मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर, 2024 सत्र


शुक्रवार, दिनांक 20 दिसम्बर, 2024


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



फायर सेफ्टी नियमों का पालन

[जनजातीय कार्य]

1. ( *क्र. 1652 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभाग के अंतर्गत संचालित सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र के बालक हॉस्टल में वर्ष 2024 में दो बालकों की विद्युत करंट से देहांत होने के बाद, विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी प्राथमिक स्कूल से हायर सेकेंडरी स्कूल और बालक-बालिका हॉस्टल में फायर और सेफ्टी की आज तक की यथा स्थिति की जानकारी दी जाये। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में प्रदेश के सभी जिलों में विभाग के अंतर्गत कितने स्कूल और हॉस्टल में फायर और सेफ्टी के नियमों का पालन करने के लिए आई.एस. 14435 (1997) का पालन करा जा रहा है या नहीं? यदि फायर और सेफ्टी के नियमों का पालन नहीं हो रहा, तब विभाग की भविष्य की क्‍या कार्य योजना है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में पिछले 5 वर्षों में विभाग ने सभी स्कूल और हॉस्टल में प्रति वर्ष रख-रखाव और सुरक्षा हेतु कितनी राशि खर्च की है? वर्ष अनुसार जानकारी दें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ख) स्‍वीकृत भवन निर्माण कार्यों में आई.एस. 14435 (1997) में किये गये प्रावधान का पालन किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

 

 

अन्‍त्‍योदय योजना की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

2. ( *क्र. 906 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा गरीब अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं के रोजगार हेतु कोई योजना चलाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या? (ख) अन्‍त्‍योदय योजना से जिला मुरैना में कितने युवाओं को इसका लाभ मिला है? यदि हाँ, तो उनके नाम, पते सहित सम्‍पूर्ण जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या इस योजना का उचित प्रचार प्रसार न कर अनुसूचति वर्ग के लोगों को इसके लाभ से लाभांवित नहीं करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक जानकारी देवें?  

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, योजना संचालित न होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                (ग) उत्‍तरांश (ख) के उत्‍तर अनुसार।

अ.जा. एवं अ.ज.जा. विभाग में अनियमितता

[जनजातीय कार्य]

3. ( *क्र. 1667 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 के पश्चात नीमच, मंदसौर जिले में अ.जा. एवं अ.ज.जा. विभाग में कब-कब, किन-किन कर्मचारियों के खिलाफ किस-किस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुईं? उन पर विभाग के किस सक्षम अधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2023 के पश्चात उज्जैन संभाग में अ.जा. एवं अ.ज.जा. विभाग के कितने जिला अधिकारी हैं, जिनका प्रमोशन किया गया, लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया गया? रिलीव न करने के क्या कारण हैं और इसकी समय-सीमा क्या है?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 के पश्‍चात नीमच एवं मंदसौर जिले में अ.जा. एवं अ.ज.जा. विभाग में कर्मचारियों के खिलाफ प्राप्‍त शिकायतें एवं उन पर सक्षम अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2023 के पश्‍चात उज्‍जैन संभाग में किसी भी जिला अधिकारी का प्रमोशन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजना

[अनुसूचित जाति कल्याण]

4. ( *क्र. 1700 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु कौन-कौन सी छात्रवृत्ति योजनायें लागू की गई हैं? (ख) उक्त योजनाओं के जिला ग्‍वालियर अंतर्गत वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 तथा अगस्त 2024 तक कितने विद्यार्थी पात्र पाये गये? कितनी-कितनी राशि का वितरण किया गया? नामवार एवं वर्षवार जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्‍नांश '''' में दी गई जानकारी में से कितने प्रकरणों में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान अब तक क्यों नहीं किया गया एवं कितने प्रकरण किन कारणों से निरस्त किये गये? (घ) प्रश्‍नांश '''' में दी गई जानकारी में अंकित विद्यार्थियों को कब तक छात्रवृत्ति का भुगतान कर दिया जावेगा?

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति वर्ग हेतु विदेश में उच्‍च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजना लागू है। (ख) निरंक। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                                     (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

हाई स्कूल भवन का उन्‍नयन एवं स्‍वीकृति

[जनजातीय कार्य]

5. ( *क्र. 38 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार विधानसभा के हाई स्कूल धामन्दा, हाई स्कूल नारायणपुरा तथा हाई स्कूल तोरनोद का उन्नयन किस वर्ष हुआ था? क्या इन स्‍कूलों में शासन की योजना अनुसार उन्नयन के साथ ही हाई स्‍कूल भवनों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) यदि नहीं, तो क्या कारण है कि उन्नयन पश्चात लम्बे अंतराल में भी इन स्‍कूलों में नवीन भवन की स्वीकृति नहीं हो सकी? क्या इस विषयक प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा प्रेषित पत्र विभाग के पास विचाराधीन है? (ग) क्या पूर्व में जारी हाई स्कूलों के भवन निर्माण के स्वीकृति आदेश में टंकण त्रुटि‍ से हाई स्‍कूल धामन्‍दा को हाई स्कूल धामनोद कर दिया गया था, तब जबकि‍ धामनोद में पूर्व से ही भवन बना हुआ था? यदि हाँ, तो इस टंकण त्रुटि‍ को सुधार कर बजट आवंटन हाई स्कूल धामन्‍दा के भवन हेतु कब तक प्रदाय कर दिया जायेगा? (घ) क्या वर्तमान में कक्षा पहली से कक्षा दसवीं तक के विद्यार्थियों की कक्षावार बैठक व्यवस्था क्रमशः इन तीनों स्‍कूलों में अपर्याप्त है? (ड.) क्या विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से इस वित्तीय वर्ष में इन तीनों स्‍कूलों में हाई स्कूल भवन निर्माण हेतु विभाग स्वीकृति प्रदान करेगा?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) हाईस्कूल धामन्दा का उन्‍नयन वर्ष 2010 में, हाईस्कूल नारायणपुरा का उन्‍नयन वर्ष 2007 में एवं हाईस्कूल तोरनोद का उन्‍नयन वर्ष 2010 में किया गया था। उन्‍नयन के साथ भवनों की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई थी। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा शासकीय हाईस्कूल धामन्दा एवं हाईस्कूल तोरनोद के विद्यालय भवन की स्वीकृति वर्ष 2019-20 में प्रदाय की गई है। निर्माण एजेन्सी पी.आई.यू. द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति चाही गई। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति एवं नारायणपुरा स्कूल के लिये नवीन भवन हेतु स्वीकृति का प्रस्ताव 2025-26 की वार्षिक कार्ययोजना में शामिल किये जाने हेतु आयुक्त, लोक शिक्षण को प्रेषित है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। टंकण त्रुटि होने के कारण शासकीय हाईस्कूल धामन्दा के स्थान पर धामनोद के विद्यालय भवन का नाम अंकित हो गया था, जिसे आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्रमांक/लोशिस/भवन/एफ/06/2021/910, भोपाल दिनांक 30.03.2021 के माध्यम से त्रुटि सुधार कर 100.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। (घ) जी हाँ। (ड.) जिला शिक्षा अधिकारी धार के द्वारा प्रश्‍नांकित हाईस्कूल के भवनों का निर्माण वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्ययोजना में शामिल किये जाने हेतु प्रस्ताव आयुक्त, लोक शिक्षण को प्रेषित है।

फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर भूमि क्रय

[जनजातीय कार्य]

6. ( *क्र. 971 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सीधी जिले में मनीष कुन्‍देर एवं रजनीश कुन्‍देर पुत्र स्‍व. श्री रामलखन कुन्‍देर, शास्‍त्री नगर, सीधी (म.प्र.) का निवासी है? क्‍या सहायक आयुक्‍त के द्वारा जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कुन्‍देर बन्‍धुओं द्वारा फर्जी अनु.जनजाति प्रमाण-पत्र के आधार पर ग्राम जमोड़ी कला, तहसील गोपद बनास, जिला सीधी (म.प्र.) में जनजातियों की जमीन क्रय की गयी है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र की जांच कलेक्‍टर सीधी एवं पुलिस अधीक्षक सीधी द्वारा जांच कराकर प्रतिवेदन राज्‍य स्‍तरीय अनु. जनजाति छानबीन समिति भोपाल को भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करायें। उक्‍त प्रतिवेदनों पर समिति द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गयी है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र को राज्‍य स्‍तरीय छानबीन समिति द्वारा निरस्‍तगी की कार्यवाही कब तक की जायेगी? प्रकरण में कलेक्‍टर/पुलिस अधीक्षक, सीधी की अनुशंसा उपरांत भी अभी तक फर्जी जाति                प्रमाण-पत्रों को निरस्‍त क्‍यों नहीं किया गया?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। तत्‍कालीन जिला संयोजक, आदिम जाति कल्‍याण विभाग के पत्र क्रमांक/159/जा.प्र./अ.जा.क./85/सीधी, दिनांक 13.6.85 द्वारा               श्री मनीष कोदार आत्‍मज श्री रामलखन कोदार तथा पत्र क्रमांक 160, दिनांक 13.6.85 द्वारा श्री रजनीश कोदार आत्‍मज श्री रामलखन कोदार, निवासी शास्‍त्रीनगर सीधी का अध्‍ययनरत संबंधी प्रमाण पत्र जारी किया जाकर शाखा प्रबंधक भारतीय स्‍टेट बैंक सीधी को भेजा गया है। जारी किये गये प्रमाण पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) कुंदेर बंधुओं के अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्रों की जांच राज्‍य स्‍तरीय छानबीन समिति के निर्णय के पूर्व जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) राज्‍य स्‍तरीय छानबीन समिति के कार्य की प्रक्रिया अर्द्धन्‍यायिक स्‍वरूप की होने से समय-सीमा से अवगत कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "एक"

 

नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

7. ( *क्र. 699 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2019 से आज दिनांक तक कुल कितनी नल-जल योजना स्‍वीकृत हुई हैं? ग्रामवार एवं विकासखंडवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) नल-जल योजना के निविदा का क्‍या प्रावधान था और निविदा स्‍वीकृत एवं वर्क ऑर्डर के बाद कितने समय में कार्य पूर्ण किया जाना था? (ग) जो नल-जल योजना प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र में बनाई गई है, उसकी गुणवत्‍ता ठीक नहीं है और कार्य बहुत ही घटिया हुआ है, जगह-जगह ठेकेदार द्वारा सड़कों पर गड्ढे किये गये हैं तथा कई जगह से लाइन भी टूट गई है और विभाग द्वारा योजना पूर्ण बताकर राशि भी निकाल ली गई है, उससे संबंधी विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? उक्‍त घटिया निर्माण में दोषी पाये गये अधिकारी/ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 274, शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम

[पर्यावरण]

8. ( *क्र. 1408 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले वेस्ट, केमिकल के निपटान एवं पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए शासन की कौन-कौन सी योजनाएं प्रचलन में हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार औद्योगिक इकाइयों से खरगौन जिले के प्राकृतिक जल स्त्रोंतों एवं नदियों में कहां-कहां प्रदूषण फैल रहा है? प्रदूषण स्तर सहित विवरण देवें। (ग) क्‍या कसरावद विधानसभा क्षेत्र में स्थित औद्योगिक क्षेत्र निमरानी और अन्य कारणों से नर्मदा का जल प्रदूषित हो रहा है? यदि हाँ, तो प्रदूषण की रोकथाम के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                   (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "दो"

खेती करने से किसानों को रोका जाना

[वन]

9. ( *क्र. 1044 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग द्वारा राजस्‍व भूमि मानकर खेती कर रहे किसानों को खेती करने से मना किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जब राजस्‍व विभाग द्वारा ऐसे किसानों को पट्टा दिया गया है तो फिर उन्‍हें खेती करने से क्‍यों रोका जा रहा है? (ख) क्या गुनौर विधानसभा में वन विभाग द्वारा वन राजस्‍व सीमा विवाद के निराकरण के लिये कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की जा रही है तथा यह कार्यवाही कब से की जा रही है? कालावधि बतावें। यह कार्यवाही किसके कारण पूरी नहीं हो पा रही है? (ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वन राजस्‍व सीमा विवाद के निराकरण के लिये वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारियों द्वारा विगत तीन वर्ष में क्‍या कार्यवाही की गई है? वर्षवार, वनखण्‍डवार जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिये कौन दोषी है? निराकरण कब तक किया जावेगा?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 1 (2) अनुसार संहिता के प्रावधान आरक्षित/संरक्षित वनक्षेत्रों पर लागू नहीं होते हैं। प्रश्‍नाधीन भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) में वर्ष 1957 एवं 1968 में विभिन्‍न अधिसूचनाओं से अधिसूचित है। धारा 4 की अधिसूचना के पश्‍चात 156 पट्टे वनभूमि में राजस्‍व भूमि मानकर राजस्‍व विभाग द्वारा दिया गया है। राजस्व विभाग द्वारा वनभूमि में दिये गये पट्टे अवैधानिक हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। वन राजस्व सीमा विवाद के निराकरण हेतु वर्ष 2007 से कार्यवाही की जाकर वर्ष 2012 में पटवारी मानचित्र में वनखंड वन सीमा लाईन का चिन्हांकन कर मौके पर संयुक्त सीमांकन किया गया है। राजस्व अभिलेखों में वन दर्ज करने हेतु कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर में प्रारंभ है।                     (ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी द्वारा विगत तीन वर्ष में वनखण्‍ड गुनौर, लुहारगांव की धारा 6 की उदघोषणा की गई है। वनखंडवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारियों द्वारा वनखण्‍डों की जाँच एक अर्द्धन्‍यायिक प्रक्रिया में है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

आदिवासी क्षेत्रों के विकास हेतु आवंटित बजट राशि

[जनजातीय कार्य]

10. ( *क्र. 810 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के 89 आदिवासी विकास खण्ड जहां आदिवासियों की संपूर्ण विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्न मदों के कुल कितने बजट का प्रावधान किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो किन-किन मदों से कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं उक्त राशि से कब-कब, कहां-कहां क्या कार्य कराये गये हैं? वर्षवार एवं मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) क्या वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्वीकृत आदिवासी संस्कृति भवनों का निर्माण 89 आदिवासी विकासखण्डों में होना था? यदि हाँ, तो कितने भवनों का निर्माण हो चुका है, कितने भवनों का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है? यदि निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है तो स्वीकृत राशि को कहां और किन कार्यों में कब खर्च किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत 89 आदिवासी विकासखण्‍ड के लिये बजट प्रावधान किये जाने का प्रावधान नहीं है। विभाग द्वारा प्रदेश के लिये बजट प्रावधान किया जाता है, जिसमें कार्यों की आवश्‍यकतानुसार प्रदेश के सभी जिलों एवं विकासखण्‍डों में डी.डी.ओ. वार बजट आवंटित किया जाता है। वित्‍त विभाग द्वारा जनजातीय कार्य के बी.सी.ओ. 2506 में आई.एफ.आई.एम.एस. सॉफ्टवेयर द्वारा प्रावधानित बजट की वर्ष 2019-20 से 2024-25 (दिनांक 07.12.2024 की स्थिति में) तक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। संबंधित जिले को प्रावधानित बजट से आवश्‍यकतानुसार राशि मदवार एवं डी.डी.ओ. वार वितरण (आवंटन) की जानकारी आई.एफ.आई.एम.एस. के रिपोर्ट अनुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी नहीं। 89 विकाखण्‍डों में आदिवासी सांस्‍कृतिक भवनों के निर्माण के संबंध में कोई योजना नहीं है। विभाग अंतर्गत आवंटन की सीमा में कार्य स्‍वीकृ‍त किये जाते हैं। प्रश्‍नांश का शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

छात्रावासों में पदस्‍थ अधीक्षकों की जानकारी

[जनजातीय कार्य]

11. ( *क्र. 808 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छात्रावास अधीक्षक के पद पर कोई भी शिक्षक 3 वर्ष से अधिक समय तक नहीं रह सकता? यदि हाँ, तो बड़वानी जिले के संदर्भ में यह बताने का कष्ट करें कि विभिन्न छात्रावासों में कार्यरत छात्रावास अधीक्षक उनके संपूर्ण सेवा काल में कब से कब तक किन-किन छात्रावास में अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं? सूची देवें। (ख) क्या जिला पंचायत की बैठकों में      बार-बार निर्देशित करने के बाद भी सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा ऐसे अधीक्षकों को मूल पद पर न भेजते हुए वर्तमान तक उनसे अधीक्षकीय कार्य करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों और किस आधार पर? (ग) क्या ऐसे अधीक्षकों को उनके मूल पद पर विभाग वापस भेज रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे अधीक्षकों को मूल पद पर भेजते हुए, उनके आदेश की प्रति से अवगत करवाएं। (घ) शासन दिशा-निर्देशों के अनुसार छात्रावास अधीक्षक के पद पर पदस्थ रहने वाले ऐसे अधीक्षक एवं उन्हें नहीं हटाने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध शासन क्या कार्रवाई कर रहा है तथा कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?  

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) छात्रावास आश्रमों में अधीक्षकों का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष रखा गया है, यदि उनका कार्य संतोषप्रद है, तो कार्यकाल 5 वर्ष बढ़ाये जाने का प्रावधान है। दिशा-निर्देश की प्रति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। छात्रावासों में कार्यरत छात्रावास अधीक्षकों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में स्‍थानान्‍तरण पर प्रतिबंध होने से किसी भी प्रकार के संवर्ग का अन्‍यत्र संस्‍था में अथवा जिले के अन्‍य विकास खण्‍डों में स्‍थानान्‍तरण नहीं किया गया है।                          (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जनजातीय विभाग में अनियमितता

[जनजातीय कार्य]

12. ( *क्र. 1735 ) श्री मथुरालाल डामर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत कार्यालय संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विभाग संभाग उज्जैन द्वारा सत्र 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक उनके अधीनस्थ कितने कर्मचरियो के स्थानांतरण किये गये एवं किस नीति के तहत ये स्थानांतरण किये गये? क्या इनके लिए शासन से अनुमोदन लिया गया अथवा नहीं? कर्मचारियों की सूची सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) रतलाम जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत सत्र 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने छात्रावास के बालक बालिकाओं ने अपनी शैक्षणिक आवासीय एवं भोजन संबंधी समस्याओं को लेकर पैदल मार्च किया अथवा उच्च अधिकारियों को अपनी पीड़ा व्यक्त की? इस संबंध में शासन द्वारा दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या रतलाम जिले के जनजातीय कार्य विभाग में बड़े पैमाने पर शिक्षकों एवं छात्रावास अधीक्षकों के अटैचमेंट किये गये हैं? यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारी का अनुमोदन लिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्या कारण है? कर्मचारी के नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नांश अंतर्गत 47 शिक्षकों के स्‍थानांतरण किये गये। संभाग अंतर्गत जिलों की शैक्षणिक संस्‍थाओं में शिक्षकों की आवश्‍यकता एवं कार्य व्‍यवस्‍था को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षकों के आदेश जारी किये गये हैं, तात्‍कालिक व्‍यवस्‍था किये जाने से अनुमोदन प्राप्‍त नहीं किया गया। सूची जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) सत्र 2021-22 में प्रश्‍न दिनांक तक जिले में संचालित छात्रावास में से 02 अनु‍सूचित जाति कन्‍या छात्रावास, 01 जनजातीय कन्‍या छात्रावास एवं 01 कन्‍या शिक्षा परिसर की बालिकाओं द्वारा भोजन/शै‍क्षणिक समस्‍याओं को लेकर पैदल मार्च किया गया है। शिकायत एवं कृत कार्यवाही का विस्‍तृत विवरण जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                      (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायतों पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

13. ( *क्र. 1680 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रमुख सचिव/आयुक्‍त/संचालक खाद्य                किस-किस अधिकारियों के विरूद्ध कब-कब किस-किस के द्वारा क्‍या-क्‍या शिकायत की गई? शिकायतवार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्‍त शिकायतों में कब-कब, क्‍या-क्‍या नियमानुसार कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्‍त शिकायतों में जिसमें कार्यवाही नहीं की गई, उन शिकायतों में कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन जिम्‍मेदार है? कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2024 से आज दिनांक तक कहां-कहां से घटिया चावल वितरण की शिकायत किस-किस ने कब-कब की एवं विभागीय जांच में कब-कब, किस-किस अधिकारी ने घटिया चावल पकड़ा, उसमें कब-कब क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बगैर सीपेट जांच अनियमित भुगतान

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

14. ( *क्र. 1676 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संभाग मुरैना एवं ग्वालियर के द्वारा विगत तीन वर्षों में बगैर सीपेट प्री डिलीवरी इन्सपेक्शन वर्क ऑफ एच.डी.पी.ई. पाइप रिपोर्ट के किन-किन ठेकेदारों/फर्मों को वर्षवार कितनी-कितनी राशि, किस-किस हेड में भुगतान की गई? (ख) क्या मुख्य अभियंता पी.एच.ई. ग्वालियर परिक्षेत्र ने दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति चाही है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रदेश में अन्य जिलों में भी इस तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? विवरण दें एवं उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? दोषियों के विरुद्ध एवं अनियमित भुगतान को बदलने के लिये शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? दोषी अधिकारी एवं सप्लाय फर्मों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) जल-जीवन मिशन के तहत जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक मुरैना एवं ग्‍वालियर खण्‍ड के कार्यपालन यंत्री ने कितने आवंटन की मांग की? उक्त मांग पर कितनी राशि का आवंटन जारी किया गया? क्या जारी आवंटन में अधीक्षण यंत्री (मॉनिटरिंग) और संयुक्त संचालक वित्त की अनुशंसा ली गई? आवंटन को बांटने का आधार क्या था? (ड.) उपरोक्त अनियमितताओं के बाद भी चार नियमित मुख्य अभियंताओं के रहते हुए भी श्री के.के. सोनगरिया संविदा मुख्य अभियंता को ही प्रमुख अभियंता का प्रभार दिया गया? नियमित मुख्य अभियंता होने पर भी संविदा के मुख्य अभियंता को वित्तीय और प्रशासकीय अधिकार क्यों सौपें गये? यदि श्री के.के. सोनगरिया द्वारा कोई वित्तीय अनियमितता की जाती है, तो किसकी जिम्मेदारी होगी, क्योंकि श्री के.के. सोनगरिया शासन के समस्त परिलब्धियां सेवानिवृत्त होते ही प्राप्त कर चुके हैं। इस स्थिति में क्या उनको वित्तीय अधिकार देने वाले अधिकारी वित्तीय अनियमितता में शामिल माने जायेंगे? क्या श्री संजय अंधवान मुख्य अभियंता द्वारा उच्च न्यायालय में दायर वाद में श्री के.के. सोनगरिया के कार्यकाल पर लगाये गये आरोपों पर जांच की गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी संभाग मुरैना में विगत तीन वर्षों में बगैर सीपेट प्री डिलेवरी इंस्‍पेक्‍शन रिपोर्ट HDPE पाइप का भुगतान नहीं किया गया है। मध्‍यप्रदेश जल निगम द्वारा निविदा के अनुबंधानुसार तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी सी.ई.आइ.एल. से प्री-डिलेवरी इंस्‍पेक्‍शन रिपोर्ट के आधार पर भुगतान किया गया है। प्रकरण की वस्‍तुस्थिति इस प्रकार है, कतिपय ठेकेदारों द्वारा प्रस्‍तुत सीपेट प्रीडिलेवरी इंस्‍पेक्‍शन रिपोर्ट का विभाग द्वारा सत्‍यापन कराने पर रिपोर्ट फर्जी पाई गई, जिसके संबंध में जांच संस्थित की गई है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जी हाँ। मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र ग्‍वालियर द्वारा उनके आदेश दिनांक 320, दिनांक 21.11.2024 से जाँच दल गठित किया गया है। जाँच प्रचलित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।                            (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। अनुशंसा की आवश्यकता नहीं है। आवंटन उपलब्‍ध राशि एवं कार्य के आधार पर दिया जाता है। (ड.) प्रशासकीय कार्य की आवश्‍यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रमुख अभियंता का प्रभार सौंपा गया है। प्रमुख अभियंता के दायित्‍वों के निर्वहन हेतु वित्‍तीय एवं प्रशासकीय अधिकार सौंपे गए हैं। सेवानिवृत्‍त शासकीय सेवकों के विरूद्ध पेंशन नियमों के तहत कार्यवाही किया जाना प्रावधानित है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। माननीय उच्‍च न्‍यायालय में दायर प्रकरण में माननीय न्‍यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही            की जावेगी।

नल-जल योजनाओं का संचालन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

15. ( *क्र. 1589 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले के विधानसभा क्षेत्र सेवड़ा में कुल कितने ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत है, उनमें से कितनी योजना पूर्ण है और कितनी योजना अपूर्ण है? बिंदुवार ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त स्वीकृत योजनाओं में से जो पूर्ण है, उनमें से कितनी संचालित हैं एवं घरों तक पानी पहुंच रहा है अथवा नहीं और जो अपूर्ण हैं, उनके क्या कारण हैं और कब तक उन्हें पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्या अधिकांश ग्रामों में नल-जल योजनाएं पूर्ण होने के बाद भी संचालित नहीं है, जिससे एक ओर तो ग्रामवासियों को उक्त योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर पाइपलाइन डालने के लिए जो पक्की सी.सी. सड़के खोदी गई थी, वह भी अधिकांश ग्रामों की आज तक सही नहीं की गई अर्थात पानी के साथ-साथ सड़क से भी ग्रामवासी वंचित हो गये हैं? (घ) क्या अधिकांश जिलों में नल-जल योजनाओं में जो निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया, वह एक विशेष कंपनी द्वारा उसी नंबर/गेज आदि को दिखाकर घटिया मटेरियल द्वारा तैयार कराई गई? यदि नहीं, तो जांच एजेंसी से इसकी जांच कराई जायेगी?  

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 192 स्वीकृत, 68 पूर्ण एवं 124                   नल-जल योजनायें अपूर्ण हैं। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्ण 68 नल-जल प्रदाय योजनाओं में से 64 संचालित हैं तथा घरों तक पानी पहुंच रहा है। 124 अपूर्ण योजनाएं प्रगतिरत हैं, इन प्रगतिरत योजनाओं को पूर्ण करने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। संचालित योजनाओं से ग्रामवासी पेयजल प्राप्त कर लाभान्वित हो रहे हैं। योजनाओं की पाइप-लाइन की टेस्टिंग का कार्य पूर्ण होने के उपरांत खोदी गई सड़कों को यथास्थिति में लाया जा रहा है। (घ) जी नहीं, जाँच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रदूषण नियंत्रण हेतु कार्यवाही

[पर्यावरण]

16. ( *क्र. 1660 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदूषण निवारण एवं पर्यावरण सुधार हेतु विभिन्न प्रकार के कार्य केंद्र/राज्य परिवर्तित योजनाओं के अनुसार किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला, मंदसौर जिला एवं नीमच जिला अंतर्गत प्रदूषण को नियंत्रित किए जाने हेतु वर्ष 2020-21 से लेकर वर्ष 2023-24 प्रश्‍न दिनांक तक उल्लिखित जिलों के अंतर्गत क्या-क्या गतिविधियां एवं कार्यवाहियां की गई? (ग) औद्योगिक प्रदूषण, फर्टिलाइजर, केमिकल प्रदूषण, ईंट भट्टा प्रदूषण, वाहन प्रदूषण, खनिज खदान प्रदूषण इत्यादि अन्य प्रकार की भी क्या-क्या और प्रदूषण निवारण की दृष्टि से अनुमतियां दी गई? (घ) उपरोक्त उल्लेखित तीनों जिला अंतर्गत वायु प्रदूषण व जल प्रदूषण में वर्षवार निरंतर कितनी वृद्धि जांच में पाई गई तथा किन-किन संस्थानों की जांच की जाकर नियम विरुद्ध कार्य किये जाने की स्थिति में किस-किस प्रकार की दंडात्मक कार्यवाही की गई? वर्षवार जानकारी दें।

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', '', '', '' एवं '' अनुसार है।

अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना

[अनुसूचित जाति कल्याण]

17. ( *क्र. 1737 ) श्री सुरेश राजे : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना की राशि से जिला स्तर पर कार्य स्वीकृत एवं मूल्यांकन समिति का गठन संबंधी शासन आदेश/नियम की प्रति देवेंl क्या कार्य स्वीकृति‍ संबंधी समिति में अनुसूचित जाति वर्ग के विधायक को शामिल किया गया है? वर्ष 2021-22 से 2024-25 में कार्य स्वीकृति‍ हेतु जिला ग्वालियर में किस-किस दिनांक को आयोजित बैठक किस स्थान पर कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? वर्षवार एवं कार्यवार बतावें तथा क्या इस बैठक में अनुसूचित जाति वर्ग के विधायक को आमंत्रित किया गया? यदि हाँ, तो सूचना पत्र की प्रमाणित प्रति देवें? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ख) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, भोपाल का पत्र क्रमांक F-12/37/05/25/2, भोपाल दिनांक 21 नवम्बर, 2005 एवं समसंख्या पत्र दिनांक 06 मार्च, 2010 द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रावास हेतु सामग्री क्रय करने हेतु समिति की बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति के विधायक को आमंत्रित करने एवं सामग्री का भौतिक सत्यापन करने हेतु निर्देश हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2020-21 से 2024 में क्रय समिति की बैठक किस-किस दिनांक को आयोजित की गई? जिसमें बैठकवार क्रय की गई सामग्री की सूची उपलब्ध करावें। उक्त बैठकों में अनुसूचित जाति के क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया? यदि हाँ, तो तामील कराये गए पत्र की प्रति देवें? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति बस्‍ती विकास नियम 2018 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍न में उल्‍लेखित निर्देश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मध्‍यप्रदेश भण्‍डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित वर्ष 2022) लागू होने के दृष्टिगत शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

नियम विरूद्ध निलम्‍बन आदेश की निरस्‍तगी

[जनजातीय कार्य]

18. ( *क्र. 1600 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत लोक सभा निर्वाचन 2024 चुनाव अत्यावश्यक सेवा में लगे               श्री सुभाष चन्द्र वर्मा निलंबित प्राचार्य, कन्या शिक्षा परिसर कोतमा के संबंध में कमिश्‍नर शहडोल द्वारा जारी निलंबन आदेश क्र. 1527, दिनांक 18.04.2024 संभागीय उपायुक्त ज.ज. कार्य एवं अजा शहडोल का पत्र क्र. 756, दिनांक 07.08.2024, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर लोक सभा निर्वाचन 2024 संसदीय क्षेत्र-12 शहडोल-86 कोतमा के आदेश क्र. 85, दिनांक 13.04.2024 सहित श्री सुभाष चन्द्र वर्मा द्वारा प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग को प्रस्तुत अपील दिनांक 31 मई, 2024 के साथ संलग्न सभी दस्तावेज की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में निर्वाचन कार्य में संलग्न श्री सुभाष वर्मा को निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त करने व निलंबन आदेश जारी करने के पूर्व क्या निर्वाचन आयोग से नियमानुसार अनुमति ली गई? यदि हाँ, तो दोनों अनुमति पत्रों/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या निर्वाचन कार्य में संलग्न लोक सेवक को निलंबित करने की नियमानुसार अधिकारिता थी? यदि नहीं, तो बिना अधिकारिता के जारी निलंबन आदेश क्र. 1527, दिनांक 18.04.2024 को क्या निरस्त किया गया है? यदि हाँ, तो निरस्तगी आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? अभी तक निरस्त नहीं किये जाने का कारण बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य एवं अजा शहडोल के पत्र क्र. 756, दिनांक 07 अगस्त, 2024 द्वारा वायरल ऑडियो का तकनीकी परीक्षण कार्यालय/विभाग में उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी गई? यदि हाँ, तो क्या वैधानिक प्रक्रिया के पालन किये बिना ही शिकायतकर्ता की पुष्टि के आधार पर दोषी मानकर किया गया निलंबन आदेश दिनांक 18.04.2024 अजा वर्ग के कर्मचारी के विरूद्ध द्वेषपूर्ण, पूर्वाग्रह, पद एवं शक्तियों का दुरूपयोग, एक तरफा एवं मनमानी पूर्ण कार्यवाही है, जो निरस्त किये जाने योग्य है? यदि हाँ, तो क्या निलंबन आदेश निरस्त किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में निलंबित प्राचार्य के अपील आवेदन पत्र दिनांक 31 मई, 2024 एवं दिनांक 23.10.2024 के द्वारा प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग से शासन के विभिन्न आदेश व तथ्यों के आधार से निलंबन आदेश निरस्त किये जाने हेतु अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो अपील आवेदन पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए अभी तक निलंबन आदेश दिनांक 18.04.2024 निरस्त नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? कब तक निलंबन आदेश निरस्त किया जावेगा?  

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार दस्‍तावेजों की छायाप्रतियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) श्री सुभाष चन्‍द्र वर्मा को नियमानुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा निलंबित किया गया था। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। श्री वर्मा द्वारा प्रस्‍तुत कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब परीक्षण में होने के कारण इन्‍हें निलंबन से बहाल नहीं किया गया है। (ग) हाँ। शिकायत एवं वायरल वीडियो एवं न्यूज चैनल में प्रसारित समाचार के जांच हेतु समिति का गठन संभागीय उपायुक्‍त, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास, शहडोल संभाग द्वारा किया जाकर कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी, आरोप की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए श्री वर्मा के विरूद्ध कार्यवाही की गई थी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) हाँ। अपील आवेदन पत्र की छायाप्रति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रस्‍तुत अपील अभ्‍यावेदन पर परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अर्द्ध-न्‍यायिक प्रक्रिया होने के कारण निश्‍चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

जल जीवन मिशन और अन्य योजनाओं में क्षतिग्रस्त सड़कें व रास्ते

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

19. ( *क्र. 1711 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र जिला-देवास में जल जीवन मिशन अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में योजनाएं स्वीकृत करवाकर कार्य करवाये गये हैं? जानकारी ग्रामवार प्रदान करें। क्या योजनाओं से पूरे गाँव के लोग लाभान्वित हुए हैं? यदि नहीं, तो कितनी अतिरिक्त योजनाएं ग्रामवार स्वीकृत करायी गयी हैं? प्रश्‍न दिनांक तक कितनी योजनाएं पूर्ण हुई हैं और कितनी योजनाएं अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या योजनाएं ग्राम पंचायतों को हस्तान्तरित करने के पहले ठेकेदार द्वारा की गयी सड़क की खुदाई, गढ्डों को भरकर सड़कों व रहवासियों के रास्तों का पुनः निर्माण करने की जिम्मेदारी भी विभाग के ठेकेदार की थी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कितने ग्रामों की सड़कों व रास्ते का पुनः निर्माण विभाग द्वारा न करके उन्हें पूर्व अवस्था में क्यों नहीं किया गया? इसके लिए क्या ठेकेदार पर कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो कितने ठेकेदारों पर अर्थदण्ड या अन्य कार्यवाही की गई है और यदि नहीं, तो क्यों? क्या योजनाओं की खुदाई में क्षति ग्रस्त सड़क व रास्तों का पुनर्निर्माण किया जायेगा और कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। जी हाँ, जिन ग्रामों की योजनायें पूर्ण हो चुकी है, उनसे पूरे ग्राम के लोग लाभान्वित हुये हैं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। पूर्ण/अपूर्ण योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) 16 ग्रामों में नल-जल योजना के कार्य प्रगतिरत होने से सड़कों का पुनर्निर्माण शेष है। जी हाँ। 44 ठेकेदारों पर अर्थदण्‍ड या अन्‍य कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना                         संभव नहीं है।

खेल शिक्षकों के स्‍वीकृत पद की पूर्ति

[जनजातीय कार्य]

20. ( *क्र. 893 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक तथा सेकेंडरी स्कूलों के लिए कितने खेल शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्त प्राथमिक तथा सेकेंडरी स्कूलों के लिए कितने खेल शिक्षक नियुक्त किये गये हैं? (ग) क्या स्वीकृत खेल शिक्षकों के पदों में से अधिकांश रिक्त हैं? (घ) यदि हाँ, तो इन स्वीकृत पदों पर खेल शिक्षकों की नियुक्ति न किये जाने का क्या कारण है और कब तक खाली पद भरे जायेंगे?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित प्राथमिक एवं माध्‍यमिक स्‍क‍ूलों में खेल शिक्षक के पद स्‍वीकृत नहीं हैं, परन्‍तु हाईस्‍कूल, हायर सेकण्‍डरी स्‍कूल एवं क्रीड़ा परिसरों में खेल शिक्षक के पद स्‍वीकृत हैं। मध्‍यप्रदेश जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शिक्षण संवर्ग, (सेवा एवं भर्ती) नियम 2018 यथा संशोधित दिनांक 06.12.2024 के अनुसार माध्‍यमिक शिक्षक खेल के 208 एवं प्राथमिक शिक्षक खेल के 840 पद स्‍वीकृत हैं।                         (ख) वर्तमान में खेल शिक्षकों के पद पर नवीन नियुक्तियां नहीं की गयी हैं। (ग) जी हाँ।                         (घ) भर्ती नियमों में संशोधन की प्रक्रिया के कारण रिक्‍त पदों पर नियुक्ति नहीं की गई। रिक्‍त पद पर नियुक्ति हेतु म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल को प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया है। खाली पद भरे जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

उचित मूल्‍य की दुकानों पर बकाया खाद्यान्‍न की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

21. ( *क्र. 337 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील करैरा, नरवर, शिवपुरी एवं बड़ौनी दतिया जिले की तहसीलों में शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानें कौन-कौन सी संस्‍था पर कार्य कर रही है तथा उन पर कौन-कौन से सेल्‍समैन संचालित कर रही है? प्रमाण सूची देवें। (ख) उचित मूल्‍य की संचालित दुकानों पर वर्ष 2020 से आज दिनांक तक कितना खाद्यान्‍न आवंटित किया गया तथा आवंटित खाद्यान्‍न कितना बांटा गया व कितना शेष रहा? दुकान सहित जानकारी दें। (ग) यदि शेष खाद्यान्‍न सेल्‍समैनों पर है, तो कब तक उक्‍त संस्‍था एवं सेल्‍समैनों से वसूली की जावेगी? वसूली नहीं होने पर उन पर क्‍या कानूनी कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील नरवर में 56, तहसील करैरा में 77 एवं दतिया जिले की बड़ौनी तहसील अंतर्गत 10, कुल 143 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। उक्‍त विधानसभा क्षेत्र में तहसील शिवपुरी में कोई भी दुकान नहीं है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में आवंटित खाद्यान्न‍, वितरण एवं शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) वितरण से शेष बचे खाद्यान्न का आगामी माहों में समायोजन होता है। भौतिक सत्यापन में स्टॉक में कमी पाये जाने पर आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम 1955 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है।

जल जीवन मिशन/मुख्यमंत्री नल-जल योजनाओं का संचालन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

22. ( *क्र. 385 ) श्री देवेन्‍द्र कुमार जैन : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में जल जीवन मिशन/मुख्यमंत्री नल-जल योजना के अंतर्गत कितनी-कितनी लागत राशि की नल-जल योजनाओं के निर्माण की स्वीकृतियां हुई हैं? उक्त नल-जल योजनाओं में कितनी योजनाओं के कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य प्रगतिरत हैं व प्रगतिरत कार्यों के पूर्ण होने की क्या अवधि निर्धारित है? कौन-कौन से कार्य किन-किन कारणों से अपूर्ण अथवा शेष हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जायेंगे? समस्त जानकारी ग्रामवार व विकासखण्डवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित नल-जल योजनाओं में से कितनी नल-जल योजनाओं का कार्यपूर्ण होने के उपरांत हैण्डओवर किया जा चुका है तथा कौन-कौन सी नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण होने के बाद भी किन-किन कारणों से हैण्डओवर नहीं हुआ है? सकारण जानकारी दें तथा हैण्डओवर की कार्यवाही में विलंब करने हेतु कौन-कौन दोषी है? उनके नाम बताएं। हैण्डओवर हो चुकी कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं चालू हैं व कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं किन कारणों से बंद हैं? बंद नल-जल योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जावेगा? जानकारी ग्रामवार विकास खण्डवार उपलब्ध करावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। प्रगतिरत समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य अपूर्ण होने का मुख्‍य कारण वन व अन्‍य विभागों से कार्य करने की अनुमति प्राप्‍त होने में विलंब का होना है, विलंब की विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं का कार्यवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 04, 05, 06 एवं 07 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम               नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। बंद             नल-जल प्रदाय योजनाओं को चालू करने की कार्यवाही सतत् प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

जल जीवन मिशन के अधूरे कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

23. ( *क्र. 831 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जबलपुर जिले की जल जीवन मिशन की 60 प्रतिशत योजनायें अधूरी हैं? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) क्‍या गत 4 वर्षों से योजनाओं पर कार्य हो रहा है? यदि हाँ, तो 4 वर्ष बाद पुनरीक्षित योजना की आवश्‍यकता क्‍यों हुई? (ग) क्‍या मौका स्‍थल पर स्थितियों का जायजा न लेते हुये वास्‍तविक डी.पी.आर. नहीं बनाने के कारण हर घर जल नहीं पहुंचा एवं शासन की महत्‍वपूर्ण योजना फेल की गई? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के लिये कौन जवाबदार है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत 63 प्रतिशत योजनाओं के कार्य पूर्ण हैं तथा शेष योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत स्‍वीकृत सभी 04 योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं।                   (ख) जी हाँ, एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत 04 वर्ष की अवधि से प्रगतिरत योजनाओं में से 02 योजनाओं के ग्रामों में जल जीवन मिशन के पूर्व की क्रियान्वित योजनांतर्गत बिछाई गई ए.सी.पी. पाइप-लाइन के क्षतिग्रस्‍त होने, नलकूपों के असफल हो जाने एवं विद्युत संबंधी कार्यों की लागत में वृद्धि होने के कारण इन योजनाओं के पुनरीक्षण की आवश्‍यकता है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत 04 वर्ष की अवधि से प्रगतिरत 01 समूह जल प्रदाय योजना के पुनरीक्षण की आवश्‍यकता नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश '''', '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खरमौर अभयारण्‍य सरदारपुर के पुनर्गठन

[वन]

24. ( *क्र. 1416 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्या भारत सरकार के पत्र के परिपालन में खरमौर अभयारण्‍य सरदारपुर का पुनर्गठन किया जा चुका है? कितना क्षेत्र अन्य अभयारण्‍य में समाहित किया जा चुका है एवं कितना शेष है? उसे कब और कहां समाहित किया जायेगा? समाहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा किन-किन अभयारण्‍य के नाम दिये गये हैं? (ख) खरमौर अभयारण्‍य सरदारपुर से जितने वर्ग कि.मी. क्षेत्र को समाहित किया जा चुका है, उतना क्षेत्रफल खरमौर अभयारण्‍य से बाहर करने के लिए क्या कार्यवाही प्रचलित की गई है एवं उस क्षेत्रफल में कौन-कौन से गांव शामिल हैं? सूची प्रदान करें। (ग) क्या अधिसूचित क्षेत्र में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 20 के प्रावधान को हटाने एवं शिथिलता रखते हुए क्रय-विक्रय की अनुमति दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों। (घ) राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक भारत सरकार एवं राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड को क्या-क्या प्रस्ताव भेजे गये? समस्त पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें एवं भारत सरकार से प्राप्त पत्रों की भी प्रति प्रदान करें। (ड.) राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड की स्टेंडिंग कमेटी की बैठक में प्रदेश शासन द्वारा रखे गए प्रस्ताव के पत्रों की छायाप्रति देवें एवं स्टेंडिंग कमेटी द्वारा प्रदेश हेतु जो निर्णय लिये गये, उनकी प्रति देवें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में क्षेत्र समायोजन का आदेश नहीं किया गया है, अपितु कूनो अभयारण्‍य में 55.93 वर्ग किलोमीटर, कर्मझिरी अभयारण्‍य में 19.10 वर्ग किलो‍मीटर का समायोजन प्रस्‍तावित है। शेष रकबे के समायोजन हेतु सागर जिले में एक नवीन अभयारण्‍य का गठन प्रस्‍तावित है, जिसके गठन उपरांत ही समायोजन संभव होगा। भारत सरकार द्वारा उपरोक्‍त 3 अभयारण्‍य के अतिरिक्‍त बुरहानपुर जिले में प्रस्‍तावित नवीन अभयारण्‍य का नाम दिया है। (ख) प्रश्‍नांश के प्रथम भाग की जानकारी जी नहीं। अभयारण्‍य से डिनोटि‍फाई/बाहर किये जाने वाले क्षेत्रफल में कुल 14 राजस्‍व ग्राम 1. गुमानपुरा, 2. बिमरोड,                           3. चन्‍दाबड़, 4. पिप‍रनि, 5. सेमल्‍या, 6. केरिया, 7. करनावद, 8. सियावद, 9. धुलेट, 10. अमादिया, 11. सोनगढ़, 12. माहापुरा, 13. टिमाइची, 14. भानगढ़ शामिल हैं। (ग) जी नहीं। खरमौर अभयारण्‍य सरदारपुर धार के पुनर्गठन उपरांत ही संभव है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रस्‍तावों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 पर एवं भारत सरकार से प्राप्‍त पत्रों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 में है। (ड.) जानकारी उत्‍तरांश (घ) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

लंबित प्रकरणों का निराकरण

[अनुसूचित जाति कल्याण]

25. ( *क्र. 873 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र के विकास हेतु अनुसूचित जाति बस्तियों के निर्माण हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रस्ताव आदिम जाति कल्याण छतर‌पुर को जमा किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2024-25 के आवंटन से प्राप्त प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों? (ग) क्या उक्त प्रस्तावों के संबंध में जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से स्थल परीक्षण करवाया गया? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) के तहत स्वीकृतियां जारी की जावेगी? समय-सीमा बतावें।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2024-25 में मद 049-4225-01-800-0103-1096-V-64-002 अन्‍तर्गत जिले को राशि रूपये 85.77 लाख का आवंटन जारी किया गया। अनुसूचित जाति बस्‍ती विकास नियम 2018 के अनुसार जिला स्‍तर पर माननीय मंत्री जी की अध्‍यक्षता में कार्यों की स्‍वीकृति हेतु गठित समिति द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष जानकारी उत्‍तरांश '''' अनुसार। (घ) प्रश्‍नांश '''' अनुसार।

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर

वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण

[वन]

1. ( क्र. 6 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्या अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के द्वारा मैहर जिले में वन भूमि पर अवैध कब्जा कर स्थायी/अस्थायी अतिक्रमण कर निर्माण कर लिया गया है? कब से, कितने हेक्टेयर भूमि पर किस पटवारी हल्के में वन भूमि पर कब्जा है? (ख) क्या राज्य शासन का वन विभाग उक्त वन भूमि के कब्जे को वैध मानता है कि अवैध? अगर अवैध मानता है तो अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के किस-किस नाम/पदनाम के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण प्रश्‍नतिथि तक कायम करवाया गया है? अगर नहीं तो क्यों? कारण एवं नियम दें? प्राथमिकी दर्ज न करवाने वाले वन विभाग के कौन-कौन नाम/पदनाम वाले अफसर दोषी हैं? शासन उन पर कब व क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या वन मण्डल सतना की कार्य योजना वर्ष 2008 से प्रश्‍नतिथि तक उक्त अतिक्रमण का उल्लेख है? उक्त कार्य आयोजना में अवैध अतिक्रमण 2005 से पूर्व का है का लिखित उल्लेख है? कार्य आयोजना की प्रति जिसमें अतिक्रमण होने का उल्लेख है को उपलब्ध करायें? (घ) उक्त अवैध अतिक्रमण किस कक्ष क्रमांक में है? उक्त अवैध अतिक्रमण हटाने राज्य शासन द्वारा प्रश्‍नतिथि तक क्या आदेश जारी किये है? जारी आदेशों की प्रति दें। जिला वन मण्डल सतना/मैहर ने अतिक्रमण हटाने, प्रकरण कायम करने/करवाने की क्या कार्यवाही प्रश्‍नतिथि तक की है आदेशों/पत्रों की प्रति उपलब्ध करायें?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वर्तमान वन-अभिलेखों के अनुसार जी हाँ। अभिलेखों के अनुसार वर्ष 1977 में वन विभाग द्वारा पूर्व कंपनी मैहर सीमेंट को वन भूमि व्यपवर्तन नियमों का पालन करते हुए कारखाने के लिए दी गई थी। वन अभिलेखों के अनुसार दी गई भूमि से अधिक भूमि पर कंपनी द्वारा निर्माण किया गया है। उक्‍त अतिक्रमण वर्ष 1981 से 2002 के मध्‍य पटवारी हल्‍का चौपड़ा, सगमनियां एवं सोनवारी में 25.583 हेक्‍टेयर वन भूमि पर किया गया है।                (ख) वन विभाग उक्‍त वन भूमि के कब्‍जे को अवैध मानता है। अल्‍ट्राटेक सीमेंट कंपनी के संस्‍था प्रमुख के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 31/12 दिनांक 24.02.2024 कायम किया गया है, तथापि राजस्व तथा वन अभिलेखों में भिन्नता के कारण संयुक्त सीमांकन के निर्देश दिए गए हैं। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हां, परंतु उसके पूर्व की कार्य-योजना में इसका कोई उल्लेख नहीं है। वनमंडल सतना की कार्य आयोजना अवधि वर्ष 2008-09 से 2017-18 एवं 2019-20 से 2028-29 में वर्ष 2005 के पूर्व के अवैध अतिक्रमण का उल्‍लेख है। कार्य आयोजना की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है। (घ) उक्‍त अवैध अतिक्रमण वन परिक्षेत्र मैहर की बीट बम्‍हनी एवं सगमनियां के कक्ष क्रमांक पी-555 एवं पी-546 में है। अतिक्रमण हटाने राज्‍य शासन द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया जाता है बल्कि वनमंडलाधिकारी द्वारा जारी किया जाता है, अत: राज्‍य शासन द्वारा जारी आदेशों की प्रति देने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। उक्‍त अतिक्रमण हटाने, प्रकरण कायम करने/करवाने की कार्यवाही हेतु वनमंडलाधिकारी, सतना द्वारा उनके पत्र क्रमांक/मा.चि./7886 दिनांक 27.09.2023 के माध्‍यम से वन परिक्षेत्राधिकारी, मैहर को वन एवं राजस्‍व विभाग का संयुक्‍त सीमांकन कर प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। जारी पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है।

गबन के आरोपियों पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

2. ( क्र. 7 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 72 (क्र. 1635) के प्रश्‍न के उत्तर के प्रश्‍नांश (ग) में जो कि 05 जुलाई 2024 की मुद्रित प्रश्‍नोत्तरी सूची के पृष्ठ क. 142 में स्पष्ट किया है कि फर्जी परिवहन दर्शाने वाले ट्रक विशाल रोड लाईस के थे? अगर हाँ तो क्यों खाद्य विभाग ने प्रश्‍नतिथि तक उक्त ट्रक कंपनी के मालिक के विरुद्ध एफ.आई.आर. में नाम क्यों नहीं जुड़वाया? क्या विभाग की परिवहनकर्ता के साथ सांठ-गांठ थी? अगर नहीं तो सब कुछ स्पष्ट होने के बाद किसके दबाव में शासन एफ.आई.आर. ट्रांसपोर्ट मालिक पर नहीं होने दे रहा है? कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करवायेगा विभाग?       समय-सीमा दें? (ख) क्या तात्कालीन आपूर्ति अधिकारी नागेन्द्र सिंह सहित नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक सहित बड़े-बड़े वे अधिकारी जिन्होंने मुख्य भूमिका इस घोटाले में निभाई को अभी तक विभाग संरक्षण दे रहा है? अगर नहीं तो इन अधिकारियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. क्यों दर्ज नहीं करवाई गई कारण दें? नियम बतलायें। (ग) क्या वित्तीय वर्ष 01.04.2021 से प्रश्‍नतिथि तक कई इसी प्रकार के घोटाले पूरे प्रदेश में आये? शासन को जानकारी होने के बाद भी उन प्रकरणों पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करवाई गई? प्रमुख सचिव खाद्य/संचालक खाद्य के पास आई सभी रजिस्टर्ड शिकायतों की प्रति उन पर की गई कार्यवाही की दिनांकवार/आदेश क्रमांकवार जारी पत्रों की प्रति के साथ उपलब्ध करायें?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विभागीय बजट का आवंटन

[वन]

3. ( क्र. 31 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) हरदा जिले में वन विभाग अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितना बजट व कौन-कौन सी मद में स्वीकृत किया गया? (ख) जारी किए गए बजट से कौन-कौन से कार्य किए गए है? (ग) कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण व वर्तमान स्थिति क्या है?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) हरदा जिले में हरदा (सामान्‍य) एवं (उत्‍पादन) वनमंडल के अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल स्‍वीकृत बजट की मदवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में है(ख) जारी किये गये बजट राशि से कराये कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में है। (ग) कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण व वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में है।

सी.एम. राइज स्कूल में चयन का नियम

[जनजातीय कार्य]

4. ( क्र. 39 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किये गये सी.एम. राइज स्कूलों में पदस्थ किये गये अमले के चयन का आधार क्या है? तथा इस अमले में प्राचार्य आदि पदों की पदस्थापना, मूल पद पर वापसी व स्थानांतरण के लिये क्या नियम है? (ख) क्या वर्तमान में उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया से प्राप्त हुए वरिष्ठ उ.मा.वि. प्राचार्य को इस प्रकार की सी.एम. राइज स्कूलों में प्राचार्य के रूप में पदस्थ किये जाने के संबंध में विभाग कार्रवाई करेगा? (ग) क्या सी.एम. राइज स्कूलों में अमले की पदस्थापना के पूर्व संबंधित विभाग से इन पर आरोपित शिकायतों, गंभीर कदाचरण आदि की रिपोर्ट प्राप्त की जाती है? यदि नहीं तो क्या सी.एम. राइज प्राचार्यों की उक्तानुसार जानकारी प्राप्त करने का प्रावधान निर्मित कर जानकारी प्राप्त की जावेगी?                 (घ) क्या ऐसी जानकारी प्राप्त होने पर, जिनके विरूद्ध जांच लंबित है या शिकायतें प्राप्त होती रही हैं? उन्हें संबंधित सी.एम. राइज संस्था से हटाकर पुनः उनकी मूल संस्था में स्थानांतरि‍त कर पदस्थ किया जावेगा? (ड.) क्या सी.एम. राइज स्कूल धार में पदस्थ प्राचार्य से संबंधित विभिन्न शिकायतें जिला प्रशासन धार को प्राप्त होती रही है? विभाग इन पर क्या कोई कार्रवाई करेगा?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय विकासखंडों में संचालित सी.एम. राइज़ विद्यालयों में गुणवत्‍तायुक्‍त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्‍य से विद्यालय प्रारंभ करने हेतु स्‍कूल शिक्षा विभाग (नोडल विभाग) के समान प्राचार्य एवं अन्‍य शैक्षणिक अमले का चयन लिखित परीक्षा एवं साक्षात्‍कार के माध्‍यम से किया गया है। परीक्षा हेतु जारी शर्तें एवं विज्ञापन की प्रति जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। उक्‍त के साथ ही म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल के माध्‍यम से चयनित शिक्षकों की पदस्‍थापना भी की जाती है। इन विद्यालयों के प्राचार्य आदि पदों की पदस्‍थापना, मूल पद पर वापसी के लिए पृथक से कोई नियम नहीं है। विभागीय नियमों एवं समय-समय पर सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में वरिष्‍ठ उ.मा.वि. प्राचार्य का पद स्‍वीकृत नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) सी.एम.राइज़ स्कूलों में अमले के चयन हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की शिकायतें लंबित न होने का उल्‍लेख है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिनके विरूद्ध जांच लंबित है या शिकायतें प्राप्त होती हैं उनके लिए नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'दो' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। सी.एम. राइज स्कूल धार में पदस्थ प्राचार्य से संबंधित विभिन्न शिकायतें जिला प्रशासन धार को प्राप्‍त होने की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'तीन' अनुसार है उक्‍त शिकायतें जिले स्‍तर पर निराकृत की गयी है। शेष प्रश्‍न उपस्‍थित ही नहीं होता।

खराब अनाज का क्रय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

5. ( क्र. 50 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) हरदा जिला अंतर्गत सुल्तानपुर वेयर हाउस पर क्या खराब अनाज की खरीदी की गई है।                  (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है। इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है। विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) खराब अनाज खरीदी के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हरदा जिले के सुल्‍तानपुर वेयर हाउस में समर्थन मूल्‍य पर एफ.ए.क्‍यू. मापदण्‍ड के अनाज का उपार्जन किया गया है। निर्धारित मापदण्‍ड से निम्‍न मापदण्‍ड के खाद्यान्‍न उपार्जन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विकास कार्य हेतु वन विभाग की अनुमति

[वन]

6. ( क्र. 64 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के दक्षिण एवं पश्‍िचम वन मण्डल के अंतर्गत स्टेट हाईवे, लोक निर्माण, शिक्षा विभाग, जलाशय, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी भवन सहित अन्य कितने विकास कार्य के प्रकरण विभाग द्वारा अनुमति नहीं मिलने के कारण लंबित है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) इन लंबित प्रकरणों में अनुमति कब तक प्रदान की जायेगी? जनजातीय क्षेत्र में वन भूमि पर विकास कार्य हेतु अनुमति के संबंध में संज्ञान में है। यदि हाँ, तो बतावें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) बैतूल जिले के दक्षिण एवं पश्‍िचम वनमण्डल के अंतर्गत स्टेट हाईवे, लोक निर्माण, शिक्षा विभाग, जलाशय, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी भवन सहित अन्य प्रकरणों पर कार्यावाही प्रचलित है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) लंबित प्रकरणों में यूजर एजेंसी द्वारा समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने पर विभिन्न श्रेणी के प्रकरणों के लिए निर्धारित समय-सीमा में अनुमति जारी की जाती है। अत: सभी लंबित प्रकरणों की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जनजातीय क्षेत्र में वन-भूमि पर 13 श्रेणी के विकास कार्य जो वनाधिकार अधिनियम की धारा 3 (2) में वर्णित हैं के लिए अनुमतियाँ औपचारिकताओं के पालन उपरांत वनमण्डल अधिकारी द्वारा जारी की जाती है।

परिशिष्ट - "तीन"

वन भूमि की जानकारी

[वन]

7. ( क्र. 97 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र आलोट में वन भूमि कितनी है? (ख) प्रत्येक ग्राम में वन भूमि की अधिकृत सूची जो वन विभाग द्वारा संधारित की हो, की जानकारी दें। (ग) सूची में से कितनी भूमि वन विभाग के कब्जे में है इसकी जानकारी दें। (घ) सूची में से कितनी भूमि पर वन है तथा कितनी भूमि रिक्त है इसकी जानकारी दें। (ड.) आलोट वि.स. क्षेत्र की रिक्त भूमि पर वन लगाने की सरकार की योजना की जानकारी दें?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र आलोट में 1279.890 हेक्‍टेयर वन भूमि है। (ख) जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्रमांक

 ग्राम का नाम

वन कक्ष क्रमांक

क्षेत्रफल (हे.)

1.

लखनेटी

पी- 181

208.040

2.

हरियाखेडा़, निपानिया, मोरिया

पी - 182

390.990

3.

आयना, धापना, भोजाखेड़ी

पी - 184

680.860

 

 

योग

1279.890

(ग) उत्‍तरांश '''' की जानकारी अनुसार 1279.890 हेक्‍टेयर वनभूमि वन विभाग के कब्‍जे में है। (घ) 1279.890 हेक्‍टेयर भूमि में से 605.00 हेक्‍टेयर में विगत वर्षों में वृक्षारोपण किया जाकर वन है। 500 हेक्‍टेयर रिक्‍त वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण कार्य विगत वर्ष में किया गया है। शेष 174.890 हेक्‍टेयर वन क्षेत्र रिक्‍त होना पाया गया है। (ड.) उत्‍तरांश () की रिक्‍त भूमि वृक्षारोपण अयोग्‍य होने पर से उस पर वृक्षारोपण की योजना नहीं है।

छात्रावास में निवासरत छात्रों की शिष्यवृत्ति‍

[जनजातीय कार्य]

8. ( क्र. 100 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छात्रावास में निवासरत विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ती (स्टायफंड) कितना प्रदान किया जाता है? (ख) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और विमुक्त जाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली मासिक शिष्यवृत्ती कितनी है। (ग) शिष्यवृत्ति‍ की दरों में परिवर्तन कब किया जाता है। (घ) 2024 की शिष्यवृत्ति‍ की दरों में कब परिवर्तन किया गया। विद्यार्थियों के खातों में शिष्यवृत्ति ‍पहुंचने की नियत दिनांक क्या है। (ड.) जुलाई 2024 से अक्टूबर 2024 तक किस तिथि तक शिष्यवृत्ति ‍खातों में पहुंचाई गई?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा छात्रावास में निवासरत बालकों के लिए राशि रूपये 1605/- प्रतिमाह एवं बालिकाओं के लिए राशि रूपये 1650/- प्रतिमाह शिष्‍यवृत्ति प्रदान की जाती है। (ख) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए शिष्‍यवृत्ति की मासिक दर बालकों हेतु राशि रूपये 1605/- एवं बालिकाओं हेतु राशि रूपये 1650/- प्रतिमाह है। विमुक्‍त जाति के विद्यार्थियों के लिए शिष्‍यवृत्ति की मासिक दर बालकों हेतु राशि रूपये 1550/- एवं बालिकाओं हेतु राशि रूपये 1590/- प्रतिमाह है। (ग) शिष्यवृत्ति‍ की दरों में परिवर्तन माह जुलाई से किया जाता है। (घ) 2024 की शिष्यवृत्ति‍ की दरों में परिर्वतन म.प्र.शासन, जनजातीय कार्य विभाग का परिपत्र क्रमांक/एफ 12-28/2005/25-2/571 दिनांक 05.09.2024 एवं म.प्र. शासन, अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग का परिपत्र क्रमांक एफ 123-11/ 2013/25-5/292 दिनांक 03.10.2024 द्वारा किया जाकर माह 1 जुलाई 2024 से प्रभावशील किया गया। शिष्यवृत्ति ‍पहुंचने का दिनांक नियत नहीं है। (ड.) शिष्‍यवृत्ति का भुगतान प्रत्‍येक माह किया जाता है। तिथि नियत नहीं है।

नल-जल योजना अंतर्गत खोदी गई सड़कों की मरम्मत

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

9. ( क्र. 110 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्या में नल-जल योजना अंतर्गत खोदी गई सड़कों की मरम्मत का कार्य 2020 तक पूर्ण होना था, किन्तु आज दिनांक तक 30 प्रतिशत कार्य भी पूर्ण नहीं हुआ है। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्‍वयन अंतर्गत मध्‍यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रिया‍न्वित की जा रही नेमावर समूह जल प्रदाय योजना के निर्माण कार्य हेतु कार्यादेश जनवरी 2021 में जारी किया गया, योजना की भौतिक प्रगति 84.71 प्रतिशत है, योजनांतर्गत 171.50 कि.मी. सी.सी. रोड खोदी गई, जिसमें से 159.29 कि.मी. का रेस्‍टोरेशन किया जा चुका है, योजना के कार्य मार्च 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत समस्‍त 108 ग्रामों में 96.96 प्रतिशत रोड रेस्‍टोरेशन के कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं, शेष रोड रेस्‍टोरेशन के कार्य पूर्ण किए जाने की निश्‍िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

उद्योगों एवं गंदे नालों से दूषित पानी की रोकथाम

[पर्यावरण]

10. ( क्र. 111 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्या की क्षिप्रा नदी में उद्योगों एवं नालों का गंदा पानी आकर मिलता है? शासन-प्रशासन द्वारा कई बार दावें किए गए, लेकिन आज तक क्षिप्रा नदी में मिलने वाले गंदे एवं दूषित पानी को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं? (ख) क्षिप्रा नदी में मिलने वाले उद्योगों एवं नालों के गंदे दूषित पानी की रोकथाम के लिए कोई कार्यवाही की जाएगी?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) उद्योगों से शून्‍य निस्‍त्राव की स्थिति है। जी नहीं, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चार"

विश्राम गृह का जीर्णोद्धार एवं अतिरिक्त कक्ष का निर्माण

[वन]

11. ( क्र. 146 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्या विकासखण्ड जवा के डभौरा सर्किल में विभाग द्वारा स्थापित विश्राम गृह जीर्णशीर्ण अवस्था में है? यदि हाँ, तो कब तक विश्राम गृह का जीर्णोद्धार करा लिया जावेगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में डभौरा विश्राम गृह में अतिरिक्त कक्ष एवं कि‍चन की नितांत आवश्यकता महसूस की जाती है? क्या डभौरा सर्किल स्थित विश्राम गृह में अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु पृथक प्रस्ताव तैयार किया जावेगा? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अतिरिक्त कक्ष एवं किचन निर्माण की प्रक्रिया कब तक पूर्ण करा ली जावेगी?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विकासखण्‍ड जवा के डभौरा सर्किल में कोई भी वन विश्राम गृह स्‍थापित नहीं अपितु निरीक्षण कुटीर है, जिसके जीर्णोद्धार की कोई योजना फिलहाल नहीं है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में अतिरिक्‍त कक्ष एवं किचन निर्माण के प्रस्‍ताव तैयार करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रश्‍न पर दिये गये आश्‍वासन पर कार्यवाही

[जनजातीय कार्य]

12. ( क्र. 153 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) यह सही है कि प्रश्‍नकर्ता के ऑनलाईन प्रश्‍न क्रमांक 561 दिनांक 14/03/2022 एवं प्रश्‍न क्रमांक 408 दिनांक 14/02/2024 में सदन में चर्चा के दौरान दिए गऐ आश्‍वासन के बाद भी भोपाल क्षेत्र से संबंधित दिनांक 04/07/2020 को मान्य रकबे के सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी जारी नहीं किए गए। (ख) दिनांक 04/07/2024 को कितने रकबे का सामुदायिक वन अधिकार मान्य करने का जिला स्तरीय समिति ने प्रस्ताव लिया, वनमंडल उत्तर बैतूल ने अपने पत्र दिनांक 27/05/2021 में कितने रकबे के सामुदायिक अधिकार की अनुशंसा की दिनांक 08/03/2022 को कितने रकबे का दावा मान्य किया गया। (ग) दिनांक 04/07/2020 एवं दिनांक 08/03/2022 के मान्य सामुदायिक वन अधिकार के दावे पर किस दिनांक को भोपाल ग्राम सभा ने प्रस्ताव लिया, वन मंडल उत्त‍र ने अपने पत्र दिनांक 27/05/2021 में की गई अनुशंसा में दर्ज रकबे को किस पत्र दिनांक से कम किया। (घ) सदन में दिनांक 14/02/2024 को दिए आश्‍वासन के अनुसार कब तक दिनांक 04/07/2020 में मान्य दावे का अधिकार पत्र दिया जावेगा समय सहित बतावें।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा सत्र फरवरी 2024 के विधानसभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 408 पर निर्मित आश्‍वासन क्रमांक 202 की अभिपूर्ति पर पुन: प‍रीक्षण कराया गया। कलेक्‍टर जिला बैतूल से प्राप्‍त प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। जिला वनाधिकार समिति द्वारा जो वन अधिकार पत्र जारी किये गये हैं वह सही पाये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला वनाधिकार समिति की बैठक दिनांक 04.07.2020 को उपखण्‍ड स्‍तरीय वनाधिकार समिति से प्राप्‍त दो प्रस्‍ताव में काला बाबा पूजा स्‍थल हेतु 1.352 हेक्‍टेयर एवं अम्‍बा मां पूजा स्‍थल हेतु 2.050 हेक्‍टेयर पर प्रकरणों में कमी पूर्ति देखी जाकर वन अधिकार पत्र जारी किये जाने हेतु सर्वसम्‍मति से प्रस्‍ताव पारित किया गया। वनमण्‍डल उत्‍तर बैतूल ने अपने पत्र दिनांक 27.05.2021 में काला बाबा पूजा स्‍थल हेतु 1.000 हेक्‍टेयर एवं अम्‍बा मां पूजा स्‍थल हेतु 0.09 हेक्‍टेयर के वनाधिकार दिये जा सकता है का उल्‍लेख किया गया है। जिला वनाधिकार समिति की बैठक दिनांक 08.03.2022 में कालाबाबा पूजा स्‍थल हेतु 0.310 हेक्‍टेयर एवं अम्‍बा मां पूजा स्‍थल हेतु 0.270 हेक्‍टेयर के सामुदायिक दावे मान्‍य किये गये। (ग) ग्राम सभा भोपाली के प्रस्‍ताव 16 दिनांक 04.10.2019 को पारित सामुदायिक दावे का प्रस्‍ताव उपखंड स्‍तरीय वनाधिकार समिति बैतूल के माध्‍यम से प्राप्‍त होने पर जिला स्‍तरीय समिति की बैठक दिनांक 04.07.2020 में रखा गया जिसकी कमी पूर्ति उपरान्‍त दिनांक 08.03.2022 को मान्‍य किया गया। वनमंडल उत्‍तर ने अपने पत्र दिनांक 27.05.2021 में की गई अनुशंसा में दर्ज रकबे को किसी पत्र से कम नहीं किया गया बल्कि कमियों/त्रुटियों में सुधार उपरांत प्राप्‍त रकबे की अनुशंसा की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (घ) कलेक्‍टर जिला बैतूल से प्राप्‍त जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। जिला स्‍तर वन अधिकार समिति द्वारा जांच उपरान्‍त जारी किये गये वन अधिकार पत्र सही पाये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ का उपार्जन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

13. ( क्र. 215 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) जिला जबलपुर में समर्थन मूल्य पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का क्रय किया गया। कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में भण्डारित किया गया? ओपन कैप में कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में रखा गया? इसकी सुरक्षा, रख-रखाव, देखभाल, निगरानी आदि की क्या व्यवस्था की गई। परिवहन, भण्डारण एवं किराया आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) निजी क्षेत्र के गोदामों में कहां-कहां पर कितनी कितनी मात्रा में किन शर्तों पर भण्डारित किया गया। इनके किराया आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। गोदाम संचालकों का नाम पता सहित जानकारी दें। (ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत किन-किन गोदामों से कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ का उठाव किया गया एवं कितनी-कितनी मात्रा में कहां-कहां पर भेजा गया प्रश्‍नांकित किन-किन गोदामों का निरीक्षण कब-कब किसने किया है। कहां-कहां पर क्या-क्या अनियमितताएं व अव्यवस्था पाई गई और कब-कब किस-किस पर क्या कार्यवाही की गई। (घ) प्रश्‍नांकित कहां-कहां की किन-किन गोदामों ओपन कैप व शासकीय भण्डार गृहों में भण्डारित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ खराब बेकार, खाने योग्य नहीं रह गया, सड़ गया, चोरी हुआ है। इसके लिये दोषी अधिकारियों, गोदाम संचालकों पर कब क्या कार्यवाही की गई है। इस खराब, सड़ा गेहूँ का क्या उपयोग किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक समर्थन मूल्‍य पर 1696182.733 मे.टन का उपार्जन किया गया, जिसका समर्थन मूल्‍य दर से राशि रू. 343717.86 लाख है। उपार्जित गेहूँ के गोदामवार/केपवार भण्‍डारण मात्रा, गोदाम संचालक का नाम, पता एवं गोदाम किराया की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। गोदाम/केप में भण्‍डारित गेहूँ के सुरक्षा/रख-रखाव की निगरानी हेतु चौकीदार की व्‍यवस्‍था की गई है। समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ के परिवहन पर राशि रू. 2466.97 लाख व्‍यय हुआ है। (ख) मध्‍यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा संयुक्‍त भागीदारी योजनांतर्गत अनुबंधित निजी गोदामों में गेहूँ का भण्‍डारण किया जाता है। संयुक्‍त भागीदारी योजना की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ भण्‍डारण पर देय किराया, गोदाम संचालकों के नाम एवं पते की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित 1696182.733 मे.टन में से 1441275 मे.टन गेहूँ शासन की विभिन्‍न योजनांतर्गत परिदान किया गया है। जबलपुर जिले में उपार्जित गेहूँ को जिले की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्‍य कल्‍याणकारी योजनांतर्गत वितरण हेतु उचित मूल्‍य दुकानों पर प्रेषित किया गया है तथा अन्‍य जिलों में प्रेषित मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। जबलपुर जिले में मध्‍यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के अमले द्वारा किए निरीक्षण/भौतिक सत्‍यापन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार है। निरीक्षण में पाई गई विसं‍गतियों/अनियमितताओं के निराकरण के अनुपालन के संबंध में समय-समय पर पत्र जारी किए गए है। (घ) खाद्यान्‍न पेरिसेबल गुड्स होने के कारण भण्‍डारण एक निश्‍िचत समय तक किया जा सकता है। कोरोना काल में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ का उपार्जन अत्‍यधिक मात्रा में होने के कारण निष्‍पादन में समय लगने से गेहूँ का भण्‍डारण अधिक समय तक करने के कारण गुणवत्‍ता प्रभावित हुई है, जबलपुर जिले में क्षतिग्रस्‍त हुए गेहूँ की मात्रा एवं राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-इ अनुसार है। खराब स्‍कंध की प्रतिपूर्ति हेतु गोदाम संचालकों को देय किराए से की जाती है। क्षतिपूर्ति DCC एवं निविदा के माध्‍यम से किया जाता है, जो प्रक्रियाधीन है।

नल-जल योजना हेतु आवंटित राशि

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

14. ( क्र. 216 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रधानमंत्री एवं केन्‍द्रीय शासन नई दिल्‍ली की ग्रामीण अंचल में हर घर नल से शुद्ध पेय जल पहुँचाने की महत्‍वाकांक्षी नल-जल योजना के तहत प्रदेश शासन को कब-कब,                           कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की हैं एवं क्‍यों? शेष कितनी-कितनी राशि का आवंटन हेतु शासन ने कब-कब क्‍या प्रयास किये हैं एवं शेष       कितनी-कितनी राशि, कब-कब आवंटित की गई हैं? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) योजना की कार्यप्रगति एवं लक्ष्‍य पूर्ति के मामले में देश में प्रदेश का क्‍या स्‍थान हैं? बतलावें। (ग) कार्यपालन यंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी, खण्‍ड जिला जबलपुर को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? सामग्री पाइपों, सबमर्सिबल पम्‍पों का क्रय, टंकी का निर्माण कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? लक्ष्‍यपूर्ति बतलावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में स्‍वीकृत कितनी में से कितनी नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण है एवं इस पर कितनी राशि व्‍यय हुई? कितनी योजनाएं अपूर्ण/निर्माणाधीन अप्रारंभ हैं? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्‍या है एवं कितनी राशि व्‍यय हुई? बतलावें। (ड.) प्रश्‍नांकित निर्मित कितनी योजनाएं बंद, अप्रारंभ हैं? कहाँ-कहाँ की योजनाओं के सबमर्सिबल पम्‍प कब से बंद/बिगड़े पड़े हैं एवं क्‍यों? कहाँ-कहाँ के कब-कब बदले गये? कहाँ-कहाँ की योजनाओं का पाइप-लाइन बिछाने नल कनेक्‍शन देने टंकी निर्माण का कार्य कब से अपूर्ण/निर्माणाधीन है एवं क्‍यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) ग्रामीण परिवारों को नल से जल की उपल‍ब्‍धता में 18वें स्‍थान पर। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र - 03 अनुसार है।

विस्थापितों की जानकारी

[वन]

15. ( क्र. 258 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रातापानी वन प्राणी अभयारण्य जिला सीहोर के अंतर्गत कितने हेक्टेयर वन भूमि पर फैला हुआ है? तथा कितने अभयारण्य क्षेत्र में राजस्व भूमि है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कितने ग्रामों को विस्थापित किया जाएगा? विस्थापित ग्रामों की सूची देवें विस्थापित ग्रामों में किन-किन वर्ग के लोग विस्थापित होंगे? विस्थापितों की कुल जनसंख्या बताई जाए। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार विस्थापित ग्रामों के लोगों को कहां बसाया जाएगा और प्रत्येक परिवार को मिलने वाली सुविधा की अद्यतन जानकारी देवें। (घ) क्या पूर्व में विस्थापितों को उन ग्रामों में बसाया गया था जिन्हें पुनः विस्थापित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक विस्थापित किया जाता रहेगा?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) रातापानी वन्यजीव अभयारण्य में जिला सीहोर की 135.031 वर्ग कि.मी. वन भूमि शामिल है। अभयारण्य क्षेत्र में राजस्व भूमि शामिल नहीं है।                               (ख) रातापानी वन्‍यप्राणी अभयारण्‍य जिला सीहोर से वनग्राम मथार की जनसंख्‍या-1650, राजस्‍व ग्राम देलाबाड़ी की जनसंख्‍या-239 एवं राजस्‍व ग्राम सुरई ढ़ाबा की जनसंख्‍या-489 को विस्‍थापित करने की योजना है। इन ग्रामों में निवास करने वाले अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति,पिछड़ा वर्ग,अल्पसंख्यक,सामान्य आदि सभी वर्गों के लोगों की सहमति के उपरांत ही नियमानुसार विस्थापित किये जाते हैं। (ग) राज्य शासन,वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ-3-8/07/10-2/2129 दिनांक 30.10.2008 एवं समसंख्यक पत्र दिनांक 17/12/2021 से विस्थापन हेतु जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों का विस्थापन किया जाता है। उक्त दिशा-निर्देश के अनुसार ग्रामों में निवासरत ग्रामीणों एवं ग्राम सभा की सहमति उपरांत, चयनित विकल्प के अनुसार पात्रता के निर्धारण कर पात्र हितग्राही को विस्थापित कर मुआवजा एवं विकल्प अनुसार सुविधायें उपलब्ध करायी जाती है। दिशा-निर्देशों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है।       (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।

निर्मित/निर्माणाधीन समूह पेयजल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

16. ( क्र. 269 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के पांढुर्णा एवं छिंदवाड़ा जिले में PHE विभाग/जल निगम में निर्मित/निर्माणाधीन समूह पेयजल योजना का कार्य विभाग द्वारा निर्धारित गुणवत्ता व अनुबंध की शर्तों के अनुसार समय-सीमा में पूर्ण किया गया हैं? यदि नहीं तो क्या सम्बंधित निर्माण ठेकेदारों के विरुद्ध नियमानुसार पेनाल्टी राशि अधिरोपित की गई है? यदि नहीं तो क्यों? क्या ऐसा न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या प्रश्‍नांश () में वर्णित योजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण करने व उनके निर्माण कार्य में की जा रही गड़बड़ी की सूक्ष्म जांच जिला-पांढुर्णा एवं छिंदवाड़ा जिलों के जनप्रतिनिधियों व संगठनों द्वारा कोई शिकायत शासन/विभाग को की गई हैं? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कि जावेगी? (ग) क्या जिला-पांढुर्णा एवं छिंदवाड़ा जिले में जल-जीवन मिशन के अंतर्गत निर्माण कार्य व इन कार्यों की निविदा शर्तों को शिथिल कर एवं ई.ई.द्वारा कार्य का अनुपातिक निरीक्षण किये बिना अधिकांश बिलों के भुगतान सम्बन्धी गड़बड़ी बाबत जनप्रतिनिधियों व मजदूर संगठनों द्वारा शासन/विभाग को शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विभाग में संविदा पद में पदस्थ CE को उक्त पद का प्रभार दिए बिना उच्च पद ENC का प्रभार दे दिया गया है? यदि हाँ, तो यह शासन के किस नियम के अनुकूल है? यदि नहीं तो इन्हें कब तक उक्त पद से पृथक किया जावेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) समूह जल प्रदाय योजनाओं का कार्य निर्धारित गुणवत्ता एवं अनुबंध की शर्तों के अनुरूप कराया जा रहा है। मोहखेड समूह जल प्रदाय योजना का कार्य पूर्ण हैं एवं माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। अनुबंध के अनुसार कार्यवाही की गई है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर ठेकेदार के विरुद्ध अनुबंध में दिये गये प्रावधानों एवं गुणदोष के अनुसार पेनाल्टी का निर्धारण ठेकेदार के अंतिम देयक के साथ किया जायेगा। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रशासनिक आवश्‍यकता को दृष्टिगत रखते हुए संविदा नियमों के अनुरूप कार्यवाही की जाकर विभाग द्वारा मुख्‍य अभियंता के पद पर संविदा नियुक्ति दी गई है। संविदा पर नियुक्‍त मुख्‍य अभियंता को प्रमुख अभियंता का प्रभार दिया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

निजी भूमि की अपील

[वन]

17. ( क्र. 359 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनमंडल नर्मदापुरम वनमंडल ने अपने पत्र क्रमांक मा.चि/6402 दिनांक 31.05.2022, पत्र क्रमांक मा.चि/11176‍ दिनांक 17.10.2022 पत्र क्रमांक मा.चि 5057 दिनांक 25.05.2024 में खोरी वनखण्‍ड के ग्राम खटामा के भूस्‍वामी हक में दर्ज किस खसरा नम्‍बर के कितने रकबे के संबंध में क्‍या-क्‍या लेख कर वन मुख्‍यालय की उत्‍पादन शाखा, भू-अभिलेख शाखा एवं भू-प्रबंध शाखा से क्‍या-क्‍या मार्ग दर्शन मांगा वह मार्ग दर्शन किस दिनांक को दिया गया मार्गदर्शन की प्रति सहित बतावें? (ख) एफ.एस.ओ. इटारसी के आदेश दिनांक 06.06.2022 की जानकारी वन मण्‍डल नर्मदापुरम को किस दिनांक को प्राप्‍त हुई उसकी अपील प्रस्‍तुत करने की क्‍या समय-सीमा निर्धारित है, आदेश के विरूद्ध अपील किस दिनांक को प्रस्‍तुत की ग्राम खटामा की पृथक की गई भूमि वर्ष 1953-54 से किस-किस किसान के नाम पर दर्ज होने की जानकारी वन मण्‍डल में उपलब्‍ध है। (ग) आदेश दिनांक 06.06.2022 की अपील प्रस्‍तुत करने हेतु वन मुख्‍यालय ने किस पत्र क्रमांक दिनांक से क्‍या-क्‍या निर्देश दिए इस बावत् क्‍या-क्‍या मार्गदर्शन वनमंडल को किस दिनांक को दिया प्रति सहित बतावें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

संविधान की 5वीं अनुसूची

[जनजातीय कार्य]

18. ( क्र. 360 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान की 5वीं अनुसूची की धारा 5 उप धारा 2 और उपधारा 2 की किस-किस कंडिका में, किस-किस विषय पर, किसे, क्या-क्या अधिकार दिए गए हैं। (ख) धारा 5 उपधारा 2 कंडिका (क) एवं (ख) में दिए गए प्रावधानों के अनुसार जनजातीय समुदाय की भूमि अन्तरण एवं भूमि आवंटन से संबंधित कौन-कौन सा प्रावधान राज्य में लागू रहा है या वर्तमान में लागू है। (ग) धारा 5 उपधारा 5 के अनुसार जनजातीय सलाहकार परिषद से किस-किस विनियमन पर परामर्श किया है।      (घ) धारा 5 उपधारा 5 के अनुसार प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी जनजातीय सलाहकार परिषद से परामर्श नहीं करने का क्या-क्या कारण रहा है।

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ख) समुदाय की भूमि के अंतरण के संबंध में मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 (यथा संशोधित 2018) की धारा 165 एवं धारा 170 के प्रावधान पूर्व में एवं वर्तमान में लागू है। मध्‍यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्‍तार) नियम 2022 में अंतरण के संबंध में अध्‍याय 4 भूमि प्रबंधन संबंधी प्रावधान लागू है। ऐसे समुदाय को भूमि आवंटन के लिए राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र के खण्‍ड 4 क्रमांक 03 के प्रावधान पूर्व में लागू रहे है। (ग) धारा 5 उपधारा 5 के अनुसार जनजातीय सलाहकार परिषद से परामर्श किये गये बिन्‍दुओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (घ) जनजाति सलाहकार परिषद के माननीय सदस्‍यों से प्राप्‍त सुझाव पर ही चर्चा की जाती है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निर्माणाधीन पेयजल परियोजना के निर्माण की प्रगति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

19. ( क्र. 388 ) श्री देवेन्‍द्र कुमार जैन : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले के ग्रामीण अंचल में पेयजलापूर्ती हेतु मढीखेडा बांध आधारित स्वीकृत, जल निगम द्वारा निर्माणाधीन पेयजल परियोजना का निविदा शर्तों के अनुसार किस अवधि तक निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना था व निर्धारित अवधि में कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये जाने थे। वर्तमान में उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कितने-कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं व       कौन-कौन से कार्य कितने प्रतिशत शेष बचे हैं? उक्त शेष कार्य कब-तक पूर्ण होंगे। कार्यवार, ग्रामवार, विकासखण्डवार व विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या पेयजल परियोजना में स्वीकृत कार्यों के पूर्ण होने के पूर्व ही उक्त परियोजना बेहतर क्रियान्वयन हेतु शिवपुरी में संचालित पी.आई.यू. कार्यालय को शिवपुरी से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया। जिसके चलते परियोजना की समुचित मॉनिटरिंग नहीं होने के चलते कार्य पूर्ण होने में विलंब हो रहा है तथा निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के क्रम में परियोजना का कार्यपूर्ण होने में विलंब हेतु क्या-क्या कारण हैं। तथा इस हेतु कौन उत्तरदायी हैं। क्या परियोजना की उचित मॉनिटरिंग हेतु अन्यत्र स्थानांतरित किये गये पी.आई.यू. कार्यालय को पुनः शिवपुरी में स्थानांतरित किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो सकारण उत्तर दें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) शिवपुरी जिले के ग्रामीण अंचल में पेयजल आपूर्ति हेतु म.प्र. जल निगम द्वारा क्रियान्वित मढीखेडा बांध आधारित समूह जल प्रदाय योजना का कार्य 11.01.2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित था। निर्धारित अवधि में योजना के समस्त कार्य जैसे इंटेकवेल, जल शोधन संयंत्र, पाइप-लाइन बिछाना, उच्चस्तरीय टंकी, घरेलू नल कनेक्शन प्रदाय करना इत्यादि समस्त कार्य पूर्ण किये जाने थे। योजनांतर्गत सम्मिलित कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट -01 अनुसार है। ग्रामवार, विकासखण्डवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश जल निगम परियोजना क्रियान्वयन इकाई शिवपुरी का मुख्यालय प्रशासनिक दृष्टि से परियोजना क्रियान्वित इकाई अंतर्गत विभिन्न जिलों की परियोजनाओं के बेहतर नियंत्रण हेतु ग्वालियर किया गया है, जिसका योजना के विलम्ब एवं गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं हुआ है। (ग) योजनांतर्गत विलम्ब मुख्य रूप से माधव राष्ट्रीय उद्यान, वन विभाग व अन्य विभागों से कार्य करने की अनुमति प्राप्त करने में हुआ है। विभिन्न विभागों से प्राप्त अनुमति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-02 अनुसार है। वर्तमान स्थिति में बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पांच"

सिंचाई विभाग की योजनाओं में वन विभाग के लंबित कार्य

[वन]

20. ( क्र. 397 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) आपचन्द मध्यम सिंचाई परियोजना जिला सागर से प्रभावित वन क्षेत्र के लिये वैकल्पिक वृक्षारोपण की अधिसूचना जारी होने में विलम्ब का क्या कारण है? डूब क्षेत्र में प्रभावित वृक्षारोपण की योजना किस स्तर पर तथा कब से लंबित है? कब योजना पूर्ण कर प्रस्तुत की जावेगी?                                  (ख) कोपरा मध्यम सिंचाई परियोजना जिला सागर के संदर्भ में वन्य प्राणी संबंधी प्रकरण किन कारणों से लंबित है? तथा कब तक भारत शासन को इस संबंध में जानकारी सुलभ कराई जावेगी? (ग) किशनगढ़ जलाशय योजना जिला सागर के लिये वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि आवंटन होने के बावजूद वनीकरण कार्य में विलम्ब का क्या कारण है? कब तक यह कार्य पूर्ण किया जाना लक्षित है?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्‍नांकित सिंचाई परियोजना में प्राप्त वैकल्पिक वृक्षारोपण के भूमि की अधिसूचना जारी हो चुकी है। वनमंडलाधिकारी, सामान्य वनमंडल दक्षिण सागर कार्यालय के पत्र क्रमांक/मा.चि./6068 दिनांक 02.12.24 से आवेदक संस्थान को वैकल्पिक वृक्षारोपण योजना की राशि जमा करने का मांग पत्र जारी किया गया, राशि जमा करने के उपरांत वृक्षारोपण सम्भव है। (ख) कोपरा मध्यम सिंचाई परियोजना जिला सागर की अनुमति हेतु परिवेश पोर्टल पर आवेदक संस्था के पास वन्यप्राणी संबंधी आपत्ति के निराकरण हेतु वापस किया गया है। आवेदक संस्था द्वारा आपत्ति के निराकरण उपरांत ही नियमानुसार अनुमति हेतु भारत सरकार को प्रेषित करना सम्भव होगा। (ग) प्रश्‍नांकित परियोजना में वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि का आवंटन है, परंतु वन भूमि व्यपवर्तन के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति हेतु विचाराधीन होने के कारण वनीकरण कार्य नहीं किया जा सकता है, भारत सरकार से औपचारिक स्वीकृति उपरांत वैकल्पिक वृक्षारोपण कार्य सम्भव है। समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।

एकल ग्राम नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

21. ( क्र. 468 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या तारांकित प्रश्‍न संख्या 14 (क्रमांक 1811) दिनांक 05/07/2024 को माननीय मंत्री जी द्वारा प्रश्‍नकर्ता को सदन में यह आश्‍वासन दिया गया था कि एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के संबंध में ग्राम के छूटे हुए मजरे-टोलों को सम्मिलित कर नवीन योजना तैयार कर शासन के समक्ष रख कर स्वीकृत कराई जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों की पुनरीक्षित योजना तैयार कर शासन के समक्ष रखी गई? ग्रामवार सूची दें नहीं तो क्यों?                                (ग) प्रश्‍नांश (क) आश्‍वासन इंदवार समूह नलजल योजना के संबंध में भी दिया गया था? हाँ तो इस योजना में आश्‍वासन के अनुरूप किस अधिकारी को विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भेजा गया, नाम एवं पदनाम का उल्लेख करें। उक्त अधिकारी द्वारा संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? ब्यौरा प्रदान करें। नहीं तो ऐसा क्यों नहीं किया गया? कौन-कौन दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) इंदवार समूह नल-जल योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम को 100 प्रतिशत पेयजल प्रदान किया जाना था। क्या ऐसा किसी एक भी ग्राम में नहीं किया गया और यह योजना 8 वर्ष में भी क्यों पूर्ण नहीं हुई इस हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? नहीं तो क्यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश "क" के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। यद्यपि 32 एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की पुनरीक्षित डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैजानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। इंदवार समूह जल प्रदाय योजना के ट्रायल रन का कार्य प्रगतिरत है एवं आंशिक रूप से जल प्रदाय प्रारंभ किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छ:"

खरीदी केन्‍द्रों की स्‍थापना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

22. ( क्र. 516 ) श्री अभय मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग द्वारा खरीदी केन्द्रों की स्थापना कर खरीदी के कार्य बावत निर्देश जारी किये गये, निर्देश की प्रति देते हुये बतावें कि रीवा जिले में कितने खरीदी केन्द्र कब-कब कहां-कहां संचालित है इनका संचालन किनके माध्यम से किया जा रहा है, समूहों के द्वारा जिन खरीदी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है उनमें किन समूहों पर अनियमितताएं पाकर कार्यवाही प्रस्तावित की गई तो कब बतावें विवरण 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित खरीदी केन्द्रों पर की जा रही अनियमितता के संबंध में प्रश्‍नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक/213/ए/रीवा/से.वि./2024 दिनांक 19.02.2024, आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा को पत्र क्रमांक/255/रीवा/से.वि./2024 दिनांक 29.02.2024, कलेक्टर जिला रीवा को पत्र क्रमांक/651/2024 दिनांक 25.10.2024 को जांच एवं कार्यवाही हेतु लिखा गया, जिस पर कार्यवाही की स्थिति क्या है? किन-किन पर कार्यवाही की गई बतावें अगर नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संचालित खरीदी केन्द्रों से खरीदे गये धान एवं गेहूँ परिवहन बावत किन संविदाकारों को कब-कब, किन-किन शतों पर आदेश जारी किये गये का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का देवें, परिवहनकर्ताओं द्वारा समय पर उठाव कर परिवहन कार्य पूरा किया गया अगर नहीं तो क्यों उस पर कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही की गई बतावें अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों, परिवहनकर्ताओं/ठेकेदारों को शासन के आदेश किन शर्तों पर दिये जाने के थे प्रति देते हुये बतावे? (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के तारतम्य में श्री ज्ञानेन्द्र पाण्डेय मुख्य कार्यपालन अधिकारी/महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार व आर्थिक अनियमितता से संबंधित शिकायत मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 564/शिकायत/2024 दिनांक 10.10.2024, प्रमुख सचिव सहकारिता को पत्र क्रमांक 492/शिकायत/2024 रीवा दिनांक 19.09.2024 के द्वारा की गई थी इनके विरूद्ध थाना अमरपाटन जिला सतना में दिनांक 07.06.2018 को 48 करोड़ 78 लाख 32 हजार 546 रूपये के फर्जी ऋण वितरण एवं फर्जी बीमा क्लेम की राशि गवन का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया फिर भी संबंधित को महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ कर कार्य क्यों लिया जा रहा है इनको अन्यत्र हटाते हुये जांच बावत क्या निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उल्लेखित तथ्यों पर कार्यवाही न करने, पत्रों का समय पर निराकरण न करने के जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे साथ ही पत्रों पर समय पर कार्यवाही बावत भी निर्देश देंगे। यदि नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

23. ( क्र. 523 ) श्री अभय मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. स्‍टेट सिविल सप्‍लाई कार्पोरेशन के द्वारा दिनांक 05.06.2024 को फर्जी डिपॉजिट आर्डर पर एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने पर आदेश दिये गये थे? आदेश की प्रति के साथ कार्यवाही की क्‍या स्थि‍ति है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में तत्कालीन जिला प्रबधंक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम रीवा, प्रबंधक सिविल सप्‍लाई कार्पोरेशन श्री देवेन्‍द्र तिवारी के द्वारा जिला रीवा में पदस्‍थगी के दौरान परिवहन के नाम पर संविदाकारों से सांठ-गांठ कर दूरस्‍थ स्‍थानों में परिवहन कराकर व्‍यक्तिगत हितपूर्ति की गई जिसके संबंध में पत्र क्रमांक 372 दिनांक 02.07.2024 द्वारा प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग म.प्र. भोपाल, पत्र क्रमांक 599, पत्र क्रमांक 564 दिनांक 10.10.2024, दिनांक 15.10.2024 पत्र क्रमांक 679 दिनांक 08.11.2024 के द्वारा मुख्‍य सचिव म.प्र.शासन भोपाल, को लिखे गये पत्रों पर कार्यवाही की स्थिति क्‍या हैं का विवरण देते हुये बतावें अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? कार्यवाही बावत क्‍या निर्देश देंगे? (ग) प्रश्‍नांकित श्री तिवारी बी.आर.टी.एस. योजना में प्रतिनियुक्ति के दौरान गलत प्रोजेक्‍ट तैयार शासन को क्षति पहुंचाने व सीधी में जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम के पद पर पदस्‍थ रहते हुये हजारों क्विंटल धान को जानबूझकर सड़ाकर पचासों करोड़ रूपये का नुकसान शासन को हुआ जिस पर प्राप्‍त शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों कार्यवाही बावत् क्‍या निर्देश देंगे यह भी बतावें अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अपराधिक प्रकरण दर्ज न कराने एवं प्रश्‍नांश (ख) अनुसार परिवहन के नाम पर ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर व्‍यक्तिगत हितपूर्ति करने शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के साथ जांच व कार्यवाही लंबित रखने के जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे बतावें अगर नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

24. ( क्र. 524 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले में ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम अन्तर्गत बसाहटों में वित्तीय वर्ष      2024-25 हेतु हैण्डपम्प उत्खनन बाबत् भौतिक लक्ष्यों का निर्धारण प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 4753 दिनांक 20.05.2024 के पालन में रीवा जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों व विकासखण्डों में कराये गये तो उनकी संख्या विधानसभावार/जनपदवार देवें, इनका उत्खनन क्षेत्रीय विधायकों की अनुशंसा पर कहां-कहां, किन-किन जगहों पर किये गये का विवरण अनुशंसा पत्रों की प्रति देते हुये बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में रीवा व मऊगंज जिले में वर्ष 2019 से प्रश्‍नांश दिनांक के दौरान माननीय क्षेत्रीय विधायकों द्वारा विधायक विकास निधि से नवीन नलकूप उत्खनन बाबत् दी गई राशि अनुसार कितनी राशियां किन विधानसभा क्षेत्र की अंतिम राशि शेष बची का विवरण संविदाकारों को अंतिम भुगतान करने के बाद का देवें। ठेकेदारों द्वारा प्राप्त राशि से कितने कम राशि पर अनुबंध कर उत्खनन के कार्य किये गये का विवरण प्रति नलकूपवार उपरोक्त जिलों का देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में प्रश्‍नकर्ता सदस्य द्वारा अपने पत्र क्रमांक 594 दिनांक 15.10.2024 व पत्र क्रमांक 440 दिनांक 28.08.2024, के द्वारा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र. भोपाल व पत्र क्रमांक 299 दिनांक 13.03.2024, पत्र क्रमांक 597 दिनांक 15.10.2024 के द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को लिखा गया था। पत्रों पर कार्यवाही की स्थिति बतायें अगर कार्यवाही समय पर नहीं की गई पेयजल आपूर्ति प्रभावित है इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, जिम्मेदारों के पदनाम के साथ उन पर क्या कार्यवाही करेंगे बतायें, अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) के जारी निर्देशों के पालन में विधानसभा क्षेत्र सेमरिया के जनपद पंचायत सिरमौर व रीवा की ग्राम पंचायतों में अनुशंसित जगह पर नलकूप उत्खनन नहीं कराये गये, व्यक्तिगत हितपूर्ति कर दूसरे स्थानों पर नलकूप उत्खनन करा कर प्रश्‍नकर्ता के पत्रों की अवहेलना की गई एवं प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार राशियों का समायोजन नहीं किया गया, आज भी राशि लंबित है जो शासन के गबन की श्रेणी में है इसके लिये जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे, बतायें एवं पत्रों का समय पर निराकरण न करने के लिये कौन-कौन जवाबदार है, उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) हैण्डपंप उत्खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार तथा अनुशंसा पत्रों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) पत्र क्रमांक 440 दिनांक 28.08.2024 से वांछित कार्यवाही पूर्ण, पत्र क्रमांक 597 दिनांक 15.10.2024 के संबंध में कार्यवाही सतत् प्रक्रियाधीन है। शेष पत्रों पर कार्यवाही हेतु संबंधित को निर्देशित किया गया है। पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से हो रही है, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जो नहीं। विभाग द्वारा कार्ययोजना के तहत पेयजल की आवश्यकता के दृष्टिगत शासन द्वारा निर्धारित नीति के तहत नलकूप खनन कराये जाते हैं तथा इस कार्य में माननीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसाओं को प्राथमिकता दिये जाने का प्रयास किया जाता है, राशियों का समायोजन नियमानुसार किया जाता है, अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन केन्‍द्र आवंटित कराया जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

25. ( क्र. 545 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) मध्‍यप्रदेश में समर्थन मूल्‍य पर किसानों की पैदावार (अनाज) के उपार्जन हेतु विभिन्न सहकारी संस्‍थाओं एवं अन्‍य संस्‍थाओं को सम्मिलित कर उपार्जन कार्य कराये जाने की नीति निर्धारित की गई है। यदि हाँ, तो किसानों की अंश राशि तथा सदस्‍यों की म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के तहत पंजीकृत किसान उत्‍पादक सहकारी समितियों को क्‍यों सम्मिलित नहीं किया गया है? कारण सहित जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या यह सही है कि भारत शासन (सहकारिता विभाग) नई दिल्‍ली के निर्देशन पर म.प्र. सहकारिता विभाग द्वारा किसान उत्‍पादक सहकारी समितियों का पंजीयन किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या इन सहकारी समितियों को उपार्जन नीति में सम्मिलित कर समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन केन्‍द्र आवंटित कराये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? समयावधि बताई जावे।

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक से सम्‍बद्ध मध्‍यप्रदेश सहकारी समितियां अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पंजीकृत बहुउद्देश्‍यीय प्राथमिक कृषि सहकारी संस्‍थाएं (बी-पेक्‍स), आयुक्‍त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्‍थाएं के आदेश क्रमांक विपणन/2013/869 दिनांक 27.05.2013 में उल्‍लेखित ब्‍लॉक स्‍तरीय विपणन सहकारी संस्‍थाएं, जिला थोक उपभोक्‍ता भण्‍डार एवं NRLM के अंतर्गत पंजीकृत महिला स्‍व-सहायता समूह एवं क्‍लस्‍टर लेवल फेडरेशन (CLF) को उपार्जन का कार्य दिए जाने का प्रावधान है। समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित खाद्यान्‍न के गोदामों में भंडारण एवं किसानों को भुगतान सुनिश्‍िचत करने की दृष्टि से उक्‍त संस्‍थाओं को समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न का उपार्जन कराया जाता है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उत्‍तरांश (क) अनुसार।

धान का क्रय, भण्‍डारण एवं परिवहन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

26. ( क्र. 557 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) समस्त बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में किस-किस खरीदी केंद्र से कितनी-कितनी धान किस दिनांक को खरीदी की गई तथा उक्त धान को किस-किस भंडारण केंद्र में भंडारित किया गया? गोदाम मालिक के नाम सहित भंडारण की क्षमता बतायें। साथ ही ओपन केप में भंडारण की तिथिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में अन्य जिलों में धान परिवहन कर भंडारण किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? जबकि बालाघाट जिले में भंडारण क्षमता धान खरीदी के बराबर है तो अन्य जिलों में परिवहन क्यों किया गया? (ग) समस्त बालाघाट जिले में कितने वेयरहाउस एवं कितने ओपन केप उपलब्ध हैं एवं उनके भंडारण की क्षमता कितनी है? विकासखंडवार/ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (घ) धान परिवहन में किस-किस ट्रांसपोर्टरों से अनुबंध किया गया है तथा विगत 3 वर्षों में किन-किन ट्रांसपोर्ट्स को कितनी राशि का भुगतान किस-किस परिवहन कार्य हेतु किया गया? संपूर्ण बिल, अनुबंध पत्र का भुगतान वाउचरों की प्रति उपलब्ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन केन्‍द्रवार एवं वर्षवार उपार्जित धान मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे       परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। दिनांकवार धान उपार्जन मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। उपार्जित धान के गोदाम एवं केप में भण्‍डारित धान की दिनांकवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है एवं गोदाम का नाम, गोदाम मालिक का नाम, भण्‍डारण क्षमता की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले में वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान के सुरक्षित भण्‍डारण हेतु जिले में पर्याप्‍त भण्‍डारण क्षमता उपलब्‍ध न होने से अंतर जिला परिवहन कराकर धान का भण्‍डारण अन्‍य जिलों में कराया गया। वर्ष 2023-24 में बालाघाट जिले में पर्याप्‍त भण्‍डारण क्षमता उपलब्‍ध होने के कारण अन्‍य जिले में धान का परिवहन कर भण्‍डारण नहीं कराया गया है। (ग) बालाघाट जिले में उपलब्‍ध गोदाम एवं ओपन केप की क्षमतावार, विकासखण्‍डवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-5 अनुसार है। (घ) बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में अनुबंधित परिवहनकर्ताओं द्वारा किए गए परिवहन कार्य एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार है तथा परिवहनकर्ताओं से किए गए अनुबंध की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार है।

पंधाना विधानसभा में उद्योगों की स्थापना

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

27. ( क्र. 565 ) श्रीमती छाया गोविन्‍द मोरे : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा अंतर्गत देशगांव में फूड पार्क के रूप में महाराणा औद्योगिक क्षेत्र को स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) फूड पार्क कितने एकड़ क्षेत्र में बनेगा और निर्माण लागत मूल्य क्या है और कब तक बनकर तैयार हो जायेगा? (ग) पंधाना विधानसभा के छैगांव माखन, बोरगांव बुजुर्ग, सिंगोट, गुडी क्षेत्र में लघु उद्योग स्थापना की क्या कार्ययोजना है?

उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

[जनजातीय कार्य]

28. ( क्र. 612 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1812 दिनांक 05.07.2024 के (क) से (ग) के उत्तर में स्थगन रिक्त करने हेतु दिनांक 05.07.2016 को माननीय उच्च न्यायालय में आवेदन प्रकरण प्रभारी द्वारा प्रस्तुत किया गया है? उस दिनांक के बाद प्रश्‍न दिनांक तक प्रकरण प्रभारी द्वारा क्या कार्यवाही स्थगन रिक्त कराने हेतु की गई? जानकारी देवें। (ख) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय 2018 एवं उच्च न्यायालय जबलपुर 2022 द्वारा स्थगन आदेश की समय अवधि 6 माह निर्धारित की गई है। यदि हाँ, तो आदेशों के बाद भी प्रकरण प्रभारी द्वारा कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण है बताये? क्या उक्त प्रकरण में त्वरित कार्यवाही निर्णय हेतु प्रक्रिया प्रभारी द्वारा की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि प्रकरण प्रभारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दिनांक 05.07.2016 के बाद में कोई कार्यवाही नहीं की है तो क्या प्रकरण प्रभारी दोषी है यदि हाँ, तो दोषी प्रकरण प्रभारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रभारी अधिकारी द्वारा स्‍थगन रिक्‍त कराये जाने की कार्यवाही के लिये शासकीय अधिवक्‍ता, कार्यालय महाधिवक्‍ता, माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा याचिकाकर्ता के जाति प्रमाण पत्र की जांच से संबंधित चाहे गये अभिलेख प्रकरण प्रभारी अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक 386 दिनांक 31.8.2023 को प्रस्‍तुत किये गये। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय की एक संविधान पीठ द्वारा Asian Resurfacing of Road Agency Pvt. Ltd. बनाम केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो CBI (2018) में यह निर्धारित किया गया था कि स्थगन आदेश स्वचालित रूप से छ: महीने बाद समाप्त हो जाएंगे। परंतु माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा वर्ष 2024 में संविधान पीठ द्वारा High Court Bar Association Allahabad Vs The State of Uttar Pradesh & Others, क्रिमिनल अपील क्रमांक 3589/2023 के दिनांक 29.02.2024 को पारित निर्णय में उपरोक्‍त वर्ष 2018 के निर्णय को पलट दिया। वर्ष 2024 के निर्णय अनुसार किसी भी सिविल या क्रिमिनल प्रकरण में तार्किक स्‍थगन आदेश, जब तक कि समयबद्ध अंकित न किया गया हो, प्रकरण के अंतिम निर्णय तक प्रभावशील रहेगा। प्रश्‍नांश () के उत्‍तर अनुसार प्रकरण में प्रभारी अधिकारी द्वारा समय पर कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, प्रकरण प्रभारी अधिकारी द्वारा प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के उत्‍तर अनुसार न्‍यायालयीन प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सात"

टाईगर रिजर्व की इको सेंसिटिव जोन की भूमि की जानकारी

[वन]

29. ( क्र. 681 ) श्री अरविन्द पटैरिया : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या एस.डी.एम. एवं वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी राजनगर जिला छतरपुर द्वारा 25 जून, 2024 को आदेश पारित कर पन्‍ना टाईगर रिजर्व के इको सेंसिटिव जोन के राजगढ़ मौजा के खसरा नं. 2091 की 2.80 एकड़ जमीन ओबेराय ग्रुप के राजगढ़ पैलेस एवं रिसोर्ट के नाम निजी दर्ज की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या एस.डी.एम. एवं वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी राजनगर टाईगर रिजर्व की सीमाओं में परिवर्तन करने के संपूर्ण अधिकार रखते है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तहत यदि हाँ, तो शासन के नियम व मापदंडों का संपूर्ण विवरण देवें और यदि नहीं तो दोषियों पर क्‍या व कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के तहत जांच करने के लिये राज्‍य स्‍तरीय कमेटी गठित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं, अपितु वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी राजनगर ने भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 11 (2) (i) के तहत प्रश्‍नाधीन खसरे के संपूर्ण क्षेत्रफल को संरक्षित वन एवं वन सीमा से विलोपित किया है। (ख) जी नहीं, अपितु वनखण्‍ड की सीमा से अपवर्जित करने की अधिकारिता वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी को है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 17 के तहत प्रकरण कलेक्‍टर छतरपुर के समक्ष अपील में है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के अनुक्रम में प्रकरण अपील में है। राज्‍य स्‍तरीय समिति गठित करने का प्रावधान भारतीय वन अधिनियम 1927 में नहीं है।

वनों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु योजनाओं की जानकारी

[वन]

30. ( क्र. 711 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) उज्जैन जिले में वन विभाग की कितनी भूमि कहाँ-कहाँ स्थित हैं एवं कितनी भूमि पर विगत 05 वर्षों में वृक्षारोपण कब-कब किया गया है वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है। वर्तमान में वन विभाग की कितनी भूमि पर अतिक्रमण कहाँ-कहाँ किया हुआ है, अतिक्रमण के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। (ख) उज्जैन जिला कलेक्टर कार्यालय के लिए आरक्षित भूमि वन विभाग को सौंपी गई थी। उस भूमि की वर्तमान में क्या स्थिति हैं। उस पर कितने पौधे लगाये गये हैं? (ग) क्या वृक्षरोपण के लिये वन विभाग मुफ्त के पौधे जनता को उपलब्ध कराती है यदि हाँ, तो विगत वर्ष में कितने पौधे कहाँ-कहाँ उपलब्ध कराये गये हैं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) उज्जैन जिले में वन विभाग की 4208 हेक्टेयर वनभूमि है, प्रश्‍नाधीन अवधि में 724.34 हेक्टेयर में पौधारोपण किया गया तथा 91.83 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अतिक्रमण के संबंध में विभाग द्वारा भारतीय वन अधिनियम के तहत वैधानिक कार्यवाही की गयी है।        (ख) वनमण्डल उज्जैन अन्तर्गत उज्जैन जिला कलेक्टर कार्यालय के लिए आरक्षित भूमि वन विभाग को नहीं सौंपी गई है, अतः शेष भाग का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनता को मुफ्त पौधे उपलब्ध कराने की कोई योजना नहीं है, अतः शेष भाग का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

 

प्रदूषण से हो रही आकस्मिक मौतों/ बीमारियों की रोकथाम

[पर्यावरण]

31. ( क्र. 712 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील नागदा में ग्राम भगतपुरी, परमारखेड़ी में प्रदूषित नदी का पानी पीने से विगत दिनों कितनी भैंसों की आकस्मिक मृत्यु हुई थी? क्या प्रदूषण विभाग ने चम्बल नदी के जल की जाँच की थी? यदि हाँ, तो रिपोर्ट उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो क्यों नहीं की? इसके लिए कौन दोषी हैं? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में नागदा के उद्योग ग्रेसिम, केमिकल, लैंक्सेस से निकलने वाले जहरीले रसायन से चंबल नदी प्रदूषित हो रही है उसे रोकने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ग) तहसील नागदा के ग्राम टकरावदा एवं अजीमाबाद पारदी ग्रामों में नागदा के ग्रेसीम, केमिकल एवं लैंक्सेस उद्योगों से निकलने वाले वेस्टेज जहरीले रसायन से करीब 50 से 100 फीट गहरी कृषि भूमि प्रदूषित हो चुकी है जिससे वहां की भूमि तल का पानी प्रदूषित होने से फसलें बर्बाद हो रही है भूमि बंजर हो रही है। साथ ही गंभीर बीमारियाँ फैल रही है। संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रदूषित रसायन की 5 वर्षों में कितनी बार जाँच की गई? जाँच रिपोर्ट उपलब्ध करावें। यदि जाँच नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) पशुपालन एवं डेयरी विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार 08 भैंसों की दलदल में फंसने के कारण मृत्‍यु हुई थी। जी हाँ, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नाधीन उद्योगों द्वारा शून्‍य निस्‍त्राव की स्थिति को संधारित किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश () में उल्‍लेखित उद्योगों द्वारा किसी भी प्रदूषित रसायन का निस्‍त्राव नहीं होने से जाँच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "आठ"

प्रदेश में अमानक स्‍तर का उपार्जित गेहूँ

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

32. ( क्र. 832 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा भण्‍डारित किये गये गेहूँ में 18 लाख टन गेहूँ अमानक स्‍तर का पाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो समय पर रख-रखाव क्‍यों नहीं किया गया? कारण बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के अंतर्गत क्‍या शासन को आर्थिक क्षति हुई हैं? यदि हाँ, तो ब्‍याज सहित राशि बतावें। (घ) क्‍या आर्थिक क्षति की राशि वसूल की जावेगी? यदि हाँ, तो किससे?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ के भंडारण होने के उपरांत परिदान के समय गुणवत्‍ता जांच में फारेन मटेरियल निर्धारित मात्रा से अधिक पाए जाने पर अपग्रेड कराकर परिदान किया जाता है। गोदामों में वर्ष 2018-19 से 2022-23 की अवधि में इंदौर एवं उज्‍जैन संभाग में कुल 67506 मे.टन गेहूँ लंबी अवधि तक भंडारण होने के कारण क्षतिग्रस्‍त हुआ है। (ख) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ में निर्धारित मापदण्‍ड से अधिक बाह्य पदार्थ होने की स्थिति समय पर रख-रखाव न होने के कारण निर्मित नहीं होती है। कोरोना काल में समर्थन मूल्‍य पर अधिक मात्रा में गेहूँ खरीदी होने, लंबे समय तक भंडारण एवं असामयिक वर्षा के कारण केप में भंडारित गेहूँ खराब हुआ है। (ग) अमानक स्‍तर के गेहूँ के अपग्रेडेशन एवं निष्‍पादन की कार्यवाही प्रचलित है। कार्यवाही पूर्ण होने पर ही क्षति राशि का आंकलन किया जा सकेगा।                           (घ) अमानक स्‍तर के गेहूँ के अपग्रेडेशन एवं निष्‍पादन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्यवाही पूर्ण होने पर ही आगामी कार्यवाही की जाएगी।

छिंदवाड़ा एवं पाढुर्णा जिलों में राशि का आवंटन

[जनजातीय कार्य]

33. ( क्र. 851 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त छिंदवाड़ा एवं पांढुर्णा जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु किस दिनांक को मध्यप्रदेश शासन या केन्द्र शासन द्वारा आवंटित हुई? उक्‍त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हेतु किन-किन कार्य एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? निविदा प्रकाशन के विज्ञापन तथा निविदाकारों को दिए गए कार्यादेश के प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये गये कितने अपूर्ण है? बगैर विज्ञापन निकाले कितने कार्य मेन्युअल आधार पर प्रदान किए गए? दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें?

जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'एक' अनुसार है। निविदा प्रकाशन के विज्ञापन की प्रतियाँ जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'दो' एवं कार्यादेश की प्रतियाँ जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'तीन' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट 'चार' अनुसार है।

टीकमगढ़ जिले की नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

34. ( क्र. 853 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या टीकमगढ़ जिले में जल-जीवन मिशन योजन विफल हो गई है। यदि नहीं तो टीकमगढ़ जिले में कुल कितनी नल-जल योजनाएं स्‍वीकृत है और उनमें कितनी पूर्ण हो गई है व कितनी ऐसी है कि जिनका कार्य ही प्रांरभ नहीं किया गया? पृथक-पृथक नामवार बतायें? (ख) क्‍या ऑम कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी टीकमगढ़ के पास अनेकों ग्रामों व नगर पंचायत में जल-जीवन मिशन निविदायें स्‍वीकृत है किन्‍तु कार्य नहीं किया जा रहा है बल्कि कंपनी को काली सूची में लोक निर्माण विभाग द्वारा डाल दिया गया है? यदि प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित कंपनी ब्‍लैक लिस्‍टेड हो गई है जिसमें यह तथ्‍य उल्‍लेखित है कि ब्‍लैक लिस्‍टेड कंपनी के कोई भुगतान नहीं किये जावें? उपरोक्‍त कंपनी कितनी राशि प्राप्‍त कर चुकी है और कितनी बकाया है। (ग) क्‍या जल-जीवन मिशन अतंर्गत कार्य करने वाले निविदाकारों ने उस गांव में जहां योजना स्‍वीकृत है जल के स्‍त्रोत पैदा न कर कार्य चालू कर कार्य पूर्ण दिखा दिया है जैसे उदाहरण के लिए ग्राम पंचायत बरेठी, जनपद जतारा जिला टीकमगढ़ मध्‍यप्रदेश? (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) (ग) में वर्णित तथ्‍यों पर कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं। कुल 609 ग्रामों के लिए नल जल प्रदाय योजनाएं स्‍वीकृत हैं, जिनमें से 149 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं पूर्ण हो गई हैं तथा 102 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी नहीं, मैसर्स ऑम कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी टीकमगढ़ को लोक निर्माण विभाग द्वारा काली सूची में दर्ज किया गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा पंजीयन काली सूची में दर्ज करने पर फर्म किसी भी निविदा में भाग लेने हेतु अपात्र हो जाती है। परंतु पूर्व से विद्यमान अनुबंधों के कार्यों का अनुबंध अनुसार संपादन किये जाने पर कार्यों का भुगतान किया जा सकता है। राशि रूपये 30.52 करोड़। शेष भुगतान पूर्ण कार्यों के मूल्याकंन के आधार पर किया जाता है। इसलिये बकाया राशि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '''', '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अपराध में लिप्‍त कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

35. ( क्र. 854 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में पदस्थ किसी खाद्य अधिकारी या खाद्य निरीक्षक पर ग्वालियर जिले में पदस्थी के दौरान, थाना विश्‍वविद्यालय ग्वालियर में आई.पी.सी. की धारा 420 एवं 409 में आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ? फिर भी बगैर जमानत कराये टीकमगढ़ जिले में शासकीय सेवा में शासकीय कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कर्मचारी के विरूद्ध माननीय हाईकोर्ट जबलपुर ने पी.डी.एस की दुकानों का निरीक्षण न कराने का निर्देश दिया है? (ग) अपराधिक प्रकरण में संलिप्त कर्मचारी से शासकीय कार्य कराने व माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवेहलना करने के लिए कौन दोषी है? उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित तथ्यों की जांचकर क्या विस्तृत विवरण दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, ग्‍वालियर जिले में पदस्‍थ रहे श्री पंकज कारौरिया कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी के विरूद्ध थाना विश्‍वविद्यालय, जिला ग्‍वालियर में अपराध क्रमांक 0251 दिनांक 15.06.2021 आई.पी.सी. की धारा 420, 409 के अन्‍तर्गत दर्ज किया गया है। प्रकरण पुलिस विवेचना में है। (ख) म.प्र. हाईकोर्ट जबलपुर की रिट याचिका क्र. 7181/2022 में दिनांक 26.04.2022 में पारित आदेश में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा पंकज कारौरिया के लिये लेख है कि पंकज कारौरिया पर गम्‍भीर आरोप लगे होने के कारण, उक्‍त विशेष जांच में सम्मिलित नहीं होने के निर्देश दिये गये है। (ग) म.प्र. हाईकोर्ट जबलपुर के रिट याचिका क्र. 7181/2022 में पारित आदेश के पालन में निवाड़ी जिले के किसी भी अधिकारी के द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की गई है। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सहकारी समितियों के कर्मचारियों का लंबित भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

36. ( क्र. 861 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) सतना एवं मैहर जिले में समर्थन मूल्‍य पर धान, गेहूँ, का उपार्जन करने वाली सहकरी समितियों के लेबर व्‍यय, कमीशन तथा कम्‍प्‍यूटर आपरेटरों के वेतन आदि के लंबित भुगतान पूर्ण रूप‍से केन्‍द्रवार कब तक कराये जावेंगे, समयावधि बतायी जाये। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में क्‍या प्रत्‍येक वर्ष उपार्जन केन्‍द्रों से संबंधित संस्‍थाओं का भुगातन अति विलंब से किया जाता है? यदि हाँ, तो क्‍यों, यदि नहीं तो प्रत्‍येक वर्षवार,खरीफ एवं रबी में कार्यरत रही, संस्‍थाओं को किये गये भुगतान को संख्‍यावार, वर्षवार, रबी एवं खरीफ सत्रवार पृथक-पृथक जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में क्‍या यह भुगतान विलंब से किये जाने पर सहकारी समितियों को जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक सतना से प्राप्‍त‍कर क्रेडिट ऋण पर ब्‍याज का अधिभार वहन करने से उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित रहती है, यदि हाँ, तो क्‍या निकट भविष्‍य में समय पर भुगतान किये जाने की व्यवस्‍था बनायी जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना एवं मैहर जिले में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान, गेहूँ, पर उपार्जन करने वाली सहकारी समितियों के लेबर व्‍यय, कमीशन तथा कम्‍प्‍यूटर आपरेटर्स के मानदेय की राशि रबी विपणन वर्ष 2023-24 की रू. 2.80 करोड़ एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 की रू. 3.35 करोड़ भुगतान किया जाना शेष है। समितियों को अंकेक्षित देयक के आधार पर समस्‍त वसूली उपरांत देय शेष राशि का भुगतान आगामी एक माह में करने का प्रयास किया जाएगा। (ख) समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन करने वाली संस्‍थाओं उपार्जित मात्रा के आधार पर कमीशन, मंडी लेबर व्‍यय, हैण्‍डलिंग व्‍यय का तदर्थ भुगतान उपार्जन अवधि में जेआईटी के माध्‍यम से ऑनलाईन किया जाता है। उपार्जन समाप्‍त होने के उपरांत उपार्जित, परिवहन एवं गोदाम में जमा मात्रा, बारदाना मिलान होने के उपरांत अंकेक्षित देयकों के आधार पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित लागत पत्रक अनुसार शेष राशि का भुगतान किया जाता है, जिसमें समय लगना स्‍वाभाविक है। रबी विपणन वर्ष 2023-24 की रू. 2.80 करोड़ एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 की रू. 3.35 करोड़ भुगतान की जाना शेष है। (ग) विभाग द्वारा समितियों को तदर्थ भुगतान ऑनलाईन करने की व्‍यवस्‍था है तथा भुगतान में लगने वाले समय के कारण देयक राशि पर ब्‍याज देने का प्रावधान नहीं है। भुगतान व्‍यवस्‍था में आवश्‍यकतानुसार सुधार किया जाना है।

 

आवंटित एवं व्‍यय राशि का ऑडिट

[वन]

37. ( क्र. 874 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 639 दिनांक 05/07/24 के तहत वर्ष 22-23, 23-24 एवं वित्तीय वर्ष 24-25 में लेखा शीर्षों में विभिन्‍न मदों में पृथक-पृथक राशि का कुल RS. 399613971 का व्यय किया गया? (ख) यदि हाँ, तो व्यय राशि के संबंध में विभागीय कमेटी तथा उक्त नस्ती विधिवत तैयार कर जिला प्रशासन तथा जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष पî