मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2019 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 20 दिसम्बर, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बालाघाट
जिले में
सौभाग्य
योजना का
क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
1. ( *क्र. 177 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा महाप्रबंधक म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क. जबलपुर को जानकारी हेतु पत्र क्रमांक/811/2019, दिनांक 11.11.2019 को लेख किया? यदि हाँ, तो क्या जानकारी दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत एक वर्ष में कितने पत्र प्रमुख सचिव/सचिव ऊर्जा विभाग म.प्र. को जाँच एवं अन्य कार्य के लिए लेख किये गये, उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) बालाघाट जिले में कब से सौभाग्य योजना प्रारंभ हुई? कितना बजट आया? कितना खर्च आज तक हुआ? (घ) बालाघाट जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना कब से प्रारंभ हुई? कितना बजट आया? कितना खर्च अब तक किया? क्या दोनों योजनाओं में एक ही कार्य एक ही स्थान पर बताया गया? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उनके पत्र क्रमांक 811, दिनांक 11.11.2019 के माध्यम से चाही गई जानकारी मुख्य महाप्रबंधक (ग्रा.यो.), म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के पत्र क्रमांक 2139, दिनांक 06.12.2019 के माध्यम से प्रेषित की गई है। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विगत 1 वर्ष (दिनांक 01.12.2018 से प्रश्न दिनांक तक) में विभाग को प्रेषित पत्रों एवं विभाग द्वारा उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में सौभाग्य योजना दिनांक 11.10.2017 से प्रारंभ हुई। उक्त योजनान्तर्गत बालाघाट जिले हेतु राशि रू. 42.89 करोड़ का प्रावधान विस्तारित कार्य-योजना (डी.पी.आर.) में किया गया है। योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल अनुमानित राशि रू. 36.06 करोड़ का व्यय हुआ है। (घ) बालाघाट जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के कार्य हेतु दिनांक 30.06.2017 को मेसर्स कोर एनर्जी सिस्टम प्रा.लिमि. को कार्यादेश जारी किया गया। योजना अंतर्गत बालाघाट जिले हेतु राशि रू. 44.45 करोड़ की स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से प्राप्त हुई। योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रू. 25.80 करोड़ का व्यय किया जा चुका है। जी नहीं, अत: प्रश्न नहीं उठता। तथापि उल्लेखनीय है कि बालाघाट जिले में सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन में कथित रूप से हुई अनियमितताओं की जाँच की जा रही है तथा जाँच निष्कर्ष के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
सीधी व सिंगरौली जिले में संपूर्ण विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
2. ( *क्र. 1517 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी-सिंगरौली जिले के अन्तर्गत किन-किन योजनाओं के माध्यम से विद्युतीकरण किया जाना है? क्या अभी तक सीधी व सिंगरौली जिले के समस्त घरों में विद्युतीकरण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें, यदि नहीं, तो कब तक शेष घरों में विद्युतीकरण किया जा सकेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पूर्व में किये गये विद्युतीकरण के कार्य आधे-अधूरे/शेष हैं, क्या उसको भी पूर्ण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? क्या जले हुए ट्रांसफार्मरों को समय-सीमा के अन्दर नहीं बदला जाता? क्या कारण है? समय-सीमा में बदलने हेतु क्या निर्देश हैं। (ग) क्या सीधी-सिंगरौली जिले के अन्तर्गत घोरबंधा, डिघरा एवं बेंदों में विद्युत केबिल के द्वारा विद्युत प्रदाय किया जाता था, विगत चार वर्षों से विद्युत सप्लाई केबिल क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद पड़ी हुई है? विद्युत सप्लाई शुरू करने के लिये विभाग के द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई तो क्या कारण है? विद्युत सप्लाई नहीं होने के कारण दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (घ) क्या सीधी-सिंगरौली जिले के उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं किसानों को 10 घंटे विद्युत आपूर्ति नहीं की जाती है? इसका क्या कारण है? अघोषित बिजली कटौती कब तक जारी रहेगी? कितने उपभोक्ताओं को 100 रूपये प्रतिमाह में राज्य सरकार की नीति के तहत विद्युत प्रदाय की जाती है? विद्युत वितरण केन्द्रवार उपभोक्ताओं की संख्या की जानकारी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जिला सीधी में वर्तमान में ग्रामीण विद्युतीकरण की कोई योजना संचालित नहीं है, पूर्व में संचालित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के अंतर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार समस्त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। जिला सिंगरौली में संचालित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार समस्त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा सौभाग्य योजना में कार्य शेष रहने के संबंध में जाँच की जा रही है, जिन्हें भविष्य में वित्तीय उपलब्धता अनुसार किया जा सकेगा। सौभाग्य योजना के प्रावधान अनुसार जिला सीधी में 58744 एवं सिंगरौली में प्रश्न दिनांक तक 48929 अविद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। (ख) जी नहीं, पूर्व में जिला सीधी एवं सिंगरौली में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत किया गया कोई भी कार्य अपूर्ण/अधूरा नहीं है। किये गये सभी कार्य पूर्ण हैं। जिला सिंगरौली में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के समस्त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, किन्तु सौभाग्य योजना में उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कार्यों के शेष रहने की जाँच कराई जा रही है। जले/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों को निर्धारित समय-सीमा में बदला जाता है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित समय-सीमा अनुसार संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे, शहरी क्षेत्र (संभागीय मुख्यालय के अलावा) में 24 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मानसून सीजन के अलावा 3 दिवस तथा मानसून सीजन (जुलाई से सितम्बर) में 7 दिवस की अवधि में जला/खराब ट्रांसफार्मर बदले जाने के निर्देश हैं। (ग) जिला सीधी के ग्राम घोरबंधा, डिगरा एवं बेंदों वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण इन्हें विद्युत प्रदाय करने हेतु ग्राम भुईमाड़ से घोरबंधा तक 11 के.व्ही. लाईन का निर्माण उच्चदाब ए.बी. केबिल पर किया गया था। जी नहीं, विगत 4 वर्ष से नहीं अपितु दिनांक 05.01.2019 से अज्ञात लोगों द्वारा पोल क्षतिग्रस्त कर उच्चदाब केबिल चोरी कर लेने के कारण ग्राम घोरबंधा, डिगरा एवं बेंदों का विद्युत प्रदाय बंद है। क्षतिग्रस्त पोल बदलकर एवं पुनः केबिल लगाकर विद्युत प्रदाय चालू करने हेतु निर्माण संभाग को कार्यादेश जारी किया गया है। उक्त सभी ग्राम सघन वन क्षेत्र में होने के कारण इन्हें विद्युत प्रदाय करने वाले केबिल के क्षतिग्रस्त होने/चोरी होने की संभावना बनी रहती है। उक्त चोरी की घटना के पूर्व विद्युत लाईनों का समय-समय पर रख-रखाव कर विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा था। अतः वर्तमान में विद्युत प्रदाय बाधित होने के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, अतः किसी के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) जिला सीधी एवं सिंगरौली के अंतर्गत तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों तथा संधारण कार्य हेतु अत्यावश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर समस्त घरेलू फीडरों से संबद्ध उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि फीडर से संबद्ध उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। जिला सीधी एवं सिंगरौली में राज्य शासन की इंदिरा गृह ज्योति योजना के अंतर्गत 100 यूनिट तक की खपत होने पर जारी 100 रूपये के बिलों के उपभोक्ताओं की विद्युत वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय भवनों का अनुरक्षण एवं संधारण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 896 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में पशुपालन विभाग की किन-किन संस्थाओं के कौन-कौन से भवन लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग की पंजी में अंकित हैं तथा ऐसे भवनों के अनुरक्षण पर वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2018-19 की अवधि में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) क्या प्रश्नाधीन भवनों के अनुरक्षण हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 में कोई प्रावधान प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो किन-किन भवनों का है और यदि नहीं है, तो क्यों नहीं है? (ग) पशु चिकित्सालय बुडवा एवं रेउसापोड़ी के भवन निर्माण कराने हेतु उपलब्ध करवाई गई धनराशि का उपयोग नहीं हो पाने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय जमीन उपलब्ध नहीं होने से राशि का उपयोग नहीं हो सका।
पंधाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वितरिका की स्वीकृति
[जल संसाधन]
4. ( *क्र. 1718 ) श्री राम दांगोरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पंधाना बलखड़ वितरिका या बलखड़ माइनर का काम पिछले 30 वर्षों से अधूरा पड़ा है, गैस गोडाउन के पास आकर क्यों समाप्त हो गया? क्या यह वितरिका स्वीकृत नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों वहां लगभग 250 किसान सिंचाई के पानी से वंचित हैं? (ख) यदि स्वीकृत है तो आज तक वह किन कारणों से रुकी पड़ी है? इसके रुकने में दोषी कौन हैं? क्या विभाग उस पर कोई कार्यवाही करेगा? (ग) इस वितरिका का कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा व इन 250 किसानों को सिंचाई के लिए कब तक पानी मिल सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, परियोजना प्रतिवेदन में पंधाना वितरिका का निर्माण गैस गोडाउन तक ही प्रस्तावित होकर कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। बलखड़ वितरिका या बलखड़ माइनर के नाम से कोई प्रस्ताव परियोजना में शामिल नहीं होने से स्वीकृति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश में उल्लेखित किसान परियोजना के मूल प्रस्तावित कमाण्ड क्षेत्र के बाहर के हैं। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (ग) वितरिका स्वीकृत करने का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
लेबड़-जावरा फोरलेन का मरम्मतीकरण
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1687 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2019 में जिलाधीश धार को लेबड़-जावरा फोरलेन की दयनीय दुर्दशा और सरकार से किये गए अनुबंध का उल्लंघन करने की वजह से टोल टैक्स वसूली बंद की जाकर टोल कम्पनी के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा गया था, उस पर क्या कार्यवाही की गयी है? पत्र की प्रतिलिपि सहित की गयी कार्यवाही की समस्त जानकारी देवें? (ख) वर्ष 2010 से 31 नवम्बर, 2019 तक लेबड़-जावरा फोरलेन में कितना राजस्व एकत्रित हुआ और संधारण में कितना व्यय किया गया? प्रमुख चौराहे पर बिजली क्यों बंद है और वृक्षारोपण अधूरा क्यों है? कई गांव में ड्रेनेज लाइन और सर्विस रोड भी अधूरे क्यों पड़े हैं और अब तक इस मार्ग पर कितने लोगों की, इस ठेका होने के बाद, मृत्यु हो चुकी है? (ग) पूर्व में विधानसभा की समिति द्वारा फोरलेन का अवलोकन कर क्या-क्या सुझाव दिए गए थे? विधायकों की समिति की सिफारिशों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बदनावर द्वारा जनशिकायत उपरांत किन बिन्दुओं पर लेबड़-जावरा मार्ग के ठेकेदार के विरुद्ध आदेश पारित किया गया था, आदेश की प्रतिलिपि सहित की गयी कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी प्रदान करें? क्या विधायकों की समिति गठित कर संपूर्ण मार्ग की वर्तमान स्थिति की जाँच रिपोर्ट बनाकर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, पत्र पर की गई कार्यवाही एवं पत्र की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) लेबड़-जावरा फोरलेन पर टोल प्रारंभ दिनांक से 30 नवम्बर, 2019 तक 12,02,08,20,936/- टोल राशि प्राप्त हुई संधारण पर हुए व्यय की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अनुबंध में मरम्मत के व्यय की जानकारी रखे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रमुख चौराहे पर बिजली चालू है, बिजली बिल जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार एवं वृक्षारोपण अनुबन्धानुसार तथा प्राप्त स्वीकृति अनुसार किया गया है, साथ ही पर्यावरण के दृष्टिकोण से कन्सेशनायर द्वारा प्रतिवर्ष अतिरिक्त वृक्षारोपण किया जाता है। वृक्षारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार स्वीकृति अनुसार सर्विस रोड एवं ड्रेन उपलब्ध भूमि में मार्ग निर्माण के दौरान बना दी गई थी। पुलिस अधीक्षक, जिला धार/रतलाम जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार टोल प्रारम्भ से अब तक इस मार्ग पर कुल 982 मृत्यु हो चुकी है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'' अनुसार है। (ग) विधायकों की समिति द्वारा दिये गये सुझाव एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बदनावर द्वारा जनशिकायत उपरांत लेबड़-जावरा मार्ग पर ठेकेदार के विरूद्ध पारित किये गये आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड.'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.ओ.टी. मार्गों पर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 109 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास निगम लिमिटेड द्वारा बी.ओ.टी. योजना अन्तर्गत कौन-कौन से मार्गों का निर्माण करवाया गया है तथा उनमें से कौन-कौन से मार्गों पर किस-किस कंपनी द्वारा टोल वसूली की जाती है? (ख) इन मार्गों पर टोल वसूली उपरांत कौन-कौन से मार्ग घाटे में चल रहे हैं तथा कौन-कौन से मार्ग लाभ में चल रहें है? पिछले तीन वर्षों के वार्षिक टोल वसूली के आंकड़े देवें। (ग) एम.पी.आर.डी.सी. अंतर्गत बी.ओ.टी. निर्मित सड़कों पर संबंधित कंपनियों से प्रीमियम वसूली के संबंध में क्या प्रावधान हैं? क्या घाटे वाली सड़कों पर शासन द्वारा क्षतिपूर्ति का भी प्रावधान है? (घ) एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा पिछले दस वर्षों में उक्त मार्गों पर टोल वसूली कर रही कंपनियों से कंपनीवार वर्षवार कितना प्रीमियम आरोपित किया गया, उसमें से कितनी धनराशि प्राप्त की व कितनी धनराशि लेना शेष है? साथ ही क्षतिपूर्ति के रूप में पिछले तीन वर्षों में कंपनीवार वर्षवार कितनी धनराशि दी गई? (ड.) क्या कारण है कि एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा प्रीमियम वसूली में शिथिलता बरतते हुए क्षतिपूर्ति का तत्काल भुगतान किया गया? क्या इससे शासन को राजस्व की हानि हुई? यदि हाँ, तो क्या जिम्मेदारी का निर्धारण किया जाकर दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास निगम लिमिटेड नहीं अपितु म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड अंतर्गत बी.ओ.टी. योजना अंतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) बी.ओ.टी. मार्गों पर टोल वसूली उपरांत लाभ या घाटे का आंकलन एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा नहीं किया जाता है। विगत 3 वर्षों की वार्षिक टोल वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) बी.ओ.टी. योजना अंतर्गत निर्मित सड़कों पर प्रीमियम का निर्धारण एवं वसूली निविदा आमंत्रित की जाकर तदनुसार अनुबंध में प्रावधान किया जाता है। जी नहीं। (घ) म.प्र. सड़क विकास निगम संभाग अंतर्गत बी.ओ.टी. योजना में निर्मित मार्गों के प्रीमियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। क्षतिपूर्ति के रूप में म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा कोई भी राशि किसी भी कंपनी को नहीं दी गई। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा प्रीमियम वसूली में कोई शिथिलता नहीं बरती गई। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदौर-इच्छापुर सड़क मार्ग का मरम्मतीकरण
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 1229 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर-इच्छापुर सड़क मार्ग पर बारिश के पश्चात् काफी गड्ढे हो चुके हैं, इसका पेच वर्क कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा तथा साथ ही बुरहानपुर जिले के समस्त सड़क मार्ग का पेचवर्क कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) इंदौर-इच्छापुर रोड के फोरलेन निर्माण संबंधी प्रक्रिया की क्या स्थिति है? क्या बुरहानपुर से बायपास रोड इसमें सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो शहर के मध्य से जाने वाले इंदौर-इच्छापुर रोड के लिये क्या योजना बनाई गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) इन्दौर इच्छापुर मार्ग पर बारिश के पश्चात हुए गड्ढे का पेचवर्क कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। मार्ग पर भारी यातायात का अत्यधिक दबाव होने से गड्ढे बन रहे हैं, जिन्हें निरंतर भरा जा रहा है। बुरहानपुर जिले के अंतर्गत सभी मरम्मत योग्य सड़कों का पेचवर्क पूर्ण कर लिया गया है। (ख) इन्दौर इच्छापुर मार्ग के फोरलेन के निर्माण की कार्यवाही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा की जा रही है। एन.एच.ए.आई. परियोजना क्रियान्वयन इकाई उज्जैन से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पंचमनगर व साजली बांध/नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 1817 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचमनगर व साजली बांध एवं नहर निर्माण की संपूर्ण डी.पी.आर. व अंतिम समय-सीमा क्या है? (ख) शासन द्वारा तय समय-सीमा में बांध एवं नहर का कितना कार्य किन-किन स्थान पर पूर्ण कर इसका भुगतान संबंधित ठेकेदार को किया गया है? (ग) पंचमनगर बांध से खडेरी की ओर अनुपयोगी नहर बनाकर राशि का भुगतान क्यों किया गया एवं इसे वापिस समतल करने की क्या योजना है? (घ) शासन द्वारा प्रस्तावित बांध एवं नहर का संपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करके कितने ग्रामों में पाईप लाईन के माध्यम से सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) पंचमनगर सिंचाई परियोजना अंतर्गत पगरा बांध एवं पंचमनगर बैराज का निर्माण कार्य पूर्ण है। पंचमनगर प्रेशराइज्ड पाईप पद्धति से नहर निर्माण का कार्य प्रगतिरत। जून 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित। साजली बांध एवं प्रेशराइज्ड पाईप पद्धति से नहर निर्माण का कार्य प्रगतिरत। जून 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित। (ख) पंचमनगर परियोजना अंतर्गत पगरा बांध एवं पंचमनगर बैराज का कार्य क्रमश: दिनांक 14.05.2018 तथा 31.12.2015 को पूर्ण किया गया एवं संपादित कार्य का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। एजेंसी द्वारा पगरा बांध से 8 कि.मी. खुली नहर का निर्माण कार्य किया गया एवं जिसका भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। प्रेशराइज्ड पाईप पद्धति से नहर निर्माण का कार्य प्रगति पर है तथा एजेंसी को तदनुसार किए गए कार्यों का चलित देयकों से भुगतान किया जा रहा है। साजली बांध एवं साजली प्रेशराइज्ड पाईप पद्धति से नहर निर्माण कार्य प्रगति पर है तथा एजेंसी को तदानुसार किए गए कार्यों का चलित देयकों से भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) पंचमनगर बांध से खड़ेरी की ओर 8 कि.मी. तक खुली नहर का निर्माण किया गया एवं अनुबंध अनुसार भुगतान किया गया। निर्मित नहर से कृषकों की मांग अनुसार सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जा रहा है। अत: निर्मित नहर को समतल किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जून 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। परियोजना के पूर्ण होने पर 137 ग्रामों के 40000 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
रतलाम-बाजना-कुशलगढ़ मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 1625 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम-बाजना-कुशलगढ़ मार्ग का निर्माण अनुबंध के अनुसार किस दिनांक तक किया जाना था? अनुबंध अनुसार विलम्ब पर प्रतिदिन किस मान से पेनाल्टी वसूल की जाना है? अनुबंध की प्रति देवें तथा बतावें कि विलम्ब हेतु पेनाल्टी का उल्लेख किस पृष्ठ पर किया गया है? (ख) रतलाम-बाजना-कुशलगढ़ मार्ग का प्रारम्भ से किस-किस किलोमीटर का कितना-कितना हिस्सा उत्तर दिनांक तक अपूर्ण है तथा किस किलोमीटर पर कौन-कौन सा कार्य अनुबंध के अनुसार पूर्ण नहीं हुआ है? विलंब पर उत्तर दिनांक तक कितनी पेनाल्टी नगद राशि के रूप में वसूल की गई है? अनुबंध के अनुसार अक्टूबर 2019 तक कितनी पेनाल्टी बनती है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पेनाल्टी की वसूली हेतु की गई कार्यवाही से अवगत करावें तथा लिखे गये पत्र तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें। (घ) बाजना बस स्टैण्ड से वरोठ माता मंदिर तक बनने वाली फोरलेन का कार्य उत्तर दिनांक तक क्यों नहीं पूर्ण हुआ, रेल्वे पुलिया के निर्माण में क्या प्रगति हुई वन विभाग की पुलिया कब बनाई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) अनुबंध के अनुसार दिनांक 09.08.2018 तक। अनुबंध की कंण्डिका-15 के अनुक्रम में कांट्रेक्ट डाटा शीट के अनुलग्नक पी अनुसार 0.05 प्रतिशत एवं अनुबंधित लागत का अधिकतम 10 प्रतिशत शास्ति का प्रावधान है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। पृष्ठ क्रमांक 65 पर उल्लेख है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। कार्य पूर्ण होने पर विलंब हेतु पेनाल्टी का निर्धारण किया जायेगा। पेनाल्टी बाबत् रू. 10.50 लाख की राशि ठेकेदार के देयकों से रोकी गई है। (ग) वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। कार्य पूर्ण होने पर विलंब हेतु पेनाल्टी का निर्धारण किया जायेगा, इसलिये ठेकेदार से कोई पत्राचार नहीं किया गया है। (घ) इलेक्ट्रिक पोल शिफ्टिंग एवं पेड़ों की कटाई/छटाई न होने के कारण कार्य अपूर्ण हैं। रेल्वे विभाग से आर.ओ.बी. ड्राईंग का अनुमोदन अपेक्षित है। वन विभाग की पुलिया के डाउन स्ट्रीम में एक डी.पी. स्थित है, उक्त डी.पी. के विस्थापन के उपरांत पुलिया का निर्माण कार्य संभव होगा। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
केरवा डेम की आरक्षित भूमि पर अतिक्रमण
[जल संसाधन]
10. ( *क्र. 1615 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केरवा डेम की आरक्षित भूमि एवं केरवा के कैचमेंट में कुल कितने और किसके कब्जे हैं? सूची उपलब्ध कराएं। केरवा नहर की आरक्षित भूमि पर कोलार क्षेत्र में कुल कितने कब्जे हैं, इन्हें कब कब नोटिस दिया गया? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) केरवा नहर की आरक्षित भूमि से कब्जा कब तक हटवाया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। कैचमेंट एरिया में किए गये कब्जे की जानकारी शासन संधारित नहीं करता है। केरवा नहर की आरक्षित भूमि में 14 अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्यवाही तहसीलदार कोलार द्वारा की जाना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वि.स. क्षेत्र परासिया अंतर्गत प्रस्तावित/स्वीकृत सिंचाई योजनाएं
[जल संसाधन]
11. ( *क्र. 1581 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र परासिया के अंतर्गत कौन-कौन सी विभिन्न सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? उन सभी सिंचाई योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्तावों में से शासन द्वारा अभी तक कितनी प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और कितनी सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया जाना अभी बाकी है? ऐसी सभी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? जिन सिंचाई योजनाओं के टेंडर लगाये जा चुके हैं, उन योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करायें। (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के लिए शासन द्वारा जिन सिंचाई योजनाओं के प्रस्तावों की स्वीकृति अभी तक प्रदान नहीं की गई है, वे सिंचाई योजनाएं कौन-कौन सी हैं और उन योजनाओं की स्वीकृति प्रदान नहीं किए जाने का क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ऐसी कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं, जिनकी शासन द्वारा साध्यता स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है परन्तु उन सिंचाई योजनाओं के टेंडर अभी तक नहीं किये गये हैं? ऐसी सभी योजनाओं के टेंडर कब तक विभाग द्वारा कर दिये जायेंगे और जिन योजनाओं के टेंडर कर दिये गये हैं, ऐसी योजनाओं का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।
श्योपुर जिले में स्थापित कुटीर उद्योग
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
12. ( *क्र. 1554 ) श्री सीताराम : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विगत 5 वर्षों में श्योपुर जिले में किन-किन स्थानों पर अनु.जनजाति, अना.जाति एवं पिछड़ा वर्ग परिवारों के उत्थान के लिये कितने कुटीर एवं उद्योग खोले गये हैं तथा उक्त उद्योग एवं उनसे कितना लाभ उपलब्ध कराया गया?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : विगत 5 वर्षों में श्योपुर जिले में अनु.जन.जाति, अना. जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अन्य परिवारों के उत्थान के लिये 556 कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्थापित करने हेतु बैंकों से ऋण स्वीकृत कराया जाकर मार्जिन मनी सहायता उपलब्ध कराई गई। स्थान, उद्योग एवं उपलब्ध लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र गुना अंतर्गत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 1791 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र गुना में निम्नानुसार सड़कों का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (1) मावन अशोकनगर रोड से पिपरिया सड़क निर्माण। (2) पगारा से नवीन कॉलोनी से कोठिया तक। (3) बूढ़ाडोंगर मेन रोड से ग्राम तक सड़क निर्माण। (ख) निम्न सड़कों के लिए कब तक आवंटन दिया जायेगा :- (1) ग्राम बजरंगगढ़ की मेन रोड निर्माण। (2) सिलावटी से रमगढ़ा तक सड़क निर्माण। (3) माहोर रोड से खिरिया तथा माहोर रोड से रमपुरा तक सड़क निर्माण। (4) भादौर रोड से खूजा तक सड़क निर्माण। (5) बजरंगढ़ महर्षि आश्रम से हिलगना तथा हिलगना से सोंठी रोड तक सड़क निर्माण। (6) A.B. रोड जैन समाज की गौ-शाला से हिलगना तक सड़क निर्माण। (7) बजरंगगढ़ नवीन कॉलोनी से बाँस खडेसरी मंदिर A.B. रोड तक सड़क निर्माण। (8) गुना शहर की रिंग रोड निर्माण। (9) A.B. रोड से बिलोनिया चक तक सड़क। (10) इकोदिया मार्ग से देवरी तक सड़क। (ग) कार्य प्रारंभ करने की दिनांक भी बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति सीमित वित्तीय संसाधन होने से विभाग की किसी भी योजना में प्रस्तावित न होने से जारी नहीं की जा सकी है। अत: कार्य प्रारंभ करने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन कोई भी मार्ग स्वीकृत नहीं होने से आवंटन उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. ट्रान्समिशन पावर ग्रिड के द्वारा टावर स्थापना से हुई फसल नुकसानी का मुआवजा
[ऊर्जा]
14. ( *क्र. 1215 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत म.प्र. ट्रान्समिशन पावर ग्रिड के द्वारा टावर लाईन तह. सिंगरौली के ग्राम जैतपुर, पिपरालाल, बनौली, खम्हरिया, परसदेही आदि कई गांवों में बड़े-बड़े टावर भूमि पर खड़े किये गये थे, किन्तु किसानों को फसल नुकसानी आज तक नहीं दी गई, जबकि उक्त गांवों की फसल राशि 1989-90 से ट्रेजरी में जमा है? यदि हाँ, तो कब तक गांवों के किसानों को फसल नुकसानी दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या तह. सिंगरौली के ग्राम खम्हरिया, परसदेही आदि कई गांवों में टावर के नीचे बने मकान का मुआवजा नहीं दिया गया है एवं टावर के नीचे मकान में बरसात के समय पूरे मकान में करेन्ट आता है और टी.व्ही., बल्ब आदि जल जाते हैं। कब तक मुआवजा प्रदान कर करन्ट की समस्या को दूर किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम जैतपुर, पिपरालाल, बनौली, परसदेही आदि ग्रामों से मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड की 132 के.व्ही. विन्ध्याचल-बैढ़न लाईन गुजर रही है। इस लाइन का निर्माण वर्ष 1984 में ही पूर्ण हो चुका था। वर्ष 1989-90 के दौरान उपरोक्त ग्रामों से मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड की लाईन से संबंधित फसल नुकसानी मुआवजा का कोई भी प्रकरण मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं है। (ख) तहसील सिंगरौली के ग्राम खम्हरिया में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड की कोई भी अति उच्चदाब लाईन नहीं है। ग्राम परसदेही से मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड की 132 के.व्ही. विन्ध्याचल बैढ़न लाईन गुजर रही है, परन्तु इस लाइन से संबंधित मुआवजे का कोई भी प्रकरण मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में लंबित नहीं है। उक्त लाइन से ग्राम खमरिया, परसदेही आदि गांवों से टावर के नीचे बने मकान में बरसात के समय करेंट आने एवं टी.व्ही., बल्ब आदि जल जाने की जानकारी/शिकायत विभाग अन्तर्गत संबंधित वितरण एवं ट्रांसमिशन कंपनी में प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता है।
आमला विधानसभा क्षेत्र के लंबित निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 458 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में लोक निर्माण विभाग द्वारा जिले में कितनी सड़कों के निर्माण हेतु प्रस्ताव सरकार को भेजे गये? (ख) इन प्रस्तावों में से सरकार द्वारा बैतूल जिले के अंतर्गत कितने सड़क निर्माण कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई? विधानसभा एवं विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) क्या सरकार मानती है कि आमला विधानसभा क्षेत्र में नवीन सड़क निर्माण की कोई आवश्यकता ही नहीं है? यदि नहीं, तो विधानसभा क्षेत्र आमला में सरकार द्वारा एक भी सड़क निर्माण बजट में नहीं लिये जाने का क्या कारण रहा है? (घ) आमला विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण हेतु पिछले तीन वर्षों में किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा कितने निर्माण कार्यों के प्रस्ताव विभाग को दिये गये, इन प्रस्तावों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं प्रस्तावित कार्य किस स्तर पर लंबित हैं? कार्यवार जानकारी देवें। (ड.) क्या सरकार वित्तीय वर्ष 2019-20 की पूरक मांगों में आमला विधानसभा के लंबित कार्यों को स्वीकृत करेगी? यदि हाँ, तो कौन से एवं यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। उपलब्ध वित्तीय संसाधन एवं प्राथमिकता में नहीं होने के कारण नहीं लिया जा सका। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (ग) में उल्लेखानुसार।
नर्मदा नदी के पुल का संरक्षण
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 160 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा (मोरटक्का) एवं खरगोन (खेडीघाट) जिले को जोड़ने वाले नर्मदा नदी के पुल का निर्माण किस सन् में किया गया था? (ख) विभागीय गाईड लाईन अऩुसार इस पुल को किस दिनांक तक उपयोग के योग्य माना गया है? उक्त अवधि के पश्चात् विभाग द्वारा नये पुल के निर्माण के लिये क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (ग) क्या राज्य मार्ग के इस पुल पर विगत 1-2 वर्षों से ए.बी. रोड के भारी मालवाहनों का ट्रैफिक डायवर्ट हो गया है? क्या इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर ऐसे भारी मालवाहकों को प्रतिबंधित किया जायेगा? (घ) क्या विभाग द्वारा परिवहन विभाग को नर्मदा पुल पर भारी वाहनों के अप्रत्याशित आवागमन से आई दरार एवं क्षतिग्रस्त होने की संभावना से अवगत कराया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) नर्मदा पुल के अचानक क्षतिग्रस्त होकर मार्ग अवरूद्ध हो जाने की दशा में कौन जिम्मेदार होगा? यात्रियों के लिये वैकल्पिक मार्ग की क्या व्यवस्था होगी? क्या लोक निर्माण विभाग व्यापक जनहित में इस मार्ग पर नर्मदा नदी के नये पुल निर्माण का कार्य आरंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) पुल का निर्माण वर्ष 1958 में पूर्ण किया गया था। (ख) मेशनरी स्टोन आर्च ब्रिज लगभग 80 से 100 वर्ष तक के लिए उपयोगी है। उक्त पुल की उपयोगिता अवधि समाप्त नहीं हुई है, उक्त ब्रिज इन्दौर-इच्छापुर मार्ग पर स्थित होकर दिनांक 03.04.2018 को राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 347-बीजी घोषित किया गया है एवं भारत सरकार के अधीन एन.एच.ए.आई. द्वारा मार्ग पर यातायात के भारी दबाव को ध्यान में रखते हुये फोरलेन में चौड़ीकरण एवं ब्रिज निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। (ग) ए.बी. रोड के भारी माल वाहकों के ट्रैफिक डायवर्ट होने की जानकारी संज्ञान में नहीं है। वर्तमान स्थिति तक भारी वाहनों से पुल को कोई क्षति नहीं हुई है एवं अच्छी स्थिति में है। भारी माल वाहकों को प्रतिबंधित किये जाने का कोई प्रस्ताव विभाग द्वारा नहीं दिया गया है। (घ) नर्मदा नदी मोरटक्का ब्रिज पर भारी यातायात से कोई क्षति नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) वर्तमान में नर्मदा नदी पर बना मोरटक्का ब्रिज अच्छी स्थिति में है, मार्ग अवरूद्ध होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता, जिसके लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है। यदि भविष्य में ब्रिज अचानक क्षतिग्रस्त होता है, तो यात्रियों के लिये वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नर्मदा नदी पर बना खलघाट ब्रिज एवं मण्डलेश्वर में बना ब्रिज स्थित है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी हस्ताक्षर से की गई खरीदी की जाँच
[खेल और युवा कल्याण]
17. ( *क्र. 1613 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेल और युवा कल्याण विभाग की खरीददारी से संबंधित फाइलों में हुए फर्जी हस्ताक्षर से संबंधित प्रकरण आर्थिक अपराध अनुसंधान में प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इसकी प्राथमिक जाँच करवाई गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अतिरिक्त क्या टी.टी. नगर स्टेडियम, भोपाल में लगाये गये नवीन एथलेटिक ट्रेक की शिकायत आर्थिक अपराध अनुसंधान में की गई है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में एथलेटिक ट्रेक के टेण्डर में सब-बेस के निर्माण की राशि भी शामिल की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी, जबकि सब-बेस का पृथक से नवीन निर्माण नहीं हुआ है और न ही उसकी आवश्यकता थी। (घ) वित्त विभाग द्वारा एथलेटिक ट्रेक के निर्माण में बिना वित्त विभाग की सहमति के 5 करोड़ से अधिक का कार्य करवाने पर क्या गंभीर वित्तीय अनियमितता बताई है? यदि हाँ, तो क्या गंभीर वित्तीय अनियमितता के लिये दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। शिकायत से संबंधित मूल दस्तावेज कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने से प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। आर्थिक अपराध ब्यूरो को चाही गई जानकारी व दस्तावेज उपलब्ध करवा दिये गये हैं। (ग) जी नहीं। एथलेटिक सिंथेटिक ट्रेक के बेस वर्क के टॉप लेयर के बिटूमिन आदि कार्य करवाने की राशि रू. 33.90 लाख सम्मिलित की गई थी, जिसके विरूद्ध राशि रू. 32.91 लाख का भुगतान किया जा चुका है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। वित्त विभाग ने परिपत्र क्रमांक 81आर-1703-चार-ब-12012, दिनांक 18.01.2012 द्वारा आयोजना (Plan) मद की योजना के प्रशासकीय अनुमोदन के लिए स्थाई वित्त समिति (SFC) से अनुमोदन प्राप्त करने के निर्देश दिये गये हैं, टी.टी. नगर स्टेडियम स्थित एथलेटिक सिंथेटिक ट्रेक की पुनर्स्थापना के कार्य हेतु भारत सरकार ने पत्र क्रमांक 100-21/MYAS/MDSD/2017 (1)/4017, दिनांक 27.09.2017 द्वारा खेलों इंडिया योजनान्तर्गत सैद्धांतिक रूप से राशि रू. 4.49 करोड़ की केन्द्रीय सहायता स्वीकृत की गई थी, इस स्वीकृति के विरूद्ध नियमानुसार खुली निविदा आमंत्रित कर सिंथेटिक ट्रेक की पुनर्स्थापना के कार्य पर राशि रू. 4.26 करोड़ का व्यय किया गया है। भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत केन्द्रीय सहायता राशि रू. 4.49 करोड़ के विरूद्ध राशि रू. 2.00 करोड़ भारत सरकार से IFMS के माध्यम से म.प्र. खेल प्राधिकरण के खाते में प्राप्त हुई न कि राज्य शासन के आयोजना (Plan) मद में यह राशि प्राप्त हुई है। वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 18.01.2012 में बजट के बाहर प्राप्त केन्द्रीय सहायता के संदर्भ में स्थाई वित्त समिति (SFC) से अनुमोदन का कोई प्रावधान नहीं होने से स्थाई वित्त समिति (SFC) से अनुमोदन की कार्यवाही नहीं की गई है। अतः शेष उपस्थित नहीं होता है।
लेबर सप्लाई में कंपनी द्वारा की गई अनियमितता की जाँच
[ऊर्जा]
18. ( *क्र. 1763 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत लेबर सप्लाई (ग्रिड ऑपरेटर) का ठेका वर्ल्ड क्लास कम्पनी द्वारा लिया गया था तथा वर्ल्ड क्लास कम्पनी द्वारा वर्ष 2014-15 के बीच लेबर सप्लाई का कार्य किया गया था? वितरण कंपनी नीमच वृत्त द्वारा वर्ल्ड क्लास कंपनी को गलत भुगतान किए जाने की शिकायत पर कंपनी स्तर पर जाँच की गई थी? जाँच में क्या निष्कर्ष सामने आये? क्या ठेकेदार कंपनी द्वारा आर्थिक गबन पाया गया? यदि हाँ, तो उसमें कितनी राशि का गबन हुआ और दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी या प्रचलित है? इस संबंध में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) वर्ल्ड क्लास कम्पनी के द्वारा नीमच जिले में अनियमितता पाये जाने के पश्चात् इस कंपनी के खिलाफ प्रदेश स्तर पर जाँच की गयी या नहीं? अगर नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ग) म.प्र.प.क्षे.वि. वितरण कंपनी अन्तर्गत लेबर सप्लाई का ठेका वर्ल्ड क्लास कंपनी को किन शर्तों के आधार पर दिया गया और क्या कंपनी द्वारा उन शर्तों का पालन किया गया या नहीं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के उज्जैन क्षेत्र में मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस इंदौर को वर्ष 2014-15 में संचालन-संधारण वृत्त नीमच एवं मंदसौर में तथा इन्दौर क्षेत्र में संचालन-संधारण वृत्त खरगोन में ग्रिड ऑपरेटर हेतु कुशल श्रमिक प्रदाय करने हेतु ठेका दिया गया था। जी हाँ, नीमच वृत्त द्वारा मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस इंदौर को गलत भुगतान किये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर जाँच की गयी थी। जाँच में यह निष्कर्ष सामने आया की मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस इंदौर द्वारा श्रमिकों के उपस्थिति पत्रक में अतिरिक्त श्रमिक जोड़ कर भुगतान प्राप्त किया। उक्त गबन राशि रूपये 4,01,806/- की वसूली उक्त फर्म से कर ली गयी है। मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस इंदौर द्वारा कूट रचनाकर अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया गया था। इस प्रयास में संबंधित रहे कर्मचारी श्री करहे को कार्य में गंभीर लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया था। दिनांक 27.07.2017 को श्री करहे का निधन हो गया था। अतः श्री करहे के विरूद्ध जाँच तत्काल प्रभाव से समाप्त की गई। (ख) मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस इंदौर द्वारा कार्यादेश अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने से क्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन के आदेश क्रमांक 2077, दिनांक 12.06.2017 से आगामी तीन वर्षों के लिए उक्त ठेकेदार एजेन्सी को आगामी बिजनेस हेतु डिबार किया गया एवं तत्संबंध में प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों को सूचित किया गया। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में एवं उक्त डिबार आदेश के पश्चात् उक्त ठेकेदार कंपनी के खिलाफ कोई और कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के उज्जैन क्षेत्रान्तर्गत मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस इंदौर को ग्रिड ऑपरेटर उपलब्ध कराये जाने हेतु नीमच वृत्त में आदेश क्रमांक सी.ई./यू.आर./क्रय/14-15/9697, दिनांक 30.07.2014 एवं मंदसौर वृत्त में आदेश क्रमांक सी.ई./ यू.आर./क्रय/14-15/7013, दिनांक 09.06.2014 तथा इंदौर क्षेत्रान्तर्गत संचालन-संधारण वृत्त खरगोन में कार्यादेश क्रमांक 5859, दिनांक 09.06.2014 में समाहित नियम एवं शर्तों के आधार पर ठेके जारी किये गये थे, जिनके कार्यादेश की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। उक्त कंपनी द्वारा मंदसौर एवं खरगोन वृत्त में उक्त कार्यादेशों की शर्तों का पालन किया गया, किन्तु नीमच वृत्त में कार्यादेश की शर्तों का पालन नहीं किया गया।
रीवा जिले में रजहा-अकौरी-मौहरिया मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 23 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में रजहा-अकौरी-मौहरिया मार्ग लंबाई 4 कि.मी. का कार्य योजना मद अंतर्गत मांग संख्या 24-5054 में स्वीकृत है, जिसका कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण कलेक्टर रीवा को शिकायत की गयी? अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग मण्डल रीवा को जाँच का आदेश दिया गया, जिसकी जाँच की जाकर निरीक्षण टीप पृष्ठ क्र. 894/कार्य./2017 रीवा, दिनांक 12.6.2017 प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता, कलेक्टर रीवा, कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग को प्रेषित की गयी? निरीक्षण टीप की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) निरीक्षण टीप में अधीक्षण यंत्री द्वारा प्रतिवेदन किया गया कि ABCD का रेखण श्मशान भूमि, देव स्थान एवं जल भराव के कारण ABCD के अंतिम छोर में 300 मीटर परिवर्तन कर अंतिम छोर के रेखण को पूर्व की छोर PQR Alignment पर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया, जिसके आधार पर कलेक्टर रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 495/भू-अर्जन/2017 रीवा, दिनांक 30.8.2017 द्वारा धारा 11 (संशोधित) पुनर्वास और पुन: व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का आधार अधिनियम 2013 के तहत प्रकाशन किया गया? तत्पश्चात दिनांक 22.1.2018 को उक्त अधिनियम की धारा 19 के तहत भी प्रकाशन कर दिया गया और जमीनों का अधिगृहण कर लिया गया? प्रकाशन की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या कार्यपालन यंत्री रीवा द्वारा 02.07.2018 को Letter of Acceptance (LOA) Ms. Krishna Construction Company को जारी किया गया? यदि हाँ, तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करायें तथा संशोधित आधार पर सड़क का कार्य क्यों शुरू नहीं किया गया तथा कब तक शुरू कर दिया जायेगा तथा जिन अधिकारियों द्वारा उक्त मार्ग के निर्माण को अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर रोकने का प्रयास किया गया, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। निरीक्षण टीप की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। अनुमोदित एलानमेन्ट ABC PQR भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दिनांक 30.08.2017 प्रकाशन की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं, संविदाकार द्वारा सड़क निर्माण कार्य अविवादित भूमि पर वर्तमान में कार्य प्रारंभ किया गया है। संविदाकार मेसर्स कृष्णा कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 08 माह वर्षाऋतु सहित अर्थात दिनांक 16.05.2020 तक निर्धारित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न नहीं उठता।
सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़कों/ पुलियों का निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 1729 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से लोक निर्माण विभाग के कितने पुल, पुलिया, सड़कें पूर्णरूप से नष्ट या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं? पुलिया, सड़कों के नाम एवं स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्न दिनांक तक अस्थाई हल के अलावा उपरोक्त क्षतिग्रस्त हुई पुल, पुलियाओं, सड़कों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा स्थाई समाधान हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) विभाग द्वारा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बाढ़ के बाद प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त पुलिया, सड़कों, पुल में से कितने आवागमन हेतु प्रारम्भ कर दिये गये हैं? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में उपरोक्त प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये पुल, पुलिया, सड़क निर्माण हेतु प्रस्तावित हैं तथा उपरोक्त कार्य स्वीकृत होकर कार्य प्रारम्भ होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सड़क एवं पुल-पुलियों में स्थायी मरम्मत हेतु प्राक्कलन परीक्षणाधीन है एवं नवीन वृहद पुल हेतु विस्तृत सर्वेक्षण किया जाकर डी.पी.आर. की कार्यवाही की जा रही है। (ग) समस्त सड़क एवं पुल-पुलियों में स्थाई मरम्मत कराई जाकर आवागमन सुचारू रूप से प्रारंभ किया जा चुका है एवं वृहद पुल निर्माण हेतु कार्यवाही की जा रही है, आवागमन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था है। (घ) जी हाँ स्वीकृति के अभाव में कार्य प्रारंभ की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर के भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
21. ( *क्र. 1441 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर की स्थापना कब की गई थी? प्रश्न दिनांक तक कितने महाविद्यालय इससे सम्बद्धता प्राप्त हैं, कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? (ख) विभाग ने महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर के निर्माण हेतु कितना व्यय अनुमानित किया है? प्रश्न दिनांक तक कितना बजट प्रदाय किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विश्वविद्यालय में कितने पद स्वीकृत हैं, कितने कार्यरत हैं? वर्तमान में विश्वविद्यालय कितने कक्षों से संचालित हो रहा है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में क्या विश्वविद्यालय की प्रशासनिक, अकादमिक गतिविधियाँ उपलब्ध संसाधनों से सुव्यवस्थित, सुचारू रूप से बिना किसी कठिनाई के संचालित हो रही हैं? यदि नहीं, तो संसाधन और बजट कब तक प्रदाय कर दिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर की स्थापना 09.07.2014 को की गई थी, प्रश्न दिनांक तक विश्वविद्यालय से 171 महाविद्यालय सम्बद्धता प्राप्त हैं तथा 58860 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। (ख) विश्वविद्यालय के निर्माण हेतु राशि का निर्णय नहीं हुआ है। प्रश्न दिनांक तक कोई बजट प्रदाय नहीं किया गया है। (ग) विश्वविद्यालय में 236 पद स्वीकृत हैं, 31 कार्यरत हैं, वर्तमान में विश्वविद्यालय 10 कक्षों में संचालित हो रहा है। (घ) विश्वविद्यालय को सीमित संसाधनों में संचालित किया जा रहा है। बजट उपलब्ध कराए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुंगावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 334 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सड़क, पुल एवं भवन निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस दिनांक को प्रारंभ हुये, किस दिनांक को पूर्ण किये गये हैं? कौन-कौन से निर्माण कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से निर्माण कार्य की समयावधि में वृद्धि की गई है? क्या समयावधि बढ़ाने से निर्माण कार्य में अतिरिक्त राशि स्वीकृत करने से शासन को आर्थिक हानि हुई है? यदि हुई है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) अशोकनगर से मतावली (खूटिया बामोरी रोड) का निर्माण कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है एवं इसके निर्माण कार्य की अवधि कब से कब तक है? उक्त कार्य के लिए कितनी राशि संबंधित निर्माण एजेन्सी को भुगतान की गई है? क्या निर्माण कार्य में कोई अनियमितता की गई है? (घ) अशोकनगर से मतावली (खूटिया बामोरी रोड) के निर्माण कार्य में प्रयुक्त होने वाली सामग्री का परीक्षण कराने हेतु विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रयुक्त सामग्री को परीक्षण शाला में भेजने वाले पत्र का जावक क्रमांक दिनांक एवं परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने वाली दिनांक से अवगत करावें, परीक्षण रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। समयावधि बढ़ाने से शासन को कोई हानि नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्य 49 प्रतिशत पूर्ण। समय अवधि दिनांक 31.12.2019 तक है। रू. 3921.24 लाख का भुगतान किया गया है। जी नहीं। (घ) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। परीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
उज्जैन संभाग अंतर्गत लंबित सड़क निर्माण के प्रस्तावों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 286 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक की अवधि में उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों से शहरी क्षेत्र में मार्ग चौड़ीकरण (फोरलेन)-डिवाइडर एवं बायपास मार्ग के निर्माण हेतु प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में प्राप्त प्रस्तावों में नीमच विधानसभा क्षेत्र के शहरी क्षेत्र में मार्ग चौड़ीकरण (फोरलेन)-डिवाइडर और हिंगोरिया, जयसिंगपुरा से बघाना छोटी सादड़ी बायपास मार्ग के निर्माण हेतु प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये इन मार्गों की शासन स्वीकृति कब तक प्रदान की जा सकेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। इसके अतिरिक्त नीमच शहर में भाटखेड़ा से व्हाया नीमच से डुंगलावदा एक प्रस्ताव नीमच विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नीमच शहर अंतर्गत भाटखेडा से व्हाया नीमच से डुगलावदा मार्ग का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। प्रस्ताव विचाराधीन है। (ग) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रीवा जिलांतर्गत सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 591 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की कितनी जर्जर सड़कों का वर्षांत उपरांत मरम्मत का प्रावधान है? स्थलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इन सड़कों के मरम्मत एवं निर्माण की समयावधि क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
सब-स्टेशनों (ग्रिड) पर ऑपरेटरों का कार्य
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 1714 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड शाजापुर अंतर्गत सब-स्टेशनों (ग्रिड) पर ऑपरेटर का कार्य कराने हेतु किस एजेंसी से अनुबंध हुआ है? ऑपरेटरों की क्या शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता निर्धारित की गई है? ऑपरेटरों की शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता की जानकारी सब-स्टेशनवार देवें। ऑपरेटरों से क्या-क्या कार्य किये जाने का अनुबंध है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऑपरेटरों से कितने घंटे कार्य करने का अनुबंध है? विद्युत वितरण केन्द्र गुलाना, सलसलाई, अकोदिया, पोलायकलां, शुजालपुर ग्रामीण के सब-स्टेशनों के ऑपरेटरों को वसूली पर क्यों लगाया जा रहा है? उनसे 12-12 घंटे कार्य क्यों लिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऑपरेटरों का क्या पुलिस वेरीफीकेशन करवाया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं करवाया गया? यदि हाँ, तो ऑपरेटरवार पुलिस वेरीफीकेशन की प्रति देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के अंतर्गत शाजापुर संचालन-संधारण वृत में सब-स्टेशनों पर ऑपरेटर का कार्य करने हेतु मेसर्स बी.व्ही.जी. इंडिया लिमिटेड पुणे को आउटसोर्स के माध्यम से ऑपरेटर उपलब्ध कराने का अनुबंध किया गया है। इस हेतु ऑपरेटरों की शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10वीं पास के साथ-साथ तकनीकी योग्यता आई.टी.आई. प्रमाणपत्र (इलेक्ट्रिकल ट्रेड) अथवा आई.टी.आई. प्रमाण-पत्र (वायरमेन) अथवा ओव्हर हेड प्रमाण पत्र, इन तीनों में से कोई एक, निर्धारित की गई है। ऑपरेटरों की शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता सब-स्टेशनवार निर्धारित नहीं होती है, अपितु यह सेवा प्रदाता कंपनी से किये गये अनुबंध अनुसार संपूर्ण कार्य क्षेत्र के लिए एक ही होती है। इन ऑपरेटरों से अनुबंध अनुसार प्रति घंटे पेनल मीटर की रीडिंग लेना, लॉगबुक में इन्द्राज करना, अन्य निर्देशित रीडिंग (यथा वोल्टेज, एम्पीयर में भार अंकित करना, पावर ट्रांसफार्मर पर तापमान, टेप पोजीशन, बैटरी एवं बैटरी चार्जर रीडिंग) करना एवं अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निर्देशित डाटा की प्रविष्टि करना, प्रतिदिन किए जाने वाले ऑपरेशन की समय-समय पर लॉग बुक में इन्द्राज करना, ट्रांसफार्मर के भार के एम्पीयर की इन्द्राज करना एवं फीडर/ट्रांसफार्मर पर होने वाली ट्रिपिंग की प्रविष्टि करने के कार्य कराये जाने हैं। इसके अतिरिक्त अनुबंध में ऑपरेटर को टेलीफोन कॉल अटेन्ड करना, समय-समय पर मैसेज देना एवं प्राप्त करना तथा संबंधित अधिकारियों को अवगत कराना एवं निर्धारित प्रपत्र में दैनिक रिपोर्ट बनाकर संबंधित अधिकारी को प्रस्तुत करने का कार्य शामिल है। शाजापुर वृत्त अंतर्गत 95 सब-स्टेशनों पर कार्यरत ऑपरेटरों की शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित ऑपरेटरों से शिफ्टवार कार्य करवाने का अनुबंध है। ऑपरेटरों से 8 घंटे प्रति शिफ्ट प्रतिदिन कार्य लिया जाता है। विद्युत वितरण केन्द्र गुलाना, सलसलाई, अकोदिया, पोलायकलां, शुजालपुर ग्रामीण के सब-स्टेशनों के ऑपरेटरों को वसूली पर नहीं लगाया जा रहा है। शिफ्ट ऑपरेटरों से प्रति शिफ्ट 8 घंटे ही कार्य लिया जा रहा है, 12 घंटे नहीं। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 285 ऑपरेटरों में से 221 ऑपरेटरों का पुलिस वेरीफीकेशन करवाया गया है। ऑपरेटरवार पुलिस वेरीफीकेशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष 64 ऑपरेटरों के पुलिस वेरीफीकेशन का कार्य करवाने की कार्यवाही प्रकियाधीन है। 221 ऑपरेटरों के पुलिस वेरीफीकेशन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
परियट
नदी के रपटा
पर पुल
निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 18 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर बेलखाडू की 26 करोड़ लागत की टू-लेन सड़क का 80 प्रतिशत निर्माण हो चुका है? (ख) क्या सड़क के साथ पुल भी स्वीकृत किया गया है? (ग) यदि हां, तो पुल का निर्माण क्यों नहीं किया गया है? (घ) क्या बिना पुल के सड़क पर आवागमन होगा? यदि नहीं, तो पुल न बनाने के लिये कौन जवाबदार है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) कंसल्टेंट की अनुशंसा पर सक्षम अधिकारी द्वारा यह कार्य अनुबंध से विलोपित किया गया है। (घ) वर्तमान में उक्त स्थान पर एक जलमग्नीय पुल स्थित है, जिस पर यातायात सुचारू रूप से चल रहा है। कोई नहीं।
रिछई में बांध निर्माण
[जल संसाधन]
2. ( क्र. 29 ) श्री विष्णु खत्री : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मंत्री म.प्र. शासन, जल संसाधन विभाग को संबोधित पत्र क्रमांक 336, दिनांक 15.10.2019 दिया गया था? (ख) यदि हां, तो इस पर क्या कार्यवाही की गयी? पत्राचार/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। साध्यता स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मजरे/टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 30 ) श्री विष्णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सौभाग्य योजना/अन्य विद्युत प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कितने मजरे/टोले अभी प्रश्न दिनांक तक नहीं जुड़े हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कितने मजरे/टोले पात्रता रखते हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में शेष बचे मजरे/टोले कब तक योजना से जुड़ जायेंगे? इससे संबंधित कार्ययोजना की जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन एवं संधारण संभाग, भोपाल के कार्यक्षेत्र में ''सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011'' के अनुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र बैरसिया में कुल 534 मजरे/टोले विद्यमान थे, जिनमें से 482 मजरे/टोले आबाद थे तथा 52 मजरे/टोले वीरान थे, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। उक्त सभी 482 आबाद मजरों/टोलों के शतप्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 31.05.2018 तक पूर्ण किया जा चुका है। तदुपरांत बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में सर्वे के दौरान 09 अविद्युतीकृत नवीन बसाहटों की जानकारी प्राप्त हुई जिसका उल्लेख सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना-2011 में नहीं था तथा उक्त बसाहटें वर्तमान में अविद्युतीकृत हैं। उक्त अविद्युतीकृत बसाहटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार तत्समय विभिन्न प्रचलित योजनाओं में पात्रता रखने वाले समस्त 432 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में सर्वें के दौरान पाई गई 9 नवीन अविद्युतीकृत बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में कोई योजना प्रचलित नहीं है। भविष्य में विद्युतीकरण की योजना/वित्तीय उपलब्धता अनुसार इन नवीन बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना संभव हो सकेगा, अत: वर्तमान में इनके विद्युतीकरण की कार्य योजना/विद्युतीकरण की निश्चित तिथि संबंधी जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
अपूर्ण सड़कें तथा पुल कार्य
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 66 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष नवंबर 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल, भवन के कार्य अप्रारंभ है तथा क्यों कार्यवार कारण बताये। उक्त कार्यों निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करवाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन कार्यों में एजेंसी का निर्धारण नहीं हुआ तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें, कब तक एजेंसी का निर्धारण होगा? (ग) 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये। पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ, किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
जले तथा खराब ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 67 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरेली तथा रायसेन संभाग में 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां के ट्रांसफार्मर कब-कब जले/खराब हुए उनको कब-कब बदला गया? किन-किन को नहीं बदला गया तथा क्यों? कब तक बदलेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संभाग तथा अवधि में किन-किन के विद्युत कनेक्शन कब-कब क्यों काटे गये? इनमें से किन-किन के कनेक्शन कब जोड़े गये? (ग) 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत कंपनी लिमिटेड के संचालन एवं संधारण संभाग बरेली तथा रायसेन के अंतर्गत 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक 27.11.2019 तक विभिन्न ग्रामों के 2290 वितरण ट्रांसफार्मर विभिन्न दिनांकों में जले/खराब हुए हैं। उक्त सभी 2290 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को संबध्द उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर पात्र होने के उपरान्त बदला जा चुका है। ट्रांसफार्मरों के फेल होने एवं उनकों बदलने की दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों में प्रश्नाधीन अवधि के दौरान 1389 कनेक्शन बकाया राशि होने के कारण काटे गये थे, जिनमें से प्रश्न दिनांक तक 1089 कनेक्शन बकाया राशि जमा होने के उपरांत जोड़ दिये गये हैं तथा शेष 300 कनेक्शन बकाया राशि जमा नहीं होने के कारण नहीं जोड़े गये हैं। बकाया राशि पर काटे गये कनेक्शनों एवं बकाया राशि जमा होने पर जोड़े गये कनेक्शनों का उपभोक्तावार एवं दिनांकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित 11 पत्र प्राप्त हुये हैं। पत्र प्राप्ति की दिनांक एवं उन पर की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्राप्त 06 शिकायतों के संबंध में की गई कार्यवाही से उप महाप्रबंधक (संचा/संधा.) संभाग रायसेन के पत्र क्रमांक उ.म.प्र./सं.सं./शिका./19-20/5784 दिनांक 23.11.2019 द्वारा अवगत कराया गया है।
गांधी सागर डेम के गेट खोले जाने में हुई लापरवाही
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 88 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जुलाई 19 से प्रश्न-दिनांक तक अत्यधिक बारिश के कारण कितनी बार गांधी सागर डेम मंदसौर के 19 ही गेट कितने समय के लिये खोले गये? गेट खोले जाने के समय कितने पानी की आवक कितने लाख क्यूबिक घन मीटर थी तथा कितनी मात्रा में पानी की निकासी बांध में से की गई? (ख) गांधी सागर बांध के 19 ही गेट किन परिस्थितियो में खोले जाने के निर्देश हैं,नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या गत वर्षा ऋतु में लगातार हाई अलर्ट मानसून की जानकारी के बावजूद भी इनके गेट को पानी की आवक की स्थिति को भापते हुये गेट समय पर नहीं खोले गये जिससे संपूर्ण मंदसौर जिले में बाढ़ की स्थिति बन गई? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या 19 ही गेट एक साथ खोलने के कारण कोटा सहित ग्वालियर संभाग में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी? आगामी वर्ष में पुन: बाढ़ की स्थिति डेम के कारण न बने इस हेतु विभाग द्वारा गेट खोले जाने के संबंध में उच्च अधिकारियों ने कोई दिशा निर्देश दिए हैं? (घ) क्या उक्त अवधि में पानी छोड़े जाने में हुई लापरवाही के कारण डेम का पॉवर स्टेशन पूर्णत: फैल हो गया? यदि हां तो क्या पॉवर स्टेशन से विद्युत उत्पादन होगा? यदि हां, तो क्या वर्तमान में डेम का पॉवर स्टेशन कार्य कर रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में एक बार गांधी सागर बांध के 19 गेट 72 घण्टे के लिए खोले गए। गेट खोले जाने के समय बांध में पानी की आवक 15,072 घनमीटर प्रति सेकेण्ड थी। बांध के 19 गेट खुले रहने तक 72 घण्टों के दौरान 4343.46 लाख घनमीटर पानी की निकासी की जाना प्रतिवेदित है। (ख) बांध के जल स्तर की स्थिति, जलग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा की मात्रा, आगामी वर्षा के अनुमान, बांध में पानी की अनुमानित आवक, बांध से पानी के निकासी की मात्रा के आधार पर अलग-अलग परिस्थिति में क्रमश: गेट खोले जाने की व्यवस्था है जो बांध के सभी 19 गेट खोलने तक जारी रहता है। बांध के 19 ही गेट किन परिस्थितियों में खोले जाए, इस संबंध में कोई नियम नहीं होना प्रतिवेदित है। बांध के गेट आपरेशन मेन्यूअल के अनुसार संपादित कराया गया, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्षाकाल में मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट, जलग्रहण क्षेत्र में स्थापित वर्षा मापी केन्द्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पानी की अनुमानित आवक का आंकलन कर आवश्यकता अनुसार गेट खोले जाना प्रतिवेदित है। दिनांक 13, 14 एवं 15 सितम्बर को बांध के जलग्रहण क्षेत्र में हुई लगातार अतिवृष्टि के कारण पानी की अत्यधिक आवक होने से मंदसौर एवं नीमच जिले के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हुई। यह प्राकृतिक आपदा है। अत: इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना उचित नहीं होगा। कोटा सहित ग्वालियर संभाग में बांध से जल निकासी के अलावा बांध के नीचे अन्य नदियां जैसे पार्वती, बड़ी कालीसिंध, बनास आदि में एक साथ पानी की भारी आवक के कारण बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हुई। भविष्य में पुन: ऐसी स्थिति निर्मित न हो इसके लिए विभाग द्वारा केन्द्रीय जल आयोग से संपर्क किया गया और उनके द्वारा दिए गए तकनीकी मार्गदर्शन के अनुसार आवश्यक उपायों पर विचार कर इस संबंध में उचित निर्णय लिया जाना संभव होगा। (घ) ऊर्जा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 14.09.2019 को विद्युतग्रह में जल भराव के कारण पावर स्टेशन को बंद किया गया। जल भराव के बाद से अब तक पावर स्टेशन से विद्युत उत्पादन बंद है। विद्युतग्रह में पानी प्रवेश से विभिन्न उपकरण के डूब जाने से उपकरणों का इन्श्यूलेशन प्रभावित होता है। अत: इन इकाइयों को पुन: संचालन में लाने के लिए आर.एल.ए. स्टडी हेतु वेबकॉस्ट लिमिटेड, जो कि भारत-सरकार का उपक्रम है, की सेवाएं ली जा रही हैं। एजेंसी द्वारा आर.एल.ए. स्टडी की जाना है, जिसके उपरांत निर्णय लिया जाएगा कि इकाइयों आधुनिकीकरण/नवीनीकरण की आवश्यकता है अथवा संधारण कार्य कर संचालन प्रारंभ किया जाना संभव होगा।
लेबड़-नयागाँव फोरलेन में अनियमितता
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 90 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड-नयागाँव फोरलेन में निर्माणकर्ता कम्पनी द्वारा प्रश्न दिनाँक तक कितनी पुलियाओं का चौड़ीकरण किया गया, कितनी पुरानी पुलियाओं का प्रश्न दिनाँक तक उपयोग अनुबंध के विपरीत किया जा रहा है? (ख) निर्माणकर्ता कम्पनी द्वारा सड़क निर्माण के उपरांत कुल कितनी राशि की टोल के रूप में वसूली की गयी तथा सड़क रख-रखाव में कुल कितना व्यय किया गया वर्षवार जानकारी देवें। प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2596 दिनाकं 18/07/2019 को प्रश्न के उत्तर में जो आंकड़े दिए हैं उसमें निर्माणकर्ता कम्पनी द्वारा जितनी राशि में सड़क का निर्माण किया गया था वह राशि मय ब्याज सहित टोल के रूप में वसूली की जा चुकी है यदि नहीं, तो कब तक मय ब्याज के पूर्ण राशि वसूल कर ली जायेगी? यदि हाँ, तो कम्पनी से अनुबंध करते समय टोल वसूलने के लिए 21 साल का अनुबंध विभाग द्वारा क्यों किया गया? (ग) उक्त सड़क कम्पनी द्वारा अनुबंध अनुसार कितने कार्य प्रश्न दिनाँक तक पूर्ण नहीं किये? उनकी सूची उपलब्ध करायें। क्या अनुबंध में कार्य पूर्ण नहीं करने पर कम्पनी के खिलाफ कोई पेनल्टी राशि निर्धारित की गयी थी? यदि हाँ, तो कितनी? यदि नहीं, तो क्यों? प्रश्न दिनाँक तक किस-किस कार्य की लापरवाही के लिए कितनी-कितनी पेनल्टी वसूली गयी? सूची उपलब्ध कराये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लेबड-जावरा-नयागांव मार्ग जावरा-नयागांव मार्ग पर प्रश्न दिनांक तक 66 नग पुलिया का चौड़ीकरण किया गया है। लेबड जावरा मार्ग पर 12 पुल/पुलिया का चौड़ीकरण/री-कन्सट्रक्शन नहीं किया गया। उक्त पुल/पुलियाओं को अनुबंध के प्रावधान अनुसार नेगेटिव वेरियेशन के अंतर्गत अनुमोदित किया गया है। (ख) वर्षवार टोल के रूप में वसूली की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं संधारण व्यय जानकारी अनुबंधानुसार संधारित नहीं की जाती है। कंसेशनायर को संधारण कार्य स्वयं के व्यय पर करना होता है। जी नहीं। निवेशकर्ता कंपनी को सड़क का रख-रखाव एक निश्चित समय सीमा अनुसार करना होता है। प्रीमियम राशि लोन भुगतान संधारण व्यय आपरेशन एण्ड मेन्टेनेन्स व्यय मार्ग निर्माण लागत के अतिरिक्त होता है। पूर्ण राशि वसूलने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। निविदा आमंत्रित करते समय अनुबंध की समयावधि 25 वर्ष रखी गई थी, जिसके अनुसार ही निविदाकर्ता द्वारा प्रतिस्पर्धा निविदा द्वारा निविदा भरी जाती है जो शासन द्वारा स्वीकृत की जाती है। (ग) निवेशकर्ता कंपनी द्वारा अनुबंधानुसार समस्त कार्य पूर्ण कर लिये गये है। लेबड-जावरा मार्ग पर 12 पुल पुलियाओं का चौड़ीकरण पुन: निर्माण नहीं किया गया है। उक्त पुल पुलियाओं को अनुबंध के प्रावधानुसार नेगेटिव वेरियेशन के अंतर्गत अनुमोदित किया गया था, परन्तु इस आदेश को पुनरीक्षित करते हुये मार्ग के कंसेशनायर को 12 नग पुल पुलियाओं के निर्माण हेतु लेख किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ प्रश्न दिनांक 26.06.2015 को विद्युत संयोजन हेतु रू.4,55,66,502 एवं दिनांक 25.09.2019 को मेन्टेनेन्स कार्य धीमी गति से करने पर राशि रू. 63,77,281/- निर्धारित की गई। इस प्रकार कुल रू. 5,19,43,783/- की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 110 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए समीक्षा के दौरान वर्तमान मुख्यमंत्री जी द्वारा श्वेत पत्र जारी करने के निर्देश दिये थे? (ख) क्या उक्त श्वेत-पत्र समय सीमा में जारी किया जा चुका है? यदि नहीं, तो लापरवाही के क्या कारण रहे? (ग) मध्यप्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों का वित्तीय वर्ष 2018-19 में मार्च-2019 की स्थिति में कुल कितनी धनराशि का घाटा है व कुल कितना कर्ज है? पृथक-पृथक बतावें तथा कंपनियों को घाटा पहुँचाने वाले प्रमुख घटक क्या हैं एवं उनसे निपटने के लिये कंपनियों ने क्या कार्य योजना बनाई है? (घ) मध्यप्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में माह अक्टूबर-2019 की स्थिति में विद्युत बिलों के विरूद्ध कितनी राशि बकाया है? इनमें से पाँच लाख से अधिक पचास हजार से कम बकाया राशि वाले कितने बकायादारों से कितनी राशि वसूल किया जाना है? (ड.) क्या पचास हजार से पाँच लाख तक की राशि वाले बकायादारों में बड़ी संख्या में कंपनी द्वारा दिये गये एवरेज बिल व अस्थाई कनेक्शन वाले बकायादार है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) श्वेत पत्र की तैयारी प्रक्रियाधीन है। इसमें समावेश की जाने वाली जानकारी के विस्तृत स्वरूप के कारण उसके संकलन एवं आवश्यक सत्यापन संबंधी प्रक्रिया के उपरांत श्वेत पत्र को शीघ्र ही जारी किया जाना संभावित है। अत: इसमें लापरवाही का कोई प्रश्न नहीं है। (ग) वित्तीय वर्ष 2018-19 के अंकेक्षित लेखों के अनुसार 31.03.2019 तक प्रदेश में स्थित तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की कुल संकलित हानि रु. 51060.97 करोड़ एवं कुल कर्ज की राशि रु. 39085.79 करोड़ है, जिसकी विद्युत वितरण कंपनीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कंपनी के घाटे के मुख्य कारण निम्नानुसार है:- (अ) तकनीकी व वाणिज्यिक हानियों में अत्यधिक वृद्धि। (ब) विद्युत क्रय की लागत अधिक होना एवं कुल व्यय के अनुरूप आय न होना। (स) विद्युत कंपनियों के ऋणों के अधिक होने के कारण इनके पुनर्भुगतान और ब्याज पर व्यय अधिक होना। (द) उपभोक्ता मिश्रण में सुधार नहीं होने से उद्योगों व उच्चदाब उपभोक्ताओं की तुलना में निम्नदाब उपभोक्ता खपत अधिक होना, जिनकों विद्युत प्रदाय करने की लागत अधिक आती है, किन्तु उनसे प्राप्त होने वाला राजस्व कम होता है। (इ) भारतीय रेल जैसे बड़े उपभोक्ता तथा अन्य उच्चदाब उपभोक्ताओं द्वारा ओपन एक्सेस के माध्यम से विद्युत क्रय करना। (फ) विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं से बकाया राशि की वसूली नहीं होना। कंपनियों को घाटे से उबारने के लिये तैयार की गई योजना निम्नानुसार है:- (अ) स्मार्ट मीटरों की स्थापना सहित मीटरीकरण करना, जिससे कि उपभोक्ताओं को आंकलित बिल की जगह वास्तविक खपत के अनुसार बिल मिल सके और वितरण कंपनी द्वारा विक्रय की जा रही बिजली का पूरा मूल्य भी प्राप्त हो सके। (ब) उपभोक्ताओं को जागरूक करते हुये बिलों की वसूली में वृद्धि करते हुये राजस्व को बढ़ाना। (स) ऐसे उपाय अपनाना, जिससे उच्चदाब खपत में वृद्धि हो सके और आधिक्य में उपलब्ध विद्युत का उपयोग हो सके। (द) विद्युत कंपनियों के अधिक ब्याज वाले ऋणों को कम ब्याज वाले ऋणों से बदलने की कार्य योजना तैयार करना। (इ) मीटरिंग, बिलिंग व वसूली में तकनीक का उपयोग करते हुये दक्षता को बढ़ावा देना। (फ) विद्युत क्रय-विक्रय के प्रबंधन में दक्षता लाना। (घ) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में माह अक्टूबर-2019 की स्थिति में जारी किये गये विद्युत बिलों के विरुद्ध रु. 9004.29 करोड़ की राशि बकाया है। इनमें से पाँच लाख से अधिक बकाया राशि वाले 9365 उपभोक्ताओं के विद्युत रु. 1718.49 करोड़ की राशि बकाया है। पचास हजार से कम विद्युत बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं की संख्या 9987307 है, जिनके विद्युत राशि रु. 4244.27 करोड़ है। उक्त बकाया राशि की विद्युत वितरण कंपनीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -'ब' अनुसार है। (ड.) जी नहीं।
पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 129 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक पी.आई.यू./लो.नि.विभाग द्वारा किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहां-कहां, कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं एवं क्यों? कार्यवार कारण की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? ऐसे कितने कार्य हैं जो अभी प्रारंभ नहीं किये जा सके हैं? निर्माणाधीन कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? पूर्ण होने की समयावधि बतावें। (ग) लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग अनूपपुर जिले में 200 बिस्तर के अस्पताल बनाये जाने हेतु पी.आई.यू. को कितनी राशि स्वीकृत की गई? उक्त कार्य पूर्ण न कराये जाने पर कौन-कौन दोषी हैं? क्या दोषियों के खिलाफ विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो कब तक? (घ) अनूपपुर जिले में पी.आई.यू्. के कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी के पद कब से किस कारण से रिक्त हैं तथा इन पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 1720.24 लाख। कार्य का कान्सेप्ट प्लान अनुमोदन हेतु प्रक्रियाधीन है। विलंब हेतु कोई दोषी नहीं। विलंब के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यपालन यंत्री, (संभागीय परियोजना यंत्री का पद दिनांक 07.02.18 से एवं अनुविभागीय अधिकारी का पद रिक्त नहीं है। शासन के आदेश दिनांक 12.07.2019 द्वारा कार्यपालन यंत्री (संभागीय परियोजना यंत्री) की पदस्थापना की गई है, जिसके माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त है माननीय न्यायालय के अंतिम निर्णय अनुसार समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सौभाग्य योजनान्तर्गत नियम विद्युत विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 161 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में सौभाग्य योजना लागू होने से 31 अक्टूबर, 2019 तक कुल कितनी राशि का विद्युतीकरण का कार्य किस-किस संचालन-संधारण संभाग के अंतर्गत किये गये? सौभाग्य योजना लागू होने से 31 अक्टूबर, 2019 तक संचालन-संधारण संभागवार जानकारी बतावें? (ख) क्या सौभाग्य योजनान्तर्गत अवैध कालोनियों में विद्युतीकरण कार्य का प्रावधान है? (ग) यदि नहीं तो खण्डवा नगर की किन अवैध कालोनियों में कराये गये विद्युतीकरण कार्य के लिये कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है? नियम विरूद्ध योजना का लाभ देने वाले अधिकारियों से इसकी राशि वसूल की जाएगी? (घ) खण्डवा जिले में सौभाग्य योजनान्तर्गत विभाग द्वारा बरती गई इस गंभीर लापरवाही के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है? क्या योजनान्तर्गत किये गये कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) खण्डवा जिले में सौभाग्य योजना लागू होने से 31 अक्टूबर 2019 तक कुल राशि रु. 12.67 करोड के विद्युतीकरण के कार्य किये गये, जिसमें से खण्डवा (संचा./संधा.) संभाग-प्रथम मुख्यालय पुनासा में राशि रू.4.63 करोड के, खण्डवा (संचा./संधा.) संभाग द्वितीय में राशि रू.6.08 करोड के एवं पंधाना (संचा./संधा.) संभाग में राशि रू.1.96 करोड के कार्य किये गये। (ख) जी नहीं। (ग) सौभाग्य योजनातंर्गत खंडवा नगर में विद्युतीकरण का कोई भी कार्य नहीं कराया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) सौभाग्य योजनांतर्गत खंडवा जिले में किये गये विद्युतीकरण के कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही बरता जाना नहीं पाया गया, अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी प्रकार की जाँच कराए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
प्रदूषण की रोकथाम हेतु वर्तमान कानून में संशोधन
[पर्यावरण]
11. ( क्र. 191 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मध्यप्रदेश में एसिड एवं अन्य घातक हजारडस्ट केमिकल पदार्थ नदी, नालों एवं भूमि पर डालकर प्रदूषण फैलाने से संबंधित अपराधों को रोकने हेतु कानून के प्रभावी संशोधन करने व उपरोक्त कार्य करने वालों के विरूद्ध रासुका की कार्यवाही किये जाने संबंधी पुलिस को आदेश देने के संबंध में प्रेषित पत्र पर मुख्यमंत्री महोदय के पत्र क्र. 387/सीएमएस/एसएमएस/2019- (ए) दिनांक 26/09/2019 के परिपालन में प्रमुख सचिव पर्यावरण विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मांग की गयी कि वर्तमान कानून में संशोधन कर एसिड व हजारडस्ट केमिकल पदार्थ नदी, नालों एवं भूमि पर डालने वालों के विरूद्ध गैर जमानती सत्र न्यायालय द्वारा विचाराधीन धारा का प्रावधान किया जावें। यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा एसिड परिवहन में संलग्न वाहन को राजसात करने संबंधी प्रावधान करने व उपरोक्त अपराध में लगे ट्रांसपोटरों, टेंकर मालिकों एवं संबंधित उद्योगों के अधिकारियों के विरूद्ध रासुका की कार्यवाही किये जाने संबंधी अध्यादेश जारी कर पुलिस को अधिकार दिए जाने का प्रावधान किए जाने व कर्नाटक व गुजरात की तरह प्रभावकारी कानून बनाये जाने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, पर्यावरण विभाग द्वारा प्रस्ताव विधि विभाग को परीक्षण हेतु भेजा गया है। (ख) एवं (ग) प्रस्ताव का परीक्षण विधि विभाग द्वारा किया जा रहा है।
मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में
[जल संसाधन]
12. ( क्र. 199 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की कन्नौद और खातेगांव तहसील में कितनी सिंचाई परियोजनाओं की डी.पी.आर. तैयार की गई है? क्या विभाग के पास इन क्षेत्रों में नवीन मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? (ख) यदि हां, तो क्या विभाग देवसिराल्या (कासरनी नदी), पटरानी एवं किशनपुर मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण की किसी योजना को आगामी बजट में शामिल करेगा? (ग) क्या इन परियोजनाओं के निर्मित हो जाने से हजारों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होने के साथ-साथ पेयजल संकट का समाधान एवं पर्यावरण संरक्षण का भी कार्य हो सकेगा? (घ) क्या वर्ष 2024 तक नर्मदा नदी की सहायक नदियों पर सिंचाई परियोजनाएं बनाना राज्य सरकार के लिये आवश्यक है, उसके पश्चात नई परियोजनाएं बनाना संभव नहीं होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण द्वारा तीन मध्यम परियोजनाएं क्रमश: कासरानी, पटरानी एवं किसनपुर परियोजना के डी.पी.आर. तैयार कर जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित किया जाना प्रतिवेदित है। उक्त प्रस्तावों का परीक्षण विभाग के संबंधित मैदानी कार्यालयों द्वारा किया जा रहा है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिए उत्तर अनुसार वर्तमान में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। परियोजनाओं का निर्माण कराना एक सतत् प्रक्रिया है।
प्रदूषण की रोकथाम
[पर्यावरण]
13. ( क्र. 244 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर जिला भिण्ड में पारस फैक्ट्री (दूध की केमिकल फैक्ट्री) से आसपास के क्षेत्रों में भारी प्रदूषण फैल रहा है? यदि हां, तो इसके लिए शासन/प्रशासन द्वारा प्रदूषण रोकने हेतु कंपनी पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या इस फैक्ट्री के भीतर बोर में से पानी का उपयोग कर फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी को फैक्ट्री के अंदर ही खोदे गये बडे गड्डों में डाला जा रहा है जिससे आसपास के क्षेत्र में बोर कराने पर पानी प्रदूषित व बदबूदार निकलता है? यदि हां, तो इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या शासन/प्रशासन प्रदूषित जल के रोकथाम हेतु फैक्ट्री पर कार्यवाही कर दूषित जल की रोकथाम करेगा? यदि हां तो समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, उद्योग द्वारा दूषित जल को उपचारित कर परिसर में बनाये गये एक पक्के टैंक में एकत्रित कर सिंचाई व अन्य कार्यों हेतु उपयोग किया जाता है। समीपस्थ क्षेत्र में बोरवेलों के एकत्रित जल नमूनों के विश्लेषण करने पर जल गुणवत्ता सामान्य पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्वालियर जिले अंतर्गत लाईट शिफ्टिंग के प्राक्कलन
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 245 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के अंतर्गत विगत 3 वर्ष में लाईन शिफ्टिंग के कितने प्राक्कलन स्वीकृत किये गये है? स्वीकृत प्राक्कलनों के अनुसार कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने प्रगतिरत है प्राक्कलनवार जानकारी दें? (ख) स्वीकृत प्राक्कलनों में प्राक्कलनवार कितना पुराना मटेरियल वापिस होना था एवं कितना वापिस किया गया है प्राक्कलनों के अनुसार कितने कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण है? अपूर्ण कार्यों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन प्राक्कलनों का अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है उनसे निकाली गई पुरानी सामग्री को स्टोर में वापिस की गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो वह सामग्री कहाँ है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत ग्वालियर जिले में विगत 03 वर्षों में लाईन शिफ्टिंग के स्वीकृत प्राक्कलनों एवं इन प्राक्कलनों के विरूद्ध पूर्ण किये गए कार्यों और प्रगतिरत/अप्रारंभ कार्यों की संख्यात्मक जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
स्वीकृत प्राक्कलनों/कार्यों की संख्या |
पूर्ण कार्यों की संख्या |
प्रगतिरत/अप्रारंभ कार्यों की संख्या |
2017-18 |
43 |
28 |
15 |
2018-19 |
109 |
75 |
34 |
2019-20 (अद्यतन स्थिति में) |
42 |
14 |
28 |
कुल |
194 |
117 |
77 |
प्रश्नाधीन चाही गई प्राक्कलनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले में स्वीकृत कुल 194 प्राक्कलनों में कण्डक्टर स्क्रेप 16210.89 कि.ग्रा. एवं स्टील आयरन स्क्रेप 140850.91 कि.ग्रा. क्षेत्रीय भण्डार में वापिस किये जाने का प्रावधान था। उक्त स्वीकृत प्राक्कलनों के विरूद्ध कुल 117 कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है एवं उक्त कार्यों के विरूद्ध कण्डक्टर स्क्रेप 6412.60 कि.ग्रा. एवं स्टील आयरन स्क्रेप 54983.43 कि.ग्रा. क्षेत्रीय भण्डार को वापिस किया गया है। शेष 77 प्राक्कलनों के विरूद्ध कार्य अप्रारंभ/प्रगति पर हैं। उल्लेखनीय है कि उक्त शेष लाईन शिफ्टिंग के समस्त कार्य आवेदक के स्वयं के व्यय पर उनके द्वारा चयनित पंजीकृत 'अ' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार के माध्यम से स्वीकृत प्राक्कलनों के विरूद्ध नियमानुसार 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि जमा कर पूर्ण कराये जाने हैं, जिसमें विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्यों का मात्र पर्यवेक्षण/निरीक्षण किया जाता है इसलिये कार्यों के विलम्ब हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार ग्वालियर जिले में कुल 77 कार्य अप्रारंभ/प्रगति पर है, जिनमें कार्य पूर्ण होने के उपरांत प्रावधान/वास्तविक रूप से निकाली गई सामग्री नियमानुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय भण्डार में वापिस कर दी जावेगी। उपरोक्त 77 कार्यों में से 12 कार्य अप्रारंभ है तथा शेष कार्यों में डिसमेंटल की जाने वाली कोई भी सामग्री अभी तक संबंधित आवेदक/ठेकेदार द्वारा म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को हस्तान्तरित नहीं की गई है। कार्य पूर्ण होने पर टेक ओवर किये जाने के पूर्व संपूर्ण वापसी योग्य सामग्री को नियमानुसार क्षेत्रीय भंडार में वापिस कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
नियम विरूद्ध पदस्थापना
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 257 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में प्रश्नतिथि तक पदस्थ कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (बी.एण्ड.आर) के विरूद्ध किस-किस प्रकार की, किस-किस स्थान पर किस पद पर पदस्थापना के दौरान, किन-किन शिकायतों के आधार पर लोक निर्माण विभाग के किस-किस सक्षम कार्यालय द्वारा जाँच के आदेश जारी किये गये? जारी सभी जाँच आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी को अधीक्षण यंत्री से डिमोशन कर कार्यपालन यंत्री बनाया गया है? अगर हां, तो किस प्रकरण में? प्रकरण का विवरण/जांच रिपोर्ट की एक प्रति निष्कर्षों सहित दें। डिमोशन के आदेशों की एक प्रति दें। (ग) क्या उक्त अधिकारी जिसके विरूद्ध विभिन्न आर्थिक अनियमितताओं की जांचें लंबित है तो और उसका डिमोशन (पदावनत) हुआ है तो सतना लोक निर्माण विभाग में बी एण्ड आर का कार्यपालन यंत्री बना दिया गया? किसकी अनुशंसा पर पदस्थापना हुई? अनुशंसा पत्र की एक छायाप्रति दें। (घ) कब तक उक्त अधिकारी को सतना से हटाया जाकर भोपाल अटेच किया जायेगा? अगर नहीं किया जायेगा तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''क'' अनुसार। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। विभाग में अधिकारियों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए कार्य संपादन करने हेतु प्रशासनिक व्यवस्था के तहत। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में अन्त्येष्टी की राशि का लाभ नहीं मिलना
[श्रम]
16. ( क्र. 278 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण (नया सवेरा) 2019 संबल योजना के अंतर्गत 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि अन्त्येष्टी हेतु वितरित की गई? कितने प्रकरण प्राप्त हुए? कितनों में राशि दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त अवधि में प्राप्त आवेदनों-प्रकरणों में कितनों की स्वीकृति नहीं हो पाई? इसका क्या कारण है? (ग) कब तक प्राप्त उक्त प्रकरणों में स्वीकृति दी जाकर राशि आवंटित कर दी जायेगी?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक 28.11.2019 तक कुल 56977 प्रकरण में रूपये 28.48 करोड़ अंत्येष्टि सहायता राशि वितरित की गई है। अंत्येष्टि सहायता के कुल 56977 प्रकरण प्राप्त हुए, प्राप्त सभी अंत्येष्टि के प्रकरणों में सहायता दी गई। (ख) अंत्येष्टि सहायता हेतु पात्रतानुसार सभी प्रकरणों को स्वीकृत किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत डामरीकृत सड़कें पूर्ण करने हेतु
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 287 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में उज्जैन संभाग अंतर्गत कितनी डामरीकृत सड़कों के निर्माण की शासन स्वीकृति प्राप्त हुई है? स्वीकृत राशि सहित ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत सड़कों में से नीमच विधानसभा क्षेत्र के किन-किन मार्गों पर डामरीकृत सड़कों के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा किन-किन मार्गों का डामरीकृत कार्य प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण है? कारण सहित ब्यौरा दें। (ग) हर्कियाखाल सांदे से जीरन तथा अरनिया बोरना से ग्वालतालाब मार्ग पर डामरीकृत कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित आमंत्रित निविदा, ठेकेदार से किये गए अनुबंध आदि की छायाप्रति उपलब्ध करायें तथा इन मार्गों की अद्यतन स्थिति स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार, मार्ग की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
खेल परिसर में विद्युत खम्भे लगाने के संबंध में
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 303 ) श्री राकेश गिरि : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी/स्टार डेल्टा कम्पनी द्वारा टीकमगढ़ नगर में विद्युत खम्भे लगाने तथा उन पर तार/केबिल डालने का काम किया गया है? यदि हां, तो क्या उक्त कार्य में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जैसे खम्भा, तार आदि मानक गुणवत्तापूर्ण है? उपयोग की गई सामग्री का भौतिक निरीक्षण उपरांत, गुणवत्ता सत्यापन प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या टीकमगढ़ नगर के ढोगा खेल परिसर के अंदर/बाहर विद्युत वितरण कंपनी/स्टार डेल्टा कंपनी द्वारा बिजली के खम्भे लगाने का काम किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हां, है तो विद्युत वितरण कम्पनी/स्टार डेल्टा कम्पनी द्वारा नगर पालिका से अनापत्ति ली गई है? यदि हां, तो अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। खेल परिसर में प्राचीन ताड़ वृक्षों के नीचे लगाये गये खम्भों/विद्युत लाइन से आवारा पशुओं/जन-हानि रोकने के क्या प्रबंध किये गये है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि नहीं, है तो बिना नगरपालिका की अनापत्ति के लगाये गये खम्भों/विद्युत लाईन के लिये कौन दोषी है और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी तथा खम्भों को कब तक हटाया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा आई.पी.डी.एस. योजनान्तर्गत टर्न-की आधार पर मेसर्स स्टार डेल्टा ट्रांसफार्मर लिमिटेड, भोपाल को जारी किये गये एल.ओ.ए. नं. CGM/IPDS/EZ/55 Jabalpur, Dated 25.04.2017 के अनुसार टीकमगढ़ वृत्त के अंतर्गत आने वाले शहरी क्षेत्र में विद्युत खम्भे लगाने तथा उन पर तार/ केबिल डालने का कार्य कराया गया है। उक्त कार्य में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जैसे खम्भा, तार आदि की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुरूप है। विद्युत अद्योसंरचना निर्माण कार्य में उपयोग में लाई गई सामग्री की गुणवत्ता की जाँच थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी के साथ-साथ वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर भी कराई गयी है। उक्त कार्यों में उपयोग की गई सामग्री के भौतिक निरीक्षण उपरांत, गुणवत्ता सत्यापन प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में टीकमगढ़ नगर के ढोगा खेल परिसर के बाहर टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स स्टार डेल्टा ट्रांसफार्मर लिमिटेड, भोपाल द्वारा विद्युत खम्भे लगाने का कार्य किया गया है। (ग) योजनान्तर्गत स्वीकृत प्राक्कलन एवं नक्शें के अनुसार टर्न-की ठेकदार एजेन्सी द्वारा कार्य किया गया है। यदि नगर पालिका क्षेत्र में लाईन निर्माण में आर.ओ.डब्ल्यू की समस्या आती है तो, नगर पालिका की सहायता लेकर लाईन के खम्भों की लोकेशन चिन्हित करवा ली जाती है, सामान्यत: नगरपालिका से लिखित में अनुमति नहीं ली जाती है। अत: प्रश्नाधीन प्रकरण में भी नगर पालिका से कोई अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं लिया गया। टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी द्वारा तकनीकी साध्यता अनुसार लाईन विस्तार का कार्य करते हुये ढोगा खेल परिसर के बाहर खम्भे लगाये गये हैं तथा खेल परिसर में प्राचीन ताड़ वृक्षों के नीचे खम्भे नहीं लगाये गये हैं। खेल परिसर के बाहर लगाये गये विद्युत खम्भों/विद्युत लाईन से आवारा पशुओं/जनहानि रोकने हेतु खम्भों में नियमानुसार बार्बेड वायर, डेंजर बोर्ड, अर्थिंग आदि के सुरक्षा प्रबंध किये गये हैं। समय-समय पर आवश्यकतानुसार लाईनों के रख-रखाव के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित मेन्टेनेन्स का कार्य किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने तथा प्रश्नाधीन लगाए गए खम्बों को अन्यत्र शिफ्ट करने का प्रश्न नहीं उठता।
पुल-पुलियाओं के निर्माण कार्य में अनियमितता
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 311 ) श्री बनवारीलाल शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना से सबलगढ़ एम.एस. रोड का कार्य एस्टीमेट के अनुसार न किया जाकर घटिया निर्माण कार्य कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त निर्माण कार्य का विटूमिन कार्य एवं थिकनेस चेक किया गया? यदि हां, तो चेक करने वाले अधिकारी का नाम, पद सहित गुणवत्ता की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या पुल एवं पुलिया निर्माण हेतु ग्राम पंचायत नैपरी से कितनी मिट्टी उठाव हेतु परमीशन लिया गया एवं कितनी मिट्टी अवैध तरीके से डाली गई? अवैध मिट्टी उठाव करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक? (घ) क्या घटिया पुल एवं पुलिया निर्माण की जाँच कराकर संबंधित अधिकारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए वसूली की कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो कब तक? नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। गुणवत्ता परीक्षण परिणामों की सत्यापित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। पुल एवं पुलिया निर्माण हेतु ग्राम पंचायत नेपरी से मिट्टी उपयोग हेतु कार्यालय कलेक्टर, खनिज शाखा, जिला मुरैना द्वारा अनुमोदित मात्रा अनुसार ही किया गया है। अवैध तरीके से मिट्टी की मात्रा का उपयोग नहीं किया गया है। अत: ठेकेदार के विरूद्ध मार्ग निर्माण कार्य में अवैध मिट्टी उपयोग करने एवं कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। पुल एवं पुलिया निर्माण कार्य मानकों अनुसार गुणवत्तापूर्ण किया गया है। अत: सम्बंधित अधिकारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही एवं वसूली का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
निर्मित सड़कों का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 318 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य निर्माणाधीन हैं? विकासखण्ड़वार निर्माणाधीन कार्यों का नाम लागत, कार्य प्रारम्भ का दिनांक, कार्य पूर्ण करने की दिनांक, कार्य की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति से अवगत करावें। (ख) राजगढ़ जिला अंतर्गत वर्ष 2019 में अतिवृष्टि से विभाग की कौन-कौन सी सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है? विकासखण्ड़वार नाम बतायें। उनकी मरम्मत करनें हेतु क्या कार्य योजना है? विकासखण्ड़वार अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित मरम्मत योग्य सड़कों की क्या निविदाएं आमंत्रित कर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है? विकासखण्ड़वार सड़कों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? मरम्मत योग्य सड़कों का नाम ठेकेदार का नाम, अनुबंधित कार्य की राशि एवं कार्य प्रारम्भ की दिनांक तथा कार्य की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति से अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मार्गों एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'स' अनुसार है।
स्वीकृत महाविद्यालय के भवन एवं उनमें स्वीकृत रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
21. ( क्र. 335 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन महाविद्यालय स्वीकृत हुये हैं एवं वे कब से? कहां पर संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत महाविद्यालय में कितने-कितने एवं कौन-कौन से पद स्वीकृत है? कितने पद रिक्त हैं? क्या महाविद्यालय स्वयं के भवन में संचालित है? यदि नहीं, तो महाविद्यालय के भवन का निर्माण कब तक किया जावेगा? (ग) महाविद्यालय में प्रवेशित छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुये रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। पिपरई एवं सेहराई स्थित शासकीय महाविद्यालयों हेतु अभी तक भूमि का आवंटन प्राप्त न होने के कारण भवन निर्माण अभी किया जाना संभव नहीं है। (ग) शैक्षणिक/अशैक्षणिक संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की अत्यंत कमी के कारण वर्तमान में पद पूर्ति संभव नहीं है। शैक्षणिक कार्य अतिथि विद्वानों के माध्यम से सुचारू रूप से संचालित है।
स्वीकृत रोडों की प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 354 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय बजट वर्ष 2019-20 में (1) रामातालाई से (खाचरौद रतलाम मार्ग), धाकड धर्मशाला खाचरौद मार्ग, (2) बनवाडा से राजगढ़ मार्ग, (3) सोमचिडी से सण्डावदा मार्ग, (4) कमठाना से बरथून मार्ग, (5) निनावटखेडा से किलोडिया कुल 16.5 कि.मी. की स्वीकृति प्रदान की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त मार्गों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति कब प्रदान कर दी गयी है? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से राज्य सड़क सम्पर्कता योजना अन्तर्गत 53 कि.मी. के करीब 12 रोडों की स्वीकृति की मांग पर मुख्यमंत्री के पत्र क्र. 3686/सीएमएस/एमएलए/212/2019 भोपाल, दिनांक 01/10/2019 के परिपालन में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव लोक निर्माण विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? प्रत्येक रोड का पृथक-पृथक विवरण देते हुए उनमें से कितनी रोड स्वीकृत कर दी गयी है? विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
संबल योजना अंतर्गत कार्ड मुद्रण पर नियम विरूद्ध भुगतान
[श्रम]
23. ( क्र. 358 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
श्रम मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत सिवनी
के प्रतिवेदन
के अनुसार
जिला पंचायत
सिवनी में संबल
योजना के
कार्ड मुद्रण
में ई-टेंडरिंग
नहीं की गई और
न ही टेंडरिंग
हेतु कोई
विज्ञापन प्रकाशित
किया गया तथा
भण्डार क्रय
नियमों के
पालन किये
बिना 17 लाख 17 हजार 254 रू का
भुगतान कर
दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न
दिनांक तक
दोषी
अधिकारी/कर्मचारी
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई है? यदि
नहीं, तो
कारण स्पष्ट
करें। (ख) प्रश्नांश
(क) जाँच
प्रतिवेदन
में कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी हैं और
वर्तमान में
वे किस पद पर
किस स्थान पर
कार्यरत हैं?
श्रम
मंत्री ( श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया ) : (क) जी हाँ।
प्रथम दृष्टया
ई-टेंडरिंग
होना नहीं
पाया गया।
विस्तृत
जाँच उपरांत
दोषियों के
विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही की
जा सकेगी। (ख) जाँच उपरांत
दोषी पाए जाने
पर
कर्मचारियों/अधिकारियों
की जानकारी दी
जा सकेगी।
लोक निर्माण विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 364 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में परियोजना क्रियान्वयन ईकाई बालाघाट लोक निर्माण विभाग द्वारा परसवाड़ा में कन्या परिसर का निर्माण कार्य कब स्वीकृत हुआ वर्तमान में क्या स्थिति हैं? (ख) क्या निर्माण में निर्धारित समय अवधि से अधिक समय लगेगा यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, की गई तो क्यों? इस हेतु दोषी कौन है? (ग) क्या गोगलई जिला बालाघाट में भी कन्या परिसर का निर्माण कार्य किया गया है यदि हाँ, तो उसमें पूर्ण बाउण्ड्रीवाल का प्रावधान है यदि नहीं, तो क्यों? छात्राओं की सुरक्षा कैसे होगी एवं जल भराव की निकासी की क्या व्यवस्था की गई है? (घ) क्या बरसात में गोंगलई कन्या परिसर में बाढ़ का पानी भर गया था, यदि हाँ, तो भविष्य में जल निकासी की क्या व्यवस्था की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 16.09.2016 को स्वीकृत हुआ। निर्माण कार्य प्रगति पर। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा कार्य की प्रगति बढ़ाने हेतु ठेकेदार को अनुबंधानुसार नोटिस दिया जाकर कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ, गोंगलई जिला बालाघाट में भी कन्या शिक्षा परिसर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। स्वीकृत प्राक्कलन में 500 मीटर बाउण्ड्रीवॉल का प्रावधान किया गया था, किन्तु छात्राओं की सुरक्षा एवं आवंटित भूमि का क्षेत्रफल अनुसार कुल 1180 मीटर लम्बाई में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य किया गया। जल भराव की निकासी हेतु नाली का निर्माण किया गया है। (घ) जी हाँ। जल निकासी हेतु समुचित व्यवस्था की गई है।
मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती
[उच्च शिक्षा]
25. ( क्र. 365 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2017 में विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी? क्या लोक सेवा आयोग द्वारा चयन सूची जारी कर दी गई है एवं चयनित युवाओं/युवतियों द्वारा विभाग में च्वाईस फिलिंग भी कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो उन्हें नियुक्ति अभी तक क्यों नहीं दी गई है? इनकी नियुक्ति कब तक की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) दिनांक 06.12.2019 की स्थिति में चयनित 442 सहायक प्राध्यापकों के नियुक्ति आदेश जारी कर दिये गये हैं। शेष हेतु समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण के संबंध में
[पर्यावरण]
26. ( क्र. 372 ) श्री विक्रम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक सतना जिले के किन-किन उद्योगों का मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण के दौरान किन-किन उद्योगों के विरूद्ध क्या-क्या अनियमिततायें एवं कमियां पाई गई तथा प्रश्न दिनांक तक उनमें क्या कार्यवाही की गई है? प्रकरणवार/निरीक्षणवार सूची दें? (ख) क्या प्रिज्म जॉनसन सीमेंट लिमिटेड मनकहरी द्वारा प्रवाहित केमिकल युक्त गंदा पानी समीपस्थ टमस नदी और आस-पास के कृषकों की कृषि भूमि एवं कुओं में मिल जाने से ग्रामीण जन गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं तथा उनके पेयजल स्रोत विषैले होकर निरंतर फसलें बर्बाद हो रही हैं, इस संबंध में ग्रामीणजनों द्वारा बोर्ड के अधिकारियों, स्थानीय व जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को अनेकों बार आवेदन किये जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हां तो क्या शासन उक्त उद्योगों के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हां तो क्या और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्गों के अपूर्ण निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 389 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला होशंगाबाद अन्तर्गत शोभापुर-खैरी-तरौनकलां मार्ग एवं सांडिया-बनखेड़ी-उमरधा मार्ग स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ किया गया था यदि हां, तो कार्य किस दिनांक को प्रांरभ हुआ व किस ठेकेदार द्वारा कार्य किया जा रहा हैं? (ख) क्या स्वीकृत कार्य वर्तमान में अपूर्ण हैं यदि हां, तो लम्बी समयावधि व्यतीत हो जाने के बाद भी कार्य अपूर्ण होने का क्या कारण हैं इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं क्या कार्य के अपूर्ण होने पर विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई वैधानिक कार्यवाही की गयी हैं यदि हाँ, तो कार्यवाही सहित विवरण देवें, नहीं तो क्यो? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार दोनों मार्गों का अपूर्ण/शेष कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 392 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र पिपरिया में वर्ष 2019-20 में कितने ट्रांसफार्मरों की क्षमताओं में वृद्धि कर अपग्रेड किया गया हैं? (ख) अपग्रेड किये गये ट्रांसफार्मरों की जानकारी स्थान सहित ग्रामवार सूची प्रदान की जावें। (ग) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत कहाँ-कहाँ ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि कर अपग्रेड कर स्थापित किया जाना प्रस्तावित हैं? इन्हें अपग्रेड कर कब तक स्थापित कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) होशंगाबाद जिले में विधान सभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में दिनांक 29.11.2019 तक 02 वितरण ट्रांसफार्मरों एवं एक पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कर अपग्रेड किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन क्षमता वृद्धि कर अपग्रेड किये गये ट्रांसफार्मरों का प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत 52 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि कर अपग्रेड किया जाना प्रस्तावित है, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार ऐसे ही अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में उक्त ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड करने की कार्यवाही की जावेगी। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कर अपग्रेड करने का कोई भी प्रकरण वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है।
जलाशयों की नहरों की मरम्मत करना
[जल संसाधन]
29. ( क्र. 411 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में विभाग द्वारा कितने जलाशय निर्मित है स्थलवार जानकारी प्रदाय करें साथ ही किसानों की कितनी हेक्टेयर भूमि जिला दमोह में जलाशयों के द्वारा सिंचित की जा रही है। (ख) पिपरिया जलाशय, गुदरी जलाशय कुम्हारी वर्धा में पवैया जलाशय, विनती जलाशय, की नहरें क्षतिग्रस्त होने के कारण कृषि भूमि पर सिंचाई नहीं हो पा रही है नहरों की मरम्मत कराया जाना अति आवश्यक है जिससे किसानों की हजारों एकड़ भूमि सिंचित हो सकें उक्त जलाशयों का सुधार एवं नहरों का विस्तार कब तक करा दिया जावेगा। (ग) हटा नगर के चण्डी जी वार्ड में वर्ष 2007 में 7 करोड़ 12 लाख से स्वीकृति प्राप्त जलाशय का कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हो रहा हैं कार्य प्रारंभ कराये जाने की समुचित कार्यवाही कब तक की जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन जलाशयों की नहरें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर उनका सुधार कार्य संथाओं के माध्यम से कराकर सिंचाई हेतु कृषकों को पानी उपलब्ध कराया जाता है। विगत 3 वर्षों में की गई सिंचाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पवैया एवं गुदरी जलाशय के सुधार कार्यों के प्राक्कलन मैदानी कार्यालयों में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) शक्तिसागर जलाशय का कार्य कृषकों के विरोध तथा मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर होने के कारण अप्रारंभ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लोक निर्माण विभाग की इटारसी/होशंगाबाद में भूमि
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 439 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग होशंगाबाद की इटारसी एवं होशंगाबाद में विभाग की कितनी भूमि कहाँ- कहाँ पर है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि में से कितनों पर किन-किन लोगों के अतिक्रमण है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितनी भूमि पर लोक निर्माण विभाग के अलावा शासकीय कार्यालय/निर्माण निर्मित है? इनकी अनुमतियां कब-कब कितने वर्गफुट हेतु दी गयी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सितम्बर 2019 में कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग को एवं अक्टूबर 2019 में अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग से पत्र द्वारा जानकारी मांगी गयी थी? जानकारी कब तक दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लोक निर्माण विभाग, कार्यालय परिसर, होशंगाबाद एवं अन्य आवास गृह- 16.60 एकड़ अनुविभागीय अधिकारी एवं अन्य आवास गृह, नर्मदा महाविद्यालय के सामने-0.88 एकड़ विश्राम भवन परिसर, होशंगाबाद-8.72 एकड़ विश्राम गृह परिसर, होशंगाबाद-3.61 एकड़ विश्राम गृह परिसर, इटारसी-4.56 एकड़। (ख) विश्राम गृह परिसर, इटारसी की भूमि पर 46 लोगों द्वारा गुमठियां रखकर अतिक्रमण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) लोक निर्माण विभाग के अलावा किसी भी शासकीय विभाग द्वारा निर्माण कार्य नहीं किया गया है। अतः अनुमति का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) सितम्बर 2019 में कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, होशंगाबाद कार्यालय को प्रश्नकर्ता का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, उपसंभाग, होशंगाबाद द्वारा अक्टूबर 2019 के पत्र का जवाब उनके पत्र क्रमांक-1205, दिनांक 24.10.2019 द्वारा दिया जा चुका है।
तवाबांध में जमी सिल्ट को हटाने के संबंध में
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 440 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद के तवाबांध में जम रही सिल्ट को हटाने के संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) होशंगाबाद के तवाबांध सहित बड़े बांधों की समुचित सुरक्षा के लिए क्या शासन द्वारा आधुनिक उपकरण लगाये जावेंगे? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) बांधों में जम रही सिल्ट को हटाने के लिए ''राज्य के जलाशयों के जल भण्डारण क्षमता की पुनर्स्थापन नीति'' का अनुमोदन मंत्रि-परिषद द्वारा दिनांक 06.08.2019 को किया गया, जिसके अंतर्गत होशंगाबाद जिले की तवा बांध में जम रही सिल्ट को हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। होशंगाबाद के तवा बांध सहित 08 बड़े बांधों की समुचित सुरक्षा के लिये शासन द्वारा बांध पुनर्वास एवं उन्नयन कार्यक्रम (DRIP) अंतर्गत आधुनिक उपकरण लगाए जाने की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
केन्द्रीय सड़क निधि निर्मित सड़क
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 459 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय सड़क निधि से निर्मित बैतूल से आमला, बोरदेही होते हुए छिंदवाड़ा जिले की सीमा तक सड़क निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी, इस राशि से कितने किलोमीटर सड़क निर्माण किया जाना था? (ख) स्वीकृत सड़क की लंबाई एवं लागत के विरूद्ध एजेंसी द्वारा प्रावधानित लंबाई में से कितनी लंबाई का सड़क निर्माण किया गया एवं उसे कुल स्वीकृत राशि में से कितनी राशि का भुगतान किया गया। (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़क में किन-किन हिस्सों पर किन कारणों से सड़क निर्माण नहीं कराया गया। अनिर्मित पेच के किलोमीटर क्रमांकवार जानकारी देवें। (घ) सरकार द्वारा स्वीकृत सड़क का पूर्ण निर्माण न कर जनता को उक्त सड़क का पूर्ण लाभ नहीं दिलाते हुए एजेंसी को कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र जारी किये जाने में कौन दोषी है? (ड.) क्या स्वीकृत सड़क के अनिर्मित हिस्सों पर सड़क निर्माण हेतु सरकार कोई कार्यवाही कर रही है, यदि हाँ, तो अनिर्मित हिस्सों पर सड़क निर्माण कब तक करा दिया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) रू. 129.60 करोड़। 73.00 कि.मी.। (ख) स्वीकृत लम्बाई 73.00 कि.मी. (वास्तविक लम्बाई 72.50 कि.मी.) के विरूद्ध 72.125 कि.मी. का निर्माण किया जा चुका है कार्य पर अभी तक रू. 127.35 करोड़ का व्यय किया जा चुका है। (ग) प्रश्नाधीन मार्ग पर ग्राम बरसाली के पास पूर्णत: स्पष्ट सीमाकंन न होने तथा किसानों द्वारा कार्य न करने दिये जाने के कारण मार्ग के चैनेज 17920 से चैनेज 18010, कुल 90 मी. चैनेज 18440 से चैनेज 18725 कुल 285 मी. इस प्रकार (कुल 375 मीटर लम्बाई) में निर्माण नहीं कराया जा सका है। (घ) निर्माण एजेन्सी को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है इसलिये कोई दोषी नहीं है। (ड.) स्पष्ट सीमाकंन कराने की कार्यवाही कराने हेतु राजस्व विभाग के अधिकारियों से समन्वय किया जा रहा है। स्पष्ट सीमाकंन होने के उपरांत ही शेष 375 मी. लम्बाई में निर्माण कार्य कराया जाना संभव होगा वर्तमान में समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
नोड़ल कार्यालयों को प्रदाय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र
[श्रम]
33. ( क्र. 486 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत म.प्र. भवन तथा संनिर्माण कर्मकार मण्डल एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के पंजीयन किये गये हैं? ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतवार तथा शहरी क्षेत्र में वार्डवार पंजीयन की जानकारी से अवगत करावे तथा पंजीकृत श्रमिकों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक नोडल कार्यालयों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई वर्षवार योजनावार प्रदाय राशि की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार नोडल कार्यालयों द्वारा पंजीकृत हितग्राहियों को किस-किस योजना का लाभ दिया जाकर राशि प्रदाय की गई? योजनावार ग्रामवार तथा शहरी क्षेत्र में वार्डवार हितग्राही को प्रदाय की गई राशि की जानकारी से अवगत करावे? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या नोडल कार्यालयों को विभाग द्वारा प्रदाय की गई राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रदाय किया गया है? यदि हाँ, तो उपयोगिता प्रमाण पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या नोडल विभाग द्वारा उक्त राशि को अन्य कार्य हेतु उपयोग में ली गई?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जिला राजगढ़ में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 24877 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पंचायतवार तथा वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु मंडल द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जिला श्रम पदाधिकारी, राजगढ़ से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2017-18 में जिला राजगढ़ में श्रम कार्यालय, राजगढ़ द्वारा नोडल कार्यालयों को रूपये 3,43,00,000/- राशि आवंटित की गई है। वर्ष 2018-19 से मंडल द्वारा योजनाओं के भुगतान हेतु नोडल कार्यालयों को पृथक से राशि आवंटित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निर्माण श्रमिकों को मंडल द्वारा लागू योजनाओं में योजनावार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। लाभांवित हितग्राहियों की ग्राम पंचायतवार/वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। (घ) जी हाँ, जिला राजगढ़ में नोडल अधिकारियों को वर्ष 2017-18 में आवंटित राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 05 अनुसार है। वर्ष 2018-19 से मंडल द्वारा लागू योजनाओं में हितग्राहियों को श्रम विभाग के पोर्टल के माध्यम से ई.पी.ओ. द्वारा डी.बी.टी. पद्धति से भुगतान प्राप्त होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राचार्य द्वारा शासकीय आदेशों की अवहेलना
[उच्च शिक्षा]
34. ( क्र. 490 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त कार्यालय उच्च शिक्षा संचालनालय भोपाल के पत्र क्र. 183/01/न्या./ आ.उ.शि./शाखा-3/18 दिनांक 27.01.2018 द्वारा श्री वंशी लाल अहिरवार पर शीघ्र कार्यवाही करने हेतु प्राचार्य शास.पी.जी. महाविद्यालय, टीकमगढ़ को आदेशित किया गया था? (ख) क्या उक्त (क) कंडिका के परिपालन में प्राचार्य शास.पी.जी. महाविद्यालय, टीकमगढ़ द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) यदि प्राचार्य द्वारा शासन के उक्त ओदश की अवहेलना कर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो शासन द्वारा सम्बन्धित प्राचार्य पर क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राचार्य शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, टीकमगढ़ द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई क्योंकि न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश टीकमगढ़ द्वारा अपील फौजदारी क्रमांक 500169/2016 प्रस्थापित दिनांक 16.08.2016 में पारित निर्णय दिनांक 16.12.2017 में पूर्व में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी टीकमगढ़ द्वारा पारित निर्णय में 03 माह का सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये का अर्थदण्ड में संशोधन करते हुए 03 माह का सश्रम कारावास को समाप्त कर इसके स्थान पर 1000/- रूपये का और अर्थदण्ड दिया गया। माननीय अपर सत्र न्यायालय टीकमगढ़ के द्वारा पारित उक्त निर्णय के विरूद्ध श्री वंशीलाल द्वारा माननीय उक्त न्यायालय में याचिका (CRR 135/2018) दायर की गई है। (ग) प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रचलित होने के कारण प्राचार्य द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित अंतर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल का कार्य
[खेल और युवा कल्याण]
35. ( क्र. 499 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल का निर्माण किया जा रहा था, जिसे अपूर्ण स्थिति में खेल एवं युवक कल्याण विभाग को हस्तांतरित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अपूर्ण स्वीमिंग पूल को पूर्ण करने की विभाग की क्या योजना है? स्वीमिंग पूल का निर्माण कब तक पूर्ण किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। पर प्रक्रिया जारी है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में अभी प्रश्न उद्भुत नहीं होता है। अतः समय सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
रेलवे क्रासिंग पर ओव्हर ब्रिज बनाने की योजना
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 504 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेलवे क्रासिंग पर ओव्हर ब्रिज बनाने की मध्य प्रदेश में क्या योजना है? मध्यप्रदेश में कितने रेलवे ओव्हर ब्रिज बनाये जाने वाले हैं? 1 जनवरी 2010 से उज्जैन संभाग में कितने ओव्हर ब्रिज स्वीकृत हुये हैं? प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत ओव्हर ब्रिज में से कितने ओव्हर ब्रिज का निर्माण हो चुका है? कितने ओव्हर ब्रिज का निर्माण शेष है? शेष रहे ओव्हर ब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण होगा? (ख) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के लालपूल रेलवे क्रासिंग पर रेलवे ओव्हर ब्रिज कब तक बनाया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित रेल्वे क्रासिंग हेतु सेतु भारतम योजना अंतर्गत और प्रदेश में 1 लाख व उससे अधिक टी.व्ही.यू. वाले रेल्वे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज निर्माण की योजना है। 68 रेल्वे ओव्हर ब्रिज। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रस्तावित रेल्वे ओवर ब्रिज स्वीकृत नहीं है। निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्गों के निर्माण
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 516 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तेंदूखेड़ा अभाना मार्ग विगत एक वर्ष से क्षतिग्रस्त है जिसका निर्माण कार्य चार माह पूर्व प्रारंभ किया गया है एवं निर्माण एजेन्सी द्वारा मार्ग पर मिटटी एवं मुरूम का कार्य किया जा रहा जिससे वाहनों के आवागमन से मुख्य मार्ग पर बसे ग्रामों के लोग एवं यात्री धूल व मिट्टी से परेशान व बीमार हो रहे साथ ही आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है यदि हाँ, तो शासन या निर्माण एजेन्सी द्वारा क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई है निर्माण कार्य पूर्ण करनें की समयावधि क्या है एवं निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा। (ख) क्या दमोह कंटगी जबलपुर मार्ग विगत एक वर्ष से क्षतिग्रस्त है मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे हो गये है यदि निर्माण एजेन्सी द्वारा मार्ग के रख-रखाव की समयावधि पूर्ण हो गई है तो मार्ग पर टोल प्लाजा द्वारा वाहनों से राशि क्यों वसूली जा रही है यदि रख-रखाव की समयावधि पूर्ण नहीं हुई है तो निर्माण एजेन्सी द्वारा मार्ग का सुधार कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है मार्ग का सुधार कार्य कब तक किया जावेगा समयावधि एवं शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, आंशिक क्षतिग्रस्त है। उक्त मार्ग पर मिट्टी का कार्य किया जा रहा है। मिट्टी के कार्य के दौरान धूल उड़ रही है, जिसे रोकने के लिये समय-समय पर पानी का छिड़काव किया जाता है। मार्ग के निर्माण के कारण सड़क दुर्घटनाएं नहीं हो रही है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की समयावधि 15 माह है। निर्माण कार्य पूर्ण होने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, यह मार्ग करीब 5 माह से क्षतिग्रस्त है। जी नहीं। निर्माणाधीन एजेन्सी द्वारा मार्ग का सुधार कार्य नहीं किये जाने के कारण उसके ''रिस्क एण्ड कॉस्ट'' (ठेकेदार से वसूलनीय व्यय पर) पेंच मरम्मत कार्य हेतु निविदा आमंत्रित कर, निविदा स्वीकृति पत्र जारी कर दिया गया है, अनुबंध होने के पश्चात ही कार्य पूर्ण होने की तिथि बताना संभव होगा। मार्ग पर सुधार न किये जाने के कारण निवेशकर्ता से वसूलनीय व्यय पर मरम्मत कार्य हेतु निविदा प्रचलन में है।
प्रदूषित भोपाल में पर्यावरण सुधार के लिए किये गये उपाय
[पर्यावरण]
38. ( क्र. 533 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर देश का 11वां सबसे प्रदूषित शहर है? यदि हां, तो प्रश्न दिनांक को भोपाल का एम्बिएंट एयर क्वालिटी इंडेक्स कितना है? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत भोपाल शहर के हमीदिया रोड, गांधी मेडिकल कॉलेज के सामने, बैरागढ़, रोशनपुरा चौराहा, मुख्य रेल्वे स्टेशन, बोर्ड ऑफिस चौराहा तथा गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 1 नवम्बर 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रात: दोपहर और शाम को वायु प्रदूषण कितना-कितना था? स्थानवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत भोपाल शहर में वायु प्रदूषण के क्या-क्या कारण हैं? प्रश्न दिनांक तक रोकथाम के क्या-क्या उपाय किये गये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) यह सत्य है कि भोपाल शहर परिवेशीय वायु गुणवत्ता के परिप्रेक्ष्य में देश के प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल है। प्रश्न दिनांक 28.11.2019 को भोपाल शहर का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 221.20 रहा है। (ख) बोर्ड द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित भोपाल शहर के 07 स्थलों में से सिर्फ 03 स्थलों क्रमश: हमीदिया रोड, बैरागढ़, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन के तहत् मेन्यूअल किया जाता है। शेष 04 स्थलों क्रमश: गांधी मेडिकल कॉलेज के सामने, रोशनपुरा चैराहा, मुख्य रेल्वे स्टेशन एवं बोर्ड आफिस चैराहा में बोर्ड द्वारा परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन नहीं किया जाता है। दिनांक 01.11.2019 से प्रश्न दिनांक (28.11.2019) तक बोर्ड द्वारा भोपाल शहर के उपरोक्त 03 स्थानों पर किये गये वायु गुणवत्ता मापन के परिणामों से उद्भूत एयरक्वालिटी इंडेक्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) भोपाल में वायु प्रदूषण के मुख्य कारक सड़कों का खराब होना, वाहनों से उत्सर्जन, 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों का संचालन होना, ट्राफिक जाम की स्थिति, पार्किंग की अपर्याप्त व्यवस्था, शहर के आसपास स्थित कृषि क्षेत्र में पराली जलाना, शहरी कचरे/प्लास्टिक/बागवानी कचरा/बायोमास को खुले में जलाया जाना, रोड इत्यादि की सफाई झाडू द्वारा मानव श्रम से किया जाना, मल्टीस्टोरी भवन निर्माण कार्यों में ग्रीन नेट का उपयोग न करना, शहर में सड़कों के निर्माण में धूल को रोकने हेतु अपर्याप्त जल छिड़काव करना एवं बेरीकेटिंग वाल की व्यवस्था न होना, निर्माण सामग्री का अव्यवस्थित रूप से सड़कों के किनारे एकत्रित करना, वृक्षों की कटाई इत्यादि हैं। भोपाल शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा भोपाल शहर कंसशेनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल कर एक एक्शन प्लान बनाया गया है, जिस पर कार्यवाही प्रगति पर है। एक्शन प्लान की मानिटरिंग संभागायुक्त भोपाल की अध्यक्षता में गठित मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा की जा रही है। अद्यतन प्रोग्रेस रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में संभागायुक्त भोपाल द्वारा दिनांक 18.11.2019 बैठक कर सर्वसंबंधित विभागों को दिशा निर्देश जारी किये हैं। बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बोर्ड द्वारा दिनांक 26.11.2019 को नगर निगम भोपाल को वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु जारी दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 534 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनरवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल राजस्व संभाग स्थित लोक निर्माण के सभी संभागों में थर्मोप्लास्टिक रोड मार्किंग, पेंट से पट्टे डालने का काम, सोलर पावर रोड स्टर्ड, स्पीड ब्रेकर प्लास्टिक व रोड साईन बोर्ड के कार्य किन-किन दरों पर किस-किस एजेंसियों से कराये जा रहे हैं? एजेंसियों के नाम, पते सहित कार्यवार, दरवार, एजेंसीवार, किये गये भुगतानवार, जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्णित कार्यों के लिए क्या खुली निविदा आमंत्रित की गयी थी? यदि हां, तो क्या निविदा का प्रकाशन समाचार पत्रों में किया गया था? यदि हां, तो प्रकाशित विज्ञापन की छायाप्रति दें। निविदा में भाग लेने वाली एजेंसियों के नाम, पते सहित जानकारी दें। प्राप्त दरों के तुलनात्मक चार्ट दें। जानकारी जिलावार दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों का कितना-कितना भुगतान प्रश्न दिनांक तक किया गया? कार्यवार, एजेंसीवार, किये गये भुगतानवार, जिलावार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
सदन को गुमराह करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खेल और युवा कल्याण]
40. ( क्र. 545 ) श्री आरिफ मसूद : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 145 दिनांक 11 जुलाई 2019 को पूछे गए प्रश्न में अधिकारियों द्वारा फर्जी हस्ताक्षर पर सर्वप्रथम सदन को गलत जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन बिन्दुओं पर गलत जानकारी दी गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में गलत जानकारी देने सदन को गुमराह करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिम्मेदारों की पहचान कर कार्यवाही बाबत्
[श्रम]
41. ( क्र. 564 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग कार्य आवंटन नियम 2013 के तहत श्रम विभाग द्वारा प्रशासनिक अधिनियम और नियम तैयार किये गये है जिसके तहत न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, कारखाना अधिनियम 1948, मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936 कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 एवं सामान्य पारिश्रमिक अधिनियम 1971 के अलावा खान अधिनियम तथा कोयला खानों से संबंधित अधिनियम को पालन संबंधित फैक्ट्रियों/कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। यदि हां तो रीवा संभाग में संचालित फैक्ट्रियों एवं कंपनियों द्वारा लाभान्वित श्रमिकों को अधिनियम के तहत दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी देवें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अधिनियमों का पालन नहीं कराया जा रहा कंपनियां श्रमिकों का कम मजदूरी देकर शोषण कर रही है बीमा, अधिनियम के तहत बीमा की राशि नहीं दे रहे है, कोयला खान अधिनियम तथा कोयला खदानों में कार्य करने वाले श्रमिकों को अधिनियम के तहत सुविधाएं एवं अन्य शर्तों अनुसार शर्तों का पालन पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा है तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) कम्पनियों एवं फैक्ट्रियों द्वारा अधिनियम का पालन हो रहा है अथवा नहीं इसका सत्यापन किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया वर्ष 2009 से प्रश्नांश दिनांक तक का विवरण देवें? हिण्डालाकों महान ऐल्युमिनियम स्मेल्टर एवं कैप्टिव पावर प्लांट बरगवां द्वारा ठेके में श्रमिकों को रख कर शोषण कर पुनर्वास नीति 2002 व 2007 का पालन न कर विस्तापितों को दिये जाने वाले लाभ से वंचित किया गया है क्यों? इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेगें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिनियमों अनुसार श्रमिकों को कार्य के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों एवं परिजनों को कितनी-कितनी राशि व नौकरी दी गई वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक का विवरण देवें? (ड.) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) (घ) अनुसार कार्यवाही न करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। रीवा संभाग के जिलों क्रमश: रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली में संचालित कंपनी/फैक्ट्रीयों में कार्यरत श्रमिकों के नाम एवं अधिनियम के तहत दी जाने वाली सुविधाओं संबंधी रीवा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, सीधी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, सतना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, सिंगरौली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कारखानों में कार्य के दौरान दुर्घटना घटित होने से मृत्यु होने पर उनके आश्रितों एवं परिजनों को नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाती है। आलोच्य अवधि वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ड.) उपर्युक्त प्रश्नांश (क) से (घ) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों से वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करना
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 565 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली, रीवा एवं सतना में राष्ट्रीय राज्यमार्ग, राज्यमार्ग जिला मार्ग एवं कितने आंतरिक पहुंच मार्ग लोक निर्माण विभाग के है वर्तमान में इनकी हालत क्या है, इनमें से किन-किन का निर्माण प्रारंभ है, किन-किन का निर्माण किन वर्षों में पूर्ण हो चुका है किन-किन सड़कों में कितनी-कितनी राशि कब-कब व्यय हुई वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) की सड़कों को निर्माण किन-किन संविदाकारों को किन शर्तों पर कितनी अवधि में कार्य पूर्ण किये जाने बाबत् कार्यादेश जारी किये गये? क्या कार्यादेश में उल्लेखित शर्तों अनुसार कार्य समय पर पूर्ण कराये गये? अगर नहीं तो इस पर संबंधितों को दोषी मानकार किन किन के ऊपर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में सिंगरौली जिले के झुरही से सरई, माड़ा से रामगढ़ कोयलखूथ, माड़ा से मकरोहर मार्ग, बरका से नटवाडोल, धुम्माडोल से जल्फाडोल, करही खाडी रोड, घोघरा से नौढिया पहुंच मार्ग, बरगवां से झुरही राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण एवं मौके की स्थित की जाँच किन-किन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई जाँच के दौरान क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई जबकि मौके पर रोड की हालत दयनीय एवं गुणवत्ता विहीन है? अगर कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 361 दिनांक 20/01/2016 एवं पत्र क्रमांक 3548 दिनांक 13/08/2019 के माध्यम से कलेक्टर रीवा को गुढ़ क्षेत्र की रोडों की जाँच बाबत निर्देश दिये गये जाँच की प्रति व की गई कार्यवाही देते हुए बतावें अगर जाँच नहीं की गई तो क्यों? इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेगें? (ड.) प्रश्नांश (क) के सड़कों का निर्माण नहीं कराया गया फर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि का गबन किया गया प्रश्नांश (ग) अनुसार जिम्मेदारों द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं किया गया कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं हुये प्रश्नांश (ग) के रोडों का निर्माण घटिया गुणवत्ता विहीन कराया गया। संविदाकार एवं जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा राशि को खुर्दबुर्द कर शासन को क्षति पहुंचाने एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार समय पर जाँच न कर दोषियों को बचाने वाले संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में अंकित मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं '1' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश में अंकित पत्रानुसार जाँच अधिकारी अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग रीवा को सौंपी गई है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) जाँच के तथ्य प्राप्त होने पर ही आगामी कार्यवाही संभव है, शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण कार्य कराना
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 592 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा शहर के मास्टर प्लान की महत्वपूर्ण सड़क स्टेडियम तिराहे से सैनिक स्कूल होते हुये मण्डी पहुँच मार्ग व रीवा विधान सभा क्षेत्र की उन सड़कों का जिनका बजट प्रावधान किया गया था, उन सड़कों का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ क्यों नहीं हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में मास्टर प्लान की मुख्य सड़क स्टेडियम तिराहे से सैनिक स्कूल होते हुए मण्डी तक 2.25 किमी. का कार्य बजट में शामिल होने के बावजूद क्यों निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? जबकि सैनिक स्कूल की जमीन सड़क निर्माण के लिए देने हेतु रक्षा मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली से स्वीकृति प्राप्त है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त एक मार्ग रीवा लिंक रोड, लम्बाई 2.15 कि.मी. के निर्माण हेतु भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण कर, अवार्ड की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) स्वीकृत लम्बाई 2.25 कि.मी. में से 0.70 कि.मी. का कार्य पूर्ण है शेष लम्बाई में भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण एवं संविदाकार की मृत्यु हो जाने के कारण कार्य अपूर्ण है।
ट्रांसफार्मर की स्वीकृति के सन्दर्भ में
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 602 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत दिनांक 01.01.2015 से 20.11.2019 तक 16 के.व्हीए., 25 के.व्ही.ए., 63 के.व्ही.ए. एवं 100 के.व्ही.ए. के कितने-कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर किन-किन योजनाओं में स्वीकृत किये गये? स्वीकृत किये गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या की जानकारी जिलेवार/वृत्तवार उपलब्ध करावें। (ख) विधान सभा क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत भिन्न-भिन्न योजनाओं में स्वीकृत कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर दिनांक 20.11.2019 तक स्थापित कर दिये गए हैं कि संख्यावार जानकारी वितरण केन्द्रवार उपलब्ध करवाये? अभी तक भिन्न-भिन्न योजनाओं में शेष विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं करने के लिए दोषी अधिकारियों पर विद्युत कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) ट्रांसफार्मर स्थापित करने में विलम्ब के लिए ठेकेदारों के विरूद्ध कितनी पेनाल्टी की कार्यवाही की गयी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) उज्जैन जिले के विधानसभा क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत दिनांक 01.01.2015 से दिनांक 20.11.2019 तक विभिन्न योजनाओं में 16 के.व्ही.ए. के निरंक, 25 के.व्ही.ए. के 1774, 63 के.व्ही.ए. के 27 एवं 100 के.व्ही.ए. के 196 इस प्रकार कुल 1997 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए। उज्जैन जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र हेतु स्वीकृत किए गए इन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की योजनावार एवं क्षमतावार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत 1997 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से दिनांक 20.11.2019 तक कुल 1955 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिए गए हैं जिनकी वितरण केन्द्रवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। शेष 42 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्यों में से 04 कार्य मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के हैं जिनके कार्यस्थल पर अत्यधिक वर्षा के कारण पानी भरा होने एवं खेतों में फसल बुवाई हो जाने से, राईट ऑफ वे की समस्या के कारण निर्धारित समय में कार्य सम्पादित नहीं हो सके हैं। शेष 38 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर सम्पादित किये जा रहे कार्यों में विलंब करने के कारण वितरण कंपनी के अधिकारियों-श्री संदीप कालरा, कार्यपालन अभियंता, श्री ज्ञानेन्द्र गौड़, सहायक अभियंता एवं श्री सुदर्शन जटाले, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जा रही है। (ग) टर्न-की आधार पर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य में विलंब के लिए विभिन्न योजनाओं में संबंधित ठेकेदारों से निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप कुल राशि रू. 6,86,81,177/- काटी गई है।
मार्ग के निर्माण में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 603 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 129 (क्र. 3003) की जानकारी अनुसार निर्माणधीन पैकेज क्र. 01 का दिनांक 20.11.2019 तक ठेकेदार को विभाग द्वारा कितना भुगतान किया गया है? (ख) पैकेज क्र. 01 अनुसार ठेकेदार द्वारा ठेके की शर्तों के अनुसार कुल कितना प्रतिशत कार्य किया गया है? कार्य में विलंब के लिये उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) पैकेज क्र. 01 के अनुसार दोनों सडकों का कार्य प्राक̴्