मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018
सत्र
बुधवार, दिनांक 21 मार्च, 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
लिपिकवर्गीय
कर्मचारियों
को समयमान
वेतनमान का
लाभ
[वित्त]
1. ( *क्र. 4885 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के अधीनस्थ विभागों में पदस्थ सहायक ग्रेड-1, 2 व 3 के कर्मचारियों को पदोन्नति/क्रमोन्नति देने हेतु आदेश प्रसारित किये गए हैं? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को 10, 20 एवं 30 वर्ष में समयमान वेतनमान देने के लिए आदेश/निर्देश जारी किये गए थे? यदि हाँ, तो क्या जिला/जनपद पंचायतें, जो स्थानीय निकाय हैं, के लिपिकीय कर्मचारियों को भी उक्त नियम लागू हैं? यदि लागू हैं तो क्या संबंधित निकाय के नियोक्ताओं द्वारा अपने अधीनस्थ लिपिक कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है? (ग) क्या समय-समय पर पदोन्नति के संबंध में विभाग द्वारा आदेश प्रसारित किये जाते रहे हैं, लेकिन कुछ विभागों द्वारा निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया, जिससे लम्बे समय से कर्मचारी एक ही पद पर पदस्थ हैं एवं इन्हें आर्थिक क्षति हो रही है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) यदि सही है तो संबंधित संस्था के नियोक्ताओं द्वारा अपने अधीनस्थ लिपिकवर्गीय कर्मचारियों को लाभ न देने पर उनके ऊपर कार्यवाही करते हुए विभाग द्वारा जारी आदेश का कड़ाई से पालन करने हेतु निर्देशित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पदोन्नति संबंधी कार्यवाही विभिन्न विभागों के सेवा भर्ती नियमों अनुरूप संबंधित विभाग द्वारा की जाती है। क्रमोन्नति संबंधी आदेश दिनांक 17 मार्च 1999/19.4.1999 को जारी किये गये हैं। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला/जनपद पंचायतों के कर्मचारियों की सेवायें स्थानीय निकाय के अंतर्गत आती हैं। इनकी सेवायें पृथक हैं, जिनके लिए पृथक से निर्णय लिया जाता है। (ग) एवं (घ) न्यायालयीन आदेश से वर्तमान में पदोन्नतियां स्थगित हैं।
सामान्य वर्ग द्वारा आदिवासी वर्ग में विवाह उपरांत प्राप्त होने वाले लाभ
[जनजातीय कार्य]
2. ( *क्र. 4898 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी विभाग में ऐसा कोई नियम है कि सामान्य/पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति द्वारा आदिवासी वर्ग की बच्ची से शादी करने पर आदिवासी वर्ग को मिलने वाले समस्त लाभ प्राप्त होंगे? यदि हाँ, तो नियम निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या आदिवासी बच्ची की सामान्य/पिछड़ा वर्ग जाति में शादी होने पर जमीन/संपत्ति एवं अन्य लाभ मिलेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आदिवासी बच्ची की सामान्य/पिछड़ा वर्ग में शादी होने पर उसे पति को प्राप्त जमीन/सम्पत्ति एवं अन्य लाभ मिलेंगे।
विद्युत वितरण कम्पनियों के माध्यम से विद्युत सब्सिडी
[ऊर्जा]
3. ( *क्र. 4487 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उद्योगों के संवर्द्धन हेतु, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों हेतु, अ.जा, अ.जजा. वर्ग के कल्याण हेतु तथा कृषकों के कल्याण के साथ ही अन्य वर्गों को विद्युत वितरण कम्पनियों के माध्यम से विद्युत सब्सिडी (अनुदान) दी जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नगत उल्लेखित और भी किन्हें किस-किस वर्ग को किन-किन कार्यों हेतु किस-किस प्रकार की कितनी-कितनी सब्सिडी विद्युत संयोजन कार्यों से लेकर विद्युत वितरण तक किस प्रकार दी जाती है? (ग) मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु जारी टैरिफ आदेश के अनुसार विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को किन दरों पर विद्युत प्रदाय की जा रही है? (घ) कृषकों से लेकर उद्योगों एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के साथ ही अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्गों के कल्याण के साथ-साथ अन्य वर्गों के कल्याण हेतु भी किन-किन कार्यों हेतु किस-किस प्रकार से प्रति यूनिट की अंतर राशि एवं विद्युत संयोजन तथा विद्युत उपकरणों पर भी कितना-कितना अनुदान दिया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश में वर्ष 2017-18 में उद्योगों, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अ.जा./अ.ज.जा. श्रेणी के घरेलू उपभोक्ता, अ.जा./अ.ज.जा. श्रेणी के कृषि उपभोक्ता, सामान्य श्रेणी के कृषि उपभोक्ता, सामान्य श्रेणी के घरेलू उपभोक्ता, नगर पालिका/नगर पंचायत के सड़क बत्ती उपभोक्ता आदि को म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग के आदेश क्रमांक 4310, दिनांक 04.07.2017 एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 1-20/2017/अ-तेहत्तर, भोपाल दिनांक 11.10.2017 के अनुसार प्रयोजन के मान से ऊर्जा प्रभार, नियत प्रभार, ईंधन प्रभार, न्यूनतम प्रभार एवं केपेसीटर प्रभार में सब्सिडी का समायोजन किया जा रहा है। उक्त समायोजन उपभोक्ताओं की मासिक खपत अनुसार उनके मासिक बिल में किया जा रहा है। उक्त आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। इसके अतिरिक्त दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्क कनेक्शन प्रदान करने हेतु केन्द्र शासन द्वारा प्रति कनेक्शन रू. 3000/- की राशि सब्सिडी के रूप में दी जा रही है तथा सौभाग्य योजना के अन्तर्गत ''सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना-2011'' में चिन्हित गरीब परिवारों को नि:शुल्क कनेक्शन प्रदान करने हेतु केन्द्र शासन द्वारा रू. 1800/- प्रति कनेक्शन एवं राज्य शासन द्वारा रू. 1200/- प्रति कनेक्शन की सब्सिडी दी जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त जनजातीय कार्य विभाग एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के विद्युत पंप कनेक्शन एवं अन्य विद्युतीकण के कार्य नि:शुल्क कराए जाते हैं। (ग) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु जारी टैरिफ आदेश के अनुसार प्रदेश में विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु लागू विद्युत प्रदाय की दरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'अनुसार है। (घ) विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु प्रति यूनिट की अंतर राशि की सब्सिडी का विवरण उत्तरांश (ख) अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में समाहित है। विद्युत उपकरणों पर कोई अनुदान विद्युत कंपनी द्वारा नहीं दिया जाता है। उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों को नि:शुल्क कनेक्शन प्रदान करने के लिये केन्द्र शासन द्वारा रू. 3000/- प्रति कनेक्शन की दर से सब्सिडी दी जा रही है तथा सौभाग्य योजना में भी उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार चिन्हित हितग्राहियों को नि:शुल्क कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिये केन्द्र शासन द्वारा रू. 1800/- एवं राज्य शासन द्वारा रू. 1200/- की राशि प्रति कनेक्शन सब्सिडी के रूप में दिया जाना प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति/जनजाति के 1 हेक्टेयर तक की भूमि वाले स्थाई कृषि पंप उपभोक्ताओं को 5 अश्वशक्ति तक के पंप हेतु नि:शुल्क बिजली दी जाती है। साथ ही गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के एकलबत्ती उपभोक्ताओं को 25 यूनिट तक बिजली बिना किसी ऊर्जा प्रभार के (नि:शुल्क) प्रदाय की जाती है, जिसका विवरण उत्तरांश (ख) में दिया गया है। इसके अतिरिक्त जनजातीय कार्य विभाग एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के विद्युत पंप कनेक्शन एवं अन्य विद्युतीकण के कार्य नि:शुल्क कराए जाते हैं।
ग्राम पंचायतों में आधारभूत संरचना विकास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
4. ( *क्र. 4713 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति और जनजाति बाहुल्य ग्राम/ग्राम पंचायतों में आधारभूत संरचना विकास के लिए केन्द्र पोषित और राज्य पोषित कौन-कौन सी योजनाएं हैं? इन योजनाओं में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले को वर्षवार प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी विधानसभावार दें। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने अनुसूचित जाति वर्ग के बाहुल्य ग्राम हैं? क्या इन ग्रामों में प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा अनुसूचित जाति विकास योजनान्तर्गत मूलभूत विकास कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक किन-किन ग्रामों में क्या कार्य कराये गये? ग्रामवार, कार्यवार जानकारी दें। क्या विभाग द्वारा जिला स्तर पर विभिन्न मदों में प्रदत्त आवंटन को विधानसभा क्षेत्रवार प्राथमिकता के आधार पर व्यय करने के क्या दिशा-निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त क्षेत्रान्तर्गत अनुसूचित जाति बस्तियों में विकास कार्य पूर्ण नहीं हैं, जिसमें अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम/ग्राम पंचायतों में आधारभूत संरचना विकास के लिए केंद्र पोषित योजनाओं में अनुसूचित जाति कृषकों के पम्पों का उर्जीकरण तथा राज्य पोषित योजनाओं में मध्यप्रदेश जाति/जनजाति बस्ती विकास योजना एवं विद्युतिकरण योजना संचालित है। अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्राम/ग्राम पंचायतों हेतु विशेष केंद्रीय सहायता/आदिवासी उपयोजना, संविधान के अनुच्छेद 275 (1) वनबंधु कल्याण योजना, विद्युतिकरण एवं पूलफण्ड योजना संचालित है। इन योजनाओं में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ। प्रश्नांश अवधि में कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में जिले को प्राप्त आवंटन की सीमा के अंतर्गत योजना में प्रावधानों के तहत स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। योजना निरंतर है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहीन हाई स्कूलों का भवन निर्माण
[जनजातीय कार्य]
5. ( *क्र. 1220 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के हाई स्कूल खारी, चुभावल, बरबटी, मल्ठार को प्रारंभ हुये लग्ाभग 05 वर्ष हो चुके हैं? उक्त विद्यालयों में दर्ज संख्या भी अत्यधिक है, भवन नहीं होने के कारण बच्चों को विद्या अध्ययन में बहुत कठिनाई हो रही है, जिससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं? (ख) क्या उक्त विद्यालयों में भवन निर्माण की कोई योजना प्रस्तावित है? अभी तक भवन निर्माण नहीं होने का क्या कारण हैं? (ग) उक्त विद्यालयों में कब तक भवन निर्माण की कार्यवाही पूर्ण करा ली जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। मण्डला जिले के हाई स्कूल खारी, चुभावल, बरबटी, मल्ठार शालाओं का संचालन ग्राम पंचायत खारी, माध्यमिक शाला चुभावल, माध्यमिक शाला बरबटी, माध्यमिक शाला मल्ठार के भवन में किया जा रहा है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। स्कूल शिक्षा विभाग में उक्त भवनों के निर्माण की योजना प्रस्तावित है। आदिवासी विकासखण्डों में संचालित हाईस्कूल भवनों का निर्माण कराये जाने की कार्य योजना स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई है। तद्नुसार भवनों का निर्माण हो सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राइस मिलों द्वारा किये जा रहे विद्युत खपत की जाँच
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 4402 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में राइस मिलवार विद्युत खपत एवं भुगतान किए गए बिल की राशि माहवार और मिलवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) की राइस मिलों द्वारा क्या उक्त अवधि में कभी जनरेटर चलाए जाने की अनुमति बिजली विभाग से प्राप्त की थी? यदि हाँ, तो किस-किस राइस मिल द्वारा कब-कब मिलवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) की राइस मिलों द्वारा कितने हार्सपावर का विद्युत कनेक्शन प्राप्त किया था? उक्त अवधि में विद्युत विभाग द्वारा किस-किस राइस मिल की कब-कब किस-किस के द्वारा जांच की गई। क्या उक्त अवधि में किसी राइस मिलों में कोई विद्युत चोरी के प्रकरण बनाए गए हैं? यदि हाँ, तो किस-किस का विवरण दें तथा उक्त प्रकरणों में प्रश्न दिनांक तक क्या निर्णय हुए, उनके निर्णयों की प्रति उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कटनी जिले में वर्तमान में 60 राइस मिल कनेक्शन विद्यमान हैं, वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में राइस मिलवार विद्युत खपत एवं भुगतान किये गये बिल की राशि से संबंधित माहवार एवं मिलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित राइस मिलों द्वारा लिए गये कनेक्शन के भार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में 4 राइस मिल उपभोक्ताओं के परिसर की जांच सतर्कता दलों द्वारा की गई है। सर्तकता दल क्र. 07 कटनी द्वारा दिनांक 09.02.2017 को श्रीमती शशि गुप्ता के राइस मिल कनेक्शन की जांच की गई तथा विद्युत का अवैधानिक रूप से उपयोग पाये जाने पर नियमानुसार विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अनुसार विद्युत चोरी का प्रकरण बनाया गया, जिसमें रू. 3,61,009/- का अनन्तिम निर्धारण आदेश जारी किया गया तथा इसके विरूद्ध अभी तक रू. 2,50,000/- की राशि उपभोक्ता द्वारा जमा की गई है। उक्त प्रकरण में पंचनामा एवं अनन्तिम निर्धारण आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है। सर्तकता दल क्रमांक 06 सिवनी द्वारा दिनांक 12.4.2016 को श्री धनेश कुमार के राइस मिल कनेक्शन की जांच की गई, जिसमें उपभोक्ता द्वारा स्वीकृत भार से अधिक भार का उपयोग करते पाए जाने पर नियमानुसार भार वृद्धि का प्रकरण बनाया गया, जिसमें रू. 30000/- का अनन्तिम निर्धारण आदेश जारी किया गया, जिसका भुगतान लंबित है। उक्त प्रकरण में पंचनामा एवं अनन्तिम निर्धारण आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-द एवं 'ई' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त सतर्कता दल क्रमांक 07 द्वारा दिनांक 12.1.2017 को मेसर्स श्रीनिवास ट्रेडर्स के राइस मिल कनेक्शन की तथा सतर्कता दल क्रमांक 07. द्वारा दिनांक 23.7.17 को मेसर्स वरूण इण्डस्ट्रीज की जांच की गई है तथा इन प्रकरणों में कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
कन्या छात्रावास के भवन की स्वीकृत
[जनजातीय कार्य]
7. ( *क्र. 4483 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में खैरलांजी, तिरोड़ी एवं कटंगी में पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या एवं बालक छात्रावास स्वीकृत होकर प्रारम्भ हैं? (ख) यदि हाँ, तो कब तक इन तीनों छात्रावासों के लिए भवन स्वीकृत कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) कटंगी में पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति शासन के पत्र क्रमांक-12-12/2016/25-2 भोपाल, दिनांक 22.07.2016 द्वारा प्रदाय की जा चुकी है। शेष छात्रावास भवन निर्माण को कार्य योजना में शामिल कर लिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मांझी जाति को आरक्षण का लाभ
[जनजातीय कार्य]
8. ( *क्र. 5039 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मांझी जाति को आदिवासी जाति (जनजाति) मानकर शासकीय सुविधायें देने या न देने को लेकर माननीय न्यायालय द्वारा समय-समय पर क्या निर्णय दिये गये? अदालती आदेशों की हिन्दी में छयाप्रति देवें। (ख) मांझी आदिवासी जाति को लेकर प्रदेश में वर्तमान समय में क्या स्थिति है? इस समाज को कब से प्रदेश के किन-किन जिलों में आदिवासी समाज मानकार किस-किस प्रकार की कौन-कौन सी शासकीय सुविधायें दी जा रही हैं? (ग) क्या मांझी समाज के समतुल्य इसी समाज की अन्य शाखाओं ढीमर, वर्मन, निषाद, केवट, कहार, मलाह, रैकवार, पवेहा, सोदिया आदि द्वारा आरक्षण में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग समय-समय पर शासन स्तर पर की जाती रही है? यदि हाँ, तो तत्संबंध में राज्य सरकार की क्या मंशा है एवं किस प्रकार से कब तक अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जावेगा? (घ) प्रदेश में रजक/धोबी समाज को किन-किन जिलों में अनुसूचित जाति के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है तथा किन-किन जिलों में यह जाति पिछड़ा वर्ग अंतर्गत आती है? रजक/धोबी समाज को संपूर्ण मध्यप्रदेश के सभी जिलों में अनुसूचित जाति के अंतर्गत मान्यता प्रदान करने के संबंध में विधान सभा द्वारा कब-कब अशासकीय संकल्प पास किये गये एवं तत्संबंध में केन्द्र सरकार से कब-कब, क्या-क्या पत्राचार किये गये? (ड.) रजक/धोबी समाज को संपूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत किस प्रकार से कब तक मान्यता प्रदान कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कार्यालयीन अभिलेख अनुसार ऐसे कोई आदेश उपलब्ध नहीं हैं। (ख) माझी जनजाति (न कि मांझी) सम्पूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जनजाति मान्य है, जिसे शासन द्वारा जनजातियों को प्रदत्त समस्त शासकीय सुविधाएं देय हैं। (ग) जी हाँ। इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश दिनांक 30.05.2017 द्वारा माझी विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। प्रकरण समिति के समक्ष विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) एवं (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
राज्य प्रशासनिक सेवा की ''अधिसमय वेतनमान'' में नियुक्ति के लिए पात्रता शर्तें
[सामान्य प्रशासन]
9. ( *क्र. 3922 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राजपत्र दिनांक 06 जुलाई, 2012 पृष्ठ क्रमांक 525 में उल्लेखित राज्य प्रशासनिक सेवा की "अधिसमय वेतनमान" में नियुक्ति के लिए पात्रता की शर्तों के तारतम्य में कनिष्ठ वेतनमान पीबी, 3-15650-39100 ग्रेड-पे 5400 प्राप्त करने वाले अधिकारियों को इसी राजपत्र के पृष्ठ 526 में क्रमशः 6 वर्ष की अवधि में कनिष्ठ वेतनमान, 4 वर्ष की अवधि में वरिष्ठ वेतनमान, 6 वर्ष की अवधि में प्रवर श्रेणी वेतनमान एवं 6 वर्ष की अवधि में वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान (सुपर टाइम स्केल) दिया गया है? इस सम्बन्ध में जारी आदेशों की छाया प्रति दें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो क्या वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ.11/1/2008/नियम/चार, भोपाल दिनांक 24 जनवरी, 2008 के अनुसार परिशिष्ट 2 में उल्लेखित विभाग/संवर्गों के राज्य के सिविल सेवा के (अ) तथा (ब) वर्ग के अधिकारियों को भी 8 वर्ष, 16 वर्ष में प्रथम एवं द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया है तथा वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 30 सितम्बर, 2014 के तारतम्य में 30 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर तीसरा समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या उक्त परिशिष्ट-दो में उल्लेखित विभाग/संवर्गों के राज्य के सिविल सेवा के (अ) तथा (ब) वर्ग के अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिए जाने की दीर्घ अवधि को न्यायसंगत बनाते हुए 30 वर्ष के स्थान पर तृतीय समयमान वेतनमान की पात्रता अवधि 24 वर्ष अथवा 30 वर्ष से कम किये जाने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आदेश दिनांक 03 मई, 2012 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में इस आशय का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सागर जिलांतर्गत आंगनवाड़ी भवन का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
10. ( *क्र. 5078 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश पंचायती राज संचालनालय के द्वारा सागर जिले के अंतर्गत किन-किन विधान सभा क्षेत्रों में दिनांक 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम की आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब जारी की गयी है? जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार, माहवार वर्षवार, विकासखण्डवार एवं ग्रामवार दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और कितने भवन अपूर्ण हैं तथा कितने भवनों के निर्माण कार्य अप्रारंभ है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) सागर जिले में ऐसे कितने ग्राम हैं, जिनकी जनसंख्या 2000 और इससे भी ज्यादा है और उन ग्रामों में एक भी महिला बाल विकास विभाग का आंगनवाड़ी भवन नहीं है और विभाग द्वारा किराये के भवनों में आंगनवाड़ी संचालित की जा रही हैं? कारण सहित उन दोषी अधिकारियों के नाम भी बतावें, जिनके द्वारा कम आबादी वाले गांवों/पंचायतों में कई आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य कराया गया है और ज्यादा आबादी वाले गांव को प्राथमिकता नहीं दी गयी? कब तक विसंगति को दूर करते हुये आबादी के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर आंगनवाड़ी भवनों की राशि जारी कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग के प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश पंचायतराज संचालनालय के द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक सागर जिले में कुल 178 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण हेतु राशि पंचायतराज संचालनालय से जारी की गई है। विधानसभा क्षेत्रवार, विकासखण्डवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 02 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और 176 भवन अपूर्ण हैं। इसमें से समस्त भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया। अतः एक भी भवन निर्माण अप्रारंभ नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सागर जिले में कुल 156 ग्राम 2000 और इससे भी ज्यादा संख्या वाले ग्राम हैं, जिनमें से 04 ग्राम ऐसे हैं, जहां पर एक भी महिला एवं बाल विकास विभाग का भवन नहीं है व इन 04 ग्रामों में 05 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण हेतु समस्त भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के प्रस्ताव जिले से प्राप्त किये जाकर उसी सूची में से भवनों की स्वीकृति जारी कर पंचायतराज संचालनालय के माध्यम से राशि जारी की गई है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति केवल जनसंख्या के आधार पर नहीं होती है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में शराब बंदी
[वाणिज्यिक कर]
11. ( *क्र. 4847 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में प्रदेश में देशी, विदेशी शराब की कितनी बिक्री हुई? शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ? वर्षवार जानकारी दें। (ख) क्या मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से शराब बंदी किये जाने की घोषणा एवं प्रदेश में सभी शराब अहाते बंद करने की घोषणा की गयी है? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा की पूर्ति हेतु क्या कार्य योजना तैयार की गयी है? कब तक प्रदेश में पूर्णत शराब बंदी लागू कर दी जावेगी? (ग) क्या विभाग द्वारा नयी आबकारी नीति तैयार की गयी है? यदि हाँ, तो इस नीति में क्या-क्या प्रावधान किये गए हैं एवं उक्त नीति कब से लागू की जावेगी? क्या उक्त नीति में शराब अहाते बंद कराने का उल्लेख है? यदि नहीं, तो मुख्यमंत्री जी की घोषणा का पालन नहीं कराने के क्या कारण हैं? (घ) अवैध शराब बिक्री रोकने हेतु शासन की क्या नीति, नियम निर्देश हैं? दिनांक 01 जनवरी, 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक श्योपुर जिले में कहाँ-कहाँ अवैध शराब विक्रय, भण्डारण और आबकारी एक्ट अंतर्गत कितने प्रकरण दर्ज किये गये? प्रकरणवार जानकारी देवें। इनमें से कितने प्रकरणों में माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया और कितने प्रकरणों में नहीं एवं क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उक्त नीति दिनांक 01.04.2018 से लागू की जायेगी। (घ) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 एवं इसके अंतर्गत निर्मित नियमों के तहत अवैध शराब बिक्री रोकने हेतु सतत् भ्रमण, निरीक्षण, दबिश एवं सूचना प्राप्त होने पर कार्यपालिक स्टाफ द्वारा यथासंभव कार्यवाही की जाती है। श्योपुर जिले में दिनांक 01.01.2017 से दिनांक 28.02.2018 तक 323 प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। 323 प्रकरणों के न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये जा चुके हैं। 20 प्रकरण अभियोजन हेतु लंबित हैं, इन प्रकरणों में विवेचना उपरांत अभियोजन किया जायेगा।
मुरैना जिले में क्रूड सोयाबीन व अन्य तेलों का आयात
[वाणिज्यिक कर]
12. ( *क्र. 4908 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना की विभिन्न तेल रिफाइनरियों में वर्ष 2016, वर्ष 2017, फरवरी 2018 तक क्रूड डीगम सोयाबीन ऑयल व अन्य खाद्य तेलों का कितनी मात्रा में आयात किया गया है? रिफाइनरीवार मात्रा सहित वर्ष माहवार की जानकारी दी जावे। (ख) जुलाई 2017 के जी.एस.टी. लागू होने के पूर्व उक्त संस्थानों द्वारा वर्णित समय अवधि में कितना वाणिज्यकर शासन को भुगतान किया गया? भुगतान राशि वर्ष सहित संस्थानवार जानकारी दी जावे। (ग) क्या अनेक खाद्य तेल विक्रेता कम्पनियों, रिफाइनरियों को वाणिज्यकर विभाग द्वारा वाणिज्यकर भुगतान हेतु ''वन टाईम सेटिलमेंट'' में कितनी राशि की छूट दी गई है? संस्थानों के नाम, राशि सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्या क्रूड डीगम सोयाबीन ऑयल व पाम ऑयल का आयात कर रहे हैं, उसे सरसों के तेल के अलग-अलग ब्राण्ड बनाकर जनता को बेचा जा रहा है, जबकि संस्थानों द्वारा सी.डी.आर.ओ. का आयात किया ही नहीं गया है, जबकि सरसों व पाम तेल मूल्यों में काफी अन्तर है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विभागीय वेटिज सिस्टम में उपलब्ध फार्म 49 की जानकारी के आधार पर मुरैना की विभिन्न तेल रिफाइनरियों द्वारा वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में (माह जून, 2017 तक) क्रूड डीगम सोयाबीन ऑयल व अन्य खाद्य तेलों के आयात की रिफाइनरीवार मात्रात्मक वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ए" अनुसार है। 01 जुलाई, 2017 से जी.एस.टी. लागू है। अत: उक्त प्रकार की जानकारी वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। (ख) जुलाई, 2017 से जी.एस.टी. लागू होने के पूर्व उक्त संस्थानों द्वारा वर्णित समयावधि में भुगतान से प्राप्त राशि की वर्षवार, संस्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "बी" अनुसार है। (ग) निपटारा प्राधिकरण की बैठकों के कार्यवाही विवरण अनुसार खाद्य तेल विक्रेता कम्पनियों, रिफाइनरियों को निपटारा प्राधिकरण द्वारा छूट प्रदान नहीं की गई है। (घ) मुरैना जिले की विभिन्न तेल रिफाइनरियों द्वारा क्रूड डीगम सोयाबीन ऑयल व अन्य ऑयल का आयात किया जा रहा है। प्रश्नांश की शेष जानकारी का संबंध विभाग से नहीं होकर संज्ञान में नहीं है।
लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत स्वीकृत प्रकरण
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( *क्र. 1836 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गत तीन वर्षों में लाड़ली लक्ष्मी योजना के कितने पंजीयन किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने प्रकरण स्वीकृत एवं कितने अस्वीकृत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कितनी बालिकाओं को रू. 1,18,000 स्वीकृति के प्रमाण-पत्र जारी किये गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र में गत तीन वर्षों में लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत 3319 बालिकाओं का पंजीयन किया गया। (ख) 3309 प्रकरण स्वीकृत एवं 10 प्रकरण अस्वीकृत किये गयेI (ग) 3309 बालिकाओं को प्रमाण-पत्र जारी किये गये l
छान-बीन समिति की कार्यवाही को पोर्टल पर अपलोड किया जाना
[जनजातीय कार्य]
14. ( *क्र. 1523 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की छान-बीन समिति माधुरी पाटिल के न्यायिक निर्णय के निर्देशों का पालन कर रही है? (ख) यदि हाँ, तो छान-बीन समिति के स्तर पर विजिलेंस सेल का गठन क्यों नहीं किया गया है? (ग) छान-बीन समिति के लिए सतर्कता अधिकारी कौन है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) अनुसूचित जनजाति के फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की छान-बीन समिति के सचिव के आदेशानुसार, छान-बीन समिति की कार्यवाही का विवरण विभागीय पोर्टल पर सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है? इसे किसने निरस्त किया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 7-1/96/आप्र/1, दिनांक 08.09.1997 द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक उक्त दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं। जिला पुलिस अधीक्षक। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) छान-बीन समिति द्वारा पारित आदेश पोर्टल में अपलोड किये जाते हैं तथा सार्वजनिक किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के मानदेय एवं भत्ते में वृद्धि
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( *क्र. 4013 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कुल कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका कार्यरत हैं एवं इनको कितना मानदेय एवं भत्ता दिया जा रहा है? संभागवार केवल संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के मानदेय एवं भत्ते वृद्धि संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो निर्णय कब तक होगा? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से अल्प मानदेय पर कार्यरत उक्त कर्मचारियों के मानदेय एवं भत्ते बढ़ाये जाने हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को नियमित करने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो निर्णय कब तक होगा? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से आंगनवाड़ी केन्द्रों के सुसंचालन हेतु इनको नियमित करने हेतु कोई निर्णय लिया जावेगा? (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्री-प्रायमरी स्कूलों में परिवर्तित करने या शासकीय प्राथमिक विद्यालयों को पूर्णरूपेण आंगनवाड़ी केन्द्रों में मर्ज करने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है या मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो निर्णय कब तक होगा? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से शासकीय स्कूलों में प्रवेश बढ़ाने हेतु इस पर विचार कर निर्णय लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में कुल कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/आंगनवाड़ी सहायिका की संभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका को दिए जा रहे मानदेय एवं भत्ते का विवरण निम्नानुसार है :-
विवरण
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दिए जाने वाले मानदेय एवं अतिरिक्त मानदेय का योग |
भत्ते
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1 |
2 |
3 |
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
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राशि रुपये 5000/- प्रतिमाह
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निम्न श्रेणी लिपिक को देय यात्रा भत्ते के अनुसार राशि देय होती है। |
आंगनवाड़ी सहायिका
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राशि रुपये 2500/- प्रतिमाह
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चतुर्थ श्रेणी को देय भत्ता अनुसार राशि देय होती है। |
(ख) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद को मानसेवी श्रेणी में रखा गया है। मानदेय एवं भत्ते बढ़ाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है। राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त मानदेय बढ़ोत्तरी किए जाने पर विचार किया जा रहा है व यह निर्णय नीतिगत होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के प्रकरण में अमीरी बी. एवं अन्य के संदर्भ में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को मानसेवी होने से शासकीय सेवक नहीं माना गया है। साथ ही इनको न्यूनतम वेतन का लाभ एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को शासकीय सेवक संबंधी मांग पर कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निगरानी समिति की बैठक का आयोजन
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( *क्र. 4776 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पोषण आहार की निगरानी हेतु जो निगरानी समिति गठित है, उसकी बैठक प्रत्येक तीन माह में कराना अनिवार्य है? अगर हाँ तो छिन्दवाड़ा जिले की परासिया परियोजना द्वारा अगस्त 2017 के बाद से निगरानी समिति की बैठक क्यों नहीं कराई गई है? (ख) पोषण आहार की निगरानी हेतु निगरानी समिति की बैठक अगस्त 2017 के बाद से प्रश्न दिनांक तक नहीं की गई है, जबकि निगरानी समिति की बैठक प्रत्येक 3 माह के अन्तराल में किये जाने हेतु शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, परन्तु फिर भी संबंधित परियोजना अधिकारी द्वारा बैठक आयोजित नहीं की गई और शासन के निर्देशों की अवहेलना की गई है। क्या उपरोक्त संबंध में विभाग द्वारा जांच कराते हुए, लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी? (ग) पोषण आहार की निगरानी हेतु निगरानी समिति की बैठक किये जाने एवं निगरानी समिति गठित किये जाने हेतु शासन द्वारा क्या दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? नियमावली सहित उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। बाल विकास परियोजना अधिकारी परासिया-2 के अवकाश पर रहने तथा अन्य विभागीय कार्यों की व्यस्तता के कारण पोषण आहार निगरानी समिति की बैठक तत्समय नहीं की गई। (ख) बाल विकास परियोजना अधिकारी के अवकाश पर रहने तथा अन्य विभागीय कार्यों की व्यस्तता के कारण पोषण आहार निगरानी समिति की बैठक तत्समय नहीं की जा सकी। पोषण आहार की निगरानी समिति की बैठक दिनांक 12.3.2018 को आयोजित की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी छिन्दवाड़ा द्वारा परियोजना अधिकारी परासिया-1 एवं 2 को भविष्य में नियमित रूप से बैठक कराने हेतु कड़े निर्देश जारी किये गये हैं। (ग) पोषण आहार की निगरानी हेतु निगरानी समिति गठित किये जाने के लिए विभाग के आदेश क्र.एफ 4-5/14/50-2, दिनांक 24.02.2014 की कण्डिका 06 के अनुसार जारी किए गए हैं। शासन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वेतन विसंगतियों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
17. ( *क्र. 4085 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अक्टूबर 2006 में ब्रम्हस्वरूप समिति की अनुशंसायें लागू की गई थी? यदि हाँ, तो स्वास्थ्य विभाग में किन-किन पदों के लिए लागू की गयी हैं? जानकारी पदों के नामवार पृथक-पृथक से दी जावे। (ख) प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर आई.टी.आई. से उत्तीर्ण योग्यता वाले पदों में वेतन विसंगति है, जिसमें स्टेनोग्राफर पद पर 1 वर्ष आई.टी.आई. योग्यता वाले पद को अधिक वेतनमान और रेफ्रीजरेटर मैकेनिक पद पर दो वर्ष की आई.टी.आई. योग्यता वाले को कम वेतनमान दिया जा रहा है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो इस वेतन विसंगति के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार हैं और उन पर कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार ब्रम्हस्वरूप समिति की अनुशंसाओं में रेफ्रीजरेटर मैकेनिक के वेतनमान की वेतन विसंगति कब तक दूर कर स्टेनोग्राफर के समान वेतनमान दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भर्ती नियमों में पृथक-पृथक अर्हता होने एवं पारस्परिक समानता नहीं होने के कारण वेतनमान भिन्न-भिन्न है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपथित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
18. ( *क्र. 4933 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से आज तक डिण्डोरी जिले में माननीय मुख्यमंत्री जी ने कब कब कहाँ-कहाँ क्या-क्या घोषणा की हैं, जिसमें कौन-कौन सी घोषणा पूर्ण हुई तथा कौन-कौन सी अपूर्ण हैं? (ख) वर्ष 2013 से आज तक माननीय मुख्यमंत्री जी ने डिण्डोरी जिले में कहाँ-कहाँ कब-कब कौन-कौन से निर्माण कार्य के भूमि पूजन किये हैं, जिसमें कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए हैं तथा कौन-कौन से अपूर्ण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
हाई स्कूल भवन के निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण किया जाना
[जनजातीय कार्य]
19. ( *क्र. 3854 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्वाड़ा जिले के आदिवासी विकासखण्डों में कौन-कौन से हाई स्कूल/हायर सेकेण्ड्री स्कूल भवन कब से निर्माणाधीन हैं? नाम, स्वीकृत राशि, कार्य एजेंसी, पर्यवेक्षण एजेंसी, अनुबंध की शर्तें, कार्य अवधि सहित विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) क्या शासकीय हाई स्कूल घोराड़ विकासखण्ड बिछुआ का भवन विगत 6-7 वर्षों से निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो क्यों? इस भवन की निर्माण एजेंसी कौन है? कब कितनी राशि से स्वीकृत हुआ? समय पर निर्माण पूर्ण न होने के लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या उक्त भवन का निर्माण कार्य अपूर्ण होने के चलते उसका रख-रखाव सही तरीके से नहीं होने के कारण भवन का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है? भवन की दीवार जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो रही है? हाँ तो इसके लिए कौन जवाबदेह है? इनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) क्या शासन शासकीय हाई स्कूल घोराड़ के निर्माणाधीन भवन का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कर स्कूल प्रशासन को सौंपने और निर्माण में विलंब करने वाले व्यक्तियों की जवाबदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही और समय पर निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से निर्माणाधीन भवन को पहुंची क्षति से शासन को जो आर्थिक हानि हुई है, उसकी भरपाई जिम्मेदार व्यक्तियों से वसूल करने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जी हाँ। कार्य के ठेकेदार द्वारा कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण कार्य पूर्ण किये जाने में विलम्ब हुआ। कार्य विभागीय तौर पर कराया जा रहा है। भवन कार्य राशि रूपये 42.93 लाख का स्वीकृत हुआ है। समय पर कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के लिये निर्माण एजेंसी जिम्मेदार है। (ग) जी हाँ। प्रथम दृष्टया उपयंत्री के जिम्मेदार होने से उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (घ) शासकीय हाईस्कूल घोराड़ के खराब हुए प्लास्टर आदि कार्य को पूर्ण कराते हुए आगामी शैक्षणिक सत्र से संस्था को सौंप दिया जायेगा। विलम्ब हेतु पूर्व ठेकेदार का अनुबंध निरस्त कर धरोहर राशि को राजसात किया गया है।
श्योपुर जिले में 220 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण
[ऊर्जा]
20. ( *क्र. 433 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर में 220 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर निर्माण हेतु वित्तीय संसाधन जुटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निर्माण कार्य वर्ष 2018-19 में पूर्ण करना प्रस्तावित है वर्ष 2017-18 में सर्वे कार्य पूर्ण कर उपकेन्द्र एवं लाईन निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया प्रारंभ कर कार्यादेश जारी किया जावेगा, यह जानकारी प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1017, दिनांक 23.02.2017 के उत्तर में दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त केन्द्र निर्माण हेतु भूमि का चयन कर लिया है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि कहाँ चिन्हित की गई तथा क्या वित्तीय संसाधन जुटा लिए हैं? यदि नहीं, तो इस हेतु शासन/विद्युत कम्पनी द्वारा क्या कार्यवाही वर्तमान तक की गई। (ग) क्या कार्यवाही अपूर्ण रहने के कारण उक्त केन्द्र के निर्माण की निविदा प्रक्रिया व कार्यादेश जारी करना संभव नहीं हो पा रहा है। (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में वर्णित कार्यवाहियां कब तक पूर्ण करके श्योपुर में 220 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ करवा दिया जावेगा? इस हेतु निश्चित समय-सीमा बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रस्तावित 220 के.व्ही. उपकेन्द्र श्योपुर के निर्माण हेतु भूमि का चयन कर लिया है। ग्राम गोपालपुरा में उपकेन्द्र के निर्माण हेतु लगभग 7.23 हेक्टेयर भूमि प्राप्त कर ली गई है। वित्तीय संसाधन का प्रबंध करने हेतु वित्तीय संस्थान से अन्य कार्यों को सम्मिलित करते हुये ऋण प्राप्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार ऋण प्राप्ति की प्रत्याशा में उक्त उपकेन्द्र के निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तथा 13.02.2018 को कार्यादेश भी जारी किया जा चुका है। (घ) 220 के.व्ही. उपकेन्द्र श्योपुर हेतु कार्यादेश दिनांक 13.02.2018 को प्रसारित किया जा चुका है। माह अप्रैल 2018 से कार्य प्रारंभ किया जाना संभावित है तथा कार्यादेश की शर्तों के अनुसार माह दिसम्बर 2019 तक कार्य पूर्ण होना संभावित है।
सहायिका/कार्यकर्ता की भर्ती में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( *क्र. 4440 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक महिला बाल विकास विभाग द्वारा आँगनवाड़ी केन्द्रों में सहायिका एवं कार्यकर्ता की भर्ती की गई है? आँगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी एवं विज्ञापन की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त भर्ती प्रक्रिया में शासन द्वारा निर्धारित नियमों की अनदेखी कर भर्ती की गई है? क्या सही आवेदकों का चयन न कर अधिकारियों की सांठ-गांठ से गलत आवेदकों का चयन किया गया है? क्या उक्त संबंध में जांच कराई जावेगी? (ग) क्या विज्ञापन दिनांक के बाद कुछ आवेदकों ने अपना नाम बी.पी.एल. सूची में जुड़वाया है एवं जहां पद रिक्त थे, उस ग्राम पंचायत के निवास प्रमाण-पत्र बनवाये गये हैं, जबकि वह पूर्व से दूसरे ग्राम पंचायत के निवासी हैं, जिसमें अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार कर पात्र आवेदकों का चयन न कर अपात्र आवेदकों का चयन किया गया है? समस्त चयनित आवेदकों के विज्ञापन का दिनांक, बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़ने एवं निवास प्रमाण-पत्र जारी करने की दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या उक्त भर्ती में जिन अधिकारियों द्वारा गलत कार्यवाही की गई एवं जिन आवेदकों ने गलत जानकारी देकर भर्ती प्राप्त की? क्या उनके खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही और कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना गुनौर एवं पन्ना ग्रामीण में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक आंगनवाड़ी केन्द्रों में सहायिका एवं कार्यकर्ता की भर्ती की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं जारी विज्ञापन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग के पत्र क्र./एफ-3-2/06/50-2/दिनांक 10.07.2007 के निर्देशों के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की भर्ती की कार्यवाही की गई है। जी नहीं। अतः शेष का कोई प्रश्न नहीं उपस्थित होता है। (ग) जी नहीं। आवेदिकाओं के आवेदन दिनांक तक प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर खण्ड स्तरीय चयन समिति द्वारा दस्तावेजों का परीक्षण उपरान्त अनन्तिम सूची जारी की गई है तथा जिला स्तरीय दावा आपत्ति निराकरण समिति द्वारा प्राप्त दावे आपत्तियों का निराकरण किया गया है। चयनित आवेदिकाओं के बी.पी.एल. एवं निवास की तिथि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया नियमों के अनुसार की गई है। किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। अतः शेष का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकलव्य आवासीय विद्यालयों में मैस की व्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
22. ( *क्र. 2308 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित हैं तथा पृथक-पृथक इनमें मैस संचालन किस पद्धति से हो रहा है? (ख) क्या गुना जिला मुख्यालय पर संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय में अधीक्षक द्वारा बच्चों को भोजन ठीक से न देने के कारण प्राचार्य को निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या मैस संचालन का दायित्व प्राचार्य पर था? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि मैस संचालन का दायित्व अधीक्षक पर रहता है तो अधीक्षक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई तथा कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) गुना के एकलव्य आवासीय विद्यालय में मैस व्यवस्था क्या अन्य एकलव्य आवासीय विद्यालयों की भांति ठेके पर या स्व-सहायता समूह को कब तक प्रदान की जाकर बच्चों को उचित भोजन मीनू अनुसार दिलाया जाना सुनिश्चित कराया जावेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में 29 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय एवं 03 संभाग स्तरीय एकलव्य आवासीय विद्यालय (विशेष पिछड़ी जनजाति) संचालित हैं। मेस संचालन का दायित्व संस्था प्रमुख के नियंत्रण में अधीक्षक द्वारा किया जाता है। (ख) जी हाँ। तथ्यात्मक स्िथति यह है कि एकलव्य आवासीय विद्यालय (विशेष पिछड़ी जनजाति) गुना में शैक्षणिक, आवासीय एवं अन्य व्यवस्थायें सीधे तौर पर प्राचार्य के नियंत्रणाधीन होने पर प्राचार्य द्वारा अपने कर्तव्य पालन में कोताही बरती जाने तथा विद्यालय में प्रशासकीय नियंत्रण नहीं रखने के फलस्वरूप कार्यालयीन आदेश दिनांक 29.01.2018 द्वारा प्राचार्य को निलंबित किया गया है। (ग) समग्र रूप से समुचित मैस संचालन का दायित्व प्राचार्य का होता है। निरीक्षण में पायी गई अनियमितताओं के कारण छात्रावास अधीक्षक को पत्र क्रमांक/स्था.1/डी2/2149/5598, दिनांक 07.03.2018 एवं पत्र क्रमांक/स्था.1/डी2/2149/5600, दिनांक 07.03.2018 द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण चाहे गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) गुना एकलव्य आवासीय विद्यालय में मैस व्यवस्था ठेके पर या स्व-सहायता समूह को दिये जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[ऊर्जा]
23. ( *क्र. 5106 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन अभियंता/यंत्री म.प्र.पूर्व.वि.वि.कं. लिमिटेड बैहर के अंतर्गत अधिकारियों/ कर्मचारियों की एवं विद्युत लाईन के संधारण हेतु बजट की कमी है? (ख) यदि हाँ, तो बैहर/मोहगांव/दमोह विद्युत वितरण केन्द्रों में कौन-कौन से पद किस-किस संवर्ग के स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध कौन-कौन, कहाँ-कहाँ कब से पदस्थ हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ग) रिक्त पदों पर भर्ती वैकल्पिक व्यवस्था कब तक की जावेगी, ताकि विद्युत लाईनों में कोई गड़बड़ी एवं विद्युत आपूर्ति संचालित होने में बाधा न उत्पन्न हो? (घ) कार्यपालन अभियंता/यंत्री म.प्र. पूर्व वि.वि.कं. लिमिटेड बैहर के कार्यालय में विद्युत लाईनों की खराबी के केबिल कार्य हेतु एवं अतिरिक्त ट्रांसफार्मर हेतु कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? उसके लिये आवंटन कब दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कार्यपालन अभियंता, संचालन एवं संधारण संभाग, बैहर के कार्यक्षेत्र में अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी है, किन्तु विद्युत लाईनों के संधारण हेतु बजट की कोई कमी नहीं है। (ख) बैहर, मोहगांव एवं दमोह विद्युत वितरण केन्द्रों में प्रश्नाधीन चाही गई स्वीकृत संवर्गवार, पदवार, नामवार, स्थानवार पदस्थापना दिनांक एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में भर्ती की कार्यवाही केन्द्रीय स्तर से की जाती है। वर्ष 2016 में 73 वर्ष 2017 में 827 एवं वर्ष 2018 में 11 कार्मिकों की भर्ती की गई है तथा 347 कार्मिकों की भर्ती प्रक्रिया में है। भर्ती निरंतर चलने वाली सतत् कार्यवाही है, अत: वर्तमान में रिक्त पदों पर भर्ती हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विद्युत लाईन में गड़बड़ी आने अथवा विद्युत आपूर्ति में अवरोध उत्पन्न होने पर उपलब्ध संसाधनों का सुनियोजित उपयोग कर प्राथमिकता के आधार पर सुधार कार्य कर विद्युत आपूर्ति शीघ्र सुनिश्चित की जाती है। अत: पद रिक्त होने से विद्युत लाईन खराबी में सुधार अथवा विद्युत आपूर्ति में कोई बाधा उत्पन्न होने की स्थिति नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन कार्यालय के केबिल लाईन में सुधार हेतु ग्राम पंचायत चालीस बोडी, ग्राम पंचायत दडकसा, ग्राम पंचायत मछुरदा, ग्राम पंचायत चौरिया एवं ग्राम पंचायत अडोरी के कुल 5 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनके सुधार कार्य जारी हैं एवं मार्च-18 तक संभवत: पूर्ण हो जावेंगे। ग्राम बोरखेड़ा के ग्राम नयाटोला में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसे वित्तीय वर्ष 2018-19 के कार्य योजना में सम्मिलित कर जून-2018 तक कार्य पूर्ण किए जाना संभावित है।
जुन्नारदेव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( *क्र. 1478 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत जुन्नारदेव विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं? इन केन्द्रों पर विगत 5 वर्षों से कितनी महिलाएं एवं पुरूष रसोईया के रूप में कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कार्यरत रसोईयों का शासन द्वारा प्रत्येक माह कितना वेतन निर्धारित किया गया है तथा कितना प्राप्त हो रहा है? (ग) क्या प्रत्येक माह का वेतन एक हजार रूपये निर्धारित है? (घ) यदि हाँ, तो क्या इसे बढ़ाये जाने हेतु कोई प्रयास शासन स्तर पर किये जा रहे हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव में कुल 702 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं तथा इन केन्द्रों में विगत 5 वर्षों में 653 महिला रसोइया कार्यरत हैं, पुरूष रसोइया के रूप में कार्यरत नहीं हैं। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जाता है। प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इन स्व-सहायता समूहों के कार्यरत रसोइयों को राशि रू. 500/- प्रति माह पारिश्रमिक राशि दिए जाने का प्रावधान है तथा इन्हें राशि रू. 500/- प्रतिमाह पारिश्रमिक दिया जा रहा है। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
विधान सभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में आयोजित आनंद उत्सव
[आनन्द]
25. ( *क्र. 5024 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ में आनंद विभाग के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? जनपदवार बतावें। विभाग के द्वारा कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य किये गये हैं? कार्यवार जनपदवार बतावें। (ख) विभाग में कुल कितना स्टॉफ है? इसमें नियुक्त अधिकारी कर्मचारी किस-किस विभाग से हैं? विभागवार बतावें एवं कितने पद वर्तमान में विभाग में रिक्त हैं और रिक्त पदों की पूर्ति किस आधार पर पूरी की जायेगी? (ग) विभाग में प्रतिनियुक्ति पर जाने का शासन का नियम क्या है? प्रतिनियुक्ति संबंधी प्रक्रिया की क्या नियमावली है? (घ) विधान सभा पृथ्वीपुर में विभाग के द्वारा क्या-क्या कार्य किये गये हैं और वर्तमान में क्या कार्य योजना है? विधानसभा क्षेत्र में विभाग के कितने पद रिक्त हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग द्वारा जिला टीकमगढ़ को कोई राशि प्रदान नहीं की गई, अपितु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा आनंद उत्सव कार्यक्रम के आयोजन हेतु जिला टीकमगढ़ को राशि प्रदान की गई। जनपदवार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आनंद विभाग द्वारा कार्य संपादित नहीं किये जाते, तथापि आनंद विभाग के गठन के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आनंद संबंधी विविध कार्यक्रम एवं गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिला टीकमगढ़ में विभाग अंतर्गत आनंद उत्सव एवं आनंदम गतिविधियां संचालित की गईं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ख) आनंद विभाग में कोई पद स्वीकृत नहीं है। आनंद विभाग के विभागीय कार्य संपादित किये जाने हेतु अन्य विभागों के अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होते। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2017 एवं जनवरी 2018 में आनंद उत्सव का आयोजन किया गया। पृथ्वीपुर विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत जतारा एवं पृथ्वीपुर में आयोजित आनंद उत्सव की जानकारी एवं आनंदम स्थलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है, वर्तमान में कोई कार्य योजना नहीं है। जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अध्ययनरत
विद्यार्थियों
के जाति
प्रमाण पत्र
[सामान्य प्रशासन]
1. ( क्र. 356 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए कितने आवेदन पत्र दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2017 तक प्राप्त हुए? (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितने छात्रों के जाति प्रमाण पत्र बनाये गये तथा छात्रों को वितरित किए गए? (ग) कितने आवेदन जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए शेष बचे हैं तथा कब तक इनके जाति प्रमाण पत्र वितरित किये जायेंगे? (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत संचालित भारत माता कान्वेंट बासौदा एवं नंवाकुर विद्यालय बासौदा के कितने बच्चों के जाति प्रमाण पत्र जारी को चुके हैं एवं कितने बच्चों के जारी होना शेष हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 193514 (ख) 152874 (ग) कुल 82 जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने हेतु शेष है। स्कूलों के माध्यम से जाति प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी अभियान की समय-सीमा दिनांक 30 जून 2018 तक बढ़ाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बासौदा अंतर्गत संचालित भारत माता कान्वेंट स्कूल बासौदा में 394 छात्रों को जारी हो चुके है। कोई भी आवेदन शेष नहीं है। नंवाकुर विद्यालय (नंवाकुर विद्यापीठ) बासौदा में 857 छात्रों के जाति प्रमाण पत्र जारी हो चुके है एवं 01 शेष है।
विज्ञापन पर विभाग द्वारा किये गये प्रचार की व्यय राशि
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( क्र. 954 ) श्री अजय सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के द्वारा स्वयं या किस शासकीय विभाग या अन्य एजेंसी के माध्यम से दिनांक 01/01/2014 से 31/12/2017 के दौरान विभाग द्वारा इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, गूगल, वेबसाइट्स एवं अन्य किस-किस नाम को, कब-कब, कितनी-कितनी राशि के विज्ञापन दिए गए? कृपया राशिवार, नामवार, दिनांकवार, माहवार वर्षवार विवरणर उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित समयानुसार विभाग द्वारा किस मापदंड/नीति के तहत विज्ञापनों को किस आधार पर (प्रसार संख्यावार) दिए गए? किस-किस इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, गूगल, वेबसाइट्स एवं अन्य को नहीं दिया गया? विज्ञापन नहीं देने का कारण नियमों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा स्वयं विज्ञापन प्रकाशन कार्य नहीं कराया जाता हैं। नियमानुसार विभाग के लिए विज्ञापन प्रकाशन संबंधी समस्त कार्य जनसंपर्क संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन द्वारा किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त शासकीय एजेंसियां प्रसार भारती, भारत सरकार आकाशवाणी केंद्र व दूरदर्शन केंद्र से भी प्रचार-प्रसार कार्य करवाया जाता है। जनसंपर्क संचालनालय, आकाशवाणी केंद्र व दूरदर्शन केंद्र को दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2017 तक माहवार वर्षवार राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) शासन नीति अनुसार प्रचार प्रसार हेतु अधिकृत जनसंपर्क विभाग एवं प्रसार भारती, भारत सरकार आकाशवाणी केंद्र को विज्ञापन दिया गया। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पवन ऊर्जा कंपनियों द्वारा किये गये विकास कार्य
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
3. ( क्र. 978 ) श्री अरूण भीमावद : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा उत्पादन का कार्य कौन-कौन कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है तथा कितनी पवन चक्की पोल लगाकर कितनी यूनिट ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है? प्रारम्भ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक जानकारी देवें। (ख) क्या पवन ऊर्जा कंपनियों द्वारा क्षेत्र के विकास हेतु कार्य किया जाता है या नहीं? नियमों की जानकारी देवें। (ग) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में किस कंपनी के द्वारा क्या-क्या विकास कार्य कराये गये हैं? स्थान, विकास का नाम एवं व्यय राशि की जानकारी देवें। (घ) यदि उपरोक्त कंपनियों द्वारा विकास के कार्य नहीं कराये गये हैं तो कारण बतावें एवं कब तक करा दिये जावेंगे?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में मेसर्स सुधीर प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित 40 पवन चक्कियाँ, कुल क्षमता 60 मेगावाट से 17.0 करोड़ यूनिट एवं मेसर्स आयनाक्स विण्ड इन्फ्रा. एण्ड सर्विसेस लिमि. द्वारा स्थापित 90 पवन चक्कियाँ, कुल क्षमता 190 मेगावाट से 50.62 करोड़ यूनिट विद्युत का उत्पादन किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। पवन ऊर्जा विकासकों द्वारा ''कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सी.एस.आर.) '' अन्तर्गत विकास कार्य किये जाते है। इस संबंध में कंपनी अधिनियम-2013 की धारा-135 (1) उन कम्पनियों पर लागू होती है, जिनमें नेट वर्थ रू. 500 करोड़ या उससे अधिक हो, अथवा टर्न-ओवर रू. 1000 करोड़ या उससे अधिक हो, अथवा नेट लाभ रू. 5 करोड़ या उससे अधिक हो। (ग) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में कम्पनी के द्वारा किये गये विकास कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के वेतन तथा केन्द्र के मेंटेनेंस
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 979 ) श्री अरूण भीमावद : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं को कितना वेतन दिया जा रहा है? इसमें केन्द्र तथा राज्य की कितनी हिस्सेदारी है? वेतन में केन्द्र एवं राज्य का अंश का नियम क्या है? (ख) आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं द्वारा अपने वेतनों को लेकर विगत 4 वर्षों में कितनी बार केन्द्र एवं राज्य शासन को ज्ञापन दिये गये हैं वर्षवार एवं महिनेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या शासन आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के वेतन वृद्धि करने पर विचार कर रही है? (घ) क्या आँगनवाड़ी भवनों के मेंटेनेंस, बैठक व्यवस्था, फर्नीचर एवं बर्तन इत्यादि पर शासन पर्याप्त बजट उपलब्ध करवा रहा है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं के पद को मानसेवी श्रेणी में रखा गया है, अतः आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं को भारत सरकार द्वारा मानदेय दिया जाता है एवं राज्य शासन द्वारा अतिरिक्त मानदेय दिया जाता है। मानदेय में केन्द्र तथा राज्य की हिस्सेदारी की जानकारी निम्नानुसार है :-
विवरण |
मानदेय केन्द्र सरकार द्वारा देय |
राज्य सरकार द्वारा देय |
कुल मानदेय एवं अतिरिक्त मानदेय की राशि (2+5) |
||
कुल मानदेय |
केन्द्र का 60 प्रतिशत |
राज्य का 40 प्रतिशत |
अतिरिक्त मानदेय शत्-प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है |
||
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता |
राशि रुपये 3000/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 1800/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 1200/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 2000/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 5000/- प्रतिमाह |
आंगनवाड़ी सहायिका |
राशि रुपये 1500/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 900/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 600/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 1000/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 2500/- प्रतिमाह |
भारत सरकार द्वारा देय मानदेय में केन्द्र सरकार का 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार का 40 प्रतिशत अंशदान होता है। गाईडलाईन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर पृष्ठ क्रमांक 1 से 23 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद को मानसेवी श्रेणी में रखा गया है। मानदेय बढ़ाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है। राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त मानदेय बढ़ोतरी किए जाने पर विचार किया जा रहा है यह निर्णय नीतिगत होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) भारत सरकार द्वारा समय-समय पर भवनों के मेंटेनेंस, बैठक व्यवस्था, फर्नीचर एवं बर्तन इत्यादि हेतु निर्धारित मापदण्ड एवं बजट उपलब्ध कराये जाने पर तदानुसार कार्यवाही की जाती है।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित विद्युत सलाहकार समिति की बैठकों में आमंत्रण
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 1077 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा विद्युत सलाहकार समितियों का गठन किया गया है? (ख) क्या उक्त समितियों के गठन की बैठकों में उपस्थित रहने हेतु माननीय ऊर्जा मंत्री जी के पत्र क्र. 1705 दिनांक 02.12.2016 द्वारा प्रश्नकर्ता को सूचित किया गया परंतु टीकमगढ़ जिले में तथा खरगापुर विधानसभा में कब-कब बैठकें आयोजित की गई तथा कौन-कौन से जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया, क्या इसकी जानकारी से अवगत करायें? (ग) क्या उक्त समिति कागजों पर बनाकर तैयार कर ली गई प्रश्नकर्ता को किसी भी बैठक में आमंत्रित नहीं किया? यह समिति किस प्रकार गठित की गई है? अवगत करायें तथा आगामी बैठक कब आहूत की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र द्वारा समस्त माननीय विधायकों को विद्युत सलाहकार समिति के गठन एवं ऊर्जा विभाग से संबंधित अन्य जानकारी प्रेषित की गई थी। टीकमगढ़ जिले में विद्युत सलाहकार समिति की बैठक दिनांक 06.03.2017 एवं दिनांक 28.09.2017 को आयोजित की गई थी, जिनमें अधीक्षण अभियंता, टीकमगढ़ कार्यालय के सूचना पत्र कमांक 3937 दिनांक 04.03.2017 एवं 2120 दिनांक 25.09.2017 द्वारा समस्त माननीय सदस्यों को बैठक में उपस्थित होने हेतु सूचित किया गया था। उक्त प्रेषित सूचना पत्रों, जिनमें आमंत्रित माननीय सदस्यों का उल्लेख है, की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु टीकमगढ़ जिले में विद्युत सलाहकार समिति की बैठक दिनांक 06.03.2017 एवं बैठक दिनांक 28.09.2017 के लिये उत्तरांश (ख) में उल्लेखित पत्रों द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदया सहित समस्त माननीय सदस्यों से बैठक में उपस्थित होने का अनुरोध किया गया था। प्रश्नाधीन समिति जिले में विद्युत प्रदाय संबंधी विषयों पर सलाह देने तथा जिले में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं में जन सहभागिता प्राप्त कर स्थानीय समस्याओं के निराकरण के उद्देश्य से राज्य शासन के आदेश अनुसार गठित की गई है। आगामी बैठक की तिथि निश्चित होने पर माननीया प्रश्नकर्ता विधायक महोदया को सूचित कर दिया जावेगा।
नागदा के बालक छात्रावास को 50 सीटर करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
6. ( क्र. 1117 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के द्वारा संचालित बालक छात्रावास मात्र 20 सीटर है, जबकी सम्पूर्ण जिले में 50 सीटर छात्रावास संचालित हैं? (ख) क्या नागदा नगर जिले का सबसे बड़ा शहर है तो यहां कब तक उक्त छात्रावास को 50 सीटर घोषित कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, उज्जैन जिले में वर्तमान में नागदा के अतिरिक्त 8 छात्रावास 50 सीट से कम के संचालित हैं। (ख) जी नहीं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का मानसेवी मानदेय म.प्र. शासन द्वारा बढ़ाना
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 1118 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं काफी समय से 5000 एवं 2500 रूपये के मानदेय पर कार्यरत है? (ख) मंहगाई बढ़ने के बावजूद इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का मानदेय नहीं बढ़ाया गया है? उक्त मानदेय केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा संयुक्त रूप से दिया जा रहा है क्या अन्य राज्यों में राज्य सरकार का मानदेय यहां से अधिक है? (ग) क्या राज्य शासन अपनी मद से दिये जाने वाले मानदेय में बढोत्रा करने पर विचार कर रहा है? यह कब तक बढ़ा दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। विवरण निम्नानुसार है।
विवरण |
मानदेय केन्द्र सरकार द्वारा देय |
अतिरिक्त मानदेय राज्य सरकार द्वारा देय |
कुल योग मानदेय एवं अतिरक्त मानदेय |
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता |
राशि रुपये 3000/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 2000/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 5000/- प्रतिमाह मानदेय |
आंगनवाड़ी सहायिका |
राशि रुपये 1500/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 1000/- प्रतिमाह |
राशि रुपये 2500/- प्रतिमाह मानदेय |
(ख) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद को मानसेवी श्रेणी में रखा गया है। मानदेय बढ़ाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है। जी हाँ। राज्य सरकार द्वारा अपने सीमित वित्तीय संसाधनों से अतिरिक्त मानदेय का भुगतान किया जाता है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त मानदेय बढ़ोतरी किए जाने पर विचार किया जा रहा है यह निर्णय नीतिगत होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( क्र. 1274 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? नाम सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति बाबत् माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय विभागीय मंत्री जी, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास मध्यप्रदेश शासन, सहित जिला महिला बाल विकास अधिकारी राजगढ़ से निरंतर मांग की गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृतियां एवं आवश्यक राशि प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में विलंब के क्या कारण हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत 132 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित भवन विहीन 132 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 65 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु प्रस्ताव पंचायतराज संचालनालय को प्रेषित किये गये है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
अशासकीय संस्थान/एन.जी.ओ. की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( क्र. 1283 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खंडवा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत कौन-कौन से अशासकीय संस्थान/एन.जी.ओ. कार्य कर रहे हैं? उनके नाम एवं पदाधिकारियों की सूची उपलब्ध करायें? (ख) खंडवा जिले में ऐसे कौन-कौन से एन.जी.ओ. हैं, जिन्हें शासकीय आवास या कार्यालय हेतु भवन उपलब्ध कराया गया है? क्या जिले के सभी पंजीबद्ध एन.जी.ओ. को शासकीय आवास/कार्यालय उपलब्ध कराया गए हैं? (ग) विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में किस-किस एन.जी.ओ. को कितनी-कितनी राशि अनुदान के रूप में किस-किस कार्य हेतु प्रदाय की है? उक्त राशि के व्यय पश्चात मॉनीटरिंग किसके द्वारा की गई? (घ) क्या यह सही है कि कागजों पर चल रहे कई एन.जी.ओ. एक ही परिवार के सदस्यों के नाम से अलग-अलग संचालित होकर शासन को लाखों रूपये का चूना लगा रहे हैं? (ड.) यदि हाँ, तो विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी कर इन्हें कितनी राशि का अवैध लाभ दिया गया है? क्या उक्त राशि की वसूली ऐसे अधिकारियों एवं एन.जी.ओ. से की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (च) एक ही परिवार के नाम से चल रहे अनेक एन.जी.ओ. के भौतिक सत्यापन किये जाकर क्या उन्हें प्रदत्त शासकीय धन की वसूली की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) संचालनालय एकीक़ृत बाल विकास सेवा द्वारा जिला खंडवा में कोई भी अशासकीय संस्थान/एन.जी.ओ. कार्य नहीं कर रहे है। संचालनालय महिला सशक्तिकरण द्वारा खंडवा जिले में विभाग अंतर्गत निम्नलिखित पाँच एन.जी.ओ. कार्य कर रहे है। हिंदू बाल सेवा सदन खंडवा, आस्था वेलफेयर सोसायटी खंडवा, नवजीवन चिल्ड्रन होम, खंडवा, सोसायटी फॉर एजुकेशन एंड एनवायरमेंट डेवलपमेंट (SEED) खंडवा, शांति निकेतन शिक्षा विकास समिति, ओंकारेश्वर जिला खंडवा एन.जी.ओ. के नाम एवं पदाधिकाररियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) खंडवा जिले में अशासकीय संस्था आस्था वेलफेयर सोसायटी खंडवा को आश्रय गृह एवं चाइल्ड लाइन के संचालन हेतु तथा अशासकीय संस्था सोसायटी फॉर एजुकेशन एंड एनवायरमेंट डेवलपमेंट (SEED) खंडवा को उषा किरण योजना अंतर्गत महिलाओं के आश्रय गृह संचालन हेतु आवंटित किया गया है। जी नहीं। (ग) खंडवा जिले में महिला सशक्तिकरण द्वारा विगत 03 वर्षों में एन.जी.ओ. को प्रदाय की गई अनुदान राशि एवं कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिला महिला सशक्तिकारण अधिकारी द्वारा की जाती है। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (च) प्रश्नांश (घ) एवं (ड.) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कुपोषण-भ्रष्ट अधिकारियों पर गाज
[महिला एवं बाल विकास]
10. ( क्र. 1285 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले में कुषोपण से विगत तीन वर्षों में कितने बच्चों की मौते हुई है? विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) विगत पाँच वर्षों में इन क्षेत्रों में कुपोषण पर कितनी राशि व्यय की गई है? जनपद एवं वर्षवार बतायें। क्या इस राशि का सदुपयोग किया गया है? (ग) क्या कुपोषण पर शासन का लाखों करोड़ों खर्च होने के बाद भी बच्चों की कुपोषण से मौत होना क्या इस बात का पर्याप्त आधार नहीं कि अधिकारियों द्वारा उक्त राशि का दुरूपयोग किया गया है? (घ) वर्ष 2013 से 2016-17 तक पदस्थ रहे ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के विरूद्ध उच्चस्तरीय जांच एवं शासन के लाखों करोड़ों रूपयो के दुरूपयोग की गई राशि की वसूली की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या विभाग की योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधियों की सहभागिता बढ़ाने पर विचार किया जाएगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) खण्डवा जिले में कुपोषण से विकासखण्ड खंडवा, पन्धाना, छैगावमांखन, पुनासा, खालवा, हरसूद एवं बलडी में प्रश्नांकित अवधि में किसी भी बच्चें की मौत नहीं हुई है। (ख) खण्डवा जिले में प्रश्नांकित अवधि में कुपोषण निवारण के लिये एकीकृत बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत पूरक पोषण आहार एवं अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन पर व्यय की गई राशि का जनपद एवं वर्षवार विवरण निम्नानुसार है :–
क्र. |
जनपद का नाम |
वर्ष में व्यय राशि (लाख रूपयों में) |
||||
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
2017-18 |
||
1 |
खण्डवा |
110.57 |
108.58 |
145.44 |
147.87 |
135.27 |
2 |
पन्धाना |
177.92 |
169.72 |
275.55 |
277.71 |
226.07 |
3 |
छैगावमांखन |
87.93 |
86.04 |
115.24 |
117.16 |
114.56 |
4 |
पुनासा |
127.85 |
125.79 |
168.49 |
178.30 |
170.82 |
5 |
खालवा |
284.25 |
184.53 |
278.76 |
282.91 |
236.03 |
6 |
हरसूद |
71.84 |
70.01 |
93.79 |
95.34 |
92.65 |
7 |
बलड़ी |
36.68 |
35.00 |
49.27 |
50.10 |
45.65 |
जी हाँ, उक्तानुसार राशि का सदुपयोग किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के प्रकाश में जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) विभाग द्वारा योजनाओं के सही क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता बढ़ाने के लिए समय-समय पर निर्देश जारी किए गए है।
नवीन आंगनवाड़ी एवं भवनों के निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( क्र. 1310 ) श्री सुदेश राय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14 से विधान सभा क्षेत्र सीहोर के अन्तर्गत किन-किन स्थानों पर नवीन आंगनवाड़ी की स्थापना कर आंगनवाड़ी प्रारम्भ की गई है एवं कितनी भवनविहीन आंगनवाड़ी के भवन स्वीकृत किये गये? इनमें से कितने भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने अपूर्ण है? जानकारी स्थान सहित दें। (ख) नवीन आंगनवाड़ी प्रारम्भ किये जाने के विभाग को कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये तथा प्रस्ताव के विरूद्ध कितने आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारम्भ किये गये? जानकारी सूची सहित बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2013-14 से विधानसभा क्षेत्र सीहोर के अन्तर्गत 101 मुख्य आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 13 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना कर आंगनवाड़ी प्रारंभ की गयी है एवं 113 भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन स्वीकृत किये गये है। इनमें से 64 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 49 भवन अपूर्ण है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) नवीन आंगनवाड़ी प्रारंभ किये जाने के जिला सीहोर अंतर्गत कुल 114 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के प्रस्ताव स्वीकृति संचालनालय ए.बा.वि.से. से प्राप्त हुये। जिसमें 101 मुख्य आंगनवाड़ी केन्द तथा 13 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हुये जो कि प्रारंभ किये जा चुके है सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। इसके अतिरिक्त माननीय मुख्य मंत्री जी की घोषणा के पालन में परियोजना बुधनी अंतर्गत ग्राम पांगरी एवं बीजाठाना में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृति प्राप्त हुई जो कि प्रारंभ किये जा चुके है।
कृषक अनुदान योजना की जानकारी
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 1353 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में शासन द्वारा किसानों को कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत, निर्धारित राशि जमा करने पर निश्चित समय अवधि में ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, यदि हाँ, तो तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में इस योजना के अंतर्गत वर्ष २०१७-१८ में कितने हितग्राहियों ने ट्रांसफार्मर लगाने हेतु आवेदन किये? आवेदकों के नाम एवं पता सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, आवेदक किसानों में से किन-किन किसानों को ट्रांसफार्मर उपलब्ध करा दिये गये हैं तथा कौन-कौन से किसान शेष हैं एवं क्यों? इन शेष किसानों की ग्राम वार सूची उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कृषक अनुदान योजना मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना में समाहित हो गई है, जिसके अंतर्गत वर्तमान में किसानों द्वारा निर्धारित अंश राशि जमा कर औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर 6 माह की अवधि में आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर स्थाई कृषि पंप कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। (ख) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 में दिनांक 28.02.2018 तक तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में स्थाई कृषि पंप कनेक्शन प्राप्त करने हेतु 433 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए है, जिनकी नाम एवं पते (ग्राम का नाम) सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) मुख्य मंत्री स्थाई कृषि पंप योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन प्राप्त 433 आवेदनों में से 207 किसानों को कनेक्शन प्रदान कर दिये गये हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। शेष 226 किसानों में से 183 किसानों के कार्य प्रगति पर है जो योजना की निर्धारित 6 माह की समय-सीमा के भीतर के है तथा इन्हें निर्धारित समय-सीमा में कनेक्शन प्रदान करने की कार्यवाही की जा रही है। शेष 43 कृषकों के कार्य औपचारिकताएं पूर्ण नहीं करने के कारण लंबित है। उक्त शेष सभी 226 किसानों/आवेदको की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
रिक्त पदों, पोषण आहार एवं विहीन भवन की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( क्र. 1562 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के अन्तर्गत सिंहावल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न श्रेणी के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) कितने केन्द्र भवन विहीन हैं? कब तक भवन बनाये जायेंगे? कितने नए केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित हैं? कब तक खोले जावेंगे? उपलब्ध बजट व संसाधनों सहित जानकारी दें। (ग) प्रदेश में पोषण आहार कौन-कौन सी एजेंसी/फर्म द्वारा उपलबध कराई जाती है? उनकी गुणवत्ता का मापदण्ड का परीक्षण कौन-कौन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? जिलेवार बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा के सिंहावल ब्लॉक अंतर्गत निम्नानुसार पद स्वीकृत भरे एवं रिक्त है।
क्रमांक |
पद विवरण |
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
रिमार्क |
1 |
परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास सेवा |
01 |
01 |
- |
|
2 |
विकास महिला सशक्तिकरण अधिकारी |
01 |
01 |
- |
|
3 |
पर्यवेक्षक |
15 |
06 |
09 |
कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। |
4 |
सहायक ग्रेड-3 |
02 |
02 |
- |
|
5 |
भृत्य |
01 |
01 |
- |
|
(ख) सिंहावल परियोजना अंतर्गत आज दिनांक तक कुल 123 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। भवनों का निर्माण कार्य बजट की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। सिंहावल परियोजना अंतर्गत नवीन केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव जिले से प्राप्त नहीं हुआ है। नवीन केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत भारत सरकार को भेजा जाता है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय एम.पी. एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से किया जा रहा है। एम.पी. एग्रो इण्डस्ट्रीज के द्वारा प्रतिमाह प्रदायित विभिन्न रैसिपी के 100-100 मैटन के प्रत्येक बैच से सेम्पल प्राप्त कर गुणवत्ता की जांच भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास खाद्य एवं पोषण आहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला से नियमित रूप से कराई जाती है तथा स्व-सहायता समूहों के माध्यम से प्रदाय ताजा पका नाश्ता एवं भोजन की गुणवत्ता की जांच प्रतिदिन स्थानीय ग्राम स्तर पर गठित ग्राम तदर्थ समिति, हितग्राही के अभिभावक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा विवरण के पूर्व भोजन चखकर पंचनामा बनाया जाता है, क्वालिटी की संतुष्टि होने पर पोषण आहार वितरण हितग्राहियों को किया जाता है।
विद्युत समस्याओं के निराकरण
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 1563 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले में कितने ट्रान्सफार्मर माह अक्टूबर 2017 से प्रश्न दिनांक तक जले हुए हैं? (ख) सिंहावल क्षेत्रान्तर्गत किस-किस डीसी में किस-किस तारीख से ट्रान्सफार्मर जले हुए हैं? वे कितने के.बी.ए. के हैं? क्या निम्न गुणवत्ता के ट्रान्सरफार्मर लगाये जाते हैं, जो कि तत्काल ही जल जाते हैं? कब तक जले हुए ट्रान्सफार्मर बदल दिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) कितने ग्रामों में तार जले होने से विद्युत सेवा अवरूद्ध है? कब तक ठीक किया जावेगा? रखरखाव किस एजेंसी द्वारा की जा रही है? एजेंसी का दायित्व क्या है? इसकी मानिटरिंग किस स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सीधी वृत्त के अन्तर्गत माह अक्टूबर 2017 से फरवरी 18 तक सीधी जिले में 40 एवं सिंगरौली जिले में 30 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष है। (ख) सिंहावल क्षेत्रान्तर्गत जले/खराब हुये वितरण ट्रांसफार्मरों की फेल होने की दिनांक सहित वितरण केन्द्रवार एवं क्षमतावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- अनुसार है। जी नहीं, निर्धारित मानकों के अनुसार उच्च गुणवत्ता के ट्रांसफार्मर ही लगाये जाते है वर्तमान में लागू नियमानुसार जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने के उपरांत फेल ट्रांसफार्मरों को बदले जाने का प्रावधान है। उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने के पश्चात प्रश्नाधीन फेल ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी, अतः वर्तमान में प्रश्नाधीन फेल ट्रांसफार्मरों को बदले जाने की समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में मात्र 8 ग्रामो में तार/केबल जले थे जिसे सुधारकर विद्युत सप्लाई चालू कर दी गई है वर्तमान में किसी भी ग्राम में विद्युत प्रदाय अवरूद्ध नहीं है। रख रखाव का कार्य किसी बाह्य एजेंसी द्वारा नहीं वरन वितरण कपंनी द्वारा विभागीय स्तर पर किया जा रहा है। रख-रखाव की जिम्मेवारी संबंधित वितरण केन्द्र के कनिष्ठ/सहायक अभियंता की है जिसकी मॉनिटरिंग संभागीय स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है।
ई.ओ.डब्लू. द्वारा दर्ज अपराध क्रमांक 61/12 के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
15. ( क्र. 1627 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई.ओ.डब्लू. द्वारा दर्ज अपराध क्रमांक 61/12 में किन किस आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति जारी की जाना अक्षेपित हैं? अभियोजन स्वीकृति की कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? (ख) ई.ओ.डब्लू. द्वारा आरोपियों के विरूद्ध संबंधित विभाग/नियुक्तिकर्ता अधिकारी को अभियोजन स्वीकृति जारी करने हेतु लिखे गये पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या अभियोजन स्वीकृति की कार्यवाही लंबित रखने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सामान्य प्रशासन विभाग कोई प्रभावी कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) उक्त अपराध क्रमांक 61/12 में अन्य कौन-कौन संदेही हैं? नामवार विवरण दें। क्या आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के द्वारा अपने अधिकारियों का प्रत्यायोजन किस अधिकारी को किस आदेश के द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो आयुक्त का अपराध को रोकने हेतु दायित्व स्पष्ट करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अपराध क्रमांक 61/12 में आरोपी/संदेही 1. श्रीमती अनिता बाथम, तत्का. आहरण एवं संवितरण अधिकारी 2. श्री अनिल पोल घंटरवार, सहायक वर्ग-2 कार्यालय अनुसूचित जाति विकास विभाग भोपाल 3. श्री भवानी भीख, भृत्य 4. भाउराव भलावी, भृत्य कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास, भोपाल 5. श्री एस.बी. गुप्ता, तत्का. वरिष्ठ कोषालय अधिकारी 6. श्री नंदकिशोर, तत्का. कोष लेखा लिपिक 7. श्री ए.सुरेश तत्का. कोश लेखा लिपिक 8. श्रीमती राजश्री पिल्लई, तत्का. कोष लेखा लिपिक 9. श्री किशोर थवानी, तत्का. लिपिक भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक लिमिटेड शाखा एम.पी. नगर भोपाल 10. श्री एस.एस. भंडारी, अपर संचालक, अनुसूचित जाति विभाग भोपाल 11. श्री ए.के. जासू, तत्का. अपर संचालक, अनुसूचित जाति विभाग भोपाल 12. श्रीमती ज्योति गोलाईत, तत्का. अपर संचालक, अनुसूचित जाति विभाग भोपाल एवं अन्य के विरूद्ध धारा-173 (8) द.प्र.स. के अंतर्गत विवेचना की जा रही है। विवेचना में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'क' के अनुसार। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को शासकीय कर्मचारी में सम्मिलित करना
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( क्र. 1652 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश की आंगनवाड़ियों में कार्यरत कार्यकर्ता व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग का दर्जा दिये जाने की कोई योजना है, या नहीं? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या आंगनवाड़ी कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा जैसे मंहगाई भत्ता, भविष्य निधि, पेंशन, शासकीय अवकाश, स्थानांतरण मेडिकल, बीमा आदि की सुविधाएं प्रदान हैं या नहीं? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या महिला सशक्तिकरण एवं एकीकृत बाल विकास विभाग की भर्तियों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को पदोन्नत किया जाता है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या भविष्य में शासन इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के भविष्य को देखते हुए इनकी मांगों पर विचार करेगा या नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में संचालित आई.सी.डी.एस. योजना भारत सरकार द्वारा निर्धारित किये गये स्वरूप अनुसार प्रदेश में लागू है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत कार्य करने वाले मानसेवी कार्यकर्ता है। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय एवं प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त मानेदय का भुगतान किया जाता है। आंगनवाड़ी कर्मियों की सेवायें मानसेवी होने से इन्हें महंगाई भत्ता, भविष्य निधि पेंशन, स्थानान्तरण, मेडिकल आदि की सुविधायें प्रदान नहीं की जाती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये नियमानुसार शासकीय अवकाश की पात्रता है। सामाजिक सुरक्षा योजना अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका बीमा योजना/प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना/प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना द्वारा पात्रतानुसार लाभ दिया जाता है। (ग) जी नहीं। केवल एकीकृत बाल विकास सेवा प्रभाग अन्तर्गत पर्यवेक्षक सवंर्ग में पर्यवेक्षक पद के रिक्त पदों का 50 प्रतिशत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सीमित सीधी भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से चयन कर नियुक्ति का प्रावधान है। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत कार्य करने वाले मानसेवी कार्यकर्ता है। अतः प्रचलित नियमों के अधीन ही मांगों पर विचार किया जाकर नियमानुसार निराकरण किया जाता है।
वि.स. क्षेत्र सरदारपुर में संचालित आंगनवाड़ी
[महिला एवं बाल विकास]
17. ( क्र. 1780 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सरदारपुर के अंतर्गत कितनी आंगनवाडियां स्वीकृत हैं? इनमें से कितनी आदिवासी क्षेत्रों में एवं कितनी अन्य क्षेत्रों में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी आंगनवाड़ियां शासकीय भवनों में संचालित हैं एवं कितनी भवन विहीन हैं? आंगनवाड़ीवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) विधान सभा क्षेत्र सरदापुर अंतर्गत वर्ष 2015-16 वर्ष 2016-17 वर्ष 2017-18 में विभाग द्वारा कितनी आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया गया है? इन निर्मित भवनों का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया है? (घ) क्या उक्त भवनों के निर्माण तकनीकी मापदण्ड अनुसार नहीं किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) धार जिले की विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अन्तर्गत 02 परियोजनाएं संचालित होकर 418 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है इनमें से 387 आंगनवाड़ी केन्द्र आदिवासी क्षेत्रों में संचालित है तथा अन्य क्षेत्र नगर परिषद् राजगढ़ में 22 तथा नगर परिषद् सरदारपुर में 09 इस प्रकार कुल 31 केन्द्र संचालित है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 113 आंगनवाड़ियां शासकीय भवनों में संचालित है तथा 305 आंगनवाड़ियां भवन विहीन है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है वर्ष 2015-16 में मनरेगा अन्तर्गत कुल 11 आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी वर्तमान में उक्त भवन निर्माणाधीन होने से सत्यापन शेष है। (घ) उक्त भवनों के निर्माण तकनीकी मापदण्ड अनुसार नहीं किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
वि.स. क्षेत्र सरदारपुर में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 1788 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदार विधानसभा क्षेत्र की 95 ग्राम पंचायतों के 216 ग्रामों एवं 800 मजारे/टोलों में फीडर सेपरेशन एवं मुख्य मंत्री एवं अन्य विद्युतीकरण योजनाओं में कितने ग्रामों/मजरे/टोलों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति कर दी गई है? जिनमें नहीं की गई हैं वहां कब तक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) ऐसे कितने ग्रामों/मजरो/टोलों में फीडर सेपरेशन एवं विद्युतीरकण का कार्य अपूर्ण है? यदि अपूर्ण है तो इसके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गर्इ है? (ग) इन कार्यों में प्रयुक्त सामग्री घटिया किस्म की लगी होने के कारण वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने व्यक्तियों एवं पशुओं की करंट लगने से मृत्यु हुई हैं तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) धार जिले के सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में 95 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 195 राजस्व ग्राम एवं 721 मजरे/टोले (216 राजस्व ग्राम एवं 800 मजरे/टोले नहीं) है। सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के 195 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर घरेलू उपभोक्ताओं को आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं अन्य योजनाओं में 442 मजरों/टोलों में कार्य पूर्ण कर आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा शेष 279 मजरे/टोले जो कि आंशिक रूप से विद्युतीकृत है, के सघन विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत माह दिसम्बर-2018 तक पूर्णकर उक्तानुसार 24 घण्टे विद्युत प्रदाय उपलब्ध करा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अन्तर्गत केवल स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन हेतु विद्युत लाईन विस्तार कार्य किया जाना प्रावधानित है तथा इस योजना में ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित नहीं है। (ख) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्राम विद्युतीकृत है तथा इन सभी राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। फीडर विभक्तिकरण योजना, राजस्व ग्रामों के आबादी क्षेत्र में विद्युत प्रदाय करने वाले घरेलू फीडर और कृषि क्षेत्र में प्रदाय करने वाले सिंचाई फीडरों को अलग करने की योजना थी। सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी 48 मिक्स फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य पूर्ण किये जा चुके है। सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में 279 मजरे/टोले यद्यपि आंशिक रुप से विद्युतीकृत है, किन्तु इनके फीडर सेपरेशन का कार्य नहीं किया गया है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार यह कार्य दिसम्बर, 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी मजरा/टोला अविद्युतीकृत नहीं है तथा फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों के लिए फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में विद्युत लाईनों में निर्धारित मानकों के अनुरूप ही सामग्री उपयोग की गई है। वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत लाईनों में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता के कारण नहीं अपितु अन्य कारणों से विद्युत दुर्घटनाएं घटित हुई हैं, अत: सामग्री की गुणवत्ता को लेकर किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
परियोजना अधिकारी की पदस्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( क्र. 1851 ) श्री जतन उईके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में विगत 6 माह से परियोजना अधिकारी का पद रिक्त हैं तथा पदस्थापना नहीं होने से शहरी क्षेत्र/ग्रामीण क्षेत्र की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? जिस कारण कार्य भी प्रभावित हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पांढुर्णा में परियोजना अधिकारी की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, कार्यालय कलेक्टर जिला छिन्दवाड़ा के आदेश क्रमांक/24/एबाविसे/स्था., दिनांक 1.1.2018 द्वारा श्रीमती लक्ष्मी चौधरी, पर्यवेक्षक को अतिरिक्त प्रशासकीय प्रभार सौंपा गया था। श्रीमती चौधरी के अवकाश पर जाने के कारण पुनः आदेश क्रमांक/589/एबाविसे/स्था./2018, दिनांक 3.2.2018 द्वारा तत्कालिक व्यवस्था के रुप में विकासखंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री शैलेन्द्र चौकसे को बाल विकास परियोजना, पांढुर्णा का अतिरिक्त प्रशासकीय प्रभार दिया गया है। (ख) पदों की रिक्ति एवं पूर्ति निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत कार्य की जानकारी
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 1930 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत कुल कितने स्थानों पर सब स्टेशन कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्थानवार जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत आदेश क्रमांक, दिनांक, लागत तथा संविदाकार से अनुबंध की तिथि एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? (ग) वर्णित कार्य किस स्थान में किस आराजी खसरा नम्बर पर कितने वर्ग मीटर पर निर्माण कार्य किया जाना है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला अनूपपुर के अंतर्गत कुल दो स्थानों पर 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य स्वीकृत है, जिसकी स्थानवार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
स्वीकृत किये गये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का नाम |
उपकेन्द्र की क्षमता |
1 |
चोरभट्ठी |
1x5 एम.व्ही.ए. |
2 |
पसान शहर |
1x5 एम.व्ही.ए. |
(ख) उत्तरांश (क) में उललेखित उपकेन्द्रों की स्वीकृति का आदेश क्रमांक, दिनांक, लागत राशि, संविदाकार से अनुबंध की तिथि तथा कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
उपकेन्द्र का नाम |
स्वीकृति आदेश क्रमांक एवं दिनांक |
लागत
राशि |
संविदाकार से अनुबंध की तिथि |
कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि |
1 |
चोरभट्ठी |
अवार्ड क्रमांक 1094, दिनांक 02.05.2017 |
149 |
08.05.2017 |
एल.ओ.आई. दिनांक 27.03.2017 से 24 माह |
2 |
पसान |
एल.ओ.ए. नं. 60, दिनांक 27.04.2017 |
197 |
05.05.2017 |
एल.ओ.आई. दिनांक 27.03.2017 से 24 माह |
(ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित उपकेन्द्रों हेतु चयनित स्थलों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
स्वीकृत उपकेन्द्र का नाम |
आराजी खसरा क्र. |
स्थल का क्षेत्रफल (वर्ग मीटर में) |
1 |
चोरभट्टी |
खसरा क्र. 1161/3 ढ |
1980 |
2 |
पसान |
301 |
10,000 |
लोक सेवा आयोग द्वारा पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन पर अभ्यार्थियों की नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 2013 ) श्री अजय सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2014 में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं अन्य पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन पदों पर लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत चयन किया गया तथा किन-किन पदों पर कितने अभ्यर्थियों को प्रश्न तिथि तक नियुक्ति प्रदान की गई एवं प्रश्न तिथि तक किन-किन पदों पर नियुक्ति प्रदान नहीं की गई? (ख) जिन पदों पर नियुक्ति प्रदान नहीं की गई क्या उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं? यदि नियुक्ति प्रदान की जाती है तो उस वर्ष के अन्य विभागों में चयनित अभ्यर्थियों के समान वरिष्ठता मानी जाएगी? (ग) नियुक्तियों में विलंब के लिए किसे दोषी माना गया और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र क्र. 2638/ने.प्र./17 दिनांक 30.12.17 को माननीय मुख्यमंत्री को इस प्रकरण पर पत्र लिखा गया था? अगर हाँ तो प्रश्न तिथि पर कब व क्या कार्यवाही की गई? जानकारी बिन्दुवार प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामों मजरों टोलों में 24 घंटे विद्युत प्रवाह किया जाना
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 2051 ) श्री राजकुमार मेव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामों, मजरों, टोलों में घरेलु उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रवाह किये जाने के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो महेश्वर विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कितने ग्राम, मजरे, टोले एवं वनग्राम हैं? जहाँ 24 घंटे विद्युत प्रवाह नहीं किया जा रहा है? सूची उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में ऐसे ग्राम हैं, जिनमें फीडर सेपरेशन (फीडर विभक्तिकरण) का कार्य शेष है? यदि हाँ, तो ग्रामों की सूची उपलब्ध कराई जावे? इन ग्रामों में कब तक 24 घंटे विद्युत प्रवाह उपलब्ध करा दिया जावेगा? (घ) क्या महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में फिडर विभक्तीकरण का कार्य, कार्य एजेंसी से माह फरवरी 2016 तक पूर्ण कराये जाने के संबंध में विधान सभा प्रश्न क्रमांक 626 दिनांक 15/12/2015 में पूर्ण कराये जाने का उत्तर दिया गया था? यदि हाँ, तो यह कार्य वर्तमान में भी शेष क्यों है? कब तक यह कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में समस्त राजस्व ग्रामों में एवं घरेलू (गैर-कृषि) फीडरों से संबद्ध मजरों/टोलों में घरेलू उपयोग सहित अन्य गैर-कृषि कार्यों हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये हैं। (ख) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र के सभी राजस्व ग्रामों में उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषि फीडर से संबद्ध 13 मजरे/टोले ऐसे है जिनमें 24 घण्टे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ, महेश्वर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 8 राजस्व ग्राम ऐसे है जिसमें फीडर विभक्तिकरण का कार्य शेष है। उक्त ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त सभी 8 राजस्व ग्रामों को प्राकृतिक आपदा/तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। महेश्वर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विधानसभा प्रश्न क्रमांक 626 दिनांक 15/12/2015 के उत्तर में 34 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य शेष होने की जानकारी दी गई थी, जिसमें से 26 राजस्व ग्रामों का फीडर विभक्तिकरण का कार्य माह नवम्बर-2016 तक पूर्ण कर दिया गया है। शेष 8 राजस्व ग्रामों में वन व्यवधान एवं पहुँच मार्ग की समस्या के कारण कार्य शेष है। उक्त कार्य वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है तथा माह दिसम्बर-2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
वन भूमि के वन अधिकार पत्र हेतु दावे
[जनजातीय कार्य]
23. ( क्र. 2053 ) श्री राजकुमार मेव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र महेश्वर में कितने आदिवासी एवं कितने गैर आदिवासियों के कितनी वन भूमि के वन अधिकार पत्र हेतु आवेदन/दावे प्राप्त हुये? उनमें से कितने आदिवासी एवं कितने गैर आदिवासियों के दावे मान्य किये? कितने दावे अमान्य किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में दावों को अमान्य किये जाने के क्या-क्या कारण रहे हैं? इन दावों को मान्य किये जाने हेतु संबंधितों से कौन-कौन से साक्ष्य ग्राम सभा को उपलब्ध कराये गये? यदि साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराये गये तो कारण बतावें? (ग) प्रश्नांकित तिथि तक कितने ग्रामों की कितनी भूमियों के कितने वन अधिकार पत्र एवं कितने सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किये गये? कितने वन अधिकार पत्र धारियों को शासन की किन-किन लाभकारी योजनाओं से लाभान्वित किया गया? विस्तृत विवरण दिया जावे? (घ) क्या महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नांकित दिनांक तक भी वन अधिकार पत्र दावों से संबंधित आवेदन पत्र लंबित हैं? यदि हाँ, तो कितने एवं किस-किस ग्राम के कितने-कितने? उक्त दावों का कब तक निराकरण किया जाकर पात्र दावों में वन अधिकार पत्र का वितरण किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में प्राप्त व्यक्तिगत दावों, मान्य दावों एवं अमान्य दावों की जानकारी निम्नानुसार हैं-
क्र. |
मद |
प्राप्त दावे |
मान्य दावे |
अमान्य दावे |
|||
सं. |
रकबा हे. में |
सं. |
रकबा हे. में |
सं. |
रकबा हे. में |
||
1 |
आदिवासी |
816 |
1649.474 |
213 |
257.144 |
603 |
1392.330 |
2 |
गैर आदिवासी |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में वन अधिकार पत्र दावों से संबंधित कोई भी आवेदन पत्र लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदक्रम सूची के संबंध में
[वित्त]
24. ( क्र. 2065 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5 ए 2/97/ई/चार दिनांक 02/09/2000 के तहत मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा के अधिकारियों की पदोन्नति भूतलक्षी प्रभाव दिनांक 11/12/98 से की जाकर पदक्रम सूची में वरिष्ठता का निर्धारण कनष्ठि कर्मचारी के उपर रखने के आदेश हुये थे? (ख) क्या 18 वर्षों बाद भी उक्त आदेश के परिपालन से वरिष्ठता सूची का संशोधन आज दिनांक तक नहीं किया गया? जिसके फलस्वरूप प्रवर श्रेणी वेतनमान का लाभ वरिष्ठ कर्मचारी के पूर्व कनिष्ठ कर्मचारियों को प्राप्त हो गया? (ग) उक्त आदेश के परिपालन में वरिष्ठता का निर्धारण न करने के कारण कौन अधिकारी दोषी है एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) उक्त आदेश के तहत पदक्रम सूची का निर्धारण कर वरिष्ठ कर्मचारियों को कनष्ठि कर्मचारियों के दिनांक से प्रवर श्रेणी वेतनमान का लाभ दिया जायेगा या नहीं? यदि दिया जावेगा तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) आदेश के पालन में वरिष्ठता सूची में संशोधन किया गया है। (ग) उत्तरांश "ख"के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वरिष्ठता के क्रम में पात्रता अनुसार देय प्रवर श्रेणी वेतनमान का लाभ दिया जाता है।
वरिष्ठता निर्धारण
[वित्त]
25. ( क्र. 2066 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय कोष एवं लेखा के आदेश क्रमांक स्था./एस.ए.एस./2011/1052 दिनांक 26/09/2011 अनुसार रिट पिटीशन क्रमांक 4458/1007 में वरिष्ठता निर्धारण के संबंध में माननीय न्यायालय के अंतिम निर्णय तक वर्ष 1987 में नियुक्त अधीनस्थ लेखा सेवा के शिशिक्षुओं की संवर्ग में वरियता यथावत रहने के निर्देश थे? (ख) क्या माननीय न्यायालय द्वारा उक्त याचिका पर अंतिम निर्णय चार साल पहले ही दिया जा चुका है जिसमें वित्त विभाग के आदेश दिनांक 30/12/2006 को विधि सम्मत माना तथा ऐसा कोई निर्णय नहीं दिया है, जो मूल नियम के प्रावधानों के विपरीत हो? (ग) क्या वित्त विभाग के आदेश दिनांक 30/12/2006 के आदेश के खिलाफ संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा किसी न्यायालय आदि में कोई अपील नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर नहीं तो सही क्या हैं? विवरण देवे। यदि हाँ, तो अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? वित्त विभाग के आदेश का पालन कब तक किया जाएगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) विभाग के पत्र क्रमांक 10-11/2005/ई/चार,दिनांक 01.01.2010 द्वारा निर्देश दिये गये कि "शिशिक्षुता अवधि में निश्चित वेतनमान दिया जाता है। अत: शिशिक्षुता अवधि को वेतनवृद्धि हेतु मान्य करना उचित नहीं है। इस संबंध में म.प्र.अधीनस्थ लेखा सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 1965 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाये।" तदनुसार कार्यवाही की गई है।
वन अधिकारी पत्रों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 2185 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लाक के ग्राम कटंगी, सिवनपाट एवं डुल्हारा की संरक्षित वन सर्वे में शामिल बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनों को ग्राम सालीवाड़ा में आयोजित अन्त्योदय मेले में दिनांक 6 अप्रैल 2016 को वन अधिकार पत्र वितरित किए जाने की बजाय कृषि कार्य के पट्टों का वितरण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी 2008 से लागू वन अधिकारी कानून 2006 की किस-किस धारा के अनुसार संरक्षित वन भूमि एवं बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीन के वन अधिकार पत्र वितरित किए जाने की बजाय पट्टें वितरित करने का प्रावधान दिया गया है? (ग) 6 अप्रैल 2016 को किस ग्राम के बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज किस खसरा क्रमांक को कितने रकबे के पट्टों का वितरण किया गया? इसमें से कितनी भूमि वन विभाग ने संरक्षित वन सर्वें में शामिल की थी? (घ) कटंगी, सिवनपाट एवं डुल्हारा ग्राम की संरक्षित वन सर्वे में शामिल एवं बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनों पर 1960 से लगातार काबिज आदिवासी, गैर आदिवासी को वन अधिकार पत्र किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी दिए जाने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जा सकी है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 6 अप्रैल 2016 के ग्राम सालीवाड़ा में आयोजित अन्त्योदय मेले में वन अधिकार पत्रों का वितरण नहीं किया गया अपितु ग्राम कटंगी, डुल्हारा एवं सीवनपाट के 67 हितग्राहियों को खसरा बी-1 दुरूस्त किया जाकर ऋण पुस्तिका वितरण की गई है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्राम कटंगी, सिवनपाट एवं डुल्हारा ग्राम की राजस्व अभिलेखों में विभिन्न मदों में दर्ज गैरखातों की जमीन को वन भूमि नहीं माना गया है एवं न ही राजस्व भूमि के वन अधिकार पत्र इन ग्रामों में वितरित किये गये। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लोकायुक्त में पकड़े गये अधिकारियों पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
27. ( क्र. 2254 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकायुक्त सागर द्वारा दिनांक 17 नवम्बर 2015 में वाणिज्यककर विभाग सागर में पदस्थ सहायक आयुक्त श्री जलज रावत व संभागीय उपायुक्त श्री एच.एस ठाकुर एवं कर सलाहकार श्री पंकज कुकरेजा को संभागीय आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग सागर के शासकीय आवास पर रूपये तीन लाख की रिश्वत लेते हुये लोकायुक्त सागर द्वारा रंगे हाथ पकड़ा गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित दोनों शासकीय अधिकारियों को आज दिनांक तक निलम्बित न किया जाकर उनकी नियमित पदस्थापना जारी है? यदि हाँ, तो क्या इससे भ्रष्ट अधिकारियों के मन में लोकायुक्त पुलिस का डर कम नहीं हो रहा है? (ग) क्या उक्त ट्रेप प्रकरण में पहले अनुसंधान लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा किया जा रहा था, बाद में प्रकरण में अनुसंधान लोकायुक्त पुलिस इन्दौर द्वारा किया गया? फिर पुन: अनुसंधान की कार्यवाही लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा की गयी? प्रकरण का एक स्थान से दूसरे स्थान तक एवं दूसरे स्थान से पुन: उसी जगह अनुसंधान की कार्यवाही क्यों की गयी है? कारण बतावें। (घ) क्या पूर्व में दिनांक 3/3/2016 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 3996 से जानकारी दी गयी कि लोकायुक्त के प्रकरण में लोकायुक्त संगठन द्वारा ही कार्यवाही की जाना है समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं? क्या 2 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी प्रकरण में न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की समय-सीमा बतायेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। आपराधिक प्रकरणों में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11-19/2011/1/10 दिनांक 23.02.2012 में प्रदत्त दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में ट्रेप की कार्यवाही प्रकाश में आने पर प्रश्नांश (क) में वर्णित विभागीय अधिकारियों को उनकी वर्तमान पदस्थापना सागर से स्थानांतरित किया जा चुका है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11-58/1-10 दिनांक 26 फरवरी, 1998 में प्रदत्त दिशा-निर्देशों के अनुसार निलम्बन की कार्यवाही माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत होने के पश्चात किया जाना प्रावधित है। (ग) प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसंधान लोकायुक्त सागर द्वारा किया जा रहा था। प्रशासनिक आधार पर विशेष पुलिस स्थापना भोपाल के पत्र क्रमांक 3887, दिनांक 08.06.2016 के पालन में प्रकरण विवेचना हेतु इंदौर संभाग प्रेषित किया गया था। विशेष पुलिस स्थापना भोपाल के पत्र क्रमांक 7319, दिनांक 25.11.2016 के माध्यम से पुन: प्रकरण अग्रिम विवेचना हेतु सागर संभाग को प्राप्त हुआ था, जिसके पालन में प्रकरण में अग्रिम विवेचना की गई। (घ) जी हाँ। प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कोचिंग व्यवस्था में मानदेय की विसंगति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
28. ( क्र. 2309 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित जिला स्तरीय उत्कृष्ठ एवं विकासखण्ड स्तरीय उत्कृष्ठ छात्रावासों में किस कक्षा से किस कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है? (ख) क्या इन छात्रावासों में कक्षा 9 से 12 वी तक के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो, बतायें कि इन संस्थानों में कोचिंग व्यवस्था का क्या प्रावधान है? (ग) जिला स्तरीय उत्कृष्ठ छात्रावासों एवं विकास खण्ड स्तरीय उत्कृष्ठ छात्रावासों में विषयवार कोचिंग शिक्षक को कितना-कितना मानदेय का प्रावधान है? (घ) जिला स्तरीय उत्कृष्ठ छात्रावासों एवं विकासखण्ड स्तरीय उत्कृष्ठ छात्रावासों में जब कक्षा 9 से 12 वीं तक के समान कक्षाओं के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है तो इनमें कोचिंग व्यवस्था तथा मानदेय प्रावधानों में विसंगति क्यों है तथा इस विसंगति को कब तक दूर कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में संचालित जिला स्तरीय उत्कृष्ठ एवं विकास खंड स्तरीय उत्कृष्ठ छात्रावासों में कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। (ख) जी हाँ। इन संस्थाओं में प्रवेशित विद्यार्थियों को गणित, अंग्रेजी, विज्ञान एवं कम्प्यूटर/सामान्य ज्ञान, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, एकाउण्ट, एप्लाईड अर्थशास्त्र विषय के विशेषज्ञों द्वारा कोचिंग कक्षाएं संचालित किये जाने का प्रावधान है। (ग) जिला स्तरीय उत्कृष्ठ छात्रावासों में प्रतिमाह राशि रू. 2500/- प्रति शिक्षक 5 शिक्षक प्रति छात्रावास मानदेय देने का प्रावधान है। (घ) कोचिंग मानदेय में विसंगति को दूर कर दिया गया है।
प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के दुर्व्यवहार की शिकायत संबंधी
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र. 2409 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आलोट जिला रतलाम में प्रभारी एस.डी.ओ. राजस्व श्रीमती लक्ष्मी नामड संयुक्त कलेक्टर द्वारा कर्मचारियों आम लोगो, जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार, कार्य न करने अमर्यादित भाषा का प्रयोग व कर्मचारियों आदि से पद के मद में मारपीट आदि की शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा व अन्य जनप्रतिनिधियों ने की थी? यदि हाँ, तो शासन ने उक्त शिकायत पर क कार्यवाही की? (ख) क्या पूर्व में पदस्थ जिलों में भी इनके विरूद्ध शिकायतें मिली हैं? यदि हाँ, तो इन्हें जिले से कब तक हटाया जायगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आयुक्त, उज्जैन संभाग, उज्जैन द्वारा म.प्र.सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम 3 (1) (एक) (दो) (तीन) के प्रावधानों का उल्लंघन होने से संबंधित अधिकारी के विरूद्ध म.प्र.सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियत्रंण तथा अपील) नियम-1966 के अर्न्तगत दिनांक 09.02.2018 को ''कारण बताओ सूचना पत्र'' जारी किया गया। (ख) जी हाँ। अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत विद्यत बिलों में एरियर्स एवं अधिभार की राशि
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 2697 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत समस्या निवारण शिविर में विद्युत बिलों की विसंगतियां दूर की गई है? (ख) यदि हाँ, तो तत्समय सुधारे गये बिलों में पुन: अधिभार एवं एरियर्स की राशि क्यों अंकित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार शिविर लगाने का क्या औचित्य है एवं सुधार के बाद पुन: बढ़े बिलों का दोषी कौन है? क्या इन पर कार्यवाही करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) विद्युत बिलों में सुधार के बाद यदि उपभोक्ता विद्युत देयक की पूर्ण राशि जमा नहीं करता है तो उसके आगामी बिलों में बकाया राशि एवं अधिभार दर्शित होता है। (ग) उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण हेतु शिविर लगाने के पूर्व बिलिंग डाटा फाइनल हो जाने एवं बिलिंग प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाने की स्थिति में शिविरों में बिल में किया गया संशोधन/सुधार, उस माह के बिल में दर्शित नहीं हो पाता तथापि यह संशोधन/सुधार आगामी माह के बिल में दर्शित होता है एवं उपभोक्ता से संशोधित राशि का ही भुगतान प्राप्त किया जाता है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
वल्लभनगर वार्ड स्थित सामुदायिक भवन का निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
31. ( क्र. 2719 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वल्लभ नगर वार्ड में विभाग द्वारा स्वीकृत राशि से सामुदायिक भवन का निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो कब एवं कितनी राशि से? (ख) क्या प्रश्नाधीन भवन का कार्य अपूर्ण होने एवं रख-रखाव के अभाव में वह जीर्ण-शीर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या शासन उक्त भवन को उपयोगी बनाने हेतु राशि स्वीकृत कर अपूर्ण कार्य को पूर्ण करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, वर्ष 1993-94 में रूपये 76000/- की लागत से सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य एजेंसी नगर पालिका निगम, सागर द्वारा किया गया। (ख) जी हाँ। निर्मित सामुदायिक भवन के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर पालिक निगम सागर की है। (ग) जी नहीं। विभागीय अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत निर्मित सामुदायिक भवनों का रख-रखाव विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र
[अनुसूचित जाति कल्याण]
32. ( क्र. 2720 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्र के शास्त्री वार्ड में विभाग द्वारा संचालित प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र को कुछ वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या शासन अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के शिक्षित युवकों/युवतियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र को पुन: प्रारंभ कर प्रशिक्षण प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्त विभाग द्वारा चयनित एवं अनुशंसित योजनाओं के अंतर्गत प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिये जाने के परिप्रेक्ष्य में बंद किया गया है। (ग) जी नहीं वर्तमान में शिक्षित युवक/युवतियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु मध्यप्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद् तथा मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रायवेट कम्पनी द्वारा कार्यों में अनियमितता
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 2848 ) श्री राजेश सोनकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत इंदौर (संचालन-संधारण) संभाग में वर्ष 2017-18 में 31 जनवरी 2018 तक अधिक बिल आने संबंधी कितनी शिकायतें उपभोक्ताओं से प्राप्त हुई? मेसर्स फेडको कम्पनी को विद्युत वितरण संबंधी क्या-क्या कार्य दिये गये है? मेसर्स फेडको कम्पनी द्वारा उक्त कार्य हेतु कितने कर्मचारी लगाने थे वर्तमान में उक्त कंपनी के कितने कर्मचारी मैदानी क्षेत्रों में कार्यरत है? क्या मेसर्स फेडको कम्पनी को आवंटित कार्य विद्युत कंपनी के कर्मचारियों से कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा इंदौर (संचालन-संधारण) संभाग में किन कम्पनियों को विद्युत मीटर लगाने के ठेके दिये गये है? प्रश्नांकित क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में 31 जनवरी 2018 तक किन-किन मीटर निर्माता कंपनियों के मीटरों की अत्यधिक खराब/बंद होने की शिकायतें आई हैं? क्या मीटरों के गुणवत्ता हीन होने से अधिक बिल आते हैं? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई? क्या इन मीटर की गुणवत्ता की जांच की गई थी? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो इन मीटर निर्माता कंपनियों के मीटरों की एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में की गई जांच रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) इन्दौर जिला अंतर्गत इंदौर (संचालन-संधारण) संभाग में उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत कंपनी में शिकायत करने पर भी बिलों की जांच नहीं की जाकर उपभोक्ता से जबरन वसूली/कुर्की की कार्यवाही की जा रही है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो खराब मीटरों के सम्बंध में विद्युत कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई वर्तमान में प्रश्नांकित क्षेत्र में कितने मीटर खराब है एवं उन्हें कब तक बदला जावेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) इंदौर
जिले के
संचालन-संधारण
संभाग इंदौर
के अंतर्गत
आने वाले
वितरण
केन्द्र
कार्यालयों
पर वित्तीय
वर्ष 2017-18
में 31
जनवरी-2018 तक अधिक बिल
आने संबंधी
कुल 2962
शिकायतें
प्राप्त हुई है।
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी द्वारा
मेसर्स फेडको
कंपनी
गुडगांव (मेसर्स
फीडबेक
एनर्जी
डिस्ट्रीब्यूशन
कंपनी लि.
गुडगांव) को
संचालन-संधारण
संभाग इंदौर
के अंतर्गत ए-3
निविदा के तहत
विभिन्न
प्रकार के कार्यों
हेतु
कार्यादेश
जारी किया गया
है। कार्यादेश
में सम्मिलित कार्यों
का विवरण पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार
है।
मेसर्स
फेडको कंपनी
गुडगांव को
जारी कार्यादेश
में उपरोक्त कार्यों
के सम्पादन
हेतु उनके
द्वारा लगाये
जाने वाले
कर्मचारियों
की संख्या के
बारे में कोई
शर्त निविदा
अनुबंध में
उल्लेखित
नहीं है। मेसर्स
फेडको कंपनी
गुडगांव द्वारा
कार्य की
मात्रा एवं
आवश्यकतानुसार
कार्य
सम्पादन हेतु
कर्मचारी
नियुक्त किये
है तथा
वर्तमान में 66
कर्मचारी
कार्यरत है। जी
नहीं,
विद्युत
वितरण कंपनी
के
कर्मचारियों
से मेसर्स
फेडको कंपनी
गुडगांव का
कार्य नहीं
कराया जा रहा है।
(ख)
उत्तरांश (क) अनुसार
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
कंपनी द्वारा
इंदौर जिले के
संचालन-संधारण
संभाग इंदौर
में मेसर्स
फेडको कंपनी
गुडगांव को आवंटित
कार्य में
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा उपलब्ध
करवाये गये
मीटर लगाने का
कार्य भी सम्मिलित
है। प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
वित्तीय वर्ष 2017-18 में 31 जनवरी-2018 तक
किसी विशेष
मीटर
निर्माता
कंपनी के मीटर
अत्यधिक
खराब/बन्द
होने की
शिकायतें
प्राप्त नहीं
हुई है। विद्युत
मीटर के मानक
स्तर का नहीं
होने पर विद्युत
मीटर द्वारा
कम या अधिक
खपत अंकित की
जा सकती है। विद्युत
कंपनी में
मानक स्तर के
ही विद्युत मीटर
क्रय किये
जाते है। कतिपय
प्रकरणों में
शिकायत
प्राप्त होने
पर जांच
उपरांत
नियमानुसार
विद्युत देयक
सुधारने की
कार्यवाही की
जाती है। जी
हाँ, विद्युत
मीटर
निर्माता
कंपनियों से
विद्युत मीटर
क्रय करते समय
निविदा
अनुबंध की
शर्त अनुसार
मीटरों की जांच
करवायी जाती है
वर्ष 2017-18
में दिनांक 31/01/2018 तक
जिन मीटर
निर्माता
कंपनियों के
मीटर प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
स्थापित किये
गये है उनकी एन.ए.बी.एल.
प्रमाणित
प्रयोगशाला
में की गई जांच
रिपोर्ट की
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है।
(ग) जी नहीं, जिला
इंदौर
अंतर्गत
संचालन-संधारण
संभाग इंदौर
में विद्युत
उपभोक्ताओं
द्वारा बिलों
के संबंध में
शिकायत करने
पर उसकी जांच
की जाती है। साथ
ही विद्युत
मीटरों के
खराब होने
संबंधी शिकायत
प्राप्त होने
पर
नियमानुसार जांच
करवाकर मीटर
बदलने की
कार्यवाही की
जाती है वर्तमान
में प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
कुल 1827
विद्युत मीटर
खराब/बन्द है, जिनमें
से थ्री फेस
के 147
एवं सिंगल फेस
के 1680
विद्युत मीटर
हैं। इन
खराब/बन्द
विद्युत
मीटरों को माह
मई-2018 तक
बदलने के
प्रयास किये
जा रहे हैं।
संचालनालय स्थानीय निधि संपरीक्षा मुख्यालय शिफ्टिंग एवं पदों का युक्तियुक्तकरण
[वित्त]
34. ( क्र. 3015 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय स्थानीय निधि संपरीक्षा (लोकल फण्ड ऑडिट) ग्वालियर का मुख्यालय भोपाल शिफ्ट कर संचालनालय का कार्य भोपाल स्थित प्रकोष्ठ से संचालित कराए जाने का निर्णय शासन स्तर पर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु राज्य मंत्रिपरिषद् से अनुमोदन प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो कब एवं किन कारणों से उक्त संचालनालय को भोपाल शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या संचालनालय स्थानीय निधि संपरीक्षा (लोकल फण्ड ऑडिट) ग्वालियर हेतु 19 सितम्बर 2014 को 45 पद विभिन्न स्वीकृत किए गए थे एवं भोपाल प्रकोष्ठ हेतु 50 पद स्वीकृत किए गए, किन्तु ग्वालियर में किसी भी पद पर नियुक्ति नहीं की जाकर, मुख्यालय ग्वालियर से संचालक उप संचालक, सहायक संचालक, स्टेनो, अधीक्षक एवं वाहन चालक सहित लगभग 30 पद समाप्त कर दिए गए? यदि हाँ, तो ग्वालियर मुख्यालय हेतु स्वीकृत पदों को नहीं भरा जाकर पूर्व स्वीकृत पदों को क्यों समाप्त किया गया? (ग) क्या मध्यप्रदेश गठन के तहत पाँच मुख्यालय (1) आबकारी (2) भू-अभिलेख (3) राजस्व (4) परिवहन एवं (5) स्थानीय निधि संपरीक्षा (लोकल फण्ड आडिट) के मुख्यालय ग्वालियर में स्थापित किए गए थे? यदि हाँ, तो फिर केवल लोकल फण्ड ऑडिट का भोपाल में प्रकोष्ठ बनाकर, संचालनालय का कार्य किस आधार पर संचालित किया जा रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वित्त विभाग के आदेश दिनांक 19 सितम्बर, 2014 से संचालनालय के विभिन्न संवर्गों के स्वीकृत पदों का युक्तियुक्तकरण किया गया है, जिसमें कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत पदों को विभिन्न कार्यालयों को आवंटित किया गया है। जिसके अनुसार 45 पद संचालनालय ग्वालियर एवं 50 पद प्रकोष्ठ भोपाल के लिये निर्धारित किये गये है। इस प्रकार संचालक, उपसंचालक, सहायक संचालक, स्टेनो, अधीक्षक एवं वाहन चालक सहित स्वीकृत पदों में से किसी भी पद को समाप्त नहीं किया गया है, बल्कि प्रशासकीय आवश्यकता अनुसार पदों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है। (ग) संचालनालय पंचायत राज भोपाल से ग्राम पंचायतों की संपरीक्षा कार्य संचालनालय स्थानीय निधि संपरीक्षा के आवंटित होने से प्रशासकीय आवश्यकता के दृष्टिगत संचालनालय स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय का प्रकोष्ठ भोपाल में स्थापित किया गया है।
अनुशासनात्मक कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
35. ( क्र. 3030 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग (आदिम जाति कल्याण) में कार्यरत रहे मुख्य कार्यपालन अधिकारियों जं.पं. (अति.सहायक विकास आयुक्त) को संभागायुक्त स्तर से दिनांक 01.01.2010 से दिनांक 31.03.2014 तक की अवधि में किन-किन अधिकारियों को म.प्र.सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत उप नियम 14 एवं 16 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में नोटिस/आरोप पत्र जारी किए गए? अधिकारियों के नाम, नोटिस/आरोप पत्र क्रमांक व दिनांक दोषमुक्ति एवं दोष सिद्धि का विवरण दें। (ख) जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत रहे मुख्य कार्यपालन अधि. (अति.सहायक विकास आयुक्त) की परिवीक्षावधि कब-कब समाप्त की गई? अधिकारियों के नाम, परिवीक्षावधि समाप्ति के आदेश क्रमांक व दिनांक सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में किन-किन अधिकारियों के दण्डादेश पारित किए गए? दण्डादेश क्रमांक व दिनांक, दण्ड का स्वरूप का विवरण दें। यदि दण्डादेश पारित किए गए तो दण्डादेश के प्रभावशील रहने की अवधि क्या-क्या थी? अधिकारियों के नाम सहित विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
कुम्हार/प्रजापति समाज को अनुसूचित जाति में किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
36. ( क्र. 3139 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में कुम्हार/प्रजापति समाज के लोग कुछ संभागों में अनुसूचित जाति में एवं कुछ संभागों में पिछड़ा वर्ग में आते हैं? (ख) यदि हाँ, तो कुम्हार जाति/प्रजापति समाज को सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति का दर्जा देने हेतु शासन स्तर पर क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश के लिए कुम्हार जाति छतरपुर, दतिया, पन्ना, रीवा, सतना, शहडोल, सीधी और टीकमगढ़ जिलों के लिए अनुसूचित जाति में दर्ज है तथा शेष जिलों में पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित है। (ख) किसी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का क्षेत्राधिकार भारत सरकार के अधीन है। भारत सरकार ने कुम्हार जाति के क्षेत्रीय बंधन को हटाने संबंधी राज्य शासन के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है।
भूमि विक्रय के पंजीयन
[वाणिज्यिक कर]
37. ( क्र. 3365 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के नगरीय निकायों की सीमा के अंदर स्थित भूमियों के विक्रय के पंजीयन के पूर्व कलेक्टर की अनुमति लेना आवश्यक है। (ख) यदि हाँ, तो उक्त आशय का आदेश शासन के किस नियम के तहत जारी किया गया है। (ग) क्या म.प्र. शासन के मुख्य सचिव द्वारा पत्र क्र/११०/मु.स./२०११ भोपाल, दिनांक २१-०६-२०११ को म.प्र. के समस्त संभागायुक्त एवं कलेक्टर को पत्र जारी किया गया है कि भूमि विक्रय के पंजीयन के संबंध में किसी प्रकार का प्रतिबंध अवैधानिक है? यदि हाँ, तो उपरोक्त आदेश के विपरीत शहडोल जिले के नगरीय निकायों की सीमा के भूमि विक्रय के पंजीयन पर कलेक्टर की अनुमति प्राप्त करना अवैधानिक है। यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की जावेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त आशय का आदेश मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) तथा 172 के तहत जारी किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव द्वारा समस्त सम्भागायुक्त एवं कलेक्टर को जारी किए गए पत्र क्रमांक 110/मु.स./2011 दिनांक 21/06/2011 में दस्तावेजों के पंजीयन पर अवैधानिक प्रतिबंध निरस्त करने के लिए लिखा गया है। किन्तु भू-राजस्व संहिता की संगत धारा 165 (6) का पालन मध्यप्रदेश रजिस्ट्रीकरण नियम के अंतर्गत भी समाविष्ट है, अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी एवं एल.एन.टी. कंपनी में कार्यरत मजदूर
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 3590 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संत सिंगाजी थर्मल पॉवर के अंतर्गत एल. एंड. टी. कंपनी में कार्यरत मजदूरों की दैनिक मजदूरी कुशल, अर्धकुशल एवं अकुशल श्रेणी के मजदूरों को कितनी मजदूरी दी जा रही है एवं वर्ष 2012 से 2017 तक प्रतिवर्ष अनुसार कितने मजदूरों की पी.एफ. राशि जमा की गई? किन्ही भी 10 (दस) मजदूरों के नाम एवं पी.एफ. कोड नंबर एवं किस बैंक खाते में पी.एफ. की राशि जमा की गई है की जानकारी दें। (ख) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश पावन जनरेटिंग कंपनी के अन्य पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा कुशल, अर्धकुशल, अकुशल श्रेणी के मजदूरों को कितनी मजदूरी की राशि दी जाती है एवं मजदूरों की कितनी ई.पी.एफ राशि जमा की जाती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के अंतर्गत मेसर्स एल.एंड.टी. में कार्यरत मजदूरों को म.प्र. शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित न्यूनतम दैनिक मजदूरी दर से कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रेणी के अनुसार मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है वर्तमान में कुशल श्रेणी के मजदूरों को रूपये 360, अर्द्धकुशल श्रेणी के मजदूरों को रूपये 307 एवं अकुशल श्रेणी के मजदूरों को रूपये 274 प्रतिदिन की दर से पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है वर्ष 2012 से 2017 तक मेसर्स एल.एंड.टी. में कार्यरत मजदूरों की संख्या जिनका ई.पी.एफ. जमा किया गया है कि प्रतिवर्षानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। मेसर्स एल.एंड टी. में कार्यरत 10 (दस) मजदूरों के नाम एवं पी.एफ. क्रमांक आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। उल्लेख है कि मजदूरों की पी.एफ. राशि नियोक्ता ठेकेदार के द्वारा मजदूरों के पी.एफ. खाते के अंतर्गत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ई.पी.एफ.ओ.) में जमा की गई है। (ख) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अन्य पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रेणी के मजदूरों को म.प्र. शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित न्यूनतम दैनिक मजदूरी दर से मजदूरी का भुगतान किया जाता है वर्तमान में म.प्र. शासन द्वारा दिनांक 01.10.2017 से कुशल श्रमिक हेतु रू. 360, अर्द्धकुशल श्रमिक हेतु रू. 307 एवं अकुशल श्रमिक हेतु रू. 274 प्रतिदिन की दर निर्धारित है। श्रमिक के पारिश्रमिक पर 12 प्रतिशत की दर पी.एफ. राशि की कटौती कर एवं ठेकेदार द्वारा भी अपने अंशदान (पारिश्रमिक राशि का 12 प्रतिशत) के साथ श्रमिक के पी.एफ. नंबर के अंतर्गत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ई.पी.एफ.ओ.) में जमा की जाती है।
विद्युत पोलों को स्थापित किये जाना
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 3635 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 02 वर्षों में सिवनी जिला अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र केवलारी में अत्याधिक संख्या में विद्युत पोल उखड़े/टूटे हैं? यदि हाँ, तो किस कारण? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या गुणवत्ता विहीन तरीके से विद्युत पोल स्थापित किये जाने के कारण अत्याधिक मात्रा में पोल उखड़ या झुक रहे हैं, यदि हाँ, तो विभाग द्वारा संबधित ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत विद्युत लाईन के मेंटेनेन्स का कार्य सुचारू रूप से पूर्ण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो फिर ग्राम बंदेली, सुनवारा, उगली में जो विद्युत तार झूल रहे हैं। इनकी मरम्मत आदि कार्य करने में विभाग द्वारा क्या सक्षम कार्यवाही की गई/की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विगत दो वर्षों में सिवनी जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में तेज आंधी-तूफान तथा वृक्षों के गिरने के कारण 266 विद्युत पोल उखड़े/टूटे थे तथा उक्त सभी पोल बदले जा चुके हैं। (ख) विद्युत पोल निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप ही स्थापित किये गये थे किन्तु उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार तेज आंधी-तूफान तथा वृक्षों के गिरने के कारण प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत पोल उखड़े/झुके/टूटे थे। अत: किसी ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार वर्ष में 2 बार यथा-मानसून पूर्व एवं मानसून के पश्चात विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के मेन्टेनेंस का कार्य संपादित कराया जाता है। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक आपदा अथवा अन्य कारणों से विद्युत अधोसंरचना क्षतिग्रस्त होने पर आवश्यकतानुसार मेन्टेनेंस कार्य तत्काल कराया जाता है। विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत भी उक्तानुसार विद्युत लाईनों के मेन्टेनेंस का कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। ग्राम बंदेली, सुनवारा एवं उगली में विद्युत तारों को निर्धारित मानकों के अनुरूप व्यवस्थित कर दिया गया है।
रजिस्ट्री एवं नामांतरण
[वाणिज्यिक कर]
40. ( क्र. 3738 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा रजिस्ट्री करने से पहले जांच की जाती है या बिना जांच के रजिस्ट्री की जाती है? (ख) भूमि (जमीन) , खेत, प्लाट, मकान की रजिस्ट्री का कार्य किस सक्षम अधिकारी के आदेश पर किया जाता है? (ग) किसी व्यक्ति द्वारा राशि खर्च कर रजिस्ट्री कराने के पश्चात नामान्तरण नहीं होने का कारण बतावें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में ऐसे कितने नामान्तरण लंबित हैं जिनके रजिस्ट्री आवेदन देने के बाद भी नामान्तरण नहीं किये जा रहे हैं।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विभाग द्वारा रजिस्ट्री करने से पूर्व रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 के प्रावधानों में यथा अपेक्षित जांच की जाती है। (ख) भूमि (जमीन) , खेत, प्लाट, मकान की रजिस्ट्री का कार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 की धारा 6 अनुसार नियुक्त उप पंजीयक द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के अधीन किया जाता है। (ग) एवं (घ) राजस्व विभाग से संबंधित होने से जानकारी राजस्व विभाग से एकत्रित की जा रही है।
वन भूमि के पट्टों का बंटन
[जनजातीय कार्य]
41. ( क्र. 3757 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक उमरिया जिले में वन मण्डलों के माध्यम से कितने वन भूमि के पटटे शासन द्वारा पात्र लोगों को बांटे गये? क्या बांटे गये पट्टों को चौहद्दी करके पट्टे का वितरण किया गया है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने व्यक्तिगत एवं सामूहिक दावे ग्राम सभा से वन मंडल को प्राप्त हुये थे? प्राप्त दावों में प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तिगत एवं सामूहिक दावे स्वीकार कर वन पट्टे वितरित किये जा चुके हैं? कितने लंबित हैं? किस किन कारण से प्रकरण लंबित हैं? (ग) पात्र लोगो के लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जायेगा एवं जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पट्टों का निराकरण करने में विलंब किया गया है, उनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक जिला उमरिया में वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वितरित वन अधिकार पत्रों की संख्या निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
वन अधिकार पत्रों की संख्या |
1 |
2014-15 |
49 |
2 |
2015-16 |
119 |
3 |
2016-17 |
459 |
4 |
2017-18 (प्रश्न दिनांक तक) |
25 |
पी.डी.ए. के माध्यम से सर्वे होने से वितरित वन अधिकार पत्रों में चैहद्दी अंकित है। (ख) एवं (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत जिला उमरिया में 5525 व्यक्तिगत एवं 23 सामुदायिक कुल 5548 दावे प्राप्त हुए। जिसमें से 971 व्यक्तिगत एवं 23 सामुदायिक कुल 994 दावे मान्य किये जाकर, 652 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किये जा चुके है। 319 व्यक्तिगत एवं 23 सामुदायिक मान्य दावों का पी.डी.ए. सर्वे आदि की कार्यवाही पूर्ण न होने से लंबित है वन अधिकार अधिनियम की प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से कोई दोषी नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वि.स.क्षे. बडवारा की उद्वहन सिंचाई प्रणालियों को पूर्ण किया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
42. ( क्र. 3765 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स.क्षे. बडवारा में मा; मुख्यमंत्रीजी की जनदर्शन यात्रा दिनांक 10-8-2016, 11-9-2016 एवं 15-10-2016 को मा. मुख्यमंत्री जी ने विभागीय दांयी तट नहर की जिन किन्हीं दो उद्वहन सिंचाई प्रणाली की घोषणायें की हैं, उनकी कुल सिंचाई रकबा सहित वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) की बरगी व्यपवर्तन योजना की दांयी तट मुख्यनहर की आर.डी. 102.00 कि.मी. का कार्य पूर्ण न होने के कारण क्या हैं और अभी तक उसकी कितनी बार कब-कब निविदायें आमंत्रित व स्वीकृत की गई हैं तथा किन कारणों से कब-कब निर्माण एजेन्सियों द्वारा निर्माण कार्य छोड़ा गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) नहर में आर.डी. 83.00 से 104.00 कि.मी. के मध्य कितनी-कितनी सिंचाई क्षमता की माइनर नहरें हैं? कितने क्षेत्र में काडा का कार्य पूर्ण हो गया है? कितना शेष है? जिनकी निविदायें कब तक आमंत्रित व अनुबंधित कर पूर्ण कर दी जावेंगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के किन-किन ग्रामों का सिंचाई का रकबा कितना है और उन्हें कब तक प्रारंभ कर कब तक पूर्ण कर कृषकों को लाभान्वित कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। ढीमरखेड़ा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का प्रस्तावित सिंचाई रकबा 15000 हेक्टेयर एवं स्लीमनाबाद बड़वारा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का प्रस्तावित सिंचाई रकबा 35000 हेक्टेयर है। ढीमरखेड़ा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना दिनांक 17/08/2017 से निर्माणाधीन एवं स्लीमनाबाद बडवारा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना डी.पी.आर. स्थिति में है। (ख) ठेकेदार द्वारा संपूर्ण क्षमता से अपेक्षित समय में निर्धारित कार्य न करने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। एक शाखा नहर व 4 माइनर नहरें के संपूर्ण 23507 हेक्टेयर में काड़ा कार्य शेष है। काड़ा कार्य की डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली में प्रक्रियाधीन है। डी.पी.आर. स्वीकृति उपरांत आवंटन प्राप्त होने पर काड़ा कार्य किया जायेगा। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। ढीमरखेड़ा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना के पूर्ण होने की लक्षित तिथि 16/08/2019 है। स्लीमनाबाद बडवारा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना डी.पी.आर. स्थिति में है अतएव प्रारंभ व पूर्ण होने की तिथि बताया संभव नहीं है। रहुटा पडरिया, देवरी, बिछिया माइनर नहरों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा इनमें कृषकों को लाभांवित किया जा रहा है। मझौली शाखा नहर से भी कृषकों को लाभांवित किया जा रहा है।
रबी फसल हेतु अस्थाई विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 3801 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विद्युतीकरण हेतु अस्थाई विद्युत दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या रबी वर्ष 2017-18 में सभी कृषकों को एक समान चार माह हेतु अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता विद्यायक द्वारा पानी की उपलब्धता के आधार पर विद्युत कनेक्शन दो माह कि समयावधि के लिये दिये जाने हेतु पत्राचार किया था तथा क्या इस पत्राचार के क्रम में बाद में क्या दो माह हेतु अस्थाई कृषि विद्युत कनेक्शन दिये जाने का निर्णय इस रबी फसल हेतु लिया है? (घ) यदि हाँ, तो, क्या आगामी रबी फसल वर्ष 2018-19 के प्रारंभ से ही अस्थाई विद्युत कनेक्शन पानी की उपलब्धता के आधार पर दो माह के लिये दिये जाने का प्रावधान विद्युत वितरण कंपनी करेगी? (ङ) यदि नहीं, तो क्या इस संबंध में शासन अपने स्तर से कोई पहल करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। सिंचाई हेतु (विद्युतीकरण नहीं) कृषि उपभोक्ता मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के अध्याय 4 (एफ) में कंडिका 4.48 के अंतर्गत कृषि उपयोग हेतु अस्थाई संयोजन के लिए आवेदन कर सकता है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में सभी कृषकों को एक समान 04 माह के अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिये जाने का पृथक से कोई प्रावधान नहीं था। म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के टेरिफ आदेश 2017-18 के टेरिफ शेडयूल 5 की शर्त क्रमांक 1.4 के अनुसार कोई भी कृषि उपभोक्ता सिंचाई हेतु अस्थाई संयोजन के लिए न्यूनतम 03 माह की खपत की अग्रिम राशि जमा करवाकर संयोजन प्राप्त कर सकता है तथापि राज्य शासन ने सूखे की स्थिति के दृष्टिगत आदेश दिनांक 03.11.2017 जारी कर वर्ष 2017-18 हेतु सिंचाई कार्यों के लिये 2 माह तथा उससे कम अवधि के लिये अस्थाई कनेक्शन लेने पर 3 माह की अग्रिम राशि जमा करने के स्थान पर 2 माह की अग्रिम राशि जमा करने का प्रावधान किया। (ग) जी हाँ। माननीय विधायक महोदया द्वारा माननीय मुख्यमंत्रीजी को संबोधित पत्र क्रमांक 978/01/2017-18 धार दिनांक 10/10/2017 में अल्पवर्षा को दृष्टिगत रखते हुए कृषकों की मांग अनुसार अस्थाई विद्युत कनेक्शनों को 04 माह के स्थान पर 02 माह की अवधि हेतु किये जाने के लिए अनुरोध किया गया था। राज्य शासन के आदेश दिनांक 03/11/2017 के माध्यम से विद्युत वितरण कंपनियों को निर्देशित किया गया था कि किसानों को 03 माह के स्थान पर 02 माह के अग्रिम प्रभार की राशि जमा करायी जाकर उन्हें सिंचाई हेतु अस्थाई संयोजन उपलब्ध कराये जायें। (घ) एवं (ड.) जी नहीं। राज्य शासन एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में आगामी रबी फसल वर्ष 2018-19 के प्रारंभ से ही अस्थाई विद्युत कृषि पम्प कनेक्शन जल स्त्रोतों में उपलब्ध जल की उपलब्धता के आधार पर 02 माह के लिए दिये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है, क्योंकि तत्समय जल उपलब्धता का आंकलन अभी से किया जाना संभव नहीं है।
भारतीय स्टेट बैंक बिछुआ द्वारा ऋण स्वीकृत न करना
[वित्त]
44. ( क्र. 3855 ) पं. रमेश दुबे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के ऋण प्रकरणों में भारतीय स्टेट बैंक बिछुआ द्वारा स्वीकृति प्रदान नहीं करने के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 08 दिनांक 03/01/2016 मान. वित्त मंत्री को एवं क्रमांक 06 दिनांक 03/01/2018 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रस्तुत किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रस्तुत पत्रों पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? अभिलेख संलग्न करें और यह भी बतावें कि एस.बी.आई. बिछुआ से पत्र में उल्लेखित ऋण प्रकरणों में ऋण स्वीकृत कराने में क्या वे सफल रहे? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के बैंकों में प्रकरण प्रस्तुत करने के पश्चात इन प्रकरणों की सरलता से स्वीकृति न होने, महिनों लंबित रहने, बैंक प्रबंधकों द्वारा ऋण प्रकरणों की स्वीकृति में टालामटोली करने की मॉनिटरिंग अथार्टी कौन है? क्या इनके द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है? नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासन मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के ऋण प्रकरणों के स्वीकृति में बैंकों द्वारा टालामटोली करते समय पर स्वीकृति प्रदान न करने इत्यादि की छानबीन कर इन ऋण प्रकरणें में स्वीकृति दिलाने, भविष्य में बैंकों में हितग्राहियों को ऋण प्रकरण स्वीकृत कराने में बैंक अधिकारियों के शोषण का शिकार न होना पड़े इस हेतु कोई सार्थक पहल करेगा? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। माननीय वित्त मंत्रीजी के कार्यालय एवं कलेक्टर छिन्दवाड़ा को पत्र दिनांक 3.1.2018 को प्राप्त हुआ। (ख) माननीय वित्त मंत्रीजी के माध्यम से प्राप्त पत्र भारतीय स्टेट बैंक छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया गया। कलेक्टर छिन्दवाड़ा का प्राप्त पत्र अग्रणी बैंक अधिकारी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया गया। भारतीय स्टेट बैंक,बिछुआ द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के 06 प्रकरणों में ऋण स्वीकृत किये जाने की जानकारी दी गई है। (ग) उक्त प्रश्न का संबंध बैंकिंग से है तथा भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 के सांतवें शेड्यूल की सूची क्रमांक-1 के अनुक्रमांक 45 अनुसार बैंकिंग संघ सूची का विषय है तथा राज्यों की समवर्ती सूची का नहीं है। राष्ट्रीयकृत/व्यवसायिक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक राज्य शासन के नियंत्रणाधीन न होकर केन्द्र सरकार/भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रणाधीन कार्यरत होती है। बैंको के कार्यों की समय-समय पर मॉनिटरिंग उनके संचालक मण्डल द्वारा की जाती है। (घ) प्रश्नांश "ग" के संदर्भ में यह प्राधिकार राज्य शासन का नहीं है। राज्य स्तर पर गठित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति में बैंकों से निर्धारित लक्ष्य अनुसार प्रकरणों की स्वीकृति किये जाने का अनुरोध किया गया है।
आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराना
[नर्मदा घाटी विकास]
45. ( क्र. 3925 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधीक्षण यंत्री नर्मदा विकास मण्डल 10 धार को प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1370 दिनांक 04/01/2018 द्वारा चाही गई जानकारी क्या विभाग द्वारा प्रदाय की गई है? संदर्भित पत्र की प्रतिलिपि वरिष्ठ को भी दी गई है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या जानकारी उपलब्ध कराई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नकर्ता को जानकारी यदि उपलब्ध नहीं कराई तो क्या कारण रहे हैं? जनप्रतिनिधियों को समय-सीमा में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही के क्या नियम हैं, नियम की प्रति देवें एवं नियमानुसार जानकारी न देने पर क्या कार्यवाही की जावेगी तथा अब कब तक जानकारी उपलब्ध करा दी जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) पत्र दिनांक 04/01/2018 अधीक्षण यंत्री, नर्मदा विकास मंडल क्रमांक 10 धार एवं मुख्य अभियंता, इंदिरा सागर परियोजना (नहरें) सनावद में प्राप्त नहीं हुआ था। माननीय विधायक महोदय से चर्चा उपरांत अधीक्षण यंत्री, नर्मदा विकास मंडल क्रमांक 10 धार द्वारा उक्त पत्र की प्रति दिनांक 03/03/2018 को व्यक्तिगत रूप से प्राप्त की गई। जानकारी अधीक्षण यंत्री नर्मदा विकास मंडल क्रमांक 10 धार के पत्र क्रमांक 62193/कार्य/NMGL/2018/519 धार दिनांक 05/03/2018 द्वारा उपलब्ध करा दी गई है जो कि संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थियों को राज्य की शासकीय सेवा में अवसर
[सामान्य प्रशासन]
46. ( क्र. 4012 ) श्री मुरलीधर पाटीदार, कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन की विभिन्न स्थाई/अस्थाई शासकीय सेवाओं में म.प्र. के बाहर के अभ्यर्थियों के आवेदन भी मान्य किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या इनके लिये पृथक से कोई अर्हता, मापदण्ड या बंधन तय है? (ख) म.प्र. के युवाओं को शासकीय सेवाओं में पूर्ण अवसर मिले इस हेतु राज्य से बाहर के अभ्यर्थियों को शासकीय सेवाओं के लिये पात्र नहीं मानने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो इस ओर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को प्रश्नांश (ख) के संबंध में पत्र लिखा था, जिस पर कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र क्रमांक 93/CMS/MLA/165/2018 दिनांक 12.01.2018 द्वारा विभाग को कार्यवाही हेतु लेख किया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या विभाग के पास ऐसी जानकारी संधारित हैं कि विगत 05 वर्षों में विभिन्न विभागों में कितने पदों पर स्थाई/अस्थाई सीधी भर्ती की गई एवं इनमें से कितने पद राज्य के बाहर के उम्मीदवारों से भरे गए? राजस्थान में राज्य से बाहर के उम्मीदवारों से केवल 5 प्रतिशत पद भरे जाते हैं क्या म.प्र. में ऐसे प्रावधान किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आयु सीमा का निर्धारण किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। माननीय सदस्य को विभाग के पत्र क्रमांक 160/179/2018/3/एक, दिनांक 29 जनवरी, 2018 द्वारा अवगत करा दिया गया है। (घ) जी नहीं। कोई जानकारी संधारित नहीं है। शेषांश जी नहीं।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
47. ( क्र. 4043 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में समस्त विभागों के अंतर्गत कार्यरत अंशकालीन दै.वे.भो.को पूर्ण कालिक दै.वे.भो. कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति या अकस्मिक मृत्यु होने पर रिक्त पदों पर अनेकों वर्षों से कार्यरत अंशकालीन दै.वे.भो. कर्मचारी जो कि पूर्णकालीन हैं, उन्हें दै.वे.भो. बनाने की शासन की क्या योजना है? (ख) यदि अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालिन दै.वे.भो. कर्मचारी बनाये जाने या मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णयानुसार नियमित नहीं किया जाता है, तो उन्हें सेवानिवृत्ति या आकस्मिक मृत्यु पर क्या लाभ दिया जावेगा? (ग) योजना व सांख्यिकी संचालनालय विभाग के अंतर्गत वर्तमान समय तक कुल कितने अंशकालीन कार्यरत है,इनमें से कितने दै.वे.भो. कर्मचारी को पूर्णकालीन दै.वे.भो. कर्मचारी बनाकर नियमित किया गया है? नाम सहित जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) कोई नियम-निर्देश नहीं है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चंदेरी एवं चाटाहेटी विद्युत उपकेन्द्र
[ऊर्जा]
48. ( क्र. 4080 ) श्री विष्णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चंदेरी एवं चाटाहेडी नवीन विद्युत उपकेन्द्र (SUB STATION) का कार्य प्रारंभ हो गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित नवीन विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य कब तक पूर्ण होकर क्षेत्रीयजनों को इसका लाभ मिलना कब से प्रारंभ हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चंदेरी में 33/11 के.व्ही., 1x5 एम.व्ही.ए. नवीन उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। चाटाहेडी में 33/11 के.व्ही., 1x5 एम.व्ही.ए. नवीन उपकेन्द्र के कार्य हेतु एस.एस.टी.डी योजना अंतर्गत प्राक्कलन स्वीकृत कर एस.टी.सी. संभाग भोपाल को कार्यादेश जारी कर दिया गया है एवं यह कार्य प्रांरभ होना अभी शेष है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चंदेरी में नवीन विद्युत उपकेन्द्र का कार्य माह जून-2018 तक एवं चाटाहेडी में नवीन विद्युत उपकेन्द्र का कार्य आगामी रवी सीजन के पूर्व पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके उपरांत क्षेत्रीयजनों को इसका लाभ मिलना प्रारंभ हो जावेगा।
आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी की पात्रता
[महिला एवं बाल विकास]
49. ( क्र. 4082 ) श्री विष्णु खत्री : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत कौन कौन से ग्राम आंगनवाड़ी अथवा मिनी आंगनवाड़ी की पात्रता रखते है? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में सूची अनुसार दर्शित ग्रामों में किन-किन ग्रामों में प्रश्नांश दिनांक तक आंगनवाड़ी अथवा मिनी आंगनवाड़ी संचालित नहीं हो रही हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में सूची अनुसार दर्शित ग्रामों/स्थानों पर आंगनवाड़ी अथवा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र कब से संचालित होना प्रारंभ हो जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भोपाल जिले की बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की पात्रता रखने वाले ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में सूची अनुसार दर्शित ग्रामों में जहां प्रश्नांश दिनांक में आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं हो रहे कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के पूर्ण होने पर दी जाती है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
बिजली के बिलों की समीक्षा किए जाना
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 4102 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. रीवा द्वारा मनमाने तरीके से उपभोक्ताओं को बिजली का बिल एवं सघन बस्ती में विद्युतीकरण में भारी अनियमितता की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कारण बतावें? यदि नहीं, तो म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. मऊगंज जिला रीवा के उपभोक्ता अरूण कुमार मिश्र ग्राम भमरा, फीडर पहाड़ी महौता, सर्विस क्र. 534710-72-4-1596986? सोनिया विश्वकर्मा/रामकरण ग्राम देवरा आर-2-13125 हनुमना 3 हार्स पावर सर्विस क्रमांक 534710-90-1-1700303 मऊगंज-2? रामसुफल कोल/रामटहल बरयांकला आर-2-13714 मऊगंज सर्विस क्र. 534707-70-18-1199377 मऊगंज-। ? जयवीर पटेल/रामनिहोर पटेल ग्राम देवरी सर्विस क्र. 53470772968354 आदि उपभोक्ताओं के मीटर खराब होने पर मीटर नहीं बदलना एवरेज बिल जारी करना, मीटर रीडिंग लेकर एवं जारी बिल का समायोजन न करना तथा बिजली बिल जमा करने के बाद भी बार-बार जमा राशि को घटाया न जाकर पुन: जोड़कर प्रदान करना आम बात हो गयी है? मुदरिया चौवान तथा ग्राम पंचायत पकरा ढीला तार खराब तार आदि का निर्माण नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में उपरोक्त कृत्य क्या बिजली के घाटे को पूरा करने के लिए किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि नहीं, तो उपरोक्त (ख) के प्रकाश में निराकरण क्यों नहीं किया गया? इनका निराकरण कब तक किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मऊगंज जिला रीवा के अन्तर्गत बिल संबंधी प्राप्त शिकायतों का त्वरित निराकरण किया गया है। उपभोक्ता श्री अरूण कुमार मिश्र, ग्राम भमरा, श्रीमती सोनिया विश्वकर्मा, ग्राम देवरा, श्री रामसुफल कोल, ग्राम बरयांकला एवं श्री जयवीर पटेल ग्राम देवरी की बिल संबंधी प्राप्त शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मीटर खराब होने पर उपलब्धता अनुसार शीघ्र मीटर बदला जाता है। मीटर खराब होने की समयावधि में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमानुसार औसत खपत के देयक जारी किये जाते हैं तथा अधिक राशि के देयक का प्रकरण सामने आने पर तत्काल सुधार कर राशि का समायोजन किया जाता है। देयक की राशि जमा करने के बाद उक्त राशि को दोबारा बिल में नहीं जोड़ा जाता तथापि त्रुटिवश ऐसा होने पर देयक में तत्काल सुधार किया जाता है। वितरण केन्द्र मऊगंज-1 के अंतर्गत ग्राम पकरा के साहूवान टोला में 11 के.व्ही. लाईन का स्पान लम्बा होने के कारण विद्युत लाईन के तार निर्धारित ऊँचाई पर नहीं है वर्तमान में उक्त स्थान पर गेहूँ की फसल होने के कारण मिड स्पान में पोल लगाकर तार टाईट करना संभव नहीं है। फसल कट जाने के बाद पोल लगाकर तार टाईट कर दिया जावेगा। ग्राम मुदरिया चौबान में श्री रामदरश विश्वकर्मा के घर के पास 11 के.व्ही. लाईन का स्पान लम्बा होने के कारण वहां पर एक पोल खड़ा करने पर तार टाईट किया जा सकता है। उक्त कार्य हेतु वितरण कंपनी के कर्मचारी श्री रामसलोने मिश्रा को एक खम्भा खड़ा करने हेतु भेजा गया था, लेकिन उक्त ग्राम के ही श्री मनोज श्रीवास्तव द्वारा अपनी जमीन में खम्भा खड़ा करने से मना कर दिया गया है जिससे तार टाईट किया जाना वर्तमान में संभव नहीं हो पा रहा है। समझाईश देकर कार्य कराने के प्रयास किये जा रहे है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में विद्युत बिल संबंधी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है तथा प्रश्नाधीन क्षेत्र में दो स्थानों में 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के तारों की ऊँचाई बढ़ाए जाने का कार्य उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार पूर्ण किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रभारी मंत्रियों के प्रावास के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
51. ( क्र. 4130 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल और इंदौर संभाग के कौन-कौन से जिले का किन-किन मंत्रियों के पास प्रभार हैं? जिलावार ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रभारी मंत्रियों द्वारा नियमित रूप से अपने प्रभार के जिलों का दौरा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित दिनांक तक विगत 1 वर्ष का जिलावार वर्षवार, माहवर ब्यौरा दें। (ग) अपने प्रभार वाले जिलों में प्रभारी मंत्रियों ने पिछले 1 वर्ष में कौन-कौन से शासकीय कार्यक्रम में हिस्सा लिया? जिलावार, ब्लॉकवार वर्षवार ब्यौरा दें। कितनी जिला योजना समितियों की बैठकों में हिस्सा लिया, पिछले 1 वर्ष का जिलावार वर्षवार, माहवार, दिनांकवार ब्यौरा दें। (घ) क्या प्रभार वाले जिलों में प्रभारी मंत्रियों ने रात्रि विश्राम किया, यदि हाँ, तो कब और कहाँ विगत 1 वर्ष का जिलावार, स्थानवार, दिनांकवार रात्रि विश्राम का ब्यौरा दिया जाय। इस दौरान कितनी जनसमस्याएं सामने आई तथा क्या निराकरण किया गया।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परिशिष्ट- ''चौदह ''
अधिकारियों के ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम
[सामान्य प्रशासन]
52. ( क्र. 4131 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रारंभ की गई अधिकारियों की ग्रामों में रात्रि विश्राम पहल बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो भोपाल संभाग के कौन-कौन से जिले में कितने अधिकारियों ने किन-किन ग्रामों में रात्रि विश्राम किया प्रश्नांकित दिनांक तक विगत एक वर्ष का अधिकारीवार, जिलावार, दिनांकवार, ग्रामवार ब्यौरा दें। क्या रात्रि विश्राम के दौरान ग्रामीणजनों की समस्याओं को जाना है अगर हाँ तो कितनी समस्याएं सामने आई तथा कितनों का निराकरण किया? (ख) क्या भोपाल संभाग के कलेक्टरों द्वारा विगत एक वर्ष के दौरान ग्रामों में रात्रि विश्राम कर ग्रामीणों की समस्याओं को जाना है? यदि हाँ, तो वर्षवार, माहवार, ग्रामवार ब्यौरा दें। (ग) क्या भोपाल संभाग के सभी जिला पंचायत सी.ई.ओ. द्वारा विगत एक वर्ष के दौरान ग्रामों में रात्रि विश्राम कर ग्रामीणों की समस्याओं को जाना है यदि हाँ, तो वर्षवार, माहवार, ग्रामवार ब्यौरा दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामग्री की खरीदी
[जनजातीय कार्य]
53. ( क्र. 4183 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में आदिवासी विकास विभाग के प्री और पोस्ट मेट्रिक आदिवासी कितने कौन-कौन से छात्रावास कहाँ-कहाँ पर संचालित है। इन छात्रावासों में अधीक्षक के पद पर कब से कौन-कौन पदस्थ हैं? कौन-कौन अधीक्षक छात्रावास मुख्यालय में कब से निवास नहीं करते हैं एवं क्यों? बतलावें सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक उक्त छात्रावासों के लिये कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि की कहाँ कहाँ से किस स्तर पर क्रय की गई है। कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में किन छात्रावासों को प्रदाय की गई? इसका भौतिक सत्यापन कब-कब किसने किया है? (ग) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ पर किस एजेन्सी से कराये गये/मरम्मत व पुननिर्माण कार्यों पर कितनी राशि व्यय हुई? किन-किन छात्रावासों की मरम्मत आदि कब से नहीं कराई गई है एवं क्यों? (घ) प्रश्नांकित किन-किन छात्रावासों का प्रश्नांश (ख) अवधि में आकस्मिक निरीक्षण कब-कब किन-किन अधिकारियों ने किया है एवं कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या अनियमितताएं, अव्यवस्था पाई गई हैं और तत्संबंध में कब एवं किस पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। सभी छात्रावास एवं आश्रम अधीक्षक मुख्यालय में निवासरत हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। भौतिक सत्यापन सामग्री प्राप्त होने के उपरान्त किया जाता है। यह एक मानक प्रक्रिया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। छात्रावासों की मरम्मत आवश्यकतानुसार समय-समय पर की जाती है। (घ) जिले के अधिकारियों के द्वारा विभागीय छात्रावासों का समय-समय पर निरीक्षण किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। निरीक्षण में 04 छात्रावासों में अनियमितताएं पाए जाने के कारण अधीक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
स्वधार गृहों को अनुदान
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र. 4184 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली की स्वधार योजना वर्ष 2015 के अनुसार केन्द्र एवं प्रदेश शासन के अंश अनुपात में स्वधार गृह जबलपुर को कब-कब, कितनी-कितनी राशि आवंटित की है? स्वधार गृह में आश्रयरत महिलाओं की संख्या कितनी है वर्ष 2015-16 से वर्ष 2017-18 तक की जानकारी दें? (ख) केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग नई दिल्ली ने दिनांक 03/05/2017 को स्वधार गृह जबलपुर को कितनी राशि स्वीकृत कर केन्द्रीय अंशदान की कितनी राशि प्रदान की है? इसमें राज्य के अंशदान की कब कितनी राशि प्रदान की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांकित योजना के तहत कलेक्टर जबलपुर द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि के अनुदान प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत किये गये हैं? इन प्रस्तावों पर कब क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली की स्वाधार योजना वर्ष 2015 के अनुसार केंद्र एवं प्रदेश शासन के अंश अनुपात में स्वाधार गृह जबलपुर को वर्ष 2015-16 में 07,08,304/- वर्ष 2016-17 में अनुदान राशि अप्राप्त एवं वर्ष 2017-18 में अनुदान राशि अप्राप्त है l स्वाधार गृह में वर्ष 2015-16 में 265 वर्ष 2016-17 में 215 एवं वर्ष 2017-18 में 214 महिलाओं को आश्रय प्रदाय किया गया है l (ख) केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली दिनांक 03-05-2017 को स्वाधार गृह जबलपुर को वर्ष 2015-16 हेतु केन्द्रीय अंशदान रूपये 07,08,304/- प्राप्त हुआ l स्वाधार योजना सौ प्रतिशत केंद्र सहायित योजना थी अतः राज्य अंशदान उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं था l (ग) प्रश्नाकित योजना के तहत कलेक्टर जबलपुर द्वारा वर्ष 2016-17 में अनुदान राशि रु 25,45,892 दिनांक 19-07-2017 एवं वर्ष 2017-18 में अनुदान राशि रु 19,30,892 दिनांक 02-11-2017 को शासन को प्रस्तुत किये गये है l जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी जबलपुर द्वारा वर्ष 2016-2017 का अनुदान प्रस्ताव दिनांक 25-07-2017 में प्रेषित किये जाने से अनुदान नहीं जारी किया जा सका l वर्ष 2017-2018 के अनुदान प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रचलन में है l
कृषकों को सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 4202 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत-01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों के कितने किसानों ने सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन के लिए विद्युत संभाग लहार में आवेदन दिये थे? (ख) उपरोक्त (क) अनुसार कितने किसानों के स्थाई/अस्थाई कनेक्शन हेतु आवेदन प्रश्न दिनांक तक विचाराधीन हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने किसानों के स्थाई/अस्थाई कनेक्शन स्वीकृत के बाद कितनी राशि विभाग में जमा कराई? (घ) राशि जमा कराने के बाद भी ऐसे कौन-कौन किसान हैं, जिन्हें प्रश्न दिनांक तक ट्रांसफार्मर आदि की कमी बताकर कनेक्शन नहीं दिये गये? (ड.) कनेक्शन न देने के कारण सिंचाई से वंचित किसानों की फसल नष्ट होने की पूर्ति विभाग करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक किसानों द्वारा सिंचाई पंप स्थाई कनेक्शन हेतु कुल 642 आवेदन एवं अस्थाई कनेक्शन हेतु 806 आवेदन प्राप्त हुये है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) स्थाई कनेक्शन हेतु 642 आवेदनों में से 502 आवेदकों को कनेक्शन प्रदान किये जा चुके हैं, शेष 140 आवेदनों को स्वीकृत कर कार्यादेश एस.टी.सी. संभाग, भिण्ड को जारी किये जा चुके हैं, जिसमें से 4 किसानों की सहमति के आधार पर फसल कटने के उपरान्त कनेक्शन दिया जाना है तथा शेष 136 कृषकों के कार्य मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के प्रावधानानुसार 180 दिन के अन्दर कार्य पूर्ण कर कनेक्शन प्रदान कर दिया जायेगा। अस्थाई कनेक्शन हेतु 806 आवेदकों/उपभोक्ताओं को कनेक्शन प्रदान किये जा चुके है। (ग) उत्तरांश 'ख' के संदर्भ में स्वीकृत एवं लम्बित 140 किसानों के स्थाई कनेक्शन हेतु जमा की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) किसानों से राशि जमा कराने के उपरांत ट्रांसफार्मर आदि की कमी बताकर कनेक्शन नहीं दिये जाने संबंधी जानकारी निरंक है। (ड.) 140 नं. आवेदनों में से 04 नं. आवेदनों में कृषकों की सहमति के आधार पर फसल कटने के उपरान्त कनेक्शन दिया जाना है तथा शेष 136 नं. आवेदनों में कार्य प्रगति पर है एवं निर्धारित समय-सीमा में कार्यपूर्ण कर दिये जावेंगे। अत: प्रश्न नहीं उठता।
नवीन विद्युत सब स्टेशन स्थापना
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 4224 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत 132 के.व्ही.ए विद्युत सबस्टेशन ग्राम पाठा एवं करकबेल में स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब एवं कितनी लागत के अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त दोनों विद्युत सबस्टेशन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं क्रियाशील है? यदि नहीं, तो क्यों? प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्ण न कर पाने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग जिम्मेदार अधिकारियों/ठेकेदार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में विद्युत वोल्टेज के असामान्य वितरण को दृष्टिगत रखते हुए नवीन विद्युत सबस्टेशन स्थापित किये जाने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो उन प्रस्तावों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार नवीन विद्युत सबस्टेशन कब तक स्थापित कर दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अन्तर्गत ग्राम पाठा (देवनगर) में दिनांक 13/3/2014 को रू. 1278.19 लाख एवं करकबेल में दिनांक 13/3/2014 को रू. 1374.38 लाख की लागत से 132 के.व्ही. उच्चदाब सबस्टेशन स्वीकृत किये गये हैं। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) में वर्णित दोनों 132 के.व्ही. सबस्टेशनों का कार्य अपूर्ण है। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कपंनी लिमिटेड जबलपुर द्वारा उक्त कार्यों हेतु मेसर्स बी.एस. लिमिटेड हैदराबाद को दिनांक 01-03-2014 को कार्यादेश जारी किया गया था परन्तु कम्पनी द्वारा 33% कार्य करने के बाद कार्य बंद कर दिया गया। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा मेसर्स बी.एस.लिमिटेड हैदराबाद पर कार्यवाही करते हुये उक्त कार्य हेतु जारी कार्यादेश दिनांक 22.02.2017 को निरस्त कर मेसर्स बी.एस.लिमिटेड हैदराबाद की रिस्क एवं कास्ट पर कार्य पूर्ण कराने हेतु निविदा कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है जो कि प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में ग्राम ढांगीदाना या भरवारा, कमोद, पाजरा एवं ग्राम डोकरघाट में नवीन सबस्टेशन स्थापित किये जाने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे। उक्त प्रस्तावों की तकनीकी साध्यता का परीक्षण किये जाने पर प्रस्ताव साध्य नहीं पाये गये तथापि ग्राम कमोद हेतु 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मुरदई से खरिया दाल मिल तक 7 कि.मी. अतिरिक्त 11 के.वी. फीडर का कार्य वर्ष 2017-18 की कार्य योजना में स्वीकृत किया गया है। उक्त कार्य पूर्ण होने पर संबंधित क्षेत्र में अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
जनप्रतिनिधियों को जानकारी प्रदान की जाना
[सामान्य प्रशासन]
57. ( क्र. 4229 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विधानसभा स्तर के जनप्रतिनिधियों को उनके द्वारा चाही गई जानकारी अनिवार्यतः प्रदान किये जाने के संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश प्रदान किये गये है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा जारी, निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो विभाग द्वारा जनप्रतिनिधि के द्वारा मांगी गई जानकारी कितने दिवस में उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? क्या विभागों को निर्देश दिये गये है कि विभाग में जो भी कार्य स्वीकृत हो उनसे जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जावे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रतिलिपि प्रदान करें। (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता को विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में संबंधित कार्यालयों द्वारा सामान्यतः उनके विभाग की प्रस्तावित योजनाओं/कार्यों की जानकारी/आवंटित बजट एवं व्यय इत्यादि की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है? यदि प्रश्नकर्ता द्वारा वांछित जानकारी अथवा प्रस्तावित कार्य के संबंध में पत्राचार किया जाता है तो संबंधित कार्यालय प्रमुखों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी प्रदान नहीं की जाती एवं जिनके द्वारा जानकारी दी भी जाती है, तो वह 2 से 3 माह बाद? इस संबंध में क्या शासन कोई ठोस कार्यवाही अथवा निर्देश सर्वसंबंधितों को प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाई गई है। विभाग में जो भी कार्य स्वीक़त हो उनसे जन प्रतिनिधियों को अवगत कराने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कोइ निर्देश जारी नहीं किये गये है। (ग) जिले के सभी विभागों द्वारा प्रस्तावित वार्षिक कार्य योजना (बजट) का अनुमोदन जिला योजना समिति द्वारा किया जाता है जिसमें माननीय संसद सदस्यों/विधायकों एवं अन्य जन प्रतिनिधियों को सादर आमंत्रण पत्र के साथ सभी विभागों की वार्षिक कार्य योजना का फोल्डर भी प्रेषित किया जाता है जिसमें राज्य शासन द्वारा संचालित समस्त योजनाओं का योजनावार आवंटित बजट एवं व्यय की जानकारी रहती है। माननीय संसद सदस्यों/विधायकों द्वारा कुछ ऐसे भी पत्र प्राप्त होते है जिनके लिये जिलों को शासन स्तर से मार्गदर्शन प्राप्त करना होता है जिसके कारण कभी कभी जानकारी देने में विलम्ब हो जाता है। माननीय संसद सदस्यों/विधायकों को जानकारी देने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर सर्व संबंधितों को निर्देश जारी किये जाते हैं।
प्रदेश में शराब पर रोक लगाना
[वाणिज्यिक कर]
58. ( क्र. 4261 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शराब पर कब तक रोक लगा दी जाएगी? (ख) क्या प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की बिक्री की जा रही है एवं शराब माफिया द्वारा फ्री होम डिलवरी की जा रही है, जिसके कारण शराब के सेवन से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है? क्या इस संबंध में विभाग निर्देश देकर अभियान चलाकर समुचित कार्यवाही कर अवैध शराब बंद कराएगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में शराब बंदी संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की बिक्री सिर्फ अनुज्ञप्त मदिरा दुकानों से की जा रही है। यह कहना सही नहीं है कि शराब माफिया द्वारा फ्री होम डिलीवरी की जा रही है जिसके कारण शराब के सेवन से युवा पीढी बर्बाद हो रह है। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 एवं इसके अंतर्गत निर्मित नियमों के तहत अवैध शराब बिक्री रोकने हेतु सतत् भ्रमण, निरीक्षण, दबिश एवं सूचना प्राप्त होने पर कार्यपालिक स्टॉफ द्वारा यथासंभव कार्यवाही की जाती है।
मजरे, टोले, गांवों में विद्युत सप्लाई
[ऊर्जा]
59. ( क्र. 4285 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा व विभाग की नीति के अनुसार प्रदेश का कोई भी गांव, मजरा एवं टोला विद्युत विहीन नहीं रहेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या विधानसभा क्षेत्र करैरा जिला शिवपुरी के समस्त गांव में प्रश्नांकित दिनांक तक बिजली सप्लाई हो रही है? अथवा कुछ गांव शेष हैं? तो उनके नाम एवं विद्युत सप्लाई न होने के कारण बतावें? (ग) विद्युत विहीन गांवों को कब तक विद्युत सप्लाई कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भारत सरकार द्वारा दिनांक 25.09.2017 से लागू की गई ''प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना'' (सौभाग्य) के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के सभी विद्युत विहीन घरों में विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है। (ख) विधानसभा क्षेत्र करैरा जिला शिवपुरी के समस्त गांवों में सूचना दिनांक तक सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय हो रहा है, अत: शेष गाँव होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) करैरा विधानसभा क्षेत्र में कोई भी ग्राम विद्युत विहीन नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
लघु वेतन कर्मचारी संघ की मांगों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
60. ( क्र. 4294 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ जिसमें मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेश कार्यरत सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, आकस्मिक एवं कार्यभारित सेवा, दैनिक वेतन भोगी, स्थाई कर्मी, अंशकालीन भृत्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, कोटवार एवं रसोईया की मांगों के संबंध में विगत 02 वर्षों में शासन को कई बार पत्र व्यवहार एवं ज्ञापन के माध्यम से अपनी जायज मांगों के संबंध में अनुरोध किया जा चुका हैं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त कर्मचारियों की मांगों को लेकर शासन द्वारा क्या निर्णय लिए गए हैं? यदि नहीं, तो कारण बतावें व इनकी मांगों पर कब तक निर्णय कर दिया जाएगा? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी बार-बार यह घोषणा कर चुकें हैं कि छोटे-छोटे कर्मचारियों के साथ न्याय करते हुयें, उनकी मागों को यथा सम्भव पूर्ण कर दिया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो (क) में वर्णित मांगों पर कोई कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) आकस्मिक एवं कार्यभारित सेवा के कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 31.08.2016 द्वारा अनुकंपा नियुक्ति, स्थानांतरण की सुविधा एवं वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 21.09.2016 द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। दिनांक 07.10.2016 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायीकर्मी घोषित करने के निर्देश देते हुए वेतनमान, वेतनवृद्धि, महंगाई भत्ता एवं उपादान की सुविधा दी गई है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
विद्युतीकरण एवं फीडर सेपरेशन की जानकारी
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 4295 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में कितने विद्युतीकरण एवं फीडर-सेपरेशन के कार्य स्वीकृत हैं? संख्या व दिनांक बताई जावें? (ख) (क) में उल्लेखित स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? अथवा शेष हैं व शेष होने के क्या कारण हैं? कौन-कौन जिम्मेदार हैं व शेष कार्य कब तक करा दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना के ग्रामों में विद्युतीकरण एवं फीडर विभक्तिकरण के कार्यों की स्वीकृति दिनांक एवं ग्रामों/मजरों/फीडरों की संख्या सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण नहीं हुये है। उक्त में से शेष कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रस्तावित किये गये थे। उक्त कार्यों के क्रियान्वयन हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स के.ई.सी. इन्टरनेशनल कंपनी गुड़गांव को दिनांक 26.11.2009 को जारी किया गया था। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य समय पर पूर्ण नहीं किये जाने एवं धीमी प्रगति के कारण उसे जारी अवार्ड दिनांक 23.11.2013 को निरस्त कर दिया गया एवं मेसर्स के.ई.सी. इन्टरनेशनल कंपनी गुड़गांव के देयकों से रू. 20.02 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप काटी गई साथ ही उक्त ठेकेदार एजेन्सी की रू. 23.70 करोड़ की बैंक गारंटी राजसात की गई है। दिमनी विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के कार्य हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स ज्योति स्ट्रेक्चर लिमिटेड को दिनांक 09.08.2011 को जारी किया गया था। उक्त कंपनी द्वारा भी कार्य समय पर पूर्ण नहीं किये जाने तथा धीमी प्रगति के कारण उसे जारी अवार्ड दिनांक 15.04.2015 को निरस्त कर दिया गया एवं मेसर्स ज्योति स्ट्रेक्चर लिमिटेड के देयकों से रू. 87.09 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप काटी गई। साथ ही उक्त ठेकेदार एजेन्सी की रू. 15.69 करोड़ की बैंक गारंटी भी राजसात की गई है। उपरोक्त एजेंसियों द्वारा समय पर कार्य नहीं किये जाने के कारण कार्य लंबित रहा, जिसके लिये जिम्मेदार ठेकेदार एजेन्सियों पर उक्तानुसार कार्यवाही की गई वर्तमान में विभिनन योजनाओं में फीडर सेपरेशन के स्वीकृत 41 फीडरों के कार्यों में से 23 फीडरों के सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। स्वीकृत 41 फीडरों में से ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स टेक्नाफैव कंपनी द्वारा 25 फीडरों का कार्य तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एस.टी.सी. संभाग द्वारा विभागीय रूप से 5 फीडरों का कार्य किया जा रहा है एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में 11 फीडरों का कार्य स्वीकृत है। दिमनी विधानसभा क्षेत्र के शेष ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं मजरों/टोलों के विद्युतीकरण तथा फीडर विभक्तिरण के कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर कराये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
देशी एवं विदेशी शराब की दुकानें संचालित करना
[वाणिज्यिक कर]
62. ( क्र. 4309 ) श्री हर्ष यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार की वर्तमान शराब नीति क्या है एवं नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में देशी एवं विदेशी मदिरा की दुकानें संचालित करने के संबंध में क्या नियम-निर्देश हैं? (ख) क्या प्रदेश में शराब बंदी पूर्ण रूप से लागू किये जाने हेतु कोई कानून बनाया गया है? नहीं तो कब तक बनाया जायेगा और कब तक इस नियम व कानून को लागू कर अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी शराब बंदी पूर्ण रूप से प्रतिबंधित की जायेगी? (ग) सागर जिले अन्तर्गत विगत 4 वर्षों में कितनी शराब अवैध रूप से परिवहन करते हुए एवं बेचते हुए विभाग द्वारा पकड़ी गई? क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित नियमों का अक्षरश: पालन किया जा रहा है? (घ) प्रदेश में अब तक शराब पीने (मदिरापान) से कितनी मौतें हुई हैं? उक्त मौतों का जिम्मेदार कौन हैं? जिलेवार विवरण प्रदान करें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 एवं उसके अंतर्गत बनाये गये नियमों यथा सामान्य प्रयुक्त के नियम एवं सामान्य अनुज्ञप्ति की शर्तों के अंतर्गत किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष शराब नीति का प्रकाशन राजपत्र असाधाराण में सर्व साधारण के लिए किया जाता है वर्ष 2018-19 हेतु इसका प्रकाशन मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 में किया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं वर्तमान में शराब बंदी संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) सागर जिले में विगत 04 वर्षों में विभाग द्वारा अवैध मदिरा का विक्रय एवं परिवहन संबंधी सूचनाएं प्राप्त होने पर त्वरित कार्यवाही की जाकर इस अवधि के दौरान आरोपियों से देशी मदिरा 3867.463 बल्क लीटर, विदेशी मदिरा 517.02 बल्क लीटर, बीयर/माल्ट 84.57 बल्क लीटर, हाथभट्टी मदिरा 173.80 बल्क लीटर एवं 2805.0 किलोग्राम महुआ लाहन जप्त किया जाकर 2404 न्यायालयीन प्रकरण कायम किये गये हैं। जिले अंतर्गत प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार मदिरा दुकानें संचालित हो रही है। (घ) उपायुक्त आबकारी, संभागीय उडनदस्ता, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल, उज्जैन, रीवा, सागर एवं इन्दौर से प्राप्त जानकारी अनुसार इन्दौर एवं अलीराजपुर को छोडकर शेष जिलों में अब तक शराब पीने से मौत होने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। पुलिस अधीक्षक, जिला इन्दौर के पत्र दिनांक 05.03.2018 से प्राप्त जानकारी के आधार पर एक व्यक्ति की मृत्यु मदिरापान से होना पाया गया है। पुलिस अधीक्षक, जिला अलीराजपुर के पत्र दिनांक 01.03.2018 से प्राप्त जानकारी के आधार पर 08 व्यक्ति की मृत्यु मदिरापान से होना पाया गया है। मौतों का जिम्मेदार आबकारी विभाग नहीं है।
आंगनवाड़ी भवनों के संबंधी
[महिला एवं बाल विकास]
63. ( क्र. 4345 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम एवं उज्जैन जिले में कितनी एवं कौन-कौन सी आंगनवाड़ियां भवनहीन हैं, अथवा कच्चे, पतरे के भवनों में संचालित हो रही हैं? तहसीलवार ब्यौरा दें. (ख) कितनी आंगनवाड़ियां पंचायत अथवा शासकीय भवनों में संचालित हो रही हैं? (ग) उक्त दोनों जिलों में सभी आंगनवाड़ियां कब तक स्वयं शासन के भवन में संचालित होने लगेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रतलाम जिले में 757 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है जिसमें से 193 कच्चे एवं पतरे के भवनों में संचालित हो रही हैं। तहसीलवार भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उज्जैन जिले में 867 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है जिसमें से 82 कच्चे एवं पतरे के भवनों में संचालित हो रही हैं। तहसीलवार भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) रतलाम जिलें में 530 आंगनवाड़ियां पंचायतों एवं शासकीय भवनों में एवं उज्जैन जिलें में 641 आंगनवाड़ियां पंचायतों एवं शासकीय भवनों में संचालित हो रही है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
विद्युत विभाग में हो रही अनियमितताएं
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 4359 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत कई नवीन कार्य हो चुके और कई हो रहे हैं? यदि हाँ, तो किस-किस योजना के तहत कौन कौन से कार्य पूर्ण हो चुके या प्रगति पर हैं और कौन-कौन से होने वाले हैं? उनकी निर्माण एजेंसी कौन कौन है? किस किसकों किस-किस कार्य का कितना भुगतान हो चुका है? दिनांक 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक संपूर्ण जानकारी दी जाए? (ख) क्या दतिया जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत विद्युत स्टेशनों के निर्माण एवं विद्युत लाईनों में कांटेक्ट के हिसाब से सामग्री उपयोग में नहीं लाई जा रही है? बेहद घटिया निर्माण की उच्चस्तरीय जांच कराने के लिये क्या जांच समिति गठित की जावेगी जिसमें जनप्रतिनिधि भी सम्मिलित हों, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) दतिया जिले में दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत कितने वाहनों को किराये पर लगाया गया, उनमे से कितने को टैक्सी परमिट हैं? प्रत्येक वाहन की कितनी राशि भुगतान की गई? क्या वाहन किराये पर लेने हेतु निविदा बालाई गई थी? (घ) विगत 01 वर्ष में जिला स्तरीय विद्युत सलाहकार समिति की बैठकें कब-कब हुई और उसमें क्या-क्या निर्णय लिये गये? कार्यवाही विवरण की प्रति उपलब्ध कराई जाएं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, दतिया जिले में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किये गये विद्युतीकरण के कार्यों की पूर्णता/अपूर्णता की स्थिति सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) दतिया जिले में नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण एवं विद्युत लाईनों के कार्यों हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उपयोग होने वाली सभी सामग्री का प्रदायकर्ता फर्मों की कार्यशाला में तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी से निरीक्षण कराये जाने के उपरांत ही सामग्री प्रदाय हेतु अनुमति दी जाती है। इसके पश्चात ठेकेदार एजेन्सी के स्थानीय स्टोर में सामग्री प्राप्त होने के उपरांत मुख्य सामग्री यथा ट्रांसफार्मर, कन्डक्टर केबिल एवं मीटरों में से रेंडम सेंपल लेकर एन.एबी.एल प्रमाणित प्रयोगशाला में टेस्टिंग कराई जाती है तथा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप पाए जाने पर ही सामग्री उपयोग में लाई जाती है। इसके अतिरिक्त कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पृथक से तृतीय पक्ष एजेन्सी को प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग कन्सलटेंट के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा प्रदायकर्ता फर्म द्वारा प्रदाय की जाने वाली सामग्री हेतु निविदा की शर्तों के अनुसार गारंटी अवधि निश्चित है एवं सामग्री गारंटी अवधि में खराब होने पर उसे निविदा की शर्तों के अनुसार प्रदायकर्ता फर्म द्वारा बदले जाने का प्रावधान है। निरीक्षण के दौरान कार्य की गुणवत्ता में कमी/त्रुटि पाए जाने पर तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी/वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी द्वारा इसका निराकरण ठेकेदार एजेन्सी से कराया जाता है तथा तदुपरांत ही उसके बिलों का भुगतान किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में निर्माण संबंधी कार्यों की अन्य कोई जांच कराने की आवश्यकता नहीं है। (ग) दतिया जिले में दिनांक 01.04.16 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किराये पर लगाए गए वाहनों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में दतिया जिले में जिला स्तरीय विद्युत सलाहकार समिति की बैठक दिनांक 12.05.17 एवं 13.12.17 को आयोजित की गई है, जिनके कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
निज सहायक के पद पर पदोन्नति में छूट
[सामान्य प्रशासन]
65. ( क्र. 4389 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्रह्मस्वरूप समिति की अनुशंसा के परिप्रेक्ष्य में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 5/17-10-2006 द्वारा शासन मंत्रालय के स्टेनो-टायपिस्टों को शीघ्रलेखक के पद पर वेतनमान रू.4500-7000 में पदोन्नत करने संबंधी नवीन व्यवस्था का प्रावधान किया गया तथा क्या यह व्यवस्था उन स्टेनो-टायपिस्टों के लिए होगी जो वर्ष 2006 के बाद नियुक्त हुये हैं? (ख) क्या मंत्री परिषद् द्वारा वर्ष 2006 के पूर्व से कार्यरत स्टेनो-टायपिस्टों को इस प्रावधान से छूट प्रदान करते हुये इनकी पदोन्नति पूर्वानुसार निज सहायक के पद पर वेतनमान रू. 5500-9000 में किये जाने की अनुशंसा की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? ऐसे कितने स्टेनो-टायपिस्ट हैं जिन्हें इस प्रावधान से छूट प्रदान करते हुये कब-कब निज सहायक के पद पर पदोन्नति दी गई है तथा वर्तमान में कितने स्टेनो-टायपिस्ट पदोन्नति के लिए शेष हैं? (ग) पदोन्नति हेतु इस प्रावधान में कितने समय के लिए छूट प्रदान की गई? क्या छूट प्रदान करने की कोई निश्चित समय-सीमा निर्धारित की गई है? नहीं तो क्यों? (घ) इस प्रावधान के तहत पदोन्नत हुये निज सहायकों को वरिष्ठता निर्धारण के क्या मापदण्ड तय किये गये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। भर्ती नियम में मंत्रालय के शीघ्रलेखक का पदनाम विलोपित कर निज सहायक करने के कारण। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 03 वर्ष। बाद में शेष रहे 20 स्टेनो-टायपिस्टों को निज सहायक के पद पर पदोन्नति हेतु पुन: मंत्रि-परिषद् का आदेश प्राप्त कर उनकी पदोन्नति निज सहायक के पद पर की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) पदोन्नति के लिए जिस वर्ष की वरिष्ठता सूची के आधार पर शासकीय सेवकों की विचारण क्षेत्र सूची तैयार की जाती है उसी के आधार पर पदोन्नति प्राप्त होने पर वरिष्ठता का निर्धारण किया जाता है। तदनुसार ही उक्त पदोन्नत निज सहायकों की वरिष्ठता का निर्धारण किया गया है।
स्व-सहायता समूहों के कार्यों की जांच
[महिला एवं बाल विकास]
66. ( क्र. 4401 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के नगर निगम क्षेत्रांतर्गत क्रमांक 1 एवं 2 में कुल कितने समूह (स्व-सहायता) कार्य कर रहे हैं, उनके नाम, अध्यक्ष एवं सदस्य तथा कर्मचारियों की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त समूह कब से संचालित हैं, उक्त समूहों से कब तक के लिए अनुबंध किन शर्तों पर किया गया है? अनुबंध की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के समूहों में से पूजा महिला स्व-सहायता समूह कामता टोला सतना के यहां छापा डालकर एक बाहरी व्यक्ति दिलीप रजक को एवं अन्य को अभियुक्त बनाकर प्रकरण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सतना जिला के न्यायालय में प्रस्तुत किया जाकर उक्त स्व-सहायता समूह को लाभ पहुंचाया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शीतल सिंह खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा मात्र एक ही समूह के विरूद्ध प्रकरण बनाया शेष अन्य के विरूद्ध प्रकरण क्यों नहीं बनाए, जिस स्व-सहायता समूह द्वारा अमानक खाद्य सामग्री बच्चों को खिलाई जा रही थी, उक्त स्व-सहायता समूह को कार्य से क्यों पृथक नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या सतना जिले के निवासी चन्द्रशेखर अग्निहोत्री द्वारा दिनांक 20.02.2018 को मुख्य सचिव म.प्र. शासन एवं प्रमुख सचिव महिला बाल विकास को शिकायत की गई है, क्या शिकायतकर्ता को सुना जाकर सम्पूर्ण प्रकरण की जांच भोपाल से दल गठित कर कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सतना जिले के नगर निगम क्षेत्रांतर्गत क्रमांक 1 एवं 2 परियोजनाओं में कुल 6 स्व-सहायता समूह कार्यरत् हैं, जिनके नाम, अध्यक्ष एवं सदस्य, कर्मचारियों की पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त समूहों से निष्पादित अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के समूहों में से पूजा महिला स्व-सहायता समूह कामता टोला सतना में खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री शीतल सिंह एवं श्रीमती सीमा पटेल द्वारा जांच किये जाने के समय समूह के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित नहीं थे एवं दिलीप रजक निवासी कामता टोला द्वारा समूह में कर्मचारी के रूप में कार्य करना बतलाया गया था तथा मौके पर उनसे नमूना लेने की कार्यवाही की गई, जिस आधार पर प्रकरण में दिलीप रजक को भी खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में विहित प्रावधान के अनुसार अभियुक्त बनाकर प्रकरण मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट सतना जिले के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया तथा समूह के अध्यक्ष के विरूद्ध भी प्रकरण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सतना जिले के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण क्र. आर.सी.टी.1871/17, दिनांक 11.12.2017 है। अतः उक्त स्व-सहायता समूह को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं पहुंचाया गया। (ग) कामता टोला सतना में केवल पूजा महिला स्व-सहायता समूह ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला सतना से पंजीकृत है। अतः श्री शीतल सिंह खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा ही मात्र एक ही समूह के विरूद्ध प्रकरण बनाया गया। उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला सतना के पत्र क्रमांक 144-45, दिनांक 23.12.2017 की प्रति एवं विश्लेषण रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। समूह द्वारा जानकारी दी गयी है कि समूह द्वारा इस कार्यवाही के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक एम.सी.आर.सी. 3880/2018 दायर की गई है, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 29.01.2018 को अपने आदेश अनुसार समूह के विरूद्ध कार्यवाही स्थगित की गयी है। मान. न्यायालय के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में पूजा महिला स्व-सहायता समूह कामता टोला के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी। (घ) कलेक्टर, सतना से जांच कराई जा रही है। विभाग द्वारा कलेक्टर सतना को प्रकरण की विस्तृत जांच कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में बिजली क्रय
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 4457 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 (दिसंबर 2017 तक) कितनी बिजली निजी कंपनी (गैर परम्परागरत स्त्रोतों को छोड़कर) से खरीदी गई? कंपनियों के नाम वर्षवार यूनिट तथा भुगतान की गयी राशि की जानकारी दें। प्रश्न दिनांक तक कितनी बिजली निजी कंपनी से खरीदी गई? कंपनियों के नाम, दिनांक वर्ष यूनिट तथा मूल्यवार जानकारी दें। (ख) इस दौरान प्रदेश की बिजली उत्पादन की स्थिति क्या थी? प्लांटवार बताएं। क्या बिजली उत्पादन की यूनिट बंद पड़ी थी? वे कौन-कौन सी यूनिट थी एवं बंद होने के क्या कारण थे? (ग) बिजली खरीदी का अनुबंध किन-किन कंपनियों से किया गया? कंपनीवार जानकारी दें। अनुबंध के पत्र की प्रति उपलब्ध करवाएं। इन कंपनियों से कितनी यूनिट बिजली क्रय की गई? कंपनीवार, वर्षवार जानकारी दें। ऐसी कितनी कंपनी हैं, जिनसे बिजली क्रय नहीं की गई लेकिन भुगतान किया गया? जानकारी वर्षवार देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राज्य की एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा क्रय की बिजली से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के स्वयं के बिजली संयंत्रों द्वारा उत्पादन की स्थिति, प्लांटवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-'1' अनुसार है। भार प्रेषण केन्द्र मध्य प्रदेश के क्षेत्राधिकार में आने वाले संयुक्त उपक्रम एवं निजी क्षेत्र के पॉवर प्लांट के उत्पादन की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-'2' अनुसार है। बिजली उत्पादन इकाइयाँ बंद होने के कारणों की प्लांटवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-'1' एवं ब-'2' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में, परंपरागत स्त्रोतों से कंपनीवार बिजली खरीदी अनुबंध की जानकारी एवं अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1' एवं 'स-2' अनुसार है। इन कंपनियों से प्रश्नाधीन अवधि में वर्षवार क्रय की गई बिजली यूनिट की जानकारी कंपनीवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में ऐसी कोई निजी विद्युत उत्पादन कंपनी नहीं है जिससे बिजली क्रय किये बिना भुगतान किया गया हो।
छोटे-छोटे बच्चों को अमानक स्तर का पोषण आहार दिया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 4465 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना शहरी क्र. 1 एवं 2 में 6 स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं? उनके चार समूहों के कार्य पर्दे के पीछे विगत कई वर्षों से कौन संचालित करा रहा है? क्या उक्त समूहों की जांच खाद्य सुरक्षा अधिकारी शीतल सिंह द्वारा की गयी है? उक्त अधिकारी ने मात्र एक समूह पर कार्यवाही की है? क्या खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा दिलीप रजक नि. कामता टोला (डाली बाबा) को अभियुक्त बना दिया गया है? जबकि उक्त व्यक्ति समूह में पदाधिकारी एवं सदस्य भी नहीं है? उक्त 6 समूहों में कितनी छात्र संख्या है? हर माह कितनी छात्र संख्या का भुगतान किया जाता है? विगत तीन वर्षों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अगर सही है, तो क्या मान्य उपयोग के लिए भोजन तैयार करने हेतु असुरक्षित चना दाल का संग्रह करना पाया गया है? सेंपलिंग रिपोर्ट में 72.15 प्रतिशत असुरक्षित पाया गया है तथा क्या बच्चों के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ करने के बावजूद उक्त चारों समूहों से आज दिनांक को भी खाना बनवाया जा रहा है? (ग) क्या दिनांक 24.5.17 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा जांच की गयी? चारों समूहों द्वारा एक साथ एक ही स्थान पर लापरवाही व सुरक्षित ढंग से पोषण पकाने तथा वितरण किये जाने का तथ्य पाये जाने पर खाद्य पदार्थ चना, दाल लूज का नमूना खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत जांच हेतु प्रतिवेदन क्र.एफ.टी.एल./एस.व्ही./आर/2674 दिनांक 6.6.17 द्वारा असुरक्षित घोषित किया जा चुका है? उक्त 6 समूहों का जो अनुबंध हुआ है वह किस दिनांक को हुआ है? अनुबंध की प्रति उपलब्ध करायें तथा उक्त समूहों में खाद्यान्न एवं राशि कितनी जारी की गयी है? विवरणवार बतायें। (घ) क्या सतना शहर के उक्त समूहों की निष्पक्ष जांच कराई जायेगी? प्रथम दृष्ट्या अपराध प्रमाणित पाये जाने के बावजूद उक्त चारों समूहों को क्यों नहीं हटाया गया? कब तक हटा दिया जायेगा? पुलिस में कब तक एफ.आई.आर. कराई जायेगी? जिसमें भविषय में कोई समूह संचालक बच्चों के साथ इस तरह खिलवाड़ न कर सके?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। यह सत्य है कि बाल विकास परियोजना सतना शहरी-1 एवं सतना शहरी-2 में 06 स्व-सहायता समूह स्वयं कार्य कर रहे हैं। कार्यरत समूहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ सतना शहर के कामता टोला में संचालित पूजा महिला स्व-सहायता की खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री शीतल सिंह एवं श्रीमती सीमा पटेल द्वारा जांच की गई थी। कामताटोला में केवल पूजा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला-सतना में पंजीकृत हैं। जांच के दौरान मौके पर चना दाल एवं सूजी के नमूने लिये गये थे। मौके पर समूह के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित नहीं थे एवं श्री दिलीप रजक निवासी कामता टोला द्वारा समूह में कर्मचारी के रूप में कार्य करना बतलाया गया था, जिससे उनसे नमूना लेने की कार्यवाही की गई जिस आधार पर प्रकरण में श्री दिलीप रजक को भी खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में विहित प्रावधान के अनुसार अभियुक्त बनाया गया है। श्रीमती पूजा सिंह अध्यक्ष पूजा महिला स्व-सहायता समूह को भी अभियुक्त बनाया गया है, जिनका प्रकरण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सतना जिला के न्यायालय में दिनांक 11.12.17 को पेश किया गया, जिसका प्रकरण क्र. आर.सी.टी.-1871/17 है। उक्त 6 समूहों की समूहवार एवं हितग्राहीवार विगत तीन वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जिला कार्यक्रम अधिकारी सतना के कार्यालय को अभिहित अधिकारी एवं उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन सतना से सूचना प्राप्त होने पर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3006 दिनांक 28.12.17 अनुसार स्व-सहायता समूहों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, जिसके संबंध में समूह अध्यक्ष पूजा सिंह द्वारा दिनांक 4.1.18 को अवगत कराया गया कि श्री शीतल सिंह द्वारा समूह की कोई भी नमूना जांच नहीं ली गयी जो दिलीप रजक के नाम से जप्ती दिखाई गयी है, दिलीप रजक न तो समूह का सदस्य है और न ही कोई कर्मचारी। उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला सतना से प्राप्त पत्र क्रमांक 144-45 दिनांक 23.12.17 की प्रति एवं विश्लेषण रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। समूह द्वारा जानकारी दी गयी है कि समूह द्वारा इस कार्यवाही के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक MCRC No 3880/2018 दायर की गई है, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 29.1.18 को अपने आदेश दिनांक 29.1.18 अनुसार समूह के विरूद्ध कार्यवाही स्थगित की गयी है। न्यायालय के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में पूजा महिला स्व-सहायता समूह कामता टोला के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी। (ग) दिनांक 24.5.17 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा कामता टोला में संचालित पूजा महिला स्व-सहायता समूह जांच की गई तथा उक्त खाद्य पदार्थ चना, दाल लूज का नमूना खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत जांच प्रतिवेदन क्रमांक एफ.टी.एल./एस.व्ही./आर/2674 दिनांक 6.6.17 द्वारा असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। उक्त 6 समूहों से निष्पादित अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। उक्त समूहों को उपलब्ध कराई गई खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''प'' पर तथा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा केवल 01 ही समूह पूजा स्व-सहायता समूह के खिलाफ कार्यवाही की गई थी, जिसके विरूद्ध स्व-सहायता समूह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक MCRC 3880/2018 दायर की गई है, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 29.01.18 को स्थगन आदेश जारी किया गया है। अतः माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में समूह के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संविदा कर्मियों की सेवा शर्त अधिसूचित किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
69. ( क्र. 4475 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य में कार्यरत संविदा कर्मियों की सेवा शर्त के नियम बनाए जाकर उन्हें राजपत्र में अधिसूचित किए जाने की बाध्यता समस्त विभागों को है? (ख) यदि हाँ, तो किस विभाग के नियम राजपत्र में किस दिनांक को अधिसूचित किए गए? (ग) किस विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों की सेवा शर्त के नियम किन-किन कारणों से राजपत्र में अधिसूचित नहीं किए गए? (घ) कब तक संविदा कर्मियों की सेवा शर्त के नियम राजपत्र में अधिसूचित कर दिए जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी भवन, कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
70. ( क्र. 4488 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिला अन्तर्गत नगरीय एवं ग्रामीण ब्लॉकों के अन्तर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्वयं के भवन हैं एवं कितने केन्द्र भवन विहीन होकर किराये की व्यवस्थाओं से संचालित किये जा रहे हैं तथा उक्त केन्द्रों पर कितने पद स्वीकृत होकर कितने कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं कार्यरत हैं? (ख) क्या जिला अन्तर्गत पूरक पोषण आहार, मध्यान्ह भोजन, मरम्मत, रख-रखाव, रंगरोगन एवं खिलौने इत्यादि अन्य सामग्रियों का क्रय भी किया जाता है तथा दवाईयों का वितरण एवं पौष्टिक लड्डू इत्यादि भी वितरित किये जाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जिला अन्तर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के केन्द्रों हेतु प्रश्नगत उल्लेखित कार्यों एवं इसके अलावा भी कोई कार्य किये गये हैं तो इस हेतु कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ? (घ) उपरोक्त वर्षों में वर्षवार प्राप्त बजट के माध्यम से केन्द्रवार कितना कितना व्यय किन-किन कार्य पर किया गया? कितना व्यय हुआ? व्यय का प्रमाणीकरण कब-कब हुआ तथा कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को शासन/विभाग द्वारा कितना वेतन दिया जाकर उनके द्वारा लगातार विगत वर्षों से की जा रही मांगों पर क्या-क्या कार्यवाहियां हुई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रतलाम जिला अन्तर्गत नगरीय एवं ग्रामीण ब्लॉकों के अन्तर्गत स्वयं के भवन/भवन विहीन/किराये के भवनों में एवं अन्य भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त केन्द्रों पर कार्यकर्ता/सहायिका के स्वीकृत भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पौष्टिक लड्डू वितरित नहीं किये जाते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (घ) के पैरा 01 की जानकारी प्रश्नांश (ग) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है एवं आंगनवाड़ी भवन निर्माण एवं भवन उन्नयन में प्राप्त आवंटन एवं व्यय की केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है, व्यय का प्रमाणिकरण समय-समय पर किया गया है। शासन द्वारा वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकताओं को 5000/- (मानदेय/अतिरिक्त) व सहायिकाओं को 2500/- (मानदेय/अतिरिक्त) एवं मिनी कार्यकता को 3250/- (मानदेय/अतिरिक्त) प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के संगठन द्वारा की जा रही माँगों में से एक माँग दीदी की नियुक्ति निरस्त किये जाने के संबंध में है। आंगनवाड़ी दीदी की नियुक्ति निरस्त किये जाने के आदेश शासन द्वारा दिनांक 23/02/2018 को जारी किया गया है।
नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
71. ( क्र. 4552 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने संबंधी क्या नियम है? नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने के लिए कितनी जनसंख्या व कितने 0 से 03 वर्ष तक के बच्चे, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की संख्या होना अनिवार्य है? (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में नवीन आंगनवाड़ी या उप आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने हेतु कितने प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए? ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत सर्वे के सत्यापन उपरांत कितने प्रस्ताव पात्र पाये गये? उक्त अवधि में कितने प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को नवीन केन्द्रों की स्वीकृति हेतु भेजे गये? उक्त अवधि में कितने केन्द्रों की स्वीकृति प्राप्त हुई? (ग) विकासखण्ड नालछा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बंजारीपुरा, बेड़वापुरा मालीपुरा के किन-किन ग्रामों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? नियमानुसार कितने नवीन केन्द्र प्रारंभ हो सकते हैं? क्या उपरोक्त पंचायत क्षेत्र के ग्रामों में नवीन केन्द्र स्वीकृत होना प्रस्तावित है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु जनसंख्या के मापदण्ड निर्धारित किये है। निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु 45 प्रस्ताव प्राप्त हुये थे जिनकी नियमानुसार भारत सरकार द्वारा 45 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ग) विकासखंड नालछा अन्तर्गत ग्राम, ग्राम पंचायत बंजारीपुरा, बेडवापुरा तथा मालीपुरा के ग्रामों में संचालित आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी निम्नानुसार है:-1 ग्राम पंचायत बंजारीपुरा के ग्राम बंजारीपुरा, झिकडिया एवं करोदियाखाली में 01-01 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (2) ग्राम पंचायत बेड़वापुरा के ग्राम बेड़वापुरा दुर्गापुरा में 01-01 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा बियाधाटी 01 आंगनवाड़ी केन्द्र 01 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (3) ग्राम पंचायत मालीपुरा के ग्राम मालीपरु, रातीतलाई, बंधाव एवं अम्बापुरा में 01-01 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों अनुसार वर्तमान में उक्त ग्राम पंचायतों के ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन हो रहा है। अतः उक्त ग्रामों में कोई भी नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित नहीं है।
खटिक एवं सुनकर जाति के जाति प्रमाण-पत्र
[सामान्य प्रशासन]
72. ( क्र. 4560 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अंतर्गत खटिक एवं सुनकर जाति के प्रमाण-पत्र किस वर्ग में मानकर बनाये जा रहे हैं? क्या खटिक एवं सुनकर जाति को अनुसूचित जाति के अंतर्गत मान्य किया गया है? यदि नहीं, तो राजपत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या कारण है कि पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के ग्राम माधौगंज, अजयगढ़ एवं नरदहा में खटिक एवं सुनकर जाति के ऐसे लोग हैं, जिनको अनुसूचित जाति में मानकर प्रमाण-पत्र पूर्व अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं किन्तु कालान्तर में कुछ अधिकारियों द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जा रहे हैं? (ग) क्या एक ही पिता एवं माता से जनित सन्तानें एक ही जाति/वर्ग की होगीं? यदि हाँ, तो पन्ना जिले में एक ही परिवार के कुछ सदस्यों को सुनकर एवं खटिक जाति को अनुसूचित जाति में मान्य कर प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं तथा उसी परिवार के सगे भाई/बहन को अनुसूचित जाति के प्रमाण-पत्र जारी क्यों नहीं किये जा रहे हैं? (घ) पन्ना जिले में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक खटिक एवं सुनकर जाति के कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? उनमें से कितने आवेदकों को प्रमाण-पत्र जारी किये गये तथा कितने आवेदकों के आवेदन पत्र किस आधार पर निरस्त किये गये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पन्ना जिले अंतर्गत खटीक एवं सुनकर जाति के प्रमाण-पत्र अनुसूचित जाति वर्ग में मानकर बनाये जा रहे है। खटीक एवं सुनकर जाति को अनुसूचित जाति के अंतर्गत मान्य किया गया है। (ख) पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के ग्राम माधौगंज, अजयगढ़ एवं नरदहा में खटीक एवं सुनकर जाति के जाति प्रमाण पत्र के आवेदन पत्र जांच में सही पाये जाने पर जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं। कालांतर में भी अभिलेखों के परीक्षणोपरांत पात्र पाये जाने पर नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं। (ग) जी हां। एक ही पिता एवं माता से जनित सन्तानें एक ही जाति/वर्ग की होंगी। एक ही परिवार जिनके कुछ सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए उसी परिवार के भाई/बहनों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर जांच में पाया गया कि पूर्व में उस परिवार के सदस्य को जारी जाति प्रमाण पत्र संदिग्ध है, ऐसी स्थिति में उन परिवारों के सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए। (घ) पन्ना जिले में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक खटीक एवं सुनकर जाति के 1797 आवेदन पत्र प्राप्त हुये, उनमें से 656 आवेदकों को प्रमाण-पत्र जारी किये गये तथा 1141 आवेदकों के आवेदन पत्र जांच उपरांत जाति की पुष्टि न होने के कारण निरस्त किये गए।
आदेश क्र. सी-3-20-2003-3- एक भोपाल दिनांक 14 जुलाई 2000 के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
73. ( क्र. 4563 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित आदेश 14 जुलाई 2000 को भी यदि किसी शासकीय सेवक की पत्नी को गर्भ धारण हुआ होगा तो उसकी संतान 9 माह बाद अर्थात 14 अप्रैल 2001 के बाद जन्म लेगी किन्तु आदेश में तीसरी संतान के जन्म की तिथि 26-01-2001 निर्धारित करते समय इसका ध्यान क्यों नहीं रखा गया? क्या शासन इसके क्रियान्वयन में इसका ध्यान रखेगा? (ख) क्या यह सही है कि विषयांकित आदेश के बाद ऐसी कई नियुक्तियां हुई हैं, जिसमें नियुक्ति के समय ही कर्मचारी की 26-01-2001 के पश्चात जन्म लेने वाली तीसरी जीवित संतान है? क्या शासन ऐसी सभी नियुक्तियों की जांच करवाकर नियुक्ति करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? (ग) विषयांकित नियम का परिपालन न करने वालो पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) क्या जिला एवं सत्र न्यायालय के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर यह कार्यवाही की जा रही है जबकि अन्य विभागों में कोई कार्यवाही नहीं की गयी? क्या शासन या तो सभी विभाग के शासकीय सेवकों पर कार्यवाही करेगा या विधी विभाग के कर्मचारियों पर की जा रही कार्यवाही रोकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) इस प्रकार के मामलों के लिए म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-22 में अवचार माना गया है। इसका उल्लंघन होने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही का प्रावधान है।
अनु.जाति छात्रावासों में खेल सामग्री का क्रय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
74. ( क्र. 4566 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात मन्दसौर जिले के अनु.जाति छात्रावासों में कितनी-कितनी राशि की खेल सामग्री किस-किस फर्म से खरीदी गयी? यह सामग्री उक्त अवधि में किस-किस छात्रावास को दी गयी? खेल उपकरण का प्रकार, उन्हें खरीदी के बिल सहित विवरण देवें। (ख) क्या शासन द्वारा प्रदत्त पर्याप्त सुविधाओं एवं राशि के बावजूद छात्रावासों में बच्चों की खेल सामग्री नहीं है? इसकी शिकायत प्रश्नांश (क) अवधि में कब, किन व्यक्ति ने की? इस पर क्या कार्यवाही की गयी? विभाग द्वारा प्रदत्त इन खेल सुविधाओं एवं खेल सामग्री के भौतिक सत्यापन की जांच, कब-किन सक्षम अधिकारी ने की? किन-किन छात्रावासों में क्या-क्या कमियाँ पाई गयी? (ग) क्या छात्रावास संचालक द्वारा शासन से प्रदत्त खेल सामग्री को विद्यार्थियों को नहीं दिया जाता है एवं पुरानी सामग्री से ही वर्ष भर छात्रावास के विद्यार्थी खेलते हैं? (घ) उक्त जिले में उक्त अवधि में उक्त छात्रावासों के कितने-कितने विद्यार्थियों ने किस-किस खेल में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया? संख्या बतायें। उक्त अवधि में जिले के छात्रावासों में खेल पर कुल कितनी राशि खर्च की गयी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 01 जनवरी 2015 के पश्चात मंदसौर जिले में अनुसूचित जाति छात्रावासों में खेल सामग्री क्रय नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। मंदसौर जिले के छात्रावासी छात्रों को स्थानीय स्तर पर जनभागीदारी से खेल सामग्री प्रदाय की गई है। उक्त अवधि में तत्संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है अत: कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विभाग द्वारा खेल सामग्री क्रय न किये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त अवधि में विभाग द्वारा खेल सामग्री का क्रय नहीं किया गया है। अत: जनभागीदारी से प्रदत्त स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खेल सामग्री का उपयोग विद्यार्थी करते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त अवधि में मंदसौर जिले से छात्रावासी विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा न लिये जाने से जानकारी निरंक है। उक्त अवधि में मंदसौर जिले के छात्रावासों में खेल पर राशि खर्च नहीं की गई।
टैक्स चोरी के प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
75. ( क्र. 4626 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 में सेल्स टैक्स विभाग (वाणिज्यिक कर विभाग) के कितने प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारियों को लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथों कब-कब पकड़ा गया? उनका नाम, पदनाम व पदस्थापना सहित बताएं। इन पकड़े गये अधिकारियों में कितनों को निलंबित किया गया तथा किनका स्थानान्तरण किया गया? यदि नियमानुसार उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही नहीं की गई, तो क्यों? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या छतरपुर और सतना जिले में कारोबार करने वाली मेसर्स पेपटेक हाउसिंग प्रा.लि. के व्यापारी के यहां वर्ष 2013 में विभाग के एन्टी एवेजन ब्यूरो सतना द्वारा छापा मारा गया था एवं प्रकरण क्र.370/13 दर्ज किया गया था? यदि हाँ, तो प्रकरण में कितनी राशि का वेट टैक्स और पेनाल्टी लगाई गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त वेट टैक्स एवं पेनाल्टी हटाकर पिछली कार्यवाही को शून्य घोषित कर शासन को करोड़ों रूपए के राजस्व की क्षति पहुंचाई गई? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं एवं उक्त टैक्स चोरी की राशि की वसूली किस प्रकार से की जाएगी? (घ) क्या राज्य शासन ने प्रश्न क्र.6638 दिनांक 01.04.2016 में स्वीकार किया था कि अंतिम आदेश पारित होने पर प्रावधानों के अनुरूप वसूली की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो वसूली के संबंध में क्या निर्णय लिया गया? निर्णय की प्रति उपलब्ध करावें। संबंधित से कब तक रिकवरी की जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2015 में वाणिज्यिक कर विभाग के तीन अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मेसर्स पेपटेक हाउसिंग प्रा.लि. छतरपुर के यहां वर्ष 2013 में एन्टी इवेजन ब्यूरो सतना द्वारा छापा मारा गया था। तत्कालीन सहायक आयुक्त, वाणिज्यिक कर, इंदौर कैंप, सागर द्वारा छापे के आधार पर वेट प्रकरण क्रमांक 370/13 संस्थापित कर दिनांक 27-02-2015 को एकपक्षीय आदेश पारित किया गया। आदेश में रूपये 3, 17, 51, 787/- का वेट आरोपित कर रूपये 6, 35, 03, 574/- की पेनाल्टी लगाई गई। (ग) प्रश्नांश (ख) परिप्रेक्ष्य में प्रकरण में पारित एकपक्षीय आदेश को मध्यप्रदेश वेट अधिनियम की धारा 34 के अन्तर्गत लिया जाकर नवीन कर निर्धारण आदेश श्री टी.सी. वैश्य तत्कालीन सहायक आयुक्त वाणिज्यिक कर सागर (सेवानिवृत्त) द्वारा दिनांक 15-05-2015 को पारित कर अतिरिक्त मांग निरंक कर दी गई। श्री टी.सी. वैश्य के सेवा निवृत्त हो जाने से उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु मंत्रि-परिषद् के अनुमोदन बाबत् कार्यवाही प्रचलन में है। श्री टी.सी. वैश्य द्वारा निरंक की गई अतिरिक्त मांग को सक्षम प्राधिकारी अपर आयुक्त द्वारा अपास्त किया गया तथा मूल आदेश में निकाली गई अतिरिक्त मांग को यथावत रखा गया, किन्तु करदाता की ओर से माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत याचिका क्रमांक 13205/2016 में पारित निर्णय दिनांक 11-11-2016 से पूर्व में पारित आदेशों को समाप्त कर पुन: कार्यवाही हेतु रिमाण्ड किया गया है। जिसके आधार पर आगामी कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की विविध याचिका क्रमांक 13205/2016 में पारित निर्णय दिनांक 11-11-2016 के प्रकाश में प्रकरण में कर दायित्व की पुन: कार्यवाही की जाकर प्रकरण कर निर्धारण हेतु सक्षम अधिकारी को आवंटित किये गये हैं। प्रकरण में कर निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रकरण में कर निर्धारण उपरांत अतिरिक्त माँग सृजित होती है, तो नियमानुसार वसूली की कार्यवाही की जावेगी।
योजनावार प्राप्त एवं व्यय राशि
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 4627 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग अंतर्गत एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को आदिवासी उपयोजना और अनुसूचित जाति उपयोजना की राशि प्राप्त होती है? वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार प्राप्त राशि और व्यय राशि की जानकारी दें। (ख) इन राशियों की भौतिक वित्तीय प्रगति, लक्ष्य उपलब्धि की समीक्षा कौन सा विभाग/कार्यालय करता है? संबंधित विभाग जिस प्रपत्र में वार्षिक जानकारी मंगाता है, वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की प्रगति सिर्फ उसी प्रपत्र में उपलब्ध करावें। (ग) उक्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक अव्ययित राशियां किन-किन खातों में जमा है? पूर्ण ब्यौरा दें। क्या जमा राशियों की जानकारी आयुक्त कोष एवं लेखा और प्रमुख सचिव वित्त विभाग को दी गई हैं, नहीं तो क्यों? (घ) जिला छतरपुर अंतर्गत ब्लॉक नौगांव विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर में ऊर्जा विभाग ने ग्रामीण विद्युतीकरण के लिये वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्य स्वीकृत किये? पूर्णता-अपूर्णता की स्थिति बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, आदिवासी उपयोजना और अनुसूचित जाति उपयोजना हेतु कोई राशि एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को प्राप्त नहीं होती है अपितु सभी विद्युत वितरण कंपनियों, म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कपंनी एवं म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनीं को प्राप्त होती है। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक (2017-18 में दिसम्बर 17 तक) योजनावार प्राप्त राशि और व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी के राज्य योजना प्रकोष्ठ द्वारा विद्युत क्षेत्र में आदिवासी उपयोजना और अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, लक्ष्य, उपलब्धि की जानकारी संचालनालय (आदिम जाति विकास योजनायें), भोपाल द्वारा निर्धारित प्रपत्र में सभी कम्पनियों से प्राप्त कर संकलित जानकारी आदिम जाति संचालनालय, भोपाल एवं म.प्र. शासन, ऊर्जा विभाग, भोपाल को प्रेषित की जाती है। प्रगति, लक्ष्य व उपलब्धियों की त्रैमासिक समीक्षा आदिम जाति संचालनालय द्वारा की जाती है जो कि संबंधित विभाग के निर्धारित प्रपत्र में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ऊर्जा विभाग के बजट माध्यम से उक्त उप योजना अंतर्गत विद्युत कंपनियों को प्रदान की राशि में से कोई अव्ययित राशि शेष नहीं है। अत: जमा राशियों के संबंध में आयुक्त कोष एवं लेखा और प्रमुख सचिव, वित्त विभाग को जानकारी देने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में स्वीकृत विद्युतीकरण के स्वीकृत कार्यों एवं उनकी पूर्णता/अपूर्णता संबंधी जानकारी निम्नानुसार है:-
योजना |
स्वीकृत कार्य |
वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ब्लॉक नौगांव विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर अंतर्गत पूर्ण कार्य |
वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ब्लॉक नौगांव विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर अंतर्गत अपूर्ण कार्य |
||||||
अविद्युतीकृत ग्राम |
विद्युतीकृत ग्राम (सघन विद्युतीकरण) |
बी.पी.एल. कनेक्शन |
अविद्युतीकृत ग्राम |
विद्युतीकृत ग्राम (सघन विद्युतीकरण) |
बी.पी.एल. कनेक्शन |
अविद्युतीकृत ग्राम |
विद्युतीकृत ग्राम (सघन विद्युतीकरण) |
बी.पी.एल. कनेक्शन |
|
आर.जी.जी.वी.वाई. (11वां प्लान) |
1 |
115 |
1044 |
1 |
72 |
829 |
निरंक |
43 |
215 |
आर.जी.जी.वी.वाई. (12वां प्लान) |
निरंक |
25 |
160 |
निरंक |
25 |
160 |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
77. ( क्र. 4701 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में माननीय मुख्यमंत्री के कितने (व्यक्तिगत) अशासकीय एवं शासकीय कार्यक्रम हुए का विवरण वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक का कार्यक्रमवार आयोजन के नाम सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्यमंत्री जी द्वारा किन-किन कार्यक्रमों में क्या-क्या घोषणाएं किस बाबत् की गयी का विवरण देते हुए बतावें की कितनी घोषणाओं पर अमल कर कार्यवाही की गयी अथवा आदेश एवं निर्देश जारी किए गये की प्रति देते हुए बतावें अगर नहीं की गयी तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार हुए आयोजनों में जिनमें मुख्यमंत्री जी उपस्थित रहे कितनी राशि किन-किन हेडों एवं विभाग से खर्च की गयी का विवरण पृथक-पृथक कार्यक्रमवार देवें। इन आयोजनों हेतु क्या शासन द्वारा पृथक से राशि दी गयी तो उसका विवरण व्यय सहित अलग से देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के हुए आयोजनों में क्षेत्रीय विधायकों को किन-किन आयोजनों में बुलाया/आमंत्रित किया गया एवं उनको क्षेत्र की समस्या से अवगत कराने हेतु बोलने का अवसर प्रदान किया गया? सौर्य ऊर्जा प्लॉट बदवार में भूमि पूजन के नाम से आयोजित शासकीय कार्यक्रम में प्रश्नकर्ता सदस्य (क्षेत्रीय विधायक) को बोलने क्षेत्रीय समस्याओं को रखने बाबत् मौका दिया गया? अगर नहीं दिया गया तो क्यों? जबकि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जनप्रतिनिधियों में पत्र भी जारी किए जाते रहे हैं? (ड.) प्रश्नांश (क) के आयोजनों में प्रश्नांश (ख) अनुसार की घोषणाओं पर अमल नहीं करने, प्रश्नांश (ग) अनुसार राशि नियम विपरीत व्यय करनी प्रश्नांश (घ) अनुसार क्षेत्रीय विधायकों को शासकीय कार्यक्रमों में क्षेत्र की समस्या को मुख्यमंत्री के समक्ष बोलने रखने का मौका नहीं देने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? इन पर क्या कार्यवाही करेगें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
78. ( क्र. 4702 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की है? (ख) क्या कई संविदा कर्मचारियों की सेवा अवधि पन्द्रह वर्ष पूर्ण हो चुकी है तथा कई की सेवा अवधि पाँच वर्ष या कम बची है तथा इस संबंध में संविदा कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों द्वारा समय-समय पर मांगों का ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री संबंधित मंत्री संभाग एवं जिले के अधिकारियों को दिये जाते रहे है? क्या उन पर कार्यवाही करते हुए इनके नियमितीकरण बाबत् निर्णय लेकर आदेश जारी करावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण के साथ ही नियमित कर्मचारियों की भॉति समान कार्य समान वेतन व अन्य सुविधाएं दिये जाने बाबत् क्या निर्णय लेकर आदेश जारी करावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) नियमित कर्मचारी एवं संविदा कर्मियों के नियम/सेवा शर्तें पृथक-पृथक होने से भर्ती प्रक्रिया, वेतन व अन्य सुविधाएं भिन्न-भिन्न होती है। संविदा कर्मी आवश्यकतानुसार अल्प अवधि के लिए नियुक्त किए जाते हैं। अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
79. ( क्र. 4727 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं, में से कौन-कौन से स्वयं के/किराये/अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं व कब से? केन्द्रवार बतावें। (ख) किराये एवं अन्य शासकीय भवनों में संचालित केन्द्रों हेतु वर्तमान तक इनके स्वयं के भवनों को स्वीकृत न करने के क्या कारण हैं? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक किन-किन योजनान्तर्गत कौन-कौन से केन्द्रों हेतु नवीन भवन स्वीकृत किये, में से कितने निर्धारित अवधि में पूर्ण हुए व कितने नहीं व क्यों? इनकी पूर्णता की अवधि क्या हैं? केन्द्रवार बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 689 दिनांक 18.07.2017 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में जानकारी दी थी कि उक्त अवधि में स्वीकृत भवनों में से 57 भवन अप्रारंभ निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण कराने हेतु समय समय पर निर्माण ऐजेन्सी व परियोजना अधिकारियों को विभिन्न बैठकों में निर्देश दिये गये हैं? इसके बावजूद भी निर्धारित अवधि में उक्त निर्माण कार्य पूर्ण क्यों नहीं हो पा रहे हैं? क्या शासन उक्त भवनों के निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने में हो रहे विलम्ब के कारणों की जांच करवायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 518 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से 346 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय/अन्य शासकीय भवनों तथा 141 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। जिले से प्रस्ताव प्राप्त होने पर वित्तीय उपलब्धता के आधार पर निर्माण कार्य स्वीकृत किये जायेंगे। (ग) क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक विभिन्न योजनान्तर्गत 105 भवन स्वीकृत हुए हैं। पूर्ण/अपूर्ण एवं योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) पूर्व के 57 अपूर्ण भवनों में 03 भवन पूर्ण हुए हैं, शेष भवनों का निर्माण प्रगति पर है। निर्माण एजेन्सियों द्वारा पूर्ण करने की कार्यवाही की जा रही है। जांच की कोई आवश्यकता नहीं है।
विद्युतीकरण के कार्य
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 4728 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान तक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत किन-किन ग्राम में नवीन विद्युतीकरण के क्या-क्या कार्य स्वीकृत किए? कार्यादेश कब जारी किया गया? स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करने की समयावधि क्या है? (ख) उक्त स्वीकृत कार्यों में से किन-किन ग्रामों में कार्य अपूर्ण हैं? ये कब तक पूर्ण होंगे? (ग) क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान स्थिति में कौन-कौन से अविद्युतीकृत ग्राम ऐसे हैं, जो उक्त योजना में विद्युतीकरण हेतु शामिल नहीं किये गये? इनके सहित कौन-कौन से ग्रामों को सौभाग्य योजना में विद्युतीकरण हेतु शामिल किये गये हैं? (घ) सौभाग्य योजनान्तर्गत शामिल उक्त ग्रामों में वर्तमान तक नवीन विद्युतीकरण के कौन-कौन से कार्य कराये जाना है? इनमें से कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं व क्यों? कार्य की धीमी गति को देखते हुये अपूर्ण कार्य क्या वास्तव में निर्धारित समयावधि में पूर्ण हो जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत स्वीकृत नवीन विद्युतीकरण के कार्यों की ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 एवं अ-2 अनुसार है। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराएं जाने हेतु दिनांक 18.01.2017 को अवार्ड जारी किया गया था। टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी के साथ किये गये अनुबंध अनुसार उक्त कार्यों को पूर्ण करने की समयावधि अवार्ड जारी होने की दिनांक 18.01.2017 से 24 माह अर्थात दिनांक 17.01.2019 है। (ख) उत्तरांश 'क' में दर्शाए अनुसार योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों में से संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ-2 में दर्शाए गए 5 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हुआ है तथा शेष सभी ग्रामों में विद्युत उपकेन्द्रों/मजरों/टोलों के कार्य अपूर्ण हैं। उपरोक्त सभी कार्य अवार्ड की निर्धारित समय सीमा दिनांक 17.01.2019 तक ठेकेदार एजेन्सी से पूर्ण कराए जाएंगे। (ग) एवं (घ) सौभाग्य योजना में ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य नहीं अपितु सभी विद्युत विहीन घरों को बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये आवश्यक विद्युत अधोसंरचना के कार्य किये जाने हैं। श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में सौभाग्य योजनांतर्गत प्रारंभिक आंकलन अनुसार 17750 घरों को कनेक्शन दिये जाने थे जिनमें से अद्यतन स्थिति में 11741 घरों को कनेक्शन दिये जा चुके है तथा शेष कनेक्शन योजना की निर्धारित समयावधि दिसम्बर 2018 तक प्रदान कर दिये जायेंगे।
अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों का सर्वांगीण विकास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
81. ( क्र. 4738 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के अनुसूचित जाति कल्याण विभाग एवं अनुसूचित जाति कल्याण संचालनालय द्वारा अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों के सर्वांगीण विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) भिण्ड जिले के अंतर्गत विगत तीन वर्षों वित्त वर्ष में 2015-16 से आज तक अनुसूचित जाति बाहुल्य किन-किन ग्रामों के विकास के लिये कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिये स्वीकृत की गई? कार्य कराने वाली एजेन्सी एवं कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) अटेर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों एवं बस्तियों में आलोच्य अवधि में प्रेषित प्रस्तावों पर स्वीकृति नहीं दिये जाने का क्या कारण है एवं उन ग्रामों के विकास के लिये कब तक राशि स्वीकृत कर दी जावेगी? कार्यवार राशि सहित जानकारी दी जाये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों के सर्वांगीण विकास हेतु अनुसूचित जाति बस्ती विकास, कृषकों के पम्पों का ऊर्जीकरण एवं मजरे टोलों का विद्युतिकरण योजना संचालित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अवधि में अटेर विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु सीमा में वृद्धि
[वित्त]
82. ( क्र. 4739 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के किन-किन विभागों के किस संवर्ग के कर्मचारियों को वर्तमान में सेवानिवृत्त की आयु सीमा 60 वर्ष से अधिक नियत की गई है? विभागवार व पदवार जानकारी दी जाये। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा शेष बचे सभी विभागों के अन्य सभी कर्मचारियों की शासकीय सेवानिवृत्त की अवधि 60 वर्ष पूर्ण होने के बाद 62 वर्ष किये जाने हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव पर कब तक निर्णय लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि शासकीय कर्मचारी की सेवानिवृत्ति अवधि 60 वर्ष के स्थान पर 62 वर्ष की जाती है, तो राज्य के कितने बेरोजगार युवकों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा अथवा युवा बेरोजगारों को भी स्वीकृत रिक्त शासकीय पदों पर नौकरी करायी जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक तथा नर्सिंग संवर्ग, चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग के शैक्षणिक संवर्ग के अतिरिक्त राज्य शासन के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिये 60 वर्ष से अधिक सेवानिवृत्ति की आयु सीमा नियत है। (ख) एव (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अ.जा./अ.ज.जा किसानों हेतु विद्युत व्यवस्था
[अनुसूचित जाति कल्याण]
83. ( क्र. 4810 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वर्ष 2015-16 से अ.जा./अ.ज.जा. किसानों को विद्युत कनेक्शन हेतु कितनी-कितनी राशि कटनी जिले को प्राप्त हुई? वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि में से कितने किसानों को सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये गये? इन कनेक्शनों में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय हुई? विकासखण्डवार वर्षवार, किसानों की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या बिजली कनेक्शन हेतु किसानों के आवेदन लंबित हैं? यदि हाँ, तो कितने किसानों के कितने आवेदन विद्युत कनेक्शन हेतु लंबित हैं? विकासखण्डवार वर्षवार, संख्यात्मक जानकारी देवें। लंबित आवेदन पर विभाग द्वारा कब तक विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जावेगा? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा विद्युत विभाग कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 2956 दिनांक 27.01.16 पत्र क्रं 44, 53 दिनांक 20.04.17 पत्र क्रमांक 1124 दिनांक 25.10.17, 1190 दिनांक 17.11.17, 1371 दिनांक 22/12/17 सहित अन्य विविध पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विकासखण्डवार वर्षवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार, विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विगत वर्ष 2015-16 में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति किसानों को विद्युत कनेक्शन हेतु कटनी जिले को प्राप्त हुई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं अनुसूचित जनजाति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है एवं अनुसूचित जनजाति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। बजट आवंटन की सीमा के अंतर्गत कार्यपालन यंत्री, म.प्र. विद्युत मण्डल, कटनी से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
84. ( क्र. 4811 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न विभागों एवं अन्य कार्यक्रमों में शासन द्वारा संविदा के रूप में अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति हुई? (ख) प्रश्नांश (क) का यदि हाँ, तो क्या संविदा कर्मियों द्वारा भी नियमित कर्मचारियों की भॉति कार्य किया जा रहा है? क्या इन कर्मचारियों से निर्वाचन, जनसंख्या सर्वे, पशु-गणना, फसल सर्वे, सूखा सर्वे आदि कार्य लिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार प्रदेश में विगत वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने हेतु संविदा नीति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो संविदा कर्मियों का नियमित किये जाने हेतु विभागवार जारी नीति/निर्देशों की प्रतियों सहित विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार नियमित कर्मचारियों की भॉति विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों को कब तक नियमित किया जावेगा? शासन की इस संबंध में क्या मंशा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मांझी, कीर, मीणा एवं अन्य जातियों को अनुसूची में सम्मिलित करना
[जनजातीय कार्य]
85. ( क्र. 4848 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा जारी जनसंकल्प वर्ष 2013 में मांझी, कीर, मीणा एवं अन्य जातियां, जो अनुसूची में शामिल होना चाहती हैं, उनकी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजी जाएगी, का उल्लेख किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश की किन-किन जातियों को अ.ज.जा. की अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कब कब अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजी गयी? यदि नहीं, तो क्यों एवं उक्त जातियों के समर्थन में राज्य सरकार द्वारा सर्वे रिपोर्ट कब कब भेजी गयी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा उक्त जातियों को अनुसूची में शामिल करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है? यदि हाँ, तो इसके कारण बताएं व मांझी, कीर, मीणा जातियों को अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा कब तक कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
86. ( क्र. 4856 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है? (ख) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों हेतु कोई कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से और कब-कब बतावें। (ग) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के खुलने एवं बन्द होने का समय निर्धारित है? यदि हाँ, तो कब से कब तक निर्धारित है? (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? उनमें कितने-कितने बच्चे दर्ज हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल, पात्रता अनुसार नाश्ता, टेक होम राशन, थर्ड मील, प्री-स्कूल किट, नियमित वृद्धि निगरानी, शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा इत्यादि सुविधायें उपलब कराई जाती है। (ख) जी हाँ। बच्चों के लिये प्रत्येक माह के द्वितीय एवं तृतीय मंगलवार को मंगल दिवस योजना अन्तर्गत अन्न-प्राशन एवं जन्म दिवस तथा प्रत्येक माह की 25 तारीख को बाल चैपाल का आयोजन किया जाता है। (ग) जी हाँ। आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं मिनी आंगनवाड़ी का संचालन नियत समय सारिणी अनुसार प्रातः 9 बजे से अपरान्ह 4 बजे तक किया जाता है। (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में एकीकृत बाल विकास परियोजना राजगढ़, खुजनेर एवं खिलचीपुर अन्तर्गत 388 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 199 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 6 वर्ष तक के 39004 बच्चे दर्ज हैं।
बिजली उत्पादन की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
87. ( क्र. 4857 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में किन-किन स्त्रोतों से किन-किन स्थानों पर कब से बिजली बनाई जा रही है? (ख) क्या मध्यप्रदेश में पवन चक्की के द्वारा भी बिजली बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर पवन चक्की से बिजली बनाई जा रही है? (ग) क्या राजगढ़ जिले में पवन चक्की के द्वारा बिजली बनाये जाने हेतु पर्याप्त स्थान उपलब्ध हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जिले में भी पवन चक्की से बिजली बनाये जाने के संयंत्र स्थापित किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मध्यप्रदेश में विभाग के अन्तर्गत पवन ऊर्जा परियोजनाओं, सौर ऊर्जा परियोजनाओं, बायोमास ऊर्जा परियोजनाओं एवं लघु जल विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा उत्पादन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राजगढ़ जिले में स्थल विशेष पर पवन ऊर्जा स्त्रोत की उपलब्धता के आंकलन एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की साध्यता से संबंधित आवश्यक सर्वेक्षण के उपरान्त ही पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी इकाइयों द्वारा स्वयं स्थल का चयन कर पवन ऊर्जा परिजनाओं की स्थापना की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखानुसार प्रदेश में शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी इकाइयों द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की जा रही है। निजी इकाइयां परियोजना की साध्यता सुनिश्चित होने पर ही परियोजनाओं की स्थापना करती है। राजगढ़ जिले सहित संपूर्ण प्रदेश निजी इकाइयों के लिये पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु खुला है। नीति के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी इकाइयों द्वारा परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने पर परियोजनाएं स्थापित की जा सकेगी।
कुपोषण दूर करने हेतु योजनाओं का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
88. ( क्र. 4871 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कुपोषण दूर करने के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही हैं? देवास जिले में कौन-कौन सी योजना संचालित हैं एवं योजनातंर्गत बच्चों को क्या-क्या सुविधा प्रदान की जा रही हैं? (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत वर्ष 2013-14 में कुपोषित बच्चो की प्रश्न दिनांक तक क्या संख्या है? (ग) क्या विगत वर्ष 2013-14 से कुपोषित बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो क्यों इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (घ) क्या शासन उक्त अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब और क्या कार्यवाही की जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में कुपोषण दूर करने के लिये विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में एकीकृत बाल विकास सेवा योजना, अटल बाल मिशन अंतर्गत स्नेह शिविर, स्नेह सरोकार योजना, मंगल दिवस, स्निप, लालिमा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, सबला योजना आदि संचालित की जा रही है। देवास जिले में एकीकृत बाल विकास सेवा योजना, अटल बाल मिशन अंतर्गत स्नेह शिविर, स्नेह सरोकार योजना, मंगल दिवस, स्निप, लालिमा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संचालित है। (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14 से कुपोषित बच्चों की प्रश्न दिनांक तक वर्षवार संख्या का विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र. |
वर्ष |
कुपोषित बच्चे |
1 |
2013-14 |
7337 |
2 |
2014-15 |
7102 |
3 |
2015-16 |
6168 |
4 |
2016-17 |
5824 |
5 |
2017-18 |
5735 |
(ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 में 7337 एवं वर्ष 2017-18 में 5735 कुपोषित बच्चे दर्ज किए गए। अतः खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में कुपोषित बच्चों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांकित अवधि में कुपोषण में वृद्धि नहीं हुई है। अतः अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभागों द्वारा प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 4878 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न विभागों यथा लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, प्रधानमंत्री सड़क योजना, ऊर्जा विभाग, शिक्षा विभाग, आदिवासी विकास विभाग द्वारा नवीन निर्माण या संयंत्रों की स्थापना की गई? नामवार बतायें। (ख) क्या किसी भी नवीन निर्माण किये जाने हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा शिलान्यास/भूमि-पूजन/ लोकार्पण किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो कितनी नवीन निर्माण या संयंत्रों की स्थापना में स्थानीय विधायक या अन्य जनप्रतिनिधियों को शामिल किया गया? जनप्रतिनिधियों की दिनांकवार, नामवार, पदवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान विधायक द्वारा शिलान्यास प्रोटोकॉल के उल्लंघन से संबंधित शिकायतें कई बार प्रशासन से की जा चुकी हैं एवं कई जगह पूर्व विधायक एवं पूर्व सांसद द्वारा भूमि-पूजन/लोकार्पण/शिलान्यास कार्यक्रम किया गया है? तत्संबंध क्या जानबूझकर वर्तमान विधायक को कई बार उक्त कार्यक्रम में क्यों आमंत्रित नहीं किया गया एवं आमंत्रण कार्ड में स्थानीय विधायक का नाम भी अंकित नहीं किया गया? इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) विगत दो वर्षों में जिन कार्यों में भूमि-पूजन/लोकार्पण/शिलान्यास कार्यक्रम नहीं किया गया है, उनकी उक्त कार्यों हेतु प्रदाय की गई राशि शासन द्वारा वापस ली जावेगी एवं जिम्मेदार अधिकारियों/निर्माण एजेन्सियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत बिलों की शिकायतें
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 4879 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के लिये अनाप-शनाप बिजली बिल भेजने की शिकायतों में निरंतर वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो इसका मुख्य कारण क्या है? इस समस्या से निजात दिलवाने हेतु क्या व्यवस्था की गई? (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत वितरण कंपनी के किन-किन उपभोक्ताओं द्वारा अनाप-शनाप बिजली बिल भेजने की कितनी शिकायतें मिली हैं? कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? इसमें बिजली बिलों में कितनी राशि की गड़बड़ी पाई गई है? इसके लिये दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई हैं? माह जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक की माहवार शिकायतों की जानकारी दें। (ग) विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं को अनाप-शनाप बिजली बिलों की शिकायतों के संबंध में फोटोयुक्त स्पॉट बिलिंग का ठेका कब किस कंपनी को किन शर्तों पर दिया है? इसमें बिजली उपभोक्ताओं को क्या फायदा हुआ है? (घ) क्या सिवनी जिले में मीटर रीडिंग और बिल वितरण की व्यवस्था बहुत बिगड़ चुकी है? उपभोक्ताओं को समय पर विद्युत बिलों का वितरण नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? क्या शासन अनाप-शनाप विद्युत बिलों की समस्या से निजात दिलाने हेतु उचित कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश एवं राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी आदेश के अनुसार ही बिजली के बिल जारी किये जाते हैं। सभी उपभोक्ताओं को उक्तानुसार सही विद्युत देयक जारी किये जाते हैं तथापि विद्युत बिलों में त्रुटि से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर उनका त्वरित निराकरण किया जाता है। बिलों संबंधी शिकायतों को मोबाईल ''एप'' के माध्यम से भी दर्ज किये जाने की सुविधा उपलब्ध है। समय-समय पर आयोजित शिविरों के माध्यम से भी शिकायतों का निराकरण किया जाता है। विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक मंगलवार को विद्युत बिल से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु उपभोक्ता शिकायत निवारण शिविर का आयोजन वितरण केन्द्र स्तर पर किया जा रहा है। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी-2017 से फरवरी-2018 तक बिजली बिल संबंधी 173 शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उक्त सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। निराकृत 121 शिकायतों में रू. 15.22 लाख राशि की अधिक बिलिंग पाई गई जिसका समायोजन उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में कर दिया गया है तथा शेष 52 शिकायतें सुधार योग्य नहीं पाई गई। तत्संबंध में दोषी पाये गये 02 मीटर वाचकों को सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की गई है। प्रश्नाधीन अवधि में सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राप्त शिकायतों के तारतम्य में बिलों में सुधार किये गये प्रकरणों की उपभोक्तावार/माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अंतर्गत मेसर्स फीडबैक इनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी गुडगांव (फेडको) को दिनांक 18.04.17 को जबलपुर संचा-संधा. संभाग एवं कटनी संचा-संधा. संभाग तथा दिनांक 07.04.17 को जबलपुर (शहर) वृत्त एवं दमोह (संचा.-संधा.) वृत्त में फीडबैक इन्फ्रा. प्रायवेट लिमि. कंपनी गुडगांव को फोटोयुक्त स्पॉट बिलिंग का कार्य सौंपा गया है। फोटोयुक्त स्पॉट बिलिंग के माध्यम से उपभोक्ता के मीटर में दर्ज वास्तविक खपत के अनुसार ऑन-स्पॉट बिलिंग की जाती है। फोटोयुक्त स्पॉट बिलिंग के कारण उपभोक्ताओं को गलत मीटर रीडिंग, मीटर रीडिंग नहीं होना, बिल प्राप्त नहीं होना तथा समय पर बिल न मिल पाने जैसी समस्याओं से राहत मिली है। उक्त दोनों ठेकेदार कंपनियों के लिए लागू निविदा की शर्तें निविदा दस्तावेजों के भाग-5 एवं भाग-6 अनुसार है, जिनकी प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, सिवनी जिले के अन्तर्गत मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण की व्यवस्था सामान्य है एवं वितरण कंपनी द्वारा समय से विद्युत बिल उपभोक्ताओं को प्रदान करने के प्रयास किए जाते हैं। मानवीय त्रुटि अथवा तकनीकी त्रुटियों के कारण बिलों में हुई त्रुटि संज्ञान में आने पर उनके त्वरित निराकरण सहित उपभोक्ताओं को राहत पहुँचाने के उद्देश्य से उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार कार्यवाही की जा रही है।
कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनरों को सातवां वेतनमान का लाभ
[वित्त]
91. ( क्र. 4886 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा अपने अधीनस्थ विभाग के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान भुगतान किये जाने के निर्देश जारी किये गए हैं? यदि हाँ, तो जारी निर्देशानुसार विभाग के कर्मचारियों को सातवाँ वेतनमान का वेतन निर्धारण कर देय स्वतत्वों का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त सातवें वेतनमान का लाभ पेंशनरों को भी दिए जाने के निर्देश जारी किये गए हैं? यदि हाँ, तो उनका वेतन निर्धारित कर बकाया स्वत्वों का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिन विभाग के अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों/पेंशनरों का वेतन निर्धारण वर्तमान समय पर नहीं किया गया है, तो क्या विलम्ब के लिए ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? विभागवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या म.प्र. शासन के अधीन कई विभागों के कार्यालय प्रमुखों द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिए जाने के निर्देश आज दिनांक तक जारी नहीं किये गए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कार्यालय प्रमुखों को शासन स्तर से निर्देश जारी किये जायेंगे कि अविलम्ब अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देते हुए उनके सभी स्वत्वों का भुगतान किया जावे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 18.1.2018 के द्वारा वेतन निर्धारण की कार्यवाही दिनांक 31 जनवरी 2018 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। (ख) माननीय वित्त मंत्री जी द्वारा विधानसभा में दिनांक 28 फरवरी 2018 को दिए बजट भाषण में पेशन में वृद्धि की घोषणा की गई है। आदेश जारी किए जाने शेष हैं। (ग) एवं (घ) अद्यतन जानकारी के अनुसार लगभग समस्त पात्र कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण का कार्य विभागों द्वारा कर लिया गया है।
खराब ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 4911 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31 मार्च 2017 से दिनांक 1 फरवरी 2018 तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर ऐसे हैं जो तीन माह से अधिक तक खराब होने पर उपभोक्ताओं द्वारा निर्धारित राशि जमा न कराने पर या अन्य कारणों से बन्द थे? विद्युत वितरण केन्द्रवार बतावें। उक्त ट्रांसफार्मर पर कितने उपभोक्ता ऐसे थे, जिन पर ट्रांसफार्मर खराब होने की स्थिति में कोई राशि बकाया नहीं थी? (ख) क्या उल्लेखित नियमित बिल जमा कराने वाले उपभोक्ताओं से ट्रांसफार्मर खराब होने ओर न बदले जाने के कारण विद्युत प्रदाय नहीं किए जाने के बावजूद बिल वसूल किए गए? यदि हाँ, तो ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या व उनसे प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कितनी राशि वसूल की गई? विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में बिजली विभाग में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक तथा कार्यक्षेत्र एवं मुख्यालय बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में दिनांक 31.03.17 से 01.02.2018 तक नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण तीन माह से अधिक तक खराब होने वाले कुल 03 ट्रांसफार्मर थे एवं इन ट्रांसफार्मरों पर ऐसे उपभोक्ताओं, जिन पर विद्युत बिल की राशि शेष नहीं थी, की वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तर (क) में आंतरी वितरण केन्द्र के सिकरौदा ग्राम में नियमित बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को ट्रांसफार्मर खराब होने के उपरांत वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय किया गया। अत: नियमानुसार बिल भी जारी किये गये थे। उत्तर (क) में दर्शाये गये चिनौर वितरण केन्द्र के किशोरगढ़ ग्राम के 1 नं. उपभोक्ता जिनकी कोई बकाया राशि नहीं है, की वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण परिणामित्र की फेल अवधि में जारी किये गये विद्युत बिल का समायोजन राशि रू. 2098.00 (अधिभार सहित) कर दिया गया है, जो माह अप्रैल 2018 में जारी होने वाले बिल में परिलक्षित होगा। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
आंगनवाड़ी/मध्यान्ह भोजन एवं पोषण आहार की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
93. ( क्र. 4921 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में नगर निगम मुरैना में मध्यान्ह भोजन एवं पोषण आहार स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में किस प्रकार उपलब्ध करवाया जाता है? उसकी गुणवत्ता की जांच कौन अधिकारी द्वारा की जाती हैं? (ख) नगर निगम मुरैना में स्कूलों की एवं आंगनवाड़ी केंद्रो की संख्या कितनी है और उनके लिये किस-किस के द्वारा मध्यान्ह भोजन ओर पोषण आहार तैयार कर वितरण किया जाता है और गुणवत्ताहीन की शिकायत पिछले एक वर्ष में कितनी हुई और उन परिपक्व कार्यवाही हुई? जांचकर्ता के द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) क्या एक एजेंसी द्वारा एक से अधिक स्कूल एवं आंगनवाड़ी केंद्रों के लिये पोषण आहार वितरित किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) नगर निगम मुरैना में कितने स्व-सहायता समूह पंजीकृत हैं और कितने को मध्यान भोजन और पोषण आहार का कार्य दिया गया है? (ड.) क्या स्व-सहायता समूह के सदस्यों को स्वरोजगार मुखी करने हेतु मध्यान्ह भोजन और पोषण आहार का कार्य दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्तमान में नगर निगम मुरैना में मध्यान्ह भोजन एवं पोषण आहार स्कूलों तथा बाल विकास परियोजना मुरैना शहरी के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार (नाश्ता एवं भोजन) शासन विहित प्रक्रियानुसार चयनित एकीकृत किचिन प्रणाली अंतर्गत पुष्पक महिला स्व-सहायता एवं कामगारी महिला संघ मुरैना द्वारा ताजा एवं गर्म उपलब्ध करवाया जाता है। पोषण आहार की गुणवत्ता की जांच प्रतिदिन निर्धारित ड्यूटी अनुसार सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा निर्माण स्थल पर एवं समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाती है। (ख) नगर निगम मुरैना में 115 स्कूल एवं 305 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 10 उप आंगनवाड़ी केन्द्र है, कुल 315 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पुष्पक महिला स्व-सहायता एवं कामगारी महिला संघ मुरैना द्वारा स्कूलों में मध्यान्ह भोजन एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार (नाश्ता एवं भोजन) तैयार कर वितरण कराया जाता है। पिछले एक वर्ष में गुणवत्ताहीन भोजन/नाश्ते की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) नगर निगम मुरैना के तहत संचालित 115 स्कूलों एवं 315 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पुष्पक महिला स्व-सहायता एवं कामगारी महिला संघ मुरैना द्वारा मध्यान्ह भोजन एवं पोषण आहार वितरित किया जाता है। विभाग के ज्ञापन क्र.एफ 4-5/2014/50-2 भोपाल दिनांक 24.2.2014 के बिन्दु क्र.1 (1.1) के तहत स्पष्ट किया गया है कि जिन शहरों में मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत एकीकृत रसोई प्रणाली चालू है वहां कलेक्टर के अनुमोदन पर एकीकृत रसोई के माध्यम से ताजा पका हुआ पूरक पोषण आहार प्रदाय करने का विकल्प रहेगा। अतः शासन निर्देशानुसार एकीकृत रसोई प्रणाली के तहत एक ही स्वयं सेवी संस्था द्वारा स्कूलों में मध्यान्ह भोजन एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जाता है। शासन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) योजना अंतर्गत नगरीय निकाय के अन्तर्गत 170 स्व-सहायता समूह का गठन एवं पंजीकृत है एवं मध्यान्ह भोजन और पोषण आहार का कार्य किसी भी समूह द्वारा नहीं किया जा रहा है। (ड.) 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों हेतु पूरक पोषण आहार का प्रदाय ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से ही संचालित की जा रही हैं। मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 14.11.2017 में आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती, धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं हेतु टेक-होम राशन का प्रदाय भी स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन से किए जाने का निर्णय लिया गया है। निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
पदस्थापना की जांच
[जनजातीय कार्य]
94. ( क्र. 4922 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विकास) अनूपपुर के आदेश क्रमांक ६१३३ दिनांक ३१-१२-२०१५ के द्वारा जनपद पंचायत अनूपपुर में अ.जा. वर्ग के बी.डी.ओ. के पदस्थ रहते हुये भी अनदेखी कर अन्य कनिष्ठ पद वाले मण्डल संयोजक (तृतीय श्रेणी) को जनपद पंचायत अनूपपुर के सी.ई.ओ. पद का प्रभार दिया गया था? यदि हाँ, तो क्यों और कैसे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस नियम व निर्देश के आधार पर सहायक आयुक्त अनूपपुर व डीलिंग क्लर्क द्वारा मण्डल संयोजक का नाम सीधे प्रस्तावित कर कलेक्टर अनूपपुर के समक्ष रखा गया? (ग) क्या उपरोक्त पदस्थापना बी.डी.ओ. को जातिगत रूप से प्रताड़ित करने की मंशा पर की गई है। उक्त संबंध में जांच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या दोषी पाये जाने वाले संबधित अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कराकर दण्डित किये जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत अनूपपुर में पदस्थ बी.डी.ओ. का मूल पद प्रधान पाठक माध्यमिक विद्यालय का होने के कारण श्री सतीष तिवारी, मण्डल संयोजक (कार्यपालिक) को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अनूपपुर का प्रशासनिक प्रभार अस्थाई रूप से सौंपा गया था तथा वित्तीय प्रभार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनूपपुर के पास था। जनपद पंचायत अनूपपुर के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एल.पी. पाण्डे के विरूद्ध चालान प्रस्तुत होने के कारण तात्कालिक तौर पर उक्त व्यवस्था की गई थी। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अनूपपुर के रिक्त पद की पूर्ति शासन स्तर से होने तक स्थानीय व्यवस्था के तहत् प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार कलेक्टर अनूपपुर द्वारा श्री सतीष तिवारी, मण्डल संयोजक की पदस्थापना की गयी। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत मीटर की जानकारी
[ऊर्जा]
95. ( क्र. 4925 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत उपभोक्ता जिनके मीटर खराब, बंद या जल गये हैं, उनके विद्युत मीटर को बदलने की विद्युत अधिनियम तथा लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम-2010 के प्रावधानों के तहत क्या प्रक्रिया निर्धारित है? (ख) मुडवारा-कटनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनवरी-2016 से प्रश्न दिनांक तक मीटर खराब, बंद एवं जल जाने की कितनी एवं कौन-कौन सी शिकायतें एवं आवेदन, किन-किन दिनांकों को किस माध्यम से प्राप्त हुए और इनके निराकरण की नियत-तिथि क्या थी तथा मीटर किन-किन दिनांकों को बदले गये? उपभोक्तावार बतायें। (ग) विद्युत-मीटरों को समय-सीमा में न बदलने/सुधारने पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है? प्रश्नांश (ख) के तहत क्या विद्युत मीटर प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समयावधि में बदले गये? यदि हाँ, तो विवरण बतायें। यदि नहीं, तो क्यों और क्या अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन पर संबंधित पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों और इस पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) बंद/खराब/जले मीटर समयावधि में न बदलने की स्थिति में उपभोक्ताओं से किस आधार पर देयक वसूला जाता है? क्या बंद/खराब/जले मीटरों के उपभोक्ताओं के देयकों के औसत का निर्धारण नियमानुसार किया गया? यदि हाँ, तो कैसे? प्रश्नांश (ग) के तहत विवरण उपलब्ध करायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या कंपनी स्तर पर मीटर उपलब्धता में कमी रही है अथवा वितरण स्तर के अधिकारियों द्वारा समय पर मीटर नहीं बदले गये हैो और लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित विभाग की उपरोक्त, सेवा के संबंध में लोक सेवा प्रबंधन विभाग से अभिमत प्राप्त कर, क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत उपभोक्ता, जिनके मीटर बंद, खराब या जले होने के कारण मीटर वाचन नहीं हो पा रहा है, उनके विद्युत मीटर विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अन्तर्गत विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.20/8.21/8.22 के प्रावधानों के अनुसार बदलने की कार्यवाही की जाती है। उक्त प्रावधानों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के प्रावधानों के तहत मीटर बदलने हेतु निर्धारित प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनवरी 16 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्प लाईन के माध्यम से 139 शिकायतें, लोक सेवा गारंटी से 103 आवेदन, स्मार्ट बिजली ऐप के माध्यम से 21 आवेदन तथा कार्यपालन यंत्री (शहर), कार्यपालन यंत्री (संचा.-संधा.) एवं वितरण केन्द्र निवार, रीठी व विजयराघवगढ़ कार्यालय में सीधे तौर पर 352 शिकायतें/आवेदन इस प्रकार कुल 615 मीटर खराब/बंद या जल जाने की शिकायतें/आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनके निराकरण की तिथि उत्तरांश (क) के उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार थी। उक्त शिकायतों/आवेदनों की दिनांक, निराकरण की तिथि/मीटर बदलने की तिथि का उपभोक्तावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स', 'द', 'ई' एवं 'फ' अनुसार है। (ग) खराब/बंद/जले विद्युत मीटरों को समय-सीमा में न बदलने/सुधारने पर म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत समय-सीमा में कार्य न करने अथवा अनावश्यक कारणों से विलंब करने वाले अधिकारी/कर्मचारी को अर्थदण्ड दिये जाने/अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है तथा म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के प्रावधानों के अनुसार विद्युत मीटर निर्धारित अवधि से अधिक की अवधि के दौरान त्रुटिपूर्ण अवस्था में रहते हैं, तो विद्युत मीटर के प्रति कोई भी मीटर प्रभार देय नहीं होता है। सी.एम. हेल्प लाईन/स्मार्ट बिजली ऐप/म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के माध्यम से प्राप्त आवेदन निर्धारित समय-सीमा में निराकृत किये गये हैं तथा वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में प्राप्त आवेदन/शिकायतों में से समस्त आवेदनों/शिकायतों पर म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की गई है। उक्त शिकायतों/आवेदनों के निराकरण की तिथि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के 'स', 'द', 'ई' एवं 'फ' अनुसार है। अत: म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 एवं म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के तहत् की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) विद्युत मीटर के कार्यरत् न होने पर म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के प्रावधानों के अनुरूप उपभोक्ताओं को आंकलित खपत के आधार पर औसत बिल जारी किये जाते हैं। जी हाँ। म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका-8.35 के अनुसार ही उक्त उपभोक्ताओं को बिल जारी किये गये हैं। उक्त कंडिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ज' अनुसार है। (ड.) जी नहीं, वितरण कंपनी स्तर पर मीटरों की उपलब्धता में कोई कमी नहीं है एवं प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समस्त खराब एवं जले मीटर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार ही बदले गये हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
लाडली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
96. ( क्र. 4926 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग की लोक सेवाओं के प्रदाय की गांरटी अधिनियम के तहत अधिसूचित ऑन-लाईन सेवाओं के आवेदन लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से लेने अथवा ऑन-लाईन दर्ज कर निराकरण करने के निर्देश मुख्यमंत्री समाधान में दिये गये थे? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या थे और कटनी जिले में इनका, किस प्रकार पालन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) क्या विभाग की सेवा क्रमांक-4.1 ए एवं 4.1 बी के आवेदनों को आंगनवाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ताओं अथवा सहायिकाओं द्वारा जमा किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो इसका निर्णय किस आधार पर किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत आवेदन एवं प्रथम अपील की लोक सेवाओं के प्रदाय की गांरटी अधिनियम के नियम-16 में पंजी संधारण कर आवेदक को पावती देने के क्या प्रावधान हैं और कटनी जिले के विभागीय कार्यालयों में वर्ष 2016 से संधारित पंजी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में नियम-16 से संधारित पंजी में दर्ज आवेदनों में से कितने आवेदनों की सेवा, समय बाह्य क्यों प्रदान की गई और इस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गांरटी अधिनियम 2010 के तहत विभाग की अधिसूचित सेवा 14.1 को ''समाधान एक दिन-तत्काल सेवा'' अंतर्गत लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्राप्त प्रकरणों की एक दिवस में स्वीकृति दिये जाने के निर्देश दिये गये थे। निर्देशों का पालन कटनी जिले में किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत विभाग की अधिसूचित सेवा 14.1 के आवेदन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-11/2007/50-2 भोपाल दिनांक 24/12/2014 के अनुसार आवेदक लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ हेतु आवश्यक दस्तावेजों के साथ सीधे अथवा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से परियोजना कार्यालय/लोक सेवा केन्द्र अथवा किसी भी इंटरनेट कैफे से आवेदन/रजिस्ट्रेशन कर सकेगा। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 के नियम-16 के प्रारूप-3 में पंजी संधारण कर आवेदक को पावती देने के प्रावधान है। कटनी जिले के विभागीय कार्यालयों में वर्ष 2016 से संधारित पंजी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना की लंबित राशि
[जनजातीय कार्य]
97. ( क्र. 4929 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर (आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग) जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक/1561/अनु.जा.ब.वि./2017-18 राजगढ़ दिनांक 02.11.2017 से राजगढ़ जिले के अंतर्गत राशि रूपये 38.83 लाख से अनुसूचित जनजाति बस्तियों में निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसमें निर्माण एजेन्सी संबंधित जनपद पंचायतों को बनाया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त स्वीकृत कार्यों को प्रारंभ करवाने हेतु संबंधित जनपद पंचायतों को आवश्यक धनराशि का आवंटन प्रदान किया जा चुका है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो इसमें विलंब के क्या कारण हैं? स्पष्ट करते हुये बतायें कि इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त वर्णित अनुसूचित जनजाति बस्तियों में विकास कार्य समय पर कराये जा सके, इस हेतु आवश्यक धनराशि का आवंटन संबंधित जनपद पंचायतों को प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा जिला राजगढ़ से वर्ष 2017-18 में अनुमोदित शेष कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। तथ्यात्मक स्थिति यह है कि राजगढ़ जिले के अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों की जनजाति बस्तियों में निर्माण कार्यों हेतु राशि रूपये 38.83 लाख की स्वीकृति जारी की गई थी किन्तु निर्माण एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को निर्धारित नहीं किया गया था। निर्माण कार्यों की स्वीकृत राशियां मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सारंगपुर, राजगढ़ एवं ब्यावरा को ई-पेमेन्ट के माध्यम से दिनांक 06/11/2017 को ई-चैक क्रमांक 0300157941 एवं ई-चैक क्रमांक 0300157942 द्वारा राशि प्रदान की गई है। (ख) अनुसूचित जनजाति बस्तियों में विकास कार्य हेतु राशि सीधे शासन स्तर से जनपद पंचायतों को प्रदाय नहीं की जाती है। वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना मद में प्रावधान अनुसार राजगढ़ जिले को जिले की अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या के अनुपात में वर्ष 2017-18 के लिये राशि प्रदाय की जा चुकी है। इस वित्तीय वर्ष में और राशि प्रदाय की जाना संभव नहीं है।
बजट एवं कर्ज की जानकारी
[वित्त]
98. ( क्र. 4934 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश सरकार की कुल बजट कितना था तथा प्रदेश सरकार के ऊपर कर्ज कितना था? (ख) वर्ष 2017 18 में मध्य प्रदेश सरकार की कुल बजट कितना है तथा प्रदेश सरकार के ऊपर कर्ज कितना है? (ग) वर्ष 2003 से आज तक प्रदेश सरकार ने कितना कर्ज कहाँ-कहाँ से लिया है? (घ) वर्ष 2003 से आज तक प्रतिवर्ष कितनी-कितनी कर्ज की राशि वापिस कर दी है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्य प्रदेश शासन के वर्ष 2003-04 के बजट अनुमान में कुल विनियोग राशि रूपये 27478.07 करोड़ थी तथा 31 मार्च 2004 की स्थिति में राज्य के कुल ऋण की राशि रूपये 31543.42 करोड़ थी। (ख) मध्य प्रदेश शासन के वर्ष 2017-18 के बजट अनुमान में कुल विनियोग राशि रूपये 185564.27 करोड़ है तथा 31 मार्च 2018 की स्थिति में राज्य के कुल ऋण की अनुमानित राशि रूपये 160871.90 करोड़ है। (ग) वर्षवार जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जारी संबंधित वर्ष के वित्त लेखे के परिशिष्ट पर निम्नानुसार दृष्टव्य हैं, जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध है :-
वित्तीय वर्ष |
वित्त लेखे में दृष्टव्य परिशिष्ट की संख्या |
2003-04 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
2004-05 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
2005-06 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
2006-07 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
2007-08 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
2008-09 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
2009-10 |
खण्ड-II, भाग–I, विवरण पत्रक संख्या-6, भाग-II, विवरण पत्रक संख्या-15 |
वित्तीय वर्ष |
वित्त लेखे में दृष्टव्य परिशिष्ट की संख्या |
2010-11 |
खण्ड-II, भाग–I, विवरण पत्रक संख्या-6, भाग-II, विवरण पत्रक संख्या-15 |
2011-12 |
खण्ड-II, भाग–I, विवरण पत्रक संख्या-6, भाग-II, विवरण पत्रक संख्या-15 |
2012-13 |
खण्ड-II, भाग–I, विवरण पत्रक संख्या-6, भाग-II, विवरण पत्रक संख्या-15 |
2013-14 |
खण्ड-II, भाग–I, विवरण पत्रक संख्या-6, भाग-II, विवरण पत्रक संख्या-15 |
2014-15 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-6, खण्ड-II, विवरण संख्या-17 |
2015-16 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-6, खण्ड-II, विवरण संख्या-17 |
2016-17 |
वित्त सचिव का स्मृति पत्र, बजट अनुमान 2018-19 |
2017-18 |
वित्त सचिव का स्मृति पत्र, बजट अनुमान 2018-19 |
(घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
समेकित बाल संरक्षण योजना
[महिला एवं बाल विकास]
99. ( क्र. 4937 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्य प्रदेश में निराश्रित बच्चियों के पालन पोषण के लिए समेकित बाल संरक्षण योजना कब से चालू है? समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत क्या समय-समय पर नियमों में संसोधन किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के अंर्तगत शाजापुर जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने को स्वीकृति प्रदान की गई है? सूची देवें। क्या उमा पिता महेश परमार आश्रित जीतमल परमार ग्राम पोचानेर तहसील कालापीपल का भी आवेदन प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रकरणों में बाल कल्याण समिति जिला शाजापुर की क्या भूमिका है? बाल कल्याण समिति का पंजीयन कब और कहाँ किया गया है? पंजीयन क्रमांक क्या है? वर्षवार ऑडिट रिपोर्ट की प्रति देवें। बाल कल्याण समिति की भूमिका शासन के किस पत्र से तय की गई है? पत्र की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समिति क्या-क्या कार्य कर रही है? संविधान की प्रति देवें वर्तमान में कार्यालय कहाँ है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मध्यप्रदेश में समेकित बाल संरक्षण योजना वर्ष 2009 से संचालित है। जी हाँ। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 में योजना में संशोधन किया है (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। ) (ख) शाजापुर जिले में समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत् पालन-पोषण देखरेख (फॉस्टर केयर) में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल 142 आवेदन प्राप्त हुये हैं। जिनमें से 121 को स्वीकृति प्रदान की गई। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 74 के तहत् बालकों की पहचान प्रकट करने पर प्रतिषेध होने से बच्चों के नाम की सूची उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है। जी हाँ, उमा पिता महेश परमार आश्रित जीतमल परमार ग्राम पोचानेर तहसील कालापीपल का आवेदन वर्ष 2017-18 में प्राप्त हुआ है, जो पालन-पोषण देखरेख (फॉस्टर केयर) हेतु भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अपात्र है। (ग) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानुसार बाल देखरेख एवं संरक्षण के लिये आवश्यकता वाले बालकों के प्रकरण में बाल कल्याण समिति द्वारा कार्यवाही की जाती है। उल्लेखित प्रकरणों में समिति किशोर न्याय अधिनियम की धारा 30 में पोषण देखरेख के लिए किसी बालक के स्थानन के निर्देश देने के लिये अधिकृत है। किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानुसार बाल कल्याण समिति के गठन का प्रावधान है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 28, 29 एवं 30 में बाल कल्याण समिति की प्रक्रिया, शक्तियां, कृत्य और उत्तरदायित्व प्रावधानित है (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है)। (घ) म.प्र. में समेकित बाल कल्याण समिति के कार्य (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है) । बाल कल्याण समिति का कार्यालय 107, शर्मा पैलेस, वॉटर वर्क्स के सामने ए.बी. रोड शाजापुर है।
गरीब उपभोक्ताओं को गलत बिल दिया जाना
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 4939 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण केन्द्र अरनियाकलॉ के अंर्तगत ग्राम पाड़लिया के निवासी देवकरण पिता बख्शी को घरेलू उपयोग हेतु क्या विद्युत कनेक्शन प्रदाय किया गया? यदि हाँ, तो आवेदन की प्रति देवें। देवकरण ने अपने पिता की मृत्यु पश्चात पिता के नाम के विद्युत कनेक्शन को विच्छेद कराकर अपने पुत्र विष्णु के नाम से नया कनेक्शन लिया गया था। फिर भी दोनों बिल क्यों प्रदाय किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपभोक्ता देवकरण पिता बख्शी को बिल बकाया बताकर जे.ई. अमित पाटीदार वितरण केन्द्र अरनियाकलॉ द्वारा जेल भेजने की धमकी क्यों दी जा रही है? अमित पाटीदार द्वारा लगातार गरीब उपभोक्ताओं को गलत बिल देकर परेशान करने की बार-बार शिकायत आ रही है। फिर भी उनके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। अत: उत्तरांश के प्रथम भाग के परिप्रेक्ष्य में उत्तर अपेक्षित नहीं। श्री देवकरण पिता बख्शी के द्वारा उनके पिता श्री बख्शी पिता भूराजी की मृत्यु के पश्चात विद्युत कनेक्शन विच्छेदन हेतु कोई भी आवेदन संबंधित वितरण केन्द्र कार्यालय पर नहीं दिया है। श्री देवकरण द्वारा अपने पिता के नाम पर अंकित विद्युत कनेक्शन क्रमांक 71-05-2780 का उपयोग स्वंय के द्वारा किया जा रहा है। श्री देवकरण के द्वारा उपयोग किये जा रहे विद्युत संयोजन जो उनके पिता के नाम (श्री बख्शी भूराजी) पर है, को माह दिसम्बर-2017 से बकाया राशि के कारण अस्थाई रुप से विच्छेदित कर दिया गया है। वर्तमान में इस संयोजन पर राशि रु. 31250/- बकाया है एवं स्थाई विच्छेदन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। श्री देवकरण के पुत्र श्री विष्णु प्रसाद को उसी घर में अलग परिसर में निवास करने के कारण पृथक से श्री विष्णु प्रसाद द्वारा आवेदन किये जाने पर नवीन घरेलू विद्युत संयोजन दिनांक 26/09/2015 को सर्विस क्रमांक 71-05-162772 से प्रदान किया गया है। वर्तमान में श्री विष्णु प्रसाद द्वारा भी अपने बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है एवं वर्तमान में उन पर भी राशि रु. 6308/- विद्युत देयकों की बकाया है। उक्त संयोजन दिनांक 23/02/2018 को अस्थाई रुप से विच्छेदित किया गया है। उक्त दोनों संयोजन कार्यालयीन अभिलेखों में दर्ज है। अतः उक्त दोनों संयोजनों पर विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार श्री देवकरण पिता बख्शी के नाम पर स्वंय का कोई विद्युत संयोजन नहीं है अपितु उनके द्वारा स्व. श्री बख्शी, श्री भूराजी के नाम से संयोजित कनेक्शन का उपयोग किया जा रहा है। उक्त कनेक्शन पर वर्तमान में विद्युत देयक की राशि रु. 31250/- बकाया है। उक्त राशि की वसूली हेतु श्री अमित पाटीदार कनिष्ठ यंत्री वितरण केन्द्र कार्यालय अरनियाकलॉ द्वारा नियमानुसार संयोजन विच्छेदित करवाकर विभागीय प्रक्रिया के अनुसार राशि जमा कराये जाने हेतु सूचना पत्र प्रेषित किया गया है न कि जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। वितरण केन्द्र कार्यालय अरनियाकलॉ के अंतर्गत आने वाले समस्त विद्युत उपभोक्ताओं को नियमानुसार ही विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। गलत बिल देकर गरीब उपभोक्ताओं को परेशान करने संबंधी कोई भी शिकायत कंपनी के अभिलेखों में दर्ज नहीं है। अतः श्री अमित पाटीदार कनिष्ठ यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
जाति प्रमाण-पत्र का सरलीकरण
[सामान्य प्रशासन]
101. ( क्र. 4941 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा दि. १ जनवरी २०१० से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति, जन जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्ध्द-घुमक्कड़ जातियों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने, सरलीकरण करने के संबंध में जारी पत्र, परिपत्र एवं आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। यदि किसी अधिकारी द्वारा उक्त आदेशों का पालन नहीं किया जाता है, तो उसके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही किये जाने के प्रावधान हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उज्जैन में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जाति प्रमाण-पत्र में १९५० का स्थाई निवासी होना अनिवार्य मानते हुये कितने जाति प्रमाण-पत्र निरस्त किये गये? क्या उक्त निरस्त किये गये प्रमाण-पत्रों पर शासन के जाति प्रमाण-पत्र बनाने के सरलीकरण करने के आदेश लागू नहीं होते हैं? उक्त निरस्त प्रमाण-पत्रों को पुन: जांच कर संबंधितों को प्रमाण-पत्र दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'', ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार। जाति प्रमाण-पत्र जारी करने का विषय सेवा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत शामिल किया गया है। पर्याप्त तथा युक्ति-युक्तकरण से सेवा प्रदान नहीं किए जाने पर लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 7 के तहत शास्ति का प्रावधान है। (ख) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र बनाने हेतु वर्ष 1950 की स्थिति में या उसके पूर्व से मध्यप्रदेश में निवास संबंधी अभिलेख प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है। राजस्व अधिकारियों को स्वयं मौके पर जाकर, पूछताछ कर उनके बयान दर्ज कर संतुष्ट होने के बाद स्थाई जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के निर्देश है। यदि कोई आवेदक स्थाई जाति प्रमाण-पत्र के लिए पात्र नहीं पाया जाता है, तो ऐसे आवेदन पत्रों को स्पष्ट कारण दर्शाते हुए पदाभिहित अधिकारी द्वारा निरस्त किया जाता है। इस प्रकार के मामलों की संख्या 15218 है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत निरस्त आवेदन पत्र के विरूद्ध आवेदक द्वारा अपील किये जाने का प्रावधान है। यदि आवेदक अपील आवेदन प्रस्तुत करता है, तो उस पर निर्देशों के अनुसार कार्यवाही उपरांत पात्रता धारक को जाति प्रमाण-पत्र जारी जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियमितीकरण एवं स्थायीकरण की कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
102. ( क्र. 4943 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के समस्त विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी से विनियोजित किये गये स्थायी कर्मियों, संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, स्थायीकरण के विभाग के क्या नियम हैं? दिनांक १ जनवरी २०१० से प्रश्न दिनांक तक जारी निर्देशों एवं नियमों की प्रति उपलब्ध कराते हुये यह जानकारी प्रदान करें कि नियमितीकरण के उक्त निर्देशों का पालन अनिवार्य है या ऐच्छिक है? यदि अनिवार्य है, तो उज्जैन जिले के समस्त कार्यालयों द्वारा उक्त निर्देशों का पालन किया गया है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार निर्देशों का पालन नहीं करने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? नियमों के पालन में कब तक नियमितीकरण एवं स्थायीकरण की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? विभागवार, तहसीलवार जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण/स्थायीकरण के कोई नियम/निर्देश नहीं है। शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होने पर नियमितीकरण की कार्यवाही की जाती है। उज्जैन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
म.प्र. में चिटफंड कंपनियों की जानकारी
[वित्त]
103. ( क्र. 4945 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितनी फर्जी चिटफंड कंपनियों को चिन्हित किया गया है? (ख) फर्जी चिन्हित कंपनियों पर कार्यवाही हेतु माननीय न्यायालय द्वारा क्या निर्देश दिए गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार चिन्हित फर्जी कंपनियों में म.प्र. के आम नागरिकों की जमा पूंजी को वापस करने के लिए सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) आम नागरिकों के धन वापसी का कार्य सरकार द्वारा कब तक किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दि चिट फण्ड्स एक्ट, 1982 की धारा 4 के प्रावधानों के तहत् चिट का व्यवसाय करने हेतु राज्य शासन की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करना होती है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त अधिनियम के तहत चिट का व्यवसाय करने हेतु कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है और न ही चिट का व्यवसाय करने हेतु किसी के द्वारा कोई चिट अनुबंध पंजीकृत करवाया गया है। मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर द्वारा निक्षेपकों के हितों को संरक्षित करने हेतु वित्तीय स्थापनाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जाना अपेक्षित है। इस अधिनियम के अंतर्गत कम्पनियों को फर्जी कम्पनियों के रूप में चिहिन्त करने की कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। इस अधिनियम के अंतर्गत कुछ जिलों में वित्तीय स्थापनाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है, (जैसे ग्वालियर जिले में 42 वित्तीय स्थापनाएं, भोपाल जिले में 14 इत्यादि) (ख) से (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की मांगों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
104. ( क्र. 4946 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क्) विगत दिनों सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के द्वारा किन-किन बिन्दुओं या मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन एवं हड़ताल की गई थी? (ख) प्रश्न दिनांक तक उक्त मांगों पर कार्यवाही की गई है या नहीं। (ग) यदि कार्यवाही की गई है, तो कितनी मांगों या बिंदुओं पर की गई है तथा शेष मांगों या बिंदुओं पर भी कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी? (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं की सम्पूर्ण मांगों को पूर्ण किया जावेगा या नहीं? यदि समस्त मांगों को पूर्ण नहीं किया जावेगा? उसका कारण बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में विगत अवधि में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के विभिन्न संगठनों द्वारा महंगाई भत्ता, भविष्य निधि पेंशन, स्थानान्तरण, मेडिकल, मानदेय में वृद्धि, नियमितीकरण, शासकीय सेवक का दर्जा दिये जाने, आंगनवाड़ी दीदी का पद समाप्त किये जाने आदि मांगों के संबंध में धरना, प्रदर्शन एवं हड़ताल की गई। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के विभिन्न संगठनों द्वारा की गई पृथक-पृथक हड़तालों में की गई मांगों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में मांगों को स्वीकार नहीं किया गया है। संगठन की मांगों में से एक मांग आंगनवाड़ी दीदी के चयन को निरस्त करने के संबंध में थी। जिसे विभाग द्वारा आदेश दिनांक 23.02.2018 के द्वारा निरस्त कर दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का पद भारत सरकार द्वारा मानसेवी निर्धारित किया गया है। अतः भारत सरकार द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुरूप ही कार्यवाही की जावेगी।
विभिन्न विभागों में पदस्थ संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
105. ( क्र. 4959 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में समस्त विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी जिन्होंने सेवा अवधि 03 वर्ष पूर्ण कर ली गई है उन्हें शासन स्थाई पदों पर समायोजित कर भविष्य में स्थाई करने की योजना कोई है? हाँ तो कब तक नियमित किया जायेगा एवं नहीं तो क्या कारण है? (ख) वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से स्वास्थ्य सेवाओं में आई कमी की पूर्ति शासन द्वारा कैसे की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। संविदा कर्मी आवश्यकतानुसार अल्प अवधि के लिए नियुक्त किये जाते हैं। (ख) जानकारी एकत्रित जा रही है।
अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के विद्यार्थियों को आवास भत्ते का भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
106. ( क्र. 4978 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के किसी भी शास. महाविद्यालय में अध्ययनरत् अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के सभी विद्यार्थियों को आवास भत्ते की सुविधा आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रदान की जाती है? (ख) क्या शासन द्वारा वर्ष 2016-17 से अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के विद्यार्थियों को निवास स्थान से अन्यत्र महाविद्यालय वाले स्थान पर रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु दी जाने वाली आवास भत्ता सुविधा को बन्द कर दिया गया है? (ग) यदि नहीं, तो फिर वर्ष 2016-17 में धार जिले के शास. महाविद्यालय धामनोद एवं पीथमपुर में अध्ययनरत् अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के विद्यार्थियों को आवास भत्ते की राशि का भुगतान अब तक क्यों नहीं किया गया हैं? (घ) धार जिले के शास. महाविद्यालय धामनोद एवं पीथमपुर में अध्ययनरत् अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के विद्यार्थियों को वर्ष 2016-17 के लम्बित आवास भत्ते की राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के महाविद्यालयों में अध्ययनरत् ऐसे विद्यार्थियों को आवास भत्ते का लाभ दिया जाता है जो अपने गृह नगर/ग्राम से दूर अन्यत्र स्थान जाने पर महाविद्यालय में अध्ययन करने हेतु किराये का भवन लेकर निवास करते हैं। (ख) जी नहीं। (ग) वर्ष 2016-17 में योजना के नियमों के तहत संभाग मुख्यालय/जिला मुख्यालय/तहसील मुख्यालय एवं विकासखण्ड मुख्यालय पर स्थित महाविद्यालय में अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के विद्यार्थियों को ही आवास सहायता स्वीकृत कर भुगतान किये जाने का प्रावधान है। धामनोद एवं पीथमपुर महाविद्यालय उक्त नियमों के तहत नहीं आने से राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। (घ) धार जिले के शासकीय महाविद्यालय धामनोद एवं पीथमपुर में अध्ययनरत् अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के विद्यार्थियों को वर्ष 2016-17 के लंबित आवास भत्ते की राशि का भुगतान तत्समय के प्रचलित नियमों के अंतर्गत पात्रता नहीं होने के कारण नहीं किया जायेगा।
क्रय की गई सामग्री की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
107. ( क्र. 5004 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत जिला स्तर/परियोजना स्तर/अन्य स्तरों से वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या सामग्री क्रय की गई हैं? (ख) क्रय की गई सामग्री का कब-कब भौतिक सत्यापन विभाग द्वारा किया गया? (ग) जिले स्तर पर क्रय की सामग्री का विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ वितरण किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित सामग्री में से कौन-कौन सी सामग्री वर्तमान में विभागीय भण्डार में रखी? वितरित न किए जाने के लिए कौन जिम्मेदार है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सागर जिले में विभाग अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन सम्बन्धी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जिले स्तर पर क्रय की गई सामग्री का वितरण जिले की बाल विकास परियोजनाओं के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरण किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित सामग्री में से कोई भी सामग्री वर्तमान में विभागीय भण्डार में नहीं रखी गई। समस्त सामग्री का वितरण कर दिया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अस्थाई कृषि विद्युत पम्प कनेक्शन
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 5005 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा अस्थाई कृषि विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु अलग-अलग हार्सपॉवर एवं समयावधि के लिये अलग-अलग दरें निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिले में अलग-अलग हार्सपॉवर एवं समयावधि के लिये खरीफ 2017 तथा रवि 2017-18 में कितने अस्थाई कनेक्शन विभाग द्वारा प्रदाय किए? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में अस्थाई कृषि विद्युत पम्प कनेक्शन की सबसे कम अवधि के नरयावली विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने किसानों/हितग्राहियों द्वारा कनेक्शन हेतु आवेदन किये गये थे एवं कितने विद्युत कनेक्शन विभाग द्वारा प्रदाय किये/लगाये गये? ग्रामवार जानकारी देवें। (घ) अस्थाई कृषि विद्युत पम्प कनेक्शन दो माह अवधि जो सबसे कम है, अस्थाई विद्युत पम्प कनेक्शन कम प्रदाय किये जाने के लिये क्या विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को प्रेरित नहीं किया जाता है तथा विभाग द्वारा अन्य अवधि के लिए बाध्य किया जाता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए जारी दर आदेश में अस्थाई कृषि विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु दरें निर्धारित की गई हैं, जो अलग-अलग हार्सपॉवर एवं समयावधि के लिए अलग-अलग नहीं हैं। इन निर्धारित दरों में प्रति हार्सपॉवर रू. 45/- प्रतिमाह नियत प्रभार एवं रू. 5.59 प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में सिंगल फेस एवं तीन फेस हेतु क्रमश: 220 एवं 230 यूनिट तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल एवं थ्री-फेस हेतु क्रमश: 195 एवं 205 यूनिट प्रति हार्सपॉवर मासिक आंकलित खपत निर्धारित हैं। राज्य शासन द्वारा प्रति यूनिट रू. 1.75 एवं नियत प्रभार की सब्सिडी दी जाती है। तद्नुसार आवेदित हार्सपॉवर एवं समयावधि हेतु अन्तर की राशि उपभोक्ता से जमा कराई जाती है। हार्स-पॉवरवार एवं समयावधिवार उपभोक्ता से जमा कराई जाने वाली राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) सागर जिले के अन्तर्गत हार्स-पॉवरवार एवं समयावधिवार खरीफ 2017 तथा रबी 2017-18 में प्रदाय किये गये अस्थाई कनेक्शनों का विकासखण्डवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) नरयावली विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सबसे कम अवधि के लिए प्राप्त अस्थाई कनेक्शनों के आवेदन एवं प्रदाय किये गये कनेक्शनों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुसार अस्थाई विद्युत पम्प कनेक्शन लिये जाने हेतु बैनर, पंपलेट, फ्लेक्स, शिविर आदि के माध्यम से अवगत कराया जाता है, किसी अवधि विशेष हेतु कनेक्शन लिये जाने के लिए बाध्य नहीं किया जाता है। वर्तमान में लागू नीति अनुसार प्रचार-प्रसार कर उपभोक्ताओं को अस्थायी पम्प कनेक्शनों की जगह स्थायी पम्प कनेक्शन लेने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रदेश में संचालित लाड़ली लक्ष्मी योजना की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
109. ( क्र. 5014 ) श्री आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) उक्त योजना हेतु विगत 5 वर्षों की स्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? वर्षवार बतावें। (ग) केन्द्र सरकार ने उक्त योजना हेतु जो राशि उपलब्ध कराई है वह लाड़ली लक्ष्मी योजना पर ही व्यय हुई और यदि अन्य मद में राशि व्यय की है, तो किन-किन कारणों से किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ, योजना प्रदेश में 01 अप्रैल 2007 से लागू हैI (ख) योजना हेतु केंद्र सरकार द्वारा कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई गई, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होताI (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होताI
अनुसूचित बाहुल्य बस्तियों में विद्युतीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
110. ( क्र. 5017 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2016, 2017 में कितनी अनुसूचित बाहुल्य बस्तियों को विभाग द्वारा विद्युतीकरण हेतु चिन्हित किया गया था? विधानसभा क्षेत्रवार अनुसूचित बाहुल्य बस्तियों के नाम पंचायत सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त बस्तियों के विद्युतीकरण हेतु विभाग द्वारा कब जिला प्रभारी मंत्री से अनुमोदन कराया तथा विद्युत विभाग को कब पत्र देकर उक्त कार्य हेतु एस्टीमेट बनवाया गया? पत्र क्रमांक दिनांक सहित विभिन्न बस्तियों के कितनी राशि के एस्टीमेट प्राप्त हुए? दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त एस्टीमेट्स के आधार पर अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विद्युत विभाग को राशि जमा की गई तथा कब कार्य प्रारंभ होने की जानकारी विभाग को प्राप्त हुई? राशि जमा दिनांक कार्य प्रारंभ दिनांक सहित पूर्ण विवरण दिया जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015-16 में 23 अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों को विदयुतिकरण हेतु चिन्हित किया गया। वर्ष 2016-17 में निविदा प्रक्रिया नहीं होने से प्राप्त आवंटन को समर्पित किया गया था। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त चिन्हित बस्तियों के विद्युतिकरण का दिनांक 27.11.2015 को प्रभारी मंत्री द्वारा अनुमोदन किया गया। विद्युत विभाग को कार्यालयीन पत्र क्र. 4552 दिनांक 07.12.2015 एवं पत्र क्रमांक 206 द्वारा प्राक्कलन तैयार करने हेतु लेख किया गया। विद्युत विभाग द्वारा मात्र 01 कार्य हेतु ग्राम पंचायत रिझौनी के ग्राम पांडोली जनपद पंचायत, कैलारस विधानसभा क्षेत्र, जौरा का दिनांक 07.12.2015 को राशि रू. 9, 42, 116/ का प्राक्कलन प्राप्त हुआ। (ग) जी हाँ। विद्युत विभाग द्वारा उक्त कार्य दिनांक 08.12.2015 को प्रारंभ कर दिनांक 02.01.2016 को पूर्ण किया गया है। विभाग द्वारा दिनांक 17.03.2016 को स्वीकृति अनुसार भुगतान किया गया।
वनाधिकार पत्र का वितरण
[जनजातीय कार्य]
111. ( क्र. 5033 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन भूमि पर वर्षों से काबिज अनुसूचित जनजाति के लोगों को वन अधिकार कानून 2006 के तहत वनाधिकार पत्र दिये जाने के संबंध में विभाग के नियमों में क्या प्रावधान है? (ख) उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार पत्र हेतु कुल कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? उनमें से कुल कितने पात्र आवेदन पत्रों पर वनाधिकार पत्र जारी किये गये हैं और कुल कितने शेष हैं? ग्रामवार, रेंजवार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत मानपुर विधानसभा क्षेत्र के पात्र व्यक्ति हक प्रमाण-पत्र पाने से वंचित हैं? यदि हाँ, तो उक्त व्यक्तियों को कब तक वन अधिकार पत्र का वितरण कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) 319 व्यक्तिगत एवं 23 सामुदायिक कुल 342 मान्य दावों का वितरण पी.डी.ए. सर्वे की कार्यवाही के कारण लंबित है। वन अधिकार अधिनियम की प्रकिया अर्द्ध-न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बस्ती विकास योजनांतर्गत स्वीकृत राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
112. ( क्र. 5034 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत बस्ती विकास योजना के माध्यम से विगत तीन वर्षों में अनुसूचित जाति बस्ती के विकास हेतु कितनी-कितनी राशि किस कार्य के लिये स्वीकृत की गई? क्या कार्य याजना बनाई गई? विवरण सहित जानकारी दें। क्या निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उक्त जिले में उक्त अवधि में कार्य न होने की स्थिति में स्वीकृत राशि को राज्य शासन को सरेंडर की गई? यदि हाँ, तो कारण बतायें। क्या राशि के अभाव में जिले में निर्माण कार्य प्रभावित नहीं हो रहे है। यदि हाँ, तो यह भी बतायें कि विभाग द्वारा सरेंडर की गई राशि को कब तक जिले में वापस कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2016-17 में स्वीकृत कार्यों में से विधानसभा उपचुनाव की आचार संहिता लागू होने से 03 कार्यों को प्रारंभ नहीं किया जा सका। शेष कार्य पूर्ण हो चुके हैं। (ख) जी हाँ वर्ष 2016-17 में विधानसभा उपचुनाव की आचार संहिता लागू होने से राशि रूपये 30.00 लाख समर्पित की गई है। जी नहीं। कार्यालय आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के पत्र क्रमांक 13113-114 दि. 07.03.2018 द्वारा कलेक्टर, जिला उमरिया को समर्पित राशि रूपये 30.00 लाख का आवंटन जारी किया जा चुका है।
प्रदेश में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या
[महिला एवं बाल विकास]
113. ( क्र. 5038 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में वर्तमान समय में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं तथा इन संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितनी-कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका एवं दीदी तथा अन्य कितने-कितने कार्यकर्ता पदस्थ हैं? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं दीदी को आंगनवाड़ी केन्द्रों में कौन-कौन सी जिम्मेदारी सौंपी गई है तथा इनसे कौन-कौन से कार्य विभाग द्वारा लिये जाते हैं तथा इन्हें कितना पारिश्रमिक दिया जाता है? (ग) क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा उन्हें सुविधाएं दिए जाने तथा वेतनमान वृद्धि हेतु शासन स्तर पर ज्ञापन सौंपे गए हैं? यदि हाँ, तो उक्त ज्ञापनों पर विचार कर शासन किस प्रकार से कब तक उक्त मागों को पूरा करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में कुल 97135 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर 97132 आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में वर्तमान में 95699 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 82495 आंगनवाड़ी सहायिकायें कार्यरत हैं। जिलेवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिकाओं को सौंपे गये कार्यों एवं उत्तरदायित्वों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में दीदी पदस्थ नहीं हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रतिमाह रू. 5000/-, आंगनवाड़ी सहायिका को रू. 2500/- तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को रू. 3250/- प्रतिमाह मानदेय का भुगतान पारिश्रमिक के रूप में किया जाता है। (ग) जी हाँ। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/उप कार्यकर्ता तथा सहायिका का पद भारत सरकार द्वारा मानसेवी श्रेणी में रखा गया है, अतः भारत सरकार के नियमानुसार ही इन्हें सुविधायें तथा मानदेय का भुगतान किया जाता है। राज्य सरकार के अन्य कर्मचारी की भांति इन्हें सुविधायें नहीं प्रदान की जा सकती हैं। वर्तमान में भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/उप कार्यकर्ता तथा सहायिकाओं को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में बिजली उत्पादन
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 5051 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को मिलने वाले कोयले के लिये कब फ्यूल सप्लाई अनुबंध (एफ.एस.ए.) किया था? इस एफ.एस.ए. के अनुसार वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 (माह जनवरी, 2018 तक) में प्रत्येक माह में ताप विद्युत गृहों को कितने मैट्रिक टन कोयला प्रदान करना है एवं कितना माहवार कोयला प्रदाय किया गया व कितने मीट्रिक टन कोयला कम प्रदाय किया गया? इसमें केन्द्र सरकार दोषी है या राज्य सरकार की म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अधिकारी दोषी है? (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को माह सितम्बर 2017 से जनवरी 2018 तक माहवार कितनी मात्रा में केन्द्र सरकार/कोयला कंपनियों द्वारा कोयला प्रदाय किया गया है? क्या कम कोयला प्रदाय करने के कारण वर्तमान में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों की 40 प्रतिशत विद्युत इकाइयां कोयले की कमी के कारण बंद हैं एवं 40 प्रतिशत इकाइयां जो चलाई जा रही हैं, वह भी कम भार पर चलाई जा रही हैं? माह सितम्बर 2017 से जनवरी 2018 तक माहवार कितना कोयला ताप विद्युत गृहवार कम प्राप्त हुआ? (ग) क्या म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खण्डवा का विद्युत उत्पादन, पी.यू.एफ. म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अन्य ताप विद्युत गृहों की तुलना में सबसे कम एवं काफी कम है एवं विद्युत इकाइयां सबसे नई हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें। साथ ही म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों से उत्पादित बिजली की प्रति यूनिट कीमत समस्त खर्च सहित बतावें। (घ) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों की विद्युत उत्पादन क्षमता, विद्युत उत्पादन, विद्युत गृहवार, इकाईवार, माहवार वर्षवार, जनवरी 2016 से जनवरी 2018 तक मिलियन यूनिट में बतावें। साथ ही वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 (जनवरी 2018 तक) में विद्युत गृहवार, माहवार एवं वर्षवार पी.यू.एफ. भी बतावें। (ड.) क्या सिंगाजी ताप विद्युत गृह में कोयला सभी ताप गृह की तुलना में सबसे दूरी से आता है? यदि हाँ, तो अमरकंटक व सारणी ताप गृह की जगह सिंगाजी ताप गृह में क्यों 2X660 मेगावाट की यूनिट लगाकर विस्तार किया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को मिलने वाले कोयले के लिये किये गये कोयला प्रदाय अनुबंध (F.S.A.) की तिथि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त अनुबंधों के अनुसार कोयला कंपनियों के द्वारा मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में (माह जनवरी 2018 तक) प्रदाय किये जाने वाले कोयले की मात्रा, प्राप्त कोयले की मात्रा एवं कम प्राप्त कोयले की माहवार मात्रा की ताप विद्युत गृहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। विद्युत गृहों में कम कोयला प्रदाय का कारण मुख्यत: कोल कंपनियों द्वारा उत्पादन में कमी एवं कभी-कभी विद्युत गृह में इकाइयों के वार्षिक रख-रखाव एवं इकाइयों के मेरिट ऑर्डर में स्थिति इत्यादि के कारण कोयले का भंडारण अधिक हो जाने की स्थिति में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा कोल कंपनियों से कोयला प्रदाय कम करने हेतु अनुरोध भी होता है, जिसका पूर्वानुमान लगाना साधारणत: संभव नहीं होता। इस प्रकार की व्यावहारिक, परिस्थिति जन्य प्रक्रिया एवं मांग में कमी या अधिकता के लिये किसी को दोषी ठहराये जाने का प्रश्न नहीं उठता। वर्तमान में विद्युत गृहों को कोयले के प्रदाय में कमी का मुख्य कारण, कोयला कंपनियों द्वारा मांग के अनुरूप उत्पादन न होने के कारण कोयला प्रदाय में कमी है। (ख) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न ताप विद्युत गृहों को फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट के अनुसार माह सितम्बर, 2017 से जनवरी, 2018 तक केन्द्र सरकार/कोयला कंपनियों द्वारा, माहवार वास्तविक रूप से प्राप्त कोयले की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। केन्द्र सरकार/कोयला कंपनियों द्वारा मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को आवश्यकतानुसार कम कोयला प्रदाय हुआ है, जिसका मुख्य कारण कोल कंपनियों द्वारा मांग के अनुसार कोयले का उत्पादन एवं प्रदाय न होना है। यह सही नहीं है कि वर्तमान में 40 प्रतिशत विद्युत इकाइयां कोयले की कमी के कारण बंद है एवं 40 प्रतिशत इकाइयां जो चलाई जा रही हैं वह भी कम भार पर चलाई जा रही है तथापि माह सितम्बर 2017 से जनवरी 2018 तक मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों में मात्र कुछ इकाइयों को कोयले की कमी एवं मांग के कारण बंद रखना पड़ा अथवा कुछ चलित इकाइयों को आंशिक भार पर चलाना पड़ा है। माह सितम्बर, 2017 से जनवरी 2018 तक मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को कम प्राप्त कोयले की मात्रा की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा का विद्युत उत्पादन एवं पी.यू.एफ. (जनवरी, 2018 तक) क्षमता के अनुरूप कम है लेकिन मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अन्य ताप विद्युत गृहों के विद्युत उत्पादन से कम नहीं है। वर्तमान विद्युत उपलब्धता के आधिक्य के परिदृश्य में विद्युत की मांग को देखते हुए विद्युत गृहों से विद्युत उत्पादन मेरिट आर्डर डिस्पेच के आधार पर कराया जाता है। विद्युत गृहों की वेरिएबल दर के आधार पर उनसे बिजली ली जाती है। यदि उपलब्धता मांग से अधिक है, तो अधिक वेरिएबल दर वाली इकाई से विद्युत नहीं ली जाती है। वर्ष 2017-18 में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाइयां नई होने के बाद भी विद्युत उत्पादन कम होने का मुख्य कारण प्रदेश में विद्युत की मांग के विरूद्ध उपलब्धता अधिक रहना एवं विभिन्न समय में मांग में उतार-चढाव के फलस्वरूप मेरिट आर्डर डिस्पेच के अनुसार एवं वेरिएबल दर के आधार पर इस विद्युत गृह की इकाइयों को आरक्षित रूप से बन्द रखा गया या आंशिक भार पर चलाया गया। इसके अतिरिक्त विगत माहों में कोयला प्रदाय कंपनियों द्वारा आवश्यकता अनुरूप कोयला प्रदाय न किये जाने के कारण भी ताप विद्युत इकाइयों को बंद रखे जाने या आंशिक भार पर चलाये जाने से विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ। मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों से उत्पादित विद्युत की वित्तीय वर्ष 2016-17 की विद्युत उत्पादन लागत से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों की विद्युत उत्पादन क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। ताप विद्युत गृहों से जनवरी, 2016 से जनवरी, 2018 तक विद्युत गृहवार, इकाईवार, माहवार एवं वर्षवार विद्युत उत्पादन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं वित्तीय वर्ष 2017-18 (जनवरी, 2018 तक) में विद्युत गृहवार, माहवार एवं वर्षवार पी.यू.एफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह में कोयला मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अन्य ताप विद्युत गृहों की तुलना में अधिक दूरी से आता है। सिंगाजी प्लांट मूलत: मालवा क्षेत्र के व्यापक मांग को दृष्टिगत लोड मैनेजमेंट आदि के कारण स्थापित किया गया था। अमरकंटक विद्युत गृह, चचाई एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी में भूमि की अपर्याप्तता के कारण तत्समय प्रस्तावित 2X660 मेगावाट क्षमता की विस्तार इकाइयों की स्थापना संभव नहीं थी। चूंकि सिंगाजी ताप विद्युत गृह की स्थापना की परिकल्पना के समय 4X (500 या 600) मेगावाट की विद्युत इकाइयों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। अत: तद्नुसार परियोजना के भूमि का अधिग्रहण किया गया था। अत: भूमि एवं जल की उपलब्धता व लोड सेन्टर से निकटता, पारेषण हानि कम होने आदि को दृष्टिगत रखते हुए श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में 2X660 मेगावाट की इकाइयों की स्थापना के निर्णय किये गये थे।
आनंद विभाग के गठन पश्चात गतिविधियों की जानकारी
[आनन्द]
115. ( क्र. 5070 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आनंद विभाग के गठन के बाद से कौन-कौन सी गतिविधियां की गई हैं? (ख) आनंद विभाग के गठन से लेकर अब तक कितने शासकीय अधिकारी, कर्मचारी और कितने गैर शासकीय लोग राज्य के बाहर भ्रमण, प्रशिक्षण आदि के लिये कहाँ-कहाँ गये हैं? (ग) कौन-कौन सी निजी संस्थाओं को आनंद विभाग से संबंधित प्रशिक्षण, भ्रमण आदि गतिविधियों के लिये कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया हैं? (घ) प्रदेश के नागरिकों को आनंद से रहने के लिये कौन-कौन से मानक मापदंड तैयार किय गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में आनंद विभाग के गठन के बाद अल्पविराम, आनंद उत्सव, आनंदम, आनंद शिविर, आनंद क्लब, आनंद कैलेण्डर गतिविधियां की गई है। (ख) शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों तथा गैर शासकीय लोगों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रदेश के नागरिकों को आनंद से रहने के लिये हैप्पीनेस इंडेक्स बनाए जाने की कार्यवाही प्रचलित है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
116. ( क्र. 5074 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की नियुक्ति की गई है? नियुक्ति संबंधी सत्यापित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रस्तुत दावे, आपत्तियों एवं मेरिट सूची की सत्यापित प्रति भी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आयोजित बैठक के कार्यवाही विवरण की सत्यापित प्रति भी उपलब्ध करायें। प्रश्नांश (क) के ही संदर्भ में किन-किन नियुक्ति प्रकरणों में अपील जिला स्तर पर की गई है एवं अपील का निराकरण किस स्तर पर प्रचलित है? प्रकरणवार पूर्ण विवरण दें। निराकृत अपीलों में जारी आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) उक्त प्रकरण की जांच पश्चात पात्र लोगों को नियुक्ति कब तक दे दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र की बाल विकास परियोजनाओं में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में विगत तीन वर्षों में 27 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 31 सहायिकाओं की नियुक्ति की गई है। नियुक्ति संबंधी सत्यापित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेतु 11 तथा आंगनवाड़ी सहायिका हेतु 03 आपत्तियां प्राप्त हुई है। प्रस्तुत दावे आपत्तियां एवं मेरिट सूची की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आयोजित बैठकों का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। अपीलीय प्रकरण एवं निराकृत प्रकरण तथा निराकृत प्रकरणों के आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। (घ) जांच उपरान्त पात्र आवेदकों को ही नियुक्ति प्रदान की गई है। अतः शेष का कोई प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है।
विद्युतविहीन ग्रामों की जानकारी
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 5075 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गाडरवारा के कौन-कौन से ग्राम आज दिनांक तक विद्युतविहीन हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्रांतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत स्वीकृत किन-किन ग्रामों के मजरे टोले आज दिनांक तक विद्युतविहीन हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के विद्युतविहीन ग्रामों में कब तक विद्युतिकरण कर दिया जायेगा? (घ) केन्द्र द्वारा संचालित सौभाग्य योजना क्या है? इस योजना में हितग्राहियों को कैसे चिन्हित कर विद्युत व्यवस्था में लाभ दिया जा जायेगा? योजना के नियम की प्रति उपलबध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा गाडरवारा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। अतः सूची उपलब्ध करवाये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) विधानसभा गाडरवारा क्षेत्रांतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत स्वीकृत विद्युतीकृत ग्रामों के शेष मजरे/टोले के विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) उत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र के कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। अतः समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता तथापि प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये ग्रामों के शेष मजरे/टोले का विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण के कार्य मार्च-19 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (घ) केन्द्र द्वारा संचालित सौभाग्य योजना अंतर्गत अविद्युतीकृत घरों को योजना के प्रावधानों के अनुसार विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये जाने है। योजना अंतर्गत हितग्राहियों को चिन्हित करने हेतु निर्धारित योजना के दिशा निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के प्रावधानानुसार शहरी क्षेत्रों के बी.पी.एल. घरों में एवं ग्रामीण क्षेत्र के सभी विद्युत विहीन घरों को विद्युत प्रदाय किया जाना है। योजनांतर्गत लाभार्थियों को चिन्हित करने हेतु सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 के आंकड़ों का उपयोग करते हुये चिन्हित लाभार्थियों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदाय किया जावेगा। साथ ही ऐसे ग्रामीण परिवार जो उक्त मापदंडों के अनुसार लाभार्थियों में सम्मिलित नहीं है, भी इस योजना के लाभ के अंतर्गत 500/- रू. मात्र राशि में विद्युत कनेक्शन प्रदाय किया जावेगा जो उन्हें 50 रू. की बराबर किश्तों में आगामी 10 माह के बिलों के साथ भुगतान होगा। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ किसान खेतों में मकानों का निर्माण कर लेते हैं तथा स्थायी तौर पर गाँव में निवास करते हैं एवं खेत में बने मकान का उपयोग अस्थाई रूप में करते हैं, वहाँ ऐसे कृषि भूमि पर बने मकान जो बस्ती से दूर हैं, वह योजना में सम्मिलित नहीं है। ऐसे परिवार जो दुर्गम क्षेत्रों में निवास करते है एवं जहाँ विद्युत लाईन अधोसंरचना पहुँचाना व्यावहारिक अथवा संभव नहीं है, को योजना का लाभ देने हेतु सौर ऊर्जा से चलित सोलर फोटोवोल्टिक सिस्टम से विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में व्यय राशि
[जनजातीय कार्य]
118. ( क्र. 5105 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजातियों के लिये विभिन्न विकास विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली योजनाओं तथा उनके लिये निर्धारित बजट एवं मांग संख्या 41-42 अनुच्छेद 275 (1) विशेष केन्द्रीय सहायता का नियंत्रण विभाग के पास है और आदिवासी उपयोजना के लिये विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो आदिवासी उपयोजना के लिये विभाग को नोडल विभाग होने के कारण वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक विभिन्न विकास विभागों द्वारा उनको आवंटित राशि का व्यय आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में किया जा रहा है या नहीं या गैर आदिवासी क्षेत्र में व्यय किया जा रहा है? की जानकारी/फीडबैक/अनुश्रवण कब-कब, किस-किस दिनांक को किस-किस विभाग की ली गई? (ग) क्या विभाग द्वारा किसी भी विभाग की बैठक आवंटित राशि की व्यय बाबत् जानकारी फीडबैक/अनुश्रवण हेतु बैठक नहीं ली गई, तो किन कारणों से नहीं ली गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार, नीति आयोग, नई दिल्ली एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली के मार्गदर्शी सिद्धान्तों के अनुसार आदिवासी उपयोजना मद की राशि का उपयोग अनुसूचित क्षेत्र एवं गैर अनुसूचित क्षेत्र में किया जा रहा है। इस मद की राशियों के विरूद्ध वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा हेतु बैठकों का आयोजन किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत कनेक्शनों की जानकारी
[ऊर्जा]
119. ( क्र. 5108 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा घरेलू कनेक्शन के क्या मापदण्ड हैं एवं कितनी राशि उपभोक्ता से ली जाती है? विधान सभा क्षेत्र परसवाड़ा के अंतर्गत वर्ष 2017-2018 माह जनवरी-18 तक कितने ग्रामों में अधोसंरचना शुल्क लिया गया? क्षेत्रवार प्रति उपभोक्ता राशि का विवरण देवें। (ख) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत स्वीकृत ग्रामों में मजरे टोलों में अब तक विद्युतीकरण कार्य नहीं किया गया है? सौभाग्य योजनान्तर्गत स्वीकृत कितने ग्राम में कितने व्यक्तियों के घर में अब तक विद्युत कनेक्शन नहीं लगा है? (ग) क्या शासन की योजना अनुसार प्रत्येक घर में विद्युत कनेक्शन होना अनिवार्य है? क्या कारण है कि प्रश्न दिनांक तक बहुत सारे ग्रामों के कई व्यक्तियों के घर में आज दिनांक तक विद्युत कनेक्शन प्रदाय नहीं किया गया है? (घ) क्या कुछ व्यक्तियों द्वारा बिजली बिल जमा नहीं करने की स्थिति में समस्त ग्राम के लोगों का बिजली कनेक्शन क्यों काट दिया जाता है या समस्त ग्राम की विद्युत प्रवाह को क्यों बंद कर दिया जाता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से अधिकतम 45 मीटर दूरी तक घरेलू विद्युत कनेक्शन दिया जाता है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग की अधिसूचना दिनांक 26.02.2010 के अनुसार सिंगल फेस घरेलू कनेक्शन हेतु पंजीयन शुल्क रु. 250/- व 3-फेस कनेक्शन हेतु पंजीयन शुल्क रु. 1500/- लिए जाने का प्रावधान है जो कि उपभोक्ता के द्वारा कनेक्शन लिये जाने पर समायोजित करने अन्यथा कनेक्शन नहीं लिए जाने पर राजसात करने हेतु निर्देश हैं। इसके अतिरिक्त प्रति किलोवॉट रु. 500/- सुरक्षा निधि तथा अनुबंध करने हेतु रु. 501/- स्टाम्प शुल्क लिया जाता है। विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में माह जनवरी-18 तक किसी भी ग्राम में अधोसंरचना शुल्क नहीं लिया गया है, अतः तत्संबंधी विवरण दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा सहित बालाघाट जिले हेतु स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का नहीं अपितु पूर्व से विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है। उक्त योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु दिनांक 30.06.2017 को अवार्ड जारी किया गया है तथा उक्त कार्य एल.ओ.आई. जारी करने की दिनांक 5.07.2017 से 24 माह की अवधि में ठेकेदार एजेन्सी द्वारा पूर्ण किया जाना है। विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा सहित बालाघाट जिले में सौभाग्य योजनान्तर्गत प्रस्तावित कार्यों हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन आर.ई.सी. लिमिटेड को प्रेषित किया गया है, जिसकी स्वीकृति प्रतीक्षित है। सौभाग्य योजनांतर्गत बालाघाट जिले में प्रारंभिक आंकलन के अनुसार 70397 घरों को विद्युत कनेक्शन दिया जाना है, जिसमें से 19038 घरों की वितरण कंपनी द्वारा उपलब्ध संसाधनों से कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है एवं 51359 घरों को कनेक्शन दिया जाना शेष है। (ग) सभी विद्युत विहीन घरों को बिजली की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से केन्द्र शासन द्वारा सौभाग्य योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार क्रमश: विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। (घ) कुछ व्यक्तियों द्वारा बिजली का बिल जमा नहीं करने की स्थिति में समस्त ग्राम का नहीं अपितु उन्हीं व्यक्तियों का कनेक्शन काटा जाता है, जिनके द्वारा राशि का भुगतान नहीं किया जाता। जिन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि होती है, उन ट्रांसफार्मरों को नियमानुसार 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने अथवा बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने पर बदला जाता है। ऐसे बन्द/फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ता जिनके द्वारा राशि का भुगतान किया जाता है, उन्हें तकनीकी रूप से साध्य होने पर वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय करने के प्रयास किये जाते हैं।
किसानों हेतु ट्रांसफार्मर स्थापना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
120. ( क्र. 5112 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत अनु.जाति के किसानों के नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए कितने किसानों के आवेदन प्राप्त हुए? कितने ट्रांसफार्मर कितनी क्षमता के स्थापित किए गए, की सूची ग्रामवार, कृषक नाम, ट्रांसफार्मर क्षमता सहित दिनांक 01-01-15 से 31-01-18 के संदर्भ में देवें। (ख) पात्र किसानों के यहां अभी तक ट्रांसफार्मर स्थापित क्यों नहीं किए गए? प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार ट्रांसफार्मर स्थापित करने की दिनांक भी साथ में देवें। (ग) इसमें विलंब के उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) कब तक ये ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर जिला उज्जैन अंतर्गत अनुसचित जाति के किसानों के नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिये तत्समय प्रचलित नियमों अंतर्गत प्रश्नांश अवधि के म.प्र. प.क्षे.वि.वि.कंपनी से 584 आवेदकों की सूची प्राप्त हुई। दिनांक 01.01.2015 से 30.1.2018 तक 70 कृषकों हेतु 20 नग ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जिले को प्राप्त आवंटन की सीमा में योजनान्तर्गत प्रावधान अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। योजना निरंतर है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जिले को प्राप्त आवंटन की सीमा में स्वीकृति की कार्यवाही किये जाने तथा योजना निरंतर रहने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिले को प्राप्त आवंटन की सीमा में योजनान्तर्गत प्रावधान अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। योजना निरंतर है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
121. ( क्र. 5116 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय 213/2013 दिनांक 16.10.16 के परिपालन में शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है? (ख) कब तक इन्हें विभागवार नियमित कर दिया जाएगा? (ग) यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) नियमित कर्मचारी एवं संविदा कर्मियों के नियम/सेवा शर्तें पृथक-पृथक होने से भर्ती प्रक्रिया, वेतन व अन्य सुविधाएं भिन्न-भिन्न होती हैं। संविदा कर्मी आवश्यकतानुसार अल्प अवधि के लिए नियुक्त किए जाते हैं। अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुनर्वास कार्यों की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
122. ( क्र. 5117 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी वि.स. क्षेत्र व धार जिले में पुनर्वास स्थलों पर किए गये कार्यों की जानकारी विगत 1 वर्ष के संबंध में विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ख) क्या पूरा मुआवजा वितरण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो किन-किन का शेष है? सूची राशि सहित देवें। जिन लोगों ने मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पूर्व शासन के पक्ष में आवास बना लिए उन्हें 5.80 लाख रू. क्यों नहीं दिए जा रहे हैं? (ग) इनको कब तक उपरोक्त 5.80 लाख रू. की राशि दे दी जाएगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कुक्षी, मनावर एवं धरमपुरी के पुनर्वास स्थलों पर विगत एक वर्ष में किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र कुक्षी, विधानसभा क्षेत्र मनावर एवं विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी के खातेदारों की नामवार सूची एवं शेष राशि के विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। आदेश क्रमांक एफ-31-6/2017/ सत्ताईस-एक दिनांक 05/06/2017 एवं दिनांक 01/08/2017 अनुसार राशि रूपये 5.80 लाख की सहायता उन विस्थापितों को दी गई है जिनके पास डूब क्षेत्र के बाहर आवास की सुविधा नहीं थी। जो विस्थापित पूर्व से ही शिफ्ट हो चुके थे एवं जिनके पास आवास की व्यवस्था उपलब्ध है उन्हें यह सुविधा देय नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निविदा निकाले बिना विद्युतीकरण कार्य
[जनजातीय कार्य]
123. ( क्र. 5120 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विद्युतीकरण कार्यों के लिये जिला-बुरहानपुर में निविदा निकाले बिना विद्युतीकरण कार्य करवाये गये? कारण व ऐसा किस नियम/आदेश के तहत किया गया की छायाप्रति देवें। (ख) इससे संबंधित कितनी जाँचें किस-किस स्तर पर हुई? उनके जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति सहित देवें। यदि जाँचें प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं तो उनकी जानकारी भी साथ में देवें। ये किन अधिकारियों द्वारा की जा रही थी, के नाम, पदनाम सहित देवें। (ग) संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं भोपाल के पत्र क्रमांक/विद्युत/353/2016/392 दि. 28.04.2017 में जो अभिलेखों की छायाप्रति चाही गई थी, क्या वे उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो कब? पत्र में वर्णित समस्त अभिलेखों की प्रमाणित प्रति दवें। इससे संबंधित समस्त पत्र व्यवहार की छायाप्रति देवें। (घ) इन अनियमितताओं के बावजूद भुगतान करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। पूर्व में भुगतान क्यों लंबित रखा गया व अभी क्यों किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। दिनांक 24.03.2015 को निविदा विज्ञप्ति जारी की गई एवं जिला स्तरीय समिति से स्वीकृत होकर आयुक्त इंदौर संभाग से सक्षम स्वीकृति प्राप्त होकर वर्ष 2015-16 के कार्य करवाये गये। यह निविदा की समस्त कार्यवाही मध्य प्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 23-17/2014/3/25 दिनांक 19.12.2014 अनुसार की गई है। शेष अंश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में पृथक से कोई जांच नहीं कराई गई है। विद्युतीकरण के विषय पर एक लोकायुक्त जांच प्रचलित है, जिसमें बुरहानपुर जिला भी सम्मिलित है। लोकायुक्त को प्रतिवेदन भेजने हेतु संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं के स्तर पर प्रकरण प्रचलित है। (ग) जी हाँ। जिला बुरहानपुर से विशेष वाहक के हस्ते दिनांक 26 अगस्त 2017 को अभिलेखों की छायाप्रतियां प्राप्त हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्थिति के आलोक में वर्तमान में कोई आवश्यकता नहीं है।
ग्रामों के विद्युतीकरण संबंधी
[ऊर्जा]
124. ( क्र. 5121 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय अधीक्षण यंत्री (संचा/संपा) म.प्र. प.क्षे.वि.वि.कं.लि. बड़वानी वृत्त के पत्र क्र/510/अ.यं./ ब.वृ./डीडीयूजीजेवाय/17-18 दि: 05-02-18 में उल्लेखित 17 ग्रामों के 48 फलियों में विद्युतीकरण बताया है वह कब पूर्ण हुआ? दिनांक ग्रामवार, फलियावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 17 ग्रामों के 48 फलियों में अवस्थित विद्युत उपभोक्ताओं के द्वारा विद्युतीकरण के पश्चात् दिनांक 31.01.2018 तक कुल कितनी विद्युत यूनिट उपयोग की गई? फलियावार उपभोक्ताओं की संख्या, उपभोग की गयी यूनिट एवं बिल राशि की जानकारी देवें। (ग) इन 48 फलियों के प्रत्येक फलिये के लिये दिनांक 31.01.2018 की स्थिति में 05-05 विद्युत उपभोक्ताओं के नाम एवं सर्विस क्रमांक देवें। (घ) उपरोक्तानुसार फलियों में कितने मीटर लगाए गए हैं? फलियावार, मीटर संख्या देवें। इनमें लगे ट्रांसफार्मर कितनी क्षमता के कहाँ-कहाँ स्थापित हैं? फलियावार, ग्रामवार देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, अधीक्षण यंत्री (संचा./संधा.) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, बड़वानी वृत्त के माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को संबोधित प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र क्रं/510/अ.यं./ब.वृ./डीडीयूजीजेवाय/17-18 दि: 05-02-18 में उल्लेख किया गया था कि जिला बड़वानी के राजपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 17 राजस्व ग्रामों के 48 फलिये विद्युतीकृत है। उक्त पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त फलियों के विद्युतीकरण की ग्रामवार/फलियावार/दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन 17 राजस्व ग्रामों के 48 फलियों में अवस्थित विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा जनवरी 2016 से जनवरी 2018 तक उपयोग की गई विद्युत यूनिट एवं बिल की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। माह जनवरी 2018 की स्थिति में फलियावार उपभोक्ताओं की संख्या भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त फलियों के विद्युत उपभोक्ताओं के बिलिंग से संबंधित जनवरी 2016 से पूर्व के अभिलेख उपलब्ध नहीं होने से जनवरी 2016 के पश्चात् की बिलिंग से संबंधित जानकारी दी गई है। (ग) प्रश्नाधीन 17 राजस्व ग्रामों के 48 फलियों में अवस्थित विद्युत उपभोक्ताओं में से प्रत्येक फलिये के दिनांक 31.01.2018 की स्थिति में 5 विद्युत उपभोक्ताओं के नाम एवं सर्विस क्रमांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन 17 राजस्व ग्रामों के 48 फलियों में ग्रामवार/फलियेवार स्थापित विद्युत मीटरों की संख्या एवं फलिये में निवासरत् परिवारों को जिस वितरण ट्रान्सफार्मर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है उसकी राजस्व ग्राम/फलियावार/ट्रान्सफार्मर क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
आदिवासी उपयोजना अंतर्गत कार्य
[जनजातीय कार्य]
125. ( क्र. 5130 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में आदिवासी उपयोजना अंतर्गत किन-किन जनपद क्षेत्रों के कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य इन ग्रामों में कराये जाने के प्रावधान व निर्देश हैं? (ख) देवरी विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में उक्त योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य अब तक कराये गये हैं? वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी कार्य वर्ष, व्यय लागत व कार्य की वर्तमान स्थिति का विवरण देवें। (ग) योजनान्तर्गत देवरी क्षेत्र के ग्रामों के आदिवासी परिवारों के उत्थान हेतु क्या कार्य योजना है? विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सागर जिले में आदिवासी लघु परियोजना अन्तर्गत ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। परियोजना अन्तर्गत आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता तथा संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अन्तर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन एवं अन्य प्राथमिक सेक्टर तथा आय सृजित योजनाएं इत्यादि कार्य कराये जाने के प्रावधान हैं। (ख) ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित कार्ययोजना एवं बजट उपलब्धता के आधार पर आदिवासी लघु परियोजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 हेतु देवरी क्षेत्र के ग्रामों के आदिवासी वर्ग के परिवारों को उत्तरांश (क) में उल्लेखित गतिविधियों/कार्यक्रमों से लाभांवित किये जाने की योजना है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
अवैध रूप से
कब्जा कर भवन
बनाने की जांच
एवं
कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( क्र. 386 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भिण्ड जिले के विकासखण्ड लहार के ग्राम बरेई में श्री राजू नाई पुत्र श्री रामसेवक के स्वामित्व के सर्वे क्रमांक 637 में ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव ने बिना भूमि का मुआवजा दिये जबरदस्ती आंगनवाड़ी भवन का निर्माण किया है? (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर भिण्ड एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार को श्री राजू नाई द्वारा माह जनवरी 2018 में अवैध रूप से निर्मित किया आंगनवाड़ी केन्द्र हटाकर सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु आवेदन दिया? (ग) यदि हाँ, तो अभी तक सरपंच व सचिव के विरूद्ध कार्यवाही न करने तथा भवन न हटवाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त सर्वे क्रमांक पर भवन निर्माण की तकनीकी स्वीकृति जारी करने वाले एवं मूल्यांकन करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध जांच कराकर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जनपद पंचायत लहार क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बरेई के स्वामित्व सर्वे नम्बर 637 संयुक्त रूप राजू पुत्र रामसेवाक एवं बेबी पत्नि उदयवीर एवं रामसिया पुत्र गंगा, टीकाराम पुत्र रामसेवक, सीमा पत्नि रबूदे का संयुक्त रूप से खाता नम्बर 637 है जिसमें बेबी पत्नि उदयवीर द्वारा 100रू. के स्टाम्प पर ग्राम पंचायत को दानपत्र से दी गई। इस भूमि पर आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कराया गया है। स्टाम्प दानपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। श्री राजू नाई द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार को आवेदन दिया गया जिसकी जांच पटवारी/राजस्व निरीक्षक के द्वारा की गई है। रिपोर्ट के आधार पर आंगनवाड़ी भवन का निर्माण दानपत्र की गई भूमि पर ही कराया गया है। जांच की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उक्त सर्वे नम्बर 637 पर दान की गई भूमि एवं पटवारी/आर.आई. के रिपोर्ट के आधार पर सहायक यंत्री द्वारा तकनीकी स्वीकृती दी गई तथा ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव द्वारा कार्य कराने के उपरान्त उप यंत्री द्वारा मूल्यांकन किया गया। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
यात्रा खर्च को दी गई अनुमति एवं व्यय की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
2. ( क्र. 777 ) श्री अजय सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विदेशी निवेश लाने एवं अन्य उद्देश्यों के लिये दिनांक 01/01/2006 से 31/12/2008 के दौरान माननीय मुख्यमंत्री/मा.मंत्रीगण/शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों/अशासकीय व्यक्तियों/एवं अन्य के द्वारा राज्य शासन के खर्च पर कहाँ-कहाँ की कितने दिनों की विदेश यात्रायें की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समय में हुई विदेश यात्राओं एवं निवेश यात्राओं पर कुल कितनी राशि का निवेश उक्त समय में आया? कहाँ-कहाँ कौन-कौन से प्रोजेक्ट कितनी-कितनी राशि के लगे? कितनी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हुआ? रोजगार की संख्यावार/माहवार/ वर्षवार/जिलेवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं वर्णित यात्रा में किस-किस डेलीगेशन में किस-किस नाम के व्यक्ति किस पात्रता के आधार पर गये? डेलीगेशनवार/ नामवार/पात्रतावार/माहवार/वर्षवार दें? प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार हुई विदेश यात्राओं में प्रति व्यक्ति कितनी राशि व्यय हुई राशिवार/व्यक्तिवार/यात्रावार/माहवार/वर्षवार/डेलीगेशनवार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार सभी यात्राओं को संपूर्ण खर्च की राशि भोपाल से जाने एवं वापस आने तक डेलीगेशनवार कितना व्यय हुआ? डेलीगेशनवार/यात्रावार/माहवार/वर्षवार दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लिपिक संवर्ग के वेतनमान विसंगति के निराकरण
[वित्त]
3. ( क्र. 980 ) श्री अरूण भीमावद : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1597 दि. 5/12/2017 में बतलाया गया है कि लिपिक संवर्ग के वेतनमान विसंगति के निराकरण हेतु गठित समिति द्वारा 23 सूत्रीय बिन्दुओं के निराकरण हेतु समिति द्वारा दि. 14.07.17 को रिपोर्ट सौंपी गई है? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त रिपोर्ट के परीक्षण पर प्रतिवेदन देने हेतु दिनांक 8/9/2017 को द्वि सदस्यीय समिति गठित की गई है? (ग) क्या द्विसदस्यीय समिति ने परीक्षण कर प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो शासन इस रिपोर्ट के आधार पर लिपिक संवर्गों के वेतनमान विसंगति कब तक दूर करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विद्युतीकरण से वंचित ग्रामों व टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 992 ) श्री अरूण भीमावद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र शाजापुर में ऐसे कितने ग्राम व टोले हैं, जो विद्युतीकरण से वंचित हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) विधान सभा क्षेत्र शाजापुर में विद्युतीकरण से वंचित ग्रामों एवं टोलों में कब तक विद्युतीकरण हो जावेगा? (ग) क्या उक्त ग्रामों एवं टोलों (विद्युतविहीन) को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब तक इनका विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र शाजापुर में कोई भी राजस्व ग्राम विद्युतीकरण से वंचित नहीं है। ग्रामीण विद्युतीकरण की परियोजनाओं के अंतर्गत 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले चिन्हित सभी टोलो का विद्युतीकरण का कार्य किया जा चुका है तथा वर्तमान में भी कोई भी टोला विद्युतीकरण से वंचित नहीं है। अतः प्रश्नांश के शेष भाग का उत्तर अपेक्षित नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उत्तर अपेक्षित नहीं। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यद्यपि प्रश्नाधीन क्षेत्र में ग्राम व चिन्हित टोले विद्युत विहीन नहीं है तथापि वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत राजस्व ग्रामों एवं उनके टोलो में सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। उक्त कार्य माह नवम्बर-2018 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
बस्ती विकास योजना में भ्रष्टाचार
[जनजातीय कार्य]
5. ( क्र. 1286 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में वर्ष 2013 से अब तक बस्ती विकास योजनान्तर्गत वर्षवार कुल कितना आवंटन प्राप्त हुआ? उक्त आवंटन से कितनी राशि विधान सभावार व्यय की गई वर्षवार ब्यौरा दें? (ख) क्या उक्त कार्यों के प्रस्ताव क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर प्राप्त किये गये? यदि हाँ, तो बैठकों की कार्यवाही का विवरण दीजिए? (ग) क्या बस्ती विकास कार्य के आंवटन को मनमाने तौर पर विभाग द्वारा अनावश्यक रूप से छात्रावासों पर स्वीकृत कर व्यय होना दर्शाया है? यदि हाँ, तो तत्समसय के दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद बतायें? (घ) क्या गत माह माननीय मंत्री जी ने जिला स्तरीय विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान बस्ती विकास कार्यों में हुई लापरवाही के जांच के आदेश दिये थे? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या नगरीय क्षेत्र में अ.जा./अ.ज.जा. हेतु आरक्षित वार्डों में बस्ती विकास की राशि व्यय करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो खंडवा में विगत 04 वर्षों में छात्रावास को छोड़कर कर कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय हुई? (च) बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या उच्चस्तरीय जांच कराई जाकर दंडित किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संबंधित नियम में प्रावधान अनुसार विभागीय छात्रावास में आवश्यकतानुसार कार्य कराये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। (ड.) जी हाँ। नगरीय क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित वार्डों में बस्ती विकास योजनान्तर्गत खण्डवा जिले में विगत 04 वर्षों में कराये गये कार्यों एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (च) नियमानुसार कार्य कराये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लिपिकों की वेतन विसंगति दूर करने
[सामान्य प्रशासन]
6. ( क्र. 1291 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में लिपिकों की वेतन विसंगति को लेकर राज्य शासन एवं लिपिकों के मध्य मतभेद है? यदि हाँ, तो क्या शासन लिपिकों के हित में विसंगति को दूर करने के लिए प्रयासरत है? (ख) क्या विकास की त्रिस्तरीय व्यवस्था के तहत जिला कलेक्टर पदेन उपसचिव एवं उनका कार्यालय जिला सचिवालय के रूप में कार्य करता है? यदि हाँ, तो क्या उसके अधीनस्थ कर्मचारी भी सचिवालयीन कर्मचारी के रूप में माने जाएंगे? (ग) यदि हाँ, तो क्या राजस्व लिपिकों को मंत्रालयीन लिपिकों के समान वेतनमान एवं भत्ते दिये जाएंगे? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन राजस्व लिपिकों की इस वित्तीय मांग पर कोई निर्णय लेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) वर्तमान में मंहगी होती स्वास्थ्य सेवाओं के मद्देनजर प्रदेश के समस्त लिपिकों को प्रतिमाह वेतन के साथ चिकित्सा भत्ता दिये जाने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मामला विचाराधीन है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में इस आशय का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
आदिवासी विकास उपयोजना की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
7. ( क्र. 1400 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013- 14 से प्रश्न दिनांक तक दमोह जिले में आदिवासी योजना क्षेत्र के विकास हेतु कितनी-कितनी राशियां प्राप्त हुई है? (ख) प्राप्त राशि में से किन -किन कार्यों में कितनी-कितनी व्यय की गई है? विकासखंडवार बतलाएं। स्वीकृत किए गए कार्यों में स्थानीय विधायक अथवा समिति की सहमति ली गई है अथवा नहीं? यदि ली गई है तो किस-किस दिनांक को? स्वीकृत कार्यवार बतलाये। (ग) ऐसे कितने कार्य स्वीकृत किये गए, जिनमें स्थानीय विधायक की सहमति प्राप्त नहीं है, उन कार्यों की सूची उपलब्ध कराएं तथा सहमति न लिए जाने का कारण बताएं। (घ) आदिवासी उपयोजना क्षेत्रीय निधि व्यय किए जाने हेतु राज्य/भारत शासन के क्या आदेश/नीति है उनकी प्रति उपलब्ध कराई जाए?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) मद अन्तर्गत प्राप्त राशियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। एकीकृत आदिवासी विकास लघु परियोजनाए दमोह के लिए उपसमिति गठित नहीं है। कार्यों की स्वीकृति के लिए स्थानीय विधायक की स्वीकृति आवश्यक नहीं है। कलेक्टर दमोह के अनुमोदन से प्राप्त प्रस्ताव/कार्ययोजना भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किए गए। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अंतर्गत जारी नवीन दिशा निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
बैगा जनजाति के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 1561 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले में शासन द्वारा बैगा जनजाति के कल्याण के लिए क्या-क्या कार्य किये गये है? विकासखण्डवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 1, 2 एवं 3 के पदों पर बिना पात्रता परीक्षा में सम्मिलित हुए ही नियुक्तियां की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? बैगा जनजाति उत्थान के क्या प्रावधान हैं? (ग) क्या सीधी सिगरौली जिले के बैगा जनजाति को उत्थान व लाभ दिलाये जाने हेतु बैगा प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक शामिल किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) सीधी, सिंगरौली जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए गठित बैगा परियोजना में शामिल नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त होने पर।
विद्युत संबंधी अनियमितता
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 1564 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से माह जनवरी-18 तक विद्युत समस्या को लेकर सिंहावल क्षेत्रांतर्गत कितने आंदोलन किये गये व ज्ञापन तथा ग्रामीणों के आवेदनों पर माह जनवरी-18 तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) ट्रान्सफार्मर जले होने से उक्त अवधि में बिजली का उपयोंग नहीं हुआ फिर भी उपभोक्ताओं से बिजली बिल क्यों वसूला जा रहा है? कब तक जांच कराई जायेगी? (ग) उपभोक्ताओं को 20-20 हजार के नोटिस क्यों दिये जा रहे हैं? जिनके पास बिल जमा करने की रसीद है, उन्हें नोटिस क्यों जारी किया जा रहा है? (घ) क्या आवासीय ग्रामों को घरेलू बिजली में न जोड़ा जाकर व्यावसायिक में जोड़ दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने ग्राम हैं? क्या ऐसे ग्रामों में सबैचा, सत्तिहा, करकोटा आदि के उपभोक्ताओं को कम बिजली मिल रही है? इन्हे कब तक घरेलू बिजली से जोड़ा जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2016-17 से माह जनवरी-2018 तक विद्युत समस्या को लेकर सिंहावल क्षेत्रान्तर्गत 5 आंदोलन एवं प्रदर्शन हुए जिनमें दिनांक 02.06.16, 24.06.16, 24.12.16, 09.08.17 एवं 24.11.17 को सौंपे गये ज्ञापन अनुविभागीय कार्यालय से पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, सीधी कार्यालय को प्राप्त हुए हैं। उक्त ज्ञापनों पर जांच कार्यवाही कर यथोचित निराकरण किया गया है। विद्युत बिलों संबंधी शिकायतों की जांच की जाकर आवश्यकता अनुसार बिल में सुधार किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में बिना किसी प्रकार की घोषित/अघोषित विद्युत कटौती के घोषित शेड्यूल अनुसार कृषि फीडरों पर 10 घन्टे एवं गैर कृषि फीडरों पर 24 घन्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। आकस्मिक परिस्थितियों यथा लाइनों के ब्रेकडाउन होने एवं विद्युत प्रणाली के रख-रखाव की अवधि को छोड़कर घोषित शेड्यूल अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विद्युतीकरण संबंधी आवेदनों में ग्रामों का सर्वे कराकर सौभाग्य योजना के तहत कनेक्शन प्रदान करने की कार्यवाही की जा रही है। ट्रांसफार्मर फेल होने की दिनांक की स्थिति में बकाया राशि का 20 प्रतिशत अथवा ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं में से 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान किये जाने पर ट्रांसफार्मर बदले जाने का प्रावधान है। उपरोक्त ज्ञापनों के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) ट्रांसफार्मर जलने पर यथा समय अन्य ट्रांसफार्मर से तकनीकी रूप से साध्य होने पर विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रयास किया जाता है एवं शीघ्रातिशीघ्र फेल ट्रांसफार्मर को बदलने की कार्यवाही की जाती है। ट्रांसफार्मर फेल होने पर उससे संबद्ध उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की राशि बकाया होने की स्थिति में बकाया राशि का 20 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा राशि का बकाया भुगतान किये जाने पर ट्रांसफार्मर बदले जाने के प्रावधान हैं। ट्रांसफार्मर जले होने की स्थिति में नियमित भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के प्रावधानों के अनुरूप राज्य शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक 06.09.2017 के अनुसार विद्युत देयकों में राहत दी जाती है। आदेश दिनांक 06.09.2017 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विद्युत बिलों के बकायादार उपभोक्ताओं को उनके द्वारा बकाया राशि जमा नहीं किये जाने की स्थिति में ही नोटिस दिया जाता है। यदि उपभोक्ता के पास राशि जमा करने की रसीद होती है तो त्रुटिवश जारी किया गया नोटिस निरस्त कर दिया जाता है। (घ) आवासीय ग्रामों को गैर कृषि फीडर से जोड़ा जाता है। व्यावसायिक श्रेणी का अलग से कोई फीडर नहीं है, अतः ऐसे ग्रामों की संख्या बताने का प्रश्न नहीं उठता। फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं हेतु फीडर अलग किये गये थे। इस योजना के अन्तर्गत जिन फीडरों पर कृषि उपभोक्ताओं का प्रतिशत अधिक था उन्हें कृषि फीडर एवं अन्य फीडरों को गैर कृषि फीडरों की श्रेणी में रखा गया था। ग्राम सबैचा के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। ग्राम सत्तिहा एवं ग्राम करकोटा के कुछ घरेलू उपभोक्ताओं को 11 के.व्ही. दुधमनियां कृषि फीडर से सम्बद्ध होने के कारण उन्हें 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा वर्तमान में इन ग्रामों में विद्युत प्रदाय व्यवस्था में कोई परिवर्तन किया जाना प्रस्तावित नहीं है।
लोकायुक्त के द्वारा दर्ज अपराधों के संबंध में चालानी कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
10. ( क्र.
1626 ) एडवोकेट
सत्यप्रकाश
सखवार : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विशेष
स्थापना
लोकायुक्त
पुलिस के
द्वारा विगत 5 वर्षों
में इंदौर, भोपाल
जोन में पोस्ट
मैट्रिक
छात्रवृत्ति
वितरण में की
गई अनियमितता
के लिये कितने
कितने प्रकरण
दर्ज किये हैं? प्रत्येक
प्रकरण में
बनाये गये
आरोपियों के
नाम सहित लगाई
गई धाराओं का
विवरण दें? (ख) चार
वर्ष एवं उससे
अधिक अवधि
होने के पश्चात
भी वर्तमान तक
चालान प्रस्तुत
क्यों नहीं
किया गया? क्या
आपराधियों ने
अग्रिम जमानत
कराई है? यदि हाँ, तो किस-किस
अपराधी ने
अग्रिम जमानत
प्राप्त की
है? (ग) उक्त
अपराधों में
सम्मिलित
अधिकारियों
को महत्वपूर्ण
पदों पर पदस्थ
न करने के
संबंध में
विशेष स्थापना
पुलिस के
द्वारा
संबंधित
विभागों को लिखे
गये पत्रों का
विवरण दें? (घ) उक्त
अपराधों में
चालान प्रस्तुत
न करने के
संबंध में क्या
कोई जनहित
याचिका उच्च
न्यायालय
अथवा सर्वोच्च
न्यायालय
में प्रस्तुत
की गई है? यदि हाँ, तो
उसकी अद्यतन
स्थिति
बतावें?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
संचालित तेजस्वनी परियोजना के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( क्र. 1806 ) श्री राजेश सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला वित्त विकास निगम द्वारा जिलों में संचालित तेजस्वनी परियोजना में विगत पाँच वर्षों में कितने हितग्राहियों को प्रशिक्षण, अनुदान तथा अन्य लाभ दिये गए? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तेजस्वनी परियोजना में विगत पाँच वर्ष में हितग्राहियों को प्रशिक्षण, अनुदान तथा अन्य लाभ देने पर कितनी राशि व्यय की गई? मदवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इस परियोजना के संबंध में विगत पाँच वर्ष में प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर हैl (ग) प्रश्नांश 'ख' के सन्दर्भ में जानकारी निरंक है।
परिशिष्ट - ''छब्बीस''
बालिका समृद्धि योजना
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( क्र. 1882 ) श्री जतन उईके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारत सरकार द्वारा बालिका समृद्धि योजना म.प्र. में कब से लागू की गई और कब तक लागू रहेगी? (ख) म.प्र. के छिन्दवाड़ा जिले में बालिका समृद्धि योजना के तहत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी बालिकाओं को योजना दिनांक तक लाभांवित कर उनके नाम से कितनी-कितनी राशि जमा करवाई गई तथा बालिकाओं के नाम पर की गई एन.एस.सी. अथवा एफ.डी. राशि की परिपक्वता दिनांक के बाद रिन्यूअल कब-कब कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों और किस दिनांक से नहीं करवाया गया? (ग) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कितनी बालिकाएं कितनी योजनाओं में बालिकाओं के नाम बतायें? एन.एस.सी. अथवा एफ.डी. राशि परिपक्वता तिथि अथवा बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है? उन्हें उक्त राशि का भुगतान की पात्रता है। यदि नहीं, तो राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बालिका समृद्धि योजना वर्ष 1997-98 से मध्यप्रदेश में लागू की गई एवं वर्ष 2006-07 तक लागू रही। (ख) मध्यप्रदेश छिंदवाड़ा जिले में बालिका समृद्धि योजनांतर्गत कुल 7794 बालिकाएं लाभांवित कर प्रत्येक बालिका के नाम से 500/- की राशि अनुसार कुल 3897000/- की राशि जमा कराई गई। बालिकाओं की एफ.डी./ एन.एस.सी. का रिन्युवल किया जा चुका है। 1520 बालिकाओं की एफ.डी. परिपक्व है एवं 4185 बालिकाओं की एन.एस.सी. कर रिन्युवल प्रक्रियाधीन है। जिसका रिन्युवल का प्रावधान नियमों के तहत न होने से नगदीकरण करने के पश्चात लाभांवित हितग्राही को परिपक्वता तिथि पर वितरण की जावेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ग) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 1128 बालिकाओं को योजना दिनांक तक लाभांवित कर प्रति बालिका 500/- रुपये के हिसाब से कुल 564000/- राशि जमा करवाई गई। कुल 435 एफ.डी. सेन्ट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक में रिन्युवल के लिये पत्र क्रमांक 554/मबावि/2016 एवं 349/मबावि/2017 के द्वारा दी गई है। शेष 503 एन.एस.सी. हैं। जिसका रिन्युवल नियमों के तहत करने का प्रावधान न होने से नगदीकरण करने के उपरांत उस राशि से नवीन एन.एस.सी. क्रय की कार्यवाही पोस्ट ऑफिस पांढुर्णा में प्रगति पर है। पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 190 बालिकाओं को भुगतान हेतु एन.एस.सी. वितरित की जा चुकी है। पोस्ट ऑफिस द्वारा भुगतान किया गया। परियोजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है।
परिशिष्ट - ''सत्ताईस''
आंगनवाड़ी भवन के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( क्र. 2067 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायत कुण्डम के अंतर्गत दि. 01/04/15 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये? स्वीकृत का दिनांक, स्वीकृत राशि, कार्य एजेन्सी का नाम, कार्य की स्थिति सहित संपूर्ण विवरण उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) सूची अनुसार कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई? कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जाना है? समय पर कार्य पूर्ण न करने के लिये कौन-कौन दोषी हैं? कब तक कार्य पूर्ण कर लिये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायत कुण्डम अंतर्गत दि. 01/04/2015 से प्रश्नांश दिनांक तक कुल 17 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) सूची अनुसार स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों को प्रदान की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृत 17 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राशि संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र.पी.एस.सी. परीक्षा में आयु सीमा में छूट
[सामान्य प्रशासन]
14. ( क्र. 2322 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पी.एस.सी. परीक्षा 2012 में मुख्य परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ था? यदि हाँ, तो क्या म.प्र. के परीक्षार्थियों जिनकी आयु 45 वर्ष से उस समय कम थी, उनको वंचित कर दिया गया था, उनमें से ऐसे कितने अभ्यार्थी थे, जो आगामी वर्ष और वर्ष 2012 में 2 अंक से मुख्य परीक्षा से वंचित हुए? (ख) यदि प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्य पेपर लीक होने से म.प्र. के मूल निवासी अभ्यर्थियों जिनकी आयु अब 45 वर्ष से अधिक हो गई है क्या शासन ऐसे अभ्यार्थियों के लिये आयु सीमा में छूट देगा क्या उन अभ्यार्थियों एवं वर्ष 2012 एवं 2013 में मुख्य परीक्षण के अभ्यार्थियों की जांच कराकर उस सूची के छात्रों को आयु सीमा में छूट दी जायेगी? (ग) क्या म.प्र. पी.एस.सी. परीक्षा में ग्रीन कार्डधारी अभ्यार्थियों को अन्य विभागों की तरह आयु सीमा 48 वर्ष छूट दी जावेगी? यदि नहीं, तो अन्य विभागों में क्यों, यदि हाँ, तो विभाग और शासन म.प्र.पी.एस.सी. में कब से लागू करेगा। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों का शासन, परीक्षण, जांच और अमल कर क्या म.प्र. के मूल निवासियों को म.प्र. पी.एस.सी. परीक्षा में आयु सीमा में छूट दिये जाने अर्थात आयु सीमा बढ़ाने हेतु सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग को लाभान्वित करने का आदेश प्रदान करेंगे? बिन्दुवार कार्यवाही, जांच प्रतिवेदन सहित विवरण पटल पर दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 16 दिसम्बर 2016 अनुसार ग्रीनकार्डधारियों की आयु सीमा से संबंधित छूट समाप्त कर दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिना ट्रेप व छापे मारे अपराध पंजीबद्ध किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
15. ( क्र. 2390 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन जबलपुर द्वारा वर्ष 2014-15 की अवधि में किसी दिनांक को जिला कटनी की सेवा सहकारी समिति मर्या. बड़वारा में पदस्थ लीड सहायक के ट्रेप एवं छापे की कार्यवाही कर कुछ पाया है और उसके विरूद्ध किसी दिनांक को कोई अपराध पंजीबद्ध किया गया है? (ख) क्या लोकायुक्त संगठन ने प्रश्नांश (क) समिति के सहायक प्रबंधक पर भी किसी दिनांक को ट्रेप एवं छापे की कार्यवाही कर कोई अनियमिततायें पायी हैं और किसी दिनांक को कोई अपराध पंजीबद्ध किया गया है? (ग) लोकायुक्त संगठन ने किस दिनांक को सहकारिता विभाग को प्रश्नांश (ख) के विरूद्ध किन्हीं आधार पर अपराध पंजीबद्ध करने की जानकारी दी है और प्रश्नांश (क) कर्मी पर कार्यवाही न करने का कारण क्या दर्शाये हैं? (घ) क्या विभाग किन्हीं उच्चाधिकारियों के गठित दल से प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तथ्यों की जांच कर निर्दोष सहायक प्रबंधक को न्याय प्रदान कर दोषमुक्त करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त संगठन द्वारा दिनांक 29/08/2014 को श्री दादूराम सोनी, लीड सहायक/सेल्समेन सेवा सहकारी समिति मर्यादित बड़वारा के विरूद्ध छापे की कार्यवाही संपादित की गई थी। दिनांक 29/08/2014 को आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 386/2014 धारा13 (1) ई, 13 (2) पी.सी. एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया। छापे की कार्यवाही के दौरान जप्त आरोपी के कार्यालय सेवा सहकारी समिति बड़वारा जिला कटनी के कार्यालयीन दस्तावेजों के अवलोकन करने पर रसीद बुके विभिन्न नामों से काटी जाकर राशि वसूल करना पाया गया था। दस्तावेजों की जांच के दौरान सेवा सहकारी समिति बड़वारा के 1. श्री संतोष पाण्डे, सहायक समिति प्रबंधक 2. श्री रमेश झारिया, तत्कालीन समिति प्रबंधक 3. श्री सी.बी. तिवारी, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित बड़वारा 4. श्री दिनेश पाण्डे, प्रभारी शाखा प्रबंधक, केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित बड़वारा 5. श्री कपिल देव सिंह वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक, कार्यालय सहायक आयुक्त सहकारिता, जिला कटनी, तत्कालीन प्रशासक, सेवा सहकारी समिति बड़वारा के विरूद्ध अपराध क्रमांक 282/2015 धारा 13 (1) डी, 13 (2) पी.सी. एक्ट 1988 एवं 406, 420, 120 (बी) भा.दं.वि. का दिनांक 01/07/2015 को पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया है। (ग) दिनांक 03/07/2015। प्रश्नांश 'क' के कर्मी पर कार्यवाही की जा रही है। (घ) लोकायुक्त संगठन की विवेचना के उपरांत जांच एजेन्सी के अनुशंसा अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार की व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( क्र. 2468 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं तथा उन आंगनवाडि़यों में कितने बच्चे पंजीकृत हैं? (ख) प्रत्येक आंगनवाड़ी में पोषण आहार की क्या व्यवस्था है तथा यह किस माध्यम से की जाती है? (ग) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में किस-किस नाम एवं पते के स्व-सहायता समूह प्रश्न दिनांक तक कार्यरत हैं वर्षवार स्व-सहायता समूह की जानकारी प्रदान करें, जिसमें नाम पता तथा तीन वर्ष में उनके द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी सम्मिलित हो? (घ) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01/01/2014 से प्रश्न दिनांक तक स्व-सहायता समूह को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में 549 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 279 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र कुल 828 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है तथा इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में 68804 बच्चे पंजीकृत है। (ख) प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से वितरण की व्यवस्था है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्व सहायता समूहों को प्रश्नांश अवधि में भुगतान की गई राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
स्व-सहायता समूहों को भुगतान की गई राशि (रुपये) |
1. |
01.01.2014 से 31.03.2014 तक |
36,80,253/- |
2. |
2014-2015 |
2,20,93,096/- |
3. |
2015-2016 |
2,24,86,798/- |
4. |
2016-2017 |
2,49,71,812/- |
5. |
2017-2018 (28.02.2018 तक) |
2,48,78,493/- |
|
योग |
9,81,10,452/- |
मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 2487 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 18 की स्थिति में रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में ''मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन'' योजना के कितने आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? कब तक निराकरण होगा? (ख) उक्त योजना के अन्तर्गत किसानों को क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है? कितनी राशि जमा करने का प्रावधान है? कनेक्शन चार्ज पृथक से क्यों जमा करवाया जाता है? (ग) उक्त जिलों में कितने फीडरों में फीडर सेपरेशन तथा सबस्टेशन निर्माण का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) उक्त जिलों में फरवरी 18 की स्थिति में किन-किन ग्रामों की विद्युत सप्लाई बन्द है तथा क्यों? कब तक चालू होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) फरवरी 2018 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना के अंतर्गत 14 आवेदन स्वीकृति हेतु वितरण केन्द्र स्तर पर लंबित है, जिनमे वर्तमान में सर्वे कार्य प्रगति पर है तथा स्वीकृति उपरान्त 1550 पंप कनेक्शनों के कार्य एस.टी.सी. संभाग रायसेन में विद्युत अधोसंरचना स्थापित करने हेतु लंबित है। इन लंबित कार्यों में से 517 कार्य खेतो में फसल खड़ी होने के कारण संबंधित कृषकों द्वारा फसल कटने के पश्चात् कार्य किये जाने के संबंध में सहमति के आधार पर योजना की निर्धारित समयावधि में नहीं कराये जा सके है तथा शेष प्रकरणों में वरीयता क्रम अनुसार निर्धारित समय-सीमा में कार्य कराये जाने के प्रयास किये जा रहे है। फरवरी 2018 की स्थिति में नरसिंहपुर जिले में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना के अंतर्गत 279 आवेदन आवेदकों द्वारा औपचारिकताये पूर्ण नहीं करने के कारण वितरण केन्द्र स्तर पर लंबित है। उक्त के अतिरिक्त 790 कृषकों के औपचारिकता पूर्ण आवेदन लाईन विस्तार के कार्य किये जाने हेतु एस.टी.सी. संभाग, नरसिंहपुर में लंबित है। उक्त योजना के प्रावधानों के अनुसार कृषकों द्वारा औपचारिकता पूर्ण करने के उपरांत वरीयता क्रमानुसार समय-सीमा में कार्य कराये जाने के प्रयास किये जा रहे है। उक्त आवेदनों की माहवार लंबित जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
लंबित होने का माह |
लंबित आवेदन संख्या |
||
नरसिंहपुर जिला |
रायसेन जिला |
|||
(अ) आवेदकों द्वारा औपचारिकता पूर्ण किये जाने हेतु लंबित |
||||
1 |
अक्टूबर 2017 |
22 |
0 |
|
2 |
नवम्बर 2017 |
35 |
0 |
|
3 |
दिसम्बर2017 |
42 |
0 |
|
4 |
जनवरी 2018 |
66 |
0 |
|
5 |
फरवरी 2018 |
114 |
14 |
|
(ब) औपचारिकता पूर्ण आवेदनों पर लाईन विस्तार के कार्य हेतु लंबित |
||||
1 |
0से 3 माह |
474 |
837 |
|
2 |
3 माह से 6 माह |
316 |
196 |
|
3 |
06 माह से अधिक |
0 |
517 |
|
|
|
|
|
|
(ख) उक्त योजना के अंतर्गत किसानों से पंप कनेक्शन हेतु खतौनी व खसरा प्रपत्र, फोटो एवं परिचय पत्र की छायाप्रति के आधार पर आवेदन स्वीकार किए जाते हैं। आवेदन वितरण केंद्र कार्यालय में अथवा ऑनलाईन किया जा सकता है। इस योजना में शामिल होने वाले किसान द्वारा निम्नानुसार अंशदान की राशि कनेक्शन लेने हेतु देय है, जिसमें अधोसंरचना के कार्य शामिल है:-
वर्ष |
लघु एवं सीमांत कृषक (2 हेक्टेयर से कम के भूमि धारक) |
(2 हेक्टेयर एवं अधिक के भूमि धारक) |
|
|
अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषक |
अन्य |
|
2017-18 |
5500 रूपये प्रति हा.पा. |
7500 रू. प्रति हा.पा. |
12000 रू; प्रति हा.पा. |
इसके अतिरिक्त कृषकों से विद्युत कनेक्शन हेतु राशि विद्युत प्रदाय संहिता 2013 एवं मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदाय अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली के लिये जारी विनियम, 2009 के प्रावधानों के अंतर्गत ली जा रही है। (ग) रायसेन जिले में फीडर सेपरेशन कार्यों में 47 फीडरों का कार्य अपूर्ण है तथा 17 फीडरों का कार्य अप्रारंभ है, जिसके दिसम्बर 2018 तक पूर्ण होने की संभावना है। नरसिंहपुर जिले में फीडर सेपरेशन कार्यों में 11 फीडरों का कार्य अपूर्ण है तथा 4 फीडरों का कार्य अप्रारंभ है, जिसके जून 2018 तक पूर्ण होने की संभावना है। नरसिंहपुर जिले में 7 उपकेन्द्रों का कार्य प्रगति पर है, जिसमे 4 कार्य, जून 2018 एवं शेष 3, मार्च 2019 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है। (घ) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में फरवरी 18 की स्थिति में किसी भी ग्राम की विद्युत सप्लाई बंद नहीं है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता।
वन ग्रामों का राजस्व ग्राम में परिवर्तन
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र. 2488 ) श्री संजय शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन अधिकार अधिनियम 2006 के अनुसार वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन करने संबंधी की गई कार्यवाही का अध्ययन करने के लिए 6-7 अगस्त 2014 को अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ राज्य के भ्रमण पर गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त दल ने वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन के संबंध में क्या-क्या सुझाव दिये? उक्त सुझावों पर विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन करने में विभाग को क्या-क्या कठिनाइयां हैं वन ग्राम कब तक राजस्व ग्राम वन जायेंगे। (घ) इस संबंध में मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है वन अधिकार अधिनियम 2006 के अन्तर्गत वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के संबंध में मध्यप्रदेश शासन विधि विभाग के अभिमत अनुसार वन भूमि का स्वरूप परिवर्तित किये बिना वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया जाना संभव नहीं है। इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ -25- 83/2006 10-3 दिनांक 5 जून 2017 द्वारा सचिव, भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली को पत्र भेजकर समुचित दिशा निर्देश चाहे गये है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
परियोजनाओं की म.प्र.प्रदूषण बोर्ड एवं केन्द्रीय पर्यावरण अनुमति
[नर्मदा घाटी विकास]
19. ( क्र. 2656 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्वहन परियोजना एवं बिस्टान उद्वहन परियोजना में डी.पी.आर. अनुसार सिंचाई रकबा ग्रामवार सूची देवें। दोनों परियोजना में पानी जिस मुख्य नहर से लिया जावेगा, उसमें पानी की उपलब्धता इंदिरा सागर परियोजना के अनुसार कितनी है? इस मुख्य नहर में कितना पानी अतिरिक्त था और अब कितना अतिरिक्त पानी है? दोनों परियोजना पश्चात इस मुख्य नहर पर वर्तमान सिंचाई का भार कितना होगा? (ख) खरगोन उद्वहन परियोजना एवं बिस्टान उद्वहन परियोजना में कब-कब पाईप आदि सामग्री का भुगतान निविदाकर्ता को किया गया? इन पाईप को जमीन में व्यवस्थित फिट करने तथा टेस्टिंग के बाद भुगतान क्यों नहीं किया गया? केवल पाईप परियोजना स्थान पर रखने भर से भुगतान करना क्या विभागीय नीति अनुरूप है? (ग) उक्त पाईप सामग्री का भुगतान का मूल्यांकन/भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? नाम व पद सहित बिलवार बतायें। (घ) उक्त दोनो परियोजनाओं की म.प्र. प्रदूषण बोर्ड एवं केन्द्रीय पर्यावरण संबंधी विभाग की अनुमति की प्रति देवें। क्या उक्त दोनों परियोजनाओं की पर्यावरणीय स्वीकृति/अनुमति इंदिरा सागर परियोजना की स्वीकृति में संशोधन के आधार पर लिया गया है या नवीन परियोजना के आधार पर लिया गया है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नहरो/माईनरों पर निरिक्षण रिपोर्ट की प्रति
[नर्मदा घाटी विकास]
20. ( क्र. 2657 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.वी.डी.ए. अधिकारियों द्वारा जिला खरगोन में विगत 3 वर्षों में विभागीय कार्यालय या ग्राम/पंचायतों में लगाये गये शिविर की जानकारी विषयवार, ग्रामवार देवें। इन शिविर में प्राप्त आवेदनों की सूची देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले की विभागीय नहरों/माईनरों पर निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति देवे? (ग) खरगोन उद्वहन परियोजना से प्रोजेक्टेड एवं लाभान्वित पेयजल वाले ग्रामों की सूची देवें। पेयजल से लंबित ग्रामों की कारण सहित सूची देवें। (घ) खरगोन उद्वहन परियोजना में बिजली कनेक्शन कटने संबंधी विभागीय रिपोर्ट की प्रति देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा जिला खरगोन में विगत 5 वर्षों में शिविर नहीं लगाए गए हैं तथापि कलेक्टर खरगोन के द्वारा दिनांक 10/02/2018 को ग्राम घुघरिया खेड़ी में इंदिरा सागर परियोजना की नहरों की समस्याओं के संबंध में जन सुनवाई रखी गयी थी, जिसमें प्राप्त आवेदनों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। ओंकारेश्वर परियोजना अंतर्गत विगत 5 वर्षों में ग्राम सभाओं में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ-1'' अनुसार, दर्शित दिनांकों में विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे हैं, जिनमें कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'', ''ब-1'', ''ब-2'', ''स'' एवं ''स-1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है वर्तमान में पाईप लाईन टेस्टिंग का कार्य प्रगति पर है। अत: लाभान्वित अपरिष्कृत पेयजल के ग्रामों की जानकारी निरंक है। (घ) खरगोन उद्वहन परियोजना में ठेकेदार द्वारा अस्थाई बिजली कनेक्शन लिया गया था जिसे विद्युत प्रभार देयक का भुगतान नहीं होने के कारण दिनांक 27/01/2018 को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र वि.वि.कं.लि. खरगोन वृत्त द्वारा विच्छेद कर दिया गया था, दिनांक 09/02/2018 से विद्युत संयोजन है।
लिपिक संवर्ग के वेतनमान की विसंगति
[वित्त]
21. ( क्र. 2684 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के अधीन कार्यरत लिपिक संवर्ग (सहायक ग्रेड-3, 2 एवं लेखापाल आदि) के कर्मचारियों को केन्द्र सरकार एवं अन्य राज्यों की तुलना में कम वेतनमान प्राप्त हो रहा है? (ख) क्या दि. 01/04/1981 को लागू चौधरी वेतनमान के पूर्व निम्न श्रेणी लिपिक (सहायक ग्रेड-03) का वेतन निम्न श्रेणी शिक्षक तथा उच्च श्रेणी लिपिक का वेतनमान उच्च श्रेणी शिक्षक के समान था तथा उसके उपरांत लागू हुए वेतनमानों में उतरोत्तर लिपिक संवर्ग का वेतन शिक्षक संवर्ग की तुलना में कम होता गया है? (ग) क्या लिपिक संवर्ग के सभी पदों की वेतन विसंगति दूर करने हेतु मध्य प्रदेश शासन द्वारा अग्रवाल आयोग एवं रमेश शर्मा समिति का गठन किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो दोनों आयोग एवं समितियों द्वारा लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति को दूर करने हेतु क्या सुझाव दिये गये हैं? (ङ) सरकार अग्रवाल आयोग एवं रमेश शर्मा समिति की अनुशंसाओं को कब तक लागू कर देगी तथा अनुशंसाओं के अनुसार क्या लिपिकों को वेतनमान विसंगति दिनांक से उक्त अनुशंसाओं का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के पदों की अर्हतायें, दायित्व आदि भिन्न होने से वेतनमानों में अंतर होना संभव है। (ख) जी हाँ। शिक्षक संवर्ग के वेतनमानों का उन्नयन किया गया है। (ग) एवं (घ) श्री रमेश चन्द्र शर्मा अध्यक्ष कर्मचारी कल्याण समिति की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था। समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होकर विचाराधीन है। (ड.) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री स्थाई पंप योजना के संबंध में
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 2698 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री स्थाई पंप योजना के अंतर्गत अस्थाई पंप के स्थान पर स्थाई पंप कनेक्शन दिये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो पनागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने अस्थाई पंप कनेक्शनों के स्थान पर स्थाई पंप कनेक्शन दिये गये हैं तथा कितने अस्थाई पंप कनेक्शन लंबित हैं? कारण बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक 784 अस्थाई पम्प कनेक्शन प्रदाय किये गये जिसमें 660 पम्प कनेक्शन स्थाई कर दिये गये है तथा 124 अस्थाई पम्प कनेक्शन लाईन विस्तार कार्य के कारण लंबित हैं, जिनके कार्य प्रगति पर हैं। उक्त में से 95 कनेक्शन समय-सीमा 6 माह के हैं 6 माह से अधिक अवधि के 29 कनेक्शन खेत में फसल लगी होने के कारण लम्बित है। उक्त 124 अस्थाई लम्बित कनेक्शनों में से 24 कनेक्शनों की राज्य शासन के आदेश दिनांक 21.09.2017 के अनुसार फ्लैट रेट स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन के समान बिलिंग की जा रही है।
ए.टी.पी. मशीनों की स्थापना
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 2699 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिलों के भुगतान हेतु ए.टी.पी. मशीनें लगाई जा रही हैं? (ख) क्या क्षेत्रवार उपभोक्ताओं की संख्या के आधार पर ए.टी.पी. मशीनें स्थापित करने का प्रस्ताव है? (ग) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कब तक मशीने स्थापित हो जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) क्षेत्र में उपभोक्ताओं की संख्या के अतिरिक्त राजस्व संग्रहण का घनत्व, बिल भुगतान करने हेतु विद्यमान अन्य स्त्रोतों की उपलब्धता, ए.टी.पी. मशीन लगाने हेतु उपयुक्त स्थल एवं संचार व्यवस्था की उपलब्धता इत्यादि बिन्दुओं पर उपयुक्तता के आधार पर ए.टी.पी. मशीनें लगाई जाती है। (ग) पनागर विधानसभा क्षेत्र में व्हीकल मोड़ के पास महाराजपुर में एक ए.टी.पी. मशीन एवं माढ़ोताल वितरण केन्द्र में एक ए.टी.पी. मशीन पूर्व से स्थापित है इसके अतिरिक्त बरेला वितरण केन्द्र में ए.टी.पी. मशीन प्रस्तावित है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित उपयुक्तता साध्य पाये जाने पर मशीन स्थापित की जा सकेगी। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्व-सहायता समूह द्वारा स्थापित सूक्ष्म इकाइयां
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( क्र. 2761 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से कितनी सूक्ष्म इकाइयां स्थापित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में स्थापित इकाई के उपयोग में की गई मशीनरी खरीदी में क्या प्रक्रिया अपनायी गई? समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में इकाई से उत्पादित, उत्पाद में विपणन की क्या-क्या व्यवस्था की गई? विपणन की व्यवस्था में कौन-कौन एजेंसी शामिल की गई? नाम, पता सहित बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में इकाइयों से प्रतिमाह कितना-कितना लाभ प्राप्त हुआ? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मध्यप्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम द्वारा तेजस्विनी कार्यक्रम अंतर्गत मध्यप्रदेश में महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से 48 सूक्ष्म इकाइयां स्थापित की गई। (ख) सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने हेतु मशीनरी खरीदी में निविदा प्रक्रिया अपनाई गई। दुग्ध संग्रहालय केन्द्र में उपयोगी मशीनरी आइफेड के क्रय प्रक्रिया नियमानुसार सिंगल सोर्स बेसिस पर शासकयी उपक्रम में खरीदी गई। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है।
बालक-बालिकाओं को मिलने वाली सुविधा
[अनुसूचित जाति कल्याण]
25. ( क्र. 2809 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग किस स्थान पर कितनी छात्र-छात्राओं की क्षमता वाली आश्रम शालायें एवं छात्रावास कमरों की संख्या सहित स्थित हैं? क्षमता के विरूद्ध कितने छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया गया? छात्रावासों के स्थानवार, क्षमतावार रहने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) राज्य शासन के नियमों के तहत उक्त आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों में क्या क्या सामग्री एवं खान पान की व्यवस्था छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क प्रदाय की जाती है? छात्रावासवार क्या क्या सामग्री भौतिक रूप से छात्रावासों में प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रावासों/आश्रम शालाओं में छात्रावास वार क्या सामग्री दिनांक 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक कब किस फर्म दुकानों से किस दर पर निविदा प्राप्त हुई? किसको कितना भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रावासों की पुरानी सामग्री का प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समयानुसार क्या किया गया? पुरानी सामग्री राइट ऑफ करते समय जांच/भौतिक सत्यापन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति वर्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पिछड़ा वर्ग अंतर्गत भिण्ड जिला मुख्यालय पर 50 सीटर कन्या छात्रावास भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा 100 सीटर बालक छात्रावास निर्माणधीन है। इन छात्रावासों में अभी विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अनुसूचित जाति विभाग अंतर्गत आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों में निवासरत छात्र-छात्राओं को निशुल्क भोजन, चाय, नाश्ता, आवास सुविधा, पलंग बिस्तर एवं अध्ययन हेतु टेबिल कुर्सी तथा अन्य आवश्यक सामग्री दी जाती है। छात्रावासवार भौतिक रूप से उपलब्ध सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) सामग्री क्रय हेतु निविदाएं आमंत्रित नहीं की गई हैं। सामग्री भण्डार क्रय नियम में अधिकृत संस्थाओं से क्रय की गई है। (घ) उक्त वर्षों में पुरानी सामग्री राइट आफ नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनाधिकारी अधिनियम के अन्तर्गत पट्टा वितरण
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 2966 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेपानगर विधानसभा क्षेत्र जिला- बुरहानपुर में वर्ष 2017-18 में वनाधिकार अधिनियम के तहत पट्टे हेतु कितने प्रकरण दर्ज किये गये? (ख) प्राप्त प्रकरणो में कितने हितग्राहियों के प्रकरण पात्र एवं कितने हितग्राहियों के प्रकरण अपात्र पाये गये? ग्रामवार बतायें। (ग) प्राप्त आवेदन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) कितने पात्र हितग्राहियों को पट्टा वितरण कर चुकें हैं और कितने शेष हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
म.प्र. में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
[महिला एवं बाल विकास]
27. ( क्र. 2972 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में कुल कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं? (ख) क्या भत्ता, एच.आर.ए. तथा मेडिकल सुविधा, अर्जित, मेडिकल, आकस्मिक अवकाश की सुविधा प्रदान की जा रही है? यदि नहीं, तो क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इन्हें भी शासकीय कर्मचारी मानते हुए वर्तमान में उक्त सुविधा दी जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो, इन्हें भी शासकीय कर्मचारी मानते हुए प्रश्नांश (ख) की सुविधा प्रदान किये जाने हेतु मंत्रिपरिषद में प्रस्ताव लायेंगे? (घ) क्या अन्य शासकीय कर्मचारियों की भांति महिलाओं को भी प्रसूती अवकाश, चाइल्ड केयर लीव तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जायेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में स्वीकृत कुल 97135 आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में से कुल 95708 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत है। (ख) भारत सरकार के नियमानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का पद मानसेवी होने से इन्हें महंगाई भत्ता, एच.आर.ए. मेडिकल, अर्जित अवकाश आदि की सुविधायें प्रदान नहीं की जाती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को तृतीय श्रेणी कर्मचारी तथा आंगनवाड़ी सहायिका को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के समान यात्रा भत्ता दिये जाने का प्रावधान है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये नियमानुसार वर्ष में 20 अवकाश की पात्रता है। भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का पद मानसेवी श्रेणी में रखे जाने से इन्हे शासकीय कर्मचारी नहीं माना गया है अतः शेष का कोई प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है। (ग) जी नहीं वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को जिन्होंने एक वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर ली हो उन्हें पूरे सेवा काल में दो बार 180 दिवस के मातृत्व अवकाश की पात्रता है, जो गर्भावस्था के आठवें माह अथवा उसके उपरांत कभी भी 180 दिवस का मातृत्व अवकाश लिया जा सकेगा। उक्त अवकाश केवल दो जीवित जन्मों तक ही मान्य होगा। इसके अतिरिक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को पूरे सेवाकाल में चिकित्सकीय प्रमाण पत्र के आधार पर गर्भपात की अवधि में 45 दिनों का मानदेय सहित अवकाश की पात्रता है। चाईल्ड केयर लीव एवं प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अन्य सुविधायें दिये जाने के संबंध में जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है।
संचालनालय कोष एवं लेखा मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा की गई जांच
[वित्त]
28. ( क्र. 3005 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय कोष एवं लेखा भोपाल के पत्र क.स्था./वि.क./111/2014/1377 भोपाल दिनांक 27.12.14 जिसका विषय था शिकायत श्री श्यामलाल व्यास सहा.संचा. कोष एवं लेखा ग्वालियर एवं श्री ओ.पी. श्रीवास्तव उक्त पत्र के संबंध में अंतिम तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट जो की गई एवं संचालनालय कोष एवं लेखा के अधिकारी द्वारा जो अंतिम निर्णय/निष्कर्ष निकाला गया उस जांच रिपोर्ट की प्रतियां शिकायतकर्ता श्री मुन्नालाल बंसल गांधी बाजार विजयपुर जिला श्यौपुर को आज तक नहीं दी गई है, जबकि श्री बंसल ने विभाग में आर.टी.आई. एवं सी.एम. हेल्पलाईन द्वारा कई बार निवेदन किया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र के संबंध में शिकायत कोष एवं लेखाधिकारी की अनियमितता से संबंधित थी, इसलिये विभाग के अधिकारियों ने प्रकरण उजागर न हो सकें, प्रकरण पर कोई कार्यवाही नहीं की है, यदि नहीं, तो जांच रिपोर्ट कब तक श्री बंसल (शिकायतकर्ता) को उपलब्ध करा दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा श्री मुन्नालाल बंसल की शिकायत पर की गई जांच का प्रतिवेदन शासन स्तर पर अंतिम निर्णय हेतु प्रक्रियाधीन होने से श्री बंसल को अंतिम जांच प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया है। (ख) जी नहीं। जांच प्रतिवेदन में दोषी पाए गए शासकीय सेवक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अंतिम निर्णय होने पर श्री मुन्नालाल बंसल को उपलब्ध कराया जावेगा। नियत समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार
[महिला एवं बाल विकास]
29. ( क्र. 3101 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायतों एवं नगर निकायों में आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है एवं उसके माध्यम से ही बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार भी वितरित किया जा रहा है? (ख) मण्डला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत बम्हनीबंजर नगर निकाय में लगभग 15 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जिनका पोषण आहार स्वसहायता समूह द्वारा दिया जा रहा है, जिसमें पोष्टिकता नहीं है और न ही ताजा मिलता है, बच्चे कुपोषण के शिकार क्यों हो रहे हैं? (ग) बम्हनीबंजर नगर निकाय अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्दों में पोषण-आहार स्थानीय स्व सहायता समूह से न लिया जाकर अन्य ग्राम पंचायत के समूह से प्राप्त किया जा रहा है, क्यों? क्या स्थानीय स्तर पर स्व-सहायता समूह नहीं है? हैं तो, उनसे पोषण आहार क्यों नहीं प्राप्त किया जा रहा है? कारण बतायें। स्थानीय समूह से पोषण आहार प्राप्त किया जा रहा है, तो कितने केन्द्रों को? सूची सहित पूर्ण ब्यौरा बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार नगर निकाय अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्दों से पोषण-आहार तथा स्थानीय स्व सहायता समूहों के माध्यम से प्राप्त करने की योजना है तो क्या? नहीं तो क्यों नहीं? जिम्मेवार कौन है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? की गई है, तो क्या? नहीं की गई है, तो क्यों नहीं? कराई जावेगी तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास परियोजना मण्डला की 81 ग्राम पंचायत है एवं मण्डला नगर-पालिका में 24 वार्ड और बम्हनी नगर निकाय में 15 वार्ड है, जिसमें 301 आंगनवाड़ी केन्द्र 15 मिनी केन्द्र संचालित है, इन केन्द्रों के माध्यम से बच्चों एवं गर्भवती महिला को ताजा पका हुआ पोषण आहार वितरण किया जा रहा है। (ख) मण्डला विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत बम्हनी नगर निकाय में 15 वार्ड है जिसमें 15 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्थानीय स्व-सहायता समूह द्वारा ताजा पका हुआ पौष्टिक पोषण आहार दिया जा रहा है। पूरक पोषण आहार से बच्चों में कुपोषण के शिकार होने संबंधी स्थिति नहीं हैं। (ग) जी नहीं। बम्हनी नगर निकाय के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में निम्न स्थानीय स्व. सहायता समूहों के द्वारा ताजा पका पोषण आहार दिया जा रहा है।
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समूह का नाम |
आं.बा. वार्ड का नाम |
1 |
किरण स्व सहायता समूह बम्हनी बंजर |
वार्ड 1+2,वार्ड 4,वार्ड 10 वार्ड 12 वार्ड 13-1, 13-2, वार्ड14 |
2 |
उजाला स्व.सहायता समूह बम्हनी बंजर |
वार्ड 3, वार्ड 5, वार्ड 6,वार्ड 7 वार्ड 8 वार्ड 11 वार्ड 15 |
3 |
पावन स्व.सहायता समूह बम्हनी बंजर |
वार्ड 09 |
(घ) जी हाँ। प्रश्नांश (क) अनुसार नगर निकाय अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार स्थानीय स्व.सहायता समूहों के माध्यम से प्राप्त करने का प्रावधान है। बम्हनी नगर निकाय के अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में भी स्थानीय स्व.सहायता समूहों के माध्यम से ही ताजा पका हुआ पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छकारों को मानदेय का मासिक भुगतान
[वित्त]
30. ( क्र. 3147 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा/पंचायत सामाजिक न्याय विभाग में कार्यरत अंशकालीन स्वच्छकारों को साफ-सफाई हेतु कितना मानदेय का मासिक भुगतान किया जा रहा है एवं शासन से कितना निर्धारित है? (ख) क्या स्कूल शिक्षा विभाग एवं पंचायत विभागों में कार्यरत अंशकालीन स्वच्छकारों को प्रतिमाह रूपया 1000/- मानदेय भुगतान किया जा रहा है, जबकि शासन द्वारा रूपये 2000/- प्रतिमाह भुगतान के आदेश हैं? (ग) शासन वित्त विभाग के आदेश अनुसार इन अंशकालीन स्वच्छकारों को 1000 की जगह 2000 कब तक दिया जावेगा? एरियर्स का भुगतान कब से एवं कब तक किया जावेगा? (घ) शासन द्वारा सामान्य मजदूरी की दैनिक दर निर्धारित की गयी है, किन्तु अस्वच्छ कार्य में संलग्न इनको इतनी कम मजदूरी दी जा रही है? क्या शासन इन्हें समुचित पोषण हेतु दैनिक मजदूरी के मान से भुगतान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पत्रों का समय-सीमा में जबाव न देना
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 3148 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर जिला छतरपुर को वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कैंसर पीडि़त या गंभीर बीमारी से ग्रसित या पीडि़त को आर्थिक सहायता प्रदाय करने के संबंध में कितने पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये? हितग्राही का नाम, पता सहित सूचीवार जानकारी देवें। (ख) क्या कैन्सर पीडि़त हितग्राहियों के आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर समय-सीमा में या शीघ्र उन आवेदन व प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही तत्काल की जानी चाहिये? यदि उनके आवेदन पत्र पर किसी प्रकार की कमी है, तो तत्काल सूचना संबंधित को या क्षेत्रीय विधायक को देना सही है या नहीं? (ग) क्या कलेक्टर जिला छतरपुर कार्यालय में विधायक के पत्र व गंभीर बीमारी से पीडि़त या कैन्सर रोगी के पत्रों का समय-सीमा में जवाब व कार्यवाही नहीं होने से कई कैन्सर मरीज की समय से ईलाज व आर्थिक मदद ना होने से मृत्यु तक हो जाती है? यदि हाँ, तो उक्तावधि में मृतकों के नाम व पता सहित सूची प्रदाय करें। (घ) क्या इस प्रकार के प्रकरणों में गंभीर अनियमितता बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी अथवा नहीं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 8 पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये हैं। हितग्राही के नाम पते आदि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आवेदन पत्र प्राप्त होते ही आवेदन पत्र में कमी के संबंध में संबंधित को लिखित रूप से सूचना दी जाती है। (ग) माननीय विधायक के उन सभी पत्रों को जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कार्यवाही अपेक्षित है उन्हें मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को प्रेषित किया गया है तथा जिन पत्रों में कोई विशेष जानकारी अपेक्षित है उन्हें संबंधित अनुविभागीय (रा०) को भेजा गया है। प्रश्नांकित अवधि में संबंधित केन्सर मरीजों में से किसी की मृत्यु की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उक्त प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय प्रमुख सचिव एवं आयुक्त के आदेशों का पालन
[जनजातीय कार्य]
32. ( क्र. 3158 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार विभागीय प्रमुख सचिव के दिनांक 10 जून 2008 एवं आयुक्त आदिवासी विकास के दिनांक 16 अप्रैल 2015 के अनुसार जानकारी एवं अभिलेख नौरादेही अभ्यारण एवं पचमढ़ी पार्क की सीमा में आने वाली ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाए गये? (ख) किन-किन जानकारियां अभिलेख संकलित करने एवं उपलब्ध करवाए जाने के सबंध में दिनांक 10 जून 2008 एवं दिनांक 16 अप्रैल 2015 के पत्रों में क्या क्या निर्देश दिए गए? उसके अनुसार अभ्यारण एवं पार्क की सीमा में आने वाली कितनी ग्राम सभा एवं कितनी ग्राम पंचायत को किस दिनांक को कौन-कौन सी जानकारी एवं अभिलेख उपलब्ध करवाए गए हैं? (ग) सागर दमोह, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा एवं बैतूल जिले के कितने ग्राम अभ्यारण एवं पार्क की सीमा में आते हैं? इनमें से कितने ग्रामों को जनवरी 2008 से दिसंबर 2017 तक विस्थापित किया गया है? (घ) दिनांक 10 जून 2008 एवं दिनांक 16 अप्रैल 2015 के पत्रों के अनुसार पार्क एवं अभ्यारण सीमा में आने वाली ग्राम संभा एवं ग्राम पंचायत को जानकारी एवं अभिलेख उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में विभाग क्या कर रहा है? कब तक करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यवाही प्रचलित है। (ग) सागर, दमोह, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, छिन्दवाड़ा एवं बैतूल जिले के 133 ग्राम अभ्यारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान की सीमा में आते है। जनवरी 2008 से दिसम्बर 2017 तक 133 में से 49 ग्रामों को विस्थापित किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी बस्ती विकास के लिये प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[जनजातीय कार्य]
33. ( क्र. 3341 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला अन्तर्गत आदिवासी बस्ती विकास मद में वित्तीय वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा कितनी राशि व्यय की गई व कितनी राशि समर्पित/लेप्स हुई? (ख) हरदा जिले में कौन-कौन से कार्य उक्त योजनान्तर्गत स्वीकृत किये गये? प्रस्तावक का नाम, स्वीकृत, राशि, दिनांक व कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) अधूरे पड़े अथवा अप्रारंभ कार्यों को पूरा किया जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) अधूरे पड़े अथवा अप्रारंभ कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक के स्वीकृत कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं वर्ष 2017-18 में स्वीकृत कार्यों की राशि संबंधित निर्माण एजेंसियों को प्रदाय की जा रही है। (घ) अप्रारंभ कार्यों को शीघ्र प्रारंभ कराया जाकर पूर्ण कराया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति में अनुभव के अंक
[महिला एवं बाल विकास]
34. ( क्र. 3571 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति में यदि आवेदक द्वारा पूर्व में आंगनवाड़ी सहायिका, शिशु शिक्षा केन्द्र की संगठिका अथवा आशा कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया गया है, तो उसके किए गए कार्य के अनुभव के अंक दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासनादेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) बैतूल जिले में विगत दो वर्षों में कितनी आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति की गई? विकासखण्डवार, आंगनवाड़ी केन्द्रवार नियुक्ति की गई, आंगनवाड़ी सहायिका के नाम सहित जानकारी एवं उन्हें दिए गए अंको के पत्रक की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं, तो क्या बैतूल जिले में आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति में अनुभव के अंक दिए जाकर अनियमित नियुक्तियाँ हुई हैं? (घ) यदि हाँ, तो शासनादेशों के विपरीत अनुभव के अंक दिए जाकर अवैध नियुक्ति करने वाले जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। (ख) बैतूल जिले संचालित 12 एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं में विगत दो वर्षों (वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17) में कुल 184 आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति की गई। विकासखण्डवार, आंगनवाड़ी केन्द्रवार आंगनवाड़ी सहायिकाओं के नाम सहित एवं उन्हें दिये अंको के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जानकारी के अन्तर्गत उल्लेखित कुल 184 आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति में से एकीकृत बाल विकास परियोजना आमला में खण्ड स्तरीय चयन समिति द्वारा 05 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति में अनुभव के अंक दिये जाने के तथ्य प्रकाश में आए है। जिसमें से दो आंगनवाड़ी सहायिकाओं क्रमशः सुशीला पति स्व. राजेश आंगनवाड़ी केन्द्र रामनगर (कलमेश्वरा) तथा रंजीता/अखलेश का चयन किया गया था। इनमें से सुशीला पति स्व. राजेश द्वारा अपने पद से त्यागपत्र देने के कारण प्रमिला/सुनील का चयन आंगनवाड़ी केन्द्र रामनगर में किया गया तथा रंजीता/अखलेश को नियम विरूद्ध अनुभव के अंक दिये जाने के पश्चात संध्या पति दीपक निवासी मोरखा द्वारा न्यायालय कलेक्टर में अपील की गई। माननीय न्यायालय कलेक्टर बैतूल द्वारा प्रकरण 0004 ब/121 वर्ष 2017-18 द्वारा अपील स्वीकार करते हुये दिनांक 18.12.2017 को आदेश पारित करते हुये संध्या/दीपक का चयन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना आमला जिला बैतूल द्वारा की गई समस्त नियुक्तियों की जांच हेतु जिला कलेक्टर द्वारा आदेश क्र. 4382 दिनांक 06.11.2017 अनुसार जांच समिति गठित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। जांच समिति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समिति से प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
विद्युत की समस्या एवं ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 3636 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की विधान सभा क्षेत्र केवलारी में वर्ष 2015-16 से माह जनवरी 2018 तक विकासखण्ड केवलारी एवं सिवनी विकासखण्ड के ग्रामों में कितने जले एवं खराब ट्रांसफार्मर बदले गये एवं कितने नवीन स्थापित किये गये वर्षवार विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में माह जनवरी 2018 तक विकासखण्ड केवलारी एवं सिवनी में कितने ग्रामीणों द्वारा विद्युत की समस्या हेतु आवेदन दिये गये हैं एवं कितने आवेदन पत्रों में कार्यवाही की गई है? कितने लंबित हैं? ग्राम वार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017-18 में माह जनवरी 2018 तक ग्रामों में विद्युत की समस्या के निराकरण हेतु अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) एवं कार्यपालन अभियंता (संचा./संधा.) सिवनी को कितने पत्र प्राप्त हुये एवं इन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र केवलारी के विकासखंड सिवनी एवं विकासखण्ड केवलारी में वर्ष 2015-16 वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में जनवरी 2018 तक जले/खराब हुए, बदले गए तथा स्थापित किये गये नवीन ट्रांसफार्मरों की वर्षवार एवं विकासखंडवार जानकारी निम्नानुसार है:-
|
जले/खराब ट्रांसफार्मर |
बदले गए ट्रांसफार्मर |
नये स्थापित ट्रांसफार्मर |
|||
सिवनी विकासखंड |
केवलारी विकासखंड |
सिवनी विकासखंड |
केवलारी विकासखंड |
सिवनी विकासखंड |
केवलारी विकासखंड |
|
वर्ष 2015-16 |
64 |
08 |
64 |
08 |
23 |
07 |
वर्ष 2016-17 |
139 |
50 |
139 |
50 |
33 |
10 |
वर्ष 2017-18 (जनवरी 18 तक) |
240 |
100 |
240 |
100 |
202 |
100 |
कुल |
443 |
158 |
443 |
158 |
258 |
117 |
(ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में जनवरी, 2018 तक विद्युत की समस्याओं से संबंधित कुल 263 आवेदन प्राप्त हुए तथा उक्त सभी आवेदनों को निराकृत कर दिया गया है। उक्त प्राप्त/निराकृत आवेदनों की ग्रामवार/विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा वर्ष 2017-18 में जनवरी 2018 तक अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) वृत्त सिवनी कार्यालय में विद्युत की समस्या संबंधी 3 एवं कार्यपालन अभियंता (सं./सं.) संभाग,सिवनी कार्यालय में विद्युत की समस्या संबंधी 1 पत्र प्रेषित किये गये जिन पर की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
नवीन विद्युत लाइन का विस्तार
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 3637 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केलवारी विधानसभा क्षेत्र में मजरे, टोले, नई आबादी क्षेत्रों में नीवन विद्युत लाईन जोड़ने का कार्य किन-किन कंपनी द्वारा किन-किन ठेकेदारों से कराया जा रहा है? किए गये कार्य, क्षेत्र व ठेकेदार का नाम बतायें। (ख) विगत चार वर्षों में कितने ग्रामों में नवीन विद्युत लाईन का विस्तार किया गया है? ग्राम के नाम सहित जानकारी देवे। (ग) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र केवलारी के कितने मजरे, टोले एवं नई आबादी क्षेत्र में लाईन विस्तारीकरण का कार्य होना शेष है? ग्राम के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) परिप्रेक्ष्य में उक्त ग्रामों में विस्तारीकरण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र सहित सिवनी जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वालें मजरों/टोलों/नई आबादी क्षेत्रों में विद्युतीकरण के कार्य किये जाने प्रस्तावित है। अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर पूर्ण किये जा चुके है तथा योजना अंतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर किये जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स किशोर इंफ्रास्ट्रक्चर, हैदराबाद को अवार्ड जारी किया गया है तथा वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (ख) उक्त योजनांतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन कार्य हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी को दिनांक 25.4.17 को अवार्ड जारी किया गया था तथा वर्तमान में कार्य प्रारंभिक चरण में है तथापि आर.ई.सी. लिमिटेड से स्वीकृति दिनांक 18.8.15 के उपरांत प्रश्नाधीन क्षेत्र में 6 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर पूर्ण किया गया है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में 375 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है, जिसकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत प्रस्तावित उक्त ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य माह मार्च-19 तक किये जाने का लक्ष्य है।
विकास कार्य के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
37. ( क्र. 3657 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्षों में जनजातीय कार्य विभाग में परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाओं का किस-किस ग्रामों में कौन-कौन से विकास कार्य कराते हुए क्रियान्वयन किया जा रहा है? तिथिवार, ग्रामवार विवरण देवे? (ख) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों में 50% से ऊपर जनजातियां अंतर्गत चयनित ग्राम हैं। ऐसे ग्रामों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं निर्धारित हैं तथा किस-किस योजनाओं का उक्त ग्रामों में क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है? (ग) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में कौन-कौन से कार्य निविदा के आधार पर करवाए जा रहे हैं तथा कौन-कौन से कार्य बगैर निविदा के एजेंसी द्वारा या विभाग के द्वारा करवाए जा रहे हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 50 % से उपर जनजाति के जनसंख्या वाले ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। चयनित ग्रामों में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियमों में उल्लेखित कार्यों का नियमानुसार क्रियान्वयन हो रहा है। (ग) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में कराये जा रहे कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जिन कार्यों की निर्माण एजेंसी जनजातीय कार्य विभाग है, वे सभी कार्य निविदा आमंत्रित कर कराये जा रहे है। जिन कार्यों की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत एजेंसी है उनमें निविदा की आवश्यकता नहीं है।
ग्रामों में विद्युत मांग के अनुरूप ट्रांसफार्मर स्थापित कराना
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 3769 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा के किन ग्रामों में कितने-कितने हार्सपॉवर के कितने स्थायी कनेक्शन हैं और प्रतिवर्ष कितने अस्थायी कनेक्शन लिये जाते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के किन ग्रामों में स्थायी व अस्थायी कनेक्शनों से ऊर्जा की कुल आवश्यकता की तुलना में कितनी-कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं और जिससे ऊर्जा आपूर्ति में कितने क्षमता के ट्रांसफार्मरों की कमी पायी गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के कनेक्शनों की कुल ऊर्जा मांग की तुलना में कम क्षमता के एवं अपर्याप्त ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने से किसी एक ट्रांसफार्मर के बिगड़ने पर निरन्तर अवैध कनेक्शनों से ग्राम के सारे ट्रांसफार्मर बिगड़ जाते हैं और जिससे विभाग और कृषकों को असाधारण क्षति उठाना पड़ती है? (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्षेत्र के प्रत्येक ग्रामों की ऊर्जा आवश्यकता के अनुरूप कब तक पर्याप्त क्षमता के पर्याप्त ट्रांसफार्मर स्थापित कराकर विभागीय और कृषकों की अपूर्णीय क्षति को रोकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा में विद्यमान स्थायी कनेक्शनों की संख्या एवं उनके कुल भार (हार्सपॉवर में) की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थाई कनेक्शन अलग-अलग भार के यथा- आधा अश्वशक्ति से 10 अश्व शक्ति क्षमता के दिये गये हैं वर्तमान में वर्ष 2017-18 में विकासखण्ड बड़वारा क्षेत्रान्तर्गत 700, विकासखण्ड कटनी क्षेत्रान्तर्गत 170 तथा विकासखण्ड ढीमरखेड़ा क्षेत्रान्तर्गत 1750 कृषकों द्वारा कृषि कार्य हेतु अस्थाई पम्प कनेक्शन लिये गये हैं तथा प्रश्नाधीन क्षेत्र में अन्य कार्यों हेतु कोई अस्थाई कनेक्शन नहीं लिये गये हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी एवं ढीमरखेड़ा क्षेत्रान्तर्गत तकनीकी साध्यता अनुसार पर्याप्त क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रदाय किये गये कनेक्शनों में स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रति वर्ष भविष्य में भार वृद्धि का अनुमान लगाकर अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की स्थापना तथा ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य सतत् रुप से कराये जाते हैं। कटनी जिले में वर्ष 2017-18 में जनवरी-18 तक 886 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 89 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई है। अत: विद्युत आपूर्ति में वितरण ट्रांसफार्मरों की कमी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। वितरण कंपनी द्वारा तकनीकी साध्यता अनुसार पर्याप्त क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाते हैं तथा समय-समय पर क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा निरंतर अवैध कनेक्शनों को नियमानुसार कार्यवाही कर विच्छेदित किया जाता है। यदि ग्राम में किसी कारणवश वितरण ट्रांसफार्मर फेल हो जाते हैं तो उन्हें नियमानुसार बकाया राशि जमा होने के उपरान्त निर्धारित समयावधि में बदल दिया जाता है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
वन विभाग द्वारा दिये गये पट्टो के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
39. ( क्र. 3791 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा दतिया जिले में ग्राम मदनपुरा, जरा, गुमानपुरा, राधापुर, भिटोरा, दुर्गापुर, कालीपहाडी एवं धनोली आदि में वन भूमि पर पट्टे दिये गये थे? यदि हाँ, तो कब और किन-किन ग्रामवासियों को कितनी-कितनी भूमि के पटटे दिये, उनके नाम, पते सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के हितग्राहियों में से कितने लोगों को पट्टे वितरित कर दिये और कितनों को वितरित किये जाना है और अभी तक वितरित न हो पाने के लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या कि जिस सर्वे नंबर भूमि पर पट्टे दिये गये हैं उन पर वर्तमान में किसका कब्जा है? क्या पट्टेधारियों का कब्जा है अथवा वन विभाग का अथवा किसी और का? यदि वन विभाग की पट्टे वाली जमीन पर किसी और का कब्जा है तो उसे विभाग हटवाकर कब तक संबंधित पट्टाधारी हितग्राही को पटटा वितरित कर कब्जा दिलवायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) हितग्राहियों को पट्टा देने के लिये क्या नियम हैं, हितग्राही के चयन का मापदण्ड आदि प्रावधान आदेश/निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराई जावे जिसके तहत दतिया जिले में वन विभाग की भूमि पर पट्टे दिये गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के तहत प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों में से ग्राम कालीपहाडी के 4 दावेदारों को वन भूमि के हक प्रमाण पत्र वितरित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित ग्रामों में से ग्राम कालीपहाडी ग्राम पंचायत दुर्गापुर के 04 दावेदारों को वन भूमि के हक प्रमाण पत्र वितरित किये जा चुके है। वितरण हेतु कोई पात्र दावेदार शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' में वर्णित ग्रामों में से ग्राम काली पहाडी ग्राम पंचायत दुर्गापुर के 04 दावेदारों (अनुसूचित जन जाति) को पी - 78 में वन भूमि के हक प्रमाण पत्र वितरित किये गये है वर्तमान में हक प्रमाण पत्र धारियों का ही कब्जा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति प्री-मैट्रिक छात्रावास भवन कुकडेश्वर
[जनजातीय कार्य]
40. ( क्र. 3794 ) श्री कैलाश चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 8-12-2017 को कलेक्टर नीमच एवं दिनांक 25-09-2016 को आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग, माननीय मंत्री आदिम जाति कल्याण विभाग एवं कलेक्टर जिला नीमच को पत्र लिख अनुसूचित जनजाति प्री-मैट्रिक छात्रावास भवन कुकडेश्वर में स्थल विवाद होने के कारण अन्यत्र मनासा में बनाए जाने हेतु सुझाव दिया गया था। उक्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त छात्रावास का स्थान परिवर्तन कर निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। विमुक्त जाति बालक छात्रावास मनासा के परिसर में रिक्त भूमि पर भवन की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनजातीय विभाग द्वारा त्रुटि पूर्ण आदेश
[जनजातीय कार्य]
41. ( क्र. 3807 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजातीय विभाग रतलाम के आदेश क्रमांक 5744 दिनाक 13/10/1986 के प्रकाश में आदेश क्रमांक 3169 दिनांक 03/08/1987 को त्रुटि पूर्ण माना है? यदि हाँ, तो किन दस्तावेजों से माना है? इन्हें उपलब्ध करायें? इन दोनों आदेश की कार्यालयीन नस्ती भी उपलब्ध करायें? (ख) त्रुटि पूर्ण आदेश किन परिस्थितियों में जारी होते है? प्रश्नांश (क) संदर्भित ऐसे और कितने त्रुटि पूर्ण आदेश जारी हुए है उनका विवरण कार्यालयीन नस्ती सहित उपलब्ध करायें? (ग) क्या त्रुटि पूर्ण आदेश क्रमांक 3169 दिनाकं 03/08/1987 में उल्लेखित कितनों ने पद भार ग्रहण किया? कितनों ने नहीं? पद भार नहीं ग्रहण करने वालों के स्थान पर किस-किस सफल उम्मीदवार को नियुक्ति दे दी गयी? उसके नियुक्ति आदेश क्रमांक/दिनाकं/संस्था का नाम/संवर्ग चयन क्रमांक बतावें? (घ) क्या दिनांक 01/01/1986 से 01/01/1988 तक नियुक्त हुए उप (सहायक) शिक्षक के पद भार ग्रहण करने के पूर्व उनके दस्तावेज का सत्यापन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास रतलाम में हुआ है या नहीं? यदि हाँ, तो सत्यापित शिक्षकों के नाम/नियुक्ति आदेश क्रमांक पदांकन शाला का नाम/संवर्ग बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान
[वित्त]
42. ( क्र. 3831 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग द्वारा जारी तृतीय समयमान वेतनमान प्रदेश के कर्मचारियों को दिये जाने के संबंध में माह सितम्बर 2014 में आदेश जारी किये गये हैं जिसमें 30 वर्ष की सेवा पर उच्च ग्रेड पे दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत सहायक ग्रेड 3 एवं सहायक ग्रेड 2 को तृतीय समयमान वेतनमान मिल रहा है जबकि उससे वरिष्ठ उच्च पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान में जो ग्रेड पे प्रावधानित है, उससे कम दिया जा रहा है? क्या वित्त विभाग द्वितीय समयमान वेतनमान दिये जाने के संबंध में जारी स्पष्टीकरण दिनांक 01.04.2008 के बिन्दु क्रमांक 9 अनुसार तृतीय समयमान वेतनमान योजना में भी संशोधन कर रहा है? जिन शासकीय सेवकों को प्रारंभिक नियुक्ति के पद 1, 2 अथवा 3 से अधिक पदोन्नति प्राप्त होने पर भी उक्त योजना का लाभ कब दिया जावेगा? (ख) प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन शासकीय महाविद्यालयों एवं कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश में कार्यरत ऐसे कितने कर्मचारी हैं, जिन्हें उपरोक्त विसंगति होने के कारण तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक पूर्ण हो जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। राज्य की सभी सिविल सेवाओं के लिये यह योजना है जो कि शासकीय सेवा में प्रथम नियुक्ति के पद पर आधारित है। इस योजना में वर्तमान में कोई संशोधन विचाराधीन नहीं है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लूज एवं नीचे लटके विद्युत तारों को व्यवस्थित किया जाना
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 3860 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड चौरई एवं बिछुआ में विद्युत तार के नीचा होने, विद्यत तार लूज होने, तार पुराने होने से बार-बार टूटने अथवा विद्युत पोल टेढ़े होने से आवागमन अवरोधित होने एवं हवा के चलने पर आपस में विद्युत तार टकराकर टूटने से किसानों की फसले जलने के मामले विगत तीन वर्षों में प्रकाश में आये हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ से किस-किस जगह से? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रकाश में आये मामलों पर अब तक किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी हैं? क्या सुधार कार्य किया गया हैं? नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने भी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विषय पर आम नागरिकों/किसानों से लिखित व मौखिक शिकायतें प्राप्त होने पर प्रश्नगत अवधि में ऊर्जा विभाग के सहायक यंत्री, संभागीय यंत्री और अधीक्षण यंत्री को समय-समय पर पत्र प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही हुई है? पत्रवार जानकारी दें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) मामलों की छानबीन कर उसे दुरूस्त कर प्रश्नकर्ता को अवगत कराने का आदेश शासन देगा? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायतों से संबंधित कार्य वितरण केन्द्र-चौरई, कपुर्धा, कुण्डा, पांजरा, चांद, बिछुआ, खमरपानी एवं खमरा स्तर से पूर्ण कर सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विषय पर माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त पत्रों से कुल 7 शिकायतों सहित कुल 9 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिन पर की गई कार्यवाही की पत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार प्राप्त माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्रों में उल्लेखित प्रश्नाधीन विषय से संबंधित सभी 7 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है तथा तकनीकी रूप से असाध्य एवं आवेदक द्वारा राशि जमा नहीं करने के कारण प्राप्त 2 शिकायतों में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। नियमानुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उनके पत्रों में उल्लेखित शिकायतों पर की गई कार्यवाही/वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
जाति प्रमाण पत्र के दस्तावेज उपलब्ध कराने के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
44. ( क्र. 3914 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बैहर जिला बालाघाट को पत्र क्रमांक 628/2016-17 बैहर दिनांक 11/11/2016 के द्वारा जाति प्रमाण पत्र के दस्तावेज उपलब्ध कराने बाबत पत्र लिखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो चाही गई जानकारी किन कारणोंवश प्रश्न दिनांक तक प्रदान नहीं की गई हे, चाही गई जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) प्रश्नकर्ता की चाही गई जानकारी आज दिनांक तक उपलब्ध ना कराने के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? नाम बतावें। दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बैहर के ज्ञापन क्रमांक 2060/अ.वि.अ./प्रस्तु.-3/2018, दिनांक 01.03.2018 के द्वारा वांछित दस्तावेजों की सत्यापित प्रति प्रदाय की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बागरी जाति के लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी करना
[सामान्य प्रशासन]
45. ( क्र.
3985 ) कुँवर
सौरभ सिंह : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या कटनी
जिले के
ढीमरखेड़ा
एवं जबलपुर
जिले में बागरी
समुदाय के व्यक्तियों
को सक्षम
अधिकारियों
द्वारा जाति प्रमाण
पत्र जारी
नहीं किया जा
रहा है? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या कटनी
जिले के
अनुभाग
विजयराघवगढ़
के अंतर्गत
प्रमाण पत्र
क्रमांक
आर.एस./450/0104/47818/2017
दिनांक 03.11.2017 जारी किया
गया? क्यों? (ग) कटनी
एवं जबलपुर
जिले में
बागरी जाति के
व्यक्तियों
द्वारा जाति
प्रमाण पत्र
जारी किये
जाने हेतु
कब-कब
कितने-कितने
आवेदन प्रस्तुत
किये?
अनुभागवार, तिथिवार, व्यक्तिवार
बताएं। क्या
न्यायालय
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
ढीमरखेड़ा
द्वारा जाति
प्रमाण पत्र
के प्रकरणों
को निरस्त
किया गया? यदि
हाँ, तो
निरस्ती का
कारण सहित
विवरण दें। बागरी
जाति के
वर्ग/समुदाय
को सक्षम
अधिकारियों
द्वारा जाति
प्रमाण पत्र
जारी न किये
जाने का क्या
कारण है? क्या
बागरी जाति के
लोगों को
पूर्व में
जाति प्रमाण
पत्र जारी
हुये?
यदि
हाँ, तो
अब इन्हें
जाति प्रमाण
पत्र से वंचित
किये जाने का
क्या औचित्य
है? (घ) प्रश्नांकित
मामले में
मुख्य सचिव
म.प्र. भोपाल
को प्रेषित
पत्र क्रमांक 1192
दिनांक 20.11.17 के
अनुक्रम में
अपर मुख्य
सचिव,
सामान्य
प्रशासन
विभाग एवं
प्रमुख सचिव
आदिम जाति कल्याण
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
कार्यभारित कर्मचारियों की अनुकम्पा नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
46. ( क्र. 4014 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यभारित निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्रीजी द्वारा निर्णय लिया है, जिसके परिप्रेक्ष्य में आदेश क्र. सी,5-1-2016-1-3 दिनांक 31.08.2016 एवं आदेश क्र. सी,5-1-2016-1-3 दिनांक 21 मार्च, 2017 जारी किए गए हैं? (ख) क्या दि. 31.08.2016 से पूर्व मृत हुए दिवंगत कार्यभारित कर्मचारियों के आश्रितों द्वारा भी अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की जा रही है एवं अनुकंपा अनुदान नहीं लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इनको भी अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने संबंधी निर्णय लिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 31.08.2016 के पूर्व के प्रकरणों में निर्देश दिनांक 29.09.2014 का प्रावधान लागू होगा। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास अधीक्षकों/वार्डन के स्थानान्तरण
[जनजातीय कार्य]
47. ( क्र. 4015 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एक ही छात्रावास में निश्चित समय से अधिक अधीक्षक के पद पर कार्य करने वाले अधीक्षक/वार्डन या प्रभारी अधीक्षक/वार्डन का कार्यक्षेत्र बदलने या प्रभार बदलने हेतु कोई दिशा निर्देश जारी किए गए थे? यदि हाँ, तो तद्संबंध निर्देश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत स्थानान्तरण या प्रभार परिवर्तन की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो तद्संबंधी सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आदेशों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में जारी निर्देश के विपरीत क्या कार्यवाही के कोई मामले संज्ञान में आये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 3 वर्षों में किन-किन वार्डनों के कार्यक्षेत्र किन निर्देशों के तहत बदले गए जानकारी देवें। प्रश्नकर्ता द्वारा तद्संबंध में पत्र क्र. 2088 दिनांक 30.12.2017 द्वारा अच्छे कार्य करने वाले वार्डनों को उनके स्थान से नहीं हटाने हेतु जिला अधिकारी को लेख किया था? तद्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? पत्र के प्रतिउत्तर में कोई पत्र लिखा हो तो उसकी सत्यापित प्रति कृपया उपलब्ध करावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जी हाँ। संबंधित छात्रावास अधीक्षकों को यथावत रखा गया है। उपरोक्त पत्र के सन्दर्भ में प्रतिउत्तर नहीं लिखा गया है।
टर्न की टेंडर में ठेकेदारों को किया गया भुगतान
[नर्मदा घाटी विकास]
48. ( क्र.
4031 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा
घाटी विकास
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नर्मदा
घाटी विकास
विभाग
अन्तर्गत
वर्ष 2010 से
प्रश्न दिनांक
तक कुल कितने
व कौन-कौन से
टर्न की के
टेंडर जारी
किये गये व आम
जनता को उससे
क्या लाभ
प्राप्त हुआ? (ख) उक्त
अवधि में दिये
गये ठेके की
निविदा के
पूर्व क्या
लागत थी व
निविदा
स्वीकृति के
बाद क्या लागत
हुई? वास्तव
में ठेकेदार
को
कितनी-कितनी
राशि का कब-कब
भुगतान किया
गया? (ग) उक्त
अवधि में दिये
गये टेंडर में
कार्य पूर्ण
किये जाने की
निर्धारित
तिथि क्या थी
व संबंधित
ठेकेदारों
द्वारा किस दिनांक
को कार्य
पूर्ण किया
गया? (घ) समय
पर कार्य
पूर्ण नहीं
करने पर विभाग
द्वारा
संबंधित
ठेकेदार के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
उसका क्या
कारण है?
राज्यमंत्री, नर्मदा
घाटी विकास (
श्री लालसिंह
आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र–''अ'', ''अ-1'', ''अ-2'' एवं ''अ-3'' अनुसार है।
उपरोक्त
कार्यों से
कमाण्ड
क्षेत्र में
सिंचाई का लाभ
प्राप्त
होगा। (ख) टर्न की
निविदा राशि
एवं निविदा स्वीकृति
पश्चात्
अनुबंधित
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'', ''अ-2'' एवं ''अ-3'' के
कालम (4) एवं (5) अनुसार है।
ठेकेदार को
किए गए भुगतान
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र–''ब'', ''ब-1'', ''ब-2'' एवं ''ब-3'' अनुसार है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'', ''अ-2'' एवं ''अ-3'' के
कालम (6) एवं (7) अनुसार है।
(घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'', ''अ-2'' एवं ''अ-3'' के
कालम (9) अनुसार है।
समस्याओं का निराकरण किए जाने
[सामान्य प्रशासन]
49. ( क्र. 4113 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र मऊगंज के मुख्यालय मऊगंज में दिनांक 04.01.2018 को जेल भरो आन्दोलन किया गया था? यदि हाँ, तो आन्दोलन में हितग्राही मूलक समस्याओं का आवेदन क्रमांक 01 से 52 तक का प्रश्नकर्ता द्वारा समस्या का विवरण सहित पत्र अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग मऊगंज/हनुमना जिला रीवा को आवक क्रमांक 175 दिनांक 19.01.2018 को दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त का पृथक-पृथक निराकरण कराया गया बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो निराकरण की प्रतिलिपि पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में यदि नहीं, तो निराकरण की समय-सीमा बतावें? यदि निराकरण नहीं किया गया, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं, उन्हें चिन्हित कर अवगत करावें? इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसमिशन एवं लाइन हानि
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 4139 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2014-15 में कितनी ट्रांसमिशन क्षमता थी एवं वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी क्षमता वृद्धि की गई है वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) प्रदशे में विद्युत वितरण कंपनियों के वर्ष 2014-15 से प्रश्नांकित दिनांक तक ट्रांसमिशन एवं लाइन हानि कुल कितने प्रतिशत बिजली हानि हुई वर्षवार ब्यौरा दें। प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत हानि में कमी आंकी गई सभी कंपनियों की औसत हानि का भी वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) विद्युत वितरण कम्पनी की ट्रांसमिशन एवं लाइन हानि को रोकने के लिए शासन द्वारा विगत 3 वर्षों के दौरान क्या-क्या प्रयास किए गए तथा अागामी 3 वर्षों की क्या कार्य योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी की वर्ष 2014-15 में ट्रांशमिशन क्षमता एवं तत्पश्चात वर्षवार क्षमता वृद्धि संबंधी विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रदेश में वर्ष 2014-15 से मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों की तकनीकी एवं वितरण हानियों तथा मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी की ट्रांशमिशन हानि संबंधी विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विद्युत वितरण कंपनी में ऊर्जा की हानि को रोकने के लिए विगत 3 वर्षों में निम्नलिखित प्रयास किये गये हैं- (1) उच्चदाब फीडरों का विभक्तिकरण।, (2) बिजली के तारों का उन्नयन/क्षमता वृद्धि।, (3) केपेसिटर बैंक की स्थापना।, (4) बंद एवं खराब मीटरों को बदलकर नए मीटरों, की स्थापना।, (5) उच्चदाब वितरण प्रणाली के माध्यम से विद्युत प्रदाय करना।, (6) कंपनी क्षेत्र में विद्युत चोरी के नियंत्रण हेतु सतर्कता गतिविधियॉ।, (7) विद्युत प्रणाली का सुदृढ़ीकरण। (8) एनर्जी ऑडिट के लिये उच्चदाब फीडरों एवं डी.टी.आर. का मीटरीकरण।, (9) विद्युत चोरी के नियंत्रण हेतु अनेक योजनाओं के अंतर्गत खुली निम्नदाब लाइन को ऐरियल बंच केबिल में बदलने के प्रावधान। आगामी 3 वर्षों में उपरोक्त प्रयासों के साथ ही निम्नलिखित कार्य भी किया जाना प्रस्तावित है- (1) उपभोक्ताओं के संयोजनों पर स्मार्ट मीटर की स्थापना।, (2) सौभाग्य योजना के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन प्रदान करना (दिसम्बर 2018 तक)। (3) अस्थाई कृषि पंपो का स्थाई कृषि पंप में परिवर्तन (जून 2019 तक) (4) उपभोक्ता इन्डेक्सिंग (5) शहरी क्षेत्रों और अधिक हानि वाले क्षेत्रों में डी.टी.आर. मीटरों की रीडिंग।
ताप विद्युत गृहों में विद्युत का उत्पादन
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 4140 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों का विद्युत उत्पादन वर्ष 2015-16 से लगातार कम होता जा रहा है, यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों की स्थापित क्षमता तथा वर्ष 2015-16 से जनवरी 2018 तक इकाईवार, माहवार वर्षवार विद्युत उत्पादन मि.यू. में बतावें। (ख) क्या विद्युत उत्पादन में गिरावट के लिए म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के उच्चाधिकारी एम.डी. तथा ताप विद्युत गृहों के मुख्य अभियन्ता जिम्मेदार है, उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कारवाई की जा रही है, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों में कोयला संकट है, यदि हाँ, तो क्यों तथा कोयले की आपूर्ति कब से प्रभावित है? म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों में वर्तमान में कितना कोयला औसतन प्रतिदिन खपत है तथा वर्तमान में औसतन प्रतिदिन कितनी कोयला आपूर्ति है? (घ) क्या सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में 5 X 62.5 की इकाईया डिस्मेंटल कर दी गई हैं एवं 200 एवं 3 X 210 इकाइयां भी सेवानिवृत्त कर डिस्मेंटल करने की तैयारी की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2017-18 तक (माह जनवरी, 2018 तक) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों का विद्युत उत्पादन लगातार कम नहीं हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों द्वारा सर्वाधिक ताप विद्युत उत्पादन किया गया था वर्ष 2016-17 में विद्युत उत्पादन में कमी का मुख्य कारण प्रदेश में विद्युत की मांग के विरूद्ध उपलब्धता अधिक होने के कारण, मेरिट आर्डर डिस्पेच के अनुसार मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की कुछ ताप विद्युत इकाइयों को आरक्षित रूप से बन्द रखा जाना या आंशिक भार पर चलाया जाना है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में उपरोक्त कारण के अतिरिक्त कुछ माहों में कोयला प्रदाय कंपनियों द्वारा आवश्यकता अनुरूप कोयला प्रदाय न किये जाने के कारण भी कुछ ताप विद्युत इकाइयों को बंद रखा गया या आंशिक भार पर चलाया गया जिससे विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ, फिर भी समान अवधि में गत वर्ष की तुलना में ताप विद्युत गृहों से उत्पादन में लगभग 19 प्रतिशत वृद्धि परिलक्षित हुई। मध्य प्रदेशपॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों की स्थापित क्षमता का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' तथा वित्तीय वर्ष 2015-16 से जनवरी, 2018 तक ताप विद्युत गृहों से इकाईवार, माहवार वर्षवार विद्युत उत्पादन का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों में विद्युत उत्पादन में कमी, मुख्य रूप से उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित कारणों से है, अत: मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के उच्चाधिकारी, प्रबंध संचालक तथा ताप विद्युत गृहों के मुख्य अभियंता की जिम्मेदारी का प्रश्न नहीं उठता एवं किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। (ग) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के विभिन्न ताप विद्युत गृहों में विगत माहों में कोयले की कमी रही है, जिसका मुख्य कारण कोल इंडिया द्वारा उत्पादन में कमी के कारण कोयले की माँग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होना है। कोल इंडिया द्वारा वर्तमान में उनकी कोयला आपूर्ति की परिस्थितियों को देखते हुये, दिनांक 09.10.2017 को दिल्ली में हुई एक बैठक में निर्धारित किये गये कोल मैट्रिक्स के अनुसार म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के समस्त ताप विद्युत गृहों को कुल 55000 मी.टन प्रतिदिन कोयले की खपत अनुसार आपूर्ति किया जाना है। जिसके विरूद्ध वर्तमान में उक्त दिनांक से 20.02.2018 तक मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को औसतन प्रतिदिन 40338 मी. टन कोयले की आपूर्ति हुई है। (घ) जी, नहीं वर्तमान में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में 5x62.5 मेगावाट की इकाइयों के डिस्मेंटलिंग का कार्य जारी है वर्तमान में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी की 1x200मेगावाट एवं 3x210मेगावाट क्षमता की इकाइयां क्रियाशील है। इन इकाइयों को सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
बायां मेसनरी बांध को आवंटित राशि
[नर्मदा घाटी विकास]
52. ( क्र. 4191 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंतीबाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध जबलपुर के बायां मेसनरी बांध संभाग बरगी नगर को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? निर्माण कार्यों व पीसवर्क पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य कब किस-किस एजेन्सी से कितनी राशि में कराये गये? इन कार्यों की गुणवत्ता की जांच कब-कब किसने की है? किन-किन कार्यों के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर कब किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? उपसंभागवार स्वीकृत व कराये गये कार्यों की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में पीसवर्क पर कार्य कराने का क्या प्रावधान है? इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है? पीस वर्क पर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किस स्तर पर स्वीकृत किये गये एवं कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किस एजेन्सी से कराये गये? इन कार्यों की गुणवत्ता की जांच कब-कब किसने की है? क्या शासन इन कार्यों में की गई वित्तीय अनियमित्ता राशि का दुरूपयोग की जांच कराकर दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करेगा वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक उपसंभागवार पृथक-पृथक जानकारी दें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' एवं ''स'' अनुसार है। कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिलों की राशि का भुगतान
[नर्मदा घाटी विकास]
53. ( क्र. 4195 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध जबलपुर बायां मेसनरी बांध संभाग बरगी नगर जबलपुर द्वारा नमामि देवी नर्मदे यात्रा पर कुल कितनी राशि व्यय की गई है? इसके लिये कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति कब किसने दी है? (ख) प्रश्नांकित यात्रा व्यवस्था की जवाबदारी किसे सौंपी गई? नर्मदा यात्रा के दौरान कहाँ-कहाँ पर कब-कब भोजन/टेंट आदि की क्या-क्या व्यवस्था की गई एवं इस पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2017-18 की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित यात्रा के दौरान भोजन आदि की व्यवस्था कब-कब कहाँ-कहाँ पर कितने व्यक्तियों व अधिकारियों आदि के लिये की गई? इसका ठेका कब किसे कितनी राशि में दिया गया? यात्रा के दौरान कितने व्यक्तियों/अधिकारियों को भोजन कराया गया? इससे सम्बंधित देयकों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब किसको किया गया? देयकों का सत्यापन कब किसने किया है? टेंट किराये पर कितनी राशि व्यय हुई? (घ) क्या शासन भोजन व टेंट व्यवस्था पर किये गये अनियमित व फर्जी बिलों की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कर राशि की वसूली करना सुनिश्चित करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) बांया मेसनरी बांध संभाग बरगी नगर जबलपुर द्वारा नमामि देवी नर्मदे यात्रा पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है, न ही किसी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनासा विधान सभा क्षेत्र में विद्युत पम्प उर्जीकरण योजना
[जनजातीय कार्य]
54. ( क्र. 4269 ) श्री कैलाश चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग को विद्युत पम्प उर्जीकरण योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने आवेदन वर्ष 2015-16, 16-17, 17-18 में प्राप्त हुए हैं वर्गवार संख्या बतावें? (ख) चरण एक में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदक पात्र पाये गये हैं वर्षवार वर्गवार बतावे? (ग) पात्र पाये गए आवेदकों में से प्रश्न दिनांक को कितने पम्पों का उर्जीकरण किया जा चुका है वर्षवार वर्गवार बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
फीडर से सेपरेशन एवं विद्युतीकरण की जानकारी
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 4291 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा जिला शिवपुरी में फीडर सेपरेशन एवं विद्युतीकरण के कितने कार्य स्वीकृत हैं? कार्यों की संख्या, स्वीकृत दिनांक व क्रियान्वयन एजेंसी का नाम व पता, आदि सहित बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र में हितग्राहियों की सुविधा/ आवश्यकताओं को देखते हुये सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण कर दिये गये हैं? (ग) यदि कुछ शेष हैं तो उन्हें कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे व कार्य समय पर पूर्ण न होने हेतु क्या-क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शिवपुरी जिले में विधानसभा क्षेत्र करैरा अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण एवं ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण हेतु स्वीकृत कार्यों की संख्या, स्वीकृत दिनांक एवं क्रियान्वयन एजेंसी का नाम व पता आदि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से फीडर विभक्तिकरण एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जा सके हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु सम्मिलित किये गये कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा मई, 2019 है एवं उक्त कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) करैरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण के सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (12वां प्लान) अंतर्गत शेष बचे हुए कार्यों को पूर्ण करने की संभावित तिथि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत सम्मिलित कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा उत्तरांश (ख) में दी गई है। फीडर विभक्तिकरण एवं राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (12वां प्लान) अन्तर्गत कार्य समय पर पूर्ण न किये जाने का मुख्य कारण क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा धीमी गति से कार्य किया जाना एवं समय पर सामग्री उपलब्ध नहीं होना है। कार्य की अपेक्षित प्रगति न होने के कारण क्रियान्वयन एजेन्सी को समय-समय पर नोटिस जारी किये गये है। क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण अनुबंध की शर्तों के अनुसार पेनाल्टी राशि (एल.डी.) काटी गई है।
आनंद विभाग के कार्यों की जानकारी
[आनन्द]
56. ( क्र. 4300 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनन्द विभाग के माध्यम से कौन-कौन सी सेवाऐं उपलब्ध कराई जाती हैं व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या कोई नियम नीति आदि प्रचलन में हैं, तो प्रति दी जावे? (ख) आनन्द विभाग के प्रारम्भ से फरवरी 2018 तक मुरैना जिले में विभाग द्वारा कितनी राशि उपलब्ध कराई गई व राशि से क्या-क्या गतिविधियां की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध नहीं करायी जाती अपितु आनंद विभाग के गठन के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आनंद संबंधी विविध कार्यक्रम एवं गतिविधियां संचालित की जाती है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आनंद विभाग द्वारा मुरैना जिले हेतु कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई गई। शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
प्रदेश में विद्यु उत्पादन की वर्तमान स्थिति
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 4310 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विद्युत उत्पादन की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) शासन द्वारा कृषकों को प्रदाय किये जाने वाले फ्लैट विद्युत बिलों एवं डोमेस्टिक बिलों में वर्ष 1993 से 2003 तक प्रति यूनिट कितनी दर थी एवं वर्तमान में उक्त दर क्या है वर्तमान में विद्युत बिलों पर प्रति यूनिट दर बढ़ाये जाने का क्या कारण है? (ग) कृषकों को 24 घण्टे विद्युत प्रदाय करने की शासन की क्या योजना है? क्या कृषकों को नि:शुल्क विद्युत प्रदान करने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक लागू होगी? (घ) कृषकों को प्रदाय किये जाने वाले विद्युत पम्प कनेक्शन में क्या कोई त्रुटि है? यदि नहीं, तो, कृषकों को 2 एच.पी. के कनेक्शन पर 3 एच.पी., 3 एच.पी. के कनेक्शन पर 5 एच.पी., 5 एच.पी. के कनेक्शन पर 7 एच.पी. का बिल क्यों दिया जा रहा है? क्या उक्त त्रुटि को समय-सीमा में पूर्ण समावेश किया जाना संभव है, यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में (फरवरी-2018) में विभिन्न स्त्रोतों से 5540.17 मि.यू. विद्युत उपलब्धता दर्ज की गई। (ख) शासन द्वारा कृषकों को प्रदाय किये जाने वाले फ्लैट विद्युत बिलों एवं डोमेस्टिक बिलों में वर्ष 1993 से 2003 तक प्रति यूनिट दर एवं वर्तमान में दर का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है वर्तमान में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 61 के अन्तर्गत तथा म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमन में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रत्येक वर्ष सकल राजस्व आवश्यकता तथा प्रचलित दरों पर राजस्व आय की गणना कर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। यदि राजस्व आवश्यकता एवं प्रचलित दरों से राजस्व आय में कोई अन्तर होता है, तो प्रचलित दरों के पुनरीक्षण का प्रस्ताव भी नियामक आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के द्वारा प्रस्तुत याचिका पर विस्तृत अध्ययन एवं जनसुनवाई के पश्चात यथोचित निर्णय लेकर दरों का निर्धारण किया जाता है। (ग) कृषकों को 24 घन्टे विद्युत प्रदाय करने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। अनुसूचित जाति/जनजाति के 1 हेक्टेयर तक की भूमि वाले कृषकों को वर्तमान में 5 अश्वशक्ति तक के कृषि पंप के लिए नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) कृषकों को प्रदाय किये जाने वाले विद्युत पम्प कनेक्शनों में त्रुटि नहीं है। उपभोक्ताओं को उनके स्वीकृत भार के अनुसार म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। पम्प कनेक्शनों के भौतिक सत्यापन पर भार, स्वीकृत भार से अधिक पाये जाने की स्थिति में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए पाये गये भार के आधार पर बिल जारी किये जाते है। उपभोक्ता द्वारा शिकायत/आवेदन किये जाने पर उपभोक्ता की उपस्थिति में जांच कर, जांच में पाये गये तथ्यों के आधार पर आवश्यकतानुसार बिल सुधार की कार्यवाही की जाती है।
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आहार व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
58. ( क्र. 4311 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा मिनी आंगनवाड़ी/आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार/मध्यान्ह भोजन की मौजूदा क्या व्यवस्था है? क्या पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में उक्त व्यवस्था में कोई सुधार किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में उक्त नवीन पोषण आहार/मध्यान्ह भोजन व्यवस्था लागू की गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त नवीन पोषण व्यवस्था में बच्चों को दूध पाउडर प्रदाय किये जाने का प्रावधान हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो क्या पोषण आहार के तौर पर प्रदाय किये जाने वाला दूध बच्चों को प्राप्त हो रहा है? प्रश्नकर्ता के क्षेत्र की आंगनवाड़ी केन्दों पर बच्चों को प्रदाय किये जाने वाले मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की जांच की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब एवं किस-किस अधिकारी द्वारा की गई है? अधिकारी का नाम, पद व जांच दिनांक सहित विस्तृत जानकारी से अवगत करावें? (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को प्रदाय किये जाने वाले पोषण आहार/मध्यान्ह भोजन का मीन्यू क्या है? क्या मीन्यू चार्ट प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र पर चस्पा किया गया है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में संचालित मिनी आंगनवाड़ी/आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से किया जा रहा हैं। पूरक पोषण आहार व्यवस्था में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया हैं। (ख) प्रदेश के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को मीठा सुगन्धित स्किम्ड फलेवर्ड मिल्क 15 जुलाई 2015 से सप्ताह के 03 दिवस प्रदाय किये जाने का प्रावधान किया गया है। (ग) जी हाँ। मध्यान्ह भोजन/सांझा चूल्हा व्यवस्था के अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रदाय/प्राप्त नाश्ता/भोजन को प्रतिदिन आंगनवाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ता/सहायिकाओं द्वारा सर्व प्रथम स्वयं चखकर संतुष्टि उपरान्त केन्द्र पर उपस्थित हितग्राहियों को वितरण किया जाता है, मान.विधायक के क्षेत्र में भी यह व्यवस्था प्रचलित हैं। समय समय पर सेक्टर पर्यवेक्षको, परियोजना अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान प्रदायित पोषण आहार को स्वयं चखकर देखा जाता है। (घ) पोषण आहार व्यवस्था अंतर्गत नाश्ता एवं भोजन में पोष्टिक खिचड़ी, थुली नमकीन, मीठी लाप्सी, सब्जी रोटी, खीर पुड़ी, दाल रोटी, दाल चावल एवं दूध का प्रदाय किया जाता है। शासन द्वारा निर्धारित साप्ताहिक मीनू चार्ट आंगनवाड़ी केन्द्रों पर संबंधित परियोजना अधिकारी द्वारा अंकित कराये गये है।
सिहोरा में पदस्थ कार्यपालन यंत्री को हटाये जाना
[ऊर्जा]
59. ( क्र. 4328 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र के संदर्भ में पत्र क्रमांक 2827 दिनांक 11/12/17 के द्वारा प्रबंध संचालक म.प्र.पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं. लिमिटेड जबलपुर को निर्देशित किया गया था कि सिहोरा में पदस्थ कार्यपालन यंत्री को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जावे? (ख) प्रश्नांश (क) निर्देशानुसार कार्यपालन यंत्री को कहाँ स्थानांतरित किया गया? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कब तक हटा दिया जावेगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालन एवं संधारण संभाग, सिहोरा में पदस्थ कार्यपालन अभियंता को स्थानान्तरित नहीं किया गया तथापि माननीय सदस्य के पत्र के सन्दर्भ में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त कार्यपालन अभियंता की कार्यप्रणाली के संबंध में उनके नियंत्रणकर्ता अधिकारियों से प्रतिवेदन प्राप्त कर उसके परीक्षण उपरांत प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण की आवश्यकता होने पर यथोचित निर्णय लिया जावेगा, अत: समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
विमान पट्टियों की स्वीकृति संबंधी जानकारी
[विमानन]
60. ( क्र. 4344 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१३ से जनवरी २०१८ तक प्रदेश में किन-किन स्थानों पर नयी विमान पट्टियां स्वीकृत कर बनायी गई अथवा कितनी विमान पटि्टयों को विकसित किया गया एवं उक्त कार्यों में कितनी राशि व्यय हुई? (ख) प्रदेश में कितनी एवं कहाँ-कहाँ व किस-किस की प्रायवेट हवाई पट्टी है एवं शासन का इन पर क्या नियंत्रण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में दतिया एवं मंदसौर में नई हवाई पट्टियां स्वीकृत कर बनाई गई तथा नीमच, खण्डवा, गुना, शिवपुरी एवं रीवा स्थित हवाई पट्टियों को विकसित किया गया। इन कार्यों पर कुल राशि रूपये 4145.72 लाख व्यय हुई। (ख) 03 हवाई पट्टियां, नागदा-ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड, शहडोल (लालपुर) - ओरिएन्टल पेपर मिल एवं दमोह- डायमण्ड सीमेन्ट कम्पनी के आधिपत्य में है। शासन द्वारा आवश्यकतानुसार उपयोग किया जाता है।
अनुसूचित जन जाति बस्ती विकास योजना के क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
61. ( क्र. 4346 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास नियम २००५ एवं २०१४ क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ही रतलाम, झाबुआ एवं उज्जैन जिलों में पंचायतों के ग्रामों में बस्ती विकास हेतु राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष २०१५ से अब तक जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ग) वर्ष २०१५ से अब तक प्रश्नांश (ख) जिलों में कितनी राशि का उपयोग नहीं किया जा सका एवं कितने स्वीकृत कार्य संपन्न नहीं हो सके?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांश (ख) के जिलों में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद की उपयोग नहीं की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं राशि जिनका उपयोग नहीं हो सका एवं जो कार्य सम्पन्न नहीं हो सके उन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
विशेषज्ञ समिति का पुनर्गठन एवं दायित्वों का त्वरित निष्पादन
[जनजातीय कार्य]
62. ( क्र. 4361 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय आदेश दिनांक 30-5-2017 के द्वारा किन जातियों की सामाजिक स्थिति एवं विशेष अध्ययन हेतु किन की अध्यक्षता एवं सदस्यता में किसी समिति का गठन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) समिति की बैठक दिनांक 30-2-2018 तक के व्यतीत 9 माह में किन तिथियों में किनकी उपस्थिति में बैठक आहूत की गई है और किन-किन विषय बिन्दुओं पर चर्चा की गई और स्पष्टीकरण व अभिमत दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के किसी सदस्य ने अपने पत्र दिनांक 04-12-2017 एवं दिनांक 17-1-2018 द्वारा मा. मुख्यमंत्रीजी को प्रस्तुत कर किन तथ्यों से अवगत कराकर प्रश्नांश (क) समिति में किसी परिवर्तन की अपेक्षा की है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार कब तक निर्देश जारी कर दिया जावेगा और समिति के कार्य को उचित रीति से अतिशीघ्र सम्पादित कराये जाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उचेहरा में सब स्टेशन स्थापित करने बाबत
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 4406 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की उचेहरा तहसील 70 ग्राम पंचायतों से जुड़ी हुई है, अभी यहां परसमनिया पठार एवं पोड़ी में उप स्टेशन हैं, इतने बड़े क्षेत्र में उचेहरा सब स्टेशन से सप्लाई होती है जिससे आये दिन ग्रामीण अंचलों में विद्युत समस्या बनी रहती है? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा उचेहरा विद्यत सब स्टेशन 132 किलोवॉट के बनाए जाने हेतु भूमि का आवंटन दिनांक 30/04/2016 को किया जा चुका है किन्तु प्रश्न दिनांक तक सब स्टेशन का निर्माण प्रारंभ नहीं किया गया? कब तक किया जावेगा और अब तक न करने के क्या कारण हैं? (ग) उचहेरा में विद्युत सप्लाई मैहर 132 किलोवॉट सब स्टेशन से हो रही है, उसे बंद कर सतना विद्युत लाईन से कब तक जोड़ा जायेगा? (घ) उचेहरा तहसील जिला सतना के लगरगवां में विद्युत सब स्टेशन कब तक बनाया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) तहसील उचहेरा के अन्तर्गत समस्त ग्रामों में मैहर में विद्यमान 220 के.व्ही. उपकेन्द्र, सतना में विद्यमान 220 के.व्ही. उपकेन्द्र, अमरपाटन में विद्यमान 132 के.व्ही. उपकेन्द्र तथा नागौद में विद्यमान 132 के.व्ही. उपकेन्द्रों से संबद्ध जीतनगर, उचेहरा, पौडी, करेही, श्यामनगर, परसमनिया तथा भटनवारा में विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों से निर्गमित 11 के.व्ही.फीडरों के माध्यम से सुचारू रूप से विद्युत/प्रदाय किया जा रहा है वर्तमान में उक्त में से कोई भी उपकेन्द्र अथवा फीडर अतिभारित नहीं है तथा सभी फीडरों पर वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित सीमा के अन्दर है तथापि कतिपय अवसरों पर प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा/तकनीकी खराबी आने के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित होता है, जिसकी सूचना मिलने पर तत्काल सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सामान्य कर दिया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र को विद्युत प्रदाय कर रहे उपकेन्द्रों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, भविष्य में होने वाली भार वृद्धि के दृष्टिगत 132 के.व्ही. उपकेन्द्र उचेहरा का कार्य प्रस्तावित किया गया है, जिस हेतु दिनांक 22.04.16 को कलेक्टर जिला सतना द्वारा भूमि का आवंटन किया गया है। उक्त उपकेन्द्र के निर्माण हेतु जाइका-दो योजना के अंतर्गत निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसे पूर्ण करने के उपरांत कार्यादेश प्रसारित किया जायेगा तथा कार्यादेश प्रभावी होने की दिनांक से 2 वर्ष की समय-सीमा में कार्य पूर्ण किया जायेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कार्य प्रारंभ करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उचेहरा तहसील में वि़द्युत प्रदाय करने वाले उपकेन्द्रों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिसमें कोई परिवर्तन किया जाना प्रस्तावित नहीं है। (घ) वर्तमान में लगरगवां क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बनाने का प्रस्ताव तकनीकी दृष्टि से साध्य नहीं है वर्तमान में लगरगवां क्षेत्र को ग्राम उचेहरा में विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. लगरगवां फीडर से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
आदिम जाति मंत्रणा परिषद् की बैठक
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 4476 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय संविधान की पाँचवीं अनुसूची में आदिम जाति मंत्रणा परिषद् के गठन के संबंध में क्या प्रावधान दिए है? अनुसूची में आदिम जाति मंत्रणा परिषद् किसके द्वारा प्रेषित किन मुद्दों पर विचार कर किसे सलाह दे सकती है? (ख) आदिम जाति मंत्रणा परिषद् की बैठक बुलवाए जाने के लिए कितनी अवधि का प्रावधान है वर्ष 2008 से वर्ष 2017 तक मंत्रणा परिषद् की किस-किस दिनांक को बैठक का आयोजन किया गया? (ग) किस दिनांक की बैठक में विचार के लिए कितने विषय राज्य सरकार ने प्रस्तुत किए? कितने विषय राजभवन भोपाल ने विचार के लिए प्रेषित किए गए? (घ) उपरोक्त अवधि में राज्य की ओर से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को किस-किस दिनांक को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) संविधान की पाँचवीं अनुसूची के भाग 'ख' में आदिम जाति मंत्रणा परिषद् के गठन का प्रावधान है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। महामहिम राज्यपाल तथा परिषद के माननीय सदस्यों को विभिन्न विकास विभागों द्वारा प्रेषित किये गये नीतिगत प्रस्तावों/सुझावों पर राज्य शासन को सलाह दी जाती है। (ख) मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा नियमावली वर्ष 1957 के बिन्दु क्रमांक 8 (1) में प्रावधान अनुसार आदिम जाति मंत्रणा परिषद् की बैठकें प्रति छः माह में साधारणतया एक बार अध्यक्ष द्वारा निश्चित किये गये स्थान एवं तारीख को बुलाऐ जाने का प्रावधान है। वर्ष 2008 से वर्ष 2017 तक आयोजित की गई बैठकों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006.
[जनजातीय कार्य]
65. ( क्र. 4478 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) ज के अनुसार भोपाल संभाग के कितने वनग्रामों, कितनी असर्वेक्षित बस्तियों, कितनी अतिक्रमित बस्तियों को दिसम्बर 2017 तक राजस्व ग्राम बनाया गया, यदि नहीं, बनाया गया हो तो क्यों है? (ख) राज्य के 925 वन ग्रामों में से भोपाल संभाग के कितने वनग्रामों के 1980 में बनाई गई खसरा पंजी एवं अतिक्रमण पंजी में कितने आदिवासी एवं कितने गैर आदिवासी पट्टेधारी एवं अतिक्रमणकारी के रूप में दर्ज हैं उनमें से कितने आदिवासी एवं कितने गैर आदिवासियों को वन अधिकार पत्र वितरित कर दिए हैं, कितनों के दावे अमान्य किए गए हैं? कितनों के दावे वर्तमान में लम्बित है? (ग) राज्य में दिसम्बर, 2017 तक भोपाल संभाग के कितने राजस्व ग्रामों एवं कितने वनग्रामों में से कितने ग्रामों में वनाधिकार समिति गठित की गई? कितने आदिवासियों एवं कितने गैर आदिवासियों के कितनी-कितनी भूमि पर के कितने दावे मान्य एवं कितने दावे अमान्य किए गए? कितनी भूमि के कितने सामुदायिक दावे मान्य एवं अमान्य किए गए जिलेवार बतावें। (घ) वन अधिकार कानून 2006 से संबंधित कौन-कौन सा कार्य वर्तमान में लम्बित है? उसे पूरा किए जाने की बजाय विभाग ने क्या समय-सीमा निर्धारित की है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
कल्याणकारी योजनाओं एवं छात्रावासों के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
66. ( क्र. 4492 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अन्तर्गत अनुसूचित जाति कल्याण हेतु केन्द्र राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाएं शासन/विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही है तथा जिला अन्तर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन स्थानों पर छात्र-छात्राओं हेतु छात्रावास हैं? (ख) पोस्ट मेट्रीक एवं प्री मेट्रिक छात्र एवं छात्राओं हेतु किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी संख्या के छात्रावास होकर उनसे कितने छात्र एवं छात्राएं अध्ययनरत हैं तथा उन्हें छात्रावासों में क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? (ग) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक छात्र/छात्राओं के कल्याण हेतु कितना बजट प्राप्त हुआ? उसके माध्यम से क्या किया? कितना व्यय हुआ एवं छात्रावासों के फर्नीचर रंगरोगन, सामग्री, मरम्मत इत्यादि पर कुल कितना व्यय हुआ? (घ) उपरोक्त वर्षों में जिला अन्तर्गत वर्षवार किन कार्यों हेतु कितना बजट शासन से प्राप्त हुआ एवं कितना व्यय हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। छात्रावास में निवासरत छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क भोजन, आवास सुविधा, पलंग बिस्तर, चाय नाश्ता, डायनिंग टेबल, छात्रावासों में स्टेशनरी, कोचिंग, पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अंग्रेजी कोचिंग की सुविधा दी जा रही है। (ग) छात्र-छात्राओं के कल्याण हेतु प्राप्त बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। फर्नीचर पर व्यय निरंक है तथा सामग्री पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार, रंगरोगन एवं मरम्मत पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है। रतलाम जिला अंतर्गत विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति हेतु उच्च शिक्षा के लिए किसी भी छात्र को लाभान्वित नहीं किया गया है।
विद्युत ट्रांसफार्मरों एवं पोल के संबंध में
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 4493 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के अंतर्गत रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 से लेकर 31 जनवरी-2018 तक कौन-कौन से 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का निर्माण किया गया तथा कितने किलोमीटर 33 के.व्ही. लाईन, 11 के.व्ही. लाईन एवं निम्नदाब लाईन का निर्माण किया गया एवं कितने नवीन विद्युत वितरण उपकेन्द्रों का निर्माण किया गया संख्या बतावें? (ख) रतलाम जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर 31 जनवरी 2018 तक टर्न-की आधार पर कौन-कौन सी फर्मों द्वारा कुल कितनी मात्रा में विभिन्न प्रकार के विद्युतीकण के कार्य संपादित किये गये कार्यादेश की राशि एवं उक्त अवधि में किये गये भुगतान की राशि बतावें? उक्त फर्मों के कितनी राशि के देयकों का भुगतान लंबित है फर्मवार बतावें? (ग) रतलाम जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से जनवरी-2018 तक विद्युत पोल गुणवत्ता विहीन होने से क्षतिग्रस्त होकर टूट जाना इत्यादि की शिकायतें एवं घटनाक्रम घटित हुये है? उपरोक्त अवधि में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किन-किन फर्मों से सीमेंट पोल क्रय किये गये हैं तथा प्रदाय पूर्व इन सीमेंट पोल का परीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया विवरण देवें? क्या उक्त पोल की गुणवत्ता मानक अनुसार उचित पाई गई थी? खराब गुणवत्ता के लिये संबंधित फर्म के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई एवं कितनी राशि वसूल की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के अंतर्गत रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 से 31 जनवरी-2018 तक विभिन्न योजनाओं के तहत टर्न-की के आधार पर 33/11 के.व्ही. के 9 एवं विभागीय स्तर पर 33/11 के.व्ही. के 7, इस प्रकार 33/11 के.व्ही. के कुल 16 उपकेन्द्रों का निर्माण किया गया जिनकी उपकेन्द्र के स्थान एवं क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 170 किलोमीटर 33 के.व्ही. लाईन, 1842.62 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन एवं 1042.69 किलोमीटर निम्नदाब लाईन का निर्माण किया गया तथा 7141 नवीन वितरण ट्रान्सफार्मर स्थापित किये गये। (ख) रतलाम जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर 31 जनवरी 2018 तक टर्न-की आधार पर कुल 6 निविदाकार फर्मों (मेसर्स भारत इलेक्ट्रिकल्स-सांगली, मेसर्स श्रीराम स्वीच गियर्स-रतलाम, मेसर्स आफश्योर इन्फ्रा स्ट्रक्चर लिमिटेड, मुम्बई, मेसर्स नीलशिखा इन्फ्रा इंडिया प्रा.लिमिटेड, इंदौर, मेसर्स अग्रवाल पावर प्रा.लिमिटेड, भोपाल एवं मेसर्स आनंद इलेक्ट्रिकल्स, नई दिल्ली) से विभिन्न प्रकार के विद्युतीकरण के कार्य संपादित कराए गये है। उक्त फर्मों द्वारा संपादित कार्यों के कार्यादेश क्रमांक एवं दिनांक, कार्य की मात्रा, कार्यादेश की राशि उक्त अवधि में किये गये भुगतान की राशि एवं लंबित भुगतान की फर्मवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। रतलाम जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से जनवरी-2018 तक विद्युत पोल गुणवत्ता विहीन होने से क्षतिग्रस्त होकर टूटने की कोई घटना घटित होने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तथापि प्राकृतिक आपदा जैसे आँधी-तूफान एवं वर्षा जनित कारणों से पोल टूटने की घटनाएँ हुई है, जिन्हें त्वरित कार्यवाही करते हुये बदल दिया गया है। प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा रतलाम वृत्त हेतु कुल 22647 सीमेंट पोल क्रय किये हैं। क्रय किये गये पोल की मात्रा, प्रदायकर्ता फर्म का नाम एवं इनका परीक्षण जिन-जिन अधिकारियों द्वारा किया गया है उनके नाम/पद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जी हाँ, उक्त पोलों की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुरूप पाई गई थी।
मंजरे टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 4507 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत स्वीकृत कितने एवं कौन-कौन से मजरे-टोले विद्युत विहीन है? उपरोक्त मजरे-टोलों का विद्युतीकरण कब तक किया जावेगा? सूची उपलब्ध करायें। (ख) वर्तमान में बरगी विधान सभा क्षेत्र के किसानों की सिंचाई एवं कृषि कार्य हेतु कितने-कितने घंटे बिजली फीडर वार प्रदान की जा रही है? क्या विद्युत प्रदाय की अवधि बढ़ाई जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बरगी के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत सभी कार्य योग्य अविद्युतीकृत ग्रामों एवं उनके 100 तथा 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: विद्युतीकरण हेतु शेष अविद्युतीकृत मजरों/टोलों की सूची उपलब्ध कराये जाने एवं विद्युतीकरण की समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्र में माह जनवरी-18 एवं माह फरवरी-18 में कृषि फीडरों पर किये गये प्रतिदिन औसत विद्युत प्रदाय की फीडरवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कृषि कार्यों को आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए कृषि फीडरों पर प्रतिदिन 10 घण्टे विद्युत प्रदाय करने का प्रावधान है, जिसे बढ़ाए जाने की वर्तमान में कोई आवश्यकता नहीं हैं। बरगी विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में कृषि फीडरों पर कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदा/तकनीकी कारणों से आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर प्रतिदिन औसतन 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
पोषण आहार में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
69. ( क्र. 4511 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्राम पंचायत अगडाल ब्लाक गंगेव जिला-रीवा में पोषण आहार का वितरण नहीं होने के कारण मुख्य कार्यवालन अधिकारी जनपद पंचायत गंगेव जिला-रीवा के पत्र क्र. 683/ज.पंचा./ 2017 दिनांक 9.6.17 के द्वारा कलेक्टर रीवा एवं आयुक्त रीवा को सम्बोधित पत्र के द्वारा पर्यवेक्षक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) यदि नहीं, की गई तो क्यों? कब तक की जावेगी? सेक्टर अमहा एवं सेक्टर गढ़ पदस्थ में पर्यवेक्षकों की, की गई शिकायत के आधार पर कब तक अन्यत्र स्थानांतरित करेंगे? (ग) वित्तीय अनियमितता होने के कारण पर्यवेक्षक के विरूद्ध कार्यवाही नहीं होने से दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) वर्तमान में कार्यरत पर्यवेक्षक तथा इसके पूर्व ठीक में कार्यरत पर्यवेक्षकों के विरूद्ध की गई वित्तीय अनियमितता की जांच हेतु समय-सीमा बतायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्राम पंचायत अगडाल ब्लॉक गंगेव जिला-रीवा में पोषण आहार वितरण न होने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंगेव जिला-रीवा के प्रस्ताव के आधार पर श्रीमती निर्मला मिश्रा पर्यवेक्षक बाल विकास परियोजना गंगेव क्रमांक-1 को दिनांक 06.03.18 को निलम्बित कर दिया गया है। (ख) प्रश्नांश-क के उत्तर अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है। अमहा सेक्टर में पदस्थ पर्यवेक्षक श्रीमती सावित्री सिंह का स्थानांतरण संचालनालय के आदेश क्र.3018 दिनांक 10.07.17 के द्वारा बाल विकास परियोजना सीधी क्रमांक-2 जिला-सीधी कर दिया गया है तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा, जिला-रीवा द्वारा दिनांक 12.07.17 को उन्हें भारमुक्त कर दिया गया है। श्रीमती सावित्री सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका में पारित आदेश के तहत सम्बन्धित के अभ्यावेदन पर विचार करते हुए श्रीमती सावित्री सिंह, पर्यवेक्षक, एकीकृत बाल विकास परियोजना गंगेव-1, जिला-रीवा का एकीकृत बाल विकास परियोजना सीधी क्रमांक-2, जिला-सीधी किए गए स्थानांतरण में आंशिक संशोधन करते हुये श्रीमती सावित्री सिंह पर्यवेक्षक को एकीकृत बाल विकास परियोजना सीधी क्रमांक-2 जिला-सीधी के स्थान पर एकीकृत बाल विकास परियोजना त्योथर जिला-रीवा पदस्थ किया गया है। सेक्टर गढ़ में पदस्थ श्रीमती निर्मला मिश्रा पर्यवेक्षक बाल विकास परियोजना गंगेव क्रमांक-1 को जिला कार्यक्रम अधिकारी, एकीकृत बाल विकास सेवा, जिला-रीवा द्वारा दिनांक 06.03.18 को निलम्बित कर दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में सेक्टर गढ़ में कार्यरत पर्यवेक्षक श्रीमती निर्मला मिश्रा को जिला कार्यक्रम अधिकारी, एकीकृत बाल विकास सेवा, जिला-रीवा द्वारा आदेश क्र.886 दिनांक 06.03.2018 से निलम्बित कर विभागीय जांच संस्थित कर दी गई है। सेक्टर अमहा में कार्यरत पर्यवेक्षक श्रीमती सावित्री सिंह को परियोजना गंगेव क्रमांक-1 से परियोजना त्योथर में उपस्थित हेतु भारमुक्त कर दिया गया है।
छात्रावास की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
70. ( क्र. 4561 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायत पन्ना एवं गुनौर में वर्तमान में कितने छात्रावास संचालित हैं? संचालित छात्रावासों में छात्र/छात्राओं की कुल संख्या कितनी है? प्रत्येक छात्रावास में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं की कितनी संख्या स्वीकृत है एवं स्वीकृत संख्या के विरूद्ध कितने छात्र/छात्राएं रहकर अध्ययन कर रहे है? छात्रावासवार नामवार बतावे? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित छात्रावासों में छात्रों को कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं? क्या छात्रावासों में दर्ज संख्या के विरूद्ध रहवासी छात्रों की संख्या नहीं पाई जाती है? क्या उक्त छात्रावासों में प्रवेश देते समय संवंधित शालाओं के प्रधानाध्यापक से अनुमति ली जाती है? यदि हाँ, तो बतावें। (ग) रहवासी छात्रों की उपस्थिति का सही पता लगाने के उद्देश्य से छात्रावासों में शासन द्वारा सी.सी.टी.व्ही. कैमरे एवं बायोमैट्रिक डिवाइस क्यों नहीं लगाये जा रहे हैं? क्या कई छात्रों की उपस्थिति का सही ध्यान न रखने के कारण घटनाएँ होने से सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कब तक सी.सी.टी.व्ही.कैमरे लगाए जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत पन्ना एवं गुन्नौर में 14 छात्रावास संचालित हैं जिसमें छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 658 है। छात्रावास में स्वीकृत सीट संख्या एवं स्वीकृत सीट संख्या के विरूद्ध प्रवेशित विद्यार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छात्रावासों में छात्रों को निशुल्क चाय नाश्ता,भोजन एवं आवासीय सुविधा, पलंग बिस्तर, उत्कृष्ट छात्रावासों में कोचिंग स्टेशनरी आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जी नहीं, छात्रावासों में दर्ज संख्या के विरूद्ध रहवासी छात्रों की संख्या पाई जाती है। जी हाँ। छात्रावासों में प्रवेश देते समय संबंधित शालाओं के प्रधानाध्यापक से विद्यालयों में प्रवेश के प्रमाणीकरण लिये जाने के पश्चात ही प्रवेश दिया जाता है। (ग) छात्रावासों में छात्रों की उपस्थिति का सही पता लगाने के उददेश्य से सी.सी.टी.व्ही.कैमरे एवं बायोमैट्रिक डिवाइस लगाने का नियम में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मांझी,ढीमर भोई तथा केवट जातियों को अनुसूचित जन जाति में शामिल करना
[जनजातीय कार्य]
71. ( क्र. 4564 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. विधानसभा द्वारा दिनांक 28.02.2003 को पारित विषयांकित जातियों को पारित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में शामिल करने संबंधी शासकीय संकल्प केन्द्र सरकार, नई दिल्ली को भेजा गया था? (ख) क्या म.प्र.शासन द्वारा स्पष्ट अनुशंसा न करने के कारण मांझी, ढीमर, भोई तथा केवट आदि जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने पर भारत के महापंजीयक एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के बीच इस संबंध में सहमति नहीं हो सकी? (ग) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय एवं भारत के महापंजीयक की रिपोर्ट के अनुसार ढीमर, केवट निषाद व अन्य अछुआरा जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने संबंधी कार्यवाही म.प्र.शासन के पास लंबित है? (घ) विषयांकित जातियों को अनुसूचित जन जातियों में शामिल करने संबंधी स्पष्ट अनुशंसा म.प्र.शासन कब तक भारत सरकार को भेज देगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र लोक सेवा आयोग की निरस्त परिक्षाएँ
[सामान्य प्रशासन]
72. ( क्र. 4565 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2014 के पश्चात म.प्र लोक सेवा आयोग द्वारा कितनी परीक्षाओं को विद्यार्थियों से शुल्क एवं फार्म भरने के बाद कब-कब निरस्त किया गया? निरस्त परीक्षाओं का कुल परीक्षा शुल्क कितना है वर्तमान में यह राशि किस-किस खाते में जमा है? इस पर कितना ब्याज गत वर्षों में प्राप्त हुआ? (ख) क्या उक्त अवधि अन्तर्गत पी.एस.सी. द्वारा हायर सेकण्डरी/हाईस्कूल प्राचार्य हेतु परीक्षा आयोजित करने हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये थे? यदि "हाँ" तो उक्त परीक्षा में कुल कितने परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया? परीक्षा निरस्त करने के क्या कारण रहे? क्या भविष्य में परीक्षा आयोजित करने की कोई संभावना है? यदि नहीं, तो क्या विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क पुन: लौटाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक,किस प्रक्रिया से,यदि नहीं, तो क्यों? क्या परीक्षा शुल्क क्लेम करने वालों को परीक्षा शुल्क लौटाया जा रहा है? यदि हाँ, तो कैसे,किस प्रक्रिया से? (ग) क्या भविष्य में आयोजित परीक्षाओं के आवेदन में विद्यार्थियों के बैंक अकाउंट की जानकारी भी ली जाएगी, ताकि परीक्षा निरस्ती की स्थिति में विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क पुन: विद्यार्थियों के खातों में डाला जा सके? (घ) क्या उक्त निरस्त परीक्षाओं का शुल्क पी.एस.सी. कार्यालय द्वारा परीक्षा फार्म भरने के दौरान उपयोग में लाये गये खातों में डाला जा रहा है? क्या आनलाइन आवेदन के दौरान विद्यार्थियों ने शुल्क कियोस्क सेंटर के खातों से भरा था?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 1 जनवरी 2014 के पश्चात, प्रार्चाय वर्ग-1 तथा प्राचार्य वर्ग-2 (28.07.2015), प्राचार्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (28.11.2014), सहायक अनुसंधान अधिकारी (11.08.2014), पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ (01.06.2015), सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2014 (23.09.2015), सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2016 (18.08.2017) ,हाउस मैनेजर (13.02.2017) आदि परीक्षाएं निरस्त की गई। कुल परीक्षा शुल्क रूपये 2,47,82,380/-। यह राशि शासन की मद ''0051-लोक सेवा आयोग-102-राज्य लोक सेवा आयोग-अन्य प्राप्तियां'' में जमा की जाती हैं। राशि शासन की मद में जमा कर दी जाने पर कोई ब्याज प्राप्त नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित परीक्षा हेतु 16743 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था। स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 1935/1899/2010/20-1, दिनांक 03.08.2013 के आदेशानुसार दिनांक 28.11.2014 को आयोग द्वारा विज्ञापन निरस्त किया गया। अभ्यार्थियों से फीस वापसी आवेदन प्राप्त कर जिन अभ्यार्थियों फीस वापसी हेतु आवेदन किया था उन्हें वापस किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। जी हाँ।
फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 4641 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में नवंबर 2015 से दिसंबर 2017 तक फीडर सेपरेशन का कितना कार्य किया गया है? किन उपकेंद्रों से कितने फीडर समय सारणी अनुसार चालू हैं एवं उनमें से प्रत्येक में कितना भार है? (ख) क्या फीडर सेपरेशन का कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से नहीं किया गया तथा आर्थिक अनियमितता की गई है? क्या फीडर विभक्तिकरण की लाइनों में लगाये गये ट्रांसफार्मर घरेलू लाइनों से जुड़े हुए हैं जिससे विभक्तिकरण के फीडरों में भार नगण्य है? (ग) यह कि फीडर सेपरेशन का कार्य गुणवत्तापूर्ण न होने के बावजूद भी दोषी अधिकारियों पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है? फीडर सेपरेशन का लंबित कार्य कब तक गुणवत्ता पूर्ण तरीके से पूर्ण किया जा सकेगा तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा जिले में नवम्बर 2015 से दिसम्बर 2017 तक टर्न की आधार पर ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स विन्ध्या टेलीलिंक्स लिमिटेड गुडगांव द्वारा रीवा उत्तर (संचा/संधा) संभाग के 56 फीडर तथा ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमि., मुम्बई द्वारा रीवा दक्षिण (संचा/संधा) संभाग के 28 फीडरों का कार्य पूर्ण किया गया है। विभागीय स्तर पर 6 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। प्रश्नाधीन चाही गई उपकेन्द्रवार, कार्यवार एवं फीडर पर भार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमशः प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। उपरोक्त समस्त फीडर समय सारणी के अनुसार चालू हैं। (ख) फीडर सेपरेशन का कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप किया गया है तथा किसी भी प्रकार की आर्थिक अनियमितता संबंधी जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। जी हाँ, फीडर विभक्तिकरण योजना में केवल गैर कृषि फीडरों में लगाये गये ट्रांसफार्मर से घरेलू कनेक्शन जुड़े हुए हैं। किसी भी फीडर में भार नगण्य नहीं है। (ग) फीडर विभक्तिकरण योजना का कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप किया गया है। अत: किसी भी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता है। रीवा जिले में मात्र 04 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य शेष है जिसे विभागीय स्तर पर जून-2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। अत: किसी भी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
ग्राम पंचायत कसंगी के कुआगोंदी में बिजली की आपूर्ति
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 4692 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी की नक्सल संवेदनशील लगभग 95% आदिवासी आबादी वाली ग्राम पंचायत कसंगी के बैगा बाहुल्य ग्राम कुआगोंदी में कब से बिजली के खम्बे, तार तथा ट्रान्सफार्मर लगे हैं तथा किस योजना के तहत लगे हैं? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा अधिकारियों के संज्ञान में कुआगोंदी में बिजली सप्लाई न होने की बात लाने के बाद अब तक इस गांव में लगातार बिजली आपूर्ति सुनिश्चित क्यों नहीं की गयी? (ग) क्या ग्राम कसंगी के कोकराटोला और कोल्हयाटोला दो ऐसे टोले हैं जहाँ अब तक बिजली नहीं पहुँच पाई है, यहाँ बिजली कब तक पहुँचा दी जाएगी? (घ) वनांचल के ग्रामों में बिजली आपूर्ति बाधित होने की मुख्य वजह ज्वाईंट किट की उपलब्धता न होने तथा टेक्नीशियन की कमी को बताया जाता है, क्या शासन ज्वाईंट किट की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी तथा उपलब्ध कराएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत ग्राम पंचायत कसंगी के ग्राम कुआगोंदी के विद्युतीकरण का कार्य 11वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में पूरक राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) में नवंबर-2015 को विद्युतीकृत किया गया है। (ख) ग्राम कुआगोंदी में बिजली सप्लाई बाधित होने की जानकारी संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में आने के पश्चात् आवश्यक सुधार कार्य पूर्ण कर दिनांक 01.02.18 को विद्युत प्रदाय चालु कर दिया गया है। ग्राम कुआगोंदी दूरस्थ वन क्षेत्र होने के कारण समय-समय पर प्राकृतिक आपदा जैसे-आंधी, तूफान इत्यादि के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित होता है, जिसे आवश्यक सुधार कार्य करते हुये विद्युत व्यवस्था को सुचारू किया जाता है वर्तमान में उक्त ग्राम में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी हाँ, ग्राम कसंगी के कोकरा टोला और कोल्हया टोला वर्तमान अविद्युतीकृत है। उक्त टोलों में स्थित अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य वर्तमान में संचालित सौभाग्य योजनांतर्गत दिसम्बर -2018 तक किया जाना संभावित है। (घ) वनांचल के ग्रामों में सतत् बिजली आपूर्ति करने हेतु पर्याप्त मात्रा में ज्वाईंट किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है वर्तमान में ज्वाईंट किट तथा टेक्नीशियन की कमी के कारण उक्त क्षेत्रों के ग्रामों में बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी कोई स्थिति नहीं है तथा समय-समय पर आवश्यकता अनुसार ज्वाईंट किट की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है।
कलेक्टर रेट पर कार्य कर रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[जनजातीय कार्य]
75. ( क्र. 4693 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना के आदिमजाति कल्याण विभाग अंतर्गत छात्रावासों में कितने कर्मचारी कलेक्टर रेट पर कार्य कर रहे है? (ख) क्या इन कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जायेगा या नहीं? (ग) यदि किया जायेगा तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में कुल 35 कर्मचारी कलेक्टर रेट पर कार्य कर रहे हैं। (ख) एवं (ग) शासन निर्देशानुसार पात्रता के आधार पर नियमितीकरण की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति पंधाना के कर्मचारियों को वेतन भुगतान
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 4694 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति पंधाना के कार्य क्षेत्र का म.प्र.वि.क्षे. विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा सितंबर २०११ से अधिग्रहण किया गया है? (ख) क्या तत्समय से समिति क्षेत्र का सम्पूर्ण राजस्व कम्पनी खातों में जमा कराया जा रहा है एवं समिति के कर्मचारियों को वेतन भत्ते का भुगतान समिति द्वारा किया गया है? (ग) क्या समिति के कर्मचारियों की सेवायें कम्पनी में सम्िमलित कर ली गई हैं? यदि हाँ, तो पंधाना समिति कर्मचारियों को कम्पनी द्वारा लागू सातवाँ वेतनमान प्रदाय क्यों नहीं किया गया? जबकि उनकी सेवायें सितम्बर २०११ से कम्पनी के अधीन ली जाकर उनका वेतन भुगतान कम्पनी द्वारा किया जा रहा था? (घ) पंधाना सम्भाग के उक्त कर्मचारियों को एरियर्स सहित नवीन वेतनमान का लाभ कब से प्रदाय किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका 1676/2009 में पारित आदेश के तारतम्य में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक सीएमडी/डब्ल्यूझेड/01/इ-1/9बी/01/482/18656 दिनांक 06/09/2011 द्वारा सितम्बर-2011 से ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति पंधाना क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को सीधे विद्युत प्रदाय म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रारंभ किया गया था। (ख) सितम्बर-2011 से उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति पंधाना के क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं का सम्पूर्ण राजस्व पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी के खाते में जमा हो रहा है तथा समिति के कर्मचारियों को वेतन भत्तों का भुगतान म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा माह सितम्बर-2011 से किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक प्रनि/ पक्षे/01/कअ/समिति/37/12 दिनांक 07/01/2017 के द्वारा ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति पंधाना के नियमित 111 कर्मचारियों की सेवाएं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विलय की गई है एवं उक्त कर्मचारियों को पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक प्रनि/पक्षे/01/स्था-1/ वे.पु./17/451 दिनांक 06/01/2018 के द्वारा फरवरी-2018 से सातवें वेतनमान के तहत वेतन निर्धारण कर एरियर सहित भुगतान किया जाना प्रारंभ कर दिया गया है। (घ) जानकारी उत्तरांश (ग) में समाहित है।
पेट्रोल एवं डीजल की कीमत कम किए जाने
[वाणिज्यिक कर]
77. ( क्र. 4706 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा पेट्रोल एवं डीजल के दामों में वैट लगाकर समय-समय पर वृद्धि की गयी है वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने बार पेट्रोल एवं डीजल के दामों में कितने रूपये की वृद्धि की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पेट्रोल एवं डीजल के वास्तविक मूल्य क्या है? म.प्र. सरकार के वैट एवं सेस लगाने से इसकी कीमत प्रति लीटर क्या हो जाती है रीवा संभाग में पेट्रोल एवं डीजल की कीमत क्या निर्धारित की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में म.प्र. के उद्योग पतियों/फैक्ट्रियों को किस दर पर किस मानक स्तर पर डीजल एवं पेट्रोल उपलब्ध कराये जाते हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या राज्य शासन पेट्रोल एवं डीजल के रेट/दर वैट एवं सेस कम करके घटाने बावत कार्यवाही करेंगी? यदि हाँ, तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक पेट्रोल एवं डीजल पर वेट की दरों में की गई कमी/वृद्धि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शायी गई है। (ख) पेट्रोल एवं डीजल के विक्रय का निर्धारण संबंधित ऑयल कंपनियों द्वारा किया जाता है। पेट्रोल एवं डीजल पर वेट एवं सेस लगाने से कंपनियों द्वारा इनका विक्रय मूल्य प्रति लीटर क्या निर्धारित किया जाता है, यह जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) राज्य शासन द्वारा राज्य के लिए वित्तीय आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए कर लगाने का निर्णय लिया जाता है। शासन द्वारा 14-10-2017 से पेट्रोल एवं डीजल पर कर की दर में क्रमश: 3 प्रतिशत एवं 5 प्रतिशत की कमी की गई है, डीजल पर 1.50 रूपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर भी समाप्त कर दिया गया है। मध्यप्रदेश राज्य नगरीय परिवहन/मध्यप्रदेश राज्य परिवहन अधोसंरचना के उन्नयन एवं इस प्रयोजन हेतु प्राप्त किये जाने वाले ऋणों के पुनर्भुगतान हेतु दिनांक 29-01-2018 से पेट्रोल एवं डीजल पर 1 प्रतिशत की दर से उपकर अधिरोपित किया गया है। उपरोक्त जानकारी के प्रकाश में वर्तमान में पेट्रोल/डीजल पर कर/उपकर घटाने बावत् कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति
[सामान्य प्रशासन]
78. ( क्र. 4707 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग से जारी पत्र क्रमांक 332/410/2008/3/एक/भोपाल दिनांक 23.02.2003 के द्वारा शासन के समस्त विभागों को निर्देशित किया गया था, कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सहायक ग्रेड तीन के पदों पर कुल स्वीकृत पदों में से 25 प्रतिशत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नत के लिए सुरक्षित रखे जांएगें? यदि इस अनुसार कार्यवाही की गयी तो बतावें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो रीवा संभाग के ऊर्जा विभाग, शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग व वन विभाग में कितने पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत है, उन में से कितने भरे व कितने रिक्त हैं, का विवरण विभागवार प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के निर्देशानुसार प्रश्नांश (ख) के कितने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को शासन के निर्देशानुसार 25 प्रतिशत पद रिक्त पदोन्नत बाबत् रखे गये एवं वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक में कितने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सहायक ग्रेड तीन में पदोन्नत बाबत् कार्यवाही कर आदेश जारी किए गये, का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के आदेश का पालन प्रश्नांश (ख) के विभाग प्रमुखों द्वारा न कर प्रश्नांश (ग) के अनुसार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नत कर सहायक ग्रेड तीन के आदेश जारी नहीं किए गये तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेगें? साथ ही संबंधितों के पदोन्नत के आदेश कब तक जारी करावेगें अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वित्त वर्ष में बजट के संबंध में
[वित्त]
79. ( क्र. 4719 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2003-04 में राज्य शासन पर कर्ज कितना था और वित्तीय वर्ष 2018-19 में अब कितना है? कर्ज लेने के मापदण्ड क्या हैं? क्या मापदण्डों का पालन किया गया है? (ख) वित्तीय वर्ष 2012 से अब तक वर्षवार कितनी राशि केन्द्र सरकार से किन-किन योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त हुई है वर्षवार, राशिवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित प्राप्त राशियों को किस-किस योजनाओं में खर्च किया गया? योजनावार खर्च की गई राशि की जानकारी दें तथा कितनी राशि शेष हैं? तत्संबंध में जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ख) की समयावधि में राज्य शासन ने केन्द्र से कितनी-कितनी राशि की अतिरिक्त मांग किस-किस योजनाओं के लिए की हैं? क्या मांग अनुसार राशि प्राप्त हुई है, हाँ तो योजनावार बतायें? नहीं तो क्यों तथा तत्संबंध में राज्य शासन द्वारा क्या प्रयास किए गए?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जारी विवरण संख्या 17 अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के रूप में दृष्टव्य है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अभी जारी नहीं किये गये हैं, अतः जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। वित्त विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत राजकोषीय संकेतकों को बनाये रखते हुये आवश्यकतानुसार कर्ज लिया जाता है। (ख) वर्षवार जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा संबंधित वर्ष के वित्त लेखे के परिशिष्ट पर निम्नानुसार दृष्टव्य हैं, जो विधानसभा के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर उपलब्ध हैं : -
वित्तीय वर्ष |
वित्त लेखे में दृष्टव्य परिशिष्ट की संख्या |
2012-13 |
परिशिष्ट 6-अ एवं परिशिष्ट 7 |
2013-14 |
परिशिष्ट 6-अ एवं परिशिष्ट 7 |
2014-15 |
परिशिष्ट 6-अ एवं परिशिष्ट 7 |
2015-16 |
परिशिष्ट 6-अ एवं परिशिष्ट 7 |
2016-17 |
वित्त लेखे विधान सभा के समक्ष प्रस्तुत नहीं |
2017-18 |
वित्त लेखे विधान सभा के समक्ष प्रस्तुत नहीं |
(ग) जानकारी वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 के विनियोग लेखे में मांग संख्यावार दृष्टव्य है, जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2016-17 की मांग संख्यावार जानकारी बजट पुस्तिका के रूप में विधान सभा के पटल पर दिनांक 28-2-2018 को रखी जा चुकी है। (घ) संघीय व्यवस्था के अनुरूप केन्द्र द्वारा सहायता अनुदान के रूप में योजनाओं के अन्तर्गत राशि उपलब्ध कराई जाती है, जिसकी जानकारी उत्तरांश ''ग'' द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
बिजली उत्पादन की स्थिति
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 4720 ) श्री सचिन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2003 में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (पूर्ववर्ती म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती कंपनी) के कितने पावर प्लांट स्थापित थे? कितने निर्माणाधीन थे और इन निर्माणाधीन पावर प्लांटों से व्यावसायिक विद्युत उत्पादन कब प्रारंभ किया गया? (ख) उक्त में किस-किस पावर प्लांट से कितनी बिजली का उत्पादन किया जा रहा है वर्ष 2017-18 (जनवरी, 2018 तक) की माहवार, विद्युत गृहवार जानकारी दें। (ग) वर्ष 2003 से अब तक म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के कितने विद्युत पावर प्लांट स्थापित किये गये एवं वर्तमान में कितने निर्माणाधीन है? इन स्थापित एवं निर्माणाधीन पावर प्लांटों की उत्पादन क्षमता वर्तमान में कितनी है। (घ) क्या राज्य बिजली के मामले में आत्मनिर्भर एवं सरप्लस की स्थिति में है? यदि हाँ, तो किस-किस प्रकार के विद्युत उपभोक्ताओं को किन दरों पर प्रतियूनिट बिजली प्रदाय की जा रही है एवं अन्य राज्यों को किस दर पर बिजली वितरण किया जा रहा है? (ड.) प्रश्नांकित दिनांक में प्रदेश के कितने ग्राम बिजली से वंचित हैं? जिलेवार, ग्रामवार जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2003 में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड (पूर्ववर्ती म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल की उत्तवर्ती कंपनी) के स्थापित ताप एवं जल विद्युत गृहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है वर्ष 2003 में निर्माणाधीन ताप एवं जल विद्युत गृहों एवं उनसे व्यावसायिक विद्युत उत्पादन प्रारंभ होने की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
बिजली संयंत्र का नाम |
स्थान |
क्षमता (मेगावाट में) |
(व्यावसायिक विद्युत उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि) |
1 |
बाण सागर जल विद्युत गृह क्र. 4 |
झिन्ना जिला सतना |
2 x 10 |
इकाई-1 20.08.2006 |
2 |
मडीखेडा जल विद्युत गृह |
जिला शिवपुरी |
2 x 20 (इकाई-1 एवं इकाई-2) |
इकाई-1 28.08.2006 |
3 |
संजय गांधी ताप विद्युत गृह क्र. 3 |
बिरसिंहपुर, जिला उमरिया |
1 x 500 |
28.08.2008 |
(ख) वर्ष 2003 की स्थिति में स्थापित एवं निर्माणाधीन ताप एवं जल विद्युत गृहों का वर्ष 2017-18 (अप्रैल 2017 से जनवरी, 2018 तक) में विद्युत उत्पादन का माहवार, विद्युत गृहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है वर्ष 2003 में क्रियाशील इकाइयों में से अमरकंटक ताप विद्युत गृह क्रमांक 1 एवं 2 की कुल 4 इकाइयों तथा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह क्रमांक 1 की 5 इकाइयों को सेवानिवृत्त किया जा चुका है। (ग) वर्ष 2003 से 28 फरवरी 2018 तक स्थापित किये गये म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों की वर्तमान उत्पादन क्षमता सहित जानकारी तथा वर्तमान में निर्माणाधीन परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ वर्तमान में राज्य बिजली के मामले में आत्मनिर्भर एवं सरप्लस की स्थिति में है। विद्युत नियामक आयोग भोपाल के दर आदेश 31.03.2017 जो कि दिनांक 10.04.2017 से प्रभावशील है एवं वर्ष 2017-18 के लिये लागू की गई है, के अनुसार प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को श्रेणीवार बिजली प्रदाय की दरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। अन्य राज्यों को बिजली वितरण उन राज्यों की वितरण कंपनियों द्वारा किया जाता है, न कि म.प्र. की वितरण कंपनी द्वारा। (ड.) प्रदेश में ग्रिड से पारंपरिक तरीके से विद्युतीकरण हेतु कार्य योग्य कोई भी ग्राम शेष नहीं है। ऑफ-ग्रिड के माध्यम से विद्युतीकरण हेतु शेष ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। उक्त ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य म.प्र. ऊर्जा विकास निगम, भोपाल द्वारा किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त पूर्व में विद्युतीकृत ग्राम जो कि वर्तमान में बिजली से वंचित हैं, कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में सुविधाएं
[महिला एवं बाल विकास]
81. ( क्र. 4733 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर विधान क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में संचालित समस्त आंगनवाड़ी केन्द्र में पेयजल, शौचालय, बिजली व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) उक्त निर्देशानुसार उक्त समस्त केन्द्र में क्या उक्त सुविधाएं उपलब्ध हैं, यदि नहीं, तो क्यों इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई इस हेतु वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक वर्षवार श्योपुर जिले को कितनी राशि प्रदाय की, कितनी किन-किन कार्यों में व्यय की वर्षवार जानकारी देवे। (ग) प्रश्नकर्ता के अता.प्र.सं 50 क्रमांक 689 दिनांक 18.07.2017 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया था कि सभी केन्द्र में नलजल, हैण्डपम्प, वाटर फिल्टर के माध्यम से पेयजल एवं अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं 23 केन्द्र शौचालय विहीन है। (घ) क्या वर्तमान में अल्प वर्षा के कारण उक्त केन्द्रों में स्थापित अधिकांश हैण्डपम्प सूखे/असुधार योग्य/खराब पड़े हैं व अपर्याप्त पानी दे रहे हैं? वाटर फिल्टर के माध्यम से पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा हैं, 117 केन्द्र शौचालय विहीन तथा जिनमें शौचालय हैं वे सफाई व्यवस्था के अभाव में अनुपयोगी पड़े समस्त केन्द्र विद्युतविहीन हैं, इस कारण हितग्राहीयों को बहुत कठिनाईयाँ आ रही हैं क्या शासन उक्त तथ्यों की जांच कराएगा व उक्त सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराएगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पेयजल व्यवस्था हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में हैण्डपम्प की स्थापना के लिये, बिजली व्यवस्था हेतु श्योपुर जिले को 90 शासकीय भवनों में बिजली फिटिंग, प्रति आंगनवाड़ी 01 मेडिसिन किट व 01 प्री-स्कूल किट प्रदाय किये जाने संबंधी निर्देश है। शौचालय की व्यवस्था संबंधी निर्देश संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के ग्रामों में 1770 हैण्डपम्प, 64 नलजल योजना एवं 143 वाटर फिल्टर के माध्यम से पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है वित्तीय वर्ष 2017-18 में किये गये वार्षिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 23 केन्द्र शौचालय विहीन है उनमें ग्रामीण क्षेत्रो में ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका व नगर परिषद् के सहयोग से स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत शौचालय निर्माण के प्रयास किये जा रहे है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार पेयजल व शौचालय पर सफाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार पेयजल व शौचालय पर सफाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। 380 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित होने से विद्युत विहीन है जिनमें से 90 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर विद्युत फिटिंग का कार्य इस वित्तीय वर्ष में किया गया है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेंशनभोगी कर्मचारियों को सातवे वेतनमान का लाभ दिया जाना
[वित्त]
82. ( क्र. 4744 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के चार लाख से अधिक पेंशनभोगी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुरूप पेंशन में लाभ दिये जाने का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस पर कब तक निर्णय लिया जावेगा? (ख) क्या प्रदेश के सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारियों को उपलब्ध करायी जाने वाली पेंशन में की जाने वाली वृद्धि पर छत्तीसगढ़ राज्य की भी सहमति प्राप्त की जाती है? क्या छत्तीसगढ़ राज्य के द्वारा विगत छ: माह पूर्व ही पेंशनधारियों को सातवे वेतनमान के अनुसार पेंशन में बढ़ोत्तरी की लिखित सहमति मध्यप्रदेश शासन को उपलब्ध करा दी गयी है? (ग) यदि छत्तीसगढ़ राज्य की सहमति प्राप्त है तो राज्य शासन द्वारा अपने सभी पेंशनधारी कर्मचारियों को किस दिनांक से सातवें वेतनमान के अनुरूप लाभ देने के आदेश कब तक जारी किये जावेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) माननीय वित्त मंत्रीजी द्वारा विधानसभा में दिनांक 28.2.2018 को दिए गए बजट भाषण में पेंशन वृद्धि/पुनरीक्षण की घोषणा की गई है। (ख) जी, हां। (ग) जी, नहीं। उपर्युक्त (क) अनुसार।
मध्यान्ह भोजन स्व-सहायता समूहों से उपलब्ध कराना
[महिला एवं बाल विकास]
83. ( क्र. 4745 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार राज्य में वर्ष 2007 के बाद से ही आंगनवाड़ियों में मध्यान्ह भोजन की उपलब्धता स्थानीय स्व-सहायता समूहों से उपलब्ध करायी जाना थी किन्तु विभागीय अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत लाभ हेतु उक्त कार्य अभी तक निविदा के आधार पर विभिन्न प्रदायकर्ता एजेन्सियों द्वारा किया जा रहा है? यह एजेन्सीज कौन-कौन हैं और उन्हें विगत तीन वर्षों में कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) राज्य शासन द्वारा छ: माह पूर्व मंत्रिमण्डल निर्णय का प्रचार-प्रसार कर यह तय किया गया कि आंगनवाड़ियों में मध्यान्ह भोजन अब स्व-सहायता समूह देंगे, किन्तु क्या यह व्यवस्था प्रभावशील की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भिण्ड जिले के अटेर विधान सभा क्षेत्र की आंगनवाड़ियों में विगत तीन वर्षों में किस-किस सप्लाई एजेन्सीज द्वारा कितनी-कितनी राशि का खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया और उन एजेंसियों को कितनी राशि का भुगतान किस स्तर से किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। भिण्ड जिले में विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 3-1/07/50-2, दि. 15.02.2007, एफ 3-2/09/50-2,पी.एफ.,दिनांक 29.08.2009 एवं एफ 4-5/2014/50-2, दिनांक 24.02.2014 के अनुपालन में जिलें में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सांझा चूल्हा व्यवस्था के तहत् स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पोषण आहार का वितरण किया जा रहा हैं जिले में निविदा के आधार पर किसी प्रदायकर्ता एजेंसियों को जिला स्तर से कोई प्रदाय आदेश जारी नहीं किया गया हैं और न ही भुगतान किया गया हैं। (ख) 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से पूर्व से ही संचालित की जा रही हैं। मंत्रि परिषद की बैठक दिनांक 14.11.2017 में आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन का प्रदाय स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन से किए जाने का निर्णय लिया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) भिण्ड जिले की अटेर विधानसभा में सांझा चूल्हा व्यवस्था के तहत् ही स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पोषण आहार प्रदाय किया गया हैं, किसी प्राइवेट एजेंसी द्वारा यह नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संविदा शाला शिक्षक के पद पर नियुक्ति के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
84. ( क्र. 4748 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक/सी 3-12/2013/1/3, दिनांक 29 सितम्बर, 2014 अनुसार दिवंगत शासकीय सेवकों के आश्रितों को संविदा शाला शिक्षक के पद पर नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है जिसमें संविदा शाला शिक्षक हेतु प्रशिक्षण (बी.एड./डी.एड.) एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) की अनिवार्यता का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 2295 दिनांक 09.12.2014 एवं पत्र क्रमांक 664 दिनांक 18.04.2014 अनुसार अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं प्रशिक्षण (बी.एड./डी.एड.) के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) भी उत्तीर्ण किया जाना संविदा शाला शिक्षक वर्ग-1, शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 की नियुक्ति के लिए अनिवार्य किया गया है? (ख) क्या अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में सहायक ग्रेड-3 के आवेदकों को हिन्दी टाईपिंग परीक्षा/ कम्प्यूटर डिप्लोमा परीक्षा पास करने हेतु दी गई 02 वर्ष की परीवीक्षा अवधि दी गई है। यदि हाँ, तो क्या अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों में सविंदा शाला शिक्षक वर्ग-1, शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के अनुकंपा नियुक्ति के आवेदकों को निर्धारित प्रशिक्षण (बी.एड./डी.एड.) के साथ संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) परीक्षा उत्तीर्ण करने हेतु समय दिया जावेगा? (ग) क्या शासन इस हेतु अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में निर्धारित प्रशिक्षण (बी.एड./डी.एड.) के साथ संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) परीक्षा से छूट प्रदान करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं प्रशिक्षण (बी.एड./डी.एड.) के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) भी उत्तीर्ण की जाना संविदा शाला शिक्षक की नियुक्ति के लिए अनिवार्य है। अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरक्षण रोस्टर के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
85. ( क्र. 4749 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आरक्षण रोस्टर के संबंध में जारी दिशा-निर्देश का पालन सभी विभागों द्वारा किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो शासन के विभाग एवं उनके अधीनस्थ कार्यालयों का आरक्षण रोस्टर विभागाध्यक्ष/शासन स्तर पर संधारित किया जाता है? (ख) क्या अधिकांश विभाग/कार्यालयों हेतु स्वीकृत पदों के विरूद्ध आरक्षण रोस्टर का संधारण विभागाध्यक्ष/शासन स्तर (भोपाल) पर किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उनके अधिनस्थ जिला स्तरीय कार्यालयों हेतु स्वीकृत पदों के विरूद्ध आरक्षण रोस्टर का संधारण जिला स्तर पर किये जाने हेतु विभागाध्यक्ष/ शासन से स्वीकृत पदों का आवंटन जिला स्तर हेतु पृथक से किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आरक्षण रोस्टर के संबंध में जारी दिशा-निर्देश अनुसार आरक्षण रोस्टर का संधारण जिला स्तर पर किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग आरक्षण रोस्टर के संबंध में जारी दिशा-निर्देश में उल्लेखित शब्द ''अनारक्षित'' का अर्थ स्पष्ट करेगा? क्या इसमें अ.जा./अ.ज.जा./अ.पि.व/सामान्य आवेदकों को शामिल किया जा सकता है, शासन स्तर से स्पष्ट किया जावे, ताकि आम नागरिकों की भ्रातियां दूर हो सकें? (ड.) क्या मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक/सी 3-12/2013/1/3 दिनांक 29 सितंबर, 2014 की कंडिका 7.7 एवं 7.8 में निहित प्रावधान अनुसार समस्त प्रशासकीय विभागों द्वारा शासन स्तर से विभाग एवं अधिनस्थ कार्यालयो में किसी भी जिले में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त न होने के आशय का प्रमाण-पत्र देकर अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण जिला कलेक्टर को निराकरण हेतु प्रेषित किये जा रहे हैं? नहीं तो क्यों? (च) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 29 सितंबर, 2014 की कंडिका 7.7 एवं 7.8 का पालन किये बगैर शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों के द्वारा अपने विभाग अथवा अधिनस्थ कार्यालयों में किसी भी जिले में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त न होने के आशय का प्रमाण-पत्र देने के स्थान पर केवल अनापत्ति प्रमाण-पत्र देकर ही अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण जिला कलेक्टर को प्रेषित किये जा रहे हैं? इससे क्या शासन के उक्त निर्देश का पालन सुनिश्चित हो रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टेक टू होम राशन वितरण का कार्य समूहों को प्रदान किये जाने
[महिला एवं बाल विकास]
86. ( क्र. 4777 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या टेक टू होम राशन का कार्य समूहों के महासंघ (फेडरेशन) को दिया जा रहा है? अगर हाँ तो क्या फेडरेशन को कार्य देने से सभी समूह जो पूरक पोषण आहार व मध्यान भोजन का कार्य कर रहे हैं, उन्हे कार्य मिलेगा या फेडरेशन में सम्मिलित सिर्फ 10 समूहों को ही कार्य मिलेगा? समूहों को टेक टू होम राशन का कार्य प्रदान किये जाने की नीति स्पष्ट करें। (ख) क्या विभाग द्वारा समूह जो पूरक पोषण आहार व मध्यान भोजन का कार्य कर रहे है, उन्हें टेक टू होम राशन प्रदाय करने का कार्य सभी समूहों को मिलेगा ऐसी कोई व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है? अगर हाँ तो किस प्रकार से सभी समूहों को टेक टू होम राशन प्रदाय का कार्य प्रदान किया जावेगा? (ग) विभाग द्वारा टेकटू होम राशन प्रदाय करने का कार्य समूहों को प्रदान किये जाने के क्या प्रावधान एवं नियम हैं? नियमावली सहित जानकारी उपलब्ध कराए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। मंत्रिपरिषद की बैठक दिनांक 14.11.17 में टेकहोम राशन वितरण व्यवस्था स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन से किए जाने का निर्णय लिया गया हैं। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट है। मंत्रि परिषद निर्णय के क्रियान्वयन करने के लिए मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा गठित अर्न्तविभागीय समिति के निर्णय अनुसार टेकहोम राशन का प्रदाय राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में हैं। (ख) जी नहीं। मंत्रिपरिषद द्वारा दिनांक 14.11.17 को दिए गए आदेशानुसार मध्यान्ह भोजन प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूहों को उक्त कार्य नहीं सौपा जा रहा हैं। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार हैं।
टी.जी.टी./पी.जी.टी. संविदा शिक्षकों को नियमित किया जाना
[जनजातीय कार्य]
87. ( क्र. 4778 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग म.प्र. के अन्तर्गत म.प्र. ट्रायबल वेलफेयर रेसीडेंशियल एण्ड आश्रम एजुकेशनल इंस्टीटयूशंस सोसायटी भोपाल द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में नियुक्त लगभग 54 टी.जी.टी./पी.जी.टी. का आज दिनांक तक नियमितीकरण क्यों नहीं किया गया है? जबकि ये सभी टी.जी.टी./पी.जी.टी. नवोदय विद्यालय की तर्ज पर 24 घंटे अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। (ख) म.प्र. ट्रायबल वेलफेयर रेसीडेंशियल एण्ड आश्रम एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसायटी भोपाल सेवा भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2013 (म.प्र.) के नियम 6 (भर्ती की प्रक्रिया) की कंडिका 5 में स्पष्ट उल्लेख है कि समिति के द्वारा नियुक्त संविदा कर्मचारी की संविदा अवधि पूर्ण होने (03 वर्ष) राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा पर सीधी नियुक्ति द्वारा भर्ती की जा सकती है तो आज दिनांक तक इन संविदा शिक्षकों का नियमितीकरण शासन द्वारा क्यों नहीं किया गया है? (ग) कार्यालय आयुक्त आदिवासी विकास म.प्र. के पत्र क्रमांक/इएमआरएस/29 (2) /नियमितीकरण/2015/252 दिनांक 24.07.2015 एवं कार्यालय सचिव म.प्र. ट्रायबल वेलफेयर रेसीडेंशियल एण्ड आश्रम एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसायटी भोपाल का पत्र क्रमांक/इएमआरएस/29 (2) /2017/240 भोपाल दिनांक 29.06.2017 के अनुसार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में संविदा पर पदस्थ टी.जी.टी./पी.जी.टी. को नियमित वेतनमान दिये जाने के संबंध में अनुशंसा/प्रतिवदेन जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष (कलेक्टर) के मार्फत से प्रदेश के समस्त एकलब्य विद्यालय में नियुक्त टी.जी.टी./पी.जी.टी. की गोपनीय चरित्रावली/अनुशंसा/ प्रतिवेदन आयुक्त कार्यालय को प्रेषित की जा चुकी हैं किन्तु आज दिनांक तक इन संविदा टी.जी.टी./पी.जी.टी. शिक्षकों के नियमितीकरण की कार्यवाही विभाग द्वारा क्यों पूर्ण नहीं की गई है? कार्यवाही पूर्ण किये जाने में विलंब का क्या कारण है? कब तक कार्यवाही को विभाग द्वारा पूर्ण कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण
[जनजातीय कार्य]
88. ( क्र. 4800 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले के विधानसभा क्षेत्र मानपुर में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किन-किन विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है, स्कूलवार सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन शौचालयों में क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाना थी? क्या जो सुविधायें उपलब्ध करायी जानी थी वह सभी सुविधायें मुहैया करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन स्कूलों में शौचालयों का निर्माण किया जाना था? क्या समस्त स्वीकृत शौचालयों का निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं उक्त शौचालय का मूल्यांकन किस अधिकारी के द्वारा किया गया? नाम, पद सहित स्कूलवार सूची उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शौचालयों में आवश्यकतानुसार पानी, विद्युत व्यवस्था तथा दिव्यांगों हेतु रैम्प आदि की सुविधा मुहैया कराई गई है। (ग) जी हाँ। श्री आर.डी. बघेल, सहायक यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, पाली जिला उमरिया द्वारा मूल्यांकन किया गया। कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्राचार्यों की पदस्थी
[जनजातीय कार्य]
89. ( क्र. 4805 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कितने हाई स्कूल के प्राचार्यों के पद हैं, किन-किन पदों पर प्राचार्य कार्यरत हैं तथा कितने पद खाली हैं। (ख्ा) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खाली पदों पर कब तक प्राचार्य पदस्थ किये जावेंगे। क्या मुख्यमंत्री द्वारा पदोन्नति में आरक्षण संबंधी दायर याचिका पर मा. सर्वोच्चय न्यायलय का फैसला आने पर एक पदोन्नति देने हेतु एक नीति बनाये जाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो कब तक नीति तैयार की जाकर के पदोन्नति प्रदान कर दी जायेगी। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त जिले में 12 वर्षों की क्रमोन्नति प्राप्त व्याख्याता कार्यरत हैं तथा मिडिल स्कूल के हेड मास्टर भी 24 वर्ष की क्रमोन्नति ले चुके हैं, क्या विभाग उनको प्राचार्य के पद का प्रभार देने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो एच एम का कब तक प्रभार दे दिया जायेगा। यदि नहीं, तो क्यों ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र.पा.ज.क. लि. कंपनी हेतु जारी परिपत्रों के संबंध में
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 4812 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पा.ज.कं.लि. कंपनी के लिये गये निर्णय का क्रियान्वयन/आदेश परिपत्र मानव संसाधन एवं प्रशासनिक द्वारा किया जाता है एवं कंपनी के सभी अधिकारी संवैधानिक रूप से मानने के लिये बाध्य है? (ख) क्या म.प्र.पा.ज.कं.लि. कंपनी के विभिन्न ताप जल विद्युत उत्पादन केन्द्रों एवं कार्यालयों में अस्थाई प्रकृति के कार्यों हेतु निविदा जारी कर ठेके के माध्यम से कराये जाने वाले कार्यों में निहित ठेका श्रमिकों को निर्धारित मजदूरी एवं अन्य सुविधाओं की सुनिश्चिता हेतु परिपत्र निविदा 1284 दिनांक 31.03.2017 जारी किया गया? क्या कुछ निविदाओं में निविदाकर्ता द्वारा अंकित की गई दरें कंपनी द्वारा कार्यादेश के लिये निर्धारित की गई दरों से अत्याधिक कम पाई गई? दरें कम होने के कारण ठेका श्रमिकों को मिलने वाली वेतन सुविधा के पूर्णत: क्रियान्वयन में कमी परिलक्षित हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या ठेका कार्यों हेतु निर्धारित कार्य दरों से फर्म/ ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत की गई निविदा की दरें कम पाई जाने पर उक्त निविदा को चयन प्रक्रिया में सम्मिलित किया गया? (घ) क्या सभी संकाय द्वारा परिपत्र को मान्य किया गया, सिविल संकाय के क्षेत्रीय कार्यालय परिपत्र मान रहे है? क्या सकांय के मुख्यालय कार्यालय मुख्य अभियंता (सिविल) अभियांत्रिकी एवं उनके अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा परिपत्र का पालन न होने से मजदूरों के वेतन, भत्ते बाधित हो रहे है? (ड.) प्रश्नांकित मामले में परिपत्र जारी होने के बाद कितने कार्यों में परिपत्र का पालन नहीं किया गया? कार्यों की सूची बतावें। परिपत्र का उल्लंघन करने वाले संबंधित अधिकारियों पर कब, क्या कार्यवाही की जावेगी? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण्ा दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के मानव संसाधन एवं प्रशासन कार्यालय द्वारा लिये गये निर्णय/आदेश/परिपत्र का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के समस्त कार्यालयों द्वारा पालन किया जाता है और कंपनी के सभी अधिकारी प्रशासनिक रूप से मानने के लिए बाध्य हैं। (ख) जी हाँ, कंपनी द्वारा परिपत्र क्रमांक 1284 दिनांक 31.03.2017 जारी किया गया है। जी हाँ, कुछ निविदाओं में निविदाकर्ता द्वारा अंकित की गई दरें कंपनी द्वारा कार्यादेश के लिये निर्धारित की गयी दरों से अत्यधिक कम पाई गई। जिन निविदाकर्ताओं द्वारा कम दरें अंकित की गयीं, उन्हें उक्त परिपत्र के प्रावधानों के अनुसार निविदा के चयन में सम्मिलित नहीं किया गया। अत: ठेका श्रमिकों को मिलने वाले वेतन, सुविधाओं के पूर्णत: क्रियान्वयन में कमी का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ, सिविल संकाय के क्षेत्रीय कार्यालय सहित सभी संकाय परिपत्र का पालन कर रहे हैं। चूंकि सिविल संकाय का मुख्यालय कार्यालय मुख्य अभियंता (सिविल अभियांत्रिकी) है एवं उनके अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा परिपत्र का पालन किया जा रहा है, अत: मजदूरों के वेतन, भत्ते बाधित नहीं हो रहे हैं। (ड.) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के समस्त कार्यालयों द्वारा परिपत्र का पालन किया जा रहा है, अत: कार्यों की सूची एवं कार्यवाही विवरण दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अनु. जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जानकारी प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
91. ( क्र. 4826 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2017 में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 3 (2) (5), 3 (2) (5) के कितने प्रकरण हैं? प्रकरणों की संख्या एवं लिस्ट सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम विधान भदवि 302, 201, 34, 120 बी, 109 बी (एट्रोशिटीज) एक्ट के तहत 2017 में दर्ज प्रकरणों में क्या परिवार सहायता के रूप में शासन से राशि देने का प्रावधान है? यदि है तो कितने प्रकरणों में राशि दी गई है? शासन से ऐसे प्रकरणों में कितनी राशि स्वीकृत की गई है? क्या परिवार के लोगों को राशि दी गई है, तो नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, दी गई है तो क्यों नहीं? यदि दी जावेगी तो कब तक? क्या भविष्य में भी राशि देने का प्रावधान है अथवा नहीं? (ग) वर्ष 2017 में अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पीड़ित परिवार में पढ़े लिखे परिवार के किसी सदस्य को शासन द्वारा शासकीय नौकरी देने का प्रावधान है? यदि है तो ऐट्रोशिटीज एक्ट के श्रेणी में आने वाले परिवारों के कितने सदस्यों को शासकीय नौकरी दी गई है? यदि नहीं, दी गई तो क्यों नहीं? यदि शासकीय नौकरी दी जावेगी तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2017 में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 3 (2) (5) , 3 (2) (5) के 26 प्रकरण हैं। प्रकरणों की संख्या एवं सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। 09 प्रकरणों में राहत राशि दी गई है। पीड़ित परिवारों को रूपये 56,43,750/- राहत राशि प्रदान की गई है। नाम सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है वर्ष 2017 में कार्यालय में प्राप्त प्रकरण में राहत राशि दिये जाने हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 01 अगस्त, 2016 से लागू म.प्र. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (योजना) संशोधित नियम 2016 के अनुसार मृतक व्यक्ति के कुटुम्ब के सदस्य को रोजगार दिये जाने का प्रावधान है वर्ष 2017 में एक प्रकरण में अनुकम्पा नियुक्ति प्रदाय की गई है। शेष प्रकरण में नियमानुसार रोजगार देने की कार्यवाही प्रचलित है।
विद्युत उपभोक्ताओं को प्रदाय की जाने वाली विद्युत की दरें
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 4849 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपभोक्ताओं को प्रदाय की जाने वाली विभिन्न श्रेणी की विद्युत की दरों का निर्धारण विद्युत अधिनियम, 2003 के अंतर्गत निहित प्रावधानों के तहत म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2004 में विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं (घरेलू, कृषक, व्यावसायिक, औद्योगिक आदि) की विद्युत दरें प्रति यूनिट क्या-क्या थीं, टेरिफ प्लान अनुसार बतावें? (ख) वर्ष 2004 के पश्चात विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं (घरेलू, कृषक, व्यावसायिक, औद्योगिक आदि) की विद्युत दरों में कब-कब, कितनी-कितनी वृद्धि की गयी एवं वर्तमान में विद्युत दरें प्रति यूनिट क्या-क्या हैं? उपभोक्ताओं की श्रेणीवार, टेरिफ प्लान अनुसार बतावें? (ग) क्या प्रदेश की समस्त विद्युत वितरण कंपनियां घाटे में चल रही हैं, यदि हाँ, तो दि. 31 मार्च, 2017 की स्थिति में कौन-कौन सी कंपनी कितने-कितने घाटे में थी? इन कंपनियों के घाटे में रहने के क्या कारण हैं? विद्युत वितरण कंपनियों को घाटे से उबारने की शासन की क्या योजना है? दि. 31 मार्च, 2018 की स्थिति में इन कंपनियों को कितने-कितने घाटे का अनुमान है? (घ) माह जनवरी 2018 की स्थिति में प्रदेश में विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं (घरेलू, कृषक, व्यावसायिक, औद्योगिक, शासकीय विभागों आदि) पर विद्युत बिल की कुल कितनी-कितनी राशि बकाया है? पृथक पृथक बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ वर्ष 2004 में विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं की औसत विद्युत दरें निम्नानुसार थी:-
वर्ष |
उपभोक्ता श्रेणीवार औसत दर (रूपये/यूनिट) |
||||
घरेलू
|
गैर
घरेलू |
कृषि सिंचाई |
औद्योगिक (निम्नदाब) |
औद्योगिक (उच्चदाब) |
|
2004-05 |
3.14 |
5.85 |
2.18 |
4.91 |
4.70 |
(ख) वर्ष 2004 के पश्चात विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं (घरेलू कृषक व्यवसायिक औद्योगिक आदि) की विद्युत दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। विद्युत दरों में हुई वृद्धि/कमी (प्रतिशत में) का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। 31 मार्च-2017 की स्थिति में मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कं.लि. जबलपुर एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि.भोपाल क्रमश: रू. 787.76 करोड़ तथा रू. 1233.11 करोड़ के घाटे में थी। जबकि मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. इन्दौर रू. 552.89 करोड़ के लाभ की स्थिति में है। कंपनियों के घाटे में रहने के कारण एवं इन विद्युत कंपनियों को घाटे में उबारने की योजना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थिति में लाभ या घाटे की स्थिति वार्षिक लेखा तैयार होने पर स्पष्ट हो सकेगी। (घ) माह जनवरी-2018 की स्थिति में प्रदेश में विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं पर बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'' अनुसार है।
राजगढ़ जिले की अनुसूचित जाति एवं उनकी संख्या
[अनुसूचित जाति कल्याण]
93. ( क्र. 4859 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कौन-कौन सी जाति अनुसूचित जाति में सम्मिलित हैं? (ख) मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में कौन-कौन सी जाति अनूसूचित जाति में सम्मिलित है तथा उनकी कितनी-कितनी जनसंख्या है? (ग) क्या राजगढ़ जिले में ऐसी भी जाति हैं, जो प्रदेश के अन्य जिलों में अनूसूचित जाति में सम्मिलित हैं परन्तु राजगढ़ जिले में नहीं है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? (घ) क्या अन्य जिलों की भांति उन जातियों को राजगढ़ जिले में भी अनूसचित जाति में सम्मिलित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। क्षेत्रीय बंधन के साथ अधिसूचित जातियां धोबी (क्रमांक 22) एवं कुम्हार (क्रमांक 35) छोडकर शेष सभी अनुसूचित जातियां राजगढ़ जिले सहित पूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जाति के रूप अधिसूचित हैं। (घ) किसी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का अधिकार भारत शासन को है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल की दरें
[वाणिज्यिक कर]
94. ( क्र. 4880 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर कितने रूपये किस-किस प्रकार का टैक्स प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा लगाया गया है? (ख) प्रदेश में पडोसी राज्यों (उत्तरप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र) में पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर कितने लीटर टैक्स लगाया गया है? (ग) प्रदेश शासन को पेट्रोल एवं डीजल टैक्स के रूप में प्रत्येक वर्ष कितनी-कितनी आय प्राप्त होती है? (घ) प्रदेश शासन द्वारा पेट्रोल एवं डीजल पर माह जनवरी 2018 में कितना-कितना टैक्स घटाया गया है? क्या देश के अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश में शासन द्वारा पेट्रोल एवं डीजल में अधिक टैक्स वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर 28 प्रतिशत की दर से वेट, 4 रूपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त कर एवं 1 प्रतिशत की दर से उपकर लिया जाता है। डीजल पर 22 प्रतिशत की दर से वेट एवं 1 प्रतिशत की दर से उपकर लिया जाता है। केन्द्र सरकार द्वारा वसूले जा रहे कर की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (ख) अन्य राज्यों की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) प्रदेश शासन को पेट्रोल एवं डीजल टैक्स के रूप में प्रत्येक वर्ष प्राप्त आय की जानकारी निम्नानुसार है :-
( राशि करोड़ में)
वर्ष |
पेट्रोल |
डीजल |
2012-13 |
1569.17 |
3297.85 |
2013-14 |
1820.87 |
3990.21 |
2014-15 |
2062.68 |
4414.30 |
2015-16 |
2480.63 |
4714.56 |
2016-17 |
3199.25 |
5686.90 |
(घ) प्रदेश में दिनांक 14-10-2017 से पेट्रोल पर वेट की दर में 3 प्रतिशत की कमी की गई है एवं डीजल पर वेट की दर में 5 प्रतिशत की कमी की गई है। डीजल पर 1.50 रूपये प्रति लीटर वसूल किए जा रहे अतिरिक्त कर को दिनांक 14-10-2017 से समाप्त कर दिया गया है। मध्यप्रदेश राज्य नगरीय परिवहन/मध्यप्रदेश राज्य परिवहन अधोसंरचना के उन्नयन एवं इस प्रयोजन हेतु प्राप्त किये जाने वाले ऋणों के पुनर्भुगतान हेतु दिनांक 29.01.2018 से पेट्रोल एवं डीजल पर 1 प्रतिशत की दर से उपकर अधिरोपित किया गया है। अन्य राज्यों की कर दर की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। राज्य में राजस्व की आवश्यकता के अनुक्रम में कर की दरों में कमी/वृद्धि का निर्णय शासन द्वारा लिया जाता है।
विभागीय योजनाओं में प्राप्त राशि के आवंटन का आधार
[जनजातीय कार्य]
95. ( क्र. 4881 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त बजट राशि का आदिवासी परियोजनावार/जिलेवार/ योजनावार/मदवार आवंटन का आधार/मापदण्ड क्या है? क्या इसमें जनसंख्या एवं क्षेत्रफल का कोई आधार है? (ख) यदि हाँ, तो सिवनी जिला अंतर्गत किस-किस आदिवासी परियोजना की कितनी-कितनी कुल जनसंख्या के विरूद्ध आदिवासी जनसंख्या एवं कितना-कितना क्षेत्रफल है? प्रत्येक आदिवासी परियोजना को जनसंख्या एवं क्षेत्रफल के आधार पर अलग-अलग कितनी-कितनी राशि वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित की गई हैं? (ग) केन्द्र सरकार की योजना अनुच्छेद 275 (1) एवं विशेष केन्द्रीय सहायता में विकास कार्यों के प्रस्ताव परियोजना सलाहकार मंडल के अनुमोदन के उपरांत केन्द्र सरकार को भेजा जाना नियमानुसार आवश्यक है या नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संसूचित राशि का क्षेत्रफल एवं जनसंख्या के आधार पर परियोजनावार विभाजन किया जाकर परियोजनाओं से प्रस्ताव प्राप्त कर भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय को प्रेषित किये जाते है। भारत सरकार स्तर पर गठित प्रोजेक्ट एप्रेजल कमेटी द्वारा प्रेषित प्रस्तावों पर चर्चा उपरांत अनुमोदन/स्वीकृति प्रदान की जाती है। भारत सरकार द्वारा दी गई स्वीकृति अनुसार राशि परियोजना/माडा/लधुअंचल को आवंटित की जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। संबंधित परियोजनाओं द्वारा भेजे जाने वाले प्रस्तावों पर परियोजना सलाहकार मण्डल का अनुमोदन प्राप्त किया जाता है वर्ष 2014-15 से भारत सरकार स्तर पर गठित प्रोजेक्ट एप्रेजल कमेटी द्वारा विभागों के लिए भी राशि स्वीकृत की गई है। अतः विभिन्न विकास विभागों द्वारा प्रेषित प्रस्ताव भी परीक्षोपरांत भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये जाते है।
बैतूल जिले में हवाई पट्टी का निर्माण
[विमानन]
96. ( क्र. 4892 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की हर जिले में हवाई पट्टी बनाए जाने की कोई घोषणा है? (ख) यदि हाँ, तो बैतूल जिले में भी हवाई पट्टी का निर्माण कब तक कर दिया जाएगा? क्या इस हेतु स्थान एवं भूमि का चयन कर लिया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सौभागयवती योजना के संबंध में
[ऊर्जा]
97. ( क्र. 4893 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजनांतर्गत हर व्यक्ति को विद्युत कनेक्शन दिए जाने की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो इस योजनांतर्गत बैतूल जिले में कितने घरों अथवा कितनी आबादी तक के ग्रामों के हर घर को विद्युत कनेक्शन दिए जाएंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या हर घर को विद्युत कनेक्शन दिया जाना है? (घ) यदि हाँ, तो ग्राम की आबादी/बसाहट से काफी दूर किसी का घर है तो उसे भी कनेक्शन दिया जाएगा? (ड.) इस योजनांतर्गत बैतूल जिले में अभी तक कितने कनेक्शन दिए जा चुके हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के प्रावधानानुसार शहरी क्षेत्रों के बी.पी.एल. घरों में एवं ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में विद्युत प्रदाय किया जाना है। योजनांतर्गत सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 के आंकड़ो का उपयोग करते हुये लाभार्थियों को चिन्हित कर उन्हें निःशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदाय किया जावेगा। साथ ही ऐसे ग्रामीण परिवार जो उक्त मापदंडो के अनुसार लाभार्थियों में सम्मिलित नहीं है, भी इस योजना के अंतर्गत मात्र 500/- रू. में विद्युत कनेक्शन ले सकते हैं, जिसका भुगतान उन्हें 50 रू. की बराबर किस्तों में आगामी 10 माह के बिलों के साथ करने की सुविधा है। ऐसे परिवार जो दुर्गम क्षेत्रों में निवास करते है एवं जहाँ विद्युत लाईन अधोसंरचना पहुँचाना व्यवहारिक अथवा संभव नहीं है, को योजना का लाभ देने हेतु सौर ऊर्जा से चलित सोलर फोटोवोल्टिक सिस्टम से विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार योजनांतर्गत बैतूल जिले में विद्युतविहीन घरो को विद्युत कनेक्शन देने का प्रावधान है। योजना का लाभ लेने के लिए ग्राम/ मजरे-टोलो/ढानो की आबादी अथवा उनमें स्थित घरो की न्यूनतम संख्या प्रावधानित नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तंराश (क) में उल्लेखित नियमों अनुसार घरों को विद्युत कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रायः किसान खेतो में मकानों का निर्माण कर लेते है तथा स्थायी तौर पर गाँव में निवास करते हैं एवं खेत में बने मकान का उपयोग अस्थाई रूप में करते हैं। अतः ऐसे कृषि भूमि पर बने मकान जो बस्ती से दूर हैं वह योजना में सम्मिलित नहीं है। (ड.) योजनान्तर्गत बैतूल जिले में दिनांक 01.03.2018 तक दिये गये कनेक्शनों की विकासखंडवार जानकारी निम्नानुसार है।
क्रमांक |
विकासखंड का नाम |
दिये गये घरेलू कनेक्शनों की संख्या |
1 |
बैतूल |
2066 |
2 |
शाहपुर |
1759 |
3 |
चिचोली |
2663 |
4 |
घोडाडोंगरी |
1960 |
5 |
मुलताई |
1374 |
6 |
आमला |
2975 |
7 |
प्रभातपटट्न |
1455 |
8 |
भैसदेही |
3502 |
9 |
आठनेर |
1020 |
10 |
भीमपुर |
1884 |
|
योग |
20658 |
दै.वे.भो.
श्रमिकों को
स्थाई
कर्मियों की
विनियमित करने
की योजना
[सामान्य प्रशासन]
98. ( क्र. 4912 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र./एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर, 2016 से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के लिये स्थाई कर्मियों को विनियमित करने की योजना के पत्र की प्रति दें? क्या उक्त पत्र के पालन में ग्वालियर जिले में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग में कार्यरत शासकीय संजय निकुंज भितरवार में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिक का डाटाबेस दिनांक 31/1/2018 की स्थिति का बतावें? क्या उक्त आदेश में भितरवार में कार्यरत श्रमिक जगदीश पुत्र भूपसिंह किरार पात्रता में आता है? यदि हाँ, तो उनको एवं ग्वालियर जिले में उद्यानकी विभाग में जो-जो श्रमिक पात्रता में आते हैं उनकी सूची दें? इन स्थाई कर्मियों को विनियमित करने की योजना से क्यों वंचित रखा गया है? (ख) क्या उक्त श्रमिक के बाद के नियुक्त अन्य श्रमिक विनियमित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कैसे? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम पद बतावें? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? अब पात्रता प्राप्त श्रमिकों को कब तक इस विनियमित करने की योजना का लाभ देकर विनियमित कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल पर टैक्स
[वाणिज्यिक कर]
99. ( क्र. 4913 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर कितने रूपये किस-किस प्रकार का टैक्स प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा लगाया गया है? (ख) प्रदेश में पड़ोसी राज्यों (उत्तरप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा) में पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर कितने रूपये टैक्स लगाया गया है? (ग) प्रदेश शासन को पेट्रोल एवं डीज़ल टैक्स के रूप में वर्ष 2016-17 एवं प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई है? (घ) ग्वालियर जिले में दिनांक 1 जुलाई, 2017 को एवं दिनांक 15 फरवरी, 2018 को डीजल एवं पेट्रोल के क्या रेट प्रति लीटर थे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर 28 प्रतिशत की दर से वेट, 4 रूपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त कर एवं 1 प्रतिशत की दर से उपकर लिया जाता है। डीजल पर 22 प्रतिशत की दर से वेट एवं 1 प्रतिशत की दर से उपकर लिया जाता है। केन्द्र सरकार द्वारा वसूले जा रहे कर की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (ख) अन्य राज्यों की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) प्रदेश शासन को पेट्रोल एवं डीजल टैक्स के रूप में वर्ष 2016-17 एवं प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आय की जानकारी निम्नानुसार है :-
( राशि करोड़ में)
वर्ष |
पेट्रोल |
डीजल |
2016-17 |
3199.25 |
5686.90 |
2017-18 (फरवरी 2018 तक) |
3069.00 |
4866.24 |
(घ) प्रदेश के किसी स्थान विशेष पर तथा किसी दिनांक विशेष को डीजल एवं पेट्रोल का प्रतिलीटर रेट की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।
नियमानुसार राहत राशि भुगतान न करने के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
100. ( क्र. 4923 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जिला अनूपपुर के पत्र क्र. ३८५१ दिनांक ०७-०९-२०१७ के द्वारा पीड़ित परिवार के सदस्य एवं आश्रितों की जानकारी एस.डी.ओ.पी. कोतमा से चाही गई थी, प्राप्त जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) पीड़ित परिवारों को म.प्र. राजपत्र आदि. जाति तथा अनु.जा. कल्याण विभाग के क्र. ३२२ दिनांक १ अगस्त, २०१६ के मुताबिक किन-किन पीड़ितों एवं आश्रितों को कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और नियमानुसार तत्काल भुगतान न करने वाले दोषी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
पीड़ित का नाम |
भुगतान की गई राशि |
1 |
श्री राजकुमार प्रजापति |
150000 |
2 |
श्री लालबहादुर शर्मा |
150000 |
3 |
श्री विकास कुमार वर्मा |
150000 |
4 |
श्री जवाहर लाल वर्मा |
150000 |
5 |
श्री कमलाकान्त वर्मा |
150000 |
6 |
श्री सुभाषचन्द्र वर्मा |
150000 |
7 |
श्रीमती कमला लक्ष्मी वर्मा |
150000 |
चूंकि नियमानुसार सभी पीड़ितों को राहत राशि का भुगतान कर दिया गया है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियमानुसार क्रय प्रक्रिया के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
101. ( क्र. 4924 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित विद्यालयों में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवंटन से सामग्री क्रय की गई है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे? (ख) क्या अ.जा.क. विभाग क्रय नियम २००२ का पालन प्रश्नांश (क) अनुसार किया गया है? यदि हाँ, तो नियम सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे। यदि प्रश्नांकित अवधि में क्रय नियम का पालन नहीं किया गया है तो सबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ वर्षवार विवरण निम्नानुसार है :-
वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
व्यय |
2015-16 |
647.86 |
627.37 |
2016-17 |
609.00 |
247.68 |
2017-18 |
226.86 |
0.00 |
(ख) जी नहीं। तथ्यात्मक स्थिति यह है कि म.प्र. शासन, वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र./एफ6-14/2012/अ-ग्यारह भोपाल, दिनांक 28.07.2015 के अनुसार म.प्र. भण्डार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन संबंधी पूर्व में जारी समस्त आदेश, निर्देश/नियम निष्प्रभावी करते हुए म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 लागू किया गया है। इन नवीन नियमों के जारी होने के पश्चात आ.जा.क. विभाग क्रय नियम 2002 निष्प्रभावी हो जाता है। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रयोगशाला तकनीशियनों को शोध कार्य (पी-एच.डी) करने की अनुमति
[सामान्य प्रशासन]
102. ( क्र. 4927 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 08.07.1957 तथा दिनांक 18.11.1984 को जारी पत्रों में कार्यरत शासकीय सेवकों को अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने सम्बन्धी विशेष प्रावधान किये है यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रावधान उच्च शिक्षा विभाग में भी लागू होते है और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? उक्त पत्रों की छायाप्रति प्रदान करे (ख) क्या प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षक संवर्ग के प्रयोगशाला तकनीशियनों द्वारा अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने या शोध कार्य (पी-एच.डी) करने की अनुमति प्राप्त करने हेतु विभाग के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किये गए हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में क्या प्रयोगशाला तकनीशियनों को शासन के नियमानुसार शोध कार्य (पी-एच.डी) करने की पात्रता है? यदि हाँ, तो उनको अनुमति देने का अधिकार क्षेत्र किनका है? (घ) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 14.09.2006 को जारी परिपत्र में उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत शासकीय सेवक को पी-एच.डी उपाधि प्राप्त करने पर अग्रिम वेतनवृद्धि के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रयोगशाला तकनीशियन पद को उक्त लाभ की पात्रता है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी हाँ। प्रयोगशाला तकनीशियन का पद तृतीय श्रेणी का पद है। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भर्ती नियम में पी.एच.डी. उपाधि प्राप्त करने पर अग्रिम वेतनवृद्धि के प्रावधान नहीं होने से उक्त लाभ की पात्रता नहीं है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
103. ( क्र. 4928 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन तथा नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये विभाग द्वारा कटनी जिले में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं एवं इसके क्या मापदण्ड हैं और कटनी जिले में विभागीय योजनाओं के तहत वर्ष-2013-14 से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत से कब-कब एवं कहाँ-कहाँ कराये गये? कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति सहित कार्यवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले में कौन-कौन से कितनी लागत के कार्य, किन योजनाओं के तहत कहाँ-कहाँ कराया जाना प्रस्तावित है? इन कार्यों को कब तक स्वीकृत कर पूर्ण किया जायेगा? (ग) क्या शासन द्वारा सोलर कृषि पंप प्रदान करने की योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो योजना का विवरण बतायें और कटनी जिले में योजना के तहत, अब तक कुल कितने पंजीयन किये गये? कृषक संख्यावार, ग्रामवार एवं विकासखण्डवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले में कुल कितने सोलर पंप, कितने कृषकों को (क) अवधि में प्रदान किये गये एवं स्थापित किये गये कितने सोलर पंप किन कृषकों को दिया जाना वर्तमान में क्यों लंबित है? ग्रामवार, विकासखण्डवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (ग) से (घ) के तहत कृषकों को किन कंपनियों के सोलरपंप एवं उपकरण प्रदान किये गये? सत्यापन एवं गुणवत्ता परीक्षण के क्या मापदण्ड हैं? क्या इसके तहत पंपों एवं उपकरणों का सत्यापन एवं गुणवत्ता परिक्षण किया है? यदि हाँ, तो सत्यापन/ परीक्षण के क्या प्रतिवेदन रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा निम्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है :- 1) सोलर पम्प कार्यक्रम, 2) डी.डी.जी. कार्यक्रम, 3) सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना कार्यक्रम एवं 4) उजाला योजना। इन योजनाओं के अन्तर्गत कटनी जिले में वर्ष 2013-14 में किये गये कार्य, कार्य की लागत एवं वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। साथ ही नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये कटनी जिले की तहसील मुड़वारा ग्राम बहेलघाट में 04 मेगावाट क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजना लगाई जा रही है। इस परियोजना का विकास का कार्य मेसर्स सेलियंट पॉवर प्रोजेक्ट प्रा.लि. द्वारा किया जा रहा है। लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु, म.प्र. शासन की 'लघु जल विद्युत प्रोत्साहन नीति-2011' के प्रावधानों एवं मापदण्डों के तहत आमंत्रित प्रस्तावों के आधार पर परियोजना के विकास हेतु विकासकों को कार्य आवंटित किये जाते है। परियोजना की लागत लगभग रू. 06 करोड़ प्रति मेगावाट ऑकी गई है। (ख) पूर्व निर्धारित समयावधि में पूरे हो जाएंगे। लघु जल विद्युत परियोजना का कार्य दिसम्बर 2019 तक पूर्ण करने की संभावना है। (ग) जी हाँ। ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' के अन्तर्गत सिंचाई कार्य हेतु प्रदेश के किसानों को 1-3 एच.पी. तक के सोलर पम्पों पर 90 प्रतिशत एवं 3 एच.पी. तक के सोलर पम्पों की स्थापना पर 85 प्रतिशत अनुदान शासन द्वारा दिया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत कटनी जिले में प्रथम चरण में 237 एवं द्वितीय चरण में 114 किसानों से सोलर पम्प की स्थापना हेतु आवेदन प्राप्त हुये है, जिसका विवरण कृषकवार, ग्रामवार एवं विकासखण्डवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत प्रथम चरण में प्राप्त 237 आवेदनों के तहत सोलर पम्पों की स्थापना हेतु कार्योंदेश जारी किये गये हैं, जिनके विरूद्ध 40 सोलर पम्पों की स्थापना की जा चुकी है। शेष पम्पों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। स्थापित सोलर पम्पों का ग्रामवार, विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (ग) से (घ) के तहत कृषकों को निम्न कम्पनियों के सोलर पम्प प्रदाय किये जा रहे है:- 1. मेसर्स क्लेरा एनर्जी प्रा.लि., नई दिल्ली- 5एच.पी. (ए.सी.) एवं 2 एच.पी. (डी.सी.) सबमर्सिबल सोलर पम्प। 2. मेसर्स डायनामिक इलेक्ट्रोपॉवर प्रा.लि., भोपाल- 5 एच.पी. (डी.सी.) सबमर्सिबल सोलर पम्प। 3. मेसर्स रोटोमेग मोटर्स एण्ड कन्ट्रोल्स प्रा.लि., गुजरात- 2 एच.पी. (डी.सी.) सरफेस सोलर पम्प। 4. मेसर्स सोलेक्स एनर्जी प्रा.लि. गुजरात- 1 एच.पी. (डी.सी.) सबमर्सिबल सोलर पम्प। स्थापित सोलर पम्पों का सत्यापन रिमोट मॉनिटरिंग के द्वारा किया जाता है, जिससे पंप की निर्धारित गुणवत्ता का परीक्षण पारदर्शी व वस्तुपरक आधार पर की जा सकी। इसके अतिरिक्त विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारियों द्वारा भी गुणवत्ता का परीक्षण किया गया है। सोलर पम्पों की गुणवत्ता के संबंध में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकृत टेस्ट सेन्टरों से कम्पनियों को टेस्ट सर्टिफिकेट दिये जाते है और उन्ही के आधार पर विभाग द्वारा सोलर पम्पों का क्रय किया जाता है।
अनुसूचित जाति वार्डों में मांगलिक भवन निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
104. ( क्र. 4931 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के नगर पालिका ब्यावरा एवं नगर परिषद सुठालिया अंतर्गत विभाग के पास कौन-कौन से अनुसूचित जाति बाहुल्य वार्ड चिन्हित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर ब्यावरा एवं सुठालिया के चिन्हित वार्डों में अनुसूचित जाति वर्ग समुदाय के धार्मिक, सांस्कृतिक, वैवाहिक आदि अन्य प्रयोजन हेतु मांगलिक (सामुदायिक) भवन नहीं होने से अत्यंत असुविधा उठानी पड़ती है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त वार्डों में मांगलिक भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन नगर ब्यावरा एवं सुठालिया के अनुसूचित जाति बाहुल्य वार्डों में मांगलिक भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राजगढ़ जिले की नगर पालिका ब्यावरा एवं नगर परिषद सुठालिया अंतर्गत वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 40 प्रतिशत या उससे अधिक अनुसूचित जाति बाहुल्य वार्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। नगर पालिका ब्यावरा में पूर्व से ही मांगलिक भवन निर्मित है। जिले की बजट आवंटन की सीमा में योजना के प्रावधान अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है। योजना निरंतर है। (ग) बजट आवंटन की सीमा में योजना के प्रावधान अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है। योजना निरंतर है। विभाग अंतर्गत वार्डवार मांगलिक भवन निर्माण हेतु पृथक से कोई प्रावधान नहीं है।
कार्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
105. ( क्र. 4932 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5519 दिनांक 10 मार्च, 2017 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना ब्यावरा का कार्यालय पुराने एवं अस्पताल भवन में संचालित हैं? इस भवन में दो हाल, एक कमरा एवं एक बरामदा उपलब्ध हैं एवं पुराना भवन होने से वर्षाकाल में अतिवर्षा के कारण पानी रिसाव होता हैं, तत्समय पानी के रिसाव से कार्यालयीन अभिलेख, फर्नीचर आदि का संरक्षण वैकल्पिक व्यवस्था कर किया जाता हैं? तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्यालय हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु कोई प्रावधान किया गया है अथवा नहीं? (ख) उपरोक्तानुसार क्या इसी प्रकार एकीकृत महिला बाल विकास परियोजना सुठालिया जिला राजगढ़ का कार्यालय भी किराये के भवन में संचालित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन एकीकृत बाल विकास परियोजना ब्यावरा एवं सुठालिया को सुव्यवस्थित कार्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा, ताकि अधिकारी-कर्मचारियों को कार्य करने में व विभागीय गतिविधियों के संचालन में सुगमता तथा अभिलेखों का संरक्षण हो सके? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। एकीकृत बाल विकास परियोजना सुठालिया का कार्यालय किराये के भवन में संचालित है। निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
विशेष केन्द्रीय मद एवं 275 एक मद से आवंटन एवं वितरण की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
106. ( क्र. 4935 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 वर्ष 2016-17 वर्ष 2017-18 में भारत सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार को विशेष केन्द्रीय मद एवं 275 एक मद से कितना आवंटन दिया वर्षवार जानकारी देवें (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन में से डिण्डौरी जिले की परियोजनाओं को कौन-कौन से कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि कब-कब जारी की गयी वर्षवार बतावें। (ग) प्रदाय की गई राशि के विरूद्ध कौन-कौन से कार्य किये गये हैं वर्षवार प्रगति की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) परियोजना डिण्डौरी अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 में किये गये कार्य एवं राशि का विवरण तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 में स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
बिजली चोरी करवाने
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 4938 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पश्चिम विद्युत क्षेत्र वितरण कम्पनी के वितरण केन्द्र अरनियाकलॉ के ग्राम गुरदाखेड़ी व डाबरी में वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक कितने उपभोक्ताओं ने विद्युत पम्पों के लिए अस्थाई कनेक्शन लिये वर्षवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों के उपभोक्ताओं से वर्ष 2017-18 में भेदभाव पूर्ण अस्थाई कनेक्शन की राशि जमा क्यों करायी गयी जबकि विशिष्ट वर्ग के उपभोक्ताओं के अस्थाई कनेक्शन की राशि जमा क्यों नहीं करायी गयी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इंदौर के वितरण केन्द्र अरनियाकलॉ के ग्राम गुरदाखेड़ी व ग्राम डाबरी में वर्ष 2014-15 से 2017-18 (फरवरी-2018 तक) किसानों ने विद्युत पम्पों के लिए क्रमशः कुल 82 एवं 72 इस प्रकार कुल 154 अस्थाई विद्युत कनेक्शन लिये थे, जिसकी वित्तीय वर्षवार, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है वर्षवार विस्तृत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'अ-1' से प्रपत्र-'अ-4' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वितरण केन्द्र अरनियाकलॉ के ग्राम गुरदाखेड़ी व ग्राम डाबरी में वर्ष 2017-18 में भेदभाव पूर्ण रुप से अस्थाई कनेक्शन की राशि जमा नहीं करायी गयी है, अपितु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए जारी विद्युत टेरिफ आदेश में उल्लेखित कृषि प्रयोजन हेतु अस्थाई कनेक्शन प्रदान करने के लिए उल्लेखित दरों एवं राज्य शासन के आदेश दिनांक 03.11.2017 से सूखा के दृष्टिगत मात्र 2 माह की राशि के अग्रिम भुगतान की व्यवस्था अनुसार ही विद्युत उपभोक्ता से चाहे गये भार के लिये राशि जमा करायी गयी है। कृषि प्रयोजन हेतु अस्थाई कनेक्शन देने में “विशिष्ट वर्ग” के विद्युत उपभोक्ता संबंधी कोई श्रेणी का उल्लेख म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए जारी विद्युत टेरिफ आदेश में नहीं है। अतः भेदभाव पूर्ण तरीके से कम या अधिक राशि जमा कराये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
108. ( क्र. 4940 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिले के विकासखण्ड कालापीपल एवं शुजालपुर में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों को निर्माण करने के लिए क्या कोई समय अवधि तय की गई है? यदि तय की गई है तो कौन से वित्तीय वर्ष तक राशि आवंटित कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) शाजापुर जिले के विकासखण्ड कालापीपल एवं शुजालपुर में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना सभंव नहीं है।
वेतन निर्धारण के संबंध मे
[सामान्य प्रशासन]
109. ( क्र. 4944 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा दैनिक वेतन भोगी से विनियमित किये स्थायीकर्मियों के, संविदा कर्मचारियों को कितनी श्रेणी में बांटा गया है तथा श्रेणी अनुसार उनके वेतन की कलेक्टर दरें क्या हैं? दिनांक 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले की जानकारी मय पत्र एवं परिपत्र के प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार कुशल एवं उच्च कुशल श्रेणी के कर्मचारियों के लिये निर्धारित योग्यता का विवरण प्रस्तुत करें? (ग) उज्जैन जिले के अंतर्गत शासकीय कार्यालयों/निगम/ मण्डलों/स्थानीय निकायों द्वारा दिनांक 01-01-2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, संविदा कर्मचारियों को उच्च कुशल श्रेणी के वेतन का भुगतान किया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की मांगों के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
110. ( क्र. 4947 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत चार वर्षों में प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में कर्मचारियों के द्वारा नियमितीकरण, वेतन वृद्धि हेतु धरने प्रदर्शन, हड़तालें कर ज्ञापन सौपें है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन मार्गों को पूर्ण किया गया है तथा किन मार्गों को पूर्ण नहीं किया गया है उसका कारण बतावें (ग) वंचित विभाग के कर्मचारियों की मांगों को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) आकस्मिक एवं कार्यभारित सेवा के कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 31.08.2016 द्वारा अनुकंपा नियुक्ति, स्थानांतरण की सुविधा एवं वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 21.09.2016 द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। दिनांक 07.10.2016 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी घोषित करने के निर्देश देते हुए वेतनमान, वेतनवृद्धि, महंगाई भत्ता एवं उपादान की सुविधा दी गई है।
सौलर प्लांट निर्माण में खरीदे गये पेट्रोलियम पदार्थों के संबंध में
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
111. ( क्र. 4948 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रूनिजा में स्थित सौलर प्लांट का कार्य किन-किन कंपनियों द्वारा कितने-कितने मेगावाट का निर्माण किया गया है? कंपनीवार जानकारी देवें। (ख) उक्त प्लांट में उपयोग में ली जा रही क्राउलर, बोरिंग मशीन, जेसीबी, पोकलेन एवं अन्य वाहनों हेतु पेट्रोलियम (पेट्रोल, डीजल) का उपयोग प्लांट प्रारंभ होने से जुलाई 2017, तक कहाँ से खरीदा गया? (ग) क्या उक्त कंपनियों द्वारा म.प्र. में स्थापित होने के बाद भी राजस्थान से डीजल खरीदने से क्या म.प्र. शासन को वेट टैक्स या राजस्व की हानि हुई है? (घ) यदि हाँ, तो कंपनियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है, या की जावेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) रूनिजा में एन.टी.पी.सी. द्वारा 250 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। (ख) प्राप्त जानकारी अनुसार पेट्रोल व डीजल मध्यप्रदेश से व वाहनों की आवश्यकता अनुसार राजस्थान से खरीदा गया है। (ग) यह प्रावधानित नहीं है कि डीजल मध्यप्रदेश से ही खरीदा जाए। अत: मध्यप्रदेश शासन को हानि का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा आयोग की परीक्षा के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
112. ( क्र. 4949 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा दि. 18/2/2018 को राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो दतिया जिले में कितने परीक्षा केन्द्र बनाये गये, उक्त परीक्षा केन्द्र निर्धारण हेतु अनुशंसा पत्र किसके द्वारा लिखे गये? उसका नाम/पद सहित जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) की परीक्षा में दतिया जिले के परीक्षा केन्द्रों पर कितने परीक्षार्थी उपस्थित हुये? कितने परीक्षार्थियों ने उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर किये? हस्ताक्षरित उपस्थिति पत्रको की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ग) उक्त परीक्षा का नोडल अधिकारी किसे बनाया गया? नाम/पद सहित नोडल अधिकारी बनाने के लिये अनुशंसा करने वाली नस्ती की प्रतियां सहित समस्त केन्द्रो के केन्द्राध्यक्ष, सहायक केन्द्राध्यक्ष, प्रेक्षक, पर्यवेक्षक आदि कर्मचारियों की केन्द्र पर नियुक्ति, पद/नाम सहित सूचियां, केन्द्र पर नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा भरे गये घोषणा पत्रों की प्रतियां सहित संपूर्ण विवरण प्रदान करें? (घ) प्रश्नांश (क) की परीक्षा हेतु प्रेक्षक, केन्द्राध्यक्ष, सहायक केन्द्राध्यक्ष पर्यवेक्षक आदि की नियुक्ति का आधार क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दतिया जिले की विद्युत व्यवस्था बावत्
[ऊर्जा]
113. ( क्र. 4950 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर में दि. 26 जनवरी 2017, दि. 15 अगस्त 2017, दि. 1 नवंबर 2017, दि. 26 जनवरी 18 आदि राष्ट्रीय पर्वों पर कार्यक्रमों के बीच में लाईट गुल हुई है और उसी दौरान क्रेशरो को निरंतर सप्लाई रही है? (ख) क्या इस अव्यवस्था को लेकर प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को पत्र लिखकर कार्यवाही हेतु लेख किया था, यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई? उसकी जांच प्रतिवेदन सहित उपलब्ध करायें? (ग) दतिया जिले में शहरी एवं ग्रामीण विद्युत सप्लाई के क्या निर्देश हैं? कटौत्री का क्या शिड्यूल है? दि. 1 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक का उपलब्ध करायें? (घ) दतिया जिले के अंतर्गत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के कार्यालयों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं और उनके विरूद्ध कौन-कौन पदस्थ हैं? नियमित एवं संविदा पर कार्यरत, की जानकारी संभाग/उप संभाग/वितरण केन्द्रवार उपलब्ध करायें? दतिया संचा./संधा. संभाग में नियमित/संविदा का आधार क्या है? दिनांक 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन को रखा और निकाला गया तथा वर्तमान में कौन-कौन कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं? समय-समय पर निकाले गये रिक्तियों की सूचना समाचार पत्रों में कराई गई, प्रकाशित प्रतियों को भी उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दिनांक 26 जनवरी 2017 को उपलब्ध अभिलेख के अनुसार, मुख्य कार्यक्रम स्थल/कार्यक्रम के बीच विद्युत प्रदाय बन्द नहीं हुआ है। 15 अगस्त 2017 को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मेला ग्राउण्ड से निर्गमित 11 के.व्ही. रेस्ट हाउस फीडर का विद्युत प्रदाय तकनीकी खराबी के कारण सुबह 09:03 बजे से 09:55 बजे तक बंद रहा था, जबकि 11 के.व्ही. क्रेशर फीडर से क्रेशरों को दिये जाने वाले विद्युत प्रदाय में कोई व्यवधान नहीं आया था। तत्काल आवश्यक सुधार कार्य कर उक्त रेस्ट हाउस फीडर से विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया था। 01 नवम्बर-2017 को प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय बाधित नहीं हुआ है। 26 जनवरी 2018 को प्रात: 4:59 बजे से 11:50 बजे तक 220 के.व्ही. उपकेन्द्र से तकनीकी खराबी के कारण भाण्डेर उपसंभाग के सभी क्षेत्रों का उक्त क्रेशर फीडर सहित विद्युत प्रदाय बंद हुआ था। राष्ट्रीय पर्वों/ मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर भाण्डेर मुख्यालय स्थित कार्यक्रम स्थल पर 33/11 के.व्ही. मेला ग्राउण्ड उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. रेस्ट हाउस फीडर से विद्युत प्रदाय तथा प्रश्नाधीन क्षेत्र में क्रेशरों को उक्त उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. क्रेशर फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) उप महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) दतिया कार्यालय में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ग) दतिया जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में शहरी/ग्रामीण क्षेत्रो में गैर कृषि फीडरों पर 24 घण्टे एवं कृषि फीडरों पर 3 फेज़ पर 10 घण्टे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय करने के निर्देश है वर्तमान में प्राकृतिक आपदा/तकनीकी कारणों एवं मेन्टेनेंस कार्य हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर उक्तानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है, अत: तत्संबंधी विवरण दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) दतिया जिले के कार्यालयों में स्वीकृत पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं उनके विरुद्ध संभाग/उप संभाग/वितरण केन्द्रवार पदस्थ नियमित एवं संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की संगठनात्मक संरचना राज्य शासन, के आदेश दिनांक 09.06.2011 द्वारा स्वीकृत हुई थी। इस संगठनात्मक संरचना में स्वीकृत नियमित एवं संविदा के पदों पर भर्ती राज्य शासन के अनुमोदन उपरांत एवं रिक्तियों की उपलब्धता तथा आवश्यकतानुसार कंपनी स्तर पर एकजाई रूप से की जाती है जिसके अंतर्गत दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले में पदस्थ किये गये कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। उक्त अवधि में दतिया जिले में कार्यरत किसी भी नियमित/संविदा कर्मचारी को निकाला नहीं गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में जिलेवार भर्तियां नहीं की जाती है। कंपनी अंतर्गत कुल रिक्तियों हेतु चरणबद्ध भर्ती के विज्ञापन कंपनी स्तर से प्रकाशित किये जाते हैं। दतिया जिले की संविदा/नियमित पद की रिक्तियों हेतु पृथक से कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया। अत: प्रश्न नहीं उठता।
अ.जा./अ.ज.जा. के अधि./कर्म. को पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था के संबंध में.
[सामान्य प्रशासन]
114. ( क्र. 4953 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अधिकारियों/कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने का मामला उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में म.प्र. शासन द्वारा याचिका लगाई गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो म.प्र. शासन द्वारा याचिका दिनांक से वर्तमान समय तक उच्चतम न्यायलय में किस-किस दिनांक को अपना पक्ष रखते हुए पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने की पहल की गई है तथा उक्त प्रकरण की सुनवाई हेतु किन-किन वकीलों को शासन की तरफ से तर्क करने हेतु नियुक्त कर रखा गया है उनके नाम सहित एवं वर्तमान समय तक संबंधित वकीलों को दी गई फीस का विवरण सहित अद्यतन जानकारी से अवगत करावें? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी, द्वारा दिनांक 12 जून, 2016 को अजाक्स की आयोजित सभा में पहुँच कर पदोन्नति में आरक्षण ख़त्म नहीं करने की तथा यह घोषणा की गई थी कि मंत्री स्तरीय कमेटी बनाकर उनसे प्राप्त सुझाव के आधार पर सदन में ठोस कानून बनाकर पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था लागू रखने का संकल्प लिया गया था? यदि हाँ, तो वर्तमान समय तक, की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (घ) क्या समयावधि में निर्णय नहीं लिए जाने/ठोस क़ानून नहीं बनाये जाने से वर्तमान समय तक कितने अधिकारी/कर्मचारी पदोन्नति से वंचित हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) समिति से प्रतिवेदन अप्राप्त। (घ) पदोन्नति की कार्यवाही नहीं होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
अवैध शराब का विक्रय
[वाणिज्यिक कर]
115. ( क्र. 4955 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध शराब का विक्रय रोकने हेतु शासन की क्या नीति, नियम, निर्देश हैं? क्या इन नियम नीतियों का पालन नरसिंहपुर जिले में किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? संपूर्ण जिले में गांव-गांव अवैध शराब बिक्री हेतु कौन जिम्मेदार है? (ख) वर्ष जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक नरसिंहपुर जिले में कहाँ-कहाँ अवैध शराब विक्रय, भण्डारण और आबकारी एक्ट अंतर्गत कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? प्रकरणवार जानकारी दें। इन मामलों को कब माननीय न्यायालयों में प्रस्तुत किया गया है और किन-किन प्रकरणों का निराकरण कराया गया? (ग) नरसिंहपुर जिले में गांव-गांव में बिक रही अवैध शराब, अवैध भण्डारण आदि के संबंध में क्या विभाग विशेष निर्देश देकर अभियान चलाकर समुचित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) गोटेगावं विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 3 वर्षों में जनता, जनप्रतिनिधियों ने किन-किन ग्रामों में अवैध शराब बिक्री पर रोक, दुकानों को हटाने की लिखित मांग की है? उन पर क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अवैध शराब का विक्रय रोकने हेतु मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 में वर्णित नियमों/प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जानी है। आबकारी अधिनियम 1915 में वर्णित नियमों एवं प्रावधानों का पालन नरसिंहपुर जिले में किया जा रहा है। अवैध शराब की बिक्री पर रोकथाम हेतु आबकारी विभाग द्वारा सतत् निगरानी एवं कार्यवाही की जाती है। (ख) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कायम प्रकरणों की सूची विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नरसिंहपुर जिले में अवैध शराब बिक्री पर अंकुश लगाये जाने के संबंध में आबकारी एवं पुलिस विभाग में पदस्थ कार्यपालिक मैदानी अधिकारियों द्वारा नियमित गश्त देकर, संदिग्ध वाहनों की आकस्मिक जांच की जाकर एवं सूचना प्राप्त होने पर मदिरा का अवैध व्यवसाय करने वालों के विरूद्ध निरंतर कार्यवाही करने के साथ-साथ शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही कर मदिरा के अवैध निर्माण, धारण, परिवहन एवं विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण रखा जाता है। साथ ही आबकारी विभाग के द्वारा विभागीय दल गठित किया जाकर, सामूहिक रूप से विशेष अभियान चलाया जाकर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों को सूचना प्राप्त होने पर, उनके द्वारा मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) एवं 34 (2) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर, सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये जाते है। (घ) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 3 वर्षों में जनता/जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्राम जमुनिया, सूरवारी एवं छीताघाट में अवैध मदिरा विक्रय की शिकायत की गयी थी। विभाग द्वारा शिकायतों की जांच कर उन ग्रामों में मदिरा विक्रय करने वालों के विरूद्ध प्रकरण कायम किये गये हैं। जनता/जनप्रतिनिधियों द्वारा देशी मदिरा दुकान बगासपुर, देशी मदिरा दुकान बैलहाई बाजार (आजाद वार्ड) एवं देशी मदिरा दुकान खमरिया को हटाने/बंद करने की शिकायत की गयी थी। शिकायतों की जांच पर देशी मदिरा दुकान खमरिया मध्यप्रदेश आबकारी नीति के निर्देशों के अंतर्गत बंद की गयी है एवं अन्य दुकानों के अवस्थिति मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 में उल्लेखित प्रावधानों एवं मदिरा दुकान अवस्थापना संबंधी नियमों एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप संचालित होने के कारण उपरोक्त मदिरा दुकानों को विस्थापित/बंद नहीं किया गया है।
आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी का सृजन
[महिला एवं बाल विकास]
116. ( क्र. 4957 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु शासन के क्या दिशा-निर्देश है? कितनी जनसंख्या एवं दूरी पर आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का प्रावधान हैं? नियम सहित बतावें? (ख) क्या शासन द्ववारा लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व समस्त विधायकों से विधानसभा क्षेत्र में मिनी आंगनवाड़ी एवं आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु प्रस्ताव मांगे गये थे? यदि हाँ, तो गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में परिप्रेक्ष्य में मंगाये गये प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोल दिये जावेगें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तावित आंगनवाड़ी केन्द्र व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति यदि शासन द्वारा दी जा चुकी है तो क्या शासन द्वारा शासकीय भवनों को चिन्हित कर लिया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में प्रस्तावित की गई आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केंन्दों में से कितनी की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? शेष की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के भारत सरकार द्वारा जनसंख्या मापदण्ड निर्धारित किये गये है। इन जनसंख्या मापदण्डों की पूर्ति होने पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। दूरी के आधार पर आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक जी के विधानसभा क्षेत्र गोटेगॉव से 05 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 02 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के प्रस्ताव प्राप्त हुये थे। प्रस्तावित आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्वीकृति प्रदान करते हुये उक्त केन्द्र संचालित किये जा चुके है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में 01 आंगनवाड़ी केन्द्र कछारटोला ग्रा.प. गाडरवारा में शासकीय भवन निर्माण हेतु मनरेगा द्वितीय फेस में भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। भवन निर्माण की कार्यवाही वित्तीय संसाधनो की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
समस्त विभागों में बैकलॉग के स्वीकृत रिक्त पदों की पूर्ति करना
[सामान्य प्रशासन]
117. ( क्र. 4960 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्वास्थ्य विभाग, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, पशु चिकित्सा, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, गृह विभाग में कुल कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं तथा कुल स्वीकृत पदों में से कितने पदों पर वर्तमान में कर्मचारी अधिकारी पदस्थ हैं तथा कुल कितने पद बैकलॉग के रिक्त हैं? क्या कारण है कि इन रिक्त पदों कि पूर्ति शासन द्वारा नहीं की जा रही है? (ख) क्या कोई कर्मचारी/अधिकारी अपने मूल विभागों में पद रिक्त होने के उपरान्त अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किये गये हैं? हाँ तो कौन-कौन हैं तथा इन्हें अन्य विभाग में पदस्थ करने का क्या कारण है तथा यह भी बताने का कष्ट करेंगे कि इन बैकलॉग रिक्त पदों की पूर्ति शासन द्वारा कब तक की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। संबंधित विभागों में जिला संवर्ग के पदों की भर्ती हेतु आरक्षण रोस्टर जिला स्तर पर संधारित होने से विधानसभा क्षेत्रवार बैकलॉग के रिक्त पद दर्शाये जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। बैकलॉग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंजीकृत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
118. ( क्र. 4966 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंजीकृत हुए थे? उनके नाम और पते क्या थे? (ख) वर्तमान में इनमें से कितने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जीवित है? (ग) क्या स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को शासन द्वारा कोई सुविधा प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो क्या?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 280 ''सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार। (ख) 2 सेनानी जीवित है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ख’’ अनुसार।
विभाग की झूलाघर योजना की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
119. ( क्र. 4967 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा झूलाघर संचालित किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो यह योजना क्या है? (ख) उज्जैन जिले में कितने झूलाघर संचालित किये जा रहे हैं और इनमें कितने बच्चें पंजीकृत हैं? (ग) शासन द्वारा इन झूलाघरों को कितना बजट दिया गया है और कितना खर्च किया गया? पिछले 3 वर्षों की जानकारी प्रदान करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ विभाग द्वारा दिनांक 01.01.2017 से राष्ट्रीय झूलाघर योजना का संचालन भारत शासन के निर्देशानुसार किया जा रहा है। योजना के दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले में वर्तमान में कोई भी झूलाघर संचालित नहीं किया जा रहा है। (ग) दिनांक 01.01.2017 के पूर्व झूलाघर योजना म.प्र. राज्य समाज कल्याण बोर्ड, भोपाल के द्वारा संचालित की जा रही थी। राज्य समाज कल्याण बोर्ड के द्वारा उज्जैन जिले में संचालित झूलाघरों के लिये जारी की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
मिनी आंगनवाड़ी को पूर्ण आंगनवाड़ी में विकसित करना
[महिला एवं बाल विकास]
120. ( क्र. 4973 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 1 जनवरी, 2018 की स्थिति में कुल कितने आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? ग्राम का नाम, आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी, केन्द्र का नाम बच्चों की संख्या सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार ऐसे कितने एवं कौन-कौन से मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र है? जिनकों पूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जा सकता है? उक्त मिनी आंगनवाड़ियों को पूर्ण आंगनवाड़ी में कब तक विकसित करा दिया जावेगा? (ग) भितरवार विधानसभा में ऐसे कौन-कौन सी पंचायतों में कौन-कौन से मजरा, टोला एवं गाँव हैं, जो आंगनवाड़ी विहीन हैं और वहाँ मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जा सकता है ग्राम, मजरा वाईज सूची दें? इन ग्राम मजरों में अभी तक मिनी आंगनवाड़ी क्यों नहीं खोली गई, इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं, उनके नाम तथा पद बतावें? अब कब तक मिनी आंगनवाड़ी खोल दी जावेगी? (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं, उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी, 2018 की स्थिति में कुल 312 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 25 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र है। आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की ग्रामवार, केन्द्रवार तथा दर्ज बच्चों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार वर्तमान में 02 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र है जो आंगनवाड़ी केन्द्र के मापदण्डों की पूर्ति करते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भारत सरकार के निर्देशों में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र के आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन/विकसित किये जाने का प्रावधान नहीं है अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र की आंगनवाड़ी विहीन ग्राम पंचायतों की ग्राम/मजरा/टोलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के पूर्ण होने पर दी जाती है। इसके लिये कोई भी अधिकारी/ कर्मचारी दोषी नहीं है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी की नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
विभागीय जांच की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
121. ( क्र. 4974 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री वाय.के. डोंगरे प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर बालाघाट तत्कालीन प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय बिरसा/बैहर जिला बालाघाट के वित्तिय अनियमितता एवं पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने के फलस्वरूप उन्हें म.प्र. सिविल सेवा नियम 1966 के अन्तर्गत शासन के ज्ञापन क्रमांक एफ16-3/ 2017/1/25 दिनांक 21/03/2017 द्धारा आरोप पत्र जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो आरोप पत्र की प्रतिलिपि, विभागीय जांच हेतु नियुक्त जांचकर्ता अधिकारियों के नियुक्ति/आदेश पत्र की प्रतिलिपि एवं विभागीय जांच किस दिनांक को प्रारम्भ किया गया और वर्तमान में जांच की क्या स्थिति है? (ग) क्या प्रारम्भिक जांच में वित्तिय अनियमितता जैसे गंभीर आरोप प्रमाणित होने के बाद भी श्री वाय.के. डोंगरे प्राचार्य को वित्तिय प्रभार देना सही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) श्री डोगरे को दिनांक 21/03/2017 को आरोप पत्र जारी किये गये थे। श्री डोंगरे द्वारा आरोप पत्रादि के संबंध में प्रस्तुत प्रतिवाद उत्तर पर आयुक्त जनजाति कार्य विकास मध्यप्रदेश से दिनांक 03/03/2018 को अभिमत प्राप्त हो चुका है, इस पर निर्णय लेने की कार्यवाही प्रचलन में है। जांच के पश्चात गुण-दोष के आधार पर आरोपी पर कार्यवाही की जोयगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनवाड़ी केन्द्रों के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
122. ( क्र. 4977 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले के घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों के लिए क्या-क्या सामग्री कहाँ-कहाँ से प्रदाय की जाती हैं? सामग्री का नाम, दर एवं प्रदायकर्ता/संस्था का नाम तथा गुणवत्ता की जांच किस एजेन्सी/सक्षम अधिकारी द्वारा की जाती है? (ख) उज्जैन जिले के घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के प्रस्ताव शासन/विभाग स्तर पर लंबित हैं? कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) उज्जैन जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के कितने पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों को कब तक भरा जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन जिले के घट्टिया विधासनभा क्षेत्रांतर्गत म.प्र.लघु उद्योग निगम/DGS&D में अनुबंधित इकाईयों के माध्यम से प्री-स्कूल किट, मेडिसिन किट, वॉटर फिल्टर, वेइंग स्केल, इन्फेन्टो मिटर एवं स्टेडियो मीटर आदि प्रदाए किए जाते है। सामग्री का नाम, सामग्री की दर, प्रदायकर्ता एजेंसी तथा गुणवत्ता की जांच एजेंसी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' पर है। (ख) उज्जैन जिले की घटिया विधानसभा क्षेत्र में खोले जाने वाले नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' पर है। आंगनवाड़ी केन्द्रों को खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उज्जैन जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 30 एवं आंगनवाड़ी सहायिका के 31 पद रिक्त है। सेवानिवृत्ति/त्याग पत्र/सेवा से पृथक किये जाने से पद रिक्त होते है। पदों की रिक्ति एवं पूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना
[ऊर्जा]
123. ( क्र. 5006 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना, सौभाग्य योजना अंतर्गत प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक सागर जिले में कितने विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये? (ख) सौभाग्य योजनांतर्गत नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में विभाग द्वारा किन-किन ग्रामों में इस योजना के तहत घरों को कनेक्शन प्रदान किये गये? (ग) सौभाग्य योजनान्तर्गत नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया बुजुर्ग एवं नगरयावली विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों से कितने आवेदन विभाग को प्राप्त हुए? (घ) सौभाग्य योजनान्तर्गत/नगरपालिका मकरोनिया एवं विधानसभा क्षेत्र नरयावली अंतर्गत विकासखण्ड सागर एवं राहतगढ़ में कितने हितग्राहियों को कनेक्शन प्रदान किये?, विकास खण्डवार संख्या देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला सागर में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजनांतर्गत दिनांक 11.10.17 से 03.03.18 तक कुल 23454 विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना में अविद्युतीकृत घरों को दिये गये कनेक्शनों की विकासखण्डवार ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सौभाग्य योजनांतर्गत नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया बुजुर्ग एवं नरयावली विधानसभा क्षेत्र के किसी भी ग्राम से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुये हैं, अपितु योजना में दिये गये निर्देशों के अनुसार सर्वेक्षण के दौरान पात्र पाये गये हितग्राहियों को कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। (घ) सौभाग्य योजनांतर्गत नगर पालिका मकरोनिया एवं विधानसभा क्षेत्र नरयावली अंतर्गत विकासखण्ड सागर में 759 एवं राहतगढ़ में 499 हितग्राहियों को कनेक्शन प्रदान किये गये हैं।
योजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
124. ( क्र. 5008 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले के अंतर्गत नरयावली विधानसभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक विभाग में कौन-कौन सी योजनाओं में हितग्राहियों को लाभांवित किया गया हैं? ग्रामवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनओं के कितने आवेदन विभाग में लंबित हैं तथा वर्णित लंबित आवेदनों का कब तक निराकरण होगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सागर जिलें की नरयावली विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2016-2017 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा निम्नलिखित योजनाओं में हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। 1. लाड़ली लक्ष्मी योजना 2. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ग्रामवार, विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 1. लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। 2. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत जिले में 10727 आवेदन PMMVY-CAS में (फीड) पंजीयन किये जा चुके है। जिसके भुगतान की प्रक्रिया निरंतर चल रही है। नरयावली विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2016-17 के इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के 1525 प्रकरणों का योजना की शर्तों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण किया जा रहा है। भुगतान की प्रक्रियागत कार्यवाही होने से समयावधि देना संभव नहीं है।
वित्त अनियमितता करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
125. ( क्र. 5015 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त जानजातीय कार्य विभाग भोपाल में सहायक ग्रेड-1 के पद पर कार्यरत विकलांग कर्मचारी की नियुक्ति बिना विज्ञापन जारी किए तथा रोजगार कार्यालय से नाम बुलाए बगैर संचालक हरिजन विकास भोपाल में निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर आदेश क्रमांक/स्था/238/ 4528/दिनांक 24/03/1983 को की गई थी? यदि हाँ, तो तत्समय कर्मचारी द्वारा 1982 में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण तथा हिन्दी मुद्रलेखन अनुत्तीर्ण होना बताया जाकर अब बैगर विभागीय अनुमति तथा यू.जी.सी. के नियमों के विरूद्ध स्नातकोत्तर, पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की गई? (ख) यदि हाँ, तो क्या आयुक्त अनुसूचित जाति विकास के आदेश क्रमांक/स्था/2/न.क्र.11/2016/1792 दिनांक 08 जून, 2010 को निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो इतनी अधिक अनियमितता के मामले उजागर होने पर क्या शासन द्वारा नियमानुसार जांच कराकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अभियोजन लम्बित की कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
126. ( क्र. 5016 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में पदस्थ आई.ए.एस. तथा आई.पी.एस. अधिकारियों के विरूद्ध किन-किन आरोपो के तहत शासन स्तर पर अभियोजन की कार्यवाही विगत 5 वर्षों की स्थिति में लम्बित है? उनके नाम पद सहित यह भी अवगत करावें कि आरोप सिद्ध होते समय किस-किस पद पर किस-किस विभाग में पदस्थ थे और वर्तमान में किस-किस पद पर किस-किस विभाग में पदस्थ हैं? (ख) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल संभाग के अंतर्गत पदस्थ किन-किन प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त की छापामार कार्यवाही की गई और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में भ्रष्टाचार पारित करने, अनियमितता के प्रकरण किन-किन के विरूद्ध कब-कब पंजीबद्ध किए गए और विभागीय स्तर पर किन-किन मामलों को लेकर जांचे संस्थित की गई? अधिकारियों के नाम व पद सहित प्रकरणवार वर्षवार संभाग व जिलेवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध कब-कब दोष सिद्ध हुए, दोषमुक्त हुए या आपसी समझौते/राजीनामे के आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुरैना किशोर संरक्षण भवन में अव्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
127. ( क्र. 5020 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले में समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत विवाद ग्रस्त तथा कानूनी विवाद में पड़े बच्चों के समग्र कल्याण एवं पुनर्वास के कितने प्रकरणों में किशोर न्याय द्वारा वर्ष 2016, 2017 में निराकरण किया गया? (ख) मुरैना जिले के किशोर न्याय हेतु कितने बालकों के रहने की व्यवस्था है तथा इनकी देख-रेख हेतु कितने कर्मचारी किस-किस पद पर पदस्थ है? (ग) क्या उक्त केन्द्र में बालकों के रहने हेतु पर्याप्त जगह, भवन नहीं होने से बालकों को काफी परेशानी रहती है विभाग अतिरिक्त भवन, कक्ष कब तक बन पायेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मुरैना जिले में किशोर न्याय बोर्ड द्वारा वर्ष 2016 में 358 एवं वर्ष 2017 में 125 कुल 483 प्रकरणों का निराकरण किया गया। (ख) बाल सम्प्रेक्षण गृह में 50 बच्चों को रखे जाने की क्षमता है। इनकी देख-रेख हेतु निम्नानुसार कर्मचारी पदस्थ है-
क्रमांक |
कर्मचारी का नाम |
पदनाम |
1 |
श्री उमेश सिंह यादव |
हाउस मास्टर |
2 |
श्री रविन्द्र नागर |
सहायक वर्ग-3 |
3 |
श्री प्रेम बाबू |
भृत्य |
4 |
श्री जगदीश लाल |
रसोईया |
(ग) जी नहीं। बाल सम्प्रेक्षण गृह में पर्याप्त जगह उपलब्ध है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 5025 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ के समस्त विधानसभा क्षेत्र में सौभाग्य योजना के अंतर्गत कितने ग्रामों में लाइट (बिजली) लगाने हेतु प्रस्ताव विभाग को दिये गये हैं? ग्रामवार बतावें एवं उन ग्रामों में कब तक लाइट लगा दी जावेगी? (ख) विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में ऐसे कौन-कौन से गांव हैं जहां पर बिजली नहीं है और ऐसे कितने गांव है जहाँ पर बिजली तो है लेकिन ट्रान्सफार्मर नहीं है? ट्रांसफार्मर न होने का क्या कारण है? उन ग्रामों में कब तक बिजली के ट्रांसफार्मर रखवा दिये जायेंगे। (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां पर ट्रांसफार्मर न होने के बाद भी बिजली के बिल दिये जा रहे हैं? अगर हां, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? जिम्मेदार अधिकारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा? अगर हां, तो क्या और कब तक? (घ) जिन ग्रामीणों के बिल बिना ट्रांसफार्मर के दिये गये हैं उनके बिलों के भुगतान पर विभाग रोक लगायेगा? अगर हां, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) टीकमगढ़ जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत 715 ग्रामों के विद्युत विहीन घरों में विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) आर.ई.सी. लिमिटेड को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। उक्त प्रस्तावित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत उक्त कार्यों को पूर्ण करने की निर्धारित तिथि दिसंबर-2018 है। (ख) पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्राम विद्युतीकृत एवं सभी ग्रामों में ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। ट्रांसफार्मर की स्थापना अथवा भारवृद्धि का कार्य विद्युत भार के दृष्टिगत तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर आवश्यकता अनुसार किया जाता है। आवश्यकता नहीं होने पर ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किया जाता है, अतः प्रश्न नहीं उठता। (ग) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में ऐसा कोई ग्राम नहीं है जहाँ बिजली का उपयोग किये बिना बिजली के बिल जारी किये जा रहे हों। त्रुटिवश यदि बिल जारी हो जाता है तो शिकायत प्राप्त होने पर जांच कर तत्काल शिकायत का निराकरण कर दिया जाता है तथा दोषी पर नियमानुसार कार्यवाही भी की जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
बस्ती विकास योजना अंतर्गत कार्यों का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
129. ( क्र. 5035 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले में बस्ती विकास योजना के अंतर्गत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट का आवंटन हुआ एवं आवंटित बजट का व्यय किन-किन कार्यों में किया गया? वित्तीय वर्षवार कार्यवार पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें ! (ख) उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बस्ती विकास योजानान्तर्गत उक्त अवधि में क्या-क्या कार्य किये गये? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बस्ती विकास योजना से किन-किन निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन हेतु अनुशंसा की है? अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त आवंटन, व्यय एवं कार्यों की वर्षवार, कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास नियम 2017 में निहित प्रावधान एवं वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्राप्त आवंटन की सीमा में कार्य स्वीकृत किये गये हैं।
देशी-विदेशी मदिरा का विक्रय
[वाणिज्यिक कर]
130. ( क्र. 5044 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर किस-किस के द्वारा किस मूल्य पर देशी एवं विदेशी मदिरा विक्रय हेतु लाईसेंस प्राप्त किये स्थानवार वर्षवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शराब दुकानों द्वारा उल्लेखित वर्षों में कितनी-कितनी देशी एवं विदेशी शराब का विक्रय किया गया वर्षवार, दुकानवार, विक्रीत शराब की मात्रा एवं मूल्य सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि में कहाँ-कहाँ, कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में अवैध शराब बिक्री की धरपकड़ की गई? कितने प्रकरणों में किन धाराओं के तहत किनकी गिरफ्तारी कर अदालत में चालान प्रस्तुत किये गये वर्षवार, स्थानवार, थाना क्षेत्रवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में शराब विक्रय की प्रतिवर्ष मात्रा बढ़ने के क्या कारण हैं? शराब विक्रय केन्द्र के अलावा अन्य स्थानों से प्रशासन द्वारा अवैध शराब बिक्री रोकने हेतु शासन द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (ड.) क्या शासन द्वारा प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी हेतु कोई कार्य योजना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? क्या प्रदेश की जनता के कल्याण हेतु प्रदेश में क्रमबद्ध शराब बंदी सरकार द्वारा की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों में शराब के विक्रय की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि में अवैध शराब बिक्री की मात्रा तथा धाराओं में गिरफ्तार कर अदालत में चालान प्रस्तुत तथा वर्षवार, स्थानवार, थाना क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -तीन अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में शराब विक्रय की प्रतिवर्ष मात्रा बढ़ने के प्रमुख कारण जनसंख्या में वृद्धि, क्रय शक्ति में वृद्धि एवं विभिन्न प्रकार के आयोजनों में मदिरा का उपयोग होने के कारण वृद्धि परिलक्षित हो रही है। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 एवं इसके अंतर्गत निर्मित नियमों के तहत अवैध शराब बिक्री रोकने हेतु सतत् भ्रमण, निरीक्षण, दविश एवं सूचना प्राप्त होने पर कार्यपालिक स्टॉफ द्वारा यथासंभव कार्यवाही की जाती है। (ड.) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में क्रमबद्ध शराब बंदी लागू किये जाने संबंधी प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लि. के कार्यकलाप
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 5045 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न ताप, जल विद्युत उत्पादन केन्द्रों एवं कार्यालय में अस्थाई प्रकृति के कार्यों हेतु आमंत्रित निविदाओं में निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों को निर्धारित मजदूरी एवं अन्य सुविधाओं की सुनिश्चिता हेतु एक परिपत्र निविदा/1284 दिनांक 31 मार्च 2017 को जारी किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्देशों का पालन मुख्यालय कार्यालय मुख्य अभियता (सिविल) अभियांत्रिकी तथा उनके अधीनस्थ अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन अभियंताओं द्वारा किया जा रहा है? उक्त परिपत्र जारी होने के बाद कितने कार्यों में परिपत्र का पालन नहीं किया गया? कार्यों की सूची देवें एवं परिपत्र का उल्लंघन करने वाले संबंधित अधिकारियों पर कब एवं क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्रदेश के सभी ताप विद्युत गृहों में मध्यप्रदेश प्रदूषण मण्डल एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पर्यावरण के मापदण्डों के अनुसार उद्यान शास्त्री/उद्यान शाखा का होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में प्रदेश के सभी ताप विद्युत गृहों में उद्यान शास्त्री पदस्थ है? यदि नहीं, तो क्या शेष तीन ताप विद्युत गृहों में अलग से उद्यान शास्त्री पदस्थ किये जावेंगे तथा अगली पदस्थापना होने तक सारनी में पदस्थ उद्यान शास्त्री से पाक्षिक समय में संजय गांधी ताप एवं अमरकंटक ताप तथा द्वितीय पाक्षिक समय सतपुडा ताप एवं सिंगाजी ताप विद्युत गृह में उद्यान शास्त्री के कार्य लिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब से यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश 'क' में वर्णित परिपत्र दिनांक 31.03.2017 का पालन किया गया है, अत: परिपत्र का पालन नहीं होने वाले कार्यों की सूची एवं कार्यों में परिपत्र का उल्लंघन करने वाले संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के मापदण्डों के अनुसार म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों में उद्यान शास्त्री/उद्यान शाखा के होने संबंधी दिशा-निर्देश नहीं हैं वर्तमान में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में उद्यान शास्त्री हेतु स्वीकृत एक पद के विरूद्ध एक उद्यान शास्त्री पदस्थ है। अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई, संजय गाँधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर तथा श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा में उद्यान शास्त्री का कोई पद स्वीकृत न होने के कारण उद्यान शास्त्री पदस्थ नहीं है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में पदस्थ उद्यान शास्त्री से अन्य विद्युत गृहों में पाक्षिक ड्यूटी कराये जाने हेतु कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों को प्रदूषण मुक्त करने हेतु वहां पर तकनीकी उपकरण जैसे- ई.एस.पी., जल शुद्धिकरण संयंत्र इत्यादि उपलब्ध हैं। जिन ताप विद्युत गृहों में उद्यान शास्त्री पदस्थ नहीं है वहां प्रदूषण की रोकथाम के लिए कार्यरत सिविल विभाग के मार्गदर्शन में बाह्य स्त्रोतों के अंतर्गत, ठेकेदार के माध्यम से वानिकी एवं उद्यान संबंधी कार्य सुचारू रूप से संपादित कराये जा रहे हैं।
सौर ऊर्जा प्लांट
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
132. ( क्र. 5053 ) श्री जितू पटवारी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौर ऊर्जा के प्लांट घरों, दुकानों व कमर्शियल स्थानों पर लगाने हेतु शासन की क्या योजना है? उसके लिए शासन ने क्या लक्ष्य वर्षवार निश्चित किया व कितना लक्ष्य अर्जित किया वर्षवार विगत 3 वर्षों की जानकारी देवें। (ख) नेट मीटरिंग प्रणाली के अंतर्गत कितने किलोवाट के प्लांट तक मीटर उपलब्ध कराने का प्रावधान है? कम से कम कितने किलोवाट व ज्यादा कितने किलोवॉट तक नेट मीटर उपलब्ध कराये जा रहे हैं? (ग) इन्दौर जिले में विगत 2 वर्षों में लगे 9 KWP से ज्यादा क्षमता के सौर छत पर लगे प्लांटों की जानकारी निम्न प्रोफार्म में देवें। क्रमांक, प्लांट क्षमता, स्थान, नेट मीटर की प्रश्न दिनांक तक रीडिंग, नेट मीटर नहीं लगा तो कारण, नेट मीटर कब तक लग जायेगा, दिनांक, सबसिडी की वर्तमान स्थिति? (घ) प्रदेश में रूफ टॉय सोलर प्लांट लगाने हेतु किन-किन एजेंसियों को विभाग ने अधिकृत कर रखा है? उनका नाम, उनके संचालक का नाम, पंजीकृत ऑफिस का पता व उनको कब तक अधिकृत किया है की जानकारी देवें। क्या विभाग शीघ्र ही और एजेंसियों के लिए टेण्डर निकालने की योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) राज्य की ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना की योजना है। योजनांतर्गत भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा संयंत्रों की निर्धारित बैंच मार्क लागत रू. 70000.00 प्रति कि.वा. (1से 10 कि.वा. तक क्षमता के लिए) का 30 प्रतिशत अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत, जो भी कम हो, तक का अनुदान प्रावधानित है। दुकानों एवं कमर्शियल स्थानों पर ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना पर अनुदान प्रावधानित नहीं है। प्रदेश में ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2016-17 से प्रारंभ किया गया है। योजना के क्रियान्वयन हेतु म.प्र. शासन द्वारा प़ृथक से कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है तथापि वर्ष 2016-17 में 510 कि.वा. एवं वर्ष 2017-18 (माह फरवरी तक) लगभग 3500 कि.वा. क्षमता के संयंत्रों की स्थापनाएं की गई हैं। (ख) नेट मीटरिंग प्रणाली के अन्तर्गत अधिकतम 1000 कि.वा. तक की संयंत्र क्षमता के लिए नेट मीटर उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। न्यूनतम संयंत्र क्षमता के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है। अधिकतम 1000 कि.वा. तक के नेट मीटर हितग्राहितयों को उपलब्ध हैं। (ग) इन्दौर जिले में विगत 2 वर्षों में 9 कि.वा. से ज्यादा क्षमता के छतों पर स्थापित और संयंत्रों की जानकारी वांछित प्रारूप में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) प्रदेश में रूफटॉप सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना हेतु एजेंसियों के नाम, उनके संचालक का नाम, पंजीकृत ऑफिस का पता, संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। यह सभी एजेंसियॉ कार्य करने हेतु अनुबंध अवधि तक अनुबंधित है। जी नहीं, फिलहाल टेन्डर निकालने की योजना नहीं है।
जी.एस.टी. और मण्डी टैक्स की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
133. ( क्र. 5069 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन वस्तुओं पर कितने प्रतिशत जी.एस.टी. लगाया गया हैं वस्तुवार बतायें। (ख) क्या प्रदेश में जी.एस.टी. के बाद भी मण्डी टैक्स लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस टैक्स से वर्ष 2016-17 और 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कितने राजस्व की प्राप्ति हुई हैं? (ग) क्या जी.एस.टी. लागू होने के बाद प्रदेश से मण्डी टैक्स समाप्त करने का प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो मण्डी टैक्स कब से समाप्त किया जायेगा? (घ) जी.एस.टी. से मध्यप्रदेश को वर्ष 2017-18 में किस-किस मद में कितना राजस्व प्राप्त होने की संभावना हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश माल एवं सेवा कर अधिनियम की धारा 9 तथा 11 के अंतर्गत मालों एवं सेवाओं की आपूर्ति के संबंध में विभिन्न मालों एवं सेवाओं पर अधिसूचना द्वारा कर की दर एवं करमुक्त माल तथा सेवाएं अधिसूचित की गई हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश में कृषि उपज के विपणन पर मंडी एक्ट में प्रावधानित अनुसार मंडी फीस वसूल की जा रही है। इसमें वर्ष 2016-17 में कुल मण्डी फीस रूपये 1126,94,65,188/- एवं वर्ष 2017-18 में माह जनवरी, 2018 तक कुल मण्डी फीस रूपये 1042,14,79,113/- प्राप्त हुई है। (ग) मण्डी फीस ली जाती है जो टैक्स नहीं है। इस कारण समाप्त किये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) जी.एस.टी. से मध्यप्रदेश को वर्ष 2017-18 में एस.जी.एस.टी. के तहत 4779.88 करोड़, आय.जी.एस.टी. सेटलमेन्ट के अंतर्गत 4566.24 करोड़ एवं जी.एस.टी. लॉस कम्पेनसेशन के अंतर्गत 2673.88 करोड़ का राजस्व प्राप्त होना संभावित है।
चुटका परमाणु विद्युत परियोजना
[ऊर्जा]
134. ( क्र. 5072 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में चुटका परमाणु विद्युत परियोजना कितने लागत की है एवं कितने मेगावॉट विद्युत उत्पादन होना हैं? परियोजना में कितने गांवों की जमीन प्रभावित हो रही है। कितने परिवारों का विस्थापन किया जायेगा? गांवों के नाम एवं विस्थापित होने वाले परिवारों की संख्या बतायें। (ख) प्रस्तावित परियोजना के निर्माण के लिये क्या संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत पेसा (पी.ए.एस.ए.) एक्ट के प्रावधनों के अनुरूप, ग्राम सभाओं से प्रस्ताव लिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की तारीखें बतायें। (ग) परियोजना में किसानों की कृषि भूमि और मकानों का मुआवजा किस दर पर दिया जायेगा? परमाणु विकीरण से जैव विविधता पर और जीव जन्तुओं पर क्या प्रभाव होगा? यदि कोई रिपोर्ट तैयार की गई है तो प्रस्तुत करें। (घ) इस परियोजना के विस्थापन को लेकर अब तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) चुटका परमाणु विद्युत परियोजना, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित है। परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार के पत्र दिनांक 07 मार्च, 2018 तथा कलेक्टर, मण्डला के पत्र दिनांक 09.03.2018 के अनुसार परियोजना की लागत रूपये 1,05,000 करोड़ है, जिसमें, चुटका-1 एवं 2 में 1400 मेगावाट (2 x 700) परमाणु विद्युत ऊर्जा का उत्पादन प्रस्तावित हैं। प्रस्तावित परियोजना में 4 ग्रामों यथा चुटका, कुंडा, टाटीघाट एवं मानेगांव की जमीन प्रभावित हो रही है तथा 330 परिवारों का विस्थापन अनुमानित है। (ख) परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार के पत्र दिनांक 07 मार्च, 2018 तथा कलेक्टर, मण्डला के पत्र दिनांक 09.03.2018 के अनुसार- ग्राम चुटका एवं टाटीगांव में दिनांक 10.03.2012, ग्राम कुंडा एवं मानेगांव में दिनांक 17.03.2012 को प्रस्ताव लिये जाने हेतु ग्राम सभा आयोजित हुई। (ग) परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार के पत्र दिनांक 07 मार्च, 2018 तथा कलेक्टर, मण्डला के पत्र दिनांक 09.03.2018 के अनुसार भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिभार अधिनियम 2013 में दिये गये निर्देशानुसार मुआवजे का निर्धारण किया गया है। तदानुसार अवार्ड दिनांक 11.12.2015 के अनुसार कृषि भूमि के लिये औसत दर रूपये 3,83,752 प्रति हैक्टेयर है एवं रूपये 6,43,77,849 आवास एवं अन्य संपत्ति हेतु (330 परिवारों हेतु) हैं। परमाणु पावर प्लांट पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि उससे ग्रीन हाउस जैसों का उत्सर्जन स्तर और पर्यावरण प्रभाव स्तर भी नगण्य है। परियोजना से संबंधित पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित रिपोर्ट इंडिया इनवरामेंट पोर्टल की वेब साइट पर उपलब्ध है। (घ) परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार के पत्र दिनांक 07 मार्च 2018 तथा कलेक्टर, मण्डला के पत्र दिनांक 09.03.2018 के अनुसार- इस परियोजना में विस्थापन की कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रिया में है। परियोजना में विस्थापन संबंधी कोई शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है। जनसुनवाई के दौरान पब्लिक द्वारा उठाये गये मुद्दों को रिकार्ड में लेकर उचित प्रतिक्रिया कर पर्यावरण क्लीयरेंस हेतु संबंधित विभाग को प्रस्तुत किया जा चुका है।
कुपोषित परिवारों की सहायता के लिये योजनाएं एवं कार्यक्रम के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
135. ( क्र. 5073 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहरिया आदिवासियों की महिलाओं और बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिये विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन पर कितने बजट का प्रावधान रखा हैं? इस वर्ग के कितने बच्चे और महिलाएं कुपोषित हैं? जिलावार बतायें। (ख) क्या सहरिया आदिवासियों को प्रतिमाह अतिरक्ति नगद राशि एवं खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से एवं कितने परिवारों को दिया जा रहा है? (ग) प्रदेश में आदिवासियों की कितनी उपजातियां किस-किस जिले में हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित कराई जा रही है।
गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण कार्यों का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
136. ( क्र. 5076 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चीचली विकासखण्ड में जनजातीय बाहुल्य कितने ग्राम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) ग्रामों में शिक्षा, स्वास्थ्य, छात्रावास, पेयजल एवं पहुंच मार्ग नहीं होने तथा यहां के निवासियों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु पिछले तीन वित्तीय वर्षों में विभाग द्वारा कितना बजट आवंटन हुआ एवं आवंटित बजट का व्यय किन-किन कार्यों में किया गया? वित्तीय वर्षवार, कार्यवार पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र से संबंधित किन-किन निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन हेतु अनुशंसा की हैं? अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या उक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखण्ड चीचली के ग्राम बड़ागांव एवं भिल्माढाना में पहुंच मार्ग नहीं है? यदि हाँ, तो आवागमन हेतु कब तक उक्त दोनों गांव में सड़क का निर्माण करा दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चीचली विकासखंड में जनजातीय बाहुल्य कुल 39 ग्राम हैं। (ख) विभाग द्वारा उक्त ग्रामों में आदिवासी बस्ती विकास योजनान्तर्गत चिन्हित अनुसूचित जनजाति बस्तियों में नियमों के अंतर्गत प्रावधानित कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। विगत 03 वर्षों में कराये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग से संबंधित प्राप्त प्रस्तावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में उल्लेखानुसार है। (घ) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत 02 ग्रामों को पहुंच मार्ग से जोड़े जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि हेतु सिंचाई सुविधा
[नर्मदा घाटी विकास]
137. ( क्र. 5077 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नर्मदा नदी से सामुहिक सिंचाई एवं माइक्रो सिंचाई परियोजनायें तैयार कर स्वीकृत करने की कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वित्तीय वर्षों में जिला नरसिंहपुर की कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनायें कितनी लागत की स्वीकृत की गई हैं? (ख) क्या नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कोई परियोजना स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त सिंचाई योजना की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर कार्य प्रारंभ करवा दिया जायेगा? (ग) नर्मदा नदी से सिंचाई उपलब्ध कराये जाने हेतु उक्त विधानसभा क्षेत्र में सर्वे कराये जाने की कोई योजना विभाग द्वारा तैयार की गई है? यदि हाँ, तो कब तक सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। चिनकी उद्वहन सिंचाई परियोजना लागत राशि रूपये 1494.64 करोड़ दिनांक 15/01/2016 को स्वीकृत की गई है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। शक्कर नदी पर प्रस्तावित सिंचाई परियोजना की प्री-फिजीबिलिटी रिपोर्ट (पी.एफ.आर.) के अनुमोदन के लिये प्रकरण केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली को प्रस्तुत किया गया है। केन्द्रीय जल आयोग से पी.एफ.आर. के अनुमोदन पश्चात डी.पी.आर. तैयार कर प्रशासकीय स्वीकृति के बाद कार्य प्रारंभ करना संभव होगा।
नलजल योजना के बिल
[ऊर्जा]
138. ( क्र. 5092 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम बरोदा रहली विकासखण्ड सागर में पेयजल व्यवस्था हेतु पानी की टंकी वर्ष 2012-13 में बनायी जाकर नल-जल योजना हस्तांतरित कर दी थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार ग्राम बरोदा रहली में नलजल योजना के लिये 19.10.2012 से आज दिनांक तक विद्युत विभाग द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी राशि के बिजली बिल जारी किये गये हैं तथा कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब और किस-किस प्राधिकारी के द्वारा किया गया है? माहवार पूरी जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बरोदा रहली में नलजल योजना के लिए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय द्वारा दिनांक 20.01.11 को विद्युत कनेक्शन जारी किया गया है। (ख) ग्राम बरोदा रहली में नलजल योजना के लिए माह अक्टूबर-2012 से जनवरी-2018 तक जारी किये गये माहवार बिजली के बिल की राशि एवं भुगतान की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त नलजल योजना हेतु जारी विद्युत बिलों का भुगतान करने वाले प्राधिकारी संयुक्त संचालक (वित्त), पंचायत राज संचालनालय, म.प्र. भोपाल है।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
139. ( क्र. 5107 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक शासन के पास बालाघाट जिले अंतर्गत अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण किस-किस विभाग के कितने-कितने समय से लंबित हैं? पदवार विभागवार विवरण उपलब्ध करावें? (ख) उपरोक्त प्रकरणों का लम्बे समय तक लंबित रहने का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अनियमितताएं की जांच
[जनजातीय कार्य]
140. ( क्र. 5110 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कि जनवरी 2008 में लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 के अनुसार शासकीय अभिलेखों में दर्ज एवं प्रचलित अधिकारी के संबंध में आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश शासन भोपाल के 16 अप्रैल, 2015 को जारी आदेश के बाद भी जिला बालाघाट जिला सिवनी में सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किए जाने की कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की जा सकी है? (ख) 16 अप्रैल, 2015 के परिपत्र अनुविभागीय अधिकारी की किस-किस कानून के अनुसार निर्धारित जिम्मेदारी का उल्लेख कर किस प्रारूप में किन भूमियों से संबंधित जानकारियां संकलित कर क्या-क्या दिशा-निर्देश दिए हैं? (ग) समस्त बालाघाट जिले में सामुदायिक वन अधिकार पत्र या व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र के लिए विगत 3 वर्षों में विभाग को कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदनों पर विचार किया गया? कितने वन अधिकार पत्र वितरित किए गए? कितने बाकी रह गए हैं? बाकी रहने का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आयुक्त आदिवासी विकास के पत्र दिनांक 16 अप्रैल, 2015 के अनुसार कार्यवाही प्रचलित है वन अधिकार अधिनियम 2006 के लागू जनवरी 2008 के पश्चात् से प्रश्न दिनांक तक जिला बालाघाट में 987 एवं जिला सिवनी में 2087 सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सौर व पवन ऊर्जा से विद्युत उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
141. ( क्र. 5114 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.01.16 से 31.12.17 तक उज्जैन जिले में स्थापित सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा कम्पनियों द्वारा कितनी विद्युत एम.पी. पावर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड को विक्रय की गई? दर सहित कम्पनी नाम, कुल विक्रय की राशि वर्षवार देवें? (ख) क्या कारण है कि इन कंपनियों द्वारा श्रमिकों/कर्मचारियों की निर्धारित संख्या का निर्धारित पी.एफ. नहीं काटा जाता है? (ग) इनमें कितनी भूमि शासन से लीज पर ली गई है कंपनी नाम, रकवा, स्थान सहित देवें। लीज डीड की छायाप्रति भी कंपनीवार देवें। (घ) उज्जैन जिलें में स्थापित सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा कम्पनियों में से किसी भी एक कम्पनी से एम.पी.पावर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड द्वारा किये गये विद्युत क्रय अनुबंध की छायाप्रति प्रति देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा की विकासक कम्पनियों द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार उनके द्वारा नियमानुसार पी.एफ. जमा किया जाता है। पी.एफ. जमा नहीं किये जाने संबंधी कोई शिकायत विभाग के संज्ञान में नहीं है। (ग) विकासक द्वारा सौर ऊर्जा परियोजना एवं पवन ऊर्जा परियोजनाएं निजी भूमि पर स्थापित की गई है, अतएव कोई भी शासकीय भूमि लीज पर नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एम.पी. पावर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड द्वारा प्रारूप बतौर मैसर्स रिन्यू विण्ड एनर्जी (एपी4) प्राय.लि. से किए गए विद्युत विक्रय-क्रय अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जी.एस.टी. पंजीयन
[वाणिज्यिक कर]
142. ( क्र. 5115 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में जी.एस.टी. लागू होने के बाद से दिनांक 31.01.18 तक कितने जी.एस.टी. पंजीयन किए गए? फर्म का नाम, जी.एस.टी. नंबर, पता, संचालक नाम सहित देवें। (ख) जी.एस.टी. लागू होने के पूर्व कितने टिन नंबर महिदपुर वि.स. क्षेत्र में सक्रिय थे की जानकारी देवे। (ग) दिनांक 31.12.17 तक जिन फर्मों ने जी.एस.टी. भरा उनके नाम, जी.एस.टी. नंबर, टैक्स राशि, पता संचालक नाम सहित देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी.एस.टी.एन. सर्वर में उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार महिदपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जी.एस.टी. लागू होने के बाद से दिनांक 28-02-2018 तक 94 नये करदाताओं द्वारा जी.एस.टी. पंजीयन प्राप्त किए गए हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ए" पर अवस्थित है। (ख) जी.एस.टी. लागू होने के पूर्व 631 टिन महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के करदाताओं को जारी थे। (ग) दिनांक 31.12.2017 तक महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के जिन फर्मों द्वारा जी.एस.टी. भरा गया है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"बी" पर अवस्थित है। जी.एस.टी. के अन्तर्गत पंजीयत नये करदाताओं द्वारा जमा जी.एस.टी. की जानकारी वर्तमान में जी.एस.टी.एन. सर्वर पर उपलब्ध नहीं है।
इंदौर को पंजीयक कार्यालयों से संबंधी
[वाणिज्यिक कर]
143. ( क्र. 5119 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि: 01.01.16 से 31.01.17 तक इंदौर के पंजीयक कार्यालयों द्वारा इंदौर के पुलिस थानों में एक ही भूमि की एक से अधिक रजिस्ट्री होने संबंधी कितने पत्र शासन को भेजे की, माहवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) इस संबंध में इंदौर के पुलिस थानों व शासन से जो पत्र इंदौर के पंजीयक कार्यालयों को उपरोक्त अवधि में प्राप्त हुए, का विवरण भी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी निरंक है।
निर्भया फंड की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
144. ( क्र. 5122 ) श्री बाला बच्चन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निर्भया फंड के अंतर्गत केंद्र व राज्य शासन द्वारा कितनी राशि का प्रावधान प्रदेश के लिए किया गया वर्षवार केंद्र व राज्य की राशि पृथक-पृथक प्रश्न दिनांक तक देवें। (ख) उपरोक्त राशि किस-किस विभाग, द्वारा किस-किस मद में व्यय की गई वर्षवार कार्य का नाम, स्थान, मद, विभाग का नाम, राशि सहित प्रश्न दिनांक तक देवें। (ग) क्या कारण है कि प्रदेश में इस फंड का संपूर्ण उपयोग नहीं किया जा सका है? इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इन पर कार्यवाही कब होगी? (घ) इस फंड का संपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिए शासन क्या कदम उठाएगा? प्रदेश की पीडि़ताओं को कब तक शासन इस फंड की उपलब्धता सुनिश्चित कराएगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर है। (ख) नवीन योजना सेफ सिटी एवं महिला पुलिस वालंटियर में व्यय निरंक। महिला हेल्प लाइन में व्यय निरंक वन स्टॉप सेंटर योजना में व्यय का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 पर है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजनाओं हेतु संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार निर्भया फंड के अंतर्गत 11,02,33,394/- राशि प्राप्त हुई है जिसमें से संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार 3,67,81,503/- का व्यय किया गया। नवीन योजनाओं की राशि हेतु राज्य शासन की मैचिंग ग्रांट एवं बजट प्रावधान हेतु निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। महिला हेल्पलाइन की कार्ययोजना को क्रियान्वित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निर्भया फंड के अंतर्गत स्वीकृत राशि से निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यक्रम, कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन किया जावेगा। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-03 पर है।
लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को समयमान वेतनमान
[वित्त]
145. ( क्र. 5123 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त विभाग म.प्र. शासन भोपाल के परिपत्र क्र. एफ-11/1/2008/नियम/4 भोपाल, दिनांक 24-1-2008 की कंडिका 04 के अनुसार जल संसाधन, नर्मदा घाटी के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों जो (सहायक वर्ग-2 व 3) 10/20/30 वर्ष सेवा अवधि में आते हैं, समयमान वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? किस नियम/आदेश के तहत इन्हें विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने पर उपरोक्त लाभ की बाध्यता की गई है? छायाप्रति देवें। (ख) दि. 14-07-17 को श्री रमेश चंद शर्मा, अध्यक्ष, म.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण समिति द्वारा म.प्र. शासन को प्रस्तुत प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें। इसकी अनुशंसाओं को कब तक लागू किया जाएगा? (ग) वन विभाग के परिपत्र क्र. एफ-3-44-2012-दस-1 दि. 04-03-2017 ज्येष्ठता सहयोग्यता धारण करने पर लेखापाल व उससे उच्च पदों पर पदोन्नति की पात्रता प्रदान करने के नियम जल संसाधन, नर्मदा घाटी के समकक्षों पर कब तक लागू होंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 24.1.2008 की कंडिका-4 अनुसार उच्चतर वेतनमान का लाभ प्राप्त करने के लिये शासकीय सेवक को उन अर्हताओं को पूर्ण करना होगा जो पदोन्नति के लिये निर्धारित है। इसके अतिरिक्त वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 30 सितम्बर 2014 में यह प्रावधान किया गया है कि देय समयमान वेतनमान उस शासकीय सेवक के लिये लागू भरती नियम के अनुसार पदोन्नत पद के वेतनमान से न्यून है तब पदोन्नति की अर्हतायें समयमान वेतनमान की पात्रता के लिये विचार में नहीं ली जायेगी। (ख) श्री रमेश चन्द्र शर्मा अध्यक्ष म.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण समिति द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग में प्रस्तुत प्रतिवेदन विचाराधीन है। प्रतिवेदन की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
माडा पाकेट योजनांतर्गत कार्य
[जनजातीय कार्य]
146. ( क्र. 5129 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माडा पाकेट योजनांतर्गत मैहर विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? योजनांतर्गत क्या-क्या कार्य कराने का प्रावधान है? (ख) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक मैहर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से कराया गया है? (ग) मैहर जनपद क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक अन्य किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि माडा पाकेट योजनांतर्गत की गई? (घ) योजना में सम्मिलित ग्रामों के विकास पर रहवासियों के उत्थान हेतु विभाग की आगामी कार्यवाही का विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) जारी नवीन दिशा निर्देश अनुसार अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को परिवार/स्व.सहायता समूह/सामुदाय मूलक रोजगार सह आय सृजित योजनाओं में यथा-शिक्षाएं स्वास्थ्य, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, रेशम वन एवं कौशल विकास गतिविधियों तथा अधोसंरचना विकास से संबंधित कार्य आदि कराये जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) योजना अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु प्रति वर्ष प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय को प्रेषित किये जाते हैं।