंतर्गत लगवाने का प्रयास किया जा रहा है। 4. अतिक्रमण संबंधी मुहीम-उपरोक्त चौराहे एवं आस-पास अस्थायी दुकानदारों द्वारा जो अवैध अतिक्रमण किया गया है उसे हटाये जाने हेतु नगर पालिका मनावर के सहयोग से मुहीम चलायी जाकर लगातार कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही की गई है। यातायात व्यवस्था के संबंध में प्रतिदिन कार्यवाही की जाती है एवं ट्रॉफिक सिग्नल लगाये जाने हेतु प्रयास जारी है। (ख) कुल 524 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। उक्त सड़क दुर्घटनाओं में 146 व्यक्तियों की मृत्यु हुई। घायलों के 01 प्रकरण में 7500/- रू. एवं मृतकों के कुल 30 प्रकरणों में 4,50,000/- मुआवजे की राशि प्रदान की गई है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) में समाहित। यह एक निरंतर कार्यवाही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टरफा योजना अंतर्गत बीज का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 99 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग की टरफा योजना क्या है और इस योजना का उददे्श्य क्या है? (ख) जिला नरसिंहपुर में वर्ष 2019 में कितने किसानों को टरफा योजना अंतर्गत बीज प्रदान किया गया है? सूची प्रदान करें। (ग) जिला नरसिंहपुर में टरफा योजना अंतर्गत रबी फसल 2019 में जिन किसानों को सहायक सामग्री का प्रदाय एवं भुगतान किया गया है? उन किसानों की सूची प्रदान करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) टरफा योजना भारत सरकार की धान पड़त भूमि क्षेत्र कार्यक्रम योजना है। इसका उद्देश्य धान की पड़ती भूमि में दलहन एवं तिलहन फसले लेना है। (ख) जिला-नरसिंहपुर में रबी वर्ष 2019-20 में कुल 3676 किसानों को टरफा योजना अंतर्गत बीज प्रदाय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जिला नरसिंहपुर में टरफा योजना अंतर्गत रबी वर्ष 2019-20 में जिन कृषकों द्वारा सहायक सामग्री स्वयं क्रय कर फसल प्रदर्शन में उपयोग किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है एवं जिन कृषकों को अनुदान की राशि रू. 532212 का भुगतान किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मंडी अधिनियम में संशोधन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
19. ( क्र. 109 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड द्वारा पत्र क्रमांक 402 दिनांक 24.06.2020 से केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (सम्वर्धन और सरलीकरण) अध्यादेश 2020 को प्रदेश की मंडियों में लागू किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अध्यादेश के प्रावधानों को प्रदेश में क्रियान्वयन हेतु विस्तृत गाईड लाईन कब जारी की गई? उक्त नियम के संशोधन से कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की कौन-कौन धाराएं प्रभावशील है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अधिनियम प्रभावशील होने के बाद प्रदेश की मंडियों की आवक-आय में भारी गिरावट हुई है? यदि हाँ, तो (समर्थन मूल्य को छोड़कर) कितनी-कितनी आवक-आय की गिरावट प्रश्न दिनांक तक हुई? मण्डीवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मंडियों की आय एवं आवक में भारी गिरावट होने से कर्मचारियों के वेतन पेंशन एवं स्वत्वों के भुगतान की क्या योजनाएं बनाई गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार के अध्यादेश दिनांक 05.06.20 जारी होने के दिनांक से ही प्रदेश में लागू है। भारत सरकार का अध्यादेश ''ट्रेड एरिया'' में कृषक उत्पाद के व्यापार के सम्बन्ध में है जिसके लिए पृथक से गाईडलाइन जारी किया जाना अपेक्षित नहीं है। अध्यादेश से मंडी अधिनियम, 1972 की प्रभावित धाराओं की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) अध्यादेश के उपरांत मंडी आय में कमी/वृद्धि की तुलनात्मक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रदेश की कुछ जिलो की मंडी समितियों में ऑफ सीजन में आवक कम होने से मंडी कर्मचारियों के वेतन भत्तों में एक-दो माह का विलम्ब होता है पीक सीजन में आवक की वृद्धि हो जाने से संबंधित मंडी कर्मचारियों को वेतन भत्तों का भुगतान हो जाता है शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
उपयंत्री के विरूद्ध शिकायत की जाँच
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 118 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले के जल संसाधन विभाग में श्री बालमुकुन्द पयासी कब से पदस्थ है? (ख) प्रश्नांश (क) के उपयंत्री के विरूद्ध विगत दो वर्षों में विभाग को कितनी शिकायतें किस-किस माध्यम से जांच हेतु प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों की जांच क्या शिकायतकर्ताओं को सुना जाकर की गई? यदि हां, तो उक्त शिकायतों के जांच प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त उपयंत्री ने विभाग को दिए गए चल अचल सम्पत्ति के ब्यौरे से बहुत अधिक अनुपातहीन सम्पत्ति एकत्रित की है? (घ) क्या उक्त उपयंत्री के विरूद्ध लोकायुक्त में कोई जांच प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हां, तो उक्त जांच प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में उक्त उपयंत्री को निलंबित कर सेवा आचरण नियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) दिनांक 30.07.2007 से। (ख) प्राप्त 03 शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''1'' से ''6'' (कुल पृ.10) अनुसार है। शेष प्रश्नांश पर कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में उल्लेखित विभागों द्वारा की जाना है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जांच प्रकरण क्रमांक-294/2019 पंजीबद्ध है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में दर्शित है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में उल्लेखित विभागों से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने से शेषांश का उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
संगीन अपराध के आरोपी की गिरफ्तारी
[गृह]
21. ( क्र. 119 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अभिषेक तिवारी पिता अशोक तिवारी निवासी विराट नगर सतना के विरूद्ध कोतवाली सतना में प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0320 दिनांक 02.07.2020 को भा.द.स. की धारा 420,406,418 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो आरोपी को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? फरियादी अनेकों माध्यम से धमकी दे रहा है जिसकी शिकायत फरियादी ने दिनांक 19.08.2020 को पुलिस अधीक्षक को की गई है? यदि फरियादी के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसका कौन जिम्मेदार होगा? (ग) राम बहादुर साकेत ग्राम महुआपार थाना सभापुर जिला सतना द्वारा दिनांक 09.03.2020 एवं दिनांक 12.03.2020 को थाना प्रभारी सभापुर को शिकायत की थी? थाना प्रभारी द्वारा शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं करने पर पुलिस अधीक्षक सतना को पंजीकृत डाक से दिनांक 04.05.2020 को एवं दिनांक 23.03.2020 को शिकायत की थी, जिस पर आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक प्राथमिकी दर्ज की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के आरोपी के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक सतना को दिनांक 19.01.2019 एवं 28.01.2019 को फरियादी आरिफ अंसारी पिता हारून अंसारी निवासी खेरमाई जिला सतना द्वारा शिकायत की गई थी, उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) आरोपी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। दिनांक 19.08.2020 को की गई शिकायत को संज्ञान में लिया गया है। परिशान्ति कायम रखने के लिये प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अंतर्गत धारा 107, 116 (3) दण्ड प्रक्रिया संहिता की गई है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायत पत्र की जांच पर श्मशान भूमि से रास्ता निकालने संबंधी विवाद होने से परिशान्ति कायम रखने हेतु प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही अंतर्गत धारा 107,116 (3) दण्ड प्रक्रिया संहिता की गई है। (घ) फरियादी आरिफ अंसारी द्वारा दिनांक 19.01.2019 को एक आवेदन पत्र दिया गया है जिसका घटनाक्रम थाना कोतवाली सतना के अपराध क्रमांक- 320/2020, धारा 420, 406, 418 भादवि से संबंधित होने से शिकायत पत्र, प्रकरण की केस डायरी में शामिल कर अनुसंधान में लिया गया है। दिनांक 28.01.2019 को आरिफ अंसारी द्वारा कोई आवेदन पत्र देना नहीं पाया गया है।
प्रदेश में 5 वर्षों में गायब बच्चों के मामलों में कार्यवाही
[गृह]
22. ( क्र. 128 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में मध्यप्रदेश से कितने बच्चे गायब हुए हैं एवं कितने बच्चे वापस मिले? जिलेवार, लिंगवार बतावें। (ख) माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 10 मई 2013 के दिशा निर्देशानुसार कितने बच्चों के प्रकरण एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट को हस्तांतरित किये गये? (ग) प्रदेश के कितने जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट का गठन किया जा चुका है? इनके अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जो गायब बच्चे वापस नहीं मिले हैं उनके संबंध में प्रदेश सरकार की क्या नीति है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रदेश के प्रत्येक जिले में एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट का गठन किया जा चुका है। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जो गायब बच्चे वापस नहीं मिलते हैं उनके संबंध में निम्न कार्यवाही की जाती हैः- 1. प्रत्येक गुम बालक/बालिकाओं की अपहरण की सूचना पर तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। 2. गुमशुदा बच्चे की प्रथम सूचना पत्र पंजीबद्ध होने के 4 माह तक अदमदस्तायाबी पर प्रकरण मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाई को अग्रेषित कर तथा जिन जिलों में मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाई कार्यरत नहीं है वहां मानव दुर्व्यापार निरोधी इकाई के नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक/उप पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में मानव दुर्व्यापार के प्रकरणों की विवेचना की जा रही है। 3. समय-समय पर गुम बालक/बालिकाओं की तलाश हेतु मुख्यालय स्तर पर विशेष अभियान चलाये जाकर बालक/बालिकाएं दस्तयाब किये जा रहे हैं वर्ष 2019 में तीन विशेष अभियान चलाये गये, जिसके दौरान 794 बालक एवं 2781 बालिकाओं को दस्तयाब किया गया वर्ष 2020 में माह मार्च एवं जुलाई में दो विशेष अभियानों के दौरान 429 बालक एवं 2,202 बालिकाओं को दस्तयाब किया गया। 4. गुम बालक/बालिकाओं की तलाश हेतु पुलिस मुख्यालय से मानक प्रक्रिया संचालन (एस.ओ.पी.) जारी कर, निर्देशानुसार गुम बालक/बालिकाओं की तलाश कराई जा रही है।
विश्वविद्यालयों में श्रमसाध्य भत्ते का प्रदाय
[उच्च शिक्षा]
23. ( क्र. 129 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अवकाश दिवसों में विश्वविद्यालय कर्मचारियों द्वारा किये गए कार्य के एवज में दिए गये पारिश्रमिक भुगतान को श्रमसाध्य भत्ता कहा गया है? यदि हाँ, तो इससे संबंधित शासन के नियम/नीति की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) मध्यप्रदेश के किन-किन विश्वविद्यालयों में कब-कब से श्रमसाध्य भत्ता दिया जा रहा है? इन सभी को उच्च शिक्षा विभाग तथा वित्त विभाग द्वारा दी गयी अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या बिना उच्च शिक्षा विभाग तथा वित्त विभाग की अनुमति के उक्ताशय के भत्तों का भुगतान वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो उक्त अनियमितता हेतु किन-किन जिम्मेदारों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। अपितु कार्यालयीन समय के अतिरिक्त, किए गए कार्यों के एवज में कर्मचारियों को प्रदान किए जा रहे भत्ते को श्रमसाध्य भत्ता कहा गया है। समन्वय समिति की बैठक दिनांक 10.09.2012 के विषय क्रमांक 21 के निर्णय के अनुक्रम में विश्वविद्यालयों में श्रमसाध्य भत्ता दिया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल एवं जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में समन्वय समिति के निर्णय दिनांक 10.09.2012 अनुसार एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में दिनांक 01.04.2019 से श्रमसाध्य भत्ता दिया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नही। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जिला समन्वयक समग्र स्वच्छता अभियान में नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 152 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तहत स्वच्छता अभियान एवं स्वजल धारा कार्यक्रम योजना को विभाग के पदाधिकारी सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को हस्तांरित किया गया था? (नियम एवं निर्देशों की प्रति सहित जानकारी देवें। ) (ख) क्या टीकमगढ़ में पदस्थ जिला समन्वयक मनीष जैन की नियुक्ति उनकी शैक्षणिक योग्यता एवं नियुक्ति से संबंधित अन्य दस्तावेजों का सत्यापन कराने के बाद ही की गई थी? यदि हाँ, तो नियुक्ति सम्बन्धित दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।) (ग) दिनांक 28.12.2011 को विकास आयुक्त कार्यालय राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक/7877/687/22/वि-7/टीएससी/11 में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) दिनांक 28.04.2012 को समन्वयक मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम भोपाल के पत्र क्रमांक 5673/22/वि-9/एम.डी.एम./12 भोपाल जिसके अनुसार मध्यान्ह भोजन प्रभारी को दोषी मानकार उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं वसूली की कार्यवाही कर पालन प्रतिवेदन चाहा गया था। क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या दिनांक 27.12.2011 को राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन विकास आयुक्त कार्यालय अनुसार व्यक्तिगत नस्ती चाही गई थी? (च) यदि उक्त सभी जांच में सम्बन्धित कर्मचारी दोषी पाया गया है तो उनके विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों एवं कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तहत् स्वच्छता अभियान एवं स्वजल धारा कार्यक्रम योजना को विभाग के पदाधिकारी कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं जिला समन्वयक के पद पर कार्यरत अधिकारियों को पद सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को हस्तांरित किया गया। (ख) समग्र स्वच्छता अभियान/स्वजलधारा योजना अंतर्गत तत्समय जिला समन्वयक नियुक्त करने हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा चयन समिति का गठन कर संभागीय आयुक्तों को मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 547 भोपाल दिनांक 21.06.2006 द्वारा आदेशित किया गया था। आयुक्त, सागर संभाग सागर को पत्र क्र. 1206 दिनांक 01.09.2020, पत्र क्र. 1259 दिनांक 08.09.2020 एवं पत्र क्र. 1305 दिनांक 11.09.2020 से जानकारी चाही गई है, जानकारी अपेक्षित है। (ग) विकास आयुक्त कार्यालय में स्थापना एवं बजट (आवक-जावक) शाखा में दिनांक 28.11.2013 की मध्यरात्रि में आग लगने के कारण जावक शाखा के डिस्पैच रजिस्ट्रर नष्ट हो गये है, जिससे विषय की जानकारी अप्राप्त होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। (च) वर्तमान में श्री मूलचंद वर्मा, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत टीकमगढ़ के विरूद्ध सामान्य प्रशासन विभाग में कार्यवाही प्रचलित है।
फर्जी तरीके से शासन का लाभ लेने पर कार्यवाही
[गृह]
25. ( क्र. 154 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 9.10.2019 को गृह मंत्री के कार्यालय से जारी पत्र क्रमांक 2412 में आज दिनांक तक पुलिस अधीक्षक जिला-टीकमगढ़ द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या आवेदक श्री नारायण सिंह निवासी-ग्राम मातोल, तहसील-खरगापुर, जिला-टीकमगढ़ के आवेदन में एक ही महिला का नाम बदलकर दो जगह से शासन से लाभ लेना बताया पाया गया है? (ग) क्या जांच के उपरांत दोषी व्यक्ति पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो कब तक की जायेगी? (घ) क्या मध्यांचल ग्रामीण बैंक खरगापुर में खाता क्रमांक 8041735224 एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 में एक ही महिला की फोटो दो अलग-अलग नामों से लगाई गई हैं? (ड.) यदि हाँ, तो जालसाजी करने वाले व्यक्ति पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र के संबंध में जांच कराई गई। जांच पर कोई अपराध घटित होना नहीं पाया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) से संदर्भित शिकायत में आवेदक नारायण सिंह द्वारा एक ही महिला का नाम बदलकर दो जगह से शासन से लाभ लेने संबंधी शिकायत की गई है। जिसकी जांच में पाया गया कि महिला का विवाह पूर्व मायके का नाम हरिदेवी एवं पिता का नाम टीकाराम है एवं विवाह के बाद ससुराल की कुलरीति अनुसार उक्त महिला का ही नाम बदल कर कौशल्या देवी रखा गया है जिसके पति का नाम भुमानी सिंह सिसौदिया है। इस संबंध में दिनांक 17.09.2016 को न्यायालय तहसीलदार, खरगापुर द्वारा उक्त महिला के नाम में संशोधन कर हरिदेवी उर्फ कौशल्या पत्नी भुमानी सिंह संशोधित किये जाने संबंधी आदेश पारित किया गया है। जांच में पाया गया कि उक्त महिला को मध्याँचल ग्रामीण बैंक खरगापुर खाता क्रमांक 8041735224 में दिनांक 02.01.2016 को 8000/-रूपये प्राप्त हुए है जो महिला द्वारा आहरित नहीं किये गये है, यह राशि भूमि खसरा क्रमांक 357/1/1 से संबंधित है एवं उसी दिनांक 02.01.2016 को जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 में राशि 24820/-रूपये प्राप्त हुए है जो भूमि खसरा क्रमांक 282-अ से संबंधित है। (ग) प्रश्नांश का उत्तर (क) एवं (ख) में समाहित है। (घ) मध्याँचल ग्रामीण बैंक खरगापुर में खाता क्रमांक 8041735224 हरिदेवी पुत्री टीकाराम के नाम से है जो महिला का विवाह पूर्व का नाम है एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खरगापुर के खाता क्रमांक 673611038729 कौशल्या देवी पति भुवानी सिंह सिसौदिया के नाम से है जो उक्त महिला का ही विवाह के बाद का नाम होकर उक्त दोनो खातो में एक ही महिला की फोटो लगी है। जांच में उक्त महिला हरिदेवी (विवाह पूर्व का नाम) उर्फ कौशल्या देवी (विवाह के बाद का नाम) पिता टीकाराम पति भुमानी सिंह सिसौदिया पाया गया है तथा उक्त महिला द्वारा खातो का दुरूपयोग करना नहीं पाया गया है एवं कोई अपराध घटित होना भी नहीं पाया गया है। (ड.) प्रश्नांश का उत्तर (क),(ख) एवं (घ) में समाहित है।
नईगढ़ी माइक्रो सिंचाई परियोजना अंतर्गत लाभान्वित गांव
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 156 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नईगढ़ी माइक्रो सिंचाई परियोजना शासन से स्वीकृत है? यदि हाँ, तो संबन्धित परियोजना की स्वीकृति क्रमांक/दिनांक सहित स्वीकृत लागत राशि की जानकारी स्पष्ट की जाये। (ख) उक्त सिंचाई परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में त्योंथर के कौन-कौन से ग्राम सम्मलित है? उक्त परियोजना से संबन्धित ग्रामों के लाभान्वित सिंचित रकबा की स्थिति स्पष्ट कि जाये। (ग) उक्त माइक्रो सिंचाई परियोजना की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है तथा स्वीकृत परियोजना का कार्य पूर्ण किए जाने का लक्ष्य क्या है? समय-सीमा सहित जानकारी प्रदान की जाए।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति पत्र क्रमांक 22 (ए)/229/2016/एमपीएस/31/2202 दिनांक 03.11.2016 को रू. 856.04 करोड़ की सैच्य क्षेत्र 50,000 हेक्टर हेतु प्रदान की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में भौतिक प्रगति 25 प्रतिशत है। माह 12/2021 तक लक्षित है किन्तु परियोजना का पूर्ण होना उपलब्ध वित्तीय संसाधनों पर निर्भर है।
त्योंथर तहसील के रायपुर सोनौरी में नवीन महाविद्यालय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
27. ( क्र. 157 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्योंथर तहसील के पूर्वांचल क्षेत्र का आम जन मानस उच्च शिक्षा के गुणात्मक लाभ के उच्च शिक्षा के संस्थान के अभाव में आज तक वंचित है। ऐसी स्थिति में क्या त्योंथर तहसील के पूर्वांचल रायपुर सोनौरी अंतर्गत नवीन शासकीय महाविद्यालय के संचालन शासन के कार्ययोजना में है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर सकरात्मक है तो प्रस्तावित महाविद्यालय के संचालन की स्वीकृत आदेश क्रमांक/दिनांक सहित स्पष्ट जानकारी दी जाये। यह भी स्पष्ट किया जाये कि महाविद्यालय का संचालन शैक्षणिक सत्र से प्रारम्भ किया जायेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर नकारात्मक है, तो क्या लोक महत्व के इस विषय पर विभाग द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता से त्योंथर क्षेत्र से पूर्वांचल में रायपुर सोनौरी में अतिशीघ्र नवीन महाविद्यालय के संचालन की प्रक्रिया पूर्ण कर शासनादेश जारी किया जायेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। रायपुर सोनौरी से अशासकीय एन.पी.जी. महाविद्यालय चाकघाट 22 कि.मी. एवं शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय त्योंथर 30 कि.मी. की दूरी पर संचालित है, जहाँ पर विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं वर्तमान में सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए रायपुर सोनौरी में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
28. ( क्र. 162 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में विगत 15 वर्षों से अधिक समय से प्राचार्य का पद रिक्त है तथा महाविद्यालय में 3000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिसमें 95 प्रतिशत आदिवासी वर्ग के विद्यार्थी हैं? उक्त महाविद्यालय में स्थायी प्राचार्य की पदपूर्ति कब तक की जाएगी? (ख) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में सहायक प्राध्यापक के अंग्रेजी के 02, भौतिकी शास्त्र का 01 भूगोल का 01 एवं वनस्पति शास्त्र का 01 पद रिक्त हैं, उक्त पदों के पूर्ति कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। स्थाई प्राचार्य की पद पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। महाविद्यालय में कुल 2879 विद्यार्थी अध्ययनरत है, जिसमें से 2050 विद्यार्थी आदिवासी वर्ग है, जो कुल विद्यार्थियों का 71.20 प्रतिशत है। (ख) महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के भूगोल के पद की पूर्ति की जा चुकी है। अंग्रेजी, भौतिक एवं वनस्पति में एक-एक पदों की पूर्ति की जा चुकी है। शेष एक-एक पद रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग, इंदौर के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रचलन के साथ ही रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों की व्यवस्था का भी प्रावधान है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
अशासकीय संस्थाओं को अनुदान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
29. ( क्र. 163 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की कितनी अशासकीय संस्थाओं को विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कितनी अनुदान राशि स्वीकृत की गयी? संस्थावार वर्षवार बतावें। (ख) क्या संस्थाओं में स्वीकृत शिक्षकों के पद बच्चों की संख्या के मान से सही है? संस्थाओं में कर्मचारियों को कौन सा वेतनमान दिया जा रहा है? (ग) बड़वानी जिले के विभाग से मान्यता प्राप्त अशासकीय संस्थाओं की सूची दें। (घ) विभाग द्वारा जिन संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है? क्या ये संस्थाएं अस्तित्व में हैं या नहीं? (ड.) विभाग द्वारा जिन संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है, उन संस्थाओं की 3 वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट बतलावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) बड़वानी जिले में विभागीय मान्यता व राज्य अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्था आशाग्राम ट्रस्ट एवं श्रीकांता विकलांग सेवा ट्रस्ट (झाकर) निवाली को विगत 3 वर्षों में स्वीकृत अनुदान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी हाँ वर्तमान में कर्मचारियों को पांचवां वेतनमान, संविदा मानदेय व कलेक्टर दर पर वेतन दिया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ग) बड़वानी जिले में विभाग से मान्यता प्राप्त अशासकीय संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (घ) विभागीय अनुदानित अशासकीय संस्था आशाग्राम ट्रस्ट बड़वानी व श्रीकांता विकलांग सेवा ट्रस्ट (झाकर) निवाली क्रियाशील होकर अस्तित्व में है। (ड.) देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन होने से विभागीय अनुदानित अशासकीय संस्था आशाग्राम ट्रस्ट बडवानी एवं श्रीकांता विकलांग सेवा ट्रस्ट (झाकर) निवाली का वर्ष 2019-20 का सी.ए.ऑडिट कार्य की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 की सी.ए. ऑडिट रिर्पोट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
शासकीय कॉलेजों में अधिक दर से फर्नीचर की खरीदी
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 169 ) श्री मनोज चावला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय कॉलेजों के लिए अप्रैल से अगस्त 2020 में फर्नीचर लघु उद्योग निगम द्वारा पंजीकृत उद्योगों से खरीदा गया? यदि हाँ, तो बतावें कि (1) कुल कितनी राशि का फर्नीचर खरीदा (2) किस किस कॉलेज के लिए, क्या-क्या फर्नीचर, कुल कितनी लागत का खरीदा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पंजीकृत उद्योगों के नाम तथा पता देवें तथा बतावें की किस-किस उद्योग से, किस-किस कॉलेज के लिए, क्या-क्या फर्नीचर, किस दर से कितनी मात्रा में खरीदा तथा फर्नीचर भेजने के भाड़े तथा बीमा राशि का भुगतान किसके द्वारा किया जाएगा तथा रास्ते में होने वाली टूट-फूट की जिम्मेदारी किसकी होगी? (ग) बतावें कि इतनी राशि के फर्नीचर खरीदी हेतु टेंडर क्यों नहीं निकाला गया? राज्य स्तर पर खरीदी कि जगह कालेज स्तर पर खरीदी क्यों नहीं की गई? अगर कॉलेज स्तर पर खरीदी होती तो वह अपने आवश्यकतानुसार साइज का फर्नीचर खरीदते। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जो फर्नीचर खरीदा उसकी दर, निर्माण सामग्री के गुणधर्म सहित बतावें। क्या आर्डर देने के पहले तुलनात्मक पत्रक बनाया गया था? यदि हां, तो उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि बाजार भाव से 3 गुना दर से अधिक पर लघु उद्योग निगम से फर्नीचर क्यों खरीदा गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। फर्नीचर क्रय की कार्यवाही म.प्र. भंडार क्रय तथा सेवा उर्पाजन नियम 2015 के तहत प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. भण्डार क्रय एवं उपार्जन नियम 2015 की कंडिका 8 के अंतर्गत ''म.प्र. लघु उद्योग निगम में उपलब्ध होने की दशा में क्रयकर्ता द्वारा इन संस्थाओं से भी सामाग्री क्रय की जा सकेगी''। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01 अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) फर्नीचर क्रय की कार्यवाही म.प्र. भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के तहत प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01 अनुसार है। तुलनात्मक पत्रक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
सितपुरा में पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
31. ( क्र. 174 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में शिवराजपुर एवं सितपुरा क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व, क्षेत्रफल एवं पुलिस मुख्यालयों से दूरी को देखते हुये शिवराजपुर एवं सितपुरा में पुलिस चौकी एवं रैगाँव चौकी का उन्नयन कर थाना प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सितपुरा एवं शिवराजपुर में चौकिया के स्थापित न होने एवं रैगाँव में थाना न होने के कारण इन क्षेत्रों में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक घटित अपराधों के किन-किन थानों में कुल कितने प्रकरण दर्ज हुये? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के इस अंचल के लोगों को अपनी शिकायत दर्ज करानें हेतु सिंहपुर, नागौद अथवा जिला मुख्यालय सतना आना पड़ता है, जिससे विलंब एवं परेशानी होती है? यदि हाँ, तो यह बतावें कि विधानसभा क्षेत्र के सम्मलित कौन-कौन से ग्राम कितनी-कितनी दूरी के किस-किस थाने एवं चौकी से संबद्ध हैं थानावार, चौकीवार पूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने एवं सुगम पुलिस-सुविधा प्रदान करने हेतु कब तक रैगाँव चौकी का उन्नयन थाने के रूप में किया जाकर सितपुरा एवं शिवराजपुर में नई पुलिस चौकियाँ प्रारंभ कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शिवराजपुर एवं सितपुरा में पुलिस चौकी एवं रैगांव चौकी का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुरूप नहीं पाए जाने से अमान्य किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जनवरी 2018 से दिनांक 31.08.2020 तक घटित भादवि एवं अन्य अपराधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। थाना सिंहपुर, नागौद एवं पुलिस चौकी रैगांव से दूरी कम होने के कारण इस अंचल के लोग अपनीशिकायत इन्हीं थाना/चौकी में दर्ज कराते है। लोगों को शिकायत दर्ज कराने जिला मुख्यालय सतना आने की आवश्यकता नहीं होती है। ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सतना मंडी सचिव की मूल विभाग में वापसी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
32. ( क्र. 175 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति पर एक कर्मचारी/अधिकारी को अधिकतम कितने वर्षों तक किन-किन मापदण्डों पर बनाये रखने का प्रावधान है? अनुशासनात्मक कार्यवाही होने के उपरांत भी प्रतिनियुक्ति समाप्त न करने के क्या प्रावधान हैं? शासनादेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) कृषि-उपज-मंडी-समिति सतना में वर्तमान में पदस्थ सचिव, दुग्ध संघ से वर्ष 2005 से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं, जबकि उक्त सचिव की 8 वेतन वृद्धि रोकने, 6 बार परिनिन्दा, 8 बार भविष्य के लिये चेतावनी के दण्ड से दण्डित किया गया है, क्या ऐसी स्थिति में भी संबंधित प्रतिनियुक्ति के मापदण्डों की पूर्ति करते हैं? (ग) मंडी बोर्ड भोपाल के आदेश दि. 9/9/2019 से उक्त सचिव की सेवायें पैत्रक विभाग को किन कारणों से वापस की गई, तथा दि. 20/11/2019 को किन कारणों से उक्त आदेश निरस्त किया गया, नोटशीट की प्रति देवें। (घ) मंडी अधिनियम में संशोधन होने, आय-आवक की दिन-प्रतिदिन गिरावट होने पर प्रतिनियुक्ति पर ऐसे सचिव को क्यों बनाये रखा गया है, जबकि मंडी में ही कार्यरत किसी वरिष्ठ निरीक्षक से सचिव का कार्य लिया जा सकता है, फिर ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है? (ड.) प्रश्नांश (क),(ख),(ग),(घ) के प्रकाश में उक्त सचिव को प्रतिनियुक्ति अवधि सहित सेवा अवधि में कई बार दण्डित किये जाने के कारण मूल विभाग को कब तक वापस करते हुये पदावनत की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी चिटफंड कंपनियों की जांच और कार्यवाही
[गृह]
33. ( क्र. 178 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में चिटफंड एवं फर्जी वित्तीय कंपनियों का संचालन होना पाया गया हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में कटनी तथा पूरे मध्यप्रदेश में संचालित एवं पूर्व में संचालित रही ऐसी चिटफंड एवं भ्रामक विक्रय/प्रशिक्षण अन्य फर्जी कंपनियों का ब्योरा देवें, जिनके द्वारा नागरिकों से राशि जमा/प्राप्त कर भुगतान नहीं किया गया? तथा धोखाधड़ी एवं अन्य आर्थिक अनियमितताएँ की गयी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) कंपनियों को नियमानुसार व्यापार/कारोबार करने के लिए किन-किन दस्तावेजों/अनापत्तियों/अनुमतियों की आवश्यकता होती हैं तथा शासन/विभाग द्वारा इस प्रकार की कंपनियों की जांच एवं कार्यवाही के निर्देश/आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो यह आदेश क्या हैं? क्या इन कंपनियों के व्यापार का नियमित पर्यवेक्षण/परीक्षण किए जाने की कोई कार्ययोजना बनाई जायेंगी? (ग) कटनी जिले में प्रश्नांश (क) कंपनियों द्वारा विगत-03 वर्षों में किन-किन स्थानों से कारोबार का संचालन किया जा रहा था एवं किन-किन कंपनियों द्वारा क्या-क्या वित्तीय घोटाला किए जाने की सूचना/जानकारी विभाग के किस-किस कार्यालयों को किस माध्यम से कब-कब प्राप्त हुई? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत क्या-क्या कार्यवाही, किन व्यक्तियों/संस्थाओं पर प्रश्न दिनांक तक की गयी एवं किन व्यक्तियों/संस्थाओं की क्या जांच/परीक्षण एवं कार्यवाही किया जाना किस स्तर पर कब से प्रचलन में हैं? क्या चिटफंड कंपनियों के अवैध कारोबारों पर सख्ती से रोक एवं कार्यवाही की जाएंगी? यदि हाँ, तो किस-प्रकार एवं कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दी चिटफंड एक्ट, 1982 की धारा-4 के प्रावधानों के तहत् व्यवसाय करने हेतु राज्य शासन की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करना होती है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त अधिनियम के तहत व्यवसाय करने हेतु किसी भी कम्पनी या संस्था को कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है और न ही व्यवसाय करने हेतु किसी के द्वारा कोई अनुबंध पंजीकृत करवाया गया है। मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम-2000 के प्रावधानों के तहत सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर द्वारा निक्षेपकों के हितों को संरक्षित करने हेतु वित्तीय स्थापनाओं के विरुद्ध कार्यवाही की जाना अपेक्षित है। दि बैनिंग ऑफ अनरेगूलेटेड डिपाजिट स्कीम्स एक्ट, 2019 (क्रमांक 21 सन् 2019) केन्द्रीय अधिनियम, के प्रावधानों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा अधिनियम की धारा-30 के प्रयोजनों के लिये भारसाधक सचिव, गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन को सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किया गया है तथा संभागीय आयुक्त को उनके अपने क्षेत्राधिकार के भीतर इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिये धारा-30 के प्रावधानों को छोड़कर सक्षम प्राधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया है। (ख) किसी भी कम्पनी को पंजीयन प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज द्वारा केन्द्रीय अधिनियम दि कम्पनीज एक्ट, 2013 के सुसंगत प्रावधानों के तहत जारी किया जाता है। कम्पनी के पंजीयन में राज्य शासन की कोई भूमिका नहीं होती है। किसी भी कम्पनी के विरुद्ध रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज के द्वारा ही दि कम्पनीज एक्ट, 2013 के सुसंगत प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा सकती है। राज्य शासन द्वारा इसमें किसी प्रकार का हस्ताक्षेप नहीं किया जा सकता है। (ग) कटनी जिले में वित्तीय स्थापनाओं द्वारा निक्षेप (डिपाजिट) स्वीकार करने तथा नियत समयावधि पर वापस नहीं करने की प्राप्त शिकायत की जानकारी का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) नियत समयावधि पर निक्षेप (डिपाजिट) वापस नहीं करने की प्राप्त शिकायतों पर मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत वित्तीय स्थापनाओं के विरुद्ध इस कार्यालय द्वारा कार्यवाही की गई है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कटनी जिले में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 179 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचालनालय-मध्यप्रदेश के पत्र-क्रमांक–7287/पंरा/सा-शिका-33/2020, दिनांक 03/07/2020 से जिला-कलेक्टरों/मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जांच/कार्यवाही के क्या निर्देश क्यों दिये गए और निर्देशानुसार कटनी जिले में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) कटनी-जिले की विधान सभा क्षेत्र मुडवारा अन्तर्गत ग्राम-पंचायतों में जनवरी 2019 से किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि किस मद/योजना अंतर्गत कब-कब स्वीकृत/प्रदाय की गयी? कार्यों का प्रस्ताव किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा तैयार, प्रस्तावित एवं स्वीकृत किया गया था और कार्यों का निरीक्षण, भौतिक सत्यापन किन-किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया गया एवं क्या प्रतिवेदन दिये गए? (ग) कटनी-जिले की विधान सभा क्षेत्र मुडवारा अन्तर्गत किन-किन ग्राम-पंचायतों में अनियमितता के कौन-कौन से प्रकरण कब से प्रचलित हैं? विवरण बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) प्रकरणों में प्रश्न दिनांक तक किन प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा कब-कब जांच की गयी और कार्यालय जिला पंचायत कटनी को प्रतिवेदन कब प्रेषित किए गये? प्रकरणवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (घ) क्या निर्माण-कार्यों में अनियमितताओं के सभी प्रकरणों में तकनीकी-अधिकारियों (सहायक/उपयंत्री) की भूमिका की जांच की गयी? यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों में क्या अनियमितता के लिए कौन-कौन जिम्मेदार पाये गये? यदि नहीं तो क्यों? कार्यों के प्राक्कलन/तकनीकी-स्वीकृति, कार्यों का निरीक्षण/माप/भौतिक सत्यापन और कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र के कार्य उपयंत्रियों/सहायक यंत्रियों की ज़िम्मेदारी हैं, तो कार्यवाही न करने का कारण बताये?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) पंचायत राज संचालनालय के पत्र क्रमांक/7287 दिनांक 03.07.2020 द्वारा प्रदेश के समस्त कलेक्टर को संपूर्ण मध्यप्रदेश की समस्त पंचायतों में कराधान एवं करारोपण की विधिवत उच्च स्तरीय टीम गठित कर पंचायत वार/ब्लॉक वार/जिलेवार जांच कराये जाकर दोषियों के उपर दण्डात्मक कार्यवाही करने विषयक शिकायती आवेदन प्राप्त होने के कारण आवश्यक कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश दिये गये है। कटनी जिले में 31 ग्राम पंचायतों को स्वकराधान की प्राप्त राशि संबंधी शिकायत की जांच कराई गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन अनुसार सहायक/उपयंत्री जिम्मेदार नहीं पाये गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई परियोजनाओं का भुगतान
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 188 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जल संसाधन विभाग में राज्य के बाहर की कितनी कम्पनियों और ठेकेदारों से निर्माण और अन्य कार्यों के अनुबंध किये गये हैं? कम्पनियों का कार्य अनुबंध के साथ सूची उपलब्ध करावें। 1 जनवरी 2019 से 20 मार्च 2020 तक कितनी-कितनी कम्पनियों को कितना-कितना भुगतान किया गया है? कम्पनी का नाम एवं भुगतान की गई राशि का ब्यौरा देवें। क्या विभाग ने भुगतान पर प्रतिबंध लगाया हुआ था? यदि हां, तो मध्यप्रदेश के बाहर की पंजीकृत कम्पनियों और ठेकेदारों को भुगतान क्यों किया गया था? (ख) जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बृहद्ध, मध्यम एवं लघु स्तर की कौन-कौनसी सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? कार्यरत निर्माण कार्यों को कौन-कौन सी निर्माण ऐजेंसियां/ठेकेदार कौन-कौन सा कार्य किस-किस स्तर पर कर रहे हैं? निर्माण ऐजेंसी का नाम तथा कार्यादेश की तिथियों से अभी तक कितना कार्य हुआ है? कार्य पूर्णतः की अवधि सहित स्वीकृत/निर्माणाधीन योजना के अनुसार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में एच.ई.एस.बेंसर, हैदराबाद (राजू मोन्टेना) द्वारा प्रदेश की किन-किन सिंचाई परियोजनाओं का काम किया जा रहा है एवं किस-किस योजना में कितना-कितना भुगतान इस एजेंसी को किया गया है? योजनानुसार भुगतान की गई राशि की जानकारी दें। (घ) क्या उक्त राजू मोन्टेना की कम्पनी भी ई-टेण्डरिंग घोटाले में लिप्त पाई गई है? यदि हां, तो क्या इस कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड न किया जाकर करोड़ों रूपयों का भुगतान कर दिया गया है? किस आधार पर भुगतान किया गया? इसमें विभाग के किन बड़े एवं छोटे अधिकारियों की संलिप्तता है? नाम बतलावें। क्या सम्पूर्ण घोटाले की जांच विभाग उच्च स्तर पर करायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कार्यों एवं भुगतान की जानकारी मुख्य अभियंतावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनुबंध की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) जानकारी मुख्य अभियंतावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एच.ई.एस. बेंसर, हैदराबाद (राजू मन्टेना) को नहीं अपितु मेसर्स एच.ई.एस. इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड एवं बेन्सार कन्स्ट्रक्शन कम्पनी लिमिटेड हैदराबाद संयुक्त उपक्रम को केवल कोठा बैराज वृहद परियोजना के शीर्ष कार्य एवं नहर कार्य लागत रू. 34900.00 लाख का निर्माण कार्य स्वीकृत है जिसके विरूद्ध रू. 6652.89 लाख का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) ई-टेण्डरिंग घोटाले की जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (Economic Offences Wing) द्वारा की जा रही है। राजू मन्टेना की कंपनी के ई-टेण्डरिंग घोटाले में लिप्त होने एवं जांच से संबंधी कोई आधिकारिक जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं।
दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
36. ( क्र. 192 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर के विभिन्न थानों में सुनील टेबड़ेवाल (कृष्णा बिल्डर्स), मनीष मोटवानी एवं मनीष वर्मा (लक्ष्य रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड) तथा सुनील मूलचंदानी एवं अन्य चिनार रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के विरूद्ध किस-किस प्रकरण में किस-किस धारा में कब-कब, किन-किन व्यक्तियों द्वारा कितने प्रकरण दर्ज कराये गये हैं? थानावार/प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों में संबंधितों की गिरफ्तारी हो चुकी है? कितने प्रकरणों में जमानत हुई है? कितने प्रकरणों में फरारी है तथा कितने प्रकरणों में गिरफ्तारी होना शेष है? थानावार/प्रकरणवार बतायें। (ग) शेष कौन-कौन से प्रकरण हैं, जिनमें अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है तथा उनमें कब तक दोषियों की गिरफ्तारी की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? आज दिनांक तक दोषियों पर कार्यवाही नहीं होने के क्या कारण हैं? थानावार/प्रकरणवार/कारणवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यक्तियों में से किस-किसके विरूद्ध किस प्रकरण में उच्च न्यायालय के निर्देश पर गिरफ्तारी पर कब से रोक (स्टे) लगी है एवं उपरोक्त रोक (स्टे) को हटाने (वैकेट) के लिए शासन द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कब तक स्टे हटवा दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
37. ( क्र. 193 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत कालातीत किसानों का 2 लाख तक एवं चालू किसानों का एक लाख तक कर्ज माफ हो चुका है? यदि हां, तो ब्लॉक/गांववार, नाम, पता, सहित कृषक वार सूची देवे और नहीं तो क्यों? दिशा-निर्देश की छाया प्रति देवें। (ख) क्या उक्त योजना अंतर्गत सिर्फ खरगोन विधानसभा क्षेत्र के चालू किसानों/खाताधारकों का ही एक लाख तक का कर्जा माफ नहीं हुआ? यदि नहीं माफ हुआ है तो उसका क्या कारण है? दिशा-निर्देश की छाया प्रति देवें और इन चालू खाता धारकों का एक लाख तक का कर्ज कब तक माफ किया जायेगा या नहीं किया जाएगा? (ग) क्या उक्त योजना में ऐसा कोई नियम था कि कर्ज माफी के प्रमाण पत्रों का वितरण मंत्री द्वारा किया जाएगा तो ही कर्ज माफ होगा? यदि हां, तो छायाप्रति देवें और नहीं तो खरगोन विधानसभा क्षेत्र के किसानों का एक लाख तक का कर्जा क्यों नहीं माफ किया गया? (घ) क्या उक्त योजना अंतर्गत शासन द्वारा 2 लाख तक का कर्जा माफ करने की स्वीकृति दी गई थी? यदि हां, तो उसकी छाया प्रति देवें और दो लाख तक का कर्ज कब तक माफ किया जाएगा? यदि नहीं होगा तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) खरगोन जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत कालातीत किसानों का 2 लाख तक एवं चालू किसानों का एक लाख तक कुल 100194 किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। किसानों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। योजना का द्वितीय चरण में राष्टीयकृत बैंक के 14 किसानों का मार्च 2020 में कोषालय के सॉफ्टवेयर (IFMIS) में बिल आहरण करते समय आवंटित राशि शून्य दर्शित होने से बिल का भुगतान नहीं होने से उक्त 14 किसानों का ऋण माफ नहीं हो पाया तथा ऋण माफी पोर्टल पर कलेक्टर लॉगिन से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के खरगोन विधानसभा क्षेत्र के खाताधारक कृषकों की स्वीकृति देने के पश्चात भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या.खरगोन द्वारा कुल 7676 किसानों का ऋण माफ नहीं किया गया है। दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हां, उक्त योजना अंतर्गत द्वितीय चरण में सिर्फ खरगोन विधानसभा क्षेत्र के राष्ट्रीयकृत बैंक के 14 किसानों का बिल आहरण नहीं होने से एवं ऋण माफी पोर्टल पर कलेक्टर लॉगिन से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के खाताधारक कृषकों की स्वीकृति देने के पश्चात भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. खरगोन द्वारा कुल 7676 किसानों का ऋण माफ नहीं हुआ है। दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। ऋण माफी की योजना की समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिये जायेंगे। (ग) जी नहीं, उक्त योजना में ऐसा कोई नियम नहीं था कि कर्ज माफी के प्रमाण पत्रों का वितरण मंत्री द्वारा किये जाने के पश्चात ही कर्ज माफ होगा। खरगोन विधानसभा क्षेत्र के द्वितीय चरण में राष्ट्रीयकृत बैंक के 14 किसानों का बिल आहरण नहीं होने से एवं ऋण माफी पोर्टल पर कलेक्टर लॉगिन से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के खाताधारक कृषकों की स्वीकृति देने के पश्चात भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. खरगोन द्वारा कुल 7676 किसानों का ऋण माफ नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ, उक्त योजना अंतर्गत शासन द्वारा 2 लाख तक का कर्जा माफ करने की स्वीकृति दी गई थी। दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। ऋण माफी की योजना की समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिये जायेंगे।
बैंकों द्वारा किसानों से ऋण की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
38. ( क्र. 197 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी के सामने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने दिनांक 22 जून 2020 को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कर्ज माफी की घोषणा में शेष रहे किसानों के बारे में ब्यौरा दिया? यदि हाँ तो उसके निष्कर्ष से अवगत करावें। सम्पूर्ण दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) क्या कर्ज माफी में शेष 23 लाख किसानों पर बैंक ऋण चुकाने हेतु दबाव बना रहे हैं तथा उन्हें आगे ऋण देने से इंकार कर दिया तथा उन्हें डिफाल्टर घोषित कर दिया? (ग) क्या पूर्व सरकार की घोषणा अनुसार सरकार शेष किसानों के ऋण माफ करेगी? यदि हाँ तो बतावें कि उनकी संख्या क्या है तथा कुल राशि कितनी है? (घ) वर्तमान कृषि बजट की राशि क्या है? यह पूर्व सरकार के बजट से कितने प्रतिशत कम है तथा क्यों है? इसमें प्रश्नांश (ग) हेतु कितनी राशि का प्रावधान रखा गया है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) बैंक द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड द्वारा समय-समय पर जारी मार्गदर्शी निर्देशों के अनुसार ऋण की वसूली नवीनीकरण आदि की कार्यवाही की जाती है। (ग) ऋण माफी योजना की समीक्षा शासन के समक्ष विचाराधीन है। योजना पर समग्र रूप से विचार उपरांत यथोचित निर्णय यथासमय लिए जावेंगे। (घ) वर्ष 2020-21 में कृषि बजट राशि रूपये 26264.78 करोड़ का रखा गया है, जो गत वर्ष 2019-20 की तुलना में 43.58 प्रतिशत कम है। वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 2000.00 करोड़ का प्रावधान बजट पुस्तिका में किया गया है।
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा परीक्षा फीस का निर्धारण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
39. ( क्र. 201 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा परीक्षा फीस तय करने का सूत्र क्या है? परीक्षा फीस में खर्च घटाकर लाभ/बचत कितने प्रतिशत रखा जाता है तथा वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक पी.ई.बी. को प्रतिवर्ष कितनी-कितनी बचत या हानि हुई है? (ख) अप्रैल-2020 के बाद पी.ई.बी. द्वारा कौन-कौन सी परीक्षा लिए जाने की विज्ञप्ति निकाली गई? उसमें कितने आरक्षित वर्ग तथा सामान्य अभ्यार्थियों ने आवेदन पेश किया? परीक्षा फीस के रूप में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) की विज्ञप्ति में कुल पद कितने थे तथा एक पद पर आरक्षित वर्ग के तथा सामान्य वर्ग के कितने आवेदन प्राप्त हुए? दोनों वर्गों में महिला आवेदकों की संख्या कितनी है? (घ) प्रश्नांश (ख) की विज्ञप्ति परीक्षा ऑनलाइन किस एजेंसी द्वारा ली जाएगी तथा उसे किस दर से भुगतान किया जाएगा? क्या एजेंसी को प्रति परीक्षार्थी अनुसार कुल शामिल परीक्षार्थी अनुसार भुगतान होगा या अनुपस्थित अभ्यार्थियों का भी भुगतान किया जावेगा? एजेंसी तथा पी.ई.बी. में हुए अनुबंध की प्रति देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) फीस तय करने का पृथक से कोई सूत्र नहीं है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में आवेदकों से ली जाने वाली परीक्षा शुल्क का निर्धारण प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की आंतरिक समिति के प्रस्तावनुसार बोर्ड की कार्य समिति की स्वीकृति के पश्चात् किया जाता है। फीस तय करने के मापदण्ड संबंधी आशय के आदेशों की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। परीक्षा फीस से खर्च घटाकर लाभ-हानि/बचत का प्रतिशत निश्चित नहीं है। वर्ष 2014-2015 से 2019-2020 तक बचत/हानि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। विज्ञप्ति की गई परीक्षाओं में आरक्षित वर्ग तथा सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों की संख्या के संबंध में लेख है कि आवेदन-पत्र संबंधी डेटा प्रवेश पत्र जारी करते समय ही खोला जाता है, इसके पूर्व यह सम्पूर्ण डेटा गोपनीय प्रकृति का होता है। अप्रैल 2020 के बाद की परीक्षाओं के प्रवेश-पत्र जारी नहीं किये गये हैं। इसलिए इस आशय की जानकारी सम्भव नहीं है। अप्रैल 2020 के बाद प्रश्नांश दिनांक तक परीक्षा फीस की राशि रूपये 1135.00 लाख प्राप्त हुई है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परीक्षाओं में से जेल प्रहरी की भर्ती परीक्षा के कुल 282 पद हेतु विज्ञप्ति जारी की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) एजेंसी चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। एजेंसी के चयन उपरान्त एम.ओ.यू., एस.एल.ए. एवं वर्क ऑर्डर में निर्धारित दरों के अनुसार एजेंसी को भुगतान किया जायेगा। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुदूर सड़क एप्रोच रोड का निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 215 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रं. 401 दिनांक 02.06.2020 के क्रम में श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में मनरेगा अन्तर्गत सुदूर सड़क एप्रोच रोड मिट्टी मुरम/ग्रेवल सड़क स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराये जा चुके हैं? अवगत करायें। (ख) क्या जनपद पंचायत श्योपुर अंतर्गत जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम पंचायतों द्वारा सुदूर सड़क एप्रोच रोड बनाये जाने की मांग हेतु लिखित अनुशंसा या प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं? यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता की अनुशंसा/प्रस्तावों में तकनीकी अधिकारियों द्वारा उपयुक्त पाये गये कार्यों में से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करा दिये गये हैं? (ग) यदि नहीं तो कब तक स्वीकृत कर कार्य प्रारम्भ करा दिये जायेंगे? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत पनवाड़ के ग्राम पनवाड़ में रामेश्वर केवट के खेत से गंगावर केवट के खेत की ओर खेत सड़क (ग्रेवल) का कार्य राशि रूपये 14.48 का स्वीकृत कर दिनांक 05.07.2020 को प्रारंभ कराया गया। ग्राम पंचायत रतोदन के ग्राम रतोदन में प्रधान मंत्री सड़क से नैनू आदिवासी के खेत से गीताबाई के खेत की खेत सड़क (ग्रेवल) का कार्य राशि रू. 14.48 लाख का स्वीकृत कर दिनांक 29.6.2020 को प्रारंभ कराया गया। (ख) जी हाँ, कुल प्राप्त 27 सड़कों के प्रस्तावों में से उत्तरांश (क) के अनुसार स्वीकृत कर प्रारंभ कराये गये। शेष कार्यों का परीक्षण कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से कराया जा रहा है। परीक्षण में कार्य साध्य पाये जाने पर वर्षाकाल उपरांत कार्यवाही की जाएगी। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
परम्परागत कृषि विकास योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 223 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत कटनी जिले में किन मार्गदर्शी निर्देशों के तहत विगत 3 वर्षों में कब-कब, किन–किन ग्रामों के कृषकों/समूहों का चयन किन शासकीय सेवकों द्वारा किया गया तथा इसकी जानकारी परियोजना संचालक आत्मा को कब–कब प्रेषित की गई? बनाये गए समूह एवं कलस्टर क्षेत्र के सहित सम्पूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कृषकों/समूहों को कब-कब, कहाँ–कहाँ भ्रमण कराया गया एवं कहाँ–कहाँ, किस–किस के द्वारा कब-कब क्या प्रशिक्षण दिया गया? क्या मृदा परीक्षण एवं रिकॉर्ड संधारण का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ तो दस्तावेज उपलब्ध करावें एवं यह भी बतलावें कि इन कृषकों/समूहों को वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्रशासनिक व्यय की प्राप्त हुई और किस-किस कार्य के भुगतान में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत अनुशंसित आदान सामग्री क्या है और किस-किस दर पर किस-किस संस्था से कब-कब कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई और भूमि के जैविक परिवर्तन हेतु क्या सहायता और कितनी राशि समूहवार/वर्षवार प्रदाय की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक जैविक क्षेत्रों एवं गतिविधियों का प्रश्न दिनांक तक कब-कब कौन-कौन से शासकीय सेवकों एवं जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति द्वारा पर्यवेक्षण/निरीक्षण/भौतिक सत्यापन किया गया और क्या निरीक्षण रिपोर्ट/अनुशंसा की गई? सभी दस्तावेजों की छायाप्रति देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय, म.प्र. भोपाल दिनांक 14.08.2018 एवं म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक बी-14-11/2018-14-2 भोपाल दिनांक 05.10.2018 के द्वारा मार्गदर्शी निर्देश द्वारा लागू की गई। जिले में समूहों, कृषकों का चयन कलस्टर के क्षेत्र एवं क्षेत्रफल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। चयन की जानकारी शासकीय सेवकों द्वारा 13.09.2018 को परियोजना संचालक आत्मा को भेजी गई। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेख हेतु कृषकों/समूहों को कब-कब, कहाँ-कहाँ भ्रमण कराया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। मृदा नमूने एकत्रित किये जा रहे है। परीक्षण उपरांत मृदा परीक्षण, कलस्टर क्षेत्रों का निरीक्षण एवं रिकार्ड संधारण का कार्य सहभागिता प्रतिभूति प्रणाली के अंतर्गत ऑनलाइन किया