मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2017
सत्र
शुक्रवार, दिनांक 21 जुलाई 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वाणिज्य
संकाय के
शिक्षकों की
पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
1. ( *क्र. 1589 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत वे सहायक शिक्षक जिनकी स्नातक/स्नातकोत्तर की डिग्री वाणिज्य विषय से थी, उनकी पदोन्नति नहीं होने के कारण वाणिज्य संकाय को कला संकाय में समाहित करना है? यदि हाँ, तो इसे किस आधार पर किया जाएगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार की गई कार्यवाही के तहत ऐसे सहायक शिक्षक जो एक ही पद पर रहते हुए 20 से 30 वर्ष से भी अधिक सेवा पूर्ण करने के बाद भी पदोन्नति का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, इनके लिये विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रचनाक्रम एवं भर्ती पदोन्नति नियम में वाणिज्य विषय समूह नहीं होने के कारण इस विषय के लोक सेवकों की गणना कला संकाय (सामाजिक विज्ञान) में म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 3/4 अगस्त 2012 के बिंदु की अनुसूची चार में कॉलम (2) में अनुक्रमांक (2क) की प्रविष्टि एवं संचालनालय के पत्र दिनांक 13.02.2013 अनुसार की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भर्ती एवं पदोन्नति नियम के अनुसार पात्रता एवं पद रिक्तता की दशा में पदोन्नति का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रचलित पदोन्नति से संबंधित न्यायालयीन प्रकरण में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के परिपालन में पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जा रही है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जाँच
[स्कूल शिक्षा]
2. ( *क्र. 859 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले के शा.प्र.वि. हुकमगण जनपद पंचायत घाटीगाँव में पदस्थ प्रधान अध्यापक श्री विजय सिंह बंजारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर प्रधान अध्यापक के पद पर पदस्थ हैं? क्या इस संबंध में गोविन्द सिंह पुत्र श्री लोकमन सिंह ग्राम हुकमगण के द्वारा शिकायत पर प्रश्नकर्ता विधायक के द्वारा पत्र क्र./कलेक्टर/2017-18/11, दिनांक 20.04.2017 को शिकायत की थी? यदि हाँ, तो उक्त दिवस से प्रश्न दिनांक तक ऐसे फर्जी अनु.जनजाति के प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत प्रधान अध्यापक के प्रति कोई जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो क्या जाँच में दोषी पाया? यदि हाँ, तो ऐसे दोषी प्रधान अध्यापक के विरूद्ध क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में शासकीय, प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय में कौन-कौन कर्मचारी/शिक्षक/अधिकारी पदस्थ हैं? प्रत्येक विद्यालयवार अलग-अलग स्वीकृत पदों की संख्या तथा उनके विरूद्ध कितने कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं, उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक तथा किस-किस विद्यालय में कितने-कितने किस स्तर के कर्मचारियों के पद रिक्त हैं? प्रत्येक विद्यालय वार स्पष्ट करें। इन रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पद रिक्तता एवं पूर्ति सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
3. ( *क्र. 1404 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में विभाग द्वारा राशि रू. 1.17 लाख, 1.13 लाख के एवं एन.टी.पी.सी. द्वारा विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो उक्त शौचालयों का कहाँ-कहाँ निर्माण किया गया? स्कूलवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन शौचालयों में क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाना थी? क्या जो सुविधायें उपलब्ध करायी जानी थी, वह सभी सुविधायें मुहैया करा दी गईं हैं? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन स्कूलों में शौचालयों का निर्माण किया जाना था? क्या समस्त स्वीकृत शौचालयों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? पूर्ण एवं अपूर्ण शौचालयों की सूची उपलब्ध करावें। जहां शौचालयों का निर्माण पूर्ण हो चुका है, वहां उक्त शौचालयों का मूल्यांकन किस अधिकारी द्वारा किया गया? नाम,पद सहित, स्कूलवार सूची उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में विभाग एवं एन.टी.पी.सी. द्वारा विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है। शौचालय निर्माण की स्कूल वार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उक्त लागत के शौचालय निर्मित नहीं हुए। (ख) वर्ष 2013-14 में शौचालय निर्माण के साथ मुख्य घटक रेम्प रेलिंग, इन्सीनेटर एवं पानी की टंकी आदि का प्रावधान किया गया था। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में शौचालय निर्माण के साथ मुख्य घटक रेम्प रेलिंग, मा.शाला की छात्राओं हेतु इन्सीनेटर, फोर्सलिफ्ट पंप, हेण्डवाश यूनिट और पानी की टंकी आदि का प्रावधान किया गया था। जिन शालाओं में फोर्सलिफ्ट पंप का निर्माण नहीं हुआ है, संबंधित एजेंसी को फोर्सलिफ्ट पंप की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में जिन स्कूलों में शौचालयों का निर्माण किया जाना था, उन स्वीकृत समस्त शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शौचालय निर्माण, कार्य के मूल्यांकनकर्ता उपयंत्री के विवरण की स्कूलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सर्जन, स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( *क्र. 108 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्न क्रमांक 5842, दिनांक 22.03.2017 के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र के सर्जन, स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक का निर्धारण करने के संबंध में प्रश्न पूछा गया था, जिसके उत्तर में जानकारी एकत्रित किया जाना बताया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या जानकारी संकलित कर ली गई है व प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? यदि संकलित नहीं की गई है, तो इसके लिये कौन दोषी है तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही, कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( *क्र. 1255 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा इनके विरूद्ध कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से चिकित्सक कब से पदस्थ हैं और कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? स्वास्थ्य केन्द्रवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा सत्रों में बैठक दिनांक 04 जुलाई, 2014 प्रश्न क्रमांक 984, दिनांक 24 जुलाई, 2015 प्रश्न क्रमांक 1077, दिनांक 18 जुलाई, 2016, प्रश्न क्रमांक 828, दिनांक 09 दिसम्बर, 2016 तथा प्रश्न क्रमांक 1441, दिनांक 08 मार्च, 2017 को पूछे गये प्रश्नों के उत्तर में पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, शीघ्र पद पूर्ति होगी, दिये गये उत्तर के बावजूद तथा प्रश्नकर्ता द्वारा चिकित्सकों की कमी के संदर्भ में लगातार शासन से पत्राचार करने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक रिक्त पदों की पूर्ति न होने के क्या कारण हैं? रिक्त पद की पूर्ति किस प्रकार से कब तक कर दी जावेगी? (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर के अंतर्गत वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक स्वास्थ्य कार्यों हेतु किये गये समस्त कार्यों/सेवाओं/दवाओं आदि पर किये गये व्यय की जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में किये गये व्यय के संबंध में कब-कब क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुईं एवं प्राप्त शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ यह सही है कि विभाग द्वारा पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी रहने का लेख किया गया है, परंतु विभाग द्वारा प्रदेश में रिक्त 1896 पदों हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को मांग पत्र प्रेषित किया गया था, परंतु मात्र 726 चिकित्सकों की चयन सूची प्राप्त हुई है। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है कुल स्वीकृत 3278 पदों के विरूद्ध मात्र 1055 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों की पदस्थापना नहीं की जा सकी है। वर्तमान में पाटन में 01 विशेषज्ञ, 01 नियमित चिकित्सक, 01 संविदा आर.सी.एच. चिकित्सक तथा 01 आयुष चिकित्सक की पदस्थापना है। विधानसभा क्षेत्र पाटन अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, लमकाना एवं इन्द्राना में ही चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं, परंतु अन्य समस्त संस्थाओं में नियमित चिकित्सक एवं आयुष चिकित्सकों की पदस्थापना है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक है।
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया
[स्कूल शिक्षा]
6. ( *क्र. 721 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप सचिव स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक/एफ-1/42/2014/ 20-1/भोपाल, दिनांक 04.05.2017 कंडिका क्रमांक 5 में नगरीय निकायों की शैक्षणिक संस्थाओं में अतिशेष अध्यापकों को उसी नगरीय निकाय के अंतर्गत अन्य शालाओं में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के अंतर्गत पदस्थ किया जायेगा? (ख) क्या अध्यापक संवर्ग की पदस्थापना निकाय के बाहर नहीं की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या अध्यापक संवर्ग को उसी निकाय में पद रिक्त नहीं होने की स्थिति में उनका अतिशेष सूची से नाम हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो परासिया विधान सभा क्षेत्र के नगरीय निकायों में पदस्थ अध्यापकों के नामों की सूची उपलब्ध करायें? यदि नाम नहीं हटाये गये हैं तो ऐसे अध्यापकों के नाम अतिशेष सूची से कब तक हटा दिया जायेंगे? (ग) युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष की गणना में शाला में पदस्थ वरिष्ठ/कनिष्ठ में से किसे हटाने का प्रावधान है? यदि वरिष्ठ को हटाने का प्रावधान है तो परासिया विधान सभा क्षेत्र की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में वरिष्ठों का ही नाम सूची में आया है? क्या यह नियमानुसार है? अगर हाँ, तो पदस्थापना दिनांक के अनुसार स्कूलवार वरिष्ठ/कनिष्ठ की सूची उपलब्ध करायें? (घ) प्राथमिक शाला युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष की अंतिम सूची में प्रथमवार जिन अध्यापक/शिक्षक संवर्ग का नाम आया है? क्या उन्हें दावा आपत्ति प्रस्तुत करने का समय दिया गया है? यदि हाँ, तो अंतिम सूची के बाद किस दिनांक व माह में इनको दावा आपत्ति करने का समय दिया गया? अगर दावा आपत्ति का समय नहीं दिया गया है तो इन्हें कब तक दावा आपत्ति प्रस्तुत करने का समय दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) अध्यापक संवर्ग की पदस्थापना निकाय के बाहर युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत नहीं की जाएगी। जी नहीं। वर्तमान में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रचलित है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. शासन के पत्र क्र. एफ-1/42/2014/20-1, भोपाल दिनांक 11.04.2017 की कंडिका 5 (द) अनुसार अतिशेष शिक्षकों की गणना संस्था में पदांकन दिनांक से वरिष्ठता के आधार पर की जावेगी अर्थात संस्था में पदस्थ दिनांक से वरिष्ठ शिक्षक को अतिशेष मानने के निर्देश हैं। जहां तक परासिया विधानसभा क्षेत्र की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में वरिष्ठों का ही नाम सूची में आया है, दावे आपत्तियों के निराकरण उपरांत अंतिम अतिशेष सूची का प्रकाशन होना लंबित है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. शासन के पत्र क्र. एफ-1/42/2014/20-1, भोपाल दिनांक 14.06.2017 द्वारा दिनांक 12.06.2017 को जारी परिपत्र शासकीय प्राथमिक शालाओं के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत प्रकाशित सूची में अभ्यावेदनों के निराकरण उपरांत मृत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों के डाटा पूर्ण रूप से समायोजित न होने, शारीरिक रूप से दिव्यांग एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों के चिन्हांकन में सॉफ्टवेयर में तकनीकी समस्या के कारण जारी सूची को निरस्त किया जाकर नवीन सूची एवं प्रक्रिया की समय सारणी पृथक से जारी किए जाने के आदेश जारी किए गए। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। यथासमय निर्देश जारी किए जाएंगे, तद्नुसार कार्यवाही की जावेगी।
शास्त्री हाईस्कूल कोढ़ा के संबंध में प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
7. ( *क्र. 1495 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास्त्री हाईस्कूल कोढ़ा, जनपद पंचायत कैलारस के फर्जी संचालन के संबंध में विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतकर्ता का नाम एवं शिकायतों पर की गई कार्यवाहियों से अवगत करावें (ख) क्या उक्त विद्यालय की संचालन समिति के सदस्य/सदस्यों पर जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2002-03 में छात्र-छात्राओं एवं युवा बेरोजगार से फर्जी रूप से स्कूल संचालित कर लाखों की ठगी करने के संबंध में पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्कूल क्या फर्जी तरीके से विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से संचालित है? स्कूल में न तो छात्र पढ़ने आते हैं और न ही स्कूल भवन हैं, जो पुराना कक्ष है वह भी जीर्ण-शीर्ण है, स्कूल की वस्तुस्थिति छात्र संख्या, शिक्षक संख्या एवं निरीक्षणकर्ता की निरीक्षण टीप सहित, अद्यतन जानकारी दें? (घ) क्या शिक्षा माफियाओं द्वारा उपरोक्त फर्जी संचालित स्कूल को शासनाधीन करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है? यदि हाँ, तो प्रकरण किस स्थिति में है? शासनाधीन प्रक्रिया के नियम, प्रावधानों से अवगत कराया जावे। क्या प्रक्रिया को रोक कर स्कूल की जाँच कराई जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एक। माननीय विधायक श्री सूबेदार सिंह रजौधा ने शिकायती पत्र दिनांक 7.2.2017 द्वारा श्रीमती संतोषी धाकड़ का शिकायती पत्र संलग्न प्रस्तुत किया है। इसकी जाँच हेतु संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर को निर्देशित किया गया है। जाँच प्रक्रियाधीन है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। विद्यालय में 08 कमरे व छात्रों की संख्या 101 है। तत्समय निरीक्षणकर्ता द्वारा की गई टीप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) विद्यालय को विभागीय आदेश दिनांक 22.3.2002 द्वारा विभागीय आदेश दिनांक 21.3.2002 में निर्धारित सेवा शर्तें एवं मापदण्ड के अधीन निकायाधीन करने के निर्देश जारी किये गये हैं। विभागीय पत्र दिनांक 19.6.2017 द्वारा कलेक्टर को निकायाधीन करने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रक्रिया व नियम संबंधी शासनादेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशासकीय विद्यालयों द्वारा शुल्क वसूली
[स्कूल शिक्षा]
8. ( *क्र. 1347 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले में अशासकीय विद्यालयों द्वारा विभिन्न मदों के नाम पर अत्यधिक शुल्क बिना पालक शिक्षक संघ की अनुमति के वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या नरसिंहपुर जिले में अशासकीय विद्यालयों में म.प्र. सरकार द्वारा सी.बी.एस.ई. एवं म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम की पुस्तकें विद्यालय प्रबंधन को इस्तेमाल करने की अनुमति है? यदि हाँ, तो जो विद्यालय यह नहीं कर रहे हैं, उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा उक्त संदर्भ में जिला कलेक्टर को पत्र द्वारा सूचित किया गया था? यदि हाँ, तो उन पत्रों के संबंध में क्या कार्यवाही स्कूल प्रबंधकों पर की गयी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में जिले में संचालित अशासकीय विद्यालयों द्वारा अत्यधिक शुल्क वसूल किये जाने के संबंध में प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही करते हुये जिले के समस्त अशासकीय विद्यालयों को कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, जिला नरसिंहपुर के आदेश दिनांक 02.03.2017 एवं कलेक्टर, नरसिंहपुर के आदेश दिनांक 31.03.2017 द्वारा मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अशासकीय विद्यालयों के फीस नियंत्रण हेतु जारी मार्गदर्शी सिद्धांत दिनांक 30.04.2015 के पालन हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी हाँ। कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, जिला नरसिंहपुर द्वारा जिले के समस्त अशासकीय विद्यालयों की बैठक लेकर मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अशासकीय विद्यालयों के फीस नियंत्रण हेतु जारी मार्गदर्शी सिद्धांत दिनांक 30.04.2015 का कड़ाई से पालन करने एवं पुस्तकों के संचालन हेतु निर्देशित किया गया तथा कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, नरसिंहपुर के पत्र क्रमांक 2755/मान्यता/2017/नरसिंहपुर दिनांक 31.05.2017 द्वारा निर्देश जारी कर माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया गया है।
अधिकारियों, कर्मचारियों को आवास गृह की सुविधा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
9. ( *क्र. 116 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अंतर्गत बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में कितने अधिकारियों, कर्मचारियों के पास आवास गृह हैं एवं कितनों के पास नहीं हैं? (ख) राज्य शासन आवासहीन कर्मचारियों के लिए आवास गृह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए क्या प्रयास कर रहा है? (ग) कब तक आवासहीनों को आवास की सुविधा उपलब्ध हो जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) 19 अधिकारियों, कर्मचारियों के पास आवासगृह हैं एवं 206 के पास नहीं हैं। (ख) आवास गृह हेतु भूमि की उपलब्धता एवं प्रस्ताव प्राप्त होने पर उपलब्ध वित्तीय संसाधनों की सीमा में प्राथमिकतायें निर्धारित कर आवासगृह बनाने की स्वीकृतियां प्राप्त करने हेतु प्रयास किये जायेंगे। (ग) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
10. ( *क्र. 1394 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कितने स्थानों पर विकास के कार्य प्रगति पर हैं तथा कौन-कौन से स्थानों पर विकास कार्य एवं सुविधाएं होना प्रस्तावित हैं? (ख) गांधी सागर में जो जल महोत्सव होना प्रस्तावित है, उसमें सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के कितने स्थानों को जल महोत्सव के तहत सम्मिलित (चयनित) किया गया है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन हेतु मुवाझर, माता, सीतामऊ, कोटेश्वर महादेव, सीतामउ, गंगेश्वर महादेव सीतामऊ, एलवी महादेव कयामपुर, भड़केश्वर महादेव बसई, माकड़ी माता शामगढ़, मोड़ी माता शामगढ़, आनंद धाम घसोई, हरणेश्वर महादेव घसोई, भैंसासरी माता, आम्बा, धर्मराजेश्वर, चंदवासा, जोगणिया माता, मेरियाखेड़ी, बाबा रामदेव, कचनारा, गुफामाता, सुवासरा, गणेश मगरा सुवासरा, बौद्ध गुफाएं खेजड़िया भूप, भेरू बावजी घसोई, परासली धाम, सांवरिया मंदिर, रूनीजा, आदि स्थानों पर विभाग द्वारा निरीक्षण कर कब तक पर्यटन स्थल घोषित कर दिया जावेगा? (घ) बसई एवं धर्मराजेश्वर में विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य एवं कितनी-कितनी राशि प्रस्तावित है, कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में 02 स्थानों, धर्मराजेश्वर, सीतामऊ पर कार्य प्रगति पर है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है। (ख) गांधी सागर में प्रस्तावित महोत्सव बाँध के निकट प्रस्तावित है। (ग) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति 2016 के तहत किसी भी स्थल को ''पर्यटन स्थल'' घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
11. ( *क्र. 1458 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित न की जाने वाली पुस्तकों का प्रचार्यों द्वारा क्रय किया जाकर छात्र/छात्राओं को वितरित किये जाने के निर्देश हैं? निर्देश की प्रति देवें एवं प्रक्रिया बतावें। (ख) क्या फरवरी 2017 में सतना जिले को प्रश्नांश (क) की पूर्ति के लिये 45 लाख रूपये का आवंटन उपलब्ध कराया गया था? उक्त आवंटन किन-किन वर्षों का था? तत्कालीन डी.ई.ओ. द्वारा उक्त राशि का उपयोग किया या नहीं? उक्त राशि का भुगतान किन-किन संस्थाओं/प्राचार्यों को कितना-कितना किया जाना था? वर्षवार, संस्थावार विवरण एवं संस्था के बिल व्हाउचर की प्रतियां देवें। (ग) यदि उक्त राशि का उपयोग नहीं किया गया और राशि समर्पित नहीं की गई तो आवंटित राशि क्या लैप्स हुई? स्वयं को बचाने के लिये तत्कालीन डी.ई.ओ. एवं लिपिक द्वारा राशि लैप्स होने के बाद प्रचार्यों के देयकों में आपत्ति लगाकर वापस किये गये? राशि को लैप्स कराने वाले अधिकारी एवं लिपिक को तत्काल निलंबित कर कब तक जाँच करा ली जावेगी? (घ) क्या संस्थाओं से देयकों को प्राप्त कर नियमानुसार संधारण नहीं किया जाकर उनका परीक्षण समय-सीमा में नहीं किया गया और आवंटन प्राप्त होने पर आनन-फानन में कार्यवाही की गई? फर्जी बिल होने एवं देयकों का नियमानुसार प्रतिवर्ष संधारण न कर परीक्षण न करने वाले तत्कालीन पाठ्य पुस्तक प्रभारी लिपिक एवं राशि लैप्स कराने वाले डी.ई.ओ. को अब तक निलंबित क्यों नहीं किया गया है? तत्काल निलंबित करते हुये प्रकरण की जाँच कब तक करा ली जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) जी हाँ। यह आवंटन वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की अवधि के लिये था। जी नहीं। उक्त राशि का भुगतान जिन संस्थाओं को भुगतान किये जाने हेतु मांग पत्र प्राप्त हुआ था, उनका संस्थावार, वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। (ग) आवंटित राशि समर्पित की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्िथत नहीं होता। (घ) आवंटित राशि का उपयोग समय-सीमा में नहीं करने के लिये तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्िथत नहीं होता।
जिला चिकित्सालय श्योपुर में सर्जरी विशेषज्ञों की पदस्थी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
12. ( *क्र. 677 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारा.प्र.सं. 03 (क्रमांक 1032), दिनांक 08.03.2017 में सदन में चर्चा के दौरान जिला चिकित्सालय श्योपुर में वेन्टीलेटर प्रदाय होने के उपरांत दो माह में आई.सी.यू. की स्थापना कर दिए जाने के कथन के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक इसकी स्थापना नहीं हो पाने का क्या कारण है? कब तक स्थापना होगी? (ख) चिकित्सालय में आई.सी.यू. के संचालन हेतु शासन निर्देशानुसार क्या विशेषज्ञ चिकित्सक व प्रशिक्षित स्टाफ पदस्थ कर दिया है? यदि नहीं, तो आई.सी.यू. को कौन ऑपरेट करेगा? (ग) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया था कि जनवरी 2014 से दिनांक 30.11.2016 तक चिकित्सालय में सभी बीमारियों के गंभीर भर्ती 12107 मरीजों में से 168 मरीज रेफर किये, 24 के ऑपरेशन (सीजेरियन ऑपरेशन को छोड़कर) किये 11936 गंभीर मरीजों को मजबूरी में ऑपरेशन हेतु अन्यत्र नहीं जाना पड़ा, इनका उपचार वर्तमान पदस्थ विशेषज्ञ एवं चिकित्सकों द्वारा किया गया। (घ) क्या वास्तविकता यह है कि सर्जरी विशेषज्ञ के दोनों पद रिक्त होने से उक्त अवधि में 11936 मरीजों के ऑपरेशन ही नहीं हो पाये, इन्हें विशेषज्ञों व आई.सी.यू. के अभाव के कारण मजबूरी में अन्यत्र जाना पड़ा? यदि नहीं, तो क्या शासन इसकी जाँच कराएगा तथा सर्जरी विशेषज्ञों के पद शीघ्र भरकर आई.सी.यू. की स्थापना करवाएगा।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मेसर्स कोबिडियन हेल्थ केयर गोर गॉव हरियाणा के द्वारा दिनांक 28.03.2017 को आई.सी.यू. वेन्टीलेटर जिला चिकित्सालय श्योपुर को प्रदाय कर दिया गया है। स्थान के अभाव होने के कारण आई.सी.यू की स्थापना नहीं हो सकी थी। वर्तमान में आई.सी.यू. कक्ष का चिन्हांकन कर लिया गया है। कक्ष में वेन्टीलेटर एवं पलंग स्थापित कर आई.सी.यू. का संचालन दिनांक 11.07.2017 को प्रारंभ कर दिया गया है। (ख) जिला चिकित्सालय श्योपुर में आई.सी.यू. संचालन हेतु शासन द्वारा जिला चिकित्सालय में पदस्थ 03 स्टॉफ नर्स को प्रशिक्षित किया गया है एवं कार्यरत 01 निश्चेतना विशेषज्ञ, 03 पी.जी.एम.ओ. निश्चेतना, 01 मेडीसिन विशेषज्ञ, 01 पी.जी.एम.ओ. चिकित्सा विशेषज्ञ, 01 पी.जी.एम.ओ. सर्जरी के द्वारा जिला चिकित्सालय श्योपुर में आई.सी.यू. का संचालन किया जावेगा। (ग) हाँ यह सही है कि जनवरी 2014 से दिनांक 30.11.2016 तक की स्थिति में गंभीर भर्ती मरीजों की संख्या 12107 एवं रेफर किये मरीजों की संख्या 168 एवं ऑपरेशन किये गये मरीजों की संख्या 24 थी। शेष 11936 गंभीर मरीजों का उपचार जिला चिकित्सालय श्योपुर में पदस्थ विशेषज्ञ एवं चिकित्सकों के द्वारा किया गया है। लेकिन सभी बीमारियों के अधिकांश मरीजों को अन्यत्र रेफर नहीं किया जाता है। कुछ बीमारियों से संबंधित गंभीर मरीजों को जैसे हेडइन्जरी, हृदय रोग वाले मरीजों को सुपर स्पेशलिस्ट के अभाव में आगामी उपचार हेतु हायर सेन्टर के लिये रेफर किया जाता है। (घ) हाँ यह सही है कि जिला चिकित्सालय श्योपुर में सर्जरी विशेषज्ञ के 2 पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त हैं। परन्तु उक्त विधा में पी.जी.एम.ओ. सर्जरी वर्तमान में कार्यरत है। पी.जी.एम.ओ. चिकित्सा एवं सी.एम.एच.ओ. के द्वारा अस्पताल में आये मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है। जिला चिकित्सालय श्योपुर में आई.सी.यू. का शुभारंभ दिनांक 11.07.2017 से किया गया है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है। कुल स्वीकृत 3278 पदों के विरूध्द मात्र 1055 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। अतः विशेषज्ञ के रिक्त पदों में कठिनाई हो रही है। विभाग रिक्त पद की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत् है, उपलब्धता अनुसार पदस्थापना की कार्यवाही की जा सकेगी।
शाला भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
13. ( *क्र. 1443 ) श्री सुदेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर अन्तर्गत अप्रैल 2014 में शासन द्वारा किन-किन स्थानों पर नवीन शाला भवनों के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत किये गये शाला भवनों में कितने भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाकर शाला भवन का आधिपत्य शिक्षा विभाग को सौंप दिया गया है तथा कितने भवन जो अपूर्ण हैं, उनका निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? पूर्ण तथा अपूर्ण शाला भवनों की जानकारी लागत एवं स्थान सहित पृथक-पृथक बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर अन्तर्गत अप्रैल 2014 में किसी भी हाई/हायर सेकेण्डरी के नवीन भवन की स्वीकृति नहीं की गई है। विधान सभा क्षेत्र सीहोर अन्तर्गत अप्रैल 2014 में कोई भी नवीन शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किया गया, अपितु दिसम्बर 2014 में एक नवीन शासकीय माध्यमिक शाला पट का भवन निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। (ख) नवीन शासकीय माध्यमिक शाला भवन पट का निर्माण कार्य प्रगतिरत होने से शिक्षा विभाग को आधिपत्य नहीं सौंपा गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 3 माह में पूर्ण कर लिया जायेगा। पूर्ण/अपूर्ण, लागत एवं स्थान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
एम.वाय. अस्पताल में मरीजों की मौतों की जाँच
[चिकित्सा शिक्षा]
14. ( *क्र. 1637 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा यशवंतराव (M.Y.) अस्पताल इन्दौर में दिनांक 25.05.2017 से 25.06.2017 तक सभी क्लिनिकल विभागों में हुयी मौतों की दिनांकवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में हुयी मौतों की डेथ रिव्यु मीटिंग (D.R.M.) के मिनिट्स ऑफ मीटिंग (M.O.M.) का सम्पूर्ण विवरण देवें? (ग) 22.06.2017 व 23.06.2017 को हुयी मौतों का स्पष्ट कारण बतायें? क्या ऑक्सीजन की सप्लाय में खराबी/कमी के कारण कोई मौत हुयी? यदि हाँ, तो कितनी मौत और यदि नहीं, तो मौतों का क्या कारण था? (घ) महाराजा यशवंतराव (M.Y.) अस्पताल में कितने इंजीनियरों के स्वीकृत पद हैं व कितने-कितने सेवारत हैं? उनका नाम, पदनाम, क्या जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, की जानकारी तथा 22.06.2017 व 23.06.2017 को उनकी अस्पताल में उपस्थिति व अनुपस्थिति की जानकारी देवें? (ड.) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में हुयी मौतों को लेकर क्या किसी डॉक्टर को निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा व किस जाँच के आधार पर ऐसा किया गया? आदेश व नोटशीट की छायाप्रति उपलब्ध करायें?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) एम.वाय. चिकित्सालय, इन्दौर के शिशुरोग विभाग के डेथ रिव्यु मीटिंग के निष्कर्षों के अनुसार मौतों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। मेडीसिन विभाग, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग तथा सर्जरी विभाग की डेथ रिव्यु मीटिंग नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में हुई मौतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। कोई भी मौत ऑक्सीजन की सप्लाय/कमी के कारण नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एम.वाय. चिकित्सालय, इन्दौर में इंजीनियर्स के पद स्वीकृत नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों की मूल संस्था में पदस्थी
[स्कूल शिक्षा]
15. ( *क्र. 1010 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा हाल ही में शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न शिक्षकों को तत्काल उनकी मूल संस्था में वापिस किये जाने हेतु निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों के पालन में राजगढ़ जिले के अंतर्गत किन-किन शिक्षकों को उनकी मूल संस्था में वापिस किया गया तथा किन-किन शिक्षकों को मूल संस्था में किन कारणों से वापस पदस्थ नहीं किया गया? (ख) क्या श्रीमती अनिसा बेगम उच्च श्रेणी शिक्षक शासन नियमों के प्रतिकूल वर्तमान में प्रबंधक आजीविका मिशन (N.R.L.M.) में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कब तक इनको मूल संस्था में वापिस किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में निर्देशों के पालन में राजगढ़ जिले के समस्त शिक्षक अपनी मूल संस्था में ही कार्यरत हैं। मात्र 01 उच्च श्रेणी शिक्षिका श्रीमती अनिसा बेगम की सेवायें म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 20.01.2017 द्वारा मूल विभाग स्कूल शिक्षा विभाग को वापस की गईं थीं। उक्त वापिस आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में दायर याचिका डब्ल्यू.पी. क्र. 3087/2017 में पारित निर्णय दिनांक 16.05.2017 में स्थगन होने के फलस्वरूप मूल संस्था में पदस्थ नहीं किया जा सका। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में दायर याचिका डब्ल्यू.पी. क्र. 3087/2017 में पारित निर्णय दिनांक 16.05.2017 में स्थगन होने के आधार पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण न्यायालय निर्णय के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में चिकित्सकों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( *क्र. 1314 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में 30 बिस्तरों का अस्पताल है एवं वर्तमान में केवल एक चिकित्सक पदस्थ है? (ख) क्या सेमरिया एवं आसपास के 20 कि.मी. की परिधि में कोई दूसरा अस्पताल नहीं है? (ग) क्या शासन के मापदण्डों के अनुसार उप स्वास्थ्य केन्द्र में एक महिला चिकित्सक सहित कुल 04 चिकित्सकों की पदस्थापना होनी चाहिए? (घ) यदि हाँ, तो तो उक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों की पदस्थापना कब तक कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सेमरिया उप स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में संचालित नहीं है, सेमरिया 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है, 01 चिकित्सक, 01 आयुष चिकित्सक की पदस्थापना है, परंतु पदस्थ नियमित चिकित्सक का चयन पी. जी. अध्ययन हेतु होने के कारण वर्तमान एक चिकित्सक की ड्यूटी स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत लगाई गई है। (ख) जी नहीं, 20 कि. मी. की परिधि में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रंगौली, बीड़ा, चचाई संचालित हैं। (ग) मापदण्ड अनुसार सेमरिया में 03 विशेषज्ञों (मेडिसिन, सर्जरी, स्त्रीरोग) तथा 02 चिकित्सा अधिकारियों के पद स्वीकृत हैं। (घ) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है कुल स्वीकृत 3278 पदों के विरूद्ध मात्र 1055 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं, चिकित्सा अधिकारी के रिक्त पद की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से चयनित चिकित्सकों की काउंसलिंग प्रक्रिया प्रचलन में है, चिकित्सा अधिकारी के 01 पद हेतु रिक्ति प्रदर्शित की गई है। स्थानीय स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आदेश क्रमांक 451/स्था./दिनांक 30.06.2017 अनुसार ड्यूटी लगाई गई है, आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया निरंतर जारी है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( *क्र. 919 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बल्देवगढ़ एवं खरगापुर में शासन से स्वीकृत पदों के अनुसार डॉक्टर नहीं हैं और एक डॉक्टर खरगापुर अस्पताल में होने से तथा महिला डॉक्टर नहीं होने के कारण आम जनता को स्वास्थ्य लाभ सही रूप से नहीं मिल पा रहा है? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा भी कई पत्र विभाग को लिखे गये, परन्तु आज तक महिला चिकित्सक खरगापुर अस्पताल में तैनात नहीं की गयी, इसका क्या कारण है? (ख) खरगापुर अस्पताल में महिला डॉक्टर की तैनाती कब तक कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, खरगापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खरगापुर में विशेषज्ञों के 03 पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं, चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत एवं 01 चिकित्सक कार्यरत है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बल्देवगढ़ में विशेषज्ञों के 03 तथा चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत 02 चिकित्सक कार्यरत हैं एवं पदस्थ एक चिकित्सक पी.जी. अध्ययनरत् है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खरगापुर में महिला चिकित्सक की पदस्थापना के संदर्भ में अवगत होवें कि स्त्रीरोग विशेषज्ञ का एक पद स्वीकृत एवं रिक्त है, प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है कुल स्वीकृत 3278 पदों के विरूद्ध मात्र 1055 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों के रिक्त पद की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। खरगापुर नान सीमांक संस्था है एवं वर्तमान में विभाग को सीमांक संस्थाओं में ही स्त्रीरोग विशेषज्ञ की उपलब्धता सुनिश्चित कर पाने में कठिनाई हो रही है। रिक्त पद की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास जारी है। (ख) विभाग प्रदेश में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, परंतु लोक सेवा आयोग के माध्यम से विभागीय मांग 1896 के विरूद्ध मात्र 726 चिकित्सकों की सूची प्राप्त हुई है, इनमें भी स्त्रीरोग योग्यता के चिकित्सकों की कमी है। रिक्त पद की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास जारी है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत बंद की जा रही प्राथमिक शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
18. ( *क्र. 1497 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र केवलारी में वर्तमान सत्र में कितनी प्राथमिक शालायें बंद की जा रही हैं? (ख) प्राथमिक शालाओं के बंद किये जाने के कारण स्पष्ट करें। जिन ग्रामों में प्राथमिक शालाएं बंद की जा रही हैं, उन ग्रामों के छात्र-छात्राओं के अध्ययन की क्या व्यवस्थाएं विभाग द्वारा की गईं हैं? (ग) बंद की गई प्राथमिक शालाओं के भवनों, फर्नीचर आदि का उपयोग कैसे किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला सिवनी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में वतर्मान सत्र में कोई भी प्राथमिक शाला बंद नहीं की जा रही है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों की जांच
[स्कूल शिक्षा]
19. ( *क्र. 58 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में प्रतिनियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किये गये? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या छतरपुर जिले के ईशानगर कस्तूरबा गांधी छात्रावास के अध्यक्ष द्वारा शिकायत की गई कि मेरे फर्जी हस्ताक्षर से अधिकारियों की सहमति से बैंक से राशि आहरित की गई, जिसका शपथ पत्र बैंक में दिया गया था? (ग) वर्ष 2012 से 2017 तक शासन का जो व्यय दर्शाया गया, उसका भण्डार क्रय नियमों के अनुसार किन-किन अधिकारियों ने परीक्षण किया? उनके पद सहित नाम बतायें। (घ) क्या कोषालय अधिकारी छतरपुर की टीम गठित कर शासन की राशि का जो व्यय किया गया, उसकी जाँच नियमानुसार कर प्रश्नकर्ता को अवगत कराया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। चयनित विद्यालय की महिला शिक्षिका (सहायक शिक्षक, सहायक अध्यापक, उच्च श्रेणी शिक्षक, अध्यापक) द्वारा कार्य करने की सहमति देने पर वार्डन का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है। चयनित विद्यालय में महिला शिक्षिका की अनुपलब्धता अथवा उपलब्ध शिक्षिकाओं की कार्य से असहमति की स्थिति में विज्ञापन के माध्यम से महिला शिक्षिकाओं से आवेदन आमंत्रित कर चयन किया जाता है। (ख) जी हाँ, परन्तु पुन: दिनांक 13.02.2017 को शपथ पत्र दिया जिसमें हस्ताक्षर को सही बताया। (ग) कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ईसानगर में किए गए व्यय का परीक्षण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सह जिला परियोजना संचालक जिला शिक्षा केन्द्र छतरपुर के आदेश क्र./5321/स.शि.अ./बा.शि./2012 छतरपुर दिनांक 27.03.2012 के अनुक्रम में सुश्री सुरभि तिवारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी, एस.के. शर्मा, जिला परियोजना समन्वयक, इनायत खान, सहायक जिला परियोजना समन्वयक जेण्डर, एस.पी. वाजपेयी विकासखण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक, सुधा पटेल विकासखण्ड जेण्डर समन्वयक, संजय सिंह विकासखण्ड अकादमिक समन्वयक के द्वारा किया गया है। (घ) समस्त व्यय एवं सामग्री का सत्यापन समितियों द्वारा किया गया है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( *क्र. 883 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्रमांक 2797, दिनांक 01.03.2017 के भाग (क) से (घ) के तारतम्य में जिला चिकित्सालय शाजापुर में जिला कलेक्टर शाजापुर द्वारा जाँच समिति गठित कर दवाएं एवं सर्जिकल उपकरणों का क्रय करने पर जाँच की गई? (ख) क्या जाँच समिति ने जाँच प्रतिवेदन क्र./जिकोशा/जांच/189 शाजापुर दिनांक 21/2/2017 को जिला कलेक्टर शाजापुर के कुल 73 पृष्ठों का प्रतिवेदन प्रस्तुत कर कार्यवाही करने की अनुशंसा की? (ग) जाँच समिति के प्रतिवेदन पश्चात् जिला कलेक्टर शाजापुर के पत्र क्र./स्था.4-1/2017/77 शाजापुर दिनांक 22.2.2017 को आयुक्त स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल को दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (घ) प्रश्नांक (ख) एवं (ग) के परिपालन में दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? दोषियों को वर्तमान संस्था में अभी तक क्यों पदस्थ रखा गया है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) कलेक्टर, शाजापुर द्वारा प्रेषित जाँच प्रतिवेदन पर संचालनालय द्वारा सूक्ष्म परीक्षण किये जाने के पश्चात् डॉ. श्रीमति अनुसूया गवली, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दोषी पाते हुए आरोप पत्र जारी किये गये एवं आदेश दिनांक 03.07.2017 द्वारा उनका स्थानांतरण किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। श्री कैलाश बाबू वर्मा ड्रेसर (प्रभारी स्टोर कीपर) को निलम्बित किया गया है। श्री एस.पी. जोशी, लेखापाल एवं श्री अनिल शर्मा, कैशियर सह स्टेशनरी क्रय प्रभारी को आरोप पत्रादि जारी किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
संविदा बहुउद्देशीय (पुरूष)कार्यकर्ताओं को वेतन का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( *क्र. 1238 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन जिलों में कितने-कितने संविदा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरूष) कार्यरत हैं? जिलेवार संख्या बताई जाए। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संविदा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरूष) को माह अक्टूबर 2016 से प्रश्न दिनांक तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इनको कब तक वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यकर्ताओं को सेवा से पृथक किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश के 28 जिलों में 689 संविदा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरूष) कार्यरत् थे, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत संविदा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरूष) की स्वीकृति मंत्री परिषद द्वारा माह सितम्बर 2016 तक ही प्रदान की गई थी, इस अवधि तक का वेतन भुगतान किया जा चुका है। अक्टूबर 2016 से जून 2017 तक इनके वेतन भुगतान का अनुमोदन विचाराधीन है। (ग) जी हाँ, दिनांक 31.05.2017 को सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी कर सूचित किया गया कि समस्त संविदा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरूष) को एक माह की पूर्व सूचना देकर दिनांक 30 जून, 2017 से इनका अनुबंध समाप्त किया जाना सुनिश्चित करें। निर्देशानुसार समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा नियमानुसार प्रक्रिया का पालन कर दिनांक 30.06.2017 से 689 संविदा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरूष) की सेवा अवधि समाप्त कर दी गई है।
शासकीय हाईस्कूल धरवारा का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
22. ( *क्र. 748 ) श्री मोती कश्यप : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 22.8.2016 को मा. विभागीय मंत्रीजी ने वि.खं. ढीमरखेड़ा के ग्राम व ग्राम पंचायत धरवारा के अपने प्रवास पर सार्वजनिक रूप से शासकीय हाईस्कूल धरवारा को हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन करने की घोषणा की है? (ख) क्या शासकीय हाईस्कूल धरवारा में कक्षा 10 वीं की छात्र संख्या 122 है और कक्षा 9 वीं की छात्र संख्या 147 है? (ग) क्या दिनांक 15.6.2017 से शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो जाने और प्रश्नांश (क) विद्यालय के उन्नयन न होने के कारण छात्र-छात्राओं का भटकाव बढ़ गया है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) का उन्नयन कब तक कर दिया जावेगा और छात्रों को प्रवेश का लाभ प्रदान कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2017-18 में शासकीय हाईस्कूल धरवारा की कक्षा 9 वीं की 65 तथा कक्षा 10 वीं की 116 छात्र संख्या दर्ज है। (ग) जी नहीं। शासकीय हाईस्कूल धरवारा से लगभग 4 कि.मी. की दूरी पर शा.उ.मा.वि. बंधी स्टेशन विकास खण्ड बहोरीबंद संचालित होने से भटकाव की कोई स्थिति नहीं है। (घ) प्रदेश में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शाला का उन्नयन बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
पोहरी विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों में पद पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( *क्र. 1547 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्रसव केन्द्रों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं व उनमें से कौन-कौन से पद वर्तमान में रिक्त हैं? पदवार जानकारी उपलब्ध करावें। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत छर्च में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कब स्वीकृत हुआ? क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के नवीन भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कब तक नवीन भवन के अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण कर स्वास्थ्य सेवाएं प्रारंभ कर दी जावेंगी? (ग) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने व कौन-कौन से नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हुए हैं? क्या इन संस्थाओं पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रारंभ कर दी गई हैं? यदि नहीं, तो सेवाएं कब से प्रारंभ कर दी जावेंगी? क्या उक्त स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु नवीन भवन स्वीकृत किए जा चुके हैं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें एवं नवीन भवन कब तक स्वीकृत किए जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग के अधीन सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति क्रमशः लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से निरंतर जारी है। (ख) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत छर्च में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश एफ 12-28/सत्रह/मेडि-तीन दिनांक 18.07.2014 द्वारा उप स्वास्थ्य से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्न्यन किया गया है। जी हाँ, अतिशीघ्र। (ग) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 08 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र क्रमशः सालोदा, बरोद, बेरजा, टौरिया, भौराना, भिलोड़ी, दौरानी तथा डांगबर्वे स्वीकृत हुए हैं। जी हाँ, उपलब्ध संसाधनों द्वारा संस्थाओं में स्वास्थ्य सेवायें दी जा रही हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्र क्रमांक 6/भवन/एन.एच.एम./2016-17/14199, दिनांक 03.07.2017 द्वारा उक्त नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों को किराए के भवन लिये जाकर संचालित किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये हैं। नवीन भवन के संबंध में कोई स्वीकृति जारी न होने से इन उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन के निर्माण कार्य प्रारंभ किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला चिकित्सालय में मरीजों का ब्लड परीक्षण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( *क्र. 1363 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिला चिकित्सालय में मलेरिया एवं फाइलेरिया के परीक्षण के लिए कितने मरीजों के सैम्पल लिए गए? किस-किस पद्धति से उनका परीक्षण किया गया? उनमें से कितने पॉजिटिव एवं कितने निगेटिव पाये गये? मरीजवार, मलेरिया एवं फाइलेरिया बीमारीवार अलग अलग बतावें। कितने सेम्पल चिकिनगुनिया एवं डेंगू के पॉजिटिव पाये गये? (ख) फाइलेरिया एवं मलेरिया की जाँच एवं उपचार हेतु जिला चिकित्साल पन्ना अंतर्गत कितने कर्मचारी एवं अधिकारी तैनात हैं? जिला चिकित्सालय में जाँच कराने पर जिस मरीज का सेम्पल निगेटिव आता है, उसी पद्धति से उसी समय उसी मरीज की जाँच प्राइवेट में कराने पर पॉजिटिव आने का क्या कारण है? (ग) पन्ना जिला चिकित्सालय में अधिकतम डाक्टरों का अपने कक्ष में न बैठने का क्या कारण है? क्या सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेज के माध्यम से इन डॉक्टरों के आने जाने एवं मरीजों के देखने के वास्ते कक्ष में बैठने की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या प्राइवेट प्रैक्टिस करने के कारण कुछ डॉक्टर चिकित्सालय में मरीज नहीं देखते हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिला चिकित्सालय में मलेरिया के परीक्षण के लिये 12392 सैम्पल लिये गये एवं फाइलेरिया के परीक्षण के लिये 1403 मरीजों के सैम्पल लिये गये। मलेरिया के 11640 मरीजों की जाँच रक्त पट्टी द्वारा माइक्रोस्कोपी से की गई। 752 मरीजों की जाँच रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट (मलेरिया बायवेलेंट) द्वारा की गई, फाइलेरिया के 1403 मरीजों की जाँच रक्त पट्टी द्वारा माइक्रोस्कोपी से की गई। मलेरिया की 11640 रक्त पट्टियों के परीक्षण में 219 मलेरिया पॉजीटिव एवं 11421 मलेरिया नेगेटिव पाई गई। 752 रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट से जाँच में 73 मरीज मलेरिया पॉजीटिव पाये गये। 1403 मरीजों के रक्त की जाँच फाइलेरिया परजीवी के लिये करने पर 05 मरीज फाइलेरिया पॉजीटिव पाये गये। जिले से डेंगू के 130 एवं चिकनगुनिया के 33 सैम्पल लिये गये, इनमें से कोई भी सैम्पल डेंगू, चिकनगुनिया पॉजीटिव नहीं पाया गया। (ख) फाइलेरिया एवं मलेरिया की जाँच एवं उपचार हेतु जिला चिकित्सालय पन्ना अंतर्गत 23 चिकित्सा अधिकारी एवं 07 लैब टेक्नीशियन तैनात हैं। पन्ना जिला चिकित्सालय में इस प्रकार का कोई प्रकरण प्रश्न दिनांक तक संज्ञान में नहीं आया और न ही किसी के द्वारा शिकायत प्राप्त हुई है। (ग) पन्ना जिला चिकित्सालय में डॉक्टर अपने कक्ष में बैठकर मरीज देखते हैं। कुछ विशेषज्ञ, चिकित्सक वार्ड से सीरियस मरीज का कॉल आने पर अपने कक्ष से वार्ड जाते हैं एवं पूर्व से भर्ती मरीजों का राउन्ड लेते हैं। सी.सी.टी.वी. कैमरे जिला चिकित्सालय के मुख्य द्वार ओ.पी.डी. हॉल में एवं मरीजों के वेटिंग ऐरिया में लगे हुये हैं, जिनसे आने जाने की जानकारी मिलती है, जिस कक्ष में डॉक्टर बैठते हैं, उस कक्ष में सी.सी.टी.वी. कैमरे का कवरेज नहीं है। सिविल सर्जन को समय-समय पर निर्देशित किया जाता है कि ओ.पी.डी. के समय समस्त चिकित्सक एवं विशेषज्ञ निर्धारित कक्ष में निर्धारित समय तक बैठें। निर्देशों का पालन न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। (घ) शासकीय ड्यूटी के समय उपस्थित डॉक्टर चिकित्सालय में मरीज देखते हैं।
ओरछा व गढ़कुण्डार में किये गये कार्य
[पर्यटन]
25. ( *क्र. 951 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के ओरछा व गढ़ कुण्डार पर्यटन स्थलों पर 01.04.2014 से अब तक विभाग के द्वारा क्या कोई निर्माण, मरम्मत अथवा स्मारक संरक्षण के अन्य कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो पर्यटन स्थलवार, स्मारकवार कार्यों के नाम तथा उनके अनुमानित लागत व्यय की जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों पर प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई? कितने कार्य पूर्ण हैं तथा कितने अपूर्ण हैं? पूर्ण कार्यों में से कितने कार्यों का मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन कब और किसके द्वारा किया गया है? साथ ही कार्य एजेन्सी का नाम बतायें। (ग) अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जा सकेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों पर दिनांक 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 3,04,62,790/- व्यय की गई। 10 कार्य पूर्ण हैं तथा 03 अपूर्ण हैं। सभी पूर्ण कार्यों का मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन समय-समय पर संचालनालय पुरातत्व के उप संचालक, उत्तरी क्षेत्र, ग्वालियर, उप संचालक तकनीकी, मुख्यालय एवं सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र (स) अनुसार है। (ग) अपूर्ण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
आदिवासी
बाहुल्य
जिलों में
चिकित्सकों
की उपलब्धता
[चिकित्सा शिक्षा]
1. ( क्र. 109 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में चिकित्सकों का पंजीकरण किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों में जिलेवार कितने शासकीय एलोपेथिक चिकित्सक पंजीकृत है? (ग) प्रदेश के आदिवासी जिलों से प्रति हजार जनसंख्या पर कितने शासकीय चिकित्सक उपलब्ध है? (घ) वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी बाहुल्य जिलों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु क्या प्रयास किये जा रहै हैं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
साईकिल खरीदी में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
2. ( क्र. 121 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले के स्कूलों में बालक व बालिकाओं को शैक्षणिक सत्र 2015-16 व 2016-17 में किस-किस वर्ग के बालक बालिकाओं को कितनी-कितनी साईकिल का वितरण किया जाना था व कितनी-कितनी वितरण की गई वंचित छात्र-छात्राओं के कब तक वितरित की जायेगी? (ख) क्या 2015 में छात्र-छात्राओं को स्थानीय स्तर पर साईकिल 2400 रूपये प्रति साईकिल की दर से खरीदी गई तो फिर वर्ष 2016 में म.प्र. लघु उद्योग निगम से 3192 रूपये प्रति साईकिल पर 792 रूपये प्रति साईकिल से सप्लायर को बेजा लाभ क्यों दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित यदि प्रति साईकिल 792 रूपये अधिक लेकर 4 लाख साईकिल क्रय की गई तो क्या 316800000 रूपये (इकतीस करोड़ अडसठ लाख) अधिक व्यय क्यों किये गये?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) एवं (ग) वर्ष 2015-16 में साईकिल हेतु राशि 2400/- रूपये प्रति छात्र के मान से राशि छात्र/छात्राओं के बैंक खाते में जमा कराई जाती थी। वर्ष 2016-17 में नियमानुसार प्रक्रिया के माध्यम से प्रति साईकिल रूपयें 3192 राशि निर्धारित हुई है, जिसमें सभी कर सम्मिलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल ऑफिसर के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( क्र. 122 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 4 वर्षां में सिविल हॉस्पिटल गरोठ जिला मंदसौर के मेडिकल ऑफिसर की अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार, साथ ही नियम विपरीत नियुक्ति देने के संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें कब-कब व किस-किस के द्वारा किस-किस स्तर पर प्राप्त हुई? उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार विस्तृत विवरण दें। (ख) रोगी कल्याण समिति गरोठ को विगत पाँच वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई व कितनी-कितनी किस-किस कार्य पर व्यय की गई साथ ही रोगी कल्याण समिति की बैठकें कब-कब की गई व उसमें क्या-क्या निर्णय लिये गये? कौन-कौन उपस्थित थे? प्रति उपलब्ध कराते हुए विस्तृत विवरण दें। क्या समस्त व्यय शासन के नियमानुसार किया गया? (ग) क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अनुबंध की शर्तों में व म.प्र. शासन के नियमानुसार 1 जनवरी 2005 के पश्चात दो से अधिक सन्तान होने पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती है तो सिविल अस्पताल गरोठ में कार्यरत श्रीमती अंजनी धुर्वे, निवासी सराई, जिला छिदंवाड़ा को किस आधार पर नियुक्त किया गया? विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) रोगी कल्याण समिति गरोठ को विगत पाँच वर्षों में प्राप्त राशि एवं उस राशि का किया गया व्यय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है तथा आयोजित बैठक एवं बैठक में लिये गये निर्णय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। पाँच वर्ष में किये गये व्यय का ऑडिट श्री विरेन्द्र कुमार जैन एण्ड कंपनी द्वारा किया गया जिसमें किया गया व्यय नियमानुसार सही पाया। (ग) राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की अनुबंध की शर्तों व मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी नियमानुसार 01 जनवरी 2005 के पश्चात दो से अधिक संतान होने पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती है के अनुक्रम में सिविल अस्पताल गरोठ में कार्यरत श्रीमती अंजनी धुर्वे निवासी सराई जिला छिन्दवाड़ा के विरूद्ध शिकायतकर्ता श्री मुकेश पाटीदार निवासी गरोठ के द्वारा शिकायती पत्र कलेक्टर, मंदसौर को प्रेषित की जाने पर अपर कलेक्टर, जिला मंदसौर के पत्र क्रमांक 472/ दिनांक 19.09.2016 के द्वारा उक्त शिकायत जाँच हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला मंदसौर को प्राप्त हुई जिसकी जाँच उनके द्वारा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मेलखेड़ा से पत्र क्रमांक.6713 दिनांक 26.09.2016 द्वारा जारी करते हुये कराई गई जिसमें जांचकर्ता अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन एवं श्रीमती अंजनी धुर्वे, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा समग्र आ.ई.डी./नॉन ज्यूडिशल स्टाम्प पर शपथ पत्र प्रस्तुत किया जिसमें उनके दो जीवित बच्चे क्रमशः भूमिका धुर्वे आयु 10 वर्ष एवं पंखुड़ी धुर्वे आयु 02 वर्ष होने का उल्लेख होने के आधार पर उक्त शिकायत असत्य पाई गई।
हाईस्कूलों के उन्नयन में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
4. ( क्र. 135 ) श्री हरवंश राठौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाईस्कूल से हायर सेकेण्ड्री में उन्नयन के लिए विभाग के न्यूनतम मापदण्ड जनसंख्या 3000 से कम, दूरी 08 कि.मी. से कम, पोषक स्कूल में छात्रसंख्या 100 से कम तथा कक्षा 11वीं में 30 विद्यार्थियों से कम नहीं होना चाहिए? (ख) क्या हाईस्कूलों यथा - 1. दुगाहाकलां मालथौन जनसंख्या 1415, छात्र संख्या 45 2. रोड़ा मालथौन जनसंख्या 2132, छात्र संख्या 72 3. पिठौरिया मालथौन जनसंख्या 2157, दूरी 7 कि.मी. 4. मुहली सागर जनसंख्या 1603 वर्ष 2014 5. चितौरा सागर जनसंख्या 2466 छात्र संख्या 87 वर्ष 2014 6. भैंसानाका सागर दूरी 5 कि.मी. वर्ष 2016 7. सेमरा गोपालमन जैसीनगर जनसंख्या 1529 वर्ष 2014 8. छपरा रहली जनसंख्या 2386 छात्र संख्या 70 वर्ष 2014-15 9. चनौआ रहली जनसंख्या 1572 दूरी 7 कि.मी. वर्ष 2016-17 10. कन्या शाला खुरई छात्रसंख्या 63 दूरी 01 किलोमीटर का उन्नयन हायर सेकेण्डरी स्कूलों में किया गया है तथा निर्धारित मापदंडों की पूर्ति नहीं हो रही हैं? (ग) यदि कंडिका (ख) का जवाब हाँ में है तो क्या शासन ने मापदंड को दरकिनार कर शालाओं का उन्नयन नहीं किया है और विधानसभा क्षेत्र बण्डा की 6 हाई स्कूलों यथा कंदवा, सेसईसाजी, नीमोन, गूगराखुर्द, बहरोल तथा तारपोह को हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन क्यों नहीं किया जा रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) निर्धारित मापदंडों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) सक्षम स्वीकृति के आधार पर उन्नयन आदेश जारी किये जाते हैं। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण सभी पात्र स्कूलों का उन्नयन नहीं हो पाता है।
पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( क्र. 139 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा में पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण कब किया गया था वर्तमान में इसकी भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त पी.एम. हाउस की जर्जर हालत से बी.एम.ओ. बण्डा ने सी.एम.एच.ओ. सागर को या जिला स्तर से राज्य शासन को अवगत नहीं कराया है? (ग) क्या अस्पताल के निरीक्षण में पी.एम. हाउस को जर्जर स्थिति में पाया गया तथा यदि इस क्षतिग्रस्त हाउस को नहीं गिराया गया तो कभी भी धराशायी हो जावेगा। (घ) क्या विभाग अविलम्ब नया पी.एम.हाउस का निर्माण स्वीकृत करेगा ताकि भविष्य में होने वाली जानमाल की क्षति से बचा जा सके।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्ष 1907-08. पुराना भवन सामान्य स्थिति में है पन्तु वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं है। (ख) जी नहीं, अवगत कराया गया हैं। (ग) जी नहीं, जी नहीं। (घ) पुराना भवन वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं होने से नवीन भवन निर्माण हेतु जिले से प्रस्ताव प्राप्त होने पर नया भवन निर्माण हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी।
बोतलबंद मिनरल पानी की गुणवत्ता का निर्धारण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( क्र. 157 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बोतलबंद मिनरल वाटर की गुणवत्ता हेतु शासन द्वारा किसी मापदण्ड का निर्धारण किया जाता है? यदि हाँ, तो उसकी संक्षिप्त जानकारी देवें। (ख) क्या गौसन ब्राण्ड बोतलबंद मिनरल वाटर का उत्पादन म.प्र के धार जिले के लेबड़ स्थित कारखाने में किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इस ब्राण्ड के मिनरल वाटर की गुणवत्ता का परीक्षण अंतिम बार कब किया गया था तथा इसकी रिपोर्ट अनुसार गुणवत्ता में क्या-क्या कमियां पायी गयी? (घ) लेबड़ स्थित गौसन मिनरल वाटर उत्पादन यूनिट हेतु कच्चा माल अर्थात पानी की आपूर्ति किस प्रकार से तथा किस संस्था द्वारा की जाती है तथा इस हेतु कितनी धनराशि का भुगतान सालाना किया जाता है एवं शासन को कितनी धनराशि की रायल्टी प्राप्त होती है। (ङ) क्या ग्राम लेबड़ तथा आस-पास की ग्राम पंचायतों में ग्रीष्मकाल एवं उसके पश्चात पेयजल का संकट रहता है? यदि हाँ, तो क्या गीष्मकाल में उक्त कारखाने के पानी के स्त्रोत का अधिग्रहण कर ग्रामवासियों को पानी के वितरण की व्यवस्था की जावेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) से (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
नि:शक्त मरीजों हेतु ई-रिक्शा की व्यवस्था
[चिकित्सा शिक्षा]
7. ( क्र. 234 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेडिकल कॉलेज जबलपुर परिसर में नि:शक्त मरीजों को एक विभाग से दूसरे विभाग में जाने के लिये कोई वाहन व्यवस्था नहीं है? (ख) क्या ऐसे मरीजों को परिजनों की गोद में जाना पड़ता है? (ग) क्या गर्मी, बरसात, ठंड में मरीजों को ऐसी ही अव्यवस्था में इलाज कराना पड़ेगा? (घ) क्या ई-रिक्शे संचालित किये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावे. यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। परिसर में वाहन की आवश्यकता नहीं होती है, इस हेतु स्ट्रेचर, ट्राली, व्हील चेयर आदि की सुविधा उपलब्ध है। (ख) जी नहीं। (ग) मरीजों के ईलाज हेतु चिकित्सालय में समुचित व्यवस्था है। (घ) वर्तमान में शासन की ऐसी कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडीकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर में अव्यवस्थाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( क्र. 235 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेडिकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर में केजुअल लेबरों की कमी का खामियाजा मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है? (ख) क्या वार्ड ब्वॉय न होने के कारण परिजनों को ऑक्सीजन सिलेन्डर एवं स्ट्रेचर से अपने मरीजों को स्वयं लाना ले जाना पड़ता है? (ग) क्या गंभीर मरीजों के लिये यह व्यवस्था नुकसानदेय नहीं है? (घ) क्या कॉलेज प्रशासन निकाले गये लेबरों को पुन: रखने पर विचार करेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ‘‘क'' एवं ‘‘ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘क'', ‘‘ख'' एवं ‘‘ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
9. ( क्र. 267 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला चिकित्सालय का उन्नयन कब तथा कितने बिस्तर का हुआ था? क्या जिला चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अनूपपुर के भवन में संचालित है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कुल कितने बिस्तर लगे हैं तथा मेटरनिटी वार्ड, बर्न यूनिट, एस.एन.सी.यू. किस भवन में संचालित है? (ख) क्या म.प्र. शासन ने जिला चिकित्सालय को सौ से दो सौ बिस्तर उन्नयन कर दिया है? यदि हाँ, तो तिथि बतावें? दो सौ बिस्तर के जिला चिकित्सालय संचालन हेतु विभाग ने क्या वैकल्पिक व्यवस्था की है? (ग) क्या जिला चिकित्सालय भवन बनाने हेतु विभाग ने कोई पहल की थी? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) 100 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय अनूपपुर का 200 बिस्तर में उन्नयन दिनांक 01.10.2016 को किया गया। जी नहीं, जिला चिकित्सालय के भवन में, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन भी सम्मिलित हैं में संचालित है। वर्तमान में 140 बिस्तर लगे है तथा मेटरनिटी वार्ड, बर्न यूनिट, एस.एन.यू. जिला चिकित्सालय के भवन में संचालित है। (ख) जी हाँ। दिनांक 01.10.2016 को। जिला चिकित्सालय के वर्तमान भवन में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। (ग) जी हाँ, कलेक्टर अनूपपुर द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि पर 200 बिस्तरीय अस्पताल भवन के निर्माण के लिये कंसेप्ट प्लान एवं डी.पी.आर. प्रस्तुत करने हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 1249 दिनांक 04.05.2017 द्वारा परियोजना संचालक, लोक निर्माण विभाग, परियोजना क्रियान्वयन इकाई भोपाल को भेजा गया है।
म.प्र. शासन के कर्मचारियों के उपचार हेतु मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 275 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के स्थाई कर्मचारियों तथा उनके परिवार के आश्रित सदस्यों के उपचार के लिये क्या शासन द्वारा निजी अस्पतालों को मान्यता प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो प्रदेश में कौन-कौन से निजी अस्पतालों को किस-किस रोग के उपचार के लिये मान्यता दी गई है? कृपया जिलेवार निजी चिकित्सालयों की सूची उपलब्ध करायें? (ख) उक्त मान्यता प्राप्त अस्पतालों में इनडोर एवं आउटडोर उपचार कराने के लिये शासकीय सेवकों को उपचार पूर्व विभाग/शासन से स्वीकृति लेनी होती है? यदि हाँ, तो इसके क्या नियम एवं प्रक्रिया निर्धारित की गई है? कृपया नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त अस्पतालों में उपचार के पूर्व शासकीय सेवकों या उनके परिवार के सदस्यों को किसी शासकीय चिकित्सालय के चिकित्सक द्वारा रेफर किया जाना अनिवार्य है? उसके क्या नियम है? कृपया निर्देश/नियमों की प्रति उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी प्रश्नांश ‘ख‘ में उल्लेखित नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार।
बैरसिया के स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 280 ) श्री विष्णु खत्री : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा स्कूल उन्नयन के संबंध में माननीय मंत्री जी को पत्र के माध्यम से लेख किया है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो ग्राम डुंगरिया, सुकलिया, बरखेड़ा बरामद, कुल्होर, लाम्बाखेड़ा, मजीदगढ़, झिरनिया एवं बागसी में संचालित माध्यमिक शाला से हाई स्कूल में उन्नयन एवं ग्राम रतुआ, नायसमंद, सौहाया, धर्मरा एवं जमूसर-कलां को हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन कब तक हो जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) शा. मा. शाला मजीदगढ़ का दिनांक 20 मई 2016 को हाई स्कूल में उन्नयन किया गया। वर्ष 2017-18 में उन्नयन कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन मापदण्डों की पूर्ति, बजट प्रावधान पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परियोजना समन्वयक के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 282 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज है उन अधिकारियों को जिला परियोजना समन्वयक पद से पृथक किये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या श्री मदन त्रिपाठी जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र शहडोल के विरूद्ध लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज है? क्या श्री मदन त्रिपाठी के विरूद्ध न्यायालय प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी बुढ़ार में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत कारण आपराधिक प्रकरण प्रचलित है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) सही है तब श्री मदन त्रिपाठी को जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र शहडोल के पद से पृथक नहीं किये जाने के क्या कारण है जैसा कि श्री सी.बी. तिवारी तत्कालीन जिला परियोजना समन्वयक सीहोर को जिला परियोजना समन्वयक पद से पृथक कर दिया गया था? (घ) श्री मदन त्रिपाठी को जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र से कब तक पृथक किया जावेगा? समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्यों, स्पष्ट कारण बताएं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला परियोजना समन्वयक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने के लिए अभ्यर्थी के विरूद्ध किसी प्रकार की विभागीय जाँच/अपराधिक प्रकरण/न्यायालयीन प्रकरण प्रचलित नहीं होने एवं अभ्यर्थी द्वारा दी गई उक्ताशय की जानकारी गलत पाये जाने की स्थिति में नियुक्ति निरस्त करने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। श्री छोटेलाल सरावगी द्वारा माननीय न्यायालय, बुढ़ार में उनकी पत्नी तथा भाईयों के नाम की भूमि पर परिवाद प्रस्तुत किया गया था। उपरोक्त परिवाद के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा स्थगन दिया गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण में श्री मदन कुमार त्रिपाठी के विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही का निर्णय माननीय न्यायालय द्वारा पारित नहीं किया गया है। (ग) श्री चन्द्रभान तिवारी, जिला परियोजना समन्वयक, सीहोर के विरूद्ध तत्समय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर रहते हुए लोकायुक्त प्रकरण 31/14 के परिप्रेक्ष्य में भा.द.संहिता की धारा 420, 409, 120 बी एवं 34 के तहत दिनांक 15.10.2016 को एफ.आई.आर. दर्ज होने से आदेश दिनांक 22.4.2017 से सेवायें मूल विभाग वापिस की गई है। श्री मदन कुमार त्रिपाठी के संबंध में कारण उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
13. ( क्र. 291 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्व शिक्षा अभियान में शिक्षक, व्याख्याता, अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों के प्रतिनियुक्ति पर जाने से और उनके स्थान पर पदस्थ किये गये शिक्षक/अतिथि शिक्षकों से अध्यापन कराया जाना गिरते शैक्षणिक स्तर एवं शिक्षा की गुणवत्ता में कमी, का एक विशिष्ट कारण हैं? (ख) क्या यह सच है कि स्कूल शिक्षा विभाग से सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिला एवं जनपद शिक्षा केन्द्र अंतर्गत प्रतिनियुक्ति पर, ऐसी शालाओं के शिक्षकों को बी.आर.सी.सी., बी.ए.सी. एवं टी.सी.सी. के पद पर भेजा गया है, जो एक शिक्षकीय थीं अथवा उन शिक्षकों की विषयमान से उस शाला में अति आवश्यकता थी? (ग) यदि नहीं, तो बतावें कि सागर जिले में स्कूल शिक्षा विभाग से सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत कौन-कौन प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक एवं अध्यापक संवर्ग के शिक्षक-शिक्षिकायें किस शाला से कब से प्रतिनियुक्ति पर हैं और वे किस विषय के हैं और उनके स्थान पर किन शिक्षकों को कब से रखा गया है? उनका शैक्षणिक अनुभव, शैक्षणिक एवं व्यवसायिक योग्यता क्या हैं? (घ) प्रतिनियुक्ति हेतु राज्य शासन की शर्त के अनुसार सागर जिले में ऐसे कितने शिक्षक संवर्ग के व्यक्ति हैं जो निर्धारित समयावधि समाप्त होने के बाद भी प्रतिनियुक्ति पर हैं, इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर इन्हें कब तक मूल विभाग में मूल पद पर वापिस किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। सर्वशिक्षा मिशन अंतर्गत निर्धारित चयन प्रक्रिया अनुसार शिक्षक संवर्ग की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर ली जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के द्वारा याचिका क्रमांक 12090/2016, 13273/2016, 13304/2016 एवं अवमानना प्रकरण 1324/2016 में पारित आदेश के परिपालन में मूल विभाग में इनकी सेवायें वापिस नहीं की गई है। वर्तमान में माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गर्भवती महिलाओं का पंजीयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 316 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा गर्भवती महिलाओं का प्रसव चार्ट संधारित किया जाना सुनिश्चित किया है? यदि हाँ, तो इस कार्य की जिम्मेदारी किस स्तर के अधिकारी व मैदानी कर्मचारी को सौंपी गई है? (ख) क्या भोपाल संभाग में गर्भवती महिलाओं का रिकार्ड एकत्रित किया गया है। यदि हाँ, तो विगत 2 वर्ष के दौरान भोपाल संभाग में दर्ज प्रसूताओं का जिलावार, ब्लॉकवार संख्यात्मक ब्यौरा दें। (ग) क्या भोपाल संभाग में दर्ज प्रसूताओं की संख्या एवं प्रसव संख्या में अंतर है? यदि हाँ, तो जिलावार एवं ब्लॉकवार ब्यौरा दें। (घ) क्या भोपाल संभाग में प्रश्नांश (ख) अवधि में भ्रूण लिंग परीक्षण के मामले प्रकाश में आए हैं? यदि हाँ, तो जिलावार ब्लॉकवार ब्यौरा दें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रसव चार्ट (पार्टोग्राफ) के संधारण की जबाव देही स्टॉफ नर्स/ए.एन.एम. की होती है एवं स्टॉफ नर्स/ए.एन.एम. के कार्य की मॉनिटरिंग प्रसव कक्ष प्रभारी चिकित्सक की होती है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, दर्ज/पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की संख्या एवं प्रसव संख्या में अन्तर है। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) भोपाल संभाग के किसी जिलें में भ्रूण लिंग परीक्षण का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों के संचालन की अनुमति
[चिकित्सा शिक्षा]
15. ( क्र. 317 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा निजी संस्थाओं को नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो नियम व शर्तों की पूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या भोपाल संभाग में प्रश्नांश (क) अनुसार कॉलेज संचालित हैं? यदि हाँ, तो जिलावार संचालित कॉलेजों का ब्यौरा दें? कॉलेजों में वर्तमान में संचालित पाठ्यक्रमों का ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कॉलजों में पदस्थ/कार्यरत प्राचार्य और व्याख्याताओं की शैक्षणिक योग्यता का कॉलेजवार ब्यौरा दें। (घ) क्या कॉलेज निजी भवनों में संचालित हैं? यदि हाँ, तो कॉलेजवार उपलब्ध शिक्षण कक्ष, प्रयोगशालाओं तथा शासन द्वारा तय मापदण्डों के अनुसार वांछित एवं उपलब्ध सुविधाओं का कॉलेजवार ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) निजी संस्थाओं को नर्सिंग कॉलेज संचालित करने की अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। पैरामेडिकल कॉलेज संचालित करने की अनुमति दी जाती है। नियम एवं शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) भोपाल संभाग के अन्तर्गत प्रश्नांश ‘‘क'' अनुसार जिलेवार संचालित पैरामेडिकल कॉलेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश ‘‘ख'' पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश ‘‘ख'' पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
शासकीय शालाओं की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
16. ( क्र. 395 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुक्रम में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रदेश की शासकीय शालाओं की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त स्वीकृति के तारतम्य में सागर विधान सभा क्षेत्र की कितनी शालाओं को स्वीकृति दी गयी थी? (ख) क्या स्वीकृत शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो किन-किन शालाओं का शेष है? शेष रहने के क्या कारण है? (ग) क्या स्वीकृत शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की एजेंसी को कार्य का भुगतान नहीं किये जाने से निर्माण कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो सकें? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? प्रश्नाधीन निर्माण कार्यों को कब तक राशि उपलब्ध करायी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुक्रम में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में सागर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत किसी भी शाला में बाउण्ड्रीवॉल स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) सागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उत्तरांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिलें के शेष क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं 1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। हाई/हायरसेकेण्डरी शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2015-16 में बाउन्ड्रीवॉल हेतु स्वीकृत राशि का भुगतान नवीन वित्तीय व्यवस्था लागू होने के कारण जिले स्तर पर नहीं हो सका था। मांग के आधार पर लोक निर्माण विभाग को वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 14,15,16,000 आवंटित की गई। शेषांश उपस्थित नहीं होता।
बी.एम.सी. सागर में सुपर स्पेशलिटी नर्सिंग प्रशिक्षण एवं एम्बुलेंस सुविधाओं की पूर्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
17. ( क्र. 396 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की योजना है? यदि हाँ, तो कितने सुपर स्पेशलिटी पद किन-किन विषयों के स्वीकृत किये जायेंगे एवं कब तक? (ख) क्या बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है? क्या बी.एम.सी. सागर में बी.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या नर्सिंग के विद्यार्थियों को छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है? छात्रावास की सुविधा कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? (घ) क्या मेडिकल कॉलेजों में एम्बुलेंस की सुविधा का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बुन्देलखण्ड मेडीकल कॉलेज सागर में कितनी एम्बुलेंस उपलब्ध करायी गयी हैं? यदि नहीं, तो क्यों? एम्बुलेंस सुविधा कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) वर्तमान में योजना विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। बी.एस.सी. नर्सिंग हेतु योजना विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। एम्बुलेंस के क्रय सम्बन्धी प्रक्रिया जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
औषधि दुकानों के लायसेंस का नवीनीकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
18. ( क्र. 409 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के अंतर्गत ड्रग विभाग द्वारा औषधि विक्रेताओं के फुटकर एवं थोक लायसेंस प्रदान किये जाते हैं एवं क्या उनकी निश्चित समय-सीमा उपरांत नवीनीकरण भी किया जाता है? (ख) सागर जिले में ऐसे कितने औषधि एवं फुटकर विक्रेताओं के लायसेंस नवीनीकरण हेतु आवेदन करने के पश्चात लंबित हैं? (ग) ऐसे कितने फुटकर औषधि विक्रेता वर्तमान में अपनी दुकान का संचालन कर रहे हैं, जिनका नवीनीकरण का कार्य विभाग में लंबित है? (घ) औषधि विक्रेता का नवीनीकरण लंबित होने के लिये कौन जिम्मेदार है एवं नवीनीकरण कार्य कब तक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अंतर्गत औषधियों के थोक एवं फुटकर विक्रय हेतु औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली, 1945 के नियम 64 के अनुसार आवेदक (अनुज्ञप्तिधारी) द्वारा प्रस्तुत आवेदन की समस्त अर्हताओं का पालन किये जाने पश्चात संबंधित अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियाँ जारी की जाती है। औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियों की वैधता औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमावली, 1945 के नियम 63 के अनुसार जारी दिनांक से पाँच वर्ष होती है। अतः औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियों का नवीनीकरण आवेदक द्वारा चाहे जाने पर एवं आवेदन की समस्त अर्हताओं का पालन किये जाने के पश्चात् जारी दिनांक से प्रत्येक पाँच वर्ष पश्चात् पूर्व से प्रदत्त औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण संबंधित अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा किया जाता है। (ख) सागर जिले में 01.04.2016 से आज दिनांक 13.07.2017 तक औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियों के नवीनीकरण हेतु प्राप्त आवदेनों की कुल संख्या 186 है जिनमें से कुल 84 आवेदनों का निराकरण कर पूर्व से प्रदत्त औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियों का नवीनीकरण किया जा चुका है (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है।) एवं कुल 102 आवेदन, आवेदक (अनुज्ञप्तिधारी) द्वारा नवीनीकरण हेतु प्रस्तुत आवेदन की समस्त अर्हताओं का पालन न किया जाने के कारण आवेदक के स्तर पर लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘ख' के परिप्रेक्ष्य में चाही गई जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश ‘ख' एवं ‘ग' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन में कमियाँ होने के कारण आवेदन आवेदक के स्तर पर ही लंबित है। जिसके लिये आवेदक स्वंय ही जिम्मेदार है। कमियों की पूर्ति के उपरांत समय-सीमा में नवीनीकरण किया जा सकेगा।
हिन्दी से अंग्रेजी माध्यम स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
19. ( क्र. 410 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2014-15, 2016-17 में सागर जिले में म.प्र. शासन भोपाल द्वारा कितनी शालाओं को अंग्रेजी माध्यम में उन्नयन किया गया है? (ख) उन्नयन किये गये स्कूलों में कितने बच्चे अध्ययनरत है? शालावार जानकारी देवें? (ग) उन्नयन किये गये स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के कितने शिक्षक पदस्थ हैं एवं शासन द्वारा इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के किन-किन शिक्षकों को पदस्थ किया गया है? (घ) क्या उन्नयन किये गये शालाओं में शासन द्वारा पाठय सामग्री एवं अन्य व्यवस्थायें की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) - अंग्रेजी माध्यम की शालाओं में शासन द्वारा शासकीय शालाओं के समान छात्रों को अंग्रेजी माध्यम की नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक, गणवेश प्रदाय की जा रही है। इसके अतिरिक्त शालाओं को शासन द्वारा प्रदान की जाने वाली समस्त सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
विभागीय ठेके में ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरती जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( क्र. 420 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिलान्तर्गत शासकीय अस्पतालों में सफाई का ठेका शासन स्तर से हुआ था? यदि हाँ, तो कब व शासन के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायी जाये? (ख) यह ठेका किस एजेंसी को प्रदाय किया गया था? क्या अस्पतालों की सफाई में जिला दमोह में भारी अनियमिततायें की जा रही हैं? सफाई में लगाये गये कर्मचारियों का 6-6 माह मानदेय नहीं देने से अस्पतालों में सफाई नहीं हो रही है? यदि ऐसा है तो जिस एजेंसी को ठेका दिया गया था क्या उस पर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ‘‘क'' के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में साफ-सफाई का कार्य मेसर्स कामथेन सिक्योरिटी सर्विस इन्दौर एवं जिला चिकित्सालय दमोह में मेसर्स रवि सिक्योरिटी एजेन्सी भोपाल द्वारा किया जा रहा है। ऐजेन्सी को नियमित भुगतान किया जा रहा है एवं ऐजेन्सी के द्वारा रखे गये कर्मचारियों को अपने स्तर से भुगतान किया जाता है। विभागीय ऑडिट के दौरान कुछ अनियमितताएं परिलक्षित होने पर नियमानुसार एजेन्सी के विरूद्ध पेनाल्टी लगाई गई। जी हाँ। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिलों में साफ-सफाई की व्यवस्था हेतु राज्य स्तर से टेण्डर की कार्यवाही प्रचलन में है। यथासंभव शीघ्र।
विभागीय मंत्री के पत्र पर की गई कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
21. ( क्र. 421 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. विभागीय मंत्री द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2642 एवं 2643 दिनांक 25.04.2017 द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव एवं आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के अधीक्षक को पद से हटाकर उनके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर उच्च स्तरीय जाँच कराकर दण्ड दिए जाने बावत पत्र लिखा गया था? (ख) क्या उपरोक्त पत्र में अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय की अवैध नियुक्ति एवं नियम विरूद्ध नियमितीकरण, शास. कार्यालय में व्यावसायिक गतिविधि संचालित करने, पैसे लेकर मरीजों को देखने बावत जाँच करने एवं अधिष्ठाता द्वारा स्टाफ नर्सों के निलंबन/सेवा समाप्त के संबंध में जारी निर्देशों को निरस्त करने के निर्देश दिए गये थे? (ग) क्या गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक ग्रेड-2 का पद स्वीकृत है? यदि नहीं, तो इनकी नियुक्ति कैसे हुई एवं क्या वर्ष 2008 में उक्त चिकित्सक की स्नातकोत्तर डिग्री एम.सी.आई. में रजिस्टर्ड थी यदि नहीं, तो इनका नियम विरूद्ध नियमितीकरण क्यों किया गया? (घ) माननीय विभागीय मंत्री के उपरोक्त पत्र अनुसार प्रश्न दिनांक तक हमीदिया चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी को पद से हटाकर पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच क्यों नहीं की गई? अधीक्षक को हटाकर जाँच कब तक कर ली जावेगी? समय-सीमा बतायें।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। डॉ. दीपक मरावी की नियुक्ति संविदा सेवा भर्ती नियम, 2000 के तहत संविदा के आधार पर की गई थी। विभाग के आदेश दिनांक 08 मार्च, 2007 के द्वारा डॉ. मरावी का नियमितीकरण किया गया है। (घ) जाँच कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध न कराने के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
22. ( क्र. 441 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार व राज्य सरकार के मध्य एन.आर.एच.एम. अंतर्गत लागत हिस्सेदारी वर्ष 2011 से 2016 के मध्य क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुदान क्या सीधे एस.एच.एस. द्वारा राज्य को जारी किया गया, जिसको एस.एच.एस. द्वारा डी.एच.एस. के जिले स्तर पर डी.एच. ब्लॉक स्तर पर, सी.एच.सी. तथा ग्राम स्तर पर पी.एस.सी. को निधि वितरित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि का प्रश्नांश (ख) अनुसार रीवा संभाग अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी राशि प्रश्नांश (ख) के संबंधितों को प्राप्त हुई तथा उन राशियों का किन कार्यों में व्यय किया गया? क्या जारी की गई पूरी राशि का उपयोग किया गया अथवा राशि संबंधितों के पास शेष बची यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या राशि एन.आर.एच.एम. की परिकल्पना अनुसार 10 प्रतिशत राज्य, 20 प्रतिशत जिले एवं 70 प्रतिशत ब्लॉक व निचले स्तर पर खर्च की गई? (ड.) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या स्वास्थ्य केन्द्र जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार एन.आर.एच.एम. के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधा हेतु संचालित किये गये हैं? रीवा संभाग अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र, पी.एस.सी., सी.एस.सी. के संचालन का मापदण्ड क्या जनसंख्या अनुसार है? अगर नहीं तो इस पर सरकार द्वारा क्या निर्णय लिया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) भारत सरकार व राज्य सरकार के मध्य एन.आर.एच.एम. अन्तर्गत लागत हिस्सेदारी वर्ष 2011-12 में 85:15 वर्ष 2012-13 से वर्ष 2014-15 तक 75:25 एवं वर्ष 2015-16 में 60:40 अनुपात में थी। (ख) जी हाँ, भारत सरकार एवं राज्य सरकार से एस.एच.एस. को अनुदान प्राप्त होता है। एस.एच.एस. द्वारा डी.एच.एस को राशि आंवटित की जाती है। डी.एच.एस द्वारा डी.एच. एवं विकासखण्डों को राशि का आवंटन किया जाता है तथा विकासखण्डों द्वारा अधीनस्थ इकाइयों को राशि जारी की जाती है। (ग) रीवा संभाग में प्राप्त, व्यय एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। तथा जिलेवार वर्षवार एवं गतिविधिवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। जी नहीं, कुल प्राप्त राशि में से निरंतर की जाने वाली गतिविधियों हेतु राशि शेष रहती है। (घ) जी नहीं, परिकल्पना के लगभग राशि व्यय की गयी है। (ड.) एन.आर.एच.एम. अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार नहीं किया जाता है बल्कि संस्थाओं के अनुसार संचालन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लिंगानुपात एवं टीकाकरण की योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( क्र. 442 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग द्वारा एन.आर.एच.एम. के अंतर्गत प्रदेश में बढ़ रहे लिंग अनुपात के कारण लड़कियों की संख्या का अनुपात लड़कों की संख्या से कम हो रहा है, इस गिरावट को रोकने बाबत् क्या कार्यवाही की गई, विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2014 से प्रश्नांश तक रीवा जिले अंतर्गत ए.एन.सी. के लिये कुल कितनी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया गया, उनमें से कितने प्रसव हुए,? उनमें से कितने मृत जन्में, जीवित जन्मों की संख्या के साथ बालक एवं बालिकाओं की संख्या क्या थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वर्ष 2014 से प्रश्नांश तक यू.आई.पी. के तहत (क्षय, पोलियों, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, खसरा, हेपेटाइटिस बी) 07 रोगों के बचाव हेतु जिले में टीकाकरण की स्थिति क्या है? का विवरण देते हुए बतावें कि टीका न लगने के कारण वर्षवार कितने मृत्युएं कब-कब हुई? (घ) प्रश्नांश (ख) के प्रसव दौरान शिशुओं एवं माताओं की मृत्यु के लिये कौन-कौन जवाबदार हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे तथा प्रश्नांश (ग) अनुसार टीकाकरण लक्ष्य अनुसार पूर्ण न करने के लिये कौन-कौन दोषी है? टीकाकरण न होने से हुई मृत्युओं के लिये कौन-कौन जवाबदार है? लिंगानुपात के गिरते स्तर के सुधार बाबत् शासन एवं प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही असंतोषपूर्ण होने के लिये कौन-कौन जवाबदार है तथा इस पर रोक बाबत् क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, एन.आर.एच.एम के अंतर्गत संधारित एच.आई.एम.एस. के अनुसार वर्ष 2014-15 वर्ष 15-16 एवं वर्ष 16-17 में जन्म के समय शिशुओं में पुरूष व महिला लिंग अनुपात क्रमश: 1000: 926, 1000: 929 एवं 1000:938 है। महिला लिंग अनुपात बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम एवं नियम का कड़ाई से क्रियान्वयन करने के प्रयास किये जा रहे है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ख) प्रश्न भाग की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
ए.एन.सी. पंजीकरण की संख्या |
प्रसव की संख्या |
जन्में बच्चों की संख्या |
मृत जन्में बच्चों की संख्या |
|
बालक |
बालिका |
||||
2013-14 |
71171 |
44201 |
23154 |
20474 |
573 |
2014-15 |
71894 |
45426 |
23511 |
21067 |
848 |
2015-16 |
73238 |
46878 |
22003 |
24141 |
734 |
2016-17 |
63274 |
47527 |
22474 |
24508 |
545 |
कुल योग |
208406 |
139831 |
67988 |
69716 |
2127 |
(ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक रीवा जिले में यू.आई.पी. के तहत (क्षय, पोलिया, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, खसरा, हेपेटाईटिस-बी) 07 रोगों से बचाव हेतु किये गये टीकाकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। केवल खसरा रोग से एक-एक बच्चे की मृत्यु वर्ष 2015-16 व 2017-18 में क्रमश: दिनांक 18.12.2015 व 16.04.2017 को हुई है। (घ) प्रसव के दौरान शिशुओं एवं माताओं की मृत्यु के लिये प्रसूता, उसके परिजन एवं स्वास्थ्य संस्था में कार्यरत स्टॉफ की व्यक्तिगत अथवा संयुक्त जवाबदेही हो सकती है। प्रसव के दौरान शिशुओं एवं माताओं की मृत्यु होने पर प्रत्येक प्रकरण की जांच/समीक्षा की जाती है और जांच/समीक्षा में स्टॉफ के दोषी पाये जाने पर संबंधितों दोषियों पर नियुमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। टीकाकरण नहीं करने वाले क्षेत्रिये स्वास्थ्य कार्यकर्ता जवाबदेह है। लिंग भेद करने वाले व इसमें सहयोग करने वाले लोग जवाबदेह है। इसके लिये प्रदेश में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम एवं नियम के कड़ाई से क्रियान्वयन करने के प्रयास शासन व प्रशासन के द्वारा किये जा रहे है।
वित्तीय जानकारी एवं दैनिक व्यवस्थाओं की पूर्ती
[स्कूल शिक्षा]
24. ( क्र. 465 ) श्री मधु भगत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग जिला-बालाघाट में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित दिनांकवार वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें। साथ ही समस्त प्रकार की खरीदी/नीलामी की वित्तीय जानकारी दिनांकवार प्रदाय करें। विज्ञापनों के खर्चों का ब्यौरा पृथक से देवें। (ख) क्या तीनगडी शाला भवन, मोतेगांव, सहित कई शाला भवनों की स्थिति अत्यंत खराब है जिससे छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकों के जान माल का खतरा हमेशा बना रहता है तथा क्या सर्वे कराकर क्षतिग्रस्त शाला भवनों का मरम्मत/नव निर्माण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या जिले की शालाओं में शौचालयों एवं शुद्ध जल की व्यवस्था भी पर्याप्त मात्रा में नहीं है? क्या विभागीय तौर पर उक्त व्यवस्थाओं को तत्काल ठीक कर लिया जावेगा। भवनविहीन, शौचालयविहीन, बाउंड्रीवॉलविहीन एवं हैण्डपम्पविहीन शालाओं की जानकारी भी प्रदाय करें। (घ) क्या शालाओं में पर्याप्त शिक्षकों की कमी के चलते अध्यापन कार्य में असुविधा हो रही है एवं विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है? उक्त व्यवस्थाएं कब तक पूर्ण कर ली जावेंगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जी नहीं। शासकीय प्राथमिक शाला तीनगडी एवं मोतेगाँव के शाला भवन मरम्मत हेतु राशि की स्वीकृति दी जाकर मरम्मत कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। जिले में सर्वे पश्चात 253 जर्जर भवन चिन्हांकित किये गये है। नवीन भवनों का निर्माण भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर निर्भर है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) बालाघाट जिले के समस्त प्राथमिक/माध्यमिक/हाईस्कूल/हायर सेकेन्डरी स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भवन विहीन, स्थाई पेयजल स्त्रोत विहीन बाउंड्रीवॉल विहीन शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' पर है। (घ) जी नहीं। स्वीकृत पद अनुसार शिक्षक पदस्थ न होने पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति संविदा शाला शिक्षक के पद पर भर्ती/पदोन्नति/स्थानांतरण से किये जाने का प्रावधान है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्यालयों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
25. ( क्र. 538 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने हाई स्कूल एवं कन्या प्रा.पाठशाला व कन्या शा. माध्य. विद्यालय संचालित हैं, उसमें से वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक में कितने विद्यालयों के उन्नयन किये गये है? (ख) क्या शास. हाई स्कूल सकरिया से चितरंगी की दूरी 15 कि.मी. है और इस विद्यालय में लगभग 450 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं तथा 10-12 गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं, यहां की जनसंख्या 2500 के लगभग है जो शासन के गाईड लाईन के अनुकूल है। क्या पूर्व मान. मंत्री महोदय जी द्वारा स्वीकार किया था कि शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुकूल है और वित्तीय अभाव की कमी के कारण उन्नयन किया जाना संभव नहीं है और वर्तमान में जो उन्नयन की सूची प्राप्त हुई है, उसमें निर्धारित मापदण्ड का अभाव दिखाकर उन्नयन नहीं हो सकता? यदि हाँ, तो शासन का निर्धारित मापदण्ड क्या है? (ग) हाई स्कूल सकरिया को हायर सेकेण्ड्री में तथा कन्या शा.प्रा. शाला कर्थुआ को शास. माध्य. व कन्या शा.मा. विद्यालय को शा. हाई स्कूल में उन्नयन कब तक में करा दिये जायेंगे? समय-सीमा बताएं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 32 हाईस्कूल, 03 शासकीय कन्या प्राथमिक शाला एवं 02 शासकीय कन्या माध्यमिक शालाएं संचालित है। वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 03 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल एवं 01 हाईस्कूल का उमावि में उन्नयन किया गया है। (ख) जी हाँ, इस विद्यालय में 227 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। यहां की जनसंख्या 1115 है। निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) शालाओं का उन्नयन मापदंडों की पूर्ति, बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शालाओं में भृत्यों के पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
26. ( क्र. 551 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शिक्षा विभाग में भृत्य के कितने पद रिक्त है? (ख) विधान सभा क्षेत्र सोनकच्छ अन्तर्गत शा.प्र.वि./शा.मा.वि./शा.हाई स्कूल तथा शा.हायरसेकेण्डरी स्कूलों में स्वीकृत पद अनुसार भृत्य हैं या नहीं यदि नहीं, तो उक्त पदों को कब तक भरा जावेगा? क्या सभी भृत्य अपनी मूल संस्था में कार्यरत हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) भृत्यों के आभाव में स्कूलों की साफ-सफाई व अन्य कार्य किस प्रकार किये जा रहे हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शिक्षा विभाग में 28 भृत्य के पद रिक्त है। (ख) जी नहीं। भृत्य के रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सभी भृत्य अपनी मूल संस्था में कार्यरत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्कूलों की साफ सफाई व अन्य कार्य शाला प्रबंधन समिति के पास उपलब्ध संसाधन एव जन सहयोग से किये जाते है।
शिक्षा विभाग के कार्यालयों में किये गए आसंजन
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 552 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग के कार्यालयों में कार्यालयों को सुचारू रूप से संचालन के लिए क्या विभाग के कई कर्मचारियों एवं शिक्षकों का आसंजन किया गया था, हाँ या नहीं। (ख) क्या विभाग द्वारा किए गए सभी कर्मचारियों का आसंजन समाप्त कर दिया गया है यदि हाँ, तो क्यों कारण बताएं। (ग) शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं व विभाग के कार्यालयों को सुचारू रूप से संचालन हेतु विभाग रिक्त पदों की पूर्ति करेगा यदि हाँ, तो कब तक? कार्यालयों को सुचारू रूप से चलाने व कर्मचारियों की कमी की पूर्ति करने के लिए शासन की क्या योजना है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग, के आदेश क्रमांक एफ 1-13/2017/20-1, भोपाल दिनांक 30.05.2017 एवं संचालनालय का पत्र क्रमांक/स्था-4/ए/संलग्नीकरण/2017/1209-1210 दिनांक 27.06.2017 के द्वारा निर्देश जारी किए गए है। शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु यह निर्देश दिए गए है। (ग) विभाग के कार्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के मॉडल स्कूल/उत्कृष्ट विद्यालयों में सी.सी.टी.वी. लगाये जाने में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 615 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में लोक शिक्षण संचालनालय, म.प्र. के द्वारा चम्बल संभाग के मॉडल स्कूल/उत्कृष्ट विद्यालयों के संचालन हेतु किस-किस योजना के तहत किस-किस मद में कौन-कौन सी सामग्री व अन्य व्यवस्था हेतु कितनी राशि आवंटित की गई थी तथा आवंटित राशि से कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी राशि की किन-किन फर्मो से क्रय की गई? (ख) वर्ष 2016-17 में सी.सी.टी.वी. क्रय करने हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है? (ग) उपरोक्त आवंटित राशि से किन-किन मॉडल स्कूलों/उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए सी.सी.टी.वी. किस-किस कंपनी के कितनी-कितनी संख्या में किन-किन फर्मों से क्रय किये गये? प्रदायकर्ता फर्म के संचालक के नाम/पिता/पति का नाम पता सहित बतायें? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या सी.सी.टी.वी. क्रय करने हेतु भण्डार क्रय नियमों का उल्लंघन करते हुए कथित फर्मों से सीधे तीन-तीन कोटेशन प्राप्त कर गुणवत्ताविहीन एवं घटिया स्तर के सी.सी.टी.वी. लगाये गये है? यदि हाँ, तो इसकी उच्चस्तरीय जाँच करायी जाकर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 में चंबल संभाग के मॉडल/उत्कृष्ट विद्यालयों में सी.सी.टी.वी. कैमरे क्रय करने हेतु पृथक से राशि आवंटित नहीं की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों/इवेंट मेनेजमेंट पर व्यय
[संस्कृति]
29. ( क्र. 616 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्कृति विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यक्रम कहाँ-कहाँ पर आयोजित कराये गये तथा उक्त किन-किन कार्यक्रमों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ख) उपरोक्त (क) अनुसार आयोजित कार्यक्रमों में इवेंट मेनेजमेंट कार्य हेतु किस-किस कंपनी को कौन-कौन से कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त कंपनियों के संचालक कौन-कौन है? उनका पूरा नाम, पिता/पति का नाम स्थाई/अस्थाई पता कंपनी का पंजीयन क्रमांक, दिनांक सहित पूर्ण ब्यौरा दें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त कंपनियों को जो कार्यादेश दिये गये हैं तथा कौन-कौन से कार्य ई-टेंडरिंग से कराये गये और कौन-कौन कार्य बिना ई-टेंडरिंग से कराये गये बतायें? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले में जनवरी 2017 से 15 जून, 2017 विभाग द्वारा किन-किन संस्थाओं आदि को सांस्कृतिक आदि कार्यों हेतु कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये तथा किन-किन संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई एवं कितनी-कितनी भुगतान हेतु शेष है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) संस्कृति विभाग द्वारा 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित कार्यक्रमों एवं उन पर व्यय की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ'' एवं ‘‘ब'' अनुसार. (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स'' एवं ‘‘द'' अनुसार. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द'' एवं ‘‘इ'' अनुसार. (घ) प्रश्नांश ‘‘ग'' की जानकारी के अनुरूप वेंडरों को कार्य दिया गया है. समस्त कार्य निविदा आमंत्रित कर कराये गये है. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द'' एवं ‘‘फ'' अनुसार. (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ज'' अनुसार.
अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 648 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मृतक श्री राकेश कुमार शर्मा जो शा.प्रा.वि. काजोना ब्लॉक सबलगढ़ में पदस्थ थे की मृत्यु 09.11.1997 में हो गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो उनके वारिशांक दीपेश शर्मा पिता श्री स्व.राकेश कुमार शर्मा करौली माता अम्बाह रोड जिला मुरैना (म.प्र.) दिनांक 22 फरवरी 2017 को जिला शिक्षा अधिकारी जिला मुरैना को अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन दिया था। (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में आवेदित पत्र में अभी तक क्या कार्यवाही हुई। यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक/सी-3-12/2013/1/3, भोपाल दिनांक 29 सितम्बर, 2014 की कंडिका 9.9 के अनुसार दिवंगत शासकीय सेवक की मृत्यु के 07 वर्ष की समयावधि में अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है। दिनांक 22 फरवरी, 2017 को अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन दिया है। अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होने से आवेदन दिनांक 22 फरवरी, 2017 को निरस्त/अमान्य किया जा चुका है।
अध्यापक, शिक्षक संवर्ग की तबादला नीति
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 649 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कार्यरत शिक्षक संवर्ग, अध्यापक संवर्ग (पुरूष + महिला + दिव्यांग) की पूर्व में व प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक वर्तमान वर्ष 2017 की तबादला नीति/स्थानांतरण/अंतर्निकाय संविलियन नीति क्या हैं? पूर्व की नीति व वर्तमान वर्ष 2017 की नीति की छायाप्रति दी जावें। (ख) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कार्यरत शिक्षक संवर्ग, अध्यापक संवर्ग (पुरूष + महिला + दिव्यांग) को विशेष परिस्थितियों में (अर्थात उनकी जान-माल की सुरक्षा की दृष्टि से) स्थानांतरण/तबादला/अंतर्निकाय संविलियन नीति हेतु विभाग द्वारा क्या मापदण्ड/नियम प्रक्रिया निर्धारित हैं। की जानकारी छायाप्रति सहित दी जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वर्ष 2015,2016 में मुरैना जिले में एवं मुरैना जिले से कितने स्थानान्तरण/तबादला/अन्तर्निकाय संविलियन किये गये है? उनके नाम,पदनाम,पदस्थ शाला एवं स्थानांतरित/संविलियन शाला का नाम सहित जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षक संवर्ग की स्थानांतरण नीति दिनांक 30.06.2017 को जारी हुई है। अध्यापक संवर्ग की अन्तर्निकाय संविलियन की नीति दिनांक 10.07.2017 को जारी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' एवं 'दो' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार।
जिला चिकित्सालय में 200 बिस्तरीय मान से सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
32. ( क्र. 678 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 100 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय श्योपुर को 200 बिस्तरीय में उन्नयन करने के कार्य के प्रस्ताव को बजट सत्र वर्ष 2017-18 के बजट में शामिल करके स्वीकृत किया गया था। (ख) यदि हाँ,, तो बतावें कि उन्नयन कार्य हेतु कितनी राशि व्यय की जावेगी? इससे कौन-कौन से कार्य व सुविधाएं उपलब्ध कराकर किस-किस श्रेणी के चिकित्सकों व अन्य स्टॉफ के कौन-कौन से पदों पर नवीन पदस्थापना की जावेगी? (ग) इस हेतु वर्तमान तक क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली गई? क्या-क्या शेष रह गई हैं? इसे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) क्या ये सच है, कि वर्तमान में चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित आई.सी.यू. व अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं के अभाव के कारण जिले के मरीजों को उपचार ऑपरेशन हेतु अन्यत्र जाना पड़ता है, जिससे उन्हें कठिनाई होती है यदि हाँ, तो कठिनाईयों के निवारण हेतु उक्त चिकित्सालय को कब तक 200 बिस्तरीय सेटअप के मान से पूर्णरूपेण सुसज्जित कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ वर्ष 2017-18 के बजट में 100 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय श्योपुर का 200 बिस्तर में उन्नयन हेतु टोकन बजट प्रावधान किया गया है। (ख) संस्था के उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के पश्चात प्रश्नभाग की जानकारी दी जा सकेगी। (ग) वर्ष 2017-18 के बजट में टोकन प्रावधान किया गया है एवं संस्था के उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। जिला चिकित्सालय श्योपुर में पी.जी.एम.ओ. सर्जरी एवं सी.एम.एच.ओ. के द्वारा अस्पताल में आये मरीजों का ऑपरेशन, सिजेरियन, हिस्ट्रेक्टोमी, ओवेरियासिस्ट आदि तथा सामान्य सिजेरियन ऑपरेशन किये जाते है। 100 बिस्तर के मान से सभी प्रकार की जांच-उपचार सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है।
जिला विदिशा में दवा खरीदी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 829 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा में अस्पतालों के लिये औषधि खरीदने की पात्रता किसको है और 1 वर्ष में कितने रूपये की खरीदी की पात्रता है? इसकी क्या प्रक्रिया है? क्या निविदायें आमंत्रित की गईं या डायरेक्ट कुटेशन के आधार पर खरीदी गई स्पष्ट करें? (ख) जिले से सभी स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र आदि पर किस तरह दवाओं का वितरण किया जाता है तथा वहां वितरण कैसे और सही तरीके से हो रहा है या नहीं? इसकी निगरानी कैसे की जाती है? क्या यह वह तरीका सही है। मरीजों को दवायें दी जा रही हैं या नहीं? (ग) जिला विदिशा में अप्रैल 15 से मार्च 16 और अप्रैल 16 से मार्च 17 तक किन-किन विक्रेताओं से कौन-कौन सी दवायें खरीदी गईं? उसमें कौन-कौन सी दवायें उपयोग में आ चुकी है तथा कौन सी दवा का स्टॉक कितना बचा हुआ है? हर चिकित्सालय में रोगी कल्याण समिति की क्या भूमिका है, उसकी बैठक समय पर हो रही है या नहीं? (घ) क्या खरीदी हुई सभी दवाइयां मरीजों के उपयोग में आ चुकी हैं या बची हैं? यदि बची हैं तो ऐसी अनुपयोगी दवायें क्यों खरीदी गईं? इनमें कितनी दवाओं की एक्सपायरी डेट निकल चुकी है? अब उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला विदिशा की अधीनस्थ चिकित्सा संस्थाओं के लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को औषधी खरीदने की पात्रता है तथा शासन द्वारा आवंटित वार्षिक बजट अनुसार औषधि नीति में प्रावधान अनुसार खरीदी की जाती है। म.प्र. पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन भोपाल द्वारा निविदा आमंत्रित कर उनके द्वारा निर्धारित दरों पर औषधियां खरीदी गई है एवं स्थानीय स्तर पर भी निविदा आमंत्रित कर औषधियां खरीदी गई। (ख) जिले में अधीनस्थ संस्थाओं से आवश्यक औषधी के इंडेंट एम.पी. औषधी सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाईन प्रेषित किये जाते है तथा जिला स्टोर से ऑनलाईन इंडेट प्राप्त होने पर एम पी औषधी साफ्टवेयर से औषधियां ऑनलाईन प्रदाय की जाती है एवं एम.पी. औषधी सॉफ्टवेयर के माध्यम से निगरानी की जाती है, वितरण में दवा नीति 2009 का पालन किया जाता है। अस्पताल प्रबंधन के नियमों के अनुसार मरीजो को दवायें वितरित की जा रही है। (ग) जिला विदिशा में क्रय की गई दवाओं की वर्षवार जानकारी सभी दवायें उपयोग की जा रही है। रोगी कल्याण समिति का गठन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रोगियों को उपचार देने की सुविधा हेतु किया गया है एवं बैठक समय पर हो रही है। (घ) सभी दवायें उपयोग की जा रही हैं, सभी दवायें आगामी माहों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर क्रय की जाती है, जो शेष दवायें बची इनका उपयोग आगामी माह में किया जाता है। दवाओं का भण्डारण आगामी छः माह के लिये करके रखना आवश्यक हैं, जिससे दवाओं की उपलब्धता बनी रहे तथा कोई भी दवा इस कार्यालय के भण्डार में एक्सपायरी नहीं हुई है।
शहडोल जिले के परियोजना समन्वयक को पद से पृथक किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 843 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर कौन अधिकारी पदस्थ हैं, उनकी पदस्थापना एवं पदस्थापना अवधि की जानकारी आदेश के साथ देवें तथा क्या परियोजना समन्वयक के विरूद्ध लोकायुक्त प्रकरण संस्थापित है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारी के विरूद्ध् न्यायालय प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी बुढ़ार में धारा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराधिक प्रकरण प्रचलित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला परियोजना समन्वयक शिक्षा केन्द्र शहडोल को पद से पृथक कर दिया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी को कब तक पद से अलग कर दिया जायेगा, समय-सीमा बतायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्री मदन कुमार त्रिपाठी दिनांक 12.07.2012 से जिला परियोजना समन्वयक, शहडोल के पद पर पदस्थ है। आदेश एवं उपस्थिति की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 व 2 अनुसार है। जी नहीं। (ख) श्री छोटेलाल सरावगी द्वारा माननीय न्यायालय, बुढ़ार में उनकी पत्नी तथा भाइयों के नाम की भूमि पर परिवाद प्रस्तुत किया गया था। उपरोक्त परिवाद के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा स्थगन दिया गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण में श्री मदन कुमार त्रिपाठी के विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही का निर्णय माननीय न्यायालय द्वारा पारित नहीं किया गया है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश क व ख के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शहडोल के जिला परियोजना समन्वयक के कायों की जाँच
[स्कूल शिक्षा]
35. ( क्र. 844 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र शहडोल को जिला खनिज प्रतिष्ठान योजना से विगत दो वषों में किन-किन स्कूलों में लैब की सामग्री तथा किन-किन निर्माण कायों की कार्य एजेन्सी बनाये गये थे तथा कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई स्कूलवार राशिवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में उपरोक्त कार्यों के लिए आयुक्त आदिवासी विकास शहडोल को एजेन्सी न बनाने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है उस अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी समय-सीमा बतायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माननीय प्रभारी मंत्री महोदय की अध्यक्षता में जिला खनिज प्रतिष्ठान योजना की बैठक दिनांक 18.09.2016 के द्वारा कार्यालय कलेक्टर (डी.एम.एफ.) जिला शहडोल के पत्र क्रमांक 62 एवं 63 दिनांक 17.10.2016 के तहत् शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भाटिया विकासखण्ड बुढ़ार लैब सामग्री हेतु 50.00 लाख एवं शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चापा विकास खण्ड सोहगपुर को 10.00 लाख रू. की स्वीकृति प्रदान की गई। कार्यालय कलेक्टर (डी.एम.एफ.) जिला शहडोल के पत्र क्रमांक (डी.एम.एफ.)/प्र.स्वी./2016 -17/33 शहडोल दिनांक 30.09.2016 के तहत दिव्यांग छात्रावास सोहगपुर में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण राशि 4.49 लाख की स्वीकृति दी गई थी। कार्यालय कलेक्टर (डी.एम.एफ.) जिला शहडोल के पत्र क्रमांक (डी.एम.एफ.)/प्र.स्वी./2016-17/34 शहडोल दिनांक 30.09.2016 के तहत 20 माध्यमिक शालाओं में शुद्ध पेयजल, हैण्डवाश, टायलेट हेतु चलित पानी बावत् एवं कम्पोजिट सिस्टम हेतु प्रति शाला 4.90 लाख की दर से स्वीकृति दी गई थी। (ख) दिव्यांग छात्रावास स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित है तथा माध्यमिक विद्यालय भी जिला शिक्षा केन्द्र के अधीन आता है। अतः जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा जिला शिक्षा केन्द्र को नियमानुसार क्रियान्वयन एजेन्सी बनाया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने एवं 100 बिस्तर का अस्पताल का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
36. ( क्र. 850 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा विभागीय मंत्री को एवं प्रमुख सचिव को नागौद विधान सभा क्षेत्र के उचेहरा जनपद पंचायत के अन्तर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र अटरा को 6 ग्राम पंचायतों की बड़ी जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाये जाने का प्रस्ताव दिया था। (ख) यदि हाँ, तो कब तक उप स्वास्थ्य केन्द्र अटरा को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बना दिया जायेगा यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3099 दि. 01 मार्च 17 में प्रश्नांश (ख) का उत्तर जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं नागौद अस्पताल का उन्नयन की पात्रता नहीं होने से दिया गया है यदि हाँ, तो नागौद अस्पताल को 100 बिस्तर का किये जाने के लिये किन-किन बातों की पात्रता होनी चाहिए उन बिन्दुओं को स्पष्ट करें और उनकी पूर्ति के लिये शासन द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई जिससे नागौद अस्पताल का 100 बिस्तरों का अस्पताल का उन्नयन हो सके यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाकर 100 बिस्तर का अस्पताल का उन्नयन किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रमुख सचिव को उक्त प्रस्ताव दिया गया। (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्रस्ताव मंगाकर, नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान 30 बिस्तरीय सीमांक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का पूर्ण उपयोग होने के उपरान्त उन्नयन की पात्रता आवेगी। इसकी समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्वालियर जिले में बंजारा समाज के कल्याण हेतु प्राप्त आवंटन
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जाति कल्याण]
37. ( क्र. 860 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ (बंजारा समाज) जाति के लिये कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है? वित्तीय वर्षवार स्पष्ट करें तथा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किस-किस गांव में किस-किस कार्य में कितने हितग्राहियों को कितना लाभ दिया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बंजारा समाज के कल्याण हेतु विभाग द्वारा जो निर्माण कार्य उक्त अवधि में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं उन निर्माण कार्यों का नाम, किस ग्राम में कितनी लागत से किस स्थान पर कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं किस-किस कार्य के लिये कितना-कितना वित्तीय आवंटन स्वीकृत किया गया था? निर्माण किस ऐजेन्सी/ठेकेदार से किस-किस यंत्री के सुपरवीजन में कराया गया था तथा कराया जा रहा हैं वर्तमान में उन निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है, सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें? (ग) ग्वालियर जिले में बंजारा समाज किस-किस गाँव/मजरा/टोला में रहता हैं। उस ग्राम का नाम, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत तथा निवासरत परिवार की संख्या एवं कुल जनसंख्या सहित ग्राम मजरा, टोला वार स्पष्ट करें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रदेश में समस्त विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति वर्ग के लिये योजनायें संचालित हैं। बंजारा समाज के पृथक से कोई आंवटन का प्रावधान नहीं है। ग्वालियर जिले में 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति के लिये वर्ष 2014-15 में शून्य वर्ष 2015-16 में शून्य वर्ष 2016-17 में 30.00 लाख आवास योजना एवं वर्ष 2017-18 में 8.10 लाख आवास योजना हेतु आवंटन प्राप्त हुआ। उक्त प्राप्त आवंटन के विरूद्ध वर्ष 2016-17 में लाभांवित हितग्राहियों का ग्रामवार कार्यवार विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
ग्राम का नाम |
कार्य का नाम |
हितग्राही संख्या |
लाभ लिया गया |
1 |
उटीला |
आवास |
12 |
7.20 लाख |
2 |
टोकोली |
आवास |
13 |
7.80 लाख |
3 |
चिरपुरा |
आवास |
13 |
7.80 लाख |
4 |
टिटोरा |
आवास |
12 |
7.20 लाख |
वर्ष 2017-18 में प्राप्त आवंटन से स्वीकृत कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विमुक्त जाति वर्ग बंजारा समाज की पृथक से जनगणना नहीं होने के कारण ग्राम/ग्रामपंचायत/जनपद पंचायतवार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध लंबित जांच
[स्कूल शिक्षा]
38. ( क्र. 875 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज के पूर्व विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री दिवान सिंह पर वर्तमान में कितनी जांचे कब से चल रही हैं और कितनी जांचे लंबित हैं जाँच लंबित रहने का क्या कारण हैं? (ख) विदिशा जिले के अपर कलेक्टर के आदेश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी विदिशा के पत्र क्रमांक/विधि/शिका.जांच/2017/280 दिनांक 20.01.2017 जिसमें दिवान सिंह पूर्व बी.ई.ओ. सिरोंज की जाँच हेतु समिति बनाई गई थी, उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि अब तक जाँच पूरी नहीं हुई है, तो क्या संबंधित जाँच समिति एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा लापरवाही नहीं बरती जा रही हैं? क्या लापरवाही बरतने बालों पर कार्यवाही की जाएगी और कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा पूर्व बी.ई.ओ. दीवान सिंह के विरूद्ध साक्ष्य उपलब्ध कराने के बाद भी अब तक क्यों न्याय नहीं मिल सका?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला विदिशा स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत पूर्व विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री दीवानसिंह राजपूत पर वर्तमान में 02 जाँच क्रमश: दिनांक 20.01.17 एवं 03.05.17 चल रही है, जिसमें से दिनांक 03.05.17 के क्रम में जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर संचालनालय के आदेश दिनांक 07.07.17 द्वारा श्री दीवानसिंह राजपूत की एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की शास्ति अधिरोपित करते हुये प्रकरण समाप्त कर दिया गया है। दिनांक 20.01.17 के क्रम में जाँच की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। (ख) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पत्र क्र. 280 दिनांक 20.01.2017 द्वारा श्री दीवान सिंह राजपूत पूर्व विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सिरोंज के विरूद्ध की गई शिकायत की जाँच हेतु समिति द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी जिला विदिशा के पत्र क्र. 926 दिनांक 13.06.2017 के द्वारा अपर कलेक्टर विदिशा को कार्यवाही हेतु प्रेषित की जा चुकी है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) श्री दीवान सिंह राजपूत पूर्व विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सिरोंज के विरूद्ध की गई शिकायत की जाँच का प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी, विदिशा के पत्र क्र. 926 दिनांक 13.06.2017 के द्वारा अपर कलेक्टर विदिशा को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जा चुका है। कार्यवाही अपर कलेक्टर न्यायालय में प्रचलित है।
माध्यमिक शाला किड़ी में बाउंड्रीवॉल निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 876 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज के नगरपालिका सिरोंज क्षेत्र के वार्ड कमांक 15 में माध्यमिक शाला किड़ी में बाउंड्रीवॉल निर्माण किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा ध्यानाकर्षण दिनांक 09.03.2017 के तारतम्य में शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त माध्यमिक शाला किड़ी में बाउंड्रीवॉल निर्माण कार्य को शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब पूर्ण जानकारी देवें? नहीं तो क्यों कब तक स्वीकृत किये जाने की संभावना हैं? स्वीकृत न किये जाने का क्या कारण हैं? स्वीकृति हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज के नगर पालिका सिरोंज क्षेत्र के वार्ड 15 में माध्यमिक शाला किड़ी में बाउंण्ड्रीवॉल का निर्माण के संबंध में माननीय श्री गोवर्धन उपाध्याय द्वारा विधानसभा ध्यानाकर्षण दिनांक 09.03.2017 विभाग को प्राप्त नहीं हुआ। अत: कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश 'क' अनुसार माध्यमिक शाला किडी में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव मानव संसाधन मंत्रालय, भारत शासन को भेजा गया था परन्तु स्वीकृति प्राप्ति नहीं हुई। निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जिला समन्वयक (डी.पी.सी.) द्वारा शासन की योजनाओं का नियम विरूद्ध क्रियान्वयन
[स्कूल शिक्षा]
40. ( क्र. 920 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित छात्रावासों के वार्डनों/अधीक्षकों की अवधि तीन वर्ष के लिये होती है परंतु कई छात्रावासों में नियम के विरूद्ध अधीक्षकों एवं वार्डनों की तैनाती से चल रही हैं। वर्तमान अधीक्षकों एवं वार्डनों की तैनाती दिनांक से पदस्थापना के वर्षवार समस्त छात्रावासों की जानकारी उपलब्ध करायें? क्या इनकी जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) जिले में (स्कूल चलें हम) अभियान कार्यक्रम में लिखित आमंत्रण किन-किन जनप्रतिनिधियों को 2017 में दिये गये किन-किन ग्रामों में स्कूल चलें अभियान कार्यक्रम किया गया? कौन-कौन जनप्रतिनिधि शामिल हुये? इस कार्यक्रम पर कितनी राशि व्यय हुई तथा इसके क्या सकारात्मक परिणाम हुये? (ग) क्या पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वर्तमान जिला पंचायत सदस्य के द्वारा कलेक्टर टीकमगढ़, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र दिया गया परंतु आदिवासी जनप्रतिनिधि होने के नाते डी.पी.सी. टीकमगढ़ द्वारा उपेक्षा करते हुये किसी भी कार्यक्रम में जान बूझकर नहीं बुलाया जाता हैं? क्या इस प्रकार के आदिवासी जनप्रतिनिधि की उपेक्षा किये जाने की जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। तथा दोषी पाये जाने वाले डी.पी.सी. के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। टीकमगढ़ जिले में संचालित छात्रावासों में कार्यरत वार्डनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। वर्तमान प्रावधान के अनुसार छात्रावासों में चयनित विद्यालय की महिला शिक्षिका को वार्डन का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्कूल चले हम अभियान 2017 के अंतर्गत जिला मुख्यालय में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। माननीय अतिथियों को दूरभाष से सूचित कर एवं व्यक्तिगत संपर्क कर कार्यक्रम के लिये आमंत्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में प्रवेश उत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए गए है। जिन स्थानों पर जन प्रतिनिधियों की सहभागिता की गई है, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। जिला स्तरीय कार्यक्रम पर रूपये 50136/-व्यय हुआ है। ऐसे कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती हैं तथा समुदाय को शाला जाने योग्य बच्चों को शाला में दर्ज कराने हेतु प्रेरित किया जाता है। शाला स्तर के कार्यक्रम के लिए पृथक से कोई आवंटन जारी नहीं किया गया। (ग) माननीय जिला पंचायत सदस्य का प्रश्नांश में वर्णित पत्र जिला शिक्षा केन्द्र को दिनांक 23.06.2017 को प्राप्त हुआ है। इस कारण माननीय सदस्य को जिला स्तरीय कार्यक्रम के लिए पृथक से सूचित नहीं किया जा सका। विद्यालय स्तरीय कार्यक्रमों में भी समस्त माननीय जन प्रतिनिधियों को सूचित करने हेतु निर्देश जारी किए गए है। संबंधित अधिकारी को कारण-बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है।
मुरैना के ग्राम खाडौली की खुदाई में प्राप्त पुरातन शिलालेख
[संस्कृति]
41. ( क्र. 938 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना के ग्राम खाडौली (बहरारा) में वर्ष अक्टूबर 2015 में राधाकृष्ण मंदिर की खुदाई में जो शिलालेख मिला है वह सैकड़ों वर्ष पुराना है जिस पर ग्वालियर स्टेट लिखा है? (ख) क्या उक्त शिलालेख पर 1914 से 1919 के प्रथम विश्वयुद्ध में गांव के बारह लोगों के मारे जाने का उल्लेख है? क्या उक्त शिलालेख के बारे में विधायक सुमावली द्वारा अक्टूबर 2015 एवं मई 2017 में जिलाधीश मुरैना व पुरातत्व अधिकारियों को पत्र लिखकर उनके नाम, उनकी मृत्यु के बारे में चाही गई जानकारी पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. प्राप्त शिलालेख पर वर्ष 1914-1919 अंकित है. जिस पर ग्वालियर स्टेट लिखा है. (ख) जी नहीं. शिलालेख में निम्न पंक्ति उल्लेखित है. KHANDOLI FROM THIS VILLAGE 12 MEN WENT TO THE GREAT WAR OF 1914-1919 विधायक सुमावली का आवेदन क्रमांक 3412/17, दिनांक 24/05/2017 के परिपालन में संचालनालय, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा स्थल निरीक्षण कराया गया, जिसमें 12 व्यक्तियों के नामों का उल्लेख नहीं है.
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
42. ( क्र. 952 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अप्रैल वर्ष 2016 में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत प्रवास के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के ग्राम पुछीकरगुंवा में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नगत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति राज्य शासन के द्वारा यदि जारी हो गई है तो विवरण सहित स्वीकृत राशि बतायी जावे और यदि अभी तक स्वीकृति जारी नहीं हुई है तो विलंब होने के कारण सहित बताया जावे कि उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कब तक स्थापित करा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। ग्राम पुछीकरगुंवा के उप स्वास्थ्य केन्द्र का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर उल्लेखित अनुसार कार्यवाही पर विभाग के निर्णय उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
43. ( क्र. 1031 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्य स्वीकृत किए जाने के संबंध में क्या प्रश्नकर्ता ने इस संबंध में अपने पत्र क्रमांक 350 दिनांक 13.5.17 से कलेक्टर आगर/शाजापुर से जानकारी मांगी थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत स्वीकृत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्य हेतु समय पर कार्य पूर्ण न करने या कार्य तय मापदण्ड अनुसार न करने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं प्राप्त शिकायतों पर या सक्षम अधिकारी द्वारा मॉनिटरिंग कर क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 350 दिनांक 13.05.17 से प्रमुख सचिव महोदय से इस बाबत् आग्रह किया था यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिला आगर एवं शाजापुर अंतर्गत प्रश्नांश (ख) के संबंध में की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (घ) क्या वर्तमान में भी स्वीकृत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? यदि हाँ, तो अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु कोई प्रभावी कार्यावाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक के पत्र क्रमांक 350 दिनांक 13.5.2017 के तारतम्य में जिला शिक्षा केन्द्र आगर के पत्र क्रमांक 131 दिनांक 21.06.2017 एवं जिला शिक्षा केन्द्र शाजापुर के पत्र क्रमांक 1119 दिनांक 23.05.2017 द्वारा कार्यवाही की गई। (ख) प्रश्नांश ''क'' के अन्तर्गत स्वीकृत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। राज्य स्तर पर निर्माण कार्यों की दिनांक 15.05.2017 से 19.05.2017 तक संभागवार समीक्षा की गई एवं प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 350 दिनांक 13.05.2017 के तारतम्य में राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक 8812 भोपाल दिनांक 3.06.2017 से जिला आगर-मालवा के निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति से अवगत कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संबंध में जिला आगर के 26 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण अपूर्ण हैं। निर्माण एजेंसी पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिला शाजापुर से संबंधित 09 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कार्य भूमि अभाव के कारण अप्रारंभ है अतः निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही निरंक है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश 'ग' अनुसार कार्यवाही की गई है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों के व्यवस्थापन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
44. ( क्र. 1032 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सिविल अस्पताल में उन्नयन हेतु क्या मापदण्ड एवं प्रक्रिया हैं? (ख) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर के सिविल अस्पताल में उन्नयन हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो किस स्तर पर प्रचलित हैं एवं कब तक स्वीकृति होगी? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से इस ओर कार्यवाही की जावेगी? (ग) जिला चिकित्सालय आगर मालवा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर, नलखेड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सोयतकलां में क्रमशः कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं तथा कौन-कौन से पदों पर पदपूर्ति या व्यवस्था हैं, पृथक-पृथक विवरण देवे? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 491 दिनांक 15.07.16 से कलेक्टर एवं सी.एम.एच.ओ. आगर को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सोयतकलां में चिकित्सक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर में एक्स-रे टेक्नीशियन की व्यवस्था हेतु अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? प्रति उत्तर में कोई पत्र लिखा हो तो उसकी सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 80% अथवा इससे अधिक बेड़ ऑक्यूपेंसी होने पर सिविल अस्पताल में उन्नयन का मापदण्ड/प्रावधान है। (ख) जी हाँ, संचालनालय स्तर पर एवं निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सोयतकलां में चिकित्सक का पद रिक्त होने से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर में पदस्थ चिकित्सक डॉ. अखिलेश कुमार बागी को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शाजापुर के आदेश क्रमांक/स्थापना/2013/13468 दिनांक 01.10.2013 द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सोयतकलां का प्रभार दिया गया है। उनके द्वारा उक्त संस्था में वर्ष 2013 से ही निरंतर अपनी सेवाएं दी जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर में एक्स-रे टेक्नीशियन का पद रिक्त होने से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ौद में पदस्थ श्री कैलाश पुष्पद एक्स-रे टेक्नीशियन (संविदा) की ड्युटी आदेश क्रमांक/स्थापना/2016/1321 दिनांक 24.03.2016 द्वारा सप्ताह में तीन दिवस प्रति सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर में लगाई गई है। प्रति उत्तर में कोई पत्र नहीं लिखा गया है, लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आगर मालवा द्वारा माननीय विधायक को दूरभाष पर की गई कार्यवाही से अवगत कराया है।
स्कूलों में शैक्षणिक शुल्क वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 1038 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूलों में (प्रायवेट) फीस वृद्धि के लिए क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित है? नियम व शर्तों सहित पूर्ण ब्यौरा दें? (ग) नागदा जिला उज्जैन में बिरला के प्रायवेट स्कूलों में अचानक दस प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ाने की अनुमति क्या शिक्षा विभाग ने प्रदान की है? यदि नहीं, तो फीस वृद्धि पर शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या शासन फीस वृद्धि के इस अवैध कदम को अनुचित करार देकर निरस्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। जाँच उपरांत विद्यालयों को कलेक्टर द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। उत्तर प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) उत्तरांश ‘‘ख'' अनुसार कारण बताओ सूचना पत्र के उत्तर पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में संक्रामक बीमारियों के फैलने से रोकने मूलक उपाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
46. ( क्र. 1039 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रीष्म वर्षाकाल एवं शीत ऋतु में सर्वेक्षण के आधार पर प्रदेश में कौन-कौन से संक्रामक रोग फैलने का अंदेशा पाया गया? (ख) प्रदेश में संक्रामक रोग समस्यामूलक कितने एवं कौन-कौन से ग्राम चिन्हित किये गये? जिनमें ये रोग अपेक्षाकृत अधिक फैलते है? पूर्ण ब्यौरा जिलेवार दें. (ग) संक्रामक रोग समस्यामूलक ग्रामों में स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु सरकार ने वर्ष 2015 से अब तक क्या-क्या कदम उठाये है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी एवं स्वच्छ जल के अभाव से जलजनित संक्रामक बीमारियां- आंत्रशोथ, पेचिस एवं दस्त, पीलिया, टाइफाईड, मीजल्स एवं चिकनपॉक्स वर्षा ऋतु में दूषित पानी से उक्त बीमारियों के साथ कॉलरा, मलेरिया, डेगूं, चिकनगुनिया तथा शीत ऋतु में स्वाईन फ्लू, वायरल फीवर एवं सर्दी-जुखाम आदि संक्रामक बीमारियां फैलने की संभावना होती है। (ख) प्रदेश में 3961 समस्या मूलक ग्रामों को चिन्हित किया गया है जिन पर सतत निगरानी रखी जाती है। विगत 3 वर्षों में उक्त समस्या मूलक ग्रामों में जल जनित संक्रामक बीमारियों के सतत् संक्रमण का प्रकोप नहीं हुआ है, केवल वेक्टर जनित (मलेरिया) बीमारियों का संक्रमण हुआ है। जिलेवार संक्रामक रोग समस्या मूलक ग्रामों का पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ” अनुसार है। (ग) संक्रामक रोग की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा की गई तैयारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब” अनुसार है।
अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान में असमानता
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 1047 ) श्री रामनिवास रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्र. 5846 दिनांक 30-03-17 के प्रश्नांश 'ख' के उत्तर में अध्यापक संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारण, सेवावधि की गणना, वेतन वृद्धि की गणना में विसंगति/त्रुटि के कारण अंतर की स्थिति निर्मित होने एवं इसके समाधान के लिए उदाहरण सहित स्पष्टीकरण जारी करने की कार्यवाही प्रचलित होने की तथा प्रश्नांश (ग) के उत्तर में छठवें वेतनमान के अंतर्गत अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने के संबंध में आदेश जारी करने की प्रक्रिया प्रचलित होने की जानकारी दी गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो इस सम्बन्ध में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? जारी आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कार्यवाही में विलम्ब के क्या कारण है? (ग) प्रश्नाश 'क' में संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश 'घ' में दी गयी जानकारी अनुसार श्योपुर तहसील में कंडिका 2.8 के अनुसार वेतनमान के आदेश जारी कर दिए गए है? यदि नहीं, तो क्यों? विलम्ब के क्या कारण है? कब तक आदेश जारी कर दिए जावेंगे? यदि नहीं, तो आदेश जारी नहीं होने के कारण अध्यापक संवर्ग के नवीन पेंशन योजना के तहत हो रहे नुकसान की भरपाई किस प्रकार की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) अध्यापक संवर्ग का 6वां वेतमान निर्धारण के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा क्रमश: दिनांक 07/07/2017 को नवीन आदेश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 15 अक्टूबर 2016 के संलग्न वेतन निर्धारण तालिका के अनुसार अध्यापक संवर्ग को 6वां वेतनमान भुगतान किये जाने हेतु श्योपुर तहसील के आहरण संवितरण अधिकारी द्वारा वेतन भुगतान किया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय सेवा में रहते मृत्यु के उपरांत अनुकम्पा नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
48. ( क्र. 1048 ) श्री रामनिवास रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जून 2017 की स्थिति में चम्बल संभाग में अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की शासकीय सेवा में रहते मृत्यु के उपरांत उनके परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने हेतु कितने प्रकरण किस कारण से लंबित है? (ख) क्या वर्ष 1998 से पूर्व से नियुक्त शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों की शासकीय सेवा में रहते मृत्यु के उपरांत उनके परिजनों को पात्रता अनुसार अन्य विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अध्यापक संवर्ग के लिए यह नियम लागू क्यों नहीं है? क्या शासन अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों के अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में अन्य विभागों में पद उपलब्धता के आधार पर अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने के निर्देश जारी करेगा यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों के अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों में शिथिलीकरण हेतु केंद्र सरकार को दिनांक 27-01-15 एवं 03-02-17 को पत्र लिखे गए है? यदि हाँ, तो अभी तक क्या मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है? यदि नहीं, तो क्या शासन एक प्रतिनिधि मंडल भेजकर अनुकम्पा नियुक्ति में नियमों में शिथिलीकरण की मांग "अध्यापक संवर्ग के प्रकरणों में तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कर आगामी 3 वर्ष में डी.एड./बी.एड. एवं टी.ई.टी. परीक्षा उत्तीर्ण करने की शिथिलता" के केंद्र सरकार से करेगा ताकि लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण हो सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) चम्बल संभाग में निर्धारित शैक्षणिक अहर्ता पूर्ण नहीं होने के कारण अध्यापक संवर्ग के दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने हेतु कुल 65 प्रकरण लंबित है। (ख) जी, हाँ। अध्यापक सवंर्ग निकाय के कर्मचारी होने के कारण उक्त नियम लागू नहीं है। पूर्वांश के प्रकाश में उत्तरांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। भारत सरकार से मार्ग दर्शन अपेक्षित है। तत्संबंध में मुख्य सचिव म.प्र. के अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 16.02.2017 द्वारा भारत सरकार, मानव संसाधन विकास, मंत्रालय से अनुरोध किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बालिका शिक्षा हेतु कन्या हाईस्कूल की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
49. ( क्र. 1054 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल/सागर संभाग अन्तर्गत आने वाली तहसीलों में तहसील मुख्यालय पर कहाँ-कहाँ बालिका शिक्षा हेतु कन्या हाईस्कूल/हा.से.स्कूल संचालित नहीं है? जानकारी जिला/तहसीलवार दी जावे? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाली तहसील ग्यारसपुर में बालिका शिक्षा हेतु तहसील मुख्यालय/ग्रामीण क्षेत्र स्तर पर एक भी कन्या हाईस्कूल संचालित नहीं है। (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त तहसील में मुख्यालय स्तर पर कन्या हाईस्कूल खोलने पर विचार कर रही है यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो स्पष्ट कारण बतावे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भोपाल/सागर संभाग अन्तर्गत आने वाली तहसीलों में तहसील मुख्यालय पर कन्या हाईस्कूल/हा.से.स्कूल संचालित नहीं है की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ किन्तु तहसील मुख्यालय ग्यारसपुर पर शास.उ.मा.वि.संचालित है जहाँ बालकों के साथ-साथ बालिकाएं भी शिक्षा प्राप्त कर रही है। (ग) जी नहीं। कन्याशाला उन्नयन हेतु प्रथक से कोई नियम निर्धारित नहीं किये गये है।
स्वास्थ्य विभाग के कुष्ठ कर्मचारियों को समयमान वेतन का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
50. ( क्र. 1113 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग के पत्र क्र. एफ.11-17/2014/नियम/4 भोपाल 30 सितम्बर 2014 एवं वित्त विभाग के ही पत्र क्र. एफ-11/01/2016/4 भोपाल दिनांक 04 अप्रैल 2016 के द्वारा सभी शासकीय कर्मचारियों को तीस वर्ष की सेवा उपरान्त समयमान वेतनमान (time scale pay) दिए जाने के निर्देश जारी किये गए थे? (ख) यदि हाँ, तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीधी भर्ती के कुष्ठ कर्मचारियों, एन.एम.एस. एवं एन.एम.ए. को आज दिनांक तक समयमान वेतन का लाभ क्यों नहीं दिया गया? कारण सहित बताएं? (ग) क्या इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य द्वारा दिनांक 08/09/2016 को आयुक्त स्वास्थ्य और एफ.ए. को परीक्षण (examine) कर प्रस्तावित करने हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो उसके बाद भी आज दिनांक तक पदनाम के अनुसार आदेश जारी क्यों नहीं किये गए? (घ) उपरोक्त आदेश के परिपालन में विभाग द्वारा कब तक आदेश जारी कर दिए जाएंगे? निश्चित समय-सीमा बताएं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नियमानुसार समयमान वेतनमान का लाभ सीधी भर्ती पर नियुक्त कर्मचारियों को दिये जाने का प्रावधान है। विभागीय भर्ती नियम 1989 में एन.एम.ए. एवं एन.एम.एस. का पद 100 प्रतिशत पदोन्नति होने से इस संवर्ग को समयमान वेतनमान का लाभ देने में कठिनाई है। (ग) जी हाँ। निर्देशों के अनुक्रम में वित्तीय सलाहकार के परीक्षण उपरांत प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
51. ( क्र. 1119 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पानसेमल विधानसभा में विभाग के द्वारा विगत 03 वर्षों में कितने उप–स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत किये गए है? सूची उपलब्ध करावेंl (ख) स्वीकृत भवनों में से कितने पूर्ण हो चुके है? कितने प्रगति पर है एवं कितने अप्रारम्भ है तथा अप्रारम्भ रहने का क्या कारण है? (ग) क्या जो भवन पूर्ण होकर विभाग को प्राप्त हो चुके है उनका उपयोग भी सही ढंग से नहीं किया जा रहा है? देख-रेख एवं उचित देखभाल के अभाव में भवनों की स्थिति अत्यंत खराब होती जा रही हे? भ्रमण के दौरान ग्राम गुमडीया बू. एवं चिखल्दा में उक्त स्थिति देखने को मिली है? क्या विभाग के द्वारा दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विगत 03 वर्षों में कुल 31 उपस्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) स्वीकृत 18 भवनों में से 17 पूर्ण। 1 प्रगति पर है एवं अप्रारंभ की संख्या निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जी नहीं। मात्र ग्राम चिखल्दा के स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित भवन में ए.एन.एम की अनुपस्थिति में ग्राम के कुछ असामाजिक लोगों द्वारा भवन का ताला तोड़कर अंदर तोड़-फोड़ की गई है। असामाजिक लोगों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित थाने में सूचना देकर कार्यवाही का अनुरोध किया गया है, अतः किसी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्व कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निविदा निरस्त कर पुन: निविदा या दर कम कराए जाने बावत्
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
52. ( क्र. 1131 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जननी एक्सप्रेस सिंगरौली और मंदसौर में 17 रूपये प्रति किलोमीटर एवं शेष जिलों में 10 से 13 रूपये प्रति किलोमीटर की दर से गाडि़यां पूर्व में चलाये जा रहे थे? इसी प्रकार मोबाइल हेल्थ यूनिट का किराया 1 लाख 10 हजार रूपये प्रतिमाह दिया जा रहा था? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में 108 एम्बुलेन्स एवं मोबाइल हेल्थ यूनिट यानी दीनदयाल चलित अस्पताल चलाने की जिम्मेदारी चिकित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड को क्रमश: लगभग 17 रूपये प्रति किलोमीटर एवं 1 लाख 75 हजार रूपये प्रति किलोमीटर की दर पर लगाया गया है एवं इस दर में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत के हिसाब से वृद्धि भी होगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो अब सरकार को प्रतिमाह 108 एम्बूलेंस पर लगभग 4.11 करोड़ रूपये अतिरिक्त एवं मोबाइल हेल्थ यूनिट पर अब उन्हीं सेवाओं के लिए 1 लाख 75 हजार रूपये प्रतिमाह का भुगतान किया जावेगा? यानी आने वाले 5 सालों में 58 करोड़ 50 लाख रूपये का अधिक भुगतान करना होगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में उपरोक्त संचालित योजनाओं में इतने अंतर का भुगतान करने की क्या आवश्यकता थी? स्पष्ट करें। पुन: निविदा क्यों नहीं जारी की गई? इसके लिये कौन दोषी है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, जननी एक्सप्रेस की जिला सिंगरौली में रू. 16.90/- प्रति किलोमीटर तथा मंदसौर में रू. 17.86/- प्रति किलोमीटर की दर थी। तथा शेष जिलों में रू. 9.51/- से लेकर रू. 14.00/- प्रति किलोमीटर तक की दर थी। इसी प्रकार मोबाईल हेल्थ यूनिट की मासिक अनुबंध राशि विभिन्न संकुलों में राशि रू. 111000/- से लेकर रू. 146887/-तक प्रतिमाह थी। (ख) जी नहीं, प्रदेश में 108 एम्बुलेंस एवं मोबाईल हेल्थ यूनिट (दीनदयाल चलित अस्पताल) के संचालन की जिम्मेदारी जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी को क्रमश: राशि रू. 19.60/- प्रति किलोमीटर एवं 175000/- रूपये प्रति माह की दर पर दी गयी है। इस दर में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत के हिसाब से वृद्धि न होते हुये 08 प्रतिशत अथवा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) जो भी कम हो, के मान से अनुबंध दिनांक से 18 माह उपरांत वृद्धि का प्रावधान है। (ग) जी नहीं, चूंकि वर्तमान व्यवस्था में एम्बुलेंस सेवाओं के संचालन हेतु निर्धारित सेवाओं के अनुरूप कार्य नहीं करने पर शस्ती (पेनाल्टी) का भी प्रावधान है। वर्तमान सेवाप्रदाता संस्था को 108-एम्बुलेंस एवं मोबाईल हेल्थ यूनिट के परिचालन व्यय हेतु प्रतिमाह पूर्व की अपेक्षा कम भुगतान किया जा रहा है। अतः वर्तमान व्यवस्था में अधिक भुगतान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पूर्व की जननी एक्सप्रेस वाहनों को जिला स्तर से अनुबंधित कर इनका संचालन जिला स्तर के कॉल सेंटर से किया जाता था एवं इनके व्यय का वहन प्रतिमाह जिले से किया जाता था वर्तमान व्यवस्था अंतर्गत राज्य स्तर से खुली निविदा के माध्यम से प्रदेश में उक्त वाहनों के संचालन हेतु संस्था का चयन किया गया है, जिसमें वाहन का संचालन एवं कंट्रोल रूम की राशि भी सम्मिलित है। संस्था द्वारा जननी एक्सप्रेस वाहनों में प्राथमिक उपचार हेतु दवाएं युक्त फर्स्ट एड बॉक्स, आधुनिक कौलप्सेबल स्ट्रेचर एवं वाहनों की मॉनीटरिंग हेतु जी.पी.एस. लगाया गया है। दीनदयाल चलित अस्पताल वाहनों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस एवं वैबकेम तथा जी.पी.एस. की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसमें वाहनों पर होने वाले परिचालन व्यय में कॉल सेंटर का व्यय भी शामिल है। इसी प्रकार पूर्व व्यवस्था की अपेक्षाकृत वर्तमान में सेवाओं का संचालन सुगम एवं सस्ता है तथा एम्बुलेंस वाहनों की ऑनलाईन मॉनीटरिंग की व्यवस्था भी की गई है। वर्तमान व्यवस्था अंतर्गत संस्था को वाहनों का संचालन निर्धारित सेवाओं के प्रावधानों के अनुरूप करना है तथा निर्धारित सेवाओं के अनुरूप कार्य नहीं करने पर पेनाल्टी का भी प्रावधान है। वास्तव में यह द्वितीय निविदा थी, पूर्व की निविदा में उपरोक्त वाहनों हेतु अधिक दरे प्राप्त हुयी थीं। वर्तमान व्यवस्था के निर्धारण के पूर्व प्रक्रियाओं में भण्डार क्रय नियमों का पालन कर पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुये तथा नियमानुसार पुनः निविदा प्रक्रिया उपरांत ही वर्तमान दर पर सेवाएं अनुबंधित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल स्टोर लायसेंस जारी न करने के दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
53. ( क्र. 1132 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम.एच.ओ. कार्यालय रीवा में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में मेडिकल स्टोर का लायसेंस प्राप्त करने हेतु कितने लोगों द्वारा आवेदन पत्र दिये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आवेदनों के सत्यापन के लिये शासन द्वारा अधिकतम कितने दिनों की सीमा शासन द्वारा निर्धारित की गई हैं? सत्यापन के उपरांत समय-सीमा के अतंर्गत लायसेंस जारी करने हेतु अधिकतम कितने दिनों की समय-सीमा निर्धारित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्राप्त आवेदकों के नाम, संपूर्ण पता, आवेदन प्राप्ति दिनांक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा सत्यापन का दिनांक एवं लायसेंस जारी करने का दिनांक सहित सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क),(ख) एवं (ग) के प्रकाश में क्या यह सत्य है कि लायसेंस लेने वाले फार्मासिस्ट आवेदक कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं? यदि हाँ, तो सी.एम.एच.ओ. रीवा द्वारा क्या-क्या किसके खिलाफ कार्यवाही की गयी? विवरण प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? नहीं की गई तो कारण स्पष्ट करें। शासन द्वारा सी.एम.एच.ओ. एवं अन्य के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों। की जावेगी तो कब तक समय-सीमा बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्तमान में औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति जारी किये जाने की प्रक्रिया ऑनलाइन है। अतः औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति प्राप्ति हेतु आवेदन ऑनलाइन ही संबंधित अनुज्ञापन प्राधिकारी के पोर्टल पर प्राप्त होते हैं। वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में रीवा जिले में औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति प्राप्ति हेतु प्राप्त कुल आवेदनों की संख्या क्रमशः 162 एवं 50 है। (ख) औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली, 1945 के अंतर्गत आवेदक द्वारा आवेदन की समस्त अर्हताओं का पालन किये जाने के पश्चात औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियाँ जारी करने की अधिकतम समय-सीमा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित कर 30 दिवस निर्धारित की गई है एवं औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति जारी करने के उपरांत औषधि निरीक्षक के स्तर से निरीक्षण किये जाने की अधिकतम समय-सीमा खेरची के लिये 3 माह एवं थोक के लिये 1 माह निर्धारित की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी, नहीं। औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति जारी करने की प्रक्रिया दिनांक 01.01.2015 से ऑनलाइन कर दी गई है। अतः आवेदक द्वारा औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति प्राप्ति हेतु आवेदन ऑनलाइन किया जाता है एवं आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन का अवलोकन करने पर संबंधित औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा ऑनलाइन औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति जारी की जाती है अथवा आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन में कोई कमी पाये जाने पर आवेदक को ऑनलाइन ही सूचित किया जाता है। उक्त प्रक्रिया के प्रत्येक स्तर पर आवेदक द्वारा दिये गये मोबाइल नंबर पर संदेश प्रदाय किया जाता है। साथ ही आवदेक को अपने आवेदन की स्थिति, किस स्तर पर लंबित है जानने हेतु ट्रेकिंग सिस्टम की सुविधा भी प्रदान की गई है। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
जिला चिकित्सालय में रेडक्रास स्टोर्स संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
54. ( क्र. 1151 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय झाबुआ में रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से मेडिकल स्टोर्स संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मेडिकल स्टोर्स का लेखा-जोखा आय व्यय का संधारण एवं ऑडिट किसके द्वारा किया जाता है? (ग) क्या उक्त रेडक्रॉस सोसायटी की दुकान पर मेडिसिन खरीदी हेतु कोई समिति बनी है? अगर हाँ तो बाजार के मेडिसिन एवं रेडक्रास सोसायटी के माध्यम से संचालित स्टोर्स की दुकान पर मरीजों को मेडीसिन टैक्स में छूट दी जाकर दी जाती है या बाजार दर पर दी जाती है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मेडिकल स्टोर्स का लेखा-जोखा आय-व्यय का संधारण फार्मासिस्ट एवं ऑडिट चार्टर्ड एकाउन्टेट (सी.ए.) द्वारा किया जाता है। (ग) जी हाँ। एम.आर.पी. दर से 10 प्रतिशत (नगद भुगतान पर) छूट दी जाती है।
चिकित्सा सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
55. ( क्र. 1194 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल चिकित्सालय रांझी (जबलपुर) में मरीजों के इलाज व चिकित्सा संबंधी कौन-कौन सी सुविधाएं संसाधन मशीनरी व उपकरण हैं? किन-किन जांचों से संबंधित कौन-कौन सी सुविधाएं संसाधन व आधुनिक उपकरण आदि नहीं है एवं क्यों? इसके लिये शासन ने क्या प्रयास किये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत पद व पदस्थ स्टॉफ कितना है? पैरामेडिकल स्टाफ की क्या स्थिति है? क्या पदस्थ स्टॉफ पर्याप्त है? यदि नहीं, तो रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन ने क्या प्रयास किये हैं? (ग) क्या प्रश्नांकित सिविल चिकित्सालय की स्वास्थ्य व चिकित्सा संबंधी सुविधाएं/संसाधन पर्याप्त व संतोषप्रद हैं? यदि नहीं, तो इसमें सुधार हेतु क्या प्रयास किये गये हैं? गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज की क्या व्यवस्था हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में इलाज हेतु कितने मरीजों को भर्ती किया गया? कितने मरीजों को रेफर किया गया? कितनी गर्भवती महिलाओं को प्रसूति हेतु भर्ती किया गया? कितनी महिलाओं के सामान्य/सिजेरियन (ऑपरेशन) प्रसव कराये गये? कितनी महिलाओं को रेफर किया गया वर्ष 2015-16 से 2016-17 जून 2017 तक की माहवार जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘अ‘‘ अनुसार है। सिविल अस्पताल रांझी में मापदण्ड अनुसार जाँच संबंधी सुविधाएं एवं उपकरण उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। चिकित्सालय में मेडिकल व शल्य क्रिया विशेषज्ञों एवं चिकित्सा अधिकारी के 02 पद रिक्त है। प्रदेश में विशषज्ञों एवं चिकित्सकों अत्याधिक कमी के कारण शत्-प्रतिशत रिक्त पदों के पूर्ति में कठिनाई है। शासन द्वारा चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने के प्रयास किया जा रहे है। सिविल अस्पताल रांझी 29 अप्रेल 2017 को एक शिशु रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना की गई है। शासन के आदेश क्रमांक-01-जी/विज्ञप्त/सेल-5/2017/2031 दिनांक 10/07/2017 द्वारा दो चिकित्सा अधिकारी की पदस्थापना की गई है। गंभीर रोगियों को तात्कालिक उपचार उपलब्ध कराया जाता है। (ग) उपलब्ध मानव संसाधन से संतोषजनक चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2015-16 से अब तक दी गई स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। मानव संसाधन उपलब्ध कराने के सतत् प्रयास किये जा रहे है। गंभीर रोगियों को आवश्यकता पड़ने पर जिला चिकित्सालय जबलपुर तथा मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी के विरूद्ध आरोप
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
56. ( क्र. 1195 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 1766 दिनांक 9/12/16 के संदर्भ में परिवीक्षाधीन अवधि में पदस्थ किस खाद्य सुरक्षा अधिकारी को कब एवं क्यों निलंबित किया गया था? इन्हें निलंबन से कब बहाल कर पदस्थी कब कहाँ पर की गई थी? आदेश व प्रश्न 125 के उत्तर की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांकित खाद्य सुरक्षा अधिकारी का जिला जबलपुर में पदस्थी अवधि का कार्यकाल संतोषप्रद रहा है? यदि नहीं, तो इन्हें पुन: कब जिला जबलपुर में स्थानांतरित कर पदस्थ किया गया एवं क्यों? इन्हें अभी तक अन्यत्र स्थानांतरित न करने का क्या कारण है? बतलावें। (ग) तारांकित प्रश्न (4111) दिनांक 8/3/17 के उत्तर के संदर्भ में प्रश्नांकित खाद्य सुरक्षा अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त किन शिकायतों की जाँच में उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन जबलपुर द्वारा किन-किन शिकायतकर्ताओं के कथन/साक्ष्य कब किसने लिये हैं? यदि नहीं, तो इन्हें किस आधार पर शिकायतों में निर्दोष पाया है? क्या दोषी के विरूद्ध पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? शिकायतों व जाँच रिपोर्ट का विवरण देवें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1766 दिनांक 9/12/16 के संदर्भ में परिवीक्षाधीन अवधि में पदस्थ किसी भी खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया है। अतः उपरोक्त के आलोक में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
57. ( क्र. 1215 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा केन्द्र जिला सागर (सर्व शिक्षा अभियान) के अंतर्गत विगत वर्षों में नवीन शाला भवन/अतिरिक्त कक्ष निर्माण आदि के लिये स्वीकृति राशि आहरित करने के उपरांत भी निर्माण कार्य न कराने अथवा निर्माण कार्य पूर्ण न करवाये जाने संबंधी किस-किस विकासखण्ड के कितने-कितने प्रकरण कब से कार्यवाही हेतु लंबित हैं? सूची देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दर्शित प्रकरणों में राज्य शिक्षा केन्द्र मध्यप्रदेश एवं कलेक्टर सागर द्वारा दिशा की बैठक दिनांक 3.6.2017 को एवं उसके पूर्व भी दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के लिये निर्देश जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र सागर को दिये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो क्या डी.पी.सी. द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने और कौन-कौन से प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज करा दी है और कितने प्रकरणों में दोषियों को बचाते हुये एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करायी गयी है? कारण बतायें। (घ) वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिये गये निर्देशों का समय पर पालन न करने के लिये क्या दोषी अधिकारी पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा केन्द्र सागर में सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत विगत वर्षों में नवीन शाला भवन/अतिरिक्त कक्ष निर्माण आदि के लिये स्वीकृत राशि आहरित करने के उपरांत भी निर्माण कार्य न कराने अथवा निर्माण कार्य पूर्ण न करवाये जाने संबंधी 50 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के न्यायालय में प्रचलन में हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 09 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) कुल 59 प्रकरणों में से 50 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालय में विचारधीन है तथा 09 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण उक्त 50 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की जा सकी। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में कोई अधिकारी दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला भवन अंतर्गत निर्माण एवं सुविधाओं की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
58. ( क्र. 1256 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कौन-कौन से हायर सेकेण्डरी/हाई स्कूल/मिडिल स्कूल/प्राथमिक शाला हैं, जो भवन विहीन हैं तथा उल्लेखित शालाओं में से कौन-कौन सी शालाएं जर्जर/क्षतिग्रस्त शाला भवनों में लग रही हैं? कौन-कौन से शाला भवन अनुपयोगी हो चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के अनुसार क्या विभाग द्वारा शाला भवनों का निरीक्षण कर उनके सुधार करने या उनका उपयोग न करने के दिशा-निर्देश दिये गये हैं तथा तत्संबंध में विगत 3 वर्षों में कब-कब किन-किन जनप्रतिनिधियों ने पत्राचार कर शासन को अवगत कराया है? (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से माध्यमिक एवं हाई स्कूलों का क्रमश: हाई स्कूलों एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विगत 3 वर्षों में उन्नयन किया गया तथा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 3 वर्षों में किन-किन स्कूलों के उन्नयन हेतु शासन स्तर पर प्रस्ताव प्राप्त हुये एवं किन-किन जनप्रतिनिधियों ने उन्नयन हेतु पत्र लिखे? (घ) क्या पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित सभी स्कूलों में पेयजल सुविधा एवं विद्युत व्यवस्था उपलब्ध है? यदि नहीं, तो किन-किन शालाओं में कौन-कौन सी सुविधा उपलब्ध है एवं कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है? उक्त सुविधाएं सभी शालाओं में उपलब्ध कराने हेतु शासन स्तर पर क्या प्रयास किये जा रहे है? शासकीय हाई स्कूल गौरहा तथा प्राथमिक शाला गौरहा विकासखण्ड मझौली जिला जबलपुर में विद्यार्थियों को पीने का पानी कहाँ से उपलब्ध कराया जाता है? पेयजल पूर्ति हेतु खनित हैण्डपंप किन कारणों से कब से बंद है, इन्हें कब तक सुधार कर प्रारंभ किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। कोई भी शाला जर्जर भवन में नहीं लग रही है। शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन विहीन नहीं है एवं कोई भी प्राथमिक/माध्यमिक शाला जर्जर/क्षतिग्रस्त शाला भवनों में नहीं लग रही है। प्राथमिक शाला नीमी, प्राथमिक शाला कन्या बजरिया, कटंगी, प्राथमिक शाला बूड़ी, कोनी, प्राथमिक शाला सिमरिया, प्राथमिक शाला हथलेवा, के शाला भवन अनुपयोगी हो चुके है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूल जर्जर न होने से प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। विभाग द्वारा प्राथमिक शाला नीमी, प्राथमिक शाला कन्या बजरिया, कंटगी, प्राथमिक शाला बुड़ी, कोनी, प्राथमिक शाला सिमरिया, प्राथमिक शाला हथलेवा के शाला भवनों का निरन्तर निरीक्षण कर इनको जीर्ण-शीर्ण होने के कारण उपयोग न करने के निर्देश दिये गये हैं। विगत 03 वर्षों में जनप्रतिनिधियों के पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक-अनुसार। (ग) विगत 03 वर्षों में उन्नयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-अनुसार है। जिले द्वारा राज्य स्तर पर प्रेषित प्रस्ताव जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स-अनुसार एवं जन-प्रतिनिधियों द्वारा लिए गये पत्रों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) शासकीय हाई स्कूल भौरहा में विद्यार्थियों के लिये पेयजल बोरिंग से उपलब्ध कराया जाता है। विद्यालय में विद्युत आपूर्ति आँधी तूफान से प्रभावित होने के कारण बोरिंग के सबमर्सिबल पम्प से पानी प्राप्त न होने से पेयजल व्यवस्था प्रभावित हुई थी। वर्तमान में विद्यालय में निर्बाध रूप से पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति है। शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में पेयजल एवं विद्युत व्यवस्था की सुविधा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शासकीय प्राथमिक/ माध्यमिक शालाओं में स्थाई पेयजल सुविधा/सुधार कार्य लोक स्वारूथ्य यांत्रिकीय विभाग के माध्यम से कराया जाता है। शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में चरणबद्ध विद्यतीकरण की व्यवस्था हेतु नवीन योजना का प्रावधान किया गया है। प्राथमिक शाला गौरहा में हैण्डपम्प में जल स्तर कम होने के कारण अप्रैल, 2017 से बंद था, जहां पेयजल की व्यवस्था स्थानीय स्तर से की जा रही थी, वर्तमान में हैण्डपम्प सुधार कर चालू करा दिया गया है।
व्याख्याता संवर्ग का संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 1311 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अरगट, जिला सतना को शासनाधीन करते समय स्वीकृत पदों में आरक्षण नियमों का पालन हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन व्याख्याता संवर्ग के संविलियन में ST, SC, OBC कोटे से संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो संख्या बताई जाये। (ख) क्या म.प्र. शासन द्वारा तत्समय वर्ष 1999-2002 की छात्र संख्या के आधार पर पदों का सृजन कर संविलियन करने के आदेश का पालन स्क्रीनिंग कमेंटी द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या अशासकीय विद्यालयों के संविलियन में जेल में बंदी व्यक्ति का भी संविलियन कर पारिश्रमिक भुगतान किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्या चंद्रशेखर आज़ाद उ.मा.वि. अरगट में चक्रधर सिंह का संविलियन संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 में कर जेल में बंदी के दौरान का भी पारिश्रमिक भुगतान कराया गया है, क्यों? (घ) क्या अशासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अरगट जिला सतना में संविलियन की पूरी जाँच कर जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी एवं पात्रों का संविलियन किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अशासकीय चन्द्रशेखर आज़ाद उ.मा.वि. अरगट जिला सतना शासनाधीन नहीं हुआ है। अपितु निकायधीन करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। नियमानुसार निकायधीन का आदेश जारी नहीं होने से। (ग) जी नहीं। श्री चक्रधर सिंह बघेल के जेल में बंद एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की जानकारी स्क्रीनिंग के दौरान संज्ञान में न होने की स्थिति में संविदा शिक्षक वर्ग-3 के पारिश्रमिक भुगतान की कार्यवाही हुई है। (घ) श्री सिंह के संबंध में जारी संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर पारिश्रमिक भुगतान संबंधी आदेश को कलेक्टर कार्यालय के आदेश क्रमांक/1049/दिनांक 03.7.2017 के द्वारा निरस्त करते हुए संबंधित को हुए भुगतान की वसूली के आदेश जारी किये गये हैं। प्रकरण में जाँच उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी दोषी नहीं पाये जाने से उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। संविलियन की कार्यवाही निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति पर निर्भर करती है।
अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्रता परीक्षा अनिवार्य किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 1318 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 को आधार बनाकर क्या आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. ने इस आशय का पत्र समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी किया है कि संविदा शाला शिक्षक पद पर नियुक्ति हेतु पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। (ख) क्या नगरीय/पंचायत निकाय संविदा शाला शिक्षक (नियोजन एवं संविदा की शर्तें) नियम 2005 में उपनियम-8 के अनुसार संविदा शाला के पद पर अनुकंपा नियक्ति हेतु पात्रता परीक्षा अनिवार्य नहीं है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित दोहरी नीति के लिए जिम्मेदार कौन है? नगरीय/पंचायत निकाय संविदा शाला शिक्षक (नियोजन एवं संविदा की शर्तें) नियम 2005, उपनियम-8 में कब तक संशोधन किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विदिशा जिले से कितने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लम्बित है, संख्यात्मक जानकारी देवें। इन प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन के पास क्या कोई ठोस नीति है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) का आदेश शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों के आधार पर जारी किया गया है। नियुक्ति नियमों में समेकित संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) विदिशा जिले में दिवंगत अध्यापक संवर्ग के आश्रितों के 06 अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण लंबित है। मृतक शासकीय सेवक के आश्रितों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित मापदंडों में शिथिलीकरण करने हेतु मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को पत्र दिनांक 27.01.2015, दिनांक 03.02.2017 एवं 16.02.2017 को प्रेषित किया गया है। भारत सरकार से निर्धारित मापदण्डों में शिथिलीकरण के लिए मार्गदर्शन अपेक्षित है।
ऐतहासिक स्थलों का निर्माण, उन्नयन एवं रख-रखाव
[संस्कृति]
61. ( क्र. 1348 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नरसिंहपुर विधानसभा स्थित ऐतिहासिक महत्व के स्थलों के निर्माण उन्नयन एवं रख-रखाव हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर सूचित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
अध्यापक संवर्ग की स्थानान्तरण नीति
[स्कूल शिक्षा]
62. ( क्र. 1351 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यापक संवर्ग की स्थानान्तरण नीति बन गयी है? यदि हाँ, तो कब तक लागू होगी? (ख) यदि नहीं, बनी है तो कब तक बना ली जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग के अंतर्निकाय संविलियन की नीति दिनांक 10.07.2017 को जारी की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र में त्रुटि
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 1357 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत 1 जनवरी 2014 के पश्चात माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित कितनी परीक्षाओं के कितने प्रश्न-पत्र में त्रुटि मिली है? इसके ऐवज में कितने नम्बर विद्यार्थियों को बोनस के रूप में प्रदान किये गये? (ख) बोर्ड परीक्षाओं के सम्पूर्ण प्रश्न-पत्र निर्माण हेतु बोर्ड ने कितनी राशि खर्च की? कितनी राशि प्रश्न-पत्र सेंटर एवं उनसे जुड़े व्यक्तियों को दी? क्या प्रश्न-पत्र में त्रुटि के उपरांत भी उक्त प्रश्न-पत्र निर्माण करने वाले व्यक्ति को पूरा भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? ऐसे शिक्षकों की सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या विभाग मानता है की प्रश्न-पत्र त्रुटि के कारण दिए गये बोनस अंक से प्रदेश मेरिट सूची का कोई औचित्य नहीं रह जाता है और बोनस अंक के कारण प्रतिभाशाली छात्रों को निराशा हाथ लगती है? इसे रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) उक्त अवधि में जिन प्रश्न-पत्र सेंटर के प्रश्न-पत्र में त्रुटि निकली है, उनकी सूची विषयवार उपलब्ध करायें? क्या प्रश्न-पत्र में त्रुटि करने वाले शिक्षकों को 5 साल के लिये प्रतिबंधित किया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गत 1 जनवरी 2014 के पश्चात माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित वर्ष 2015-16 की हाई स्कूल परीक्षा के सामाजिक विज्ञान विषय में वस्तु (contents) की त्रुटि पाई गई। अतः हाई स्कूल परीक्षा के सामाजिक विज्ञान विषय में 05 अंक बोनस के रूप में मूल्याकंन के दौरान ही परीक्षा में उपस्थित समस्त छात्रों को प्रदान किये गये। (ख) 01 जनवरी 2014 के पश्चात बोर्ड परीक्षाओं के सम्पूर्ण प्रश्न-पत्र निर्माण हेतु बोर्ड के द्वारा कुल राशि रूपये 8447734/- भुगतान की गई। सेंटर एवं उनसे जुड़े व्यक्तियों को राशि रूपये 7560957/- दी। नहीं वर्ष 2016 में त्रुटि पर बोनस अंक दिये जाने के कारण वर्ष 2016 में दो शिक्षकों को अर्थदण्ड वसूली हेतु पत्र क्रमांक 918 दिनांक 22.12.2016 जारी किया गया। गोपनीयता के उद्देश्य से ऐसे शिक्षको की सूची उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्न-पत्र त्रुटि के कारण दिये गये बोनस अंक से प्रदेश की मेरिट सूची प्रभावित नहीं होती है, क्यों कि बोनस अंक मूल्यांकन के दौरान ही परीक्षा में सम्मिलित समस्त छात्रों को दे दिया जाता है। (घ) त्रुटिकर्ता शिक्षकों द्वारा अन्य प्रश्न-पत्रों का भी निर्माण किया गया है। जिसके कारण इनके नामों की जानकारी गोपनीयता के उद्देश्य से दिया जाना संभव नहीं है। वर्ष 2016 की परीक्षा में प्राश्निक एवं अनुसीमक कुल 02 शिक्षकों द्वारा निर्देशों का उल्लंघन करने के कारण उनके द्वारा किये गये कार्य के संपूर्ण पारिश्रमिक एवं मण्डल के कार्य से सदैव के लिये वंचित (debar) किया गया था।
बी.आर.सी.सी. के लिए प्रतियोगी परीक्षा
[स्कूल शिक्षा]
64. ( क्र. 1359 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिलों में बी.आर.सी.सी. पद पर प्रतियोगी परीक्षा लेने हेतु 1 जनवरी 2017 के पश्चात क्या कोई निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि से अवगत करायें। (ख) क्या रतलाम जिले में बी.आर.सी.सी. पद हेतु गत फरवरी माह में व्याख्याताओं एव वरिष्ठ अध्यापकों की परीक्षा आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो मंदसौर में परीक्षा क्यों नहीं आयोजित की गई कारण सहित जानकारी देवें। रतलाम परीक्षा में कौन-कौन शिक्षक चयनित हुए? सूची उपलब्ध कराये। क्या चयनित शिक्षकों को नियुक्तियाँ दे दी गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों कब तक नियुक्तियाँ दे दी जायेंगी? (ग) रतलाम मंदसौर जिले में बी.आर.सी.सी. के लिए चयन समिति में कौन-कौन सदस्य हैं? सूची प्रस्तुत करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। बी.आर.सी.सी. पद की पूर्ति के संबंध में राज्य स्तर से निर्देश न होने से मंदसौर जिले में पदपूर्ति की कार्यवाही नहीं की गई है। म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 27-56/2012/20-2 भोपाल, दिनांक 25 जुलाई, 2013 अनुसार राज्य शिक्षा सेवा के गठन में नवीन संरचना में 3286 ए.ई.ओ. के स्वीकृत पदों में बी.आर.सी.सी. के 321 पदों को समायोजित किया गया है। अत: बी.आर.सी.सी. पद के स्थान पर अब ए.ई.ओ. के पदपूर्ति की कार्यवाही लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा किये जाने से राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पत्र क्रमांक/रशके/स्था./ 2017/4958 दिनांक 10.7.2017 के माध्यम से रतलाम जिले को पदों की पूर्ति के संबंध में की जा रही कार्यवाही को निरस्त करने के निर्देश जारी किये गये हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला स्तरीय नियुक्ति समिति की सरंचना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
छात्रवृत्ति का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 1364 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान किस पद्धति से किए जाने का प्रावधान है? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी पद्धति से छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाना प्रभावशील रहा है? (ख) विधानसभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत कितने संकुल केन्द्रों में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में छात्रवृत्ति का भुगतान शासन निर्देशों के बाद भी ई-पद्धति से न कर चैकों से किया गया है? संकुलवार छात्र संख्या उपलब्ध करावें। (ग) क्या ई-पद्धति से छात्रवृत्ति का भुगतान न कर चेकों से भुगतान किया गया जिससे वास्तविक छात्र को छात्रवृत्ति ही नहीं मिली और कर्मचारी/आहरण संवितरण अधिकारियों की मिली-भगत से कूटरचना कर चेक किसी अन्य को देकर शासकीय राशि का गबन किया गया है? (घ) क्या गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उत्कृष्ट विद्यालय गुनौर में छात्र वृत्ति का घोटाला किया गया है? क्या विभाग की मिली-भगत से उत्कृष्ट विद्यालय गुनौर के प्राचार्य के चेकों में हस्ताक्षर होने के बाद भी प्राचार्य के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई और उन्हे उत्कृष्ट विद्यालय गुनौर का पुनः प्राचार्य बना दिया गया है? क्या गुनौर उत्कृष्ट विद्यालय का परीक्षा परिणाम भी बहुत कम आया है? क्या उक्त प्राचार्य के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान ई-पद्धति से किये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक स्वीकृतकर्ता/आहरण वितरण अधिकारी द्वारा कोषालय में देयक प्रस्तुत कर हितग्राही के खाते में एवं वर्ष 2016-17 से वन क्लिक योजनांतर्गत केन्द्रीयकृत खाते से सीधे हितग्राही के खाते में छात्रवृत्ति भुगतान की जा रही है। (ख) वर्ष 2015-16 में विधानसभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत समस्त आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा छात्रवृत्ति का भुगतान ई-पद्धति से एवं वर्ष 2016-17 में वन क्लिक के माध्यम से किया गया। वर्ष 2015-16 में 01 छात्र की फीडिंग के दौरान छात्रावासी फीड न होने के कारण संबंधित छात्र को शेष छात्रवृत्ति राशि 2250/- मात्र का भुगतान शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. गुनौर द्वारा चैक से किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। छात्रवृत्ति का भुगतान वास्तविक विद्यार्थियों को ही किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभानसभा गुनौर अंतर्गत शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. गुनौर में छात्रवृत्ति संबंधी अनियमितता के संबंध में कलेक्टर जिला पन्ना से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार कमिश्नर सागर संभाग सागर के आदेश क्र. 1032/3/विभाजांच/2017, दिनांक 12.5.17 के द्वारा श्री अमरनाथ त्रिपाठी, प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. गुनौर के विरूद्ध वित्तीय गबन प्रतीत न होने के कारण उनके विरूद्ध प्रचलित अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रकरण समाप्त किया गया है। मान. उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्र. डब्ल्यू.पी. क्र 16185/2016 के आदेश दिनांक 3.10. 2016 के क्रम में उद्भूत अवमानना याचिका क्र. 2113/2016 के क्रम में श्री त्रिपाठी को बिना वित्तीय अधिकार दिये शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. गुनौर का प्राचार्य बनाया गया है। उत्कृष्ट उ.मा.वि. गुनौर का परीक्षा परिणाम वर्ष 2016-17 में कक्षा 12वीं का 55 प्रतिशत एवं 10वीं का 18 प्रतिशत रहा है। जिले में 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले संस्थाओं के प्राचार्यों के विरूद्ध 02 वेतन वृद्धि रोकने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र कलेक्टर जिला पन्ना द्वारा जारी किया गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन हेतु भूमि आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
66. ( क्र. 1373 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ईशानगर जिला छतरपुर में नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन की मांग की गई है? (ख) यदि हाँ, तो भूमि आवंटन की प्रक्रिया में क्या–क्या कार्यवाही की गई? क्या भूमि आवंटित कर दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, दिनांक 02.06.2017 के आदेश द्वारा भूमि आवंटित कर दी गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
योजना आधिकारी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करना
[स्कूल शिक्षा]
67. ( क्र. 1376 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल ने अपने आदेश क्र./स्था.1/सत./फ/वि.जांच/सी/02/ सतना/2015/195, दिनांक 11/02/2016 में यह मान लिया है कि श्री श्रीकांत पाण्डे योजना अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी सतना कार्यालय द्वारा डूडा परियोजना में प्रतिनियुक्ति अवधि में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अपात्र व्यक्तियों को ऋण की राशि स्वीकृत कराने के लिए दोषी पाए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासन के साथ कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अपात्र व्यक्तियों को वित्तीय मदद स्वीकृत कराया जाना एक आपराधिक कृत्य है अथवा नहीं? कितने व्यक्तियों को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर राशि स्वीकृत कराई गई? प्रत्येक व्यक्ति का नाम व स्वीकृत राशि का विवरण दें। (ग) यदि हाँ, तो उक्त आपराधिक कृत्य के लिए श्री पाण्डे के विरुद्ध पुलिस में आपराधिक प्रकरण दर्ज न कराया जाकर प्रश्नांश (क) में अंकित आदेश के तहत लघुशास्ति अंतर्गत दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का दंड देते हुए प्रकरण नस्तीबद्ध करने का निर्णय लिया जाना शासन के किन नियमों के तहत मान्य है? उसका विवरण दें। (घ) क्या शासन इस प्रकरण में लोकायुक्त समिति रीवा के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 11/02/2014, विभागीय जाँच प्रतिवेदन दिनांक 07/01/2016 में प्रमाणित पाए जाने पर कि श्री पाण्डे द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अपात्रों को ऋण दिलाने एवं आर्थिक हानि होने से राशि की वसूली कराएगा? यदि नहीं, तो क्या इस हानि को माफ करेगा? क्या उक्त कृत्य में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के आदेश जारी किये जाएंगे? यदि नहीं, तो कारण सहित बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) आदेश दिनांक 11.02.2016 में श्री श्रीकांत पाण्डे, तत्कालीन सहायक परियोजना अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण, सतना को पद के दुरूपयोग एवं विभागीय जाँच में सत्यापित अनियमितता का दोषी होना पाया गया है। (ख) से (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है।
महाविद्यालय में पाठयक्रम/अनुसंधान/चिकित्सालय का संचालन
[चिकित्सा शिक्षा]
68. ( क्र. 1388 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में निजी नर्सिंग महाविद्यालय एवं चिकित्सा महाविद्यालय व दन्त चिकित्सा महाविद्यालय में पाठयक्रम/अनुसंधान/चिकित्सालय संचालित किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कितने महाविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं? (ख) निजी महाविद्यालय के पाठ्यक्रमों में फीस निर्धारण हेतु क्या नियम आदेश हैं? (ग) क्या प्रदेश में संचालित निजी चिकित्सा महाविद्यालय, दन्त चिकित्सा महाविद्यालय एवं नर्सिंग महाविद्यालयों द्वारा स्थानीय शासकीय चिकित्सालयों के साथ मेमोरेण्डम ऑफ अन्डर स्टेंडिंग अथवा अनुबंध हस्ताक्षरित किये गये हैं? (घ) क्या प्रदेश में संचालित निजि चिकित्सा महाविद्यालय, दन्त चिकित्सा महाविद्यालय एवं नर्सिंग महाविद्यालयों द्वारा स्थानीय शासकीय चिकित्सालयों के साथ मेमोरेण्डम ऑफ अन्डर स्टेंडिंग अथवा अनुबंध हस्ताक्षरित किये गए हैं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में प्रदेश में 144 बी.एस.सी. नर्सिंग महाविद्यालय संचालित हैं, 59 पोस्ट बेसिक बी.एस.सी. नर्सिंग महाविद्यालय संचालित हैं एवं 41 एम.एस.सी. नर्सिंग महाविद्यालय संचालित हैं। प्रदेश में कुल 12 निजी चिकित्सा महाविद्यालय एवं 14 निजी दन्त चिकित्सा महाविद्यालय संचालित हैं। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) प्रदेश में संचालित निजी दन्त चिकित्सा महाविद्यालय तथा निजी नर्सिंग महाविद्यालय द्वारा शासकीय चिकित्सालयों के साथ मेमोरेन्डम ऑफ अंडर स्टेंडिंग अथवा अनुबंध हस्ताक्षरित किये गये हैं। प्रदेश में संचालित निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा शासकीय चिकित्सालयों के साथ मेमोरेन्डम ऑफ अंडर स्टेंडिंग अथवा अनुबंध हस्ताक्षरित नहीं किये गये हैं।
डी.एड. पाठ्यक्रम की मान्यता
[स्कूल शिक्षा]
69. ( क्र. 1389 ) श्री संजय उइके : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.शि.मं. भोपाल द्वारा निजी महाविद्यालयों को डी.एड. पाठ्यक्रम संचालित करने हेतु मान्यता प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग अन्तर्गत निजी महाविद्यालयों को डी.एड. पाठ्यक्रम संचालित करने की मान्यता कब-कब और कहाँ-कहाँ के लिए प्रदान की गई? (ख) क्या निजी महाविद्यालयों द्वारा डी.एड. पाठ्यक्रम संचालित किए जाने हेतु म.प्र. सरकार स्कूल शिक्षा एवं भारतीय शैक्षणिक परिषद् द्वारा मापदण्ड निर्धारित किए गये हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? क्या निजी महाविद्यालयों द्वारा इन मानदण्डों का पालन किया गया? (ग) यदि हाँ, तो क्या मा.शि.मं. द्वारा जिन निजी महाविद्यालयों को मान्यता प्रदान की गई है? मान्यता प्रदान करने के पूर्व उनका सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन महाविद्यालयों का सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब कराया गया है? (घ) क्या निजी महाविद्यालयों द्वारा संचालित किए जाने वाले पाठ्यक्रम हेतु छात्रों से ली जाने वाली फीस का शासन द्वारा निर्धारण किया जाता है? यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी-कितनी फीस निर्धारित की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) राज्य शासन द्वारा कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् का मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निजी महाविद्यालयों को मापदण्डों के पालन की समीक्षा का दायित्व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् का है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सत्र 2015 एवं 2016 में शासन द्वारा शुल्क का निर्धारण किया गया है, जो इस प्रकार हैः- 1. भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में स्थित महाविद्यालयों में प्रवेशित छात्रों हेतु रू. 35000/- प्रति छात्र। 2. उक्त शहरों के अतिरिक्त अन्य नगर निगम वाले मुख्यालयों में स्थित महाविद्यालयों में प्रवेशित छात्रों हेतु रू. 32500/- प्रति छात्र 3. शेष स्थानों पर स्थित महाविद्यालयों में प्रवेशित हेतु रू. 30000/- प्रति छात्र है।
रोगी कल्याण समिति की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
70. ( क्र. 1395 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रोगी कल्याण समिति की स्थापना कौन से वर्ष में हुई? (ख) शामगढ़ रोगी कल्याण समिति में कौन-कौन सी आय को सम्मिलित किया जाता है? प्रत्येक की जानकारी देवें। (ग) शामगढ़ रोगी कल्याण समिति की स्थापना के बाद कितनी दुकानों का निर्माण कर किन-किन व्यक्तियों को आवंटित की गई है तथा प्रत्येक दुकान की कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी फिक्स डिपॉजिट है व आर.के.एस. को प्राप्त आय को किस मद में राशि व्यय की गई है? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) शामगढ़ रोगी कल्याण समिति में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा उनका मासिक वेतन कितना है? कर्मचारीवार जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) रोगी कल्याण समिति की स्थापना वर्ष 1995 में हुई है। (ख) शामगढ़ रोगी कल्याण समिति में पंजीयन शुल्क, उपचारक सेवायें, निदान सेवायें, आहार सेवायें, एम्बुलेन्स शुल्क, निजी दानदाताओं, राज्य शासन एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्राप्त अनुदान, व्यवसायिक गतिविधियाँ, निवेश एवं निजी भागीदारी से प्राप्त राशि को आय में सम्मिलित किया जाता है। (ग) शामगढ़ रोगी कल्याण समिति की स्थापना के बाद वर्ष 2003 में 55 दुकानें एवं वर्ष 2013 में द्वितीय तल पर 20 दुकानों का निर्माण किया गया। 54 आवंटी व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। 21 दुकानें समिति के आधिपत्य में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। रोगी कल्याण समिति में फिक्स डिपाजिट राशि निरंक है। व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है।
स्कूल भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
71. ( क्र. 1405 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव में प्राथमिक शाला/माध्यमिक शाला/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के अधिकांश भवन जर्जर है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा ऐसे भवनों का चिन्हांकन किया गया है? यदि हाँ, तो जर्जर भवनों की सूची उपलब्ध करावें। क्या जिन विद्यालयों के भवन जर्जर हैं, विभाग द्वारा उन विद्यालयों के लिए नवीन भवन स्वीकृति की कोई कार्ययोजना प्रचलित है? भवन निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? (ग) वित्त वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव में कितने विद्यालयों के नवीन भवन/अतिरिक्त कक्ष निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई? सूची प्रदान करें। जिन नवीन भवनों/अतिरिक्त कक्षों की स्वीकृति प्रदान की गई उनमें से कितने का निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं कितने शेष हैं? सूची प्रदान करें। (घ) पूर्ण हो चुके भवनों/अतिरिक्त कक्षों का मूल्यांकन किस-किस अधिकारी के द्वारा किया गया? दिनांक सहित सूची उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में विधानसभा क्षेत्र, गोटेगाँव में प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं हेतु नवीन भवन/अतिरिक्त कक्ष निर्माण की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्राथमिक/ माध्यमिक शालाओं हेतु उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 1422 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्राथमिक स्वा. केन्द्र मझगवां के सामुदायिक स्वा. केन्द्र के उन्नयन के संबंध में संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. के पत्र क्र. 23 दिनांक 11/1/17 द्वारा प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया था कि शासन आदेश क्रमांक एफ 12-22/ 16/17/मेडि-3 दिनांक 24/11/16 को स्वा. केन्द्र मझगवां को सामु. स्वा. केन्द्र में उन्नयन किया जा चुका है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) आदेशानुसार सामुदायिक स्वा. केन्द्र. के मान से कितने-कितने पद विशेषज्ञ चिकित्सक के एवं कौन-कौन से पद स्टॉफ के स्वीकृत किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) सूची अनुसार कितना स्टॉफ वर्तमान में पदस्थ है? कितने पद रिक्त हैं। पदवार जानकारी दें तथा यह बतायें कि कब तक इनकी पूर्ति कर दी जावेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, शासन के आदेश क्रमांक एफ 12-22/16/17/मेडि-3 दिनांक 24.11.2016 के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगवां का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन नहीं किया गया है। बल्कि त्रुटिवंश संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के पत्र क्रमांक 5/विकास/सेल-3/23 दिनांक 11.01.2017 के द्वारा माननीय विधायक को उक्त जानकारी दी गई थी। इस त्रुटि से माननीय विधायक को संचालनालय के पत्र क्रमांक 5/विकास/ सेल-3/31 दिनांक 17.01.2017 के द्वारा अवगत भी करा दिया था। संचालनालय के उक्त दोनों पत्रों की छायाप्रतियां संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 1449 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र प्रारम्भ किये जाने हेतु शासन द्वारा किस दिनांक को आदेश जारी किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आदेश जारी किये जाने के उपरांत नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र प्रारम्भ किये जाने हेतु विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है तथा इसमें विलम्ब का क्या कारण है तथा केन्द्र कब तक प्रारम्भ किये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) दिनांक 21.06.2016. (ख) सभी नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्रों पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की पदस्थापना कर दी गई है। जिनके द्वारा नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये उपयुक्त भवनों को किराये पर लेकर संचालन प्रारंभ करने हेतु निर्देश दिये गये हैं, संचालन उपयुक्त किराये के भवन की उपलब्धता पर आधारित है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनियमित पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
74. ( क्र. 1460 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रं. 1677 दिनांक 22 मार्च 2017 में विभाग ने सहायक अध्यापक से अध्यापक पद की पदोन्नति में आर.टी.ई. 2009 की धारा 19 के तहत विषयवार पदस्थापना सतना जिले में नहीं होने के संबंध में तत्कालीन डी.ई.ओ. को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 05.08.2016 को जारी किया जाना बताया गया है? (ख) क्या संयुक्त संचालक रीवा की जाँच में डी.ई.ओ. के अतिरिक्त पूर्व के प्रभारी डी.ई.ओ. एवं दो लिपिक भी दोषी पाये गये थे? यदि नहीं, तो जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें? (ग) ये अनियमित पदोन्नति कब तक निरस्त कर दी जायेगी तथा दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच प्रारंभ की जायेगी? (घ) आर.टी.ई. की धारा 2009 की धारा 19 का उल्लंघन करने वालों पर कब तक सख्त कार्यवाही कर दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, रीवा द्वारा प्रेषित जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, जिला सतना को दोषी प्रतिवेदित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जाँच प्रतिवेदन अनुसार छात्र संख्या व विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की जाने की स्थिति प्रतिवेदित होने से पदोन्नति निरस्त नहीं की गई। प्रकरण में अनियमित पदस्थापना हेतु तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध विभाग के आदेश दिनांक 12.07.2017 द्वारा एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का दण्डादेश जारी किया गया। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सफाई कर्मियों को पी.एफ. राशि का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
75. ( क्र. 1480 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 6806 दिनांक 22/03/2017 के प्रश्न के भाग (ख) के उत्तर में बताया गया है कि मार्च 2014 से दिसम्बर 2014 तक आउटसोर्स एजेंसी द्वारा कर्मचारियों के पी.एफ. राशि तथा जनवरी 2015 से फरवरी 2017 तक की विभाग द्वारा काटी गयी पी.एफ. राशि कर्मचारियों के खाते में जमा नहीं करायी गयी है? (ख) क्या उक्त प्रश्न के भाग (घ) के उत्तर में बताया गया है कि आउटसोर्स से रखे गये सफाई कर्मचारियों को उनके काटे गये पी.एफ. राशि का भुगतान नहीं किया गया है? राज्य स्तर से गठित जाँच दल का प्रतिवेदन एवं भविष्य निधि राशि की कटौती की गयी राशि का आंकलन उपरांत यह कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) एवं (घ) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या जाँच दल द्वारा जाँच कर कर्मचारियों की काटी गयी भविष्य निधि की राशि का आंकलन कर लिया गया है? किन-किन कर्मचारियों की कितनी-कितनी राशि कब-कब काटी गयी है? (घ) कार्य से निकाले गये सफाई कर्मचारियों से काटी गयी भविष्य निधि की राशि कब तक उन्हें भुगतान कर दी जावेगी तथा पी.एफ. राशि कटौती का हिसाब नहीं रखने, समय पर संबंधितों के खाते में जमा नहीं करने, कार्य से निकाले गये कर्मचारियों को पी.एफ. राशि का समय पर भुगतान नहीं करने के लिए कौन लोग दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध कब अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मार्च 2014 से जून 2015 तक पी.एफ. राशि संबंधित कर्मचारियों के ई.पी.एफ. खाते में जमा कर दी गई है तथा शेष राशि जमा करने की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। जी हाँ पी.एफ. राशि के भुगतान में अनियमितता के लिए मुख्य रूप से एजेन्सी दोषी है जिसे छिंदवाड़ा जिले में ब्लेक लिस्ट कर दिया गया है तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला लेखा प्रबंधक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
सहायक आयुर्वेद कम्पाउन्डरों की पदोन्नति
[आयुष]
76. ( क्र. 1481 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में आयुष विभाग के अंतर्गत कंपाउन्डर के भर्ती नियम क्या हैं? क्या इस भर्ती नियम में कम्पाउन्डर्स को सहायक आयुर्वेद चिकित्साधिकारी के पद पर पदोन्नत किये जाने का प्रावधान है? नियम-निर्देश की प्रति सहित जानकारी दें। (ख) म.प्र. में आयुष विभाग के अंतर्गत कुल कितने कम्पाउन्डर कब से कार्यरत हैं? क्या इन्हें सहायक आयुर्वेद चिकित्साधिकारी के पद पर पदोन्नत किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब से? कब तक इन्हें पदोन्नत कर दिया जावेगा? (ग) क्या उक्त कम्पाउन्डर्स समयमान वेतनमान की पात्रता रखते हैं? यदि हाँ, तो क्या उन्हें समयमान वेतनमान दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस पद का समयमान वेतनमान दिया जा रहा है और यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन उक्त प्रकरण को संज्ञान में लेकर वर्षों से लंबित पदोन्नत प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण कराकर सहायक आयुर्वेद चिकित्साधिकारी के पद पर पदोन्नत किये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ'' अनुसार। योग्यताधारी होने पर। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ'' अनुसार (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब'' अनुसार। वर्तमान में नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। म.प्र. शासन वित्त विभाग के परिपत्र अनुसार वेतनमान प्रदाय किया जा रहा है। समयमान वेतनमान में किसी पद का उल्लेख नहीं किया जाता है। नियमानुसार प्रदान किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षण संबंधी प्रकरण विचाराधीन होने से।
चिकित्सा स्टॉफ रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
77. ( क्र. 1487 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जिले अन्तर्गत विकासखण्डवार डॉक्टरों के कितने पद, विशेषज्ञों के कितने पद, विभागवार पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद, आयुर्वेद चिकित्सकों व स्टाफॅ के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति क्यों नहीं की जा रही है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में अनुभवहीन डॉक्टरों की पदस्थापना की जाती है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थानों में आयुर्वेदिक चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद रिक्त हैं? जिलावार जानकारी देवें। इनकी पूर्ति कब तक की जावेगी। (घ) क्या प्रश्नांश वर्णित ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक आयुर्वेदिक औषधियां उपलब्ध नहीं है? क्या औषधियों की व्यवस्था, भवन विहीन औषधालयों का निर्माण वर्ष 2017 में पूर्ण हो जायेगा? कितने औषधालयों का निर्माण कराया जा रहा है और कितनों का कराया जाना शेष है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिला डॉक्टर के पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 1498 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विकासखंड, केवलारी, छपारा, घनौरा में वर्तमान में कितने महिला डॉक्टर के पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त पद कितने वर्षों से रिक्त हैं? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार सामुदायिक स्वा. केन्द्र केवलारी, छपारा, घनौरा में महिला डॉक्टर के पदों की पूर्ति हेतु विधानसभा प्रश्न के माध्यम से मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन ने क्या कदम उठाये है? (ग) क्या वर्ष 2017 के अंत तक महिला डॉ. के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला सिवनी अंतर्गत विकासखण्ड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केवलारी, छपारा एवं धनौरा में स्त्री रोग विशेषज्ञ के 01-01, कुल 03 पद रिक्त हैं। (ख) पद स्वीकृति वर्ष 2008 से रिक्त हैं। जी हाँ। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है। कुल स्वीकृत 3278 पदों के विरूद्ध मात्र 1055 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं, अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों/स्त्री रोग विशेषज्ञों की पदस्थापना में कठिनाई हो रही है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों की कमी के कारण निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
अध्यापक संवर्ग के वेतन निर्धारण में विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
79. ( क्र. 1503 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग को छठवां वेतनमान स्वीकृत किए जाने के फलस्वरूप वेतन निर्धारण के संबंध में कठिनाई एवं विसंगतियों के निराकरण हेतु क्या वरिष्ठ स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? (ख) यदि हाँ, तो इन विसंगतियों का निराकरण अभी तक न किए जाने हेतु कौन उत्तरदायी है? (ग) अध्यापक संवर्ग के वेतन निर्धारण में आने वाली कठिनाईयों एवं विसंगतियों के निराकरण हेतु शासन से आदेश कब तक जारी कर दिए जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग के छठवें वेतनमान के नवीन आदेश दिनांक 07 जुलाई 2017 को जारी कर दिये गये हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाति प्रमाण-पत्र बनाने के नियम
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जाति कल्याण]
80. ( क्र. 1504 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में रहने वाले सभी विमुक्त घुमक्कड़, अर्द्ध-घुमक्कड़ जाति के लोगों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने के नियम शासन में हैं? (ख) यदि हाँ, तो इस समाज/जाति के लोगों के जाति प्रमाण-पत्र छतरपुर जिले में क्यों नहीं बनाये जाते हैं? कारण बतावें। (ग) क्या इस समाज के लोगों के पास कोई स्थाई निवास नहीं रहता, तो इस समाज के लोगों को शासन की योजनओं का लाभ किस आधार पर दिया जायेगा? मापदण्ड/नियम बतावें। (घ) छतरपुर जिले में इस समुदाय के लोगों के जाति/निवास प्रमाण-पत्र कब तक बनाये जायेंगे तथा आवास के लिये पट्टे कब तक दिये जायेंगे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) छतरपुर जिले में संबंधित आवेदकों द्वारा आवेदन पत्रों के साथ जाति की पुष्टि हेतु आदेशानुसार अभिलेख, साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो पा रहे हैं। (ग) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जाति/समाज के लोगों के पास अपने स्थायी एवं अस्थायी निवास स्थान होना पाये जाते हैं। इस समाज के लोगों के पास जाति/निवास प्रमाण-पत्र उपलब्ध होने की स्थिति में उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ नियमानुसार प्रदान किया जाता है। (घ) इस संबंध में जिला कलेक्टर छतरपुर को आवश्यक निर्देश जारी किये गये हैं। निश्चित समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
प्राचार्य एवं शैक्षणिक स्टॉफ की नियमित पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
81. ( क्र. 1524 ) श्रीमती ममता मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में एक मात्र जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट बजरंगढ़) है। जिसमें विगत कई वर्षों से प्राचार्य का पद रिक्त है? उक्त पद कब तक भरा जावेगा? (ख) क्या उक्त पद प्राचार्य लेबल का है अथवा उप संचालक शिक्षा स्तर का है? (ग) क्या कारण है कि जिले में उपसंचालक स्तर का पद (जिला शिक्षा अधिकारी का) है लेकिन उन्हें नियमानुसार डाइट का प्रभार नहीं दिया जाता है? (घ) क्या बजरंग डाइट को योग्य शैक्षणिक स्टॉफ व प्राचार्य उपलब्ध है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक पद स्थापना की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। रिक्त पद भरने की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्राचार्य डाइट का पद उप संचालक स्तर का है। (ग) प्रशासकीय व्यवस्था के अंतर्गत पृथक-पृथक अधिकारी की पदस्थापना की जाती है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्राचार्य/हेड मास्टरों की पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
82. ( क्र. 1525 ) श्रीमती ममता मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में कितने हाई स्कूल प्राचार्यों के पद हैं? किन-किन पदों पर प्राचार्य कार्यरत हैं तथा कितने पद खाली हैं? (ख) इन खाली पदों पर कब तक प्राचार्य पदस्थ किये जावेंगे? जबकि जिले में 12 वर्षों की क्रमोन्नति प्राप्त व्याख्याता कार्यरत हैं तथा मिडिल स्कूल के हेड मास्टर भी 24 वर्ष की क्रमोन्नति ले चुके हैं। (ग) क्या उक्त खाली पदों पर व्याख्याता/मिडिल स्कूलों में एच.एम. को प्रभार दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गुना जिले में 73 प्राचार्य हाई स्कूल के पद स्वीकृत है, इसमें से 09 पद भरे एवं 64 पद रिक्त हैं। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। जिसकी पूर्ति पदोन्नति एवं स्थानांतरण द्वारा की जाती है। वर्तमान में पदोन्नति पर आरक्षण संबंधी दायर याचिका पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यथा स्थिति के निर्देश है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रशासनिक व्यवस्था के अनुरूप संस्था के वरिष्ठ लोक सेवक को रिक्त पद का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तरांश के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य संस्थाओं में साफ-सफाई व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
83. ( क्र. 1553 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं एवं अधीनस्थ कार्यालयों में साफ-सफाई कार्य हेतु वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक स्वास्थ्य विभाग की क्या नीति है? इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या दिशा-निर्देश जारी किए गये हैं? दिशा-निर्देशों एवं नीति की स्वच्छ छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उक्त दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शासन के दिशा-निर्देशानुसार की गयी कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त कर्मचारियों को भुगतान विभाग द्वारा किस प्रकार किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार क्या साफ-सफाई कार्य हेतु कार्यरत कर्मचारियों का प्रतिमाह ई.पी.एफ. काटा जाना था? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक शिवपुरी जिले में साफ-सफाई कार्य हेतु कार्यरत कर्मचारियों का ई.पी.एफ. कटौत्रा का वर्षवार, संख्यात्मक विवरण उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या यह शासन के नियमों की स्पष्ट अवहेलना है व उक्त हेतु दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं। क्षेत्रीय संयुक्त संचालक, ग्वालियर संभाग को जाँच के निर्देश दिये गये हैं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला चिकित्सालय शिवपुरी में साफ-सफाई हेतु ऐजेन्सी के माध्यम से लगे कर्मचारियों को अप्रैल 2013 से जनवरी 2015 तक एजेन्सी द्वारा मास्टर रोल एवं फरवरी 2015 से कर्मचारियों के बैंक खाते में ई-बैंकिंग से वेतन भुगतान किया गया। जिले की अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को सितम्बर 2013 से जनवरी 2015 तक मास्टर रोल द्वारा एवं फरवरी 2015 से कर्मचारियों के बैंक खाते में एजेन्सी द्वारा ई-ट्रासंफर से वेतन भुगतान किया गया। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तम्बाकु युक्त गुटके का विक्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
84. ( क्र. 1558 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में तम्बाकु युक्त गुटकों के निर्माण, वितरण, संग्रह एवं विक्रय पर दिनांक 31 मई 2012 से प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में प्रतिबंध के बावजूद किस-किस गुटकों की निर्माता कंपनियों एवं फर्मों के पैग्ड गुटकों के नमूने जाँच हेतु लिये गये हैं? निर्माता कंपनी एवं फर्म के नाम व पते सहित जानकारी दें। (ख) उक्त गुटकों के नमूनों की जाँच कराने पर कुल कितने नमूनें असुरक्षित, मिथ्याछाप एवं मिलावटी पाये जाने पर किन-किन निर्माता कंपनी/फर्मों के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में कब-कब किस-किस क्रमांक से एवं किस-किस दिनांक को प्रस्तुत किये गये? (ग) उक्त प्रतिबंध के बाद तम्बाकु युक्त गुटकों के नमूने लेते समय किस-किस अधिकारी द्वारा किन-किन कंपनियों/फर्म के पैग्ड गुटके जप्त किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या निर्माता कंपनी एवं फर्मों के द्वारा तम्बाकु युक्त गुटका का उत्पादन लगातार किया जाकर खुले बाजार में विभाग के अधिकारियों की मिली-भगत से विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्पतालों में सफाई व्यवस्था में लापरवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
85. ( क्र. 1559 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिवनी के शासकीय अस्पतालों में सफाई का ठेका शासन स्तर से हुआ था? यदि हाँ, तो कब? शासन के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाये? (ख) उक्त ठेका किस एजेन्सी को प्रदाय किया गया था? क्या अस्पतालों की सफाई में जिला सिवनी में भारी अनियमितताएं की जा रही हैं? सफाई में लगाये गये कर्मचारियों को 6-6 माह मानदेय नहीं देने से अस्पतालों में सफाई नहीं हो रही है, जिस एजेन्सी को सफाई का ठेका दिया गया, क्या उस पर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या सिवनी जिले के प्रभारी मंत्री के भ्रमण/निरीक्षण माह जून 2017 के दौरान भी शासकीय अस्पताल सिवनी में सफाई में भारी अनियमितताएं होना परिलक्षित हुआ है? यदि हाँ, तो निरीक्षण उपरांत अस्पताल में साफ-सफाई हेतु क्या सुधार कार्य किये गये हैं? स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अनियमितताओं की जानकारी प्राप्त हुई, क्षेत्रीय संचालक जबलपुर से जाँच कराई गई, कार्यवाही प्रचलन में है। जी नहीं। एजेन्सी द्वारा अनुबंध का पालन नहीं किये जाने पर उसके विरूद्ध नियमानुसार पेनल्टी लगाई जाती है। जाँच उपरान्त गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) माननीय प्रभारी मंत्री जी के जिला चिकित्सालय सिवनी में भ्रमण/निरीक्षण के समय चिकित्सालय में जल आपूर्ति प्रभावित होने के कारण चिकित्सालय परिसर के समस्त बोर का जल स्तर कम हो जाने से पानी की समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही थी, लेकिन निरीक्षण के समय साफ-सफाई व्यवस्था संतोषजनक पाई गई। वर्तमान में नगर पालिका के सहयोग से जल आपूर्ति एवं पानी की व्यवस्था हो जाने पर साफ-सफाई व्यवस्था नियमित रूप से की जा रही है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के तहत जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 1566 ) श्री रामपाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 म.प्र. में लागू है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अधिनियम की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) शहडोल जिले के विभिन्न अशासकीय शिक्षण संस्थानों में उक्त नियम के तहत शिक्षण वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने छात्रों को लाभान्वित किया गया है? शासन से इस अवधि में संस्थानों को वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 म.प्र. में लागू किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ग) शहडोल जिले के विभिन्न अशासकीय गैर अनुदान मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में सत्र 2014-15 में से प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित किये गये छात्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इस अवधि में संस्थानों को वर्षवार स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है।
जिला चिकित्सालय द्वारा सामग्री क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
87. ( क्र. 1567 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिला चिकित्सालय को विभिन्न कार्य दवाई, इत्यादि क्रय हेतु शासन स्तर से राशि उपलब्ध कराई जाती है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक शासन स्तर से प्रदत्त राशि में से किन-किन कार्यों के लिये राशि व्यय की गई है? राशि व्यय के संबंध में की गई समस्त प्रक्रियाओं के विवरण के साथ ही सामग्री प्रदायकर्ता, फर्म उसके संचालक की जानकारी वर्षवार विवरण के साथ उपलब्ध करायी जावे।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मरीजों को निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था अन्तर्गत दवाइयां, उपकरण, रक्त परीक्षण एवं अन्य चिकित्सकीय सुविधा हेतु प्रदाय राशि का व्यय किया गया है। प्रदाय एवं व्यय राशि का वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन द्वारा निर्धारित दरों पर क्रय कर प्रदाय राशि का व्यय किया गया एवं स्थानीय खुली निविदा (ई-निविदा) आमंत्रित कर क्रय/व्यय किया गया। निविदा प्रक्रिया में स्वीकृत फर्मों को क्रय आदेश जारी कर दवाइयां इत्यादि पर राशि का व्यय किया गया। प्रदायकर्ता एवं फर्म की जानकारी सामग्रीवार, वर्षवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोनोग्राफी मशीन की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
88. ( क्र. 1574 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न क्रमांक 2742 दिनांक 01 मार्च 2017 के उत्तर में बताया गया था कि सिविल अस्पताल ब्यावरा हेतु सोनोग्राफी मशीन क्रय किये के संबंध में मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेशन कर्पोरेशन लिमिटेड की दरों के अनुरूप नवीन आदेश क्रमांक-19384 दिनांक 30/11/2016 के द्वारा मेसर्स ब्लू. स्टार इन्जीनियरिंग एण्ड इले. लिमिटेड, मुम्बई को जारी किया गया है तथा सिविल अस्पताल ब्यावरा में डी.जी.ओ. चिकित्सक पदस्थ हैं तथा उनके नाम से सोनोग्राफी मशीन का लायसेंस जारी किया जा चुका है। यथासंभव शीघ्र सोनोग्राफी मशीन प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या माननीय विभागीय मंत्री, माननीय जिला प्रभारी मंत्री महोदया द्वारा उक्त संबंध में अनेकों बार विभाग को निर्देशित करने के बावजूद वर्तमान में स्थिति जस की तस होने के क्या कारण हैं। इसके लिये कौन दोषी हैं? शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोनोग्राफी मशीन स्थापित कर आमजन को लाभांवित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ द्वारा सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोनोग्राफी मशीन स्थापित करने हेतु क्रय आदेश दिनांक 30/11/2016 को जारी कर दिये गये। संबंधित फर्म द्वारा अब तक मशीन की प्रदायगी नहीं की गई है। (ख) संबंधित फर्म द्वारा सोनोग्राफी मशीन की प्रदायगी न करने के कारण। इस हेतु संबंधित फर्म मेसर्स ब्लू.स्टार इन्जीनियरिंग एण्ड इले. लिमिटेड, मुम्बई दोषी है। इस हेतु मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संबंधित फर्म को कारण बताओ सूचना क्रमांक-2163/एम.पी.पी.एच.सी.एल./टेक/2017 दिनांक 12/07/2017 को जारी की गई है। (ग) जी हाँ। यथासंभव शीघ्र।
पिछड़ा वर्ग सीनियर छात्रावास की स्वीकृति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
89. ( क्र. 1575 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ब्यावरा नगर राजगढ़ जिले का सबसे बड़ा नगर है? साथ ही तीन राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित होने से शैक्षणिक गतिविधियों का केन्द्र भी हैं, जिससें ब्यावरा नगर में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के गरीब व पिछड़े तपके के बच्चे अध्ययन हेतु आते हैं, लेकिन उनका मंहगे किराये के कमरों व मकानों में रहकर अध्ययन कर पाना संभव नहीं हो पाता हैं? (ख) क्या ब्यावरा शहर में पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिये छात्रावास सुविधा नहीं होने से शासन की घोषित नीति सबको सुलभ शिक्षा का स्वप्न साकार नहीं हो पा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन अपनी नीति में परिवर्तन करते हुये तुलनात्मक दृष्टि से जिला मुख्यालय राजगढ़ की आबादी से लगभग दोगुनी आबादी के शहर ब्यावरा में 100 सीटर पिछड़ा वर्ग बालक सीनियर छात्रावास खोलने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टॉफ क्वॉर्टरों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
90. ( क्र. 1598 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनेक स्थानों पर हायर सेकेण्डरी स्कूल एवं हाई स्कूल भवन विहीन होकर अन्य शालाओं में विगत कई वर्षों से संचालित किये जा रहे हैं? (ख) साथ ही क्या मॉडल स्कूल जावरा के विगत कई वर्षों से पूर्व स्वीकृत हुए स्टॉफ क्वार्टरों का निर्माणाधीन कार्य प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण होकर जितना कार्य हुआ उस कार्य की भी लगातार क्षति होती जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार शासन/विभाग का ध्यान विभिन्न व्यवस्थाओं के माध्यम से लगातार आकर्षित किया जाता रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग ने क्या-क्या कार्यवाहियाँ की हैं? (घ) बतायें कि स्वीकृत होकर प्रारम्भ हुए मॉडल स्कूल जावरा के स्टॉफ क्वार्टर के विगत कई वर्षों से बंद पड़े कार्यों को कब तक प्रारम्भ किया जाएगा तथा भवन विहीन हायर सेकेण्डरी एवं हाई स्कूलों के भवनों की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) मॉडल स्कूल जावरा में पूर्व से स्वीकृत हुए स्टॉफ क्वार्टरों का निर्माणाधीन कार्य ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण बंद है। (ग) जिला स्तर से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना से प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। भारत शासन द्वारा वर्ष 2017-18 में सुदृढ़ीकरण के तहत कोई स्वीकृति नहीं दी गई है। अतः प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। पूर्व में अपूर्ण स्टॉफ क्वाटर्स के शेष निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु पूर्व निविदा निरस्त करते हुए शेष कार्य रिस्क एवं कास्ट पर पूर्ण कराये जाने हेतु तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने विषयक संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. उज्जैन म.प्र. को पत्र क्रमांक-1154/भवन/सिविल/2013, भोपाल, दि. 1.10.2013 एवं पत्र क्रमांक-1152/भवन/सिविल/2013, भोपाल, दि. 1.10.2013 प्रेषित किये गये। कार्यालयीन पत्र क्रमांक-2014/भवन/सिविल/2015, भोपाल, दि. 6.2.2015 द्वारा परियोजना संचालक (पी.आई.यू.) लोक निर्माण विभाग, निर्माण भवन, भोपाल को आवास गृहों का तकनीकी परीक्षण कर स्ट्रेंथ के संबंध में तकनीकी परीक्षण रिपोर्ट प्रेषित करने हेतु लिखा गया है। जिसके क्रम में परियोजना संचालक, लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) की रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें जाँच रिपोर्ट के आधार पर अभिमत दिया गया कि सम्पूर्ण निर्मित स्ट्रक्चर की गुणवत्ता संदेहास्पद है। जाँच रिर्पोट के आधार पर संबंधित अधिकारियों श्री शरद सोनी (तत्का. कार्यपालन यंत्री) वं श्री जे.डी. सोनी (तत्का. कार्यपालन यंत्री) तथा श्री मनीष गुप्ता (नि.सहायक यंत्री) के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है एवं मण्डल को हुई वित्तीय हानि राशि रूपये 47,61,641/- की वसूली ठेकेदार मेसर्स रावत कंस्ट्रक्श्ान शिवपुरी से किये जाने हेतु कलेक्टर, रतलाम को कार्यालयीन पत्र क्रमांक-492/भवन/2017, भोपाल, दि. 6.7.2017 द्वारा पत्र प्रेषित किया गया है। (घ) मॉडल स्कूल जावरा के अपूर्ण स्टॉफ क्वार्टर के संबंध में लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) की प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर वर्तमान अपूर्ण ढांचे पर निर्माण करना तकनीकी रूप से उचित नहीं है। अत: अपूर्ण कार्य को पूर्णत: निरस्त कर नए सिरे से कार्य प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। तकनीकी प्राक्कलन बनाया जा रहा है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन महिला चिकित्सालय का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
91. ( क्र. 1600 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इस वर्ष के बजट सत्र में माननीय मंत्री जी द्वारा सदन में बजट की जानकारी एवं चर्चा करते हुए प्रदेश की अनेक स्वास्थ्य योजनाओं के कार्यों की स्वीकृतियाँ घोषित की थीं? (ख) यदि हाँ, तो बजट सत्र के दौरान की गयी घोषणा अनुसार शासन/विभाग द्वारा क्या जावरा नगर एवं क्षेत्र हेतु नवीन महिला चिकित्सालय की कार्ययोजना/प्रोजेक्ट/डी.पी.आर. इत्यादि कार्य पूर्ण कर लिए गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो संपूर्ण किये गये विभागीय कार्यों की क्या स्थिति है? साथ ही इसके अंतर्गत क्या-क्या कार्य किये जाना सुनिश्चित किया गया है तथा इस हेतु कितना बजट स्वीकृत होकर प्रावधानित किया है? (घ) साथ ही अवगत कराये कि उपरोक्त अत्यंत महती आवश्यकता की पूर्ति कर कार्य कब तक प्रारम्भ किया जा सकेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) सिविल अस्पताल जावरा के परिसर में नवीन महिला चिकित्सालय के भवन निर्माण हेतु डी.पी.आर. परियोजना क्रियान्वयन इकाई (लोक निर्माण विभाग) द्वारा तैयार किया जा रहा है। (ग) डी.पी.आर. प्राप्त होने के उपरान्त शेष नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
उप-स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना एवं उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
92. ( क्र. 1618 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना एवं स्वास्थ्य केन्द्र के उन्नयन की कितनी अनुशंसा प्राप्त हुई? वर्षवार अनुशंसा की श्रेणीवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ के कितने नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति उपरांत किन-किन स्थानों पर स्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक प्रारंभ कर दिये जावेंगे? (ग) अनूपपुर जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़, कोतमा एवं अनूपपुर में जनसंख्या दूरी के मान से विगत तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्रवार उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने हेतु प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित केन्द्रों की सूची उपलब्ध करायें? (घ) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में संचालित नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पड़े चिकत्सिकों एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ के पदों पर पद स्थापना कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में 02 नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोलने तथा 01 उप-स्वास्थ्य केन्द्र का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की अनुशंसाएं प्राप्त हुई थीं। (ख) 02 नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र धनगवां एवं चांदपुर किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नभाग की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
विकास खण्ड का नाम |
प्रस्तावित उप स्वा.केन्द्र का नाम |
विधान सभा क्षेत्र का नाम |
1 |
कोतमा |
गढ़ी |
कोतमा |
2 |
|
छतई |
कोतमा |
3 |
जैतहरी |
धनगवां |
अनूपपुर |
4 |
|
चांदपुर |
अनूपपुर |
5 |
अनूपपुर |
बनगवां-1 |
कोतमा |
क्र. |
विकास खण्ड का नाम |
प्रस्तावित उप स्वा.केन्द्र का नाम |
विधान सभा क्षेत्र का नाम |
6 |
|
बनगवां-2 |
कोतमा |
7 |
|
शान्तीनगर |
कोतमा |
8 |
|
झींमर |
कोतमा |
9 |
|
खोढ़री |
कोतमा |
10 |
|
न्यू राजनगर |
कोतमा |
11 |
|
निमहा |
कोतमा |
12 |
पुष्पराजगढ़ |
बीजापुरी-2 |
पुष्पराजगढ़ |
13 |
|
मौहरी |
पुष्पराजगढ़ |
14 |
|
जरही |
पुष्पराजगढ़ |
15 |
|
गुट्टीपारा |
पुष्पराजगढ़ |
(घ) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्रों पर संविदा ए.एन.एम. कार्यरत हैं एवं कोई नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत नहीं है।
शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 1619 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा वर्ष 2016-17 में हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन किये जाने हेतु जिला शिक्षा अधिकारियों से निर्धारित प्रपत्र में प्रस्ताव मंगवाये गये थे? यदि हाँ, तो जिला शिक्षा अधिकारी, अनूपपुर के द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय को भेजे गये प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला अनूपपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला, माध्यमिक शाला से हाई स्कूल और हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किये जाने की कितनी अनुशंसा प्राप्त हुई? श्रेणीवार अनुशंसा की जानकारी शाला के स्थान सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितनी शालाओं का उन्नयन के प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय को प्रेषित किये गये? कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये जाकर के शालाओं का उन्नयन किया गया तथा कितने प्रस्ताव अस्वीकृत किये गये? यदि अस्वीकृत किये गये हैं, तो किस कारण से? पृथक-पृथक शाला का कारण सहित विवरण देंवे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। राज्य बजट अंतर्गत गैर आदिवासी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों से हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी शाला में उन्नयन के प्रस्ताव मंगवाये गये थे। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जिला अनूपपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्राथमिक शाला घाटा एवं प्राथमिक शाला कछराटोला के उन्नयन हेतु घोषणा की गई है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत माध्यमिक शाला से हाई स्कूल के प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्राथमिक शाला घाटा एवं प्राथमिक शाला कछराटोला में निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के मापदण्ड अनुसार दूरी/बच्चों की संख्या की पूर्ति नहीं होने के कारण जिला स्तर से माध्यमिक शाला में उन्नयन की अनुशंसा नहीं की गई है।
आरोपी को बचाया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
94. ( क्र. 1626 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा भोपाल की संयुक्त संचालक द्वारा दिनांक 14 मार्च 2017 को अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल को संपरीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2009-10 से 2015-16 तक प्रतिवेदन में दर्शित त्रुटियों/अनियमितताओं के संबंध में म.प्र. स्थानीय निधि संपरीक्षा अधिनियम 1973 की धारा 10 (1) (ख) अनुसार प्रतिवेदन प्राप्ति के 45 दिवस के भीतर स्थानीय प्राधिकारियों का विशेष सम्मेलन बुलाया जाकर त्रुटियां एवं अनियमितताओं पर परिशोधन किए जाने हेतु पत्र तथा सचिव मध्यप्रदेश शासन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं वित्त विभाग को प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो 45 दिवस की अवधि समाप्त हो जाने के पश्चात् भी स्थानीय प्राधिकारियों का विशेष सम्मेलन नहीं बुलाने तथा अनियमितताओं के आरोपियों को षड्यंत्रपूर्वक बचाने के उद्देश्य से कार्यवाही को लम्बित रखने हेतु कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। संपरीक्षा प्रतिवेदन स्थानीय निधि संपरीक्षा भोपाल द्वारा दिनांक 14.03.2017 से अध्यक्ष, म.प्र. वक्फ बोर्ड को प्रेषित किया गया। इस प्रतिवेदन पर श्री शौकत मो. खान अध्यक्ष, म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा आपत्ति की जाकर पुन: ऑडिट कराये जाने के संबंध में स्थानीय निधि संपरीक्षा भोपाल के आदेश क्रमांक 83/2017 दिनांक 13.06.2017 के द्वारा पुन: संपरीक्षा हेतु दल गठित किया गया है। संपरीक्षा प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है। (ख) संपरीक्षा प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है।
अनियमित भुगतान की वसूली
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
95. ( क्र. 1627 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2009-10 से 2015-16 तक के संपरीक्षा प्रतिवेदन के बिन्दु क्रमांक 9 में शासन के निर्धारित मापदण्ड के विपरीत नियुक्तियों को निरस्त किए जाने तथा बिन्दु क्रमांक 11 में सै. रिजवान अली को नियमित वेतनमान का अनियमित भुगतान 1267105/- की वसूली किए जाने तथा अनियमित नियुक्ति तत्काल निरस्त किए जाने की अनुशंसा की गई है? (ख) यदि हाँ, तो नियुक्तियों तथा अनियमित भुगतान की वसूली नहीं करने के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित यह भी अवगत करावें कि नियुक्तियों की निरस्तगी व वसूली की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। संपरीक्षा प्रतिवेदन स्थानीय निधि संपरीक्षा भोपाल द्वारा दिनांक 14.03.2017 से अध्यक्ष, म.प्र. वक्फ बोर्ड को प्रेषित किया गया। इस प्रतिवेदन पर श्री शौकत मो. खान अध्यक्ष, म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा आपत्ति की जाकर पुन: ऑडिट कराये जाने के संबंध में स्थानीय निधि संपरीक्षा भोपाल के आदेश क्रमांक 83/2017 दिनांक 13.06.2017 के द्वारा पुन: संपरीक्षा हेतु दल गठित किया गया है। संपरीक्षा प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है। (ख) संपरीक्षा प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है।
सामुदायिक भवन एवं सी.सी. रोड का निर्माण
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जाति कल्याण]
96. ( क्र. 1656 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 6029 दिनांक 22.03.17 को सदन में चर्चा के दौरान प्राप्त आश्वासनों के उपरांत संबंधित विभाग द्वारा संदर्भित कार्यों को प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (ख) कसरावद विकासखण्ड खामखेड़ा में सामुदायिक भवन, सी.सी.रोड निर्माण एवं हीरापुर में सामुदायिक भवन तथा सी.सी. रोड निर्माण की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत भी प्रश्नांकित दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं करने के क्या कारण हैं? साथ ही कसरावद विकासखण्ड में एवं मुनलठान में सामुदायिक भवन तथा सी.सी. रोड निर्माण की तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई है। हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों? कारणों का उल्लेख करें। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्राप्त प्रस्तावों पर कार्यवाही प्रचलन में हैं। (ख) कसरावद विकासखण्ड खामखेड़ा में सामुदायिक भवन, सी.सी.रोड निर्माण एवं हीरापुर में सामुदायिक भवन तथा सी.सी.रोड निर्माण के प्रस्ताव सहायक आयुक्त, खरगोन के पत्र क्र. 5779/ आदिम/निर्माण/वि.घु.अर्द्धघु./17/खरगोन, दिनांक 05/07/2017 के साथ संलग्न दिनांक 10/07/2017 को प्राप्त हुए हैं। प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। कसरावद विकासखण्ड के ग्राम मुलठान में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजातियों के निवास नहीं करने से सामुदायिक भवन तथा सी.सी.रोड निर्माण की तकनीकी स्वीकृति संबंधित विभाग द्वारा जारी की जाना संभव नहीं हो रहा है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भवनविहीन एवं जीर्ण-शीर्ण शाला भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 1657 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक-4578 दिनांक 08 मार्च 2017 के प्रश्नांशों के विभागीय उत्तरों में भवन विहीन हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार तथा माध्यमिक शाला भवनविहीन एवं जीर्ण-शीर्ण शाला भवनों की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति जारी कर दी गई है? हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों तथा इस संबंध में मार्च 2017 से कितने कितने पत्र किस-किस माध्यम से उक्त कार्यों की स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए? दिनांकवार एवं कार्यवाहीवार प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में जानकारी दें। (ख) उक्त निर्माण कार्यों के लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति छात्र-छात्राओं को उच्च कोटि की शिक्षा व्यवस्था एवं उज्जवल भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये क्या शीघ्र प्रदान की जायेगी? हाँ, तो कब तक और निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। इस संबंध में मान. विधायक महो. द्वारा माननीय मंत्री स्कूल शिक्षा को प्रेषित पत्र दि. 24.3.2017 के क्रम में माननीय मंत्री जी द्वारा दिनांक 10.04.2017 द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। प्रस्तावों की स्वीकृति जारी नहीं हुई है। वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये परन्तु स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। (ख) निर्माण कार्य की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभागीय मंत्री के निर्देशों का पालन
[चिकित्सा शिक्षा]
98. ( क्र. 1676 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय मंत्री द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2424 एवं 2525 दिनांक 12.04.2017 द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव एवं आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के अधीक्षक द्वारा मरीजों एवं कर्मचारियों से किए जा रहे दुर्व्यवहार एवं अशोभनीय टिप्पणी पर जाँच के निर्देश दिये गये हैं? (ख) क्या मान. विभागीय मंत्री द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2642 एवं 2643 दिनांक 25.04.2017 द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव एवं आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के अधीक्षक को पद से हटाकर उनके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर उच्च स्तरीय जाँच कराकर दण्ड दिये जाने बाबत् पत्र लिखा गया था? (ग) क्या विभागीय मंत्री द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2993 दिनांक 12.06.2017 द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव को हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के अधीक्षक के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की उच्च स्तरीय जाँच कराने बाबत् पत्र लिखा गया? (घ) विभागीय मंत्री के उपरोक्त पत्रों में दिये गये निर्देशों का प्रश्न दिनांक तक पालन क्यों नहीं किया गया? क्या विभागीय मंत्री के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है। जी हाँ। समयावधि बताना संभव नहीं है।
अर्द्ध-घुमक्कड़ जातियों के संबंध में
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जाति कल्याण]
99. ( क्र. 1677 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत अर्द्ध-घुमक्कड़ (पारधी, फकीर, सपेरा) जाति के लोग किन-किन ग्रामों में निवास कर रहे हैं? विकासखण्डवार, ग्रामवार निवासरत् अर्द्ध-घुमक्कड़ परिवारों का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त जातियों के उत्थान एवं स्थायी रूप से निवास किये जाने हेतु शासन द्वारा क्या रणनीति बनाई गई है? क्या इन्हें किसी ग्राम में स्थायी रूप से बसाहट के लिये भूमि एवं अन्य व्यवस्थायें कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत ग्राम बूढ़ा ललितपुर, बिरूहली, सुगवां, बरजी में उक्त जाति के लोग निवासरत् हैं? यदि हाँ, तो इन्हें पेयजल, विद्युत, खाद्यान्न, सहित निवास करने के लिये पर्याप्त व्यवस्थायें शासन द्वारा की गई हैं, विवरण दें? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 310 दिनांक 31.05.2017 के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई हैं? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) शासन द्वारा घोषित विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति की सूची में केवल पारधी जाति सम्मिलित है। फकीर एवं सपेरा जाति सम्मिलित नहीं है। कटनी जिले में केवल विकासखण्ड रीठी के निम्नांकित ग्रामों में इस वर्ग के परिवार निवास करते हैं:-
विकासखण्ड का नाम |
ग्राम का नाम |
परिवार संख्या |
रीठी
|
बू़ढा़ |
150 |
हरदुआ |
28 |
|
पटेहरा |
38 |
|
कूड़ी |
39 |
|
ललितपुर |
60 |
|
बिरूहली |
200 |
(ख) राज्य शासन द्वारा उक्त जातियों के उत्थान एवं स्थायी रूप से निवास हेतु विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में ऐसी कोई योजना संचालित नहीं हैं। विमुक्त जाति आवास योजना के अन्तर्गत इस वर्ग के लोगों को पात्रता अनुसार स्वयं का मकान बनाने हेतु रूपये 60.00 हजार का अनुदान दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कटनी जिला अतंर्गत विधान सभा बहोरीबंद के ग्राम बूढ़ा,ललितपुर में खाद्यान्न, पेयजल, सी.सी.रोड़, नाली निर्माण बिरूहली में खाद्यान्न, विद्युत, सी.सी.रोड़ की सुविधाएं दी जा रही है एवं सुगवा बरजी में पारधी समुदाय के लोग निवासरत् नहीं है। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य का पत्र विभाग में दिनांक 01.07.2017 को प्राप्त हुआ है, कार्यवाही प्रचलित है।
छात्र-छात्रों के जाति प्रमाण-पत्र बनाए जाना
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 1678 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विद्यालयों में अध्ययनरत आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र अभियान के तहत बनाये जा रहे हैं? उक्त अभियान के तहत किन-किन विद्यालयों के आवेदन अब तक जमा नहीं हुये हैं? वर्ष 2015-16 से संकुलवार बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या सभी दर्ज आवेदनों का निराकरण होकर जाति प्रमाण-पत्र वितरित हो गये? यदि हाँ, तो विद्यालयवार वितरण का विवरण बताएं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत कितने आवेदनों को अस्वीकृत किया गया और क्या इन अस्वीकृत आवेदनों की जाँच की गई? यदि जाँच नहीं हुई तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत सभी विद्यालयों के आवेदन अब तक जमा न होने एवं लंबे समय तक आवेदनों का निराकरण न करने और आवेदनों की जाँच किये बिना निरस्त करने की कार्यशैली को संज्ञान में लेकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध नियुक्ति एवं नियमितीकरण की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
101. ( क्र. 1682 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री मनीष श्रीवास्तव (सांसद प्रतिनिधि) भोपाल द्वारा दि. 21.04.2017 को विभागीय प्रमुख सचिव एवं आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक को पद से हटाकर उनके द्वारा नियम विरूद्ध किए गए कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच कराने बाबत् पत्र विभाग को प्राप्त हुआ? (ख) क्या उपरोक्त पत्र में अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय की नियम विरूद्ध सहायक प्राध्यापक ग्रेड-2 के पद पर नियुक्ति एवं नियमितीकरण इत्यादि के संबंध में विभिन्न दस्तावेज संलग्न कर पद से हटाकर जाँच कराने का निवेदन किया गया था? (ग) क्या अधिष्ठाता गांधी चिकित्सा महाविदयालय द्वारा पत्र क्र. 8036 दि. 10.04.2007 19538-39 दि. 13.08.07-24640 दि. 12.10.07 अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 431-32 दि. 10.01.2008 इत्यादि विभाग को लिखे गये अनेक पत्रों में उक्त चिकित्सक की स्नातकोत्तर डिग्री एम.सी.आई. में रजिस्टर्ड नहीं होने से इनका नियमितीकरण नहीं किये जाने की जानकारी देने के बावजूद भी दि. 07.10.2008 को उक्त चिकित्सक का नियमितीकरण कैसे किया गया? क्या उक्त दिनांक को इनकी डिग्री एम.सी.आई. में रजिस्टर्ड हो गई थी? यदि नहीं, तो इनका नियमितीकरण किन नियमों के तहत किया गया? (घ) क्या शासन/विभाग माननीय विभागीय मंत्री द्वारा दिनांक 25.04.2017 को दिए गए निर्देशों के पालन में अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय डॉ. दीपक मरावी को तत्काल पद से हटाकर उपरोक्त बिंदुओं की उच्च स्तरीय जाँच करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित आदेश के परिप्रेक्ष्य में नियमितीकरण के आदेश जारी किए गए हैं। भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र क्रमांक U12012/62010-ME (PII) दिनांक 18 मार्च, 2011 द्वारा गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर की सभी स्नातकोत्तर उपाधियों को वर्ष 1981 से मान्यता दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एम.सी.आई. के मापदंड अनुसार पूर्णकालिक अधीक्षक की पदस्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
102. ( क्र. 1683 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में दिनांक 20.03.2017 को एम.सी.आई. निरीक्षण के दौरान बताई गई कमियों की पूर्ति के संबंध में आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा द्वारा अपने पत्र क्र. 1207/02/यो.वि./2017, दिनांक 30.03.2017 द्वारा वर्तमान अधीक्षक को तत्कालीन आवश्यकताओं को देखते हुए कार्यभार देते हुए शीघ्र ही पूर्णकालिक अधीक्षक की पदस्थापना करने का आश्वासन एम.सी.आई. को दिया गया है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या पूर्णकालिक अधीक्षक की स्थापना कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) क्या शासन/विभाग एम.सी.आई. के दिशा निर्देशों के अनुरूप तत्काल हमीदिया अस्पताल में पूर्णकालिक अधीक्षक की पदस्थापना करेगा तथा उपरोक्त अनुसार पत्र लिखकर एम.सी.आई. को गुमराह करने वाले अधिकारी को दण्डित करेगा? समय-सीमा बतायें।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल की तात्कालिक कार्य संचालन की आवश्यकताओं को देखते हुए विभाग के आदेश दिनांक 24 दिसम्बर, 2016 द्वारा प्राध्यापक, अस्थि रोग विभाग, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल को उनके दायित्वों के साथ-साथ संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। एम.सी.आई. को गुमराह करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्पताल
निर्माण हेतु
भूमि आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
103. ( क्र. 1684 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया में 100 बिस्तरों के अस्पताल के उन्नयन की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जा चुकी है। यदि हाँ, तो 100 बिस्तरों के अस्पताल के निर्माण हेतु शासन के द्वारा कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) आमजनों एवं मरीजों को अच्छी सुविधा प्राप्त हो सके इसलिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया में 100 बिस्तरों के अस्पताल के निर्माण हेतु वार्ड क्र. 21 परासिया में मण्डी की भूमि का चयन किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा श्रीमान जिलाध्यक्ष महोदय एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया को पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2017/19 दिनांक 07.04.2017 एवं अनुस्मरण पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2017/260 दिनांक 08.06.2017 के माध्यम से निवेदन किया गया था। जिस पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या आमजनों एवं मरीजों की अच्छी सुविधा को देखते हुए, वार्ड क्र. 21 परासिया में स्थित मण्डी की भूमि को ही आवंटित कर उपरोक्त भूमि पर 100 बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण कार्य किया जायेगा? (घ) परासिया में 100 बिस्तरों के अस्पताल हेतु भवन का निर्माण कार्य कब से प्रारंभ कर, कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु खनिज प्रतिष्ठान मद से 9.25 करोड़ रूपये का आवंटन दिए जाने की जिला कलेक्टर द्वारा सैद्धांतिक सहमति दी गई है। (ख) तहसीलदार परासिया ने आवेदित भूमि पर अनापत्ति प्रतिवेदन देने हेतु उनके पत्र दिनांक 06.06.2017 एवं पत्र दिनांक 21.06.2017 द्वारा प्रबंधक/सचिव कृषि उपज मण्डी छिन्दवाडा को लेख किया गया है। अनापत्ति प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने से भूमि आवंटन का प्रकरण निराकृत नहीं हुआ है। (ग) मण्डी की भूमि का अधिगृहण नहीं हुआ है। अतः मण्डी की भूमि पर 100 बिस्तर अस्पताल के निर्माण के संबंध में बताया जाना संभव नहीं है। (घ) भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित होने, कन्सेप्ट प्लान पर स्वास्थ्य विभाग का अनुमोदन प्राप्त होने तथा प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के उपरान्त कार्य प्रांरभ करना संभव होगा। अतः प्रश्नानुसार निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
104. ( क्र. 1686 ) श्री कमलेश शाह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षेत्रीय स्वा. एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केन्द्र इंदौर में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के कुल कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद तथा कब से रिक्त हैं? श्रेणीवार बतावें। (ख) उक्त संस्था में कुल ऐसे कितने पद हैं जिनके विरूद्ध अन्य पदों के लोग कार्यरत हैं तथा जिस पद के विरूद्ध कार्यरत हैं क्या वे उस पद की योग्यता रखते हैं? यदि नहीं, तो योग्य व्यक्तियों की पदस्थापना कब तक की जावेगी? (ग) क्या डॉ. श्रीमती माया कल्याणी स्किल लैब के लिए प्रशिक्षित हैं तथा इसी संस्था में पदस्थ हैं फिर भी एक अन्य स्त्री रोग विशेषज्ञ को वहाँ पदस्थ किया गया है? (घ) क्या क्षेत्रीय संचालक स्वा. सेवाएं इंदौर में उप संचालक पद की उपयोगिता न होने के कारण डॉ. स्मिता तिवारी को अन्यंत्र कार्य करने के आदेश दिए गए हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एक। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं।
मिडिल स्कूल की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
105. ( क्र. 1690 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के ग्राम सेमल्या एवं ग्राम बनबना में मिडिल स्कूल कब से संचालित है? (ख) इनका हाई स्कूल में उन्नयन कब तक कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सेमल्या में शा. माध्यमिक विद्यालय वर्ष 1986 से एवं ग्राम बनबना में शासकीय माध्यमिक विद्यालय वर्ष 2000 से संचालित है। (ख) माध्यमिक शाला सेमल्या छात्र संख्या 44 होने से छात्र संख्या के मापदण्ड की एवं माध्यमिक शाला बनबना किसी भी मापदण्ड की पूर्ति नहीं करता है। शालाओं का उन्नयन मापदण्डों की पूर्ति, बजट प्रावधान अनुसार किया जाता है। तद्नुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पर्यटन स्थल निर्माण
[पर्यटन]
106. ( क्र. 1691 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पाताखेड़ी के बड़ा रामदेव मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर कब तक कार्य प्रारंभ किया जायेगा? (ख) कब तक प्रदेश के पर्यटन मानचित्र में इस स्थान को सम्मिलित किया जायेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्तमान में इस तरह की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
लोकायुक्त व E.O.W. में दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 1695 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 7916 दि. 31-03-2017 के (क) व (ख) में वर्णित प्रकरणों की अद्यतन स्थिति पृथक-पृथक बतावें। (ख) जिन प्रकरणों में शासन को लोकायुक्त व E.O.W.की रिपोर्ट आ गई है या जिनमें उपरोक्तानुसार शासन की कार्यवाही अपेक्षित है उन प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधत प्रकरणों में लोकायुक्त, E.O.W. एवं शासन के बीच हुए समस्त पत्र व्यवहार की प्रकरणवार छायाप्रति देवें। (प्रश्न दिनांक तक) (घ) प्रकरणों को लंबे समय तक लंबित रखकर निराकरण न होने देने की साजिश रचने वाले विभागीय अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एम.पी.डब्ल्यू. मलेरिया कर्मियों की बहाली
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
108. ( क्र. 1696 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश से मलेरिया पूरी तरह समाप्त हो गया है? विगत 3 वर्षों में मलेरिया उन्मूलन पर आवंटित बजट की जानकारी वर्षवार देवें। (ख) यदि मलेरिया समाप्त नहीं हुआ है, तो एम.पी.डब्ल्यू. (पुरूष) मलेरिया के 773 कर्मियों की सेवाएं समाप्त क्यों कर दी गई हैं? (ग) पत्र क्रमांक 2928/रा.मं./चि.श. (स्व.प्र.) लो.स्वा.प.क. एवं सं. कार्य/17 दिनांक 06.06.2017 पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) इनकी सेवा समाप्ति के आदेश को कब तक निरस्त कर इन्हें पुन: कब तक कार्य पर रखा जाएगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। विगत 03 वर्षों में मलेरिया उन्मूलन पर आवंटित बजट की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत शासन द्वारा राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रमों में कार्य करने हेतु प्रत्येक ग्राम में 1,000 की आबादी पर एक आशा कार्यकर्ता (Accredited Social Health Activist- ASHA) के चयन उपरांत प्रशिक्षित किया गया। जो वर्तमान में फीवर सर्विलेंस, मलेरिया धनात्मक रोगियों का उपचार एवं एडिज़ मच्छर लार्वा सर्वे का कार्य संपादित कर रही है। वर्तमान में प्रदेश में 1,000/5,00 की आबादी पर अनुमानित 70,000 आशाएं कार्यरत हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2014 में प्रत्येक ग्राम में एक ग्राम आरोग्य केन्द्र स्थापित किया गया। जिसका संचालन आशा कार्यकर्ता द्वारा किया जाता है एवं इन केन्द्रों पर वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिये आवश्यक औषधियां एवं जाँच हेतु आवश्यक रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट उपलब्ध कराये गये हैं। इसके अतिरिक्त भारत शासन द्वारा राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत संविदा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरूष) के पदों की स्वीकृति सितम्बर 2014 को समाप्त की गई एवं तत्पश्चात् राज्य शासन द्वारा मंत्रि-परिषद् में प्रस्ताव पारित कर सितम्बर 2016 तक की पदों स्वीकृति दी गई। अक्टूबर 2016 के पश्चात स्वीकृति न होने के कारण एवं संविदा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरूष) की वैकल्पिक व्यवस्था आशा के रूप में सुदृढ़ किये जाने के कारण विभाग द्वारा एक माह की पूर्व सूचना देते हुए संविदा बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरूष) की सेवायें दिनांक 30.06.2017 से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। (ग) पत्र क्रमांक 2928/रा.मं./चि.श. (स्व.प्र.) लो.स्वा.प.क. एवं सं.कार्य/17 दिनांक 06.06.2017 पर परीक्षण कर नियमानुसार समुचित कार्यवाही की गई है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षकों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
109. ( क्र. 1704 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं? विद्यालयवार बतावें। (ख) प्रश्न दिनांक तक कितने विद्यालयों में कितने अतिथि शिक्षक धार जिले में कार्यरत हैं? इन्हें कितना मानदेय दिया जा रहा है? (ग) क्या विभाग में 3 वर्षों से अधिक समय से सेवा देने वाले अतिथि शिक्षकों को नियमित/संविदा नियुक्ति दिए जाने की प्रक्रिया विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या इन्हें संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में बोनस अंक दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो पूरी प्रक्रिया बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) धार जिलांतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) अतिथि शिक्षिकों को शैक्षिणक सत्र में 15 अप्रैल तक के लिए रखा जाता है। सत्र 2017-18 में अभी तक अथिति शिक्षक नियुक्त नहीं होने के कारण कार्यरत की जानकारी वर्तमान में निरंक है। अथिति शिक्षक वर्ग-3 को रू. 100/- वर्ग-2 को रू.150/- एवं वर्ग-1 को रू. 180/- प्रति उपस्थिति दिवस मानदेय दिया जाता है। (ग) जी नहीं। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनयम 2009 के अनुसार नियुक्ति की कार्यवाही की जाती है। (घ) जी हाँ। प्रक्रिया से संबंधित निर्देश म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 1-54/2014/20-1 दिनांक 17/03/2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार।
घोषणाओं पर क्रियान्वयन की जानकारी
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जाति कल्याण]
110. ( क्र. 1705 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ जाति सम्मेलन देवास में की गई घोषणाओं की प्रमाणित प्रति देंवे। (ख) इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कार्यालय से हुये समस्त पत्र व्यवहार की छायाप्रति देंवे। अभी तक कितनी घोषणाओं पर कितना प्रतिशत अमल हुआ? बतावें। (ग) धार जिले में इस वर्ग के कितने हितग्राहियों को कितनी योजनाओं का लाभ मिला? विगत 03 वर्ष की जानकारी हितग्राही संख्या, योजना नाम सहित देवें। (घ) मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाएं कब तक पूर्ण होंगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से हुये पत्राचार की जानकारी निरंक है। अभी तक कुल 11 घोषणाओं में से 06 घोषणाओं पर अमल हुआ, जो कि कुल घोषणा 54-54 प्रतिशत है। शेष 05 घोषणाओं पर अमल की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जिले से विगत 03 वर्षों में कोई प्रस्ताव प्राप्त न होने से राशि व्यय नहीं की गई। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017 योजनाओं हेतु लक्ष्य एवं आवंटित राशि की जानकारी निम्नानुसार:-
क्र. |
योजना का नाम |
लक्ष्य |
आवंटित राशि |
1 |
विमुक्त जाति आवास योजना |
30 |
8.10 |
2 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
15 |
1.35 |
3 |
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना |
20 |
1.35 |
(घ) प्रश्नांश (ख) भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संचालित स्कूलों में बंद पड़े शौचालय
[स्कूल शिक्षा]
111. ( क्र. 1713 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड के किन-किन शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शौचालयों का निर्माण कराया गया? इनमें से किन स्कूलों में शौचालय प्रयोग में है तथा किन स्कूलों में शौचालयों में ताले पड़े हैं? पृथक-पृथक जानकारी बंद रहने के कारण सहित उपलब्ध कराई जावे। (ग) बंद पड़े शौचालयों के संबंध में कौन जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक चालू हो जावेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग की योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
112. ( क्र. 1714 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से पिछड़ा/अल्पसंख्यक वर्ग बाहुल्य गाँव एवं बस्तियों में विकास कार्य कराने अथवा अन्य प्रकार से इस वर्ग के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं कब से संचालित की जा रही हैं? (ख) विभाग द्वारा भिण्ड जिले के किन-किन ग्रामों में पिछले तीन वर्ष में कौन-कौन से विकास कार्यों एवं पिछड़ा/अल्पसंख्यक वर्गों हेतु कितनी राशि व्यय की गई? भिण्ड जिले के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा भिण्ड जिले के निवासरत पिछड़ा/अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों को किसी योजना अंतर्गत विगत 3 वर्षों में लाभांवित किया गया है? यदि हाँ, तो विधान सभावार विरूद्ध जानकारी उपलब्ध कराई जावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विभाग की ओर से पिछड़ा/अल्पसंख्यक वर्ग बाहुल्य गाँव एवं बस्तियों में विकास कार्य हेतु कोई योजना संचालित नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
संविदा
शिक्षकों की
भर्ती की जाँच
[स्कूल शिक्षा]
1. ( क्र. 36 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले की जावद विकासखण्ड में वर्ष 2006-07 व 2007-08 में हुई संविदा शिक्षकों की भर्ती के संबंध में की गई जाँच के संबंध में समस्त कार्यवाही यथा जाँच प्रतिवेदन पत्राचार आदि का विवरण उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जाँच में कौन-कौन दोषी पाये गये, उनका नाम पते सहित विवरण देते हुए बताएं कि जाँच रिपोर्ट अनुसार क्या समस्त दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो जाँच रिपोर्ट पर कार्यवाही में विलम्ब के कारणों को स्पष्ट करते हुए बताए कि दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जाँच में 44 संविदा शाला शिक्षक दोषी पाए गए थे। दोषी में 46 नाम है, जिसमें से 02 संविदा शाला शिक्षक द्वारा ज्वाईन नहीं किया गया है। 44 दोषी संविदा शाला शिक्षकों की सेवायें समाप्त की गई है। दोषियों के विरूद्ध थाना जावद में आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराए गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैंसर अस्पताल ग्वालियर हेतु जारी राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( क्र. 61 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री राज्य बीमारी के अंतर्गत वर्ष 2017 के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कैंसर अस्पताल ग्वालियर द्वारा भेजे गये प्राक्कलन और चिकित्सीय अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत प्रकरण मुख्य चिकित्सा अधिकारी छतरपुर में लंबित है? (ख) क्या सरकार द्वारा कैंसर अस्पताल ग्वालियर के प्राक्कलन पर जिला छतरपुर द्वारा राशि जारी हेतु रोक है? (ग) यदि हाँ, तो प्राक्कलन क्यों दिये गये स्पष्ट करें तथा जो प्राक्कलन तथा प्रकरण लंबित पड़े है उनकी स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी? यदि राशि के अभाव में उक्त योजना का लाभ हितग्राही को नहीं मिलता है तो कौन दोषी है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। राज्य बीमारी सहायता निधि के अन्तर्गत वर्ष 2017 के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कैंसर अस्पताल ग्वालियर में उपचार हेतु कोई भी प्रकरण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर कार्यालय में लंबित नहीं हैं। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान ग्वालियर की मान्यता अवधि दिनांक 31.12.2016 तक दी गयी थी। मान्यता अवधि समाप्त होने के उपरांत कोई भी प्रकरण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर कार्यालय द्वारा प्राप्त नहीं किये गये। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उन्नयन वर्ष 17-18 के आवंटन
[स्कूल शिक्षा]
3. ( क्र. 62 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 2308 दिनांक 30 मार्च 2017 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में जी हाँ का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव की सूची दी गई थी। (ख) उक्त प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कितने समय-सीमा में किया जावेगा? (ग) प्रदेश में वर्ष 2017-18 में उन्नयन हेतु शासन के पास कितना बजट है? (घ) क्या उक्त 14 प्रस्तावों में से क्र. 1 से 03 तक की संस्थाओं के उन्नयन वर्ष 2017-18 में कर दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्तावों का परीक्षण मापदण्ड के अनुसार किया गया। (ग) वर्ष 2017-18 में हाई स्कूल हेतु एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन हेतु कुल रूपये 7064.38 लाख का प्रावधान है। (घ) उन्नयन मापदण्डों की पूर्ति बजट उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समस्त पात्र शालाओं का उन्नयन संभव नहीं हो पाता है।
दूरबीन पद्धति द्वारा शल्यक्रिया
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( क्र. 112 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाराजा यशवंत राव शासकीय चिकित्सालय इन्दौर में दूरबीन पद्धति (लेप्रोस्कोपिक) द्वारा प्रोस्टेट (TURP) एवं पित्त की थैली निकालने की शल्यक्रिया की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 में इस प्रकार की कुल कितनी शल्यक्रिया की गई है? (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शल्यक्रिया करने वाले चिकित्सक के नाम व उनकी शैक्षणिक योग्यता की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या इन सभी चिकित्सकों की शैक्षणिक योग्यता एम.सी.आई. द्वारा मान्य है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 में टी.यू.आर.पी. तथा यूरोलॉजी की कुल 190 तथा लेप्रोस्कोपिक पद्धति द्वारा 220 शल्य क्रिया की गई। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में दूरबीन पद्धति (लोप्रोस्कोपिक) द्वारा प्रोस्टेट एवं पित्त की थैली निकालने की शल्य क्रिया करने वाले चिकित्सकों के नाम एवं शैक्षणिक अर्हता की जानकारी निम्नानुसार है :-
सरल क्रमांक |
चिकित्सा का नाम |
शैक्षणिक अर्हता |
1 |
डॉ. आर.के माथुर |
एम.एस., एफ.आर.सी.एस. |
2 |
डॉ. अरविन्द घनघोरिया |
एम.एस. |
3 |
डॉ. आरिफ अंसारी |
एम.एस. |
4 |
डॉ. सुमित शुक्ला |
एम.एस. |
5 |
डॉ. मनीष कौशल |
एम.एस. |
6 |
डॉ. अरविन्द शुक्ला |
एम.एस. |
7 |
डॉ. आर.एस.रायकवार |
एम.एस. |
8 |
डॉ. सोनिया मोसेस |
एम.एस. |
9 |
डॉ. अंकुर माहेश्वरी |
एम.एस. |
10 |
डॉ. अभय ब्राम्हे |
एम.एस. |
11 |
डॉ. बृजेश लाहौटी |
एम.एस., एम.सी.एच., पीडियाट्रिक्स सर्जरी |
(घ) जी हाँ।
कॉकरवा तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना
[पर्यटन]
5. ( क्र. 120 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 23 फरवरी, 2017 के अता.प्रश्न क्रमांक 27 के संदर्भ में स्वीकार किया गया है कि जावरा तहसील के कॉकरवा तालाब में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं व प्रमुख पर्यटक स्थल हैं तो इसको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु विश्राम भवन, बोटिंग आदि की योजना कब तक बनायेंगे, ताकि इसे पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा सके?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन नीति 2016 में स्थल विशेष को ''पर्यटन स्थल'' घोषित करने का प्रावधान नहीं है। प्रश्न में उल्लेखित स्थल पर वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
दुर्घटनाग्रस्त/घायल मरीजों को तुरन्त उपचार उपलब्ध करवाने के निर्देश
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( क्र. 164 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दुर्घटनाग्रस्त/घायल मरीजों को तुरन्त उपचार उपलब्ध करवाने संबंधी समय-समय पर दिये गये निर्देशों के परिपालन हेतु क्या स्वास्थ्य विभाग मध्यप्रदेश द्वारा निजी चिकित्सालयों/नर्सिंग होम के लिये क्या कोई निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो जारी निर्देशों की जानकारी देवें? (ख) निजी चिकित्सालयों/नर्सिंग होम को ऐसे मरीजों का ईलाज कर शासकीय जिला चिकित्सालय या मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में रेफर करने के क्या निर्देश हैं? (ग) दुर्घटनाग्रस्त/घायल मरीज से किन परिस्थितियों में निजि नर्सिंग होम को शुल्क लेने की पात्रता नहीं है? (घ) दुर्घटनाग्रस्त/घायल अज्ञात मरीज को प्राथमिक उपचार के पश्चात् अन्य बड़े हॉस्पिटल (शासकीय) में रेफर की स्थिति में स्थानीय पुलिस की क्या भूमिका रहेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निजी चिकित्सालय/नर्सिंग होम को निःशुल्क प्राथमिक उपचार देने के बाद केवल अत्यन्त गंभीर रोगी जिनकी समुचित चिकित्सा उपचार संबंधित सुविधायें चिकित्सालय में किया जाना संभव नहीं हो, को ही निकटस्थ उच्च स्तर के शासकीय जिला चिकित्सालय या मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में रेफर करने के निर्देश है। (ग) दुर्घटनाग्रस्थ/घायल मरीजों को नर्सिंग होम में प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश है। (घ) दुर्घटनाग्रस्थ/घायल अज्ञात मरीजों की एम.एल.सी. की जानकारी स्थानीय पुलिस को उपलब्ध कराई जाती है। मेडिको लीगल कार्यवाही पुलिस द्वारा की जाती है।
नि:शुल्क दवाई वितरण
[चिकित्सा शिक्षा]
7. ( क्र. 236 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेडिकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर से मरीजों को नि:शुल्क दवाई देने का प्रावधान है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अधीन सभी को नि:शुल्क दवाइयां दी जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो मेडीकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर के चिकित्सकों द्वारा ऐसी दवाइयां क्यों लिखी जाती है जो अस्पताल में नहीं मिलती है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अधीन निर्धन व्यक्ति बाहर से दवाइयां न खरीद पाने के कारण स्वस्थ नहीं हो पाता? इसके लिये कौन जबाबदार है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शासन के द्वारा प्रदत्त सूची अनुसार दवाइयां निःशुल्क प्रदाय की जाती है। (ग) कुछ दवाइयां जो सूची में शामिल नहीं है, मरीजों के ईलाज हेतु अति आवश्यक होने पर ही डॉक्टरों द्वारा लिखी जाती है। (घ) शासन की योजनानुसार जो दवायें चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं होती एवं निर्धन मरीजों को अत्यंत आवश्यकता होने पर स्थानीय क्रय से क्रय कर उपलब्ध कराई जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय स्कूलों में सुविधाओं का अभाव
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 237 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय शालाओं में आवश्यक सुविधायें जैसे फर्नीचर आदि न होने के कारण छात्रों को जमीन पर बैठकर अध्ययन करना पड़ता है? (ख) यदि नहीं, तो पनागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला तिलहरी में छात्रों को बैठने के लिये फर्नीचर की व्यवस्था क्यों नहीं है? (ग) क्या आवश्यक सुविधाओं का अभाव पर्याप्त बजट न होने के कारण है? (घ) यदि हाँ, तो यह समस्या कब तक हल होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) माध्यमिक शालाओं के छात्रों के बैठनें के लिये फर्नीचर की व्यवस्था हेतु पृथक से पूर्व से कोई योजना नहीं होने के कारण फर्नीचर नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) माध्यमिक शालाओं में फर्नीचर की व्यवस्था हेतु राज्य बजट में नवीन योजना की स्वीकृति हेतु कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अध्यापक संवर्ग की वेतन विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 293 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला अंतर्गत सेवारत अध्यापक संवर्ग के वेतन निर्धारण की जाँच न होने से प्रत्येक संकुल में एक ही संवर्ग के अध्यापकों के वेतनों में अंतर है? वेतन निर्धारण की विसंगति हैं? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि अध्यापक संवर्ग के वेतन निर्धारण की जाँच के लिये कौन सी एजेंसी निर्धारित है और वेतन निर्धारण की जाँच निर्धारित एजेन्सी से क्यों नहीं करवायी जा रही है? (ग) अध्यापक संवर्ग के वेतन निर्धारणों की जाँच कब तक कराकर सभी संवर्गों के अध्यापकों के वेतन की विसंगतियों में सुधार करा लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अध्यापक संवर्ग के छठवें वेतनमान के नवीन आदेश दिनांक 07.07.2017 को जारी कर दिये गये है। (ख) वेतन निर्धारण का अनुमोदन जिला पंचायतों के वरिष्ठ लेखाधिकारी/लेखाधिकारी से कराने का प्रावधान है। (ग) समुचित आदेश दिनांक 07.07.2017 को जारी कर दिये गये है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शाला भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
10. ( क्र. 295 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले अंतर्गत कितनी प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेन्डरी स्कूलें संचालित हैं? इनमें से कितनी शालायें भवन विहीन हैं, जो स्वयं के भवन न होने से अन्यत्र दूसरी शिक्षण संस्थानों के भवनों में संचालित हैं? भवन न होने की स्थिति में ये शालायें कहाँ और किस भवन में संचालित हैं? जानकारी 31 मार्च 2017 की स्थिति में विधानसभा क्षेत्रवार, शालावार दी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनेक शालायें ऐसी हैं जिनके भवन जीर्ण-शीर्ण एवं जर्जर स्थिति में हैं? सूची देवें। इनमें कितनी शालाओं के भवन में सुधार हो सकता है और कितनी शालाओं के लिये पुन:भवन निर्माण करवाना पड़ेगा? उक्त कार्य कब तक करा लिये जाने की संभावना है? जानकारी 31 मार्च 2017 की स्थिति विधानसभा क्षेत्रवार, शालावार दी जावे? (ग) क्या सुरखी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हाईस्कूल विदवांस और भैंसा- भीष्मनगर के शाला भवन के निर्माण संबंधी अथवा अतिरिक्त कक्ष निर्माण संबंधी कोई प्रस्ताव विभाग के पास लंबित हैं? यदि हाँ, तो उक्त दोनों हाईस्कूलों के भवन का निर्माण अथवा अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सागर जिले अन्तर्गत 3185 प्राथमिक एवं 935 माध्यमिक शाला कुल 3120 शालाएं संचालित है। 18 प्राथमिक शाला एवं 03 माध्यमिक शालाएं कुल 21 शालायें भवन विहीन है। भवन विहीन शालायें जिन भवनों में संचालित है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार तथा इनमें से भवन विहीन शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार 269 प्राथमिक एवं 34 माध्यमिक शाला भवन जीर्ण-शीर्ण एवं जर्जर है। सुधार योग्य भवनों एवं पुनः निर्माण शालाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। जीर्ण-शीर्ण भवनों के विरूद्ध नवीन भवन एवं शाला भवनों के मरम्मत के कार्य वार्षिक कार्य योजना में भारत सरकार से स्वीकृति उपरांत कराये जाते है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जीर्ण-शीर्ण शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। जीर्ण-शीर्ण शालाओं का सुधार और शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (ग) शासकीय हाई स्कूल विदवांस और भैंसा-भीष्मनगर स्वभवन विहीन है। इन स्कूलों के 05-05 अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु प्रस्ताव राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में प्रेषित किये गये। भारत शासन द्वारा वर्ष 2017-18 में किसी भी स्कूल के लिये स्वीकृति नहीं दी गई है। स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला अस्पतालों में डायलिसिस यूनिटों की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( क्र. 319 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन द्वारा जिला अस्पतालों में डायलिसिस यूनिटों की स्थापना की है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में किन-किन अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है? (ख) क्या डायलिसिस प्रक्रिया के लिए किसी स्पेशलिस्ट स्टॉफ की आवश्यकता होती हैं? यदि हाँ, तो यूनिट में कितने स्टॉफ सदस्य होते हैं। (ग) क्या भोपाल संभाग के सभी डायलिसिस यूनिटों में पर्याप्त स्टॉफ वांछनीय योग्यता धारक पदस्थ है? यदि हाँ, तो जिलावार, अस्पतालावार पदस्थ स्टॉफ का ब्यौरा दें? (घ) भोपाल संभाग में प्रश्न दिनांक तक कितने रोगियों की डायलिसिस की गई हैं? प्रश्न दिनांक से एक वर्ष का पूर्ण संख्यात्मक ब्यौरा जिलावार अस्पतालवार प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। भोपाल संभाग के सभी जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है। (ख) जी हाँ। डायलिसिस यूनिट में नेफ्रारोलॉजिस्ट/डायलिसिस में प्रशिक्षित चिकित्सक, डायलिसिस तकनीशियन एवं डायलिसिस में प्रशिक्षित स्टॉफ नर्स होते है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
हायर सेकेन्डरी स्कूल में विषय वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 320 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धामंदा स्थित स्कूल में विज्ञान और कृषि विषय प्रारंभ किए जाने का प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक विषय प्रारंभ किए जाएंगे। (ख) क्या धामंदा स्कूल से हाई स्कूल पास छात्राओं को विज्ञान व कृषि विषय की पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था है? यदि हाँ, तो किस शाला में विषय उपलब्ध हैं और उनकी दूरी कितने कि.मी. है? (ग) क्या धामंदा स्कूल में प्रश्नांश (क) अनुसार विषय वृद्धि किए जाने को लेकर तकनीकी दिक्कत है? यदि हाँ, तो किस स्तर पर किस प्रकार की दिक्कत आ रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। इछावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धामन्दा स्थित स्कूल में विज्ञान विषय प्रारंभ किये जाने का प्रस्ताव संचालनालय में प्राप्त हुआ है एवं कृषि संकाय संस्था में पूर्व से ही संचालित है। संकाय की स्वीकृति बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा। (ख) धामन्दा स्कूल में कृषि संकाय में 53 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है एवं विज्ञान विषय के अध्ययन हेतु छात्र-छात्राएं ग्राम रामनगर स्थित शा.उ.मा.वि. (15 कि.मी.), ग्राम भाउखेड़ी स्थित शा.उ.मा.वि. (14 कि.मी.), ग्राम कोठरी स्थित शा.उ.मा.वि. (15 कि.मी.) एवं इछावर स्थित शा.उ.मा.वि. (20 कि.मी.) जाते हैं। (ग) जी नहीं। संकाय की स्वीकृति बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा।
किचिन शेड एवं शौचालय की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
13. ( क्र. 411 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूल में विगत 03 वर्षों में कितने किचिन शेड एवं शौचालय की स्वीकृति प्रदान की गई? स्कूलवार जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत किचिन शेड एवं शौचालय किन कार्य एजेंसियों द्वारा निर्माण किये जा रहे हैं, राशि सहित जानकारी देवें? (ग) स्वीकृत किचिन शेड एवं शौचालय प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने शेष हैं? स्कूलवार जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में किचिन शेड स्वीकृत नहीं किए गए। 09 प्राथमिक एवं 16 माध्यमिक शालाओं में शौचालयों की स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विगत तीन वर्षों में किसी भी हाई स्कूल में किचिन शेड एवं शौचालय स्वीकृत नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश ''क'' के अनुक्रम में प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में स्वीकृत शौचालयों के निर्माण कार्य की एजेंसी एवं राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में स्वीकृत शौचालयों के निर्माण कार्य की एजेंसी एवं राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 426 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की हटा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने हाई स्कूल व कितने हायर सेकेण्डरी स्कूल म.प्र. शासन द्वारा किस वर्ष खोले गये? (ख) कितने हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भवन विहीन हैं? (ग) विद्यार्थियों के भविष्य एवं अध्यापन कार्य को देखते हुये उक्त भवन विहीन हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन कब तक बना दिये जावेंगे? समय-सीमा बतावे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार। (ग) बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभागीय मंत्री के पत्र पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
15. ( क्र. 428 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विभागीय मंत्री द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2052 दिनांक 19.12.2016 द्वारा आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में सी.एस.एस.डी. एवं एच.आई.एम.एस. की स्थापना के संबंध में जारी कार्यादेशों के क्रियान्वयन एवं भुगतान पर रोक लगाते हुए छ: बिन्दुओं में विस्तृत जानकारी तीन दिवस में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये थे? (ख) क्या अधिष्ठाता द्वारा दिनांक 18.01.2017 को हमीदिया चिकित्सालय से प्राप्त जानकारी आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा को भेजते हुए लिखा गया कि अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय द्वारा भेजी गई जानकारी डीन द्वारा चाही गई जानकारी के अनुरूप नहीं है तथा प्रकरण में समीक्षा की आवश्यकता है। यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा इसकी समीक्षा की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन/विभाग उपरोक्त प्रकरण में सी.वी.सी. गाईडलाईन, भण्डार क्रय नियमों, टेण्डर प्रक्रिया, माननीय विभागीय मंत्री की प्रतिकूल टीप की जाँच करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' के सन्दर्भ में प्रकरण पर माननीय विभागीय मंत्री का दिनांक 07 फरवरी, 2017 को अनुमोदन प्राप्त हो गया है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
16. ( क्र. 454 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 08 मार्च 2017 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3360 के उत्तर में जाँच प्रतिवेदन के प्राप्त होने के उपरांत दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। उत्तर दिया गया था तो क्या संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर द्वारा जाँच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है यदि हाँ, तो जाँच की प्रति देते हुए बतावें कि अनियमितता के लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? अगर जाँच संबंधित द्वारा पूरी नहीं की गई तो जांचकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संबंधितों के परिजनों के अनुकम्पा नियुक्ति एवं अनुग्रह राशि ब्याज सहित कब तक उपलब्ध करावेंगे? साथ ही अनुकम्पा नियुक्ति से वंचित होने पर हुई आर्थिक क्षतिपूर्ति संबंधितों को किस तरह की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रचलित है। अत: शेषांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जाँच के निष्कर्ष पर निर्भर करेगा।
समय पर निर्माण कार्य पूरा न कराने के लिए संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 455 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के मूल्यांकन एवं सतर्कता समिति की बैठक दिनांक 09.06.2017 में प्रस्तुत विभिन्न विभागों के प्रतिवेदन के साथ जिला शिक्षा केन्द्र के प्रतिवेदन में भिन्न-भिन्न विदयालयों में कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2010-11 से वर्ष 2016-17 के दौरान प्रगतिरत् 732 कार्य एवं अप्रारंभ 52 कार्य के आंकड़े बताये गए? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार अप्रारंभ एवं अपूर्ण कार्यों के प्रारंभ एवं राशि जारी करने के दिनांक एवं क्रमांक क्या थे? इनके कार्य पूर्ण करने की अवधि निर्माण एजेंसी को क्या दी गई थी? अनुबंध अनुसार कार्यवाही कर निर्माण कार्य पूर्ण न करने पर कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई? अगर नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के कार्यों के अनुसार प्रश्नांश (ग) के निर्माण एजेंसी एवं सहायक यंत्री व उपयंत्रियों के विरूद्ध निर्माण कार्य समय पर पूर्ण न कराने का दोषी मानकर कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई? संबंधित निर्माण एजेंसी एवं उपयंत्रियों से राशि वसूली कराते हुए निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराने हेतु कार्यवाही करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2010-11 से 2016-17 के बीच 289 प्रगतिरत एवं 11 अप्रारम्भ निर्माण कार्य बताये गये है। मूल्यांकन एवं सतर्कता समिति की बैठक दिनांक 09.06.2017 को प्रस्तुत जानकारी की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। निर्माण कार्य पूर्ण न करने वाली निर्माण एजेन्सी को निर्माण कार्य पूर्ण करने तथा अनुचित रूप से आहरित राशि वापिस जमा करने के निर्देश दिये गये थे तथा निर्देश के बाद भी कार्य पूर्ण नहीं करने वाली निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध राशि वसूली हेतु नियमानुसार प्रकरण दर्ज कर राशि वसूली की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। (घ) निर्माण कार्य के तकनीकी मॉनीटरिग एवं कार्य के मूल्यांकन की जिम्मेदारी सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को दी गई थी। उदासीनता एवं लापरवाही करने वाले 01 सहायक यंत्री तथा 04 उपयंत्रियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी कर जबाब लिया गया है जिसमें से 01 सहायक यंत्री तथा 02 उपयंत्री की संविदा नियुक्ति समाप्त किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रगतिरत 104 कार्यों को पूर्ण कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पर्यटक स्थल बनाने विषयक
[पर्यटन]
18. ( क्र. 474 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत कौन-कौन से स्थान पर्यटन विभाग के अंतर्गत शामिल किये हैं? सूची उपलब्ध करावें? यदि पर्यटन स्थलों की सूची संधारित नहीं की जाती है तो क्यों? (ख) विगत 3 वर्षों से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्यों में प्रावधानित तथा व्यय की गई? योजना, कार्य का नाम, स्थान तथा राशि बतायें? कार्यानुसार भुगतान की गई राशि कब-कब किस-किस को चेक/ ड्राफ्ट/नगद दी गयी, की प्रति सहित पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) क्या बालाघाट जिले के अंतर्गत सावरझोडी धार्मिक स्थल, देवडोंगरी, नरसिंगा, हट्टा बावली इत्यादि धार्मिक तथा प्राकृतिक रूप से सुंदर एवं महत्वपूर्ण स्थानों को पर्यटन घोषित करने के लिये कोई योजना है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्या सर्वे कराकर विचार किया जावेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन विभाग के अंतर्गत विशिष्ट रूप से पर्यटन क्षेत्रों की सूची संधारित करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कार्यानुसार भुगतान की गई राशि का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) पर्यटन विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति 2016 के तहत किसी भी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अवैध कोचिंग संचालन
[स्कूल शिक्षा]
19. ( क्र.
499 ) श्री
नरेन्द्र
सिंह कुशवाह :
क्या स्कूल
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भिण्ड
जिले के
अंतर्गत कहाँ
पर कौन सी
कोचिंग
संचालित है? कोचिंग
संचालन के लिए
कहाँ पर
पंजीयन किया
जाता है? शासन
द्वारा क्या
मापदण्ड
निर्धारित
किए गए हैं? छायाप्रति
सहित जानकारी
दें। (ख) वर्ष 2013 से
प्रश्नांश
दिनांक तक किस
स्तर के
अधिकारी
द्वारा कब किस
कोचिंग का
निरीक्षण
किया गया? क्या
कमियां पाई
गईं? निरीक्षण
प्रतिवेदन की
छायाप्रति
सहित जानकारी
दें। (ग) प्रश्नांश
(क) और (ख) में
अवैध कोचिंग
संचालित किए
जाने के लिए
क्या
कार्यवाही की
गई? किस
कोचिंग में
कितने बच्चों
को अध्ययन की
पात्रता हैं? किस
स्तर के
शिक्षक
द्वारा अध्यापन
कार्य करवाया
जा रहा है? (घ) किस
स्तर के
शिक्षकों को
अध्यापन के
लिए अनुमति
किस अधिकारी
द्वारा कब प्रदान
की गई?
अनियमितता
पाई जाने पर
क्या
कार्यवाही की
गई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) स्कूल
शिक्षा विभाग
द्वारा
कोंचिग
संचालन संबंधी
कोई नियम व
मापदण्ड निर्धारित
नहीं किये है।
अत: शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख)
प्रश्नांश
''क'' के
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रश्नांश
''क'' के
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
''क'' के
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
युक्तियुक्त करण/क्रमोन्नति/पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
20. ( क्र. 500 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड द्वारा वर्ष 2015से प्रश्नांश दिनांक तक युक्तियुक्त करण/ क्रमोन्नति/पदोन्नति अध्यापक शिक्षक सहायक शिक्षक की कब आदेश जारी किया गया? (ख) जिला शिक्षा विभाग भिण्ड में 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने शिक्षक सेवानिवृत्त हुए, कितनो के पी.पी.ओ.जी.पी.ओ. जारी किये गये? सेवानिवृत्त के उपरांत किस कर्मचारी से क्या कार्य लिया जा रहा है ऐसे कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही एवं कब की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत सेवानिवृत्त कर्मचारियों से कार्य लेने के लिए शासन द्वारा क्या नियम जारी किए गए है? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (घ) शिक्षा विभाग भिण्ड में कहाँ पर कौन सा पद स्वीकृत है कौन कार्यरत है कौन सा पद रिक्त है कब पद पूर्ति हो जायेगी? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा अधिकारी जिला भिण्ड द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक 4 शिक्षकों के क्रमोन्नति आदेश जारी किये गये है। (ख) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक 511 शिक्षक सेवानिवृत्त हुये है तथा 499 शिक्षकों के पी.पी.ओ./जी.पी.ओ. जारी किये गये है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों से कोई काम नहीं लिया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। अतः निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विभिन्न संवर्ग (शिक्षक/अध्यापक) के अटैचमेंट से संबंधित
[स्कूल शिक्षा]
21. ( क्र.
663 ) श्री
बलवीर सिंह
डण्डौतिया :
क्या स्कूल
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) स्कूल
शिक्षा विभाग
द्वारा
कार्यरत
शिक्षक संवर्ग, अध्यापक
संवर्ग एवं
संविदा
शिक्षक
संवर्ग में उनकी
मूल पदस्थापना
स्थल से अन्यत्र
अटैचमेंट
करने,
व्यवस्था
में रखे जाने
एवं प्रतिनियुक्ति
देने हेतु
म.प्र. शासन के
क्या मापदण्ड/नियम
प्रक्रिया
निर्धारित है, की
जानकारी
छायाप्रति
उपलब्ध
कराते हुए दी
जावे?
(ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में जिला
शिक्षा
अधिकारी जिला
मुरैना
द्वारा व जिला
शिक्षा
अधिकारी
मुरैना कार्यालय
पर एवं B.R.C.C. कार्यालय
पोरसा व B.E.O. कार्यालय
पोरसा, जनपद पोरसा
कार्यालयों
में दिनांक 1
जनवरी 2016 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने शिक्षक
संवर्ग, अध्यापक
संवर्ग एवं
संविदा
शिक्षक
संवर्ग के अटैचमेंट, व्यवस्था
एवं
प्रतिनियुक्ति
पर रखे नाम, पता, पद, कार्यालय
का नाम, नियुक्ति
दिनांक
अटैचमेंट, व्यवस्था, प्रतिनियुक्ति
आदेश दिनांक व
विभाग का नाम
आदि की
जानकारी
देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) में
विभिन्न
शिक्षक
संवर्गों के
किये गये
अटैचमेंट, व्यवस्था
प्रतिनियुक्ति
देने की
कार्यवाही
नियम विपरीत
अथवा नियम
अनुकूल है?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( कुँवर
विजय शाह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार। (ख) मुरैना
जिले में
दिनांक 1 जनवरी, 2016 से
प्रश्न
दिनांक तक
शिक्षक
संवर्ग, अध्यापक
संवर्ग एवं
संविदा शाला
शिक्षक संवर्ग
में कोई भी
कर्मचारी
अटैचमेंट/प्रतिनियुक्ति
पर नहीं है।
अत: शेषांश का
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (ग) प्रश्नांश
(ख) के प्रकाश
में प्रश्न
उपस्थित होता
है।
विमुक्त घुमक्कड़ जनजाति की कल्याणकारी योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
22. ( क्र. 664 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अता. प्रश्न क्र.1111 दिनांक 01/03/2017 के उत्तर भाग (क) में जिला मुरैना को म.प्र. शासन विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति विभाग द्वारा विमुक्त जाति आवास योजना अंतर्गत वर्ष 2016-17 में 60 आवासों हेतु राशि रू.36 लाख उपलब्ध करना तथा भाग (घ) में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना वर्ष 2016-17 में बजट प्रावधान न होने के कारण जिले को राशि आवंटित नहीं की जा तथा विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति बस्ती विकास योजना में जिले से अपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने के कारण राशि स्वीकृत नहीं की जा पाने संबंधी उत्तर दिए गए है तो उपरोक्त 60 आवासों में कहाँ-कहाँ, किन-किन हितग्राही को राशि दी गई की जानकारी नाम पता दी गई राशि दिनांक आदि सहित दी जावे। (ख) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में वर्ष 2017-18 में कितनी राशि उपलब्ध कराई गई व क्या जनजाति बस्ती विकास योजना में अपूर्ण प्रस्ताव के स्थान पर पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) अतारा. प्रश्न क्रमांक 1111 दिनांक 01.03.2017 के उत्तर भाग (क) के क्रम में जिला मुरैना को 60 आवासों हेतु प्रदाय की गई राशि रूपये 36 लाख में से लाभांवित किये गये विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति के हितग्राहियों को दी गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत जिला मुरैना को वर्ष 2017-18 को राशि रूपये 9.00 लाख उपलब्ध कराये गये है। विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत जिला मुरैना से दिनांक 10/07/2017 को प्रस्ताव प्राप्त हुए है, प्रस्ताव के परीक्षण की कार्यवाही की जा रही है।
वाणिज्य संकाय के विषयों की पढ़ाई की सुविधा
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 693 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गर्ल्स हायर सेकेण्डरी स्कूल श्योपुर में वर्तमान तक वाणिज्य संकाय के विषयों की पढ़ाई की सुविधा न होने के कारण प्रति वर्ष इस स्कूल से सेकड़ों छात्राएं हाई स्कूल पास आउट होने पर अधिकांश छात्राएं अन्यत्र जिले के गर्ल्स हायर सेकण्डरी स्कूल में वाणिज्य संकाय के विषयों की पढ़ाई हेतु एडमिशन लेने को विवश होती हैं अथवा पढ़ाई छोड़ देती हैं। (ख) क्या छात्राओं की उक्त समस्या के मद्देनजर जिला शिक्षा अधिकारी श्योपुर द्वारा उक्त स्कूल में वाणिज्य संकाय प्रारंभ कराने हेतु प्रस्ताव तैयार कर शासन/विभाग को भेज भी दिया है? (ग) क्या उक्त स्कूल में भवन, फर्नीचर अन्य सुविधाएं पूर्व से ही उपलब्ध है केवल एक वाणिज्य संकाय के व्याख्याता का पद स्वीकृत कर इसकी पद स्थापना की जाने की आवश्यकता है तथा इसमें शासन को नाम मात्र का व्यय भार आवेगा? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्रस्ताव को सक्षम समिति से अनुमोदित करा कर इसे चालू वर्ष के अनुपूरक बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शा. उत्कृष्ट उ.मा.वि. श्योपुर, श्री हजारेश्वर उ.मा.वि. श्योपुर एवं मॉडल उ.मा.वि. श्योपुर में वाणिज्य संकाय संचालित हैं। यह तीनों विद्यालय शा.कन्या उ.मा.वि. श्योपुर से 1/2 कि.मी. से 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं, जिसमें छात्र-छात्राएं संबंधित विषय का अध्ययन करते हैं। (ख) जी हाँ। (ग) संकाय की स्वीकृति बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 694 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामों में नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत करने के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) उक्त निर्देशानुसार श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र की पात्रता रखते हैं उनके नाम बतावें? (ग) वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक की अवधि में क्या उक्त पात्र ग्रामों में नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत करने के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को स्वीकृति हेतु भेज दिये हैं, यदि हाँ, तो इन प्रस्तावों में ग्राम नयागांव व आमल्दा के प्रस्ताव भी शामिल हैं यदि नहीं, तो इनके प्रस्ताव शीघ्र भेजे जावेंगे। (घ) क्या क्षेत्रान्तर्गत उक्त दोनों ग्रामों व इनके आस-पास के दर्जनों ग्रामों के वाशिंदे प्राथमिक उपचार हेतु पाँच से दस कि.मी. की दूरी तय कर अन्यत्र जाते-आते हैं दोनों ग्राम शासन निर्देशानुसार उपस्वास्थ्य केन्द्र की पात्रता भी रखते हैं यदि हाँ, तो इनके प्रस्ताव मंगाकर शासन शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) ग्रामीण सामान्य क्षेत्रों में 5 हजार एवं आदिवासी क्षेत्रों में 3 हजार की जनसंख्या पर नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का मापदण्ड निर्धारित है। (ख) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में और नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने हेतु कोई ग्राम पात्रता नहीं रखते है। (ग) दिनांक 21.06.2016 को श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 06 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र (माखनाखेडली, खिरखिरी बंद काचार, ननावद, करीरिया, तलावड़ा, नागरगांवडा) स्वीकृत किये गये है। स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्र तलावड़ा अंतर्गत ग्राम नयागांव एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र ननावद के अंतर्गत ग्राम आमल्दा आता है। जी नहीं, ग्राम नयागांव एवं ग्राम आमल्दा में उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की पात्रता नहीं आती है। (घ) नवीन स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्र तलावड़ा से ग्राम नयागांव-05 कि.मी. एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र ननावद से आमल्दा- 06 कि.मी. की दूरी पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन स्थली हेतु राशि स्वीकृत किये जाने
[पर्यटन]
25. ( क्र. 730 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन स्थलों को विकसित किए जाने हेतु कौन-कौन सी योजनायें शासन द्वारा संचालित की जा रही हैं? (ख) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत परासिया विधान सभा क्षेत्र के पर्यटन स्थल 01. माँ खेड़ापति मंदिर चांदामेटा 02. देवरानी दाई मंदिर, सेमरताल एवं 03. जिल्हेरी घाट, इटावा इन तीनों पर्यटन स्थलों में निर्माण कार्यों के लिए राशि की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी एवं विभाग को अनेको पत्र प्रेषित किए जा चुके हैं, उन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत परासिया विधान सभा क्षेत्र के उपरोक्त तीनों पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की सुविधा हेतु विभिन्न निर्माण कार्यों को किए जाने हेतु विभाग द्वारा अभी तक राशि स्वीकृत नहीं की गई है, इसका क्या कारण है? (घ) उपरोक्त तीनों पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की सुविधा हेतु विभिन्न निर्माण कार्यों को किए जाने के लिए कब तक विभाग द्वारा राशि स्वीकृत कर दी जायेगी?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रवर्तित स्वदेश दर्शन योजना अन्तर्गत (हेरीटेज सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, वाइल्ड लाइफ सर्किट, इको सर्किट एवं प्रसाद योजना के कार्य सम्मिलित है) पर्यटन विभाग, म.प्र. शासन द्वारा विभिन्न स्थलों के विकास हेतु विभिन्न योजनाऍ (शहरी पर्यटन स्थल का विकास, ग्रामीण पर्यटन स्थल का विकास, जल पर्यटन, जन सुविधा केन्द्रों का संचालन, अनुसूचित जाति उपयोजना, अनुसूचित जनजाति उपयोजना एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्य शासन का अंशदान, केन्द्र क्षेत्रीय योजना सामान्य) के अन्तर्गत पर्यटन स्थलों के विकास एवं निर्माण हेतु योजना संचालित की जा ही है। (ख) जी हाँ। छिंदवाड़ा जिले में भारत शासन द्वारा पूर्व में स्वीकृत छिंदवाड़ा सर्किट के अन्तर्गत माँ खेड़ापति मंदिर चांदामेटा में विकास कार्य कराये गये है एवं 13वें वित्त आयोग के अन्तर्गत देवरानी दाई मंदिर सेमरताल एवं जिल्हेरी घाट इटावा इन दोनों स्थलों के कार्यों हेतु राशि वन विभाग को पर्यटन विभाग द्वारा प्रदान की गई। (ग) पर्यटन विभाग द्वारा उपरोक्त तीनों स्थलों के विकास कार्य हेतु वर्तमान में कोई राशि स्वीकृत नहीं हैं। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भेड़ाघाट के प्राचीन जलप्रपातों को प्रवाहमान बनाया जाना
[पर्यटन]
26. ( क्र. 750 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के भेड़ाघाट क्षेत्र में विश्वविख्यात संगमरमरीय पर्यटनीय स्थल कौन-कौन से हैं और उनमें अभी तक कौन-कौन से पर्यटनीय विकास कार्य किये गये हैं? (ख) क्या किसी ऐतिहासिक काल में नर्मदा नदी का धाराप्रवाह किसी अन्य दिशा से रहा है और जिसे अब किसी अन्य नाम से पुकारा जाता है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्तमान धुंआधार जलप्रपात से इतर एक लगभग 300 फुट चौड़ा एवं दूसरा लगभग 25 फुट चौडा संगमरमरीय जलप्रपात अवशेष के रूप में विद्यमान है और वर्तमान में वृहत हो चुकी बंदरकूदनी से इतर दूसरी बंदरकूदनी भी और संगमरमरीय शैलपर्ण ऊद्यान विद्यमान है? (घ) क्या भेड़ाघाट के ऊपर से नर्मदानदी के प्रवाह को प्रत्यावर्तित कर अथवा उद्वहित कर प्रश्नांश (ग) के दोनों जलप्रपातों को और गुमनाम बंदरकूदनी और संगमरमरीय शैलपर्ण उद्यान को पर्यटनीय बनाया जाकर भेड़ाघाट के पर्यटनीय महत्व में वृद्धि की जावेगी?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जिला जबलपुर के भेड़ाघाट क्षेत्र में नर्मदा नदी के किनारे एक भेड़ाघाट मार्बल रॉक्स विश्वविख्यात पर्यटनीय स्थल है। भारत शासन, पर्यटन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2012-13 में स्वीकृत मेगा सर्किट जबलपुर की योजना के अन्तर्गत पर्यटन विभाग द्वारा जिला जबलपुर के भेड़ाघाट स्थित पंचवटी पार्क का विकास एवं पर्यटकों के मनोरंजन हेतु मल्टीमीडिया लेजर शो की स्थापना की गई है। (ख) जी नहीं। ऐसी कोई तथ्य विभाग की जानकारी में नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.ई.सी. द्वारा व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
27. ( क्र.
771 ) श्री
विजय सिंह
सोलंकी :
क्या लोक स्वास्थ्य
और परिवार
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विगत 03
वर्षों में
खरगोन जिले
में आई.ई.सी.
द्वारा व्यय
की गई राशि का
मदवार, सामग्रीवार
राशि सहित
सूची देवें।
इन कार्यों के
लिए कब-कब किस
माध्यम से
निविदाएं
आमंत्रित की
गई थी।
किन-किन निविदाकर्ता
द्वारा
क्या-क्या
सामग्री
प्रदान की गई? निविदाकर्ता
का नाम, पता, सामग्री, राशि
सहित सूची
देवें। (ख) खरगोन
जिले के
एम.बी.बी.एस.
डिग्रीधारी
समस्त शासकीय
विभागीय
चिकित्सक/अधिकारी
द्वारा विगत 1
वर्ष में उनके
द्वारा कितनी
आई.पी.डी. एवं
कितनी ओ.पी.डी.
की गई।
चिकित्सकवार
नाम सहित
संख्या
माहवार बतायें।
इस
विषय/संबंधी
विभागीय
नीति/निर्देश
की प्रति
देवें। (ग) खरगोन
जिले में
कार्यरत चलित
वाहन
चिकित्सालय
की सूची उसमें
कार्यरत स्टॉफ
के नाम, योग्यता
सहित सूची
देवे। इनका
रूट चार्ट भी
देवें।
लोक
स्वास्थ्य और
परिवार
कल्याण
मंत्री ( श्री
रुस्तम सिंह ) :
(क) प्रश्न भाग
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''एक'' अनुसार
है। (ख) प्रश्न
भाग की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''दो
एवं तीन '' अनुसार है।
(ग) प्रश्न भाग
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''चार'' अनुसार
है।
प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण
[संस्कृति]
28. ( क्र. 777 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में प्राचीन ऐतिहासिक महत्व की दृष्टि से कौन-कौन से भवन/स्थल हैं? नाम, स्थान सहित बतलावें? क्या राज्य शासन द्वारा इनके संरक्षण एवं मरम्मत कार्य हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो भवन/स्थल की मरम्मत हेतु कितनी-कितनी राशि एवं कब-कब उपलब्ध करायी गई है, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तेजगढ़ के क्रांतिवीर राजा तेजीसिंह लोधी द्वारा निर्मित किला जिसमें कचहरी, रानी निवास, हाथी दरवाजा, गुम्बद आदि मरम्मत/अनुरक्षण के अभाव में खण्डहर होने की स्थिति में हैं, मात्र गणेश मंदिर के अवशेष ही सही सलामत रह गये हैं? क्या राज्य शासन/केन्द्र शासन इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित/मरम्मत करने के लिए विभागीय दल भेजकर शीघ्र कार्य योजना बनायेगा, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? ऐतिहासिक प्राचीन धरोहर को संरक्षित किये जाने के लिए किसकी जिम्मेदारी बनती है? (ग) इसी प्रकार दमोह जिले के प्राचीन जलस्त्रोत जैसे- तालाब, बाबड़ी, चैपड़ा, झिरियां आदि के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन की क्या कार्ययोजना है? क्या इन प्राचीन जलस्त्रोतों के संरक्षण हेतु कोई धनराशि उपलब्ध करायी गई है, यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी-कितनी राशि स्थलवार बतलावें?
राज्यमंत्री, संस्कृति
( श्री
सुरेन्द्र
पटवा ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) विभाग
द्वारा जिला
दमोह की समस्त
तहसीलों का
ग्रामवार
पुरातत्वीय
सर्वेक्षण
कार्य सम्पन्न
करा लिया गया
है. जिसके
अंतर्गत
जबेरा विधानसभा
क्षेत्र में
स्थित तेजगढ़
के क्रांतिवीर
राजा
तेजीसिंह
लोधी द्वारा
निर्मित किले
का पुरातत्वीय
सर्वेक्षण
कार्य करा
लिया गया है.
ऐतिहासिक
प्राचीन
धरोहरों को
संरक्षित
करने की जिम्मेदारी
भारत सरकार
एवं राज्य
सरकार दोनों
की है। (ग) विभाग
द्वारा
संरक्षण, अनुरक्षण
एवं विकास का
कार्य किया
जाता है. प्राचीन
जलस्त्रोत
जैसे -तालाब, बावड़ी, झिरिया
आदि पुरातत्व
महत्व के
नहीं होने से
इन पर विभाग
द्वारा कोई
राशि व्यय
नहीं की गई
है।
परिशिष्ट
- ''छ: ''
गोवारी जाति को अनुसूचित जनजाति का लाभ दिया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
29. ( क्र. 794 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में से गोवारी जाति को विलोपित करने तथा अनुसूचित जनजाति की सूची में गोंड जाति का दो बार की जगह केवल एक बार नाम करने में शासन को क्या वैधानिक परेशानी है? यदि नहीं, तो इसके लिए हो रही देरी के लिए दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : राज्य शासन द्वारा घोषित पिछड़ा वर्ग की सूची में गोवारी जाति अहीर, ब्रजवासी, गवली, गोली, यादव आदि की उपजाति/वर्ग समूह में सरल क्रमांक 1 पर अंकित है साथ ही तद्नुसार सरकार की सूची में भी भारत सरकार द्वारा घोषित म.प्र. राज्य की पिछड़ा वर्ग की सूची के सरल क्रमांक 1 में भी उक्त जाति अंकित है जिसका परंपरागत व्यवसाय पशुपालन व दुग्ध विक्रेता का व्यवसाय करने वाली जाति के रूप में दर्शाया गया है। भारत सरकार द्वारा घोषित राज्य की अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल गोवारी जाति सरल क्रमांक 16 पर गौड की उपजाति वर्ग समूह में गौड गोवारी अंकित है। जिससे यह स्पष्ट है कि प्रदेश में गोवारी गौड. गोवारी दो अलग-अलग जातियां है जिन्हें यथा स्थिति अनुसार पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा सम्मिलित किया गया है। जिसमें परिवर्तन करने का अधिकार राज्य शासन को नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी नियुक्ति निरस्त की जाना
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 852 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के जनपद पंचायत रामपुर बघेलान के अन्तर्गत ग्राम पंचायत कोनिया कोठार के पंचायत सचिव राजमणि द्विवेदी द्वारा पद का दुरूपयोग कर अपनी पत्नी श्रीमती संध्या द्विवेदी को अपात्र होने पर भी शिक्षिका के पद पर प्राथमिक शाला कोनिया धर्म उरहान में नियुक्ति की गई थी तथा जिसका संविलियन भी हो गया है क्या उक्त शिकायत की जाँच प्रतिवेदन पत्र क्र.378 दि.24.11.16 जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र सतना को प्राचार्य जाँच अधिकारी शा.उत्कृष्ट उ.मा.वि. रामपुर बघेलान द्वारा भेजा गया है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो श्रीमती संध्या द्विवेदी शिक्षिका की सेवा समाप्तकर शिक्षिका के पति पंचायत सचिव के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक अभी तक क्यों नहीं दर्ज कराई गई कारण बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरण में जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था परन्तु प्रतिवेदन अपूर्ण होने से जिला परियोजना समन्वयक, सतना को प्रकरण में जाँच हेतु निर्देश दिये गये है। जाँच पश्चात् पाये गये तथ्यों के अनुसार नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।
वक्फ संपत्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
31. ( क्र. 878 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी तहसील में वक्फ संपत्ति कहाँ-कहाँ और कितनी है? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली वक्फ संपत्ति का खसरा नंबर व जगह का नाम उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वक्फ संपत्ति पर वक्फ बोर्ड को किरायदार रखने हेतु नगरीय प्रशासन से अनुमति लेने की आवश्यकता होती है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) जिले में वक्फ की कितनी संपत्ति पर अवैध रूप से अतिक्रमण होने की शिकायतें स्थानीय प्रशासन से की गई कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया और कितने प्रकरण लंबित हैं? लंबित प्रकरण को कब तक निराकरण किये जाने की संभावना है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला का पद की श्रेणी उल्लेख किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 899 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला को कर्मचारी बचत योजना 2003 के अंतर्गत विभाग से जारी परिपत्र दिनांक 08.09.2016 में प्र.अ. माध्यमिक शाला को तृतीय श्रेणी कर्मचारी होने का उल्लेख किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. राजपत्र दिनांक 21 मार्च 2007 की अनुसूची 1 में स.क्र. 15 पर प्रधानाध्यापक माध्य. शाला की द्वितीय श्रेणी में शामिल होने पर म.प्र. राजपत्र दिनांक 12 जुलाई 2016 में भी शामिल किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो विभागीय आदेश त्रुटिपूर्ण होने पर निरस्त क्यों नहीं किया गया? जबकि उक्त आदेश को स्थगित किया गया? (घ) म.प्र. राजपत्र 2016 में जारी नियमों में विसंगति पैदा करने के लिये कौन दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है। म.प्र. राजपत्र दिनांक 21 मार्च 2007 की अनुसूची 1 में स.क्र. 15 पर प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला का पद द्वितीय श्रेणी में शामिल होने के आधार पर म.प्र. राजपत्र दिनांक 12 जुलाई 2016 में भी शामिल किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पनवाड़ी उपस्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 900 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2803 दिनांक 01/03/2017 के अनुसार क्या प्रश्नांश (क) से (घ) के अनुसार उप स्वास्थ्य केन्द्र पनवाड़ी जिला शाजापुर का उन्नयन शासन के मापदण्डों के अनुरूप है। (ख) जब उपस्वास्थ्य केन्द्र पनवाड़ी जिला शाजापुर मापदण्डों को पूर्ण करता है तो इसक उन्नयन वित्तीय वर्ष 2017-18 में किया जावेगा? यदि नहीं, तो आम जनता एवं गरीब तबके के लोगों को गंभीर बीमारी का ईलाज हेतु कब तक जिला चिकित्सालय जाना होगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उप स्वास्थ्य केन्द्र पनवाड़ी का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुमावली विधान सभा मुरैना अस्पतालों की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
34. ( क्र. 944 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना के सुमावली, बागचीनी, देवगढ़ गलेथा में संस्थागत प्रसवों की वर्ष 2016 एवं जून 2017 तक क्या स्थिति रही है? संख्या सहित वर्षवार, माहवार, चिकित्सालयवार जानकारी दी जावे? (ख) उक्त कार्यकाल में प्रसवों के समय क्या पदस्थ चिकित्सक उपस्थित रहे या अधिकांश प्रसव नर्सों द्वारा ही कराये गये? (ग) क्या उक्त कार्यकाल में कई चिकित्सालयों में काफी अंतराल तथा चिकित्सक ड्यूटी पर पदस्थ नहीं रहे एवं जो पदस्थ रहे हैं वह रात्रिकाल में चिकित्सालय स्थान पर निवास नहीं करते हैं? (घ) उक्त कार्यकाल में कितने शिशुओं की मृत्यु हुई? उनके क्या कारण रहे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी निम्नानुसार हैः-
संस्थागत प्रसवों की जानकारी जनवरी 2016 से जून 2017 तक प्रसवों की जानकारी निम्नानुसार हैः- |
||||
माह |
बागचीनी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र |
देवगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र |
सुमावली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र |
गलेथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र |
जनवरी-16 |
34 |
15 |
43 |
निरंक |
फरवरी-16 |
28 |
17 |
34 |
निरंक |
मार्च-16 |
31 |
10 |
29 |
निरंक |
अप्रैल-16 |
30 |
15 |
42 |
निरंक |
मई-16 |
35 |
16 |
41 |
निरंक |
जून-16 |
39 |
14 |
64 |
निरंक |
जुलाई-16 |
47 |
30 |
82 |
निरंक |
अगस्त-16 |
46 |
26 |
93 |
निरंक |
सितंबर-16 |
47 |
26 |
72 |
निरंक |
अक्टूबर-16 |
50 |
21 |
58 |
निरंक |
नवबंर-16 |
47 |
32 |
49 |
निरंक |
दिसंबर-16 |
43 |
26 |
58 |
निरंक |
जनवरी-17 |
42 |
23 |
43 |
निरंक |
फरवरी-17 |
23 |
10 |
21 |
निरंक |
मार्च-17 |
33 |
16 |
32 |
निरंक |
कुल योग |
482 |
255 |
655 |
|
अप्रैल-17 |
33 |
17 |
44 |
निरंक |
मई-17 |
40 |
22 |
62 |
निरंक |
जुन-17 |
18 |
15 |
60 |
निरंक |
कुल योग |
91 |
54 |
166 |
|
(ख) जी हाँ, उक्त कार्यकाल में अधिकांश प्रसव नर्सों द्वारा ही कराये गये लेकिन आवश्यकता पड़ने पर अथवा बुलाये जाने पर चिकित्सक भी उपस्थित रहे। (ग) जी नहीं, उक्त कार्यकाल में चिकित्सक ड्यूटी पर पदस्थ रहे एवं मुख्यालय पर ही निवासरत रहे। (घ) प्रश्नावधि में कुल 14 शिशुओं की मृत्युऐं- ए.आर.डी.एस., प्रीमेच्योरिटी, कनवलजन, जन्मजात विकृति, ए.आर.आई., बर्थ एस्फेक्सिया, हेड इनज्यूरी एवं मेनीनजाईटीस के कारणों से हुई।
सुमावली विधानसभा में स्वीकृत हाई स्कूलों की संख्या एवं स्थान
[स्कूल शिक्षा]
35. ( क्र. 945 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन की स्वीकृति दी गई? गांव के नाम, माह वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) उक्त भवनों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा भवन निर्माण कार्य किन-किन एजेन्सियों द्वारा कहाँ-कहाँ कराए जा रहे हैं? कार्य आदेश कार्य समाप्ति का तथा दिनांक क्या-क्या है? अलग-अलग विद्यालयवार जानकारी दी जावे। (ग) क्या इनमें से कुछ विद्यालय भवनों के निर्माण हेतु अभी तक प्रशासन द्वारा अच्छा स्थान ही आवंटित नहीं कर पाया है, उसका नाम तथा आवंटन कब तक किया जावेगा? समय-सीमा बताई जावे ताकि आने वाले सत्र से छात्र अध्ययन प्रारंभ सुचारू रूप से कर सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित स्कूलों में से शासकीय हाईस्कूल जखौनागढ़ी के भवन निर्माण हेतु जिला प्रशासन द्वारा भूमि का चयन कर टेण्डर प्रक्रिया की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
आ. कल्याण विभाग की योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
36. ( क्र. 991 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी, सिंगरौली जिले में विकासखण्डवार कितने विमुक्त, घुमक्कड़, अर्द्ध घुमक्कड़, बाजीगीर, बैगा, आदि के लिये क्या-क्या योजनाएं संचालित है? कितनों का चिन्हांकन एवं पंजीयन किया गया है? (ख) इन्हें भूमि, आवास वस्त्र, खाद्यान की क्या सुविधा प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) सिंगरौली जिले में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति निवासरत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क” भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निःशुल्क सायकिल वितरण
[स्कूल शिक्षा]
37. ( क्र. 1017 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2016-17 में खरगोन जिले में निःशुल्क सायकिल वितरण हेतु जिला शिक्षा केन्द्र खरगोन द्वारा कुल कितनी सायकिलों की मांग किस माध्यम से की गई थी? इस मांग का आधार क्या था? मांग संख्या विकासखण्डवार स्कूलवार बतायें। (ख) उक्त मांग पर कितनी-कितनी सायकिलें खरगोन जिले को प्राप्त हुई? विकासखण्डवार स्कूलवार सूची देवें। प्राप्त सायकिलों का कितनी-कितनी संख्या में वितरण हुआ एवं कितनी शेष रही, स्कूलवार संख्या सूची देवें। (ग) अवितरित सायकिलों को कब किस स्थान पर किस अधिकारी/कर्मचारी की देखरेख में रखा गया? स्थानवार सूची देवें। इसमें से कितनी सायकले गोदाम में कितनी खुले स्थान पर कितनी समयावधि तक रखी रहीं। क्या इन रखी हुई सायकिलों का किराया सायकिल कंपनी द्वारा दिया गया है। यदि नहीं, दिया गया है तो खरगोन के कई समाचार पत्रों में किराया देने की बात प्रकाशित होने की खबरों का खंडन उचित माध्यम से क्यों नहीं कराया गया? (घ) प्रश्नकर्ता के कितने पत्र/मेल वर्ष 2017 में किसी भी माध्यम से प्राप्त हुए तथा किन-किन पत्रों के उत्तर कब-कब दिये गये। समस्त पत्र/मेल के जवाबों की प्रति देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सत्र 2016-17 में जिले स्तर से साइकिल की मांग नहीं की गई थी, अपितु सत्र 2015-16 में विकासखण्डवार शालाओं में वितरित की गई साइकिलों की संख्या के 70 प्रतिशत के मान से विकासखण्डवार साइकिल क्रय हेतु लघु उद्योग निगम को आदेश दिया गया हैं। सत्र 2016-17 में खरगोन जिले की विकासखण्डवार मांग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '1' पर है। (ख) खरगोन जिले को 6301 साइकिल विकासखण्डवार प्राप्त हुई। जिसकी विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। प्राप्त साइकिलों में से 3691 पात्र छात्रों को साइकिलों का शालावार वितरण हुआ हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। शालावार वितरण उपरांत विकासखण्ड स्तर पर 2610 साइकिले शेष रही, जिसमें से राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशानुसार अन्य जिले को 2452 साइकिले भेजी गई। जिले में वर्तमान में 158 साइकिले शेष हैं। (ग) अवितरित साइकिलों को जिले के नोडल अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकासखण्ड में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी/विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक की देखरेख में रखा गया। नोडल अधिकारी द्वारा सुरक्षित स्थान का चयन कर भण्डारण किया गया। साइकिल कंपनी से किसी भी प्रकार का किराया नहीं लिया गया। भण्डारण का स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) प्रश्नकर्ता के माध्यम से जिले को 03 पत्र पत्र प्राप्त हुये। कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र के द्वारा पत्र क्रमांक 864 दिनांक 16/05/2017, पत्र क्रमांक 962 दिनांक 27/05/2017 एवं पत्र क्रमांक 994 दिनांक 31/05/2017 के माध्यम से दिया गया। पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
38. ( क्र. 1018 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के समस्त शासकीय चिकित्सालयों में विगत 2 वर्षों में सफाई संबंधी कार्य किस ठेकेदार/कंपनी द्वारा किया जा रहा है? इस कंपनी/ठेकेदार के कितने-कितने कर्मचारी/सफाईकर्मी किन-किन चिकित्सालयों में कार्य कर रहे है? चिकित्सालयवार सूची देवें। (ख) वर्तमान में खरगोन जिले के समस्त शासकीय चिकित्सालयों में कार्यरत सफाईकर्मियों के नाम एवं उनके पी.एफ. खाता क्रमांक सहित सूची देवें। इन सफाईकर्मियों की कंपनी/ठेकेदार का नाम व पता चिकित्सालयवार देवें। (ग) उक्त चिकित्सालयों में सफाईकर्मियों की उपस्थिति का सत्यापन किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किस प्रकार से किया जाता है? इस संबंध में जारी निर्देश की प्रति देवें। प्रश्नांश (क) अवधि में सफाईकर्मियों की कितनी-कितनी संख्या का भुगतान कब-कब कितनी राशि का किया गया? (घ) उक्त ठेके किन शर्तों पर प्रदान किये गये हैं? अनुबंध की प्रति कंपनीवार/ठेकेवार देवें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) खरगोन जिले के शासकीय चिकित्सालयों में वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रथम नेशनल सेक्यूरिटी सर्विसेस इन्दौर द्वारा सफाई संबंधी कार्य किया गया। वित्तीय वर्ष 2016-17 में दिनांक 31/08/2016 तक प्रथम नेशनल सेक्यूरिटी सर्विसेस इन्दौर एवं दिनांक 16/12/2016 से मेसर्स रतन एम्पोरियम धार द्वारा निरन्तर साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय खरगोन विगत दो वर्षों से मेसर्स रतन एम्पोरियम धार द्वारा साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। शेष उत्तर प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में समाहित है। (ग) उक्त चिकित्सालयों में सफाईकर्मियों की उपस्थिति का सत्यापन ब्लाक मेडिकल ऑफिसर/संस्था प्रभारी/नोडल अधिकारी द्वारा किया जाता है। जिला चिकित्सालय में आर.एम.ओ. द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''द'' अनुसार है।
खरगोन जिले में सर्व शिक्षा अभियान
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 1025 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा केन्द्र सर्व शिक्षा अभियान खरगोन जिले को विगत 2 वर्षों में प्राप्त समस्त मदों में राशि एवं व्यय राशि की सूवी मदवार देवे। (ख) जिला शिक्षा केन्द्र खरगोन द्वारा विगत 2 वर्षों में किन-किन सामग्री का क्रय किस माध्यम से किया गया? यदि निविदा प्रकाशन किया है तो प्रति देवे। यदि निविदा प्रकाशन नहीं किया गया है, तो कारण सहित खरीदीवार बतायें। उक्त समस्त सामग्री वर्तमान में कहाँ है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालयें में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र- 2 पर है।
नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान
[स्कूल शिक्षा]
40. ( क्र. 1033 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमें शिक्षक संवर्ग को नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान प्रदान करने संबंधी निर्णय माननीय न्यायालय द्वारा दिया गया है? प्रकरणवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित माननीय न्यायालय के निर्णय के पालन में जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार विवरण देवे? (ग) कौन-कौन से प्रकरणों में वेतन निर्धारण हेतु संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन कार्यालय उज्जैन द्वारा संचालनालय भोपाल से मार्गदर्शन मांगा है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु। क्या प्रभावी कार्यवाही कर निराकरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) आगर एवं शाजापुर जिलान्तर्गत शिक्षक संवर्ग के 618 न्यायालयीन प्रकरण हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित माननीय न्यायालयीन निर्णय के पालन में आदेश जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' में सम्मलित है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विभाग की योजनाओं के क्रियान्वन
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण]
41. ( क्र. 1034 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर एवं शाजापुर जिला अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति आवास योजना, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति बस्तियों में विद्युतीकरण योजना अंतर्गत किन कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई हैं एवं कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया हैं? प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत लाभार्थियों/कार्यों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1922 दिनांक 09 दिसम्बर 2016 के उत्तरांश ''ग'' में सर्वे/जनगणना के आंकड़े उपलब्ध नहीं होने से जानकारी दिया जाना असंभव बताया गया था? क्या स्वप्रेरणा से विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विभाग की योजनाओं एवं अन्य विभाग की योजनओं के लाभ देने हेतु सर्वे कराकर/अन्य स्त्रोत से जानकारी संकलित कर लक्ष्य निर्धारित कर हितग्राहियों को लाभ देने के लिये कार्य योजना बनाई गई? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावे? यदि नहीं, तो क्या ऐसा किया जावेगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के लोगो में से कितनों को अन्य विभाग की हितग्राही मूलक योजना यथा - आवास योजना, शौचालय निर्माण आदि का लाभ विगत 03 वर्षों में दिया गया है? ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जिला आगर-मालवा में वित्तीय वर्ष 2015-16 में विमुक्त जाति आवास योजनांतर्गत कुल 5 हितग्राहियों को रू. 30 लाख की अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई। वर्ष 2015-16 में जिले से राशि की मांग न होने से राशि उपलब्ध नहीं कराई गई। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिले को विमुक्त जाति आवास योजना में 30 हितग्राहियों हेतु रू. 18.00 लाख का अनुदान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है एवं प्रथम किश्त के रूप में रू. 8.10 लाख की राशि उपलब्ध कराई गई है। वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिला शाजापुर से बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव प्राप्त हुए है। प्रावधानिक बजट उपलब्ध नहीं होने के कारण राशि का आवंटन नहीं दिया गया है। शेष कार्यवाही प्रचलन में हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 में विमुक्त जाति आवास योजनान्तर्गत कुल 45 हितग्राहियों को रू. 27 लाख मात्र की अनुदान राशि स्वीकृत की गई तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में 30 हितग्राहियों हेतु रू. 18.00 लाख का अनुदान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है एवं प्रथम किश्त के रूप में 8.10 लाख की राशि उपलब्ध कराई गई है। उपरोक्त योजनाओं में विधानसभा क्षेत्र सुसनैर के किसी भी हितग्राही को लाभान्वित नहीं किया गया। (ख) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यंत्री सेवा, सुसनैर से कार्यों के प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति चाही गई है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
अल्पसंख्यक कल्याण योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
42. ( क्र. 1040 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक व शिक्षा की दिशा में सुधार हेतु सरकार ने कितनी एवं कौन-कौन सी योजनाएं प्रांरभ की है? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) विगत एक वर्ष में सरकार ने केन्द्र शासन प्रवर्तित एवं राज्य सरकार कोष से संचालित किन-किन योजनाओं का लाभ कितने लोगों को प्रदान किया है? उज्जैन संभाग का ब्यौरा जिलेवार दें। (ग) अल्पसंख्यकों के आर्थिक सुधार हेतु क्या सरकार उक्त योजनाओं को पर्याप्त मानती है या और योजनाऍ चलाने की आवश्यकता महसूस कर रही है? यदि हाँ, तो किस प्रकार?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रदेश में अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक व शिक्षा की दिशा में सुधार हेतु विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) विगत एक वर्ष 2016-17 में केन्द्र प्रवर्तित एवं राज्य सरकार कोष से संचालित योजनाओं से लाभांवितों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देवास स्थित पीर स्थान भूमि .
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
43. ( क्र. 1041 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या देवास जूनियर प. हल्का नं.१८ स्थिति, भूमि का स्वामी मुजावर, छोटे खां पिता शकूर खां व उनके परिवार वाले हैं एवं २०१७ तक प्रतिवर्ष भू-राजस्व जमा कर रहे है, फिर उक्त भूमि का स्वामी वक्फ बोर्ड किस आधार पर है? (ख) जिस सर्वे रिर्पोट (२४-११-१९६१) को, राज्य शासन ने अमान्य किया व पुनः सर्वे का आदेश दिया, क्या वक्फ बोर्ड ने शासन के उक्त आदेश का पालन किया? यदि हाँ, तो कब एवं नहीं तो भूमि स्वामी वक्फ बोर्ड किस आधार पर हुआ? तत्संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त भूमि १९६६ व १९७० में विक्रिय हुई है? क्या शासन ने विक्रय पत्र शून्य घोषित किये? यदि नहीं, तो किस आधार पर वक्फ बोर्ड उक्त भूमि का स्वामी है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी नहीं। वक्फ शेख नायता जमात खाना देवास जूनियर मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 08.04.1983 में प्रकाशित होकर अनुक्रमांक 199 पटवारी हल्का नं. 18 खसरा क्र. 125 में से 0.080 हेक्टेयर होकर वक्फ संपत्ति घोषित है। यह संपत्ति शासन द्वारा नियुक्त सर्वे कमिश्नर एवं कलेक्टर द्वारा कराए गए सर्वे पर तैयार सर्वे लिस्ट जिला देवास अनुसार प्रकाशन के आधार पर वक्फ संपत्ति घोषित है एवं राजपत्र क्र. 200 पर पीरस्थान (दरगाह) बंदी छोड़ बाबा राजवाड़ा के पास नगर देवास दर्ज अभिलेख है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अनुक्रमांक 200 पर पीरस्थान (दरगाह) बंदी छोड़ बाबा राजवाड़ा के पास नगर देवास दर्ज अभिलेख होकर कॉलम नं. 13 में वर्तमान मुजाबिर छोटू पिता शकूर मुंडला बजरंगपुरा नगर देवास अंकित है। (ख) जिस सर्वे रिपोर्ट (24.11.1961) का उल्लेख प्रश्न में किया गया है। उक्त रिपोर्ट वक्फ बोर्ड के अभिलेखों में उपलब्ध होना नहीं पाया जाता है। यह संपत्ति शासन द्वारा नियुक्त सर्वे कमिश्नर एवं कलेक्टर द्वारा कराए गए सर्वे पर तैयार सर्वे लिस्ट जिला देवास अनुसार राजपत्र दिनांक 08.04.1983 में प्रकाशन के आधार पर वक्फ संपत्ति घोषित है तथा वक्फ अधिनियम 1995 के प्रावधानुसार वक्फ बोर्ड के प्रबंध अधीन है। (ग) जिस उक्त भूमि 1966 व 1970 में विक्रिय हुई का उल्लेख प्रश्न में किया गया है। वक्फ बोर्ड के अभिलेखों में उपलब्ध होना नहीं पाया जाता है। यह संपत्ति शासन द्वारा नियुक्त सर्वे कमिश्नर एवं कलेक्टर द्वारा कराये गये सर्वे पर तैयार सर्वे लिस्ट जिला देवास अनुसार राजपत्र दिनांक 08.04.1983 में प्रकाशन के आधार पर वक्फ संपत्ति घोषित है।
मध्यप्रदेश राज्य विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के कार्य
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
44. ( क्र. 1049 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश राज्य विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति विकास प्राधिकरण का वर्ष 2015–16 वर्ष 2016–17, 2017-18 में कितना बजट था और प्राधिकरण ने इन जातियों के विकास और कल्याण के लिये किस-किस जिले को कितनी-कितनी राशि आवंटित की वर्षवार बतावें? (ख) श्योपुर जिले में प्राप्त राशि में से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई? वर्षवार कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति सहित बतावें? (ग) घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जातियों को एक स्थान पर बसाने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की सरकार की क्या योजना है? उक्त योजना के तहत श्योपुर में कितने लोगों को लाभान्वित किया गया? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 1150 दिनांक 06-06-17 कलेक्टर एवं पत्र क्र. 1151 दिनांक 06-06-17 मान. श्रीमती ललिता यादव, राज्य मंत्री, राज्य विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति विकास को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाति बाहुल्य ग्रामों के अधोसंरचनात्मक विकास के लिए विभिन्न निर्माण कार्य स्वीकृति हेतु भेजे गए प्रस्तावों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है? उक्त प्रस्तावों में से कौन-कौन से प्रस्ताव कब तक स्वीकृत कर दिए जावेंगे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) म.प्र. राज्य घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति विकास अभिकरण में योजनाओं हेतु पृथक से कोई बजट प्रावधान नहीं है। अभिकरण में स्थापना अनुदान संबंधी बजट प्रावधान का विवरण निम्नानुसार हैं:-
क्र0 |
वर्ष |
राशि |
1 |
2015-16 |
120.00 लाख |
2 |
2016-17 |
90.60 लाख |
3 |
2017-18 |
90.60 लाख |
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) श्योपुर जिले को बस्ती विकास योजनान्तर्गत पूर्व में स्वीकृत कार्यों के भुगतान हेतु राशि रूपये 1079108.00 का आवंटन वर्ष 2017-18 में दिया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों को एक स्थान पर बसाने के लिये विभाग द्वारा विमुक्त जाति आवास योजना/बस्ती विकास योजना/मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना वर्ष 2017-18 से प्रारंभ की गई हैं। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के प्रस्तावानुसार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्योपुर से प्राक्कलन तैयार कराये जा रहे हैं। कार्यवाही प्रचलन में होने से इस हेतु निश्चित समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं।
भवन विहीन हायर सेकण्डरी स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 1053 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अन्तर्गत संचालित ऐसे कितने हाईस्कूल/हा.से. स्कूल हैं, जिनके भवन न होकर प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन में संचालित हो रहे हैं। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बासौदा तहसील में संचालित हा.से. कन्या मंडी बासौदा का स्वयं का भवन न होकर प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन में संचालित हो रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त भवन में छात्र संख्या के मान से पर्याप्त बैठने हेतु, प्रयोगशाला कक्ष एवं खेलकूद गतिविधियों के लिए पर्याप्त मैदान उपलब्ध है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विद्यालय के भवन निर्माण हेतु कहाँ भूमि चिन्हित की गई है, यदि नहीं, तो भवन निर्माण की क्या योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय हायर सेकेण्डरी कन्या मंडी बासौदा स्वभवनविहीन है। वर्तमान में यह प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन एवं जनसहयोग से निर्मित कक्षों में संचालित हो रही है। (ग) शास.उ.मा.वि. कन्या मंडी बासौदा में कक्षा 9 से 12 तक 511 छात्राएं दर्ज है, भवन में 24 कक्ष उपलब्ध है। अत: छात्र संख्या के मान से पर्याप्त बैठने हेतु कक्ष उपलब्ध है। खेल मैदान एवं हायर सेकेण्डरी स्तर के लिये प्रयोगशालाओं का अभाव है। (घ) जी नहीं। भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करती है।
स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
46. ( क्र. 1139 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा क्षेत्र मऊगंज - 71 अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य उप स्वास्थ्य केन्द्र पिपराही को प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज को सिविल अस्पताल किये जाने हेतु विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों एवं मंत्रियों को पत्र लिखकर एवं शून्य काल सूचना क्र. 82 दिनांक 25.07.2016 द्वारा अवगत कराया गया था? (ख) प्रश्नांश ''क'' के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा में दिनांक 08.03.2017 में पुन: उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज को 100 बेड के अस्पताल में उन्नयन किये जाने हेतु माननीय मंत्री जी से अनुरोध किया था? (ग) प्रश्नांश ''ख'' के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता की मांग पर दिनांक 09.03.2017 को विधान सभा में माननीय लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी कि उपस्वास्थ्य केन्द्र पिपराही जिला रीवा को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज को सिविल अस्पताल बनाते हुए 30 बिस्तर से 50 बिस्तर किया जाता है? (घ) प्रश्नांश ''ग'' के प्रकाश में यदि हाँ, तो उपरोक्त घोषणा में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से अवगत करावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) उप स्वास्थ्य केन्द्र पिपराही का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है तथा 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊगंज का 50 बिस्तर में उन्नयन की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शालाओं का उन्नयन/भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 1140 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न (क्र. 2280) दिनांक 01 मार्च 2017 द्वारा पूछे गये प्रश्न में डी.ई.ओ., बी.ई.ओ. एवं अन्य कार्यालयों में कार्यालयों के साथ-साथ जिला प्रशासन तक के कार्यालयों में शिक्षकों का संलग्नीकरण किया गया है, जबकि लोक शिक्षण संचालनालय से अटैचमेंट व संलग्नीकरण खत्म किया गया है जिसका जवाब 'जानकारी एकत्रित की जा रही है' दिया है तो एकत्रित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या रीवा जिले के हनुमना ब्लॉक अंतर्गत हाई स्कूल में प्रतापगंज का उन्नयन कर वर्ष 1986-87 से एवं हाई स्कूल तिलया को वर्ष 2002-03 में उन्नयन कर संचालित किया गया था एवं शासकीय प्राथमिक शाला भाठी प्लाट बन्ना महात्मान भवन विहीन संचालित है? (ग) प्रश्नांश ''ख'' के प्रकाश में यदि हाँ, तो उपरोक्त हाई स्कूल माध्यमिक शाला भवन में एवं प्राथमिक शाला भाठी प्लाट भवन विहीन है? भवन के आभाव की ओर प्रश्नकर्ता द्वारा ध्यानाकर्षण सूचना क्र.-87 द्वारा शासन को अवगत कराया गया था? यदि हाँ, तो हाई स्कूल के भवन हेतु वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2016-17 में सम्मिलित कर भवन/सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी जिला रीवा द्वारा आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय को भेजा गया था? (घ) प्रश्नांश के ''क'' ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करावें? यदि नहीं, की गई तो क्यों कारण स्पष्ट करें? कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। रीवा जिलान्तर्गत शास. हाई स्कूल प्रतापगंज का उन्नयन वर्ष 1986-87 में हुआ था, जो दिनांक 24.12.1987 से माध्यमिक शाला भवन में संचालित है। शास. हाई स्कूल तिलया का उन्नयन वर्ष 2002-03 में हुआ है। उपरोक्त विद्यालय दिनांक 27.07.2002 से माध्यमिक शाला तिलया के भवन में संचालित है। उपरोक्त दोनों शालाएं भवन विहीन है। शास. प्राथमिक शाला भाटी प्लॉट बन्ना महात्मान भी भवन विहीन है। उक्त शाला के भवन निर्माण हेतु रू. 85,000/- पी.टी.ए. के खाते में अंतरित की गई थी। भूमि विवादित होने से निर्माण कार्य नहीं किया जा सका। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में शासकीय हाई स्कूल प्रतापगंज, शास. हाईस्कूल तिलया भवन विहीन शालाएं है। जो माध्यमिक शाला भवन में संचालित है। उक्त दोनों विद्यालयों के भवन निर्माण का प्रस्ताव आर.एम.एस.ए. की वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2016-17 में प्रेषित किया गया था, जिसमें से शास. हाईस्कूल प्रतापगंज के भवन निर्माण हेतु राशि रू. 88.00 लाख की स्वीकृति पत्र क्र. 1137 दिनांक 02.06.2017 से प्रदान की गई है। भारत शासन द्वारा शास. हाईस्कूल तिलया भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गई है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार/भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ब्लॉक मेडिकल आफिसर लहार, जिला भिण्ड के विरूद्ध जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
48. ( क्र. 1167 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के शिकायती पत्र पर तत्कालीन ब्लॉक मेडिकल आफिसर लहार, जिला भिण्ड द्वारा की गई आर्थिक अनियमितताओं की जाँच कराई गई थी? जाँच दल द्वारा जाँच प्रतिवेदन भी दिया गया था? (जैसा कि प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1350 उत्तर दिनांक 08 मार्च 2017 में बतलाया गया है)? तो उक्त जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष के आधार पर दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ख) क्या जाँच में दोषी पाये गये ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के विरूद्ध जानबूझकर कार्यवाही नहीं की जा रही हैं? यदि हाँ, तो कार्यवाही नहीं करने वाले संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जाँच दल द्वारा प्रेषित जाँच प्रतिवेदन जिसमें डॉ. विजय शर्मा, तत्कालीन खण्ड चिकित्सा अधिकारी लहार एवं डॉ. बी.आर.मोर्य, चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बरहा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, ग्वालियर के माध्यम से संचालनालय को प्राप्त हुआ जो परीक्षणाधीन है। परीक्षणोंपरान्त संबंधितों के विरूद्ध गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही शीघ्र की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय राजगढ़ में कम्प्यूटर की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
49. ( क्र. 1173 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय राजगढ़ द्वारा जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के उपचार एवं भर्ती हेतु पर्चे, जाँच आदि की रिपोर्ट कम्प्यूटर से दिये जाने की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो कब से और किसके आदेश से बतावें तथा आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या यह व्यवस्था जिला चिकित्सालय के कर्मचारियों द्वारा संपादित की जा रही है अथवा किसी प्रायवेट फर्म को उक्त कार्य दिया गया है? (ग) यदि उक्त कार्य प्रायवेट फर्म के द्वारा कराया जा रहा है तो क्या इसके लिये कोई टेण्डर आमंत्रित किये गये थे? यदि हाँ, तो प्राप्त टेण्डर व स्वीकृत फर्म का नाम, पता, अवधि कब से कब तक और कितनी राशि में यह कार्य स्वीकृत किया गया? जारी किये गये टेण्डर की शर्तें सहित बतावें? (घ) उक्त फर्म द्वारा जिला चिकित्सालय में कितने कम्प्यूटर, प्रिंटर एवं कर्मचारी लगाये गये हैं? उनके नाम, पदनाम, निवास का पता, शैक्षणिक योग्यता, प्रतिमाह दिये जाने वाले मानदेय की राशि सहित बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.08.2014 से सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, राजगढ़ के आदेश द्वारा। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। मेसर्स विजन ऐडवाईजरी सर्विसेस प्राईवेट लि. के माध्यम से की जा रही है। (ग) जी हाँ। मेसर्स विजन ऐडवाईजरी सर्विसेस प्राईवेट लि. भोपाल को दिनांक 01/08/2014 से 03 वर्ष की अवधि के लिये रूपये 3.95 प्रति रोगी की दर से स्वीकृत किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) फर्म द्वारा जिला चिकित्सालय राजगढ़ में 05 कम्प्यूटर, 04 प्रिंटर, 01 इन्वर्टर आदि उपकरण, स्टेशनरी के साथ 06 कर्मचारी लगाये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
राजगढ़ महोत्सव मनाये जाने बाबत्
[संस्कृति]
50. ( क्र. 1174 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश में संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये शासन की कौन-कौन सी योजनाएं हैं? योजनाओं की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये क्या अलग-अलग क्षेत्रों में महोत्सव भी मनाये जाते हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में प्रदेश में कौन-कौन से महोत्सव मनाये जा रहे हैं? उनके नाम तथा कब से कब तक मनाये जाते हैं और उनमें कौन-कौन से सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्मिलित किये जाते हैं? (ग) प्रदेश का राजगढ़ जिला जिसकी अपनी एक अलग संस्कृति है? क्या राजगढ़ जिले में भी राजगढ़ महोत्सव मनाये जाने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण सहित बतावें।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) संस्कृति विभाग के प्रशासकीय प्रतिवेदन में योजनाओं का उल्लेख किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) संस्कृति विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के आयोजन/महोत्सव आयोजित किये जाते हैं। प्रमुख रूप से गायन, वादन और नृत्य के क्षेत्र में शास्त्रीय एवं लोक कलाओं की सहभागिता की जाती है। महोत्सव/कार्यक्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) राजगढ़ जिला संस्कृति विभाग की गतिविधियों से निरपेक्ष नहीं हैं। पूर्व में भी निरंतर गतिविधियॉ आयोजित होती रही हैं। वर्ष 2017 में राजगढ़ जिले में आयोजन हेतु प्रस्तावित कार्यक्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार. (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिले में विभाग के निर्माण कार्य
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
51. ( क्र. 1175 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण विभाग द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के लोगों के कल्याण के लिये कौन-कौन सी योजनायें कब से संचालित की जा रही हैं? शासन के निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग द्वारा केवल विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के क्षेत्रों में ही निवास करने वालों को उक्त योजनाओं का लाभ दिया जाता है? यदि हाँ, तो विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के क्षेत्र मानने का शासन का मापदण्ड क्या है? राजगढ़ जिले में कौन-कौन से ग्राम विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति बाहुल्य हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के कौन-कौन से क्षेत्रों में निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्य का नाम स्वीकृति का वर्ष, राशि, विधानसभावार बतावें? (घ) क्या राजगढ़ जिले में उक्त स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो बतावें और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण सहित सूची उपलब्ध करावें? कार्य कब तक पूर्ण किये जावेगें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विभाग द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के लोगों के कल्याण के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रदेश में निवासरत विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति वर्ग के लोगों को योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इस हेतु पृथक से कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। राजगढ़ जिले में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति बाहुल्य ग्रामों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। है। विधान सभावार कार्य स्वीकृत नहीं किये जाते। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ।
जिले में शिक्षा विभाग द्वारा दी जाने वाली प्रतिपूरक राशि में भ्रष्टाचार
[स्कूल शिक्षा]
52. ( क्र. 1179 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा में शासन की योजनानुसार अशासकीय स्कूलों में नि:शुल्क अध्ययनरत कक्षा 6 वीं से 8 वीं तक के छात्र-छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति की राशि शासन की ओर से प्रदाय की जाती है? क्या इसका आहरणकर्ता तथा वितरणकर्ता जिला समन्वयक अधिकारी डी.पी.सी. द्वारा फीस प्रतिपूर्ति की कितनी रकम वर्ष 2015-16 में अशासकीय स्कूलों को अदा की गई है? (ख) खरगापुर विधानसभा में वर्ष 2015-2016 से प्रश्न दिनांक तक में ऐसे कितने अशासकीय स्कूल हैं जिनकों डी.पी.सी. द्वारा प्रतिपूर्ति की राशि रकम अदा की गई है? संस्थावार एवं छात्र-छात्राओं की संख्या एवं जारी की गई राशि की सूची उपलब्ध करायेगें? (ग) उक्त संस्थाओं को प्रतिपूरक राशि दिये जाने हेतु अशासकीय विद्यालयों का चयन किस आधार पर होता है, उसकी नियमावली क्या है तथा क्या शासन के नियमों के विरूद्ध डी.पी.सी. द्वारा मनमाने तरीके से फर्जी सूची बनाकर राशि हड़प ली गई? क्या इसकी जाँच विधान सभा से कमेटी गठित करके करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों तथा दोषी पाये जाने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या वैधानिक कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या उक्त राशि छात्र-छात्राओं को या संस्था प्रमुखों को चैकों के माध्यम से दी गई या फिर छात्र-छात्राओं के खातों में ई-भुगतान के तहत की गई।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (सी) के तहत गैर अनुदान प्राप्त मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को जो कि उस श्रेणी के अंतर्गत कक्षा 1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित में न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर निःशुल्क प्रवेश का प्रावधान है। एक बार इस प्रावधान के तहत प्रवेशित बच्चें कक्षा 8 तक निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करते है और इनकी फीस प्रतिपूर्ति अधिनियम में किये गये प्रावधान अनुसार राज्य शासन द्वारा की जाती है। वर्ष 2015-16 में विधानसभा खरगापुर के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों को रूपये 40,44,236/- मात्र फीस प्रतिपूर्ति की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) अशासकीय विद्यालयों द्वारा फीस प्रतिपूर्ति हेतु प्रपोजल पोर्टल पर अपलोड किये जाते है। स्कूलों द्वारा अपलोड किये गये प्रपोजल की हस्ताक्षरित प्रति नोडल अधिकारी से सत्यापित कराकर परीक्षण उपरांत फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही जिला स्तर से की जाती है। नहीं, नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही की गई, अतः शेषांश का प्रश्न नहीं उठता। (घ) फीस प्रतिपूर्ति की राशि संबंधित अशासकीय शालाओं के खातों में जारी की गई है। छात्र-छात्राओं को भुगतान किये जाने का प्रावधान नहीं है।
अध्यापक संवर्ग की महिलाओं को शिशु पालन अवकाश दिये जाने
[स्कूल शिक्षा]
53. ( क्र. 1182 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा सहित पूरे मध्यप्रदेश में अध्यापक संवर्ग की महिलाओं को शिशु पालन का अवकाश किस नियम अनुसार दिया जाता हैं? संपूर्ण नियमावली से अवगत करायें। (ख) क्या अध्यापक संवर्ग की महिलायें इस अवकाश को पाने के लिये नियम में नहीं आती? संपूर्ण जानकारी से अवगत करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या म.प्र. के अन्य विभागों में यह नियम लागू है और मात्र अध्यापक संवर्ग की महिलायें ही इस योजना से वंचित है, ऐसा क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में अध्यापक संवर्ग में कार्यरत महिलाओं को शिशु पालन अवकाश की पात्रता नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) संतान पालन अवकाश का प्रावधान प्रदेश में वित्त विभाग के आदेश दिनांक 22 अगस्त 2015 से शासकीय महिला कर्मचारियों हेतु लागू किया गया है। प्रदेश में संविदा शाला शिक्षक के सीधी भर्ती अंतर्गत 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित है। महिला अध्यापकों को संतान पालन अवकाश से अध्यापन व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव संभावित होने से संतान पालन अवकाश का प्रावधान इन पर लागू नहीं किया गया है। (ग) जी हां। प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मानसिक रोगियों का अस्पताल से गायब होना
[चिकित्सा शिक्षा]
54. ( क्र. 1250 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में कितने मानसिक रोगी मानसिक आरोग्य शाला ग्वालियर से गायब हुये? (ख) क्या मुकेश रघुवंशी, पुत्र राममोहन रघुवंशी क्लोज वार्ड से दिनांक 30.11.2005 को गायब हो गया, जिसकी रिपोर्ट बहोड़ापुरा थाना ग्वालियर में दर्ज की गई, किन्तु अभी तक उसका कोई पता नहीं चल सका? (ग) क्या अस्पताल प्रबंधन की जाँच किये जाने एवं संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) कोई मरीज गायब नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ। मानसिक आरोग्यशाला, ग्वालियर के अभिलेखों के अनुसार श्री मुकेश रघुवंशी पुत्र राम मोहन रघुवंशी दिनांक 30 नवम्बर, 2005 को रात्रि के समय आरोग्यशाला से अपने आप चला गया था, जिसकी सूचना थाना बहोड़ापुर ग्वालियर को पत्र क्रमांक 3480 दिनांक 30 नवम्बर, 2005 को एवं माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट होशंगाबाद को पत्र क्रमांक 3484-86 दिनांक 01 दिसम्बर, 2005 द्वारा दी जाकर श्री राम मोहन रघुवंशी को पत्र की प्रति पृष्ठांकित की गई है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' से संबंधित प्रकरण में सक्षम अधिकारी द्वारा गठित समिति ने प्रकरण की जांच की है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 1261 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जबलपुर जिले में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से अतिरिक्त कक्ष या शाला भवन स्वीकृत किये गये? वर्षवार, विधान सभावार निर्माण एजेंसी के नाम सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में स्वीकृत भवन कितने पूर्ण एवं कितने किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण हैं? कितने कौन-कौन से कार्यों की यू.सी. जारी हो चुकी हैं? कितने भवनों की नहीं कारण सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में यू.सी. जारी होने वाले क्या सभी भवनों का शत-प्रतिशत उपयोग हो रहा है? कहाँ-कहाँ के किन-किन निर्मित कक्षों/भवनों को किन कारणोंवश कब से उपयोग नहीं किया जा रहा है? सूची देवें एवं की अपूर्ण कार्यों को किस प्रकार से कब तक पूर्ण करवाया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जबलपुर जिले में 816 प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन एवं 2112 अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गये। वर्षवार, विधानसभा वार निर्माण एजेंसी सहित जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार 2026 अतिरिक्त कक्ष एवं 808 शाला भवन पूर्ण है। 86 अतिरिक्त कक्ष एवं 08 शाला भवन निर्माण एजेंसी की उदासीनता के कारण अपूर्ण है। कार्यों की यू.सी. का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) में यू.सी. जारी होने वाले भवनों का उपयोग हो रहा है। निर्मित कक्षों/भवनों का उपयोग किया जा रहा है। अपूर्ण कार्यों को नियमानुसार निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही करते हुये पूर्ण करा जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत संचालित स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 1262 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने विद्यालय हैं, जिनमें छात्र संख्या के मान से पर्याप्त छात्रों के बैठने हेतु कक्ष उपलब्ध नहीं हैं तथा ऐसे कितने हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं, जो भवन विहीन हैं। दर्ज संख्यावार, शाला स्थापना वर्ष सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाओं में अतिरिक्त कक्ष निर्माण एवं भवन विहीन शालाओं में नवीन भवन निर्माण हेतु शासन स्तर पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं कब तक अतिरिक्त कक्ष तथा नवीन शाला भवन निर्माण की स्वीकृति होगी? (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित है, विषयवार, दर्ज संख्या सहित यह बतलावें कि कहाँ-कहाँ, पर किन-किन विषयों की कक्षायें संचालित हो रही हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) में संचालित स्कूलों में विषयवार कितने अध्यापकों एवं प्राध्यापकों की आवश्यकता है तथा कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन कब से पदस्थ हैं तथा कितनी कौन-कौन सी शालायें प्राचार्य विहीन हैं? आवश्यक स्टॉफ कब तक पदस्थ कर दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 18 शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय है जिनमें छात्र संख्या के मान से छात्रों के बैठने हेतु पर्याप्त कक्ष उपलब्ध नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में अति. कक्ष निर्माण हेतु वार्षिक कार्य योजना 2017-18 में प्रस्तावित किया गया था। जिसकी भारत शासन से स्वीकृति अप्राप्त रही। स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कोई भी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन विहीन नहीं है, परंतु 05 शासकीय प्राथमिक शालाओं के जीर्ण-शीर्ण भवनों के स्थान पर नवीन भवन के निर्माण कार्य की स्वीकृति वार्षिक कार्य योजना 2017-18 में भारत शासन से प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों के अति. कक्ष निर्माण एवं भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार। (घ) हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 एवं 6 अनुसार है। स्टॉफ की पद पूर्ति एक सतत प्रक्रिया है।
प्रसव के दौरान बच्चों एवं माताओं की मृत्यु
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
57. ( क्र. 1316 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016, 2017 में चम्बल संभाग में कुल कितने संस्थागत प्रसव हुए? प्रसव के दौरान एवं प्रसव के उपरांत कितने जन्मधात्री माताओं एवं कितने नवजात शिशुओं की मौत हुई? इन मौतों के कारण क्या-क्या रहे? जिलेवार बतावें। इन वर्षों में प्रदेश की औसत मातृ एवं शिशु मृत्यु दर क्या रही? यह राष्ट्रीय औसत से कितनी अधिक है? (ख) प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने हेतु सरकार ने क्या-क्या प्रयास किये है अथवा किये जा रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में चंबल संभाग में 0-6 वर्ष एवं 6-12 वर्ष के कितने बच्चों की मृत्यु किन कारणों (मीजल्स, डायरिया, मलेरिया, कुपोषण, बुखार, कुपोषण जनित बीमारी एवं अन्य किन बीमारी) से हुई? जिलेवार वर्षवार जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में चंबल संभाग में कुल 1,56,586 संस्थागत प्रसव हुए। प्रसव के दौरान एवं प्रसव के उपरांत 115 जन्मधात्री माताओं एवं 2504 नवजात शिशुओ की मृत्यु हुई। जन्मधात्री माताओं की मृत्यु के जिलेवार कारण भिण्ड जिले में पोस्ट पार्टम हेमरेज (पी.पी.एच.), एक्लेम्पाशिया एवं गंभीर एनीमिया, मुरैना जिले में पोस्ट पार्टम हेमरेज, एक्लेम्पाशिया एवं गंभीर हाइपरटेंशन एवं श्योपुर जिले में पी.पी.एच, एनीमिया, सेपसिस तथा टायफाईड रहे हैं। नवजात शिशुओं की मृत्यु के जिलेवार कारण भिण्ड जिले में रेसपेरेटरी डिस्ट्रेस सिन्ड्रोम, बर्थ एस्फिक्सिया, सेप्सिस, प्रिमेच्योरिटी, निमोनिया, मिकोनियम एस्पिरेशन सिन्ड्रोम, एक्सट्रीम लो बर्थ वेट, मुरैना जिले में प्रिमेच्योर बर्थ, कम वज़न, रेसपेरेटरी डिस्ट्रेस, मिकोनियम एस्पिरेशन, बर्थ एस्फिक्सिया, सेप्सिस, निमोनिया, बुखार एवं श्योपुर जिले में बर्थ एस्फिक्सिया, सेप्सिस, प्रिमेच्योरिटी, अरली लो बर्थ वेट निमोनिया, मिकोनियम एस्पिरेशन सिन्ड्रोम रहे हैं। प्रश्नावधि में प्रदेश की मातृ मृत्यु दर 221 प्रति लाख जीवित जन्म एवं शिशु मृत्यु दर 50 प्रति हजार जीवित जन्म रही। यह राष्ट्रीय औसत से क्रमश: 54 एवं 13 अंक अधिक है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''3'' अनुसार है।
टेण्डर प्रक्रिया का पालन
[चिकित्सा शिक्षा]
58. ( क्र. 1317 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त चिकित्सा शिक्षा द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2417, दिनांक 23.6.2016 द्वारा संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय भोपाल को हमीदिया चिकित्सालय में HIMS एवं CSSD की स्थापना हेतु टेण्डर प्रक्रिया तथा सी.वी.सी. गाईड लाईन का पालन करने की शर्त पर टेण्डर करने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) क्या उपरोक्त अनुसार टेण्डर प्रक्रिया एवं सी.सी.सी.गाईड लाईन का पालन किया गया? क्या न्यूनतम दरों की सक्षम अधिकारी से स्वीकृति ली गई? उपरोक्त प्रकरण में किस स्तर के अधिकारी द्वारा टेण्डर प्रक्रिया उपरांत न्यूनतम दरों का अनुमोदन किया गया? अधिकारी का नाम एवं स्तर बतायें? (ग) क्या HIMS की स्थापना हेतु स्पेसीफिकेशन अनुमोदन किसी भी कमेटी द्वारा नहीं किया गया हैं? भण्डार क्रय नियम 11.22 एवं 11.23 का पालन नहीं किया गया? क्या टेक्नीकल बिड एवं वित्तीय बिड पृथक-पृथक नहीं खोली गई? क्या तकनीकी समिति में HIMS का कोई भी विशेषज्ञ नहीं रखा गया एवं क्रय समिति की अनुशंसा पर सक्षम अधिकारी से न्यूनतम दरों की स्वीकृति नहीं ली गई? क्यों? (घ) क्या हमीदिया चिकित्सालय में 2000 बेड का नवीन भवन निर्माणाधीन होने के कारण HIMS की स्थापना पूर्ण नहीं होने के उपरांत भी संबंधित कम्पनी को पूर्ण भुगतान करने का प्रयास किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो क्या भुगतान पर तत्काल रोक लगाकर पारदर्शिता जाँच करायी जायेगी।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। टेण्डर प्रक्रिया एवं सी.वी.सी. गाईड लाईन का पालन किया गया है। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के पत्र क्रमांक 2417, दिनांक 23 जून, 2016 के द्वारा उक्त कार्य हेतु जारी की गई प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के आधार पर टेण्डर प्रक्रिया उपरांत न्यूनतम दरों का अनुमोदन, चिकित्सालय स्तर पर गठित 11 सदस्यीय क्रय समिति द्वारा किया गया था। (ग) जी नहीं। चिकित्सालय में एच.एम.आई.एस. की स्थापना हेतु स्पेसीफिकेशन का अनुमोदन प्राध्यापक कम्प्यूटर विभाग राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान श्यामला हिल्स भोपाल एवं चिकित्सालय स्तर पर गठित क्रय समिति के द्वारा किया गया है। भण्डार क्रय नियम 11.2.2 का पालन किया गया है। उक्त बिन्दु अनुसार ई-निविदा का प्रकाशन किया गया था। चूंकि उक्त कार्य ई-निविदा आमंत्रित की गई थी एवं जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से उक्त कार्य का प्रचार भी करवाया गया था। इस कारण भण्डार क्रय नियम के अनुसार ई-पोर्टल पर उपलब्ध कराते हुए दैनिक समाचार पत्रों में संक्षिप्त विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था। तत्पश्चात् निविदाओं की टेक्नीकल एवं प्राईज बिड पृथक-पृथक खोली गई थी। तकनीकी समिति में तीन सदस्य नामित किये गये थे जिसमें एच.आई.एम.एस. का कोई भी विशेषज्ञ नहीं था क्योंकि पूर्व में ही एच.आई.एम.एस. संबंधी स्पेसीफिकेशन का अनुमोदन प्राध्यापक कम्प्यूटर विभाग राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान श्यामला हिल्स भोपाल एवं क्रय समिति द्वारा किया गया था। सक्षम अधिकारी आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा के पत्र दिनांक 23 जून, 2016 के द्वारा प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा प्रेरको के मानदेय में वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 1340 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) साक्षर भारत योजना के तहत प्रदेश में कार्यरत संविदा प्रेरकों की संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) इनके मानदेय में कब-कब वृद्धि की गयी? संविदा प्रेरकों को कब से मानदेय नहीं दिया गया है? (ग) क्या शासन संविदा प्रेरकों का संविलियन सहायक अध्यापक के रूप में करने पर विचार करेगा अथवा इस हेतु क्या परीक्षा आयोजित कर संविदा प्रेरकों को सहायक अध्यापक के रूप में चयनित किया जाएगा? (घ) क्या शासन संविदा प्रेरकों के मानदेय में वृद्धि करने पर विचार करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) साक्षर भारत योजना के तहत प्रदेश में 24338 प्रेरक वर्तमान में कार्यरत है। (ख) संविदा प्रेरकों का मानदेय में योजना प्रारम्भ से अभी तक कोई वृद्धि नहीं की गई है। अप्रैल 2017 से मानदेय नहीं दिया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) संविदा प्रेरकों का मानदेय भारत सरकार द्वारा किये गये प्रावधान अनुसार किया जाता है और भारत सरकार द्वारा वर्तमान में इनके मानदेय में वृद्धि के कोई निर्देश नहीं है।
शासकीय विद्यालयों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 1350 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में कितने शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालय उन्नयन के लिये प्रस्तावित हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) इनका उन्नयन कब तक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में शासकीय प्राथमिक विद्यालय का माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन हेतु प्रस्तावित जानकारी निरंक है। माध्यमिक विद्यालय को हाईस्कूल एवं हाईस्कूल को हायर सेकेण्डरी में उन्नयन हेतु प्रस्तावित शालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शाला उन्नयन बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
श्रेष्ठ परिणाम वाले विद्यालयों को पुरस्कार
[स्कूल शिक्षा]
61. ( क्र. 1358 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2015 के पश्चात् कितने विद्यालयों को 10 वीं, 12 वीं में कितने प्रतिशत परीक्षा परिणाम के लिए पुरस्कृत किया गया, विद्यालयवार सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या अधिकारियों की लापरवाही के चलते कई ग्रामीण विद्यालय श्रेष्ठ परिणाम के बावजूद सूचना के आभाव में पुरस्कार हेतु चयनित नहीं हो पाते? ऐसे कितने विद्यालय विभाग के प्रकाश में आयें? क्या ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्रों के विद्यालय के पुरस्कार के लिए शासन की अलग-अलग नीति हैं? (ग) उक्त जिले में 2017 में कितने विद्यालयों का परीक्षा परिणाम जिले में 90 से 100 % रहा? सूची उपलब्ध करायें। इनमें ऐसे कितने उत्कृष्ट विद्यालय हैं जहां पूर्ण विषय शिक्षक के बाद भी जिनका परीक्षा परिणाम 40 % से कम रहा? सूची उपलब्ध करायें? (घ) उक्त जिले में ऐसे कितने ग्रामीण हाईस्कूल/हायरसेकण्ड्री स्कूल हैं? जहाँ विषय शिक्षक के अभाव के बावजूद 90 से 100 % परिणाम रहा? सूची उपलब्ध कराये? ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कितने विद्यालय हैं जो लगातार 4 सत्रों से 90 से 100 % परीक्षा परिणाम दे रहे हैं फिर भी इन्हें पुरस्कृत नहीं करने के क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) केवल परीक्षा परिणाम के आधार पर विद्यालयों को पुरस्कृत करने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार 34 विद्यालय है। किसी भी उत्कृष्ट विद्यालय का जहॉ पूर्ण विषय का शिक्षक उपलब्ध है, परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत से कम नहीं रहा। (घ) जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार 30 विद्यालय है। ग्रामीण क्षेत्र के कोई भी विद्यालय लगातार 4 सत्रों से 90 से 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम वाले नहीं है। शेषांश का प्रश्न 'क' के उत्तर के प्रकाश में उपस्थित नहीं होता है।
निशुल्क दवा योजनान्तर्गत वितरित दवाइयों की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
62. ( क्र. 1360 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में निशुल्क दवा योजनान्तर्गत वितरित की जाने वाली दवाईयों की जाँच की क्या प्रक्रिया है? क्या विभाग द्वारा सभी दवाइयों की जाँच की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त दवाईयों की जाँच शिकायतों एवं आशंका के आधार पर ही की जाती है? यदि नहीं, तो उज्जैन संभाग में गत 1 जनवरी 2015 के पश्चात कौन-कौन सी दवाईयों की जाँच विभाग द्वारा की गई उसकी रिपोर्ट की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये? (ग) क्या विभाग मिलावटी/निम्न दर्जें की दवा आपूर्ति करने वाली कम्पनी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) संभाग में गत 3 वर्षों में किस-किस कम्पनी के खिलाफ विभाग ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये? ऐसे कितने प्रकरण विभाग के पास आये?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राचार्य के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 1374 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सटई में वर्तमान में कौन प्राचार्य पद पर कब से कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पदस्थ प्राचार्य की शैक्षणिक योग्यता क्या है? किस संस्था से किस वर्ष में कौन-कौन सी डिग्री प्राप्त की? अभी तक इनके विरूद्ध कितनी शिकायत हुई? शिकायत पर क्या–क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इनके कार्यकाल में विभिन्न मद में कितनी राशि कब–कब प्राप्त हुई? किस प्रकार खर्च की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय उ.मा.वि. सटई में वर्तमान में श्री सुशील कुमार मिश्रा, प्राचार्य उ.मा.वि. पद पर दिनांक 10.11.2010 से कार्यरत है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। श्री सुशील कुमार मिश्रा, प्राचार्य उ.मा.वि. सटई के विरूद्ध कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
प्राचीन महल एवं किलों का रखरखाव
[संस्कृति]
64. ( क्र. 1375 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बिजावर के सटई, रगोली एवं ईशानगर में प्राचीन किला या महल है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो इन किलो/महल का निर्माण कब और किसने करवाया? कितने रकबे में यह स्थित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या विभाग इन किलों/महलों को अपने संरक्षण में लेकर इनकी देखभाल करेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर के खटई, रगोली एवं ईशानगर में स्थित गढ़िया है। जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। (ख) ग्राम खटई, रगोली एवं ईशानगर में स्थित तीनों गढि़या बुंदेली शासकों के समय 16-17 शती ई. में निर्मित कराई गई थी। रकबा के संबंध में संबंधित तहसीलदार से जानकारी मांगी गई है। (ग) उल्लेखित स्मारक वर्तमान में संरक्षित नहीं है, राजस्व संबंधित जानकारी तहसीलदार से मंगाई गई है। राजस्व जानकारी प्राप्त होने पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।
अध्यापक संवर्ग के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 1377 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में अध्यापक संवर्ग के किसी शिक्षक की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने हेतु वर्तमान में कितने प्रकरण लंबित है? (ख) उपरोक्त लम्बित प्रकरणों में से कितने प्रकरण आश्रित के डी.एड./बी.एड. न होने के कारण लंबित हैं? (ग) क्या आश्रित के डी.एड./बी.एड. न होने की स्थिति में उसे आगामी तीन/पाँच वर्षों में डी.एड./बी.एड. कर लेने की शर्त के साथ अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान है, क्योंकि शासकीय डी.एड. कालेजों में दस सीटें शासकीय शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्या लोक हित में इस प्रकार का प्रावधान किया जा सकता है? यदि हाँ, तो ऐसा प्रावधान कर लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सतना जिले में अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों के 27 अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण लंबित है। (ख) सतना जिलें में लंबित 27 प्रकरणों में सें 26 अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण डी.एड./बी.एड. प्रशिक्षण, शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण न होने के कारण लंबित है एवं 01 अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण डी.एड. उत्तीर्ण है परंतु शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण न होने के कारण लंबित है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मृतक शासकीय सेवक के आश्रितों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 एवं वर्ग 3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित मापदण्डों में शिथिलीकरण करने हेतु मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को दिनांक 27/01/2017, दिनांक 03/02/2017 एवं दिनांक 16/02/2017 को पत्र प्रेषित किया गया। भारत सरकार से निर्धारित मापण्दडों में शिथिलीकरण के लिए मार्गदर्शन अपेक्षित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष चिकित्सकों की विभागीय चिकित्सालयों में पदस्थापना
[आयुष]
66. ( क्र. 1384 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा आयुष चिकित्सकों को प्रशिक्षण देकर विभागीय चिकित्सालयों में पदस्थापना करने की योजना प्रारम्भ की गई है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले की नक्शल प्रभावित एवं आदिवासी बाहुल्य बैहर विधान सभा क्षेत्र के शासकीय अस्पतालों में आयुष चिकित्सकों की पदस्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। ऐलोपैथी चिकित्सक विहीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में। (ख) आयुष विभाग के जिला चिकित्सालय में 2 चिकित्सक पूर्व से पदस्थ है। नियुक्ति/पदस्थापना सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
योजनावार, मदवार प्राप्त आय एवं व्यय राशि
[स्कूल शिक्षा]
67. ( क्र. 1385 ) श्री संजय उइके : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले को वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित की गई राशि को योजनावार, मदवार, कितनी राशि व्यय की गई जानकारी उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
स्कूलों का उन्नयन एवं भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
68. ( क्र. 1396 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं? कन्या एवं बालक विद्यालय की अलग-अलग जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में संचालित हाई स्कू्ल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की स्कूलवार संख्या कितनी हैं तथा इनमें कितने शिक्षक हैं? विगत वर्ष सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में संचालित हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों का परीक्षा परिणाम कितने प्रतिशत रहा? (ग) विधानसभा क्षेत्र में कितने स्कूल स्वयं के भवन में संचालित हैं तथा कितने स्कूलों का निजी भवन नहीं है? (घ) दिनांक 01-03-2017 को वित्त मंत्री जी द्वारा दिए भाषण के बिन्दु क्रमांक 42 में बताया गया है कि वर्ष 2017-18 में 520 हाई स्कूल तथा 240 हायर सेकेण्डकरी स्कूलों का उन्नयन प्रस्तावित है। उक्त सूची में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों को उन्नयन हेतु सम्मिलित किया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में 22 हाईस्कूल एवं 17 हायर सेकेण्डरी संचालित है। जिसमें 22 हाईस्कूल सहशिक्षा 04 कन्या उ.मा.वि., 04 बालक उ.मा.वि. तथा 09 सहशिक्षा उ.मा.वि. संचालित है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। 2017-18 में स्कूल उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। उन्नयन की सूची को अंतिम रूप दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
स्कलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
69. ( क्र. 1397 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में स्कूल उन्नयन हेतु ऐसे कितने स्कूल हैं जो जनसंख्या, दूरी, छात्रों की संख्या एवं समस्त मापदण्डों की पूर्ति करते हैं? ऐसे स्कूलों का नाम व स्थान की जानकारी देवें। (ख) विगत पाँच वर्षों में ऐसे कितने स्कूल उन्नयन किए गए हैं जिनकी जनसंख्या, दूरी, छात्रों की संख्या एवं अन्य मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के उपरांत भी उन्नयन किया गया हैं। इसका कारण भी स्पष्ट करें। (ग) क्या सुवासरा नगर से सुवासरा गांव की कम दूरी होने पर भी विगत वर्षों में हाई स्कूल उन्नयन के रूप में संचालित हैं? उसी प्रकार सीतामऊ नगर से लदुना की उससे भी कम दूरी तथा छात्रों की संख्या अधिक होने के बाद भी आज दिनांक तक हाई स्कूल, कन्या हाई स्कूल उन्नयन नहीं हो पाया हैं? इसका कारण बतावें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में प्रा.वि. से मा.वि. तथा मा.वि. से हाई स्कूल और हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी उन्नयन हेतु कितने स्कूल प्रस्तावित हैं और कब तक मापदण्डों पर पूर्ति होने वाले स्कूलों का उन्नयन किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 01 शाला हाईस्कूल बसई समस्त मापदण्ड की पूर्ति करती है। (ख) एवं (ग) वर्ष 2013-14 से शासकीय हाई स्कूल सुवासरा ग्राम, शास. कन्या उ.मा.वि. नाहरगढ, शास.उ.मा.वि. कुरावन एवं शास.उ.मा.वि. तितरोद किया गया। शालाओं का उन्नयन बजट प्रावधानुसार प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्राथमिक से माध्यमिक शाला का उन्नयन प्रस्तावित नहीं है। माध्यमिक से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकेन्डरी के उन्नयन की कार्यवाही बजट उपलब्धता पर निर्भर है। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
70. ( क्र. 1400 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में जितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र हैं, क्या इन सभी के भवन निर्माण किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो भवन निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र में स्वीकृत पद की सूची, स्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्रवार देवें। क्या समस्त पदों की पदपूर्ति की जा चुकी है? यदि नहीं, तो चिकित्सकों की पदस्थापना हेतु शासन की ओर से क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 24 उपस्वास्थ्य केन्द्र हैं। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का एवं 21 उपस्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्मित है, शेष 3 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन विहिन है, (जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार) भवन विहिन उप स्वास्थ्य केन्द्रो के भवन निर्माण की वर्तमान में सीमित वित्तीय उपलब्धता के कारण प्राथमिकता निर्धारित न होने से इन 3 भवन विहिन उपस्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण की निश्चित समय-अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जी नहीं। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है परंतु म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से विभागीय मांग 1896 के विरूद्ध मात्र 726 चयनित चिकित्सकों की सूची प्राप्त हुई है। अतः संस्थाओं में शत-प्रतिशत चिकित्सकों की पदपूर्ति कराई जाना संभव नहीं हो रहा है।
स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
71. ( क्र. 1432 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम के हाई स्कूल एवं हायर सेकेन्ड्री स्कूल जो भवन विहीन/बाउण्ड्रीवाल विहीन हैं उनके निर्माण के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 801 दिनांक 24.04.2017 के द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल को लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) प्रस्ताव अनुसार हाई स्कूल/हायर सेकेन्ड्री स्कूल में भवन एवं बाउण्ड्रीवाल निर्माण की क्या कार्य योजना है तथा कब तक निर्माण करा लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) शास. हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन एवं बाउण्ड्रीवाल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
स्टेट फार्मासिस्ट ऐसोसिएशन की मांगों का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 1441 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय मंत्री द्वारा जावक क्रमांक 1104, दिनांक 16.03.2017 द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव को स्टेट फार्मासिस्ट ऐसोसिएशन मध्यप्रदेश से प्राप्त ज्ञापन सहपत्रों सहित भेजकर पत्र में उल्लेखित तथ्यों का परीक्षण कर वेतन विसंगति दूर किये जाने इत्यादि मुद्दों पर विधिसम्मत कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं? (ख) मान. मंत्री के उपरोक्त निर्देशों पर शासन/विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कब तक पत्र में उल्लेखित समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) माननीय मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के कार्यालयीन जावक पंजी क्रमांक 1704, दिनांक 16.03.2017 के माध्यम से टीप पत्र प्रेषित किया गया है। (ख) विभाग के अधीन फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के पद को ग्रेड-पे 1900 से 2800 के अन्तर्गत रखने की मांग के संबंध में राज्य वेतन आयोग द्वारा परीक्षण उपरांत उक्त पद को ग्रेड-पे 2400 में उन्नयन किये जाने की अनुशंसा राज्य शासन को की गई है। आगामी कार्यवाही वित्त विभाग द्वारा की जाना है। इस संबंध में वित्त विभाग से आगामी कार्यवाही बावत अनुरोध पत्र क्रमांक एफ 16-126/2017/17/मडि-1, दिनांक 12/07/2017 द्वारा किया गया है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
ट्रामा केयर यूनिट एवं नर्सिंग कॉलेज का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 1461 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में ट्रामा केयर यूनिट एवं नर्सिंग कॉलेज का निर्माण आज भी धीमी गति से चल रहा है? प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार इस विषय पर विधान सभा प्रश्न लगाने के बाद भी उक्त कार्य पूर्ण क्यों नहीं हो रहे हैं? (ख) उक्त निर्माण में विलम्ब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी/कर्मचारियों ठेकेदार पर शासन कब कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
74. ( क्र. 1467 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. के पत्र क्रमांक/अनुदान/ज/2016/516 भोपाल दिनांक 3/5/2017 द्वारा अशासकीय चन्द्रशेखर आजाद उ.मा.वि. अरगट जिला सतना में श्री चक्रधर सिंह बघेल का अवैधानिक रूप से संविलियन कर संविदा पारिश्रमिक का भुगतान करने के संबंध में लेख किया गया था? (ख) इस संविलियन के लिये गठित स्क्रीनिंग समिति के सदस्यों का विवरण देवें? (ग) क्या चक्रधर सिंह जो आबकारी अधिनियम के तहत केन्द्रीय जेल रीवा में 9/5/11 से 18/7/11 तक बंद रहा है, इसका संविलियन किस आधार पर करा दिया गया है? (घ) श्री सिंह का संविलियन निरस्त इसको दी गई रू. 1566000/- की वसूली कब तक कर ली जावेगी? प्रकरण में दोषी डी.ई.ओ. और अनुदान शाखा लिपिक को निलंबित कर कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांकित पत्र द्वारा प्राप्त शिकायत संलग्न कर प्रकरण का परीक्षण कर कार्यवाही हेतु कलेक्टर को निर्देशित किया गया। (ख) स्क्रीनिंग समिति में जिला कलेक्टर सतना अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यापालन अधिकारी, जिला पंचायत सतना, सदस्य सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी सतना, प्राचार्य शा.उत्कृष्ट उ.मा.वि.नागोद जिला सतना समिति के सदस्य थे। (ग) श्री चक्रधर सिंह बघेल दिनांक 18.5.2011 से 18.7.2011 तक केन्द्रीय जेल रीवा में बंद रहे है। अभी संविलियन नहीं हुआ है। (घ) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर सतना द्वारा दिनांक 3.7.2017 के द्वारा पारिश्रमिक भुगतान संबंधी आदेश निरस्त कर श्री चक्रधर सिंह बघेल से उक्त अवधि के भुगतान की वसूली के आदेश दिये गये है। प्रकरण में प्रथम दृष्ट्या जिला शिक्षा अधिकारी एवं अनुदान शाखा के लिपिक दोषी नहीं पाया गया है। अतः निलंबित, अनुशासनिक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.एड.परीक्षार्थी को परीक्षाफल अनुसार अंकसूची प्रदान न किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 1483 ) पं. रमेश दुबे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2007-08 में कुल कितने परीक्षार्थी बी.एड. की परीक्षा में शामिल हुए? कितने उत्तीर्ण हुए? (ख) क्या उक्त परीक्षा में शामिल सभी परीक्षार्थियों को अंकसूची प्रदाय कर दी गयी है? नहीं की गयी है तो क्यों? (ग) क्या श्रीमती ममता नामदेव परीक्षार्थी रोल नं. 58463, परीक्षा केन्द्र लूघरवाड़ा जिला-सिवनी के द्वारा उक्त परीक्षा में शामिल होने पर परीक्षाफल अनुसार अंकसूची उन्हें न मिलने के संबंध में प्रश्नकर्ता को आवेदन करने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 273 दिनांक 04/03/2017 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 578 दिनांक 05/05/2017 प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा म.प्र. शासन को पत्र प्रेषित किया है? (घ) यदि हाँ, तो इस पत्र पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? क्या शासन उक्त परीक्षार्थी को उसके परीक्षाफल अनुसार अंकसूची प्रदान किये जाने हेतु संबंधित को आदेश देगा यदि हाँ, तो कब तक संबंधित को अंकसूची उपलब्ध करा दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
76. ( क्र. 1489 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में संविदा शाला शिक्षक के कितने पदों के विरूद्ध नियुक्तियां की गई हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पद की पूर्ति कब तक की जावेगी। (ख) जिला सीधी में नियुक्त किये गये शिक्षकों को क्या निर्धारित समय उपरांत संविलियन एवं पदोन्नति का लाभ दिया जा चुका हैं? यदि नहीं, तो विवरण देवें। किस स्तर पर लंबित है कब तक दिया जावेगा? (ग) संविदा शाला शिक्षकों की नवीन भर्ती क्यों नहीं की जा रही हैं? किस कारण से भर्तियां नहीं की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। संविदा शाला श्रेणी-1, श्रेणी-2 एवं श्रेणी-3 के रिक्त पदों हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) सीधी जिलान्तर्गत 450 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है तथा शेष 350 प्रकरण जिला पंचायत स्तर पर छानबीन समिति के समक्ष प्रक्रियाधीन है। कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत आदेश जारी किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित होता है।
घोघरी देवी मंदिर का विकास
[पर्यटन]
77. ( क्र. 1490 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किये गये हैं? साथ ही पर्यटकों को आकर्षित करने की सरकार की क्या योजना है? (ख) क्या वीरबल की जन्मस्थली घोघरा देवी मंदिर सीधी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? क्या-क्या विकास होगा? (ग) सीधी जिले में स्थित सोन घडियाल अभ्यारण्य पर्यटन स्थल के रूप में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या सुविधाएं की जावेगी एवं कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) सीधी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य शासन द्वारा भारत शासन द्वारा स्वीकृत स्वदेश दर्शन योजना क्रियांवित की जा रही है, जिसके अंतर्गत सीधी जिले के संजय नेशनल पार्क में राशि रूपये 1327.27 लाख के विकास कार्य कराये जा रहे है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पर्यटन नीति 2016 में किसी विशेष स्थल को ''पर्यटन स्थल'' घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है। सोन घडियाल अभ्यारण्य में पर्यटन विभाग की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
78. ( क्र. 1499 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याणार्थ शासन की क्या-क्या योजना वर्तमान में संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) योजनाओं में से जिला सिवनी में कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही हैं एवं इन योजनाओं के अंतर्गत क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं या किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में संचालित योजनाओं से कितने लोगों को क्या-क्या लाभ मिला है? बतायें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जिला सिवनी में संचालित योजनाओं के अंतर्गत होने वाले कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जिला सिवनी में संचालित योजनाओं अंतर्गत लोगों को दिए गये लाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर व अन्य स्टाफ के रिक्त पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
79. ( क्र. 1500 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने सामुदायिक केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? विकासखण्डवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर व अन्य स्टॉफ के कितने पद रिक्त हैं? विकास खण्डवार जानकारी देवें? (ग) क्या डॉक्टर एवं अन्य स्टॉफ की कमी के कारण जिला सिवनी में उप स्वास्थ्य केन्द्र बंद पड़े हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) यह कहना सत्य नहीं है कि डॉक्टर एवं अन्य स्टॉफ की कमी के कारण जिला सिवनी में उप स्वास्थ्य केन्द्र बंद पड़े है। उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर डॉक्टर का पद स्वीकृत नहीं है। जिले में उपलब्ध मानव संशाधनों द्वारा चिकित्सा सुविधाए आमजन को उपलब्ध कराई जा रही है। उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही व्यापम के माध्यम से जारी है।
आशा सहयोगिनियों की भर्ती हेतु बार-बार विज्ञापन जारी करना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 1505 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, राज्य स्वास्थ्य समिति भोपाल के पत्र क्रमांक/ एन/आर.एच.एम./2015-16 दिनांक 01.06.2015 के निर्देशानुसार आशा कार्यकर्ताओं का चिन्हांकन आशा सहयोगिनियों के रूप में छतरपुर जिले में किया जाना था? (ख) क्या उक्त आदेश के परिपालन में पत्र क्रमांक 2439-54 दिनांक 30.11.2015 में खण्ड चिकित्साधिकारी सामु. स्वा. केन्द्र ईशानगर जिला छतरपुर द्वारा उक्त प्रक्रिया को पूर्ण कर आदेश जारी कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वा. अधिकारी जिला छतरपुर को अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजा गया था? उक्त आदेश पर चिन्हांकन की कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं की गयी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) व (ख) में वर्णित आदेशों के बाद भर्ती का विज्ञापन निकाला गया परन्तु कुछ कारणवास भर्ती नहीं की गई एवं भर्ती हेतु विज्ञापन क्रमश: दो-तीन बार से अधिक निकालने से विभाग एवं अभ्यार्थियों का अनावश्यक व्यय नहीं हुआ है? (घ) क्या एक ही भर्ती के लिए कई बार विज्ञापन निकालना सही है क्या अभ्यार्थियों द्वारा एक ही पद पर बार-बार आवेदन करने में व्यय राशि का खर्चा/भत्ता विभाग द्वारा दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी, ईशानगर के आदेश क्रमांक 2439-54 दिनांक 30.11.2015 में चयनित आशा सहयोगियों की चयन प्रक्रिया में अनियमितता होने के कारण उस आदेश का क्रियान्वयन नहीं हुआ। (ग) जी नहीं, विज्ञापन प्रकाशित नहीं कराया गया बल्कि अभ्यार्थियों (आशाओं) के सूचनार्थ एवं आवेदनार्थ स्थानीय स्तर पर विज्ञप्ति जारी की गयी थी। इस पर कोई राशि का व्यय नहीं हुआ है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिना स्कूल भवन निर्माण किए राशि का आहरण
[स्कूल शिक्षा]
81. ( क्र. 1508 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर में वर्ष 2004 से 2007 तक बगैर स्कूल भवन निर्माण के करोड़ो रूपयों की राशि शिक्षकों ने निकालकर हड़प ली? (ख) क्या डी.पी.सी. छतरपुर द्वारा कई स्कूलों को स्कूल भवन निर्माण के लिए दो-दो बार राशि लेन-देन करके निकाली गयी है? उन स्कूलों के नाम तथा राशि सहित सूची प्रदाय करें? (ग) क्या डी.पी.सी. छतरपुर ने शिक्षकों द्वारा बगैर निर्माण के हड़पी गयी राशि को शासन के खाते में जमा कराने के आदेश दिये गये थे? (घ) यदि हाँ, तो शिक्षकों द्वारा हड़पी गयी राशि शासन के खाते में कितनी जमा की गयी तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, राज्य शिक्षा केन्द्र की स्वीकृति पश्चात् पत्र क्रमांक 6029 दिनांक 04.09.2008 के तारतम्य में पत्र क्रमांक 8981 दिनांक 29.12.2009 से प्राप्त बजट राशि अनुसार 84 निर्माणाधीन शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों को पूर्ण करने हेतु अतिरिक्त राशि प्रदाय की गई थी। तदानुसार जिले द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्य कराये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं अपितु 15 अपूर्ण शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों के निर्माण एजेंसी पालक शिक्षक संघ के सचिवों का जिन्होंने राशि आहरित कर निर्माण कार्यों को विभिन्न स्तर पर अपूर्ण छोड़ दिया था को कार्य पूर्ण करने अथवा ब्याज सहित राशि वापस जमा करने हेतु जिला शिक्षा केन्द्र छतरपुर द्वारा नोटिस दिये गये थे। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में 15 अपूर्ण शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों के निर्माण एजेंसी पालक शिक्षक संघ के सचिवों में से 05 सचिवों द्वारा कार्य पूर्ण करा दिये गये, 04 कार्य प्रगतिरत है, 03 कार्यों के सचिवों द्वारा राशि रू. 338804/- विभाग को जमा किये गये एवं 11वें वित्त आयोग के 03 कार्यों में कार्य का मूल्यांकन निर्माण एजेंसी पालक शिक्षक संघ को जारी राशि के अनुरूप है जिन्हें पूर्ण कराने हेतु जिला निर्माण समिति द्वारा राशि जारी किया जाना है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सिंधी भाषा की पढ़ाई
[स्कूल शिक्षा]
82. ( क्र. 1514 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सिंधी भाषा पढ़ाने हेतु कितने प्रायवेट, माध्यमिक, हाई व हायर सेकेण्ड्री स्कूल संचालित हैं? इन स्कूलों में सिंधी भाषा पढ़ाने की क्या सुविधा/व्यवस्था है? क्या उक्त जानकारी भारत के भाषागत अल्पसंख्यक आयुक्त को हर वर्ष दी जाती है? (ख) प्रश्नांकित कितने स्कूलों में कितने छात्र/छात्राएं सिंधी भाषा पढ़ रहे हैं वर्ष 2016-17 व 2017-18 की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित कितने स्कूलों में सिंधी शिक्षकों के कितने स्वीकृत पद भरे व रिक्त हैं? शासन ने विगत 3 वर्षों में कितने रिक्त पदों की पूर्ति की है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मात्र सिन्धी भाषा पढ़ाने हेतु कोई मान्यता प्राप्त माध्यमिक, हाई एवं हायर सेकेन्डरी स्कूल संचालित नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तारांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्य पदार्थों में हानिकारक रसायन की मिलावट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
83. ( क्र. 1516 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत पंजीकृत व लायसेंस प्राप्त कौन-कौन सी ब्रेड, पिज्जा, बेस वर्गर, पाव और कुकीज निर्माता फैक्टरियां/ बेकरियां संचालित हैं? इनमें से किस-किस ब्रेड बनाने हेतु निर्धारित कौन-कौन से मानकों का पालन नहीं किया जाता है एवं क्यों? (ख) प्रश्नांकित किन-किन फैक्ट्रियों/बेकरियों में खाद्य पदार्थों, विशेषकर फास्ट फूड, व्हाइट ब्रेड, पाव बर्गर, पिज्जा बेस में स्वास्थ्य के लिये खतरनाक रसायन जैसे पोटेशियम व्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट का उपयोग किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने कब-कब, कहाँ-कहाँ से किन-किन खाद्य पदार्थों उत्पादकों जैसे ब्रेड पिज्जा बेस, बर्गर और पाव के नमूने जाँच हेतु लिये हैं? इन्हें जाँच हेतु कब भेजा गया। जाँच में कौन-कौन से नमूने अपमिश्रित मिलावटी दूषित मिथ्याछाप व खतरनाक कैमिकल्स युक्त पाये गये हैं? इन नमूनों के किन-किन प्रकरणों में कब किस पर क्या कार्यवाही की गई वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘1‘‘ एवं ‘'2'' अनुसार है। जबलपुर जिले में कुल 6 नमूने जाँच हेतु लिए गये है, जाँच उपरांत 5 नमूने मानक पाए गये एवं 1 नमूना मिथ्याछाप पाये जाने पर आरोपी के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण दर्ज किया गया है, जिसमे 20,000 का अर्थदण्ड अधिरोपित हुआ हैl (ख) प्रश्नांकित फैक्ट्रीयों/बेकरीयों में खाद्य पदार्थों विशेषकर फ़ास्ट फूड/व्हाइट ब्रेड/पाव/बर्गर/पिज्जा बेस में खाद्य संयोजक जैसे पोटेशियम ब्रोमेड एवं पोटेशियम आयोडेट का उपयोग नहीं पाया गया है l (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘3‘‘ अनुसार है।
शिक्षकों का क्रमोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
84. ( क्र. 1526 ) श्रीमती ममता मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में कितने सहायक शिक्षक हैं जो 12 वर्ष व 24 वर्ष की क्रमोन्नति प्राप्त कर चुके हैं, संख्या दें। (ख) उक्त सहायक शिक्षक जब वरिष्ठ वेतनमान प्राप्त कर चुके हैं तो इन्हें पदोन्नति क्यों नहीं दी जा रही है जबकि इनके पद पर पदस्थ सहायक अध्यापकों को अध्यापक पद पर पदोन्नत किया जा चुका है। (ग) इस विसंगति को दूर कर, योग्य व पात्र सहायक शिक्षकों को पदोन्नत कर उच्च श्रेणी शिक्षक बनाया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गुना जिले में 12 वर्ष एवं 24 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर 804 सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है। (ख) भर्ती एवं पदोन्नति नियम के अनुसार पात्रता एवं पद रिक्तता की दशा में पदोन्नति का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रचलित पदोन्नति से संबंधित न्यायालयीन प्रकरण में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के परिपालन में पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जा रही है। जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में प्राचार्यों की पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
85. ( क्र. 1527 ) श्रीमती ममता मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में कितने हायर सेकेण्ड्री स्कूल हैं एवं वर्तमान में कितने स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त है? (ख) क्या बालक हायर सेकेण्ड्री स्कूल चांचौड़ा, बालिका हायर सेकेण्ड्री चांचौड़ा, बालक हायर सेकेण्ड्री स्कूल बीनागंज, बालिका हायर सेकेण्ड्री, बीनागंज एवं बालक हायर सेकेण्ड्री स्कूल कुंभराज के विद्यालयों में प्राचार्यों के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो उक्त विद्यालयों में प्राचार्य की पदस्थापना कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गुना जिले में 46 हायर सेकेण्ड्री स्कूल स्वीकृत है एवं 35 प्राचार्यों के पद रिक्त है। (ख) जी हाँ। रिक्त पदो की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। जिसकी पूर्ति पदोन्नति एवं स्थानांतरण द्वारा की जाती है। वर्तमान में पदोन्नति पर आरक्षण संबंधी दायर याचिका पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यथा स्थिति के निर्देश है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भवन विहीन स्कूलों के भवन निर्माण किये जाने
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 1541 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री विद्यालय हैं, जिनके पास स्वयं का भवन नहीं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन विद्यालयों हेतु भवन की व्यवस्था कब तक करा दी जावेगी? भवन विहीन हाई स्कूल विद्यालयों की छात्र संख्या बताएं? (ग) हाई स्कूल सेंवढ़ा, दुल्हारा, मुढेरी, बमरा, घौलागढ, गोवर्धन, झिरी, गोपालपुर, बैराढ़, पोहरी के भवनों के निर्माण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? उक्त विद्यालयों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों के भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। शासकीय हाई स्कूल सेंवढ़ा, दुल्हारा, बमरा एवं कन्या हाई स्कूल पोहरी भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गई है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में कृषि संकाय प्रारंभ करना
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 1542 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित किन-किन शासकीय हायर सेकण्ड्री स्कूल में कृषि संकाय संचालित नहीं है? उक्त विद्यालयों में कृषि संकाय कब तक प्रारंभ कर दिये जावेंगे? (ख) प्रदेश के हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में कृषि संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु क्या प्रक्रिया है? क्या पोहरी विधानसभा क्षेत्र में संचालित शासकीय हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में कृषि संकाय प्रारंभ करने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता एवं संबंधित स्कूलों द्वारा विभाग को कृषि संकाय प्रारंभ करने के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित किए गए हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गयी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। संकाय की स्वीकृति बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करेगा। (ख) छात्र-छात्राओं की मांग को देखते हुए जिलों से प्राप्त प्रस्ताव पर नवीन संकाय प्रारम्भ करने की कार्यवाही की जाती है। जी हाँ। बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संकाय की स्वीकृति बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा।
शालाओं का ऑडिट एवं छात्रवृत्ति वितरण
[स्कूल शिक्षा]
88. ( क्र. 1560 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिवनी की कौन-कौन सी शालाओं का वर्ष 2015 -16 तक की अवधि का कितने वर्षों का ऑडिट होना शेष है? सम्पन्न ऑडिट प्रतिवेदनों में क्या कोई गंभीर वित्तीय अनियमितताएं हैं? यदि हाँ, तो उनके लिये कौन दोषी पाये गये हैं? (ख) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक क्षेत्र की किन-किन संकुल केन्द्रों में छात्रवृत्तियों का वितरण नहीं किया गया है? किन-किन संकुल केन्द्रों में कितनी-कितनी अवितरित छात्रवृत्ति की राशि संकुल केन्द्रों के खातों में जमा है? (ग) विगत एक वर्ष में क्षेत्र की कौन-कौन सी कन्या शालाओं का सक्षम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया? निरीक्षणकर्ता द्वारा क्या कभी छात्राओं से स्कूल संबंधी समस्याओं पर समक्ष में चर्चा की है? यदि हाँ, तो किन-किन शालाओं में किस-किस प्रकार की समस्याएं उजागर हुई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत विभाग की सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं का वर्ष 2015-16 तक की अवधि तक ऑडिट हो चुका है। अंकेक्षण के दौरान प्राप्त ऑडिट रिपोर्ट में कोई गंभीर अनियमितता प्रकाश में नहीं आई है। किसी भी हाई स्कूल/हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में वर्ष 2008 के पश्चात् महालेखाकार म.प्र. ग्वालियर द्वारा ऑडिट नहीं किया गया है। वर्ष 2008 के पूर्व महालेखाकार द्वारा किये गये ऑडिट में किसी भी प्रकार की गंभीर वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) समेकित छात्रवृत्ति योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 में सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त संकुल केन्द्रों में पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का वितरण किया जा चुका है। कोई भी अवितरित राशि संकुल केन्द्रों के खातों में जमा नहीं है। वर्ष 2016-17 के छात्रवृत्ति वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) विगत एक वर्ष में विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत आने वाली समस्त कन्या शालाओं का सक्षम अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान (1) महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिवनी में छात्राओं द्वारा कॉमर्स संकाय की मांग की गई तथा शाला भवन के पुराने एवं जर्जर होने के कारण नवीन भवन की आवश्यकता से प्राचार्य द्वारा अवगत कराया गया। (2) शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मठ मंदिर सिवनी में शिक्षण कक्ष के पर्याप्त नहीं होने की समस्या उजागर हुई।
अध्यापकों की वेतन विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
89. ( क्र. 1561 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कार्यरत अध्यापक संवर्ग का 6वां वेतनमान निर्धारण किस प्रक्रिया/आदेश के तहत किस टेबल के माध्यम से किया गया है? पदोन्नत एवं क्रमोन्नत हुऐ अध्यापकों के वेतन निर्धारण की क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जिला सिवनी में अध्यापक संवर्ग को एक समान वेतन मिल रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो वेतन विसंगति का क्या कारण है? इस वेतन विसंगति के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में वेतन विसंगति कब तक दूर की जायेगी एवं इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग का 6वां वेतमान निर्धारण के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा क्रमश: दिनांक 07/07/2017 को आदेश जारी किये गये है। जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्न के भाग ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय चिकित्सालयों को आवंटित एवं व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
90. ( क्र. 1569 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सालयों के संचालन हेतु शासन स्तर से राशि आवंटित की जाती है और संबंधित चिकित्सालयों में अन्य माध्यमों से भी राशि प्राप्त होती है। (ख) यदि हाँ, तो शहडोल जिले के विभिन्न चिकित्सालयों में शासन स्तर से विगत ०३ वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई है और उक्त अवधि में अन्य माध्यमों से चिकित्सालयों में कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त राशियों से किस-किस कार्य के लिये किस प्रक्रिया के तहत कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? समस्त जानकारी कार्यवार, व्ययवार उपलब्ध करायी जावे।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) शासन स्तर से बजट प्रावधानित करा कर विभागीय स्तर से राशि आवंटित की जाती है, अन्य माध्यमों से नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मदवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिविल अस्पताल ब्यावरा में पोस्ट मार्टम भवन निर्माण की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
91. ( क्र. 1576 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न क्रमांक 7545 दिनांक 30 मार्च 2017 के उत्तर की कंडिका में बताया गया था कि सिविल अस्पताल ब्यावरा के नवीन पोस्ट मार्टम भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव आगामी स्थाई वित्त समिति में स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रस्ताव में स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रस्ताव की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त महत्वपूर्ण मामले में स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। स्थाई वित्त समिति की बैठक की तिथि निर्धारित करने हेतु प्रस्ताव प्रक्रिया में है। (ख) जी हाँ, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उप-स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
92. ( क्र. 1577 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न क्रमांक 6740 दिनांक 22 मार्च, 2017 के उत्तर में बताया गया था कि उप-स्वास्थ्य केन्द्र सेमलापार तहसील ब्यावरा के भवन निर्माण के कार्य की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव सक्षम समिति की बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा? तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त उप-स्वास्थ्य केन्द्र सेमलापार में सुचारू स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति प्रथम अनुपूरक बजट 2017-18 में प्रदान करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। स्थाई वित्त समिति की बैठक दो बार तिथि निर्धारित होने के उपरांत अपरिहार्य कारणों से नहीं हो सकी। वर्तमान में पुनः बैठक की तिथि निर्धारित करने हेतु प्रस्ताव प्रक्रिया में है। (ख) जी नहीं। स्थाई वित्त समिति के बैठक की तिथि नियत न होने से स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
वाणिज्य संकाय को कला संकाय के रूप में माना जाना
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 1588 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वाणिज्य संकाय विषय को कला संकाय के रूप में मान लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या स्कूल शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) से इसकी अनुमति प्राप्त की है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) वाणिज्य विषय को कला के रूप में किस आधार पर मान्य किया गया है जबकि वाणिज्य में अधिकतर समाहित विषय (सांख्यिकी, अकाउन्टस, कराधान व बिजनेस गणित) अंकिय गणित विषय के रूप में होते हैं, ऐसी स्थिति में वाणिज्य संकाय को कला संकाय में किस आधार पर शामिल किया गया है? स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। रचनाक्रम एवं भर्ती पदोन्नति नियम में वाणिज्य विषय समूह नहीं होने के कारण इस विषय के लोक सेवकों की गणना कलां संकाय (सामाजिक विज्ञान) में म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 3/4 अगस्त 2012 के बिंदु की अनुसूची चार में कॉलम (2) में अनुक्रमांक (2क) की प्रविष्ट एवं संचालनालय के पत्र दिनांक 13.02.13 अनुसार की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समयमान-वेतनमान
[स्कूल शिक्षा]
94. ( क्र. 1592 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्राचार्य व व्याख्याता के पद धारकों को समयमान वेतनमान 10 वर्ष, 20 वर्ष व 30 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से इसे प्रदान किया जा रहा हैं? (ख) प्रश्न अनुसार क्या स्कूल शिक्षा विभाग समयमान वेतनमान का लाभ शिक्षक/सहायक शिक्षक को भी देने जा रहा है? यदि हाँ, तो यह लाभ किस दिनांक से कार्यरत शिक्षक/सहायक शिक्षकों को प्रदान किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्राचार्य उमावि संवर्ग को 10, 20 एवं 30 में समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अपितु सीधी भर्ती से नियुक्त प्राचार्य पद धारको को 08 वर्ष में प्रथम एवं 16 वर्ष में द्वितीय समयमान दिनांक 01.04.2006 से देने का प्रावधान है। व्याख्याता के पद धारकों को समयमान वेतनमान 10 वर्ष, 20 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर प्रदान किया जाता है। दिनांक 01 अप्रैल 2006 से। (ख) वर्तमान में शिक्षक/ सहायक शिक्षक को समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत स्वास्थ्य केन्द्रों को प्रारम्भ किये जाने
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
95. ( क्र. 1599 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर, पिपलौदा एवं जावरा तहसील के शहरी एवं ग्रामीण उप स्वास्थ्य केन्द्रों को प्रारम्भ किये जाने की स्वीकृति दी गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो जावरा शहरी केंद्र तो प्रारम्भ हो चुका है किन्तु क्या पिपलौदा तहसील अंतर्गत ग्राम उम्मेदपुरा, चिपिया एवं सुजापुर तथा जावरा तहसील के ग्राम बिनोली, बहादुरपुर, मोरिया एवं झालवा की स्वीकृति भी जावरा शहरी केंद्र के साथ दी गयी थी? (ग) यदि हाँ, तो बताये कि जहां एक और एक ही आदेश के अंतर्गत दी गयी स्वीकृतियों में से शहरी केंद्र तो प्रारम्भ किया गया किन्तु किन कारणों से उल्लेखित पिपलौदा व जावरा तहसील के उप स्वास्थ्य केंद्र को प्रारम्भ नहीं किया जा सका है? (घ) साथ ही अवगत कराये कि उपरोक्त उल्लेखित स्वीकृत कार्यों का बजट कितना होकर किस आदेश के माध्यम से विभाग/व्यवस्था को आवंटित किया गया तथा कार्य कब तक प्रारम्भ किये जा सकेंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं अपितु वर्ष 2014-15 में जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा वर्ष 2016-17 में पिपलौदा एवं जावरा तहसील के ग्रामीण उप स्वास्थ्य केन्द्रों को प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति दी गई थी। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं। (ग) जी नहीं, दोनों स्वीकृतियां पृथक-पृथक आदेश से जारी हुई, ग्रामीण नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों को संबंधित ग्रामों में उपयुक्त किराये के भवन में संचालित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं जिस हेतु विकासखण्डवार एवं स्थानीय स्तर पर प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्र दिनांक 03.07.2017 द्वारा रुपये 1500/- प्रतिमाह प्रत्येक उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन के किराये हेतु बजट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रतलाम को आवंटित किया गया है। उप स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन उपयुक्त किराये के भवन की उपलब्धता पर आधारित है जिसकी प्रकिया प्रचलन में है, अतः किराये के भवन उपलब्ध होने पर उप स्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ किये जा सकेगें। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
क्षेत्रीय पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
96. ( क्र. 1601 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर जावरा में दादावाडी, स्वामीजी की कुटिया, हुसेन टेकरी के साथ ही जावरा तहसील के मिंडाजी त्रिवेणी स्थल.गोंदीधर्मसी, कान्करवा बालाजी डेम स्थल, नंदावता मगरे पर एवं रिंगनोद सात सहेली मगरे तथा पिपलौदा तहसील अंतर्गत अंगेठी माताजी, नवाबगंज माताजी स्थल सुजापुर पहाड़ी, रोग्यादेवी मामटखेडा पहाड़ी, पिंगराला पहाड़ी पर्यटन स्थल इत्यादि पर मूलभूत सुविधाएं, सौन्दर्यीकरण, सड़क एवं विद्युतीकरण किये जाने की लगातार मांग की जा रही है तथा माननीय मंत्रीजी एवं वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान लगातार आकर्षित कर मांग की है तथा इस हेतु अनेक पत्रों के माध्यम से आग्रह भी किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस हेतु शासन/विभाग द्वारा सम्बन्धित अधिकारी को उपरोक्त कार्यों को किये जाने हेतु कार्ययोजना, प्राक्कलन इत्यादि बनाए जाने के लिए निर्देशित/आदेशित किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त कार्यों की स्वीकृतियाँ कब तक दी जाकर उल्लेखित पर्यटन स्थलों पर जनसुविधा एवं जन आवश्यकताओं की पूर्ति कब तक की जायेगी?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। कान्कारवा बालाजी डेम एवं मनकामनेश्वर मंदिर मिंडाजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के संबंध में माननीय विधायक का पत्र दिनांक 15/03/2017 प्राप्त हुआ है। (ख) जी नहीं। पर्याप्त बजट की अनुपलब्धता के कारण आदेशित नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कुपोषित बच्चों के लिये पोषण पुनर्वास केन्द्र का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
97. ( क्र. 1622 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुपोषित बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिये अनूपपुर जिले में कहाँ-कहाँ पर पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित हैं? उक्त केन्द्र किन-किन संस्था/व्यक्ति द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? संस्था का नाम/संस्था के संचालक के नाम एवं पते सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में इन पोषण पुनर्वास केन्द्रों के संचालन हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई है? प्रदाय की गई राशि कि विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में कितने बच्चों का कुपोषण दूर किया गया तथा इन पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती बच्चों में से कितने बच्चों की मृत्यु हुई वर्षवार, कुपोषण केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) अनूपपुर जिले में उक्त अवधि में कितने बच्चों कुपोषण से पीड़ित होना पाये गये? कुपोषित बच्चों के नाम पता सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) गंभीर कुपोषित बच्चों के संस्थागत उपचार हेतु अनूपपुर जिले में संचालित 5 पोषण पुनर्वास केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘1‘‘ अनुसार है। उक्त सभी पोषण पुनर्वास केन्द्र राज्य शासन द्वारा संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘1‘‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में अनूपपुर जिलों में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में प्रदायित एवं व्यय राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘2‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती गंभीर कुपोषित बच्चों में से 1516 बच्चों को स्वस्थ्य किया गया एवं 1 बच्चे की मृत्यु हुई। वर्षवार एवं पोषण पुनर्वास केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘3‘‘ अनुसार है। (घ) महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला अनूपपुर में माह जनवरी 2015 से जून 2017 की अवधि में कुल 22,734 कम वज़न के बच्चे तथा 1691 अतिकम वज़न के बच्चे पाये गये। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कम वज़न के बच्चों की नामवार सूची का संधारण नहीं किया जाता है। अति कम वज़न बच्चों की नाम-पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘4‘‘ अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती गंभीर कुपोषित बच्चो की संख्या 2908 है, जिनकी नाम-पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘‘5‘‘ अनुसार है।
माननीय उच्च न्यायालय एवं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाओं के आदेश का पालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
98. ( क्र. 1629 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या याचिका क्रमांक 3177/10 एस. में दिनांक 22/02/2011 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के तारतम्य में आपातकालीन स्थिति में प्रथम श्रेणी के विशेषज्ञों को ड्यूटी करने हेतु आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं के आदेश क्रमांक 01/विज्ञप्त/सेल-5/2012/505, 506 दिनांक 07/03/2012 को जारी किए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो माननीय उच्च न्यायालय एवं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं के आदेश का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो भोपाल के हमीदिया अस्पताल, सुल्तानिया जनाना अस्पताल, 1250 जेपी. अस्पताल एवं टी.बी. अस्पताल में कौन-कौन प्रथम श्रेणी के डॉक्टर पदस्थ रहे और उक्त आदेश के तारतम्य में उनकी कब-कब आकस्मिक ड्यूटी लगाई गई वर्षवार अस्पतालवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि माननीय उच्च न्यायालय एवं आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं के आदेश का पालन नहीं किया गया तो शासन द्वारा उनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों अस्पतालवार वर्षवार बतावे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लापरवाही के चलते छात्रों को सायकिले वितरित नहीं की जाना
[स्कूल शिक्षा]
99. ( क्र. 1630 ) श्री आरिफ अकील : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले के अधिकांश स्कूलों में छात्रों को सायकिलों का वितरण नहीं हो पाने के मामले उजागर हुए है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने छात्रों को सायकिल वितरण किए जाने संबंधी कार्यवाही पूर्ण नहीं की गई? (ख) क्या वर्ष 2016-17 में 31 दिसम्बर 2016 तक छात्रों को सायकिल वितरित किए जाने की समय-सीमा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निर्धारित किए जाने के बावजूद अधिकांश छात्रों को सायकिलें वितरित नहीं की जा सकी यदि हाँ, तो (कितने-कितने) छात्रों को सायकिलों का वितरण नहीं हो सका? (ग) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में भोपाल के किन स्कूलों के कितने छात्रों को सायकिलें वितरित नहीं करने के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंहस्थ 2016 में दवा खरीदी में अनियमितताएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
100. ( क्र. 1646 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ 2016 के लिए दवायें उपकरण, कीटनाशक दवायें तथा अन्य अतिआवश्यक सामग्री क्रय की गई थी? यदि हाँ, तो संचालनालय स्तर से किस अधिकारी को व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया था? (ख) उक्त दवायें एवं अन्य सामग्री हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई थी अथवा क्रय समिति के माध्यम से खरीदी गई थी? (ग) क्या उक्त दवायें एवं सामग्री मानक मूल्य से अधिक दरों पर खरीदी की जाकर शासन करोड़ो रूपये की राजस्व हानि पहुंचायी गई हैं? यदि हाँ, तो क्या संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। सिहस्थ 2016 के लिए दवायें उपकरण, कीटनाशक दवायें तथा अन्य अतिआवश्यक सामग्री क्रय की गई थी, संचालनालय स्तर से डॉ. के.एल. साहू, संचालक संचालक स्वास्थ्य सेवायें को व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया था। (ख) दवायें एवं सामग्री म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कारर्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल के ई-टेण्डर (निविदा) के माध्यम से निर्धारित दरों पर क्रय की गई है तथा स्थानीय स्तर पर दवायें एवं सामग्री का क्रय ई-टेण्डर (निविदा) आमंत्रित कर किया गया। समस्त दवायें एवं सामग्री क्रय समिति के अनुमोदन के पश्चात क्रय की गई थी। (ग) जी नहीं। मानक मूल्य से अधिक दरों पर खरीदी नहीं की गई। दवायें एवं सामग्री म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कारर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल के द्वारा ई-टेण्डर (निविदा) के माध्यम से निर्धारित दरों पर क्रय की गई है तथा स्थानीय स्तर पर दवायें एवं सामग्री का क्रय ई-टेण्डर (निविदा) आमंत्रित कर न्यूनतम दर पर संबंधित फर्मों से नियमानुसार किया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वफ्फ बोर्ड का गठन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
101. ( क्र. 1650 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनूपपुर जिला वफ्फ बोर्ड का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितने पदाधिकारी एवं सदस्य हैं? नाम, पता का उल्लेख करें? (ख) जिला अनूपपुर में वफ्फबोर्ड की कुल कितनी चल एवं अचल सम्पत्ति हैं तथा सम्पत्ति का उपयोग किस प्रयोजन हेतु किया जाता है, विवरण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में गठन न होने की स्थिति में बोर्ड का गठन कब तक किया जाएगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी नहीं। राज्य में केवल एक ही वक्फ बोर्ड गठन किये जाने का प्रावधान है जिसका मुख्यालय भोपाल है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला अनूपपुर में म.प्र. वक्फ बोर्ड की 16 संपत्तियां है उक्त संपत्तियों का प्रयोजन केवल धार्मिक कार्यों हेतु किया जाता है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
102. ( क्र. 1652 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-12-22/2016/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 24-11-2016/01-10-2016 वित्त विभाग के पृष्ठांकन क्रमांक 221/B6/16 दिनांक 01-11-2016 के अनुक्रमांक 3 में उप स्वास्थ्य केन्द्र पसान का उन्नयन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में किया गया है? उक्त संस्था कहाँ संचालित है तथा कितने सृजित पदों के विरूद्ध अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है? (ख) किस स्तर के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी ने उक्त संस्था का शुभारंभ कराया है। अथवा संस्था संचालित न करने का कारण क्या है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में उक्त संस्था संचालित नहीं है। वर्तमान में उप स्वास्थ्य केन्द्र पसान में एक ए.एन.एम. कार्यरत है एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पसान हेतु सृजित शेष सभी पद रिक्त है। (ख) भवन उपलब्ध नहीं होने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पसान का शुभारंभ नहीं हुआ है।
लापरवाही से मरीजों की मृत्यु
[चिकित्सा शिक्षा]
103. ( क्र. 1659 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एमवाय अस्पताल में दिनांक 21-22 जून, 2017 की मध्य रात्रि से 24 घण्टे के अंतराल में कुल कितने मरीजों की मृत्यु किन-किन कारणों से हुई? क्या पर्याप्त सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध नहीं थे? हाँ तो क्यों? कारणों का उल्लेख करें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त घटित घटना में कौन-कौन जिम्मेदार हैं एवं प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा किस प्रकार की जाँच के आदेश दिये गये? जाँच प्रतिवेदन से अवगत करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भारत सरकार व अन्य माध्यमों से राज्य सरकार को उचित कार्यवाही किये जाने हेतु पत्र प्राप्त हुए है हाँ तो बतायें और उस संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) एम.वाय. चिकित्सालय, इन्दौर में मरीजों के इलाज हेतु पर्याप्त सुविधायें एवं संसाधन उपलब्ध है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘‘क'' में संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित मरीजों की मृत्यु गंभीर बीमारी के कारण प्राकृतिक रूप से हुई है। चिकित्सालय में मरीजों को प्राथमिक एवं अन्य आवश्यक उपचार संबंधित विभागों के चिकित्सकों द्वारा किया गया है। प्रबंधन द्वारा ऑक्सीजन सप्लाय सिस्टम की जाँच हेतु अधिष्ठाता, इन्दौर द्वारा गठित जाँच समिति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संभागायुक्त, इन्दौर द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में माननीय लोक सभा अध्यक्ष का पत्र जाँच समिति को उपलब्ध कराते हुये पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं को भी जाँच में सम्मिलित करने हेतु निर्देशित किया गया है।
भवन विहीन शालाओं के भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
104. ( क्र. 1660 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय हाई स्कूल बलखड़िया एवं शासकीय हाई स्कूल अंदड, उक्त दोनों शालाएं भवन विहीन है उक्त शालाओं के भवन निर्माण के प्रस्ताव लंबित हैं? हाँ तो क्यों? नहीं तो इस संबंध में स्थानीय एवं राज्य शासन स्तर पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने-कितने पत्राचार किस-किस प्रकार किस-किस माध्यम से कब-कब किये गये और उस पर विभागीय स्तर पर किस प्रकार की कार्यवाहियां की गई उनकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित शालाओं के भवन निर्माण की स्वीकृति इसी वित्तीय वर्ष में कब की जायेगी तथा निर्माण कार्य कब प्रारंभ करा दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ख) जिला स्तर से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना में सुदृढ़ीकरण के तहत प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। भारत शासन द्वारा सुदृढ़ीकरण के तहत वर्ष 2017-18 में कोई स्वीकृति नहीं दी गई है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में समय-सीमा बताया जाना सभंव नहीं है।
विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों का वेतन भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
105. ( क्र. 1664 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर जिला भिण्ड अंतर्गत कार्यरत अतिथि शिक्षक वर्ग- 01, 02 एवं 03 वेतन का शिक्षा सत्र 2016-17 से आज तक का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब व किस अवधि तक का वर्गवार जानकारी दें? (ख) अतिथि शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान नहीं होने के क्या कारण रहे? इसके लिए कौन जिम्मेदार है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। भुगतान की जानकारी निम्नानुसार हैं :-
अतिथि शिक्षक वर्गवार अवधि भुगतान की तिथि
वर्ग-1 अगस्त 16 से फरवरी 2017 तक 12.05.2017, 16.05.2017
वर्ग-2 जुलाई 16 से 15 अप्रैल 2017 तक 22.05.2017, 29.06.2017
वर्ग-3 जुलाई 16 से 15 अप्रैल 2017 तक 03.07.2017, 06.07.2017
वर्ग-1 के अतिथि शिक्षकों को उ.मा.वि./हाई स्कूल की परीक्षाएं माह मार्च से प्रारम्भ होने के कारण संबंधितों से अध्यापन कार्य फरवरी माह तक ही लिया गया है। (ख) संस्था प्रमुखों से समय पर प्रमाणीकरण प्राप्त न होने एवं संबंधित अतिथि शिक्षकों द्वारा समय पर खाता क्रमांक प्रस्तुत न करने के कारण समय पर भुगतान की कार्यवाही नहीं की जा सकी। प्राचार्य, शा.उ.मा.वि. उदोतगढ़ एवं प्राचार्य, शा.उ.मा.वि. अटेर दोषी है। संबंधित प्राचार्यों के विरूद्ध जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये है।
नियम विरूद्ध पदोन्नतियों का मामला
[स्कूल शिक्षा]
106. ( क्र. 1672 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 में राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य शिक्षा सेवा के गठन के संबंध में क्या-क्या निर्णय लिये गये थे? उक्त अवधि के उपरांत विभाग में कब-कब पदोन्नतियां की गई? क्या मंत्रिपरिषद के निर्णय के विपरीत व राज्य शासन के निर्देशों से पृथक शिक्षा विभाग में मनमाने तरीके से पदोन्नतियां की गई हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं? (ख) वर्ष 2013 के उपरांत विभाग में की गई पदोन्नतियों की क्या शासन स्तर से किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा समीक्षा कराई जाकर इनका सत्यापन कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2013 में राज्य शिक्षा सेवा के गठन के संबंध में प्रमुख निर्णय लिये गये जिनमें स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त रूप से एक प्रबंधकीय पद संरचना उपलब्ध कराना, अधिकारियों की अर्हता, आयु, वेतनमान परीवीक्षा अवधि, चयन प्रक्रिया, पदोन्नति प्रक्रिया, संवर्ग में पदों की संख्या एवं सावधि कार्य मूल्यांकन इत्यादि बाबत प्रावधान अनुमोदित किये गये। विभाग द्वारा दिनांक 07.01.2015, 27.03.2015, 27.04.2015 एवं दिनांक 01.04.2016 को पदोन्नति की गई। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दन्त चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 1675 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में वर्तमान में विभिन्न चिकित्सालयों में दन्त चिकित्सकों के सैंकड़ों पद रिक्त है? यदि हाँ, तो इन पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) संविदा पर कार्य कर रहे दंत चिकित्सकों को क्या रिक्त नियमित पदों पर नियमित किये जाने की कोई योजना/कार्यवाही विभाग में चल रही है? इस संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) वर्तमान में प्रदेश में कार्यरत संविदा दंत चिकित्सकों की संख्या क्या है? इन्हें क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही है? इन्हें कब तक नियमित किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं वर्तमान में विभाग अंतर्गत दंत चिकित्सकों के 32 पद रिक्त हैं। दंत चिकित्सक के 100 प्रतिशत पद सीधी भर्ती के पद हैं एवं मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से पदपूर्ति की कार्यवाही की जाती है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु नियमानुसार मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को मांग-पत्र प्रेषित किया जावेगा। (ख) जी नहीं, विभाग में संविदा नियम 2006 के अंतर्गत संविदा पर पदस्थ किए गए समस्त पात्र दंत चिकित्सकों का नियमितिकरण किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निरंक। उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों को जारी अनुदान राशि
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
108. ( क्र. 1679 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना/मुख्यमंत्री योजना अंतर्गत पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कितने-कितने व्यक्तियों (उदयमी/स्वरोजगारियों) को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी अनुदान राशि जारी की गई है वर्ष 2015-16 से विकाखण्डवार, बैंक शाखावार, विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार व्यक्तियों (उदयमी/स्वरोजगारियों) को अनुदान राशि के अनुक्रम में कितनी-कितनी राशि किस-किस बैंक शाखा द्वारा वितरित की गई है? क्या प्रश्नांकित अवधि के सभी प्रकरणों पर वितरण हो गया है? यदि नहीं, तो कौन-कौन से प्रकरण, किस-किस बैंक शाखा में वितरण हेतु लंबित हैं वर्षवार, बैंक शाखावार, विकाखण्डवार, पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार लंबित प्रकरणों में कब तक वितरण कराया जावेगा? समयावधि बताएं? इसके लिये कौन दोषी है, दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रश्नांकित मामले में प्रेषित पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में सभी प्रकरणों में वितरण हो चुका है। वर्ष 2017-18 के स्वीकृत 29 प्रकरणों में से 17 प्रकरणों में अनुदान राशि वितरण की जा चुकी है शेष प्रकरणों में भी वितरण की कार्यवाही जारी है। (ग) शीघ्र ही वितरण किया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी निरंक है।
जिला शिक्षा कार्यालय एवं ब्लॉक कार्यालयों में पदस्थ लिपिकों
[स्कूल शिक्षा]
109. ( क्र. 1680 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के द्वारा 3 वर्ष से एक ही शाला में पदस्थ लिपिकों के स्थानांतरण करने के आदेश किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या और कब-कब? (ख) कटनी जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में कौन-कौन लिपिक कब-कब से पदस्थ हैं एवं इनके कार्य प्रभारों की विगत 5 वर्षों की वर्षवार सूची देवें एवं स्वीकृत पदों की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में 03 वर्षों की अधिक की अवधि से पदस्थ होने के बाद भी किन-किन लिपिकों के स्थानांतरण नहीं किये गये? क्यों? कारण सहित बतावें? (घ) प्रश्नांश (ख) और (ग) के अनुसार शासन आदेशानुसार कार्यवाही न करने एवं शासनादेशों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या 3 वर्ष से एक ही स्थान पर पदस्थ जिला एवं ब्लॉक आफिस के लिपिकों के प्रभारों में फेरबदल एवं स्थानांतरण किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) एवं (घ) जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय कटनी में 03 वर्षों से अधिक एक ही कक्ष में पदस्थ कर्मचारियों को कक्ष परिवर्तन किया गया है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिकों के स्थानान्तरण नहीं किये गये। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिकों के स्थानान्तरण नहीं करने के कारण संचालनालय के पत्र क्रमांक स्था-1/सर्त/सी/151/2017/1254-55 दिनांक 13.07.2017 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जिला शिक्षा अधिकारी कटनी के विरूद्ध जारी किया गया है। संबंधित का प्रतिवाद प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
राज्य शासन की अधिकृत एजेन्सी से कार्य नहीं कराने
[चिकित्सा शिक्षा]
110. ( क्र. 1681 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में एच.आई.एम.एस. की स्थापना हो चुकी है? उक्त कार्य NIC, MP SEDC अथवा CNET (सीनेट) राज्य शासन द्वारा अधिकृत एजेन्सियों से क्यों नहीं कराया गया? (ख) हमीदिया चिकित्सालय द्वारा एच.आई.एम.एस. की स्थापना हेतु निविदायें कब बुलाई गई? न्यूनतम दरें क्या-क्या प्राप्त हुई एवं इन दरों का अनुमोदन कब किया, सक्षम अधिकारी द्वारा कब स्वीकृति दी गई/न्यूनतम दरों का अनुमोदन दिनांक, स्वीकृति देने वाले अधिकारी का नाम एवं स्तर बताएं? (ग) अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल द्वारा HIMS की स्थापना हेतु राज्य शासन की एजेन्सियों से कब-कब पत्राचार किया गया एवं राज्य शासन की एजेन्सियों द्वारा उक्त कार्य हेतु कितनी राशि का प्रस्ताव दिया गया? उन प्रस्तावों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई इसके लिये कौन जवाबदेह है? (घ) क्या शासन/विभाग उपरोक्त नियम विरूद्ध, अनियमित, दूषित क्रय प्रक्रिया करने वाले अस्पताल अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी को तत्काल निलंबित करते हुए पारदर्शी जाँच करायेगा यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। कार्य प्रचलन में है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही नियमानुसार एवं सक्षम स्वीकृति उपरांत ई-टेण्डर के माध्यम से की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों के उन्नयन व नवीन शाला भवन की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
111. ( क्र. 1685 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2016-17 व वर्ष 2017-18 में कौन-कौन सी माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूलों में उन्नयन एवं हाई स्कूलों का हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में उन्नयन किये जाने के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को प्रेषित किये गये हैं? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2016-17 व वर्ष 2017-18 में जो उन्नयन के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को प्रेषित किये गये थे उनमें से कितनी माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूलों में उन्नयन एवं कितने हाई स्कूलों का हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में उन्नयन की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और अगर स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है तो इसका क्या कारण है? कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (ग) परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत शासकीय उत्कृष्ट विदयालय पेंचव्हेली परासिया में नवीन विदयालय भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मंत्री जी को पत्र क्र. वि.स./परासिया/ 127/2017/181 दिनांक 16.05.2017 एवं मान. राज्यमंत्री जी को पत्र क्र. वि.स./ परासिया/127/2017/179 दिनांक 16.05.2017 के माध्यम से निवेदन किया गया था। जिन पत्रों पर स्वीकृति हेतु अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) परासिया विकाखण्ड के अंतर्गत शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पेंचव्हेली परासिया की पुरानी स्कूल बिल्डिंग के जर्जर स्थिति को देखते हुए, छात्र/छात्राओं की सुविधा हेतु नवीन विद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) राज्य बजट अंतर्गत शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। भवन निर्माण की स्वीकृति बजट प्रावधान पर निर्भर करेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर-उज्जैन संभाग के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
112. ( क्र. 1687 ) श्री कमलेश शाह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एवं उज्जैन संभाग में नमूना सहायकों के कितने पद स्वीकृत है? इन पर कौन, कितने समय से पदस्थ है की पूरी जानकारी जिलावार देंवे? (ख) विगत 03 वर्षों में इनके विरूद्ध कितनी शिकायते प्राप्त हुई हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? जिलावार बतावें। (ग) तृतीय श्रेणी कार्यपालिक स्तर का पद होने के बावजूद प्रश्नांश (क) संभाग में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों का स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया? 10 वर्ष से अधिक समय से प्रदस्थ कर्मचारियों की सूची दें। इनका स्थानांतरण कब तक कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) इन्दौर एवं उज्जैन संभाग में कुल 4 पद नमूना सहायक के स्वीकृत है जिसमें से जिला उज्जैन में एक एवं इन्दौर में तीन। स्वीकृत चारों पद भरे हुए है। जिनके नाम निम्नानुसार हैः- (1) श्री सुधारकर बनसिगे दिनांक 8.01.1985 (2) श्री प्रदीप कुमार लकडे दिनांक 29.03.1993 (2) श्री भारत भूषण मेहता दिनांक 03.03.2010 (4) श्री सलीम खान दिनांक 01.07.1996 (ख) इन सभी के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्थानांतरण नीति अनुसार स्थानांतरण किए जाते है। इस वर्ष स.क्र. 2 पर अंकित नमूना सहायक का स्थानान्तरण जिला छिंदवाड़ा किया गया है। शेष जानकारी प्रश्नांश (क) में दर्शित है। स्थानान्तरण किए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
बड़वानी में गठित जाँच समिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
113. ( क्र. 1699 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 6883 दिनांक 22.03.2017 के (ख) उत्तर के अनुसार क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बड़वानी द्वारा गठित जाँच समिति ने क्या जाँच पूरी कर ली है? (ख) यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देंवे। इस पर की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? कारण बतावे। (ग) यदि जाँच पूरी नहीं की गई है तो बतावें कि लगभग 4 माह बाद भी जाँच पूरी क्यों नहीं हो पाई? जाँचकर्ताओं के नाम, पदनाम सहित देंवे। जाँच कब तक पूरी होगी बतावें। (घ) समय पर जाँच न करने वाले जांचकर्ताओं पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जाँच प्रचलन में है, अतः प्रतिवेदन की प्रतिलिपि देना संभव नहीं है। जाँच कमेटी गठित की गई है, जाँच कमेटी द्वारा प्रकरण से संबंधित गवाहों को बुलाया गया है, लेकिन सभी गवाह उपस्थित नहीं होने से, जाँच पूरी नहीं हुई है। (ग) जाँच प्रक्रिया में संबंधित सभी गवाहों का जाँच कमेटी के समक्ष उपस्थित नहीं होने के कारण विलम्ब हो रहा है। उक्त जाँचकर्ता (कमेटी) में (1) डॉ. जी.एस. बारेल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, (2) डॉ. प्रमोद गुप्ता, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं (3) डॉ. अशोक कनाड़े, प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक हैं। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
N.R.I. प्रवेशितों के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
114. ( क्र. 1700 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 से वर्ष 2015 तक डी-मेट द्वारा N.R.I. कोटे में जिन उम्मीदवारों का चयन प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविदयालयों में हुआ उनकी सूची नाम, पता, कालेज नाम, विदेशी पता की जानकारी सहित देवें। (ख) यह भी बतावें कि इन्होंने किस मुद्रा में फीस जमा की। (ग) वर्ष 2016 की N.R.I. उम्मीदवारों की सूची भी प्रश्न (क) अनुसार देवें।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण क्रमांक 4060/2009 में पारित निर्णय दिनांक 27 मई, 2009 द्वारा निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु ए.पी.डी.एम.सी. (एसोसिएशन ऑफ प्रायवेट डेन्टल एण्ड मेडिकल कॉलेज) द्वारा डी-मेट परीक्षाओं का आयोजन कर प्रवेश प्रक्रिया निर्धारित करने की कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित उक्त निर्णय के उद्धरण की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः यह परीक्षा निजी संस्था द्वारा आयोजित की गयी थी। (ख) उत्तरांश ‘‘क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘‘क'' एवं ‘‘ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदौर, उज्जैन संभाग में कार्यवाही संबंधी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
115. ( क्र. 1706 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन संभाग में मीठी सुपारी, माउथ फ्रेशनर एवं इस श्रेणी की अन्य सामग्री के निर्माताओं पर विगत 3 वर्षों में विभाग ने कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की है वर्षवार जिलावार जानकारी दें? (ख) इनके कितने नमूने जाँच में किस ब्रांड के फेल हुए है ब्रांड नाम सहित वर्षवार, जिलावार बतायें। इस पर विभाग ने क्या कार्यवाही की प्रकरणवार बतायें। (ग) रितिक गोल्ड, नखराली एवं इसी तरह के अन्य उत्पादों की निर्माता कंपनियों द्वारा उत्पादों पर एक्सपायरी डेट क्यों नहीं डाली जाती? कब तक ये प्रारंभ किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार जाँच में फेल उत्पादों के कितने बेच नंबर की सामग्री बाजार से निर्माताओं द्वारा वापस बुलाई गई जिलावार बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग और लेबलिंग) विनियम, 2011 के विनियम 2.2.2 : (10) के अनुसार शिशु दुग्ध विकल्प, शिशु खाद्य, शराब, लिकर तथा एल्कोहली पेय पदार्थ जिनमें एल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत या अधिक है, को छोड़कर शेष खाद्य पदार्थों में बेस्ट बिफोर लिखे जाने का प्रावधान है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
116. ( क्र. 1707 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विगत 3 वर्षों में साफ-सफाई सुरक्षा ठेका जिन फर्मों को दिया गया, उनके नाम कार्यावधि सहित बतावें? (ख) इन फर्मों को कितने कर्मचारी नियुक्त करने थे एवं इन्होंने कितने नियुक्त किए? कर्मचारी का नाम, पी.एफ. नम्बर, पी.एफ. कटौत्रा राशि, कर्मचारी अंशदान, नियोक्ता अंशदान सहित बतावें? (ग) इनके खिलाफ शासन स्तर पर व जनता द्वारा कितनी शिकायतें की गई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) निर्धारित संख्या से कम कर्मचारी रखने के कारण इन फर्मों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अन्तर्गत स्वास्थ्य संस्थाओं साफ-सफाई का ठेका दिनांक 20/10/2014 से दिनांक 28/11/2016 तक आई.पी.एस. गार्ड लिमिटेड भोपाल एवं दिनांक 29/11/2016 से न्यू बुन्देलखण्ड सिक्यूरिटी सर्विसेस इन्दौर को दिया गया। सुरक्षा व्यवस्था का ठेका विगत तीन वर्ष से रतन एम्पोरियम धार को दिया गया। जिला चिकित्सालय में साफ-सफाई का ठेका विगत तीन वर्षों से न्यू बुन्देलखण्ड सिक्यूरिटी सर्विसेस इन्दौर एवं सुरक्षा का ठेका वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में रतन एम्पोरियम धार तथा वर्ष 2016-17 न्यू बुन्देलखण्ड सिक्यूरिटी सर्विसेस इन्दौर को दिया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) इस संबंध में कोई शिकायत आना प्राप्त नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निर्धारित मापदण्ड अनुसार कर्मचारी रखे गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा महाविद्यालय में नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
117. ( क्र. 1716 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा विद्यालय भोपाल में डिमाँस्ट्रेटर्स के कुल कितने पद स्वीकृत हैं, विभागवार एवं विषयवार जानकारी दें? राज्य शासन द्वारा इनकी नियुक्ति किन उद्देश्यों की पूर्ति के संदर्भ में की है एवं इनके कर्तव्य/कार्य क्या हैं? (ख) क्या उपरोक्तानुसार नियुक्त डिमाँस्ट्रेटर्स से अधीक्षक कार्यालय में बाबुओं का कार्य लिया जा रहा हैं जिसके कारण इनकी नियुक्ति का औचित्य समाप्त हो चुका है? अधीक्षक कार्यालय में कौन-कौन से डिमाँस्ट्रेटर्स कब-कब से पदस्थ हैं एवं इनको क्या-क्या दायित्व सौंपा गया हैं? (ग) क्या शासन उक्तानुसार भर्ती किए गये डिमाँस्ट्रेटर्स से उनके पद, योग्यता एवं एम.सी.आई. के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य कराया जाना सुनिश्चित करायेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) डिमाँस्ट्रेटर्स के कुल 50 पद स्वीकृत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डिमाँस्ट्रेटर्स की नियुक्ति का उद्देश्य एवं मुख्य कर्तव्य संबंधित नॉन क्लीनिकल विभागों में शैक्षणिक कार्य सम्पादित करना है। (ख) अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के आदेश दिनांक 24 जून, 2009 द्वारा डॉ. आसिफ खान, प्रदर्शक, पी.एस.एम. विभाग को अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल में कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है। डॉ. खान को अधीक्षक कार्यालय में प्रभारी अधिकारी, स्टोर, ऑक्सीजन प्लांट, रख-रखाव, लीगल एवं विधान सभा संबंधी कार्यों का दायित्व सौंपा गया है। (ग) डिमाँस्ट्रेटर्स से उनके पद एवं योग्यता के अनुसार कार्य लिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्पताल अधीक्षक के स्वीकृत पदों के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
118. ( क्र. 1717 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में अस्पताल अधीक्षक एवं सहायक अधीक्षक के कितने पद स्वीकृत हैं एवं इन पदों के विरूद्ध कौन-कौन कार्यरत हैं, नाम एवं पदनाम बतावें? (ख) क्या दो सहायक अधीक्षकों के स्वीकृत पद के विरूद्ध 18 सहायक अधीक्षकों से कार्य लिया जा रहा है जबकि चिकित्सालय में चिकित्सकों के अभाव के चलते मरीज परेशान हो रहे हैं? (ग) क्या शासन/विभाग चिकित्सालय में आने वाले मरीजों की परेशानी को देखते हुए उक्त चिकित्सकों (सहायक अधीक्षकों) की हमीदिया चिकित्सालय के क्लीनिकल विभागों में पदस्थ कर मरीजों के ईलाज करने हेतु पाबंद करेंगा, यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) कोई पद स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘‘क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समस्त चिकित्सक हमीदिया चिकित्सालय में क्लीनिकल विभागों में पदस्थ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।