मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016 सत्र
गुरूवार, दिनांक 21 जुलाई, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग
4 : लोक
निर्माण, वाणिज्य,
उद्योग
एवं रोजगार,
खेल
एवं युवा
कल्याण, धार्मिक
न्यास एवं
धर्मस्व, वन, तकनीकी
शिक्षा एवं
कौशल विकास,
उच्च
शिक्षा )
एम.पी.आर.डी.सी.
द्वारा अवैध
टोल वसूली
1. ( *क्र. 585 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना से अशोकनगर रोड के निर्माण का प्रारंभ बिन्दु तथा अंतिम बिन्दु क्या है? प्रारंभ बिन्दु एवं अंतिम बिन्दु अर्थात् ओरीजन पाईन्ट तथा डेस्टीनेशन पाईंट क्या निर्धारित थे? (ख) क्या उक्त ओरीजन पाईन्ट से डेस्टीनेशन पाईन्ट तक कार्य पूर्ण हो गया है? कार्य पूर्ण होने का दिनांक बतायें। (ग) उक्त मार्ग पर टोल वसूली प्रारंभ करने का दिनांक बतायें। क्या उपर्युक्त दोनों बिन्दुओं अनुसार कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में टोल वसूली की जा सकती है? यदि हाँ, तो नियम बतायें। यदि नहीं, तो अवैध वसूली प्रारंभ कराने के लिये कौन अधिकारी जवाबदेह है? (घ) जवाबदेह अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक जाँच कर कार्यवाही पूर्ण की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत गुना अशोकनगर-ईसागढ़ मार्ग (एस.एच. 20) को विकसित करने का कार्य बी.ओ.टी. (टोल) योजना में किया जा रहा है। इस मार्ग का प्रारंभ बिन्दु (ओरीजन पाईन्ट) गुना अशोकनगर मार्ग का कि.मी. 2+000 गुना पुलिस स्टेशन के पास एवं मार्ग का अंतिम बिन्दु (डेस्टीनेशन पाईन्ट) अशोकनगर-ईसागढ़ मार्ग के कि.मी. 35+150 पर ईसागढ़ कस्बे में तिराहे तक (परियोजना का कि.मी. 78+150) निर्धारित है। (ख) जी नहीं, ओरीजन एवं डेस्टीशन पाईंट तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। गुना-अशोकनगर-ईसागढ़ मार्ग का कार्य अनुबंधानुसार दो सेक्शनों में पूर्ण किया जाना था, मार्ग के प्रथम सेक्शन (कि.मी. 2+000 से 44+710 तक) का कार्य 75 प्रतिशत पूर्ण होने पर अनुबंधानुसार प्रोविजनल कम्पलीशन प्रमाण-पत्र स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा दिनांक 23.12.2014 को जारी किया गया। मार्ग के द्वितीय सेक्शन (कि.मी. 44+710 से 78+150 तक) का कार्य 75 प्रतिशत पूर्ण होने पर प्रोविजनल कम्पलीशन प्रमाण-पत्र दिनांक 22.03.2016 को जारी किया गया। (ग) मार्ग के प्रथम सेक्शन (कि.मी. 2+000 से 44+710 तक) में टोल वसूली दिनांक 23.।2.2014 एवं द्वितीय सेक्शन (कि.मी. 44+710 से 78+150 तक) में टोल वसूली दिनांक 22.03.2016 से प्रारंभ की गई है। जी हाँ, सेक्शन 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर प्रोविजनल कम्पलीशन प्रमाण-पत्र जारी होने पर अनुबंध के क्लॉज 14.3.2 के अनुसार टोल वसूली की जा सकती है। अनुबंध के क्लॉज 14.3.2 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वसूली नियमानुसार की जा रही है। अवैध वसूली का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (घ) टोल वसूली का कार्य नियमानुसार किया जा रहा है। अत: जाँच एवं कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन
2. ( *क्र. 1449 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 10 जनवरी 2016 को धार में आम सभा को संबोधित करते हुए शासकीय कन्या महाविद्यालय धार में स्नातकोत्तर कक्षाएं तथा पीथमपुर महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय इसी सत्र जुलाई 2016 से प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी तथा घोषणा के संबंध में कलेक्टर धार द्वारा पत्र भी शासन को प्रेषित किया जा चुका है? (ख) क्या घोषणा के क्रियान्वयन के क्रम में प्राचार्य शासकीय कन्या महाविद्यालय धार व महाविद्यालय पीथमपुर द्वारा वांछित जानकारी सहित प्रकरण उच्च शिक्षा विभाग को प्रेषित कर दिया गया है? (ग) क्या घोषणा के अनुरूप इसी सत्र से कन्या महाविद्यालय धार में स्नातकोत्तर कक्षाएं तथा पीथमपुर महाविद्यालय जिला धार में वाणिज्य संकाय प्रारंभ करने हेतु विभाग द्वारा सभी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर ली जाकर आदेश कर दिये गये हैं? (घ) यदि नहीं, तो कन्या महाविद्यालय धार में स्नातकोत्तरीय कक्षाएं तथा पीथमपुर महाविद्यालय जिला धार में वाणिज्य संकाय कक्षाएं कब से प्रारंभ हो जावेंगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) दिनांक 10 जनवरी, 2016 को धार में आमसभा से संबंधित घोषणा क्रमांक बी 1521 के तहत ''धार कन्या महाविद्यालय को अगले सत्र से स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अपग्रेड किया जाएगा।'' की घोषणा प्राप्त हुई। उक्त दिनांक को हुई शासकीय महाविद्यालय पीथमपुर से संबंधित कोई घोषणा उच्च शिक्षा विभाग में प्राप्त नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) शासकीय कन्या महाविद्यालय धार में स्नातकोत्तर की कक्षायें खोले जाने हेतु डी.पी.आर. तैयार कर स्थायी परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुति हेतु प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
वृक्षारोपण पर व्यय राशि
3. ( *क्र. 1600 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा 2011 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले में किस-किस योजना के तहत किस-किस स्थल पर कितनी-कितनी संख्या में वृक्षारोपण किया गया एवं कितना-कितना व्यय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत किये गये वृक्षारोपण में से किस-किस योजना के तहत किस-किस स्थल पर कितने-कितने वृक्ष जीवित बचे हैं एवं विभाग द्वारा कुल किये गये व्यय एवं जीवित बचे वृक्ष के आधार पर प्रति जीवित वृक्ष लागत कितनी आई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
चंदला विधान सभा क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत कार्य
4. ( *क्र. 1674 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014-15, 2015-16 में वन विभाग द्वारा चंदला विधान सभा क्षेत्र में निर्माण हेतु कार्य स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ, तो कार्यों का पूर्ण विवरण प्रत्येक कार्य की लागत तथा निर्माण कार्य पूर्ण होने के पत्र की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) यदि कोई कार्य अपूर्ण रह गये हैं तो उनकी भी सूची कारणों सहित प्रदाय की जावे। (ग) उक्त निर्माण कार्य के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई हो तो उन शिकायतों पर विभाग ने क्या कार्यवाही की? (घ) इस प्रकार उक्त कार्यों में एवं शिकायतों में दोषी पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। अत: सूची कारणों सहित प्रदान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उक्त कार्यों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा से हनुमना फोरलेन सड़क निर्माण में काटे गये वृक्ष
5. ( *क्र. 1639 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा से हनुमना फोरलेन सड़क निर्माण में पुरानी सड़क के किनारे लगे कितने पेड़ काटे गये और कटे हुए पेड़ों को कहाँ रखा गया है? क्या कटे हुए पेड़ों को नीलाम किया गया? यदि हाँ, तो नीलामी से प्राप्त राशि कितनी है और कहाँ जमा की गयी? (ख) क्या काटे गये पेड़ों के स्थान पर नये पेड़ लगाये जाने की शर्तों का अनुबंध सड़क ठेकेदार से हुआ है? यदि हाँ, तो कितने पेड़ सड़क के किनारे लगाये गये हैं? उनकी भी संख्या बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? शर्तों के उल्लंघन के लिये कौन जिम्मेदार है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रीवा से हनुमना फोरलेन सड़क निर्माण में पुरानी सड़क के किनारे लगे कुल 3580 वृक्ष काटे गये एवं उन काटे गये वृक्षों को वन विभाग रीवा के शासकीय डिपो के अतिरिक्त निजी रूप से ग्राम मसुरिया, पटहरा, खीरी, धोरहा, पलिया टुबान, बहिकटा, जमुहरा, देवरा, पलिया त्रिवेणी सिंह मिसिरगंवा तथा रायपुर कर्चुलियान में रखा गया था। जी हाँ। रू. 9,80,559.00 जो कि वन मंडल अधिकारी जिला रीवा के खाते में जमा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। निवेशकर्ता द्वारा 40526 नग पौधे रोपित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। चूंकि शर्तों का उल्लंघन नहीं हुआ है, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय चांद में रिक्त पदों की पूर्ति
6. ( *क्र. 573 ) पं. रमेश दुबे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय चांद, जिला छिन्दवाड़ा में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी दें। (ख) महाविद्यालय कब से संचालित है? संचालन प्रारंभ होने के समय से कितने पदों पर किन-किन की नियुक्तियां की गयी हैं? नहीं की गयी हैं तो क्यों? (ग) क्या शासकीय महाविद्यालय चांद में केवल प्रभारी प्राचार्य के पद पर एक नियमित सहायक प्राध्यापक की पदस्थापना की गयी है, शेष सहायक प्राध्यापक के पद पर गेस्ट फैकल्टी से कार्य चलाया जा रहा है तथा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर पदस्थापना नहीं होने से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्या शासन शासकीय महाविद्यालय चांद, जिला छिन्दवाड़ा में विषयवार स्वीकृत सहायक प्राध्यापकों के पदों पर अन्य महाविद्यालयों से स्थानांतरण कर पदस्थ करने तथा तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर पदस्थापना किये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय चांद जिला छिंदवाड़ा में राजपत्रित संवर्ग के 09 एवं अराजपत्रित संवर्ग के 08 पद, कुल 17 पद स्वीकृत है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महाविद्यालय 2015-16 से संचालित है। महाविद्यालय में एक सहायक प्राध्यापक (हिन्दी) की पदस्थापना की गई है तथा अराजपत्रित संवर्ग में किसी भी पद पर पदस्थापना नहीं की गई। शैक्षणिक संवर्ग में शिक्षकों की तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कार्यरत कर्मचारियों की कमी के कारण। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है, चयन प्रक्रिया जारी है। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर यथासमय नियमानुसार रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही की जावेगी।
धार जिले में स्थापित उद्योग
7. ( *क्र. 1764 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में पाँच सौ करोड़ रू. या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली या पाँच करोड़ रू. या अधिक के लाभ वाली कितनी कंपनियां हैं? उनकी सूची नाम, स्थान सहित देवें। (ख) इनका वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में कितना टर्न ओव्हर एवं शुद्ध लाभ रहा? प्रत्येक कंपनी के नाम सहित वर्षवार बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कंपनियों के शुद्ध मूल्य तथा उनके द्वारा अर्जित लाभ अथवा हानि की जानकारी राज्य शासन द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) उद्योगों के टर्न ओव्हर एवं लाभ हानि की जानकारी संधारित नहीं की जाती है।
सोनकच्छ में बायपास तक सड़क निर्माण
8. ( *क्र. 925 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ से शासकीय अस्पताल से नवीन बायपास तक का सड़क निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव है? यदि है, तो उस पर क्या कार्यवाही चल रही है? (ख) उक्त सड़क स्वीकृत है या नहीं? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य कब तक शुरू होगा? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही प्रचलित है? (ग) क्या नगरवासियों को भविष्य में उक्त सड़क प्राप्त हो सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हरियाली महोत्सव अंतर्गत पौधरोपण
9. ( *क्र. 398 ) श्री राजकुमार मेव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में हरियाली महोत्सव 2014 एवं 2015 के अंतर्गत कहाँ-कहाँ एवं कितने-कितने पौधों का रोपण कार्य किया गया एवं उस पर कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं एवं कितने पौधे मृत हो गये? प्रोजेक्टवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2016 में खरगोन जिले की जनपद पंचायतवार कितने पौधरोपण की कार्य योजना तैयार की गई है एवं कहाँ-कहाँ कितने-कितने पौधे लगाये जावेंगे एवं उस पर कितना व्यय किये जाने का प्रावधान किया गया है? (घ) क्या विभाग द्वारा जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह क्षेत्रांतर्गत नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण किये जाने की कोई कार्य योजना तैयार की गई? यदि हाँ, तो ग्रामवार कितने पौधे कहाँ-कहाँ रोपण की कार्ययोजना बनाई गई? प्रोजेक्टवार जानकारी दी जावे।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) योजना तैयार की जा रही है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़कें
10. ( *क्र. 1666 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में सन 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने सड़क निर्माण के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुये? (ख) कितनी सड़कें स्वीकृत की गईं एवं कितनों में कार्य प्रारंभ हो चुका है, कितनी स्वीकृति हेतु शेष हैं? (ग) प्रस्तावित अन्य सड़कें किस कारण से अभी तक स्वीकृत नहीं हुईं? कारण सहित बतायें। (घ) क्षेत्र में बची हुई प्रस्तावित सड़कें कब तक स्वीकृत करके कार्य करा दिये जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मार्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम को गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में सन 2014 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी सड़क निर्माण हेतु कोई भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। निगम द्वारा तीन सड़कें ए.डी.बी. (पाँच) में प्रस्तावित की जा रही हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। सड़क विकास निगम की स्वीकृति ए.डी.बी. (पाँच) अंतर्गत प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (घ) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किया जाना
11. ( *क्र. 1761 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक महिदपुर वि.स. क्षेत्र में विभाग के कितने कार्य कब से अपूर्ण हैं? उनकी सूची स्वीकृति दिनांक, लागत, कार्य पूर्णता दिनांक सहित देवें। (ख) उपरोक्त कार्यों में कब-कब, कितनी राशि आहरित की गई? प्रत्येक कार्य की पृथक-पृथक बतावें। वर्तमान तक कितना कार्य पूर्ण है, प्रतिशत में बतावें। (ग) निर्माण एजेंसियों पर विलंब के लिए क्या कार्यवाही की गई? ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) कार्य पूर्ण होने में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक स्थानों का जीर्णोद्धार
12. ( *क्र. 1671 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में विभाग के कितने धार्मिक स्थान हैं और उन स्थानों पर वर्ष 2015-16 में जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने धार्मिक स्थानों पर निर्माण कार्य कराया गया है? (ग) जौरा विधानसभा क्षेत्र में जीर्णोद्धार से वंचित रह गये धार्मिक स्थानों का आगामी समय में जीर्णोद्धार कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कौन-कौन से स्थानों को चिन्हित किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
''विधायक कप'' के आयोजन पर किये गये व्यय की जाँच
13. ( *क्र. 1545 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परिवर्तित अता. प्रश्न संख्या 53 (क्र. 6971), दिनांक 29.03.2016 के संदर्भ में भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र में माह फरवरी, 2016 में आयोजित ''विधायक कप'' प्रतियोगिता में खेल अधिकारी द्वारा आर्थिक अनियमितता किये जाने की शिकायत की जाँच समय-सीमा में पूर्ण कराई जाकर, जाँच निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जाँच समय-सीमा में पूर्ण कराकर संबंधितों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ''विधायक कप'' के आयोजन हेतु शासन द्वारा कितनी राशि उपलब्ध कराई गई एवं आवंटन के विरूद्ध किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) भिण्ड जिले में वर्ष 2016 में ग्रीष्मकालीन खेल प्रतियोगिताएं कहाँ-कहाँ संपन्न कराई गईं एवं इन प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई थी एवं आवंटित राशि के विरूद्ध किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र में माह फरवरी, 2016 में आयोजित विधायक कप प्रतियोगिता में खेल अधिकारी द्वारा आर्थिक अनियमितता किये जाने की शिकायत की जाँच समय-सीमा में पूर्ण कराई गई। प्रतियोगिता में कोई आर्थिक अनियमितता नहीं पाई गई। इस कारण सम्बन्धित संभागीय खेल और युवा कल्याण अधिकारी, जिला-भिण्ड के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) लहार विधानसभा क्षेत्र में विधायक कप के आयोजन हेतु रू. 30,000/- की राशि उपलब्ध कराई गई थी। आवंटन के विरूद्ध व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2016 में ग्रीष्मकालीन खेल प्रतियोगिताएं जिला मुख्यालय के साथ-साथ विकासखण्ड गोहद, मेहगाँव, भिण्ड, अटेर, रौन एवं लहार में सम्पन्न कराई गई। उक्त प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु संचालनालय द्वारा जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी, भिण्ड को राशि रू. 4,50,000/- का आवंटन स्वीकृत किया गया था। आवंटन राशि रू. 4,50,000/- के विरूद्ध किए गए कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
ग्रामीण मार्गों के निर्माण की स्वीकृति
14. ( *क्र. 520 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 98 (क्रमांक 7471), दिनांक 29 मार्च, 2016 के उत्तर में बताया गया था कि तेलीगांव एवं कानरखेड़ी ग्राम सड़क मार्ग से नहीं जुड़ा है एवं माननीय मुख्यमंत्री जी से वन-टू-वन चर्चा में सुन्दरपुरा से लखनवास मार्ग के निर्माण हेतु निर्देशित किया गया है। सक्षम समिति के अनुमोदन पश्चात् बजट में सम्मिलित करने की प्रक्रिया की जावेगी? तो क्या उक्त मार्गों के निर्माण हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग राजगढ़ द्वारा प्राक्कलन तैयार कर शासन को सक्षम स्वीकृति हेतु प्रेषित कर दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के पालन में ग्राम सुन्दरपुरा से लखनवास 5 कि.मी., ग्राम कानरखेड़ी से पार्वती ब्रिज 3 कि.मी. तथा कानेड़ से तेलीगांव 6 कि.मी. सड़क निर्माण की स्वीकृति हेतु सक्षम समिति से अनुमोदित कराकर प्रथम अनुपूरक बजट में सम्मिलित कर लिया गया है? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन उक्त मार्गों के निर्माण हेतु प्रथम अनुपूरक बजट में प्रावधान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। (ख) जी नहीं, माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वन-टू-वन चर्चा में केवल सुंदरपुरा से लखनवास मार्ग को लेने के कारण प्राक्कलन संशोधित कर पुन: दिनांक 06.06.2016 से जारी एस.ओ.आर. पर तैयार किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश हेतु वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के आधार पर स्वीकृति प्रदान की जावेगी। (ग) सक्षम समिति से अनुमोदन पश्चात् बजट में सम्मिलित करने की कार्यवाही की जावेगी।
आगर जिले में मार्गों का निर्माण
15. ( *क्र. 1604 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में मध्यप्रदेश में कितने मार्गों को जिला मार्ग घोषित किया जाकर कार्य किए गए हैं? आगर जिले की विवरणात्मक सूची उपलब्ध करावें। (ख) नवगठित आगर जिले में किन-किन मार्गों को जिला मार्ग घोषित कर तद्नुसार मार्ग उन्नयनीकरण/निर्माण कार्य किया जाना आवश्यक है? इस बाबत् कोई सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो कब व किसके द्वारा? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या स्वप्रेरणा से नवगठित आगर जिले में नवीन जिला मार्गों हेतु कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें व कार्य किस स्तर पर है? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत किन-किन मार्गों को जिला मार्ग घोषित करने के प्रस्ताव विगत 01 वर्ष में प्राप्त हुए हैं? क्या प्रश्नकर्ता ने भी पत्र लिखकर तत्संबंध में मांग की थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई व कब तक स्वीकृति होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ'1' अनुसार है। प्रश्नांश अवधि में आगर जिले में कोई मुख्य जिला मार्ग घोषित नहीं किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उक्त मार्गों का वर्तमान में कोई सर्वे नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ग) जिला मार्ग घोषित करने हेतु कार्ययोजना में सम्मिलित मार्गों का प्रारंभिक चयन कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाकर दिनांक 11.09.2015 को सांसद महोदय की अध्यक्षता वाली जिला सतर्कता एवं मूल्याकंन समिति की बैठक में अनुमोदित किया गया। (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसानी पर क्षतिपूर्ति
16. ( *क्र. 1615 ) श्री दिनेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक जंगली जानवरों सुअरों, हिरणों आदि के द्वारा खेत की फसल नुकसान की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुईं? उनमें से कितने किसानों को क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि दी गई है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या जंगली सुअरों, हिरणों आदि के द्वारा फसल नुकसानी पर क्षतिपूर्ति मुआवजा दिया जाता है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) नित जंगली सुअरों, हिरणों आदि द्वारा किसानों की फसल नुकसान की घटनायें प्रकाश में आ रही हैं, इसके रोकथाम हेतु विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही प्रचलन में है? (घ) यदि नहीं, तो इसकी रोकथाम हेतु कोई ठोस योजना बनायी जावेगी? हाँ तो कब तक? निश्चित समय-सीमा बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2011-12 से 2012-13 तक जंगली जानवरों सुअरों, हिरणों आदि के द्वारा फसल नुकसानी की कुल 07 शिकायतें/आवेदन विभाग को प्राप्त हुये थे, जिनमें से 07 किसानों को रूपये 20,988/- की क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि दी गई है। ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2013-14 से जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसानी की क्षतिपूर्ति योजना राजस्व विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है। (ख) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) सिवनी जिले में स्थित पेंच टाइगर रिजर्व में फसल नुकसानी रोकथाम बाबत् पार्क की सीमा से लगे ग्रामों के पास आवश्यकतानुसार पत्थर की दीवार एवं सोलर फेंसिंग बनायी गई है। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-22/285/99/10-2 दिनांक 31 मई, 2000 एवं समसंख्यक अधिसूचना दिनांक 29 अक्टूबर, 2003 द्वारा फसलों को नुकसान पहुँचाने वाली नीलगाय एवं जंगली सुअर को मारने की अनुमति जारी करने हेतु प्रदेश के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अपनी-अपनी अधिकारिता क्षेत्र की सीमाओं के भीतर प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। (घ) प्रदेश में नीलगाय से फसलहानि को रोकने के उद्देश्य से प्रायोगिक तौर पर 50 नीलगाय को छतरपुर/ नीमच/उज्जैन/मंदसौर जिले के राजस्व क्षेत्र से पकड़ कर अन्यत्र वनक्षेत्र में छोड़े जाने की कार्यवाही हेतु सहमति दी गई है।
शासकीय मंदिरों का जीर्णोद्धार
17. ( *क्र. 1377 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में शासकीय मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कराये जाने हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई तथा मंदिरों में ठहरने के लिए धर्मशाला निर्माण की कोई योजना है? (ख) जिले में राजनगर तहसील, लवकुशनगर तहसील के मंदिरों के सुधार हेतु/बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु किन-किन ग्रामों में लोक निर्माण विभाग से सर्वे कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या धार्मिक न्यास विभाग राजनगर एवं लवकुशनगर तहसील के अंतर्गत शासकीय मंदिरों के जीर्णोद्धार/बाउण्ड्रीवॉल कराये जाने के प्राक्कलन तैयार करवाने हेतु आदेश करेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत अपूर्ण मार्गों का निर्माण
18. ( *क्र. 321 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया के अंतर्गत तीन मार्ग (1) सेमरिया से भटिगवां मार्ग. (2) सेमरिया रीवा रोड से लटियार पहुंच मार्ग. (3) ग्राम चित्ती से देवगांव पहुँच मार्ग के डामरीकरण हेतु 3 वर्ष पहले कार्य शुरू हुआ था एवं आज भी अपूर्ण है? (ख) यदि हाँ, तो इसका कारण क्या है एवं कार्य पूर्ण न होने के दोषी कौन-कौन हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा दोषियों पर कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त सड़कों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, केवल एक कार्य अपूर्ण है। (ख) ग्राम चित्ती से देवगांव पहुंच मार्ग ठेकेदार द्वारा समानुपातिक प्रगति न देने के कारण अपूर्ण। ठेकेदार। (ग) जी हाँ। ठेकेदार की जोखिम एवं लागत पर निविदा आमंत्रण की एवं ठेकेदार को काली सूची में डालने की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
सतनबाड़ा से नरवर सड़क मार्ग का निर्माण
19. ( *क्र. 272 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सतनबाड़ा से नरवर मार्ग कितने वर्षों से निर्माणाधीन है? (ख) क्या उक्त सड़क निर्माण हेतु नवीन टेण्डर के उपरांत नवम्बर 2015 में नवीन कार्य आदेश जारी किया गया है? नवीन कार्य आदेश अनुसार सड़क निर्माण हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गयी है? ठेकेदार द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जाना चाहिए था, उसके अनुपात में ठेकेदार द्वारा कितना कार्य पूर्ण किया गया है? स्पष्ट करते हुए सड़क निर्माण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) क्या सतनबाड़ा नरवर सड़क मार्ग के बीच में पड़ने वाली वनभूमि/नेशनल पार्क में सड़क निर्माण हेतु वन विभाग से अनुमति ली जा चुकी है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें व कब तक अनुमति प्राप्त कर ली जावेगी? (घ) क्या उक्त सड़क मार्ग में पड़ने वाले पुल/पुलियाओं का निर्माण नहीं हो पाया है और न ही ठेकेदार द्वारा पुलियाओं के निर्माण हेतु बनाये जाने वाले बायपास का निर्माण ठीक ढंग से किया गया है जिससे बारिश के मौसम में उक्त मार्ग पर आवागमन बंद होने की संभावना बनेगी? क्या प्रश्न दिनांक तक निर्माणाधीन मार्ग पर कई स्थानों पर केवल मिट्टी कार्य पूर्ण हुआ है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन बंद हो जावेगा? यदि हाँ, तो विभाग सड़क पर आवागमन जारी रखने हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 29 दिसम्बर 2012 से निर्माणाधीन है। (ख) जी हाँ। 04.11.2015 को नवीन कार्यादेश जारी किया गया। अनुबंधानुसार सड़क निर्माण हेतु 24 माह (दो वर्ष) ठेकेदार द्वारा प्रश्न दिनांक तक 12.9 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जाना चाहिये था उनके अनुपात में ठेकेदार द्वारा 11.03 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया है। सड़क निर्माण की अद्यतन स्थिति के अनुसार नये ठेकेदार द्वारा सबग्रेड का कार्य पूर्ण, जी.एस.बी. का कार्य 10.16 कि.मी. में से 3.5 कि.मी. कार्य पूर्ण एवं डब्ल्यू.बी.एम. का कार्य 25.54 कि.मी. में से 0.5 कि.मी. पूर्ण ह्यूम पाईप कल्वर्ट 16 नग में से 15 नग पूर्ण तथा स्लेब कल्वर्ट 7 नग में से 5 नग पूर्ण हो चुके हैं। शेष कार्य प्रगतिरत् है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पुल-पुलियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ठेकेदार द्वारा पुलियाओं के निर्माण हेतु बनाये जाने वाले अस्थाई बायपास का निर्माण ठीक ढंग से किया गया है। जी नहीं। जी हाँ, जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग की भूमि पर अनाधिकृत वाहनों का आवागमन
20. ( *क्र. 228 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग द्वारा सौर ऊर्जा कंपनियों को वन विभाग की भूमि पर सड़क निर्माण तथा अन्य उपयोग हेतु अनुमति प्रदान की गई है? (ख) तहसील सीतामऊ में नाटाराम स्थित सौर ऊर्जा प्लांट पर कंपनियों की गाड़ियों को आवागमन हेतु रास्ता वन विभाग कि भूमि पर किसकी अनुमति से दिया गया है? (ग) अगर विभाग की जानकारी के बिना कंपनियों की गाड़ियों का आवागमन विगत एक वर्ष से हो रहा है, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) कंपनी के द्वारा पैसे एवं राजनैतिक बल से वन विभाग की भूमि का उपयोग किया गया है तो विभाग द्वारा कंपनी से हर्जाना वसूल किया गया है या नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में स्थित सौर ऊर्जा प्लांट पर कम्पनियों की गाड़ियों को आवागमन हेतु वन विभाग द्वारा वन भूमि पर किसी भी प्रकार की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) वन क्षेत्र से किसी भी प्रकार की गाड़ियों का आवागमन नहीं हो रहा है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वन मण्डल मंदसौर के परिक्षेत्र मंदसौर के अंतर्गत कक्ष क्रमांक पी-7 में विद्यमान क्षतिग्रस्त गाड़ी को रास्ता आवागमन हेतु बिना स्वीकृति एवं अनुमति के समतल एवं मरम्मत करते पाये जाने पर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 33 (1) ग के उल्लंघन का प्रकरण क्रमांक/ 3806/10, दिनांक 15.10.2015 पंजीबद्ध कर 02 जे.सी.बी. मशीन जप्त की गई। प्रकरण का प्रशमन उप वन मण्डल अधिकारी गरोठ वन मण्डल, मंदसौर द्वारा भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 68 (3) मध्यप्रदेश संशोधित अधिनियम, 2009 के अंतर्गत कर प्रतिकर के रूप में कुल राशि रूपये 20,000/- वसूल की गई।
राईपुरा घाटी को दुर्घटना मुक्त बनाया जाना
21. ( *क्र. 1509 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसामान्य को सुगम, सुरक्षित यातायात मार्ग उपलब्ध कराना शासन का उद्देश्य है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र बिजावर स्थित राईपुरा घाटी में होने वाली दुर्घटनाओं और मृत्यु को कम करने के लिए विभाग ने क्या-क्या प्रयास किए? (ग) राईपुरा घाटी में हो रही दुर्घटनाओं और मृत्यु को रोकने हेतु और क्या-क्या संभावित प्रयास किए जा सकते हैं? विभाग इन प्रयासों पर कब तक अमल करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा दुर्घटना संभावित क्षेत्र में वाहन की गति कम करने हेतु रम्बल स्ट्रीप्स एवं गो-स्लो जैसे संकेतक का सड़क पर उपयोग किया गया है। संकेतक बोर्डस भी लगाए गए हैं। (ग) दुर्घटनाओं और मृत्यु को रोकने हेतु उक्त स्थल पर सड़क चौड़ीकरण, बोर्ड लगाना, घाटी की चढ़ाई में सुधार, गति नियंत्रण, गार्डवाल निर्माण इत्यादि के प्रयास किये जा सकते हैं। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्य किया जा चुका है। शेष सुधार कार्यों की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जंगल मद की जमीनों को वर्किंग प्लान में सम्मिलित किया जाना
22. ( *क्र. 1757 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्र.सं. 39 (क्र. 3357) दि. 08.03.2016 के उत्तर (क) में बताया कि नारंगी इकाई के प्रारंभिक सर्वे में तत्समय अनुपयुक्त पाई गई राजस्व भूमियां पूर्ववत् राजस्व विभाग के ही आधिपत्य में है? शेष बची अनुपयुक्त पाई गई नारंगी भूमियों का अंतरण/निर्वनीकरण नहीं किया गया तो बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों के संबंध में वन विभाग के पत्र दिनांक 14.05.1996 एवं याचिका क्रं. 202/95 दिनांक 12.12.1996 में क्या आदेश दिए गए हैं? (ख) किस राजकीय आदेश एवं किस न्यायालयीन आदेश के अनुसार बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे या नारंगी वनखण्ड में शामिल कर वर्किंग प्लान में सम्मिलित किया है? (ग) नारंगी भूमि सर्वे में उपयुक्त प्रश्नांश (क) अनुसार 7565.067 हेक्टेयर भूमि में से कितनी भूमि राजपत्र में डीनोटीफाई भूमि है? इस भूमि को किन कारणों से किसके आदेश से नारंगी वनखण्ड में शामिल किया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित पत्र दिनांक 14.05.1996 एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 202/95 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 12.12.1996 में बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद की राजस्व भूमि के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। पत्र एवं आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बड़े झाड़ के जंगल छोटे झाड़ के जंगल मद की राजस्व भूमि मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 5/43/90/10-3 दिनांक 14.05.1996 के निर्देशों के तहत नारंगी इकाई द्वारा सर्वेक्षण कर वनखण्डों में शामिल क्षेत्रों को कार्य-आयोजना में सम्मिलित किया गया। (ग) नारंगी क्षेत्र सर्वेक्षण में उपयुक्त 7565.067 हेक्टेयर भूमि में से 3192.091 हेक्टेयर निर्वनीकृत भूमि है। इस भूमि पर अच्छी श्रेणी के वन होने के कारण वन विभाग के पत्र दिनांक 14.05.1996 के निर्देशों के तहत वनखण्डों में शामिल किया गया।
इंजीनियरिंग महाविद्यालयों की गुणवत्ता
23. ( *क्र. 1448 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गत 5 वर्षों में बेरोजगार इंजीनियरों की संख्या लगातार बढ़ रही है? क्या तकनीकी शिक्षा विभाग मानता है कि प्रदेश के निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय के विद्यार्थियों की गुणवत्ता देश स्तर पर प्रमाणिक नहीं हो पा रही, जिससे प्रतिवर्ष प्रदेश के हजारों युवा इंजीनियर बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं, इसका आंकलन विभाग ने कब-कब किया? क्या इसके लिए कोई कमेटी बनाई गई है? यदि हाँ, तो कमेटी के निर्णय एवं कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) सत्र 2014-2015, 2015-2016 में कितने विद्यार्थियों ने इंदौर उज्जैन संभाग के महाविद्यालयों में इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की तथा कितने विद्यार्थियों को कैम्पस के माध्यम से रोजगार प्राप्त हुआ? महाविद्यालयवार सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या उज्जैन, इंदौर संभाग के कई महाविद्यालय शासन द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन ही नहीं करते, अर्थात् अनुभवहीन एवं योग्यताविहीन शिक्षक, निर्धारित मापदण्ड के अनुसार प्रयोगशालाओं का अभाव आदि कारणों से विद्यार्थी डिग्री तो प्राप्त कर लेते हैं किन्तु योग्यता नहीं? इसका आंकलन एवं निरीक्षण विभाग ने कब-कब किया, निजी महाविद्यालयवार 1 जनवरी 2013 के पश्चात् की जानकारी, निरीक्षणकर्ता सहित देवें। निरीक्षणकर्ता की रिपोर्ट से भी अवगत करायें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। गत पाँच वर्षों में प्रदेश में इंजीनियरिंग महाविद्यालयों की संख्या एवं उनमें प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। प्रदेश में इंजीनियरिंग डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से विभिन्न संस्थाओं द्वारा कैम्पस इंटरव्यू आयोजित किये जाते हैं, जिसमें काफी संख्या में विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त होता है। विभाग द्वारा शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु दिनांक 16.05.2016 द्वारा परिपत्र जारी किया गया है। शासन द्वारा कोई कमेटी का गठन नहीं किया गया। अत: शेष का प्रश्न नहीं हैं। (ख) प्रश्नांकित वर्षों में इंदौर एवं उज्जैन संभाग के महाविद्यालयों में इंजीनियरिंग की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं कैम्पस के माध्यम से सिलेक्शन हुये विद्यार्थियों की संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है (ग) जी नहीं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली के द्वारा नई संस्थाओं को अनुमति एवं विद्मान संस्थाओं के संचालन की अनुमति उनके द्वारा निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति के उपरांत ही दी जाती है एवं शैक्षणिक मापदण्डों की पूर्ति के उपरांत संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता प्रदान की जाती है। राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा 26 महाविद्यालयों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षणकर्ताओं के नाम सहित संस्थावार निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के मार्गों का मरम्मतीकरण
24. ( *क्र. 349 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्ष 2015-16 से 2016-17 में राजगढ़ से खुजनेर, राजगढ़ से पिपलोदी, राजगढ़ से किला अमरगढ़, राजगढ़ से सवासड़ा आदि मार्गों का रिपेयरिंग कार्य करवाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह कार्य विभाग द्वारा करवाया गया है अथवा ठेकेदार द्वारा करवाया गया है? (ग) क्या रिपेयरिंग कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि ठेकेदार द्वारा रिपेयरिंग कार्य करवाया गया है तो ठेकेदार का नाम, राशि की जानकारी दें। (घ) क्या ठेकेदार को पूरी राशि का भुगतान किया जा चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ।
मॉडल सड़क के निर्माण कार्य में अनियमितता
25. ( क्र. 1796 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा गौरझामर-केसली-टड़ा-सियरमऊ मार्ग को मॉडल सड़क के रूप में निर्मित कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो फिर गुणवत्ता नियंत्रण हेतु क्या-क्या प्रबंध विभाग द्वारा किये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र के माध्यम से विभाग के प्रमुख सचिव एवं मुख्य अभियंता को उक्त सड़क निर्माण में की जा रही अनियमितताओं से अवगत कराया था? यदि हाँ, तो पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण दें? (ग) सड़क निर्माण कार्य में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ओ.वी.सी. सीमेंट की जगह पी.पी.सी. सीमेंट का प्रयोग किये जाने, 6 (एम.एम.) से छोटी एवं 25 एम.एम. से बड़ी गिट्टी का प्रयोग किये जाने के क्या कारण हैं? खराब गुणवत्ता के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या प्रमुख सचिव द्वारा उक्त सड़क का निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो घटिया निर्माण को लेकर उनके द्वारा क्या निर्देश दिये गये थे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, मार्ग के पर्यवेक्षण गुणवत्ता नियंत्रण हेतु विभाग द्वारा तकनीकी कन्सलटेंट की नियुक्ति की गयी है। विभागीय उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में भी नियमित रूप से पर्यवेक्षण एवं परीक्षण कर सतत् रूप से गुणवत्ता नियंत्रण किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक जी द्वारा प्रमुख अभियंता को पत्र लिखा गया है। तद्नुसार उठाये गये बिन्दुओं की जाँच करा ली गई है एवं मार्ग निर्माण में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) सड़क निर्माण में उपयोग में लाई जा रही समस्त सामग्री मापदण्डानुसार उपयोग में लाई जा रही है। प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी हाँ। उत्तरांश 'ग' के उत्तर अनुसार शेष का प्रश्न नहीं उठता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
किसानों
की भूमि का
निराकरण
1. ( क्र. 2 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम हारूखेड़ी व सरदारपुर तहसील मुंगावली, जिला अशोकनगर में वर्षों से खेती करने वाले कौन-कौन व कितने किसानों को वन विभाग ने कब-कब गत वर्ष रोका तथा उन की भूमि पर खंतिया खोदी। (ख) प्रश्नांश (क) इन किसानों में से किस-किस से राजस्व विभाग ने जुर्माना वसूला व इन किसानों ने जो पुराने पट्टे बताएं, उन पर शासन ने क्या विचार किया तथा राजस्व, वन विभाग के विवाद का कब तक निर्णय हो जायेगा। (ग) अशोक नगर जिले में ग्राम राजपुर कचनार के पास किस-किस व कितने व्यक्तियों के मकान व भूमि पर से वन विभाग ने कब-कब कब्जे हटाये व पिछले 2 वर्ष में घर, मकान छोड़ने पर बाध्य किया तथा बाद में जाँच में यह भूमि वन विभाग की नहीं राजस्व विभाग की निकली। इस पर शासन क्या कार्यवाही कर रहा है।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित ग्रामों के किसी भी किसान को गत वर्ष खेती करने से नहीं रोका गया है, परन्तु ग्राम हारूखेड़ी के वन क्षेत्र से 85 व्यक्तियों तथा ग्राम सरदारपुर के वन क्षेत्र से 31 व्यक्तियों द्वारा स्वेच्छा से अतिक्रमण रिक्त किये जाने से इन वन क्षेत्रों की सुरक्षा एवं सीमांकन हेतु खंती खोदी गई हैं। वन भूमि रिक्त की गई व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2009-10 में वन सीमारेखा राजस्व नक्शों में डाले जाने के उपरंत राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रामकों से कोई भी जुर्माना नहीं वसूला गया। इन अतिक्रामकों द्वारा कोई भी पुराने पट्टे नहीं बताये जाने के कारण शासन स्तर पर विचार करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित जिले एवं ग्राम से वन विभाग द्वारा कोई भी कब्जा नहीं हटाया गया है, बल्कि 68 अतिक्रामकों द्वारा स्वेच्छा से उनके द्वारा अतिक्रमित शासकीय भूमि से कब्जा हटा लिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। यह सही नहीं है कि बाद में जाँच में यह भूमि वन विभाग की न होकर राजस्व विभाग की निकली क्योंकि वन राजस्व सीमा के निर्धारण की कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई है। अत: शासन स्तर पर किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रोज घोड़ों (नील गाय) को मारने की अनुमति
2. ( क्र. 15 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लगभग कितने रोज घोड़े हैं, जो किसानों की फसलों में भिण्ड से लेकर मंदसौर तक फसल नष्ट करती है। क्या शासन ने अनुमान लगाया है कि प्रदेश में इनकी संख्या कितनी है व कितने करोड़ की फसलें नष्ट करती है? (ख) क्या रोज घोड़े (रोजड़े) हिरन की तरह है व हिरन की प्रजाति का पशु है। जब यह गाय की तरह पोटा नहीं करता तो इसे नील गाय क्यों कहा जाता है, जिससे जनता की धार्मिक भावना जुड़ती है? (ग) क्या बिहार सरकार की तरह मध्यप्रदेश सरकार केन्द्र शासन से इनको मारने की अनुमति लेगी, ताकि किसानों की फसलों को हानि से बचाया जा सकें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग द्वारा अखिल भारतीय वन्यजीव आंकलन की भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत केवल वनक्षेत्रों में वन्यजीवों का आंकलन किया जाता है। अत: प्रदेश में वनों के बाहर रोज घोड़े की संख्या अथवा फसल हानि की राशि का कोई आंकलन वन विभाग में उपलब्ध नहीं है। (ख) रोज घोड़े नहीं अपितु वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची III में नीलगाय (Bioselaphus tragocamelus) के नाम से उल्लेखित है। यह एंटीलोप (Antelope) वर्ग का वन्यप्राणी है। देश-प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में पृथक-पृथक नाम क्षेत्रीय स्तर पर प्रचलित रहते हैं, जिनका स्थानीय निवासी उपयोग करते हैं। नीलगाय के संबंध में ''गाय'' प्रजाति के भ्रम को दूर करने हेतु नीलगाय का नाम रोजड़ करने के लिये भारत शासन को लेख किया गया है। (ग) भारत सरकार द्वारा विशिष्ट अवधि व क्षेत्र के लिये नीलगाय को वर्मिन घोषित किया है। अभी मध्यप्रदेश राज्य में भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। शासन द्वारा प्रायोगिक तौर पर 50 नीलगाय को राजस्व क्षेत्र से पकड़कर वनक्षेत्र में स्थानांतरित करने हेतु अनुमति दी गई है।
पी.आई.यू्.द्वारा निर्मित शासकीय भवन एवं अन्य निर्माण कार्य
3. ( क्र. 117 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर में पी.आई.यू. द्वारा विभिन्न विभागों अंतर्गत कौन-कौन से शासकीय भवनों का निर्माण किया जा रहा है? शासकीय भवनों की विस्तृत जानकारी विभागवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने भवनों का निर्माण पूर्ण कर भवन विभाग को सौंप दिये गये है तथा कितने निर्माण कार्य अपूर्ण हैं जो पूर्ण होने हैं? इनके निर्माण की अवधि क्या थी और यदि इनमें विलंब हुआ तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है तथा निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? (ग) सीहोर मुख्यालय स्थित चर्च ग्राउण्ड में स्टेडियम के निर्माण हेतु कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित थे तथा इस हेतु कुल कितना आवंटन स्वीकृत हुआ है तथा इसके निर्माण की अवधि क्या थी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या बिना ड्राईंग के ही उक्त निर्माण कार्य का ठेका दे दिया गया था जिसके कारण कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका तथा दो ठेकेदारों का ठेका निरस्त कर नये ठेकेदार को ठेका दिया गया है? बिना ड्राइंग के कार्य प्रारंभ कराने हेतु कौन उत्तरदायी है तथा समय-समय पर विभाग को कितनी राशि प्राप्त हुई है और इस राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये? कराये गये निर्माण समय अवधि में पूर्ण नहीं होने तथा कार्य गुणवत्ताहीन होने इस हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है तथा लापरवाही हेतु किस के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) सीहोर मुख्यालय स्थित चर्च ग्राउण्ड में वृहद स्टेडियम का निर्माण कार्य प्रस्तावित था, जिसके लिए शासन से रू. 95.22 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 14.09.2012 को प्राप्त हुई थी। उक्त कार्य हेतु आवंटन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उक्त निर्माण की अवधि 8 माह वर्षाकाल सहित थी। (घ) जी नहीं। समय-सीमा में कार्य न करने के कारण पूर्व के दो ठेके विखण्डित किये गये है एवं उनका पंजीयन निलम्बन किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्राप्त जमा राशि एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम 10 अनुसार है। वृहद स्टेडियम का कार्य गुणवत्ता सहित कराया जा रहा है। कार्य समयावधि में पूर्ण न करने के कारण दो ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की गई। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पलेरा एवं खरगापुर में आई.टी.आई. कॉलेज खोले जाना
4. ( क्र. 122 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर एवं पलेरा खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के दोनों बड़े कस्बे हैं और इन कस्बों से लगा हुआ काफी ग्रामीण क्षेत्र भी है तथा तकनीकी शिक्षा पाने हेतु छात्र-छात्राओं को काफी दूर जाना पड़ता है? ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुये क्या खरगापुर एवं पलेरा में आई.टी.आई. महाविद्यालय खोले जायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालय पर आई.टी.आई. खाले जाने की सरकार की मंशा है? क्या इस योजना के आदेश प्रसारित कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कारण बतायें? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ के लिये किये गये हैं और आई.टी.आई. कॉलेज खोलने हेतु शासन के क्या मापदण्ड हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। विभाग की नीति के अनुसार प्रथमत: ऐसे विकासखण्ड जिसमें कोई शासकीय/प्राईवेट आई.टी.आई. नहीं है, में आई.टी.आई. स्थापित की जाये। खरगापुर कस्बा, विकासखण्ड बल्देवगढ़ के अंतर्गत आता है, जिसके अंतर्गत शासकीय आई.टी.आई. बल्देवगढ़ संचालित है। अतएव खरगापुर कस्बे में आई.टी.आई. खोलने का औचित्य नहीं है। पलेरा विकासखण्ड है, जिसमें कोई आई.टी.आई. संचालित नहीं है। ऐसे 63 विकासखण्ड हैं, जिनमें कोई शासकीय अथवा प्राईवेट आई.टी.आई. नहीं है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में पलेरा विकासखण्ड में आई.टी.आई. खोलने की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। वर्तमान में कुल 313 विकासखण्ड हैं, जिनमें से 63 विकासखण्डों में कोई भी प्राईवेट अथवा शासकीय आई.टी.आई. नहीं है। 63 विकासखण्डों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक/दो अनुसार है। आई.टी.आई. खोलने के लिये प्रदेश शासन के कोई मापदण्ड नहीं है। आई.टी.आई. में प्रशिक्षण संचालित करने के लिये व्यवसायवार वर्कशॉप, सैद्धांतिक कक्षायें, अमला तथा विद्युत कनेक्शन आदि के लिये राष्ट्रीय व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद् द्वारा मानदण्ड निर्धारित किये गये है।
गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण की जाँच व कार्यवाही
5. ( क्र. 151 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा से हटा दमोह रोड का निर्माण म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड सागर के द्वारा ठेकेदार से बी.ओ.टी. योजना के तहत कराया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा यह अवगत कराया गया है कि उक्त मार्ग के निर्माण में आर.एम.सी. प्लांट का उपयोग न कर फलोरी का उपयोग किया जा सकता है? यदि हाँ, तो अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराये तथा कंडिका से भी अवगत करायें? (ग) क्या संभागीय प्रबंधक म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड सागर ने स्वयं अपने पत्र क्रमांक 65/2016-17 सागर दिनांक 06.04.2016 के पत्र के द्वितीय पैरा में स्वीकार किया है कि जो कार्य गुणवत्ताविहीन पाए गए हैं उन्हें समय रहते रिजेक्ट करते हुए हटाया गया है? यदि हाँ, तो वो कौन-कौन से कार्य गुणवत्ता विहीन थे जिनकों हटाया गया है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन एवं एम.पी.आर.डी.सी. सागर को पत्र क्रमांक 366 दिनांक 31.05.2016 से प्रश्नांकित रोड निर्माण में हो रही अनियमिताओं की जाँच करने हेतु लिखा था? यदि हाँ, तो उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच किसके द्वारा की जा रही है? जाँच पूर्ण हुई अथवा नहीं? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों तथा दोषियों को संरक्षण प्रदान करने का क्या कारण है? जाँच कब तक करवाई जाकर कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ, अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कंडिका के रूप में सेक्शन 6 का अवलोकन किया जा सकता है। (ग) जी हाँ निम्न कार्यों को पुन: कराया गया है। (1) कि.मी. 75+000 से 78+000 एवं कि.मी. 84+000 से 85+000 तक मिट्टी के शोल्डर हटाया जाकर पुन: बनाया गया। (2) कि.मी. 46+900 से कि.मी. 47+250 तक (दोनों लेयर) कि.मी. 71+300 से 71+600 एवं कि.मी. 87+700 से 88+100 तक जी.एस.बी. का मटेरियल हटाया जाकर पुन: बनाया गया। (3) कि.मी. 84+000 से 86+000 तक डब्ल्यू.एम.एम. की (प्रथम लेयर) हटाई जाकर पुन: बनाई गई। (4) कि.मी. 17+000 से 17+200 तक डी.बी.एम. एवं बी.सी. लेयर हटाई जाकर पुन: बनाई गई। (5) कि.मी. 19+200 से कि.मी. 19+300 (एल.एन.एस.) एवं कि.मी. 29+200 से 29+250 के दोनों तरफ डी.एल.सी. हटाई जाकर पुन: बनाई गई। (घ) जी हाँ। पत्रों पर कार्यवाही का म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा पत्र क्रमांक 2666 दिनांक 23.05.2016 एवं पत्र क्रमांक 3595 दिनांक 06.06.2016 द्वारा मान. विधायक महोदय को अवगत करा दिया गया था। जाँच संभागीय प्रबंधक म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से अंतराष्ट्रीय कंसलटेंट मेसर्स यू.आर.एल स्काट विल्सन द्वारा की गई। जाँच पूर्ण हो गई है। प्रश्नांश 'ग' के उत्तर में उल्लेखित कार्यवाही कर दी गई है। अत: दोषियों के संरक्षण एवं जाँच कराकर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बनवाड़ा से मोकड़ी रास्ते पर पुलिया निर्माण
6. ( क्र. 176 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद में मा. मुख्य मंत्री जी की दिनांक 10.01.16 क्रमांक 14 द्वारा बनवाड़ा से मोकड़ी रास्ते पर चम्बल नदी पर बड़ी पुलिया निर्माण कराये जाने की घोषणा की गई थी तो उक्त पुलिया निर्माण का प्रस्ताव वर्तमान में किस स्थिति में है? (ख) क्या इसे कार्य योजना में सम्मिलित कर लिया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में बताना संभव नहीं।
पुजारियों का मानदेय
7. ( क्र. 177 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में कितने शासकीय मंदिर दर्ज हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) उनमें से कितने मंदिरों पर पुजारी नियुक्त नहीं हैं? पुजारी नियुक्ति की क्या अर्हताएं हैं? (ग) पुजारी रहित इन शेष मंदिरों में कब तक पुजारी नियुक्त कर दिये जावेंगे? (घ) क्या वर्तमान में पुजारियों को 700/- रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है, जो काफी कम है? हाँ तो इनका मानदेय बढ़ाने पर कोई विचार किया जा रहे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शास. हाईस्कूल केरबना के भवन का निर्माण
8. ( क्र. 194 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शास.हाई स्कूल केरबना में विभाग द्वारा शास.हाई स्कूल भवन निर्मित या निर्माणाधीन किया जा रहा है? (ख) स्कूल भवन की निर्माण की अवधि किस दिनांक तक थी एवं विभाग द्वारा समय अवधि में भवन निर्माण कार्य सम्पन्न करा लिया गया है? भवन बनकर उपयोग हेतु तैयार हो गया है? (ग) यदि भवन शाला लगने हेतु तैयार हो गया है तो क्या इसे विभाग द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है? यदि नहीं, किया गया तो कारण बतावें एवं कब तक सुपुर्द किया जावेगा? (घ) यदि स्कूल भवन समय अवधि में पूर्ण नहीं हुआ है एवं स्कूल शिक्षा विभाग को सुपुर्द नहीं किया गया है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) स्कूल भवन के निर्माण की अवधि दिनांक 25.09.2012 तक तय थी परन्तु ठेकेदार की धीमी गति के कारण कार्य दिनांक 28.02.2015 को पूर्ण करा लिया गया है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। कार्य पूर्ण हो चुका है एवं दिनांक 08.06.2015 को शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया जा चुका है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी हाँ। जी नहीं। ठेकेदार। दोषी ठेकेदार से राशि रूपये 504561.00 अर्थदण्ड के रूप में वसूले गये।
पुरानी सड़कों का डामरीकरण
9. ( क्र. 229 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिला मंदसौर अन्तर्गत विगत 2 वर्ष में किन-किन पुरानी सड़कों पर डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है? पुरानी सड़कों पर कौन-कौन से वर्ष में निर्माण कार्य किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित पुरानी सड़कों पर नवीन डामरीकरण एक छोर से दूसरे छोर पूर्ण किया जा रहा है या टुकड़े-टुकड़े में डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है? (ग) मंदसौर जिले में पुरानी सड़कों पर डामरीकरण किन-किन सड़कों पर कितनी लंबाई में किया गया? सड़कों के नाम एवं अलग-अलग राशि बतावें? (घ) कौन सी एवं कितनी लंबाई की सड़कें हैं, जिनका नवीन डामरीकरण का कार्य होना शेष है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं अ-1 अनुसार है। (ख) पुरानी सड़कों पर नवीन डामरीकरण कार्य आवश्यकतानुसार किलोमीटरों की लंबाई में किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ एवं अ-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–‘अ’ एवं अ-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–‘ब’ अनुसार है।
डामर/सी.सी. रोडों का निर्माण
10. ( क्र. 249 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा सत्र जुलाई 2014 में दिनांक 07.07.2014 को प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्न संख्या 4 (क्र. 2078) में क्या माननीय लोक निर्माण मंत्री महोदय ने माननीय पंचायत मंत्री श्री गोपाल भार्गव जी को सदन में निम्न लिखित रोडों (1) ए.वी. रोड नयागांव से चीनोर (2) चीनोर से करईया (3) करईया से भितरवार को पी.एम.जी.एस.वाई. से लोक निर्माण विभाग में आज ही लेकर लोक निर्माण विभाग से निर्माण कराने की सदन में आपसी सहमती से स्वीकृति दी थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त रोडों का लोक निर्माण विभाग में हस्तांतरण हुआ है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) 01 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग भोपाल द्वारा ग्वालियर जिले में डामर/सी.सी. रोडों के निर्माण के लिये किस-किस विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किस स्थान से किस स्थान तक, कितनी-कितनी लंबाई की तथा कितनी-कितनी वित्तीय राशि की कौन-कौन सी रोडों की स्वीकृति किस-किस दिनांक को दी गई है वर्तमान में उक्त रोडों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? अलग-अलग सड़कवार स्पष्ट करें। इन रोडों का निर्माण किस एजेंसी/ठेकेदार से किस-किस यंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री के सुपरवीजन में कराया जा रहा है तथा कराया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र की जर्जर रोडों का निर्माण
11. ( क्र. 250 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र की रोडों के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 43 (क्र. 1083) दिनांक 29 फरवरी 2016 को दिये उत्तर में रोडों के निर्माण में जानकारी अलग-अलग रोड वाईज उपलब्ध कराई थी? 29 फरवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक निम्नलिखित रोडों में क्या प्रगति हुई है? (1) नयागाँव ए.बी. रोड से भितरवार व्हाया बनवार, चीनौर, करईया (2) डांडाखिरक से तिघरा तक (3) करईया से आरौन व्हाया गोलार घाटी (4) बनवार से अमरौल (5) दौलतपुर से पचौरा व्हाया वरिगमा (6) करईया से दुबई (7) सी.सी. रोड मोहना (डॉडा मोहल्ला) में (8) जौरासी से छीमक मार्ग व्हाया ऑतरी, ऐराया, कछौआ, बडकीसराह मार्ग (9) चिटौली रानीघाटी मार्ग से लखेश्वरी माता मंदिर तक (10) मकोड़ा से छीमक व्हाया लदवाया, खैरवाया, समाया (11) समराई से बडका गाँव (12) झॉकरी से पिपरौआ (13) टोडा से धिरौली (14) बराहना से सेकरा मार्ग (15) बरई पनिहार मार्ग से आमी गांव तक। उक्त रोडों को स्वीकृत कर कब तक आवागमन हेतु निर्माण करा लिया जावेगा एक निश्चित समय-सीमा अलग-अलग सड़कवार स्पष्ट करें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग में कौन-कौन श्रमिक पदस्थ हैं उनका नाम, पद, मुख्यालय एवं कार्यक्षेत्र भी स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
वन विभाग के तालाबों का रख-रखाव एवं गहरीकरण
12. ( क्र. 292 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन भूमि पर कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से तालाब निर्मित हैं? इनमें से कौन-कौन से तालाब की पारें फूटी हुई हैं? जिसमें पानी बह जाने से जल संग्रहण नहीं हो पाता है? ऐसे तालाबों की पारों पर मेंटीनेंस एवं गहरीकरण कब तक कराया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन भूमि पर जो पुराने तालाब निर्मित हैं उनसे वन्य प्राणी एवं मवैशी पानी पीते थे? क्या अब इन तालाबों की पार फूटने एवं मलबा जमा हो जाने के कारण पानी न भरने के कारण वन्य प्राणी एवं मवेशी प्यास से मर रहे हैं? यदि हाँ, तो इस समस्या का समाधान शासन कब तक करेगा? (ग) क्या शासन उक्त तालाबों की पारों के सुधार एवं गहरीकरण हेतु कोई कार्ययोजना तैयार करेगा? जिससे भू-जल स्तर बढ़ सकें तथा वन्य प्राणियों एवं मवेशियों को पीने का पानी मिल सकें? (घ) क्या शासन वन भूमि पर निर्मित तालाबों की पार मेंटीनेंस एवं गहरीकरण विधायक निधि एवं सांसद निधि से कराए जाने की अनुमति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो उक्त आदेश कब तक जारी कर दिए जाएंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। फूटे हुए तालाबों की मरम्मत हेतु कार्ययोजना तैयार की जा रही है। बजट उपलब्धता के अनुसार मरम्मत कार्य संपादित किये जा सकेंगे। (ख) जी हाँ। जी नहीं। कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है अत: समस्या के समाधान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। वन विभाग द्वारा निर्मित तालाबों के सुधार एवं गहरीकरण हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है। (घ) वन भूमि पर निर्मित तालाबों पर मेंटीनेंस एवं गहरीकरण का कार्य विधायक या सांसद निधि से वन विभाग द्वारा की जा सकती है।
विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए कार्य
13. ( क्र. 293 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा शिवपुरी जिले में जनवरी 2015 से जून 2016 तक नवीन सड़कें, भवन, पुल-पुलिया एवं सड़क मेंटीनेंस व पुलिया मेंटीनेंस के कार्य स्वीकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के कब-कब स्वीकृत किए गए एवं कब प्रारंभ हुए? उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? शेष कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) शिवपुरी जिले में नवीन सड़कें, भवन, पुल-पुलिया एवं सड़कें व पुल-पुलिया मेंटीनेंस के कार्य स्वीकृत किया जाना प्रक्रियाधीन है अथवा प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कार्यों के पूर्ण विवरण सहित जानकारी दें? (ग) क्या शिवपुरी जिले के बदरवास विकासखण्ड के ग्राम बिजरौनी के खतौरा-बिजरौनी एवं बदरवास-बिजरौनी मार्ग को आपस में जोड़ने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी? यदि नहीं, तो उक्त मार्गों को जोड़ने हेतु सर्वे कराकर स्वीकृति की प्रक्रिया कब तक प्रारंभ की जाएगी? (घ) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग की कौन-कौन सी सड़कें, पुल-पुलिया जीर्ण-शीर्ण या क्षतिग्रस्त हैं? इन पर कार्य कब तक कराया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार एवं शिवपुरी जिले में म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत निम्नांकित दो मार्गों का चौड़ीकरण एवं पुर्ननिर्माण कार्य ए.डी.बी. पंचम चरण में प्रस्तावित किया गया है। वर्तमान में इन कार्यों की डी.पी.आर. निर्मित की जा रही है। (1) नरवर-अमोला मार्ग लंबाई 26.33 कि.मी. अनु. लागत 75.02 करोड़ (2) सिरसौद-पिछौर मार्ग लंबाई 31.24 कि.मी. अनु. लागत 111.386 करोड़ (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में सम्मिलित नहीं होने से कार्यवाही की जाना संभव नहीं। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय की मूलभूत सुविधाएं
14. ( क्र. 363 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय निवाली और पानसेमल की स्थापना कब की गई है? क्या उक्त महाविद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है? यदि हाँ, तो क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध है? (ख) क्या आज भी उक्त दोनों कॉलेजों में फर्नीचर पानी आदि का आज भी अभाव होने से विद्यार्थी परेशान है? क्या ये सुविधाएं विभाग उपलब्ध करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या इन कॉलेजों में अतिथि प्राध्यापकों द्वारा अध्यापन करवाया जा रहा है? क्या यहां नियमित प्राध्यापकों की नियुक्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) 1. शासकीय महाविद्यालय निवाली की स्थापना शासन द्वारा वर्ष 2004—05 में की गई। 2. शासकीय महाविद्यालय पानसेमल की स्थापना शासन द्वारा 28/04/2012 में की गई। जी हाँ, उक्त दोनों महाविद्यालयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ सहायक प्राध्यापक के विभिन्न विषयों के कुल 2371 पदों का विज्ञापन दिनांक 19/02/2016 को लोक सेवा आयोग से जारी हो चुका है। चयन के पश्चात रिक्त पदों की पूर्ति हो सकेगी। पूर्ति की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
दैनिक वेतनभोगी (गैंगमेन) कर्मचारियों की नियुक्ति
15. ( क्र. 365 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में दैनिक वेतन भोगी (गैंगमेन) कर्मचारियों की नियुक्ति कौन से वर्ष से प्रारंभ की गई तथा ये नियुक्तियां कब बंद की गई हैं? (ख) वर्तमान में म.प्र. में कुल कितने गैंगमेन विभाग में कार्यरत है? इन्हें क्या वेतन दिया जा रहा है? (ग) विभाग में पदस्थ इन दैनिक वेतनभोगियों को आज दिनांक तक नियमित क्यों नहीं किया गया है? क्या इन्हें नियमित करने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या और नहीं तो क्यों नहीं कारण स्पष्ट करें? इन्हें आज तक क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है क्या? नहीं तो क्यों नहीं? कई कर्मचारियों की मृत्यु भी हो गई है? क्या उनके परिवारों को कोई लाभ दिया है? नहीं तो कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विभाग में दैनिक वेतन भोगी (गैंगमेन) श्रमिकों की नियुक्ति विभाग में मध्य प्रदेश राज्य स्थापना वर्ष से तथा वर्ष 2000 से नियुक्तियां बंद कर दी गई है। (ख) वर्तमान में लोक निर्माण विभाग में दैनिक वेतन भोगी (गैंगमेन) कुल 18803 कार्यरत है। समय-समय पर श्रमायुक्त द्वारा निर्धारित दर अनुसार वेतन दिया जा रहा है। (ग) प्रचलित नियमों में प्रावधान न होने के कारण। जी नहीं। नियुक्ति अनियमित एवं अवैधानिक होने के कारण। जी नहीं। नियमों में प्रावधान न होने के कारण। मृत्यु उपरान्त आश्रित परिवार के सदस्य को उपादान एवं अनुकंपा अनुदान की राशि का भुगतान किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों का जवाब
16. ( क्र. 407 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 01 जुलाई 15 से 31.05.16 की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा एवं आयुक्त उच्च शिक्षा को कब-कब, किस-किस विषय पर पत्र लिखे और आज दिनांक तक उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के पत्रों का 15 दिवस में जवाब देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बतावें कि अब तक एक भी पत्र का जवाब क्यों नहीं दिया गया है? इसका दोषी कौन है? उस अधिकारी पर कब तक क्या कार्यवाही कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 01 जुलाई 2015 से 31-05-2016 की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त उच्च शिक्षा को प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार सा.प्र.वि. का पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 22 मार्च 2011 की कंडिका-1 में 03 दिवस में पत्र की अभिस्वीकृति देने एवं कंडिका-3 में नियमानुसार कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण जवाब नहीं दिया जा सका, परन्तु पत्रों की अभिस्वीकृति नहीं देने के कारण दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है।
SC/ST विद्याथियों को स्टेशनरी/पुस्तकों का प्रदाय
17. ( क्र. 408 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों को स्नातक स्तर एवं स्नातकोत्तर स्तर पर नि:शुल्क पुस्तकें रू. 1500/- प्रति विद्यार्थी तथा रूपये 500/- प्रति विद्यार्थी की दर से नि:शुल्क स्टेशनरी का प्रदाय किये जाने के निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो विदिशा जिले के अन्तर्गत शासकीय महाविद्यालयों में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रवेशित छात्र-छात्राओं में से कितने कितने छात्र-छात्राओं को कौन-कौन सी पुस्तकें एवं कौन-कौन सी स्टेशनरी, कितने-कितने मूल्य की नि:शुल्क प्रदान की गई है। कितनी शेष है? (ग) शेष रहे छात्र छात्राओं को योजना का लाभ कब तक प्रदान किया जावेगा? अभी तक योजना का लाभ नहीं दिलाने के लिए कौन उत्तरदायी है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) विदिशा जिले के शासकीय महाविद्यालयों का कोई भी छात्र-छात्रा वंचित नहीं रही है।
शासकीय मंदिरों का जीर्णोद्धार
18. ( क्र. 460 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कितने शासकीय एवं कितने अशासकीय मंदिर निर्मित है? शासन द्वारा विगत 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने शासकीय मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया तथा कितने मंदिरों का जीर्णोद्धार शेष एवं प्रस्तावित है? (ख) कितने शासकीय मंदिरों में पुजारी नियुक्त है तथा कितने मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति शेष है? शासकीय मंदिरों में पुजारी नियुक्ति के क्या नियम है? कितने मंदिरों की भूमि पर पुजारी एवं अन्य लोगों का अवैध कब्जा है? (ग) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के सभी शासकीय मंदिरों के राष्ट्रीयकृत बैंक में खाते है तथा कितने मंदिरों के नहीं है मंदिरवार आय-व्यय पत्रक सहित सूची उपलब्ध करावें? विगत 5 वर्षों में जिन मंदिरों का ऑडिट नहीं हुआ है की सूची कारण सहित उपलब्ध करावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति
19. ( क्र. 461 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्यों की संख्या, लागत, स्वीकृति दिनांक, कार्यपूर्णता दिनांक सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की सूची पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ग) जो कार्य निर्धारित समयावधि से विलंब से जारी है उनकी सूची विलंब का कारण ठेकेदार सहित उपलब्ध करावें? उक्त कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? कार्य विलंब के उत्तरदायी ठेकेदार व अधिकारियों पर शासन कब तक एवं क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा उज्जैन जिले में घटिया विधानसभा क्षेत्र से गुजरने वाला महिदपुर पानबिहार जीवाजी नगर मार्ग लंबाई 31.935 कि.मी. अनुमानित लागत रू. 54.54 करोड़ की स्वीकृति म.प्र. शासन द्वारा दिनांक 09.12.2014 को जारी की गई है। निविदा प्रक्रिया उपरान्त एडीबी योजनांतर्गत पैकेज-ओ अंतर्गत अनुबंध क्रं. 180 दिनांक 10.11.2015 को मेसर्स गेनन डंकली एण्ड कंपनी लि. नई दिल्ली से किया गया निर्माण कंपनी को कार्य प्रारंभ दिनांक 05.12.2015 से समयावधि 730 दिवस में निर्माण कार्य पूर्ण करना है, जिसकी निर्धारित दिनांक 03.12.2017 है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र व्यय राशि
20. ( क्र. 489 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में व्यय हेतु प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सड़क/पुल हेतु बजट में उपयोजना क्षेत्र की राशि का प्रावधान रखा जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 में विभाग द्वारा बैहर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन सड़कों, पुल का निर्माण कितनी-कितनी लागत से कहाँ-कहाँ किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन अपराधों के दर्ज प्रकरण
21. ( क्र. 490 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में विभिन्न वन अपराधों के पी.ओ.आर. प्रकरण वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में दर्ज किए गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो पी.ओ.आर. प्रकरणों की वन अपराध के प्रकारवार संख्या, अपराधियों की संख्या, जप्त वनोपज की मात्रा वसूल की गई प्रतिकर (जुर्माना) की राशि, न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरणों की संख्या या अभिसंधानित किये गये प्रकरणों की संख्या की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) वन अपराधों के प्रतिकार, जुर्माना की राशि हेतु विभाग द्वारा जारी किए आदेश/निर्देश की प्रति देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
भोपाल-ब्यावरा फोरलेन सड़क निर्माण
22. ( क्र. 521 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 76 (क्रमांक 5820) दिनांक 15 मार्च, 2016 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 12 अंतर्गत भोपाल से ब्यावरा तक फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में निवेशकर्ता एजेन्सी को अनुबंध के अनुसार दिनांक 22.04.2015 को अनुबंध निरस्तीकरण का नोटिस दिया गया है तथा निवेशकर्ता एजेन्सी को मार्ग के गड्ढ़े भरवाने का कार्य तीव्र गति से करने के निर्देश दिये गये हैं? तो क्या हाल ही में उक्त निवेशकर्ता एजेन्सी का अनुबंध निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त फोरलेन सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण कराने हेतु वर्तमान में क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या उक्त मार्ग पर ब्यावरा से कुरावर तक सड़क की स्थिति खराब होने से वर्षाकाल में आवागमन में अत्यंत कठिनाईयां उत्पन्न होगी? यदि हाँ, तो क्या शासन यथाशीघ्र उक्त फोरलेन सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण कराये जाने हेतु कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार है।
नवीन पुल निर्माण की स्वीकृत
23. ( क्र. 605 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 6 (क्रमांक 1479) दिनांक 15.03.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में स्वीकारा है कि श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम नयागांव शाहपुरा के मध्य गुजर रही सीप नदी के दाहिने एवं बायी और कराहल एवं श्योपुर तहसील के बसे दर्जनों ग्रामों के बाशिंदों को दोनों ओर के विद्यमान ग्रामों में जाने आने हेतु 22 से 38 किमी की दूरी सड़क मार्ग से तय करनी पड़ती है, नतीजतन साधनों के अभाव में नागरिकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सीप नदी पर नयागांव शाहपुरा के मध्य नवीन पुल का निर्माण करा दिया जावे तो नागरिकों को दोनों ओर के ग्रामों में आने जाने हेतु सीधे आवागमन की सुविधा मिल जावेगी तथा दूरी भी कम हो जावेगी, क्या इसी कारण क्षेत्रीय नागरिक निरंतर कई वर्षों से उक्त पुल निर्माण की मांग कर रहे हें? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन नागरिकों की उक्त कठिनाई एवं मांग को दृष्टिगत रखते हुए उक्त नवीन पुल निर्माण कार्य को प्राथमिकता सूची में शामिल करके इसे अनुपूरक बजट में शामिल करेगा, तत्पश्चात् डी.पी.आर. तैयार कराकर डी.पी.आर. को शीघ्र स्वीकृत करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं प्रश्नाधीन मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत न होने से कार्यवाही की जाना संभव नहीं।
बागर नदी के रपटे पर पुल निर्माण
24. ( क्र. 606 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तलावदा आवनी मार्ग पर बागर नदी के रपटे पर नवीन पुल निर्माण के संबंध में प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 24 (क्रमांक 1499) दिनांक 08.03.2016 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में अवगत कराया है कि डी.पी.आर. तैयार की जा रही है? तो क्या डी.पी.आर. तैयार कर ली गई है? यदि नहीं, तो इसमें कितना समय और लगेगा? (ख) क्या वर्षाकाल में चम्बल नदी में बाढ़ आ जाने पर उक्त रपटे पर कई-कई फिट पानी कई-कई दिनों तक रहता है? आवागमन बंद हो जाता है, रपटे के दोनों ओर विद्यमान ग्रामों का संपर्क टूट जाता है। नागरिकों को कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन नागरिकों की कठिनाईयों के मद्देनजर उक्त रपटे पर नवीन पुल निर्माण कार्य को आगामी अनुपूरक बजट में शामिल करके इसकी डी.पी.आर. शीघ्र तैयार कराकर इसे शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। कार्यवाही प्रगति पर है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ग) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
वृक्षों की कटाई
25. ( क्र. 676 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के वनपरिक्षेत्र सामान्य किरनापुर अन्तर्गत २२ फरवरी २०१६ को पीपलगाँव वन चौकी के समीपस्थ लोडांगी बीट में हरे-भरे बेशकीमती वृक्षों की बेरहमी पूर्वक अंधाधुंध कटाई कर दी गई? जिसमें मुख्यत: बीजा, साजा, धावडा, लेड़िया एवं अन्य प्रजातियों के बेशकीमती वृक्ष थे? जिनकी कीमत वर्तमान में लाखों की आंकी जा रही है? (ख) क्या विभाग के उच्चाधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को बचाना चाहते हैं? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही सिर्फ कागजों में सिमटकर रह जायेगी? (ग) क्या विभाग के अधिकारी/कर्मचारी की माफियाओं से सांठ-गांठ है? उक्त अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ क्या दण्डात्मक कार्यवाही कि जायेगी, और कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। बालाघाट वनवृत्त अंतर्गत सामान्य वनमण्डल दक्षिण बालाघाट के परिक्षेत्र किरनापुर की लोढांगी बीट के कक्ष क्रमांक 239 में दिनांक 22.02.2016 को बीजा, साजा, धावड़ा, लेड़िया एवं अन्य प्रजातियों के 32 वृक्षों की कटाई हुई, जिनका कुल मूल्य रू. 65556/- है। (ख) जी नहीं। विभागीय अमले द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाकर काटे गये वृक्षों की सम्पूर्ण वनोपज जब्त की गई है। अतः किसी कर्मचारी के दोषी न होने के कारण शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दस्तावेजों में कूट रचना कर शासन से अवैध रूप से रियायतें लेना
26. ( क्र. 691 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन के द्वारा प्रिज्म सीमेंट कंपनी मनकहरी सतना जिला को उसकी दूसरी यूनिट के लिये कुछ रियायतें दी थी? कब व क्या दी? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें? (ख) क्या 01.04.2011 से 01.04.2014 के दौरान यूनिट एक के सीमेंट एवं क्लिंकर के उत्पादन को यूनिट दो का उत्पादन दस्तावेजों में कूट रचना कर दिखाकर राज्य शासन से रियायतें ली गई? अगर नहीं तो वर्ष 2010 से 2013 के दौरान सीमेंट सायलों के पूरी तरह टूट जाने पर यूनिट दो का उत्पादन पूरी तरह बंद हो गया था? (ग) 01.04.2011 से 31.02.2014 के दौरान प्रिज्म सीमेंट की यूनिट एक एवं दो के द्वारा कितने-कितने टन सीमेंट एवं क्लिंकर का उत्पादन किया? माहवार, वर्षवार सीमेंट टनवार, क्लिंकर टनवार जानकारी दें? इस दौरान क्या-क्या रियायतें कितनी-कितनी राशि की ली गई का विवरण वर्षवार, माहवार, राशिवार, मदवार उपलब्ध करायें? (घ) क्या राज्य शासन/वाणिज्यकर आयुक्त इंदौर उक्त कंपनी के द्वारा कूट रचित दस्तावेजों की जाँच कर कंपनी के द्वारा अवैध रियायतें लेने पर कंपनी के विरूद्ध पेनाल्टी लगाकर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करायेगा? अगर हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? कारण बिन्दुवार दें? नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) इकाई प्रिज्म सीमेंट लि., यूनिट-2 ग्राम मनकहरी, पोस्ट-बठिया, तहसील-रामपुर बघेलान जिला सतना को उद्योग निवेश संवर्धन सहायता योजना-2004 (यथा संशोधित-2007) अंतर्गत राज्य स्तरीय मध्यप्रदेश उद्योग निवेश संवर्धन सहायता समिति की 20 वीं बैठक दिनांक 21/12/2012 में उद्योग निवेश संवर्धन सहायता की पात्रता 75 प्रतिशत की दर से एवं शीर्ष स्तरीय निवेश संवर्धन साधिकार समिति के आदेश क्रमांक एफ-16/30/06/बी-ग्यारह, दिनांक 08/02/2008 के अनुसार सुविधा अवधि 01/01/2011 से 31/12/2017 (07 वर्ष) तक मान्य की गई। उद्योग संचालनालय, भोपाल दवारा इकाई के पक्ष में दिनांक 01/11/2010 से 31/10/2017 (07 वर्ष) तक प्रवेशकर छूट सुविधा हेतु पात्रता प्रमाण पत्र क्रमांक 145, दिनांक 02/09/2013 जारी किया गया है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) इकाई प्रिज्म सीमेंट लि., यूनिट-2 को उद्योग निवेश संवर्धन सहायता योजना-2004 अंतर्गत, इकाई से प्राप्त फार्म-5 एवं वाणिज्यिक कर विभाग से प्राप्त संबंधित वर्ष हेतु जमा कर का सत्यापित फार्म-4 तथा पारित कर निर्धारण आदेश के आधार पर 01/04/2011 से 01/04/2014 अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2013-14 हेतु उद्योग निवेश संवर्धन सहायता स्वीकृत की गई है। वर्ष 2010 से 2013 के दौरान सीमेंट सायलों के पूरी तरह टूट जाने के संबंध में इकाई दवारा कार्यालय को अवगत कराया गया है कि ''प्रिज्म सीमेंट लि., यूनिट-2 का सीमेंट सायलों नहीं टूटा था अपितु रॉ-मिल सायलों दिनांक 02/03/2012 को टूट गया था उक्त्त सायलों के टूटने के उपरांत भी इकाई से उत्पादन किया जा सकता था।'' इकाई से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ग) दिनांक 01/04/2011 से 31/03/2014 के दौरान प्रिज्म सीमेंट यूनिट-1 एवं यूनिट-2 द्वारा उत्पादित सीमेंट एवं क्लिंकर के उत्पादन की माहवार, वर्षवार सीमेंट टनवार, क्लिंकर टनवार जानकारी इकाई से प्राप्त की गई है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' पर है। दिनांक 01/04/2011 से 31/03/2014 की अवधि अंतर्गत इकाई को वित्तीय वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2013-14 हेतु स्वीकृत की गई उद्योग निवेश संवर्धन सहायता की वर्षवार, राशिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' पर है। (घ) अवैध रियायतें प्राप्त किये जाने की कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'ई' पर है।
वन्य प्राणी बाघों की मृत्यु
27. ( क्र. 737 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से जून 2016 तक प्रदेश में कितने बाघों की कहाँ-कहाँ एवं किस-किस कारण से मौत हुई? (ख) सरकार ने इन मौतों की कब-कब जाँच करवायी व जाँच ब्यौरा एवं अपराधियों अथवा इन मौतों के लिए जिम्मेदारों पर अब तक की गई कार्यवाही का ब्यौरा क्या है? (ग) प्रदेश से ''टाइगर स्टेट'' का तमगा छिनने में कौन-कौन सी लापरवाहियां कारण बनी? सरकार ने उन्हें सुधारने के लिए क्या कदम उठाये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जनवरी, 2015 से जून, 2016 तक प्रदेश में 32 प्रकरणों में कुल 34 बाघों की मृत्यु हुई है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित मानक परिचालन प्रक्रिया (एस.ओ.पी.) के अनुसार जाँच कराई गई है, जिनमें 56 आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। (ग) ''टाइगर स्टेट'' के नाम से कोई औपचारिक घोषणा किसी भी स्तर पर नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बाघों के संवर्धन हेतु राज्य द्वारा रहवास सुधार के प्रयास किये गये हैं।
बीमार उद्योगों हेतु कार्ययोजना
28. ( क्र. 738 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बीमार उद्योगों को पुर्नजीवित करने के लिए सरकार ने क्या कार्ययोजना बनाई है? (ख) क्या प्रदेश में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पैकेजिंग का रीजनल सेंटर खोलने की योजना सरकार बना रही है? यदि हाँ, तो अब तक की योजना क्रियान्वयन कार्यवाही का ब्यौरा क्या है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उद्योग संवर्धन नीति, 2014 एवं कार्य योजना के अंतर्गत अधिग्रहण/ क्रय कर पुर्नसंचालित करने पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा ''विशेष पैकेज, 2014 '' के अन्तर्गत कतिपय सुविधायें स्वीकृत की जाती है। इसी तरह वृहद एवं मध्यम श्रेणी के बीमार उद्योग जिनके संबंध में प्रकरण औदयोगिक और वित्तीय पुर्ननिर्माण बोर्ड (बी.आई.एफ.आर.) के समक्ष विचाराधीन है, को उद्योग संवर्धन नीति, 2014 के अंतर्गत पॉलिसी पैकेज,2014 के अनुसार कतिपय सुविधायें स्वीकृत की जाती है। उद्योग संवर्धन नीति में बीमार लघु श्रेणी उदयोगों के लिये पुनर्जीवन योजना भी निर्धारित की गई है। जिसमें उद्योग विशेष दवारा सुविधायें चाहे जाने पर कतिपय सुविधायें स्वीकृत की जाती है। तीनों पैकेज/योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' ''दो'' एवं तीन पर है। (ख) वर्तमान में इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग जो भारत सरकार का उपक्रम है से रीजनल सेन्टर खोलने हेतु कोई प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मजदूरी का भुगतान
29. ( क्र. 778 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1406 दिनांक 24 फरवरी 2015 को चर्चा के दौरान माननीय मंत्री जी ने प्राथमिकता के आधार पर स्थानीय मजदूरों को अनिवार्य रूप से काम देने की जिम्मेवारी स्वयं की बतलायी थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या माह जून 2016 में सागर जिले के वन मण्डल अंतर्गत मालथौन में उमरिया के 54 मजदूरों, शाहगढ़ में सीधी जिले के 35 मजदूरों को काम कराने के बाद भी वन विभाग के द्वारा मजदूरी के पैसों का भुगतान न करने के कारण मजदूरों के द्वारा कलेक्टर कार्यालय परिसर में अपना डेरा डाल लिया था? (ग) यदि हाँ, तो वास्तव में सदन में हुई चर्चा के विपरीत वन विभाग के अधिकारियों ने दूर-दराज जिलों के मजदूरों को कम दरों पर कार्य करने के लिये लगाया जाकर स्थानीय मजदूरों की उपेक्षा कर सदन में माननीय मंत्री जी द्वारा दिये गये आश्वासन की उपेक्षा की है? इसके लिये कौन उत्तरदायी है और क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण कर दोषी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) यह सही है कि उमरिया एवं सीधी जिले के मजदूरों द्वारा कलेक्टर कार्यालय परिसर में डेरा डाला गया था। मजदूरों द्वारा किये गये कार्य गुणवत्ता सही न होने के कारण पुन: कार्य में सुधार करने के निर्देश दिये गये जिस कारण भुगतान में विलंब हुआ। कार्यों में सुधार होने के उपरांत श्रमिकों के किये गये कार्य का उनके द्वारा उपलब्ध खातों में ई-भुगतान किया गया। (ग) स्थानीय मजदूरों के अनुपलब्ध होने की स्थिति में ही अन्य जिलों के मजदूरों को लगाया जाकर समय-सीमा में पूर्ण होने वाले कार्य को स्वीकृत जॉबदर के अनुसार कराया गया एवं मजदूरी का भुगतान ई-पेमेन्ट से किया गया। अत: स्थानीय मजदूरों की कोई उपेक्षा नहीं हुई है। प्राथमिकता के तौर पर स्थानीय मजदूरों को ही वानिकी कार्य में लगाये जाते हैं। माननीय मंत्री जी के आश्वासन की उपेक्षा नहीं होने से किसी उत्तरदायित्व का निर्धारण एवं दोषी व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधान सभा अंतर्गत मार्ग एवं पुल निर्माण
30. ( क्र. 826 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर से सिंगलदीप होते हुये मझौली पहुंच मार्ग दूरी 30 कि.मी. के निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा पूर्व में प्रदान की गई थी एवं इस निर्माण कार्य हेतु निविदा भी आमंत्रित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मार्ग का निर्माण प्रारंभ न होने के क्या कारण है? क्या उक्त स्वीकृत मार्ग निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है, जबकि उक्त मार्ग आधे से ज्यादा दूरी तक अत्यन्त जर्जर है? क्या शासन ग्रामीणों के आवागमन को सुगम बनाने हेतु उक्त मार्ग के निर्माण की पुन: स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) पाटन विधान सभा अंतर्गत बनखेड़ी, मुरेठ, लमकना, पौडी मार्ग पर किलो मीटर 3/4 एवं 20/2 सुहार नदी एवं आलासूर नाले पर तथा इन्द्राना से गनियारी मुरई मार्ग पर किलो मीटर 7/2 हिरन नदी पर तथा कंजई सकरी मार्ग पर किलो मीटर 2/4 कॉकरदेही नाला पर तथा बुढ़ागर, कंजई कूडा मार्ग पर किलो मीटर 15/2 कूडा ग्राम के पास पुलों का निर्माण न होने से ग्रामीणजनों को वर्षा ऋतु में आवागमन की असुविधा रहती है तथा विभाग को वर्षा ऋतु में नाका लगाकर रपटों के दोनों और नाकेदारों को तैनात करना पड़ता है? क्या शासन जनहित में उल्लेखित स्थलों पर ऊंचे पुलों का निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) वर्तमान में मार्ग के 2.00 कि.मी. के भाग में मजबूतीकरण एवं 12.00 कि.मी. के भाग में नवीनीकरण कार्य किया गया है, जो परफारमेंस गारंटी के अंतर्गत है तथा 2.30 कि.मी. में कांक्रीट मार्ग है, जो कि अच्छी स्थिति में है। मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन नहीं के बराबर है। अत: इसके चौड़ीकरण के कार्य की आवश्यकता वर्तमान में प्रतिपादित नहीं हुई है। इस परिप्रेक्ष्य में मुख्य अभियंता (मध्य परिक्षेत्र) लो.नि.वि. जबलपुर के पत्र दिनांक 16.05.16 द्वारा मार्ग के चौड़ीकरण कार्य को स्थगित करने हेतु लेख किया गया, जिसके आधार पर मार्ग की आमंत्रित निविदा को निरस्त किया गया। मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति को निरस्त नहीं किया गया। शेष मार्ग का आंशिक भाग बैठा हुआ है, जिसको मजबूतीकरण के अंतर्गत प्रस्तावित किया जा रहा है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विश्वविद्यालय परीक्षाओं के संदर्भ में
31. ( क्र. 835 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विश्वविद्यालय जोनल और राष्ट्रीय स्तर पर खेलकूद या अन्य गतिविधियों में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के लिये विशेष परीक्षा का प्रावधान तत्कालीन आयुक्त (उच्च शिक्षा) द्वारा 8 दिसम्बर, 2008 को दिया गया था और इस प्रावधान को आयुक्त उच्च शिक्षा के आदेश दिनांक 22, दिसम्बर 2012 के द्वारा समाप्त कर दिया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में खेलकूद एवं अन्य गतिविधियों में भाग लेने वाले प्रतियोगियों द्वारा परीक्षा काल में प्रदेश के बाहर होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेने या न लेने की विषम परिस्थिति उत्पन्न हो रही है तथा ऐसे छात्र या तो खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों से विमुख हो रहे हैं या फिर उन्हें साल खराब करना पड़ रहा है? क्या ऐसी स्थिति में शैक्षणिक सत्र 2015-16 में परीक्षाएं होने के कारण दो सेमेस्टरों में सैकड़ों छात्रों ने प्रदेश के बाहर होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं लिया है? (ग) क्या ऐसी स्थिति में चयनित छात्रों को या तो परीक्षा छोड़नी पड़ती है या प्रतियोगिता क्या शासन छात्रों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिये पूर्व की भॉति प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के लिये विशेष परीक्षा लेने का प्रावधान लागू करेगी? यदि हाँ, किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। 8 दिसम्बर 2008 के पत्र क्रमांक्र 446/आउशि/नि.का/08 में एन.सी.सी./एन.एस.एस./क्रीडा शिविरों में महाविद्यालय, राज्य एवं राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विद्यार्थियों के लिये पृथक से आंतरिक परीक्षा आयोजित करने के संबंध में निर्देश हैं। विशेष परीक्षा के नहीं। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन परिक्षेत्र अंतर्गत संचालित कार्य
32. ( क्र. 883 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के उत्तर वन मंडल अंतर्गत उप वन मंडल जयसिंहनगर एवं ब्यौहारी के विभिन्न परिक्षेत्र अंतर्गत कितने कार्य संचालित हैं तथा प्रत्येक कार्यवार कितनी राशि किस कार्य के लिए व्यय की गयी है। (ख) उक्त उप वन मंडल क्षेत्रांतर्गत वन एवं अन्य परिसंपत्तियों के रख-रखाव हेतु 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी राशि शासन द्वारा प्रदाय की गई है तथा किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि व्यय की गई? (ग) उक्त उप वन मंडल क्षेत्रांतर्गत कितने नवीन कार्य प्रस्तावित हैं तथा कितनी राशि स्वीकृत है और कितनी राशि की मांग प्रस्तावित है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है।
वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण
33. ( क्र. 929 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र की वन विभाग की भूमि पर विभाग की लापरवाही के चलते कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर दिया गया है यदि हाँ, तो किन-किन लोगों का कितने सालों से अतिक्रमण है? (ख) क्या विभाग द्वारा क्या जमीन का सीमांकन कराकर वन विभाग की जमीन पर से अतिक्रमणकारियों को कब्जा हटाने का प्रयास किया गया है यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में कब्जा हट गया है? यदि नहीं तो क्यों नहीं। (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ में वन विभाग की भूमि में सागवान, बांस, आवला, खेर, जैसी अन्य औषधियां पाई जाती हैं।? यदि हाँ, तो क्या उसकी देखभाल सही तरह से हो रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित क्षेत्र के वनों में वन विभाग के अमले द्वारा पूर्ण मुस्तैदी से वन सुरक्षा की जाती है, इसके उपरांत भी वनक्षेत्र में कही अतिक्रमण की घटना घटती है तो तत्काल अतिक्रामक के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया जाता है। सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में परिक्षेत्र देवास के अंतर्गत काबिज अतिक्रामकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वन विभाग द्वारा वन भूमि का सीमांकन किया गया है, जिसमें वन सीमा के अंदर आने वाले 37 अतिक्रामकों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये, जिनमें से 4 प्रकरणों में अतिक्रामकों को वन भूमि से बेदखल किया जा चुका है। शेष 33 अतिक्रामकों के विरूद्ध कब्जा हटाने की कार्यवाही की जा रही है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। 19 प्रकरण जिनमें अतिक्रामकों के विरूद्ध बेदखली आदेश जारी किये जा चुके है, जिला स्तरीय टास्कफोर्स से समन्वय स्थापित कर कब्जा हटा दिया जावेगा एवं 12 प्रकरण वर्तमान में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत परीक्षण हेतु लंबित है, जिनमें यदि अपात्र पाये जाते है तो बेदखली की कार्यवाही की जावेगी। शेष 2 प्रकरणों में जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। सुरक्षा का कार्य प्रभावी रूप से किया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन-मण्डल छतरपुर में कराये गये कार्य
34. ( क्र. 930 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2012 से प्रश्न दिनांक तक वन-मण्डल छतरपुर में कितने कुओं में परकोलेशन टैंक वन प्राणियों के पीने के पानी हेतु तालाब, पानी रोकने की खन्ती, कन्टूर ट्रैंच निर्माण कराया गया एवं बुन्देलखण्ड पैकेज से कितने नवीन तालाबों का निर्माण कार्य कराया गया? कूपवार, परिक्षेत्रवार, स्थलवार, लम्बाई एवं घनमीटरवार स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त निर्माण कार्यों में प्रत्येक कार्यवार कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति थी तथा कितना-कितना व्यय किया गया? निर्माण कार्य किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरविज़न में किस-किस निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार से कराया गया? क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत संबंधित तकनीकी विभाग से उसकी गुणवत्ता का सर्टिफिकेट लिया गया? यदि हाँ, तो कार्य तथा परिक्षेत्र वाईज स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें? (ग) जिला छतरपुर में किन-किन वन समितियों द्वारा वाहन व सुरक्षा कार्यों पर 01 अप्रैल 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई? समितियों का नाम, कार्य एवं व्यय की गई राशि की जानकारी दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार से कोई कार्य नहीं कराया गया है। वन विभाग द्वारा विभाग के तकनीकी कार्य स्वंय किये जाते हैं। अत: किसी तकनीकी विभाग से पृथक से गुणवत्ता प्रमाण नहीं लिया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
वन क्षेत्रों में सड़क निर्माण में
35. ( क्र. 939 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सड़क मार्गों के निर्माण के दौरान यदि कहीं वन विभाग की भूमि का कुछ अंश मार्ग निर्माण हेतु अधिग्रहीत करना हो तो वन अधिकारियों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जाते तथा सड़क निर्माण कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया जाता है, उक्त संबंध में क्या मंत्री महोदय विभाग को अनुमति प्रक्रिया सरलीकरण हेतु आदेशित करने का कष्ट करेंगे, ताकि सड़क मार्गों के निर्माण में व्यवधान उत्पन्न न हो? (ख) विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अन्तर्गत लटियार रामबाग रोड से मदरी सड़क निर्माण ६०० मीटर, रामबाग बड़गड़ रोड से खारा १५० मीटर, जवा जनकहाई रोड से चरपरिहनपुर्वा ६०० मीटर एवं डभौरा हरदोली रोड से ओवरी मार्ग निर्माण हेतु वन विभाग द्वारा अनापत्ति कब तक प्रदाय की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाणन प्रक्रिया का सरलीकरण किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सड़क निर्माण हेतु आवश्यक वन भूमि का अधिग्रहण करने का अधिनियम/नियम में प्रावधान नहीं है, अपितु वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत वन भूमि का गैर वानिकी कार्य हेतु व्यपवर्तन भारत सरकार के पूर्वानुमति से किया जाता है। सड़क एवं अन्य विकास कार्य हेतु वन भूमि के उपयोग पर दिए जाने के संबंध में प्रक्रिया का सरलीकरण कर प्रसारित किए गए आदेशों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवेदक संस्था द्वारा जवा जनकहाई रोड से चरपनिहनपुर्वा एवं डभौरा हरदोली रोड से ओवरी मार्ग की अनुमति के लिए विभाग में कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है, शेष दो मार्ग की आपत्तियों का निराकरण आवेदक संस्थान द्वारा कर देने पर मार्ग निर्माण की स्वीकृति दी जा सकेगी। अतः निश्चित समय-सीमा बतायी जाना सम्भव नहीं है। (ग) उत्तरांश ’क’ में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार सरलीकरण किया जा चुका है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में डिग्री शुल्क की वसूली
36. ( क्र. 943 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा संकाय के अंतिम सेमेस्टर के परीक्षा फार्म ऑनलाईन भरते समय डिग्री शुल्क लिया जाता है तथा राशि भुगतान उपरांत निकलने वाली रसीद में राशि का उल्लेख तो होता हैं? किन्तु डिग्री शुल्क नहीं लिखा होता है? क्यों? (ख) क्या सभी विद्यार्थीयों को डिग्री विश्वविद्यालय द्वारा प्रेषित की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? विगत ३ वर्षों में कितने जिले के छात्रों को डिग्री भेजी गयी है? संख्यावार विवरण देवें? (ग) विश्वविद्यालय द्वारा कितने छात्रों से दो बार डिग्री शुल्क लिया गया है? कितने छात्रों को सामान्य प्रक्रिया के तहत डिग्री शुल्क भरकर डिग्री प्राप्त हुई हैं? संख्यावार बतावें? (घ) ऐसे कितने छात्र-छात्राएँ हैं जिन्होंने दो बार डिग्री शुल्क भरा तथा विश्वविद्यालय ने किस आधार पर एक छात्र से दो बार डिग्री शुल्क लिया है? साथ ही भुगतान की राशि कितनी थी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। डिग्री शुल्क का पृथक से उल्लेख नहीं होता है बल्कि समग्र शुल्क की रसीद प्राप्त होती है। शुल्क की विस्तृत जानकारी अधिसूचना में अंकित होती है। (ख) जी नहीं। क्योंकि डिग्री शुल्क में डाक शुल्क शामिल नहीं होता है, जो छात्र आवेदन के साथ डाक शुल्क जमा करते हैं, उनको उनके पते पर डिग्री प्रेषित की जाती है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) छात्रों से दो बार डिग्री शुल्क नहीं लिया गया है। सामान्य प्रक्रिया के तहत ही कुल डिग्री 15,976 भेजी गई जिसकी कुल राशि रुपये 88,82,505/— प्राप्त हुई। (घ) छात्र-छात्राओं से विश्वविद्यालय द्वारा दो बार डिग्री शुल्क नहीं लिया गया, किन्तु विश्वविद्यालय की अधिसूचना क्रमांक/सभा/2013/1860, दिनांक 21/06/2013 के अनुसार 01 जुलाई 2013 से तत्कल डिग्री प्राप्त करने हेतु छात्रों द्वारा आवेदन करने पर तत्काल शुल्क रुपये 1000/— जमा करवाकर अधिकतम 48 घंटे में डिग्री प्रदान कर दी जाती है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
कार्यों में हुई अनियमितताओं की जाँच
37. ( क्र. 951 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा अता. प्रश्न क्र. 759 दिनांक 24-02-15 के प्रश्नांश (क) के उत्तरानुसार गोरस-आवदा-अजापुरा मार्ग की जाँच पूर्ण हो गई है? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराते हुए बतावें कि प्रतिवेदन अनुसार अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तरानुसार सम्बंधित ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? बिना कार्य कराये मूल्यांकन पुस्तिका पर दर्ज कर भुगतान करने, अधिक भुगतान करने आदि अनियमितताओं का दोषी मानते हुए सम्बंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरुद्ध राशि वसूली की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार तथा जाँच प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) श्री महेशचंद्र गोयल, बी-श्रेणी ठेकेदार का पंजीयन काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया गया है। जी हाँ, संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये आरोप पत्र जारी किये जा चुके है। जिनमें शासन को हुई क्षति का भी उल्लेख है एवं ठेकेदार से रू. 1056289.00 की कटौती अंतिम देयक से कर ली गई है।
कटनी जिले में औद्योगिक निवेश की स्थिति
38. ( क्र. 961 ) श्री मोती कश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के किन्हीं स्थानों में ऊर्जा एवं अन्य खनिज आधारित उद्योगों का किन्हीं दिनांकों को किन्हीं स्थानों में आयोजित इन्वेस्टर समिटों में किन्हीं राशि के निवेश के अनुबंध और किन्हीं तिथियों में एम.ओ.यू् निष्पादित हुये है तथा उन्हें नदियों से किन्हीं मात्रा में किन्हीं के द्वारा जल का आवंटन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में से किनके द्वारा कब किन प्रकार के उद्योग स्थापित कर लिये गये है और किनके द्वारा आज दिनांक तक अपनी औद्योगिक गतिविधियां प्रारंभ नहीं की है? जिन्होंने प्रारंभ नहीं की है, क्या उनके अनुबंध, एम.ओ.यू्. और जल आवंटन किन्हीं आदेशों से निरस्त कर दिये गये हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने तहसील ढीमरखेड़ा में उपलब्ध लगभग 26,000 एकड़ भूमि के खसरे व रकबों का विवरण माननीय मुख्यमंत्री जी व विभागीय आयुक्त को प्रस्तुत किये है और जिनके किन्हीं खसरे और रकबों में किन्हीं उद्योगों की स्थापना हेतु अनापत्ति हेतु किन्हीं राजस्व अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जा रही है और उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) उद्योगों के लिये आरक्षित भूमि के उपरांत शेष बची भूमि की अनापत्ति की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी, कि जिससे अन्य उद्योगों की स्थापना का अवसर सृजित हो और औद्योगिक वातावरण विकसित हो?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में उल्लेखित 05 इकाईयों द्वारा उत्पादन प्रारंभ कर लिया गया है तथा शेष इकाईयों के एम.ओ. यू. विभिन्न कारणों से निरस्त किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जल आवंटन निरस्त की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। तहसील ढीमरखेड़ा में लगभग 26,000 एकड़ भूमि में से 1604 हेक्टेयर (3961.68 एकड़) भूमि चिन्हित की गई है, जिसके हस्तांतरण की कार्यवाही राजस्व विभाग में प्रचलित है। (घ) उद्योगों के लिये आरक्षित भूमि उद्योग विभाग को हस्तांतरण उपरांत शेष बची भूमि के संबंध में आगामी कार्यवाही हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
दैनिक श्रमिकों की वन रक्षक के पदों पर भर्ती
39. ( क्र. 970 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार वन विभाग में कार्यरत दैनिक श्रमिकों की वनरक्षक के पद पर भर्ती हेतु परीक्षा वर्ष 2008 में आयोजित की गई थी? क्या प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल ने परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों की सूची के आदेश क्रमांक प्रशा.।।/क्षे.स्था.।।/4417 दिनांक 23.08.2010 से जारी कर चयनित उम्मीदवारों के नियुक्ति आदेश जारी कर आदेश की प्रतियां दिनांक 30.08.2010 तक मुख्यालय में चाही गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में चयनित उम्मीदवारों की सूची में दमोह जिले के कुल कितने दैनिक श्रमिक चयन किये गये थे, क्या उनके नियुक्ति आदेश जारी किये गये हैं यदि हाँ, तो उनके नाम, उपस्थिति दिनांक तथा पदस्थापना स्थान बतलावें? (ग) क्या माननीय उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद भी दमोह जिले के चयनित दैनिक श्रमिकों की वनरक्षक के पद पर 5-6 वर्ष की अवधि पूर्ण हो जाने के पश्चात् भी शासन/प्रशासन नियुक्ति आदेश जारी करने में असफल रही है, माननीय उच्च न्यायालय/उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना तथा विलंब के लिए कौन उत्तरदायी है? नियुक्ति आदेश संबंधी प्रक्रिया किस स्तर पर किस विभाग में लंबित है, क्या शासन संज्ञान में लेकर नियुक्ति संबंधी लंबित नस्ती का निराकरण यथाशीघ्र पूर्ण करावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी, हाँ। (ख) दमोह जिले हेतु 12 दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का चयन किया गया था। शासन द्वारा नियुक्ति पर प्रतिबन्ध लगाने के कारण नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये गये अत: उपस्थिति दिनांक एवं पदस्थापना बताने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) चयनित दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों में से 05 के द्वारा मान. उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई। मान. न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के पालन में नियमितीकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। चूंकि नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: मान. न्यायालय के आदेश की अवहेलना का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ।
समितियों द्वारा वन सुरक्षा एवं आस्थामूलक कार्य
40. ( क्र. 976 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा एवं जबेरा विकासखण्ड की वन समितियों को वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है, प्राप्त राशि से समितियों द्वारा वन सुरक्षा एवं आस्थामूलक के कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये हैं, कार्य का नाम एवं स्थान बतलावें? (ख) क्या आस्थामूलक कार्य में वन समितियों की राशि से टैंकर अथवा अन्य कोई सामग्री क्रय करने के आदेश हैं, यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) वन समितियों द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के दौरान कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी सामग्री किस एजेंसी से किस-किस समिति द्वारा कब-कब क्रय की गई? क्या क्रय सामग्री समितियों के पास वर्तमान में उपलब्ध है? (घ) क्या वन समिति के खाते में राशि जमा न कर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा राशि का आहरण स्वयं कर वन समितियों के अधिकारों का अतिक्रमण किया है, यदि हाँ, तो किस नियम/आदेश के तहत राशि आहरित की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: आदेश की प्रति उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं।
वन मण्डल पन्ना में कराये गये कार्य
41. ( क्र. 994 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक वन मण्डल पन्ना में कितने कूपों में परकोलेशन टैंक वन प्राणियों के पीने के पानी हेतु तालाब, पानी रोकने की खंती कंटूर टैंच निर्माण कराया गया है। कूपवार, परिक्षेत्रवार स्थलवार, लम्बाई एवं घनमीटर वाईज स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त निर्माण कार्यों में प्रत्येक कार्यवार कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति थी तथा कितना-कितना व्यय किया गया, निर्माण कार्य किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरविजन में किस-किस निर्माण एजेंसी/ठेकेदार से कराया गया। क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत संबंधित तकनीकी विभाग से उनकी गुणवत्ता का सर्टीफिकेट लिया गया है? यदि हाँ, तो कार्य तथा परिक्षेत्रवार स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो क्यों। कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) पन्ना जिले में किन-किन वन समितियों द्वारा वाहन चालकों, वन सुरक्षा कार्यों पर 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गयी? समिति का नाम कार्य एवं व्यय की गयी राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। निर्माण कार्य विभागीय रूप से किये गये हैं। अतः तकनीकी विभाग से प्रमाण पत्र लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पन्ना जिले में पी.आई.यू. के तहत निर्माण कार्य
42. ( क्र. 995 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में पी.आई.यू. के तहत कुल कितने निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के किये जा रहे है? 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक की कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उपरोक्त में से कौन-कौन से कार्य में कितना-कितना विलंब हुआ है एवं उसके कारण लागत में कितनी-कितनी वृद्धि हुई है? (ग) क्या कार्यों के गुणवत्ताहीन होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई है हाँ, तो उनका भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं क्या-क्या कमियां पाई गई? (घ) उक्त निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी के माध्यम से कराये जा रहे है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
नवीन जिला जेल भिण्ड का अतिशीघ्र निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाना
43. ( क्र. 1006 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन जिला जेल भिण्ड के निर्माण कार्य में अवस्थी ब्रदर्स को अनुबंध क्र. 20/2008-09 अनुमानित लागत 450.0 लाख में किया गया था? प्रश्नांश दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हुआ? कितना शेष? कब तक पूर्ण होगा? गुणवत्ताहीन कार्य की जाँच किस स्तर पर कब की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कार्य 12.10.2010 तक पूर्ण होना था? अभी तक पूर्ण क्यों नहीं हुआ? क्या लागत वृद्धि हुई? क्यों की गई? किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण किया गया? शासन को कितनी क्षति हुई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुबंध धारा 3 सी में निरस्त कर क्या कार्यवाही पूर्ण है? क्या अधिकारियों की मिलीभगत से कार्य की गति धीमी रहती है? यदि हाँ, तो किस स्तर के अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या नवीन जिला जेल भिण्ड में 10 बिस्तरीय हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है? यदि हाँ, तो निर्माण पूर्ण करके कब तक जेल प्रशासन को सौंप दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ प्रश्नांश दिनांक तक प्रथम एजेंसी में अवस्थी ब्रदर्स द्वारा अनुबंध क्रमांक 20/2008-09 के तहत राशि रू. 192.61 लाख एवं द्वितीय एजेंसी में मूलचंद जैन द्वारा अनुबंध 49/2015-16 के तहत राशि रू. 105.95 लाख इस प्रकार कुल राशि रू. 298.56 लाख का कार्य पूर्ण हुआ है तथा द्वितीय अनुबंध अंतर्गत राशि रू.589.90 लाख का कार्य शेष है। कार्य दिनांक 25.01.2017 तक पूर्ण होना संभावित है। कार्य की जाँच की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम 12/13 अनुसार है। (ख) जी हाँ प्रथम ठेकेदार में अवस्थी ब्रदर्स द्वारा निर्माण कार्य की समानुपातिक प्रगति न होने से कार्य में विलंब हुआ। अत: अनुबंध की कण्डिका 3 सी के तहत निरस्त कर शेष कार्य रिस्क एण्ड कास्ट पर एंजेसी तय की गयी। शेष कार्य की निविदा प्रतिशत अधिक होने के कारण कार्य की लागत में वृद्धि हुई है। संलग्न परिशिष्ट के कालम 12 एवं 13 अनुसार कार्य का निरीक्षण किया गया। कार्य की लागत में वृद्धि प्रथम ठेकेदार मै. अवस्थी ब्रदर्स से रिस्क एण्ड कास्ट पर होने के कारण शासन को क्षति नहीं हुई है। (ग) जी हाँ अनुबंध क्रमांक 20/2008-09 अनुबंध की कण्डिका 3 सी के अनुसार कार्यवाही की गई है। जी नहीं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। लोक निर्माण विभाग, उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर के पत्र दिनांक 08.07.2016 के दवारा मै. अवस्थी ब्रदर्स, मिल एरिया रोड, मुरैना का पंजीयन काली सूची में डाला गया है। (घ) लोक निर्माण विभाग दवारा केवल अस्पताल भवन का निर्माण किया जाना है। निर्माण कार्य अनुबंधानुसार दिनांक 25.01.2017 तक पूर्ण कर जेल प्रशासन को सौंपने का लक्ष्य है।
भृत्य और चौकीदार की नियुक्ति
44. ( क्र. 1007 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एम.जे.एस. महाविद्यालय भिण्ड में दिनांक 22.01.2016 को जनभागीदारी मद अंतर्गत जिलाधीश दर पर तीन चौकीदार, तीन भृत्य की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो नियुक्ति करने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई? शासन ने क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कुल पद भृत्य 28 स्वीकृत हैं, 19 कार्यरत हैं यदि हाँ, तो 9 नियुक्ति के लिए जनभागीदारी समिति की सामान्य बैठक आयोजित कर अनुमति क्यों नहीं ली गई? नियमों का अनुपालन क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चौकीदार के कितने पद स्वीकृत हैं कितने कार्यरत हैं? चार चौकीदार की नियुक्ति की क्यों आवश्यकता थी? विधि महाविद्यालय कहाँ पर चलाया जा रहा है? क्या विधि महाविद्यालय प्रागंण से बाहर चलाया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में शासन के नियमों का परिपालन नहीं करने के लिए कौन उत्तरदायी हैं? क्या कार्यवाही की गई हैं? जनवरी 13 से प्रश्नांश दिनांक तक जनभागीदारी को आय, व्यय कितना किया गया? किसके आदेश से किया गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। महाविद्यालय में कार्य की आवश्यकता अनुसार जनभागीदारी निधी से 6 मजदूरों को अस्थाई तौर पर जिलाधीश दर पर रखा गया। जनभागीदारी समिति की बैठक न होने के कारण प्रस्ताव पारित नहीं हो सका है लेकिन अध्यक्ष जनभागीदारी समिति (कलेक्टर भिण्ड) से अनुमोदन प्राप्त किया गया है। जनभागीदारी समिति के राजपत्र में प्रकाशित नीति निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) नियमित स्थापना में स्वीकृत पदों पर नियुक्ति हेतु जनभागीदारी समिति सक्षम नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) चौकीदार के 3 पद नियमित स्थापना में स्वीकृत हैं जो पूर्व से भरे हुये हैं। अत: पद रिक्त नहीं होने से चौकीदार के पद पर नियुक्ति का प्रश्न ही नहीं उठता है। विधि महाविद्यालय शासकीय एम.जे.एस. महाविद्यालय भिण्ड के परिसर में ही संचालित है। मजदूरों को जिलाधीश दर पर सुरक्षा एवं सफाई इत्यादि कार्य हेतु रखा गया। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। माह जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक आय-व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। जनभागीदारी मद से जिलाधीश दर पर मजदूर रखने की अनुमति के प्रस्ताव पर अध्यक्ष जनभागीदारी समिति (कलेक्टर भिण्ड) की अनुमति अनुसार प्राचार्य एम.जे.एस. महाविद्यालय भिण्ड द्वारा भुगतान किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।
प्रस्तावित स्टेडियम का निर्माण
45. ( क्र. 1030 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायत नष्टिगवां एवं ग्राम पंचायत पड़री में प्रस्तावित स्टेडियम निर्माण की क्या प्रगति है? (ख) प्रस्तावित स्टेडियम निर्माण हेतु समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफोरमेन्स ग्रान्ट से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्र सिरमौर के ग्राम पंचायत नष्टिगवां में खेल परिसर के निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया हैं चूंकि योजनान्तर्गत एक विधान सभा क्षेत्र में एक ही ग्रामीण खेल परिसर का निर्माण होना हैं इसलिये पडरी ग्राम में स्वीकृति पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी नहीं की गई हैं। (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा खेल परिसर का निर्माण कराया जा रहा हैं, इसलिये खेल विभाग द्वारा समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सड़क निर्माण की स्वीकृति
46. ( क्र. 1034 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर से ब्यावराकलां व्हाया छापीहेड़ा मार्ग वर्तमान में पूर्णत: जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होकर आवागमन योग्य नहीं रह गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग राजगढ़ द्वारा उक्त मार्ग पर सी.सी. रोड निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 37 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार स्वीकृति हेतु भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्य की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में किन कारणों से स्वीकृति हेतु कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नांकित मार्ग पर आगामी वर्षाकाल में आवागमन पूर्णत: बाधित हो जाऐगा जिससे क्षेत्रवासियों को अत्याधिक कठिनाईयां उत्पन्न होगी? यदि हाँ, तो क्या शासन यथाशीघ्र उक्त मार्ग की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन वर्षाकाल के पूर्व उक्त मार्ग को आवागमन योग्य करने एवं ग्राम अम्बावता के समीप स्थित जीर्ण-शीर्ण पुलिया की मरम्मत करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो इस हेतु विभाग क्या व्यवस्था कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। मात्र ग्राम अमलावता के समीप पुलिया क्षतिग्रस्त है। जी हाँ, ब्रिक्स योजना अंतर्गत मार्ग सम्मिलित किया गया था। ऋण स्वीकृति के अभाव में स्वीकृत नहीं हो सकता। (ख) जी हाँ, मार्ग से नहीं अपितु पुलिया क्षतिग्रस्त होने के कारण मार्ग पर यातायात बाधित होगा। जी हाँ, क्षतिग्रस्त पुलिया के पुर्ननिर्माण एवं मार्ग उन्नयन की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 07.06.2016 को प्राप्त हो चुकी है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्षाकाल के पूर्व नहीं अपितु, वर्षाकाल उपरांत प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति रू. 412.75 लाख के आधार पर क्षतिग्रस्त पुलिया की मरम्मत एवं मार्ग का उन्नयन किया जावेगा। मार्ग के नवीनीकरण सहित निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. की स्वीकृति
47. ( क्र. 1035 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा तहसील मुख्यालय पर आई.टी.आई. खोले जाने की नीति है? क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत तहसील मुख्यालय जीरापुर में आई.टी.आई. नहीं है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या तहसील मुख्यालय जीरापुर में आई.टी.आई. हेतु राजस्व विभाग द्वारा भूमि का आवंटन कर भूमि आरक्षित की जा चुकी है? जिसका कब्जा भी विभाग को दिला दिया गया है तथा प्रश्नकर्ता द्वारा तहसील मुख्यालय जीरापुर में आई.टी.आई. स्वीकृति के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय तकनीकी शिक्षा मंत्री जी से अनेकों बार आग्रह किया गया है? (ग) क्या शासन तहसील मुख्यालय जीरापुर में छात्र-छात्राओं के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये आई.टी.आई. की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। तहसील मुख्यालय जीरापुर में अगस्त 2015 से प्रगति प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर, जिला राजगढ़ के आदेश 3618/16/ नजूल/2010 राजगढ़, दिनांक 27.12.2010 द्वारा अधीक्षण औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, खिलचीपुर की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1521/2 रकबा 1.902 हेक्टेयर चरनोई में से 3 एकड़ भूमि सुरक्षित की गई है, जिसका आधिपत्य प्राप्त किया जा चुका है। जी हाँ। (ग) विभाग की नीति के अनुसार विभाग का यह प्रयास है कि प्रथमत: ऐसे विकासखण्ड जिसमें कोई शासकीय/प्राईवेट आई.टी.आई. नहीं है, में आई.टी.आई. स्थापित की जाये। विकासखण्ड जीरापुर में अगस्त 2015 से 01 प्रगति प्राईवेट आई.टी.आई., जीरापुर संचालित है। अतएव यह एक सर्विस्ड विकासखण्ड है। अतएव विकासखण्ड जीरापुर में शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने की योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी के खिलाफ कार्यवाही
48. ( क्र. 1064 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.एच 7 रीवा-हनुमना फोर-लेन निर्माण में संभागीय प्रबंधक एम.पी.आर.डी.सी. संभाग क्रमांक-2 रीवा द्वारा पत्र क्र. 174 दिनांक 19.01.2014 लिखकर निर्माण कंपनी को एन.एच.7-बहेराडाबर, हनुमना-बहुती, एन.एच 7-धर्मपुरा, गाड़ा-दादर (काजिन), एन.एच. 7- निहाई नाला प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के उपयोग करने हेतु सड़क की यथावत स्थिति बरकरार रखते हुये अनुमति महाप्रबंधक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास योजना मऊगंज रीवा (म.प्र.) से मांगी गयी थी तथा निर्माण में बाधित नल-जल योजना एवं हैण्डपंपों के स्थान की सूची तथा निर्माण में कितने फलदार एवं इमारती पौधे बाधित हुये सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के पालन में महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई मऊगंज जिला रीवा द्वारा पत्र क्र. 860 दिनांक 26.08.2015 से 5 पत्रों के संदर्भ सहित पत्र लिखकर मार्गों का संधारण कराये जाने हेतु तथा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड रीवा द्वारा नल-जल योजना एवं हैण्डपंप को संधारित करने हेतु एवं बाधित फलदार एवं इमारती पौधे संधारित हेतु लेख किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के पालन में एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा सड़क निर्माण कंपनी को पत्र लिखकर यथास्थिति बनाने हेतु आदेश दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या आदेश का पालन किया गया? यदि हाँ, तो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास मऊगंज तथा कार्यपालन यंत्र लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड रीवा से संतुष्ट प्रमाण-पत्र दें? नहीं तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के पालन न करने कराने में कौन-कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? की जाएगी तो कब तक क्या की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. सड़क विकास निगम लि. संभाग क्रं. 2 रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 174 दिनांक 19.01.14 द्वारा आवेदन कंपनी के दिनांक 19.01.2014 को प्राप्त पत्र के आधार पर दादर रोड (प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत) दूरी 5 कि.मी. तथा पलिया पटपरा वाया सागर रोड दूरी 5 कि.मी. आवेदन कंपनी द्वारा सड़क की स्थिति यथावत रखे जाने के आधार पर उपयोग की अनुमति बाबत पत्र दिया गया था। इन मार्गों के उपयोग में नल-जल योजना हैण्डपंप तथा फलदार वृक्ष एवं इमरती पौधों से किसी भी तरह सरोकार नहीं था। अत: जानकारी निरंक समझी जावे। रीवा हनुमना मार्ग निर्माण में बाधित नल-जल योजना एवं हैण्डपंपों तथा निर्माण में बाधित वृक्षों की सूची क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई मऊगंज जिला रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 860 दिनांक 26.08.2015 द्वारा एन.एच. 7 से बहेराडावद, पन्नी फरहदा रोड हनुमना से बहुती पटपरा पवैया रोड से पनिगवां पटरा से पलिया एन.एच. 7 से निहाई नाला मार्ग के संधारण कराये जाने हेतु प्राप्त हुआ था। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड रीवा का नल-जल योजना, हैण्डपंप को करने तथा बाधित फलदार एवं इमारती पौधे संधारित हेतु किसी भी तरह का पत्र म.प्र. सड़क विकास निगम को प्राप्त नहीं हुआ। (ग) जी हाँ। उपयोग में लाये जाने के दौरान मार्ग संधारण आवेदक कंपनी द्वारा किया गया। अन्य कई मार्ग जो कि उनके पत्र में वर्णित थे उनका आवेदन कंपनी द्वारा उपयोग ही नहीं किया। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वस्तुत: मार्ग का निर्माण नियमत: आवागमन हेतु किया जाता है। अत: आवागमन किये जाने स्थिति में किसी के दोषी होने का प्रश्न ही नहीं है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
फोर-लेन पर हो रही दुर्घटनाएं
49. ( क्र. 1097 ) श्री जतन उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागपुर से भोपाल फोर-लेन अत्यधिक वाहनों की आवाजाही का व्यस्ततम मार्ग होकर इस पर घनपेढ से लेंदोरी मार्ग पर काफी दुर्घटनाएँ होकर बड़ी संख्या में जनहानि एवं गंभीर घायल एवं मृत्यु हो रही है? (ख) क्या उक्त मार्ग की अधिकृत कंपनी/विभाग द्वारा हो रही दुर्घटनाओं को रोके जाने हेतु क्या-क्या सुरक्षात्मक उपाय किये साथ यातायात हेतु क्या कार्यवाही की? (ग) जनहानि एवं दुर्घटनाओं को रोके जाने के बाय-पास रोड पर घनपेठ पर ब्रिज बनाने की मांग लगातार की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो अत्याधिक होने वाली दुर्घटनाओं यातायात की सुगमता हेतु कब तक ब्रिज पुल की स्वीकृति दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। प्राप्त उत्तर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार है।
नवीन महाविद्यालय का प्रस्ताव
50. ( क्र. 1098 ) श्री जतन उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के समक्ष छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत उप तहसील नांडनबाड़ी नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करवाने का कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो किस क्षेत्र में महाविद्यालय प्रारंभ करवाने की शासन के पास योजना है? (ख) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र छिन्दवाड़ा के अंतर्गत नांडनबाड़ी उप तहसील में शासन के पास निजी महाविद्यालय प्रारंभ करवाने का प्रस्ताव है? यदि नहीं, तो कब तक उक्त क्षेत्र में निजी महाविद्यालय प्रारंभ करवाने का प्रस्ताव बनवाकर नांडनबाड़ी उप तहसील क्षेत्र के छात्रों को लाभांवित किया जायेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं तथापि प्रश्नाधीन नांडनबाड़ी में महाविद्यालय खोलने से संबंधी परीक्षण उपरांत विभागीय मानदण्डों की पूर्ति प्रथम दृष्ट्या नहीं हो रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। निजी महाविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव महाविद्यालय प्रारंभ करने वाली इच्छुक पंजीकृत समिति, ट्रस्ट द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, प्राप्त प्रस्ताव पर विचारोपरान्त अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। शासन स्तर से निजी महाविद्यालय खोलने हेतु प्रस्ताव नहीं दिया जाता है।
ग्रंथपाल/सह. ग्रंथपाल लिपिक में पदोन्नति
51. ( क्र. 1289 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या क्र. 89 (क्र. 7465) दिनांक 29.03.16 के द्वारा सहायक ग्रंथपाल/ग्रंथपाल लिपिकों की पदोन्नति के संबंध में पदोन्नति नहीं की गई है, की जानकारी दी गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो संचालक तकनीकी शिक्षा के आदेश क्र./प्रशा./31बी/93/1448 भोपाल दिनांक 29.09.93 एवं आदेश क्र. प्रशा./3बी/98/725 भोपाल दिनांक 28.07.98 के द्वारा किनकी पदोन्नति आदेश जारी किये गये एवं किस नियम के तहत किया गया? नियम एवं पदोन्नति की सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी किस अधिकारी द्वारा भ्रामक तरीके से दी गई है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन सी कार्यवाही एवं कब तक की जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में प्रचलित सेवा नियमों में पदोन्नति का प्रावधान नहीं है। (ख) उक्त आदेश तत्समय वर्ष 1992 में प्रचलित सेवा भरती नियम के अनुसार किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जयन्ती माता पहुँच मार्ग की स्वीकृति
52. ( क्र. 1307 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वाहा विधान-सभा क्षेत्र के नगर बड़वाहा के पूर्वी दिशा में लगभग 500 वर्ष पुराना आस्था का केन्द्र जयन्ती माता के मंदिर पहुँच मार्ग एव चोरल नदी पर ब्रिज निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर विभाग प्रमुख एवं विभागीय अधिकारियों को पत्र प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो पत्र प्राप्ति के दिनांक से वर्तमान तक विभाग द्वारा तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई है वर्तमान में ब्रिज की क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रस्ताव पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? प्रस्ताव अनुसार कितनी लागत का प्रस्ताव कनिष्ठ अधिकारी द्वारा वरिष्ठ अधिकारी को किस दिनांक को प्रेषित किया गया है? अत्याधिक श्रृद्धालुओं की संख्या को देखते हुए क्या वित्त वर्ष में इसकी स्वीकृति प्रदान की जावेगी? हाँ, तो समय-सीमा बताई जावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ डी.पी.आर. तैयार किया गया है। रपटा क्षतिग्रस्त है। (ख) डी.पी.आर. तैयार किया गया। रूपये 299.90 लाख का डी.पी.आर. दिनांक 22.06.2016 द्वारा अधीक्षण यंत्री से मुख्य अभियंता को प्रेषित किया गया, जो परीक्षणाधीन है। प्रश्नाधीन पुल बजट में सम्मिलित नहीं है, वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालयों के भवनों की स्वीकृति
53. ( क्र. 1366 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र लांजी अंतर्गत शास. महाविद्यालय किरनापुर का नवीन भवन बनाने संबंधी प्रक्रिया कहाँ तक हुई है? क्या इस भवन की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति कब तक दे दी जाएगी? तकनीकी स्वीकृति की राशि बताएं? (ख) क्या शास. महाविद्यालय लांजी के भवन का कार्य बजट के अभाव में रूका हुआ है? यदि हाँ, तो इसमें कब तक बजट उपलब्ध करा दिया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, किरनापुर के भवन निर्माण हेतु मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक एफ-21-1/ 2015/38-2, दिनांक 30.06.2016 द्वारा राशि रूपये 353.33 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। जी हाँ। उपरोक्त पत्र में तकनीकी स्वीकृति की राशि रूपये 353.33 लाख है। (ख) जी नहीं। लांजी के भवन का कार्य बजट के आभाव में नहीं रूका है।
तेंदुपत्ता लाभांश से स्वीकृत कार्य
54. ( क्र. 1371 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदुपत्ता संग्रहण 2009 की राशि से अध्यक्ष लघु वनोपज संघ के विवेकाधीन राशि से स्वीकृत ग्राम पंचायत किरनापुर, ग्राम पंचायत पाला तथा ग्राम पंचायत कलकत्ता वन परिक्षेत्र किरनापुर में सीमेंट-कांक्रीट रोड निर्माण कार्य अब तक प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण है? (ख) उक्त तीनों रोडों की लागत राशि कितनी-कितनी है? उक्त रोडों में यदि लागत बढ़ती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) उक्त कार्य कब तक प्रारंभ कर दिये जाएंगे तथा इनमें देरी के क्या कारण है? दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2009 की राशि से अध्यक्ष, लघु वनोपज संघ के विवेकाधीन कोष राशि से किरनापुर परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत किरनापुर एवं ग्राम पंचायत कलकत्ता के लिये निम्नानुसार सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण कार्य की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
अ.क्र. |
विकास कार्य का नाम
|
1 |
सी.सी.रोड निर्माण खुश्याल बाहेकर के घर के सामने से ग्राम किरनापुर |
2 |
सी.सी.रोड निर्माण ग्राम कलकत्ता वार्ड नं. 12 |
ग्राम
पंचायत पाला
में लघु वनोपज
संघ के विवेकाधीन
कोष राशि से
राशि स्वीकृत
नहीं हुई है। परिक्षेत्र
अधिकारी
द्वारा
सुरक्षा एवं
वानिकी कार्य
के साथ-साथ
विभागीय अन्य कार्यों
का समय पर
संपादन किया
जाना होता है।
जिसके कारण
सी.सी. रोडों
का कार्य प्रारंभ
नहीं किया जा
सका। (ख) उत्तरांश
(क) के अनुसार
स्वीकृत
रोडों की लागत
राशि निम्नानुसार
है :-
अ.क्र. |
विकास कार्य का नाम |
स्वीकृत राशि
|
1 |
सी.सी.रोड निर्माण खुश्याल बाहेकर के घर के सामने से ग्राम किरनापुर |
6,00,000.00 |
2 |
सी.सी.रोड निर्माण ग्राम कलकत्ता वार्ड नं.12 |
6,00,000.00 |
उक्त
सी.सी. रोडों
का निर्माण
कार्य
स्वीकृत लागत
राशि के भीतर
शीघ्र पूर्ण
करा लिया
जावेगा। यदि
निर्माण
कार्य में
लागत राशि
बढ़ती है तो
जिम्मेदारी
निर्धारित कर
संबंधित दोषी
से गुण दोष के
आधार पर राशि
वसूली की
कार्यवाही की
जावेगी। (ग) उक्त
सी.सी.रोडों
का कार्य
शीघ्र
प्रारंभ कर पूर्ण
करा लिया
जावेगा।
परिक्षेत्र
में अन्य वानिकी
कार्य एवं
विभागीय
कार्य की
व्यस्तता के
कारण कार्य
प्रारंभ नहीं
हो सका।
सड़क मरम्मत एवं पेचवर्क में अनियमितता
55. ( क्र. 1378 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 49 (क्र. 913) दिनांक 23/7/2015 के उत्तर में पुस्तकालय प्रपत्र-अ में क्र. 1 से 19 तक जो व्यय दर्शाया गया है उनके कितनों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये? अपूर्ण भवन किस कारण से हैं? विवरण दें? (ख) छतरपुर जिले में राजनगर से डहरी तक अनुमानित लागत विभाग ने 1623.20 लाख बताई है तो इसकी स्वीकृति के लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) वर्ष 13-14, 14-15 और 15-16 में सड़क मरम्मत की गई और शासन का व्यय किया गया इसके बावजूद जो खराब हो गई तो ऐसे मूल्यांकनकर्ता अधिकारी कौन-कौन है? उनके नाम, पद सहित बतायें? (घ) क्या जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 62 कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर शासन द्वारा स्वीकृति की जावेगी। (ग) जी हाँ, जी हाँ, मरम्मत का कार्य एक सतत् प्रक्रिया है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य की जाँच
56. ( क्र. 1397 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 15.03.2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 66 (क्रमांक 5593) के उत्तर (क) एवं (ख) का दिया गया उत्तर यदि सही है तो किन-किन सड़कों की जाँच कब-कब किन-किन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा करायी गई तथा किन-किन सड़कों में गुणवत्ता की कमी के साथ अन्य क्या कमी पायी गई? शासन एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार क्या कार्य मौके पर होना पाया गया? अगर जाँच की गई तो जाँच का विवरण देते हुए बतावें कि दोषियों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही कब-कब किन-किन माध्यमों से की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर सड़कें गुणवत्ताविहीन एवं अनुबंध के शर्तों अनुसार कार्य मौके पर नहीं पाया गया, फर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि का गबन किया गया तो संबंधितों से क्या वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। 24 निर्माणाधीन मार्गों में से 3 मार्गों एवं परफारमेंस गारंटी के अंतर्गत 2 मार्गों की जाँच की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है तथा म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) जाँच में निर्माणाधीन तीन मार्गों में गुणवत्ता विहीन एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य न पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किये जा चुके है, आरोप पत्र के संदर्भ में जाँच उपरांत दोषी पाये जाने पर दंडित करने की कार्यवाही की जायेगी।
आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना
57. ( क्र. 1398 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 788 दिनांक 01.04.2016 के विभागीय टीप अनुसार निर्माणाधीन चिडि़याघर एवं वन्य प्राणी सह-उपचार केन्द्र के निर्माण में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार होना पाया गया है? तो क्या निर्माणाधीन चिडि़याघर एवं सी-उपचार केन्द्र के निर्माण एवं सामग्री क्रय में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है? निर्माण में शासन के नियमों का पालन न करते हुए 363 प्रमाणक का भुगतान एक ही संविदाकार भारत सिंह को कूट-रचित दस्तावेज तैयार कर लाभ पहुँचाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर प्रायवेट ठेकेदारों द्वारा कूट-रचित दस्तावेज तैयार कर लाभ अवैधानिक रूप से प्राप्त किया गया तो इसके लिए संबंधित ठेकेदार सहित संलिप्त अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? क्यों कि सामग्री क्रय एवं निर्माण कार्य में की गई अनियमितता को लेकर तात्कालीन वन संरक्षक सतना एवं मुख्य वन संरक्षक रीवा के विरूद्ध क्या आरोप पत्र जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में निर्माण कार्य में व्यापक अनियमितता कर ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने में लिप्त कर्मचारियों के द्वारा कूट-रचित दस्तावेज तैयार कराने में सहयोग किया गया? पिटपास में छेड़छाड़ कर संबंधितों को लाभ पहुंचाया गया? इन कार्यों में संलिप्त प्रायवेट ठेकेदारों एवं अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए क्या राशि की वसूली की कार्यवाही करेंगे? हाँ तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित ध्यानाकर्षण सूचना पर विभागीय टीप के आधार पर यह कहना तथ्यात्मक नहीं है कि प्रकरण में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार होना पाया गया है। यह भी तथ्यात्मक नहीं है कि निर्माण एवं सामग्री क्रय में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है। 363 प्रमाणकों के संबंध में भी उक्त ध्यानाकर्षण सूचना पर विभागीय टीप में यह स्पष्ट किया गया है कि आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा कार्यों के सत्यापन उपरांत निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप भुगतान किया गया है। कूट-रचित दस्तावेज तैयार कर एक ही संविदाकार को लाभ पहुंचाने का कथन भी तथ्यात्मक नहीं है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश ‘ख’ के प्रथम भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। तत्कालीन वन संरक्षक, सतना के विरूद्ध नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन न करने के संबंध में आरोप पत्र जारी किये जा चुके हैं। इसी प्रकार तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक, रीवा के विरूद्ध शासन के नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित न करवा पाने के संबंध में आरोप पत्र जारी किया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के अनुसार कार्यवाही प्रचलित है।
खेल सामग्री/उपकरणों का क्रय
58. ( क्र. 1420 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला खेल एवं युवा कल्याण जबलपुर को प्रदेश शासन ने खेलों को बढ़ावा देने व खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने हेतु संचालित किन-किन योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? खेल सामग्री व उपकरणों आदि की खरीदी पर कितनी राशि व्यय हुई है वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में शासन ने किस-किस योजना मद से किन-किन खेलों से संबंधित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी राशि की खेल सामग्री व उपकरण आदि प्रदाय किये हैं? इसमें से कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी खेल सामग्री व उपकरण आदि प्रदाय किये गये है एवं किन खेलों से संबंधित कितनी खेल सामग्री व उपकरणों आदि का उपयोग नहीं किया गया है एवं क्यों? इसकी जाँच कब किसने की है? कितनी खेलकूद सामग्री बेकार, खराब व टूटफूट गई है, कितनी अनुपयोगी पड़ी हुई है? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन निर्माण कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है कहाँ-कहाँ पर कितने क्षेत्रफल में इंडोर/मिनी स्टेडियम खेल मैदानों का निर्माण स्वीकृत/प्रस्तावित व निर्माणाधीन है? इसके लिए कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया है एवं कितनी राशि व्यय हुई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक जबलपुर जिले को आवंटित एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है, जिसमें खेल सामग्री व उपकरण क्रय पर व्यय राशि भी समाहित है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में क्रय कर उपलब्ध कराई गई खेल सामग्री से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख एवं ‘‘ग’’ अनुसार है। उपलब्ध कराई गई खेल सामग्री व उपकरण आदि का उपयोग किया गया है। कोई सामग्री टूट-फूट, बेकार अथवा खराब अथवा अनुपयोगी नहीं होने से जाँच कराये जाने संबंधी प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क में व्यय राशि की उपलब्ध है। जबलपुर जिले की अधोसंरचना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है।
पहुँच मार्ग का निर्माण
59. ( क्र. 1438 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 97 (क्र. 4589) दिनांक 08 मार्च, 2016 के विभागीय उत्तर के संलग्न परिशिष्ट में दी गई सड़कों की जानकारी के उपरांत तब से प्रश्न दिनांक तक में की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त मुख्य मार्गों की पहुँच से दूर ग्रामों तक के इन सड़क मार्गों का निर्माण कार्य की स्वीकृति कब तक जारी की जायेगी समय-सीमा दें नहीं तो विलंब के क्या कारण है और इनमें कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (ग) क्या शासन की नीति अनुसार ग्रामों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए पहुँच मार्ग में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की जायेगी हाँ, तो उक्त मार्गों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा वस्तुस्थिति से अवगत करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। (ग) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
पहुँच मार्ग का निर्माण
60. ( क्र. 1439 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्य मार्ग तक पहुँचने के लिए पहुँच मार्ग सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु माह मार्च, 2016 में शासन के निर्देशन पर जिला स्तर से लोक निर्माण विभाग को कितने-कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त प्रस्तावों में कौन-कौन से पहुँच मार्गों की स्वीकृति जारी की गई और उनके निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शित शेष प्रस्तावों को इसी वित्तीय बजट में सम्मिलित कर निर्माण कार्य पूर्ण करा लिये जायेंगे हाँ, तो बतायें नहीं तो कारण सहित जानकारी दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
निजी आई.टी.आई. में फीस का निर्धारण
61. ( क्र. 1470 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितने निजी आई.टी.आई. प्रारंभ हुए हैं? क्या यह सभी आई.टी.आई. शासन के मापदंडों पर सही कार्य कर रहे हैं? (ख) क्या निजी आई.टी.आई. में पढ़ाए जा रहे विषयों के शिक्षकों का शैक्षणिक स्तर जानने के लिए शासन के पास मापदंड है? यदि हाँ, तो जाँच के बिन्दुओं का ब्यौरा दें? (ग) क्या सभी निजी आई.टी.आई. अपनी मर्जी के मुताबिक फीस की वसूली कर रहे हैं? यदि हाँ, तो फीस निर्धारण के लिए शासन द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं और कब तक फीस निर्धारण की जाएगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) भोपाल संभाग में वर्ष 2014-15 में 36 नवीन निजी आई.टी.आई. एवं 2015-16 में 74 नवीन निजी आई.टी.आई. प्रारंभ हुई है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद् द्वारा प्रशिक्षण अधिकारियों की शैक्षणिक योग्यता निम्नानुसार निर्धारित की गई है :-
तकनीकी योग्यता |
आई.टी.आई./डिप्लोमा/डिग्री तथा निर्धारित अनुभव |
(ग) जी
हाँ। विभाग
द्वारा निजी आई.टी.आई.
के लिये फीस
का निर्धारण
नहीं किया गया
है। फीस
निर्धारण की
विभाग की कोई
योजना नहीं
है।
अमलाहा-भाऊखेड़ी सड़क का निर्माण
62. ( क्र. 1471 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमलाहा-भाऊखेड़ी सड़क लोक निर्माण विभाग द्वारा जिला मुख्य सड़क की श्रेणी में शामिल है? यदि नहीं, तो वर्तमान में किस श्रेणी में शामिल है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या अमलाहा-भाऊखेड़ी सड़क के उन्नयन का कोई प्रस्ताव शासन के पास लंबित है? यदि नहीं, तो क्या आगामी दिनों में उन्नयन का कोई प्रस्ताव है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़क का पिछली बार कब निर्माण किया गया था और किस मद से किया गया था? वर्तमान में सड़क की स्थिति का ब्यौरा दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम बरेथा क्वारी नदी पर निर्माणाधीन पुल की जाँच
63. ( क्र. 1492 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाई लेबल ब्रिज क्वारी नदी बरेथा जिला मुरैना का निर्माण कार्य स्पेसीफिकेशन के अनुसार नहीं कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य का शिड्यूल ऑफ आयटम की प्रतिलिपि प्राक्कलन सहित उपलब्ध कराई जावे? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नदी की बेड लेबल से कितनी गहराई तक फाउन्डेशन है? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अमानक सरिया का उपयोग, सीमेंट ओ.पी.सी. ग्रेड 43 की जगह पी.पी.सी. सीमेंट का उपयोग, लोकल रेत का प्रयोग एवं सीमेंट क्रॉन्क्रीट के मिक्सिंग प्लांट की जगह साधारण मिक्सर मशीन से कार्य किया जा रहा है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश शासन सरल क्रमांक (क) से (घ) तक वर्णित कार्यों की जाँच तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रश्नकर्ता के समक्ष कराई जाएगी यदि हाँ, तो निश्चित समय-सीमा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। स्पेसीफिकेशन के अनुसार ही निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) नदी के बेड लेबल से फाउण्डेशन की औसतन गहराई 21 मी. एवं अवटमेंट की औसतन गहराई 30.00 मी. है। (घ) जी नहीं, समस्त निर्माण सामग्री जैसे सरिया, सीमेंट, रेत आदि निर्धारित मापदण्डानुसार परीक्षण के उपरांत ही उपयोग में लाई गई है। अनुबंध में प्रावधान के अनुसार ही कांक्रीट मिक्सिंग प्लांट का उपयोग किया गया है। (ड.) प्रश्नांश 'क' से 'घ' में कार्य निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप होने से तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा जाँच कराने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
नवीन रोड का निर्माण
64. ( क्र. 1493 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परि. अता. प्रश्न संख्या 76 (क्र. 2091) दिनांक 29/02/2016 के उत्तर में पुस्तकालय प्रपत्र (अ) के अनुसार जो जानकारी सरल क्रमांक 3 से 29 तक (सरल क्र. 10, 16 व 20 छोड़कर) कार्य प्राक्कलन शीघ्र तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय की ओर प्रेषित किये जा रहे हैं, उत्तर दिया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बिंदुओं के अनुसार वरिष्ठ कार्यालय में उत्तर दिनांक से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या प्रगति हुई? (ख) क्या कनिष्ठ (संबंधित) कार्यालय से वरिष्ठ कार्यालय में प्राक्कलन स्वीकृति हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो बतावें? क्या समय-सीमा में ही समस्त कार्य हो चुके हैं या समय-सीमा शेष है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टोल बैरियर
65. ( क्र. 1510 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड द्वारा निर्मित नौगांव से टीकमगढ़ वाया पलेरा-जतारा मार्ग तक कितने टोल बैरियर हैं इन टोल बैरियर पर किन-किन वाहनों से कितना शुल्क वसूला जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में नौगांव से टीकमगढ़ जाने वाले निजी वाहन से किस-किस टोल बैरियर पर कितना-कितना शुल्क लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वाहन द्वारा एक बार टोल शुल्क प्रदाय करने की कितनी समयावधि के पश्चात् पुन: उसी मार्ग के टोल से गुजरने पर शुल्क देने का प्रावधान है? (घ) उपरोक्त मार्ग पर टोल टैक्स लेने के एवज में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं? क्या यह सुविधा उपरोक्त रोड पर प्रदाय की जा रही है? उपरोक्त मार्ग पर कब तक टोल वसूली की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दो। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार पथकर देय होता है। (ख) अनुबंधानुसार दिनांक 01/09/2015 से प्रचलित पथकर दर विभिन्न प्रकार के यानों से उद्ग्रहित किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) प्रति फेरा प्रतियान (पर ट्रिप पर व्हीकल बेसिस) के आधार पर पथकर देय होता है। (घ) निवेशकर्ता कंपनी से किये गये अनुबंध के शेड्यूल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार प्रोजेक्ट पर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। जी हाँ। अनुबंधानुसार एप्रोइन्टेड डेट से 15 वर्ष तक पथकर लेने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
मंदिरों की भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाया जाना
66. ( क्र. 1546 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले के तहसील लहार के ग्राम मड़ोरी स्थित नारदेश्वर (नारदा मंदिर) की भिण्ड जिले के ग्राम मड़ोरी, केशवगढ़, दतिया जिले की तहसील सेवढ़ा में ग्राम गुमानपुरा, बिजौरा, कुंअरपुरा स्थित भूमि का कलेक्टर भिण्ड दतिया द्वारा कब-कब सीमांकन कराकर मंदिर की भूमि अतिक्रमण से मुक्त की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? पूर्ण कब्जा कब तक मंदिर के पुजारी/कमेटी को सौंप दिया जावेगा? (ग) तहसील मिहोना जिला भिण्ड के ग्राम काथा में कितनी-कितनी भूमि किन-किन मंदिरों के अंतर्गत है? उक्त भूमि से वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी-कितनी आय हुई तथा किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितनी भूमि पर अवैध कब्जा किन-किन व्यक्तियों द्वारा किया गया, नाम सहित बतायें? (घ) क्या भिण्ड जिले की गोहर तहसील के ग्राम बड़ैरा के राम जानकी मंदिर के पुजारी कोकसिंह, मंदिर श्री रामजानकी कांठर मंदिर के पुजारी बृजेन्द्रसिंह पुत्र रसालसिंह फर्जी पुजारी बनकर कब्जा कर आय प्राप्त कर रहे हैं? क्या कोकसिंह वर्तमान कृषि मण्डी के सदस्य पूर्व सरपंच तथा बड़े किसान है एवं बृजेन्द्रसिंह पूर्व विधायक के पुत्र होने के साथ-साथ 10 वर्ष से ग्वालियर रहकर मंदिरों की जमीन पर अवैध कब्जा किये हैं? यदि हाँ, तो जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आई.टी.आई. का भवन निर्माण
67. ( क्र. 1592 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र में कितने आई.टी.आई. कहाँ-कहाँ स्वीकृत हैं? कितने आई.टी.आई. का निर्माण कार्य कब प्रारम्भ हुआ, कब तक पूर्ण होगा, निर्माण में देरी के कारण सहित जानकारी देवें। (ख) भगवानपुरा आई.टी.आई. भवन निर्माण किस कंपनी, एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? इसके निरीक्षण का कार्य किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? इसके ठेकेदार को निर्माण पूर्ण कराने संबंधी दिये गये पत्रों की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के ठेकेदार पर कितनी पेनाल्टी लगाई गई, कितनी वसूली गई? यदि पेनाल्टी नहीं लगाई गई या नहीं वसूल गई तो कारण सहित बतायें। (घ) भगवानपुरा आई.टी.आई. में छात्राओं के लिए कौन से ट्रेड कब प्रारम्भ किये गये, वर्तमान में कितनी छात्राओं के प्रवेश हुए हैं, छात्राओं के लिए ट्रेड अभी तक क्यों नहीं प्रारम्भ किये गये?
राज्यमंत्री,तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक आई.टी.आई. स्वीकृत है। इस आई.टी.आई. के भवन का निर्माण कार्य दिनांक 13.02.2014 को प्रारंभ किया गया एवं दिनांक 30.03.2017 तक पूर्ण कर दिया जावेगा। भवन निर्माण में कार्य की ड्राइंग डिजाईन विलंब से प्राप्त हुई, ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य धीमी गति से किया जा रहा है। (ख) भगवानपुरा आई.टी.आई. भवन निर्माण कार्य शक्ति आप्टो टेलिलिंक, मण्डीदीप, भोपाल द्वारा किया जा रहा है। भवन निरीक्षण के कार्य की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ठेकेदार को निर्माण पूर्ण करने हेतु दिये गये पत्रों की छायाप्रति संलग्न है। (ग) ठेकेदार पर कोई पेनाल्टी नहीं लगाई गई। (घ) भगवानपुरा आई.टी.आई. में वर्ष 2011-12 में विद्युतकार एवं डीजल मैकेनिक व्यवसाय प्रारंभ किये गये एवं वर्ष 2016 में कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रोग्रामिंग असिस्टेंट व्यवसास प्रारंभ किया गया है। यह व्यवसाय छात्राओं की रूचि के भी है। वर्तमान में प्रवेशित छात्राओं की कुल संख्या 09 है। प्रवेश की कार्यवाही माह अगस्त तक की जायेगी।
खेल मैदान
68. ( क्र. 1594 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले के सभी विकासखण्डों में बनने वाले इनडोर, आउटडोर, स्टेडियम, खेल मैदान संबंधी नीति, निर्देशों की एक प्रति देवें। कितने प्रकार के खेल मैदान अप्रारम्भ हैं? कारण सहित बतायें। (ख) उक्त कितने प्रकार के खेल मैदान किस स्तर पर लंबित हैं, कितने खेल मैदान के कार्य प्रारम्भ हो गये, सूची देवें। (ग) जिले में 2 एकड़ एवं 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल के कितने-कितने खेल मैदान किस स्तर पर बनने हैं? इनकी कार्य एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया बताये। (घ) भगवानपुरा, सेगांव, खरगोन एवं गोंगावा में खेल मैदानों की स्वीकृति एवं निर्माण के स्तर की जानकारी देवें। इनके कार्य कहाँ तक हो गये हैं, कार्य प्रारम्भ करने हेतु किये गये प्रयासों की जानकारी देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) भारत सरकार द्वारा प्रत्येक विकास खण्ड में विकसित किये जाने वाले इण्डोर खेल परिसर की योजना को भारत सरकार के पत्र एफ नं. 30-01/MYAS/RGKA/2015/6419 दिनांक-05.11.2015 द्वारा स्थगित किया गया हैं। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। पंचायत राज विभाग द्वारा प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 5-8 एकड़ भूमि उपलब्ध होने पर आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर निर्माण की योजना हैं। पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) खरगोन जिले की विधान सभा क्षेत्र बड़वाह, कसरावद एवं खरगोन में खेल मैदान निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध न होने के कारण लंबित हैं। आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर निर्माण हेतु विधान सभा क्षेत्र भीकनगांव एवं भगवानपुरा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया हैं तथा विधान सभा क्षेत्र महेश्वर में प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई हैं। खेल मैदानों का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया जाना हैं। (ग) प्रश्नोत्तर ‘‘क’’ अनुसार खरगोन जिले के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 05-08 एकड़ भूमि पर पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा 01 आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर निर्माण कराये जाने की योजना हैं। योजनानुसार निर्माण एजेन्सी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा है। (घ) विधान सभा क्षेत्र भगवानपुरा में खेल मैदान निर्माण की स्वीकृति जारी कर निर्माण कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। ग्राम सेगांव विधान सभा क्षेत्र भगवानपुरा के अंतर्गत आता हैं चूंकि भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र में ग्राम पंचायत धूलकोट में निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया हैं इसलिये प्रश्नोत्तर ‘‘ग’’ अनुसार ग्राम सेगांव में वर्तमान में खेल परिसर निर्माण की कोई योजना नहीं हैं, इसी प्रकार खरगोन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत गोंगाव अथवा किसी अन्य में से मात्र 01 ग्राम में भूमि का आवंटन होने के पश्चात् निर्माण हेतु विधिवत् प्रस्ताव प्राप्त होने पर ही निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी। खरगोन जिले की उपरोक्त विधान सभा क्षेत्रों में ग्रामीण खेल परिसर निर्माण हेतु भूमि का आवंटन खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम नहीं हुआ हैं और न हीं निर्माणकर्ता एजेन्सी खेल और युवा कल्याण विभाग हैं। जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी, जिला खरगोन द्वारा कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से संपर्क कर कार्य प्रारंभ करने हेतु अनुरोध किया गया हैं।
खेल मैदानों के निर्माण की जाँच
69. ( क्र. 1601 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा परि.अता.प्रश्न सं.-148 (क्रं-3387) दिनांक 29/02/2016 के उत्तर में 8,36,237/- के निर्माण कार्य किये जाने की जानकारी दी गई थी, साथ ही प्रश्नांश (घ) के उत्तर में निर्माण एजेंसी से दिनांक 16/02/2016 को प्राप्त कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र का परीक्षण उपरांत निर्णय लिये जाने की जानकारी दी गई थी तो बतायें कि उपरोक्त निर्माण कार्य कब-कब प्रारंभ कर किन-किन दिनांकों को पूर्ण कराये गये एवं निर्माण कार्य पूर्ण होने के कितने माह पश्चात् कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र दिया गया, इसमें इतनी देरी लगने के क्या कारण रहे? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र का परीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो क्या परीक्षण/जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के तहत किये गये कार्यों का प्रश्नकर्ता सदस्य के संबंधित शासकीय सेवकों सहित, कार्य गुणवत्तापूर्ण होने एवं निर्मित खेल मैदानों के वर्तमान में उपयोग होने की जाँच किये जाने के निर्देश प्रदान किये जायेंगे, जिससे विधान सभा प्रश्न क्रं.-3387 के उत्तर की पुष्टि की जा सके?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कलेक्टर, कटनी द्वारा जारी कार्यादेश दिनांक 04.05.2012 में बास्केटबॉल कोर्ट की फिलिंग उसके ऊपर सीमेंट क्रांक्रीट, ग्राउण्ड का समतलीकरण 65 मीटर की दो दीवारें तथा इंडोर हॉल पहुँच मार्ग में डब्ल्यू.बी.एम. का कार्य सम्मिलित था, जो दिनांक 11.12.2012 को पूर्ण किया गया, जिसका कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र दिनांक 18.03.2015 को लोक निर्माण विभाग द्वारा जिला योजना कार्यालय कटनी को भेजा गया। यह प्रमाण-पत्र जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी कार्यालय कटनी में दिनांक 16.02.2016 को प्राप्त हुआ, इसमें लगभग 38 महीने का समय व्यतीत होने पर कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र दिया गया। कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र विलंब से जारी होने का कारण जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी कटनी द्वारा निर्माण एजेंसी से चाहा गया है, जो अपेक्षित है। (ख) जी नहीं। जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी कटनी के पत्र क्र. 5125 दिनांक 04.07.2016 द्वारा जिला योजना अधिकारी कटनी से परीक्षण/जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है, जो अपेक्षित है। (ग) लोक निर्माण विभाग कटनी एवं जिला योजना अधिकारी कटनी से संबंधित जानकारी प्राप्त होने पर ही दिये गये उत्तर की पुष्टि संभव है। निर्मित खेल मैदानों का उपयोग दिनांक 16.02.2016 से किया जा रहा है।
महाविद्यालयों का व्यवस्थापन
70. ( क्र. 1605 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचवर्षीय योजना/म.प्र.शासन के दृष्टि-पत्र में आगामी 01 वर्ष में मध्यप्रदेश में कितने नवीन महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाना प्रस्तावित हैं एवं कहाँ-कहाँ पर? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा कब से प्रारम्भ हुआ हैं? नलखेड़ा में विज्ञान संकाय प्रारम्भ किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव/मांग प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सोयतकलां में स्नातक महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित कार्यों को पूर्ण करने हेतु मांग/प्रस्ताव को दृष्टिगत रखते हुए या स्व-प्रेरणा से कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) पंचवर्षीय योजना/मध्यप्रदेश शासन के दृष्टिपत्र में आगामी 01 वर्ष में मध्यप्रदेश में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की संख्या सुनिश्चित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासकीय महाविद्यालय, नलखेड़ा वर्ष 2008 में प्रारम्भ किया गया है। जी हाँ। विज्ञान संकाय प्रारम्भ करने हेतु निर्धारित मापदण्डों के अनुसार प्रकरण पर परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। निर्धारित मापदण्डों के अनुसार नवीन महाविद्यालय खोलने हेतु प्रकरण परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
जिला मुख्य मार्ग (MDR) में जोड़ने की कार्यवाही
71. ( क्र. 1627 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मंत्री जी द्वारा दिनांक 19.06.16 को डोबरा-खेजड़ादेव-धमर्रा-नलखेड़ा मार्ग को जिला मुख्य मार्ग (MDR) में जोड़े जाने की घोषणा की थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विभाग इस पर कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) घोषणा संबंधी पत्र विभाग के अभिलेख में उपलब्ध नहीं है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कौशल विकास का उन्नयन
72. ( क्र. 1628 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधान सभा क्षेत्र में कौशल विकास उन्नयन हेतु कौन से कौन से एन.जी.ओ./गैर-सरकारी संगठन/समिति/संस्था काम कर रहे हैं। सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित सूची में किन-किन एन.जी.ओ./गैर सरकारी संगठन/ समिति/संस्था को कौशल विकास हेतु शासन से सुविधायें/राशि प्राप्त हुयी है। राशि सहित सूची उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शोधकर्ताओं को फैलोशिप
73. ( क्र. 1630 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.फिल या पी.एच.डी. के अ.ज.जा./अ.जा./पि.वर्ग के शोधकर्ता विद्यार्थियों को केन्द्र/राज्य सरकारों के द्वारा राजीव गांधी फैलोशिप देने का प्रावधान है? (ख) क्या पिछले 02 वर्षों में अ.ज.जा./अ.जा./पि.वर्ग के शोधकर्ता विद्यार्थियों को उक्त फैलोशिप बंद कर दी गई है? हाँ, तो क्या कारण हैं? (ग) क्या विगत 05 वर्षों में अ.ज.जा./अ.जा./पि.वर्ग के शोधकर्ता विद्यार्थियों जिन्होंने फैलोशिप की सुविधा प्राप्त की है, उनमें से कितने विद्यार्थियों को डिग्री प्राप्त हुई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शोधकर्ताओं को केन्द्र सरकार द्वारा राजीव गांधी फैलोशिप देने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। (ग) विगत 05 वर्षों में 293 शोधकर्ताओं को राजीव गांधी फैलोशिप की सुविधा प्राप्त हुई है तथा उनमें से 127 शोधार्थियों को डिग्री प्राप्त हुई है।
धार्मिक न्यास विभाग अंतर्गत प्राचीन मंदिरों को सम्मिलित किया जाना
74. ( क्र. 1631 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगाँव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन मंदिरों का जीर्णोद्धार शासकीय अनुदान से किया जा सकता है? सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या भीकनगाँव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत अति प्राचीन माता मंदिर मारूगढ़ (झिरन्या) एवं प्राचीन हनुमान मंदिर सुर्वा कायेड़ा का जीर्णोद्धार शासकीय अनुदान से हो सकता है? (ग) धार्मिक न्यास विभाग अंतर्गत अति प्राचीन मंदिर जिनका पंजीयन नहीं हुआ है क्या उन्हें नवीन पंजीयन कर सम्मिलित किया जा सकता है? (घ) अति प्राचीन माता मंदिर मारूगढ़ (झिरन्या) एवं प्राचीन हुनमान मंदिर सुर्वा कायेड़ा को धार्मिक न्यास विभाग अंतर्गत सम्मिलित कर सकते हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पृथ्वीपुरी विधान सभा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
75. ( क्र. 1633 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 13-14 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में सड़कों का निर्माण कराया गया है। यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कों का, सड़कवार, राशिवार बताने का कष्ट करें? (ख) क्या प्रश्नांश ''क'' में वर्णित सड़कों को निर्धारित समय में पूर्ण कराया गया है। यदि नहीं, तो अपूर्ण सड़कों का नाम बतावें? (ग) प्रश्नांश ''ख'' में वर्णित सड़कों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' में वर्णित अपूर्ण सड़कों को समय-सीमा में क्यों पूर्ण नहीं कराया गया, कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र की जाँच
76. ( क्र. 1643 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 08 मार्च, 2016 में मुद्रित परि.अता.प्रश्न संख्या 88 (क्र. 4363) के परिप्रेक्ष्य में क्या आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग ने शिकायत की जाँच पूरी कर जाँच प्रतिवेदन विभाग को भेज दिया है? यदि नहीं, तो जाँच हेतु समय-सीमा निर्धारित कर जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएँ। (ख) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अधीक्षण यंत्री को मैदानी पदस्थापना से हटाकर सम्बद्ध किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जाँच प्रक्रियाधीन है। आयुक्त आदिवासी विकास के पत्र क्रमांक 6929 दिनांक 18/03/2016 द्वारा श्री सुरेशचंद्र वर्मा के जाति प्रमाण-पत्र की जारीकर्ता कार्यालय से पुष्टि कराये जाने हेतु दिये निर्देशानुसार कलेक्टर, रायसेन से पुष्टि करा ली गई है। तद्नुसार आयुक्त आदिवासी विकास को पत्र दिनांक 10/05/2016 द्वारा अवगत कराया गया है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
फ्लाई ओवर बनाने के पूर्व ट्रैफिक सर्वे
77. ( क्र. 1649 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की रीवा रोड पर होटल सबेरा से बी.टी.आई गेट तक (या अन्य किसी नाम के स्थान तक) फ्लाई ओवर का निर्माण किया जा रहा है? अगर हां, तो विवरण उपलब्ध करायें? (ख) क्या उक्त फ्लाई ओवर के निर्माण के पूर्व ट्रैफिक सर्वे कराया गया? अगर हाँ, तो किस दिनांक से किस दिनांक तक? अगर ट्रैफिक सर्वे नहीं कराया गया तो क्यों? क्या ट्रैफिक सर्वे कराया जाना आवश्यक था? अगर नहीं तो कारण दें? (ग) क्या उक्त फ्लाई ओवर का निर्माण ट्रैफिक का दबाव कम करने, ट्रैफिक डायवर्ट करने के लिये किया जा रहा है? अगर हाँ, तो क्या स्थल पर उक्त फ्लाई ओवर ग्रेड सेपरेटर की तरह कार्य करेगा? क्या स्थल पर ट्रैफिक की यथास्थिति बनी है? क्या रूट कहीं डायवर्ट हो रहा है? (घ) क्या मात्र 1100 मीटर की लंबाई वाले इस फ्लाई ओवर से ट्रैफिक का दबाव कहीं भी कम नहीं हो रहा है? अगर हो रहा है तो कैसे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। होटल सबेरा से दशमेश पैलेस तक। नौगांव तरफ 554 मी., रीवा तरफ 226 मी. एवं सेमरिया तरफ 274 मी. तथा मध्य स्पान 47 मी. कुल 1101 मी.। सतना शहर में नौगांव सतना बेला मार्ग के कि.मी. 163/10 पर फ्लाई ओवर निर्माण। (ख) प्राथमिक तकनीकी आंकलन के अनुसार निर्माण का निर्णय लिया गया था। फरवरी 2015। प्राथमिक तकनीकी आंकलन किया गया। यातायात घनत्व अत्याधिक होने से फ्लाई ओवर निर्माण प्रक्रिया की गई। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ। (घ) जी नहीं। फ्लाई ओवर की कुल लंबाई क्षेत्र में स्थित स्थानीय यातायात सर्विस रोड से गुजरेगा, जबकि बिरला रोड, नागौद तथा बेला तरफ से आने वाला सेमरिया चौक का यातायात सीधे फ्लाई ओवर से गुजर जाएगा, जिसमें चौराहे पर यातायात दबाव घटेगा।
शहर के अंदर औचित्यहीन फ्लाई ओवर का निर्माण
78. ( क्र. 1650 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना शहर के अंदर एक औचित्यहीन फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य हो रहा है? अगर औचित्यपूर्ण है तो क्या इसके निर्माण के पूर्व अत्यावश्यक ट्रैफिक सर्वे कराया गया? अगर नहीं तो क्यों? फ्लाई ओवर के निर्माण के पश्चात् कितने प्रतिशत् यातायात का दबाव कम होगा? (ख) क्या इस औचित्यहीन फ्लाई ओवर को ग्रेड सेपरेटर की तरह कार्य करना चाहिये? क्या इसके निर्माण से ट्रैफिक डायवर्ट हो रहा है? अगर हाँ, तो कैसे? कहाँ-कहाँ? कितने-कितने प्रतिशत्? (ग) क्या फ्लाई ओवर के निर्माण के बाद भी यातायात का दबाव कम नहीं हो रहा है? फ्लाई ओवर बनाने का मूल उद्देश्य ट्रैफिक डायवर्ट और ट्रैफिक लोड कम करना होता है, क्या इसके निर्माण से ट्रैफिक की यथास्थिति ही बन रही है? (घ) क्या उक्त फ्लाई ओवर को यातयात नगर के आगे बाय-पास मोड़ से विराट नगर तक ले जाया जाता तो यातायात का दबाव कम हो सकता था? इस फ्लाई ओवर की लंबाई इतनी कम किस कारण से रखी है? क्या फ्लाई ओवर अपने मूल उद्देश्य को पूर्ण कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्राथमिक तकनीकी आंकलन के अनुसार निर्माण का निर्णय लिया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्राथमिक आंकलन के अनुसार लगभग 60 प्रतिशत्। (ख) जी हाँ। जी हाँ फ्लाई ओवर की कुल लंबाई में स्थित स्थानीय यातायात सर्विस रोड से गुजरेगा, जबकि बिरला रोड, नागौद तथा रीवा तरफ से आने वाला सेमरिया चौक का यातायात सीधे फ्लाई ओवर पर से गुजर जाएगा। सर्विस रोड एवं फ्लाई ओवर से। प्राथमिक आंकलन के अनुसार लगभग 60 प्रतिशत् फ्लाई ओवर के ऊपर से एवं 40 प्रतिशत् सर्विस रोड में विभक्त होना अनुमानित है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। (घ) जी नहीं। बाय-पास मोड़ से विराट नगर तक लंबाई बढ़ाने से सेमरिया चौक पर यातायात के घनत्व में अपेक्षाकृत कमी होगी। पुल की लंबाई स्थल परिस्थिति अनुसार। जी हाँ।
गाडरवारा तहसील में संचालित महाविद्यालयों की संख्या
79. ( क्र. 1667 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने सरकारी एवं गैर सरकारी महाविद्यालय संचालित है? (ख) क्या क्षेत्र की आबादी को देखते हुये तथा जहां पर चालीस हाई स्कूल एवं 25 हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित है, यहां पर एक अन्य महाविद्यालय खोलने पर विभाग विचार करेगा? यदि हाँ, तो किस स्थान पर और कब तक? (ग) गाडरवारा महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विभिन्न कोर्स में सहायक प्राध्यापकों/प्राध्यापकों में कितने पद स्वीकृत हैं, कितने पद रिक्त हैं, रिक्त पदों को कब तक भर दिया जायेगा? (घ) महाविद्यालय में कितनी फैकल्टी अभी संचालित है एवं कितनी फैकल्टी खोलने पर शासन विचार कर रह है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत एक शासकीय महाविद्यालय एवं दो गैर शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। (ख) जी नहीं। विभागीय मानदंडों की पूर्ति होने पर संसाधनों की उपलब्धता अनुसार निर्णय लिया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) सहायक प्राध्यापक के 27 पद स्वीकृत हैं जिसमें से 10 पद रिक्त हैं। प्राध्यापक के 7 पद स्वीकृत एवं 6 पद रिक्त हैं। सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग के द्वारा चयन की प्रक्रिया प्रचलित है। अत: समय—सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) महाराणा प्रताप शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में तीन फेकल्टी क्रमश: कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय संचालित है। अन्य फैकल्टी खोलने पर विचार नहीं हो रहा है।
महाविद्यालयों में फीस वृद्धि में परिवर्तन
80. ( क्र. 1690 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में शिक्षण शुल्क में वृद्धि के लिये निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों द्वारा प्रस्तुत आवेदन की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त आवेदन में से किस-किस महाविद्यालय ने किस-किस कारणों से कितनी फीस वृद्धि की गई उनकी पूर्व की फीस कितनी थी तथा वृद्धि कितने प्रतिशत् की गई सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित महाविद्यालयों में पिछले तीन वर्षों में अंतिम वर्ष में विषय अनुसार कुल सीट तथा प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या कितनी-कितनी है पिछले तीन वर्षों में अंतिम वर्ष की परीक्षा में विषय/संकाय अनुसार कितने विद्यार्थी शामिल हुये तथा उनमें से कितने उत्तीर्ण हुये? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित महाविद्यालयों में पिछले तीन वर्षों में किस-किस कंपनी से किस-किस विद्यार्थी का किस पैकेज पर केम्पस चयन हुआ सूची देवें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (घ) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है।
अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही न की जाना
81. ( क्र. 1701 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर में फोर-लेन सड़क का कार्य निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो क्या सिख समाज के गुरूद्वारे का मुख्य गेट व दुकाने फोर-लेन की परिधि में आ रही है? यदि हाँ, तो नक्शे के मुताबिक रोड की चौड़ाई कितनी है और गुरूद्वारे से रोड के बीच की भूमि फोर-लेन निर्माण के लिए पर्याप्त नहीं है? यदि नहीं, तो रोड निर्माण करने से पूर्व तैयार किया गया नक्शे की प्रति और रोड से गुरूद्वारे की बीच कितनी भूमि है और फोर-लेन निर्माण में कितनी भूमि का उपयोग किया जावेगा? बतावें। (ख) क्या सीहोर गुरूद्वारा प्रबंधन को विभाग एवं फोर-लेन कार्यकारी एजेंसी द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो कब उसकी प्रति सहित यह बतावें कि सिख समाज द्वारा नोटिस के उत्तर लोक निर्माण विभाग एवं माननीय मुख्यमंत्री तथा जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को प्रस्तुत किए गए उसके तारतम्य में क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या सीहोर के अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार द्वारा गुरूद्वारे का मुख्य गेट एवं दुकानों सहित अन्य लोगों के निर्माण बलपूर्वक तोड़ने का मामला उजागर हुआ है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा नागरिकों की निर्मित संपत्तियों को तोड़ने के बाद किस प्रकार आंकलन कर मुआवजा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रस्तावित फोर-लेन की चौड़ाई 20 मीटर है। जी हाँ, पर्याप्त नहीं है। वर्तमान में गुरूद्वारे के सामने कुल भूमि (सड़क) 12.00 मीटर चौड़ाई में है। गुरूद्वारे के सामने 20 मीटर चौड़ाई में फोर-लेन निर्माण प्रस्तावित है। नक्शे की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। धारा-248 के अधीन कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रशासनिक अधिकारियों एवं गुरूद्वारा प्रबंधन समिति द्वारा आपस में विचार विमर्श कर सहमति पश्चात् गुरूद्वारा समिति द्वारा स्वयं दुकाने जनहित में हटाई जा रही है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आर.सी.सी. नालियों का निर्माण
82. ( क्र. 1705 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम-बांसवाड़ा मार्ग पर शहर में निर्मित फोर-लेन के आसपास 3.65 किलोमीटर तक प्रस्तावित आर.सी.सी. नालियों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) फोर-लेन रोड के दोनों साइडों पर आर.सी.सी./पेवर्स लगाने का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) क्या मुख्यमंत्री द्वारा इसी मार्ग के मध्य में स्ट्रीट लाईट लगाने की घोषणा की थी जो कि अभी अपूर्ण है? स्ट्रीट लाईटें कब तक लगा दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो 3 माह में पूर्ण किया जाना संभावित है। (ख) उक्त कार्य नाली निर्माण के साथ 3 माह में पूर्ण किया जाना संभावित है। (ग) रतलाम-बासवाड़ा मार्ग बी.ओ.टी. (टोल+एन्यूटी) योजना के कंसेशन अनुबंध में रतलाम शहर के फोर-लेन हिस्से पर स्ट्रीट लाईट लगाने का प्रावधान नहीं है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
धार्मिक महत्व के नगरों को पवित्र नगर घोषित किया जाना
83. ( क्र. 1711 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार्मिक महत्व के नगरों को पवित्र नगर घोषित करने संबंधी क्या शासन की कोई नीति, निर्देश हैं? पवित्र नगरों में कौन-कौन से विशेष प्रावधान प्रचलित हैं? क्या इनके समुचित विकास हेतु कोई विशेष कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या माँ नर्मदा का उद्गम स्थल धार्मिक ऐतिहासिक नगर अमरकंटक को शासन द्वारा पवित्र नगर घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो पवित्र नगरों के लिये घोषित प्रावधानों व नियमों, योजनाओं में से अब तक किन-किन को अमरकंटक में लागू किया गया है? पवित्र नगरों हेतु क्या-क्या प्रावधान शासन के किस-किस विभाग से संबंधित हैं, इन्हें कब तक अमरकंटक में लागू किया जावेगा? (ग) अमरकंटक नगर के विकास कार्यों से संबंधित कौन-कौन सी योजनायें विभाग में कब से, किस स्तर पर लंबित हैं? योजनावार लंबित रहने का कारण बतायें तथा लंबित योजनाओं को शासन द्वारा कब तक पूर्ण किया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम बण्डपुरा चन्दपुरा सड़क मार्ग का निर्माण
84. ( क्र. 1726 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना की बण्डपुरा चन्दपुरा सड़क मार्ग की मुख्यमंत्री के आगमन पर ही घोषणा की गई थी? घोषणा की तिथि, स्वीकृति दिनांक, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे वर्तमान में सड़क की क्या स्थिति है? (ख) उक्त सड़क मार्ग के शेष निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2014 से जून 2016 तक कितनी बार निविदायें आमंत्रित की गई थीं तथा उनमें क्या-क्या दरें आई थीं? निविदाओं का दिनांक, दरें सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) उक्त सड़क के शेष कार्य हेतु अंतिम निविदा कब प्राप्त हुई? उसकी दर क्या रही एवं किस तिथि को स्वीकृत की गई, कार्य आदेश कब जारी हुये एवं वर्तमान में कार्य की क्या प्रगति है? कार्य प्रारंभ हुआ या नहीं? नहीं होने के क्या कारण रहे? ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। घोषणा तिथि 18.11.2006, स्वीकृति तिथि 23.04.2008 एवं राशि रू. 273.13 लाख, वर्तमान में कार्य प्रगति पर। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
ग्वालियर, चंबल संभाग में अधूरे व बंद पड़े मार्ग
85. ( क्र. 1727 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चंबल संभाग में किन-किन मार्गों के कार्य अधूरे एवं बंद पड़े हैं, वर्ष 2014 से जून 2016 तक की स्थिति की जानकारी दी जावे। (ख) जिन मार्गों पर पुन: निविदायें आमंत्रित की गई थी उन पर कार्य प्रारंभ किये गये हैं अथवा नहीं। (ग) जिन ठेकेदारों से 'रिक्स एण्ड कॉस्ट' पर निविदायें आमंत्रित की गई थी, उनके कार्य प्रारंभ नहीं करने पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई। (घ) क्या विभाग द्वारा डिफॉल्टर ठेकेदारों के खिलाफ राशि वसूली की कार्यवाही की गई है उनके नाम, मार्ग का नाम, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। वसूली प्रक्रिया किस स्तर पर है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के स्तम्भ 3 में दर्शाये अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के स्तम्भ 4 में दर्शाये अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
नवीन कॉलेज की स्थापना
86. ( क्र. 1738 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 5 वर्षों में नवीन कॉलेज कहाँ-कहाँ खोले गये तिथि, स्थान, स्वीकृत बजट, छात्र संख्या, शिक्षक संख्या, उस वर्ष की बतायें जिस वर्ष कॉलेज खोला गया/प्रारंभ हुआ? (ख) नवीन कॉलेज खोलने के मापदण्ड, नियम, प्रक्रिया, अधिकारिता, शक्तियां क्या-क्या है? क्या इस संबंध में कोई नियम/नीति/निर्देश/परिपत्र लागू है तथा प्रभावशील है? यदि हाँ, तो क्या-क्या प्रति बतायें? (ग) क्या नवीन कॉलेज खोलने के लिये मंत्री परिषद् की मंजूरी की आवश्यकता होती है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जो कॉलेज खोले गये थे? क्या उनकी मंजूरी मंत्री परिषद् से ली गई थी? यदि हाँ, तो उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जो प्रस्ताव शासन को भेजा गया था? उसकी प्रति तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मंत्री परिषद् के पेश करने हेतु जो संक्षेपिका सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी गई थी? उसकी प्रति बतायें? (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र लामता मुख्यालय में कॉलेज क्यों नहीं खुला या क्यों नहीं खुल सकता है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) प्रथम दृष्ट्या विभागीय मानदण्डों की पूर्ति नहीं होने से लामता में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
लामता विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सड़कों की मरम्मत
87. ( क्र. 1739 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लामता विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत और उससे जुड़े हुई लोक निर्माण विभाग की कितनी प्रकार की सड़क मार्ग, रास्ते, कौन-कौन से हैं? उनकी श्रेणी क्या है, उनकी लंबाई क्या है और उनकी वर्तमान में स्थिति क्या है? (ख) उक्त क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से विभागीय सड़क मार्गों की मरम्मत अपग्रेडेशन या नवीन निर्माण की आवश्यकता है तथा इसके लिये विभाग ने प्रस्ताव/इस्टीमेट कब-कब बनाकर उच्च कार्यालयों को मंजूरी हेतु भेजे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सड़कों के निर्माण मार्गों के निर्माण, मरम्मत, सुधार हेतु जनता से प्रश्नकर्ता से तथा अन्य माध्यम से पत्र पिछले वर्षों में प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो कौन-कौन उन पर क्या-क्या कार्यवाही की?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लामता विधान सभा क्षेत्र न होकर एक ग्राम है, जो परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम संभाग सिवनी के अंतर्गत लागता (परसवाडा) विधान सभा क्षेत्र में बालाघाट-नैनपुर राज्य मार्ग क्रमांक-11 का कि.मी. 5 से 70 कुल लंबाई 66 कि.मी. का हिस्सा आता है। विभाग के मापदण्डों के अनुसार मार्ग की स्थिति यातायात योग्य है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के स्तंभ 8 एवं 9 अनुसार है। इसके अतिरिक्त लामता (परसवाड़ा) विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बालाघाट-नैनपुर राज्य मार्ग क्रमांक-11 में मरम्मत की आवश्यकता है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा सड़कों की मरम्मत संबंधी कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है।
रोड निर्माण में अनियमिततायें
88. ( क्र. 1749 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.आर.डी.सी. विभाग द्वारा परासिया से बैतूल मार्ग का रोड निर्माण कार्य में अनेक अनियमिततायें की गई है? जैसे अनेकों जगह नाली निर्माण कार्य अधूरा है, लगभग 7 कि.मी. तक रोड का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया है, जो रोड का निर्माण कार्य किया गया है, वह भी गुणवत्ताहीन है? ऐसी परिस्थितियों में क्या रोड निर्माण में की गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी? अगर जाँच कराई जायेगी तो समय-सीमा बतायें? (ख) क्या विभाग में यह प्रावधान है कि रोड निर्माण कार्य को पूर्ण किए बिना ही टोल नाका आरंभ कर दिया जाता है? यदि नहीं, तो दिलीप बिल्डकॉन कंपनी द्वारा लगभग 8 माह पूर्व ही टोल नाका आरंभ कर दिया गया है जबकि रोड निर्माण कार्य अभी भी अपूर्ण है? क्या उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए, जब तक रोड निर्माण कार्य पूरा न हो जाये, तब तक के लिये क्या टोल नाका को बन्द कर दिया जायेगा? (ग) एम.पी.आर.डी.सी. विभाग द्वारा परासिया से बैतूल मार्ग के अपूर्ण नाली निर्माण, एवरोज रोड, दिशा संकेतक बोर्ड के कार्यों को कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा बैतूल-सारनी-परासिया मार्ग के निर्माण कार्य में कोई अनियमिततायें नहीं की गई है। स्वतंत्र इंजीनियर की सलाह अनुसार आबादी वाले क्षेत्र में आवश्यकता अनुसार नाली निर्माण कार्य किया गया है। लगभग 4.78 कि.मी. भाग का निर्माण कार्य रिजर्व टाईगर जोन में होने के कारण भारत सरकार से अनुमति के अभाव में नहीं किया जा सका। मार्ग निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण कराया गया है। जाँच की आवश्यकता नहीं है। समय-सीमा का प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी नहीं। अनुबंधानुसार बी.ओ.टी. योजनांर्गत यदि निवेशकर्ता द्वारा प्रोजेक्ट हाइवे के 75 प्रतिशत् भाग के निर्माण कार्य को पूर्ण कर दिया जाता है तो उसको टोल लगाने का अधिकार प्राप्त हो जाता है। निवेशकर्ता मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन के द्वारा दिनांक 11/11/2015 को 75 प्रतिशत् कार्य पूर्ण किया गया तदुपरांत दिनांक 01/12/2015 को टोल प्रारंभ किया गया। अनुबंधानुसार रिजर्व टाईगर जोन में स्थित 4.78 कि.मी. को छोड़कर कार्य पूर्ण हो गया है, टोल बंद करने का प्रश्न ही नहीं है। (ग) मार्ग निवेशकर्ता के आधिपत्य में है। नालियों का, रोड का तथा सांकेतक बोर्ड का संधारण कार्य निवेशकर्ता द्वारा किया जाना है इसे पूर्ण करने हेतु निवेशकर्ता को निर्देश दिये गये है। संधारण एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण में किसानों की भूमि अधिग्रहित मुआवजा
89. ( क्र. 1750 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत एम.पी.आर.डी.सी. विभाग द्वारा ग्राम सोनापीपरी से ग्राम अम्बाड़ा तक सड़क मार्ग का निर्माण कार्य किया गया है? अगर किया गया है तो इस सड़क निर्माण कार्य में किन-किन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है? क्या अधिग्रहित की गई भूमि के सभी भू-स्वामियों को विभाग द्वारा मुआवजा राशि प्रदान की जा चुकी है या कुछ किसान मुआवजा राशि से अभी भी वंचित है? (ख) क्या भूमि अधिग्रहण करने के बदले अधिग्रहित की गई भूमि के भू-स्वामियों को मुआवजा राशि प्रदान करने का प्रावधान है? अगर है तो एम.पी.आर.डी.सी. विभाग द्वारा जो सोनापीपरी से ग्राम अम्बाड़ा तक सड़क मार्ग का निर्माण कार्य किया गया है, उनमें कुछ किसानों को अभी तक विभाग द्वारा मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई है? मुआवजा राशि प्रदान नहीं करने का क्या कारण है? उन वंचित किसानों को मुआवजा की राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। भू-स्वामियों के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मुआवजा कुछ किसानों को वितरित किया जा चुका है। शेष किसानों को मुआवजा वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी हाँ मुआवजा राशि प्रदान करने की कार्यवाही प्रचलित है। किसानों द्वारा म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग के पक्ष में अधिग्रहित भूमि का पंजीयन कराने के उपरांत मुआवजा राशि वितरित की जावेगी।
महाविद्यालयों की जनभागीदारी समितियां
90. ( क्र. 1753 ) श्री बाला बच्चन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के महाविद्यालयों में वर्तमान में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष कौन-कौन हैं? महाविद्यालय का नाम, अध्यक्ष का नाम, पदनाम सहित बतावें? विगत 5 वर्षों के अध्यक्ष नाम, पद, कार्यकाल अवधि दिनांक सहित बतावें? (ख) इन महाविद्यालयों में जन भागीदारी समिति द्वारा 01.07.2011 से 30.05.2016 तक क्रय की सामग्री एवं निर्माण कार्य की जानकारी महाविद्यालवार माहवार देवें? (ग) निर्माण कार्यों की जानकारी एजेंसीवार, लागत, स्वीकृति दिनांक भुगतान कार्य पूर्णता दिनांक एवं वर्तमान स्थिति सहित बतावें? अता.प्र.सं. 132 (क्र. 5272), दिनांक 08.03.2016 में राजपुर कॉलेज निर्माण में 106.27 लाख के विरूद्ध 97.84 लाख रू. व्यय होना बताया? यह कब तक पूर्ण होगा? (घ) जिन कॉलेजों में निर्माण कार्य विलंब से चल रहे हैं वे कब तक पूर्ण होंगे? इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। जी हाँ कार्यपालन यंत्री, लोकनिर्माण विभाग, (भ./प.) संभाग, बड़वानी के पत्र क्रमांक 3246/वि.स./बजट सत्र/2016 दिनांक 04.07.2016 द्वारा शासकीय महाविद्यालय राजपुर के भवन निर्माण का कार्य दिनांक 15.10.2016 तक पूर्ण होना संभावित है। (घ) केवल शासकीय महाविद्यालय राजपुर जिला बड़वानी के भवन निर्माण, अतिरिक्त कक्ष, महिला प्रसाधन, विद्युतीकरण व्यवस्था एवं स्टॉफ रूम के निर्माण कार्य में निर्माण कार्यों में विलम्ब हुआ है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है निर्माण एजेन्सी, लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदार को दिनांक 15.10.2016 तक उक्त निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। कार्य में विलम्ब हेतु ठेकेदार दोषी हैं। ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की जावेगी।
बड़वानी जिले में स्थापित उद्योग
91. ( क्र. 1754 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में आयनोक्स कंपनी को कितनी भूमि किस दर पर कितने वर्षों के लिए लीज पर दी गई है? इसके अनुबंध के समस्त दस्तावेजों एवं किए गए भुगतान की रसीद की छायाप्रति देवें। (ख) उद्योग प्रारंभ करने के लिए कंपनी द्वारा जिन-जिन विभागों से स्वीकृतियां, अनापत्ति ली है उनकी छायाप्रतियां देवें। इसके लिए कितना शुल्क आरोपित था, कितना जमा किया गया, कितना शेष है भुगतान रसीद सहित बतावें। (ग) वर्तमान में कंपनी में कितने लोग कार्यरत हैं? बड़वानी जिले के कितने लोगों को इसमें रोजगार मिला। (घ) कंपनी द्वारा सी.एस.आर. (C.S.R.) फंड में कितनी राशि जमा की गई? इसमें स्थानीय (जिला बड़वानी के) लोगों को रोजगार की प्राथमिकता मिले इसके लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बड़वानी जिले में मेसर्स आयनोक्स विण्ड लि. को 170000 वर्गमीटर भूमि रूपये 1773.43 प्रति वर्गमीटर की दर से 30 वर्षों के लिये लीज पर म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम लि. इन्दौर द्वारा दी गई है। इसके अनुबंध के समस्त दस्तावेजों एवं किये गये भुगतान के रसीद की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) वर्तमान में कंपनी में 1013 लोग कार्यरत हैं जिसमें जिले के 200 लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। (घ) कंपनी अधिनियम 2013 में CSR के अंतर्गत राशि जमा करने की व्यवस्था नहीं है। बड़वानी जिले के लोगों की रोजगार की जानकारी 'ग' अनुसार है।
वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण
92. ( क्र. 1765 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2013 से 30.05.16 तक धार जिले में पौधारोपण, निर्माण कार्य, वन्य प्राणी संरक्षण, वन्य प्राणी सुरक्षा-स्वास्थ्य एवं अन्य मदों में कितनी राशि व्यय की गई? विधान सभा क्षेत्रवार, वर्षवार मदवार बतावें। (ख) उपरोक्त समयावधि में किन-किन फर्मों से सामग्री क्रय की गई उन्हें कितना भुगतान किया गया फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिल, भुगतान रसीद का विवरण वर्षवार, फर्मवार देवें। इसके लिये की गई टेंडर प्रक्रिया की जानकारी भी देवें। (ग) वन्य प्राणियों पर किए व्यय की पूरी जानकारी देते हुए बतावें कि किन-किन वन्य प्राणियों पर किन-किन मदों/कार्यों में राशि व्यय की गई? मद का नाम, वन्य प्राणी नाम, सहित माहवार, विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। प्रश्नांश (क) समयावधिनुसार बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि बिना टेंडर प्रक्रिया के खरीदी की गई तो इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रा.दु.वि.वि. में बैकलॉग पदों में अनियमितता
93. ( क्र. 1769 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के विज्ञापन दिनांक 06.11.2007, 26.04.2010 एवं 14.10.2011 में अ.जा. तथा अ.ज.जा. के किन्हीं संकायों के सहायक प्राध्यापकों के बैकलॉग के किन्हीं पदों हेतु आवेदन आमंत्रित किये जाने पर कब किनकी नियुक्तियां की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की तिथियों के बैकलॉग पदों के माडल रोस्टरों को तत्कालीन समन्वय समितियों एवं कार्य परिषदों द्वारा अंगीकृत किया गया है और जिसका आशय अन्य वर्गों में परिवर्तित न किया जाना है? (ग) क्या दिनांक 20.01.2014 एवं 06.03.2016 के विज्ञापनों में प्रश्नांश (क), (ख) के अ.जा. एवं अ.ज.जा. के बैकलॉग पदों को तत्कालीन समन्वय समितियों तथा कार्य परिषदों द्वारा अंगीकृत किये जाने के उपरांत किन्हीं अन्य वर्गों के पदों में परिवर्तित कर दिया गया है और जो विधिमान्य प्रक्रियाओं के विरूद्ध है तथा प्रश्नांश (क), (ग) के विज्ञापित पदों के अभ्यावेदनों को किन अधिसूचनाओं द्वारा निरस्त किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के अ.जा. तथा अ.ज.जा. के बैकलॉग के पदों में विधि विरूद्ध परिवर्तन करने के अनियमित कृत्यों की जाँच हेतु किसी आदेश द्वारा किसी दिनांक को किसी प्रशासनिक अधिकारी की अध्यक्षता में कोई समिति गठित की गई है और उसने जाँच में क्या पाया है तथा किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही अनुशंसित की है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जारी विज्ञापनों के तहत कोई भी नियुक्ति नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। (ग) दिनांक 20/01/2014 एवं 06/03/2016 के विज्ञापनों का मॉडल रोस्टर उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक/202/1408/13/38-3 दिनांक 5/6/13 के परिपालन में यू.जी.सी. की गाइड लाइन के तहत विश्वविद्यालय को इकाई मानते हुए संवर्गवार संधारित किया गया है तथा 06.11.2007, 26.04.2010 एवं 14.10.2011 के विज्ञापन का रोस्टर विभाग को इकाई मानते हुये तैयार किया गया था। पूर्व में संधारित रोस्टर तथा वर्तमान में संधारित रोस्टर में परिवर्तन होने के कारण केवल पदों के वर्ग में परिवर्तन हुआ है, स्वीकृत पदों की संख्या में कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ है। उक्त मॉडल रोस्टर में जो पद जिस वर्ग हेतु आरक्षित है उसी वर्ग से भरा जाना है अन्य वर्गों के पदों में परिर्वतन नहीं किया गया है। प्रश्नांश (क), (ख) के अ.जा. एवं अ.ज.जा. के बैकलॉग पदों के विज्ञापन तत्कालीन समन्वय समिति एवं कार्य-परिषद् द्वारा अंगीकृत नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय के विज्ञापन दिनांक 6/11/2007 विश्वविद्यालय के विज्ञापन क्रमांक/स्था/2010/134 जबलपुर दिनांक 26/4/2010 के तहत निरस्त किया गया है। विश्वविद्यालय का विज्ञापन दिनांक 26/04/2010 विश्वविद्यालय के विज्ञापन क्रमांक/स्था/2011/976 जबलपुर दिनांक 14/10/2011 के तहत निरस्त किया गया है। विश्वविद्यालय के विज्ञापन दिनांक 14/10/2011 विश्वविद्यालय के विज्ञापन क्रमांक/स्था/2014/54 जबलपुर दिनांक 20/01/2014 के तहत निरस्त किया गया है। विश्वविद्यालय का विज्ञापन दिनांक 20/01/2014 विश्वविद्यालय के विज्ञापन क्रमांक/स्था/2016/36 जबलपुर दिनांक 06/03/2016 के तहत निरस्त किया गया है। दिनांक 6/3/2016 को केवल विज्ञापन जारी करने की अधिसूचना प्रकाशित की गई थी जिसका विस्तृत विज्ञापन दिनांक 14/3/2016 को तथा संशोधित विज्ञापन दिनांक 29/3/16 को जारी किया गया है जिसे विश्वविद्यालय की अधिसूचना क्रमांक/स्था/2016/513 जबलपुर दिनांक 16/05/2016 के तहत निरस्त किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विज्ञान संकाय खोला जाना
94. ( क्र. 1780 ) श्री रजनीश सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार सिवनी जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र केवलारी में स्थित शा. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय केवलारी एवं शा. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय छपारा में विज्ञान संकाय खोले जाने हेतु निरंतर मांग की जा रही है? (ख) इसके पूर्व भी प्रश्नकर्ता द्वारा मानसून सत्र 2014 (प्रश्न क्र. 1144) दिनांक 08.07.2014 के द्वारा किए गए प्रश्न में सदन में हुई चर्चा पर आश्वासन भी दिया था? क्या विज्ञान संकाय खोले जाने हेतु विभाग के पास प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक इन दोनों महाविद्यालय में विज्ञान संकाय खोली जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) इसी तरह क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी विकासखंड धनौरा में कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय खोला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, प्रयास करने का उल्लेख किया गया था। जी नहीं। छात्र संख्या के आधार पर प्रस्ताव प्राप्त कर विचार किया जावेगा। (ग) जी नहीं।
लोक निर्माण विभाग की सड़कों का निर्माण
95. ( क्र. 1781 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विधान सभा क्षेत्र में कहाँ से कहाँ तक की कौन-कौन सी सड़कें लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आती हैं? उक्त सड़कों की लम्बाई सहित ब्यौरा दें? (ख) विगत 5 वर्षों में प्रश्नाधीन सड़कों का निर्माण कब-कब किन-किन वर्षों में कराया गया है? सड़कवार ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन निर्मित कराई गई सड़कों की लंबाई परफार्मेंस गारंटी कब-कब समाप्त हुई? सड़कवार ब्यौरा देवें? (घ) क्या परफार्मेंस गारंटी समाप्त होने के बाद उक्त सड़कों के खराब हो जाने के कारण उनके निर्माण हेतु प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष भेजे गये? यदि हाँ, तो कब-कब भेजे गये? (ड.) प्राप्त प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? सड़कवार ब्यौरा देवें? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विधान सभा क्षेत्र में म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत सिवनी-चिरई ड़ोंगरी मार्ग आता है, जिसकी लंबाई 65 कि.मी. है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के स्तंभ (9) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के स्तंभ (10) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के स्तंभ (11) अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के स्तंभ (12) अनुसार है।
सोशल कार्पोरेट रिस्पोंसिबिलिटी नीति तैयार की जाना
96. ( क्र. 1793 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सोशल कार्पोरेट रिस्पोंसिबिलिटी नीति के तरह पारदर्शी व्यवस्था बनाये जाने को लेकर नियम व मापदंड बनाने की कार्यवाही पूर्ण कर ली है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ख) क्या अब तक उद्योग समूहों द्वारा इस मद में व्यय की जा रही राशि की जानकारी शासन को दी जाती थी? यदि नहीं, तो क्या इस हेतु कोई मापदण्ड तैयार किये जा रहे हैं? (ग) क्या विभाग उक्त नीति का गंभीरता से पालन कराये जाने व प्रभावित क्षेत्रों में जनहितैषी कार्य कराने को लेकर गंभीर है? यदि हाँ, तो कब तक स्पष्ट नीति तैयार की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। कंपनी अधिनियम में वर्णित सी.एस.आर. (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व) के अंतर्गत नियम व मापदण्ड का निर्धारण भारत सरकार का विषय है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) सी.एस.आर. के अंतर्गत कार्पोरेट सामाजिक दायित्व गतिविधियों को सुगम करने तथा उनके क्रियान्वयन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये जाने हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा दिया जाना सम्भव नहीं है।
वृक्षारोपण कार्य में अनियमितता
97. ( क्र. 1797 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में फोर-लेन सड़क में प्रभावित वृक्षों के स्थान पर वृक्षारोपण का कार्य उत्तर वन मंडल सागर द्वारा किस एजेंसी से कब कराया गया? एजेंसी चयन की प्रक्रिया और दिये गए संपूर्ण कार्य का विवरण दें? (ख) उत्तर वन मण्डल सागर द्वारा फोर-लेन मार्ग के दोनों ओर कुल कितने पौधे रोपित कराये गए वर्तमान में जीवित पौधों की संख्या क्या है? क्या पौधरोपण में निर्धारित मापदण्डों का पालन कराया गया है? यदि नहीं, तो उक्त कार्य में गड़बड़ी निर्धारित पौधे न लगाये जाने व अधिकतम पौधे सूख जाने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) उक्त वृक्षारोपण कार्य में फेंसिंग व जाली लगाने का कार्य किस एजेंसी को दिया गया था? उक्त कार्य अत्यंत गुणवत्ताहीन कराये जाने हेतु कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित प्रकरण में किसी वरिष्ठ अधिकारी से जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सागर जिले में एन.एच. 26 फोर-लेन सड़क के दोनों ओर वृक्षारोपण का कार्य उत्तर वनमंडल सागर द्वारा विभागीय रूप से वर्ष 2011-12 से 2016-17 की अवधि में कराया गया है। क्रियान्वयन एजेन्सी वन विभाग स्वयं है, इसलिये अन्य किसी एजेन्सी का चयन एवं कार्य दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तर वनमंडल सागर द्वारा एन.एच. 26 फोर-लेन मार्ग के दोनों ओर कुल 35725 पौधे रोपित किये गये हैं। जीवित पौधों की संख्या 22343 है। पौधा रोपण कार्य में निर्धारित मापदंडों का पालन किया जाना नहीं पाया जाता है जिसकी जाँच कराई जा कर उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जाएगा। (ग) उक्त वृक्षारोपण कार्य में फैंसिंग/जाली लगाने का कार्य वनमंडल के द्वारा विभागीय रूप से कराया गया है। कार्य किसी अन्य एजेन्सी को नहीं दिया गया है। कार्य की गुणवत्ता के संबंध में प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दर्शाए अनुसार जाँच उपरांत कार्यवाही की जाएगी। (घ) जी हाँ। जाँच शीघ्र पूर्ण कराई जाएगी।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
जतारा
नगर में
बाई-पास सड़क
निर्माण में
अनियमितता
1. ( क्र. 127 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जतारा नगर का बाई-पास निर्माण न होने के कारण आये दिन कस्बे में जाम की स्थिति बनी रहती है तथा उक्त बाई-पास निर्माण की अवधि भी पूर्ण हो चुकी है परन्तु आज दिनांक तक निर्माण कार्य पूर्ण क्यों नहीं हो पा रहा है? (ख) क्या उक्त बाई-पास सड़क निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य किया जा रहा है, नीचे से बेश कमजोर है तथा खराब मिट्टी पत्थरों को भर दिया गया है? (ग) क्या उक्त बाई-पास सड़क निर्माण में घटिया सामग्री लगाये जाने की उच्च अधिकारियों से जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें तथा समयावधि पूर्ण हो जाने पर ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, ठेकेदार द्वारा कार्य धीमी गति से करने के कारण। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। कार्य में विभागीय मापदण्ड अनुसार सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। जी हाँ। कार्य पूर्ण हो जाने के बाद अनुबंधानुसार कार्यवाही की जावेगी।
पलेरा बल्देवगढ़ मार्ग निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग
2. ( क्र. 128 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में पलेरा से बल्देवगढ़ तक सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है और ठेकेदार द्वारा मनमानी करते हुये खराब पत्थरों का भराव किया गया है तथा पानी की भारी कमी की जा रही है तथा विभाग के द्वारा किसी प्रकार की देख-रेख भी नहीं की जा रही है? (ख) उक्त सड़क शासन के किन-किन मापदण्डों के आधार पर निर्मित की जानी चाहिये तथा इसका ठेकेदार कौन है? सम्पूर्ण जानकारी एवं नियमावली से अवगत करायें? (ग) क्या उक्त सड़क निर्माण के कार्य में सूखा होने के कारण पानी कम डाले जाने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में पानी अधिक डाले जाने के निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा उक्त कार्य हेतु अन्तराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त गुणवत्ता नियंत्रक सलाहकार मेसर्स एकॉम एशिया कंपनी लिमिटेड की नियुक्ति की गई है। नियुक्त कंसलटेंट द्वारा हर स्तर पर कार्य का निरीक्षण एवं गुणवत्ता परीक्षण किया जाता है। एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारियों द्वारा भी समय-समय पर स्थल निरीक्षण किया जाता है। अत: किसी प्रकार अनदेखी का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता। (ख) सड़क का निर्माण एम.ओ.आर.टी. एंड एच स्पेसीफिकेशन एवं आई.आर.सी. द्वारा स्थापित मापदण्डों एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार किया जाता है। इस कार्य का ठेकेदार मेसर्स माधव इन्फ्रा प्रोजेक्ट लि. मे. एम.एस. खुराना इंजीनियरिंग लि. (जे.व्ही.) बडोदरा है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशासकीय कॉलेजों के भवन निर्माण अनुमति में अनियमितता
3. ( क्र. 160 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत कौन-कौन से अशासकीय कॉलेज किस-किस स्थान पर संचालित हैं? अशासकीय कॉलेजों के भवन निर्मित किये जाने हेतु संबंधित मान्यता प्रदायकर्ता संस्थान के राजस्व से संबंधित क्या मापदण्ड हैं? क्या इन मापदण्डों अनुसार ही भवन का निर्माण किया गया है? (ख) क्या उक्त प्रश्नांश (क) के कॉलेज अवैध कॉलोनी में स्थित हैं? यदि हाँ, तो भवन निर्माण हेतु विभिन्न विभागों से निर्माण कार्य हेतु अनुमति इनको कैसे प्राप्त हुई? क्या यह अनुमति गलत तरीके से प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है, उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत संचालित कुल 90 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। अशासकीय कॉलेजों के भवन निर्मित किये जाने हेतु संबंधित मान्यता प्रदायकर्ता संस्थान के राजस्व से संबंधित मापदंड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। जी हाँ। (ख) उपलब्ध जानकारी के अनुसार जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नील गाय की समस्या का स्थाई निदान
4. ( क्र. 178 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के अधिकांश जिलों में नील गाय किसानों के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है? आये दिन किसानों की फसलों को नुकसान पहुँचा रही है तथा राज्य में इस समस्या से निपटने हेतु कोई विशेष अभियान भी नहीं चलाया जा रहा है? (ख) क्या बिहार राज्य की तरह म.प्र. में भी कोई सख्त कानून बनाया जावेगा? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
वन
मंत्री ( डॉ.
गौरीशंकर
शेजवार ) : (क) यह
सही है कि मध्यप्रदेश
के कुछ जिलों
में नीलगाय से
कृषि फसलों के
नुकसानी के
कारण नीलगाय
किसानों के
लिए बड़ी समस्या
बनती जा रही
है। यह भी सही
है कि इनके
द्वारा
कभी-कभी
किसानों को
नुकसान
पहुंचाया है।
राज्य में इस
समस्या के
निदान हेतु
निम्न
योजनाएं
क्रियान्वित
हैं-
1. मध्यप्रदेश
शासन, वन
विभाग द्वारा
फसल हानि करने
पर नीलगाय को
मारने हेतु
अनुमति जारी
करने के लिय
वर्ष 2000
में समस्त
जिलों के
उपखंड
अधिकारी
राजस्व को
प्राधिकृत
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है। 2. मध्यप्रदेश
लोक सेवाओं के
प्रदान की
गांरटी अधिनियम, 2010 के तहत
सेवा क्रमांक 4.6 में वन्यप्राणियों
से फसलहानि
होने पर 30
कार्य दिवस
में राहत राशि
का भुगतान
राजस्व
विभाग द्वारा
प्रभावित
लोगों को दिये
जाने का
प्रावधान
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है। 3. प्रदेश
में नीलगायों
से फसल हानि
को रोकने के
उद्देश्य से
वर्तमान में 50
नीलगायों को
छतरपुर/नीमच/ उज्जैन/मंदसौर
जिले के राजस्व
क्षेत्र से
पकड़ कर अन्यत्र
वनक्षेत्र
में छोड़े
जाने की
कार्यवाही
हेतु शासन
द्वारा सहमति
दी गई है।
नीलगायों के
स्थानांतरण
का कार्य
प्रायोगिक
तौर पर किया
जा रहा है।
यदि उक्त
योजना के
क्रियान्वयन
से नीलगायों
से फसल हानि
को रोकने हेतु
सकारात्मक
प्रभावी
परिणाम
प्राप्त
होते हैं, तो यह
कार्य प्रदेश
के अन्य फसल
हानि से
प्रभावित
क्षेत्रों
में भी क्रियान्वित
किया जा सकता
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार
है। (ख) बिहार
राज्य
द्वारा इस
संबंध में
बनाये गये सख्त
कानून की
जानकारी
उपलब्ध नहीं
है। अत: बिहार
राज्य की तरह
कानून बनाने
बाबत् मत दिया
जाना संभव
नहीं है। (ग)
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
नवीन महाविद्यालयों में विभिन्न संकायों की शिक्षा
5. ( क्र. 238 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा स्थापित नवीन महाविद्यालयों में कौन-कौन से विषयों की शिक्षा दी जा रही है? (ख) वाणिज्य (कामर्स) संकाय को भी सम्मिलित किया गया है या नहीं, अगर नहीं तो कारण बतावें? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में सीतामऊ, शामगढ़, सुवासरा, महाविद्यालय के भवन निर्माण की राशि तथा प्लाट को चिह्नित कर लिया गया है अगर हाँ, तो राशि तथा स्थान का नाम बतावें? (घ) सीतामऊ, शामगढ, सुवासरा के महाविद्यालय के भवन निर्माण का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय सुवासरा में कला संकाय-हिन्दी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, इतिहास, समाज शास्त्र, राजनीति विषयों की शिक्षा दी जाती है। (ख) जी नहीं। सीमित संसाधनों व मापदण्डो के अनुसार निर्णय किया जाता है। (ग) शासकीय महाविद्यालय, सीतामऊ, शामगढ एवं सुवासरा के भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत नहीं की गई है, उक्त महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु भूमि चिन्हित की गई है। विवरण निम्नानुसार है, 1. सीतामऊ महावि. के भवन निर्माण हेतु - स्थान- लूदना रोड़, सीतामऊ, 2. शामगढ़ महावि. के भवन निर्माण हेतु- स्थान- धामनिया, सुवासरा रोड़, शामगढ, 3. सुवासरा महावि. के भवन निर्माण हेतु - स्थान- चिकित्सालय के पास, सुवासरा। प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के पश्चात् राशि की जानकारी दी जाना संभव होगा (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मंदसौर जिले को प्राप्त राशि
6. ( क्र. 239 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 के बजट में मंदसौर जिले को कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) मंदसौर जिले में खेल विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्यक्रम कराएं गए नाम एवं स्थान सहित विगत एक वर्ष की जानकारी देवें? (ग) मंदसौर, मल्हारगढ़, सुवासरा, गरोठ विधान सभा क्षेत्र के कितने स्कूलों में खेल सामग्री वितरण की है? स्कूल का नाम तथा दी गई सामग्री का विगत एक वर्ष का विवरण दें? (घ) मंदसौर जिले में खेल विभाग द्वारा कितनी प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया है? विधान सभावार विगत एक वर्ष की जानकारी देवें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) वर्ष 2015-16 के बजट से मंदसौर जिले को रू. 25,14,000/-प्राप्त हुई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ग) मंदसौर, मल्हारगढ़, सुवासरा, गरोठ विधान सभा क्षेत्र के स्कूलों को विगत एक वर्ष में कोई भी खेल सामग्री वितरित नहीं की गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।
जनभागीदारी समितियों में अध्यक्ष का नामांकन
7. ( क्र. 279 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के किन-किन शासकीय महाविद्यालयों की जनभागीदारी समितियों में अध्यक्षों का नामांकन नहीं किया गया है? महाविद्यालयों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या शिवपुरी जिले के शासकीय महाविद्यालय पोहरी में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष नामांकन प्रश्न दिनांक तक नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो उक्त महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति पोहरी के अध्यक्ष का नामांकन कब तक कर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
स्वीकृत स्टेडियम एवं खेल मैदानों का निर्माण
8. ( क्र. 302 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले में जून-2016 की स्थिति में कौन-कौन से स्टेडियम एवं खेल मैदान कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत है? उक्त में से कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हो चुके है और कौन-कौन से कार्य अभी तक क्यों प्रारंभ नहीं हुए है? उक्त कार्य कब तक प्रारंभ होगे? (ख) प्रदेश में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने की विभाग की क्या योजनाएं है? योजनांतर्गत जनवरी 2015 से जून 2016 तक क्या-क्या गतिविधियां संचालित की गई? (ग) प्रदेश में खेल विभाग द्वारा अप्रैल 2015 से जून 2016 तक किन-किन को किस-किस पुरस्कार से कब-कब, कहाँ पर सम्मानित किया गया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) शिवपुरी जिले में जून 2016 की स्थिति में रूपये 80.00 लाख की लागत से स्वीकृत स्टेडियम एवं खेल मैदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’क’’ अनुसार है, जिसमें वस्तुस्थिति की जानकारी भी समाहित है। (ख) प्रदेश एवं शिवपुरी जिले में प्रश्नांकित अवधि में संचालित गतिविधियों एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ख’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में खेल पुरस्कारों से सम्मानित खिलाड़ियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ग’’ अनुसार है।
सींघन के पास से बंजारों द्वारा किए गए कब्जे को हटाने
9. ( क्र. 303 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस तहसील के ग्राम सींघन के पास बाहर से आए बंजारों द्वारा लगभग एक हजार बीघा वन भूमि पर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से पेड़ों को काटकर अवैध कब्जा कर खेती की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त वन भूमि को विभाग बंजारों के कब्जे से कब तक मुक्त करायेंगे? (ख) क्या शिवपुरी जिले में वन भूमि पर खेती की जा रही है? यदि हाँ, तो किन-किन वन परिक्षेत्रों के अंतर्गत किस-किस कंपार्टमेंट नम्बर के आरक्षित एवं संरक्षित वन के अंतर्गत कितने-कितने रकबे में कितने व्यक्तियों द्वारा खेती की जा रही है? (ग) क्या विगत पाँच वर्षों में शिवपुरी जिले में वनों को काटकर उस पर अवैध खेती करने एवं अवैध उत्खनन करने की कोई जानकारी क्षेत्रीय कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा दी गई है? यदि हाँ, तो दी गई जानकारी एवं उस पर की गई कार्यवाही का विवरण दें? (घ) क्या जिन वन परिक्षेत्रों के अंतर्गत जिस संरक्षित एवं आरक्षित भूमि पर वनों को काटकर अवैध खेती की जा रही है? अवैध उत्खनन किया जा रहा है? उस क्षेत्र में विभाग का कोई कर्मचारी/अधिकारी तैनात नहीं था? यदि तैनात था तो अवैध खेती एवं उत्खनन कैसे हुआ? क्षेत्र में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी द्वारा इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? क्या शासन इनके विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि ग्राम सींघन के पास बाहर से आये बंजारों द्वारा कक्ष क्रमांक पी. 1255, बीट बिजरावन में लगभग 60 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया था, जिसका वन अपराध प्रकरण क्रमांक 3977/13 दिनांक 30.08.2009 पंजीबद्ध किया जाकर माननीय न्यायालय में परिवाद क्रमांक 769/01 दिनांक 15.09.2009 प्रस्तुत किया जा चुका है। उक्त वन भूमि को बंजारों के कब्जे से मुक्त कराने हेतु भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 80 (अ) के तहत कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। वन विभाग के क्षेत्रीय अमले द्वारा अवैध खेती एवं उत्खनन की नियमानुसार रोकथाम एवं वैधानिक कार्यवाही की जाती है।
राजगढ़ वनमण्डल में रोपे गये पौधों की स्थिति
10. ( क्र. 351 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वन विभाग के माध्यम से पौधें रोपे जाने के निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) यदि हाँ, तो वनमण्डल राजगढ़ की किन-किन रेंजों के किन-किन कम्पाउण्ड केन्द्रों में कितने हेक्टर में कितने प्रकार के पौधे रोपे गये हैं? रोपे गये पौधों की वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक वर्गवार जानकारी देवें? (ग) कुल रोपित किये गये पौधों में से वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं? (घ) यदि पौधें जीवित नहीं हैं तो किस-किस जाति के कितने-कितने पौधे मृत पाये गये हैं? मृत पाये पौधों की संख्या क्षेत्रवार बतावें? इसके लिये कौन दोषी है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। रोपण संबंधी मध्यप्रदेश शासन के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
वृक्षारोपण करना
11. ( क्र. 419 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रदेश के वनमण्डलों के वनक्षेत्रो में किन स्थानों पर कितने-कितने हेक्टेयर में कितना पौधो का रोपण हुआ है? रोपण स्थलवार जानकारी देवे? व्यय की भी जानकारी देवें?। (ख) प्रश्नांश (क) के रोपण क्षेत्रों में रोपित पौधो में से वर्तमान में जीवित पौधो का प्रतिशत क्या है?। (ग) प्रश्नांश (क) में वृक्षारोपणों का भौतिक सत्यापन किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
छात्रों को आवागमन की सुविधा प्रदान करना
12. ( क्र. 420 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अधिक से अधिक छात्राओं को शिक्षित करने के लिए शासकीय माहविद्यालयों में अध्ययनरत् ऐसी छात्राएं जो महाविद्यालय से 5 किलो मीटर से अधिक की दूरी पर निवास करती हैं उन्हें आवागमन की सुविधा दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो विदिशा जिले के अन्तर्गत शासकीय महाविद्यालयों वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 प्रवेशिक छात्राओं में से ऐसी कितनी छात्रायें हैं, जो महाविद्यालय से 5 किलोमीटर से अधिक दूरी पर निवास करती है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधानुसार कितनी छात्राओं को आवागमन की सुविधा प्रदान की गई है, कितनी शेष है, शेष को भुगतान नहीं किये जाने के लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) शेष रही छात्राओं को योजना का लाभ कब तक प्रदान किया जावेगा, समय-सीमा बतावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) विदिशा जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रवेशित छात्राओं में से 5 किमी से अधिक दूरी पर निवास करने वाली छात्राओं की संख्या क्रमशः 945 एवं 1246 है। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रावधान अनुसार उत्तरांश (ख) में उल्लेखित समस्त पात्र छात्राओं को आवागमन की सुविधा प्रदान की गई है। कोई छात्रा शेष नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
धारा 27 एवं 28 की जानकारी
13. ( क्र. 428 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पंचायत सचिव संगठन 8401/2000 की धारा 27 एवं 28 की जानकारी 1 अप्रैल 10 से अप्रैल 16 के बीच कब-कब प्रस्तुत की गई? प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) संस्था का कार्यालय कहाँ पर है? स्वयं का है या किराये का है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) संस्था की ओर से प्रश्नांश अवधि में धारा 27 एवं 28 की जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्यालयीन रिकार्ड अनुसार संस्था का कार्यालय राजपूत भवन, तहसील कालोनी, पचमढ़ी रोड, पिपरिया, जिला होशंगाबाद पर स्थित है। शेष जानकारी का मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के अंतर्गत संधारण नहीं किया जाता है।
कुण्डम से सिलौण्ड़ी मार्ग निर्माण
14. ( क्र. 430 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुण्डम विकासखण्ड के अधीन कुण्डम से सिलौण्डी मार्ग पूर्ण रूप से टूट चुका है? जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित है। इस मार्ग को बी.ओ.टी. मार्ग में शामिल करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) मार्ग के नव निर्माण की क्या योजना है? मार्ग के नव निर्माण कार्य कब तक, किस योजना के द्वारा, किस एजेंसी के माध्यम से पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। (ख) विभाग के अधीन 2.10 कि.मी. के मजबूतीकरण का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। वित्तीय संसाधन की उपलब्धतानुसार स्वीकृति हेतु विचार किया जा सकेगा। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
गाड़ा पुल निर्माण
15. ( क्र. 432 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सैलवारा से कछारगॉव मार्ग में बनने वाले गाड़ा पुल सहित अन्य पुल पुलियों की स्वीकृति कब प्रदान की गई थी? स्वीकृत आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गाडा पुल निर्माण की निविदा आमंत्रण एवं कार्य में हो रहे अति विलंब के समाधान हेतु विभाग अभी तक ठोस प्रयास क्यों नहीं किये गये? लागत का पुर्ननिर्धारण करते हुये नये सिरे से निविदा आमंत्रण करते हुये कार्य कब करा लिये जावेगें? (ग) प्रश्नांश (क) गाड़ा पुल के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री को प्रस्तुत ज्ञापन में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई वर्षा ऋतु आ चुकी है और समस्या यथावत है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सीहोरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सैलवारा से कछारगांव मार्ग में बनने वाले गाड़ा पुल सहित अन्य पुल पुलियों की स्वीकृति दिनांक 01.06.2006 को प्रदान की गई है। स्वीकृति आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गाड़ाघाट में पुल निर्माण हेतु निविदा आमंत्रण हेतु एवं कार्य में हो रहे विलंब के समाधान हेतु विभाग द्वारा निरंतर ठोस प्रयास किये गए है। पुल निर्माण हेतु एजेन्सी का निर्धारण किया जाकर दिनांक 11.06.2016 को अनुबंध किया गया है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 10.07.2017 है। (ग) पुल निर्माण हेतु ठेकेदार से अनुबंध हो गया है तथा दिनांक 11.06.2016 को कार्यादेश दिया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंहस्थ 2016 में वन विभाग द्वारा किये गये कार्यों
16. ( क्र. 462 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में सिंहस्थ 2016 में वन विभाग द्वारा किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कार्यवार, मदवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) किन-किन एजेंसियों को किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना भुगतान किया गया तथा किस एजेंसी का कितना भुगतान किया जाना शेष है? संपूर्ण सूची उपलब्ध करावें। (ग) विभाग द्वारा स्वयं बिना टेण्डर के कितना कार्य किया गया है? उसकी भी संपूर्ण सूची उपलब्ध करावें? (घ) सिंहस्थ 2016 में किऐ गये कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है? समस्त कार्यों का भौतिक सत्यापन कर वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 ''अ'' एवं 1 ''ब'' अनुसार है। (ख) वन विभाग द्वारा ही कार्यों का सम्पादन किया गया है, अन्य किसी एजेन्सी से कार्य नहीं कराये गये हैं। अत: अन्य एजेन्सियों को भुगतान किया जाना अथवा शेष भुगतान का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) सिंहस्थ, 2016 में किये गये कार्य पूर्ण हो चुकें हैं। अस्थाई डिपो में भण्डारित वनोपज में से शेष बची वनोपज का नीलामी द्वारा निर्वतन किया जा चुका है। वृक्षारोपणों का रख-रखाव कार्य प्रचलित है। कार्यों का भौतिक सत्यापन सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से आय
17. ( क्र. 499 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्रति वर्ष देश एवं विदेश से पर्यटक आते हैं? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक प्रति वर्ष कुल कितने-कितने देशी एवं विदेशी पर्यटक उद्यान के अलग-अलग गेटों में आये? (ग) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटन हेतु आये देशी एवं विदेशी पर्यटकों से वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक उद्यान के किस-किस गेट से कितनी-कितनी आय हुई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) कान्हा टाइगर रिजर्व के प्रवेश करने वाले देशी एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ग) कान्हा टाइगर रिजर्व में देशी एवं विदेशी पर्यटकों से प्राप्त आय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट प्रपत्र-2 पर है।
खनिज रायल्टी की कटौती
18. ( क्र. 500 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा निर्माण कार्य निविदा आमंत्रण कर करवाया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ठेकेदारों के बिल से कितनी-कितनी राशि गौण खनिज रायल्टी की कटौती की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ- 2 एवं अ-3 अनुसार है।
एस.एच. 14 पर पुल निर्माण
19. ( क्र. 526 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. के प्रश्न संख्या 123 (क्रमांक 5015) दिनांक 08 मार्च, 2016 में बताया गया था कि स्टेट हाईवे क्रमांक 14 ब्यावरा से सिरोंज मार्ग के ब्यावरा सुठालिया के मध्य क्रमश: बरखेड़ा, धानियाखेड़ी गिन्दौरहाट एवं सिलपटी ग्राम के निकट स्थित चार पुलों का निर्माण सड़क निर्माण में सम्मिलित नहीं था एवं उक्त पुल रियासतीकाल से निर्मित है तथा वर्षाकाल में उक्त पुल क्षतिग्रस्त होने से आवागमन अवरूद्ध हो गया था? तो प्रश्न दिनांक तक उक्त चारों पुलों के निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त पुल जर्जर अवस्था में होने व उनका निर्माण प्रश्न दिनांक तक नहीं कराये जाने से आगामी वर्षाकाल में पुन: आवागमन अवरूद्ध होगा और आम नागरिकों को भारी कठिनाईयां उत्पन्न होगी? यदि हाँ, तो इस समस्या के निराकरण हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कदम उठाये गये? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त चारों पुलों के निर्माण की स्वीकृति प्रथम अनुपूरक बजट में प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्राथमिक तकनीकी प्रस्ताव तैयार किये जा रहे है। (ख) जी हाँ। अतिवृष्टि की स्थिति में संभावना होगी। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) प्राथमिक प्रस्ताव तैयार किये जा रहे है। अत: प्रथम अनुपूरक बजट में सम्मिलित किया जाना संभव नहीं होगा। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बाउण्ड्रीवाल एवं पहुंच मार्ग निर्माण की स्वीकृति
20. ( क्र. 527 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या-145 (क्र. 3325) दिनांक 29 फरवरी, 2016 के उत्तर में बताया गया था कि संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. जिला राजगढ़ द्वारा आई.टी.आई. ब्यावरा के लिये पुनरीक्षित प्रस्ताव जिसमें बाउन्ड्रीवॉल निर्माण हेतु राशि रूपये 24,41,756/- तथा पहुंच मार्ग की राशि रूपये 62.70 लाख पर पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन है? तो क्या उक्त पुनरीक्षित प्रस्तावों को प्रश्न दिनांक तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या वर्तमान शैक्षणिक सत्र से नवनिर्मित भवन में आई.टी.आई. का संचालन प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो क्या राष्ट्रीय राजमार्ग से महज 500 मीटर की दूरी पर संस्था स्थित होने से परिसर की बाउन्ड्रीवॉल अत्यंत आवश्यक है एवं पहुंच मार्ग नहीं होने से वर्षाकाल में छात्र-छात्राओं को आवागमन में काफी कठिनाईयां उत्पन्न होगी? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त पुनरीक्षित प्रस्तावों को यथाशीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। लेकिन मार्ग की राशि रू. 62.67 लाख नहीं अपितु रू. 6.27 लाख है। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन होने के कारण। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दातरदा मिनी स्टेडियम का निर्माण
21. ( क्र. 621 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम दातरदा में मिनी स्टेडियम दिनांक 14.09.2015 को स्वीकृत हुआ? स्वीकृत राशि भी प्राप्त हो चुकी है के बावजूद वर्तमान तक उक्त स्टेडियम निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित करने में विलम्ब के क्या कारण है? (ख) क्या ई.ई.आर.ई.एस. व एस.डी.ओ. आर.ई.एस. उपखण्ड श्योपुर की उदासीनता के कारण उक्त स्टेडियम के निर्माण हेतु निविदा एवं अन्य नियमानुसार आवश्यक कार्यवाहियां यथासमय पूर्ण करने में रूकावट पैदा हो रही है, इस कारण स्वीकृत राशि का सदुपयोग व स्टेडियम निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त स्टेडियम के निर्माण हेतु उक्त समस्त कार्यवाहियां यथासमय पूर्ण न कराने के लिये उत्तरदायियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए क्या शासन अब समस्त वैधानिक कार्यवाहियां शीघ्रता से पूर्ण कराकर स्टेडियम निर्माण कार्य एक निश्चित समय-सीमा में प्रारंभ करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम दातरदा में ग्रामीण स्टेडियम दिनांक 14.09.15 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राशि रू. 80.00 लाख की जारी की जाकर वर्तमान तक राशि रू. 40.00 लाख का ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को आवंटन प्राप्त हुआ है। सीमांकन में विलंब होने के कारण निविदा कार्यवाही में विलंब हुआ। (ख) उपरोक्त प्रकरण में एस.डी.ओ. गामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य का नवीन एस.ओ.आर. पर प्राक्कलन प्रस्तुत करने में एस.डी.ओ. आर.ई.एस. श्योपुर द्वारा विलंब किया गया एवं उनके द्वारा दिनांक 09.06.16 को प्राक्कलन ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय में प्रस्तुत किया जो कि पत्र क्रमांक 1405 दिनांक 09.06.16 द्वारा अधीक्षण यंत्री मंडल मुरैना को प्रेषित किया गया एवं उनके द्वारा कार्य की तकनीकी स्वीकृति क्रमांक 23 दिनांक 10.06.16 द्वारा प्रदाय की गई। वर्तमान में कार्य का सीमांकन तहसीलदार द्वारा दिनांक 27.06.16 को करने पश्चात् कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय के पत्र क्रमांक 1525/ऑ.श्योपुर दिनांक 01.07.16 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी श्योपुर को कार्य का डी.पी.आर. 07 दिवस में प्रस्तुत करने हेतु लेख किया गया है। डी.पी.आर. प्राप्त होने के पश्चात् ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा निविदा कार्यवाही की जाना संभव हो सकेगा। (ग) सर्वप्रथम एस.डी.ओ. गामीण यांत्रिकी विभाग श्योपुर से डी.पी.आर. प्राप्त होने के पश्चात् ही ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा कार्य की निविदा लगाई जाकर कार्य पूर्ण कराया जाना संभव हो सकेगा। चूंकि निर्माण कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया जा रहा हैं इसलिये कार्य प्रारम्भ की समय-सीमा इस विभाग द्वारा बताई जाना संभव नहीं है।
पार्वती नदी पर नवीन पुल निर्माण
22. ( क्र. 622 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत श्योपुर खातौली अंतर्राज्यीय मार्ग पर पार्वती नदी का पुल सड़क लेवल से बहुल नीचा व सकरा है, प्रतिवर्ष वर्षाकाल में नदी में उफान आ जाने पर ये डूब कर क्षतिग्रस्त हो जाता है। आवागमन भी अवरूद्ध हो जाता है। नागरिकों को कठिनाईयां होती हैं, इन सभी तथ्यों को प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 5 (क्रमांक 1538) दिनांक 15.03.2016 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) में स्वीकार भी है? क्या नागरिकों की उक्त कठिनाईयों का स्थाई हल तभी सम्भव है जब उक्त पुल को नवीन ऊंचा व चौड़ा बना दिया जावे, ये पुल राजस्थान के महानगरों को भी जोड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त नवीन पुल निर्माण कार्य को विभाग की प्राथमिकता सूची में शामिल करके इसकी डी.पी.आर. तैयार करवाकर इसकी यथाशीघ्र प्रशासकीय स्वीकृति जारी करेगा व बजट में शामिल करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ। (ख) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार ही कार्यवाही किया जाना संभव होगा, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुना जिले में मंदिर भूमि की जानकारी
23. ( क्र. 637 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले में कितनी भूमि मंदिर माफी की है व उसमें से कितनी भूमि पर वर्षों से दबंगों का कब्जा है? इसे कब तक कब्जे से मुक्त करा लिया जावेगा? (ख) शासन द्वारा ऐसे मंदिरों के रख-रखाव हेतु वार्षिक बोली लगाकर, बोली से प्राप्त धनराशि से मंदिर का रख-रखाव करने संबंधी कोई योजना विचाराधीन है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त योजना कब तक बना ली जावेगी? (ग) मंदिर के पुजारियों को जो मानदेय शासन द्वारा दिया जा रहा है? क्या उक्त मानदेय वास्तविक पुजारियों को प्राप्त हो रहा है अथवा अन्य किसी को? यदि वास्तविक पुजारियों को प्राप्त हो रहा है, तो सूची उपलब्ध करावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आय एवं व्यय का ब्यौरा
24. ( क्र. 662 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में स्थित माता रतनगढ़ की समिति या रतनगढ़ सेवा समिति का आय एवं व्यय का संपूर्ण ब्यौर 31 मार्च, 2014 से प्रश्न दिनांक तक सूची सहित मदवार उपलब्ध करायें? (ख) कंडिका (क) में वर्णित सीमित में राशि आहरित करने के अधिकार किसकों है नियम उपलब्ध कराया जावे? 31 मार्च, 2014 के उपरांत यहां क्या-क्या विकास कार्य कराये गये उनकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के साथ-साथ संपूर्ण व्यय की मदवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ग) मंदिर पर जो विशाल घंटा चढ़ाया गया है उसमें कितनी पीतल मंदिर से दी गई तथा कितनी राशि उसके निर्माण पर खर्च की गई इसी प्रकार पीतल के अन्य कौन-कौन कार्य कराये जा रहे है उनकी जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (घ) क्या अनुविभागीय अधिकारी सेंवढ़ा द्वारा माता मंदिर की राशि का अपव्यय किया गया है जो कार्य कम राशि में हो सकते थे वो अधिक राशि में कराये गये किसी भी कार्य के टेण्डर नहीं किये यदि हाँ, तो संबंधित के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी यदि नहीं, तो किये गये कार्यों की जाँच करा ली जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय महाविद्यालय लांजी का नाम परिवर्तन
25. ( क्र. 671 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी द्वारा 6 मई 2011 को बोलेगांव प्रवास के दौरान शासकीय महाविद्यालय का नाम स्व. दिलीप भटेरे शासकीय महाविद्यालय लांजी करने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो मुख्यमंत्री महोदय के घोषणा के अनुरूप शासकीय महाविद्यालय लांजी का नाम स्व. दिलीप भटेरे शासकीय महाविद्यालय लांजी करने हेतु विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) शासकीय महाविद्यालय लांजी का नाम कब तक स्व. दिलीप भटेरे शासकीय महाविद्यालय लांजी किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के आलोक में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
बांस का उत्पादन
26. ( क्र. 743 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बांस उत्पादन तथा बांस से बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रदेश में कोई बड़ी समिट इंदौर में संपन्न हुई है? यदि हाँ, तो समिट में शामिल निवेशकों एवं मांग का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या विदेशी निवेशकों ने शासन को कोई प्रस्ताव दिये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से? (ग) क्या निवेशकों की मांग बांस उत्पादन को कृषि की श्रेणी में शामिल करने की है? यदि हाँ, तो सरकार इस दिशा में क्या कदम उठा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बांस उत्पादन तथा बांस से बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए इंदौर में विश्व बांस सम्मेलन, 2016 का आयोजन 8 से 10, अप्रैल, 2016 में किया गया था। यह विश्व बांस सम्मेलन बांस क्षेत्र में निवेश से संबंधित नहीं था और न ही इसमें बांस क्षेत्र से संबंधित कोई मांग निवेशकों द्वारा रखी गई। (ख) जी नहीं। (ग) समिट में उपस्थित हुऐ प्रतिनिधियों द्वारा बांस उत्पादन को कृषि श्रेणी में शामिल की मांग अथवा प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया। अत: इस दिशा में कदम उठाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लैण्ड बैंक में शामिल भूमि
27. ( क्र. 744 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नये उद्योगों की स्थापना दिशा में सन् 2014 से अब तक कितने निवेशकों ने किस-किस उद्योग स्थापना हेतु सरकार से कितनी-कितनी राशि के करार किए? (ख) उपरोक्त अवधि में अब तक कितना निवेश वास्तविकता के धरातल पर किया जा चुका है? (ग) प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने लैण्ड बैंक बनाया है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी भूमि किन-किन स्थानों पर लैण्ड बैंक में शामिल की है? (घ) क्या उज्जैन संभाग के रतलाम जिले व मंदसौर एवं उज्जैन जिले को लैण्ड बैंक में सम्मिलित किया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ की भूमि को एवं यदि नहीं, तो पर्याप्त भूमियां उपलब्धि उपरांत भी क्यों नहीं किया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्ष 2014 से अब तक उदयोगों की स्थापना की दिशा में निवेशकों के साथ करार हस्ताक्षरित नहीं किये गये हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, प्रदेश में उदयोगों को बढ़ावा देने हेतु शासकीय भूमि की उपलब्धता के संबंध में वर्ष 2014 में लैण्ड बैंक बनाया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी हाँ, उज्जैन संभाग के रतलाम जिले व मंदसौर एवं उज्जैन जिले की लैण्ड बैंक में सम्मिलित किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित शा. महाविद्यालय
28. ( क्र. 838 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर शासकीय महाविद्यालय कार्यरत हैं? इन महाविद्यालयों में किन-किन विषयों का अध्यापन कितने अध्यापकों द्वारा कराया जाता है? महाविद्यालयवार दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में कालेज प्रबंधन समिति के पास किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि वित वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई तथा उसमें से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किन कार्यों हेतु किसके निर्देशन में व्यय हुई? सूची देवें। (ग) क्या नगर पंचायत कंटगी में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की मांग काफी समय से चली आ रही है? क्या शासन ग्रामीणजनों की मंशा अनुरूप नगर पंचायत कंटगी जिला जबलपुर में शासकीय महाविद्यालय खोलेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जी हाँ। विभागीय मानदण्डों पर परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। सीमित संसाधनों व मानदण्डों पर परीक्षण अनुसार निर्णय किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सामान्य वन मंडल जबलपुर में वृक्षारोपण
29. ( क्र. 847 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में संचालित सामान्य वन मण्डल जबलपुर को वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक नवीन विस्तृत वृक्षा रोपण कार्यों हेतु कितनी राशि वर्ष/योजनावार प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कहाँ-कहाँ, किस-किस योजना के तहत कितनी राशि से वृक्षारोपण कार्य कराये गये? इनमें किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का लक्ष्य निर्धारित कर लक्ष्य के विरूद्ध कितने-कितने पौधे रोपे गये? इन रोपित पौधों में से कितने वर्तमान समय में जीवित/मृत हो गये? इनकी सुरक्षा एवं अन्य कार्य हेतु कितने श्रमिक रखे गये? (ग) क्या संबंधित विभागीय अमले अरूचि एवं देखभाल के अभाव में समस्त वृक्षारोपण स्थलों पर प्रतिवर्ष आधे से अधिक पौधे मृत हो चुके हैं अथवा होते जा रहे हैं? इसके बावजूद मनमाने तरीके से संबंधित अमले द्वारा अभिलेखों में शासकीय राशि व्यय दर्शाकर इसका दुरूपयोग किया जा रहा है? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कृत्यों की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यावाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शासन द्वारा इस क्षेत्र के लिये वृक्षारोपण के लिये निर्धारित 30 प्रतिशत जीवित पौधों से अधिक पौधे जीवित हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण में जाँच कराने अथवा किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्य
30. ( क्र. 882 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के लोक निर्माण विभाग के अनुभाग ब्यौहारी अंतर्गत वर्तमान में कितने निर्माण कार्य संचालित हैं? (ख) उक्त अनुभाग में कितने उपयंत्री पदस्थ हैं तथा कितने स्थल सहायकों की पदस्थापना है? और किन-किन कार्यों को कराने का दायित्व किस उपयंत्री को दिया गया है और कितने कार्यों को कराने का दायित्व किस स्थल सहायक को दिया गया है? (ग) क्या जिस स्थल सहायक को कार्य कराने की जवाबदारी प्रदान की गई है, उनके दायित्वों को सुनिश्चित करने के लिए कि कार्य में मापदण्ड मुताबिक सामग्री का उपयोग किया गया है? माप पुस्तिका में स्थल सहायकों के हस्ताक्षर कराये जाते हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या भविष्य में उक्त व्यवस्था की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 11 कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 4 उपयंत्री/16 स्थल सहायक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। मैन्युअल अनुसार पात्रता नहीं है प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
महाविद्यालय में स्नात्कोत्तर कक्षाओं का संचालन
31. ( क्र. 900 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिला अंतर्गत विकासखण्ड जयसिंह नगर अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय जयसिंह नगर संचालित है? यदि हाँ, तो कितने वर्षों से तथा कौन-कौन से पाठ्यक्रम संचालित हैं? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालय जयसिंह नगर में स्नात्कोत्तर की कक्षायें संचालित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय जयसिंह नगर जिला- शहडोल में सत्र 1984-85 से कला एवं विज्ञान संकाय में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम संचालित हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग के मकानों का आवंटन
32. ( क्र. 901 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के पास शहडोल जिले में कितने मकान रहवासी हैं और कितने खण्डहर में तब्दील हो गये?। (ख) विभाग द्वारा इन मकानों को वर्तमान में किस-किस को आवंटन किया गया है तथा भवन आवंटन की पात्रता किस-किस को है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कितने मकान हैं जिन पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है तथा खण्डहर पड़े मकानों पर विभाग द्वारा क्या कोई रख-रखाव की कार्यवाही की गई है? (घ) आवंटित मकानों में यदि आवंटी न रह रहा हो तो विभाग द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 87 मकान। कोई नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई मकान नहीं। प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) ऐसा कोई प्रकरण नहीं है, कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पी.आई.यू. के निर्माण कार्य
33. ( क्र. 935 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर एवं पन्ना में पी.आई.यू. के तहत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने निर्माण कार्य, कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये? (ख) उपरोक्त में से कौन-कौन से कार्यों में कितना-कितना विलम्ब हुआ एवं उसके कारण लागत में कितनी-कितनी वृद्धि हुई? (ग) क्या उपरोक्त कार्यों के गुणवत्ताहीन होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? हाँ तो उनका भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं क्या-क्या कमियाँ पाई गई? (घ) उक्त निर्माण कार्य किस-किस एजेन्सी के माध्यम से कराये जा रहे हैं? निर्माण कार्यों में विलम्ब पर लापरवाही करने वाले ठेकेदार/फर्म व अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला छतरपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार एवं जिला पन्ना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। (ख) जिला छतरपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार एवं जिला पन्ना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिला छतरपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' एवं जिला पन्ना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-2' अनुसार है। (घ) जिला छतरपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार एवं जिला पन्ना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है।
प्रयोगशाला तकनीशियनों की वेतन विसंगति
34. ( क्र. 938 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ प्रयोगशाला तकनीशियनों के वेतनमान विसंगतियों को सुधारने हेतु विभाग स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है। (ख) क्या चिकित्सा एवं तकनीकी महाविद्यालयों में पदस्थ प्रयोगशाला तकनीशियनों का ग्रेड पे 2800 है एवं विज्ञान महाविद्यालयों के प्रयोगशाला तकनीशियनों का ग्रेड पे 2400 है? यदि हाँ, तो इस विसंगति को कब तक दूर किया जा सकेगा। (ग) शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ प्रयोगशाला तकनीशियनों का पदोन्नति का क्या प्रावधान है? क्या प्रत्येक पद पर एक निश्चित समयावधि उपरांत पदोन्नति का प्रावधान है, परन्तु प्रयोगशाला तकनीशियन पूरे कार्यकाल के दौरान एक भी पदोन्नति प्राप्त नहीं कर पाता, विभाग स्तर पर प्रयोगशाला तकनीशियनों की पदोन्नति के संबंध में क्या प्रावधान हैं, यदि नहीं, तो इस पद की पदोन्नति के संबंध में शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जावेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ख) जी हाँ। केवल चिकित्सा महाविद्यालयों में पदस्थ प्रयोगशाला तकनीशियनों का ग्रेड पे 2800 है तथा तकनीकी एवं विज्ञान महाविद्यालयों में ग्रेड पे 2400 है। (ग) जी नहीं। भर्ती नियमों में प्रयोगशाला तकनीशियनों के पद पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है, अपितु 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 30 वर्ष की नियमित सेवा होने पर समयमान—वेतनमान का प्रावधान है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमियों के दावे
35. ( क्र. 952 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चम्बल संभाग के किस वनमंडल का वर्तमान में किस अवधि का वर्किंग प्लान प्रचलित है? उस प्लान में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 20, धारा 29 धारा 4 (1) के तहत अधिसूचित कितनी कितनी भूमि एवं धारा 20 अ के अनुसार मानी गई कितनी कितनी भूमि दर्ज है? (ख) ग्वालियर चम्बल संभाग के किस वनमंडल के वर्किंग प्लान में दर्ज कितनी-कितनी भूमि के जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने वन अधिकार दावे मान्य किये गए? कितनी भूमि के दावे अमान्य किये? कितने सामुदायिक दावे कितनी भूमि के मान्य किये गए? (ग) मान्य किये गए दावों के व्योरे, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास एवं वनकक्ष मानचित्र में दर्ज किये जाने के सम्बन्ध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने दावों में मान्य कितनी भूमि के विवरण दर्ज कर लिए गए है? (घ) कब तक मान्य दावों के विवरण एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास एवं वनकक्ष मानचित्र में दर्ज कर लिए जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत प्रस्तुत दावों को मान्य करने हेतु उनके परीक्षण की कार्यवाही प्रचलित है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन परिक्षेत्र अन्तर्गत राजस्व ग्रामों में सड़कों का निर्माण
36. ( क्र. 996 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन परिक्षेत्र में जो राजस्व ग्राम स्थित हैं, उन ग्रामों में आवागमन के लिये शासन द्वारा सड़क निर्माण की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसे कितने राजस्व ग्राम हैं, जो वन परिक्षेत्र अन्तर्गत आते हैं? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या इन सभी राजस्व ग्रामों में आवागमन के लिये सड़कों का निर्माण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या कारण है? सड़कों का निर्माण कब तक किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन परिक्षेत्रों में आने वाले राजस्व ग्रामों में आवागमन हेतु शासन द्वारा सड़क निर्माण कार्य, लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कराया जाता है। (ख) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 436 राजस्व ग्राम वन परिक्षेत्र पवई सलेहा, कल्दा, रैपुरा, मोहन्द्रा एवं शाहनगर परिक्षेत्र के अंतर्गत आते है। (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार कुछ ग्रामों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग एवं अन्य एजेन्सी द्वारा आवागमन के लिये सड़कों का निर्माण कार्य किया गया है। राजस्व ग्रामों में सड़क निर्माण का कार्य वन विभाग द्वारा नहीं कराये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन जाँच नाके
37. ( क्र. 997 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना वन मण्डल के अन्तर्गत वन जाँच नाके कहाँ-कहाँ कब से स्थापित हैं तथा उक्त नाके स्थापित किये जाने के क्या प्रावधान/निर्देश हैं, की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के स्थापित जाँच नाके, यदि नियम विरूद्ध हैं तो उन्हें कब समाप्त किया जावेगा तथा उक्त नाकों में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई? उक्त कर्मचारियों में से कौन-कौन दैनिक वेतन में कार्यरत है। इनमें किन-किन की उक्त अवधि में क्या शिकायतें हैं, उनकी जाँच कब और किस अधिकारी के द्वारा की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) उत्तर पन्ना एवं दक्षिण पन्ना वनमण्डलों में स्थापित वन जाँच नाकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) अनुसार है। नियमों तथा निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(ब) एवं (स) अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के स्थापित जाँच नाके नियम विरूद्ध नहीं होने के कारण समाप्त किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। इन नाकों पर वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कार्यरत कर्मचारी/दैनिक वेतन भोगियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(द) अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में वनोपज जाँच नाके पर पदस्थ कर्मचारियों के विरूद्ध शिकायत एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(ई) अनुसार है।
भिण्ड जिले के अंतर्गत निर्माण कार्य
38. ( क्र. 1021 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत वर्तमान में कहाँ पर निर्माण कार्य चल रहा है कब तक पूर्ण होना था? किसके साथ अनुबंध किया गया? कब तक पूर्ण होगा? (ख) किलागेट से लहार रोड चौराहा तक सड़क निर्माण का कार्य कब प्रारंभ होगा? कब तक पूर्ण होगा? कितनी लम्बाई, चौड़ाई, ऊंचाई होगी क्या दोनों ओर नाली का निर्माण होगा? (ग) लोक निर्माण विभाग की पी.आई.यू/वि.या. भिण्ड द्वारा विगत तीन वर्षों में कितने कार्य किए गए कितने पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारम्भ हैं? (घ) लोक निर्माण भिण्ड भवन/ पथ का विगत तीन वर्षों में क्या कमियां पाई गई? कब तक पूर्ण होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
39. ( क्र. 1044 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के शासकीय महाविद्यालय जीरापुर एवं शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर में कौन-कौन से पद संकायवार सहायक प्राध्यापकों के स्वीकृत है तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद कब से किन कारणों से रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त दोनों महाविद्यालयों में प्राचार्य के पद पर भी सहायक प्राध्यापकों को अतिरिक्त प्रभार देकर काम कराया जा रहा है तथा आधे से भी अधिक सहायक प्राध्यापक के पदों को अतिथि विद्वानों से शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है, जिससे छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ प्राप्त न होकर निरंतर अध्ययन कार्य बाधित हो रहा है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त दोनों महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रश्नांश की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दृष्टांकित है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग से विज्ञापन दिनांक 19.2.2016 को जारी हो चुका है तथा चयन प्रक्रिया जारी है। वर्तमान व्यवस्थातंर्गत शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकतानुसार विषय विशेषज्ञों के अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सुचारू रूप से किया जाता है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। विषय विशेषज्ञ अतिथि विद्वानों के आमंत्रण से अध्यापन कार्य सुचारू है, जिससे अध्यापन कार्य बाधित होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) के संदर्भ में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
सड़कों का निर्माण
40. ( क्र. 1065 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र मऊगंज-71 में मुख्यमार्ग हाटा-कोढ़वा पहुंच मार्ग, बन्ना महात्मान प्लाट टोला-घोघम पहुंच मार्ग, मुख्यमार्ग बरही-कोढ़वा पहुंचमार्ग, मुख्यमार्ग हाटा-जड़कुड़ पहुंचमार्ग, मुख्यमार्ग अलवा-लासा पहुंचमार्ग, अटारी बांध-कन्हैया पहुंचमार्ग को अदयपुर से बहेराडाबर पिपराही में जोड़ने रमनगरी माइनर-गड़रा पहुंचमार्ग, बन्नाजवाहर सिंह-झंडहिया पहरी होते हुए गांधीनगर पहुंचमार्ग, बरौही-मझिगवां होते हुए लासा पहुंचमार्ग, करह-करकचहा-भैसहई को अतरैला खुर्द पहुंचमार्ग तक, पथरौही-कैलाशपुर-कैलाशपुर रेहड़ा कोठार पहुंचमार्ग तक सड़कों के निर्माण कार्य में विभाग द्वारा रूचि नहीं ली जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उपरोक्त सड़कों के प्रस्तावित पहुंच मार्ग तक जोड़ने हेतु वर्तमान स्थिति से पृथक-पृथक अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में क्या उपरोक्त सड़कों का परीक्षण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष सड़के अन्य विभाग से संबंधित है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रान नंबर में कटौत्री
41. ( क्र. 1071 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न सख्या-91 (क्र. 2793) दिनांक 29 फरवरी, 2016 के प्रश्नांश (क) में बताया गया था कि रीवा जिले के लोक निर्माण विभाग उप संभाग मऊगंज में कार्यरत कुशल अकुशल श्रमिकों (दै.वे.भो.) कर्मचारी का मार्च 2014 से विभाग द्वारा बिना प्रान नंबर एलाटमेंट के प्रतिमाह 10 प्रतिशत पी.एफ. राशि वेतन से काटी जा रही है तथा (ख) से (घ) के उत्तर में प्रान नंबर एलाटमेंट की प्रत्याशा में विभागीय संधारित पी.एफ. पंजी रजिस्टार में राशि जमा की जा रही है? प्रान नंबर एलाटमेंट की कार्यवाही प्रचलन में है? बताया गया है तो प्रान नंबर एलाटमेंट की कार्यवाही की प्रतिलिपि तथा पी.एफ. पंजी रजिस्टर में जमा राशि की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रान एलाटमेंट की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है, यदि हाँ, तो राशि समायोजित की गई? यदि नहीं, तो प्रान एलाटमेंट के लिए प्रश्न दिनांक के बाद कितने पत्र लिखे गये विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संबंध में 10 प्रतिशत काटी गई पी.एफ. राशि किसके खाते में जमा की जा रही है? जमा राशि की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? जमा राशि से प्राप्त ब्याज का उपयोग क्या किया जावेगा बतावें? क्या समानुपातिक रूप से सभी कर्मचारियों के प्रान नंबर में जमा की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रान नंबर एलाटमेंट की कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब, स, द अनुसार है। पंजी की छाया प्रति भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई (पृ. 1 से 208) अनुसार। (ख) जी नहीं। प्रान नंबर एलाटमेंट की कार्यवाही प्रचलन में है। एक पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। (ग) प्रान नंबर आवंटन के अभाव में 10 प्रतिशत काटी गई राशि वर्तमान में किसी खाते में जमा नहीं की जा रही है। मात्र कार्यालयीन पंजी में संधारित की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार। चूंकि संबंधित के खाते में जमा नहीं है, अतः ब्याज का प्रश्न उपस्थित नहीं उठता है। जी हाँ, प्रान नंबर आवंटित होने के पश्चात्। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
महाविद्यालयों के पास जमा राशि
42. ( क्र. 1104 ) श्री जतन उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में संचालित सभी महाविद्यालय में प्रश्न दिनांक तक किस-किस महाविद्यालय के पास विभिन्न खातों में कितनी राशि जमा है? (ख) क्या खातों में लाखों रूपये की राशि होने के बाद भी महाविद्यालयों में पेयजल विद्यार्थी केन्टीन, प्रयोगशाला उपकरण, खेल सामग्री, कम्प्यूटर जैसी मूलभूत समस्याओं का अभाव है? यदि हाँ, तो इस ओर विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये है? (ग) महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय विकास कार्य हेतु 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् कब-कब जनभागीदारी समिति की बैठक का आयोजन किया गया है? माह व दिनांक वर्षवार जानकारी देवें। यदि हाँ, तो बैठक में कौन-कौन सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित थे? नाम सहित जानकारी बतायें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में संचालित सभी शासकीय महाविद्यालयों में प्रश्न दिनांक तक विभिन्न खातों में महाविद्यालयवार जमा राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जिला इकाई स्थित केवल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, छिंदवाड़ा एवं शासकीय महाविद्यालय, जुन्नारदेव में विद्यार्थियों के लिये केन्टीन सुविधा उपलब्ध है। जिले के शेष महाविद्यालयों में केंटीन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अन्य सुविधायें यथा-शुद्ध पेयजल, कम्प्यूटर, प्रयोगशाला उपकरण, खेल सामग्री जैसी मूलभूत सुविधाएं यथोचित रूप से उपलब्ध है। (ग) छिंदवाड़ा जिले के शासकीय महाविद्यालयों में दिनांक 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् आयोजित जनभागीदारी समिति की बैठकों का विवरण तथा बैठक में उपस्थित सदस्यों/अधिकारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
बिगड़े वनों का सुधार
43. ( क्र. 1106 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिगड़े वनों के सुधार हेतु शासन द्वारा कौन-कौन सी योजना चलाई जा रही है? (ख) छिन्दवाड़ा जिले की सातों विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से क्षेत्रों में बिगड़े वनों के सुधार हेतु क्या कार्य किये जा रहे है? (ग) नये वृक्षारोपण हेतु गड्ढे की खुदाई कहाँ-कहाँ की जा रही है एवं मजदूरों को किस दर से भुगतान किया जा रहा है? क्या भुगतान ई-पेमेंट से दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने मजदूरों को भुगतान दिया गया है और कितने मजदूरों को भुगतान नगद दिया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) कार्य आयोजना के क्रियान्वयन अन्तर्गत बिगड़े वनों के सुधार हेतु 10 एवं 41-7882 योजना के तहत कार्य कराये जा रहे हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नये वृक्षारोपण हेतु गड्ढा खुदाई कार्य अभी प्रारम्भ नहीं किया गया है। अत: मजदूरो को किस दर से भुगतान किया जा रहा है का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वनवृत्त छिंदवाडा अन्तर्गत सभी मजदूरों को ई-भुगतान किया जा रहा है। नगद भुगतान किसी भी श्रमिक को नहीं दिया गया है।
औद्योगिक प्रबंधन समिति का संचालन
44. ( क्र. 1192 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कहाँ-कहाँ पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाएं संचालित हैं? (ख) क्या धार जिले में संचालित समस्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में औद्योगिक प्रबंधन समिति (आई.एम.सी.) का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो धार जिले में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में गठित औद्योगिक प्रबंधन समिति के संचालक एवं सदस्यों का संपूर्ण विवरण देवें? समिति का गठन किस नियम एवं प्रक्रिया के तहत किया गया है एवं कब किया गया है? समिति का कार्यकाल कितने समय का रहता है? समिति संचालक को कब किसके द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है? (ग) धार जिले में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार या राज्य शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में प्रदाय की गई है? संस्था द्वारा प्राप्त राशि का क्या उपयोग किया गया है, वर्षवार, मदवार विवरण देवें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) धार जिले में निम्नानुसार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाएं संचालित हैं :-
1. औ.प्र. संस्था, धार 2. औ.प्र. संस्था, धामनोद, 3. औ.प्र. संस्था, कुक्षी 4. औ.प्र. संस्था महिला, सिंधाना, 5. औ.प्र. संस्था, पीथमपुर, 6. औ.प्र. संस्था, सरदारपुर, 7. औ.प्र. संस्था, गंधवानी, 8. औ.प्र. संस्था, उमरबंन एवं 9. औ.प्र. संस्था, डही। (ख) जी नहीं। धार जिले में कुल संचालित 9 संस्थाओं में से 04 संस्थाएं क्रमश: सरदारपुर, गंधवानी, उमरवन तथा डही, जो वर्ष-2015 में प्रारंभ की गयी हैं, में इन्स्टीट्यूट मैनेजिंग कमेटी का गठन नहीं हुआ है। केन्द्र सरकार की योजना ''पी.पी.पी. मोड के तहत आई.टी.आई. का उन्नयन'' के अन्तर्गत 03 संस्थाएं क्रमश: कुक्षी, धामनोद एवं महिला सिंधाना में गठित समिति का विवरण प्रपत्र एक पर तथा 02 संस्थाऍ क्रमश: धार तथा पीथमपुर में गठित समिति का विवरण प्रपत्र दो पर है। केन्द्र सरकार की योजना ''पी.पी.पी. मोड के तहत आई.टी.आई. का उन्नयन'' के अन्तर्गत संस्थाओं में आई.एम.सी. के गठन के नियम/प्रक्रिया का विवरण प्रपत्र तीन पर तथा दो संस्थाओं में राज्य शासन द्वारा निर्धारित निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में आई.एम.सी. के गठन के नियम/प्रक्रिया का विवरण प्रपत्र चार पर है। राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में इन्स्टीट्यूट मैनेजिंग कमेटी के लिये कार्यकाल निर्धारित नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार की योजना ''पी.पी.पी. मोड के तहत आई.टी.आई. का उन्नयन'' के अन्तर्गत इन्स्टीट्यूट मैनेजिंग कमेटी की गवर्निन काउन्सिल का कार्यकाल 03 वर्ष निर्धारित है, किन्तु इस कार्यकाल के उपरांत समस्त सदस्य पुन: नियुक्ति के लिए पात्र होते हैं। योजना के तहत ''की परफार्मेन्स इण्डीकेटर्स'' का निर्धारिण किया गया है, जिसके आधार पर स्टेट स्टेयरिंग कमेटी, संस्था की आय.एम.सी. के परफार्मेन्स के आधार पर गठित समिति को बदलने का निर्णय लेने हेतु अधिकृत है। (ग) धार जिले में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन द्वारा आवंटित बजट का मदवार व्यय का विवरण प्रपत्र-05 पर है। केन्द्र सरकार की योजना ''पी.पी.पी. मोड के तहत आई.टी.आई. का उन्नयन'' के अन्तर्गत 03 संस्थाएं क्रमश: कुक्षी, धामनोद तथा महिला सिंघाना की आय.एम.सी. को केन्द्र सरकार से प्राप्त ब्याज रहित ऋण राशि रूपये 250 लाख के विरूद्ध आय.एम.सी. द्वारा व्यय की गई राशि का विवरण प्रपत्र-06 पर है। भारत सरकार की योजना ''विश्व बैंक की सहायता से व्होकेशनल ट्रेनिंग इम्प्रुवमेंट प्रोजेक्ट'' जिसके तहत केन्द्र का अंश 75 प्रतिशत तथा राज्य का अंश 25 प्रतिशत है, के तहत धार एवं पीथमपुर में व्यय की गयी राशि का विवरण प्रपत्र-07 पर है।
नालछा में महाविद्यालय की स्थापना
45. ( क्र. 1211 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी बाहुल्य धार जिले के आदिम जाति विकासखण्ड मुख्यालय ग्राम नालछा में शासकीय महाविद्यलाय नहीं होने के कारण ग्राम नालछा के आस-पास के ग्रामों के गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले आदिवासी परिवारों के योग्य छात्र-छात्राएं एवं लघु एवं सीमांत कृषकों के परिवारों के योग्य छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित रह रहे हैं? (ख) क्या विकासखण्ड नालछा अत्याधिक पिछड़ा हुआ क्षेत्र है? जहां महाविद्यालयीन शिक्षा हेतु कोई भी शासकीय संस्था नहीं है? (ग) क्या शासकीय महाविद्यालय (जिला मुख्यालय धार) ग्राम नालछा व आस-पास क्षेत्र के ग्रामों से 30-40 किलोमीटर दूरी पर स्थित होने से गरीब वर्ग के अधिकांश छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचति रह रहे हैं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता एवं विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा नालछा में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना की मांग काफी लम्बे समय से की जाती रही है? बतावें कि शासन द्वारा ग्राम नालछा में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई है व ग्राम नालछा में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) नालछा आदिवासी विकासखंड है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ, पूर्व में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1969/1178/यो/12 दिनांक 18.12.2012 के द्वारा संबंधित के पत्र दिनांक 31.08.2012 के संदर्भ में अवगत कराया गया था। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण एवं उनके गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। अत: शासकीय महाविद्यालय, नालछा में नवीन महाविद्यालय खोलने में कठिनाई है।
पुल-पुलियाओं का निर्माण
46. ( क्र. 1229 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील के अनेक मार्गों पर पुल-पुलिया नहीं होने के कारण यातायात बाधित होकर कई स्थानों पर वर्षाकाल में मार्ग अवरूद्ध हो जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या क्षेत्र की जनता एवं प्रश्नकर्ता द्वारा शासन/विभाग से लगातार ऐसे स्थानों पर पुल-पुलियाएं बनाए जाने हेतु लगातार मांग की जा रही है? (ग) क्या जावरा नगर में वार्ड क्र. 1 मालीपुरा रपट पिपलौदा तहसील में ग्राम मचून में मलेनी नदी पर, अंगेठी-कुशलगढ़ मार्ग पर ग्राम लाम्बाखोरा (आम्बा) ग्राम ठिकरिया- मांडवी, बघुडिया - मांडवी, सुखेडा बस स्टैण्ड, बाराखेड़ा-सुजापुर एवं जावरा तहसील के खेडा-गोठडा, हनुमतिया-पंथ में लकी मार्ग, कलालिया-रीघाचांदा तथा असावती-आनाखेडी इत्यादि की मांग लगातार की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो अत्यावश्यक जन आवश्यकताओं के इन मार्गों पर पुल-पुलियाओं का निर्माण कब किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। केवल ग्राम मचून नदी पर पुल निर्माण के संबंध में मांग प्राप्त हुई है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार परीक्षण कराया जा रहा है। वर्तमान में समय-सीमा बताना सभंव नहीं है।
मंदिरों की जीर्णोद्धार
47. ( क्र. 1230 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत आने वाले अनेक मंदिरों के मरम्मत जीर्णोद्धार किये जाने की मांग जनता एवं प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक अनेक पत्रों, प्रस्तावों एवं प्रश्नों के माध्यम से ध्यान आकृष्ट किया है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में उपरोक्त उल्लेखित क्षेत्रान्तर्गत किन-किन मंदिरो के मरम्मत एवं जीर्णोद्धार हेतु क्या-क्या कार्य किया जाकर कितना बजट स्वीकृत हुआ, कितना व्यय हुआ? (घ) उपरोक्त वर्षों में नगर एवं दोनों तहसीलों के अंतर्गत कितने मंदिरों के प्रस्तावों पर प्राक्कलन तैयार किये जाकर उन पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? कितने प्रस्ताव प्राप्त होकर उन पर कब तक क्या किया जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाविद्यालयो में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवाने हेतु योजना
48. ( क्र. 1274 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग में महाविद्यालयों में करियर मार्गदर्शन योजना अंतर्गत विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण हेतु कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें? (ख) इस योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवाया जाना प्रस्तावित है? इस हेतु अध्यापकों की नियुक्ति किस आधार पर प्रस्तावित है? (ग) क्या अध्यापन कार्य हेतु उन्हीं अध्यापकों को नियुक्त किया जाएगा जिनके पास प्रतियोगी परीक्षा में अध्यापन का अनुभव है? (घ) उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या शासन ऐसी किसी योजना के क्रिर्यान्वन पर विचार करेगी, जिससे आर्थिक रूप से कमज़ोर प्रतिभाशाली युवा उच्च शिक्षा के बाद श्रेष्ठ रोजगार प्राप्त कर सके? क्या आगामी बजट में इस कार्य हेतु राशी का आवंटन किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना अंतर्गत प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण हेतु अलग से कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) उपर्युक्त (क) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। (ग) उपर्युक्त (ख) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। (घ) सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण विचार करना संभव नहीं है।
बायो मेट्रिक मशीन दवारा महाविद्यालय शिक्षको की उपस्थिति
49. ( क्र. 1275 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग महाविद्यालयों के शिक्षकों की उपस्थिति बायो मेट्रिक मशीन से कराने का विचार कर रहा है? यदि है तो कब तक? (ख) प्रदेश के महाविद्यालयों में कुल कितने डिग्री कालेज ऐसे हैं जहां प्लेसमेंट सेल का गठन किया गया है? गत 2 वर्षों में उज्जैन संभाग में कितनी कम्पनियों को महाविद्यालयों में आमंत्रित कर प्लेसमेंट शिविर का आयोजन किया गया? (ग) उज्जैन संभाग में गत 2 वर्षों में विभिन्न महाविद्यालयों में कितने करियर मार्गदर्शन शिविर का आयोजन कर कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की तथा करियर मार्गदर्शन महाविद्यालवार प्रभारियों की सूची देवें? मार्गदर्शन हेतु किन किन विद्वानों को आमंत्रित किया गया नाम सहित सूची देवें? (घ) महाविद्यालयों में करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ट हेतु विद्यार्थियो से कितनी राशि ली जाती है तथा शासन की और से कितनी राशी महाविद्यालय को प्रदान की जाती है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। कार्य प्रगति पर है। (ख) प्रदेश के कुल 101 शासकीय महाविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल गठित किये गये हैं। उज्जैन संभाग में विगत 02 वर्षों में 14 प्रमुख कम्पनियों सहित स्थानीय स्तर पर कार्यरत कम्पनियों/उद्यमियों को आमंत्रित कर प्लेसमेंट शिविर का आयोजन किया गया। (ग) उज्जैन संभाग के विभिन्न महाविद्यालयों में करियर मार्गदर्शन शिविर के आयोजन तथा व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र—एक अनुसार है। उज्जैन संभाग के विभिन्न महाविद्यालयों में करियर मार्गदर्शन शिविर प्रभारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र—दो अनुसार है। उज्जैन संभाग के विभिन्न महाविद्यालयों में करियर मार्गदर्शन शिविर हेतु आमंत्रित विद्वानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र—तीन अनुसार है। (घ) शासकीय महाविद्यालयों में प्रति विद्यार्थी रुपये 01 प्रतिमाह के आधार पर कुल रुपये 12 वार्षिक करियर शुल्क लिया जाता है तथा निम्नानुसार राशि महाविद्यालयों को प्रदान की जाती है
1. अल्पावधि रोजगारोन्मुखी/स्वरोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण हेतु महाविद्यालय को प्रति प्रशिक्षण रुपये 20 हजार (40 से 60 छात्र—छात्राओं हेतु),
2. दो दिवसीय जिला स्तरीय करियर अवसर मेले के आयोजन हेतु रुपये 60 हजार,
3. एक
दिवसीय ब्लॉक
स्तरीय करियर
अवसर मेले के
आयोजन हेतु
रुपये 35
हजार,
4. उद्यमिता जागरूकता एवं विक्रय संवर्धन शिविर के आयोजन हेतु प्रति शिविर रुपये 10 हजार,
5. औद्योगिक भ्रमण हेतु प्रति महाविद्यालय रुपये 10 हजार की राशि उपलब्ध कराई जाती है।
महाविद्यालय हटा के रिक्त पदों की पूर्ति
50. ( क्र. 1284 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाविद्यालय हटा में म.प्र. शासन द्वारा कितने पद सृजित किए गए थे? क्या सभी पद भरे हुए हैं? यदि नहीं, तो कब तक भरे जावेंगे? (ख) क्या महाविद्यालय हटा, जिला दमोह में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कलेक्टर दर पर पद भरने की कार्यवाही कर सकते हैं? नियमावली की प्रतियां उपलब्ध करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जी नहीं। शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। राजपत्रित एवं अराजपत्रित पदों को भरने संबंधी नियमों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 के अनुसार है।
डिमांस्ट्रेटर/लिपिक ग्रेड-02, 3 के क्रमोन्नति हेतु
51. ( क्र. 1291 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 88 (क्र. 7464) दिनांक 23.03.2016 के द्वारा विधान सभा प्रश्नांश (क) से (घ) तक के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है जानकारी दी गई है? एकत्रित जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के विलंब के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) प्रश्न क्रमांक 7464 के संदर्भ में जानकारी प्रेषित की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
52. ( क्र. 1299 ) डॉ. मोहन यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में संचालित विश्वविद्यालयों में सरकार द्वारा अनुमोदित सभी पदों/कर्मचारी, अधिकारी एवं शिक्षकीय वर्ग के पदों पर संपूर्ण नियुक्तियां कर दी गई हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? रिक्त पदों की जानकारी प्रदान करते हुए उनकी पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? अभी तक पद पूर्ति नहीं किये जाने के क्या कारण हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) मृत्यु, सेवानिवृत्ति, त्याग पत्र देने तथा नये पद सृजित होने के कारण रिक्त होने से। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत विभिन्न अधिनियमों के तहत कुल 12 संचालित विश्वविद्यालयों में स्वीकृत पदों के विरूद्ध रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताना संभव नहीं। रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है:- अधिकारी 149 रिक्त पद, शिक्षकीय 865 रिक्त पद, कर्मचारी 1111 रिक्त पद।
विश्वविद्यालयों को संधारण अनुदान
53. ( क्र. 1300 ) डॉ. मोहन यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विश्वविद्यालयों के वेतन के संबंध में संधारण अनुदान म.प्र. शासन द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रत्येक विश्वविद्यालय को प्रतिवर्ष कितनी राशि का संधारण अनुदान का भुगतान किया जाता है? क्या उक्त अनुदान की राशि स्वीकृत पदों के विरूद्ध पर्याप्त राशि है? यदि नहीं, तो शेष राशि के लिए क्या व्यवस्था की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार संधारण अनुदान की राशि का निर्धारण कितने वर्ष पूर्व किया गया था? मय दस्तावेज के जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या विश्वविद्यालय कर्मचारियों/अधिकारियों/अध्यापक वर्ग के वेतन का भुगतान भी मध्यप्रदेश न्यायालयीन सेवा के अधिकारियों/कर्मचारियों के समान ट्रेजरी से किया जा सकता है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं। शेष राशि की व्यवस्था संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं के स्त्रोतों से की जाती है। (ख) शासन द्वारा कालांतर में समय-समय पर संधारण अनुदान का निर्धारण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रचलित व्यवस्था में ट्रेजरी भुगतान करने का प्रावधान नहीं है।
जबलपुर में उर्दू विषय पुन: प्रारंभ करना
54. ( क्र. 1329 ) श्री तरूण भनोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित शासकीय एम.के.बी. आर्ट एवं कॉमर्स कॉलेज जबलपुर से उर्दू विषय को शासन के आदेश क्र. एफ-15/2016/1-38 के द्वारा बंद करके उसे शासकीय महाकौशल (बायज) महाविद्यालय जबलपुर में स्थानांतरित कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शास. एम.के.बी. महाविद्यालय जबलपुर शहर के बीचो-बीच स्थित होने की वजह से छात्राओं को उनके घरों के पास पड़ता है एवं आवागमन के साधन आसानी से उपलब्ध रहते हैं? (ग) क्या उर्दू विषय लेने वाली छात्रायें अल्पसंख्यक समाज एवं पिछड़े वर्ग की होती हैं एवं उनके अभिभावक बड़ी मुश्किल से उन्हें गर्ल्स कॉलेज में पढ़ने की अनुमति देते है व ज्यादातर छात्रायें पर्दा करती हैं? (घ) क्या वर्णित (ख), (ग) की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये वर्णित (क) की संस्था में पुन: उर्दू विषय प्रारंभ करवाने के आदेश प्रसारित किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाकौशल महाविद्यालय में किसी भी स्थान के विद्यार्थी प्रवेश ले सकते है। (ग) विषय सभी के लिये उपलब्ध है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
खेल युवक कल्याण विभाग को राशि आवंटन
55. ( क्र. 1330 ) श्री तरूण भनोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा जबलपुर स्थित अखाड़ों को कितनी-कितनी सामग्री प्रदान की गई है? जानकारी दि. 31 मार्च, 2013 से 31 मार्च, 2016 तक सामग्रियों के नामवार बताई जावे? (ख) जबलपुर स्थित खेल युवक कल्याण विभाग को शासन द्वारा 31 मार्च, 2013 से 31 मार्च, 2016 तक कितनी राशि का आवंटन किया गया? इसी तरह इंदौर, उज्जैन, भोपाल, विदिशा एवं ग्वालियर को उक्त वर्ष में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ग) जबलपुर स्थित अखाड़ों के जीर्णोद्धार हेतु शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन किया गया है? क्या अख़ाड़ों का जीर्णोद्धार किया जा चुका है? क्या जीर्णोद्धार हेतु राशि आवंटन का प्रावधान है? (घ) इंडियन स्टाईल कुश्ती संघ म.प्र. को शासन द्वारा मान्यता प्रदाय क्यों नहीं की जा रही है, जबकि संघ द्वारा पूर्व में शासन स्तर पर अनकों पत्राचार किये जा चुके हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जबलपुर स्थित अंखाड़ो को कोई सामग्री प्रदान नहीं की गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में आवंटित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में जबलपुर में अखाड़ों के लिए न तो कोई राशि आवंटित की गई, न ही कोई जीर्णोद्धार किया गया। जी नहीं। (घ) विभागीय अधिसूचित नियमों में ओलम्पिक/एशियन गेम्स/राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेलों के राज्य स्तरीय खेल संघों को विभागीय मान्यता दिए जाने के प्रावधान है। उक्त ओलम्पिक/एशियन गेम्स/राष्ट्रीय खेल में खेले जाने वाले खेलों में ’’इंडियन स्टाइल कुश्ती’’ सम्मिलित नहीं होने से मान्यता दी जाना संभव नहीं है।
पदोन्नति एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान दिलाये जाने
56. ( क्र. 1401 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाविद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों की गोपनीय चरित्रावली वर्ष 2013-14 एवं 2015 में आयुक्त उच्च शिक्षा के मतांकन अभाव के कारण विभागीय पदोन्नति समिति को उपलब्ध नहीं हो पा रही है? (ख) क्या बैकलॉग में कार्यरत लगभग 500 शिक्षक एवं हजारों प्राध्यापक परिवीक्षा अवधि, पदोन्नति वरिष्ठता एवं प्रवर श्रेणी के वेतनमान से वंचित हैं, जिसके कारण आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में उच्च शिक्षा आयुक्त के मतांकन के पश्चात् वरिष्ठ एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? अगर नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2013 एवं 2014 एवं 2015 के गोपनीय प्रतिवेदनों पर आयुक्त उच्च शिक्षा के मतांकन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रक्रिया प्रचलित है। (ग) मतांकन उपरांत वर्ष 2013 से 2015 के बीच वरिष्ठ श्रेणी एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान हेतु पात्रता रखने वाले शिक्षको के आवेदन प्राप्त होने पर उनके वेतनमान स्थानन संबंधी आदेश नियमानुसार जारी किये जावेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
57. ( क्र. 1402 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विनोद कुमार शुक्ला पत्रकार रीवा द्वारा दिनांक 29.12.2015 को माननीय वन मंत्री म.प्र. शासन भोपाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तात्कालीन लेखापाल श्री शीतला प्रसाद पटेल द्वारा खरीदी गई खाद के अनियमितता संबंधी शिकायत की गई थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो पत्र क्रमांक 4281 दिनांक 04.02.2016 के द्वारा मुख्य वन संरक्षक रीवा को पत्र लिखकर सात दिवस के अंदर जाँच उपरांत प्रतिवेदन चाहा गया था? तत्संबंध में जाँच हेतु वन मण्डल अधिकारी रीवा को जाँच हेतु अधिकृत किया गया, जिसका जाँच प्रतिवेदन स्वयं शीतला प्रसाद द्वारा तैयार किया गया एवं एक रिटायर्ड कर्मचारी को दोषी बनाया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या म.प्र. वन वित्तीय नियम की धारा 244 (अ) 3 में स्पष्ट उल्लेख है कि शाखा के प्रभारी का कर्तव्य है कि वह जालसाजी या धोखे को खोज निकाले क्यों कि ऐसा महत्वपूर्ण नियमों के अवहेलना से होता है? इस बिंदु पर क्या विचार कर जाँच कराई गई? (घ) प्रश्नांश (क) के खाद खरीदी के अनियमित भुगतान भण्डार एवं क्रय नियमों का पालन न करते हुए प्रमाणक क्रमांक आर 364 दिनांक 29.09.2012 के द्वारा नगद भुगतान कराया गया? क्या शासन के नियमानुसार 25 हजार से ऊपर की राशि के भुगतान का प्रावधान ही नहीं है? क्या ऐसा अधिकारी को धोखे में रख कर कराया गया? (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के संदर्भ में अगर क्रय एवं भण्डार नियमों का पालन कर खाद की खरीदी नहीं की गई, नगद भुगतान नियमों से हटकर किया गया तो इसके लिए दोषी तात्कालीन लेखापाल से राशि की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे एवं अन्यत्र हटाने की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। इस बिन्दु पर जाँच कराई गई। (घ) लक्ष्मण बाग गौशाला संचालन समिति, बिछिया, रीवा के संरक्षक एवं गौशाला प्रबंधन के आग्रह पर खाद खरीदी का भुगतान निर्धारित दर पर वन परिक्षेत्र अधिकारी रीवा के प्रमाणक क्रमांक आर-364 दिनांक 29.09.2012 के द्वारा नगद कराया गया। तत्समय वित्त विभाग के पत्र क्रमांक एफ 1-11/2010/नियम/चार दिनांक 16.9.2010 (छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है) के बिन्दु क्रमांक-3 (ख) के अनुसार शासन से 25000/- रूपये से अधिक की राशि के नगद भुगतान करने की कोई बंदिश नहीं थी। अधिकारी को धोखे में रखकर भुगतान कराये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (ग) एवं (घ) के प्रकाश में यह प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवास का आवंटन
58. ( क्र. 1421 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के कौन-कौन से छात्रावास एवं किस-किस टाईप के कितने-कितने आवास हैं तथा किस-किस टाईप के कितने-कितने आवासों को किस-किस स्तर के कितने अधिकारियों/कर्मचारियों को आवंटित किया गया है तथा किन-किन आवासों में कब से कौन-कौन अनाधिकृत रूप से निवासरत हैं एवं क्यों? जून 2016 की स्थिति में सूची दें? (ख) प्रश्नांकित छात्रावासों/आवास गृहों व विश्वविद्यालय भवन के रख-रखाव, मरम्मत सुधार कार्य व नवनिर्माण पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किस-किस टाईप के कितने-कितने आवास गृह अत्याधिक जर्जर व कमजोर हो गये हैं? इनका पुर्ननिर्माण न कराने का क्या कारण है वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांकित किन-किन भवनों में अनाधिकृत रूप से निवासरत अवैध कब्जा व अतिक्रमण धारकों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने आवासों को कब्जा व अतिक्रमण मुक्त कराया गया है एवं कितने आवासों को कब्जा मुक्त नहीं कराया गया है एवं क्यों वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? सूची दें। (घ) प्रश्नांश (क) में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को आवंटित कौन-कौन से आवासगृहों को अनाधिकृत रूप से किराये पर कब से दिया गया है एवं क्यों? इसके लिए दोषी किन-किन अधिकारियों/प्रोफेसरों व कर्मचारियों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? सूची दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में तीन छात्रावास हैं देवेन्द्र पुरुष छात्रावास, कस्तूरबा महिला छात्रावास, रिसर्च स्कालर छात्रावास। ए टाईप के 6 आवास, बी टाईप के 12 आवास, सी टाईप के 32 आवास, डी टाईप के 36 आवास, ई टाईप के 2, एफ टाईप के 18 आवास एवं जी टाईप के 10 आवास हैं। कुल आवासों की संख्या 116 हैं। अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवंटित आवास कुल 80 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। अनाधिकृत रूप से निवासरत कर्मचारियों के आवास-34 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। कोई आवास जर्जर नहीं, अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) अनाधिकृत रूप से निवासरत अतिक्रमण धारकों को विश्वविद्यालय के पत्र क्रमांक/स्था/2014/360, दि. 29-4-2014 को आवास रिक्त करने संबंधी नोटिस दिया गया, जिसका उत्तर संतोषप्रद न होने के कारण प्रकरणों पर अनुशंसा हेतु समिति का गठन किया गया। समिति की बैठक दिनांक 25-6-2015 को आयोजित की गई जिसमें 07 दिवस के भीतर अवैध आवासीय कब्जों को रिक्त कराये जाने की अनुशंसा की गई। उक्त कार्यवाही के बाद भी कब्जाधारियों द्वारा अवैध कब्जे नहीं हटाये गये। दिनांक 20-8-2015 को सम्पन्न कार्यपरिषद् की बैठक में अवैध कब्जाधारियों से चार गुना किराया वसूल करने का निर्णय लिया गया। जिसके परिपालन में विश्वविद्यालय द्वारा आदेश क्र./स्था/2016/783, दिनांक 8-7-2016 के अनुसार चार गुना किराया (कब्जा दिनांक से) वसूल करने संबंधी जारी कर दिया गया है एवं माह जुलाई 2016 के वेतन से चार गुना किराये की वसूली की जावेगी। (घ) किसी भी अधिकारी/प्रोफेसरों व कर्मचारियों को आवंटित आवास गृहों में से कोई भी आवास अनाधिकृत रूप से किराये पर नहीं दिया गया है। किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा आवंटित आवास को किराये पर देने संबंधी शिकायत विश्वविद्यालय को प्राप्त नहीं हुई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण व उपकरणों आदि की खरीदी
59. ( क्र. 1423 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर को किस-किस योजना मद से निर्माण कार्यों, उपकरणों आदि की खरीदी हेतु किस-किस स्तर से कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन निर्माण कार्यों हेतु कब, किस स्तर पर तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई? कितनी राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य किस एजेन्सी से कराये गये तथा कौन-कौन से कार्य अपूर्ण, निर्माणधीन है? किन-किन कार्यों को निविदा की शर्तों के तहत समयावधि में किस एजेंसी ने पूर्ण नहीं कराया है एवं क्यों? दोषी एजेंसी पर कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांकित किन-किन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जाँच कब-कब, किस-किस ने की है तथा किन-किन कार्यों में क्या-क्या अनियमितता पाई गई और दोषी एजेंसी पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में बर्ष 2012-2013 से 2015-2016 तक बारहवीं पंचवर्षीय योजना एवं राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान प्रभावशील है। इस योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य एवं उपकरण की खरीदी हेतु निम्नानुसार राशि आवंटित है। 1. बारहवीं पंचवर्षीय योजनाः- अ. निर्माण कार्य एवं नवीनीकरण राशि रू. 312.00 लाख ब. परिसर विकास राशि रू. 150.00 लाख। स. उपकरण एवं आधारभूत संरचना राशि रू. 250.00 लाख। 2. राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियानः- अ. निर्माण कार्य एवं परिसर विकास राशि रू. 250.00 लाख ब. कार्यालयीन अधोसंरचना राशि रू. 2.55 लाख, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
पुल का निर्माण
60. ( क्र. 1442 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सरवरदेवला से ग्राम कवड़ी सड़क मार्ग के बीच वेदा नदी पर पुल निर्माण की अति आवश्यकता है तो क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा इस संबंध में कोई कार्यवाही की गई है हाँ, तो कब नहीं, तो क्यो कारण दें? (ख) क्या उक्त पुल निर्माण के संबंध में स्थल निरीक्षण कर प्रस्ताव इसी वित्तीय वर्ष में स्वीकृति करा कर निर्माण कार्य पूर्ण करने संबंधी कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी? (ग) उक्त संबंध में क्या जिला स्तर पर संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा पूर्व में कोई कार्यवाही प्रचलित की गई है तो उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, ग्राम सरवरदेवला के तरफ एम.पी.आर.डी.सी. मार्ग एक कि.मी. दूर एवं ग्राम कवड़ी तरफ पी.एम.जी.एस.वाय. सड़क होने के कारण। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, प्राथमिक प्रस्ताव दिनांक 15.06.2015 को शासन को भेजा गया था। चूंकि मार्ग म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण एवं पी.एम.जी.एस.वाय. का होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
सड़क निर्माण में अनियमितता
61. ( क्र. 1443 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम डाबरी से डोलानी मार्ग का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा कब प्रारंभ किया गया था और प्रश्न दिनांक तक मार्ग की अद्यतन वस्तु स्थिति क्या है?? (ख) उक्त निर्माण कार्य के संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस से कब-कब प्राप्त हुई और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित घटिया एवं अधूरे छोड़े गये कार्यों में कौन-कौन दोषी हैं और उनके ऊपर किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई और उक्त निर्माण कार्य पुन: समय-सीमा में करने के लिए किस एजेंसी या ठेकेदार को कार्य दिया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कार्य दिनांक 18.02.2013 को प्रारंभ किया गया। मार्ग पर 8.20 कि.मी. में डामरीकरण 23 नग पुलियाओं का कार्य पूर्ण। (ख) मान. श्री सचिव यादव विधायक विधान सभा क्षेत्र कसरावद के पत्र क्रं. 15/पी.ए. दिनांक 12.05.2016 से एक शिकायत पत्र कार्यपालन यंत्री खरगोन को प्राप्त हुई। प्रतिवेदन से कार्यपालन यंत्री संभाग खरगोन के पत्र क्रमांक 2296 दिनांक 01.07.2016 द्वारा अवगत कराया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुबंधित एजेन्सी दोषी है। पंजीयन निलम्बित किया गया। मेसर्स रवि कंस्ट्रक्शन कंपनी मनावर जिला धार।
स्नातकोत्तर महाविद्यालय बनाने के मापदण्ड
62. ( क्र. 1445 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्नातक महाविद्यालय को स्नातकोत्तर महाविद्यालय बनाने के लिये शासन के क्या निर्धारित मापदण्ड हैं। (ख) जन भागीदारी समिति द्वारा संचालित कोर्स के आधार पर भी शासन महाविद्यालय स्नातक महाविद्यालय को स्नातकोत्तर महाविद्यालय में परिवर्तित कर सकता है। (ग) शासकीय स्नातक महाविद्यालय बड़नगर को स्नातकोत्तर महाविद्यालय में परिवर्तित किये जाने हेतु महाविद्यालय किस मापदण्ड की पूर्ति नहीं करता है। इस संदर्भ में जानकारी प्रदान करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) स्नातक महाविद्यालयों में शासन से अनुमति प्राप्त होने पर स्नातकोत्तर विषय प्रारंभ किये जाते हैं। स्नातकोत्तर महाविद्यालय बनाने के लिये निर्धारित मापदण्ड न होकर शासन अनुमति पर स्नातकोत्तर महाविद्यालय हेतु स्वीकृति प्रदान की जाती है। (ख) जी नहीं। (ग) परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है।
सड़क निर्माण कार्य
63. ( क्र. 1447 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक श्योपुर एवं मुरैना जिले से किस-किस योजनान्तर्गत, कौन-कौन से सड़क मार्गों/पुलों के निर्माण के प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए? माह जून 2016 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गए? कौन -कौन से लंबित है एवं क्यों? पुलों एवं सड़कों के नाम एवं लम्बाई, स्वीकृति राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें? कौन कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात अभी तक किस कारण से अप्रारम्भ हैं? (ख) प्रश्नांकित (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग को 1- टेंटरा-धोबिनी-मोहना मार्ग के उन्नतीकरण, 2- आवदा से सरजूपुरा, मसावनी रोड तक, केरका से एम.डीआर. रोड तक, 3. श्यामपुर से धौरी बाबड़ी रोड नहर से काऊपुरा व्हाया रामोलापुरा, झोपड़ी, बरोली रोड से कतरनीपुरा, हीरापुरा-नीमच रोड से अर्रोदरी, टर्राखुर्द से भूतकछा, गसवानी से बडोदाकलां, काठोन रोड से दरिगंवा आदि सड़कों के निर्माण हेतु भेजे गए पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण है? कौन- कौन से प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रकियाधीन है? कौन कौन से स्वीकृत है? सड़कों के नाम सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मुरैना जिले में सबलगढ़ अटार मार्ग को मुरैना-सबलगढ़ मार्ग परियोजना के ई.पी.सी. अनुबंध के अंतर्गत लेने की कार्यवाही की जा रही है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) कार्यपालन यंत्री, लो.नि.वि. संभाग श्योपुर के पत्र क्रमांक 1854-55 दिनांक 15.06.2016 द्वारा अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
राज्य स्तरीय पुरस्कृत खिलाडि़यों का चयन
64. ( क्र. 1473 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 05 वर्षों के दौरान प्रदेश के कितने खिलाडि़यों को राज्य स्तर के पुरस्कार प्रदान किए गए? क्या पुरस्कृत खिलाडि़यों को शासकीय सेवा में लिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार खिलाडि़यों का चयन कर पुरस्कार दिया जाना शेष है? यदि हाँ, तो कब तक दिया जाना है? (ग) विगत 05 वर्षों के दौरान राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त खिलाडि़यों को शासकीय सेवा में लिया गया है? क्या कुछ अन्य खिलाडि़यों को स्थाना भाव के कारण सेवा में नहीं लिया गया? यदि हाँ, तो कब तक सेवा में लिया जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विगत 05 वर्षों के दौरान प्रदेश के खिलाडि़यों को राज्य स्तर पर प्रदान किए गए पुरस्कार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। जी हाँ, सिर्फ विक्रम पुरस्कार प्राप्त खिलाडि़यों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित कर उनकी शैक्षणिक अर्हता के आधार पर तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद पर शासकीय सेवा में नियुक्ति प्रदान किए जाने का प्रावधान है। विगत 05 वर्षों में शासकीय सेवा प्राप्त खिलाडि़यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, अभी वर्ष 2014 तक के विक्रम पुरस्कार प्राप्त खिलाडि़यों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित कर नियुक्ति प्रदान की गई है। जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों की मरम्मत
65. ( क्र. 1474 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिला अंतर्गत इछावर विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कें हैं? वर्तमान में सड़कों की क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़कों की रिपेयरिंग का कार्य कब किया गया था? वर्तमान में किन सड़कों के रिपेयरिंग की आवश्यकता है? (ग) इछावर विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा सीमेंट कांक्रीट से सड़क निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो सड़कों का ब्यौरा व वर्तमान स्थिति का ब्यौरा दें। क्या इनकी मरम्मत की अवश्यकता है? यदि हाँ, तो सड़कवार ब्यौरा दें? (घ) इछावर विधान सभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों के दौरान सड़क मरम्मत के लिए किए गए खर्च का विवरण सड़कवार दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, अ-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं ब-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। सीहोर इछावर कोसमी मार्ग पर इछावर विधान सभा क्षेत्र में बी.ओ.टी. (टोल*एन्यूटी) योजनांतर्गत लगभग 2.30 किमी. लंबाई में सीमेंट कांक्रीट मार्ग का निर्माण कराया गया जिसकी स्थिति संतोषजनक है एवं चैनपुरा से भौरा मार्ग सीमेंट कांक्रीट का निर्माण कार्य सी.आर.एफ. में स्वीकृत है एवं कार्य प्रगतिरत है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं ब-1 अनुसार है।
नवीन रोड निर्माण
66. ( क्र. 1496 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न संख्या 76 (क्र. 2091) दिनांक 29/02/2016 के उत्तर में पुस्तकालय प्रपत्र (अ) के अनुसार सरल क्र. 01 के रिमार्क कॉलम में अनुपूरक बजट में स्वीकृत कार्य का प्राक्कलन शीघ्र प्रस्तुत किया जा रहा है? प्रशासकीय स्वीकृति अपेक्षित है उत्तर दिया है? तो क्या प्रशासनिक स्वीकृति हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? (ख) अनुपूरक बजट में स्वीकृत उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति देने की कितनी समय-सीमा निर्धारित है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रशासकीय स्वीकृति समय-सीमा में हो चुकी है अथवा समय शेष है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
मरम्मत कार्य
67. ( क्र. 1497 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग संभाग क्र. 02 ग्वालियर एवं लोक निर्माण विभाग संभाग मुरैना के अंतर्गत कितने पेच रिपेयर (मरम्मत) के टेण्डर लगाये गये वर्षवार जानकारी दी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत कार्य किन-किन ठेकेदारों को कितनी-कितनी राशि के दिये गये? जानकारी वर्षवार, ठेकेदार का नाम, पता, रजिस्ट्रेशन सहित दी जावें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य किन-किन मार्गों पर कराये गये, मार्गों के नाम सहित वर्षवार जानकारी दी जावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 एवं अ-2 अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों में गुणवत्ता सुधार
68. ( क्र. 1511 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा महाविद्यालय में पूर्व से संचालित पाठ्यक्रमों के सुदृढ़ीकरण एवं उनके गुणवत्ता विकास के प्रयास किए जाते है? (ख) प्रश्नांश (क) हां, है तो उसके अनुक्रम में बिजावर विधान सभा क्षेत्र स्थित शासकीय महाविद्यालय बिजावर में इस हेतु विगत 05 वर्षों में क्या-क्या प्रयास किए गए?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) बिजावर विधान सभा क्षेत्र स्थित शासकीय महाविद्यालय बिजावर में सुदृढ़ीकरण एवं गुणवत्ता विकास के लिए विगत पाँच वर्षों में किये गये प्रयास संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कौशल विकास केन्द्र का संचालन
69. ( क्र. 1514 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कितने कौशल विकास केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? इनके संचालन के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इनमें किस प्रकार के कौन-कौन से प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) छतरपुर जिले में कुल 05 कौशल विकास केन्द्र स्थापित है। जो कि क्रमश: 1. बिजावर 2. बक्सवाहा 3. गौरीहार 4. लवकुशनगर (लौडी) 5. राजनगर है। इनके संचालन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में निम्न प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान किए जाते है :-
स.क्र. |
कौशल विकास केन्द्र |
माड्यूल |
1 |
कौशल विकास केन्द्र बिजावर-छतरपुर |
ईएलई 703- इलेक्ट्रिकल वाइंडर |
ईएलई 701- इलेक्ट्रिशियन डोमेस्टिक |
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आईसीटी 701- एकाउण्ट असिस्टेंट यूजिंग टैली |
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सीओएन 715- प्लम्बर
|
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2 |
कौशल विकास केन्द्र लवकुशनगर (लोडी) - छतरपुर |
आईसीटी 702-डीटीपी एण्ड प्रिन्टर पब्लिशिग असिस्टेंट |
ईएलई 701- इलेक्ट्रिशियन डोमेस्टिक |
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एफएबी 701-आर्क एण्ड गैस वेल्डर |
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ईएलई 702- इलेक्ट्रिशियन ट्रासमिशन लाईन |
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3 |
कौशल विकास केन्द्र राजनगर-छतरपुर |
आईसीटी 702-डीटीपी एण्ड प्रिन्टर पब्लिशिग असिस्टेंट |
ईएलई 703- इलेक्ट्रिकल वाइंडर |
||
ईएलई 701- इलेक्ट्रिशियन डोमेस्टिक |
||
एफएबी 701-आर्क एण्ड गैस वेल्डर |
||
4 |
कौशल विकास केन्द्र बक्सवाहा-छतरपुर |
आईसीटी 702-डीटीपी एण्ड प्रिन्टर पब्लिशिग असिस्टेंट |
ईएलई 701- इलेक्ट्रिशियन डोमेस्टिक |
||
ईएलई 702- इलेक्ट्रिशियन ट्रासमिशन लाईन |
||
एफएबी 701-आर्क एण्ड गैस वेल्डर |
||
5 |
कौशल विकास केन्द्र गौरीहार-छतरपुर |
ईएलई 702- इलेक्ट्रिशियन ट्रासमिशन लाईन |
एफएबी 701-आर्क एण्ड गैस वेल्डर |
||
ईएलई 701- इलेक्ट्रिशियन डोमेस्टिक |
||
आईसीटी 702-डीटीपी एण्ड प्रिन्टर पब्लिशिग असिस्टेंट |
अवल्दामान बाग एवं जीराबाद टाण्डा मार्ग की मरम्मत
70. ( क्र. 1533 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क ) क्या वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में धार जिले के गंधवानी विधान सभा लोक निर्माण विभाग द्वारा अवल्दा-बाग एवं जीराबाद टाण्डा मार्ग का पेचवक एवं साईड भराई के कार्य में धांधली की गई है? कार्य न करते हुए राशि का आहरण किया गया? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार मार्गों पर विभाग के द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कब-कब पेचवर्क एवं साईड भराई कार्य किया गया एवं कितनी-कितनी राशि खर्च की गई वर्ष एवं कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
धार जिले में बिगड़े वनों का सुधार
71. ( क्र. 1536 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में बिगड़े वनों के सुधार (आर.डी.एफ.) में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी राशि प्रदाय की गई एवं कहाँ-कहाँ पर किन कार्यों पर खर्च की गई? (ख) प्रश्नांकित जिले में ग्राम वन समिति में सुरक्षा हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई एवं किन कार्यों के लिये खर्च किया गया एवं राशि का आहरण किनके द्वारा किया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वनमंडल धार में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 (माह जून 2016 तक) बिगड़े वनों के सुधार योजना के अंतर्गत वनक्षेत्रों की सुरक्षा हेतु ग्राम वन समितियों को कुल राशि रूपये 195.06 लाख प्रदान किया गया, जिसके विरूद्ध समितियों द्वारा वनक्षेत्र की सुरक्षा हेतु राशि रूपये 179.10 लाख का व्यय किया गया। राशि का आहरण समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के द्वारा किया गया है।
औद्योगिक क्षेत्र में ए.के.वी.एन. द्वारा दी जाने वाली मूलभूत सुविधाऍ
72. ( क्र. 1538 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक क्षेत्र में ए.के.वी.एन. द्वारा क्या-क्या मूलभूत सुविधाएं दी जाती है? (ख) औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में जल निकास (खराब पानी) के कार्य ए.के.वी.एन. द्वारा कराया जाता है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि कई जगह जल निकास की पाईप लाईन का कार्य अधूरा है? (ग) धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के लिये नर्मदा से जल के लिये पाईप लाईन का कार्य किया जाना प्रस्तावित है? अगर है तो यह कब तक पूर्ण कर लिया जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ए.के.व्ही.एन. द्वारा औदयोगिक क्षेत्रों में पहुंच मार्ग, आंतरिक सड़कों का निर्माण, स्ट्रार्म वाटर ड्रेनेज, जल प्रदाय व्यवस्था, विद्युत प्रदाय व्यवस्था, स्ट्रीट लाईट आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। (ख) जी हाँ, आवश्यकतानुसार कराया जाता है। वर्तमान में पाईप लाईन का कार्य अधूरा नहीं है, अपितु म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाईड लाईन्स के अनुसार एवं इकाई की आवश्यकता के अनुसार भविष्य में कार्य संपादित कराया जायेगा। (ग) औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर एवं दिल्ली मुम्बई इण्स्ट्रीयल कॉरीडोर के तहत विकसित किये जाने वाले धार महू पीथमपुर इन्वेस्टमेंट रीजन (फेस-1) की भविष्य की जल आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु नर्मदा क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक आधारित 90 एम.एल.डी. जल प्रदाय योजना प्रस्तावित है। परियोजना निर्माण कार्य की निविदा का प्रकाशन 30 जून 2016 को हो गया है एवं परियोजना का कार्य 2 वर्ष में पूर्ण होना संभावित है।
शासकिय महाविद्यालय की स्थापना
73. ( क्र. 1591 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के भगवानपुरा विकासखण्ड में शासकीय महाविद्यालय संबंधी कितने पत्र वरिष्ठ कार्यालयों में प्राप्त हुए हैं तथा इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रों की प्रति सहित जानकारी देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में खरगोन ( बेस्ट निमाड़) जिले में कितने शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किये गये, इन नये कालेजों की दूरी पुराने स्थापित शासकीय महाविद्यालय से न्यूनतम दूरी कितने कि.मी. है। नजदीकी स्थान सहित दूरी की सूची देवें। (ग) क्या भगवानपुरा एवं सेगांव से अन्य शासकीय, प्राईवेट कालेजों की दूरी 25 किमी से अधिक है? इसी क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामों में अध्ययनरत हाई स्कूलों के छात्रों को सबसे नजदीकी कालेज भी 40 कि.मी. से अधिक है? फिर भी भगवानपुरा एवं सेगाव में कालेज प्रारम्भ नहीं किये जाने का कारण बताये। (घ) विगत 3 वर्षों में शिक्षा गुणवत्ता सुधार एवं सुदृढीकरण का कारण दर्शाते हुए कितनी मांगों को अस्वीकृत किया गया। सूची देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। संचालनालय में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार प्राप्त पत्रों की संख्या 02 तथा विधान सभा याचिका की संख्या 02 हैं। विभाग द्वारा विद्यमान महाविद्यालयों की गुणवत्ता बढ़ाने, उनकी सुदृढ़ीकरण का कार्य किये जाने तथा निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं पाये जाने से महाविद्यालय प्रारंभ करने में कठिनाई व्यक्त की गई है। पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) विगत तीन वर्षों में खरगोन जिले में कोई शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। विभाग द्वारा मापदण्डों की पूर्ति प्रथम दृष्टया नहीं पाई जा रही है। (घ) खरगोन जिले से संबंधित 09 मांगों को अस्वीकृत किया गया। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
कौशल उन्नयन एवं नियोजन कार्यक्रमों का आयोजन
74. ( क्र. 1602 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्र.-एफ 3-1/2012/बयालिस (२), भोपाल दिनांक 5 अक्टूबर 2012 अनुसार चयनित एटीपी अनुसार कौशल उन्नयन कार्यक्रम आयोजित कराये जाने है? साथ ही संस्था द्वारा न्यूनतम 80% नियोजन कराया जाना आवश्यक होगा? (ख) कटनी जिले में वर्ष 2012-13 से कौशल उन्नयन कार्यक्रमों का किन-किन शासकीय विभागों द्वारा किन-किन संस्थाओं के माध्यम से आयोजन किया गया, विभागवार, संस्थावार, वर्षवार बतायें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के तहत कटनी जिले में आयोजित कार्यक्रमों में किन-किन को, किस-किस व्यवसाय में कब-कब प्रशिक्षित कर कहाँ-कहाँ नियोजित किया गया? प्रशिक्षणार्थीवार बतायें? साथ ही बतायें कि संबंधित संस्थाओं को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (ग) जानकारी विभागों से एकत्रित की जा रही है।
भूमि आरक्षण एवं अधोसरंचना विकास की स्वीकृति
75. ( क्र. 1603 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर कटनी को पत्र क्रमांक 636/01/2014-15 दिनांक 12-01-2015 एवं 1018/01/2015-16 दिनांक 23-06-2015 के द्वारा शासकीय कन्या महाविद्यालय हेतु भूमि आरक्षित किये जाने हेतु लेख किया गया था? साथ ही आयुक्त उच्च शिक्षा को पत्र क्रमांक 1003/18/2015-16 दिनांक 07-10-2015 से इसी विषयक अनुरोध किया गया था? (ख) क्या कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा द्वारा कलेक्टर कटनी को पत्र क्रमांक 1967 दिनांक 10-12-2015 के द्वारा कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया? साथ ही पत्र क्रमांक 75 दिनांक 13-01-2016 के द्वारा भूमि आवंटन होने पर नियमानुसार कार्यवाही हेतु प्रश्नकर्ता को भी सूचित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो शासकीय कन्या महाविघालय कटनी हेतु अन्यत्र भूमि आवंटन के संबंध में प्रश्न दिनांक तक संबंधितों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध करायें? यदि नहीं, की गई है तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या कन्या महाविद्यालय में अधोसरंचना विकास कार्य हेतु वर्ष 2015 में म.प्र. मंत्रिमण्डल द्वारा राशि स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो कन्या महाविद्यालय कटनी के संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत कराए.
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 1967 दिनांक 10.12.2015 एवं पत्र क्रमांक 162, दिनांक 22.01.2016 द्वारा एवं प्राचार्य शासकीय कन्या महाविद्यालय, कटनी के पत्र क्रमांक 110, दिनांक 15.05.2015 एवं पत्र क्रमांक 268, दिनांक 29.06.2016 द्वारा भूमि आवंटित करने हेतु जिला कलेक्टर, कटनी को पत्र लिखे जाकर अनुरोध किया गया। जिला कलेक्टर के पत्र दिनांक 11.07.2016 के अनुसार अनुविभागीय अधिकारी, कटनी के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 3.06.2015 के अनुसार ग्राम बरगावां में पूर्व से ही शासकीय भूमि भिन्न-भिन्न विभाग को आवंटित किये जाने से शासकीय कन्या महाविद्यालय कटनी के विस्तारीकरण हेतु भूमि आरक्षित किया जाना अधीनस्थ न्यायालयों के जाँच प्रतिवेदनों अनुसार भूमि उपलब्ध न होने के कारण भूमि का आवंटन नहीं किया जा सका है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
वन समितियों के गठन / पुनर्गठन के मापदण्ड
76. ( क्र. 1606 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वन समितियों के गठन के क्या मापदण्ड निर्धारित हैं एवं प्रदेश, जिला तथा विकासखण्ड/तहसील स्तर पर गठित समितियों का कार्यकाल कितने वर्ष का होता हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गठित समितियों के कार्यक्षेत्र, कर्तव्य एवं अधिकार से संबंधित शासनादेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) जिला आगर/शाजापुर अंतर्गत गठित समितियों की सूची उपलब्ध करावें? गठित समितियों का नवीनीकरण/पुनर्गठन कब किया जाना हैं? विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ अनुसार प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत गठित समितियों द्वारा विगत 02 वर्षों में कितनी बैठकें आहूत की गई हैं एवं बैठकों में क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रदेश, जिला तथा विकासखण्ड/तहसील ऐसे पृथक-पृथक स्तर पर वन समितियों के गठन का प्रावधान नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा में विकास कार्य
77. ( क्र. 1607 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विश्व प्रसिद्ध माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा में विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए हैं। (ख) क्या माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा में प्रतिवर्ष औसत करीब 20 लाख श्रद्धालु आम दिनों में दर्शन के लिए आते हैं एवं नवरात्रि में यह संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या मंदिर में वर्तमान में उपलब्ध संसाधन एवं सुविधाएं दर्शनार्थियों के मान से पर्याप्त हैं? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) विगत 02 वर्षों में माँ बगलामुखी मंदिर के जीर्णोद्धार के संबंध में कौन-कौन से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई हैं? क्या विकास निर्माण कार्य हेतु माँ बगलामुखी मंदिर की जमीन संबंधी कोई न्यायालयीन प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा तक बस स्टेण्ड से बायपास पहुँच मार्ग निर्माण एवं मंदिर जीर्णोद्धार संबंधी कोई विस्तृत कार्ययोजना विभाग द्वारा बनाई जाकर कार्य किए जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विगत 03 वर्षों में माँ बगलामुखी मंदिर परिसर में पर्यटन विभाग द्वारा 05 कमरों का निर्माण तथा मंदिर के पीछे लखुन्दर नदी पर घाटों का निर्माण कराया गया है तथा धर्मशाला के उपर अतिरिक्त कक्ष, स्नानगृह, शौचालय का निर्माण कराया गया है। (ख) तहसील नलखेड़ा के माँ बगलामुखी में प्रतिवर्ष दोनों नवरात्रि में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ोत्तरी को देखते हुए संसाधन अपर्याप्त है। मंदिर के समीप की भूमि श्री राम मंदिर के नाम से दर्ज है। जिस पर माननीय न्यायालय इंदौर द्वारा स्थगन होने से निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। (ग) माँ बगलामुखी मंदिर परिसर एवं आस-पास की समस्त भूमि श्री राम मंदिर के नाम से है और इस भूमि पर माननीय न्यायालय खंडपीठ इंदौर द्वारा प्रकरण क्रमांक 204/2007 से स्थगन है, स्थगन को वेकेट किये जाने हेतु सतत् कार्यवाही जारी है। (घ) माँ बगलामुखी मंदिर तक बस स्टैण्ड से बायपास पहुँच मार्ग संबंधी कार्य योजना बनाई गई है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों का भुगतान
78. ( क्र. 1616 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग संभाग सिवनी के अंतर्गत विशेष मरम्मत, अनुरक्षण, एम.ओ.डब्ल्यू., पटरी भराई आदि मरम्मत निर्माण के कार्य भी विधायक निधि से कराये हैं? (ख) क्या लोक निर्माण संभाग सिवनी में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को हैण्ड रिसीप्ट के लिये राशि प्रदान की है? यदि हाँ, तो किसे और किन कार्यों के लिये? इस विभाग में हैण्ड रिसीप्ट कब से बंद होगी? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग सिवनी में विधायक निधि से गत दो वर्षों में कोई निर्माण या मरम्मत के कार्य कराये हैं यदि हाँ, तो कार्यों एवं उपयोग की गई राशि का विवरण दें? (घ) यदि गत दो वर्षों में प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के अंतर्गत विभाग द्वारा कार्य कराये है तो उनका प्रश्न दिनांक तक भौतिक सत्यापन किया जाकर की गई अनियमितताओं में दोषियों पर कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही करेगें? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्तमान में हेण्ड रिसिप्ट बंद करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) लोक निर्माण विभाग संभाग सिवनी में प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अंतर्गत कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया है। कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। अत: कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक स्थलों का सौन्दर्यीकरण
79. ( क्र. 1617 ) श्री दिनेश राय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत कुल कितने धार्मिक स्थल शासन द्वारा पंजीकत हैं? इनमें से कितने ऐतिहासिक महत्व के अतिप्राचीन धार्मिक स्थल हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) जिले में स्थापित धार्मिक स्थलों में कौन-कौन से धार्मिक स्थल पर्यटन विभाग में सम्मिलित हैं? विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में किन धार्मिक स्थलों में क्या क्या कार्य कराये गये है? (ग) धार्मिक स्थलों को पर्यटन विभाग में शामिल किये जाने के मापदण्ड एवं प्रक्रिया क्या है? विगत दो वर्षों में क्षेत्र के किन किन धार्मिक स्थलों में सौन्दर्यीकरण के प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई है एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) सिवनी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत स्थित मंदिरों के सौन्दर्यीकरण संबंधी कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो इस ओर क्या कार्यवाही की जा रही है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन भूमि पर अतिक्रमण
80. ( क्र. 1634 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के वन परिक्षेत्र निवाड़ी के बंजारीपुरा वीर की वन भूमि पर अवैध कब्जा है? यदि हाँ, तो कब्जा कब तक मुक्त करा लिया जावेगा। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कब्जाधारियों/अतिक्रमण धारियों से कब्जा/अतिक्रमण न हटाने का क्या कारण है? (ग) क्या अवैध रूप से वन परिक्षेत्र पर अतिक्रमणधारियों पर कोई कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी एवं नहीं तो क्यों? कौन दोषी है एवं दोषियों के खिलाफ क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ग) जी हाँ। परिक्षेत्र निवाड़ी के बंजारीपुरा बीट की भूमि पर श्री शंकर सिंह एवं अन्य 12 साथियों के द्वारा कब्जा किये जाने से उनके विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 151/23 दिनांक 12.02.2014, 283/5 दिनांक 12.02.2014, 151/24 दिनांक 31.01.2015 एवं 283/6 दिनांक 02.02.2015 पंजीबद्ध किया जाकर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 80 (अ) के अंतर्गत 15 दिवस का पर्याप्त समय देते हुये कारण बताओं सूचना पत्र दिनांक 23.01.2016 को जारी किया गया। अतिक्रमणकारियों द्वारा समय-सीमा में अतिक्रमण न हटाने के कारण जिला स्तरीय टास्कफोर्स से समन्वय स्थापित कर कब्जा हटाने की कार्यवाही की जावेगी। दोषी व्यक्तियों की सूची एवं उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित कब्जाधारी/अतिक्रमणकारी आक्रामक प्रवृत्ति के हैं, जिन्हें हटाने के लिये पुलिस बल एवं कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की आवश्यकता है।
बाईपास निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण
81. ( क्र. 1644 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के कलिंजर-नागौद-उचेहरा (ग्राम सडवा कोडार में) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 56 पर बाईपास निर्माण हेतु किन-किन कृषकों की कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहण कब-कब, किस-किस आदेश से की गई? (ख) प्रश्नांश (क) की अधिग्रहित भूमि के मुआवजा वितरण हेतु किस गाईड लाईन के तहत अवार्ड पारित किये गये? क्या संबंधित भू-स्वामियों द्वारा पारित अवार्ड पर आपत्ति दर्ज करते हुये नवीन गाईड लाईन के तहत अवार्ड पारित किये जाने का अनुरोध किया गया है? (ग) क्या विगत दो वर्षों से उक्त मार्ग पर बाईपास का निर्माण किया जाना निरस्त कर दिया गया है? यदि तो ऐसा किन कारणों से किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में नवीन गाईड लाईन के आधार पर संबंधित कृषकों को अवार्ड पारित करते हुये मुआवजा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सतना जिले के कलिंजर नागौद-उचेहरा राजमार्ग क्रमांक-56 पर बाईपास निर्माण हेतु प्र.क्र. अ 82/2012-13 अवार्ड दिनांक 31/12/13 से ग्राम नामतारा के 19 कृषकों की 1.966 हे. भूमि, प्र.क्र. 6अ 82/12-13 अवार्ड दिनांक 31/12/13 से ग्राम हरदुआखुर्द के 01 कृषक की 0.025 हे. भूमि प्र.क्र. 7अ 82/12-13 अवार्ड दिनांक 31/12/13 से ग्राम सडवा कोठार के 01 कृषक की 0.045 हे. भूमि प्र.क्र. 8अ 82/12-13 अवार्ड दिनांक 31/12/13 से ग्राम बिकरा कोठार के 29 कृषकों की 2.861 हे. भूमि का अधिग्रहण किया गया है। अवार्ड प्रस्ताव व गणना जानकारी पुस्ताकलय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा निर्धारण उक्त वर्णित ग्रामों की वर्ष 2010-11, 2011-12 एवं वर्ष 2012-13 की गाइड लाईन के औसत मूल्य के आधार पर किया गया है। यह सही है कि उक्त भूमियों के 28 कृषकों द्वारा नवीन अधिनियम के तहत मुआवजा निर्धारित किये जाने की आपत्ति की गई थी। (ग) बाईपास का निर्माण निरस्त किया गया क्यों कि नागौद शहर में बाईपास के स्थान पर चारलेन मार्ग का निर्माण किया गया। (घ) ग्राम नामतारा एवं बिकरा के कुल 28 कृषकों की आपत्ति पर भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 18 के तहत रिफरेंस प्रकरण तैयार कर माननीय अपर जिला न्यायाधीश महोदय नागौद के न्यायालय में भेजा गया है। माननीय न्यायालय के निर्णय के अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
जानकारी का प्रदाय
82. ( क्र. 1645 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत सीमेंट की कितनी फैक्ट्री संचालित है? इन उद्योगों में कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है? फैक्ट्रीवार जानकारी दें। (ख) प्रिज्म सीमेंट लि.मनकहरी द्वारा हिनौती, सिजहटा, बगहाई के कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है तथा अधिग्रहित भूमि का मुआवजा किस दर पर दिया गया है?। (ग) क्या प्रभावित कृषकों के परिवार के सदस्यों को रोजगार देने का प्रावधान शासन द्वारा रखा गया है? यदि हाँ, तो प्रिज्म प्रबंधन द्वारा प्रभावित कृषकों के कितने परिवारों को रोजगार दिया गया है? (घ) केन्द्र शासन/राज्य शासन द्वारा प्रभावित कृषकों को कितना मुआवजा राशि/विस्थापन भत्ता दिये जाने का प्रावधान रखा गया है नियम सहित जानकारी देते हुये बताएं कि क्या सतना जिले में संचालित सीमेंट उद्योगों में नियम का पालन किया जा रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अनुभवहीन पेटी कांस्ट्रेक्टर के द्वारा फ्लाई ओवर का निर्माण
83. ( क्र. 1653 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना शहर के अंदर निर्मित हो रहे बायपास का निर्माण कार्य स्काईलार्क कंपनी के द्वारा किया जा रहा है? (ख) क्या उक्त कंपनी के द्वारा स्वयं कार्य किया जा रहा है कि ठेका सबलेट किया गया है? ठेका किस नाम की किस पते वाली कंपनी को सबलेट किया गया है? (ग) क्या स्काईलार्क ने जिस कंपनी को फ्लाई ओवर बनाने का ठेका सबलेट किया है (पेटी पर दिया है ) उसके द्वारा कभी भी फ्लाई ओवर/आर.ओ.बी./ब्रिज ओवर रिवर जैसे संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण कार्य किये हैं? अगर किये हैं तो किस-किस स्थान पर कब-कब? कितनी-कितनी लागत के? (घ) क्या स्काईलार्क ने जिस कंपनी को ठेका सबलेट किया है व सर्विस रोड बनाने का काम कर रही है? सर्विस रोड कितनी गहरी एवं कितनी चौड़ी बननी चाहिये? क्या-क्या मटेरियल कितनी मात्रा में लगाना अत्यावश्यक है? किस क्वालिटी का मटेरियल लगाया जा रहा है? मटेरियल की लैब टेस्ट रिपोर्ट की एक प्रति दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु फ्लाई ओव्हर का निर्माण किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मापदण्डानुसार यहाँ पर क्रस्ट 65 से.मी. मोटी एवं मार्ग की चौड़ाई 7.00 मीटर होनी चाहिये। MOST एवं IRC स्पेसीफिकेशन के अनुसार क्रस्ट डिजाइन की गई है तद्नुसार मटेरियल लगाया जाना आवश्यक है। मापदण्ड के अनुसार निर्धारित गुणवत्ता का मटेरियल ही लगाया जा रहा है। टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सतना शहर में रिंग रोड एवं बायपास का निर्माण
84. ( क्र. 1656 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना शहर के अन्दर सोहावल मोडद्य से कृपालपुर तक यातायात दबाव कम करने के लिये क्या रिंग रोड एवं बायपास का निर्माण किया जा रहा है? अगर हाँ तो कहाँ से कहाँ तक? कितनी लंबाई का, कितना चौड़ा? मीटर/फुट में बतायें? (ख) रिंग रोड, बायपास को बनाने के पूर्व कब ट्रेफिक सर्वे किया गया? रिर्पोट की एक प्रति दें? बतायें कि उक्त रिंग रोड/बायपास के निर्माण के बाद पन्ना नाका से यातायात नगर तक ट्रेफिक का दबाव कितना कम हो जायेगा? रिपोर्ट की एक प्रति दें? (ग) क्या रिंग रोड/बायपास का निर्माण कार्य प्रश्नतिथि तक बंद पड़ा है? उक्त रोड़ों का निर्माण कब शुरू हुआ था? कब तक कार्य पूर्ण होना था? देरी होने के कारण क्या सतना रीवा मार्ग जर्जर स्थिति में पहुंच गया है? क्या आमजन असुविधाओं का सामना कर रहा है? (घ) क्या राज्य शासन रिंग रोड/ बायपास बनाने वाली कंपनी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है? अगर की है तो प्रश्न तिथि तक की गई कार्यवाही का बिन्दुवार विवरण दें? उक्त सड़कों का कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सतना बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। सतना-बेला मार्ग (एन.एच. 75) का हिस्सा है। सतना बाईपास कि.मी. 155.200 (ग्राम सोहावल) से कि.मी. 177.200 (ग्राम सथरी) कुल लंबाई 22.00 कि.मी. है का निर्माण फोरलेन 26 मीटर चौड़ाई में मय पेव्हड शोल्डर एवं हार्ड शोल्डर के साथ किया जा रहा है। (ख) सतना बाईपास बनाने के पूर्व वर्ष 2009 में। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सम्पूर्ण व्यवसायिक वाहनों का दबाव कम हो जावेगा साथ ही रीवा एवं पन्ना की ओर आने जाने वाले व्यवसायिक एवं निजी वाहनों का भी दबाव कम हो जावेगा। (ग) जी नहीं, प्रगति पर है। दिनांक 13.08.2013 को। अनुबंधानुसार कंसेशन अवधि 27 वर्ष है जिसमें 2 वर्ष निर्माण अवधि सम्मिलित है एवं वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। जी नहीं। मार्ग के निवेशकर्ता द्वारा समय-समय पर आवश्यकतानुसार पूर्व में विद्यमान मार्ग को मोटरेबल रखा जा रहा है, जिससे आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो रही है। (घ) बायपास बनाने वाली कंपनी को धीमी गति से कार्य करने के एवज में अनुबंध के प्रावधान के अनुसार दिनांक 11.05.2015, 18.01.2016, 04.02.2016 को नोटिस दिये गये है। कार्य पूर्ण करने की संभावित तिथि मार्च-2017 है।
उद्योगों को रियायत/ छुट दिया जाना
85. ( क्र. 1665 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पिछले पाँच वर्ष में 100 करोड़ रूपए से अधिक कुल लागत वाले कितने उद्योग लगाए तथा उन्हें कितनी जमीन रियायती दर/नि:शुल्क दी गई? उद्योगों के नाम तथा प्रारंभ की दिनांक सहित विवरण दें? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उद्योगों में जून 2016 तक कुल कितने स्थायी कर्मचारी/अधिकारी कार्यरत हैं? उद्योग अनुसार संख्या बताएं तथा बताएं कि उनमें से कितने उसी जिले के तथा म.प्र. राज्य के निवासी हैं? (ग) उक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उद्योगों को रियायती दर पर जमीन के अलावा अन्य क्या-क्या रियायत/छूट (जैसे इंट्री टैक्स, पावर, पानी मंडी टैक्स इत्यादि) दी गई? उद्योग अनुसार जानकारी दें तथा बताएं की प्रत्येक उद्योग की उक्त रियायत से लगभग प्रतिवर्ष कितने रूपये की राशि की छूट प्राप्त होगी? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उद्योगों ने प्रदेश में तथा प्रदेश के बाहर सहायक उद्योग स्थापित करवाए हैं उन सहायक उद्योगों (एन्सीलरी यूनिट) के नाम व लागत सूची प्रदान करें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश में पिछले पाँच वर्ष में 100 करोड़ रूपये से अधिक कुल लागत वाले 43 उदयोग स्थापित हुये है। उदयोगों के नाम, उत्पादन प्रारंभ करने का दिनांक व रियायती दर पर/नि:शुल्क दी गई जमीन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) प्रश्नांश (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक में समाहित है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पिछले पाँच वर्ष में स्थापित उदयोगों में अधोसंरचना विकास व्यय की प्रतिपूर्ति की सुविधा,प्रवेश-कर छूट सुविधा, उदयोग निवेश संवर्धन सहायता एवं टेक्सटाईल उदयोगों को ब्याज अनुदान सुविधा दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। उक्त उदयोगों में से जिन उदयोगों को पावर, पानी व मण्डीटेक्स की छूट दी गई है, उनके संबंध में जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में सहायक उदयोगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है।
वनरोपण के कार्य
86. ( क्र. 1668 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में वन विभाग द्वारा सन् 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य कितने वनरोपण एवं अन्य कार्य कराये गये हैं? इसमें कितनी राशि विभाग द्वारा खर्च की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कार्य पूर्ण हुये एवं कितने अपूर्ण हैं? (ग) क्षेत्र में विभाग द्वारा वनरोपण के कार्य में सुरक्षा एवं वन विकास के लिये क्या उपाय किये जा रहे हैं एवं अभी तक उसके क्या परिणाम आये हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा वृक्षारोपण क्षेत्रों की सुरक्षा एवं वन विकास के लिए स्थल आवश्यकता के अनुरूप चैनलिंक, फैंसिंग एवं काटेदार तार फैंसिंग से घेराव किया जाता है। इस हेतु सुरक्षा श्रमिकों को लगाकर, संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का सहयोग लिया जाता है। प्रश्नांश ''क'' की अवधि में किये गये सभी वृक्षारोपण सफल हैं एवं वन विकास के कार्यों का भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये हैं।
पुल निर्माण
87. ( क्र. 1669 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कल्याणपुर एवं रायपुर गांव के बीच में क्या पुल का निर्माण चल रहा है या कार्य पूर्ण हो गया या अपूर्ण है? यदि अपूर्ण है तो कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? (ख) क्षेत्र के पुल से कल्याणपुर एवं पुल से रायपुर तक कितने कि.मी. की सड़क बनाना है, जिससे आवागमन सुचारू रूप से चल सकें? क्या इन सड़कों को बनवाने हेतु विभाग की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्या योजना है? (ग) यदि कार्य योजना बनाई गई है, तो सड़क निर्माण कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, पुल कार्य पूर्ण, पहुंच मार्ग का कार्य प्रगति पर। दिसम्बर 2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) प्रश्नांकित पुल से कल्याणपुर की तरफ लगभग 1950 मीटर एवं रायपुर की तरफ 1310 मीटर सड़क बनानी होगी। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भुगतान
88. ( क्र. 1673 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुझार सिंह परिहार सहा. ग्रेड-2 लोक निर्माण विभाग मण्डल कार्यालय नौगांव दिनांक 31/12/15 को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो गये हैं? (ख) क्या संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन सागर द्वारा सेवा पुस्तिका में किसी प्रकार की आपत्ति अंकित की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ग) क क्रम में अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. नौगांव मंडल नौगांव जिला छतरपुर ने पत्र क्र. 2475 दिनांक 17/12/2015 एवं पत्र क्र. 172 दिनांक 30/1/16 द्वारा प्रस्ताव उपसचिव म.प्र.शा.लो.नि.वि. वल्लभ भवन भोपाल एवं प्रमुख अभियन्ता लो.वि. विकास भोपाल की ओर उक्त निर्णय के संबंध में शासन का अभिमत चाहा गया है? (घ) क्या सेवानिवृत्त कर्मचारी को प्रश्न दिनांक तक पूर्ण पेंशन एवं गेच्युटी, उपादान राशि का भुगतान नहीं किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) भुगतान नहीं किया गया है।
वन्य प्राणी को शेड्यूल 5 में रखने की जानकारी
89. ( क्र. 1675 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्य प्राणी) म.प्र. भोपाल द्वारा दिनांक 23/6/15 को प्रदेश के समस्त मुख्य वनसंरक्षक तथा संचालक टाईगर रिजर्व आदि को नीलगायों के संबंध में वन्य संरक्षण अधिनियम 1972 के शेड्यूल 5 में रखने हेतु प्रस्ताव फर्जी था? यदि हाँ, तो अभी तक इस संबंध में क्या कार्यवाही की गयी? (ख) यह की यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या उक्त अधिकारियों का उदासीन पूर्ववत रवैया शासकीय सेवक के आचरण के विरूद्ध नहीं है? (घ) यदि हाँ, तो की गयी कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब तक अवगत कराया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा पूरे प्रदेश के लिए एकजाई प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। (ख) स्थानीय ग्राम पंचायतों के सहमत होने एवं क्षेत्रीय अधिकारो के द्वारा इससे संतुष्ट होने पर ही नीलगाय को वर्मिन घोषित करने का एकजाई प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम पंचायतों की सहमति के आधार पर ही प्रस्ताव प्रेषित करना है। अत: इसमें किसी अधिकारी का रवैया उदासीन नहीं रहा है एवं ना ही यह शासकीय सेवक के आचरण के विरूद्ध है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण
90. ( क्र. 1676 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वन विभाग को जिला छतरपुर के विकासखण्डों में वृक्षारोपण हेतु वर्ष 14-15, 15-16 में धनराशि स्वीकृत की गयी थी? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार जानकारी दी जावे? (ख) वृक्षारोपण हेतु किस-किस प्रजाति के पौधे एवं किस-किस ग्राम में कितने-कितने पौधे का वृक्षारोपण हुआ है? इसकी भी जानकारी देवें? (ग) स्वीकृत राशि के नाम से क्या गड्ढों की खुदाई व वृक्षारोपण कर दिया गया है? यदि संपूर्ण नहीं किया गया तो उसमें दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि उक्त संबंध में कोई शिकायतें भी प्राप्त हुयी हो तो उनके निराकरण का विवरण भी प्रदाय करें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। स्वीकृत राशि के मान से गड्ढ़ों की खुदाई व वृक्षारोपण कार्य पूर्ण करा दिया गया है। अत: दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त के संबंध में कोई शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं। अत: निराकरण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरसिंहपुर एवं कटनी वन मण्डल में कराए गए कार्य
91. ( क्र. 1688 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के सामान्य वनमंडल के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र एवं राज्य आधारित योजनाओं में कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत की गई? पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) की स्वीकृत राशि में से किस-किस खसरा नंबरों के किस कक्ष क्रमांक में कितनी राशि के क्या-क्या कार्य कराए गए? (ग) वन संरक्षक सामान्य वनमंडल कटनी जिला कटनी को पत्र क्रमांक 209 दिनांक 16.2.2016 को उप वनमंडल अधिकारी कटनी पश्चिम द्वारा की गई जाँच में क्या शिकायतकर्ता को सुना जाकर जाँच की गई है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं क्या शिकायतकर्ता को सुना जाकर पुन: निष्पक्ष जाँच मौके में शिकायतकर्ता को साथ ले जाकर की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं? उक्त जाँच प्रतिवेदन पर प्रश्न दिनांक तक वन संरक्षक सामान्य वन मंडल द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नरसिंहपुर वन मण्डल अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक केंद्र आधारित योजनाओं से संबंधित कोई राशि स्वीकृत नहीं की गयी है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शिकायतकर्ता को सुना जाकर पुनः जाँच शीघ्र की जायेगी। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही बाबत् वनमण्डलाधिकारी कटनी द्वारा पत्र दिनांक 02.07.2016 से मुख्य वन संरक्षक, क्षेत्रीय जबलपुर को प्रकरण प्रेषित किया गया है।
इन्डोर स्टेडियम लहार की निर्माण एजेंसी को राशि का भुगतान
92. ( क्र. 1689 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले के लहार नगर स्थित इन्डोर स्टेडियम का निर्माण 31 मार्च, 2016 को पूर्ण होने के बाद भी एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान शेष है और कब तक भुगतान कर दिया जाएगा? (ख) क्या करोड़ों की लागत से निर्मित इंदिरा गांधी स्टेडियम लहार एवं इन्डोर स्टेडियम लहार में खेल प्रशिक्षक न होने से खेल गतिविधियां ठप्प हैं जिससे उक्त स्टेडियम खराब हो रहे है? (ग) यदि हाँ, तो इंदिरा गांधी स्टेडियम लहार एवं इन्डोर स्टेडियम लहार में खेल गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन हेतु खेल प्रशिक्षक की पदस्थापना कब कर दी जाएगी? (घ) भिण्ड जिले के ग्राम पचोखरा तहसील रौन में राजीव गांधी खेल अभियान के अंतर्गत 2.88 हेक्टेयर भूमि दिनांक 02 फरवरी 2016 को आवंटित करने के बाद भी अभी तक स्टेडियम का निर्माण प्रारंभ न होने के क्या कारण हैं बताएं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) लहार स्टेडियम जिला भिण्ड की निर्माण एजेंसी को भुगतान हेतु कोई राशि शेष नहीं होने से शेष राशि भुगतान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नोत्तर ’’ख’’ के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) भूमि आवंटन के पश्चात उक्त भूमि का आधिपत्य तहसीलदार द्वारा विभाग को सौंपने की कार्यवाही प्रचलित है। आधिपत्य प्राप्त होने पर निर्माण संबंधी कार्यवाही संभव है।
शासकीय महाविद्यालयों में अनियमितता
93. ( क्र. 1692 ) श्री जितू पटवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में वर्ष 2016 अनुसार शासकीय स्नातक तथा स्नात्कोत्तर महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की संख्या नियमित सह प्राध्यापक/ प्राध्यापक की संख्या, अध्यापन कार्य में लगे अतिथि विद्वान की संख्या की सूची महाविद्यालयों के अनुसार प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में से किस-किस महाविद्यालय में जन भागीदारी से कौन-कौन से विषय (कोर्स) पढ़ाये जा रहे हैं उनकी फीस अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की संख्या अध्यापन कार्य करने वाले नियमित तथा अतिथि अध्यापक की संख्या सहित जानकारी दें? (ग) पिछले पाँच वर्षों में शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्र/छात्राओं की संख्या में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? (घ) अतिथि विद्वान को किस दर से औसतन प्रतिवर्ष कितना मानदेय प्राप्त होता है तथा इन्हें नियमित/स्थायी करना या इनकी फिक्स 40000 रू. प्रति माह मानदेय देना प्रस्तावित है या नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 2016 में इंदौर संभाग में संचालित शासकीय स्नातक तथा स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की संख्या, 76171 है। नियमित सहायक प्राध्यापक की संख्या 771 तथा प्राध्यापक (सीधी भर्ती ) की संख्या 36 है। अध्यापन कार्य में लगे अतिथि विद्वानों की संख्या की सूची महाविद्यालयोंवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) इंदौर सभाग के शासकीय महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयो में पिछले पाँच वर्षों में 48.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार।
एक ही स्थान पर तीन साल से ज्यादा पदस्थ कर्मचारी
94. ( क्र. 1693 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में उन अधिकारियों की संख्या बतावें जो शासन के नियम के विपरीत एक ही स्थान पर तीन साल से ज्यादा समय से कार्यरत है जानकारी केडर अनुसार दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संख्या कुल केडर अनुसार कार्यरत संख्या का कितना-कितना प्रतिशत है? (ग) इंदौर, उज्जैन संभाग में तीन साल से अधिक समय से कार्यरत अधिकारियों की सूची उनकी पदस्थापना सहित बतावें? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अधिकारियों के उपरोक्त अवधि में तबादला आदेश निकलने के बाद निरस्त हो गये हो तो जानकारी दे यदि नहीं, निकले तो बतावें कि शासन के नियमों के पालन हेतु कदम क्यों नहीं बढ़ाये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अंतर्गत एक ही स्थान पर 3 वर्ष पूर्ण करने वाले अधिकारियों को आवश्यक रूप से स्थानांतरित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अतः जानकारी शून्य है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
गांवों में खेल मैदानों हेतु भूमि आरक्षित की जाना
95. ( क्र. 1696 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पूरे प्रदेश के गांवों में खेल के लिए पटवारी रिकार्ड में आरक्षित करने हेतु पूर्व में किए गए प्रश्नों के संदर्भ में बताएं कि खेल विभाग ने इस संबंध में क्या आदेश निर्देश जारी किए है उन पर जिला प्रशासन सख्ती से पालन क्यों नहीं कर रहा है तथा क्या अब शासन सख्ती से निर्देश जारी कर समय-सीमा देगा? जहां भी शासकीय भूमि व उस भूमि जिस पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है को अतिक्रमण मुक्त कर खेल मैदान के लिए आरक्षित कर रेवेन्यू रिकार्ड में दर्ज करेंगे? (ख) प्रदेश के गांवों में शासकीय भूमि उपलब्ध है जिस पर बड़े किसानों ने अतिक्रमण कर रखा है क्या उसका सर्वे नंबर, रकबा आदि एकत्रित कर समय-सीमा में जिला प्रशासन को शासन का विवरण भेजने हेतु निर्देश जारी करेंगे ताकि इस संबंध में गंभीर प्रयास हो सके? (ग) गांवों में खेल मैदानों हेतु भूमि आरक्षित करने हेतु विभाग ने कब-कब, क्या-क्या निर्देश जारी किये है उसका विवरण देते हुए व प्रतिलिपि देते हुए बताएं कि इसके पालन की मॉनिटिरिंग हेतु विभाग ने क्या प्रयास किये है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) पूर्व सत्र के प्रश्नोत्तर 103 अनुसार वर्तमान में प्रदेश के समस्त गावों में खेल के लिये पटवारी रिकार्ड में भूमि आरक्षित करने हेतु खेल विभाग द्वारा कोई भी आदेश एवं निर्देश जारी नहीं किये गये है। उपरोक्त के संबंध में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) प्रश्नोत्तर ‘‘क’’ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की, प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 01 ग्रामीण खेल मैदान निर्मित किये जाने की योजना हैं। योजनान्तर्गत इस विभाग द्वारा जारी किये गये निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी द्वारा जिले में निर्मित किये जा रहें खेल परिसरों का निरन्तर भ्रमण कर मॉनिटिरिंग की जा रही है।
व्यापम में रतलाम एवं अशोकनगर जिले में गिरफ्तारी
96. ( क्र. 1697 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 8 मार्च, 2016 के अता. प्रश्न संख्या 3 (क्रमांक 105) के संदर्भ में बताएं कि व्यापम के संबंध में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में जिस-जिस व्यक्ति ने याचिकाएं लगाई है उनके नाम तथा पैरवी करने व मॉनीटिरिंग करने वालों के नाम दे तथा उनको व वकीलों के अभी तक जून 2016 तक कितना भुगतान किस-किस को दिया है उस का विवरण देवें तथा जून प्रकरणों की 2016 की अद्यतन स्थिति देवें? (ख) अभी तक व्यापम में रतलाम जिले व अशोकनगर जिले में किस-किस की गिरफ्तारी हुई है व कौन-कौन जमानत पर है नाम व पते देवें व प्रदेश में कुल कितने, किस-किस जिले में गिरफ्तार हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्र की जा रही है।
वनग्रामों की वन भूमि को भोपाल वनवृत्त के अंतर्गत डीनोटीफाईड
97. ( क्र. 1703 ) श्री आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1980 के पूर्व राजस्व विभाग को अंतरित किए गए वनग्रामों की वन भूमि को भोपाल वनवृत्त के अंतर्गत प्रश्नांकित दिनांक तक भी राजपत्र में डीनोटीफाईड नहीं किया जा सका है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल वनवृत्त के अंतर्गत 1980 के पूर्व किस आदेश क्रमांक दिनांक से किस वनग्राम को राजस्व विभाग को सौंपा या अंतरित किया गया उस ग्राम की कितनी भूमि किस दिनांक के राजपत्र में डीनोटीफाईड की गई? किस वनग्राम की कितनी भूमि प्रश्नांकित दिनांक तक भी राजपत्र में डीनोटीफाईड नहीं की गई? (ग) बिना डीनोटीफाईड के वनग्रामों की वन भूमि राजस्व विभाग को अंतरित किए जाने का क्या कारण रहा है? ऐसे ग्रामों की वनभूमि डीनोटीफाईड किए जाने के संबंध में वन विभाग ने वर्ष 1980 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस वर्ष में क्या-क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें? (घ) वर्ष 1980 के पूर्व राजस्व विभाग को अंतरित वनग्रामों की वन भूमि को राजपत्र में डीनोटीफाईड किए जाने की अनुमति के प्रस्ताव कब तक बनाए जाकर भारत सरकार एवं माननीय न्यायालय के समक्ष कब तक प्रस्तुत कर दिए जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। भोपाल वन वृत्त के अंतर्गत वर्ष 1980 के पूर्व राजस्व विभाग को अंतरित किये गये वनग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। इनमें से किसी भी वनग्राम की वनभूमि के निर्वनीकरण की अधिसूचना जारी नहीं की गयी। (ग) विभिन्न रियासतों के कानूनों के अंतर्गत स्थापित होने के कारण वनग्राम तत्समय बिना निर्वनीकरण के राजस्व विभाग को प्रबंधन एवं नियंत्रण हेतु सौंपे गये। इन वनग्रामों की वनभूमि के निर्वनीकरण की कार्रवाई प्रकियारत हैं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के अनुसार कार्रवाई उपरांत भारत सरकार एवं सर्वोच्च न्यायालय को स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किये जावेंगे।
बिना निर्वनीकरण के राजस्व विभाग को भूमि का अंतरण
98. ( क्र. 1704 ) श्री आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल वनवृत्त के अंतर्गत आने वाली किस परिक्षेत्र के किस वनग्राम को किस आदेश दिनांक के द्वारा राजस्व ग्राम बनाया गया? उस ग्राम की कितनी भूमि निर्वनीकरण की जाकर राजस्व विभाग को अंतरित की गई कितनी भूमि बिना निर्वनीकरण के ही राजस्व विभाग को अन्तरित की गई? (ख) वनग्राम को राजस्व ग्राम बनाए जाने के पूर्व किस वनग्राम में कितनी वनभूमि के कितने पट्टे वितरित किए गए थे, उनकी सूची वन विभाग ने किस पत्र क्रमांक दिनांक से राजस्व विभाग को प्रेषित की? पत्र सहित यह बतावें कि कितने पट्टेधारियों को कितनी भूमि के कितने वन अधिकार पत्र वितरित किए गए? (ग) राजस्व विभाग को अंतरित किए गए वनग्रामों की भूमि से संबंधित कौन-कौन से अभिलेख दस्तावेज वर्तमान में किस वनमण्डल में उपलब्ध हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भोपाल वन वृत्त के अंतर्गत आने वाले वनग्रामों का अधिबासित क्षेत्र वर्ष 1980 के पूर्व प्रबंधन हेतु राजस्व विभाग को बिना निर्वनीकरण किये हस्तांतरण किया गया। राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये गये वनग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। राजस्व विभाग द्वारा वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने की अधिसूचनाएं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये गये वनग्रामों की भूमि से संबंधित म.प्र. शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-3263-10-62 दिनांक 26.04.1962 तथा म.प्र. शासन वन विभाग का पत्र क्रमांक/4670/3238/10/2/75 दिनांक 06.10.1975 एवं पत्र क्रमांक/5730/640/10/2/75 दिनांक 03/04 दिसम्बर 1975 भोपाल वन वृत्त के अंतर्गत आने वाले रायसेन, औबेदुल्लागंज, विदिशा, भोपाल, सीहोर एवं राजगढ़ वनमंडलों के कार्यालय में उपलब्ध है।
वर्किंग प्लान में निजी भूमि
99. ( क्र. 1720 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल वनवृत अंतर्गत किस वन मण्डल ने वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल के दि. 22.07.2009 के पत्र में बताये गये प्रारूप में निजी भूमि की जानकारी संकलित कर वर्किंग प्लान में सूची संलग्न कर दी है? सूची की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) वनखण्ड एवं वार्किंग प्लान में शामिल निजी भूमि के संबंध में भारतीय वन अधिनियम 1972 की धारा 11, भू-अर्जन अधिनियम 1994 की धारा 11 (क) धारा 11 व धारा 16, भूमि अर्जन पुनर्वासन, पुनर्व्यस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 11 धारा 23 धारा 24 एवं धारा 87 में क्या-क्या प्रावधान हैं? (ग) किसके आदेश से निजी भूमि वर्किंग प्लान, पीएफ एरिया रजिस्टर, संरक्षित वन कक्ष इतिहास एवं संरक्षित वन कक्ष मानचित्र में शामिल की गई है? इन अभिलेखों एवं मानचित्र से निजी भूमि पृथक किये जाने संबंधी वन मुख्यालय ने किस दिनांक को क्या कार्यवाही की है? (घ) बिना मुआवजा भुगतान के निजी भूमि वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर इतिहास एवं नामचित्र में शामिल किये जाने के लिये कौन जिम्मेदार है? इन अभिलेखों से निजी भूमि पृथक किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा कार्यवाही कब तक कर दी जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) शहडोल वन वृत्त के अंतर्गत वनमंडलों में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (का.आ. एवं वन-भू अभि.) सतपुड़ा भवन, भोपाल के पत्र दिनांक 20.07.2009 में बताये गये निर्धारित प्रारूप में निजी भूमि की जानकारी संकलित कर वर्किंग प्लान में सूची चस्पा कर दी गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) रीवा राज दरबार आर्डर नम्बर 124 दिनांक फरवरी 1937 से अधिसूचित संरक्षित वनों में निजी भूमियां सम्मिलित थी, जिन पर व्यक्ति तथा समुदाय के अधिकार यथावत थे। जिन भूमियों को वनखण्डों से पृथक करना संभव नहीं था, उनको वनखंडों में समाहित किया गया तथा तदानुसार वनखंड इतिहास, मानचित्र एवं अभिलेखों में दर्शाया गया। मुख्य सचिव म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक/974/एफ 25-08/2015/10-3 दिनांक 01.06.2015 से निजी भूमियों को वनखंडों से पृथक करने के निर्देश जारी किये गये, कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जिन निजी भूमियों को वनखंडों से पृथक करना संभव नहीं था उनको वनखंडों में दर्शाया गया है, उन पर व्यक्तियों के अधिकार यथावत हैं, अत: कोई दोषी नहीं है। मुख्य सचिव म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक/974/एफ 25-08/2015/10-3 दिनांक 01.06.2015 से निजी भूमियों को वनखंडों से पृथक करने के निर्देश जारी किये गये हैं। कार्यवाही प्रचलित है।
पायका योजना अंतर्गत पुरस्कार हेतु प्राप्त राशि
100. ( क्र. 1721 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल संभाग अंतर्गत जिला शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया जिलों में पायका योजना के अंतर्गत विगत तीन वित्तीय वर्ष की अवधि में पुरस्कार हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? किस मान से कितने खिलाडि़यों को कितनी राशि दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों व अवधि खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? कहाँ-कहाँ व कब किन-किन खेलों का आयोजन किया? इनमें से प्रत्येक में कितनी राशि व्यय हुई? (ग) उपरोक्त वर्णित जिलों में उक्त अवधि में खेल सामग्री का वितरण कहाँ-कहाँ किया गया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) शहडोल संभाग के जिला शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया में पायका योजनान्तर्गत विगत तीन वित्तीय वर्ष की अवधि में प्राप्त एवं वितरित पुरस्कार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स’’ अनुसार हैं।
प्रदेश में अभ्यारण्यवार, शेरो, बाघों की संख्या
101. ( क्र. 1735 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बाघों, शेरों के कितने अभ्यारण्य वर्तमान में कार्यरत हैं? इनमें बाघों, शेरो की कितनी-कितनी संख्या है? अभ्यारण्य बार किस्म, संख्या सहित जानकारी दी जावें? (ख) वर्ष 2015 से जून 2016 तक प्रदेश में कितने बाघों की मृत्यु हुई है, जिनमें आपसी हमले, बीमारियों एवं शिकारियों द्वारा की गई शिकार सहित पूर्ण जानकारी अलग-अलग दी जावें। (ग) शासन द्वारा उक्त मृत्यों के प्रकरणों में क्या-क्या उपचार प्रबंध, सतर्कता बरती गई थी? अधिकारियों द्वारा उक्त मृत्यु के बारे में कब-कब दिशा -निर्देश जारी किये गये, तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रदेश में 10 राष्ट्रीय उद्यान एवं 25 अभ्यारण्य हैं। इन्हीं में से प्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व अधिसूचित हैं। प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों एवं टाइगर रिजर्व्स में वर्ष 2014 में अंतिम भारतीय वन्यप्राणी आंकलन अनुसार बाघों, शेरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 1 (अ) अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) बाघ संरक्षित क्षेत्रों हेतु भारत सरकार से अनुमोदित टाइगर कंजर्वेशन प्लान में दर्शाये उपचार प्रबंध के अनुरूप कार्य किया जाता है। बाघ मृत्यु के प्रकरणों में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार समय-समय पर मानक परिचालन प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है। तदनुसार ही समस्त प्रकरणों में कार्रवाई की गई है।
म.प्र. व्यवसायिक परीक्षा बोर्ड द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति
102. ( क्र. 1736 ) श्री
सत्यपाल
सिंह सिकरवार
:
क्या राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र. व्यवसायिक
परीक्षा
बोर्ड द्वारा
सरकारी
विभागों में
चतुर्थ
श्रेणी
कर्मचारियों
की भर्ती हेतु
जुलाई 2015
परीक्षा कराई
गई थी। दिसम्बर
2015 में
परीक्षा
परिणाम घोषित
किये गये थे।
कितने अभ्यार्थी
उत्तीर्ण
हुये, जिलावार
संख्या सहित
जानकारी दी
जाये? (ख) क्या
उक्त परीक्षा
में उत्तीर्ण
अभ्यार्थियों
की कई जिलों
में पदस्थापना
कर दी गई है, लेकिन
अनेक जिलों
में पदस्थापना
में विलम्ब
हो रहा है, क्यों? विलम्ब
के क्या कारण
रहे, कितने
जिलों में
पदस्थापना
हो गई है,
कितने
जिले बाकी हैं, जिले के
नाम सहित
जानकारी दी
जावे? (ग) ग्वालियर, चम्बल
संभाग के
कितने जिलों
में कितने
पदों पर नियुक्ति
होना है,
उनकी
संख्या
विभागों में
रिक्त पद
हेतु हुई
परीक्षार्थियों
की संख्या
सहित जानकारी
दी जावे,
इनकी
नियुक्ति कब
तक दे दी
जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा ( श्री
दीपक जोशी ) : (क) से (ग)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही हैं।
शासकीय निधि का दुरूपयोग
103. ( क्र. 1740 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट एवं सिवनी जिले के अंतर्गत वन विभाग के कौन-कौन से प्राधिकारी/ कार्यालय है जिन्हें डीडीओ के अधिकार तथा शक्तियॉं प्रदत्त है? इन्हें देयकों को पारित करने, सामग्री क्रय करने एवं किसी कार्य पर होने वाले व्यय की राशि की स्वीकृति देने का क्या अधिकार है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्राधिकारियों द्वारा पिछले 3 वित्तीय वर्षों में क्या-क्या सामग्री कितनी मात्रा में कितनी राशि की खरीदी और उसका भुगतान क्या निर्धारित तिथि को दिया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो भुगतान लंबित क्यों हैं? (ग) उपरोक्त प्राधिकारियों द्वारा वेतन, भत्तों को छोड़कर अन्य व्यय कौन-कौन से कब-कब किस कार्य हेतु कितनी राशि के किये गये? क्या उसकी सक्षम अधिकारी से मंजूरी ली गई? क्या वे इसके लिये अधिकृत थे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग के बालाघाट एवं सिवनी जिले के अंतर्गत निम्नानुसार प्राधिकारी/कार्यालय हैं, जिन्हें डी.डी.ओ. के अधिकार तथा शक्तियां प्रदत्त हैं :-
क्र. |
जिले का नाम |
प्राधिकारी/कार्यालय का नाम जिन्हें डी.डी.ओ. के अधिकार तथा शक्तियां प्रदत्त हैं। |
1 |
बालाघाट |
बालाघाट
जिले के
अंतर्गत
वनवृत्त
बालाघाट में
निम्नलिखित प्राधिकारी/कार्यालय
को डी.डी.ओ. के
अधिकार तथा
शक्तियां
प्रदत्त है :- |
2 |
सिवनी |
सिवनी
जिले के
अंतर्गत
वनवृत्त
सिवनी में
निम्नलिखित
प्राधिकारी/कार्यालय
को डी.डी.ओ. के
अधिकार तथा
शक्तियां
प्रदत्त है :- |
उपरोक्त तालिका में सूचीबद्ध डी.डी.ओ. के देयकों को पारित करने, क्रय/कार्य/व्यय की मंजूरी देने के अधिकार, मध्यप्रदेश वित्तीय शक्ति पुस्तिका भाग-2 में वन विभाग के संबंध में वित्तीय शक्ति अनुसार है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना
104. ( क्र. 1751 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में शासकीय कन्या महाविद्यालय (गर्ल्स कॉलेज) खोले जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय शिक्षा मंत्री जी को भेजे गए प्रस्ताव पर विभाग द्वारा शासकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र में शासकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव बजट में रखा गया है? अगर प्रस्ताव बजट में नहीं रखा गया है तो कब रखा जायेगा? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र में शासकीय कन्या महाविद्यालय (गर्ल्स कॉलेज) खोले जाने की स्वीकृति अभी तक विभाग द्वारा प्रदान नहीं की गई है? विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान नहीं किए जाने का क्या कारण है? विभाग द्वारा शासकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विभाग द्वारा निर्धारित मानदंडों पर प्रस्ताव परीक्षाणाधीन है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय—सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्ग निर्माण पर कार्यवाही
105. ( क्र. 1752 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा विभिन्न मार्ग निर्माण (क्र. 01. ग्राम अप्तरा से ग्राम मुजावर तक दूरी लगभग 3 कि.मी.। क्र. 02. ग्राम सेमरढाना से ग्राम बिजौरीगुमाई होते हुए, परासिया/उमरेठ मुख्य मार्ग तक दूरी लगभग 6 कि.मी.। क्र. 03. ग्राम देवरीढाना से खिरसाडोह एवं खिरसाडोह से मुख्य मार्ग परासिया तक दूरी लगभग 7 कि.मी. एवं क्र. 04. ग्राम कन्हरगांव से मानकादेही मुख्य मार्ग तक दूरी लगभग 4 कि.मी.) के प्रस्ताव विभाग को भेजे गये हैं, जिनकी स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? अवगत करायें? (ख) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र के उपरोक्त मार्ग निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बजट में रखे गये है? अगर मार्ग निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बजट में नहीं रखे गये हैं तो कब रखा जायेगा? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के उपरोक्त मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति अभी तक विभाग द्वारा प्रदान नहीं की गई हैं? इन मार्गों की स्वीकृति प्रदान नहीं किए जाने का क्या कारण है? इन मार्गों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) संपूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधायक ट्रॉफी के देयकों का भुगतान
106. ( क्र. 1755 ) श्री बाला बच्चन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले के राजपुर, पानसेमल एवं बड़वानी में विधायक ट्रॉफी 2016 कब से कब तक आयोजित की गई थी? (ख) इनके वेंडरो का भुगतान प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया, कारण बतावें। इनका भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ग) भुगतान में विलंब के दोषी अधिकारियों के नाम पदनाम सहित बतावें। इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) बड़वानी जिले में दि. 01.04.14 से 30.5.16 तक किन खेल संघो, एन.जी.ओ. एवं अन्य संस्थाओं को कितना बजट किन खेलो के लिए दिया? जानकारी नाम सहित माहवार देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) बड़वानी जिले के राजपुर में दिनांक 27 से 29 फरवरी 2016, पानसेमल में दिनांक 24 से 27 मार्च 2016 एवं बड़वानी में दिनांक 15 से 16 फरवरी 2016 तक विधायक कप 2016 का आयोजन किया गया। (ख) विधायक कप 2016 के आयोजन उपरान्त आयोजन में हुए व्यय के भुगतान हेतु देयक जिला कोषालय, बड़वानी में प्रस्तुत किए गए थे। तत्समय वित्त विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा समस्त कोषालयों में आहरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिस कारण वेण्डरों को भुगतान नहीं हो पाया एवं आवंटित राशि वित्तीय वर्ष 2015-16 में लेप्स हो गई। पुनः वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी, बड़वानी को आवंटन आदेश क्रमांक 3214-15 दिनांक 05.07.2016 से राशि सौंपी जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वित्त विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा मध्यप्रदेश के समस्त कोषालयों में आहरण पर प्रतिबन्ध लगाए जाने से राशि आहरित नहीं की जा सकी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बड़वानी जिले में दिनांक 01.04.2014 से 30.05.2016 तक किसी भी खेल संघों, एन.जी.ओ. एवं अन्य संस्थाओं को बजट स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिले में किए गए व्यय
107. ( क्र. 1756 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.04.13 से 30.05.16 तक बड़वानी जिले में पौधारोपण, निर्माण कार्य, वन्य प्राणी संरक्षण, वन्य प्राणी सुरक्षा-स्वास्थ्य एवं अन्य मदों में कितनी राशि व्यय की गई, विधान सभा क्षेत्रवार, वर्षवार मदवार बतावें। (ख) उपरोक्त समयावधि में किन-किन फर्मों से सामग्री क्रय की गई उन्हें कितना भुगतान किया गया की जानकारी फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिल उन्हें भुगतान रसीद का विवरण देवें। इसके लिये की गई टेंडर प्रक्रिया की जानकारी भी देवें। (ग) वन्य प्राणियों पर किए व्यय की पूरी जानकारी देते हुए बतावें कि किन-किन वन्य प्राणियों पर किन-किन मदों/कार्यों में ये राशि व्यय की गई, मद का नाम, वन्य प्राणी नाम सहित माहवार, विधान सभा क्षेत्रवार बतावें? (क) समयावधिनुसार बतावें। (घ) प्रश्न (ख) अनुसार यदि बिना टेंडर प्रक्रिया के खरीदी की गई तो इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल जिले के परिक्षेत्र में कर्मचारियों के स्थानांतरण
108. ( क्र. 1758 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के क्षेत्रीय वनवृत्त के वनमंडल, उपवनमंडल एवं वन परिक्षेत्र में कार्यरत वनरक्षक/वनपाल/लिपिक एवं दैनिक वेतन भोगियों का स्थानांतरण अथवा कार्यावंटन के नाम पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पदस्थ किए जाने के अधिकार किस-किस अधिकारी को दिए गए हैं? शासन के आदेश की प्रति सहित जानकारी दें। (ख) 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक बैतूल जिले में वनवृत्त, वनमंडल से किस-किस वनपाल/वनरक्षक लिपिक अथवा दै.वे.भो. कर्मचारियों का स्थानांतरण अथवा कार्यावंटन के आदेश अथवा कार्य आवंटन पत्र जारी किए गए हैं सूची देवें। (ग) क्या उपरोक्त अवधि में वनपरिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा भी कार्य आवंटन के नाम पर वनपालो/वनरक्षकों, दै.वे.भो. की एक स्थान से दूसरे स्थान पर पदस्थिति की गई है? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत? क्या इनकी पुष्टि/अनुमोदन विभागीय अधिकारियों एवं प्रभारी मंत्री से की गयी है? यदि हाँ, तो कब? (घ) यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध कार्य आवंटन आदेश के नाम पर किए गए स्थानांतरण आदेश निरस्त कर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक करेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो, तीन एवं चार पर है। (ग) जी, हां। परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा वनसुरक्षा की प्रशासनिक दृष्टि से शासन हित को दृष्टिगत रखते हुए वनरक्षकों/वनपालों को कार्य आवंटन किया गया है, जिसका अनुमोदन विभागीय अधिकारियों द्वारा किया गया है तथा प्रभारी मंत्री से अनुमोदन की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शासन हित में सदभावना पूर्वक कार्यवाही किये जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
10 अप्रैल 2015 को प्रमुख सचिव द्वारा जारी पत्र
109. ( क्र. 1759 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के प्रमुख सचिव ने दि. 10.04.2015 को किन-किन धाराओं में अधिसूचित वनभूमियों के संबंध में राजस्व अभिलेखों दर्ज किन-किन अधिकारियों के संबंध में क्या-क्या आदेश दिए है? (ख) बैतूल जिले में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित कितने ग्रामों की कितनी भूमि वर्तमान वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर एवं वनकक्ष इतिहास में शामिल है? क्या इन भूमियों पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों के ब्यौरे वन विभाग में दर्ज कर लिए गए है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है? (ग) इस अधिसूचना में (ख) अनुसार प्रावधानों को दर्ज करने के लिए नियम/निर्देश/आदेश है? (घ) यदि हाँ, तो क्या वन विभाग के अभिलेखों में इन अधिकारों एवं प्रयोजनों के ब्यौरे दर्ज कर दिए गए है? यदि नहीं, तो क्यों कब तक दर्ज कर लिए जाएंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैतूल जिले में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 की वर्ष 1958 में जारी अधिसूचना में ग्राम, खसरा एवं रकबा का उल्लेख नहीं है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) में 494 वनखण्ड़ों का अधिसूचित 72488.458 हेक्टेयर रकबा क्षेत्रीय वनमंडलों के वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्टर एवं संरक्षित वनकक्ष इतिहास में दर्ज है। शासन के परिपत्र दिनांक 10 अप्रैल 2015 में दिये गये निर्देशानुसार राजस्व विभाग से जानकारी प्राप्त होने पर तदानुसार वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज करने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र दिनांक 10 अप्रैल 2015 में उल्लेखित निर्देशानुसार राजस्व विभाग से जानकारी प्राप्त होने पर तदानुसार वन विभाग के अभिलेखों में अधिकार एवं प्रयोजनों के ब्यौंरे दर्ज करने की कार्यवाही की जावेगी।
मंदिरों का आधिपत्य
110. ( क्र. 1762 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कितने मंदिर है उनके पास कितनी चल अचल संपत्ति है? (ख) इनमें कितने पुजारी नियुक्त हैं इन्हें कितना मानदेय प्रतिमाह दिया जाता है? (ग) बड़ा राम मंदिर झारड़ा की चल अचल संपत्ति निर्मित दुकानों के साथ बतावें? ये किस दर पर विक्रय/किराये पर दी गई बतावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में 428 मंदिर है, इन मंदिरों के पास 977.60 हेक्टेयर भूमि स्थित है। चल संपत्ति की जानकारी बैंक खाता में जमा राशि रू. 37,39,600/- (सेतीस लाख उनचालीस हजार छै: सौ रूपये) है। (ख) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के मंदिरों में 363 पुजारियों की नियुक्ति की गई जिसमें 297 पुजारियों को 700 रू. प्रतिमाह एवं 66 पुजारियों को 520 रू. प्रतिमाह की दर से मानदेय प्रदान किया जाता है। (ग) बड़ा राम मंदिर झारड़ा के नाम से ग्राम झारडा में भूमि कुल 5.39 हेक्टेयर स्थित है। शासन द्वारा कोई दुकान निर्मित नहीं की गई है। मंदिर से लगी एवं ग्राम आबादी की भूमि पर पुजारी द्वारा दुकानें निर्मित की गयी है। दुकान किराया की वसूली शासन द्वारा नहीं की जा रही है। देवस्थान की संपत्ति के संबंध में वादी के द्वारा तृतीय अपील प्र.क्र. 7936/2002 माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के समक्ष की गई है। वर्तमान में प्रकरण लंबित है तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिनांक 26.4.2002 को स्थगन आदेश जारी किया गया है।
महिदपुर I.T.I में रिक्त पदों की पूर्ति
111. ( क्र. 1763 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में I.T.I में कितने पद स्वीकृत है कितने पद रिक्त है? (ख) रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्या झारड़ा कस्बा में महाविद्यालय प्रारंभ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि नहीं, तो इस पर कब तक विचार किया जाकर स्वीकृति दी जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी समिति द्वारा किए गए कार्य
112. ( क्र. 1766 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने महाविद्यालय हैं? इनमें जनभागीदारी समिति के वर्तमान में अध्यक्ष कौन हैं? महाविद्यालय का नाम, अध्यक्ष का नाम, अध्यक्ष का पदनाम सहित देवें। जिलावार बतावें। (ख) कितने महाविद्यालयों में अध्यक्ष/उपाध्यक्ष पद पर शासकीय अधिकारी नियुक्त हैं उनके नाम, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष नाम, पदनाम सहित देवें। जहां पर विधायक हैं वे भी जिलावार बतावें। (ग) क्या कारण है कि कई स्थानों पर विधायक अध्यक्ष हैं लेकिन कई स्थानों पर शासकीय अधिकारी नियुक्त हैं, पत्र क्र. एफ 24-1-2011-अड़तीस-2, असाधारण राजपत्र शासन अधिनियम सूचना क्रं. 471 दिनांक 30-09-1996 की छायाप्रति देवें। (घ) शासन प्रदेश के महाविद्यालयों में जनभागीदारी अध्यक्ष पद पर विधायकों की नियुक्ति कब तक सुनिश्चित करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश में कुल 442 शासकीय महाविद्यालय है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार 193 महाविद्यालयों में अध्यक्ष की नियुक्ति की गयी है। शेष महाविद्यालयों की जनभागीदारी समिति में कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि पदेन उपाध्यक्ष होते हैं जो जनभागीदारी समिति की बैठक में अध्यक्षता करते है। ऐसे शासकीय पदाधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में निहित राजपत्र दिनांक 30.9.1996 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कार्यरत कर्मचारियों के पी.एफ.
113. ( क्र. 1767 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कितने उद्योग कार्यरत हैं? उद्योगवार, विधान सभा क्षेत्रवार देवें। (ख) इन उद्योगों द्वारा कितनी भूमि किस दर पर, लीज पर, कहाँ-कहाँ ली गई है?। (ग) इन उद्योगों में कितनी सुरक्षा एजेंसियां, ठेका श्रमिक सप्लाई एजेंसियां कार्यरत है? उनके नाम, उद्योग के नाम सहित बतावें। (घ) जिन उद्योगों में कर्मचारियों का पी.एफ., ग्रेज्युटी नहीं काटी जाती उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) धार जिले में कुल 916 उद्योग कार्यरत है। विधान सभा क्षेत्रवार उद्योगों की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (ख) मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम द्वारा 727 उद्योगों को 1348.725 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर सेक्टर 1,2,3 एवं खेडा तथा विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र में तथा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, धार द्वारा अर्धशहरी औद्योगिक क्षेत्र धार में 74 उद्योगों को 5.128 हेक्टेयर, व 1 इकाई को मांडव में 1.290 हेक्टेयर शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित दरों पर लीज पर दी गई है। (ग) इन उद्योगों में कार्यरत सुरक्षा एजेन्सी, ठेका श्रमिक सप्लाय एजेंसी की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में निरंक।
स्वीकृत मार्ग पर पुल निर्माण
114. ( क्र. 1776 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय किसी आदेश के द्वारा वर्ष 2016 में वि.स.क्षे. बड़वारा की तहसील ढीमरखेड़ा की तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम सगौना से जिला उमरिया के ग्राम बीजापुरी का किसी लागत राशि का कोई मार्ग स्वीकृत हुआ है और उसका किसी के द्वारा भूमिपूजन किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) मार्ग का ठेका किसी कंपनी को दिया गया है और निर्माण की कोई अवधि निर्धारित की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) मार्ग में किन्हीं ग्रामों के मध्य किसी नदी में सेतु निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 की अवधि में कोई सर्वे पूर्ण कर लिया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) का किसी लागत का प्राक्कलन बना लिया गया है और उसे कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। अनुबंधानुसार अवधि दिनांक 19.11.2017 तक निर्धारित है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
तेन्दुपत्ता बोनस का भुगतान
115. ( क्र. 1786 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने तेंदूपत्ता संग्राहकों को किस दर से कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ख) बोनस किस दर से भुगतान किये जाने के शासन के क्या निर्देश है और किस दर से भुगतान किया गया है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) केवलारी विधान सभा क्षेत्र में बोनस कब से कितने संग्राहकों का भुगतान किया जाना शेष है? कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? भुगतान न होने के जिम्मेदार कौन है? (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में कितने तेंदूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु हुई है? किन-किन मृतकों का बीमा प्रकरण कंपनी को भेजा जा चुका है? कितने प्रकरण का निराकरण किया जा चुका है? कितने संग्राहकों का निराकरण किया जाना शेष है और कब तक निराकरण किय जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सिवनी जिले के केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक 43408 संग्राहकों को वर्ष 2015 तक रू. 950/- तथा वर्ष 2016 में रू. 1250/- प्रति मानक बोरा की दर से कुल संग्रहण राशि रू. 6,22,19,390/- का भुगतान किया गया है। उक्त अवधि में संग्राहकों को वितरित तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन बोनस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन वन विभाग के निर्देश दिनांक 07.12.2009 के अनुसार संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) उनके द्वारा संग्रहित तेन्दूपत्ते की मात्रा के अनुपात में समितियों को उपलब्ध कराई जा रही राशि में से वितरित किये जाने का प्रावधान है। तद्नुसार ही बोनस का भुगतान किया गया है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 2013 से अब तक कुल 810 संग्राहकों को बोनस भुगतान किया जाना शेष है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों द्वारा बैंक खाता नहीं खुलवाए जाने से भुगतान लंबित होने के कारण, समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। (घ) प्रश्नांश ’’क’’ की अवधि में कुल 431 तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु की जानकारी प्राप्त हुई है जिनके प्रकरण भारतीय जीवन बीमा निगम को भेजे गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। उक्त प्रकरणों में से 421 प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। 10 प्रकरणों का निराकरण किया जाना शेष है। अंतिम निराकरण की प्रक्रिया भारतीय जीवन बीमा निगम से संबंधित होने के कारण समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
सिवनी जिले में भवन निर्माण के कार्यों की स्थिति
116. ( क्र. 1787 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में लो.नि.वि. अंतर्गत पी.आई.यू. द्वारा वर्ष 2013 से 2015-16 तक किन-किन भवनों का निर्माण कार्य कराया गया या कराया जा रहा है, के संबंध में कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, कार्य एजेन्सी/स्थान व कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित पूर्ण जानकारी भवन/वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) उक्त में से कौन-कौन से भवनों के निर्माण कार्य अपूर्ण पड़े हैं? कौन से पूर्ण हैं? उपरोक्तानुसार उपलब्ध करावें? (ग) उक्त भवनों के निर्माण कार्य के संबंध में उक्त अवधि में कितनी शिकायतें किस-किस की ओर से विभाग के अधिकारियों को प्राप्त हुई है? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई, बतायें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम 08 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सड़कों की स्थिति व संधारण कार्य
117. ( क्र. 1794 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कौन-कौन सी सड़कें विभाग के अधीन हैं? इनकी लम्बाई का विवरण देवे? (ख) विभाग की उक्त सड़कों की स्थिति क्या है? विभाग द्वारा इनके नवनिर्माण संधारण आदि की क्या योजना है? वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की सड़कवार विवरण दें? (ग) विभाग द्वारा क्षेत्र की प्रश्नांश (ख) अवधि में किन-किन सड़कों के निर्माण, नवनिर्माण, संधारण की योजनायें तैयार की गई हैं? उक्त योजनायें कब से किस स्तर पर लंबित है? इनकी स्वीकृति हेतु क्या प्रयास किये गये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'अ-1' अनुसार है।
जनभागीदारी समितियों का गठन
118. ( क्र. 1795 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कहाँ-कहाँ शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? क्या इन महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन किया जा चुका है? (ख) यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो कब तक सभी महाविद्यालयों में उक्त समितियां गठित कर ली जावेंगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मैहर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 03 शासकीय महाविद्यालय संचालित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) शासकीय महाविद्यालय, अमदरा एवं बदेरा में समिति का पंजीयन प्रमाण पत्र अप्राप्त है। पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्त होते ही जनभागीदारी समिति के गठन की प्रक्रिया की जा सकेगी।
प्रमुख सचिव के निर्देशों का पालन न होना
119. ( क्र. 1798 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा 10 अप्रैल 2015 को जारी पत्र के अनुसार सागर एवं बैतूल जिले में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित कितनी भूमियों पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज प्रयोजन एवं अधिकारों की जानकारी किस वनमंडल कार्यालय से किस दिनांक को प्राप्त कर ली गई है? (ख) धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित कितनी भूमियां किस वनमंडल के वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्टर संरक्षित वन कक्ष इतिहास में दर्ज है, इन भूमियों पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज प्रयोजन एवं अधिकार प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किये जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (ग) वन विभाग के अभिलेखों में प्रचलित प्रयोजन एवं अधिकारों कि ब्यौरे दर्ज किये बिना वर्किंग प्लान बनाये जाने का क्या कारण रहा है? नियंत्रण, प्रबंधन एवं विदावहन किये जाने का क्या कारण रहा है? (घ) कब तक प्रयोजन एवं अधिकारों के ब्यौरे प्राप्त कर एरिया रजिस्टर वनकक्ष इतिहास एवं वर्किंग प्लान में दर्ज कर लिये जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित दिनांक को जारी निर्देशानुसार भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) में अधिसूचित वनभूमियों पर राजस्व अभिलेखों में प्रयोजन एवं अधिकारों को दर्ज करने की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा की जाना है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बैतूल जिले में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) में 494 वनखण्डों का अधिसूचित 72488.458 हेक्टेयर रकबा तथा सागर जिले में धारा-29 एवं धारा-4 (1) में 99932.341 हेक्टेयर वनभूमि क्षेत्रीय वनमंडलों के वर्किंग, प्लान पी.एफ. एरिया रजिस्टर एवं संरक्षित वनकक्ष इतिहास में दर्ज है। शासन के परिपत्र दिनांक 10 अप्रैल 2015 में दिये गये निर्देशानुसार राजस्व अभिलेखों में अधिकार एवं प्रयोजन के ब्यौरे दर्ज करने की जानकारी राजस्व विभाग से प्राप्त होने पर तदानुसार वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज की जायेगी। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) में अधिसूचित वनभूमियाँ वन विभाग के आधिपत्य में हैं, जिस पर शासन का सम्पत्तिक अधिकार होने तथा वनोपज पर शासन का हक होने से ऐसी वनभूमियों के प्रबंधन हेतु शासन निर्देशानुसार कार्य-आयोजना बनाई जाती है तथा कार्य आयोजना अनुसार वनोपज का विदोहन किया जाता है। (घ) वन विभाग मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक एफ 25-36/2005/10-3 दिनांक 10.04.2015 में दिये निर्देशानुसार राजस्व अभिलेखों में दर्ज अधिकार एवं प्रयोजन की जानकारी राजस्व विभाग से प्राप्त होने पर एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास में समायोजित कर ली जायेगी। राजस्व अभिलेखों में अधिकार एवं प्रयोजनों को दर्ज करने की कार्यवाही विस्तृत एवं अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण खेल मैदानों का निर्माण
120. ( क्र. 1799 ) श्री हर्ष यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खेल एवं युवा कल्याण विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजना ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदानों/स्टेडियम के निर्माण की है? यदि हाँ, तो विस्तृत विवरण दें? (ख) उक्त योजनांतर्गत देवरी विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों का चयन किया गया है? कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या कार्य कराये गये हैं अथवा कराये जाना है? (ग) उक्त कार्य कब तक स्वीकृत कर पूर्ण कर लिये जावेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफोर्मेन्स ग्रान्ट से प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 5-8 एकड़ भूमि उपलब्ध होने पर 01 आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर निर्माण कराये जाने की वर्तमान में योजना हैं। (ख) देवरी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम महाराजपुर का चयन कर राशि रू. 80.00 लाख की लागत से आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर निर्माण कार्य किया जाना हैं। (ग) उक्त कार्य की निविदा प्रक्रिया ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा पूर्ण की जा चुकी हैं तथा खेल परिसर का निर्माण कार्य भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा कराया जा रहा हैं, इसलिये खेल विभाग द्वारा समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं।