मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2017
सत्र
गुरूवार, दिनांक 20 जुलाई 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगरीय
निकायों में
नैमेत्तिक
एवं नियमित
कर्मचारियों
की भर्ती
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1647 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय निकायों में नैमेत्तिक एवं नियमित कर्मचारियों की भर्ती हेतु क्या नियम व निर्देश हैं? भर्ती नियम निर्देशिका की प्रमाणित छायाप्रति प्रदाय करें। (ख) नगर पालिका धनपुरी जिला शहडोल में चेक क्र. 100826, दिनांक 30.11.2016 के द्वारा किन अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन उनके खाते में जमा किये गये? (ग) कर्मचारियों/अधिकारियों का नाम, पदनाम, खाता क्र., जमा राशि, नियुक्ति दिनांक एवं नियुक्तिकर्ता अधिकारी का नाम बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय निकायों में कर्मचारियों की भर्ती क्रमश: मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2000 एवं मध्य प्रदेश नगर पालिका कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा शर्तें) नियम 1968 में दिए गए प्रावधान अनुसार की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
कपिल धारा कूप निर्माण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( *क्र. 1390 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत मकडावन में विगत 3 वर्षों में कितने विकास के कार्य महात्मा गांधी नरेगा मद से हुये, कार्य का नाम, स्थान एवं स्वीकृत राशि की जानकारी देवें। (ख) विगत तीन वर्षों में ग्राम पंचायत मकडावन में कपिल धारा योजना के तहत कितने कुंओं का निर्माण किया गया है? व्यक्तियों के नाम, सर्वे क्र. एवं खर्च की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या कपिल धारा योजना के तहत कूप निर्माण की स्वीकृति संबंधी फाईल पर वर्तमान अजा. महिला सरपंच के हस्ताक्षर हैं या अन्य कर्मचारी/अधिकारी के गलत (फर्जी) हस्ताक्षर हैं? निर्मित समस्त कुंओं के वर्क कोड की भी जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विगत तीन वर्षों में कपिल धारा योजना के तहत कुओं के निर्माण हेतु किस कर्मचारी द्वारा फाईल तैयार की गई तथा स्वीकृति प्रदान की गई व स्थान का लेआऊट दिया गया? खुदाई व बंधाई की प्रगति रिपोर्ट तथा पूर्णता प्रमाणपत्र, राशि जारी करने का आदेश किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा दिया गया? अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद एवं वर्तमान में कुंओं की प्रगति रिपोर्ट सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कपिलधारा कूप के प्रकरणों में महिला सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर उसके पति द्वारा किये जाने की शिकायत जाँच में प्रथम दृष्टया सही पाई गई है। सरपंच के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है एवं सरपंच पति के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मंदसौर ने पुलिस अधीक्षक, मंदसौर को लिखा है। कपिलधारा कूप के वर्ककोड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( *क्र. 613 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के विकासखण्ड लहार, रौन एवं गोहद में मनरेगा योजना अंतर्गत 01 फरवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्राम पंचायतों को कौन-कौन से कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की तकनीकी स्वीकृति किस-किस अधिकारी द्वारा दी गई? (ख) विधान सभा क्षेत्र लहार में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कें पूर्ण की गईं तथा कौन-कौन सी किन-किन कारणों से अपूर्ण हैं तथा किन-किन एजेन्सियों को कितनी-कितनी राशि की निविदायें स्वीकृत की गईं? एजेन्सियों के नाम पता सहित विवरण दें। किन-किन सड़कों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस एजेंसी को भुगतान की गयी? प्रत्येक सड़क का अलग-अलग विवरण दें। (ग) 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले के लहार एवं रौन विकासखण्ड में किन-किन पंचायतों के ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायकों की पदस्थापना पंचायत के अलावा कौन-कौन सी पंचायतों के अतिरिक्त प्रभार किन-किन कारणों से दिया गया? क्या ग्राम पंचायत सरपंचों ने मांग की थी? यदि नहीं, तो क्या अतिरिक्त प्रभार देने में सी.ई.ओ. लहार एवं रौन द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जाँच करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विकासखण्ड लहार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं विकासखण्ड रौन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जी नहीं। सचिव/ग्राम रोजगार सहायकों के निलंबन, मृत्यु, एक्सीडेंट, चिकित्सा अवकाश, स्थानान्तरण होने के कारण प्रभार दिया गया है। प्रभार देने में सी.ई.ओ. लहार एवं रौन के विरूद्ध भ्रष्टाचार का प्रकरण अथवा प्रमाण शासन के संज्ञान में नहीं आने से उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
परफार्मेंस ग्रांट से राशि का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 647 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्र. 6569, दिनांक 21.03.2017 के उत्तर भाग (ख) में मुरैना जिले को प्रश्नांकित अवधि में 3 करोड़ की राशि प्रदाय करने तथा भाग (ग) में जिला पंचायत मुरैना की सामान्य सभा की बैठक दिनांक 25 जनवरी, 2017 को कार्य योजना का अनुमोदन किए जाने तथा उसके आधार पर कार्यवाही प्रचलित होने संबंधी उत्तर दिया है तो कार्य योजना अनुमोदन उपरांत कार्य प्रारंभ किये जाने की समय-सीमा क्या है? (ख) क्या कार्य समय-सीमा में प्रारंभ कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी कार्य विवरण, लागत राशि, ग्राम पंचायत का नाम, क्रियान्वयन एजेंसी आदि सहित दी जावे? यदि अभी तक कोई कार्य प्रारंभ नहीं हुए तो उसके क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पंचायत राज अधिनियम 1993 में सामान्य सभा से कार्ययोजना अनुमोदन उपरांत कार्य प्रारंभ किये जाने की समय-सीमा के प्रावधान का उल्लेख नहीं है। (ख) जी हाँ। अनुमोदित कार्य यथा समय प्रारंभ किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निविदा प्रक्रिया में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 1367 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा 1.00 लाख से अधिक राशि के टेण्डर ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से बुलाये जाने के संबंध में कोई आदेश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त आदेश के परिपालन में नगर निगम उज्जैन के प्रकाश विभाग में दिनांक 20.06.2016 तक कितनी निविदा आमंत्रित की गई थी? निविदा प्रकरण की छायाप्रति देवें। (ख) क्या नगर निगम उज्जैन के प्रकाश विभाग की ई-निविदा क्रमांक 1991 में निविदा की शर्तों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या निविदा से ई.एस.आई. दस्तावेज लिये गये? यदि हाँ, तो दस्तावेजों की छायाप्रति देवें? यदि नहीं, तो किन कारणों से निविदा शर्तों की अनदेखी कर निविदा खोली गई? (ग) क्या नगर निगम उज्जैन के प्रकाश विभाग की ई-निविदा क्रमांक 3529 में निविदा की शर्तों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (ख) व प्रश्नांश (ग) में निविदादाताओं में समानता है? यदि हाँ, तो कितने निविदादाताओं में समानता है? (घ) क्या कारण है कि ई-निविदा कमांक 1991 में ई.एस.आई. दस्तावेज अभाव में तकनीकी रूप से संबंधित निविदादाता को योग्य घोषित किया गया एवं उसी निविदादाता को ई-निविदा क्रमांक 3529 में ई.एस.आई. दस्तावेज के अभाव में अयोग्य घोषित किया गया। इसके लिये कौन दोषी है? क्या विभाग दोषी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश क्रमांक 7814, दिनांक 17.06.2016 के पश्चात् नगर पालिक निगम उज्जैन के प्रकाश विभाग में दिनांक 20.06.2016 तक कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई। (ख) जी नहीं, निविदा में ई.एस.आई/ई.पी.एफ. की शर्त रखी गई थी, कार्य हेतु 03 निविदायें प्राप्त हुईं थीं, जिसमें से 01 निविदाकार द्वारा ई.एस.आई. के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये थे। निविदा की तकनीकी मूल्यांकन रिपोर्ट में तकनीकी अधिकारियों द्वारा तीनों निविदाकारों को सफल बताये जाने के कारण निविदा खोली गई। (ग) जी हाँ। जी हाँ। एक निविदादाता में समानता है। (घ) निविदा क्रमांक 1991 में तकनीकी मूल्यांकन रिपोर्ट के कारण निविदादाता को योग्य घोषित किया गया था। निविदा क्रमांक 3529 में ई.आई.एस. दस्तावेज प्रस्तुत ना करने के कारण संबंधित निविदादाता को अयोग्य घोषित किया गया था। निविदा क्रमांक 1991 के तकनीकी मूल्यांकन रिपोर्ट में हुई त्रुटि के संज्ञान में आने पर नगर पालिक निगम, उज्जैन द्वारा संबंधित तकनीकी अधिकारी को सूचना पत्र जारी कर स्पष्टीकरण चाहा गया है। जी हाँ, जाँच उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कविहीन मार्गों को मुख्यमंत्री सड़क से जोड़ा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 874 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में सड़क विहीन मार्ग को मुख्यमंत्री सड़क से जोड़े जाने के संबंध में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 12-13 दिनांक 15.04.2017 के द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महोदय एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी महोदय जिला पंचायत विदिशा को मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत् 21 रोड निर्माण किये जाने के संबंध में पत्र जारी किया गया था, उस पर शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त सड़क निर्माण कार्य को शासन द्वारा किन-किन सड़कों को जोड़े जाने के संबंध में अभी तक स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब? पूर्ण जानकारी देवें। नहीं तो क्यों कब तक स्वीकृत किये जाने की संभावना है? स्वीकृत न किये जाने का क्या कारण है? स्वीकृत हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए आबद्ध होने के कारण स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकी है। स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की सुनिश्चित उपलब्धता पर निर्भर होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खरगोन जिलांतर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 905 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजना, ग्राम सुदूर सड़क संपर्क योजना एवं खेत सड़क मार्ग निर्माण योजना वर्तमान में संचालित है? यदि हाँ, तो 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने कार्य, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने कार्य पूर्ण हुये, कितने कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये एवं कितने कार्य वर्तमान में अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का कारण क्या है? क्या अधूरे कार्यों को यथास्थिति पर ही बंद कर दिया गया है एवं उन्हें पूर्ण बताया जाकर उनके पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये? यदि हाँ, तो ऐसे कितने कार्य किस-किस विकासखण्ड में है? जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में खरगोन जिले में विकासखण्डवार पृथक-पृथक योजनाओं में कितने-कितने कार्य, कितनी-कितनी राशि के किस-किस वर्ष में स्वीकृत किये गये? कितने कार्य पूर्ण किए गए? कितनों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये? वर्तमान में कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? क्या अधूरे कार्यों को यथा स्थिति पर ही बंद कर दिया गया है एवं उन्हें पूर्ण बताया जाकर उनके पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये? यदि हाँ, तो ऐसे कितने कार्य किस-किस विकासखण्ड में हैं, इसकी जानकारी दी जावे? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजना, ग्राम सुदूर सड़क संपर्क योजना एवं खेत सड़क मार्ग निर्माण योजनांतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब कौन-कौन से कार्यों के लिये प्रस्ताव दिये गये? उन प्रस्ताव में विभाग द्वारा कितने कार्य स्वीकृत किये गये, कितने कार्य वर्तमान में स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित हैं? लंबित रहने का कारण क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए आबद्ध होने के कारण स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकी है। स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की सुनिश्चित उपलब्धता पर निर्भर होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मेट्रो रेल परियोजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 7 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन में शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु क्या शासन द्वारा धनराशि की व्यवस्था कर ली गई है? यदि हाँ, तो किस संस्था/केन्द्र सरकार द्वारा कितनी-कितनी धनराशि ऋण/अनुदान के रूप में देने हेतु सहमति प्रदान की गई है? (ग) मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु भोपाल एवं इंदौर में कितनी-कितनी निजी एवं शासकीय भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव है? (घ) विभाग द्वारा मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन के संबंध में कृत कार्यवाही विषयक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा धनराशि की व्यवस्था की जा रही है। उभय परियोजनाओं कि लिए प्रस्तावित वित्तीय व्यवस्था पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु वर्तमान में भोपाल एवं इंदौर में निजी एवं शासकीय भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित नहीं है। (घ) विभाग द्वारा मेट्रो रेल परियोजना का कार्य वर्ष 2017-18 में प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है।
कब्रिस्तानों का जीर्णोद्धार/विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 1624 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिक निगम भोपाल के वित्तीय वर्ष 2016-17 के महापौर अभिभाषण में भोपाल के विभिन्न कब्रिस्तानों के जीर्णोद्धार/विकास/बाउण्ड्रीवाल निर्मित किए जाने हेतु राशि आवंटित किए जाने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल के किन-किन कब्रिस्तानों के लिए कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई और किन-किन कब्रिस्तानों का कितनी-कितनी राशि का किस-किस कार्य हेतु प्राक्कलन तैयार किया जाकर कब-कब निविदा आमंत्रित की गई तथा कार्य की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या बजट भाषण में की गई घोषणा के बावजूद कई कब्रिस्तानों के विकास/जीर्णोद्धार कार्य किए जाने हेतु न तो राशि आवंटित की गई और न ही प्राक्कलन तैयार किया गया? यदि हाँ, तो घोषणा करने का क्या तात्पर्य है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ति की जावेगी तथा वार्डवार कब्रिस्तानों के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में भोपाल के विभिन्न कब्रिस्तानों के जीर्णोद्धार/विकास/ बाउण्ड्रीवाल निर्मित किये जाने हेतु बजट मद 230590513 कब्रिस्तान मरम्मत एवं निर्माण प्रावधान राशि रूपये 1.00 करोड़ का प्रावधान किया गया था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कब्रिस्तानों के विकास/जीर्णोद्धार कार्य किये जाने हेतु राशि आंवटित की जाकर भोपाल के विभिन्न कब्रिस्तानों में कार्य कराये गये हैं स्वीकृत कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अल्फा प्रोटीन्स संयंत्र के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
10. ( *क्र. 314 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कांकरखेड़ा में अल्फा प्रोटीन नामक संयंत्र स्थापित है? यदि हाँ, तो कब और किस फर्म द्वारा किस प्रकार के उत्पादन के लिए संयंत्र की स्थापना की है। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संयंत्र की स्थापना के लिए वांछित वैध अनुज्ञप्तियां प्राप्त की गई हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संयंत्र NGT के मापदण्डों को पूरा करता है? यदि हाँ, तो NGT की टीम ने संयंत्र का कब-कब निरीक्षण किया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त संयंत्र से उत्सर्जित पानी से वातावरण एवं स्थानीय ग्रामीणों व पशुओं पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में ग्रामीणों ने इस संबंध में कब-कब शिकायत की? शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कार्यवाही की जाएगी?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) इछावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कांकरखेडा (भाउखेडी) में मेसर्स अल्फा प्रोटीन प्रा.लि. नामक संयंत्र स्थापित है। अल्फा प्रोटीन का प्रथम उत्पादन दिनांक 05.04.2001 से प्रारंभ किया है तथा डायवर्सीफिकेशन अंतर्गत दिनांक 02.07.2015 से उत्पादन प्रारंभ किया गया। मेसर्स अल्फा प्रोटीन प्रा.लि. के नाम से टेक्नीकल जिलेटिन एवं ग्लूस (एनीमल ग्लूस) एवं एग्री केमीकल प्रोटीन (हाईड्रोलाइज्ड पाउडर) का उत्पादन किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संयंत्र की स्थापना के लिए वांछित वैध अनुज्ञप्तियां प्राप्त की गई हैं। जैसे मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वाणिज्यक कर विभाग, ऊर्जा विभाग, वाष्पयंत्र संचालनालय, ग्राम पंचायत, कांकरखेडा आदि। (ग) मध्यप्रदेश शासन,पर्यावरण विभाग अनुसार एन.जी.टी. द्वारा उक्त उद्योग के लिए कोई मापदण्ड निर्धारित किये जाने की अथवा एन.जी.टी. की किसी टीम द्वारा उक्त उद्योग का निरीक्षण किये जाने की मध्यप्रदेश, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जानकारी नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, पर्यावरण विभाग अनुसार उद्योग के उत्सर्जित पानी को परिसर से बाहर निस्सारण नहीं किया जाता है। पर्यावरण विभाग अनुसार पर्यावरण विभाग को खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, इछावर एवं जिला पशु प्रजनन कार्यक्रम अधिकारी, सीहोर से प्राप्त जानकारी अनुसार स्थानीय ग्रामीणों एवं पशुओं पर विपरीत प्रभाव पड़ने की कोई सूचना नहीं है। विगत तीन वर्षों में सी.एम. हेल्पलाईन के माध्यम से पर्यावरण विभाग को ग्रामीणों से प्राप्त शिकायतों एवं उस पर मध्यप्रदेश, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वितीय चरण का सर्वे
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( *क्र. 279 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2 में कौन-कौन से मार्गों को जोड़ा जाना प्रस्तावित किया गया है? (ख) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2 का सर्वे विधानसभा क्षेत्र बैरसिया में किया गया है अथवा नहीं? (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चरण 2 का कार्य बैरसिया विधानसभा में कब से प्रारंभ हो जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2 के अंतर्गत भोपाल बायपास (डोबरा) से बैरसिया मार्ग को जोड़ा जाना प्रस्तावित किया गया है। (ख) जी हाँ, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2 का सर्वे विधानसभा क्षेत्र बैरसिया में किया गया है। (ग) वर्तमान में डी.पी.आर. तैयार करने का कार्य प्रगतिरत् है। भारत सरकार से स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायतों को प्रदत्त अधिकार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 1444 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा अभी हाल ही में ग्राम पंचायतों को क्या-क्या अधिकार प्रदाय किये गये हैं? (ख) प्रदाय किये गये अधिकार अन्तर्गत ग्राम पंचायत किस-किस योजना के अन्तर्गत कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास कार्य करा सकती है? पृथक-पृथक जानकारी बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायतों को मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ-2-5/201322/पं.-1दिनांक 26.02.2013 द्वारा पंद्रह लाख लागत तक के निर्माण कार्य एवं विकास कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृतियाँ जारी करने के अधिकार प्रदाय किये गये हैं। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है।
हिण्डोरिया जल प्रदाय योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 419 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला दमोह की हिण्डोरिया नगर पंचायत अंतर्गत वृहद जल प्रदाय योजना किस वर्ष कितनी राशि से स्वीकृत की गई थी? (ख) हिण्डोरिया जल प्रदाय योजना का कार्य किस एजेन्सी से कराया गया एवं कार्य पूर्ण कराने की समय-सीमा क्या थी? (ग) क्या हिण्डोरिया नगर में भ्रमण उपरांत प्राप्त शिकायतों के आधार पर जल प्रदाय योजना का कार्य अपूर्ण एवं गुणवत्ताहीन कराया गया है एवं टंकी से पानी का रिसाव हो रहा है? प्रश्नकर्ता द्वारा क्या पूर्व में विभाग को शिकायत की गई थी, जिस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? क्या उक्त जल प्रदाय योजना की सूक्ष्म जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं कार्य एजेंसी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद हिण्डोरिया की जलप्रदाय योजना यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. अंतर्गत जलप्रदाय वर्ष 2008 में राशि रू. 1046.70 लाख की स्वीकृत की गई। (ख) योजना का कार्य मेसर्स तेजस कंस्ट्रक्शन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि., पुणे (महाराष्ट्र) द्वारा किया गया है। योजना पूर्ण करने की समय-सीमा 31 दिसम्बर 2016 थी। (ग) जी नहीं। जी हाँ, माननीय विधायक द्वारा दिनांक 31.01.2017 को शिकायत की गई थी। जिसकी जाँच संभागीय कार्यपालन यंत्री सागर द्वारा की गई। जाँच में कार्य की गुणवत्ता उचित पाई गई। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन अपराध प्रकरण पर कार्यवाही
[वन]
14. ( *क्र. 1562 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1948, दिनांक 28.02.2017 के उत्तर में जानकारी प्रदान की गई है कि दोषी कर्मचारी के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किया गया है। कार्यवाही पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है और आरोप पत्र की अवधि क्या थी। (ख) क्या जाँच उपरांत प्रश्नांकित वन प्रकरण तथ्यहीन पाया गया था और दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तावित की गई थी, किन्तु वाहन मालिक से 20 हजार रूपये जुर्माने की राशि वसूल की गई थी? उक्त राशि वाहन मालिक को अब तक क्यों वापस नहीं की गयी जबकि वह दोषी नहीं पाया गया था? (ग) उपरोक्त राशि वाहन मालिक को कब तक वापस की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) आरोपी वन कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच की गई थी, जिसमें वे निर्दोष पाये गये। इनके विरूद्ध आरोप पत्र दिनांक 09.02.2017 को जारी किये गये थे। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल समस्या ग्रसित वार्डों में टंकी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 1509 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र रांझी (जबलपुर) के किन-किन वार्डों में पेयजल आपूर्ति की क्या व्यवस्था है, कौन-कौन से वार्डों में पेयजल की समस्या है। इसके लिये नगर निगम जबलपुर ने क्या कार्य योजना बनाई है? (ख) प्रश्नांश (क) में शामिल किये गये किन-किन नये वार्डों के किन-किन ग्रामों में पेयजल की क्या स्थिति है, इन ग्रामों में किस माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में मानेगांव व मोहनिया में अत्यधिक पेय जल की समस्या है? यदि हाँ, तो इसके लिये नगर निगम जबलपुर ने कब कितनी राशि की क्या कार्य योजना बनाई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के पेय जल समस्या ग्रसित वार्डों में 4 ओव्हर हेड टैंक (पानी की टंकी) का निर्माण कराने की घोषणा मा. मुख्यमंत्री म.प्र. शासन ने की थी? यदि हाँ, तो कब? जिला प्रशासन व नगर निगम जबलपुर ने 4 नये ओव्हर हेड टैंक (पानी की टंकी) का निर्माण कराने हेतु क्या प्रयास किये हैं एवं कब तक इनका निर्माण कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र (जबलपुर केन्ट) रांझी, के 6 वार्डों की पेयजल आपूर्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, इन किसी भी वार्डों में पेयजल की समस्या नहीं है। अटल मिशन फॉर रिज्यूविनेशन एण्ड अर्बन ट्रान्सफार्मेशन (अमृत) परियोजना के अंतर्गत निगम में सम्मिलित नवीन लाला लाजपत राय वार्ड के मानेगांव में भविष्य में शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए नवीन उच्च स्तरीय टंकी का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। (ख) नवीन लाला लाजपत राय वार्ड जो कि ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करके बना है, इन क्षेत्रों में 6 उच्च स्तरीय टंकियों को ट्यूबवेल के माध्यम से भरा जा रहा है। सम्पूर्ण वार्ड में 25 ट्यूबवेल एवं 42 हैण्डपम्पों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है साथ ही ग्रीष्मकाल में टैंकरों के माध्यम से अतिरिक्त जलापूर्ति की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) में मानेगांव व मोहनिया में पेयजल की कोई समस्या नहीं है। मानेगांव क्षेत्र में 4 उच्च स्तरीय टंकियों व मोहनिया में 2 उच्च स्तरीय टंकियों के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति की जा रही है। अटल मिशन फॉर रिज्यूविनेशन एण्ड अर्बन ट्रान्सफार्मेशन (अमृत) परियोजना के अंतर्गत मानेगांव में राशि रू. 264.00 लाख की लागत से नवीन उच्च स्तरीय टंकी का निर्माण प्रस्तावित है। अमृत परियोजना के वित्तीय प्रस्ताव की स्वीकृति दिनांक 30.05.2017 को राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की 15वीं बैठक में प्राप्त हो गई है। (घ) माननीय मुख्यमंत्री, म.प्र. शासन द्वारा उच्च स्तरीय टंकी निर्माण के संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई है, अपितु विधानसभा क्षेत्र (जबलपुर केन्ट) के राजा गोकुलदास धर्मशाला संभाग क्रमांक 11 में 3 एवं संभाग क्रमांक 10 रांझी में 1 के विभिन्न वार्डों में निम्न स्थलों पर 4 उच्च स्तरीय टंकी निर्माण अटल मिशन फॉर रिज्यूविनेशन एण्ड अर्बन ट्रान्सफार्मेशन (अमृत) परियोजना के अंतर्गत किया जाना प्रस्तावित है :-
1 |
मानेगांव |
2.2 मिलियन लीटर |
264.00 लाख |
2 |
गधेरी |
0.5 मिलियन लीटर |
60.00 लाख |
3 |
भौंगाद्वार |
2.2 मिलियन लीटर |
264.00 लाख |
4 |
तिलेहरी भटौली |
1.0 मिलियन लीटर |
120.00 लाख |
अमृत परियोजना की स्वीकृति दिनांक 30.05.2017 को राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की 15वीं बैठक में प्राप्त हो गई। जिसका क्रियान्वयन किया जा रहा है।
विश्वविद्यालयों में विभिन्न संवर्गों के चुनाव
[उच्च शिक्षा]
16. ( *क्र. 936 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में पंजीकृत स्नातक एवं प्राचार्य, आचार्य, सहा. प्राध्यापक तथा कर्मचारी संवर्गों के चुनाव कब से नहीं कराये गये? वर्षवार, विश्वविद्यालय वार वर्तमान स्थिति की जानकारी दी जावे। (ख) शासन द्वारा अनेक बार निर्देश जारी करने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उक्त संवर्गों के चुनाव कराने में रूचि नहीं लेने के क्या कारण रहे? पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या वर्ष 2017 में अनेक विश्वविद्यालयों में पंजीकृत स्नातकों का पंजीयन शुल्क जमा कराने के बावजूद, अभी तक सदस्यता सूची जारी नहीं की है? कारण सहित जानकारी दी जावे तथा पंजीकृत स्नातकों की सूची कब तक जारी की जावेगी? (घ) प्रदेश के विश्वविद्यालय विभिन्न संवर्गों के चुनाव की अधिसूचना कब तक जारी करेंगे एवं क्या विश्वविद्यालय अधिनियम में वर्णित कर्तव्यों का पालन करेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में स्नातक एवं अन्य संवर्ग के चुनाव 1990 एवं 1996 के पश्चात्, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में 1991 के पश्चात्, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में स्नातक एवं अन्य संवर्ग के चुनाव 1994 एवं 2000 के पश्चात्, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में वर्ष 2000 के पश्चात् एवं जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में 2011 के पश्चात् तथा महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर की स्थापना वर्ष 2014 में होने से चुनाव नहीं कराये गये। वर्तमान स्थिति प्रश्नांश (ख) के अनुसार। (ख) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में स्नातक पंजीकृत के लिये दिनांक 03 दिसम्बर, 2016 के द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में सभा के गठन की अधिसूचना दिनांक 20.06.2017 द्वारा जारी की गई है तथा स्नातक के निर्वाचन हेतु राजभवन से निर्देश प्राप्त होने पर यथाशीघ्र कार्यवाही की जावेगी। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा पंजीकृत स्नातक के निर्वाचन हेतु दिनांक 01.04.2017 को अधिसूचना जारी की गई है। अन्य संवर्गों के निर्वाचन स्नातक संवर्ग के उपरांत किये जावेंगे। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में अधिसूचना दिनांक 27.04.2017 के द्वारा स्नातक संवर्ग की पंजीयन की कार्यवाही चल रही है शेष संवर्ग की वरिष्ठता सूची का प्रकाशन प्रक्रिया में है। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में अधिसूचना दिनांक 04.07.2017 के द्वारा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में पंजीकृत स्नातकों का पंजीयन 28.05.2017 तक कराया जा चुका है, समीक्षा उपरांत शीघ्र ही सूची जारी कर दी जावेगी। छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर में अभी चुनाव की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। अतः रूचि नहीं लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्वाचन हेतु कार्यवाही प्रक्रियागत होने से विलम्ब के लिए कोई दोषी नहीं है। (ग) अभी तक जिन तीन विश्वविद्यालयों में शुल्क जमा हुआ है, इसमें से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में पंजीकृत स्नातकों की सूची 20.04.2017 को जारी की जा चुकी है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल एवं जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में समीक्षा उपरांत शीघ्र सूची जारी की जावेगी। शेष विश्वविद्यालयों में पंजीकरण के उपरांत सूची जारी की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ।
प्राध्यापकों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
17. ( *क्र. 549 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के महाविद्यालयों में कितने सहायक प्राध्यापकों के पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? शासन स्तर पर इन पदों पर नियमित नियुक्ति म.प्र. लोक सेवा आयोग से चयन के द्वारा कब तक की जावेगी? (ख) क्या रिक्त पदों पर नियुक्तियां नहीं होने से शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है? यदि हाँ, तो नियमित सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए शासन की क्या योजना है? (ग) महाविद्यालयों में कुल कितने आपाती सहायक प्राध्यापक कार्यरत हैं, जिन्हें वर्ष 1998 में नियमित किया गया, लेकिन वरिष्ठ व प्रवर श्रेणी वेतनमान न्यायालय के आदेश से कुछ लोगों को नियुक्ति दिनांक 1988-89 से दिया गया एवं शेष सहायक प्राध्यापकों को कब तक दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश के महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के 7695 पद स्वीकृत हैं एवं 3167 पद रिक्त हैं। दिनांक 24.11.2016 एवं 16.02.2016 को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को 2371 सहायक प्राध्यापकों की भर्ती हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होने पर पद पूर्ति की जा सकेगी। वर्तमान में रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। (ख) रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किये जाने से अध्यापन व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है तथा शिक्षा की गुणवत्ता कायम है। (ग) प्रदेश में कुल 523 आपाती सहायक प्राध्यापक कार्यरत हैं, जिनमें से 468 को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत किया जा चुका है। शेष 55 सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ श्रेणी एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत करने संबंधी कार्यवाही प्रचलित है।
जन भागीदारी समिति से निर्मित दुकानों का आधिपत्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
18. ( *क्र. 807 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर अन्तर्गत वर्ष 2005 से जन भागीदारी से किन-किन ग्राम पंचायतों व नगर पंचायतों में दुकानों का निर्माण कब किया गया? सूची उपलब्ध करावें। क्या जब दुकानों का निर्माण कराया गया तब जन भागीदारी समिति बनाई गई थी? यदि हाँ, तो उस समिति में कौन-कौन सदस्य थे एवं समिति का गठन किसके अनुमोदन से किया गया? (ख) क्या जिन्हें जन भागीदारी समिति द्वारा दुकानें दी गईं थीं, उन सभी से पगड़ी की राशि पूर्णतः जमा कराने के 08-10 वर्ष बाद भी संबंधितों को दुकानों का आधिपत्य नहीं दिया गया और न ही दुकानों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है? (ग) क्या अधिकारियों द्वारा समिति न बनाकर दुकानदारों से किराये का अनुबंध न कर गैर कानूनी तरीके से तहसीलदार अमानगंज, गुनौर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर द्वारा संबंधितों को बिना दुकानों का आधिपत्य दिए किराया वसूल किया जा रहा है? क्या जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जनभागीदारी ग्राम पंचायत गुनौर, सिली, महेबा, सलेहा एवं नगर पंचायत अमानगंज में दुकानों का निर्माण वर्ष 2006 से 2008 के मध्य प्रारम्भ कराया गया। दुकानों के निर्माण के पूर्व विधिवत जनभागीदारी समिति बनाई गई थी। समिति में सम्मिलित सदस्यों के संबंध में आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनभागीदारी समिति द्वारा निविदा आमंत्रित की जा कर दुकानों का आवंटन किया गया था। दुकानों का आवंटन जिनके नाम है, वही दुकानों पर काबिज हैं। 17 दुकानों पर विवाद की स्थिति होने पर मान. उच्च न्यायालय जबलपुर मध्यप्रदेश में मामला विचाराधीन होने के कारण निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। (ग) यह सही नहीं है। निविदा के द्वारा जिन दुकानों का आवंटन कर कब्जा दिया गया है, केवल उन्हीं दुकानदारों से किराया वसूल किया जा रहा है।
भवनों के निर्माण कार्य में विलंब
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 281 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 164, दिनांक 19.07.2016 के संबंध में आई.एच.एस.डी.पी. योजना अंतर्गत निर्मित भवनों के निर्माण एवं आवंटन में की जा रही लापरवाही के संबंध में आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी को किसी विधान सभा सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 778, दिनांक 05.08.2016 को लिखते हुये दिनांक 08.08.2016 को नगर पालिक निगम में पावती प्राप्त की गई थी तथा स्मरण पत्र क्रमांक 1535, दिनांक 24.10.2016 जारी किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार विवरण दें। यदि प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन दोषी है? (ग) प्रेम नगर अयोध्या बस्ती में किस ठेकेदार द्वारा निर्मित 40 भवनों का आधिपत्य नगर पालिक निगम को सौंप दिया है, जिसके आवंटन भी हितग्राहियों को किए जा चुके हैं, किन्तु ठेकेदार को अंतिम देयक का भुगतान क्यों नहीं किया? कब तक किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी/तकनीकी अमला कौन दोषी है, उसके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत प्रेमनगर बस्ती में श्री एस.एन. खम्परिया, ठेकेदार को 40 ई.डब्ल्यू.एस. भवनों का निर्माण कार्य कराने हेतु कार्यादेश क्रमांक 5496, दिनांक 08.08.2008 को दिया गया था। इस कार्य हेतु कुल स्वीकृत राशि रूपये 114.80 लाख के विरूद्ध कराये गये कार्य की राशि रूपये 87.27 लाख का भुगतान किया जा चुका है। ठेकेदार को भवनों का कब्जा सौंपने हेतु नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा पत्र क्रमांक 309, दिनांक 08.06.2012, पत्र क्रमांक 1364, दिनांक 15.06.2012, पत्र क्रमांक 3799, दिनांक 03.10.2013, पत्र क्रमांक 4399, दिनांक 16.11.2013, पत्र क्रमांक 5143, दिनांक 02.01.2014 एवं पत्र क्रमांक 5587, दिनांक 02.11.2016 द्वारा सूचित किया गया, किन्तु श्री एस.एन. खम्परिया, ठेकेदार द्वारा भवनों का कब्जा नहीं सौपा गया है। नगर निगम द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि चूंकि ठेकेदार द्वारा निर्मित भवनों का कब्जा नहीं दिया गया है एवं योजनांतर्गत निर्माण कार्यों के थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन का प्रावधान है, जिसके संबंध में मेयर-इन-काउंसिल के प्रस्ताव क्रमांक 09 दिनांक 24.12.2016 द्वारा थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन कराये जाने का निर्णय लिया गया है। ठेकेदार द्वारा निर्मित कराये गये भवनों का कब्जा सौंपने एवं थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत ठेकेदार के अंतिम देयक का भुगतान किया जायेगा। प्रकरण में जाँच करवाई जाकर विलंब के लिए उत्तरदायित्व निर्धारण किया जा सकेगा (घ) प्रकरण की जाँच करायी जा रही है, जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
जनप्रतिनिधियों की अनुशंसाओं पर किए गए कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 71 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, खेत सड़क योजना, सुदूर ग्राम योजना, मनरेगा अथवा R.E.S. द्वारा दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायतों के ठहराव के अनुसार एवं जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा के आधार पर कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गये? कार्य का नाम, एजेंसी का नाम, स्वीकृत राशि, स्वीकृत करने वाले अधिकारी के नाम सहित जानकारी बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृति के पश्चात् अभी तक प्रारंभ नहीं हुए हैं, कितने पूर्ण कर लिये गये हैं, कौन-कौन से लंबित हैं एवं क्यों तत्संबंधी ब्यौरा दें? (ग) उक्त क्षेत्रांतर्गत जन प्रतिनिधियों द्वारा दिये गये प्रस्तावों के आधार पर निर्माण कार्य जनहित में किया जाना अत्यंत आवश्यक है, जिन पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और क्यों? जवाबदेही सुनिश्चित कर तत्संबंधी ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांकित (ग) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा उचित माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को निर्माण कार्य हेतु भेजे गये पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में स्वीकृत हैं एवं प्रक्रियाधीन हैं? विलंब के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक से प्राप्त प्रस्तावों पर कार्यवाही की जाकर उन्हें अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
नगर सुठालिया में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
21. ( *क्र. 1570 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 6332, दिनांक 21 मार्च, 2017 के उत्तर में बताया गया था कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा का क्रमांक बी. 3271, दिनांक 31.01.2017 सुठालिया नगर में नवीन महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रस्ताव तैयार कर कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रस्ताव की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री जी को दिनांक 14.06.2017 को सुठालिया नगर में महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु शीघ्र कार्यवाही के लिये अनुरोध-पत्र सौंपा गया था? यदि हाँ, तो क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणानुरूप नवीन शिक्षण सत्र 2017 से नगर सुठालिया में महाविद्यालय प्रारंभ करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। सुठालिया में नवीन महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है एवं स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है।
पानी की टंकी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 124 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परि.अता. प्रश्न क्र. 200, दिनांक 28.02.2017 के (ख) एवं (ग) भाग में वार्ड क्रमांक 47 एवं 50 के बिग्रेड पानी की लाइन मिलान का कार्य मार्च 2017 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित था? क्या वह पूर्ण हो चुका है? (ख) अगर पूर्ण नहीं हुआ है तो क्यों नहीं हो पाया है? (ग) क्या उपरोक्त कार्य की टेंडर प्रक्रिया हुई थी? यदि हाँ, तो उपरोक्त कार्य किस ठेकेदार को मिला? उक्त कार्य का वर्कआर्डर, अनुबंध दिनांक बतायें। (घ) पानी की लाईन मिलान का कार्य ठेकेदार ने क्यों नहीं किया, कार्य नहीं करने पर ठेकेदार के विरुद्ध क्या क्या कार्यवाही की गई? उपरोक्त कार्य कब तक पूरा कर वार्ड क्रमांक 47 व 50 के निवासियों को पीने का पानी प्रदाय हो जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) बिग्रेड टंकी से पेयजल एवं मिलान आदि कार्य के लिए मेसर्स राजीव शर्मा का टेण्डर स्वीकृत होने पर कार्यादेश जारी किया गया था। कार्यादेश में कार्य की अवधि 02 माह नियत थी, लेकिन निर्धारित अवधि में कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण ठेकेदार की धरोहर राशि राजसात करने की कार्यवाही प्रस्तावित कर पुन: निविदा आमंत्रित की गई है, इसलिए कार्य पूर्ण नहीं हो सका। (ग) जी हाँ। मेसर्स राजीव शर्मा को अनुबंध उपरान्त कार्यादेश क्रमांक 55 दिनांक 17.03.2017 जारी किया गया था। (घ) ठेकेदार मेसर्स राजीव शर्मा द्वारा नियत अवधि में कार्य प्रारंभ नहीं करने के कारण उक्त फर्म की एफडीआर राजसात करने एवं 01 वर्ष के लिए टेण्डर प्रक्रिया से प्रतिबंधित (ब्लेक लिस्ट) की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। कार्य की द्वितीय निविदा आमंत्रण दिनांक 02.06.2017 एवं तृतीय निविदा आमंत्रण दिनांक 16.06.2017 में कोई भी निविदा प्राप्त नहीं होने के कारण चतुर्थ निविदा आमंत्रण दिनांक 01.07.2017 को किया गया, जिसमें दिनांक 21.07.2017 को निविदा खोलने की अंतिम तिथि नियत है। दिनांक 21.07.2017 को निविदा में प्राप्त निविदा दर की स्वीकृति होने के उपरांत कार्यादेश जारी किया जाकर टंकी का कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। कार्य पूर्ण होने के पश्चात् ही वार्ड क्रमांक 47 एवं 50 के निवासियों को पानी प्रदाय किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हरनामपुर औद्योगिक क्षेत्र का विकास
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
23. ( क्र. 1668 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिलांतर्गत मैहर तहसील के ग्राम हरनामपुर में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है? यदि हाँ, तो इन प्रभावित किसानों को किस दर से कितना मुआवजा दिया गया है? (ख) क्या अधिग्रहित भूमि पर विभाग द्वारा अब तक कोई विकास कार्य या अधोसंरचना विस्तार नहीं किया गया है? क्या इस क्षेत्र में उक्त स्थल पर निर्धारित उपयोग (औद्योगिक क्षेत्र) का कोई औचित्य है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या विभाग जनहित में कृषि योग्य इस भूमि को किसानों को वापिस करेगा अथवा कृषकों को भू-अर्जन अधिनियम 2014 के मापदण्डों के अनुसार मुआवजा देगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। सतना जिले में स्थित मैहर तहसील के ग्राम हरनामपुर में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु किसानों की भूमि अर्जित की गई है, जिनके मुआवजे की दर का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) जी नहीं, ए.के.व्ही.एन. रीवा दवारा अर्जित भूमि पर पूर्व में संपन्न विकास कार्यों के अधोसरंचना विस्तार कार्य हेतु राज्य शासन से रूपये 17.00 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.10.2013 को प्राप्त करते हुए टेंडर उपरांत दिनांक 12.05.2017 को कार्यादेश जारी किया जा चुका है। वर्ष 2005 में इस अधिग्रहित भूमि पर 1.00 किलोमीटर डब्ल्यू.बी.एम. सड़क व 05 नग पुलिया का निर्माण किया गया था और इस क्षेत्र में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को 14.69 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है और एक उद्योग उत्पादन में भी आ चुका है, जिससे स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में उद्यमी उद्योग स्थापित करने में इच्छुक हैं और इस क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र का विकास औचित्यपूर्ण है। (ग) प्रश्नाधीन भूमि राज्य शासन के उद्योग विभाग दवारा वर्ष 1975 में भू-अर्जन अधिनियम 1894 के प्रावधानों अंतर्गत विधिवत अर्जित की गई थी, कारण राईट टू फेयर कंपनसेशन एण्ड ट्रांसपेरेन्सी इन लैण्ड एक्वीजेशन, रिहेबिलिटेशन एण्ड रिसेटलमेंट एक्ट, 2013 के प्रावधानों अंतर्गत मुआवजा प्रदान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। इसी प्रकार अधिग्रहित भूमि पर ए.के.व्ही.एन. रीवा दवारा किये गये अधोसंरचना विकास एवं किये जा रहे अधोसंरचना विस्तार संबंधी विकास कार्यों को दृष्टिग्ात रखते हुए तथा इस क्षेत्र में उद्यमियों को आवंटित भू-खण्डों की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए भूमि कृषकों को वापस करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्योपुर जिले में नवीन गर्ल्स कॉलेज की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
24. ( *क्र. 675 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 1029, दिनांक 07.03.2017 के प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर में जानकारी दी थी कि श्योपुर जिले में नवीन गर्ल्स कॉलेज स्वीकृत करने की मांग जिलेवासियों द्वारा की जा रही है एवं इस हेतु विभाग में प्रक्रियाधीन प्रस्ताव को स्थायी परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष विचारार्थ विभागीय अनुमोदन उपरांत भेजना वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण संभव नहीं है, तो पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या जिले में प्रतिवर्ष लगभग 1500 इण्टर पास आउट छात्राओं में से आधी से ज्यादा छात्राएं स्थानीय कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पाती, क्योंकि उनके माता पिता सहशिक्षा से सहमत न होने के कारण अपनी बेटियों को आगे नहीं पढ़ाते? (ग) यदि हाँ, तो महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की शासन की मंशा एवं जिलेवासियों की मांग को दृष्टिगत रखते हुए क्या शासन जिले में नवीन गर्ल्स कॉलेज की स्वीकृति हेतु उक्त प्रस्ताव का विभाग से व उक्त समिति से अनुमोदन करवाएगा तथा इसे अनुपूरक बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) नवीन महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु रूपये 12 करोड़ की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। (ग) पदों के निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नमामि देवी नर्मदे यात्रा का आयोजन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
25. ( *क्र. 1201 ) श्री अजय सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा को क्या जन अभियान परिषद के द्वारा या अन्य के द्वारा संचालित किया गया है? (ख) उक्त कार्यक्रम में किस-किस सेलेब्रिटी को आमंत्रण भेजा गया? कौन-कौन आया? उनके रूकने एवं आने-जाने में कितना व्यय किस मद में किया गया? सेलेब्रिटी समेत अन्य किस-किस को कितनी राशि पारिश्रमिक या अन्य के रूप में दी गई? सूची उपलब्ध करायें। (ग) नमामि देवी नर्मदे यात्रा के दौरान कुल कितनी राशि किस-किस मद में कब-कब व्यय की गई व्यय की गई राशि की स्वीकृति किस नाम/पदनाम के द्वारा कब-कब दी गई? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) ''नमामि देवी नर्मदे'' यात्रा का संचालन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश एफ 19-65/16/114, दिनांक 23.11.2016 में उल्लेखित विभागों द्वारा किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
हताईखेड़ा
डेम एवं सरयू
सरोवर को
पर्यटन स्थल
के रूप में
विकसित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 8 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र में जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक हताईखेड़ा डेम, अयोध्या नगर स्थित सरयू सरोवर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिये क्या-क्या कार्य किये गये? किस-किस कार्य में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई? पृथक-पृथक विवरण दिया जाये? (ख) अयोध्या नगर स्थित सरयू सरोवर में स्टोन पार्क की प्रतिमाओं को शिफ्ट करने के लिये नगर निगम एवं गृह निर्माण मण्डल द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) हताईखेड़ा एवं सरयू सरोवर पर्यटन स्थल का आम जनता के लिये कब तक लोकार्पण किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) हथाईखेड़ा डेम पर म.प्र. पर्यटन विकास निगम द्वारा बोट क्लब, जलक्रीड़ा केन्द्र, पाथवे की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार कार्यों पर रू. 1.30 करोड़ का व्यय किया गया है एवं सरयू सरोवर में डे शेल्टर पार्किंग पाथवे इत्यादि पर रू. 35.40 लाख के कार्य जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार किये गये हैं। सरयू सरोवर पार्क में मरम्मत पेटिंग एवं सी.सी. सड़क कार्य राशि रू. 4,61,973/- का कराया गया है। नगर निगम द्वारा हताईखेड़ा डेम पर विद्युत व्यवस्था का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा प्रतिमाओं को शिफ्ट करने के लिये प्लेटफार्म निर्माण कार्य हेतु राशि रू. 7,98,000/- का प्रस्ताव बनाया गया है, जोकि स्वीकृति में है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' में वर्णित कार्य पूर्ण होते ही लोकार्पण किया जायेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 56 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कुल कितने व्यक्तियों को लाभ दिया गया? (ख) विकासखण्ड राजनगर, लवकुशनगर में कितने हितग्राहियों को प्रथम एवं द्वितीय किश्तों का भुगतान किया गया? ग्राम पंचायतवार जानकारी दें। (ग) ऐसे कितने हितग्राही थे, जिनका नाम काटा गया? किस नियम और आधार से उनके नाम बतायें। जिले में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उनकी जाँच कब-कब की गई, कौन दोषी पाया गया? सप्रमाण अभिमत सहित जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत छतरपुर जिले में अब तक कुल 18243 परिवारों को लाभ दिया गया। (ख) विकासखण्ड राजनगर तथा विकासखण्ड लवकुशनगर के लाभान्वित हितग्राहियों की ग्राम पंचायत की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है। जिसकी मुद्रित प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ एवं ’स’ अनुसार है।
मध्यान्ह भोजन योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 57 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यान्ह भोजन योजना के तहत क्रियान्वयन एजेंसी को म.प्र. नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक छतरपुर जिले में कितने मेट्रिक टन चावल प्रदाय किया गया? (ख) जिले में उक्त योजना के तहत हितग्राहियों की कुल कितनी संख्या है तथा वार्षिक कितनी राशि व्यय हुई? (ग) क्या दाल का क्रय एजेंसियों द्वारा सीधे बाजार से किया गया? यदि हाँ, तो कितनी राशि का व्यय हुआ? विभागीय परीक्षणकर्ता अधिकारी कौन रहे? उनके नाम बतायें। (घ) क्या विभाग को उक्त वर्षों में शिकायतें प्राप्त हुई, जिसके जाँच प्रतिवेदनों पर क्या कार्यवाहियां हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। कार्यरत ऐजेंसी को शासन द्वारा भोजन पकाने की प्रति छात्र निर्धारित दर की राशि में दाल सहित अन्य सामग्री पर किया जाने वाला व्यय शामिल होता है। सामग्री का परीक्षण संबंधित शाला प्रबंधन समिति द्वारा किया जाता है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 99 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत खरगोन अंतर्गत विगत 5 वर्षों (वर्ष 2011 से 2016 ) में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने आवेदन प्राप्त हुए है, उसकी सूची वरिष्ठता क्रम में दी जावे. (ख) अनुकम्पा के प्राप्त आवेदन में कितने आवेदनकर्ताओ की नियुक्ति की गई. उसकी सूची दी जावे व कितने प्रकरण निरस्त किये गए है. तथा निरस्त करने के क्या कारण रहे है, प्रकरण विभागीय प्रक्रिया में विलम्ब होने से कितने प्रकरण निरस्त हुए है. उसकी सूची दी जावे. (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत छ: माह में विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के सम्बन्ध में जिला प्रशासन एवं संचालनालय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल में कितने पत्र जारी किये गए है. इन प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके क्या कारण रहे है.
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ एवं ‘‘स‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार है।
जन भागीदारी मद अंतर्गत प्राप्त आवंटन एवं वितरण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
5. ( क्र. 110 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी मद अंतर्गत विगत 04 वित्तीय वर्षों में धार जिले में कितना-कितना वर्षवार आवंटन प्राप्त हुआ है? जनभागीदारी मद अंतर्गत एक व्यक्ति अथवा एक ग्राम से कितनी मात्रा में अंश राशि का जन सहयोग प्राप्त होने पर कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित अवधि में प्राप्त आवंटन में से किन-किन ग्राम/ग्राम पंचायत /विकास खण्ड को कितनी-कितनी राशि का वितरण, किन-किन कार्यों हेतु किन-किन व्यक्तियों द्वारा दिये गये जन सहयोग के आधार पर किया गया है? कार्यवार, ग्रामवार, ग्राम पंचायतवार, विकास खण्डवार, प्राप्त जन सहयोग व वितरित राशि का पूर्ण विवरण देवें? (ग) मद अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति एवं राशि वितरण के क्या-क्या नियम है? क्या वर्ष में प्राप्त आवंटन का वितरण मात्र एक या दो विकास खण्डों में ही किया जा सकता है? यदि नहीं, तो विगत तीन वर्षों में सबसे अधिक राशि धार जिले के अति गरीब विकास खण्ड गंधवानी में वितरण किये जाने का कारण बतावें? क्या मिलीभगत से राशि का दुरूपयोग करने वाले दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें? प्रतिवर्ष जिले में जन सहयोग देने वाले सम्पूर्ण दानदाताओं की जानकारी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जिले को वित्तीय वर्ष 2013-14 में 540.00 लाख वर्ष 2014-15 में 650.00 लाख वर्ष 2015-16 में 489.70 लाख एवं वर्ष 2016-17 में 897.70 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। योजनान्तर्गत कार्य कराये जाने के लिये सामान्य क्षेत्र में 50 प्रतिशत जन सहयोग एवं अनुसूचित जाति/जनजाति क्षेत्रों में 25 प्रतिशत जन सहयोग की राशि प्राप्त होने के उपरान्त कार्य स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। जनभागीदारी नियम 2000 के प्रावधान के तहत ऐसे कार्यों को लिया जाता है जो मूलभूत सेवाओं से संबंधित हो तथा नगरीय/ग्रामीण निकायों के रहवासियों के लिये जनोपयोगी हो। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ग) जिले को वर्ष में प्राप्त आवंटन अनुसार निकायों से मदवार प्रस्ताव प्राप्त कर स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। जी नहीं। जिले को प्राप्त आवंटन से समस्त जिले में विकास कार्य कराये जाते है। विकासखण्ड गंधवानी से प्राप्त प्रस्तावों पर नियमानुसार ही कार्यवाही की जाने से किसी के भी दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रतिवर्ष जिलें में जन सहयोग देने वाले दान दाताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है।
सुड्डी के बरहाटोला को रिटेनिंग बाल से संरक्षित करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 113 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 28-2-2017 के परिवर्तित अतारांकित प्रश्न क्र. 765 के उत्तर में दर्शित है कि ग्रामपंचायत मुख्यालय सुड्डी से बरहाटोला की दूरी एक कि.मी. है, कच्चा मार्ग है और वर्षाकाल को छोड़कर आवागमन चालू रहता है? (ख) प्रश्नांश (क) मार्ग किस मद की भूमि पर कितना चौड़ा है और किस योजना व विभाग द्वारा निर्मित है और क्या उस पर चौपहिया वाहन चलाये जाते हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या बसाडी-बरही मार्ग पर सुड्डी से महानदी की दूरी 3 कि.मी. है और वहां 5 वर्ष पूर्व महानदी की बाढ़ से कटाव हुये कच्चे मार्ग की दूरी 1 कि.मी. है, आवागमन पूर्णतया बंद है एवं निरंतर कटाव से बस्ती का अस्तित्व खतरे में है और ग्रामीण खेतों की पगडंडियों से 2 कि.मी. दूर ग्रा.पं. मुख्यालय सुड्डी जाते हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) तथ्य के परीक्षण के लिये प्रश्नकर्त्ता विधायक सहित शासन की कोई समिति गठित की जावेगी? (ड.) क्या कटाव से बरहाटोला के अस्तित्व और ग्रामीणों के जीवन की रक्षा हेतु रिटेनिंगबाल और मार्ग का निर्माण किया जावेगा और आवागमन सुलभ बनाया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत मुख्यालय सुड्डी से बरहा टोला के मध्य कच्चे मार्ग की लंबाई 1.00 कि.मी. है एवं शेष 3.80 कि.मी. लंबाई डामरीकृत है। (ख) मार्ग के 1.00 कि.मी. कच्चे भाग में शासकीय एवं निजी भूमि है। शासकीय भूमि में औसत चौड़ाई 2.50 से 3.00 मी. एवं निजी भूमि में औसत चौड़ाई 2.50 से 5.00 मी. के मध्य है। मार्ग किसी भी शासकीय योजना से निर्मित नहीं किया गया है। रेत खदान मालिकों द्वारा आवागमन हेतु अस्थाई मार्ग बनाया गया है। वर्तमान में मार्ग पर चौपहिया वाहनों का आवागमन नहीं है। (ग) बसाड़ी-बरही मार्ग पर स्थित ग्राम सुड्डी से महानदी की दूरी 3.80 कि.मी. है। महानदी की बाढ़ के कारण कटे हुए कच्चे मार्ग की लंबाई 0.40 कि.मी. है। वर्षाकाल को छोड़कर पैदल आवागमन सुड्डी ग्राम के लिए होता है। मार्ग के निरंतर कटाव से बस्ती के अस्तित्व को खतरा होने जैसी स्थिति नहीं है। जी हाँ। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए आबद्ध होने से मार्ग निर्माण एवं रिटेनिंगबाल वाल संबंधी स्वीकृति विचाराधीन नहीं है।
विधान सभा क्षेत्रों में विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 125 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष २०१३ से २०१७ जून तक नगर पालिका निगम ग्वालियर शहर की तीनों विधानसभा व ग्रामीण विधानसभा के 6 वार्डों में किस-किस विधानसभा में किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि के विकास के कार्य हुए हैं? (ख) क्या विकास कार्य ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में आवश्यकता व मांग के अनुसार हुए हैं? अगर नहीं हुए तो क्यों नहीं हुए है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायत सचिवों का निलंबन अवधि में वेतन भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 136 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा की दोनों जनपद पंचायतों के वर्ष 2013-14 से कितने ग्राम पंचायत सचिवों को निलम्बित किया गया है? क्या निलम्बन अवधि में जीवन निर्वाह भत्तों का प्रावधान है? (ख) किन-किन सचिवों के निलम्बन से बहाली आदेशों में निलम्बन अवधि का शेष वेतन देने का सक्षम अधिकारी ने उल्लेख किया है? यदि उल्लेख किया है तो उसके बहाली आदेशों की प्रमाणित छायाप्रतियाँ उपलब्ध करावें एवं निलंबन अवधि तक वेतन किन-किन सचिवों को नियमों के तहत प्रदाय किया गया है? सूची उपलब्ध कराई जाए। (ग) उक्त अवधि में कितने सचिवों की विभागीय जाँच की जाकर दोषी पाये गये हैं तथा कितने निर्दोष पाए गए हैं। (घ) विभागीय जाँच अथवा शिकायत जाँच में दोषी पाए गए सचिवों के विरूद्ध निलंबन के अलावा किस प्रकार की दण्डात्मक कार्यवाही जैसे (लघुशास्ति, दीर्घ शास्ति या राशि वसूली) की गई है? क्या कार्यवाही लंबित है? लंबित रहने का क्या कारण है और कब तक कार्यवाही को पूर्ण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)विधानसभा क्षेत्र बंडा की दोनों जनपद पंचायत यथा बंडा एवं शाहगढ़ में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत के 17 सचिवों को निलंबित किया गया है। मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम, 1999 के नियम 13 में निलंबन के दौरान निर्वाह भत्ता भुगतान करने का प्रावधान है। (ख)जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त अवधि में 3 सचिवों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई जो प्रचलित है। 4 सचिव न्यायालय द्वारा तथा जाँच में दोषमुक्त पाये गये। (घ) शिकायत जाँच में दोषी पाये गये सचिवों के विरूद्ध निलंबन के अलावा 3 सचिवों को लघुशास्ति से दंडित किया गया। 7 सचिव वर्तमान में निलंबित है, जिनकी विभागीय जाँच संस्थित किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जनपद पंचायत बण्डा की दुकानों का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 140 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत बंडा के स्वामित्व की 42 दुकानों का आवंटन कब तथा किसको किया गया है, नामवार स्थिति से अवगत करावें? (ख) दुकानों के आवंटन के पूर्व क्या विज्ञापन, आरक्षण, तथा भाड़ा नियंत्रण अधिकारी से किराया का निर्धारण कराया गया था? यदि हाँ, तो अनुबंध पत्र तथा नियमित वसूली संबंधी प्रमाण उपलब्ध करावें। (ग) क्या सभी दुकानदारों द्वारा अनुबंध की सभी कंडिकाओं का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? प्रमाण उपलब्ध करावें। (घ) जनपद पंचायतों के आडिट में क्या दुकानों के संबंध में गंभीर आपत्तियां उठाई हैं? यदि हाँ, तो उनके उद्धरण तथा पालन प्रतिवेदन उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। जिला पंचायत द्वारा जाँच दल गठित किया गया है। जाँच दल गठन का आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा प्रश्नांश के संबंध में उठाई गई आपत्ति, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। पालन प्रतिवेदन प्रक्रियाधीन है।
कन्या महाविद्यालय धार में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करना
[उच्च शिक्षा]
10. ( क्र. 156 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कन्या महाविद्यालय धार में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करने की माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पालन में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की कक्षाएं पिछले शैक्षणिक सत्र में प्रांरभ की गई थी? (ख) यहां तो, क्या इस शैक्षणिक सत्र में स्नातकोत्तर की द्वितीय वर्ष की कक्षाओं की स्वीकृति प्रदान की जाकर छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है? (ग) यदि नहीं, तो, कन्या महाविद्यालय की स्नातकोत्तर की प्रथम वर्ष की कक्षाओं में उत्तीर्ण छात्राओं के वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2017-18 में द्वितीय वर्ष की कक्षाओं में अध्ययन हेतु क्या व्यवस्था की जा रही है? (घ) क्या विभाग प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालय में आधिक्य के अतिशेष प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के पदों को कन्या महाविद्यालय धार में स्थानांतरित कर, विश्वविद्यालय के मापदण्ड अनुसार पदों की पूर्ति कर उत्तरार्द्ध की कक्षाएं प्रारंभ करने हेतु कार्रवाई करेगा? (ङ) यदि नहीं, तो विभाग इस समस्या के समाधान हेतु क्या कार्रवाई करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ, माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुपालन में रसायनशास्त्र, समाजशास्त्र एवं वाणिज्य में स्नातकोत्तर कक्षाएँ प्रारंभ की गई थी। (ख) सम्पूर्ण पाठयक्रम की स्वीकृति दिये जाने के कारण द्वितीय वर्ष की कक्षाओं की पृथक स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, पाठयक्रम की स्वीकृति के साथ पदों की स्वीकृति जारी की गई है। अतः उत्तरार्ध की कक्षायें प्रारंभ करने हेतु अन्य महाविद्यालय से पदों के स्थानांतरण की आवश्यकता नहीं है। (ड.) प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मेगनीज माइंस का आवंटन एवं संचालन की जाँच एवं कार्यवाही
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 187 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेटल एंड मिनरल्स द्वारा ग्राम सेलवा तहसील जिला बालाघाट में संचालित मेगनीज माइंस, शासन/विभाग के किन आदेशों से किन खसरा नम्बरों की भूमि पर कब एवं किसको स्वीकृत की गयी थी? उपरोक्त खसरा नम्बरों की भूमि तत्समय किस मद की थी एवं किस प्रयोजन हेतु आरक्षित थी? (ख) प्रश्नांश (क) खनिपट्टा का प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस शासकीय सेवक द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया, जाँच में क्या पाया और क्या जाँच प्रतिवेदन दिए गए? (ग) क्या प्रश्नांश (क) खनिपट्टा हेतु स्वीकृत खसरा नम्बरों की भूमि जलमद में दर्ज एवं मरघट हेतु थी और विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3-76/200/12/2 दिनांक 21/04/2005 खनिपट्टा/पूर्वे. अनु.निरस्त किये जाने का पत्र भी जारी किया गया था? हां, तो जलमद एवं मरघट की भूमि पर खनिपट्टा किन नियमों के तहत कौन-कौन सक्षम प्राधिकारियों के किन-किन आदेशों से क्यों स्वीकृत किया गया और पत्र दिनांक 21/04/2005 का किया गया निराकरण बताये? (घ) प्रश्नांश (क) क्या खनिपट्टा की स्वीकृति एवं संचालन में अनियमित्ताओं की दिनांक 16.05.2017 को कार्यालय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, खनिज संचालनालय, दिनांक 17.05.2017 को कार्यालय खनिज मंत्री, सचिव खनिज, सिया एवं पत्र दिनांक 12.06.2017 से कलेक्टर, उपसंचालक (खनिज) बालाघाट को शिकायतें की गयी थी? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक किस-किस के द्वारा कब-कब, क्या-क्या जाँच/कार्यवाही की गयी? कार्यालयवार, दिनांकवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) क्या खनिपट्टा की स्वीकृति हेतु भ्रामक/असत्य दस्तावेज दिए गये और नियम विपरीत तरीके से खनिपट्टा स्वीकृत किया गया? हां, तो इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी, नहीं तो क्या ऐसा नहीं होना सत्यापित किया जाएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में संचालित खदान विभागीय आदेश क्रमांक 2-60/2005/12/2 दिनांक 05-12-2006 द्वारा खसरा क्रमांक 150/1 रकबा 4.906 हेक्टेयर क्षेत्र पर आवेदक श्री महेश मिश्रा के पक्ष में खनिज मैगनीज हेतु खनिपट्टा पर स्वीकृत की गई थी। जिसे विभागीय आदेश क्रमांक एफ 3-4/2011/12/2 दिनांक 02.04.2011 से प्रश्नाधीन कंपनी के पक्ष में अंतरित की गई थी। प्रश्नाधीन क्षेत्र की भूमि भूजल पानी के नीचे मद में दर्ज थी। (ख) खनिपट्टा क्षेत्र पर भारतीय खान ब्यूरो, भारतीय खान सुरक्षा निदेशालय, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय-समय पर तथा राजस्व विभाग, खनिज विभाग द्वारा निरीक्षण किया जाता है। भारतीय खान ब्यूरो एवं भारतीय खान सुरक्षा निदेशालय भारत सरकार के उपक्रम हैं। इनके द्वारा की गई जाँच के प्रतिवेदन के संबंध में तथा अन्यों द्वारा की गई जाँच के प्रतिवेदन के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्न में उल्लेखित पत्र द्वारा पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति आवेदन पत्र पर स्वीकृति के पूर्व स्पष्टीकरण चाहा गया था। जिसके संबंध में कलेक्टर कार्यालय बालाघाट द्वारा प्रतिवेदन दिनांक 10.06.2005 प्रेषित किया गया था। प्रश्न की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (घ) जी हाँ। इसके संबंध में जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। जाँच की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण शेष प्रश्न वर्तमान में उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज विभाग द्वारा जप्त रेत के स्टॉक
[खनिज साधन]
12. ( क्र. 226 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में खनिज विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में समय-समय पर अवैध रेत के स्टॉक जप्त किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन अवैध स्टॉक का विधि अनुसार निपटारा (डिस्पोजल) किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या इन स्टॉक को संबंधित क्षेत्र के ठेकेदार को दिया गया है? (घ) वर्ष 2016-17 से अद्यतन जप्त किये गये स्टॉक अन्य किसे प्रदाय किये?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19-6/2016/12/2 दिनांक 29.04.2016 के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के माध्यम से निगम के निकटतम ठेकेदार को तहसील में स्वीकृत उच्चतम दर पर रेत के मूल्य का भुगतान करने पर जप्त स्टॉक दिया गया है तथा इसी निर्देश के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर में स्थिति स्पष्ट की गई है। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्देशानुसार अन्य किसी को स्टॉक प्रदान नहीं किया गया है।
खनिज संपदा पर रॉयल्टी में विसंगति
[खनिज साधन]
13. ( क्र. 227 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज विभाग में आवेदन, रजिस्ट्रेशन एवं रॉयल्टी जमा करने हेतु ऑनलाईन व्यवस्था की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या मालवाहक वाहन की भार क्षमता के अनुसार रॉयल्टी ली जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अधीन मालवाहक वाहन की भार क्षमता आर.टी.ओ. या खनिज, किस विभाग के नियमों के अनुसार है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) पट्टेदार द्वारा खनिज परिवहन के लिये इलेक्ट्रोनिक अभिवहन पार पत्र में दर्ज खनिज मात्रा अनुसार रॉयल्टी देय होती है। (ग) खनिज परिवहन हेतु विभागीय पोर्टल पर पंजीयन करने पर वाहन की विशिष्टयों के अनुसार वाहन की भार क्षमता परिवहन विभाग के पोर्टल से एकीकृत होती है। इसी अनुसार वाहन की भार क्षमता होती है।
सचिव का निलंबन एवं बहाली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 262 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय जिला पंचायत रीवा म.प्र. के पत्र क्रमांक 5293/वि.स./वि.जा./ 2015 रीवा दिनांक 23.12.2015 द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही विरूद्ध श्री पवन कुमार सिंह निलंबित सचिव गोदकला जनपद पंचायत त्योंथर जिला के ऊपर क्या आरोप लगाये गये थे? (ख) कार्यालय जिला पंचायत रीवा म.प्र. द्वारा जारी उपरोक्त आरोप पत्र के संबंध में आरोपी सचिव द्वारा क्या जवाब एवं साक्ष्य उपलब्ध कराये गये? (ग) क्या प्रकरण का निराकरण किये बगैर एवं खयानत राशि जमा कराये बगैर आरोपी सचिव को पुन: बहाल कर दिया गया? (घ) यदि हाँ, तो आरोपी सचिव को निर्दोष साबित हुये बगैर क्यों बहाल किया गया? क्या सचिव को दुबारा निलंबित कर प्रकरण की गंभीरता से जाँच कराकर दण्डित किया जायेगा एवं आरोपी सचिव द्वारा खयानत की गई राशि जमा कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आरोप पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। अपर आयुक्त न्यायालय, रीवा के आदेश के कारण। विभागीय जाँच प्रचलित है। (घ) जी हाँ। अपर आयुक्त न्यायालय, रीवा के आदेश के कारण। विभागीय जाँच प्रचलित है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 263 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले अंतर्गत विकासखण्ड त्योंथर एवं जवा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनायें एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के लिये कुल कितनी सड़कें निर्माण किये जाने हेतु प्रस्तावित/स्वीकृत हैं? (ख) उनमें से कितनी सड़कें स्वीकृत हैं? क्या उक्त सड़कों के निर्माण हेतु टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? सड़कों से संबंधित संपूर्ण विवरण दें। (ग) उपरोक्त सड़कों की निर्माण एजेन्सी, कार्य अवधि एवं लागत सहित बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा जिले के विकासखण्ड त्योंथर एवं जवा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल 17 सड़कें निर्माण हेतु स्वीकृत है तथा वर्ष 2017-18 में कोई भी सड़क स्वीकृत नहीं है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में कोई सड़क प्रस्तावित/स्वीकृत नहीं है, वर्ष 2017-18 में विकासखंड त्योंथर में 10 मार्गों तथा विकासखंड जवा में 04 मार्गों के निर्माण हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किये गये है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत कुल 17 सड़कें स्वीकृत है। इसमें से 01 सड़क का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। शेष 16 सड़कों के निर्माण हेतु कार्यादेश जारी किये जा चुके है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत तैयार प्रस्तावों की स्वीकृति संबंधित कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार।
क्षतिग्रस्त मार्गों का सुधार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 290 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा के बजट सत्र में परि.अता. प्रश्न क्रमांक 3428 दिनांक 21 मार्च 2017 के माध्यम से पूछे गये प्रश्न के उत्तर में विभाग द्वारा 5 एवं 10 वर्षों से ज्यादा समय से क्षति ग्रस्त मार्गों का संधारण करने के लिये आवश्यक प्रस्ताव तैयार नहीं करने के लिये जिम्मेदार पाये गये श्री राजेश चौकसे महाप्रबंधक एवं अन्य अधिकारियों को दोषी पाकर उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिये जाने बाबत् जानकारी दी गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या सरकार द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच के आदेश जारी कर दिये हैं? आदेश की प्रति देवें। (ग) संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (क) में संलग्न परिशिष्ट-15 पर दर्शित क्षतिग्रस्त मार्गों का पुनर्निर्माण अथवा सुधार कार्य कब तक करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, स्पष्टीकरण लेने के निर्णय की जानकारी दी गई थी। प्रश्नाधीन प्रश्न का उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। संधारण कार्य अनुबंधित अवधि में पूर्ण कराना लक्षित है।
सीवरेज लाइन से सड़कों को नुकसान
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 315 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सीहोर शहर में सीवरेज लाइन डाली जा रही है? यदि हाँ, तो किस योजना के तहत किस कंपनी द्वारा कार्य किया जा रहा है? (ख) क्या पाइप-लाइन डालते समय सड़कों को बीचों-बीच से खोदकर पाइप-लाइन डाली जा रही है? यदि हाँ, तो शहर में कुल कितने कि.मी. सड़कों को बीचों-बीच से खोदा गया है? (ग) क्या पाइप-लाइन के लिए खोदी गई सड़कों का नए सिरे से निर्माण किया जाएगा? यदि हाँ, तो निर्माणकर्ता एजेन्सी कौन रहेगी? यदि नहीं, तो सड़कों का निर्माण कैसे होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। अटल मिशन फॉर रिज्यूविनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) योजनांतर्गत, कार्य मेसर्स अंकिता कंस्ट्रक्शन अहमदाबाद द्वारा किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। उक्त पाइप-लाइन के कुल 80 कि.मी. में से 75 कि.मी. पाइप-लाइन सड़कों के मध्य से डाली जा रही है। (ग) पाइप-लाइन के लिए खोदी गई सड़कों का सीवरेज खुदाई के पूर्व की स्थिति में निर्माण कार्य किया जायेगा। मेसर्स अंकिता कंस्ट्रक्शन अहमदाबाद द्वारा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर नगर स्थित महाविद्यालयों में पर्याप्त स्टाफ एवं संसाधन
[उच्च शिक्षा]
18. ( क्र. 397 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर स्थित शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय सागर एवं आर्ट एण्ड कॉमर्स कॉलेज सागर में विद्यार्थियों की संख्या के मान से स्टाफ एवं संसाधनों (कक्ष, फर्नीचर, लैब) की पर्याप्त व्यवस्था है? यदि हाँ, तो विवरण सहित बतायें? (ख) क्या महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रश्नकर्ता द्वारा शैक्षणिक सत्र 2016-17 में विद्यार्थियों की संख्या के मान से पर्याप्त शिक्षकों की मांग की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या प्रश्नाधीन महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या के मान से शैक्षणिक स्टाफ एवं संसाधनों की पूर्ति सत्र 2017-18 के पूर्व पूर्ण कर ली जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सागर कन्या शासकीय महाविद्यालय में 8331 विद्यार्थी (2016-17) छात्र संख्या के मान से स्टाफ एवं संसाधनों की कमी है। उपलब्ध स्टॉफ एवं संसाधन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब एवं स अनुसार है। (ख) रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन व्यवस्था कराई जाती है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोकसेवा आयोग को अनुरोध किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ग) पद पूर्ति एवं भवन निर्माण की कार्यवाही हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सागर विकास प्राधिकरण का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र.
398 ) श्री
शैलेन्द्र
जैन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क)
क्या नगरों
के विकास के
लिए पूर्व में
नगर सुधार न्यास
की स्थापना
की गयी थी? जिसे
वर्ष 1992
में नगर निगम
में मर्ज कर
दिया गया था? क्या
जिन नगरों में
नगर सुधार न्यास
की स्थापना
की गयी थी, राज्य
के उन सभी
नगरों में
विकास
प्राधिकरण का
गठन किया गया
है? (ख)
क्या 100 स्मार्ट
सिटी की सूची
में शामिल
सागर शहर एक
मात्र ऐसा शहर
है जहां विकास
प्राधिकरण का
गठन नहीं किया
गया है, जिससे सागर
नगर का विकास
प्रभावित हो
रहा है? (ग)
प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में यदि हाँ, तो क्या
शासन संभागीय
मुख्यालय
सागर नगर में
बढ़ते हुए
जनसंख्या
घनत्व, आंतरिक
अधोसंरचना के
विकास एवं
औद्योगिक विकास
की अपूर्व
संभावनाओं को
दृष्टिगत
रखते हुए सागर
विकास
प्राधिकरण का
गठन करेगा? यदि
हाँ,
तो कब तक?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क)
जी हाँ।
विघटित नगर
सुधार न्यासों
को नगरों की
जनसंख्या के
आधार पर स्थानीय
निकायों में
मर्ज किया गया
था। जी नहीं। (ख)
जी नहीं। जी
नहीं। (ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
लघु उद्योग निगम द्वारा किये गये निर्माण कार्य
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
20. ( क्र. 407 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लघु उद्योग निगम सागर द्वारा सागर जिले में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत स्वीकृत किचिन शेड एवं शौचालय का निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों के कार्यों की जानकारी देवें? (ख) क्या म.प्र. लघु उद्योग निगम सागर द्वारा नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल/माध्य. शाला परसोरिया में किचिन शेड एवं शौचालय का निर्माण कार्य किस वर्ष में एवं कब पूर्ण किया गया था? (ग) क्या शास. हाई स्कूल/ माध्य. शाला परसोरिया का शौचालय भवन वर्तमान में जर्जर/अनुपयोगी हो गया है? कारण सहित जानकारी देवें? (घ) शास. हाई स्कूल/माध्य. शाला परसोरिया का शौचालय भवन की वर्तमान स्थिति के लिये कौन जिम्मेदार है एवं कार्य एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी बतावें?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) किचिन शेड का निर्माण नहीं किया गया। लेकिन विगत तीन वर्षों में वर्ष 2015 में 18 स्कूलों में शौचालयों का निर्माण कार्य किया गया था। (ख) किचिन शेड का निर्माण नहीं किया गया है। लघु उद्योग निगम द्वारा नरयावली विधान क्षेत्र अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल परसोरिया में केवल शौचालय का निर्माण कार्य जुलाई 2015 को पूर्ण किया गया था तथा स्कूल शिक्षा विभाग को दिनांक 3/7/2015 को आधिपत्य दिया गया है। (ग) शौचालय भवन जर्जर नहीं हुआ है। शौचालय में आसपास के असमाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ की गयी है, पानी की टंकियाँ निकाली गयी हैं तथा टाईल्स, वाशवेसिन, सीट आदि को क्षति पहुँचायी गयी है। (घ) प्रश्नांश ‘ख’ एवं ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 438 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में संचालित रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने मजदूरों को कार्य दिया गया का विवरण जनपदवार व पंचायतवार देवें? बतावें कि कार्यरत मजदूरों के मजदूरी कितने समय बाद भुगतान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या योजना के निर्देश 2008 के पैरा 7.1.5 में श्रमिकों के मजदूरी भुगतान साप्ताहिक आधार पर किये जाने का नियम है अगर मजदूरी भुगतान विलंब से की जाती है, तो क्या विलंब के भुगतान पर अधिनियम, 1936 के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि की पात्रता मजदूर रखता है, जिसकी पूर्ति शासन द्वारा की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) मजूदरों को प्रश्नांश (ख) अनुसार समय पर मजदूरी भुगतान न किये जाने पर क्या आयुक्त म.प्र.रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल द्वारा मजदूरी विलंब से भुगतान पर क्षतिपूर्ति देने के संबंध में जनवरी, 2015 में आदेश भी जारी किये गये? (घ) प्रश्नांश (क) के मजदूरों के मजदूरी के भुगतान में हुए विलंब के लिए रीवा संभाग में कितने मजदूरों को क्षतिपूर्ति दी गई का विवरण जिला एवं जनपदवार देवें। क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 894 दिनांक 26.05.2017 के माध्यम से इस संबंध में जानकारी भी चाही थी, जो अभी तक अप्राप्त है। (ड.) प्रश्नांश (क) के मजदूरों के मजदूरी का भुगतान विलंब से किये जाने के लिये कौन-कौन दोषी है तथा विलंब से की गई मजदूरी भुगतान पर क्षतिपूर्ति न देने के लिये कौन-कौन जवाबदार है, जवाबदारों के ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी भारत सरकार के पोर्टल nrega.nic.in पर उपलब्ध है जिसकी मुद्रित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मान. प्रश्नकर्ता विधायक का पत्र शासन को प्राप्त नहीं है। (ड.) विलंब के कारणों का विश्लेषण एवं दोष निर्धारण करने की कार्रवाई पूर्ण नहीं हुई है। विलंब के लिए जिम्मेदारी नियत कर कार्रवाई करने की व्यवस्था की गई है।
दोषियों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
22. ( क्र. 439 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 का गठन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पी.एम.के.के.के.वाई.) खनन प्रभावित क्षेत्र के विविध विकासात्मक एवं कल्याण हेतु परियोजना/कार्यक्रम हेतु भारत सरकार की स्कीम है, जिसके तहत रीवा जिले में भी खनिज प्रतिष्ठान का गठन किया गया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां, तो क्या मण्डल की शक्तियां तथा कृत्य के भाग (क) प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के मार्गदर्शिका अनुसार प्राथमिकताओं का निर्धारण करना था, जिसके तहत खनिज प्रभावी क्षेत्रों को उनके विकास हेतु खनिज प्रतिष्ठान को प्राप्त राशि का आवंटन कर योजना को क्रियान्वित कराना उद्देश्य था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में म.प्र. राजपत्र दिनांक 28 जुलाई 2016 में दिए गए निर्देशों के विपरीत क्या दिनांक 11 मई 2017 को खनिज प्रतिष्ठान की राशि जिला पंचायत रीवा द्वारा माननीय प्रभारी मंत्री एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा नगर निगम क्षेत्र रीवा व विधान सभा सेमरिया में आवंटित कर दी गई, जबकि अन्य विधान सभा क्षेत्र के खनिज प्रभावित पंचायतों को राशि नहीं दी गई? क्या नियमानुसार इन्हें देने के निर्देश थे? (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में गुढ़ विधान सभा के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खनिज प्रभावित क्षेत्र जो खनिज विभाग द्वारा चिन्हांकित हैं को भी राशि जारी नहीं की गई? क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के निर्देशों से हटकर प्रश्नांश (ग) अनुसार आवंटित की गई, नियम विरूद्ध राशि के जारी होने पर रोक लगाने की कार्यवाही करेंगे एवं खनिज प्रभावित पंचायतों को राशि आवंटित कराने हेतु आदेश एवं निर्देश जारी करेंगे? साथ ही नियम विरूद्ध कार्य करने के दोषियों पर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे, यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। दिनांक 11.05.2017 की बैठक में नियम अनुसार खनिजधारी तहसील क्षेत्रों में जिला खनिज प्रतिष्ठान के अंतर्गत कार्यों का अनुमोदन कर स्वीकृत किया गया है। जिसमें तहसील हुजूर एवं तहसील सिमरिया में कार्यों को स्वीकृत किया गया है। अभी राशि आवंटित नहीं की गई है। नियमानुसार प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता पर कार्य स्वीकृत किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं। जिले को एकाई मानकर कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। (ड.) प्रश्नांश (ग) में उल्लेख अनुसार कार्यों को स्वीकृत किया गया है। वर्तमान में राशि आवंटित नहीं की गई है। नियम विरूद्ध कार्य न होने के कारण कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन महाविद्यालयों को प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
23. ( क्र. 462 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट विकासखण्ड अन्तर्गत लामता, चांगोटोला एवं हट्टा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है? आतांराकित प्रश्न क्रमांक 1564 दिनांक 08.12.17 के जवाब में बताया गया कि मापदण्ड प्रस्तावित क्षेत्र में 500 विद्यार्थियों की उपलब्धता हैं, चूंकि उक्त क्षेत्र में लगभग 700 विद्यार्थियों की उपलब्धता है एवं उक्त क्षेत्र अतिसंवेदनशील, नक्शलप्रभावी क्षेत्र हैं, घने जंगलों के मध्य स्थित होने के कारण उक्त क्षेत्र के बच्चे उच्च शिक्षा अध्ययन से वंचित हो जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में क्या उक्त स्थान में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु शासन से अनुमति नहीं दी जावेंगी? यदि दी जावेगी तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उक्त प्रश्न के जवाब में कहा गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीमित संसाधनों के कारण नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने संभव नहीं है तो क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में प्रावधानित कर उक्त महाविद्यालय प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक अनुमति प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) शासन के नियमानुसार क्या विद्यार्थियों की संख्या एवं संसाधनों एवं क्षेत्र की स्थिति अनुकूल है तो नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाना संभव हैं? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक की जावेंगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या छात्र-छात्राओं की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुये परसवाड़ा महाविद्यालय में साईन्स तथा गणित संकाय प्रारंभ किये जाने हेतु तत्काल अनुमति प्रदान की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। जी हाँ, जी नहीं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण लामता, चांगोटोला एवं हटा में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "क" अनुसार। (घ) उपसचिव मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्रमांक 21-3/2012/38-2 भोपाल दिनांक 02/06/12 के द्वारा शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा जिला बालाघाट में विज्ञान (भौतिकी, गणित, रसायनशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, प्राणीशास्त्र) संकाय प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण में अनियमितताओं की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 463 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न तक कौन-कौन सी सड़क कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई? कितने कार्य पूर्ण किये गये? कितने कार्य निर्माणाधीन हैं एवं कितने कार्य अप्रारंभ हैं? इनकी कार्यवार स्वीकृत राशि, व्यय राशि, मूल्यांकन राशि की जानकारी उपलब्ध करावें? किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब, किस-किस सड़क का निरीक्षण किया गया? उसमें क्या कमियां पाई गई एवं उनकी कब और क्या पूर्ति की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन सड़कों में मरम्मत कार्य कब-कब किया गया एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितनी-कितनी सड़कों के मरम्मत के प्रस्ताव भेजे गये हैं? कितने स्वीकृत हुये, कितने कार्य प्रारंभ किये एवं कितने कार्य प्रारंभ किये जाना लंबित हैं? (ग) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र की कौन-कौन सी विकासखण्डवार नवीन सड़कों के निर्माण के कौन-कौन से प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में भेजे हैं? कितने प्रस्ताव स्वीकृति हेतु किस स्तर पर लंबित हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्ताव विभाग को भेजे हैं, उन प्रस्तावों के विरूद्ध कितने कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितने अस्वीकृत किये गये? अस्वीकृत किये जाने का कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या विभिन्न माध्यमों से उरूरघोटा टिकरिया मार्ग जो कि विगत 4 से 5 वर्षों पूर्व निर्माण किया गया था में घटिया निर्माण सहित वित्तीय अनियमितता की शिकायतें की गई थी, किंतु आज दिनांक तक कोई संतोषजनक परिणाम नहीं आये क्या उक्त मार्ग की संपूर्ण जाँच कर तत्कालीन अधिकारी/कर्मचारी या एजेंसी के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब एवं स अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द, ई, फ एवं ग अनुसार है। (ग) नवीन सड़क का कोई प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) यद्यपि विभाग के संज्ञान में कोई शिकायत नहीं आई है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधीक्षण यंत्री को निरीक्षण करने के निर्देश दे दिए गए है। वर्तमान स्थिति में शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
पौधारोपण की जानकारी
[वन]
25. ( क्र. 476 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत जनवरी 2017 से 30 जून 2017 तक कहाँ-कहाँ पर पौधारोपण किया गया? कितने पौधे प्रश्नांश दिनांक तक जीवित हैं? कितनी राशि का पौधा कहाँ से क्रय किया गया जानकारी दें? (ख) किस विद्यालय में कितने पौधों को लगाया गया है? प्रश्नांश दिनांक तक पौधारोपण के लिए प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है? (ग) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत किन मार्गों के किनारे जनवरी 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर पौधारोपण किया महाविद्यालय में कहाँ पर कब पौधारोपण किया गया? (घ) पौधारोपण के लिए शासन द्वारा क्या योजना निर्धारित की गई? कितने पौधों को रोपण के लिए व्यवस्था की गई है? कब तक पौधारोपण का कार्यक्रम चलेगा? क्या जन जागरूक अभियान चलाकर अधिकतम पौधारोपण किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी निरंक है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी निरंक है। विभाग द्वारा क्षेत्र तैयारी पौधा तैयारी इत्यादि कार्य किया गया है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) कार्य आयोजना का क्रियान्वयन विस्तार वानिकी योजना, कैम्पा, राष्ट्रीय वनीकरण योजना एवं कृषि वानिकी से कृषक समृद्धि योजना निर्धारित है। 40,000.जी हाँ।
जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ को जमीन हस्तांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 483 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि. अता. क्रमांक 649 दिनांक 08.12.2016 के संदर्भ में बताएं कि क्या नगर पालिका भिण्ड के सर्वे क्रं. 324 व 325 में जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड का आधिपत्य है तथा नगर पालिका भिण्ड के संकल्प क्रमांक 53 दिनांक 29.03.1988 हस्तांतरित हेतु पारित किया गया हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? विवरण सहित जानकारी दें। (ख) नगर पालिका भिण्ड 100 मीटर लम्बाई, 100 मीटर चौड़ाई अल्प संख्यक जैन समुदाय महावीर जैन कीर्ति स्तम्भ के लिए 1975 से प्रीमियम एवं लीज रेन्ट पर देने के लिऐ अभी तक शासन द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई? विवरण सहित जानकारी दें? (ग) शासन स्तर पर कब कार्यवाही पूर्ण होकर सर्वे क्रमांक 324 व 325 जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड को प्रीमियम एवं लीज रेन्ट पर दी जायेगी समय-सीमा सहित जानकारी दें? (घ) कलेक्टर भिण्ड द्वारा पत्र क्रमांक 415 दिनांक 11.11.2014 को प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को भेजा गया यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई, जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर पालिका परिषद्, भिण्ड द्वारा प्रश्नांकित संकल्प के पालन में मध्यप्रदेश नगरपालिका अचल सम्पत्ति (अंतरण) नियम, 2016 के प्रावधानुसार जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड को भूमि हस्तांतरण के संबध में कार्यालय नगर पालिका परिषद्, भिण्ड के पत्र क्रमांक 887 दिनांक 22.02.2017 के द्वारा प्रस्ताव संचालनालय में प्राप्त हुआ था। प्रकरण के परीक्षणोपरांत प्रस्ताव नियमानुसार नहीं होने के कारण संचालनालय के पत्र क्रमांक 12945 दिनांक 05.07.2017 के द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, भिण्ड से संशोधित प्रस्ताव चाहा गया है, संशोधित प्रस्ताव प्राप्त होने पर आगामी आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, प्राप्त प्रस्ताव मध्यप्रदेश नगर पालिका अचल संपत्ति (अंतरण) नियम 2016 के प्रकाश में परीक्षणाधीन होकर कार्यवाही प्रचलित है।
विभागों में प्रेषित पत्रों का समय-सीमा में जवाब न देना
[लोक सेवा प्रबन्धन]
27. ( क्र. 518 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा जनशिकायत में विभागवार कितने शिकायती आवेदन/पत्र दिये गये है। उनमें क्या कार्यवाही की गयी है जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 27/11/15 के अनुसार विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही करते हुये जवाब तीन दिवस में दिये जाने का प्रावधान है? (ग) यदि संबंधित अधिकारियों के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो क्या म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण, अपील) के नियम 1966 के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो क्या छतरपुर जिले के कलेक्टर कार्यालय खनिज विभाग, विद्युत विभाग, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग पर समय-सीमा में जानकारी न देने पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक की जावेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा जन शिकायत में विभागवार कुल 77 शिकायती आवेदन पत्र दिए गए है, जिन पर की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में प्राप्त पत्र की अभिस्वीकृति तीन दिवस में देने का प्रावधान है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिव द्वारा भ्रष्टाचार किये जाने संबंधी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 521 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले की ग्राम पंचायत हीरापुर ग्राम दोंगलापानी खल मेहदूल तहसील सतवास में पदस्थ सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायत स्थानीय निवासियों द्वारा वर्ष 2013-2014 में जिला कलेक्टर देवास को की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कराई गयी थी यदि हाँ, तो किस स्तर के अधिकारी से जाँच कराई गई? जाँच में क्या पाया गया? (ग) क्या जाँच में पंचायत सचिव को दोषी पाया गया था? (घ) यदि हाँ, तो दोषी पर क्या कार्यवाही की गई है और यदि नहीं, तो उसके क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच आदेशित की गई थी, लेकिन सचिव श्री धर्मेन्द्र जोशी द्वारा अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने से जाँच नहीं हो सकी है। (ग) पंचायत सचिव श्री धर्मेन्द्र जोशी को निलंबित कर उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है ओर अभिलेख उपलब्ध न कराने के कारण थाना काटाफोड में एफ.आई.आर. क्रमांक 196/17 दर्ज कराई जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के आदेश क्रमांक 8029 दिनांक 07.07.2017 से निलंबित किया जाकर दोषी सचिव के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है, एवं श्री धर्मेन्द्र जोशी पंचायत सचिव के विरूद्ध थाना काटाफोड में एफ.आई.आर. क्रमांक 196/17 दर्ज कराई जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चितरंगी शासकीय स्नातक महाविद्यालय भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
29. ( क्र. 537 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के विधान सभा क्षेत्र चितरंगी मुख्यालय में क्या प्राइवेट भवन में शासकीय स्नातक विद्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो क्या भवन में पर्याप्त स्थान नहीं होने से छात्रों को पढ़ने में असुविधा है तथा प्रयोगशाला एवं कार्यालय के लिये पर्याप्त स्थान नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो चितरंगी में शासकीय स्नातक विद्यालय के लिये नवीन भवन निर्माण कब तक में कराया जायेगा और जब तक नवीन भवन का निर्माण नहीं जो जाता तब तक कोई पर्याप्त सुविधाजनक स्थल किराये पर लिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। सिंगरौली जिले के शासकीय महाविद्यालय, चितरंगी किराये के भवन 05 कमरों में संचालित है। जिनमें से 03 कमरों में अध्यापन कार्य, 01 कमरे में कार्यालय तथा 01 कमरे में प्रयोगशाला एवं ग्रन्थालय का कार्य संचालित हो रहा है। (ख) शासकीय महाविद्यालय, चितरंगी के भवन निर्माण हेतु विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक 420-21/2017, दिनांक 23.03.2017 द्वारा राशि रूपये 650.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वर्तमान में महाविद्यालय किराये के भवन में संचालित है।
सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 550 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या शासकीय महाविद्यालय टोंक खुर्द का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था जो कि अभी अधूरा है? शासन से पुनरीक्षित बजट की प्रशासकीय स्वीकृति की कुल राशि एक करोड़ चौदह लाख का बजट आवंटन कब तक किया जावेगा ताकि भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जावे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) हाँ। प्राचार्य से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोक सेवा केन्द्रों का संचालन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
31. ( क्र. 561 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील स्तर पर संचालित लोक सेवा केन्द्रों के संचालन की प्रक्रिया हेतु टेन्डर कब जारी किये गये। सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में संचालित लोक सेवा केन्द्रों के टेन्डर प्रकाशन की छायाप्रति संलग्न करें। (ख) वर्तमान में लोक सेवा केन्द्रों के संचालन हेतु कितने वर्षों के लिए टेन्डर जारी किये गये थे तथा उनके नवीनीकरण का क्या आधार है? (ग) कितने वर्षों के बाद नवीन टेन्डर जारी किये जाते हैं। टेन्डर कौन जारी करता है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) तहसील स्तर पर संचालित लोक सेवा केन्द्रों के संचालन की प्रक्रिया हेतु टेन्डर दिनांक 04/02/2016 को जारी किये गये। सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में संचालित लोक सेवा केन्द्रों के टेन्डर प्रकाशन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्तमान में लोक सेवा केन्द्रों के संचालन हेतु 03 वर्षों के लिए टेन्डर जारी किये गये थे तथा उनके नवीनीकरण का आधार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) 03 वर्षों के बाद नवीन टेन्डर जारी किये जाते हैं। संबंधित जिला कलेक्टर एवं सचिव जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी द्वारा टेन्डर जारी किये जाते हैं।
नवीन उद्योग स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
32. ( क्र. 596 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में मार्च, 2017 तक राज्य में कुल कितने बड़े, मध्यम और लघु उद्योग स्थापित किये गये और इनमें कुल कितने रूपयों की पूंजी निवेश की गई तथा इन उद्योगों में कितने लोगों को रोजगार मिला है? (ख) उपरोक्त वर्षों में राज्य में कुल कितने उद्योगों के लिये कुल कितने पूजी निवेश के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुये और कितने प्रस्ताव निरस्त हुये तथा कितने प्रस्तावों पर कार्यवाही होकर उद्योग स्थापित हुये हैं? (ग) इन वर्षों में शासन की स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत कितने उद्योग व्यवसाय स्थापित हुये हैं और कितने लोगों को स्वरोजगार योजना का लाभ मिला?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) वर्ष 2014-2015, 2015-16 एवं 2016-17 में मार्च, 2017 तक राज्य में कुल 11058 बड़े, मध्यम और लघु उद्योग स्थापित हुए और इनमें कुल 22970.93 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश किया गया तथा इन उद्योगों में 211298 लोगों को रोजगार मिला है। (ख) उपरोक्त वर्षों में उद्योगों के लिये कुल 4342 निवेश आशय प्रस्ताव राशि रूपये 293279 करोड़ के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुये, जिनमें से कुल 544 निवेश आशय प्रस्ताव राशि रूपये 75528 करोड़ निरस्त हुये हैं। उपरोक्त प्राप्त प्रस्तावों में से रूपये 217751 करोड़ पूंजी निवेश के 3798 निवेश प्रस्ताव क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। (ग) इन वर्षों में शासन की स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत कुल 155315 उद्योग/सेवा/व्यवसाय स्थापित हुए जिनमें 155315 लोगों को स्वरोजगार योजनाओं का लाभ मिला है।
वाटर शेड समिति की बैठक
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 597 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन अंतर्गत 2013 से प्रश्न दिनांक में जिला स्तरीय वाटरशेड समिति की बैठक अब-तक कहाँ पर संपन्न हुई, उन बैठकों में कौन-कौन विधायक उपस्थित हुये। बैठकवार सूची बतायें, एवं वर्तमान समिति सदस्यों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) जिला स्तरीय वाटरशेड तकनीकी समिति की बैठक वर्ष 2013 से 2016 में कब-कब कहाँ पर संपन्न हुई? इन बैठकों के कार्यवृत्त की एक प्रति उपलब्ध करावें। (ग) पन्ना जिले की ग्राम स्तरीय वाटरशेड समिति की सूची उपलब्ध करावें, भूमिहीन महिला सदस्य किन-किन समितियों में है, समितियों के इन सदस्यों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) पवई विधायक द्वारा कितने स्टाप डेम एवं अन्य कार्यों की शिकायत कब की गई? इस शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला स्तरीय वाटरशेड समिति की बैठक दिनांक 25-01-2014, 15-06-2015, 18-01-2016 तथा 19-05-2016 में पन्ना स्थित कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई। माननीय विधायक समिति में सदस्य नहीं होने से उनकी उपस्थिति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समिति में वर्तमान सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन समिति के गठन का कोई प्रावधान नहीं है, अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में प्रचलित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है।
नर्मदा नदी से रेत का अवैध उत्खन्न/परिवहन
[खनिज साधन]
34. ( क्र. 614 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह दिसम्बर 2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में होशंगाबाद, हरदा, देवास एवं सीहोर जिले में नर्मदा रेत का ओव्हर लोडिंग परिवहन कर परिवहन किये जाने पर किस-किस माह में कितने-कितने वाहनों को पकड़ा गया एवं किन-किन वाहनों पर किस कानून के तहत किस धारा के अंतर्गत क्या-क्या कार्यवाही गई? वाहनों के प्रकार, वाहन स्वामी का नाम, पिता/पति का नाम पते सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) उक्त अवधि में नर्मदा नदी में जलीय बहाव के क्षेत्र अथवा जल सतह के नीचे रेत का अवैध रूप से उत्खनन पोकलेन मशीन आदि से किये जाने एवं स्वीकृत रेत खदान क्षेत्र सीमा से बाहर जाकर अवैध उत्खनन किये जाने तथा ओव्हर लोर्डिंग रेत का परिवहन किये जाने एवं रेत डंप किये जाने आदि के संबंध में किस-किस स्तर पर कब-कब, किस-किस के द्वारा शासन एवं प्रशासन को शिकायतें प्राप्त हुई है? उन प्राप्त शिकायतों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या हरदा एवं देवास जिले के अंतर्गत पोकलेन मशीनों से नर्मदा नदी में जलीय बहाव के क्षेत्र अथवा जल सतह के नीचे रेत का अवैध रूप से उत्खनन के लिए सिया की अनुमति के बिना किये जाने के संबंध में हरदा के पूर्व विधायक द्वारा शासन-प्रशासन को शिकायतें की थी ? यदि हाँ, तो कब-कब एवं क्या-क्या शिकायतें की थी? उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
औद्योगिक क्षेत्र की एन.ओ.सी.
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
35. ( क्र. 676 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिला मुख्यालय पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु 48.965 हेक्टेयर भूमि की एन.ओ.सी. हेतु एम.डी.आई.आई.डी.सी. ग्वालियर द्वारा कलेक्टर श्योपुर के माध्यम से नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग को उद्योग संचालनालय के पत्र क्रमांक 830 दिनांक 14.02.2017 द्वारा भेजी जा चुकी हैं। (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि जिले के औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने हेतु सतत् अंतर्विभागीय प्रक्रिया के माध्यम से विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली है? कौन-कौन सी नहीं व क्यों? (ग) अपूर्ण कार्यवाही को पूर्ण करने में कितना समय और लगेगा? इसे कब तक पूर्ण करके श्योपुर जिला मुख्यालय पर कलेक्टर श्योपुर द्वारा उक्त आरक्षित भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की एन.ओ.सी. नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग भोपाल द्वारा कब तक जारी कर दी जावेंगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। (ख) नगरीय विकास एवं आवास विभाग अनुसार मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 23-क (1) (क) के अंतर्गत भूमि उपांतरण हेतु नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा दिनांक 27-04-2017 को आपत्ति/सुझाव आमंत्रित करने हेतु सूचना जारी की गई है। (ग) नगरीय विकास एवं आवास विभाग अनुसार उत्तरांश (ख) अनुसार वैधानिक कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत अंतिम सूचना प्रकाशित जा सकेगी।
नमामि नर्मदा यात्रा समापन कार्यक्रम में खर्च की गई राशि
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
36. ( क्र. 716 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के अमरकंटक में नमामि नर्मदा यात्रा कार्यक्रम के समापन समारोह में प्रधानमंत्री मान. श्री नरेन्द्र मोदी जी के आगमन एवं आमसभा के आयोजन में मध्यप्रदेश के संपूर्ण जिलों से शासकीय व्यय से इस कार्यक्रम में आमजनों को पहुंचने के लिये कितनी राशि का आवंटन किया गया? (ख) अमरकंटक में नमामि नर्मदा यात्रा के कार्यक्रम समापन समारोह हेतु मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कुल कितनी राशि किस मद से व्यय की गई। (ग) अमरकंटक में नमामि नर्मदा यात्रा कार्यक्रम के समापन समारोह में व्यवस्था बनाये जाने हेतु कितने शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अमरकंटक में नमामि देवि नर्मदे यात्रा कार्यक्रम के समापन समारोह में आम सभा के आयोजन एवं इस कार्यक्रम में सहभागिता हेतु मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से परिवहन हेतु जन अभियान परिषद् द्वारा आवंटित की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) नर्मदा सेवा यात्रा समापन कार्यक्रम में योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अन्तर्गत म.प्र. जन अभियान परिषद् के जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई उनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है।
जलावर्धन योजना डेम निर्माण में की गई अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 719 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र की नगर पालिका परासिया में जलावर्धन योजना के अन्तर्गत न्यूटन पेच नदी पर डेम का निर्माण कार्य किया गया है यदि हाँ, तो क्या इसमें विभागीय अधिकारी व ठेकेदार की सांठगांठ के कारण डेम निर्माण में बहुत सारी अनियमिततायें बरतते हुए, गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया, जिसके कारण पिछले वर्ष बारिश में डेम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होकर बह गया और आज भी उस डेम का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या विभाग द्वारा इस लापरवाही के लिये लापरवाह विभागीय अधिकारियों व क्रियान्वयन एंजेसी ठेकेदार पर कार्यवाही की गई हैं? अगर हां, तो क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उपरोक्त डेम का निर्माण कार्य पुन: ठेकेदार द्वारा कराया जायेगा? अगर हां, तो कब तक? (घ) उपरोक्त डेम निर्माण में की गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया, जिलाध्यक्ष जिला छिन्दवाड़ा और आयुक्त महोदय (नगरीय प्रशासन विभाग) को पत्र प्रेषित किये गये थे। जिन पत्रों पर अभी तक संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। अतिवर्षा होने के कारण पेंच नदी में अत्यधिक जल स्तर बढ़ने के फलस्वरूप स्थल पर तटो के विंग वाल के समीप में लगभग 60.70 मीटर चौड़ाई में किनारों का कटाव हुआ है एवं विंग वाल क्षतिग्रस्त हुई है। माह दिसम्बर 2017 तक प्रवाह कम नहीं होने के कारण मार्च 2018 तक अधूरा निर्माण कार्य पूर्ण होना संभावित है। (ख) अतिवर्षा से उत्पन्न परिस्थिति के कारण विंग वाल क्षतिग्रस्त हुई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा क्षतिग्रस्त भाग को हटाकर उसका पुन: निर्माण कार्य कराया जायेगा। ठेकेदार द्वारा कार्य बर्षा उपरांत मार्च 2018 तक पूर्ण कर लिया जाना लक्षित है। (घ) उक्त पत्रों के आधार पर जाँच प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क निर्माण में अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 720 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थित नगर पंचायत बड़कुही में वार्ड क्रमांक 13 में रामभरोसे आरसे के घर से लेकर अजीम ठेकेदार के घर तक सीमेन्ट क्रांकीट सड़क का निर्माण कार्य क्या नगर पंचायत बड़कुही द्वारा कियान्वयन एंजेसी से कराया गया था? अगर हाँ तो क्या स्वीकृत किये गये मार्ग का निर्माण कार्य क्रियान्वयन एंजेसी द्वारा अभी तक पूर्ण नहीं किया गया है फिर भी निर्माण एंजेसी को राशि का भुगतान किया जा चुका है? कार्य पूर्ण किये बिना भुगतान करने का क्या कारण हैं? (ख) क्या नगर पंचायत बड़कुही में वार्ड क्रंमाक 13 में रामभरोस आरसे के घर से लेकर अजीम ठेकेदार के घर तक सीमेन्ट क्रांकीट सड़क निर्माण कार्य को नियम विरूद्ध तरीके से औपचारिकता पूर्ण करते हुए, एक ही सड़क का दो बार वैल्यूशन कराकर संबंधित अधिकारी द्वारा राशि का आहरण किया गया है? अगर हॉ तो ऐसे अधिकारियों के ऊपर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) उपरोक्त सड़क निर्माण में की गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया, जिलाध्यक्ष और आयुक्त महोदय (नगरीय प्रशासन विभाग) को पत्र प्रेषित किये गये थे, उन पत्रों पर अभी तक संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? (घ) क्या विभाग द्वारा उपरोक्त सड़क निर्माण में की गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, निमार्ण एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण कर दिया गया है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत निर्माण एजेंसी को भुगतान किया गया है जिससें शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, निर्माण कार्य की जाँच प्रचलित है। (घ) प्रश्नांश 'ग' अनुसार जाँच कराई जा रही है।
वि.स.क्षे. बड़वारा में घोषित महाविद्यालयों की स्थिति
[उच्च शिक्षा]
39. ( क्र. 743 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 28-7-2016 के तारांकित प्रश्न संख्या 2 (क्र. 2955) की सदन में मौखिक चर्चा में मा. मंत्रीजी द्वारा विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के उमरियापान में महाविद्यालय की घोषणा की है? (ख) दिनांक 28-2-2017 के ता. प्रश्न क्रं. 929 में मा. मुख्यमंत्री जी की किन दिनांकों की जनदर्शन यात्रा में किन स्थानों में किन संकाय के महाविद्यालयों की घोषणाओं और उन्हें किन भवनों में संचालित होने तथा भूमि आवंटन का उल्लेख किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) महाविद्यालयों में निर्धारित तिथि में किन संकाय के कितने-कितने छात्रों ने प्रवेश लिया है और उपलब्ध कितने कक्षों में कक्षायें चलायी जा रही हैं और प्राचार्य, प्राध्यापक, कर्मचारी आदि के लिये कितने कक्षों का उपयोग किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संकायों के लिये किन महाविद्यालयों में किस शैक्षणिक योग्यता के किस स्तर के प्राध्यापकों की पदस्थापना की गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्न क्रमांक 929 में दिया गया उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा एवं शासकीय महाविद्यालय सिलौड़ी, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के तीन-तीन कक्षों में तथा शासकीय महाविद्यालय उमरियापान वर्तमान में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, उमरियापान के एक कक्ष में संचालित है। महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि दिसम्बर 2016 में आवंटित की जा चुकी है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) शासकीय महाविद्यालय सिलौड़ी में भौतिक शास्त्र एवं अंग्रेजी विषय, शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा हिन्दी एवं राजनीतिशास्त्र विषय के नियमित सहायक प्राध्यापकों को शासकीय तिलक महाविद्यालय कटनी से रिडिप्लाय किया गया है। नियमित शिक्षकों की पदस्थापना निरंक है। रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन की व्यवस्था की जाती है।
नदी-नालों में जलशोधक संयंत्रों की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 744 ) श्री मोती कश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर नगरनिगम क्षेत्र की परियट नदी तथा करौंदानाला, उल्दनानाला, मोतीनाला, ओमतीनाला, खंदारीनाला व अन्य नालों का पानी परियट-हिरन नदियों में मिलकर किन स्थानों पर नर्मदा नदी में मिलता है? (ख) प्रश्नांश (क) नदियों और नालों के जल की गुणवत्ता किस ग्रेड की पायी गई है और उनसे परियट, हिरन एवं नर्मदा नदी के जल की गुणवत्ता पर क्या प्रभाव पड़ता है? (ग) क्या नगर निगम जबलपुर के द्वारा प्रश्नांश (क), (ख) के जल के शुद्धिकरण संयंत्रों की किसी लागत की योजनायें बनायी गई है? यदि हाँ, तो किन स्थानों पर स्थापित करने हेतु बनायी गई हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) योजना के क्रियान्वयन से प्रश्नांश (क) के पानी का ग्रेड किस स्तर का हो जावेगा और उसका उपयोग किस निमित्त किया जावेगा? (ड.) प्रश्नांश (ग) योजनायें कब तक स्थापित कर दी जावेंगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जबलपुर नगर निगम क्षेत्र के उल्दनानाला मोतीनाले में मिलकर ओमतीनाले में मिलता है जो ग्राम रियाखेड़ा के पास परियट नदी में मिल जाता है। करौदानाला ग्राम-इमलिया में सीधे ही परियट नदी में मिलता है। परियट नदी ग्राम-गनियारी के पास हिरन नदी में मिलती है। हिरन नदी ग्राम-साकलघाट, जिला-नरसिंहपुर के पास नर्मदा नदी में मिलती है। खंदारीनाला ललपुर एवं तिलवाराघाट (जबलपुर) के बीच नर्मदा नदी में मिलता है। (ख) परियट नदी में ओमतीनाला मिलने के पूर्व एवं पश्चात नदी की जल गुणवत्ता की श्रेणी ''डी'' पाई गई है। अत: ओमतीनाला के मिलने से परियट नदी की जल गुणवत्ता श्रेणी में परिवर्तन नहीं है। परियट नदी के हिरन नदी में मिलने से हिरन नदी की जल गुणवत्ता श्रेणी ''ए'' से घटकर ''सी'' एवं ''डी'' श्रेणी में पाई गई है। हिरन नदी के मिलने के पूर्व एवं पश्चात दोनों स्थलों पर नर्मदा नदी की जल गुणवत्ता ''ए'' श्रेणी की पाई गई है। अत: हिरन नदी के नर्मदा में मिलने से नर्मदा की जल गुणवत्ता श्रेणी में परिवर्तन नहीं होता है। इसी प्रकार खंदारीनाला के मिलने के पूर्व एवं पश्चात दोनों स्थलों पर नर्मदा नदी की जल गुणवत्ता श्रेणी ''ए'' में परिवर्तन नहीं पाया गया है। (ग) से (ड.) उत्तरांश ''ख'' के अनुसार नर्मदा नदी में नाले मिलने से पानी की गुणवत्ता में परिवर्तन नहीं होने से जल शुद्धिकरण की आवश्यकता नहीं पाई जाती है जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निशातपुरा पन्नानगर योजना में आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 847 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निशातपुरा पन्नानगर योजना के अंतर्गत बोर्ड द्वारा विज्ञापित स्वतंत्र भवन योजना किस दृष्टि से साध्य न होने से प्रकोष्ठ भवन प्रस्तावित की गई, योजना परिवर्तन करने में क्या आवेदकों की सहमति प्राप्त की गई थी? यदि हाँ, तो विवरण दें नहीं तो क्यों नहीं की गई थी? क्या यह बोर्ड की मनमानी कार्यवाही को दर्शित नहीं करता है? क्या बोर्ड की यह कार्यवाही नियमानुसार है? (ख) क्या दिनांक 21.03.2017 के तारांकित प्रश्न क्रं. 5712 में यह जानकारी दी गई कि आवेदकों के दुगने क्षेत्रफल पर भवन निर्माण करवा कर दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट करें कि पूर्व में कितने क्षेत्रफल का भवन किस मूल्य पर दिया जा रहा था और वर्तमान में कितने क्षेत्रफल पर भवन उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) क्या शासन शेष बचे हितग्राहियों को या तो उसी प्रस्तावित योजना के अंतर्गत भूखण्ड/भवन/बनाकर उपलब्ध करायेगा या नगर निगम सीमा के अंतर्गत आवेदकों को पूर्व भवन/भूखण्ड के मूल्य को आधार मानते हुए मण्डल की अन्य संपत्ति/नवीन योजना के अंतर्गत भवन भूखण्ड उपलब्ध कराने की कार्यवाही करेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के पत्र क्र. 1755, दिनांक 22.08. 2009 द्वारा प्रस्तावित योजना के स्थल का भोपाल विकास योजना 2005 में उपयोग यातायात निर्दिष्ट होने एवं यातायात भूमि उपयोग में आवासीय गतिविधियां स्वीकार्य न होने के कारण आवासीय योजना का अभिन्यास निरस्त कर दिया गया। मण्डल द्वारा आवेदकों को योजना स्थगित होने तथा योजना में अपनी जमा राशि मण्डल नियमानुसार वापिस लेने हेतु दिनांक 09.11.2012 को पत्र जारी किया गया। मण्डल द्वारा अभिन्यास निरस्तीकरण के विरूद्ध नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 23 (क) के अंतर्गत भूमि उपयोग परिवर्तन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया। शासन द्वारा भूमि का उपांतरण इस शर्त के साथ उपांतरित किया गया कि रेलवे सीमा से 30 मी. तक खुला क्षेत्र रखा जावे। तदानुसार योजना का अभिन्यास पुनरीक्षित होकर बहुमंजिले भवनों के अभिन्यास की स्वीकृति प्राप्त की गई, स्वीकृत अभिन्यास अनुसार पूर्व की योजना में पंजीकृत हितग्राहियों की सहमति हेतु पत्र जारी किया गया, जिन आवंटियों द्वारा सहमति दी गई उनका नई योजना में पंजीयन सुरक्षित किया गया तथा शेष हितग्राहियों को मण्डल नियमानुसार 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित राशि वापिस की गई। मण्डल द्वारा संपूर्ण कार्यवाही नियमानुसार की गई है। (ख) जी नहीं। निशातपुरा पन्नानगर योजना में 46.80 वर्ग मी. निर्मित क्षेत्रफल का भवन दिया जाना प्रस्तावित था, जिसका मूल्य रू. 9.85 लाख प्रस्तावित था। वर्तमान में इसी योजना क्षेत्र के समीप मण्डल की हाउसिंग पार्क योजना में उपलब्ध जूनियर एच.आई.जी. भवन जिसका निर्मित क्षेत्रफल 95.50 वर्ग मी. तथा मूल्य रू. 18.30 लाख है। क्रय करने हेतु मण्डल द्वारा प्रस्ताव किया गया है। (ग) पूर्व योजनांतर्गत शेष बचे मात्र 3 आवेदकों जिनके द्वारा पंजीयन राशि वापिस नहीं ली है, उनके लिये प्रश्नाधीन योजनांतर्गत स्वतंत्र भूखण्ड भवन निर्मित कर प्रदान करना पुनरीक्षित अभिन्यास में प्रावधान उपलब्ध न होने के परिप्रेक्ष्य में संभव नहीं है। ये हितग्राही मण्डल की रिक्त संपत्ति अथवा नवीन योजनांतर्गत वर्तमान निर्धारित मूल्य पर संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें उनके द्वारा जमा राशि निर्धारित 8 प्रतिशत ब्याज दर पर संपत्ति के मूल्य में समायोजित की जावेगी।
बारात घर का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 849 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 18.12.16 के प्रश्न क्रमांक 279 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ प्रश्नांश (ख) का उत्तर प्रश्नांश (क) के तारतम्य में बारात घर का निर्माण स्थल विवाद होने के कारण प्रारम्भ नहीं हो सका कार्य प्रारम्भ करने हेतु कार्य आदेश जारी किया जा चुका है? स्थल विवाद निराकरण के बाद कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा दिया गया है? तो क्या मुख्य नगर पालिका अधिकारी उचेहरा द्वारा पत्र लिखकर थाना प्रभारी से स्थल विवाद निपटाने हेतु पुलिस बल की मांग की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक पुलिस बल क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया? कब तक उपलब्ध करा दिया जायेगा, ताकि स्थल विवाद समाप्त कर बारात घर का निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जा सके।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद् उचेहरा द्वारा पुलिस बल उपलब्ध कराने की मांग थाना प्रभारी उचेहरा से की गई थी, परन्तु व्यस्तता के कारण पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र. पु.अ./सतना/ओ.एम./वि.स.प्र./16/2017 दिनांक 07.07.2017 द्वारा अवगत कराया गया है कि नगर परिषद् उचेहरा द्वारा पुलिस बल की जब भी मांग की जायेगी, पुलिस बल उपलब्ध करा दिया जायेगा, जिसके परिपालन में भी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् उचेहरा द्वारा आगामी 15 दिवस में पुलिस बल के सहयोग से अतिक्रमण हटाकर निर्माण कार्य प्रांरभ किया जा सकेगा।
नवीन घोषित राजस्व ग्राम गुनाहा एवं चक कछौआ का मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 857 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक भितरवार विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? प्रत्येक कार्यवार कितना-कितना वित्तीय आवंटन स्वीकृत हुआ था, निर्माण कार्य किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा किस-किस यंत्री/अधिकारी के सुपरवीजन में किस-किस स्थान पर कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं वर्तमान में उन निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) ग्राम पंचायत पनिहार के ग्राम गुनाहा तथा ग्राम पंचायत कछौआ के ग्राम चक कछौआ जो पूर्व में राजस्व ग्राम घोषित न होने के कारण मार्ग निर्माण से वंचित रह गये थे उक्त दोनों ग्राम किस दिनांक को राजस्व ग्राम घोषित हुये हैं? उक्त राजस्व ग्राम घोषित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक दोनों मार्गों के निर्माण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) राजस्व ग्राम घोषित होने के बाद इतने लम्बे समय तक रोड निर्माण की प्रक्रिया में विलंब के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? इन घोषित राजस्व ग्रामों की कितनी-कितनी जनसंख्या है? अब इन ग्रामों के मार्गों को कब तक स्वीकृत कर निर्माण करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) ग्राम चक कछौआ आबादी 325 एवं ग्राम गुनाहा आबादी 860 क्रमश: दिनांक 26.08.2013 एवं 26.10.2016 को राजस्व ग्राम घोषित हुए हैं। उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत सड़कों के लिए आबद्ध होने से सड़क निर्माण की स्वीकृति नहीं दी जा सकी है। किसी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। प्रश्नाधीन मार्गों की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की सुनिश्चित उपलब्धता पर निर्भर होने से स्वीकृति एवं निर्माण कराने के लिये समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्वालियर जिले के वन परिक्षेत्र में स्वीकृत कार्य
[वन]
44. ( क्र. 858 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के किन-किन वन परिक्षेत्र में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किस-किस मद से स्वीकृत किये गये हैं? कार्य का प्रकार, स्वीकृत दिनांक, कार्य हेतु स्वीकृति राशि तथा सम्पादित कार्यस्थल का नाम आदि बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं तथा कितने आज दिनांक तक अपूर्ण हैं? कार्य के अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ग) वर्ष 2016 में स्वीकृत प्लांटेशन कार्य की प्रत्येक तिमाही में प्राप्त आवंटन के विरूद्ध कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के सम्पादित किये गये? प्लांटेशन में कितने मीटर सी.पी.आर. पत्थर की खकरी प्रस्तावित थी तथा उसके विरूद्ध कितने मीटर निर्मित की जा चुकी है एवं कितने मीटर निर्मित होना शेष है? कार्य में संलग्न मजदूरों की बैंक खाता सूची एवं डी.पी.आर. की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) जिले एवं अवधि में वन विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ पर वृक्षारोपण कार्य किया गया है, प्रत्येक रोपाणी में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे रोपित किये गये हैं? प्रश्न दिनांक तक कितने पौधे जीवित हैं तथा कितने नष्ट हो गये हैं? पौधे नष्ट होने का क्या कारण रहा है एवं उन पर कितनी राशि व्यय की गई थी? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग द्वारा जाँच कर जिम्मेदारों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अधिकांशतः पौधे प्राकृतिक कारण से नष्ट हुये है जिनके लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। जिन क्षेत्रों में अन्य कारणो से पौधे नष्ट हुये है उनमें जिम्मेदार पर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना में निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
45. ( क्र. 877 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो सिरोंज एवं लटेरी तहसील में कितने ग्रामों में कितने कि.मी. सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है? सड़क निर्माण कार्यों में कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया है? (ख) विधान सभा सिरोंज के अंतर्गत वर्तमान में कितनी सड़कों के निर्माण कार्य प्रारंभ है तथा कितने अप्रारंभ हैं? कितने कि.मी. सड़क का निर्माण कर लिया गया हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सिरोंज एवं लटेरी तहसील अंतर्गत 186 ग्रामों हेतु 410.71 कि.मी. सड़कों का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। सड़क निर्माण कार्यों में रूपये 9871.91 लाख का व्यय किया गया है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 08 सड़कों के निर्माण कार्य प्रारम्भ एवं 01 सड़क का निर्माण कार्य अप्रारंभ है। प्रगतिरत सड़कों में 12.23 कि.मी. की लंबाई में निर्माण कार्य कर लिया गया है। अपूर्ण/प्रगतिरत कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराया जायेगा निर्धारित समयावधि बताना संभव नहीं है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पेयजल हेतु इंटेकवेल का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 882 ) श्री अरूण भीमावद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन की मंशानुसार हर नागरिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करना शासन एवं स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है? क्या शाजापुर जिला मुख्यालय के नगरवासियों को चीलर बांध से जल शुद्धिकरण संयंत्र तक पेयजल किस माध्यम से पहुंचाया जाता है? (ख) क्या शासन द्वारा स्थानीय प्रशासन को शाजापुर शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु कार्ययोजना स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो उसका नाम, लागत राशि एवं कार्यपूर्ण की अवधि नियम की गई है? (ग) क्या स्वीकृत कार्य पूर्ण होकर शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) तकनीकी रूप से असफल पेयजल हेतु निर्मित इंटेकवेल के लिए कौन जिम्मेदार है तथा इसकी लागत वसूली किस अधिकारी से की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। चीलर डेम से जल शुद्धिकरण संयंत्र तक लगभग 2 कि.मी. ओपन चेनल द्वारा एवं 3 कि.मी. पाईप लाईन के माध्यम से पहुंचाया जाता है। (ख) जी हाँ। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनान्तर्गत जल आवर्धन योजना राशि रू. 1200.00 लाख की स्वीकृत की गई है। योजना का कार्य पूर्ण करने की अवधि 18 माह निर्धारित की गई थी। (ग) योजनान्तर्गत चीलर डेम से इन्टेकवेल तक पाईप लाईन का कार्य अपूर्ण होने के कारण पुराने फिल्टर प्लांट से ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। निर्माण कार्य में इंटेकवेल के त्रुटिपूर्ण निर्माण किये जाने के कारण योजना पूर्ण नहीं हुई है। (घ) निर्माण एजेंसी त्रुटिपूर्ण इंटेकवेल के निर्माण के लिए उत्तरदायी पाई गई है। अत: ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध अनुसार कार्यवाही करते हुए नवीन इंटेकवेल का निर्माण उचित स्थल पर करने की कार्यवाही की गई है। योजना तकनीकी रूप से असफल नहीं है।
विभिन्न प्रकार की पेंशन योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
47. ( क्र. 906 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में विभाग द्वारा खरगोन जिले में सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था, परित्याक्ता, विधवा, दिव्यांग, बहु विकलांग, अभिभावक एवं विभिन्न प्रकार की पेंशन योजना के तहत कितने हितग्राहियों को पेंशन स्वीकृत की जाकर कितनी-कितनी राशि कौन-कौन सी पेंशन योजना में प्रतिमाह वितरित की जा रही है? संख्या बताएँ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने लाभार्थीयों के बचत खाते राष्ट्रीयकृत बैंक, पोस्ट आफिस अथवा क्षेत्रीय बैंकों के माध्यम से पेंशनों का वितरण किया जा रहा है? क्या वर्तमान में भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नगद राशि का वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस विकासखण्ड में? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में हितग्राहियों को नियमित प्रतिमाह पेंशन का वितरण किया जा रहा है? क्या पेंशन वितरण के पश्चात नियमित रूप से हितग्राहियों को पेंशन भुगतान का सत्यापन किया जाता है? यदि हाँ, तो किनके द्वारा किया जाता है? यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन स्तर से क्या कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में क्या खरगोन जिले के विकासखण्डवार हितग्राहियों के खातों में पेंशन नहीं डालने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं? यदि हाँ, तो 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उनका क्या निराकरण किया गया एवं उन्हें पेंशन एवं पूर्व बकाया पेंशन का एरियर का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितनों को? नहीं तो कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरगोन जिले में सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था, परित्यक्ता, विधवा, दिव्यांग बहु विकलांग, अभिभावक एवं विभिन्न प्रकार की पेंशन योजना के तहत 82,219 हितग्राहियों को पेंशन स्वीकृत की जाकर पेंशन प्रतिमाह वितरित की जा रही है। योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 82,219 पेंशन हितग्राहियों के बचत खाते राष्ट्रीयकृत बैंक, पोस्ट ऑफिस अथवा क्षेत्रिय बैंकों के माध्यम से पेंशनों का वितरण किया जा रहा है। जिले में किसी भी हितग्राही को नगद राशि के रूप में पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। पेंशन वितरण का सत्यापन समय-समय पर पंचायत समन्वयक, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा पेंशन भुगतान का सत्यापन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय पलेरा में स्नातकोत्तर की कक्षायें प्रारंभ कराये जाना
[उच्च शिक्षा]
48. ( क्र. 916 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के पलेरा में संचालित शासकीय महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की कक्षायें संचालित नहीं हैं, जिसके कारण छात्र-छात्राओं को इधर-उधर उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु भटकना पड़ता है तथा कुछ छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा से वंचित रहकर घर बैठना पड़ता है? क्या छात्र-छात्राओं की समस्या को ध्यान में रखते हुय पलेरा महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की कक्षायें प्रारंभ किये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या उक्त महाविद्यालय में प्राचार्य, ग्रंथपाल, क्रीड़ा अधिकारी, सहायक प्राध्यापक, हिन्दी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, प्राणी शास्त्र तथा वाणिज्य के पद रिक्त हैं, इन पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या योजना बनाई गई है तथा छात्रों के हित में उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करा दी जावेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय, बजट के अभाव में सुचारू रूप से छात्र-छात्राओं को लाभांवित नहीं कर पा रहा है? क्या प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय के लिये बजट आवंटित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ, शासकीय महाविद्यालय पलेरा में स्नातकोत्तर कक्षायें संचालित नहीं है। शासकीय महाविद्यालय पलेरा से 27 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय नौगांव संचालित है, जिसमें कला संकाय के पाँच विषयों में स्नातकोत्तर कक्षायें उपलब्ध हैं। यहां पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। वर्तमान में वित्तीय सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए शासकीय महाविद्यालय पलेरा में स्नातकोत्तर की कक्षायें प्रारंभ करने में कठिनाई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। नियमित नियुक्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को मांग पत्र भेजा गया है। रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन व्यवस्था की जाती है। (ग) सत्र 2017-18 में शासन द्वारा महाविद्यालय को आदर्श प्रयोगशाला उन्नयन हेतु रूपये 10,99,678/- एवं पुस्तकालय विकास हेतु राशि रूपये 6,44,150/- का बजट आवंटित किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
संजय दुवरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के विस्थापित
[वन]
49. ( क्र. 930 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत संजय दुबरी टाइगर अभ्यारण्य की स्थापना की अधिसूचना कब जारी की गई थी? संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्राम सम्मिलित हैं? ग्रामों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के रहवासियों के विस्थापन एवं पुनर्वास हेतु क्या नियम निर्धारित हैं? कितने ग्रामों का विस्थापन का कार्य किया जा चुका है? कितने लोगों का विस्थापन कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सुहिरा, चाफल, आगर, झरिया, दुधमनिया, भैंसाडोल एवं बेहरवार के विस्थापितों को बिना मुआवजा दिये एवं पूर्व सूचना के विस्थापित परिवारों के घरों को जे.सी.बी. के जबरदस्ती गिरा दिया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विस्थापितों के घरों को जबरन गिराये जाने के संबंध में थाना कुसमी, कलेक्टर सीधी, एस.पी. सीधी, प्रमुख वन संरक्षक भोपाल, प्रमुख सचिव वन भोपाल, माननीय वन मंत्री महोदय म.प्र.शासन भोपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री म.प्र.शासन भोपाल को शिकायत पत्र दिया गया था? शिकायती पत्रों की क्या जाँच की गई है? जानकारी देवें। दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों? कार्यवाही कब तक की जावेगी।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 15-5/2003/10-2, दिनांक 08.09.2006 द्वारा। 48. सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के पत्र क्रमांक-3-1/2003 पी.टी., दिनांक 21.02.2008 एवं मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक-एफ 3-8/07/10-2/2129, दिनांक 30 अक्टूबर, 2008 से संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के पुनर्वास के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 08 ग्रामों के 223 परिवारों के पुनर्स्थापन/विस्थापन का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) जी नहीं। ग्राम-सुहिरा, चाफल, आगरझिरिया, दुधमनिया, भैंसाडोल एवं बहेरवार ग्रामों के परिवारों को उनके खातों में मुआवजा की राशि हस्तान्तरण किये जाने के उपरान्त 06 माह के पश्चात संजय टाइगर रिजर्व की भूमि छोड़कर स्वेच्छा से अन्यत्र न जाने के फलस्वरूप बेदखली नोटिस जारी किये गये। वर्तमान में ग्राम भैंसाडोल को छोड़कर शेष ग्राम विस्थापन हो चुके हैं। (घ) जी हाँ। जी हाँ। जाँच में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं पाया गया। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र के विस्थापन
[वन]
50. ( क्र. 933 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत संजय दुबरी टाइगर अभ्यारण्य की स्थापना की अधिसूचना कब जारी की गई थी? संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्राम सम्मिलित हैं? ग्रामों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के रहवासियों के विस्थापन एवं पुनर्वास हेतु क्या नियम निर्धारित हैं? कितने ग्रामों का विस्थापन का कार्य किया जा चुका है? कितने लोगों की विस्थापन कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सुहिरा, चाफल, आगर, झारिया, दुधमनिया, भैंसाडोल एवं बेहरवार के विस्थापितों को बिना मुआवजा दिये एवं पूर्व सूचना के विस्थापित परिवारों के घरों को जेसीबी से जबरदस्ती गिरा दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विस्थापितों के घरों को जबरन गिराये जाने के संबंध में थाना कुसमी, कलेक्टर सीधी, एस.पी. सीधी, प्रमुख वन संरक्षक भोपाल, प्रमुख सचिव वन भोपाल, माननीय वन मंत्री महोदय म.प्र. शासन भोपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन भोपाल को शिकायत पत्र दिया गया था? शिकायती पत्रों की क्या जाँच की गई है? दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कार्यवाही कब तक की जावेगी।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 15-5/2003/10-2, दिनांक 08.09.2006 द्वारा। 48। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के पत्र क्रमांक-3-1/2003 पी.टी., दिनांक 21.02.2008 एवं मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक-एफ 3-8/07/10-2/2129, दिनांक 30 अक्टूबर, 2008 से संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के पुनर्वास के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 08 ग्रामों के 223 परिवारों के पुनर्स्थापन/विस्थापन का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) जी नहीं। ग्राम-सुहिरा, चाफल, आगरझिरिया, दुधमनिया, भैंसाडोल एवं बहेरवार ग्रामों के परिवारों को उनके खातों में मुआवजा की राशि हस्तान्तरण किये जाने के उपरान्त 06 माह के पश्चात संजय टाइगर रिजर्व की भूमि छोड़कर स्वेच्छा से अन्यत्र न जाने के फलस्वरूप बेदखली नोटिस जारी किये गये। वर्तमान में ग्राम भैंसाडोल को छोड़कर शेष ग्राम विस्थापन हो चुके हैं। (घ) जी हाँ। जी हाँ। जाँच में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं पाया गया। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना नगर निगम में यंत्रियों की पदस्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 937 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम मुरैना में कितने यंत्रियों के पद स्वीकृत है? अधीक्षण यंत्री कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, सब इंजीनियर सहित पदवार संख्या सहित 2017 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या स्वीकृत पदों की पदस्थापना नहीं होने से पूर्व से पदस्थ अधिकारी जो नगर पालिका कैडर के हैं, उन्हीं से विभिन्न शाखाओं जैसे जल संसाधन, मैकेनिकल, सिविल का कार्य लिया जा रहा है, जो उक्त शाखाओं के कार्य में दक्ष नहीं हैं? (ग) शासन स्वीकृत पदों पर पदस्थापना कब तक करायेगा ताकि सभी विभागों का कार्य सुचारू रूप से चल सके?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम मुरैना में जनसंख्या के मापदण्ड के आधार पर यंत्रियों के 33 पद स्वीकृत हैं, जिसमें अधीक्षण यंत्री 01, कार्यपालन यंत्री 05 सहायक यंत्री 08 एवं उपयंत्री के 19 पद हैं। (ख) नगर पालिक निगम मुरैना में पदस्थ यंत्री राज्य नगरीय यांत्रिकी सेवा के है, उन्हीं से विभिन्न शाखाओं जैसे- जलकार्य, मैकेनिकल, सिविल का कार्य लिया जा रहा है। सभी यंत्री डिग्री / डिप्लोमाधारी होने के कारण कार्य में दक्ष है। (ग) नगर पालिक निगम मुरैना से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार उपयंत्री (सिविल) के 05 पद, उपयंत्री (विद्युत / मैके./ इले.) के 03 पद तथा उपयंत्री (सिविल) सहायक भवन अधिकारी के 01 पद की पूर्ति किए जाने का प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को प्रेषित किया गया है। परीक्षा दिनांक 08 तथा 09 जुलाई को आयोजित की गई है। परीक्षा परिणाम उपरांत भर्ती की कार्यवाही की जा सकेगी।
स्टेडियम निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 949 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निवाड़ी में स्टेडियम निर्माण हेतु वर्ष 2012 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषण की गई थी, जिसके अनुसरण में नगर परिषद् निवाड़ी द्वारा टेण्डर हेतु प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और शासन को इस कार्य की वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो यह स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदत्त की जावेगी? (ख) उक्त स्टेडियम निर्माण हेतु शासन द्वारा क्रियान्वयन एजेंसी को कब तक और कितना बजट उपलब्ध कराया जा सकेगा? (ग) उक्त स्टेडियम का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होकर कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 2907 दिनांक 10.07.2017 से वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। (ख) स्टेडियम निर्माण हेतु क्रियान्वयन एजेन्सी को आवश्यक राशि रूपये 100.00 लाख की स्वीकृति मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण से दी गई है। (ग) नगर परिषद् निवाड़ी द्वारा अनुबंध की कार्यवाही की जा रही है। अनुबंध उपरांत कार्य प्रांरभ होकर निविदा अनुसार 06 माह में कार्य पूर्ण हो सकेगा।
वित्तीय प्रबंधन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 967 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में पंचायत सचिवों (शासकीय सेवकों) की सैलरी पंच परमेश्वर एवं अन्य योजना के खाते से दी गई है? क्या उन्हें जिस मद से सैलरी दी जानी थी उस मद से पर्याप्त राशि नहीं थी विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या ग्रामीण जनता के उपयोग की राशि का दुरूपयोग एवं अनियमित व्यय हुआ? ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट के दौरान हैण्डपंप मरम्मत, नलजल योजना, पेजयल परिवहन आदि कार्यों में उपयोग न कराया जाकर, सैलरी के भुगतान में राशि का उपयोग हुआ? इसके लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किस योजना की कितनी-कितनी राशि किस-किस को कब-कब भुगतान की गई है? क्या इस राशि के भुगतान हेतु जिला कलेक्टर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति ली गई है? योजनावार, तिथिवार विवरण दें। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुख्य सचिव, म.प्र. भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 87 दिनांक 24.04.17 एवं 342 दिनांक 05.06.17 तथा मुख्य सचिव कार्यालय के पत्र क्रमांक 3449 दिनांक 22.05.2017 के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कटनी जिला अंतर्गत जनपद पंचायत रीठी में समायोजन की शर्त पर चार माह के बराबर अग्रिम वेतन का भुगतान पंचायत निधि से किया गया हैं। जी हाँ। (ख) वित्तीय अनियमितता के लिए श्री श्याम किशोर मालवीय (एस.के.मालवीय), मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीठी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही दिनांक 12.07.2017 को संस्थित की गई हैं। ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था में धनाभाव की स्थिति नहीं रही हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। जी नहीं। (घ) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ अनुसार।
नमामि देवी नर्मदे यात्रा पर व्यय राशि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
54. ( क्र. 978 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा के संपूर्ण व्यय की जानकारी कार्य का नाम, राशि, भुगतान पूर्ण/लंबित, भुगतान प्राप्तकर्ता फर्म/व्यक्ति का नाम, फर्म का टिन नम्बर सहित देवें। (ख) यात्रा समापन कार्यक्रम के लिए शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों एवं आम जनता को अमरकंटक लाने ले-लाने के लिए रेल, सड़क एवं हवाई परिवहन पर कितनी राशि व्यय की गई? पृथक-पृथक बतावें। (ग) यात्रा में शामिल होने वाले अतिथियों के नाम, आवागमन एवं उन्हें ठहराने की व्यवस्था पर हुए व्यय की जानकारी? (घ) यात्रा के दौरान मा. मुख्यमंत्री जी की समस्त घोषणाओं और इस संबंध में किए पत्र व्यवहार की छायाप्रति देवें। इन घोषणाओं के क्रियान्वयन में विलंब के लिऐ दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) यात्रा के दौरान मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाएं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है।
छात्र संख्या के मान से पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
55. ( क्र. 1006 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के शासकीय महाविद्यालय जीरापुर में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पद के विरूद्ध कौन-कौन से पद किन-किन कारणों से कब से रिक्त हैं? प्रश्न दिनांक तक रिक्त पद हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त महाविद्यालय में संकायवार दर्ज छात्र संख्या के मान से सहायक प्रध्यापक नहीं होने से निरंतर अध्ययन कार्य प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन यथाशीघ्र रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ,तो क्या और कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक एवं दो अनुसार है। दिनांक 24.11.2016 एवं दिनांक 19.02.2016 को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को लगभग 2371 सहायक प्राध्यापकों की भर्ती की कार्यवाही हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। (ख) रिक्त पदों पर लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होने पर पद पूर्ति होगी, वर्तमान में रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों से कार्य संपादित कराया जा रहा है। अतः अध्यापन कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
56. ( क्र. 1007 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14, 2014-5, 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्ड खिलचीपुर-जीरापुर में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी सड़क कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई? कितने कार्य पूर्ण किये गये? कितने कार्य निर्माणाधीन हैं एवं कितने कार्य अप्रारंभ हैं? इनकी कार्यवार स्वीकृत राशि, व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब, किस-किस सड़क का निरीक्षण किया गया? उसमें क्या कमियां पाई गई एवं उनका कब निराकरण किया गया? (ग)क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्यारंटी अवधि के दौरान सड़कों का मरम्मत कार्य किया गया एवं किन-किन सड़कों के मरम्मत के प्रस्ताव भेजे गये है?कितने स्वीकृत हुये? कितने प्रारम्भ किये एवं कितने कार्य प्रारंम्भ किये जाना शेष है? (घ) खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्डवार नवीन सड़कों के निर्माण के कौन-कौन से प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में भेजे हैं? कितने प्रस्ताव स्वीकृत हेतु किस स्तर पर लंबित हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्ताव विभाग को भेजे हैं, उन प्रस्तावों के विरूद्ध कितने कार्य स्वीकृत एवं कितने अस्वीकृत किये गये हैं? अस्वीकृत किये जाने का कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राजगढ़ जिले की खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14,2014-15, 2015 -16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक विकासखण्ड खिलचीपुर-जीरापुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कुल 24 मार्ग लागत 3320.60 लाख रूपये के स्वीकृत हुये है जिसमें से प्रश्न दिनांक तक 9 मार्ग पूर्ण किये जा चुके है एवं 15 मार्ग निर्माणाधीन है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निर्मित/निर्माणाधीन मार्गों पर विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता रहा है। नेशनल क्वालिटी मॉनीटर्स/स्टेट क्वालिटी मॉनीटर्स द्वारा किये गये निरीक्षण की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गारंटी अवधि के दौरान सड़कों का मरम्मत कार्य किया गया है चूंकि सभी मार्ग पाँच वर्ष की गारंटी एवं रख-रखाव अवधि में है एवं संबंधित ठेकेदार द्वारा मरम्मत की जा रही है अतः पृथक से प्रस्ताव प्रेषित किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नवीन सड़कों के प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में नहीं भेजे गये है अतः कोई भी प्रस्ताव लंबित होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक 24 प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुये है। इन प्रस्तावों के विरूद्ध 04 प्रस्ताव स्वीकृत किये गये, 04 प्रस्ताव अस्वीकृत किये गये एवं 16 प्रस्ताव विचाराधीन है। अस्वीकृति का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 1027 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पात्रता एस.ई.सी.सी. डाटा 2011 से तय की गई है जिसको अद्यतन स्थिति में अद्यतित किया गया हैं? यदि हाँ, तो अपात्र के नाम हटाने एवं पात्रों के नाम जोड़ने हेतु 13 बिन्दुओं के सत्यापन प्रपत्र को आधार माना गया हैं? यदि हाँ, तो मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था हैं? (ख) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के विभिन्न चरणों में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ हेतु कितने आवेदन आए? प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? ग्रामवार विवरण देवें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 458 दिनांक 7.6.17 से क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के सुक्रियान्वन हेतु अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? प्रति उत्तर में भेजे गए पत्र की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्षेत्रान्तर्गत योजना के क्रियान्वन में अपात्रों को लाभ दिए जाने एवं पात्रों को वंचित रखने संबंधी कितनी शिकायतें जनपद पंचायतों में प्राप्त हुई हैं एवं प्राप्त शिकायतों का क्या निराकरण किया गया? कृपया जनपद पंचायतवार पूर्ण विवरण देवें? ग्राम पंचायत खैराना का पृथक से पूर्ण विवरण देवें? सहपत्रों की सत्यापित प्रतिया उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। SECC-2011 भारत सरकार द्वारा तैयार कराए जाने के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार को इसे अद्यतन करने के अधिकार नहीं है। जिन आवासहीनों के नाम SECC-2011 में नहीं है, उनके आवेदन ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान प्राप्त कर प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की मार्गदर्शिका के तहत परीक्षण कराकर प्रतीक्षा सूची तैयार करने की व्यवस्था की गई है। (ख) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान-2017 में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत SECC-2011 में नाम जोड़ने हेतु 16,887 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 5,323 आवेदन अपात्र पाए गए। शेष को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की मार्गदर्शिका अनुसार प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। पात्र पाए गए आवेदनों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक को भेजे गए उत्तर की प्रति सहपत्रों के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं द अनुसार है।
विभागीय योजनांतर्गत सामग्री वितरण
[वन]
58. ( क्र. 1028 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितना वनक्षेत्र है? बीटवार, ग्रामवार पूर्ण विवरण देवें। (ख) वनक्षेत्र में उत्पादित काष्ठ, घास आदि के कृषकों को निःशुल्क वितरण हेतु विभाग की कोई योजना हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया एवं मापदण्ड हैं? विगत 03 वर्षों में कितने कृषकों को उक्तानुसार निःशुल्क वितरण किया गया? (ग) विभागीय योजना अंतर्गत सामग्रियों के निःशुल्क वितरण हेतु क्या जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर वितरण किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब व कहाँ-कहाँ वितरण समारोह आयोजित किए गए? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी आरामशीन संचालित हैं इनमें लायसेन्स अनुसार कितने काष्ठ भंडारण की क्षमता है? क्षमता अनुरूप भंडारण की मानीटरिंग कब-कब की गई? आरामशीन संचालक की मृत्यु होने पर लायसेन्स नामांतरण की क्या प्रक्रिया है एवं नामांतरण हेतु कितनी समय-सीमा तय है? क्या क्षेत्रान्तर्गत इस प्रकार का कोई मामला लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक निराकरण होगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 3274.13 हेक्टेयर। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। विभागीय योजनाओं में नि:शुल्क वितरण का प्रावधान नहीं होने से जानकारी निरंक है। (घ) 18. चिरान (भण्डारण) क्षमता 35100 क्विंटल है। मॉनिटरिंग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नाधीन लायसेन्स नामांतरण इत्यादि की कार्यवाही प्रधान मुख्य वन संरक्षक, भोपाल के पत्र क्रमांक/संरक्षण/कक्ष-2/914, दिनांक 24.03.2005 द्वारा निर्धारित है (छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है)। नामांतरण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। कोई मामला लंबित नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 1035 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनांतर्गत जिला रतलाम के कौन-कौन से ग्राम चयनित किये गये ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनान्तर्गत अब तक क्या-क्या कार्य किये गये? उन पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों के लिए केन्द्र शासन से कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई प्राप्त राशि में से कितनी व्यय की गई व कितनी राशि उपयोग नहीं की जा सकी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
खिलाड़ियों को प्रोत्साहन हेतु सहायता
[खेल और युवा कल्याण]
60. ( क्र. 1036 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष २०१६ एवं २०१७ में राज्य के खिलाड़ियों ने किन-किन राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भाग लेकर रजत, कांस्य व स्वर्ण पदक प्राप्त किये वर्षवार, खेल व खिलाड़ीवार ब्यौरा दें. (ख) खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त करने पर राज्य सरकार ने उन्हें किस प्रकार सम्मान व सहायता प्रदान की? (ग) कितनी ऐसी प्रतिभायें हैं, जिनकी पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है? ऐसे खिलाड़ियों को नौकरी व अन्य सहायता दिशा में सरकार ने क्या कदम उठाये हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा द्वारा संचालित खेल अकादमियों एवं संगठनों से प्राप्त अधिकृत प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त खिलाड़ियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नोत्तर 'क' के प्रकाश में खिलाड़ियों को पद अर्जित करने पर दी जाने वाली सहायता व सम्मान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विभागीय नीति व नियमों में खिलाड़ियों की पारिवारिक स्थिति की जानकारी नहीं ली जाने के कारण उन्हें नौकरी व अन्य सहायता के संबंध में कदम उठाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। तथापि जिन विक्रम पुरस्कार विजेताओं को शासकीय सेवा की आवश्यकता होती है, उन्हें पात्रतानुसार उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित कर शासकीय सेवा में नियुक्ति की कार्यवाही की जाती है।
मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा की गयी वित्तीय अनियमितताओं की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 1045 ) श्री रामनिवास रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् विजयपुर में पदस्थ तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री आर.बी. राजोरिया द्वारा विजयपुर में पदस्थापना दिनांक 23 फरवरी 16 से भारमुक्त दिनांक तक रु. 3000.00 एवं उससे कम राशि के कितने चेक किस-किस फर्म को किस-किस कार्य/सामग्री क्रय भुगतान हेतु जारी किये गए? चेक क्र. एवं दिनांक, भुगतान राशि, व्यक्ति/फर्म का नाम, बिल व्हाउचर क्रमांक, दिनांक सहित बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जारी चेकों में से यात्राओं के भुगतान हेतु भी चेक दिए गए हैं? यदि हाँ, तो किन-किन यात्राओं हेतु किन-किन निजी वाहन मालिकों को कितनी कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया? क्या नगर परिषद् के मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं अन्य कर्मचारियों को किराए के वाहन से यात्रा करने का अधिकार यात्रा भत्ता नियमों में है अथवा नहीं? (ग) क्या म.प्र. नगरपालिका लेखा नियम 1971 के नियम 81 के तहत तृतीय श्रेणी की नगर परिषद् होने से 250 रु. से अधिक के व्हाउचरों पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो क्या रु. 3000 तक के व्हाउचरों पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर कराये गए? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में वितीय अनियमितताओं की जाँच वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी को नगर परिषद्, विजयपुर से निकाय के कार्यों से मुख्यालय से बाहर यात्रा हेतु कोई वाहन आवंटन नहीं होने से मुख्यालय से बाहरी यात्रा हेतु किराए से वाहन का उपयोग किया गया है। (ग) एवं (घ) प्रकरण में संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्वालियर से जाँच कराई जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सरपंच/सचिव से धारा 92 के तहत वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 1046 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर की ग्राम पंचायत काठोन में 2010, 2011, 2012, 2013 एवं 2014 तक की अवधि में कुल कितने कार्य, किस-किस योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गए? किस-किस कार्य के विरुद्ध कितनी कितनी राशि आहरित कर व्यय की गयी? निर्माण कार्यों का कितना मूल्यांकन किया गया? कार्यवार, वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत स्वीकृत कार्यों में से आहरित राशि के विरुद्ध कार्य न कराने, कार्यों का मूल्यांकन कम आने के कौन-कौन से प्रकरण, संज्ञान में आये हैं? शासकीय राशि के अपव्यय एवं कार्यों में अनियमितताओं के सम्बन्ध में क्या तत्कालीन सरपंच एवं सचिव के विरुद्ध धारा 92 के तहत रिकवरी निर्धारित कर वसूली के नोटिस दिए गए हैं? यदि हाँ, तो कितनी वसूली हो चुकी है, कितनी वसूली किया जाना शेष है? शेष वसूली कब तक कर ली जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के स्वीकृत कार्यों में से कई कार्य मौके पर कराये ही नहीं गए एवं राशि का आहरण कर लिया गया? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं? उक्त संबंध में शिकायतें प्राप्त होने के बाद निर्माण कार्यों के मूल्यांकन हेतु समिति का गठन किया गया? यदि हाँ, तो समिति द्वारा किन-किन कार्यों का कितना-कितना मूल्यांकन किया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) 06 कार्यों का मूल्यांकन के प्रकरण संज्ञान में आये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। तत्कालीन सरपंच एवं सचिव को धारा 92 के तहत वसूली का नोटिस दिया गया है। राशि वसूली की कार्यवाही न्यायालय प्रकरण में अंतिम निर्णय अनुसार की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्य मौके पर न कराने का प्रकरण संज्ञान में नहीं है। स्वीकृत राशि से कम मूल्यांकन के कार्य की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। समिति गठित की गई है। कार्यों के मूल्यांकन का कार्य प्रचलन में है।
ग्रामों में लिंक सड़क का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 1051 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री सड़क, खेत सड़क योजना इत्यादि योजना के बावजूद अनेक ग्राम सड़क मार्गों से वंचित हैं? यदि हाँ, तो क्या केन्द्र, राज्य प्रवर्तित विभागीय योजनाओं के बावजूद अनेक ग्राम सड़क नहीं होने से ग्रामीणजन अपना कृषि एवं दैनंदिनी रोजमर्रा का कार्य करने में कठिनाइयाँ भोगते हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा के अन्तर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जो ग्राम बारहमासी सड़क मार्ग से वंचित हैं? इन सड़कों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों में किस योजना से सड़क का निर्माण कराया जावेंगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा सुदूर संपर्क एवं खेत सड़क योजना के तहत ग्रामों को संपर्कता प्रदान की गई है। वंचित ग्रामों को संपर्कता प्रदान करने हेतु कार्य योजना बनाई जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 1055 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय अपर मुख्य सचिव को प्रश्नकर्ता ने दिनांक 12 जून 2017 को पत्र क्रमांक 6993 एवं 6994 लिखे हैं। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता ने किस पत्र में किस विषय से संबंधित संविधान, कानून एवं न्यायालयीन आदेश का पत्रों में उल्लेख कर किन-किन कार्यवाहियों का अनुरोध किया है। (ग) प्रश्नकर्ता के पत्रों पर अपर मुख्य सचिव ने किस दिनांक को किसे क्या क्या निर्देश दिए हैं, ग्रामीण सामुदायिक संसाधनों एवं लघु वनोपज पर किन कारणों से पंचायती राज व्यवस्था को अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबन्धन नहीं सौंपा जा सका है। (घ) कब तक पंचायती राज व्यवस्था को अधिकार, नियंत्रण एवं प्रावधान सौंप दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ तथा ‘ब’ अनुसार। (ग) प्रश्नाधीन पत्र संचालक, पंचायत राज संचालनालय भोपाल को आगामी कार्यवाही हेतु दिनांक 28.06.2017 को भेजे गये हैं। उक्त पत्रों में उल्लेखित विषयों का क्षेत्राधिकार वन विभाग एवं राजस्व विभाग से संबंधित होने के कारण अभिमत मांगा गया है। (घ) उत्तरांश ‘क’ में वर्णित पत्रों में उल्लेखित कार्यवाही पूर्ण नहीं होने से आगामी कार्यवाही के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया है।
जिला खनिज प्रतिष्ठान के अन्तर्गत स्वीकृत कार्य
[खनिज साधन]
65. ( क्र. 1066 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के तहत जिला खनिज प्रतिष्ठान के पत्र पृ.क्रं./6504/जि.पं./पी.एम.के.के.के.वाय/ 2016-17 दिनांक 31/08/2017 द्वारा गठन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्रों में, किन-किन नगरीय निकाय अध्यक्षों के क्षेत्रों में कौन-कौन सी मुख्य खनिज खदाने हैं? जिला खनिज प्रतिष्ठान की कब-कब बैठक हुई? बैठक में कौन-कौन उपस्थित थे? बैठक में पारित प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई? अनुमोदित सूची की प्रति, प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति, जिन कार्यों की स्वीकृति दी गई उस ग्राम या स्थान में कौन-कौन सी मुख्य खनिज खदानें स्थित हैं या वह ग्राम या स्थान किस तरह मुख्य खदान से प्रभावित है? (घ) क्या जिन ग्रामों या क्षेत्रों में मुख्य खनिज खदानें स्थित नहीं हैं या उससे प्रभावित नहीं हैं, उन ग्रामों या स्थानों में विकास कार्य स्वीकृत किये गये हैं वह म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के किस नियम के तहत किया गया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शित है। जिला खनिज प्रतिष्ठान की बैठक की जानकारी एवं पारित प्रस्ताव की अनुमोदित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में कुल स्वीकृत 65 कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' में दर्शित है। प्रशासकीय स्वीकृत आदेश की प्रति एकत्रित की जा रही है। जिन कार्यों की स्वीकृति दी गई है, वह क्षेत्र मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 12 के प्रावधानों के अनुसार प्रभावित क्षेत्र है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) स्वीकृत कार्य मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 12 में परिभाषित क्षेत्र के अंतर्गत है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पूर्ण जानकारी प्रदाय करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1127 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले में नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत सरदार पटेल अन्तर्राज्यीय बस अड्डा चूना भट्ठा समान, बाल भारती स्कूल के सामने सिरमौर चौराहे की भूमि सरकारी क्वार्टर गिराकर सिविल लाईन में बने आफिसर बंगलों को गिराकर शासकीय आवास की भूमि (अधोसंरचना) जय स्तंभ के समीप शासकीय मुद्रणानालय की आधी भूमि एवं नये कलेक्ट्रेट भवन के साज-सज्जा तथा आयुक्त नगर निगम रीवा द्वारा पी.पी.पी. योजना के तहत रीवा शहर में शासकीय जमीन को विगत 5 वर्षों में गृह निर्माण मण्डल रीवा को एवं अन्य एजेन्सियों को आवंटित किया गया है? यदि हाँ, तो गृह निर्माण मण्डल द्वारा प्राइवेट ठेकेदारों या अन्य एजेन्सियों या फर्म को उपरोक्त भूमि किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गयी? खसरा नम्बर, स्थान का नाम एवं रकबा तथा उद्देश्य बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त जमीनों को किसके द्वारा किस आधार पर किस नियम के तहत आवंटित की गयी कितने टेण्डर आएं? टेण्डर उपरांत किस शर्त पर दी गयी तथा उपरोक्त निर्माण कार्य में कितनी राशि व्यय की गई? क्या नियमानुसार टेण्डर बुलाये गये थे? यदि हाँ, तो किस-किस फर्म ने टेण्डर डाले? क्या सिरमौर चौराहे की जमीन के बदले बनाये जा रहे नवीन कलेक्ट्रेट भवन के साज-सज्जा शर्तों में शामिल नहीं था? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में निर्माण कार्य के लिये क्या शासन द्वारा भी बिल्डर्स को वित्तीय मदद की गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि किस नियम के तहत दी गई? क्या शासकीय मुद्रणालय की बेशकीमती भूमि हस्तानान्तरण के पूर्व मुद्रणालय के कन्ट्रोलर को लिखित रूप से अवगत कराया गया था? यदि हाँ, तो पत्र उपलब्ध करायें? शासकीय मुद्रणालय की भूमि समदड़िया को किसके आदेश पर आवंटित की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) रीवा जिले में नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत बाल भारती स्कूल के सामने सिरमौर चौराहा रीवा की 15000 वर्गमीटर शासकीय आवासों की भूमि एवं जय स्तम्भ चौक के पास स्थित शासकीय मुद्रणालय की 2300 वर्ग मीटर भूमि को म.प्र. शासन की पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत लिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ग्राम चूनाभट्ठा समान, बस स्टैंड रीवा की भूमि खसरा क्रमांक 420 रकबा 5.97 एकड़ में से 1.29 एकड़ भूमि पर पी.पी.पी. योजना अंतर्गत व्यवसायिक कॉम्पलेक्स निर्माण हेतु तृतीय निविदा आमंत्रण में अधिकतम प्रीमियर ऑफर की निविदा की सक्षम स्वीकृति पश्चात् मेसर्स समदडिया बिल्डर्स प्राईवेट लिमिटेड जबलपुर से निहित प्रावधानों के तहत अनुबंध किया गया है। (ख) म.प्र. शासन की पुनर्घनत्वीकरण योजना के अंतर्गत नियमानुसार शासन द्वारा मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में गठित समिति के अनुमोदन से आवंटित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब, स एवं द अनुसार है। सिरमौर चौराहे की जमीन के बदले बनाये जा रहे नवीन कलेक्ट्रेट भवन के साज-सज्जा का कार्य बिड की शर्तों में शामिल नहीं था। ग्राम चूनाभट्ठा समान, बस स्टैंड रीवा की भूमि खसरा क्रमांक 420 रकबा 5.97 एकड़ में से 1.29 एकड़ भूमि पर अधिकतम प्रीमियर ऑफर की निविदा की सक्षम स्वीकृति पश्चात् मेसर्स समदड़िया बिल्डर्स प्राईवेट लिमिटेड जबलपुर से निहित प्रावधानों के तहत अनुबंध किया गया है। (ग) (i) बालभारती स्कूल के सामने स्थित शासकीय भूमि-निर्माण कार्य के लिये शासन द्वारा बिल्डर्स को कोई वित्तीय मदद नहीं दी गई है। स्वीकृति बिड राशि रू. 36,99,99,999.00 के विरूद्ध रू. 18,60,00,000.00 लाख का शासकीय निर्माण मण्डल पर्यवेक्षण एवं वास्तुविदीय शुल्क के उपरान्त बचने वाली शेष राशि शासन के खाते में जमा किया जाना है। (ii) शासकीय मुद्रणालय की बेशकीमती भूमि हस्तांतरण के पूर्व मुद्रणालय के कन्ट्रोलर को लिखित रूप से अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। योजना का अनुमोदन म.प्र. शासन की साधिकार समिति द्वारा दिनांक 07/05/2016 को किया गया है।
मानक अनुसार भारी वाहन नहीं चलाने के दोषी मालिक के खिलाफ कार्यवाही
[खनिज साधन]
67. ( क्र. 1129 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज विभाग जिला रीवा द्वारा मेसर्स महादेव कॉन्सट्रंक्शन कंपनी गाड़ा 234 के खसरा नंबर 415/1/1 के अंश रकबा 9.500 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज पत्थर (यांत्रिकी क्रिया के द्वारा गिट्टी निर्माण) हेतु उत्खनन पट्टा अवधि दिनांक 04.1.2016 से 03.01.2016 तक स्वीकृत है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्रेसर प्लांट मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वायु सम्मति दिनांक 28.07.2016 से प्राप्त कर संचालित है? यदि हाँ, तो प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या यांत्रिकी क्रिया के द्वारा गिट्टी का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उसे नेशनल हाईवे फोरलेन रीवा हनुमना एवं हनुमना एवं हनुमना-बहरी, मार्ग में गिट्टी लेकर पहुँचने हेतु 8 टन से अधिक भारी वाहन प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क अथवा ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित सड़क का उपयोग कर पहुँचते हैं, जबकि न्यायालय कलेक्टर एवं जिलादण्डाधिकारी जिला रीवा में प्रकरण क्रमांक 04/बी-121/मूल/2011-12 दिनांक 25 जून 2011 द्वारा आदेश पारित कर रोक लगायी गयी हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क या ग्राम पंचायत की सड़क में भारी वाहन (लोड) के आवागमन में प्रतिबंध है? यदि हाँ, तो कितनी बार उपरोक्त गिट्टी ले जाते हुए वाहनों पर जुर्माना किया गया? यदि नहीं, किया गया तो कारण स्पष्ट करें? इसके लिये कौन दोषी है नाम बतावें? उसके खिलाफ कार्यवाही क्या और कब तक की जावेंगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि के लिये कोई उत्खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है। प्रश्नाधीन कंपनी को दिनांक 04.01.2016 से 03.01.2026 तक उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। (ख) प्रश्नाधीन सम्मति की प्रति संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ग) जी हाँ। न्यायालय कलेक्टर द्वारा प्रश्नाधीन प्रकरण में दिनांक 25.06.2011 को कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी के खिलाफ कार्यवाही
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
68. ( क्र. 1130 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदत्त विधायक निधि से 1 नगर मोटराइज्ड ट्राई सायकल हेतु 0.45 लाख रूपये प्रदान कर सचिव भारतीय रेडक्रास सोसायटी रीवा को क्रियान्वयन एजेन्सी बनाया गया था? (ख) रीवा जिले में रेडक्रास सोसायटी द्वारा विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक प्रदाय की गई मोटराइज ट्रायसकिल कंपनी का नाम एवं लागत प्रदाय बजट, व्यक्ति का नाम एवं संपूर्ण पता विधानसभावार, ब्लॉकवार, ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 304 दिनांक 01.06.2017 को आयुक्त शिक्षा रीवा संभाग रीवा को ट्रायसाइकिल का नाम, कंपनी का नाम, लागत एवं उसकी गुणवक्ता के साथ-साथ रेडक्रास सोसायटी के साथ रीवा जिले में अन्य जगहों पर प्रदान की गई ट्रायसाइकिल की जाँच कराये जाने हेतु पत्र लिखा था? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में उत्तर दिनांक तक क्या प्रगति हुई प्रगति से अवगत करावें? प्रगति नहीं हुई तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है दोषी को चिन्हित किया गया? यदि हाँ, तो नाम बतावें तथा उसके खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में तथ्यों की जाँच करने हेतु आयुक्त कार्यालय रीवा संभाग रीवा द्वारा कलेक्टर जिला रीवा को निर्देश दिये गये थे, उक्त निर्देशों के परिपालन में कलेक्टर जिला रीवा द्वारा जाँच कराई गई। जाँच में किसी प्रकार की अनियमित्ता की पुष्टी नहीं हुई है। अतः किसी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ विधान सभा में स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 1168 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? सभी पंचायतों की ग्रामों की जनसंख्या सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की उक्त ग्राम पंचायतों में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुये हैं? उन कार्यों के नाम, ग्राम का नाम, स्वीकृति का वर्ष, स्वीकृत राशि की जानकारी मदवार एवं पंचायतवार बतावें। (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं? सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण या अप्रारम्भ हैं? सूची उपलब्ध करावें। उक्त कार्यों के अपूर्ण या अप्रारम्भ का क्या कारण है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
70. ( क्र. 1169 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने शासकीय महाविद्यालय कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित हैं? (ख) क्या पूर्व में राजगढ़ जिला मुख्यालय पर कन्या महाविद्यालय संचालित था? यदि हाँ, तो इसे कब तथा क्यों बंद कर दिया गया है? (ग) क्या पूर्व में राजगढ़ जिला मुख्यालय पर संचालित कन्या महाविद्यालय को पुन: प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या नगर खुजनेर में शासकीय महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्तमान में राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एक शासकीय महाविद्यालय वर्ष 1958 से संचालित है। (ख) जी हाँ। जिला योजना समिति के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर जिला राजगढ़ के आदेश क्रमांक 1720/जियोस/2002 दिनांक 28/6/2002 द्वारा शासकीय बालक महाविद्यालय राजगढ़ में कन्या महाविद्यालय सम्मिलित किया गया, तथा जुलाई 2002 से कन्या महाविद्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण राजगढ़ में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। (घ) खुजनेर से 15 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय पचोर संचालित है। जहां पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। अतः खुजनेर में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
नमामि देवी नमर्दे यात्रा में हुये व्यय की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
71. ( क्र. 1202 ) श्री अजय सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा किस-किस जिले में कितने दिनों के लिये निकाली एवं चली? उक्त यात्रा में कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित यात्रा में किस-किस मद में, किस-किस जिले में कितनी-कितनी राशि कब-कब व्यय की गई? जिलेवार, मदवार, दिनांकवार, राशिवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित यात्रा के दौरान विज्ञापनों (होर्डिंग्स बैनर, अखबारों एवं चैनल एवं गूगल पर दिये विज्ञापनों) में कुल कितनी-कितनी राशि कब-कब एवं किस-किस को दी गई? राशिवार, नामवार, दिनांकवार, जिलेवार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि विभाग द्वारा किस मद से एवं जिलों द्वारा किस मद से किसके माध्यम से कितनी-कितनी एवं कब-कब व्यय की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। यात्रा में व्यय की गई राशि की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जनपद सी.ई.ओ. पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 1214 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैसीनगर के विरूद्ध 14वें वित्त आयोग की राशि के दुरूपयोग करने संबंधी एवं अन्य कितनी और कौन-कौन सी प्रशासनिक, गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें अनुभाग स्तर पर, जिला स्तर पर, संभाग स्तर पर एवं राज्य स्तर पर प्राप्त हुईं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों की जाँच किस-किस के द्वारा करायी गयी, जाँच में क्या पाया गया तथा कितनी शिकायतें प्रश्न दिनांक को जाँच हेतु लंबित हैं? कृपया जाँच परिणामों से अवगत कराते हुए जाँच प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) और क्या आयुक्त पंचायत राज संचालनालय द्वारा एवं माननीय पंचायत मंत्री द्वारा सी.ई.ओ. जैसीनगर के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये जाने के बावजूद भी प्रकरण में संरक्षण प्राप्त होने की वजह से अब तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गयी है? जिससे सी.ई.ओ. द्वारा आज भी निरंतर वित्तीय एवं प्रशासकीय अनियमिततायें की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो (क), (ख) एवं (ग) अनुसार सी.ई.ओ. के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 14वें वित्त आयोग की राशि के दुरूपयोग करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। 13वां वित्त आयोग के अंतर्गत विधायक, सुरखी की शिकायत जिला स्तर पर प्राप्त हुई। (ख) शिकायत की जाँच में आरोप प्रमाणित नहीं पाए गये। जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
केवलारी विधानसभा क्षेत्र में संचालित रेत खदान
[खनिज साधन]
73. ( क्र. 1227 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत कितनी रेत खदान संचालित हैं? रेत खदान के स्थानों के नाम सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित रेत खदान वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस व्यक्तियों को कितनी-कितनी राशि में आवंटित की गई है? उक्त खदानों से शासन को कितनी आय हुई है? वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार विवरण देवें। (ग) अवैध रेत उत्खनन किये जाने की कितनी शिकायतें किस-किस जनप्रतिनिधियों द्वारा कब-कब की गई? जनप्रतिनिधियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। विभाग ने प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) क्या उगली पांडिया छपारा क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अवैध रेत उत्खनन पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित रेत खदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषक ग्रामों में सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 1228 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत विकासखण्ड धनौरा के ग्राम कुड़ारा से लगे ग्रामों- (1) कुआखेड़ा से मोहगाँव मार्ग 03 कि.मी. (2) मोहगाँव चिड़ी से केवलारीखेड़ा मार्ग 03 कि.मी. (3) केवलारी खेड़ा से थांवरी मार्ग 02 कि.मी. (4) थांवरी से देवरीटीका मार्ग 03 कि.मी. (5) कुड़री से रमपुरी मार्ग 03 कि.मी. मार्ग क्या निर्माण हेतु स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृति दिनांक एवं लागत राशि बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्गों के निर्माण में क्या पंचायत की सीमा बाधक है? यदि हाँ, तो कैसे? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्गों के निर्माण हेतु क्या कोई कार्य योजना विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक उक्त मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन 5 मार्गों में से 3 मार्ग स्वीकृत हैं जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
ग्राम मकोडिया में स्थित भूमि श्री रामजानकी मंदिर के नाम दर्ज करना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
75. ( क्र. 1247 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सीहोर की तहसील बुधनी के ग्राम मकोडिया स्थित सर्वे क्रमांक 68/2 रकबा 5.899 हेक्टेयर भूमि पर आवेदकों ने मूर्ति श्री रामजानकी मंदिर के नाम द्वारा प्रबंधकगण अंकित करने का आवेदन कब-कब किन-किन के द्वारा दिया गया? (ख) क्या प्रथम अपर जिला न्यायाधीश नसरूल्लागंज जिला सीहोर द्वारा दिनांक 15.09.2012 को आवेदकों के पक्ष में निर्णय दिया गया? (ग) प्रश्नाधीन भूमि पर मूर्ति श्री रामजानकी मंदिर द्वारा प्रबंधकगण के नाम अंकित करने में किस स्तर पर विलंब हुआ है? इसके लिये कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कब तक प्रश्नाधीन भूमि पर मूर्ति श्री रामजानकी मंदिर एवं प्रबंधकगण राजस्व अभिलेख के दर्ज कर दिया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) आवेदक श्री आनंद कुमार आ. कृष्ण वल्लभ द्वारा नामांतरण हेतु आवेदन दिनांक 25/6/2007 को प्रस्तुत किया गया। (ख) आदेश दिनांक 15/9/2012 द्वारा म.प्र. शासन की अपील प्रकरण क्रमांक एम.जे.सी. 24/2008 में अपील अवधि बाह्य होने से निरस्त की गई। (ग) प्रश्नाधीन भूमि में शासन हित निहित है। अत: नामांतरण की कार्यवाही नहीं की गई तथा मा. न्यायालयीन अपर जिला न्यायाधीश नसरूल्लागंज के आदेश के विरूद्ध मा. उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत करने की कार्यवाही की जा रही है। अत: नामांतरण में विलंब करने एवं दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) वर्तमान में भूमि शासकीय दर्ज एवं म.प्र. शासन विधि एवं विधायी कार्य विभाग के पत्र पृ.क्र. 3 (बी)/59/2017/1099/21 क (सी) दिनांक 25/4/2017 द्वारा प्रदाय अपर जिला न्यायाधीश के आदेश दिनांक 15/9/2012 की अपील मा. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत करने हेतु विधि विभाग से अनुमति प्रदाय की गई है। जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। तदानुसार कार्यवाही की जावेगी।
पंचायत सचिव के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 1253 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत इन्द्राना विकासखण्ड मझौली जिला जबलपुर में पदस्थ पंचायत सचिव श्री संतोष जैन का कार्यकाल विवादित एवं भ्रष्टाचार से परिपूर्ण रहा है? यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध कब-कब कौन-कौन सी शिकायतें शासन स्तर पर प्रेषित हुईं एवं उन पर कब क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन एवं की गई शिकायतों की छायाप्रति देवें। (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा की बैठक दिनांक 31 मार्च 2016 को पूछे गये प्रश्न क्रमांक 7665 के उत्तर में श्री संतोष जैन सचिव ग्राम पंचायत इन्द्राना के अन्यत्र स्थानांतरण करने एवं दिनांक 22 जुलाई 2016 प्रश्न क्रमांक 845 की कंडिका (ग) के उत्तर में स्थानान्तरण की कार्यवाही प्रशासनिक प्रक्रिया अन्तर्गत विचाराधीन होना बतलाया गया था। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो कार्यालय जिला पंचायत जबलपुर द्वारा पत्र क्र./1101/पंचा.प्रको/2017 दिनांक 06.03.2017 के तहत संयुक्त संचालक (शिकायत) पंचायत राज्य संचालनालय भोपाल को लिखे पत्र अनुसार श्री संतोष जैन सचिव ग्राम पंचायत इन्द्राना जिला जबलपुर का स्थानांतरण शासन स्तर से करने की मांग पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं यह भी बतलावें की श्री संतोष जैन का प्रश्न दिनांक तक अन्यंत्र स्थानांतरण न करने का क्या कारण है? इनका स्थानांतरण किस प्रकार से कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्राप्त शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शासन स्तर से प्रतिबंध होने के कारण सचिव का स्थानांतरण नहीं किया जा सका था। 01 जून, 2017 से 10 जुलाई, 2017 तक शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति अनुसार ग्राम पंचायत सचिवों का स्थानांतरण जिला स्तर से किये जाने के निर्देशों के तहत श्री संतोष जैन सचिव ग्राम पंचायत इन्द्राना जनपद पंचायत मझौली का स्थानांतरण किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार स्थानांतरण किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेगनीज माइंस हेतु आवंटित खनिज पट्टा
[खनिज साधन]
77. ( क्र. 1254 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेसर्स मेटल एवं मिनरल्स द्वारा ग्राम सेल्वा तहसील कटंगी जिला बालाघाट में मेगनीज माइंस का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त माइंस के संचालन के लिये खनिज पट्टा की स्वीकृति हेतु कब, किन खसरा नंबरों का उल्लेख कर आवेदन प्रस्तुत किया गया था? आवेदन के समय यह खसरा नंबर किस मद में दर्ज थे तथा किस प्रयोजन हेतु आरक्षित थे एवं वर्तमान में किस मद में दर्ज हैं? खसरा नंबरवार बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त खनिज पट्टा हेतु आवेदित भूमि जलमद में दर्ज होने पर भी खसरा नंबरों पर कौन शासकीय सेवकों द्वारा किन नियमों के तहत खनिज पट्टा किस आधार पर स्वीकृत किया गया और क्या इन खसरा नंबरों के स्वरूप में अब तक परिवर्तन किया है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत क्या तहसीलदार कटंगी के जाँच प्रतिवेदन क्रमांक 1453/तह.2015/दिनांक 20.05.2015 में नदी का मूल स्वरूप बदलने एवं अवैधानिक उत्खनन पाया गया था और मौके पर पाए गए 400 टन मेगनीज का परिवहन प्रतिबंधित किया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो तहसीलदार कटंगी का जाँच प्रतिवेदन क्या था एवं क्या इस प्रतिवेदन की सूचना खनिज विभाग को दी गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और परिवहन से प्रतिबंधित किया गया? 400 टन खनिज कहाँ किसकी अभिरक्षा में किस आदेश से कब से है? बतलावें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहसील खनिज पट्टा की स्वीकृति एवं संचालन में अनियमितताओं के चलते क्या खनिज पट्टा की स्वीकृति को स्थगित कर सक्षम प्राधिकारी से जाँच करवाकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन कंपनी द्वारा ग्राम सेलवा के खसरा क्रमाक 150/1 रकबा 4.960 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिपट्टा आवेदन पत्र दिनांक 18.07.2007 को प्रस्तुत किया गया था। आवेदन के साथ संलग्न खसरा में आवेदित क्षेत्र भूजल पानी के नीचे मद में दर्ज था। जो कि वर्तमान में भी दर्ज है। (ख) तहसीलदार कटंगी, वनमण्डलाधिकारी, दक्षिण, वनमण्डल बालाघाट, खनिज सर्वेयर बालाघाट, सरपंच ग्राम पंचायत, सेलवा के प्रतिवेदन के आधार पर शासन द्वारा आदेश दिनांक 05.12.2006 से पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया था। खनिज सर्वेक्षण, बालाघाट द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार खसरा क्रमांक 150/1 पानी के नीचे दर्ज है, परन्तु ऊपर बांध बनने से नदी का अस्तित्व समाप्त होने के आधार पर क्षेत्र स्वीकृति हेतु उपलब्ध बताया गया। सरपंच ग्राम पंचायत सेलवा द्वारा दिनांक 08.08.2004 को दिये गये प्रतिवेदन में यह लेख किया गया कि, विगत 40 वर्ष नहलेसरा बांध बन जाने से आवेदित भूमि पर पानी का बहाव नहीं होता है, मद पानी के नीचे का अस्तित्व समाप्त होकर राजस्व की पड़ती भूमि में आता है। वर्तमान में खसरा नंबरों के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। तहसीलदार कटंगी के प्रतिवेदन में प्रश्न के अनुसार ऐसा कोई उल्लेख नहीं है। तहसीलदार द्वारा ग्राम सेलवा स्थित माइंस की शिकायत की जाँच अनुविभागीय अधिकारी के मौखिक निर्देश अनुसार की गई थी। तहसीलदार द्वारा मौके पर लगभग 400 टन मेगनीज पत्थर न निकाले जाने के संबंध में माइंस में उपस्थित कर्मचारियों को निर्देशित किया गया था। (घ) जी नहीं। खनिज विभाग को इस प्रतिवेदन की सूचना नहीं दी गई है। प्रकरण वर्तमान में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी कटंगी में प्रचलित है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत विचाराधीन होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) वर्तमान में खनिपट्टा स्वीकृति एवं संचालन में कोई अनियमितता परिलक्षित न होने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
78. ( क्र. 1265 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुन्नारदेव के ग्राम नवेगाँव से 40-50 km की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय स्थापित है? (ख) यदि हाँ, तो छात्र/छात्राओं की उच्च शिक्षा की दृष्टि से कब तक ग्राम नवेगाँव कलां में शासकीय महाविद्यालय खोला जायेगा? क्या नवेगाँव के अन्तर्गत 351 पंचायत आती है एवं महाविद्यालय खोलने हेतु नवेगाँव में भवन उपलब्ध है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा इस संबंध में दिए गए आवेदन शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक निराकरण कर शासकीय महाविद्यालय खोलने की कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि शासन स्तर पर शासकीय महाविद्यालय खोलने की कार्यवाही लंबित है तो कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। जुन्नारदेव के ग्राम नवेगाँव से 35 कि.मी. की दूरी पर क्रमशः शासकीय महाविद्यालय जुन्नारदेव तथा अशासकीय विद्यादेवी शुक्ला महाविद्यालय, जुन्नारदेव एवं 25 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय दमुआ संचालित है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में नवेगाँव के विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। जुन्नारदेव तहसील अंतर्गत 95 पचांयते है, जिनमें नवेगाँव कला स्वयं एक ग्राम पचांयत है। भवन की उपलब्धता का विषय महाविद्यालय प्रारंभ होने के उपरांत का है। (ग) एवं (घ) वर्तमान में सीमित संसाधन के कारण ग्राम नवेगाँव में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
रेता का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
79. ( क्र. 1266 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील तामिया जिला छिंदवाड़ा में भारी मात्रा में रेत माफिया द्वारा रेत का उत्खनन अवैध रूप से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस व्यक्तियों के द्वारा किया जा रहा है? नाम एवं पता सहित बतावें। (ख) क्या वर्तमान तहसीलदार और खनिज अधिकारी से मिलीभगत करके श्री सतीश मिश्रा, मनमोहन साहू, भागवत पटेल, भूपेन्द्र ठाकुर (बाबा) द्वारा अवैध रूप से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इनके खिलाफ जिलाध्यक्ष द्वारा कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा (क) एवं (ख) के प्रश्नांश में जिलाध्यक्ष एवं शासन स्तर पर कई बार शिकायत की गई है। यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई और संबधित विधायक को इसकी सूचना दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेवार है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित व्यक्तियों के विरूद्ध जाँच उपरांत पुलिस थाना, तामिया में अपराध क्रमांक 74/15 दिनांक 05.05.2016 को दर्ज की गई है। पुलिस द्वारा प्रकरण में केस डायरी माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जुन्नारदेव के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण में की गई कार्यवाही की जानकारी कलेक्टर कार्यालय, छिन्दवाड़ा द्वारा कमिश्नर, जबलपुर संभाग को पत्र दिनांक 22.06.2015 से प्रेषित की गई थी। जिसकी जानकारी माननीय विधायक महोदय को पृष्ठांकित की गई थी। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 1267 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव विधान सभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से इकाई क्र. 03 में कितनी सड़कों का निर्माण कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या सड़कों के लिये स्वीकृत राशि व गुणवत्ता के आधार पर निर्माण कार्य कराया गया है? (ग) क्या उक्त निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा कराया गया है? ठेकेदार द्वारा जुन्नारदेव के ग्राम गुर्रेखुर्रेमाऊ, साजकुही से खमरा, चाखला से खैरवानी, इकलामासानी-भालेआम, पातालकोट सड़क की जर्जर हालत होने एवं गुणवत्ता से कार्य न कराये जाने के लिये कौन दोषी है? (घ) क्या इसकी जाँच किसी बड़ी एजेंसी से कराकर घटिया कार्य के लिये दोषी पाये जाने वाले अधिकारी/ठेकेदार/कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्र. 03 छिंदवाड़ा में 51 सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा जुन्नारदेव के ग्राम चिकटबर्री (टी 11) से गुर्रेखुर्रेमाऊ, साजकुही से खमराजेठू, चिकटबर्री (टी 11) गुर्रेखुर्रेमाऊ इकलामासानी, चिकटबर्री (टी 11) से भालेआम एवं पातालकोट सड़क का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के निर्धारित मापदण्डानुसार संपादित कराया गया है। उक्त मार्ग पाँच वर्ष की संधारण अवधि में है एवं ठेकेदार द्वारा संधारित किये जा रहे हैं। चाखला से खैरवानी मार्ग का कार्य इस योजना में नहीं कराया गया। ठेकेदार द्वारा किये गये कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये समय-समय पर नेशनल क्वालिटी मॉनिटर्स/स्टेट क्वालिटी मॉनिटर्स एवं कार्यालय के अधिकारियों द्वारा कार्य का निरीक्षण किया गया। नेशनल क्वालिटी मॉनिटर्स/स्टेट क्वालिटी मॉनिटर्स के द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान उक्त मार्गों को संतोषप्रद श्रेणी दी गई है। (घ) जी नहीं। उत्तर (ग) के परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता नहीं है।
रेत खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
81. ( क्र. 1278 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में म.प्र. राज्य खनिज निगम की कितनी रेत खदान स्वीकृत हैं? स्वीकृत खदान में से कितनी खदान एल. एन्ड टी. लिमिटेड को नीलामी पर दी गई है? उनकी अवधि कब से कब तक हैं? खदानवार, रकबावार, कुल नीलामी राशि सहित पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार एल. एन्ड टी. को स्वयं के उपयोग में या खुले बाजार में विक्रय हेतु नीलामी पर किन शर्तों के तहत दी गई? (ग) एल. एन्ड टी. ने कुल कितनी मात्रा के परिवहन पार पत्र स्वयं के उपयोग के लिये, कितनी मात्रा के परिवहन पार पत्र खुले बाजार में विक्रय के लिये जारी किये गये हैं? खदान स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने परिवहन पार पात्र उपयोग किये गये हैं? वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में 25 रेत खदानें स्वीकृत हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नाधीन कंपनी के साथ रेत के उठाव एवं बिक्री हेतु अनुबंध किया गया है। प्रश्नानुसार विशेष रूप से कोई अनुबंध नहीं है। (ग) प्रश्नानुसार पृथक-पृथक प्रयोजन के लिये परिवहन पार पत्र जारी करने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
सौर ऊर्जा पंप की स्थापना की जानकारी
[वन]
82. ( क्र. 1279 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के ग्राम टेढी में जंगली जानवरों को पीने के लिये पानी की व्यवस्था को देखते हुये सौर ऊर्जा पंप स्थापित कराया गया? यदि हाँ, तो किस विभाग की राशि से? (ख) क्या स्थापित सौर ऊर्जा पंप बंद है? यदि हाँ, तो कब से बंद है? क्या इसके रख-रखाव हेतु विभाग द्वारा बाउन्ड्री लगाई गई है? लगभग 5 वर्ष पूर्व स्थापित कराये गये पंप प्रश्न दिनांक तक चालू नहीं होने के लिये कौन उत्तरदायी है? क्या जिस उद्देश्य से पंप स्थापित कराया गया, उसकी पूर्ति हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पानी के अभाव में जंगली जानवरों की मृत्यु हुई? क्या वन्यप्राणियों के सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत वन्य प्राणियों को पेयजल की व्यवस्था किया जाना प्रावधानित है? यदि हाँ, तो वन्यप्राणियों की हुई क्षति के लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा वन संरक्षक कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 42 दिनांक 20.04.2017 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। पंचायत विभाग द्वारा प्रदत्त राशि से। (ख) लगभग एक वर्ष से। जी नहीं। पम्प द्वारा चार वर्ष तक कार्य किया गया। जी हाँ। (ग) जी नहीं। वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम में पेयजल उपलब्ध कराने का विशिष्ट प्रावधान नहीं है। पेयजल के अभाव में वन्यप्राणियों की क्षति नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (घ) वनमण्डलाधिकारी कटनी के कार्यालयीन पत्र क्र./नि.स./2732, दिनांक 01.05.2017 से उप-वन मंडल अधिकारी (पूर्व) कटनी एवं कार्यालयीन पत्र क्र./नि.स./4554, दिनांक 12.05.2017 से परिक्षेत्र अधिकारी, कटनी को वांछित कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये। तिथिवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
एफ.आई.आर. दर्ज कराने में विलम्ब
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( *क्र. 1305 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य रोजगार ग्यारंटी परिषद् भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 2030/एन.आर.ई.जी.एस- म.प्र. (स्था.) एन-आर-2/वि.स. 6473/17 दिनांक 14 मार्च 2017 द्वारा पूर्व लेखाधिकारी मनरेगा (संविदा) जनपद पंचायत गंजबासौदा जिला विदिशा के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए थाना प्रभारी थाना एम.पी.नगर जिला भोपाल को लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त संबंध में एफ.आई.आर. दर्ज कर ली गई हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो विलंब के क्या कारण हैं? इस हेतु कौन उत्तरदायी हैं? एफ.आई.आर.कब तक दर्ज होगी? स्पष्ट समय-सीमा बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में हुए भ्रष्टाचार के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
84. ( क्र. 1321 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का आयोजन जनपद पंचायत गंगेव जिला रीवा में दिनांक 07/06/2017 को किया गया है? इसके साथ ही अन्य जनपद पंचायतों में कन्यादान का आयोजन कब-कब किया गया है? इन आयोजनों में प्रत्येक जनपद पंचायतों के लिए कौन-कौन मुख्य अतिथि तय हैं? मुख्य अतिथितियों के साथ आयोजनों की जानकारी जनपद पंचायतवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो 2014 से 20/06/2017 तक गंगेव, सिरमौर, नईगढ़ी तथा जवा जनपद पंचायत में मुख्यमंत्री कन्यादान का आयोजन कब-कब किया गया है? जनपद पंचायतवार, वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने हितग्राहियों एवं जोड़ों का विवाह व निकाह सम्पन्न हुआ है तथा वर-वधु को दिये गये उपहार व बारात पण्डाल आदि में किये गये व्यय की जानकारी जनपद पंचायतवार, जोड़ीवार (वर-वधु के उम्र सहित) वर्षवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त कार्यक्रम में किये गये भ्रष्टाचार वित्तीय अनियमितता व नियम विरूद्ध आयोजनों के लिए कौन अधिकारी दोषी हैं? उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (घ) उक्त कार्यक्रम शासन के दिशा निर्देशानुसार किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज रॉयल्टी का वितरण
[खनिज साधन]
85. ( क्र. 1322 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2015 से 20/06/2017 तक जिला खनिज (न्यास) प्रतिष्ठान रीवा, सतना, शहडोल एवं कटनी जिला में कितनी रॉयल्टी राशि (डिपोजिट) जमा है? वर्षवार, जिलावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त राशि व्यय करने के लिए निर्माण कार्य व अन्य विकास कार्य कराने के लिए शासन के क्या आदेश हैं? आदेशों एवं निर्देशों के साथ प्रस्तावित व किये गये कार्यों की जिलावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिले के सम्पूर्ण विकास के लिए जिलेवार जमा राशि के समान या अनुपातिक वितरण के लिए प्रत्येक जिले के विधान सभावार वितरित व आवंटित राशि की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में म.प्र. राजपत्र 28 जुलाई 2016 के बिन्दु क्रमांक-7 के अनुसार गठित कार्यपालिका समिति की सूची जिलावार देवें तथा क्या उक्त कार्य में क्या सांसदों, विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों को रखने का प्रावधान नहीं है। यदि नहीं, तो कब तक प्रावधान किया जावेगा? यदि हैं, तो जनप्रतिनिधियों को क्यों नहीं रखा गया? इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाही के प्रावधान मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में है। यह नियम अधिसूचित नियम है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। (ग) मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में प्रश्नानुसार प्रावधान नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' पर दर्शित है। प्रश्नानुसार मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में प्रावधान नहीं है न ही ऐसा कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत रामपायली से ग्राम कस्बीटोला को पृथक करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
86. ( क्र. 1333 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 3 वर्षों में कब-कब, किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को ग्राम पंचायत रामपायली से ग्राम कस्बीटोला को पृथक करने के लिए पत्राचार किया गया? (ख) उक्त पत्राचार पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? उपरोक्त ग्राम पंचायत से ग्राम कस्बीटोला को कब तक अलग नई ग्राम पंचायत बना दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। रिकार्ड अनुसार दिनांक 30 जनवरी एवं 31 जनवरी 2017 को कलेक्टर बालाघाट को पत्राचार किया गया है। (ख) मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 125 में ग्राम पंचायत के मुख्यालय परिवर्तन एवं पंचायत क्षेत्र के विभाजन का प्रावधान है। इस कार्यवाही हेतु मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक बी-1-11-95-बाईस-पं.-2 दिनांक 23 फरवरी 1999 के अनुसार धारा 125 के अधीन मामले जिले के कलेक्टर द्वारा निराकृत किये जायेंगे। ग्राम पंचायत के परिसीमन के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 10-33/94/22/पं.-2/95 दिनांक 27 जून 1995 के अनुसार ग्राम पंचायतों की सीमाओं का परिसीमन के संबंध में निर्णय लिया गया है कि पंचायतों के आगामी आम चुनावों के पूर्व परिसीमन की कार्यवाही होने पर ऐसे प्रकरणों पर विचार किया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय राशि का दुरूपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 1338 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा सेवा यात्रा के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री भारत सरकार की सभा में प्रदेश के 33 जिलों से 475000 लोगों को विषयांकित खाते से 500 रू. प्रति व्यक्ति प्रेरक के रूप में देकर स्वच्छता की ट्रेनिंग के नाम पर अमरकंटक ले जाया गया था। यदि हाँ, तो 33 जिलों की नाम सहित जानकारी दें? (ख) उपरोक्त के संबंध में राशि आवंटित करने हेतु जो आदेश जारी किए गए थे उसकी प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) यह जानते हुए भी कि प्रधानमंत्री नर्मदा सेवा यात्रा के समापन कार्यक्रम में आए हैं इसका स्वच्छता की ट्रेनिंग से कोई सीधा संबंध नहीं है। जिन अधिकारियों द्वारा शासकीय राशि का सीधा दुरूपयोग किया गया उनके खिलाफ शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। धनराशि के दुरूपयोग की स्थिति नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही का कोई औचित्य नहीं है।
प्रदेश में कराए जा रहे वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
88. ( क्र. 1339 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नर्मदा किनारे कितने कृषकों ने अपनी निजी भूमि पर फलदार वृक्ष लगाने हेतु तीन वर्षों तक बीस हजार रूपये प्रति हेक्टेयर पर लगाने हेतु आवेदन किया गया है तथा कितने कृषकों की निजी भूमि पर वृक्ष लगाऐ गए हैं? संख्यात्मक जानकारी दें। इस योजना में प्रति हेक्टेयर न्यूनतम कितने वृक्ष लगाने के प्रावधान थे? (ख) 02 जुलाई, 2017 को होने वाले वृक्षारोपण हेतु किन-किन शासकीय विभागों को शामिल किया गया है तथा वृक्ष खरीदने पर तथा वृक्षों की सुरक्षा पर प्रारंभिक तौर पर कितना बजट का प्रावधान किया गया? (ग) 02 जुलाई, 2017 को कुल कितने वृक्षारोपण किये जायेंगे तथा वृक्षों की सुरक्षा हेतु किये जा रहे उपायों की जानकारी दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, जन अभियान परिषद् इत्यादि विभागों को सम्मिलित किया गया है। शेष की जानकारी निरंक है। (ग) प्रदेश के नर्मदा बेसिन के 24 जिलों में दिनांक 02.07.2017, को 6 करोड़ पौधा रोपण का लक्ष्य था। वृक्षों की सुरक्षा बारवेड वायर फैंसिंग, अन्य सुरक्षा व्यवस्था एवं श्रमिकों के माध्यम से की जाती है।
ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम में प्राप्त शिकायत एवं सुझाव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
89. ( क्र. 1343 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामोदय से भारत उदय के कार्यक्रम 2017 के भ्रमण के दौरान नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्रामीण जनता द्वारा कौन-कौन सी शिकायत एवं सुझाव दिए? ग्राम पंचायतवार शिकायतों एवं सुझावों का विवरण देवें। (ख) उक्त शिकायतों एवं सुझावों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई या प्रस्तावित की गई? संपूर्ण विवरण देवें। (ग) पंचायतवार शिकायतों एवं सुझावों पर कार्यवाही की समय-सीमा का विवरण देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नौरादैही अभ्यारण्य में विस्थापित ग्राम
[वन]
90. ( क्र. 1344 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन ग्राम विस्थापन की मुआवजा नीति क्या है? विवरण देवें। (ख) नरसिंहपुर विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायत ढाना के कितने आदिवासी ग्राम नौरादैही अभ्यारण्य के कारण विस्थापित किए जा रहे हैं? (ग) उक्त ग्रामों के विस्थापितों के मुआवजा रोजगार हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली के पत्र क्रमांक 3-1/2003 पी.टी. दिनांक 21.02.2008 एवं मध्यप्रदेश शासन वन विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ 3-8/07/10-2/2129 दिनांक 30 अक्टूबर 2008 से संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के पुनर्वास के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) 7 ग्राम प्रस्तावित हैं। (ग) मुआवजा संबंधी कार्यवाही मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3-8/07/10-2/2129 दिनांक 30.10.2008 के दिशा-निर्देश अनुसार ग्रामीणों द्वारा स्वेच्छा से चयनित विकल्प अनुसार की जावेगी। विस्थापन उपरांत ग्रामीण स्वेच्छा से अपना रोजगार करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
विधवाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
91. ( क्र. 1349 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में 60 वर्ष से अधिक उम्र की विधवाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिया जाना प्रस्तावित था। ये योजना वर्तमान में किस स्तर पर है? (ख) यह योजना कब तक लागू कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश की विधवा महिलाएं जिनकी आयु 40 से 79 वर्ष है तथा वे गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही हैं को भारत सरकार की इंदिरा गांधी विधवा पेंशन योजना राशि रूपये 300/- प्रतिमाह पेंशन प्रदाय की जा रही है तथा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अन्तर्गत 18 से 39 वर्ष आयु की विधवा महिलाएं जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही हैं को राशि रूपये 300/- प्रतिमाह प्रति हितग्राही के मान से पेंशन प्रदाय की जा रही है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एम.ए. एवं एम.एस.सी. की कक्षाएं प्रारम्भ की जाना
[उच्च शिक्षा]
92. ( क्र. 1354 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा नगर में संचालित शासकीय स्वामी विवेकानन्द महाविद्यालय नागदा में एम.ए. एवं एम.एस.सी. की कक्षाएं प्रारम्भ करने के संबंध में प्रश्नकर्ता के ता.प्र.क्र. 331 दिनांक 28.7.2016 में परीक्षण पश्चात आगामी कार्यवाही करने का उत्तर दिया गया था ? क्या यह कक्षाएं आज दिनांक तक भी प्रारम्भ नहीं हो पाई हैं। (ख) यदि हाँ, तो यह कक्षाएं कब तक प्रारम्भ कर दी जावेंगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
म.प्र आउटडोर विज्ञापन नियम 2017 में संशोधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1355 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र आउटडोर विज्ञापन नियम 2017 द्वारा नगरीय निकायों में होर्डिंग लगाने हेतु नए नियम लागू किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ख) क्या उक्त नियमों को नगर निगम के साथ सामान रूप से नगरपालिका तथा नगर पंचायतों पर भी लागू किया गया, जबकि नगरपालिका एवं नगर पंचायतों की भौगोलिक स्थति नगर निगमों से भिन्न होती है, जैसे चौड़ी सड़कें, व्यापारियों प्रतिष्ठानों की आय एवं अन्य। क्या विभाग मानता है कि ऐसे में नगर पालिका निगम, नगर पालिका तथा नगर पंचायत तीनों के लिए एक जैसे नियम ठीक हैं? जैसे नगर निगम की चौड़ी सड़कों पर तो प्रत्येक आउटडोर डिवाइस के बीच में न्यूनतम दूरी 50 मीटर रखनी हो जो नगर पालिका, नगर पंचायतों के लिए संभव नहीं है? (ग) उपरोक्त नियमों में संशोधन के लिए इंदौर, उज्जैन संभाग में कितनी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या विभाग नियमों में संशोधन के लिए पुनर्विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उक्त नियमों को सभी नगरीय निकाय यथा नगरपालिक निगम, नगर पालिका परिषद् एवं नगर परिषदों पर लागू किया गया है परन्तु नियम के प्रावधानों में जनसंख्या के आधार पर भिन्नता रखी गई है। (ग) विभाग द्वारा नियम का प्रारूप विभागीय वेबसाईट पर जारी कर आम नागरिकों से दावे/सुझाव/आपत्तियाँ आमंत्रित की गई थीं जिसके तारतम्य में विभाग को ई-मेल तथा डाक के माध्यम से लगभग चार हजार सुझाव/आपत्तियाँ प्राप्त हुई थीं। जिन पर विभाग द्वारा विचार विमर्श उपरांत तर्कसंगत सुझावों को नियम के प्रारूप में समावेशित कर सक्षम अनुमोदन उपरांत नियमों को प्रकाशित किया गया। वर्तमान में नियमों के संशोधन पर पुनर्विचार करने हेतु विभाग का कोई प्रस्ताव नहीं है।
शहरों में बहुमंजिला भवन का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 1356 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2016 के पश्चात इंदौर, उज्जैन शहर एवं रतलाम मंदसौर जिले में कौन-कौन सी होटल रिसोर्ट, व्यवसायिक, आवासीय बहुमंजिला इमारतों के नक्शे पास किये गये? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त भवनों में अधिकांश भवनों का निर्माण नक्शे के अनुसार नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो क्यों? सक्षम अधिकारी द्वारा की गई भौतिक सत्यापन जाँच रिपोर्ट, फायर एन.ओ.सी. एवं कम्पलीशन सर्टिफिकेट की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या उक्त बहुमंजिला इमारतों में अधिवास प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो जिलेवार बिना अधिवास प्रमाण के उपयोग में लाई जा रही बहुमंजिला इमारतों, दोषी अधिकारियों एवं बिल्डर्स के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। भवन का कार्य प्रगतिरत होने के कारण कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भौतिक सत्यापन जाँच किये जाने के उपरांत अवैध निर्माण पाये जाने पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कार्यवाही की गई है। फायर एन.ओ.सी. प्राप्त नहीं की गई है। फायर एन.ओ.सी. प्राप्त कर फायर इक्युपमेंट लगाने के पश्चात् ही अधिवास देने का प्रावधान है। तद्नुसार फायर एन.ओ.सी. के बाद ही अधिवास प्रमाण-पत्र जारी किया जायेगा। (ग) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार भवन निर्माणाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा प्रभावित किसानों की बेटियों के विवाह हेतु राशि उपलब्ध करना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
95. ( क्र. 1361 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनपद पंचायत गुनौर में वर्ष २०१६-१७ में ऐसे किसान जिनकी फसल सूखे से प्रभावित हुई हैं उनके बेटियों के विवाह के लिए कितनी राशि प्रदाय की गई? कितने कृषकों को इस योजना का लाभ दिया गया? ग्रामवार, किसानवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित योजना के लिए कितने किसानों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए? उनमें से कितने आवेदन स्वीकृत किए गए तथा कितने आवेदन किस कारण से निरस्त किए गए? आवेदनवार बतावें। (ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत क्या सभी पात्र किसानों को राशि का भुगतान करा दिया गया है? यदि हाँ, तो उपयोगिता प्रमाण की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो शेष राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? लंबित भुगतान किसानों को कब तक कर दिया जाएगा? (घ) क्या पात्र आधे से ज्यादा किसानों का भुगतान नहीं किया गया है? क्या इसकी जाँच कराई जाकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत जनपद पंचायत गुनौर में वर्ष 2016-17 में कुल 368 किसानों को राशि रूपये 92.00 लाख विवाह के लिये प्रदाय की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित योजना के लिए कुल प्राप्त 394 आवेदनों में से 368 स्वीकृत किए गए तथा 26 आवेदन निरस्त किए गए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (घ) सभी पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन राजस्व सीमा विवाद
[वन]
96. ( क्र. 1362 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन राजस्व सीमा विवाद के कारण गुनौर विधानसभा क्षेत्र के कितने किसान प्रभावित हैं? अनुभागवार बतावें। वन विभाग द्वारा किस राजस्व अधिकारी की अनुमति से राजस्व विभाग की भूमि वन अधिनियम की धारा ४ की अधिसूचना में शामिल की गई है या वन विभाग को इस प्रकार के अधिकार हैं कि राजस्व विभाग की भूमि अपनी अधिसूचना में शामिल कर सकते हैं? (ख) वन अधिनियम १९२७ की धारा ०४ से धारा २० तक की कार्यवाही यदि पूर्ण नहीं होती है, तो धारा ०४ कितने समय तक प्रभावशील रहेगी? समय-सीमा बतावें। (ग) वन अधिनियम की धारा ०४ एवं धारा २९ में अधिसूचित कितनी भूमि आज भी राजस्व अभिलेखों में दर्ज है? धारा २९ में अधिसूचना किस दिनांक को जारी हुई तथा धारा २९ में शामिल वनखण्ड का रकबा अनुभागवार बतावें? (घ) वन विभाग द्वारा कितनी गैर वानिकी प्रयोजन की भूमि राजस्व विभाग से वानिकी प्रयोजन हेतु प्राप्त की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-3 में उल्लेखित भूमियों को आरक्षित वन बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) में अधिसूचना जारी की जाती है। इस हेतु राजस्व अधिकारी की अनुमति आवश्यक नहीं है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-20 में आरक्षित वन की अधिसूचना जारी होने तक धारा-4 (1) के तहत की गई कार्यवाही प्रभावशील रहती है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। रीवा राज दरबार के आदेश अधिसूचना क्रमांक-124, दिनांक 08.02.1937 के तहत धारा-29 के अन्तर्गत संरक्षित वन की अधिसूचना जारी की गई है। गुनौर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत धारा-29 में अधिसूचित 13 वनखण्डों में 47470.67 हेक्टेयर वनभूमि शामिल की गई है। (घ) गुनौर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत गैर-वानिकी प्रयोजन हेतु राजस्व विभाग से 238.36 हेक्टेयर गैर-वनभूमि वन विभाग को प्राप्त हुई है।
निविदा प्रकिया में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1368 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उज्जैन नगर पालिका निगम के लोक स्वास्थ यांत्रिकी संधारण उपखण्ड क्रमांक 3 में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में कितने प्रकरण 1.00 लाख एवं 1.00 लाख से कम के बनाये गये एवं वर्षवार कुल कितनी राशि व्यय की गई? उक्त प्रकरणों का विवरण देवें? (ख) उपखण्ड कमांक 3 में वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार ब्यौरा देवें। (ग) उपखण्ड क्रमांक 3 में वर्ष 2014-15, 2015-16 की व्यय राशि एवं 2016-17, 2017-18 की व्यय राशि में कितना अन्तर है? (घ) क्या उक्त प्रकरणों में तकनीकी स्वीकृति देने का अधिकार प्रभारी सहायक यंत्री को है? यदि हाँ, तो शासन के किन नियमों के तहत? (ड.) क्या उक्त प्रकरणों में तकनीकी स्वीकृत पर कार्यपालन यंत्री से अनुमोदन कराया गया था? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। म.प्र. नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 73 (1) (ग) एवं म.प्र. नगरपालिका (मेयर-इन-काउसिंल/प्रेसीडेंट-इन-काउसिंल के काम-काज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य) नियम 1998 के नियम 5 (1) के तहत आयुक्त, नगरपालिक निगम, उज्जैन के आदेश क्रमांक 464 दिनांक 30/03/2017 से राशि रू. 01.00 लाख तक की तकनीकी स्वीकृति देने का अधिकार जल प्रदाय से संबंधित सहायक यंत्रियों को प्रत्यायोजित किये गये हैं। (ड.) जी नहीं। राशि रू. 01.00 लाख तक की तकनीकी स्वीकृति देने का अधिकार जल प्रदाय से संबंधित सहायक यंत्रियों को प्रत्यायोजित होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत खदान से उत्खनन की अनुमति
[खनिज साधन]
98. ( क्र. 1369 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में छतरपुर, टीकमगढ़ एवं पन्ना जिले में रेत उत्खनन करने की अनुमति किन–किन फर्म या ठेकेदार को प्रदाय की गई है? जिलेवार जानकारी प्रदाय करें। कौन–कौन व्यक्ति उपरोक्त फर्म में शामिल हैं? नाम और पता सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त रेत खदान से किस दिनांक से किस दिनांक तक रेत उत्खनन की अनुमति प्रदाय की गई? कितने रकबे का ठेका दिया गया? नदी से रेत निकालने हेतु क्या-क्या नियम निर्देश हैं? (ग) छतरपुर जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने वाहन कहाँ–कहाँ ओवर लोडिंग/ अवैध रेत का उत्खनन करते हुए पकड़े गये? पकड़े गये वाहन पर क्या–क्या कार्यवाही किन अधिकारियों द्वारा की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। रेत खनिज के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधान हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
99. ( क्र. 1370 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजनान्तर्गत छतरपुर जिले को कब–कब किन-किन स्थानों हेतु कितने यात्रियों हेतु ट्रेन उपलब्ध हुई? (ख) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजनान्तर्गत छतरपुर जिले से अभी तक कितने तीर्थयात्री यात्रा कर चुके हैं? प्रत्येक यात्रा में तहसील अनुसार प्राप्त आवेदन और यात्रा में तहसील अनुसार गए यात्रियों की संख्या की जानकारी प्रदाय करें। (ग) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजनान्तर्गत जिन यात्रियों का नाम लाटरी में नहीं निकला उनके आवेदनों का क्या किया जाता है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजनांतर्गत 6158 तीर्थ यात्री यात्रा कर चुके हैं तहसील अनुसार प्राप्त आवेदन और यात्रा में गये यात्रियों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजनांतर्गत जिन यात्रियों का नाम लाटरी में नहीं आता है उनके आवेदनों को आगामी तिथियों में होने वाली यात्राओं में पुन: लाटरी में सम्मिलित कर लिया जाता है।
मूल कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 1379 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला/जनपद पंचायतों के ऐसे मूल कर्मचारियों, जिनकी नियुक्ति जनवरी 2005 के पूर्व की होकर वर्तमान में कार्यरत हैं, उन कर्मचारियों के लिए शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन योजना कब तक लागू की जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला/जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों को पेंशन देने का मामला क्या वित्त विभाग की अनुमति हेतु लंबित है या अनुमति प्राप्त हो गई है? यदि प्राप्त हो गई है, तो दिनांक एवं वर्ष सहित जानकारी देवें? (ग) क्या वर्तमान में पंचायतराज संचालनालय भोपाल द्वारा पत्र क्र./पं.राज/2017/558/5479 दिनांक 11.05.2017 के माध्यम से जिला/जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों के, जो जनवरी 2005 के पूर्व से कार्यरत हैं, उनके सी.पी.एफ. खाते में जमा राशि की जानकारी चाही गई है? यदि हाँ, तो उक्त जानकारी मंगाने के पीछे विभाग का क्या मकसद है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जिला/ जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों को पेंशन देने के विषय पर वित्त विभाग द्वारा कोई अनुमति नहीं दी गई है, अपितु वित्त विभाग द्वारा दिनांक 05.08.2016 को विभाग को नस्ती पर परामर्श दिया गया है। (ग) जी हाँ। स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारियों की सी.सी.एफ की जानकारी बुलाई गई थी।
स्थाई कर्मियों के रूप में नियमितिकरण की कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 1380 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र. एफ.5-1/2013/1/3 दिनांक 07/10/2016 के द्वारा प्रदेश के समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष साहित पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के समस्त जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश जारी किये गये थे कि विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के लिए स्थाई कर्मियों को विनियमित करने की योजना के तहत नियमितीकरण की कार्यवाही की जाये? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो सतना संभाग के कितने जिला/जनपद पंचायतों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों को स्थाई कर्मियों के रूप में नियमितिकरण की कार्यवाही की गई है? (ग) क्या सतना जिले के अन्य जनपद पंचायतों को छोड़कर रामनगर जनपद पंचयत में कार्यरत दो दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों को स्थाई कर्मी के रूप में नियमितिकरण की कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो इनके नियमितीकरण करने के अधिकार किसे प्राप्त हैं? क्या इनके प्रकरण के संबंध में जनपद पंचायत रामनगर द्वारा अपने पत्र क्र. 422 दिनांक 22.05.2017 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना की ओर भेजकर मार्गदर्शन चाहा गया है? यदि हाँ, तो क्या मार्गदर्शन दिया गया है या नहीं, या उन्हें स्वयं अधिकार प्राप्त है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
शौचालय निर्माण में व्यय राशि की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 1383 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में निर्मित शौचालयों की जाँच विकास आयुक्त कार्यालय एवं जिला पंचायत बालाघाट द्वारा भी जाँच करायी गयी है? (ख) यदि हाँ, तो जिला पंचायत द्वारा कराये गये जाँच प्रतिवेदन की प्रति एवं वित्तीय वर्ष 2014-15 से कुल कितनी राशि शौचालय निर्माण हेतु हितग्राही के खाते में जमा करने के आदेश तथा जनपदवार कितनी-कितनी राशि जारी की गई थी? कितनी राशि व्यय की गई एवं कितनी राशि जिला पंचायत को वापस की गई? जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) विकास आयुक्त कार्यालय के आदेश अनुसार एवं जिला पंचायत द्वारा जाँच कराये गये अनुसार जिन हितग्राहियों के निवास में शौचालय निर्माण होना नहीं पाया गया व टूटे-फूटे हालत में मिले एवं अन्य उपयोगी पाये गये उन हितग्राहियों को शौचालय निर्माण का लाभ दिया जावेगा या नहीं? (घ) बालाघाट जिले में किन-किन ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त किया गया है? जनपदवार सूची देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शौचालय निर्माण हेतु पात्र हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दिये जाने की व्यवस्था है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
सुदूर सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 1391 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुवासरा की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2015-16 व 2016-17 में सुदूर सड़क योजना के तहत कितनी सड़कें बनाई गई थीं? ग्राम का नाम, सड़क की लंबाई तथा राशि सहित जानकारी देवें। (ख) ग्राम पंचायत सेमली कांकड में सुदूर सड़क योजना की स्वीकृति दिनांक बतावें तथा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में सेमली कांकड में सुदूर सड़क की स्वीकृति प्रदान करने से कितने माह पहले एवं कितने माह बाद में कितनी सुदूर सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) ग्राम पंचायत सेमली कांकड सुदूर सड़क योजना/खेत सड़क योजना की स्वीकृति के समय पूरे मंदसौर जिले की ग्राम पंचायतों को मनरेगा योजना के तहत खेत सड़क योजना/सुदूर सड़क योजना के तहत अनुमति नहीं मिल पा रही थी, तो क्या कारण रहे कि पूरे जिले में सड़कों पर रोक के बाद भी मात्र एक सड़क को अनुमति प्रदान की गई? इसका कारण बतावें एवं किसकी अनुशंसा पर स्वीकृति जारी की गई? (घ) सेमली कांकड में सुदूर सड़क/खेत सड़क योजना के तहत निर्मित ग्राम सड़क से लेकर मेसर्स एवेजर्स सोलर प्रा.लि. तर्फे आशुतोष नारायण पिता विद्यासागर चौरसिया निर्मित प्लांट तक बनाई गई सड़क की जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक12.06.2016। निरंक एवं 101. (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर को स्थल निरीक्षण कर जाँच प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिये गये हैं। (घ) स्वीकृत सड़क कालबेलिया के डेरो से गीताबाई के खेत तक लागत राशि रू 14.98 लाख से वर्तमान में निर्माणाधीन है। प्रश्नाधीन सोलर प्लांट गीताबाई के खेत से लगभग 170 मी. दूर है।
पंचायत भवन एवं ई-कक्ष का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 1398 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव अंतर्गत कितने पंचायत भवन एवं ई-कक्ष निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने पंचायत भवनों एवं ई-कक्ष भवनों का निर्माण वर्तमान में पूर्ण हो चुका है एवं कितने शेष हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिन पंचायतों में ई-कक्ष एवं भवन निर्माण किये जा चुके हैं, क्या उक्त समस्त भवन गुणवत्तापूर्ण हैं? यदि हाँ, तो उक्त भवनों का मूल्यांकन किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? क्या अधिकांश निर्मित/निर्माणाधीन भवन गुणवत्ताहीन हैं? क्या शासन ऐसे भवनों की जाँच करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) जिन पंचायत एवं ई-कक्ष भवनों का निर्माण शेष है, उनके निर्माण पूर्ण न होने का कारण बताया जावे। क्या निर्माण कार्य पूर्ण न किये जाने पर निर्माण एजेंसी पर शासन द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव अंतर्गत वर्ष 2013-14 में 40 पंचायत भवन एवं वर्ष 2014-15 में 59 ई-कक्षों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (ख) पूर्ण पंचायत भवनों की संख्या-12, पूर्ण ई-कक्षों की संख्या-17, निर्माणाधीन पंचायत भवनों की संख्या-27, निर्माणाधीन ई-कक्षों की संख्या-38, अप्रारंभ पंचायत भवनों की संख्या-01, अप्रारंभ ई-कक्षों की संख्या-04, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। जी नहीं केवल 02 पंचायत भवनों की गुणवत्ता खराब है, जिनका सुधार कार्य चालू है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। अप्रारंभ एवं निर्माणाधीन कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण कराये जाने हेतु नोटिस जारी किये गये हैं।
हितग्राहियों को ऋण प्रकरणों से हो रही कठिनाईयाँ
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
105. ( क्र. 1399 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा जिला नरसिंहपुर अंतर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में युवाओं को रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला नरसिंहपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव में युवाओं द्वारा सूक्ष्म लघु उद्योग डालने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदनों को स्वीकृत किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत आवेदकों में से कितने हितग्राहियों को बैंक लोन उपरांत इकाइयां प्रारंभ कराई जा चुकी हैं एवं कितने आवेदकों के प्रकरण बैंक ऋण न होने के कारण शेष हैं? सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या बैंकों द्वारा आवेदकों के ऋणों को ऐनकेन कारण बताकर ऋण नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो बैकों द्वारा ऋण नहीं दिये जाने पर शासन द्वारा बैंकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) विभाग द्वारा नरसिंहपुर जिले अन्तर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में युवाओं को रोजगार हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम त्रैमास में नरसिंहपुर जिले अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव में युवाओं द्वारा सूक्ष्म, लघु उद्योग/सेवा/व्यवसाय डालने हेतु 48 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से बैंकों द्वारा 07 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत आवेदनों में से सभी 07 हितग्राहियों को बैंक लोन उपरांत इकाइयां प्रारंभ कराई जा चुकी हैं तथा ऋण न होने के कारण कोई भी प्रकरण बैंक में शेष नहीं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। बैंकों द्वारा विगत वर्षों में शत्-प्रतिशत लक्ष्यपूर्ति की गई है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्टेडियम में गैलरी निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1423 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका सिहोरा के अधीन बारी बहु स्टेडियम खितौला में खेल प्रेमियों को खेल मैदान में सेट कम गैलरी बनाये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री को पत्र क्रमांक 750 दिनांक 22/2/17 दिया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) पत्रानुसार सेट कम गैलरी बनाये जाने हेतु क्या कार्ययोजना है? सविस्तार बतायें। कब तक खेल प्रेमियों को यह सुविधायें मिलने लगेंगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय विधायक के प्रस्ताव दिनांक 22.02.2017 पर प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के निर्देशानुसार नगर पालिका परिषद् सिहोरा से नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर पूर्ण प्रस्ताव संचालनालय के पत्र क्र. 2682 दिनांक 15.03.2017 से चाहा गया है। निकाय से सेट कम गैलरी की कोई कार्य योजना आज तक दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। योजना प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1424 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 666 दिनांक 28/2/17 के द्वारा अवगत कराया गया था कि सिहोरा नगर पालिका की जल प्रदाय योजना की ए.डी.बी. से सहमति प्राप्त होने पर निविदायें आमंत्रित की जायेगी तो ए.डी.बी. की सहमति कब प्राप्त की गई? दिनांक बतायें। अभी तक निविदायें आमंत्रित की गई या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) कब तक योजना का कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा और लोगों को लाभ मिलना शुरू कब तक हो जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना की ए.डी.बी. से सहमति दिनांक 21.03.2017 को प्राप्त की गई है। निविदा आमंत्रित कर ली गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) योजना के कार्य प्रारंभ की तिथि बताया जाना संभव नहीं है क्यों कि निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। कार्यपूर्णता पर नगरवासियों को योजना का लाभ मिलना शुरू हो जायेगा, जिसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गरीब परिवारों को कुटीरों का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 1445 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वर्ष 2014 से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवार को कुटीर स्वीकृत किये जाने के अन्तर्गत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। योजनाओं की पृथक-पृथक जानकारी बतावें। (ख) उक्त योजनाओं के अन्तर्गत अप्रैल 2014 से विधान सभा क्षेत्र सीहोर के कितने हितग्राहियों को किस-किस योजनांतर्गत कुटीर हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जाकर कुटीरों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया तथा कितने प्रकरणों में प्रथम किश्त जारी करने के उपरांत शेष राशि आज दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई? कारण सहित पूर्ण तथा अपूर्ण कुटीरों की पृथक-पृथक जानकारी ग्राम पंचायत सहित बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बिना कार्य के मूल्यांकन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 1454 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में राजीव गाँधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन अंतर्गत जनवरी 2016 से मई 2016 तक कराये गय कार्यों में बिना मूल्यांकन के ही वॉटर शेड के कार्यों का भुगतान किया गया है? क्या नस्ती का संधारण भी सही तरीके से नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) की जाँच अतिरिक्त संचालक, राजीव गाँधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन भोपाल द्वारा की जाकर जाँच प्रतिवेदन विभाग को दिनांक 23.09.2016 को दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही अब तक की गई है? कितने दोषियों को दण्डित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? जनपद पंचायत रामपुर बाघेलान के वॉटर शेड कार्यों का कब तक सामाजिक अंकेक्षण करा लिया जायेगा? (घ) बिना कार्य का मूल्यांकन किये राशि का व्यय करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? संबंधितों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की समय-सीमा दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। नस्तियां संधारित की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित विषय पर जाँच में कोई दोषी नहीं पाया गया। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जनपद पंचायत रामपुर बाघेलान के वॉटर शेड कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण कराया जा चुका है। (घ) मूल्यांकन के उपरांत राशि व्यय की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
चौपाटी निर्माण में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1455 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत सिविल लाइन में चौपाटी निर्माण हेतु शासन द्वारा किन शर्तों के अधीन भूमि आवंटित की गई थी? (ख) क्या शहर में सड़क किनारे जगह-जगह ठेला लगाकर अतिक्रमण करनें वाले व्यापारियों को विस्थापित कर एक ही स्थान पर स्थापित करने के लिये शासन द्वारा भूमि आवंटित की गई थी? (ग) नगर निगम द्वारा क्या उक्त आवंटित भूमि पर 2 करोड़ की लगात से निर्मित चौपाटी में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है और कराये गये कार्य तथा व्यय में भारी अंतर है तथा व्यापक वित्तीय अनियमितता की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। यदि हाँ, तो इसकी जाँच कब तक करा ली जावेगी? (घ) क्या नगर निगम सतना चौपाटी में बने शेड को प्रीमियम पर देने की तैयारी कर रही है? क्या छोटे ठेले खोमचे वाले जिन्हें विस्थापित किया जाना है? उनकी दयनीय स्थिति को देखते हुये नि:शुल्क शेड आवंटित किये जावेंगे? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सतना नगरपालिक निगम क्षेत्रान्तर्गत सिविल लाइन में चौपाटी निर्माण हेतु शासन द्वारा भूमि आवंटित नहीं की गई है। अपितु कलेक्टर सतना द्वारा उत्कृष्ठ विद्यालय सिविल लाइन सतना के बगल में ओवर ब्रिज के नीचे चौपाटी निर्माण, फूड कोर्ट एवं रीक्रियेशन सेन्टर का निर्माण जनभागीदारी से किये जाने के लिये पत्र क्रमांक 2563 दिनांक 31.12.2014 एवं पत्र क्रमांक 605 दिनांक 31.03.2015 द्वारा अंशदान की स्वीकृति प्रदान की गई थी, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) नगरपालिक निगम द्वारा चौपाटी स्थल की बाउन्ड्रीवॉल निर्माण एवं आन्तरिक विकास कार्य में रूपये 113.18 लाख व्यय किया गया है, कराये गये निर्माण कार्य में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं की गई है जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, क्यों कि चौपाटी स्थल की मरम्मत, देखभाल, रख-रखाव, जल विद्युत शुल्क, शौचालय, साफ-सफाई आदि मदों में नगरपालिक निगम को वित्तीय भार वहन करना होगा।
लोकार्पण कार्यक्रम की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
111. ( क्र. 1478 ) पं. रमेश दुबे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् चांद जिला छिन्दवाड़ा में नगर परिषद् कार्यालय का भवन कब कितनी राशि से स्वीकृत होकर कब पूर्ण हुआ? स्वीकृति आदेश, वर्क ऑर्डर, प्राक्कलन, भवन के समस्त निर्माण कार्यों का नक्शा अर्थात स्ट्रक्चर, खिड़की, दरवाजे, वायरिंग, टाईल्स इत्यादि का नक्शा व किस मानक स्तर की कौन सी सामग्री का उपयोग होना था? कौन सी सामग्री का उपयोग किया गया? एम.बी. की छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) क्या म.प्र. शासन के निर्देश हैं कि किसी भी विधान सभा के शासकीय आयोजनों में क्षेत्र के विधायक कार्यक्रम के अध्यक्ष होंगे? (ग) क्या नगर परिषद् चांद के भवन लोकार्पण के पूर्व प्रश्नकर्ता से मुख्य कार्यपालन अधिकारी चांद द्वारा सहमति ली गयी थी? क्या इस लोकार्पण कार्यक्रम में शासन के निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नकर्ता को इस शासकीय कार्यक्रम का अध्यक्ष का दर्जा दिया गया था? क्या प्रश्नकर्ता को आमंत्रित किया गया था? नहीं तो क्यों? क्या शासन इसके लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी चांद को दोषी मानता है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को नजर अंदाज करते हुए उक्त भवन के लोकार्पण कार्यक्रम का आमंत्रण कार्ड मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पदनाम से छपवाकर नगर परिषद् के कर्मचारियों द्वारा वितरण कराये जाने की सूचना एवं उद्घोष पर प्रश्नकर्ता ने कलेक्टर छिन्दवाड़ा एवं एस.डी.एम. चौरई के समक्ष मौखिक व लिखित आपत्ति दर्ज करायी गयी थी? यदि हाँ, तो क्या कर्तव्यविमुख मुख्य नगरपालिका अधिकारी को निलंबित कर दर्ज आपत्ति की जाँच कराने और मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का आदेश शासन देगा? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, चांद में कार्यालय भवन निर्माण कार्य (भू-तल) दिनांक 13.01.2016 को राशि रूपये 48.65 लाख स्वीकृत हुआ है एवं मई 2017 को कार्य पूर्ण हुआ। स्वीकृति आदेश वर्क ऑर्डर प्राक्कलन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। कार्यालय भवन का निर्माण कार्य के लिये तैयार प्राक्कलन अनुसार कार्य कराया गया है। एम.बी. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, म०प्र० शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रसारित आदेश क्रमांक एफ-19-76/ 2017/1/4 दिनांक 22.03.2011 की कंडिका 3 अनुसार संबंधित क्षेत्र के माननीय सांसद/विधायक को आंमत्रित किया जाना प्रावधानित है। (ग) जी नहीं, जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। जी नहीं। (घ) जी हाँ। अध्यक्ष, नगर परिषद् चांद द्वारा त्रुटिपूर्ण आमंत्रण पत्र वितरित होना संज्ञान में आते ही मुख्य नगर अधिकारी, नगर परिषद्, चांद द्वारा तत्काल कार्ड वापस लेकर पुन: नियमानुसार कार्ड तैयार करवाकर वितरित किये गये। प्रकरण की जाँच, अतिरिक्त कलेक्टर, छिदंवाडा द्वारा कराई गई जिसमें मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्नकर्ता की टीप पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
112. ( क्र. 1479 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय भारत उदय अभियान के अंतर्गत इस वर्ष आयोजित ग्राम संसद में प्राप्त शिकायतों, समस्याओं व सुझावों पर समय-सीमा में कार्यवाही कर संबंधितों को एक निश्चित तिथि पर अवगत कराये जाने के क्या कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति सहित समय-सीमा व तिथि से अवगत करावें। (ख) क्या माह अप्रैल एवं मई 2017 में ग्राम उदय भारत उदय अभियान के तहत विकासखण्ड विछुआ और चौरई जिला छिन्दवाड़ा में प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में आयोजित ग्राम संसद में प्राप्त शिकायतों को प्रश्नकर्ता ने लिपिबद्ध कर समयावधि में कार्यवाही हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को प्रेषित करते हुए उसकी प्रति माननीय पंचायत मंत्री म.प्र. शासन कलेक्टर छिन्दवाड़ा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा एवं जनपद पंचायत चौरई एवं विछुआ को प्रेषित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा किस-किस ग्राम संसद की टीपें म.प्र. शासन के पंचायत मंत्री को भेजी गयी हैं? इन टीपों में पंयायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित किन-किन शिकायतों का उल्लेख है? तिथिवार जानकारी दें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता की टीप पर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि में कार्यवाही कर निराकरण किया जाकर सर्वसंबंधित को नियत तिथि पर अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो निराकरण एवं अवगत कराने की सूचना की प्रति सहित जानकारी दें और यदि नहीं, तो क्यों? कब तक निराकरण कर अवगत कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
मनरेगा योजनान्तर्गत मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 1485 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा योजनान्तर्गत मजदूरी और सामग्री के भुगतान जनपद स्तर की बजाय पंचायत स्तर से कराये जाने के क्या प्रावधान हैं? कब तक ग्राम पंचायत स्तर से भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रदेश में मनरेगा की मजदूरी दर गैर सरकारी कार्य में मजदूरों को प्राप्त होने वाली मजदूरी दर से काफी कम है। क्या सरकार इस पर विचार कर मजदूरी दर में बढ़ोत्तरी करेगी? (ग) योजना के तहत सीधी सिंगरौली जिले में विकासखण्डवार विगत तीन वर्षों में किस-किस प्रकार के कार्य कराये गये हैं और कितना व्यय किया गया है? कितने मजदूरों को कितने दिवस का कार्य दिया गया है? (घ) बंद की गई हितग्राहीमूलक योजना को कब तक पुन: चालू किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मनरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फण्ड मेनेजमेंट सिस्टम तथा सामग्री भुगतान राज्य स्तरीय PFMS से किए जाने की व्यवस्था है। कम्प्यूटर कनेक्टीविटी एवं दक्षता के मद्देनजर ग्राम पंचायत स्तर से भुगतान कराया जाना व्यावहारिक नहीं पाया गया। (ख) प्रदेश में मनरेगा की मजदूरी भुगतान रू. 172 प्रति दिवस भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। मजदूरी दर में बढ़ोत्तरी की जाना राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) हितग्राही मूलक उप-योजनाएं जिनसे स्थाई सम्पत्तियों का निर्माण होता है यथा कपिलधारा कूप, खेत तालाब, फलोद्यान विकास, खेत की मेड़ पर वृक्षारोपण, प्रधानमंत्री आवास पर कोई रोक नहीं है।
सीधी जिले में आवास का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 1486 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में योजनांतर्गत वित्तीय वर्षवार 2013 से 2016 तक में योजनावार, जनपदवार कितने आवास स्वीकृत किये गये? उनमें से कितनों को किश्त जारी की गई है एवं कितनों को किश्त जारी नहीं की गई है और क्यों? कारण सहित नामजद विवरण देवें। (ख) क्या स्वीकृत आवास के हितग्राहियों को भुगतान उनके खाते में करने की बजाय अन्य के खाते में कर राशि गबन की गई है? क्या ऐसे हितग्राहियों को पुन: किश्त जारी की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? ऐसे हितग्राहियों का विवरण देवें। उक्त कार्य में लिप्त अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या विस्तृत जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। सिंहावल जनपद पंचायत के श्री दिनेश कुमार शुक्ला, श्री दद्दी कोल, श्री विहारीलाल साकेत, श्री समनी कोल एवं श्री राजू कोरी की राशि गलत खाते में जमा हो गई थी। जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल हितग्राहियों के सही खाते में राशि हस्तांतरित करा दी गई। हितग्राहियों के खाते में राशि अंतरित होने में हुये विलंब के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिंहावल को चेतावनी दी गई है।
अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा की गई अनियमितताएँ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
115. ( क्र. 1493 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि अता. प्रश्न क्र. 3218 दिनांक 07.03.2017 के उत्तरांश (क) से (घ) में यह अवगत कराया गया कि अध्यक्ष को म.प्र. पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के प्रावधानों के तहत कारण बताओ सूचना जारी किये जाने के निर्देश कलेक्टर को दिये गये हैं एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो अब तक की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जावेगी? (ख) क्या उपरोक्त पदाधिकारी एवं अधिकारी प्रथम दृष्टया विभाग को अनियमितताओं में लिप्त पाये गये हैं? यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? निर्धारित समय-सीमा बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर न्यायालय मुरैना द्वारा प्रकरण क्रमांक 28/2016-17/बी-121 जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री सोहनलाल धाकड़ की समक्ष में दिनांक 24.06.2017 को सुनवाई की जाकर परीक्षण पश्चात कारण बताओ सूचना पत्र निरस्त किया जाकर प्रकरण समाप्त किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कैलारस जिला मुरैना के विरुद्ध आयुक्त चम्बल संभाग के कार्यालयीन आदेश क्रं./3459 दिनांक 16.05.2017 से विभागीय जाँच संस्थित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार। विभागीय जाँच के प्रकरण में जाँचोपरांत समुचित निर्णय लिया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टेण्डर प्रक्रिया में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 1494 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री (विद्युत) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास बोर्ड संभाग भोपाल द्वारा टेण्डर क्र.-151 NIT No. 12/2013-14 से संबंधित पत्र क्र. 4252 दिनांक 29.09.2014 एवं 4345 दिनांक 21.10.2014 जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त पत्र भारतीय डाक द्वारा कब-कब भेजे गये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र लगभग 40 दिनों के समय उपरांत डाक द्वारा प्रेषित किये गये डाक ऑफिस अभिलेखानुसार 462016 रविशंकर भोपाल A RI 208465249IN दिनांक 05.11.2014 को प्रेषित किये गये? पत्र जारी तिथि से पत्र प्रेषित तिथि में विलम्ब के क्या-क्या कारण रहे? विलम्ब के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या जयघरोना इन्टरप्राईजेज से उपरोक्त टेण्डर का अनुबंध कराया गया था और परफारमेंस राशि ड्राफ्ट 75000 जमा कर आवश्यक कार्यवाहियां की गयी थीं? अनुचित लाभ न मिलने पर विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनियमित, अवैधानिक तरीके से पुरानी दिनांक में पत्र जारी कर ठेकेदार की अमानत राशि जप्त कर उसे जानबूझकर नुकसान पहुंचाया गया है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) उपरोक्त प्रकरण में अनियमितताओं की जाँच कर संबंधितों के प्रति दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त पत्र की स्केन कॉपी ई-मेल दिनांक 25.09.14 द्वारा ठेकेदार को दी गई। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रकरण में टेंडर प्रक्रिया म.प्र. शासन के ही ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल के तहत ऑन-लाईन समय-सीमा में नियमानुसार की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अवैध उत्खनन/परिवहन की जानकारी
[खनिज साधन]
117. ( क्र. 1501 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के चन्दला विधानसभा क्षेत्र की केन नदी के फत्तेपुर बालू खदान में दिनांक 14.11.2016 एवं सिंगारपुर में दिनांक 24.11.2016 एवं बंजारी में दिनांक 20.04.2017 को अवैध उत्खनन के संबंध में राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा पंचनामा बनाये गये? पंचनामों की सत्यप्रति प्रति प्रदाय करें? (ख) क्या अवैध उत्खनन करते हुए लिफ्टर, जे.सी.बी., एल.एम.टी. जनरेटर व ट्रकों द्वारा पाया गया था, जिसमें सभी प्रकार के उपकरण, वाहनों का पंचनामा में उल्लेख किया गया है? (ग) क्या पंचनामा बनाते समय राजस्व विभाग, अन्य विभाग तथा जनप्रतिनिधियों के भी हस्ताक्षर पंचनामा में कराये गये थे? (घ) यदि हाँ, तो उक्त पंचनामा के आधार पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो दूसरे अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) दिनांक 14.11.2016 एवं दिनांक 24.11.2016 के पंचनामा में अवैध उत्खनन किये जाने का लेख नहीं है। दिनांक 20.04.2017 के पंचनामा में तीन लिफ्टरों द्वारा अवैध उत्खनन किये जाने का लेख है। (ग) जी हाँ। (घ) दिनांक 14.11.2016 को ग्राम फत्तेपुर में बनाये गये पंचनामा में रेत खदान फत्तेपुर में खाली ट्रक व मशीनें मौके पर पाये जाने का लेख है। दिनांक 24.11.2016 को ग्राम सिंगारपुर में बनाये गये पंचनामा में स्वीकृत अनुज्ञा के पास 110 ट्रक खाली पाये जाने का लेख है। दोनों पंचनामा में सीमांकन पश्चात कार्यवाही किये जाने का लेख है। उक्त वाहन खाली एवं स्वीकृत क्षेत्र में पाये जाने के कारण कार्यवाही तत्समय नहीं की गई। कलेक्टर, छतरपुर द्वरा पत्र दिनांक 12.07.2017 से तहसीलदार गौरिहार को सीमांकन पश्चात की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन प्रेषित किये जाने का निर्देश दिये हैं। दिनांक 20.04.2017 को ग्राम उदयपुरा जिला पन्ना में जप्त दो लिफ्टर श्री सुभम सिंह एवं ग्राम बरकोला जिला पन्ना में जप्त एक लिफ्टर मशीन श्री गौरव मिश्रा को सुपुर्दगी में दिया गया है। उक्त प्रकरण कलेक्टर, छतरपुर द्वारा कलेक्टर, पन्ना को पत्र दिनांक 18.05.2017 से प्रेषित किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बोमा पद्धति से रोझड़ों को पकड़ा जाना
[वन]
118. ( क्र. 1502 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग छतरपुर द्वारा रोझड़ों को बोमा पद्धति से पकड़ने का प्रस्ताव वन विभाग छतरपुर के पत्र क्रमांक/वन्य प्राणी/2017/685 दिनांक 27.05.2017 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक म.प्र. शासन को भोपाल की ओर स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार प्रेषित प्रस्ताव पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या वन विभाग छतरपुर द्वारा भोपाल से आये उच्च अधिकारियों के साथ फील्ड में रोझड़ों को अधिक संख्या में पाया गया है? (घ) यदि हाँ, तो शासन द्वारा छतरपुर जिले के चन्दला वि.ख. के रोझड़ों को बोमा पद्धति से पकड़ने हेतु कब तक आदेश जारी किये जायेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था, क्षेत्रीय स्टॉफ का प्रशिक्षण स्थल का चयन एवं विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित होने के बाद क्षेत्रीय स्तर पर कार्यवाही प्रारंभ की जा सकेगी। (ग) जी हाँ। (घ) शासन द्वारा पूरे मध्यप्रदेश में रोजड़ों से फसल हानि से प्रभावित जिलों से 1000 नीलगायों को पकड़ने एवं अन्यत्र वनक्षेत्र में छोड़ने हेतु अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फोर-लेन सड़क का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 1510 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धमापुर से रांझी (जबलपुर) कितने कि.मी. फोर-लेन सड़क निर्माण कराने की मूल कार्य योजना क्या है? इसके लिये कब कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी गई है? इसकी निर्माण अवधि क्या है? (ख) प्रश्नांकित सड़क निर्माण कार्य हेतु कहाँ से कहाँ तक कितने कि.मी. तक सड़क की चौड़ाई कितनी निर्धारित की गई तथा वर्तमान में इसकी चौड़ाई कितनी है? (ग) प्रश्नांकित सड़क निर्माण कार्य हेतु निर्माण एजेंसी किसे निर्धारित किया गया है तथा इसका निर्माण कार्य कब तक कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) धमापुर से रांझी (जबलपुर) 4.7 कि.मी. सड़क निर्माण मुख्यमंत्री अधोसंरचना, शहरी विकास के अंतर्गत प्रस्तावित है। मेयर-इन-कौंसिल के संकल्प क्र. 299 दिनांक 19.01.2017 को प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी जा चुकी है, सक्षम तकनीकी स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। निर्माण अवधि 12 माह प्रस्तावित है। (ख) प्रस्तावित सड़क निर्माण धमापुर से चुंगीनाका तक 2 कि.मी. तथा गोकुलपुर से निगम सीमा तक 2.7 कि.मी. एवं चौड़ाई मास्टर प्लान अनुसार 24 मीटर है, वर्तमान में सड़क के डामरीकरण मार्ग की चौड़ाई 8.5 से 9.5 मीटर है। (ग) तकनीकी स्वीकृति प्रक्रियाधीन है, स्वीकृति उपरांत निविदा आमंत्रण/स्वीकृति पश्चात एजेंसी का निर्धारण होगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंचायतों को नियम विरूद्ध भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
120. ( क्र. 1517 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत राघौगढ़ एवं उसके अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों को सामग्री क्रय, क्या म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के अनुसार क्रय करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से 2017 तक किस-किस से नियम से सामग्री क्रय की? विवरण दें। (ख) क्या ग्राम पंचायत बरोद जनपद पंचायत राघौगढ़ द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित नियम से वाहन की मरम्मत तथा पानी टेंकर के टायर तथा सी.सी. खरंजा निर्माण की सामग्री खरीदी है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित पंचायत द्वारा जो सामग्री क्रय की है वह क्या गोविन्द इलेक्ट्रिकल्स मक्सूदनगढ़ तथा गुर्जर बिल्डिंग मटेरियल मक्सूदनगढ़ म.प्र. क्रय भण्डार एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 के तहत सामग्री विक्रय करने के हकदार है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) में वर्णित पंचायत द्वारा जो सामग्री क्रय की गई, क्या विभाग इनकी जाँच कराकर कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की जाँच जनपद एवं ग्राम पंचायत राघौगढ़ ब्लॉक के वैध एवं अवैध बिलों का वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक के बिलों का भुगतान की जाँच और कार्यवाही कब तक करायेंगे और दोषियों पर कार्यवाही कब तक करायेंगे? विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्राम पंचायत बारोद सहित जनपद पंचायत राघौगढ़ का समवर्ती ऑडिट मासिक रुप से शासन द्वारा निर्धारित सी.ए.फर्म द्वारा किया जाता है।
वैध और अवैध खनिज उत्खनन की जाँच
[खनिज साधन]
121. ( क्र. 1519 ) श्रीमती ममता मीना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में डी.एम. और सी.ई.ओ. से अनुमति प्राप्त खनिजों का वैध रूप से या अवैध रूप से रोड, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में निर्माण कार्यों में खनिज उत्खनन कार्य किया जा रहा है, जिसमें कितने वैध अनुज्ञप्तियां कौन-कौन सी एजेसियां हैं? विवरण दें। (ख) क्या गुना जिले में पत्थर खनिज उत्खनन की वैध अनुज्ञप्तियां जारी की गई हैं? उनकी सूची दें तथा पिपरोदाखुर्द ब्लॉक गुना तथा बजरंगगढ़ क्षेत्र में कितने वैध और अवैध उत्खनन हो रहा है? क्या जिला प्रशासन ने अवैध उत्खनन करने वालों पर और अवैध उत्खनन के कारण 7 बच्चे डूबकर मृत होने पर कोई कार्यवाही की है? (ग) क्या जिले में वैध और अवैध उत्खनन की जाँच और कार्यवाही के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? जिले के अवैध उत्खनन का सत्यापन कराये जाने की कोई व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है? (घ) क्या गुना जिले में खनिजों का उत्खनन वैध रूप से निर्धारित स्थल से ही हो रहा है? यदि नहीं, तो क्या विभाग उत्खनन के स्थलों का भौतिक सत्यापन कराकर घोषित स्थलों की जाँच और कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? विवरण दें कि कितने अवैध उत्खनन हुए एवं उनके विरूद्ध क्या क्या कार्यवाही हुई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) नियमानुसार स्वीकृत एवं अनुमति प्राप्त वैध खदान क्षेत्रों से ही प्रश्नाधीन जिले में खनिजों का उत्खनन किया जा रहा है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' पर दर्शित हैं। अवैध उत्खनन के कारण सात बच्चों की डूब कर मृत्यु नहीं हुई है। अपितु स्वीकृत उत्खनिपट्टे क्षेत्र में इन बच्चों की डूब कर मृत्यु हुई थी। इस कारण स्वीकृत उत्खनिपट्टा निरस्त कर पट्टाधारी के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। (ग) जिले में वैध तथा अवैध खनन की जाँच एवं कार्यवाही हेतु जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित है, इसके अतिरिक्त संभागीय खनिज उड़नदस्ता एवं विभागीय खनिज अमले द्वारा भी सतत् निगरानी रखी जाती है। (घ) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिले में अवैध उत्खनन के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' में दर्शित है।
प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 1551 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किस-किस ग्राम में कितने-कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए हैं? ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जिनमें आज दिनांक तक एक भी प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं हुआ है एवं क्यों? कारण स्पष्ट करते हुए जानकारी ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्रता की क्या शर्तें हैं? नियम एवं शर्तों की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन ग्रामों में प्रश्न दिनांक तक एक भी प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं किया गया है, उनके पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ कब तक प्रदाय कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में आवास स्वीकृत होने के उपरान्त कितने हितग्राही को किन-किन कारणों से अपात्र घोषित किया गया है? जानकारी नामवार, ग्रामवार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। किसी हितग्राही के पात्र होते हुए भी अपात्र घोषित करने पर वह अपनी पात्रता की अपील हेतु कहाँ आवेदन कर सकता है? ऐसे प्रकरणों के निराकरण की समयावधि क्या है। स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की मार्गदर्शिका जिसमें योजना के नियम, शर्तें, पात्रता एवं अपात्रता आदि वर्णित हैं की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र पोहरी के 20 ग्रामों के संबंध में SECC-2011 के सर्वेक्षित परिवारों का नाम भारत सरकार की पोर्टल Awaas-soft पर प्रदर्शित नहीं होने की जानकारी भारत सरकार को देते हुए उनसे सुधार हेतु अनुरोध किया गया है। भारत सरकार द्वारा सुधार किए जाने के लिए समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। अपील जिला स्तरीय अपील समिति में की जा सकती हैं। यद्यपि अपील के निराकरण की समय-सीमा भारत सरकार ने नियत नहीं की है, 15 दिन में अपील का निराकरण किया जाना अपेक्षित है।
खेल मैदान एवं शांतिधाम का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
123. ( क्र. 1552 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किस-किस ग्राम में प्रश्न दिनांक तक खेल मैदान का निर्माण किया जा चुका है एवं किस-किस ग्राम में खेल मैदान निर्माणाधीन हैं एवं ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जहां खेल मैदान हेतु स्थान का चयन ही नहीं हुआ है अथवा खेल मैदान का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? जानकारी ग्रामवार, पंचायतवार विकासखण्डवार, उपलब्ध करावें। (ख) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किस-किस ग्राम में प्रश्न दिनांक तक शांतिधाम का निर्माण किया जा चुका है एवं किस-किस ग्राम में शांतिधाम निर्माणाधीन है एवं ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जहां शांतिधाम हेतु स्थान का चयन ही नहीं हुआ है अथवा शांतिधाम का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? जानकारी ग्रामवार, पंचायतवार विकासखण्डवार, उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में खेल मैदान एवं शांतिधामों का निर्माण कब तक कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा नियोजन की मांग पर निर्भर होने से यद्यपि कार्य पूर्ण करने के लिए निश्चित समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है, दिसम्बर 2017 तक कार्य पूर्ण होना अपेक्षित है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र-अपात्र हितग्राही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
124. ( क्र. 1554 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के क्या नियम हैं? इस योजना अंतर्गत किस प्रकार से हितग्राहियों को पात्र मानकर लाभ देने का प्रावधान है? नियम की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत सिवनी जिले में वर्ष 2016-17 में किस-किस ग्राम को कितना-कितना किस श्रेणी का लक्ष्य दिया गया? विधानसभा क्षेत्रवार, ग्रामवार सूची देवें एवं ग्रामवार आवास निर्माण का लक्ष्य किसके द्वारा किस प्रकार से कब निर्धारित किया गया? (ग) सिवनी जिले के अंतर्गत प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित लक्ष्य अनुसार किस-किस ग्राम के कितने हितग्राहियों को कितनी राशि आवंटित की गई? प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण की अद्यतन स्थिति विधानसभावार क्या थी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में ग्रामवार स्वीकृत आवास निर्माण अनुपातिक क्यों नहीं है? क्या कुछ अपात्र नाम भी इस सूची में सम्मिलित होने संबंधी शिकायतें शासन स्तर से प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या इन स्वीकृत आवास निर्माण में प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या शासन इन स्वीकृत आवास निर्माण में हुई विसंगतियों की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो, क्यों नहीं? (ड.) प्रश्नांश (क) योजना अंतर्गत शासन से जारी ग्रामवार सूची उपलब्ध कराते हुये अपात्र हुये हितग्राहियों की अपात्रता का कारण बताते हुये विधानसभावार, ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत सिवनी जिले के लिए अब तक स्वीकृत आवास गृहों के लाभान्वितों की सूची भारत सरकार के पोर्टल आवास सॉफ्ट से मुद्रित कर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रकिया के तहत प्रदेश के विभिन्न ग्रामों के लिए ग्रामवार लक्ष्य का निर्धारण विकास आयुक्त द्वारा किया गया है। (ग) योजना के तहत हितग्राहियों को धनराशि आवंटित करने की व्यवस्था न होकर आवास निर्माण की प्रगति के आधार पर स्वीकृत राशि की किश्तें सीधे लाभान्वित हितग्राही के बैंक खाते में जमा करने की व्यवस्था है। हितग्राहीवार किश्तों के भुगतान संबंधी कार्रवाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार हैं, जिन प्रकरणों में द्वितीय किश्त के लिए आदेशिका मुद्रित नहीं की गई है, उनमें निर्माण कार्य प्लिंथ स्तर तक पूर्ण नहीं हुआ है। जिन प्रकरणों में द्वितीय किश्त के लिए आदेशिका मुद्रित की गई है। उनमें प्लिंथ स्तर पर निर्माण पूरा हो चुका है। जिन प्रकरणों में तृतीय किश्त के लिए आदेशिका मुद्रित की गई है उनमें छत स्तर तक कार्य पूर्ण हुआ है। सिवनी जिले में अब तक कुल 141 आवास निर्माण पूर्ण किये जाकर भारत सरकार की वेबसाईट आवास सॉफ्ट पर फोटो अपलोड किये गए हैं। (घ) योजना के तहत लक्ष्य का निर्धारण ग्राम/क्षेत्र के आधार पर न होकर आवासहीनों की परस्पर वंचितता की तीव्रता के आधार पर है। योजना के दिशा-निर्देशों के पालन में SECC-2011 में सूचीबद्ध आवासहीनों की वंचितता के आधार पर क्रम से स्वीकृति दी गई है। अनियमितता की शिकायत के संबंध में विभाग ने हेल्प-डेस्क स्थापित की है जिसमें कोई शिकायत सिवनी जिले से प्राप्त नहीं हुई। (ड.) योजना के तहत स्वीकृति उपरांत सिवनी जिले में 23 अपात्र हितग्राही पाये गए जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार है।
ई-निविदा एवं ऑडिट
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1555 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम एवं नगर पालिका में ई-निविदा जारी किये जाने के संबंध में कौन-कौन से पत्र, परिपत्र, निर्देश जारी किये गये? सम्पूर्ण प्रतियां उपलब्ध करावें। उक्त अवधि में सिवनी नगर पालिका में 2,00,000/-रू से अधिक राशि के कितने कार्य कराये गये? इस हेतु जारी निविदा एवं भुगतान हेतु प्राप्त बिलों का विवरण उपलब्ध करावें। उनका भुगतान कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या सिवनी नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा ई-निविदा से संबंधित नियमों का उल्लंघन करते हुये विधि विरूद्ध कार्य कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) सिवनी नगर पालिका का प्रश्न दिनांक तक कितने वर्षों का ऑडिट होना शेष है? सम्पन्न ऑडिट प्रतिवेदनों में क्या कोई गंभीर वित्तीय अनियमितताएं हैं? यदि हाँ, तो उनके लिये कौन दोषी पाये गये हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। नगर पालिका सिवनी द्वारा राशि 2,00,000/- लाख से अधिक राशि के कराये गये कार्यों की निविदा एवं भुगतान हेतु बिलों का विवरण एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निकाय द्वारा नियमानुसार नियमित रूप से आवासीय संपरीक्षा की जाती है। जी नहीं। वर्ष 2016-17 का प्रतिवेदन अभी निकाय को प्राप्त नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 1563 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के विभिन्न नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किये गये हैं। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो विगत 5 वर्षों में विभिन्न नगरीय निकायों में कितने हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) अनुसार उक्त योजना का लाभ प्रदान करने हेतु नियम-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायी जावे। नगरीय निकायवार उक्त योजना के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं, उनमें से लाभान्वित हितग्राहियों को चयनित किये जाने के कौन से मापदण्ड अपनाये गये हैं। जानकारी चयन प्रक्रिया सहित उपलब्ध करायी जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम 5 अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार आवास और शहरी गरीबी उपशमन, मंत्रालय के द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। चयनित हितग्राही, प्राप्त आवेदन मापदण्ड, प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम 7, 8 अनुसार है।
कन्या छात्रावास की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
127. ( क्र. 1572 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4715 दिनांक 07 मार्च 2017 के उत्तर में बताया गया था कि प्राचार्य, नेताजी सुभाष चंद्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ब्यावरा, जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 187/17, दिनांक 17.02.2017 द्वारा 100 सीटर कन्या छात्रावास की स्वीकृति का प्रस्ताव यू.जी.सी. को भेजा गया है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक कन्या छात्रावास की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो स्वीकृति प्राप्त करने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा सहित आस-पास की तहसीलों की छात्राओं को आवासीय सुविधा प्रदान करने हेतु शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा परिसर में 100 सीटर कन्या छात्रावास की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो, कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। प्राचार्य, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ब्यावरा, जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 187/17, दिनांक 17.02.2017 द्वारा प्रस्ताव यू.जी.सी., नई दिल्ली को भेजा गया है एवं महाविद्यालय के पत्र क्रमांक 262, दिनांक 03.03.2017 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 583, दिनांक 15.05.2017 द्वारा स्वीकृति हेतु अनुरोध किया गया है। यू.जी.सी. से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। ब्यावरा नगर में पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा कन्या छात्रावास संचालित किया जा रहा है, जिसमें महाविद्यालय की छात्रायें भी पात्र है।
नगर पालिका एवं नगर परिषद् के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 1594 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा नगर पालिका परिषद् में पीलिया खाल प्रदूषण मुफ्त योजना, घंटाघर शापिंग, पुरानी सब्जी मंडी शॉंपिंग, प्रीमियर ऑईल मिल भूमि पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तथा इंडोर, आउटडोर स्टेडियम, स्वीमिंग पुल की मांग लगातार की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इसी के साथ नगर परिषद् पिपलौदा में स्वीमिंग पुल, इंडोर स्टेडियम एवं आउटडोर स्टेडियम के साथ ही सर्वसुविधायुक्त सार्वजनिक आम जनता हेतु उद्यान इत्यादि के नहीं होने से आवश्यकता महसूस की जाती रही है एवं लगातार मांग हो रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या नगर पालिका परिषद् जावरा एवं नगर परिषद् पिपलौदा को शासन/विभाग द्वारा समय-समय पर कार्ययोजना, डी.पी.आर. इत्यादि बनाए जाने हेतु निर्देशित/आदेशित किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त नगरीय क्षेत्रों की जनसुविधाओं की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति किये जाने हेतु शासन/विभाग कब तक स्वीकृति प्रदान करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी नहीं। (ग) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण के अंतर्गत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश जारी किये गये हैं। (घ) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक/15206/मु.श.अधो.वि.यो.-।।/यां.प्र./07-4/2016 भोपाल दिनांक 06/12/2016 द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण के अंतर्गत नगर पालिका परिषद् जावरा जिला रतलाम को राशि रूपये 300.00 लाख एवं नगर परिषद् पिपलौदा को राशि रूपये 100.00 लाख जन सुविधाओं की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति किये जाने कार्यों के लिये सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई है।
जावरा में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
129. ( क्र. 1597 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिपलौदा नगर में शासकीय महाविद्यालय एवं जावरा नगर में कन्या शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाने की लगातार मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या क्षेत्र में लगातार छात्र-छात्राओं में शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण वर्तमान क्षेत्रीय महाविद्यालय इसकी पूर्ति पूरी तरह नहीं कर पा रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो बतायें कि वर्तमान में चल रहे महाविद्यालय में छात्र–छात्राओं की प्रवेश संख्या निर्धारित होने से वंचित छात्र-छात्राए एवं गाँवों की संख्या अधिक होने के कारण दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रो के छात्र-छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्षेत्रीय पालकों एवं छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा की इस महत्वपूर्ण आवश्यकता की पूर्ति किये जाने हेतु लगातार क्षेत्र की जनता एवं जनप्रतिनिधि उक्त स्वीकृतियों हेतु पुरजोर मांग कर रहे हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में जावरा नगर में शासकीय महाविद्यालय है एवं निकटवर्ती कालूखेड़ा तथा सैलाना में भी शासकीय महाविद्यालय हैं। जावरा से पिपलौदा (21 कि.मी.), जावरा से कालूखेड़ा (14 कि.मी.), पिपलौदा से कालूखेड़ा (19 कि.मी.) तथा पिपलौदा से सैलाना (21 कि.मी.) होने से इन निकटवर्ती महाविद्यालयों में बालक तथा बालिकाएं प्रवेश लेकर अध्ययन कर सकते हैं। (ग) जी नहीं। (घ) वर्तमान में संसाधनों की कमी के कारण जावरा नगर में नवीन कन्या महाविद्यालय एवं मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण पिपलौदा में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
130. ( क्र. 1616 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में खुले में शौच मुक्त की गई पंचायतों की जिला एवं जनपदवार जानकारी वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक की उपलब्ध करायें। खुले में शौच से मुक्त किये जाने संबंधी स्वच्छ भारत मिशन के लिये कितनी-कितनी राशि जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों को उपलब्ध कराई गई? वर्षवार विवरण उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खुले में शौच से मुक्त ग्राम पंचायतों में कितने शौचालयों के निर्माण कराये गये एवं इन पंचायतों में कितने परिवार निवासरत् हैं? निवासरत् परिवारों में कितने परिवार बी.पी.एल. एवं कितने बी.पी.एल. श्रेणी के नहीं है? इन परिवारों को कितनी-कितनी अनुदान राशि शासन द्वारा प्रदाय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के शौचालयों के निर्माण संबंधी राशि कब-कब, किन-किन निर्माण एजेंसी/प्रायवेट सेक्टर अथवा एन.जी.ओ. को दी गई? क्या डी.पी.आई.पी. योजना के तहत भी शौचालयों का निर्माण उक्त क्षेत्र में कराया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन पंचायतों में कितनी-कितनी लागत से? इसका विवरण जिला एवं जनपदवार वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक का देवें। (घ) क्या ऐसी भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि बगैर शौचालयों का निर्माण किये बिना फर्जी तरीके से राशि आहरित कर ली गई हैं? क्या शासन इनके विरूद्ध नियमानुकूल कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जिला पंचायत अनूपपुर को वर्ष 2015-16 में राशि रू.10 करोड़, वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 7 करोड़ दी गई। 01 जुलाई 2016 से प्रश्नांकित अवधि तक राशि रूपये 30.99 करोड़ एफ.टी.ओ. के माध्यम से प्रोत्साहन राशि का भुगतान हितग्राहियों के बैंक खाते में किया गया। जनपद पंचायत को राशि जारी नहीं की गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। डी.पी.आई.पी. के तहत शौचालय निर्माण का कार्य नहीं कराया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्राम पंचायत बरगवां जनपद पंचायत जैतहरी की शिकायत प्राप्त हुई। जाँच में शिकायत निराधार पाई गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वृक्षारोपण कार्य की जानकारी
[वन]
131. ( क्र. 1617 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग की किसी भी योजना के तहत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 तक कितनी निजी अथवा शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण के कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? जनपदवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) जिन ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया उन ग्राम पंचायत का नाम तथा स्थान जहां पर वृक्षारोपण का कार्य कराया गयावं जहां वृक्षारोपण कराया गया है वहां किस प्रजाति के कितने पौधे रोपित किये गये तथा पौधे से पौधे की दूरी का अंतर क्या रखा गया है? जनपदवार बतायें। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जिन ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है उनमें कितने पौधे किस-किस ग्राम पंचायत में रोपित किये गये हैं? रोपित किये गये पौधे किस नर्सरी अथवा रोपणी से कितनी-कितनी मात्रा में प्राप्त किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में जो पौधे लगाये गये हैं उसमें कितने जीवित हैं और कितने नष्ट हो गये हैं? पौधे क्रय हेतु अपनाई गई व्यवस्था के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें तथा इन पौधों के रोपण कार्य में लगे श्रमिकों को भुगतान का माध्यम क्या था नगद/बैंक तथा कार्य की एजेंसी कौन थी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2014-15, एवं 2015-16 की जानकारी निरंक है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) 65 प्रतिशत जीवित हैं। 35 प्रतिशत पौधे मृत हो गये। पौधे स्थानीय आजीविका स्व-सहायता समूह रोपणी से क्रय किये गये हैं। श्रमिकों को उनके बैंक खाता के माध्यम से भुगतान किया गया है तथा कार्य एजेंसी वन विभाग था।
विधायक एवं सांसद निधि से निर्मित सार्वजनिक प्याऊ की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 1625 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विगत 10 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में भोपाल शहर में विधायक एवं सांसद निधि से सार्वजनिक प्याऊ का निर्माण कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस विधान सभा क्षेत्र में किस-किस तथा कितनी-कितनी निधि से कब-कब तथा कहाँ-कहाँ सार्वजनिक प्याऊ का निर्माण कार्य किया गया? वार्डवार, वर्षवार तथा विधान सभावार माननीय विधायक एवं सांसद जी के नाम सहित यह अवगत करावें कि वर्तमान समय में प्याऊ चालू है या बंद? (ख) क्या यह भी सही है कि उत्तर विधान सभा क्षेत्र में विधायक निधि से निर्मित ठंडे पानी के सार्वजानिक प्याऊ जो मरम्मत के अभाव में बंद पड़े हैं उन्हें चालू कराने तथा जनसमुदाय के उपयोग हेतु प्याऊ को बंद करने व चालू करने हेतु नगर निगम कर्मचारियों को तैनात किए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र जारी किया हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में यह अवगत करावें कि किन-किन प्याऊ को नगर निगम के कौन-कौन कर्मचारी कब बंद करते हैं व कब तक चालू रखते हैं? प्याऊ का स्थान व कर्मचारी का नाम सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, उत्तर विधानसभा क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष विधानसभा क्षेत्रों की जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ। प्याऊ पर कर्मचारी तैनात नहीं किये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
133. ( क्र. 1635 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 3 साल में होशंगाबाद संभाग में अवैध रेत खनन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये एवं उन पर प्रांरभ में कुल कितनी पेनल्टी लगाई गई तथा क्या-क्या वाहन सामग्री जप्त की गयी? कुल संख्या बतावें। कुल आरोपी की संख्या बतावें। वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पेनल्टी में से कितने प्रकरण में कुल कितनी राशि कम की गई? यह पेनल्टी का कितना प्रतिशत है? जिन प्रकरणों में पेनल्टी किसी भी कारण से न्यायालयीन वाद से कम की गई उन आरोपी का नाम, पता अवैध खनन का स्थान, पेनल्टी की राशि, कम की गई राशि, वसूल की गई राशि तथा दिनांक जप्त किये वाहन सामग्री तथा वापस करने की दिनांक सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में उन आरोपियों के नाम, प्रकरण का दिनांक, पेनल्टी जप्त सामान, वसूल की गई राशि, दिनांक सहित सूची देवें जिन पर दो या दो से अधिक बार प्रकरण दर्ज हुआ, जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में उन तहसीलों के नाम बतावे जहाँ एक साल में दस से ज्यादा प्रकरण बने तथा उन जिलों के नाम बतावें। जहाँ एक साल में पचास से ज्यादा प्रकरण बने तथा शून्य प्रकरण बने, वर्षवार जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंहस्थ 2016 के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 1636 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 में प्रश्न दिनांक तक कितनी फर्मों की कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है? फर्म का नाम, कुल भुगतान राशि, शेष राशि सहित सूची देवें। शौचालय किराये पर देने वाली फर्मों की सूची पृथक-पृथक से देवें। (ख) इनके टी.डी.एस. कटौत्रे की जानकारी उपकर वेट कटौत्रे की जानकारी सहित देवें। आयोजन पर कुल कितना व्यय हुआ? (ग) सिंहस्थ 2016 में जो पौधे लगाये गये उनका निरीक्षण कब-कब किया गया? प्रश्न दिनांक तक सभी निरीक्षण टीपों की छायाप्रति देवें। प्रश्न दिनांक तक कितने पौधे सुरक्षित हैं? (घ) कितने शासकीय कर्मचारियों को 5000 रू. प्रोत्साहन राशि प्रश्न दिनांक तक प्रदान कर दी गई है? कितनी शेष है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति
[खेल और युवा कल्याण]
135. ( क्र. 1648 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिला मुख्यालय में विभाग द्वारा खेल का मैदान एवं स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो प्रगति बतावें। (ख) क्या मैदान की उपलब्धता न होने के कारण युवा खिलाड़ी बिना अभ्यास के प्रतियोगिता से वंचित हो जाते हैं? यदि हाँ, तो विभाग जिला मुख्यालय में स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति कब प्रदान करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। अनूपपुर जिला मुख्यालय में पूर्व से स्टेडियम निर्मित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नोत्तर (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण कार्य में विलंब की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
136. ( क्र. 1654 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 2006 दिनांक 28.02.2017 को सदन में चर्चा के दौरान ग्राम मगरखेड़ी बामंदी मुख्य मार्ग से नीमबेड़ी लंबाई 1.5 किलोमीटर कसरावद खरगोन मुख्य मार्ग से नवलपुरा लंबाई लगभग 03 किलोमीटर सिपटान से महेलबेड़ी लंबाई लगभग 03 किलोमीटर, उटावद से कालीकराय लंबाई लगभग 04 कि.मी. एवं बिटनेरा गोगावा से बडि़या सहेजला लंबाई लगभग 03 कि.मी. माननीय मंत्री जी द्वारा सदन में घोषणा किये जाने के उपरांत भी संबंधित विभाग द्वारा उक्त कार्यों को प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं किये जाने में विलंब के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में क्या उक्त प्रश्न के संदर्भित सड़कों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति जारी कर दी गई है क्या? हाँ, तो कब? नहीं, तो क्यों? सुनिश्चित कर कारणों का उल्लेख करें? (ग) उक्त कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्र. 2006 दिनांक 28.02.2017 से उद्भूत आश्वासन एवं विधानसभा सचिवालय को भेजे गए पालन प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आश्वासन की पूर्ति की गई होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पुनर्वास नीति अंतर्गत नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
137. ( क्र. 1655 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महेश्वर जल परियोजना के अंतर्गत कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम लेपा, तेलियाँव, नहारखेड़ी, अमलाथा, भट्टयाण बुजुर्ग एवं ससावड के विस्थापित परिवार डूब से प्रभावित पीडि़त परिवारों को पुनर्वास नीति के प्रावधानों के अनुसार मूलभूत नागरिक सुविधाएं पेय-जल विद्युत, सड़क एवं 30 बिस्तरों वाला चिकित्सालय आदि की व्यवस्था ग्रामों में ग्राम पंचायतों द्वारा क्यों नहीं की जा रही है? प्रश्नांकित दिनांक तक के कार्यों की स्थिति का भौतिक सत्यापन कर जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पुनर्वास नीति अनुसार कितने-कितने कार्यों को पूर्ण कर दिया जाना था और उक्त कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्यों के लिए आवंटित की गई? कार्यवार एवं राशिवार जानकारी दें। (ग) उक्त कार्यों में की जा रही लापरवाही में किस-किस की जवाबदेही है? सुनिश्चित कर जानकारी दें तथा उक्त मूलभूत सुविधाओं को कब तक एक समय-सीमा में पूर्ण किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महेश्वर जल विद्युत परियोजना के विस्थापन एवं पुनर्वास का कार्य नहीं देखते हैं। उक्त प्रश्न की जानकारी ऊर्जा विभाग से प्राप्त करने के लिये लिखा गया है। (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महेश्वर जल विद्युत परियोजना के विस्थापन एवं पुनर्वास का कार्य नहीं देखते हैं। उक्त प्रश्न की जानकारी ऊर्जा विभाग से प्राप्त करने के लिये लिखा गया है। (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महेश्वर जल विद्युत परियोजना के विस्थापन एवं पुनर्वास का कार्य नहीं देखते हैं। उक्त प्रश्न की जानकारी ऊर्जा विभाग से प्राप्त करने के लिये लिखा गया है।
नियुक्तियों की जाँच
[उच्च शिक्षा]
138. ( क्र. 1662 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुलपति बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा वर्ष 2014 में की गई नियुक्तियों की जाँच हेतु गठित एक सदस्यीय समिति को राजभवन द्वारा रू.30000/- कुल भुगतान की स्वीकृति प्रदान की गई थी। क्या जाँच समिति अध्यक्ष को रू. 30000/- का भुगतान किया गया है? अगर नहीं तो कुल कितना भुगतान किया गया और किसकी स्वीकृति से किया गया? अगर भुगतान नियम विरूद्ध अधिक भुगतान किया गया तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है और अतिरिक्त किये गये भुगतान की वसूली किससे और कैसे की जाएगी? (ख) वर्ष 2014 में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में शासन से अनुमति प्राप्त किये बिना की गई नियुक्तियों की जाँच हेतु एक सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया गया। अगर हाँ, तो जाँच समिति की रिपोर्ट में कुलपति के संबंध में की गई अनुशंसा से अवगत करावें। (ग) क्या विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 परि. नियम एवं नियम में असिस्टेंट डायरेक्टर का पद विश्वविद्यालय सेवा में नहीं है? अगर हाँ, तो शासन ने इस पद निर्माण की अनुमति बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में कब दी? क्या बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में असिस्टेंट डायरेक्टर पद पर कोई नियुक्ति हुई है? अगर हाँ, तो किस वेतनमान पर? कितनी अवधि के लिए और इस पद पर कार्यरत अधिकारी को कुल कितना वेतन भुगतान किस अवधि के लिये किया गया है? क्या इन्हें वेतन भुगतान विज्ञापन में पद हेतु आर्थिक वेतन अनुसार ही दिया गया है अथवा नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) राजभवन सचिवालय के आदेश दिनांक 29.09.2016 द्वारा रूपये 40,000/- भुगतान की स्वीकृति दी गई थी किन्तु विश्वविद्यालय द्वारा जाँच अधिकारी को भुगतान नहीं किया गया। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में कुलपति के विरुद्ध स्पष्ट अनुशंसा नहीं की गई है। जाँच अधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण में कार्यवाही राजभवन सचिवालय में प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। अधिनियम 1973 में प्रशनांकित पद का प्रावधान न होने से शासन द्वारा अनुमति देने का प्रश्न नहीं है। जी हाँ। विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् की बैठक दिनांक 16.06.2014 में कार्यपरिषद् द्वारा पद के सृजन का प्रस्ताव पारित कर विश्वविद्यालय द्वारा आदेश क्रमांक 4112 भोपाल दिनांक 30.09.2014 के द्वारा असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर एक वर्ष हेतु वेतनमान 15600-39100-6000 ए.जी.पी. में विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्ति की गई थी। नियुक्त व्यक्ति को वेतन भुगतान माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका में क्रमांक 3472/15 दिनांक 13.12.2016 में पारित अंतरिम आदेश के पालन में नवम्बर 2014 से सितम्बर 2015 तक के सकल वेतन राशि रुपये 4,91,557 का भुगतान दिनांक 09.01.2017 को किया गया है। जी नहीं। माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में नियुक्ति आदेश के अनुसार वेतन भुगतान किया गया है।
चंबल घडि़याल सेंचुरी में अवैध रेत उत्खनन
[वन]
139. ( क्र. 1663 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घडि़यालों, डॉल्फिन एवं अन्य वन्य जीवों के संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुये चंबल सेन्चुरी क्षेत्र से रेत का उत्खनन तो प्रतिबंधित है ही इसके अलावा इस क्षेत्र में बिना अनुमति के वाहन का आवागमन भी प्रतिबंधित हैं। (ख) यदि हाँ, तो क्या चंबल घडि़याल सेंचुरी के अटेर एवं उसके आस-पास के क्षेत्र से पुलिस एवं वन विभाग की मिलीभगत से भारी मात्रा में निरंतर रेत का अवैध उत्खनन होने की शिकायत जनप्रतिनिधि द्वारा की गई? यदि हाँ, तो शिकायत पर आज तक क्या कार्यवाही की गई। (ग) क्या चंबल घडि़याल सेन्चुरी जो भारत में घडि़यालों एवं डाल्फिनों का मुख्यवास है, में सुरक्षा हेतु म.प्र. पुलिस की ओर से बल प्रदान किया गया। यदि हाँ, तो अटेर विधान सभा क्षेत्र में सेंचुरी एवं आस-पास सुरक्षा हेतु क्या चौकी बनाकर कितना बल तैनात किया गया? (घ) विगत 5 वर्षों में चंबल घडि़याल सेंचुरी में अवैध रेत खनन करते हुये कितने वाहन पकड़े गये? उन पर क्या कार्यवाही हुई तथा वाहन मालिकों पर वन संरक्षण अधिनियम के तहत क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वन विभाग एवं पुलिस के सहयोग से छापामार कार्यवाही की जाकर 13 वाहन जप्त किये गये हैं तथा जप्त रेत डम्प को नष्ट किया जाकर रेत को चम्बल नदी के किनारे के प्राकृतिक क्षेत्र में मिला दिया गया। (ग) जी हाँ। अभ्यारण्य से अवैध रेत का उत्खनन रोकने के लिये एस.ए.एफ. बल की एक कम्पनी तैनात की गई है। किन्तु अटेर विधान सभा क्षेत्र में अभ्यारण्य क्षेत्र में चौकी नहीं है। (घ) 450 वाहन 535 वन अपराध प्रकरण कायम किये जाकर जप्त वाहनों पर राजसात की कार्यवाही की गई है तथा वाहन मालिकों के विरूद्ध न्यायालय में चालन प्रस्तुत किये गये हैं।
नौरादेही अभ्यारण्य में नियम विरूद्ध विस्थापन
[वन]
140. ( क्र. 1670 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में नौरादेही अभ्यारण्य क्षेत्र से ग्रामीणों को विस्तापित किये जाने के मामले में विभाग द्वारा मुआवजा देने की क्या नीति है? प्रभावित परिवारों-कृषकों को किन नियमों मापदण्डों के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है? मापदण्डों-नियम-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) नौरादेही अभ्यारण्य से प्रभावित कितने परिवारों को अब तक किस दर मुआवजा दिया जा चुका है व कितनों को दिया जाना शेष है? क्या मुआवजा निर्धारण में भू-अभिग्रहण अधिनियम 2014 के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सागर जिले में नौरादेही अभ्यारण्य से प्रभावितों को मुआवजा वितरण में की जा रही अनियमितताओं, फर्जी प्रक्रिया कर बेदखल किये जाने, निर्धारित मापदण्डों से कम व अनुचित मुआवजा स्वीकृत किये जाने के मामलों में क्या शासन स्तर से किसी वरिष्ठ अधिकारी को भेज कर समीक्षा-जाँच आदि कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नौरादेही अभ्यारण्य क्षेत्र के अंदर स्थित ग्रामों का विस्थापन मध्यप्रदेश शासन, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 3-8/07/10-2/2129, दिनांक 30.10.2008 में निहित निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। मापदण्ड-नियम-निर्देश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नौरादेही अभ्यारण्य के अंतर्गत अभी तक विस्थापित किये गये 1388 परिवारों को मध्यप्रदेश शासन, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक-3-8/07/ 10-2/2129, दिनांक 30-10-2008 के बिन्दु क्रमांक-02 के अनुसार उनकी स्वेच्छा से विकल्प 1 का चयन करने के उपरांत संबंधित कलेक्टर द्वारा पात्र हितग्राहियों का निर्धारण कर विस्थापन पैकेज की राशि 10 लाख रूपये नकद प्रति परिवार इकाई देने के प्रावधान अनुसार विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित किये गये ग्रामों में से किसी भी पात्र हितग्राही को विस्थापन पैकेज की राशि दी जाना शेष नहीं है। अत: भू-अधिग्रहण नियम 2014 के प्रावधानों का पालन करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सागर जिले में नौरादेही अभ्यारण्य के अंतर्गत विस्थापित परिवारों के विस्थापन पैकेज की राशि वितरण में कोई अनियमितता प्रकाश में नहीं आने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपण कार्य में भ्रष्टाचार
[वन]
141. ( क्र. 1671 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में एन.एच.-26 फोर-लाईन सड़क से प्रभावित वृक्षों के स्थान पर वृक्षारोपण का कार्य किस एजेंसी द्वारा किया गया? इस कार्य में राशि कुल कितनी, किन-किन कार्यों में व्यय हुई है? (ख) सागर जिले में वनमंडलों द्वारा एन.एच-26 फोर-लाईन मार्ग के दोनों ओर कुल कितने पौधे रोपित किराये गये? वर्तमान में जीवित पौधों की संख्या क्या है? अधिकांश पौधे सूख जाने का क्या कारण है? क्या पौधे-रोपण कार्य में निर्धारित मापदण्डों का पालन नहीं किया जाकर गुणवत्ताहीन कार्य कराया गया? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) उक्त कार्य में गुणवत्ताहीन पौधे लगाने, फैंसिंग जाली इत्यादि का घटिया कार्य कराने देख-रेख का अभाव व अनियमितता पूर्ण कार्य हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी हैं? शासन को हुई करोड़ों की हानि व घटिया कार्य की क्या विस्तृत जाँच कराई जाकर दोषियों को दंडित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वन मण्डल का नाम |
रोपित पौधों की संख्या |
जीवित पौधों की संख्या |
1 |
2 |
3 |
4 |
1 |
दक्षिण सागर |
62300 |
60341 |
2 |
उत्तर सागर |
41093 |
20955 |
योग |
103393 |
81296 |
पौधे सूखने का मुख्य कारण अल्प वर्षा, दीमक प्रकोप, सुरक्षा अभाव इत्यादि रहा है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित है। विस्तृत जाँच पूर्ण होने के उपरांत गुण दोष के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जावेगी।
राजस्व मंडल ग्वालियर के निर्णय की जानकारी
[खनिज साधन]
142. ( क्र. 1688 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व मंडल ग्वालियर के दिनेश पिता मांगीलाल जैन के विरूद्ध दिए निर्णय पर विभाग ने हाईकोर्ट में केवियेट क्यों नहीं लगाई? जिससे हाईकोर्ट ने Stay दे दिया? (ख) इसके जिम्मेदार अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) राजस्व मंडल ग्वालियर के निर्णय के बाद कुर्की/वसूली क्यों नहीं की? इसके जिम्मेदारों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? जिन्होंने संबंधित को Stay लाने का समय दिया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रकरण में राजस्व मंडल के प्रकरण में निर्णय दिनांक 25.04.2017 की जानकारी राजस्व मंडल की वेबसाईट के माध्यम से ज्ञात होने पर कलेक्टर, उज्जैन द्वारा आदेश दिनांक 06.05.2017 से प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया। प्रभारी अधिकारी द्वारा उप-महाधिवक्ता कार्यालय, इंदौर से दिनांक 08.05.2017 को प्रकरण में केवियेट प्रस्तुत करने हेतु संपर्क किया गया। केवियेट प्रस्तुत करने की समस्त औपचारिकता किये जाने के पश्चात केवियेट दायर किये जाने के पूर्व ही प्रकरण में श्री दिनेश जैन द्वारा मानीनय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, इंदौर में याचिका क्रमांक 3056/2017 प्रस्तुत कर दी गई, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई तिथि 09.05.2017 नियत कर दी थी, इस कारण से केवियेट दायर नहीं की जा सकती थी। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राजस्व मंडल ग्वालियर के निर्णय उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की गई है। प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 09.05.2017 से आगामी पेशी दिनांक तक वसूली पर स्थगन दिया गया है। प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार संबंधित को स्टे लाने का समय दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 1689 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर नगर पालिका में मुख्यमंत्री अधोसंरचना के Phase-I एवं Phase-II के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य स्वीकृत किए गए हैं? लागत सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त में कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य कितने प्रतिशत हैं? प्रत्येक कार्य की कार्य पूर्णता दिनांक भी देवें। (ग) ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे? प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने कार्य चल रहे हैं? ये कब तक पूर्ण होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के प्रथम चरण में स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं। द्वितीय चरण के अंतर्गत नगर पालिका परिषद् महिदपुर द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हाउसिंग फॉर ऑल प्लान ऑफ एक्शन (HFAPOA) एवं विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: कोई निर्माण कार्य प्रगति पर नहीं है। कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिंहस्थ 2016 में भ्रष्टाचार पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 1693 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्र.क्र. 2922 दि. 28.02.17 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) के क्रमांक 582 में T.D.S. एवं उपकर, 581 में उपकर क्यों नहीं काट गया? क्र. 587 में T.D.S. एवं 589 में T.D.S. एवं उपकर कम क्यों काटा गया? (ख) इसी प्रश्न के क्र. 575 में भूटानी इंटरनेशनल में वेट काटा गया है जबकि 576 से 580 में वेट नहीं काटा गया क्यों? क्र. 628-629 एवं 22 में T.D.S. नहीं काटा गया इसका भी कारण बतावें? (ग) क्र. 96-97 में उपकर व वेट नहीं काटा गया जबकि 98-99, 117 क्र. पर इसी फर्म का उपकर व वेट काटा गया है, क्यों? क्र. 106 के ट्रेवल्स का T.D.S. नहीं काटा जबकि 439-440 के ट्रेवल्स को T.D.S. काटा गया है, क्यों? (घ) सिंहस्थ पर्व पर T.D.S. एवं उपकर, वेट व काटकर फर्मों को लाभ पहुँचाने वाले उपरोक्तानुसार दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) समस्त भुगतान देयकों से नियमानुसार कटौती की गई है किसी भी फर्म को लाभ नहीं पहुँचाया गया है। कृत कार्यवाही से निगम को कोई हानि नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
वृक्षारोपण कार्यक्रम
[वन]
145. ( क्र. 1694 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02 जुलाई 2017 के वृक्षारोपरण कार्यक्रम के लिए कितने पौधे, किस-किस प्रजाति के किस फर्म/व्यक्ति से कितनी राशि के क्रय किये गये? क्रय प्रक्रिया की जानकारी तथा टेंडर किस दिनांक को किस समाचार पत्र में जारी किए गए? सभी सप्लाई ऑर्डर का विवरण? (ख) इस वृहद कार्यक्रम का संपूर्ण व्यय बतावें? गड्ढे की मजदूरी, खाद, ट्री-गार्ड, वृक्षारोपण स्थल तक जनता का परिवहन व्यय की पूरी जानकारी देकर बतावें कि कितनी राशि अग्रिम तौर पर इसके लिए किन-किन को आवंटित की गई? (ग) क्या शासन उक्त पूरे कार्यक्रम की स्थानवार वीडियोग्राफी करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विगत 05 वर्षों के वृक्षारोपण कार्यक्रम की असफलता एवं इस वृहद कार्यक्रम की आड़ में फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) प्रश्न की जानकारी वृहद स्वरूप की है, अतः जानकारी संकलित की जा रही है।
वाहनों का अटैचमेंट की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
146. ( क्र. 1702 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत डही जिला धार में विगत 3 वर्षों में कितने वाहन अटैच किए गये? वाहन नंबर, वाहन स्वामी नाम सहित कितनी समयावधि के लिए किए सहित, वर्षवार देवें। (ख) मासिक डीजल खपत की जानकारी भी प्रत्येक वाहन के साथ बिलों की छायाप्रति सहित वर्षवार देवें। इन्हें कुल कितना किराया कितनी समयावधि के लिए किया गया? प्रत्येक वाहन के साथ बतावें। (ग) इस दौरान कितने किलोमीटर की यात्राए कहाँ-कहाँ की गई प्रत्येक वाहन के साथ जानकारी देवें। (घ) मनमाने तरीके से डीजल खपत कर जनता के धन का अपव्यय करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत डही जिला धार में विगत 03 वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2017-17 में कुल 13 वाहन अटैच किये गए एवं वाहन नंबर, वाहन स्वामी के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) मासिक डीजल खपत की जानकारी प्रत्येक वाहन अनुसार बिलों की वर्षवार एवं वाहन किराया भुगतान डीजल व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) वाहन से की गई यात्राओं के संबंध में वाहनों के उपयोगकर्ता अधिकारी/पदाधिकारी की दौरा डायरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार। (घ) कोई अपव्यय नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैंकों से प्राप्त ब्याज की राशि से खरीदी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
147. ( क्र. 1703 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत कार्यालय डही जिला धार द्वारा विगत 3 वर्षों में अपने बैंक खातों में कितना ब्याज प्राप्त किया? बैंक खाता नाम सहित खातावार सूची एवं सभी के बैंक स्टेटमेंट का विवरण देवें। (ख) किन खातों में किन कारणों से ब्याज नहीं मिला? कारण सहित बतावें। उक्त ब्याज राशि से जनपद कार्यालय डही द्वारा किए निर्माण कार्य/खरीदी की जानकारी प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति सहित देवें। (ग) उक्त कार्यों/खरीदी की निविदा कब-किन समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) बिना निविदा के खरीदी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत कार्यालय डही जिला धार द्वारा विगत 03 वर्षों में क्रमशः वर्ष 2014-15 में राशि रुपये 1003463/-, वर्ष 2015-16 में राशि रुपये 852047/-, वर्ष 2016-17 में राशि रुपये 1227800/- वर्ष 2017-18 में राशि रुपये 65868/- का अपने बैंक खाते में ब्याज प्राप्त किया है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत डही के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार समस्त बैंक खातों में जमा राशि पर ब्याज प्राप्त हुआ है। प्राप्त ब्याज की राशि किसी भी निर्माण कार्य/सामग्री क्रय पर व्यय नहीं की गई है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मनरेगा योजना अन्तर्गत सुदूर सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
148. ( क्र. 1715 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में मनरेगा अन्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि कार्यों पर व्यय की गई? जनपद पंचायतवार बतावें। (ख) मनरेगा योजना के अन्तर्गत जो सुदूर सड़क के कार्य कराये जा रहे हैं, वो शासन की गाइड-लाइन के अनुसार राजस्व ग्राम से राजस्व ग्राम को जोड़ने के लिये बनाये गये हैं एवं जो सड़क बनाई गई है वह खसरा नक्शा में प्रदर्शित है या नहीं? क्या वह सड़कें पूर्व में किसी योजना से तो नहीं बनायी गई हैं? अगर हाँ, तो उस योजना का नाम, राशि वर्ष सहित बतावें। (ग) सुदूर सड़क निर्माण में मजदूरी एवं सामग्री का अनुपात क्या आया है? कार्य की गुणवत्ता हेतु काम्पेक्शन किया गया है या नहीं? अगर हाँ, तो कितनी सड़कों पर किया गया हैं? (घ) जनपद जतारा के अन्तर्गत कितनी सुदूर सड़कों का निर्माण किया गया है एवं बनाई गयी सड़कों का साप्ताहिक मूल्यांकन किया गया है या नहीं एवं जो सड़के बनायी गयी हैं उस पर पानी डाल कर रोलिंग की गयी है या नहीं? अगर हाँ, तो रोलर मालिक का नाम एवं रोलर का नम्बर बतावें? इस कार्य में जो दोषी पाया जायेगा उस पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सुदूर संपर्क सड़क राजस्व ग्रामों को जोड़ने के लिये न होकर आबाद बस्तियों को जोड़ने के लिये बनाई जाने के दिशा-निर्देश हैं। सड़क मार्ग का खसरा नक्शा में प्रदर्शित होना बंधनकारी नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कच्ची सड़कों का नियमित संधारण नहीं होने से 8 से 10 वर्षों में सडकें समाप्त हो जाती हैं। और सुदूर संपर्क सड़क योजना के तहत उनके पुनर्निर्माण पर कोई रोक नहीं है। (ग) सुदूर संपर्क सड़क निर्माण में मजदूरी पर 60 प्रतिशत से अधिक और सामग्री पर 40 प्रतिशत से कम व्यय हुआ है। जी नहीं। जिन सड़कों को काम्पेक्शन किया गया है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष सड़कों का काम्पेक्शन वर्षा ऋतु में करने के निर्देश दिये गये हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जी हाँ। रोलिंग काम्पेक्शन की जानकारी प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वर्षा ऋतु में रोलिंग काम्पेक्शन करने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
आवास
योजनांतर्गत
आवासों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 3 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण का कार्य हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) योजनांतर्गत पात्र हितग्राही चयन का क्या आधार है? (ग) क्या उक्त योजनांतर्गत विधान सभा क्षेत्र जतारा के अंतर्गत जो पात्र हितग्राही हैं, उनको आवास का लाभ नहीं मिला है? (घ) क्या उन पात्र हितग्राहियों को आवास उपलब्ध करायेंगे, जिनके पास रहने के लिए मकान नहीं हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों का चयन SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचिचता (deprivation) की तीव्रता पर आधारित है। (ग) एवं (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्राथमिकता क्रम से पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया गया है शेष पात्र हितग्राहियों को भारत सरकार से लक्ष्य आवंटन प्राप्त होने पर वर्ष 2022 तक लाभान्वित किया जाना है।
नर्मदा सेवा यात्रा की अवधि
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
2. ( क्र. 9 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2017 में किस दिनांक से किस दिनांक तक नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई? (ख) नर्मदा सेवा यात्रा के कार्यक्रम का आयोजन किस-किस नगरों/कस्बों/जिलों में किस-किस दिनांक को किया गया? (ग) नर्मदा सेवा यात्रा के आयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि विज्ञापन, व्ही.व्ही.आई. पी./व्ही.आई.पी. की सुरक्षा एवं अन्य मदों में व्यय की गई? पृथक-पृथक विवरण दिया जाए। (घ) क्या वर्ष 2013-14 में नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु कार्य योजना बनाई गई थी? यदि हाँ, तो इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ड.) इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन से प्रदेश के किन-किन नगरों में गंदे नालों में ट्रीटमेंट प्लान लगाये गये एवं नालों को डायवर्ट किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 11 दिसम्बर 2016 से दिनांक 15 मई 2017 तक नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) व्यय की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) एवं (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र का रख-रखाव
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
3. ( क्र. 10 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उद्योग केन्द्र भोपाल द्वारा गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र भोपाल की औद्योगिक इकाइयों से मेंटिनेन्स (रख-रखाव) के लिये वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि वसूल की गई वर्षवार विवरण दिया जाये। (ख) औद्योगिक इकाइयों से वसूली गई राशि को किस-किस मद में व्यय किया गया एवं इस राशि से क्या-क्या कार्य कराये गये? पृथक-पृथक वर्षवार विवरण दिया जाये। (ग) औद्योगिक इकाइयों से वसूल की गई राशि कितनी शेष बची है? इस राशि से क्या-क्या कार्य कराये जायेंगे?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) से (ग) मेंटेनेस हेतु औद्योगिक इकाइयों से वसूल की गई राशि शासकीय कोष में जमा होती है। औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्य हेतु प्राप्त बजट में से विभाग द्वारा पृथक से आवंटन उपलब्ध कराया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
यूनियन कार्बाइड के कर्मचारियों की सेवा अवधि जोड़ी जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
4. ( क्र. 19 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्योग संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा विभाग में नियुक्त यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड भोपाल के पूर्व कर्मचारियों की पूर्व में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड में की गई सेवा अवधि जोड़ने के प्रस्ताव, अगस्त 2012 से 31 मार्च 2017 तक, राज्य शासन को भेजे गये थे? यदि हाँ, तो प्रस्ताव का दिनांक एवं संबंधित कर्मचारियों के नाम, पद सहित बताया जाये? (ख) शासन द्वारा विभिन्न कर्मचारियों के संबंध में कब-कब जारी किये गये? स्वीकृत दिनांक एवं संबंधितों के नाम बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राज्य शासनादेश प्रसारित किये जाने से पूर्व सामान्य प्रशासन विभाग एवं वित्त विभाग की सहमति ली गई थी? यदि हाँ, तो संबंधित सहमति की तिथियां बताई जाये?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
जावरा में सड़क निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 33 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 28 मार्च 2017 प्रश्न क्रमांक 3009 तथा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 81 दिनांक 11.07.2013 के संदर्भ में बताए कि रेल्वे फाटक से गाँधी चौराहा होटल वादी की एकांकी सड़क निर्माण योजना की लगभग 11 लाख की स्वीकृत धनराशि का सामान खरीद कर खुर्दबुर्द करने वाले अध्यक्ष के विरूद्ध वसूली व पुलिस रिपोर्ट कब तक कर दी जाएगी? (ख) पार्षद अनिल मोदी की शिकायत पर लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन व विभाग ने जो पाँच आरोप नगरपालिका के विरूद्ध प्रमाणित पाए गये जिनमें अध्यक्ष की स्वयं की दुकान से सामान खरीदने का आरोप भी है, जाँच के बाद इस पर कब तक कार्यवाही होगी? (ग) जिलाधीश मनोज झालानी रतलाम ने जिस भूमि को जावरा में रजिस्ट्रार कार्यालय के पास शासकीय घोषित कर नीलामी की विज्ञप्ति जारी की थी, का नगरपालिका जावरा में पार्षदों के विरोध के बाद भी नीलामी कर दी गयी व उक्त भूमि को अध्यक्ष के जीजा के नाम बेनानी अध्यक्ष ने स्वयं साथियों के साथ खरीद लिया, उस शिकायत पर जाँच की क्या प्रगति है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रकरण की जाँच संयुक्त संचालक एवं कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन के द्वारा की गयी है, जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष श्री युसूफ कड़प्पा एवं तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री कैलाश सिंह गेहलोत उत्तरदायी पाये गये थे, श्री कैलाश सिंह गेहलोत की मृत्यु हो चुकी है, एवं तत्कालीन अध्यक्ष श्री युसूफ कड़प्पा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक 83/2007 में माननीय लोकायुक्त द्वारा किसी को भी दोषी ना पाते हुये प्रकरण समाप्त कर दिया गया था परन्तु विधानसभा प्राक्कलन समिति के निर्देशानुसार इस प्रकरण की जाँच पुन: प्रारम्भ कराई गई। संयुक्त संचालक एवं कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन के द्वारा की गयी जाँच में तत्कालीन अध्यक्ष श्री युसूफ कड़प्पा एवं अन्य दोषी पाये गये। तत्कालीन अध्यक्ष श्री युसूफ कड़प्पा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है, एवं श्री रामबाबू शर्मा तत्कालीन सहायक यंत्री के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की जा चुकी है, श्री शिवराम मैवाडे तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, श्री जे.पी.भारद्वाज तत्कालीन उपयंत्री के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण इनके विरूद्ध पेंशन नियमों के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रकरण में तत्कालीन अध्यक्ष श्री युसूफ कड़प्पा एवं तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री कैलाश सिंह गेहलोत एवं अन्य उत्तरदायी पाये गये थे। तत्कालीन अध्यक्ष श्री युसूफ कड़प्पा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। श्री आर.पी.मिश्रा तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं श्री विक्रम सिंह तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की जा चुकी है तथा श्री रशीद अहमद सिदि्दकी तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण इनके विरूद्ध पेंशन नियमों के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं।
जावरा घण्टाघर व प्रीमियर आइल मिल की भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 35 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 28 फरवरी 2017 के अता. प्रश्न क्रमांक 340 के संदर्भ तथा प्रश्नकर्ता द्वारा दिसम्बर 2016 में मंत्री जी द्वारा लिखे पत्र 26 जुलाई 2016 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 110 व 8 दिसम्बर 16 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1535 के संदर्भ में बतायें कि जब घण्टाघर की सम्पत्ति लोक निर्माण विभाग की है व विभाग ने तोड़ने की अनुमति नहीं दी है तो ऊपरी हिस्सा क्यों नगरपालिका ने अनाधिकृत रूप से तोड़ा तथा अवैधानिक व बिना लोक निर्माण विभाग की अनुमति के घण्टाघर के ऊपरी हिस्से को तोड़ने वाले अधिकारी, कर्मचारी या जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी तय कर उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही होगी? (ख) न्यायालय के स्टे के बाद घण्टाघर की निचली मंजिल पर कई दुकानदार हैं व ऊपरी हिस्सा तोड़ने से पानी रिसने से दुकानों व भवन को जनधन की हानि की संभावना को देखते हुए क्या नगरपालिका जावरा बारिश के पूर्व तोड़ी गई छत की मरम्मत कर लोक निर्माण विभाग को हानि का आंकलन कर मुआवजा देगा? (ग) जब पुरातत्व विभाग द्वारा इसको खतरनाक न बताकर मरम्मत योग्य बताया तो नगरपालिका द्वारा जल्दी में तोड़ने की क्यों कार्यवाही की व क्या इस प्रकरण की जाँच कर कार्यवाही करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जावरा नगर स्थित घण्टाघर भवन का भू-तल लोक निर्माण विभाग के आधिपत्य में है तथा इस भवन का प्रथम तल का आंशिक भाग, द्वितीय एवं तृतीय तल नगर पालिका जावरा के आधिपत्य में है, घण्टाघर भवन अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने के कारण शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन के विशेषज्ञों के अभिमत एवं जन-सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 के प्रावधानों के अनुसार नगरपालिका जावरा द्वारा उनके आधिपत्य वाले ऊपरी हिस्से को तोड़ा गया है। घण्टाघर भवन के तोड़े गये हिस्से का आधिपत्य नगरपालिका का होने के कारण इसके लिए लोक निर्माण विभाग की अनुमति की आवश्यकता नहीं थी। नगरपालिका द्वारा घण्टाघर भवन का जर्जर भाग तोड़ने की कार्यवाही वैधानिक रूप से किये जाने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) घंटाघर भवन के भूतल पर स्थित व्यापारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में याचिका क्रमांक 2967/2017 प्रस्तुत की गई थी जिस पर माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा दिनांक 9.05.2017 को स्थगन आदेश पारित किये जाने के उपरांत नगरपालिका द्वारा इसे तोड़ने की कार्यवाही बंद कर दी गई। घण्टाघर भवन का तोड़ा गया भाग नगरपालिका के आधिपत्य में था एवं जीर्ण-शीर्ण होने के कारण वैधानिक रूप से तोड़ा गया है। शासकीय इंजीनियरिंग कालेज उज्जैन के अभिमत एवं माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के प्रकाश में न.पा. आधिपत्य वाले भाग की तोड़ी गई छत की मरम्मत की जाना संभव नहीं है, एवं लोक निर्माण विभाग को इससे कोई हानि नहीं होने के कारण मुआवजा दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पुरातत्व विभाग के निरीक्षण प्रतिवेदन में घण्टाघर भवन, भवन के प्रथम तल को जीर्ण-शीर्ण बताया गया है साथ ही पुरातत्व विभाग ने प्रतिवेदित किया है कि घण्टाघर के मूल स्वरूप को कायम रखते हुए इसका जीर्णोद्धार कराया जाए तो इसकी वैभवता बनी रहेगी। घण्टाघर भवन अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने के कारण शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन के विशेषज्ञों के अभिमत एवं जन सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए नगरपालिका द्वारा इस भवन के ऊपरी भाग को तोड़ा गया है। तोड़े जाने की कार्यवाही नियमानुसार होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सबलगढ़ विधान सभा अंतर्गत निर्मित शौचालयों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 74 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ अंतर्गत शौचालयों का पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी होने के उपरांत भी हितग्राहियों को भुगतान नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कारण सहित बतावें? (ग) यदि हितग्राहियों को भुगतान किया गया है तो 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक के भुगतान की संख्यात्मक जानकारी बतावें? ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिन्होंने शौचालय निर्माण कर लिया है एवं सी.सी. जारी होने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है? भुगतान न होने का कारण सहित जानकारी बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वच्छ भारत मिशन में प्रश्नाधीन अवधि तक विधानसभा क्षेत्र सबलगढ में कुल 10993 शौचालय का भुगतान किया गया है। जी नहीं, ऐसा कोई हितग्राही नहीं है, जिनके शौचालय निर्माण की सी.सी. जारी होने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकलांग बच्चों हेतु पुनर्वास केन्द्र की स्थापना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
8. ( क्र. 95 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकलांग बच्चों हेतु शासन द्वारा जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र की स्थापना का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो कितने वर्ष पूर्व? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन जिलों में पुनर्वास केन्द्र की स्थापना हो चुकी है तथा किन-किन केन्द्रों में कितना-कितना स्टाफ कार्यरत है? नाम पदनाम स्थान सहित बतायें? (ग) किन-किन जिलों में उक्त केन्द्र किन कारणों से संचालित नहीं हो रहे हैं? इस हेतु कौन दोषी हैं? संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) विकलांग बच्चों को सभी जिले में इस योजना का लाभ कब तक मिल जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) इन पुनर्वास केन्द्रों के लिए विगत तीन वर्षों में कितना बजट आवंटित हुआ एवं इसमें कितना केन्द्र शासन एवं कितना राज्य शासन से मिला तथा कितनी राशि व्यय की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन, समाज कल्याण विभाग के परिपत्र क्रमांक/2003/1737/ 26-2, दिनांक 24.09.2003 द्वारा जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र की स्थापना का निर्णय लिया गया था। (ख) 46 जिलों में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र की स्थापना हो चुकी है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ग) 5 जिलो में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना होना है। 11 जिलों में तकनीकी विशेषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध न होने के कारण संचालन नहीं हो रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। तकनीकी विशेषज्ञों के अभाव में केन्द्र संचालित न होने के कारण संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पदपूर्ति की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) दिव्यांगजनों को सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, स्थानीय निकायों, स्वास्थ्य विभाग, एलिम्कों, क्षेत्रीय विकलांग पुनर्वास केन्द्रों व अन्य अशासकीय संस्थाओं के द्वारा समय-समय पर शिविरों के माध्यम से उनकी आवश्यकताओं एवं मांग अनुसार योजना का लाभ दिया जाता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार।
प्रदत्त अधिकारों का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 142 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपखण्डीय अधिकारी (रा.) बण्डा के कार्यालय में विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के कितने पदाधिकारियों/अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध पंचा. अधि. की धारा 92 (1) तथा (2) के तहत प्रकरण वर्ष 2014 से दायर हुए हैं? (ख) दायर प्रकरणों में कितने सरपंचों तथा कितने कर्मचारियों के प्रकरणों का निराकरण प्रश्न दिनांक तक हो चुका है और कितने-कितने प्रकरण निराकरण के लिए लम्बित हैं? लम्बित रहने के कारण से अवगत करावें? (ग) उक्त अवधि से निराकृत प्रकरणों में राशि वसूली के कितने प्रकरणों में वसूली के आदेश दिए गए हैं? कितनी राशि वसूली योग्य हैं तथा कितनी राशि की वसूली हो गई है तथा कितनी-कितनी राशि की वसूली शेष है नामवार सूची उपलबध करावें? (घ) क्या वसूली योग्य राशि जमा नहीं करने पर पंचा.अधि. की धारा 92 (2) के तहत किसी के विरूद्ध कार्यवाही की गई है यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) दायर सभी पाँच प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया होने से लंबित है। (ग) दायर प्रकरणों में अंतिम निर्णय होने पर वसूली योग्य राशि की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (घ) जी नहीं।
खायला से सांदागिर रोड की मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 151 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 57 दिनांक 8 दिसम्बर 2016 के पैरा (ग) में दिए गए उत्तर के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत खायला से सांदागिर रोड के मरम्मत कार्य का ठेकेदार एवं जल संसाधन विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य किया गया है? (ख) यदि कार्य नहीं कराया गया है तो विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश में अंकित मार्ग की कुल लंबाई 9.6 कि.मी. में से प्रारंभिक 6.0 कि.मी. भारी वाहनों के आवागमन के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है अतः इस मार्ग को ठेकेदार के मूल पैकेज से पृथक कर दिया है। क्षतिग्रस्त मार्ग के सुधार के लिये जल संसाधन विभाग से पत्राचार किया गया जिसमें उनके द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया, परंतु वर्तमान में ठेकेदार द्वारा इसे संधारित कर आवागमन योग्य बनाये रखा गया है। शेष 3.60 कि.मी. मार्ग निर्धारित मापदण्डानुसार संधारित स्थिति में हैं। वर्तमान में उक्त मार्ग के अगले पाँच वर्षों के संधारण कार्य की तकनीकी स्वीकृति दी जा चुकी है। प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
खनिज पट्टा की स्वीकृति एवं संचालन
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 188 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सेलवा, तहसील कटंगी, जिला बालाघाट की शासकीय भूमि, खसरा नंबर 150/1, 150/3, 150/4 एवं 150/5 अधिकार अभिलेख और वर्ष 2005-06 के एवं वर्तमान के राजस्व अभिलेखों में किस मद और किस प्रयोजन हेतु दर्ज है, इन खसरा नंबरों में से किन खसरा नंबरों की भूमि पर मेगनीज उत्खनन हेतु खनिपट्टा किस प्रकार, किसको एवं कब स्वीकृत किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) वर्तमान में इस खनिपट्टे का संचालन किसके द्वारा कब से किया जा रहा है एवं वर्तमान खनिपट्टा संचालक द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितना मेगनीज खनिज वर्षवार उत्खनित किया गया? उत्खनित खनिज का बाजार मूल्य क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत क्या पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति हेतु प्रस्तुत आवेदन एवं खनिपट्टा की अनुमतियों के आदेशों/दस्तावेजों में उल्लिखित खसरा नंबरों और भूमि के नक्शों में अंतर है? यदि हाँ, तो इस पर कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो कैसे, स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत क्या विभाग के पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति के आदेश क्रमांक 2/60/2005/12/2, दिनांक 01.03.2006 से आवेदित क्षेत्र को 1 एवं 2 ब्लाकों में विभक्त किया गया था? यदि हाँ, तो ब्लॉक 1 के खसरा नंबर 150/1 की भूमि पर खनिपट्टा किसके द्वारा एवं क्यों स्वीकृत किया गया, जबकि विभागीय स्थल जाँच प्रतिवेदनों में राजस्व अभिलेखों के अनुसार जलमद (पानी के नीचे) में दर्ज होने के कारण उपलब्ध होना नहीं पाया गया था? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत जलमद की भूमि पर खनिपट्टा की स्वीकृति एवं स्वीकृत स्थान से भिन्न स्थल पर उत्खनन की जाँच करवायी जाएगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन ग्राम की प्रश्नाधीन खसरा नंबरों की वर्तमान जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
खसरा क्रमांक |
मद |
केफियत |
1 |
150/1, 150/3 |
भूजल शासकीय |
पानी के नीचे |
2 |
150/4 |
भूजल शासकीय |
पानी के नीचे |
3 |
150/5 |
भूजल शासकीय |
पानी के नीचे |
उक्त खसरा नंबरों में से खसरा क्रमांक 150/1 रकबा 4.906 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज साधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-43/07/12/2 दिनांक 02.03.2009 द्वारा श्री महेश मिश्रा के पक्ष में मैगनीज खनिज का खनिपट्टा स्वीकृत किया गया था। (ख) खनिज साधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-4/11/12/2 दिनांक 02.04.2011 द्वारा स्वीकृत खनिपट्टा मेसर्स मेटल एण्ड मिनरल्स कटनी के पक्ष में अंतरित किया गया था। इनके द्वारा खनिपट्टे का संचालन किया जा रहा है। उत्खनित खनिज मात्रा की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
उत्खनित मात्रा टन में |
1 |
2011-12 |
25.100 |
2 |
2012-13 |
1346.00 |
3 |
2013-14 |
6976.440 |
4 |
2014-15 |
1649.039 |
5 |
2015-16 |
3132.211 |
6 |
2016-17 |
5431.450 |
उत्पादित खनिज मात्रा पर बाजार मूल्य की गणना नहीं की जा सकती अपितु खनिज विक्रय पर भारतीय खान ब्यूरो द्वारा प्रकाशित मूल्य पर गणना की जाती है। (ग) जी नहीं। पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र में उक्त संपूर्ण खसरा नंबरों के 15.543 हेक्टेयर क्षेत्र आवेदित किया था। परंतु राज्य शासन द्वारा उपलब्ध रकबा 4.906 हेक्टेयर पर स्वीकृति प्रदान की गई है। (घ) जी हाँ। खनिज सर्वेयर बालाघाट के प्रतिवेदन दिनांक 28.08.2004 के अनुसार खसरा क्रमांक 150/5, 150/4 एवं 150/1 रकबा 22 एकड़ क्षेत्र उपलब्ध बताया गया था। यह भी प्रतिवेदित किया गया था कि, खसरा क्रमांक 150/1 के कुल रकबा में से 10.55 एकड़ पूर्व में श्री जी.सी.शुक्ला को खनिपट्टा में स्वीकृत होने का लेख किया गया था। (ड.) जी नहीं। संबंधित विभागों से स्पष्ट प्रतिवेदन प्राप्त होने पर पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति/खनिपट्टा स्वीकृत किया गया था। वर्तमान में स्थल जाँच प्रतिवेदन अनुसार स्वीकृत क्षेत्र में ही उत्खनन होना पाया गया है। अत: जाँच किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत क्षमता से अधिक खनिज लोड करना
[खनिज साधन]
12. ( क्र. 228 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में खनिज ढुलाई हेतु हाइवा पर डंपर या अन्य वाहन का रजिस्ट्रेशन करने पर किस मापदंड से भार एवं रॉयल्टी अंकित होती है? (ख) प्रश्नांश (क) के अधीन क्या भार क्षमता 09.28 से 10 क्यूबिक मीटर तक ही अंकित की जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अधीन क्या वास्तविक अंकित क्षमता से अधिक वजन भरा जाता है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खनिज परिवहन हेतु विभागीय पोर्टल पर पंजीयन करने पर वाहन की विशिष्टियों के अनुसार वाहन की भार क्षमता परिवहन विभाग के पोर्टल से एकीकृत होती है। वाहनों के पंजीयन के समय रॉयल्टी अंकित किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। यह वाहनों के प्रकार पर निर्भर होता है। (ग) पट्टेदारों द्वारा अभिवहन पार पत्र में दर्ज खनिज मात्रा का पंजीकृत वाहनों से परिवहन किया जाता है।
तीर्थ यात्रियों का ऑनलाईन पंजीयन
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
13. ( क्र. 229 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत तीर्थ यात्रा पर जाने हेतु आवेदकों को तहसील से फार्म लेने, फार्म भरवाने, जिला चिकित्सालय के डॉक्टर से हस्ताक्षर कराने के उपरांत संबंधित तहसील में फार्म एवं फोटोकॉपी जमा करने हेतु जाना पड़ता है? (ख) क्या फार्म की कीमत 10 रू., फार्म भरवाई 10 रू., फार्म की फोटोकॉपी 5 रू., जमा करने में 10 रू एवं टिकिट 10 रू. कुल व्यय रू. 45 होता है एवं औपचारिकतायें पूर्ण करने में दो दिन का समय लगता है? (ग) क्या आवेदक तीर्थयात्रियों का प्रथम आवेदन अस्वीकृत होने की स्थिति में उसे पुन: प्रश्नांश (ख) के अनुसार कार्यवाही करना पड़ती है? (घ) क्या तीर्थ यात्रियों का समय एवं अनावश्यक व्यय बचाने हेतु ऑनलाईन पंजीयन एवं स्वीकृति सिस्टम लागू किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। जिन व्यक्तियों का चयन यात्रा हेतु नहीं हुआ है, उनके आवेदन पत्र यथावत रहेंगे और भविष्य में होने वाली इन्हीं स्थानों की यात्रा के लिये उन्हे पुन: आवेदन नहीं करना पड़ेगा। व्यक्ति केवल यह आवेदन देगा कि वह नवीन तिथि जिसके लिये लाटरी निकाली जा रही है, पर यात्रा करने हेतु सहमत है। पूर्व आवेदन पत्रों में नवीन आवेदन पत्रों को सम्मिलित कर नवीन यात्रा के लिये लाटरी निकाली जायेगी। (घ) जी नहीं। वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है।
चिकित्सकों के पद कायम रखना
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 285 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका निगमों में डाईंग कैडर घोषित किए गए आयुष चिकित्सकों के पदों को यथावत् करने हेतु विगत दो वर्षों में विधान सभा के किन-किन सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री या मंत्री महोदय को कब-कब अनुरोध पत्र लिखे गए जो विभाग को प्राप्त हुए? पत्रवार कार्यवाही का विवरण दें। आयुष चिकित्सकों को यथावत् रखने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सकों के पदों को यथावत रखने हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुख्यमंत्री जी को दिनांक 19/6/2017 को लिखा गया है जिसकी पावती 19/6/2017 को ही प्राप्त की गई है, उक्त पत्र पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रदेश के नगर पालिका निगमों में कुल कितने औषधालय संचालित है? निगमवार, पैथीवार जानकारी दें तथा इन औषधालायों में वर्तमान में कार्यरत चिकित्सकों (नियमित, फिक्स वेतन, दैनिक वेतन) की सूची में निगमवार पैथीवार जानकारी दें। उक्त नगर निगमों में प्रतिनियुक्ति पर कौन-कौन से डॉक्टर किस पैथी के कार्यरत है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यरत चिकित्सकों में से जो नियमित नहीं हैं, उन्हें कब नियमित किया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगमों में डाईंग कैडर घोषित किए गए आयुष चिकित्सकों के पदों को यथावत करने हेतु माननीय विधायक श्री यादवेन्द्र सिंह द्वारा पंजीयन क्र. 1625 जून 2017, माननीय श्री कुंवर सौरभ सिंह पंजीयन क्र. 1388 अप्रैल 2016, क्र. 1204 अप्रैल 2016 क्रमांक 2309 जुलाई 2016 एवं माननीय राज्य मंत्री श्री संजय सत्येन्द्र पाठक पंजी क्र. 6257 अप्रैल 2017 द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को अनुरोध पत्र लिखे गए हैं। नगर पालिक निगमों में आयुर्वेदिक, होम्योपेथिक, यूनानी चिकित्सकों को डाईंग काडर होने से सेवानिवृत्त होने पर पद समाप्त हो जाने से आयुष चिकित्सकों को यथावत रखने के संबंध में विभाग की कोई नीति नहीं है। वर्तमान में कार्यरत नियमित आयुष चिकित्सक सेवानिवृत्ति तक नियमानुसार कार्यरत रहेंगे। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) आयुष चिकित्सकों के पद डाईंग केडर घोषित होने के कारण नियमित किया जाना संभव नहीं।
रोड निर्माण के बिल का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 287 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के नगर निगम द्वारा वर्ष 2009-10 में मिशन चौक से बस स्टेण्ड तक, बस स्टेण्ड से म.प्र. प्रेस तक, मध्यप्रदेश प्रेस से कुठला तिराहा तक के रोड का चौड़ीकरण किस ठेकेदार से कितनी लागत से किस मद में कराया गया था। (ख) कटनी नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत ही वर्ष 2010 में व्ही.आई.पी.रोड अंतर्गत गणेश चौक से पुराना नापतौल विभाग तक एवं आलोक प्रेस से शंकर टाकीज तक सी.सी. रोड का निर्माण एवं एम.पी.ई.बी. की बाउण्ड्रीवाल का आयल डिपो तक निर्माण वर्ष 2010-2011 में किस ठेकेदार द्वारा कितनी लागत से किस मद से किया गया था। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यों में कितनी राशि कब-कब ठेकेदार को भुगतान की गई और क्या अंतिम भुगतान किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो अभी तक अंतिम भुगतान न करने के क्या कारण है? कब तक भुगतान कर दिया जायेगा और अभी तक भुगतान न करने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं और उनके विरूद्ध शासन कब क्या कार्यवाही करेगा? (घ) क्या कटनी नगर निगम द्वारा बी.आर.जी.एफ. योजना अंतर्गत व्ही.आई.पी. मार्ग डामरीकरण के अतिरिक्त कराए गए कार्य की स्वीकृत एवं भुगतान के लिए आयुक्त नगर निगम ने पत्र क्रमांक 707/ लो.नि.वि./निर्माण/2017 कटनी दिनांक 17.05.2017 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी को लिखा है? यदि हाँ, तो स्वीकृति प्राप्त हो गई? यदि नहीं, तो कब तक प्राप्त होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम कटनी द्वारा रोड चौड़ीकरण कार्य मिशन चौक से बस स्टैंड तक राशि रू. 10.00 लाख बस स्टैंड से म.प्र. प्रेस 10.00 लाख एवं म.प्र. प्रेस से कुठला तिराहा तक राशि 10.00 लाख (कुल 30.00 लाख) की लागत ठेकेदार श्री आकाश पहारिया से बी.आर.जी.एफ. (बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड) योजना मद से कराया गया। (ख) व्ही.आई.पी. रोड अंतर्गत वर्ष 2010-11 में गणेश चौक से पुराना नाप तौल विभाग तक राशि रू. 53.65 लाख आलोक प्रेस से शंकर टाकीज तक राशि रू. 31.86 लाख का सी.सी. रोड निर्माण एवं एम.पी.ई.बी. की बाडण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य राशि रू. 9.79 लाख का कार्य ठेकेदार श्री एस.एन. खम्परिया से विभिन्न अनुदान मदों से कराया गया है। कार्यवार मदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) निगम स्तर से की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निगम द्वारा कार्यवाही की जा रही है जिससे शासन स्तर से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कटनी के पत्र क्रमांक 8048/जि.पं./2017-18 दिनांक 04.07.2017 अनुसार जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 29.12.15 के कार्यवाही विवरण अनुसार नियमानुसार कार्यवाही के आदेश के तहत मेयर-इन-कौंसिल में प्रकरण निर्णय हेतु आदेश 06.07.17 द्वारा दिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ऑनलाईन टेंडरों प्रक्रिया
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 322 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा विभिन्न निर्माण और सप्लाई कार्य के लिए ऑनलाईन टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है। यदि हाँ, तो इसकी क्या व्यवस्था है। (ख) क्या ऑनलाईन टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार की गड़बड़ी हुई है और उन मामलों में क्या कार्यवाही की जा रही है? प्रकरणवार ब्यौंरा दें। (ग) क्या केन्द्रीय कर्मशाला में भी वाहन मरम्मत के कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं? यदि हाँ, तो प्रकरणवार कार्यवाही का ब्यौंरा दें। (घ) क्या गड़बड़ी में शामिल रहे दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। निविदाएं म.प्र. शासन के ई-प्रक्योरमेंट पोर्टल WWW.mpeproc.gov.in के माध्यम से ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की जाती है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी उत्तरांश 'ख' अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ख' व 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई नमामि देव नर्मदे यात्रा का उद्देश्य/इस पर व्यय राशि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
17. ( क्र. 334 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई नमामि देवी नर्मदे यात्रा का क्या उद्देश्य था? उक्त यात्रा के प्रारंभ से समाप्ति दिनांक तक मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा क्या-क्या घोषणाएं की गयी? इन घोषणाओं को पूर्ण किये जाने हेतु अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) उक्त यात्रा के प्रारंभ से समाप्ति तक कितन-कितनी राशि किस-किस माध्यम से किस-किस कार्य पर व्यय की गई व किस-किस संस्था या कंपनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य व सामग्री के विरूद्ध किया गया? योजना के समापन दिनांक 15 मई 2017 को आयोजित समापन कार्यक्रम के आयोजन हेतु किस-किस संस्था या कंपनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य व सामग्री के विरूद्ध किया गया? (ग) प्रश्नांश 'ख' अनुसार यात्रा के समापन कार्यक्रम हेतु किस-किस जिले से कितनी-कितनी बसें किस-किस के द्वारा भेजी गयीं? बसों के किराये हेतु राशि का प्रावधान किस मद में किया गया एवं किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) मान. मुख्यमंत्री जी की इस नमामि देवी नर्मदे यात्रा की क्या उपलब्धियां रहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) ‘‘नमामि देवी नर्मदे‘‘ नर्मदा सेवा यात्रा के उद्देश्य निम्नानुसार है :- 1. नर्मदा नदी के संरक्षण एवं नदी में उपलब्ध संसाधनों एवं समुचित उपयोग हेतु जन जागरण। 2. नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रों में वानस्पतिक आच्छादन बढ़ाने एवं मृदा क्षरण को रोकने हेतु वृहद स्तर पर पौधरोपण। 3. नदी की पारिस्थितिकीय में सुधार हेतु गतिविधियों का चिन्हांकन एवं उनके क्रियान्वयन में स्थानीय जन समुदाय की जिम्मेदारी तय करना। 4. टिकाऊ एवं पर्यावरण हितैषी कृषि पद्धतियां को अपनाने हेतु जन-जागरण। 5. नदी में प्रदूषण के विभिन्न कारकों की पहचान एवं उनकी रोकथाम हेतु उपाय व जन-जागरण। 6. नदी के जलभरण क्षेत्र में जल संग्रहण हेतु उपाय एवं जन-जानगरूकता। ‘‘नमामि देवि नर्मदा‘‘ यात्रा प्रारम्भ से समाप्ति तक मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की घोषणाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) नमामि देवि नर्मदे यात्रा की उपलब्धियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है।
प्रस्तावित रोड निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 339 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत नालछा के ग्राम बंजारीपुरा से भोज्यापुरा एवं धरमपुरी जनपद पंचायत के ग्राम लोहारी से कातर (तारापुर) तक मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत रोड निर्माण के प्रस्ताव प्रश्नकर्ता के द्वारा विभाग को प्रेषित किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्तावों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है तथा ग्राम बंजारीपुरा से भोज्यापुरा एवं ग्राम लोहारी से कातर (तारापुर) तक मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत प्रस्तावित रोड निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है, परन्तु जनपद पंचायत नालछा के ग्राम बंजारीपुरा से भोज्यापुरा मार्ग का अनुमोदन किए जाने हेतु प्रस्ताव जिला पंचायत को प्रेषित किया गया है। लोहारी से कातर (तारापुर) मार्ग मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्ड में नहीं है। (ख) जानकारी उत्तरांश 'क' अनुसार है। योजनांतर्गत उपलब्ध आवंटन पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए आबद्ध होने से स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[वन]
19. ( क्र. 440 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य वन संरक्षक रीवा को दिनांक 15.05.2017 को पत्र क्र. 862 के माध्यम से आठ बिन्दुओं की जानकारी प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या संबंधित पत्र की बिन्दुवार जानकारी आज भी अपेक्षित है? यदि हाँ, तो बिन्दुवार जानकारी न देने के दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी न देने से मुकुन्दपुर चिडि़याघर सतना के निर्माण में हुई अनियमितताएं एवं चिडि़याघर में नियम विरूद्ध की गई नियुक्तियों की जानकारी नहीं हो रही है इसके लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में कौन-कौन दोषी हैं, दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्त बिन्दुओं की जानकारी मुख्य वन संरक्षक रीवा के पत्र क्रमांक मा.चि./5014, दिनांक 18.05.2017 तथा वन संरक्षक, सतना के पत्र क्रमांक व्यय/6628, दिनांक 29.06.2017 से प्रदाय की जा चुकी है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौण खनिज हेतु अस्थाई अनुज्ञा
[खनिज साधन]
20. ( क्र. 451 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर को म.प्र. गौण खनिज अधिनियम 1996 के नियम 68 (1) के अनुसार गौण खनिज के लिए अस्थायी अनुज्ञा देने का प्रावधान नियत है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो रीवा संभाग अंतर्गत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक में राष्ट्रीय राजमार्गों, ग्रामीण मार्गों, लोक निर्माण के मार्गों के निर्माण हेतु गौण खनिज हेतु किन-किन ठेकेदारों को कब-कब अस्थायी अनुज्ञा पत्र किन-किन गौण खनिज हेतु जारी किया गया, इनसे कितनी रॉयल्टी किस-किस ठेकेदार/संविदाकार से प्राप्त की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या उपनियम 3 के अंतर्गत ऐसी अनुज्ञा तभी दी जावेगी जबकि अनुसूची।।। में विनिर्दिष्ट दरों पर संगणित अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान संबंधितों द्वारा कर दिया गया हो? (घ) प्रश्नांश (ख) की जानकारी हेतु क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 880 दिनांक 22.05.2017 के माध्यम से खनिज अधिकारी रीवा आयुक्त राजस्व रीवा संभाग को भी पत्र लिखा गया, लेकिन जानकारी आज भी अप्राप्त है? (ड.) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्नांश (ख) अनुसार अगर रॉयल्टी की राशि की वसूली नहीं की गई एवं अस्थायी अनुज्ञा पत्र जारी नहीं किये गए एवं संविदाकारों द्वारा खनिज का उपयोग किया गया तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे, बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार उल्लेखित कोई अधिनियम प्रचलन में नहीं है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न में उल्लेखित पत्र के संदर्भ में कलेक्टर रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 1525 दिनांक 03.06.2017 के माध्यम से जानकारी प्रेषित की गई है। (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौण खनिज मदों का जानकारी
[खनिज साधन]
21. ( क्र. 468 ) श्री मधु भगत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री खनिज कल्याण योजना अंतर्गत जिला बालाघाट में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से किस-किस की अनुशंसाओं से कब-कब करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विधान सभाक्षेत्रवार, विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से किस-किस जनप्रतिनिधि ने किस-किस दिनांक को किस कार्य/निर्माण कार्य/अन्य कार्य हेतु अनुशंसा प्रदान की है उक्त अनुशंसाओं में किस-किस कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई, किन-किन कार्यों की नहीं? क्यों? उक्त योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य आगामी समय में किया जाना प्रस्तावित है? कार्यों की जानकारी सहित समय-सीमा बतायें? (घ) क्या जिले की बालाघाट विधानसभा को छोड़कर अन्य विधानसभाओं में उक्त योजनांतर्गत कार्य नहीं कराये गये या बहुत ही सीमित कार्य कराये गये? कारण स्पष्ट करें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) स्वीकृत कार्य वर्तमान में अपूर्ण हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ग) जनप्रतिनिधियों एवं विभागों द्वारा प्रस्तावित कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। प्रश्नांश (क) में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है। अनुशंसित शेष कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया जाना शेष है। वर्तमान में स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। जिन्हें वित्तीय वर्ष समाप्ति के पूर्व स्वीकृति प्रदान किया जाना संभावित है। (घ) जी नहीं।
अनियमितताओं पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 473 ) श्री मधु भगत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बालाघाट अंतर्गत नगरपालिका परिषद बालाघाट में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित दिनांकवार, वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? साथ ही समस्त प्रकार की खरीदी/नीलामी की वित्तीय जानकारी दिनांकवार प्रदाय करें? विज्ञापनों के खर्चों का ब्यौरा पृथक से देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को चेक/डाफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान कि गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं, जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें? अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायते जिला एवं राज्य स्तर या अन्य स्तर पर प्राप्त हुई शिकायतों का विवरण देते हुये बताये कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई एवं जाँच पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा वर्षवार निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। खरीदी संबंधी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। नीलामी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है एवं विज्ञापनों का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ख) कार्यवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) किसी भी कार्य में कार्य पूर्ण किये बिना अधिक भुगतान नहीं किया गया है। कार्यवार भुगतान का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। एक कार्य अपूर्ण है और कलेक्टर बालाघाट के निर्देश अनुसार रू. 2640720 पेनाल्टी की राशि की कटौत्री रनिंग बिल से की गई है। (घ) जिला स्तर पर प्राप्त शिकायत पर कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा जाँच की जा रही है, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
जनभागीदारी मांग संख्या 60 व 64
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
23. ( क्र. 497 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी मांग संख्या 60 व 64 के अंतर्गत भिण्ड जिले में जनवरी 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक किस ग्राम पंचायत में कौन सा कार्य स्वीकृत किया गया? किसको कितनी राशि प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत शासन द्वारा किस मांग संख्या में कितना बजट किस तिमाही में दिया गया तिमाही में कितना बजट का उपयोग किया गया है? क्या बजट से अधिक राशि स्वीकृत कर वित्त नियमों का दुरूपयोग किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अन्तर्गत भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किन ग्राम पंचायतों में किस कार्य के लिए कितनी राशि स्वीकृति की गई? (घ) मांग संख्या 64 के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के बाहुल्य क्षेत्र में राशि का उपयोग नहीं हो रहा है ऐसा क्यों? क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चम्बल से अवैध रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
24. ( क्र. 498 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत कौन-कौन सी खदानें स्वीकृत हैं उक्त खदानों से शासन को कितना राजस्व प्राप्त होता हैं? खदानों का कब सीमांकन किया गया हैं? (ख) क्या भिण्ड जिले में वन विभाग की प्रशासनिक टीम द्वारा संयुक्त रूप से कनेरा गांव में चम्बल नदी के किनारे लगभग दो करोड़ का रेत डम्प की हुई जप्त की गयी तथा वन विभाग के डी.एफ.ओ. भारत सिंह सोलंकी, एस.डी.एम. अनिल बनबारिया द्वारा चम्बल के किनारे 40 ट्राली रेत जप्त की गई? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) भिण्ड जिले के अंतर्गत विगत दो वर्ष में कहाँ-कहाँ पर डम्प रेत जप्त की गयी? उनकी नीलामी में शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (घ) शासन के निर्माण कार्यों के रेत उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था की जा रही है? क्या विकास कार्यों के लिए समुचित रेत उपलब्ध करवायी जायेगी अनुमति व स्वीकृति किस स्तर के अधिकारी द्वारा किस प्रक्रिया के अनुसार जारी की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में क्रेशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज का उत्खनिपट्टा, साधारण मिट्टी से ईट निर्माण हेतु उत्खनिपट्टा तथा मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में रेत खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। इनमें से क्रेशर से गिट्टी निर्माण हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टे से अभी तक 3,98,81,485 रूपये, साधारण मिट्टी से ईट बनाने हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टों से 21,18,000 रूपये तथा रेत की संचालित खदानों से मार्च 2017 तक 11,54,53,300 रूपये खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त हुए हैं। इनके सीमांकन की तिथि खदानवार क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', एवं 'स' में दर्शाई गई है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन जिले में संयुक्त रूप से अभियान चलाकर कनेरा में लगभग 475 घनमीटर तथा चंबल नदी के किनारे लगभग 700 घन मीटर अवैध रेत को जप्त कर उसे प्राकृतिक आवास में मिला दिया गया है। (ग) प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2015-16 में कोई डंप रेत जप्त नहीं की गई है। वर्ष 2016-17 में ग्राम छोटी मटियावली, बडी मटियावली, बडेत्तर, औझा, रहावली, बिहड़, अजनार, देहनगुर, ककहरा, अतरसुमा, जखमौली में कुल 17295 घनमीटर रेत जप्त किया गया है। वर्ष 2017-18 में ग्राम पर्रायच में 3100 घन मीटर रेत जप्त की गई है। इस जप्त रेत की नीलामी नहीं की गई है। मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के माध्यम से उच्चतम रॉयल्टी दर पर नजदीकी ठेकेदार को प्रदान की गई है। जिसके फलस्वरूप 17295 घन मीटर की रॉयल्टी रूपये 15,67,000/- एवं 3100 घन मीटर की रॉयल्टी रूपये 3,10,000/- खनिज राजस्व के रूप में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को प्राप्त हुआ है। (घ) प्रश्नाधीन जिले में वर्तमान मानसून अवधि के पूर्व 21 रेत खदाने संचालित थी। जिससे निर्माण कार्यों के लिये रेत की आपूर्ति हो रही थी। वर्तमान में मानसून अवधि के चलते जिले की समस्त रेत खदानें बंद हैं। मानसून अवधि के पश्चात यह रेत खदानें पुन: संचालित हो जायेगी। अत: पृथक से किसी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्मित सड़कों की गुणवत्ता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( क्र. 542 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जतारा में प्रश्न दिनांक से विगत तीन वर्षों में कितनी सड़के विभाग द्वारा स्वीकृत की गईं एवं निर्माणाधीन सड़कों का रखरखाव किया गया। (ख) क्या गुणवत्ता की जाँच की गई, अगर जाँच की गई तो सड़कों की पर्याप्त चौड़ाई की जाँच क्यों नहीं की गई। क्या डामर की चौड़ाई कम डाली जा रही है। (ग) क्या निर्माणाधीन सड़को की चौड़ाई पर्याप्त मिट्टी नहीं डालने से कम हो रही है। क्या (1) स्यावनी से दरिमापुरा, पैगोरव सड़क (2) कमलनगर से चतुरकारी सड़क (3) मऊरानीपुर रोड से फिर कोरव निर्माणाधीन सड़कों की जाँच करवायेंगे, जिससे किये गये कार्य की गुणवत्ता पता चल सके।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न दिनांक से विगत तीन वर्षों में 05 सड़के स्वीकृत की गई। निर्मित सड़कों का मापदण्ड अनुसार रखरखाव किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। गुणवत्ता की जाँच की गई, मार्गों का निर्माण निर्धारित चौड़ाई में किया जा रहा है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित तीनो मार्गों का निरीक्षण स्टेट क्वालिटी मॉनिटर्स एवं एक मार्ग स्यावनी से दरियापुरा का निरीक्षण नेशनल क्वालिटी मॉनिटर्स द्वारा किया गया जिसमें निर्माण कार्य की गुणवत्ता संतोषजनक पाई गई। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कपिलधारा योजना से लाभांवित हितग्राही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
26. ( क्र. 598 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पवई जिला पन्ना में कपिलधारा योजना का लाभ किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने-कितने हितग्राहियों को मिला, पंचायतवार हितग्राहियों की संख्या बतायें। (ख) विधान सभा क्षेत्र पवई में कितनी ग्राम पंचायतों में कपिलधारा उपयोजना के तहत कार्य पूर्ण हो गये हैं तथा कितनी ग्राम पंचायतों में कार्य अपूर्ण है? कार्य अपूर्ण रहने के क्या कारण है? (ग) उक्त योजनांतर्गत कुल पूर्ण हुये निर्माण कार्यों में से कितने कूपों का भुगतान हो चुका है, कितने कूपों का भुगतान अभी शेष है? भुगतान नहीं होने का क्या कारण है? (घ) क्या उक्त योजनांतर्गत हितग्राहियों को कूप निर्माण स्वीकृति में अलग-अलग मापदण्ड अपनाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ’क’ की अवधि में सभी 323 पूर्ण कूपों का भुगतान होना जिले द्वारा प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
शिकायतों की जाँच एवं कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 621 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय जिला पंचायत भिण्ड के आदेश क्रमांक/जि.प./पं.प्रको./2015-16/3868 दिनांक 06.05.2016 द्वारा श्री रामाकांत उपाध्याय पंचायत समन्वय अधिकारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं अनुशासनहीनता करने संबंधी शिकायत की जाँच में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर एवं सेवा में नियुक्ति के समय से लेकर वर्तमान तक समय-समय पर विकलांगता प्रमाण पत्रों में जिसमें माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीड ग्वालियर में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 6035/2015 में विकलांगता का प्रतिशत 70 प्रतिशत बताया गया जबकि कार्यालयीन अभिलेखे में विकलांगता का प्रतिशत 25 से 40 प्रतिशत बताया गया है? क्या इन आरोपों में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या कार्यालय जिला पंचायत भिण्ड द्वारा दिनांक 01.06.2016 को श्री उपाध्याय के विरूद्ध दिये गये आरोप पत्र एवं आधार पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो अभी तक कार्यवाही न करने का क्या कारण है? (ग) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड के आदेश क्रमांक 6954 दिनांक 17.08.2016 को निलंबन से बहाल कर श्री उपाध्याय को भिण्ड जिला पंचायत कार्यालय में पदस्थ किया गया था? क्या निलंबन काल के वेतन भत्ते नियम विरूद्ध सी.ई.ओ. लहार द्वारा भुगतान करने की जाँच कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सी.ई.ओ. जिला पंचायत भिण्ड द्वारा वर्ष 2016 में श्री उपाध्याय का स्थानांतरण जनपद पंचायत रौन में करने के बाद भी जनपद पंचायत लहार के सी.ई.ओ. श्री अजीत बरवा ने श्री उपाध्याय को 1 माह तक कार्यमुक्त न कर मा.न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कराने में सहायता की है? यदि नहीं, तो सी.ई.ओ. लहार द्वारा स्थगन आदेश समाप्त कराने हेतु कब-कब, क्या-क्या प्रयास किये गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ’’ अनुसार। (ख) जी हाँ। प्रकरण में संयुक्त संचालक प्रशासन, पंचायतराज संचनालय के पत्र क्रमांक 18601 दिनांक 31.12.2015 भोपाल से श्री उपाध्याय पी.सी.ओ. जनपद पंचायत लहार की अनियमितता, भ्रष्टाचार का जाँच प्रतिवेदन दिनांक 27.12.2016 को कार्यालय में प्राप्त हुआ जिसमें लगाये गये अधिकतम आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने के कारण कार्यवाही नहीं की गई। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब’’ अनुसार। (ग) जी हाँ। श्री उपाध्याय के विरूद्ध आरोप प्रमाणित नहीं होने से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार द्वारा निलंबन काल के वेतन भत्ते प्रदाय किये गये। अतः जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) श्री रमाकान्त उपाध्याय को समय पर भारमुक्त न करने एवं स्थगन रिक्त कराने हेतु समूचित प्रयास न करने में विलंब के लिए श्री अजित बर्वा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार को कारण बताओं सूचना पत्र जारी करने हेतु आयुक्त संभाग चम्बल मुरैना को लिखा गया हैं।
रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
28. ( क्र. 622 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लहार के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय लहार, बालाजी मिहोना तथा आलमपुर में प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों सहित स्टाफ के कितने पद किस दिनांक से रिक्त हैं? महाविद्यालयवार जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के तहत महाविद्यालयों में रिक्त पदों को भरने के लिए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में सभी क्रीड़ाधिकारी तथा ग्रंथपाल के पद भर दिये गये है? यदि नहीं, तो माननीय न्यायालय के निर्देश के पालन में पदों को न भरने का क्या कारण है? (घ) क्या लहार आलमपुर महाविद्यालय में क्रीड़ा अधिकारी के पद हैं? यदि हाँ, तो फिर बालाजी मिहोना में पदस्थ क्रीड़ा अधिकारी को लगभग दो वर्ष पूर्व श्योपुर में स्थानांतरण करने का कारण बतायें? उपरोक्त महाविद्यालय में समस्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र लहार के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय लहार, बालाजी-मिहोना तथा आलमपुर में प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों सहित स्टाफ के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की महाविद्यालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) आदेश क्रमाक एफ 1-43/2016/38-1 दिनांक 05.12.2016 द्वारा पद पूर्ति कर दी गई है। (घ) जी हाँ। प्रशासकीय आधार पर स्थानान्तरण किया गया। दिनांक 24.11.2016 एवं 19.02.2016 को लोकसेवा आयोग को 2371 सहायक प्राध्यापकों की भर्ती की कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। लोकसेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होने पर पद पूर्ति होगी। वर्तमान में रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों से कार्य संपादित कराया जाता है।
नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को समयमान वेतनमान
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 629 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश के नगर निगम/नगर पालिका/नगर परिषदों में कार्यरत उपयंत्री को समयमान-वेतनमान का लाभ दिया गया, शेष को नहीं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शेष कर्मचारियों को भी समयमान-वेतनमान की पात्रता होते हुए प्रश्न दिनांक तक समयमान-वेतनमान नहीं दिया गया? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या समयमान वेतनमान देने की प्रक्रिया चल रही है? यदि हाँ, तो कब तक प्रकिया पूर्ण की जावेंगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के लिये कर्मचारियों को आर्थिक हानि पहुंचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी को चिन्हित किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। चिन्हित किया जावेगा तो कब तक? चिन्हित कर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 86 के अंतर्गत गठित मध्य प्रदेश राज्य नगरीय यांत्रिकी सेवा के उपयंत्रियों को समयमान दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग के समयमान वेतनमान प्रदाय करने संबंधी परिपत्र क्रमांक एफ-11 /1 /2008 / नियम/चार दिनांक 24.01.2008 के अनुपालन में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 4-123 / 2012 / 18-1 दिनांक 18 सितंबर 2012 द्वारा उपयंत्रियों को समयमान वेतनमान दिया जा रहा है। (ख) नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत नगरीय निकायों तथा मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 86 के अंतर्गत अन्य राज्य स्तरीय सेवाओं के अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिए जाने के संबंध में विभाग स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, क्योंकि समयमान वेतनमान प्रदाय किए जाने के लिए प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा निर्णय लिया जाना है, जिसमें वित्त विभाग के अधिकारी भी सदस्य है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों का वेतन भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 646 ) श्री
बलवीर सिंह
डण्डौतिया :
क्या नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
नगर पालिक
निगम मुरैना
में मुरैना
शहर की समीप
ग्राम पंचायतों
को नगर निगम
मुरैना गठन के
पश्चात
सम्मिलित
किया गया था, जिसमें
मुडि़याखेड़ा
वार्ड नं. 01, बडोखर
वार्ड नं. 02, लालौर
कला वार्ड
क्र. 03 का
विलय किया गया
था। यदि हाँ, तो क्या
विलय के समय
जिला पंचायत
मुरैना के
पत्र
क्र./पंचा.
प्रको./2016/18810
दिनांक 22/10/2016 को
एक लगायत ग्यारह
तक की सूची
प्रस्तुत की
थी, जिसमें
भी घनश्याम 08 पम्प
मैकेनिक, श्री
राजबहादुर 09 पम्प
ऑपरेटर एवं
श्री गिरीश
शर्मा 10
हैण्डपंप मैकेनिक
की नियुक्ति
दिनांक सहित
जानकारी
प्रस्तुत की
गई थी, जो
जिला पंचायत
मुरैना
द्वारा जाँच
उपरांत वैद्य
सूची भेजी गई
थी। (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
11 व्यक्तियों
में से क्र. 8, 9, 10 को मान्य
नहीं किया गया
है? (ग) क्या
प्रश्नांश
(ख) में वर्णित
कर्मचारियों
को परेशान
करने की
दृष्टि से
बार-बार नगर
निगम मुरैना
द्वारा जिला
पंचायत
मुरैना को कई
त्रुटियां
दिखाकर इनके
वेतन भुगतान
नहीं किये गये
हैं? क्या
कारण है व इन्हें
कब तक वेतन
भुगतान कर
दिया जावेगा? निश्चित
तिथि बताया
जावे।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ। (ख)
जी हाँ। (ग) जी
नहीं, अपितु
एम.आई.सी. के
संकल्प
क्रमांक 32 दिनांक 19/04/2017 द्वारा
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी के
पत्र
क्रमांक/पंचा.प्रको./2016/18810 दिनांक 20/10/2016 के सरल
क्रमांक 08 से 11
तक में उल्लेखित
कर्मचारियों
के सेवा
अभिलेख तथा
नियुक्ति के
संबंध में
पुन: जाँच की
आवश्यकता का
संकल्प
पारित किया
गया था। जिसके
पालन में मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत
मुरैना को पत्र
क्रमांक/सा/2017/2123 दिनांक 24.05.2017 से
एम.आई.सी. के
निर्णय के
क्रम में आगामी
कार्यवाही
हेतु प्रेषित
किया गया है
जो अभी अप्राप्त
है। एम.आई.सी.
के उक्त
निर्णय के
क्रम में
क्रमांक 08 से 11
तक
कर्मचारियों
का संविलियन
मान्य न किए
जाने के कारण
वेतन भुगतान
का प्रश्न ही
उत्पन्न
नहीं होता है।
नगर निगम
मुरैना के
पत्र क्रमांक
सा/2017/2123
दिनांक 24.05.2017
द्वारा मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत से
संबंधितों के
संबंध में
चाहे गये जाँच
प्रतिवेदन के प्राप्त
होने पर उसके
परीक्षणोपरांत
गुणदोष के आधार
पर नगर निगम
में संविलियन
के निर्णय पश्चात
ही वेतन
भुगतान की
कार्यवाही की
जा सकेगी। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
गौण खनिज रायल्टी एवं अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क की वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 661 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्रं.6568 दिनांक 21.03.2017 के उत्तर भाग (ख) में प्रश्नाधीन अवधि में गौण खनिज अन्तर्गत तहसील मुरैना में स्थित खदानों से 5,70,64,468/- रूपये, अम्बाह तहसील में स्थित खदानों से 1,13,000/- रूपये खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त होने, स्टाम्प शुल्क अन्तर्गत तहसील मुरैना में 17,02,15,533/- रूपये एवं तहसील अम्बाह में 4,45,12,140/- रूपये प्राप्त होने एवं भाग (ग) में प्राप्त राशि में से दोनों तहसीलों की ग्राम पंचायतों में कोई कार्य स्वीकृत नहीं होने संबंधी उत्तर दिया गया हैं। (ख) राशि (गौण खनिज) व स्टाम्प शुल्क के खर्च करने के क्या प्रावधान हैं व कार्य न किये जाने के क्या कारण हैं व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी जवाबदार हैं? नाम, पद, पता सहित जानकारी दी जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) राशि (गौण खनिज) के खर्च करने के लिए म.प्र.राजपत्र दिनांक 19 सितम्बर, 2008 में प्रकाशित अंतिम नियम खनिज साधन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल दिनांक 27 अगस्त, 2008 के (3) (क) अनुसार ‘‘पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग आवंटित रकम का उपयोग पंचायत राज संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं ग्राम पंचायत के मानदेय के भुगतान तथा अद्योसंरचना विकास में करेगा।‘‘ का प्रावधान हैं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार हैं। स्टाम्प शुल्क के खर्च करने के लिए म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अधिसूचना क्रमांक/531/1265/22/पं/2/91, दिनांक 7 मई 1992 के 7 (3) के (क) अनुसार ‘‘पंचायतों के लिए मंजूर किये गये कर्मचारी वृन्द के वेतन तथा भत्तो के संदाय के लिए पंचायतों को सहायता अनुदान मंजूर कर सकेगी।‘‘ एवं (ख) अनुसार निम्नलिखित प्रयोजन के लिए सहायता मंजूर कर सकेगी (एक) अधिनियम के अधीन वैकल्पिक करो के अधिरोपन तथा संग्रहण के प्रयासों के प्रोत्साहन। (दो) -पंचायतों द्वारा लाभकारी आस्तियों के सृजन। (तीन) -पंचायतों द्वारा ऐसी मशीनरी तथा उपस्कर के क्रय के लिए पूंजीगत विनिधान जो सामान्य लोकोपयोगी कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक हो जैसे सड़क का सन्निर्माण, पीने के पानी का प्रदाय। (चार) -कोई अन्य प्रयोजन की राज्य सरकार की राय में लोकोपयोगी हो।का प्रावधान हैं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार हैं। शेष जानकारी संकलित की जा रही है।
पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन का निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन होना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
32. ( क्र. 691 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर पॉलिटेक्निक भवन का निर्माण कार्य निर्माण एजेन्सी एल.यू.एन. द्वारा किस दिनांक को प्रारंभ/पूर्ण कराया निर्माण एवं अन्य कार्यों की गारण्टी अवधि क्या थी? किस दिनांक को भवन का आधिपत्य एल.यू.एन. ने कॉलेज प्राचार्य/संबंधित विभाग को सौंपा? (ख) क्या कॉलेज प्राचार्य/संबंधित विभाग द्वारा भवन का आधिपत्य लेने के दिनांक से गारण्टी अवधि में ही भवन निर्माण एवं अन्य कार्यों में रही खमियों की ओर एल.यू.एन. का ध्यान बार-बार मौखिक एवं लिखित रूप से आकर्षित कराया गया लेकिन एल.यू.एन. द्वारा खामियों को दुरूस्त करने का आश्वासन तो दिया लेकिन दुरूस्त नहीं की गई। (ग) क्या उक्त कारण से विवश होकर कॉलेज प्राचार्य ने अपने पत्र क्र. 340 दिनांक 01.07.2016 में भवन निर्माण एवं अन्य कार्यों में रही खामियों को दुरस्त कराने हेतु एल.यू.एन. को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें कि एल.यू.एन. द्वारा पत्र पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन उक्त भवन के गुणवत्ताहीन निर्माण व अन्य कार्यों की जाँच करवाएगा यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) श्योपुर पॉलीटेक्निक कॉलेज का निर्माण कार्य निर्माण एजेन्सी लघु उद्योग निगम द्वारा दिनांक 17.10.2011 को प्रारंभ कर दिनांक 31 दिसम्बर 2013 को कार्य पूर्ण कर दिया गया। परफॉर्मेंस गारंटी अवधि दो वर्ष रखी गई थी, जो 31.12.2015 को समाप्त हो गई है। दिनांक 31.12.2013 को भवन का आधिपत्य लघु उद्योग निगम ने कॉलेज प्राचार्य/संबंधित विभाग को सौंप दिया था। (ख) जी नहीं। कॉलेज प्रबंधन को आधिपत्य देते समय कॉलेज प्रबंधन द्वारा किसी भी प्रकार की कमियों के बारे में नहीं बताया गया था और साथ ही उक्त भवन माह जुलाई, 2014 से उपयोग में लिया जाने लगा। भवन का आधिपत्य प्राप्त करने के ढाई वर्ष पश्चात् प्राचार्य पॉलिटेक्निक कॉलेज श्योपुर द्वारा पत्र दिनांक 01.07.2016 के माध्यम से उक्त भवन में कमियों के संबंध में लेख किया गया। (ग) जी हाँ। पत्र क्रमांक 340 दिनांक 01.07.2016 संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भवन का आधिपत्य सौंपने से लेकर दो वर्ष की अवधि के पश्चात निर्माण एजेंसी की नियमित रख-रखाव की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्या छात्रावास पी.जी. कॉलेज श्योपुर हेतु पद पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
33. ( क्र. 692 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला मुख्यालय पर पी.जी. कॉलेज केम्पस में कन्या छात्रावास भवन का निर्माण व बिजली फिटिंग कार्य फरवरी, 2014 में पूर्ण होने के उपरांत वर्तमान तक होस्टल मेनेजर का पद स्थानांतरण के जरिए न भरे जाने के क्या कारण है कब एवं तक भरा जावेगा? (ख) उक्त छात्रावास हेतु चतुर्थ श्रेणी के भृत्य एवं स्वीपर के एक-एक पद एवं चौकीदार के दो पद आउटसोर्स से भरने हेतु दिनांक 25.02.2017 को निविदा जारी की गई क्या निविदाएं प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो नियमानुसार कार्यवाही करके उक्त पदों को क्यों नहीं भरा गया? निविदाएं प्राप्त न होने की स्थिति में पुन: निविदा जारी करने में क्यों विलंब किया जा रहा है? (ग) क्या उक्त पदों को भरने में विलंब के कारण अन्यत्र स्थानों से आने वाली छात्रायें छात्रावास सुविधा से वंचित हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो छात्राओं के हित में क्या होस्टल मैनेजर का पद स्थानांतरण के जरिये तथा सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद आउटसोर्स से निविदा के जरिये शीघ्र भरे जावेंगे अथवा इन पदों के भरने के अधिकार कॉलेज प्रबंधन को देने के निर्देश जारी करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) होस्टल मैनेजर के पदों पर कार्यरत संख्या में कमी होने से पद रिक्त है। पद भरने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) दिनांक 05.02.2017 को जारी निविदा विज्ञापन में कोई भी निविदा प्राप्त नहीं हई, जिससे पद नहीं भरे जा सके। पुनः दिनांक 03.05.2017 को तृतीय आमंत्रण निविदा विज्ञापन जारी किया गया, किन्तु कोई भी निविदा प्राप्त नहीं होने के कारण पद पूर्ति नहीं की जा सकी। (ग) जी हाँ। (घ) छात्रावास संचालित नहीं है एवं महाविद्यालय में प्रवेशित किसी भी छात्रा ने छात्रावास में प्रवेश नहीं लिया है। रिक्त पदों को आउटसोर्स पद्धति से भरने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
राजीव गांधी जलग्रहण मिशन के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 728 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत जनपद क्षेत्र परासिया, तामिया व जुन्नारदेव में राजीव गांधी जलग्रहण मिशन के तहत वर्ष 2011 से वर्ष 2016 तक कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? (ख) वर्ष 2011 से वर्ष 2016 तक जनपद क्षेत्र परासिया, तामिया व जुन्नारदेव में जो निर्माण कार्य कराये गये हैं, उन निर्माण कार्यों में जो सामग्रियां उपयोग की गई हैं, उन सामग्रियों को कहाँ-कहाँ से क्रय किया गया है और क्रय की गई सामग्री हेतु किसे-किसे कितना-कितना भुगतान किया गया हैं? (ग) जनपद क्षेत्र परासिया, तामिया व जुन्नारदेव में राजीव गांधी जलग्रहण मिशन के तहत वर्ष 2011 से वर्ष 2016 तक जो निर्माण कार्य कराये गये हैं, उनमें से कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं और कितने कार्य अपूर्ण हैं और अपूर्ण कार्य को कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
कन्या महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान किया जाना
[उच्च शिक्षा]
35. ( क्र. 729 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 17.12.2015 को परामर्शदात्री समिति की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार परासिया में कन्या महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत परीक्षण किया जाना था। यदि हाँ, तो इस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत परासिया में कन्या महाविद्यालय (गर्ल्स कॉलेज) खोले जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अनेकों पत्र प्रेषित किये गये हैं। उन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) परासिया में कन्या महाविद्यालय (गर्ल्स कॉलेज) खोले जाने की स्वीकृति प्रदान किये जाने में विभाग द्वारा विलम्ब क्यों किया जा रहा है। कब तक कन्या महाविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ, रूसा/वर्ल्ड बैंक परियोजना के अंतर्गत परीक्षण कर कार्यवाही किये जाने का निर्णय था। रूसा के अंतर्गत परासिया में कन्या महाविद्यालय के स्थान पर परासिया के शासकीय महाविद्यालय को मॉडल स्नातक महाविद्यालय के रूप में उन्नयन किये जाने हेतु प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रेषित किया गया था परन्तु प्रोजेक्ट एप्रुवल बोर्ड नई दिल्ली द्वारा इसकी स्वीकृति प्राप्त नहीं हो सकी। (ख) जी हाँ। पूर्व में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 15/मं/आउशि/यो/14 दिनांक 17.10.2014 के द्वारा माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया जा चुका है कि "वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में सुदृढीकरण, गुणवत्ता एवं विकास करने के प्रयास किये जा रहे हैं अतः तहसील परासिया में कन्या महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है"। (ग) वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण परासिया में कन्या महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
नालों के गंदे जल का शुद्धिकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 745 ) श्री मोती कश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम कटनी क्षेत्र में कौन-कौन से नाले किन बस्तियों से होकर बहते हैं और किन नदियों में जाकर मिलते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) नालों के पानी की गुणवत्ता कितने ग्रेड की है? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) नालों व नदियों के जल के शुद्धिकरण करने और उसके किसी प्रकार के उपयोग हेतु कोई योजना बनायी गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) योजना कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, कटनी क्षेत्र में एक स्थानीय नाला गाटरघाट के समीप कटनी मेन मार्केट से होकर कटनी नदी में तथा दूसरा स्थानीय नाला आदर्श कालोनी के समीप कटनी मेन मार्केट से होकर कटनी नदी में जाकर मिलता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित दोनों नालों के जल के विश्लेषण परिणाम के अनुसार सतही जल हेतु निर्धारित भारतीय मानक : 2296-1982 के अनुसार प्राय: जल ''डी'' श्रेणी के अंतर्गत पाया जाता है। (ग) एवं (घ) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कटनी नदी के जल की गुणवत्ता ''ए'' एवं ''बी'' होना उल्लेखित है जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बड़वारा में स्नातकोत्तर कक्षाओं की घोषणा का क्रियान्वयन
[उच्च शिक्षा]
37. ( क्र. 746 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 11-9-2016 को बड़वारा मुख्यालय में जनदर्शन सभा को सम्बोधित कर मा.मंत्री श्री ज्ञानसिंह, मा. राज्यमंत्री श्री संजय पाठक एवं प्रश्नकर्त्ता विधायक के साथ वाहन से प्रस्थान करने के उपरान्त 100 मीटर दूर छात्र-छात्राओं द्वारा रोके जाने पर मा. मुख्यमंत्रीजी ने मांग मानकर तदाशय का आश्वासन दिया है कि बड़वारा महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की कक्षायें प्रारंभ करायी जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) को मा. मुख्यमंत्रीजी की घोषणा में न लिये जाने एवं आई.डी. कोड नं. न दिये जाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या विभाग किसी उच्च अधिकारियों के दल से प्रश्नांश (क) घटना की जाँच करायेगा और मा. मुख्यमंत्रीजी की घोषणा का क्रियान्वयन करायेगा? (घ) बड़वारा महाविद्यालय में कब स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ करा दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) से (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बड़वारा कटनी में दिनांक 11.09.2016 को की गई घोषणा कमांक बी. 2513 अनुसार "स्थानीय छात्राओं की मांग पर कॉलेज में विज्ञान एवं वाणिज्य की कक्षायें आरम्भ की जावेगी।" उक्त घोषणा की पूर्ति शासन के आदेश क्रमांक एफ 23-1/16/38-2 दिनांक 06.10.2016 द्वारा की गयी है। उक्त घोषणा में शासकीय महाविद्यालय बड़वारा में स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ किये जाने का उल्लेख नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बड़वारा महाविद्यालय में पी.जी. कक्षायें प्रारंभ करने की वर्तमान में योजना नहीं है।
वित्तीय संहिता के अंतर्गत प्रशासनिक स्वीकृति
[वन]
38. ( क्र. 776 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन वित्तीय संहिता के अंतर्गत प्रशासनिक स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करवाएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में किस स्तर के अधिकारी कितनी-कितनी राशि की प्रशासनिक, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करने हेतु सक्षम हैं? (ग) छतरपुर वन मंडल में वर्ष 2014-15,2015-16 एवं 2016 -17 में महावार, मदवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गई तथा व्यय अनुसार प्रशासनिक, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृतियों की सूची प्रदान करते हुए समस्त स्वीकृतियों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रावधान अनुसार प्रशासनिक, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति जारी न होने के बावजूद भी भुगतान करने वाले आहरण एवं संवितरण अधिकारी के विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। तकनीकी, प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्न के संदर्भ में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ईट के भट्टे का संचालन
[खनिज साधन]
39. ( क्र. 787 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में कितने ईट के भट्टे कहाँ-कहाँ लगाये गये हैं तथा इनका संचालन किन-किन व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा है? क्या भट्टे निजी भूमि पर लगाये गये हैं अथवा शासकीय भूमि पर, भूमि का खसरा नम्बर, रकबा, नाम, ग्राम तथा पटवारी हल्का नम्बर सहित बतलावें? (ख) क्या उक्त ईट के भट्टों को चलाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कोई अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो बतलावें, यदि नहीं, तो इनके विरूद्ध प्रचलित नियमों के तहत् क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या दमोह जिले/शहर के आसपास ईट भट्टे कई वर्षों से संचालित हैं, उनके विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो जन सामान्य के हित में अभी तक कितनों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाकर ईट भट्टे को हटाने की कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' में दर्शित है। (ख) जी नहीं। जिला प्रशासन द्वारा ईट भट्टा संचालन के लिये कोई अनुमति नहीं दी गई है। परन्तु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3(क) के तहत एक ईट भट्टा संचालक को तीन ईट भट्टों के संचालन हेतु तहसीलदार दमोह द्वारा प्रमाणीकरण दिया गया है। (ग) जी हां। दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत ईट भट्टा को प्रतिबंधित करने का प्रश्न कानून की विवेचना का है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज विभाग द्वारा गिट्टी एवं मुरम उत्खनन
[खनिज साधन]
40. ( क्र. 788 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक खनिज विभाग द्वारा किन-किन व्यक्तियों/ संस्थाओं/सड़क निर्माणाधीन कम्पनियों के नाम से गिट्टी एवं मुरम उत्खनन हेतु शासकीय व निजी भूमि आवंटित की गई है। आवंटित की गई भूमि किस ग्राम, पटवारी हल्के में स्थित है तथा भूमि का खसरा नम्बर एवं रकबा क्या है? (ख) क्या पट्टाधारी द्वारा आवंटित भूमि से लगी हुई अन्य अतिरिक्त भूमि वन एवं राजस्व से मुरम एवं गिट्टी का अवैध उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये तथा उनसे कितना जुर्माना वसूल किया गया है, प्रकरणवार बतलावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के दौरान कितने अवैध रेत के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये तथा उन पर कितना-कितना जुर्माना किया गया? प्रकरणवार बतलावें? जिला प्रशासन द्वारा अवैध रेत खनन एवं विक्रय पर रोक लगाने हेतु क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। जिले में अवैध उत्खनन, परिवहन की रोकथाम हेतु जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित है। समय-समय पर जिले में खनिज, राजस्व, वन एवं पुलिस विभाग द्वारा जाँच की कार्यवाही की जाती है। जाँच में प्रकरण प्रकाश में आने पर उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
ग्रामों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
41. ( क्र. 892 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत ग्रामीण अंचलों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ने की योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो शाजापुर जिले में उक्त योजना के अंतर्गत 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी सड़कें स्वीकृत की गई? सूची उपलब्ध कराई जावे। (ख) परि. अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2732 दिनांक 27/7/2015 के अनुसार शाजापुर विधान सभा क्षेत्र की प्रमुख सड़कें I कॉजाखेड़ा से बंजारों का डेरा II लोंदिया मुख्य सड़क से पाण्डखोरा III मेंहदी मुख्य सड़क से छायन IV बमोरी से पिंदोनिया रोड आदि? क्या मार्ग मुख्यमंत्री सड़क योजना में सम्मिलित किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक योजना के अंतर्गत मांर्गों का निर्माण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित सड़कें मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार नहीं होने से सम्मिलित नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल टेंकर का क्रय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
42. ( क्र. 898 ) श्री अरूण भीमावद : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2802 दिनांक 07/03/2017 के अनुसार प्रश्नांश (क) से (ग) के अनुसार क्या आम जनता को पेयजल हेतु विधायक निधि टेंकर क्रय किया जाने के लिए एजेंसी अनुबंधित है? (ख) क्या ग्राम पंचायत भी एक शासकीय ईकाई है जो पंचायत क्षेत्र के विकास हेतु शासन के नियमानुसार क्रय कर सकती है। तो विधायक निधि से टेंकर क्यों नहीं कर सकती है? (ग) क्या शासन द्वारा लघु उद्योग निगम से टेंकर क्रय किये जाना पाबन्द है? अन्य शासकीय एजेंसी से क्यों नहीं? (घ) विधानसभा क्षेत्र शाजापुर में सत्र 2016-17 में सत्रह टेंकर लघु उद्योग निगम से पंजीकृत एजेंसी से क्रय हेतु अनुशंसा की गई फिर भी विभाग द्वारा भुगतान नहीं किया गया ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका की कंडिका 2.2 के अनुसार एजेन्सी का निर्धारण किया जाता है। (ख) जी हाँ। विधायक निधि से। सांसद निधि भारत शासन से संबंधित है। (ग) म.प्र. भण्डार नियम 2015 के नियमानुसार टेंकर लघु उद्योग नियम की आरक्षित सूची का आईटम होने से लघु उद्योग निगम से ही क्रय किया जा सकता है। (घ) विधानसभा क्षेत्र शाजापुर से वर्ष 2016-17 में 17 टेंकर की अनुशंसा की गई थी। जिसमें क्रियान्वयन एजेन्सी ग्राम पंचायत को बनाया गया था। अनुशंसा में अंकित दर एवं लघु उद्योग निगम की स्वीकृत दर में असमानता थी। इस कारण से 17 पेयजल टेंकर की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई थी व भुगतान नहीं किया गया।
शासकीय मंदिर ग्राम मुहारा की भूमि पर अतिक्रमण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
43. ( क्र. 918 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुहारा ग्राम में शासकीय मंदिर की भूमि खसरा क्र. 1398/1 रकबा, 0,113 हेक्टेयर भूमि भगवान रामचन्द्र महाराज क स्वामित्व की भूमि है और उक्त मंदिर के प्रबंधक कलेक्टर टीकमगढ़ हैं? क्या उक्त भूमि पर ग्राम मुहारा के लोगों द्वारा अवैध अतिक्रमण कर लिया है जिसके संबंध में माननीय न्यायालय जबलपुर द्वारा एक माह में अतिक्रमण हटाये जाने के आदेश जारी किये गये थे? परंतु प्रश्न दिनांक तक उक्त अतिक्रमण नहीं हटाया गया? कारण स्पष्ट करें तथा समयावधि बतायें कि उक्त अतिक्रमण कब तक हटा दिया जावेगा। (ख) क्या मंदिर की बेशकीमती भूमि पर अवैध निर्माण करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही कर उक्त मंदिर की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी जतारा द्वारा आज तक इस प्रकरण पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? जानकारी से अवगत करायें तथा आगे अतिक्रमण हटाये जाने की शासन द्वारा क्या योजना हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुरैना सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र के कार्यों की जानकारी
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
44. ( क्र. 939 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र मुरैना का कुल क्षेत्रफल कितना है? वर्तमान में यहां कितना निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितनी राशि विद्युत कार्य, सड़क मार्ग, जल कार्यों पर खर्च की जा चुकी है? जून 2017 की स्थिति में पूर्ण विवरण अलग-अलग दी जावे। (ख) उक्त क्षेत्र में कितने ब्लॉक औद्योगिक संस्थानों के प्रयोजन हेतु एवं कितने प्रशासनिक प्रयोजन हेतु बनाये जा रहे हैं? क्या इन ब्लॉकों को श्रेणीवार विभक्त किया हैं? (ग) औद्योगिक संस्थान स्थापित करने हेतु अभी तक कितने उद्यमियों के आवेदन ऑनलाईन व कितने उद्योग विभाग के माध्यम से प्राप्त हुए हैं? आवंटित प्रक्रिया कब से प्रारंभ की जावेगी? जून 2017 की स्थिति में उनकी संख्या सहित जानकारी दी जावे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर, मुरैना का कुल क्षेत्रफल 209.95 हेक्टेयर हैं। (प्रथम चरण 54.46 हेक्टेयर एवं द्वितीय चरण 155.49 हेक्टेयर) प्रथम चरण का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका हैं एवं द्वितीय चरण का कार्य 63 प्रतिशत पूर्ण हुआ हैं तथा विद्युत कार्य, सड़क मार्ग, जल कार्यों एवं अन्य अधोसंरचना कार्यों पर कुल रू. 68.05 करोड़ का व्यय किया गया हैं। माह जून-2017 की स्थिति में अधोसंरचना कार्यों पर हुये व्यय का पूर्ण विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) औद्योगिक क्षेत्र में 03 ब्लॉक औद्योगिक संस्थानों के प्रयोजन हेतु 01 ब्लॉक प्रशासनिक एवं 22 ब्लॉक अन्य प्रयोजन हेतु बनाये गये हैं। इन ब्लॉकों को श्रेणीवार विभाजित किया गया हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर जिला मुरैना के प्रथम चरण में भूमि आवंटन हेतु 02 आवेदन ऑनलाईन प्राप्त हुये है, उद्योग विभाग के माध्यम से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ हैं। प्रथम चरण में भूमि आवंटन प्रक्रिया दिनांक 01.09.2015 से प्रचलन में हैं। द्वितीय चरण की भूमि आवंटन प्रक्रिया अधोसंरचना कार्य पूर्ण होने पर विभागीय अधिसूचना जारी होने के पश्चात प्रारंभ की जायेगी। जून 2017 की स्थिति में 02 आवेदन भूमि आवंटन हेतु प्राप्त हुये। जिसमें से एक आवेदक मेसर्स मयूर यूनिकोटर्स लि. को 25 एकड़ भूमि आवंटन हेतु दिनांक 11.04.17 को आशय पत्र जारी किया गया एवं दूसरी इकाई मेसर्स एस.सी.एम. पैकेजिंग को भूमि आवंटन हेतु जारी आशय पत्र की शर्तों की पूर्ति न करने से भूमि का आवंटन नहीं किया गया हैं।
विधि महाविद्यालयों की संबद्धता बहाली
[उच्च शिक्षा]
45. ( क्र. 940 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, चम्बल संभाग के विधि महाविद्यालयों की सम्बद्धता समाप्त करने के क्या कारण है? महाविद्यलयों के नाम, सम्बद्धता समाप्त करने का कार्यकाल सहित पूर्ण जानकारी जून 2017 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) सम्बद्धता समाप्त होने वाले महाविद्यालयों में छात्रों की कितनी संख्या है? महाविद्यालयवार एवं विधि स्नातक में वर्ष I, II, III की संख्या की जानकारी दी जावे? (ग) शासन द्वारा सम्बद्धता कब तक बहाल की जावेगी एवं छात्रों के अध्ययन की वैकल्पिक व्यवस्था कैसे की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर द्वारा विधि महाविद्यालयों की संबद्धता समाप्त नहीं की गई है, दिनांक 27.05.2017 को आयोजित विश्वविद्यालय कार्यपरिषद् की बैठक के निर्णयानुसार बी.सी.आई. का अप्रूवल ऑफ़ एफिलिएशन विगत छः वर्षों से न कराने के कारण सत्र 2017-18 में निम्न महाविद्यालयों को प्रथम वर्ष के प्रवेश से वंचित किया गया थाः-
1. शासकीय विधि महाविद्यालय, मुरैना।
2. शासकीय एम.जे.एस. महाविद्यालय, भिण्ड।
3. शासकीय एस.एम.एस.पी.जी. लॉ कॉलेज, शिवपुरी।
4. शासकीय पी.जी. लॉ कॉलेज, गुना।
5. शासकीय नेहरू पी.जी. कॉलेज, अशोकनगर।
6. महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय, ग्वालियर।
(ख) 06 महाविद्यालयों में विधि स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की सत्र 2016-17 की छात्रसंख्या निम्नानुसार हैः-
क्र. महाविद्यालय का नाम प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष तृतीय वर्ष
1. शासकीय विधि महाविद्यालय, मुरैना 77 105 96
2. शासकीय एम.जे.एस. महाविद्यालय, भिण्ड 68 65 77
3. शासकीय एस.एम.एस. पी.जी. लॉ. कॉलेज, शिवपुरी 94 189 172
4. शासकीय पी.जी.लॉ. कॉलेज, गुना 63 128 93
5. शासकीय नेहरू पी.जी. कॉलेज, अशोकनगर 100 151 85
6. महारानी लक्ष्मीबाई शास.उत्कृष्ट महाविद्यालय, ग्वालियर 191 409 271
(ग) निम्न महाविद्यालय द्वारा दी गई अन्डर टेकिंग (3-4 माह में बी.सी.आई. का अप्रूवल ऑफ़ एफिलिएशन जमा करने बावत्) के आधार पर उन्हें सत्र 2017-18 में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने की अनुमति प्रदान की गईः-
1. शासकीय विधि महाविद्यालय, मुरैना।
2. शासकीय एम.जे.एस. महाविद्यालय, भिण्ड।
3. शासकीय एस.एम.एस. पी.जी. लॉ कॉलेज शिवपुरी।
4. शासकीय पी.जी. लॉ कॉलेज गुना।
5. शासकीय नेहरू पी.जी. कॉलेज अशोकनगर।
6. महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय, ग्वालियर।
स्मार्ट नगर परिषद बनाई जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 950 ) श्री
अनिल जैन :
क्या नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क)
क्या राज्य
की नगर
परिषदों को स्मार्ट
सिटी में रखे
जाने की योजना
बनाई जा रही
है? यदि
हाँ, तो
वह-वह कौन-कौन
सी नगर परिषद
हैं जिनको स्मार्ट
सिटी बनाये
जाने का विचार
हो रहा है? (ख) क्या
नगर परिषदों
को स्मार्ट
नगर परिषद में
रखे जाने हेतु
कोई मापदंड
शासन द्वारा
निर्धारित
किया गया है? यदि हाँ, तो पृथक
से बिन्दुवार
जानकारी दी
जावे? (ग) क्या
विधान सभा
क्षेत्र
निवाड़ी के
अंतर्गत आने
वाली नगर
परिषद निवाड़ी, ओरछा व
तरीचरकलां को
स्मार्ट नगर
परिषद की
श्रेणी में
लाने के लिए
कोई विचार
किया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
जानकारी सहित
बताया जावे।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क)
संचालनालय
नगरीय
प्रशासन एवं
विकास द्वारा मिनी
स्मार्ट
सिटी में चयन
की प्रक्रिया
के संबंध में
दिशा-निर्देश
जारी किये गए।
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
नगर परिषद भी
मिनी स्मार्ट
सिटी योजना के
दिशा-निर्देश
अनुसार चयन
प्रक्रिया
में भाग ले
सकते है।
योजना अंतर्गत
34 शहरों
जिसकी जनसंख्या
एक लाख से
अधिक है,
ऐसे शहर इस
योजना में
सम्मिलित हो
सकेंगे। इसके
अतिरिक्त
धार्मिक महत्व
के शहर जो कि 34 शहरों
के अंतर्गत
नहीं आ पाये, वह भी इस
योजना में
सम्मिलित हो
सकेंगे। (ग)
नगर
पालिका/परिषदों
को स्मार्ट
सिटी बनाए
जाने के संबंध
में, राज्य
शासन द्वारा
पूर्व में शहरी
विकास
मंत्रालय, भारत
सरकार की स्मार्ट
सिटी योजना
अंतर्गत
चयनित भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर
एवं सतना
नगरीय
निकायों को
छोड़कर अन्य
नगरीय
निकायों को
मिनी स्मार्ट
सिटी के रूप
में विकसित
किए जाने के
लिए मुख्यमंत्री
शहरी
अधोसंरचना
विकास योजना
द्वितीय चरण
के अंतर्गत
मिनी स्मार्ट
सिटी योजना के
संबंध में
विवरण एवं दिशा-निर्देशा
जारी किये गये
है। जिसके
अंतर्गत नगर
पालिका/परिषद
भी चयन
प्रतियोगिता
में भाग ले
सकते है।
शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर की बाउण्ड्रीवाल निर्माण
[उच्च शिक्षा]
47. ( क्र. 1008 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न क्रमांक 501 दिनांक 08.12.2016 के प्रश्नांश (घ) में बताया गया था कि शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर के परिसर में अतिक्रमण एवं सुरक्षा की दृष्टि से बाउण्ड्रीवाल के निर्माण हेतु स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है? तो क्या प्रश्न दिनांक तक बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब। यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन कॉलेज परिसर में अतिक्रमण एवं सुरक्षा की दृष्टि से बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रथम अनुपूरक बजट 2017-18 में प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, खिलचीपुर के परिसर की बाउण्ड्रीवाल के निर्माण हेतु राशि रूपये 89.66 लाख का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय जीरापुर में कामर्स संकाय प्रारंभ करना
[उच्च शिक्षा]
48. ( क्र. 1009 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा राजगढ़ जिले के शासकीय महाविद्यालय जीरापुर में जनभागीदारी मद से संचालित कॉमर्स संकाय को शासन स्तर से संचालित करने की स्वीकृति हेतु अनेकों बार माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा कॉमर्स संकाय का संचालन शासन स्तर पर कराये जाने हेतु कोई विचार किया गया है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन इसी शैक्षणिक सत्र में छात्र-छात्राओं के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये कॉमर्स संकाय का संचालन शासन स्तर से किये जाने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो विभाग को इसमें क्या कठिनाइयाँ उत्पन्न हो रही हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। परीक्षणोपरांत मापदण्ड की पूर्ति नहीं पाई जाने के कारण शासकीय महाविद्यालय जीरापुर में वाणिज्य संकाय प्रारंभ करने में शासन के पत्र क्रमांक 11362/1895/2016/38-2 दिनांक 02/07/2016 के द्वारा कठिनाई व्यक्त की गई है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश 'क' अनुसार।
हरियाली महोत्सव
[वन]
49. ( क्र. 1015 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2014 तक हरियाली महोत्सव अंतर्गत एवं महोत्सव के अतिरिक्त वन विभाग की समस्त शाखाओं द्वारा खरगोन जिले में कब-कब कितने-कितने पौधे किन-किन स्थानों पर लगाये गये? स्थानवार संख्या सहित सूची देवें। (ख) उपरोक्त बिंदु (क) में उल्लेखित पौधारोपण कार्यक्रम अंतर्गत गड्ढा खोदने, पौधा क्रय करने, खाद, ट्री-गार्ड, जाली, खंबे आदि में कुल कितना व्यय हुआ? मदवार कार्यक्रमवार सूची देवें। (ग) उपरोक्त बिंदु (ख) में उल्लेखित जाली, खंबे, ट्री-गार्ड की वर्तमान स्थिति क्या है? इनकी सुरक्षा के क्या उपाय किये गये थे? (घ) उपरोक्त बिंदु (क) में उल्लेखित पौधों में से वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं, शेष पौधों में जीवितता किन कारणों से नहीं है। विभाग कितने प्रतिशत पौधों के जीवितता प्रतिशत को मान्य करता है? इस संबंध में कोई विभागीय नीति/निर्देश हैं तो प्रति देवें। पौधों की जीवितता प्रतिशत संबंधी माननीय उच्चतम न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय के कोई दिशा-निर्देश हैं? तो उसकी प्रति देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्तमान स्थिति अच्छी है। सुरक्षा एवं रखरखाव हेतु सुरक्षा श्रमिक रखे गये हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष पौधें अल्पवर्षा, दीमक तथा अत्यधिक गर्मी के कारण नष्ट हुए है। विभाग 20 प्रतिशत जीवित पौधों को मान्य करता है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। माननीय उच्चतम न्यायालय/माननीय उच्च न्यायालय के कोई दिशा-निर्देश नहीं है।
सातमाता काजवे कम रिंग बेण्ड निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
50. ( क्र. 1026 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवानपुरा विकासखण्ड जिला खरगोन में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता 275 ए (एक) के अंतर्गत कितने निर्माण कार्य किन-किन स्थानों पर पूर्ण किये गये? कार्यवार स्थान का नाम, कार्य का प्रकार, व्यय राशि, उपयंत्री का नाम सहित सूची देवें। (ख) सातमाता काजवे कम रिंग बेण्ड निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति एवं जारी पूर्णता प्रमाण-पत्र की प्रति देवें। क्या इस निर्माण कार्य को प्रस्तावित स्थान से अन्य स्थान पर बनाया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतायें। स्थान परिवर्तन अनुमति/सूचना हेतु किये गये समस्त पत्राचार की प्रति देवें। यदि अनुमति नहीं ली गई है तो कारण बतायें। (ग) सातमाता काजवे का निर्माण प्रस्तावित स्थल से कितने मीटर की दूरी पर है? इस स्थान पर रिंग बेण्ड क्यों नहीं बनाया गया है? इस निर्माण के मूल्यांकन रिपोर्ट की प्रति देवें। (घ) सातमाता काजवे निर्माण संबंधी स्वीकृति एवं भुगतान संबंधी दस्तावेजों की प्रति देवें। इस निर्माण कार्य का प्रारम्भ दिनांक व पूर्णता दिनांक बतायें। क्या इस निर्माण कार्य का भूमिपूजन या लोकार्पण किसी जनप्रतिनिधि से कराया गया है? नाम दिनांक सहित बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सातमाता काजवे कम रिंग बेण्ड का कार्य प्रस्तावित स्थान पर ही निर्मित होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्य के मूल्यांकन रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) निर्माण कार्य संबंधी स्वीकृति एवं भुगतान से संबंधित दस्तावेज की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं प्रपत्र-4 अनुसार है। कार्य दिनांक 22/12/2012 को प्रारंभ किया गया एवं दिनांक 20/06/2013 को पूर्ण हुआ। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
क्षेत्रान्तर्गत शासन संधारित मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
51. ( क्र. 1029 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 02 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत किन-किन शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत की है? स्वीकृत राशि से क्या-क्या कार्य किए गए है? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत किन-किन मंदिरों के जीर्णोद्धार के विधिवत प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कलेक्टर आगर/शाजापुर को भेजे गए हैं? आवरण पत्रों की प्रमाणित प्रति भी उपलब्ध करावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावों में से कौन-कौन से प्रस्ताव संभागायुक्त उज्जैन को भेजे गए हैं? आवरण पत्रों की प्रमाणित प्रति भी कृपया उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित मंदिर जीर्णोद्धार के प्रस्तावों पर स्वीकृति कब तक होगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारंभ करना
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 1030 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारम्भ करने हेतु क्या मापदण्ड एवं प्रक्रिया है? विगत 02 वर्षों में म.प्र. में किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारम्भ किये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय महाविद्यालय सुसनेर में कम्प्यूटर साईंस एवं शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में विज्ञान संकाय प्रारम्भ करने हेतु अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) छात्र हित को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संकायों की स्वीकृति क्या शीघ्र दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) म.प्र. के शासकीय महाविद्यालयों में कितने पद स्वीकृत हैं इनमें से कितने रिक्त एवं कितने भरे हैं? क्या रिक्त समस्त पदों पर अतिथि विद्वान व्यवस्था से पदपूर्ति / व्यवस्था हो रही हैं? विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के संबंध में पूर्ण विवरणात्मक जानकारी देवें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारंभ करने के संदर्भ में आस-पास के विद्यालयों में 12वीं के विद्यार्थियों की संख्या 200 होना प्राथमिक परीक्षण के लिये मापदण्ड के रूप में निर्धारित है, तदोपरांत प्रस्ताव प्रस्तुत कर उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुरूप आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त करने हेतु कार्यवाही की जाती है। विगत 02 वर्षों में जिन शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारंभ किये गये हैं उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। वर्तमान सीमित संसाधनों के कारण शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में विज्ञान संकाय एवं शासकीय महाविद्यालय सुसनेर में कम्प्यूटर साइंस खोले जाने में कठिनाई है। (घ) मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में राजपत्रित श्रेणी के 7695 पद स्वीकृत, 3167 पद रिक्त तथा 4528 पद भरे हैं। अराजपत्रित श्रेणी के स्वीकृत पदों की संख्या 7207, रिक्त पदों की संख्या 2944 तथा भरे पदों की संख्या 4263 है। सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक के रिक्त पदों पर अतिथि विद्वान आमंत्रित किये जाने की व्यवस्था है। विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में शासकीय महाविद्यालय सुसनेर एवं शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा संचालित है, जिसमें स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों से अध्यापन कार्य कराये जाने के निर्देश हैं।
योजना आयोग की योजनाएं
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
53. ( क्र. 1037 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य योजना आयोग द्वारा प्रदेश के संसाधनों का आंकलन एवं इनके समुचित उपयोग हेतु वर्ष २०१५, २०१६ एवं २०१७ में अब तक कितनी और कौन-कौन सी योजनाऍ तैयार की है? योजनावार - राशिवार ब्यौरा दें। (ख) योजनाओं की प्रगति का कब-कब पुनरावलोकन, मूल्यांकन एवं अनुश्रवण किया गया तथा कितनी और कौन-कौन सी योजना क्रियान्वयन कार्यक्रमों में नीतियों आदि में उपायों का समायोजन किया गया? (ग) वर्ष २०१६-१७ हेतु कितनी राशि योजना सीमा हेतु भारत सरकार ने अनुमोदित की तथा २०१७-१८ से २०१९-२० तक त्रिवर्षीय एक्शन प्लान तैयारी की स्थिति का ब्यौरा क्या है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2015-16 में रूपये 6080500 लाख, वर्ष 2016-17 में रूपये 7096600 लाख एवं वर्ष 2017-18 में रूपये 22035425.27 लाख की योजना सीमा का निर्धारिण किया गया। जिनका विभागवार/योजनावार राशि का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) प्रत्येक विभाग उनके विभाग के द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं का मूल्यांकन एवं अनुश्रवण स्वतंत्र रूप से किया जाता है। राज्य योजना आयोग द्वारा जिन योजनाओं का मूल्यांकन/अध्ययन कराया गया उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। नीतियों आदि के उपायों का समायोजन विभागों द्वारा स्वतंत्र रूप से किया जाता है। (ग) वर्ष 2016-17 हेतु भारत सरकार योजना आयोग में योजना सीमा के अनुमोदन संबंधित बैठक आयोजित न होने के कारण योजना सीमा का अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ। भारत सरकार नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक के त्रिवर्षीय एक्शन प्लान तैयार करने हेतु राज्य योजना आयोग द्वारा विभागों एवं विभागाध्यक्षों से चर्चा की जा रही है।
नेशनल पार्कों हेतु टाइगर स्ट्राइक फोर्स का गठन
[वन]
54. ( क्र. 1042 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष २०१२ में केन्द्र शासन ने प्रदेश सरकार को पेंच कान्हा एवं बांधवगढ टाइगर रिजर्व में फोर्स गठित करने को कहा था? क्या इस फोर्स के वेतन भत्ते का भार भी केन्द्र उठाने को तैयार है? तत्संबंधी पूर्ण ब्यौरा क्या है? (ख) क्या प्रदेश सरकार फोर्स हेतु जवानों की भर्ती के नियम अभी तक नहीं बना पाई? यदि नहीं, तो क्यों? जब कि अन्य राज्यों में इस फोर्स का गठन हो चुका है? (ग) अवैध शिकार व बाघों की रक्षा हेतु केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत टाईगर स्ट्राइक फोर्स का गठन सरकार कब तक कर लेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। फोर्स हेतु भर्ती के नियम बनाने की प्रक्रिया विचाराधीन है। अन्य राज्यों के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण केन्द्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप प्रश्नांकित टाइगर रिजर्वस के लिये टाइगर स्ट्राइक फोर्स के गठन की कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
55. ( क्र. 1043 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामोदय से भारत उदय अभियान 2017 के अंतर्गत विजयपुर विधान सभा क्षेत्र में ग्राम सभाओं द्वारा किस-किस पंचायत में जल संरचनाओं के निर्माण, जल संरक्षण एवं संवर्धन संबंधी कौन-कौन से प्रस्ताव पारित हुए हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर श्योपुर को भेजे गये? पंचायतवार, विकासखण्ड वार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्तावित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गए हैं? (ग) विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि से नवीन तालाब निर्माण कार्य एवं कौन-कौन से तालाब की मरम्मत कार्य स्वीकृत किया गया है ? ग्राम पंचायतवार स्वीकृत कार्य ऐजेंसी एवं राशि की जानकारी दें? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा तहसील कराहल में विभिन्न मदों के तहत पूर्व से निर्मित तालाबों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार हेतु कलेक्टर श्योपुर को लिखे गए पत्र क्र. 3345 दि. 06-10-15, पत्र क्र. 1115 दि. 27-05-17, मुख्य सचिव, म.प्र. शासन को लिखे गए पत्र क्र. 3395 दि. 24-15-15 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्योपुर को लिखे गए पत्र क्र. 1116 दि. 27-05-17 पर क्या कार्यवाही की गयी? कौन-कौन से तालाबों की मरम्मत के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामोदय से भारत उदय अभियान 2017 अंतर्गत विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में जनपद विजयपुर में 301 एवं जनपद पंचायत कराहल में 51, कुल 352 जल संरक्षण व संवर्धन कार्यों के प्रस्ताव पारित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर श्योपुर को भेजे गये प्रस्तावित एवं स्वीकृत प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (ख) ग्रामोदय से भारत उदय अभियान 2017 अंतर्गत विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में जनपद विजयपुर में 301 एवं जनपद पंचायत कराहल में 51, कुल 352 जल संरक्षण व संवर्धन कार्यों के प्रस्ताव पारित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर श्योपुर को भेजे गये प्रस्तावित एवं स्वीकृत प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (ग) नवीन तालाब एवं मरम्मत/जीर्णोद्धार कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 22-23 अक्टूबर 16 के दौरान 'इंटेंशन टू इन्वेस्ट' का क्रियान्वयन
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
56. ( क्र. 1044 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न क्र. 1655 दिनांक 08-12-16 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में दिनांक 22-23 अक्टूबर 16 को इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान कुल राशि 5.62 लाख करोड़ के 'इंटेंशन टू इन्वेस्ट' प्राप्त हुए जिसमें से रु. 8640 करोड़ के आशय अन्य देशों के निवेशकों ने दर्ज किये है तथा शेष भारत देश के निवेशकों के हैं, बताया गया था तो प्राप्त प्रस्तावों में से कितने प्रस्ताव फलीभूत हुए? किस-किस देशी एवं विदेशी निवेशक ने कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी राशि का निवेश किस-किस क्षेत्र में किया है? (ख) उक्त निवेश हेतु प्रदेश सरकार से क्या-क्या सुविधाएं एवं कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी भूमि की मांग किस-किस निवेशक द्वारा की गयी है? सरकार द्वारा किस-किस निवेशक को क्या-क्या सुविधाएँ एवं कितनी-कितनी भूमि कहाँ-कहाँ पर किस-किस दर पर आवंटित की है? (ग) आवंटित की गयी भूमि में से कितनी-कितनी भूमि शासकीय, कितनी वन भूमि एवं कितनी निजी कृषकों की भूमि अधिग्रहित कर आवंटित की गयी हैं? (घ) उपरोक्त प्रश्नांशों के परिप्रेक्ष्य में कहाँ-कहाँ किस-किस वस्तु का उत्पादन अथवा कौन-कौन सी सेवाएँ प्रारंभ हो चुकी हैं एवं प्रदेश के कितने लोगों को किस-किस पद (कार्य) पर रोजगार दिया गया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2016 के दौरान प्राप्त इन्टेंशन टू इन्वेस्ट प्रस्तावों में से कुल 537 निवेश आशय प्रस्ताव धरातल पर आकर फलीभूत हुये हैं। जिन-जिन देशी एवं विदेशी निवेशकों ने जिस-जिस क्षेत्र (सेक्टर) में, जितनी-जितनी राशि का निवेश जिस-जिस स्थान पर प्रस्तावित किया है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक 3, 4 एवं 5 में क्रमश: दी गई है। (ख) निवेशकों दवारा शासन की प्रचलित निवेश नीतियों अनुसार सुविधाएं यथा रियायती दर पर भूमि आवंटन, संयंत्र और मशीनरी पर पूंजी अनुदान, ब्याज अनुदान, प्रवेश कर छूट, मूल्य संवर्धित कर और केन्द्रीय विक्रय कर सहायता, कस्टमाईज्ड पैकेज, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली स्थापना पर अनुदान आदि की मांग अनुसार नियमानुसार सुविधाएं स्वीकृत की गई हैं। जिन-जिन निवेशकों ने सरकार से की गई मांग अनुसार उन्हें जितनी-जितनी भूमि, जिस-जिस स्थान पर एवं जिस-जिस दर पर आवंटित की है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक 6, 7 एवं 8 में क्रमश: दी गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटित भूमि शासकीय भूमि की श्रेणी की है। वन भूमि एवं निजी कृषकों से भूमि अधिग्रहित कर भूमि आवंटित नहीं की गई है। (घ) उपरोक्त प्रश्नांशो के परिप्रेक्ष्य में जिन-जिन वस्तुओं का उत्पादन अथवा सेवा कार्य प्रारंभ हो गया है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक 9 में दी गई है। इन परियोजनाओं में प्रदेश के कुल 25864 व्यक्तियों को प्रबंधकीय, कम्प्यूटर प्रोफेशनल्स, सुपरवाईजर,श्रमिक (कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल) आदि पदों पर रोजगार प्राप्त हुआ है।
विकास कार्यों की समीक्षा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 1052 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 06.06.2017 को प्रश्नकर्ता द्वारा गंजबासौदा विकासखंड अन्तर्गत स्वीकृत विकास कार्यों की समीक्षा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बासौदा, तहसीलदार बासौदा एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की उपस्थिति में की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त बैठक में कौन-कौन से अधिकारी, कर्मचारी अनुपस्थित रहे हैं, क्या उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रश्नकर्ता ने अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. को पत्र क्रमांक 6963 दिनांक 07.06.2017 को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव पर अब तक किस-किस स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य विगत 3 वर्षों में किस-किस योजना/मद में स्वीकृत किये गये हैं? कितने पूर्ण है, कितने अपूर्ण है? पूर्ण कार्यों में से कितने कार्यों के कार्य पूर्णतः प्रमाण-पत्र किस दिनांक को जारी किये जाकर किस दिनांक को संबंधित प्रशासकीय स्वीकृतकर्ता अधिकारी के यहां जमा करा दिये गये हैं एवं कितनों के शेष है? ग्राम पंचायतवार/कार्यवार जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) बैठक में 01 सहायक यंत्री एवं 09 ग्राम पंचायत सचिव तथा 09 रोजगार सहायक अनुपस्थित रहे। जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के द्वारा अनुपस्थित सहायक यंत्री को पत्र क्रं. 5174 दिनांक 29.06.2017 के द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया एवं अनुपस्थित सचिव/ग्राम रोजगार सहायक के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बसौदा को पत्र क्रं. 5176 दिनांक 29.06.2017 के द्वारा निर्देशित किया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बसौदा के द्वारा पूर्व से ही सहायक यंत्री/सचिव/ग्राम रोजगार सहायक को कारण बताओ सूचना पत्र क्रं. 2317 दिनांक 07.06.2017 एवं पत्र क्रं. 2296 दिनांक 07.06.2017 जारी किया गया। इनमें से जबाव संतोषजनक न पाये जाने पर 6 ग्राम पंचायत सचिव एवं 7 रोजगार सहायकों की अनुपस्थिति के कारण एक-एक दिवस का वेतन काटा गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गौण खनिज खदानों का आरक्षण
[खनिज साधन]
58. ( क्र. 1056 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन राज्य मंत्रालय ने सड़क निर्माण के लिए गौण खनिज की खदान आरक्षण के संबंध में वर्ष 2006 में जारी आदेश के अनुसार किस जिले में कितनी खदानों का आरक्षण किया? इनमें से कितनी खदानों से खनन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृतियां प्राप्त की गई? (ख) मध्य प्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 में क्या-क्या छूट दी गई है? इस छूट के अनुसार ग्रामीण विकास कार्यों के लिए, ग्रामों के गरीबों के लिए, कृषि कार्यों के लिए मिट्टी, मुरम, पत्थर एवं रेत की खदान आरक्षित किए जाने की क्या-क्या व्यवस्था शासन ने की है? (ग) नियम 3 में दी गई छूट के अनुसार रायल्टी मुक्त मिट्टी, मुरम, पत्थर एवं रेत उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में खदानों का आरक्षण नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) नियम 3 में दी गई छूट के अनुसार रायल्टी मुक्त रेत एवं पत्थर उपलब्ध करवाए जाने के लिए कब तक खदानों का आरक्षण कर दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बड़े
एवं मंझले उद्योगों
में कार्यरत
श्रमिक
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
59. ( क्र. 1106 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इन्दौर संभागो में 1 अप्रैल 2017 की स्थति में कितने बड़े तथा कितने मंझले उद्योग हैं? इनमें कितनी बहुराष्ट्रीय कम्पनी तथा कितनी स्वदेशी कम्पनियों के उद्योग हैं? (ख) उक्त उद्योगों में कितने श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है? क्या उक्त उद्योगों में मानदंडों के अनुसार विभिन्न श्रेणियों अकुशल, कुशल, अर्धकुशल श्रमिकों को रोजगार दिया गया है? क्या कार्यरत कुशल श्रमिक /कर्मचारियों के कार्य करने की शर्तें विभाग निर्धारित करता है या उद्यमी? यदि उद्यमी करता है, तो श्रमिकों के वेतन भत्ते, पी. एफ. आदि में श्रमिको की मांग पर न्याय की व्यवस्था क्या विभाग द्वारा की जाती है? (ग) क्या कुशल एवं दक्ष कर्मचारियो को देय वेतन भत्ते पैकेज उस उद्योग कम्पनी द्वारा लाभ के अनुकूल है एवं क्या इस सन्दर्भ में कोई माप दंड निर्धारित है? यदि हाँ, तो अवगत करायें ?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उज्जैन, इन्दौर संभागों में औद्योगिक क्षेत्रों में 1 अप्रैल 2017 की स्थिति में 173 बडे तथा 144 मंझले उद्योग हैं। इनमें 22 बहुराष्ट्रीय तथा 258 स्वदेशी कम्पनियों के उद्योग हैं। (ख) उक्त उदयोगों में श्रमिकों को रोजगार की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती हैं। लेकिन श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार उज्जैन संभाग में स्थित कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत पंजीकृत समस्त कारखानों की नियोजन क्षमता 73,160 तथा इंदौर संभाग में स्थित समस्त कारखानों की नियोजन क्षमता कुल 1,87,650 है। उद्योग में विभिन्न श्रेणियों अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल, उच्च कुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु श्रम अधिनियमों में मापदण्ड निर्धारित नहीं है। नियोजन द्वारा कार्य की आवश्यकतानुसार रोजगार दिया जाता है। कुशल श्रमिक/कर्मचारियों के कार्य करने की शर्त नियोजक द्वारा श्रम अधिनियमों अनुसार निर्धारित की जाती है। कतिपय अधिनियम जैसें कारखाना अधिनियम, 1948 एवं न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 एवं अन्य अधिनियमों में कार्य के घन्टे, शिफ्ट वर्किंग, ओव्हर टाईम, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा अवकाश आदि सेवा शर्तें निर्धारित हैं। श्रमिकों द्वारा क्या-क्या कार्य और कौन-कौन सा कार्य करना है, नियोजक द्वारा निर्धारित किया जाता है। श्रमिकों को न्यूनतम वेतन अधिनियम के अन्तर्गत अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल, उच्च कुशल श्रमिक हेतु न्यूनतम वेतन श्रम विभाग द्वारा निर्धारित किया जाता है। भविष्य निधि के कटौत्रें संबंधी जाँच भविष्य निधि संगठन द्वारा की जाती है जो श्रम मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन है। वेतन एवं भत्तों में वृद्धि से संबंधित श्रमिकों की मांग पर औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 एवं म.प्र. औद्योगिक संबंध अधिनियम, 1960 में न्याय व्यवस्था दी गई है। वेतन एवं भत्तों से संबंधित विवाद/मांग प्राप्त होने पर श्रम विभाग के जिलो में पदस्थ अधिकारी द्वारा उक्त विवाद को समझौता कार्यवाही में हस्तगत किया जाता है तथा श्रमिकों/श्रम संघों एवं प्रबंधन के मध्य समझौता करने का प्रयास किया जाता है। समझौता होने पर अभिलिखित किया जाता है। समझौता नहीं होने पर न्याय निर्णय हेतु प्रकरण श्रम न्यायालय/औद्योगिक अभिकरण को सन्दर्भ किया जाता है। (ग) कुशल एवं दक्ष कर्मचारियों के देय वेतन एवं भत्ते न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल हेतु निर्धारित है। नियोजक द्वारा कर्मचारियों के वेतन भत्ते, पैकेज के रूप में दिया जाता है, इसके संबंध में श्रम अधिनियम में कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। श्रमिकों की ओर से वेतन एवं भत्ते वाबद् कोई विवाद प्राप्त होता है तो उत्तर प्रश्नांश ''ख'' अनुसार कार्यवाही की जाती है।
ईको टूरिज्म को बढ़ावा
[वन]
60. ( क्र. 1107 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग ने प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2009 से 1 जनवरी 2017 के बीच कोई योजना बनाई थी? यदि हाँ, तो मंदसौर जिले में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किन-किन ग्राम/ प्रोजेक्ट का चयन किया गया था? उसके तहत उन क्षेत्रों में क्या-क्या कार्य किये गये? उन पर कितनी राशि व्यय की गयी या होनी थी? (ख) क्या ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कार्यकारी एजेंसी नियुक्त की गयी थी? यदि हाँ, तो उस एजेंसी को कब किसके आदेश से कार्य दिए गये तथा एजेंसी को अभी तक कितनी राशि दी जा चुकी है? (ग) क्या एजेंसी ने कार्य आदेश, निर्धारित शर्तों के आधीन रहते हुए किये? यदि हाँ, तो किये गये कार्यों का सत्यापन किसके द्वारा, किसके आदेश से किया गया? यदि नहीं, तो एजेंसी के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब किसके द्वारा, किस प्रकार की कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। मंदसौर जिले में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये प्रश्नाधीन अवधि में परिक्षेत्र भानपुरा कक्ष क्रमांक आर-32 बड़ा महादेव क्षेत्र के कुल 4.00 हेक्टेयर क्षेत्र का चयन कर म.प्र. शासन की अधिसूचना क्रमांक एफ 15-14-2016-दस-2, दिनांक 23 सितम्बर, 2016 द्वारा इस क्षेत्र को ''मनोरंजन क्षेत्र'' के रूप में अधिसूचित किया गया है। इस क्षेत्र में ईको पर्यटन विकास हेतु प्रश्नाधीन अवधि में कोई कार्य नहीं कराये गये हैं तथा न ही कोई राशि व्यय की गयी। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 1118 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कितनी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? स्वीकृत सड़कों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) स्वीकृत सड़कों में से कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका हैं, कितनी अपूर्ण हैं? कितनी सड़कों का कार्य प्रारम्भ नहीं कराया गया हैं? कार्य प्रारम्भ नहीं कराये जाने का क्या कारण हैं? अपूर्ण सड़कों का समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने का क्या कारण हैं? (ग) परफार्मेन्स/गारंटी अवधि के दौरान किन–किन सड़कों में मरम्मत कार्य किया गया? विभाग ने शासन को वित्तीय वर्ष 2016-17 में कौन–कौन सी सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव भेजे थे एवं कितने स्वीकृत हुए?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
कोई सड़क
स्वीकृत नहीं
है। (ख)
प्रश्नांश (क)
के अनुसार
निरंक। (ग)
परफार्मेन्स/गारंटी
अवधि के दौरान
34
मार्गों का
मरम्म्त
कार्य किया जा
रहा है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
वित्तीय वर्ष 2016-17 में कोई
प्रस्ताव
नहीं भेजा
गया।
परिशिष्ट
- ''तेरह''
मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
62. ( क्र. 1142 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 799 दिनांक 15.10.2015 पर क्या माननीय धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री द्वारा अपने पत्र क्र. 3190/min/c&i/2015 दिनांक 11.12.2015 द्वारा शिव मन्दिर हाटा गणेश धाम बरांव, चतुर्भुज मंदिर दुविया चौहना के मन्दिरों का जीर्णोद्धार कराये जाने का प्रस्ताव प्रमुख सचिव धर्मस्व को भेजकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 818 दिनांक 18.12.2015 द्वारा कलेक्टर रीवा को उपरोक्त मन्दिरों के जीर्णोद्धार का डी.पी.आर. बनाये जाने के संबंध में जिला प्रशासन को माननीय मंत्रीजी के पत्र के अनुपालन में लेख किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाहियों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में उपरोक्त कार्यवाही नहीं किये जाने के लिए कौन दोषी है? दोषी को चिन्हित कर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं की जावेगी तो कारण स्पष्ट करें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कलेक्टर जिला रीवा के माध्यम से दिनांक 5/7/2017 को विभाग में प्रस्ताव प्राप्त। जिसमें (1) गणेश धाम मंदिर बरांव हनुमना, (2) हाटेश्वर शिवमंदिर ग्राम हाटा ब्लाक हनुमना, (3) राम जानकी मंदिर कोर्ट कैम्पस मउगंज, उक्त तीनों मंदिर शासन संधारित नहीं होने से जीर्णोद्धार कार्य कराया जाना संभव नहीं है। (4) मंदिर चर्तुभुज भगवान मंदिर दुबिया चौहना, हनुमना तहसील हनुमना शासन संधारित है। प्रस्ताव विचाराधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्त कार्यवाही के लिये कोई दोषी नहीं है।
निकायों में पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 1170 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन के नगरपालिका/नगर पंचायतों में तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भर्ती किये जाने के क्या नियम हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले की नगरपालिका/नगर पंचायतों में तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? उनमें से कितने रिक्त हैं? पदवार एवं निकायवार जानकारी बतावें। (ग) क्या पूर्व में राजगढ़ जिले की विभिन्न नगरीय निकायों द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने हेतु विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किये गये थे परंतु आज दिनांक तक भर्ती नहीं की जा सकी है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त प्राप्त आवेदनों के आधार पर आज दिनांक तक उक्त रिक्त पदों की पूर्ति क्यों नहीं हो सकी है? क्या पदों की पूर्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तथा किस प्रक्रिया से की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद, खुजनेर एवं नगर परिषद, छापीहेड़ा में रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही की गई है। संचालनालय के पत्र क्र. 3455 दिनांक 08.03.2016 के परिप्रेक्ष्य में नगर पालिका परिषद, राजगढ़, ब्यावरा एवं नगर परिषद, तलेन में रिक्त पदों की पूर्ति किए जाने हेतु की जा रही कार्यवाही निरस्त की गई है। (घ) संचालनालय के पत्र क्र. 3455, दिनांक 08.03.2016 के संदर्भ में नगर पालिका परिषद, राजगढ़, ब्यावरा एवं नगर परिषद, तलेन में रिक्त पदों की पूर्ति प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड से कराए जाने हेतु पी.आई.सी. से संकल्प पारित किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन क्षेत्र में निर्माण कार्य
[वन]
64. ( क्र. 1172 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वन विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण भी कराया जाता है? यदि हाँ, तो उससे प्राप्त होने वाली आय का क्या उपयोग किस प्रकार किया जाता है? 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण से कितनी आय प्राप्त हुई है? (ग) क्या विभाग द्वारा वन क्षेत्रों में निर्माण कार्य भी कराये जाते हैं? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले में 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्य का नाम, स्थान, लागत, स्वीकृति का वर्ष सहित विधान सभा क्षेत्रवार बतावें? (घ) क्या राजगढ़ जिले में वन विभाग के उक्त स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो बतावें और यदि नहीं, तो क्यों नहीं,? कारण सहित सूची उपलब्ध करावें? कब तक पूर्ण किये जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। आय का उपयोग तेंदूपत्ता संग्राहकों के प्रोत्साहन पारिश्रमिक वितरण/ अधोसंरचना विकास इत्यादि कार्यों में किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
प्रधान मंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 1176 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खरगापुर विधान सभा में वर्ष 2016-17 में विकास खण्ड पलेरा एवं विकास खण्ड बल्देवगढ़ तथा नगर पंचायत खरगापुर नगर पंचायत बल्देवगढ़ एवं एवं नगर पंचायत पलेरा में कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ? (ख) क्या प्रधानमंत्री आवास दिये जाने में आरक्षण का पालन किया जाना था? यदि हाँ, तो क्या आरक्षण का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या जिन हितग्राहियों के नाम 2011 की सूची में और पात्र है ऐसी स्थिति में सरपंचों एवं रोजगार सचिवों द्वारा पात्र अपात्र करने का कौन सा नियम या अधिकार है? जानकारी उपलब्ध करायें तथा सरपंचों एवं रोजगार सचिवों तथा ए.डी.ओ. द्वारा पात्र एवं अपात्र किये जाने में राशि का आदान-प्रदान चल रहा है उस पर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या वर्ष 2011 की सूची में क्रमांक 1 से ही ग्रामवार हितग्राहियों के नाम चयनित किये गये हैं या सूची में से किसी भी क्रम से लिया जा सकता है। जिन पात्र हितग्राहियों को सरपंचों एवं रोजगार सचिवों ने अपात्र कर दिया है उनकों क्या पुन: पात्र करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत अब तक विकासखण्ड पलेरा में 2430 तथा विकासखण्ड बल्देवगढ में 3421 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। नगर पंचायत क्षेत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आवास स्वीकृत नहीं किये जाते हैं। (ख) जी नहीं। (ग) SECC-2011 की सूची में पात्र व्यक्ति को अपात्र करने का कोई प्रावधान नहीं है। सरपंच एवं रोजगार सहायक, सचिवों तथा ए.डी.ई.ओ. द्वारा राशि के आदान-प्रदान से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों का चयन SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचितता (deperivation) की तीव्रता पर करना बंधनकारी है। जिन पात्र हितग्राहियों को सरपंचों एवं रोजगार सचिवों ने अपात्र कर दिया है, उन हितग्राहियों को जिला स्तर पर गठित अपीलीय समिति द्वारा उन हितग्राहियों को समक्ष में सुनकर साक्ष्य एवं अभिलेखों के आधार पर निराकरण कर दिया गया है।
नियमों के विपरीत लीज भूमि को फ्री होल्ड करने
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1191 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर, भोपाल एवं उज्जैन विकास प्राधिकरणों की विगत 5 वर्ष में लीज होल्ड भूमि को नियमों के विपरीत फ्री होल्ड करने के संबंध में किन-किन प्राधिकरणों में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) शिकायतों की प्रति उपलब्ध कराते हुए प्राधिकरणवार जानकारी प्रदान करें कि प्रश्नांश (क) के किन-किन प्राधिकरणों में नियमों के विपरीत प्राधिकरणों की लीज होल्ड भूमि/भवन को फ्री होल्ड कर विभाजन कर दिया गया? (ग) नियमों के विपरीत फ्री होल्ड संपत्तिकर विभाजन करने हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर, भोपाल एवं उज्जैन विकास प्राधिकरणों में विगत 5 वर्षों में लीज होल्ड भूमि को नियमों के विपरीत फ्री होल्ड करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लंबित शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1192 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम उज्जैन एवं उज्जैन जिले की नगरपालिकाओं के संबंध में दिनांक 01/01/2015 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य सचिव म.प्र. शासन, प्रमुख सचिव नगरीय विकास विभाग, आयुक्त नगरीय विकास विभाग, कलेक्टर महोदय उज्जैन, संयुक्त संचालक नगरीय विकास विभाग के समक्ष कितने शिकायती आवेदन प्राप्त हुये? (ख) संबंधितों द्वारा उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया एवं कितनी शिकायतें लंबित हैं? लंबित शिकायतों का कारण बताते हुये उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? निराकृत एवं लंबित शिकायतों की पृथक-पृथक जानकारी नगर निगम एवं नगरपालिकावार प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दिनांक 01.01.2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 616 शिकायती आवेदन प्राप्त हुए। (ख) एवं (ग) कुल प्राप्त शिकायतों में से निकायवार 458 शिकायतों का निराकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार किया गया है। शेष लंबित 158 शिकायतों पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सिवनी में निर्मित शौचालय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 1230 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कितने शौचालयों का निर्माण किया गया? विकासखण्डवार शौचालय निर्माण की जानकारी देते हुये निर्माण कार्य हेतु आवंटित राशि का भी विकासखण्डवार विवरण देवें? (ख) शौचालय निर्माण के लिये पात्रता हेतु हितग्राहियों को क्या-क्या मापदंड की पूर्ति करनी होनी चाहिए? (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में कितने शौचालय पूर्ण है, कितने स्वीकृत हैं? कितने अपूर्ण हैं, अपूर्ण होने के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिले में प्रश्नांकित अवधि में 42506 शौचालय का निर्माण किया जाकर हितग्राहियों के खाते में एफ.टी.ओ. के माध्यम से प्रोत्साहन राशि प्रदाय की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पृथक से विकासखण्डवार राशि का आवंटन जारी नहीं किया जाता। (ख) स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) अंतर्गत हितग्राहियों को शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहन राशि के लिये गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले सभी परिवारों तथा गरीबी रेखा से ऊपर वाले अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों, लघु एवं सीमांत किसानों, वासभूमि वाले भूमिहीन श्रमिकों, शारीरिक रूप से विकलांगों और महिला प्रमुख परिवारों की ही पात्रता हैं। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में 6832 शौचालय पूर्ण है। स्वच्छ भारत मिशन में व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि मांग आधारित योजना है। विधानसभा क्षेत्र में 4077 शौचालय प्रगतिरत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास में स्वीकृत आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 1231 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कितने-कितने प्रधानमंत्री आवास एवं मुख्यमंत्री आवास स्वीकृत हुये हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र केवलारी के विकासखण्ड केवलारी, छपारा, धनौरा में कितने प्रधानमंत्री आवास एवं मुख्यमंत्री आवास पूर्ण कर लिये गये हैं? कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण होने के क्या कारण हैं? (ग) केवलारी विकासखण्ड में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास के हितग्राहियों को क्या पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या पूर्ण राशि नहीं मिलने के बावजूद हितग्राहियों के मकान का निर्माण कार्य अपूर्ण है? यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। निर्माण की पूर्णता हितग्राही की इच्छा शक्ति एवं क्षमता पर निर्भर होने के कारण। (ग) जी नहीं। निर्माण का वांछित चरण पूर्ण नहीं होने के कारण। जी नहीं। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जिले में संचालित लोक सेवा केन्द्र
[लोक सेवा प्रबन्धन]
70. ( क्र. 1280 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा ग्रामीणों को सुविधा देने हेतु खण्ड एवं उपखण्ड स्तर पर लोक सेवा केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले में कितने लोक सेवा केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं ? 1 जनवरी, 2015 से इन लोक सेवा केन्द्रों को कितने आवेदन किस-किस सेवा हेतु प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निर्वतन निश्चित की गई समय-सीमा की आखिरी तारीख तक हुआ है? कितने आवेदनों का निर्वतन आखिरी तारीख तक नहीं हुआ? विकाखण्डवार, लोकसेवा केन्द्रवार, सेवावार विवरण दें? कुल कितना पैसा इनके द्वारा प्राप्त हुआ? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किस-किस पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में किस सेवा के कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? लंबित प्रकरणों पर निर्धारित समयावधि के भीतर प्रथम अपीली अधिकारी के द्वारा किन-किन अपील प्रकरणों का निर्वतन कब-कब किया गया? किस-किस पदाभिहित अधिकारी के ऊपर कितना-कितना अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया? विकासखण्डवार, लोक सेवा केन्द्रवार, सेवावार विगत 05 वर्षों का विवरण दें? कुल कितना पैसा इनके द्वारा प्राप्त हुआ? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा सचिव लोक सेवा प्रबंधन विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 816 दिनांक 12.08.2016 के अनुक्रम में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) लोक सेवा प्रबंधन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 6-8/2011/लोसेप्र/61 दिनांक 15 जनवरी 2016 के बिंदु क्रमांक-4 में निर्देश हैं कि ग्रामीणों को सुविधा देने हेतु लोक सेवा केन्द्रों की इकाई तहसील/विकासखण्ड को माना है एवं उपखण्ड स्तर पर लोक सेवा केन्द्र खोले जाने का प्रावधान नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कटनी जिले में कुछ 08 लोक सेवा केन्द्र - रीठी, कटनी, बडवारा, विजयराघवगढ, बहोरीबंद, ढीमरखेडा, कटनी शहर एवं बरही में संचालित हैं। उक्त 08 लोक सेवा केन्द्रों में 01 जुलाई 2015 से 05 जुलाई 2017 तक लोक सेवा प्रबंधन विभाग की वेबसाईट www.mpedistrict.gov.in में ऑनलाईन अधिसूचित सेवा के पृथक-पृथक 5,07,241 (पाँच लाख सात हजार दो सौ इक्तालीस) आवेदन प्राप्त हुये तथा प्राप्त आवेदनों में से 4,41,248 (चार लाख इक्तालीस हजार दो सौ अड़तालीस) आवेदन समय-सीमा में एवं समय बाहय आवेदन 45,281 ( पैंतालीस हजार दो सौ इक्यासी) का निराकरण किया गया है। लोक सेवा केन्द्रवार, सेवावार, समय-सीमा में एवं समय-सीमा बाह्य तथा लोक सेवा केन्द्र प्रोसेसिंग फीस प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार पृथक-पृथक विभागीय पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में कुल आवेदन 5,07,241 (पाँच लाख सात हजार दो सौ इक्तालीस) में से समय-सीमा के साथ लंबित आवेदन 20,712 (बीस हजार सात सौ बारह) पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र ''स'' अनुसार है तथा लंबित प्रकरणों में से प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा 989 (नौ सौ नवासी) आवेदनों का निराकरण किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। पृथक पृथक पदाभिहित अधिकारी के उपर शास्ति/अर्थदण्ड आरोपित किया गया, जिसकी विकासखण्डवार लोक सेवा केन्द्रवार, सेवावार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड'' अनुसार है, जिसमें से कुल शास्ति राशि 30,000/- (तीस हजार रूपये) जमा हुई है। (घ) विभागीय निर्देश क्रमांक 6-8/2015/लोसेप्र/61 दिनांक 15/01/2016 की कंडिका 1 (।।।) में प्रावधान है कि ''राज्य शासन ने यह भी निर्णय लिया है कि ऐसी समस्त तहसील मुख्यालय जहां पर वर्तमान में लोक सेवा केन्द्र नहीं हैं, नवीन लोक सेवा केन्द्र खोले जायें।'' कटनी जिले के अंतर्गत रीठी तहसील आती है जहां पूर्व से ही लोक सेवा केन्द्र संचालित है। रीठी तहसील के अधीन ही बिलहरी ग्राम आता है, जो तहसील मुख्यालय नहीं है। अत: ऐसी स्थिति में वहां लोक सेवा केन्द्र खोला जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है।
कटनी औद्योगिक conclave हेतु प्राप्त आवंटन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
71. ( क्र. 1281 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के कटनी औद्योगिक Conclave हेतु शासन द्वारा कितना आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन में से कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई? क्या सामग्री क्रय किये जाने हेतु भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया है? आवंटित राशि में से क्रय की गई सामग्री का तिथिवार, सामग्रीवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले के कितने उद्यमियों को प्रशिक्षण/स्वरोजगार दिलाया गया? लाभान्वित उद्यमी/स्वरोजगारी के नाम, पता सहित गतिविधि एवं राशि का विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) के लिये शासन द्वारा पृथक से आवंटन दिया गया है या स्वरोजगारियों के प्रशिक्षण मद से राशि व्यय की गई है? एक प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु कितनी राशि व्यय किये जाने का प्रावधान है? प्रशिक्षण/कार्यशाला हेतु नियम निर्देशों की प्रति सहित विवरण दें?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) कटनी औद्योगिक Conclave के आयोजन पर रूपये 58.94 लाख नेशनल पार्टनर कन्फेडेरेशन ऑफ इण्डियन इण्डस्ट्री (सी.आई.आई.) द्वारा व्यय की गई है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। व्यय सी.आई.आई. द्वारा किए जाने से भण्डार क्रय नियम के पालन का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) कटनी औद्योगिक Conclave में लगभग 1000 डेलीगेट्स/उद्यमी/स्वरोजगारी आदि द्वारा भाग लिया गया। इसमें कोई प्रशिक्षण अथवा स्वरोजगार का लाभ नहीं दिया गया। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रूप से BPL कार्ड निरस्त संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 1294 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने प्रदेश में BPL कार्डों की जाँच के लिए आदेश निकाला है? यदि हाँ, तो इसकी प्रमाणित प्रति देवें? (ख) क्या उपरोक्तानुसार आदेश में BPL कार्डधारक को अपना पक्ष रखने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो पूरी जानकारी देवें? (ग) यदि (क) अनुसार कोई आदेश नहीं निकाला है तो कुक्षी, डही, निसरपुर विकासखण्डों में BPL कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं? इस पर कब तक रोक लगाई जायेगी? (घ) बिना आदेश के BPL कार्ड निरस्त करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बी.पी.एल. सर्वे सूची में पात्र परिवारों के नाम जोड़ने तथा अपात्र परिवारों के नाम काटने के लिए निर्देश जारी किये गये है, यह एक सतत् प्रक्रिया है। बी.पी.एल. सूची में नाम होने पर ही बी.पी.एल. कार्ड जारी किये जाने का प्रावधान है। प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, बी.पी.एल. कार्ड धारक का नाम बी.पी.एल. सर्वे से काटे जाने पर अपील का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित विकासखण्डों में उक्त निर्देशों के तहत ही कार्यवाही की गयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा नगरपालिका के अंदर प्रचार-प्रसार रोकने हेतु वाल पेंटिंग की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1323 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा नगरपालिक निगम के अंदर धार्मिक, राजनैतिक, शैक्षणिक एवं अन्य प्रचार प्रसार कार्यों के लिए कौन सी जगह/स्थान व कौन सा माध्यम निर्धारित है तथा शहर में स्थापित (गेटेन्ट्री) प्रवेश द्वार किनकी सम्पत्ति है तथा शहर में किसके आदेश से स्थापित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या रीवा शहर के अंदर लगे सभी प्रवेश द्वार, चौराहों स्थान, पुल तथा शासकीय भवनों की दीवाल आदि जिला प्रशासन द्वारा दीर्घकालीन पेंन्टिग कराई गई है? यदि हाँ, तो किसके आदेश से, आदेश की प्रति के साथ जानकारी देवें। क्या इसमें प्रक्रिया का पालन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितनी राशि कहाँ से व्यय की गई है? व्यय की गई राशि की जानकारी कार्यालयवार, मदवार, सहयोग राशिवार (चेक/नगद) जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में यदि पेंटिंग करने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है तो कौन अधिकारी दोषी है? उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम रीवा के अंदर धार्मिक, राजनैतिक, शैक्षणिक एवं अन्य प्रचार-प्रसार कार्यों के लिये एस.ए.एफ. ग्राउण्ड, पदमधर पार्क, टी.आर.एस. कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान आदि स्थान निर्धारित हैं व माध्यम फ्लैक्स एवं होर्डिंग निर्धारित है। शहर में स्थापित प्रवेश द्वार नगर निगम रीवा की सम्पत्ति है एवं निगम प्रशासन के आदेश से ही स्थापित है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यक्तिगत खसरे की जगह शासकीय जंगल से इमारती लकड़ी काटी जाना
[वन]
74. ( क्र. 1324 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारंकित प्रश्न क्र. 3565 दिनांक 21/03/2017 के उत्तर में मा. वन मंत्री महोदय द्वारा काष्टागार में कम लकड़ी जमा करने के लिये श्री एस.आर. यादव तत्कालीन परिक्षेत्राधिकारी, मकड़ाई, श्री प्रदीप चौरे वनपाल तत्कालीन परिक्षेत्र सहायक आमाखल एवं श्री राजेन्द्र वन रक्षक तत्कालीन बीटगार्ड, गोमगांव को जिम्मेदार बताया गया है तो उक्त सभी जवाबदार अधिकारी कर्मचारियों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) व्यक्तिगत खसरे की जगह शासकीय खसरे से काटी गई लकड़ी खुर्द-बुर्द हालत में अन्य स्थलों से एकत्र कर काष्ट भंडार में जमा कराये जाने का क्या कारण था? (ग) व्यक्तिगत खसरे की जगह शासकीय खसरे से इमारती लकड़ी काटे जाने एवं उसके लगभग छः माह बाद कम लकड़ी परिवहन कर डिपो में जमा कराने से शासन को कुल कितनी राजस्व की हानि हुई है? (घ) क्या विभाग उक्त राजस्व हानि के लिये सभी जवाबदार दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-
अनु. क्र. |
अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं पद |
विभाग द्वारा की गई कार्यवाही |
1. |
श्री प्रदीप चौरे, वनपाल |
रु. 1,63,392/- की वसूली का आदेश एवं एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से अवरोधित। |
2. |
श्री राजेन्द्र बांके, वनरक्षक |
रु. 2,45,087/- की वसूली का आदेश एवं एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से अवरोधित। |
3. |
श्री एस.आर. यादव, तत्कालीन परिक्षेत्राधिकारी, मकडाई |
स्पष्टीकरण मांगा गया। |
(ख) कम हुई लकड़ियों की पूर्ति करना। (ग) एवं (घ) रू. 4,08,479/-। उत्तरांश ’’क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक विकास निधि द्वारा क्रय की जाने वाली सामग्री
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
75. ( क्र. 1341 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एजेन्सियां जैसे लघु उघोग निगम एम.पी.एग्रो, राज्य विपणन संघ इत्यादि द्वारा सामग्रियों जैसे- पांनी टेंकर, सौर लाइट, इत्यादी की मनमानी तरीके से कीमत तय करने के कारण इन एजेन्सियों के माध्यम से खरीदने से सामग्रीयों की बाजार मूल्य से बहुत अधिक कीमत चुकानी पड़ती हैं तथा इसमें भ्रष्टाचार की संभावनाओं इत्यादि को देखते हुए क्या शासन इन एजेन्सियों के माध्यम से खरीदी की बाध्यता समाप्त करने पर विचार करेगा? (ख) क्रय करने वाली एजेन्सियां खुली निविदा के माध्यम से गुणवत्ता पूर्ण सामग्री यदि खरीदती हैं और उसमे विधायक निधि अथवा सांसद निधि से कम खर्चें में सामग्री खरीद ली जाए तो शासन को इसमें क्या आपत्ति हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) इस आशय का कोई प्रस्ताव नहीं है। (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना मार्गदर्शिका वर्ष 2013 की कंडिका 2.2 एवं 3.6 के अनुसार प्रक्रिया अनुमत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बालिका स्कूल में खो-खो हेतु मेट उपलब्ध करायी जाना
[खेल और युवा कल्याण]
76. ( क्र. 1345 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि नरसिंहपुर जिले के एम.एल.बी. बालिका स्कूल में खो-खो हेतु मेट उपलब्ध कराने हेतु क्या प्रश्नकर्ता सदस्य ने पत्र द्वारा सूचित किया था यदि हाँ, तो मेट्स कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : जी हाँ। विभाग द्वारा विद्यालयों में खो-खो मेट्स दिये जाने का प्रावधान नहीं होने से दी जाना संभव नहीं है।
संचालित राज्य व्हालीबाल छात्रावास में वार्डन के पद की पूर्ति
[खेल और युवा कल्याण]
77. ( क्र. 1346 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरसिंहपुर जिला मुख्यालय में संचालित राज्य व्हॉलीबाल छात्रावास में वार्डन का पद रिक्त है? यदि हाँ, तो किन कारणों से एवं पद कब तक भर दिया जावेगा? (ख) उक्त छात्रावास से कितने छात्र राष्ट्रीय स्तर में चयनित हुए विवरण देवें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। वार्डन की पदोन्नति सितंबर 2015 में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी, छिंदवाडा में होने से वार्डन का पद रिक्त है। वार्डन के पद की पूर्ति करने हेतु चयन सूची भेजने के लिये संचालनालय के पत्र क्र. 8272 दिनांक 02/01/2016 द्वारा पी.ई.बी. (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) भोपाल को प्रस्ताव भेजा गया। पी.ई.बी. द्वारा अवगत कराया गया कि स्नातक स्तर की परीक्षा माह जनवरी 2017 में आयोजित की जा चुकी है। उक्त पद को आगामी परीक्षा में समाहित किया जावेगा। इस कारण वार्डन के पद भरे जाने का समय बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
महाविद्यालयों की व्यवस्था
[उच्च शिक्षा]
78. ( क्र. 1365 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा महाविद्यालयों के सर्वांगीण विकास की कार्ययोजना बनाई गई है? जिसमें महाविद्यालयों में भवन निर्माण पूर्ण करने, मार्ग बनाने एवं संकाय भी शुरू करने की योजना है? यदि हाँ, तो क्या योजना है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पन्ना जिला अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयवार बतायें कि किस महाविद्यालय के अधूरे कार्य को पूर्ण न करने के लिये कौन दोषी है तथा अधूरे निर्माण कार्यों को कब तक पूरा किया जावेगा? (ग) महाविद्यालय अमानगंज, गुनौर, देवेन्द्रनगर के निर्माण कार्य, फर्नीचर एवं भवन के रख-रखाव हेतु कितनी राशि वर्ष २०१४ से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई एवं कितनी राशि का व्यय किया गया कार्यवार, वर्षवार, महाविद्यालयवार बतावें तथा उनके उपयोगिता प्रमाण की प्रति उपलब्ध करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) महाविद्यालयों का विकास एक सतत प्रक्रिया है। भवन निर्माण, मार्ग निर्माण एवं संकाय प्रारम्भ करने हेतु शासन की प्रचलित योजनाएं एवं कार्यक्रम हैं। (ख) 1. शासकीय महाविद्यालय देवेन्द्रनगर जिला-पन्ना के भवन निर्माण हेतु मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक एफ 21-2/2002/38-2 दिनांक 23-12-2008 द्वारा राशि 67.65 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी। जिसके विरुद्ध राशि रूपये 67.04 लाख आवंटित की गई। भवन निर्माण कार्य पूर्णता पर है। प्रसाधन कक्ष, विद्युतीकरण, जल व्यवस्था एवं कच्चे पहुँच मार्ग हेतु राशि रूपये 25.56 लाख की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। 2. शासकीय महाविद्यालय अमानगंज के प्रथम तल के निर्माण हेतु मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक एफ 21-8/2/38-2 दिनांक 09-11-2011 द्वारा राशि रूपये 87.67 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी। जिसके विरूद्ध पूर्ण राशि निर्माण एजेन्सी मध्यप्रदेश गृहनिर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल सतना को आवंटित की गयी है। शेष कार्य हेतु निर्माण एजेन्सी द्वारा रूपये 32.50 लाख का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। 3. शासकीय महाविद्यालय गुनौर जिला पन्ना के भवन निर्माण हेतु विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 420-21 दिनांक 23-03-2017 द्वारा राशि रूपये 650.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण हेतु निविदा जारी की गयी है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) निर्माण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर तथा फर्नीचर मद अन्तर्गत आवंटित राशि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। क्रमांक 2167 दिनांक 26.07.2016 उपयोगिता प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
[उच्च शिक्षा]
79. ( क्र. 1366 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अंतर्गत किस महाविद्यालय में किस संकाय में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत थे? उनमें से कितने विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए एवं कितने फेल हो गये? संकायवार, महाविद्यालयवार वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) पन्ना जिला अंतर्गत महाविद्यालयवार बतावें कि किस संकाय के कितने विद्यार्थी ३०-४० प्रतिशत अंको से, कितने विद्यार्थी ४१- ५० प्रतिशत अंको से, कितने विद्यार्थी ५१ से ६० प्रतिशत अंको से, कितने विद्यार्थी ६१- ७० प्रतिशत अंको से एवं कितने विद्यार्थी ७१ प्रतिशत से अधिक अंको से उत्तीर्ण हुए तथा संकायवार, उक्तानुसार वर्गवार कुल विद्यार्थी का कितना प्रतिशत रहा बतावें? (ग) क्या महाविद्यालयों में अच्छी पढ़ाई न होने के कारण अच्छे अंकों से विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हो पा रहे हैं? महाविद्यालयों की दशा एवं दिशा ठीक करने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक, दो एवं तीन अनुसार है। (ग) जी नहीं, महाविद्यालयों में अच्छी पढ़ाई सुनिश्चित की जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग एवं शासन की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के अतिरिक्त राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान एवं विश्व बैंक परियोजना के माध्यम से भी शैक्षणिक संस्थानों में अकादमिक गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा रहे हैं।
शासकीय महाविद्यालय बिजावर में कराए गए कार्य
[उच्च शिक्षा]
80. ( क्र. 1371 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय बिजावर में विगत 04 वर्षों में विकास कार्यों के लिए कितनी राशि किस मद से किन कार्यों के लिए प्राप्त हुई? राशि का किस प्रकार एवं कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया? खर्च हुई राशि का विवरण प्रदाय करे। (ख) शासकीय महाविद्यालय बिजावर में विगत 04 वर्षों में शैक्षणिक मद में कितनी राशि प्राप्त हुई? उस राशि का किस प्रकार कहाँ – कहाँ उपयोग हुआ? विवरण सहित जानकारी प्रदाय करे।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जनभागीदारी समिति के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
81. ( क्र. 1372 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी समिति में कौन–कौन सदस्य होते हैं? (ख) जनभागीदारी समिति के क्या– क्या कार्य है? कार्य संचालन और वित्तीय अधिकार क्या–क्या हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी का प्रारम्भ एवं विकास सम्बन्धी मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 471 दिनांक 30 सितम्बर 1996, की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-एक के अनुसार है। जिसकी कंडिका (ग) अनुसार समिति के सामान्य परिषद् में सदस्यों के सम्बन्ध में जानकारी अंकित है एवं अन्य कंडिकाओं में जनभागीदारी समिति के कार्य, कार्य संचालन और वित्तीय अधिकार की जानकारियॉ अंकित है। उक्त राजपत्र के सामग्री क्रय सम्बन्धी प्रावधानों, कंडिका ‘‘ग’’ एवं ‘‘छ’’ में संशोधन मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 20.02.2015 के द्वारा जारी किया गया है, जो पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
पंचायत विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 1381 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र. में विभाग के अंतर्गत सहायक विकास विस्तार अधिकारी (ए.डी.ओ.) एवं पंचायत समन्वयक अधिकारी (पी.सी.ओ.) के कुल कितने पद सृजित हैं एवं उनमे से कितने पद रिक्त हैं? जिलेवार बताएं। (ख) क्या उक्त दोनों पदों में कार्यरत अधिकांश अधिकारी सेवानिवृत हो गए हैं जिस कारण अधिकांश पद रिक्त हो गए हैं, लेकिन उन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन स्तर पर क्या योजना बनाई गई है? विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) सतना जिले के अन्दर विभिन्न जनपद पंचायतों में उपरोक्त दोनों पदों के कितने अधिकारी वर्तमान में पदस्थ हैं, स्वीकृत पद सहित जनपद पंचायतवार जानकारी देवें? (घ) क्या सतना जिले के समस्त जनपद पंचायतों में बहुत कम अधिकारी बचे हैं? शेष सेवानिवृत हो चुके हैं इस कारण आमजनता के कार्य प्रभावित होते हैं, क्या अविलम्ब स्वीकृत पदों के अनुरूप पदस्थापना कराये जाने के आदेश जारी किये जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 1640 पद एवं पंचायत समन्वयक अधिकारियों के 3325 पद सृजित हैं। रिक्त पदों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, सहायक विकास विस्तार अधिकारी के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही म.प्र. शासन, वित्त विभाग, मंत्रालय भोपाल के ज्ञापन क्र. एफ 11-5/2007/नियम/चार, दिनांक 12.08.08 की कंडिका (।।) अनुसार व्यावसायिक परीक्षा मंडल के माध्यम से प्रचलन में है। पंचायत समन्वयक अधिकारियों की भर्ती म.प्र. पंचायतराज संचालनालय तृतीय श्रेणी (कार्यपालिक) सेवा भर्ती नियम, 2013 के अनुसूची दो अनुसार प्रक्रियाधीन है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अशासकीय स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित कार्यक्रम
[वन]
83. ( क्र. 1382 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में विगत तीन वर्षों में किन-किन अशासकीय स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से कौन-कौन से कार्यक्रम संचालित किये गए हैं? वन परिक्षेत्रवार विवरण सहित बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन संस्थाओ को किन-किन योजनान्तर्गत किन कार्यों हेतु शासन व जिला स्तर पर अनुदान की कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं इन्हें कितनी राशि दी गई तथा कितनी राशि व्यय हुई? इसकी जाँच कब व किसने की। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन संस्थाओं द्वारा किन-किन योजनान्तर्गत संचालित किन-किन कार्यक्रमों में कितनी महिलायें/बालिकाएं व बच्चे लाभान्वित हुए एवं कितनी राशि व्यय हुई इसका सत्यापन व जाँच कब किसने की? (घ) क्या शासन द्वारा प्रश्नांकित संस्थाओं द्वारा संचालित फर्जी कार्यक्रमों व अनुदान राशि का स्वयं के हित में उपयोग करने की जाँच कराकर उन पर कार्यवाही की जावेगी? विवरण सहित बताएं।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश के संदर्भ में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कराये गये निर्माण कार्य
[वन]
84. ( क्र. 1386 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि के कब-कब कराए गऐ, निर्माण सामग्री प्रदाय हेतु कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? सफल निविदाकार का नाम, स्वीकृत दर, निविदाकार को कुल कितनी राशि भुगतान की गई, सामग्री प्रदाय निविदाकार द्वारा जमा की गई रायल्टी पर्ची की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या विभाग द्वारा निर्माण कार्य, निर्माण सामग्री की निविदा बुलाकर कार्य कराया जाता है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ।
पंचायत में नल-जल योजनाओं का सरपंच एवं सचिवों से प्रमाणीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 1392 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन पंचायतों में संचालित नल-जल योजनाओं को पी.एच.ई विभाग द्वारा सुपुर्दगी में दिया है? पंचायतों के नाम बतावें। (ख) पंचायतों के माध्यम से सरपंचों एवं सचिवों के प्रमाणीकरण के आधार पर बतावें कि पी.एच.ई. विभाग द्वारा पंचायतों के सुपुर्दगी में दी गई नल-जल योजनाएं अप्रैल, मई एवं जून वर्तमान में नल-जल योजना प्रारंभ होकर योजना का लाभ जनता को मिल पाया है या नहीं सरपंच व सचिवों के प्रमाणीकरण उपलब्ध करावें। (ग) सरपंच व सचिवों के हस्ताक्षर युक्त प्रमाणीकरण के आधार पर बतावें कि अप्रैल, मई एवं जून में पेयजल की समस्या किन ग्राम पंचायतों में पाई गई है? वर्तमान में किन-किन पंचायतों में पर्याप्त जल की व्यवस्था है? ग्राम व पंचायत का नाम बतावें। (घ) पंचायतों के अंतर्गत दूर स्थित धार्मिक स्थानों, सत्संग पाईंट, चौपाटियों, बस स्टेंण्ड, मुक्तिधाम, कब्रस्तान पर पानी उपलब्ध नहीं होने पर पंचायतों के माध्यम से किस प्रकार पानी उपलब्ध/व्यवस्था कराई जाती है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सुवांसरा विधानसभा क्षेत्र में खण्ड द्वारा 80 ग्राम पंचायतों को 89 नल-जल/स्थल जल योजनाओं के स्वीकृत कार्यों को पूर्ण कर संचालन/संधारण हेतु संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्त योजनाओं का लाभ सम्बन्धित पंचायत को माह अप्रैल, मई एवं जून 2017 के पूर्व ही मिल गया है अर्थात योजना से जल प्रदाय प्रारंभ कर ही योजना को संचालन/संधारण हेतु सम्बन्धित पंचायतों को हस्तांरित की गई। (ग) माह अप्रैल, मई एवं जून 2017 में 9 योजनाएं बंद हुई थी जिसकी सूचना/प्रस्ताव सम्बन्धित पंचायत द्वारा विभाग को दिये गये प्रमाणीकरण की प्रति संलग्न है। प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर उनमें आवश्यक कार्य कर योजनाओं को चालू कर दी गई है एवं इन्हें पुनः संचालन/संधारण हेतु सम्बन्धित पंचायत को हस्तांतरित कर दी गई हैं। (घ) संबंधित पंचायतों द्वारा आवश्यकतानुसार अपनी मूलभूत राशि से दूर स्थित धार्मिक स्थानों, सत्संग पांईट, चौपाटियों, बस स्टैण्ड, मुक्तिधाम, कब्रस्तान इत्यादि धार्मिक स्थानों पर पेयजल हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाती है।
8 वर्षों पूर्व अधूरे खेल स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
86. ( क्र. 1393 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा नगर में विभाग द्वारा किस वर्ष में स्टेडियम निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी, उसका स्टीमेट, नक्शा एवं राशि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) खेल मैदान निर्माण हेतु जो राशि स्वीकृत की गई थी? उसका स्टीमेट, नक्शे अनुसार वह राशि खेल मैदान पूर्णत: निर्माण करने हेतु जारी की गई थी या अपूर्ण निर्माण हेतु जारी की गई थी? (ग) खेल मैदान की वर्तमान स्थिति, खर्च की गई राशि, शेष पूर्ण खेल मैदान का निर्माण स्टीमेट, नक्शे सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) विभाग द्वारा कब तक राशि जारी कर कार्य पूर्ण करा दिया जावेंगा? अधूरे मैदान का इतने वर्षों उपरांत भी निर्माण पूर्ण नहीं होने की दृष्टि में मैदान की जो क्षति हो रही है, उसके लिए कौन जवाबदार है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) सुवासरा में स्टेडियम निर्माण हेतु वर्ष 2008 में रू. 25.00 लाख स्वीकृति जारी की गई थी, स्टीमेट व नक्शा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) निर्माण एजेंसी द्वारा प्रस्तुत प्राक्कलन अनुसार सम्पूर्ण राशि की स्वीकृति दी गई थी। (ग) स्टेडियम निर्माण हेतु स्वीकृत स्टीमेट अनुसार रू. 22.23 लाख का व्यय कर स्टेडियम पूर्ण कर लिया गया है। स्टीमेट प्रश्नोत्तर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नोत्तर ''क'' ''ख'' ''ग' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचपरमेश्वर एवं मनरेगा के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 1401 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में पंचपरमेश्वर एवं मनरेगा से वित्त वर्ष 2017-18 में कार्य स्वीकृत किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कौन- कौन सी पंचायत में, कौन-कौन से कार्य, कितने-कितने राशि के स्वीकृत किये गये हैं? पंचायतवार, ग्रामवार एवं जनपदवार राशि सहित कार्य विवरण की सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत कार्य के पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नम्बर 08 अनुसार।
अधिकारी / कर्मचारी महासंघ का पंजीयन
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
88. ( क्र. 1429 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत सेवा शासकीय अधिकारी कर्मचारी महासंघ के पंजीयन क्रमांक 9511/07 दिनांक 02.01.2007 जबलपुर संभाग अंतर्गत पंजीकृत संस्था है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) संस्था के पंजीयत विधान की प्रति दिनांक 25 मई 17 को प्रस्तुत की गई धारा 27 की जानकारी की प्रति भी उपलब्ध करायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) संस्था के पंजीयत विधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर तथा 25 मई 2017 को प्रस्तुत की गई धारा 27 की जानकारी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार हैं।
खेल प्रतिभाओं को आर्थिक मदद
[खेल और युवा कल्याण]
89. ( क्र. 1430 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि राज्य/राष्ट्रीय स्तर पर जो छात्र-छात्रायें खेलती हैं और पुरूस्कार प्राप्त करते हैं शासन की ओर से इन्हें प्रोत्साहित करने तथा शासकीय सेवा में लेने, आर्थिक मदद देने की क्या योजना है? योजना की प्रति उपलब्ध करायें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : खेल और युवा कल्याण विभाग के खेल छात्रवृत्ति एवं पुरस्कार के नियम है, जिसके अनुसार राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को पात्रतानुसार खेल छात्रवृत्ति एवं पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त विक्रम पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित कर शासकीय सेवा में नियुक्ति देने का भी प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
90. ( क्र. 1446 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2011 की जनगणना के सर्वे में पात्र हितग्राहियों को चयन का मापदण्ड माना गया है, क्या उक्त जनगणना के दौरान जो पात्र हितग्राही सर्वे में छूट गये हैं? ऐसे हितग्राहियों को योजना का लाभ दिये जाने हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र सीहोर के कितने हितग्राहियों को कुटीर स्वीकृत किये गये? योजना प्रारम्भ होने की दिनांक से वर्षवार स्थान सहित हितग्राहियों की जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत भारत सरकार द्वारा SECC-2011 में सूचीबद्ध आवासहीन परिवारों में से पात्र परिवारों को योजना का लाभ देने के निर्देश हैं। ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान SECC-2011 में जो परिवार सूचीबद्ध नहीं है, लेकिन मौके पर आवासहीन हैं उनका परीक्षण कर सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत स्वीकृत प्रत्येक हितग्राही की स्वीकृति भुगतान की जानकारी आवास निर्माण की प्रगति की जानकारी भारत सरकार के पोर्टल आवास सॉफ्ट पर उपलब्ध है। भारत सरकार की वेबसाईट से सीहोर विधान सभा क्षेत्र से संबंधित हितग्राहियों की मुद्रित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 1447 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत ग्राम पंचायतों में शौचालयों का निर्माण होने के उपरांत भी हितग्राहियों को राशि का भुगतान नहीं किया इसमें विलम्ब का क्या कारण है तथा ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनको भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है तथा भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? पृथक-पृथक ग्राम पंचायतवार हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) अंतर्गत हितग्राहियों को शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहन राशि के लिये गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले सभी परिवारों तथा गरीबी रेखा से ऊपर वाले अनुसूचित जातियों/अनुसूचति जनजातियों, लघु एवं सीमांत किसानों, वासभूमि वाले भूमिहीन श्रमिकों, शारीरिक रूप से विकलांगों और महिला प्रमुख परिवारों की ही पात्रता हैं। (ख) समस्त पात्र हितग्राहियों को शौचालय निर्माण पश्चात् प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध मीट मार्केट को हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1456 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना शहर में जगह-जगह पर लोगों ने मीट मार्केट बना रखा है? सतना शहर में किन-किन स्थानों पर किनके द्वारा मीट बेचने का कार्य किया जा रहा है? (ख) क्या सतना शहर के बाहर मीट मार्केट का निर्माण कराया जा चुका हैं? यदि हाँ, तो कहाँ पर और कितनी लागत का बनाया गया है? (ग) कब तक शहर के भीतर मीट विक्रय प्रतिबंधित करते हुए मीट व्यापारियों को मीट मार्केट में विस्थापित कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, सतना शहर में जगह-जगह पर जिन लोगों द्वारा मीट बेचने का कार्य किया जा रहा है, उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नगर निगम सतना द्वारा सतना शहर के बाहर मीट मार्केट के निर्माण की योजना तैयार की जा रही है। योजना की स्वीकृति के पश्चात् मीट मार्केट का निर्माण कराया जायेगा तद्उपरांत मीट व्यापारियों को मीट मार्केट में विस्थापित कर दिया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासन के आदेशों की अवहेलना किए जाने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 1466 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ए.सी.एस. की वीडियों कान्फ्रेन्सिंग की समीक्षा के बाद सतना के परियोजना अधिकारी मनरेगा की सेवायें विकास आयुक्त के आदेश क्रमांक 6100/22/वि-2/स्था./2017 दिनांक 12/5/17 को तत्काल प्रभाव से पैतृक संगठन तिलहन संघ को सौंपी गई है? (ख) क्या इस आदेश का पालन कलेक्टर सतना द्वारा न करते हुये इसी दागी अधिकारी को सी.ई.ओ. उचेहरा जनपद पंचायत का प्रभार दिया गया है? (ग) सतना जिले में लंबे समय से पदस्थ ऐसे परियोजना अधिकारी मनरेगा को कब तक सतना से हटा दिया जावेगा बतावें एवं आदेश का पालन न करने का कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। तत्पश्चात कलेक्टर सतना द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में श्री एम.आर. पटेल द्वारा अच्छा कार्य किए जाने की जानकारी अपर मुख्य सचिव को दी गई जिस पर अपर मुख्य सचिव ने श्री पटेल की सेवाएं यथावत जिला पंचायत में रखने के लिए सहमति दी। (ख) एवं (ग) श्री पटेल के विरूद्ध भ्रष्टाचार का कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। जिला सतना में अधिकारियों की कमी के कारण कार्य संचालन हेतु तात्कालिक व्यवस्था करते हुए कलेक्टर सतना ने श्री पटेल को जनपद उचेहरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। शासन द्वारा दिनांक 15.3.17 को जनपद पंचायत उचेहरा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जे. डी. अहिरवार को पदस्थ कर दिया गया है।
शासकीय निधि से निर्मित कूप दबंगो के कब्जे से मुक्त कराया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 1482 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड चौरई के ग्राम बतरी में शासकीय धनराशि से निर्मित कूप पर ग्राम के ही दबंग व्यक्ति का निर्माण के समय से ही कब्जा होने, इस कूप से ग्रामवासियों को पेयजल उपलब्ध नहीं होने का कोई मामला प्रकाश में आया हैं? यदि हाँ, तो कब और कैसे? (ख) क्या ग्रामवासियों से उक्त शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 706 दिनांक 02.06.2017 कलेक्टर को, पत्र क्रमांक 707 एस.डी.एम. को एवं पत्र क्रमांक 708 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चौरई को प्रेषित किया हैं? (ग) यह हाँ तो इस पत्र पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी हैं? शासकीय धनराशि से निर्मित कूप कब से, किसके कब्जे में पाया गया हैं? नाम, पता सहित यह बतावें कि यह कूप कब कितनी शासकीय धनराशि से कब निर्मित हुआ था? (घ) क्या उक्त कूप ग्रामवासियों को दबंग के कब्जे से निकालकर ग्रामवासियों को सौंप दिया गया हैं? पुन: उस कूप पर उसका कब्जा न हो इस हेतु क्या कोई प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गयी हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक संबंधित के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर कूप ग्रामवासियों सार्वजनिक उपयोग हेतु उपलब्ध करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) हां। प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 708 दिनांक 02.06.2017 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चौरई को प्राप्त हुआ। (ख) हां। (ग) उक्त शिकायत की जाँच कार्यालय जनपद पंचायत चौरई के पत्र क्रमांक 725 दिनांक 08.06.2017 द्वारा जाँच दल गठित किया जाकर कराई गई। कूप शासकीय धनराशि से पी.एच.ई. विभाग चैरई द्वारा बनाया गया है एवं उक्त कूप पर किसी भी दबंग व्यक्ति का कब्जा होना नहीं पाया गया है यह कूप 2.00 लाख शासकीय धनराशि से वर्ष 2000-01 में निर्मित हुआ था। प्रतिवेदन अनुसार उक्त कूप सार्वजनिक तौर ग्रामवासियों द्वारा पेयजल हेतु उपयोग किया जा रहा है। (घ) उक्त प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कार्य के दौरान निजी कार्य किये जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 1484 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जनपद पंचायत के अंतर्गत कितने सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारियों के विरूद्ध विगत एक वर्ष में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? (ख) क्या जनपद पंचायत होशंगाबाद में कार्यरत श्री विजय महतो सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध दिनांक 23/05/2017 को संचालक पंचायत राज संचालनालय द्वारा कलेक्टर होशंगाबाद को पत्र क्रमांक 5540 द्वारा कार्यवाही करने हेतु पत्र भेजा गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है? कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) होशंगाबाद जनपद पंचायत अंतर्गत सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारियों के विरूद्ध विगत एक वर्ष में मात्र 01 शिकायत श्री विजय मेहतो के विरूद्ध प्राप्त हुई है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रकरण में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला होशंगाबाद के आदेश क्रमांक 10349/स्था/जि.पं./2017 दिनांक 12.06.2017 द्वारा 02 सदस्यीय जाँच समिति का गठन कर 01 माह में प्रतिवेदन दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
अधिकारी / कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
96. ( क्र. 1491 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिला पंचायत में कितने अधिकारी कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किये गये है? नाम सहित विवरण देवें। इन्हें कब तक इनके मूल विभाग को वापस किया जावेगा? (ख) जिले की विभिन्न जनपद पंचायत में कितने अधिकारी/कर्मचारी प्रतिनियुक्ति अथवा व्यवस्था पर नियुक्त किये गये हैं? नाम सहित विवरण देवें। इन्हें कब तक इनके मूल विभाग को वापस किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -एक अनुसार है। प्रशासनिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिनियुक्ति से सेवाएं मूल विभाग को वापिस किये जाने के संबंध में समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। प्रशासनिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिनियुक्ति से सेवाएं मूल विभाग को वापिस किये जाने के संबंध में समय-सीमा बताना संभव नहीं।
परिशिष्ट - ''बाईस''
अतिक्रमण में लिप्त अधिकारियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1496 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्रमांक 7428 तारांकित दिनांक 28.03.2017 के उत्तरांश में क्या (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो जानकारी एकत्रित करने में विलम्ब के क्या कारण है? (ख) विषयांतर्गत अतिक्रमण के संबंध में पूर्व में सदन को यह अवगत कराया गया है कि अतिक्रमण हटा दिया गया है किंतु वर्तमान में अतिक्रमण पूर्ण रूप से 2007-08 की स्थिति में ही दर्शित हो रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता के प्रतिनिधि को अतिक्रमण स्थल का मुआयना कराया जा सकेगा? (ग) उपरोक्त अतिक्रमण कब तक हटाया जाकर सम्बंधितों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी विभागीय पत्र क्रमांक एफ-20-29/2017/18-6 दिनांक 01/07/2017 द्वारा प्रेषित की जा चुकी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) नगर पालिक निगम मुरैना से रजिस्ट्री एवं नामान्तरण संबंधी कार्यवाही निरस्ती के संबंध में आयुक्त, नगर निगम मुरैना से स्पष्टीकरण चाहा गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्मित स्टॉप डेमों में फाटक न लगाये जाने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 1506 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2004 से वर्ष 2010 तक किस-किस ग्राम पंचायतों, में कितने स्टॉप डेम बनाये गये पूर्णत: प्रमाण-पत्र की तारीख राशि तथा किन-किन अधिकारियों ने प्रमाण-पत्र दिये उनके नाम, पद सहित सूची प्रदाय करें? (ख) जिला पंचायत छतरपुर में वर्ष 2010 से 2013 तक सामान्य सभा की बैठकों में किन-किन माननीय सदस्यों ने स्टॉप डेमों में फाटक न रहने का उल्लेख किया है तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा कितने पत्र लिखे गये उनकी जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या स्टॉप डेमों में फाटक न होने की जाँच की गयी और फाटक नहीं पाये गये? (घ) यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी, यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले में प्रश्नांश अवधि में कुल 770 स्टॉप डेम बनाये गये। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अवधि में सामान्य सभा की बैठकों में माननीय सदस्यों द्वारा स्टॉप डेम निर्माण हेतु प्रस्ताव पारित किये गये। स्टॉप डेम फाटकों के संबंध में अलग से पत्र नहीं लिखे गये न ही कोई प्रस्ताव पारित किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ’ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
99. ( क्र. 1507 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में रेत खनिज की जो नीलामी हेतु खदानें विज्ञापित की गई उनके क्षेत्र के अक्षांश एवं देशांश भी विज्ञापित किये गये या नहीं यदि नहीं, तो नीलामी खदान क्षेत्र की मौका स्थिति अक्षांश, देशांश के बिना सहजता से कैसे ज्ञात हुई? (ख) जिला छतरपुर में रेत खनिज की कितनी नीलामी खदानें किन-किन ठेकेदारों को कितनी-कितनी वार्षिक नीलामी पर कब से कब तक की अवधि हेतु स्वीकृत एवं संचालित हैं। इन नीलाम खदानों में कितनी-कितनी देय किश्तें जमा होना शेष हैं? (ग) क्या रेत खदान फत्तेपुर, सिंगारपुर, बंजारी में राजस्व, पुलिस, एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पंचनामा बनाकर कार्यवाही की गयी उक्त कार्यवाही में जप्त किये गये लिफटर एल.एन.टी. व ट्रकों तथा अन्य उपकरण वर्तमान में जप्त कर कहाँ रखे गये हैं, सूचीवार बतावें जप्त किये गये उपकरण का नाम, संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) क्या रेत खदान फत्तेपुर में 43 एवं बंजारी में 3 रेत लिफ्टर नदी घाट से जप्त किये गये है? क्या पानी के नीचे से लिफ्टर लगाकर रेत खनन किया जाना प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो दोषी व्यक्ति/ठेकेदार के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गयी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। खदानें घोषित किये जाने से पूर्व खदानों के अक्षांश एवं देशांश लिये गये थे। जिसकी जानकारी इच्छुक बोलीदारों के लिये कलेक्टर कार्यालय में उपलब्ध थी। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। ठेकेदारों द्वारा जून 2017 तक देय किश्त राशि जमा की गई है। जुलाई 2017 की देय किश्त की राशि बकाया है। (ग) जी हाँ। दिनांक 14.11.2016 को ग्राम फत्तेपुर में बनाये गये पंचनामा में खदान में खाली ट्रक एवं मशीने मौके पर पाये जाने का लेख है। जिसकी सूची पंचनामा में नहीं बनाई गई थी। पंचनामा में जप्त किये गये वाहन को कंपनी के सुपरवाईजर की सुपुर्दगी में दिये जाने का लेख है। दिनांक 24.11.2016 को ग्राम सिंगारपुर में बनाये गये पंचनामा में 110 ट्रक खाली पाये जाने का लेख है। दिनांक 20.04.2017 को ग्राम बंजारी के नदी घाट पर की गई जाँच के पंचनामा में 03 लिफ्टर लावारिस हालत में जप्त किये गये। ग्राम उदयपुरा में जप्त दो लिफ्टर श्री शुभम सिंह तथा ग्राम बरकोला में जप्त एक लिफ्टर श्री गौरव मिश्रा की सुपुर्दगी में दिया गया था। (घ) जी हाँ। जी हाँ। ग्राम फत्तेपुर में स्वीकृत रेत खदान के ठेकेदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। दिनांक 24.11.2017 को ग्राम बंजारी में जप्त लिफ्टरों के प्रकरण नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु कलेक्टर, पन्ना को पत्र दिनांक 18.05.2017 द्वारा कलेक्टर, छतरपुर द्वारा प्रेषित किया गया है।
परिशिष्ट - ''तेईस''
इन्डोर स्टेडियम रांझी में प्रदत्त सुविधाएं
[खेल और युवा कल्याण]
100. ( क्र. 1513 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्डोर स्टेडियम रांझी जबलपुर में किन-किन खेलों से संबंधित कौन-कौन से संसाधन सुविधाएं व खिलाड़ियों के लिये किन-किन खेलों से संबंधित कोच हैं। राष्ट्रीय खेलों से संबंधित कौन-कौन सी सुविधाएं एवं संसाधन नहीं है एवं क्यों? इसके लिये जिला प्रशासन व खेल विभाग जबलपुर ने कब एवं क्या प्रयास किये हैं? (ख) आउटडोर स्टेडियम रांझी जबलपुर में कौन-कौन सा निर्माण कार्य कराना स्वीकृत/प्रस्तावित है। कौन-कौन सा कार्य कब से पूर्ण नहीं कराया गया है एवं क्यों? स्टेडियम का रख-रखाव मरम्मत पुनर्निर्माण कार्य पर कितनी राशि व्यय हुई। वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित इन्डोर स्टेडियम में खिलाड़ियों से किन-किन खेलों का अभ्यास/प्रशिक्षण से संबंधित कितनी-कितनी फीस ली जाती है तथा इस फीस का किन-किन कार्यों में व्यय करने का क्या प्रावधान है। खिलाड़ियों से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि वसूल की गई एवं किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें। (घ) क्या प्रश्नांकित स्टेडियम की सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है। खिड़की/दरवाजे के काँच टूटे हुये हैं। स्टेडियम कंडम दिखाई पड़ रहा है? खिलाड़ियों को पेय जल की व्यवस्था नहीं है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? क्या शासन इसकी जाँच करवाकर दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) इंडोर स्टेडियम रांझी जबलपुर में बैडमिंटन हैण्डबाल एवं मलखम्ब खेलों से संबंधित संसाधन एवं सुविधाए उपलब्ध है एवं 1- खेल मलखम्ब का प्रशिक्षक उपलब्ध है। रांझी स्टेडियम में बैडमिंटन, हैण्डबाल व मलखम्ब की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए आवश्यक सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आउटडोर स्टेडियम रांझी जबलपुर में लघु क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण प्रस्तावित/स्वीकृत थे जो पूर्ण है। इस स्टेडियम के निर्माण पर वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक रूपये 50.46 लाख की राशि व्यय की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) स्टेडियम की सुरक्षा, रख-रखाव एवं खिलाड़ियों की पेयजल की उचित व्यवस्था है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''चौबीस''
खेल प्रशिक्षण
[खेल और युवा कल्याण]
101. ( क्र. 1515 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने विभिन्न खेलों को बढ़ावा देने, खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने व उन्हें प्रशिक्षण देने हेतु क्या नीति बनाई है? (ख) जिला जबलपुर में जिला व संभाग स्तरीय खेलों के लिये स्वीकृत स्टाफ पेटर्न के तहत कौन-कौन से कितने-कितने पद भरे/रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन ने क्या प्रयास किये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में किन-किन खेलों से संबंधित प्रशिक्षक (कोच) कब से पदस्थ नहीं है एवं क्यों? किन-किन खेलों से संबंधित प्राईवेट प्रशिक्षकों को किन शर्तों पर किसके आदेश से कितनी अवधि के लिये रखा गया है एवं इन्हें मानदेय की कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें। खेल प्रशिक्षकों की सूची दें। (घ) प्रश्नांश (ख) में किन-किन खेलों से संबंधित खिलाड़ियों से प्रशिक्षण शुल्क की किस मान से कितनी राशि वसूल की गई एवं कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई तथा कितनी राशि जमा है वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल नीति 2005 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जिन खेलों से संबंधित प्रशिक्षक जब से पदस्थ नहीं है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' समाहित है। जिन खेलों में प्राईवेट प्रशिक्षक जितनी अवधि हेतु जिस मानदेय पर रखे गये है, उन्हें वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक प्रशिक्षकवार किए गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से दी जाने वाली सुविधाएं
[लोक सेवा प्रबन्धन]
102. ( क्र. 1520 ) श्रीमती ममता मीना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण गुना जिले में प्रशासन द्वारा कई विभागों के कार्यों की आवेदन एवं नकलें, प्रमाण-पत्र आदि देने की सुविधा है? यदि हाँ, तो क्या पूर्व की तरह विभागों द्वारा दी जाने वाली नकलों की सुविधा पूर्णतया बन्द कर दी है या नहीं। (ख) क्या तहसीलों में खसरा बी-1 की नकलें पूर्व में प्रति पेज-20 रूपये में मिलने वाली कम्प्यूटर की नकलें बन्द करके, लोक सेवा केन्द्रों द्वारा प्रति खसरा नंबर के 20=00 वसूल किये जाते है, (जबकि एक पृष्ठ की नकल के 20 रूपये लिये जाना चाहियें) क्या निर्धारण है बतायें? (ग) लोक सेवा केन्द्रों की कार्यप्रणाली के निरीक्षण की जिला प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था है? (घ) क्या शासन द्वारा लोक सेवा केन्द्रो में पृथक-पृथक दरें निर्धारित की हैं? यदि नहीं, तो कुछ केन्द्रों द्वारा मनमानी किस आधार पर की जा रही है, लोक सेवा केन्द्रो की दरों में समानता के लिये विभाग की योजना क्या है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। विभिन्न विभागों द्वारा भी सुविधा प्रदान की जा रही है। (ख) तहसील कार्यालयों के माध्यम से नकल प्राप्त करने की सुविधा बंद नहीं की गई है एवं तहसीलों में कम्प्यूटर खसरों की नकल हेतु राशि रूपये 20/- प्रति पृष्ठ निर्धारित है एवं लोक सेवा केन्द्रों पर कम्प्यूटर खसरों की नकल हेतु प्रति सर्वे नम्बर राशि रूपये 20/- निर्धारित है। (ग) जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर केन्द्रों का निरीक्षण किया जाता है। (घ) शासन द्वारा समस्त लोक सेवा केन्द्रों पर एक समान शुल्क दरें निर्धारित की गई हैं एवं लोक सेवा केन्द्रों द्वारा निर्धारित शुल्क ही लिया जा रहा है।
पोहरी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत मुख्यमंत्री/सुदूर सड़के
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 1546 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं सुदूर सड़क योजनांतर्गत कितनी और कौन-कौन सी सड़के प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत हुई हैं उनकी लम्बाई एवं लागत सहित सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कें पूर्णत: निर्मित हो चुकी हैं? कौन-कौन सी सड़के निर्माणाधीन हैं एवं कौन-कौन सी सड़कों का कार्य आज दिनांक तक भी अप्रारंभ है व क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में निर्माणाधीन सड़के कब तक पूर्ण कर ली जावेगी एवं अप्रारंभ सड़कों का कार्य कब से प्रारंभ होगा एवं निर्माण पूर्ण होने की समय अवधि सड़कवार बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कूनो वन्य प्राणी अभ्यारण के क्षेत्र वृद्धि
[वन]
104. ( क्र. 1549 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिला स्थित कूनो वन्य प्राणी अभ्यारण के क्षेत्र वृद्धि की कोई कार्यवाही प्रचलित है यदि हाँ, तो उक्त क्षेत्र वृद्धि में वर्तमान क्षेत्र के अतिरिक्त कौन-कौन से क्षेत्र को शामिल किया जा रहा है? मजरे, टोले, ग्रामों की सूची तहसीलवार उपलब्ध करावें साथ ही अभ्यारण के वर्तमान एवं प्रस्तावित नक्शे की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त क्षेत्र वृद्धि में बफर जोन में शिवपुरी जिले के पोहरी विकासखण्ड के कौन-कौन से ग्राम या मजरे, टोले या क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं? जानकारी ग्रामवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या इंटरनेट पर जो नक्शा प्रदर्शित हो रहा है उसमें पोहरी विकासखण्ड की बैराढ तहसील के ग्राम कैमई एवं रैय्यन कूनो वन्य प्राणी अभ्यारण की सीमा में दर्शाए जा रहे हैं यदि हाँ, तो क्यों? जबकि उक्त ग्राम तहसील बैराड जिला शिवपुरी में शामिल हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्रस्तावित क्षेत्रफल वृद्धि में 333.424 वर्ग कि.मी. अभयारण्य का बफर वनक्षेत्र, 8.17 वर्ग कि.मी. कूनो अभयारण्य के बफर क्षेत्र में स्थित राजस्व क्षेत्र एवं 62.582 वर्ग कि.मी. कूनो वन्यप्राणी अभ्यारण्य के पुर्नवासित ग्रामों का क्षेत्र शामिल कर कुल 404.176 वर्ग कि.मी. क्षेत्र वृद्धि की जाना प्रस्तावित है। क्षेत्र वृद्धि में शामिल किये गये मजरे, टोले एवं ग्रामों की तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 व 02 अनुसार है। कूनो वन्यप्राणी अभ्यारण्य के वर्तमान एवं प्रस्तावित नक्शे की प्रति क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में इस कार्यालय द्वारा कोई भी नक्शा इंटरनेट पर प्रदर्शित नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
चंदन के पेड़ों की अवैध कटाई
[वन]
105. ( क्र. 1556 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिला अंतर्गत विभाग द्वारा चंदन के पेड़ के लिये चंदन क्षेत्र को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर चंदन क्षेत्र चिन्हित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में वर्तमान में कहाँ-कहाँ पर चंदन के पेड़ हैं? स्थान एवं संख्या बताएं? चिन्हित क्षेत्रों में चंदन के पेड़ों की वास्ताविक स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में कितने वर्षों पूर्व चंदन क्षेत्र चिन्हित किया गया था? क्या इन क्षेत्रों में अवैध चंदन के पेड़ों की कटाई की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में कहाँ-कहाँ पर अवैध चंदन के पेड़ों की कटाई हुई है, वन विभाग द्वारा अवैध पेड़ों की कटाई कराने वालो के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? क्या चंदन के पेड़ों की तस्करी की रिपोर्ट किसी थाना अंतर्गत दर्ज हुई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ग' के संदर्भ में जानकारी निरंक है। अन्य वनक्षेत्र अंतर्गत धूमा परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 50 एवं लखनादोन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 102 में चंदन के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है। वन विभाग द्वारा वन अपराध प्रकरण दर्ज कर 3 वाहन जप्त किये गये हैं तथा 8 अपराधियों के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किये गये हैं। शेष जानकारी निरंक है।
परिशिष्ट - ''पच्चीस''
मास्टर प्लान के तहत निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1557 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका सिवनी अंतर्गत निर्माण व विकास कार्य मास्टर प्लान के तहत किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस मास्टर प्लान के तहत सिवनी में कार्य किये जा रहे हैं? कार्यरत मास्टर प्लान की प्रति उपलब्ध करायें व बतायें कि मॉडल रोड निर्माण कार्य किस आधार पर किया गया? मास्टर प्लान में इस रोड की चौड़ाई कितनी दर्शाए गयी है? (ख) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में क्या तोड़े गये मकानों को कितने समय पूर्व नोटिस दिया गया था? समस्त तोड़े गये घर के मालिक का नाम, पता कितने स्क्वायर फिट निर्माण तोड़ा गया? कितना मुआवजा बना, कितना मुआवजा दिया गया, कितना मुआवजा शेष है? तोड़े गये घर / दुकान की वैध निर्माण अनुमति कितनी थी व निर्माण को तोड़ने में कितना सरकारी धन खर्च किया गया? टेबल रूप में जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में क्या तोड़े गये प्रत्येक मकान में मालिक को नगर पालिका द्वारा मुआवजा प्रदान किया गया है अथवा प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो मुआवजे का निर्धारण किस आधार पर किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका सिवनी में वर्ष 2008 का मास्टर प्लान लागू है। म.प्र. राजपत्र दिनांक 24 अक्टूबर 2008, मास्टर प्लान की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-7 की पूर्व निर्मित सड़क का उन्नयन कार्य मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत प्रस्तावित है। राष्ट्रीय राजमार्ग की वर्तमान चौड़ाई 18 मीटर से 20 मीटर (फुटपाथ एवं डिवाइडर सहित) है, प्रस्तावित मार्ग में दोनों ओर 7-7 मीटर रोड का उन्नयन किया गया है। मास्टर प्लान में इस रोड की चौड़ाई दर्शित नहीं है। (ख) नगर पालिका परिषद सिवनी द्वारा मॉडल रोड निर्माण के दौरान कोई भी मकान नहीं तोड़े गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''छब्बीस''
प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी.
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 1564 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के विभिन्न जनपद पंचायतों के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किये गये हैं। (ख) यदि हाँ, तो विभिन्न जनपद पंचायतों के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में कितने हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है तथा स्वीकृत आवासों में प्रत्येक हितग्राहीवार कितनी राशि दी जाती है और कार्य की भौतिक स्थिति क्या है। (ग) क्या स्वीकृत आवासों में पात्रता की जाँच उपरांत हितग्राही अपात्र पाये गये हैं। यदि हाँ, तो प्रत्येक जनपद पंचायतों के ग्राम पंचायतों में कितने हितग्राही अपात्र पाये गये हैं और अपात्र हितग्राहियों को कितनी राशि आवंटित की जा चुकी है तथा अपात्र के संबंध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 24409 हितग्राहियों को आवास गृह निर्माण हेतु स्वीकृति दी गई है। प्रत्येक हितग्राही को 3 किश्तों में कुल राशि रू. 1,30,000/- देने की व्यवस्था है। भौतिक स्थिति में 4432 आवास प्रारंभ की स्थिति में, 15,922 नीव स्तर तक 3708 लिंटल लेवल तक तथा 72 आवास पूर्ण हैं। (ग) जी हाँ। 128 हितग्राही अपात्र पाये गए। जिन्हे प्रथम किश्त में कुल रू. 50.4 लाख एवं द्वितीय किश्त में कुल रू. 7.65 लाख दिये गए है। अपात्र हितग्राहियों से राशि वापस लेने के निर्देश मैदानी अधिकारियों को दिये गए है।
निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं राशि का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 1571 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग राजगढ़ द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा दिनांक 29.04.2017 के परिपालन में ग्राम मउ में सामुदायिक भवन निर्माण एवं विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत निस्तारी नाला एवं स्थानीय नालों पर पुल/पुलिया निर्माण की डी.पी.आर. तैयार कर तकनीकी स्वीकृति प्रदान करते हुये प्रशासकीय स्वीकृति एवं राशि आवंटन हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत ब्यावरा को पत्र प्रेषित किया गया है, जिसकी सूचना प्रश्नकर्ता को कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा राजगढ़ के पत्र क्रमांक/2578/तक./ग्रायांसे/17 दिनांक 15.06.2017 से दी गई है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं राशि आवंटन कर दिया गया है? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है एवं इसमें हो रहे विलंब के क्या कारण हैं? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा की पूर्ति हेतु प्रश्नांश (क) वर्णित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं राशि का आवंटन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा दिनांक 19.04.2017 के पालन में सामुदायिक भवन की तकनीकी स्वीकृति जारी की गई है। कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, राजगढ़ के प्रश्नांकित संदर्भित पत्र में उल्लेखित शेष कार्य माननीय मुख्यमंत्री घोषणा में शामिल नहीं है। जी, बजट, प्रशासकीय स्वीकृति एवं आवंटन जारी नहीं किया गया है। संचालक, म.प्र. पंचायतराज संचालनालय के कार्यालय में। विलम्ब की स्थिति नहीं है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा की पूर्ति का पालन करने के लिए विभाग यथाशीघ्र पूर्ति करने हेतु आबद्ध है।
सेमीनार हॉल व अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
109. ( क्र. 1573 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 6333 दिनांक 21 मार्च, 2017 के उत्तर में बताया गया था कि शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा में सेमीनार हॉल व अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण की स्वीकृति हेतु महाविद्यालय से दिनांक 14/10/2016 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, उसे संशोधित करने हेतु प्राचार्य को भेजा गया है? तो क्या महाविद्यालय ब्यावरा द्वारा उक्त प्रस्ताव संशोधित कर अपने पत्र क्रमांक 444 दिनांक 06.04.2017 को अपर संचालक (निर्माण) उच्च शिक्षा सतपुड़ा भवन, म.प्र. भोपाल को प्रेषित कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन छात्र-छात्राओं को सुविधाओं प्रदान करने की दृष्टि से सेमीनार हॉल एवं अतिरिक्त अध्यापक कक्ष निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रथम अनुपूरक बजट 2017-18 में प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्राचार्य द्वारा विधिवत पूर्ण प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। (ग) प्रश्नांक ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वकराधान योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
110. ( क्र. 1581 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में स्वकराधान योजना से स्वीकृत कार्यों में से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य पूर्ण हो चुके है एवं कितने शेष हैं? सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में स्वकराधान योजना मद में कोई कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निःशक्तजनों को पेंशन प्रदान किये जाने
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
111. ( क्र. 1591 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा निःशक्तजनों को पेंशन प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो इसमे किन-किन निःशक्तजनों को शामिल किया गया है व इन्हें कितनी पेंशन प्रदान की जाती है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदान की जाने वाली पेंशन के लिये संबंधित का बी.पी.एल. कार्ड होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो जिन निःशक्तजनों के पास बी.पी.एल. कार्ड नहीं है उन्हे पेंशन उपलब्ध कराने के लिये विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार की इंदिरा गांधी निःशक्त पेंशन योजना अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 18 से 79 वर्ष आयु के निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारियों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 1995 तथा द नेशनल ट्रस्ट फॉर वेलफेयर ऑफ पर्सन्स विथ आर्टिज्म, सेरेब्रल पालीस, मेंटल रिटारडेशन एण्ड मल्टीपल डिसेबिलिटी एक्ट, 1999 के अनुसार 80 प्रतिशत निःशक्तता एवं सिवियर डिसेबिलिटी होना चाहिये। को 300/- रूपये प्रतिमाह प्रति हितग्राही पेंशन प्रदाय की जाती है। राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अन्तर्गत 6 से 18 वर्ष आयु के स्कूल में अध्ययनरत हो को ’’दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन सहायता राशि’’ रूपये 300/-प्रति हितग्राही प्रतिमाह के मान से प्रदाय की जाती है। राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन अंतर्गत 18 से 59 वर्ष आयु के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले दिव्यांगजन जिनकी नि:शक्तता 40 प्रतिशत या उससे अधिक है। (अर्थात 18 से 59 आयु वर्ग के 40 प्रतिशत से अधिक किन्तु 80 प्रतिशत से कम नि:शक्तता धारण करने वाले नि:शक्तजन जो भारत सरकार की इंदिरा गांधी नि:शक्त पेंशन योजना अंतर्गत सम्मिलित नहीं है।) को रूपये 300/-प्रतिमाह के मान से प्रदाय की जाती है। 6 वर्ष से अधिक आयु के बहुविकलांग एवं मानसिक रूप से निःशक्त व्यक्तियों को राशि रूपये 500/- प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जा रही है। योजना में आय सीमा का कोई बंधन नहीं है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में शासन स्तर पर जिन हितग्राहियों के पास बी.पी.एल. कार्ड नहीं है। उन्हें पेंशन देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
खिलाड़ियों के प्रतियोगिता के पूर्व उनकी आयु के प्रमाण-पत्र जारी किए जाना
[खेल और युवा कल्याण]
112. ( क्र. 1593 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभिन्न खेल संगठनो द्वारा विभिन्न आयु वर्ग के खिलाड़ियों की प्रतियोगिता के पूर्व उनकी आयु के प्रमाण-पत्रों की जानकारी ली जाती है व उनका मेडिकल बोर्ड द्वारा परीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो किन-किन खेल संगठनों द्वारा आयु के लिये क्या पैमाना निर्धारित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार खेल संगठनों द्वारा खिलाड़ियों के आयु की जाँच के लिए अपनाये गये मापदंडो के बाद भी यदि खिलाड़ी गलत प्रमाण-पत्र या मेडिकल की गलत रिपोर्ट के बाद दोषी पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) खेल संगठन स्वतंत्र इकाईयाँ हैं, जो शासन के अधीन कार्य नहीं करती हैं। अत: उनकी प्रक्रियाओं व मापदण्डों के बारे में जानकारी संधारित नहीं की जाती है।
मोटोराईज्ड ट्राईसिकल प्रदान की जाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
113. ( क्र. 1595 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की योजनानुसार 80 प्रतिशत तक के दिव्यांगों को केंद्र /राज्य शासन /विभाग द्वारा मोटोराईज्ड ट्राईसिकल प्रदान की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो योजना के प्रारम्भ होने से प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन दिव्यांगों को कब-कब मोटोराईज्ड ट्राईसिकल प्रदान की गयी? (ग) योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विधानसभा क्षेत्रों से कितने-कितने आवेदन सीधे आवेदकों के माध्यम से रतलाम जिलाधीश, सम्बन्धित विभाग एवं प्रभारी मंत्री के माध्यम से प्राप्त हुए? (घ) पूरे म.प्र.के साथ ही रतलाम जिले में अब तक दिव्यांगो को कुल कितनी ट्राईसिकल प्रदाय की गयी? संख्या बताये l रतलाम जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रवार, नामवार, दिव्यांगो को प्रदाय की गयी संख्या एवं प्राप्त आवेदनों की संख्या से अवगत करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन की मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना एवं केन्द्र की एडिप योजनांतर्गत मोटोराईज्ड ट्रायसिकल प्रदान करने का प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार (घ) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के साथ रतलाम जिले में अब तक 529 दिव्यांगो को 529 ट्रायसिकल प्रदान की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार।
विभागीय कार्यों का मूल्यांकन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 1596 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से सुदूर ग्राम सड़क, मुख्यमंत्री खेत सड़क, मुख्यमंत्री सड़क योजना निर्मल नीर, कपिलधारा एवं खेल मैदान निर्माण के कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त कार्यों संबंधी जावरा विधानसभा क्षेत्र जावरा एवं पिपलौदा विकासखंड अंतर्गत कौन-कौन से कितने-कितने कार्य हुए? (ग) ग्राम पंचायतवार एवं ग्राम पंचायत अंतर्गत ग्रामवार उपरोक्तानुसार उल्लेखित कार्य कहाँ-कहाँ पर कितने स्वीकृत होकर पूर्ण हुए है अथवा अपूर्ण रहे हैं एवं इस हेतु स्वीकृत कार्यवार कुल कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ है? (घ) क्या उपरोक्त उल्लेखित कार्य स्वीकृत होकर पूर्ण हुए तो उनका मूल्यांकन किया गया है? यदि हाँ, तो बतायें, साथ ही अपूर्ण रहे कार्य एवं अप्रारम्भ कार्यों के संबंध में शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गयी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। राज्य स्तर से अपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता पर तथा मजदूरों की माँग अधिक होने पर अप्रारम्भ कार्यों को शीघ्र प्रारम्भ कराने के निर्देश जारी किया गया है।
मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित कॉलोनियों में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1620 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित अरविंद विहार कॉलोनी, बाग मुगालिया एवं कटारा हिल्स, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, भोपाल में नगर निगम भोपाल को कब अधिग्रहित किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांकित कॉलोनियों के अधिग्रहण/समर्पण के पश्चात नगर-निगम, भोपाल द्वारा समस्त करों की वसूली कॉलोनियों के रहवासियों से निरंतर की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांकित कॉलोनियों की मूलभूत सुविधाओं एवं देख-रेख, मरम्मत, सड़क निर्माण आदि का दायित्व भोपाल निगम का है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित कॉलोनियों की सड़कें, कॉलोनी निर्माण के पश्चात् से ही जो पुनर्निमित नहीं हुई हैं, जिनमें सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं? रहवासियों को वर्षाकाल व वर्षभर आवागमन की परेशानी होती है तथा अरविंद विहार कॉलोनी में स्थित सिल्वर वेल्स कॉन्वेंट स्कूल के सामने की सड़क जो कि अत्यंत क्षतिग्रस्त होने के कारण स्थानीय छात्र-छात्रायें जोखिम भरे रास्ते से आवागमन करते हैं? यदि हाँ, तो नगर-निगम, भोपाल प्रश्नांकित कॉलोनियों की सड़कों में कब तक नवीन डामरीकरण करवायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा अरविंद विहार एवं बाग मुगालिया कालोनी निर्मित एवं विकसित कर क्रमश: दिनांक 17.03.2008 एवं 05.05.2007 को नगर निगम भोपाल को हस्तांतरित की गई है। कटारा हिल्स कालोनी विकसित कर तत्समय ग्राम पंचायत रापडिया को दिनांक 21.12.2009 को हस्तांतरित की गई थी जो कि वर्तमान में नगर निगम, भोपाल के अधीन है। (ख) जी हाँ। अरविंद विहार कालोनी बाग मुगालिया के रहवासियों से करो की वसूली की जा रही है। कटारा हिल्स हाउसिंग बोर्ड कालोनी के करों का भुगतान म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। सड़क संधारण एक सतत प्रक्रिया है। गड्ढे होने पर मरम्मत कराई जाती है। उक्त कालोनियों में अब तक विभिन्न नये एवं संधारण कार्य कराये गये है। पुनर्निर्माण की आवश्यकता होने पर पुनर्निर्माण कराया जाता है नवीन डामरीकरण का कार्य बजट उपलब्धता के अनुसार कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत किये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
116. ( क्र. 1621 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वयन के क्या दिशा-निर्देश हैं एवं आवास स्वीकृति हेतु पात्रता के क्या पैमाने है? इस हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है वर्ष 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराने हेतु मध्यप्रदेश में योजनांतर्गत इस वर्ष कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? शहडोल संभाग अंतर्गत आने वाले जिलों का विवरण दें? (ख) जिला अनूपपुर अंतर्गत इस वर्ष कितना आवंटन/लक्ष्य प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्राप्त हुआ है? प्राप्त आवंटन/लक्ष्य/ मध्यप्रदेश को प्राप्त आवंटन/लक्ष्य का कितना प्रतिशत है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पात्रता/पैमाने के अनुसार प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत कितने लोग आवास योजना अंतर्गत पात्र हैं, ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें? इनमें से कितने लोगों को आवास स्वीकृत किये जाकर प्रथम किश्त जारी की जा चुकी हैं एवं शेष हितग्राहियों को कब तक आवास स्वीकृत होंगे? (घ) क्या आवास हेतु पात्र व्यक्ति/परिवारों के परीक्षण हेतु किसी के द्वारा निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो क्या निरीक्षण दल ने प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार जाँच की है? यदि नहीं, तो क्या जाँच में विसंगतियों सामने आने पर पात्र व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के दिशा-निर्देश स्वीकृति हेतु पात्रता एवं प्रक्रिया संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। योजना के प्रारंभ से अब तक मध्यप्रदेश को 837679 आवास गृह निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसमें शहडोल संभाग में अनूपपुर जिले के लिए 13123, शहडोल जिले के लिए 24409 एवं उमरिया जिले के लिए 14549 आवास गृह स्वीकृत किए गए हैं। अनूपपुर जिले के लिए स्वीकृत आवास गृह प्रदेश के कुल स्वीकृत आवास गृहों का 1.56 प्रतिशत है। (ग) भारत सरकार के पोर्टल आवास सॉफ्ट पर प्रदेश के स्वीकृत प्रत्येक हितग्राही की स्वीकृति से लेकर निर्माण पूर्ण होने तक की जानकारी संधारित करने की व्यवस्था है। पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के स्वीकृत आवास गृहों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। वर्ष 2022 तक सभी आवासहीनों को आवास गृह उपलब्ध कराने की भारत सरकार के निर्देश है। भारत सरकार से राज्य को लक्ष्य मिलने पर SECC-2011 के आधार पर वंचितता की तीव्रता के क्रम में पात्र हितग्राहियों को स्वीकृति दिए जाने की व्यवस्था है। लक्ष्य भारत सरकार पर निर्भर होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की पुस्तकालय में रखी मार्गदर्शिका के निर्देशों के तहत SECC-2011 में सूचीबद्ध आवासहीनों का मौका मुआयना जनपद पंचायत के सचिव, पंचायत समन्वयक (पी.सी.ओ.) तथा सेक्टर के उपयंत्री दल गठित कर कराया गया। पात्रता अनुसार मौका मुआयना उपरान्त पात्र हितग्राहियों को स्वीकृती दी गयी।
शहीदों के नाम पर शासन की राशि की बंदरबांट किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 1628 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल के अरेरा हिल्स पर निर्मित शौर्य स्मारक का उद्घाटन दिनांक 14 अक्टूबर, 2016 को देश के प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया हैं? (ख) यदि हाँ, तो यह स्मारक कितनी राशि से निर्मित किया गया तथा शासन की राशि की बंदरबांट करते हुए घटिया सामग्री का उपयोग किए जाने के कारण मात्र 3 माह की अवधि में ही स्मारक के टाईल्स उखड़ने के कारण क्या संबंधित अधीक्षण यंत्री द्वारा ठेकेदार को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन शहीदों के नाम पर भ्रष्टाचार करने व शासन की राशि से घटिया सामग्री का उपयोग करने वाले भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के विरूद्ध उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों ?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) रूपये 3612.46 लाख राशि का कोई दुरूपयोग नहीं हुआ है एवं उत्कृष्ट गुणवत्ता का कार्य कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है! (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन की राशि का दुरूपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 1631 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सर्वे के आधार पर भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिये में वास्तविक एच.एफ.एल. के अनुसार मुनारे निर्मित किए जाने के कार्य किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि से कब तक निर्मित किए जाने की योजना है तिथि सहित बतावें? (ख) निगम प्रशासन द्वारा पूर्व में बड़े तालाब के आस-पास कैचमेंट एरिये में मुनारे स्थापित करने के नाम पर कितनी राशि व्यय की गई थी, क्या अदूरदर्शितापूर्वक व्यय की गई राशि का उत्तरदायित्व निर्धारण कर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध राशि की वसूली तथा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण सेन्ट्रल जोन, भोपाल के दिशा-निर्देशानुसार भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिये के एफ.टी.एल. के अनुसार 877 मुनारे निर्मित किये जाने का कार्य नगर निगम, भोपाल द्वारा करवाया गया है, जिस पर कुल राशि रूपये 1,32,98,719/- का व्यय हुआ है। (ख) निगम प्रशासन द्वारा पूर्व में बड़े तालाब के आस-पास कैचमेंट एरिया में राशि रूपये 1,32,98,719/- की मुनारें निर्मित कर स्थापित करने पर राशि व्यय की गई है मुनारें लगाने पर किसी प्रकार की अदूरदर्शितापूर्वक राशि व्यय नहीं की गई है। शोषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मनरेगा के अंतर्गत किये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 1641 ) श्री जितू पटवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी नरेगा के तहत वर्ष अप्रैल, 2014 से मार्च, 2017 तक इन्दौर जिले में कुल कितने पेड़ लगाये गये मजदूरी तथा सामग्री मद में किये गये व्यय की वर्षवार जानकारी देवें तथा उनमें से कितने प्रतिशत पेड़ जीवित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पेड़ों में कुल कितने रूपये की खाद डाली गयी तथा कितने प्रतिशत पेड़ उत्तर दिनांक तक जीवित है? (ग) 02 जुलाई को नर्मदा के किनारे पेड़ लगाये जाने अभियान में अन्तर्गत इन्दौर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना से कितने पेड़ लगाये जायेगें तथा उन पर लगभग मजदूरी पेड़ो की कीमत खाद, ट्री गार्ड सहित कितना खर्च अनुमानित है? (घ) क्या इन्दौर जिले में 11 दिसम्बर, 2016 से 15 मई, 2017 तक की नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान महात्मा गांधी नरेगा से पेड़ लगाये गये? यदि हाँ, तो कितने? उसमें से कितने प्रतिशत पेड़ जिन्दा हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 81894 पेड़ लगाये गये। मजदूरी तथा सामग्री मद में किये गये व्यय की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कुल राशि रूपये 21.82 लाख की खाद डाली गयी। लगभग 70 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। (ग) इन्दौर जिले में 1,27,076 पौधे लगाये गये, जिन पर राशि रू. 360.32 लाख व्यय अनुमानित है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''सत्ताईस''
स्मार्ट सिटी तथा मेट्रो ट्रेन के बारे में अद्यतन स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 1642 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर, भोपाल में स्मार्ट सिटी तथा मेट्रो ट्रेन के बारे में अद्यतन स्थिति से अवगत करावें तथा बतावें कि दोनों कार्य किस वर्ष/माह तक शुरू होगा? (ख) इंदौर, भोपाल में बी.आर.टी.एस. की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें क्या प्रारंभिक डी.पी.आर. में जनवरी, 2017 में यात्रियों की संख्या, वाहन, संख्या कुल यात्रियों से आय तथा अन्य स्त्रोत से आय तथा खर्च एवं शुद्ध लाभ जो उल्लेख किया गया था वह क्या था तथा वास्तविक क्या है? अंतर का कारण क्या है? (ग) इंदौर, भोपाल, बी.आर.टी.एस. स्मार्ट सिटी तथा मेट्रो ट्रेन में प्रारंभ से अभी तक किस-किस कन्सलटेंट को किस दर से कितनी राशि में नियुक्त किया गया था अभी तक कितना-कितना भुगतान किया गया एवं कितना भुगतान शेष है? (घ) नगरीय निकाय में बिना टेण्डर अनुशंसित दर पर कन्सलटेंट नियुक्त किये जाने हेतु कोई नियम है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि पिछले पाँच वर्ष में नगर निगमों में किस-किस कन्सलटेंट को कितनी राशि का भुगतान किस कार्य के लिये किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी:- स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड का गठन कर दिनांक 11/03/2016 अर्थात कम्पनी के रजिस्ट्रेशन दिनांक से स्मार्ट सिटी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इंदौर स्मार्ट सिटी की अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत प्रारंभ किये गये कार्यों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड का गठन कर दिनांक 14/03/2016 अर्थात कम्पनी के रजिस्ट्रेशन दिनांक से स्मार्ट सिटी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। स्मार्ट सिटी की अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत प्रारंभ किये गये कार्यों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। मेट्रो रेल:- इंदौर एवं भोपाल में मेट्रो रेल परियोजनाओं के संबंध में अद्यतन स्थिति एवं कार्य प्रारंभ किये जाने विषयक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। (ख) बी.आर.टी.एस.:- भोपाल बी.आर.टी.एस. का कार्य मिसरोद से बैरागढ़ तक सितम्बर 2013 में पूर्ण हो गया है एवं बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर में ऑपरेशन नवम्बर 2013 से चालू है। प्रारंभिक डी.पी.आर. जनवरी 2017 के संबंध में उक्त जानकारी विषयक कोई उल्लेख नहीं है। राईडरशिप बसों एवं अन्य आय तथा व्यय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है। इंदौर शहर में बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर निर्मित करने हेतु प्रारंभिक डी.पी.आर. (Preliminary Project Report) संपूर्ण शहर के बी.आर.टी.एस. नेटवर्क जिसकी राशि रूपये 868 करोड़ की थी तथा 88 किलोमीटर की तैयार कर प्रेषित की गयी थी। उक्त डी.पी.आर. को केन्द्र सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत की जाकर पायलट प्रोजेक्ट ए.बी. रोड 11.45 किलोमीटर की स्वीकृति प्रदान की गई है, अत: ए.बी. रोड 11.45 किलोमीटर की अलग से (Individually) कोई डी.पी.आर. शासन को प्रेषित नहीं की गई है। अत: राजस्व डी.पी.आर. के अनुसार तुलनात्मक अंतर बताया जाना संभव नहीं है। (ग) बी.आर.टी.एस.:- भोपाल बी.आर.टी.एस. में सुपरविजन एवं क्वालिटी कंट्रोल के लिये नियुक्त किये गये कंसलटेंट का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 7 अनुसार है। इंदौर बी.आर.टी.एस. में ए.आई.सी.टी.एस.एल. के माध्यम से नियुक्त किये गये कन्सलटेंट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 8 अनुसार है। स्मार्ट सिटी:- भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा प्रारंभ से अभी तक विभिन्न कार्यों हेतु नियुक्त कंसलटेंटों की दर, भुगतान की गई राशि से संबंधित विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 9 अनुसार है। इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड द्वारा योजना अंतर्गत नियुक्त कंसलटेंटों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 10 अनुसार है। मेट्रो रेल:- इंदौर एवं भोपाल मेट्रो रेल परियोजनाओं के संबंध में सलाहाकारों की नियुक्ति की दरें, भुगतान विषयक कुल राशि, अद्यतन भुगतान की गई राशि एवं शेष राशि के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 11 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश उपस्थित नहीं होता है।
महाविद्यालय में पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
121. ( क्र. 1651 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के अंतर्गत महाविद्यालय जैतहरी कब संचालित हुआ हैं? महाविद्यालय में कुल कितने संकाय पढाये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्था में कुल कितने पद सृजित है? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने कार्यरत हैं? (ग) क्या सच है कि लिपिकीय संवर्ग के लोगों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें? क्या रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी, यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय जैतहरी दिनांक 02.07.2012 से संचालित है, जिसमें कला एवं विज्ञान संकाय की कक्षायें संचालित हो रही हैं। (ख) शासकीय महाविद्यालय जैतहरी में प्राचार्य का 01 पद, सहायक प्राध्यापक के 11 पद, ग्रंथपाल एवं क्रीडाधिकारी के 01-01 पद स्वीकृत हैं तथा तृतीय श्रेणी में नियमित स्थापना में मुख्य लिपिक का 01 पद, लेखापाल का 01 पद तथा संविदा में सहायक ग्रेड-2 का 01, सहायक ग्रेड-3 का 01 तथा प्रयोगशाला तकनीशियन के 05 पद, भृत्य 01 चौकीदार 01, बुकलिफटर 01 एवं स्वीपर का 01 पद स्वीकृत है। शैक्षणिक स्वीकृत पदों के विरुद्ध भूगोल एवं हिन्दी विषय में 01-01 नियमित प्राध्यापक एवं अशैक्षणिक स्वीकृत पद के विरुद्ध 01 नियमित प्रयोगशाला तकनीशियन कार्यरत है। (ग) लिपिकीय संवर्ग से अध्यापन कार्य नहीं कराया जा रहा है और न ही लिपिक संवर्ग में कोई व्यक्ति कार्यरत है। रिक्त पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अवैध उत्खनन को प्रतिबंधित किया जाना
[खनिज साधन]
122. ( क्र. 1658 ) श्री सचिन यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में अवैध रूप से उत्खनन किये जाने के किस प्रकार के कितने प्रकरण किस-किस जिले में 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस नियम के अंतर्गत पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई तथा दण्डित प्रकरणों तथा एजेंसी एवं वाहन मालिकों के नाम सहित जानकारी दें? (ख) क्या एक ही क्रमांक से कई भारी वाहनों से अवैध उत्खनन किये जाने के प्रकरण भी पंजीबद्ध किये गये हैं? यदि हाँ, तो बतायें और उनके खिलाफ किस प्रकार की कार्यवाही किस-किस नियमान्तर्गत की गई? एजेंसी एवं वाहन मालिकों के नाम सहित जानकारी दें? (ग) मध्यप्रदेश में पूर्ण रूप से अवैध उत्खनन को रोकने हेतु क्या राज्य शासन द्वारा कोई कठोर कानून बनाया गया है? हां तो बतायें नहीं तो क्यों कारण दें? (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित समयावधि में राज्य सरकार को अवैध उत्खनन से कुल कितनी राशि का राजस्व घाटा हुआ है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 247 (7) में अवैध उत्खनन के संबंध में कार्यवाही किये जाने के प्रावधान हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 में गौण खनिज के अवैध उत्खनन के संबंध में प्रावधान हैं। इस नियम में दिनांक 18.05.2017 को संशोधन कर अवैध उत्खनन में लिप्त पाये गये वाहनों को राजसात करने तथा जुर्माना वसूल किये जाने का प्रावधान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अवैध उत्खनन पाये जाने पर अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर नियमानुसार दण्ड अधिरोपित कर वसूल किया जाता है। अत: राजस्व घाटे का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
123. ( क्र. 1666 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत तीन वर्ष में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई इन्वेस्टर्स मीट कब-कब व कहाँ-कहाँ आयोजित हुई? इनमें कितने इन्वेस्टर्स ने भाग लिया? (ख) आलोच्य अवधि में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट में कुल कितनी राशि के किस कंपनी के साथ करार हुआ तथा वर्तमान में क्या प्रगति हुई तथा कितने व्यक्तियों को रोजगार मिला? (ग) इन्वेस्टर्स मीट आयोजित करने पर कितनी राशि किस मद से व्यय हुई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विगत तीन वर्ष में इन्वेस्टर्स मीट दिनांक 08-10 अक्टूबर 2014 को इन्दौर तथा दिनांक 22-23 अक्टूबर 2016 को इन्दौर में आयोजित किया गया। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट वर्ष 2014 में देश-विदेश के 3408 प्रतिभागियों ने तथा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2016 में कुल 5156 प्रतिभागियों दवारा भाग लिया गया। (ख) विगत तीन वर्षों में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट में विभाग दवारा कंपनियों के साथ करार हस्ताक्षरित नहीं किए गए हैं। अत: शेष प्रश्नांश का उत्तर देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 (08-10 अक्टूबर 2014) इन्दौर में लगभग 1428.48 लाख की राशि व्यय हुई हैं, तथा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2016 (22-23 अक्टूबर 2016) इन्दौर में 1685.28 लाख की राशि का व्यय हुआ हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट 2014 एवं 2016 पर मदवार हुए व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार हैं।
परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''
सीहोर जिले में अवैध खनिज उत्खनन
[खनिज साधन]
124. ( क्र. 1667 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्ष में सीहोर जिले में अवैध रूप से खनिज का अवैध परिवहन करने के कितने प्रकरण पंजीकृत हुये। उसमें कितना जुर्माना लगाया तथा कितने अवैध खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को राजसात करने की कार्यवाही की गई वर्षवार खनिज का नाम वाहन के प्रकार दोषी व्यक्ति नाम, पते सहित जानकारी दी जावें? (ख) आलोच्य अवधि में लगाये गये जुर्माने की कितनी राशि आज तक वसूली गई? कितनी शेष हैं? (ग) आलोच्य अवधि में सीहोर जिले में खनिज रॉयल्टी के रूप में कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार खनिज का नाम सहित जानकारी देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाये अनुसार संपूर्ण जुर्माना राशि वसूल की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शित है।
रोजगार सहायकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
125. ( क्र. 1669 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत मैहर जिला सतना की किन-किन ग्राम पंचातयों में रोजगार सहायकों के पद वर्तमान में रिक्त हैं और कब-कब से रिक्त हैं? (ख) इन पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक सभी रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत प्रशासनिक व्यय की सीमा में संभाव्यता अनुसार ही रिक्त पदों की पूर्ति हो पायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - ''उनतीस''
मुख्य खनिज मद के उपयोग के मापदण्ड
[खनिज साधन]
126. ( क्र. 1673 ) श्री हर्ष यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में कौन-कौन से मुख्य खनिजों का खनन होता है? क्या इन कार्यों से प्राप्त राशि का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य सुविधा विस्तार आदि हेतु किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में मुख्य खनिज मद की राशि का उपयोग किन-किन पंचायतों में किन-किन कार्यों में किया गया है? इस मद की राशि का उपयोग करने के क्या नियम-मापदण्ड हैं? (ख) क्या मुख्य खनिज मद की राशि के व्यय में क्षेत्रीय विधायक सांसदों की अनुशंसा पर भी कार्य स्वीकृत किये जाते हैं? यदि हाँ, तो सागर जिले में क्या ऐसा किया गया हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में वर्तमान में आयरन ओर, रॉक फास्फेट एवं चूनापत्थर मुख्य खनिज के खनिपट्टे स्वीकृत हैं। खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 में दिनांक 12.01.2015 को किये गये संशोधन में इस दिनांक के पूर्व मुख्य खनिजों के स्वीकृत खनिपट्टे से प्राप्त रॉयल्टी का 30 प्रतिशत की राशि एवं दिनांक 12.01.2015 के पश्चात स्वीकृत खनिपट्टों से प्राप्त रॉयल्टी का 10 प्रतिशत जिला खनिज प्रतिष्ठान में पट्टेदारों द्वारा जमा किये जाने का प्रावधान किया गया है। इस राशि के प्रश्नानुसार उपयोग के लिये राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 अधिसूचित किये गये हैं। इस राशि का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्र में किया जाने के प्रावधान हैं। पंचायतवार कार्य किये जाने के प्रावधान नहीं हैं। प्रश्नाधीन जिले में वर्तमान में कोई राशि व्यय नहीं की गई है। (ख) मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के प्रावधान अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मद में प्राप्त राशि से कार्य स्वीकृति एवं व्यय के प्रावधान हैं। जिसमें प्रश्नानुसार प्रावधान नहीं हैं।
नियम विरूद्ध बहाली के प्रकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 1674 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में ऐसे कितने प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारी कार्यरत है? जिनके विरूद्ध विभिन्न प्रकरणों में लोकायुक्त पुलिस द्वारा माननीय न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किया गया है? ऐसे अधिकारियों के नाम, पदनाम व वर्तमान पदस्थापना बतावें? इनके विरूद्ध किन मामलों में चालानी कार्यवाही हुई है ? (ख) क्या चालान पेश होने की सूचना पर विभाग द्वारा संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया जाता है? क्या प्रकरण का निराकरण होने अथवा तीन माह की अवधि उपरांत ही बहाल किये जाने के नियम है? (ग) विभाग में ऐसे किन अधिकारियों को प्रकरण के निराकरण के पूर्व व तीन माह की अवधि के पूर्व ही बहाल कर दिया गया एवं क्यों? नियम विरूद्ध बहाल करने के लिए कौन उत्तरदायी है? इन मामलों में अब क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। प्रकरण का निराकरण होने के उपरान्त अथवा एक वर्ष अवधि व्यतीत होने के उपरान्त गुण-दोषों के आधार पर बहाल किये जाने के निर्देश हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''तीस''
राम मंदिर के संबंध में प्रचलित न्यायालयीन प्रकरण में कार्यवाही
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
128. ( क्र. 1692 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के बड़ा राम मंदिर झारडा प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक कितनी सुनवाई विगत 01 वर्ष में हुई? दिनांकवार बतावें। (ख) इसमें शासन की ओर से नियुक्त वकील कौन-कौन हैं? यह कितनी तारीखों में उपस्थित/अनुपस्थित रहे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन की ओर से माननीय शासकीय अति. महाधिवक्ता उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर द्वारा प्रत्येक तारीख पर उपस्थिति दी गई है।
प्रदेश में वृक्षारोपण
[वन]
129. ( क्र. 1697 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जुलाई 2014 में प्रदेश में कुल कितने पौधे कितने जिलों में लगाये गये? जिलावार पौधों संख्या बतावें। इस पर कितनी राशि व्यय की गई। किन-किन फर्मों/ व्यक्ति/अन्य से पौधे खरीदे गये संख्या, राशि सहित बतावें। (ख) इनकी देख-रेख के लिए प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई? कार्य का नाम, राशि सहित वर्षवार एवं जिलावार देवें। प्रश्न दिनांक तक हुए सभी निरीक्षणों की रिपोर्ट जिलावार देवें। (रिपोर्ट की छायाप्रति) (ग) कितने एन.जी.ओ./व्यक्तियों को कितनी राशि उपरोक्तानुसार दी गई। दिनांक 02.07.2017 के वृक्षारोपण कार्यक्रम के संबंध में भी बतावें। (घ) दिनांक 02.07.17 के कार्यक्रम में शामिल जनता को कार्यक्रम पश्चात् पौधों की देख-रेख के लिए विभाग कोई एडवाइजरी जारी करेगा? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवे। यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कॉलोनाईजरों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 1698 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अता.प्र.क्र. 7599 दिनांक 28.03.2017 में वर्णित बैतूल जिले के जिन कॉलोनाईजरों ने कॉलोनी विकास की स्वीकृति नहीं ली और न ही कमजोर/गरीब वर्ग के लिए भू-खण्ड आरक्षित रखे या आश्रय शुल्क भी जमा नहीं किया उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) यदि कार्यवाही नहीं की तो कब तक की जावेगी? (ग) जिन कॉलोनाईजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत कराने का शुल्क जमा नहीं किया गया है उनसे कब तक वसूली कर ली जायेगी? (घ) बैतूल जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने कॉलोनाईजरों ने रेरा में पंजीकरण कराया है? उनकी सूची देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अवैध कॉलोनी निर्माताओं के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है (घ) बैतूल जिले में किसी भी कॉलोनाईजर द्वारा प्रश्न दिनांक तक रेरा में पंजीयन नहीं कराया गया है।
परिशिष्ट - ''बत्तीस''
विभाग द्वारा की व्यय की गई राशि
[वन]
131. ( क्र. 1701 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में शासन के द्वारा किस-किस मद कितनी-कितनी राशि दी गई। योजनावार, जनपदवार बतावें एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है कार्यवार, योजनावार एवं कार्य पूर्ण अपूर्ण की क्या स्थिति है? (ख) आरेछा रेंज की सब रेन्ज कोठी गुलेदा में रिर्जन जंगल में भू-माफिया द्वारा कितने हेक्टेयर जमीन पर कब्जा किया गया है एवं शासन के द्वारा कितने लोगों के खिलाफ कार्यवाही कर कब्जा हटाया गया है और जो शेष बचे हुये है उनके खिलाफ कब तक कार्यवाही की जायेगी। (ग) कम्पाउन्ड नम्बर 157 एवं 158 रिर्जन वन क्षेत्र है को कब तक कब्जाधारियों से मुक्त करा लिया जायेगा? (घ) ओरछा रेन्ज की सब रेन्ज कोठी गुलेदा में क्या-क्या निर्माण कार्य किये जा रहे है उनकी पूर्व अपूर्ण की क्या स्थिति है। निर्माण कार्य की सामग्री कहाँ से ली गई है उसका नाम पता और कितनी राशि की सामाग्री ली गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) 63.220 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण पाया गया था। 37 अतिक्रामकों का कब्जा हटाया गया है। शेष 24 अतिक्रामक के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। (घ) कोई निर्माण कार्य की जानकारी निरंक होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी प्रदाय करने
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
132. ( क्र. 1708 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के 5 करोड़ रू. से अधिक लागत के उद्योगों की जानकारी उद्योग का नाम, स्थान नाम, उद्योगों की प्रकृति सहित देवें। (ख) यह भी बतावें कि इनमें से कितने उद्योग विगत 5 वर्षों में शासकीय भूमि लीज पर काबिज है एवं प्रारंभ नहीं हुए या बंद हो गये है। लीज दिनांक, उद्योग का नाम, अप्रारंभ/बंद सहित बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार अप्रारंभ/बंद उद्योगों से कब तक लीज भूमि वापस ले ली जाएगी।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) धार जिले में 5 करोड़ से अधिक एवं 10 करोड़ से कम लागत वाले उदयोग सूक्ष्म लघु और मध्यम उदयम विभाग के अंतर्गत केवल एक उदयोग मेसर्स डी.एंड.एच. वेल्डिंग इलेक्टोडस घाटा विल्लोद में वेल्डिंग इलेक्टोडस स्थापित हैं। तथा वाणिज्य उदयोग और रोजगार विभाग के अंतर्गत 05 करोड़ से अधिक के लागत के उदयोगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर हैं। (ग) उदयोगों का प्रारंभ होना एवं बंद होना एवं पुन: प्रारंभ होना एक सतत प्रक्रिया है, जिसके संबंध में कार्यवाही म.प्र. राज्य औदयोगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 नियमों के तहत, निर्धारित प्रकियानुसार की जाती है अत: लीज भूमि वापस लेने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आरक्षित भूमि के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 1709 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्र. 2924 दिनांक 28.02.2017 में बैतूल व उज्जैन जिले की जिन कॉलोनियों में गरीब व कमजोर वर्ग के लिए भूमि आरक्षित नहीं की गई न ही आश्रय शुल्क जमा किया उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) आरक्षित भूमि की वर्तमान स्थिति भूमि रकबा, आरक्षित रकबा नंबर, कालोनी नाम सहित विधानसभावार जिलावार बतावें। (ग) जन कालोनाइजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत कराने का शुल्क जमा कराया है। नहीं कराया है की सूची विधानसभावार जिलावर देवें। (घ) इनसे कब तक उपरोक्त राशि वसूली जायेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बैतूल जिले के जिन अवैध कॉलोनी में गरीब व कमजोर वर्गों के लिये भूमि आरक्षित नहीं की गई उन पर अवैध कॉलोनी का प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उज्जैन जिले में जिन आवासीय कॉलोनियों में गरीब व कमजोर वर्ग के लिये भूमि आरक्षित की गई है उसके अनुसार उन कालानियों में विकास अनुमति देते समय उपरोक्त अनुसार प्रावधान किया जाता है तथा जिन कॉलोनियों में गरीब तथा कमजोर वर्ग के लिये भूमि आरक्षित नहीं की गई थी उन आवासीय कॉलोनियों में तत्समय प्रचलित नियमों के अनुसार आश्रय शुल्क जमा कराया गया है। खाचरौद अनुभाग अंतर्गत छाजेड़ कॉलोनी में कमजोर वर्ग के लिये भूमि आरक्षित नहीं किये जाने से अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद द्वारा सूचना-पत्र जारी किया गया है। (ख) बैतूल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'-1 अनुसार है एवं उज्जैन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'- 2 अनुसार है। (ग) बैतूल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'-1 एवं नगर निगम उज्जैन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'-2 अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) बैतूल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है।