प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2024
सत्र
शुक्रवार, दिनांक 20 दिसम्बर, 2024
भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर
फायर सेफ्टी
नियमों का
पालन
[जनजातीय कार्य]
1. ( *क्र. 1652 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभाग के अंतर्गत संचालित सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र के बालक हॉस्टल में वर्ष 2024 में दो बालकों की विद्युत करंट से देहांत होने के बाद, विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी प्राथमिक स्कूल से हायर सेकेंडरी स्कूल और बालक-बालिका हॉस्टल में फायर और सेफ्टी की आज तक की यथा स्थिति की जानकारी दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रदेश के सभी जिलों में विभाग के अंतर्गत कितने स्कूल और हॉस्टल में फायर और सेफ्टी के नियमों का पालन करने के लिए आई.एस. 14435 (1997) का पालन करा जा रहा है या नहीं? यदि फायर और सेफ्टी के नियमों का पालन नहीं हो रहा, तब विभाग की भविष्य की क्या कार्य योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में पिछले 5 वर्षों में विभाग ने सभी स्कूल और हॉस्टल में प्रति वर्ष रख-रखाव और सुरक्षा हेतु कितनी राशि खर्च की है? वर्ष अनुसार जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) स्वीकृत भवन निर्माण कार्यों में आई.एस. 14435 (1997) में किये गये प्रावधान का पालन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
अन्त्योदय योजना की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
2. ( *क्र. 906 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा गरीब अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं के रोजगार हेतु कोई योजना चलाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) अन्त्योदय योजना से जिला मुरैना में कितने युवाओं को इसका लाभ मिला है? यदि हाँ, तो उनके नाम, पते सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या इस योजना का उचित प्रचार प्रसार न कर अनुसूचति वर्ग के लोगों को इसके लाभ से लाभांवित नहीं करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक जानकारी देवें?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, योजना संचालित न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के उत्तर अनुसार।
अ.जा. एवं अ.ज.जा. विभाग में अनियमितता
[जनजातीय कार्य]
3. ( *क्र. 1667 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 के पश्चात नीमच, मंदसौर जिले में अ.जा. एवं अ.ज.जा. विभाग में कब-कब, किन-किन कर्मचारियों के खिलाफ किस-किस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुईं? उन पर विभाग के किस सक्षम अधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2023 के पश्चात उज्जैन संभाग में अ.जा. एवं अ.ज.जा. विभाग के कितने जिला अधिकारी हैं, जिनका प्रमोशन किया गया, लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया गया? रिलीव न करने के क्या कारण हैं और इसकी समय-सीमा क्या है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 के पश्चात नीमच एवं मंदसौर जिले में अ.जा. एवं अ.ज.जा. विभाग में कर्मचारियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतें एवं उन पर सक्षम अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2023 के पश्चात उज्जैन संभाग में किसी भी जिला अधिकारी का प्रमोशन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
4. ( *क्र. 1700 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु कौन-कौन सी छात्रवृत्ति योजनायें लागू की गई हैं? (ख) उक्त योजनाओं के जिला ग्वालियर अंतर्गत वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 तथा अगस्त 2024 तक कितने विद्यार्थी पात्र पाये गये? कितनी-कितनी राशि का वितरण किया गया? नामवार एवं वर्षवार जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश ''ख'' में दी गई जानकारी में से कितने प्रकरणों में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान अब तक क्यों नहीं किया गया एवं कितने प्रकरण किन कारणों से निरस्त किये गये? (घ) प्रश्नांश ''ग'' में दी गई जानकारी में अंकित विद्यार्थियों को कब तक छात्रवृत्ति का भुगतान कर दिया जावेगा?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति वर्ग हेतु विदेश में उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजना लागू है। (ख) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाई स्कूल भवन का उन्नयन एवं स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
5. ( *क्र. 38 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार विधानसभा के हाई स्कूल धामन्दा, हाई स्कूल नारायणपुरा तथा हाई स्कूल तोरनोद का उन्नयन किस वर्ष हुआ था? क्या इन स्कूलों में शासन की योजना अनुसार उन्नयन के साथ ही हाई स्कूल भवनों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) यदि नहीं, तो क्या कारण है कि उन्नयन पश्चात लम्बे अंतराल में भी इन स्कूलों में नवीन भवन की स्वीकृति नहीं हो सकी? क्या इस विषयक प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रेषित पत्र विभाग के पास विचाराधीन है? (ग) क्या पूर्व में जारी हाई स्कूलों के भवन निर्माण के स्वीकृति आदेश में टंकण त्रुटि से हाई स्कूल धामन्दा को हाई स्कूल धामनोद कर दिया गया था, तब जबकि धामनोद में पूर्व से ही भवन बना हुआ था? यदि हाँ, तो इस टंकण त्रुटि को सुधार कर बजट आवंटन हाई स्कूल धामन्दा के भवन हेतु कब तक प्रदाय कर दिया जायेगा? (घ) क्या वर्तमान में कक्षा पहली से कक्षा दसवीं तक के विद्यार्थियों की कक्षावार बैठक व्यवस्था क्रमशः इन तीनों स्कूलों में अपर्याप्त है? (ड.) क्या विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से इस वित्तीय वर्ष में इन तीनों स्कूलों में हाई स्कूल भवन निर्माण हेतु विभाग स्वीकृति प्रदान करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) हाईस्कूल धामन्दा का उन्नयन वर्ष 2010 में, हाईस्कूल नारायणपुरा का उन्नयन वर्ष 2007 में एवं हाईस्कूल तोरनोद का उन्नयन वर्ष 2010 में किया गया था। उन्नयन के साथ भवनों की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई थी। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा शासकीय हाईस्कूल धामन्दा एवं हाईस्कूल तोरनोद के विद्यालय भवन की स्वीकृति वर्ष 2019-20 में प्रदाय की गई है। निर्माण एजेन्सी पी.आई.यू. द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति चाही गई। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति एवं नारायणपुरा स्कूल के लिये नवीन भवन हेतु स्वीकृति का प्रस्ताव 2025-26 की वार्षिक कार्ययोजना में शामिल किये जाने हेतु आयुक्त, लोक शिक्षण को प्रेषित है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। टंकण त्रुटि होने के कारण शासकीय हाईस्कूल धामन्दा के स्थान पर धामनोद के विद्यालय भवन का नाम अंकित हो गया था, जिसे आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्रमांक/लोशिस/भवन/एफ/06/2021/910, भोपाल दिनांक 30.03.2021 के माध्यम से त्रुटि सुधार कर 100.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। (घ) जी हाँ। (ड.) जिला शिक्षा अधिकारी धार के द्वारा प्रश्नांकित हाईस्कूल के भवनों का निर्माण वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्ययोजना में शामिल किये जाने हेतु प्रस्ताव आयुक्त, लोक शिक्षण को प्रेषित है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर भूमि क्रय
[जनजातीय कार्य]
6. ( *क्र. 971 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले में मनीष कुन्देर एवं रजनीश कुन्देर पुत्र स्व. श्री रामलखन कुन्देर, शास्त्री नगर, सीधी (म.प्र.) का निवासी है? क्या सहायक आयुक्त के द्वारा जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कुन्देर बन्धुओं द्वारा फर्जी अनु.जनजाति प्रमाण-पत्र के आधार पर ग्राम जमोड़ी कला, तहसील गोपद बनास, जिला सीधी (म.प्र.) में जनजातियों की जमीन क्रय की गयी है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र की जांच कलेक्टर सीधी एवं पुलिस अधीक्षक सीधी द्वारा जांच कराकर प्रतिवेदन राज्य स्तरीय अनु. जनजाति छानबीन समिति भोपाल को भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। उक्त प्रतिवेदनों पर समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र को राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा निरस्तगी की कार्यवाही कब तक की जायेगी? प्रकरण में कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक, सीधी की अनुशंसा उपरांत भी अभी तक फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों को निरस्त क्यों नहीं किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। तत्कालीन जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक/159/जा.प्र./अ.जा.क./85/सीधी, दिनांक 13.6.85 द्वारा श्री मनीष कोदार आत्मज श्री रामलखन कोदार तथा पत्र क्रमांक 160, दिनांक 13.6.85 द्वारा श्री रजनीश कोदार आत्मज श्री रामलखन कोदार, निवासी शास्त्रीनगर सीधी का अध्ययनरत संबंधी प्रमाण पत्र जारी किया जाकर शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक सीधी को भेजा गया है। जारी किये गये प्रमाण पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) कुंदेर बंधुओं के अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्रों की जांच राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्णय के पूर्व जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) राज्य स्तरीय छानबीन समिति के कार्य की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा से अवगत कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( *क्र. 699 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2019 से आज दिनांक तक कुल कितनी नल-जल योजना स्वीकृत हुई हैं? ग्रामवार एवं विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) नल-जल योजना के निविदा का क्या प्रावधान था और निविदा स्वीकृत एवं वर्क ऑर्डर के बाद कितने समय में कार्य पूर्ण किया जाना था? (ग) जो नल-जल योजना प्रश्नकर्ता के क्षेत्र में बनाई गई है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है और कार्य बहुत ही घटिया हुआ है, जगह-जगह ठेकेदार द्वारा सड़कों पर गड्ढे किये गये हैं तथा कई जगह से लाइन भी टूट गई है और विभाग द्वारा योजना पूर्ण बताकर राशि भी निकाल ली गई है, उससे संबंधी विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? उक्त घटिया निर्माण में दोषी पाये गये अधिकारी/ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 274, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम
[पर्यावरण]
8. ( *क्र. 1408 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले वेस्ट, केमिकल के निपटान एवं पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए शासन की कौन-कौन सी योजनाएं प्रचलन में हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार औद्योगिक इकाइयों से खरगौन जिले के प्राकृतिक जल स्त्रोंतों एवं नदियों में कहां-कहां प्रदूषण फैल रहा है? प्रदूषण स्तर सहित विवरण देवें। (ग) क्या कसरावद विधानसभा क्षेत्र में स्थित औद्योगिक क्षेत्र निमरानी और अन्य कारणों से नर्मदा का जल प्रदूषित हो रहा है? यदि हाँ, तो प्रदूषण की रोकथाम के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेती करने से किसानों को रोका जाना
[वन]
9. ( *क्र. 1044 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग द्वारा राजस्व भूमि मानकर खेती कर रहे किसानों को खेती करने से मना किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जब राजस्व विभाग द्वारा ऐसे किसानों को पट्टा दिया गया है तो फिर उन्हें खेती करने से क्यों रोका जा रहा है? (ख) क्या गुनौर विधानसभा में वन विभाग द्वारा वन राजस्व सीमा विवाद के निराकरण के लिये कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है तथा यह कार्यवाही कब से की जा रही है? कालावधि बतावें। यह कार्यवाही किसके कारण पूरी नहीं हो पा रही है? (ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वन राजस्व सीमा विवाद के निराकरण के लिये वन व्यवस्थापन अधिकारियों द्वारा विगत तीन वर्ष में क्या कार्यवाही की गई है? वर्षवार, वनखण्डवार जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिये कौन दोषी है? निराकरण कब तक किया जावेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 1 (2) अनुसार संहिता के प्रावधान आरक्षित/संरक्षित वनक्षेत्रों पर लागू नहीं होते हैं। प्रश्नाधीन भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) में वर्ष 1957 एवं 1968 में विभिन्न अधिसूचनाओं से अधिसूचित है। धारा 4 की अधिसूचना के पश्चात 156 पट्टे वनभूमि में राजस्व भूमि मानकर राजस्व विभाग द्वारा दिया गया है। राजस्व विभाग द्वारा वनभूमि में दिये गये पट्टे अवैधानिक हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। वन राजस्व सीमा विवाद के निराकरण हेतु वर्ष 2007 से कार्यवाही की जाकर वर्ष 2012 में पटवारी मानचित्र में वनखंड वन सीमा लाईन का चिन्हांकन कर मौके पर संयुक्त सीमांकन किया गया है। राजस्व अभिलेखों में वन दर्ज करने हेतु कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर में प्रारंभ है। (ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा विगत तीन वर्ष में वनखण्ड गुनौर, लुहारगांव की धारा 6 की उदघोषणा की गई है। वनखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वन व्यवस्थापन अधिकारियों द्वारा वनखण्डों की जाँच एक अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया में है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आदिवासी क्षेत्रों के विकास हेतु आवंटित बजट राशि
[जनजातीय कार्य]
10. ( *क्र. 810 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के 89 आदिवासी विकास खण्ड जहां आदिवासियों की संपूर्ण विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों के कुल कितने बजट का प्रावधान किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो किन-किन मदों से कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं उक्त राशि से कब-कब, कहां-कहां क्या कार्य कराये गये हैं? वर्षवार एवं मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) क्या वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्वीकृत आदिवासी संस्कृति भवनों का निर्माण 89 आदिवासी विकासखण्डों में होना था? यदि हाँ, तो कितने भवनों का निर्माण हो चुका है, कितने भवनों का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है? यदि निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है तो स्वीकृत राशि को कहां और किन कार्यों में कब खर्च किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत 89 आदिवासी विकासखण्ड के लिये बजट प्रावधान किये जाने का प्रावधान नहीं है। विभाग द्वारा प्रदेश के लिये बजट प्रावधान किया जाता है, जिसमें कार्यों की आवश्यकतानुसार प्रदेश के सभी जिलों एवं विकासखण्डों में डी.डी.ओ. वार बजट आवंटित किया जाता है। वित्त विभाग द्वारा जनजातीय कार्य के बी.सी.ओ. 2506 में आई.एफ.आई.एम.एस. सॉफ्टवेयर द्वारा प्रावधानित बजट की वर्ष 2019-20 से 2024-25 (दिनांक 07.12.2024 की स्थिति में) तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संबंधित जिले को प्रावधानित बजट से आवश्यकतानुसार राशि मदवार एवं डी.डी.ओ. वार वितरण (आवंटन) की जानकारी आई.एफ.आई.एम.एस. के रिपोर्ट अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। 89 विकाखण्डों में आदिवासी सांस्कृतिक भवनों के निर्माण के संबंध में कोई योजना नहीं है। विभाग अंतर्गत आवंटन की सीमा में कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षकों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
11. ( *क्र. 808 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छात्रावास अधीक्षक के पद पर कोई भी शिक्षक 3 वर्ष से अधिक समय तक नहीं रह सकता? यदि हाँ, तो बड़वानी जिले के संदर्भ में यह बताने का कष्ट करें कि विभिन्न छात्रावासों में कार्यरत छात्रावास अधीक्षक उनके संपूर्ण सेवा काल में कब से कब तक किन-किन छात्रावास में अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं? सूची देवें। (ख) क्या जिला पंचायत की बैठकों में बार-बार निर्देशित करने के बाद भी सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा ऐसे अधीक्षकों को मूल पद पर न भेजते हुए वर्तमान तक उनसे अधीक्षकीय कार्य करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों और किस आधार पर? (ग) क्या ऐसे अधीक्षकों को उनके मूल पद पर विभाग वापस भेज रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे अधीक्षकों को मूल पद पर भेजते हुए, उनके आदेश की प्रति से अवगत करवाएं। (घ) शासन दिशा-निर्देशों के अनुसार छात्रावास अधीक्षक के पद पर पदस्थ रहने वाले ऐसे अधीक्षक एवं उन्हें नहीं हटाने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध शासन क्या कार्रवाई कर रहा है तथा कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) छात्रावास आश्रमों में अधीक्षकों का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष रखा गया है, यदि उनका कार्य संतोषप्रद है, तो कार्यकाल 5 वर्ष बढ़ाये जाने का प्रावधान है। दिशा-निर्देश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। छात्रावासों में कार्यरत छात्रावास अधीक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में स्थानान्तरण पर प्रतिबंध होने से किसी भी प्रकार के संवर्ग का अन्यत्र संस्था में अथवा जिले के अन्य विकास खण्डों में स्थानान्तरण नहीं किया गया है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनजातीय विभाग में अनियमितता
[जनजातीय कार्य]
12. ( *क्र. 1735 ) श्री मथुरालाल डामर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत कार्यालय संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विभाग संभाग उज्जैन द्वारा सत्र 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक उनके अधीनस्थ कितने कर्मचरियो के स्थानांतरण किये गये एवं किस नीति के तहत ये स्थानांतरण किये गये? क्या इनके लिए शासन से अनुमोदन लिया गया अथवा नहीं? कर्मचारियों की सूची सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) रतलाम जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत सत्र 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कितने छात्रावास के बालक बालिकाओं ने अपनी शैक्षणिक आवासीय एवं भोजन संबंधी समस्याओं को लेकर पैदल मार्च किया अथवा उच्च अधिकारियों को अपनी पीड़ा व्यक्त की? इस संबंध में शासन द्वारा दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या रतलाम जिले के जनजातीय कार्य विभाग में बड़े पैमाने पर शिक्षकों एवं छात्रावास अधीक्षकों के अटैचमेंट किये गये हैं? यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारी का अनुमोदन लिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्या कारण है? कर्मचारी के नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत 47 शिक्षकों के स्थानांतरण किये गये। संभाग अंतर्गत जिलों की शैक्षणिक संस्थाओं में शिक्षकों की आवश्यकता एवं कार्य व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षकों के आदेश जारी किये गये हैं, तात्कालिक व्यवस्था किये जाने से अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया। सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सत्र 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक जिले में संचालित छात्रावास में से 02 अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास, 01 जनजातीय कन्या छात्रावास एवं 01 कन्या शिक्षा परिसर की बालिकाओं द्वारा भोजन/शैक्षणिक समस्याओं को लेकर पैदल मार्च किया गया है। शिकायत एवं कृत कार्यवाही का विस्तृत विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( *क्र. 1680 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक तक प्रमुख सचिव/आयुक्त/संचालक खाद्य किस-किस अधिकारियों के विरूद्ध कब-कब किस-किस के द्वारा क्या-क्या शिकायत की गई? शिकायतवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों में कब-कब, क्या-क्या नियमानुसार कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों में जिसमें कार्यवाही नहीं की गई, उन शिकायतों में कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन जिम्मेदार है? कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2024 से आज दिनांक तक कहां-कहां से घटिया चावल वितरण की शिकायत किस-किस ने कब-कब की एवं विभागीय जांच में कब-कब, किस-किस अधिकारी ने घटिया चावल पकड़ा, उसमें कब-कब क्या-क्या कार्यवाही हुई?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बगैर सीपेट जांच अनियमित भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( *क्र. 1676 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संभाग मुरैना एवं ग्वालियर के द्वारा विगत तीन वर्षों में बगैर सीपेट प्री डिलीवरी इन्सपेक्शन वर्क ऑफ एच.डी.पी.ई. पाइप रिपोर्ट के किन-किन ठेकेदारों/फर्मों को वर्षवार कितनी-कितनी राशि, किस-किस हेड में भुगतान की गई? (ख) क्या मुख्य अभियंता पी.एच.ई. ग्वालियर परिक्षेत्र ने दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति चाही है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रदेश में अन्य जिलों में भी इस तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? विवरण दें एवं उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? दोषियों के विरुद्ध एवं अनियमित भुगतान को बदलने के लिये शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? दोषी अधिकारी एवं सप्लाय फर्मों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) जल-जीवन मिशन के तहत जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना एवं ग्वालियर खण्ड के कार्यपालन यंत्री ने कितने आवंटन की मांग की? उक्त मांग पर कितनी राशि का आवंटन जारी किया गया? क्या जारी आवंटन में अधीक्षण यंत्री (मॉनिटरिंग) और संयुक्त संचालक वित्त की अनुशंसा ली गई? आवंटन को बांटने का आधार क्या था? (ड.) उपरोक्त अनियमितताओं के बाद भी चार नियमित मुख्य अभियंताओं के रहते हुए भी श्री के.के. सोनगरिया संविदा मुख्य अभियंता को ही प्रमुख अभियंता का प्रभार दिया गया? नियमित मुख्य अभियंता होने पर भी संविदा के मुख्य अभियंता को वित्तीय और प्रशासकीय अधिकार क्यों सौपें गये? यदि श्री के.के. सोनगरिया द्वारा कोई वित्तीय अनियमितता की जाती है, तो किसकी जिम्मेदारी होगी, क्योंकि श्री के.के. सोनगरिया शासन के समस्त परिलब्धियां सेवानिवृत्त होते ही प्राप्त कर चुके हैं। इस स्थिति में क्या उनको वित्तीय अधिकार देने वाले अधिकारी वित्तीय अनियमितता में शामिल माने जायेंगे? क्या श्री संजय अंधवान मुख्य अभियंता द्वारा उच्च न्यायालय में दायर वाद में श्री के.के. सोनगरिया के कार्यकाल पर लगाये गये आरोपों पर जांच की गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संभाग मुरैना में विगत तीन वर्षों में बगैर सीपेट प्री डिलेवरी इंस्पेक्शन रिपोर्ट HDPE पाइप का भुगतान नहीं किया गया है। मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा निविदा के अनुबंधानुसार तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी सी.ई.आइ.एल. से प्री-डिलेवरी इंस्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर भुगतान किया गया है। प्रकरण की वस्तुस्थिति इस प्रकार है, कतिपय ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत सीपेट प्रीडिलेवरी इंस्पेक्शन रिपोर्ट का विभाग द्वारा सत्यापन कराने पर रिपोर्ट फर्जी पाई गई, जिसके संबंध में जांच संस्थित की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जी हाँ। मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र ग्वालियर द्वारा उनके आदेश दिनांक 320, दिनांक 21.11.2024 से जाँच दल गठित किया गया है। जाँच प्रचलित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। अनुशंसा की आवश्यकता नहीं है। आवंटन उपलब्ध राशि एवं कार्य के आधार पर दिया जाता है। (ड.) प्रशासकीय कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रमुख अभियंता का प्रभार सौंपा गया है। प्रमुख अभियंता के दायित्वों के निर्वहन हेतु वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकार सौंपे गए हैं। सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों के विरूद्ध पेंशन नियमों के तहत कार्यवाही किया जाना प्रावधानित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। माननीय उच्च न्यायालय में दायर प्रकरण में माननीय न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
नल-जल योजनाओं का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( *क्र. 1589 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले के विधानसभा क्षेत्र सेवड़ा में कुल कितने ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत है, उनमें से कितनी योजना पूर्ण है और कितनी योजना अपूर्ण है? बिंदुवार ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त स्वीकृत योजनाओं में से जो पूर्ण है, उनमें से कितनी संचालित हैं एवं घरों तक पानी पहुंच रहा है अथवा नहीं और जो अपूर्ण हैं, उनके क्या कारण हैं और कब तक उन्हें पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्या अधिकांश ग्रामों में नल-जल योजनाएं पूर्ण होने के बाद भी संचालित नहीं है, जिससे एक ओर तो ग्रामवासियों को उक्त योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर पाइपलाइन डालने के लिए जो पक्की सी.सी. सड़के खोदी गई थी, वह भी अधिकांश ग्रामों की आज तक सही नहीं की गई अर्थात पानी के साथ-साथ सड़क से भी ग्रामवासी वंचित हो गये हैं? (घ) क्या अधिकांश जिलों में नल-जल योजनाओं में जो निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया, वह एक विशेष कंपनी द्वारा उसी नंबर/गेज आदि को दिखाकर घटिया मटेरियल द्वारा तैयार कराई गई? यदि नहीं, तो जांच एजेंसी से इसकी जांच कराई जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 192 स्वीकृत, 68 पूर्ण एवं 124 नल-जल योजनायें अपूर्ण हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्ण 68 नल-जल प्रदाय योजनाओं में से 64 संचालित हैं तथा घरों तक पानी पहुंच रहा है। 124 अपूर्ण योजनाएं प्रगतिरत हैं, इन प्रगतिरत योजनाओं को पूर्ण करने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। संचालित योजनाओं से ग्रामवासी पेयजल प्राप्त कर लाभान्वित हो रहे हैं। योजनाओं की पाइप-लाइन की टेस्टिंग का कार्य पूर्ण होने के उपरांत खोदी गई सड़कों को यथास्थिति में लाया जा रहा है। (घ) जी नहीं, जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदूषण नियंत्रण हेतु कार्यवाही
[पर्यावरण]
16. ( *क्र. 1660 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदूषण निवारण एवं पर्यावरण सुधार हेतु विभिन्न प्रकार के कार्य केंद्र/राज्य परिवर्तित योजनाओं के अनुसार किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला, मंदसौर जिला एवं नीमच जिला अंतर्गत प्रदूषण को नियंत्रित किए जाने हेतु वर्ष 2020-21 से लेकर वर्ष 2023-24 प्रश्न दिनांक तक उल्लिखित जिलों के अंतर्गत क्या-क्या गतिविधियां एवं कार्यवाहियां की गई? (ग) औद्योगिक प्रदूषण, फर्टिलाइजर, केमिकल प्रदूषण, ईंट भट्टा प्रदूषण, वाहन प्रदूषण, खनिज खदान प्रदूषण इत्यादि अन्य प्रकार की भी क्या-क्या और प्रदूषण निवारण की दृष्टि से अनुमतियां दी गई? (घ) उपरोक्त उल्लेखित तीनों जिला अंतर्गत वायु प्रदूषण व जल प्रदूषण में वर्षवार निरंतर कितनी वृद्धि जांच में पाई गई तथा किन-किन संस्थानों की जांच की जाकर नियम विरुद्ध कार्य किये जाने की स्थिति में किस-किस प्रकार की दंडात्मक कार्यवाही की गई? वर्षवार जानकारी दें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स', 'द' एवं 'य' अनुसार है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
17. ( *क्र. 1737 ) श्री सुरेश राजे : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना की राशि से जिला स्तर पर कार्य स्वीकृत एवं मूल्यांकन समिति का गठन संबंधी शासन आदेश/नियम की प्रति देवेंl क्या कार्य स्वीकृति संबंधी समिति में अनुसूचित जाति वर्ग के विधायक को शामिल किया गया है? वर्ष 2021-22 से 2024-25 में कार्य स्वीकृति हेतु जिला ग्वालियर में किस-किस दिनांक को आयोजित बैठक किस स्थान पर कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? वर्षवार एवं कार्यवार बतावें तथा क्या इस बैठक में अनुसूचित जाति वर्ग के विधायक को आमंत्रित किया गया? यदि हाँ, तो सूचना पत्र की प्रमाणित प्रति देवें? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ख) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, भोपाल का पत्र क्रमांक F-12/37/05/25/2, भोपाल दिनांक 21 नवम्बर, 2005 एवं समसंख्या पत्र दिनांक 06 मार्च, 2010 द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रावास हेतु सामग्री क्रय करने हेतु समिति की बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति के विधायक को आमंत्रित करने एवं सामग्री का भौतिक सत्यापन करने हेतु निर्देश हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2020-21 से 2024 में क्रय समिति की बैठक किस-किस दिनांक को आयोजित की गई? जिसमें बैठकवार क्रय की गई सामग्री की सूची उपलब्ध करावें। उक्त बैठकों में अनुसूचित जाति के क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया? यदि हाँ, तो तामील कराये गए पत्र की प्रति देवें? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम 2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित वर्ष 2022) लागू होने के दृष्टिगत शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध निलम्बन आदेश की निरस्तगी
[जनजातीय कार्य]
18. ( *क्र. 1600 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत लोक सभा निर्वाचन 2024 चुनाव अत्यावश्यक सेवा में लगे श्री सुभाष चन्द्र वर्मा निलंबित प्राचार्य, कन्या शिक्षा परिसर कोतमा के संबंध में कमिश्नर शहडोल द्वारा जारी निलंबन आदेश क्र. 1527, दिनांक 18.04.2024 संभागीय उपायुक्त ज.ज. कार्य एवं अजा शहडोल का पत्र क्र. 756, दिनांक 07.08.2024, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर लोक सभा निर्वाचन 2024 संसदीय क्षेत्र-12 शहडोल-86 कोतमा के आदेश क्र. 85, दिनांक 13.04.2024 सहित श्री सुभाष चन्द्र वर्मा द्वारा प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग को प्रस्तुत अपील दिनांक 31 मई, 2024 के साथ संलग्न सभी दस्तावेज की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्वाचन कार्य में संलग्न श्री सुभाष वर्मा को निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त करने व निलंबन आदेश जारी करने के पूर्व क्या निर्वाचन आयोग से नियमानुसार अनुमति ली गई? यदि हाँ, तो दोनों अनुमति पत्रों/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या निर्वाचन कार्य में संलग्न लोक सेवक को निलंबित करने की नियमानुसार अधिकारिता थी? यदि नहीं, तो बिना अधिकारिता के जारी निलंबन आदेश क्र. 1527, दिनांक 18.04.2024 को क्या निरस्त किया गया है? यदि हाँ, तो निरस्तगी आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? अभी तक निरस्त नहीं किये जाने का कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य एवं अजा शहडोल के पत्र क्र. 756, दिनांक 07 अगस्त, 2024 द्वारा वायरल ऑडियो का तकनीकी परीक्षण कार्यालय/विभाग में उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी गई? यदि हाँ, तो क्या वैधानिक प्रक्रिया के पालन किये बिना ही शिकायतकर्ता की पुष्टि के आधार पर दोषी मानकर किया गया निलंबन आदेश दिनांक 18.04.2024 अजा वर्ग के कर्मचारी के विरूद्ध द्वेषपूर्ण, पूर्वाग्रह, पद एवं शक्तियों का दुरूपयोग, एक तरफा एवं मनमानी पूर्ण कार्यवाही है, जो निरस्त किये जाने योग्य है? यदि हाँ, तो क्या निलंबन आदेश निरस्त किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में निलंबित प्राचार्य के अपील आवेदन पत्र दिनांक 31 मई, 2024 एवं दिनांक 23.10.2024 के द्वारा प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग से शासन के विभिन्न आदेश व तथ्यों के आधार से निलंबन आदेश निरस्त किये जाने हेतु अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो अपील आवेदन पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए अभी तक निलंबन आदेश दिनांक 18.04.2024 निरस्त नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? कब तक निलंबन आदेश निरस्त किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश अनुसार दस्तावेजों की छायाप्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री सुभाष चन्द्र वर्मा को नियमानुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा निलंबित किया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्री वर्मा द्वारा प्रस्तुत कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब परीक्षण में होने के कारण इन्हें निलंबन से बहाल नहीं किया गया है। (ग) हाँ। शिकायत एवं वायरल वीडियो एवं न्यूज चैनल में प्रसारित समाचार के जांच हेतु समिति का गठन संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास, शहडोल संभाग द्वारा किया जाकर कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी, आरोप की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए श्री वर्मा के विरूद्ध कार्यवाही की गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) हाँ। अपील आवेदन पत्र की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रस्तुत अपील अभ्यावेदन पर परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया होने के कारण निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
जल जीवन मिशन और अन्य योजनाओं में क्षतिग्रस्त सड़कें व रास्ते
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( *क्र. 1711 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र जिला-देवास में जल जीवन मिशन अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में योजनाएं स्वीकृत करवाकर कार्य करवाये गये हैं? जानकारी ग्रामवार प्रदान करें। क्या योजनाओं से पूरे गाँव के लोग लाभान्वित हुए हैं? यदि नहीं, तो कितनी अतिरिक्त योजनाएं ग्रामवार स्वीकृत करायी गयी हैं? प्रश्न दिनांक तक कितनी योजनाएं पूर्ण हुई हैं और कितनी योजनाएं अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या योजनाएं ग्राम पंचायतों को हस्तान्तरित करने के पहले ठेकेदार द्वारा की गयी सड़क की खुदाई, गढ्डों को भरकर सड़कों व रहवासियों के रास्तों का पुनः निर्माण करने की जिम्मेदारी भी विभाग के ठेकेदार की थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कितने ग्रामों की सड़कों व रास्ते का पुनः निर्माण विभाग द्वारा न करके उन्हें पूर्व अवस्था में क्यों नहीं किया गया? इसके लिए क्या ठेकेदार पर कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो कितने ठेकेदारों पर अर्थदण्ड या अन्य कार्यवाही की गई है और यदि नहीं, तो क्यों? क्या योजनाओं की खुदाई में क्षति ग्रस्त सड़क व रास्तों का पुनर्निर्माण किया जायेगा और कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, जिन ग्रामों की योजनायें पूर्ण हो चुकी है, उनसे पूरे ग्राम के लोग लाभान्वित हुये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। पूर्ण/अपूर्ण योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) 16 ग्रामों में नल-जल योजना के कार्य प्रगतिरत होने से सड़कों का पुनर्निर्माण शेष है। जी हाँ। 44 ठेकेदारों पर अर्थदण्ड या अन्य कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खेल शिक्षकों के स्वीकृत पद की पूर्ति
[जनजातीय कार्य]
20. ( *क्र. 893 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक तथा सेकेंडरी स्कूलों के लिए कितने खेल शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त प्राथमिक तथा सेकेंडरी स्कूलों के लिए कितने खेल शिक्षक नियुक्त किये गये हैं? (ग) क्या स्वीकृत खेल शिक्षकों के पदों में से अधिकांश रिक्त हैं? (घ) यदि हाँ, तो इन स्वीकृत पदों पर खेल शिक्षकों की नियुक्ति न किये जाने का क्या कारण है और कब तक खाली पद भरे जायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में खेल शिक्षक के पद स्वीकृत नहीं हैं, परन्तु हाईस्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल एवं क्रीड़ा परिसरों में खेल शिक्षक के पद स्वीकृत हैं। मध्यप्रदेश जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शिक्षण संवर्ग, (सेवा एवं भर्ती) नियम 2018 यथा संशोधित दिनांक 06.12.2024 के अनुसार माध्यमिक शिक्षक खेल के 208 एवं प्राथमिक शिक्षक खेल के 840 पद स्वीकृत हैं। (ख) वर्तमान में खेल शिक्षकों के पद पर नवीन नियुक्तियां नहीं की गयी हैं। (ग) जी हाँ। (घ) भर्ती नियमों में संशोधन की प्रक्रिया के कारण रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं की गई। रिक्त पद पर नियुक्ति हेतु म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। खाली पद भरे जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उचित मूल्य की दुकानों पर बकाया खाद्यान्न की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( *क्र. 337 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील करैरा, नरवर, शिवपुरी एवं बड़ौनी दतिया जिले की तहसीलों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें कौन-कौन सी संस्था पर कार्य कर रही है तथा उन पर कौन-कौन से सेल्समैन संचालित कर रही है? प्रमाण सूची देवें। (ख) उचित मूल्य की संचालित दुकानों पर वर्ष 2020 से आज दिनांक तक कितना खाद्यान्न आवंटित किया गया तथा आवंटित खाद्यान्न कितना बांटा गया व कितना शेष रहा? दुकान सहित जानकारी दें। (ग) यदि शेष खाद्यान्न सेल्समैनों पर है, तो कब तक उक्त संस्था एवं सेल्समैनों से वसूली की जावेगी? वसूली नहीं होने पर उन पर क्या कानूनी कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील नरवर में 56, तहसील करैरा में 77 एवं दतिया जिले की बड़ौनी तहसील अंतर्गत 10, कुल 143 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। उक्त विधानसभा क्षेत्र में तहसील शिवपुरी में कोई भी दुकान नहीं है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में आवंटित खाद्यान्न, वितरण एवं शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) वितरण से शेष बचे खाद्यान्न का आगामी माहों में समायोजन होता है। भौतिक सत्यापन में स्टॉक में कमी पाये जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है।
जल जीवन मिशन/मुख्यमंत्री नल-जल योजनाओं का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( *क्र. 385 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में जल जीवन मिशन/मुख्यमंत्री नल-जल योजना के अंतर्गत कितनी-कितनी लागत राशि की नल-जल योजनाओं के निर्माण की स्वीकृतियां हुई हैं? उक्त नल-जल योजनाओं में कितनी योजनाओं के कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य प्रगतिरत हैं व प्रगतिरत कार्यों के पूर्ण होने की क्या अवधि निर्धारित है? कौन-कौन से कार्य किन-किन कारणों से अपूर्ण अथवा शेष हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जायेंगे? समस्त जानकारी ग्रामवार व विकासखण्डवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नल-जल योजनाओं में से कितनी नल-जल योजनाओं का कार्यपूर्ण होने के उपरांत हैण्डओवर किया जा चुका है तथा कौन-कौन सी नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण होने के बाद भी किन-किन कारणों से हैण्डओवर नहीं हुआ है? सकारण जानकारी दें तथा हैण्डओवर की कार्यवाही में विलंब करने हेतु कौन-कौन दोषी है? उनके नाम बताएं। हैण्डओवर हो चुकी कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं चालू हैं व कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं किन कारणों से बंद हैं? बंद नल-जल योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जावेगा? जानकारी ग्रामवार विकास खण्डवार उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। प्रगतिरत समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य अपूर्ण होने का मुख्य कारण वन व अन्य विभागों से कार्य करने की अनुमति प्राप्त होने में विलंब का होना है, विलंब की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं का कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04, 05, 06 एवं 07 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। बंद नल-जल प्रदाय योजनाओं को चालू करने की कार्यवाही सतत् प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
जल जीवन मिशन के अधूरे कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( *क्र. 831 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर जिले की जल जीवन मिशन की 60 प्रतिशत योजनायें अधूरी हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या गत 4 वर्षों से योजनाओं पर कार्य हो रहा है? यदि हाँ, तो 4 वर्ष बाद पुनरीक्षित योजना की आवश्यकता क्यों हुई? (ग) क्या मौका स्थल पर स्थितियों का जायजा न लेते हुये वास्तविक डी.पी.आर. नहीं बनाने के कारण हर घर जल नहीं पहुंचा एवं शासन की महत्वपूर्ण योजना फेल की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के लिये कौन जवाबदार है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत 63 प्रतिशत योजनाओं के कार्य पूर्ण हैं तथा शेष योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत सभी 04 योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। (ख) जी हाँ, एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत 04 वर्ष की अवधि से प्रगतिरत योजनाओं में से 02 योजनाओं के ग्रामों में जल जीवन मिशन के पूर्व की क्रियान्वित योजनांतर्गत बिछाई गई ए.सी.पी. पाइप-लाइन के क्षतिग्रस्त होने, नलकूपों के असफल हो जाने एवं विद्युत संबंधी कार्यों की लागत में वृद्धि होने के कारण इन योजनाओं के पुनरीक्षण की आवश्यकता है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत 04 वर्ष की अवधि से प्रगतिरत 01 समूह जल प्रदाय योजना के पुनरीक्षण की आवश्यकता नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरमौर अभयारण्य सरदारपुर के पुनर्गठन
[वन]
24. ( *क्र. 1416 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार के पत्र के परिपालन में खरमौर अभयारण्य सरदारपुर का पुनर्गठन किया जा चुका है? कितना क्षेत्र अन्य अभयारण्य में समाहित किया जा चुका है एवं कितना शेष है? उसे कब और कहां समाहित किया जायेगा? समाहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा किन-किन अभयारण्य के नाम दिये गये हैं? (ख) खरमौर अभयारण्य सरदारपुर से जितने वर्ग कि.मी. क्षेत्र को समाहित किया जा चुका है, उतना क्षेत्रफल खरमौर अभयारण्य से बाहर करने के लिए क्या कार्यवाही प्रचलित की गई है एवं उस क्षेत्रफल में कौन-कौन से गांव शामिल हैं? सूची प्रदान करें। (ग) क्या अधिसूचित क्षेत्र में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 20 के प्रावधान को हटाने एवं शिथिलता रखते हुए क्रय-विक्रय की अनुमति दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों। (घ) राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक भारत सरकार एवं राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड को क्या-क्या प्रस्ताव भेजे गये? समस्त पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें एवं भारत सरकार से प्राप्त पत्रों की भी प्रति प्रदान करें। (ड.) राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड की स्टेंडिंग कमेटी की बैठक में प्रदेश शासन द्वारा रखे गए प्रस्ताव के पत्रों की छायाप्रति देवें एवं स्टेंडिंग कमेटी द्वारा प्रदेश हेतु जो निर्णय लिये गये, उनकी प्रति देवें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में क्षेत्र समायोजन का आदेश नहीं किया गया है, अपितु कूनो अभयारण्य में 55.93 वर्ग किलोमीटर, कर्मझिरी अभयारण्य में 19.10 वर्ग किलोमीटर का समायोजन प्रस्तावित है। शेष रकबे के समायोजन हेतु सागर जिले में एक नवीन अभयारण्य का गठन प्रस्तावित है, जिसके गठन उपरांत ही समायोजन संभव होगा। भारत सरकार द्वारा उपरोक्त 3 अभयारण्य के अतिरिक्त बुरहानपुर जिले में प्रस्तावित नवीन अभयारण्य का नाम दिया है। (ख) प्रश्नांश के प्रथम भाग की जानकारी जी नहीं। अभयारण्य से डिनोटिफाई/बाहर किये जाने वाले क्षेत्रफल में कुल 14 राजस्व ग्राम 1. गुमानपुरा, 2. बिमरोड, 3. चन्दाबड़, 4. पिपरनि, 5. सेमल्या, 6. केरिया, 7. करनावद, 8. सियावद, 9. धुलेट, 10. अमादिया, 11. सोनगढ़, 12. माहापुरा, 13. टिमाइची, 14. भानगढ़ शामिल हैं। (ग) जी नहीं। खरमौर अभयारण्य सरदारपुर धार के पुनर्गठन उपरांत ही संभव है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रस्तावों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर एवं भारत सरकार से प्राप्त पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। (ड.) जानकारी उत्तरांश (घ) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
25. ( *क्र. 873 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र के विकास हेतु अनुसूचित जाति बस्तियों के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्ताव आदिम जाति कल्याण छतरपुर को जमा किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2024-25 के आवंटन से प्राप्त प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों? (ग) क्या उक्त प्रस्तावों के संबंध में जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से स्थल परीक्षण करवाया गया? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत स्वीकृतियां जारी की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2024-25 में मद 049-4225-01-800-0103-1096-V-64-002 अन्तर्गत जिले को राशि रूपये 85.77 लाख का आवंटन जारी किया गया। अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम 2018 के अनुसार जिला स्तर पर माननीय मंत्री जी की अध्यक्षता में कार्यों की स्वीकृति हेतु गठित समिति द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वन भूमि पर
अवैध
अतिक्रमण
[वन]
1. ( क्र. 6 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के द्वारा मैहर जिले में वन भूमि पर अवैध कब्जा कर स्थायी/अस्थायी अतिक्रमण कर निर्माण कर लिया गया है? कब से, कितने हेक्टेयर भूमि पर किस पटवारी हल्के में वन भूमि पर कब्जा है? (ख) क्या राज्य शासन का वन विभाग उक्त वन भूमि के कब्जे को वैध मानता है कि अवैध? अगर अवैध मानता है तो अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के किस-किस नाम/पदनाम के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण प्रश्नतिथि तक कायम करवाया गया है? अगर नहीं तो क्यों? कारण एवं नियम दें? प्राथमिकी दर्ज न करवाने वाले वन विभाग के कौन-कौन नाम/पदनाम वाले अफसर दोषी हैं? शासन उन पर कब व क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या वन मण्डल सतना की कार्य योजना वर्ष 2008 से प्रश्नतिथि तक उक्त अतिक्रमण का उल्लेख है? उक्त कार्य आयोजना में अवैध अतिक्रमण 2005 से पूर्व का है का लिखित उल्लेख है? कार्य आयोजना की प्रति जिसमें अतिक्रमण होने का उल्लेख है को उपलब्ध करायें? (घ) उक्त अवैध अतिक्रमण किस कक्ष क्रमांक में है? उक्त अवैध अतिक्रमण हटाने राज्य शासन द्वारा प्रश्नतिथि तक क्या आदेश जारी किये है? जारी आदेशों की प्रति दें। जिला वन मण्डल सतना/मैहर ने अतिक्रमण हटाने, प्रकरण कायम करने/करवाने की क्या कार्यवाही प्रश्नतिथि तक की है आदेशों/पत्रों की प्रति उपलब्ध करायें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वर्तमान वन-अभिलेखों के अनुसार जी हाँ। अभिलेखों के अनुसार वर्ष 1977 में वन विभाग द्वारा पूर्व कंपनी मैहर सीमेंट को वन भूमि व्यपवर्तन नियमों का पालन करते हुए कारखाने के लिए दी गई थी। वन अभिलेखों के अनुसार दी गई भूमि से अधिक भूमि पर कंपनी द्वारा निर्माण किया गया है। उक्त अतिक्रमण वर्ष 1981 से 2002 के मध्य पटवारी हल्का चौपड़ा, सगमनियां एवं सोनवारी में 25.583 हेक्टेयर वन भूमि पर किया गया है। (ख) वन विभाग उक्त वन भूमि के कब्जे को अवैध मानता है। अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के संस्था प्रमुख के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 31/12 दिनांक 24.02.2024 कायम किया गया है, तथापि राजस्व तथा वन अभिलेखों में भिन्नता के कारण संयुक्त सीमांकन के निर्देश दिए गए हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हां, परंतु उसके पूर्व की कार्य-योजना में इसका कोई उल्लेख नहीं है। वनमंडल सतना की कार्य आयोजना अवधि वर्ष 2008-09 से 2017-18 एवं 2019-20 से 2028-29 में वर्ष 2005 के पूर्व के अवैध अतिक्रमण का उल्लेख है। कार्य आयोजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (घ) उक्त अवैध अतिक्रमण वन परिक्षेत्र मैहर की बीट बम्हनी एवं सगमनियां के कक्ष क्रमांक पी-555 एवं पी-546 में है। अतिक्रमण हटाने राज्य शासन द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया जाता है बल्कि वनमंडलाधिकारी द्वारा जारी किया जाता है, अत: राज्य शासन द्वारा जारी आदेशों की प्रति देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त अतिक्रमण हटाने, प्रकरण कायम करने/करवाने की कार्यवाही हेतु वनमंडलाधिकारी, सतना द्वारा उनके पत्र क्रमांक/मा.चि./7886 दिनांक 27.09.2023 के माध्यम से वन परिक्षेत्राधिकारी, मैहर को वन एवं राजस्व विभाग का संयुक्त सीमांकन कर प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। जारी पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
गबन के आरोपियों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( क्र. 7 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 72 (क्र. 1635) के प्रश्न के उत्तर के प्रश्नांश (ग) में जो कि 05 जुलाई 2024 की मुद्रित प्रश्नोत्तरी सूची के पृष्ठ क. 142 में स्पष्ट किया है कि फर्जी परिवहन दर्शाने वाले ट्रक विशाल रोड लाईस के थे? अगर हाँ तो क्यों खाद्य विभाग ने प्रश्नतिथि तक उक्त ट्रक कंपनी के मालिक के विरुद्ध एफ.आई.आर. में नाम क्यों नहीं जुड़वाया? क्या विभाग की परिवहनकर्ता के साथ सांठ-गांठ थी? अगर नहीं तो सब कुछ स्पष्ट होने के बाद किसके दबाव में शासन एफ.आई.आर. ट्रांसपोर्ट मालिक पर नहीं होने दे रहा है? कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करवायेगा विभाग? समय-सीमा दें? (ख) क्या तात्कालीन आपूर्ति अधिकारी नागेन्द्र सिंह सहित नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक सहित बड़े-बड़े वे अधिकारी जिन्होंने मुख्य भूमिका इस घोटाले में निभाई को अभी तक विभाग संरक्षण दे रहा है? अगर नहीं तो इन अधिकारियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. क्यों दर्ज नहीं करवाई गई कारण दें? नियम बतलायें। (ग) क्या वित्तीय वर्ष 01.04.2021 से प्रश्नतिथि तक कई इसी प्रकार के घोटाले पूरे प्रदेश में आये? शासन को जानकारी होने के बाद भी उन प्रकरणों पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करवाई गई? प्रमुख सचिव खाद्य/संचालक खाद्य के पास आई सभी रजिस्टर्ड शिकायतों की प्रति उन पर की गई कार्यवाही की दिनांकवार/आदेश क्रमांकवार जारी पत्रों की प्रति के साथ उपलब्ध करायें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय बजट का आवंटन
[वन]
3. ( क्र. 31 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वन विभाग अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना बजट व कौन-कौन सी मद में स्वीकृत किया गया? (ख) जारी किए गए बजट से कौन-कौन से कार्य किए गए है? (ग) कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण व वर्तमान स्थिति क्या है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) हरदा जिले में हरदा (सामान्य) एवं (उत्पादन) वनमंडल के अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल स्वीकृत बजट की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। (ख) जारी किये गये बजट राशि से कराये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। (ग) कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण व वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है।
सी.एम. राइज स्कूल में चयन का नियम
[जनजातीय कार्य]
4. ( क्र. 39 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किये गये सी.एम. राइज स्कूलों में पदस्थ किये गये अमले के चयन का आधार क्या है? तथा इस अमले में प्राचार्य आदि पदों की पदस्थापना, मूल पद पर वापसी व स्थानांतरण के लिये क्या नियम है? (ख) क्या वर्तमान में उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया से प्राप्त हुए वरिष्ठ उ.मा.वि. प्राचार्य को इस प्रकार की सी.एम. राइज स्कूलों में प्राचार्य के रूप में पदस्थ किये जाने के संबंध में विभाग कार्रवाई करेगा? (ग) क्या सी.एम. राइज स्कूलों में अमले की पदस्थापना के पूर्व संबंधित विभाग से इन पर आरोपित शिकायतों, गंभीर कदाचरण आदि की रिपोर्ट प्राप्त की जाती है? यदि नहीं तो क्या सी.एम. राइज प्राचार्यों की उक्तानुसार जानकारी प्राप्त करने का प्रावधान निर्मित कर जानकारी प्राप्त की जावेगी? (घ) क्या ऐसी जानकारी प्राप्त होने पर, जिनके विरूद्ध जांच लंबित है या शिकायतें प्राप्त होती रही हैं? उन्हें संबंधित सी.एम. राइज संस्था से हटाकर पुनः उनकी मूल संस्था में स्थानांतरित कर पदस्थ किया जावेगा? (ड.) क्या सी.एम. राइज स्कूल धार में पदस्थ प्राचार्य से संबंधित विभिन्न शिकायतें जिला प्रशासन धार को प्राप्त होती रही है? विभाग इन पर क्या कोई कार्रवाई करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय विकासखंडों में संचालित सी.एम. राइज़ विद्यालयों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से विद्यालय प्रारंभ करने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग (नोडल विभाग) के समान प्राचार्य एवं अन्य शैक्षणिक अमले का चयन लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से किया गया है। परीक्षा हेतु जारी शर्तें एवं विज्ञापन की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। उक्त के साथ ही म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से चयनित शिक्षकों की पदस्थापना भी की जाती है। इन विद्यालयों के प्राचार्य आदि पदों की पदस्थापना, मूल पद पर वापसी के लिए पृथक से कोई नियम नहीं है। विभागीय नियमों एवं समय-समय पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में वरिष्ठ उ.मा.वि. प्राचार्य का पद स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सी.एम.राइज़ स्कूलों में अमले के चयन हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की शिकायतें लंबित न होने का उल्लेख है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिनके विरूद्ध जांच लंबित है या शिकायतें प्राप्त होती हैं उनके लिए नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। सी.एम. राइज स्कूल धार में पदस्थ प्राचार्य से संबंधित विभिन्न शिकायतें जिला प्रशासन धार को प्राप्त होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार है उक्त शिकायतें जिले स्तर पर निराकृत की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
खराब अनाज का क्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र.
50 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) हरदा
जिला अंतर्गत
सुल्तानपुर
वेयर हाउस पर
क्या खराब अनाज
की खरीदी की
गई है। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार यदि
हाँ, तो इसका
क्या कारण है।
इसके लिए
कौन-कौन
जिम्मेदार
है। विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ग) खराब
अनाज खरीदी के
लिए दोषियों पर
क्या
कार्यवाही की
जावेगी।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क)
हरदा जिले के
सुल्तानपुर
वेयर हाउस में
समर्थन मूल्य
पर एफ.ए.क्यू.
मापदण्ड के
अनाज का
उपार्जन किया
गया है।
निर्धारित मापदण्ड
से निम्न
मापदण्ड के
खाद्यान्न उपार्जन
का कोई प्रकरण
प्रकाश में
नहीं आया है। (ख) एवं
(ग) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विकास कार्य हेतु वन विभाग की अनुमति
[वन]
6. ( क्र. 64 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के दक्षिण एवं पश्िचम वन मण्डल के अंतर्गत स्टेट हाईवे, लोक निर्माण, शिक्षा विभाग, जलाशय, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी भवन सहित अन्य कितने विकास कार्य के प्रकरण विभाग द्वारा अनुमति नहीं मिलने के कारण लंबित है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) इन लंबित प्रकरणों में अनुमति कब तक प्रदान की जायेगी? जनजातीय क्षेत्र में वन भूमि पर विकास कार्य हेतु अनुमति के संबंध में संज्ञान में है। यदि हाँ, तो बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) बैतूल जिले के दक्षिण एवं पश्िचम वनमण्डल के अंतर्गत स्टेट हाईवे, लोक निर्माण, शिक्षा विभाग, जलाशय, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी भवन सहित अन्य प्रकरणों पर कार्यावाही प्रचलित है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) लंबित प्रकरणों में यूजर एजेंसी द्वारा समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने पर विभिन्न श्रेणी के प्रकरणों के लिए निर्धारित समय-सीमा में अनुमति जारी की जाती है। अत: सभी लंबित प्रकरणों की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जनजातीय क्षेत्र में वन-भूमि पर 13 श्रेणी के विकास कार्य जो वनाधिकार अधिनियम की धारा 3 (2) में वर्णित हैं के लिए अनुमतियाँ औपचारिकताओं के पालन उपरांत वनमण्डल अधिकारी द्वारा जारी की जाती है।
वन भूमि की जानकारी
[वन]
7. ( क्र. 97 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र आलोट में वन भूमि कितनी है? (ख) प्रत्येक ग्राम में वन भूमि की अधिकृत सूची जो वन विभाग द्वारा संधारित की हो, की जानकारी दें। (ग) सूची में से कितनी भूमि वन विभाग के कब्जे में है इसकी जानकारी दें। (घ) सूची में से कितनी भूमि पर वन है तथा कितनी भूमि रिक्त है इसकी जानकारी दें। (ड.) आलोट वि.स. क्षेत्र की रिक्त भूमि पर वन लगाने की सरकार की योजना की जानकारी दें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र आलोट में 1279.890 हेक्टेयर वन भूमि है। (ख) जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
ग्राम का नाम |
वन कक्ष क्रमांक |
क्षेत्रफल (हे.) |
1. |
लखनेटी |
पी- 181 |
208.040 |
2. |
हरियाखेडा़, निपानिया, मोरिया |
पी - 182 |
390.990 |
3. |
आयना, धापना, भोजाखेड़ी |
पी - 184 |
680.860 |
|
|
योग |
1279.890 |
(ग) उत्तरांश ''ख'' की जानकारी अनुसार 1279.890 हेक्टेयर वनभूमि वन विभाग के कब्जे में है। (घ) 1279.890 हेक्टेयर भूमि में से 605.00 हेक्टेयर में विगत वर्षों में वृक्षारोपण किया जाकर वन है। 500 हेक्टेयर रिक्त वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण कार्य विगत वर्ष में किया गया है। शेष 174.890 हेक्टेयर वन क्षेत्र रिक्त होना पाया गया है। (ड.) उत्तरांश (ख) की रिक्त भूमि वृक्षारोपण अयोग्य होने पर से उस पर वृक्षारोपण की योजना नहीं है।
छात्रावास में निवासरत छात्रों की शिष्यवृत्ति
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 100 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छात्रावास में निवासरत विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ती (स्टायफंड) कितना प्रदान किया जाता है? (ख) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और विमुक्त जाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली मासिक शिष्यवृत्ती कितनी है। (ग) शिष्यवृत्ति की दरों में परिवर्तन कब किया जाता है। (घ) 2024 की शिष्यवृत्ति की दरों में कब परिवर्तन किया गया। विद्यार्थियों के खातों में शिष्यवृत्ति पहुंचने की नियत दिनांक क्या है। (ड.) जुलाई 2024 से अक्टूबर 2024 तक किस तिथि तक शिष्यवृत्ति खातों में पहुंचाई गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा छात्रावास में निवासरत बालकों के लिए राशि रूपये 1605/- प्रतिमाह एवं बालिकाओं के लिए राशि रूपये 1650/- प्रतिमाह शिष्यवृत्ति प्रदान की जाती है। (ख) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए शिष्यवृत्ति की मासिक दर बालकों हेतु राशि रूपये 1605/- एवं बालिकाओं हेतु राशि रूपये 1650/- प्रतिमाह है। विमुक्त जाति के विद्यार्थियों के लिए शिष्यवृत्ति की मासिक दर बालकों हेतु राशि रूपये 1550/- एवं बालिकाओं हेतु राशि रूपये 1590/- प्रतिमाह है। (ग) शिष्यवृत्ति की दरों में परिवर्तन माह जुलाई से किया जाता है। (घ) 2024 की शिष्यवृत्ति की दरों में परिर्वतन म.प्र.शासन, जनजातीय कार्य विभाग का परिपत्र क्रमांक/एफ 12-28/2005/25-2/571 दिनांक 05.09.2024 एवं म.प्र. शासन, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का परिपत्र क्रमांक एफ 123-11/ 2013/25-5/292 दिनांक 03.10.2024 द्वारा किया जाकर माह 1 जुलाई 2024 से प्रभावशील किया गया। शिष्यवृत्ति पहुंचने का दिनांक नियत नहीं है। (ड.) शिष्यवृत्ति का भुगतान प्रत्येक माह किया जाता है। तिथि नियत नहीं है।
नल-जल योजना अंतर्गत खोदी गई सड़कों की मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
9. ( क्र. 110 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्या में नल-जल योजना अंतर्गत खोदी गई सड़कों की मरम्मत का कार्य 2020 तक पूर्ण होना था, किन्तु आज दिनांक तक 30 प्रतिशत कार्य भी पूर्ण नहीं हुआ है। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन अंतर्गत मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही नेमावर समूह जल प्रदाय योजना के निर्माण कार्य हेतु कार्यादेश जनवरी 2021 में जारी किया गया, योजना की भौतिक प्रगति 84.71 प्रतिशत है, योजनांतर्गत 171.50 कि.मी. सी.सी. रोड खोदी गई, जिसमें से 159.29 कि.मी. का रेस्टोरेशन किया जा चुका है, योजना के कार्य मार्च 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत समस्त 108 ग्रामों में 96.96 प्रतिशत रोड रेस्टोरेशन के कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं, शेष रोड रेस्टोरेशन के कार्य पूर्ण किए जाने की निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उद्योगों एवं गंदे नालों से दूषित पानी की रोकथाम
[पर्यावरण]
10. ( क्र. 111 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्या की क्षिप्रा नदी में उद्योगों एवं नालों का गंदा पानी आकर मिलता है? शासन-प्रशासन द्वारा कई बार दावें किए गए, लेकिन आज तक क्षिप्रा नदी में मिलने वाले गंदे एवं दूषित पानी को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं? (ख) क्षिप्रा नदी में मिलने वाले उद्योगों एवं नालों के गंदे दूषित पानी की रोकथाम के लिए कोई कार्यवाही की जाएगी?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) उद्योगों से शून्य निस्त्राव की स्थिति है। जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विश्राम गृह का जीर्णोद्धार एवं अतिरिक्त कक्ष का निर्माण
[वन]
11. ( क्र. 146 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा के डभौरा सर्किल में विभाग द्वारा स्थापित विश्राम गृह जीर्णशीर्ण अवस्था में है? यदि हाँ, तो कब तक विश्राम गृह का जीर्णोद्धार करा लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में डभौरा विश्राम गृह में अतिरिक्त कक्ष एवं किचन की नितांत आवश्यकता महसूस की जाती है? क्या डभौरा सर्किल स्थित विश्राम गृह में अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु पृथक प्रस्ताव तैयार किया जावेगा? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अतिरिक्त कक्ष एवं किचन निर्माण की प्रक्रिया कब तक पूर्ण करा ली जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विकासखण्ड जवा के डभौरा सर्किल में कोई भी वन विश्राम गृह स्थापित नहीं अपितु निरीक्षण कुटीर है, जिसके जीर्णोद्धार की कोई योजना फिलहाल नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अतिरिक्त कक्ष एवं किचन निर्माण के प्रस्ताव तैयार करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्न पर दिये गये आश्वासन पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
12. ( क्र. 153 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह सही है कि प्रश्नकर्ता के ऑनलाईन प्रश्न क्रमांक 561 दिनांक 14/03/2022 एवं प्रश्न क्रमांक 408 दिनांक 14/02/2024 में सदन में चर्चा के दौरान दिए गऐ आश्वासन के बाद भी भोपाल क्षेत्र से संबंधित दिनांक 04/07/2020 को मान्य रकबे के सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रश्नांकित दिनांक तक भी जारी नहीं किए गए। (ख) दिनांक 04/07/2024 को कितने रकबे का सामुदायिक वन अधिकार मान्य करने का जिला स्तरीय समिति ने प्रस्ताव लिया, वनमंडल उत्तर बैतूल ने अपने पत्र दिनांक 27/05/2021 में कितने रकबे के सामुदायिक अधिकार की अनुशंसा की दिनांक 08/03/2022 को कितने रकबे का दावा मान्य किया गया। (ग) दिनांक 04/07/2020 एवं दिनांक 08/03/2022 के मान्य सामुदायिक वन अधिकार के दावे पर किस दिनांक को भोपाल ग्राम सभा ने प्रस्ताव लिया, वन मंडल उत्तर ने अपने पत्र दिनांक 27/05/2021 में की गई अनुशंसा में दर्ज रकबे को किस पत्र दिनांक से कम किया। (घ) सदन में दिनांक 14/02/2024 को दिए आश्वासन के अनुसार कब तक दिनांक 04/07/2020 में मान्य दावे का अधिकार पत्र दिया जावेगा समय सहित बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा सत्र फरवरी 2024 के विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 408 पर निर्मित आश्वासन क्रमांक 202 की अभिपूर्ति पर पुन: परीक्षण कराया गया। कलेक्टर जिला बैतूल से प्राप्त प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जिला वनाधिकार समिति द्वारा जो वन अधिकार पत्र जारी किये गये हैं वह सही पाये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला वनाधिकार समिति की बैठक दिनांक 04.07.2020 को उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति से प्राप्त दो प्रस्ताव में काला बाबा पूजा स्थल हेतु 1.352 हेक्टेयर एवं अम्बा मां पूजा स्थल हेतु 2.050 हेक्टेयर पर प्रकरणों में कमी पूर्ति देखी जाकर वन अधिकार पत्र जारी किये जाने हेतु सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। वनमण्डल उत्तर बैतूल ने अपने पत्र दिनांक 27.05.2021 में काला बाबा पूजा स्थल हेतु 1.000 हेक्टेयर एवं अम्बा मां पूजा स्थल हेतु 0.09 हेक्टेयर के वनाधिकार दिये जा सकता है का उल्लेख किया गया है। जिला वनाधिकार समिति की बैठक दिनांक 08.03.2022 में कालाबाबा पूजा स्थल हेतु 0.310 हेक्टेयर एवं अम्बा मां पूजा स्थल हेतु 0.270 हेक्टेयर के सामुदायिक दावे मान्य किये गये। (ग) ग्राम सभा भोपाली के प्रस्ताव 16 दिनांक 04.10.2019 को पारित सामुदायिक दावे का प्रस्ताव उपखंड स्तरीय वनाधिकार समिति बैतूल के माध्यम से प्राप्त होने पर जिला स्तरीय समिति की बैठक दिनांक 04.07.2020 में रखा गया जिसकी कमी पूर्ति उपरान्त दिनांक 08.03.2022 को मान्य किया गया। वनमंडल उत्तर ने अपने पत्र दिनांक 27.05.2021 में की गई अनुशंसा में दर्ज रकबे को किसी पत्र से कम नहीं किया गया बल्कि कमियों/त्रुटियों में सुधार उपरांत प्राप्त रकबे की अनुशंसा की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) कलेक्टर जिला बैतूल से प्राप्त जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जिला स्तर वन अधिकार समिति द्वारा जांच उपरान्त जारी किये गये वन अधिकार पत्र सही पाये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समर्थन मूल्य पर गेहूँ का उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 215 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में समर्थन मूल्य पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का क्रय किया गया। कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में भण्डारित किया गया? ओपन कैप में कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में रखा गया? इसकी सुरक्षा, रख-रखाव, देखभाल, निगरानी आदि की क्या व्यवस्था की गई। परिवहन, भण्डारण एवं किराया आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) निजी क्षेत्र के गोदामों में कहां-कहां पर कितनी कितनी मात्रा में किन शर्तों पर भण्डारित किया गया। इनके किराया आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। गोदाम संचालकों का नाम पता सहित जानकारी दें। (ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत किन-किन गोदामों से कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ का उठाव किया गया एवं कितनी-कितनी मात्रा में कहां-कहां पर भेजा गया प्रश्नांकित किन-किन गोदामों का निरीक्षण कब-कब किसने किया है। कहां-कहां पर क्या-क्या अनियमितताएं व अव्यवस्था पाई गई और कब-कब किस-किस पर क्या कार्यवाही की गई। (घ) प्रश्नांकित कहां-कहां की किन-किन गोदामों ओपन कैप व शासकीय भण्डार गृहों में भण्डारित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ खराब बेकार, खाने योग्य नहीं रह गया, सड़ गया, चोरी हुआ है। इसके लिये दोषी अधिकारियों, गोदाम संचालकों पर कब क्या कार्यवाही की गई है। इस खराब, सड़ा गेहूँ का क्या उपयोग किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक समर्थन मूल्य पर 1696182.733 मे.टन का उपार्जन किया गया, जिसका समर्थन मूल्य दर से राशि रू. 343717.86 लाख है। उपार्जित गेहूँ के गोदामवार/केपवार भण्डारण मात्रा, गोदाम संचालक का नाम, पता एवं गोदाम किराया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। गोदाम/केप में भण्डारित गेहूँ के सुरक्षा/रख-रखाव की निगरानी हेतु चौकीदार की व्यवस्था की गई है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ के परिवहन पर राशि रू. 2466.97 लाख व्यय हुआ है। (ख) मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा संयुक्त भागीदारी योजनांतर्गत अनुबंधित निजी गोदामों में गेहूँ का भण्डारण किया जाता है। संयुक्त भागीदारी योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ भण्डारण पर देय किराया, गोदाम संचालकों के नाम एवं पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक समर्थन मूल्य पर उपार्जित 1696182.733 मे.टन में से 1441275 मे.टन गेहूँ शासन की विभिन्न योजनांतर्गत परिदान किया गया है। जबलपुर जिले में उपार्जित गेहूँ को जिले की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनांतर्गत वितरण हेतु उचित मूल्य दुकानों पर प्रेषित किया गया है तथा अन्य जिलों में प्रेषित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। जबलपुर जिले में मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के अमले द्वारा किए निरीक्षण/भौतिक सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। निरीक्षण में पाई गई विसंगतियों/अनियमितताओं के निराकरण के अनुपालन के संबंध में समय-समय पर पत्र जारी किए गए है। (घ) खाद्यान्न पेरिसेबल गुड्स होने के कारण भण्डारण एक निश्िचत समय तक किया जा सकता है। कोरोना काल में समर्थन मूल्य पर गेहूँ का उपार्जन अत्यधिक मात्रा में होने के कारण निष्पादन में समय लगने से गेहूँ का भण्डारण अधिक समय तक करने के कारण गुणवत्ता प्रभावित हुई है, जबलपुर जिले में क्षतिग्रस्त हुए गेहूँ की मात्रा एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-इ अनुसार है। खराब स्कंध की प्रतिपूर्ति हेतु गोदाम संचालकों को देय किराए से की जाती है। क्षतिपूर्ति DCC एवं निविदा के माध्यम से किया जाता है, जो प्रक्रियाधीन है।
नल-जल योजना हेतु आवंटित राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( क्र. 216 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय शासन नई दिल्ली की ग्रामीण अंचल में हर घर नल से शुद्ध पेय जल पहुँचाने की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना के तहत प्रदेश शासन को कब-कब, कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की हैं एवं क्यों? शेष कितनी-कितनी राशि का आवंटन हेतु शासन ने कब-कब क्या प्रयास किये हैं एवं शेष कितनी-कितनी राशि, कब-कब आवंटित की गई हैं? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) योजना की कार्यप्रगति एवं लक्ष्य पूर्ति के मामले में देश में प्रदेश का क्या स्थान हैं? बतलावें। (ग) कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खण्ड जिला जबलपुर को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? सामग्री पाइपों, सबमर्सिबल पम्पों का क्रय, टंकी का निर्माण कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? लक्ष्यपूर्ति बतलावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में स्वीकृत कितनी में से कितनी नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण है एवं इस पर कितनी राशि व्यय हुई? कितनी योजनाएं अपूर्ण/निर्माणाधीन अप्रारंभ हैं? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है एवं कितनी राशि व्यय हुई? बतलावें। (ड.) प्रश्नांकित निर्मित कितनी योजनाएं बंद, अप्रारंभ हैं? कहाँ-कहाँ की योजनाओं के सबमर्सिबल पम्प कब से बंद/बिगड़े पड़े हैं एवं क्यों? कहाँ-कहाँ के कब-कब बदले गये? कहाँ-कहाँ की योजनाओं का पाइप-लाइन बिछाने नल कनेक्शन देने टंकी निर्माण का कार्य कब से अपूर्ण/निर्माणाधीन है एवं क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) ग्रामीण परिवारों को नल से जल की उपलब्धता में 18वें स्थान पर। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 03 अनुसार है।
विस्थापितों की जानकारी
[वन]
15. ( क्र. 258 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रातापानी वन प्राणी अभयारण्य जिला सीहोर के अंतर्गत कितने हेक्टेयर वन भूमि पर फैला हुआ है? तथा कितने अभयारण्य क्षेत्र में राजस्व भूमि है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने ग्रामों को विस्थापित किया जाएगा? विस्थापित ग्रामों की सूची देवें विस्थापित ग्रामों में किन-किन वर्ग के लोग विस्थापित होंगे? विस्थापितों की कुल जनसंख्या बताई जाए। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विस्थापित ग्रामों के लोगों को कहां बसाया जाएगा और प्रत्येक परिवार को मिलने वाली सुविधा की अद्यतन जानकारी देवें। (घ) क्या पूर्व में विस्थापितों को उन ग्रामों में बसाया गया था जिन्हें पुनः विस्थापित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक विस्थापित किया जाता रहेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) रातापानी वन्यजीव अभयारण्य में जिला सीहोर की 135.031 वर्ग कि.मी. वन भूमि शामिल है। अभयारण्य क्षेत्र में राजस्व भूमि शामिल नहीं है। (ख) रातापानी वन्यप्राणी अभयारण्य जिला सीहोर से वनग्राम मथार की जनसंख्या-1650, राजस्व ग्राम देलाबाड़ी की जनसंख्या-239 एवं राजस्व ग्राम सुरई ढ़ाबा की जनसंख्या-489 को विस्थापित करने की योजना है। इन ग्रामों में निवास करने वाले अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति,पिछड़ा वर्ग,अल्पसंख्यक,सामान्य आदि सभी वर्गों के लोगों की सहमति के उपरांत ही नियमानुसार विस्थापित किये जाते हैं। (ग) राज्य शासन,वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ-3-8/07/10-2/2129 दिनांक 30.10.2008 एवं समसंख्यक पत्र दिनांक 17/12/2021 से विस्थापन हेतु जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों का विस्थापन किया जाता है। उक्त दिशा-निर्देश के अनुसार ग्रामों में निवासरत ग्रामीणों एवं ग्राम सभा की सहमति उपरांत, चयनित विकल्प के अनुसार पात्रता के निर्धारण कर पात्र हितग्राही को विस्थापित कर मुआवजा एवं विकल्प अनुसार सुविधायें उपलब्ध करायी जाती है। दिशा-निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्मित/निर्माणाधीन समूह पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 269 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के पांढुर्णा एवं छिंदवाड़ा जिले में PHE विभाग/जल निगम में निर्मित/निर्माणाधीन समूह पेयजल योजना का कार्य विभाग द्वारा निर्धारित गुणवत्ता व अनुबंध की शर्तों के अनुसार समय-सीमा में पूर्ण किया गया हैं? यदि नहीं तो क्या सम्बंधित निर्माण ठेकेदारों के विरुद्ध नियमानुसार पेनाल्टी राशि अधिरोपित की गई है? यदि नहीं तो क्यों? क्या ऐसा न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण करने व उनके निर्माण कार्य में की जा रही गड़बड़ी की सूक्ष्म जांच जिला-पांढुर्णा एवं छिंदवाड़ा जिलों के जनप्रतिनिधियों व संगठनों द्वारा कोई शिकायत शासन/विभाग को की गई हैं? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कि जावेगी? (ग) क्या जिला-पांढुर्णा एवं छिंदवाड़ा जिले में जल-जीवन मिशन के अंतर्गत निर्माण कार्य व इन कार्यों की निविदा शर्तों को शिथिल कर एवं ई.ई.द्वारा कार्य का अनुपातिक निरीक्षण किये बिना अधिकांश बिलों के भुगतान सम्बन्धी गड़बड़ी बाबत जनप्रतिनिधियों व मजदूर संगठनों द्वारा शासन/विभाग को शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विभाग में संविदा पद में पदस्थ CE को उक्त पद का प्रभार दिए बिना उच्च पद ENC का प्रभार दे दिया गया है? यदि हाँ, तो यह शासन के किस नियम के अनुकूल है? यदि नहीं तो इन्हें कब तक उक्त पद से पृथक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) समूह जल प्रदाय योजनाओं का कार्य निर्धारित गुणवत्ता एवं अनुबंध की शर्तों के अनुरूप कराया जा रहा है। मोहखेड समूह जल प्रदाय योजना का कार्य पूर्ण हैं एवं माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। अनुबंध के अनुसार कार्यवाही की गई है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर ठेकेदार के विरुद्ध अनुबंध में दिये गये प्रावधानों एवं गुणदोष के अनुसार पेनाल्टी का निर्धारण ठेकेदार के अंतिम देयक के साथ किया जायेगा। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रशासनिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए संविदा नियमों के अनुरूप कार्यवाही की जाकर विभाग द्वारा मुख्य अभियंता के पद पर संविदा नियुक्ति दी गई है। संविदा पर नियुक्त मुख्य अभियंता को प्रमुख अभियंता का प्रभार दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निजी भूमि की अपील
[वन]
17. ( क्र. 359 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनमंडल नर्मदापुरम वनमंडल ने अपने पत्र क्रमांक मा.चि/6402 दिनांक 31.05.2022, पत्र क्रमांक मा.चि/11176 दिनांक 17.10.2022 पत्र क्रमांक मा.चि 5057 दिनांक 25.05.2024 में खोरी वनखण्ड के ग्राम खटामा के भूस्वामी हक में दर्ज किस खसरा नम्बर के कितने रकबे के संबंध में क्या-क्या लेख कर वन मुख्यालय की उत्पादन शाखा, भू-अभिलेख शाखा एवं भू-प्रबंध शाखा से क्या-क्या मार्ग दर्शन मांगा वह मार्ग दर्शन किस दिनांक को दिया गया मार्गदर्शन की प्रति सहित बतावें? (ख) एफ.एस.ओ. इटारसी के आदेश दिनांक 06.06.2022 की जानकारी वन मण्डल नर्मदापुरम को किस दिनांक को प्राप्त हुई उसकी अपील प्रस्तुत करने की क्या समय-सीमा निर्धारित है, आदेश के विरूद्ध अपील किस दिनांक को प्रस्तुत की ग्राम खटामा की पृथक की गई भूमि वर्ष 1953-54 से किस-किस किसान के नाम पर दर्ज होने की जानकारी वन मण्डल में उपलब्ध है। (ग) आदेश दिनांक 06.06.2022 की अपील प्रस्तुत करने हेतु वन मुख्यालय ने किस पत्र क्रमांक दिनांक से क्या-क्या निर्देश दिए इस बावत् क्या-क्या मार्गदर्शन वनमंडल को किस दिनांक को दिया प्रति सहित बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविधान की 5वीं अनुसूची
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र. 360 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान की 5वीं अनुसूची की धारा 5 उप धारा 2 और उपधारा 2 की किस-किस कंडिका में, किस-किस विषय पर, किसे, क्या-क्या अधिकार दिए गए हैं। (ख) धारा 5 उपधारा 2 कंडिका (क) एवं (ख) में दिए गए प्रावधानों के अनुसार जनजातीय समुदाय की भूमि अन्तरण एवं भूमि आवंटन से संबंधित कौन-कौन सा प्रावधान राज्य में लागू रहा है या वर्तमान में लागू है। (ग) धारा 5 उपधारा 5 के अनुसार जनजातीय सलाहकार परिषद से किस-किस विनियमन पर परामर्श किया है। (घ) धारा 5 उपधारा 5 के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भी जनजातीय सलाहकार परिषद से परामर्श नहीं करने का क्या-क्या कारण रहा है।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) समुदाय की भूमि के अंतरण के संबंध में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 (यथा संशोधित 2018) की धारा 165 एवं धारा 170 के प्रावधान पूर्व में एवं वर्तमान में लागू है। मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 में अंतरण के संबंध में अध्याय 4 भूमि प्रबंधन संबंधी प्रावधान लागू है। ऐसे समुदाय को भूमि आवंटन के लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड 4 क्रमांक 03 के प्रावधान पूर्व में लागू रहे है। (ग) धारा 5 उपधारा 5 के अनुसार जनजातीय सलाहकार परिषद से परामर्श किये गये बिन्दुओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) जनजाति सलाहकार परिषद के माननीय सदस्यों से प्राप्त सुझाव पर ही चर्चा की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माणाधीन पेयजल परियोजना के निर्माण की प्रगति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( क्र. 388 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले के ग्रामीण अंचल में पेयजलापूर्ती हेतु मढीखेडा बांध आधारित स्वीकृत, जल निगम द्वारा निर्माणाधीन पेयजल परियोजना का निविदा शर्तों के अनुसार किस अवधि तक निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना था व निर्धारित अवधि में कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये जाने थे। वर्तमान में उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कितने-कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं व कौन-कौन से कार्य कितने प्रतिशत शेष बचे हैं? उक्त शेष कार्य कब-तक पूर्ण होंगे। कार्यवार, ग्रामवार, विकासखण्डवार व विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या पेयजल परियोजना में स्वीकृत कार्यों के पूर्ण होने के पूर्व ही उक्त परियोजना बेहतर क्रियान्वयन हेतु शिवपुरी में संचालित पी.आई.यू. कार्यालय को शिवपुरी से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया। जिसके चलते परियोजना की समुचित मॉनिटरिंग नहीं होने के चलते कार्य पूर्ण होने में विलंब हो रहा है तथा निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के क्रम में परियोजना का कार्यपूर्ण होने में विलंब हेतु क्या-क्या कारण हैं। तथा इस हेतु कौन उत्तरदायी हैं। क्या परियोजना की उचित मॉनिटरिंग हेतु अन्यत्र स्थानांतरित किये गये पी.आई.यू. कार्यालय को पुनः शिवपुरी में स्थानांतरित किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो सकारण उत्तर दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) शिवपुरी जिले के ग्रामीण अंचल में पेयजल आपूर्ति हेतु म.प्र. जल निगम द्वारा क्रियान्वित मढीखेडा बांध आधारित समूह जल प्रदाय योजना का कार्य 11.01.2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित था। निर्धारित अवधि में योजना के समस्त कार्य जैसे इंटेकवेल, जल शोधन संयंत्र, पाइप-लाइन बिछाना, उच्चस्तरीय टंकी, घरेलू नल कनेक्शन प्रदाय करना इत्यादि समस्त कार्य पूर्ण किये जाने थे। योजनांतर्गत सम्मिलित कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट -01 अनुसार है। ग्रामवार, विकासखण्डवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश जल निगम परियोजना क्रियान्वयन इकाई शिवपुरी का मुख्यालय प्रशासनिक दृष्टि से परियोजना क्रियान्वित इकाई अंतर्गत विभिन्न जिलों की परियोजनाओं के बेहतर नियंत्रण हेतु ग्वालियर किया गया है, जिसका योजना के विलम्ब एवं गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं हुआ है। (ग) योजनांतर्गत विलम्ब मुख्य रूप से माधव राष्ट्रीय उद्यान, वन विभाग व अन्य विभागों से कार्य करने की अनुमति प्राप्त करने में हुआ है। विभिन्न विभागों से प्राप्त अनुमति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-02 अनुसार है। वर्तमान स्थिति में बताया जाना संभव नहीं है।
सिंचाई विभाग की योजनाओं में वन विभाग के लंबित कार्य
[वन]
20. ( क्र. 397 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आपचन्द मध्यम सिंचाई परियोजना जिला सागर से प्रभावित वन क्षेत्र के लिये वैकल्पिक वृक्षारोपण की अधिसूचना जारी होने में विलम्ब का क्या कारण है? डूब क्षेत्र में प्रभावित वृक्षारोपण की योजना किस स्तर पर तथा कब से लंबित है? कब योजना पूर्ण कर प्रस्तुत की जावेगी? (ख) कोपरा मध्यम सिंचाई परियोजना जिला सागर के संदर्भ में वन्य प्राणी संबंधी प्रकरण किन कारणों से लंबित है? तथा कब तक भारत शासन को इस संबंध में जानकारी सुलभ कराई जावेगी? (ग) किशनगढ़ जलाशय योजना जिला सागर के लिये वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि आवंटन होने के बावजूद वनीकरण कार्य में विलम्ब का क्या कारण है? कब तक यह कार्य पूर्ण किया जाना लक्षित है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांकित सिंचाई परियोजना में प्राप्त वैकल्पिक वृक्षारोपण के भूमि की अधिसूचना जारी हो चुकी है। वनमंडलाधिकारी, सामान्य वनमंडल दक्षिण सागर कार्यालय के पत्र क्रमांक/मा.चि./6068 दिनांक 02.12.24 से आवेदक संस्थान को वैकल्पिक वृक्षारोपण योजना की राशि जमा करने का मांग पत्र जारी किया गया, राशि जमा करने के उपरांत वृक्षारोपण सम्भव है। (ख) कोपरा मध्यम सिंचाई परियोजना जिला सागर की अनुमति हेतु परिवेश पोर्टल पर आवेदक संस्था के पास वन्यप्राणी संबंधी आपत्ति के निराकरण हेतु वापस किया गया है। आवेदक संस्था द्वारा आपत्ति के निराकरण उपरांत ही नियमानुसार अनुमति हेतु भारत सरकार को प्रेषित करना सम्भव होगा। (ग) प्रश्नांकित परियोजना में वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि का आवंटन है, परंतु वन भूमि व्यपवर्तन के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति हेतु विचाराधीन होने के कारण वनीकरण कार्य नहीं किया जा सकता है, भारत सरकार से औपचारिक स्वीकृति उपरांत वैकल्पिक वृक्षारोपण कार्य सम्भव है। समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।
एकल ग्राम नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( क्र. 468 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या तारांकित प्रश्न संख्या 14 (क्रमांक 1811) दिनांक 05/07/2024 को माननीय मंत्री जी द्वारा प्रश्नकर्ता को सदन में यह आश्वासन दिया गया था कि एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के संबंध में ग्राम के छूटे हुए मजरे-टोलों को सम्मिलित कर नवीन योजना तैयार कर शासन के समक्ष रख कर स्वीकृत कराई जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों की पुनरीक्षित योजना तैयार कर शासन के समक्ष रखी गई? ग्रामवार सूची दें नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) आश्वासन इंदवार समूह नलजल योजना के संबंध में भी दिया गया था? हाँ तो इस योजना में आश्वासन के अनुरूप किस अधिकारी को विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भेजा गया, नाम एवं पदनाम का उल्लेख करें। उक्त अधिकारी द्वारा संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? ब्यौरा प्रदान करें। नहीं तो ऐसा क्यों नहीं किया गया? कौन-कौन दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) इंदवार समूह नल-जल योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम को 100 प्रतिशत पेयजल प्रदान किया जाना था। क्या ऐसा किसी एक भी ग्राम में नहीं किया गया और यह योजना 8 वर्ष में भी क्यों पूर्ण नहीं हुई इस हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश "क" के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। यद्यपि 32 एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की पुनरीक्षित डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। इंदवार समूह जल प्रदाय योजना के ट्रायल रन का कार्य प्रगतिरत है एवं आंशिक रूप से जल प्रदाय प्रारंभ किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरीदी केन्द्रों की स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 516 ) श्री अभय मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग द्वारा खरीदी केन्द्रों की स्थापना कर खरीदी के कार्य बावत निर्देश जारी किये गये, निर्देश की प्रति देते हुये बतावें कि रीवा जिले में कितने खरीदी केन्द्र कब-कब कहां-कहां संचालित है इनका संचालन किनके माध्यम से किया जा रहा है, समूहों के द्वारा जिन खरीदी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है उनमें किन समूहों पर अनियमितताएं पाकर कार्यवाही प्रस्तावित की गई तो कब बतावें विवरण 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित खरीदी केन्द्रों पर की जा रही अनियमितता के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक/213/ए/रीवा/से.वि./2024 दिनांक 19.02.2024, आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा को पत्र क्रमांक/255/रीवा/से.वि./2024 दिनांक 29.02.2024, कलेक्टर जिला रीवा को पत्र क्रमांक/651/2024 दिनांक 25.10.2024 को जांच एवं कार्यवाही हेतु लिखा गया, जिस पर कार्यवाही की स्थिति क्या है? किन-किन पर कार्यवाही की गई बतावें अगर नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संचालित खरीदी केन्द्रों से खरीदे गये धान एवं गेहूँ परिवहन बावत किन संविदाकारों को कब-कब, किन-किन शतों पर आदेश जारी किये गये का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें, परिवहनकर्ताओं द्वारा समय पर उठाव कर परिवहन कार्य पूरा किया गया अगर नहीं तो क्यों उस पर कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही की गई बतावें अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों, परिवहनकर्ताओं/ठेकेदारों को शासन के आदेश किन शर्तों पर दिये जाने के थे प्रति देते हुये बतावे? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के तारतम्य में श्री ज्ञानेन्द्र पाण्डेय मुख्य कार्यपालन अधिकारी/महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार व आर्थिक अनियमितता से संबंधित शिकायत मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 564/शिकायत/2024 दिनांक 10.10.2024, प्रमुख सचिव सहकारिता को पत्र क्रमांक 492/शिकायत/2024 रीवा दिनांक 19.09.2024 के द्वारा की गई थी इनके विरूद्ध थाना अमरपाटन जिला सतना में दिनांक 07.06.2018 को 48 करोड़ 78 लाख 32 हजार 546 रूपये के फर्जी ऋण वितरण एवं फर्जी बीमा क्लेम की राशि गवन का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया फिर भी संबंधित को महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ कर कार्य क्यों लिया जा रहा है इनको अन्यत्र हटाते हुये जांच बावत क्या निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उल्लेखित तथ्यों पर कार्यवाही न करने, पत्रों का समय पर निराकरण न करने के जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे साथ ही पत्रों पर समय पर कार्यवाही बावत भी निर्देश देंगे। यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
23. ( क्र. 523 ) श्री अभय मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के द्वारा दिनांक 05.06.2024 को फर्जी डिपॉजिट आर्डर पर एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने पर आदेश दिये गये थे? आदेश की प्रति के साथ कार्यवाही की क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तत्कालीन जिला प्रबधंक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम रीवा, प्रबंधक सिविल सप्लाई कार्पोरेशन श्री देवेन्द्र तिवारी के द्वारा जिला रीवा में पदस्थगी के दौरान परिवहन के नाम पर संविदाकारों से सांठ-गांठ कर दूरस्थ स्थानों में परिवहन कराकर व्यक्तिगत हितपूर्ति की गई जिसके संबंध में पत्र क्रमांक 372 दिनांक 02.07.2024 द्वारा प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग म.प्र. भोपाल, पत्र क्रमांक 599, पत्र क्रमांक 564 दिनांक 10.10.2024, दिनांक 15.10.2024 पत्र क्रमांक 679 दिनांक 08.11.2024 के द्वारा मुख्य सचिव म.प्र.शासन भोपाल, को लिखे गये पत्रों पर कार्यवाही की स्थिति क्या हैं का विवरण देते हुये बतावें अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कार्यवाही बावत क्या निर्देश देंगे? (ग) प्रश्नांकित श्री तिवारी बी.आर.टी.एस. योजना में प्रतिनियुक्ति के दौरान गलत प्रोजेक्ट तैयार शासन को क्षति पहुंचाने व सीधी में जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम के पद पर पदस्थ रहते हुये हजारों क्विंटल धान को जानबूझकर सड़ाकर पचासों करोड़ रूपये का नुकसान शासन को हुआ जिस पर प्राप्त शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों कार्यवाही बावत् क्या निर्देश देंगे यह भी बतावें अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अपराधिक प्रकरण दर्ज न कराने एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार परिवहन के नाम पर ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर व्यक्तिगत हितपूर्ति करने शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के साथ जांच व कार्यवाही लंबित रखने के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 524 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले में ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम अन्तर्गत बसाहटों में वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु हैण्डपम्प उत्खनन बाबत् भौतिक लक्ष्यों का निर्धारण प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 4753 दिनांक 20.05.2024 के पालन में रीवा जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों व विकासखण्डों में कराये गये तो उनकी संख्या विधानसभावार/जनपदवार देवें, इनका उत्खनन क्षेत्रीय विधायकों की अनुशंसा पर कहां-कहां, किन-किन जगहों पर किये गये का विवरण अनुशंसा पत्रों की प्रति देते हुये बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में रीवा व मऊगंज जिले में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान माननीय क्षेत्रीय विधायकों द्वारा विधायक विकास निधि से नवीन नलकूप उत्खनन बाबत् दी गई राशि अनुसार कितनी राशियां किन विधानसभा क्षेत्र की अंतिम राशि शेष बची का विवरण संविदाकारों को अंतिम भुगतान करने के बाद का देवें। ठेकेदारों द्वारा प्राप्त राशि से कितने कम राशि पर अनुबंध कर उत्खनन के कार्य किये गये का विवरण प्रति नलकूपवार उपरोक्त जिलों का देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपने पत्र क्रमांक 594 दिनांक 15.10.2024 व पत्र क्रमांक 440 दिनांक 28.08.2024, के द्वारा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र. भोपाल व पत्र क्रमांक 299 दिनांक 13.03.2024, पत्र क्रमांक 597 दिनांक 15.10.2024 के द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को लिखा गया था। पत्रों पर कार्यवाही की स्थिति बतायें अगर कार्यवाही समय पर नहीं की गई पेयजल आपूर्ति प्रभावित है इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, जिम्मेदारों के पदनाम के साथ उन पर क्या कार्यवाही करेंगे बतायें, अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के जारी निर्देशों के पालन में विधानसभा क्षेत्र सेमरिया के जनपद पंचायत सिरमौर व रीवा की ग्राम पंचायतों में अनुशंसित जगह पर नलकूप उत्खनन नहीं कराये गये, व्यक्तिगत हितपूर्ति कर दूसरे स्थानों पर नलकूप उत्खनन करा कर प्रश्नकर्ता के पत्रों की अवहेलना की गई एवं प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार राशियों का समायोजन नहीं किया गया, आज भी राशि लंबित है जो शासन के गबन की श्रेणी में है इसके लिये जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे, बतायें एवं पत्रों का समय पर निराकरण न करने के लिये कौन-कौन जवाबदार है, उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) हैण्डपंप उत्खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार तथा अनुशंसा पत्रों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) पत्र क्रमांक 440 दिनांक 28.08.2024 से वांछित कार्यवाही पूर्ण, पत्र क्रमांक 597 दिनांक 15.10.2024 के संबंध में कार्यवाही सतत् प्रक्रियाधीन है। शेष पत्रों पर कार्यवाही हेतु संबंधित को निर्देशित किया गया है। पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से हो रही है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जो नहीं। विभाग द्वारा कार्ययोजना के तहत पेयजल की आवश्यकता के दृष्टिगत शासन द्वारा निर्धारित नीति के तहत नलकूप खनन कराये जाते हैं तथा इस कार्य में माननीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसाओं को प्राथमिकता दिये जाने का प्रयास किया जाता है, राशियों का समायोजन नियमानुसार किया जाता है, अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्र आवंटित कराया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 545 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर किसानों की पैदावार (अनाज) के उपार्जन हेतु विभिन्न सहकारी संस्थाओं एवं अन्य संस्थाओं को सम्मिलित कर उपार्जन कार्य कराये जाने की नीति निर्धारित की गई है। यदि हाँ, तो किसानों की अंश राशि तथा सदस्यों की म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के तहत पंजीकृत किसान उत्पादक सहकारी समितियों को क्यों सम्मिलित नहीं किया गया है? कारण सहित जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या यह सही है कि भारत शासन (सहकारिता विभाग) नई दिल्ली के निर्देशन पर म.प्र. सहकारिता विभाग द्वारा किसान उत्पादक सहकारी समितियों का पंजीयन किया गया था? यदि हाँ, तो क्या इन सहकारी समितियों को उपार्जन नीति में सम्मिलित कर समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्र आवंटित कराये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? समयावधि बताई जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से सम्बद्ध मध्यप्रदेश सहकारी समितियां अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पंजीकृत बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाएं (बी-पेक्स), आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के आदेश क्रमांक विपणन/2013/869 दिनांक 27.05.2013 में उल्लेखित ब्लॉक स्तरीय विपणन सहकारी संस्थाएं, जिला थोक उपभोक्ता भण्डार एवं NRLM के अंतर्गत पंजीकृत महिला स्व-सहायता समूह एवं क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLF) को उपार्जन का कार्य दिए जाने का प्रावधान है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के गोदामों में भंडारण एवं किसानों को भुगतान सुनिश्िचत करने की दृष्टि से उक्त संस्थाओं को समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न का उपार्जन कराया जाता है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उत्तरांश (क) अनुसार।
धान का क्रय, भण्डारण एवं परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
26. ( क्र. 557 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में किस-किस खरीदी केंद्र से कितनी-कितनी धान किस दिनांक को खरीदी की गई तथा उक्त धान को किस-किस भंडारण केंद्र में भंडारित किया गया? गोदाम मालिक के नाम सहित भंडारण की क्षमता बतायें। साथ ही ओपन केप में भंडारण की तिथिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में अन्य जिलों में धान परिवहन कर भंडारण किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? जबकि बालाघाट जिले में भंडारण क्षमता धान खरीदी के बराबर है तो अन्य जिलों में परिवहन क्यों किया गया? (ग) समस्त बालाघाट जिले में कितने वेयरहाउस एवं कितने ओपन केप उपलब्ध हैं एवं उनके भंडारण की क्षमता कितनी है? विकासखंडवार/ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (घ) धान परिवहन में किस-किस ट्रांसपोर्टरों से अनुबंध किया गया है तथा विगत 3 वर्षों में किन-किन ट्रांसपोर्ट्स को कितनी राशि का भुगतान किस-किस परिवहन कार्य हेतु किया गया? संपूर्ण बिल, अनुबंध पत्र का भुगतान वाउचरों की प्रति उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्रवार एवं वर्षवार उपार्जित धान मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। दिनांकवार धान उपार्जन मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। उपार्जित धान के गोदाम एवं केप में भण्डारित धान की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है एवं गोदाम का नाम, गोदाम मालिक का नाम, भण्डारण क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले में वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के सुरक्षित भण्डारण हेतु जिले में पर्याप्त भण्डारण क्षमता उपलब्ध न होने से अंतर जिला परिवहन कराकर धान का भण्डारण अन्य जिलों में कराया गया। वर्ष 2023-24 में बालाघाट जिले में पर्याप्त भण्डारण क्षमता उपलब्ध होने के कारण अन्य जिले में धान का परिवहन कर भण्डारण नहीं कराया गया है। (ग) बालाघाट जिले में उपलब्ध गोदाम एवं ओपन केप की क्षमतावार, विकासखण्डवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में अनुबंधित परिवहनकर्ताओं द्वारा किए गए परिवहन कार्य एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है तथा परिवहनकर्ताओं से किए गए अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है।
पंधाना विधानसभा में उद्योगों की स्थापना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
27. ( क्र. 565 ) श्रीमती छाया गोविन्द मोरे : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा अंतर्गत देशगांव में फूड पार्क के रूप में महाराणा औद्योगिक क्षेत्र को स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) फूड पार्क कितने एकड़ क्षेत्र में बनेगा और निर्माण लागत मूल्य क्या है और कब तक बनकर तैयार हो जायेगा? (ग) पंधाना विधानसभा के छैगांव माखन, बोरगांव बुजुर्ग, सिंगोट, गुडी क्षेत्र में लघु उद्योग स्थापना की क्या कार्ययोजना है?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
28. ( क्र. 612 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1812 दिनांक 05.07.2024 के (क) से (ग) के उत्तर में स्थगन रिक्त करने हेतु दिनांक 05.07.2016 को माननीय उच्च न्यायालय में आवेदन प्रकरण प्रभारी द्वारा प्रस्तुत किया गया है? उस दिनांक के बाद प्रश्न दिनांक तक प्रकरण प्रभारी द्वारा क्या कार्यवाही स्थगन रिक्त कराने हेतु की गई? जानकारी देवें। (ख) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय 2018 एवं उच्च न्यायालय जबलपुर 2022 द्वारा स्थगन आदेश की समय अवधि 6 माह निर्धारित की गई है। यदि हाँ, तो आदेशों के बाद भी प्रकरण प्रभारी द्वारा कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण है बताये? क्या उक्त प्रकरण में त्वरित कार्यवाही निर्णय हेतु प्रक्रिया प्रभारी द्वारा की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि प्रकरण प्रभारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दिनांक 05.07.2016 के बाद में कोई कार्यवाही नहीं की है तो क्या प्रकरण प्रभारी दोषी है यदि हाँ, तो दोषी प्रकरण प्रभारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रभारी अधिकारी द्वारा स्थगन रिक्त कराये जाने की कार्यवाही के लिये शासकीय अधिवक्ता, कार्यालय महाधिवक्ता, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता के जाति प्रमाण पत्र की जांच से संबंधित चाहे गये अभिलेख प्रकरण प्रभारी अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक 386 दिनांक 31.8.2023 को प्रस्तुत किये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय उच्चतम न्यायालय की एक संविधान पीठ द्वारा Asian Resurfacing of Road Agency Pvt. Ltd. बनाम केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो CBI (2018) में यह निर्धारित किया गया था कि स्थगन आदेश स्वचालित रूप से छ: महीने बाद समाप्त हो जाएंगे। परंतु माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2024 में संविधान पीठ द्वारा High Court Bar Association Allahabad Vs The State of Uttar Pradesh & Others, क्रिमिनल अपील क्रमांक 3589/2023 के दिनांक 29.02.2024 को पारित निर्णय में उपरोक्त वर्ष 2018 के निर्णय को पलट दिया। वर्ष 2024 के निर्णय अनुसार किसी भी सिविल या क्रिमिनल प्रकरण में तार्किक स्थगन आदेश, जब तक कि समयबद्ध अंकित न किया गया हो, प्रकरण के अंतिम निर्णय तक प्रभावशील रहेगा। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रकरण में प्रभारी अधिकारी द्वारा समय पर कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, प्रकरण प्रभारी अधिकारी द्वारा प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर अनुसार न्यायालयीन प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टाईगर रिजर्व की इको सेंसिटिव जोन की भूमि की जानकारी
[वन]
29. ( क्र. 681 ) श्री अरविन्द पटैरिया : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.डी.एम. एवं वन व्यवस्थापन अधिकारी राजनगर जिला छतरपुर द्वारा 25 जून, 2024 को आदेश पारित कर पन्ना टाईगर रिजर्व के इको सेंसिटिव जोन के राजगढ़ मौजा के खसरा नं. 2091 की 2.80 एकड़ जमीन ओबेराय ग्रुप के राजगढ़ पैलेस एवं रिसोर्ट के नाम निजी दर्ज की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या एस.डी.एम. एवं वन व्यवस्थापन अधिकारी राजनगर टाईगर रिजर्व की सीमाओं में परिवर्तन करने के संपूर्ण अधिकार रखते है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत यदि हाँ, तो शासन के नियम व मापदंडों का संपूर्ण विवरण देवें और यदि नहीं तो दोषियों पर क्या व कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तहत जांच करने के लिये राज्य स्तरीय कमेटी गठित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं, अपितु वन व्यवस्थापन अधिकारी राजनगर ने भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 11 (2) (i) के तहत प्रश्नाधीन खसरे के संपूर्ण क्षेत्रफल को संरक्षित वन एवं वन सीमा से विलोपित किया है। (ख) जी नहीं, अपितु वनखण्ड की सीमा से अपवर्जित करने की अधिकारिता वन व्यवस्थापन अधिकारी को है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 17 के तहत प्रकरण कलेक्टर छतरपुर के समक्ष अपील में है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में प्रकरण अपील में है। राज्य स्तरीय समिति गठित करने का प्रावधान भारतीय वन अधिनियम 1927 में नहीं है।
वनों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु योजनाओं की जानकारी
[वन]
30. ( क्र. 711 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वन विभाग की कितनी भूमि कहाँ-कहाँ स्थित हैं एवं कितनी भूमि पर विगत 05 वर्षों में वृक्षारोपण कब-कब किया गया है वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है। वर्तमान में वन विभाग की कितनी भूमि पर अतिक्रमण कहाँ-कहाँ किया हुआ है, अतिक्रमण के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। (ख) उज्जैन जिला कलेक्टर कार्यालय के लिए आरक्षित भूमि वन विभाग को सौंपी गई थी। उस भूमि की वर्तमान में क्या स्थिति हैं। उस पर कितने पौधे लगाये गये हैं? (ग) क्या वृक्षरोपण के लिये वन विभाग मुफ्त के पौधे जनता को उपलब्ध कराती है यदि हाँ, तो विगत वर्ष में कितने पौधे कहाँ-कहाँ उपलब्ध कराये गये हैं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) उज्जैन जिले में वन विभाग की 4208 हेक्टेयर वनभूमि है, प्रश्नाधीन अवधि में 724.34 हेक्टेयर में पौधारोपण किया गया तथा 91.83 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अतिक्रमण के संबंध में विभाग द्वारा भारतीय वन अधिनियम के तहत वैधानिक कार्यवाही की गयी है। (ख) वनमण्डल उज्जैन अन्तर्गत उज्जैन जिला कलेक्टर कार्यालय के लिए आरक्षित भूमि वन विभाग को नहीं सौंपी गई है, अतः शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनता को मुफ्त पौधे उपलब्ध कराने की कोई योजना नहीं है, अतः शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रदूषण से हो रही आकस्मिक मौतों/ बीमारियों की रोकथाम
[पर्यावरण]
31. ( क्र. 712 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील नागदा में ग्राम भगतपुरी, परमारखेड़ी में प्रदूषित नदी का पानी पीने से विगत दिनों कितनी भैंसों की आकस्मिक मृत्यु हुई थी? क्या प्रदूषण विभाग ने चम्बल नदी के जल की जाँच की थी? यदि हाँ, तो रिपोर्ट उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो क्यों नहीं की? इसके लिए कौन दोषी हैं? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नागदा के उद्योग ग्रेसिम, केमिकल, लैंक्सेस से निकलने वाले जहरीले रसायन से चंबल नदी प्रदूषित हो रही है उसे रोकने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ग) तहसील नागदा के ग्राम टकरावदा एवं अजीमाबाद पारदी ग्रामों में नागदा के ग्रेसीम, केमिकल एवं लैंक्सेस उद्योगों से निकलने वाले वेस्टेज जहरीले रसायन से करीब 50 से 100 फीट गहरी कृषि भूमि प्रदूषित हो चुकी है जिससे वहां की भूमि तल का पानी प्रदूषित होने से फसलें बर्बाद हो रही है भूमि बंजर हो रही है। साथ ही गंभीर बीमारियाँ फैल रही है। संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रदूषित रसायन की 5 वर्षों में कितनी बार जाँच की गई? जाँच रिपोर्ट उपलब्ध करावें। यदि जाँच नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) पशुपालन एवं डेयरी विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार 08 भैंसों की दलदल में फंसने के कारण मृत्यु हुई थी। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नाधीन उद्योगों द्वारा शून्य निस्त्राव की स्थिति को संधारित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उद्योगों द्वारा किसी भी प्रदूषित रसायन का निस्त्राव नहीं होने से जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में अमानक स्तर का उपार्जित गेहूँ
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
32. ( क्र. 832 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा भण्डारित किये गये गेहूँ में 18 लाख टन गेहूँ अमानक स्तर का पाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो समय पर रख-रखाव क्यों नहीं किया गया? कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के अंतर्गत क्या शासन को आर्थिक क्षति हुई हैं? यदि हाँ, तो ब्याज सहित राशि बतावें। (घ) क्या आर्थिक क्षति की राशि वसूल की जावेगी? यदि हाँ, तो किससे?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ के भंडारण होने के उपरांत परिदान के समय गुणवत्ता जांच में फारेन मटेरियल निर्धारित मात्रा से अधिक पाए जाने पर अपग्रेड कराकर परिदान किया जाता है। गोदामों में वर्ष 2018-19 से 2022-23 की अवधि में इंदौर एवं उज्जैन संभाग में कुल 67506 मे.टन गेहूँ लंबी अवधि तक भंडारण होने के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ में निर्धारित मापदण्ड से अधिक बाह्य पदार्थ होने की स्थिति समय पर रख-रखाव न होने के कारण निर्मित नहीं होती है। कोरोना काल में समर्थन मूल्य पर अधिक मात्रा में गेहूँ खरीदी होने, लंबे समय तक भंडारण एवं असामयिक वर्षा के कारण केप में भंडारित गेहूँ खराब हुआ है। (ग) अमानक स्तर के गेहूँ के अपग्रेडेशन एवं निष्पादन की कार्यवाही प्रचलित है। कार्यवाही पूर्ण होने पर ही क्षति राशि का आंकलन किया जा सकेगा। (घ) अमानक स्तर के गेहूँ के अपग्रेडेशन एवं निष्पादन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्यवाही पूर्ण होने पर ही आगामी कार्यवाही की जाएगी।
छिंदवाड़ा एवं पाढुर्णा जिलों में राशि का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
33. ( क्र. 851 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त छिंदवाड़ा एवं पांढुर्णा जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु किस दिनांक को मध्यप्रदेश शासन या केन्द्र शासन द्वारा आवंटित हुई? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हेतु किन-किन कार्य एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? निविदा प्रकाशन के विज्ञापन तथा निविदाकारों को दिए गए कार्यादेश के प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये गये कितने अपूर्ण है? बगैर विज्ञापन निकाले कितने कार्य मेन्युअल आधार पर प्रदान किए गए? दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। निविदा प्रकाशन के विज्ञापन की प्रतियाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' एवं कार्यादेश की प्रतियाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'चार' अनुसार है।
टीकमगढ़ जिले की नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
34. ( क्र. 853 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में जल-जीवन मिशन योजन विफल हो गई है। यदि नहीं तो टीकमगढ़ जिले में कुल कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत है और उनमें कितनी पूर्ण हो गई है व कितनी ऐसी है कि जिनका कार्य ही प्रांरभ नहीं किया गया? पृथक-पृथक नामवार बतायें? (ख) क्या ऑम कंस्ट्रक्शन कंपनी टीकमगढ़ के पास अनेकों ग्रामों व नगर पंचायत में जल-जीवन मिशन निविदायें स्वीकृत है किन्तु कार्य नहीं किया जा रहा है बल्कि कंपनी को काली सूची में लोक निर्माण विभाग द्वारा डाल दिया गया है? यदि प्रश्नांश (ख) में वर्णित कंपनी ब्लैक लिस्टेड हो गई है जिसमें यह तथ्य उल्लेखित है कि ब्लैक लिस्टेड कंपनी के कोई भुगतान नहीं किये जावें? उपरोक्त कंपनी कितनी राशि प्राप्त कर चुकी है और कितनी बकाया है। (ग) क्या जल-जीवन मिशन अतंर्गत कार्य करने वाले निविदाकारों ने उस गांव में जहां योजना स्वीकृत है जल के स्त्रोत पैदा न कर कार्य चालू कर कार्य पूर्ण दिखा दिया है जैसे उदाहरण के लिए ग्राम पंचायत बरेठी, जनपद जतारा जिला टीकमगढ़ मध्यप्रदेश? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में वर्णित तथ्यों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं। कुल 609 ग्रामों के लिए नल जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें से 149 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं पूर्ण हो गई हैं तथा 102 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी नहीं, मैसर्स ऑम कंस्ट्रक्शन कंपनी टीकमगढ़ को लोक निर्माण विभाग द्वारा काली सूची में दर्ज किया गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा पंजीयन काली सूची में दर्ज करने पर फर्म किसी भी निविदा में भाग लेने हेतु अपात्र हो जाती है। परंतु पूर्व से विद्यमान अनुबंधों के कार्यों का अनुबंध अनुसार संपादन किये जाने पर कार्यों का भुगतान किया जा सकता है। राशि रूपये 30.52 करोड़। शेष भुगतान पूर्ण कार्यों के मूल्याकंन के आधार पर किया जाता है। इसलिये बकाया राशि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपराध में लिप्त कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
35. ( क्र. 854 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में पदस्थ किसी खाद्य अधिकारी या खाद्य निरीक्षक पर ग्वालियर जिले में पदस्थी के दौरान, थाना विश्वविद्यालय ग्वालियर में आई.पी.सी. की धारा 420 एवं 409 में आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ? फिर भी बगैर जमानत कराये टीकमगढ़ जिले में शासकीय सेवा में शासकीय कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्मचारी के विरूद्ध माननीय हाईकोर्ट जबलपुर ने पी.डी.एस की दुकानों का निरीक्षण न कराने का निर्देश दिया है? (ग) अपराधिक प्रकरण में संलिप्त कर्मचारी से शासकीय कार्य कराने व माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवेहलना करने के लिए कौन दोषी है? उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित तथ्यों की जांचकर क्या विस्तृत विवरण दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, ग्वालियर जिले में पदस्थ रहे श्री पंकज कारौरिया कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के विरूद्ध थाना विश्वविद्यालय, जिला ग्वालियर में अपराध क्रमांक 0251 दिनांक 15.06.2021 आई.पी.सी. की धारा 420, 409 के अन्तर्गत दर्ज किया गया है। प्रकरण पुलिस विवेचना में है। (ख) म.प्र. हाईकोर्ट जबलपुर की रिट याचिका क्र. 7181/2022 में दिनांक 26.04.2022 में पारित आदेश में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पंकज कारौरिया के लिये लेख है कि पंकज कारौरिया पर गम्भीर आरोप लगे होने के कारण, उक्त विशेष जांच में सम्मिलित नहीं होने के निर्देश दिये गये है। (ग) म.प्र. हाईकोर्ट जबलपुर के रिट याचिका क्र. 7181/2022 में पारित आदेश के पालन में निवाड़ी जिले के किसी भी अधिकारी के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समितियों के कर्मचारियों का लंबित भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 861 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं मैहर जिले में समर्थन मूल्य पर धान, गेहूँ, का उपार्जन करने वाली सहकरी समितियों के लेबर व्यय, कमीशन तथा कम्प्यूटर आपरेटरों के वेतन आदि के लंबित भुगतान पूर्ण रूपसे केन्द्रवार कब तक कराये जावेंगे, समयावधि बतायी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या प्रत्येक वर्ष उपार्जन केन्द्रों से संबंधित संस्थाओं का भुगातन अति विलंब से किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों, यदि नहीं तो प्रत्येक वर्षवार,खरीफ एवं रबी में कार्यरत रही, संस्थाओं को किये गये भुगतान को संख्यावार, वर्षवार, रबी एवं खरीफ सत्रवार पृथक-पृथक जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या यह भुगतान विलंब से किये जाने पर सहकारी समितियों को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना से प्राप्तकर क्रेडिट ऋण पर ब्याज का अधिभार वहन करने से उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित रहती है, यदि हाँ, तो क्या निकट भविष्य में समय पर भुगतान किये जाने की व्यवस्था बनायी जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना एवं मैहर जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान, गेहूँ, पर उपार्जन करने वाली सहकारी समितियों के लेबर व्यय, कमीशन तथा कम्प्यूटर आपरेटर्स के मानदेय की राशि रबी विपणन वर्ष 2023-24 की रू. 2.80 करोड़ एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 की रू. 3.35 करोड़ भुगतान किया जाना शेष है। समितियों को अंकेक्षित देयक के आधार पर समस्त वसूली उपरांत देय शेष राशि का भुगतान आगामी एक माह में करने का प्रयास किया जाएगा। (ख) समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन करने वाली संस्थाओं उपार्जित मात्रा के आधार पर कमीशन, मंडी लेबर व्यय, हैण्डलिंग व्यय का तदर्थ भुगतान उपार्जन अवधि में जेआईटी के माध्यम से ऑनलाईन किया जाता है। उपार्जन समाप्त होने के उपरांत उपार्जित, परिवहन एवं गोदाम में जमा मात्रा, बारदाना मिलान होने के उपरांत अंकेक्षित देयकों के आधार पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित लागत पत्रक अनुसार शेष राशि का भुगतान किया जाता है, जिसमें समय लगना स्वाभाविक है। रबी विपणन वर्ष 2023-24 की रू. 2.80 करोड़ एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 की रू. 3.35 करोड़ भुगतान की जाना शेष है। (ग) विभाग द्वारा समितियों को तदर्थ भुगतान ऑनलाईन करने की व्यवस्था है तथा भुगतान में लगने वाले समय के कारण देयक राशि पर ब्याज देने का प्रावधान नहीं है। भुगतान व्यवस्था में आवश्यकतानुसार सुधार किया जाना है।
आवंटित एवं व्यय राशि का ऑडिट
[वन]
37. ( क्र. 874 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 639 दिनांक 05/07/24 के तहत वर्ष 22-23, 23-24 एवं वित्तीय वर्ष 24-25 में लेखा शीर्षों में विभिन्न मदों में पृथक-पृथक राशि का कुल RS. 399613971 का व्यय किया गया? (ख) यदि हाँ, तो व्यय राशि के संबंध में विभागीय कमेटी तथा उक्त नस्ती विधिवत तैयार कर जिला प्रशासन तथा जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किन-किन अवधियों में की गई उनका विवरण दें? (ग) क्या उक्त व्यय राशि का विभागीय ऑडिट किया गया यदि हाँ, तो ऑडिट आक्षेप की प्रतियां दें? (घ) महालेखाकार ग्वालियर की कितनी कंडिकाएं लंबित है उनका विवरण उपलब्ध करावें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) छतरपुर वनमंडल अंतर्गत उक्त व्यय राशि के संबंध में विभागीय कमेटी तथा नस्ती तैयार कर जिला प्रशासन को भेजने का वन विभाग में कोई प्रावधान नहीं होने के कारण प्रस्तुत नहीं की गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) महालेखाकार ग्वालियर की 39 कंडिकाएं है जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट में है।
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की समस्या
[पर्यावरण]
38. ( क्र. 887 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र कि राजरतन ग्लोबल वायर, रेवा फूडस, माधुरी रिफायनी प्रा.लि. यूनिकेम लेबोट्रिज लि. मेडीक्रेब्ज फार्मूला प्रा.लि. सनसेक्ट, इम्पीरीयन आटो व अन्य औद्योगिक ईकाई द्वारा प्रदूषित अपशिष्ट पदार्थ जो क्षारीय व अम्लीय होने से प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चिराखान, बगोदा, धन्नड़ व अन्य गांवों के भूजल स्त्रोत दूषित हो रहे हैं इसमें इन गांवों में पेयजल, सिंचाई हेतु जल, पर्यावारण व मनुष्य, पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ रहा हैं क्या यह इकाइयां उद्योग स्थापित करते समय दिये गये मापदण्डों व शर्तों का पालन कर रहे हैं? (ख) उक्त इकाइयों के द्वारा प्रदूषित व दूषित अपशिष्ट सीधे नदी नाले में छोड़ा जा रहा है जिसके कारण फसलों को नुकसान हो रहा है व भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट को होकर बंजर होते जा रही हैं ऐसे नुकसान के लिये कौन जिम्मेदार है एवं उन पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं इकाइयों के कारण हो रहे नुकसान की पूर्ति के लिये क्या कोई प्रावधान किया जावेगा व कब तक? (ग) उक्त इकाइयों के अम्लीय व क्षारीय प्रदूषित अपशिष्ट को निष्पादन के लिये बनाये गये मापदण्डों का पालन हो रहा है या नहीं और क्या मापदण्डों के अनुरूप कार्य हो रहा है, इसका निरीक्षण किया जा रहा हैं या नहीं? (घ) निरीक्षण किया जा रहा है तो उसका विवरण उपलब्ध करावे एवं की गई कार्यवाही से अवगत करावें यदि निरीक्षण नहीं किया जा रहा या मापदण्ड का पालन नहीं हो रहा है तो उसके लिये उत्तरदायी कौन हैं उनके नाम व पद बतावें और उन पर क्या कार्यवाही हुई, नहीं तो कार्यवाही होगी तो क्या और कब तक होगी।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिन इकाइयों द्वारा मापदण्डों का पालन नहीं किया गया है उनके विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही संस्थित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना जिले की नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 907 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले की विधानसभाओं में जल-जीवन मिशन के तहत कितनी नल-जल योजनायें बनाई जा रही हैं? विधानसभावार नाम एवं प्राक्कलन राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त कितनी नल-जल योजनायें प्रारंभ हो चुकी है? और कितनी अपूर्ण है? नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या बन्द पड़ी नल-जल योजनाओं के ठेकेदारों का पूर्ण भुगतान हो चुका है। या नहीं? यदि हाँ, तो क्या उन ठेकेदारों पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) नल-जल योजना के निर्माण कार्य के दौरान ग्राम पंचायतों में डाली जाने वाली पाइप-लाइनों के लिये खोदी जाने वाली सड़कों के गड्ढों को पूर्ण रूप से बन्द क्यों किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 705 ग्रामों के लिए एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाएं बनाई जा रही हैं, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, इसके अतिरिक्त मुरैना जिले में 02 समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) नल जल प्रदाय योजनाओं में ग्राम पंचायतों में डाली जाने वाली पाइप-लाइन के लिए खोदी गई सड़कों को यथास्थिति में लाने के लिए गड्ढों को बन्द किया जा रहा है।
भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 की जांच
[वन]
40. ( क्र. 949 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मुख्यालय वन भवन भोपाल के द्वारा भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित वनखण्ड एवं लम्बित जांच के संबंध में गत एक वर्ष में किस-किस वनमंडल के मानचित्रकार को मुख्यालय बुलवाकर किन-किन विषयों पर चर्चा की है। (ख) धारा 4 के तहत कितने वनखण्डों में अधिसूचित कितनी भूमि की जांच वर्तमान में लम्बित है, इनमें से कितने वनखण्डों की ब्लॉक हिस्ट्री उपलब्ध है कितने वनखण्डों की धारा 5 से 19 तक की जांच के प्रकरण उपलब्ध है कितनी ब्लॉक हिस्ट्री एवं प्रकरण उपलब्ध नहीं हैं वनमंडलवार एवं जिलेवार बतावें। (ग) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लम्बित भूमियों में से कितनी भूमि धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में किस-किस दिनांक को डीनोटीफाईड की गई है, कितनी-कितनी भूमि बिना डीनोटिफिकेशन ही अन्तरित, आवंटित कर कब्जा सौंपा है, इन भूमियों को वनखण्ड से पृथक नहीं करने का क्या कारण है, वनमंडलवार बतावें। (घ) धारा 5 से 19 तक के अनुपलब्ध प्रकरणों को पुनः बनाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है, कब तक की जावेगी।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 20 की अधिसूचना प्रारुप पर चर्चा की गयी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) धारा 5 से 19 तक के अनुपलब्ध प्रकरणों को विभिन्न अभिलेखागारों में ढूंढने की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।
वर्किंग प्लान में दर्ज अधिसूचित भूमि
[वन]
41. ( क्र. 950 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन वन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-25/169/2016/10-3 दिनांक 2 सितम्बर 2024 के अनुसार भा.व.अ. 1927 की किस-किस धारा में अधिसूचित भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल करने की कार्यवाही राज्य में की जा रही है, इस संबंध में वन मुख्यालय वन भवन भोपाल ने क्या-क्या निर्देश जारी किए है प्रति सहित बतावें। (ख) वन भवन भोपाल की वर्किंग प्लान शाखा में उपलब्ध जानकारी के अनुसार किस वनमंडल के वर्किंग प्लान में कितनी आरक्षित वन भूमि, कितनी संरक्षित वन भूमि, कितनी असीमांकित वन भूमि एवं कितनी नारंगी वन भूमि वर्तमान में दर्ज हैं इनमें से कितनी-कितनी भूमि भा.व.अ. 1927 की धारा 20 एवं धारा 29 के तहत अधिसूचित है, कितनी भूमि धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित भूमि है। (ग) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित भूमियों को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र में दर्ज कर पी.एफ. प्रतिवेदित करने का क्या-क्या प्रावधान भा.व.अ. 1927 की किस-किस धारा में उल्लेखित है।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन पत्र में अधिसूचित भूमि जो भा.व.अ. 1927 की धारा 29,20,20अ, 4 (1) के प्रावधानों से शासित है तथा वन विभाग के प्रबंधन में है या वन विभाग के प्रभार में अवर्गीकृत वन से सम्बंधित है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) धारा 5 से 19 की जाँच में जो भूमियाँ है वह संरक्षित वन भूमि होने के कारण प्रश्नाधीन अभिलेखों में पी.एफ. प्रतिवेदित है।
समितियों द्वारा वन निर्माण कार्यों पर व्यय राशि
[वन]
42. ( क्र. 1102 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दक्षिण वन मंडल बैतूल के अंतर्गत कौन-कौन सी संयुक्त वन प्रबंधन समिति, प्राथमिक वनोंपज, सहकारी समिति एवं वन विकास अभिकरण समिति कार्यारत है? इनमें से किस-किस समिति के किस बैंक के किस क्रमांक के खाते में गत 3 वर्षों में वन विकास मद की कितनी राशि एवं ग्रामीण विकास मद की कितनी राशि जमा की गई है? (ख) किस समिति ने गत 3 वर्षों में कितनी-कितनी राशि, किस-किस वन निर्माण कार्यों पर खर्चा की है, कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन सी सामग्री किस-किस आपूर्तिकर्ता से किस दिनांक को क्रय की है, कितनी-कितनी राशि मजदूरी भुगतान में खर्च की है? (ग) किस-किस समिति के किस-किस बैंक के किस क्रमांक के खाते का संचालन गत 3 वर्षों में किस-किस के हस्ताक्षर से हुआ है? उसमें से कौन-कौन वन विभाग के किस पद पर पदस्थ है? (घ) किस-किस समिति ने किस-किस कार्यों की स्वीकृति, अनुमोदन या पुष्टि किस दिनांक की ग्रामसभा की बैठक में प्राप्त की, किस समिति ने खर्च की राशि एवं खर्च की राशि से संबंधित वाउचरों की जानकारी ग्राम सभा की किस दिनांक की बैठक में प्रस्तुत की है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडल कुल 304 संयुक्त वन प्रबंधन समितियाँ तथा 7 प्राथमिक लघु वनोंपज सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 अनुसार है। (ख) दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडल अंतर्गत संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा गत 3 वर्षों में वन निर्माण कार्यों पर खर्च की राशि एवं क्रय सामग्री तथा मजदूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है। प्राथमिक लघु वनोंपज सहकारी समितियों में गत 3 वर्षों में वन निर्माण/वन विकास मद अंतर्गत कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुये हैं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संयुक्त वन प्रबंधन के संकल्प एवं प्रचलित निर्देशों में समिति के कार्यों की स्वीकृति, अनुमोदन या पुष्टि ग्रामसभा से प्राप्त करने, खर्च की राशि से संबंधित वाउचर ग्रामसभा की बैठक में रखने का प्रावधान नहीं है। समिति के कार्यों का अनुमोदन, पुष्टि संकल्प एवं प्रचलित निर्देशों के अनुरूप वन समिति की आमसभा से प्राप्त किया गया है एवं खर्च की राशि से संबंधित वाउचरों की जानकारी आमसभा में प्रस्तुत की गई है, जानकारी उत्तरांश (ख) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्राथमिक वनोंपज सहकारी समितियाँ सहकारिता अधिनियम के तहत पंजीकृत समितियाँ है। अत: ग्रामसभा से अनुमोदन/बैठक तथा शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रसायनिक प्रदूषित जल के रिसाव से होने वाले नुकसान का परीक्षण
[पर्यावरण]
43. ( क्र. 1162 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कान्हा का प्रदूषित रसायनिक मल मूत्र युक्त जल गंभीर नदी के केचमेंट एरिया में एकत्र किया जायेगा? यदि हां, तो क्या पर्यावरण विभाग ने प्रदूषित जल के रिसाव से होने वाले दुष्परिणामों का परीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो रिपोर्ट देवें। (ख) क्या गंभीर नदी उज्जैन की लाइफ-लाइन होकर गंभीर जलाशय से पेयजल उपलब्ध होता हैं? यदि हाँ, तो, गंभीर केचमेंट में कान्हा का प्रदूषित जल के जमीन में जल रिसाव होने से गंभीर नदी भी प्रदूषित होने का क्या आंकलन परीक्षण कर अनुमति किस-किस ने कब-कब जारी की? प्रशासनिक रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (ग) क्या उज्जैन शहर में, जगह-जगह 14 नाले मां क्षिप्रा के आंचल को गंदा करते हैं? क्या रिपोर्ट अनुसार क्षिप्रा का जल आचमन योग्य भी नहीं है? यदि हाँ, तो, पर्यावरण विभाग ने क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ प्रदूषण मुक्ति के लिए क्या-क्या कार्यवाही, कब-कब, किस-किस के द्वारा की गई? रिपोर्ट देवें। (घ) उज्जैन शहर में कितने होटल का पानी सिवरेज के द्वारा क्षिप्रा नदी में मिलते हैं? पर्यावरण विभाग ने इस संबंध में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही, किस-किस पर की? रिपोर्ट देवें। (ड.) क्या नागदा की चंबल की तरह प्रदूषित रसायनिक रिसाव से जमीन खराब होने के क्षिप्रा एवं गंभीर नदी में प्रदूषण के मामले सामने आए हैं? यदि हां, तो कब-कब, किस-किस के द्वारा शिकायतें मिली? उनका क्या-क्या निराकरण प्रश्न दिनांक तक किया गया? रिपोर्ट देवें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार कान्ह नदी का जल, कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना के माध्यम से गंभीर नदी में गंभीर बांध के डाउन स्ट्रीम में छोड़ा जाएगा। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कान्ह नदी एवं गंभीर नदी के जल के नमूनों की जाँच की जाती है, विश्लेषण रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। केन्द्रीय भू-जल बोर्ड, उत्तर मध्य क्षेत्र, भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार गंभीर- कैचमेन्ट क्षेत्र में जल प्रदूषण से संबंधित कोई अध्ययन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यालय, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संधारण खण्ड, नगर पालिक निगम, उज्जैन से प्राप्त जानकारी अनुसार 11 नाले क्षिप्रा नदी की ओर बहते हैं जो वर्षाकाल के दौरान ओव्हर फ्लो होने के कारण क्षिप्रा नदी में मिलते हैं। क्षिप्रा नदी के विभिन्न बिन्दुओं पर जल की गुणवत्ता ''बी'' से ''डी'' श्रेणी की पाई जाती है। कार्यालय, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संधारण खण्ड, नगर पालिक निगम, उज्जैन से प्राप्त जानकारी अनुसार नालों के दूषित जल को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिये प्रत्येक नाले को गिट्टी अथवा कांक्रीट डेम से टैप किया गया है साथ ही नालों पर जाली स्थापना की गई है ताकि नालों का दूषित जल क्षिप्रा नदी में न मिले। विभिन्न नालों से बहने वाले दूषित जल को सीवर पाइप-लाइनों के माध्यम से सीवरेज पम्पिंग स्टेशनों पर निर्मित सम्पवेल में एकत्रित किया जाकर सीवरेज जल को, सीवरेज पम्पिंग द्वारा शहर से दूर सदाबल सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट पहुंचाया जाता है। (घ) जी नहीं, उज्जैन शहर में होटलों द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 के प्रावधानों के अंतर्गत मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदत्त सम्मति शर्तों के अनुपालन में समुचित सीवेज उपचार पश्चात बागवानी में उपयोग उपरांत शेष पानी को सीवर के माध्यम से निस्सारित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) क्षिप्रा नदी में स्पेन्ट एसिड एवं ऑयल (रसायन) किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फैलाने की एक घटना की जानकारी दिनांक 20/06/2023 को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संज्ञान में आई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों में दंडात्मक कार्यवाही
[वन]
44. ( क्र. 1163 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शहडोल जिले में गजानन भगवान के प्रतीक 10 हाथियों की एवं बाघों की मृत्यु हुई हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में पूछे गए प्रश्न की घटना के समय वन मंत्री एवं मंत्रिमंडल सभी उसी जिले में चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे? यदि हां, तो इस घटना पर उनके द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) कुर्नो के बाघ खरीदी एवं चीतों बाघों एवं अन्य वन जीव की देख-भाल के लिए कितनी राशि कब-कब सरकार द्वारा विभाग को किन-किन प्रयोजन हेतु दी गई? (घ) वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में प्रदेश में कितने प्रकरण दर्ज हुए? (ड.) हाथियों एवं बाघों की मृत्यु पर वन विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब, किस-किस के द्वारा की गई? प्राथमिकी एवं चलानी कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (च) इस घटना से सबक लेकर वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण हेतु प्रदेश में क्या-क्या निर्देश आदेश नीति लागू की? अभयारण्य में वन्य जीव संरक्षण प्रश्रय को लेकर उपलब्ध सुविधाओं उपलब्ध संसाधनों की क्या क्या जांच कर रिपोर्ट दी है? उनकी प्रतियां देवें। (झ) क्या वन विभाग ने घटनाओं पर नियंत्रण हेतु कार्यवाही की हैं? यदि हाँ, तो मय अभिलेख दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं, अपितु उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया के अंतर्गत खितौली/पतौर कोर के बीट सलखनिया में 10 हाथियों की मृत्यु हुई है। उक्त घटना के समय किसी भी प्रकार की बाघों की मृत्यु नहीं हुई है। (ख) जी नहीं, घटना क्षेत्र के जिले में किसी भी प्रकार के चुनाव नहीं थे, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कूनो में बाघ खरीदी हेतु कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। कूनो में चीतों एवं वन्यप्राणियों की देखभाल हेतु राशि प्राप्त होती है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में 4692 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ड.) हाथियों की मृत्यु संबंधी प्रकरण में स्थानीय अमले द्वारा वन अपराध प्रकरण क्रमांक 398/02 दिनांक 30.10.2024, प्रकरण क्रमांक 398/03 दिनांक 31.10.2024 एवं प्रकरण क्रमांक 398/04 दिनांक 01.11.2024 वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 9, 39 (डी) एवं 51 के तहत पंजीबद्ध किया जाकर प्रकरण विवेचना में है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक के आदेश क्रमांक 867 दिनांक 30.10.2024 द्वारा 5 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। राज्य शासन के आदेश दिनांक 03.11.2024 से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 जंगली हाथियों की मृत्यु संबंधी प्रकरण में वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक एवं सहायक वन संरक्षक, उप वनमंडलाधिकारी पनपथा को निलंबन की कार्यवाही की गई है। प्रकरण विवेचना में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) मानव-हाथी द्वंद के प्रबंधन के संबंध में राज्य शासन के पत्र दिनांक 11.01.2023 द्वारा दिशा-निर्देश लागू है। अभयारण्य में वन्यजीव संरक्षण प्रश्रय को लेकर सुविधाओं एवं संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं जिसके लिये प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) के आदेश क्रमांक/प्रबंध/141/882 दिनांक 06.11.2024 से रेस्क्यू स्क्वाड का पुनर्गठन किया गया है जिसमें 01 राज्य स्तरीय एवं 14 क्षेत्रीय रेस्क्यू स्क्वाड बनाये गये हैं जिससे वन्यजीवों के रेस्क्यू में त्वरित कार्रवाई की जाकर वन्यप्राणी संरक्षण की क्षमता को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके। हाथियों के प्रबंधन, संरक्षण, रेस्क्यू, सतत निगरानी, हाथी-मानव द्वंद पर नियंत्रण आदि संबंधित कार्यों के प्रभावी एवं त्वरित क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों के लिये एक राज्य स्तरीय एलीफेंट टास्क फोर्स का गठन प्रस्तावित है, अत:शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (झ) जी हाँ। विभाग द्वारा वन्यप्राणियों के मृत्यु की घटनाओं पर नियंत्रण हेतु निरंतर कार्रवाई की जाती है। घटनाओं के नियंत्रण हेतु एलीफेंट एडवायजरी कमेटी का गठन किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य संरक्षित क्षेत्रों एवं बाहर विचरण कर रहे हाथियों के प्रबंधन, संरक्षण, रेस्क्यू आदि संबंधित कार्यों हेतु क्षेत्रीय अधिकारियों को मार्गदर्शन देने व मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक को सुझाव देने हेतु अधिकृत किया गया है। साथ ही प्रदेश में जंगली हाथी के रहवास प्रबंधन एवं मानव-हाथी द्वंद के उपायों के संबंध में राज्य के वन अधिकारियों के 02 दलों को कर्नाटक एवं तमिलनाडू राज्य में अध्ययन प्रवास पर भेजा गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।
संचालित कार्यों का निरीक्षण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
45. ( क्र. 1170 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बरगी में जल जीवन मिशन अंतर्गत किन-किन ग्रामों में प्रश्न दिनाँक तक किस फर्म/कंपनी/ठेकेदार द्वारा कार्य किये गये हैं? प्राक्कलन लागत सहित जानकारी देवें। (ख) क्या जिन ग्रामों में पानी की टंकियां बनाई हैं, पाइप-लाइन बिछाई गया है, वहाँ सी.सी. रोड को खोदा गया है और खोदने के पश्चात उन्हें सही तरीके से रिपेयर नहीं किया गया है? (ग) क्या लाखों रूपये की लागत से बने ग्रामीण क्षेत्रों में सी.सी. रोड का भारी नुकसान ठेकेदारों की लापरवाही से हुआ है? संचालित कार्यों का निरीक्षण किन-किन स्थानीय और उच्च अधिकारियों द्वारा किस पैमाने के आधार पर किया गया है? यदि सी.सी.रोड. नहीं सुधरे तो क्या निर्देश नोटिस दिये गये हैं? (घ) जिन ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य पूर्ण होकर पेयजल उपलब्ध हो रहा है वहाँ की पंचायत की सहमति, हैण्ड-ओवर संबंधी जानकरी देवें और संचालित योजनाओं के मेंटेनेन्स का कार्य कब तक किस के द्वारा किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों हेतु पृथक-पृथक ग्रामवार प्राक्कलन लागत की गणना किया जाना संभव नहीं है। (ख) नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में पाइप-लाइन बिछाने के कार्य में आवश्यकतानुसार सी.सी. रोडों को तोड़ा गया है तथा पाइप-लाइन की टेस्टिंग के उपरांत तोड़े गए सी.सी. रोडों का पुनर्निर्माण/सुधार कार्य कर यथा स्थिति में लाया जाता है। (ग) जी नहीं। एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्यों का निरीक्षण कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री तथा उपयंत्री द्वारा कार्य विभाग के मैनुअल में दिये गये निर्देशानुसार एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण संस्था के द्वारा किया गया है। जल निगम की समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों का निरीक्षण परियोजना निदेशक, अतिरिक्त परियोजना निदेशक, मुख्य महाप्रबंधक, परियोजना क्रियान्वयन इकाई जबलपुर के महाप्रबंधक एवं प्रबंधक द्वारा किया गया है। जी हाँ। (घ) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं का कार्य प्रगतिरत होने से योजनाओं को संबंधित ग्राम पंचायत को संचालन/संधारण हेतु हस्तांतरित नहीं किया गया है। हस्तांतरित एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में पंचायत की सहमति प्राप्त है। समूह योजनाओं का संचालन/संधारण योजनाएं पूर्ण होने के 10 वर्ष बाद तक संबंधित फर्म द्वारा किया जाएगा। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं का संचालन/संधारण संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाना है।
ट्रायबल बस्ती विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
46. ( क्र. 1194 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क ) ट्रायबल की बस्ती विकास योजनान्तर्गत चौरई एवं बिछुआ विकासखंड में 2020 से वर्तमान तक कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए एवं कितनी राशि स्वीकृत हुई? (ख) उपरोक्त स्वीकृत कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? यदि पूर्ण नहीं है तो कब तक पूर्ण हो जावेंगे? (ग) उपरोक्त कार्य किन-किन अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों की अनुशंसा पर स्वीकृत किए गए? (घ) इस योजना की स्वीकृति हेतु शासन के दिशा-निर्देश क्या हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) बस्ती विकास योजनांतर्गत चौरई एवं बिछुआ विकासखण्ड अंतर्गत 2020 से वर्तमान तक स्वीकृत कार्य एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हैं, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यों, अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) योजना की स्वीकृति हेतु शासन के दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
ट्रायबल ब्लॉक में शिक्षकों की पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
47. ( क्र. 1195 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिछुआ विकासखंड की शालाओं में वर्तमान में कितने शिक्षक अतिशेष हैं? (ख) विगत 2 वर्षों में कितने अतिशेष शिक्षकों को हटाया गया है तथा कितने पदस्थ किए गए? उनकी सूची उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में शासन के निर्देशों का पालन किया गया है? यदि नहीं तो जवाबदेहियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में बिछुआ विकासखंड अंतर्गत विभागीय शालाओं में अतिशेष शिक्षक कार्यरत नहीं हैं। (ख) विगत 02 वर्षों में 49 अतिशेष शिक्षकों को हटाया गया एवं 192 नियमित शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासन के निर्देशों का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
48. ( क्र. 1207 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अ.ज.जा. विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण कितने समय से लंबित हैं? नाम और कारण सहित बतलाएं। (ख) लंबित प्रकरणों का निराकरण कर कब तक अनुकम्पा नियुक्ति कर दी जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में जारी परिपत्र दिनांक 29/09/2014 की कंडिका 9.1 में नियमित पद उपलब्ध नहीं होने पर यह प्रावधान है कि आवेदक के पास 7 वर्ष की अवधि तक प्रतीक्षा करने या दिवंगत शासकीय सेवक द्वारा अंतिम आहरित वेतन 5 वर्षों तक अथवा दिवंगत शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति की अवधि, जो भी पहले हो, तक जारी रखा जाता है। तदानुसार अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यों में विलम्ब के उत्तरदायी अधिकारियों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 1229 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कार्यालय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड बड़वानी का आदेश क्र. 23 बड़वानी दिनांक 15/07/2023 के अनुसार गठित जांच दल में शामिल अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। क्या कारण है कि इस जांच दल द्वारा इतना समय होने के बाद भी जांच पूर्ण नहीं की गई है? स्पष्ट करें। यदि जांच पूर्ण हो गयी हो तो जांच प्रतिवेदन देवें। यदि जांच पूर्ण नहीं हुई है तो कब तक होगी? (ख) प्रश्न क्र. 920 दिनांक 11/07/2023 में वर्णित समस्त कार्यों की स्थिति दिनांक 22/11/2024 के संदर्भ में देवें। कार्य का नाम, स्थान का नाम, कार्य प्रारम्भ दिनांक एवं पूर्ण/अपूर्ण/प्रगतिरत कार्य की जानकारी देवें। भुगतान राशि भुगतान दिनांक सहित देवें। (ग) प्रश्न क्रमांक 1476 दिनांक 05/07/2024 के (ख) उत्तरानुसार रोड रेस्टोरेशन के जो कार्य प्रगतिरत हैं वे कब तक पूर्ण होंगे? उत्तर में वर्णित जो 08 अनुबंध के कार्य अपूर्ण हैं, वे कब तक पूर्ण होंगे? समय-सीमा देवें। इसी प्रश्न के (घ) उत्तर में वर्णित जिन कम्पनियों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है, उनके कार्य किस तरह से व कब तक पूर्ण होंगे? स्पष्ट करें। इन कम्पनियों के विरूद्ध कितनी रिकवरी राशि निकाली गई है, उसकी वसूली कब तक होगी? स्पष्ट करें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) उपरोक्तानुसार कार्यों में विलम्ब के उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जाँच कार्य प्रगतिरत है। जांच दल में सहायक यंत्री, श्री शुभम पटेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड बड़वानी, श्री महेश कनास, उपयंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड बड़वानी एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण संस्था (टी.पी.आई) के टीम लीडर सम्मिलित किये गये हैं। विधानसभा निर्वाचन, लोकसभा निर्वाचन, ग्रीष्म ऋतु में पेयजल व्यवस्था बनाये रखने के कारण विलंब हुआ है तथा संबंधित अधिकारियों के स्थानांतरण आदि के कारण जाँच लंबित हुई है। शीघ्र ही जाँच पूर्ण कर ली जाएगी, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार है। प्रगतिरत एवं अपूर्ण कार्यों के पूर्ण होने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। जिन कंपनियों को काली सूची में दर्ज किया गया है उन्हें कार्य करने से रोका नहीं गया है, उनके द्वारा कार्य किया जा रहा है। कार्य पूर्ण होने पर अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत समयावृद्धि की स्वीकृति के समय गुणदोष के आधार पर शास्ति अधिरोपित की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पौधारोपरण कार्य में श्रमिक का भुगतान
[वन]
50. ( क्र. 1230 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1486 दिनांक 05/07/2024 के (क) व (ख) उत्तरानुसार परिशिष्ट-01 में जिन श्रमिकों को राशि का भुगतान किया गया, उनके नाम, बैंक नाम, बैंक ब्रांच नाम, खाता क्र., राशि, भुगतान दिनांक सहित देवें। इसी परिशिष्ट-01 के पृष्ठ क्रमांक 98 एवं 99 पर दिनांक 03/09/24 को भुगतान होना बताया गया है। जब उत्तर दिनांक 05/07/24 है तो दिनांक 03/09/2024 को भुगतान किस तरह हुआ? स्पष्ट करें। इनके TDS कटोत्री की जानकारी साथ में देवें। (ख) दिनांक 11/05/2024 से 20/11/2024 तक बड़वानी जिले में रोपित किए गए पौधों एवं पूर्व में रोपित पौधों के संरक्षण पर जो राशि व्यय की गयी उसके भुगतान की जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार बड़वानी व सेंधवा वनमण्डल के संदर्भ में पृथक-पृथक देवें। (ग) राजपुर विधान सभा के ग्राम वासवी में वर्ष 2024 में कितने पौधे रोपे गए? इन पर कितनी राशि व्यय की गई की जानकारी श्रमिक नाम, बैंक नाम, बैंक ब्रांच नाम, खाता क्र., राशि, भुगतान दिनांक सहित देवें। वर्ष 2024 में यहां पर पूर्व में रोपित पौधों के संरक्षण पर व्यय की गयी राशि की जानकारी भी इसी अनुसार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्न के अनुसार परिशिष्ट-01 में पृष्ठ क्रमांक 76, 77, 145, 149, 151, 208 में एक लाख रूपये से अधिक का भुगतान श्रमिकों को होना दर्शाया गया है। इन श्रमिकों द्वारा किये गये कार्य की पूर्ण जानकारी देवें। श्रमिकों को मनमाना भुगतान करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें तथा बतावें कि इसके लिए उन पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1486 दिनांक 05.07.2024 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) से संबंधित परिशिष्ट-1 में प्रश्नाधीन अवधि में पौधों के संरक्षण पर व्यय की गई राशि में फैंसिग कार्य की राशि का उल्लेख नहीं हो पाया था, जिसे समाहित कर प्रश्नांश (क) अनुसार चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उक्त प्रश्न क्रमांक 1486 के परिशिष्ट-1 के पृष्ठ क्रमांक 98 एवं 99 पर दिनांक 03.09.2024 को भुगतान होना बताया गया था, जबकि वास्तविक भुगतान दिनांक 03.09.2021 है। यह एक टंकण त्रुटि है। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1486 दिनांक 05.07.2024 के परिशिष्ट-1 में पृष्ठ क्रमांक-98 एवं 99 पर दर्शित राशि मजदूरों को भुगतान होने से संबंधित होने के कारण इनके TDS कटोत्रा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बड़वानी जिले के बड़वानी एवं सेंधवा वनमंडल में दिनांक 11/05/2024 से 20/11/2024 तक रोपित किए गए पौधों पर किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है एवं पूर्व में रोपित पौधों के संरक्षण पर जो राशि व्यय की गई उसके भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) बड़वानी वनमंडल के अन्तर्गत ग्राम वासवी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। ग्राम वासवी में वर्ष 2024 के पूर्व में किसी भी प्रकार का पौधारोपण नहीं होने से पौधों के संरक्षण पर व्यय का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1486 दिनांक 05.07.2024 के परिशिष्ट-1 में पृष्ठ क्रमांक 76, 77, 145, 149, 151 एवं 208 में एक लाख रूपये से अधिक के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। एक लाख रूपये से अधिक राशि का भुगतान श्रमिकों को न किया जाकर पौधा परिवहन, मिट्टी एवं गोबर खाद परिवहन का भुगतान किया गया है। श्रमिकों को मनमाना भुगतान नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग की कार्ययोजनाओं का क्रियान्वयन
[वन]
51. ( क्र. 1248 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के कार्य करने के लिए क्या कार्ययोजना तैयार की जाती है? यदि हाँ, तो कितने वर्षों के लिए? समस्त बालाघाट जिले में विगत 5 वर्षों में तैयार की गई कार्ययोजनाओं के क्रियान्वयन का विवरण देवें। (ख) पूर्व में तैयार कार्ययोजना के तहत कार्य किये गए हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित थे जो सफलतम पूर्ण किये गये? (ग) बालाघाट जिले में विगत वर्षों में बासों के सघन वनों को बचाने के लिए कार्ययोजना अनुसार व्यय किया गया या नहीं? कार्ययोजना के व्यय सहित प्रतियां उपलब्ध कराएं।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। कार्ययोजना एक वर्ष के लिए बनायी जाती है। बालाघाट जिले में विगत पाँच वर्षों में तैयार की गई कार्ययोजनाओं में कराए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) पूर्व में तैयार कार्ययोजना के तहत प्रस्तावित कार्यों में बजट उपलब्धता अनुसार स्वीकृति उपरांत सफलतापूर्वक कराए गए कार्यों की जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में विगत वर्षों में बांसों के सघन वनों को बचाने एवं बांस वनों का घनत्व बढ़ाने हेतु कार्ययोजना में प्रस्तावित कार्यों को बजट उपलब्धता के दृष्टिगत स्वीकृति अनुसार बांस कार्य, वृत्तों में उपचार कार्य एवं बांस वृक्षारोपण कार्य कराये गये हैं। कार्ययोजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 तथा व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
मृतक लोक सेवकों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
52. ( क्र. 1292 ) श्री राजकुमार कर्राहे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजाति कार्य विभाग अंतर्गत अध्यापक संवर्ग के मृतक लोक सेवकों के आश्रित परिवार के सदस्य को दिनांक 01/07/2016 के पश्चात् संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3, प्राथमिक शिक्षक, सहायक विज्ञान शिक्षक अथवा चतुर्थ श्रेणी के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है? यदि नहीं दी जा रही है तो शासन के निर्देश बतावें। (ख) जबलपुर संभाग अंतर्गत जनजाति कार्य विभाग द्वारा कितने अध्यापक संवर्ग के मृतक लोक सेवकों के आश्रित परिवार के सदस्य को दिनांक 01/07/2016 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक किस पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दी गई? शासन के निर्देश सहित नामवार जानकारी देवें। (ग) क्या जनजातीय कार्य विभाग बालाघाट द्वारा स्व. श्री मनोज पांडरवार, सहायक अध्यापक की पुत्री को दिनांक 06/12/2021 को भृत्य के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो नियम बतावें तथा समान प्रकरण होने से मृतक सहायक अध्यापक स्व. श्री दौलत सिंह बघेल एवं स्व. श्री चिमनलाल कटरे के परिवार के आश्रित सदस्य क्रमशः श्री नारायण प्रसाद बघेल व कुमेश्वरी कटरे को आज दिनांक तक उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तृतीय अथवा चतुर्थ श्रेणी के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति क्यों नहीं दी गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार समान प्रकरण होने से श्री नारायण प्रसाद बघेल व कुमेश्वरी कटरे को कब तक अनुकम्पा नियुक्ति दी जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अध्यापक संवर्ग के नियुक्तिकर्ता अधिकारी स्थानीय निकाय है। अतः जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अध्यापक संवर्ग के मृतकों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जनजातीय कार्य विभाग बालाघाट द्वारा स्व. श्री मनोज कुमार पांडरवार, सहायक अध्यापक की पुत्री कु. मिली पांडरवार को दिनांक 06/12/2021 द्वारा भृत्य के पद पर नियम विरूद्ध अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई। स्व. दौलत सिंह बघेल तथा स्व. श्री चिमनलाल कटरे की अध्यापक संवर्ग में नियुक्ति प्राधिकारी जिला पंचायत बालाघाट के द्वारा की गई थी। शेष उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
फर्जी बिल व्हाउचर से किये गए भुगतान की जांच
[वन]
53. ( क्र. 1316 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में वन संपदाओं के माध्यम से वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान सरकार को कितने राजस्व की प्राप्ति हुई? विवरण वर्षवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व का उपयोग किन-किन निर्माण कार्यों एवं अन्य किन मदों में व्यय किया गया का विवरण जिलेवार, जनपदवार, समितिवार प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में प्राप्त राजस्व से कराये गये निर्माण कार्यों/अन्य मदों में व्यय के सत्यापन निरीक्षण बाबत् क्या निर्देश जारी किये गये? निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति व पूर्णता प्रमाण पत्र का विवरण कार्यवार देते हुये पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रति भी देवें। अगर राशियां शासन के निर्देशानुसार व्यय नहीं की गई, मौके से सत्यापन नहीं किया गया, निर्माण एजेन्सी द्वारा कार्य नहीं कराये गये, राशि फर्जी बिल व्हाउचर तैयार कर आहरित की गई, इन सब अनियमितताओं की जांच व कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) शहडोल व रीवा जिले में वन संपदाओं के माध्यम से वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व राजकीय कोषालय में विभिन्न मदों में जमा किया जाता है। प्राप्त राजस्व का उपयोग विभाग में व्यय हेतु नहीं किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न की आपूर्ति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 1317 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल व रीवा जिले में वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितने खाद्यान्न की आपूर्ति की गई का विवरण खाद्यान्नवार, जिलेवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त खाद्यान्न का प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार दुकानों में खाद्यान्न कब-कब पहुंचाया गया? तिथि, माहवार जानकारी देवें एवं खाद्यान्न वितरण की जानकारी दुकानवार, माहवार एवं वर्षवार देवें। अगर खाद्यान्न का उठाव कर दुकानों में पहुंचाने की कार्यवाही समय पर नहीं की गई, तो शासन के निर्देशों के अनुसार खाद्यान्न का वितरण दुकानों पर समय पर नहीं किया गया, इसका सत्यापन कब कब, किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? विवरण देवें। सत्यापन उपरान्त कार्यवाही की स्थिति दुकानवार, माहवार, वर्षवार क्या थी? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में खाद्यान्न के उठाव व परिवहन बाबत् कार्यादेश प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार किन संविदाकारों को दिये गये? इन परिवहनकर्ता संविदाकारों द्वारा क्या खाद्यान्न का उठाव कर दुकानों में समय पर खाद्यान्न पहुंचाया गया? अगर नहीं तो इस पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही किन-किन पर की गई? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन नहीं किया गया। खाद्यान्न का उठाव व वितरण समय पर नहीं कराया गया, अधिकारी कार्यालयों में बैठे रहे, भ्रमण के नाम पर कोरम पूरा कर व्यक्तिगत हितपूर्ति की गई, इन सब अनियमितताओं के लिये जिम्मेदारों के पद, नाम के साथ उन पर कार्यवाही के क्या निर्देश देगें? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020 से शहडोल व रीवा जिले में माह नवम्बर, 2024 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत आपूर्ति किए गए गेहूँ एवं चावल की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उचित मूल्य दुकानों पर प्रदाय खाद्यान्न मात्रा की दिनांकवार, माहवार एवं वर्षवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। खाद्यान्न वितरण की जानकारी दुकानवार, माहवार एवं वर्षवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। खाद्यान्न का उठाव कर दुकानों में भंडारण कार्य समय-सीमा में किए जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के खाद्यान्न के उठाव व परिवहन बाबत् कार्यादेश प्रश्नांश (क) की अवधि में परिवहनकर्ता संविदाकारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। शेष उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार संबंधित अधिकारियों द्वारा उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया गया है तथा परिवहनकर्ताओं द्वारा खाद्यान्न का उठाव कर दुकानों पर समय पर प्रदाय किए जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एकलव्य छात्रवृत्ति योजना
[वन]
55. ( क्र. 1336 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मंडलाधिकारी उत्तर/दक्षिण वन मंडल पन्ना को प्रश्नकर्ता द्वारा PAN/GUN/2024/ 10/37 दिनांक 21/10/2024 द्वारा पत्र प्रेषित कर एकलव्य छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति के संबंध में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 की जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ तो क्या उक्त चाही गई जानकारी से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार विधानसभा सदस्यों के पत्रों का यथा शीघ्र जवाब दिया जाना आवश्यक नहीं है? यदि हाँ, तो जानकारी क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई है? (ग) क्या उक्त योजना का विभाग द्वारा पर्याप्त प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता है, जिससे कई हितग्राही उक्त योजना से वंचित रह जाते हैं? यदि हाँ तो क्या और कब प्रचार-प्रसार किया गया?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक को जिला यूनियन उत्तर पन्ना द्वारा पत्र क्रमांक 1334 दिनांक 27.11.2024 से प्रेषित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है तथा जिला यूनियन दक्षिण पन्ना द्वारा पत्र क्रमांक 785 दिनांक 21.11.2024 से प्रेषित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जिला यूनियनों के अंतर्गत संचालित प्राथमिक वनोंपज सहकारी समितियों द्वारा ग्राम में मुनादी, दीवारों पर लेखन के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है। संग्रहण काल में संग्राहकों को वितरित की जाने वाली संग्रहण पुस्तिका में उक्त योजना का विस्तृत विवरण मुद्रित किया गया है।
वन विभाग अंतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[वन]
56. ( क्र. 1380 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में वन विभाग अन्तर्गत कराए जा रहे निर्माण कार्यों को मध्यप्रदेश में निर्धारित एस.ओ.आर. से एप्रूव्ड रेट पर निविदा प्रक्रिया के तहत कार्य कराया जाता है? यदि हाँ तो क्या कराए गए कार्यों को किस टेक्निकल स्टाफ के द्वारा निरीक्षण कर बिल तैयार किया जाता है? यदि नहीं तो बिल किसके द्वारा बनाया जाता है? बनाए गये बिल का भुगतान किस अधिकारी की स्वीकृति द्वारा किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्यों हेतु उपरोक्त प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती है तो कराए गये कार्यों की गुणवत्ता व शासन को हुई राजस्व के लाभ या हानि के लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) वन विभाग द्वारा कराये जा रहे वन सीमा के अंदर कार्यों की स्वीकृति किन नियमों के तहत ली जाती है? यदि नहीं तो क्या वन विभाग पर कार्य करवाने हेतु अन्य विभागों की तरह नियम लागू नहीं होते? यदि हाँ तो किन नियमों के तहत कार्य करवाये जाते हैं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। राशि रूपये 25.00 लाख से अधिक के समस्त निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग के एस.ओ.आर के अनुसार निविदा प्रक्रिया का पालन करते हुये कराये जाते हैं। कराये गये कार्यों का बिल संबंधित उपवन क्षेत्रपाल के द्वारा कार्य सत्यापन उपरांत तैयार किया जाता है, तत्पश्चात् कार्य का सत्यापन/निरीक्षण परिक्षेत्राधिकारी एवं उप वन मंडलाधिकारी द्वारा किया जाकर वन मंडलाधिकारी जो आहरण एवं संवितरण अधिकारी हैं के द्वारा स्वीकृति उपरांत भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (ख) वन विभाग द्वारा निर्धारित शासकीय नियम एवं प्रक्रिया के अनुसार ही समस्त निर्माण कार्य कराये जाते हैं अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित ही नहीं होता है। (ग) वन विभाग द्वारा वन सीमा के अंदर कराये जाने वाले वानिकी कार्य एवं अन्य कार्यों की स्वीकृति वन संबंधी प्रचलित अधिनियमों/नियमों तथा मध्यप्रदेश बुक ऑफ फायनेंशियल पॉवर्स में निहित प्रदत्त वित्तीय अधिकारों के तहत की जाती है। क्रय की प्रक्रिया यथा संशोधित भण्डार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 के तहत की जाती है, अतः शेष प्रश्नाश उपस्थित ही नहीं होता।
सड़कों के निर्माण कार्य की स्वीकृति
[वन]
57. ( क्र. 1382 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना विधानसभा अंतर्गत स्वीकृत अजयपार पहुँच मार्ग एवं गुंदलहा से मडैयन तक सड़क निर्माण कार्य वन विभाग से एन.ओ.सी. प्राप्त करने हेतु आवेदक संस्थान द्वारा क्रमशः 08.07.2024 एवं 13.01.2023 को ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन किया गया था? यदि हाँ तो उक्त संबंध में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त सड़कों के निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति कब तक प्रदाय की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। अजयपाल पहुँच मार्ग के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक स्वीकृति हेतु दिनांक 04.12.2024 को भारत सरकार को भेजा गया है। गुंदलहा से मडैयन मार्ग का प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड द्वारा बैठक दिनांक 31/03/2023 को अमान्य कर दिया था जिसे पुन: दिनांक 04/04/2024 को खोला गया है, प्रस्ताव भारत सरकार, राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष अनुशंसा हेतु कार्यवाही में है। (ख) भारत सरकार से अनुमति प्राप्त होने पर संभव है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासियों पर दर्ज मामले वापस लिये जाने की कार्ययोजना
[वन]
58. ( क्र. 1398 ) श्री संतोष वरकड़े : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत वन विभाग द्वारा आदिवासियों पर वन विभाग की जमीन पर काबिज होने एवं खेती करने पर विगत पांच वर्षों में वन विभाग द्वारा कितने केस दर्ज किये गये हैं? क्या उनको वापस लिये जाने का वर्तमान सरकार द्वारा कोई प्रावधान किया गया है? यदि किया गया है तो कितनों के विरूद्ध कितने केस वापस लिये गये हैं? (ख) क्या शासन द्वारा आदिवासियों के ऊपर दर्ज प्रकरण वापस लिये जाने की कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कार्ययोजना की जानकारी दें। (ग) विषयांकित क्षेत्र में वन्य प्राणी अधिनियम के तहत आदिवासियों के ऊपर कितने मामले चल रहे हैं? क्या शासन द्वारा इनको विधिक सहायता मुहैया कराई जाती है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्यों नहीं? क्या शासन द्वारा इन मामलों को वापस लिये जाने की कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत आदिवासियों पर विगत पांच वर्षों में वन विभाग की जमीन पर काबिज होने एवं खेती करने के कुल 28 प्रकरण वन विभाग द्वारा दर्ज किये गये हैं, जिन्हें वापस लिये जाने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है, अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रकरण वापस लिये जाने की फिलहाल कोई कार्ययोजना स्वीकृत नहीं है, अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विषयांकित क्षेत्र में वन्यप्राणी अधिनियम के तहत आदिवासियों पर 19 मामले चल रहे हैं। जी हाँ। कानूनी सेवा प्राधिकरण की धारा 12 (ए) के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को नि:शुल्क विधिक सहायता मुहैया कराने का प्रावधान है। उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों में पेयजल की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
59. ( क्र. 1409 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के प्रत्येक गांव में पर्याप्त पेजजल उपलब्ध हो रहा है? अगर नहीं तो क्यों? कारण बतावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र में क्या हैण्डपंपों/सिंगल फेस मोटर पंपों के खराब या विभाग के पास उपलब्ध नहीं होने के कारण ग्रामीणों को पेयजल नहीं मिल रहा है? अगर हाँ तो हैण्डपंपों और मोटर पंपों की उपलब्धता कब तक सुनिश्चित की जाएगी? (ग) विभाग के उपखण्ड कसरावद एवं भीकनगांव में हैण्डपंपों, मोटर पंपों की पर्याप्त उपलब्धता है? अगर हाँ तो विगत एक वर्ष में कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी मांग प्राप्त हुई? कितनी पूर्ण की गई? कितनी अपूर्ण है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वित्तीय अनियमितता
[जनजातीय कार्य]
60. ( क्र. 1418 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग एवं समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को कार्यालय आयुक्त कोष एवं लेखा म.प्र. द्वारा भुगतानों के संबंध में किसी प्रकार की आपत्ति एवं जांच चल रही है? यदि हाँ, तो जांच की प्रति देवें। जांच पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त जानकारी की छायाप्रति देवें। क्या धार जिले के किसी भी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पर कोई अन्य जांच भी प्रचलित है एवं अनियमितता के कितने मामले सामने आये हैं? यदि हाँ, तो उसकी समस्त जानकारी प्रदान करें। (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार शिष्यावृत्ति भुगतान अंशकालीन, मस्टर कर्मियों, अतिथि शिक्षकों के वेतन भुगतान एवं एरियर राशि सहित समस्त भुगतान की जानकारी दें। (ग) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले के समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को प्राप्त समस्त राशि का आय-व्यय का ब्यौरा देवें। धार जिले में वित्तीय अनियमितता के प्रकरण में कलेक्टर एवं सहायक आयुक्त धार द्वारा कितने को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं? समस्त पत्रों की प्रति देवें एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) क्या सरदारपुर विकासखण्ड के आदिवासी उत्कृष्ट सीनियर बालक छात्रावास सरदारपुर एवं खेल परिसर छात्रावास सरदारपुर के छात्रों को एक पलंग पर दो छात्रों को सोना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग कार्यालय धार में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक आयुक्त, कोष एवं लेखा म.प्र. द्वारा कोई जांच नहीं की गई है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सरदारपुर एवं निसरपुर की जांच संभागीय अधिकारी कोष एवं लेखा इन्दौर के द्वारा जांच संस्थापित है। जांच की कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सरदारपुर की जांच संस्थापित है तथा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय निसरपुर के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई है। । धार जिले के सरदारपुर एवं निसरपुर को छोड़कर अन्य किसी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कोई जांच प्रचलित नहीं है, न ही अनियमितता के मामले सामने आये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार धार जिले के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों द्वारा किये गये समस्त भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जिले के समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों से प्राप्त आय-व्यय का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। कुल 10 विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) आदिवासी उत्कृष्ट सीनियर बालक छात्रावास सरदारपुर में निवासरत छात्रों को एक पलंग पर दो छात्रों को नहीं सुलाया जा रहा है। खेल परिसर सरदारपुर में रिनोवेशन का कार्य होने के समय 4 विंग्स के छात्रों को 02 विंग्स में रखा गया था। रिवोनेशन हो जाने पर सभी ने अपने-अपने आवंटित पलंगों का उपयोग करते हैं।
पेंच टाईगर रिजर्व, सिवनी की जानकारी
[वन]
61. ( क्र. 1444 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सिवनी जिले में पेंच टाईगर रिजर्व सिवनी में क्षेत्र संचालक का पद रिक्त है? यदि हाँ, तो कब से, क्यों व कार्यालय स्थापित होने से आज दिनांक तक कब-कब पद रिक्त रहा? अवधि सहित जानकारी देवें। क्या उक्त रिक्त पद का प्रभार छिन्दवाड़ा जिले में पदस्थ अधिकारी को दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या सिवनी जिले में उक्त प्रभार को लेने वाले अधिकारी पदस्थ नहीं थे? यदि हाँ, तो फिर उन्हें यह प्रभार क्यों नहीं दिया गया? क्या उक्त कार्यालय में उप संचालक की पदस्थापना के दौरान से ही क्षेत्र संचालक का पद रिक्त है? (ख) क्या पेंच टाईगर रिजर्व सिवनी में पदस्थ संचालक, उप संचालक व वन क्षेत्रपालों के शासकीय आवासों में नियम विरूद्ध कार्यरत सुरक्षा श्रमिकों, स्थायी कर्मियों से गृह कार्य कराये जाने, पार्क के मार्ग निर्माण, विश्राम भवनों की मरम्मत, कार्यशाला के नाम से अत्यधिक व्यय व अन्य संबंधी जांच पत्र शासन/विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उसकी जांच वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी से कराई गई? यदि नहीं तो कब तक करा ली जावेगी? (ग) क्या सिवनी जिले के पेंच टाईगर रिजर्व में पदस्थ उप संचालक द्वारा क्षेत्रीय जनजातीयजनों को विस्थापन व अन्य गड़बड़ी के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों/अन्य जनों द्वारा कोई पत्र शासन/विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्या वर्तमान में पदस्थ उप संचालक को अन्यत्र पदस्थ कर निष्पक्ष व सूक्ष्म जांच की जावेगी व कब तक? (घ) क्या सिवनी जिला में नदी-पुनर्जीवन योजनान्तर्गत वृक्षारोपण व अन्य उपचार के कार्य किये हैं? यदि हाँ, तो उनकी कार्य/लागतवार व वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विभाग में क्षेत्र संचालक के समकक्ष स्तर के अधिकारियों की कमी के कारण पेंच टाईगर रिजर्व, सिवनी में दिनांक 31/08/2022 से नियमित क्षेत्र संचालक की पदस्थापना नहीं की गई है अपितु अतिरिक्त प्रभार में पदस्थापना है। कार्यालय स्थापित होने के पश्चात माह 09/95 से 03/96, 02/97 से 08/97 तथा माह 09/22 से वर्तमान तक नियमित क्षेत्र संचालक के स्थान पर अतिरिक्त प्रभार में पदस्थापना रही है। जी हाँ। प्रशासनिक दृष्टि से छिन्दवाड़ा जिले में पदस्थ अधिकारी जो कि भारतीय वन्यजीव संस्थान से प्रशिक्षित है, को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। पेंच टाईगर रिजर्व का हिस्सा छिन्दवाड़ा जिले में भी आता है तथा अतिरिक्त प्रभार प्रशासनिक दृष्टि से दिया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्राप्त शिकायती पत्र की जांच क्षेत्र संचालक, पेंच टाईगर रिजर्व, सिवनी से कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
62. ( क्र. 1445 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में कृषक उपभोक्ताओं द्वारा क्रय की जाने वाली खाद्य सामग्री शासन/विभाग के निर्धारित मानकों/गुणवत्ता/मात्रा अनुसार संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा विक्रय की जा रही है? यदि नहीं तो क्यों? क्या इस संबंध में जिले के स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं संगठनों द्वारा कोई पत्र शासन/विभाग/जिला प्रशासन को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर शासन द्वारा अन्य जिले व प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच कराई गई है? यदि नहीं तो कब कराई जावेगी? (ख) क्या जिला सिवनी में किसानों को उपलब्ध की जाने वाली उर्वरक रेल रेक पॉइंट द्वारा परिवहन कर की जाती है? यदि हाँ, तो क्या उक्त रेक पॉइंट से आने वाली उर्वरक जिला सिवनी के नाम से अन्य जिलों में परिवहन की जाती है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या सिवनी जिले में रेक पॉइंट है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले की उर्वरक शासन/विभाग द्वारा सिवनी जिले के रेक पॉइंट के नाम से पृथक से परिवहन क्यों नहीं की जाती? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या सिवनी जिले के राइस मिलर्स को मिलिंग का शासन/विभाग/निगम से बकाया राशि का भुगतान किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो क्यों और कब तक किया जावेगा? (घ) क्या सिवनी जिले में पूर्व के वर्षों में नान द्वारा क्रय किये गये बारदानों में गड़बड़ी की गई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? क्या इस कार्य के दोषियों के विरुद्ध शासन/विभाग के नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग के डिपो में घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति
[वन]
63. ( क्र. 1449 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र के वन विभाग के डिपो में घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बांस, बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी उपलब्ध नहीं है? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या शासन द्वारा डिपो में बांस, बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी उपलब्ध कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ग) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने डिपो का संचालन किया जा रहा है एवं किन-किन डिपो में जनवरी 2024 से वर्तमान तक बांस, बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी उपलब्ध है व किन-किन डिपो में नहीं है? पूर्णत: जानकारी दें। (घ) वर्ष 2023 में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ डिपो में बांस बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी का वितरण कितना-कितना किया गया? डिपोवार जानकारी दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। निस्तार वनोंपज प्रदाय का समय माह जनवरी से जून तक होता है। अत: समय-सीमा में निस्तार योग्य वनोंपज प्रदाय की जाएगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 22 निस्तार डिपो का एवं एक व्यापारिक बांस डिपो (उगली) का संचालन किया जा रहा है। जनवरी 2024 से वर्तमान तक बांस, बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति में अनियमितताओं की जांच
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 1471 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अन्तर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र/छात्राओं को शासन/विभाग के द्वारा किस-किस योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है? प्रश्नकर्ता को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र/छात्राओं द्वारा अवगत कराया गया है कि छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने में विभाग द्वारा बहुत सारी अनियमितताएं बरती गई हैं। शासन के नियम विरूद्ध छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान किया जा रहा है, शासन द्वारा छात्रवृत्ति हेतु प्रदान की गई राशि एवं जिला कार्यालय द्वारा छात्र/छात्राओं को वितरण की गई छात्रवृत्ति की राशि में भी अंतर है और भी बहुत सारी अनियमितताएं कर भारी भ्रष्टाचार किया गया है। क्या विभाग द्वारा उपरोक्त मामले की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (ख) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र/छात्राओं को शासन/विभाग के द्वारा किस-किस योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्ति की राशि प्रदान की जा रही है? छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने की क्या नियमावली है एवं छात्रवृत्ति की राशि में की जा रही अनियमितताओं की जांच कराये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./ परासिया/127/2024/778 दिनांक 07.08.2024 प्रेषित किया गया है, जिस पत्र की मुझे कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई और न ही जांच कराई गई है, जिसका क्या कारण है? कब तक जानकारी उपलब्ध व जांच करा दी जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग को वितरित की जा रही छात्रवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। छिन्दवाड़ा जिले में छात्रवृत्ति वितरण संबंधी अनियमितता नहीं हुई है। शासन द्वारा निर्धारित दर एवं पात्रता अनुसार छात्रवृत्ति का वितरण किया जा रहा है। अत: जांच/कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) छात्रवृत्ति नियमावली एवं प्रदान की जा रही छात्रवृत्ति राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। माननीय प्रश्नकर्ता के संबंधित पत्र के परिप्रेक्ष्य में सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, छिन्दवाड़ा ने पत्र क्र./4191/2024 दिनांक 17.09.2024 द्वारा माननीय विधायक को प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ग'' अनुसार है। पत्र में किसी संस्था में अनियमितता का उल्लेख नहीं होने एवं छिन्दवाड़ा जिले में अन्य कोई अनियमितता संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं होने से जांच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल जीवन मिशन योजनांर्तगत स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
65. ( क्र. 1472 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कितनी-कितनी लागत के कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्यों के वर्क-ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं? उन कार्यों को प्रारंभ एवं पूर्ण करने की तिथि क्या है? क्या वे कार्य विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा में संबंधित ठेकेदार द्वारा प्रारंभ कर पूर्ण किए जा चुके हैं? अगर नहीं तो क्या कारण है? कई ठेकेदारों द्वारा कार्यों को समय-सीमा पर पूर्ण नहीं किया जा रहा है और कार्यों को अपूर्ण छोड़ दिया गया है? क्या ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? अगर नहीं तो इसका क्या कारण है? कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन जिम्मेदार है? उक्त संबंध में कब तक कार्यवाही करते हुये अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करा दिया जायेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र परासिया में जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत विभिन्न कार्यों में संबंधित ठेकेदार द्वारा घटिया किस्म की सामग्री का उपयोग किया गया है और बहुत सारी अनियमितताएं बरते हुये लाखों रूपयों का भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी निरंतर शिकायतें ग्रामीणजनों द्वारा प्राप्त हो रही हैं। ऐसी स्थिति को देखते हुये जल जीवन मिशन योजनांतर्गत स्वीकृत सभी कार्यों की जांच व भौतिक सत्यापन कराया जाना अत्यंत आवश्यक है। उक्त संबंध में विभाग द्वारा कब तक जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 158 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों के वर्क ऑर्डर जारी किये गए हैं। इसके अतिरिक्त छिंदवाडा जिले में माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 937.22 करोड़ की स्वीकृत है, इसमें विधानसभा क्षेत्र परासिया के 139 ग्राम सम्मिलित हैं, समूह योजना का वर्क ऑर्डर दिनांक 23.02.2023 को जारी किया गया है, योजना का कार्य प्रारंभ दिनांक 16.03.2023 एवं अनुबंधानुसार निर्धारित कार्य पूर्णता दिनांक 15.03.2025 है, समूह योजना का कार्य प्रगतिरत है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत जिन ठेकेदारों द्वारा कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया है। ऐसे ठेकेदारों को समय-समय पर नोटिस जारी कर अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्यवाही की गई है, एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किए जाने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
66. ( क्र. 1505 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माननीय प्रधानमंत्री जी की महत्वपूर्ण जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन पंचायत में किस फर्म/कंपनी//ठेकेदार द्वारा कार्य किए गए हैं? प्राक्कलन लागत सहित जानकारी देवें तथा उक्त कार्यों की अनुबंध अवधि कब तक की थी? क्या ठेकेदार/कंपनी द्वारा अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण कर दिया गया है? कितनी ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण कर टोटी लगाकर जल प्रदाय चालू कर दिया गया है एवं कितनी में नहीं? ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन ग्राम पंचायतों में अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, उन एजेन्सी/ठेकेदारों पर विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या पाइप-लाइन बिछाने हेतु खोदे गए सी.सी. रोडों को पुन: उसी गुणवत्ता के साथ निर्माण कर दिया है? कितनी पंचायतों में नहीं किया है? पंचायतवार जानकारी देवें। (ग) जल जीवन मिशन अंतर्गत कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में संचालित कार्यों का निरीक्षण किन-किन स्थानीय और उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया? क्या सम्पूर्ण कार्य तय मापदण्ड एवं अनुबंध अनुसार किया गया है? यदि नहीं तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं संबधित ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ख) समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, इन योजनाओं की अनुबंध अवधि पूर्ण नहीं हुई है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कार्य में अतिरिक्त विलंब किए जाने के कारण 01 ठेकेदार की जमा सुरक्षा निधि/परफॉर्मेंस राशि रू. 4, 31, 047.00 राजसात की गई है तथा उन ग्रामों की पुन: निविदा आमंत्रित कर कार्य पूर्ण कराने की कार्यवाही की गई है, इसके अतिरिक्त जिन एजेंसी/ठेकेदारों द्वारा कार्य में विलंब किया गया है उनके अंतिम देयकों से अनुबंध में निहित प्रावधानानुसार गुणदोष के आधार पर राशि काटी जावेगी। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में पाइप-लाइन के बिछाने हेतु आवश्यकतानुसार खोदे गए सी.सी. रोडों का पुन: उसी गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य करा दिया गया है, किसी भी पंचायत में यह कार्य शेष नहीं है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में खोदे गए सी.सी. रोडों का ग्राम पंचायतवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है, पुनर्निर्माण के कार्य प्रगतिरत हैं। (ग) कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री, महाप्रबंधक जल निगम, प्रबंधक जल निगम एवं उप प्रबंधक जल निगम द्वारा। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
उचित मूल्य की राशन दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
67. ( क्र. 1510 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने उचित मूल्य की राशन दुकानें संचालित हैं? (ख) क्या केंट विधानसभा क्षेत्र के कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ मिल रहा है? (ग) केंट विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने हितग्राहियों के आवेदन अभी तक लंबित हैं? इन हितग्राहियों को कब इस योजना का लाभ मिलेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा अंतर्गत कुल 52 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। (ख) AePDS Portal अनुसार माह नवंबर, 2024 में केंट विधानसभा के कुल 25020 परिवार के 94969 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित करने हेतु खाद्यान्न आवंटन जारी किया गया है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा के 675 परिवारों (कुल 2221 हितग्राहियों) के आवेदन पात्रता पर्ची हेतु जिले द्वारा अनुशंसित (पात्रता पर्ची हेतु लंबित) हैं। राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत लाभान्वित किये जाने हेतु पात्र हितग्राहियों की संख्या भारत सरकार द्वारा 5, 46, 42, 214 निर्धारित है। उक्त सीमा पूर्ण हो चुकी है। उक्त परिवारों की संख्या के विरुद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाना संभव है। उक्त कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है।
चिकित्सालयों में पर्यावरण की अनुमति
[पर्यावरण]
68. ( क्र. 1514 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में विभिन्न चिकित्सालयों में पर्यावरण की अनुमति आवश्यक है? यदि हाँ तो इन्दौर शहर में कितने चिकित्सालयों ने पर्यावरण की अनुमति ली है? (ख) क्या समस्त चिकित्सालय जिनमें एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, इलेक्ट्रो-होम्योपैथी, प्राकृतिक पर्यावरण की अनुमति की आवश्यकता होती है? (ग) यदि हाँ तो इन्दौर शहर के कितने एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, इलेक्ट्रो-होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सालयों में पर्यावरण की अनुमति दी गई है? यदि इन्होंने नहीं ली है तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ, 363 ने। (ख) जी हाँ। (ग) 363 को अनुमति दी गई है। दो अस्पतालों ने मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्मति एवं प्राधिकार प्राप्त नहीं किये हैं। मेसर्स एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज के विरूद्ध न्यायालय में वाद दायर किया गया है जबकि मेसर्स एम.टी.एच. हॉस्पिटल को दिनांक 18/10/2024 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
सी.एम. हेल्पलाइन पर की गई शिकायतों का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 1521 ) श्री विपीन जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1798 दिनांक 5.7.2024 के प्रश्नांश (क) अनुसार बताएं कि ग्राम पंचायत अमलावद, अरनिया निजामुद्दीन, रिछा लालमुहा में स्वीकृत कुल लागत में से कितना भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है? भेजे गए परिशिष्ट में स्वीकृत कार्य के विवरण अनुसार भुगतान बताएं। (ख) उल्लेखित ग्रामों की स्वीकृत योजनाओं में कौन से अतिरिक्त कार्य को सम्मिलित कर पुनरीक्षित शासकीय स्वीकृति प्राप्ति के लिए कार्यवाही की गई है? विवरण देवें। (ग) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी सी.एम. हेल्पलाइन की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं, कितनों का निराकरण कर दिया गया है और कितनी किस लेवल पर शेष हैं? नाम, शिकायत, विवरण, पता सहित जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश जल निगम में 84 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिन सभी का निराकरण कर दिया गया है।
निविदाओं में ज्वाइंट वेंचर अनुबंध न होने से शासन को हानि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
70. ( क्र. 1530 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभागीय निर्माण संबंधी निविदाओं में ज्वाइंट वेंचर्स को भाग लेने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक ऐसे कौन से निर्माण कार्य हैं जिनमें ज्वाइंट वेंचर्स की निविदा आमंत्रित की गई? निर्माण कार्य का नाम, सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कौन-कौन सी निविदाओं में अपंजीयत ज्वाइंट वेंचर अनुबंध मान्य कर स्वीकृत किए गए? उनसे संबंधित निविदाकार का नाम एवं निविदा राशि का विवरण दिया जाये? (ग) क्या भारतीय पंजीयन अधिनियम के अनुसार इस प्रकार के दस्तावेज अनिवार्य रूप से पंजीयत होना चाहिये? यदि हाँ, तो अनुबंध पंजीयत न किये जाने का क्या कारण है? क्या अनिवार्य रूप से पंजीयन होने के बाद भी अपंजीयत अनुबंध स्वीकार करने से पूरी निविदा प्रक्रिया दूषित हो गई है? (घ) अपंजीयत ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेन्ट स्वीकार करने से विगत 5 वर्षों में शासन को पंजीयन शुल्क की कितनी हानि हुई है? क्या इस कर अपवंचन अनियमितता की जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराई जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। जिन अभियंताओं ने बगैर पंजीयन के ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंन्ट स्वीकार किये हैं, उनके विरूद्ध क्या विभाग अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, जल जीवन मिशन सहित अन्य सभी विभागीय निर्माण कार्यों यथा नल-जल योजना, नलकूप खनन, भवन निर्माण आदि कार्यों की शासन द्वारा जारी निविदा प्रपत्र अपेंडिक्स 2.10 पर निविदायें आमंत्रित की गई हैं जिसमें ज्वाइंट वेंचर का प्रावधान है। (ख) ज्वाइंट वेंचर की सभी निविदायें, अनुबंध में ज्वांइट वेंचर के संबंध में उल्लेखित शर्तों के अनुरूप मान्य कर स्वीकृत की गई है। ज्वांइट वेंचर वाली निविदाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ज्वांइट वेंचर एग्रीमेंट शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार स्वीकार किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट वाली निविदाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार स्वीकृत किये जाने के फलस्वरूप अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी छात्रावासों में विद्यार्थियों की मृत्यु
[जनजातीय कार्य]
71. ( क्र. 1531 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कौन-कौन से अनुसूचित जनजाति विभाग अन्तर्गत छात्रावास व आश्रम संचालित हैं? (ख) क्या धार जिले में स्थित अनुसूचित जनजाति विभाग अंतर्गत छात्रावास व आश्रम में विद्यार्थियों की मृत्यु वर्ष 2024 में हुई तो किस छात्रावास/आश्रम में? (ग) अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों को कक्षा 1 से 12वीं कक्षा तक कितनी छात्रवृत्ति दी जाती है? कब-कब इसमें बढ़ोत्तरी की गई? वृद्धि किये जाने का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि नहीं तो इस दिशा में शासन कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) धार जिला में अनुसूचित जनजाति विभाग के संचालित छात्रावासों एवं आश्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” अनुसार है। (ख) धार जिले में अनुसूचित जनजाति विभाग के निम्न छात्रावासों में विद्यार्थियों की मृत्यु 2024 में हुई :- 1. एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय गरड़ावद (धार) 2. सीनियर बालक छात्रावास मगास (भरगपुरी) 3. उत्कृष्ट बालक छात्रावास गंधवानी 4. सीनियर बालक छात्रावास रिंगनोद (सरदारपुर) (ग) अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को कक्षा 1 से 12वीं कक्षा तक प्रदाय की जाने वाली छात्रवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ब” अनुसार है। वर्तमान में छात्रवृत्ति की दरों में वृद्धि किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
72. ( क्र. 1542 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्रेशर के माध्यम से वायु प्रदूषण इंडेक्स खराब होता है? यदि हाँ, तो क्या निवाडी जिले के प्रमुख तीर्थ स्थल एवं पर्यटक स्थल ओरछा से महज 6-7 कि.मी. की दूरी पर चल रहे क्रेशरों की डस्ट से नजदीकी गांव एवं ओरछा का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब हो रहा है, जिससे लोगो को सांस की गंभीर बीमारियां हो रही हैं? (ख) प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्या क्रेशरों द्वारा नियमित पानी का छिड़काव किया जा रहा है? यदि नहीं तो सरकार इन पर कार्यवाही करेगी?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) क्रेशरों की स्थापना एवं संचालन सम्मतियां प्रदूषण नियंत्रण संबंधी शर्तों के अधीन जारी की जाती है, जिससे प्रदूषण नियंत्रण में रखा जाता है। प्रश्नाधीन स्थानों की वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी की पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
73. ( क्र. 1549 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में निम्नांकित ग्राम-सूरजपुर, एरोरा, कैलपुरा, डारगुंवा, भेलसी, सरकनपुर, कोछ्या खेरा, डुम्बार, जिनागढ़, खोड़ेरा, हुड़ाखेरा आदि खाद्यान्न विक्रेताओं (सेल्समैनों) द्वारा आम-जनता का राशन दिये जाने हेतु फिंगर लगवाकर कह दिया जाता है कि अभी आपका राशन आया नहीं है या यह कह दिया जाता है कि अगले महीने में इस महीने का देंगे या आपका फिंगर मशीन में सही नहीं आ रहा है, बाद में आना, इस प्रकार गरीबों के राशन को इनके द्वारा कालाबजारी करके आम जनता को परेशान किया जा रहा है। इन सभी की शिकायतें ग्रामीणजनों एवं उपभोक्ताओं ने अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ से की है और प्रश्नकर्ता के कार्यालय में भी है जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 064/2024 दिनांक 13/01/24 को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को दिया गया एवं अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ को दिया गया था, उस पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। क्या कार्यवाही करते हुये इन विक्रेताओं को हटाकर तथा जांच करते हुये विधि अनुसार कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी? कृपया समयावधि बतायें। यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या चंदेरी एवं डुम्बार के सेल्समैन जाँच के दौरान गबन में पाये गये? इनके विरूद्ध एफ.आई.आर. कब तक करा दी जावेगी? (ग) क्या यह भी सच है कि भेलसी के सेल्समैन के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायत ग्रामीणजनों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ को ज्ञापन के माध्यम से की गई परन्तु उक्त विक्रेता को आज दिनांक तक नहीं हटाया गया? क्या आम-जनता के द्वारा दिए गये ज्ञापन का निराकरण करते हुये उक्त विक्रेता को हटाकर दूसरा विक्रेता कब तक नियुक्त कर दिया जावेगा? समयावधि बतायें। यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उचित मूल्य दुकान पर लगाई गई पी.ओ.एस. मशीन से परिवार के किसी भी सदस्यों द्वारा बायोमेट्रिक सत्यापन/ओ.टी.पी./नॉमिनी से राशन का वितरण किया जाता है। पात्र परिवार के डाटाबेस में दर्ज मोबाइल नंबर पर राशन वितरण के पश्चात् वितरित सामग्री की सूचना एस.एम.एस. के माध्यम से दी जाती है। प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के कार्यालय से दिनांक 13.01.2024 को कुल 15 उचित मूल्य दुकानों से राशन वितरण न होने के संबंध में प्राप्त शिकायत पर की गई कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उचित मूल्य दुकान, चंदेरी की जांच में पाई गई अनियमितता के कारण विक्रेता के विरूद्ध थाना कुडिला में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। दुकान डुम्बार की जांच में पाई गई कम राशन सामग्री की वसूली की कार्यवाही प्रचलित है एवं दुकान को निलंबित कर महिला बहुउद्देशीय सहकारी समिति नारायणपुर की दुकान में संलग्न किया गया है। (ग) उचित मूल्य दुकान, भेलसी की जांच में गेहूँ-8.40 एवं शक्कर-1.01 क्विंटल कम पाई गई। प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।
जल जीवन मिशन एवं नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
74. ( क्र. 1550 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों को जल-जीवन मिशन के तहत जोड़कर पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है? ग्रामवार सूची तथा टंकी निर्माण एवं पाइप-लाइन बिछाने का कार्यपूर्ण हो गया तथा जल का स्त्रोत टंकी भरने हेतु क्या है? (ख) क्या अभी ग्रामों को इस योजना से नहीं जोड़ा गया? ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें तथा इन ग्रामों को क्यों नहीं जोड़ा गया है? कारण स्पष्ट करें तथा जल जीवन मिशन से शेष वंचित ग्रामों को कब तक जोड़ दिया जायेगा? कृपया समय-सीमा बतायें। (ग) क्या जिन ग्रामों में ठेकेदारों द्वारा कार्यपूर्ण कर लिया है वहां ग्रामीणजनों को पेयजल प्राप्त हो रहा है? क्या पाइप-लाइन बिछाये जाने पर ठेकेदार ने खोदी गई सड़कों रास्तों को पुन: निर्माण कराकर गड्ढों का भराव कर दिया है? सम्पूर्ण जानकारी ग्रामवार, उपलब्ध करायें। यदि किसी ग्राम की सड़क या आम रास्ता गड्ढों में तब्दील होकर शेष बचा हो, उसे पूर्ण करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या खरगापुर विधान सभा में जल जीवन मिशन के ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग करके नल-जल योजना में डाल दिया गया है जिसके संबंध में विगत विधान सभा सत्र के समय आसंदी के द्वारा आदेश किया गया था कि जिस सदस्य का प्रश्न जल जीवन मिशन से संबंधित हो तो माननीय मंत्री जी को लिखित पत्र दे दें, तो प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मंत्री जी को पत्र दिया गया था, उस पर क्या कार्यवाही की गई तथा घटिया सामग्री नल-जल योजना में ठेकेदार द्वारा खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में डाली गई है, उसकी जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र खरगापुर के सभी ग्रामों को जल जीवन मिशन योजना से जोड़ा गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) ठेकेदारों द्वारा पूर्ण की गई 34 योजनाओं में से 32 योजनाओं से ग्रामीणजनों को पेयजल प्राप्त हो रहा है। खोदी गई सड़कों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जी हाँ। पाइप-लाइन की टेस्टिंग के कार्य पूर्ण होने के उपरांत। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। जी हाँ। कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड टीकमगढ द्वारा गठित निरीक्षण दल द्वारा जाँच की गई जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, जिसके अनुरूप नल-जल योजना हेतु घटिया सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रदूषण नियंत्रण हेतु मापदण्डों का पालन
[पर्यावरण]
75. ( क्र. 1587 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला अंतर्गत प्रदूषण नियंत्रण हेतु किस-किस प्रकार की फैक्ट्री, क्रेशर, इकाइयों, खनिज उत्खनन, शासकीय, अशासकीय चिकित्सालय, नर्सिंग होम, नगरीय निकाय की कचरा संग्रहण स्थल (ट्रेचिंग ग्राउंड) इत्यादि प्रकार के हैं? क्या कोई और भी वातावरण प्रदूषित करने वाले संस्थान किस-किस प्रकार के चिन्हित किए गए हैं? (ख) किन-किन वर्षों में उपरोक्तानुसार वातावरण को प्रदूषित करने वाली इकाइयां अथवा स्थल चिन्हित किए जाकर, इन्हें वातावरण को प्रदूषण से मुक्त किए जाने हेतु आदेशित/निर्देशित किस-किस दिनांक को किया जाता रहा है? साथ ही समय-समय पर पर्यावरण को सुरक्षित रखने हेतु ए.क्यू.आई. रिपोर्ट तैयार की जाती है। अगर हाँ तो, उसकी प्रति उपलब्ध करायी जावे। (ग) जिले में वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखे जाने हेतु उपरोक्तानुसार प्रश्नों में उल्लेखित आने वाली इकाइयों अथवा कोई अन्य भी जो इस परिधि अंतर्गत आते हैं, ऐसे प्रदूषण फैलाने वाले स्थलों का निरीक्षण कब-कब, किस-किस के द्वारा किया जाकर क्या कार्यवाही की गई? (घ) शिवपुरी जिला अंतर्गत आने वाले समस्त विकासखंडों के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण निर्धारित मानक क्या रहा तथा प्रदूषण फैलाने वाले उल्लेखित स्थलों पर प्रदूषण नियंत्रण किए जाने हेतु केन्द्र/राज्य के मानक अनुसार जो मापदंड निर्धारित हैं, इस निर्धारित मापदंड के अनुसार किस-किस ने समुचित प्रबंधन किए? किस-किस ने समुचित प्रबंधन नहीं किए? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) वर्ष 2023-24 में शिवपुरी जिला अंतर्गत जिला मुख्यालय पर परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मानक औसत (संतोषजनक) स्तर का रहा तथा जिले में प्रवाहित प्राकृतिक जल स्त्रोत, झील, तालाब, डैम के 04 बिन्दुओं पर मापी गई जल की गुणवत्ता ''ए'' व ''बी'' श्रेणी की पाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
जिला शिवपुरी में प्लांटेशन की जानकारी
[वन]
76. ( क्र. 1588 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक शिवपुरी जिले की करैरा, पिछोरा, सतनवाड़ा, पोहरी, बदरवास, शिवपुरी, कोलारस में किन-किन कक्ष क्रमांक में कितने-कितने हेक्टेयर में कितने पौधे रोपित किये गये तथा कितने पौधे जीवित हैं? इन कक्ष क्रमांकों में रोपित पौधों पर कितना-कितना खर्च किया गया? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में शिवपुरी जिले में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक प्लांटेशन में मजदूरी पर कुल कितना व्यय किया गया? (ग) शिवपुरी जिले में वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन चल रहा है तथा विगत 03 वर्षों में वन विभाग द्वारा कितनी मात्रा में अवैध खनिज पत्थर, रेत, बोल्डर, मुरम और मशीनरी जप्त कर कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार किस-किस वन क्षेत्र में अवैध वृक्ष कटाई के कितने प्रकरण दर्ज किये गये तथा कितनी मात्रा में अवैध कटी हुई हरी या सूखी लकड़ी जप्त कर प्रकरण बनाये गये हैं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कुल 8436121 पौधे रोपित किये गये जिनमें से 7883664 पौधे जीवित हैं। रोपित पौधों पर कुल राशि रूपये 1443190155/- व्यय हुआ है, प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के क्रम में वन मंडल शिवपुरी में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक वृक्षारोपण मजदूरी पर कुल राशि रूपये 1189205058/- व्यय की गयी है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
दतिया जिले में किसानों को खाद की उपलब्धता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 1590 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वर्ष 1/4/2023 से प्रश्न दिनांक तक कितनी एवं कौन-कौन सी खाद का आवंटन शासन से प्राप्त हुआ? जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) जिले में प्राप्त आवंटन से किसानों को कितना-कितना खाद किस माध्यम से अर्थात दुकानदार द्वारा समिति द्वारा अथवा सीधा गोदाम से दिया गया? विकासखंडवार, फसलवार, किसानवार वितरित खाद का नाम एवं मात्रा की जानकारी दी जाये। (ग) राज्य सहकारी विपणन संघ दतिया के गोदाम पर 1/4/2023 के बाद मासिक स्टॉक की जानकारी के साथ वितरण की जानकारी भी देवें कि किसको कितना खाद बांटा गया? (घ) क्या गोदाम में डी.ए.पी. खाद की उपलब्धता होने के बावजूद किसानों व सोसाइटियों को बहुत कम मात्रा में ही खाद दी गई? यदि नहीं तो बताएं कि किसको कितनी डी.ए.पी. खाद दी गई? सूची दी जाए कि किसके आदेश से खाद का वितरण रोका गया, किसानों को परेशान किया गया? जानकारी एवं आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासन की परिसंपत्तियों का विक्रय
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
78. ( क्र. 1593 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. एवं प्रदेश से बाहर म.प्र. शासन की संपत्तियों का प्रबंधन लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्तमान में विभाग के पास किन-किन स्थानों पर कौन-कौन सी संपत्तियां हैं? कृपया प्रदेश एवं प्रदेश से बाहर समस्त श्रेणी की संपत्तियों का विवरण शासन गाइड-लाइन अनुसार उनकी वर्तमान बाजार मूल्य सहित स्थानवार सूची प्रदान करें। (ख) क्या प्रदेश शासन एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक प्रदेश तथा प्रदेश से बाहर की शासन तथा विभाग की चालू, गैर चालू, भौतिक, अमूर्त, परिचालन एवं गैर परिपालन संपत्तियां किसी व्यक्ति, फर्म या संस्था को बेची गई है या पट्टे पर दी गई है? यदि हाँ, तो विक्रय की गई या पट्टे पर दी गई संस्था या व्यक्ति का पूर्ण पत्र एवं संपत्ति का वितरण सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या दतिया जिले में भी शासन की संपत्तियां किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेची गई है या पट्टे पर दी गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक जिले की कौन-कौन सी संपत्ति किसको बेची गई या पट्टे पर दी गई? संपूर्ण विवरण सहित सूची प्रदाय करें।
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा अपने स्वामित्व की परिसम्पत्तियों का प्रबंधन स्वयं किया जाता है। विभागों/कलेक्टरों द्वारा लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल पर इंद्राज की गईं परिसंपत्तियों के ही प्रबंधन/निर्वर्तन का निर्णय कार्यपालिक समिति द्वारा किया जाता है। तत्पश्चात विभाग द्वारा परिसम्पत्ति के प्रबंधन/निर्वर्तन का कार्य किया जाता है। वर्तमान में विभाग के पोर्टल पर मुरैना मण्डल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित की ग्राम कैलारस, तहसील-कैलारस, जिला मुरैना, स्थित परिसम्पत्ति इंद्राज है। शेष प्रश्न विभिन्न विभागों की परिसम्पत्तियों से संबंधित है। (ख) विभाग द्वारा प्रदेश के बाहर की किसी भी परिसम्पत्ति को विक्रय नहीं किया गया है। प्रदेश के अंदर विक्रय की गई परिसम्पत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घोड़ारोज एवं जंगली सूअर से नुकसान और दुर्घटनाएं
[वन]
79. ( क्र. 1595 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में अनुमानित कितनी संख्या में जंगलों और अन्य क्षेत्रों में घोड़ारोज, जंगली सूअर है? क्या विभाग के पास इसका आंकड़ा है? (ख) क्या इनके द्वारा कई वर्षों से बहुत अधिक मात्रा में किसानों की फसलों को नष्ट किया जा रहा है और उनके कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं? क्या विभाग के पास इनके कारण नष्ट हुई फसलों और दुर्घटनाओं की जानकारी है? यदि हाँ, तो बताएं कि मंदसौर जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं? (ग) मंदसौर जिले में इनके कारण हो रहे नुकसान और दुर्घटनाओं को लेकर वर्ष 2021 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी सी.एम. हेल्पलाइन शिकायतें प्राप्त हुई हैं? कितनों का निराकरण कर दिया गया है और कितनी किस लेवल पर शेष हैं? नाम, शिकायत, विवरण, पता सहित जानकारी देवें। (घ) जिले में इनके कारण किसानों की फसलों को हो रहे नुकसान और दुर्घटनाओं को रोकने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रभावी कदम उठाए गए हैं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर से प्राप्त वन्यजीव गणना 2018 के आंकड़ों के अनुसार मंदसौर जिले के वनमण्डल अंतर्गत जंगलों और अन्य क्षेत्रों में घोड़ारोज की अनुमानित संख्या 23874 एवं जंगली सुअरों की अनुमानित संख्या 5102 है। (ख) मंदसौर जिले में हुई दुर्घटनाओं एवं फसल हानि प्रकरणों की वर्षवार जानकारी तथा प्रदाय मुआवजा भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) मंदसौर जिले में हो रहे नुकसान एवं दुर्घटनाओं को लेकर वर्ष 2021 से लेकर प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर कुल 58 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनका निराकरण किया गया है। वर्तमान में कोई भी शिकायत किसी भी स्तर पर लंबित नहीं है। प्राप्त शिकायतों का शिकायतवार नाम, पता सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) किसानों की फसलों में हो रहे नुकसान और दुर्घटनाओं को रोकने हेतु मध्यप्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक/एफ/285/99/10-2 भोपाल दिनांक 31 मई 2000 द्वारा मध्यप्रदेश के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र की सीमाओं के भीतर नुकसान करने वाली नीलगाय के आखेट के लिये उक्त अधिनियम की धारा 11 की उपधारा (1) के खण्ड (ख) के प्रयोजन के लिये प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया गया। घोषित प्राधिकृत अधिकारी हेतु राज्य शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। साथ ही क्षेत्र में मानव वन्य प्राणी द्वन्द को कम करने के लिये वन मण्डल अंतर्गत गठित ग्राम वन समिति/ईको विकास समिति तथा ग्राम सभाओं के माध्यम से किसानों को फसल नुकसानी के प्रभावी रोकथाम हेतु समझाइश दी जाती हैं तथा राजस्व संहिता एवं लोकसेवा गारण्टी अधिनियम 2010 के प्रावधान अनुसार फसल हानि का आंकलन एवं मुआवजा भुगतान राजस्व विभाग द्वारा किये जाने किये जाने के प्रावधान के बारे में किसानों को अवगत कराया जा रहा है। जिला स्तर पर आयोजित होने वाली जिला पंचायत की वन स्थाई समिति की बैठकों में भी स्थानीय जन प्रतिनिधियों को भी उक्तानुसार प्रावधानों से अवगत कराया जा रहा है। इसके साथ ही इनसे होने वाली दुर्घटनाओं में त्वरित रूप से राहत राशि भुगतान किया जा रहा है। वन सुविधा एप बनाया गया है जिससे दुर्घटना राहत भुगतान को अधिक पारदर्शी और त्वरित किया जा रहा है।
संविलियन की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
80. ( क्र. 1601 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में शिक्षकीय संवर्ग के योग्य कर्मचारियों का आदिम जाति कल्याण विभाग/ जनजातीय कार्य विभाग के कार्यपालिक पदों पर संविलियन किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक से पूर्व में किए गए संविलियन आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या वर्ष 2003 से पूर्व में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा श्री संतोष शुक्ला, प्रधानाध्यापक का शिक्षकीय संवर्ग से सहायक सांख्यिकीय अधिकारी के पद पर संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। श्री संतोष शुक्ला संविलियन एवं पदोन्नति पश्चात वर्तमान में डिण्डौरी जिले में सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ हैं। (ग) क्या वर्ष 1997 से वर्ष 2002 के मध्य आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 12 या 13 शिक्षकों के जिनमें से एल.डी.टी., यू.डी.टी., पी.टी.आई. तथा प्रधानाध्यापक सम्मिलित थे? उक्त शिक्षकों का शिक्षकीय संवर्ग से एम.डीएम. इन्सपेक्टर पद (कार्यपालिक पद) पर संविलियन किया गया था? फिर बाद में एम.डीएम. इन्स्पेक्टर को मण्डल संयोजक के पद के समकक्ष मानकर इन सभी को बी.डी.ओ./ए.ओ. के पद पर पदोन्नति दी गई है? यदि हाँ, तो इन सभी के संविलियन आदेश एवं पदोन्नति आदेश दोनों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) से संबंधित सभी शिक्षकों के नाम व सूची तथा किन नियमों के तहत संविलियन किया गया है? सभी जानकारी व आदेश व नियमों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जी नहीं। श्री संतोष शुक्ला का व्याख्याता के पद से सहायक अनुसंधान अधिकारी के पद पर संविलियन एवं सहायक अनुसंधान अधिकारी के पद से अनुसंधान अधिकारी के पद पर पदोन्नति पश्चात वर्तमान में डिण्डौरी जिले में सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ हैं। (ग) जी नहीं। वर्ष 2006 में 09 शिक्षकों का कार्यक्रम निरीक्षक के पद पर संविलियन किया गया। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
अपूर्ण नल-जल योजनाओं की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 1604 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल जीवन मिशन अन्तर्गत कुल कितनी योजना पूर्ण हो चुकी है? कृपया ग्रामवार जानकारी प्रदाय करें तथा कितनी योजनाओं को ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दिया गया है? कृपया ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा हस्तांतरित दस्तावेज की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावें। (ख) क्या वर्तमान में हस्तांतरित योजनाओं में घरों पर नल न लगाना ग्राम में स्थित सभी भवनों में पानी न उपलब्ध कराने के उपरान्त हस्तांतरित विभाग द्वारा कर दी गई है? हाँ तो क्या कारण है तथा नहीं तो क्या हस्तांतरित योजनाओं में प्राक्कलन अनुसार शत्-प्रतिशत कार्य कराकर शत्-प्रतिशत घरों में नल के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? नहीं तो क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन अंतर्गत कोई भी योजना पूर्ण नहीं हुई है, 03 योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। (ख) जी नहीं, नल-जल योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृति अनुसार कार्य पूर्ण कर योजनाएं संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की गई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अ.ज.जा बस्ती विकास मद अन्तर्गत प्राप्त राशि से स्वीकृत कार्य
[जनजातीय कार्य]
82. ( क्र. 1606 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अ.ज.जा बस्ती विकास मद अन्तर्गत जिला स्तर पर प्राप्त राशि से कार्य स्वीकृति हेतु क्या नियमावली है? कृपया प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) खरगोन जिले के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों की स्वीकृति जारी की गई है तथा वर्तमान में स्वीकृत कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? कृपया स्वीकृत कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) खरगोन जिले के अन्तर्गत परियोजना अध्यक्ष कौन है? क्या नियमानुसार खरगोन जिले में परियोजना अध्यक्ष का चयन किया गया है? हाँ तो कब और कैसे और नहीं तो क्या कारण है? कृपया परियोजना अध्यक्ष की नियुक्ति के संबंध में शासन की नियमावली बताने का कष्ट करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। नियमावली की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) वर्तमान में खरगोन जिले के अंतर्गत परियोजना अध्यक्ष नहीं हैं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। परियोजना अध्यक्ष की नियुक्ति के संबंध में नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
नल-जल योजना की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
83. ( क्र. 1608 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल योजना की स्थिति क्या है? क्या यह योजना सुचारू रूप से कार्य कर रही है या नहीं? योजना के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों, गुणवत्ता संबंधी ग्रामीणों की शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना के कार्यों में क्या कमियाँ हैं? किस-किस ग्राम में सड़कें इस योजना के कारण उखड़ी पड़ी हैं? सूची दें। इन सड़कों को कब तक बनाया जायेगा? क्या इन कमियों के कारण ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) नल-जल योजना के कार्यों में गुणवत्ता की कमी क्यों है? क्या इसकी गुणवत्ता की न्यायिक जांच करवायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? मुरैना विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजना के कार्यान्वयन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? (घ) मुरैना विधानसभा क्षेत्र के किस-किस गांव में नल-जल योजना की समस्याएं सबसे अधिक गंभीर हैं और इन समस्याओं के समाधान के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन अंतर्गत 10 ग्रामों में दतेहरा समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। जी हाँ, क्रियान्वयन में कोई चुनौती नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई कमी नहीं है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में खोदी गई सड़कों एवं उनके रेस्टोरेशन कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दतेहरा समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत सम्मिलित ग्रामों में पाइप-लाइन बिछाने के उपरांत क्षतिग्रस्त सड़कों को पुन: दुरूस्त कर दिया गया है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत सड़क रेस्टोरेशन का शेष कार्य प्रगतिरत है, कार्य पूर्ण किए जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नल-जल प्रदाय योजनाओं का कार्य निर्धारित गुणवत्ता अनुसार किया जा रहा है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) गंभीर समस्या नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रहवासी क्षेत्र में क्रेशर का संचालन
[पर्यावरण]
84. ( क्र. 1609 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला भोपाल के बरखेड़ानाथू में सहयोग मेटल नाम से संचालित क्रेशर द्वारा की जा रही अवैध ब्लास्टिंग के कारण लगभग 70 फीट बड़े गड्ढे बन गये हैं? क्या इससे भू-स्खलन का खतरा भी बढ़ गया है? क्या अवैध ब्लास्टिंग के कारण आसपास के भवनों में दरारें आने लगी हैं? इस क्रेशर को पर्यावरणीय अनुमति किस आधार पर प्रदान की गई है? (ख) क्रेशर से निकलने वाले धूल के कणों के कारण स्थानीय लोगों में कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं? सी.एम.एच.ओ. भोपाल द्वारा आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के परिणामों के आधार पर, इन समस्याओं का मुख्य कारण क्या पाया गया है? (ग) क्रेशर के कारण कृषि भूमि पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? धूल के कारण फसलों को होने वाले नुकसान और सिंचाई के जल स्तर में गिरावट के लिए कौन उत्तरदायी हैं? (घ) क्रेशर के लगातार संचालन से ध्वनि और वायु प्रदूषण कितना बढ़ गया है? इन दोनों प्रकार के प्रदूषणों के कारण स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अंतर्गत। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग एवं जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) निरीक्षण एवं क्रेशर के संचालन के दौरान ध्वनि एवं वायु प्रदूषण स्तर मानकों के अनुरूप पाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[वन]
85. ( क्र. 1612 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न क्रमांक 831 दिनांक 5.7.2024 में माननीय मंत्री जी द्वारा पूरे प्रकरण/घटनाक्रम की जाँच वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर कराने का आश्वासन दिया गया था? समिति में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को शामिल क्यों नहीं किया गया की गई? समिति में कौन-कौन अधिकारी शामिल थे? (ग) क्या समिति द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी क्षेत्रों में जाँच कर ली गई है? यदि हाँ तो जाँच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो विलंब के लिए कौन दोषी है? (घ) क्या समय-सीमा में प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित स्थानों पर जाँच नहीं करने वाले एवं विधान सभा आश्वासन अनुसार आश्वासन की पूर्ति के लिए निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 831 दिनांक 05.07.2024 में वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर जांच कराये जाने संबंधी कोई आश्वासन नहीं दिया गया है अपितु चर्चा में 'ऐसे कोई भी आदिवासी भाई जो पट्टाधारी हैं उनको बिल्कुल नहीं हटाया जायेगा' कहा गया था। म.प्र. शासन के पत्र दिनांक 08.07.2024 से माननीय सदस्य से चर्चा के दौरान उठाये गये बेदखली संबंधी मुद्दे पर वनमण्डलाधिकारी के पत्र दिनांक 11.07.2024, 29.07.2024 एवं 06.08.2024 से बेदखली की सूची प्राप्त करने हेतु माननीय सदस्य से पत्राचार किया गया। आज पर्यन्त तक सूची अप्राप्त है। माननीय सदस्य द्वारा राजस्व विभाग को पट्टेधारी आदिवासियों को बेदखली किये जाने की शिकायत पर अपर कलेक्टर जिला ग्वालियर द्वारा जांच हेतु तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसका आदेश संलग्न परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। समिति द्वारा जांच माननीय सदस्य की उपस्थिति में की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) गठित समिति द्वारा दिनांक 11.10.2024 को ग्राम कॉसेर और नयापुरा का मौका स्थल पर माननीय सदस्य की उपस्थिति में परीक्षण किया गया, जिसमें किसी भी वन अधिकार पत्रधारक को बेदखल होना नहीं पाया गया। शेष ग्रामों में जांच माननीय सदस्य जी ही उपलब्धता अनुसार संभवन हो सकेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) माननीय सदस्य जी की उपस्थिति में मौका स्थल पर जांच की कार्यवाही की जा रही है। अत: उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनजातीय कार्य विभाग में पदस्थ अमले की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
86. ( क्र. 1613 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग एवं शासन के विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान एवं उच्च पद का प्रभार देने के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं, जो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के तहत पात्रता रखते हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पात्र अधिकारी/कर्मचारियों को किस दिनांक से पात्रता आती है? क्या पात्रता दिनांक से लाभ दिया जाकर, वेतन निर्धारण कराकर आर्थिक लाभ दे दिया गया है? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों? कितने अधिकारी/कर्मचारी आर्थिक लाभ से वंचित हैं? सूची उपलब्ध करायें। (घ) जिन अधिकारी/कर्मचारियों को आर्थिक लाभ नहीं दिया गया है उनको कब तक लाभ दे दिया जायेगा? समय-सीमा बतायें। आर्थिक लाभ देने में विलंब के लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) नियमों की प्रति पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) पात्र अधिकारी/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' के कॉलम-7 अनुसार। 24 माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति प्रदान की जाकर, वेतन निर्धारण किया गया है। वेतन लाभ दिये जाने की कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। आर्थिक लाभ से वंचित कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान स्वीकृति की कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। संबंधित कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली उपलब्ध नहीं होने के काऱण विलम्ब हुआ है। प्रकरण का परीक्षण करवाया जाकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है।
डूब क्षेत्र में वृक्षारोपण
[वन]
87. ( क्र. 1619 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिजावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किशनगढ़ बफर परिक्षेत्र के भौरखुवा बीट में वर्ष 2023-24 में 40, 000 - 40, 000 कुल 80, 000 वृक्षारोपण क्रमशः 165 एवं 90 हेक्टर में किये गये थे? वृक्षारोपण वाली भूमि के खसरा नंबर क्या है। (ख) क्या वृक्षारोपण वाले खसरे केन बेतवा परियोजनान्तर्गत निर्मित ढोढन बांध के डूब क्षेत्र में आता है? यदि हाँ तो डूब क्षेत्र में उक्त अवधि में वृक्षारोपण किसकी अनुमति से किया गया।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। वृक्षारोपण वाली भूमि घुघरी के खसरा नं. 3, 5, ख 9, 13, 14, 15, 159, 160, 161, 162, 163, 165, 168, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26/1 एवं ग्राम भौरखुवा के खसरा नंबर 115, 117, 118, 119, 120 है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल जीवन मिशन योजनांतर्गत के किए गए कार्यों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
88. ( क्र. 1622 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल-जीवन मिशन (हर घर नल योजना) का मूल उद्देश्य क्या है? उक्त योजना अंतर्गत सतना विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौन सी ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है? कितने ग्राम पंचायतों का कार्य पूर्ण हो गया है और कौन-कौन सी ग्राम पंचायत में होना शेष है? पंचायतवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) जिन ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण हो चुका है, उन पर भी पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है, क्यों? कई ग्राम पंचायत जैसे, सोहास, डगडीहा, रगौली (पवैया), पतौडा (लिलौरी), फुटौधा, मटेहना में पानी क्यों नहीं मिल पा रहा है? इसी तरह ग्राम पंचायत पासी एवं आकौना में पाइप-लाइन डाली ही नहीं गई, क्या कारण है? उक्त सभी ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना का कार्य संविदाकार द्वारा गुणवत्ता विहीन एवं निम्न स्तर का करके शासन के पैसे का दुरुपयोग किया गया है? (ग) क्या जिला स्तर पर कई बार लोगों द्वारा शिकायत की गई पर विभागीय अधिकारियों ने सही ढंग से जाँच नहीं की और संविदाकार को करोड़ों का भुगतान करके शासन के पैसों का दुरुपयोग किया, जिससे लोगों को योजना का सही लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है? बार-बार शिकायत करने के बाद भी जाँच क्यों नहीं कराई जा रही? (घ) क्या उक्त ग्राम पंचायत में किए गए कार्यों की जाँच उच्च स्तरीय कमेटी या EOW से कराई जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी परिचालन मार्गदर्शिका अनुसार जल जीवन मिशन का मूल उद्देश्य समस्त ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में नियमित रूप से निर्धारित गुणवत्ता का पेयजल उपलब्ध कराना है। जल जीवन मिशन अंतर्गत एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सम्मिलित ग्राम पंचायतों संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट -01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त सतना विधानसभा क्षेत्र में सतना-बाणसागर-2 समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है, इस समूह योजना में सतना विधानसभा क्षेत्र की सम्मिलित ग्राम पंचायतों की सूची संलग्न परिशिष्ट -02 अनुसार है, इन सभी ग्राम पंचायतों में कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-01 अनुसार है। सतना-बाणसागर-2 समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है तथा इस योजना से वर्तमान में पेयजल प्रारंभ नहीं हुआ है। ग्राम पंचायत पासी के ग्राम पासी में एकल ग्राम नल-जल योजना के अंतर्गत पाइप-लाइन बिछायी गयी है तथा ग्राम अकौना में सतना-बाणसागर-2 समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत पाइप-लाइन बिछाने का कार्य प्रस्तावित है। संविदाकारों द्वारा नल-जल योजना में गुणवत्तायुक्त कार्य किया गया है, अतः पैसे के दुरुपयोग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला स्तर पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर विभागीय अधिकारियों द्वारा सही ढंग से जांच की गई है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "ग" के अनुसार कार्यवाही किये जाने के फलस्वरूप प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
काष्ठ के परिवहन का अनुज्ञा पत्र प्रदान करने के निर्देश
[वन]
89. ( क्र. 1624 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-17/2011/10-3 भोपाल दिनांक 6 फरवरी 2014 के अनुसार पदाभिहित अधिकारी को समय-सीमा के अंदर अनुज्ञा पत्र प्रदान करने के निर्देश है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो मण्डला जिले के अंतर्गत समस्त परिक्षेत्र अधिकारी/काष्ठागार/ अधिकारी एवं सामान्य/उत्पादन वन मण्डल पदाभिहित अधिकारियों द्वारा समय-सीमा पर अनुज्ञा पत्र प्रदान किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं तो क्या प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारी को कितने अपीलीय आवेदन प्राप्त हुए हैं? कब तक अपीलीय प्रकरणों पर अनुज्ञा पत्र प्रदान किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या तय समय-सीमा के अंदर अनुज्ञा पत्र जारी नहीं करने वाले पदाभिहित अधिकारियों एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा विलंब करने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मण्डला जिले के अंतर्गत आने वाले वनमंडलों में अपीलीय अधिकारियों को कोई भी अपीलीय आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये है, अत: अनुज्ञा पत्र प्रदान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनाधिकार पट्टों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 1625 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 से 2023 तक मंडला जिले में कितने आवेदकों को वनाधिकार के तहत व्यक्तिगत एवं सामूहिक पट्टे प्रदान किए गए हैं? कितने आवेदन प्राप्त हैं, कितने वनाधिकार के प्रकरण लंबित हैं, कितने आवेदन निरस्त किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो जितने भी वनाधिकार के लंबित प्रकरण हैं, आवेदकों को कब तक पट्टे प्रदान कर दिए जाएंगे? यदि नहीं तो स्पष्ट करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मंडला जिले में संलग्न परिशिष्ट अनुसार वनाधिकार के दावे लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार अधिनियम 2006 के दावा हेतु आवश्यक दस्तावेज
[जनजातीय कार्य]
91. ( क्र. 1629 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजातीय कार्य विभाग परिपत्र क्रमांक/153/1904254/2024/25-3 भोपाल दिनांक 29/02/2024 एवं क्रमांक 895/2337936/2024/25-3 भोपाल दिनांक 30 अक्टूबर 2024 प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग म.प्र. एवं अपर मुख्य सचिव वन विभाग म.प्र. के संयुक्त हस्ताक्षर से अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के सामुदायिक वन अधिकार एवं सामुदायिक वन संसाधानों पर अधिकार दावा दिये जाने के निर्देश जारी किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले के बैहर विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उप खण्ड स्तरीय समिति द्वारा अपने पत्र क्रमांक/1756/ वन.अधि./अ.वि.अ./ज.प./2024 दिनांक 29/10/2024 को उपमण्डल अधिकारी वन सामान्य बैहर एवं सहायक संचालक (बफरजोन उप वन मण्डल) मलाजखण्ड को वन अधिकार अधिनियम 2006 के दावा हेतु आवश्यक दस्तावेज ग्राम सभाओं एवं वन अधिकार समितियों को देने हेतु पत्र लिखने के बाद भी किन कारणों से दस्तावेज प्रश्न दिनांक तक नहीं दिये गये है? और कब तक दे दिये जावेंगे समय-सीमा बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करा दिये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार अधिनियम के दावे
[जनजातीय कार्य]
92. ( क्र. 1630 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) के अनुसार दावों को मान्यता देने हेतु कार्यवाही करने के विभाग एवं वन विभाग द्वारा अनेकों पत्र जारी किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जनजाति और अन्य परंम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2008 एवं संशोधित नियम 2012 के अनुसार फार्म ख एवं फार्म ग के अलग-अलग जिलेवार कितने-कितने दावे मान्यता हेतु लंबित है? कितने-कितने दावे अमान्य किये गये? कितने-कितने दावे को मान्यता प्रदान की गई? जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) विभाग एवं वन विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वन अधिकार अधिनियम के दावे मान्यता देने हेतु कब-कब पत्र जिले के कलेक्टरों को जारी किये गये? उसकी प्रति उपलब्ध करावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2008 एवं संशोधित नियम 2012 के अनुसार फार्म-ख की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार एवं फार्म-ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
वन विकास निगम भूमियों की जानकारियां
[वन]
93. ( क्र. 1632 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में विदिशा जिले में मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम की कितनी भूमि है तथा उक्त भूमि पर कितने क्षेत्र पर वृक्षारोपण किया गया? रोपित पौधों की संख्या, जीवित एवं मृत पौधों की संख्या सहित वन परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में विगत तीन वर्षों में उक्त भूमि में म.प्र. राज्य वन विकास निगम लटेरी परियोजना परिक्षेत्र में कितनी भूमि पर वृक्षारोपण किये गये? पौधों की संख्या सहित, प्रजाति का नाम, कक्ष क्रमांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के संदर्भ में विगत तीन वर्षों में रोपित पौधों की गणना किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? गणनाकर्ता अधिकारी का नाम, गणना की दिनांक सहित परिक्षेत्रवार जानकारी देवें तथा मौके पर कितने पौधे जीवित पाये गये? कितने पौधे स्वभाविक रूप में मृत पाये गये? तथा कितने अवैध कटाई से वृक्ष कटे पाये गये? वन परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा वृक्षों की अवैध कटाई के लिए दोषी कौन-कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (घ) मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लटेरी परियोजना परिक्षेत्र द्वारा कहाँ-कहाँ, कौन-कौन सी भूमियों का हस्तांतरण वन विभाग को किया गया है? कम्पार्टमेंट नंबर सहित जानकारी देवें साथ ही बतावें कि वन विभाग को हस्तांतरित भूमि पर कितने पौधे रोपित किये गये? उनमें से वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं? कितने मृत हो चुके हैं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विगत तीन वर्षों में विदिशा जिले में मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम की 1249.4 हेक्टेयर वन भूमि है उक्त वन भूमि पर 484 हेक्टेयर क्षेत्र पर पौधारोपण किया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) विगत 03 वर्षों में विदिशा-रायसेन परियोजना मंडल द्वारा लटेरी परियोजना परिक्षेत्र अंतर्गत कोई भी रोपण कार्य नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। उक्त क्षेत्र में अवैध कटाई से कटे गये वृक्ष नहीं पाये गये है, अतः दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम लटेरी परियोजना परिक्षेत्र द्वारा कक्ष क्र. 358, 359, 360 एवं 361 को दिनांक 16.02.2023 को वन विभाग को हस्तांतरित किया गया है जिसमें वन विभाग द्वारा कोई रोपण कार्य नहीं किया गया है। उक्त कक्षों में वन विकास निगम द्वारा रोपित पौधे तथा जीवित पौधों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार है।
जल विकास निगम एवं विभाग की योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
94. ( क्र. 1633 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत भोपाल संभाग में जल निगम एवं विभाग द्वारा कौन-कौन से ग्रामों में समूह नल-जल योजनाओं की स्वीकृति हुई है? प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश, स्वीकृत राशि, कार्य पूर्णतः दिनांक सहित विकासखण्डवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त योजनाओं में कौन-कौन से नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण हो गये? कितने अपूर्ण हैं? कितने अप्रारंभ है? ग्राम का नाम, लागत, कार्य एजेन्सी/ठेकेदार का नाम, अनुबंध दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, हस्तांतरित दिनांक, योजना पर व्यय राशि सहित ग्रामवार, विकासखण्डवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजनाओं का निरीक्षण योजना प्रारंभ से प्रश्नांकित अवधि तक प्रमुख सचिव राजस्व, आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल, कलेक्टर विदिशा, प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं अन्य एजेन्सी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? क्या गुणवत्ताविहीन कार्य पाया गया? यदि हां, तो कार्य एजेन्सी/ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब-तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें। निरीक्षण के लिए क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। जल जीवन मिशन से स्वीकृत नल-जल योजनाओं के निर्धारित मापदण्ड की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज-लटेरी में 80% ग्रामों में गुणवत्ताविहीन कार्य हुआ है? गुणवत्ताविहीन कार्य की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? कार्य पूर्ण और अधूरा होने पर भी उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री की मिलीभगत से भुगतान कर दिया जाता है? यदि हां, तो इसके लिए दोषी कौन है? क्या विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर जांच की जावेगी? यदि हां,तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) विभाग द्वारा सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में कौन-कौन से नल-जल योजनाओं को ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की है? पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें। अधूरी नल-जल योजनाओं को ग्राम पंचायत को हस्तांतरित की गई है तो इसके लिए दोषी कौन है? योजनावार जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जल जीवन मिशन से स्वीकृत समूह जलप्रदाय योजनाओं के निर्धारित मापदण्ड की जानकारी भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की वेबसाईट https://jalshakti-ddws.gov.in पर उपलब्ध है। (ग) मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में प्रगतिरत समूह जलप्रदाय योजनाओं में गुणवत्ताविहीन कार्य होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत क्रियान्वित समूह जल प्रदाय योजनाओं का ग्राम पंचायतों को हस्तांतरण नहीं किया जाता है। एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''03'' एवं ''04'' अनुसार है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन परिक्षेत्रों के विकास एवं संरक्षण की जानकारी
[वन]
95. ( क्र. 1636 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा में वन परिक्षेत्रों के अंतर्गत वृक्षों की अवैध कटाई एवं अवैध उत्खनन के वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25 में कितने प्रकरण दर्ज किये गए हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा में वन परिक्षेत्रों के अंतर्गत पौधारोपण (प्लांटेशन) एवं उनके संरक्षण हेतु वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25 में कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई है? (ग) पौधारोपण (प्लांटेशन) किए गए पौधों में से कितने जीवित है तथा कितने खराब हुए हैं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' 1'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है।
जनजातीय कार्य विभाग के संचालित छात्रावासों में व्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
96. ( क्र. 1637 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा में जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत छात्रावास कहाँ-कहाँ संचालित हो रहे हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा में संचालित हो रहे सभी छात्रावासों में भवन की समुचित व्यवस्था की गई है? (ग) ऐसे कितने हाई स्कूल, हा.से. स्कूल हैं जहाँ आदिवासी छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात में छात्रावास उपलब्ध हैं? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के आदिवासी विकासखंड केसला के हा.से.स्कूल साधपुरा हा.से.स्कूल जुझारपुर एवं हा.से.स्कूल सुखतवा में गर्ल्स छात्रावास खोलने की कोई योजना है यदि हँ तो कब तक खोले जायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के सभी छात्रावासों में भवन की समुचित व्यवस्था हैं। (ग) छात्रावासों की स्थापना के लिए निर्धारित मापदण्डों में स्कूलों में प्रवेशित जनजाति छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात में छात्रावास उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
क्षतिग्रस्त खाद्यान्न को निविदा के माध्यम से विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
97. ( क्र. 1640 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सरकारी व निजी गोदामों में सरकार द्वारा जनता के लिए खरीदा गया हजारों क्विंटल अनाज विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण सड़ कर बर्बाद हो गया? यदि हाँ, तो अधिकारियों की उदासीनता के कारण खराब हुए अनाज की अनुमानित राशि कितनी होगी? जानकारी दें। (ख) क्या दिनांक 01 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक सड़े हुए अनाज को औने पौने दामों पर बेचने के लिए टेंडर जारी किए गए? यदि हाँ, तो अरबों रुपए के अनाज को खराब कर कौड़ियों के दाम पर बेचने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर कोई कार्रवाई की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में किन-किन जिलों में स्थित सरकारी व निजी गोदामों में कौन-कौन से अनाज कितनी-कितनी मात्रा में रखे हैं एवं प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के किस-किस जिले के किन-किन गोदामों में रखे अनाज कितनी-कितनी मात्रा में सड़ कर खराब हो चुके हैं? जिलेवार निजी/सरकारी गोदामों में रखे अनाज की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोविड-19 में समर्थन मूल्य पर अत्यधिक खाद्यान्न उपार्जन होने, निस्तारण में समय लगने के कारण अधिक समय तक भंडारित रहने तथा उपार्जन के दौरान असामयिक वर्षा के कारण स्कन्ध खराब होने की स्थिति निर्मित हुई है। विगत वर्षों में खराब हुए खाद्यान एवं उसकी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) क्षतिग्रस्त खाद्यान्न को निविदा के माध्यम से विक्रय किए जाने हेतु भारत/राज्य सरकार द्वारा प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जिसके अनुसार क्षतिग्रस्त स्कन्ध का विक्रय किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गोदामों में भंडारित खाद्यान्न का उठाव जमाकर्ता एजेंसी द्वारा फीफो का पालन करते हुए किया जाता है। समर्थन मूल्य पर अत्यधिक खाद्यान्न उपार्जन होने, निस्तारण में समय लगने के कारण अधिक समय तक भंडारित रहने तथा उपार्जन के दौरान असामयिक वर्षा के कारण स्कन्ध खराब होने की स्थिति निर्मित हुई है। क्षतिग्रस्त खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मृत्यु
[वन]
98. ( क्र. 1641 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत माह अक्टूबर 2024 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कोदो-कुटकी चारा खाने से 10 हाथियों की मौत हो गई? (ख) यदि हाँ, तो क्या बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में जिस कोदो-कुटकी को उद्यान के कई जानवर खाते हैं उसी कोदो-कुटकी को खाने से केवल हाथियों की मौत होना स्वाभाविक है? यदि नहीं तो बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा कोदो-कुटकी को, इतनी बड़ी संख्या में हाथियों की मौत का कारण बताया जाना उचित है? जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में इतनी बड़ी संख्या में मृत हुए वन्य जीवों के लिए शासन द्वारा कोई जांच कमेटी गठित की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में जांच कमेटी द्वारा हाथियों की मौत के कारणों में किन-किन बिंदुओं पर कब-कब तथा क्या-क्या जांच की गई? कमेटी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में एक साथ 10 हाथियों की मौत पर शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कब-कब तथा क्या-क्या कार्रवाई की गई?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया अंतर्गत वन परिक्षेत्र खितौली/पतौर में कोदो की जहरीले फंगस युक्त फसल भारी मात्रा में खाने से 10 जंगली हाथियों की मृत्यु हुई है। (ख) प्रयोगशाला से प्राप्त जांच रिपोर्ट अनुसार बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में जहरीले फंगस युक्त कोदो का सेवन अधिक मात्रा में करने से हाथियों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में हाथियों की मृत्यु के संबंध में मुख्य वन्य जीव अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) के आदेश क्रमांक 867 दिनांक 30.10.2024 द्वारा 05 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है।समिति की अंतरिम रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (घ) राज्य शासन के आदेश दिनांक 03.11.2024 से वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक तथा सहायक वन संरक्षक, उपवनमंडलाधिकारी पनपथा को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
राजगढ़ में नवीन हैण्ड पम्प का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
99. ( क्र. 1644 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में दिनांक 01/01/2019 से प्रश्न दिनांक तक क्या विभाग द्वारा कोई नवीन हैण्ड पम्प लगाये गये है यदि हाँ, तो उक्त दिनांक से किन-किन ग्रामों में कब-कब नवीन हैण्ड पम्प लगाये गये हैं? बतावें। (ख) क्या उक्त लगाये गये नवीन हैण्ड पम्पों में से कई हैण्ड पम्प बन्द हो चुके हैं यदि हाँ, तो ऐसे कितने हैण्डपम्प कहां-कहां है जो बन्द हो चुके हैं? बतावें। (ग) उक्त हैण्डपम्प बन्द होने का क्या कारण है? क्या उन्हें पुन: चालू किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक जानकारी दें? (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने ग्राम/मोहल्ला हैं जहां पर पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है और वहां नवीन हैण्ड पम्प लगाये जाने की आवश्यकता है? (ड.) उक्त हैण्ड पम्प आवश्यकता वाले ग्रामों/मोहल्ला में कब तक नवीन हैण्ड पम्प लगाये जावेगें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लगाए गए नवीन हैंडपंपों में से वर्तमान में बंद हैंडपंपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कोई नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश ''घ" के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
कोठी बाग का उपयोग
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
100. ( क्र. 1645 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में जिला मुख्यालय पर स्थित उद्यानिकी विभाग का कालीपीठ रोड़ पर स्थित कोठी बाग का वर्तमान में क्या उपयोग किया जा रहा है बतावें? (ख) क्या उक्त कोठी बाग में फलों के पौधे हैं यदि हाँ, तो उन फलों का क्या उपयोग किया जा रहा है क्या उन्हें बेचा जाता है? (ग) यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में किन-किन को कितनी-कितनी राशि में ठेके पर दिया गया है? जानकारी दें। (घ) क्या राजगढ़ विधानसभा में कोठी बाग की जो कालीपीठ रोड़ पर जमीन उपलब्ध है। क्या उस पर व्यावसायिक दुकानें बनाया जाना प्रस्तावित है यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों नहीं कारण की जानकारी दें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) कृषि विज्ञान केन्द्र राजगढ़ प्रक्षेत्र कोठीबाग में खरीफ में सोयाबीन का प्रजनक बीज तथा रबी में गेहूँ का प्रजनक बीज तैयार किया जाता है, जिले के कृषक, कृषक महिलाओं, ग्रामीण युवा बेरोजगार को समय-समय पर बीज उत्पादन तकनीकी एवं उद्यानिकी विषयों पर प्रशिक्षण देने हेतु उपयोग किया जा रहा है साथ ही कृषि विभाग एवं विभाग के मैदानी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कृषि की उन्नत तकनीक की प्रायोगिक प्रशिक्षण के लिये प्रक्षेत्र का उपयोग किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। कोठीबाग कृषि प्रक्षेत्र पर उपलब्ध आम, अमरूद एवं संतरा जामफल, नीबू तथा कबीट के फल वृक्षों की फल बहार अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय सीहोर द्वारा गठित अधिकृत समिति के माध्यम से फल बहार वृक्षों की नीलामी की जाती है। (ग) विगत 3 वर्षों में आम, अमरूद, संतरा कबीट की फल बहार की नीलामी की सूची एवं आय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कोठीबाग प्रक्षेत्र नदी के किनारे होने के कारण अधिक बाढ़-भराव (High Flood) क्षेत्र में चिन्हित है, जिसके कारण यहां पर कोई व्यवसायिक एवं रहवासी भवन बनाया जाना संभव नहीं है, न ही कोई प्रस्ताव है।
वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण
[पर्यावरण]
101. ( क्र. 1655 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले के "मेघनगर औद्योगिक सेज एरिया" में अधिक मात्रा में जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण हो रहा है, जिसकी रोकथाम/निवारण हेतु, विभाग ने वर्ष 2019 से 2024 तक किस प्रकार की कार्य योजना को लागू किया है, इसके लिए कितना बजट का प्रावधान था, कितना व्यय किया है। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में कितनी इंडस्ट्रीज है जो कि निरीक्षण करने पर प्रदूषण फैलाने के दोषी पाए गए, उनके विरुद्ध किस प्रकार की कार्यवाही की गयी है, कितना अर्थदंड लगाया गया और कितनी रिकवरी की गयी?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योगों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम/निवारण हेतु भौतिक निरीक्षण/मॉनिटरिंग तथा ऑनलाईन रियल टाईम मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से सतत निगरानी रखी जाती है तथा दोषी उद्योगों के विरूद्ध समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक नियामक संस्था है जिसके द्वारा कोई कार्य योजना लागू नहीं की जाती है। औद्योगिक इकाईयों से उत्पन्न दूषित जल के उपचार हेतु 400 केएलडी क्षमता के कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई है। राशि रूपये 9.087 करोड़ का प्रावधान किया गया था जिसमें से वर्तमान तक लगभग राशि रूपये 6.40 करोड़ व्यय किये जा चुके हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
छात्रावास संबंधित जानकारी
[जनजातीय कार्य]
102. ( क्र. 1657 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिला मुख्यालय पर विभाग द्वारा निर्मित शासकीय आदिवासी बालक एवं कन्या सीनियर छात्रावास का निर्माण कब पूर्ण हुआ तथा कब एवं किन अतिथियों के माध्यम से किस दिनांक को लोकार्पित किया गया? (ख) उक्त छात्रावास में प्रवेश प्रक्रिया के लिए कितने विद्यार्थियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा कितने विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया यदि नहीं दिया गया तो क्यों नहीं? (ग) क्या उक्त छात्रावास लोकार्पित होने के पश्चात भी विभाग द्वारा उनके संचालन हेतु बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है यदि उपलब्ध कराया गया है तो कब और कितना तत्संबंधी आदेश निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त छात्रावासों के संचालन हेतु विभाग आवश्यक बजट संबंधी कार्रवाई कर रहा है तथा वर्तमान सत्र से संचालन प्रारंभ कर देगा यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) बड़वानी जिला मुख्यालय पर विभागीय शासकीय जनजातीय संयुक्त सीनियर बालक छात्रावास (150 सीटर) एवं नवीन शासकीय जनजातीय संयुक्त सीनियर बालिका छात्रावास (150 सीटर) भवन का निर्माण कार्य दिनांक 28.08.2022 को पूर्ण हुआ तथा दिनांक 07.02.2023 को माननीय श्री प्रेमसिंह जी पटेल तत्कालीन मंत्री मध्यप्रदेश शासन पशुपालन, डेयरी, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा भवनों का लोकार्पण किया गया। (ख) जिला मुख्यालय पर निर्मित शासकीय जनजातीय नवीन संयुक्त सीनियर बालक छात्रावास (150 सीटर) में प्रवेश हेतु 329 आवेदन एवं शासकीय जनजातीय नवीन संयुक्त सीनियर बालिका छात्रावास (150 सीटर) में प्रवेश हेतु 218 आवेदन प्राप्त हुए। प्रवेश देने की कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। (ग) MPTAASC पोर्टल के माध्यम से सामग्री पूर्ति हेतु प्रति छात्रावास राशि रूपये 16.96 लाख के मान से उक्त दोनों छात्रावासों के संचालन हेतु राशि रूपये 33.92 लाख (तैंतीस लाख बानबे हजार) का स्वीकृति आदेश क्र. S13982412433584 दिनांक 04.12.2024 की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है (घ) जी हाँ, राशि उपलब्ध करा दी गयी है। छात्रावास के संचालन की कार्यवाही नियमानुसार की जाती है।
जल जीवन मिशन अंतर्गत कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
103. ( क्र. 1659 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा बड़वानी क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत पी.एच.ई. विभाग द्वारा किन ग्राम पंचायत, स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्य पूर्ण कर हैण्डओवर किये गये, जानकारी देवे? (ख) पी.एच.ई. विभाग को कितने स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए जल जीवन मिशन अन्तर्गत अनुबंधित किया गया? विधानसभा क्षेत्र बड़वानी अन्तर्गत अनुबंध की प्रतियां देंवे। बड़वानी विधानसभा में कितने कार्य पूर्ण हो गये एवं कितने शेष है? (ग) विभाग द्वारा ग्राम पंचायत, स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में किये पूर्ण कार्य, स्कूल शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास को हैण्डओवर किये गये? संख्या एवं पूर्णता प्रमाण-पत्र की प्रति देंवे। (घ) विभाग द्वारा अनुबंधित कार्य को हैण्डओवर करते समय डी.पी.आर., प्रशासकीय स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति के मापदण्डों अनुसार कार्यों का भौतिक सत्यापन किस दल द्वारा कब-कब किया गया? सत्यापन रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराये। (ड.) कार्यों का मौके पर कौन-कौन से अधिकारियों एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा निरीक्षण किया गया? निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतियां देंवे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) 808 स्कूलों एवं 338 आंगनवाड़ियों में पेयजल व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा ठेकेदारों को अनुबंधित किया गया, जिनमें से 724 स्कूलों एवं 272 आंगनवाड़ियों में पेयजल व्यवस्था का कार्य पूर्ण किया गया। 84 स्कूलों एवं 66 आंगनवाडियों में कार्य शेष हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' ( नमूना अनुबंध की प्रति) के अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश "क" के अनुसार। विभाग द्वारा कुल 996 स्कूलों एवं आंगनवाड़ियों में कार्य पूर्ण किये गये है जिनमें 830 कार्य संबंधित संस्थाओं को हस्तांतरित किये गये है। अनुबंध की सूची अनुसार समस्त कार्य पूर्ण न होने के कारण पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये गये है। (घ) उत्तरांश "क" के अनुसार। विभाग द्वारा अनुबंधित कार्यों को हैण्डओव्हर के पूर्व प्रशासकीय स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति के मापदण्ड अनुसार कार्यों का भौतिक सत्यापन कार्य विभाग मैनुअल के अनुसार समय-समय पर तत्कालीन उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया गया है एवं कार्य के भौतिक सत्यापन के मापांकन, माप पुस्तिका में दर्ज किये जाकर, कार्य संबंधित संस्थाओं को हैण्डओव्हर किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) कार्यों का मौके पर निरीक्षण संबंधित उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया है। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से निरीक्षण संबंधी जानकारी निरंक है।
क्षेत्रीय नल जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
104. ( क्र. 1661 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल-जल योजना क्रियान्वित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा व पिपलोदा तहसील अंतर्गत दिनांक 01.01.2020 से कुल कितनी योजनाएं स्वीकृत होकर कितने-कितने बजट की स्वीकृतियां दी गई? उनमें से कितनी योजनाओं का कार्य पूर्ण हुआ, कितनी अपूर्ण रही व कितनी अप्रारंभ रही? जानकारी दें। (ग) क्या जिन-जिन ग्रामीण क्षेत्रों में नल-जल योजना स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ हुआ तो प्रारंभ से ही पाइप की गुणवत्ता को लेकर, लापरवाही पूर्ण टंकियां बनाई जाने को लेकर, खराब वाल्व एवं विद्युत मोटरों के प्रयोग किए जाने बावत् अनेक प्रकार की गुणवत्ताविहीन कार्यों की शिकायतें प्राप्त हुई तो उनपर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या योजना क्रियान्वयन के समय ग्रामीण क्षेत्रों में बिना अनुमति के सीमेंट कांक्रीट सड़कों को नष्ट किया तथा उन्हें पुनः निर्मित नहीं किया गया, प्रश्नांश (ग) अंतर्गत प्राप्त शिकायत एवं प्रश्नगत शिकायतों के अंतर्गत किन-किन ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही की गई, किन-किन को ब्लैक लिस्टेड किया तथा कितनी राशि राजसात की गई? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''01'' अनुसार है, इसके अतिरिक्त वर्ष 2023 में 01 (माही) समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत हुई है, जिसकी लागत राशि रू 2017.92 करोड़ है, इस समूह योजना में जावरा एवं पिपलौदा तहसील के ग्राम सम्मिलित हैं। समूह योजना का कार्य प्रगतिरत है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''02'' अनुसार है (घ) जी नहीं, तोड़ी गई सड़कों को पाइप-लाइन बिछाने के उपरांत पुनर्निर्माण कर यथास्थिति में लाया जा रहा है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''02'' अनुसार है।
प्रदूषण बोर्ड द्वारा एनओसी का प्रदान
[पर्यावरण]
105. ( क्र. 1668 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सागर द्वारा वर्ष-2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक सागर जिला अंतर्गत कितने एनओसी/अनापत्ति प्रमाण पत्र/स्वीकृति पत्र प्रदान किये गये है? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ऐसी कितनी एनओसी/अनापत्ति है जो मध्यप्रदेश शासन स्तर से जारी की गई है? जानकारी देवें तथा एनओसी किन शर्तों पर प्रदान की गई है? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित ऐसे कितने आवेदन बोर्ड या विभाग के पास लंबित है, जिन्हें विभाग ने एनओसी प्रदान नहीं की है? यदि एनओसी प्रदान नहीं की है? तो कारण सहित जानकारी देवें तथा विभाग/बोर्ड द्वारा एनओसी प्रदान करने के उपरांत विभाग द्वारा कब-कब निरीक्षण/अवलोकन किया गया? जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित विभाग द्वारा स्वीकृत एनओसी/अनापत्ति प्रमाण/स्वीकृति प्रमाण पत्र उपरांत उद्योग/ लिमिटेड/ अन्य प्रयोजनों के द्वारा फैलाये जाने वाले अपशिष्ट पदार्थ/अन्य कोई प्रदूषण संबंधी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? जानकारी देवें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) कुल 1327 (ख) '' निरंक''। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है।
ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 1669 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र नरयावली अंतर्गत विकासखंड सागर एवं राहतगढ़ में जल जीवन मिशन अंतर्गत कितनी ग्रामीण नलजल योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई थी? विस्तृत जानकारी देवें। ग्राम का नाम, स्वीकृति वर्ष एवं लागत सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्वीकृत ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना की स्वीकृति के उपरांत उपखंड सागर, उपखंड खुरई द्वारा क्या निविदा जारी की गई? जानकारी देवें तथा किन-किन कार्य एजेंसियों द्वारा अनुबंध किया? ग्रामवार जानकारी देवें तथा स्वीकृत कार्य अवधि से अवगत करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्वीकृत नलजल योजनाओं में कितने कार्य प्रारंभ किये गये है? किन-किन ग्रामों में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? जानकारी देवें एवं किन ग्रामों में कार्य पूर्ण हो गया है/कब तक पूर्ण होगा? जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में किन-किन ग्रामों में प्रश्न दिनांक तक नलजल योजना किन-किन ग्रामों में प्रारंभ हो गई है/पूर्ण है/अपूर्ण है? जानकारी देवें तथा किन-किन ग्रामों में समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? कारण सहित जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत 91 एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, जिनमें से 11 योजनाएं जल निगम की समूह जल प्रदाय योजनाओं में सम्मिलित हो जाने से उनका क्रियान्वयन जल निगम द्वारा तथा शेष 80 एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा 04 समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु खंड सागर एवं खंड खुरई द्वारा निविदाएं जारी की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''03'' अनुसार है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण होने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''03'' अनुसार है।
ग्रामीण पेयजल योजना से पेयजल की सुचारू आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
107. ( क्र. 1671 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बण्डा विधान सभा में कौन-कौन से ग्रामों की पेयजल योजना लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग के अधीन है? समस्त ग्रामों की सूची प्रदान करें। (ख) विधानसभा क्षेत्र में विभाग के अंतर्गत आने वाली ग्राम पेयजल योजनाओं में से किन-किन ग्रामों में पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से की जा रही है? ग्रामवार जानकारी दें। (ग) बण्डा विधान सभा में पीएचई विभाग के अंतर्गत आने वाली पेयजल योजनाओं में जिन ग्रामों में पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं है उसका कारण क्या है? ग्रामवार कारण बतायें। (घ) पीएचई विभाग के अंतर्गत आने वाली पेयजल योजनाओं में वे कौन-कौन से ग्राम हैं जिनमें पेयजल योजना कार्य की निविदा होने के बाद भी अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? ऐसी सभी योजनाओं में कार्य आदेश का दिनांक क्या है जानकारी दें। (ड.) जिन ग्रामों में निविदा उपरांत भी पेयजल योजना का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है उसका क्या कारण है ग्रामवार जानकारी दें? (च) निविदा उपरांत भी कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण संविदाकार पर क्या कार्यवाही की गई है संविदावार जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीन एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं एवं मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (घ) सभी योजनाओं में कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) सभी योजनाओं में कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (च) सभी योजनाओं में कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
टाइगर रिजर्व एवं सिंह परियोजना का संचालन
[वन]
108. ( क्र. 1677 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी द्वारा कूनो नेशनल पार्क के दौरे की रिपोर्ट अनुसार 110 से अधिक बार चीते ट्रेंकुलाइज हुये? क्या इसका रिकॉर्ड संधारित है तथा सिंह परियोजना के संचालक पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (ख) क्या म.प्र. में विकास निधि की ऑडिट रिपोर्ट, राज्य में समस्त टाइगर रिजर्व में इको विकास समिति को पिछले 05 वर्षों में कितनी राशि दी गई? यदि नहीं तो क्यों कारण बताए। (ग) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में क्या जी.एस.टी. का जुर्माना वर्कर सोसायटी के खाते से किया गया? उक्त अनियमितता के लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या संजय टाइगर रिजर्व सीधी की भूमि पर म.प्र. पर्यटन निगम के द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम/वन अधिनियम का उल्लेख कर बनाये गये रिसॉर्ट और विस्तार की अनुमति दी गई? और इस अनुमति को नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने अनुचित अवैध घोषित किया है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। चीता परियोजना संचालन हेतु भारत सरकार द्वारा जारी एक्शन प्लान के नियमों के अनुसार समस्त रिकार्ड संधारित किया जा रहा है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विगत 05 वर्षों में इको विकास समितियों को प्रदाय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। कार्यपालन यंत्री, मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन निगम मर्यादित, रीवा के द्वारा सोन घडियाल अभयारण्य के अंतर्गत परसीली रिसोर्ट में 0.0435 हे. एवं कठबंगला में 0.1604 हे. अभयारण्य भूमि में संरचनाओं के विस्तार हेतु वन्यजीव (सरंक्षण) अधिनियम 1972 के तहत् वन्यजीव अनुमति के लिए 02 प्रस्ताव नियमानुसार मध्यप्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की अनुशंसा उपरांत राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की अनुशंसा हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया गया। राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की स्टैंडिंग कमेटी की 79 वी बैठक दिनांक: 31.08.2024 में उक्त प्रस्तावों की बोर्ड द्वारा अनुशंसा नहीं की गई है।
जाति प्रमाण पत्रों की जांच हेतु प्राप्त शिकायतें
[जनजातीय कार्य]
109. ( क्र. 1681 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की जांच के संबंध में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक किसके-किसके विरूद्ध कब-कब किसने-किसने क्या-क्या शिकायत की है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों की कब-कब किस-किस अधिकारी के द्वारा क्या-क्या जांच की गई जांच में क्या-क्या विषय आया, जांच उपरान्त क्या-क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों के जांच के अधिकार किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार हैं। नियम बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों की जांच सही समय में हुई है यदि हाँ, तो सभी शिकायतों की वस्तु स्थिति बतावें। अगर नहीं तो सभी शिकायतों की जांच सही समय में क्यों नहीं हुई। कौन अधिकारी को जांच करना था जांच क्यों नहीं किया कौन जिम्मेदार है जांच नहीं करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 7-1/96/आ.प्र./एक, दिनांक 08.09. 1997 द्वारा अनुसूचित जनजाति के संदेहास्पद जाति प्रमाण पत्रों की जांच हेतु राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति का गठन किया गया है। शासन आदेशानुसार अनावेदकों की जाति की जांच पुलिस अधिकारी के माध्यम से कराये जाने के निर्देश हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) प्रकरणों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब''अनुसार है। राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति के कार्य की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा से अवगत कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कच्चा वन मार्ग का मरम्मत कार्य
[वन]
110. ( क्र. 1684 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कान्हीवाड़ा रेंज के ग्राम जाम से पीपरदौन तक कच्चा वन मार्ग बना हुआ है, जिसकी मरम्मत का कार्य पिछले 5 वर्षों से नहीं किया गया । क्या विभाग द्वारा सड़क का मरम्मत कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (ख) उक्त सड़क मार्ग से ग्राम पीपरदौन, हिर्रीटोला एवं जाम के ग्रामवासियों का आवागमन बहुतायात मात्रा में होता है? उक्त सड़क मार्ग को पक्का सड़क मार्ग बनाए जाने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई और नहीं तो क्यों? (ग) क्या विभाग सड़क का मरम्मत कार्य किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब, नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कान्हीवाड़ा रेंज के ग्राम जाम से पीपरदौन तक कच्चा वनमार्ग है। विगत 5 वर्षों में उक्त वन मार्ग की मरम्मत कार्य बजट उपलब्धता के आधार पर कराया गया है। जिसके व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, विभाग के 10 वर्षीय कार्य आयोजना में वन मार्गों को पक्की सड़क बनाये जाने का प्रावधान नहीं होने से पक्की सड़क का निर्माण कार्य नहीं कराया गया, अतः प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वनमार्ग मरम्मत का कार्य विभागीय बजट की उपलब्धतानुसार किया जाता है।
अनुसूचित जाति एवं अनु. जनजाति बस्ती विकास की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
111. ( क्र. 1687 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सदन दिनांक 14/02/2024 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 19 के उत्तर में विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के सन्दर्भ में ही उत्तर दिया गया था, जबकि प्रश्न अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्ती विकास दोनों के सन्दर्भ में था? यदि हाँ, तो भ्रामक व गलत उत्तर देने के लिए कौन दोषी है? उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? उत्तर में बताया गया था कि कार्यों हेतु अन्य समिति सदस्यों सहित प्रश्नकर्ता का भी अनुमोदन लिया गया था, जबकि प्रश्नकर्ता ने अनुमोदन दस्तावेज में हस्ताक्षर नहीं किये थे, इस तरह का असत्य व भ्रामक उत्तर देने के लिए कौन दोषी है, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) सदन दिनांक 05/07/2024 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1545 के उत्तर में विभाग द्वारा जानकारी एकत्रित किया जाना बताया गया था, उक्त जानकारी कब तक प्रदाय की जाएगी? जानकारी में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) सदन दिनांक 12/07/2024 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 3116 के प्रश्नांश (क) में बताया गया था कि संबंधित को कारण बताओ सूचनापत्र जारी किया गया है, उक्त पत्र की प्रति एवं संबंधित द्वारा दिए गए जवाब की प्रति उपलब्ध कराएं। संबंधित के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? उत्तर में बताया गया कि सत्र समाप्ति उपरांत समस्त शिक्षकों को मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त किया जा चुका है? क्या यह सही है, क्या अब भी मंडला जिले के कुछ शिक्षक जबलपुर जिले में कार्यरत हैं? असत्य व भ्रामक उत्तर देने के लिए संबंधित के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। पूर्व में अनुसूचित जाति बस्ती विकास के संबंध में उत्तर प्रेषित किया गया था। जनजाति बस्ती विकास की जानकारी एकत्रित किये जाने में विलंब होने से अपूर्ण उत्तर प्रेषित किया गया था। अपूर्ण उत्तर होने से भ्रामक या गलत उत्तर देने हेतु कोई दोषी नहीं है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी प्राप्त हो चुकी है। दिनांक 11.12.2024 को विधान सभा को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''अ'' अनुसार भेजी जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सदन दिनांक 12-07-2024 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 3116 के प्रश्नांश 'क' के उत्तर में उल्लेखित संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास संभाग जबलपुर को जारी कारण बताओ सूचना पत्र उत्तर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। सूचना पत्र एवं उत्तर के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला मंडला के बिछिया विकासखण्ड में संचालित उचित मूल्य की दुकान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
112. ( क्र. 1688 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 के बीच प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का खाद्यान्न विकासखंड बिछिया अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य दुकानों की पीओएस मशीनों से एईपीडीएस पोर्टल से घटाया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा जारी आदेश निर्देश की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? शासकीय उचित मूल्य दुकान कोड क्रमांक 3504001 से 3504060 तक की दुकानों में उक्त अवधि में कितना-कितना राशन कब-कब घटाया गया है? दुकानवार विस्तृत प्रमाणित जानकारी प्रदाय करें? क्या इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा बिछिया के तत्कालीन सहायक आपूर्ति अधिकारी के विरुद्ध कोई जाँच की गई थी? यदि हाँ,तो सम्पूर्ण जाँच कार्यवाही के दस्तावेज उपलब्ध कराएं? क्या पुनः इसकी जाँच कराई जाएगी? (ख) मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजनांतर्गत मंडला जिले में कितने हितग्राहियों को वाहन प्रदाय हुए हैं? कंपनी द्वारा किस दर से वाहन प्रदाय किये गए हैं? क्या कोटेशन व अन्य औपचारिकता के अनुसार ये वाहन कम दर से ख़रीदे जाने थे लेकिन अधिक दर से कंपनी द्वारा विक्रय किये गए हैं? क्या इसमें प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी व कंपनी के बीच सांठगांठ के चलते हितग्राहियों को अधिक दर पर वाहन विक्रय किये गए हैं? क्या इसकी जाँच कराई जाएगी? (ग) क्या खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/4642/शिकायत/2024, भोपाल दिनांक 04/09/2024 के माध्यम से जिला कलेक्टर मंडला को जाँच के आदेश दिए गए थे? यदि हाँ, तो संबंधित जाँच का प्रतिवेदन एवं की गई कार्यवाही संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मण्डला जिले के बिछिया विकासखंड अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों की पीओएस मशीन/एईपीडीएस पोर्टल से 01 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 की अवधि में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत आवंटित खाद्यान्न के स्टॉक को नहीं घटाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मण्डला जिले में मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजनांतर्गत प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य दुकान तक राशन सामग्री परिवहन हेतु 20 हितग्राहियों द्वारा वाहन क्रय किए गए है। विभाग द्वारा प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों से वाहन कीमत, रोड टैक्स, परमिट लागत, आरटीओ पंजीयन शुल्क, एक वर्ष का बीमा, जीपीएस, ब्रांडिंग, माईक, तारपोलिन सीट पर होने वाले व्यय सहित दरें प्राप्त की गई। वाहन निर्माता कंपनीवार सूचीबद्ध वाहनों में से हितग्राही द्वारा स्वेच्छा से वाहन का चयन कर क्रय किया गया है। वाहन निर्माता कंपनियों द्वारा दी गई दर से अधिक दर पर वाहन क्रय नहीं की गई है। हितग्राहियों द्वारा प्रस्तुत कोटेशन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्राप्त शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नैनपुर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा जांच की जा रही है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
विभागीय कार्यों की निविदाएं एवं भुगतान की जानकारी
[वन]
113. ( क्र. 1690 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में कार्यालय वन मंडल अधिकारी दक्षिण सामान्य, कार्यालय वनमण्डल अधिकारी उत्तर सामान्य, कार्यालय वनमंडल अधिकारी उत्तर उत्पादन, कार्यालय वनमण्डल अधिकारी दक्षिण उत्पादन जिला बालाघाट में किए गए निर्माण कार्य संबंधित मटेरियल सप्लाई/सामुदायिक भवन एवं समस्त निर्माण कार्य आदि के निविदा ऑनलाइन/ऑफलाइन की जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ख) उक्त निविदा से संबंधित किस-किस सत्र में किन-किन ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों के बिल भुगतान की प्रति/माप पुस्तिका उपलब्ध करवाई गयी। (ग) वन विभाग जिला बालाघाट में विगत 6 माह में किस-किस जनप्रतिनिधि के कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए समस्त पत्रों की प्रति बतावें एवं कौन-कौन सी जानकारी चाही गई थी? विभाग के द्वारा कौन-कौन सी जानकारी समय-सीमा में जनप्रतिनिधियों को प्रदान की गई? कौन-कौन सी जानकारी प्रश्न दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन वृत्त बालाघाट के अंतर्गत उत्तर/दक्षिण सामान्य एवं उत्पादन वनमंडल बालाघाट के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में निर्माण कार्य निविदा के माध्यम से नहीं कराया गया है। निर्माण कार्य में लगने वाली सामग्री मटेरियल सप्लाई किये जाने हेतु निविदा आंमत्रित किया जाकर सामग्री क्रय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) कार्य विभागीय रूप से किया गया है। अत: उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है।
बालाघाट जिले में विभागीय कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
114. ( क्र. 1691 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में बालाघाट जिले में आमंत्रित निविदाएं ऑनलाइन/ऑफलाइन की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ख) विगत 5 वर्षों में विभाग द्वारा बालाघाट जिले में किन-किन स्थानों पर किन-किन कार्य एजेंसी द्वारा नल खनन/बोरवेल खनन/टंकी निर्माण/पाइपलाइन विस्तारीकरण आदि निर्माण कार्य किए गए हैं उक्त समस्त निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रश्नांश (ख) वर्णित किए गए खनन कार्यों के खिलाफ किन-किन प्रतिनिधियों ने शिकायत दर्ज की है उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है समस्त कार्यवाहियों की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जिला बालाघाट में विगत 1 वर्ष में किस-किस जनप्रतिनिधि के कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए समस्त पत्रों की प्रति बतावें एवं कौन-कौन सी जानकारी चाही गई थी? विभाग के द्वारा कौन-कौन सी जानकारी समय-सीमा में जनप्रतिनिधियों को प्रदान की गई? कौन-कौन सी जानकारी प्रश्न दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई विस्तृत ब्यौरा प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' एवं ''03'' अनुसार है। (ग) कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''04'' अनुसार है। माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई भी जानकारी नहीं मांगी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत निर्माण कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
115. ( क्र. 1693 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिला एवं जिले की समस्त विधानसभाओं में जल जीवन मिशन के तहत नलकूप योजनाओं में प्रस्तावित जीआई पाइप के बदले कितनी योजनाओं में एचडीपीई पाइप लगाए गए हैं। क्या इस हेतु उच्च अधिकारियों से अनुमति प्राप्त की गई है, यदि नहीं तो क्या संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी? क्या कम गहराई पर डाले गए जीआई पाइप के ऊपर कांक्रीट करने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो कई ग्रामों में जमीन स्तर पर बिछाए गए पाइप पर कांक्रीट क्यों नहीं हुई? (ख) छिंदवाड़ा जिला एवं जिले की समस्त विधानसभाओं के कई ग्रामों में पंचायत की सीमेंट कांक्रीट सड़क काटकर पाइप बिछाए गए हैं, परंतु काटी गई सड़क की रिपेयरिंग कार्य ठेकेदार द्वारा नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई है? (ग) छिंदवाड़ा जिला एवं जिले की समस्त विधानसभाओं में कितने हायर सेकेंडरी स्कूल, हाई स्कूल, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला, आंगनवाड़ी आदिवासी बालक-बालिकाएं आश्रम, छात्रावास में पेयजल व्यवस्था हेतु योजनाएं कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत है? कितनों में पेयजल उपलब्ध हो रहा है और कितनों में नहीं कारण बताएं। कितने स्कूल एवं ग्राम में पर्याप्त स्रोत होने के बावजूद पाइप-लाइन का कार्य किया गया है, इसके लिये कौन जिम्मेदार है? विगत 5 वर्षों में छिंदवाड़ा उपखंड में कितने पुराने पाइप रॉड स्पेयर जमा हुए जानकारी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) छिंदवाड़ा जिले एवं जिले की समस्त विधानसभाओं में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत नलकूप आधारित योजनाओं के अनुसार ही एचडीपीई पाईप लगाये गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। सीमेंट कांक्रीट काटकर बिछाये गये पाईपों की टेस्टिंग कार्य पूर्ण होने के उपरांत सड़क की रिपेयरिंग का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जाता है। कार्यवाही सतत प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिले में स्कूलों एवं ग्रामों की स्वीकृत योजनाओं में पर्याप्त स्त्रोत होने पर ही पाईपलाईन का कार्य किया गया है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। विगत 05 वर्षों में छिंदवाड़ा उपखण्ड में 1731 मी. पुराने पाईप तथा 633 नग पुरानी रॉड जमा हुईं हैं।
जल-जीवन मिशन अंतर्गत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
116. ( क्र. 1696 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति क्या है? योजनावार जानकारी उपलब्ध कराएं? जल जीवन मिशन में पी.एच.ई एवं जल निगम द्वारा कौन-कौन से कार्य किए जा रहे हैं? कार्यों का विवरण कार्यवार, ग्रामवार, विभागवार, विकासखंडवार देवें। (ख) क्या नियत समयावधि पूर्ण होने पर भी वर्तमान में कार्य अपूर्ण है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? वर्तमान तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण/अपूर्ण है? ग्रामवार, कार्यवार विवरण देवें। (ग) क्या नल जल योजनान्तर्गत हर घर तक नल लगाकर दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो निर्माण ठेकेदारों द्वारा विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में सड़कों पर खुले पाइप डालकर छोड़ दिए गए हैं? कब तक नल लगाने का कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा? क्या विभाग द्वारा ठेकेदारों को नोटिस/निर्देश दिए गए हैं? यदि हाँ, तो कब, नहीं तो कब तक दिए जायेंगे? (घ) जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप डालने के पश्चात टेस्टिंग प्रक्रिया पूरी करने के उपरांत तोड़ी गई ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक सड़कों को दुरूस्त कर दिया जाएगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''01'' अनुसार है। मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु इंदौख समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत है, जिसका कार्य प्रगतिरत है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के कार्य नियत समयावधि पूर्ण होने पर भी वर्तमान में अपूर्ण हैं। इंदौख समूह जल प्रदाय योजना को पूर्ण करने की समयावधि माह दिसंबर 2024 है। नियत समयावधि में पूर्ण न होने वाली एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। योजनाओं की टेस्टिंग एवं कमीशनिंग के पूर्व नल लगाने का कार्य पूर्ण किया जाएगा। जी हां, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (घ) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन अंतर्गत तोड़ी गई ग्रामीण सड़कों को दुरूस्त कर दिया गया है तथा समूह जल प्रदाय योजना के क्रियान्वयन में तोड़ी गई सड़कों को दुरूस्त करने का कार्य प्रगरित है, कार्य पूर्ण किए जाने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
सार्वजनिक कार्य हेतु राशि का प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
117. ( क्र. 1697 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले अंतर्गत विगत पांच वर्षों में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सार्वजनिक कार्य किए जाने हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? विधानसभा वार, विकासखंड वार विवरण देवें। बताएं की राशि वितरण का अनुपात किस आधार पर तय किया जाता है? वर्षवार राशि का विवरण विधानसभावार देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर, सड़क निर्माण, मांगलिक भवन एवं अन्य कितने कार्य प्रस्तावित हैं? कितने कार्यों की विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है? ग्रामवार, पंचायतवार, कार्यवार विवरण देवें। उज्जैन जिले अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कुल बजट का संपूर्ण विवरण देवें। (ग) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित छात्रावास, बच्चों की संख्या, पदस्थ स्टॉफ की जानकारी, पदस्थापना दिनांक इत्यादि विवरण देवें। बताएं की संचालित छात्रावासों हेतु क्या-क्या सामग्री किस माध्यम से कब-कब क्रय की गई? सामग्री से संबंधित क्रय आदेशों एवं किए गए भुगतान का संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (घ) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2013 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग को कृषि भूमि पर विद्युत पोल एवं ट्रांसफार्मर प्रदान किए गए हैं? वर्षवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार विवरण देवें। बताएं की आदिम जाति विभाग द्वारा उक्त समयावधि में कितनी सोलर स्ट्रीट लाइट कहां-कहां प्रदान की गई एवं किस एजेंसी द्वारा लगाई गई थी? उनकी गारंटी अवधि क्या थी। ग्रामवार विवरण देवें। क्या यह सही है की सोलर स्ट्रीट लाइट ग्राम आबादी को छोड़कर अन्यत्र स्थान पर किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लगाई गई थी?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'-1'',''अ-2'',''अ-3'' एवं ''अ-4'' अनुसार। योजना नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-5'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब-1'', ''ब-2'' एवं ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' एवं ''इ'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'च'' अनुसार। प्रश्नानुसार सोलर लाईट प्रदाय नहीं की जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनभूमि के पट्टा हस्तान्तरण के प्रकरण
[जनजातीय कार्य]
118. ( क्र. 1699 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वन भूमि के पट्टा प्राप्त अनुसूचित जनजाति वर्ग के पट्टाधारियों की मृत्यु उपरान्त उनके पट्टा हस्तान्तरण के संबंध में शासन के क्या निर्देश है? (ख) ग्वालियर-चबंल संभाग के जिलों में जनवरी 2021 से अगस्त 2024 तक, वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वनभूमि के पट्टा प्राप्त अनुसूचित जनजाति वर्ग के किन-किन पट्टाधारियों की मृत्यु उपरांत उनके पट्टा हस्तान्तरण कर दिये गये है और कितने प्रकरण किसी स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है? कारण बतायें तथा कब तक पट्टा हस्तान्तरण कर दिये जावेगें। (ग) ऐसे पट्टाधारियों द्वारा पट्टे की भूमि पर नलकूप खनन, मनरेगा अन्तर्गत खेत, तालाब तथा कूप निर्माण कराये जाने के पूर्व वन विभाग द्वारा वन विभाग से अनुमति लेने हेतु कहा जाता है? नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (घ) वन अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत सामुदायिक दावा किन-किन कार्यों के लिये किया जा सकता है। ग्वालियर-चम्बल संभाग में सामुदायिक दावा के कितने प्रकरण, किस स्तर पर कब से एवं क्यों लम्बित है? इन प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत जारी किये गये वन अधिकार पत्र धारकों की मृत्यु उपरांत नामांतरण की प्रक्रिया के निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। जिला ग्वालियर में 23 एवं दतिया में 20 नामांतरण के प्रकरण लंबित हैं। नामांतरण की प्रक्रिया न्यायिक है। नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) शासन के निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (ब) से 3 (1) (ड.) के प्रावधानों के तहत सामुदायिक वन अधिकार के दावे किये जा सकते हैं। ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में सामुदायिक दावे निराकरण हेतु लंबित नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि के क्रय-विक्रय एवं अतिक्रमण
[वन]
119. ( क्र. 1702 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया गिर्द स्थित भूमि सर्वे न. 2467 से 2469 को वर्ष 1943-44 की खतौनी के आधार पर अधिकारियों द्वारा जंगल घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त वर्षों की खतौनी में सर्वे नं. 2202 से 2212 तक जंगलात दर्ज है, यदि हाँ, तो कृपया विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2896 दिनांक 12/07/2024 में विभाग द्वारा दी गई जानकारी में ब्लॉक में 2467, 2468, 2469 और 257 का उल्लेख न होकर 2206 से 2216 तक का उल्लेख होते हुये भी पंजीयन कार्यालय में अवैध भू-स्वामियों द्वारा नियम विरुद्ध तरमीम कराकर (रेनू एसोसिएट अशोक गोयल आदि द्वारा) क्रय-विक्रय कर अवैध कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अतिक्रमण धारियों के विरुद्ध क्या कानूनी कार्यवाही की गई है? कृपया विवरण दें। (ग) क्या विभाग द्वारा अवैध क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगाने की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक की जायेगी। वन विभाग अतिक्रमण धारियों से वन भूमि को मुक्त कराने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो? कारण सहित बतायें। उक्त नम्बरों में जो क्रय-विक्रय और अवैध कब्जा हुआ है उसका बाजार मूल्य क्या है? जानकारी दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर भू-अभिलेख जिला दतिया से प्राप्त जानकारी अनुसार दतिया गिर्द स्थित भूमि सर्वे नंबर 2467 से 2469 पर वर्ष 1943-44 में जंगल दर्ज है। सर्वे नंबर 2202 से 2212 तक की खतौनी की प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सर्वे नंबर 2467, 2468, 2469 के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में रिट पिटीशन नंबर 8023/2021 विचाराधीन है। (ख) भूमि के क्रय-विक्रय की जानकारी पंजीयन कार्यालय से संकलित की जा रही है। कलेक्टर भू-अभिलेख जिला दतिया से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में अवैध कालोनी निर्माण नहीं है। वन विभाग के आधिपत्य की वनभूमि में कोई अवैध कालोनी निर्माण नहीं किया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन विभाग के प्रबंधन की वनभूमि में अवैध क्रय-विक्रय का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक आयुक्त कार्यालय सागर में रिक्त पदों की पूर्ति
[जनजातीय कार्य]
120. ( क्र. 1703 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग सागर संभाग में शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत कितने पद स्वीकृत है, इनमें शैक्षणिक संवर्ग के कितने प्राचार्य, व्याख्याता शिक्षक कार्यरत है एवं कितने पद रिक्त है, रिक्त पदों पर पदस्थापना अब तक नहीं हो पाने का क्या कारण है? क्या शासन रिक्त पदों की पूर्ति कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक? (ख) क्या जनजातीय कार्य विभाग में शैक्षणिक वर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को संलग्न करने के नियम है? यदि हाँ, तो वर्तमान में संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य विभाग एवं सहायक आयुक्त कार्यालय सागर में शैक्षणिक संवर्ग के कितने प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक संलग्न है? पृथक-पृथक विवरण देवें। (ग) यदि नियम नहीं है तो संलग्नीकरण किस आधार पर किया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत सागर संभाग सागर में शैक्षणिक संवर्ग के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पदोन्नति पर रोक होने के कारण पदोन्नति के पद नहीं भरे गए हैं। सीधी भर्ती के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया नियमानुसार की जाती हैं। रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। कार्यालय संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास सागर एवं कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग सागर में शैक्षणिक संवर्ग के प्राचार्य/व्याख्याता/शिक्षक संलग्न नहीं है। (ग) जानकारी उत्तरांश “ख” अनुसार है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पौधारोपण
[पर्यावरण]
121. ( क्र.
1704 )
श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मेरे
तारांकित प्रश्न
क्रमांक 1618
दिनांक 05.07.2024 के
उत्तरांश ''ख''
अंतर्गत बताया
गया था कि 40
मल्टीपल
पार्कों एवं
शहर के
विभिन्न
स्थानों पर
प्लांटेशन का
निर्माण कर
भिन्न-भिन्न
जगहों पर
पेड़-पौधे
लगाये गये है, जिसमें
हेज प्लांट-2,41,710, ओरनामेंटल
प्लांट-42,00, पेड़/Shrubs/फ्लावर
प्लांटस्-96,000, पेड़-20,800
लगाये गये है, प्रश्न
दिनांक तक
इनमें से
कहां-कहां एवं
कितने पेड़-पौधे
जीवित अवस्था
में है तथा
इनकी सुरक्षा
हेतु शासन
स्तर पर क्या
व्यवस्था
बनाई गयी है? विवरण
सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश
''ग'' के
उत्तांश में
बताया गया था
कि,
सागर
स्मार्ट सिटी
रोड निर्माण
कार्य में आने
वाले कुल 338
प्लांट को
राजघाट डेम के
समीप रौंपा
गया है तो
वर्तमान में
यह रौपे गये
पेड़ किस स्थिति
में है? विवरण
देवें। (ग) नगरीय
निकाय द्वारा
पेड़ काटे
जाने की
अनुमति
किन-किन
प्रावधानों
के आधार पर
प्रदान की
जाती है? स्थानीय
निकाय सागर
द्वारा विगत 3
वर्षों में
कितने वृक्ष
काटे जाने की
अनुमति
प्रदाय की गई, विवरण
सहित बतायें।
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
( श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क) एवं (ख) मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, सागर
स्मार्ट सिटी
लिमिटेड, सागर
से प्राप्त
जानकारी अनुसार
लगाये गये
पेड़ जीवित
अवस्था में
हैं तथा इनकी
सुरक्षा हेतु
बाउन्ड्रीवॉल
एवं फैन्सिंग
का निर्माण
कार्य किया
गया है, साथ ही
मुख्य स्थलों
पर सुरक्षा
हेतु रेलिंग लगाई
गई है। वृक्ष
वर्तमान में
जीवित अवस्था
में है। (ग) आयुक्त
नगर पालिक
निगम, सागर से
प्राप्त जानकारी
अनुसार नगरीय
निकाय द्वारा
मध्यप्रदेश
वृक्षों का
परिरक्षण (नगरीय
क्षेत्र) अधिनियम
2001 (म.प्र.
अधिनियम क्र. 20 सन 2001) एवं
मध्यप्रदेश
वृक्षों का
परिरक्षण (नगरीय
क्षेत्र) नियम
2002
दिनांक 11.04.2002
तथा वृक्षों
को काट कर
गिराने की
अनुज्ञा प्राप्त
करने के लिए
अधिनियम की
धारा 6 (1) के तहत
आवेदन
प्रस्तुत
होने पर वृक्ष
अधिकारी
द्वारा
अनुमति जारी
की जाती है। नगर
निगम सागर
द्वारा विगत 03
वर्षों में- (1) पत्र
क्र. 723, दिनांक 28.09.2021
के द्वारा
स्मार्ट सिटी
योजनान्तर्गत
लोहिया पार्क
के समीप 22 नग
बबूल प्रजाति
के वृक्षों की
कटाई छटाई की
अनुमति दी गयी
है। (2) पत्र क्र. 464, दिनांक
20.07.2022
के द्वारा
स्मार्ट रोड
योजनान्तर्गत
प्रस्तावित
फेस-2 में
विभिन्न
सड़कों में
विभिन्न
प्रजाति के लगे
214
वृक्षों की
कटाई/शिफ्टिंग
की अनुमति दी
गई है।
बढ़ते हुए प्रदूषण स्तर पर नियंत्रण
[पर्यावरण]
122. ( क्र. 1705 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह नवम्बर में भोपाल, जबलपुर के साथ प्रदेश के सभी बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खतरनाक स्तर तक पहुँचने के पीछे मुख्य कारण क्या है जिलेवार कारण देवें और इसे नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं? (ख) क्या वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने दीर्घकालिक योजनाएं बनाई है जैसे कि हरित क्षेत्रों का विस्तार, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा, कचरे में आग लगाना प्रतिबंधित करना और औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण? (ग) प्रदूषण के बढ़ने से बीमारियों में हो रही वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की क्या योजना है? (घ) इस संकट से निपटने के लिए जनता को जागरूक करने के लिए सरकार ने कौन-कौन से अभियान चलाए हैं?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
वनों का संरक्षण एवं वन्य जीवों का उत्थान
[वन]
123. ( क्र. 1706 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र में स्थित वन पहाड़ी को राष्ट्रीय पक्षी के संरक्षण हेतु आरक्षित किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त वन पहाड़ी पर वर्तमान में कितने मोर उपलब्ध हैं तथा गत तीन कलेण्डर वर्षों में कितने मोरों की मृत्यु हुई और किन कारणों से और दोषी लोगों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई। (ख) क्या विभाग इस क्षेत्र को सुरक्षित घोषित करने और नियमित निगरानी हेतु विशेष टीम गठित करने की योजना बना रही है? (ग) उक्त वन पहाड़ी को अतिक्रमण से मुक्त कराने तथा आसपास के क्षेत्रों में प्रतिदिन प्लास्टिक कचरा जलाने से जो वन पहाड़ी पर वन्यजीवन (मोर आदि) और क्षेत्रिय रहवासियों के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है, इस दिशा में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) इसी प्रकार जिला जबलपुर में भी प्रतिदिन अनेक स्थानों पर कचरा जलाकर क्षेत्रिय रहवासियों खासकार बच्चे एवं बुजुर्ग के स्वास्थ्य पर पड़ रहे घातक प्रभाव की रोकथाम हेतु क्या कार्यवाही की गई एवं भविष्य हेतु क्या योजना बनाई है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र में स्थित वन पहाड़ी को राष्ट्रीय पक्षी के संरक्षण हेतु आरक्षित नहीं किया गया है। वर्तमान में शाहपुरा पहाड़ी में लगभग 125 मोर उपलब्ध है। गत तीन कलेण्डर वर्षों में मोरों की मृत्यु के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) जी नहीं। कार्यरत अमले द्वारा ही निगरानी की जाती है। (ग) वन पहाड़ी को अतिक्रमण से मुक्त रखने हेतु वनमंडल पर्यावरण वानिकी वनमंडल भोपाल द्वारा तार जाली से फेंसिंग की गई है एवं किसी प्रकार का अतिक्रमण ना हो इसलिए अमले द्वारा नियमित गश्ती कराकर मोरों की सुरक्षा कार्य कराया जा रहा है। (घ) जबलपुर वनमंडल अंतर्गत आने वाले वन क्षेत्रों में कचरा जलाने की कार्यवाही नहीं की गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन कटनी की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
124. ( क्र. 1713 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023-24 में कटनी-जिले के ढीमरखेड़ा तहसील अंतर्गत शिवन्या वेयरहाउस झिन्ना-पिपरिया में बनाए गए मूंग उपार्जन केंद्र के बिल्कुल नाले के किनारे स्थित होने के कारण उसमें बारिश का काफी मात्रा में पानी अंदर भर जाने के कारण स्कंध का नुकसान हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ, तो उल्लेखित वेयरहाउस में उपार्जन-केंद्र खोले जाने का चयन किसके द्वारा किया गया बतलावें एवं यह भी बतलावें कि किसी भी वेयरहाउस में उपार्जन-केंद्र खोले जाने के क्या नियम दिशा-निर्देश हैं? गलत स्थल पर मूंग-उपार्जन-केंद्र खोले जाने का दोषी कौन है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई तो किस प्रकार से कब की जावेगी जानकारी दें। (ग) क्या कटनी-जिले में अधिकांश राइस मिल नगर-निगम क्षेत्र में है तथा इसके आसपास 25 से 30 किलोमीटर में गोदाम होने के बावजूद स्टेट-वेयर हाउसिंग-कॉरपोरेशन कटनी (SWC) द्वारा सन 2023-24 में शहर से 45 किलोमीटर दूर कटनी से सावित्री सिंह-वेयरहाउस में चावल का भंडारण कराया गया जबकि रास्ते में कई गोदाम तत्समय खाली थे। (घ) प्रश्नांश (ग) में यदि हाँ, तो क्या शासन उल्लेखित प्रकरणों की जांच एमपी वेयर हाउसिंग कारपोरेशन (SWC) के अलावा अन्य एजेंसी से कराते हुए दोषियों पर कार्यवाही करेंगे। यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब-तक यदि नहीं तो क्यो नहीं बतलावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गोदाम में अनाज का रख-रखाव व किराये का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
125. ( क्र. 1716 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भण्डारित गेहूँ का वजन एक दिन के अंतराल से बढ़ने या घटने का जिम्मेदार गोदाम मालिक है? यदि नहीं तो गोदामों में गेहूँ के रखाव पर 1 जुलाई से 1.5℅ गेन क्यों लिया जाता है, जबकि 30 जून तक कोई गेन नहीं देना पड़ता? (ख) स्टील साइलो को गेन देने से छूट प्राप्त है, क्यों? जबकि दोनों, गोदाम व साइलो, भुगतान के समय मानक गेहूँ देने के लिये बाध्य हैं, दोनों के रखाव व भुगतान मानकों में अंतर क्यों है? (ग) मप्र वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन से सम्बद्ध सतना जिले के किन जॉइन्ट वेन्चर गोदामों का किराया कब से और क्यों बकाया है एवं इसे आगामी किस तारीख तक गोदाम मालिकों को चुका दिया जायेगा? बैंक ऋण पर बने इन गोदामों को विलम्ब से हुये किराया भुगतान पर शासन कितना ब्याज देगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या बैग साइलो, स्टील साइलो, गोदाम व ओपन कैप के जॉइंट वेंचर एग्रीमेन्ट के नियमों में व अनाज भंडारण की किराया दर में अंतर है? यदि हाँ, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं के भण्डारण हेतु जारी एसओपी के अनुसार नमी के आधार पर कमी/आधिक्य का निर्धारण किया जाता है। भंडारण में एसओपी का पालन न करने पर गोदाम संचालकों को भंडारित गेहूं पर 1.5 प्रतिशत आधिक्य देना होता है। (ख) स्टील सायलो में गेहूं एयर टाईट अवस्था में भण्डारित रहता है, इस कारण स्टील सायलो में भण्डारित गेहूं गेन देने का प्रावधान नहीं है, इस संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। गोदाम में भंडारित गेहूं में लगातार वायु संचरण होने एवं वातावरण में तापमान एवं नमी की स्थिति निर्मित होने से शासन द्वारा निर्धारित नीति अनुसार कमी/आधिक्य मान्य किया जाता है, इस कारण गोदाम एवं स्टील सायलो में भण्डारित गेहूं के रखरखाव एवं परिदान मानकों में अंतर है। (ग) सतना जिले में मध्यप्रदेश वेयरहाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के भंडारण हेतु संयुक्त भागीदारी योजनांतर्गत अनुबंधित गोदामों के शेष किराया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। खाद्यान्न जमाकर्ता एजेंसी से भंडारण शुल्क की राशि गोदाम संचालक को भुगतान किया जाता है। गोदाम संचालकों को किराया भुगतान करना एक सतत् कार्यवाही है, जिसके भुगतान में विलम्ब होने पर ब्याज देने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा जारी आर्थिक लागत पत्रक अनुसार समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के भंडारण अनुसार किराया निर्धारित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन मण्डल में प्लांटेशन एवं अन्य कार्यों में व्यय
[वन]
126. ( क्र. 1717 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना वन मंडल में विगत 10 वर्षों में वृक्षारोपण की किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष बची है? योजनावार वर्षवार जानकारी दें (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 10 वर्षों में चित्रकूट, बरौधा एवं मझगवां परिक्षेत्र में किस-किस वर्ष में प्लांटेशन मद में रोपण तैयारी, क्षेत्र-सफाई, गड्ढे-खोदाई और कौन-कौन सी नर्सरी में पौधे उत्पादन पर कितना व्यय, प्लांटेशन कार्य, सिंचाई एवं पौधों के रखरखाव में वर्षवार, योजनावार, कार्यवार कितना-कितना व्यय हुआ? पूर्ण जानकारी वर्षवार योजनावार दें। (ग) चित्रकूट में संस्कृति वन, पर्यावरण रोपण, पौधा रोपण और विकास मद में कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी आवंटित हुई? कितनी राशि मदवार व्यय हुई? कितनी शेष है? पूर्ण जानकारी मदवार देवें। (घ) कामदगिरि परिक्रमा पथ, कामदगिरि पर्वत में प्रश्नांश अवधि में कौन-कौन सी प्रजाति का रोपण किया गया जिसमें कितनी राशि वर्षवार व्यय हुई? कितने पौधे वर्तमान में जीवित हैं? पूर्ण जानकारी दें। (ड.) चित्रकूट नगरीय क्षेत्र अंतर्गत विगत 10 वर्षों में वन भूमि में कामदगिरि, हनुमानधारा, गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया सहित सभी क्षेत्रों में झाड़ी नुमा लेंटाना की खुदाई की गई है, यदि हाँ, तो कहां–कहां झाडियों की खुदाई कब-कब कराई गई है? उनमें कितनी-कितनी राशि कब-कब व्यय हुई? पूर्ण जानकारी देवें इन क्षेत्रों में प्रजातिवार वर्षवार वृक्षारोपण की जानकारी दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''5'' अनुसार है।
टंकी निर्माण एवं नल लाईन डलवाई जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
127. ( क्र. 1721 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले की भाण्डेर विधानसभा में जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत कहां-कहां टंकी का निर्माण एवं नल की लाईन डाली गई है? (ख) इनमें कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण हो गया है, उनकी सूची संलग्न करें तथा कितने ग्रामों में कार्य अधूरा है ग्रामवार सूची दें। (ग) पाइप-लाइन डालने के कारण खोदी गई सी.सी.रोड को पुन: रिपेरिंग की जाना है यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? समयावधि बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। निश्िचत समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
नल जल योजना के तहत घरों में पानी उपलब्ध कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
128. ( क्र. 1724 ) श्री केशव देसाई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में जल जीवन मिशन एवं अन्य मदों से कुल कितनी नल-जल योजनायें विगत 5 वर्षों में स्वीकृत हुई? उनमें से कितनी पूर्ण होकर पेयजल 100 प्रतिशत नलों के द्वारा संचालित है? भिण्ड जिले की सभी विधानसभा में पूर्ण होकर संचालित योजनाओं की सूची एवं 05-05 पूर्ण नल-जल योजनाओं के भिण्ड जिले की प्रत्येक विधानसभा से मय स्वीकृत एस्टीमेट तथा इनके भुगतान की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या जल जीवन मिशन का कार्य म.प्र. सरकार द्वारा पूर्ण कराने का लक्ष्य 2023 तक का निर्धारित किया गया था, जो अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है। इसके क्या कारण रहे और यह मिशन कब तक पूर्ण होने की संभावना है? (ग) जिले में ऐसे कितने ग्राम एवं मजरा है जिनमें नलों के द्वारा पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इनमें कब तक पेयजल नलों के द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा? (घ) भिण्ड जिले की विधानसभा गोहद में जल जीवन मिशन योजना के तहत पाईप लाईन बिछाने हेतु खोदी गई सड़कों में से कितनी रोड़ों का रोड रेस्टॉरेशन पूर्ण हुआ है, कितनी शेष है, शेष का कब तक पूर्ण किया जावेगा? क्या रोड रेस्टॉरेशन निर्धारित प्राक्कलन अनुसार हुआ है? कितनी रोड़ों का रोड़ रेस्टॉरेशन प्राक्कलन अनुसार नहीं हुआ है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 879 नल जल प्रदाय योजनाएं। 162 नल जल योजनाएं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) 707 ग्राम/मजरे। यद्यपि इन ग्रामों/मजरों में नल जल योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र गोहद में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 147 कि.मी. लंबाई रोड रिस्टोरेशन के कार्य पूर्ण हैं तथा 10.80 कि.मी लंबाई में कार्य शेष हैं। शेष कार्य प्रगतिरत हैं। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
129. ( क्र. 1727 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर एवं जिला शिवपुरी के अंतर्गत कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत दिनांक 01 जनवरी 2000 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कौन-कौन सी विभागीय नल-जल योजनाएं, मुख्यमंत्री पेय जल योजनाएं, समूह नल-जल योजना, जल जीवन मिशन योजना, जन सहयोग पेय जल योजना स्वीकृत की गई है? उक्त समस्त योजनाओं के क्रियान्वयन पर जो भी बजट एवं राशि विभाग द्वारा व्यय की गई है अथवा संबंधित ठेकेदार फर्म को राशि भुगतान की गई है, उसकी सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें तथा प्रत्येक योजना की वर्तमान स्थिति तथा उसके जल स्त्रोत की स्थिति एवं लाभान्वित हितग्राहियों की कुल संख्या की जानकारी पृथक-पृथक जिलेवार, योजनावार उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा जिला रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर एवं जिला शिवपुरी में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं घोटाले के संबंध में विभागीय सचिव/प्रमुख सचिव को दिनांक 01 जनवरी 2024 से दिनांक 22 नवम्बर 2024 तक की अवधि में पृथक-पृथक लिखित शिकायतें उनकी विभागीय ई. मेल आई.डी. पर की गई है? यदि हाँ, तो उक्त प्रत्येक शिकायत का अंतिम निराकरण सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाकर प्रश्नकर्ता विधायक को प्रत्येक लिखित पत्र पर की गई कार्यवाही से अवगत कराया जायेगा? निश्चित समय अवधि बताएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के द्वारा जिला रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर एवं जिला शिवपुरी में हुये भ्रष्टाचार की जांच हेतु भी विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव को लोकहित में विभिन्न पत्र दिनांक 22.11.2024 को अपनी ई. मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई.मेल आई.डी. psphed@mp.gov.in की ई-मेल आई.डी. पर लिखे गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक कोई अंतिम कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन दोषी है? बतायें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिला रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर एवं जिला शिवपुरी में विभागीय नल जल योजनाएं, मुख्यमंत्री पेय जल योजनाएं, समूह नल जल योजना, जल जीवन मिशन योजना, जन सहयोग पेय जल योजना में हुये भ्रष्टाचार एवं घोटाले की जांच मुख्यालय भोपाल के विभागीय सचिव के माध्यम से कराये जाने के आदेश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जानकारी प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत कार्यों का निरीक्षण
[वन]
130. ( क्र. 1730 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में सांची विधानसभा रेंज में वन विभाग की किस-किस योजना से कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत से क्या कार्य कराये गये हैं? वर्षवार परिक्षेत्र/बीटवार स्वीकृत कार्यों की जानकारी पूर्ण अथवा अपूर्ण की जानकारी व लागत का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत कार्यों का भौतिक निरीक्षण कब-कब, किन-किन वरिष्ठ अधिकारियों ने किया? विवरण देवें। (ग) क्या अधिकांश निर्माण कार्य एवं वृक्षारोपण कार्य वास्तविक रूप से धरातल से नहीं कराये गये है। क्या वरिष्ठ व तकनीकी अधिकारियों का दल गठित कर उल्लेखित कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जावेगा? यदि हाँ, तो, कब तक? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निर्माण कार्य एवं वृक्षारोपण कार्य वास्तविक रूप से धरातल पर कार्य कराये गये है। कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन उप वनमंडलाधिकारी एवं परिक्षेत्राधिकारी द्वारा किया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नलकूप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
131. ( क्र. 1731 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में नलकूप खनन कार्य स्वीकृत हुये है? विधान सभावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो सांची विधान सभा के विकासखण्ड सांची एवं गैरतगंज में किन-किन ग्राम पंचायतों में नलकूप खनन किए गए है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त नलकूप खनन कार्य में से कितने सफल रहे व कितने असफल रहे? उक्त नलकूप खनन कार्य कितनी-कितनी गहराई में खोदे गए? सूची प्रदान करें। (घ) क्या सांची विधान सभा में नलकूप खनन उपरांत विभाग द्वारा सिंगल फेस मोटर पंप स्वीकृत किये गए है? यदि हाँ, तो उक्त मोटर पंप किन-किन ग्रामों में प्रदान किए गये है? सूची उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। (घ) जी हां, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है।
गोपीकृष्ण सागर ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 1738 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल जीवन मिशन योजना अतंर्गत गोपीकृष्ण सागर ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना जिला गुना में कुल 354 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है एवं 354 में से 91 ग्राम लो. स्वा. यां. विभाग को स्थानांतरण कर शेष 263 ग्रामों में घर-घर जल संधारण का कार्य संबंधित परियोजनाओं के माध्यम से किया जाना है। (ख) क्या शेष 263 ग्रामों में से बमोरी विधानसभा के 133 ग्राम (कुल जनसंख्या 263000) व 47 उच्चस्तरीय टंकियों को मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा विलोपित करने का प्रस्ताव पारित किया गया है इन ग्रामों में कोई भी कार्य न करने हेतु निर्देशित किया गया है यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या इस परियोजना के माध्यम से केवल 130 ग्रामों को ही स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है? क्या 133 ग्राम के आदिवासी समूहों को स्वच्छ पेयजल की आवश्यकता नहीं है? क्या भारत सरकार द्वारा (PM-JANMAN), (PM-JUGA) के माध्यम से इन ग्रामों में निवासरत आदिवासी समुदायों को पेयजल उपलब्ध कराने की योजना नहीं है? यदि हाँ, तो इन्हें स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने से वंचित क्यों किया जा रहा है? इन ग्रामों को पुन: सम्मिलित करने की क्या कार्य योजना है जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। योजनांतर्गत वन विभाग से अनुमति प्राप्त न होने के कारण मध्यप्रदेश जल निगम भोपाल द्वारा उक्त 133 ग्रामों में बिछाई जाने वाली पाइप लाइन एवं उच्च स्तरीय टंकियों को वर्तमान योजना से अस्थाई रूप से विलोपित किया गया है। (ग) उक्त 133 ग्राम PM-JANMAN/PM-JUGA के अंतर्गत सम्मिलित हैं। वन विभाग द्वारा उक्त 133 ग्रामों में पूर्ण रूप से अनुमति प्राप्त होने के पश्चात ही जल प्रदाय की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
वेयर हाउस की क्षमता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
133. ( क्र. 1744 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना अंतर्गत कितने शासकीय, अर्द्धशासकीय, फॉर्म एजेंसी, संस्थान, निजी अथवा अन्य किसी और आशय के कितने वेयर हॉउस कितनी-कितनी क्षमता के किन-किन स्थानों पर किस वर्ष से स्वीकृत होकर शासन अथवा विभाग की जानकारी में होकर संचालित किये जा रहे हैं? (ख) उपरोक्त अनुसार विभिन्न प्रकार के वेयर हॉउस विशेषत: जिन-जिन वेयर हॉउस में खाद्यान्न सामग्रियों का संग्रहण किया जाता है। खाद्यान्न सामग्री संग्रहण खराब होकर खाद्यान्न मानवीय रूप से हानिकारक न हो इसके नियंत्रण हेतु किस-किस प्रकार के मापदंड अनुसार संग्रहण किया जाता है। प्रक्रिया से अवगत करायें। (ग) खाद्यान्न सामग्रियों को कितने समय तक संग्रहित रखा जा सकता है ताकि खाद्यान्न सामग्री खराब ना हो इस हेतु केंद्र अथवा राज्य के मानक अनुसार क्या-क्या सावधानियां रखे जाने का प्रावधान है? (घ) जिला मुरैना अंतर्गत वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त अनुसार उल्लेखित वेयर हॉउसों की कब-कब जांच की गई एवं किस दिनांक को एवं किस अधिकारी द्वारा की गई? जांच के दौरान किस-किस वेयर हाउस में क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई? एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? शासन द्वारा विभिन्न संग्रहण हेतु किस-किस को कितना-कितना भुगतान किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश की बेची गई सम्पत्ति की जानकारी
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
134. ( क्र. 1745 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार की कितनी सम्पत्ति प्रदेश के बाहर स्थित अन्य राज्यों के शहरों में स्थित है की जानकारी टेबल फॉर्म में सम्पत्ति का नाम, सम्पत्ति का क्षेत्रफल, वर्तमान मूल्य, सम्पत्ति पर अवैध कब्जा है या नहीं आदि में उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सम्पत्ति में से शासन किन-किन सम्पत्तियों को बेचने की योजना बना रहा है सम्पत्तिवार जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) विगत 5 वित्तीय वर्षों में प्रदेश के अंदर व बाहर स्थित कितनी सम्पत्ति बेची गई है और उनसे कितना राजस्व प्राप्त हुआ की जानकारी सम्पत्तिवार उपलब्ध कराएं? (घ) इस वित्तीय वर्ष में कितनी सम्पत्ति बेचने की योजना पर सरकार कार्य कर रही है. सम्पत्तिवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ड.) किसी भी सम्पत्ति को बेचने की शासन की क्या नीति और प्रक्रिया है, जानकारी उपलब्ध है?
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश सरकार की अन्य राज्यों में स्थित परिसम्पत्तियों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। वर्तमान में विभाग के पोर्टल पर राज्य के बाहर स्थित परिसम्पत्ति इंद्राज नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कुल 101 परिसम्पत्तियों के निर्वर्तन से राशि रु 1110.88 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (घ) वर्तमान में किसी भी सम्पत्ति को बेचने की स्वीकृति नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
वन भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
135. ( क्र. 1748 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर अर्न्तगत देवरी वि.स.क्षे. की तहसील केसली में विभाग की मिलीभगत/अनियमितता के कारण एक हजार हेक्टेयर वनभूमि में अतिक्रमण हुआ है। इस वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है। यदि नहीं तो क्यों, हाँ तो विवरण देंवे। (ख) क्या ग्राम झिरियाखेड़ा की वनभूमि में हजारों हेक्टेयर वनभूमि में सुनियोजित तरीके से क्रमशः अतिक्रमण का रकबा बढ़ रहा हैं। हाँ तो नामवार जानकारी देंवे किस-किस वन अधिकारी के समय में अतिक्रमण हुआ है। (ग) क्या इस संबंध में प्रश्नांश (ख) के ग्रामवासियों एवं क्षेत्रीय निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी पत्राचार किया है यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या अतिक्रमण हटाने हेतु कोई कार्यवाही हुई है, यदि नहीं तो, दोषी कौन है। (घ) क्या रिजर्व क्षेत्र नौरादेही (जो क्षेत्र वि.स. देवरी अंतर्गत है) में विभिन्न विकास कार्य निर्माण कार्य होते है उनकी जानकारी भी स्थानीय निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को नहीं दी जाती है जिससे अनुपयोगी निर्माण होने से शासन के धन का दुरूपयोग हो जाता है। यदि हाँ, तो कब-कब क्षेत्रीय निर्वाचित जनप्रतिनिधि को जानकारी दी गई। क्या इस संबंध में जिले में पदस्थ अधिकारियों को पत्राचार भी हुआ है, हाँ तो विवरण देवें। क्या संबंधितों निर्देश जारी किये गये है।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जिला सागर अंतर्गत देवरी विधान सभा क्षेत्र की तहसील केसली के वन परिक्षेत्र केसली में विभाग की मिलीभगत/अनियमितता के कारण एक हजार हेक्टेयर वन भूमि में अतिक्रमण नहीं हुआ है अपितु वन परिक्षेत्र केसली में दिनांक 14.02.1988 में दर्ज प्रथम वन अपराध प्रकरण के पश्चात् वनभूमि पर अतिक्रमण के कुल 269 प्रकरणों में कुल रकबा 254.370 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण किया गया था, विभाग द्वारा कुल 269 प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही करते हुये 296 अपराधियों के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। उपरोक्त पंजीबद्ध कुल 269 प्रकरणों में से 190 प्रकरणों में वनाधिकार पत्र प्रदाय किये गये है, 64 प्रकरणों में बेदखली की कार्यवाही की गई है तथा 15 प्रकरण माननीय न्यायालय प्रथम श्रेणी केसली के समक्ष चालान में है। (ख) जी नहीं, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में ग्राम झिरियाखेड़ा (वनग्राम) अंतर्गत ग्रामीणों/ जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पत्राचार नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। जनप्रतिनिधियों के द्वारा निर्माण कार्यों के संबंध में जानकारी मांगे जाने पर उन्हें उपलब्ध कराई जाती है। वनमंडल नौरादेही (वन्यप्राणी) के अंतर्गत उपयोगी निर्माण कार्य कराये गये हैं। माननीय सांसद लोकसभा क्षेत्र सागर के द्वारा निर्माण कार्यों के संबंध में जानकारी चाहे जाने पर वनमंडलाधिकारी, नौरादेही (वन्यप्राणी) वनमंडल के पत्र क्रमांक 4084 दिनांक 04.10.2024 के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई गई है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन क्षेत्र में सुधार कार्य
[वन]
136. ( क्र. 1756 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वन क्षेत्र में विगत पांच वर्षों में तुलनात्मक रूप से वर्षवार कितनी-कितनी कमी आई है? अथवा वर्षवार कितना वन क्षेत्र वर्षवार घटा है? जानकारी दें। किस क्षेत्र विशेष में वन क्षेत्र/सघन वन ज्यादा घटा है? (ख) क्या भारत सरकार और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं में प्राप्त राशि से विगत पांच वर्षों में रायसेन जिले में बिगड़े वनों का सुधार, वनीकरण और वन सुधार की अन्य योजनाओं पर कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो वर्षवार, कार्यवार प्राप्त और व्यय राशि की जानकारी दें। (ग) सिलवानी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी सक्रिय वन समितियां है? इनके माध्यम से क्या-क्या कार्य संपादित किये जा रहे है? वन समितियों के सुदृढ़ीकरण और इन्हें वन संरक्षण हेतु और अधिक सक्रिय व उत्तरदायी बनाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''02'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''03'' अनुसार है।
नल-जल योजनाओं के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
137. ( क्र. 1763 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले की दिनांक 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्रामों की नल-जल योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की कब-कब की जा चुकी है? उपरोक्त योजनाओं के ठेकेदार कौन-कौन हैं? और किस दर पर कार्य करा रहे हैं एवं कितनी-कितनी राशि व्यय करके कौन-कौन से ग्रामों की जनता को नल-जल योजनाओं से पेयजल हेतु पानी मिलने लगा है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि किस उपयंत्री, सहायक यंत्री द्वारा कितनी-कितनी राशि का बिल माप पुस्तिका पर अंकित करके कितना-कितना भुगतान, किस ग्राम की नल-जल योजना का प्रश्न दिनांक तक, किस-किस ठेकेदार को कर दिया गया है? ग्रामवार एवं विकास खंडवार सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर सम्पूर्ण नल-जल योजना के कार्यों की वर्तमान की अद्यतन जानकारी से अवगत कराएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि सम्पूर्ण ग्रामों की नल-जल योजनाओं में प्रत्येक ग्राम की नल-जल योजना का कार्य कब तक पूर्ण करवाकर कब-तक जनता को पानी मिलने लगेगा? स्पष्ट एवं सम्पूर्ण जानकारी प्रत्येक योजना की प्रदाय करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। इसके अतिरिक्त 201 ग्रामों की बानसुजारा समूह जल प्रदाय योजना लागत रू 376.14 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2022 में प्रदान की गई, इस समूह योजना का कार्य मैसर्स इन्वायरों इन्फ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली द्वारा अनुबंधित राशि रू 255.55 करोड़ एकमुश्त पर किया जा रहा है, योजनांतर्गत व्यय राशि रू 149.52 करोड़ है। उक्त समूह जल प्रदाय योजना से जल प्रदाय प्रारंभ नहीं हुआ है। बानसुजारा समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत ग्रामवार भुगतान नहीं किया जाता है। समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत कुल राशि रू 149.52 करोड़ का भुगतान किया गया है। (ग) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। बानसुजारा समूह जल प्रदाय योजना की भौतिक प्रगति 49.71 प्रतिशत है। (घ) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
फर्जी
जाति
प्रमाण-पत्र
पर शासकीय
नौकरी पाने पर
हुई जांच
[जनजातीय कार्य]
1. ( क्र. 12 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कर्मचारियों के द्वारा कूटरचित दस्तावेजों से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आने वाली जातियों के प्रमाण पत्र बनवाकर शासकीय नौकरी में आने के पश्चात् या उक्त जातियों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ लेने की विभाग द्वारा जाति प्रमाण पत्रों की जांच की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाति प्रमाण पत्रों की जांच विभाग में किस कमेटी/जांच दल के द्वारा किस प्रकार की जाती है? बिन्दुवार विस्तृत विवरण दें। दिनांक 01.04.2020 से प्रश्नतिथि तक किस-किस विभाग के किस नाम/पदनाम के विरूद्ध उसकी किस जाति प्रमाण-पत्र एवं जाति के लिए जांच कब से लंबित है? प्रकरणवार अलग-अलग विवरण उपलब्ध करायें। (ग) 01.04.2020 से प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम के कहां के व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्रों की जांच पूर्ण की गई? जांच रिपोर्ट एवं निष्कर्षों की एक-एक प्रति प्रकरणवार उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित जांचे जो एक वर्ष से ज्यादा समय से लंबित है उन्हें किस तयशुदा समय-सीमा में पूरा किया जायेगा? विवरण दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शिकायत प्राप्त होने पर किसी भी शासकीय कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र की जांच राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा की जाती है। जाति प्रमाण पत्र की जांच की जाकर निर्णय उपरांत ही निश्चित कहा जा सकता है कि शासकीय सेवक द्वारा बनाये गये जाति प्रमाण पत्र कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से बनाये गये अथवा नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुरूप शिकायत प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 8.9.1997 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। शिकायत की जांच राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा की जाती है। शासकीय कर्मचारियों के लंबित प्रकरणों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) छानबीन समिति की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा से अवगत कराया जाना संभव नहीं है।
शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
2. ( क्र. 42 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग जिला हरदा अंतर्गत शासन की कितनी योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) संचालित योजनाओं में किस-किस श्रेणी के हितग्राही पात्र/ अपात्र की श्रेणी में आते हैं? (ग) हरदा जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से आज दिनांक तक कुल कितना बजट व कौन-कौन सी मद में स्वीकृत किया गया? (घ) जारी किए गए बजट से कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? (ड.) कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण व वर्तमान स्थिति क्या है?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''द'' अनुसार है।
शासकीय उचित मूल्य दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 49 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला अंतर्गत कुल कितनी शासकीय उचित मूल्य राशन की दुकानें हैं व हरदा जिले में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना बजट व कौन-कौन सी मद में स्वीकृत किया गया है? (ख) जारी किए गए बजट से कौन-कौन से कार्य किए गए हैं व उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) हरदा जिला अंतर्गत आने वाली शासकीय उचित मूल्य राशन दुकानों की अधिकारियों द्वारा समय-समय पर जांच की जाती है क्या? यदि हाँ, तो जांच में क्या-क्या गड़बडि़यां पाई गई थी एवं विभाग द्वारा दोषी व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हरदा जिला अंतर्गत कुल 271 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं। हरदा जिले में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों में वित्तीय वर्षवार तैयार, स्वीकृत किये गये बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 अनुसार है। (ख) जारी किये गये बजट से मुख्यालय स्तर पर कार्यालयीन उपयोग हेतु स्टेशनरी सामग्री, कम्प्यूटर उपकरण सुधार कार्य, कार्यालयीन दस्तावेजों की फोटोकॉपी, कार्यालय की साफ-सफाई हेतु सामग्री, कार्यालय में अनुबंधित वाहन का मासिक वाहन किराया, पी.ओ.एल. का भुगतान, आउटसोर्स के माध्यम से पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटरों का मासिक वेतन आहरण, कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों की उपस्थिति हेतु बायोमेट्रिक मशीन क्रय की गई है जिसका देयक वर्तमान में भुगतान हेतु लंबित है। वर्तमान में शासकीय मदों में शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 2 अनुसार है। जिनमें से लंबित देयकों का भुगतान करना शेष है। (ग) हरदा जिला अंतर्गत आने वाली शासकीय उचित मूल्य राशन दुकानों की जांच समय-समय पर की जाती है। जांच में पाई गई गड़बडियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 3 अनुसार है।
चीता प्रोजेक्ट के अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
[वन]
4. ( क्र. 77 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी सागर अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट हेतु फेंसिंग व अन्य कार्यों के लिए शासन ने कब एवं कितनी-कितनी राशि के टेंडर जारी किए? (ख) क्या एक ही टेंडर पर एक ही फर्म को बार-बार सप्लीमेंट्री के रूप में लाखों रुपयों का कार्य अवैध तरीके से दिया गया है? यदि हाँ, तो किस आदेश से? क्या एक ही टेंडर को बार-बार राशि बढ़ाने का कोई प्रावधान है? यदि नहीं तो अनियमितता और लाखों रुपए की अवैध आदेश पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त फेंसिंग व अन्य कार्यों की प्रगति की पूर्ण जानकारी प्रदान करें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वनमण्डल मंदसौर अंतर्गत गांधीसागर अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट हेतु फेंसिंग व अन्य कार्यों के लिए शासन स्तर से किसी भी कार्य के टेंडर नहीं हुए हैं। MP E-Tender के माध्यम से वनमण्डल मंदसौर के द्वारा फेंसिंग कार्य, फेंसिंग सामग्री एवं सिविल वर्क तथा पर्यवेक्षण एवं फेंसिंग रख-रखाव कार्य हेतु निविदा सूचना दिनांक 21.03.2023 को जारी की गई है, जिसका मूल्य राशि रूपये 18.63 करोड़ है। उक्त के अतिरिक्त अन्य कार्य विभागीय रुप से किये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के निविदा कार्य निविदा शर्तों के अनुरूप किये गये है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) चीता प्रोजेक्ट अंतर्गत निविदा सम्बन्धित फेंसिंग का कार्य पूर्ण हो गया है। विभागीय अन्य कार्यों में शाकाहारी वन्य जीव की वृद्धि हेतु अन्य संरक्षित क्षेत्र में चीतलों का स्थानांतरण किया गया, चीता बाड़ा क्षेत्र में तेंदुओं को पकड़कर अन्य संरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित करने का कार्य प्रारम्भ है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
दिव्यांगजनों को सुविधा उपलब्ध कराई जाना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
5. ( क्र. 87 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ऐसे कितने दिव्यांगजन (शारीरिक रूप से) है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) इन्हें शासन द्वारा तिपहिया वाहन दिये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक तिपहिया वाहन प्रदान किये जायेंगे? यदि नहीं तो कारण बतावें?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) बैतूल जिले में स्पर्श पोर्टल के अनुसार कुल 9749 दिव्यांगजन (शारीरिक रूप से) है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ विभाग द्वारा मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत दिव्यांग छात्र/छात्राओं को मोट्राइज्ड ट्रायसिकल देने का प्रावधान है। जिले में मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत छात्र/छात्राओं के मोट्राइज्ड ट्रायसिकल के आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय वयो श्री योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
6. ( क्र. 99 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय वयो श्री योजना में दिसंबर 2023 से 31 अक्टूबर 2024 तक प्रदेश के कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। डायरेक्टर सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण भोपाल द्वारा राष्ट्रीय वयो श्री योजना में संसाधन वितरण के लिए क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण भारत सरकार नई दिल्ली को डिमांड लेटर प्रेषित किया है। (ख) यदि हाँ, तो डिमांड लेटर अथवा संसाधन वितरण से संबंधित किसी भी प्रकार का पत्र लिखा हो उपलब्ध कराने की कृपा करें? यदि पत्र नहीं लिखा गया है तो कब तक डिमांड पत्र केंद्र सरकार तक पहुंचेगा?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) राष्ट्रीय वयो श्री योजना में दिसंबर 2023 से 31 अक्टूबर 2024 तक 4392 वरिष्ठजन हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
एथेनॉल प्लांट की जांच
[पर्यावरण]
7. ( क्र. 168 ) श्री कालु सिंह ठाकुर [श्री सचिन बिरला] : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई.आई.ए. नोटिफिकेशन क्रमांक एस.ओ.1533 दिनांक 14.09.2006 की अधिसूचना की प्रति देवें एवं इसके प्रावधान के अनुसार लोक सुनवाई के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? विस्तृत जानकारी नीति, नियम, निर्देश, सहित देवेंl (ख) क्षेत्रीय कार्यालय मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इंदौर के पत्र क्रमांक 2488/क्षे का/प्र नि बो/इंदौर दिनांक 24/07/2023 की पूरी फाइल की कॉपी देवें जिसमें लोक सुनवाई के फोटो, वीडियो, सीडी, पेनड्राइव भी सम्मिलित हो एवं क्या उक्त प्रक्रिया प्रश्नांश (क) के नियमों के अनुसार सही है? (ग) यदि हाँ, तो ग्राम खोड़ी तहसील बड़वाह जिला खरगोन में क्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में एसोसिट अल्कोहल एंड ब्रेवरीज लिमिटेड में इथेनॉल प्लांट स्थापित किया गया है और विभाग के द्वारा उसे noc जारी की गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्लांट में भी लोक सुनवाई की प्रक्रिया की गई है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण फाइल की प्रति देवें यदि नहीं तो किसकी अनुमति से यह इथेनॉल प्लांट स्थापित किया गया है? उस अधिकारी का नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें और शासन कब तक दोषियों पर कार्यवाही करेगा? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ग) के सत्यापन के लिए राज्य स्तर से जांच दल गठित करेगा या लोकायुक्त से मामले की जांच के आदेश जारी करेगा? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। भारत सरकार के इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के लिए उपयोग किये जाने हेतु शून्य निस्त्राव एवं अनाज आधारित इथेनॉल निर्माण करने वाली इकाइयों को भारत सरकार, पर्यावरण और वन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 14 सितम्बर 2006 यथासंशोधित दिनांक 16 जून 2021 के प्रावधानों के अंतर्गत लोक सुनवाई से मुक्त रखा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन्द्र/राज्य प्रवर्तित संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
8. ( क्र. 225 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपसंचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जिला जबलपुर को राज्य एवं केन्द्रीय शासन प्रवर्तित संचालित योजनाएं किन-किन योनजाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। किन-किन योजनाओं से संबंधित कितनी-कितनी राशि कब से आवंटित नहीं की गई एवं क्यों? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांकित संचालित किन-किन योजनान्तर्गत, सामग्री, खाद, बीज, पुष्प, फल, फूल आदि के पौधों का क्रय एवं रोपण कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) संचालित किन-किन नर्सरियों को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि सामग्री, बीज, खाद, पुष्प, फल, फूल के पौधों आदि का कब-कब प्रदाय किया गया? रोपणी कार्य नर्सरियों का रखरखाव, देखभाल सुरक्षा आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। (घ) प्रश्नांकित हितग्राही मूलक संचालित किन-किन योजनाओं में लाभांवित कितने-कितने हितग्राहियों को, किस मान से अनुदान की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितने हितग्राहियों को कब से कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? योजनावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ड.) प्रश्नांकित किन-किन योजनान्तर्गत कितने-कितने दिवसीय कृषकों के भ्रमण कार्यक्रमों में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कब-कब कितने-कितने दिवसीय कहां से कहां तक के आयोजित कृषक भ्रमण कार्यक्रमों में कितने-कितने कृषकों ने भाग लिया? भ्रमण कार्यक्रमवार कृषकों की सूची दें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5.1 से 5.3 तक एवं भ्रमण कार्यक्रमवार कृषक सूची परिशिष्ट-6.1 से 6.9 तक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
दिव्यांगों की सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में आरक्षण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
9. ( क्र. 226 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांग (विकलांग) व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 36 में सीधी भर्ती और पदोन्नति में दिव्यांगजनों को आरक्षण का लाभ देने का क्या प्रावधान है एवं इस सम्बंध में केन्द्रीय शासन नई दिल्ली ने कब क्या दिशा-निर्देश जारी किये है? अधिनियम एवं दिशा-निर्देश की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांकित एक्ट के तहत प्रदेश में दिव्यांग व्यक्तियों को सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में कितने-कितने प्रतिशत आरक्षण देने का क्या प्रावधान है। (ग) प्रदेश में विभागवार दिव्यांग व्यक्तियों के लिये सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के कितने-कितने आरक्षित पद रिक्त हैं। कितने-कितने पद भरे हैं। पदोन्नति के कितने-कितने पदों की पूर्ति की गई है? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी देवें? (घ) प्रदेश में दिव्यांग व्यक्तियों के लिये सीधी भर्ती में आरक्षित कितने-कितने रिक्त पदों की भर्तियां कब की गई हैं। किन-किन विभागों में आरक्षित कितने-कितने रिक्त पदों की भर्तियां एवं पदोन्नति के आरक्षित कितने-कितने पद कब से नहीं भरे गये हैं एवं क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 34 में प्रत्येक सरकारी स्थापन में सीधी भर्ती के प्रक्रम में भरे जाने वाले पदों में दिव्यांगों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण एवं पदोन्नति में आरक्षण ऐसे अनुदेशों के अनुसार होगा जो समय-समय पर समुचित सरकार द्वारा जारी किए जाते है, का प्रावधान है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा 15 जनवरी 2018 एवं 17 मई 2022 से दिशा-निर्देश जारी किये गये है। अधिनियम एवं दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रदेश में प्रत्येक सरकारी स्थापन में सीधी भर्ती के प्रक्रम में भरे जाने वाले पदों में दिव्यांगों के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण (होरिजेंटल) का प्रावधान है एवं मध्यप्रदेश लोकसेवा (पदोन्नति) नियमों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है। (ग) दिव्यांगजनों के सीधी भर्ती के आरक्षित, रिक्त एवं भरे पदों की विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। दिव्यांगजनों के आरक्षित पदों की पूर्ति विभागों द्वारा विशेष भर्ती अभियान के तहत की जा रही है, चूंकि भर्ती एक नियमित प्रक्रिया है, तद्नुसार कार्यवाही की जाती है। उत्तरांश ''ख''के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैस राहत दावा अदालत, शेड, सामुदायिक भवन का विक्रय/आवंटन
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
10. ( क्र. 277 ) श्री आरिफ मसूद : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह कहना सही है कि मध्यप्रदेश शासन (राजस्व विभाग) द्वारा भोपाल गैस त्रासदी वर्ष 1984 के बाद गैस पीड़ित एवं उनके परिजनों को मुआवजे एवं पुनर्वास के लिए गैस राहत विभाग को दावा अदालत, शेड, सामुदायिक भवन एवं अस्पताल निर्माण के लिए भूमि का आवंटन किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त भूमि किन-किन स्थानों पर कितनी भूमि का आवंटन किया गया था? खसरे की जानकारी एवं राजस्व विभाग के आदेश की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त स्थानों पर वर्तमान में किन-किन कार्यों का संचालन किया जा रहा है तथा कौन-कौन सी भूमि/भवनों को किन-किन NGO को कितने वर्ष के लिए आवंटन किया गया था? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह कहना सही है कि उपरोक्त भूमि एवं भवनों को निजी व्यक्ति एवं संस्थाओं को बिक्री/लीज पर दे दिया गया है? यदि हाँ, तो उन स्थानों के नाम, आवंटन संबंधी सभी दस्तावेजों सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह कहना सही है कि सामुदायिक भवन मास्टर लाल सिंह अस्पताल के पास शाहजहाँनाबाद को निजी बिल्डिंग कन्स्ट्रक्शन कम्पनी को बेच/ आवंटन/लीज कर दी गई है? यदि हाँ, तो राजस्व विभाग से गैस पीड़ितों के लाभ के उद्देश्य से आवंटन की गई भूमि को किस आधार पर बेची गई एवं राजस्व विभाग से ली गई NOC की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासी मंत्रणा परिषद की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
11. ( क्र. 361 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान की 5वीं अनुसूची की धारा 4 उपधारा 2 में क्या प्रावधान है, मध्य प्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद् नियमावली 1957 के नियम 12 (1) में क्या-क्या प्रावधान दिया हैं? (ख) जनजातीय सलाहकार परिषद या मंत्रणा परिषद 5वीं अनुसूची की किस धारा किस उपधारा के अनुसार किस-किस के द्वारा प्रस्तुत, किन-किन विषयों पर परामर्श दे सकती है, निरस्त कर सकती है, परिर्वतन कर सकती है पृथक-पृथक बतावें। (ग) गत 5 वर्षों में मंत्रणा परिषद या सलाहकार परिषद के समक्ष किस-किस के द्वारा कौन-कौन सा विषय परामर्श के लिए प्रस्तुत किया, उस पर क्या-क्या परामर्श किसे दिया गया? प्रति सहित बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
पांचवीं अनुसूची का पालन
[जनजातीय कार्य]
12. ( क्र. 364 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविधान की 5वीं अनुसूची की धारा 4 उपधारा 2 एवं धारा 5 उपधारा 2 का राज्य में प्रश्नांकित दिनांक तक भी पालन नहीं किया जा सका है। (ख) धारा 4 उपधारा 2 एवं धारा 5 उपधारा 2 में क्या-क्या प्रावधान दिया गया है, पृथक-पृथक बतावें। (ग) धारा 4 उपधारा 2 एवं धारा 5 उपधारा 2 के प्रावधानों का पालन किए जाने के संबंध में मध्य प्रदेश में क्या-क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं की गई हो तो उसका कारण बतावें, अब क्या कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा सहित बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संविधान की पांचवी अनुसूची धारा 4 उपधारा 2 एवं धारा 5 उपधारा 2 का राज्य में पालन किया जा रहा है। धारा 4 उपधारा 2 के प्रावधान के पालन में जनजातीय मंत्रणा परिषद का गठन एवं धारा 5 उपधारा 2 के अंतर्गत साहूकार विनियम नियम 1972, संशोधन विनियम 2021 का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति
[वन]
13. ( क्र. 378 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा एवं बैतूल जिले में कौन-कौन सी प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति वर्तमान में कार्यरत है किस-किस समिति के क्षेत्र में म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा लाभांश की राशि से बनाए गोदाम को वर्तमान में कितना किराया किसे भुगतान किया जा रहा है? (ख) किस समिति को गत पांच वर्ष में ग्रामीण विकास के किस कार्य हेतु कितनी राशि एवं वन विकास के किस कार्य के लिए कितनी राशि उपलब्ध करवाई गई? किस समिति के द्वारा प्रस्तावित कितनी राशि के कार्य लघु वनोपज सहकारी संघ ने अमान्य या निरस्त किए या अस्वीकृत किए? (ग) हरदा एवं बैतूल जिले की किस प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति को शुद्ध लाभ की राशि में ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की कितनी राशि का भुगतान होना शेष है यह राशि वर्तमान में किसके पास किस खाते में जमा है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) हरदा जिले में 08 एवं बैतूल जिले में 27 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां कार्यरत है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों द्वारा उनके लाभांश से निर्मित गोदामों का रूपये 2/- प्रति वास्तविक बोरा की दर से भुगतान किया जा रहा है। समिति के खाते में गोदाम किराये के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 'A' एवं 3 'B' अनुसार है। अमान्य या निरस्त किए या अस्वीकृत किए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद राशि का उपयोग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार किया जा रहा है। ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद में शेष राशि की जानकारी जिला यूनियनवार निम्नानुसार है:-
अ.क्र. |
जिला यूनियन |
अद्योसंरचना विकास मद |
वन विकास मद |
शेष राशि |
शेष राशि |
||
1 |
2 |
3 |
4 |
1 |
हरदा |
4789768 |
45519134 |
2 |
उत्तर बैतूल |
17314025 |
44398074 |
3 |
दक्षिण बैतूल |
3171400 |
13922458 |
4 |
पश्चिम बैतूल |
2330415 |
21669760 |
ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की राशि समितिवार संधारित नहीं की जाती है। वर्तमान में शेष राशि म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित एवं भोपाल को-आपरेटिव सेन्ट्रल बैंक में म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ के नाम से जमा है।
नवीन नलकूप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( क्र. 386 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में नवीन नलकूपों के खनन की स्वीकृति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत के नलकूपों के खनन की स्वीकृतियां किस-किस योजनांतर्गत प्रदान की गई हैं? स्वीकृत नलकूप में से कितने नलकूपों का कहां-कहां खनन किया जा चुका है तथा कितने नलकूपों का खनन किया जाना शेष है व क्यों? जानकारी वर्षवार, योजनावार, ग्रामवार व विधानसभा क्षेत्रवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नलकूप खनन की स्वीकृति में प्रत्येक नलकूप की खुदाई हेतु कितनी गहराई एवं चौड़ाई निर्धारित की गई है? क्या गहराई शिवपुरी जिले के कम भू-जलस्तर को ध्यान में रखकर निर्धारित की गई? यदि हाँ, तो कितनी गहराई निर्धारित की गई? यदि नहीं तो भू-जलस्तर कम होने से यहां कितनी गहराई के नलकूप खनन किये जाने की आवश्यकता है? जिससे आवश्यक होने पर नलकूप में सिंगल फेस मोटर का उपयोग भी हो सके? विवरण दें तथा क्या भविष्य में नलकूप खनन की स्वीकृति प्रदाय करने के पूर्व जिले के भू-जलस्तर को ध्यान में रखकर स्वीकृतियां की जावेगी? क्या विभाग इस विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। शिवपुरी जिले में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में स्वीकृत नवीन नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, रजिस्टिविटी सर्वे में अनुशंसित गहराई के अनुसार। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। जी हाँ।
राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[वन]
15. ( क्र. 533 ) श्री अभय मिश्रा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के मुकुन्दपुर चिडि़याघर में कैफेटेरिया कम्पाउंड वॉल के निर्माण कार्य में संशोधित निविदा की सूचना जनवरी 2014 को जारी की गई निविदा का आमंत्रण 2016 में हुआ संशोधित निविदा दस्तावेजों पर ठेकेदारों का चयन पात्रता मापदण्ड के आधार पर कर लिया गया संशोधित निविदा दस्तावेज की धारा 14 में दिये गये निविदाकारों की योग्यता का निर्धारत संबंधित भौतिक और वित्तीय पूर्व योग्यता मापदण्डों का पालन नहीं किया गया क्यों इसके लिये कौन-कौन जवाबदार है उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में वन्य जीव एवं हेरिटेज सर्किट के अंतर्गत चयनित किये गये 12 नमूना कार्य आदेशों के अंतर्गत कंपनी ने म.प्र. लोक निर्माण विभाग के मैनुवल की कण्डिका 2.75 का उल्लंघन करते हुये 12.60 करोड़ के मूल्य के कार्य नई निविदा आमंत्रित करने के बजाए मौजूदा ठेकेदार को ही समान दर/नियम व शर्तों पर कार्य आवंटित कर शासन के निर्देशों की अवहेलना के लिये कौन जिम्मेदार है इन पर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में की गई अनियमितताओं पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन संख्या-4 वर्ष 2021 में उल्लेख किया गया कि संशोधित निविदा दस्तावेजों की अधिसूचना में दिये गये नये योग्यता मापदण्डों का पालन किया जाना था समान प्रकृति के कार्यों को मौजूदा ठेकेदारों को नहीं सौंपा जाना चाहिये, कंपनी द्वारा कार्यों को समय पर पूरा नहीं किया गया 969 दिनों की देरी से कार्य पूरे किये जाने पर ठेकेदार पर 70.54 लाख का जुर्माना लगाए बिना ही समय अवधि बढ़ाई गई क्यों ठेकेदार को समय पर कार्य करने के लिये कंपनी ने जुर्माना नहीं लगाया इन अनियमितताओं पर कब-कब किन-किन पर कार्यवाही प्रस्तावित की गई बतावें अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार की गई अनियमितताओं पर प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 592 दिनांक 15.10.2024 के द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को मुकुन्दपुर चिड़ियाघर के निर्माण कार्यों में की गई अनियमितता की जांच कर वसूली बावत् पत्र लिखा गया पत्र पर की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावे कि किन-किन पर कौन-कौन सी कार्यवाही कब-कब प्रस्तावित की गई अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार की गई अनियमितताओं पर वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने बावत् निर्देश देंगे साथ ही प्रश्नांश (घ) के पत्र पर कार्यवाही न करने के लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर अनुशासनात्मक कार्यवाही बावत् निर्देश देंगे अगर नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (ड.) वन मण्डल सतना द्वारा मुकुन्दपुर चिड़ियाघर में कैफेटेरिया कम्पाउंड वॉल का निर्माण कार्य हेतु कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई है और न ही वन मण्डल सतना द्वारा कोई कार्य कराया गया है। म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रतिवेदन अनुसार जनवरी 2014 में कोई निविदा जारी नहीं की गई। भारत शासन पर्यटन मंत्रालय द्वारा वन्यजीव सर्किट की स्वीकृति दिसम्बर 2015 में प्राप्त हुई। प्राप्त स्वीकृति के अंतर्गत मुकुन्दपुर में कैफेटेरिया, पार्किंग एवं कम्पाउण्डवॉल कार्य की निविदा सूचना क्रमांक 1804 दिनांक 12/02/2016 द्वारा राशि रूपये 120.00 लाख की निविदा आमंत्रित की गई जिसमें कुल 9 निविदाकारों में से न्यूनतम दर आधार पर मेसर्स आस्था इंजीनियरिंग सतना को कार्यादेश प्रदान कर कार्य पूर्ण किये गये। निविदा प्रपत्र में तकनीकी रूप से योग्य ठेकेदारों की फायनेनशियल बिड खोली गई। उक्त निविदा में योग्यता मापदंड का पूर्ण परिपालन किया गया एवं विश्लेषण के आधार पर विलम्ब हेतु क्षतिपूर्ति वसूली राशि भी आरोपित की गई। वन्यजीव सर्किट का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा भी परीक्षण किया गया। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी तरीके से सत्यापनकर्ताओं पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 534 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विभागीय नलकूपों के उत्खनन बावत् बोरिंग मशीनों/गाड़ियों के सत्यापन/वेरिफिकेशन के कार्य किये जाने बाबत् निर्देश जारी हैं तो इसके पालन में गणेश बोरवेल शहडोल के बोरिंग मशीन/गाड़ियों के सत्यापन के कार्य किनके द्वारा, कब-कब किये गये इस बावत् शासन के क्या निर्देश हैं, कि प्रति देते हुये बतायें कि मशीन/गाड़ी के मालिक क्या गणेश बोरवेल/प्रोपराईटर स्वयं हैं अथवा गाड़ियां किसी दूसरे के नाम से हैं जिनका सत्यापन गणेश बोरवेल के नाम से किया जाकर कार्यादेश जारी किये जाते रहे हैं तो क्यों विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गणेश बोरवेल के सत्यापन की गई गाड़ियों में डी.टी.एच. कार्य हेतु एवं ग्रेवल पैक बोर के (रोट्री मशीन) कार्य हेतु उपयोग की जा रही गाड़ियों का सत्यापन किया गया सत्यापन के दौरान गाड़ियों के मालिक/फर्म के नाम से गाड़ी का होना पाया गया तो बतावें यदि नहीं तो इस अनियमितता के लिये कौन जिम्मेदार हैं उनके पदनाम की जानकारी देते हुये इसका दोषी मानते हुये उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पृष्ठांकन क्रमांक 8677 दिनांक 11.09.2024 मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग वि./यां परिक्षेत्र भोपाल को पत्र लिखकर जांच प्रतिवेदन एक सप्ताह में चाहा गया था पत्र पर कार्यवाही की स्थिति बतावें कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 439 दिनांक 28.08.2024 के द्वारा अधीक्षण यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संभाग रीवा व शहडोल से चाही गई थी जो अप्राप्त है इसके लिये जिम्मेदार कौन है उन पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों? पत्र क्रमांक 440/रीवा/2024 दिनांक 28.08.2024 के द्वारा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को भी फर्जी तरीके से बोरिंग मशीनों के संबंध में जांच कराकर कार्यवाही बावत् लेख किया गया था पत्र पर की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें कि अनियमित सत्यापन करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, इन जिम्मेदारों पर कूट रचित दस्तावेज तैयार करने व लाभ लेने का दोषी मानते हुये आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने बावत् क्या निर्देश देंगे तो बतावें अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाही न करने फर्जी व कूटरचित तरीके से गाड़ियों का सत्यापन करने व पत्रों का समय पर निराकरण न करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है जिम्मेदारों पर कार्यवाही बावत् क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। गणेश बोरवेल शहडोल की मशीन का भौतिक सत्यापन परिक्षेत्र स्तर पर गठित समिति द्वारा दिनांक 27.06.2024 को किया गया है। सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। शासन के निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। गणेश बोरवेल शहडोल की रिग मशीन/गाड़ी के प्रोपराईटर श्री गणेशन व्ही. पिता श्री विरप्पन है एवं रिग मशीन/गाड़ी उन्हीं के नाम से दर्ज है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, सत्यापन किया गया। सत्यापन में रिग मशीन/गाड़ी के प्रोपराईटर उत्तरांश "क" अनुसार पाये गये। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। प्रमुख अभियंता के पत्र दिनांक 11.09.2024 के परिप्रेक्ष्य में मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग विद्युत यांत्रिकी परिक्षेत्र भोपाल द्वारा जांच की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पत्र क्रमांक 439 दिनांक 28.08.2024 से वांछित जानकारी अधीक्षण यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मण्डल रीवा द्वारा उनके पत्र क्रमांक 2196 दिनांक 16.10.2024 से उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। पत्र क्रमांक 440 दिनांक 28.08.2024 के परिप्रेक्ष्य में जांच हेतु निर्देशित किया गया है। फर्जी व कूटरचित सत्यापन के संबंध में जांच प्रतिवेदन के निष्कर्ष पर कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) पत्रों का समय पर यथोचित निराकरण किया गया है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संतरा आधारित उद्योग की स्थापना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
17. ( क्र. 590 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन कृषि उपज आधारित उद्योग लगाने की दिशा में गरोठ में भारी संतरा उत्पादन हेतु उद्योग स्थापना के लिए सहमति देगा? (ख) यदि हां, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों नहीं?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विभाग द्वारा संतरा एवं कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापना के लिये हितग्राहियों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) एवं राज्य खाद्य प्रसंस्करण योजना अंतर्गत अनुदान सहायता दिये जाने का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार है।
संविधान की 5वीं अनुसूची में अधिसूचित क्षेत्र
[वन]
18. ( क्र. 723 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान की 5वीं अनुसूची में अधिसूचित किस-किस क्षेत्र में कौन-कौन सा पार्क एवं अभयारण्य का कितना-कितना हिस्सा अधिसूचित है, कौन-कौन सा पार्क या अभयारण्य आंशिक रूप में अधिसूचित क्षेत्र में आता है। (ख) पार्क एवं अभयारण्य में आने वाले कोर जोन, बफर जोन में एवं कोर जोन एवं बफर जोन से कितनी दूरी से बनने वाले होटल, मोटल एवं रिसोर्ट के लिए शासन किस-किस योजना के तहत वर्तमान में कितनी-कितनी सब्सीडी एवं कौन-कौन सी सुविधा दे रही है। (ग) अधिसूचित क्षेत्र में बनाए गए होटल, मोटल, रिसोर्ट में आदिवासी समुदाय की कितने प्रतिशत हिस्सेदारी निर्धारित है, यदि कोई हिस्सेदारी निर्धारित नहीं हो तो कारण बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य के अंतर्गत होटल, मोटल एवं रिसोर्ट बनाये जाने का प्रावधान नहीं है। राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य के बाहर तथा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्र में होटल, मोटल एवं रिसोर्ट बनाये जाने हेतु राज्य शासन की पर्यटन नीति 2016 में प्रावधान है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) उत्तांश (ख) की पर्यटन नीति में इस प्रकार का पृथक से कोई प्रावधान नहीं है, अपितु सभी वर्गों को पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है जो उत्तरांश (ख) के परिशिष्ट में पर्यटन परियोजनाओं हेतु अनुदान शीर्ष में उल्लेखित है।
अनधिकृत रूप से विखंडित करना
[जनजातीय कार्य]
19. ( क्र. 727 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संविधान की पांचवीं अनुसूची अन्तर्गत आने वाले अधिसूचित क्षेत्रों की जानकारी दें? (ख) क्या पांचवीं अनुसूची अन्तर्गत शामिल अधिसूचित क्षेत्रों का प्रशासन और आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण संबंधी सभी अधिकार राज्यपाल और राष्ट्रपति को हैं? यदि हाँ, तो राज्य शासन द्वारा तैयार अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर राज्यपाल महोदय के प्रतिवेदन वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) संविधान की पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाले पीथमपुर, कुक्षी एवं अन्य क्षेत्रों को अन्य जिलों में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव (जिला पुनर्गठन/ परिसीमन हेतु गठित समिति के परिप्रेक्ष्य में) पर कार्यवाही किस नियम के तहत हो रही है? इसमें जनजातीय जनप्रतिनिधियों से विचार/प्रस्ताव आमंत्रित क्यों नहीं किए जा रहे? (घ) इस संबंध में ट्राइबल एडवायजरी कौंसिल की मीटिंग कब हुई, कौंसिल के किस-किस सदस्य ने क्या अभिमत दिया। कौंसिल ने राज्यपाल को क्या प्रस्ताव दिया? प्रतिसहित बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जी हां, राज्यपाल महोदय के प्रतिवेदन वर्ष 2022-23 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। वर्ष 2023-24 का प्रतिवेदन प्राप्त नहीं है। (ग) संविधान की पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत परिसीमन हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जहरीले एसिड युक्त पानी से प्रदूषण
[पर्यावरण]
20. ( क्र. 842 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित ग्रेसिम उद्योग के जहरीले एसिड युक्त पानी के नाले को चंबल नदी में मिलाने से गांधी सागर तक का नदी जल प्रदूषित हो रहा हैं? फसलों व मवेशियों को नुकसान हो रहा है? शासन ने इसे रोकने की दिशा में क्या कार्यवाही की? यदि नहीं तो क्यों? (ख) जहरीले पानी से नागदा से गरोठ विधानसभा क्षेत्र तक कितने पशुओं की मौत 3 वर्षों में अब तक हुई है? वर्षवार ब्यौरा दें। उद्योग प्रबंधन पर क्या कार्रवाई की है? (ग) कितने किसानों को अब तक पशु मृत्यु एवं फसल नुकसानी का मुआवजा दिया गया है? नहीं तो क्यों? (घ) चंबल नदी में ग्रेसीम उद्योग के जहरीले नाले को मिलने से रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा शून्य निस्त्राव पर आधारित दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित कर संचालित किये जा रहे हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पशुपालन एवं डेयरी विभाग, जिला-उज्जैन, रतलाम, मंदसौर से प्राप्त जानकारी अनुसार पशुओं की मौत होने संबंधी जानकारी ''निरंक'' है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल शुद्धिकरण हेतु प्राप्त आवंटन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( क्र. 855 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले विगत 05 वर्षों में जल शुद्धिकरण हेतु कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ हैं एवं प्राप्त आवंटन से क्रय की गई सामग्री एवं उसकी उपयोगिता का वर्गवार विवरण मय खरीदी एजेंसी की जानकारी सहित प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सामग्री का नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में उपयोग का विवरण पृथक-पृथक दें? (ग) वर्तमान में टीकमगढ़ नगर में नलों से दूषित जल सप्लाई हो रहा है इसकी जांच एवं सुधार की क्या व्यवस्थायें हैं? विस्तृत विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत टीकमगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। नगरीय क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा क्रय की गई सामग्री का उपयोग टीकमगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैंडपंपों के प्रीमॉनसून एवं पोस्टमॉनसून क्लोरीनेशन हेतु किया गया है। नगरीय क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) प्रमुख अभियंता, नगरीय प्रशासन एवं विकास से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
टीकमगढ़ जिले में राशि आवंटन
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
22. ( क्र. 856 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में उद्यानिकी विभाग को विगत 10 वर्ष में कुल कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? वर्षवार, राशिवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आवंटन से कितने-कितने हितग्राहियों को किस प्रकार लाभान्वित किया गया? संपूर्ण जानकारी दें? (ग) विगत 10 वर्षों में उद्यानिकी विभाग टीकमगढ़ में कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित हो रही हैं? (घ) ग्राम गनेशगंज विकासखण्ड व जिला टीकमगढ़ म.प्र. में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री सरदार सिंह जी की समाधि स्थल पर विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्य कराया गया? (ड.) यदि नहीं तो? क्या चालू वित्तीय वर्ष में जनकल्याणकारी कार्य नहीं कराया जा सकता है?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) टीकमगढ़ जिले में उद्यानिकी विभाग को विगत 10 वर्ष में कुल आवंटित राशि का वर्षवार विवरण/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आवंटन से लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) विगत 10 वर्षों में उद्यानिकी विभाग टीकमगढ़ में संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) विभाग में स्वंतत्रता संग्राम सेनानियों के समाधि स्थल के रख-रखाव हेतु कोई योजना संचालित न होने से कोई कार्य नहीं कराया गया है। (ड.) उत्तरांश ''घ''अनुसार है।
बंदरों के आतंक से मुक्ति
[वन]
23. ( क्र. 867 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में ग्राम पंचायत पडुआ के ग्राम जयन्ती नगर एवं पडुआ के आसपास काले एवं लाल बंदरों का बहुत आतंक है, नागरिकों को काटते हैं, फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसकी शिकायत ग्राम पडुआ के सरपंच द्वारा वनमण्डल अधिकारी कटनी को दिनांक 18-02-2023 एवं 20-02-2023 को की गयी थी। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो वनमण्डल अधिकारी कटनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? की गयी कार्यवाही बतायी जावे। यदि नहीं की गयी तो कब तक करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में बंदरों के आतंक से प्रभावित क्षेत्र को कब तक आतंक से मुक्त कर आम नागरिकों को काटने से बचाया जावेगा? और उनके फसलों के नुकसान से मुक्ति दिलायी जावेगी, की जाने वाली कार्यवाही की स्पष्ट जानकारी दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत प्राप्त होने पर सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री विनोद कुमार प्यासी उपवन क्षेत्रपाल एवं बीट गार्ड लखापतेरी श्री कमलेश कुमार लारिया वनरक्षक को मौके पर भेजा गया था तथा उनके द्वारा बंदरों को भगाने हेतु प्रयास किये गये एवं ग्रामवासियों को बंदरों से सुरक्षित रहने हेतु समझाईस दी गयी थी। कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के पत्र दिनांक 06.11.2024 से सरपंच पड्डुआ को बंदर पकड़ने हेतु एवं वन विभाग द्वारा सहयोग प्रदान करने का पत्र लिखा गया था। (ग) वर्तमान में लाल मुंह का बंदर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 संशोधित 2022 से अधिनियम से बाहर रखा गया है। स्थानीय निकाय/नगर निगम द्वारा इन्हें पकड़कर अन्यत्र छोड़ने की कार्यवाही की जा सकती है। अधिनियम से बाहर होने के कारण लाल मुंह के बंदर वन्यजीवों के श्रेणी में नहीं माना गया है। वनमंडलाधिकारी, कटनी द्वारा काले मुंह के बंदरों के आतंक से आमजन को मुक्ति हेतु लगातार प्रयास किये जाते हैं। वनमंडल के पास उपलब्ध सीमित साधन पिंजरा इत्यादि रखवाकर बंदरों को पकड़कर घने वनक्षेत्रों में छोड़ने का कार्य लगातार किया जाता है। काले मुंह के बंदरों द्वारा लोगों को घायल करने पर मध्यप्रदेश के लोकसेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत् क्षतिपूर्ति राशि तथा इलाज पर हुए वास्तविक व्यय का भुगतान किया जाता है। किसी भी पालतु जीव/वन्यजीव द्वारा फसल नुकसानी का मुआवजा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छः क्रमांक 4 के अनुसार राजस्व एवं वन ग्रामों में वन्यजीवों द्वारा फसलहानि किये जाने की सूचना अथवा प्रभावित व्यक्ति का आवेदन प्राप्त होने पर तहसीलदार यथाशीघ्र स्थल निरीक्षण एवं आंकलन कर क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान प्रभावित लोगों को किया जाता है।
वेयर हाउसों की किराया राशि भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( क्र. 868 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं मैहर जिले में कार्यरत वेयर हाउसों जिनमें भण्डारण किया गया है, ऐसे सभी वेयर हाउसों की किराया राशि लम्बे अर्से से क्या भुगतान नहीं की गयी है? जानकारी वेयर हाउसवार, लंबित किराया राशिवार, माहवार पृथक-पृथक रूप से दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या कृषकों के आर्थिक विकास व्यवसाय उपलब्ध करये जाने की दृष्टि से भारत शासन कृषि मंत्रालय द्वारा अनुदान वितरित कर वेयर हाउसों का निर्माण बैंकों से ऋण के द्वारा कराया गया है? यदि हाँ, तो माह में किराया राशि ना मिल पाने से किश्त की अदायगी ना होने से वित्तीय अधिभार बैंकों द्वारा नामे किये से, वेयर हाउस मालिक किसान प्रभावित रहते हैं? यदि हाँ, तो क्या निकट भविष्य में प्रतिमाह किराया राशि का भुगतान किये जाने की कार्यवाही की जावेगी, यदि नहीं तो क्यों विस्तृत कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना एवं मैहर जिले में कार्यरत वेयरहाउस संख्या 132, लंबित किराया राशि 131979375 व माहवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स एक नोडल एजेंसी है जिसका कार्य समर्थन मूल्य में भण्डारित गेहूं, धान, दलहन, तिलहन का भण्डारण किया जाता है। जमाकर्ता संस्था MPSCSC के उपार्जित गेहूं का संयुक्त भागीदारी योजना के अनुबंध अनुसार जमाकर्ता MPSCSC से भण्डारण शुल्क भुगतान प्राप्त होने के पश्चात गोदाम संचालक को भुगतान किया जाता है। राशि की उपलब्धता अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जा रही है।
डी.पी.आर. बनाये जाने के पूर्व क्षेत्रीय विधायकों से प्रस्ताव प्राप्त करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( क्र. 881 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तहत वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने डी.पी.आर. जनहित की दृष्टि से तैयार किये गये उनका विवरण दें। (ख) क्या बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र के बकस्वाहा विकासखण्ड में आने वाले ग्रामों में पानी की समस्याओं के निजात हेतु क्षेत्रीय विधायकों से प्रस्ताव प्राप्त किये गये? (ग) विभागीय अधिकारियों ने लंबित पड़े निर्माण कार्यों की किन-किन अवधियों में निरीक्षण किया? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों? (घ) क्षेत्रीय विधायकों से प्राप्त आवंटन 24-25 के आवंटन से किये जा रहे कार्यों के प्रस्ताव लिए जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 47 डी.पी.आर., जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (घ) जी हाँ।
वनखंडों की जांच के प्रकरण
[वन]
26. ( क्र. 920 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर सीहोर को गत एक वर्ष में वनखंडों कि लंबित जांच, वनखंडों में शामिल खाता मद एवं गैर खाता मद की भूमि, वन ग्राम एवं उससे संबंधित किस-किस विषय पर किस-किस का किस दिनांक को लिखा पत्र, ज्ञापन, सूचना पत्र, आपत्ति प्राप्त हुई है? उस पर कलेक्टर सीहोर ने किस दिनांक को वन विभाग के किस अधिकारी, अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी एवं अधीक्षक भू - अभिलेख को निर्देश दिए? (ख) भारतीय वन अपराध अधिनियम 1927 की धारा 4 में वर्ष 1988 में अधिसूचित किस वनखंड का प्रकरण वर्तमान में किस अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध है? किस वनखंड का प्रकरण किस अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में किन कारण से उपलब्ध नहीं है? (ग) वनग्रामों बाबत् राजपत्र में दिनांक 26 जुलाई 2024 को प्रकाशित अधिसूचना पर प्रस्तुत लिखित आपत्ति की कब-कब सुनवाई की जाकर किस दिनांक को क्या आदेश दिये गये। यदि सुनवाई नहीं हुई एवं आदेश नहीं किये गये हो तो कारण बतावे एवं कब तक सुनवाई कर आदेश किये जाएंगे, समय- सीमा सहित बतावें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जिला सीहोर के वर्ष 1988 में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 में अधिसूचित समस्त वनखंडों के प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध है। अनुभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वनग्रामों बाबत् राजपत्र दिनांक 26 जुलाई 2024 को प्रकाशित अधिसूचना के संबंध में अधिसूचना प्रकाशन उपरांत कोई लिखित आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनग्रामों में सड़क मार्ग
[वन]
27. ( क्र. 953 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा में कौन-कौन सा वनग्राम है, उसमें से किस ग्राम से किस ग्राम को जोड़े जाने के लिए, कितनी लागत की, कब सड़क का निर्माण किया, किस वनग्राम के लिए, प्रश्नांकित दिनांक तक भी सड़क स्वीकृत नहीं की गई, कारण सहित बतावें। (ख) किस वनग्राम को किस ग्राम से जोड़े जाने वाली, किस मद एवं योजना की सड़क का वर्तमान में कार्य किया जा रहा है, यह कार्य किस एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है, उसकी लागत क्या है। (ग) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी के किस-किस वनग्राम का पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, बी-1 निस्तार पत्रक एवं 31/12/1976 तक के पात्र अतिक्रमणकारियों की सूची वन विभाग के पास है, प्रति सहित बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक एवं 'दो' अनुसार है। (ख) वनमण्डल हरदा में प्रश्नांश से संबंधित कोई प्रकरण लंबित नहीं है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है।
आरक्षित वन भूमि की जानकारी
[वन]
28. ( क्र. 954 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले वर्किंग प्लान में वर्तमान में कितनी आरक्षित वन भूमि दर्ज है? इसमें से कितनी आरक्षित भूमि भा.व.अ. 1927 की धारा 20 के अनुसार किस दिनांक को आरक्षित वन भूमि अधिसूचित की गई है? कितनी भूमि को नवाब भोपाल के ऐलान दिनांक 12 जनवरी 1916 के अनुसार आरक्षित वन माना जा रहा है? (ख) नवाब भोपाल के ऐलान द्वारा आरक्षित वन भूमि प्रतिवेदित किए जाने का क्या कारण है? ऐसा भारतीय वन अधिनियम 1927 की किस धारा के अनुसार किया जा रहा है? (ग) भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले से संबंधित वर्किंग प्लान में कितने ग्रामों की कितनी जमीनों को दर्ज कर संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जा रहा है? इनमें से कितने ग्रामों की जमीनों को राजपत्र में किस दिनांक को भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के अनुसार संरक्षित वन अधिसूचित किया है? अधिसूचना की प्रति सहित बतावें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 20 ''अ' के तहत नवाब भोपाल के ऐलान दिनांक 12.01.1916 द्वारा आरक्षित वनभूमि को आरक्षित वनभूमि माना है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट अनुसार है।
जल जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
29. ( क्र. 1007 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर अंतर्गत जल जीवन मिशन के तहत कब एवं कितनी राशि ग्रामीण क्षेत्रों के पाईप लाईन विस्तार हेतु आवंटित है। किस ठेकेदार को कार्य आवंटित किया गया? कार्य पूर्ण होने की तिथि क्या है? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नल-जल योजना के तहत स्वीकृत ग्राम के नाम सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। ग्रामों में खोदे गये रोडों का कब तक मरम्मत कार्य पूर्ण किया जायेगा। (ग) जल निगम छतरपुर में महाप्रबंधक संविदा है? यदि हाँ, तो नियमित अधिकारी कब तक पदस्थ होंगे? (घ) छतरपुर जिले के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कितने कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर कार्य कर रहे हैं उनका मानदेय नाम एवं आदेश प्रति उपलब्ध करायें, आउटसोर्सिंग कंपनी का नाम सहित उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत पाईप लाईन विस्तार कार्य सहित वर्ष 2020 में 05 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाएं लागत राशि रू. 546.57 लाख एवं वर्ष 2022 में गरौली समूह जल प्रदाय योजना लागत राशि रू.248.81 करोड़ स्वीकृत हुईं हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजना की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01 एवं 02 अनुसार है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत पाईप लाईन बिछाने हेतु खोदी गई सड़कों का मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत यह कार्य प्रगतिरत है, मरम्मत कार्य पूर्ण होने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। अधिकारियों की उपलब्धता होने पर पदस्थता की जावेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -03 अनुसार है।
दिव्यांगजनों को सामग्री का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
30. ( क्र. 1009 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने दिव्यांगों को ट्रायसाइकिल, ई-ट्रायसाइकिल अन्य सामान प्रदान किया गया है? नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 5 वर्षों में कितने शिविर आयोजित किये गये हैं, दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायें। शिविर आयोजन का प्रचार-प्रसार किस माध्यम से किया जाता है? (ग) जिला छतरपुर अंतर्गत दिव्यांगों के विकास हेतु विगत 5 वर्षों में कितना बजट आवंटित हुआ है। खर्च कब-कब किस-किस मद में प्रदान किया गया नाम सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। (घ) दिव्यांगों को ट्रायसिकल ई-ट्रायसिकल के शिविर आयोजन का वित्तीय वर्ष अनुसार टाईम टेबिल बनाया जाता है? यदि हाँ, तो तिथि सहित जानकारी उपलब्ध करायें, नहीं तो क्यों नहीं।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर अंतर्गत विगत 5 वर्षों में 646 दिव्यांगजनों को ट्रायसिकल, ई-ट्रायसिकल एवं अन्य सहायक उपकरण प्रदान किए गए हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) आयोजित शिविरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। शिविर आयोजन का प्रचार-प्रसार संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिव तथा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से किया जाता है। (ग) बजट आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जी हाँ, भारत सरकार की एडिप योजनांतर्गत दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण प्रदाय करने हेतु चिन्हांकन तथा वितरण शिविरों की तिथि एल्मिको जबलपुर द्वारा निर्धारित की जाती है, तथापि वर्तमान में छतरपुर जिले में भारत सरकार द्वारा सी.आर.सी. केन्द्र संचालित होने से प्रधानमंत्री दिव्यांशा केन्द्र के माध्यम से प्रति कार्य दिवसों में दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार सहायक उपकरण प्रदाय करने की कार्यवाही की जाती है।
अनियमित भुगतान पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 1017 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के विभिन्न जनपद पंचायतों में पेयजल अपूर्ति बावत् डी.पी.आर. स्थानीय भौगोलिक स्थित अनुसार तैयार किया गया। जबकि प्रत्येक जगह में पानी के आपूर्ति व उपयोगिता भिन्न-भिन्न है। पानी के प्राप्त होने की गहराई में भी भिन्नता है। (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों में जल जीवन मिशन द्वारा कराये गये कार्यों में 100 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने वाली पंचायतों जिनका बी.क्यू. के अनुसार 80 प्रतिशत तक का भुगतान ठेकेदारों को किया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में आई.ए.एस.एम. के रूप में कार्य करने वाली फर्मों की सूची निविदा प्रपत्र संविदा अनुबंध की प्रति के साथ वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक में किये गये भुगतान का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के जिलों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में वित्तीय वर्ष 2020-21 की स्थिति में स्टोर में मदवार अंतिम शेष का विवरण देवें। सामग्रियां शेष का अलग से देवें। सामग्रियां किनको वितरित की गई उनकी जानकारी पृथक से वर्षवार देवें। बिल वाउचर, निविदा कोटेशन की जानकारी क्रय सामग्री के संबंध की उपरोक्त अवधि अनुसार देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) व (घ) अनुसार अनियमितताओं के लिये कौन जिम्मेदार है? इस बाबत् कार्यवाही के निर्देश जांच उपरांत क्या देंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जल जीवन मिशन के अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों में बी.ओ.क्यू. अनुसार किए गए कार्यों का अनुबंधानुसार वास्तविक माप के आधार पर भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (ड.) उत्तरांश ''क'', ''ख'', ''ग''एवं ''घ''के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्यालयों के भवन एवं शिक्षकों की पूर्ति
[जनजातीय कार्य]
32. ( क्र. 1157 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सेंधवा में कितने हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनविहीन हैं तथा वर्तमान में किसके भवन में संचालित हो रहे हैं और कब तक भवनों की स्वीकृति हो जायेगी? सूची उपलब्ध करावें। सेंधवा में लगभग 05-15 वर्षों से संचालित शासकीय हाईस्कूल सिरवेल, शासकीय हाईस्कूल क्र.3 सेंधवा एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चाचरियापाटी एवं अन्य विद्यालय नवीन भवन के लिए प्रस्तावित कार्य योजना में शामिल हैं अथवा नहीं? (ख) विधानसभा सेंधवा अन्तर्गत संचालित विद्यालयों में कितने विद्यालय शिक्षक विहीन हैं उक्त शिक्षक विहीन शालाओं की सूची उपलब्ध करवाएं तथा शिक्षक विहीन शालाओं में अध्यापन कार्य किस प्रकार करवाया जा रहा हैं उक्त शालाओं में कब तक शिक्षकों के पदपूर्ति की जावेगी? (ग) पूर्व मुख्यमंत्री जी के द्वारा 02 सितम्बर 2023 को अतिथि शिक्षकों की महापंचायत भोपाल में बुलाई गई थी जिसमें उनके द्वारा शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों को 50 प्रतिशत आरक्षण तथा प्रतिमाह निश्चित तारीख को मानदेय देने की घोषणा पर आज दिनांक तक अमल नहीं किया गया? कब तक उक्त घोषणा पर अमल किया जाएगा? सेंधवा विधानसभा में नवीन शिक्षकों की भर्ती के कारण कितने अतिथि शिक्षकों को हटाया गया है सूची उपलब्ध करावें। क्या उक्त हटाए गए अतिथि शिक्षकों पुन: सेवा में लिया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में भवन विहीन हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल तथा वर्तमान में संचालित भवन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है, विभाग द्वारा भवन विहीन योजनांतर्गत उपलब्ध आवंटन की सीमा में भवन निर्माण स्वीकृत किये जाते है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत संचालित शिक्षक विहीन विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। शिक्षक विहीन शालाओं में अतिथि शिक्षकों के द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणा पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अतिथि शिक्षकों के लिये विभागीय भर्ती नियमों में 25 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है, वित्तीय प्रावधान अंतर्गत मानदेय का नियमित भुगतान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। आवश्यकता होने पर अतिथि शिक्षकों को नियमांतर्गत पात्रता अनुसार पुन: सेवा में लिया जाता है।
स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[वन]
33. ( क्र. 1186 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बरगी अंतर्गत विकासखण्ड शहपुरा/जबलपुर में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी मदों में वर्षवार कितना-कितना, किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया? सम्पूर्ण विवरण प्रमाणित कर उपलब्ध करावें? (ख) वन परिक्षेत्र शहपुरा एवं बरगी में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? सूची उपलब्ध करावे? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? कार्य अपूर्ण रहने का क्या कारण है? उक्त कार्यों का मूल्यांकन किसके द्वारा किया गया? कार्यों की गुणवत्ता की जांच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। तेन्दूपत्ता मद अंतर्गत कराये जाने वाले 2 निर्माण कार्य अपूर्ण है। वर्ष 2023-24 से सभी प्रकार के निर्माण कार्य टेण्डर के माध्यम से कराये जाने के निर्देश प्राप्त हुये थे एवं पुनः वर्ष 2024-25 से मध्यप्रदेश शासन के आदेश अनुसार 25 लाख से कम राशि के कार्य विभागीय तौर पर कराये जाने के निर्देश जारी किये गये जिसके पश्चात् उक्त कार्य पूर्ण कराये जाने की कार्यवाही प्रारंभ है।
राज्य या राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
34. ( क्र. 1196 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के कितने कार्यरत और सेवानिवृत्त शिक्षक राज्य या राष्ट्रीय (राज्यपाल/राष्ट्रपति) शिक्षक पुरस्कार प्राप्त हैं? (ख) क्या विभाग के पास इनकी सूची उपलब्ध है? (ग) क्या इन सभी को विशेष वेतन वृद्धियां प्रदान की गईं हैं? यदि नहीं तो क्यों और कब तक प्रदान की जाएंगी? इसकी कोई समय-सीमा रखी जाएगी? (घ) क्या इन सभी को पारी बाहर पदोन्नति प्रदान की गई है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक पदोन्नति प्रदान की जाएगी? क्या इसकी कोई समय-सीमा होगी? (ड.) शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों को ये दोनों लाभ विशेष वेतन वृद्धियां और पारी बाहर पदोन्नतियां दी गईं हैं तो विभाग के शिक्षक इस लाभ से अब तक क्यों वंचित हैं? (च) जब विभाग के शिक्षकों को वेतन वृद्धि और विशेष पदोन्नति लाभ नहीं दिया जा रहा है तो उन्हें पुरस्कार क्यों दिया जा रहा है? (छ) सभी शिक्षक जब शासन के शिक्षक हैं तब विभागीय स्तर अलग होने पर क्या लाभ सम्बन्धी भेदभाव उचित है? जबकि विभाग के शिक्षक दोनों ही विभागों द्वारा जारी आदेश - निर्देशों का पूर्णत: पालन करते हैं। (ज) क्या विभाग द्वारा पृथक से कोई शिक्षक पुरस्कार देने की योजना है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग में 50 कार्यरत और 14 सेवानिवृत्त शिक्षकों को राज्य या राष्ट्रीय (राज्यपाल/राष्ट्रपति) शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। विभागीय शिक्षक भर्ती नियमों में राज्य या राष्ट्रीय (राज्यपाल/राष्ट्रपति) शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को पारी बाहर पदोन्नति प्रदान करने का प्रावधान नहीं होने के कारण पारी बाहर पदोन्नति प्रदान नहीं की गई। विभागीय शिक्षक भर्ती नियमों में संशोधन हो गया है। सतत् प्रक्रिया अंतर्गत नियमानुसार पदोन्नति का लाभ दिया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ड.) उत्तरांश ''ग'' एवं ''घ''अनुसार। (च) वेतन वृद्धियां, विशेष पदोन्नति लाभ तथा शिक्षक पुरस्कार पृथक-पृथक विषय हैं। अत: शेष प्रश्नांश ''ग'' एवं ''घ'' अनुसार। (छ) उत्तरांश ''ग'' एवं ''घ''अनुसार। (ज) जी नहीं।
नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 1218 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गोटेगांव विधानसभा में नल-जल योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना की स्थिति क्या हैं एवं जिस ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ हैं एवं ग्राम पंचायतों पुरानी पानी की टंकी की क्या स्थिति हैं। जिन ग्राम पंचायतों में पानी की टंकी का निर्माण होना है या चल रहा है? कब तक पूर्ण होगा। यदि हाँ, तो कब तक। नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पायली समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के 59 ग्रामों में कार्य प्रगतिरत हैं, उक्त समूह योजना की भौतिक प्रगति 80.14 प्रतिशत है। जिन ग्राम पंचायतों में पानी की टंकी का निर्माण होना है या चल रहा है उन टंकियों के निर्माण पूर्ण होने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
दिव्यांगजनों को प्रदत्त सुविधा की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
36. ( क्र. 1219 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या विधानसभा गोटेगांव में दिव्यांगजनों को शासन की योजना का लाभ हितग्राहियों को मिल रहा है एवं शेष हितग्राही जो शासन की योजना का लाभ नहीं ले पा रहे है ऐसे हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ कब तक प्रदाय कर दिया जावेगा?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : जी हाँ, विधानसभा गोटेगांव में दिव्यांगजनों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। वर्तमान में विधानसभा गोटेगांव से संबंधित किसी भी दिव्यांग का प्रकरण विभाग में लाभ हेतु लंबित नहीं है। समय-समय पर दिव्यांग शिविरों का आयोजन कर प्रमाण पत्र जारी किए जाते है जिसके आधार पर पात्रता अनुसार दिव्यांगजनों को पेंशन स्वीकृति एवं कृत्रिम अंग उपकरण प्रदाय किये जाते है।
दिव्यांग राशन कार्ड धारकों को सुविधा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
37. ( क्र. 1220 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या विधान सभा गोटेगांव में दिव्यांग राशन कार्ड धारकों के लिए शासन क्या सुविधा उपलब्ध करावेगी? जिसमें फिंगर नहीं मिलते है। जिस कारण से दिव्यांग राशन कार्ड धारकों को राशन नहीं मिल पाता है यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पंजीकृत बहुविकलांग श्रेणी के व्यक्तियों को प्राथमिकता श्रेणी में सम्मिलित किया जाकर सत्यापन उपरांत राशन प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाकर पात्रता अनुसार राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। उचित मूल्य दुकान पर लगाई गई पी.ओ.एस. मशीन से परिवार के किसी भी सदस्यों द्वारा बायोमेट्रिक सत्यापन से राशन प्राप्त किया जा सकता है। परिवार के सदस्य का बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होने पर ओ.टी.पी. अथवा नॉमिनी के माध्यम से भी राशन वितरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में दिव्यांगजनों के बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होने पर राशन प्राप्त न करने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च पद प्रभार की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
38. ( क्र. 1235 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के बड़वानी जिला अन्तर्गत वर्ष 2019 से लेकर वर्तमान तक कितने सहायक शिक्षकों को पदोन्नत किया गया है या उच्च पद का प्रभार सौंपा गया है? (ख) वर्तमान सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी का प्रभार सौंपने हेतु बड़वानी जिले में कितने पद रिक्त है तथा रिक्त पदों पर प्रभार सौंपनें की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) में जिन शिक्षकों को पदोन्नत किया गया है? क्या उनको विषयवार पदोन्नत किया गया है? यदि नहीं तो वर्तमान में उच्च पद के प्रभार में विषयवार क्यों किया जा रहा है? इस संबंध में विभागीय आदेश/परिपत्रों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क) में पदोन्नत सहायक शिक्षकों की भांति वर्तमान में भी समस्त सहायक शिक्षकों को अनिवार्यत:, उच्च पद का प्रभार सौंपनें संबंधी आदेश जारी कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) बड़वानी जिला अन्तर्गत वर्ष 2019 से सहायक शिक्षकों को पदोन्नत नहीं किया गया। 19 सहायक शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षकों के पद का प्रभार सौंपा गया है। आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। संबंधित विषय के पात्र शिक्षक न होने से पद रिक्त हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सहायक शिक्षकों को पदोन्नत नहीं किया गया, अपितु सहायक शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षक के पद का प्रभार विषयवार दिया गया है। आदेश/परिपत्रों की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स''अनुसार है। (घ) संबंधित विषय के पात्र शिक्षक उपलब्ध नहीं होने से पद रिक्त हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड के नियमों का उल्लंघन
[पर्यावरण]
39. ( क्र. 1236 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्तिक क्लोरोफिन नागदा के कारखाना अधिभोगी द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कन्सेन्ट प्राप्त करने हेतु अधिकारियों से सांठगांठ कर गलत जानकारी देकर क्लोरीनेटेड पेराफीन 18000 मैट्रिक टन प्रतिवर्ष एवं हाईड्रोक्लोरिक एसिड 36000 मैट्रिक टन प्रतिवर्ष उत्पादन करने का कन्सेन्ट दिनांक 23/04/2019 को प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण दें। वही दिनांक 17/09/2020 को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हायड्रो क्लोरिक एसिड 36000 मैट्रिक टन बायप्रोडक्ट में दर्शाकर कन्सेन्ट जारी किया गया है? जबकि नियमानुसार क्लोरीनेटेड पेराफीन का उत्पादन करने वाले उद्योग हायड्रोक्लोरिक एसिड बायप्रोडक्ट के रूप में उत्पादन होता है? (ख) उपरोक्त उत्पादन हेतु केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्ष 2016 में ही मैनेजमेन्ट एण्ड ट्रांसबाउण्ड्र रूल 2016 एण्ड रूल 9 प्रभावशील कर दिया गया था? जिसका पालन आज दिनांक तक स्वास्तिक क्लोरोफिन नागदा के द्वारा नहीं किया जा रहा है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या स्वास्तिक क्लोरोफिन एलएलपी को जारी किए गए कन्सेन्ट अंडर सेक्शन 25 आफ दी वॉटर (प्रीवेंशन एण्ड कंट्रोल ऑफ पॉल्युशन) एक्ट 1974 अंडर सेक्शन 21 ऑफ द एयर (प्रीवेंशन एण्ड कंट्रोल ऑफ पॉल्युशन) एक्ट 1981 का सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है? इसके विरूद्ध कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज केमिकल डीविजन द्वारा स्वास्तिक क्लोरोफिन नागदा को कितनी क्लोरिन गैस वर्ष 2020 से दिनांक 20/11/2024 तक विक्रय की गई है? माह, वर्षवार विवरण दें तथा स्वास्तिक क्लोरोफिन नागदा द्वारा उसका उपयोग कर क्या-क्या उत्पादन कितनी-कितनी मात्रा में किया गया? माह व वर्षवार विवरण दें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। सम्मति नहीं अपितु मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योग के आवेदन के आधार पर दिनांक 17/05/2019 को पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात दिनांक 17/09/2020 को परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 के अन्तर्गत प्राधिकार जारी किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 का नियम - 9 परिसंकटमय अपशिष्टों के उपयोग हेतु लागू है न कि बायप्रोडक्ट/प्रोडक्ट के उत्पादन हेतु। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उद्योग के निरीक्षण में पाई गई कमियों के आधार पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' एवं 'स' अनुसार है।
शालाओं का प्रबंधन एवं पर्यवेक्षण की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
40. ( क्र. 1238 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग का पत्र क्र. एफ 9-7/2010/25-1 नया रायपुर, अटल नगर, दिनांक 11/09/2023 के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के द्वारा संचालित शासकीय शालाओं की पृथक-पृथक प्रबंधन व्यवस्था को समाप्त करते हुए समस्त शालाओं का प्रबंधन पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा गया है। (ख) मध्यप्रदेश के समस्त शासकीय विद्यालयों में छत्तीसगढ़ के समान विद्यालयों का प्रबंधन, पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण स्कूल शिक्षा विभाग को कब तक सौंपा जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश से संबंधित नहीं है। (ख) छत्तीसगढ़ राज्य के समान शासकीय विद्यालय का प्रबंधन एवं नियंत्रण की व्यवस्था मध्यप्रदेश में लागू की अनिवार्यता नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासियों को वन पट्टों का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
41. ( क्र. 1257 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा चन्देरी अंतर्गत ग्रामों में कितने आदिवासियों के वन पट्टे आवंटन किये गये है सूची उपलब्ध करावें। क्या सूची अनुसार आवंटित पट्टे का सीमांकन कराकर वन विभाग द्वारा पट्टाधारी को सुपुर्दगी दी गई है। यदि नहीं तो क्यों नहीं, कार्य में विलंब करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) विधानसभा चन्देरी में विगत 5 वर्षों में Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority से कितने कार्य कराये गये है एवं उपरोक्त फण्ड से कितने सुरक्षा श्रमिकों का भुगतान किया जा रहा है। सभी के आधार कार्ड एवं बैंक पासबुक की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) चन्देरी विधानसभा में विगत 5 वर्षों से विभिन्न कार्यों हेतु कितनी लेंबर का भुगतान किया गया है सभी के नामों की लिस्ट सहित बैंक डिटेल एवं आधार कार्ड की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) विधानसभा चन्देरी में पदस्थ समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों (रेंजर, डिप्टी रेंजर एवं फील्ड स्टॉफ/ऑफिस स्टॉफ) की सूची जो 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हों, उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। वन अधिकार पत्र भूमि के नक्शा सहित पात्र दावेदारों को दिये जाते हैं। (ख) विधानसभा चंदेरी में विगत 5 वर्षों में Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority से 29 स्थानों पर (क्षेत्र तैयारी, रोपण, रखरखाव, अग्नि सुरक्षा, मुनारा निर्माण, भवन निर्माण, जलग्रहण उपचार क्षेत्र इत्यादि संबंधी) कार्य कराये गये हैं, जिसमें 55 सुरक्षा श्रमिकों को भुगतान कराया जा रहा है। सुरक्षा कार्य में लगे सुरक्षा श्रमिकों के आधार कार्ड एवं बैंक डीटेल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) चंदेरी विधानसभा में विगत 5 वर्षों से विभिन्न कार्यों हेतु 20201 लेबर का भुगतान किया गया है। सभी के नामों की लिस्ट सहित बैंक डिटेल एवं आधार कार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) विधानसभा चंदेरी में 3 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों (रेंजर, डिप्टी रेंजर एवं फील्ड स्टॉफ ऑफिस/स्टॉफ) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 1261 ) श्री सुरेश राजे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कारपोरेशन के गोदामों की सुरक्षा के आउटसोर्स पर कंपनी के कर्मचारियों को सुरक्षा गार्ड का काम दिया गया है? यदि हाँ, तो कारपोरेशन के किस गोदाम पर किस-किस कर्मचारी को आउटसोर्स के माध्यम से रखा गया है? सूची उपलब्ध करवाएं। (ख) कारपोरेशन द्वारा आउटसोर्स कंपनी को प्रति सुरक्षा गार्ड कितना भुगतान किया जा रहा है? विगत दो वर्ष की पूर्ण जानकारी देवें। (ग) आउटसोर्स कंपनी द्वारा सम्बंधित सुरक्षा गार्ड को कितना भुगतान किया जा रहा है? (घ) क्या कारपोरेशन को अपने गोदामों के लिए निरंतर सुरक्षा गार्ड की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो नियमित सुरक्षा गार्ड न रखकर आउटसोर्स पर रखने का क्या कारण है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। गोदामों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु निगम द्वारा आउटसोर्स कंपनी आर.बी. एसोसिएट को सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने का कार्य दिया गया है। गोदामों पर कार्यरत सुरक्षा गार्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) निगम द्वारा आउटसोर्स कंपनी को प्रति सुरक्षा गार्ड कलेक्टर द्वारा घोषित अर्द्ध-कुशल दर का भुगतान किया जा रहा है एवं आउटसोर्स संस्था द्वारा लिए जाने वाले शुल्क का भुगतान किया जा रहा है। दो वर्ष के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) आउटसोर्स कंपनी द्वारा सुरक्षा गार्ड को कलेक्टर द्वारा घोषित अर्द्ध-कुशल दर से वेतन का भुगतान किया जा रहा है एवं अन्य दायित्वों का भुगतान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) वर्तमान में निगम को सुरक्षा गार्ड की आवश्यकता है। निगम में सुरक्षा गार्ड के नियमित पद स्वीकृत नहीं हैं। व्यवसायिक आवश्यकता निगम के गोदामों में भण्डारित स्कंध में कमी/वृद्धि होने से सुरक्षा गार्ड की संख्या में कमी/वृद्धि होती रहती है।
जल जीवन मिशन के कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 1305 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन के तहत सतना एवं मैहर जिलों में 01-04-2020 से प्रश्नतिथि के दौरान किन-किन ग्रामों में क्या-क्या कार्य/किस-किस मद में/कितनी-कितनी राशि व्यय कर किये गये? जनपदवार सूची उपलब्ध करायें? कार्यों का प्रमाणीकरण कहां-कहां हुआ? सूची उपलब्ध करायें? अगर प्रमाणीकरण नहीं हुआ तो क्यों? कौन-कौन नाम/पदनामवार दोषी है? सूची देवें। (ख) क्या शासन के सख्त निर्देश हैं कि खुदाई के बाद रोड रेस्टोरेशन में कोई समझौता नहीं होगा, वैसा करना पड़ेगा जैसा खोदने के समय था? किस-किस ग्राम/स्थान पर रोड रेस्टोरेशन का काम पूरा हो चुका है? सूची दें? कब तक पूरा होगा? (ग) जल जीवन मिशन के तहत मैहर एवं सतना जिले में कार्य कब तक पूरा होने की संभावना है? क्या टारगेट कार्य समाप्त करने का रखा गया है? जनपदवार जानकारी उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 एवं 02 अनुसार है। सभी कार्यों का प्रमाणीकरण हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। कार्य पूर्ण किए जाने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कार्य पूर्ण किए जाने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 एवं 02 अनुसार है।
पात्र हितग्राहियों को लाभ से वंचित करने के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
44. ( क्र. 1320 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन हेतु संचालित योजनाओं अनुसार किन-किन योजनाओं से कितने हितग्राहियों को वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान लाभान्वित किया गया का विवरण जिलेवार, जनपदवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, की अवधि अनुसार जिला शहडोल व रीवा में कितने आवेदन पत्र किन-किन योजनाओं से संबंधित प्राप्त हुये उनमें से कितने आवेदन पत्रों का निराकरण कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया व कितने आवेदन पत्र निरस्त किये गये तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित योजनाओं के हितग्राहियों के आवेदन लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से व कितने सीधे कार्यालय द्वारा प्राप्त किये गये। कार्यालयों द्वारा आवेदन पत्र नहीं लिये गये तो क्यों? सारे आवेदन हेतु हितग्राहियों को लोकसेवा केन्द्र भेज कर आर्थिक रूप से गरीब हितग्राहियों को परेशान किया गया क्यों? इस बाबत् क्या निर्देश देंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार संचालित योजनाओं में प्रदेश के जिलों व अवधि में कितने दिव्यांगों को किन-किन योजनाओं से लाभान्वित किया गया उनका विवरण जिलेवार व जनपदवार देवें इनमें से कितने दिव्यांगों को कृतिम अंग, ट्राइसाइकिल, स्वचलित ट्राइसाइकिल के साथ अन्य किन योजनाओं से लाभान्वित किया गया इस बावत् व्यय की गई राशि का विवरण जिलेवार, वर्षवार उपरोक्त अवधि अनुसार देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का पात्र हितग्राहियों का लाभ नहीं दिया गया हितग्राही योजना के लाभ से वंचित हुये क्यों? राष्ट्रीय परिवार सहायता के हितग्राहियों के आवेदन पत्र मऊगंज, शहडोल व रीवा जिले में कितने लंबित हैं, इनके निराकरण भुगतान के साथ अन्य अनियमितताओं के लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे अगर नहीं तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) शहडोल एवं रीवा जिले से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। (ख) शहडोल एवं रीवा जिले से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' अनुसार लोकसेवा केंद्र के माध्यम से तथा कार्यालयों में प्राप्त आवेदन पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। योजनाएं लोकसेवा गारंटी में अधिसूचित होने से आवेदन कार्यालयों में प्रस्तुत किया जा सकता है, लोकसेवा केंद्र में आवेदन प्रस्तुत करने की बाध्यता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शहडोल एवं रीवा जिले में 7,525 हितग्राहियों को कृत्रिम एवं सहायक उपकरण का वितरण किया गया है। जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश ''क'', ''ख'', ''ग''एवं ''घ'' अनुसार विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं में किसी भी पात्र हितग्राही को लाभ से वंचित नहीं किया गया है। राष्ट्रीय परिवार सहायता योजनातंर्गत हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। कोई भी प्रकरण लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग को छात्रवृत्ति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
45. ( क्र. 1337 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा क्षेत्र के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र, लोकसेवा आयोग, संघ लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के विभिन्न स्तरों में सफल उम्मीदवारों को विगत तीन वित्तीय वर्षों में कितनी-कितनी छात्रवृत्ति स्वीकृत कर उनके बैंक खातों में अंतरित की गई है? आवेदन का वर्ष, आवेदक का नाम, पता, स्वीकृत छात्रवृत्ति बैंक खातें में अंतरित राशि के विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या पन्ना जिले के बहुत से छात्र, छात्रवृत्ति से वंचित रह गये है? कुछ छात्रों की राशि गलत खातों में अंतरित हो गई है? क्या बाद वाले आवेदकों को पहले एवं पहले वाले आवेदकों को बाद में छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है? (ग) लंबित छात्रवृत्ति का भुगतान छात्रों के खातों में कब तक कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? लंबित छात्रवृत्ति का समय पर भुगतान न करने व गलत खाते में छात्रवृत्ति अंतरित करने के लिये कौन दोषी है?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजनांतर्गत कोई प्रकरण लंबित नहीं है शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कोरोना काल में खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
46. ( क्र. 1338 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में कोरोनाकाल में खाद्य विभाग के अधिकारियों के मौखिक निर्देशों पर एवं निगरानी समिति के समक्ष ऑफलाइन खाद्यान वितरण करवाया गया था? यदि हाँ, तो क्या पी.ओ.एस. मशीन से वह स्टाक घटाया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन विक्रेताओं का और कितना? बतावें। यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या पन्ना जिले में कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत विक्रेताओं से राशन वितरण करवाया गया था? यदि हाँ, तो क्या उसका कमीशन/ प्रोत्साहन राशि नियमानुसार संबंधित विक्रेताओं को देने के लिए पन्ना जिले को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या विक्रेताओं को वह राशि अंतरित कर दी गई है यदि हाँ, तो किनको कितनी राशि अंतरित की गई है सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो अंतरित न करने के लिये कौन दोषी है? (ग) क्या दिनांक 1.4.2022 से सभी समितियों के विक्रेताओं को प्रतिमाह 10500 रुपए देने के लिए आदेश हुए थे? यदि हाँ, तो कितने विक्रेताओं को यह राशि प्रदाय की जा रही है? यदि नहीं तो शासनादेशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पन्ना जिले में कोरोनाकाल में खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा निगरानी समिति के समक्ष ऑफलाइन खाद्यान्न वितरण के मौखिक निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पन्ना जिले में उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनांतर्गत वितरित खाद्यान्न पर भुगतान की गई कमीशन राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनांतर्गत उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं को प्राप्त कमीशन में से सहकारिता विभाग द्वारा विक्रेताओं को भुगतान किया गया कमीशन/प्रोत्साहन राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। विक्रेताओं को कमीशन/प्रोत्साहन राशि का भुगतान न करने वाले समिति प्रबंधकों को सहकारिता विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को उचित मूल्य दुकानों से वितरित खाद्यान्न पर देय कमीशन राशि के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। विभाग द्वारा खाद्यान्न वितरण पर कमीशन राशि का भुगतान उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं को किया जाता है। नियमानुसार विक्रेताओं को वेतन का भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन व्यवस्थापन द्वारा प्रदाय किये गये पट्टों की जानकारी
[वन]
47. ( क्र. 1379 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा अन्तर्गत वन व्यवस्थापन के तहत कब-कब कितने कृषकों को वन विभाग द्वारा पट्टे राजस्व विभाग में हस्तांरित किये गये और क्या वे राजस्व में अमल हुये है? विवरणवार जानकारी देवें? (ख) क्या प्रदाय किये गये पट्टों में वन विभाग द्वारा अभी भी वन एवं राजस्व विभाग की सीमा चिन्हांकन को लेकर कृषकों को कृषि कार्य करने से रोका जाता है? यदि हाँ, तो क्या वन विभाग द्वारा इस संबंध में राजस्व विभाग को पत्र के माध्यम से पुनः संयुक्त निरीक्षण हेतु सूचित किया गया है? यदि नहीं तो क्यों बतावें।
राज्य
मंत्री, वन
( श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क)
पन्ना
विधानसभा के
अंतर्गत वन व्यवस्थापन
के तहत दिनांक
31.12.1976
तक के काबिज
पात्र
अतिक्रामकों
को वन विभाग द्वारा
भारतीय वन
अधिनियम 1927
की धारा 34अ
में वन भूमि
निर्वनीकृत
की जाकर राजस्व
विभाग को हस्तांतरित
की गई, शेष जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार
है। (ख) जी
नहीं।
निर्वनीकृत
भूमि पर कृषि
कार्य करने
हेतु वन विभाग
द्वारा कभी भी
रोका नहीं
जाता है। अतः
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "बत्तीस"
शासकीय उचित मूल्य की दुकान द्वारा की गई अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
48. ( क्र. 1381 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कृषि साख सहकारी समिति पिष्टा द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान ग्राम बीहर सरवरिया में उपभोक्ताओं को खाद्यान्न प्राप्त न होने की शिकायत पर एस.डी.एम. अजयगढ़ द्वारा जांच किये जाने पर वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के उल्लंघन के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए विक्रेता एवं समिति प्रबंधक के ऊपर दुकान में खाद्यान्न सामग्री का वास्तविक शेष स्टाक कम पाए जाने से आर्थिक अपयोजन की राशि संबंधीजन से वसूल किये जाने को लेकर आदेश किये थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या आरोपियों से राशि वसूल की जाकर शासकीय राशि का गबन करने पर उनके विरूद्ध एफ.आई.आर. की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के प्रावधानों के तहत उक्त उचित मूल्य दुकान के दुकान आवंटन अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (रा.) अनुविभाग अजयगढ़ द्वारा उचित मूल्य दुकान बीहरसरवरिया में खाद्यान्न वितरण संबंधित अनियमिततायें पाये जाने पर उक्त उचित मूल्य दुकान के विक्रेता श्री कामता प्रसाद अहिरवार एवं समिति प्रबंधक श्री देवराज त्रिवेदी के विरूद्ध प्रकरण निर्मित किया जाकर खाद्यान्न सामग्री का वास्तविक शेष स्टॉक कम पाये जाने से आर्थिक अपयोजन की राशि 658615/- रूपये की संबंधीजनों से वसूली किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं एवं उक्त राशि की वसूली कार्यवाही हेतु सहायक आयुक्त सहकारिता विभाग जिला पन्ना को नियुक्त किया गया है। (ख) सहायक आयुक्त सहकारिता विभाग जिला पन्ना द्वारा उक्त राशि की वसूली संबंधित कार्यवाही की जा रही है। अर्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत अनुविभागीय अधिकारी द्वारा वसूली आदेश जारी किए गए है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन अधिकार पट्टे एवं सामुदायिक वन अधिकार पट्टे की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
49. ( क्र. 1400 ) श्री संतोष वरकड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के सीहोरा विधानसभा अंतर्गत पिछले पांच सालों में कितने वन अधिकार पट्टे आदिवासियों को वितरित किये गये हैं और कितने वर्तमान में लंबित है जानकारी दें। (ख) विषयांकित क्षेत्र में सामुदायिक वन अधिकार पट्टे वितरण किये जाने में अत्यधिक देरी की जा रही है क्यों? वन विभाग के अंतर्गत राजस्व भूमि कितनी है? अगर है तो उन पर सामुदायिक वन अधिकार क्यों नहीं दिये जा रहे हैं? (ग) विषयांकित क्षेत्र में वन अधिकार पट्टे वर्ष 2016 के पहले के पट्टे जिन हितग्राहियों को वितरित किये गये थे क्या वे आज भी उन पर काबिज है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) सीहोरा विधानसभा क्षेत्र में विगत पांच वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय वर्ग के 54 वन अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं। वर्तमान में वितरण हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) सिहोरा विधानसभा क्षेत्र में 29 सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिये गये हैं। 44 दावों में दस्तावेजों/साक्ष्य का अभाव हैं। नारंगी वनखंडों में संरक्षित वन के अतिरिक्त कुल 7829.21 हेक्टेयर राजस्व भूमि है। नारंगी क्षेत्र में 29 सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिये गये हैं। (ग) सीहोरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 के पूर्व दिये गये 429 वन अधिकार पत्र धारक उस पर काबिज हैं।
शालाओं की मूलभूत सुविधाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
50. ( क्र. 1410 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद विकासखण्ड भीकनगांव में संचालित शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में ऐसे कितने विद्यालय है जो भवनविहीन, शौचालयविहीन, वालबाउण्ड्रीविहीन, फर्नीचरविहीन और जर्जर स्थिति में है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन शालाओं में मूलभूत समस्याओं का निराकरण कब तक किया जाएगा? समय-सीमा बताएं? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में कोई पत्राचार किया गया है? अगर हाँ तो कब-कब किया गया? उन पर क्या कार्यवाही की गई विवरण? (घ) शासकीय एवं अशासकीय शालाओं के कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत एवं प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सत्र 2023-24 में लैपटॉप और स्कूटी प्रदान की गई है? अगर हाँ तो विवरण नहीं, तो क्या शासन ने योजना बंद कर दी है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद विकासखण्ड भीकनगांव में संचालित शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च्तर माध्यमिक विद्यालयों के भवनविहीन शौचालयविहीन, बाऊण्ड्रीवालविहीन, फर्नीचरविहीन और जर्जर स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के कार्य राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा उपलब्ध आवंटन की सीमा में कार्य कराये जाते है, इन शालाओं में मूलभूत समस्याओं के निराकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है (ग) जी-नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी-नहीं, योजना बंद नहीं की गई है।
जनजातीय उपयोजना के बजट प्रावधान तथा व्यय राशि
[जनजातीय कार्य]
51. ( क्र. 1415 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय उपयोजना के तहत वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक बजट प्रावधान तथा व्यय राशि विभागवार, राजस्व तथा पूंजीगत मद अनुसार बतावें नोडल एजेंसी के रूप में किस प्रकार कार्य किया जा रहा है? क्या प्रत्येक विभाग जनजातीय उपयोजना की राशि को व्यय करने के लिये नोडल एजेंसी से मार्गदर्शन प्राप्त करता है यदि हाँ, तो वर्ष 2023-24 को भेजे गये मार्गदर्शन पत्र की प्रतियां देवें। यदि नहीं तो नोडल एजेंसी का अर्थ क्या है। (ख) वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक प्रत्येक विभाग द्वारा जनजातीय उपयोजना की राशि से प्रतिवर्ष किये गये पांच प्रमुख कार्य (व्यय राशि अनुसार) कार्य का नाम, स्थान, कार्य के चयन का कारण, लाभांवित हितग्राही (यदि हां तो) तथा व्यय की गई राशि की सूची प्रदान करें। (ग) भारत सरकार नीति आयोग का पत्र दिनांक 20.4.15 तथा योजना आयोग का पत्र दिनांक 18.6.14 तथा म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश क्र.एफ-10/50 दिनांक 25.7.2017 की प्रति देवें तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक, गठन के बाद, किस-किस दिनांक को हुई बैठक का एजेन्डा नोटशीट की प्रतियां देवें। (घ) वर्ष 2015-16 से 2023-24 तक जनजातीय उपयोजना के पूंजीगत व्यय से किये गये कार्य की विभागवार व्यय राशि अनुसार प्रमुख दो कार्य, कार्य का नाम, गांव/स्थान, कार्य के चयन का कारण तथा व्यय की गई राशि की जानकारी वर्षवार देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी 36 विभागों से संबंधित एवं वृहद स्वरूप की होने से संकलित की जा रही है। भारत सरकार नीति आयोग द्वारा दिनांक 18.06.2014 को जारी Revised Guidelines for Implementation of SCSP/TSP by the State/UTs में दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाही की जाती है। जी नहीं। विभागों द्वारा संचालित योजना के एवं वित्त विभाग के दिशा-निर्देशों अनुसार कार्यवाही कर राशि का व्यय किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक, दो, तीन एवं चार अनुसार है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
छात्रों को प्रदाय की जाने वाली छात्रवृत्ति की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
52. ( क्र.
1417 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
द्वारा वर्ष 2022
से प्रश्न
दिनांक तक दी
जाने वाली
समस्त प्रकार
की
छात्रवृत्ति
की संख्या कक्षावार
एवं
विकासखण्डवार
बतावे। (ख)
विगत
वर्षों में दी
जाने वाली
छात्रवृत्ति
में कितने
छात्रों को
छात्रवृत्ति
दी गई, कितने
छात्रों की
छात्रवृत्ति
दी जाना शेष है
विकासखण्डवार
सूची
देवें। (ग)
क्या
कार्यालय
आयुक्त
जनजातीय
कार्य
मध्यप्रदेश
के पत्र
क्रमांक/पी.एम.एस./225/2024-25/
12257 भोपाल, दिनांक
11.07.2024
के तहत
नर्सिंग
कौंसिल
अंतर्गत
संचालित पाठ्यक्रम
के छात्रों की
छात्रवृत्ति
पर अस्थाई रोक
लगाई गई थी? यदि
हाँ, तो
क्यों एवं
उस रोक को कब
तक हटाया
जाएगा। (घ)
विभाग
द्वारा वर्ष 2022
से प्रश्न
दिनांक तक
छात्रवृत्ति
पर कितना बजट
का प्रावधान
किया गया उक्त
प्रावधान में
कितना बजट व्यय
हुआ और कितना
नहीं। क्या
छात्रवृत्ति
बजट को भी
समर्पित किया
गया। (ड.) प्रदेश
में कक्षा 9वीं
से 12वीं तक
के छात्रों को
वर्ष 2022-23 एवं 2023-24
की
छात्रवृत्ति
भुगतान की
कार्यवाही
अभी तक प्रचलित
है यदि हाँ,
तो
छात्रवृत्ति
को रोकने वाले
अधिकारी-कर्मचारी
पर क्या
कार्यवाही की
जाएगी। धार
जिले में
कितने
छात्र-छात्राओं
की
छात्रवृत्ति
रूकी हुई है
संकुलवार
जानकारी
देवें एवं
छात्र-छात्राओं
को कब तक
छात्रवृत्ति
प्रदान की
जावेगी।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क)
सत्र 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 की
प्री-मैट्रिक
छात्रवृत्ति
(कक्षा 1 से 10 वीं) एवं
पोस्ट
मैट्रिक
छात्रवृत्ति
(कक्षा 11वीं, 12वीं एवं
महाविद्यालयीन)
की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''क, ख एवं ग '' अनुसार
है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''क, ख एवं ग ''अनुसार है। (ग) जी हाँ।
माननीय उच्च
न्यायालय, जबलपुर
के
आदेशानुसार
तत्कालीन
समय में
सी.बी.आई.
द्वारा
नर्सिंग कॉलेजों
की जांच के
परिप्रेक्ष्य
में नर्सिंग
पाठ्यक्रमों
की
छात्रवृत्ति के
भुगतान के
संबंध में अस्थाई
रोक लगाई गई
है। नर्सिंग
कॉलेजों की
वैधता
सुनिश्चित
होने पर की
छात्रवृत्ति
दिए जाने का
प्रावधान है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''घ ''अनुसार है। (ड.) जी
हाँ। भारत
सरकार द्वारा
केन्द्र
प्रवर्तित
प्री-मैट्रिक
छात्रवृत्ति
(कक्षा 9वीं, 10वीं) तथा
पोस्ट
मैट्रिक
छात्रवृत्ति
(कक्षा 11वीं, 12वीं) के
आवेदन एवं स्वीकृति
की प्रक्रिया
पी.एफ.एम.एस. के
माध्यम से
एवं आधार
आधारित
भुगतान
अनिवार्य
होने से विद्यार्थियों
के डिजिटल
जाति
प्रमाण-पत्र, आय
प्रमाण-पत्र
तैयार किए
जाने, बैंक खाते
को आधार से
लिंक किए जाने
की कार्यवाही
की जाती है।
अत:
अधिकारियों
एवं कर्मचारियों
पर कार्यवाही
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। धार
जिले के छात्र–छात्राओं
की संकुलवार
छात्रवृत्ति
की जानकारी
पुस्तकाल
में रखे
परिशिष्ट ''ड''अनुसार है।
समूह पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
53. ( क्र. 1446 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी/जल निगम में निर्मित, निर्माणाधीन समूह पेयजल योजना का कार्य विभाग/शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड/ गुणवत्ता एवं निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया गया है या किया जावेगा? यदि नहीं तो क्या संबंधित निर्माण ठेकेदार के विरूद्ध निविदा अनुबंध नियमों के तहत विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन/विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण करने एवं उनके निर्माण में की जा रही अनियमितता की सूक्ष्म जांच के लिये प्रदेश के सिवनी जिले से स्थानीय जनप्रतिनिधियों/ संगठनों द्वारा कोई शिकायत पत्र प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो उसमें शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या प्रदेश के सिवनी जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत निर्माण कार्य एवं इनकी निविदा शर्तों को शिथिल कर एवं कार्यपालन यंत्री का अनुपातिक निरीक्षण किये बिना अधिकांश बिलों का भुगतान संबंधी अनियमितताओं के संबंध में स्थानीय प्रतिनिधियों/संगठनों द्वारा शासन/विभाग को शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत निर्माणाधीन बंडौल समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है, इस योजना का कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुआ है। जी हाँ, कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जांच की कार्यवाही प्रचलित है, गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्कूल भवनों की मरम्मत एवं अतिशेष शिक्षकों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
54. ( क्र. 1447 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में विभाग के अंतर्गत शास. हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन की विभागीय परिसम्पत्तियों के संधारण अंतर्गत मरम्मत कार्य एवं स्मार्ट क्लास के लिये सामग्री क्रय हेतु वर्ष 2021 से आज दिनांक तक राशि प्राप्त हुई है? यदि हां, तो किस स्कूल के लिये कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य के लिये प्राप्त हुई? क्या उक्त कार्य विभाग/शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत कराये गये हैं? यदि नहीं तो क्यों? क्या? उक्त कार्य के संपादन/सामग्री क्रय कार्य में की गई अनियमितताओं के संबंध में स्थानीय प्रतिनिधियों/संगठनों द्वारा कोई पत्र शासन/ विभाग को प्राप्त हुये हैं? यदि हां, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? उक्त कार्य की जांच कराई जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या सिवनी जिला के जनजातीय कार्य विभाग में अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग, शिक्षकों के एजुकेशन पोर्टल व कार्यालय में सेवायुक्तों की उपस्थिति में अनियमितताओं के संबंध में स्थानीय समाचार पत्रों व जनप्रतिनिधियों द्वारा जिला प्रशासन/शासन को कोई खबर प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों और कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2021 से आज दिनांक तक 05 हायर सेकेण्ड्री स्कूल (सी.एम.राईज विद्यालय) भवन के नाम से आवंटन प्राप्त हुआ है। विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। 57 संस्थाओं में स्मार्ट क्लास हेतु आवंटन प्राप्त हुआ है। विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। उक्त कार्य, क्रय शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत किये गये है। मरम्मत कार्य के संबंध में अनियमितता की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जी हाँ, स्मार्ट क्लास सामग्री क्रय में की गई अनियमितताओं के संबंध में आयुक्त (राजस्व) जबलपुर संभाग जबलपुर द्वारा कराई गई जांच प्रतिवेदन की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोदाम में अनाजों का सड़ जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
55. ( क्र. 1459 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किसानों के समर्थन मूल्य पर खरीदा गया अनाज सड़ चुका है, तो शहडोल सम्भाग अंतर्गत कितने क्विंटल गेंहू/चावल/ज्वार/बाजरा और मक्का सड़ चुके हैं? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) गोदामों में अनाज किन कारणों से खराब हुआ है, इसकी जांच की गयी है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) सड़े हुये अनाज को बचाने का टेंडर वर्ष 2024 में किया गया किंतु अनाज बिक नहीं पाये?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शहडोल संभाग में प्रश्नांकित अवधि में समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न क्षतिग्रस्त एवं खराब होने की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न दीर्घावधि तक एवं केपों में भंडारण के कारण खाद्यान्न क्षतिग्रस्त एवं खराब हुआ है। समय-समय पर गोदाम निरीक्षण के दौरान स्कंध की गुणवत्ता का आंकलन किया जाता है। (ग) क्षतिग्रस्त खाद्यान्न के विक्रय हेतु भारत शासन एवं राज्य शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार निविदा आमंत्रित कर विक्रय की कार्यवाही प्रचलन में है।
सामुदायिक वन अधिकार के मान्य दावे
[जनजातीय कार्य]
56. ( क्र. 1469 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश शासन भोपाल के कार्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून के तहत कितनी आरक्षित वन भूमि पर सामुदायिक वन अधिकार के कितने दावे मान्य किए गए, धारा 3 (2) के अनुसार आरक्षित वन भूमि के कितने रकबे पर कितनी अनुमति दी गई, पृथक-पृथक बतावें? (ख) आरक्षित वन भूमि पर किसी व्यक्ति या समाज के अधिकारों को लेखबद्ध किए जाने के संबंध में वनमंडलों में एरिया रजिस्टर एवं वनकक्ष इतिहास में क्या-क्या प्रारूप उपलब्ध है? उन प्रारूपों में समाज के अधिकार दर्ज करवाने के संबंध में विभाग ने जनवरी 2008 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्रवाई की है? यदि नहीं की हो तो कारण बतावें। (ग) आरक्षित वन भूमि पर प्रचलित अधिकारों का ब्यौरा एरिया रजिस्टर एवं वनकक्ष इतिहास में भी दर्ज करवाए जाने के संबंध में शासन क्या कार्रवाई कर रहा है? कब तक करेगा? समय-सीमा सहित बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) आरक्षित वनभूमि पर मान्य किये गये सामुदायिक वन अधिकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार एवं धारा-3 (2) के तहत जारी की गई अनुमतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) आरक्षित वनभूमियों पर सभी प्रकार के अधिकार शासन के होते हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
वन संरक्षण कानून की अनुमति के ऑनलाइन प्रकरण
[वन]
57. ( क्र. 1470 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दक्षिण वन मंडल बैतूल के ऑनलाइन किए प्रस्ताव क्रमांक FP/MP/MINE/152251/2022 में किस वनभूमि के बदले किस भूमि के कितने रकबे पर वैकल्पिक वृक्षारोपण की कितनी लागत की योजना वन मंडल ने बनाई? इसकी तकनीकी स्वीकृति किस अधिकारी ने किस दिनांक को दी है? (ख) प्रकरण से संबंधित वन भूमि बावत वन मुख्यालय वन भवन भोपाल एवं राज्य मंत्रालय भोपाल के किस-किस अधिकारी की नोटशीट/ऑर्डर शीट पर क्या-क्या लेख कर किस-किस दिनांक को अनुमति, अनुमोदन या स्वीकृति प्रदान की, उसे ऑनलाइन कब दर्ज किया गया नोटशीट/आर्डर शीट की प्रति सहित बतावें? (ग) वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए ग्राम बड़ोरी के किस खसरा नंबर के कितने रकबे के संबंध में वन मंडल दक्षिण बैतूल ने अपने पत्र क्रमांक 7377 दिनांक 23/11/2022 में क्या-क्या आपत्ति लगाई? यह भूमि कलेक्टर बैतूल ने किस प्रकरण क्रमांक, आदेश दिनांक से वन मंडल को आवंटित की, यदि आवंटन नहीं हुआ हो तो कारण बतावें? (घ) भूमि आवंटन के बिना वैकल्पिक वृक्षारोपण की योजना बनाने, तकनीकी स्वीकृति देने वाले के विरुद्ध शासन क्या कार्रवाई कर रहा है, कब तक करेगा? समय-सीमा सहित बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन प्रस्ताव दक्षिण बैतूल (सा.) वनमण्डल की वनभूमि का न होकर उत्तर बैतूल (सा.) वनमण्डल की वनभूमि का है। प्रभावित वनभूमि के बदले प्रस्तावित गैर वनभूमि रकबा 17.401 हेक्टेयर की वैकल्पिक वृक्षारोपण योजना दक्षिण बैतूल (सा.) वनमण्डल में बनाई गई है, जिसकी लागत राशि रू. 1,81,50,486/- है तथा तकनीकी स्वीकृति मुख्य वन संरक्षक, बैतूल वृत्त द्वारा दिनांक 12.08.2023 से दी है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए ग्राम-बडोरी के खसरा नम्बर 167 के राजस्व गैर वनभूमि, रकबा 17.401 हेक्टेयर के संबंध में वनमण्डल दक्षिण बैतूल ने प्रश्नाधीन पत्र द्वारा उक्त भूमि लगभग 75 प्रतिशत अतिक्रमित, अधिक तीव्र ढलान एवं ऊची-नीची पहाड़ी पथरीली चट्टान वाली होना एवं भूमि पर पहुंच हेतु स्पष्ट मार्ग उपलब्ध नहीं होना लेख किया गया। प्रस्तावित 17.401 हेक्टेयर गैर वनभूमि में से कलेक्टर बैतूल के प्रकरण क्रमांक/0001/अ-20 (3) 2024-25/93311 में पारित आदेश दिनांक 08.10.2024 द्वारा 7.002 हेक्टेयर गैर वनभूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु वन विभाग को हस्तांतरित करने के आदेश पारित किये गये हैं। आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) कलेक्टर, बैतूल द्वारा भूमि आवंटित नहीं की गई थी अपितु पूर्व में प्रस्तावित की गई थी। प्रस्तावित गैर वनभूमि पर रोपण योजना तैयार करने हेतु वनमण्डलाधिकारी, दक्षिण बैतूल को लेख किया गया था। यह एक नियमानुसार प्रक्रिया है इसके लिये कोई दोषी नहीं है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पेंच नदी के पानी को प्रदूषित होने की रोकथाम
[पर्यावरण]
58. ( क्र. 1473 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत पेन्च क्षेत्र में स्थित कुछ कोयला खदाने बन्द हो चुकी है, किन्तु वे.को.लि. प्रबंधन के द्वारा कुछ स्थानों (न्यूटन क्षेत्र, जाटाछापर, चांदादेव टेकड़ी के पास 3 बोर एवं रेलवे पुल के पास) पर बोर कराया गया है, इन स्थानों के बोर का एसीडिक वाटर बड़ी मात्रा में बह रहा है तथा इन सभी बोरों का पानी पेंच नदी में सम्मिलित हो रहा है, जिससे सम्पूर्ण पेंच नदी का पानी प्रदूषित हो गया है, जिसका प्रभाव आमजनों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। हाल ही में न.पा.परासिया द्वारा पेंच नदी न्यूटन पर एक नया बांध का निर्माण कराया गया है तथा पानी रोकने हेतु गेट लगा दिये गये है, पेंच नदी के पानी की सप्लाई क्षेत्र की आमजनता को होती है, परन्तु इन बोरों के प्रदूषित पानी के कारण पेंच नदी का पानी पूर्ण रूप से खराब, प्रदूषित हो चुका है विभाग द्वारा उपरोक्त संबंध में कब तक जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी और पेंच नदी के पानी को प्रदूषित होने से रोक दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त संबंध में कार्यवाही किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रदूषण अधिकारी छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/651 दि. 23.10.2024 प्रेषित किया गया था, जिस पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और क्या जांच कराई गई है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा छिंदवाड़ा जिले में प्रवाहित पेंच नदी की जल गुणवत्ता की जांच नियमित रूप से कराई जाती है, जिसमें नदी के जल की गुणवत्ता ''ए'' श्रेणी की पाई गई है। प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल परासिया से प्राप्त जानकारी अनुसार आमजनों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने की पुष्टि नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र क्षेत्रीय कार्यालय मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छिंदवाड़ा में प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
59. ( क्र. 1480 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले धरमपुरी विधानसभा में कोविड-19 अर्थात् कोरोनाकाल में राज्य के अतिरिक्त केन्द्र द्वारा प्रति व्यक्ति किस मान से शासन द्वारा कितना खाद्यान्न आवंटित किया गया? खाद्यान्न वितरित करने के क्या निर्देश/नियम थे? छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं शासन की मंशानुरूप उचित मूल्य की दुकानों द्वारा कितना राशन वितरित किया गया? कितने परिवारों का राशन वितरित होना शेष है? माहवार विकासखण्ड सहित दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विकासखण्ड धरमपुरी एवं नालचा के अनुसूचित जाति/जनजाति सभी परिवारों की पात्रता-पर्ची जनरेट हो गई है? यदि हाँ, तो कितनी संख्या बतावें? यदि नहीं तो कब तक कर दी जावेगी? सामान्य या पिछड़ा वर्ग के परिवारों को अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की पात्रता पर्ची जनरेट की गई? इसके लिए दोषी कौन है? (ग) अंत्योदय (एएवाय) कार्ड धारियों की पात्रता-पर्ची बीपीएल श्रेणी में जनरेट की गई हैं? यदि हाँ, तो क्यों एवं सुधार उपरांत कब तक अंत्योदय श्रेणी की पात्रता-पर्ची जारी की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले में कोविड-19 के दौरान माह अप्रैल, 2020 से नवम्बर, 2020 तथा माह मई, 2021 से दिसम्बर, 2022 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पात्र परिवारों हेतु 5 किलोग्राम प्रतिमाह/सदस्य खाद्यान्न का आवंटन जारी किया गया है। पात्र परिवारों को खाद्यान्न वितरण हेतु जारी निर्देश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों से वितरित राशन मात्रा, राशन प्राप्त करने वाले परिवार एवं दुकानों पर राशन प्राप्त करने हेतु उपस्थित न होने वाले परिवारों (शेष परिवार) की माहवार, दुकानवार एवं विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) विकासखण्ड धरमपुरी एवं नालछा के अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के पोर्टल पर सत्यापित एवं पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। धरमपुरी एवं नालछा विकासखण्ड में अनुसूचित जाति/ जनजाति परिवारों को जारी पात्रता पर्ची का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग श्रेणी के परिवारों को अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी में पात्रता पर्ची जारी करने के संबंध में कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। तकनीकी एवं अन्य कारणों से अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को बीपीएल श्रेणी अंतर्गत पात्रता पर्ची जनरेट होने का प्रकरण संज्ञान में आने पर उन्हें अन्त्योदय अन्न योजना की पात्रता पर्ची जारी कर दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति, जनजाति योजनाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
60. ( क्र. 1483 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर की जनपद पंचायत बरई, मुरार, भितरवार एवं डबरा क्षेत्र के ग्राम/मजरा/टोला/ अंतर्गत अनुसूचित जनजातीय (सहरिया) बस्तियों में प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न निर्माण कार्यों की कितनी-कितनी राशि की बनाई गई? कार्य योजनाओं की छायाप्रति देवेंl अभी तक कार्य योजना में से किस ग्राम/मजरा में कौन सा कार्य कितनी राशि का प्रारंभ/पूर्ण किया गया? जनपद एवं पंचायतवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) अनुसूचित जाति, जनजाति विकास योजना की राशि से कार्य स्वीकृति के नियम/आदेश की सत्यापित प्रति देवें। क्या कार्य स्वीकृत हेतु समिति गठित का प्रावधान है? यदि हाँ, तो जिला ग्वालियर में गठित की गई समिति में कौन-कौन शासकीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार जिला ग्वालियर में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को लाभान्वित करने हेतु तथा निर्माण कार्य स्वीकृत हेतु वर्ष 2021-22 से 2023-24 में केंद्र एवं राज्य शासन से प्राप्त राशि से लाभान्वित हितग्राही एवं स्वीकृत निर्माण कार्यों का विस्तृत ब्यौरा देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
जल जीवन मिशन की नलजल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
61. ( क्र. 1484 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन योजना से विधानसभा डबरा के किन ग्रामों में कितनी राशि की जल प्रदाय योजना किस दिनांक को स्वीकृत कर किस ठेकेदार/फर्म को किस माह तक, कार्य पूर्ण करने हेतु आदेश दिया गया? योजना स्वीकृत उपरान्त प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम की नलजल योजना पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? पूर्ण योजना से किस माह से जल प्रदाय किया जा रहा है? अपूर्ण योजना का कारण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा डबरा के अंतर्गत जल जीवन मिशन से स्वीकृत नलजल योजनाओं में से ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जहाँ पर पानी की टंकी का निर्माण एवं पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है, किन्तु नलकूप (जलस्त्रोत) सफल नहीं होने से जल प्रदाय नहीं हो सका है ऐसे ग्राम की नलजल योजना कुल कितनी राशि की स्वीकृत है? प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि व्यय हो चुकी है? इन ग्रामों में किस ठेकेदार द्वारा कार्य करवाया गया? उसका नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर तथा मूल्यांकनकर्ता उपयंत्री का नाम सहित योजनावार पृथक-पृथक बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ऐसी कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जलकुंभी एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[वन]
62. ( क्र. 1486 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माधव नेशनल पार्क क्षेत्र शिवपुरी में स्थित चांदपाठा तथा माधव लेक जलाशयों में भारी मात्रा में जलकुंभी पौधे विगत कई वर्षों से विद्यमान हैं? क्या उक्त जलकुंभी का विनिष्टीकरण किया जाना आवश्यक है? क्या जलकुंभी के कारण जलाशय में विद्यमान जलीय जीवों को किसी प्रकार की हानि पहुंच रही है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा इसके विनिष्टीकरण हेतु अब तक क्या-क्या किया गया तथा उस पर कुल कितना व्यय हुआ? यदि नहीं तो क्यों? क्या जलकुंभी का विनिष्टीकरण किये जाने हेतु विभाग ने कोई योजना तैयार की है? यदि की है तो पूर्ण जानकारी दें। यदि नहीं तो क्या आवश्यकता नहीं है तथा क्या निकट भविष्य में विभाग इस हेतु उचित कार्ययोजना तैयार करेगा? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? (ग) क्या माधव नेशनल पार्क में बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य प्रगतिरत है? उक्त निर्माण कार्य की कुल लागत कितनी है? कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है व कितना शेष है? कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या है? क्या उक्त बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य के दौरान ही कई स्थान पर टूटकर गिर गई है? क्या उक्त बाउण्ड्रीवाल के निर्माण में मजबूती के लिए सरिया आदि का इस्तेमाल नहीं किये जाने तथा आवश्यकतानुसार तलाई नहीं किये जाने के कारण गुणवत्ताहीन कार्य किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या उक्त निर्माण की गुणवत्ता बेहतर किये जाने हेतु विभाग कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ, जलाशय में जलकुंभी के अत्यधिक फैलाव के कारण जलीय जीवों और वनस्पति को होने वाली हानि से जलकुंभी हटाकर सुरक्षित किया जा रहा है। जलाशय की जैव विविधता संरक्षित करने हेतु जलकुंभी हटाना अत्यंत आवश्यक है। (ख) जलकुंभी के विनिष्टीकरण हेतु वर्ष 2022-23 के अन्तर्गत सांख्या सागर झील की सफाई कार्य श्रमिकों द्वारा जलकुंभी को एकत्रित कर उन्मूलन का कार्य कराया गया, किंतु जलकुंभी अधिक मात्रा में फैली होने के कारण एवं पर्याप्त बजट के अभाव में जलकुंभी उन्मूलन कार्य को पूर्ण नहीं किया जा सका था। वर्ष 2022-23 में जलकुंभी उन्मूलन कार्य पर राशि रु. 1380594/- व्यय हुआ है। जलकुंभी विनिष्टीकरण हेतु एक योजना तैयार कर वरिष्ठ को भेजी गई। वरिष्ठ से प्राप्त स्वीकृति अनुसार उक्त झील की सफाई हेतु नवीन वीड कलेक्टर वोट NMDC (CSR) मद के अन्तर्गत क्रय की गई है, जिससे जलकुंभी सफाई का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है, कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा 6 माह है। (ग) जी हाँ। बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य की कुल लागत राशि रु. 11,76,35,026/- है। उक्त कार्य लगभग 55 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। कार्य पूर्ण करने की समयावधि दिसम्बर 2024 है। निर्माण कार्य के दौरान बाउण्ड्रीवाल किसी स्थान पर टूटकर नहीं गिरी है। जी हाँ, दीवाल निर्माण कार्य में सरिये का उपयोग नहीं किया जा रहा है क्योंकि दीवाल खंडा पत्थर द्वारा बनाई जा रही है तथा डी.पी.आर. में सरिया उपयोग का प्रावधान नहीं किया गया है। तराई सहित सभी निर्माण कार्यों का सतत् निरीक्षण किया जाता है एवं तराई कार्य सहित उच्च गुणवत्ता का कार्य किया जा रहा है। (घ) सतत् रूप से कार्य की गुणवत्ता का निरीक्षण किया जाता है तथा डी.पी.आर. में निर्धारित मानक अनुसार कार्य को मापा जाता है। मानक अनुसार उच्च गुणवत्ता का कार्य कराया जा रहा है।
वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
63. ( क्र. 1515 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में जुलाई 2017 में नर्मदा कैचमेंट एरिया में विभिन्न जिलों में एक ही दिन में रोपे गए सवा 7 करोड़ पौधों की वर्तमान में जीवितता की जानकारी ली है? कितने पौधे जीवित है और कितने नहीं? वृक्षा रोपण के दौरान कुल आय व्यय की राशि का ब्यौरा तिथिवार देवें। (ख) उपरोक्त जुलाई 2017 में नर्मदा कैचमेंट एरिया में किन-किन जिलों में कितने-कितने पौधे रोपित किए गए थे? इनमें कितने वन विभाग द्वारा तथा कितने अन्य विभागों द्वारा पौधे रोपित किए गए थे? (ग) उपरोक्त में से अलग-अलग जिलों में कितने-कितने पौधे जीवित है? इनमें से कितने-कितने कैम्प फंड से रोपे गए पौधे हैं और कितने वन विभाग के बजट से रोपे गए पौधे हैं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। विभाग ने केवल वन विभाग द्वारा लगाये गये पौधों की जीवितता का सत्यापन किया है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 2 जुलाई, 2017 में नर्मदा कैचमेंट एरिया में वन विकास निगम सहित वन विभाग द्वारा रोपित किये गये पौधों की वन मण्डलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। वन विभाग द्वारा 2 जुलाई, 2017 को नर्मदा कैचमेंट एरिया में कुल 33237026 पौधे रोपित किये गये थे। शेष उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन मण्डलवार जीवित पौधों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कैम्पा फण्ड, विभागीय मद एवं वन विकास निगम की योजनाओं से रोपित किये गये पौधों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन विभाग के निर्माण कार्यों की जानकारी
[वन]
64. ( क्र. 1517 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में वन विभाग के द्वारा मनरेगा के तहत क्या-क्या एवं कितनी राशि के कार्य कराए गए? कितने लोगों को रोजगार या मजदूरी दी गई? विभाग के अंतर्गत कितनी नर्सरियां काम कर रही है? विभाग द्वारा कितने क्षेत्रों में पौधों को लगाया गया है? नर्सरी में उपयोग में आने वाली सामग्री किन संस्थाओं द्वारा क्रय की गई? जिलावार विगत तीन वर्षों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए? (ख) विभाग द्वारा यंत्र खरीदी की क्या प्रक्रिया है, यहां कौन-कौन से यंत्रों की विगत 3 वर्षों में कितनी राशि की खरीदी की गई, किस संस्था द्वारा की गई, किसको भुगतान किया गया? जिलावार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ग) विभाग द्वारा तार फेंसिंग जाली फेंसिंग कितने क्षेत्र में कितनी राशि की कराई गई? किसी एजेंसी द्वारा कार्य कराया गया? जिलावार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (घ) वन विभाग में स्टाप डेम एवं अन्य कौन-कौन से निर्माण, कौन-कौन से विकासखंडों में कितनी राशि के वर्ष 2020 से 2024 के बीच कराए गए? किस संस्था या कंपनी द्वारा कराये गये? किस प्रक्रिया के द्वारा किए गए?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मध्यप्रदेश में वन विभाग के द्वारा मनरेगा के तहत कराए गए कार्य एवं रोजगार/मजदूरी एवं कार्यरत नर्सरी की जानकारी, रोपित पौधे, नर्सरी में उपयोग आने वाली सामग्री क्रय की विगत तीन वर्षों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) मनरेगा योजना अंतर्गत किसी प्रकार की यंत्र की खरीदी नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मनरेगा योजना अंतर्गत तार फेंसिग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) मनरेगा योजना अंतर्गत स्टाप डेम एवं अन्य निर्माण कार्य नहीं कराये गये है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीपीएल अपात्र परिवारों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
65. ( क्र. 1520 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के शहरी एवं ग्रामीण में प्रत्येक वार्ड में कितने-कितने फर्जी बीपीएल कार्ड पाए गए? विस्तृत संख्या एवं विभागीय प्रतिवेदन देवें। (ख) उज्जैन जिले में कुल पाए गए फर्जी बीपीएल परिवारों के कार्ड की जांच कब-कब, किस-किस अधिकारी के द्वारा की गई? विवरण देवें। (ग) बीपीएल की पात्रता के निर्धारण हेतु किस-किस अधिकारी एवं सर्वे टीम ने सर्वे कर पात्रता का सत्यापन किया? सत्यापन उपरांत फर्जी बीपीएल कार्ड कैसे पाए गए? इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? इस लापरवाही पर प्रश्न दिनांक तक किस-किस पर क्या-क्या दंडात्मक कार्यवाही हुई? (घ) किस- किस राशन कार्ड के द्वारा कितना-कितना खाद्यान प्रति व्यक्ति दिया जाता हैं? (ड.) पूर्व अनुसार 4 किलो गेहूं, 1 किलो चावल हितग्राहियों को नहीं दिए जाने का कारण क्या हैं? (च) क्या वर्तमान में 4 किलो चावल एवं 1 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति उपलब्ध कराने का प्रावधान है? (छ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 12/07/24 तारांकित प्रश्न क्रमांक 1596 के सभी खंडों के उत्तर अभिलेखों के साथ कब तक उपलब्ध कराए जायेंगे? (ज) वर्ष 2020 से उज्जैन जिले के अपात्र परिवार एवं गरीबी रेखा से बाहर परिवारों के आंकड़ों की जांच रिपोर्ट एवं परिणामी नतीजे की रिपोर्ट कब तक सार्वजनिक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ज) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दिव्यांग छात्रावास एवं शिक्षक की व्यवस्था
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
66. ( क्र. 1523 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने दिव्यांग छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं, इन छात्र-छात्राओं के लिए सर्वांगीण विकास के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (ख) गरोठ विधानसभा जिला मुख्यालय मन्दसौर से 125 किलोमीटर की दूरी पर है, इन दिव्यांगजनों हेतु गरोठ विधानसभा क्षेत्र पर कोई छात्रावास, पढ़ाने हेतु शिक्षक की कोई व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या विभाग गरोठ विधानसभा क्षेत्र पर दिव्यांग छात्रावास एवं शिक्षक की व्यवस्था हेतु स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) गरोठ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 107 दिव्यांग छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। इन छात्र-छात्राओं हेतु शिक्षा विभाग द्वारा नि:शुल्क गणवेश, पाठ्य पुस्तक, उपकरण वितरण व छात्रवृत्ति प्रदाय की जाती है। (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिव्यांग छात्र/छात्राओं हेतु छात्रावास उपलब्ध नहीं है, अध्ययनरत दिव्यांग छात्र/छात्राओं हेतु शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 17 समावेशी शिक्षा को सशक्त करता है, जिसके अनुसार दिव्यांग बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ सामान्य विद्यालय में ही शिक्षा प्रदाय की जानी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा कैचमेंट एरिया में रोपित पौधों की जानकारी
[वन]
67. ( क्र. 1534 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग ने जुलाई 2017 में नर्मदा कैचमेंट एरिया में विभिन्न जिलों में एक ही दिन में रोपे गये? सवा सात करोड़ पौधों की वर्तमान में जीवितता की जानकारी प्राप्त की है? (ख) उपरोक्त जुलाई 2017 में नर्मदा कैचमेंट एरिया में किन-किन जिलों में कितने-कितने पौधे रोपित किये गये थे? इनमें से कितने वन विभाग द्वारा विभिन्न एजेंसियों द्वारा पौधे रोपित किये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में कितने पौधे जीवित है? (घ) कितने कैम्पा फंड से पौधे रोपे गये है और कितने वन विभाग के बजट से रोपे गये पौधे हैं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। विभाग ने केवल वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों की जीवितता का सत्यापन किया है। (ख) 2 जुलाई, 2017 में नर्मदा कैचमेंट एरिया में वन विकास निगम सहित वन विभाग द्वारा रोपित किये गये पौधों की वनमण्डलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा विभागीय तौर पर पौधारोपण किया गया था। (ग) वन मण्डलवार जीवित पौधों की जानकारी उत्तरांश 'ख' के जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कैम्पा फण्ड, विभागीय मद एवं वन विकास निगम की योजनाओं से रोपित किये गये पौधों की जानकारी उत्तरांश (ख) के जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जल जीवन मिशन योजनांतर्गत केन्द्र से राशि प्राप्त नहीं होना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
68. ( क्र. 1535 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत मध्यप्रदेश को कुल राशि कब स्वीकृत की गई है? (ख) मार्च 2024 तक कुल कितनी राशि खर्च हो चुकी है? जिलेवार जानकारी दें। (ग) क्या इस योजना की राशि की मांग केन्द्र से की गई है तो कब? कितनी राशि अभी तक केन्द्र से प्राप्त नहीं हुई है? (घ) किन कारणों से अभी तक राशि नहीं मिल पाई है? (ड.) क्या धार जिले के कुक्षी, गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश गांवों में नलजल योजनाएं बंद पड़ी है तथा ठेकेदारों को अपूर्ण कार्य का भुगतान कर दिया है तो कब? क्या इसकी जांच की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) दिनांक 01.06.2020 से दिनांक 05.10.2024 तक कुल राशि रू. 34063.99 करोड़ स्वीकृत/प्राप्त हुई। (ख) मार्च 2024 तक कुल राशि रू. 26454.73 करोड़ खर्च हो चुकी है। जिलावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हॉ, दिनांक 01.09.2024 तथा दिनांक 20.11.2024 को। राशि रू. 1422.36 करोड़। (घ) राज्य सरकार से संबंधित नहीं है। (ड.) जी नहीं, जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन
[वन]
69. ( क्र. 1543 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला टीकमगढ़ एवं जिला निवाड़ी में कई किलोमीटर में वन क्षेत्र है जिसमें कई सामाजिक लोग बड़े स्तर पर अवैध खेती करते है व अवैध उत्खनन करते है जबकि कार्यवाही हमेशा छोटे एवं असहाय, गरीब लोगों पर होती है? (ख) क्या सरकार ऐसे लोगों से वन क्षेत्र को मुक्त कराएगी एवं कब तक?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) यह सही है कि टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में कई वर्ग किलोमीटर वनक्षेत्र है किन्तु यह सही नहीं है कि कई सामाजिक लोग बड़े स्तर पर अवैध खेती व अवैध उत्खनन करते हैं। जब भी कोई अवैध अतिक्रमण अथवा अवैध उत्खनन का प्रकरण प्रकाश में आता है तो विधि अनुरूप समानुपात रूप से नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। यह भी सही नहीं कि छोटे एवं असहाय गरीब लोगों पर कार्यवाही होती है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पानी की टंकियों का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
70. ( क्र. 1544 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र में पानी की टंकियों का निर्माण कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी टंकियों का निर्माण कार्य किया गया? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्न दिनांक से विगत तीन वर्षों में पृथ्वीपुर विधान सभा में कितनी टंकियों का निर्माण हुआ? यदि नहीं तो क्यों? (ग) वर्तमान में पृथ्वीपुर विधानसभा में कितनी टंकियों से पानी सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है? क्षेत्र एवं संख्या बताएं। (घ) पृथ्वीपुर विधानसभा में कितनी संख्या में टंकिया निर्माणाधीन है एवं कितनी टंकियों से पानी प्रदाय नहीं किया जा रहा है? स्पष्ट करें, संख्या भी बताएं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हॉं, 52। (ख) 39, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) निवाडी-पृथ्वीपुर-1 एवं निवाडी-पृथ्वीपुर समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत निर्मित 18 टंकियों के माध्यम से पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के 95 ग्रामों में तथा एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत निर्मित 21 टंकियों के माध्यम से 21 ग्रामों में जल प्रदाय किया जा रहा है। (घ) 20 टंकियॉं निर्माणाधीन हैं। 13 स्थापित टंकियों से जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
71. ( क्र. 1552 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति कल्याण विभाग टीकमगढ़ को अनुसूचित जाति बस्तियों में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराये जाने के बजट का प्रावधान रहता है? वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन अनुसार खरगापुर विधान सभा में कहां-कहां, कौन-कौन से निर्माण कार्यों पर कितनी राशि जारी की गई? सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराये। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भी कलेक्टर टीकमगढ़ की ओर भेजे गये थे? क्या उन प्रस्तावों के अनुसार हाल के बजट से राशि जारी की गई? यदि हाँ, तो कब की गई यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के खरगापुर विधान सभा-47 में कितने आवासीय छात्रावास एवं कन्या छात्रावास कहां-कहां संचालित है तथा अधीक्षकों तथा समस्त कर्मचारियों के पदनामों एवं मो.नं. सहित सूची उपलब्ध कराये? (घ) क्या सभी छात्रावासों में कितनी-कितनी छात्र/छात्राओं की संख्या है? छात्र/छात्रायें किस ग्राम में मूल निवासी है नामवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराये तथा प्रत्येक छात्रावास को हर वर्ष व्यय किये जाने हेतु कितनी राशि प्राप्त होती है? छात्र/छात्राओं को क्या-क्या सुविधा छात्रावासों में दी जाती भोजन तथा अन्य सुविधाओं की मॉनिटरिंग किसके द्वारा की जाती इन छात्रावासों में कब-कब, कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किये इन कार्यक्रमों में क्षेत्रीय विधायक को क्यों नहीं बुलाया जाता है?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2024-25 में मद 049-4225-01-800-0103-1096-V-64-002 अन्तर्गत जिला (टीकमगढ/निवाडी) को राशि रूपये 76.50 लाख का आवंटन जारी किया गया। अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम 2018 के अनुसार जिला स्तर पर माननीय मंत्रीजी की अध्यक्षता में कार्यों की स्वीकृति हेतु गठित समिति द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार। जिला अन्तर्गत छात्रावासों में प्रश्नगत अवधि में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहरिया भाषाई शिक्षकों को TET की अनिवार्यता से छूट
[जनजातीय कार्य]
72. ( क्र. 1586 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में विशेष पिछड़ी सहरिया जनजाति के बच्चों को उन्ही की बोली एवं भाषा में पढ़ने के लिए 2008 में ट्राइबल सब प्लान योजना के तहत नियुक्त जिला शिवपुरी/ग्वालियर/गुना में सहरिया भाषाई शिक्षकों को TET की अनिवार्यता लागू कर सेवा से पृथक कर दिया, जबकि श्योपुर जिले के कराहल विकासखंड 2008 में नियुक्त सहरिया भाषाई शिक्षकों को बिना TET एवं पात्रता परीक्षा पास किये बिना 2015 में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 03 के पद पर नियुक्त कर सन् 2018 में अध्यापक संवर्ग में संविलयन किया गया, एक ही आदेश पर एक ही वर्ग के नियुक्त शिक्षकों में भेदभाव कर उपरोक्त जिलों के सहरिया भाषाई शिक्षकों को सेवा से पृथक किया गया क्यों? (ख) क्या सहरिया भाषाई शिक्षकों पर थोपी गई TET की अनिवार्यता समाप्त कर उनकी सेवा बहाल करेगी तो कब तक अगर नहीं करेगी तो क्यों? सरकार माननीय उच्च न्यायालय में सहरिया भाषाई शिक्षकों के खिलाफ केस वापस लेकर उनकी सेवा बहाल करेगी? (ग) क्या पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा कोलारस उपचुनाव सहरिया भाषाई शिक्षकों को नवीन पदों पर समायोजित कर नियमित करने का वादा किया था, क्या शासन आदिवासियों से झूठे वादे करती है अगर नहीं करती तो, शिक्षकों को नवीन सृजित पदों पर कब तक समायोजित करेगी, अगर नहीं करेंगी तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) भारत सरकार के द्वारा कार्यवाही विवरण दिनांक 19/09/2014 में अस्थाई रूप से निश्चित समयावधि के लिये नियुक्त भाषाई संविदा शिक्षक वर्ग-3 मानदेय भुगतान संबंधी कार्य योजना स्वीकृत नहीं किये जाने से आयुक्त, आदिवासी विकास भोपाल के पत्र क्रमांक/पीवीटीजी/31/2014/24623 भोपाल दिनांक 11/12/2014 के द्वारा भाषाई संविदा शिक्षक योजना निरंतर नहीं रखे जाने के निर्देश दिये गये थे। जिसके अनुक्रम में संबंधित जनपद पंचायतों के द्वारा भाषई मानसेवी संविदा शिक्षकों को सेवा से पृथक नहीं किया गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता के आधार पर सेवा से पृथक नहीं किया गया है। जनजातीय कार्य विभाग जिला श्योपुर में भी आयुक्त जनजातीय कार्य के निर्देशों का पालन किया गया है। कार्यालय जनपद पंचायत कराहल के विज्ञप्ति दिनांक 09/10/15 के द्वारा विशेष भर्ती प्रक्रिया अन्तर्गत श्योपुर जिले के विकासखण्ड कराहल में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थाओं में संविदा शिक्षक-03 के बैकलॉग के पदों की पूर्ति हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाने के फलस्वरूप कार्यलय जनपद पंचायत कराहल के आदेश क्रंमाक 4065 दिनांक 23/10/2015 के द्वारा संविदा शाला शिक्षक वर्ग-03 के पद पर नियुक्त किया गया है। (ख) वर्तमान में ऐसी कोई कार्ययोजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय पूर्व मुख्यमंत्री महोदय द्वारा ग्राम सैसई विधानसभा क्षेत्र कोलारस उप चुनाव के दौरान 286 भाषाई शिक्षकों के पद पुन: सृजित किये जाने की घोषणा की गई थी, सहरिया भाषाई संविदा शिक्षकों को समायोजित कर नियमित करने का कोई वादा नहीं किया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामग्री कीमतों की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
73. ( क्र. 1591 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पीएचई विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? विभाग में प्रदेश स्तर पर क्या-क्या खरीदी की जाती है? विगत दो वर्षों में विभाग द्वारा किन-किन संस्थाओं एवं पंजीकृत निर्माता से किस नियम के तहत खरीदी की गई? जानकारी दें। (ख) विभाग द्वारा नल जल योजना में वर्ष 2020 से 2024 तक एचडीपीई पाइप की कितनी कंपनियां रजिस्टर्ड है? इन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन का क्या नियम है? एचडीपीई पाइप की कोई नई कंपनी यदि रजिस्ट्रेशन करना चाहे तो उसकी क्या प्रक्रिया है? बिंदुवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) विभाग में जल जीवन मिशन अंतर्गत नल जल योजना में वर्ष 2020 से 2024 तक एचडीपीई पाइप की कंपनियों ने कितना पाइप और कितनी राशि का जिलावार सप्लाई किया, किस दर पर किया? बिल की छायाप्रति के साथ संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या इन पाइप कंपनियों द्वारा दुगने दरों पर विभाग को पाइप सप्लाई किया है, यदि नहीं तो जांच कराई जाए यदि हाँ, तो इसमें विभाग को क्षति पहुंचानें के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था हेतु नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना एवं उनका संधारण तथा नलजल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन की योजना। नवीन हैण्डपंप सेट, हैंडपंप संधारण हेतु स्पेयर पार्टस एवं राईजर पाईप, नलकूप खनन हेतु केसिंग पाईप, सबमर्सिबल मोटर पंप सेट, 40 मि.मी व्यास का एच.डी.पी.ई. पाइप, प्रयोगशाला हेतु केमिकल्स, ग्लासवेयर एवं उपकरण तथा कार्यालयीन उपयोग हेतु सामग्री लघु उद्योग निगम एवं भारत सरकार के जैम पोर्टल से मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम के तहत। (ख) वर्ष 2020 से 2024 तक 221 एच.डी.पी.ई. पाईप निर्माता कंपनियॉं म.प्र. जल निगम मर्यादित द्वारा सूचीबद्ध की गई है। म.प्र. जल निगम मर्यादित द्वारा समाचार पत्रों में "अभिरूचि की अभिव्यक्ति" प्रकाशित की जाती है जिसके आधार पर कंपनियों द्वारा सूचीबद्धता हेतु जल निगम को आवेदन किया जाता है। एच.डी.पी.ई. पाइप की कोई नई कंपनी यदि रजिस्ट्रेशन (सूचीबद्धता) कराना चाहे तो जल निगम द्वारा प्रचलित अभिरूचि की अभिव्यक्ति क्रमांक 9856/03/सी.ई.एम./ एम.पी.जे.एन.एम./2022 दिनांक 22.09.2022 में उल्लेखित नियम, शर्तों एवं अर्हताओं अनुसार सभी निर्धारित दस्तावेजों सहित आवेदन कर सकती हैं, तत्पश्चात प्राप्त आवेदनों का जल निगम की तकनीकी समिति द्वारा परीक्षण एवं मूल्यांकन कर पात्र पाए जाने पर सूचीबद्ध किया जाता है। जल निगम मर्यादित में सूचीबद्ध होने के उपरांत कंपनियों द्वारा विभाग में सूचीबद्धता हेतु आवेदन किया जाना होता है। (ग) विभाग द्वारा कंपनियों से सीधे पाईप क्रय नहीं किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मांझी जाति के अनु.ज.जाति वर्ग में प्रमाण-पत्र
[जनजातीय कार्य]
74. ( क्र. 1592 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में मांझी जाति के व्यक्तियों के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 2898 दिनांक 12/07/2024 द्वारा लगाये गये विधानसभा प्रश्न की जानकारी विभाग द्वारा विधानसभा कार्यालय को प्रदान की गई है यदि हाँ, तो कृपया जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। यदि नहीं तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें। (ख) क्या दतिया जिले में मांझी जाति के कुछ प्रमाण-पत्र अ.ज.जाति के बनाये गये है कुछ पिछड़ा वर्ग के? यदि हाँ, तो एक जिले में दो प्रकार के मापदण्ड जिले के अधिकारियों द्वारा क्यों अपनाये जा रहे है एवं किसके आदेश पर। कृपया आदेश की प्रति एवं कारण बताने का कष्ट करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) चाही गई जानकारी दिनांक 11/12/2024 को भेजी जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य के लिये जारी अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 29 पर माझी (MAJHI) अनुसूचित जनजाति में अधिसूचित है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है एवं राज्य शासन द्वारा जारी पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 12 पर भोई, ढीमर, कहार आदि जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
अनुसूचित जाति कल्याण समिति की बैठकों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
75. ( क्र. 1594 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा छिंदवाड़ा जिले में अनुसूचित जाति कल्याण समिति का गठन किया गया है, अगर हाँ तो वर्तमान समय में अनुसूचित जाति कल्याण समिति में कौन-कौन जनप्रतिनिधि या व्यक्ति पदाधिकारी एवं सदस्य हैं नाम, पता, पद सहित जानकारी देवें, छिंदवाड़ा जिले में समिति की बैठक पिछले 5 वर्षों में किस-किस तिथि को कितने बार की गई? आयोजित की जाने वाली बैठकों की सूचना समिति के कौन-कौन से सदस्यों एवं पदाधिकारियों को किस-किस दिनांक को दी गई? सूचना पत्र देने की पावती उपलब्ध करायें। आयोजित की गई बैठकों के कार्यवाही विवरण की छायाप्रति उपलब्ध करायें और अगर बैठक नहीं की गई तो इसका क्या कारण है? बैठक आयोजित नहीं करने के लिये कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? क्या विभाग द्वारा उन पर कार्यवाही की जायेगी? जानकारी दें। (ख) क्या शासन/विभाग के नियमानुसार जिले में अनुसूचित जाति कल्याण समिति का गठन किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियमावली उपलब्ध करायें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला स्तर पर अनुसूचित जाति कल्याण समिति नाम से समिति गठित किए जाने संबंधित प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
अ.जा.वर्ग के अभ्यर्थी को प्रोत्साहन राशि भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
76. ( क्र. 1602 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि दिनांक 16 अगस्त, 2024 को माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन के एकलव्य विद्यालय जिला अनूपपुर में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर जिला अनूपपुर से हस्ताक्षरित अजा वर्ग कि अभ्यर्थी सुश्री अंकिता वर्मा को यूपीएससी प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होने पर एक लाख रूपये प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति प्रदान करने का प्रशस्ति पत्र माननीय मुख्यमंत्री महोदय के हस्ते प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त राशि अभ्यर्थी को भुगतान किए गए चेक क्रमांक/एफटीओ/डीबीटी क्रमांक व दिनांक की छायाप्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो क्यों? जानकारी देवें। (ख) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांश (क) के संबंध में अजा वर्ग की अभ्यर्थी सुश्री अंकिता वर्मा निवासी ग्राम पिपरिया जिला अनूपपुर को यूपीएससी प्री-परीक्षा उत्तीर्ण किये जाने के एक वर्ष तथा मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होने के 06 माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद भी प्रोत्साहन राशि का भुगतान विभाग द्वारा अभी तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक भुगतान किया जावेगा? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में सुश्री अंकिता वर्मा ग्राम पिपरिया जिला अनूपपुर सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि रूपये 1 लाख का स्वीकृत आदेश एवं प्रशस्ति पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा अब तक राशि भुगतान न किये जाने पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी? जानकारी देवें। (घ) अजा वर्ग के लिये संघ लोक सेवा परीक्षा एवं राज्य सेवा परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिये प्रोत्साहन राशि भुगतान के नियम निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा राशि स्वीकृति किये जाने व भुगतान किए जाने की समय-सीमा की जानकारी उपलब्ध करावें? साथ ही सुश्री अंकिता वर्मा द्वारा प्री एवं मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण पश्चात प्रस्तुत किये गये आवदेन पत्रों की छायाप्रति भी उपलब्ध करावें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मद अंतर्गत आवंटन उपलब्धता पर भुगतान किया जायेगा। शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ख) जी हाँ। मद अंतर्गत बजट आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आवंटन उपलब्ध होने पर भुगतान किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। उत्तरांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' एवं 'द' पर है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
77. ( क्र. 1603 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अंतर्गत कन्या शिक्षा परिसर कोतमा में विगत 02 वर्ष पूर्व से अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग सहित कुल 03 महिला शिक्षिकायें पदस्थ हैं? क्या कन्या शिक्षा परिसर कोतमा में 03 महिला शिक्षिकाओं के पदस्थ होने के बाद भी अन्य संकुल से हाई स्कूल बैहाटोला की शिक्षिका श्रीमती प्रभा मरावी को अधीक्षक पद के प्रभार से मुक्त कर कन्या शिक्षा परिसर में पदस्थ महिला शिक्षिकाओं को छात्रावास अधीक्षक पद का प्रभार नहीं सौंपा गया, क्यों? संस्था में पदस्थ महिला शिक्षकों की पदस्थापना सूची सहित समस्त जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या संस्था में 3 महिला शिक्षिकाओं के पदस्थ रहते हुए नियम विरुद्ध तरीके से अन्य संकुल व संस्था हाई स्कूल बैहाटोला में पदस्थ शिक्षिका श्रीमती प्रभा मरावी को सहायक आयुक्त कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों के द्वारा संरक्षण दिये जाने के कारण उन्हें अभी तक कन्या परिसर के अधीक्षक पद के प्रभार से मुक्त नहीं किया गया है? मूल संस्था में विगत 2-3 वर्षों से नियमानुसार 3 पीरियड अध्ययन कराये बिना ही पूरा वेतन दिया जाकर अनैतिक आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है, जो कि नियम निर्देशों के विरुद्ध है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में नियम विरूद्ध पदस्थ रखने, संस्था में पदस्थ 3 शिक्षिकाओं को प्रभार न दिये जाने अनैतिक आर्थिक लाभ पहुंचाने पर क्या जिले से बाहर के अधिकारियों से जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (घ) क्या दिनांक 27 जून, 2024 को विभिन्न समाचार पत्रों एवं यू-ट्यूब चैनलों में कन्या शिक्षा परिसर कोतमा, परिसर में आपत्तिजनक सामग्री मिलने के संबंध में प्रकाशित खबर दिये जाने के संबंध में वीडियो बनाकर संस्था की छवि बिगाड़ने एवं षड़यंत्रपूर्वक संस्था के प्राचार्य को बदनाम करने की कोशिश की गई? क्या सम्पूर्ण जांच में षड़यंत्रपूर्वक वीडियो बनाने व वायरल किये जाने में कौन-कौन कर्मचारी दोषी पाये गये हैं? अभी तक दोषियों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करावें तथा हाई स्कूल बैहाटोला में पदस्थ नियम विरुद्ध अधीक्षिका को कन्या शिक्षा परिसर कोतमा के प्रभार से मुक्त किये गये आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। कन्या शिक्षा परिसर में पदस्थ महिला शिक्षिकाओं की नवीन नियुक्ति होने एवं उनके परिवीक्षा अवधि में होने के कारण प्रभार नहीं सौंपा गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब'अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के अनुसार प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता। (घ) जी, हाँ। आदेश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब'अनुसार है।
क्षतिग्रस्त छात्रावासों की मरम्मत
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 1605 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अनुसूचित जनजाति विभाग के कुल कितने छात्रावास संचालित है तथा उक्त संचालित छात्रावास भवन की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या छात्रावासों में मरम्मत या नवीन भवन की आवश्यकता है? हाँ तो कृपया जानकारी छात्रावासवार उपलब्ध करावें। उक्त क्षतिग्रस्त छात्रावास भवन मरम्मत या नवीन स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कृपया की गई कार्यवाही की जानकारी प्रदाय करें तथा शासन द्वारा उक्त क्षतिग्रस्त छात्रावास भवन की मरम्मत या नवीन भवनों की स्वीकृति कब तक प्रदाय की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) खरगोन जिले में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनजातीय कार्य विभाग के 12 छात्रावास संचालित है। संचालित छात्रावासों की वर्तमान भौतिक स्थिति ठीक है। (ख) जी नहीं, जूनियर अनुसूचित जनजातीय बालक छात्रावास कालधा के नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदाय की जा चुकी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग द्वारा किए गये कार्यों की जानकारी
[वन]
79. ( क्र. 1607 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वन विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से मद से कौन-कौन से कार्य किए गये है? कृपया कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है तथा उक्त समस्त कार्यों की स्वीकृति लागत, मूल्यांकन एवं व्यय की राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। समस्त कार्यों की तकनीकी स्वीकृति की प्रतिलिपि, प्रशासकीय स्वीकृति की प्रतिलिपि एवं कार्य के मूल्यांकन की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) भीमनगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक मदवार एवं कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति अच्छी है। शेष जानकारी उत्तरांश (क) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जैतहरी अंतर्गत अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
80. ( क्र. 1610 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले की नगर परिषद् जैतहरी अंतर्गत अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास वर्ष 2017 से शासकीय/आबादी भूमि खसरा न. 746 पर संचालित है? क्या उक्त खसरा क्र. 746 में बने भवन के निर्माण की नगर परिषद् जैतहरी से अनुमति ली गई या अवैध निर्माण है? (ख) क्या शासकीय/आबादी भूमि पर बने भवन का मासिक किराया भुगतान अशासकीय व्यक्ति को किया जा सकता है? यदि नहीं तो जैतहरी के उक्त छात्रावास का अनुबंध एवं मासिक किराया अनिल गुप्ता को क्यों किया जा रहा है? (ग) क्या अनिल गुप्ता द्वारा जैतहरी स्थित अ.ख.न.746 रकबा हेक्ट. म.प्र. शासन आबादी नजूल भूमि के अंश भाग 174.94 वर्ग मी. पर अनुविभागीय अधिकारी रा. जैतहरी को धारणा अधिकार के तहत पट्टा दिए जाने हेतु वर्ष 2022 में आवेदन किया गया था जिसे अनुविभागीय अधिकारी रा. के द्वारा अपात्र पाए जाने पर आवेदन निरस्त का दिया गया था? (घ) क्या शासकीय भूमि पर अवैध निर्मित भवन एवं दुकान को किराये पर लेकर अशासकीय व्यक्ति को वर्ष 2017 से आज दिनांक तक किराये का भुगतान कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई? यदि हाँ, तो उक्त शासकीय राशि की क्षति पर उसे स्वीकृत करने वाले अधिकारी पर कार्यवाही करते हुए किराये प्राप्त करने वाले अनिल कुमार गुप्ता से दी गई राशि की वसूली की जायेगी या नहीं एवं कब तक?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मान. उच्च न्यायालय में दायर याचिका WP/22895/2017 में पारित आदेश दिनांक 04.07.2024 के अनुसार प्रकरण कलेक्टर न्यायालय जिला अनूपपुर में विचाराधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। मान. उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) जी नहीं। कलेक्टर अनूपपुर द्वारा मान. न्यायालय के आदेश अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
वनरक्षकों को वनपाल के पद पर पदोन्नति में लापरवाही
[वन]
81. ( क्र. 1611 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनवृत्त भोपाल द्वारा वनरक्षकों को वनपाल के पद पर पदोन्नति के लिए आवश्यक कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? क्या कोई प्रशासनिक बाधा या नियमों में अस्पष्टता इस देरी का कारण है? (ख) विभिन्न जिलों में वनरक्षकों को वनपाल का प्रभार देने में क्यों इतनी असमानताएं देखी जा रही हैं? क्या यह किसी विशेष कारण या भेदभाव के चलते हो रहा है? (ग) वनवृत्त भोपाल द्वारा वृत्त स्तर पर पदोन्नति समिति का गठन किया गया है, लेकिन वनमंडल स्तर से आदेश जारी किए जा रहे हैं। क्या यह प्रक्रिया नियमों के अनुरूप है? इससे पदोन्नति में ओर कितना विलंब हो रहा है? (घ) क्या सभी जिलों के वनरक्षकों की एक समेकित वरीयता सूची तैयार करके पदोन्नति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाऐगा? क्या इससे पदोन्नति में हो रही असमानताओं को दूर किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एसएलपी नं. 13954/2016 में पारित आदेश दिनांक 12.5.2016 से पदोन्नति में स्थगन होने के कारण पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) म.प्र. शासन वन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-1/1/3/0004/2022/Sec/1-10 दिनांक 24.4.2023 से वनरक्षकों को वनपालों का कार्यवाहक प्रभार दिये जाने के निर्देश जारी किये गये है। निर्देशों में दी गई प्रक्रिया के अनुसार पात्र पाए गए वनरक्षक को वनपाल का कार्यवाहक प्रभार दिया जा रहा है। इसमें किसी प्रकार के भेदभाव का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एसएलपी नं. 13954/2016 में पारित आदेश दिनांक 12.5.2016 से पदोन्नति में स्थगन होने के कारण पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जा रही है। म.प्र. शासन वन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-1/1/3/0004/2022/Sec/1-10 दिनांक 24.4.2023 से वनरक्षक को वनपाल का कार्यवाहक प्रभार दिये जाने का निर्देश जारी किया गया है, जिसके अनुक्रम में वनवृत्त भोपाल में वृत्त स्तर पर छानबीन समिति का गठन किया जाता है एवं शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप समयावधि में वृत्त स्तर से आदेश जारी किये जा रहे हैं, अतः विलम्ब होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, वनरक्षकों की वरीयता जिला स्तर पर संधारित की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समूह जल प्रदाय योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
82. ( क्र. 1614 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्वालियर जिले के घाटीगांव, भितरवार क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा लगभग रू. 343 करोड़ लागत की योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हां तो कब? योजना की डी.पी.आर. एवं टेण्डर की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में टेण्डर की शर्तों अनुसार प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किन-किन स्थानों पर हुआ है एवं अभी तक कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है? क्या किये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण/परीक्षण कराया जा रहा है यदि हां तो किसके द्वारा एवं कब-कब? (घ) क्या योजना अन्तर्गत जो अर्थवर्क, टंकी निर्माण होना था वह अभी तक नहीं हुआ? क्या इस कार्य होने से पूर्व ही पाईपों, उपकरणों की खरीदी कर ली गई? यदि हां तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत ग्वालियर जिले की घाटीगांव-भितरवार समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 381.70 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 20.06.2023 को जारी की गई है। योजना की डी.पी.आर. लागत रू. 381.70 करोड़ तैयार की गई है एवं टेण्डर दिनांक 09.06.2023 को जारी किया गया एवं एकमुश्त राशि रू. 343. 89 करोड में स्वीकृत किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-01 अनुसार है। योजनांतर्गत पाईप आपूर्ति में प्रश्न दिनांक तक रू. 46.68 करोड़ की राशि व्यय की गई है। (ग) दिनांक 28.09.2025 तक। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-02 अनुसार है। (घ) योजनांतर्गत अर्थवर्क एवं टंकी निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। जी हाँ, योजनांतर्गत पाईप आपूर्ति एवं बिछाने का कार्य प्रगतिरत है।
पेयजल योजनाओं की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
83. ( क्र. 1615 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 10 वर्षों में ग्वालियर जिले में ग्रामीण एवं शहरी तथा कस्बों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कितनी योजनाएं कुल कितनी राशि की स्वीकृत की गई है? संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले की भितरवार विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समय-सीमा में कितनी योजनाएं स्वीकृत की गई है? योजना का नाम एवं स्वीकृति दिनांक एवं स्वीकृत राशि की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजनाओं में से कितनी एवं कौन-कौन सी योजना शत-प्रतिशत पूर्ण हो गई है, क्या योजना से पेयजल हेतु लक्षित सभी घरों में पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? पूर्ण जानकारी दें। (घ) क्या कई पेयजल योजनाएं अभी तक पूर्ण नहीं होने के बाद भी ठेकेदारों को पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हां तो क्यों? क्या इसकी जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हां तो कब तक? क्या समय-सीमा निर्धारित करेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विगत 10 वर्षों में ग्वालियर जिले के ग्रामों में 2195 पेयजल योजनाएं राशि रू. 83912.78 लाख की स्वीकृत की गई है। शहरी तथा कस्बों की संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार शहरी क्षेत्र में 09 पेयजल योजनाएं राशि रू. 1030.91 करोड़ की स्वीकृत की गईं है। (ख) विधानसभा क्षेत्र भितरवार के ग्रामीण क्षेत्र में विगत 10 वर्षों में 1034 पेयजल योजनाएं राशि रू. 21901.20 लाख की स्वीकृत की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। शहरी तथा कस्बों की संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश भोपाल से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) 799 हैण्डपंप एवं अन्य योजना तथा 93 एकल ग्राम नलजल योजनायें पूर्ण। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जलीय जीवों की सुरक्षा
[पर्यावरण]
84. ( क्र. 1616 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बहने वाली विभिन्न नदियों में कौन-कौन से जलीय जीव पाए जाते है? इन जलचरों की सुरक्षा, प्रजनन के लिए क्या सरकारी प्रयास/कार्यक्रम है? (ख) क्या विगत 3 वर्षों से प्रदेश की नदियों में जलचरों की संख्या में कोई कमी आई है? यदि हाँ, तो इसका कारण क्या है? इनकी संख्या वृद्धि हेतु क्या कार्यक्रम है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रदेश की प्रमुख नदियों में प्रमुख रूप से घडि़याल/मगरमच्छ/कछुआ पाये जाते हैं साथ ही विभिन्न प्रकार की मछलियां मिलती हैं, चंबल नदी में डॉल्फिन भी पाई जाती है। इन जलचरों की सुरक्षा हेतु प्रजनन संवर्धन को बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य, मुरैना (चंबल नदी), केन घडि़याल अभ्यारण्य, पन्ना टाइगर रिज़र्व/सोन घडि़याल अभ्यारण्य, संजय टाइगर रिज़र्व, सीधी को संरक्षित किया गया है। (ख) विगत 03 वर्षों में जलचरों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग का वार्षिक बजट और स्वीकृत माइनिंग लीज
[वन]
85. ( क्र. 1620 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं मैहर जिले के वन विभाग का वार्षिक बजट कितने का है? उक्त बजट में कौन-कौन से कार्यों को कराया जाता है? परिक्षेत्रवार, कार्यवार, राशिवार पिछले 3 वित्तीय वर्षों की अलग-अलग सूची उपलब्ध कराये। वृक्षारोपण/पौधारोपण कार्यों के लिए कितने का बजट स्वीकृत किया गया और कितने रकवे में कौन से पौधों का पौधारोपण किया गया? उक्त कार्यों की लागत राशि क्या है? पिछले 3 वित्तीय वर्षों की परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) सतना एवं मैहर जिले में वन विभाग की किस-किस परिक्षेत्र में कितनी-कितनी जमीने है? वन विभाग की कितनी जमीनों पर माइनिंग लीज स्वीकृत की गई? वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक परिक्षेत्रवार सूची उपलब्ध कराये।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सतना एवं मैहर जिले के वन विभाग हेतु वनमंडल सतना को एकजाई बजट प्राप्त होता है। प्राप्त बजट अनुसार क्षेत्र अनुसार क्षेत्र तैयारी, पौधारोपण, रख-रखाव, वन अधोसंरचना निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य किये जाते है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में रूपये राशि 14.82 करोड़, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 25.10 करोड़ एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में 24.46 करोड़ बजट प्राप्त हुआ है। विगत 3 वर्षों की परिक्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) सतना एवं मैहर जिले के वनमंडल सतना अंतर्गत परिक्षेत्रवार वनभूमि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। वन विभाग की जमीनों पर माइनिंग लीज स्वीकृत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक वनमंडल सतना अंतर्गत कोई भी माइनिंग लीज स्वीकृत नहीं की गई है।
स्कूलों का उन्नयन एवं स्कूल भवनों का निर्माण
[जनजातीय कार्य]
86. ( क्र. 1626 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से 2024 तक मंडला जिले के अन्तर्गत कितने स्कूलों का उन्नयन मिडिल स्कूल से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेंडरी स्कूलों में किया गया हैं? क्या मांग अनुसार शेष स्कूलों को भी उन्नयन किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उन्नयन किए गए स्कूलों का भवन निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति कब-कब मिली हैं एवं प्रत्येक स्कूल भवनों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति मिली हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो कितने स्कूल भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने निर्माणाधीन हैं, कितने अपूर्ण हैं? यदि निर्माणाधीन एवं अपूर्ण हैं तो कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? समय-सीमा बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 24 माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूलों में उन्नयन किया गया हैं एवं 11 हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन किया गया हैं। स्कूलों का उन्नयन शासन की नीति के तहत निर्धारित मापदण्ड अनुसार किया जाता हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) उन्नयन किये गये स्कूलों के भवन स्वीकृति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[वन]
87. ( क्र. 1627 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मंडला जिले में ऐसे कितने निर्माण कार्य हैं जो वनोपज सहकारी समितियों द्वारा कराए गए हैं? वर्षवार व वन मंडलवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में क्या-क्या कार्य कराए गए हैं, निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब-कब मिली हैं एवं प्रत्येक निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत किए गए हैं? वर्षवार जानकारी प्रदान करें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
कान्हा पार्क की अधिसूचना
[वन]
88. ( क्र. 1628 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कान्हा नेशनल पार्क के लिए कितनी भूमि से संबंधित किस-किस दिनांक को मध्यप्रदेश पार्क अधिनियम के तहत एवं वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत राजपत्र में किस-किस धारा के अनुसार अधिसूचना का प्रकाशन किया है अधिसूचित क्षेत्र से संबंधित कलेक्टर मंडला, बालाघाट ने किस दिनांक को क्या आदेश दिया, अधिसूचना एवं आदेश की प्रति सहित बतावें? (ख) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक उद्यान की सीमा में बाघ, तेन्दूआं एवं अन्य वन प्राणी, मछली पकड़ने, लघुवनोपज, घास निस्तांर लकड़ी आदि संग्रहित करने के कितने वन अपराध पंजीबद्ध किये गये उसमें कितने-कितने आदिवासी एवं गैर आदिवासी के प्रकरण पंजीबद्ध किये पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ग) कान्हा नेशनल पार्क की सीमा में आने वाले कितने राजस्व ग्राम एवं उनकी कितनी भूस्वामी हक की भूमि से कितने किसानों को हटाया गया निजी भूमि के अर्जन का अवार्ड आदेश भू-अर्जन अधिनियम 1894 के अनुसार किस दिनांक को किस अधिकारी ने पारित किया यदि निजी भूमि अर्जन का अवार्ड पारित नहीं किया हो तो कारण बतावें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कुल 27 वन अपराध प्रकरण दर्ज किए गये जिनमें से आदिवासियों के 17 प्रकरण तथा गैर आदिवासियों के 10 प्रकरण हैं। (ग) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से किसी भी राजस्व ग्राम या भूमि स्वामी हक की निजी जमीनों का भू-अर्जन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[वन]
89. ( क्र. 1631 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मुख्यालय के पत्र क्रमांक 16091/रीवा दिनांक 5-8 जुलाई 1961 की कंडिका 21 में बताए 678 राजस्व ग्राम एवं पत्र क्रमांक व्यवस्थापन 3979 दिनांक 20/11/1980 में आदेशित बताए गए 792 वनग्रामों का प्रश्नांकित दिनांक तक भी राजस्व विभाग को हस्तांतरण नहीं किया? (ख) यदि हाँ, तो 678 ग्राम एवं 792 ग्राम में किस वनमंडल के कितने ग्राम है, इनमें से कितने ग्राम राजपत्र में किस दिनांक को अधिसूचित किए गए, कितने ग्राम राजस्व विभाग को सौंपे गए कितने ग्राम वन अधिकार कानून 2006 लागू होने तक राजस्व विभाग को किन-किन कारणों से नहीं सौंपे गए वनमंडलवार बतावें। (ग) 678 ग्रामों में से कितने ग्रामों के संबंध में वन मुख्यालय वन भवन भोपाल ने राजस्व ग्राम मानकर दिनांक 20/06/2024 को राज्य मंत्रालय वन विभाग को क्या-क्या अनुशंसा एवं अभिमत प्रेषित किया है? (घ) 678 राजस्व ग्रामों में से वन विभाग के नियंत्रण के ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने की बजाय कब तक राजस्व विभाग को सौंप दिया जावेगा? समय-सीमा सहित बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं, राजस्व विभाग को हस्तांतरित किए गए ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। प्रश्न में उल्लेखित अवधि तक शेष ग्राम वनों के बीचों-बीच स्थित होने के कारण राजस्व विभाग को हस्तांतरित नहीं किये जा सके। (ग) माननीय विधायक मनावर के पत्र पर तथ्यात्मक टीप मंत्रालय को प्रेषित की गई है। कोई भी अनुशंसा एवं अभिमत प्रेषित नहीं किया गया है। (घ) वर्ष 1980 के पूर्व राजस्व विभाग को हस्तांतरित ग्रामों का प्रबंधन राजस्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। शेष ग्रामों में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत समुदाय की मांग आने के बाद जिला स्तरीय समिति द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की गई है। कार्यवाही अर्द्व-न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा संचालित छात्रावास/विद्यालय की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
90. ( क्र. 1634 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में विभाग के कितने छात्रावास/विद्यालय संचालित हो रहे हैं? छात्रावासों में कितने-कितने छात्र निवासरत है? विद्यालयों में कितने-कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं? 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक छात्रावास/विद्यालयवार, विकासखण्डवार, जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त छात्रावासों/विद्यालयों में कितना-कितना स्टॉफ पदस्थ है? कर्मचारी के नाम, पदनाम, नियुक्ति दिनांक, वर्तमान पदस्थापना दिनांक, प्रतिनियुक्ति दिनांक विभाग का नाम सहित जानकारी देवें। विभाग के प्रति नियुक्ति के नियम निर्देशों आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। कितने कर्मचारियों के प्रतिनियुक्ति नियम विरूद्ध की गई? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में उक्त विद्यालय/छात्रावासों में कितनी-कितनी राशि, सामग्री जारी की गई? छात्रावास/विद्यालयवार मदवार वर्षवार जानकारी देवें। उक्त राशि का व्यय किन-किन मदों में किया गया? बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त राशि में क्या-क्या सामग्री क्रय की गई? बिल वाउचर, स्टॉफ रजिस्टर, वितरण रजिस्टर की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या सामग्री खरीदी में अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो इसकी जांच किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई? बतावें। जांच प्रतिवेदन, निरीक्षण पंजी की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि जांच उपरांत कार्यवाही नहीं की गई तो उसके लिए दोषी कौन है? बतावें। दोषियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (ड.) भोपाल संभाग के छात्रावासों/विद्यालयों, आश्रम शालाओं का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? बतावें। निरीक्षण के नियम/निर्देश/आदेश क्या हैं? नियम निर्देश आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। निरीक्षण के दौरान क्या कमियाँ पाई गई? जानकारी उपलब्ध करावें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब में से जिलेवार प्रश्नांश के शेष भाग का उल्लेख है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश अवधि में शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' अनुसार है।
वर्किंग प्लान की जानकारी
[वन]
91. ( क्र. 1635 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वन विभाग का वर्किंग प्लान कब-कब बनाया गया? वर्किंग प्लान में क्या-क्या तथा कौन-कौन से क्षेत्र सम्मिलित किये गये? वर्किंग प्लान की संभागवार छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग के विभाग के वर्किंग प्लान में ऑपरेशनल एरिया कितना था? कितने प्रतिशत जंगल का एरिया एक्सिस्ट था तथा वनाधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत कितना वन विभाग का क्षेत्रफल हितग्राहियों को दिया गया? हितग्राहियों के नाम, पता, दिया गया क्षेत्रफल, सर्वे नंबर, कंपार्टमेंट नंबर सहित जिलेवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में कितने प्रतिशत वन क्षेत्र में कृषि कार्य किया जा रहा है तथा कितने प्रतिशत वन क्षेत्र में वृक्ष रोपित किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के सिरोंज-लटेरी वन परिक्षेत्रों में ठूठ सुमारी कब-कब की गई? ठूठ सुमारी करने वाले अधिकारी का नाम, प्रतिवेदन सहित वन परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा विगत 3 वर्षों में वन परिक्षेत्र उत्तर एवं दक्षिण लटेरी तथा वन परिक्षेत्र सिरोंज में ठूठ सुमारी कब-कब की गई? बतावें। ठूठ सुमारी करने के उपरांत क्या कमियां पाई गई? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की गई? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन विभाग के वनमंडलों की वन प्रबंधन हेतु कार्य आयोजना में आरक्षित वन एवं संरक्षित वनों को शामिल किया जाता है। वन मंडलो की प्रचलित कार्य आयोजना विभाग की बेवसाईट पर पब्लिक डोमेन में mpforest.gov.in उपलब्ध है जिसका अवलोकन किया जा सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। भोपाल संभाग की प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है।
खाद्यान्न प्रदान किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
92. ( क्र. 1638 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा में कितने गरीबी रेखा कार्ड धारक परिवारों को राशन प्रदान किया जा रहा है? (ख) अगर नहीं तो ऐसे कितने गरीब रेखा कार्ड धारक परिवारों को राशन नहीं मिल पा रहा है? (ग) इन परिवारों को कब तक राशन उपलब्ध कराया जावेगा तथा इनकी संख्या कितनी है? (घ) विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा में ऐसे कितने पत्र परिवार है जिन्हें खाद्यान्न पर्ची के माध्यम से खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है? इनके गरीबी रेखा कार्ड कब तक बनाए जाएंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा में माह नवम्बर, 2024 में अन्त्योदय अन्न योजना एवं बीपीएल श्रेणी के पात्रता पर्चीधारी 32,790 परिवार हेतु राशन सामग्री वितरण हेतु आवंटन जारी किया गया है। (ख) अन्त्योदय अन्न योजना एवं बीपीएल श्रेणी अंतर्गत वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों हेतु नियमित राशन सामग्री का आवंटन जारी किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा में माह नवम्बर, 2024 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 56,051 वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों हेतु राशन सामग्री वितरण हेतु आवंटन जारी किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बीपीएल एवं अन्त्योदय अन्न श्रेणी के परिवारों के अतिरिक्त 27 अन्य श्रेणियों के परिवारों को प्राथमिकता श्रेणी में सम्मिलित कर सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है, इन परिवारों को राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु गरीबी रेखा से नीचे के राशनकार्ड की आवश्यकता नहीं है।
जल जीवन मिशन का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
93. ( क्र. 1639 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा के कितने ग्रामों में जल जीवन मिशन योजना स्वीकृत हो चुकी है तथा कितने ग्रामों में स्वीकृत नहीं हुई है? (ख) स्वीकृत योजनाओं में कितनी योजनाओं का काम पूर्ण हो चुका है एवं कितनी योजनाओं से पेयजल प्रदान किया जा रहा है? (ग) शेष स्वीकृत योजनाएं कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) इन योजनाओं के निर्माण में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया है या नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) कुल 304 ग्रामों में से 297 ग्रामों की योजनाएं स्वीकृत हैं। शेष 05 ग्रामों में निवासरत परिवारों की संख्या 20 से कम होने तथा 02 ग्राम वीरान होने के कारण इन ग्रामों के लिए जल जीवन मिशन की गाइड लाइन अनुसार योजनाएं स्वीकृत नहीं हुई हैं। (ख) 110 योजनाएं पूर्ण एवं 121 योजनाओं से पेयजल प्रदाय प्रारंभ। (ग) शेष स्वीकृत योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, कार्य पूर्ण होने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) पूर्ण योजनाओं की क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत कार्य पूर्ण। प्रगतिरत योजनाओं की क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत कार्य योजनांतर्गत बिछाई गई पाइप लाइनों के टेस्टिंग के उपरांत कराया जाएगा।
गैस राहत अस्पतालों के पदों की पूर्ति
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
94. ( क्र. 1642 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल स्थित गैस राहत अस्पतालों में से किन-किन अस्पतालों में कौन-कौन से विशेषज्ञ डॉक्टरों के कितने पद स्वीकृत होकर प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने पद कब से व किन-किन कारणों से रिक्त है? शासन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति क्यों नहीं की जा रही है? अस्पतालवार स्वीकृत/रिक्त पदों की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) गैस राहत किन-किन अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ/वार्डबाय/भृत्य आदि के कितने-कितने पद कब से तथा क्यों रिक्त हैं? क्या गैस राहत मरीजों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए शासन द्वारा अस्पताल में स्टाफ की कमी को दूर किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? अस्पतालवार रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या गैस राहत अस्पतालों में महिला रोगियों हेतु पर्याप्त महिला विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो किन-किन अस्पतालों में महिला विशेषज्ञों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में से कितने पद प्रश्न दिनांक की स्थिति में रिक्त है? अस्पतालवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) गैस राहत अस्पतालों में दवा वितरण के लिए काउंटरों की संख्या पर्याप्त है? यदि नहीं तो क्या शासन दवा वितरण काउंटरों की संख्या बढ़ाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? दवा वितरण काउंटरों की अस्पतालवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) गैस राहत अस्पतालों में प्रश्न दिनांक तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के स्वीकृत पदों की संख्या 81 है, रिक्त पदों की संख्या 44 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। शासन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति की जा रही है। अस्पतालवार स्वीकृत/रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) गैस राहत अस्पतालों में नर्सिंग स्टॉफ/वार्डबॉय/भृत्य के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। पदों की पूर्ति निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अस्पतालवार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। गैस राहत अस्पतालों में महिला विशेषज्ञ डॉक्टरों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) जी हाँ। अस्पतालवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांगजन हेतु संचालित योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
95. ( क्र. 1643 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांगजनों के लिए शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? योजनावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) दिव्यांगजनों को मासिक पेंशन के अतिरिक्त उपकरण जैसे ट्राईसाईकिल/बैटरी ट्राईसाईकिल/ सुनने की मशीन आदि शासन द्वारा प्रदान किए जाने के लिए क्या-क्या नियम/प्रावधान किए गए हैं तथा कितने समय में दिव्यांगजनों को उपयुक्त सुविधा शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाती है? जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या दिव्यांगजनों को शासन की योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए गरीबी रेखा का राशन कार्ड (बीपीएल) अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो बिना बीपीएल कार्ड दिव्यांगजनों को शासन द्वारा योजना का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? उपकरण प्रदान करने हेतु मुख्य दस्तावेजों की सूची उपलब्ध करावें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, दिव्यांगजनों से योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र प्राप्त होने पर पात्रतानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में दिव्यांगजनों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना हेतु गरीबी रेखा (बी.पी.एल.) में होना अनिवार्य है, यह योजना भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है, जिसमें पात्रता के मापदंड भी भारत सरकार द्वारा निर्धारित है। उपकरण प्रदाय करने हेतु उत्तरांश (क) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में योजनाओं के सामने दर्शाए गए अभिलेख आवश्यक हैं।
अनुसूचित जाति के कल्याण के लिये संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
96. ( क्र. 1646 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के कल्याण के लिये क्या कोई योजना भी संचालित की जाती है यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जाती है? जानकारी दें। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में से राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में कौन-कौन सी योजनायें संचालित है? (ग) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में से विगत 3 वर्षों में राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ के किन-किन हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया है? योजनावार और ग्रामवार उनके नाम व पते सहित बतावें। (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में ऐसे कितने हितग्राही किन-किन योजना में लाभान्वित हेतु लम्बित है जिन्हें बजट के अभाव में लाभ नहीं मिला है? क्या उन्हें लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों नहीं कारण बतावें?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये संचालित योजनाओं
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
97. ( क्र. 1647 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जाती है? जानकारी दें। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में से राजगढ़ जिले की विधानभा राजगढ़ में कौन-कौन सी योजनायें संचालित है? (ग) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में से विगत 3 वर्षों में राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ के किन-किन हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया है? योजनावार और ग्रामवार उनके नाम व पते सहित बतावें। (घ) क्या विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को ट्राय साईकिल एवं बैटरी वाली गाड़ी दिये जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो इसके क्या नियम निर्देश है? जानकारी दें। (ड.) विधानसभा राजगढ़ में किन-किन हितग्राही को ट्राय साईकिल एवं बैटरी वाली गाडी विगत 3 वर्षों में किस-किस के माध्यम से दिलवाई गई है उनके नाम व पता सहित बतावें। (च) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा राजगढ़ में किन-किन हितग्राही के ट्राय साईकिल एवं बैट्री वाली गाड़ी हेतु आवेदन प्राप्त हुये है? क्या उन्हें लाभ दिया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों नहीं कारण बतावें?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में से विगत 3 वर्षों में राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ के हितग्राहियों की योजनावार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) जी हां, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत एवं भारत सरकार द्वारा संचालित एडिप योजनांर्गत दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्रायसाइकल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, गाईड लाइन/नियम/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ड.) विधान सभा राजगढ़ में विगत 3 वर्षों में भारत सरकार के उपक्रम एलिम्को संस्थान इकाई उज्जैन द्वारा समय-समय पर शिविरों का आयोजन कर पात्र हितग्राहियों को कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण/ट्रायसाइकल उपलब्ध कराई गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (च) प्रश्न दिनांक तक विधान सभा राजगढ़ में नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत दिव्यांग छात्र/छात्राओं को दिये जाने वाली मोट्रेट ट्राससिकल के कोई आवेदन लंबित नहीं है। भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) द्वारा समय-समय पर दिव्यांगजनों के चिन्हांकन एवं उपकरण वितरण शिविरों का आयोजन किया जाता है, यह भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के क्षेत्राधिकार अंतर्गत आता है।
खाद्यान्न आवंटन एवं वेयर हाउस की अंकेक्षण रिर्पोट
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
98. ( क्र. 1648 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेंधवा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत उचित मूल्य दुकान एवं स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित दुकानों को शासन स्तर से प्राप्त आवंटन से कम खाद्यान्न प्रदान किया जाता है? यदि हॉं तो इसका कारण बताएं एवं उक्त व्यवस्था के कारण वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन सेंधवा में शेष रहा खाद्यान्न वर्तमान में कितना और कहाँ है? (ख) क्या शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर पीओएस मशीन में स्टॉक प्रदर्शित होने से खाद्य अधिकारी द्वारा दुकानों पर तय मात्रा से कम करके खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है? जानकारी देवें। (ग) म.प्र. स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन ब्रांच सेंधवा में वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक दुकानवार प्राप्त खाद्यान्न आवंटन एवं दुकानवार प्रदाय खाद्यान्न की जानकारी उपलब्ध करावें तथा राशन प्रदाय करने से पूर्व खाद्य विभाग एवं म.प्र. स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के द्वारा भौतिक पंजी में आवंटन का मिलान किया जाता है यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करावें यदि नही तो क्यों नहीं? (घ) म.प्र. स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन ब्रांच सेंधवा अन्तर्गत वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक अंकेक्षण रिर्पोट तथा रिर्पोट में अंकेक्षक द्वारा पाई गई त्रुटियों एवं कमियों की प्रमाणित जानकारी तथा उक्त रिर्पोट के पश्चात उस पर सुधार की क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सेंधवा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उचित मूल्य दुकान एवं स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित दुकानों को शासन स्तर से प्राप्त आवंटन अनुसार ही खाद्यान्न प्रदान किया जाता है। आवंटन अनुसार ही उचित मूल्य दुकानों पर खाद्यान्न का प्रदाय करने के कारण आवंटित मात्रा के विरूद्ध खाद्यान्न की शेष मात्रा वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन सेंधवा के गोदाम में भंडारित रहने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एईपीडीएस पोर्टल से उचित मूल्य दुकानों से संलग्न पात्र हितग्राहियों की पात्रतानुसार विगत माह का वितरण पश्चात् पीओएस मशीन के शेष स्टॉक का समायोजन कर आगामी माह हेतु ऑनलाईन आवंटन जारी किया जाता है। पीओएस मशीन एवं उचित मूल्य दुकान के स्टॉक में भिन्नता होने से दुकान से संलग्न पात्र परिवारों की हकदारी अनुसार आवंटन जारी न होने की दशा में अतिरिक्त आवंटन पोर्टल पर दर्ज करने की सुविधा जिलों को उपलब्ध कराई गई है। पीओएस मशीन में स्टॉक प्रदर्शित होने से खाद्य अधिकारी द्वारा दुकानों पर निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न प्रदाय नहीं किया जा रहा है। (ग) म.प्र. स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन ब्रांच सेंधवा में वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक दुकानवार आवंटन एवं प्रदाय खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। एईपीडीएस पोर्टल से जारी आवंटन अनुसार ऑनलाईन आरओ एवं डिस्पेच किया जाकर उतनी ही मात्रा पीओएस मशीन में रिसीव की जाती है। खाद्यान्न आवंटन की ऑनलाईन प्रदाय व्यवस्था होने के कारण पंजी से आवंटन का मिलान का प्रावधान नहीं है। (घ) म.प्र. स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन ब्रांच सेंधवा अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के दौरान अंकेक्षण का कार्य नहीं हुआ है। म.प्र स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन ब्रांच सेंधवा अन्तर्गत वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक अंकेक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। रिपोर्ट में अंकेक्षक द्वारा सामान्य त्रुटियां एवं कमियां पाई गई, जिसकी पूर्ति वेयरहाउस कार्पोरेशन द्वारा कर ली गई है।
ग्रामीण नल जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
99. ( क्र. 1649 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सेंधवा विधानसभा में जल जीवन मिशन अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में स्वीकृत नल जल योजनाओं की डीपीआर एवं कार्य की वर्तमान स्थिति उपलब्ध करावें। कितने ग्रामों में नल योजना प्रारंभ हो चुकी है तथा कितने ग्रामों में योजना का लाभ दिया जाना शेष है, ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) सेंधवा विधानसभा के जिन ग्रामों में नल जल योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है उन समस्त ग्रामों में शासन की मंशा अनुसार हर घर नल से जल प्रदाय किया जा रहा है यदि हां तो ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें तथा नल जल योजना अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में घटिया एवं गुणवत्ताहीन कार्य करने वाले ठेकेदारो के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। (ग) क्या सेंधवा विधानसभा अन्तर्गत कतिपय ग्रामों में ठेकेदारों द्वारा गुणवत्ताहीन कार्य करते हुए अधूरे कार्य ग्राम पंचायतो के हैण्डओवर कर दिये गए जिस कारण आज तक ग्रामों में नल से जल प्रदाय नहीं हो रहा है उक्त संबंध में विधानसभा सेंधवा क्षेत्र में कितनी शिकायते प्राप्त हुई है तथा शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्रामवार नल जल योजनाओं का कार्य करने वाले ठेकेदारों की सूची उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य गुणवत्तायुक्त किए गए हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्राप्त शिकायतों की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वन विभाग के कार्य एवं मजदूरी का भुगतान
[वन]
100. ( क्र. 1650 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से वर्ष 2024 तक सेंधवा परिक्षेत्र में वन विभाग द्वारा कराए जा रहे बीट वार कार्यों की जानकारी कार्यों में लगाए गए मजदूर कहां के थे? नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2020 से वर्ष 2024 तक सेंधवा परिक्षेत्र में कराए गए बीटवार कार्यों तथा क्षेत्र में नर्सरी के कार्यों में लगाए गए चौकीदार तथा चौकीदारो के खाते में कितनी राशि प्रदान की गई? खातावार जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2020 से 2024 तक सेंधवा परिक्षेत्र के अन्तर्गत जगंल में आग बुझाने के लिए चौकीदार लगाए गए थे वे कहां के निवासी है तथा उनके खातो में कितनी राशि प्रदान की गई है? बीटवार एवं खातावार विवरण सहित जानकारी देवें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में सेंधवा परिक्षेत्र में कराये गये बीटवार कार्यों की जानकारी उत्तरांश (क) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। नर्सरी एव रोपण क्षेत्र में लगाये श्रमिकों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वन परिक्षेत्र सेंधवा के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में आग सुरक्षा के लिये लगाये श्रमिकों की प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
नेशनल पार्कों के विकास के लिये लागों का विस्थापन
[वन]
101. ( क्र. 1651 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23 से वर्ष 2023-24 में प्रदेश के किन-किन नेशनल पार्कों के नाम पर कितने-कितने लोगों/परिवारों का विस्थापन किया गया? वर्तमान वित्तीय वर्ष में किन-किन नेशनल पार्कों के विकास के नाम पर कितने-कितने लोगों/परिवारों का विस्थापन हो रहा है? विस्थापितों में आदिवासियों की संख्या बतावें। (ख) प्रदेश की पुनर्वास नीति क्या है? उपरोक्त विस्थापन से प्रभावित परिवारों की कितनी-कितनी जमीन शासन के कब्जे में ली जा रही है? किस-किस परिवार को कितना -कितना मुआवजा दिया गया? कितने परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है? कितने लोगों ने किन कारणों से मुआवजा लेने से इनकार किया है? (ग) उपरोक्त विस्थापन के पूर्व ग्राम सभा की सहमति ली गई या नहीं? यदि नहीं ली गई तो कारण बतावें। यदि सहमति ली गई तो सहमति की प्रतियां उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से कुल 308 परिवारों को विस्थापित किया गया है, जिनमें 152 आदिवासी परिवार हैं और 143 परिवारों को विस्थापित किया जाना शेष है। संजय राष्ट्रीय उद्यान से कुल 110 परिवारों को विस्थापित किया गया है जिनमें 67 आदिवासी परिवार हैं। कूनो राष्ट्रीय उद्यान से कुल 230 परिवारों को विस्थापित किया गया है जिनमें 221 आदिवासी परिवार हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में केवल बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत 143 परिवारों को विस्थापित किये जाने का प्रस्ताव है, जिसमें आदिवासी परिवारों की संख्या-63 एवं गैर आदिवासी परिवारों की संख्या 80 है। (ख) संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के विस्थापन हेतु जारी दिशा-निर्देशों के तहत संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों का विस्थापन किया जाता है, जिसकी प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। दिशा-निर्देशों के अनुसार विकल्प-1 (पूरा नगद) में हितग्राही को पुनर्वास हेतु पूर्ण राशि नगद दी जाती है, उन्हें कोई भूमि एवं अन्य सुविधा प्रदाय नहीं की जाती है तथा विकल्प-2 (भूमि एवं नगद) में हितग्राही 2 हेक्टेयर भूमि, सुविधायें एवं बाकी नकद राशि दी जाती है। उपरोक्त विस्थापन से प्रभावित परिवारों की 486.41 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को प्राप्त होगी। विस्थापन हेतु प्रदाय किये गये मुआवजा एवं परिवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। 143 परिवारों को मुआवजा प्रदाय नहीं किया गया है। इन परिवारों को मुआवजा प्रदाय करने की कार्यवाही में है। किसी भी परिवार द्वारा मुआवजा लेने से इंकार नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उपरोक्त विस्थापन के पूर्व ग्राम सभा की ली गई सहमति संबंधी अभिलेख जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
102. ( क्र. 1653 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने पिछले 5 वर्ष में जो भी योजना लागू की है, उन समस्त योजनाओं की प्रति वर्ष बजट सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत झाबुआ और अलीराजपुर जिले में कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ कितने-कितने कृषकों को दिया गया? लाभार्थियों की जानकारी नामवार, ग्रामवार दें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रदेश शासन की उद्यानिकी विभाग अंतर्गत पिछले 5 वर्ष में झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में संचालित योजना के बजट की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में संचालित योजनाओं के लाभार्थियों की नामवार, ग्रामवार सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
हैंड पंप उत्खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
103. ( क्र. 1654 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ विधान सभा में वर्ष 2020 से 2024 तक विभाग ने कितने हैंड पंप उत्खनन करे हैं? प्रतिवर्ष अनुसार जानकारी ग्राम पंचायत और ग्रामवार दें। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में हैंड पंप उत्खनन के कितने टेंडर हुए, किस लागत/बोली के हुए, कितने फिट उत्खनन के टेंडर थे और किस फर्म/संगठन को टेंडर में कार्य दिये गए? विस्तृत जानकारी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 305 नलकूप खनन हैंडपंप स्थापना हेतु किए गए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
वाटर शेड विकास घटक राष्ट्रीय कृषि सिंचाई योजना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
104. ( क्र. 1656 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश भोपाल की योजना वाटरशेड विकास घटक-राष्ट्रीय कृषि सिंचाई योजना 2.0 (WDC- PMKSY 2.0) अंतर्गत बड़वानी विधानसभा में स्वीकृत किये कार्य की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त योजना की दिनांक 01 जुलाई, 2024 को लॉटरी आयोजित की गई जिसमें मात्र अलीराजपुर जिले से ही 592 कृषकों का चयन किया गया है तथा 275 कृषकों को प्रतीक्षा में रखा गया है। क्या यह योजना मध्यप्रदेश के यह योजना अन्य जिलो में संचालित नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो पूरे प्रदेश का लक्ष्य/वित्तीय बजट मात्र अलीराजपुर जिले को किस नियम के तहत दिया गया है? (घ) मध्यप्रदेश में और भी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है क्या विभाग द्वारा उन्हें वंचित रखा गया है? यदि हॉं, तो क्या इस लाटरी को निरस्त कर अन्य आदिवासी बाहुल्य जिलों को भी उक्त योजना का लक्ष्य दिया जायेगा?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित वाटरशेड विकास घटक राष्ट्रीय कृषि सिंचाई योजना 2.0 (WDC PMKSY 2.0) उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग में संचालित नहीं है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित योजना विभाग में संचालित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है।
शिक्षकों की पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
105. ( क्र. 1658 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अन्तर्गत वर्ष 2010 से लेकर वर्तमान तक बड़वानी जिले में कितने सहायक शिक्षकों को पदोन्नत किया गया है या उच्च पद का प्रभार सौंपा गया है? सूची देवें। (ख) वर्तमान सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी का प्रभार सौंपने हेतु बड़वानी जिले कितने पद रिक्त है तथा रिक्त पदों पर प्रभार सौंपने की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) में जिन शिक्षको को पदोन्नत किया गया है क्या उनको विषयवार पदोन्नत किया गया है? यदि नहीं तो वर्तमान में उच्च पद के प्रभार में विषयवार क्यों किया जा रहा है? इस संबंध में विभागीय आदेश परिपत्रों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क) में पदोन्नत सहायक शिक्षकों की भांति वर्तमान में भी समस्त सहायक शिक्षकों को अनिवार्यत: उच्च पद का प्रभार सौंपने सम्बन्धी आदेश जारी कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) पदोन्नति एवं उच्च पद प्रभार की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। संबंधित विषय के पात्र शिक्षक न होने से पद रिक्त हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सहायक शिक्षकों को पदोन्नत नहीं किया गया, अपितु सहायक शिक्षकों को उच्च श्रेणी शिक्षक के पद का प्रभार विषयवार दिया गया है। आदेश/परिपत्रों की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) संबंधित विषय के पात्र शिक्षक उपलब्ध नहीं होने से पद रिक्त हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनाधिकार पट्टो का वितरण
[जनजातीय कार्य]
106. ( क्र. 1662 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा विगत वर्षों में चिन्हित करते हुए परंपरागत पुश्तैनी तौर पर निवासरत अनुसूचित जनजाति परिवारों को आवासीय पट्टे (वनाधिकार) प्रदान किए गए? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन ब्लॉकों में कितने पट्टे किस-किस वर्ष में प्रदान किए गए? ब्लॉकवार, संख्यावार जानकारी दें। (ग) जावरा नगर, पिपलोदा नगर, जावरा तहसील एवं पिपलोदा तहसील अंतर्गत कितने परिवारों को पट्टे प्रदान किए गए? स्थानवार, ग्रामवार, नामवार जानकारी दें। (घ) क्या विगत वर्षों में जारी किए गए पट्टों के बावजूद भी कतिपय विशेष कारणों से अथवा आपत्ति से पट्टे नहीं दिए जा सके हैं तो बताएं अथवा प्रश्न दिनांक तक निवासरत कितने परिवार वंचित हैं, जिन्हें योजना अनुसार पट्टे प्राप्त नहीं हो सके हैं? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वन अधिकार अधिनियम 2006, मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के तहत आवास हेतु प्रदेश में वन अधिकार पत्र दिये गये हैं। (ख) जिला रतलाम में वन अधिनियम 2006 के तहत आवास हेतु वन अधिकार पट्टे नहीं दिये गये हैं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी योजनाओं का संचालन
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
107. ( क्र. 1663 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा उद्यानिकी की फसलों को बढ़ावा दिए जाने हेतु केंद्र/राज्य परिवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश भर में अनेक कार्य किए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले अंतर्गत वर्ष 2020-21 से लेकर वर्ष 2023-24 के प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं को किस-किस ब्लॉक में कितने बजट की स्वीकृति दी जाकर संचालित किया जा रहा है? ब्लाकवार जानकारी दें। (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत उद्यानिकी की किस-किस प्रकार की उन्नत फसलों का उत्पादन होकर कुल कितना-कितना उत्पादन हुआ एवं उनके विक्रय तथा मार्केटिंग के लिए कृषकों को किस प्रकार का मार्गदर्शन दिया गया? जानकारी दें। (घ) क्या प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत संपूर्ण रतलाम जिले में ब्लॉकवार किस-किस प्रकार के कार्य किए जाने हेतु कितने-कितने बजट की स्वीकृति दी जाकर क्या-क्या कार्य किए गए?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जिले में एकीकृत बागवानी मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राज्य योजना, नमसा योजना, अनुसूचित जाति उप योजना एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना का संचालन किया जाकर इनके अंतर्गत विकास खण्डवार स्वीकृत बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में उद्यानिकी उन्नत फसलों के उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं के घटक जैसे प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार के माध्यम से कृषकों को उनके उत्पाद विक्रय तथा मार्केटिंग हेतु मार्गदर्शन दिया जाता है। विकासखण्ड, जिलास्तर, प्रदेश स्तर तथा प्रदेश के बाहर विभागीय योजनाओं अंतर्गत जनसम्पर्क विभाग तथा विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रचार कर कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया जाकर फसल विशेषज्ञों के माध्यम से परामर्श सह प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है, जिला प्रशासन एवं उद्यानिकी विभाग के संयोजित प्रयास से रतलाम जिले के रिवावन लहसुन को जी.आई. टैग प्राप्त हुआ, जिससे देश एवं विदेशों में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से फसल उत्पाद विक्रय में बढोतरी हो रही है तथा उद्यानिकी फसल उत्पाद निर्यात हेतु एपेडा के माध्यम से भी प्रयास किये जा रहे है। इसके साथ ही खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा दिये जाने हेतु प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदाय किया जा रहा है। (घ) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत जिले के विभिन्न विकासखण्डों में ड्रिप संयंत्र, मिनी स्प्रिंकलर तथा पोर्टेबल स्प्रिंकलर संयंत्र स्थापना अन्तर्गत कार्य किये गये हैं, जिसकी स्वीकृत बजट राशि की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
नवीन गौण खनिज (गिट्टी खदान) DEIAA/SEIAA की अनुमति
[पर्यावरण]
108. ( क्र. 1664 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नवीन गौण खनिज (गिट्टी खदान) प्रारंभ करने के लिए ली जाने वाली अनुमति DEIAA/SEIAA (पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण) के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) से संदर्भित उज्जैन संभाग में ऐसे कितने खदान मालिकों ने जिला कलेक्टर द्वारा पूर्ण कार्यवाही के पश्चात विभाग को नवीन खदान अनुमति हेतु आवेदन किए, कितनों के आवेदन कितनी-कितनी समयावधि में पूर्ण कर खदान मालिकों को अनुमति दी गई? (ग) कलेक्टर द्वारा पूर्ण कार्यवाही करने के पश्चात विभाग को भेजी जाने वाली अनुमतियों को कितने दिन में अनुमति देने का प्रावधान है? क्या नीमच, मंदसौर जिले में नवीन खदान मालिकों द्वारा लगभग 8 माह पूर्व दी गई फाइलों के पश्चात भी खदान मालिकों को उक्त अनुमति नहीं मिल पाई? यदि हाँ, तो ऐसे कितने खदान मालिक हैं जिन्हें 1 जनवरी, 2024 के पश्चात अनुमतियां किन-किन कारणों से नहीं दी गईं? नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (सिया) के कार्यकाल दिनांक 10/06/2024 तक कुल 519 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 325 प्रकरणों का नियत समयावधि में निराकरण किया गया। (ग) 105 दिवस का प्रावधान है। राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (सिया) के कार्यकाल दिनांक 10/06/2024 तक प्राप्त 14 आवेदनों में से 03 में पर्यावरण अनुमति एवं 01 में TOR जारी किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'स' अनुसार है।
गोदामों में खाद्यान्न रखने की समय-सीमा में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
109. ( क्र. 1665 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग के वेयरहाउसों में रखा कौन-कौन सा अनाज कितनी मात्रा में खराब हुआ/सड़ा/मानव के अनुपयोगी हुआ? पूरी जानकारी दें। (ख) उक्त अनाज को किस मूल्य पर खरीदा गया, कुल खरीद मूल्य बताएं और खराब होने के पश्चात किस मूल्य में किन व्यक्तियों या फर्मों को बेचा गया? कुल विक्रय मूल्य बताएं। (ग) प्रतिवर्ष अनाज खराब होने के बावजूद इनकी सुरक्षा और रखरखाव की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की जा सकी, दोषी कौन है और किस तरह की व्यवस्था करने पर अनाज खराब नहीं होगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में उज्जैन संभाग के गोदामों में क्षतिग्रस्त हुए अनाज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग में खराब/सड़ा/मानव अनुपयोगी खाद्यान्न की मात्रा खरीदी मूल्य, विक्रय मूल्य एवं खरीदी करने वाली फर्मों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) खाद्यान्न पेरिसेबल गुडस् होने के कारण भण्डारण एक निश्चित समय तक किया जा सकता है। कोरोना काल में समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन अत्यधिक मात्रा में होने के कारण निष्पादन में समय लगने से गेहूं का भण्डारण अधिक समय तक करना पड़ा है साथ ही कोरोना काल में उपार्जन के दौरान असामयिक वर्षा होने से गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। गोदामों से खाद्यान्न का समय पर उठाव किए जाने की स्थिति में खराब होने से बचाया जा सकता है।
ईको पार्क की स्थापना
[वन]
110. ( क्र. 1670 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ईको पार्क/पर्यटन स्थल की स्थापना विभाग द्वारा की गई है? या प्रस्तावित है? जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित ईको पार्क/पर्यटन स्थल के लिए पथरिया जाट/सिद्ध बाबा धाम सिरोंजा को विकसित करने की कोई योजना विभाग द्वारा बनाई की गई है? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्थानों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किये गए हैं एवं अन्य विकास कार्य कब तक संपादित किये जायेंगे? (घ) ईको पार्क पथरिया जाट की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? तथा भविष्य में ईको पार्क विकसित करने के लिए क्या विभाग कोई कार्यवाही करेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत दक्षिण सागर वनमण्डल के पथरिया स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु मनोरंजन क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया है। (ख) पथरिया स्थल को मनोरंजन क्षेत्र के रूप में विकसित करने हेतु इको पर्यटन विकास बोर्ड के पत्र क्रमांक 2216 दिनांक 09.10.2017 से राशि रूपये 29.25 लाख एवं पत्र क्रमांक 261 दिनांक 29.01.2018 से राशि रूपये 9.00 लाख कुल 38.25 लाख तथा पत्र क्रमांक 67 दिनांक 07.06.2024 से राशि रूपये 8.92 लाख के ईको पर्यटन विकास कार्य स्वीकृत किये गये हैं। सिद्धबाबा धाम सिरोंजा में सामाजिक वानिकी वृत सागर द्वारा वर्ष 2014 में एवं वर्ष 2021-22 में कुल राशि रुपये 4.93 लाख के कार्य कराये गये है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार पथरिया स्थल पर रुपये 38.25 लाख के कार्य पूर्ण तथा रुपये 8.92 लाख के कार्य की भविष्य की योजना है। सिद्धबाबा धाम सिरोंजा में कार्य पूर्ण है। जानकारी संलग्न उत्तरांश 'ग' के परिशिष्ट -''1'' एवं ''2'' अनुसार है।
हैण्डपंपों का संक्षारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
111. ( क्र. 1672 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बण्डा विधानसभा में प्रत्येक ग्राम पंचायत में कितने-कितने हैण्डपंप लगे है सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में लगे हैण्डपंपों में कितने तकनीकी रूप से कार्य कर रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में लगे हैण्डपंपों में कितनो में ग्रीष्मकाल में भी पेयजल की उपलब्धता है? ग्रामवार जानकारी दें। (घ) हैण्डपंप सुधार कार्य हेतु दिनांक 15.11.2024 की स्थिति में बण्डा के स्थानीय कार्यालय के भंडारगृह में उपलब्ध सामग्री एवं प्रत्येक सामग्री की भंडारगृह में उपलब्ध संख्या का सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (ड.) हैण्डपंप सुधार कार्य हेतु जो सामग्री उपलब्ध नहीं है उसे क्रय करने की क्या व्यवस्था है एवं ऐसे में सामग्री आपूर्ति के लिये क्या-क्या समय-सीमा निर्धारित है? जानकारी दें। (च) जो हैण्डपंप सुधार योग्य है वह कब तक ठीक कर लिये जायेंगे, समय-सीमा बताने का कष्ट करें। (छ) खराब हैण्डपंप ठीक करने के लिये समय-सीमा तय नहीं होने की दशा में प्रत्येक को ठीक करने की समय-सीमा निश्चित नहीं कर पाने का क्या कारण है? सभी खराब हैण्डपंपों के बारे में अलग-अलग व स्पष्ट जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 02 अनुसार है। (ड.) मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के माध्यम से। आवश्यकतानुसार सामग्री की आपूर्ति की जाती है। (च) सुधार योग्य हैण्डपंपों के जमीन के ऊपर के हिस्से को 07 कार्य दिवस में तथा जमीन के नीचे के भाग में हैण्डपंप की खराबी का सुधार 15 कार्य दिवस में ठीक करने की समय-सीमा निर्धारित है तदानुसार कार्यवाही की जाती है। (छ) उत्तरांश "च" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। खराब हैण्डपंप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है।
गुणवत्ताविहीन निर्माण व उसकी निगरानी व मूल्यांकन
[वन]
112. ( क्र. 1673 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन परिक्षेत्र सागर अंतर्गत वेलखादर में तालाब के निर्माण का कार्य गुणवत्ताविहीन होने के कारण एक साल में ही तालाब का बंदान टूट गया। कार्य में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार पर कार्यवाही हेतु वण्डा विधायक की ओर से लिखे गये पत्र क्र. 230836 दिनांक 09.10.2024 तथा 230865,230864, दिनांक-20.10.2024 पर क्या कार्यवाही की गई है, इसकी जानकारी उपलब्ध करवायें। (ख) अगर कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो क्या उक्त पत्रों में उल्लेखित अनियमितताओं पर कार्यवाही की जावेगी? (ग) अगर हाँ तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) अगर नहीं तो कार्यवाही नहीं होने का कारण क्या है? (ड.) वन विभाग द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्य की तकनीकी निगरानी व मूल्यांकन किन अधिकारियों के द्वारा किया जाता है? (च) क्या वन विभाग के पास सिविल निर्माण कार्य की निगरानी, परीक्षण व मूल्यांकन के लिये कोई तकनीकी अमला है? (छ) क्या वन विभाग द्वारा बगैर तकनीकी अमले के निर्माण कार्यों पर राशि व्यय की जा रही है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र प्राप्त नहीं हुये है, परन्तु पत्र क्रमांक 23070 दिनांक 11.09.2024 जो मुख्य वन संरक्षक सागर को एवं पत्र क्रमांक 230866 दिनांक 20.10.2024 जो प्रमुख सचिव, म.प्र.शासन, वन विभाग को सम्बोधित है की विधिवत जांच एक समिति से करायी गई जिसमें ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के तकनीकी इंजीनियर भी थे। समिति के जांच प्रतिवेदन अनुसार वन परिक्षेत्र उत्तर सागर के बीट गिदवानी कक्ष क्रमांक आर.एफ.375, ग्राम बेलखादर के पास स्थित, में निर्मित तालाब की वेस्टवियर में बाजू की पहाड़ी से सिल्ट जमा होने के कारण वेस्टवियर ब्लॉक हो जाने एवं पानी बंड के ऊपर से निकल जाने के कारण बंड क्षतिग्रस्त होना पाई गई, जिसका मुख्य कारण अल्प अवधि में अत्यधिक वर्षा एवं सिल्टेशन था, इसमें किसी प्रकार की कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई है। (ख) से (घ) उत्तरांश "क" के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) वन विभाग में निर्माण कार्य की तकनीकी निगरानी व मूल्यांकन तकनीकी रूप से प्रशिक्षित वन परिक्षेत्र अधिकारी से लेकर वन मण्डलाधिकारी स्तर के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। (च) पृथक से कोई तकनीकी अमला नहीं है, परन्तु वन विभाग में अधिकारियों तथा क्षेत्रीय अमले को भर्ती के उपरांत तथा सेवा प्रशिक्षण के दौरान अन्य विषयों के साथ-साथ अभियांत्रिकी विषय का तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। (छ) जी नहीं।
वनग्राम कृषकों की सुविधाओं की जानकारी
[वन]
113. ( क्र. 1674 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में कितने वनग्राम है इन ग्रामों की सूची व उन ग्रामों में कितनी जनसंख्या निवासरत है? इन ग्रामों के निवासियों एवं कृषकों को विभाग द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जा रही है? (ख) वनग्रामों को राजस्व ग्रामों को उन्नत करने की कोई योजना या अभियान चलाया जा रहा है अगर हाँ तो अभियान की जानकारी एवं राजस्व में परिवर्तित ग्रामों की सूची प्रदान करें। (ग) वनग्रामों से राजस्व ग्रामों में उन्नयन की प्रक्रिया व नियमावली की जानकारी दें। (घ) वनग्रामों की वर्तमान एवं विजन प्लानिंग की जानकारी उपलब्ध कराएं।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) जी हां, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी निर्मित नहीं होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य विभाग की योजनाओं एवं अधिकार शक्तियां
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
114. ( क्र. 1675 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य विभाग के क्या दायित्व, अधिकार, कर्तव्य है की जानकारी देने की कृपा करें। (ख) खाद्य विभाग द्वारा कितनी योजनाएं शासन द्वारा वर्तमान में चल रही है इनकी मॉनिटरिंग किस प्रकार की जा रही है उ.मु. की दुकानों की गई मॉनिटरिंग एवं कार्यवाही की जानकारी एवं कार्यवाही की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ग) विगत 5 वर्षों में खण्डवा जिले में कितनी उ.मु. की दुकानें खोली गई उनके आदेश एवं कार्यवाही नोटशीट की छायाप्रतियां दी जावें। (घ) वर्तमान में कितनी आवेदन किन-किन योजनाओं के विभाग जिला खण्डवा के पास कार्यवाही हेतु लंबित है की जानकारी अलग-अलग प्रपत्र में देने की कृपा करें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खाद्य विभाग के दायित्व, अधिकार एवं कर्तव्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। उक्त योजनाओं के अन्तर्गत आवंटन उठाव एवं वितरण की मॉनिटरिंग साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से की जाती है एवं जिले में पदस्थ अधिकारियों द्वारा नियमित जांच की जाती है। आवंटन, उठाव एवं वितरण का डाटा epos.mp.gov.in और scm.mp.gov.in portal पर public domain में भी प्रदर्शित है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में खण्डवा जिले में 23 उचित मूल्य दुकानें खोली गई। आदेश एवं कार्यवाही संबंधी नोटशीट की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के नवीन कनेक्शन की प्रक्रिया बंद होने से 6534 तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत भारत सरकार की राज्य के लिए अधिकतम सीमा पूर्ण हो जाने से 13039 आवेदन लंबित है।
वन एवं संरक्षित भूमि को अधिसूचित किया जाना
[वन]
115. ( क्र. 1678 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भा.व.अ. 1927 की धारा 20 एवं धारा 29 के तहत राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किये बिना ही वर्किंग प्लान में भूमि दर्ज कर उन्हें आरक्षित वन एवं संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जा रहा है? जिलावार विवरण दें। (ख) भोपाल, सीहोर, रायसेन एवं औबेदुल्लागंज वनमण्डल के वर्किंग प्लान में कितनी आरक्षित वन भूमि एवं कितनी संरक्षित वन भूमि दर्ज है, इनमें से कितनी भूमि धारा 20 एवं धारा 29 के तहत राजपत्र में किस-किस दिनांक को अधिसूचित की गई है? अधिसूचना की प्रति सहित बतायें। (ग) धारा 20 एवं धारा 29 में अधिसूचित किए बिना ही वर्किंग प्लान में भूमि दर्ज कर आरक्षित वन एवं संरक्षित वन प्रतिवेदित करने का क्या अधिकार भारतीय वन अधिनियम 1927 भारतीय फॉरेस्ट मैनुअल या वर्किंग प्लान कोड में दिया गया है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। भारतीय वन अधिनियम की धारा-20-अ के तहत संविलयित राज्य के आरक्षित वन/संरक्षित वन को आरक्षित वन/संरक्षित वन के रूप में मान्यता दी गयी है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
रेत खदानों को प्रदत्त पर्यावरण अनुमति संबंधी
[पर्यावरण]
116. ( क्र. 1679 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण पर्यावरण परिसर, अरेरा कॉलोनी, भोपाल ने अपनी किस दिनांक की बैठक में गत दो वर्षों में किस रेत खदान से कितनी रेत खनन किये जाने हेतु किस अवधि तक की अनुमति प्रदान की है? जिलेवार बताएं। (ख) प्राधिकरण द्वारा दी गई अनुमति से संबंधित किन-किन रेत खदानों का प्राधिकरण के अधिकारी, कर्मचारी, प्रतिनिधि या म.प्र. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के किन-किन अधिकारियों ने प्रकरण में किस-किस दिनांक को स्थल निरीक्षण किया एवं उसके जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया? विवरण दें। (ग) क्या सभी निरीक्षण प्रतिवेदनों में रेत खदान पर किस-किस अक्षांश एवं देशांतर पर सीमा चिन्ह या मुनारे पास किए गए, किस खदान पर मुनारे या सीमा चिन्ह नहीं पाए गए ऐसी खदानों में रेत खनन की अनुमति दिए जाने का प्राधिकरण ने क्या मापदण्ड अपनाया? विवरण दें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार सीहोर जिले की 14 रेत खदान एवं बालाघाट जिले की 04 रेत खदान के स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन अनुसार मुनारे नहीं पाये गये एवं संयुक्त समिति द्वारा प्रतिवेदन माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (सीजेड) में दिनांक 06.12.2023 एवं 29.01.2024 प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अधिकरण की आदेशित कार्यवाही के परिपालन हेतु प्राधिकरण द्वारा पत्र क्रमांक 1718 दिनांक 05.08.2024 द्वारा कार्यपालन संचालक, म.प्र. स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन भोपाल एवं संचालक, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म भोपाल को सूचित किया गया। प्राधिकरण द्वारा जारी की जाने वाली पर्यावरण अनुमतियों में खनन प्रक्रिया प्रारंभ करने के पूर्व खदान के अक्षांश एवं देशांतर पर सीमा चिन्ह या मुनारे लगवाये जाने की शर्त अधिरोपित की जाती है। भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ई.आई.ए. अधिसूचना दिनांक 14/09/2006 एवं इसके अनुक्रम में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों में निर्धारित किये जाने वाले मापदण्डों को अपनाया जाता है।
शासकीय भवनों में पेयजल की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
117. ( क्र. 1682 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर, इन्दौर एवं शहडोल जिलों में शासकीय भवन जैसे प्रा.शा., मा.शा भवन, हाई स्कूल, आगंनवाड़ी भवन आदि भवनों में पेयजल व्यवस्था हेतु जो कार्य किये है, भवन एवं संस्था का नाम, ग्राम पंचायत, वि.खण्ड, जिला, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, वर्तमान में भौतिक स्थिति, कार्य एजेंसी का नाम, मूल्यांकनकर्ता उपयंत्री एवं सहायक यंत्री का नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी भवनों में क्या उपयुक्त पेयजल व्यवस्था है? अगर हाँ तो बतावें डिण्डौरी जिले के अधिकतर प्रा.शा. एवं मा.शाला भवनों में व्यवस्था क्यों ठीक नहीं है? कौन जिम्मेदार है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जबलपुर, इन्दौर एवं शहडोल जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) जी हाँ। डिण्डौरी जिले के अधिकतर प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला भवनों में पेयजल व्यवस्था ठीक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिकायतों की जांच
[वन]
118. ( क्र. 1683 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक तक प्रमुख सचिव/प्रधान वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक के पास कब-कब, किसने-किसने, क्या-क्या शिकायत की तथा किस-किस के विरूद्ध? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों के जांच किस-किस अधिकारियों द्वारा की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों पर क्या सही समय में कार्यवाही की गई? यदि हां, तो शिकायतवार जांच एवं की गई कार्यवाही की जानकारी दें। अगर नहीं तो सही समय में जांच नहीं होने के क्या कारण हैं? कौन जिम्मेदार है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांश में शिकायत का विवरण अस्पष्ट होने के कारण जानकारी देना सम्भव नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुक्षी माइक्रो लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट
[पर्यावरण]
119. ( क्र. 1685 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के कुक्षी माइक्रो लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट से संबंधित पर्यावरण स्वीकृति प्रस्ताव विभाग में कब प्राप्त हुआ? क्या विभाग की स्वीकृति लंबित रखी गई है? लंबित रखने का कारण बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत स्वीकृति जारी करने का दायित्व किसका है? क्या कोई प्राधिकरण स्तर से स्वीकृति जारी किया जाना है? यदि हाँ, तो प्राधिकरण गठित है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्या अन्य कोई स्वीकृति संबंधी प्रावधान है? प्राधिकरण गठन कब होगा? स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत कितने प्रोजेक्ट की वन क्षेत्र पर्यावरण स्वीकृति के प्रकरण लंबित है? प्रोजेक्टवार बतायें। (घ) क्या पर्यावरण स्वीकृति कार्य अवधि को टाइम बाउंड (सीमा) निर्धारित करेंगे? यदि हाँ, तो कैसे कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं स्पष्ट करें?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) दिनांक 17/04/2023 को। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (सिया) का। जी नहीं। सिया के क्रियाशील नहीं होने की दशा में EIA नोटिफिकेशन के अनुसार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वीकृति का प्रावधान है। गठन का प्रस्ताव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी ''निरंक'' है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (सिया) एवं राज्य स्तरीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (सेक) क्रियाशील नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. राज्य तिलहन संघ संपत्तियों का विक्रय
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
120. ( क्र. 1686 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा तिलहन संघ मुख्यालय का अरेरा हिल्स, भोपाल स्थित भवन का विक्रय किया गया है? यदि हाँ, तो कितने में? (ख) वर्तमान बाजार भाव अनुसार इसका मूल्य लगभग 100 करोड़ से ऊपर होने के पश्चात भी इतने कम मूल्य पर इसका विक्रय करने के क्या कारण थे? (ग) लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग क्या तिलहन संघ की अन्य किन-किन संपत्तियों का भी विक्रय कर रहा है? विस्तृत जानकारी दें। (घ) लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा तिलहन संघ मुख्यालय भवन के अतिरिक्त संघ की ओर कौन-सी संपत्तियों का विक्रय किया है? अद्यतन स्थिति/जानकारी दें?
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कान्हा टाइगर रिज़र्व एवं वन कर्मचारियों की सेवा शर्तें
[वन]
121. ( क्र. 1689 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कान्हा टाइगर रिज़र्व अंतर्गत कार्यरत वन कर्मचारियों को नक्सलियों द्वारा परेशान किये जाने एवं उनके कैम्प से खाद्यान सामग्री व कपड़े आदि ले जाने की शिकायतें कर्मचारियों द्वारा उच्च अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से की गई हैं? क्या कान्हा टाइगर रिज़र्व अंतर्गत वन क्षेत्रों में नक्सलियों के सक्रिय रहने से वन कर्मचारियों की जान व माल को खतरा रहता है? क्या इन कर्मचारियों को नक्सली भत्ता या अन्य प्रोत्साहन भत्ता या इन्हें होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कोई अन्य भत्ता प्रदाय किया जाता है? यदि नहीं तो केवल कान्हा टाइगर रिज़र्व के कर्मचारियों को वेतन के अतिरिक्त कोई भत्ता दिया जायेगा? क्या सहानुभूति पूर्वक विचार करके इन्हें भत्ता देने की कोई नीति बनाई जाएगी? (ख) क्या प्रोजेक्ट टाइगर के तहत कार्यरत वन कर्मचारियों को दिए जाने वाले प्रोजेक्ट भत्ते की राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो नई राशि और इसके लागू होने की समय-सीमा क्या है? (ग) कान्हा टाइगर रिजर्व में कार्यरत वनकर्मियों और अधिकारियों के बच्चों की शिक्षा सुविधा हेतु केन्द्रीय विद्यालय और छात्रावास की स्थापना की क्या योजना है? (घ) कान्हा टाइगर रिजर्व में पिछले 15-20 वर्षों से कार्यरत श्रमिकों को जिन्हें अभी भी अकुशल श्रमिक का वेतन दिया जा रहा है, इनमें से ऐसे श्रमिक जिन्होंने 10 वर्ष या उससे अधिक सेवा पूरी कर ली है, उन्हें कुशल श्रमिक का वेतनमान कब तक प्रदान किया जाएगा? (ड.) वन क्षेत्रपालों को कब से राजपत्रित अधिकारी बनाया गया है? क्या इनकी कोई सेवा शर्तें बनाई गई हैं यदि हाँ, तो सेवा शर्तों की प्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं तो कब तक सेवा शर्तें बनाकर जारी की जाएंगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) ऐसी कुछ सूचनाएं/शिकायतें प्राप्त हुई है जिन पर यथा समय कार्यवाही की गई है। नक्सली गतिविधियां होने से सभी विभाग के कर्मचारियों को खतरा रहता है। जी नहीं, कान्हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कार्यरत वन कर्मचारियों को नक्सली भत्ता या अन्य प्रोत्साहन भत्ता प्रदाय नहीं दिया जा रहा है। वर्तमान में शासन का ऐसा कोई विचार नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) कान्हा टाइगर रिजर्व में कार्यरत ऐसे श्रमिक जिन्होंने 10 वर्ष या उससे अधिक सेवा पूरी कर ली है, उन्हें श्रम विभाग के आदेश के तहत् नियमानुसार वेतनमान प्रदान किया जाता है। (ड.) जी हाँ, वन क्षेत्रपालों को म.प्र.शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 3-47/95/10-1, दिनांक 07.07. 1997 द्वारा राजपत्रित अधिकारी घोषित किया गया है। वन क्षेत्रपालों की सेवा शर्तें मध्यप्रदेश तृतीय श्रेणी (अलिपिकीय) वन सेवा भर्ती नियम 1967 से शासित होती हैं जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्राप्त बजट एवं निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
122. ( क्र. 1692 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग बालाघाट को विगत 5 वर्षों में राज्य/केंद्र सरकार व अन्य स्थानों से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई समस्त जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ख) उक्त समस्त प्राप्त राशियों से जिले में क्या-क्या कार्य, किस-किस कार्य एजेंसी द्वारा करवाए गए हैं संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ग) विभाग द्वारा आमंत्रित समस्त निविदाओं की जानकारी समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों की जानकारी निविदा प्रक्रिया के समस्त दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करवाएं। (घ) विभाग अंतर्गत बालाघाट जिले में कितने पद अधिकारी/कर्मचारी (संविदा) सहित स्वीकृत है नामवर, पदवार,शाखावार जानकारी उपलब्ध करवाएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग बालाघाट को विगत 05 वर्षों में राज्य/केन्द्र सरकार व अन्य स्थानों से प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) उक्त समस्त प्राप्त राशियों से जिले में कराये गये कार्यों का एजेन्सीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा आमंत्रित समस्त निविदाओं की जानकारी समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों की जानकारी तथा निविदा प्रक्रिया के समस्त दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) विभाग अन्तर्गत बालाघाट जिले में अधिकारी/कर्मचारी (संविदा) सहित स्वीकृत पदों की नामवार, पदवार, शाखावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
महुआ संग्रहण की राशि की जांच
[वन]
123. ( क्र. 1694 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 2019/दिनांक 03-03-2020 एवं प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य लघुवनोपज भोपाल को प्रत्यक्ष में उपस्थित होकर दिये गये पत्र क्रं 6225 दिनांक 24.10.2024 श्री रविन्द्र सिंग कुशवाह तत्कालीन वनपरिक्षेत्र अधिकारी देलाखारी से नियम विरूद्ध की गई वसूली की जांच एवं परीक्षण के संबंध में दिये गये थे। यदि हाँ, तो इन पत्रों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई कृपया जानकारी दें। (ख) श्री एससी बघेल एसडीओ तामिया द्वारा पत्र क्रमांक 494/दिनांक 19-04-2023 के माध्यम से मुख्य वनसरंक्षक वृत्त छिन्दवाड़ा को भेजी गई जांच रिपोर्ट है, पर क्या कार्यवाही की गई जानकारी दें। (ग) क्या मुख्यमंत्री सीएम हेल्प लाईन शिकायत क्रमांक 23378771 दिनांक 25.07.2023 को श्री एससी बघेल एसडीओ तामिया की जांच रिपोर्ट को नजर अंदाज कर मुख्यमंत्री सीएम हेल्प लाईन को जबरन बंद कर दिया गया है। यदि हाँ, तो क्या इस जांच रिपोर्ट का पुन: अवलोकन कर निर्णय लिया जायेगा।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक/2019 दिनांक 03.03.2020 के परिप्रेक्ष्य में यथोचित जांच उपरांत श्री रवींद्र सिंह कुशवाह सेवानिवृत्त सहायक वन संरक्षक तत्कालीन पालक अधिकारी प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति मर्यादित अमरवाड़ा, परिक्षेत्र अमरवाड़ा, जिला यूनियन पूर्व छिंदवाड़ा को वित्तीय वर्ष 2007-08 के लेखा में असमायोजित राशि रू. 155442/- धनादेश क्रमांक. 008364 दिनांक 24.02.2021 से वापस की जा चुकी है। प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 6225 दिनांक 24.10.2024 की जांच उपरांत श्री कुशवाहा तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी देलाखारी, जिला यूनियन पश्चिम छिंदवाड़ा से शासकीय बकाया राशि का प्रभार न सौंपने तथा राशि का लेखा/प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने के कारण वसूल की गई राशि रुपए 1,50,000/- एक लाख पचास हजार रुपए नियमानुसार पाई गयी। (ख) एसडीओ तामिया की प्रश्नाधीन रिपोर्ट अस्पष्ट थी जिसमें वसूली का कोई प्रस्ताव नहीं था रिपोर्ट का परीक्षण प्रबंध संचालक, लघु वनोपज संघ द्वारा किया गया। प्रबंध संचालक जिला यूनियन पश्चिम छिंदवाड़ा के पत्र क्रमांक 819 दिनांक 03.07.2023 से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी श्री आर. एस. कुशवाह के द्वारा शासकीय बकाया राशि प्रभार में नहीं सौंपने एवं उक्त राशि का लेखा/प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने के फलस्वरूप वसूली की गई जो कि नियमानुसार एवं विधिसम्मत है तथा वसूल की गई राशि वापस करना नियमानुसार संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, उत्तरांश 'ख' के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों की पदस्थापना संबंधी जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
124. ( क्र. 1695 ) श्री सुनील उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत किन-किन जिलों में जिला आपूर्ति अधिकारियों/जिला आपूर्ति नियंत्रक की पदस्थापना न होने के कारण अन्य कनिष्ठ अधिकारियों से कार्य करवाया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में क्या खाद्य मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अंतर्गत किन-किन जिलों के प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारियों/जिला आपूर्ति नियंत्रकों को संचालनालय में संलग्न कर कार्य कराया जा रहा है। ऐसे अधिकारी संचालनालय में कब से संलग्न होकर कार्य कर रहे है? (ग) संचालनालय खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में संलग्न प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारियों/जिला आपूर्ति नियंत्रकों को शासन द्वारा कब तक उनके मूल पदस्थापना वाले जिले के लिये भार मुक्त कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत जिला इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम एवं शहडोल में जिला आपूर्ति नियंत्रक के पद पर एवं जिला भिण्ड, दतिया, धार, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, रतलाम, बैतूल, रायसेन, छतरपुर, पन्ना, कटनी, नरसिंहपुर, सीधी, सिंगरौली एवं उमरिया में जिला आपूर्ति अधिकारी के पद पर कनिष्ठ अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार दिया जाकर कार्य करवाया जा रहा है। (ख) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अंतर्गत जिला नरसिंहपुर के प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी को संचालनालय में दिनांक 15.03.2024 से संलग्न कर कार्य कराया जा रहा है। (ग) प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टिगत संचालनालय खाद्य में संलग्नीकरण किया गया है।
हैंडपंपों का संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
125. ( क्र. 1698 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर अंतर्गत वर्तमान में कितने हैंडपंप, नलकूप स्थापित है? कितने हैंडपंप चालू एवं बंद अवस्था में है? ग्रामवार सूची देवें। (ख) क्या बंद एवं बिगड़े हैंडपंपों के संधारण की क्या व्यवस्था है? क्या विभाग के पास संधारण के लिए तकनीकी अमला व आवश्यक सामग्री उपलब्ध हैं? क्या विभाग द्वारा किसी निजी एजेंसी या ठेकेदार द्वारा संधारण कराया जाता है? विवरण देवें। (ग) विगत एक वर्ष में किस-किस के द्वारा हैंडपंपों का संधारण का कार्य किया गया है? ग्रामवार विवरण देवें। क्या क्षेत्र अंतर्गत विभाग के 70 प्रतिशत से ज्यादा हैंडपंप छोटी-छोटी खराबियों के कारण बंद पड़े हैं एवं विभाग सुधार कार्य नहीं कर पा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक संधारण का कार्य किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा हैंडपंपों का संधारण कार्य विभागीय रूप से अथवा निविदा आमंत्रित कर अनुबंधित ठेकेदार के माध्यम से कराया जाता है। जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन वितरण केन्द्रों द्वारा खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
126. ( क्र. 1701 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन द्वारा गरीब परिवारों को खाद्यान्न वितरण प्रतिमाह किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ग्वालियर संभाग में जिलेवार, दुकानवार खाद्य सामग्री के वितरण की सूची प्रदान करें। (ख) क्या प्रदेश की राशन दुकानों, उपभोक्ता भण्डारों को शासन द्वारा प्रतिमाह खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। यदि हाँ, तो दतिया जिले में वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक प्रत्येक राशन दुकान को क्या-क्या खाद्य सामाग्री वितरण हेतु प्रदान की गई? माहवार सूची प्रदान करें। (ग) क्या दतिया जिले में शासन द्वारा वर्ष 2019 से 2023 तक प्रतिमाह खाद्यान्न वितरण हेतु प्रदाय किया गया उसको दुकानों अथवा समितियों द्वारा प्रतिमाह वितरित किया गया? यदि हाँ, तो कृपया वर्ष 2019 से दिसंबर 2023 तक राशन वितरण पंजी की माहवार प्रतियां प्रदान करें। यदि नहीं तो क्यों। (घ) क्या राशन दुकानों द्वारा खाद्यान्न वितरण में हितग्राहियों को थम्ब इंप्रेसन प्राप्त करने के उपरांत राशन प्रदाय किया जाता है? यदि हाँ, तो वृद्ध एवं ऐसे व्यक्ति जिनके थम्ब इंप्रेशन मशीनों में नहीं आते उनको राशन प्रदान करने का क्या प्रावधान है। थम्ब के माध्यम से राशन प्राप्त न होने की स्थिति में शासन का क्या नियम है? कृपया संपूर्ण विवरण दें एवं दतिया जिले में विगत 5 वर्षों में प्रतिमाह ऐसा कितना खाद्यान्न शेष रहा जो राशन दुकानों द्वारा वितरित नहीं किया गया? जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृक्षारोपण कार्यक्रमों की जानकारी
[वन]
127. ( क्र. 1707 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार ने कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र में वृक्षारोपण प्रोत्साहन के उद्देश्य से कोई विशेष योजनाएं लागू की हैं? यदि हां, तो उन योजनाओं की जानकारी प्रदान करें। क्या सरकार ने वृक्षारोपण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की है? यदि हां, तो पिछले तीन वर्षों में इसका बजट आवंटन और उपयोग का विवरण क्या है? (ख) कृषि वानिकी से संबंधित कौन-कौन से कानूनी प्रावधान मौजूद हैं? क्या निजी क्षेत्र के वृक्षारोपण को सुगम बनाने हेतु कोई विशेष प्रशासनिक प्रक्रिया या अनुमति प्रक्रिया है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ग) राज्य में कृषि वानिकी के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन हेतु क्या कदम उठाए गए हैं? (घ) क्या राज्य सरकार किसानों को वृक्षारोपण के तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करती है? यदि हां, तो इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की संख्या और पिछले तीन वर्षों में प्रशिक्षण प्राप्त किसानों का विवरण दें? कृषि वानिकी के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन से माध्यम का उपयोग किया जा रहा है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन विभाग में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र में वृक्षारोपण प्रोत्साहन की कोई विशेष योजना लागू नहीं है अपितु म.प्र. राज्य बांस मिशन द्वारा केन्द्रीय प्रवर्तित योजना "राष्ट्रीय बांस मिशन" का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत कृषकों को उनकी निजी भूमि पर बांस के पौधों का रोपण करने के लिये तीन वर्ष में रू. 120/- प्रति पौधा अनुदान चार किश्तो में दिया जाना प्रावधानित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) निजी क्षेत्र में वृक्षारोपण उपरांत विदोहन को सुगम बनाने हेतु मध्यप्रदेश भू-राज्य संहिता की धारा 258, 240 एवं 241 के तहत प्रावधान किये गये हैं। मध्यप्रदेश लोकवानिकी अधिनियम 2001 के अंतर्गत भी निजी क्षेत्रों के वनों का प्रबंधन किया जाता है। म.प्र. राज्य बांस मिशन द्वारा संचालित केन्द्रीय प्रवर्तित योजना "राष्ट्रीय बांस मिशन'' अंतर्गत कृषि क्षेत्र में बांस रोपण की प्रक्रिया सुगम है। मध्यप्रदेश राज्य बांस मिशन द्वारा प्राप्त बजट की सीमा में वन मंडलाधिकारियों को लक्ष्य आवंटित कर दिये जाते है। कृषक निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन संबंधित वन मंडलाधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत करते है। आवंटित लक्ष्य की सीमा में वन मंडलाधिकारी आवेदन स्वीकृत करते है। वन मंडलाधिकारी से मांग मिलने पर राज्य बांस मिशन द्वारा आहरण सीमा जारी कर दी जाती है। वन मंडलाधिकारी द्वारा सीधे कृषक के बैंक खाते में सब्सिडी हस्तांतरित की जाती है। (ग) कृषि वानिकी के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु सामाजिक वानिकी वन वृत्तों द्वारा कृषकों की मांग अनुरूप पौधे रोपणियों से उचित मूल्य पर प्रदाय किये जाते है। क्षेत्रीय स्तर पर कृषकों में वृक्षारोपण प्रोत्साहन हेतु समय-समय पर प्रचार-प्रसार/कार्यशालाएं आयोजित की जाती है। म.प्र. राज्य बांस मिशन द्वारा संचालित केन्द्रीय प्रवर्तित योजना "राष्ट्रीय बांस मिशन" अंतर्गत प्रदेश में बांस पौध रोपण के लिये सब्सिडी की प्रक्रिया सरल होने के कारण बांस वृक्षारोपण का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। (घ) क्षेत्रीय स्तर पर कृषकों में वृक्षारोपण प्रोत्साहन हेतु समय-समय पर प्रचार-प्रसार/कार्यशालाएं आयोजित की जाती है। विगत तीन वर्षों में प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। पंपलेट, ब्रोशर्स एवं कार्यशालाओं के माध्यम से कृषकों में जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रयास किये गये हैं।
मीथेन फार्मिंग
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
128. ( क्र. 1708 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग ने गत तीन वित्तीय एवं चालू वर्ष में प्रदेश में मीथेन फार्मिंग को बढ़ावा देने हेतु गोबर गैस निर्माण के निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध पूर्ति का विवरण दें। क्या गोबर गैस संयंत्रों ने परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों पर किसानों की निर्भरता कम हुई है और यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत किसानों को इसका लाभ हुआ है? इस योजना के माध्यम से उत्पन्न जैविक खाद का बागवानी में उपयोग कितना बढ़ा है और इसका फसलों की उत्पादकता पर क्या प्रभाव पड़ा है? (ख) क्या गोबर गैस संयंत्रों से प्राप्त स्लरी की गुणवत्ता और उपयोग के लिए कोई मानक निर्धारित किए गये हैं? बागवानी फसलों में रासायनिक उर्वरकों की तुलना में जैविक खाद के उपयोग के परिणामस्वरूप पर्यावरणीय लाभ, जैसे मिट्टी की उर्वरता और भूजल की गुणवत्ता में सुधार को किस प्रकार मापा गया है? क्या इस योजना के कारण कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है और इसका बागवानी क्षेत्र पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा इस संबंध में की गई अध्ययन की जानकारी दें। किसानों को गोबर गैस संयंत्रों के लाभों और उपयोग के लिए जागरूक करने हेतु क्या प्रशिक्षण और प्रचार प्रसार कार्यक्रम चलाए जा रहे है यदि हाँ, तो विगत तीन वित्तीय वर्ष में चलाए गए कार्यक्रमों की जानकारी देवें। (ग) गोबर गैस योजना ने कृषि अपशिष्ट प्रबंधन को कितना कारगर बनाया है और इससे पर्यावरण संरक्षण के कौन-कौन से लक्ष्य हासिल हुए हैं? इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा किसानों को वित्तीय सहायता या सब्सिडी देने की क्या प्रक्रिया है और अब तक कितने किसानों को इसका लाभ मिला है तीन वित्तीय वर्षों की जानकारी दें। (घ) भविष्य में इस योजना के विस्तार और इसमें नवीन तकनीकों को शामिल करने की क्या योजना है?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विभाग में गोबर गैस निर्माण हेतु कोई योजना संचालित नहीं है, म.प्र. कृषि उद्योग विकास निगम द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय, ऊर्जा मंत्रालय, केन्द्र शासन की ''राष्ट्रीय बायो एनर्जी कार्यक्रम'' योजना के अन्तर्गत गत तीन वित्तीय एवं चालू वर्ष में प्रदेश में मीथेन फार्मिंग को बढ़ावा देने हेतु निम्नानुसार गोबर गैस का निर्माण कार्य किया गया है:-
वित्तीय वर्ष |
लक्ष्य |
पूर्ति |
2021-22 |
निरंक |
निरंक |
2022-23 |
2900 |
2124 |
2023-24 |
3600 |
2094 |
2024-25 |
3300 |
410 |
जी हाँ, जिन किसानों द्वारा गोबर गैस संयंत्र का निर्माण करवाया गया है उन किसानों की परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों पर निर्भरता अत्यधिक कम हुई है। वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 (नवम्बर 2024 तक) लक्ष्य के विरूद्ध 47 प्रतिशत किसानों के परिवार को इसका लाभ हुआ है। किसानों को गोबर गैस संयंत्र से नियमित रूप से उच्च गुणवत्ता का जैविक खाद प्राप्त होता है तथा किसानों द्वारा जैविक खाद का पूर्ण उपयोग बागवानी एवं अन्य फसलों में किया जा रहा है। गोबर गैस संयंत्र से उत्पन्न उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद के उपयोग से फसलों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता पर अच्छा प्रभाव पड़ा है। (ख) गोबर गैस संयंत्रों से प्राप्त जैविक खाद (स्लरी) में 1.5 से 2.0 प्रतिशत नाईट्रोजन, 1 प्रतिशत फास्फोरस एवं 1 प्रतिशत पोटेशियम पाया जाता है तथा इसका उपयोग बागवानी फसलों के लिए बहुत अधिक लाभप्रद पाया गया है। गोबर गैस से ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में उत्पन्न जैविक खाद से पर्यावरण एवं भू-जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा एक ही बार फसल के लिए उपयोगी होता है, जबकि जैविक खाद (स्लरी) के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में सुधार होता है तथा फसल के लिए निरंतर उपयोगी एवं लाभकारी होता है। साधारण रूप से खुले वातावरण में तैयार किए जाने वाले देशी खाद से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा निरंतर कार्बन उत्सर्जन होता है। केन्द्र शासन की ''राष्ट्रीय बायो एनर्जी कार्यक्रम'' योजना से कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। किसानों को गोबर गैस संयंत्रों के लाभों और उपयोग के लिए जागरूक करने हेतु प्रचार प्रसार के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे है। विगत तीन वित्तीय वर्ष में चलाए गए महिला प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
महिला प्रशिक्षण कार्यक्रम की संख्या |
1 |
2021-22 |
निरंक |
2 |
2022-23 |
4 |
3 |
2023-24 |
3 |
(ग) गोबर गैस योजना ने कृषि अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर बनाया है इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता में वृद्धि हुई है तथा ग्रामीण क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर घटा है। सरकार द्वारा किसानों को यह सहायता राशि संयंत्र निर्माण के पश्चात पी.एफ.एम.एस. पोर्टल के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में प्रदान की जा रही है। तीन वित्तीय वर्षों में निम्नानुसार किसानों को इसका लाभ मिला है-
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
किसानों की संख्या |
1 |
2021-22 |
निरंक |
2 |
2022-23 |
2124 |
3 |
2023-24 |
2094 |
|
योग |
4218 |
(घ) नवीन एवं नवीकरणीय, ऊर्जा मंत्रालय, केन्द्र शासन की ''राष्ट्रीय बायो एनर्जी कार्यक्रम'' वर्ष 2025-26 (चरण-1) स्वीकृत की गई है। भविष्य में योजना के विस्तार के लिए केंद्र शासन द्वारा अनुमोदित नवीन मॉडल के संयंत्रों को शामिल करने की योजना है।
शासकीय नर्सरियों को मॉडल नर्सरी बनाना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
129. ( क्र. 1709 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर कब से कितने-क्षेत्रफल में विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी नर्सरी-स्थापित हैं? जानकारी दें। इनकी स्थापना के समय यहां पर विभाग द्वारा कब-कब कौन-कौन सी संरचनाएं स्थापित की गई तथा यहां वर्तमान समय में किस स्थिति में है? बतलावें। नर्सरीवार संपूर्ण सूची देवें। (ख) क्या ऊपर उल्लिखित शासकीय संजय-निकुंज-घुघरा-नर्सरी को कटनी-जिले की मॉडल-नर्सरी बनाने की योजना सन 2022-23 में प्रस्तावित थी उत्तर में यदि हां-तो इस प्रस्ताव का क्रियान्वयन प्रश्न-दिनांक तक न होने के क्या कारण है बतलावे इसे कब-तक मॉडल-नर्सरी के रूप में विकसित कर कौन-कौन से नवीन कार्य किए जावेगे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोनों नर्सरियों में पूर्व से निर्मित-भवन एवं कार्यालयों के भवनों की मरम्मत कर क्या-शासन यहां नवीन-आवासीय-परिसर,कार्यालय,भवन तथा कृषक-सम्मेलन हेतु कार्यशाला हेतु वृहद-हाल का निर्माण करेगा उत्तर में यदि हाँ, तो कब-तक यदि नहीं तो क्यों-नहीं बतलावें। (घ) क्या शासकीय संजय-निकुंज-घुघरा में पूर्व से निर्मित पालीहाउस एवं ग्रीनहाउस जीर्णशीर्ण होने एवं शासकीय-संजय-निकुंज-कुआं में इनका निर्माण न होने से क्षेत्रीय कृषक इनका समुचित-लाभ लेने से वंचित हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इसमें सुधार करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब-तक? यदि नहीं तो क्यों? बतलावें। (ड.) घुघरा-नर्सरी में जलस्त्रोत कमजोर हो जाने के कारण क्या शासन नवीन बोर/जलस्त्रोत की व्यवस्था करेगा? इसी प्रकार कुआं-नर्सरी में स्टॉफ आवासीय-सुविधा हेतु घरेलू-विद्युत 24 घण्टे की व्यवस्था किस-प्रकार से कब-तक करेगा?
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार
है। (ख) एवं
(ग) जी
नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ)
जी नहीं।
राष्ट्रीय
कृषि विकास
योजना, राज्य
योजना एवं अन्य
योजना के माध्यम
से कृषकों को
लाभांवित
किया जाता है।
(ड.) जी नहीं।
घुघरा नर्सरी
में जलस्त्रोत
स्थापित है, जिसमें
सिंचाई का
कार्य होता
है। कुंआ नर्सरी
में स्टॉफ
आवासीय सुविधा
हेतु पूर्व
में भी घरेलू
विद्युत कनेक्शन
चल रहा था,
किन्तु
वर्तमान में
कोई कर्मचारी
निवासरत नहीं
होने से
विद्युत
कनेक्शन
विच्छेदित
हो चुका है।
परिशिष्ट
- "पैंतालीस"
वन अधिकार कानून
[जनजातीय कार्य]
130. ( क्र. 1710 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम, 2006 के अनुसार कितने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार उपबंध 4 में ग्राम सभा को कितने क्षेत्रफल में मान्य किये गए हैं? कृपया जिलेवार जानकारी दें। जिन जिलों में यह अधिकार मान्य नहीं किये जा सके हैं, उसका कारण बताएं। (ख) क्या वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 के तहत ग्राम सभा को गौण वनोपज का स्वामित्व का सामुदायिक अधिकार उपबंध 3 में मान्य किया जा रहा है? भूमि अर्जन करते वक्त या वन भूमि का व्यपवर्तन (डायवर्जन) करते वक्त जो पेड़ काटे जाते हैं, उसके कारण जो ग्राम सभा के गौण वनोपज के स्वामित्व के अधिकार प्रभावित होते हैं, उसका मुआवजा ग्राम सभा को दिये जाने हेतु क्यों प्रावधान किये गए हैं या क्या निर्देश प्रसारित किये गये हैं? ऐसे मुआवजा देने हेतु गांव के वनोपज के मूल्य की गणना कैसे की जाती है? अगर प्रावधान नहीं है तो कब तक बना लिये जाएंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'अ' अनुसार है। सामुदायिक वन संसाधन के संरक्षण एवं प्रबंधन के अधिकारों को मान्यता दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'ब' अनुसार है। (ख) ग्राम सभा को गौण वनोपज के स्वामित्व के उपबंध 3 में मान्य किये गये सामुदायिक अधिकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं वन संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 1980 के अंतर्गत वनभूमि व्यपवर्तन (डायवर्जन) के प्रकरणों में गौण वनोपज के मुआवजे से संबंधित कोई प्रावधान नहीं है,क्योंकि उन पर अधिकार मूलतः शासन के हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्सरी की स्थापना एवं पौधारोपण
[वन]
131. ( क्र. 1712 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिला-देवास एवं इन्दौर अंतर्गत नर्सरी की स्थापना की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उन स्थानों की सूची वर्षवार उपलब्ध करवाए? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिन-जिन स्थानों पर संस्था में पौधारोपण किया गया है? उसकी सूची उपलब्ध करवाये? प्रश्नांश (क) व (ख) के अंतर्गत सभी कार्यों पर प्रत्येक वर्ष कितनी राशि व्यय की गयी है, पृथक-पृथक कार्य पर व्यय की गयी जानकारी वर्षवार उपलब्ध करवाने की कृपा करें। (घ) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में प्रत्येक वर्ष जल सरंक्षण एवं संवर्धन हेतु किये गये कार्यों एवं मार्गों के निर्माण कार्यों का वर्षवार ब्यौरा एवं उन पर व्यय की जानकारी प्रदान करने का आग्रह है? (ड.) उक्त अवधि में आस्थामूलक कार्यों के अंतर्गत जिलों के वन परिक्षेत्रों में किये गये कार्यों एवं उन पर व्यय का सम्पूर्ण ब्यौरा प्रदान करने की कृपा करें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन विभाग द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में जिला देवास एवं इन्दौर में नर्सरी की स्थापना नहीं की गयी है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वनमण्डल क्षेत्रीय देवास द्वारा सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में कराये गये जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) आस्थामूलक कार्य नहीं कराये गये है।
पेयजल टंकी एवं हैण्डपंप का रख रखाव
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 1714 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अलीराजपुर जिले में पेयजल टंकी, पेयजल हैण्ड पम्प के रखरखाव, मरम्मत एवं सामग्री क्रय हेतु आवंटन दिया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना आंवटन किस-किस कार्य हेतु दिया गया वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आंवटन से कौन-कौन से कार्य कहां-कहां किये गये? कार्यवार लागत एवं व्यय तथा कार्य की स्थिति सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पेयजल टंकी, पेयजल हैण्ड पम्प रख-रखाव, मरम्मत एवं सामग्री की आवश्यकता की मांग हेतु ग्रामीणजन से आवेदन प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो क्या ग्रामीणों के आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही की गई हो तो व उस पर की गई कार्यवाही की विकासखण्ड व ग्राम, फलियेवार जानकारी उपलबध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वृक्षारोपण एवं उसकी सुरक्षा
[वन]
133. ( क्र. 1715 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले की विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 192 जोबट अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक वृक्षारोपण हेतु कितना आंवंटन दिया गया है? यदि हाँ, तो आवंटन से कौन-कौन से प्रजाति के पौधे कहाँ-कहाँ कितने ओर कितनी लागत के लगाये गये पौधे की वर्तमान स्थिति क्या हैं? वर्षवार व स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वृक्षारोपण सुरक्षा एवं वन भूमि की सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा तार फेसिंग या जाली निर्माण का कार्य करवाया गया है? यदि हाँ, तो किस स्थान व कितनी लागत का करवाया गया है? स्थान व वर्षवार लागत-व्यय सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या विधान सभा जोबट अन्तर्गत विभाग की कोई विभागीय कार्य में मजदूरी के भुगतान व वन भूमि पर बिना स्वीकृति के कार्य, पोकलेन मशीन की जप्ति के पश्चात बिना आदेश के मुक्त कर देना के संबंध में शिकायत या प्रेस समाचार प्रकाशित हुआ है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें व उस पर विभाग प्रमुख द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या कार्यवाही में कोई दोषी पाया गया है यदि हाँ, तो कार्यवाही का विवरण एवं दोषियों पर की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 192 जोबट अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कुल आवंटन एवं व्यय तथा रोपित पौधों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
कुल आवंटन |
रोपित पौधों की संख्या |
जीवित पौधों की संख्या |
|
2019-20 |
5749892 |
57500 |
45711 |
|
2020-21 |
67815979 |
436000 |
387506 |
|
2021-22 |
25321084 |
272000 |
229044 |
|
2022-23 |
9224213 |
65000 |
56097 |
|
2023-24 |
7900461 |
49375 |
43651 |
|
2024-25 |
13645947 |
90000 |
90000 |
शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वृक्षारोपण की सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा तार फेंसिग कार्य करवाया गया है, शेष जानकारी उत्तरांश ''क'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रेस समाचार संबंधी अभिलेख विभाग में संधारित नहीं किए जाने से इस संबंध में जानकारी अथवा उसकी प्रति उपलब्ध कराना संभव नहीं है। विधान सभा जोबट अन्तर्गत किसी विभागीय कार्य में कोई मजदूरी भुगतान लंबित नहीं है तथा बिना स्वीकृति कार्य नहीं करवाया गया है। दिनांक 24.01.2021 को बीट बलेड़ी कक्ष क्रमांक 28 में अवैध उत्खनन प्रकरण में पोकलेन मशीन जप्त की गई थी। प्रकरण में उप वनमण्डलाधिकारी, चन्द्रशेखर आजाद नगर के आदेश क्रमांक/राजसात/02 दिनांक 08.06.2024 से राजसात कार्यवाही से मुक्त कर दण्ड राशि रुपये 41750/- वसूल किया गया। उक्त प्रकरण में कोई भी कर्मचारी दोषी नहीं पाये गये, अतः दोषियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान योजनाएं और खाद्यान्न पर्ची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
134. ( क्र. 1718 ) श्री विपीन जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा कौन-कौन सी लोकहित योजनाएं संचालित की जा रही है संचालित योजनाओं का संपूर्ण विवरण देंवे। (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में से कौन-कौन सी योजनाओं में कितने-कितने हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं उसकी संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में सभी पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध करा दी गई हैं या शेष है, यदि शेष है तो कितनी संख्या में? क्या पात्रता पर्ची के अभाव में इन्हें खाद्यान्न से वंचित किया जा रहा है? (घ) दिनांक 01 जनवरी 2023 से विभाग अंतर्गत मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में कितनी सीएम हेल्पलाइन शिकायतें प्राप्त हुई है कितनों का निराकरण कर दिया गया है और कितनी किस लेवल पर शेष हैं? नाम, शिकायत, विवरण, पता सहित जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा संचालित लोकहित योजनाएं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में से योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- दो अनुसार है। (ग) वर्तमान में मंदसौर उपखंड में कुल 3271 परिवार (2408 सदस्य) के आवेदन राशन मित्र पोर्टल पर जिला स्तर से सत्यापन उपरांत लंबित है। राज्य में NFSA अंतर्गत लाभान्वित किए जाने हेतु पात्र परिवारों की जनसंख्या सीमा वर्ष 2011 की जनसंख्या का 75 प्रतिशत 54642214 निर्धारित है। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सीमा तक पात्र हितग्राहियों को जोड़ा जा चुका है। पोर्टल से जैसे-जैसे अस्तित्वहीन एवं अपात्रों को विलोपित किया जाता है वैसे-वैसे उनके स्थान पर नवीन सदस्यों को जोड़े जाने की कार्यवाही की जाती है। नवीन सदस्यों को जोड़ा जाना एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में प्राप्त सीएम हेल्पलाइन शिकायतों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
विभाग/उप विभाग का नाम |
प्राप्त शिकायतें |
निराकृत शिकायतें |
लंबित शिकायतें |
1 |
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण |
1516 |
1515 |
1 |
2 |
मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन |
2 |
1 |
1 |
3 |
मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन |
7 |
6 |
1 |
|
कुल |
1525 |
1522 |
3 |
लंबित शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
135. ( क्र. 1719 ) श्री विपीन जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित हो रही है उनका विवरण (समिति, स्वयं सहायता समूह, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सचिव सहित) देवें। (ख) प्रश्नांश में संचालित कितनी शासकीय दुकानों, समिति स्वयं सहायता समूह, के विरुद्ध शिकायतें प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है उन पर क्या कार्यवाहियां की गई है, की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानें किस भवन (शासकीय, निजी, किराए) में संचालित हो रही है? दुकान सहित विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश में कितनी ऐसी दुकानें हैं जो किराए के भवन में संचालित हो रही हैं और इन्हें कितना किराया भुगतान किया जा रहा है यह भी बताएं कि समिति का सदस्य, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष अपने स्वयं के भवन में सरकारी उचित मूल्य की दुकान संचालित कर सकता है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 102 उचित मूल्य की दुकानें वर्तमान में संचालित हैं जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में संचालित उचित मूल्य दुकानों अथवा उनका संचालन करने वाली समिति एवं स्व-सहायता समूहों के विरुद्ध दुकान संचालन संबंधी कोई शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 46 उचित मूल्य की दुकानें किराये के भवन में संचालित हैं। किराये की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। समिति के सदस्य, अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के स्वयं के भवन में शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालन न करने संबंधी कोई प्रावधान मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में नहीं है।
गुणवत्ता की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
136. ( क्र. 1722 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 3549 दिनांक 24/07/2019 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि सेम्पल रखे जाने एवं गुणवत्ता जांच एवं बारदानों की जानकारी के संबंध में मूल दस्तावेज एवं नस्ती का परीक्षण करने हेतु कलेक्टर को लिखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त उत्तर के उपरांत प्रश्न दिनांक तक कब-कब विधानसभा प्रश्न में कहा गया कि जानकारी एकत्रित की जा रही है? (ग) क्या उक्त कार्यवाही अपर कलेक्टर से आयुक्त तक की संज्ञान में होने के उपरांत दोषी अधिकारी से मिलीभगत या प्रोत्साहित एवं आवेदक को परेशान करने की दृष्टि से कार्रवाई न करना परिलक्षित होता है? यदि नहीं तो क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही है? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त दोषी अधिकारी द्वारा पदशक्ति का दुरुपयोग करना एवं किसान से भ्रष्टाचार की इच्छापूर्ति न होने के कारण एवं आवेदक को परेशान करने की दृष्टि से गेहूं को जप्त किया जाना परिलक्षित होता है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या अपर कलेक्टर से आयुक्त तक की संज्ञान में आने के उपरांत दोषी अधिकारी पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रस्ताव प्रस्तावित या आदेश जारी करने के अधिकार है? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रस्ताव या आदेश पर लोकायुक्त प्रकरण दर्ज कर सकता है? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (च) क्या दुकान कोड 2301081 का अस्तित्व विलुप्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त दुकान कोड का अस्तित्व विलुप्त करने के पूर्व खाद्यानन निल कर दिया गया था? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग द्वारा जारी वन भूमि पट्टों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
137. ( क्र. 1728 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग की जानकारी में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के जिला रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में कितने वन अधिकार पट्टे के दावों को निरस्त किया गया जिलेवार निरस्त किये गये दावों एवं लंबित दावों की संपूर्ण सूची पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा प्रचलित याचिका क्रमांक 109/2008 वाइल्ड लाइफ फर्स्ट ऑफ इंडिया विरूद्ध भारत सरकार एवं अन्य में दिनांक 13.09.2018 एवं दिनांक 28.02.2018 को दिये गये निर्देशों के अनुक्रम में म.प्र. के वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सभी 3.60 लाख निरस्त दावों का पुन: परीक्षण किये जाने के आदेश की जानकारी वन विभाग को है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में वन विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कितने निरस्त दावों को पुन: स्वीकार कर वन भूमि के पट्टे उक्त जिला रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में जारी किये जाने हेतु प्रस्तावित किये गये है अथवा संबंधित हितग्राही को प्रदान किये गये है उनकी संपूर्ण सूची जिलेवार नाम, पते सहित उपलब्ध करावें। (ग) जिला रतलाम के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने हितग्राही है जिसके द्वारा अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के अंतर्गत वन भूमि के पट्टों की मांग विगत कई वर्षों से की जा रही है उनके नाम, पते सहित संपूर्ण सूची उपलब्ध करावें एवं उन्हें वन भूमि का पट्टा कब तक उपलब्ध करा दिया जायेगा? निश्चित समय अवधि बतावें। (घ) क्या जिला रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में कई वर्षों से वन भूमि पर काबिज अनुसूचित जाति/जनजाति के सभी हितग्राहियों को वन भूमि के पट्टे के दावों को स्वीकार करते हुये सभी को वन भूमि पट्टे जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब-कब निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) निरस्त दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार एवं लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। निरस्त दावों को पुन: स्वीकार कर जारी किये गये वन अधिकार पत्र धारकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ग) जिला रतलाम के विधानसभा क्षेत्र सैलाना के लंबित 2928 दावेदारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जिला रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में वनभूमि पर काबिज पात्र वन निवासियों को वन अधिकार पत्र दिये गये हैं। निरस्त दावों के पुन: परीक्षण का कार्य नियमानुसार किया जाता है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलप्रदूषण कारी उद्योगों की जानकारी
[पर्यावरण]
138. ( क्र. 1729 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यावरण विभाग एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड नियंत्रण की जानकारी में जिला अलीराजपुर, झाबुआ, धार, देवास, जबलपुर एवं रायसेन में किस नाम से जल प्रदूषणकारी उद्योग स्थापित है? उन उद्योगों के नाम, संचालकगणों के नाम, उद्योगों द्वारा निर्मित सामग्री की जानकारी पृथक-पृथक देवें एवं उक्त उद्योगों से अपशिष्ट में निकलने वाले जल को किस नदी या नालों या खुली भूमि पर प्रवाहित किया जाता है जिसकी जानकारी विभाग को है? कुल कितने लीटर जल अपशिष्ट के रूप में प्रवाहित किया जाता है? संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उद्योगवार एवं जिलेवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित जल प्रदूषणकारी उद्योगों में से कितने उद्योगों के विरूद्ध विगत तीन वर्षों में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई बतावें? कितने उद्योगों को सील किया गया है जिलेवार की गई कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित जल प्रदूषणकारी उद्योगों में से कितने उद्योगों के द्वारा zero effluent discharge हेतु जल शोधन संयंत्र कितनी क्षमता के स्थापित किये गये हैं तथा वर्तमान में उक्त उद्योगों में से किन-किन उद्योगों में शून्य जल निस्तारण की स्थिति है? पृथक-पृथक बतावें? (घ) क्या जिला अलीराजपुर, झाबुआ, धार, देवास, जबलपुर एवं रायसेन में स्थापित जल प्रदूषणकारी उद्योगों से होने वाले जल प्रदूषण रोकने हेतु उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी कर प्रत्येक उद्योग में शून्य जल निस्तारण की व्यवस्था हेतु आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक़ निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (घ) अलीराजपुर में कोई जल प्रदूषणकारी उद्योग नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उद्योगों द्वारा दूषित जल का पुन: उपयोग उत्पादन प्रक्रिया, कूलिंग, वृक्षारोपण तथा बागवानी के कार्यों में किया जाता है। उद्योगों से शून्य निस्त्राव की स्थिति होने के फलस्वरूप शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शक्तजनों को सामग्री का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
139. ( क्र. 1732 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा निःशक्तजनों को क्या-क्या सामग्री प्रदाय किये जाने का प्रावधान है एवं अर्हताएं/शर्तें है, नियम निर्देश है? विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या निःशक्तजनों को ट्राय मोटर साइकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित योजनाओं हेतु जिला रायसेन अंतर्गत वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को कितने आवेदन प्रकरण प्राप्त हुए? विकासखण्डवार, विधानसभावार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त आवेदनों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई अवगत करावे एवं कितने निःशक्तजनों को विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक ट्राय मोटर साइकिल प्रदाय की गयी है? विकासखण्डवार, विधानसभावार जानकारी देवें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत अस्थिबाधित (शरीर का निचला भाग प्रभावित होने से चलने में अक्षम न्यूनतम 60 प्रतिशत नि:शक्तता) को कक्षा 10वीं में प्रथम बार प्रवेश लेने पर अथवा स्नातक में प्रवेश लेने पर (एक ही बार) मोटराईज्ड ट्रायसिकल देने का प्रावधान है। (ग) उत्तरांश ''क'' में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - अ में उल्लिखित योजनाओं हेतु जिला रायसेन अंतर्गत वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक 522 दिव्यांगजनों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं, विकासखण्ड एवं विधानसभा वार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार प्राप्त 522 दिव्यांगजन आवेदकों में से 77 दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्रायसिकल तथा अन्य दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार कृत्रिम अंग/अन्य सहायक उपकरण प्रदाय किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब अनुसार है।
छात्रावासों का संचालन
[जनजातीय कार्य]
140. ( क्र. 1733 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कितनी कन्या एवं बालक छात्रावास संचालित है, नामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2020 से प्रश्न तक उपरोक्त छात्रावासों में शासन द्वारा दिये गये आवंटन से कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय हुई है? विस्तृत जानकारी देंवे। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में व्यय की गई राशि का परीक्षण/भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी कौन-कौन रहे, उनके पद सहित नाम बतावें। (घ) क्या विभाग में ऑडिट के दौरान देयकों/व्हाउचरों का भण्डार क्रय नियमों तहत आहरण अधिकारी द्वारा अवलोकन कर भुगतान की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों नहीं? यदि हाँ, तो कार्यवाही की विस्तृत जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) रायसेन जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा 14 बालक एवं 07 कन्या छात्रावास संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'ब' अनुसार है।
ग्रामीण पेय जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
141. ( क्र. 1734 ) श्री मथुरालाल डामर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग रतलाम में जल जीवन मिशन अन्तर्गत कितने ग्रामो में नल जल योजना पूर्ण होकर ग्राम पंचायत को सौंप दी गयी है? कितनी योजनाएं प्रगतिरत है और कितनी अपूर्ण है यदि अपूर्ण है तो इसका क्या कारण है? इसके लिए दोषी कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या जल जीवन मिशन योजना में हर घर नल, हर घर जल अन्तर्गत कई जगह पर सड़के खोदने के बाद मरम्मत नहीं की गयी है एवं घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है? (ग) क्या रतलाम ग्रामीण अन्तर्गत ग्राम सेमलिया में नल जल योजना आज दिनांक तक भी अधूरी है, यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है एवं इसके लिए दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 279 ग्रामों की एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाएं पूर्ण कर ग्राम पंचायत को सौंप दी गई हैं, 29 योजनाएं प्रगतिरत होकर अपूर्ण है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन अंतर्गत माही समूह जल प्रदाय योजना से रतलाम जिले के 632 ग्रामों को पेयजल प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है, इस योजना का कार्य प्रगतिरत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। अनुबंधित फर्म द्वारा निर्माण कार्य विलंब से किये जाने, समूह नल जल प्रदाय योजना से बल्क वॉटर विलंब से मिलने के कारण। अनुबंधित फर्म को काली सूची में दर्ज किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियमितीकरण एवं समयमान वेतनमान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
142. ( क्र. 1736 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सामान्य प्रशासन के ज्ञापन क्रमांक 44 सी. 3-6-91.3-1 दिनांक 16/01/1992 के निर्देशानुसर म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल मुख्यालय में एवं उनकी जिला समितियों में उक्त नियम के तहत शुरू से अभी तक कितने कर्मचारियों को लाभ दिया गया है एवं उक्त नियम के तहत जिला समितियों में पदस्थ कितने कर्मचारियों को इस नियम के तहत लाभ से वंचित रखा गया है। जिन कर्मचारियों को लाभ दिया गया है उन कर्मचारियों की नाम सहित सूची एवं जिन कर्मचारियों को अभी तक उक्त नियम के तहत लाभ नहीं दिया है तो किस कारण से आज दिनांक तक लाभ नहीं दिया है, कारण सहित कर्मचारियों की सूची एवं कब तक लाभ दिया जायेगा? समस्त जानकारी दें। (ख) म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल में एवं जिला समितियों में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को जिस नियम के तहत नियमित किया है उस नियम की कॉपी एवं जिन दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किया है उनकी सम्पूर्ण कार्यवाही विवरण एवं संचालक मण्डल की बैठक में प्राप्त अनुमोदन एवं सभी सदस्यों की हस्ताक्षर युक्त कॉपी एवं सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के प्रथम नियुक्ति पत्र की छायाप्रति दें एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नाम सहित सूची दें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 (क) अनुसार है। प्रश्नांश के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 (ख) अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 (क) अनुसार है। जारी आदेशों में उल्लेखित शासन निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 (ख) अनुसार है। प्रश्नांश अनुसार संचालक मण्डल की बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2(ग) अनुसार है।
गैस राहत विभाग में कार्यरत अधि./कर्म. के मानदेय में आदेशों का पालन नहीं होना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
143. ( क्र.
1742 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विभाग
अन्तर्गत
कितने संविदा
अधिकारी, कर्मचारी
कार्यरत है? उनका
नाम, पदनाम, प्रयोजन, कार्य
आवंटन, कब
से पदस्थ है, मानदेय/वेतनमान
सहित संपूर्ण
जानकारी का गौशवारा
बनाकर
बतायें। (ख)
उपरोक्त
के अनुक्रम
में क्या
विभाग द्वारा
वित्त विभाग
के आदेश क्र.
एफ 11-2/2023/नियम/चार
भोपाल दिनांक 22
जुलाई 2024 में
संविदा पर
नियुक्त
अधिकारियों
एवं कर्मचारियों
के
पारिश्रमिक
में वार्षिक
वृद्धि के
परिपत्र के
पालन में
कार्यवाही
सुनिश्चित की
गई है? यदि
हाँ, तो
आदेश दिनांक
से प्रश्न
दिनांक तक कब
और क्या
कार्यवाही की
गई आदेशों, निर्देशों
एवं नोटशीट की
प्रति सहित
बतायें। (ग)
उपरोक्त
के अनुक्रम
में 20
मार्च 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
विभाग को कब
और कितना बजट
किस प्रयोजन
से प्राप्त
हुआ? उसका
उपयोग कब और
किस प्रयोजन
पर कितना किया
गया, कितना
किन कारणों से
शेष रहा कारण
सहित विस्तृत
जानकारी दें।
क्या उक्त
बजट में से
संविदा
कर्मचारियों
का वेतन वृद्धि
का पूर्ण लाभ
दिया गया है? यदि
नहीं तो कितने
अधि., कर्म.
की एरियर राशि
कब से
कितनी-कितनी
लंबित है? कब
इसका भुगतान
कर दिया
जायेगा? वित्त
विभाग के
आदेशों का
पालन नहीं होने
की स्थिति में
विभाग के किस
स्तर के अधि., कर्मचारी
जिम्मेदार
है? उनके
विरूद्ध कब और
क्या
कार्यवाही की
जायेगी? जानकारी
दें। (घ)
उपरोक्त
के अनुक्रम
में संविदा
अधि., कर्म.
को स्वास्थ्य
बीमा, नियमितीकरण
का लाभ दिये
जाने की कोई
कार्ययोजना
है? यदि हाँ,
तो कब तक? यदि
नहीं तो क्यों
कारण सहित
बतायें। नये
संविदा
शर्तों में
कितना मानदेय
दिया जा रहा
है? क्या
इस विसंगति को
दूर करते हुए
पुराने
कार्यरत
संविदा अधि./कर्म.
के मानदेय में
वृद्धि की
जायेगी? यदि
हाँ, तो कब
तक? यदि
नहीं तो क्यों?
भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क)
विभाग
अंतर्गत कुल 106
संविदा
अधिकारी/संविदा
कर्मचारी
कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
''अ'' अनुसार।
(ख)
जी हाँ। की
गयी
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
(ग)
उपरोक्त
के अनुक्रम
में प्राप्त
बजट/आवंटित/व्यय/समर्पण
राशि/शेष राशि
वर्ष 2020- 21 से 2024-25
तक की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
''स'' अनुसार।
जी हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ)
सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
दिनांक 22/07/2023
में संविदा
अधिकारी/
कर्मचारी को
स्वास्थ्य
बीमा, नियमितीकरण
के लाभ के
निर्देश पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
– ''द'' अनुसार।
नियमानुसार
मानदेय दिया
जा रहा है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आर्थिक अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच
[जनजातीय कार्य]
144. ( क्र. 1743 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग एवं सहायक आयुक्त सिवनी को म.प्र. लघु वेतन कर्मचारी संघ ब्लॉक शाखा धनौरा जिला सिवनी की ओर से की गई बिन्दु क्र.-1 से 8 तक की शिकायत की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जाँच कमेटी से कराई जाएगी तथा निष्पक्ष जाँच के लिये विकासखण्ड अधिकारी धनौरा तथा सहायक ग्रेड-3 का अन्यत्र स्थानांतरण किया जाएगा? स्पष्ट करें। (ख) वित्तीय नियमितताओं, छात्रावासों की अनियमितताओं तथा अंशकालीन कर्मचारियों में भेदभाव जैसी अनियमितताओं के आरोप तथा शिकायत म.प्र. लघुवेतन कर्मचारी संघ, ब्लॉक अध्यक्ष धनौरा जिला सिवनी द्वारा लगाये गये आरोपों की जाँच करते हुए दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करके प्रकरण दर्ज करवाया जाएगा? (ग) विकासखण्ड धनौरा जिला सिवनी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का मानसिक रूप से तथा आर्थिक रूप से भुगतान नहीं करके, अंशकालीन दर से करने के दोषी विकासखण्ड अधिकारी धनौरा तथा अन्यत्र स्थानांतरण करके निष्पक्ष जाँच करवाई जाएगी तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जिला पंचायत सिवनी के पत्र क्रमांक 1313/जि.पं./शिकायत/2024 दिनांक 24/06/2024 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत धनौरा को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। विकासखण्ड अधिकारी धनौरा एवं सहायक ग्रेड-3 का स्थानांतरण प्रस्ताव नहीं है। (ख) जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तरानुसार
पौधा रोपण एवं जीवित पौधो एवं मृत की जानकारी
[वन]
145. ( क्र. 1746 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से वर्ष 2023- 24 तक मुरैना जिले में पौधारोपणों की संख्या, व्यय तथा प्रति पौधा अनुसार औसत खर्च की जानकारी दें एवं इस अवधि में वृक्षों के रखरखाव पर कितना व्यय किया गया तथा प्रति वृक्ष औसत व्यय कितना है? वर्ष 2020-21 से वर्ष 2023-24 तक प्रत्येक पौधा रोपण में कुल कितने-कितने पौधों का रोपण किया गया? 2023-24 के पूर्व कितने पौधे जीवित थे तथा 2024-25 में कितने पौधे जीवित थे? वन मंडलवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान के समस्त राष्ट्रीय उद्यानों में वर्ष 2020-21 से वर्ष 2023-24 तक पर्यटकों की संख्या एवं प्राप्त राजस्व उद्यान अनुसार बतायें एवं किस-किस उद्यान में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने वन्य प्राणी थे? उद्यान अनुसार विभिन्न मद में होने वाले वार्षिक व्यय की जानकारी वर्षवार प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक तथा अप्रैल से नवंबर 2024 तक किस-किस प्रकार के कितने-कितने वन प्राणियों की हत्या, सामान्य मृत्यु, आपसी युद्ध एवं अन्य विभिन्न कारणों से मृत्यु के कितने प्रकरण दर्ज हुए तथा हत्या के कितने प्रकरण दर्ज किया जाकर आरोपी पकड़े गए एवं आरोपियों पर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? वन मंडल वार जानकारी उपलब्ध करायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
खाद्यान स्टोर एवं निजी भंडारण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
146. ( क्र. 1747 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्थापित 9 स्टील साइलो किस-किस कंपनी ने किस वर्ष में स्थापित किये तथा 10 वर्ष की व्यवसाय गारंटी के तहत उन्हें प्रारंभ से अक्टूबर 2024 तक कितना-कितना भुगतान किस अनुसार किया गया? प्रत्येक स्टील साइलो की क्षमता का प्रारंभ से 2024 तक कितना-कितना प्रतिशत उपयोग किया गया? वर्षवार बताएं। (ख) वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2023-24 अनुसार स्टील साइलो में 31 मार्च 2024 की स्थिति में 4.50 लाख में मीट्रिक टन की क्षमता के बाद मात्र 0.97 लाख मीट्रिक टन अर्थात मात्र 20% का उपयोग हो रहा है इसका कारण बतायें तथा 30 नवंबर 2024 की स्थिति में बताएं कि भंडार स्कंद की मात्रा साइलो अनुसार कितनी-कितनी है? तथा वह क्षमता का कितना प्रतिशत है? (ग) किस-किस कंपनी को स्टील साइलो के लिए केंद्र सरकार की ओर से 20% वीजीएफ के कितनी-कितनी राशि दी गई तथा राज्य शासन द्वारा अतिरिक्त वीजीएफ कितना-कितना दिया गया था? जब 10 वर्ष की व्यवसाय गारंटी के तहत भुगतान किया जा रहा है तो फिर केंद्र तथा राज्य के अतिरिक्त भी वीजीएफ देने का कारण बतायें? (घ) प्रदेश में वर्ष 2010-11 से 2023 24 तक शासकीय तथा निजी भंडारण में अव्यवस्था या अन्य कारणों से भंडारण के अभाव में कितना-कितना खाद्यान्न अमानक तथा निम्न गुणवत्ता का हुआ तथा उसे बेचने पर कितनी हानि हुई?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में विभिन्न कंपनियों के 9 स्टील सायलो स्थापित है तथा 10 वर्ष की व्यवसाय गारंटी तहत प्रारंभ से सितम्बर 2024 तक हुए भुगतान की जानकारी MPWLC पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रत्येक स्टील सायलो की क्षमता का प्रारंभ से 2024 तक कितना-कितना उपयोग किया गया, की जानकारी MPWLC पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश से संबंधित जानकारी MPWLC पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) प्रदेश में कार्यरत स्टील सायलो से संबंधित प्रश्नांश की जानकारी MPWLC पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में विभिन्न भण्डारण एजेंसियों यथा- केन्द्रीय भण्डारण निगम, मार्कफेड, मण्डीबोर्ड, तिलहन संघ आदि द्वारा उपार्जित स्कंध का भण्डारण किया जाता रहा है। प्रारंभिक वर्षों में प्रदेश के कतिपय जिलों में भण्डारण क्षमता के अभाव में स्टील सायलो, सायलो बैग, ककून, कच्चे/पक्के केप्स आदि पर भण्डारण किया गया था। प्रश्नाधीन अवधि में क्षेत्रीय प्रबंधको से प्राप्त जानकारी अनुसार गोदामों, कच्चे/पक्के केप्स आदि में अमानक तथा निम्न गुणवत्ता की जानकारी MPWLC पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''4'' एवं ''5'' अनुसार है।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत हुये कार्यों में अनियमितता की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
147. ( क्र. 1749 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले की विधान सभा क्षेत्र देवरी में जल जीवन मिशन अन्तर्गत हुये कार्य कहां-कहां पर अपूर्ण है? कब तक पूर्ण करा दिये जायेंगे? समय-सीमा बतायें। (ख) क्या जिन स्थानों पर पेयजल लाइने बिछाई गई है, सड़कें खोदी गई है वहां आज तक मरम्मत कार्य ठेकेदारों द्वारा नहीं कराए गये हैं, क्या इस कार्य की विभाग द्वारा जांच की गई है। यदि हाँ, तो कहां-कहां। नहीं तो क्यों। इस संबंध की प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें विभाग को की गई किन शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है शिकायतवार विवरण देवें। जिनका निराकरण नहीं हुआ है क्यों ब्यौरा देवें। (ग) किन किन ग्रामों में बनी टंकियों की जल क्षमता बढ़ाये जाने हेतु मांग की गई है किन टंकियों की क्षमता बढ़ाने के प्रस्ताव जिले से शासन स्तर पर भेजे गये है। नामवार क्षमतावार जानकारी देवें। (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र देवरी के ग्राम अनंतपुरा में दो लाख लीटर क्षमता की टंकी की स्वीकृति शासन स्तर पर लंबित है। यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी। ऐसे कितने प्रस्ताव है जो जिला कार्यालय स्तर पर बने है और जिला एवं शासन स्तर पर किन कारणों से आज दिनांक तक लंबित है। नामवार जानकारी देवें विलम्ब के लिये कौन दोषी है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क्रमश: - 01 एवं 02 अनुसार है। एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। समूह जल प्रदाय योजना का कार्य अनुबंधानुसार दिनांक 18.03.2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। पाइप लाइन हेतु खोदी गई सभी सड़कों का नियमानुसार निरीक्षण किया गया है। खोदी गई सड़कों की मरम्मत के संबंध में प्राप्त शिकायत तथा उसके निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 02 अनुसार है। शिकायत का निराकरण किया गया है। (ग) टंकियों की जल क्षमता बढ़ाये जाने हेतु कोई मांग प्राप्त नहीं हुई है, ग्राम अनंतपुरा विकासखण्ड देवरी की स्वीकृत योजना में 50 किली. के स्थान पर 200 कि.ली. क्षमता की टंकी का प्रस्ताव। (घ) जी हाँ। स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन नल जल योजना के प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है। स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला आपूर्ति नियंत्रक द्वारा निरीक्षण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
148. ( क्र. 1751 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अन्तर्गत रीवा/मऊगंज जिले में पदस्थ जिला आपूर्ति नियंत्रक, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों द्वारा कार्यक्षेत्र में नियमित रूप से भ्रमण/निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो श्री अनमोल जैन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा रीवा व मऊगंज जिले में पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कार्य क्षेत्र में किये गये भ्रमण/निरीक्षण से संबधित रिपोर्ट/प्रतिवेदन की प्रतियों सहित निरीक्षण के दौरान जिन उपभोक्ताओं से सपंर्क किया गया उनके नाम, पता संपर्क नंबर सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या श्री अनमोल जैन का कार्यक्षेत्र/मुख्यालय वर्तमान में जनपद नईगढ़ी है? यदि हाँ, तो मुख्यालय के निवास स्थान के पूर्ण पते की जानकारी दें, यदि किराये से निवासरत हैं तो मकान मालिक का नाम, पता, किराये के अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध करायें। यदि किराये से निवासरत हैं तो मकान मालिक का नाम, पत, किराये के अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों? कारण बतायें। क्या इसकी जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें। (ग) क्या अनमोल जैन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा रीवा व मऊगंज जिले में अपनी पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक अपने कार्यक्षेत्र अन्तर्गत खाद्य सामग्री में मिलावट कालाबाजारी से संबंधित संस्थानों की जांच की गई है? यदि हाँ, तो आरोप सिद्ध पाये जाने वाले संस्थानों के नाम, पता, सहित संस्थानों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, श्री अनमोल जैन, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा पदस्थापना दिनांक से 07 प्रतिवेदन/प्रकरण निर्मित किए गए, जिनमें 04 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) खाद्य सामग्री में मिलावट की कार्यवाही विभाग से संबंधी नहीं है एवं कालाबाजारी से संबंधित कोई कार्यवाही/प्रकरण निर्मित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डी.डी.ओ. कोड का आवंटन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
149. ( क्र. 1752 ) श्री अनिल जैन : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त कोष एवं लेखा मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 627/2023/DTA/MAS/DDO code/C.N.24592 Bhopal 29.03.2023 द्वारा जिला निवाड़ी अंतर्गत उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को डीडीओ कोड क्रमांक 5202602001 आवंटित किया गया था या नहीं? (ख) क्या जिला निवाड़ी अंतर्गत आवंटित डीडीओ कोड आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया गया है, यदि नहीं तो कारण सहित बताएं। (ग) मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 1-18/2018/26-1 दिंनाक 04/10/2019 द्वारा जिला टीकमगढ़ से सहायक वर्ग -3 के (3) पद एवं भृत्य के (2) पद अंतरित किये गए थे, प्रश्न दिनांक तक जिला टीकमगढ़ से कितने कर्मचारी जिला निवाड़ी स्थानांतरित किये गए? यदि नहीं किये गए तो क्यों? कब तक पदस्थ कर दिए जावेंगे? (घ) जिला निवाड़ी अंतर्गत उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का पद 5 वर्ष पूर्व स्वीकृत हो जाने के पश्चात आज दिनांक तक पदस्थापना नहीं की गई? कारण सहित बताये।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। डी.डी.ओ कोड आवंटित किया गया है। (ख) जिला निवाड़ी अंतर्गत आवंटित डी.डी.ओ. कोड प्रारम्भ है। (ग) जी हाँ। जिला टीकमगढ़ से सहायक वर्ग-3 के 02 एवं भृत्य का 01 कर्मचारी जिला निवाड़ी हेतु स्थानांतरित किये गये। जिसमें से 01 सहायक वर्ग-3 द्वारा माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया गया। स्थानान्तरण किये गये है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग अंतर्गत अधिकारियों की कमी होने से उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यागंजन सशक्तिकरण जिला निवाड़ी में पदस्थापना नहीं की जा सकी है।
स्कूलों में छात्रों को मिलने वाली सुविधा व स्मार्ट क्लास में सामग्री
[जनजातीय कार्य]
150. ( क्र. 1753 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में जन.कार्य वि.के स्कूलों, आश्रमों में विभाग से मिलने वाली सुविधा व शिक्षकों के स्वीकृत पद के विरुद्ध पदस्थ शिक्षकों की कमी हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रदेश के जिला पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में वर्ष 2022से 2024 तक हा.से. स्कूलों में स्मार्ट क्लास के लिए सामग्री क्रय करने बाबत राशि दी गई थी? यदि हाँ, तो किस स्कूल के लिए कितनी-कितनी राशि दी गई थी? क्या उक्त स्कूलों में स्मार्ट क्लास के लिए क्रय की गई सामग्री की दरों में व उसी गुणवत्ता की सामग्री की बाजारू दरों में अंतर होने व क्रय प्रक्रिया की जांच हेतु पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त जांच प्रदेश के प्रा./वित्तीय अधिकारी से कराई गई? यदि नहीं तो कब करा ली जावेगी? (ग) क्या जिला-सिवनी के एसीटी का. द्वारा वर्ष 2022 से 2023 तक जिला का.व इसके अंर्तगत शा.संस्थाओं के लिये फर्नीचर व अन्य सामग्री क्रय करने में गड़बड़ी के सम्बंध में कोई पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उसकी जांच प्रदेश के प्रा./वित्तीय अधिकारी के द्वारा कराई गई? यदि नहीं तो कब तक करा ली जावेगी? क्या एकलव्य आ.वि.में पदस्थ लि.स्था.के बाद भी कार्यमुक्त नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक स्था.स्थान के लिये कार्यमुक्त कर दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब' 'अनुसार है। क्रय प्रक्रिया की जांच कलेक्टर सिवनी के आदेश क्रमांक 4847 दिनांक 30/06/2023 के द्वारा कराई जा चुकी हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला सिवनी द्वारा 2022 से 2023 तक जिला कार्यालय व इसके अंतर्गत शासकीय संस्थाओं के लिये फर्नीचर व अन्य सामग्री क्रय नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पदस्थ लिपिक दिनांक 09/12/2024 को स्थानान्तरित स्थान के लिये कार्यमुक्त किया जा चुका है।
निविदा की जानकारी एवं कार्यवाही
[वन]
151. ( क्र. 1754 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग में सभी कार्य निविदा के माध्यम से संपन्न किये जाते हैं? यदि सभी निर्माण कार्य सामग्री निविदा के द्वारा संपादित किये जाते हैं या खरीदी की जाती है तो उसका स्वरुप क्या है? जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों के लिए कौन-कौन से पोर्टल बंधनकारी है? कौन-कौन से पोर्टल के माध्यम से निविदा आमंत्रित की जाती है? समस्त जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या वन संरक्षक बालाघाट/वन विभाग बालाघाट के द्वारा किसी विशेष पोर्टल से निविदा कराने हेतु निर्देश जारी किये है? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुसार है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रतियां उपलब्ध करायें। (घ) निविदा कराने हेतु निर्देश नियमानुसार नहीं पाये जाने पर सम्बंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या वन संरक्षक द्वारा जारी निर्देश निरस्त किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन विभाग में निविदा एवं विभागीय रुप से कार्य कराये जाते है। सभी निर्माण कार्य की सामग्री यथा संशोधित भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 में दिये गये प्रावधानों के तहत क्रय की जाती है, जिसमे उक्त नियम अनुसार निविदा/कोटेशन पद्यति का पालन किया जाता है। (ख) यथा संशोधित भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के तहत mptenders.gov.in या GEM पोर्ट्ल के माध्यम से निविदा आमंत्रित कर कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
होस्टल अधीक्षकों की स्थापना
[जनजातीय कार्य]
152. ( क्र. 1755 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत बालक एवं बालिका जूनियर सीनियर सहित कितने छात्रावास हैं तथा कितने छात्रावास में अधीक्षक की पद स्थापना है। (ख) कितने छात्रावास में शिक्षकों को छात्रावास अधीक्षक का प्रभार दिया गया है तथा प्रभारी छात्रावास अधीक्षक की शिक्षक के पद पर पदस्थापना के विद्यालय के ग्राम का नाम तथा संकुल का नाम तथा तहसील का नाम क्या है? (ग) प्रभारी छात्रावास अधीक्षक को कौन से छात्रावास का प्रभार दिया गया है। छात्रावास का नाम तथा तहसील का नाम क्या है? (घ) जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत रतलाम जिले में कितने विद्यालय संचालित हैं। (ड.) जनजातीय कार्य से संबंधित समस्त विद्यालयों में शिक्षक के कितने पद रिक्त हैं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) रतलाम जिले में विभाग अंतर्गत बालक एवं बालिका के जूनियर एवं सीनियर छात्रावास सहित कुल 63 छात्रावास संचालित है तथा 08 छात्रावास में नियमित तथा शेष छात्रावासों में प्रभारी अधीक्षक पदस्थ हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (घ) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत उच्च माध्यमिक विद्यालय 15, हाई स्कूल 24, माध्यमिक विद्यालय 164 एवं प्राथमिक विद्यालय 624 संचालित हैं। (ड.) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में शिक्षकों के 165 पद रिक्त हैं।
उच्च पद प्रभार वाले अधिकारियों को कार्य मुक्त किया जाना
[जनजातीय कार्य]
153. ( क्र. 1757 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2024 में शासन स्तर से राजपत्रित पदों पर उच्च पद प्रभार वाले सभी अधिकारियों के पदस्थापना आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें? इनमें से किन-किन अधिकारियों को कार्यमुक्त किया गया? कार्यमुक्ति आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। शेष किन-किन कार्यमुक्त नहीं किया गया? इन्हें कब तक कार्यमुक्त किया जाएगा? आदेशों की प्रतियां एवं समयावधि बतावें। (ख) उपरोक्त में से किन-किन अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार देने के बावजूद पदस्थापना आदेश जारी क्यों नहीं हुए? आदेश कब तक जारी होंगे? आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था से अनुसूचित जनजाति वर्ग की उच्च पद प्रभार प्राप्त अधिकारी को शासन आदेश के विपरित जाकर अनधिकृत रूप से कार्यमुक्त करने के दोषी पर कार्यवाही की जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) के अतिरिक्त जून 2024 से नवंबर 2024 तक शासन स्तर से जारी अन्य सभी पदस्थापना आदेशों के पालन में सभी अधिकारियों के कार्यमुक्ति आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2024 में शासन स्तर से उच्च पद प्रभार वाले आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। कार्यमुक्त किये गये अधिकारियों की/कार्यमुक्त नहीं किये गये अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) उच्च पद प्रभार हेतु पदस्थापना संबंधी कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। वर्तमान में स्थानांतरण पर प्रतिबंध है। अत: स्थानांतरण नीति की कंडिका 09 अंतर्गत कार्यवाही की जाती है (ग) सुश्री अन्ना माधुरी तिर्की, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी द्वारा दिनांक 06.02.2023 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति आवेदन पत्र प्रस्तुत करते हुये दिनांक 31.07.2023 से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति चाही गई थी। आयुक्त, जनजातीय कार्य म.प्र. द्वारा सुश्री तिर्की, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी को दिनांक 29.08.2023 को समक्ष में उपस्थित होकर दी गई सहमति के आधार पर दिनांक 31.07.2023 से चाही गई स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को अमान्य किया गया है। आयुक्त, जनजातीय कार्य के पत्र क्र./स्थापना- 3/2023/848 भोपाल, दिनांक 12.01.2024 द्वारा कर्मचारियों की कमी व कार्य की अधिकता को दृष्टिगत रखते हुए सुश्री तिर्की, को आयुक्त, जनजातीय कार्य म.प्र. सतपुड़ा भवन भोपाल में पदस्थ किये जाने हेतु शासन स्तर से आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया। उक्त पत्र के तारतम्य में सुश्री तिर्की, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी (उच्च पद प्रभार सहायक अनुसंधान अधिकारी) को जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था के आदेश क्र./1810 दिनांक 19.09.2024 से कार्यालय आयुक्त, जनजातीय कार्य म.प्र. सतपुड़ा भवन भोपाल हेतु कार्यमुक्त किया गया। उक्त कार्यमुक्ति म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल द्वारा 24.06.2021 को जारी स्थानांतरण नीति (आगामी वर्षों में यथा संशोधित रूप से लागू) की कण्डिका क्र.-12 में उल्लेखानुसार एक ही मुख्यालय पर स्थित एक कार्यालय से उसी मुख्यालय पर स्थित दूसरे कार्यालय में प्रशासकीय दृष्टि से स्थानीय व्यवस्था है, तदनुसार संबंधित सुश्री तिर्की को भोपाल मुख्यालय पर स्थित एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय हेतु कार्यमुक्त किया जाना स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं आता है। अतः शासन आदेश के विपरीत जाकर अनधिकृत रूप से कार्यमुक्त करने हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है एवं किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश में दर्शित अवधि में 03 अधिकारियों के पदस्थापना आदेश जारी, जिसमें से 01 अधिकारी पदस्थापना स्थल हेतु कार्यमुक्त शेष 02 अधिकारियों को संबंधित कार्यालयों द्वारा कार्यमुक्त नहीं किया गया है। कार्यमुक्त आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
टीकमगढ़ जिले में छात्रावास
[जनजातीय कार्य]
154. ( क्र. 1765 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में जिला संयोजक आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अधीन कुल कितने छात्रावास संचालित है उनके नाम एवं उन छात्रावासों में कब से कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ हैं उनके नाम सहित यहां भी बतायें कि वहां कब से किस पद पर कार्यरत है, वह किस विभाग के है संपूर्ण जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि उपरोक्त छात्रावासों के स्वयं के भवन है या किराये के भवन में किसके मकान में संचालित है अगर किराये के भवन में है तो कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक प्रतिमाह के हिसाब से किराये के रूप में दी जा चुकी है कृपया स्पष्ट एवं संपूर्ण जानकारी प्रदाय करें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रतिमाह, प्रत्येक छात्रावासों पर किस-किस कार्यों पर कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह व्यय हो रही है कृपया संपूर्ण जानकारी प्रदाय करते हुए यह भी बतायें कि जिले के ऐसे कौन-कौन से छात्रावास बने हुए है और छात्रावास आज भी किराये के भवन में कब से संचालित है बतायें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि किराये पर संचालित छात्रावासों के निर्माण हेतु कब-कब भवन राशि की मांग जिले से की गई है? छात्रावासों के निर्माण हेतु भवन राशि द्वारा शासन राशि स्वीकृत करेगा तो कब तक नहीं तो क्यों? क्या छात्रावास वर्षों से किराये पर चल रहे है वह कब तक चलते रहेंगे स्पष्ट एवं संपूर्ण जानकारी दें। कब तक कितनी-कितनी राशि स्वीकृत कर दी जावेंगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : ( क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा टीकमगढ़ जिले में जनजाति वर्ग के 02 बालक एवं 02 कन्या, कुल 04 छात्रावास संचालित हैं। छात्रावासों में पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट -'अ' अनुसार है। (ख) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा टीकमगढ़ जिले में जनजाति वर्ग हेतु संचालित 02 बालक एवं 02 कन्या कुल 04 छात्रावास स्वयं के विभागीय भवन में संचालित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) छात्रावासों पर व्यय की जाने वाली राशि के विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
वन भूमि पर बसे ग्रामों की जानकारी
[वन]
155. ( क्र. 1766 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं, जो वन भूमि पर बसे हैं? संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि ऐसे वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में बनाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है? संपूर्ण जानकारी प्रदान करें और कौन-कौन से ग्रामों को प्रश्न दिनांक तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि ऐसे कौन-कौन से राजस्व ग्राम हैं, जो जंगल के रास्ते से जंगलों को पार करके उन ग्रामों में जाना पड़ता है? और ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं, जिन ग्रामों में ग्रामीणों को पहुंचने हेतु वन भूमि होने के कारण पक्का रोड सड़क आज तक नहीं बनी है? कृपया ऐसी सड़कों के नाम बतायें जो कच्ची हैं? कृपया जिले की ऐसी सड़कों के नाम बतायें, जो आज भी कच्ची हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जतारा मउरानीपुर रोड के प्रतापपुरा से आलपुर ग्राम तक का एवं तहसील बड़ागांव धसान के ग्राम दूड़ा रोड से हरी नगर लोधी बस्ती तक यह दोनों रोड जंगल भूमि पर आते हैं? अगर लोक निर्माण विभाग उपुर्यक्त दोनों सड़के पक्की बनायेगा तो शासन की कितनी-कितनी राशि व्यय होगी? क्या वन विभाग दोनों रोडों को पक्का बनाने की लोक निर्माण विभाग को स्वीकृति देगा, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) टीकमगढ़ जिले अंतर्गत पनियाराखेड़ा रायपुर, सुनौनी, भडरा, सुकोरा, आलपुर, करई एवं चरई ग्राम वनभूमि पर बसे है। (ख) प्रश्नांश 'क' में वर्णित वनग्रामों में से वनग्राम पनियाराखेड़ा को राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन की अधिसूचना राजपत्र दिनांक 26.07.2024 से जारी की गई है। म.प्र. शासन, वन विभाग के ज्ञापन दिनांक 03.12.1975 से उत्तरांश 'क' के शेष ग्रामों को वर्ष 1978-79 में राजस्व विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग द्वारा उल्लेखित रोड़ की अनुमति हेतु वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम,1980 के तहत परिवेश पोर्टल में ऑनलाईन आवेदन करने पर स्वीकृति की कार्यवाही सम्भव है। भारत सरकार से सैद्वांतिक स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत ही वैकल्पिक वृक्षारोपण एवं नेट प्रजेण्ट वैल्यू की राशि बताया जाना संभव होगा। प्रकरण में स्वीकृति के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार प्रश्नांकित सड़के बनाये जाने पर 480 लाख रूपये अनुमानित व्यय है।