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मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2015 सत्र


मंगलवार, दिनाँक 21 जुलाई 2015


 भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर


पेयजल हेतु टैंकरों की व्‍यवस्‍था 

1. ( *क्र. 231 ) श्री मेव राजकुमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेयजल की सुविधा हेतु इंदौर संभाग में वर्ष 2012-13 से वर्तमान तक विधायक निधि एवं अन्‍य निधियों से स्‍थानीय संस्‍थाओं को       कितने-कितने पेयजल टेंकर उपलब्‍ध कराये गये ? वर्षवार जानकारी बताई जावे ? (ख) उपलब्‍ध कराये गये पेयजल टैंकर की वर्तमान में क्‍या स्थिति है ? कितने टैंकर पेयजल उपलब्‍ध कराने हेतु पूर्ण रूप से ठीक हैं एवं कितने टैंकर पेयजल उपलब्‍ध कराने की स्थिति में नहीं हैं अथवा पूर्ण रूप से खराब हो चुके ? (ग) क्‍या पेयजल टैंकरों के रखरखाव/मरम्‍मत हेतु बजट प्रावधान किया जाता है यदि हाँ, तो प्रतिवर्ष कितना ? पेयजल टैंकरों के रखरखाव एवं मरम्‍मत हेतु स्‍थानीय संस्‍थाओं द्वारा वर्षवार कितना व्‍यय किया गया ? (घ) खरगोन जिले में विकासखण्‍डवार, वर्ष 2012-13 से वर्तमान तक विधायक एवं अन्‍य तक किस-किस निधि से कितने-कितने पेयजल टैंकर, कौन-कौन सी संस्‍थाओं को उपलब्‍ध कराये  गये ? संस्‍थावार कितने टैंकर पेयजल उपलब्‍ध कराने हेतु ठीक स्थिति में हैं एवं कितने खराब अथवा मरम्‍मत के अभाव में अनुपयोगी हैं ? वर्तमान तक उक्‍त पेयजल टैंकरों पर वर्षवार कितना व्‍यय किया गया है ? संस्‍थावार बताया जावे ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) इन्‍दौर संभाग में केवल विधायक निधि योजना से वर्ष 2012-2013 में 478, 2013-14 में 444, 2014-15 में 312 एवं वर्ष 2015-16 में 76 (कुल 1310) टेंकर प्रदाय किये गये । (ख) 1310 टेंकरों में से 1298 टेंकर पूर्ण रूप से ठीक हैं । 11 टेंकर पेयजल उपलब्‍ध कराने की स्थिति में नहीं हैं, 01 टेंकर पूर्ण रूप से खराब हो चुका है । (ग) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्‍तर्गत टेंकरों के रखरखाव/मरम्‍मत हेतु बजट का कोई प्रावधान नहीं है । शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है ।

नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विद्युत प्रदाय

2. ( *क्र. 697 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ऊर्जा विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में कृषि कार्य/घरेलु बिजली सप्‍लाई का क्‍या शेड्यूल है ? क्‍या शासन के शेड्यूल अनुसार बिजली सप्‍लाई की जा रही है या नहीं ? अगर नहीं तो क्‍या कारण हैं ? (ख) प्रश्‍नांश (क) की उपलब्‍ध जानकारी अनुसार क्‍या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी शासन के बिजली सप्‍लाई शेड्यूल अनुसार बिजली दी जा रही है या नहीं ? अगर नहीं तो कारण बतायें ? क्‍या दोषी पर कार्यवाही की जायेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में कृषि कार्य हेतु 10 घंटे एवं घरेलू उपभोक्‍ताओं सहित गैर कृषि उपभोक्‍ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने का शेड्यूल निर्धारित है । विद्युत लाईनों के रख रखाव एवं आकस्मिक रूप से हुए विद्युत लाईन व्‍यवधान जैसे अपरिहार्य कारणों को छोडकर निर्धारित शेड्यूल अनुसार ही विद्युत प्रदाय किया जा रहा है । (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार अपरिहार्य कारणों को छोड़कर निर्धारित शेड्यूल के अनुसार ही नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है । अत: किसी के दोषी होने अथवा कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता ।

भिण्‍ड जिले में रेत का अवैध उत्‍खनन

3. ( *क्र. 417 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन को यह ज्ञात है कि भिण्‍ड जिले में 23 मई 2015 को रोन के बिरोना गांव में 3 फाकलेन मशीन 7 ट्रक सिन्‍ध नदी के किनारे मिले थे अवैध रेत का उत्‍खनन हो रहा था प्रश्‍नांश दिनाँक तक क्‍या कार्यवाही की गई विवरण देवें ? (ख) दिनाँक 20 जून 2015 को रोन के बिरोना गांव में 3 फाकलेन मशीन 1 ट्रक 4 करोड़ की अवैध रेत उत्‍खनन मिली यदि हाँ, तो उसी स्‍थान पर पुन: मिलने के कारण माइनिंग विभाग क्‍या कार्यवाही कर रहा है ? (ग) विगत पांच वर्षों में भिंड जिले में अवैध रेत कहाँ पर पकड़ी गयी उस पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है क्‍या माइनिंग विभाग की निष्क्रियता के कारण निरंतर अवैध रेत का उत्‍खनन भिण्‍ड जिले में हो रहा है ? क्‍या रेत खदानों को माइनिंग विभाग का संरक्षण प्राप्‍त है विगत पांच वर्षों में रेत के अवैध उत्‍खनन भण्‍डारण पर प्रश्‍नांश दिनाँक तक क्‍या कार्यवाही की गई विवरण देवें ?        (घ) क्‍या यह सही है कि भिण्‍ड जिले में 20 मई 2015 को पुलिस ने 3 ट्रक बिना रायल्‍टी के पकडे थे अवैध लोगों ने ट्रक मालिक से 14000 रू. रायल्‍टी के नाम पर लिये थे रसीद क्‍यों नहीं दी गई ? थाना प्रभारी रोन के क्षेत्र में फाकलेन के द्वारा रेत उत्‍खनन क्‍यों हो रहा है बिरोना- रोन में खदान उनके संरक्षण में होने के उपरांत सिंध नदी पर पुल का निर्माण भारी मात्रा में फाकलेन द्वारा रेत उत्‍खनन करवाया जा रहा है ? यदि हाँ, तो क्‍यों जानकारी दें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं । (ख) दिनाँक 20 जून 2015 को रोन के विरोना गांव स्थित सिंध नदी के किनारे  3 पोकलेन मशीनें, 1 ट्रक खड़े पाये गये थे अवैध रेत खनन होने की आशंका के आधार पर इन्‍हे जब्‍त कर थाने में खड़ा कराया गया था । मौके पर एक घन मीटर अवैध रेत पाई गई थी । जिसमें विभाग द्वारा नियम अनुसार अर्थदण्‍ड जमा कराया गया था । प्रश्‍नांश 'के उत्‍तर के प्रकाश में शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता ।           (ग) वस्‍तुस्थिति यह है कि भिण्‍ड जिले में समय-समय पर पर जाँच की जाती है । विगत 5 वर्षों में (वर्ष 2010 से अब तक) भिण्‍ड जिले में रेत खनिज के बनाए गए अवैध उत्‍खनन/भण्‍डारण के प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट 'एवं '' पर है । इसके अलावा समय-समय पर कार्यवाही की जाकर विगत 5 वर्षों में अवैध परिवहन के 1058 प्रकरण बनाकर  3,73,67,000/- अर्थदण्‍ड राशि, अवैध उत्‍खनन के 14  प्रकरण बनाकर 4,09,000/-  अर्थदण्‍ड राशि तथा अवैध भण्‍डारण के  12 प्रकरण बनाकर  15,00,000/-  अर्थदण्‍ड राशि कुल  1084 प्रकरण बनाकर कुल  3,92,76,000/- अर्थदण्ड राशि खनिज मद में जमा करवाई गई है । अत: खनिज विभाग की निष्क्रियता एवं संरक्षण प्रदान करने का आक्षेप सही नहीं है । (घ) दिनाँक 20 मई 2015 को पुलिस थाना रोन द्वारा कोई ट्रक बिना रायल्‍टी के नहीं पकड़े गए हैं और न ही ट्रक मालिकों से रायल्‍टी के नाम पर 14, 000/- रूपए लिए थे और न ही पुलिस थाना रोन के संरक्षण में रेत उत्‍खनन कराया जा रहा है ।

परिशिष्ट ''एक'' (पृष्‍ठ क्रमांक 11)

निर्माण कार्यों में अनियमितता

4. ( *क्र. 331 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सरानी, बगौता, निवारी वनगाय एवं वारी के लिये 1 अप्रैल 2012 से प्रश्‍न दिनाँक तक      कौन-कौन से कार्यों के लिये विधायक निधि से कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में इन पंचायतों में कराये गये कार्यों का मूल्‍यांकन किस उपयंत्री द्वारा किया गया बतायें ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में इन पंचायतों में मूल्‍यांकन के बाद भी कितने कार्य पूर्ण हैं और अपूर्ण कितने हैं पंचायतवार कार्य की स्थिति सहित बतायें ? (घ) अपूर्ण कार्यों की शेष राशि प्रश्‍नांश दिनाँक में कहाँ है ? अगर राशि के आहरण के बाद भी कार्य अपूर्ण हैं तो इसके लिये जवाबदार सरपंच, सचिव व उपयंत्री के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है । (घ) अपूर्ण कार्यों की शेष राशि रू. 3,20,000/- जनपद पंचायत छतरपुर में उपलब्‍ध है, संबंधित सरपंच से 01 कार्य की राशि वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है ।

परिशिष्ट - ''दो'' (पृष्‍ठ क्रमांक 13)

व्‍यापम में फर्जी नियुक्तियों की जाँच

5. ( *क्र. 783 ) श्री रामनिवास रावत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि 02 जुलाई 2014 को मा. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा सदन में कहा कि गुप्‍तचर शाखा इंदौर को 20 जून, 2013 को पी.एम.टी. परीक्षा में फर्जी छात्रों के बैठने के बारे में गुमनाम पत्र मिला तथा उस पत्र में दो व्‍यक्तियों के नाम का उल्‍लेख था ? यदि हाँ, तो बतावें कि वह पत्र वर्तमान में किस विभाग के पास दस्‍तावेज के रूप में रखा है ? (ख) क्‍या 15 जनवरी, 2014 को मा. मुख्‍यमंत्री जी ने विधानसभा में कहा कि 2007 से अब तक लगभग 1000 नियुक्तियां ऐसी हैं, जो फर्जी हैं ? (ग) क्‍या यह सही है कि मा. मुख्‍यमंत्री जी के पास 2007 से दिसंबर 2012 के मध्‍य चिकित्‍सा शिक्षा विभाग का प्रभार रहा ? यदि हाँ, तो किस दिनाँक से किस दिनाँक तक ? साथ ही यह भी बतावें कि उक्‍त अवधि की पी.एम.टी. एवं प्री-पीजी की कौन-कौन से वर्ष की परीक्षाओं की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही है ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रि‍त की जा रही है ।

पीपलरावा में शासकीय महाविद्यालय की स्‍वीकृति 

6. ( *क्र. 144 ) श्री राजेन्द्र फूलचन्‍द वर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पीपलरावा जिला देवास में शासकीय महाविद्यालय स्‍वीकृत है ? यदि नहीं, तो भविष्‍य में स्‍वीकृत होने की संभावना है ? (ख) क्‍या विभाग द्वारा पीपलरावा में शा. महाविद्यालय खोलने के लिये कोई प्रस्‍ताव है ? यदि हाँ, तो जानकारी स्‍पष्‍ट करें ? (ग) क्‍या छात्र, छात्राओं के भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए भविष्‍य में पीपलरावा को शासकीय महाविद्यालय प्राप्‍त हो सकेगा ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं । वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों का सुदृढ़ीकरण करने एवं उनके गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे हैं । अत: पीपलरावा में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान करने में अभी कठिनाई है । (ख) जी नहीं । प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता  है । (ग) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।

श्‍योपुर अंतर्गत मूंझरी बांध के निर्माण की स्‍वीकृति

7. ( *क्र. 573 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर जिले में मूंझरी बांध के निर्माण हेतु क्षतिपूरक वनिकरण हेतु गैर वन भूमि की मांग के संबंध में प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न संख्‍या-09 (क्रमांक-1195) दिनाँक 27.02.15 के प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में अवगत कराया है कि कलेक्‍टर श्‍योपुर ने अपने पत्र क्रमांक/2010 दिनाँक 31.12.10 में ग्राम जाखदा जागीर में 345.374 हैक्‍टेयर एवं पत्र क्रमांक-2014 दिनाँक 01.07.14 से श्‍योपुर जिले के विभिन्‍न ग्रामों में से और वन भूमि देने हेतु एस.डी.एम. श्‍योपुर को चयनित कर भूमि देने हेतु प्रस्‍ताव दिया है ? यदि हाँ, तो बतावें कि एस.डी.एम. श्‍योपुर द्वारा उक्‍त प्रस्‍तावनुसार वर्तमान तक क्‍या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्‍यों कब तक पूर्ण की जावेगी ? (ख) क्‍या मूंझरी बांध के निर्माण हेतु सर्वे कार्य की डी.पी.आर. तैयार कर ली गई है ? यदि हाँ, तो इसे शासन/विभाग को स्‍वीकृति हेतु कब भेजा वर्तमान में ये किस स्‍तर पर लंबित है ? (ग) श्‍योपुर जिले के समग्र विकास के मद्देनज़र क्‍या शासन/विभाग उक्‍त डी.पी.आर. की लागत राशि की व्‍यवस्‍था चालू वित्‍तीय वर्ष के अनुपूरक बजट में करके इसे शीघ्र स्‍वीकृति प्रदान करेगा ? यदि नहीं, तो क्‍यों ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं । राजस्‍व, वन एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रश्‍नाधीन भूमि का संयुक्‍त निरीक्षण किया गया । वन विभाग द्वारा वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि उपयुक्‍त नहीं पाई गई । (ख) एवं (ग) परियोजना निम्‍न कारणों से असाध्‍य पाई गई है :- (i) वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि उपलब्‍ध नहीं है । (ii) परियोजना के डूब क्षेत्र में निवासरत सहरिया जनजाति के परिवारों के पुनर्विस्‍थापन के लिए भू-अर्जन, पुर्नवास एवं पुर्नस्‍थापन अधिनि‍यम-2013 के प्रावधानों के तहत उन्‍हे भूमि के बदले भूमि आवंटित करने के लिए भूमि उपलब्‍ध नहीं है । (iii) परियोजना की लागत बहुत अधिक है ।

हटा तहसील में स्‍वीकृत पत्‍थर खदान 

8. ( *क्र. 566 ) श्री लखन पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्‍न संख्‍या 96 (क्रमांक 2826), दिनाँक 12 मार्च 2015 के उत्‍तर में बताया गया है कि हटा तहसील में पत्‍थर खदान स्‍वीकृत नहीं है, पत्‍थर लाइम स्‍टोन सीमेंट ग्रेड का है । प्रतिशत नहीं बताया गया, सड़क निर्माण में उपयोगी है ? (ख) हटा से      गैसाबाद-सिमरिया सड़क निर्माण में पत्‍थर गिट्टी के रूप में उपयोग में लाया गया क्‍या इसकी जाँच कराई जावेगी कि यह पत्‍थर हटा तहसील की ही खदानों का है ? (ग) इस पत्‍थर में सीमेंट का ग्रेड कितना है ? यदि हटा तहसील में किसी को भी पत्‍थर खदान आवंटित नहीं है तो इसका पत्‍थर सड़क में उपयोग में क्‍यों लाया गया ? (घ) सड़क निर्माण के लिए खदानों से पत्‍थर निकालकर उपयोग करने वालों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी ? ठेकेदार द्वारा कितनी रायल्‍टी जमा की गई लाइम स्‍टोन की या पत्‍थर की ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2826 में यह उत्‍तर दिया गया था कि दमोह जिले की हटा तहसील के अंतर्गत पत्‍थर की कोई खदान स्‍वीकृत नहीं है । लाईम स्‍टोन की खदान स्‍वीकृत है । लाईम स्‍टोन की श्रेणी सीमेंट ग्रेड है । प्रश्‍न में प्रतिशत की जानकारी नहीं चाही गई थी । निम्‍न श्रेणी के लाईम स्‍टोन का नियमानुसार उपयोग सड़क निर्माण में किया जा सकता है । (ख) प्रश्‍नाधीन सड़क निर्माण हेतु तिरूपति बिल्‍डकोन को हटा तहसील में पत्‍थर गिट्टी हेतु तीन अस्‍थाई अनुज्ञापत्र स्‍वीकृत किया गया था । अनुज्ञा स्‍थल की जाँच क्षेत्रीय प्रमुख जबलपुर से कराई गई है । रासायनिक विश्‍लेषण में इन अनुज्ञा स्‍थल से प्राप्‍त पत्‍थर निम्‍न श्रेणी के चूनापत्‍थर है । अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । (ग) प्रश्‍नांश (ख) में यह स्‍पष्‍ट किया है कि यह निम्‍न श्रेणी का चूनापत्‍थर है । हटा तहसील में पत्‍थर खदान आवंटित नहीं है । अपितु अस्‍थाई अनुज्ञा पत्र स्‍वीकृत किए गए हैं । जिसमें प्राप्‍त पत्‍थर निम्‍न श्रेणी का चूनापत्‍थर होने के कारण इसका उपयोग पत्‍थर गिट्टी के रूप में सड़क निर्माण में लाया गया है । (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में दिये गये उत्‍तर के प्रकाश में संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता । ठेकेदार द्वारा पत्‍थर गिट्टी की रायल्‍टी जमा की गई है । जमा की गई रायल्‍टी की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट में दर्शित है ।

परिशिष्ट ''तीन'' (पृष्‍ठ क्रमांक 14)

उड़नदस्‍तों द्वारा महाविद्यालयों का निरीक्षण

9. ( *क्र. 929 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विश्‍वविद्यालय स्‍तर पर परीक्षाओं के दौरान उड़नदस्‍ते के रूप में जिले के किन-किन कॉलेजों को अधिकार दिए गए  हैं ? आदेश व नियमों की एक प्रति दें उड़नदस्‍तें में किन-किन अधिकारी कर्मचारियों को रखा जा सकता है ? (ख) जीवाजी वि.वि. से संबंधित महाविद्यालयों ने सत्र 2012-13, 2013-14 में किन-किन दिनांकों में किन-किन महाविद्यालयों का निरीक्षण किया ? वर्षवार, स्‍थलवार, महाविद्यालयवार जानकारी दें ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तहत भिण्‍ड जिले के चिन्हित महाविद्यालयों के अधिकारी कर्मचारी ने कब-कब किन कॉलेजों का उड़नदस्‍ते की टीम के रूप निरीक्षण कर कितना, भुगतान/भत्‍ता लिया, निरीक्षण में किस गाड़ी का उपयोग किया जानकारी दें ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के तहत क्‍या महाविद्यालय ने वि.वि. से अनुमति ली थी ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विश्वविद्यालयीन स्तर की परीक्षाओं में शासन स्तर से उड़नदस्ता बनाए जाने का कोई नियम नहीं  है । प्रतिवर्ष सामान्य निर्देशों के तहत जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को परीक्षाओं में अनुशासन बनाए रखने हेतु निर्देश दिए जाते हैं । विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के लिए अध्यादेश क्रमांक 5 की कंडिका 7 के अनुसार प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने परिक्षेत्र में होने वाली परीक्षाओं के लिए उड़नदस्ते का गठन विहित नियमों के तहत करता है । उड़नदस्ते का प्रावधान निम्नांकित है :- "The University may from time to time appoint inspectors or Board of inspectors to see that the conduct of the examination is strictly according to the rules and procedure laid down. In the event of the Inspector pointing our serious breach of rules or procedure, the kulpati may take such action as may be necessary, including postponement or cancellation, wholly or in part, of the examination at the centre, and if any action is taken, a report on the action taken shall be made to the Executive Council at its next meeting. The Kulpati may appoint flying squad to inspect the examination centres consisiting of one or more persons. The flying squad so appointed shall have the powers to visit and inspect any examination centre at any time and have the powers to take personal search of the examinees if so required. The flying squad will report the cases of unfair means if noticed during their visit to the superintendent of examination centre for necessary action. The flying squad shall submit its report immediately to the Registrar, who shall take such action or steps as may be considered necessary, During the course of inspection of the examination centre the members of the flying squad shall act as invigilators.” प्रदेश के पारंपरिक विश्वविद्यालयों में उपरोक्त नियम प्रभावशील है । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है । निरीक्षण में प्राइवेट टेक्सी का उपयोग किया गया । (घ) जी हाँ ।

 

 

जमुनिया जलाशय के क्षतिग्रस्‍त होने की जाँच 

10. ( *क्र. 919 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अन्‍तर्गत जमुनिया जलाशय, कब क्षतिग्रस्‍त हुआ था ? इसका निर्माण कब हुआ तथा क्षतिग्रस्‍त होने से मरम्‍मत में कितनी राशि कब-कब खर्च हुई ? (ख) क्‍या जलाशय क्षतिग्रस्‍त होने में, किसी अधिकारी को निलंबित किया गया था ? यदि हाँ, तो किसे-किसे, आदेश की प्रति बतायें तथा किस-किस के विरूद्ध क्‍या-क्‍या अनुशासनिक कार्यवाही की गई थी ? आरोप पत्र, नोटिस दण्‍डादेश की प्रति बताये ? (ग) क्‍या बांध/जलाशय क्षतिग्रस्‍त होने की जाँच किसी अधिकारी से कराई गई थी ? यदि हाँ, तो अधिकारी का नाम, पद जाँच रिपोर्ट की प्रति तथा प्रस्‍तुत करने का दिनाँक बताएं ? जाँच रिपोर्ट पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की गई ? यदि नहीं, की गई तो क्‍यों ? (घ) जलाशय क्षतिग्रस्‍त होने से कितनी आर्थिक हानि प्रत्‍यक्ष/अप्रत्‍यक्ष रूप से तथा कितनी जनहानि हुई थी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दिनाँक 20.08.2002 को । निर्माण वर्ष 1921जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है । (ख) एवं (ग) जी हाँ निलंबन आदेश, आरोप पत्र, जाँच प्रतिवेदन एवं दण्‍डादेश की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2/3/4 एवं 5 अनुसार है । (घ) कोई जन‍हानि नहीं हुई थी । प्रभावित परिवारों को रू. 69,13,735/- की क्षतिपूर्ति की गई ।

बांधों के सुधार हेतु व्‍‍यय राशि 

11. ( *क्र. 907 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बांधों के सुधारात्‍मक कार्य करवाने के संबंध में वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनाँक तक कितनी राशि व्‍यय की गई ? (ख) छतरपुर जिले के उर्मिल बांध पर सुधारात्‍मक कार्य हेतु किस-किस कार्य के प्राक्‍कलन स्‍वीकृत किये गये ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में बांधो के सुधारात्‍मक कार्य हेतु डेम रिहेबिलिटेशन एण्‍ड इंप्रुव्‍मेंट प्रोजेक्‍ट (ड्रिप) के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि तक रू. 4,592.48 लाख व्‍यय किये गये । (ख) छतरपुर जिले के उर्मिल बांध का अधिपत्‍य उत्‍तरप्रदेश सरकार के पास होने से शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं ।

पेंच व्‍यपवर्तन परियोजना का निर्माण 

12. ( *क्र. 222 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के विधान सभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत माचा गोरा पेंच नहर सिंचाई परियोजना से कलार बांकी (बण्‍डोल) एवं गोपालगंज क्षेत्र के कितने ग्राम की कितनी भूमि सिंचित होगी ? कितने ग्राम सिंचाई से वंचित हो रहे हैं ? ग्रामवार जानकारी उपलब्‍ध करावें ? (ख) क्‍या सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पूर्व में हुए सर्वे अनुसार ही पेंच नहर सिंचाई परियोजना का निर्माण किया जा रहा है ? यदि नहीं, तो कारण बतावें ? (ग) क्‍या सिवनी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पूर्व में सर्वे हुए ग्रामों से होकर ही नहर निर्माण कार्य कराया जा रहा है ? यदि नहीं, तो कारण बतावें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सिवनी जिले में पेंच व्‍यपवर्तन परियोजना की सिवनी शाखा नहर से 81 ग्रामों की 23,345 हे. भूमि, बखारी शाखा नहर से 39 ग्रामों की 13,978 हे. भूमि और हरदुआ वितरिका नहर से 7 ग्रामों की 1,659 हे. भूमि कुल 127 ग्रामों की 39,982 हे. भूमि सिंचित होना संभावित है । ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1/2/3 अनुसार है । परियोजना से सिंचित होने वाले ग्रामों की जानकारी संधारित की जाती है, सिंचाई से वंचित रहने वाले ग्रामों की जानकारी संधारित नहीं की जाती है । (ख) एवं (ग) पूर्व में किया गया सर्वेक्षण प्रारंभिक और केवल डीपीआर बनाने के उद्देश्‍य से किया गया होने से विस्‍तृत सर्वेक्षण के आधार पर नहरों का निर्माण कराया जा रहा है । नहरों का विस्‍तृत सर्वेक्षण एवं रूपांकन किया जाना एक तकनीकी आवश्‍यकता होती है । डीपीआर बनाने के लिए किए गए प्रारंभिक सर्वेक्षण और नहरों के निर्माण के समय विस्‍तृत सर्वेक्षण में अंतर आना स्‍वभाविक होता है ।

परिशिष्ट ''चार'' (पृष्‍ठ क्रमांक 15)

जिला विदिशा अंतर्गत नवीन महाविद्यालय की स्‍थापना 

13. ( *क्र. 356 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत किस-किस तहसील में महाविद्यालय संचालित है, किस-किस तहसील में नहीं ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अनुसार जिस तहसील में महाविद्यालय संचालित नहीं है, तो इस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्‍च शिक्षा हेतु  50-100 कि.मी. दूर जाना पड़ता है या नहीं ? इन तहसीलों में महाविद्यालय खोले जाने की शासन की क्‍या योजना है ?  (ग) क्‍या यह सही है कि प्रश्‍नकर्ता की मांग पर क्षेत्रीय सांसद का तहसील त्‍यौंदा एवं ग्‍यारसपुर में महाविद्यालय खोलने की स्‍वीकृति जारी करने हेतु पत्र प्राप्‍त हुआ या नहीं ? यदि हाँ, तो सांसद के पत्र पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की  गई ? यदि नहीं, तो कारण देवें ? उक्‍त तहसील में कब तक महाविद्यालय खोलने की स्‍वीकृति जारी की जावेगी ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है । (ख) जी नहीं । तहसील त्यौंदा से शासकीय महाविद्यालय, गंजबासौदा 30 कि.मी. तहसील ग्याररसपुर से शासकीय महाविद्यालय विदिशा एवं शासकीय महाविद्यालय गंजबासौदा 40 कि.मी. तथा तहसील पठारी से शासकीय महाविद्यालय कुरवाई 35 कि.मी. की दूरी पर संचालित है, जहां विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं । (ग) जी हाँ । ग्यारसपुर, त्यौंदा एवं पठारी तहसील स्तर पर शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने संबंधी नीतिगत विषय विचाराधीन है । समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है ।

परिशिष्ट ''पांच'' (पृष्‍ठ क्रमांक 18)

ग्रेनाइट उत्‍खनन हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र के नियम

14. ( *क्र. 528 ) श्री अनिल जैन : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या स्‍टोन क्रेशर प्‍लांट स्‍थापित करने व ग्रेनाइट उत्‍खनन हेतु भूमि लीज़ पर लेने के लिये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्‍यक है ? यदि हाँ, तो एन.ओ.सी. की अवधि, इसके नवीनीकरण की अवधि शर्तों सहित बताई जाये ? (ख) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में कितने स्‍टोन क्रेशर उद्यमियों व लीज़ प्राप्‍तकर्ताओं को यह अनापत्ति प्रमाण पत्र कब से कब तक के लिये प्रदत्‍त और नवीनीकृत किये गये कितने प्‍लांट व खदानें बिना एन.ओ.सी. के संचालित हैं और किन-किन के आवेदन प्रश्‍न दिनाँक को कब से और क्‍यों शासन के विचाराधीन है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित प्‍लांट/खदानों के अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं ? क्‍या इसके प्रावधानों का प्रश्‍नांश (ख) के स्‍टोन क्रेशर प्‍लांट इकाईयों व लीज़ प्राप्‍तकर्ताओं द्वारा पालन किया जा रहा है ? यदि नहीं, तो की गई कार्यवाही विवरण सहित बतायी जावे ?       (घ) लीज़ खदान में क्‍या कोई अधिकतम गहराई सीमा का प्रावधान है तथा प्रश्‍नांश (ख) में से किन-किन के द्वारा निर्धारित गहराई सीमा से अधिक उत्‍खनन किया जा रहा है तथा वर्ष 2013-14 से अब तक अधिकारियों द्वारा किन-किन लीज़ खदानों का निरीक्षण किया गया तथा उल्‍लंघनकर्ताओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी लीज़वार दिनाँकवार विवरण सहित बतायी जावे ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं । पर्यावरणीय अधिनियमों में अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का प्रावधान नहीं है । अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । (घ) मध्‍प्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में लीज़ में गहराई संबंधी कोई प्रतिबंधात्‍मक प्रावधान नहीं है । अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

पेट्रोलियम पदार्थों पर लागू वैट टैक्‍स

15. ( *क्र. 15 ) श्री विश्वास सारंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनाँक को प्रदेश में पेट्रोल, डीजल और घरेलू/अन्‍य एलपीजी के सिलेण्‍डर पर कितना वैट व अन्‍य कर लिया जा रहा है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत क्‍या प्रदेश में टैक्‍स बढ़ने के बाद पेट्रोल-डीजल की बिक्री कम हुई है ? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी ?     (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत क्‍या प्रदेश में वैट व अन्‍य कर पड़ौसी राज्‍य की अपेक्षा अधिक होने के कारण टैक्‍स भी कम मिला है ? वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 में प्राप्‍त टैक्‍स और विक्रय हुए डीजल-पेट्रोल की जानकारी वर्षवार, विक्रय डीजल-पेट्रोल केएलबार व प्राप्‍त टैक्‍सवार जानकारी दें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है । (ख) प्रदेश में टैक्‍स की दर बढ़ाने के बाद पेट्रोल-डीजल की बिक्री कमी होने संबंधी जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है ।   (ग) प्रदेश में वेट व अन्‍य कर पड़ोसी राज्‍य की अपेक्षा भिन्‍न होने संबंधी जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है । वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 में पेट्रोल-डीजल के वर्षवार विक्रय तथा उक्‍त पर अधिनियमवार प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''बी'' अनुसार है । डीजल-पेट्रोल विक्रय की मात्रात्‍मक जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है ।  

परिशिष्ट ''छ: '' (पृष्‍ठ क्रमांक 19)

 

औंकारेश्‍वर परियोजना अंतर्गत नहर निर्माण

16. ( *क्र. 123 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या औंकारेश्‍वर परियोजना अंतर्गत बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मोगावा एवं ग्राम भोगवासिपानी (महेंगांव) के किसानों द्वारा ग्राम के आसपास दो-दो जीवित नदियाँ एवं भूगर्भ जलस्‍तर अधिक होने के कारण औंकारेश्‍वर परियोजना की नहर के निर्माण को औचित्‍यहीन बताकर निरस्‍त करने की मांग का आवेदन-पत्र प्राप्‍त होने से प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनाँक 10/12/2014 एवं 25/12/2014 को प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किया गया था, यदि हाँ, तो तदानुसार वर्तमान तक इस संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है ? (ख) क्‍या प्रस्‍तावित स्‍वीकृत नहर का निर्माण कार्य वर्तमान में भी चल रहा है यदि हाँ, तो विभाग द्वारा नहर को निरस्‍त करने के संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई है ? यदि निरस्‍त करने संबंधी कार्यवाही नहीं की जा रही है तो कब तक की जावेगी समय-सीमा बताई जावे ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) माननीय विधायक महोदय के पत्र दिनाँक 10/12/2014 एवं 25/12/2014 विभाग को प्राप्‍त हुए, जिन नहरों को निरस्‍त करने की मांग की गई है, वह ग्राम मोगांवा, मेहगांव रूपखेड़ा में निर्मित हो गई है । नहरों का निर्माण औचित्‍यहीन नहीं है, क्‍योकि इन नहरों के निर्माण से 795 कृषकों की 459.87 हे. क्षेत्र की भूमि में सिंचाई होगी । जबकि नहर के निर्माण हेतु मात्र 9.935 हे. भूमि ही अधिग्रहित की गई है । (ख) स्‍वीकृत नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है । लघु कृषकों के व्‍यापक हितों को दृष्टिगत रखते हुए तथा उनकी निजी उदृवहन सिंचाई की योजनाओं से मंहगे पानी पर निर्भरता को कम करने के लिए इन नहरों का निर्माण आवश्‍यक है । यह भी ज्ञातव्‍य है कि छोटे एवं सीमांत कृषक तथा कमजोर वर्गों के कृषकों के लिये नहरों से सस्‍ता पानी ही बेहतर विकल्‍प है । ऐसी मांग जब तक शत् प्रतिशत कृषकों से नहीं आती तब तक ऐसी मांग पर विचार किया जाना उचित नहीं है । शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

रायसेन जिलांतर्गत ग्रामों में बिजली की आपूर्ति

17. ( *क्र. 840 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 जून 2015 की स्थिति में रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों में विद्युत आपूर्ति बिजली का बिल बकाया होने या ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण कब से बन्‍द है ग्रामों की सूची, उपभोक्‍ता संख्‍या, बकाया उपभोक्‍ता राशि सहित दें ? (ख) उक्‍त ग्रामों में जिन उपभोक्‍ताओं/कृषकों पर बिजली का बिल बकाया नहीं है उनको बिजली उपलब्‍ध करावाने हेतु क्‍या व्‍यवस्‍था की गई है ? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बतायें तथा बिजली बन्‍द रहने की अवधि के बिल का क्‍या होगा ? (ग) किसान अनुदान योजना, बकाया बिजली के बिल का सरचार्ज माफ आदि समझौता की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं तथा उनमें क्‍या-क्‍या प्रावधान है पूर्ण विवरण दें ? (घ) पुराना बिजली का बकाया बिल के समझौता हेतु विभाग क्‍या कोई योजना बनाने पर विचार करेगा यदि हाँ, तो कब तक तथा यदि नहीं, तो क्‍यों ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रायसेन जिले के अन्‍तर्गत 20 ग्रामों में उपभोक्‍ताओं पर शत-प्रतिशत विद्युत देयक की राशि बकाया होने से ट्रांसफार्मर बंद होने/उतारे जाने के कारण विद्युत आपूर्ति बंद है एवं 10 ग्रामों में उपभोक्‍ताओं पर शत-प्रतिशत विद्युत देयक बकाया होने से खराब ट्रांसफार्मर नहीं बदलने के कारण विद्युत प्रदाय अवरूद्ध है । ग्रामों की सूची, उपभोक्‍ताओं की संख्‍या एवं बकाया राशि सहित विस्‍तृत जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के  प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है । (ख) उक्‍त ग्रामों में शत-प्रतिशत उपभोक्‍ताओं पर बकाया राशि होने के कारण विद्युत आपूर्ति बंद है । अत: प्रश्‍न नहीं उठता । (ग) कृषकों को स्‍थाई विद्युत पंप कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु लागू कृषक अनुदान योजना के अन्‍तर्गत लघु एवं सीमांत कृषकों से 6500 रूपये प्रति हा.पा. एवं अन्‍य कृषकों से 10400 रूपये प्रति हा.पा. की दर से अंशदान जमा करवाकर स्‍वीकृत प्राक्‍कलन के अनुसार 1.50 लाख रूपये तक के लाईन विस्‍तार कार्य योजनान्‍तर्गत किये जाते हैं । प्राक्‍कलन राशि 1.50 लाख रूपये से अधिक होने पर शेष राशि कृषक द्वारा जमा करवाने के उपरांत कार्य करवाने का प्रावधान है । दीनबंधु योजना के अन्‍तर्गत गरीबी रेखा (बी.पी.एल.) से नीचे जीवन यापन करने वाले घरेलू उपभोक्‍ताओं के जून 2013 की स्थिति में बिजली बिलों की बकाया राशि माफ किये जाने के प्रावधान  हैं । इसी प्रकार किसान समृद्धि योजना के अन्‍तर्गत दिनाँक 28.02.2013 की स्थिति में बकाया राशि में सम्मिलित     शत-प्रतिशत सरचार्ज को शून्‍य कर कृषि उपभोक्‍ता द्वारा शेष ऊर्जा प्रभार की 50 प्रतिशत राशि योजना के प्रावधान के तहत जमा करने पर शेष 50 प्रतिशत राशि राज्‍य शासन द्वारा अनुदान के रूप में विद्युत वितरण कंपनी को देने का प्रावधान है । साथ ही कृषि उपभोक्‍ता यदि चाहें तो प्रावधान अनुसार दिनाँक 28.02.2013 की स्थिति में स्थिर किये गये ऊर्जा प्रभार को 10 छ:माही किस्‍तों में जमा करा सकता है । (घ) बिजली के बिल की बकाया राशि हेतु कोई भी नई योजना विचाराधीन नहीं है, तथापि उपभोक्‍ता वर्तमान में क्रियाशील किसान समृद्धि योजना एवं दीनबंधु योजना के अन्‍तर्गत दिये गये प्रावधानों के अनुसार बकाया राशि भुगतान की सुविधा का लाभ उठा सकता है ।

परिशिष्ट - ''सात'' (पृष्‍ठ क्रमांक 21)

सिंगरौली में माइनिंग कालेज की स्‍थापना 

18. ( *क्र. 732 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला सिंगरौली में माइनिंग कालेज की स्‍थापना हेतु डी.पी.आर. शासन द्वारा तैयार कराया जा चुका है ? यदि नहीं, तो कब तक इसे पूर्ण कराया जावेगा ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में शासन द्वारा डी.पी.आर. तैयार कराने हेतु किस एजेन्‍सी को कार्य दिया गया है तथा अभी तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है ? विवरण सहित सम्‍पूर्ण जानकारी देवें ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं । डी.पी.आर. शीघ्र तैयार हो जायेगी । समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं । (ख) डीपीआर तैयार करने का कार्य इण्डियन स्‍कूल ऑफ मांईन्‍स धनबाद को सौंपा गया हैं । वर्तमान में रूपये 22,38,000/- की राशि का अग्रिम भुगतान किया गया हैं एवं शेष राशि रूपये 33,56,857/- का भुगतान किया जाना शेष हैं ।

शास. महा. पोलायकलां के भवन का निर्माण 

19. ( *क्र. 923 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासकीय महाविद्यालय पोलायकलां के भवन निर्माण की स्‍वीकृति हो चुकी है ? यदि हाँ, तो कितनी राशि का आवंटन प्रदाय किया गया है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित निर्माण कार्य में क्‍या उच्‍च शिक्षा विभाग व निर्माण एजेन्‍सी के मध्‍य अनुबंध किया गया है ? यदि हाँ, तो क्‍या शर्तें हैं ? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित महाविद्यालय के भवन निर्माण की गुणवत्‍ता बनाये रखने हेतु निर्माण एजेंसी की ओर से तकनीकी सुपरविजन किसके द्वारा किया जा रहा है ? क्‍या प्राचार्य अथवा अतिरिक्‍त संचालक उज्‍जैन को निर्माण संबंधी जानकारी दी गई है ? (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित भवन की प्रशासकीय स्‍वीकृति, प्राक्‍कलन एवं मानचित्र की प्रति उपलब्‍ध कराये ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ । प्रश्नाधीन कार्य हेतु राशि रूपये 338.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है । (ख) जी हाँ । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है । (ग) महाविद्यालय के निर्माण कार्य की गुणवत्ता हेतु तकनीकी सुपरविज़न का कार्य मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसरंचना विकास मंडल के यांत्रिकी स्टाफ द्वारा किया जावेगा । मंडल द्वारा निर्माण संबंधी जानकारी संबंधित क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा एवं संबंधित प्राचार्य को दी गई है । (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के   प्रपत्र-"ब" प्रशासकीय स्वीकृति, प्रपत्र-"स" प्राक्कलन एवं प्रपत्र-"द" मानचित्र अनुसार हैं ।

जलाशय निर्माण की स्‍वीकृति 

20. ( *क्र. 823 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में 5 जलाशयों का निर्माण किये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा एवं विभाग द्वारा शासन को स्‍वीकृति हेतु पत्र (प्रस्‍ताव) प्रेषित किया गया था ? क्‍या मंत्रालय द्वारा इन सभी जलाशयों के निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की गई है ? (ख) यदि जलाशय निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान नहीं की गई है तो विलंब का क्‍या कारण है और कब तक स्‍वीकृति प्रदान कर दी जायेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ । जी नहीं । (ख) निर्धारित मापदण्‍ड से लागत अधिक होने के कारण प्रश्‍नाधीन सभी परियोजनाएं असाध्‍य पाई गई हैं ।

ऑनलाईन बिक्री पर नियंत्रण 

21. ( *क्र. 255 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन इंदौर संभाग में प्रश्‍न दिनाँक तक कितनी कम्‍पनियों द्वारा ऑनलाईन सामान बेचा जा रहा है क्‍या इन ऑनलाईन कम्‍पनियों पर सरकार का किसी भी प्रकार का नियंत्रण है, यदि हाँ, तो अवगत करावें ? (ख) ऑनलाईन बिक्री के नाम पर उपभोक्‍ताओं से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिये शासन की क्‍या व्‍यवस्‍था है ? (ग) इन ऑनलाईन कंपनियों से क्‍या शासन को राजस्‍व प्राप्ति होती है ? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनाँक तक की जानकारी देवें ? (घ) क्‍या राज्‍यों में उत्‍पादकों का ऑनलाईन प्रदर्शन, बिक्री, डिलेवरी पर नगद भुगतान कंपनियों द्वारा लिया जाता है, यदि हाँ, तो किस प्रकार किसी व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठान से पृथक है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उज्‍जैन, इन्‍दौर संभाग में ऑनलाईन सामान बेचने वाली 5 कम्‍पनियां पंजीयत हैं, जिनके द्वारा सामान बेचा जा रहा है । ऑनलाईन सामान बेचने वाली पंजीयत कम्‍पनियों पर विभाग का अन्‍य पंजीयत व्‍यवसाईयों के समान नियंत्रण होता है । (ख) ऑनलाईन बिक्री के नाम पर उपभोक्‍ताओं से होने वाली धोखाधड़ी से संबंधित कार्यवाही इस विभाग द्वारा नहीं की जाती है । (ग) जी हाँ । जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है । (घ) राज्‍यों में उत्‍पादों का ऑनलाईन प्रदर्शन, बिक्री, डिलेवरी पर नगद भुगतान कम्‍पनियों द्वारा लिया जाता है या नहीं इस तरह की जानकारी विभाग के पास संधारित नहीं है ।

परिशिष्ट - ''आठ'' (पृष्‍ठ क्रमांक 23)

व्‍यापम द्वारा आयोजित परीक्षाओं की जाँच 

22. ( *क्र. 888 ) श्री सुन्‍दर लाल तिवारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्‍यापम के संज्ञान में किस वर्ष यह आया कि वर्ष 2000 से पी.एम.टी. परीक्षा में संगठित गिरोह कार्य कर फर्जी अभ्‍यार्थियों को प्रवेश दिलवा रहे हैं ? अध्‍यक्ष व्‍यापम के यह संज्ञान में आने के बाद विभागीय जाँच कब स्‍थापित की ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित घटना संज्ञान में आने के बाद अध्‍यक्ष व्‍यापम ने इसे रोकने हेतु विभागीय स्‍तर पर क्‍या-क्‍या कदम   उठाये ? (ग) अध्‍यक्ष व्‍यापम द्वारा वर्ष 2009 तथा 2010 में पुलिस महानिदेशक को पी.एम.टी. फर्जीवाड़े को रोकने हेतु कार्यवाही करने का पत्र किस दिनाँक को लिखा गया ? उसका क्रमांक बतावें तथा पत्र की प्रति देवें । (घ) अध्‍यक्ष अथवा संचालक व्‍यापम द्वारा 2009 तथा 2010 में प्रमुख सचिव चिकित्‍सा शिक्षा तथा संचालक चिकित्‍सा शिक्षा के साथ पी.एम.टी. परीक्षा में फर्जीवाड़े को लेकर कब-कब बैठक आयोजित की गई ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मंडल में किसी भी प्रकार के संगठित गिरोह द्वारा प्रवेश दिलाये जाने संबंधित जानकारी उपलब्‍ध नहीं हैं । (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिपेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।    (ग) वर्ष 2010 की पीएमटी परीक्षा में व्‍यापम अध्‍यक्ष द्वारा विषयान्‍तर्गत पुलिस महानिदेशक को अर्द्धशासकीय पत्र क्र.  5-प-1/190/2925/2010, दिनाँक 16.06.2010 को प्रेषित किया गया । (घ) जानकारी एकत्रि‍त की जा रही है ।

सिंगरौली जिले में स्‍थापित विद्युत सब स्‍टेशन

23. ( *क्र. 9 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विकासखण्‍ड अंतर्गत कितने ग्राम हैं और कितने विद्युत सब-स्‍टेशन स्‍थापित किये गये हैं ? (ख) क्‍या बगदरा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रेही व ग्राम तमई में विद्युत सब स्‍टेशन स्‍थापित करने की योजना है ? यदि हाँ, तो कब तक ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विकासखण्‍ड के अन्‍तर्गत 283 ग्राम विद्यमान हैं तथा वर्तमान में उक्‍त क्षेत्रान्‍तर्गत 33/11 के.वी. के 4 विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍थापित हैं । (ख) जी नहीं, वर्तमान में बगदरा क्षेत्र अन्‍तर्गत ग्राम रेही व ग्राम तमई में विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍थापित करने की कोई योजना प्रस्‍तावित नहीं है ।

अनुविभागीय अधिकारी कटनी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र

24. ( *क्र. 190 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कटनी में अक्‍टूबर 2014 से प्रश्‍न दिनाँक तक प्राप्‍त जाति प्रमाण पत्र के कितने आवेदनों का निराकरण समय-सीमा बाहय किया गया, माहवार बतायें एवं प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदनों को   किन-किन कारणों से निरस्‍त किया गया ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत आवेदनों को अस्‍वीकृत करने पर विभाग के 13 जनवरी 2014 के आदेश पत्र की कंडिका 8.8 के अनुसार स्‍पष्‍ट कारण दर्शाना प्रावधानित है, तो पदाभिहित अधिकारी द्वारा आनलाईन आदेश में ''तहसीलदार प्रतिवेदन के आधार पर निरस्‍त'' लिखना क्‍या नियमानुसार पर्याप्‍त है, यदि हाँ, तो आवेदक को कैसे पता चलेगा कि किन कारणों, दस्‍तावेजों के अभाव या जाँच के आधार पर आवेदन निरस्‍त किया गया है ? यह भी बतायें कि आवेदनों में विभाग के आदेश पत्र की कंडिका 5.2 (i) एवं (ii) के अनुसार दस्‍तावेजों की पूर्ति करने पर भी क्‍या ऐसे आवेदनों को निरस्‍त करना नियमानुसार सही है ? यदि हाँ, तो क्‍यों ? (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्राप्‍त आवेदनों में से कितने प्रकरणों में प्रथम अपील की गई बतायें एवं स्‍वीकार की गई अपील के प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र जारी न करने के स्‍पष्‍ट आदेश ना करने, शास्ति अधिरोपित करने की अनुशंसा ना करने की कार्यशैली क्‍या सही है ? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बताये कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम में क्‍या समय-सीमा बाह्य आवेदनों को स्‍वप्रेरणा से अपील में लेना प्रावधानित है, यदि हाँ, तो कितने प्रकरण स्‍वप्रेरणा से अपील में लेकर क्‍या कार्यवाही की गई ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।

करैरा तहसील में स्‍टोन क्रेशरों का संचालन 

25. ( *क्र. 548 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी अन्‍तर्गत करैरा तहसील क्षेत्र में दिसम्‍बर 2014 की स्थिति में किन-किन व्‍यक्तियों की क्रेशर संचालित है ? इन क्रेशर मालिकों को पत्‍थर हेतु किस नाम से कितनी शासकीय एवं निजी भूमि कब से कब तक के लिये लीज़ पर दी गई है ? खसरा नं. एवं रकबा सहित बतावें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार किन-किन क्रेशर संचालकों को पर्यावरण (SEIAA) द्वारा एन.ओ.सी. जारी की गई है ? (ग) जिन क्रेशरों को पर्यावरण (SEIAA) द्वारा एन.ओ.सी. नहीं दी गई है ? उन संचालित क्रेशरों के संचालकों पर क्‍या प्रश्‍न दिनाँक तक कोई कार्यवाही की गई है ? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है । निजी भूमि पर कोई लीज़ नहीं दी गई है । (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।

परिशिष्ट - ''नौ'' (पृष्‍ठ क्रमांक 24)

 

 

 


 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


चितरंगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत बांध निर्माण‍ 

1. ( क्र. 10 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा अन्‍तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2012-13 तथा 2013-14 से प्रश्‍न दिनाँक तक कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि से कहां-कहां कराये गये ? ग्रामवार, मदवार, वर्षवार जानकारी उपलब्‍ध करायें ? (ख) क्‍या ग्राम अमलिहवा और भैंसहार के मध्‍य गोतान नाला में और सुलखान और मीटिहनी के मध्‍य गोतान नाला में बांध बनाने की योजना है ? यदि हाँ, तो विवरण दें ? (ग) प्रश्‍नांश (क) उक्‍त कार्यों का मापन, मूल्‍यांकन एवं सत्‍यापन किस-किस अधिकारी व कर्मचारी के द्वारा किया गया ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) जी नहीं, ग्राम अमलिहवा और भैसहार के मध्‍य तथा सुलखान एवं मीटिहनी के मध्‍य गोतान नाला में चिन्हित स्‍थल तकनीकी रूप से परियोजना निर्माण के लिए उपयुक्‍त नहीं पाये गये है ।

परिशिष्ट ''दस''

कार्यालयों में शिकायत पेटी लगाई जाना 

2. ( क्र. 32 ) श्री कुंवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक/एफ-11-47/2011/1/9, भोपाल, दिनाँक 16.11.2012 द्वारा निर्धारित किया गया था कि म.प्र. शासन के समस्‍त विभागों में भ्रष्‍टाचार संबंधी शिकायतों हेतु सहजदृस्‍य स्‍थानों पर शिकायत पेटी लगाई जा रही है, कटनी जिलान्‍तर्गत ऐसे किन-किन कार्यालयों में शिकायत पेटी लगाई, किन-किन में नहीं ? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) उत्‍तर हां है, तो उक्‍त शिकायत पेटी प्रतिदिन किस प्राधिकृत अधिकारी द्वारा निर्धारित समय में कटनी जिले के किन-किन कार्यालयों में किन-किन अधिकारियों द्वारा खोली जाकर, निकाले गए कितने पत्रों पर 2012 से प्रश्‍न दिनाँक तक शिकायतों पर कार्यवाही की गई ? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) से संबंधित पत्र के बिन्‍दु क्रमांक 4 के अनुसार प्राप्‍त शिकायतों को प्रति सप्‍ताह कार्यालय/विभाग की वेबसाइट में भी प्रदर्शित किये जाने के निर्देश थे ? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) की प्रक्रिया पूर्ण न करने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्‍तरदायी हैं ? शासन के निर्देश का पालन सुनिश्चित करवाते हुये, दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :(क) जी हाँ । किन्‍तु निर्देश दिनाँक 16.11.2012 को नहीं अपितु दिनाँक 16.12.2011 को जारी किये गये । कटनी जिले में सभी विभागों के कार्यालय में शिकायत पेटी लगायी गयी है । जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है । (ख) कलेक्‍टर कार्यालय में लगी शिकायत पेटी कार्यालय अधीक्षक द्वारा एवं अन्‍य कार्यालयों में लगी शिकायत पेटी कार्यालय प्रमुख द्वारा नियमित खोली जाती है । प्रश्‍नाधीन अवधि में भ्रष्‍टाचार संबंधी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई । अत: शेषांश प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता । (ग) जी हाँ । (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता । 

परिशिष्ट ''ग्यारह''

अवैध उत्‍खनन पर कार्यवाही 

3. ( क्र. 33 ) श्री कुंवर सौरभ सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नोत्‍तरी दिनाँक 01.07.2014 में मुद्रित प्रश्‍न क्रमांक 992 में प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में बताया गया है कि प्रश्‍नाधीन कंपनी को दिये गये मांग की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है । कंपनी द्वारा इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया है ? अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है ? यदि कंपनी ने उत्‍तर नहीं दिया, तो विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है ? विवरण देवें ? (ख) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या यह सही है कि ए.सी.सी. कैमोर की बकाया रायल्‍टी करोड़ों में है फिर भी कंपनी से पत्राचार किया जा रहा है और कंपनी पत्र का उत्‍तर तक नहीं दे रही है ? ऐसी स्थिति में फर्म की लीज निरस्‍त करने की कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई है ? (ग) फर्म स्‍वेल माइन्‍स कटनी को कितने खनिपट्टा कब-कब दिये गये थे ? पृथक-पृथक विवरण दें, तथा उक्‍त फर्म पर किस-किस वर्ष की कितनी-कितनी रायल्‍टी बकाया है ? विवरण दें ? क्‍या रायल्‍टी राशि बकाया रहते फर्म को फिटपास जारी किये गये हैं, तो उसका पूरा विवरण दें ? तथा इसकी शासन जाँच कराकर दोषियों को दंडित करेगा ? फर्म को दिये गये खनि पट्टे कब-कब निरस्‍त किये गये ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ यह उत्‍तर दिया गया था कि कार्यालय कलेक्‍टर (खनिज शाखा) द्वारा दिए गए मांग पत्र के संदर्भ में कंपनी (मेसर्स ए.सी.सी. लिमिटेड) द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया था । जहाँ तक जवाब न देने पर कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न है, इस संबंध में लेख है कि मांग पत्रों का जवाब नहीं देते हुए मांग पत्रों के विरूद्ध उक्‍त कंपनी द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 1913/13 प्रस्‍तुत की गई थी । जिसके परिप्रेक्ष्‍य में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिनॉंक 18.02.2013 एवं 14.03.2013 को अंतरिम आदेश (स्‍थगन आदेश) पारित किया गया था जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ पर है । (ख) पट्टाधारी कंपनी (मेसर्स ए.सी.सी. लिमिटेड) के द्वारा स्‍वीकृत खनिपट्टा की रायल्‍टी राशि जमा की जा रही है, किन्‍तु 1:1.6 परिवर्तन सूत्र के आधार पर अन्‍तर की रायल्‍टी राशि जमा किये जाने हेतु भेजे गये मांग पत्रों के विरूद्ध मेसर्स ए.सी.सी. लिमिटेड द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में विभिन्‍न याचिकाऐं दायर की गई हैं । माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक डब्‍लू.पी. 6909/2002 एवं अन्‍य याचिकाओं के संबंध में पारित आदेश दिनाँक 08.07.2014 में प्रदेश के समस्‍त सीमेंट संयंत्रों का नये सिरे से कर निर्धारण कर बकाया रायल्‍टी राशि की गणना किये जाने हेतु आदेशित किया गया है । कर्णधारण की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है । (ग) खनिपट्टे नहीं अपितु उत्‍खनिपट्टे स्‍वीकृत किये गये थे, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब पर है । शेष जानकारी भी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब पर है । पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार उक्‍त फर्म के विरूद्ध विभिन्‍न बकाया आदि के संबंध में माननीय प्रश्‍नकर्ता का पत्र दिनाँक 11.04.2015 प्राप्‍त हुआ था जिसमें रायल्‍टी बकाया का भी उल्‍लेख है उक्‍त के संदर्भ में जाँच हेतु विभाग द्वारा आदेश दिनाँक 02.05.2015 से जाँच दल गठित किया गया है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-पर है । जाँच दल का प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी ।

अनूपपुर जिले में सृजित पद एवं पदस्‍थापना

4. ( क्र. 43 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में राज्‍य प्रशासनिक सेवा के कुल कितने पद सृजित हैं ? सृजित पद के विरूद्ध कितने अधिकारी कार्यरत हैं ? (ख) अधिसूचित क्षेत्रों में पद पूर्ति हेतु शासन ने कोई नियम बनाया है ? यदि हाँ, तो क्‍या है ? क्‍या अनूपपुर जिले के लिए नियमों का पालन होगा ? यदि हाँ, तो कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 06 पद । 03 अधिकारी । (ख) शासन द्वारा पृथक से कोई अधिसूचित क्षेत्र घोषित नहीं किये गये हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

विद्युत केन्‍द्रों की स्‍वीकृति 

5. ( क्र. 56 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेडा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनाँक 27 फरवरी 2015 के अता. प्रश्‍न संख्‍या 21 (क्र. 786) के संदर्भ में बताऐं कि - बंगला चौराहा पर जिस विद्युत केन्‍द्र का शिलान्‍यास केन्‍द्रीय मंत्री जी व स्‍थानीय सांसद ने किया था क्‍या वहां से स्‍थान बदलकर अन्‍यत्र बनाने की योजना क्‍यों बनाई जा रही है जबकि ग्रामवासी वहां भूमि देने को तैयार है ? (ख) विक्रमपुर विद्युत उपकेन्‍द्र को क्‍या वन विभाग की चौकी के पास बनाने के प्रश्‍नकर्ता के अनुरोध का तकनीकी परीक्षण हो गया है तथा वहां शासकीय भूमि उपलब्‍ध है उसके आवंटन हेतु निवेदन कर दिया गया है व कब तक इस स्‍थान पर विद्युत केन्‍द्र निर्माण प्रारम्‍भ हो जायेगा ?   (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता व्‍दारा विभाग व शासन को जिन-जिन बस्तियों में बिजली नहीं है उनकी सूची दी है उस सूची की बस्तियों का उल्‍लेख देते हुए बताए कि वहां बिजली कब तक पहुँचेगी व इस संबंध में क्‍या प्रयास हुए ? (घ) क्‍या विभाग व अधिकारी ऐसी बस्तियां जिनका जनगणना में उल्‍लेख नहीं है, उनका सर्वे कर वहां बिजली पहुँचाने का प्रयास करेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) संचालन-संधारण संभाग मुंगावली के अन्‍तर्गत ग्राम बंगला चौराहा पर प्रश्‍नांश अनुसार शिलान्‍यास किये गये 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र हेतु शासकीय भूमि का आवंटन लगभग 3 कि.मी. दूर ग्राम इकोदिया के पास किया गया था । उक्‍त भूमि अत्‍यंत ऊबड़-खाबड़ है तथा इस भूमि पर पूर्व से धार्मिक स्‍थल होने के कारण ग्रामीणों द्वारा उपकेन्‍द्र निर्माण में अवरोध उत्‍पन्‍न किया जा रहा था । ग्राम बंगला चौराहा पर ही दान की भूमि उपलब्‍ध हो जाने से जो कि ग्राम से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है, उपकेन्‍द्र का निर्माण, अन्‍य स्‍थल पर ग्राम बंगला चौराहा में ही किया जा रहा है । (ख) ग्राम विक्रमपुर में विद्युत उपकेन्‍द्र पूर्व से ही स्‍वीकृत हैं । प्रस्‍तावित विक्रमपुर उपकेन्‍द्र के स्‍थान परिवर्तन हेतु माह मई-2015 में परीक्षण किया गया एवं तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं पाए जाने के कारण पूर्व से ही कलेक्‍टर कार्यालय भू-अभिलेख जिला अशोकनगर के द्वारा पत्र दिनाँक 26.02.2014 से आवंटित भूमि पर उपकेन्‍द्र निर्माण हेतु सर्वे का कार्य प्रारम्‍भ किया गया है । उक्‍त कार्य कराए जाने हेतु मेसर्स इनरगो कंपनी से मार्च 2015 में अनुबंध किया गया है एवं अनुबंध दिनाँक से 24 माह में उक्‍त कार्य पूर्ण किया जाना है । (ग) माननीय विधायक महोदय द्वारा समय-समय प्रेषित पत्रों के माध्‍यम से जिन बस्तियों में विद्युतीकरण हेतु प्रस्‍ताव दिये गये थे उनकी जानकारी एवं कार्य प्रगति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है । शेष अविद्युतीकृत बस्तियों के विद्युतीकरण के कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्‍तर्गत सम्मिलित कर लिये गये है । उक्‍त कार्य सहित योजना का कार्य टर्न-की आधार पर करने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स इनरगो-एबसाल्‍यूट इंजीनियरिंग प्रोजेक्‍ट लिमि‍टेड को दिनाँक 12.02.2015 को कार्यादेश जारी कर दिनाँक 11.03.2015 को अनुबंध किया गया है । अनुबंध दिनाँक से कार्यों को पूर्ण करने की अवधि 24 माह है । (घ) आगामी वर्षों में केन्‍द्र/राज्‍य शासन की विभिन्‍न वित्‍त पोषित योजनाओं में वित्‍तीय उपलब्‍धता होने पर ऐसी बस्तियों के विद्युतीकरण के प्रयास किये जा सकेंगे ।

परिशिष्ट ''बारह''

अटल ज्‍योति योजना का क्रियान्‍वयन 

6. ( क्र. 74 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें एवं उनके ग्राम/मजरे टोले आदि है जो आज भी अटल ज्‍योति योजना से नहीं जुड पाएं है । पंचायतवार नाम सहित बताऐं ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित ग्राम पंचायतें एवं उनके ग्राम/मजरे टोले आदि को अटल ज्‍योति योजना अंतर्गत जोड़े जाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्ययोजना बनायी है, ताकि ग्रामीणों को इस योजना का लाभ मिल सकें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत 26 ग्राम पंचायतों के 31 मजरे/टोले वर्तमान में अविद्युतीकृत है अत: इन्‍हें अटल ज्‍योति अभियान का लाभ नहीं मिल पाया है । अविद्युतीकृत मजरों/टोलों की ग्राम पंचायतवार सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) उत्‍तरांश '' में उल्‍लेखित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सम्मिलित कर लिया गया है । योजना की स्‍वीकृति केन्‍द्र शासन से प्रतीक्षित है । उक्‍त कार्य पूर्ण होने के उपरांत प्रश्‍नाधीन मजरों/टोलों को अटल ज्‍योति अभियान का लाभ मिल सकेगा ।

परिशिष्ट - ''तेरह''

केमरी पहाड़ में माईनिंग लीज़ की स्‍वीकृति 

7. ( क्र. 89 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केमरी पहाड़ में कितने लोगों को माईनिंग लीज़ स्‍वीकृत है ? (ख) कितनी वैध तथा कितनी अवैध माईनिंग वर्तमान में चल रही है ? (ग) क्‍या अवैध माईनिंग करने वालों के डंपर एवं जे.सी.बी. अबेर थाना द्वारा पकड़ी जाती है ? विगत एक वर्ष में कब-कब कितनी डंपर जे.सी.बी. थानें द्वारा पकड़े गये हैं वाहन मालिक एवं वाहन क्रमांक सहित बतायें ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि सही है तो अवैध माईनिंग करने वालों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई है ? केमरी पहाड़ से अवैध उत्‍खनन में कब तक रोक लगा दी जावेगी तथा अवैध माइनिंग को प्रोत्‍साहित करने वाले अधिकारियों को कब तक हटा दिया जावेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है । (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार वर्तमान में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में 05 खनिपट्टे स्‍वीकृत हैं, जिसमें से 02 कार्यशील एवं 03 शिथिल हैं । वर्तमान में खनिज निरीक्षक द्वारा क्षेत्र का समय-समय पर निरीक्षण करने पर निरीक्षण के दौरान केमरी पहाड़ क्षेत्र में कोई अवैध माइनिंग संचालित नहीं पाई गई । (ग) जी हां यह सही है । केमरी पहाड़ व आसपास के क्षेत्रों में पकड़े गये अवैध उत्‍खनन/परिवहन के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' एवं '' पर है । डम्‍फर / जे.सी.बी. की जानकारी भी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' एवं '' पर है । (घ) अवैध उत्‍खननकर्ताओं / परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' एवं '' अनुसार है । केमरी पहाड़ में समय-समय पर खनिज, राजस्‍व व पुलिस अमले द्वारा निरीक्षण कर अवैध उत्‍खनन / परिवहन पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध प्रकरण आदि दर्ज कर कार्यवाही की जाती है । अत: अवैध माइनिंग को प्रोत्‍साहित करने तथा अधिकारियों को हटाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता ।

म.प्र.शासन को राजस्‍व एवं अन्‍य स्‍त्रोतों से प्राप्‍त आय

8. ( क्र. 105 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश सरकार की राजस्‍व व अन्‍य स्‍त्रोतों से कुल आय प्रत्‍येक वर्षों में कितनी-कितनी हुई विगत पांच वर्षों से प्रश्‍न दिनाँक तक की वर्षवार जानकारी दें ? (ख) भारत सरकार ने प्राकृतिक आपदा के समय मध्‍यप्रदेश सरकार को कितनी-कितनी राशि कब-कब आर्थिक मदद के रूप में मुहैया कराई विगत पांच वर्षों की अलग-अलग जानकारी दें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍यप्रदेश सरकार की विगत पाँच वर्ष तक राजस्‍व व अन्‍य स्‍त्रोतों से कुल आय का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र -1 के अनुसार है । (ख) भारत सरकार ने विगत पाँच वर्षों में प्राकृतिक आपदा के समय मध्‍यप्रदेश सरकार को संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र -2 के अनुसार आर्थिक मदद मुहैया कराई है ।

परिशिष्ट ''चौदह''

कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत विद्युतीकरण 

9. ( क्र. 108 ) श्री सचिन यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के प्रथम चरण से प्रश्‍न दिनाँक तक कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत कितने ग्राम लाभान्वित हुए हैं ? योजना में सम्मिलित ग्रामों की सूची देवें ? (ख) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में खरगोन जिले में कितनी-कितनी राशि कब-कब स्‍वीकृत की गई ? योजना अनुसार संबंधित ठेकेदार के नाम सहित बतावें ? स्‍वीकृति दिनाँक तथा कार्य पूर्णता दिनाँक का भी उल्‍लेख करें ? उक्‍त योजना में लगने वाले ट्रांसफार्मरों की क्षमता क्‍या है एवं क्षमतावार कितने ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये है, संख्‍या बतावें ? उक्‍त योजना में जिन ग्रामों में कम ट्रांसफार्मर लगे हैं उनमें कब तक शेष ट्रांसफार्मर लगा दिये जायेगें ? समय सीमा बतावें ? (ग) उक्‍त निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों की सूची दें एवं इसकी अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई है और इस कार्यावधि में किस-किस के द्वारा कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस प्रकार की प्राप्‍त हुई और उस पर प्रश्‍न दिनाँक तक क्‍या कार्यवाही की गई ? (घ) उक्‍त योजनान्‍तर्गत ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें एवं उनके ग्राम/मजरे टोले आदि हैं जो आज भी इस योजनाओं के अंतर्गत नहीं जुड़ पाये हैं ? उनकी सूची दें । साथ ही इस संबंध में विभाग ने अपने उक्‍त कार्य को पूरा करने की क्‍या कार्ययोजना बनाई है, जिससे सभी ग्रामीणों व मजरे-टोलों को इन योजना के लाभ से लाभान्वित किया जा सकेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रथम चरण से प्रश्‍न दिनाँक तक कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत 151 ग्राम लाभान्वित हुए है । योजना में सम्मिलित 227 ग्रामों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है । (ख) खरगोन जिले के लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना मे आर.ई.सी.‍लिमिटेड द्वारा पत्र क्रमांक 1617 दिनाँक 16.12.2011 से रू. 7079.91 लाख की योजना की स्‍वीकृति दी गई थी तथा पत्र क्रमांक-862, दिनाँक 11.09.2012 से रू. 8994.24 लाख की पुनरीक्षित स्‍वीकृति दी गई थी । स्‍वीकृति के अनुसार मेसर्स विन्‍ध्‍या टेलिलिन्‍कस लिमिटेड, नई दिल्‍ली एवं मेसर्स कोस्‍टल प्रोजेक्‍ट लिमिटेड, हैदराबाद को निम्‍नानुसार कार्यादेश जारी किए गए : I मेसर्स विध्‍या टेलिलिन्‍कस लिमिटेड, नई दिल्‍ली - अ) आदेश क्रमांक 9366, दिनाँक 26.03.2012 रू. 2720.32 लाख (सप्‍लाई), ब) आदेश क्रमांक 9368, दिनाँक 26.03.2012 रू. 4815.15 लाख (इरेक्‍शन), II मेसर्स कोस्‍टल प्रोजेक्‍ट लिमिटेड, हैदराबाद - अ) आदेश क्रमांक 9370, दिनाँक 26.03.2012 रू. 4269.61 लाख (सप्‍लाई), ब) आदेश क्रमांक 9372, दिनाँक 26.03.2012 रू. 9271.04 लाख (इरेक्‍शन) -उपरोक्‍त दोनों कार्यादेशों के अनुसार कार्य पूर्णता की अवधि 24 माह अर्थात् दिनाँक 25.03.2014 थी । उक्‍त योजना में लगने वाले ट्रांसफार्मरों की क्षमता 25 के.व्‍ही.ए. है । योजना का कार्य प्रगति पर है एवं अब तक 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 94 ट्रांसफार्मर योजना अन्‍तर्गत स्‍थापित किए गए है । इसके अतिरिक्‍त 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 46 एवं 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 16 ट्रांसफार्मर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ठेकेदार को दिए गए जिन्‍हे ठेकेदार द्वारा डी.पी.बनाकर गांव के लोड के अनुरूप स्‍थापित किया गया है । योजनान्‍तर्गत किसी भी ग्राम में कम ट्रांसफार्मर नहीं लगे है । (ग) कार्यपूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है । राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एक वृहद योजना है जिसमें दूर-दराज के क्षेत्रों में विद्युत अधोसंरचना का निर्माण किया जाना है । उक्‍त कार्य एक जटिल कार्य है जिसके दौरान कृषकों एवं ग्रामीणों द्वारा विद्युत लाईन के निर्माण कार्य में व्‍यवधान उत्‍पन्‍न करने, निर्माण कार्य करने वाली कंपनियों के पास कुशल श्रमिक उपलब्‍ध नहीं होने, आवश्‍यक सामग्री समय से उपलब्‍ध नहीं होने आदि कारणों से विलंब हुआ है, जिसके लिये किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्‍न नहीं उठता । कार्य में देरी होने के कारण ठेकेदारों से टेंडर के प्रावधानों के अनुसार रू. 297.32 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पैनाल्‍टी स्‍वरूप वसूल की जा चुकी है । कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के क्रियान्‍वयन से संबंधित कोई शिकायत पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्‍त नहीं हुई है । (घ) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अन्‍तर्गत चिन्हित 68 ग्राम पंचायतों के 105 ग्रामों के 136 मजरे/टोले है, जिनमें सघन विद्युतीकरण का कार्य करना शेष है, जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है । कार्य योजना अनुसार शेष बचे कार्य को मार्च, 2016 तक पूर्ण कराए जाने के प्रयास है ।

पी.एम.जी.एस.व्‍हाय./लोक निर्माण विभाग के मार्गों में बाधक विद्युत लाईन 

10. ( क्र. 127 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एवं लोक निर्माण विभाग या अन्‍य किसी योजना में स्‍वीकृत सड़क के किनारे अत्‍यधिक नीचे विद्युत लाईन को विभाग द्वारा हटाये जाने के प्रावधान है ? यदि हाँ, तो बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र में ऐसी कितनी विद्युत लाईने हैं जो सड़क किनारे अत्‍यधिक नीचे आने के कारण हटाई जाना है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्‍या संबंधित निर्माण विभाग द्वारा नीचे आने वाली विद्युत लाईन को हटाने के संबंध में निर्धारित शुल्‍क जमा किया जाता है ? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्ष में जमा किया गया शुल्‍क की जानकारी वर्षवार दी जावे ? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार मार्ग के किनारे स्‍थापित अत्‍यधिक नीचे विद्युत लाईन को हटाने के संबंध में कब तक कार्यवाही की जावेगी ? समय-सीमा बताई जावे ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, विभिन्‍न योजनाओं में स्‍वीकृत सड़क के किनारे अथवा क्रासिंग में निर्धारित मापदण्‍डों से कम उर्ध्‍वाधर दूरी वाली विद्युत लाईनों को हटाने के लिए वितरण कंपनी द्वारा जमा योजना में कार्य करने का प्रावधान है । विधानसभा क्षेत्र बड़वाह में वर्तमान में पांच सड़क मार्गों से संबंधित पांच लोकेशन पर विद्युत लाईनों को हटाये जाने अथवा सुरक्षित ऊंचाई पर लाने के कार्य लंबित है, जिनका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के सरल क्रमांक-6 से 10 पर दर्शाए अनुसार है । लाईन हटाए जाने की आवश्‍यकता नहीं होने पर विद्यमान विद्युत लाईनों के ढ़ीले तारों को दुरूस्‍त कर निर्धारित मानकों के अनुरूप व्‍यवस्थित करने का कार्य वितरण कंपनियों द्वारा स्‍वयं के व्‍यय पर किया जाता है । (ख) जी हाँ, संबंधित निर्माण विभाग, निर्धारित मापदण्‍डों से कम उर्ध्‍वाधर दूरी वाली विद्युत लाईनों को हटाने हेतु स्‍वीकृत प्राक्‍कलन की संपूर्ण राशि जमा योजना अन्‍तर्गत जमा करके वितरण कंपनी से कार्य करा सकता है अथवा वितरण कंपनी में सुप‍रविजन चार्ज एवं सर्विस टेक्‍स की राशि जमा करवाकर स्‍वयं के व्‍यय पर '' श्रेणी के पंजीकृत विद्युत ठेकेदार से कार्य करा सकता है । वर्ष 2013-14 में संबंधित विभाग द्वारा वितरण कंपनी में कोई राशि जमा नहीं कराई गई है तथा वर्ष 2014-15 में रूपये 1, 58, 226/- की राशि जमा कराई गई है । वर्षवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में संबंधित विभाग द्वारा नियमानुसार राशि जमा नहीं कराए जाने के कारण प्रश्‍नाधीन कार्य लंबित है, अत: वर्तमान में उक्‍त कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है ।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

स्‍टापडैम निर्माण में अनियमितता की जाँच

11. ( क्र. 169 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नागौद तहसील के अन्‍तर्गत शहपुर में स्‍टापडैम का निर्माण कितनी लागत से कब बनाया गया था ? (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित स्‍टापडैम निर्माण के कुछ समय बाद बह गया जिसका पुन: जीर्णोद्धार किया जाकर कितनी राशि व्‍यय की गई  है । उसके बाद भी स्‍टापडैम की गुणवत्‍ता खराब है जीर्णशीर्ण है और पानी का ठहराव उक्‍त स्‍टापडैम से नहीं हो पा रहा है ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में उक्‍त स्‍टापडैम का भौतिक सत्‍यापन किस अधिकारी द्वारा किस दिनाँक को किया गया है ? (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में घटिया स्‍टापडैम निर्माण कराने वाले दोषी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये फर्जी भुगतान की वसूली की जायेगी ? यदि हाँ, तो कब तक ? यदि नहीं तो क्‍यों बताएँ ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नाधीन स्‍टॉपडेम का निर्माण रू.75.14 लाख की लागत से वर्ष 2012-13 में पूर्ण कराया गया । (ख) एवं (घ) जी नहीं । वर्ष 2013 में भारी वर्षा से प्रश्‍नाधीन स्‍टॉपडेम के दांए किनारे पर मिट्टी का कटाव होकर किनारे की दीवार क्षतिग्रस्‍त हुई थी । रूपांकन में कमी पाई जाने के लिए 07 अधिकारियों क्रमंश: तत्‍कालीन मुख्‍य अभियंता श्री ए.के.सिंघल, तत्‍कालीन अधीक्षण यंत्री श्री एन.एन.गांधी, तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री       श्री व्‍ही.के.कुकरेजा, तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री श्री पी.के.पाण्‍डेय एवं श्री आई.डी. कुमरे, तत्‍कालीन सहायक यंत्री श्री एन.डी. मिश्रा एवं तत्‍कालीन उपयंत्री श्री आई.पी. बागरी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की जा चुकी है । सुधार कार्य       रू. 38.25 लाख का गत वर्ष कराया गया । जी नहीं, स्‍टॉपडेम में रूपांकित क्षमता अनुसार जल संग्रहण किया जाकर वर्ष 2014-15 में 95 हे. में सिंचाई की गई । (ग) दिनाँक 05.07.2012 को तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री श्री सुभाष जैन और उसके पश्‍चात दिनाँक 15.03.2015 को कार्यपालन यंत्री श्री उदय लाले द्वारा भौतिक सत्‍यापन/निरीक्षण किया गया ।

बरगी बॉई तट नहर का निर्माण 

12. ( क्र. 174 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी बांई तट नहर निर्माण अन्‍तर्गत कौन-कौन सी मुख्‍य नहर, वितरण शाखा, लघु नहरों, उप नहरों का पाटन विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कौन-कौन सा निर्माण कार्य किन कारणों से शेष है ? शेष निर्माण कार्य किनके द्वारा किया जा रहा है एवं कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा ? (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित पूर्ण हुई नहरों द्वारा वर्ष 2014-15 कुल कितना रकवा पाटन विधान सभा क्षेत्र में सिंचित किया गया ? नहरवार सूची देवें एवं कृषकों को रू‍पांकित सिंचाई क्षमता के अनुरूप पानी उपलब्‍ध न होने के क्‍या कारण हैं ? (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत नहरों के रख रखाव एवं सुधार कार्य हेतु वित्‍त वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनाँक तक किन-किन कार्यों पर कितनी राशि व्‍यय की गई ? फरवरी 2015 में मझौली वितरण केन्‍द्र की सब डिस्‍ट्रीब्‍यूटरी नहर फूटने का क्‍या कारण है ? (घ) नहरों के निर्माण में हुये भ्रष्‍टाचार के कारण जर्जर नहर निर्माण के कारण नहरों में हो रही क्षति की शासन जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा एवं शेष निर्माण कार्य समय पर पूर्ण न करने वालों पर कार्यवाही करेगा ? यदि हाँ, तो कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 1, 2, एवं 3 अनुसार है ।          (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 4 अनुसार है । (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 5 एवं 6 अनुसार है । फरवरी 2015 में मझौली वितरण नहर की सब डिस्‍ट्रीब्‍यूटरी नहर नहीं फूटी थी । अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । (घ) पाटन विधानसभा क्षेत्र काली मिट्टी का क्षेत्र है । नहरों के निर्माण में स्‍थानीय उपलब्‍ध मिट्टी का प्रयोग किया गया है । अतिवर्षा तथा कृषि उपकरणों के परिवहन के कारण नहरों के बैंक क्षतिग्रस्‍त होते है । इसके अतिरिक्‍त रबी एवं खरीफ फसलों हेतु पानी छोडे जाने के दौरान कृषको द्वारा नहरे काटने से नहरों में क्षति होती है, जिसके सुधार के कार्य नियमानुसार कराये गये है । नहरों के शेष निर्माण कार्यों हेतु लगातार निविदाओं के आमंत्रण की प्रक्रिया जारी है । स्‍थापित नियमों एवं प्रक्रियाओं के पालन में लगने वाले समय हेतु कोई भी दोषी नहीं है । अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

जबलपुर जिले की मझौली तहसील मुख्‍यालय में संचालित देशी शराब दुकान का स्‍थल परिवर्तन 

13. ( क्र. 177 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य शासन द्वारा किसी स्‍थल पर शराब दुकान संचालन की अनुमति के क्‍या नियम एवं मापदंड हैं ? नियमों की छाया प्रति देवें ? (ख) पाटन विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत नगर पंचायत मझौली में पोला तिराहा काली मॉई मंदिर के पास देशी शराब दुकान संचालन की अनुमति शासन द्वारा किन मापदण्‍डों के आधार पर कब किसके द्वारा दी गई ? (ग) प्रश्‍नांक (ख) में उल्‍लेखित स्‍थल पर शराब दुकान संचालन के विरोध में ग्रामवासियों द्वारा तहसीलदार मझौली, अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा को एवं प्रशासनकर्ता द्वारा स्‍वयं कलेक्‍टर जबलपुर को पत्र लिखकर उक्‍त शराब दुकान अन्‍यत्र स्‍थानांतरण की मांग पूर्व में की गई थी एवं ग्रामवासियों द्वारा मझौली नगर सांकेतिक बंद कर अपना विरोध प्रदर्शित किया था ?    (घ) प्रश्‍नांक (ग) में की गई शिकायतों पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई ? क्‍या शासन ग्रामवासियों की मांग पर देशी शराब दुकान का स्‍थल परिवर्तित करेगा ? यदि हाँ, तो कब तक ? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) :(क) किसी स्‍थल पर शराब दुकान के संचालन की अनुमति के नियम एवं मापदण्‍ड मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 62 (2) के अंतर्गत बने सामान्‍य प्रयुक्ति के नियमों के नियम-1, दुकानों की अवस्थिति, में वर्णित अनुरूप, जैसा कि मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक-55 दिनाँक 06 फरवरी 2015 में अधिसूचना क्रमांक बी-1/05/2015/2 पाँच (5), दिनाँक 06.02.2015 द्वारा प्रकाशित किये गये है, में वर्णित     है । उक्‍त की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है । (ख) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक में वर्णित मापदण्‍डों के आधार पर पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर पंचायत मझौली में पोला तिराहा के पास देशी शराब दुकान मझौली का संचालन वर्णित नियमों के अन्‍तर्गत वर्ष 2012-13 से किया जा रहा है । उक्‍त दुकान वर्ष 2012-13 में जिला समिति द्वारा नवीनीकरण के माध्‍यम से निष्‍पादित की गई थी तथा वित्‍तीय वर्ष 2015-16 के लिए जिला समिति द्वारा टेण्‍डर के माध्‍यम से निष्‍पादित की गई है । (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित स्‍थल पर शराब दुकान के संचालन के विरोध में दिनाँक 16.04.2013 को स्‍थानीयजनों द्वारा स्‍थल परिवर्तन हेतु कलेक्‍टर, जबलपुर को आवेदन प्रस्‍तुत किया गया था । (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में उल्‍लेखित अनुसार मझौली ग्रामवासियों द्वारा कलेक्‍टर जबलपुर को दिनाँक 16.04.2013 को देशी शराब दुकान मझौली को हटाये जाने की मांग के संबंध में वृत के प्रभारी सहायक जिला आबकारी अधिकारी वृत-सिहोरा द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन क्रमांक 24, दिनाँक 07.05.2013 में देशी शराब दुकान मझौली से बस स्‍टेण्‍ड की दूरी 50 मीटर से अधिक होना दर्शाये जाने तथा यह दुकान मझौली पोला तिराहा के पास सामान्‍य प्रयुक्ति के नियमों के अंतर्गत आपत्तिरहित स्‍थल पर स्‍थापित होने से उसके स्‍थान परिवर्तन की स्थिति निर्मित नहीं हुई है ।

जनभागीदारी योजनांतर्गत स्‍वीकृत अंशदान की राशि का ऑडिट

14. ( क्र. 198 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में जनभागीदारी योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई ? वर्षवार विवरण दें ? (ख) उपरोक्‍त अवधि में किन-किन नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायतों एवं संस्‍थाओं को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत कर प्रदाय की गई नाम पद सहित बतायें ? किन-किन संस्‍थाओं एवं व्‍यक्तियों ने कार्यों के प्रस्‍ताव कब-कब कलेक्‍टर एवं मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्‍ड को दिये गये ? (ग) उपरोक्‍त प्रस्‍तावों हेतु ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों एवं संस्‍थाओं ने कितना-कितना अंशदान किस-किस बैंक में जमा किया तथा शासन का अंशदान कब-कब स्‍वीकृत कर भुगतान किया गया, दिनाँक सहित बतायें ? (घ) उक्‍त अवधि में जनभागीदारी के तहत स्‍वीकृत अंशदान की राशि एवं संगृहित राशि का ऑडिट कब-कब किस-किस ऑडिट एजेंसी द्वारा किया गया । प्रत्‍येक की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्‍तुत करें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भिण्‍ड जिले में जनभागीदारी योजना के अन्‍तर्गत वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 3, 00, 00, 000/-, 2014-15 में राशि रूपये 3, 60, 00, 000/- एवं 2015-16 में राशि रूपये 67, 80, 241/- का आवंटन प्राप्‍त हुआ । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है । (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है । (घ) उक्‍त अवधि में जनभागीदारी योजना का ऑडिट न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

नये विद्युत कनेक्‍शन हेतु उपभोक्‍ता से ली जाने वाली राशि 

15. ( क्र. 223 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में जनवरी 2013 से दिसम्‍बर 2013, जनवरी 2014 से दिसम्‍बर 2014 एवं जनवरी 2015 से मार्च 2015 तक कितने घरेलू, गैर घरेलू, कृषि पंप एवं अन्‍य नये विद्युत कनेक्‍शन दिये गये ? घरेलू, गैर घरेलू, कृषि पंप एवं अन्‍य विद्युत कनेक्‍शन को अलग-अलग संख्‍या सहित जानकारी देवें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में नये विद्युत कनेक्‍शन के लिये उपभोक्‍ताओं से किस-किस मद/निधी में राशी ली जाती है ? (ग) क्‍या उपभोक्‍ताओं से नये कनेक्‍शन हेतु अधेसित स्‍टेम्‍प चार्ज रजिस्‍ट्रेशन शुल्‍क लिया जाता है । यदि हाँ, तो सिवनी जिले में दिये गये नये कनेक्‍शनों से अधेसित स्‍टेम्‍प चार्ज मद में कितनी राशि प्राप्‍त हुई ? (घ) सिवनी जिले में विद्युत विभाग के संभागीय कार्यालयों द्वारा जिला कोषालय से जनवरी 2013 से मार्च 2015 तक कितनी राशि के अधेसित स्‍टेम्‍प चार्ज खरीदे गये ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सिवनी जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में दिये गये विद्युत कनेक्‍शनों की श्रेणीवार संख्‍या सहित जानकारी निम्‍नानुसार है ।

क्रमांक

संभाग का नाम

अवधि

घरेलू

गैर घरेलू

कृषि पंप

अन्‍य

1

सिवनी

जनवरी 13 से दिसम्‍बर 13

3567

490

609

316

 

जनवरी 14 से दिसम्‍बर 14

3142

565

8870

164

जनवरी 15 से मार्च 15

698

35

532

143

योग

7407

1090

10011

623

2

लखनादौन

जनवरी 13 से दिसम्‍बर 13

970

65

3556

0

 

जनवरी 14 से दिसम्‍बर 14

1866

54

5538

2

जनवरी 15 से मार्च 15

844

98

72

2

योग

3680

217

9166

4

 

 

कुल योग

11087

1307

19177

627

 (ख) नये विद्युत कनेक्‍शन के लिए आवेदकों से आवेदन, पंजीयन, अमानत राशि एवं सप्‍लाई अफोर्डिंग अनुबंध शुल्‍क के मद में राशि ली जाती है । (ग) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्‍तर्गत दिये जाने बी.पी.एल. कनेक्‍शनों को छोडकर शेष उपभोक्‍ताओं से अधेसिव स्‍टेम्‍प चार्ज, रजिस्‍ट्रेशन शुल्‍क लिया जाता है । सिवनी जिले के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में अधेसिव स्‍टेम्‍प चार्ज मद में रू. 21, 10, 600/- प्राप्‍त हुए है । (घ) जनवरी 13 से मार्च 15 तक की अवधि में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सिवनी संभाग अन्‍तर्गत जिला कोषालय से दस लाख रूपये के अधेसिव स्‍टेम्‍प खरीदे गये, लखनादौन संभाग द्वारा वितरण केन्‍द्र से मांग पत्र प्रस्‍तुत नहीं करने के कारण उक्‍त अवधि में अधेसिव स्‍टेम्‍प नहीं खरीदी गई है ।

खराब, जले अथवा क्षमता वृद्धि हेतु ट्रांसफार्मरों को बदला जाना 

16. ( क्र. 235 ) श्री मेव राजकुमार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खराब, जले ट्रांसफार्मर बदलने की कोई समय-सीमा निर्धारित है ? ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हेतु प्राप्‍त आवेदन पत्रों के निराकरण की समय-सीमा क्‍या है ? (ख) खरगोन जिले में विधानसभा क्षेत्रवार वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए संख्‍या बतावे ? इनमें से कितने ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में बदल दिये हैं एवं कितने ट्रांसफार्मर समयावधि पश्‍चात् बदले गये और कितने बदलने हेतु शेष है ? प्रश्‍नाधीन जिले एवं अवधि में कितने अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर चिहिन्‍त किये गये एवं कितने ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर दी गई है संख्‍या बतावें ? (ग) महेश्‍वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कितने विद्युत वितंरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं जो बदलने हेतु शेष हैं की जानकारी दिनाँक 30.06.2015 की स्थिति में बतावें ? वर्ष 2015-16 में जून, 2015 अंत तक प्रश्‍नांधीन विधानसभा क्षेत्र में ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हेतु कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई है एवं उनमें से कितने प्रकरणों में क्षमता वृद्धि का कार्य पूर्ण किया जा चुका है ? वर्तमान में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब होने के कारण विधानसभा क्षेत्र की कितनी पेयजल योजनाएं बंद है जानकारी देवें ? (घ) क्‍या माहेश्‍वर विधान सभा क्षेत्र के किसान भगवान फकीरा एवं अन्‍य पाँच कृषक निवासी चिंदडिया द्वारा मौगांवा बीड वाली डी.पी.को 63 किलोवाट के स्‍थान पर 100 किलोवाट का ट्रांसफार्मर हेतु आवेदन वर्तमान तक लंबित है ? एवं वहीं पर नया 100 किलोवाट का ट्रांसफार्मर स्‍वीकृत होने के उपरान्‍त भी नहीं लगाया जा रहा है ? जिसके कारण कृषकों को सिंचाई हेतु प्रर्याप्‍त वोल्‍टेज नहीं मिल रहा है ? इसके लिए कौन उत्‍तरदायी है एवं यह कार्य कब तक हो जावेगा ? अवधि बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ । जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को शहरी क्षेत्र में अधिकतम 24 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्‍क मौसम में 3 दिन तथा वर्षा ऋतु (जुलाई से सितम्‍बर) में 7 दिन में बदले जाने की समय-सीमा निर्धारित है । वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि हेतु प्राप्‍त आवेदन पत्रों के निराकरण की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है, अपितु वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य तकनीकी साध्‍यता एवं वित्‍तीय उपलब्‍धता के अनुरूप क्रमश: किया जाता है । (ख) खरगोन जिले में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में जले/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों की विधानसभा क्षेत्रावार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है । उक्‍त सभी जले/खराब ट्रांसफार्मरों को नियत समयावधि में बदला गया है । वर्ष 2013-14 में कुल 2404 ट्रांसफार्मर फेल हुए थे एवं सभी को बदल दिया गया है तथा वर्ष 2014-15 में फेल 2737 ट्रांसफार्मरों में से नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान नहीं होने के कारण वर्तमान में दो ट्रांसफार्मर बदलना शेष है । वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में खरगोन जिले में क्रमश: 231 एवं 33 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मर चिन्हित किये गये है एवं इन सभी की क्षमता वृद्धि के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, विधानसभा क्षेत्रावार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ग) महेश्‍वर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत दिनाँक 30.06.2015 की स्थिति में कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है । वर्ष 2015-16 में माह जून-15 के अंत तक वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हेतु दो आवेदन/शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं जिनमें वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कार्य तकनीकी साध्‍यता होने पर वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍ध्‍ता के अनुरूप किया जा सकेगा । वर्तमान में महेश्‍वर विधानसभा क्षेत्र में किसी भी पेयजल योजना का विद्युत प्रदाय बन्‍द नहीं है । (घ) जी नहीं, ग्राम चुन्‍दडिया (चिन्‍दडिया नहीं) में मौगांवा बीड वाले वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कर 100 के.व्‍ही.ए. का ट्रांसर्फार लगाया जा चुका है । इसी स्‍थान पर नया 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने का कार्य स्‍वीकृत नहीं है एवं न ही वोल्‍टेज की कोई समस्‍या है । उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी के उत्‍तरदायी होने का प्रश्‍न नहीं उठता ।

परिशिष्ट - ''सोलह''

महेश्‍वर पर्यटन विकास योजना 

17. ( क्र. 236 ) श्री मेव राजकुमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदार सरोवर डेम के बेकवॉटर बड़ने से महेश्‍वर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग व्‍दारा क्‍या योजना बनाई गई है एवं उसमें क्‍या प्रावधान किये जा रहे हैं ? (ख) महेश्‍वर में पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने हेतु नर्मदा नदी में स्‍टीमर चलाये जाने की कोई योजना तैयार की गई है ? यदि हाँ तो क्‍या एवं कब तक इसका क्रियान्‍वयन किया जावेगा ? (ग) महेश्‍वर में देशी एवं विदेशी पर्यटकों की सुविधा हेतु विभाग व्‍दारा क्‍या-क्‍या योजना बनाई जा रही है एवं उनका क्रियान्‍वयन कब तक किया जावेगा ? (घ) क्‍या सिंहस्‍थ 2016 को दृष्टिगत रखते हुये महेश्‍वर पर्यटन के लिए कोई विशेष कार्य योजना बनाई गई   है ? यदि हाँ तो क्‍या ? एवं उसका क्रियान्‍वयन कब तक किया जावेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं । शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । (ख) पूर्व में ओंकारेश्‍वर से महेश्‍वर तक मिनी क्रूज चलाने की योजना बनाई गई थी । महेश्‍वर से ओंकारेश्‍वर तक मिनी क्रूज चलाने के लिये सर्वेक्षण किया गया परन्तु पाया गया कि नदी के पूर्ण जलस्तर होने पर बुड़वा ब्रिज के पास बहुत सारी चट्टाने तथा जल स्तर अत्‍यन्‍त निम्न होने के कारण वर्तमान स्थिति में मिनी क्रूज बोट का संचालन सुरक्षित नहीं है । (ग) पर्यटन विभाग द्वारा आवास सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है उसका संचालन किया जा रहा है । (घ) सिंहस्थ 2016 में आने वाले पर्यटकों के लिए, महेश्वर के लिए, पैकेज टूर का संचालन प्रारंभ किया जायेगा । पर्यटन निगम की इकाई में चार नये कक्षों का निर्माण किया जा रहा है तथा संपूर्ण इकाई का संवर्धन व उन्‍नयन किया जा रहा है ।

शहरों में संचालित कोचिंग सेन्‍टर हेतु मापदण्‍ड 

18. ( क्र. 256 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के सभी बड़े शहरों में बड़ी संख्‍या में कोचिंग सेन्‍टर संचालित हैं ? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त कोचिंग सेन्‍टरों के संचालन हेतु कोई मापदण्‍ड व नियम सरकार द्वारा निर्धारित किये हुए हैं, तो क्‍यों एवं नहीं तो क्‍यों ? (ख) क्‍या अधिकांश कोचिंग सेन्‍टर रिहायशी इलाके में स्‍थापित है ? क्‍या यह भी सही है कि यह शुद्ध व्‍यावसायिक गतिविधि है ? यदि हाँ, तो शहरों में इसका संचालन किस आधार पर किया जा रहा है ? (ग) क्‍या इन सभी कोचिंग सेन्‍टरों के पास स्‍वंय का भवन, पार्किंग एवं अन्‍य आवश्‍यक सुविधाऐं उपलब्‍ध नहीं है ? यदि हाँ, तो सरकार इस संबंध में कोई कार्यवाही करने का विचार कर रही है ? (घ) क्‍या कोचिंग सेन्‍टरों के कारण उक्‍त क्षेत्र में व्‍यावसायिक गतिविधियों एवं आपराधिक घटनाएं बढ़ने से पूरे रिहायशी क्षेत्रों में रहने वाली आबादी प्रभावित हो रही है ? यदि हाँ, तो इसे रोकने हेतु सरकार क्‍या कार्यवाही कर रही है ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कोचिंग सेन्टर स्वतंत्र रूप से व्यवसाय करते है एवं इनका नियंत्रण विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है । अतः कोचिंग सेंटर के संबंध में विभाग में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है ।     (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ’’ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है । अतः जानकारी निरंक है ।

ग्रामों का शत प्रतिशत विद्युतीकरण 

19. ( क्र. 299 ) श्री जतन उईके : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा प्रदेश के ग्रामों में शत प्रतिशत विद्युतीकरण किये जाने हेतु कोई योजना अथवा लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है ? (ख) यदि हाँ, तो कब तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा तथा कितने ग्रामों को विद्युतीकरण कर दिया गया है तथा कितनों का शेष   है ? (ग) विद्युतीकरण किये गये ग्रामों में ग्रामीणों द्वारा बिजली बिल भुगतान न करने अथवा विलंब करने पर क्‍या इन ग्रामों में लगाए गए ट्रांसफार्मर तथा विद्युत पोल से तार उखाड़कर ले जाने एवं उन ग्रामों में पुन: अंधेरा करने के कोई प्रावधान है ? (घ) पांढुर्णा तहसील में कितने ग्रामों की विगत 05 वर्षों में कितने ट्रांसफार्मर उखाड़कर विभाग द्वारा ले गये है तथा ग्रामों में अंधेरा किया गया है ? यदि नहीं तो पांढुर्णा तहसील में उखाड़े गये ट्रांसफार्मर एवं उखाड़े गए तार के लिये कौन जिम्‍मेदार है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां, शासन द्वारा जिन अविद्युतीकरण ग्रामो का विद्युतीकरण पांरपरिक ऊर्जा स्‍त्रौतों से संभव है उनका शत प्रतिशत विद्युतीकरण किये जाने हेतु मार्च 2016 तक का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है । (ख) लाईन विस्‍तार कर विद्युतीकृत किये जाने वाले प्रदेश के शत प्रतिशत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य मार्च 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं । जून 2015 की स्थिति में लाईन विस्‍तार कर मध्‍य प्रदेश के 51272 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य ग्राम विद्युतीकरण की तत्‍कालीन परिभाषा अनुसार पूर्ण कर लिया गया है एवं 306 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य शेष हैं । (ग) जी नहीं । बकाया राजस्‍व की वसूली सुनिश्चित करने हेतु म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका क्रमांक 9.13 और 9.14 के अनुपालन उपरांत वसूली नहीं होने के पश्‍चात् ही कनेक्‍शन को स्‍थाई रूप से विच्‍छेदित करने की कार्यवाही की जाती है । (घ) पांढुर्णा तहसील के अन्‍तर्गत विगत 5 वर्षों में कोई भी ट्रांसफार्मर नहीं हटाया गया है, अपितु जिन उपभोक्‍ताओं पर बकाया राशि है, उनके कनेक्‍शन काटे गये हैं, अत: किसी के जिम्‍मेदार होने का प्रश्‍न नहीं उठता ।

ग्राम सेमलापार 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍वीकृति 

20. ( क्र. 324 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्‍न संख्‍या-39 (क्रमांक 1315) दिनाँक 27 फरवरी 2015 के उत्‍तर में बताया गया था कि ग्राम सेमलापार में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना के कार्य की स्‍वीकृति अभी प्रक्रियाधीन है, तथा म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ग्राम सेमलापार में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र के कार्य को दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में प्रस्‍तावित किया गया है ? यदि हाँ तो क्‍या दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनान्‍तर्गत विभाग को पर्याप्‍त राशि का आवंटन प्राप्‍त हो चुका है ? और क्‍या पूर्व प्रस्‍ताव अनुसार ग्राम सेमलापार में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍वीकृति दी जा चुकी है तथा कब तक कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा ? (ख) यदि नहीं तो क्‍या आगामी सिंचाई सीजन तक स्‍वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ । म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के अंतर्गत राजगढ़ जिले के ग्राम सेमलापार में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍थापित किये जाने का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सम्मिलित किया गया है । योजना की डी.पी.आर. ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड को प्रेषित की जा चुकी है, जिसकी स्‍वीक़ृति लंबित है । अत: वर्तमान में उक्‍त कार्य आरंभ किये जाने की निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है । (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में प्रश्‍नाधीन विद्युत उपकेन्‍द्र का कार्य आंरभ किये जाने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है ।

लघु सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति 

21. ( क्र. 325 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र ब्‍यावरा के अंतर्गत पार्वती नदी पर सेमलापार बैराज पूर्व से विभाग की सर्वेक्षित परियोजनाओं की सूची में सम्मिलित है तथा विभाग की साध्‍यता सूची में क्रमांक 1266 पर दर्ज है ? (ख) क्‍या उक्‍त परियोजना कम लागत की होकर बिना किसी मुआवजा राशि के किसानों की 600 हेक्‍टेयर भूमि सिंचित करने की क्षमता रखने के बाद भी जलसंसाधन विभाग द्वारा निरंतर अनदेखी कर योजना को टाला जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय किसान सिंचाई से वंचित है ? यदि हाँ तो क्‍या शासन उक्‍त परियोजना की शीघ्र स्‍वीकृति प्रदान करेगा ? यदि हाँ तो कब तक ? यदि नहीं तो क्‍यों ? (ग) क्‍या उपरोक्‍तानुसार विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा के अंतर्गत पार्वती नदी पर ही एक अन्‍य स्‍थल सुठालिया-मधूसूदनगढ़ मार्ग पर घोघराघाट नामक स्‍थान पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा पूर्व में 3-4 फीट ऊँचाई का बंधान बनाया गया था, जिससे क्षेत्र के 15-20 ग्रामों के किसानों को सीधे सिंचाई का लाभ प्राप्‍त हो रहा है ? क्‍या यह सही है कि यदि जलसंसाधन विभाग उक्‍त बंधान के समीप 3 मीटर ऊंचाई का बांध निर्माण करे तो अतिरिक्त इतने ही ग्रामों को और सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्‍त हो सकेगा, जो कि अत्‍यंत कम लागत में निर्मित होकर नदी के जल स्‍तर को पर्याप्‍त भंडारण में बदल सकेगा ? क्‍या विभाग उक्‍त स्‍थल का परीक्षण कर प्राक्‍कलन तैयार कराऐगा ? यदि हाँ, तो कब तक ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं । विभागीय वेबसाइइट पर साध्‍यता सूची में दर्ज है । (ख) जी नहीं । परियोजना का चिन्हित स्‍थल पर नींव (फाऊण्‍डेशन) के लिए उपयुक्‍त नहीं होने के कारण परियोजना तकनीकी आधार पर साध्‍य नहीं पाई गई है । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है । (ग) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा निर्मित परियोजनाओं की जानकारी का आंकलन, संधारण एवं पर्यवेक्षण जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है । उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों से स्‍वीकृत एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूर्ण कराना सर्वोच्‍च प्राथमिकता होने के परिपेक्ष्‍य में सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

बिजली की मांग एवं खपत 

22. ( क्र. 347 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के सभी उपक्रमों से वर्ष 2014-15 में हर माह कितने मिलियन यूनिट विद्युत का उत्‍पादन हुआ ? माहवार, स्‍त्रोतवार ब्‍यौरा देवें ? (ख) वर्ष 2014-15 में प्रदेश को केन्‍द्रीय क्षेत्र से कितनी विद्युत प्राप्‍त हुई? माहवार मिलियन यूनिट में ब्‍यौरा देवें ? वर्ष 2014-15 में प्रदेश की मिलियन यूनिट में कितनी मांग थी ? मॉग और आपूर्ति में कितना अन्‍तर रहा ? (ग) क्‍या सरकार निजी संस्‍थाओं से बिजली खरीद रही है ? यदि हाँ, तो कितनी एवं किस दर पर ? (घ) निजी संस्‍थाओं को बिजली खरीदी के ऐवज में क्‍या-क्‍या सुविधायें दी जा रही हैं ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.शासन के सभी उपक्रमों से वर्ष 2014-15 में माहवार, स्‍त्रोतवार विद्युत उत्‍पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है । (ख) वर्ष 2014-15 में प्रदेश को केन्‍द्रीय क्षेत्र से प्राप्‍त हुई विद्युत की माहवार मिलियन यूनिट में जानकारी निम्‍नानुसार है :-

माह (2014-15)

केन्‍द्रीय क्षेत्र से प्राप्‍त विद्युत (मि.यूनिट में)

अप्रैल

1768.22

मई

1856.64

जून

1658.34

जुलाई

1644.36

अगस्‍त

1528.77

सितम्‍बर

1715.65

अक्‍टूबर

2010.96

नवम्‍बर

1979.56

दिसम्‍बर

1772.31

जनवरी

1514.28

फरवरी

1562.04

मार्च

1509.41

कुल

20520.5

वर्ष 2014-15 में प्रदेश की कुल मांग एवं आपूर्ति 57014.51 मिलियन यूनिट थी । वर्ष 2014-15 में प्रदेश की मांग और आपूर्ति में कोई अंतर नहीं रहा । (ग) जी हाँ । विवरण निम्‍नानुसार है :-

उत्‍पादन संयंत्र का नाम

म.प्र.सरकार का हिस्‍सा

विद्युत क्रय की दर

बी.एल.ए.पावर

5 प्रतिशत

म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा संबंधित उत्‍पादन संयंत्र हेतु जारी टैरिफ आदेश के प्रावधानों के अनुसार ।

जे.पी.बीना (ईकाई-1)

5 प्रतिशत

जे.पी.बीना (ईकाई-2)

5 प्रतिशत

जे.पी.निगरी

7.5 प्रतिशत

वर्ष 2014-15 में उपरोक्‍त उत्‍पादन संयंत्रों से शासन द्वारा खरीदी गयी विद्युत का माहवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 में दर्शाए अनुसार है । शेष विद्युत का क्रय एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है ।   (घ) कोई सुविधा नहीं दी जा रही ।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार को राशि का आवंटन 

23. ( क्र. 348 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन को केन्‍द्र शासन से वर्ष 2015-16 में विभिन्‍न मदो में विभिन्‍न विभागों को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गयी ? वर्ष     2012-13 से 2014-15 तक का वर्षवार पृथक-पृथक ब्‍यौरा देवें ? (ख) क्‍या कुल आवंटन राशि में केन्‍द्र के द्वारा कमी की   गयी ? यदि हाँ, तो कितनी कमी की गयी ? विभागवार जानकारी देवें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन को केन्‍द्र शासन से वर्ष 2012-13, 2013-14 में संलग्‍न परिशिष्‍ट के अनुसार विभिन्‍न विभागों को राशि प्राप्‍त हुई है । वर्ष 2014-15 का लेखा महालेखाकार कार्यालय द्वारा तैयार नहीं किया गया है । वर्ष 2015-16 में अब तक प्राप्‍त राशि का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) प्रश्‍नांश (ख) भारत सरकार से संबंधित है ।

परिशिष्ट - ''अठारह''

नवीन विद्युत वितरण केन्‍द्र की स्‍थापना 

24. ( क्र. 357 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा कितने ग्रामों पर, कितनी दूरी पर विद्युत वितरण केन्‍द्र स्‍थापित किये जाने का क्‍या प्रावधान है ? (ख) विदिशा जिले के जिलान्‍तर्गत किस-किस गांव में विद्युत वितरण केन्‍द्र संचालित किये जा रहे हैं ? इन केन्‍द्रों से कितने ग्रामों को विद्युत वित‍रण किया जा रहा है ? केन्‍द्र से ग्राम की दूरी बताते हुये जानकारी तहसीलवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार देवें ? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित वितरण केन्‍द्रों के अधीन गांवों की संख्‍या अधिक होने एवं वितरण केन्‍द्र से गांवों की दूरी अधिक होने के कारण विद्युत वितरण सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है ? इस संबंध में किसानों एवं नागरिकों द्वारा कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं ? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अधीक्षण यंत्री म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी लिमि. संभाग विदिशा के पत्र क्रमांक 1039 दिनाँक 22.11.14 के माध्‍यम से प्रश्‍नांश (ग) के प्रकाश में विधानसभा क्षेत्र के ग्राम घटेरा (बासौदा), बागरोद (त्‍यौंदा), हैदरगढ़ (ग्‍यारसपुर), सीहोद (ग्‍यारसपुर), विद्युत वितरण केन्‍द्र बढ़ाने की मांग की गई थी या नहीं ? यदि हाँ, तो पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई ? नहीं, तो क्‍यों ? कब तक कार्यवाही की जावेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वितरण केन्‍द्र स्‍थापित किये जाने हेतु ग्रामों की संख्‍या अथवा वितरण केन्‍द्रों से दूरी के आधार पर कोई मानक वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित नहीं किये गये है । (ख) विदिशा जिले के अन्‍तर्गत संचालित विद्युत वितरण केन्‍द्रों की प्रश्‍नाधीन चाही गई ग्रामवार, तहसीलवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ग) विद्युत संबंधी कार्य सुचारू रूप से संपादित किये जा रहे हैं । उत्‍तरांश '' में उल्‍लेखित वितरण केन्‍द्रों से ग्रामों की अधिक दूरी होने के कारण विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से नहीं होने संबंधी किसानों अथवा नागरिकों की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है । (घ) जी हाँ, माननीय विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 1039 दिनाँक 22.11.2014 के द्वारा बासौदा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम घटेरा (बासौदा), ग्राम बागरोद (त्‍यौंदा), ग्राम हैदरगढ़ (ग्‍यारसपुर) एवं ग्राम सीहोद (ग्‍यारसपुर) में विद्युत वितरण केन्‍द्र स्‍थापित करने की मांग की गई है । नवीन विद्युत वितरण केन्‍द्रों की स्‍थापना वित्‍तीय साध्‍यता के अनुरूप आवश्‍यक होने पर संसाधनों की उपलब्‍धता के अनुसार की जा सकेगी, जिस हेतु वर्तमान में कार्यवाही किया जाना अथवा इस हेतु समया-सीमा बताया जाना संभव नहीं है ।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

प्रदेश की कोयला खदानों से प्राप्‍त कोयला 

25. ( क्र. 380 ) श्री मुकेश नायक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश के ताप विद्युत ग्रहों का कोयला प्रदेश के बाहर राज्‍यों खास तौर पर छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में कहां-कहां एवं किस-किस कोयला खदान से आता है, ताप विद्युत गृह जहां से कोयला आता है ? उनकी खदान की दूरी बतावें ? साथ ही परिवहन चार्ज प्रति टन एवं कुल कितना परिवहन चार्ज आता है वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनाँक कि अवधि तक का बतावें ? (ख) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी व्‍दारा पूर्व में आपत्ति ली गई थी कि केन्‍द्र सरकार व्‍दारा छत्‍तीसगढ़ राज्‍य से प्रदेश के ज्‍यादातर विद्युत क्षेत्र राज्‍यों को कोयला दिया जाता है एवं समीप कि खदानों से नहीं दिया जाता है ? क्‍या इस दिशा में प्रयास करेगें कि जहां-जहां पावर हाउस है उन्‍हीं के समीप की खदानों से कोयला प्राप्‍त हो सके जिससे परिवहन में होने वाले अधिक व्‍यय से बचा जा सके ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्तमान में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को प्रदेश के बाहर के राज्‍यों, विशेष तौर पर छत्‍तीसगढ़ स्थित जिन कोयला खदानों से कोयले का प्रदाय किया जा रहा है उनके नाम तथा विद्युत गृहों से उनकी दूरी की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है । साथ ही म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विद्युत गृहों में वर्ष 2013-14 से जून 2015 तक प्रदाय किये कोयले के परिवहन भाडे़ पर प्रति टन एवं कुल व्‍यय की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है । (ख) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को प्रदेश के बाहर दूरस्‍थ कोयला खदानों के स्‍थान पर निकटस्‍थ खदानों से कोयला प्रदाय किये जाने का मुद्दा माननीय मुख्‍यमंत्रीजी/ राज्‍य सरकार द्वारा विभिन्‍न स्‍तरों पर केन्‍द्र सरकार के सामने उठाया जाता रहा है । उक्‍त प्रयासों के फलस्‍वरूप तत्‍कालीन केन्‍द्रीय कोयला मंत्री द्वारा जून 2010 में एक अंतर मंत्रालय टास्‍क फोर्स का गठन किया गया था जिसका कार्य विभिन्‍न बिजली उत्‍पादन इकाईयों को कोल इंडिया लिमिटेड की कोयला खदानों से इस प्रकार युक्तिसंगत आवंटन निर्धारित करना था जिससे सभी उत्‍पादन इकाईयों को परिवहन भाडे़ पर कम से कम खर्च करना पडे । यह निर्धारण विद्युत गृहों का संचालन करने वाली कंपनियों की आपसी सहमति से होना था । टास्‍क फोर्स द्वारा म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के संजय गांधी एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृहों को प्रदाय किये जा रहे कोयले के युक्तिकरण हेतु कुछ सुझाव सितम्‍बर 2011 में दिये गये थे किन्‍तु दूसरे राज्‍यों की विद्युत कंपनियों से आपसी सहमति नहीं बनने के कारण उक्‍त सुझावों पर अमल नहीं हो पाया । वर्तमान में खंडवा स्थित श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम चरण हेतु प्रदाय किये जा रहे कोयले के युक्तिकरण हेतु प्रयास किये जा रहे हैं ताकि परियोजना को छत्‍तीसगढ़ स्थित एस.ई.सी.एल. की खदानों के स्‍थान पर समीपस्‍थ डब्‍ल्‍यू.सी.एल. की खदानों से कोयले का आवंटन निर्धारित किया जा सके । इसी क्रम में माननीय मुख्‍यमंत्रीजी द्वारा माननीय केन्‍द्रीय कोयला एवं विद्युत राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) महोदय से मई 2015 के पत्र के माध्‍यम से श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा के प्रथम चरण हेतु कोयले का आवंटन निकटस्‍थ डब्‍ल्‍यू.सी.एल. की खदानों से किये जाने का अनुरोध किया गया है ।

परिशिष्ट ''बीस''

मुरैना सबल गढ़ मार्ग निर्माण में पोल शिफ्टिंग में अनियमितता 

26. ( क्र. 399 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की सबलगढ़-मुरैना सड़क निर्माण के समय वर्ष 20132014 में विद्युत लाइन शिफ्टिंग के कितने प्राक्‍कलन तैयार कर स्‍वीकृत कराये प्राक्‍कलन क्रमांक, दिनाँक, राशि सहित स्‍वीकृति कर्ता अधिकारी का नाम सहित जानकारी दी जावे ?      (ख) क्‍या स्‍वीकृत प्राक्‍कलनों के विरूद्ध कार्य करने वाली कम्‍पनी व्‍दारा सुपरवीजन चार्ज जमा नहीं कराया गया ? यदि हाँ, तो क्‍यों ? लाइन शिफ्टिंग करने वाली कम्‍पनी के विरूद्ध कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई पूर्ण प्रक्रिया सहित जानकारी दी जावे ? (ग) विद्युत विभाग की लाइन शिफ्टिंग करते समय कम्‍पनी व्‍दारा कितना पुराना सामान निकाला प्रावधानों के अनुसार विभागीय स्‍टोर में जमा कराया गया ? यदि हाँ, तो कितना ? (घ) क्‍या उक्‍त सामान हेतु कई बार शिकायतों के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई ? लाखों रुपये का सामान खुर्दबुर्द कर दिया गया ? क्‍या जाँच कर कार्यवाही की जावेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुरैना जिले के सबलगढ़-मुरैना मार्ग पर सड़क निर्माण में आने वाली विद्युत लाईन शिफ्टिंग के 33 प्राक्‍कलन मध्‍य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा आवेदन करने पर पांच प्रतिशत सुपरविजन राशि जमा करवाकर कार्य आवेदक द्वारा स्‍वंय कराए जाने के विकल्‍प के अंतर्गत मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सक्षम कार्यालय द्वारा स्‍वीकृत किये गये हैं । प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी सहित विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार     है । (ख) जी हां । म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित संभागों से प्रेषित डिमाण्‍ड नोट एवं पत्राचार के उपरांत भी सुपरविजन चार्ज के विरूद्ध राशि जमा नहीं की गई है । बागचीनी वितरण केन्‍द्र के प्रबंधक द्वारा लाईन शिफ्टिंग करने वाली कंपनी के ठेकेदार के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने हेतु पत्र क्रमांक 2457 दिनाँक 24.03.2015 एवं पत्र क्रमांक 2611 दिनाँक 18.05.2015 द्वारा थाना बागचीनी को लेख किया गया है । सुपरविजन राशि जमा नहीं करने के कारण प्रश्‍नाधीन स्‍वीकृत सभी प्राक्‍कलनों को निरस्‍त कर दिया गया है । (ग) उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार स्‍वीकृत प्राक्‍कलनों के विरूद्ध म.प्र. सड़क विकास निगम के द्वारा एवं (घ) सुपरविजन की राशि जमा नहीं करने के कारण कार्यादेश जारी नहीं किया गया है तथा सभी स्‍वीकृत प्राक्‍कलन निरस्‍त कर दिये गये हैं । विद्युत लाईन की अवैध रूप से शिफ्टिंग करने में निकली सामग्री के संबंध में जाँच सहित म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. मुख्‍यालय द्वारा मुख्‍य महाप्रबंधक स्‍तर के अधिकारी के द्वारा प्रकरण की विस्‍तृत जाँच करवायी जा रही है ।

परिशिष्ट ''इक्कीस''

मुरैना जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में अनियमितता 

27. ( क्र. 400 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत वर्ष 2009 से 2013 तक के.ई.सी. कम्‍पनी व्‍दारा कितने गांवों में विद्युत कार्य किये गये थे तथा कम्‍पनी को कितनी राशि का भुगतान किया गया था गांवों के नाम, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे ? (ख) क्‍या के.ई.सी. कम्‍पनी को कार्य पूर्ण होने पहिले ही टर्मिनेट कर दिया गया था तो उसे कार्य से अधिक भुगतान क्‍यों किया गया अधिक भुगतान के लिये सुपरवीजन व जिम्‍मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई ? (ग) क्‍या यह भी सही है कि राजीव गांधी विद्युतीकरण कार्य करते समय बोफकोर्स कम्‍पनी गुडगांव (हरियाणा) को सुपरवीजन हेतु नियुक्‍त किया गया था तो के.ई.सी. को बिना सत्‍यापन के भुगतान क्‍यों किया गया ? क्‍या विभाग सम्‍पूर्ण प्रकरण की जाँच कमेटी बनाकर कार्यवाही करेगा ? यदि हाँ, तो कब तक ? (घ) मुरैना जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य समय पर नहीं होने, अनियमितताओं के लिये दोषी कम्‍पनी, जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुरैना जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत मेसर्स के.ई.सी. इन्‍टरनेशनल कंपनी को दिनाँक 26.11.09 को रू. 73.8 करोड़ की राशि का अवार्ड जारी किया गया था जिसे पुनरीक्षित कर दिनाँक 02.01.12 को रू. 88.09 करोड़ किया गया । उक्‍त अवार्ड के तहत 1812 कि.मी. 11 के.व्‍ही. लाईन, 734 कि.मी. निम्‍नदाब लाईन, 2017 डिस्‍ट्रीब्‍यूशन ट्रांसफार्मर, 35444 बी.पी.एल. कनेक्‍शन तथा 8 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करने का प्रावधान किया गया था । मेसर्स के.ई.सी. इन्‍टरनेशनल कंपनी द्वारा 190 ग्रामों का कार्य पूर्ण कर ऊर्जीकृत किया गया है, जिसके तहत उक्‍त कंपनी द्वारा उक्‍त 190 ग्रामों में 731.67 कि.मी. 11 के.व्‍ही. लाईन, 490.80 कि.मी. निम्‍नदाब लाईन, 538 वितरण ट्रांसफार्मर 11773 बी.पी.एल. कनेक्‍शन तथा 8 पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य किया गया है, जिसके विरूद्ध के.ई.सी. कंपनी को रूपये 39.58 करोड़ राशि का भुगतान किया जा चुका है । विद्युतीकृत किये गये ग्रामों की ग्रामवार एवं राशि सहित सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । (ख) जी हां, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत मुरैना जिले में, मेसर्स के.ई.सी. इन्‍टरनेशनल कंपनी द्वारा कार्य में अत्‍याधिक विलंब करने के कारण उक्‍त कंपनी को जारी आदेश कार्य पूर्ण होने से पहले दिनाँक 23.11.13 को निरस्‍त कर दिया गया था । उक्‍त कंपनी द्वारा जमा की गई परफारमेन्‍स बैंक गांरटी एवं मोबेलाइजेशन बैंक गांरटी रू. 2370.31 लाख का संबंधित बैंक से नगदीकरण किया जा चुका है । मेसर्स के.ई.सी. इन्‍टरनेशनल द्वारा ग्रामों में पूर्ण किये गये अधोसंरचना के कार्यों का भौतिक सत्‍यापन कराये जाने पर वास्‍तविक रूप से किये गये कार्यों में उपयोग की गई विद्युत सामग्री की मात्रा में एवं उक्‍त कंपनी द्वारा प्रस्‍तुत देयकों में दर्शाई गई विद्युत सामग्री की मात्रा में अंतर पाया गया था । मेसर्स के.ई.सी. इन्‍टरनेशनल कंपनी द्वारा इस प्रकार रू. 9.32 करोड़ अधिक राशि का बिल प्रस्‍तुत कर भुगतान प्राप्‍त किया गया है । उपरोक्‍त राशि की वसूली के लिये म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मेसर्स के.ई.सी. इन्‍टरनेशनल कंपनी के अपूर्ण अधो-संरचना कार्य एवं उनके भण्‍डार में उपलब्‍ध विद्युत सामग्री को अधिग्रहित किया गया है, जिसका अनुमानित मूल्‍य रू.12 करोड़ है । उपरोक्‍त सामग्री का शेष कार्यों को विभागीय तौर पर पूर्ण किये जाने में उपयोग किया जा रहा है । साथ ही उक्‍त कंपनी को ठेका समाप्ति की तिथि से 3 वर्ष की अवधि में मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत कार्य करने पर रोक लगा दी गई है । अधो-संरचना कार्यों में भौतिक सर्वेक्षण के दौरान किये गये कार्यों के सत्‍यापन में अनियमितता पाये जाने पर संबंधित तत्‍कालीन अधिकारी एवं तृतीय पक्ष जाँच इकाई (वेपकास लिमि.) के विरूद्ध पर्यवेक्षण एवं कार्यों को सत्‍यापन में कमी पाये जाने के कारण मध्‍य क्षेत्र वि.वि. कंपनी द्वारा कार्यवाही की जा चुकी है । अधो-संरचना कार्यों के भौतिक सत्‍यापन में अनियमितता पाये जाने पर तृतीय पक्ष जाँच इकाई (वेपकास लिमि.) का कार्य आदेश दिनाँक 29/11/2013 को निरस्‍त कर दिया गया है तथा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच पूर्ण होने के पश्‍चात अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करते हुए दंडित किया गया है जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है । (ग) जी हां, यह सही है कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के कार्य मेसर्स बेपकास कंपनी गुड़गांव (भारत सरकार का उपक्रम) को टी.पी.आइ.ए. (तृतीय पक्ष इकाई) नियुक्‍त किया गया था, जिसके द्वारा कार्य के दौरान आवश्‍यकता अनुरूप निरीक्षण नहीं किये जाने के कारण किये गये अधो-संरचना कार्यों में निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार कार्यों का मानक स्‍तर सुनिश्चित नहीं किया गया तथा निरीक्षण एजेंसी (टीपीआई) के द्वारा किये गये कार्यों के सत्‍यापन में अनियमितता पाये जाने पर उनका कार्यादेश दिनाँक 29/11/2013 को निरस्‍त कर दिया गया है । अत: जाँच कमेटी बनाए जाने की आवश्‍यकता नहीं है । (घ) मुरैना जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य समय पर नहीं होने के कारण के.ई.सी. इंटरनेशनल कंपनी का अवार्ड निरस्‍त किया जा चुका है तथा किये गये कार्यों के सत्‍यापन में अनियमितताओं के लिये दोषी संबंधित तत्‍कालीन अधिकारियों के विरूद्ध भी विभागीय जाँच पूर्ण होने के पश्‍चात अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करते हुए दंडित किया गया है ।

हरसी उच्‍चस्‍तरीय नहर निर्माण में किये जा रहे गुणवत्‍ताविहीन कार्यों की जाँच के सम्‍बन्‍ध में

28. ( क्र. 485 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जल संसाधन विभाग व्‍दारा ककैटों-पेहसारी नहर का आधुनिकीकरण एवं सुदृणीकरण का कार्य स्‍वीकृत किया गया है कौन ऐजेन्‍सी/ठेकेदार व्‍दारा इस कार्य को किन-किन यंत्रियों के सुपरवीजन में कराया जा रहा है इस कार्य के लिये कितनी राशि स्‍वीकृत की गई है वर्तमान में इस कार्य की भौतिक तथा वित्‍तीय स्थिति स्‍पष्‍ट करें क्‍या इस कार्य के आधुनिकीकरण एवं सुदृणीकरण के गुणवत्‍ता सम्‍बन्‍धी शिकायतें की गई है यदि हाँ तो उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है ? (ख) क्‍या हरसी उच्‍चस्‍तरीय नहर के निर्माण में जो रेत लगाई जा रही है वह बहुत ही घटिया किस्‍म की आधी मिट्टीयुक्‍त रेता लगाने की स्‍वीकृति दी गई है ? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है क्‍या गुणवत्‍ताविहीन कार्य को बन्‍द कराकर प्रश्‍नकर्ता क्षेत्रीय विधायक के साथ उच्‍च स्‍तरीय टीम गठित कर निर्माणाधीन हरसी नहर का निरीक्षण कराया जा सकता है यदि हाँ तो कब यदि नहीं तो क्‍यों कारण सहित स्‍पष्‍ट करें ? (ग) हरसी उच्‍च स्‍तरीय नहर निर्माण किन-किन यंत्रियों/अधिकारियों के सुपरवीजन में किस ठेकेदार/ऐजेन्‍सी व्‍दारा निर्माण कराया जा रहा है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अपर ककैटो वृहद परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनाँक 24.05.2015 को दी गई जिसमें ककैटो-पेहसारी नहर के सुदृढ़ीकरण हेतु रू.1379.31 लाख का प्रावधान है । पेहसारी नहर शाखा के सुदृढ़ीकरण के कार्य का ठेका मेसर्स भारती बिल्‍डकॉन, ग्‍वालियर को दिनाँक 16.07.2014 को राशि रू.1711.86 लाख का दिया गया है । निर्माण कार्य लगभग 50 प्रतिशत पूर्ण होकर अद्यतन व्‍यय रू.862.32 लाख है । निर्माण कार्य कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, ग्‍वालियर, अनुविभागीय अधिकारी के.टी.एफ. संभाग, मोहना और उनके अधीनस्‍थ उपयंत्रियों के पर्यवेक्षण में कराया जा रहा है । निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता के संबंध में सरपंच, ग्राम पंचायत पेहसारी से शिकायत प्राप्‍त हुई थी । परीक्षण पर निर्माण में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्‍ता अपेक्षित स्‍तर की पाई गई ।     (ख) जी नहीं । गुण नियंत्रण इकाई उपसंभाग-3, डबरा द्वारा निर्माण कार्य में लगाई जा रही रेत परीक्षण में मानक स्‍तर की पाई गई है । अत: शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है । (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है

एस्‍सेल कम्‍पनी की अनियमिततायें 

29. ( क्र. 518 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर एस्‍सेल विद्युत वितरण कम्‍पनी राज्‍य शासन को करार के अनुसार देय राशि का भुगतान नहीं कर रही है, जबकि वह सभी उपभोक्‍ताओं से नियमित रूप से बिल के रूप में राशि वसूल कर रही है ? शासन को एस्‍सेल वितरण कम्‍पनी सागर से कितनी-कितनी राशि कब-कब से लेना बकाया है और शासन कम्‍पनी से राशि वसूल करने में क्‍यों नरमी बरत रही है ? निर्धारित समय सीमा में एस्‍सेल कम्‍पनी व्‍दारा राशि जमा नहीं करने पर क्‍या करार अनुबंध निरस्‍त कर दिया जावेगा ? यदि नहीं तो क्‍यों ? (ख) क्‍या एस्‍सेल विद्युत वितरण कम्‍पनी के अधीनस्‍थ स्‍थायी/अस्‍थायी, अर्द्धस्‍थायी तथा दैनिक वेतन भोगी अधिकारी एवं कर्मचारी, आम विद्युत उपभोक्‍ताओं को बिजली कनेक्‍शन काट देने, बिजली बंद कर देने, मामलों में फंसा देने की धमकी देकर, कनेक्‍शन की जाँच, मीटर बदलने, नवीन कनेक्‍शन देने, अधिभार कम करने एवं बढ़ाने एवं अधिक राशि के बिल देकर बाद में सुधार कर कम राशि के बिल बनाकर देने के नाम पर अनाधिकृत रूप से राशि वसूल कर रहे हैं ? जिसकी शिकायतें कम्‍पनी कार्यालयों में, सीएम ऑन लाइन में, समाधान ऑन लाइन में एवं जनसुनवाई के माध्‍यम से आम जनता व्‍दारा निरंतर की जा रहीं हैं ? (ग) यदि हाँ तो क्‍यों ? इस प्रकार की कार्यवाहियों पर स्‍वयं विद्युत कम्‍पनी एवं जिला प्रशासन कठोर कार्यवाही कर अनियमितताओं में सुधार कब तक ला पायेगें ?      (घ) यदि नहीं तो यह बतावें कि दिनाँक 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनाँक तक कम्‍पनी कार्यालयों में, सीएम ऑन लाइन में, समाधान ऑन लाइन में एवं कलेक्‍टर सागर की जनसुनवाई के माध्‍यम से कितने व्‍यक्तियों ने कितनी शिकायतें     की ? इनमें से कितनी शिकायतों पर कार्यवाही की गयी और कितनी शिकायतें अभी कार्यवाही हेतु लंबित है ? लंबित शिकायतों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मेसर्स एस्‍सेल विद्युत वितरण कंपनी प्रा. लिमिटेड सागर के द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को अनुबंधानुसार मासिक देय राशि का नियमित भुगतान नियत तिथि पर न करके आंशिक भुगतान की प्रक्रिया अपनाकर भुगतान किया जा रहा है । म.प्र.पू.क्षेत्र.वि.वि.कं.लि द्वारा करार की शर्त क्रमांक 10.2 के अनुसार बकाया राशि पर 1.25 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से सरचार्ज लगाया जाता है । वर्तमान में दिनाँक 30.06.15 तक फ्रेंन्‍चाइजी मेसर्स एस्‍सेल विद्युत वितरण कंपनी प्रा.लिमिटेड सागर से म.प्र. पूर्व क्षेत्र में विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को लेने वाली शेष राशि संलग्‍न परिशिष्‍ट के अनुसार है । म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा बकाया राशि की वसूली हेतु सतत् कार्यवाही की जा रही है । इसी तारतम्‍य में मेसर्स एक्‍सेल विद्युत वितरण कंपनी प्रा.लि. सागर से नियामानुसार पत्राचार कर राशि वसूलने हेतु कार्यवाही की जा रही है । पत्र क्रमांक 9127 दिनाँक 23.02.2015 के द्वारा इवेन्‍ट ऑफ डिफाल्‍ट का नोटिस फ्रेन्‍चाइजी कंपनी को जारी किया गया है एवं इसी तारतम्‍य में दिनाँक 20.03.2015 को एक्‍सेल कंपनी द्वारा जमा बैंक गारंटी रू. 14.70 करोड़ की राशि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बैंक से ली जा चुकी है । एक्‍सेल कंपनी द्वारा शेष राशि का पूर्ण भुगतान नहीं करने पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार अनुबंध समाप्‍त करने का प्रावधान डी.एफ.ए. दिनाँक 10.05.2012 में समाहित है परन्‍तु वर्तमान में एक्‍सेल विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कुछ तकनीकी विवादों के निराकरण हेतु माननीय हाईकोर्ट जबलपुर में रिट पिटीशन क्रमांक 8009/2015 दर्ज कराई है जिस पर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्यवाही जारी है तथा आगामी सनुवाई दिनाँक 14.07.2015 को निश्चित है । (ख) एवं (ग) मेसर्स एक्‍सेल विद्युत वितरण कंपनी प्रा.लि. सागर के अधीनस्‍थ स्‍थाई/अस्‍थाई/अर्द्धस्‍थाई तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के द्वारा उपभोक्‍ताओं के विरूद्ध प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित अनाधिकृत रूप से राशि वसूलने से संबंधित जो शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं उनमें म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमि. द्वारा हर पहलू पर सजगता से जाँच कार्यवाही की गई है किन्‍तु लगाये गये आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है । (घ) दिनाँक 01.01.2015 से प्रश्‍न दिनाँक तक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय सी.एम.ऑनलाइन समाधान ऑनलाइन एवं कलेक्‍टर कार्यालय की जनसुनवाई के माध्‍यम से कुल 4732 शिकायत प्राप्‍त हुई है जिनमें से 4659 शिकायतों को उचित कार्यवाही कर निराकृत कर दिया गया है । शेष 73 शिकायतें लंबित है जो अल्‍पावधि की है । उक्‍त लंबित शिकायतों के शीघ्र निराकरण की कार्यवाही की जा रही है ।

परिशिष्ट ''बाईस''

अवैध उत्‍खनन कर संचालित स्‍टोन क्रेसरों के विरूद्ध कार्यवाही 

30. ( क्र. 549 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा, जिला शिवपुरी में स्‍वीकृत स्‍टोन क्रेसरों के संचालकों को कितनी-कितनी भूमि (जमीन) शासकीय व अशासकीय लीज पर दी गई है ? इकाईवार भूमि सर्वे क्रमांक, रक‍बा, दी गई लीज का क्षेत्रफल की जानकारी विस्‍तार से दी जावे ? (ख) क्‍या लीज पर दी गई भूमि के अतिरिक्‍त भी अधिक जमीन का अवैध रूप से खनन कर रहे हैं ? यदि हाँ तो ऐसे कौन-कौन से स्‍टोन क्रेसर संचालक है जिन्‍होंने ऐसा अवैध कार्य किया है उनकी जानकारी उपलब्‍ध करावें ? (ग) क्‍या अवैध लीज के अतिरिक्‍त भूमि पर खनन कर रहे प्रकरणों पर शासन वरिष्‍ठ अधिकारियों की समिति बनाकर प्रश्‍नकर्ता के समक्ष जाँच की जावेगी ? यदि हाँ, तो कब तक ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है । अशासकीय भूमि पर कोई लीज नहीं दी गई  है । (ख) जी नहीं । (ग) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के प्रकाश में शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

परिशिष्ट ''तेईस''

दमोह जिले में पथरिया एवं बटियागढ़ तहसील में अटल ज्‍योति योजना का लाभ 

31. ( क्र. 567 ) श्री लखन पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल ज्‍योति अभियान के अंतर्गत पथरिया एवं बटियागढ़ विकासखड़ों में किन-किन ग्रामों में इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है । यदि कार्य अपूर्ण है तो कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा ? (ख) इस योजना में ग्रामों के अतिरिक्‍त मजरेटोलो को भी शामिल किया गया है यदि नहीं तो यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा ? (ग) बटियागढ़ विकासखंड में 132/11 के.व्‍ही.सब स्‍टेशन कब स्‍वीकृत हुआ ? इसका निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा ? (घ) पथरिया एवं बटियागढ़ विकासखंडों में निर्माणाधीन 11 के.व्‍ही. के फीडर कब तक पूर्ण कर लिये जावेगे ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अटल ज्‍योति अभियान के अंतर्गत पथरिया एवं बटियागढ़ विकासखण्‍डों के सभी विद्युतीकृत ग्रामों में गैर कृषि फीडरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं को 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है । इस प्रकार प्रश्‍नाधीन क्षेत्र के सभी ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं । अत: प्रश्‍न नहीं उठता । (ख) अटल ज्‍योति अभियान में सभी विद्युतीकृत ग्रामों एवं विद्युतीकृत मजरों/टोलों को शामिल किया गया है । (ग) बटियागढ विकासखण्‍ड के अंतर्गत बटियागढ़ में 132 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र का कार्य दिनाँक 20.10.2011 को स्‍वीकृत हुआ था । उक्‍त उपकेन्‍द्र का निर्माण कार्य अगस्‍त 2015 के द्वितीय सप्‍ताह तक पूर्ण कर उर्जीकृत किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं ।          (घ) पथरिया एवं बटियागढ़ विकासखण्‍डों में प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित 11 के.व्‍ही. के फीडरों का कार्य जून-2016 तक पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा है ।

जले हुए ट्रांसफार्मरों को पुन: लगाया जाना 

32. ( क्र. 597 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह (बन्ना) : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज अन्‍तर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना एवं विभाग के ग्राम पंचायत नाउन कला में बरयॉ प्‍लाट आदिवासी बस्‍ती, ग्राम पंचायत पैपखार में पिपराही आदिवासी बस्‍ती, ग्राम पंचायत बरौंही में हरिजन एवं आदिवासी बस्‍ती, ग्राम पंचायत बिरहा कन्‍हई, ग्राम पंचायत बरही, ग्राम पंचायत खूँटा, ग्राम पंचायत मिसिरगवॉ एवं ग्राम पंचायत बन्‍ना जवाहर सिंह इत्‍यादि ग्रामों के ट्रांसफार्मर विभाग व्‍दारा निकाल लिये गये हैं ? (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर यदि जी हां तो इन्‍हें कब तक लगा दिया जावेगा ? समय सीमा बतावें ? एवं किसानों के विद्युत देयक जमा करने के बाद भी विभाग व्‍दारा ट्रांसफार्मर न लगाकर उल्‍टे उसी अवधि में मनमानी बिल जारी कर बेजा पेरशान क्‍यों किया जा रहा है ? इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में ट्रांसफार्मर लगने के बाद जिस अवधि में विद्युत कनेक्‍शन कटा था, उस अवधि को घटाकर विद्युत प्रवाह की दिनाँक से ही आगे का बिल जारी किया जावेगा ? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं । रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज अन्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित ग्रामों के ट्रांसफार्मर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निकाले नहीं गये हैं, बल्कि इन ग्रामों के वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है । प्रश्‍नाधीन 8 ग्रामों में से 7 ग्रामों के वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं तथा ग्राम मिसिरगवां का वितरण ट्रांसफार्मर बकाया राशि लंबित होने के कारण नहीं बदला जा सका है । नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर उक्‍त ट्रांसफार्मर प्राथमिकता के आधार पर बदल दिया जायेगा । (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई भी ट्रांसफार्मर नहीं निकाला गया है, बल्कि जिन प्रश्‍नाधीन ग्रामों के 8 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं उनमें से उत्‍तरांश (क) अनुसार 7 ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं, तथा शेष एक खराब ट्रांसफार्मर से सम्‍बद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने पर उसे प्राथमिकता के आधार पर बदल दिया जायेगा । नियमानुसार ही विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं । (ग) जी हाँ । ट्रांसफार्मर जलने के बाद जिस अवधि में विद्युत प्रवाह बन्‍द रहता है, उस अवधि में म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता 2013 में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रत्‍येक प्रकरण का परीक्षण कर बिल पुनरीक्षण की कार्यवाही की जाती है ।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

नियम विरूद्ध संविदा पर नियुक्ति 

33. ( क्र. 598 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह (बन्ना) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन जल संसाध‍न विभाग में सेवा निवृत्‍त अधिकारियों को संविदा पर नियुक्ति देने के क्‍या प्रावधान है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कृपया बताऍं वर्तमान में कार्यरत प्रमुख अभियंता को कितनी बार प्रमुख अभियंता के पद पर सेवा वृद्धि/संविदा पर नियुक्ति दी गई ? (ग) विभाग में मुख्‍य अभियंता के पद पर पदस्‍थ अधिकारियों को क्‍या पदोन्‍नति कर प्रमुख अभियंता बनाया जावेगा ? यदि हाँ तो कब तक ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विभाग में सेवानिवृत्‍त शासकीय सेवकों की संविदा नियुक्ति के लिए सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश परिपत्र क्रमांक-सी-3-12/2011/3/एक दिनाँक 03 सितम्‍बर, 2011 लागू है । (ख) चार बार । (ग) वर्तमान में प्रमुख अभियंता के पद रिक्‍त नहीं होने से प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है ।

ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत देयकों की वसूली के प्रति लापरवाही 

34. ( क्र. 601 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अन्‍तर्गत कितने विद्युत केन्‍द्र है ? उक्‍त केन्‍द्रों पर सम्‍पूर्ण ग्रामीण क्षेत्र में कितने विद्युत फीडर है ? प्रश्‍नांश फीडरों पर औसतन कितने घण्‍टे विद्युत प्रदाय की जा रही है ? क्‍या शासन नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की जा रही है ? अवगत कराये ? यदि शासन नियम से कम विद्युत प्रदाय की जा रही है तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा ? (ख) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनाँक तक विकासखण्‍ड सारंगपुर के अन्‍तर्गत आने वाले वितरण केन्‍द्रों में कितनी-कितनी राशि वसूली गई ? क्‍या वसूली के अभाव में क्षेत्र से विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर उतार लिये गये हैं ? यदि हाँ तो ग्रामवार उतारे गये ट्रांसफार्मर की जानकारी देवें ? (ग) विभाग व्‍दारा वसूली हेतु क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये ? विकास खण्‍ड सारंगपुर में वसूली हेतु कितने ग्रामों में वसूली केन्‍द्र लगाये गये एवं केन्‍द्रों में किस-किस स्‍तर के अधिकारियों/कर्मचारियों को अधिकृत किया गया था ? केन्‍द्रवार, दिनाँकवार विवरण देवें ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार वसूली के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा ? स्‍पष्‍ट करें ? नहीं तो क्‍यों नहीं ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अन्‍तर्गत 14 विद्युत उपकेन्‍द्र हैं एवं इनसे निर्गमित 46 फीडरों से ग्रामीण क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति की जा रही है । उक्‍त फीडरों से, कतिपय अवसरों पर आकस्मिक रूप से विद्युत लाईनों में आए व्‍यवधान एवं रखरखाव हेतु आवश्‍यक होने जैसे अपरिहार्य कारणों को छोड़कर प्रश्‍नाधीन संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्र में शासन की नीति अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है । वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में गैर कृषि फीडरों पर औसतन 22.30 घण्‍टे तथा कृषि फीडरों पर औसतन 09.30 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया । (ख) विकासखण्‍ड सारंगपुर में 8 वितरण केन्‍द्रों के क्षेत्रान्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में वसूली गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है । बकाया राशि के कारण उतारे गये 243 वितरण ट्रांसफार्मरों का ग्रामवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है । (ग) बकाया राशि की वसूली हेतु शत प्रतिशत बकाया राशि वाले ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय विच्‍छेदित करने के अलावा विभिन्‍न स्‍थलों पर वसूली केन्‍द्र लगाकर विद्युत बिलों की बकाया राशि की वसूली का सघन अभियान चलाया गया है । मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विकासखण्‍ड सारंगपुर के अन्‍तर्गत बकाया राशि की वसूली हेतु 11 ग्रामों में शिविर लगाये गए । शिविर हेतु अधिकृत अधिकारियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है । (घ) प्रश्‍नांश '''' अनुसार सारंगपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वसूली के प्रति लापरवाही बरतने वाले 7 कनिष्‍ठ यंत्रियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये जाकर 5 कनिष्‍ठ यंत्रियों के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की गई है, जिनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है

गुना जिले में फीडर सेप्रेशन के कार्य

35. ( क्र. 652 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के लिये मध्‍यप्रदेश विद्यु‍त मण्‍डल द्वारा कितने फीडर सेप्रेशन किये गये विधानसभावार जानकारी दे ? (ख) विधान सभा क्षेत्र बमोरी के अंतर्गत कितने ग्रामों में फीडर सेप्रेशन का कार्य किया गया एवं कितने फीडर सेप्रेशन किये गये है ? ग्रामवार जानकारी देवे ? (ग) गुना जिले में फीडर सेप्रेशन जो किये गये हैं उनका कार्य किस समय सीमा में पूर्ण हो जायेगा अवगत करावे ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) गुना जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्‍तर्गत किये गये कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है । (ख) विधानसभा क्षेत्र बमोरी के अन्‍तर्गत 36 ग्रामों के 11 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य किया गया । ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है । (ग) गुना जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्‍तर्गत ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एस्‍टर प्रायवेट लिमिटेड द्वारा कार्य किया जा रहा था किन्‍तु कार्य में अत्‍याधिक विलंब किये जाने के कारण उसका कांट्रेक्‍ट अवार्ड दिनाँक 25.11.2014 को निरस्‍त किया जा चुका है । शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है । अत: वर्तमान में शेष कार्य पूर्ण करने की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है ।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

विद्युत प्रदाय एवं ओ.वाय.टी. योजना में अनियमितता

36. ( क्र. 660 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गुना जिले के विधान सभा क्षेत्र गुना एवं बमोरी के विद्युत प्रदाय सब स्‍टेशनों में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2004 के अध्‍याय 3 के 3-2 (1) (2) (3) में उल्‍लेखित लाईनों में घोषित वोल्‍टेज कम्‍पनी ने गत तीन वर्षों में प्रदाय किया है कि नहीं, यदि नहीं तो सबस्‍टेशनों के रिकार्ड में प्रदाय वोल्‍टेज के वार्षिक अनुपात की जानकारी दें ? (ख) क्‍या गुना बमोरी विधान सभा में ओ.वाय.टी. योजना में कितने महिनों का अस्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन देने का नियम है बताये गत तीन वर्षों में उक्‍त नियम कौन ने तोड़ा, उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की, कम्‍पनी के नुकसान का जिम्‍मेदार कौन है विवरण दें ? (ग) ओ.वाय.टी. योजना में स्‍थापित ट्रांसफार्मर, सबस्‍टेशनों पर क्‍या क्‍यू.टी.आर. मीटर लगाने का प्रावधान है ? क्‍या मीटर की राशि उपभोक्‍ता से ली गई या नहीं, मीटर लगे या नहीं गत तीन वर्षों की विवरण सहित जानकारी दें ? (घ) कम्‍पनी के गुना वृत्‍त में गत तीन वर्षों में घोषित वोल्‍टेज से कम वोल्‍टेज कौन-कौन से केन्‍द्रों पर दिया ? माहवार प्रदाय वोल्‍टेज सबस्‍टेशन के नाम सहित बताएं एवं ओ.व्‍हा.टी योजना में गत 3 वर्षों में स्‍वीकत प्राक्‍कलन अनुसार कितने मीटर स्‍थापित किए गए विवरण दें एवं अनियमितता की जानकारी दें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2004 जो वर्तमान में पुनरीक्षित होकर म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2013 हो गई है, के अध्‍याय तीन के उपबंध 3.2 में उल्‍लेखित निर्धारित वोल्‍टेज अनुसार विद्युत प्रवाह प्रदाय की वोल्‍टेज में नियत सीमा से सामान्यतः विचलन नहीं हुआ है । (ख) स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाय.टी.) में उल्‍लेखित शर्तों के अन्‍तर्गत अस्‍थाई विद्युत कनेक्‍शन देने का कोई नियम नहीं है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता । (ग) जी हाँ, ओ.वाय.टी. योजना के अन्‍तर्गत जारी निर्देशानुसार उपभोक्‍ता/उपभोक्‍ता समूह द्वारा सुपरविजन चार्ज की राशि जमा कर स्‍वयं के व्‍यय पर डीटीआर (क्‍यू.टी.आर.नहीं) मीटर स्‍थापित किए जाने का प्रावधान है एवं विकल्‍प के रूप में उपभोक्‍ता/उपभोक्‍ता समूह द्वारा प्राक्‍कलन की संपूर्ण राशि विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय में जमा करा कर कार्य करवाया जा सकता है । गुना वृत्‍त के अन्‍तर्गत ओ.वाय.टी. योजना में सभी प्राक्‍कलन उपभोक्‍ता से सुपरविजन चार्ज की राशि जमा करवाकर स्‍वीकृत किये गये हैं, अत: प्रश्‍न नहीं उठता । (घ) उत्‍तरांश '' अनुसार निर्धारित वोल्‍टेज की नियत सीमा पर ही विद्युत प्रदाय किया गया है । प्रदाय वोल्‍टेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । ओ.वाय.टी.योजना अन्‍तर्गत गत 3 वर्षों में स्‍वीकृ‍त प्राक्‍कलनों की संख्‍या पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है । उत्‍तरांश '' में दर्शाए अनुसार डी.टी.आर. मीटर उपभोक्‍ता को स्‍वयं स्‍थापित करवाए जाने थे, अत: मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा डी.टी.आर.मीटर स्‍थापित करवाए जाने का प्रश्‍न नहीं उठता ।

सिंहस्‍थ 2016 हेतु पर्यटन विकास की योजना 

37. ( क्र. 673 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवित्र धार्मिक नगरी उज्‍जैन को पर्यटन केन्‍द्र के रूप में विकसित करने के लिये आगामी सिंहस्‍थ को ध्‍यान में रखते हुये विभाग द्वारा कौन-कौन से प्रस्‍ताव स्‍वीकृत किये गये है एवं कौन-कौन से प्रस्‍ताव स्‍वीकृत होना है ? जानकारी प्रदान करें ? (ख) स्‍वीकृत प्रस्‍ताव की क्‍या प्रगति है, कब तक पूर्ण हो जावेगें जानकारी प्रदान करें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजनांतर्गत ट्रांसफार्मर की स्‍थापना 

38. ( क्र. 688 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन हितग्राहियों (किसानों) द्वारा दिनाँक 1.4.2014 से 30.6.2015 तक कृषक अनुदान योजना के तहत खेत में ट्रांसफार्मर लगाने के लिये राशि जमा की गई है ? जमा राशि का दिनाँक, हितग्राही किसान का नाम सहित बतायें ?     (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में किन-किन हितग्राहियों के यहां ट्रांसफार्मर लग चुके हैं उनके नाम, दिनाँक, स्‍थान सहित बतायें ? (ग) इस योजना के तहत कितने दिनों में हितग्राही को योजना का लाभ देने की समयावधि है ? (घ) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में समय सीमा पर हितग्राही को लाभ न मिलने पर कौन जवाबदार होगा और उसके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिनाँक 1.4.14 से 30.06.15 तक 49 कृषकों द्वारा स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन हेतु कृषक अनुदान योजनांतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर लगाने के लिये राशि जमा की गई है । कृषकों के नाम तथा राशि जमा करने की दिनाँक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है ।       (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित 49 कृषकों में से 32 कृषकों हेतु ट्रांसफार्मर लगा दिए गये है । ट्रांसफार्मर लगाने की दिनाँक तथा स्‍थान सहित कृषकों के नामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है । (ग) कृषक अनुदान योजनांतर्गत कृषकों द्वारा औपचारिकता पूर्ण कर राशि जमा किये जाने के पश्‍चात 180 दिवस तथा कार्य आदेश जारी होने एवं राइट ऑफ वे उपलब्‍ध होने पर 150 दिवस में कार्य पूर्ण किये जाने का प्रावधान है । (घ) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में 49 कृषकों में से 32 कृषकों के कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं । 3 कृषकों के कार्यों में आर.ओ.डब्‍ल्‍यू की समस्‍या है । शेष 14 कृषकों के कार्य प्रगति पर है, जिन्‍हें योजना के प्रावधानों के अनुसार समय-सीमा में पूर्ण किया जा रहा है अत: किसी के जवाबदार होने अथवा कार्यवाही किए जाने का प्रश्‍न नहीं उठता ।

सिंचाई के संसाधन जुटाने हेतु योजना

39. ( क्र. 689 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधान सभा क्षेत्र में कितनी कृषि भूमि के लिये विभाग द्वारा नहरें/डेम सिंचाई के संसाधन बनाये गये हैं ? (ख) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में सिंचाई के संसाधन नहीं हैं ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में बताऍ कि क्‍या वि‍भाग द्वारा इन ग्रामों में सिंचाई के संसाधन जुटाने के लिये कोई योजना बनाई गई है ? अगर हां तो क्‍या ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) छतरपुर विधान सभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग की निर्मित एवं निर्माणाधीन परियोजनाएं और उनके सिंचाई क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के अनुसार है । (ख) विभाग में प्रश्‍नधीन जानकारी संकलित एवं संधारित नहीं की जाती है । (ग) केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के कमाण्‍ड क्षेत्र में छतरपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों को शामिल करने के लिए भरसक प्रयास किए गए है ।

परिशिष्ट ''छब्बीस''

लोकायुक्‍त की अनुशंसा पर कार्यवाही 

40. ( क्र. 707 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश लोकायुक्‍त संगठन द्वारा भ्रष्‍ट प्रवृत्ति के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की अनुशंसा करने के उपरांत अधिकतम कितनी अवधि में अभियोजन की कार्यवाही करने की अनुमति प्रदान करने का प्रावधान है ? (ख) क्‍या माननीय लोकायुक्‍त द्वारा विभिन्‍न विभागों के दोषियों के विरूद्ध की गई अनुशंसा पर सामान्‍य प्रशासन विभाग में अभियोजन की स्‍वीकृति हेतु किस-किस विभाग के कितने प्रकरण वर्ष 1998 से प्रश्‍न दिनाँक की स्थिति में लंबित हैं तथा कब तक अभियोजन की स्‍वीकृति दी जावेगी ? विभागवार, नाम पद सहित बतावें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) - जानकारी एकत्रित की जा रही है ।

पॉलिटेक्नीक कॉलेज की स्‍थापना 

41. ( क्र. 727 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने पॉलिटेक्‍नीक महाविद्यालय वर्तमान में संचालित हैं ? इनमें से कितने शासकीय एवं कितने अशासकीय है ? सूची उपलब्‍ध करावे ? (ख) नवीन पॉलिटेक्‍नीक महाविद्यालय प्रारम्‍भ किए जाने हेतु शासन के क्‍या मापदण्‍ड हैं, विवरण देवें ? (ग) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत तकनीकी शिक्षा के अध्‍ययन को बढ़ावा देने हेतु शासन कोई पहल करने जा रहा है ? यदि हाँ तो विवरण देवें ? यदि नहीं तो क्‍या इस ओर पहल की जावेगी ? (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में नवीन पॉलिटेक्‍नीक कॉलेज की स्‍थापना संबंधी कोई प्रस्‍ताव/मांग प्राप्‍त हुई है ? यदि हाँ तो इस ओर क्‍या कार्यवाही की गई ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में कुल 150 पोलीटेकनिक महाविद्यालय संचालित है, जिसमें 63 शासकीय, 02 अनुदान प्राप्त, 01 स्ववित्तीय एवं 84 अशासकीय (निजी) पोलीटेकनिक कॉलेज संचालित है । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) नवीन पोलीटेकनिक कॉलेज प्रारंभ किये जाने हेतु भारत सरकार की सांविधिक निकाय ए.आई.सी.टी.ई. नई दिल्ली द्वारा निर्धारित है, जो कि ए.आई.सी.टी.ई.की वेबसाईट पर उपलब्ध     है । राज्‍य शासन के पृथक से मापदण्ड नहीं हैं । (ग) सुसनेर जिला-आगर, उज्जैन संभाग में है, जहाँ 06 शासकीय पोलीटेकनिक महाविद्यालय, 04 निजी पोलीटेकनिक कॉलेज, 01 शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, 01विश्वविद्यालयीन एवं 10 निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित है । इन सभी कॉलेजों में सुसनेर जिला-आगर के छात्र/छात्राओं को तकनीकी शिक्षा का लाभ मिल रहा है । (घ) जी हाँ । विभाग द्वारा दिनाँक 22 दिसम्‍बर 2014 के द्वारा भारत सरकार की नवीन पोलीटेकनिक महाविद्यालय प्रारंभ करने की योजना ''सब-मिशन ऑन पोलीटेकनिक अंडर कोआर्डिनेटेड फॉर स्किल डेवलपमेंट'' के तहत् प्रस्‍ताव भेजा गया, जो कि उच्‍चतर शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पत्र दिनाँक 13 मई 2015 के द्वारा योजना पूर्ण हो जाने से अस्‍वीकृत किया गया ।

शास‍कीय महाविद्यालय सांवरे में रिक्‍त पदों की पूर्ति 

42. ( क्र. 731 ) श्री राजेश सोनकर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शा. महाविद्यालय सांवेर में प्राध्‍यापक संवर्ग, तकनीकी संवर्ग (लेब असिस्‍टेन्‍ट, प्रयोगशाला तकनीशियन) एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल कितने पद रिक्‍त हैं ? (ख) क्‍या यह सही है कि महाविद्यालय में उक्‍त पदों के रिक्‍त रहने से छात्रों को काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है ? (ग) उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी जिससे महाविद्यालय का कार्य सुचारू रूप से चल सके ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -  एवं  अनुसार है । (ख) जी नहीं शैक्षणिक रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वानों के आमंत्रण से छात्रों के अध्यापन पर कोई दिक्कत नहीं है ।      (ग) शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की भर्ती का विज्ञापन लोक सेवा आयोग से दिनाँक 09/07/2014 को जारी हो चुका                  है । चयन की प्रक्रिया प्रचलन में है । प्रयोगशाला तकनीशियन, प्रयोगशाला परिचारक तथा भृत्य के पदों की पूर्ति "आउटसोर्स" से की जाना है । पद पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है । निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है ।

 परिशिष्ट ''सत्ताईस''

सिंगरौली में शास. कन्‍या महाविद्यालय का भवन का निर्माण 

43. ( क्र. 733 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला सिंगरौली स्थित विकास खण्‍ड बैढ़न में शासकीय कन्‍या महाविद्यालय हेतु 4 एकड़ भूमि आरक्षित की गई है, परन्‍तु इस महाविद्यालय भवन का कार्य अभी तक नहीं हुआ है ? यदि हाँ, तो कब तक इस महाविद्यालय भवन का कार्य आरम्‍भ कराया जा सकेगा ? (ख) सिंगरौली जिले के विकासखण्‍ड बैढ़न स्थित महाविद्यालयों में प्राचार्य एवं प्राध्‍यापक व सहायक प्राध्‍यापकों के कितने पद रिक्‍त हैं ? इनकी पूर्ति कब तक शासन द्वारा की जावेगी ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में विषयमान से इन शासकीय महाविद्यालयों में प्राध्‍यापकों की पदस्‍थापना हेतु निश्चित समय सीमा बतायें ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :  (क) जी हाँ । भवन निर्माण की कार्यवाही प्रकियाधीन है । निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है । (ख) सिंगरौली जिले के विकास खंड बैढ़न स्थित महाविद्यालयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है । प्राचार्य के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही सेवा भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण लंबित है । शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा दिनाँक 09.07.2014 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है । तदनुसार चयनित अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होते ही रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी । (ग) प्रश्नांश "ख" अनुसार ।

 परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

नियम विरूद्ध कृषि उपभोक्‍ताओं का विद्युत भार बढ़ाया जाना 

44. ( क्र. 736 ) श्री हर्ष यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषक व विद्युत वितरण कंपनी के मध्‍य किन शर्तों के आधार पर सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्‍शन प्रदाय किया जाता है ? (ख) विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किस आधार व नियम के अनुसार कृषकों के 3HP को 5 HP, 5 HP को 7 HP 7 HP को 10 HP में परिवर्तित किया जाता है और विद्युत भार बढ़ाकर देयक दिये जाते हैं ? क्‍या इस हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण कर पंचनामा, सहमति आदि ली जाती है ? (ग) विगत तीन वर्षों में सागर जिले की देवरी विधान सभा क्षेत्र के कितने कृषक विद्युत उपभोक्‍ताओं के विद्युत भार बढ़ाये गये, किस-किस कारण से ? किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा कनेक्‍शन स्‍थल का निरीक्षण किया गया ? (घ) क्‍या विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियम विरूद्ध, स्‍वेच्‍छाचारिता कर बिना निरीक्षण किये कृषकों के विद्युत भार बढ़ाकर मनमाना बिजली बिल वसूला है ? इस हेतु कौन उत्‍तरदायी है ? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही होगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 में निहित प्रावधानों के अनुसार विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी/लागू अनुबंध प्रपत्र में निहित शर्तों के आधार पर अनुबंध कराकर सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्‍शन प्रदाय किया जा रहा है । अनुबंध प्रपत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । (ख) समय-समय पर कंपनी के मैदानी अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा स्‍थापनाओं का निरीक्षण किया जाता है एवं संबद्ध भार, अनुबंधित भार से अधिक पाये जाने की स्थिति में मध्‍यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका क्रमांक 7.26 के अनुसार कार्यवाही कर भार परिवर्तन किया जाता है । उक्‍त नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है । संयोजित भार का निरीक्षण सक्षम अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया जाता है, जिसमें उपभोक्‍ता या उपभोक्‍ता प्रतिनिधि की सहमति के परिप्रेक्ष्‍य में हस्‍ताक्षर लिये जाते हैं, तदनुसार विद्युत देयक जारी किये जाते हैं । (ग) विगत तीन वर्षों में देवरी विधान सभा क्षेत्र के 904 कृषक उपभोक्‍ताओं के कनेक्‍शनों के निरीक्षण के दौरान क्षमता से अधिक भार पाये जाने पर भार बढ़ाये जाने की कार्यवाही की गई है । देवरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वितरण केन्‍द्र महाराजपुर, देवरी शहर, देवरी ग्रामीण, गौरझामर, केसली प्रथम एवं केसली द्वितीय वितरण केन्‍द्रों के तत्‍समय पदस्‍थ सक्षम अधिकारियों द्वारा स्‍थल निरीक्षण किया गया है । (घ) जी नहीं, अत: प्रश्‍न नहीं उठता ।

नियम विरूद्ध किसानों की सम्‍पत्ति की कुर्की 

45. ( क्र. 737 ) श्री हर्ष यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 में जून 2015 की स्थिति में किसानों के विरूद्ध बिजली बिल की बकाया राशि नहीं चुकाये जाने के कारण कब-कब, किन-किन के विरूद्ध ड्यूज रिकव्‍हरी एक्‍ट, 1961 के तहत कार्यवाही की गई ? प्रकरणवार क्‍या-क्‍या सम्‍पत्ति कुर्क (Attach) की गई ? (ख) क्‍या कुर्की के प्रावधानों में किसानों के दैनिक उपयोग की वस्‍तुओं, कृषि यंत्रों व महिलाओं के आभूषणों आदि को कुर्क करने के भी प्रावधान/निर्देश है ? यदि नहीं तो फिर क्‍यों देवरी विधान सभा क्षेत्र के कृषकों की उक्‍त वर्णित सामग्री जब्‍त कर उनकी मान हानि की गई ? (ग) सागर जिले में ड्यूज रिक्‍वहरी एक्‍ट, 1961 के प्रावधानों का उल्‍लंघन किये जाने में विद्युत वितरण कंपनी व शासन के कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी है ? इनके विरूद्ध कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 से जून 2015 तक की स्थिति तक 1215 किसानों के बिजली के बिल की बकाया राशि की वसूली हेतु ड्यूज रिकवरी एक्‍ट 1961 के तहत् तहसीलदार की शक्ति प्राप्‍त अधिकारियों द्वारा रूपये 1, 30, 00, 549 की वसूली के लिए कुर्की की कार्यवाही की गई है । कुर्की में किसानों की विद्युत मोटर, मोटर साईकिल, डिस्‍क, थ्रेसर, सीड ड्रिल, ट्रेक्‍टर, आटा चक्‍की, डीजल पंप, जनरेटर, ट्राली, डी.जे.सेंटर, स्प्रिंकलर सेट आदि की कुर्की की गई है । प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परि‍शिष्‍ट अनुसार है । (ख) ड्यूज रिकवरी एक्‍ट 1961 में कुर्की हेतु इस प्रकार के प्रतिबंध नहीं हैं तथापि मानवीय आधार पर दैनिक उपयोग की वस्‍तुओं, आभूषण आदि की कुर्की नहीं की गई है । (ग) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा सागर जिले में ड्यूज रिकवरी एक्‍ट 1961 के प्रावधानों का विधि सम्‍मत पालन करते हुए कुर्की की कार्यवाही की गई है अत: किसी के दोषी होने का प्रश्‍न नहीं उठता ।

सतना जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के कार्य

46. ( क्र. 740 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में फीडर विभक्तिकरण योजनान्‍तर्गत कार्य कब आरंभ किये गये ? सतना जिले में कितनी राशि से क्‍या-क्‍या कार्य कहां-कहां पर किये जा रहे हैं अथवा प्रस्‍तावित हैं ? (ख) मैहर संभाग में फीडर विभक्तिरण क्षेत्रान्‍तर्गत क्‍या-क्‍या कार्य कितनी-कितनी राशि से आरंभ किये गये एवं कार्यवार पूर्णता तिथि क्‍या निर्धारित की गई है ? कार्यवार कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति बतावें ? (ग) मैहर संभाग की विभक्तिकरण योजना में मैहर विधान सभा क्षेत्र के किन-किन फीडरों को अब तक सम्मिलित नहीं किया गया हैं ? इनमें कब तक योजनान्‍तर्गत कार्य कराये जायेगें ? (घ) सतना जिले में विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में कितने प्रकरण ट्रांसफार्मर चोरी के दर्ज कराये गये हैं ? प्रकरणवार अब तक क्‍या कार्यवाही की गई है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) फीडर विभक्तिकरण योजनान्‍तर्गत सतना जिले के संचारण/संधारण संभाग, सतना में दिनाँक 21.01.2011 एवं संचालन/संधारण संभाग, मैहर/अमरपाटन में दिनाँक 23.12.2010 से कार्य प्रारंभ किये गये । सतना संभाग में कुल रू. 78.93 करोड़ राशि के तथा मैहर/अमरपाटन संभाग में कुल रू. 77.37 करोड़ राशि के कार्य प्रस्‍तावित हैं, जिनका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । (ख) मैहर संभाग हेतु स्‍वीकृत फीडर विभक्तिकरण योजनान्‍तर्गत किये जा रहे कार्यों का कार्यवार, राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है । सर्वे कार्य दिनाँक 22.09.2011 तक पूर्ण कर संपूर्ण कार्य की पूर्णता तिथि 22.06.2012 निर्धारित थी । कार्यों की दिनाँक 30.06.2015 तक की स्थिति में भौतिक उपलब्धि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है ।     (ग) मैहर विधानसभा क्षेत्र के 5 फीडरों का कृषि भार कुल भार का 30 प्रतिशत से कम होने के कारण उन्‍हें फीडर विभक्तिकरण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया था । वर्तमान में विनैका फीडर में कृषि भार 30 प्रतिशत से अधिक पाये जाने पर उक्‍त फीडर को दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में फीडर विभक्तिकरण हेतु सम्मिलित किया गया है । योजना की स्‍वीकृति केन्‍द्र शासन से प्रतीक्षित है, अत: वर्तमान में कार्य पूर्ण करने की समय सीमा बता पाना संभव नहीं है । शेष 4 फीडरों का कृषि प्रयोजन हेतु भार कुल फीडर भार का 30 प्रतिशत से कम होने के कारण वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना प्रस्‍तावित नहीं है । फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है । (घ) सतना जिले में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विगत दो वर्षों में 311 ट्रांसफार्मर चोरी के प्रकरण दर्ज कराये गये हैं । प्रकरणवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है

शासकीय महाविद्यालय का सुदृढ़ीकरण 

47. ( क्र. 741 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कहां-कहां, स्‍नातक व परास्‍नातक महाविद्यालय संचालित है ? महाविद्यालयवार स्‍वीकृत पद व पदस्‍थ स्‍टॉफ की जानकारी दें ? रिक्तियों की पूर्ति हेतु क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये ? (ख) महाविद्यालयवार बतावें कि कहां-कहां शिक्षकों, भवनों क्‍लासरूम, लायब्रेरी, प्रयोगशाला (संकायवार-विषयवार), खेल मैदान, शौचालय, पेयजल, कैन्‍टीन व फर्नीचर आदि का अभाव है ? इनकी पूर्ति हेतु क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं ? (ग) मैहर के स्‍वामी विवेकानंद महाविद्यालय में रिक्‍त पदों की पूर्ति व अधोसंरचना व सुदृढ़ीकरण हेतु विभाग की क्‍या कार्य योजना है ? कब तक रिक्‍त पदों की पूर्ति व नये पदों का सृजन किया जावेगा ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले में 09 स्नातक शासकीय महाविद्यालय एवं 02 परास्नातक शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं । महाविद्यालयों में स्वीकृत एवं पदस्थ स्टाफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार है । महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर लोक सेवा आयोग द्वारा पदों की पूर्ति हेतु चयन प्रक्रियाधीन है । अशैक्षणिक रिक्त पदों हेतु व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) को मांग पत्र प्रेषित किया गया है । (ख) महाविद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है । महाविद्यालयों से अधोसंरचना के प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है । (ग) प्रश्नांश "क" अनुसार पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है । वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों का सुदृढीकरण करने एवं उनके गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे है । शेष प्रश्नांश "क" एवं "ग" के परिप्रेक्ष्य में, उपस्थित नहीं होता है ।

ग्‍वालियर स्थित बिलौआ क्षेत्र में लगे अवैध क्रेशरों पर कार्यवाही 

48. ( क्र. 746 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्‍वालियर अंतर्गत बिलौआ के पास जून 2015 तक किन-किन व्‍यक्तियों/फर्म के क्रेशर कब से स्‍थापित हैं ? प्रत्‍येक क्रेशर मालिक/फर्म, को पत्‍थर उत्‍खनन हेतु किस खसरा नं कि कितनी शासकीय भूमि कब से कब तक के लिये लीज पर दी गई है ?         (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त क्रेशर मालिक/फर्म को म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्‍ती प्रमाण-पत्र, किस पत्र क्र. एवं दिनाँक से जारी किया गया ? जिस फर्म कि एन.ओ.सी. नहीं दी गई, उसके विरूद्ध कब-कब, किस प्रकार की कार्यवाही की गई एवं जिन क्रेशरों के अनापत्‍ति‍ प्रमाण पत्र, जारी नहीं किये जाने के बाद भी क्रेशर संचालित है, उस फर्म का नाम बतावें ? (ग) जिला ग्‍वालियर अंतर्गत बिलौआ क्षेत्र में लगे क्रेशरों से डम्‍पर, ट्रक, ट्रेक्‍टर, ट्रॉली से (पृथक-पृथक) कितने-कितन घन मीटर काली गिट्टी, परिवहन कर ले जाने का प्रावधान है तथा प्रत्‍येक पर कितनी-कितनी रॉयल्‍टी की निर्धारित राशि ली जाती है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' एवं '''' पर दर्शित है
(ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार क्रेशर मालिकों / फर्मों को म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रदत्‍त अनापत्ति प्रमाण पत्र का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ के कॉलम 45 पर है । जिन क्रेशरों को बोर्ड से सम्‍मति प्राप्‍त नहीं है, उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' पर दर्शित है । (ग) जिला ग्‍वालियर अंतर्गत बिलौआ क्षेत्र से लगे क्रेशरों से डम्‍फर, ट्रक, ट्रेक्‍टर, ट्राली से वाहन की भार क्षमता के अनुरूप काली गिट्टी का परिवहन किया जाना प्रावधानित है । वाहन में शासन द्वारा निर्धारित दर से मात्रा अनुरूप रायल्‍टी काटी जाती है ।

खनिज पदार्थों का अवैध परिवहन 

49. ( क्र. 747 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 से दिनाँक 30 जून, 15 तक की अवधि में जिला ग्‍वालियर अंतर्गत रेत खदान, पत्‍थर, फर्सी एवं मुरम बोल्‍डर कि खदानें किस ग्राम/स्‍थान कि खसरा नम्‍बर एवं रकबा सहित किस व्‍यक्ति/फर्म को किस दिनाँक से किस दिनाँक तक प्रतिवर्ष कितनी राशि में दी गई है ? विकासखण्‍डवार एवं ग्रामवार विस्‍तृत जानकारी देवें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिला ग्‍वालियर कि उक्‍त खदानों से प्रति वर्ष कितनी-कितनी रायल्‍टी (राशि) 30 जून 2015 तक प्राप्‍त हुई ? ग्‍वालियर क्षेत्र में संचालित रेत खदानों से डम्‍पर, ट्रक, ट्रेक्‍टर, ट्रॉली से कितनी-कितनी घन मीटर रेत का परिवहन किया जा सकता है, उक्‍त प्रत्‍येक वाहन पर कितनी रॉयल्‍टी राशि वसूली जा रही है, शासन आदेश/नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें ? (ग) क्‍या ग्‍वालियर जिला में ओवर लोड ट्रक, डम्‍परों से खनिज पदार्थों (रेत, काली गिट्टी) का परिवहन होने से क्षेत्र के कई पहुंच मार्ग 60 से 80 प्रतिशत क्षतिग्रस्‍त हो गये है ? इस अवैध परिवहन के लिये खनिज अधिकारियों द्वारा अभी तक क्‍या कार्यवाही की     गई ? यदि नहीं की गई तो क्‍यों नहीं, स्‍पष्‍ट करें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में ग्‍वालियर जिले में मात्र 03 नीलाम खदानें खनिज फर्शी पत्‍थर की उच्‍चतम बोली प्रतिवर्ष के आधार पर वर्तमान में अनुबंधित होकर संचालित हैं । शेष विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ पर है । (ब) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-अ पर है । म.प्र. राज्‍य खनिज निगम लिमिटेड द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार ग्‍वालियर जिले में संचालित रेत खदानों से डम्‍फर, ट्रक, ट्रेक्‍टर, ट्राली से वाहन की भार क्षमता के अनुरूप रेत का परिवहन किए जाने के निर्देश प्राप्‍त हैं । प्रत्‍येक वाहन पर नियमानुसार वाहन की भार क्षमता के अनुरूप रायल्‍टी वसूल की जाती है । (ग) ग्‍वालियर जिला में ओवर लोड ट्रक, डम्‍फरों से खनिज पदार्थों (रेत, काली गिट्टी) का परिवहन होने से क्षेत्र के कई पहुंच मार्ग 60 से 80 प्रतिशत क्षतिग्रस्‍त होना प्रमाणित नहीं है और न ही 60 से 80 प्रतिशत पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्‍त होने संबंधी कोई जानकारी कार्यालय कलेक्‍टर खनिज शाखा को प्राप्‍त हुई है । ग्‍वालियर जिले में क्षमता से ज्‍यादा खनिज सम्‍पदा ले जाते पाये जाने पर इन अवैध परिवहन वाहनों पर खनिज अधिकारियों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई है ।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

सैवड़ा में अंग्रेजी व देशी मदिरा की अवैध बिक्री 

50. ( क्र. 773 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सैवड़ा में अंग्रेजी व देशी मदिरा की कुल कितनी-कितनी लायसेंसी दुकाने संचालित हो रही है ? ग्राम का नाम/ठेकेदार का नाम/निविदा राशि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें ? (ख) क्‍या कंडिका (क) में वर्णित दुकानों के अलावा भी अन्‍य ग्रामों में अवैध रूप से शराब की बिक्री की जा रही है ? यदि हाँ, तो उसे रोकने के लिये विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या उपाय किये जा रहे है ? यदि नहीं, तो भोपाल से एक टीम भेजकर इसकी जाँच करायी जायेगी ? (ग) क्‍या अधिकांश ग्रामों में शराब की अवैध बिक्री के कारण युवा पीढ़ी नशे की लत का शिकार होकर अपराध की ओर बढ़ रही है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है । (ख) जी नहीं । परिशिष्‍ट-एक में वर्णित दुकानों के ग्रामों के अतिरिक्‍त सेवढा विधानसभा क्षेत्र के अन्‍य ग्रामों में दिनाँक 01.04.2015 से प्रतिवेदन दिनाँक तक, मदिरा के अवैध विक्रय किये जाने की दो शिकायतें प्राप्‍त हुई । जिसमें जाँच उपरांत एक शिकायत असत्‍य पाई गई । एक अन्‍य शिकायत में उल्‍लेखित दो स्‍थानों में से एक स्‍थान पर मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) के अन्‍तर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया । उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त विधानसभा सेवढ़ा के क्षेत्र में भ्रमण के दौरान जिले में पदस्‍थ आबकारी अमले एवं संभागीय उडनदस्‍ता में पदस्‍थ आबकारी अमले को अवैध मदिरा के निर्माण, धारण एवं विक्रय की शिकायतें/सूचनायें प्राप्‍त होने पर उनके द्वारा तत्‍परतापूर्वक कार्यवाही की जाकर, पंजीबद्ध किये गये प्रकरण सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते हैं । तदनुसार आबकारी विभाग दतिया द्वारा दिनाँक 01.04.2014 से दिनाँक 31.03.2015 तक तथा दिनाँक 01.04.2015 से दिनाँक 30.06.2015 तक की अवधि में क्रमश- 103 एवं 14 न्‍यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है । प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो एवं तीन अनुसार है । इसी प्रकार पुलिस विभाग दतिया से प्राप्‍त जानकारी अनुसार दिनाँक 01.04.2014 से दिनाँक 31.03.2015 तक तथा दिनाँक 01.04.2015 से दिनाँक 30.06.2015 तक की अवधि में क्रमश: 179 एवं 66 न्‍यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है । जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-चार अनुसार है । शराब की अवैध बिक्री रोकने हेतु जिला आबकारी एवं पुलिस बल सजग एवं सतर्क है । अत: उपरोक्‍तानुसार सतत कार्यवाही के प्रकाश में पृथक से भोपाल के टीम भेजकर जाँच कराने की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है । (ग) जी नहीं

निजी बी.एड. कालेजों में फीस के नाम पर मनमाने तरीके से वसूली 

51. ( क्र. 792 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कितनी निजी बी.एड. व एम.एड. कॉलेज संचालित है ? (ख) क्‍या सभी कॉलेजों में निर्धारित मापदण्‍ड की शर्तों का पालन किया गया है ? यदि नहीं तो ऐसे कॉलेजों के नाम बतावें ? निर्धारित मापदण्‍ड के अनुसार कॉलेज नहीं होने पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी ? (ग) शासन द्वारा निर्धारित फीस के अलावा अतिरिक्‍त फीस वसूले जाने पर क्‍या कार्यवाही की गयी है ? ऐसे कॉलेजों पर की गई कार्यवाही का विवरण ब्‍यौरेवार देवें ? (घ) क्‍या ऐसे कॉलेजों को बंद करने के साथ-साथ अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जायेंगे ? यदि हाँ तो कब तक उक्‍त कार्यवाही की जावेगी ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले में 11 निजी बी.एड. तथा 02 एम.एड. कॉलेज संचालित है । (ख) जी हाँ, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है । (ग) जी नहीं, वर्तमान में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है । शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है । (घ) प्रश्न "ग" के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।

ओवरफ्लो से नष्‍ट भूमियों का मुआवजा निर्धारण 

52. ( क्र. 804 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा के विकासखण्‍ड चौरई में सीताझिर जलाशय के ओवरफ्लो के कारण जलाशय के आस-पास की भूमियों पर खड़ी फसलें प्रतिवर्ष बरबाद होने के चलते किसानों के मांग पर इन भूमियों को हमेशा के लिए अधिग्रहण कर भूमिस्‍वामियों को उनकी भूमियों का मुआवजा भुगतान किये जाने के संबंध में क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक ने पत्र क्रमांक 2403 दिनाँक 21.11.2014 मा. मुख्‍यमंत्री महोदय, पत्र क्रमांक 1525 दिनाँक 03.08.2014 कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग छिन्‍दवाड़ा को प्रेषित किया है ? (ख) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय ने उनके कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3091 दिनाँक 26.12.2014 के माध्‍यम से प्रश्‍नकर्ता को यह अवगत कराया है कि प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव/सचिव जल संसाधन विभाग को प्रेषित किया गया है ? (ग) यदि हाँ तो प्रश्‍नकर्ता के पत्रों एवं माननीय मुख्‍यमंत्री जी के पत्र पर जल संसाधन विभाग के द्वारा अब तक किस स्‍तर से क्‍या सार्थक कार्यवाही की गयी है ? यदि नहीं की गयी है तो क्‍यों तथा इसके लिए कौन लोग जिम्‍मेदार है ? (घ) सीताझिर जलाशय के ओवरफ्लो से प्रतिवर्ष किसानों की बरबाद हो रही फसलों को दृष्टिगत रखते हुए क्‍या शासन इन भूमियों का अधिग्रहण कर भूमियों का मुआवजा अथवा बोये गये फसलों का प्रतिवर्ष शत प्रतिशत मुआवजा संबंधित भू-स्‍वामियों को भुगतान करने का आदेश देगा यदि नहीं तो क्‍यों ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हां । (ख) जी हां । (ग) एवं (घ) प्रश्‍नाधीन जलाशय के पूर्ण जल स्‍तर तक डूब में आई भूमि में से जिन 08 कृषकों की भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया था उनमें से 6 कृषकों से दिनाँक 12.06.2015 को ''शासन की सहमति से भूमि क्रय करने की नीति'' के तहत भूमि क्रय कर ली गई है । शेष 02 कृषकों की अनुपस्थिति के कारण उनकी भूमि के क्रय की कार्रवाई नहीं हो सकी है । जलाशय के पूर्ण जल स्‍तर और अधिकतम जल भराव स्‍तर के मध्‍य की भूमि में पानी अल्‍प समय के लिए आता है जिससे फसलों को क्षति नहीं होती है । अत: सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण जल स्‍तर एवं अधिकतम जल स्‍तर के मध्‍य भूमि अधिग्रहित नहीं की जाती है । वर्षाऋतु 2014 में लगातार वर्षा से जिन 15 कृषकों की फसलों को क्षति हुई थी उन्‍हे जिला कलेक्‍टर द्वारा दिनाँक 23.01.2015 को रू.45, 495/- का भुगतान किया गया है । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है ।

गुड़ेरा अहिर जनजाति को प्रमाण पत्र का प्रदाय 

53. ( क्र. 805 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि म.प्र. में गोड़ गोवारी जाति की उपजाति गुड़ेरा अहिर निवास करते है ? यदि हाँ तो यह उपजातियां मध्‍यप्रदेश के किन-किन जिलों में प्रमुखत: निवास करती है ? (ख) क्‍या शासन गुड़ेरा अहिर को अनुसूचित जन जाति का सदस्‍य मानती है यदि हाँ तो इन उपजातियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण प्रदाय किये जाने के संबंध में कोई ठोस प्रयास किया है ? क्‍या इन वर्गों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्रदाय किया जा रहा है ? (ग) छिन्‍दवाड़ा जिले में गुड़ेरा अहिर को कई पटवारियों के द्वारा की गयी गलती के चलते अभिलेखों में अहिर लिख दिये जाने के कारण उन्‍हें अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्रदाय नहीं किये जा रहे है ? क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने ऐसे मामले शासन एवं प्रशासन के ध्‍यान में पत्रों के माध्‍यम से लाया है ? यदि हाँ तो प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर क्‍या सार्थक पहल की गयी है ? यदि नहीं तो क्‍यों ? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने उपरोक्‍त मामले को पत्र क्रमांक 903 दिनाँक 16.06.2015 मा. मुख्‍यमंत्री महोदय को क्रमांक 905 दिनाँक 16.6.2015 माननीय राजस्‍व मंत्री जी को एवं पत्र क्रमांक 604 दिनाँक 16.6.2015 माननीय राज्‍यमंत्री सामान्‍य प्रशासन विभाग को प्रस्‍तुत कर पटवारियों के गलती के चलते गुड़ेरा अहिर को राजस्‍व अभिलेखों में केवल अहिर लिखे जाने की जाँच कर अभिलेखों को सुधार करने का आदेश देगा यदि हाँ तो कब और नहीं तो क्‍यों ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रहीं हैं

 

सरकार पर कर्ज की स्थिति 

54. ( क्र. 807 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश सरकार ने वित्‍त वर्ष 2015-2016 में अप्रैल से जून माह तक प्रति माह कुल कितना कर्ज किन स्‍त्रोतों से लिया है ? (ख) कर्ज लेने के क्‍या कारण हैं ? (ग) जून 2015 तक मध्‍यप्रदेश सरकार पर कुल कितना कर्ज है और इस कर्ज पर कितना ब्‍याज देय है ? (घ) भारत सरकार से वित्‍त वर्ष 2015-2016 में अनुदान, केन्‍द्रीय करों में हिस्‍सा, परियोजनाओं और केन्‍द्रीय कार्यक्रमों में अंशदान के रूप में कुल कितनी धनराशि प्राप्‍त होना है और जून 2015 तक कुल कितनी धनराशि प्राप्‍त हुई है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍य प्रदेश सरकार ने वित्‍त वर्ष 2015-16 में अप्रैल से जून माह तक प्रतिमाह निम्‍नानुसार कर्ज लिया है अप्रैल में रू.9.00 करोड़ (राष्‍ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास बैंक से) मई में - रूपये 86.89 करोड़ (राष्‍ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास बैंक से) जून में - (1) रूपये 405.45 करोड़ (राष्‍ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास बैंक से)    (2) रूपये 1000 करोड़ (बाजार ऋण) (ख) प्रदेश की विभिन्‍न विकासात्‍मक योजनाओं के संचालन हेतु । यह बजट में प्रावधानित है । (ग) वर्ष 2015 के लेखे महालेखाकार द्वारा तैयार नहीं किये गये हैं । (घ) राज्‍य सरकार के बजट अनुमान 2015-16 के अनुसार वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में केन्‍द्र से सहायता अनुदान के रूप में रूपये 30401.27 करोड़ प्राप्‍त होने का अनुमान है । राज्‍य बजट अनुसार केन्‍द्रीय करों में राज्‍य के हिस्‍से के रूप में रूपये 30449.65 करोड़ प्राप्‍त होने का अनुमान है । केन्‍द्र से सहायता अनुदान में ही परियोजनाओं और केन्‍द्रीय कार्यक्रमों में अंशदान की राशि शामिल है । भारत सरकार से जून 2015 तक कुल राशि रूपये 13242.63 करोड़ प्राप्‍त हुई है ।

अवैध शराब की बिक्री 

55. ( क्र. 841 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के विकासखण्‍ड बागली, कन्‍नोद तथा रायसेन जिले के विकासखण्‍ड सिलवानी में कहां-कहां देशी तथा विदेशी शराब की दुकानें संचालित है उक्‍त दुकानों पर मासिक शराब की बिक्री का क्‍या लक्ष्‍य है ? (ख) उक्‍त दुकानों के संचालन, शराब की बिक्री स्‍टेटे हाइवे मुख्‍य जिला मार्गों से दूरी के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश है उनकी प्रति दें ? (ग) 1 अप्रैल 2014 से प्रश्‍न दिनाँक तक उक्‍त दुकानों का कब-कब, किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया तथा क्‍या-क्‍या अनियमिततायें पाई ? (घ) उक्‍त दुकानों के ठेकेदारों द्वारा गांव-गांव में अवैध शराब बेचने की मान. मंत्री जी तथा जिला प्रशासन को किन-किन माध्‍यमों से शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2015-16 में देवास जिले के विकासखण्‍ड बागली एवं कन्‍नोद तथा रायसेन जिले के विकासखण्‍ड सिलवानी में संचालित देशी व विदेशी शराब की दुकानें एवं उनके संचालन स्‍थल की जानकारी क्रमश: विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक एवं दो अनुसार है । राज्‍य में संचालित मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों से मासिक शराब बिक्री का लक्ष्‍य राज्‍य शासन द्वारा निर्धारित नहीं किया जाता है । (ख) मदिरा दुकानों का संचालन मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 62 (2) के अन्‍तर्गत बने सामान्‍य प्रयुक्ति के नियमों के नियम ''एक'' मदिरा दुकानों के अवस्‍थापन अन्‍तर्गत वर्णित निर्देशों से प्रशासित होता है । उक्‍त नियम मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 55 दिनाँक 06 फरवरी 2015 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-तीन अनुसार है । (ग) देवास जिले के विकासखण्‍ड बागली एवं कन्‍नोद में संचालित देशी व विदेशी शराब की दुकानों का विभाग के मैदानी अधिकारियों एवं उच्‍च अधिकारियों द्वारा 01 अप्रैल 2014 से 30.06.2015 तक कुल 598 निरीक्षण किये गये है एवं रायसेन जिले के विकासखण्‍ड सिलवानी दुकानों का विभाग के मैदानी अधिकारियों एवं उच्‍च अधिकारियों द्वारा 01 अप्रैल 2014 से 30.06.2015 तक कुल 148 निरीक्षण किये गये है । अधिकारीवार निरीक्षणों व उनमें पाई गयी अनियमितताओं की जानकारी क्रमश: पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट चार एवं पाँच अनुसार है । (घ) देवास जिले के विकासखण्‍ड बागली एवं कन्‍नौद तथा रायसेन जिले के विकासखण्‍ड सिलवानी में मदिरा दुकानों के ठेकेदारों द्वारा गांव-गांव में अवैध शराब बेचने की माननीय मंत्रीजी को तथा जिला प्रशासन को किसी भी माध्‍यम से प्राप्‍त शिकायतों का विवरण तथा उन पर की गई कार्यवाहियों का विवरण क्रमश: पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट- छ: एवं सात अनुसार है

नये उद्योगों को कर में छूट का लाभ 

56. ( क्र. 850 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की वर्ष 2006 की नीति जिसमें नये उद्योग लगाने पर 50 प्रतिशत वाणिज्यिक कर की छूट दी जाती है के तहत खरगोन, बड़वानी, धार, बुरहानपुर जिलों में कितनी कपास यूनिटे कब से इस सुविधा का लाभ ले रही है ? वर्षवार प्रोप्राइटर/पार्टनर नाम सहित बतावें । (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उपरोक्‍त कपास यूनिटों ने अपनी स्‍थापना से अब तक कितनी छूट वाणिज्यिक कर में प्राप्‍त की है, यूनिटवार, वर्षवार, कर राशि, छूट राशि सहित जिलावार बतावें । (ग) इन कपास यूनिटों द्वारा संबंधित क्षेत्र की कृषि उपज मंडी से कितना कपास क्रय करके कितने उत्‍पादन पर वाणिज्‍यक कर की छूट प्राप्‍त की गई, पूर्ण विवरण देवें ।

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शासन की वर्ष 2006 की ऐसी कोई नीति नहीं है, जिसके तहत नये उद्योग लगाये जाने पर 50 प्रतिशत वाणिज्यिक कर की छूट दी जाती है । अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है । (ख) वर्ष 2006 की कोई नीति नहीं होने से जानकारी निरंक है । (ग) वर्ष 2006 की कोई नीति नहीं होने से जानकारी निरंक है ।

खरागोन-बड़वानी जिलों में कर चोरी के मामलों पर कार्यवाही 

57. ( क्र. 851 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन एवं बड़वानी जिले में दिनाँक 01.01.13 से 15.06.2015 तक विभाग द्वारा टैक्‍स चोरी के कितने मामलों में किन फर्मों पर कार्यवाही की गई फर्म नाम, प्रोप्रायटर नाम, टैक्‍स राशि, उस पर आरोपित पेनल्‍टी सहित माहवार बतावें । (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कितने मामलों में संबंधित फर्मों ने पेनाल्‍टी जमा कराई/ नहीं जमा करोड़ सूची उपलब्‍ध करावे । प्रत्‍येक मामले पर की गई कार्यवाही की प्रतियां देवें । (ग) उपरोक्‍तानुसार विभाग के पास विचाराधीन मामलों की अद्यतन स्थिति से प्रकरणवार जानकारी देवें । लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जायेगा ? (घ) लंबित प्रकरणों का उचित समय पर निराकरण न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) खरगौन एवं बड़वानी जिले में दिनाँक 01-01-2013 से 16-06-2015 तक विभाग द्वारा टैक्स चोरी मामलों में 15 फर्मों पर छापे की कार्यवाही की गई तथा छापे के समय उक्त फर्मों से कर राशि रूपये 132.87 लाख एवं कम्पोजिशन राशि रूपये 140.87 लाख जमा कराई गई । फर्म नाम, प्रोपायटर नाम, टैक्स राशि, उस पर अधिरोपित पेनल्टी की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है । (ख) प्रश्नांश '''' अनुसार 15 ही फर्मों के प्रकरणों में स्क्रूटनी उपरांत कर निर्धारण की कार्यवाही, कर निर्धारण अधिकारी की नस्ती पर लंबित है । अतः कर निर्धारण के उपरांत ही पेनल्टी की राशि के संबंध में वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी । (ग) अद्यतन स्थिति की संलग्न जानकारी परिशिष्‍ट-अ अनुसार है । समयावधि बताना संभव नहीं । (घ) वर्तमान में उक्त 15 प्रकरणों में स्क्रूटनी हेतु 120 दिवस एवं कर निर्धारण हेतु एक कैलेण्डर वर्ष की समय-सीमा उपलब्ध है । समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।

परिशिष्ट - ''तीस''

फर्जी अनुज्ञा पत्रों से मण्‍डी टेक्‍स की चोरी 

58. ( क्र. 853 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिलीप ट्रेंडिग कंपनी महिदपुर द्वारा फर्जी अनुज्ञा पत्रों से बारह लाख तीस हजार रू. मंडी टैक्‍स चोरी करना प्रमाणित हुआ है, विभाग द्वारा इस पर कितना वाणिज्यिक कर वसूला जायेगा, इसकी जानकारी इस पर लगने वाली पेनल्‍टी राशि सहित बतावें ? (ख) दिलीप ट्रेडिंग कंपनी महिदपुर के समस्‍त मंडी अनुज्ञा पत्रों एवं बिल की जाँच कर, वाणिज्यिक कर की चोरी की जानकारी देवें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।

घोड़ा डोंगरी में स्‍वीकृत एवं निर्माणाधीन बांध 

59. ( क्र. 857 ) श्री सज्‍जन सिंह उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घोडा डोंगरी क्षेत्र बैतूल में कितने बाँध स्‍वीकृत है एवं कितने बाँध निमार्णाधीन है ? (ख) गोपीनाधपुर बाँध का निर्माण घटिया क्‍यों     है ? (ग) अधूरे बाँध कब तक पूरे होंगे ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में दो लघु सिंचाई परियोजनाएं क्रमंश: सालीवाड़ा और मोखा स्‍वीकृत होकर निर्माणाधीन है । (ख) गोपीनाथपुर बाँध का निर्माण वर्ष 1988 में हुआ था । वर्तमान में बाँध अच्‍छी स्थिति में है । (ग) निर्माणाधीन परियोजनाएं निर्माण एजेंसी की कार्य क्षमता, वन भूमि के व्‍यपवर्तन की अनुमति और भूमि की उपलब्‍धता पर निर्भर होने से पूर्णता के लिए समय-सीमा बताना संभव नहीं है ।

तवा नदी में अवैध उत्‍खनन 

60. ( क्र. 858 ) श्री सज्‍जन सिंह उईके : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या घोड़ाडोंगरी, तवानदी शाहपुर में रेत खदान संचालित हैं ? (ख) क्‍या बांसपुर, शिवसागर, आमठाना, से रेत खुदाई/परिवहन ट्रेक्‍टर डंपर द्वारा होना अवैध कार्य है ? (ग) क्‍या बैतूल जिले में खनिज संपदा रेत/कोयला घोड़ाडोंगरी में है ? खनिज विभाग ने चेकिंग बेरियर कहीं लगाया है ? (घ) क्‍या खनिज के जिला अधिकारी कोयला उत्‍खनन की जानकारी से 04 साल से शासन को गुमराह कर रहे हैं ?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं । (ख) प्रश्‍नाधीन ग्रामों में रेत की कोई खदान वर्तमान में स्‍वीकृत/संचालित नहीं है । समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा जाँच कराई जाती है एवं अवैध उत्‍खनन / अवैध परिवहन पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है । विगत 3 माह में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में रेत के अवैध परिवहन करते हुए 13 प्रकरण पाए गए हैं । दोषियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराए गए हैं । जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है (ग) जी हां । जी नहीं । (घ) जी नहीं ।

परिशिष्ट ''इकतीस''

सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देशों का पालन न किया जाना 

61. ( क्र. 861 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश सामान्‍य प्रशासन विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-19-76/2007/1/4 भोपाल दिनाँक 6 अगस्‍त 2012 के व्‍दारा जिला कलेक्‍टरों को माननीय संसद सदस्‍य एवं माननीय विधायकों व्‍दारा जिले के विभागीय अधिकारियों को जनसमस्‍याओं के सम्‍बंध में लिखे गये पत्रों की प्राप्ति एवं पत्रों पर कार्यवाही से सम्‍बंधित जानकारी देने का निर्देश है ? (ख) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नकर्ता व्‍दारा भिण्‍ड जिले के कलेक्‍टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी, संयोजक अनुसूचित जाति विभाग, अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व/पुलिस लहार को दिनाँक 1 जुलाई 2014 से प्रश्‍न दिनाँक तक कब-कब पत्र लिखे बतायें ? उन पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की गई तथा पत्रों की प्राप्‍त की सूचना प्रश्‍नकर्ता को कब-कब दी गई ? (ग) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या अधिकारियों व्‍दारा शासनादेश का उल्‍लंघन कर माननीय सांसद/विधायकों के पत्रों की पावती की सूचना नहीं दी जा रही है ? यदि हाँ, तो क्‍या शासन के निर्देशों का उल्‍लंघन करने वाले संबंधित जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ? यदि नहीं तो क्‍यों ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।

खोडाना एवं माण्‍डवी तालाब का निर्माण 

62. ( क्र. 869 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन/विभाग व्‍दारा खोडाना तालाब तहसील पिपलौदा एवं माण्‍डवी तालाब तहसील जावरा को विभागीय कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया था ? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या खोडाना तालाब हेतु बजट स्‍वीकृति होकर कार्य योजना स्‍वीकृत हुई थी तथा क्‍या माण्‍डवी तालाब स्‍वीकृत होकर मा. मुख्‍यमंत्री जी ने शिलान्‍यास किया था ? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त उल्‍लेखित तालाबों को शासन/विभाग के सर्वे, सर्वेक्षण, बजट एवं स्‍वीकृति पश्‍चात् आगामी कार्य क्‍यों प्रारंभ नहीं किया गया ?        (घ) क्‍या उपरोक्‍त तालाबों के कार्य प्रारंभ किये जाने के आदेश जारी होकर टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी ? इसके बावजूद कार्य अप्रारंभ है ? वस्‍तुस्थिति से अवगत कराए ।

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) खोड़ाना परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनाँक 07.08.2007 को रू.819.18 लाख की और माण्‍डवी परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनाँक 27.06.2007 को रू.111.84 लाख की प्रदान की गई थी । मा. मुख्‍यमंत्रीजी द्वारा माण्‍डवी परियोजना का शिलान्‍यास दिनाँक 19.06.2008 को किया गया था । (ग) एवं (घ) खोड़ाना परियोजना निमज्जित तालाब है जिसका मूल उद्देश्‍य भू-जल स्‍तर को बढ़ाना होकर वर्षा ऋतु उपरांत तालाब खाली कर तालाब के तल में कृषि की जाना है । खोड़ाना परियोजना की प्रति हे. लागत निर्धारित मापदण्‍ड से अधिक हो गई थी । अत: परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनाँक 16.06.2011 को निरस्‍त की गई । माण्‍डवी परियोजना के डूब क्षेत्र में नदी घाटी योजना के अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा निर्मित एक परकोलेशन तालाब आने से परियोजना तकनीकी मापदण्‍ड पर साध्‍य नहीं रही अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है ।

 

बी.एड./डी.एड. कॉलेजों की मान्‍यता के निर्धारित नियम 

63. ( क्र. 897 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला छतरपुर अंतर्गत निजी बी.एड./डी.एड. कालेजों को मान्‍यता प्रदान की गई है ? यदि हाँ, तो कितने कालेजों को व कब ? नाम व पता सहित बतायें । क्‍या उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा कोई नियम निर्धारित किये गये ? यदि हाँ, तो क्‍या ? क्‍या फीस का निर्धारण किया गया है ? यदि हाँ, तो बी.एड./डी.एड. प्रथम वर्ष से फाईनल हेतु कितनी फीस निर्धारित की गई    है ? अलग-अलग बतायें ? (ख) क्‍या बी.एड./डी.एड. कालेजों द्वारा उच्‍च शिक्षा विभाग की गाईड लाईन अनुसार मापदण्‍ड पूर्ण किये गये हैं ? यदि हाँ, तो गाईड लाईन अनुसार प्राप्‍त दस्‍तावेजों की प्रमाणित प्रति सहित, साथ ही छात्रों से किस माध्‍यम से फीस जमा कराई जाती है, मासिक फीस का विवरण सहित वर्ष 2014-15 की जानकारी उपलब्‍ध करायें ?     (ग) क्‍या बी.एड./डी.एड कालेजों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग हेतु सीटें निर्धारित की गई है ? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत ? क्‍या निर्धारित सीट अनुसार छात्रों को प्रवेश दिया गया है ? ऐसे कितने कालेज हैं, जिनमें निर्धारित सीट से कम छात्रों ने प्रवेश लिया है ? कालेजों के नाम, पता सहित बतायें ? (घ) क्‍या बी.एड./डी.एड. कालेजों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को स्‍कालरशिप दी जाती है ? यदि हाँ, तो कितनी ? क्‍या इस वर्ग के छात्रों को फीस से छूट प्रदान की गई है या स्‍कालरशिप में समायोजित की जाती है ? जिन कालेजों द्वारा मापदण्‍ड पूर्ण नहीं किये गये, तो उनकी मान्‍यता समाप्‍त की जायेगी ? यदि हाँ, तो कब तक ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं । राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त होने के पश्चात विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्ति हेतु औपचारिक अनापत्ति प्रमाणपत्र विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है । निर्धारित नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । फीस का निर्धारण प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा किया जाता है । शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है । डी.एड. पाठयक्रम के सम्बन्ध में जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग से एकत्रित की जा रही है । (ख) राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित गाईड लाईन अनुसार मापदण्ड पूर्ण करने के पश्चात मान्यता दी जाती है । शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है । निर्धारित नियम की कंडिका 5.4 अनुसार प्रवेश के समय विभाग द्वारा छात्रों से डिमान्ड ड्राफ्ट के माध्यम से वार्षिक शुल्क लिया जाता है । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । (ग) जी हाँ । सीटे निर्धारित है, एस.सी.-16 प्रतिशत एवं एस.टी.-20 प्रतिशत । जी हाँ । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है । (घ) अनुसूचित जाति एंव जनजाति के छात्रों को स्कालरशिप उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नहीं दी जाती है । शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है ।

मेसर्स रियोटिंटो कंपनी की लीज की स्‍वीकृति

64. ( क्र. 898 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बक्‍स्‍वाहा, जिला छतरपुर अंतर्गत विभानी केम्‍प मेसर्स रियोटिंटो कंपनी को उत्‍खनन की लीज स्‍वीकृत की गई थी ? यदि हाँ, तो कब व कितने वर्षों के लिये ? क्‍या राजस्‍व व वन विभाग (जंगल) प्रभावित हुआ है ? यदि हाँ, तो कितना ? (ख) क्‍या प्रोस्‍पेटिंग लाईसेंस कितनी अवधि तक के लिये व कब व किस अधिकारी द्वारा जारी किया गया था ? क्‍या प्रोस्‍पेटिंग लाईसेंस, की अवधि पूर्ण हो चुकी है ? यदि हाँ, तो प्रशासन व संबंधित विभाग द्वारा अपने कब्‍जे में लिया गया है ? यदि हाँ तो कब ? यदि नहीं, तो क्‍यों ? इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है ? (ग) क्‍या कंपनी को आवंटित भूमि का वन क्षेत्र पन्‍ना टाईगर रिजर्व क्षेत्र में आता है ? यदि हाँ, तो उक्‍त भूमि का आवंटन उत्‍खनन हेतु लीज पर किस नियम के तहत जारी किया गया है ? क्‍या अवैध रूप से जारी किया गया आवंटन निरस्‍त किया जायेगा ? यदि हाँ, तो कब तक ? (घ) क्‍या राजस्‍व भूमियों में खलिहान, मरघट, गौठान व राजस्‍व का जंगल निस्‍तार की भूमियां थी, जो इस क्षेत्र में स्थित हैं ? यदि हाँ, तो म.प्र.रा.स. 1959 की धारा 237 में मदों का परिवर्तन करा लिया गया है ? यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक व आदेश की प्रमाणित प्रति उपलबध करावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं । प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन कंपनी को उत्‍खनन हेतु कोई भी लीज का स्‍वीकृति आदेश जारी नहीं किया गया है । अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । (ख) जिला छतरपुर में प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित कंपनी को आवश्‍यकतानुसार भारत सरकार खान मंत्रालय से पूर्व अनुमोदन प्राप्‍त करने के उपरांत एवं भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पत्रों के संदर्भ में प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (भू-प्रबंध) मध्‍यप्रदेश भोपाल द्वारा समय-समय पर जारी अनापत्ति/स्‍वीकृति प्रदान करने के उपरांत निम्‍नानुसार दिनांकों को म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग, मंत्रालय, भोपाल द्वारा पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति (पी.एल.) स्‍वीकृति / नवकरण आदेश जारी किए गए हैं -

क्र.

पी.एल. स्‍वीकृति आदेश का दिनाँक व रकबा

पी.एल. नवकरण आदेश का दिनाँक व रकबा

1.

04.08.2006
25
वर्ग किलोमीटर क्षेत्र
 (वन व राजस्‍व भूमि)

29.12.2009
2329.75
हेक्‍टेयर क्षेत्र (वन भूमि)

2.

10.07.2007
45
वर्ग किलोमीटर क्षेत्र
 (वन व राजस्‍व भूमि)

18.09.2012
3758.48
हेक्‍टेयर क्षेत्र (वन भूमि)

उपरोक्‍त पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति स्‍वीकृति / नवकरण संबंधी जारी आदेशों की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है जिसमें वांछित शेष विवरण भी दर्शित है । उपरोक्‍त दोनो पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति की अवधि पूर्ण हो चुकी है । जहां तक कब्‍जा प्राप्‍त करने का प्रश्‍न है, इस संबंध में वन विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है । (ग) वन मण्‍डल छतरपुर अंतर्गत प्रश्‍नाधीन कंपनी को उत्‍खनन हेतु कोई लीज स्‍वीकृति‍ आदेश अभी जारी नहीं किया गया है और वन मण्‍डल छतरपुर अंतर्गत प्रश्‍नाधीन कंपनी को कोई भी वन क्षेत्र लीज प्रयोजन हेतु अभी आवंटित नहीं किया गया है । अत: यह कहना सही नहीं है कि पन्‍ना रिजर्व टाइगर का क्षेत्र लीज पर आवंटित कर दिया गया है । पूर्व में स्‍वीकृत पूर्वेक्षण अनुज्ञप्तियों/नवकरण की अवधि समाप्‍त हो चुकी है । पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति स्‍वीकृति/नवकरण आदेश जारी करने के पूर्व कार्यालय प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (भू-प्रबंध) मध्‍यप्रदेश भोपाल द्वारा भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पत्रों के संदर्भ में समय-समय पर जो अनापत्ति/अनुमति जारी की गई है उसकी प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स पर है । पूर्वेक्षण अनुज्ञप्तियां स्‍वीकृत करने के पूर्व भारत सरकार खान मंत्रालय के जो पूर्व अनुमोदन संबंधी पत्र प्राप्‍त हुए थे उनकी प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द पर हैं । (घ) जी हां । प्रश्‍नाधीन कंपनी को जो पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति स्‍वीकृत की गई थी, उनकी अवधि समाप्‍त हो चुकी है । पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति के समय राजस्‍व भूमि में मद परिवर्तन की आवश्‍यकता नहीं होती है । शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है ।

पावर प्‍लांट की क्षमता एवं प्‍लांट को चलाने की अनुमति 

65. ( क्र. 925 ) श्री जितू पटवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में स्थित अल्‍टा पावर प्‍लांट की क्षमता क्‍या है एवं इसे किस सन् में स्‍थापित किया गया था ? (ख) शासन द्वारा किन शर्तों एवं सुविधाओं के साथ इस प्‍लांट को चलाने की अनुमति दी गई है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में क्‍या शासन द्वारा उपरोक्‍त प्‍लांट स्‍थापित किये जाने हेतु वन भूमि दी गई है ? यदि हाँ तो कितनी वन भूमि दी गई है ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या वन अधिनियम 1980 के तहत कम्‍पनी द्वारा वन भूमि के बदले उतनी ही भू‍मि वन विभाग को लौटाई गई है ? अथवा राशि जमा कराई गई है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अल्‍ट्रा मेगा पावर प्‍लांट, सासन सीधी नहीं, अपितु सिंगरौली जिले में स्थित है तथा इसकी क्षमता 3960 मेगावॉट है । इस प्‍लांट में 660 मेगावॉट की कुल 6 इकाइयाँ स्‍थापित हैं, जिन्‍हें अगस्‍त 2013 से मार्च 2015 की समयावधि में चालू किया गया है । (ख) केन्‍द्र शासन के द्वारा तैयार अल्‍ट्रा मेगा पावर प्‍लांट, प्रोजेक्‍टस के अन्‍तर्गत निविदा आधारित विद्युत क्रय अनुबंध में निर्धारित शर्तों के अनुसार प्‍लांट चलाया जाता है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । (ग) उक्‍त प्‍लांट स्‍थापित किये जाने हेतु 320 हेक्‍टेयर वनभूमि दी गई है । (घ) अल्‍ट्रा मेगा पावर प्‍लांट, सासन (रिलायन्‍स) कंपनी द्वारा वन विभाग के पास रू. 24 करोड़ की राशि जमा की गई है।

प्रति वर्ष बिजली पैदा होने की क्षमता 

66. ( क्र. 926 ) श्री जितू पटवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिलांयस द्वारा संचालित शासन बिजली परियोजना के माध्‍यम से स्‍थापना वर्ष से प्रतिवर्ष कितनी बिजली पैदा की गई है एवं प्रतिवर्ष कितनी बिजली पैदा करने का टारगेट रखा गया था ? (ख) क्‍या परियोजना हेतु समुचित मात्रा में कोयले की खदान का आवंटन किया गया था एवं कितना किया गया था ? (ग) स्‍थापना वर्ष से प्रतिवर्ष बिजली उत्‍पादन करने में कितना कोयला उपयोग किया गया ? (घ) क्‍या कम्‍पनी द्वारा निर्धारित क्षमता से कम बिजली उत्‍पादन करने का मामला शासन के संज्ञान में आया है जिसके कारण शासन को बिजली क्रय करना पड़ी हो ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मेसर्स सासन पॉवर लिमिटेड द्वारा अल्‍ट्रा मेगा पॉवर प्रोजेक्‍ट सासन से वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में क्रमश: 13.056 मिलियन यूनिट, 3090.987 मिलियन यूनिट एवं 17, 501.707 मिलियन यूनिट विद्युत उत्‍पादन किया जाना सूचित किया गया है । विद्युत क्रय अनुबंध के अनुसार मेसर्स सासन पॉवर लिमिटेड को 80 प्रतिशत नार्मेटिव उपलब्‍धतासुनिश्चित की जानी थी तथा नार्मेटिव उपलब्‍धतामें 5 प्रतिशत से ज्‍यादा कमी आने पर पेनाल्‍टी लगाये जाने एवं 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने पर इन्‍सेंटिव दिये जाने का प्रावधान है । (ख) जी हाँ । मेसर्स सासन अल्‍ट्रा मेगा पॉवर प्रोजेक्‍ट हेतु कोयला, कोयला मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मोहर, मोहर-अमलोरी एक्‍सटेंशन एवं छत्रसाल कोल ब्‍लाक्स से आवंटित किये गये थे जिनकी अनुमानित/आं‍कलित कोल रिजर्व क्षमता 760 मिलियन टन है । (ग) मेसर्स सासन पॉवर लिमिटेड द्वारा उपलब्‍ध कराई गयी जानकारी के अनुसार वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में विद्युत उत्‍पादन हेतु क्रमश: 0.02 मिलियन टन, 1.7 मिलियन टन एवं 9.2 मिलियन टन कोयले की खपत हुई । (घ) जी हाँ । मेसर्स सासन पॉवर लिमिटेड द्वारा निर्धारित क्षमता से कम विद्युत उत्‍पादन किया जाना शासन के संज्ञान में आया है, जिस हेतु वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में क्रमश: रू. 0.63 करोड़ एवं रू. 1.49 करोड़ की राशि पेनाल्‍टी स्‍वरूप काटी गयी है । तथापि इस कारण से अतिरिक्त विद्युत क्रय नहीं करनी पडी है ।

भिण्‍ड जिले में फीडरसेपरेशन कार्य

67. ( क्र. 930 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फीडर सेफरेशन के तहत भिण्‍ड जिले के कितने ग्रामों में कितने ट्रांसफार्मर रखे गये हैं ? टांसफार्मरों की संख्‍या की फीडरवार जानकारी दें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुका है ? एवं शेष कार्य कब तक पूर्ण हो सकेगा ? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत फीडर सेपरेसन का कार्य भिण्‍ड जिले में किन-किन कंपनी द्वारा किया गया है ? क्‍या उक्‍त कंपनियों ने उक्‍त कार्य पेटी कांट्रेक्‍टरों को दिया था ? क्‍या इस प्रकार का कार्य नियमानुसार दिया गया था ? यदि नहीं तो जिन कंपनियों को कार्य दिया गया था उन पर कोई कार्यवाही की जाऐगी ? यदि नहीं तो क्‍यों ? कारण दें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) फीडर विभक्ति‍करण योजना के अंतर्गत भिण्‍ड जिले के 290 ग्रामों में 827 वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये हैं । फीडरवार ट्रांसफार्मरों की संख्‍या पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है ।           (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में 227 ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुका है 180 ग्रामों में कार्य आंशिक रूप से पूर्ण हुआ है तथा 224 ग्रामों में कार्य आंरभ नहीं हुआ है । ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड मुंबई द्वारा कार्य में अत्‍याधिक विलंब करने के कारण उन्‍हें जारी अवार्ड दिनाँक 8.6.15 को निरस्‍त कर दिया गया है । शेष कार्य निविदा प्रक्रिया उपरांत क्रियान्‍वयन एजेंसी का निर्धारण कर पूर्ण किये जा सकेंगे जिस हेतु वर्तमान में समयसीमा बताया जाना संभव नहीं है । (ग) फीडर सेपरेशन का कार्य भिण्‍ड जिले में मेसर्स ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड मुम्‍बई द्वारा किया गया     है । पेटी कांट्रेक्‍टर को कार्य देने की सूचना मेसर्स ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड मुम्‍बई द्वारा मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को नहीं दी गई है । अत: प्रश्‍न नहीं उठता । तथापि उल्‍लेखनीय है कि निविदा की शर्तों के अनुसार कांट्रेक्‍टर द्वारा नियोक्‍ता को सूचित करने एवं सहमति उपरांत कार्य पेटी कान्‍ट्रेक्‍ट पर कराया जा सकता है ।

 




 

 

 

 

 

 

 

 

 

भाग - 3

अतारांकित प्रश्नोत्तर

होटल/रेस्‍टोरेंटो द्वारा ग्राहकों से डबल टैक्‍स लिया जाना

1. ( क्र. 24 ) श्री विश्वास सारंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित बड़े होटल और रेस्‍टोरेंट प्रश्‍न दिनाँक को ग्राहकों से कौन-कौन से और किस दर से टैक्‍स वसूलते हैं ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत क्‍या उक्‍त होटल और रेस्‍टोरेंट ग्राहकों से एक ही वस्‍तु पर एक ही प्रकार का डबल टैक्‍स वसूलते हैं ? क्‍या पैक्‍ड वस्‍तुओं पर एम.आर.पी. विद इनक्‍लूड ऑल टैक्‍स लिखा होने के बाद भी उस पर वैट टैक्‍स लिये जाने का नियम है ? यदि हाँ, तो क्‍यों ? क्‍या वे शासन को भी डबल टैक्‍स जमा करते हैं ? क्‍या इस प्रकार डबल टैक्‍स लिया जाना गैरकानूनी है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत कोई प्रतिष्‍ठान ग्राहकों से गलत और अवैध टैक्‍स न वसूले इसके लिये विभाग के क्‍या-क्‍या इंतजाम हैं ? क्‍या विभाग ऐसे होटलों और रेस्‍टोरेंटों पर कार्यवाही करेगा ? यदि हाँ, तो क्‍या ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) होटल में उपलब्‍ध कराई गई वास सुविधा हेतु प्राप्‍त राशि पर 10 प्रतिशत विलासिता कर प्रभारित किया जाता है । रेस्‍टोरेंट द्वारा मालों के विक्रय पर यथास्थिति वस्‍तु अनुसार 0, 5 या 14 प्रतिशत वेट प्रभारित किया जाता है । (ख) पैक्‍ड वस्‍तुओं की एम.आर.पी. सभी करों सहित होने पर, पृथक से कर वसूल नहीं किया जा सकता है । शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । (ग) प्राप्‍त शिकायतों के आधार पर ऐसे होटल एवं रेस्‍टोरेंट पर कार्यवाही की जाती है ।

चिकित्‍सा व्‍यय देयक भुगतान में अनियमितताएं 

2. ( क्र. 25 ) श्री विश्वास सारंग : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्‍यापकों/सहायक प्राध्‍यापकों के चिकित्‍सा व्‍यय के देयक राशि का बजट का निर्धारण किसके द्वारा किया जाता है ? निर्धारण के मापदंड क्‍या हैं ? नियमों की एक प्रतिलिपि दें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत भोपाल जिले में स्थित शासकीय महाविद्यालयों में प्रश्‍न दिनाँक को कितने-कितने चिकित्‍सा व्‍यय देयक भुगतान हेतु कब से तथा किस कारण लंबित है ? (ग) प्रदेश के किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में कितना-कितना वर्ष 2013, 1415 में चिकित्‍सा व्‍यय देयक राशि का बजट आवंटन किया गया है ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय महाविद्यलायों में कार्यरत प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों के चिकित्सा व्यय के देयक राशि का बजट उच्च शिक्षा विभाग के बजट प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा निर्धारित किया जाता है परन्तु चिकित्सा व्यय की स्वीकृति स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुसार अधिष्ठाता जिला चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें, स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाती है । मध्यप्रदेश शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग, मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ 4-23/2013/2/पचपन, दिनाँक 28.05.2013 एवं मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ 9-9/13/17/मेडि.-3, दिनाँक 26.08.2013 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है । (ख) भोपाल जिले में स्थित तीन शासकीय महाविद्यालयों से कुल 67 चिकित्सा देयक वर्ष 2014-15 से एवं कुल राशि रूपये 2, 92, 595.00 के लंबित है । कार्यवाही प्रचलन में है तथा सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है

कटनी जिलान्‍तर्गत शराब की अवैध दुकानों का संचालन 

3. ( क्र. 38 ) कुंवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में देशी विदेशी मदिरा की कितनी अधिकृत दुकाने कहाँ-कहाँ पर हैं ? कुल आय कितनी हैं ? (ख) क्‍या देशी मदिरा को अधिकृत दुकानों के अलावा भी विक्रय करने की छूट दी गई ? यदि नहीं, तो बहोरीबंद एवं रीठी ब्‍लॉक में गांव-गांव पर देशी मदिरा कैसे विक्रय हो रही है ? (ग) कटनी जिले में आबकारी विभाग के अधिकारी मिलकर अवैध दुकानों का संचालन करवा रहे हैं ? क्‍या जिले की विधानसभा क्षेत्र बहोदीबंद में संचालित अवैध दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जावेगा, यदि हाँ, तो कब   तक ? यदि नहीं, तो क्‍यों ? (घ) देशी/विदेशी दुकाने जो नियम विरूद्ध चल रही हैं, उनके विरूद्ध वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनाँक तक कब-कब किस किसके द्वारा शिकायतें की गई हैं ? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है । (ख) जी नहीं । देशी मदिरा की अधिकृत दुकानों के अतिरिक्‍त अन्‍य किसी स्‍थान से मदिरा का विक्रय करने की छूट नहीं दी गई है । बहोरीबंद एवं रीठी ब्‍लॉक में गांव-गांव पर देशी मदिरा का विक्रय नहीं हो रहा है । बहोरीबंद एवं रीठी ब्‍लॉक में अवैध मदिरा के निर्माण, धारण एवं विक्रय की शिकायत/सूचना प्राप्‍त होने पर तत्‍परतापूर्वक कार्यवाही की जाकर, पंजीबद्ध किये गये प्रकरण सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते है । (ग) जी नहीं । यह कहना सही नहीं है कि कटनी जिले में आबकारी विभाग द्वारा मिलकर अवैध मदिरा दुकानों का संचालन कराया जा रहा है । कटनी जिले की विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद में मदिरा का विक्रय केवल शासन द्वारा स्‍वीकृत लायसेंसी दुकानों से ही किया जा रहा है । विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद में अवैध मदिरा के निर्माण, धारण एवं विक्रय की शिकायतें/सूचना प्राप्‍त होने पर आबकारी विभाग में पदस्‍थ कार्यपालिक अमले द्वारा तत्‍परतापूर्वक प्रतिबंधात्‍मक कार्यवाही सतत् रूप से की जाती है । (घ) कटनी जिले में देशी मदिरा/विदेशी मदिरा की कोई भी दुकान नियम विरूद्ध नहीं चल रही है । नियम विरूद्ध मदिरा विक्रय के संबंध में वर्ष 2014 में अर्थात दिनाँक 01.01.2014 से दिनाँक 30.06.2015 तक 17 शिकायते प्राप्‍त हुई है । शिकायतवार कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार है

प्रदेश को कोयले का आवंटन

4. ( क्र. 39 ) कुंवर सौरभ सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश को केन्‍द्र सरकार द्वारा कुल कितना कोयला सन् 2014-15 के दौरान दिया गया तथा सन् 2015-16 का कोटा कितना निर्धारित किया गया है तथा कितना प्रश्‍न दिनाँक तक प्राप्‍त हुआ है ? (ख) क्‍या इस वर्ष केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रदेश को विदेश से कोयला आयात करने का कोटा निर्धारित किया गया है ? यदि हाँ, तो कितने लाख मीट्रिक टन ? (ग) क्‍या निर्धारित कोटे के अनुरूप प्रदेश सरकार द्वारा कोयला आयात कर लिया गया है, यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनाँक तक कितना कोयला प्राप्‍त हो चुका है ? (घ) क्‍या उपरोक्‍तानुसार आयाती कोयला से प्रदेश की कोयले की आवश्‍यकता की पूर्ति हो जावेगी तथा इसके कारण प्रदेश सरकार पर कितना अतिरिक्‍त आर्थिक भार आयेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश को केन्‍द्र सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 के दौरान दिये गये कोयले की मात्रा, वर्ष 2015-16 का निर्धारित वार्षिक कोटा तथा वर्ष 2015-16 में 30 जून, 2015 तक केन्‍द्र सरकार द्वारा दिये गये कोयले की जानकारी निम्‍न तालिका में दर्शाई गई है ।

क्र.

विद्युत गृह

वर्ष 2014-15 में केन्‍द्र सरकार द्वारा दिया गया कोयला
 (लाख मी.टन)

वर्ष 2015-16 हेतु निर्धारित कोटा (लाख मी.टन)

वर्ष 2015-16 में 30 जून तक प्राप्‍त कोयला (लाख मी.टन)

कुल मात्रा 
 (
लाख मी.टन)

133.87

218.452

28.86

(ख) वर्ष 2015-16 के प्रारम्‍भ में केन्‍द्र सरकार द्वारा म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को विदेश से 12 लाख मी.टन कोयला आयात करने का कोटा निर्धारित किया गया था किन्‍तु बाद में कोयला कंपनियों के पास कोयले की उपलब्‍धता एवं विद्युत गृहों में कोयले के भंडारण में सुधार को देखते हुये इस कोटे को समाप्‍त कर दिया गया है । अत: वर्ष   2015-16 में, म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, का विदेश से कोयला आयात करने का कोटा शून्‍य है । (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता ।

ताराड़ाड जलाशय में अधिग्रहित भूमि 

5. ( क्र. 46 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के निर्माणाधीन ताराड़ाड जलाशय में कुल कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है ? अधिग्रहित भूमि का रकवा, खसरा नं., कृषक का नाम, जाति, ग्राम तथा मुआवजा राशि का उल्‍लेख करें ? (ख) क्‍या यह सही है कि आज भी कृषकों को मुआवजा राशि का वितरण नहीं किया गया है ? यदि हाँ, तो कब तक वितरण कर दिया जाएगा ? पटवारी हल्‍का ताराड़ाड के ग्राम कर्राटोला के आराजी खसरा नं. 90/6, 69/6 ख प्रभावित होने के बाद भी मुआवजा नहीं बना है ? क्‍या उक्‍त आराजी का मुआवजा बनाया जाएगा ? यदि हाँ, तो कब तक ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) 27 कृषकों द्वारा मुआवजा प्राप्‍त किया गया है । अन्‍य कृषकों द्वारा मुआवजा नहीं लिया गया । ग्राम कर्राटोला की खसरा क्रमांक-90/6 ख भूमि अधिग्रहित कर अवार्ड पारित किया गया है । खसरा क्रमांक-69/6 ख राजस्‍व खसरे में नहीं है । अत: शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता हैं ।

पवन उर्जा को दी गई भूमियाँ

6. ( क्र. 61 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेडा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में    किस-किस जिले में पवन उर्जा का काम चल रहा है तथा कितने-कितने पंखों के टॉवर किस-किस कंपनी या राज्‍य शासन या केंद्र शासन के लगे हैं विवरण जिलेवार देते हुये, भविष्‍य में अगले 4 वर्षों में और किस-किस जिले में कितने कार्य की और योजनाएं हैं ? (ख) मध्‍य प्रदेश में अभी तक किस-किस निजी क्षेत्र या कंपनी ने किस-किस जिले में कितनी-कितनी भूमि किस-किस विधान सभा क्षेत्र में किन-किन शर्तों पर मांगी है तथा किस-किस निजी क्षेत्र को कितनी-कितनी भूमि किन-किन शर्तों पर मिल चुकी है ? (ग) पवन उर्जा के लिये जो निजी क्षेत्र व्‍यक्ति या कंपनी या समिति ने भूमि प्राप्‍त की है या मांगी है उनके नाम व उनके संचालकों के नाम दें ? संचालकों के नाम ग्रामवार, सर्वे नंबरवार, क्षेत्रफल वार एवं जिलेवार विवरण दें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश में जिन पवन ऊर्जा परियोजनाओं का काम चल रहा है, उनकी जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । स्‍थापित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है । अगले 4 वर्षों में हाने वाली परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । (ख) शासन की तत्‍समय प्रचलित नीतियाँ- म.प्र. में अपारम्‍परिक स्‍त्रोंतों से विद्युत प्रोत्‍साहन नीति 1994, ऊर्जा नीति-2006 एवं वर्तमान नीति "पवन ऊर्जा नीति-2012" में प्रावधानों के अन्‍तर्गत भूमि उपयोग की अनुमति दिया जाना प्रावधानित है । मांगी गयी व उपयोग हेतु दी गई भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे क्रमश: परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स और प्रपत्र-द अनुसार है । (ग) जिन कम्‍पनियों ने भूमि मांगी है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-इ अनुसार है । इसके अतिरिक्‍त कम्‍पनियों द्वारा प्राप्‍त की गई भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-फ अनुसार है

व्‍यापम परीक्षाओं की जाँच के दौरान गिरफ्तारी व मृत्‍यु

7. ( क्र. 84 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेडा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या व्‍यापम परीक्षाओं में शासन को प्राप्‍त शिकायतें पिछले वर्षों में मिली है । उस संबंध में जाँच के दौरान कितनी गिरफ्तारी किस-किस की हुई तथा कितनी गिरफ्तारी किस-किस की होना बाकी है ? किस-किस विभाग की परीक्षाओं व भर्ती में कितने लोगों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये, विभागवार विवरण देवें ? (ख) व्‍यापम परीक्षाओं की जाँच के दौरान कितने लोगों की प्राकृतिक, आत्‍महत्‍या या संदिग्‍ध परिस्थितियों में मृत्‍यु हुई है ? उनकी संख्‍या नाम तथा पता देवें ।

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) की जानकारी एकत्र की जा रही हैं ।

गौण खनिज का उत्‍खनन 

8. ( क्र. 100 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के विभिन्‍न विकास खण्‍डों में कुल कितने प्रकार के गौण खनिज प्राप्‍त हो रहे हैं ? गौण खनिज उत्‍खनन करने वाली एजेन्‍सी का नाम, पता बतावें ? (ख) वित्‍तीय वर्ष 2013-14 से अब तक कुल कितने राजस्‍व की प्राप्ति हुई है, तथा वर्णित वर्ष में अवैध परिवहन उत्‍खनन के कितनें प्रकरण बने ? अर्थदण्‍ड से कितनी राशि वसूल की गई है ? उक्‍त राशि ग्रामीण विकास में खर्च किया जाना प्रस्‍तावित है ? (ग) अनूपपुर जिले में स्‍वीकृत खदानों की सूची, प्राप्‍त राशि, ठेकेदारों का नाम, पूर्ण विवरण सहित प्रदान करें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला अनूपपुर के विभिन्न विकासखण्डों में गौण खनिज की स्वीकृत खदानों से अभी निम्नानुसार खनिज प्राप्त हो रहे हैं - (1) क्रेशर से निर्मित पत्थर गिट्टी (2) रेत (3) पत्थर (4) मुरूम शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है । (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जिले में मुख्य/गौण खनिजों से प्राप्त खनिज राजस्व की जानकारी एवं अवैध उत्खनन/परिवहन की संख्या, वसूल अर्थदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है । गौण खनिजों से प्राप्त राजस्व का उपयोग किस प्रकार किया जाएगा, इस संबंध में म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में प्रावधान किये गये हैं । म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 56 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है । (ग) अनूपपुर जिले में स्वीकृत खदानों की सूची, ठेकेदारों आदि के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ में दर्शित हैं

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य 

9. ( क्र. 101 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के विकासखण्‍ड अनूपपुर जैतहरी में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य कब से प्रारंभ हुआ है ? कितने ग्रामों में विद्युतीकरण किया जा चुका है तथा कितने ग्राम शेष है ? (ख) क्‍या जिन ग्रामों में विद्युतीकरण किया जा चुका है, वहां विद्युत प्रवाह जारी है ? यदि नहीं, तो कारण क्‍या है ? क्‍या प्राक्‍कलन के अनुसार कार्य हुए है, यदि हाँ, तो पोल पर लगने वाली लोहे की सामग्री तथा ट्रांसफार्मर मानक के अनुसार है ? यदि हाँ, तो क्‍या जैतहरी विकासखण्‍ड के किसी एक ग्राम का भौतिक सत्‍यापन कराया जाएगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला अनूपपुर के विकास खण्‍ड अनूपपुर एवं जैतहरी में 11वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत दिनाँक 18.01.2010 से कार्य प्रारंभ हुआ था । उक्‍त योजनान्‍तर्गत अनूपपुर एवं जैतहरी विकास खण्‍डों के 220 ग्रामों (अनूपपुर विकासखण्‍ड अन्‍तर्गत 80 एवं जैतहरी विकासखण्‍ड अन्‍तर्गत 140) में से कुल 219 ग्रामों (अनूपपुर विकासखण्‍ड अन्‍तर्गत 79 एवं जैतहरी विकासखण्‍ड अन्‍तर्गत 140) के विद्युतीकरण का कार्य किया जा चुका है । अनूपपुर विकासखण्‍ड अन्‍तर्गत शेष 1 ग्राम पेजहाटोला, वन क्षेत्र में आने के कारण एवं वन विभाग की अनुमति लंबित होने के कारण विद्युतीकरण हेतु शेष है जिसे 12वीं पंचवर्षीय योजनान्‍तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में विद्युतीकरण हेतु शामिल किया गया है । (ख) जी हाँ, प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित समस्‍त ग्राम जिनमें विद्युतीकरण किया जा चुका है, में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा है । इन ग्रामों में स्‍वीकृत प्राक्‍कलन के अनुरूप ही कार्य किये गये हैं तथा पोल पर लगने वाली समस्‍त सामग्री तथा ट्रांसफार्मर मानक के अनुरूप हैं । जैतहरी विकासखण्‍ड के विद्युतीकृत सभी ग्रामों का भौतिक सत्‍यापन होने के पश्‍चात ही कार्य पूर्ण किया घोषित किया गया है ।

व्‍यापम द्वारा आयोजित परीक्षाएं

10. ( क्र. 153 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्‍यापम द्वारा पी.एम.टी. 2013 की परीक्षा के बाद यानी जुलाई 2013 के बाद कौन-कौन सी परीक्षा जून 2015 तक आयोजित की गई ? उसमें कितने आवेदक शामिल हुये । परिणाम किस दिनाँक को परीक्षा के कितने दिन बाद घोषित किया गया ?      (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित परीक्षाओं में रोल नंबर आवंटन हेतु कौन से लॉजिक फार्मूले का उपयोग किया गया ? उस फार्मूले का मूल सोर्स क्‍या है ? (ग) 2008 से 2013 की पी.एम.टी. परीक्षाओं में रोल नंबर आवंटन में जो अनियमितताएं हुई, क्‍या वह फार्मूले के कारण हुई या उसे मेन्‍युअल किया गया तथा उन अनियमितताओं को रोकने के लिये किस दिनाँक से क्‍या-क्‍या कदम उठाये गये ? (घ) क्‍या क्राइम ब्रांच इंदौर ने पत्र दिनाँक 13 अगस्‍त, 2013 द्वारा रोल नंबर आवंटन का लॉजिक फार्मूला पूछा तो विभाग के पास मूल सर्वर की बेकअप हार्डडिस्‍क से फार्मूला निकाल कर भेजने की जगह मिस मैच नंबरों की सूची भेजी गयी ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित परीक्षाओं में रोल नंबर का आवंटन रेंडम जनरेशन फंक्‍शन का उपयोग करते हुये किया गया हैं । यह फंक्‍शन कम्‍प्‍यूटर प्रोग्रामिंग भाषाओं एवं डी.बी.एम.एस साफॅटवेयर में पूर्व से ही उपलब्‍ध होता हैं । इसे विभाग स्‍तर से नहीं बनाया गया हैं एवं न ही खरीदा गया हैं । उपलब्‍ध फंक्‍शन का यथावत उपयोग करते रोल नम्‍बर जनरेशन का प्रोगाम तैयार किया गया हैं । (ग) वर्ष 2008 से 2013 की पीएमटी परीक्षाओं में रोल नम्‍बर आवंटन की अनियमितताये फार्मूले के कारण नहीं हुई हैं । अपितु फार्मूले से रोल नम्‍बर आवंटन के उपरांत मैन्‍यूअल रूप से इन्‍हे परिवर्तित किया गया हैं । इस प्रकार की अनियमितता को रोकने के लिये रोल नम्‍बर आवंटन के तत्‍काल पश्‍चात् केन्‍द्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में ही रोल नम्‍बर की हैश कोडेड सीडी तैयार किये जाने की प्रक्रिया/प्रावधान दिनाँक 18.08.2013 को आयोजित ग्रामीण उद्यान विस्‍तार अधिकारी परीक्षा 2013 से प्रारंभ किया गया हैं । (घ) फार्मूला एवं हार्डडिस्‍क उपलब्‍ध नहीं थे, इसलिये तकनीकी विशेषज्ञों से सूची तैयार कर भेजी गई ।

परिशिष्ट  - ''बत्तीस''

पी.एम.टी. 2013 के रोल नंबर में गड़बडी

11. ( क्र. 154 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 2008 से 2013 तक की PMT परीक्षाओं में रोल नम्‍बर का आवंटन एक ही लाजिक फार्मूले से किया गया ? यदि हाँ, तो उस फार्मूले के सोर्स कोड की जानकारी दे तथा इस फार्मूले का उपयोग कब से शुरू हुआ ? किस अधिकारी ने इसकी अनुमति दी ? (ख) क्राइम ब्रान्‍च के पत्र दिनाँक 13.08.2013 में लाजिक फार्मूला पूछा तो उसे नितिन महिन्‍द्रा से पत्र लिखकर क्‍यों   पूछा ? मूल सर्वर को किसी अधिकृत लेब में भेजकर फार्मूला क्‍यों नहीं निकलवाया ? (ग) कम्‍प्‍यूटर एक्‍सपर्ट कमेटी ने 2013 की PMT परीक्षा के रोल नम्‍बर में पहले 30195 मिस मेच किस आधार (Set of Point) से निकाले तथा उसकी जानकारी STF को कितने दिन बाद भेजी गई ? (घ) कम्‍प्‍यूटर एक्‍सपर्ट कमेटी ने 2013 की PMT परीक्षा के रोल नम्‍बर में मिस मेच 876 किस दिनाँक को निकाले, उसका आधार (Set of Point) क्‍या है तथा इसकी सूचना STF को किस पत्र से किस दिनाँक को भेजी गई ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्र की जा रही हैं ।

मदिरा की अवैध दुकानों का संचालन

12. ( क्र. 173 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की नागौद विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत देशी-विदेशी मदिरा की कितनी अधिकृत दुकानें कहाँ-कहाँ पर हैं ? कुल आय कितनी हैं ? (ख) क्‍या देशी-विदेशी मदिरा की अधिकृत दुकानों के अलावा भी विक्रय करने की छूट दी गई ? यदि नहीं तो नागौद विधान सभा क्षेत्र में गांव-गांव पर देशी/विदेशी मदिरा कैसे विक्रय हो रही है ? (ग) सतना जिले में आबकारी मिलकर अवैध दुकानों का संचालन करवा रहे हैं ? क्‍या जिले की विधान सभा क्षेत्र नागौद में संचालित अवैध दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जावेगा ? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों ? (घ) देशी/विदेशी दुकानें जो नियम विरूद्ध चल रही हैं उनके विरूद्ध वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनाँक तक कब-कब किस-किस के द्वारा शिकायतें की गई हैं ? शिकायत वार कार्यवाही वार विवरण दें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है । (ख) जी नहीं । देशी/विदेशी मदिरा की अधिकृत दुकानों के अतिरिक्‍त अन्‍य किसी स्‍थान से मदिरा का विक्रय करने की छूट नहीं दी गई है । नागौद विधानसभा क्षेत्र में गांव-गांव पर देशी/विदेशी मदिरा विक्रय नहीं हो रही है । नागौद विधानसभा क्षेत्र में उपरोक्‍त '''' भाग में वर्णित देशी मदिरा की 06 तथा विदेशी मदिरा की 04 दुकानों के अतिरिक्‍त अन्‍य किसी स्‍थान से अधिकृत रूप से मदिरा का विक्रय नहीं किया जा रहा है । विधानसभा क्षेत्र नागौद में अवैध मदिरा के निर्माण, धारण एवं विक्रय की शिकायतें/सूचना प्राप्‍त होने पर तत्‍परतापूर्वक कार्यवाही की जाकर, पंजीबद्ध किये गये प्रकरण सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते है । आबकारी विभाग सतना द्वारा दिनाँक 01.04.2014 से दिनाँक 31.03.2015 तक तथा दिनाँक 01.04.2015 से दिनाँक 30.06.2015 तक की अवधि में क्रमश: 108 एवं 31 न्‍यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है । (ग) जी नहीं । यह कहना सही नहीं है कि सतना जिले में आबकारी विभाग द्वारा मिलकर अवैध मदिरा दुकानों का संचालन कराया जा रहा है । सतना जिले में मदिरा का विक्रय केवल शासन द्वारा स्‍वीकृत लायसेंसी दुकानों से ही किया जा रहा है । विधानसभा क्षेत्र नागौद में अवैध मदिरा के निर्माण, धारण एवं विक्रय की शिकायतें/ सूचना प्राप्‍त होने पर आबकारी विभाग में पदस्‍थ कार्यपालिक अमले द्वारा तत्‍परतापूर्वक प्रतिबंधात्‍मक कार्यवाही की जाती है । (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार है

जलाशयों की भण्‍डारण क्षमता एवं सिंचाई एरिया 

13. ( क्र. 180 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत कौन-कौन से जलाशय विभाग के अधीन है ? इन जलाशयों की निर्माण काल के समय कितनी भराव क्षमता एवं कितनी रूपांकित सिंचाई क्षमता थी इनकी नहरें कुल कितनी लम्‍बाई की थी ? जलाशय वार सूची देवें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित जलाशयों की वर्तमान समय में जल भंडारन क्षमता एवं सिंचित ऐरिया सहित सूची देवें ? सिंचित ऐरिया कम होने के क्‍या कारण है एवं इसे बढ़ाने हेतु शासन क्‍या प्रयास कर रहा है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित रूपनाथ जलाशय एवं बहोरीबंद जलाशय के सिंचाई हेतु निर्धारित अंतिम बिन्‍दु (ग्राम) बतलावें एवं क्‍या इन जलाशयों की नहरों का पानी अमोदा हार एवं नांदघाट माईनर तक पहुँच रहा है ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में यदि न तो इसका क्‍या कारण है ? क्‍या इन नहरों की मरम्‍मत कराकर अंतिम बिंदु तक पानी पहुँचाने का प्रयास शासन करेगा ? यदि हाँ तो किस योजना तहत कब तक नहीं तो क्‍यों नहीं ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) हिरण जल संसाधन संभाग, जबलपुर के अंतर्गत निर्मित जलाशयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । रूपांकित क्षेत्र में सिंचाई के लिए परियोजनाओं के संधारण की व्‍यवस्‍था की गई है और आवश्‍यकतानुसार आरआरआर योजना में स्‍वीकृति दी गई है । (ग) रूपनाथ जलाशाय एवं बहोरीबंद जलाशय के कमाण्‍ड क्षेत्र के अंतिम ग्राम क्रमंश: अमोदाहार एवं बचैया है । रूपनाथ जलाशय की नहरों का पानी अंतिम छोर के ग्राम अमोदाहार के पूर्व ग्राम इमलीगढ़ तक तथा बहोरीबंद जलाशय की नहरों का पानी नांदघाट माईनर तक आंशिक रूप से पहुंचता है । (घ) अंतिम छोर तक पानी न पहुंचने का मुख्‍य कारण सैच्‍य क्षेत्र में वृद्धि तथा नहरों से अत्‍याधिक रिसाव होना है । बहोरीबंद जलाशय के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए ईआरएम मद तथा रूपनाथ जलाशय की नहरों के सुधार के लिए भारत-सरकार की आरआरआर योजना के तहत परियोजना प्रस्‍ताव तैयार करने के निर्देश कार्यपालन यंत्री, कटनी को दे दिए गये है ।

आवेदनों के अमान्‍य/निरस्‍त करने की प्रकिया 

14. ( क्र. 194 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत विभाग की कितनी सेवाओं के कितने आवेदन अक्‍टूबर 2012 से प्रश्‍न दिनाँक तक, विभाग को सीधे तौर पर एवं लोक सेवा केन्‍द्रों के माध्‍यम से प्राप्‍त हुये, विवरण केन्‍द्रवार, माहवार बतायें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत आवेदनों के निराकरण में कितने आवेदन किन कारणों से निरस्‍त किये गये ?     (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग की सेवाओं के मांगपत्र अनुसार राशि जमा करने के पश्‍चात् कनेक्‍शन प्राप्‍त करने हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुये एवं कितनों को सेवा प्रदाय की गई, विभाग को सीधे तौर पर प्राप्‍त ऐसे आवेदनों की संख्‍या देवें ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के तहत क्‍या मांगपत्र प्राप्‍त करने के आवेदनों पर ही, आवेदक द्वारा सेवा क्रमांक 1.2 के आवेदन न करने पर भी कनेक्‍शन प्रदाय कर विभागीय आदेशों की अवहेलना की जा रही है ? (ड.) प्रश्‍नांश (क) से (घ) के तहत क्‍या लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना के संदर्भ में विभाग द्वारा सेवा प्रदाय करने हेतु लागू आदेशों का उल्‍लंघन कर, मनमानेपूर्ण तरीके से आवेदनों को निरस्‍त किया गया है, यदि हाँ, तो कारण बतायें ? यदि नहीं, तो क्‍या विभाग के सक्षम अधिकारी यह सत्‍यापित करेंगे कि आवेदनों का निरस्‍तीकरण एवं प्रश्‍नांश (घ) की कार्यवाही नियमानुसार सही है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कटनी जिले में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्‍तर्गत माह अक्‍टूबर-2012 से प्रश्‍न दिनाँक तक लोक सेवा केन्‍द्र के माध्‍यम से कुल 8267 तथा लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के अन्‍तर्गत पूर्व क्षेत्र कंपनी को सीधे तौर पर 122278 आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए हैं, जिनकी वितरण केन्‍द्रवार एवं माहवार संख्‍या संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ में दर्शाये अनुसार है । (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित प्राप्‍त आवेदन पत्रों में से 1712 आवेदन निरस्‍त किए गए हैं जो कुल प्राप्‍त आवेदनों का 1.31 प्रतिशत है । निरस्‍त किये गये आवेदनों की संख्‍या एवं निरस्‍त करने के कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब में दर्शाये अनुसार है । (ग) प्रश्‍नांश (क) के सन्‍दर्भ में विभाग की सेवाओं के मांग पत्र अनुसार राशि जमा करने के पश्‍चात् कनेक्‍शन प्राप्‍त करने हेतु अलग से आवेदन पत्र देने का प्रावधान नहीं है । राशि जमा करने के उपरांत आवेदक के परिसर में नियमानुसार कनेक्‍शन प्रदाय किये जाते हैं । अत: सीधे तौर पर प्राप्‍त ऐसे आवेदनों की संख्‍या निरंक है । (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में मांग पत्र की राशि जमा करने के उपरांत अलग से आवेदन करने का प्रावधान नहीं है । राशि जमा करने के उपरांत आवेदक को नियमानुसार कनेक्‍शन प्रदान किया जाता है, अत: विभागीय आदेशों की अवहेलना किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता । (ड.) प्रश्‍न (क) से (घ) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सेवा प्रदान करने हेतु लागू आदेशों का उल्‍लंघन नहीं किया गया है । नियमानुसार ही आवेदनों का निरस्‍तीकरण एवं प्रश्‍नांश (घ) की कार्यवाही की गई है, जिसका सत्‍यापन संबंधित सक्षम पदाभिहित अधिकारियों द्वारा किया गया है ।

परिशिष्ट ''तैंतीस''

सूचना के अधिकार अधिनियम का उल्‍लंघन 

15. ( क्र. 195 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. राज्‍य सूचना आयोग द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्‍त शिकायतों एवं द्वितीय अपील आवेदनों के प्रकरणों में पारित आदेशों एवं आयोग से संबंधित जानकारियों को आयोग की वेबसाइट पर उपलब्‍ध रखा गया है ? यदि हाँ, तो आयोग के गठन से प्रश्‍न दिनाँक तक पारित समस्‍त आदेशों को वेबसाइट पर दर्ज किया गया है एवं आयोग की नवीनतम जानकारियों को लगातार अपडेट किया जाता है, यदि नहीं, तो क्‍यों ? क्‍या यह अधिनियम की धारा 04 का उल्‍लंघन नहीं है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या इस प्रक्रिया में सुधार कर, आयोग द्वारा पारित समस्‍त आदेशों एवं आयोग संबंधी नवीनतम जानकारियों को नियमित एवं आवश्‍यक तौर पर वेबसाइट पर दर्ज कराया जायेगा, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्‍यों ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पारित आदेश वेबसाईड पर नहीं रखे गये है । आयोग से संबंधित जानकारी वेबसाईड पर प्रदर्शित है । नवीन जानकारियों को एक अंतराल पश्चात अपडेट किया जाता है । (ख) जी हाँ कराया जायेगा । आयोग की नवीन वेबसाईड बनकर तैयार है । उनका सिक्यूरिटी ऑडिट चल रहा है । ऑडिट समाप्त होते ही वेबसाईट आयोग द्वारा नियत सर्वर पर होस्ट की जावेगी ।

भिण्‍ड जिले के लहार शासकीय महाविद्यालयों में रिक्‍त पदों की पूर्ति 

16. ( क्र. 199 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के शासकीय महाविद्यालय लहार, आलमपुर, बालाजी-मिहोना में स्‍वीकृत पदों में से कौन-कौन से कितने पद कब-कब से रिक्‍त हैं ? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय उच्‍च शिक्षा मंत्रीजी, प्रमुख सचिव, आयुक्‍त उच्‍च शिक्षा को वर्ष 2012-13 से कब-कब पदों की पूर्ति हेतु पत्र लिखे ? प्रत्‍येक पत्र का दिनाँक सहित विवरण दें ? (ग) क्‍या माननीय मंत्री उच्‍च शिक्षा ने प्रश्‍नकर्ता से भेंट के समय माह मई 2015 में उनके निवास पर पदों की पूर्ति का आश्‍वासन दिया था ? यदि हाँ, तो अभी तक पदों की पूर्ति न कर शासकीय महाविद्यालय बालाजी-मिहोना से प्राचार्य एवं क्रीड़ा अधिकारी का स्‍थानांतर करने एवं लहार, आलमपुर महाविद्यालय में पदों की पूर्ति न करने का कारण बतायें ? (घ) क्‍या विगत 5 वर्षों से शासकीय महाविद्यालय लहार, आलमपुर, बालाजी-मिहोना में 70 प्रतिशत पदों को रिक्‍त रख कर छात्रों के भविष्‍य के साथ न्‍याय किया जा रहा है ? यदि नहीं, तो उक्‍त महाविद्यालयों में रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भिण्ड जिले के शासकीय महाविद्यालय लहार, आलमपुर एवं बालाजी-मिहोना में स्वीकृत/रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है । (ख) जानकारी संकलित की जा रही है । (ग) जी हाँ । प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से विज्ञापन दिनाँक 09.07.2014 को जारी हो चुका है, जैसे ही चयनित अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होगी, तो प्राथमिकता से बालाजी मिहोना महाविद्यालय के रिक्त पदों की पूति की जावेगी, प्राचार्य एवं क्रीड़ाधिकारी का स्थानान्तरण सामान्य प्रक्रिया के तहत हुआ है । लहार एवं आलमपुर महाविद्यालय में शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति न होने की स्थिति उल्लेखानुसार स्पष्ट है । (घ) जी नहीं । रिक्त पदों के विरूद्ध व्यवस्थान्तर्गत विषय के अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर छात्र-छात्राओं का अध्यापन कार्य सुचारू है । शेष प्रश्नांश का उत्तर "ग" अनुसार है ।

भिण्‍ड जिले में विधान सभा क्षेत्र विकास योजना एवं विधायक स्‍वैच्‍छा निधि के प्रस्‍तावों पर कार्यवाही

17. ( क्र. 200 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जुलाई 2014 से प्रश्‍न दिनाँक तक प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र विकास योजना एवं विधायक स्‍वैच्‍छा-निधि के प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु कब-कब कलेक्‍टर भिण्‍ड/परियोजना अधिकारी भिण्‍ड को प्रस्‍तुत किये ? (ख) उपरोक्‍त प्रस्‍तुत प्रस्‍तावों को कलेक्‍टर भिण्‍ड द्वारा किस-किस दिनाँक को स्‍वीकृति जारी कर संबंधित ऐजेन्‍सी को कब-कब कितनी-कितनी राशि जारी की गई ? पूर्ण विवरण दें ? (ग) उक्‍त प्रस्‍तावों में से कौन-कौन से कार्य कब पूर्ण किये जा चुके तथा कौन-कौन से कार्य अभी तक प्रारम्‍भ नहीं हुये, कौन-कौन से अपूर्ण हैं ? (घ) मध्‍यप्रदेश शासन योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग भोपाल के पत्र दिनाँक 25.07.2011 में दिये निर्देशानुसार विधायक स्‍वैच्‍छा-निधि के अंतर्गत एक सप्‍ताह के अन्‍दर हितग्राहियों को राशि भुगतान करने का निर्देश है ? यदि हाँ, तो भिण्‍ड जिलें में लगातार शासन के निर्देशों का उल्‍लंघन करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं, तो क्‍यों ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । (घ) जी हाँ । कार्यालय के कर्मचारी/अधिकारी के सेवा निवृत्‍त एवं स्‍थानांतरण होने के कारण विलम्‍ब हुआ है । वर्तमान में सभी हितग्राहियों को भुगतान किया जा चुका है । शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

 

शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज का इंजीनियरिंग कॉलेज में उन्‍नयन हेतु

18. ( क्र. 227 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला, सिवनी नगर में स्थित शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज को इंजीनियरिंग कॉलेज में उन्‍नयन किये जाने हेतु शासन की गाईड लाईन अनुसार क्‍या नीति निर्धारित है ? (ख) क्‍या ए.आई.सी.टी.ई. की गाईड लाईन के अनुसार राज्‍य शासन द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ करने हेतु प्रस्‍ताव भारत सरकार के संविधिक निकाय अखिल भारतीय शिक्षा परिषद को भेजा जाता है ? यदि हाँ, तो राज्‍य शासन द्वारा प्रश्‍न दिनाँक तक प्रदेश के कितने शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों के प्रस्‍ताव भारत शासन को भेजे गये हैं ? महाविद्यालयों के नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें ? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सिवनी पॉलिटेक्निक महाविद्यालय का प्रस्‍ताव भी भेजा गया है ? यदि नहीं, तो क्‍यों ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं । (ख) एवं (ग) जी हॉ । ए.आई.सी.टी.ई. की पॉलि‍टेक्निक महाविद्यालय को इंजीनिय‍रिंग महाविद्यालय में उन्‍नयन करने का गाईडलाईन न होने से, राज्‍य शासन द्वारा कोई भी प्रस्‍ताव एआईसीटीई को वर्तमान शैक्षणिक सत्र में नहीं भेजा गया हैं । शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

सिवनी स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्‍या महा.को जेल भूमि व इमारत का हस्‍तांतरण 

19. ( क्र. 228 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी, जिला सिवनी में स्थित नेताजी सुभाषचन्‍द्र बोस कन्‍या महाविद्यालय पुराने जेल भवन की भूमि पर स्थित है ? क्‍या उक्‍त जेल भवन की भूमि को कन्‍या महाविद्यालय को हस्‍तांतरित किया जा सकता है ? यदि हाँ, तो राज्‍य शासन द्वारा इस संबंध में प्रश्‍न दिनाँक तक क्‍या कार्यवाही की गई ? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में भूमि हस्‍तांतरित हेतु कार्यवाही नहीं की गई है, तो कारण बतावें ? (ग) क्‍या कालेज भवन के विस्‍तार एवं अन्‍य कार्यों हेतु यू.जी.सी. (यूनिवर्सिटी ग्रान्‍ट कमीशन) से आने वाली राशि भूमि हस्‍तांतरण के अभाव में वापस हो जाती है ? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ । भूमि नामांतरण/हस्तांतरण हेतु पत्राचार किया गया है । प्रमुख सचिव, म.प्र.शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय के अर्द्धशासकीय पत्र दिनाँक 02.12.2014 द्वारा प्रमुख सचिव, जेल विभाग को कार्यवाही हेतु लिखा गया है । (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (ग) जी हाँ । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की अनिवार्य शर्त है कि भूमि/भवन पर स्वयं का स्वामित्व होना चाहिए । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।

ई मित्र से जन्‍म, मृत्‍यु प्रमाण पत्र की प्रतियां 

20. ( क्र. 271 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन,  1 जनवरी 2014 के पश्‍चात् किन-किन स्‍थलों पर जन्‍म मृत्‍यु जारी प्रमाण पत्र की प्रतियां ई मित्र से जारी की जा रही  है ? स्‍थल सहित जानकारी दें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) उत्‍तर यदि नहीं है तो क्‍या प्रदेश सरकार आमजन की सुविधा दृष्टिगत जारी प्रमाण पत्रों की ई प्रतियां ई मित्र कियोस्‍क से जारी करने का विचार कर रही है ? यदि हाँ तो कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा, नहीं तो क्‍यों ? (ग) उज्‍जैन संभाग में प्रश्‍न दिनाँक तक कुल कितने जन्‍म मृत्‍यु प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रतियां ई मित्र कियोस्‍क से जारी की गई संख्‍या जिलेवार बतायें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं । (ख) कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है । (ग) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

आबकारी एवं वाणिज्‍य करापवंचको से कर वसूली

21. ( क्र. 274 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन इन्‍दौर संभाग में 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनाँक तक आबकारी एवं वाणिज्‍य करापवंचक के कुल कितने प्रकरण किस-किस व्‍यक्ति व फर्म के विरूद्ध दर्ज किये गये ? स्‍थान व राशि की जानकारी देवें ? (ख) उक्‍त दर्ज प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों में कितनी राशि वसूल कर ली है तथा कितनी वसूलना शेष है ? शेष राशि कब तक वसूल कर ली   जायेगी ? (ग) उज्‍जैन, इंदौर संभाग में वर्तमान में आबकारी व वाणिज्‍य करों के कितने करापवंचक ऐसे हैं जिनके विरूद्ध एक लाख रुपये से अधिक की राशि बकाया है, उक्‍त करापवंचक से अब तक बकाया राशि वसूल न किए जाने के क्‍या कारण हैं ? कब तक बकाया राशि वसूल कर ली जाएगी जानकारी देवें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उज्जैन एवं इंदौर संभाग में 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनाँक तक मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत करापवंचक से संबंधित कोई भी प्रकरण दर्ज नहीं है तथा वाणिज्यिक कर अपवंचन के कुल 181 प्रकरण व्यक्ति व फर्म के विरूद्ध दर्ज किये गये है । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) एवं (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार दर्ज 181 प्रकरणों में कुल राशि रूपये 3187.88 लाख की वसूली कर ली गई है । शेष राशि की वसूली स्क्रूटनी/ब्लाक कर निर्धारण की कार्यवाही जारी है । ब्लाक अवधि के कर निर्धारण पश्चात् ही शेष राशि की वसूली की जावेगी । समयावधि बताना संभव नहीं ।

बकाया विद्युत देयकों की वसूली 

22. ( क्र. 275 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्‍दौर, उज्‍जैन राजस्‍व संभाग में किन-किन विद्युत उपभोक्‍ताओं पर दिनाँक 31.03.2015 की स्थिति में रूपये पॉच लाख एवं उससे अधिक की विद्युत बिलों की ब‍काया राशि है, उपभोक्‍ताओं का नाम, पता बकाया राशि एवं राशि वसूल नहीं होने के कारण सहित सूची देवें ? (ख) क्‍या विद्युत कम्‍पनियों द्वारा आम उपभोक्‍ताओं का मात्र 2 माह का बिल बकाया होने पर विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेद कर देती है ? यदि हाँ, तो करोड़ों का बकाया होने के बाद भी वसूली या विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेद नहीं करने के क्‍या कारण थे ? (ग) क्‍या सरकार बकाया राशि वसूलने का विचार रखती है ? यदि हाँ, तो कब  तक ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) इंदौर एवं उज्‍जैन राजस्‍व संभागों में जिन विद्युत उपभोक्‍ताओं पर दिनाँक 31.03.2015 की स्थिति में रूपये पांच लाख एवं उससे अधिक की विद्युत बिलों की राशि बकाया है, उनकी प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी सहित सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के क्रमश: प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है । (ख) विद्युत बिलों की बकाया राशि वाले उपभोक्‍ताओं को, विद्युत प्रदाय सहिता-2013 के प्रावधानों के अंतर्गत नियत दिनाँक तक भुगतान प्राप्‍त नहीं होने पर, 15 दिवसीय विच्‍छेदन नोटिस जारी किया जाता है एवं नोटिस अवधि में भी बकाया राशि जमा नहीं होने पर विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेदित किया जा सकता है । जन उपयोगी सेवाओं यथा जलप्रदाय कनेक्‍शन एवं शासकीय कनेक्‍शन अथवा जिन पर न्‍यायालयीन आदेशों के कारण विच्‍छेदन नहीं किया जा सकता है, उन्‍हें छोड़कर उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित कनेक्‍शन भी विच्‍छेदित किये गये हैं । बकाया राशि वसूली हेतु विद्युत प्रदाय संहिता के प्रावधानों के अन्‍तर्गत संयोजन/विच्‍छेदन की कार्यवाही की जाती है तथा भू-राजस्‍व वसूली अधिनियम, 1961 के अन्‍तर्गत बकाया राशि वसूली की कार्यवाही की जाती है, किन्‍तु अधिकांश प्रकरणों में उपभोक्‍ता इकाई या तो बी.आई.एफ.आर. में बीमार उद्योग के रूप में पंजीकृत होती है या न्‍यायालयीन प्रकरण चल रहा होता है, या इकाई की परिसंपत्तियां बैंक अथवा वाणिज्‍य कर विभाग अथवा किसी अन्‍य शासकीय विभाग द्वारा अधिग्रहित की हुई होती है । उक्‍त कारणों से बकाया राशि की वसूली नहीं हो पाती है । कई प्रकरणों में बकायादार उपभोक्‍ताओं की परिसंपत्तियां भी उपलब्‍ध नहीं होती है । (ग) जी हाँ । पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बकाया राशि की वसूली एक सतत् प्रक्रिया अन्‍तर्गत की जा रही है, अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है ।

वेस्‍टवीयर पर पुलिया का निर्माण

23. ( क्र. 328 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले की तहसील ब्‍यावरा के झरखेड़ा तालाब के अंतर्गत लाभांवित ग्राम पाडलीमहाराजा के आबादी के निकट से निकले तालाब के वेस्‍टवीयर से निर्मित नाला वृहद् आकार ले चुका है ? उक्‍त वेस्‍टवीयर के कारण ग्राम का निस्‍तारी मार्ग, कृषि रकबा एवं पशु चरागाह का एक मात्र मार्ग बंद हो चुका है एवं इस कारण सम्‍पूर्ण ग्रामवासी उक्‍त वेस्‍टवीयर पर पुलिया निर्माण की मांग जलसंसाधन विभाग से करते आ रहे है ? (ख) यदि हाँ तो मांग के आधार एवं समस्‍या की गंभीरता को देखते हुये क्‍या जलसंसाधन संभाग नरसिंहगढ़ के कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी व्‍दारा मौके का परीक्षण कर पुलिया निर्माण हेतु कार्यादेश जारी करने का आश्‍वासन भी ग्रामवासियों को दे रखा है ? (ग) क्‍या उक्‍त कार्यादेश की प्रक्रिया प्रश्‍न दिनाँक तक लंबित है अथवा विभाग द्वारा किसानों की परेशानी को अनदेखा किया जा रहा है ?         (घ) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन व्‍यापक जनहित में अतिशीघ्र पुलिया निर्माण का कार्य करायेगा ? यदि हाँ, तो कब तक ? यदि नहीं तो क्‍यों ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ । जी हाँ । अधिकारिक तौर पर ऐसा कोई आश्‍वासन दिया जाना प्रतिवेदित नहीं है । (ग) एवं (घ) जी नहीं । कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, नरसिंहगढ़ को आवश्‍यक निर्देश दिये गये होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है । अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है ।

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अपूर्ण/बंद कार्य 

24. ( क्र. 329 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 106 (क्रमांक 5282) दिनाँक 19 मार्च 2015 के उत्‍तर में बताया गया था कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्रातंर्गत 64 ग्रामों एवं 25 मजरे/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य स्‍वीकृत है एवं स्‍वीकृत कार्यों में से 7 ग्रामों एवं 7 मजरे/टोलों के विद्युतीकरण कार्य प्रगति पर है व शेष 57 ग्रामों व 18 मजरें/टोलों में कार्य वर्तमान तक अप्रारंभ है तथा कार्य पूर्ण किये जाने की अवधि 30 जून 2015 निर्धारित की गई है ? यदि हाँ, तो स्‍वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से 7 ग्रामों व 7 मजरे/टोलों में क्‍या-क्‍या कार्य किया गया है एवं उक्‍त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्‍या हैं ? पृथक-पृथक बतावें तथा क्‍या पूर्ण किये जाने की निर्धारित अवधि में निर्माण एजेन्‍सी द्वारा शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा ? यदि नहीं तो क्‍या शासन निर्माण एजेन्‍सी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा ? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक ? (ख) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्‍वीकृत कार्यों की शीघ्र पूर्ण करवाऐगा ? यदि हाँ तो कब तक ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ । स्‍वीकृत कार्यों में से वर्तमान में जिन 7 ग्रामों एवं 7 मजरों/टोलों का कार्य किया जा रहा है, उनका विवरण एवं वर्तमान स्थिति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र अ एवं प्रपत्र ब अनुसार है । कार्य पूर्ण किये जाने की निर्धारित अवधि 21.11.2014 थी । निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण निविदा की शर्तों के अनुरूप ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रस्‍तुत बिलों से रू. 70.40 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्‍टी स्‍वरूप काटी गई है । (ख) ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन शेष कार्यों को दिनाँक 31 दिसम्‍बर 2015 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहें है ।

परिशिष्ट ''चौंतीस''

विद्युत उत्‍पादन हेतु कोयले की आपूर्ति

25. ( क्र. 349 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के पास बिजली उत्‍पादन हेतु कोयले का कितना भंडार था ? माहवार जानकारी देवें ?        (ख) कोयले की आपूर्ति किस दर पर हो रही है ? क्‍या बिजली उत्‍पादन हेतु जरूरत का पूरा कोयला केंद्र सरकार प्रदेश को समय पर प्रदान कर रही है ? (ग) केंद्र सरकार को म.प्र. सरकार का कोयले के भुगतान की कितनी राशि बकाया है ? क्‍या इस राशि पर प्रदेश सरकार को ब्‍याज भी देना पड़ता है ? यदि हाँ, तो कितना प्रतिशत ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्ष 2014-15 में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्‍न ताप विद्युत गृहों में बिजली उत्‍पादन हेतु भंडारित कोयले की माहवार जानकारी निम्‍न तालिका में दर्शाई गई है ।

क्र.

माह

ता‍प विद्युत गृहवार कोयले का माह की अंतिम तिथि की स्थिति में भंडार (लाख मी.टन में)

कुल भंडार

1

अप्रैल-2014

471333

2

मई-2014

336049

3

जून-2014

225093

4

जुलाई-2014

209451

5

अगस्‍त-2014

242825

6

सितम्‍बर-2014

386471

7

अक्‍टूबर-2014

311102

8

नवंबर-2014

214096

9

दिसम्‍बर-2014

268209

10

जनवरी-2015

408144

11

फरवरी-2015

522306

12

मार्च-2015

613531

(ख) वर्ष 2014-15 में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्‍न ताप विद्युत गृहों में प्रदाय किये गये कोयले की औसत दर एवं आवंटित मात्रा के विरूद्ध प्राप्‍त कोयले का प्रतिशत निम्‍न तालिका में दर्शाया गया है ।

क्र.

ताप विद्युत गृह

वर्ष 2014 -15 में कोयले आपूर्ति की औसत दर (रू./ प्रति मी.टन)

वर्ष 2014-15 के आवंटन के विरूद्ध प्राप्‍त कोयले का प्रतिशत

1

अमरकंटक, चचाई

2005

77.83

2

संजयगांधी, बिरसिंहपुर

4010

81.33

3

सतपुड़ा, सारनी (पुरानी इकाईयाँ)

2528

73.10

4

सतपुड़ा, सारनी (विस्‍तारित इकाईयाँ)

34.85

5

श्री सिंगाजी, खंडवा

3440

60.53

शेष आवश्‍यकता की पूर्ति हेतु केन्‍द्र सरकार द्वारा कोयला आयात करने का कोटा निर्धारित किया जाता है । (ग) कोयला का प्रदाय कोयला कंपनियों द्वारा विद्युत उत्‍पादन कंपनी को किया जाता है न कि केन्‍द्र सरकार द्वारा म.प्र.सरकार  को । अत: केन्‍द्र सरकार को म.प्र.सरकार द्वारा कोयले के भुगतान की राशि देय नहीं होती है, अत: बकाया राशि होने तथा ब्‍याज दिए जाने का प्रश्‍न नहीं उठता ।

नर्मदा नदी पर स्थित स्‍थलों पर प्रकाश एवं ध्‍वनि कार्य 

26. ( क्र. 350 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग नर्मदा नदी पर स्थित स्‍थलों पर प्रकाश एवं ध्‍वनि कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है ? यदि हाँ, तो किन-किन स्‍थलों पर ? (ख) यदि नहीं तो किन-किन स्‍थलों पर प्रकाश एवं ध्‍वनि कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है ? इसके हेतु कितने बजट का आवंटन किया गया है ? कब तक यह कार्यक्रम शुरू हो जायेगा ? (ग) क्‍या इस कार्यक्रम हेतु किसी एजेंसी से अनुबंध किया गया है ? यदि हाँ, तो अनुबंध का विवरण उपलब्‍ध कराये ? (घ) क्‍या स्‍थानीय नागरिकों की सहभागिता इस कार्यक्रम हेतु सुनिश्चित की गयी है ? यदि हाँ, तो क्‍या ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं । शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है । (घ) जी हाँ । स्‍थानीय विद्वानों का संबंधित एसईएल शो की स्क्रिप्‍ट चयन हेतु मार्गदर्शन लिया जाता है तथा यथा संभव स्‍थानीय कलाकारों की बाइसओरवर का समावेश किया गया है ।

जल संसाधन विभाग से संबंधित परियोजनाएं 

27. ( क्र. 366 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा में संबंधित विभाग की कौन-कौन सी योजनाऍ, परियोजनाएं चालू हैं, निर्माणाधीन हैं, स्‍वीकृत है या स्‍वीकृति हेतु लंबित   है ? इनकी वर्तमान में क्‍या स्थिति है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित परियोजनाओं की पृथक-पृथक लागत अनुमानित लागत क्‍या है ? लंबित परियोजनाओं की स्‍वीकृति के लिये क्‍या प्रयास किये गये है, किस स्‍तर पर लंबित है ? (ग) किस-किस परियोजनाओं में कितने-कितने ग्रामों की कितनी हैक्‍टर भूमि को सिंचाई मिल सकेगी ? किस परियोजना में डूब क्षेत्र कितना है ? (घ) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कौन सी परियोजना प्रस्‍तावित है या प्रस्‍तावित की जा रही है ? बतावें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) विदिशा जिले में विभाग की निर्माणाधीन, स्‍वीकृत एवं चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों से स्‍वीकृत और निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूर्ण कराना सर्वोच्‍च प्राथमिकता होने के परिपेक्ष्‍य में सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है ।

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में घटिया निर्माण 

28. ( क्र. 367 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विदिशा जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य अत्‍यंत ही घटिया एवं धीमी गति से किया जा रहा है ? कार्यरत कम्‍पनी द्वारा अभी तक किये गये कार्यों एवं भुगतान की जानकारी दें ? (ख) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में किस-किस ग्राम में कार्य पूर्ण हो चुके है, किस-किस ग्राम में कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है, ग्रामवार जानकारी देवें ? (ग) क्‍या कार्यरत ऐजेन्‍सी द्वारा कार्य घटिया एवं विद्युत पोल रोड़ किनारे तथा मात्र मिट्टी में ही गाड़े जा रहे हैं ? जिस कारण अभी से पोल झुकने लगे एवं गिरने लगे हैं ? (घ) क्‍या शासन प्रश्‍नांश (क) में होने वाले घटिया निर्माण कार्य की जाँच किसी वरिष्‍ठ अधिकारियों से करायेगा ? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्‍यों ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विदिशा जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत कार्य की गुणवत्‍ता निर्धारित मानकों के अनुसार सुनिश्‍चित की गई है । ठेकेदार कंपनी द्वारा कार्य में अत्‍याधिक विलंब करने के कारण उसे जारी अवार्ड निरस्‍त कर दिया गया है । उक्‍त ठेकेदार कंपनी द्वारा किये गए कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा ठेकेदार कंपनी को रू 2763.73 लाख का भुगतान किया गया है ।       (ख) बासौदा विधानसभा क्षेत्र में 76 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 64 ग्रामों का कार्य शेष हैं जिनका ग्रामवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के क्रमश: प्रपत्र-ब एवं प्रपत्र-स अनुसार है । (ग) जी नहीं ठेकेदार एजेंसी द्वारा किये गये कार्यों की गुणवत्‍ता की जाँच हेतु तृतीय पक्ष निरीक्षण इकाई मेसर्स बीकोलॉंरी कोलकत्‍ता (भारत सरकार का संस्‍थान) को नियुक्‍त किया गया है । मिट्टी में पोल गाडने के बाद तय मानक अनुसार बोल्‍डर फिलिंग कराई गई है । अमानक स्‍तर के पाये गये कार्यों में सुधार उपरांत ही ऊर्जीकरण किया जाना एवं ठेकेदार को तदुपरांत ही भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया गया है । कतिपय प्रकरणों में प्राकृतिक आपदाओं में झुके हुए खम्‍भों को दुरूस्‍त करवाया गया है । (घ) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में पृथक से जाँच आवश्‍यक नहीं है ।

प्रदेश में ताप विद्युत इकाइयों का वर्ष भर प्रतिदिन औसत लोड एवं विद्युत उत्‍पादन 

29. ( क्र. 386 ) श्री मुकेश नायक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सही है कि वर्ष 2002-2003 में प्रदेश की ताप विद्युत उत्‍पादन क्षमता 2272.5 मेगावॉट थी एवं वर्ष का कुल विद्युत उत्‍पादन 14560 मिलियन यूनिट हुआ था एवं (P L F) 73.24 प्रतिशत था और औसत वर्षवार प्रतिदिन 1662 मेगावॉट बिजली का उत्‍पादन हुआयदि हाँ तो इसी क्रम में मप्रपाजकंलि. के ताप विद्युत गृहो की वर्ष 2013-14 से जून, 2015 तक वित्‍तीय वर्षवार जानकारी प्रश्‍नांश (ख) के प्रोफार्मा अनुसार बतावें ? (ख) क्र.1 वर्ष में स्‍थापित विद्युत उत्‍पादन क्षमता मेगावाट में । क्र.2, कुल उत्‍पादन मिलियन यूनिट में । क्र.3, वर्ष का (P L F) क्र.4, वर्ष में स्‍थापित क्षमता अनुसार औसत वर्षभर में कितने मेगावाट लोड पर इकाईयॉं चलाई जाती जिससे वर्ष में प्राप्‍त मिलियन यूनिट में बताया गया उत्‍पादन प्राप्‍त होता ।    (ग) वर्ष 2002-2003 की तुलना में 2013-14 से जून 2015 तक मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड का औसत लोड कितना कम या अधिक रहा वर्षवार बतावें ? (घ) म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्‍पनी लिमिटेड की सभी ताप एवं जल विद्युत इकाइयों का उत्‍पादन वर्ष 2013-14 से जून, 2015 तक विद्युत गृहवार, माहवार, वर्षवार उत्‍पादन मिलियन यूनिट में बतावें एवं राज्‍य शासन की अन्‍य जल विद्युत उत्‍पादन इकाइयों का इसी क्रम में बतावें साथ ही प्रदेश की मप्रपाजकंलि, के ताप विद्युत गृहों की वार्षिक विशिष्‍ट कोयला खपत प्रतियुनिट वर्ष 2011-2012 से जून, 2015 तक वर्षवार बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) हाँ, यह सही है कि वर्ष 2002-2003 में प्रदेश की ताप विद्युत उत्‍पादन क्षमता 2272.5 मेगावॉट थी एवं वर्ष का कुल विद्युत उत्‍पादन 14560 मिलियन यूनिट एवं PLF/73.14 प्रतिशत (73.24 प्रतिशत नहीं) था और औसत वार्षिक 1662 मेगावॉट बिजली का उत्‍पादन हुआ । मप्रपाजकंलि. के ताप विद्युत गृहों की वर्ष 2013-14 से जून 2015 तक वित्‍तीय वर्षवार जानकारी प्रश्‍नांश (ख) के प्रोफार्मा अनुसार उत्‍तरांश '''' में दर्शाई गई है । (ख) वर्ष 2013-14 से जनू 2015 तक वित्‍तीय वर्षवार स्‍थापित क्षमता, उत्‍पादन, पी.एल.एफ. एवं वर्ष में औसत उत्‍पादन से संबंधित जानकारी निम्‍नानुसार है :-

वित्‍तीय वर्ष

वर्ष में स्‍थापित ताप विद्युत उत्‍पादन क्षमता मेगावॉट में

कुल उत्‍पादन मि.यूनिट में

वर्ष का PLF/ प्रतिशत में

वर्ष में स्‍थापित क्षमता अनुसार, मिलियन यूनिट में प्राप्‍त उत्‍पादन हेतु औसत उत्‍पादन मेगावाट में

2013-14

3720*

16196.40

59.97

1849

2014-15

4320**

16909.30

49.55

1930

2015-16
 (
जून 2015 तक)

4320

3945.80

41.82

1807

* यह उत्‍पादन क्षमता दिनाँक 31.03.2014 की स्थिति में है । उल्‍लेखनीय है कि क्रमश: दिनाँक 18.08.2013 एवं 16.03.2014 को सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी की 250-250 मेगावॉट क्षमता इकाई 10 एवं 11 द्वारा वाणिज्यिक उत्‍पादन प्रारंभ किया गया । दिनाँक 01.02.2014 को श्री सिंगाजी परियोजना की 600 मेगावॉट की इकाई क्रमांक-1 द्वारा वाणिज्यिक उत्‍पादन प्रारंभ किया गया था । ** यह उत्‍पादन क्षमता दिनाँक 31.03.2015 की स्थिति में है । उल्‍लेखनीय है कि दिनाँक 28.12.2014 को श्री सिंगाजी परियोजना की 600 मेगावॉट की इकाई क्रमांक-2 द्वारा वाणिज्यिक उत्‍पादन प्रारंभ किया गया । (ग) वर्ष 2002-03 की तुलना में वर्ष 2013-14 से जून 2015 तक मप्रपाजकंलि. के ताप विद्युत गृहों के औसत लोड के अंतर (कम या अधिक) से संबंधित जानकारी निम्‍नानुसार है :-

वित्‍तीय वर्ष

मप्रपाजकंलि. के ताप विद्युत गृहों का औसत लोड मेगावॉट में

मप्रपाजकंलि. के ताप विद्युत गृहों का वर्ष 2002-03 में औसत लोड 1662 मेगावॉट से अंतर

2013-14

1849

+187

2014-15

1930

+268

2015-16 (जून 2015 तक)

1807

+145

(घ) मप्रपाजकंलि. की ताप एवं जल विद्युत इकाईयों का वर्ष 2013-14 से जून 2015 तक विद्युत गृहवार, माहवार, वर्षवार विद्युत उत्‍पादन मिलियन यूनिट में पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब में दर्शाया गया है । राज्‍य शासन की अन्‍य जल विद्युत इकाईयों का वर्ष 2013-14 से जून 2015 तक विद्युत गृहवार, माहवार, वर्षवार विद्युत उत्‍पादन मिलियन यूनिट में पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र '''' में दर्शाया गया है । मप्रपाजकंलि. के ताप विद्युत गृहों की प्रति यूनिट वार्षिक विशिष्‍ट कोयला खपत से संबंधित जानकारी वर्षवार 2011-12 से जून 2015 तक पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-द में दर्शाए अनुसार है

सिंचाई परियोजनाओं की साध्‍यता 

30. ( क्र. 392 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव में कौन-कौन सी लघु, मध्‍यम सिंचाई परियोजनाओं की साध्‍यता का सर्वे विभाग व्‍दारा करवाया गया है ? (ख) इन परियोजनाओं के अन्‍तर्गत कितनी भूमि डूबने एवं कितनी कृषि भूमि पर सिंचाई होने की संभावना है पृथक-पृथक जानकारी देवें ? (ग) क्‍या इन परियोजनाओं का स्‍वरूप छोटा करने एवं स्‍थान परिवर्तन करने के लिये ग्राम पंचायतों व्‍दारा कोई प्रस्‍ताव विभाग को भेजा गया है ? (घ) क्‍या शासन स्‍तर पर कुछ परियोजनाएं स्‍वीकृत हो गई है, यदि हाँ तो नाम बताएं ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) सिंचाई परियोजनाओं की साध्‍यता के लिए सर्वेक्षण नहीं किया जाता है । प्रारंभिक जानकारी एकत्रित कर साध्‍यता संबंधी जानकारी विभाग की वेबसाईट पर दर्ज की जाने की व्‍यवस्‍था है । ऐसी परियोजनाएं चिन्हित परियोजनाओं की श्रेणी में आती है । प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र की चिन्हित परियोजनाएं निम्‍न तालिका अनुसार है :-

स.क्रं.

लघु सिंचाई योजना का नाम

अनुमानित लागत

 (राशि रू. लाख में)

संभावित डूब क्षेत्र

 (हेक्‍टर में)

प्रस्‍तावित सिंचाई

 (हेक्‍टर में)

1.

आगरदा बैराज

250.00

10.00

200

2.

बंडी बैराज

196.00

9.00

180

3.

भण्‍डारिया बैराज

251.00

11.00

235

4.

जामनेर (कुंदगांव) बैराज

250.00

19.60

225

5.

खैरखेड़ा बैराज

245.00

9.00

225

6.

संदलपुर बैराज

185.00

12.00

175

7.

रतवाय बैराज

181.00

13.00

150

8.

सतगांव बैराज

134.00

9.00

112

9.

काना बैराज

220.00

13.00

225

10.

विक्रमपुर बैराज

132.00

6.60

112

11.

गौरीघाट तालाब

8033.53

263.52

1240

(ग) अभिलेख के अनुसार ग्राम पंचायतों से जल संसाधन विभाग को कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं है । (घ) जी नहीं, प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है ।

फीडर सेपरेशन का कार्य 

31. ( क्र. 395 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के प्रश्‍न दिनाँक तक कौन-कौन से ग्रामों में फीडर सेपरेशन/केबलीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है जिससे 24 घंटे अटल ज्‍योति योजना का लाभ मिल रहा है ? (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में फीडर सेपरेशन/केबलीकरण का कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं किया गया है इसके लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है ? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन से ग्राम है जो विद्युत विहिन है व उसका क्‍या कारण है ? (घ) विद्युत विहिन ग्रामों में शासन/विभाग व्‍दारा कब तक विद्युतीकरण कर दिया जावेगा समयावधि बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र खातेगांव में प्रश्‍न दिनाँक तक 185 ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है जिनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा 173 ग्रामों में केबलीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है । तथापि अटल ज्‍योति अभियान के अंतर्गत खातेगॉव विधानसभा क्षेत्र के समस्‍त ग्रामों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है ।         (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों, जहॉं पर कार्य पूर्ण हो चुके है, में फीडर सेपरेशन एवं केबलीकरण के कार्य निविदा में उल्‍लेखित कार्य पूर्णता तिथि के पश्‍चात पूर्ण किये गये हैं । ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है । समयावधि में कार्य पू्र्ण नहीं करने के लिए ठेकेदार कम्‍पनी मेसर्स नागार्जुन कन्‍सट्रक्‍शन कं.लि. हैदराबाद एवं मेसर्स विजय इलेक्ट्रिकल्‍स लि. हैदराबाद जिम्‍मेदार है । (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत रक्षित वन क्षेत्र होने के कारण ग्राम खिवनी बुजुर्ग अविद्युतीकृत है । प्राप्‍त जानकारी अनुसार वन विभाग द्वारा उक्‍त ग्राम को अन्‍यत्र विस्‍थापित करने की कार्यवाही की जा रही है । खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अन्‍य सभी ग्राम विद्युतीकृत है । (घ) उत्‍तरांश ग के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता ।

देवास जिले में बकाया विद्युत बिल 

32. ( क्र. 396 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूरे गांव का विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेद करने सम्‍बन्‍धी विभाग के क्‍या नियम हैं बतावें ? (ख) क्‍या कुछ उपभोक्‍ताओं की विद्युत देयक बकाया होने से उस ग्राम की बिजली काटी जाने का प्रावधान है ? अगर हां, तो आदेश की छायाप्रति बतावें ? (ग) देवास जिले के ऐसे कितने गांवों में बिजली बिल बकाया होने पर बिजली काटी गई है सूची बतावें ? (घ) क्‍या उपभोक्‍ता का कृषि पम्‍प पर विद्युत बिल बकाया होने पर घरेलू विद्युत कनेक्‍शन काटा जा सकता है यदि हाँ तो जिले में ऐसी कार्यवाही कहाँ-कहाँ की गई है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पूरे गांव का विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेदित करने का कोई नियम नहीं है । तथापि यदि किसी वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध समस्‍त उपभोक्‍ता बकायादार हैं तो ऐसे उपभोक्‍ताओं का विद्युत प्रदाय वितरण ट्रांसफार्मर से बंद करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है । (ख) जी नहीं । (ग) देवास जिले में बिजली का बिल बकाया होने पर किसी भी संपूर्ण गांव की बिजली नहीं काटी गई है । (घ) जी हाँ । तथापि देवास जिले में कृषि पम्‍प कनेक्‍शन पर विद्युत बिल की राशि बकाया होने के कारण कोई भी घरेलू कनेक्‍शन नहीं काटा गया है ।

प्रदेश में कलेक्‍टरों, पुलिस अधीक्षकों के विरूद्ध लम्बित जाँच 

33. ( क्र. 405 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग के विभिन्‍न जिलों मे पदस्‍थ किन-किन कलेक्‍टरों, पुलिस अधीक्षकों के खिलाफ लोकायुक्‍त व आर्थिक अपराध ब्‍यूरों में वर्तमान में जाँच लम्बित है ? (ख) चंबल संभाग के किन-किन कलेक्‍टरों पुलिस अधीक्षकों के विरूद्ध वर्तमान में विभागीय या अन्‍य जाँच चल रही है / लम्बित है नाम-पदस्‍थापना स्‍थल सहित पूर्ण जानकारी दी जावे ? (ग) उक्‍त अधिकारियों के खिलाफ जाँच कितने समय से चल रही है तथा शिकायतों के पूर्ण निराकरण में कितना समय लगेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) चंबल संभाग में पदस्थ किसी भी जिला कलेक्टर अथवा पुलिस अधीक्षक के (ख) विरूद्ध वर्तमान में लोकायुक्त व आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में कोई जाँच एवं लंबित नहीं है, इन अधिकारियों के विरूद्ध कोई विभागीय जाँच/अन्य जाँच भी (ग) प्रचलित नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।

प्रदेश में वायुयान, हेलीकाप्‍टर पर खर्च की गई धनराशि 

34. ( क्र. 406 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में       1 जनवरी 2014 से जून 2015 तक महामहिम, मुख्‍यमंत्री, मंत्री परिषद के सदस्‍यों की हवाई यात्रा पर कितनी धनराशि खर्च की गई ? (ख) वर्तमान में म.प्र. शासन के हवाई बेड़े में कितने वायुयान हेलीकाप्‍टर सम्मिलित है उनमें रख-रखाव, परिचालन पर वर्ष 2012 से 20 जून 2015 तक कितनी राशि वर्षवार खर्च की गई ? (ग) प्रदेश शासन द्वारा 1 जनवरी 2012 से जून 2015 तक किन-किन कंपनियों के निजी वायुयान हेलीकाप्‍टर किराये पर लिये तथा उन्‍हें कितनी राशि का भुगतान वर्षवार किया गया ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रूपये 1, 90, 06, 250/- (रूपये एक करोड़ नब्‍बे लाख छै: हजार दो सौ पचास) (ख) वर्तमान में एक वायुयान एवं तीन हेलीकाप्‍टर सम्मिलित हैं । शेषांश की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है

परिशिष्ट ''पैंतीस''

भिण्‍ड में स्‍थानान्‍तरण नीति का पालन 

35. ( क्र. 424 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन ने जिले के जिले में स्‍थानान्‍तरण करने हेतु वर्ष 2015 में कौन सी नीति निर्धारित की छाया प्रति सहित जानकारी दें ?   (ख) भिण्‍ड जिले में मा.प्रभारी मंत्री महोदय द्वारा 2015 में किसके स्‍थानान्‍तरण हेतु पत्र/नोटशीट/आदेश जारी किया गया और उस संदर्भ में किनको कहाँ पर स्‍थानान्‍तरण किया गया ? (ग) क्‍या जनवरी 14 से 30 जून 2015 तक स्‍थानान्‍तरण की नोटशीट पर मा.प्रभारी मंत्री महोदय का अनुमोदन लिया गया है ? यदि नहीं, तो क्‍यों इसे लिए कौन दोषी है ? भिण्‍ड जिले के किन-किन अधिकारी/कर्मचारी का स्‍थानान्‍तरण हुआ कब भारमुक्‍त किया गया किनको क्यों भारमुक्‍त नहीं किया गया ? (घ) भिण्‍ड जिले के अन्‍तर्गत जनवरी 13 से 30 जून 15 तक किनको निलंबित किया गया, कब आरोप पत्र जारी किए गए, क्‍या दण्‍ड निर्धारित किया गया एवं कब बहाल किया गया ? क्‍या नाजर कलेक्‍टेड को निलंबित से बहाल कर यथास्‍थान पर रखा गया ? यदि हाँ, तो क्‍यों ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र.शासन द्वारा जारी राज्‍य एवं जिला स्‍तर पर अधिकारियों/ कर्मचारियों की स्‍थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है । (ग) जी हाँ । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है । (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है । जी नहीं ।

अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लोगों को खनिज पट्टा दिया जाना

36. ( क्र. 457 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वर्ष 2010 से वर्ष 2013 तक कितने खनिज के पट्टे प्रदाय किये गये हैं, तहसील वार, वर्षवार तथा नामवार पिता सहित सूची उपलब्‍ध करायें ? (ख) क्‍या म.प्र. सरकार ने 1995-96 में यह आदेश प्रसारित किया था कि अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग के लोगों को खनिज पट्टा प्रदाय किया जावेगा ? सतना जिले में प्रश्‍नांश (क) अवधि में तक इन वर्ग के लोगों को पट्टा प्रदाय किया गया या नहीं ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) का उत्‍तर यदि नहीं तो खनिज पट्टा प्रदाय नहीं करने वाले अधिकारी के खिलाफ 1995 के प्रावधानों के अनुसार कितने लोगों को दण्डित किया गया, यदि नहीं तो क्‍यों ? यदि दण्डित करेंगे तो कब तक ?     (घ) क्‍या राज्‍य सरकार प्रश्‍नांश (ग) के परिपालन में कड़ाई से नियमों का पालन कराने हेतु कोई ठोस कदम उठाया जावेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में मुख्‍य खनिज के स्‍वीकृत खनिपट्टों एवं गौण खनिज के उत्‍खनिपट्टों के संबंध में जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ पर है । (ख) मुख्‍य खनिज के खनिपट्टे भारत सरकार द्वारा बनाए गए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 एवं सहपठित खनि रियायत नियम 1960 के नियम के तहत प्रश्‍नाधीन अवधि में स्‍वीकृत किए गए हैं । इस अधिनियम/नियम के संदर्भ में विभाग द्वारा ऐसा कोई आदेश वर्ष 1995-96 में प्रसारित नहीं किया गया है । अपितु दिनाँक 01.04.1996 से अधिसूचित म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 21 में प्रश्‍नाधीन वर्ग के आवेदकों के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, उसकी प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब पर है । प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्‍नाधीन वर्ग के सदस्‍यों को गौण खनिज का उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत नहीं किया गया है ।         (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्‍नाधीन वर्ग के सदस्‍यों के प्राप्‍त आवेदन पत्र में गुण दोषों एवं उपलब्‍ध क्षेत्र के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही संपादित की गई है । शेष का प्रश्‍न उदभुत नहीं होता । (घ) प्रश्‍नांश '''' में दिये गये उत्‍तर से स्‍पष्‍ट है कि नियमानुसार कार्यवाही की गई है ।

परिशिष्ट ''छ्त्तीस''

राहतगढ़ वाटरफाल के लिए स्‍वीकृत योजनाएं 

37. ( क्र. 521 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के राहतगढ़ विकासखंड अंतर्गत राहतगढ़ वाटरफाल के लिये दिनाँक 1 अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2015 तक कितनी और किस-किस प्रकार की योजनायें प्रस्‍तावित एवं स्‍वीकृत की गयी ? (ख) प्रश्‍नांश कंडिका (क) के अंतर्गत स्‍वीकृत योजना के लिये क्‍या कोई टेंडर लगाया गया था एवं क्‍या कोई आवंटन उपलब्‍ध कराया गया था अथवा नहीं ? यदि हाँ तो कब और कितना ? (ग) प्रश्‍नांश कंडिका (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रस्‍तावित एवं स्‍वीकृत कार्य योजना पर कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा ? (घ) यदि नहीं तो क्‍या विभाग के पास राहतगढ़ वाटरफाल के विकास हेतु क्‍या कोई कार्य योजना प्रस्‍तावित अथवा विचाराधीन है ? कार्ययोजना की प्रति उपलब्‍ध करावें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 01 योजना स्वीकृत । ''भारत शासन पयर्टन मंत्रालय'' द्वारा वर्ष 2012-13 में मेगा सर्किट बुन्देलखण्‍ड के अंतर्गत राहतगढ़ वाटरफाल में घाट का उन्नयन एवं पार्किग, पाथवें, जनसुविधा केन्द्र, गजीबो एवं लैण्‍ड स्केपिंग के विकास हेतु स्वीकृति प्रदान की गई । (ख) जी हाँ । रू.128.50 लाख की स्वीकृति दिनाँक 30.03.2013 को प्रदान की गई थी । (ग) कार्य वनक्षेत्र में होने के कारण वन मण्‍डल अधिकारी द्वारा आपत्ति ली गई है अत: कार्य किया जाना संभव नहीं है । (घ) जी नहीं । शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।

अनुकम्‍पा नियुक्तियों के प्रकरणों का निराकरण 

38. ( क्र. 558 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी में प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनाँक तक कितनी अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण लंबित/शेष है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित नियुक्तियां किन-किन कारणों से लंबित है ? (ग) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा नियुक्तियों की पूर्ति हेतु संबंधितों को पत्र व्‍यवहार किये गये थे ? व क्‍या उनके द्वारा प्रतिपूर्ति कर दी गई है ? (घ) यदि हाँ तो प्रतिपूर्ति उपरांत भी नियुक्ति संबंधित प्रकरण शेष है ? तो उनके नाम, पता, विभाग आदि सहित जानकारी देते हुये कब तक उनकी नियुक्तियां कर दी जावेगी ? निश्‍चित समय-सीमा बताई जावे ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) शिवपुरी जिले में प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनाँक तक अनुकंपा नियुक्ति के 05 प्रकरण लंबित हैं । प्रकरण लंबित रहने का कारण संलग्‍न परिशिष्‍ट-एक अनुसार है । (ग) जी हाँ, सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र दिनाँक 09.07.2015 संलग्‍न परिशिष्‍ट-दो अनुसार कलेक्‍टर शिवपुरी को लिखा गया है । (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-एक पर है, जिसमें प्रकरणों के निराकरण की स्थिति दर्शायी गई है ।

परिशिष्ट ''सैंतीस''

करैरा विधान सभा क्षेत्र में विद्युत व्‍यवस्‍था 

39. ( क्र. 559 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्‍न संख्‍या 69 (क्र.2261) दिनाँक 08 जुलाई 2014) के (ड़) भाग में करैरा विधानसभा क्षेत्र 23 में कुल 1175 ट्रान्‍सफार्मर स्‍थापित हैं, उक्‍त में से 1148 ट्रांसफार्मर चालू हैं, एवं 27 ट्रांसफार्मर बंद हैं, बंद ट्रांसफार्मर में से 06 शतप्रतिशत बकाया राशि होने के कारण नहीं बदले गये हैं, एंव 21 ट्रान्‍सफार्मर फैल हुये हैं, जिन्‍हें ठेकेदार ऐजेंसी द्वारा बदले जाना है, उत्‍तर दिया है ? तो क्‍या उल्‍लेखित ट्रान्‍सफार्मर बदले जा चुके हैं व 06 ट्रान्‍सफार्मर बकाया राशि से संबंधित हितग्राहियों से वसूली हेतु संपर्क किया गया है ? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या राशि जमा होकर उन्‍हें बदल दिया गया है ? 21 ट्रान्‍सफार्मर ठेकेदार द्वारा बदल दिये गये हैं ? यदि हाँ, तो अवगत करावें ? यदि नहीं तो कब तक बदल दिये जावेंगे ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ । प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 69 (क्रमांक 2261) के उत्‍तर में दर्शाए गए फीडर विभक्तिकरण योजना में स्‍थापित 21 फेल ट्रांसफार्मरों को संबंधित ठेकेदार द्वारा बदला जा चुका   है । बकाया राशि के कारण बदले जाने हेतु शेष 6 ट्रांसफार्मरों से जुडे सभी उपभोक्‍ताओं को बकाया राशि जमा कराए जाने हेतु प्रेरित किया गया है, जिसके परिणामस्‍वरूप 2 ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने के उपरांत उन्‍हें बदल दिया गया है । (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 21 फेल ट्रांसफार्मरों को संबंधित ठेकेदार द्वारा बदल दिया गया है । बकाया राशि के कारण बदलने हेतु शेष 6 ट्रांसफार्मरों में से 2 ट्रांसफार्मर नियमानुसार बकाया राशि जमा किये जाने के उपरांत बदल दिये गये है तथा 4 ट्रांसफार्मर बदलने शेष है । अत: इन्‍हे बदलने की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है । विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं ब में दर्शाए अनुसार है

परिशिष्ट ''अड़तीस''

दमोह पथरिया बटियागढ़ कालेज में कार्यरत अमला 

40. ( क्र. 571 ) श्री लखन पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय दमोह, पथरिया एवं बटियागढ़ में प्राध्‍यपक/सहायक प्राध्‍यापकों के स्‍वीकृत पद कितने-कितने हैं ?       (ख) स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कितने-कितने पद रिक्‍त हैं ? (ग) रिक्‍त पदों के विरूद्ध संविदा पर व्‍यवस्‍था हेतु अब तक क्‍या कार्यवाही की गई है ? (घ) संविदा पद पर इसी सत्र में कब तक पदस्‍थी प्राध्‍यापकों/सहायक प्राध्‍यापकों के रिक्‍त स्‍थानों पर कर दी जावेगी ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है । (ख) रिक्त पदों की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार ही है । (ग) रिक्त पदों के विरूद्व संविदा की व्यवस्था न होकर वर्तमान व्यवस्थांतर्गत निर्धारित दर पर मानदेय भुगतान पर अध्यापन व्ययवस्था सुचारू बनाये रखने हेतु आवश्यकतानुसार विषय-विशेषज्ञ अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किया जाता है । (घ) रिक्त स्थानों पर इसी सत्र से आवश्यकतानुसार अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किया जावेगा ।

परिशिष्ट ''उनतालीस''

म.प्र. पूर्व क्षे.वि.वि.कं.लि. में कार्यरत मीटर वाचकों को दैनिक वेतन भोगी/संविदा कर्मी बनाये जाने बाबत्

41. ( क्र. 572 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर द्वारा शिक्षित बेरोजगारों से किस अनुबंध के आधार पर कार्य लिया जा रहा है ? (ख) मीटर वाचकों का अनुबंध आधारित ई.पी.एफ. का निर्धारण हुआ है अथवा नहीं ? यदि नहीं, तो श्रम अधिनियम के अनुबंधों के आधार पर क्‍या कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी ? (ग) मीटर वाचकों के भविष्‍य को दृष्टिगत रखते हुये ऊर्जा विभाग के दैनिक वेतनभोगी/संविदा कर्मी के रूप में कार्य पर लेने की क्‍या कोई योजना तैयार की है ? यदि हाँ, तो विस्‍तृत ब्‍यौरा दें ? यदि नहीं, तो क्‍यों ? (घ) मीटर वाचकों का कुशल एवं अकुशल श्रमिक के अनुसार क्‍या म.प्र. पूर्व क्षे.वि.वि.कं. द्वारा दुर्घटना एवं मृत्‍यु से संबंधित कोई योजना है ? यदि नहीं, तो क्‍या यह श्रम अधिनियम का उल्‍लंघन नहीं है ? (ड.) क्‍या यह सही है कि मीटर वाचक के रूप में बीई. डिप्‍लोमा इंजी, आई.टी.आई. एवं गैर इंजी स्‍नातक 12वी के शिक्षित बेरोजगार युवकों को कार्य पर लिया गया है तथा शासन की भविष्‍य में ऐसी कोई योजना है, जिसमें योग्‍यतानुसार इन्‍हें नियमित रूप से कार्य पर लिया जाये ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा मीटर वाचन, बिल वितरण एवं अन्‍य संबंधित कार्य पात्र मीटर वाचक ठेकेदार से पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक 13252 दिनाँक 06.03.2012 द्वारा जारी अनुबंध के आधार पर कराया जा रहा है ।   (ख) जी नहीं । मीटर वाचन व बिल वितरण के कार्य हेतु प्रत्‍येक मीटर वाचक जाब ठेकेदार है न कि श्रमिक, अत: कोई कार्यवाही आवश्‍यक नहीं है । (ग) जी नहीं । वितरण कंपनी की वित्‍तीय स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए यह संभव नहीं है । (घ) जी नहीं । उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता, तथापि सभी मीटर वाचकों को सुझाव दिया गया है कि वे प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना में पंजीयन करावें । (ड.) योग्‍यता के आधार पर पारदर्शी तरीके से मीटर रीडरों का चयन किया जाता है तथा वे जाब-कांट्रेक्‍टर के रूप में कार्य करते हैं । उनके द्वारा किए गए कार्य के आधार पर उन्‍हें भुगतान होता है । मीटर रीडरों को नियमित करने की कोई योजना नहीं है ।

खनिज का अवैध उत्‍खनन

42. ( क्र. 588 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत रेत व पत्‍थर की कितनी खदाने कहाँ-कहाँ हैं, इन्‍हें किन-किन व्‍यक्तियों को कितने समय के लिये लीज/ठेके पर दिया गया, उनके नाम, पते बतावें ? (ख) वर्ष 2012-13 से वर्तमान तक उक्‍त खदानों को लीज/ठेके पर देने से कितनी आय हुई वर्ष/खदानवार बतावें ? (ग) उक्‍त अवधि में उक्‍त खदानों से अवैध उत्‍खनन के कितने प्रकरण बनाये गये इस हेतु दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्‍यों ? (घ) क्‍या यह सच है कि उक्‍त क्षेत्रांतर्गत सभी रेत व पत्‍थर खदानों से विभागीय/चंबल घडि़याल के अमले व खनन माफियाओं की मिलीभगत से कई वर्षों से सीप व पर्वती नदी, रामेश्‍वर घाट, अडवाड़, जलालपुरा, कुहांजापुर यहां तक की चंबल घडि़याल क्षेत्र से भी रेत का व मोतीडूंगरी व आस-पास की नदियों से पत्‍थर का अवैध उत्‍खनन वर्षों से चल रहा है ? (ड.) क्‍या यह भी सच है कि क्षेत्रीय खदानों से प्रतिदिन सैकड़ो ट्रालियां रेत व पत्‍थर खनन माफियाओं द्वारा अवैध रूप से खनन करने के उपरांत उसे विक्रय कर शासन को लाखों रूपये की क्षति पहुंचाई जा रही है ? यदि नहीं, तो क्‍या शासन क्षेत्र की सभी खदानों पर मौके की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा, यदि नहीं, तो क्‍यों ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) श्‍योपुर विधानसभा अंतर्गत रेत खदानों की संख्‍या निरंक है एवं इस क्षेत्र अंतर्गत पत्‍थर की खदानें ठेके पर नहीं अपितु लीज पर स्‍वीकृत हैं । लीजधारियों के नाम, पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ पर है । (ख) श्‍योपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2012-13 से वर्तमान तक लीज पर स्‍वीकृत खदानों से प्राप्‍त खनिज राजस्‍व आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ के कालम-11 पर है । (ग) उक्‍त अवधि में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में स्‍वीकृत लीज क्षेत्रों के बाहर अवैध खनन पाए जाने पर 02 व्‍यक्तियों के विरूद्ध अवैध खनन के प्रकरण बनाए गए हैं व उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब पर है । (घ) यह सही नहीं  है । वस्‍तुस्थिति यह है कि उक्‍त क्षेत्र में विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में अवैध उत्‍खनन/परिवहन के दर्ज किये गये प्रकरणों एवं जमा कराये गये अर्थदण्‍ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स पर है एवं उक्‍त क्षेत्र में अधीक्षक राष्‍ट्रीय चम्‍बल अभ्‍यारण्‍य श्‍योपुर द्वारा विगत तीन वर्षों में दर्ज किये गये वन अपराध प्रकरणों एवं की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द पर है । (ड.) यह सही नहीं है, वस्‍तुस्थिति यह है कि श्‍योपुर विधानसभा क्षेत्र में रेत खदानों की संख्‍या निरंक है । क्षेत्र में रेत सामान्‍यत: राजस्‍थान प्रदेश के सवाईमाधोपुर जिले में स्थित रेत खदान से आती है । श्‍योपुर विधानसभा क्षेत्र में विधिवत लीज पर स्‍वीकृत पत्‍थर खदानों में राज्‍य शासन को खनन से रायल्‍टी राशि भी प्राप्‍त हो रही है । प्रश्‍नांश '' में दिए गए उत्‍तर से स्‍पष्‍ट है कि जाँच कर समय-समय पर अवैध उत्‍खननकर्ताओं / परिवहनकर्ताओं के पाए जाने पर दोषियों को अर्थदण्‍ड करने की कार्यवाही की गई है । स्‍वीकृत खदानों की जाँच कर खदान से बाहर अवैध खनन पाए जाने पर 02 अवैध उत्‍खननकर्ताओं को अर्थदण्‍ड से दण्डित भी किया गया है । अत: शेष का प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता ।

अनुकंपा नियुक्ति के नियम 

43. ( क्र. 589 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों की सेवाकाल में मृत्‍यु होने पर उनके आश्रित सदस्‍यों को अनुकंपा नियुक्ति देने के संबंध में शासन के क्‍या निर्देश है ? (ख) वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक श्‍योपुर जिले में संचालित समस्‍त शासकीय विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के कितने आवेदन किस-किस की ओर से कब-कब प्राप्‍त हुए विभाग वर्षवार बतावें ? (ग) उक्‍त में से कितने आवेदकों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई शेष आवेदन कब से व किन कारणों से किस स्‍तर पर लंबित पड़े हैं ? कब तक इनका निराकरण करके संबंधितों को अनुकंपा नियुक्ति दे दी जावेगी, विभाग/आवेदनवार जानकारी देवें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 3-12/2013/1/3 दिनाँक 29.09.2014 द्वारा जारी नीति की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक पर है । (ख) एवं (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में जिला श्‍योपुर में अनुकंपा नियुक्ति के 34 आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए हैं, उक्‍त 34 में से 12 आवेदकों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है जानकारी परिशिष्‍ट-दो पर पुस्‍तकालय में रखी है । शेष 22 आवेदन पत्रों पर विभिन्‍न स्‍तरों पर कार्यवाही प्रचलित है । लंबित प्रकरणों की विभागवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 पर है

भिण्‍ड जिले के अंतर्गत जन शिकायतों का निराकरण 

44. ( क्र. 595 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मा. मुख्‍यमंत्री महोदय के निर्देश पर आम जनता की सुनवाई हेतु विभिन्‍न स्‍तर की व्‍यवस्‍थाएं, जनसुनवाई, मुख्‍यमंत्री ऑनलाइन आदि सुनिश्चित की जा रही है ? (ख) यदि हाँ तो भिण्‍ड जिला अंतर्गत किन-किन स्‍थानों पर किन-किन विभागों में जनसुनवाई व जन शिकायत निवारण का कार्य किया जा रहा है ? (ग) साथ ही वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनाँक तक भिण्‍ड जिले के किन-किन विकासखण्‍डों के कितने आवेदकों ने मुख्‍यमंत्री ऑनलाइन/जनसुनवाई में शिकायतें की हैं ? (घ) कृपया उपरोक्‍त वर्षों की शिकायतों/आवेदनों के निराकरण/प्रगति/लंबित रहने की सम्‍पूर्ण स्थिति से अवगत करावें ? साथ ही लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण किया जाएगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ । (ख) कलेक्‍टर सभागार कक्ष में समस्‍त विभाग प्रमुखों द्वारा जनसुनवाई व ज‍नशिकायत निवारण का कार्य निर्धारित दिवस में किया जा रहा है । (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है । लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जायेगा । 

परिशिष्ट ''चालीस''

कनिष्‍ट यंत्रियों का प्रभार ऑपरेटरों को सौंपा जाना 

45. ( क्र. 599 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह (बन्ना) : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या श्री राम पाण्‍डेय संभागीय अभियन्‍ता के पद पर पूर्व क्षेत्र वि.वि. कं.लि. उत्‍तर संभाग रीवा में विगत कई वर्षों से पदस्‍थ हैं ? (ख) प्रश्‍न (क) के प्रकाश में क्‍या इनके व्‍दारा कनिष्‍ठ यंत्री का प्रभार ऑपरेटरों को प्रदाय कराया गया है ? यदि हाँ तो नियम विरूद्ध आदेश प्रसारित करने के दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी ? (ग) क्‍या श्री राम पाण्‍डेय संभागीय अभियन्‍ता एवं उनके व्‍दारा पदांकित प्रभारी कनिष्‍ठ यंत्रियों के कार्यों एवं वसूल की गई राशि की जाँच कर उनके विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी ? यदि हाँ तो कब तक ? यदि नहीं तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं । (ख) जी हाँ, वितरण केन्‍द्र जवा में पदस्‍थ कनिष्‍ठ अभियंता के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने एवं विरतण केन्‍द्र नईगढी में कनिष्‍ठ अभियंता का पद रिक्‍त होने के कारण वैकल्पिक व्‍यवस्‍था हेतु परीक्षण सहायक को कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया था । अधीक्षण अभियंता (संचालन एवं संधारण) रीवा के पत्र दिनाँक 16.12.2014 द्वारा श्री राम पाण्डेय को भविष्‍य में उक्‍तानुसार कार्यवाही नहीं किये जाने हेतु हिदायत दी गई है । (ग) श्री राम पांडे कार्यपालन अभियंता एवं उनके द्वारा पदांकित प्रभारी कनिष्‍ठ अभियांताओं के विरूद्ध प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित विषय पर कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है । अत: जाँच एवं दंडात्‍मक कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता ।

सेठ रघुनाथ प्रसाद अशा. महा. हनुमना जिला रीवा को शासनाधीन किया जाना 

46. ( क्र. 600 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह (बन्ना) : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले के हनुमना तहसील में सेठ रघुनाथ प्रसाद अशासकीय महाविद्यालय संचालित है, जहां पर पर्याप्‍त स्‍टाफ एवं भवन उपलब्‍ध हैं ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या इस महाविद्यालय के चेयरमैन व्‍दारा भी लिखित में दिया जा चुका है कि महाविद्यालय को शासनाधीन किया जाये एवं मेरा इस संबंध में कोई हस्‍तक्षेप नहीं रहेगा ? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्‍या उपरोक्‍त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तहसील स्‍तर एवं आदिवासी अंचल में संचालित एक मात्र कॉलेज को शासनाधीन किया जावेगा ? यदि हाँ तो कब तक ? समय सीमा बतावें ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ । (ग) जी नहीं ।

जनसुनवाई में प्राप्‍त शिकायतों पर कार्यवाही

47. ( क्र. 617 ) श्री संजय पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनाँक 02.06.2015 दिन मंगलवार को कलेक्‍टर कटनी की जनसुनवाई में मुरारीलाल साहू ग्राम उँटिन एवं अन्‍य आवेदकों व्‍दारा शिकायत समक्ष में उपस्थित होकर की गई थी ? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ तो क्‍या उक्‍त गंभीर प्रकरण पर जांचोपरांत कार्यवाही की गई है ? नहीं तो क्‍यों ? (ग) प्रश्‍नाधीन प्रकरण में अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई ? (घ) यदि प्रश्‍नाधीन प्रकरण पर कार्यवाही नहीं की गई है तो कौन-कौन दोषी है ? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी ? नहीं तो क्‍यों ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं । (ख) से (घ) प्रश्‍नांश '' (क) '' के प्रकाश में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता । 

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्‍त आवेदन

48. ( क्र. 618 ) श्री संजय पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत कटनी जिले में वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनाँक तक कितने आवेदन प्राप्‍त हुये ? संख्‍या बतलाये ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन व्‍दारा निर्धारित शुल्‍क स्‍टाम्‍प, नगर, राजस्‍व टिकिट लगाकर तथा चालान व्‍दारा एम.पी.टी.सी.-6 के व्‍दारा कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई ? (ग) वर्ष 2010 से प्रश्‍नांश दिनाँक चालान एवं एम.पी.टी.सी.-6 व्‍दारा विहित खाते में राजस्‍व के रूप में राशि जमा की गई ? (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन को समस्‍त स्‍त्रोतों से प्राप्‍त राशि का विवरण दें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक कुल 18, 322 आवेदन पत्र प्राप्त ।      (ख) नानज्यूडिशियल स्टाम्प राशि रू. 31, 690/-, टिकिट से राशि रू. 8, 656/- एवं एम.पी.टी.सी.-06 से राशि रू. 76, 450/-तथा पोस्टल आर्डर से राशि रू. 4, 200/- । (ग) जी हाँ । चालान द्वारा शासन के खाते मे राशि रू. 72, 794/- जमा की   गई । (घ) शासन को समस्त स्‍त्रोतों से प्राप्त राशि 2, 49, 359/-प्राप्त है ।

वर्षा ऋतु पूर्व विद्युत वितरण व्‍यवस्‍था का संधारण

49. ( क्र. 639 ) श्री राजेश सोनकर : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्‍दौर जिले में 2 वर्षों में वर्षा ऋतु पूर्व विद्युत विभाग व्‍दारा मेन्‍टेनेंस हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस विधानसभा क्षेत्र में व्‍यय की गई ? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विद्युत विभाग व्‍दारा हर वर्ष बारिश के पूर्व मेन्‍टेनेंस का कार्य कहाँ-कहाँ पर किया गया ? व इससे कितने कर्मचारी/मजदूरों के व्‍दारा मेन्‍टेनेंस का कार्य कराया गया ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या हर साल बारिश के पूर्व मेन्‍टेनेंस करने के बाद भी लाईट बंद होने की शिकायतें आती है ? यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ पर और कौन-कौन सी समस्‍याओं का निराकरण किया गया ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या यह सच है, कि बारिश के समय लाईट बंद होने के बाद विद्युत विभाग में नागरिकों व्‍दारा फोन लगाये जाने पर शिकायत केन्‍द्रों पर फोन नहीं उठाये जाने की शिकायतें प्राप्‍त हुई थी ? यदि हाँ तो इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है ? तथा दोषियों के खिलाफ क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) इन्‍दौर जिले में विगत दो वर्षों में कुल रू. 217.44 लाख की राशि मेंटेनेंस       (रख रखाव) हेतु व्‍यय की गई जिसका विधानसभावार विवरण निम्‍नानुसार है :-

क्र.

विधानसभा क्षेत्र का नाम

वर्ष 2013-14
 (राशि रू. लाख में)

वर्ष 2014-15
 (राशि रू. लाख में)

1

इन्‍दौर-एक

8.16

9.60

2

इन्‍दौर-दो

9.04

9.44

3

इन्‍दौर-तीन

12.01

13.22

4

इन्‍दौर-चार

16.80

15.60

5

इन्‍दौर-पांच

17.19

18.93

6

राउ

11.18

12.80

7

महू

8.15

9.20

8

सांवेर

14.78

14.91

9

देपालपुर

8.34

8.09

(ख) इन्‍दौर जिले के अन्‍तर्गत सभी विधान सभा क्षेत्रों में बारिश के पूर्व मेंटेनेंस का कार्य किया गया । जिसके तहत् समस्‍त 33 के.व्‍ही.लाईनों, 11 के.व्‍ही.लाईनों, 33/11 के.व्‍ही.विद्युत उपकेन्‍द्रों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों के रख रखाव का कार्य किया गया । प्रतिवर्ष लगभग 438 कर्मचारियों से उक्‍त मेंटेनेंस का कार्य कराया गया, जिनकी विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

विधानसभा क्षेत्र का नाम

प्रति वर्ष कर्मचारी संख्‍या रख-रखाव हेतु

1

इन्‍दौर-एक

40

2

इन्‍दौर-दो

45

3

इन्‍दौर-तीन

43

4

इन्‍दौर-चार

46

5

इन्‍दौर-पांच

48

6

राउ

45

7

महू

39

8

सांवेर

87

9

देपालपुर

45

(ग) जी हाँ । इन्‍दौर जिले में बारिश के पूर्व मेंटेनेंस कार्य के बाद भी तेज हवा चलने एवं अधिक बारिश होने आदि प्राकृतिक कारणों से पेड़ों की टहनियाँ टूटकर लाईन पर गिरने, इंसुलेटर के फाल्‍ट जो कि सामान्‍यत: नहीं देखे जा सकते हैं, में पानी भरने से इंसुलेटर बर्स्‍ट होने आदि जैसी स्थिति के कारण विद्युत व्‍यवधान प्राय: पूरे जिले में अलग-अलग स्‍थानों पर प्रश्‍नाधीन अवधि में समय-समय पर उत्‍पन्‍न हुए, जिनका तत्‍काल निराकरण कर विद्युत प्रदाय सामान्‍य कर दिया गया । (घ) जी नहीं । विद्युत व्‍यवधान होने की स्थिति में सभी उपभोक्‍ताओं द्वारा एक ही समय में टेलीफोन/मोबाईल पर लगातार कॉल लगाए जाने के कारण कुछ उपभोक्‍ताओं के कॉल लंबित रहते हैं, जिससे फोन नहीं लगने की शिकायत होती है । अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा कार्यवाही करने का प्रश्‍न नहीं उठता ।

जल संसाधन संभाग गुना के अन्‍तर्गत किये गये मरम्‍मत एवं निर्माण कार्य

50. ( क्र. 662 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन संभाग गुना के अन्‍तर्गत गत दो वर्षों से प्रश्‍न दिनाँक तक दो लाख से कम या अधिक के निर्माण कार्यों एवं मरम्‍मत कार्य कराकर भुगतान किये हैं ? (ख) क्‍या जल संसाधन विभाग गुना के अन्‍तर्गत गत दो वर्षों में विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को हैण्‍ड रिसीप्‍ट राशि का भुगतान किया है ? यदि हॉं तो विवरण दें तथा क्‍या अन्‍य तकनीकी विभागों में हैण्‍ड रिसीप्‍ट भुगतान बन्‍द कर दिया है ? तो उक्‍त विभाग में कब से बन्‍द होगा जानकारी दें ? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के कार्यों में कोई वित्‍तीय अनियमितता हुई है ? यदि हाँ तो कौन दोषी है ? उसके खिलाफ कब कार्यवाही करेंगे ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । जी नहीं । उक्‍त प्रणाली को बंद किए जाने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है । (ग) वित्‍तीय अनियमितता परिलक्षित नहीं होती है । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है ।

गुना जिले में विभिन्‍न मदों से बने तालाबों के निर्माण में अनियमितता

51. ( क्र. 665 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के ब्‍लॉक गुना एवं ब्‍लॉक बमोरी में वर्ष 2009 से 2014 तक जल संसाधन विभाग द्वारा कितने तालाब, नहरे बनायी या जीर्णोद्धार किया ? कितने तालाब और नहरें प्रस्‍तावित हैं ? विभिन्‍न मदों से बनाये गये सभी तालाबों की वर्तमान में भौतिक सत्‍यापन मूल्‍यांकन सहित नामवार, राशि सहित मूल्‍यांकन सहित बन्‍द या चालू हैं का विवरण दें ? (ख) गुना जिले में केन्‍द्र शासन एवं राज्‍य शासन तथा रोजगार गारन्‍टी योजना एवं अन्‍य सभी मदों से कौन-कौन से तालाब    बनाये ? कितने जीवित हैं, कितने मृत हैं ? क्‍या सभी तालाब प्रस्‍तावित प्राक्‍कलन के अनुसार बनाये थे कि नहीं ऐसे कितने तालाब हैं जो फूट गये एवं उनका कब सुधार होगा ? कारण सहित विवरण दें ? (ग) गुना जिले के गुना एवं बमोरी ब्‍लॉक में वर्ष 2009 से 2014 तक जो तालाब, नहरें विभिन्‍न मदों से बनी हैं उनका भौतिक सत्‍यापन एवं मूल्‍यांकन वरिष्‍ठ अधिकारियों से कराने का प्रावधान है कि नहीं ? यदि है तो कब तक करायेंगे ? मूल्‍यांकन के बिना भुगतान किया है कि नहीं ? अधूरे एवं फूटे तालाबों को पूर्ण कब तक किया जायेगा, जो अनियमितता हुई है उसका दोषी कौन है ?    (घ) गुना जिले के ब्‍लॉक बमोरी एवं गुना में कितने नवीन तालाब एवं नहरे स्‍वीकृति की प्रतीक्षा में पेंडिंग हैं एवं क्‍या नवीन तालाब, डेम बनाने की कोई योजनाएं हैं ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है । (ख) रोजगार गारंटी योजना एवं जिला स्‍तर से स्‍वीकृत कार्यों का पर्यवेक्षण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है । प्रश्‍नांश-'''' के उत्‍तर में प्रपत्र-अ में दर्शाई जल संसाधन विभाग की सभी परियोजनाएं निर्धारित मापदण्‍ड के अनुसार निर्मित होकर जीवित स्थिति में है । (ग) जी हाँ । विभाग के निर्माण कार्यों का सत्‍यापन एवं मूल्‍यांकन समय-समय पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है । मूल्‍यांकन के बिना भुगतान नहीं किया जाता है । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है । (घ) उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों से स्‍वीकृत और निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूर्ण कराना सर्वोच्‍च प्राथमिकता होने के परिप्रेक्ष्‍य में नई सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है ।

परिशिष्ट ''इकतालीस''

 

 

सिंहस्‍थ 2016 हेतु स्‍वीकृत प्रस्‍ताव 

52. ( क्र. 676 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाकुंभ सिंहस्‍थ 2016 को दृष्टिगत रखते हुये प्राचीन एवं पुरातत्‍व महत्‍व की नगरी उज्‍जैन में संस्‍कृति विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्यों के प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हो चुके हैं एवं कौन-कौन से प्रस्‍ताव स्‍वीकृत होना है ? विस्‍तृत जानकारी प्रदान करें ? (ख) स्‍वीकृत प्रस्‍ताव की क्‍या प्रगति है, जानकारी प्रस्‍तुत करें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) जानकारी प्रश्‍नांश अनुसार है ।

मांझी जनजाति के फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी प्राप्‍त करने वालों की जाँच 

53. ( क्र. 682 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग के किन-किन जिले में मांझी जनजाति के लोग निवास करते है ? जिलावार, संख्‍यावार जानकारी देवे ? (ख) रीवा संभाग में मांझी जनजाति के प्रमाण पत्र के आधार पर कितने लोग शासकीय सेवा में नौकरी कर रहे हैं ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में कितने कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच चल रही है ? यदि नहीं तो क्‍यों ? यदि होगी तो कब तक समय सीमा बताएं ?     (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में फर्जी प्रमाण पत्र के उपयोग वाले व्‍यक्ति व लाभ देने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही होगी और कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रहीं हैं ।

रीवा जिले में संचालित जल उपभोक्‍ता संघ को राशि का आवंटन 

54. ( क्र. 685 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्‍न क्रं. 34 (क्र.1293) दिनाँक 8 जुलाई 2014 के द्वारा जिले के अन्‍दर स्‍थापित जे.पी. एसोसिएट्स सीमेंट प्‍लांट, जिला रीवा की जानकारी चाही गयी थी यदि हाँ, तो उत्‍तर क्‍यों नहीं दिया गया है ? (ख) रीवा जिले में कितने जल उपभोक्‍ता संघ संचालित हैं प्रत्‍येक उपयंत्री संघ के अध्‍यक्ष व स्‍टाफ की जानकारी देवे ? प्रत्‍येक उपभोक्‍ता संघ को किन-किन कार्यों हेतु सन् 2012 से 2015 तक कितनी राशि का आवंटन प्रदान किया गया है ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में प्राप्‍त राशि के द्वारा कराये गये कार्यों की सूची व व्‍यय राशि जल उपभोक्‍ता संघवार जानकारी उपलब्‍ध कराएं ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक-1293 का दिया गया उत्‍तर निम्‍नानुसार है:-      ''(क) से (घ) विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा विषयांतर्गत कार्यवाही की स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते   हैं ।'' (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार है

अधूरे निर्माण कार्य का भुगतान 

55. ( क्र. 690 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कहाँ-कहाँ विभाग द्वारा डेम बनाने का कार्य चल रहा है ? कार्य का नाम, स्‍थान, स्‍वीकृत राशि व कार्य की वर्तमान स्थिति सहित बतायें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कितने डेम हैं, जहां कार्य न होने के बाद भी राशि कार्य से अधिक निकाल ली गई हो ? (ग) अगर कार्य अधूरा/बंद होने के बाद भी राशि का आहरण किया गया हो तो विभाग द्वारा ऐसे ठेकेदारों, जवाबदार अधिकारियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) एवं (ग) निरंक । प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है ।

परिशिष्ट ''बयालीस''

छत्रसाल विश्‍वविद्यालय के लिये जमीन का आवंटन 

56. ( क्र. 691 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में छत्रसाल विश्‍वविद्यालय के निर्माण के लिये शासन द्वारा कितनी जमीन सुरक्षित की गई ? जमीन की वर्तमान में क्‍या स्थिति है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में सुरक्षित जमीन के खसरा नं., रकवा, स्‍थान, हल्‍का सहित बतायें ?    (ग) छत्रसाल विश्‍वविद्यालय के निर्माण के लिये कितनी राशि स्‍वीकृत की गई और कब की गई तथा निर्माण कार्य के लिये कुल कितनी राशि की आवश्‍यकता है ? (घ) छत्रसाल विश्‍वविद्यालय का निर्माण कार्य कब से शुरू हो जायेगा ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विश्वविद्यालय के निर्माण हेतु शासन द्वारा 418 एकड़ भूमि आवंटित की गई है । जिसका सीमांकन कार्य पूर्ण हो गया है । (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ग) जी नहीं । शेष प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता । (घ) निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है ।

परिशिष्ट ''तैंतालीस''

अवैध खनिज उत्‍खनन पर कार्यवाही 

57. ( क्र. 709 ) श्री आरिफ अकील : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग में रेत के अवैध उत्‍खनन के प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है ? यदि हाँ तो यह अवगत करावें कि विगत 3 वर्षों में किन-किन वाहन स्‍वामियों के वाहन से रेत का अवैध उत्‍खनन किया जा रहा था और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई ? (ख) क्‍या यह भी सही है कि खनिज का अवैध उत्‍खनन करने के मामले में प्रदेश के कई जिलों में पुलिस, खनिज विभाग व अन्‍य विभागों के शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ मारपीट व गोली चलाने की कार्यवाही की गई है ? (ग) यदि हाँ तो यह अवगत करावें कि प्रदेश के किस-किस जिले में वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनाँक की स्थिति में शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ कहाँ-कहाँ मारपीट हुई तथा कितने लोगों की मृत्‍यु हुई और कितने लोग किस स्‍तर से घायल हुए और दोषियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई, जिलेवार वर्षवार बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) :  (क) जी हाँ । प्रश्‍नाधीन अवधि में भोपाल संभाग के रायसेन, राजगढ, विदिशा में तथा नर्मदापुरम (होशंगाबाद) संभाग के होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले में रेत के अवैध उत्‍खनन के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं । वाहनों से रेत का उत्‍खनन नहीं किया जाता है । अत: शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही नहीं उठता । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है(ग) प्रश्नाधीन अवधि में जिन जिलों में घटनाऐ घटित हुई है, उनसे संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है

सांस्‍कृतिक कार्यक्रम हेतु संस्‍थाओं को राशि का आवंटन 

58. ( क्र. 710 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा समय-समय पर सामाजिक संस्‍थाओं एवं एन.जी.ओ. को सांस्‍कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने हेतु राशि देने का प्रावधान है ? (ख) यदि हाँ तो यह अवगत करावें कि वर्ष 2009 से प्रश्‍न दिनाँक की स्थिति में भोपाल की किन-किन सामाजिक संस्‍थाओं को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई इन सामाजिक संस्‍थाओं के नाम, अध्‍यक्ष एवं संरक्षक के नाम सहित वर्षवार बतावें ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि जिन सामाजिक संस्‍थाओं को राशि प्रदान की गई है उनका आडिट कब-कब कराया गया और इन संस्‍थाओं द्वारा किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की है, का हिसाब कब-कब प्रस्‍तुत किया गया ? यदि नहीं तो क्‍यों ? क्‍या जिन संस्‍थाओं द्वारा हिसाब नहीं दिया गया उनके विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा ? यदि हाँ तो क्‍या व कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है
(ग) भोपाल जिले की संस्‍थाओं को सांस्‍कृतिक आयोजन करने के लिए अनुदान राशि प्रदान की गई है । उन संस्‍थाओं से सी.ए. द्वारा तीन वर्ष का अंकेषण प्रतिवेदन प्राप्‍त करने बाद सांस्‍कृतिक कार्यक्रम आयोजन के लिए अनुदान राशि प्रदाय की गई है । जिन संस्‍थाओं से उपयोगिता प्रमाण पत्र अप्राप्‍त है उन संस्‍थाओं से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्‍त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है । संस्‍थाओं को दिये गये अनुदान राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है

तृतीय समयमान वेतनमान

59. ( क्र. 738 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन ने 30 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके शासकीय सेवकों को तृतीय समयमान वेतनमान भुगतान के आदेश/निर्देश दिये हैं ?       (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित शासनादेश का सागर जिले के शिक्षा विभाग व जल संसाधन विभाग में पालन न करने के संबंध में कौन-कौन अधिकारी उत्‍तरदायी हैं ? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ । (ख) सागर जिले के शिक्षा विभाग के अंतर्गत 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 9 शासकीय सेवकों को संयुक्‍त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग सागर के आदेश क्रमांक स्‍था-4/ समय. वेतन/ सा./ 2015 दिनाँक 9-7-2015 के द्वारा तृतीय समयमान वेतनमान स्‍वीकृति संबंधी आदेश प्रसारित किये गये हैं । जल संसाधन विभाग संभाग क्रमांक एक जिला सागर द्वारा 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कुल 9 कर्मचारियों के तृतीय समयमान वेतनमान के प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मंडल सागर एवं मुख्‍य अभियंता धसान केन कछार जल संसाधन विभाग को पत्र क्रमांक 3409/ स्‍था/ 2014/ 715 दिनाँक 9-11-2014/2-1-2015 को प्रेषित किये गये हैं । शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

स्‍टाप डेम की स्‍वीकृति एवं निर्माण 

60. ( क्र. 739 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2006 से 2008 के मध्‍य जल संसाधन विभाग द्वारा सागर जिले में कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत के स्‍टाप डेम स्‍वीकृत किये गये व निर्माण कराया गया ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में स्‍टाप डेम का स्‍थल, नदी-नाले का नाम, तहसील का नाम, स्‍वीकृत राशि व वर्ष, व्‍यय राशि व कार्यपूर्णता का वर्ष, योजना व मद का नाम, संलग्‍न उपयंत्री, सहायक यंत्री व कार्यपालन यंत्री का नाम, निर्माण एजेंसी का नाम व पता आदि बिन्‍दुओं पर विस्‍तृत जानकारी दें ? (ग) प्रश्‍नांश (क) वर्णित स्‍टाप डेमों का निरीक्षण, मूल्‍यांकन, भौतिक सत्‍यापन कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया था ? निर्मित स्‍टापडेमों की वर्तमान भौतिक स्थिति व जलभराव की स्थिति बतावें ? (घ) क्‍या यह सही है कि प्रश्‍नांश (क) वर्णित अवधि में स्‍वीकृत स्‍टापडेमों के निर्माण में भारी अनियमितता की गई थी और इस संबंध में गंभीर शिकायतें भी शासन को की गई थी किन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं की गई ? क्‍या किसी वरिष्‍ठ अधिकारी से जाँच कराई जावेगी ? नहीं तो क्‍यों ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में सागर जिले में स्‍वीकृत एवं निर्माण कराए गए स्‍टॉपडेम की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है । वर्षाऋतु उपरांत स्‍टॉपडेम में गेट लगाकर पानी रोका जाता   है । वर्तमान में वर्षाऋतु होने से गेट लगाने की स्थिति नहीं आई है । (घ) जी नहीं । अभिलेख के मुताबिक प्रश्‍नाधीन निर्माण कार्य में अनियमितता की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है । शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है ।

परिशिष्ट ''चौवालीस''

जनभागीदारी योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत कार्य 

61. ( क्र. 742 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-142014-15 में कुल कितने कार्य, कितनी-कितनी राशि से कहाँ-कहाँ कराने हेतु जनभागीदारी योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत किये गये ? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य प्रश्‍न दिनाँक तक अपूर्ण है ? कार्यवार अपूर्णता का कारण बतावे ? यह भी बतावें कि कब तक इन अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करा लिया जायेगा ? (ग) प्रश्‍नांश (क) वर्णित पूर्ण कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्‍या है ? उनकी उपयोगिता की जानकारी दें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । (ग) सभी पूर्ण कार्यों की वर्तमान में भौतिक स्थिति संतोषजनक है, एवं आम जनता के उपयोग में आ रहे हैं ।

दतिया जिलान्‍तर्गत संचालित कालेज 

62. ( क्र. 780 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले मे कुल कितने B.Ed., D.Ed. कॉलेज संचालित है । समिति के नामवार/स्‍थानवार/स्‍वीकृत दिनाँकवार जानकारी उपलब्‍ध    कराये । (ख) कंडिका (क) में वर्णित कॉलेजों के संचालन के क्‍या मापदण्‍ड हैं । स्‍वीकृति दिनाँक के कितने समय बाद स्‍वयं का भवन बनाये जाना आवश्‍यक है तथा कितने ऐरिया में निर्माण व कितना क्षेत्र खुला होने संबंधी विभाग के नियम हैं ? (ग) क्‍या एक ही भवन में विद्यालय व कॉलेज संचालित किया जा सकता है अथवा नहीं ? यदि हाँ, तो जिले में ऐसे कितने B.Ed., D.Ed. कॉलेज है, जिनमें कॉलेज व विद्यालय एक साथ संचालित हो रहे हैं ? यदि नहीं, तो भोपाल से एक टीम प्रश्‍नकर्ता की उपस्थिति में बनाकर इसकी जाँच करायी जायेगी ? (घ) B.Ed., D.Ed. कॉलेजों में छात्रों से प्रति वर्ष कितना शुल्‍क लिये जाने के नियम हैं तथा इन कॉलेजों द्वारा छात्र-छात्राओं से कितना शुल्‍क लिया जा रहा है ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दतिया जिले में कुल 13 बी.एड. कालेज संचालित हैं । समिति के नामवार/स्थानवार/स्वीकृत दिनाँकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है । डी.एड. कालेज से सम्बंधित जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग से एकत्रित की जा रही है । (ख) बी.एड. कालेज राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के नियमों के अन्तर्गत संचालित होते हैं । (ग) प्रश्नांश "ख" के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (घ) बी.एड. पाठयक्रम में लिये जाने वाले शुल्क का निर्धारण प्रवेश एंव शुल्क विनियामक समिति द्वारा किया जाता है । सत्र 2015-2016 के शुल्क निर्धारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है । डी.एड. पाठ्यक्रम से सम्बंधित शुल्क की जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग से एकत्रित की जा रही है ।

व्‍यापम द्वारा आयोजित परीक्षाएं एवं आय व्‍यय का विवरण 

63. ( क्र. 787 ) श्री रामनिवास रावत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्‍यापम द्वारा वर्ष 2004 से 2014 तक आयोजित परीक्षाओं की जानकारी दें ? परीक्षा का नाम परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों की संख्‍या, परीक्षा परिणाम की दिनाँक, कुल घोषित पद सहित वर्षवार सूची प्रस्‍तुत करें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) की अवधि में व्‍यापम अध्‍यक्ष, संचालक सहित अधिकारियों के नाम, उनका पद, कार्यावधि सहित जानकारी प्रस्‍तुत करें ? (ग) प्रश्‍नांश (क) की अवधि में व्‍यापम की वर्षवार आय-व्‍यय का विस्‍तृत विवरण देवें तथा बतावें कि प्रश्‍नांकित दिनाँक को कितनी राशि कहाँ-कहाँ किस रूप में जमा है ? (घ) व्‍यापम में कार्यरत अधिकारियो/कर्मचारियों में प्रतिनियुक्ति पर कौन-कौन किस-किस विभाग से कितनी अवधि से कार्यरत है ?

तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्र की जा रही हैं ।

जलाशय निर्माण की स्‍वीकृति 

64. ( क्र. 806 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनाँक तक छिन्‍दवाड़ा जिले में किन-किन जलाशयों/स्‍टाप डेम के निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की गयी है ? स्‍वीकृति पश्‍चात कौन-कौन से जलाशयों का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है ? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने विकासखण्‍ड विछुवा जिला-छिन्‍दवाड़ा में नागरिकों के मांग पर गोनी जाखावाड़ी जलाशय, झामटा जलाशय तुमड़ागढ़ी के आमानाला जलाशय, मझियापार के पाठानाला पर जलाशय, थोटामाल के नजदीक मातामाई जलाशय, चोरबतरी एवं लोहारबतरी के मध्‍य डोलानाला पर जलाशय निर्माण एवं लामडोह जलाशय के निर्माण के संबंध में माननीय जल संसाधन मंत्री महोदय एवं कार्यपालन यंत्री जल संसाधन छिन्‍दवाड़ा को विगत डेढ़ वर्षों में समय-समय पर पत्र प्रेषित कर निर्माण कराये जाने का अनुरोध किया है ? (ग) यदि हाँ तो उक्‍त में से कौन-कौन से जलाशय, स्‍वीकृति हेतु किस स्‍तर पर किसलिए लंबित हैं ? अब तक स्‍वीकृत नहीं होने के क्‍या कारण हैं ? जलाशयवार जानकारी दें ? (घ) कब तक उक्‍त प्रस्‍तावित जलाशयों की स्‍वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा ? जलाशय निर्माण की स्‍वीकृति हेतु प्रत्‍येक स्‍तर पर की जाने वाली कार्यवाही के लिए क्‍या शासन कोई समय सीमा निर्धारित कर तय सीमा में उसका पालन कराने का कोई आदेश देगा यदि नहीं तो क्‍यों ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में कोई स्‍वीकृति प्रदान नहीं की गयी है । प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है । (ख) जी हाँ । (ग) एवं (घ) भदभदा, आमाकुही झामटा, आमानाला, थोटामाल एवं डोलानाला परियोजना की लागत निर्धारित वित्‍तीय मापदण्‍ड रू.2.25 लाख प्रति हे. से अधिक होने से परियोजनाएं असाध्‍य पाई गयी हैं । पाठानाला परियोजना में जल उपलब्‍धता न्‍यून होने से परियोजना तकनीकी आधार पर असाध्‍य पाई गयी है । लामडोह परियोजना की लागत अधिक होने और डूब क्षेत्र में वन भूमि होने के कारण परियोजना असाध्‍य पाई गयी है । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है ।

विद्युत विहीन ग्रामों का विद्युतीकरण 

65. ( क्र. 833 ) श्री संजय शर्मा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्‍ड बेगमगंज एवं सिलवानी में कौन-कौन से ग्राम विद्युतविहीन हैं तथा उनके विद्युतीकरण हेतु विभाग की क्‍या-क्‍या योजना है ? (ख) उक्‍त विकासखण्‍डों में 1 जनवरी 2014 से 20 जून 2015 तक की अवधि में कितने कृषकों के 3 H.P के कनेक्‍शन पर 5H.P तथा 5 H.P के कनेक्‍शन पर 7.5 H.P का बिल दिया गया तथा कितने बिल सुधारे गये ? (ग) उक्‍त विकासखण्‍डों के किन-किन ग्रामों में तीन फैस विद्युत आपूर्ति नहीं है तथा कहाँ-कहाँ खम्‍बा तार टूटे हैं उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई ? (घ) उक्‍त विकासखण्‍डों में कहाँ-कहाँ पर 33/11 विद्युत सब स्‍टेशन स्‍वीकृत करने हेतु विभाग को किन-किनके पत्र प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रायसेन जिले के बेगमगंज विकास खण्‍ड में ग्राम चौका बैरागी एवं सिलवानी विकास खण्‍ड में ग्राम रामगढ अविद्युतीकृत है । वन बाधित होने के कारण नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा इन ग्रामों को सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत किया जाना प्रस्‍तावित है । (ख) बेगमगंज वि‍कास खण्‍ड में प्रश्‍नाधीन अवधि में 3 हा.पा. से 5 हा.पा. तथा 5 हा.पा. से 7.5 हा.पा. की भार वृद्धि का कोई भी बिल जारी नहीं किया गया है तथापि पूर्व में जारी बिलों पर उपभोक्‍ताओं की शिकायत पर जाँच उपरांत सम्‍बद्ध भार में सुधार कर 7.5 हा.पा. से 5 हा.पा. किये गये प्रकरणों की संख्‍या 51 है । सिलवानी विकास खण्‍ड में प्रश्‍नाधीन अवधि में जाँच उपरांत सम्‍बद्ध भार 3 हा.पा. से 5 हा.पा. पाए जाने पर 3 प्रकरणों में भार वृद्धि के देयक दिये गये हैं तथा 5 हा.पा. से 7.5 हा.पा. के भार वृद्धि के प्रकरणों की संख्‍या निरंक है सिलवानी विकासखण्‍ड में उपभोक्‍ताओं की शिकायत पर जाँच उपरांत संबध्‍द भार में सुधार कर 7.5 हा.पा. से 5 हा.पा. किये गये प्रकरणों की संख्‍या 88 है । (ग) बेगमगंज एंव सिलवानी विकासखण्‍डों के अन्‍तर्गत समस्‍त विद्युतीकृत ग्रामों में 3-फेस पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है । प्रश्‍नाधीन अवधि में बेगमगंज विकास खण्‍ड के अन्‍तर्गत आंधी तूफान के कारण क्षतिग्रस्‍त हुए पोलों का ग्रामवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है । उक्‍त सभी क्षतिग्रस्‍त पोलों को प्रश्‍नावधि में ही बदलकर विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया गया था । सिलवानी विकास खण्‍ड के अन्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में लाईन/पोल क्षतिग्रस्‍त होने की कोई जानकारी/शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है । (घ) बेगमगंज एवं सिलवानी विकासखण्‍डों के अन्‍तर्गत 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍थापित किये जाने हेतु श्री रामपाल सिंह माननीय मंत्री राजस्‍व एवं पुर्नवास म.प्र.शासन की कार्यालयीन टीप 284 दिनाँक 08.04.2015 प्राप्‍त हुई है । उक्‍त टीप में बेगमगंज विकासखण्‍ड के अन्‍तर्गत ग्राम चंदोरिया, पड़रियाराजाधार तथा बासादेही एवं सिलवानी विकासखण्‍ड के अन्‍तर्गत ग्राम सालाबर्रू, पड़रियाकला-सियलवाड़ा ग्राम के मध्‍य में, ग्राम खमकुआँ-बिलगवाँ तथा सियरमऊ में विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍वीकृत करने हेतु अनुरोध किया गया है । तकनीकी परीक्षण उपरांत उक्‍त स्‍थलों में से ग्राम सियरमऊ एवं पड़रियाकला-सियलवाड़ा ग्राम के मध्‍य 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का कार्य तकनीकी दृष्टि से साध्‍य पाया गया है । वित्‍तीय उपलब्‍धतानुसार इन कार्यों को आगामी वर्षों की योजनाओं में शामिल किया जा सकेगा ।

परिशिष्ट ''पैंतालीस''

पुलिया निर्माण में अनियमितता 

66. ( क्र. 846 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के विकासखण्‍ड बागली के पिपरी-घाराजी मार्ग पर एन.एच.डी.सी विभाग द्वारा स्‍वीकृत पुलिया की लागत कितनी है ? पुलिया कब स्‍वीकृत हुई ? उक्‍त पुलिया का कार्य कब पूर्ण होना था ? (ख) उक्‍त पुलिया निर्माण कार्य का निरीक्षण कब-कब किस अधिकारी ने किया तथा क्‍या-क्‍या अनियमिततायें पाई तथा उस पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की ? (ग) उक्‍त पुलिया निर्माण कार्य में अनियमितताओं की विभाग को किन-किन माध्‍यमों से शिकायतें कब-कब प्राप्‍त हुई, तथा उन पर आज दिनाँक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई ? (घ) उक्‍त पुलिया निर्माण में की गई अनियमितताओं को कब तक ठीक कर दिया जायेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) देवास जिले के विकासखण्‍ड बागली के पिपरी-धाराजी मार्ग पर एन.एच.डी.सी. द्वारा स्‍वीकृ‍त पुलिया की अनुबंधित लागत 52, 89, 965/- है । पुलिया निर्माण की स्‍वीकृति 01/10/2013 को हुई थी । पुलिया निर्माण कार्य 28/02/2014 को पूर्ण होना था । उक्‍त पुलिया का निर्माण कार्य दिनाँक 02/06/2015 को पूर्ण किया जा चुका है । इस पुलिया का लोकार्पण माननीय विधायक द्वारा दिनाँक 14 जून 2015 को किया गया   है । उक्‍त पुलिया पर ग्रामीणों तथा वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से जारी है । (ख) उक्‍त पुलिया निर्माण कार्य का निरीक्षण एन.एच.डी.सी. के प्रबंधक स्‍तर निम्‍न अधिकारियों द्वारा दर्शाई गई दिनाँक को किया गया:- दिनाँक 27/01/2014 श्री के.एस.पाण्‍डेय, प्रबंधक (सिविल) दिनाँक 30/06/2014, 21/07/2014, 25/09/2014 श्री आर.एस.गरगस्‍त प्रबंधक (सिविल) एवं दिनाँक 30/12/2014, 31/01/2015, 02/06/2015 को श्री शरद जयकर प्रंबधक (सिविल) । पुलिया निर्माण कार्य संबंधित फर्म द्वारा धीमी गति से किये जाने के कारण कार्य में विलंब हुआ, जिस हेतु एन.एच.डी.सी. द्वारा फर्म पर शास्ति आरोपित की गई । इसके अतिरिक्‍त अन्‍य कोई अनियमितता नहीं पाई गई । (ग) उक्‍त पुलिया निर्माण कार्य के संबंध में एन.एच.डी.सी. को किसी भी माध्‍यम से कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है, अत: किसी कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है । (घ) उत्‍तरांश '''' एवं '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है ।

महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किया जाना 

67. ( क्र. 854 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के कितने कार्य कब से अपूर्ण है ? सूची देवें । (ख) इसके लिये जिम्‍मेदार ठेकेदार को कब तक ब्‍लेक लिस्‍टेड कर गांरटी मनी जब्‍त की जायेगी ? समय सीमा बतावें । (ग) उपरोक्‍त अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जाएगें ? समय सीमा बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में 10वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कार्य वर्ष 2012 में पूर्ण हो चुके हैं । 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्‍तर्गत महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में 24 ग्रामों/बस्तियों में सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है । उक्‍त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु कार्यादेश दिनाँक 14.08.2014 को जारी किया गया है । ठेकेदार फर्म द्वारा कार्य आरंभ कर दिया गया है । सर्वे अनुसार प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रस्‍तावित कार्यों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है । (ख) 10वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कार्यपूर्णता प्रतिवेदन की स्‍वीकृति भी ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड से प्राप्‍त हो चुकी है । 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत कार्यों के क्रियान्‍वयन हेतु टर्न-की ठेकेदार से किये गये अनुबंध की अवधि अभी समाप्‍त नहीं हुई है, अत: उसे ब्‍लेक लिस्‍टेड कर गारंटी मनी जप्‍त करने का प्रश्‍न नहीं उठता । (ग) 12वीं पंचवर्षीय योजना के अन्‍तर्गत स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रावधानित 24 ग्रामों/बस्तियों के सघन विद्युतीकरण के कार्य माह अक्‍टूबर, 2016 तक पूर्ण कर लिये जावेंगे ।

परिशिष्ट ''छियालीस''

अवैध खनन के संबंध में 

68. ( क्र. 855 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड़ के विरूद्ध चल रहे अवैध खनन के प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें । (ख) इस प्रकरण का निराकरण कब तक होगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवैध खनन का प्रकरण, न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) महिदपुर में विचाराधीन है । प्रकरण उक्‍त न्‍यायालय में दिनाँक 10.07.2015 को अंतिम तर्क हेतु नियत है ।
(ख) न्‍यायालय में प्रकरण विचाराधीन है, अभी समय सीमा बता पाना संभव नहीं है ।

पारसडोह मध्‍यम सिंचाई परियोजना की स्‍वीकृति 

69. ( क्र. 856 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में पारसडोह मध्‍यम सिंचाई परियोजना की कोई योजना बनाई जाकर सर्वे किया गया है ? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इस योजना को स्‍वीकृत करने की समस्‍त प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है ? (ग) यदि समस्‍त प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तो योजना का कार्य कब से प्रारंभ कर दिया जायेगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, पारसडोह मध्‍यम सिंचाई परियोजना के लिए सर्वेक्षण किया गया  है । (ख) एवं (ग) जी नहीं ।प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है ।

विद्युत विहीन ग्रामों में बिजली व्‍यवस्‍था 

70. ( क्र. 859 ) श्री सज्‍जन सिंह उईके : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घोड़ाडोंगरी में कितने राजस्‍व ग्राम विद्युत विहीन हैं संख्‍या देवें ? (ख) क्‍या वन ग्राम में सोलर ऊर्जा का लाभ दिया गया था ? संख्‍या देवें ? (ग) क्‍या ग्राम सेल्‍दा, बीजादेही के कृषक बिजली न होने से परेशान है ? (घ) क्‍या ग्राम बरजोरपुर (शाहपुर) में उपकेन्‍द्र स्‍थापित हो गया है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) घोडाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र में दो राजस्‍व ग्राम अविद्युतीकृत है ।           (ख) घोडाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र के 6 वन ग्रामों का विद्युतीकरण नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा सोलर ऊर्जा के माध्‍यम से किया जा चुका है । (ग) ग्राम सेलदा में सभी 21 विद्युत उपभोक्‍ताओं पर शतप्रतिशत राशि रू. 1.81 लाख तथा ग्राम बीजादेही के सभी 121 विद्युत उपभोक्‍ताओं पर शतप्रतिशत राशि 7.96 लाख बकाया होने से नियमानुसार बकाया राशि की वसूली करने हेतु कार्यवाही के तहत उक्‍त ग्रामों के वितरण ट्रांसफार्मर क्रमश: दिनाँक 02.10.14 तथा दिनाँक 23.05.15 को हटाये/विच्‍छेदित किये जाने के कारण विद्युत प्रदाय अवरूद्ध है । नियमानुसार बकाया राशि जमा होने के उपरांत ही इन ग्रामों की विद्युत व्‍यवस्‍था बहाल की जा सकेगी । (घ) जी नहीं । ग्राम बरजोरपुर (शाहपुर) में 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र निर्माण का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सम्मिलित है, जिसकी स्‍वीकृति केन्‍द्र शासन से प्रतीक्षित है ।

 

 

 

आदिवासी समाज बड़ा देव हेतु स्‍वीकृति राशि 

71. ( क्र. 860 ) श्री सज्‍जन सिंह उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में आदिवासी गोंड, कोरकू समाज कितनी संख्‍या में है ? जनसंख्‍या अलग-अलग देवें ? (ख) गोड समाज बड़ादेव (महादेव), हेतु संस्‍कृति विभाग से कोई राशि स्‍वीकृत की गई थी ? (ग) आदिवासी संस्‍कृति में छोटा महादेव भोपाली का महत्‍वपूर्ण मंदिर है, उक्‍त स्‍थल के संरक्षण हेतु (म.प्र.) शासन प्रयास करेगा ? (घ) छोटा महादेव, भोपाली को (घोड़ाडोंगरी) मुख्‍य मार्ग से कब तक जोड़ा जायेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनगणना 2011 अनुसार बैतूल जिले की कुल अनुसूचित जनजाति कुल जनसंख्‍या 667018 है । सेन्‍सेक्‍स-2011 अनुसार अनुसूचित जनजाति में गोड एवं कोरकू की पृथक-पृथक जनसंख्‍या प्रकाशित नहीं है । अत: पृथक-पृथक जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं । (ख) एवं (ग) जी नहीं । (घ) ग्रामीण यॉत्रिकी विभाग बैतूल द्वारा अवगत कराया गया कि यह कार्य मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्‍वीकृत होकर कार्य प्रगति पर है । जिसे यथाशीघ्र पूर्ण किया जावेगा ।

मिण्‍डाजी (गोंदी शंकर) एवं हुसैन टेकरी (जावरा) हेतु कार्य योजना 

72. ( क्र. 878 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तहसील जावरा अंतर्गत मिण्‍डाजी (गोंदी शंकर) एवं हुसैन टेकरी (जावरा) अत्‍यंत प्राचीनतम ख्‍याति प्राप्‍त स्‍थल होकर यहां पर हजारों-लाखों पर्यटकों, धर्मालुजनों का आना-जाना विगत कई वर्षों से बड़ी तादाद में जारी है ? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या देश-विदेश के हजारों वृद्धजनों, महिला, पुरुष, बच्‍चों एवं मरीजों का भी आवागमन बड़ी संख्‍या में बना रहता है ? (ग) शासन/विभाग व्‍दारा लगातार पर्यटकों, यात्रियों की सुविधा हेतु क्‍या कोई कार्ययोजना पर विचार हेतु क्षेत्र की जनता की लगातार मांग एवं प्रश्‍नकर्ता व्‍दारा लगातार की जा रही है ? (घ) यदि हाँ तो क्‍या शासन/विभाग व्‍दारा सिंहस्‍थ कार्य योजना अथवा अन्‍य शासन सम्‍बद्ध केन्‍द्र/राज्‍य योजना में सम्मिलित कर समुचित प्रबंधन, रखरखाव, सौंदर्यीकरण हेतु क्‍या किया जा रहा है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ । (घ) वर्तमान में कोई भी कार्य प्रचलन में अथवा प्रस्‍तावित नहीं है ।

आंधी तूफान में अव्‍यवस्थित हुए विद्युत पोल 

73. ( क्र. 890 ) श्री सुन्‍दर लाल तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले में विधानसभा क्षेत्र गुढ़ के अंतर्गत आंधी, तूफान या अन्‍य कारणों से बिजली के पोल टूट टूट कर जमीन में पड़े हैं, उसकी वजह से विद्युत सप्‍लाई बाधित है, फिर भी उपभोक्‍ताओं से बिल लिये जा रहे हैं ? (ख) गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्‍थापित मानक के विपरीत बिजली के तार झूल रहे हैं और वह मानव जीवन या अन्‍य प्राणियों के लिये घातक है ? क्‍या इसका सर्वे विभाग द्वारा कराया गया है ? यदि हाँ, तो कब तक ? नहीं, तो क्‍यों ? कारण दें । (ग) क्‍या कई विद्यालयों में बिजली के तार भवन के ऊपर लगे हुये हैं, जिसमें विद्युत प्रदाय हो रही है और विद्युत मण्‍डल उनको वहां से हटाने में कोई ध्‍यान नहीं दे रहा है ? यदि हाँ, तो दुर्घटना की जवाबदेही किसकी होगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र गुढ़ क्षेत्रान्‍तर्गत विगत माह में तेज आंधी-तूफान के कारण विद्युत लाईन के पोल टूटे हैं, जिन्‍हें बदलने की कार्यवाही जारी है जो माह अगस्‍त 2015 तक पूर्ण कर ली   जावेगी । उक्‍त क्षेत्र से सम्‍बद्ध समस्‍त उपभोक्‍ताओं के परिसर में, वैकल्पिक व्‍यवस्‍था कर, विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से चालू है एवं नियमित रूप से नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं । (ख) उत्‍तरांश '' में उल्‍लेखित अनुसार आंधी, तूफान एवं पोल टूटने से गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के कुछ क्षेत्र में विद्यमान विद्युत लाईन के तारों की उर्ध्‍वाधर एवं क्षैतिज दूरी निर्धारित मानक स्‍तर के अनुरूप नहीं रही हैं, जिन्‍हें चिन्हित कर निर्धारित मानक स्‍तर के अनुरूप पुर्नस्‍थापित करने की कार्यवाही जारी है, जिसे माह अगस्‍त-2015 तक पूर्ण कर लिया जावेगा । (ग) जी नहीं । गुढ़ विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम बढ़वा, ग्राम डढ़वा, ग्राम मिहिया एवं ग्राम अमिलिहा में विद्यमान निम्‍नदाब लाईन के निकट बिना वितरण कंपनी को सूचना दिये शासकीय स्‍कूल का निर्माण कर लिया गया हैं, जिससे विद्युत लाईन की निर्मित भवन से उर्ध्‍वाधर एवं क्षैतिज दूरी निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं रही हैं, प्रकरण प्रकाश में आने पर वर्तमान में सर्वे का कार्य पूर्ण कर प्राक्‍कलन तैयार कर विद्युत वितरण कंपनी के नियमानुसार लाईन शिफ्ट करने की कार्यवाही की जा रही है ।

कृषक अनुदान योजना में लगाये गये विद्युत ट्रान्‍सफार्मर 

74. ( क्र. 893 ) श्री सुन्‍दर लाल तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने किसानों ने कृषक अनुदान याजना के प्रारंभ से पैसा जमा किया और आज तक ट्रांसफार्मर नहीं लगाये गये ? किसानों के द्वारा उपरोक्‍त योजना में राशि जमा करने के बावजूद अभी तक यह ट्रांसफार्मर क्‍यों नहीं लगाये गये ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में समय से ट्रांसफार्मर न लगाने से पैसा खर्च करने के बावजूद किसानों की जो आर्थिक क्षति हुई है, क्‍या उसका मुआवजा सरकार, एम.पी.ई.बी. या अन्‍य संबंधित विभाग क्षतिपूर्ति देंगे ? (ग) किसानों के ट्रांसफार्मर इस योजना के अंतर्गत जल्‍द से जल्‍द कब तक उपलब्‍ध करा दिये जायेंगे ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रीवा जिले में स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन हेतु वर्तमान मे संचालित कृषक अनुदान योजना के अन्‍तर्गत योजना प्रारंभ से दिनाँक 30.06.15 तक 1403 किसानों द्वारा स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन हेतु राशि जमा की गई है । उक्‍त 1403 कृषकों के स्‍थाई पंपों में कार्य के लिये 961 वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का प्रावधान किया गया । रीवा जिले के अंतर्गत दिनाँक 30.06.15 तक 1190 कृषकों के कार्य, 806 वितरण ट्रांसफार्मर लगाकर पूर्ण किये जा चुके  हैं । शेष 213 कृषकों के कार्य जिनमें 155 वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का प्रावधान है, किये जाने शेष हैं । 213 कृषकों के लंबित कार्यों में से 37 कृषकों के कार्य राईट ऑफ वे (आर.ओ.डब्‍ल्‍यू) एवं कृषक द्वारा पृथक से वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने की मांग किये जाने के कारण लम्बित है । इसमें से 01 कृषक द्वारा जमा की गई राशि वापिस ले ली गई है । इस प्रकार 36 कृषकों के कार्य शेष हैं । शेष 176 कृषकों के कार्यों में 131 वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने हैं । उक्‍त योजनांतर्गत किये गये प्रावधानों के अनुसार कृषकों द्वारा राशि जमा किये जाने तथा औपचारिकता पूर्ण किये जाने के पश्‍चात राईट ऑफ वे उपलब्‍ध होने पर 150 दिवस में कार्य पूर्ण किये जाने का प्रावधान है । पहुंच मार्ग उपलब्‍ध न होना, खेत में फसल खडी होना, राईट ऑफ वे की समस्‍या, इत्‍यादि अपरिहार्य कारणों से उक्‍त् कार्य पूर्ण नहीं किये जा सके हैं । (ख) राईट ऑफ वे की समस्‍या एवं आसपास के कृषकों के आपसी सामंजस्‍य के अभाव के कारण कार्य पूर्ण नहीं किये जा सके हैं, अत: क्षतिपूर्ति देने का प्रश्‍न नहीं उठता है । (ग) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित शेष 179 कृषकों के लम्बित कार्यों में 131 वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने के कार्यों को राईट ऑफ वे उपलब्‍ध होने पर माह अक्‍टूबर 2015 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है ।

मुरैना सबलगढ़ मार्ग विद्युत लाइन में पोल शिफ्टिंग में अनियमितता 

75. ( क्र. 899 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 1122 दिनाँक 09.12.2014 में मुरैना, सबलगढ़ मार्ग पर पोल शिफ्टिंग में भ्रष्‍टाचार एवं अनियमितताओं संबंधी प्रश्‍न पर विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि पोल शिफ्टिंग कार्य प्रारंभ नहीं हुये हैं ? (ख) क्‍या अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 1681 दिनाँक 27.02.2015 के उत्‍तरांश में यह जानकारी दी गई कि विधायक प्रतिनिधि के समक्ष 13.02.2015 में जाँच कार्यवाही की गई क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पोल शिफ्टिंग भ्रष्‍टाचार की जाँच हेतु कोई प्रतिनिधि अधिकृत किया गया था ? यदि नहीं, तो इस प्रकार से जाँच कर पोल शिफ्टिंग में हुये लाखों का भ्रष्‍टाचार अनियमितता छिपाकर जाँच अधिकारियों द्वारा दोषियों का पक्ष लेकर उन्‍हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है ? (ग) अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 1681 दिनाँक 27 फरवरी, 2015 के उत्‍तरांश (ख) में कथित जाँच दल द्वारा कार्यादेश/अनुमति के बिना पोल शिफ्टिंग कार्य होना स्‍वीकार किया है ? तो क्‍या पुराना सामान स्‍टोर में जमा हुआ है ? क्‍या यह संभव है कि विभागीय परमिट लिए बिना 11 के.वी. लाईन शिफ्ट हो सकती है ? यदि नहीं, तो विभाग के संज्ञान में मिलीभगत में पोल शिफ्टिंग कार्य चल रहा था ? (घ) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में मुरैना-सबलगढ़ मार्ग विद्युत लाईन पर कब-कब लाईन परमिट जारी किये गये और किस बाबत् ? प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में पोल शिफ्टिंग में भ्रष्‍टाचार/अनियमितता/सदन में असत्‍य जानकारी देने पर म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं. मुरैना के किन-किन अधिकारियों की जवाबदेही है ? नाम एवं पद सहित जानकारी देवें । पूरे प्रकरण में शासन स्‍तर पर कोई जाँच दल गठित किया जावेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ । मध्‍यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा प्रश्‍नाधीन कार्य हेतु स्‍वीकृत प्राक्‍कलनों के विरूद्ध पाँच प्रतिशत सुप‍रविजन चार्ज की राशि जमा नहीं की गई थी । अतएव नियमानुसार कार्यादेश जारी नहीं हुए थे । (ख) जी हाँ । माननीय विधायक से उप महाप्रबंधक संचा/संधा संभाग, मुरैना द्वितीय, श्री एस.पी.दुबे की व्‍यक्तिगत चर्चानुसार प्रश्‍नाधीन प्रकरण की जाँच हेतु श्री सगुन चंद जैन को अधिकृत किया गया था, जिनकी उपस्थिति में जाँच करवाई गई थी । पुन: मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड मुख्‍यालय से मुख्‍य महाप्रबंधक स्‍तर के अधिकारी से जॉच करवायी जा रही है । (ग) जी हाँ । पुराना सामान स्‍टोर में जमा नहीं हुआ है । स्‍वीकृत प्राक्‍कलन में पुरानी अनुपयोगी सामग्री क्षेत्रीय भण्‍डार में वापस करने का प्रावधान है । नियमानुसार विभागीय परमिट लिये बिना 11 के.व्‍ही. लाईन शिफ्ट करना संभव नहीं है । तत्संबंध में सहायक प्रबंधक वितरण केन्‍द्र अलापुर एवं बागचीनी को उनके कार्य क्षेत्र में उल्‍लेखित कार्यों को न रोक पाने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है एवं अवैध रूप से की गई विद्युत लाईन शिफ्टिंग से निकली सामग्री सहित प्रकरण की जाँच हेतु मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेडमुख्‍यालय द्वारा मुख्‍य महाप्रबंधक स्‍तर के अधिकारी से जाँच करवायी जा रही है । (घ) दिनाँक 01.04.2013 से 31.03.2015 तक प्रश्‍नाधीन लाईन पर लिये गए परमिट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है । शासन के निर्देशानुसार उत्‍तरांश '' में दर्शाए अनुसार वर्तमान में जाँच प्रगति पर है । जाँच निष्‍कर्ष उपरांत दोषी पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी ।

लोकायुक्‍त संगठन में पंजीबद्ध प्रकरणों पर कार्यवाही 

76. ( क्र. 901 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनाँक 01.07.2014 को अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 56 के उत्‍तर की कंडिका (क) में यह अवगत कराया गया था कि नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन म.प्र. भोपाल के पत्र दिनाँक 29.07.2013 के संदर्भ में शिवराज पावक, खाद्य निरीक्षक के विरूद्ध संस्थित दो विभागीय जाँच प्रकरणों में जारी किये गये आरोप पत्रों के परीक्षण उपरांत दोनों प्रकरणों में विभागाध्‍यक्ष के आदेश दिनाँक 14.08.2013 द्वारा विभागीय जाँच संस्‍थापित की गई है ? (ख) लोकायुक्‍त में पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक 460/1088/11 के जाँच प्रतिवेदन के अनुसार उक्‍त दोनों विभागीय जांचों में जाँच प्रतिवेदन के किन-किन बिन्‍दुओं को सम्मिलित किया गया है तथा जाँच प्रतिवेदन में उल्‍लेखित साक्षियों में से किन-किन को विभागीय जाँच में साक्षी बनाया गया है ? (ग) क्‍या यह भी सत्‍य है कि लोकायुक्‍त के प्रकरण क्रमांक 88/11 के जाँच प्रतिवेदन दिनाँक 27.02.2013 में उल्‍लेखित कितने तथ्‍यों को विभागीय जाँच में सम्मिलित किया गया है तथा जाँच प्रतिवेदन में उल्‍लेखित किन-किन साक्षियों को विभागीय जाँच में साक्षी बनाया गया है ? यदि हाँ, तो विवरण दें और नहीं, तो क्‍यों ? (घ) क्‍या यह भी सत्‍य है कि प्रकरण क्रमांक 88/11 में लोकायुक्‍त से प्राप्‍त जाँच प्रतिवेदन दिनाँक 27.02.2013 के आधार पर विभागाध्‍यक्ष ने कोई कार्यवाही नहीं की है ? क्‍या इस हेतु दोषी अधिकारी को दण्डित किया जावेगा ? यदि नहीं, तो क्‍यों ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।

राजस्‍व/शुल्‍क की वसूली 

77. ( क्र. 921 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अन्‍तर्गत वाणिज्‍यक कर, विभाग को, कितनी आमदनी कितने लक्ष्‍य के विरूद्ध किस-किस फर्म से पिछले 3 वित्‍तीय वर्षों में प्राप्‍त हुई ? (ख) राजस्‍व वसूली या शासकीय राशि की वसूली किस-किस से कितनी राशि लेना शेष है ? फर्म का नाम, राशि, तिथि के क्रम में बताये ? (ग) विभाग के अन्‍तर्गत कौन-कौन सी फर्म, प्रतिष्‍ठान, कार्यालय पंजीकृत है जो टेक्‍स, शुल्‍क देते है तथा ऐसे कौन है जो पंजीकृत तो है परन्‍तु टेक्‍स नहीं दे रहे हैं ? (घ) क्‍या राजस्‍व/शुल्‍क की वसूली की निगरानी का दायित्‍व जिला कलेक्‍टर का भी होता है ? कलेक्‍टर के आदेशों की अवहेलना हेतु कौन-कौन दोषी है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बालाघाट वृत्‍त में पंजीयत व्‍यवसाईयों से प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ए अनुसार है । किसी भी फर्म का राजस्‍व आय का लक्ष्‍य पृथक-पृथक निर्धारित नहीं होता है । (ख) बालाघाट वृत्‍त से संबंधित 147 बकायादारों से 688.05 लाख की राशि लेना शेष है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-बी अनुसार है । (ग) बालाघाट वृत्‍त में कुल पंजीयत व्‍यवसाईयों की संख्‍या 3086 में से 1113 व्‍यवसायी टैक्‍स का भुगतान कर रहे हैं तथा शेष 1973 पंजीयत व्‍यवसाईयों द्वारा टैक्‍स नहीं दिया जा रहा है । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-सी अनुसार है । (घ) जी नहीं । शेन प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

सोलर उर्जा एवं मीटरिंग प्रणाली बाबत्

78. ( क्र. 928 ) श्री जितू पटवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सोलर एवं पवन उर्जा को बढ़ावा देने के लिये क्‍या-क्‍या कर रही हैं ? (ख) क्‍या प्रदेश सरकार कॉलोनियों में, हाईराईज़ बिल्डिंगों में सौर उर्जा को अनिवार्य कर रही है अथवा इस संबंध में कोई नीति निर्धारित की गई है ? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या नेट मीटरिंग प्रणाली पर सरकार कोई कार्य कर रही है ? इस प्रणाली को कब तक लागू किये जाने की योजना है ? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या प्रदेश में बनने वाली रिन्‍युवल उर्जा हेतु ग्रिड अपग्रेड किये जा रहे है ? यदि हाँ, तो पश्चिम क्षेत्र के किन-किन ग्रिडों पर कितनी क्षमता बढ़ाना प्रस्‍तावित है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍य प्रदेश शासन द्वारा सौर एवं पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये क्रमश: सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति 2012 एवं पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति 2012 लागू की गई है । जिनकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के क्रमश: प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब में है । इन प्रोत्‍साहन नीतियों के अन्‍तर्गत सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना की जा रही है । (ख) जी नहीं । (ग) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा नेट मीटरिंग प्रणाली के प्रारूप विनियमन जारी कर दिए गए है । (घ) जी हाँ । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है

अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही 

79. ( क्र. 931 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम 1996 की धाराओं एवं उपधाराओं के अंतर्गत 1 जनवरी, 2013 से प्रश्‍न दिनाँक तक ग्‍वालियर, चंबल संभाग में जिला खनिज अधिकारियों ने अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए किन-किन पर कितना-कितना जुर्माना राशि के प्रकरण कलेक्‍टरों को प्रस्‍तुत किये ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत अवैध उत्‍खननकर्ताओं पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस अधिनियम के तहत किन-किन धाराओं के अंतर्गत कार्यालयों से की है ? प्रकरणवार/जिलावार जानकारी दें ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तहत कितना-कितना जुर्माना जमा कराया गया ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) :  (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम 1996 नाम का कोई अधिनियम अस्तित्‍व में नहीं है, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । (ख) उत्‍तर प्रश्‍नांश '' में दिए गए उत्‍तर अनुसार है । (ग) उत्‍तर प्रश्‍नांश '' में दिए गए उत्‍तर अनुसार है ।

अमायन सर्किल को नहर से जोड़ने की योजना 

80. ( क्र. 932 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेहगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अमायन सर्कल अंतर्गत सिंचाई के लिए कोई योजना तैयार की जा रही है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत हरसी हाईलेविल परियोजना या चम्‍बल, चम्‍बल कमांड में से अमायन सर्किल को नहर के माध्‍यम से जोड़ने की कोई योजना है ? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण हो जाऐगी ? यदि नहीं, तो क्‍यों ? (ग) हरसी हाईथेनल परियोजना में विश्‍व बैंक वित्‍त पोषक योजना में अमायन सर्किल को भी नहर से जोड़ने की योजना थी ? यदि हाँ, तो कब तक जोड़ दिया जाएगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं । (ख) जी नहीं । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है । (ग) जी नहीं, सिंध परियोजना द्वितीय चरण के अंतर्गत हरसी उच्‍च स्‍तरीय नहर की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति के लिए मैदानी अधिकारियों द्वारा भेजे गये प्रस्‍ताव में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र को शामिल करना प्रस्‍तावित किया गया था । परीक्षण में जल की सीमित उपलब्‍धता के कारण इसे स्‍वीकार योग्‍य नहीं पाया गया । परियोजना में उपलब्‍ध जल पूर्व निर्धारित कमाण्‍ड क्षेत्र के लिए आबद्ध होने से अतिरिक्‍त क्षेत्र जोड़ा जाना संभव नहीं है ।