मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016
सत्र
बुधवार, दिनांक 20 जुलाई, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग 3 : गृह, जेल, पशुपालन, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, विधि और विधायी कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, महिला एवं बाल विकास )
पाटन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत
संचालित नल-जल
योजनाएं
1. ( *क्र. 827 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर नल-जल योजनाएं शासन द्वारा स्वीकृत कर कितनी लागत से कब निर्मित की गईं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नल-जल योजनाओं में से कौन-कौन सी प्रश्न दिनांक तक संचालित हैं एवं कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं किन कारणों से बंद हैं, इन बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को कब तक किस प्रकार से प्रारंभ किया जावेगा? (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किस-किस ग्राम में कितने हैण्डपंप निर्मित थे? ग्रामवार सूची देवें। इन हैण्डपंपों में से प्रश्न दिनांक तक कितने चालू थे एवं कितने किन कारणों से बंद पड़े थे? ग्रामवार सूची देवें एवं इन बंद पड़े हैण्डपंपों को कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? वित्त वर्ष 2016-17 में विभाग द्वारा पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर किसकी अनुशंसा से कितने नलकूप खनित किये गये? सूची देवें। (घ) क्या ग्राम उड़ना (सड़क) विकासखण्ड पाटन की संचालित नल-जल योजना हेतु पेयजल टंकी निर्माण एवं नवीन जल स्त्रोत खनन हेतु पूर्व में राशि स्वीकृत कर निविदाएं आमंत्रित की गईं थीं तथा उक्त कार्य का भूमि पूजन तत्कालीन मंत्री श्री अजय विश्नोई जी द्वारा किया गया था, परन्तु आज दिनांक तक टंकी निर्माण न होने का क्या कारण है? ग्राम उड़ना (सड़क) की नल-जल योजना के सुचारू रूप से संचालन हेतु यहां पर पेयजल संग्रहण टंकी का निर्माण कब तक कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। साधारण सुधार योग्य हैण्डपंपों का सुधार सतत् सुधार प्रक्रिया के तहत् किया जाता है। वर्ष 2016-17 में खनित किये गये हैण्डपंपों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है। (घ) जी हाँ, जी हाँ। टंकी निर्माण हेतु निविदाएं 5 बार आमंत्रित करने के बाद भी उपयुक्त दरें प्राप्त न होने के कारण टंकी निर्माण नहीं किया जा सका। वर्तमान में सीधे पंपिंग के माध्यम से जलप्रदाय किया जा रहा है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
सीहोर जिलांतर्गत बोर खनन
2. ( *क्र. 114 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सीहोर के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर में वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक विभिन्न योजना के तहत कितने नवीन बोर खनन कराये गये? वर्षवार नवीन बोर खनन की सूची मय स्थान सहित बतावें। (ख) वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक सिंगल फेस की कितनी मोटरें उपलब्ध करायी गई हैं? वर्षवार सूची मय स्थान सहित बतावें। (ग) वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक कितनी नवीन नल-जल योजना स्वीकृत की जाकर पूर्ण की गई है तथा कितनी और प्रस्तावित हैं तथा किस योजना के तहत नल-जल योजना के बोर खनन कराये गये हैं?वर्षवार सूची मय स्थान सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 120 नवीन बोर खनन कराये गये। खनित नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 61 सिंगलफेस की मोटरें उपलब्ध कराई गईं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कोई नवीन योजना स्वीकृत नहीं की गई है और न ही प्रस्तावित है तथा पूर्व स्वीकृत योजनाओं में असफल स्रोतों के स्थान पर स्रोत विकसित करने हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत बोर खनन कराये गये हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
गुना उप संचालक कार्यालय का भौतिक सत्यापन
3. ( *क्र. 632 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना उप संचालक कार्यालय हाट रोड गुना का भौतिक सत्यापन कब-कब और किस-किस अधिकारी द्वारा कराया गया है? इससे संबंधित विवरण उपलब्ध करायें। (ख) गुना जिले में संचालित गौशालाओं और गौशाला संचालकों के नाम एवं गौशाला हेतु आवंटित या दान में प्राप्त भूमि का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) कुक्कुट विकास निगम गुना की पोल्ट्री फार्म में पदस्थ अधिकारी कब से पदस्थ है? क्या इन्हें नियमानुसार तीन वर्ष में स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) गुना उप संचालक कार्यालय द्वारा विगत 5 वर्षों में कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है तथा वर्तमान सत्र में कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया जाना शेष है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) गुना उप संचालक कार्यालय हाट रोड गुना का निरीक्षण डॉ. एन.के. बामनिया, तत्कालीन संयुक्त संचालक, संभाग ग्वालियर, द्वारा दिनांक 18 नवम्बर से 19 नवम्बर 2011 एवं दिनांक 11 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2012 को तथा संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं संभाग ग्वालियर द्वारा गठित समिति द्वारा 2 मार्च से 3 मार्च 2015 को किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) गुना जिले में 14 क्रियाशील एवं एक अक्रियाशील गौशालायें संचालित हैं। जिले की सभी गौशालाओं हेतु उपलब्ध भूमि दान से प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) कुक्कुट विकास निगम के अधीन गुना में कोई कुक्कुट पोल्ट्रीफार्म संचालित नहीं है। पशुपालन विभाग के अधीन गुना में संचालित पोल्ट्रीफार्म में शासन द्वारा पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ का कोई भी पद स्वीकृत नहीं है। डॉ. के.डी. शर्मा पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, मोबाईल यूनिट गुना दिनांक 21.8.2009 से पोल्ट्रीफार्म के अतिरिक्त प्रभार में है। अतः पोल्ट्रीफार्म गुना में पद स्वीकृत नहीं होने के कारण स्थानांतरण का प्रश्न नहीं उठता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार। वर्तमान सत्र 2016-17 में प्रथम त्रैमास में 239 हितग्राहियों को लाभांवित किया जा चुका है। आगामी त्रैमासों में 67 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है जिन्हें उपलब्ध वंटन अनुसार लाभान्वित किया जा सकेगा।
स्व-सहायता समूहों को दुकानों का आवंटन
4. ( *क्र. 1530 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत स्व-सहायता समूहों को दुकान आवंटित करने संबंधी वर्ष 2015 में पूरी प्रक्रिया सम्पादित कर ली गई है? चयनित समूहों को प्रश्न दिनांक तक दुकान आवंटित नहीं की गई है, इसके क्या कारण हैं और उन्हें कब तक उचित मूल्य की दुकानें आवंटित कर दी जावेंगी? तहसील जौरा के चयनित समूहों की पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराई जावेगी? (ख) क्या वर्तमान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ए.पी.एल. कार्डधारियों को केरोसिन से वंचित कर दिया गया है, खुले बाजार में भी केरोसिन उपलब्ध नहीं हैं तो ए.पी.एल. परिवारों को केरोसिन की आवश्यकता की पूर्ति हेतु सफेद केरोसिन की दुकानें प्रत्येक नगर में खोली जावेंगी? (ग) म.प्र. शासन खाद्य आपूर्ति नागरिक एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के पत्र क्र. एफ 6-23/2007/1/उन्नीस/भोपाल, दिनांक 17 फरवरी 2008 के परिपालन में वर्तमान में सफेद केरोसिन की दुकानों की अनुज्ञप्ति दी जा सकेगी? यदि हाँ, तो दुकान अनुज्ञप्ति प्राप्त करने का प्रावधान क्या है? यदि नहीं, तो ए.पी.एल. परिवारों की केरोसिन आवश्यकता की पूर्ति हेतु क्या योजना बनाई गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। परन्तु माननीय उच्च न्यायालय में लंबित याचिकाओं के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन अपेक्षित था, जिसके फलस्वरूप उचित मूल्य दुकानों के आवंटन की कार्यवाही को स्थगित करने हेतु शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये। उक्त नियंत्रण आदेश में संशोधन 11 अप्रैल, 2016 को अधिसूचित किया गया है। शासन ने पुन: नवीन प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में पूर्व में विहित प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए उचित मूल्य दुकानों के आवंटन की कार्यवाही 31 जुलाई, 2016 तक सम्पन्न करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये हैं। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन पश्चात उचित मूल्य दुकान के आवंटन की कार्यवाही किया जाना शेष है। (ख) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्तमान में ए.पी.एल. कार्डधारकों की कोई श्रेणी नहीं है। राज्य सरकार ने उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से गैर-पी.डी.एस. केरोसिन 6 जिलों- इन्दौर, भोपाल, सीहोर, जबलपुर, खण्डवा एवं सिवनी के जरूरतमंद परिवारों हेतु उपलब्ध कराये थे, परन्तु मांग के अभाव में उसका वितरण उपभोक्ताओं को नहीं हो सका। भारत सरकार ने केरोसिन (उपयोग पर निर्बन्धन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 में संशोधन कर गैर-पी.डी.एस. केरोसिन की आपूर्ति के क्रियाकलाप, विपणन, व्यवसाय या वाणिज्य की गतिविधियों को केरोसिन (उपयोग पर निर्बन्धन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 के प्रावधानों से मुक्त किया गया है। अब कोई भी व्यक्ति मध्यप्रदेश केरोसिन व्यापारी नियंत्रण आदेश, 1979 के तहत अनुज्ञप्ति प्राप्त कर गैर-पी.डी.एस. केरोसिन का व्यवसाय कर सकता है। (ग) जी नहीं, मध्यप्रदेश केरोसिन व्यापारी नियंत्रण आदेश, 1979 के तहत कोई भी अनुज्ञप्ति प्राप्त व्यक्ति गैर-सावर्जनिक वितरण प्रणाली का केरोसिन समानान्तर विपणनकर्ताओं से अथवा सरकारी तेल कंपनियों के थोक विक्रेताओं से क्रय कर उपभोक्ताओं को वितरित कर सकता है। अनुज्ञप्ति प्राप्त करने का प्रावधान मध्यप्रदेश केरोसिन व्यापारी नियंत्रण आदेश, 1979 में विहित किया गया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पन्ना जिलांतर्गत नलकूप खनन
5. ( *क्र. 222 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले की तीनों विधान सभाओं में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने बोर खनन किए गए हैं? विधान सभावार पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों में कितनी गहराई के बोर किये गये हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या पन्ना जिले में बोर की गहराई वास्तविक गहराई से अधिक बताकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बिलों के भुगतान कर लिये जाते हैं? (घ) क्या निर्धारित मापदण्ड से बोर की वास्तविक गहराई कम होने के कारण बोर जल्दी ड्राई हो जाते हैं और पेयजल का संकट पैदा हो जाता है? क्या शासन जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर जिलांतर्गत नलकूप खनन
6. ( *क्र. 777 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कुल कितने नलकूप खनन के कार्य स्वीकृत किये गये? जानकारी वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार दी जाये। (ख) प्रश्नांश कंडिका (क) में वर्णित वर्षों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा स्वीकृत नलकूप खनन कार्यों में से कितने-कितने नल कूप खनन का कार्य कर दिया गया है तथा कितने कार्य प्रश्न दिनांक को शेष हैं? जानकारी वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार दी जावे। (ग) प्रश्नांश कंडिका (क) अनुसार अपूर्ण नलकूप खनन का कार्य जिन ठेकेदारों के द्वारा अनुबंध अनुसार निर्धारित समयावधि में नहीं किया गया? उन ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी? यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों? कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश कंडिका (ख) के अनुसार शेष रहे खनन कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे? समय-सीमा बतायी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्षा उपरांत शेष नलकूपों का खनन कराया जायेगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
कटनी जिलांतर्गत नवीन हैण्डपंप उत्खनन हेतु निर्धारित लक्ष्य
7. ( *क्र. 149 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी जिला सूखा एवं अन्य प्राकृतिक कारण से विगत तीन वर्षों से प्रभावित है तथा लगातार जलस्तर घटा है? (ख) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक विकासखण्डवार नवीन हैण्डपंप उत्खनन हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित किए गए तथा लक्ष्य अनुसार कितने नवीन हैण्डपंप खोदे गए? विकासखण्डवार बताएं। (ग) क्या लगातार सूखा होने के बाद भी अन्य वर्ष की तुलना में वर्ष 2016-17 के लिए कम लक्ष्य रखा गया? यदि हाँ, तो इसके कम जल स्तर को देखते हुए इसे पहले से भी अधिक बढ़ाया नहीं जा सकता था तथा लक्ष्य निर्धारण के क्या मापदण्ड हैं? (घ) क्या कटनी जिले के विकासखण्ड बहोरीबंद एवं रीठी में जल संकट सर्वाधिक होने के कारण जल का परिवहन करना पड़ा? क्या कटनी जिले में पेयजल की कमी, लगातार जलस्तर नीचे जाने के बावजूद कटनी को कम लक्ष्य दिया गया, वहीं दूसरी ओर अन्य जिले जहां पेयजल का इतना संकट नहीं था एवं जल स्तर भी ज्यादा नीचे नहीं था वहां अधिक लक्ष्य प्रदान किया गया? जबलपुर एवं इंदौर संभाग के प्रत्येक जिले को विधानसभावार दिये गये लक्ष्य के साथ जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) लक्ष्य विकासखण्डवार निर्धारित नहीं किये जाते। जिले को नलकूप खनन कार्य के दिये गये लक्ष्य के विरूद्ध विकासखण्डों में करवाये गये हैण्डपंप खनन कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। उपलब्ध संसाधन एवं जिलों में आंशिक पूर्ण बसाहटों के आधार पर लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं। (घ) जी नहीं। जी नहीं। लक्ष्य विधानसभा क्षेत्रवार नहीं दिये जाते। अतः जबलपुर एवं इंदौर संभाग के प्रत्येक जिले के विधानसभावार लक्ष्यों की जानकारी नहीं दी जा सकती।
सीहोर जिले में आत्महत्या के प्रकरण
8. ( *क्र. 763 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक से पूर्व विगत 3 वर्षों में सीहोर जिले में आत्महत्या के कितने मामले सामने आए हैं। थानावार मृतकों के नाम, आयु, पता सहित विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आत्महत्या के प्रकरणों की जाँच उपरांत आत्महत्या के कारणों का प्रकरणवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आत्महत्या के लिए उपयोग किए गए पदार्थ अथवा साधन का प्रकरणवार ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आत्महत्या में प्रयुक्त विष आदि विक्रय को रोकने के लिए क्या शासन स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो विवरण दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। विष अधिनियम 1919 तथा इसके अधीन म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा बनाए गए मध्यप्रदेश विष (कब्जा और विक्रय) नियम 2014 के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
लालबर्रा विकासखण्ड में सामूहिक नल-जल परियोजना का क्रियान्वयन
9. ( *क्र. 1369 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विषयांकित कार्य कब प्रारंभ किया गया तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? कुल कितने गांवों को पेयजल प्रदान करने की योजना है? वर्तमान में कितने गांवों को पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? प्रमाणित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विषयांकित योजना की लागत कितनी है और किस एजेंसी से कार्य कराया जा रहा है? एजेन्सी के नाम, पते सहित प्रमाणिक जानकारी दें। (ग) विषयांकित योजना का कितना कार्य हुआ है तथा कितना कार्य बाकी है अब तक कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) किस-किस साईज़ के ह्यूम पाईप किस दर से किस फैक्ट्री से तथा किस प्रक्रिया के तहत खरीदा गया? ह्यूम पाईप परिवहन एवं लोडिंग अनलोडिंग में कितनी राशि व्यय की गयी? फैक्ट्री मालिक के नाम, पते सहित जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जनवरी 2011 में। जून 2017। 101 ग्रामों को। 61 ग्रामों को। (ख) रूपये 13001.28 लाख। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण, 20 प्रतिशत शेष। अब तक रूपये 11638.04 लाख का भुगतान किया गया। (घ) योजना में ह्यूम पाईप का उपयोग नहीं किया गया है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी
10. ( *क्र. 1317 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 14.07.14 में मुद्रित ता. प्रश्न संख्या 03 (क्र. 364) के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ थाना नागौद जिला सतना में अपराध क्र. 16/2014 की धारा 302 भ.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है, दिया गया था जिस पर विधान सभा में चर्चा के दौरान माननीय गृह मंत्री जी द्वारा पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतना के नेतृत्व में एक पाँच सदस्यीय टीम अज्ञात आरोपियों की तलाश हेतु गठित की गई थी, ऐसा कहा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो अज्ञात आरोपियों को पकड़ने हेतु विगत दो वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही संबंधित प्रतिवेदन दें। (ग) क्या थाना प्रभारी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं गठित टीम के सदस्यों द्वारा आरोपियों से मिलीभगत होने के कारण हत्या के आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे हैं? इसलिये क्या सी.आई.डी. जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। प्रकरण में आरोपी अज्ञात है, गठित विशेष अनुसंधान दल द्वारा प्रकरण का अनुसंधान किया जा रहा है। अतः सी.आई.डी. से जाँच कराई जाने का कोई औचित्य नहीं है।
पुलिस कर्मियों को प्रदत्त सुविधाएं
11. ( *क्र. 1527 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश के पुलिस कर्मचारियों-अधिकारियों को संवर्गवार क्या-क्या वेतन भत्ते, सुविधाएं शासन द्वारा दी जा रही हैं? क्या पुलिस कर्मचारियों-अधिकारियों की मैदानी ड्यूटी एवं कार्य अवधि को देखते हुए सरकार द्वारा उनके वेतन भत्तों व सुविधाओं में बढ़ोत्तरी पर विचार किया जा रहा है? (ख) वर्तमान में प्रदेश में कुल कितने पुलिस कर्मचारियों-अधिकारियों को शासकीय आवास सुविधा उपलब्ध है और कितनों को नहीं? पुलिस कर्मचारियों-अधिकारियों को सेवास्थल के समीप आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने की क्या योजना है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। (ख) वर्तमान में प्रदेश में कुल 32794 पुलिस कर्मचारियों-अधिकारियों को शासकीय आवास सुविधा उपलब्ध है और 69978 पुलिस कर्मचारियों-अधिकारियों को शासकीय आवास सुविधा उपलब्ध नहीं है। उपलब्ध संसाधन एवं बजट की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए ''मुख्यमंत्री आवास योजना'' अंतर्गत हुडको से ऋण लेकर आगामी पाँच वर्षों में 25000 आवासों का निर्माण करने के संबंध में प्रस्तावित विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) पर परियोजना परीक्षण समिति की बैठक दिनांक 27.02.2016 को सम्पन्न हो चुकी है। प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है।
जबलपुर जिलांतर्गत खाद्यान्न का वितरण
12. ( *क्र. 1419 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले पंजीकृत कितने कार्डधारी उपभोक्ता हैं? इन्हें किस मान से कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी खाद्यान्न सामग्री शक्कर, केरोसिन वितरित करने का क्या प्रावधान है? (ख) प्रदेश शासन ने माहवार कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी खाद्यान्न सामग्री शक्कर, केरोसिन का आवंटन किया है एवं कितनी-कितनी मात्रा में वितरित की गई? कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं को कब से राशन का वितरण नहीं किया जा रहा है एवं क्यों वर्ष 2015-16 से 2016-17 जून, 2016 तक की जानकारी दें? (ग) नगर निगम जबलपुर सीमान्तर्गत वार्डवार कार्डधारी कितने-कितने उपभोक्ता हैं? शासन की नई राशन वितरण नीति के तहत कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची जारी कर मेपिंग की गई है? इनमें से कितने उपभोक्ताओं को कब से राशन का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? (घ) विधानसभा क्षेत्र केंट (जबलपुर) के तहत किन-किन वार्डों के कार्डधारी कितने-कितने उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची दी गई है एवं कितने उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची नहीं दी गई है एवं क्यों? पात्रता पर्ची व मेपिंग वाले कितने उपभोक्ताओं को कब से राशन का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कर राशन का वितरण कराना सुनिश्चित करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जबलपुर जिले में बी.पी.एल. श्रेणी (प्राथमिकता परिवार में शामिल) के 3,00,291 परिवार हैं। इन्हे प्रति माह 5 कि.ग्रा. खाद्यान्न प्रति सदस्य के मान से 1 कि.ग्रा. शक्कर एवं नमक प्रति परिवार के मान से तथा 4 लीटर केरोसिन (नगरीय क्षेत्र के गैस कनेक्शनधारी परिवारों को छोड़कर) प्रति परिवार के मान से उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) जबलपुर जिले को जनवरी, 2015 से जून, 2016 तक आवंटित राशन सामग्री एवं आवंटन के विरूद्ध उक्त अवधि में वितरित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। यह उल्लेखनीय है कि जबलपुर ग्रामीण एवं शहपुरा क्षेत्र के 'द्वार प्रदाय' योजनांतर्गत अनुबंधित परिवहनकर्ता द्वारा अनियमितता करने के फलस्वरूप उसे ब्लैक लिस्टेड कर अभियोजन की कार्यवाही की गई। उचित मूल्य दुकानों पर राशन सामग्री पहुंचाने हेतु नवीन परिवहनकर्ता की व्यवस्था करने में समय लगने के कारण उचित मूल्य दुकानों पर माह जून, 2016 की राशन सामग्री विलंब से प्रदाय हुई, जिसका वितरण उपभोक्ताओं को माह जुलाई, 2016 में कराया जाएगा। दुकान से राशन सामग्री लेने हेतु आने वाले सभी सत्यापित पात्र परिवारों को सामग्री का वितरण किया जा रहा है। ऐसे पात्र परिवार जो किसी कारण से किसी विशिष्ट माह में राशन सामग्री नहीं ले जाते हैं, उन्हें आगामी माह में उक्त राशन को प्राप्त करने की पात्रता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक की अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों का विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण उक्त अवधि में सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, जिनकी पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी की गई है। इन परिवारों को भी माह जुलाई, 2016 से राशन का वितरण किया जाएगा। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छतरपुर जिलांतर्गत दूध का उत्पादन/खपत
13. ( *क्र. 1508 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले का अनुमानित दूध उत्पादन एवं खपत माहवार कितनी है? माहवार कितना दूध जिले के बाहर भेजा जाता है? (ख) क्या दूध की खपत उसके उत्पादन से अधिक है? यदि हाँ, तो अतिरिक्त दूध कहाँ से और कैसे आता होगा? (ग) जिले में सिंथेटिक और नकली दूध और घी बनाने वाले कितने लोगों पर विगत 03 वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? नकली और सिंथेटिक दूध और घी को पकड़ने हेतु विभाग द्वारा एवं अन्य विभाग द्वारा कब-कब कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) छतरपुर जिले का वर्ष 2015-16 में माहवार औसत दुग्ध उत्पादन 26.51 हजार मेट्रिक टन रहा हैं। दुग्ध खपत से संबंधित जानकारी विभाग द्वारा संकलित नहीं की जाती है। दूध जिले के बाहर भेजे जाने संबंधित जानकारी विभाग द्वारा संकलित नहीं की जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक एवं औषधि प्रशासन द्वारा छतरपुर जिले में विगत 03 वर्षों में लिए गए नमूनों में से जाँच में नकली एवं सिंथेटिक का दूध/घी नहीं पाया गया। इस संबंध में दूध एवं घी पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सूखा घोषित श्योपुर जिले में विशेष कार्य योजना की स्वीकृति
14. ( *क्र. 603 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सूखा घोषित श्योपुर जिले में (कराहल तहसील को छोड़कर) वर्तमान में भू-जल स्तर अत्यधिक गिर जाने के कारण कुल स्थापित हैण्डपम्पों में से आधे से अधिक हैण्डपम्प या तो सूख गये हैं या अपर्याप्त पानी दे रहे हैं तथा उक्त कारणों से जिले में पेयजल का गंभीर संकट व्याप्त है, जिलावासी व मवेशियों को पेयजल के अभाव में कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। (ख) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 18 (क्रमांक 1490) दिनांक 16.03.2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया है कि उक्त समस्या के समाधान हेतु ई.ई. पी.एच.ई. श्योपुर द्वारा राशि 557.50 लाख की जो विशेष कार्य योजना कलेक्टर श्योपुर के अनुमोदन उपरांत शासन को स्वीकृति हेतु भेजी थी, उसे शासन द्वारा केन्द्र सरकार को स्वीकृति हेतु भेजा है तो बतावें कि उक्त कार्य योजना को केन्द्र से स्वीकृत कराने हेतु शासन द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई कब तक इसे स्वीकृत करा लिया जावेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी हाँ। वर्तमान में सूखे की स्थिति समाप्त हो जाने के कारण अब प्रश्नाधीन योजना की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है।
गाडि़यों में अनाधिकृत रूप से लाल/पीली बत्ती का उपयोग
15. ( *क्र. 1 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिलें में प्रसिद्ध भू-माफिया, खनन माफिया व राशन माफिया के परिवार के सदस्य द्वारा अपनी गाड़ियों में लाल बत्ती/पीली पत्ती लगाकर जिला पंचायत परिसर व जिलाधीश परिसर, भोपाल व जिले के गांवों में घूमते रहने की कितनी शिकायतें जिलाधीश, पुलिस व परिवहन विभाग को पिछले डेढ़ वर्ष में मिली। (ख) उन शिकायतों पर शासन ने क्या कार्यवाही की तथा लाल बत्ती/पीली बत्ती जप्त कर कितना व कब-कब जुर्माना किया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला अशोकनगर में प्रसिद्ध भूमाफिया, खनन माफिया व राशन माफिया के परिवार के सदस्यों द्वारा अपनी गाड़ियों पर लाल/पीली बत्ती लगाकर घूमने के संबंध में पुलिस विभाग को पिछले डेढ़ वर्ष में कोई शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना में नल-जल योजना की स्वीकृति
16. ( *क्र. 53 ) श्री
शंकर लाल
तिवारी :
क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
खण्ड सतना
द्वारा नल-जल
योजना ग्राम
बारीकला, लखनवार,पुरैनी, पुईधा
में बनाई गई
थी? यदि
हाँ, तो
कब स्वीकृत
की गई? (ख) यदि
स्वीकृत की
गई तो कार्य
प्रारंभ क्यों
नहीं किया गया? कार्य
प्रारंभ न
होने के क्या
कारण हैं? (ग) कार्य
कब तक पूर्ण
कर लिया
जावेगा?
विलंब
के दोषी उक्त
अधिकारी/कर्मचारियों
के खिलाफ
शासन/प्रशासन
द्वारा कब-कब, क्या-क्या
कार्यवाही की
गई?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ।
बारीकला एवं
लखनवाह योजनाएं
दिनांक 10.3.15 को
एवं पुरैनी
तथा पुइधा
योजनाएं
दिनांक 15.12.14 को
स्वीकृत की गईं।
(ख) बारीकला, लखनवाह
तथा पुइधा में
उपयुक्त दरें
प्राप्त न
होने के कारण
निविदाएं
स्वीकृत नहीं
की जा सकीं। पुरैनी
की नल-जल
प्रदाय योजना
हेतु दिनांक 29.6.16 को
कार्यादेश जारी
कर दिया गया
है। (ग) निश्चित
समयावधि नहीं
बताई जा सकती।
कोई दोषी नहीं
है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत घटित आपराधिक घटनाएं
17. ( *क्र. 34 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में तीन थाना क्षेत्र में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में थानेवार हत्या, लूट, चोरी एवं चेन खींचने की कितनी घटनाएं हुईं? (ख) उज्जैन जिले के बड़नगर थाना क्षेत्रों में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने अपराधी पकड़े गये, कितनी हत्या, लूट, चोरी, चेन खींचने की कितनी घटना में अपराधी पकड़े गये? उनका विवरण देवें। क्या चेन खींचने की घटना में एक भी अपराधी प्रश्न दिनांक तक नहीं पकड़ा गया? इसके क्या कारण हैं? समस्त थानावार जानकारी प्रदान करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। चैन स्नैचिंग के 03 अपराधी पकड़े गये हैं।
बन्द नल-जल योजना को चालू किया जाना
18. ( *क्र. 1009 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 117 (क्रमांक 7669) दिनांक 30 मार्च 2016 में बताया गया कि बाराकलां, हारकी जमेह और कोट विद्युत अभाव के कारण नल-जल योजना बंद हैं तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश के अंतर्गत भिण्ड जिले में कौन सी बंद नल-जल योजना को चालू किया गया? क्या इस हेतु कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या वर्ष 2015-16 में नल-जल योजना में संजय शर्मा सूरजपुरा भिण्ड द्वारा कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो इनका ठेकेदार का लायसेंस कब बना और क्या-क्या कार्य करवाया गया? विगत एक वर्ष में इनके द्वारा क्या कार्य किया गया? (घ) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र की किस-किस नल-जल योजना में लाईन क्षतिग्रस्त है, विभाग की ओर से सुधार के क्या प्रयास किए जा रहे हैं? भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कहाँ पर मरम्मत कार्य जनवरी 2012 से अभी तक किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2011 में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। विभाग द्वारा पाईप लाईन सुधारने हेतु ग्राम पंचायतों को आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन दिया गया है। भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2012 से अभी तक नल-जल योजनाओं की पाईप लाईन का सुधार कार्य नहीं करवाया गया है।
सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कंजरों द्वारा की जा रही हिंसक वारदातें
19. ( *क्र. 230 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में कंजरों द्वारा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितनी वारदातों को अंजाम दिया है? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में यदि कंजरों द्वारा हिंसक वारदातों की अंजाम दिया है, तो नागरिकों की सुरक्षा हेतु गृह विभाग द्वारा कोई प्रभावी योजना बनाई गई हो तो बतावें? (ग) क्या कंजर प्रभावित ग्रामों में कंजरों ने हिंसक वारदातों को अंजाम दिया है? नागरिकों के द्वारा स्वयं आत्मरक्षा की गई है तथा शस्त्र लाइसेंस हेतु आवेदन दिये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने व्यक्ति हैं एवं आवेदन पश्चात् कितने व्यक्तियों को लाइसेंस स्वीकृत किये गये हैं? नाम एवं गांव सहित जानकारी दें। (घ) ग्राम खेताखेड़ा, अजयपुर, कयामपुर एवं खेजड़िया तथा अन्य गांव के कितने नागरिकों ने शस्त्र लाइसेंस के आवेदन किए हैं तथा कितने व्यक्तियों को स्वीकृति मिली है? एक वर्ष की जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) विधानसभा सुवासरा क्षेत्र में कंजरों द्वारा हिंसक वारदात को रोकने के लिये थाना सीतामऊ क्षेत्र में चौकी साताखेड़ी, थाना सुवासरा क्षेत्र में चौकी रूनिजा, थाना श्यामगढ़ में चौकी चंदवास एवं थाना गरोठ में पुलिस सहायता केन्द्र बोलिया में पर्याप्त पुलिस बल लगाया गया है जिनसे कंजर गतिविधियों की रोकथाम एवं नागरिकों की सुरक्षा के लिए रात्रि गश्त, रोड पेट्रोलिंग, चैकिंग नियमित रूप से की जा रही है। इसके अतिरिक्त पुलिस द्वारा ग्राम रक्षा/नगर सुरक्षा समिति का गठन किया गया है तथा रक्षा समिति के सक्रिय सदस्यों की प्रतिमाह बैठक ली जाकर उनसे पुलिस कर्मियों के साथ गश्त एवं चैकिंग में सहयोग लिया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ ’ब’ तथा ’स’ अनुसार है। (घ) ग्राम खेताखेड़ा, ग्राम अजयपुर, ग्राम खेजड़िया में पिछले एक वर्ष में शस्त्र लायसेंस हेतु कोई आवेदन पत्र नहीं दिये गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ एवं ’स’ अनुसार है।
आत्महत्या करने वाले कृषकों के परिवारों को आर्थिक सहायता
20. ( *क्र. 262 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 28.03.2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 92 (क्रमांक 7036) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कर्ज के बोझ से दबे जिन 3006 किसानों द्वारा आत्महत्याएं की गईं? इनके परिवार के भरण पोषण एवं जीविकोपार्जन बावत सरकार द्वारा कब-कब, कौन-कौन सी कार्ययोजना तैयार कर लाभान्वित किया गया? साथ ही किसान भविष्य में आत्महत्या करने हेतु प्रेरित न हो इस हेतु सरकार की क्या कार्य योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आत्महत्या कर चुके किसानों के परिवार के कर्ज माफी के साथ परिवारों के भरण पोषण हेतु रोजगार उपलब्ध करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इस संबंध में कोई योजना प्रचलित नहीं है अपितु किसान आत्महत्या के लिए मजबूर न हो, इसके लिए किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा पाँच वर्ष में आय दोगुनी करने की कार्य योजना बनाई गई है। (ख) इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति
21. ( *क्र. 518 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक/11/विधायक/161/15-16 दिनांक 31 मार्च 2016 द्वारा माननीय महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री मध्यप्रदेश शासन को विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनविहीन केन्द्रों हेतु भवन निर्माण स्वीकृति प्रदान करने हेतु अनुरोध किया गया था। जिस पर माननीय मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 04.05.2016 को आयुक्त एकीकृत बाल विकास सेवा भोपाल को नियमानुसार त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था तथा प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 31 मार्च 2016 को इसी संबंध में प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग मध्यप्रदेश को भी भवन निर्माण स्वीकृति हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता के पत्रों के परिप्रेक्ष्य में क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में किन कारणों से कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आयुक्त एकीकृत बाल विकास सेवा भोपाल द्वारा कलेक्टर राजगढ़ से भवन निर्माण हेतु स्थल चयन, खसरा क्रमांक आदि की जानकारी चाही गई है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के किन-किन ग्रामों में आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु चाही गई जानकारी प्राप्त हो चुकी है? शेष ग्रामों की जानकारी प्राप्त होने में विलम्ब के क्या कारण हैं? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के नगरीय क्षेत्र सुठालिया में 03 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 26 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की मांग मान. विधायक द्वारा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। इनमें से ग्रामीण क्षेत्र के 25 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण से विचाराधीन है। ग्रामीण क्षेत्र का देवलखेड़ा आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन नहीं है। नगरीय क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृति की कार्य योजना विचाराधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रदेश में वर्ष 2016-17 के लिये मनरेगा योजना के अभिसरण से निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी भवनों के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले से आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु स्थल चयन/खसरे, नक्शें की जानकारी चाही गई थी। जिसके अनुक्रम में राजगढ जिले से विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के लिये 93 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु स्थल चयन/खसरा नक्शा की जानकारी प्राप्त हुई है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण से (गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंड अंतर्गत) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना विचाराधीन है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन का प्रदाय
22. ( *क्र. 487 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन एम.पी. एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉर्पो.लि. के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस एजेन्सी द्वारा कहाँ-कहाँ, किस-किस दर पर प्रदाय कराया जा रहा है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) एम.पी. एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवलपमेंट कार्पो.लि. द्वारा स्वयं के जिला रायसेन में स्थापित-01 बाड़ी संयंत्र तथा संयुक्त क्षेत्र उपक्रम के रूप में मण्डीदीप-जिला रायसेन में स्थापित 02 संयंत्र तथा जिला इन्दौर में स्थापित 01 संयंत्र के माध्यम से टेकहोम राशन का प्रदाय प्रदेश की समस्त 453 बाल विकास परियोजनाओं में किया जाता है। टेकहोम राशन के रूप में प्रदाय खाद्य सामग्री की मात्रा एवं दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
हुसैन टेकरी शरीफ पर सुरक्षा व्यवस्था
23. ( *क्र. 1226 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हुसैन टेकरी शरीफ काफी पुराना धार्मिक स्थान होकर यहां वर्ष भर में लाखों श्रद्धालुओं का आना-जाना बना रहता है? (ख) साथ ही क्या देशभर के साथ ही विदेशों से भी कई श्रद्धालु समय-समय पर यहां आते रहते हैं तथा धर्म आराधना के साथ ही विभिन्न व्याधियों, रोगों का उपचार भी यहां पर रूक कर लेते हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या एक दो सप्ताह से लेकर कई वर्षों तक संबंधित धर्मालुओं का वहां पर लगातार रूक जाना (आवासीय रूप से रहना) भी हो जाता है? (घ) यदि हाँ, तो विगत कई वर्षों से लंबे समय से देश भर एवं विदेशों से आए कई व्यक्ति, परिवार यहीं रहने लगते हैं, तो क्या शासन/विभाग ऐसे अपरिचित व्यक्तियों, परिवारों को चिन्हित कर पहचाने जाने हेतु एवं उन्हें सूचीबद्ध किये जाने हेतु कुछ करता है? यदि हाँ, तो क्या?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) थाना प्रभारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर आकस्मिक चैकिंग की जाकर पहचान पत्र लिया जाकर तस्दीक की जाती है एवं संदिग्ध व्यक्ति पाये जाने पर एस.एस. रोल जारी कर संबंधित थाने से तस्दीक कराई जाती है। हुसैन टेकरी परिसर में स्थित होटल, लॉज मुसाफिर खाना संचालकों को समय-समय पर मुसाफिरों की जानकारी थाना एवं चौकी प्रभारी को प्रतिदिन का लेखा जोखा दिये जाने हेतु एवं सी.सी.टी.वी. कैमरों की मदद से मुसाफिर/श्रद्धालुओं पर निगाह रखी जाती है। विदेशी श्रद्धालुओं के आगमन पर होटल लॉज संचालकों द्वारा सी फार्म भरे जाते हैं एवं जिला स्तर पर इसकी मानीटरिंग की जाती है। इसके लिये होटल, लॉज सराय के मैनेजरों को समय-समय पर जिला स्तर पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
आंगनवाड़ी भवनों में बाउण्ड्रीवाल का निर्माण
24. ( *क्र. 1555 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य में जबलपुर संभाग के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी (भवन) केन्द्र संचालित हैं? जिलेवार सूची देवें। (ख) वर्तमान में कितने और आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु शासन के पास प्रस्तावित हैं? या लंबित हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र केवलारी 116 के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र बाउण्ड्री विहीन हैं? सूची उपलब्ध करावें। बाउण्ड्री विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कब तक बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कराया जाना है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत कुल 16839 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिनमें से 8861 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 4824 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 3154 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। (ख) जबलपुर संभाग अन्तर्गत वर्तमान में वर्ष 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण से आई.पी.पी.ई. विकास खंडों में कुल 1001 आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। जबलपुर संभाग के मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई. विकास खंड में) कुल 1372 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। जिसकी स्वीकृति वर्ष 2016-17 में दी जाना विचाराधीन है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार है। (ग) सिवनी जिले में बाउंड्रीवाल युक्त 735 आंगनवाड़ी भवन संचालित हैं। विधानसभा केवलारी 116 के अन्तर्गत 223 आंगनवाड़ी भवन निर्मित किये गये हैं जिसमें से 154 भवन बाउंड्रीवाल युक्त एवं 69 आंगनवाड़ी भवन बाउंड्रीवाल विहीन हैं। बाउंड्रीवाल विहीन आंगनवाड़ी भवनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘3’ अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों के बाउंड्रीवाल का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से केरोसिन का प्रदाय
25. ( *क्र. 1515 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में शासकीय उचित मूल्य की दुकान से ए.पी.एल. कार्डधारियों को केरोसिन प्रदाय बंद कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उनके लिये केरोसिन उपलब्धता के लिये शासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है? (ग) क्या प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के ए.पी.एल. कार्ड धारियों को उपयोग हेतु केरोसिन आसानी से उपलब्ध हो रहा है? यदि नहीं, तो उनके लिये शासन कुछ उपाय करेगा? यदि हाँ, तो क्या?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रदेश में दिनांक 01 मार्च, 2014 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधान लागू होने के पश्चात ए.पी.एल. नाम की कोई श्रेणी प्रचलन में नहीं है। (ख) जी, नहीं। ऐसे परिवार जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्रता श्रेणी में नहीं आते हैं या पृथक से केरोसिन क्रय करना चाहते हैं, उनके लिये राज्य सरकार ने उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से गैर-पी.डी.एस. केरोसिन 6 जिलों-इन्दौर, भोपाल, सीहोर, जबलपुर, खण्डवा एवं सिवनी में उपलब्ध कराये थे, परन्तु मांग के अभाव में उसका वितरण उपभोक्ताओं को नहीं हो सका। संशोधन पश्चात गैर-पी.डी.एस. केरोसिन की आपूर्ति के क्रियाकलाप, विपणन, व्यवसाय या वाणिज्य की गतिविधियों को केरोसिन (उपयोग पर निर्बन्धन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 के प्रावधानों से मुक्त किया गया है। अब कोई भी व्यक्ति मध्यप्रदेश केरोसिन व्यापारी नियंत्रण आदेश, 1979 के तहत अनुज्ञप्ति प्राप्त कर गैर-पी.डी.एस. केरोसिन का व्यवसाय कर उपभोक्ताओं को केरोसिन उपलब्ध करा सकता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अथाईखेड़ा
में शासकीय
भूमि पर
अतिक्रमण
1. ( क्र. 12 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 26 फरवरी 2016 प्रश्न संख्या 2 क्रं. 17 के संदर्भ में बताएं कि नरेश जिलाबदर की कार्यवाही व शासकीय भूमि पर अथाईखेड़ा में भवन बनाना व तहसीलदार के भवन निर्माण के बाद भी पुलिस की जाँच में निर्माण नहीं रोकने व सीढ़ियों का बनना पाये जाने के बाद क्या कार्यवाही अभी तक हुई है? (ख) आत्म समर्पित अकु, छोटेसिंह भदौरिया ने बिना जिलाधीश की अनुमति के पट्टे की भूमि राजेन्द्र व बाद में अजय प्रताप को रजिस्ट्री कर शहर से 1 किलोमीटर दूर थी पर उसे जाल-साजी कर अथाईखेड़ा बस स्टैण्ड के पास बताकर तथा वहां भी अतिक्रमण कर भवन बनाने की शिकायत जो पुलिस में की थी व पुलिस ने जाँच भी की उसके बाद अभी तक क्या कार्यवाही हुई है, विवरण दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नरेश सिंह यादव पिता रघुवीर सिंह यादव के विरूद्ध दिनांक 27.05.2013 को थाना बहादुरपुर के द्वारा जिला बदर का प्रस्ताव भेजा गया था जिसे जिला दण्डाधिकारी, अशोकनगर द्वारा प्रकरण सारहीन होने से दिनांक 29.11.2014 को निरस्त किया गया है। यह सही है कि ग्राम अथाईखेड़ा के भूमि सर्वे क्रमांक 696/1 रकवा एक हेक्टेयर में नरेश सिंह यादव द्वारा अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुंगावली द्वारा सीमांकन होने तक निर्माण पर रोक लगाई थी जिसके आधार पर नायब तहसीलदार मुंगावली के आदेशानुसार थाना प्रभारी बहादुरपुर एवं पटवारी द्वारा मौके पर जाकर निर्माण कार्य रूकवाया था। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुंगावली द्वारा पारित आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में पुनः निर्माण कार्य जारी होना पाये जाने पर प्रश्नाधीन भूमि सर्वे क्र. 696/1 में अतिक्रमण का प्रकरण राजस्व मण्डल ग्वालियर में प्रचलित है। (ख) प्रकरण सिविल प्रकृति का होना पाया गया है। प्रकरण राजस्व मण्डल ग्वालियर में प्रचलित है।
संविदा हैण्ड पम्प मैकेनिकों का E.P.F. कटौत्रा
2. ( क्र. 81 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. में नियुक्त एक हजार (1000) संविदा हैण्ड पम्प मैकेनिकों को वर्तमान में शासन के नियमानुसार E.P.F. कटौत्रा का प्रावधान है? यदि हाँ, तो संविदा हैण्ड पम्प मैकेनिकों का E.P.F. कटौत्रा कब से किया जावेगा? (ख) सन् 2010 से नियुक्त संविदा हैण्ड पम्प मैकेनिकों को वर्तमान में क्या पारिश्रमिक दिया जा रहा है? दिया जा रहा पारिश्रमिक उच्च कुशल का है? यदि नहीं, तो 1000 संविदा हैण्ड पम्प मैकेनिकों को उच्च कुशल के मान से न्यूनतम वेतन कब से दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) राशि रूपये 65/- प्रति हैण्डपंप प्रतिमाह की दर से अधिकतम 100 हैण्डपंप हेतु रूपये 6500/- का मानदेय दिया जा रहा है। मानदेय किये जा रहे कार्य की दर के आधार पर होने के कारण शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार वितरण
3. ( क्र. 86 ) श्री हरवंश राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पोषण आहार वितरण के लिए किस प्रकार की शहरी क्षेत्र में प्रक्रिया है और कितने-कितने वर्षों के लिए रहती है? (ख) सागर जिले में पोषण आहार वितरण के लिए एक स्थानीय संस्था द्वारा कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है एवं नियम क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) संस्था को प्रश्न दिनांक तक कब-कब पोषण आहार वितरण के टेण्डर जारी किए गए है? (घ) क्या इस संबंध में कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी अधिकारी एकीकृत बाल सेवा जिला सागर द्वारा पोषण आहार वितरण के संबंध में मार्गदर्शन चाहा है एवं शासन स्तर से क्या मार्गदर्शन दिया गया है? मार्गदर्शन की प्रति उपलब्ध कराई जाए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) शहरी क्षेत्र की बाल विकास परियोजनाओं में जिला स्तर पर स्थानीय संस्थाओं स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल के माध्यम से पूरक पोषण आहार व्यवस्था संचालित की जाती है। पोषण आहार वितरण व्यवस्था कितने वर्षों के लिए रहती है इसकी कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ख) सागर जिले में प्रदाय कर रहे स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। पूर्व से कार्यरत एवं क्रियाशील स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल को समय-समय पर उनकी कार्य क्षमता, आर्थिक स्थिति अनुसार कम से कम 50 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार प्रदाय कार्य दिये जाने के निर्देश है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के संबंध में वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक पोषण आहार व्यवस्था हेतु टेंडर जारी नहीं किये गये। पूर्व में विभाग के आदेश पत्र क्रमांक/एफ-3-21/07/50-2 भोपाल दिनांक 27.03.08 के निर्देश के परिपालन में दिनांक 20.06.08 को स्व-सहायता समूहो/महिला मण्डलों से पोषण आहार प्रदाय हेतु 11 ग्रामीण एवं 2 शहरी परियोजनाओं हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये थे। (घ) जी हाँ। मार्गदर्शन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है।
एकीकृत महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा अनियमितता की जाना
4. ( क्र. 124 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पलेरा में पदस्थ परियोजना अधिकारी द्वारा अपनी मनमर्जी से महिला बाल विकास समिति पलेरा में सदस्य मनोनीत कर लिया है जबकि जनपद अध्यक्ष द्वारा उक्त सदस्य को नामित किया जाता परन्तु जनपद अध्यक्ष द्वारा जिसे नामित किया गया था उसे परियोजना अधिकारी ने समिति में नहीं रखा? क्या इसकी जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या परियोजना अधिकारी शासन में लगे किराये के वाहन से अपने निजी उपयोग में छतरपुर घर लेकर जाते हैं, जिसका संपूर्ण रिकार्ड टोल बूथ पर उपलब्ध है? इसकी जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या परियोजना अधिकारी द्वारा क्षेत्र में किसी प्रकार की योजनाओं की देख-रेख नहीं की जाती है और सांझा चूल्हा जैसी योजना बंद हो गई है और ऑडिट के नाम पर एवं घूस के नाम पर कार्यकर्ताओं सहायिकाओं से राशि वसूली की जा रही है? ऐसे परियोजना अधिकारी के विरूद्ध जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास परियोजना पलेरा में पदस्थ परियोजना अधिकारी द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/ सहायिकाओं की नियुक्ति हेतु माननीय जनपद अध्यक्ष द्वारा श्रीमती कलावती अहिरवार को समिति की बैठक में उपस्थित रहने हेतु नामांकित किया गया था। परन्तु परियोजना अधिकारी बाल विकास परियोजना के द्वारा जानकारी दी गई है कि समिति की बैठक आहूत करते समय नामांकित प्रतिनिधि श्रीमती कलावती अहिरवार के स्थान पर लिपिकीय त्रुटिवश श्रीमती रामरती अहिरवार का नाम अंकित कर सूचना जारी हो गई। त्रुटि संज्ञान में आने पर परियोजना अधिकारी के पत्र क्रमांक 667 दिनांक 14.11.2015 द्वारा माननीय जनपद अध्यक्ष द्वारा नामित सदस्य श्रीमती कलावती अहिरवार को बैठक में उपस्थित होने हेतु पत्र जारी किया गया। दिनांक 16.11.2015 को खण्ड स्तरीय चयन समिति की बैठक में समस्त शासकीय सदस्य (अध्यक्ष) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जतारा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पलेरा (सदस्य) परियोजना अधिकारी बाल विकास परियोजना पलेरा (सदस्य सचिव) उपस्थित हुये। इसके अतिरिक्त समिति में नामांकित अशासकीय सदस्य बैठक में उपस्थित नहीं हुयें। चूंकि त्रुटि संज्ञान में आने पर सुधार कर लिया गया था तथा माननीय अध्यक्ष के द्वारा नामांकित सदस्य के स्थान पर अन्य सदस्य ने बैठक में भाग नहीं लिया इसलिए किसी प्रकार का नियमों का उल्लंघन नहीं होने से जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) परियोजना हेतु अनुबंधित वाहन का उपयोग शासकीय कार्यों के संपादन में किया जा रहा हैं। अनुबंधित वाहन का निजी उपयोग अथवा छतरपुर नहीं ले गये हैं। इस बात की पुष्टि वाहन की लॉक बुक से होती हैं। वाहन के उपयोग की पुष्टि लॉगबुक से होने से अन्य जाँच की आवश्यकता नहीं हैं। (ग) परियोजना अधिकारी पलेरा द्वारा परियोजना अंतर्गत संचालित सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों का सतत् निरीक्षण कर शासन स्तर से चलाई जा रही सभी योजनाओं का नियमानुसार क्रियान्वयन कराया जा रहा है। पलेरा परियोजना के 227 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 165 स्व सहायता समूहों द्वारा नाश्ता एवं भोजन वितरण किया जा रहा है। ऑडिट के नाम पर एवं घूस के नाम पर कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं से राशि वसूलने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत प्राप्त नहीं होने से जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन समितियों द्वारा खाद्यान्न का उठाव
5. ( क्र. 125 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन समिति लिधौरा का परिक्षेत्र कंदवा, बल्देवपुरा, मुहारा आदि ग्रामों में नहीं आता है तथा वन समिति लिधौरा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पत्र भी लिखकर दिया गया था कि मेरी वन समिति द्वारा खाद्यान्न का उठाव नहीं कर रही है? फिर भी नियम के तहत कंदवा, मुहारा, बल्देवपुरा के राशन का उठाव किया जा रहा है और कालाबाजारी भी की जा रही है? क्या इसकी जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या कालाबाजारी की जाँच करायेंगे और दोषी पाये जाने वाले कर्मचारी के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति मर्यादित, लिधौरा के परिक्षेत्र में कंदवा एवं बल्देवपुरा ग्राम नहीं आते हैं, परन्तु ग्राम मुहारा उक्त समिति के परिक्षेत्र में आता है। जी हाँ, वन समिति, लिधौरा के तत्कालीन अध्यक्ष श्री कूरे द्वारा दिनांक 30.09.2012 को अनुविभागीय अधिकारी जतारा को इस आशय का शपथ पत्र पेश किया गया था कि वह फतेह का खिरक, पैतपुरा, कछियागुडा, चंदेरा एवं बराना की शासकीय उचित मूल्य दुकानों को छोड़कर कोई भी दुकान चलाना नहीं चाहता है। पुन: उक्त समिति के अध्यक्ष एवं प्रबंधक द्वारा दिनांक 04.10.2012 को संयुक्त रूप से आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया कि वे समिति लिधौरा की कोई भी दुकान चलाना नहीं चाहते हैं। उक्त शपथ पत्र एवं आवेदन पत्र के आधार पर सक्षम अधिकारी ने शासकीय उचित मूल्य दुकानों कंदवा, बल्देवपुरा एवं मुहारा सहित अन्य उचित मूल्य दुकानों को उक्त वन समिति से पृथक करके सेवा सहकारी समिति, लिधौरा को आवंटित कर दी। उक्त आदेश से व्यथित होकर तत्कालीन अध्यक्ष एवं विक्रेता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका क्रमांक 686/2013 एवं 879/2013 दायर की गई, जिसमें क्रमश: दिनांक 21.01.2013 एवं 17.01.2013 को माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश पारित किया गया है। उक्त स्थगन आदेश के पालन में उक्त वन समिति द्वारा कंदवा, बल्देवपुरा एवं मुहारा की उचित मूल्य दुकान का संचालन किया जा रहा है। उचित मूल्य दुकान से कालाबाजारी किये जाने संबंधी कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आया है। शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ख) शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार जाँच एवं कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुमशुदा एवं अपहृतों की पताशाजी व कार्यवाही
6. ( क्र. 150 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने बच्चे/बालिका के गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है, उनके नाम, पते गुमशुदगी का दिनांक सहित थानावार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के गुम हुए व्यक्तियों में से किन-किन को पुलिस द्वारा खोजबीन कर बरामद किया गया, उनके नाम पते सहित थानावार विवरण दें? शेष को बरामद क्यों नहीं किया गया उसके क्या कारण हैं, थानावार बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में कटनी जिले में लड़की/महिलाओं के अपहरण व भगाकर ले जाने के कितने प्रकरण थाने में दर्ज है? कितने प्रकरणों में अपराधी पकड़े गये एवं न्यायालय में चालान पेश किया गया तथा कितने ऐसे प्रकरण में जिनमें पताशाजी नहीं हो सकी व अपराधी नहीं पकड़े जा सके प्रकरणवार, कार्यवाहीवार एवं थानावार विवरण दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 1940 बालक/बालिकाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। प्रश्नांश की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’ख’ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में समाहित है। (ग) कटनी जिले के थानों पर बालिकाओं एवं महिलाओं के अपहरण के कुल 157 अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है।
अनाज पात्रता पर्ची का विवरण
7. ( क्र. 172 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में कुल कितने सूखा पीडि़त किसानों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची का वितरण कर दिया गया है एवं कितने सूखा पीडि़त किसानों को विभाग द्वारा खाद्यान्न पर्ची का वितरण किया जाना शेष है? पर्ची वितरण नहीं होने का कारण भी बतावे? (ख) इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में सूखे के कारण 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति वाले 5,259 प्रभावित किसानों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी कर दी गई हैं, जिनका वितरण प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक ग्राम नल-जल योजना
8. ( क्र. 173 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नागदा-खाचरौद विधान सभा में भूजल स्तर लगातार गिरते जा रहा है एवं कई ग्रामों में 1000 फिट ट्यूबवेल खनन करने पर भी पानी नहीं निकल रहा है एवं जहां निकल रहा है वह पीने योग्य नहीं है? साथ ही इससे गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में चंबल, बागेडी, मलिनी एवं कुदेल नदी एवं कई बड़े तालाब है? (ग) क्या भविष्य में सामूहिक ग्राम नल-जल योजना बनाने पर विचार चल रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र को इसमें जोड़ा जावेगा? यदि नहीं, बनी है तो इस कब तक बना ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।
कर्रापुरा आवर्धन नल-जल प्रदाय योजना
9. ( क्र. 195 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कर्रापुर आवर्धन योजना मुख्यमंत्री की घोषणा क्र. 1286/कजम/26.01.2013 को की गई थी एवं आदेश पृष्ठ क्र. 3386/1071/2013 को की गई थी एवं उक्त आवर्धन योजना की स्वीकृति में विलंब का क्या कारण है? (ख) कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी भोपाल द्वारा भी निविदा दर स्वीकृति के संबंध में पत्र क्र./2586/मोनि./प्र.अ./लो.स्वा.यां.वि./16/भोपाल दिनांक 31.03.16 को निविदा स्वीकृति दर जारी करने के संबंध में पत्र जारी किया था। अधिनस्थ कार्यालय द्वारा पत्र के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) कर्रापुर आवर्धन नल-जल योजना प्रदाय योजना की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी एवं नल-जल योजना का कार्य कब प्रारंभ कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। स्वीकृति में विलंब नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ। निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) योजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी है एवं निविदा स्वीकृति पश्चात् नल-जल योजना के कार्य प्रारंभ करवाये जायेंगे। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
सायबर क्राईम की रोकथाम हेतु कार्य योजना
10. ( क्र. 206 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सायबर क्राइम लगातार बढ़ रहा है जिसमें मुख्य रूप से फर्जी बैंक अधिकारी बनकर डेबिट व क्रेडिट कार्ड से संबधित गोपनीय जानकारी ग्राहकों से प्राप्त करना, फर्जी बीमा अधिकारी बनकर लोन के नाम पर विभिन्न संदिग्ध बैंक खातों में रूपये प्राप्त करना, लाटरी खुलने की झूठी सूचना देकर एवं नौकरी देने के फर्जी विज्ञापन देकर विभिन्न प्रकार के चार्ज वसूलने के नाम पर विभिन्न खातों में स्थित खातों में रूपये प्राप्त करना, एक्स्प्रोटर व्यापारी को विदेशी ग्राहक के फर्जी ई-मेल भेज कर विदेशो में स्थित खातों में रूपये प्राप्त करना, फेस बुक वाट्सअप एवं सोशल साइट्स पर झूठे भ्रामक अश्लील फोटो विडियो भेजना आदि है? इस तरह के सायबर अपराध के कितने प्रकरण प्रदेश में दर्ज है? (ख) क्या राज्य में सायबर क्राइम के प्रभावी अनुसंधान के लिए राज्यस्तरीय एक क्राइम पुलिस स्टेशन का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो इस पुलिस स्टेशन ने कब से कार्य प्रारम्भ कर दिया है तथा प्रारंभ दिनांक से कितने प्रकरणों का निराकरण कर कितनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया? (ग) क्या राज्य स्तर पर ए.टी.एस एवं एस.ओ.जी. दवारा भी महत्वपूर्ण एवं अतिसंवेदनशील सायबर अपराधों का अनुसंधान किया जाता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से अपराध का अनुसंधान किया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सायबर क्राइम के 829 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) जी हाँ। प्रदेश में वर्ष 2012 में भोपाल शहर में सायबर सेल व सायबर थाना का गठन किया गया था जिसकी अधिकारिता पूरे प्रदेश में रखी गयी है। सायबर अपराधों पर बेहतर नियंत्रण हेतु प्रदेश के बड़े नगरों इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन में सायबर जोनल कार्यालय खोले जाकर वर्तमान में कार्य संचालित किया जा रहा है। वर्ष 2012 से वर्तमान तक सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध थाना भोपाल में पंजीबद्ध 829 प्रकरणों में से अभी तक 192 प्रकरणों में आरोपीगणों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है। (ग) राज्य स्तर पर ए.टी.एस. एवं एस.टी.एफ. क्रमशः से आतंकवाद से संबंधित एवं संगठित अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण बनाये हुये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपंपों के सुधार कार्य
11. ( क्र. 223 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हैण्डपंप सुधारने हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस ठेकेदार को कितनी राशि प्रदाय की गई? जनपदवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में संबंधित ठेकेदार द्वारा क्या-क्या सुधार कार्य किए गए? ग्रामवार बताएं। (ग) क्या पूर्व में चल रहे हैण्डपंप जो गर्मियों में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण बंद हो गये थे, उनमें पाईप लाईन डालने की बजाय ठेकेदार को हैण्डपंप उखाड़ने के आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों के कितने हैण्डपंप उखाड़े गये है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हैण्डपंप उखाड़ने के आदेश नहीं दिए गए है, तो ठेकेदार व इस कदाचार में संलिप्त दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित ही नहीं होता। (घ) उत्तरांश-‘ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मंदसौर जिले में ट्यूबवेल खनन
12. ( क्र. 231 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर जिले में विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्यूबवेल खनन की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में कितने-कितने नलकूप खनन हेतु विभाग द्वारा आदेश दिए गए संख्या बतावें? (ग) 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्यूबवेल खनन गरोठ, सुवासरा, मंदसौर, मल्हारगढ़ में हो चुके गांव एवं स्थान बतावें? (घ) मंदसौर जिले में पेयजल परिवहन करने की अनुमति किन स्थानों के लिये प्रदान की गई स्थान एवं किस दिनांक से किस दिनांक तक बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 447 नलकूपों की। (ख) मंदसौर जिले के विधानसभा क्षेत्र मंदसौर, मल्हारगढ़, सुवासरा एवं गरोठ में क्रमशः 75, 133, 144 एवं 95 इस प्रकार कुल 447 नलकूप खनन हेतु आदेश दिये गये। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मंदसौर जिले में परिवहन द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने की आवश्यकता नहीं होने के कारण अनुमति नहीं दी गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सबमर्सिवल पम्प खरीदी में अधिक भुगतान जाँच
13. ( क्र. 290 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले को अप्रैल 2015 से जून 2016 तक किन-किन कार्यों हेतु कितना-कितना बजट एवं किन-किन कार्यों का कितना-कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया? उक्त बजट से कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से कराए गए? कराए गए कार्यों की सूची संलग्न कर जानकारी दें? (ख) शिवपुरी जिले में अप्रैल 2015 से जून 2016 तक कितने हैण्डपंप/नलकूप कहाँ-कहाँ पर किस-किस मद से खनन कराए गए एवं विद्युत मोटरें कहाँ-कहाँ पर किन-किन नलकूपों में डाली गई? (ग) क्या शिवपुरी जिले में विभाग द्वारा अप्रैल 2015 से जून 2016 तक सबमर्सिवल पम्पसेट क्रय किए गए हैं? यदि हाँ, तो कितने पम्पसेट किस मेक (कंपनी) के किस फर्म से खरीदे गए हैं तथा किस दर पर खरीदे गए हैं? उक्त पम्पसेटों की कितनी अवधि की गारंटी दी गई है? (घ) क्या जो सबमर्सिवल पम्पसेट विभाग द्वारा जिस मेक/कंपनी के क्रय किए गए हैं वह पम्पसेट मार्केट में 14 हजार रूपये में उपलब्ध है? यदि हाँ, तो 03 गुना अधिक राशि का भुगतान संबंधित फर्म को क्यों किया गया? यदि नहीं, तो क्या जितने सबमर्सिवल पम्प सेट क्रय किए हैं वही पम्पसेट 14 हजार रूपये की दर से विभाग को उपलब्ध हो जाए, तो क्या विभाग संबंधित फर्म से शेष वसूल करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्राप्त बजट एवं लक्ष्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2,3,4,5 एवं 6 अनुसार है। (ख) खनित कराये गये नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2,3,4,5 एवं 6 अनुसार है एवं विद्युत मोटरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार। उक्त पम्प सेटों की गारण्टी अवधि एक वर्ष है (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सकों/कर्मचारियों के रिक्त पदों की पूर्ति
14. ( क्र. 291 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जून-2016 की स्थिति में पशु चिकित्सकों/कर्मचारियों आदि के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ पर कब से रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे? (ख) शासन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? काफी लंबे समय से पद क्यों रिक्त है? (ग) क्या शासन पशु चिकित्सकों/कर्मचारियों आदि के रिक्त पद भरे जाने में कोई रूचि नहीं ले रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा शासन का ध्यान विषयांतर्गत दिलाए जाने के बावजूद रिक्त पद क्यों नहीं भरे गए?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है पदों की पूर्ति करने की निरंतर प्रकिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी/पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग इन्दौर द्वारा 492 रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन प्रसारित किया गया। एवं कोलारस विधानसभा क्षेत्र में 05 सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी की पदस्थापना आदेश जारी किये जा चुके है। (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में 05 सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों के पदस्थापना आदेश जारी किये जा चुके है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकी व थाने की स्थापना
15. ( क्र. 348 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत किन-किन स्थानों पर कब से पुलिस थाना एवं पुलिस चौकी संचालित है? (ख) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में उक्त पुलिस थानों एवं पुलिस चौकी में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं? पदस्थ स्टाफ की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में जिला चिकित्सालय राजगढ़ एवं ग्राम चाटूखेड़ा में आये दिन मारपीट व चोरी और लूटपाट की घटनायें हो रही है तथा इसके लिये कई बार जनता द्वारा जिला चिकित्सालय राजगढ़ एवं ग्राम चाटूखेड़ा में पुलिस चौकी की मांग की जा रही है? पुलिस चौकी कब तक स्थापित की जावेगी? (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में ग्राम पपड़ेल में अधिक अपराध होने से पपड़ेल में स्थापित पुलिस चौकी को पुलिस थाने में परिवर्तित करने की मांग की जा रही है? पुलिस थाना कब तक स्थापित हो सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) चाटूखेड़ा गांव एवं जिला चिकित्सालय राजगढ़ में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने के प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड अनुरूप नहीं पाए जाने से अमान्य किये गये। (घ) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड नहीं पाए जाने से अमान्य किये गये।
खाद्य प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना
16. ( क्र. 360 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेतिया एवं पलसूद को म.प्र. शासन द्वारा औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो इन क्षेत्रों को कब औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया है? इन क्षेत्रों को विस्तारित किये जाने हेतु खाद्य प्रसंस्करण केन्द्र हेतु कोई प्रस्ताव हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या उक्त औद्योगिक क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या इन क्षेत्रों में मक्का, मिर्च, टमाटर एवं मटर के यूनिट लगाये जा सकते है? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) शासन द्वारा वर्ष 2002 में पलसूद को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया है तथा वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के आदेश क्रमांक एफ-11-90/2010/बी-ग्यारह, दिनांक 07/01/2012 से अधिसूचित किया गया। ग्राम खेतिया की कोई भी भूमि औद्योगिक क्षेत्र के रूप में शामिल नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन कोई खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित नहीं करता है। निजी क्षेत्र में निवेशक से प्रस्ताव प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति के क्रम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिये विशेष वित्तीय सहायता के प्रावधान अनुसार अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है।
एकीकृत बाल विकास परियोजना
17. ( क्र. 395 ) श्री राजकुमार मेव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत खरगोन जिले में कितनी एकीकृत बाल विकास परियोजनाएं कहाँ-कहाँ संचालित हो रही हैं? 01 अप्रैल 2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन परियोजना अधिकारी (स्थाई/प्रभारी) पदस्थ रहे? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के जनपद पंचायत महेश्वर एवं बडवाह एकीकृत बाल विकास परियोजना विकासखण्ड महेश्वर एवं बडवाह में 01 अप्रैल 2012 से वर्तमान तक कौन-कौन परियोजना अधिकारी (स्थाई/प्रभारी) कार्यरत रहे? इसकी सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या एकीकृत बाल विकास परियोजना महेश्वर में निरन्तर प्रभारी परियोजना अधिकारी कार्यरत रहने से विभागीय जिम्मेदारियों का निर्वहन सही तरीके से किया गया? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) शासन महेश्वर परियोजना में स्थाई परियोजना अधिकारी की पदस्थापना कब तक करेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत खरगोन जिले में कुल 11 एकीकृत बाल विकास परियोजनाएं निम्नानुसार संचालित हो रही हैं:-
क्रं. परियोजना स्थान
1 खरगोन
ग्रामीण देजला
देवड़ा
कालोनी
विस्टान रोड़
खरगोन
2 खरगोन
शहरी बावड़ी
बस स्टैण्ड
बी.टी.आई रोड़,सेफिया
भवन, खरगोन
3 भीकनगांव
जनपद
पंचायत
कार्यालय के
पास भीकनगांव
4 झिरन्या
जनपद
पंचायत कार्यालय
के पास
झिरन्या
5 सेंगांव
जनपद परिसर
सेंगांव
6 भगवानपुरा जनपद
पंचायत के
सामने
भगवानपुरा
7 कसरावद मुख्य
मार्ग कृषि
भवन कसरावद
8 महेश्वर
धामनोद
रोड़ शासकीय
हॉस्पिटल पास,महेश्वर
9 बड़वाह
सिलाई
प्रशिक्षण
केन्द्र
नादिया रोड़
सिरलारा
तहसील बड़वाह
10 सनावद
सिंचाई
कालोनी सनावद
11 गोंगावा
जनपद परिसर गोंगावा
01 अप्रैल 2012 से प्रश्न दिनांक तक पदस्थ परियोजना अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) एकीकृत बाल विकास परियोजना बड़वाह में 01 अप्रैल 2012 से श्री अनिल जैन परियोजना अधिकारी वर्तमान तक पदस्थ है एवं परियोजना महेश्वर में श्रीमती ज्योति दीक्षित परियोजना अधिकारी 12.3.2014 से पदस्थ होकर निरन्तर अनुपस्थित है अनुपस्थित अवधि में जिन अधिकारियों के पास प्रभार रहा उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के क्रमांक 08 पर दर्ज हैं। (ग) परियोजना महेश्वर में परियोजना अधिकारी का प्रभार, प्रभारी अधिकारी को सौंपकर कार्य कराया गया है। प्रभारी द्वारा विभागीय जिम्मेदारियों का निर्वहन सही तरीके से किया गया है। (घ) महेश्वर परियोजना में स्थाई परियोजना अधिकारी पदस्थ हैं।
स्वरोजगार योजनाओं का क्रियान्वयन
18. ( क्र. 396 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कौन-कौन सी स्वरोजगार हेतु योजनाएं संचालित की जाती हैं? इसके नियम एवं योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में खरगोन जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में स्वरोजगार हेतु कितना भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य प्राप्त हुआ? लक्ष्य के विरूद्ध कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये, कितने स्वीकृत किये गये कितने अस्वीकृत किये गये, कितने लंबित है, कितने स्वीकृति के पश्चात् वितरण कर दिये गये, संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या विभाग हस्थकरघा, बुनकरों के लिए भी स्वरोजगार योजना संचालित करता है? यदि हाँ, तो महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2014-15 एवं प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को स्व रोजगार योजनांतर्गत लाभान्वित किया गया? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र के बुनकरों के आर्थिक विकास हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक इसका क्रियान्वयन किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) संचालित योजनाओं एवं नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न वितरण सामग्री का प्रदाय
19. ( क्र. 405 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपभोक्ताओं की सुविधा की दृष्टि से यह व्यवस्था की गई है कि राशनकार्ड धारक किसी माह के दौरान उस माह की पात्रतानुसार सामग्री क्रय नहीं करता है तो ऐसी शेष सामग्री अगले माह प्रदान कर सकेगा? (ख) योजना का लाभ सही तरीके से उपलब्ध कराने के लिए शासन उक्त सूचना को उचित मूल्य दुकान के सूचना पटल पर अंकित करेगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) इस प्रावधान को आगामी तीन माह में उचित मूल्य दुकानों के सूचना पटल पर अंकित कराने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
ग्रामों में उदिता कॉर्नर स्थापित करना
20. ( क्र. 406 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता हेतु ग्राम में कम से कम प्रत्येक ग्राम में उदिता कॉर्नर स्थापित किये जाने थे या नहीं? यदि हाँ, तो आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) यदि हाँ, तो विदिशा जिले में किस-किस परियोजना अंतर्गत किस-किस ग्राम में उदिता कॉर्नर केन्द्र स्थापित किये गये हैं, कितने शेष है, शेष का कारण बतावें? (ग) उक्त कितने केन्द्रों पर वेंडिग मशीन एवं कितनी किशोरी बालिकाओं को सेनेटरी नेपकिन उपयोग हेतु प्रदाय की गई है? इस सामग्री हेतु कितनी राशि किस दिनांक को आवंटित की गई है? परियोजनावार, केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) का यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? कब तक प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग के आदेश क्रमांक 1184/1035/2016/50-2, दिनांक 12/05/2016 द्वारा उदिता योजना को सम्पूर्ण प्रदेश में विस्तारित किये जाने के आदेश जारी किये गये है। आदेश निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। (ख) विदिशा जिले में परियोजनावार/ग्रामवार उदिता कॉर्नर की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –‘ब’ अनुसार है। शेष 252 ग्रामों में उदिता कॉर्नर स्थापित किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्थापित उदिता कॉर्नर हेतु वेंडिग मशीन प्रदाय नहीं की गई है तथा 9157 किशोरी बालिकाओं को सेनेटरी नेपकिन प्रदाय किये गये हैं। इस हेतु कोई आवंटन नहीं दिया गया है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्थापित उदिता कॉर्नर के माध्यम से किशोरी बालिकाओं द्वारा सेनेटरी नेपकिन स्वयं क्रय कर उपयोग किये जाते है। (घ) उदिता कॉर्नर स्थापित किये जाने हेतु आदेश माह मई, 2016 में जारी किये गये है, अत: इस हेतु कोई भी कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। शेष ग्रामों में उदिता कॉर्नर स्थापित किये जाने की कार्यवाही शीघ्र ही की जावेगी।
हैण्ड पंप का सुधार कार्य
21. ( क्र. 436 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पवई जिला पन्ना में वर्ष 2013-2014, आज तक कौन-कौन से ग्रामों में कितने हैण्ड पंप खनन/स्थापित किये एवं नल-जल योजना संचालित की गई है? (ख) नल-जल योजना के तहत कितने हैण्ड पंप बंद पड़े है कितने हैण्ड पंप चालू अवस्था में है? ग्रामवार जानकारी देवें? (ग) नल-जल योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक बंद पड़े हैण्ड पंपों का सुधार कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) पवई क्षेत्र में कौन-कौन से ग्रामों के कितने हैण्ड पंप/नल-जल योजना के कितने प्रस्तावित लंबित है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) नल-जल योजनाओं के अंतर्गत हैण्डपंप स्थापना का कार्य नहीं होता है। स्त्रोत से बंद नल-जल योजनाएं एवं जिन ग्रामों में नल-जल योजनायें क्रियान्वित हैं उन ग्रामों में स्थापित हैण्डपंपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) स्त्रोत से बंद नल-जल योजनाओं के स्त्रोत निर्माण की कार्यवाही विभाग द्वारा की जा रही है। अन्य कारणों से बंद नल-जल प्रदाय योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। अतः इनके सुधार हेतु निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों का सुधार कार्य एक सतत् प्रक्रिया है बिगड़े हैण्डपंप की सूचना प्राप्त होने पर विभाग द्वारा हैण्डपंप संधारण की कार्यवाही तत्काल की जाती है। (घ) 14 बसाहटों में हैण्डपंप स्थापना के लंबित प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। नल-जल प्रदाय योजना का प्रस्ताव लंबित नहीं है।
नल-जल योजना के अंतर्गत कितने गांव को जोड़ा जाना
22. ( क्र. 437 ) श्री
मुकेश नायक :
क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग के तहत
नल-जल योजना
के अंतर्गत
पन्ना जिले
की पवई
विधानसभा
क्षेत्र को
शामिल किया
गया है? यदि
हाँ, तो
विगत पाँच
वर्ष में पन्ना
जिले की पवई
विधानसभा
क्षेत्र के
कितने ग्रामों
को इस योजना
के अंतर्गत
जोड़ा जा चुका
है व इन
वर्षों में इस
योजना
अंतर्गत
कितनी राशि का
व्यय किया
गया है वर्षवार, ग्रामवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें?
(ख) पन्ना
जिले की पवई
विधानसभा
क्षेत्र के
ऐसे कितने
ग्राम है जो
नल-जल योजना
होने के
बावजूद ग्रामवासियों
को कोई लाभ
नहीं मिल रहा
है? (ग) पवई
विधानसभा
क्षेत्र में
ऐसे कितने
ग्राम है जो
नल-जल योजना
के प्रस्तावित
लंबित है? ग्रामवार
सूचीवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के अनुसार है।
(ख) 21
ग्रामों में। (ग)
विधानसभा
क्षेत्र पवई
के अंतर्गत
ग्रामों में नल-जल
योजना के
प्रस्ताव
लंबित नहीं
हैं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नवीन पेट्रोल पम्प हेतु अनापत्ति
23. ( क्र. 458 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में नवीन पेट्रोल पम्प अनापत्ति पत्र जारी करने हेतु कलेक्टर द्वारा किन-किन विभागों से जाँच रिपोर्ट/अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगी जाती है। उन विभागों के नाम बतावें एवं संबंधित विभाग द्वारा अनापत्ति के साथ किन-किन शर्तों का उल्लेख किया जाता है? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में संबंधित विभाग द्वारा अनापत्ति के साथ जो शर्तों का उल्लेख होता है, उसका पालन कराने का दायित्व किसका होता है। संबंधित कलेक्टर या संबंधित विभाग सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें एवं 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक नवीन पेट्रोल पम्प की जिला दण्डाधिकारी उज्जैन द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र की पेट्रोल पम्पवार प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) उज्जैन जिले में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन पेट्रोल पम्प कौन-कौन सी कम्पनी के खोले गये। पम्पों के आपस में दूरी कितनी है। पम्पवार, दूरीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय अधिकारियों द्वारा कितने पम्पों का निरीक्षण किया गया एवं कितने पम्पों से सेम्पल लिये गये। कितने सेम्पल पास हुए एवं कितने सेम्पल फेल हुए। फेल हुए सेम्पलों के पम्पों पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उज्जैन जिले में नवीन पेट्रोल पंप की स्थापना से पूर्व जिन विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र/प्रतिवेदन प्राप्त किया जाता है, उसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। संबंधित विभाग द्वारा विभिन्न शर्तों का उल्लेख किया जाता है जो विभिन्न विभागों के अनापत्ति प्रमाण-पत्र/प्रतिवेदन में उल्लेखित रहती हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) अनापत्ति के साथ जिन शर्तों का उल्लेख किया जाता है उसका पालन कराने का दायित्व संबंधित विभाग का होता है। प्रश्नांकित अवधि में स्थापित पेट्रोल पंपों हेतु जारी किये गये अनापत्ति प्रमाण-पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में उज्जैन जिले में कुल 79 पेट्रोल पंप विभिन्न कंपनियों के खोले गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में विभागीय अधिकारियों द्वारा 147 पंपों का 767 बार निरीक्षण किया गया एवं 29 पंपों से पेट्रोल/डीजल के नमूने लिए गये। उक्त नमूनों में से कोई भी नमूना निर्धारित मापदण्डों के प्रतिकूल नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.पी.एल. कार्डधारी परिवार को खाद्यान्न वितरण
24. ( क्र. 468 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ के विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2015-16 में अतिओलावृष्टि से फसल नुकसान के उपरांत शासन द्वारा किन-किन ग्रामों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न पात्रता पर्ची वितरण की गई थी एवं कितने समय के लिये? अवधि की जानकारी से अवगत करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों में से ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामों के ग्रामवासियों के नाम हटाने के साथ-साथ जो पूर्व से ही बी.पी.एल. सूची में सम्मिलित हितग्राही थे उनके नाम का भी आबंटन शासन स्तर से निरस्त कर दिया गया है? ऐसे कितने ग्रामों के बी.पी.एल. कार्ड धारियों का शासन स्तर से पात्रता पर्ची निरस्त करते हुए खाद्यान्न का आबंटन नहीं किया गया है? उक्त पात्र हितग्राहियों की पात्रता पर्ची निरस्त करने के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ग्राम बाबडल्या के पात्र बी.पी.एल. कार्ड धारियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम,2012 के अन्तर्गत पात्रता पर्ची निरस्त की गई है उनके नाम कब तक जोड़े जाकर पात्रता पर्ची प्रदाय की जावेगी एवं विगत 3 माह का खाद्यान्न प्रदाय किया गया? उन्हें कब तक खाद्यान्न नहीं प्रदाय किया गया? उन्हें कब तक खाद्यान्न प्रदाय किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। माह मार्च 2016 तक। (ख) ओला प्रभावित परिवारों की समय-सीमा समाप्त हो जाने के कारण अनमेप करने के साथ-साथ तकनीकी कारणों से 23 ग्रामों के बी.पी.एल. श्रेणी के परिवार भी समग्र पोर्टल से अनमेप हो गए थे, जिन्हें पुन: सम्मिलित किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। जिन ग्रामों के बी.पी.एल. परिवार अनमेप हुए हैं, उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उक्त परिवार तकनीकी कारणों से अनमेप होने के कारण किसी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्राम बाबडल्या के बी.पी.एल. परिवारों को माह जून, 2016 से पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। माह अप्रैल 2016 से जून 2016 तक की खाद्य सामग्री प्रदाय नहीं की गई है। इन्हें माह जुलाई, 2016 से राशन सामग्री का वितरण किया जाएगा।
खनन हेतु व्यय की गई राशि
25. ( क्र. 488 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु आबादी वाले टोलों एवं ग्रामों में हैण्डपम्प खनन (41-0009) योजना में वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में 321.32 लाख और 248.04 लाख राशि एवं पाईपों द्वारा ग्रामीण जल प्रदाय योजना (41-2580) में 1104.00 लाख और 1116.00 लाख राशि आवंटन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ’‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बाउण्ड्रीवॉल एवं आवास स्वीकृति
26. ( क्र. 519 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-120 (क्रमांक 2358) दिनांक 16 दिसम्बर, 2015 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले के अंतर्गत पुलिस थाना सुठालिया में पदस्थ पुलिस बल हेतु आवासीय गृह का निर्माण वर्ष 1987 में कराया गया था तथा थाना भवन निर्माण के समय बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य नहीं कराया गया था? तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त थाना भवन परिसर की बाउण्ड्रीवॉल एवं आवासीय गृह निर्माण हेतु दिनांक 9 जनवरी 2016 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय को मांग पत्र सौंपा गया था? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या इसी प्रकार राजगढ़ जिले के अंतर्गत पुलिस थाना ब्यावरा में भी पदस्थ पुलिस बल हेतु निर्मित सभी आवास अत्यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है जो कि विशेष मरम्मत योग्य नहीं है? यदि हाँ, तो क्या शासन इन जीर्ण-शीर्ण आवास के स्थान पर नवीन आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में वित्तीय अनुशासन के कारण कार्य सम्भव नहीं है। (ख) जी हाँ। उपलब्ध संसाधन एवं बजट की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए ’मुख्यमंत्री आवास योजना’ अंतर्गत हुडको से ऋण लेकर आगामी पाँच वर्षों में 25000 आवासों का निर्माण करने के संबंध में प्रस्तावित विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर) पर परियोजना परीक्षण समिति की बैठक दिनांक 27.02.2016 को सम्पन्न हो चुकी है। प्रस्तावित परियोजना प्रतिवेदन में जिला राजगढ़ के लिए 208 पुलिस आवास-गृह पाँचवें चरण में बनाये जाने प्रस्तावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी हितग्राहियों का शोषण करने वाले एन.जी.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही
27. ( क्र. 571 ) पं. रमेश दुबे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के विशेष केन्द्रीय सहायता मद से चयनित आदिवासी हितग्राहियों का आर्थिक शोषण करने वाले एन.जी.ओ. के विरूद्ध क्या थाना सौंसर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी? यदि हाँ, तो कब और किसके द्वारा यह रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी। (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त के संबंध में पत्र क्रमांक 1317 दिनांक 26.08.2015, क्रमांक 1344 दिनांक 28.08.2015 एवं पत्र क्रमांक 1552 दिनांक 29.09.2015 पुलिस अधीक्षक छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो इन पत्रों में किन बिन्दुओं का उल्लेख है और कौन-कौन से दस्तावेज संलग्न थे? (ग) क्या दर्ज कराये गये प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं उक्त पत्रों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं, तो क्यों? क्या भोले भाले आदिवासियों का आर्थिक शोषण करने वाले एन.जी.ओ. को पुलिस बचाने का प्रयास कर रही है? यदि नहीं, तो अभी तक उनके विरूद्ध कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नकर्ता के बार-बार प्रश्न करने, सक्षम अधिकारियों को पत्र लिखने के पश्चात् भी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने के मामले को क्या शासन संज्ञान में लेकर दोषियों को बचाने वाले पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही तथा दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का आदेश देगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, थाना सौंसर में जिला हथकरघा कार्यालय सौंसर जिला छिन्दवाड़ा सहायक संचालक, श्री अजय पवार के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र की जाँच की जाकर तथ्य सही पाये जाने पर दिनांक 11.07.2015 को अप.क्र. 134/15 धारा 406, 420, 34 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना के दौरान प्रकरण में धारा 409 भा.द.वि. एवं धारा 13-सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का समावेश भी प्रकरण में किया गया। (ख) जी हाँ, यह सही है कि माननीय विधायक द्वारा दिनांक 26.08.2015 एवं 28.08.2015 के पत्र पुलिस अधीक्षक, छिन्दवाड़ा के समक्ष प्रस्तुत किये थे तथा दिनांक 29.09.2015 का पत्र जिलाध्यक्ष छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया था। उक्त पत्रों में यह बिन्दु वर्णित थे कि वर्ष 2013-14 में विशेष केन्द्रीय सहायता मद से आदिवासी हितग्राहियों को स्वरोजगार हेतु 20 हजार रूपये प्रति हितग्राही के खाते में जमा किये गये थे, किंतु एन.जी.ओ. (चित्रांचल बहुद्देशीय सामाजिक संस्थान, भोपाल) द्वारा हितग्राहियों के कारे कागज (आहरण पत्र) में हस्ताक्षर कराकर राशि आहरित कर ली गई। हितग्राहियों को आज पर्यन्त तक स्वरोजगार हेतु किसी प्रकार का कोई सामग्री उपकरण या टूल प्रदाय नहीं किये गये। दिनांक 26.08.2015 के पत्र के साथ 24 हितग्राहियों के एवं दिनांक 28.08.2015 के पत्र के साथ 11 हितग्राहियों के शपथ पत्र संलग्न किये गये थे तथा दिनांक 29.09.2015 को पत्र में उक्त दोनों पत्रों की प्रति सहित उक्त आशय के शपथ पत्रों की प्रति संलग्न कर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया गया था। (ग) जी हाँ, थाना सौंसर में उपरोक्त संबंध में पंजीकृत अपराध में मुख्य आरोपी एन.जी.ओ. अध्यक्ष शिवदयाल बुआडे उर्फ शिव पवार, निवासी ग्राम परसठानी जिला बैतूल को दिनांक 07.02.2016 को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में आरोपी के विरूद्ध चालान माननीय न्यायालय में पेश किया गया जो न्यायालय में विचाराधीन है। यह सही नहीं है कि पुलिस आदिवासी हितग्राहियों का आर्थिक शोषण करने वाले एन.जी.ओ. को बचा रही है। अपितु सत्य यह है कि पुलिस द्वारा फरियादी अजय पंवार की रिपोर्ट पर विधिवत् प्रकरण दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की गई है। (घ) यह सत्य नहीं है कि प्रश्नकर्ता के बार-बार प्रश्न करने एवं सक्षम अधिकारियों को पत्र लिखने के पश्चात् भी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई। अपितु पुलिस द्वारा विधि अनुसार एन.जी.ओ. के विरूद्ध उपरोक्त वर्णित प्रकरण पंजीकृत कर साक्ष्य संकलन कर आरोपी एन.जी.ओ. के अध्यक्ष को दिनांक 07.02.2016 को गिरफ्तार कर चालान 67/16 दिनांक 05.05.2016 को मान. न्यायालय प्रस्तुत किया गया। समपृति में आरोपी शिव (बुआडे) पवार, जिला जेल छिन्दवाड़ा में निरूद्ध है। प्रकरण में अन्य आरोपी जुबेर कुरैशी, घनश्याम साहू तथा एन.जी.ओ. के अन्य सदस्यों की भूमिका के संबंध में धारा 173 (8) भा.द.सं. के तहत विवेचना की जा रही है। घटना के संबंध में समुचित वैधानिक कार्यवाही पुलिस द्वारा की गई है। कोई भी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया।
लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का क्रियान्वयन
28. ( क्र. 581 ) श्रीमती ममता मीना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के नियम, पात्रता की शर्तें एवं चयन की प्रक्रिया क्या है? (ख) गुना जिले में प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं के तहत पात्र हितग्राहियों को आवेदन पत्र प्रस्तुतीकरण दिनांक के उपरांत कितने दिनों में लाभ किस स्तर से प्रदाय किया जा रहा है। आवेदन पत्र प्रस्तुतीकरण दिनांक से पात्र हितग्राहियों को लाभ दिये जाने की दिनांक सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं के तहत विधानसभा क्षेत्र चाचौडा के कितने आवेदन पत्र लंबित हैं? लंबित रहने के कारण क्या हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं के लंबित आवेदनों में निर्धारित समयावधि में पात्र हितग्राहियों को लाभांवित नहीं किये जाने के लिये उत्तरदायी जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं अन्य के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना/ लाड़ली लक्ष्मी योजना के नियम पात्रता की शर्तें एवं चयन की प्रक्रिया की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) गुना जिले में इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना संचालित नहीं है। लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत हितग्राहियों द्वारा आवेदन पत्र, प्रस्तुतीकरण दिनांक से एक माह के अंदर परियोजना/खण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी कार्यालय द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन उपरांत स्वीकृत किया जाकर हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है। अपीलीय प्रकरण की स्थिति में जिला कलेक्टर की स्वीकृति उपरांत लाभ दिया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिला गुना में 971 पात्र हितग्राहियों के प्रकरण स्वीकृत लाभान्वित किया गया है। इन पात्र हितग्राहियों को पंजीकृत किये जाने की नाम एवं दिनांक सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत गुना जिले में समयावधि में प्राप्त कोई भी आवेदन पत्र लंबित नहीं है। (घ) उत्तर ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में कोई उत्तरदायी नहीं अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं।
फर्जी भुगतान
29. ( क्र. 604 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला श्योपुर द्वारा दिनांक 24.03.2015 से 30.03.2015 तक विशुभ कम्प्यूटर एवं स्टेशनरी सप्लाई श्योपुर के प्रोपराईटर पवन गुप्ता की फर्म को कम्प्यूटर टाईपिंग व फॉटोकापी कराने के नाम पर 2,42,528.00 रूपये का भुगतान फर्म के पी.एन.बी. ब्रांच श्योपुर के खाता क्रमांक 6132000100011573 में तथा असलम अंसारी मोबाईल शॉप संचालक श्योपुर को कम्प्यूटर मेनटेनेन्स के नाम पर इनके एस.बी.आई. ब्रांच श्योपुर के खाता क्रमांक 63035563884 में 68,123.00 रूपये का भुगतान ई-पेमेन्ट के जरिये किया था? (ख) क्या उक्त फर्म श्योपुर शहर में संचालित ही नहीं है तथा उक्त बैंक खाता नम्बर फर्म के प्रोपराईटर का न होकर विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत पवन गुप्ता का है तथा असलम अंसारी मोबाईल मैकेनिक भी नहीं हैं। (ग) क्या वर्ष 2014-15 में भी इसी तरह 25 से 30 लाख का फर्जी भुगतान विभाग द्वारा किया गया। (घ) क्या उक्त मामले की जाँच कमिश्नर चम्बल मुरैना ने विभागीय संयुक्त संचालक मुरैना से कराई थी? क्या इनके द्वारा जाँच पूर्ण कर ली है? यदि नहीं, तो इसमें विलम्ब का क्या कारण है व निश्चित समय-सीमा में जाँच पूर्ण करके दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2014-15 में विशुभ कम्प्यूटर एवं स्टेशनरी सप्लाई के प्रोपराइटर श्री पवन कुमार गुप्ता को जिला कार्यालय से 67,000/- कम्प्यूटर कार्य एवं स्टेशनरी सप्लाई बाल विकास परियोजना कराहल से 1,43,613 प्रशिक्षण किट एवं स्टेशनरी सप्लाई तथा बाल विकास परियोजना श्योपुर शहरी से 31915/- कम्प्यूटर कार्य एवं स्टेशनरी सप्लाई कुल 2,42,528/- का भुगतान किया गया। लक कम्प्यूटर श्योपुर के प्रोपराइटर श्री असलम को जिला कार्यालय से 18,840/- कम्प्यूटर रिपेयर, प्रिन्टर रिफलिंग एवं बाइडिंग फोल्डर का कार्य इस प्रकार कुल 68,123/- का भुगतान किया गया। (ख) जी नहीं। श्री असलम अंसारी श्री लक मोबाईल कम्प्यूटर हार्डवेयर सप्लायर रिपेयरिंग के नाम से नवीन बस स्टैण्ड बड़ौदा रोड, श्योपुर में संचालित है। श्री पवन गुप्ता सप्लाई ऑर्डर पर कार्य करते थे। सप्लायर पवन गुप्ता का ही स्वयं का खाता है। वर्तमान में सप्लाई कार्य नहीं कर रहे हैं और न ही इन्हें मार्च 2015 के बाद कोई भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। जी हाँ। संयुक्त संचालक मुरैना द्वारा जाँच पूर्ण कर जाँच प्रतिवेदन आयुक्त, चंबल संभाग मुरैना को प्रस्तुत किया गया। आयुक्त द्वारा संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी कर वस्तुस्थिति के संबंध में उत्तर चाहा गया। संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुये लिखित प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किए गए। अभिलेखों के आधार पर वस्तुस्थिति का परीक्षण कर संबंधितों द्वारा प्रस्तुत जबाव से सहमत होकर आयुक्त चंबल संभाग मुरैना के आदेश दिनांक 17/06/2016, 21/06/2016 एवं 02/07/2016 द्वारा संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रचलित विभागीय जाँच की कार्यवाही समाप्त की गई है।
कर्मचारियों/अधिकारियों की पदस्थी
30. ( क्र. 661 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अता. प्रश्न संख्या-88 (क्र. 7223) दिनांक 30.03.2016 के उत्तर (ग) जी नहीं एवं (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता जानकारी दी गई? उत्तर के परिशिष्ट (क) में वर्णित कर्मचारी धीरज कुमार क्लीनर, अशोक सिंह हेल्पर, विवेक स्टोर क्लर्क की अनुकंपा नियुक्ति एवं विनोद कुमार वाटरमेन एवं सेवाराम हेल्पर का स्थानांतरण से आना बताया गया है? यदि जानकारी सही दी है तो वर्तमान में ये कर्मचारी कहाँ सेवारत हैं? (ख) श्री संजीव कुमार दुबे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी वर्ष 1997 में अंबिकापुर स्थानांतरित होकर आये आज दिनांक तक दतिया में अपनी सेवायें दे रहे हैं, बताएं कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के स्थानांतरण के संबंध में शासन के क्या नियम है? क्या श्री दुबे जी की नियुक्ति एवं यहां पदस्थी की प्रक्रिया सही है? जाँच कर सक्षम अधिकारी का प्रमाणीकरण उपलब्ध कराया जावे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्मचारियों की फर्जी नियुक्तियां थी? इन कर्मचारियों को वेतन एवं भत्तों के रूप में विभाग ने लाखों रूपये के भुगतान कर इन कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से आर्थिक लाभ लिया और जब प्रकरण प्रकाश में आया तो इनकी सेवायें समाप्त कर घर भेज दिया? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी, नहीं तो प्रकरण की जाँच कराई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, प्रश्न संख्या-88 (7223) दिनांक 30.3.2016 के उत्तर के परिशिष्ट (क) में वर्णित जानकारी के अनुसार श्री धीरज कुमार क्लीनर, अशोक सिंह हेल्पर, विवेक स्टोर क्लर्क, विनोद कुमार वाटरमेन एवं सेवाराम हेल्पर माह फरवरी 2010 से बिना किसी पूर्व सूचना के अपने कार्य से अनुपस्थित है। (ख) श्री संजय कुमार दुबे को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड दतिया के अंतर्गत कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया था, इनका स्थानान्तरण नहीं किया गया। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के स्थानान्तरण के शासन के कोई नियम नहीं है। श्री संजय कुमार की नियुक्ती के संबंध में सही स्थिति जांचोपरांत ही बताई जा सकेगी। (ग) जी नहीं। इन कर्मचारियों को इनके द्वारा किये गये शासकीय कार्य हेतु भुगतान किया गया तथा इनकी सेवाएं समाप्त नहीं की गई ये स्वयं माह फरवरी 2010 से बिना किसी सूचना के कार्य से अनुपस्थित है। इनकी अनुपस्थिति हेतु वे स्वयं उत्तरदायी हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
पेयजल समस्या निराकरण की नीति
31. ( क्र. 706 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल समस्या के निराकरण हेतु ग्राम, मजरे, टोले आदि में पेयजल पूर्ति हेतु क्या नीति निर्धारित की है? (ख) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा नीति अंतर्गत पेयजल समस्या की पूर्ति हेतु अ.जा., अ.ज.जा., अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक व नदी, नाले बेहड़ से लगे ग्रामों, मजरों, टोलों में पेयजल समस्या के निराकरण हेतु नीति में कोई विशेष राहत देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में नीति अनुसार पेयजल पूर्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों व कब तक पूर्ण हो सकेगी? (घ) मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना को पेयजल समस्या के निराकरण हेतु नवीन हैण्डपम्प खनन, पुराने हैण्डपम्पों की मरम्मत आदि एवं नल-जल योजनाओं हेतु कितनी राशि वर्ष 2015-16, 2016-17 में प्रदाय की गई व प्राप्त राशि से कितने ग्रामों में नवीन हैण्डपम्प खनन, मरम्मत, नल-जल योजना के कार्य किए गए?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल समस्या के निराकरण हेतु ग्राम, मजरे, टोले आदि बसाहटों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु निम्नानुसार नीति निर्धारित है:- 1. प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कम से कम 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध कराया जाना। 2.प्रत्येक ग्रामीण परिवार को उसके निवास से अधिकतम 500 मीटर की परीधि में पेयजल का स्त्रोत उपलब्ध कराया जाना। 3. पहाड़ी क्षेत्र में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को उसके निवास से अधिकतम 30 मीटर की ऊँचाई/नीचाई में पेयजल का स्त्रोत उपलब्ध कराया जाना। 4. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की बसाहटों में प्राथमिकता के आधार पर पेयजल स्त्रोत उपलब्ध कराया जाना। 5. गुणवत्ता प्रभावित बसाहटों में प्राथमिकता के आधार पर पेयजल उपलब्ध कराया जाना। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) राशि विधानसभा क्षेत्रवार प्रदाय नहीं की जाती। प्रश्नाधीन अवधि में विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश में वर्णित कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उचित मूल्य दुकानों की स्वीकृति
32. ( क्र. 707 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्रश्न संख्या 38 ( क्रमांक 2100), दिनांक 04.03.2016 के उत्तर (क) में जी हाँ मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के तहत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' के अनुसार सरल क्र. 1 से 24 तक ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें संचालित नहीं है, दिया है तो इन ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी? निश्चित समय-सीमा बतावें? (ख) दुकानें प्रारंभ (स्वीकृति) के क्या कारण होकर कौन-कौन, किस-किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं व उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में 31 जुलाई, 2016 तक नवीन दुकान आवंटन की कार्यवाही पूर्ण करने हेतु शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में 11 अप्रैल, 2016 को किये गए संशोधन उपरांत उचित मूल्य दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया प्रारम्भ करने हेतु 20 मई, 2016 को दिशा-निर्देश जारी किया गया है। अत: कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पेयजल योजनाएं
33. ( क्र. 731 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कुल बसाहट में पेयजल स्त्रोतों की उपलब्धता की वर्तमान स्थिति का ब्यौरा क्या है? प्रतिदिन प्रति व्यक्ति औसत पेयजल स्थिति का जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ख) उज्जैन संभाग में जिलेवार स्थापित एवं खनित ट्यूबवेल, हैण्डपम्पों एवं नल-जल योजना की संख्या तथा चालू एवं बंद हैण्डपंपों तथा नल-जल योजनाओं का ब्यौरा क्या है तथा बंद योजनाओं का कारण दर्शायें। (ग) प्रदेश में इस ग्रीष्मकाल में सरकार ने किस प्रकार पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) हैण्डपंपों को सतत् चालू रख कर, कम जल स्तर वाले हैण्डपंपों में राईजर पाईप विस्तारित कर, सिंगल फेस मोटर पंप की स्थापना कर एवं स्त्रोत के कारण बंद नल-जल प्रदाय योजनाओं में नये स्त्रोत विकसित कर पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। प्रदेश में कोई भी पहाड़ी क्षेत्र अधिसूचित नहीं है अतः पहाड़ी क्षेत्रवार ब्यौरा नहीं दिया जा सकता।
लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन
34. ( क्र. 736 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली लक्ष्मी योजना की सन् 2011 से अब तक की भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धि का ब्यौरा क्या है? (ख) योजना के संबंध में शासन को विगत तीन वर्षों में हितग्राहियों, जनप्रतिनिधियों आदि के सुझाव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) शासन ने (ख) अंतर्गत प्राप्त सुझावों पर क्या-क्या संशोधन किये हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) लाड़ली लक्ष्मी योजना की वर्ष 2011 से दिनांक 30/05/2016 तक की स्थिति में 1820479 बालिकाओं को लाभान्वित करने हेतु रूपये 4225.58 करोड़ व्यय किये गये। (ख) विगत तीन वर्षों में हितग्राहियों, जनप्रतिनिधियों आदि के कोई सुझाव प्राप्त नहीं हुए है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जेलों में कैदियों की संख्या अनुरूप व्यवस्थाएँ
35. ( क्र. 764 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों को निरूद्ध किया जा रहा है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग की जेलों का ब्यौरा जेल क्षमता और निरूद्ध कैदियों की संख्या का ब्यौरा दें। (ख) क्या जेल में कैदियों की क्षमता के अनुरूप ही भोजन व अन्य सुविधाओं का बजट स्वीकृत है यदि हाँ, तो अधिक कैदियों की भोजन की क्या व्यवस्था है? (ग) क्या आगामी सालों में जेलों में निरूद्ध होने वाले कैदियों की संख्या में वृद्धि संभावित है? यदि हाँ, तो जेलों में क्षमता वृद्धि के क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (घ) क्या भोपाल संभाग में नवीन जेल भवन निर्माण प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। भोपाल संभाग की जेलों की क्षमता एवं निरूद्ध कैदियों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, जेलों में निरूद्ध कैदियों की वास्तविक संख्या के अनुरूप भोजन व अन्य सुविधाओं का बजट स्वीकृत है। (ग) जी हाँ। पर्सपेक्टिव प्लान 2002-07 में सीहोर में नवीन जेल निर्माण के साथ-साथ केन्द्रीय जेल भोपाल, उप जेल गंजबासौदा में बैरिकों का निर्माण कराया गया है। जिला जेल विदिशा में 02 बैरिकों का निर्माण प्रगति पर है। आगामी योजनाओं में भी जेलों में क्षमता वृद्धि के प्रयास किये जावेंगे। (घ) जी नहीं।
आत्महत्या की घटनाओं की जानकारी
36. ( क्र. 799 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 260 (दिनांक 26.02.16) दिनांक 26.02.16 के उत्तर में दिनांक 01.01.15 से 31.01.16 तक प्रदेश में कुल 10664 आत्महत्याएं जिसमें से 829 कृषक तथा 1561 कृषक मजदूर थे, की आत्महत्या की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में दिनांक 01 फरवरी 2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रदेश में आत्महत्या की कितनी घटनायें घटित हुईं? जिलेवार योग सहित बतावें? उक्त घटनाओं के क्या-क्या कारण रहे? (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में आत्महत्या करने वालों का व्यवसाय क्या-क्या था? इनमें से कितने कृषक व कृषि मजदूर एवं कितने छात्र थे? प्रदेश में बढ़ रही आत्म हत्याओं (विशेषकर कृषक वर्ग एवं छात्रों में) को रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं? क्या आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार के स्वावलंबन के लिए सरकार द्वारा किसी तरह की सहायता प्रदान की गई? यदि हाँ, तो किस-किस किसान के परिवार को? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश अवधि में प्रदेश में कुल 3957 व्यक्तियों द्वारा आत्महत्या की गई है, जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आत्महत्या का मुख्य कारण अधिकतर पारिवारिक कलह, बेरोजगारी एवं मानसिक तनाव है। (ग) आत्महत्या करने वालों का व्यवसाय मुख्यतः मजदूरी, खेती किसानी, गृह कार्य, दुकानदारी इत्यादि है। जिनमें से 280 कृषक, 884 कृषक मजदूर तथा 298 छात्र थे। इनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। आत्महत्या करने पर किसी प्रकार की सहायता का प्रावधान नहीं है।
व्यापम घोटाले की जाँच के सी.बी.आई. को सौंपे गए प्रकरण
37. ( क्र. 800 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले से संबंधित एस.टी.एफ. तथा विभिन्न थानों में दर्ज 212 प्रकरणों में से किस-किस प्रकरण को सी.बी.आई. द्वारा जाँच/विवेचना में शामिल नहीं किया गया है? उनकी सूची, प्रकरण क्रमांक, कायमी दिनांक, धाराएं, आरोपी का नाम/पता, व्यापम की किस परीक्षा से संबंधित है, की जानकारी सहित प्रदान करें? साथ ही किस कारण से सी.बी.आई. द्वारा इन प्रकरणों को दर्ज नहीं किया गया? (ख) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले में संबंधित प्राप्त लगभग एक हजार आवेदन की सी.बी.आई. को विवेचना/जाँच हेतु क्यों नहीं सौंपा गया? उनकी सूची आवेदक के नाम, पता आवेदन की विषय वस्तु तथा दिनांक सहित प्रदान करें? (ग) ऐसे कितने प्रकरण थे जो एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही जाँच/विवेचना में लंबित थे लेकिन उन पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई? उनकी सूची देवें? उन प्रकरणों को सी.बी.आई. को नहीं सौंपने के क्या कारण हैं? (घ) एस.टी.एफ. (रेस्पोन्डेंट नं. 3) द्वारा मान. उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किए गए अंतरिम आवेदन में किस दिनांक की लंबित शिकायतें तथा लंबित प्रकरणों की जानकारी दी गई तथा यह बताया गया कि सी.बी.आई. द्वारा इन्हें नहीं लिया गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) मध्यप्रदेश एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम से संबंधित आवेदन पत्रों पर कार्यवाही हेतु सी.बी.आई. को सौंपे जाने के संबंध में लेख किया गया था। सी.बी.आई. द्वारा लेख किया गया कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अपने आदेश में व्यापम संबंधी प्रकरणों की मात्र विवेचनाएं सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने का आदेश पारित किया गया है। अतः व्यापम संबंधी समस्त शिकायतें अग्रिम कार्यवाही हेतु सी.बी.आई. से सुपुर्द की जाए। इस संबंध में म.प्र.शासन की ओर से दिनांक 19.11.2015 को माननीय उच्चतम न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिस पर सुनवाई होनी शेष है। चूंकि शिकायतों के विषय में माननीय उच्चतम न्यायालय में सुनवाई विचाराधीन/प्रक्रियाधीन है। अतः ऐसे शिकायत पत्रों के संबंध में आवेदकों व आवेदन की विषयवस्तु की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) व्यापम संबंधी प्रकरणों की विवेचना के दौरान एस.टी.एफ. को संज्ञेय अपराधों के संबंध में प्रकरण पंजीबद्ध करने योग्य जो भी साक्ष्य प्राप्त हुए थे उनके आधार आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिये गये थे। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर प्रकरणों के संबंध में समस्त साक्ष्य/दस्तावेज सी.बी.आई. के सुपुर्द किये जा चुके हैं। प्रकरणों की विवेचना के दौरान दिनांक 13.07.2015 के पश्चात् संज्ञेय अपराध के संबंध में यदि कोई साक्ष्य प्राप्त होता है तो उस पर अपराध पंजीबद्ध किये जाने की कार्यवाही सी.बी.आई. द्वारा संपादित की जानी है। (घ) एस.टी.एफ. (रेस्पोन्डेंट नं. 3) द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में लंबित याचिका 417/2015 में दिनांक 09.07.2015 तक लंबित शिकायतों तथा लंबित प्रकरणों की जानकारी दी गई है।
सूखा प्रभावितों के खाद्यान्न वितरण
38. ( क्र. 878 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिला कृषि वर्ष 2016-17 सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है और सूखा प्रभावित किसानों को खाद्यान्न प्रदाय करने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त संबंध में कितने सूखा प्रभावित किसानों को खाद्यान्न मुहैया कराया जा रहा है और कब से तथा कुल कितनी खाद्यान्न कितने हितग्राहियों के मान से उपलब्ध कराया जा रहा है? (ग) क्या सूखा प्रभावित सभी किसानों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो कितने किसानों को खाद्यान्न मुहैया नहीं कराया जा रहा है और क्यों तथा उपरोक्त कार्य में लापरवाही करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। जिन किसानों की फसल सूखे के कारण 50 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई थी, उन्हें प्राथमिकता परिवार की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है। इन परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत खाद्यान्न सामग्री 31 अक्टूबर, 2016 तक प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है। (ख) वर्तमान में शहडोल जिले में 12,494 सूखा प्रभावित किसानों को 5 किलो प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में माह फरवरी, 2016 से स्थानीय निकाय द्वारा जैसे-जैसे किसानों को सत्यापित किया गया है, तद्नुसार उन्हें पात्रता पर्ची जारी कर खाद्यान्न का वितरण किया गया है। माह अप्रैल से जून के मध्य सत्यापित परिवारों को जुलाई से वितरण प्रारंभ किया गया है। (ग) जी हाँ। शहडोल जिले में कुल 2,15,963 किसानों में से 12,494 किसानों को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित श्रेणी में सत्यापित किया जाकर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। शेष प्रभावित किसान अन्य श्रेणियों में पूर्व से पात्र होने से राशन प्राप्त कर रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उद्यान का संचालन
39. ( क्र. 879 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में उद्यानिकी विभाग अंतर्गत शासकीय उद्यान संस्थापित हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो संस्थापित शासकीय उद्यान कहाँ-कहाँ और प्रत्येक उद्यान किस खसरा नंबर एवं कितने रकबे पर है? (ग) क्या प्रत्येक शासकीय उद्यानों में वर्ष 2014-15 एवं 15-16 में शासन द्वारा कितनी राशि आवंटित की गई और उन राशियों को किस-किस कार्य के लिये व्यय किया गया?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है।
मछुआ संघ के सदस्यों को आवास
40. ( क्र. 908 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या-124 (क्रमांक 5220) दिनांक 9 मार्च 2016 के उत्तरांश में बताया गया था कि, मछुआ आवास निर्माण हेतु तहसील मछुआ संघ सदस्यों के आवास हेतु भूमि चिन्हित किये जाने हेतु संघ के अध्यक्ष को सदस्यों की भूमि का खसरा एवं नक्शा जमा करने हेतु लेख किया गया है। तो अभी तक इस संदर्भ में क्या कार्यवाही हुई है? (ख) सागर नगर के जिन मछुआ संघ परिवारों के पास स्वयं की भूमि नहीं है, क्या ऐसे भूमिहीन मछुआरों के आवास हेतु कोई योजना प्रचलन में है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस संबंध में विचार करेगा तथा कब तक? (ग) फिशरमेन क्रेडिट कार्ड योजना के तहत विगत दो वर्षों में सागर विधान सभा क्षेत्र के कितने व्यक्तियों को कार्ड जारी कर इस योजना से लाभान्वित किया गया है? (घ) सागर तालाब में सिंघाड़े एवं कमल गट्टा की खेती पर प्रतिबंध लगाये जाने से एक बड़ा वर्ग रोजगार विहीन हो गया है? ऐसे सदस्यों को उनके रोजगार हेतु शासन स्तर पर कोई व्यवस्था की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? क्या रोजगार के विकल्प के तौर पर सागर में कृत्रिम मोती (पर्ल) के उत्पादन करने की योजना शुरू करने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन तहसील मछुआ सहकारी संघ को भूमि का खसरा एवं नक्शा जमा करने के लेख उपरांत अद्यतन संघ द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन एवं खसरा नक्शा प्रस्तुत नहीं किया गया है। कार्यालयीन पत्राचार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वयं की भूमि उपलब्ध न होने की स्थिति में शासकीय भूमि को नियमानुसार आवंटित कराकर आवास निर्माण कराये जाने का प्रावधान है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में सागर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति को फिशरमेंन क्रेडिट कार्ड जारी नहीं किये गये है। (घ) यह सही है कि नगर पालिक निगम सागर द्वारा सागर तालाब में सिंघाड़े की खेती बन्द करने संबंधी निर्देश दिये गये है परंतु सागर तालाब मछली पालन हेतु उपलब्ध कराने से रोजगार विहीन होने की स्थिति नहीं है। कृत्रिम मोती (पर्ल) उत्पादन करने की योजना में विभाग नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कैदियों का कौशल उन्नयन
41. ( क्र. 909 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या-90 (क्रमांक 2292) दिनांक 29 जुलाई 2015 के उत्तरांश में बताया गया था कि, जेल उत्पाद के विक्रय से प्राप्त 50 प्रतिशत राशि पीडि़त परिवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है, इसके अलावा एक बड़ी राशि शेष रह जाती है इस बची हुई राशि के उपयोग हेतु क्या शासन की कोई योजना है? यदि नहीं, तो क्या पीडि़त परिवार के कल्याण हेतु कोई योजना बनाये जाने पर शासन विचार करेगा और कब तक? (ख) क्या कैदियों के कौशल उन्नयन की कोई योजना प्रचलन में है, यदि नहीं, तो यह कब तक प्रारंभ की जायेगी वर्तमान में म.प्र. की कितनी जेलों में तकनीकी शिक्षा (आई.टी.आई) की सुविधा उपलब्ध है? क्या शासन सागर जेल में यह सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) अतारांकित प्रश्न संख्या-90 (2292) दिनांक 29.07.2015 में स्पष्ट किया गया है कि जेल उत्पाद के विक्रय से प्राप्त राशि नियमानुसार शासकीय खजाने में जमा की जाती है। श्रम करने वाले बंदियों को पारिश्रमिक राशि भुगतान की जाती है, जिसमें से 50 प्रतिशत राशि पीडि़त परिवारों को भुगतान किये जाने के लिए निर्धारित किये गये पीडी एकाउण्ट में जमा की जाती है, इसी पीडी एकाउण्ट में से पीडि़त परिवारों को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाता है तथा पारिश्रमिक की शेष 50 प्रतिशत राशि बंदी के बैंक खाते में जमा की जाती है, इस प्रकार 100 प्रतिशत राशि का उपयोग उपरोक्तानुसार किया जाता है। (ख) केन्द्रीय जेलों पर पदस्थ विभिन्न तकनीकी प्रशिक्षकों जैसे बढ़ई, बुनाई, सिलाई पावरलूम आदि द्वारा सजायाफ्ता बंदियों को उनकी रूचि के अनुसार विभिन्न जेल उद्योग अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जाता है। कैदियों को कौशल विकास के अंतर्गत एन.जी.ओ. के माध्यम से विभिन्न ट्रेड कारपेन्ट्री, हैन्डलूम, पावरलूम, प्रिंटिंग, स्क्रीन प्रिंटिंग, कुकिंग, सॉफ्ट टॉय मेकिंग, लैदर बैग एवं फेब्रीकेशन के प्रशिक्षण दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। वर्तमान में जिला जेल बैतूल एवं धार में तकनीकी शिक्षा हेतु आई.टी.आई. की सुविधा उपलब्ध है तथा केन्द्रीय जेल भोपाल एवं उज्जैन में इसे शीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है। सागर जेल पर यह सुविधा उपलब्ध कराने की शासन की कोई योजना नहीं है।
जिला छतरपुर अंतर्गत पोषण आहार का वितरण
42. ( क्र. 931 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या एन.आई.एन. की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार छतरपुर जिले में 38556 से अधिक बच्चे कुपोषित है क्या यह सर्वे 5 से 05 वर्ष तक के बच्चों का किया गया था? (ख) क्या शासन द्वारा धाबीमाता, गर्भवती माता एवं बच्चों के लिए पोषण आहार का वितरण आंगनवाड़ी, केंद्रों के माध्यम से नियमित रूप से किया जा रहा है? क्या उक्त पोषण आहर एम.पी. एग्रो द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों को सप्लाई किया जा रहा है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो क्या यह स्पष्ट है कि एम.पी. एग्रो द्वारा जो पोषण आहार आंगनवाड़ी केन्द्रों को वितरित किया जा रहा है वह गुणवत्ताहीन है और कुपोषण को रोकने में सफल नहीं है? इस पोषण आहार का कब-कब प्रयोगशाला में गुणवत्ता परीक्षण कराया गया है? रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) गुणवत्ता विहीन पोषण आहार प्रदान करने वाली संस्था को कब तक ब्लैक लिस्टेड कर दिया जावेगा? कुपोषण के लिए दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जिले में एन.आई.एन. के वर्ष 2010-11 में सर्वे अनुसार कुपोषित बच्चों की संख्या 38556 से अधिक है। यह सर्वे 0 से 5 वर्ष के बच्चों का किया जाता है। (ख) जी हाँ। एम.पी. एग्रो के द्वारा उत्पादित टी.एच.आर. का वितरण आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती/धात्री माताओं एवं 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों को नियमित रूप से किया जा रहा है। (ग) एम.पी.एग्रो द्वारा प्रदायित पूरक पोषण आहार (टी.एच.आर.) फोर्टीफाइड एवं गुणवत्तायुक्त आंगनबाडि़यों में वितरित किया जा रहा है जो कुपोषण रोकने में सफल है। टेकहोम राशन के रूप में दी जा रही विभिन्न रैसिपी के प्रत्येक बेच की नमूना जाँच पोषाहार बोर्ड, भारत सरकार महिला एवं बाल विकास नई दिल्ली की प्रयोगशाला से कराई जाती है। नमूना जाँच रिर्पोट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) एम.पी.एग्रो द्वारा गुणवत्तायुक्त पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। अतः ब्लैक लिस्टेड करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कुपोषण के स्तर में काफी सुधार हुआ है। अतः किसी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाली हाउस निर्माण में अनियमितता
43. ( क्र. 953 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन इंदौर संभाग में गत 3 वर्षों से जैन एरिगेशन सिस्टम लिमिटेड जलगाँव द्वारा घटिया पाली हाउस का निर्माण कर अधिकारियों की मिली भगत से भारी अनियमितता की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्रमांक 126 दिनांक 1 मार्च 2016 के खंड (ख) के उत्तर में बताया गया की रतलाम जिले के ग्राम हर्थली निवासी कृषक श्रीमती रामकन्या बाई के पाली हाउस को सुधार दिया गया है जबकि कंपनी द्वारा फटे हुये पाली हाउस पर मात्र टेप चिपकाया गया? पाली हाउस की जाँच किस सक्षम अधिकारी ने की तथा प्रश्न का उत्तर गलत प्रेषित किया, क्या इसकी जाँच विभाग द्वारा की जायेगी। (ग) क्या उक्त कृषक द्वारा लगातार उच्च स्तरीय शिकायत करने के बाद दिनांक 5 अगस्त 2015 को विभाग तत्कालीन प्रमुख सचिव ने अपने पत्र क्रमांक 2015/ps/pa/horti के द्वारा उपसंचालक उद्यान जिला रतलाम को प्रेषित पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया कि पाली हाउस घटिया है इसे परिवर्तित करने के निर्देश जारी किये जाए तथा कंसल्टेंसी को शोकाज नोटिस दिया जाये? तो प्रमुख सचिव के निर्देश का पालन क्यों नहीं किया गया था, फटे पाली हाउस की मात्र टेप लगाकर खाना पूर्ति करने का प्रयास क्यों किया गया.?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तर यह दिया गया है कि कंपनी द्वारा सुधार कार्य किया गया है। पॉली हाउस की जाँच उप संचालक उद्यान, रतलाम द्वारा की गई। उत्तर गलत प्रस्तुत नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रमुख सचिव के सन्दर्भित पत्र अनुसार कंपनी जैन इरीगेशन सिस्टम को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया था। कंपनी ने अपने व्यय पर समस्त सुधार कार्य किया है जिसकी पुष्टि विभागीय अधिकारी से कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मछुआ कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन
44. ( क्र. 958 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस विभागीय आदेश के अंतर्गत किसी की अध्यक्षता, उपाध्यक्षता और सदस्यता में मध्यप्रदेश मछुआ कल्याण बोर्ड का गठन किया गया था और किन अवधि में उसे भंग किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के बोर्ड के भंग होने के दिनांक के बाद किस दिनांक को किसकी अध्यक्षता में बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है और उसमें किन्हें उपाध्यक्ष एवं सदस्य बनाया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) काल में मछुओं की समस्याओं के कितने अभ्यावेदन पर निराकरण की कार्यवाहियां की गई थी और बोर्ड की सामान्य सभा की कितनी बैठकें कब आहूत की गई थी? पृथक-पृथक विवरण देवें? (घ) क्या कारण है कि वर्ष 2013 से आज दिनांक की अवधि में बोर्ड का पुनर्गठन नहीं किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (घ) के अभाव में वंशानुगत, अ.जा. तथा अ.ज.जा. के मछुआरों की समस्याओं का निराकरण किस विधि किया जाना संभव है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मछुआ कल्याण बोर्ड के गठन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मछुआ कल्याण बोर्ड को भंग नहीं किया गया। (ख) मछुआ कल्याण बोर्ड के मनोनित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों का मनोनयन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 23.12.2013 से निरस्त किया गया तथा विभाग के आदेश दिनांक 24.01.2014 से माननीय मंत्री जी मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास को बोर्ड का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) काल में बोर्ड के कार्यालय को प्राप्त 05 आवेदनों पर निराकरण की कार्यवाही की गई बोर्ड की प्रथम बैठक का आयोजन 09.04.2013 को किया गया। कोरम के अभाव में बैठक नहीं हुई है। प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही एवं बैठक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) मछुआ कल्याण बोर्ड के गठन का प्रकरण प्रकियाधीन है। (ड.) मछुआरों की समस्याओं का निराकरण संचालनालय मत्स्योद्योग स्तर से मत्स्य पालन नीति 2008 के प्रावधानों के तहत किया जा रहा है।
बंद नल-जल योजनायें और दोषपूर्ण ओव्हरहेड टैंक
45. ( क्र. 959 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा के किन विकासखण्डों की कितनी जनसंख्या के किन ग्रामों में नल-जल योजनायें प्रारंभ की गई है और उनमें कितनी पाईप लाइनों का विस्तार किया गया है और कितना विस्तार शेष है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में से किन ग्रामों की नल-जल योजना ग्राम पंचायतों को स्थानांतरित कर दी गई है और कौन सी नहीं तथा इनमें से कौन सी किन कारणों से कब से बंद है? (ग) प्रश्नांश (क) क्षेत्र के किन ग्रामों में ओव्हरहेड टैंकों का निर्माण पूर्ण किया गया है और उनके द्वारा जल प्रदाय किया जा रहा है और किन ग्रामों में ट्यूबवेल से सीधे जल प्रदाय किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) में से किन ग्रामों के ओव्हरहेड टैंक अनेकों बार उपचार किये जाने के उपरांत भी बहुत अधिक लीकेज के कारण निरूपयोगी हो चुके हैं और उनके स्थान पर कब तक नये ओव्हरहेड टैंकों का निर्माण करा दिया जावेगा? (ड.) प्रश्नांश (ग), (घ) के दोषपूर्ण निर्माण में हुये भ्रष्टाचार पर किन यंत्रियों और ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाहियां की गई हैं? नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसी ग्राम के ओव्हर हेड टैंक अनुपयोगी नहीं हुये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) किसी ग्राम के ओव्हर हेड टैंक के निर्माण दोषपूर्ण नहीं हैं। अतः यंत्रियों और ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पूरक पोषण आहार का प्रदाय
46. ( क्र. 1010 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एकीकृत बाल विकास सेवा महिला एवं बाल विकास विभाग जिला भिण्ड के अंतर्गत नगरीय निकायों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में वर्ष 2015-16 व 2015-17 में ई.ओ.आई के लिए किस-किस संस्था से कब आवेदन पत्र प्राप्त हुए किसको स्वीकृत किए गए उनके क्या कार्य क्षेत्र हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में कब-कब आवेदन पत्र हेतु निविदा जारी की गई किस संस्था को कितना कार्य दिया गया? स्थानीय संस्था अर्हता के उपरांत स्वीकृत क्यों नहीं की गई? कई बार आवेदन क्यों मंगाये गये? कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में भिण्ड में किस महिला मण्डल को किस स्थान पर कार्य करने के लिए आदेश जारी किया गया यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी दें। (घ) क्या महिला मण्डल/स्व-सहायता समूह अनियमित रूप से स्वीकृत किए गए यदि हाँ, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास सेवा महिला एवं बाल विकास विभाग जिला भिण्ड के अंतर्गत नगरीय निकायों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए वर्ष 2015-16 के लिए कोई EOI जारी नहीं की गई। पूर्व से पोषण आहार प्रदाय कर रहें स्व-सहायता समूह/महिला मंडलों से ही कार्य कराया गया। वर्ष 2016-17 में EOI (एक्सप्रेंशन ऑफ इन्ट्रेस्ट) के लिए संस्थाओं से आवेदन प्राप्त किए गए है जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। नगरीय क्षेत्रों में पूरक पोषण आहार हेतु महिला मंडलों/स्व-सहायता समूहों के चयन हेतु अधिकार प्राप्त समिति द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए, 02 संस्थाओं का चयन किया गया विवरण पुस्तकालय में रखे के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ के संदर्भ में जिले में वर्ष 2016-17 हेतु दिनांक 16.04.16 एवं दिनांक 13.05.16 को निविदा प्रकाशन की गई। पुस्तकालय में रखे के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार दो संस्थाओं को कार्य दिया गया। पोषण आहार प्रदाय हेतु संस्थाओं के चयन में समिति द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन करने के पश्चात् संस्था का चयन किया गया। जिला स्तरीय पोषण आहार समिति द्वारा प्रथम निविदा में प्राप्त आवेदनों का सूक्ष्मता से परीक्षण कर संस्थाओं का तुलनात्मक पत्रक तैयार किया गया। तत्पश्चात् EOI (एक्सप्रेशन ऑफ इन्ट्रेस्ट) के शर्तों के अनुरूप पात्र/अपात्र संस्थाओं की सूची तैयार की गई। EOI की शर्तों का पालन करने वाली 21 पात्र संस्थाओं को अपना प्रस्तुतीकरण करने हेतु बुलाया गया। अंत में समिति द्वारा EOI (एक्सप्रेश्न आफ इन्ट्रेस्ट) में स्व-सहायता समूह/महिला मंडल के चयन हेतु मापदण्ड एवं निर्धारित अंकों के आधार पर स्कोर कार्ड तैयार किया गया जो पुस्तकालय में रखे के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। स्कोर कार्ड में प्राप्त अंकों के आधार पर 02 महिला मंडलों का चयन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार प्रदाय हेतु किया गया। शेष स्व-सहायता समूह/महिला मंडलों का EOI (एक्सप्रेश्न आफ इन्ट्रेस्ट) की शर्तों का अनुपालन न करने के कारण चयन संभव नहीं हो सका। प्रथम निविदा में प्राप्त आवेदनों का जिला स्तरीय पोषण समिति द्वारा परीक्षण एवं निर्धारित चयन प्रक्रिया के फलस्वरूप सिर्फ 02 महिला मंडल को पोषण आहार प्रदाय हेतु योग्य पाया। जिन्हें पोषण आहार प्रदाय करने हेतु बाल विकास परियोजना भिण्ड (शहरी) के कुल 80 आंगनवाड़ी केन्द्र आवंटित किये गये। नगरीय क्षेत्रों के शेष आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार प्रदाय की व्यवस्था हेतु पुनः निविदा आमंत्रित की गई। (ग) भिण्ड जिलें की बाल विकास परियोजना भिण्ड शहरी में पोषण आहार प्रदाय हेतु कार्य आदेश दिये गये महिला मंडलों को जारी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार वितरण में अनियमितता
47. ( क्र. 1040 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण हेतु किन-किन स्व-सहायता समूहों के साथ कितनी अवधि के लिये अनुबंध किया गया है? अनुबंध पत्र की प्रति सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में शासन द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण के संबंध में क्या नियम है? क्या उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शासन नियमों की परिधि में पोषण आहार का वितरण पात्र स्व-सहायता समूहों से ही कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो पोषण आहार वितरण में लापरवाही संबंधी कितनी शिकायतें किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों की कब-कब, किस-किस स्तर पर उक्त अवधि में प्राप्त हुई तथा उनमें क्या-क्या निराकरण कब-कब किया गया? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार वितरण में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। अनुबंधित समूहों के स्थान पर अपात्र व्यक्तियों द्वारा पोषण आहार का वितरण केन्द्र पर न किया जाकर सामग्री को बाजार में बेचा जा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत परियोजना खिलचीपुर एवं जीरापुर में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण हेतु अनुबंध किये गये समूह की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क’’ अनुसार है। शासन निर्देशानुसार मध्यान्ह भोजन प्रदाय करने वाले समूह से सांझा चूल्हा अन्तर्गत पोषण आहार हेतु अनुबंध किया गया है अनुबंध में अवधि निर्धारित नहीं है। अनुबंध पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख’’ अनुसार है। (ख) शासन निर्देशानुसार शाला में मध्यान्ह भोजन प्रदाय करने वाले समूह से सांझा चूल्हा अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार प्रदाय करने के निर्देश है। विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर की परियोजना खिलचीपुर एवं जीरापुर में मध्यान्ह भोजन प्रदाय करने वाले समूह से सांझा चूल्हा अंतर्गत अनुबंध किया गया है, किन्तु कतिपय केन्द्रों पर समूह द्वारा पोषण आहार प्रदाय नहीं करने की स्थिति में पोषण आहार व्यवस्था बाधित न हो इसे दृष्टीगत रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था अन्तर्गत पोषण आहार अन्य समूह/तदर्थ समिति से वितरण करवाया जाता है। पोषण आहार वितरण संबंधी प्राप्त शिकायत एवं निराकरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग’’ पर है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संतरा से जुड़े उद्योग एवं प्रोसेसिंग प्लांट
48. ( क्र. 1048 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितना संतरा उत्पादन किया गया हैं? संतरा उत्पादन के प्रोत्साहन हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही हैं एवं इन योजनाओं से कितने कृषक लाभान्वित हुए हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में संतरे से जुड़े उद्योग एवं प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाने हेतु कोई पत्र लिखा था या मांग की थी? यदि हाँ, तो इस ओर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत लगभग 45000 हेक्टेयर क्षेत्र में संतरा उत्पादन कार्य किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो संतरा उत्पादन उपरांत व्यवसायिक उपयोगिता को बढ़ावा देने हेतु क्या योजना हैं? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत संतरे से जुड़े उद्योग एवं प्रोसेसिंग प्लांट प्रारम्भ किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो किस स्तर पर? यदि नहीं, तो क्या शीघ्र इस ओर कार्यवाही की जाकर उद्योग एवं प्रोसेसिंग प्लांट प्रारम्भ किये जावेगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विगत 3 वर्षों में संतरा उत्पादन की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
उत्पादन मीट्रिक टन में |
2013-14 |
2,28,284.17 |
2014-15 |
2,74,030.55 |
2015-16 |
3,23,030.34 |
संतरा उत्पादन के प्रोत्साहन के लिये विभाग द्वारा फल क्षेत्र विस्तार योजना संचालित की जा रही है, जिसमें 1607 कृषक लाभांवित हुये हैं। (ख) जी हाँ। आगर जिले में मध्यप्रदेश कृषि उद्योग विकास निगम द्वारा संतरा प्रसंस्करण उद्योगों से जुड़े 37 उद्योगपतियों को संतरा उत्पादन/प्रसंस्करण से संबंधित जानकारी से अवगत कराते हुये उद्योगों की स्थापना के लिये प्रेरित किया गया है। प्रश्न दिनांक तक किसी भी निवेशक द्वारा रूचि नहीं दिखाई गई है। (ग) सुसनेर विधासभा क्षेत्र अंतर्गत 27,701.85 हेक्टेयर में फलोद्यान है। मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति, 2014 के क्रम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिये विशिष्ट वित्तीय सहायतायें उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। (घ) जी नहीं। प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना निजी निवेशक की रूचि पर निर्भर है अतः समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।
खाद्य पात्रता पर्चियों का वितरण
49. ( क्र. 1049 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अप्रैल-2016 के पश्चात् खाद्यान्न पर्ची पूरे प्रदेश में कहीं भी जारी नहीं हुई हैं? यदि हाँ, तो किस कारण से? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 01 वर्ष में कितने नए परिवार बी.पी.एल. में सम्मिलित किए गए हैं? इनमें से कितने ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत जोड़े गए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आदेशों के परिपालन में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों द्वारा कितने परिवारों के बी.पी.एल. कूपन जारी किए गए हैं एवं कितने शेष हैं? शेष बी.पी.एल. कूपन किस कारण से नहीं बनाए गए? (घ) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 01 वर्ष में बनाए गए बी.पी.एल. कूपन में से कितने परिवारों को पात्रता पर्ची उपलब्ध कराई गई है एवं कितने परिवार शेष हैं? शेष परिवारों को कब तक पात्रता पर्ची उपलब्ध होगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) माह अप्रैल से जून, 2016 तक सत्यापित पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी की गई है जिन्हें माह जुलाई, 2016 से राशन सामग्री का वितरण किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण इस अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों का विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 01 वर्ष में 2760 नए परिवार बी.पी.एल. श्रेणी में सम्मिलित किए गए, इनमें से 1370 परिवार ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान बी.पी.एल. परिवार की श्रेणी में सम्मिलित किए गए। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 01 वर्ष में 1362 बी.पी.एल. परिवारों को पात्रता पर्ची उपलब्ध करा दी गई है। शेष 1398 बी.पी.एल. परिवारों का सत्यापन स्थानीय निकाय द्वारा किए जाने के उपरांत पात्रता पर्ची जारी की जाएगी। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार।
नल-जल योजना
50. ( क्र. 1056 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुड़वारा विधानसभा में किस-किस ग्राम में नल-जल योजना चालू स्थिति में है और कितनों में बंद है? जिन ग्रामों में नल-जल योजना प्रारंभ नहीं है उनमें से किस-किस ग्राम में नल-जल योजना प्रस्तावित है एवं किस-किस में नहीं? जिन ग्रामों में प्रस्तावित नहीं हैं तो कब तक प्रस्तावित कर दी जायेगी. (ख) ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम के अन्तर्गत मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में ग्राम संसद से किस किस ग्राम में नल-जल योजना के बंद होने की जानकारी आई एवं उसमें से किस किस को सुधार कर पानी सप्लाई चालू कर दी गई है? जिनमें सुधार कार्य नहीं किया गया है तो कब तक कर दिया जायेगा. (ग) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र के किस किस ग्राम की नल-जल योजना पंचायत को हस्तांतरित हो गई है और किस-किस ग्राम की नहीं. इन ग्रामों में नल-जल योजना के हस्तांतरित न होने के क्या कारण हैं और कब तक हस्तांतरण हो जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान में नवीन नल-जल प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध होने के कारण नई नल-जल योजनाएं प्रस्तावित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
51. ( क्र. 1058 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 253 दिनांक 04.05.2016 द्वारा पुलिस महानिदेशक भोपाल को पत्र लिखकर प्रतिलिपि पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन रीवा एवं पुलिस अधीक्षक जिला रीवा को त्वरित आवश्यक कार्यवाही हेतु 4 बिन्दुओं का पत्र तथा प्रार्थिया मुन्नी पति अब्दुल रहीम निवासी बहुती थाना मऊगंज तहसील हनुमना जिला रीवा द्वारा दिनांक 09.04.2016 को थाना प्रभारी मऊगंज एवं प्रतिलिपि कार्यालय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मऊगंज को पत्र दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिले के विकासखण्ड हनुमना थाना मऊगंज अंतर्गत ग्राम बहुती के श्री अब्दुल रहीम नामक व्यक्ति के ऊपर प्रशासनिक अत्याचार के रूप में एक घटना के 3 पृथक-पृथक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये थे तथा अब्दुल रहीम के घर में आग लगाने की घटना हुई थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो अब्दुल रहीम के ऊपर एक ही घटना के एक ही जगह के एक ही साथ के तीन प्रशासनिक कर्मचारियों के अलग-अलग एफ.आई.आर. क्यों लिखायी गयी? जिला रीवा में इस तरह के विगत 5 वर्षों में कितने एफ.आई.आर. कराये गये हैं? सूची, घटना स्थल, नाम, पूर्ण पता सहित उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्या उच्च स्तरीय समीक्षा तथा न्यायिक जाँच की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं बल्कि श्री अब्दुल रहीम निवासी बहुती द्वारा अपने सहयोगियों के साथ शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने, शासकीय सेवकों पर प्राणघातक हमला करने तथा अपने सहयोगियों के साथ शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए स्वयं अपने मकान में आग लगाने की पृथक-पृथक घटनाओं के संबंध में पृथक-पृथक शिकायतकर्तागणों द्वारा की गई रिपोर्ट पर पृथक-पृथक 03 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। पंजीबद्ध तीनों प्रकरणों में घटना का समय घटना स्थल व घटना का विवरण पृथक-पृथक है। संबंधित तीनों प्रकरणों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ’ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (घ) प्रश्नांश ’ख’ तथा ’ग’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपम्प का उत्खनन
52. ( क्र. 1059 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में बसाहटों में पेज जल व्यवस्था (हैण्डपंप योजना)? शालाओं में पेयजल व्यवस्था (हैण्डपंप योजना)? आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था (हैण्डपंप योजना)? ग्रामीण नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन? मुख्यमंत्री पेयजल योजनाओं का क्रियान्वयन? भू-जल संवर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत चेक डैम रूफ वाटर हार्वेस्टिंग रिचार्ज साफ्ट एवं नलकूपों की फ्लोसिंग एवं रिचार्जिंग कार्य? आश्रम-छात्रावासों में पेयजल व्यवस्था? के लक्ष्य एवं उपलब्धि की जानकारी वर्षवार पृथक-पृथक वर्षवार संख्या पृथक-पृथक देवें? (ख) प्रश्नांश ''क'' के पृथक-पृथक विवरण के अनुसार वर्षवार पृथक-पृथक कार्यक्रम के विवरण के लक्ष्य एवं उपलब्धि की पृथक-पृथक ब्लाकवार लक्ष्य एवं उपलब्धि की पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें? (ग) रीवा जिले में वर्ष 2016-17 में हैण्डपंप खनन हेतु निविदा मध्यप्रदेश शासन द्वारा कब तक पूर्ण किये जाने हेतु निर्देश हैं प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग रीवा द्वारा हैण्डपंप खनन हेतु निविदा कब तक पूर्ण की जावेगी? प्राप्त लक्ष्य से उपलब्धि कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में प्रक्रिया विलम्ब से शुरू करने एवं समय से उपलब्धि हासिल न कर पाने के लिए कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कोई निर्देश नहीं हैं। वर्ष 2016-17 के नलकूप खनन के लक्ष्य की पूर्ति हेतु स्वीकृत निविदायें 1.4.16 को उपलब्ध थी। लक्ष्य इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण किये जायेंगे। (घ) कार्य विलंब से शुरू नहीं किया गया है एवं लक्ष्यानुसार ही किया गया है कोई दोषी नहीं है, अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में वर्ष 2011 पुलिस परीक्षा X सर्विसमेन SI परीक्षा में अनियमितता
53. ( क्र. 1084 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 में प्रदेश की पुलिस रिक्रूटमेन्ट में एक्स सर्विसमेन परीक्षा में कितने अभ्यर्थी चयनित हुए उनके नाम, प्राप्त अंक, सीरियल लिस्ट के अनुसार बताया जावे? (ख) क्या 137 (एक सौ सैंतीस) अंक प्राप्त कर बत्तीसवां स्थान पर रहे अभ्यर्थी को एस.आई./सूबेदार के बजाय प्लाटून कमाण्डर चयनित किया गया था, क्यों? (ग) क्या 125,123 (एक सौ पच्चीस व एक सौ तेईस) अंक प्राप्त कर छत्तीसवें, सैंतीसवें क्रम में आने वाले अभ्यर्थियों एस.आई. बनाया गया था,क्यों? इस अनियमितता के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या शासन बत्तीसवां स्थान प्राप्त अभ्यर्थी को पदोंन्नत सहित एस.आई. रेंक पर पदस्थापना करेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कुल संख्या 30, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। गैर तकनीकी पदों के लिए भूतपूर्व सैनिक वर्ग की प्रावीण्य सूची में 32 वें क्रम पर श्री राजेश सिंह सिकरवार को स्थान मिला था। उन्हें कुल 137 अंक प्राप्त हुये थे। अत: नियमानुसार उनकी वरियता एवं प्राथमिकता के आधार पर उन्हें प्लाटून कमांडर का पद आवंटित किया गया। (ग) मुख्य सूची में 125, 123, अंक प्राप्त करने पर इनको कोई पद आवंटित नहीं हुआ है। तीनों श्रेणियों की प्रतीक्षा सूची एक ही बनाई गई थी। मुख्य सूची में से उ.नि के पद रिक्त होने के कारण उक्त अभ्यार्थियों को प्रतीक्षा सूची छतीसवें से तीसवें अभ्यार्थी को उ.नि. के रिक्त पद पर चयन समिति द्वारा चयन किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बत्तीसवां स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यार्थी श्री राजेश सिकरवार के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में रिट अपील क्रमांक 11/2015 दायर की गई है जो न्यायालय में विचाराधीन है।
खाद्य, पात्रता पर्चियाँ अपडेट नहीं होना
54. ( क्र. 1085 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बी.पी.एल. अंत्योदय, कामकाजी, नि:शक्त जैसी 25 श्रेणी को जोड़ा गया है, जिन्हें शासकीय कन्ट्रोल की दुकान से सस्ता खाद्यान्न देने की नीति है मुरैना भिण्ड श्यौपुर में कितने लोगों के नाम उक्त श्रेणी में वर्ष जून 2016 तक जोड़े गये हैं? (ख) क्या उक्त जिलों में जोड़े गये नामों का सत्यापन 31 मार्च 2016 तक हुआ है या नहीं? यदि हुआ है, तो मार्च से जून 2016 तक का खाद्यान्न क्यों नहीं दिया गया? (ग) उक्त जिलों में जोड़े गये लोगों के नामों की पात्रता पर्चियां मार्च 2016 के बाद भी अपडेट नहीं की गई है क्यों? इन्हें कब तक खाद्यान्न वितरित कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत कुल 24 श्रेणियों को पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है, जिन्हें लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत लाभान्वित किया जाता है। माह जून, 2016 तक पात्र परिवार के रूप में जिला भिण्ड-1,39,723 मुरैना-2,17,994 एवं श्योपुर में 1,09,396 परिवारों को सम्मिलित किया गया है। (ख) पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। उक्तानुसार सत्यापित परिवारों को नियमित रूप से खाद्यान्न सामग्री का आवंटन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मार्च 2016 के बाद अपडेट किये गये पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची माह जून 2016 में जारी की जा चुकी हैं, जिस पर माह जुलाई, 2016 से खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा।
अ.जा. अधीक्षिका को प्रताडि़त करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
55. ( क्र. 1163 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा के अंतर्गत शास. कन्या आश्रम शाला भिलाय में पदस्थ शिक्षिका सुखदेवी वंशकार जो पूर्व में शास. कन्या आश्रम शाला दनवास में अधीक्षिका के पद पर पदस्थ थी, वहां पदस्थी के दौरान आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक के विरूद्ध बार-बार अपने घर बुलाने, पैसों की मांग करने, अनैतिक कृत्य करने के लिए मजबूर करने एवं अश्लील वीडियो दिखाने की शिकायत अ.जा.क. थाना विदिशा में दिनांक 26.02.2015 को की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो संबंधित जिला संयोजक एवं उनके सहयोगी मण्डल संयोजक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, सम्पूर्ण घटना एवं विवरण की जानकारी देवें? (ग) क्या शिकायतकर्ता के रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने से पीडि़त अधीक्षिका जो अ.जा. की हैं, के द्वारा पुलिस अधीक्षक विदिशा, डी.एस.पी. अजाक विदिशा से कार्यवाही किये जाने के अनुरोध के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर दिनांक 05.06.2015 को न्यायालय में परिवाद दायर करने पर दिनांक 02.03.2016 को न्यायालय द्वारा उक्त दोनों अधिकारियों के विरूद्ध धारा 354 (क) के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश दिये गये, लेकिन इसके बावजूद भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई क्यों, कारण बताएँ? (घ) क्या पुलिस विभाग द्वारा अ.जा. की महिला के साथ हुए जातीय अपमान एवं अन्य कई प्रकार की वेदना देने वाले अधिकारियों के विरूद्ध एस.सी., एस.टी. एक्ट के तहत कड़ी कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत की जाँच उप पुलिस अधीक्षक, अजाक-2, विदिशा से तथा महिलाओं के कर्तव्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिशेध एवं प्रतिपोषण) अधिनियम 2013 के नियम 2013 की धारा 4 के अनुपालन में कलेक्टर विदिशा द्वारा गठित आंतरिक परिवाद समिति द्वारा कराई गई, जाँच पर आवेदिका द्वारा की गई शिकायत अप्रमाणित पाई गई है। संपूर्ण घटना विवरण इस प्रकार है। आवेदिका द्वारा वर्ष 2012-13 में अधीक्षिका के पद पर पदस्थापना के दौरान शिक्षावृत्ति बचत राशि रूपये 49,422/- शासन के खाते में जमा न कर निजी उपयोग में व्यय की गई, जिसकी जाँच जिला संयोजक आदिम जाति श्री विवेक पाण्डे एवं मण्डल संयोजक श्री विनोद भोसले तथा श्री के.एल.सेन, सहायक ग्रेड-3 का दल गठित कर कराई गई। जाँच पर आवेदिका द्वारा शासकीय राशि का गबन करना, छात्राओं को प्रताडि़त करना साथ ही कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार करना प्रमाणित पाया गया। आवेदिका को दोषी पाये जाने पर सेवा से पृथक किये जाने की कार्यवाही का नोटिस दिनांक 07.04.2014 को जारी किया गया जिससे व्यथित होकर आवेदिका द्वारा उपरोक्त वर्णित शिकायत करना पाया गया। (ग) जी नहीं, आवेदिका की शिकायत पर पुलिस द्वारा विधिवत् जाँच की गई जो अप्रमाणित पाई गई। हाँ, आवेदिका के द्वारा दिनांक 05.06.2015 को न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था जिस पर मान. न्यायालय द्वारा अनावेदकों के विरूद्ध धारा 354-क, भा.द.वि. के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर अनावेदकों को सूचना पत्र जारी किया गया है। उक्त संबंध में पुलिस विभाग को अनावेदकों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कोई निर्देश माननीय न्यायालय द्वारा नहीं दिये गये हैं इसलिए इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) आवेदिका द्वारा दिये गये शिकायती पत्र में उल्लेखित तथ्य अप्रमाणित पाये जाने से अनावेदकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। आवेदिका द्वारा दायर परिवाद मान. न्यायालय में विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय अमले की पद पूर्ति
56. ( क्र. 1184 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत क्या प्रत्येक खण्ड स्तर पर महिला सशक्तिकरण अधिकारी एवं कार्यालयीन कर्मचारियों के पद स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे गये हैं व कितने पद खाली है? खण्ड स्तर पर रिक्त पद कब तक भरे जावेंगे? (ख) महिला सशक्तिकरण अधिकारी के कुल स्वीकृत पदों में से कितने पद सीधी भर्ती के है व कितने पद पदोन्नति से भरे जाना है? (ग) यदि मध्यप्रदेश में बहुत अधिक संख्या में पद रिक्त है तो योजना का संचालन किस प्रकार से हो रहा है? (घ) खण्ड स्तरीय कार्यालयीन पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) खंड स्तर पर विकासखंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी के 313 एवं डाटा एन्ट्री ऑपरेटर (आउटसोर्स) के 313 पद स्वीकृत हैं। विकासखंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी के 313 स्वीकृत पदों में से 131 पद भरे गए हैं व 182 पद खाली है तथा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर (आउटसोर्स) के 313 पद खाली हैं। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) विकासखंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी के कुल स्वीकृत पदों में से 156 पद सीधी भर्ती के एवं 157 पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। (ग) जिले में कार्यरत विभागीय अमले के माध्यम से योजना का संचालन किया जा रहा है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
टोल संचालक के विरूद्ध कार्यवाही
57. ( क्र. 1186 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 08.01.2016 को मांगलिया (इंदौर) के पास स्थित टोल प्लाजा से गुजरने पर टोल कर्मचारियों द्वारा प्रश्नकर्ता के साथ दुर्व्यवहार करते हुए प्रश्नकर्ता के गनमेन के साथ मारपीट की गई थी? पुलिस अधीक्षक को सूचना देने पर पुलिस थाना क्षिप्रा पर अपराध क्र. 04/16 धारा 341,323,294, 506,34 भा.द.वि. के तहत् घटना का प्रकरण दर्ज किया गया है? प्रश्नकर्ता द्वारा थाने में पदस्थ पुलिस कर्मियों को उक्त घटना शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने वाली होने से धारा 353 भी बढ़ाने का अनुरोध किया गया? लेकिन उनके द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई, यदि हाँ, तो कार्यवाही नहीं किये जाने का कारण बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घटना शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने वाली है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो दोषी टोल कर्मचारियों पर उक्त धारा के तहत तथा अनसुनी करने वाले पुलिस कर्मियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जावेगी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें? (ग) क्या टोल प्लाजा संचालक द्वारा रोड निर्माण में अनेकों कमियां होने के बावजूद विगत तीन-चार वर्षों से अवैध वसूली की जा रही है तथा टोल प्लाजा पर वरिष्ठ नागरिकों के निर्बाद आवागमन हेतु पृथक से कोई व्यवस्था नहीं की गई है, यदि हाँ, तो क्या शासन इस और ध्यान देकर भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इस हेतु उचित व्यवस्था करायेगा व दोषी संचालक के विरूद्ध भी कोई वैधानिक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 08.01.2016 को मांगलिया इंदौर के पास स्थित टोल प्लाजा से गुजरने पर टोल कर्मचारियों द्वारा गनमेन आरक्षक श्री मोतीलाल, सुरक्षा वाहिनी, भोपाल जो कि माननीय विधायक की सुरक्षा में तैनात थे के साथ दुर्व्यवहार, गालीगलौच किये जाने के फलस्वरूप पुलिस थाना क्षिप्रा पर अपराध क्रमांक (04/16 पंजीबद्ध नहीं किया गया बल्कि अपराध क्रमांक) 09/16 धारा 341, 294, 323, 506, 34 भा.द.वि. का टोल कर्मचारियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण में अनुसंधान के दौरान मांगलिया टोल नाके के आरोपी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया एवं अनुसंधान पूर्ण कर अति. जिला अभियोजन अधिकारी, सांवेर से विधिक राय धारा 353 एवं 332 भा.द.वि. के संबंध में प्राप्त की गई, जिनके द्वारा धारा 353 एवं 332 भा.द.वि. का अपराध आरोपीगणों द्वारा किया जाना नहीं होने से धारा 353 भा.द.वि. प्रकरण में नहीं बढ़ाई गई है। (ख) घटना दिनांक को धरमपुरी धार के मान. विधायक श्री कालू सिंह अपनी प्रायवेट कार से क्षिप्रा होते हुए धरमपुरी जा रहे थे। वाहन पर विधायक पास नहीं था। गनमेन आरक्षक श्री मोती लाल, सुरक्षा वाहिनी, भोपाल, सादे कपड़ों में था। इस कारण टोल कर्मचारियों का विवाद हुआ था। गनमेन द्वारा मेडिकल परीक्षण भी नहीं कराया गया था। उपरोक्त घटना शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने वाली नहीं पाई गई। इस संबंध में किसी पुलिस कर्मचारी को दोषी नहीं पाया गया है। (ग) उक्त भाग पर अनुबंधानुसार छह लेन अनुबंध के लिए कार्य प्रारम्भ की तिथि से ही टोल वसूली का प्रावधान है, जिसके तहत् ही बी.ओ.टी. कंसेशनायर द्वारा टोल वसूली की जा रही है। भारत सरकार के फी नोटिफिकेशन नियम 2008 के अनुसार टोल प्लाजा पर वरिष्ठ नागरिकों के निर्बाद आवागमन हेतु पृथक से कोई नियम नहीं है। टोल नाके के संचालक द्वारा टोल से विगत 3-4 वर्षों से अवैध वसूली करने बाबत् कोई शिकायत नहीं मिली है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवनों एवं योजना क्रियान्वयन
58. ( क्र. 1227 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक जावरा नगर पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर संचालित किये जा रहे हैं? (ख) क्या सभी स्वीकृत केन्द्रों के भवन नहीं होकर कुछ अन्य प्रकार से अन्य स्थानों पर संचालित किये जा रहे है? (ग) यदि हाँ, तो कुल ऐसे कितने स्थान भवनविहीन है? साथ ही विगत वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा आवश्यकता को दृष्टिगत रख कितने भवनों की अनेक स्थानों हेतु पत्रों के माध्यम से प्रस्ताव भेजे गये है, उनमें से कितनी स्वीकृतियां दी गई? (घ) उपरोक्त संचालित केन्द्रों हेतु विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु उपरोक्त वर्षों में कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर क्या-क्या कार्य किये गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 तक निम्नानुसार आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर संचालित किये जा रहे है:-
क्र. |
परियोजना का नाम |
वर्ष 2013-14 |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
|||
1. |
जावरा शहर |
51 |
51 |
51 |
51 |
51 |
51 |
2 |
पिपलौदा |
192 |
192 |
192 |
192 |
192 |
192 |
3. |
जावरा ग्रामीण |
93 |
93 |
93 |
93 |
93 |
93 |
|
योग |
336 |
336 |
336 |
336 |
336 |
336 |
(ख) जी हाँ। जावरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 336 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें से 80 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये के भवन) में, 174 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में (पंचायत, शाला भवन में) तथा 82 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जावरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित कुल 336 आंगनवाड़ी केन्द्र में से 80 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन (किराये के भवन) में एवं 174 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में (पंचायत, शाला भवन) में संचालित है। विगत वर्षों में मान. विधायक से कुल 126 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के प्रस्ताव जिला स्तर पर प्राप्त हुए है। जिन पर जिला स्तर से की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है तथा जिले से प्राप्त उक्त प्रस्ताव पर संचालनालय स्तर से वर्ष 2016-17 में ही मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु स्वीकृति दी जाना विचाराधीन है। (घ) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में जिले को प्राप्त आवंटन एवं योजनाओं के क्रियान्वयन इत्यादि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
थाने में प्राथमिकी दर्ज की जाना
59. ( क्र. 1248 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी ने थाना प्रभारी कुठला जिला कटनी को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 4999 दिनांक 25.02.2016 से लिखकर किसी कर्मचारी द्वारा 103 फाइलें एवं अभिलेख गायब एवं खुर्द-बुर्द करने पर प्राथमिकी दर्ज करने हेतु लिखा था किन्तु प्राथमिकी दर्ज न होने पर पुन: स्मरण पत्र मंडी ने पत्र क्रमांक 1052 दिनांक 21.6.2016 से थाना प्राभारी कुठला को लिखते हुये एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु लिखा कर प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक कटनी को भी दी गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या अभी तक प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित दोनों पत्र थाना कुठला एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय कटनी में प्राप्त नहीं हुए थे। कृषि उपज मंडी समिति, कटनी द्वारा पत्र क्रमांक/मंडी/ वि.सं./16-17/1179, दिनांक 05.07.2016 प्राप्त होने पर प्रश्नांश में उल्लेखित अभिलेख गायब एवं खुर्द-बुर्द करने के संबंध में थाना कुठला पर अपराध क्रमांक 272/16 धारा 409 भा.द.वि. का आरोपी श्री आर.पी. खम्परियां, सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पनागर में संचालित आंगनवाड़ी भवन
60. ( क्र. 1259 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पनागर विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनावाड़ी केन्द्र संचालित है एवं उनमें कितने बच्चे आते हैं? केन्द्रवार सूची देवें? (ख) कितने आंगनवाड़ी केन्द्र निजी भवनों में एवं कितने किराये के भवनों में या शासकीय भवनों में संचालित है? अलग-अलग विवरण देवें? (ग) क्या आंगनवाड़ी के स्वयं के भवन उपलब्ध होने पर भी किराये के भवनों में चलाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पनागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत परियोजना पनागर 198 एवं बरगी परियोजना के 116 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं शहरी क्रमांक 05 में 78 (नगर निगम परिसीमन के कारण शहरी क्षेत्र में शामिल) इस प्रकार कुल 392 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। केन्द्रवार वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) पनागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 392 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें 50 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 193 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 149 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं आधिपत्य प्राप्त हो चुका है, उन भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है। पनागर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम खेरी के पूर्ण आंगनवाड़ी भवन के सामने नाला होने से बच्चों को असुविधा होने के कारण यह केन्द्र पंचायत भवन में संचालित है तथा ग्राम ओरिया का भवन पूर्ण है किन्तु आधिपत्य न मिलने के कारण यह केन्द्र अन्य शासकीय भवन में संचालित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जो भवन स्वीकृत है किन्तु निर्माण कार्य निर्माणाधीन है उन केन्द्रों को किराये के भवनों में संचालित किया जा रहा है। भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने पर इन भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा सकेंगे।
नये आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने एवं भवन निर्माण
61. ( क्र. 1260 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर जिले में वर्ष 2016-17 में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो जिले में कहाँ-कहाँ पर केन्द्र खोलने का प्रस्ताव है? सूची देवें? (ग) क्या जिले में वर्ष 2016-17 में नये आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर? सूची देवें? (घ) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को भवन उपलब्ध कराने एवं नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु शासन की क्या योजना है? पिछले 5 वर्षों से अर्द्धनिर्मित भवन कब तक निर्मित करा लिये जावेंगे समय-सीमा बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर जिले में 2016-17 में 90 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 7 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जिले में वर्ष 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण से आई.पी.पी.ई. कुण्डम विकासखंड में 32 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण प्रस्तावित है। वर्ष 2016-17 में ही जिले के गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंडों में 353 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति मनरेगा योजना के अभिसरण से की जाना विचाराधीन है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई/गैर आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड में) शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिये जाने की योजना है। विगत 5 वर्षों से जिले में अर्द्ध निर्मित आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण कराने के लिये जिले द्वारा अतिरिक्त राशि का प्रस्ताव दिया गया है। वर्ष 2016-17 के लिये राज्य आयोजना मद में इन कार्यों के लिये राशि प्रावधानित की गई है। परियोजना परीक्षण समिति की स्वीकृति उपरांत इस राशि में से जिलों को राशि उपलब्ध कराने की कार्यवाही विचाराधीन है।
आवेदनों की ऑन-लाईन फीडिंग
62. ( क्र. 1263 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी जिले में वर्ष 2014 से लाड़ली लक्ष्मी योजना के आवेदनों की ऑन-लाईन फीडिंग का कार्य, कार्यालय में कम्प्यूटर ऑपरेटर उपलब्ध होने पर भी अशासकीय तौर पर निजी संस्थाओं/फर्मों से कराया गया है? यदि हाँ, तो कार्य की अनुमति किन नियमों के तहत किस सक्षम प्राधिकारी के आदेशों से प्रदाय की गई? (ख) विभाग के कटनी जिले में कौन-कौन कम्प्यूटर ऑपरेटर कहाँ-कहाँ पदस्थ/कार्यरत हैं, इनके द्वारा क्या-क्या कार्य संपादित किये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत किये गये कार्य में कुल कितनी राशि कब-कब व्यय की गई? क्या कार्य की निविदा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो निविदा का तुलनात्मक पत्रक, कार्यादेश उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत कार्यालय/विभाग में संसाधन उपलब्ध होने के पश्चात् भी जानबूझकर शासकीय राशि का अपव्यय करने की क्या जाँच एवं कार्यवाही की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। संचालनालय महिला सशक्तिकरण भोपाल के पत्र क्रमांक डीडीओ/बजट/2015-16, भोपाल दिनांक 06/06/2015 के निर्देशानुसार एवं जिला कलेक्टर कटनी से अनुमोदन उपरांत लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के आवेदन की वेबसाईट प्रविष्टि, डॉक्यूमेंट स्कैन कर चढ़ाये जाने तथा प्रमाण-पत्र रंगीन प्रिंट कर लेमिनेट अथवा प्लास्टिक फोल्डर में प्रदाय करने का कार्य नियमानुसार कराया गया (ख) महिला सशक्तिकरण जिला कटनी अंतर्गत सहायक ग्रेड-3 सह डाटा एंट्री ऑपरेटर के स्वीकृत 08 पदों के विरूद्ध 02 पद भरे हुए है, जिसमें क्रमश: श्री सुरेन्द यादव बाल विकास परियोजना मुरवाडा एवं श्रीमती मिताली असाठी बाल विकास परियोजना कटनी शहरी में कार्यरत है। इनके द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना से संबंधित कार्यों के दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त समेकित बाल संरक्षण योजनान्तर्गत कम्प्यूटर ऑपरेटर के स्वीकृत 03 पदों के विरूद्ध 01 पद भरे हैं। जिसमें श्री विजय व्याल्से द्वारा समेकित बाल संरक्षण योजनान्तर्गत बाल कल्याण समिति से संबंधित कार्यों के दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। (ग) जिला/परियोजना स्तर से व्यय की गई राशि, निविदा का तुलनात्मक पत्रक-कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जन-सुनवाई में आये लोगों को धारा 151 लगाकर जेल में डालना
63. ( क्र. 1266 ) श्री दिनेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में लूघरवाड़ा ग्राम के महिलायें पुरूष जन-सुनवाई में जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिन के 12:30 बजे शराब माफिया के गुण्डों द्वारा आतंक फैलाने की शिकायत करने आने पर पुलिस अधीक्षक द्वारा उनमें से 33 लोगों को जेल पहुँचा दिया गया और महिलाओं को पुलिस के डग्गे में भरकर शहर के बाहर छोड़ा गया? (ख) क्या जन-सुनवाई में पुरूष एवं महिलाओं के एक ही समस्या से त्रस्त होकर एक साथ जन-सुनवाई में शिकायत करना कोई अपराध है? अगर कोई अपराध नहीं है तो पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई कार्यवाही पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जायेगी और कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर भोपाल स्तर के अधिकारियों द्वारा जाँच की जावेगी एवं प्रश्नकर्ता को सूचना दी जायेगी? (घ) यदि हाँ, तो जाँच कब तक की जायेगी एवं दोषी पाये जाने पर उक्त अधिकारी के ऊपर कार्यवाही की जायेगी या नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सत्य नहीं है कि सिवनी जिले में लूघरवाडा ग्राम के महिलायें पुरूष जन-सुनवाई में जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिन के 12:30 बजे शराब माफिया के गुण्डों द्वारा आतंक फैलाने की शिकायत करने आने पर पुलिस अधीक्षक द्वारा उनमें से 33 लोगों को जेल पहुँचा दिया गया। वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 09.02.2016 को समय 11:00 बजे से 13:00 बजे तक जन-सुनवाई थी। इस जन-सुनवाई के समाप्त होने के पश्चात् दिनांक 09.02.2016 को लगभग 13:30 बजे पुलिस प्रशासन को बिना सूचना दिये तथा विरोध प्रदर्शन हेतु सड़क से विरोध रैली निकाल कर जिला पुलिस कार्यालय तक आने की अनुज्ञप्ति प्राप्त किये बिना जिला पुलिस कार्यालय पर आये तथा उग्र प्रदर्शन किया जिनके पाँच प्रतिनिधियों को पुलिस अधीक्षक कक्ष में बुलाकर सुना गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त प्रकरण में निष्पक्ष वैधानिक कार्यवाही का आश्वासन दिया गया एवं उन्हें शांतिपूर्वक अपने गांव वापस जाने के लिये समझाया गया। उन्हें यह भी बताया गया कि इस प्रकार से बिना सूचना दिये एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करना विधि विरूद्ध है तथा इससे शहर में शांति भंग होकर कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है, किंतु उक्त जन समुदाय द्वारा आक्रोशित होकर सिवनी शहर एवं जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित की गई जिसके परिणाम स्वरूप धारा 151, 107, 116 (3) जा.फौ. तथा धारा 143 भा.द.वि. की कार्यवाही 33 व्यक्तियों के विरूद्ध की गई। यह सही नहीं है कि महिलाओं को पुलिस के डग्गे में भरकर शहर के बाहर छोड़ा गया बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 09.02.2016 को लगभग 13:30 बजे उक्त जमाव के साथ आई हुई महिलाओं को सम्मानपूर्वक पुलिस वाहन से उनके गांव लूघरवाडा तक सुरक्षित भेजा गया था। (ख) थाना कोतवाली अंतर्गत ग्राम लूघरवाडा में घटित अपराध क्रमांक 112/16 धारा 147, 148, 149, 323, 307, 294 भा.द.वि. इजाफा धारा 3 (1) (द) (ध) 3 (2-अ क) एस.सी./एस.टी. एक्ट किये जाने की वैधानिक कार्यवाही के विरोध में दिनांक 08.02.2016 को ग्राम लूघरवाड़ा के सैंकड़ों व्यक्तियों द्वारा जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय पुलिस द्वारा प्रकरण की केस डायरी में शामिल कर जाँच में लिया गया था तथा शिकायत के तथ्यों का सत्यापन किया जा रहा था। इसके पश्चात् ग्राम लूघरवाड़ा के सैंकड़ों व्यक्तियों, द्वारा पुनः दिनांक 09.02.2016 को लगभग 13:30 बजे पुलिस प्रशासन को बिना सूचना दिये तथा विरोध प्रदर्शन हेतु सड़क से विरोध रैली निकाल कर जिला पुलिस कार्यालय तक आने की अनुज्ञप्ति प्राप्त किये बिना जिला पुलिस कार्यालय पर आये उग्र प्रदर्शन किय थे। अतः यह सही नहीं है कि ग्राम लूघरवाडा के निवासी जन-सुनवाई में शिकायत करने आये थे बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय में वे सभी एक मत होकर उग्र प्रदर्शन करने आये थे। यह सही है कि जन-सुनवाई में शिकायत करना अपराध नहीं है, अपितु भीड़ बनाकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर जाकर उग्र प्रदर्शन करना एवं शांति भंग करना अपराध की परिधि में आता है। जिस पर पुलिस अधीक्षक सिवनी द्वारा वैधानिक कार्यवाही की गई है। (ग) उत्तरांश ’क’ तथा ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ’क’ तथा ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले में पुलिस की लापरवाही
64. ( क्र. 1269 ) श्री दिनेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिला में धार्मिक कार्यक्रम रामनवमी के जुलूस में पुलिस की लापरवाही की वजह से उपद्रव हुआ 08 अप्रैल 2016 को जुलूस था एवं उसी दिन मुसलमान समाज का जुमा था फिर भी पुलिस विभाग द्वारा सिवनी शहर में संवेदनशील मोहल्ले एवं रास्तों पर पुलिस बल तैनात क्यों नहीं किया गया? (ख) साल्हे, बोरी ग्राम की घटना में क्या पुलिस की लापरवाही की वजह से साल्हे के एक व्यक्ति जान गई क्योंकि उसी दिन 13 जनवरी के दिन बरघाट की घटना के संबंधित लोगों की जमानत के पश्चात् सिवनी से एक विशाल जुलूस के रूप में बोरी ग्राम से निकल रहा था तब यह घटना घटी तो पुलिस अधीक्षक ने जुलूस को नजर अंदाज क्यों किया? (ग) क्या रामनवमी के जुलूस में मुसलमान समाज के द्वारा स्वागत कार्यक्रम किया जा रहा था? उसे पुलिस अधीक्षक द्वारा क्यों रोका गया? इसी तरह जैन समाज के कवि सम्मलेन को भी रोका गया, इसी तरह विगत वर्षों से हो रहे रात्रिकालीन पारम्परिक कव्वाली कार्यक्रमों को रोका गया? (घ) क्या 24 अप्रैल लखनादौन जोबा के बीच में फायरिंग की घटना भी मनगढंत है? प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) उल्लेखित इन सब कृत्यों की जाँच की जायेगी और कब तक संबंधित दोषियों के विरूध्द कार्यवाही जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। दिनांक 08.04.2016 को सिवनी नगर में हिन्दू समुदाय के द्वारा नव वर्ष के उपलक्ष्य में धारा 30 पुलिस अधिनियम के अंतर्गत विधिवत् अनुमति के अंतर्गत बाईक निर्धारित मार्ग पर आयोजित की गई थी जिसमें उपलब्ध पुलिस बल के अनुसार समुचित पुलिस व्यवस्था लगाई गई थी। बाईक रैली के दौरान कोई घटना नहीं हुई। बाईक रैली के समापन के पश्चात् डूंडा सिवनी क्षेत्र के कुछ व्यक्ति अपनी बाईक से अपने घरों की ओर वापस जा रहे थे, जिन पर साहू कबाड़ा के पास फैज गंज क्षेत्र से आये हुए 30-35 युवकों के द्वारा दिनांक 08.04.2016 को समय 15.00 बजे पत्थर तथा साहू कबाड़ा की बोतलों से हमला किया गया था, जिस पर थाना कोतवाली में अप.क्र. 337/16 धारा 147, 148, 427, 452, 294, 506 इजाफा धारा 307,153ए भा.द.वि. पंजीबद्ध किया जाकर विवेचनाधीन है। (ख) जी नहीं। वस्तुतः दिनांक 13.01.2016 को जिला जेल सिवनी से बरघाट दंगों के 3 आरोपी जमानत पर रिहा हुए थे। सिवनी शहर में रैली के दौरान थाना कोतवाली सिवनी से पुलिस व्यवस्था लगाई थी। यह रैली सिवनी शहर में समाप्त हो गई थी तथा जमानत पर रिहा आरोपीगण 2 कार से अपने ग्राम खुर्सीपर गये थे। उनके साथ कोई रैली नहीं थी। दिनांक 13.01.2016 को रात करीब 8.30 बजे सिवनी तथा बरघाट से 2 अलग-अलग मोटर सायकलों में लगभग 6 व्यक्ति ग्राम खुर्सीपार जा रहे थे जिन पर ग्राम बोरी में दंगे की रंजिश के कारण हमला किया गया था जिसमें गोलू उर्फ प्रदीप हनुम की हत्या हुई थी तथा तीन अन्य व्यक्ति घायल हुए थे। (ग) जी नहीं। पुलिस द्वारा किसी भी परम्परागत कार्यक्रम को नहीं रोका गया। (घ) पुलिस थाना लखनादौन में दिनांक 24.04.2016 को फरियादी अरूण प्रजापति पिता गुलाब प्रजापति निवासी पटेल मोहल्ला वार्ड क्रमांक 9 पथरिया जिला दमोह की रिपोर्ट पर अप.क्र. 192/16 धारा 341, 294, 147, 148, 149, 323, 324 भा.द.वि. 25, 27 आर्म्स एक्ट पंजीबद्ध किया गया है जिसमें फरियादी द्वारा थाना पथरिया के अप.क्र. 249/16 धारा 302, 307, 120बी भा.द.वि. के फरियादी पक्ष के गवाहान को अभियुक्त लेख कराया गया है। यह प्रकरण प्रारंभिक अनुसंधान से प्रथम दृष्ट्या संदिग्ध पाया गया है जिसका सूक्ष्मता से अनुसंधान किया जा रहा है तथा उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर प्रकरण विधिसम्मत् निराकरण किया जावेगा। पुलिस द्वारा आवश्यक सतर्कता रखी गई है तथा दर्ज प्रकरणों में सूक्ष्मता से विवेचना की जा रही है। अतः किसी अन्य जाँच की आवश्यकता नहीं है।
गौ संवर्धन नीति
65. ( क्र. 1272 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ संवर्धन निधि नीति के क्रियान्वयन हेतु खरगोन जिले में किस अधिकारी को नियुक्त किया गया है? (ख) उक्त निधि से विगत 3 वर्षों में इंदौर संभाग में कितनी गौ-शालाओं को किन शर्तों पर लाभांवित किया गया। इन गौ-शालाओं में विगत 3 वर्षों में गौ संख्या की सूची गौ-शालावार देवें। (ग) उक्त गौ-शालाओं का गठन कब किन शर्तों पर किया गया, इन गौ-शालाओं को भूमि किन शर्तों पर उपलब्ध कराई गई।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) म.प्र. गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के कार्यों के क्रियान्वयन हेतु खरगोन जिले में जिला गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन समिति गठित है, जिसके अध्यक्ष जिला कलेक्टर खरगोन व सचिव उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला खरगोन है। (ख) उक्त निधि से विगत 3 वर्षों में इंदौर संभाग में वर्ष 2013-14 में 120, वर्ष 2014-15 में 83 व वर्ष 2015-16 में 121 पंजीकृत गौ-शालाओं को लाभान्वित किया गया है, जिसकी शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। गौ-शालाओं में विगत 3 वर्षों की गौ-शालावार गौ-वंश संख्या की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) उक्त गौ-शालाओं का म.प्र. गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीयन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ के कॉलम 4 अनुसार है। अधिकांश गौशालाएं समाजसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित की जाती हैं। बोर्ड द्वारा इन गौ-शालाओं को किसी प्रकार की भूमि आवंटित नहीं की जाती है किन्तु म.प्र.शासन द्वारा गौ-शालाओं के लिए भूमि आवंटन नीति के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा गौ-शालाओं को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार शासकीय भूमि पर अनुज्ञप्ति दी जाती है।
जलप्रदाय योजना के कार्य
66. ( क्र. 1280 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हटा नगर में जनता को पानी पिलाये जाने के उद्देश्य से जल आवर्धन योजना किस वर्ष, कितनी राशि से स्वीकृत हुई थी, आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या आज दिनांक तक 423 लाख रू. योजना में खर्च हो चुके हैं? क्या यह योजना नगरपालिका को हैण्डओवर हुई? यदि नहीं, तो प्रमुख सचिव पी.एच.ई. द्वारा माननीय उच्च न्यायालय को योजना पूर्ण होने का शपथ-पत्र क्यों दिया, शपथ-पत्र की छाया प्रति उपलब्ध करायें एवं शासन द्वारा 31 लाख की राशि प्रदाय की, लेकिन पी.एच.ई. विभाग दमोह को यह राशि प्राप्त नहीं हुई, यह भी जानकारी बतायें? (ग) 5 वर्ष बीत जाने के बाद हटा नगर की जनता को उक्त योजना से पानी कब तक पीने मिलेगा एवं दोषी अधिकारियों/कार्य एजेंसियों पर क्या कार्यवाही होगी, समय-सीमा बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2008 में रूपये 352.81 लाख की लागत से। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जी नहीं। यह योजना दिनांक 30.6.16 को एकतरफा नगर पालिका को हस्तांतरित की गई है। योजना के समस्त अवयव पूर्ण कर लिये गये हैं एवं जलप्रदाय चालू है। प्रमुख सचिव, पी.एच.ई. द्वारा मान. उच्च न्यायालय में दिये गये शपथ-पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शासन द्वारा रूपये 31.00 लाख की राशि उपलब्ध नहीं करवाने के कारण पी.एच.ई. दमोह को प्राप्त होने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) हटा जल आवर्धन योजना से हटा नगर को जलप्रदाय निरंतर किया जा रहा है शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
खाद्य विभाग द्वारा खाद्यान्न आवंटन
67. ( क्र. 1296 ) डॉ. मोहन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 हेतु खाद्य विभाग द्वारा विभिन्न अखाड़ों एवं संत महात्माओं के लिए किन आधारों को ध्यान में रखते हुये राशन कार्ड एवं खाद्यान्न आवंटन हेतु क्या नियम बनाये गये थे? नियमों की प्रति उपलब्ध कराते हुये शासन से कितने खाद्यान्न के आवंटन की मांग की गई थी तथा मांग के विरूद्ध कितना राशन आवंटित किया गया? पृथक-पृथक वस्तु की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार नियमों का पालन करते हुये कितने अखाड़ों एवं संत महात्माओं को कितने-कितने व्यक्तियों के लिए राशन कार्ड बनाये गये तथा उक्त राशन कार्डों पर कितने खाद्यान्न का आवंटन किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) जानकारी अनुसार शासन से आवंटित प्राप्त राशन एवं वितरित किये गये राशन की पृथक-पृथक जानकारी देते हुये शेष राशन का विभाग द्वारा क्या किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिंहस्थ 2016 में आने वाले साधु-संतों तथा अखाड़ों के सेवक कर्मचारियों को सिंहस्थ अवधि के लिए अस्थाई राशनकार्ड जारी किये गये थे। 13 अखाड़ों के लिए एक अनुमानित संख्या 5000 साधु-संत प्रति अखाड़ा के मान से उक्त राशनकार्ड जारी किये गये। अन्य साधु-संतों एवं उनके कर्मचारियों के लिए अस्थाई राशनकार्ड का निर्धारण सहायक/कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा मौका स्थल पर पूछताछ के बाद किया गया। इस साधु-संतों की संख्या का निर्धारण आवंटित प्लॉट का आकार एवं प्रत्येक 100 वर्ग फुट पर एक व्यक्ति के निवास का आधार मानकर किया गया है। जिला कलेक्टर उज्जैन द्वारा 10,500 मे. टन गेंहू, 4,500 मे. टन चावल की मांग की गई थी। पश्चात् में गेंहू के स्थान पर आटे की मांग के आधार पर राज्य शासन द्वारा कुल 7500 मे. टन आटा, 3000 मे. टन चावल की अधिकतम मात्रा निर्धारित की गई। (ख) जिला प्रशासन द्वारा सिंहस्थ अवधि हेतु अखाड़ों/साधु-संतों को कुल 2481 अस्थाई राशनकार्ड जारी किये गये, जिनमें कुल व्यक्तियों की संख्या 5,18,594 है। इन कार्डों में से 2411 राशनकार्डों पर आटा 7496.2 मे. टन एवं चावल 2998.5 मे. टन का आवंटन जारी किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अवितरित खाद्यान्न को केन्द्रीय पूल में ही माना जाकर उसका अन्यत्र उपयोग किया जा रहा है। अवितरित आटे का निराकरण नीलामी के द्वारा किया गया है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की जाँच
68. ( क्र. 1318 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की भर्ती में खुले आवेदन पत्र में संलग्न दस्तावेजों को चिन्हित कर परियोजना अधिकारी/आवक लिपिक द्वारा प्राप्त करने की प्रक्रिया है यदि हाँ, तो उक्त प्रक्रिया दोषपूर्ण होने के कारण बंद कर बंद लिफाफे में आवेदन में आवेदन पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया अपनाई जायेगी जिससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनाई जा सके? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्राप्त आवेदन पत्रों को एक गठित समिति द्वारा खोले जाने के पश्चात् आगे नियुक्ति प्रक्रिया की जायेगी ताकि नियुक्तियों में भारी भ्रष्टाचार को रोका जा सकेगा यदि हाँ, तो शासन इस संबंध में निर्णय लेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के भर्ती हेतु परियोजना स्तर पर विज्ञप्ति के माध्यम से प्राप्त आवेदकों के आवेदन पत्र संलग्न दस्तावेजों को चिन्हित कर आवक लिपिक द्वारा प्राप्त कर आवेदक को उक्त आवेदन की पावती रसीद दिये जाने की प्रक्रिया है। बंद लिफाफे में आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी होने से समिति के गठन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। क्योंकि वर्तमान प्रक्रिया में आवेदक को उसके द्वारा जमा किये जा रहे आवेदन पत्र में संलग्न दस्तावेजों को चिन्हित कर आवक लिपिक द्वारा पावती रसीद दिये जाने का प्रावधान है। इस प्रक्रिया के होने से आवेदक को यह संतुष्टि रहती है कि उसके आवेदन पत्र के संलग्न जमा दस्तावेजों की विधिवत पावती समक्ष में आवक लिपिक द्वारा जाँच उपरान्त दी गई है। बंद लिफाफे में आवेदन पत्र प्राप्त किये जाने की स्थिति में दस्तावेजों के हेरा-फेरी की संभावना बनी रहती है।
सामुहिक नल-जल परियोजना का क्रियान्वयन
69. ( क्र. 1370 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विषयांकित परियोजना हेतु पानी कहाँ से लाया जा रहा है वाटर फिल्टर प्लांट कहाँ बनाया जा रहा है तथा उसमें कितनी लागत आयी है पानी की टंकिया कहाँ-कहाँ तथा कितनी लागत से बनायी जा रही है? ठेकेदारों के नाम, पते सहित जानकारी दें? (ख) विषयांकित योजना के कार्य के टेण्डर कब आमंत्रित किया गया था? किस-किस अखबार में प्रकाशित (विज्ञापन) कराया गया? समाचार पत्रों की प्रमाणिक प्रति प्रदाय करें? (ग) किस-किस एजेंसी के द्वारा फार्म डाले गये? एजेंसी के नाम, पते सहित अरनेस्ट मनी की रसीद टेण्डर के तुलनात्मक पत्रक एवं टेण्डर फार्म की प्रमाणिक छायाप्रति प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विकासखण्ड लालबर्रा के ग्राम छिंदलई के समीप वैनगंगा नदी से पानी लाया जा रहा है। वॉटर फिल्टर प्लांट ग्राम जाम विकासखण्ड लालबर्रा में बनाया गया है, जिसकी लागत राशि रू. 318.00 लाख हैं। पानी की टंकियों के निर्माण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सूखा राहत में अनाज हेतु पर्ची का वितरण
70. ( क्र. 1381 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में सूखा राहत में अनाज हेतु पर्ची राजनगर विकासखण्ड एवं लवकुशनगर विकासखण्ड के आने वालो ग्रामों में प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों को नहीं दी गई? (ख) क्या शासन द्वारा आदेश किये गये थे यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें? (ग) अब तक पर्ची जारी न करने के क्या कारण रहे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) छतरपुर जिले में सूखे के कारण 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने वाले किसानों एवं अन्य पात्र परिवार की श्रेणियों के 19,526 सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने हेतु उचित मूल्य दुकानों से 22 जून, 2016 के पश्चात् मैपिंग की गई है, जिनमें विकासखण्ड राजनगर के 2,308 एवं लवकुशनगर के 383 सूखा प्रभावित किसान भी सम्मिलित है। इन परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक की अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों का विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण उक्त अवधि में सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, जिनकी पात्रता पर्ची 22 जून, 2016 को जारी की जाकर माह जुलाई, 2016 से राशन का वितरण किया जाएगा। (ग) छतरपुर जिले में माह जून, 2016 की स्थिति में लगभग 79 प्रतिशत जनसंख्या को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लाभांवित किया गया है, उसके उपरांत भी जिले द्वारा 19,526 नवीन परिवारों को उचित मूल्य दुकान से पात्र परिवार के रूप में सत्यापित एवं मैप किया गया। इन परिवारों का परीक्षण उपरांत पात्रता पर्ची जारी की जाएगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही
71. ( क्र. 1382 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान का छतरपुर जिले में पालन किया जा रहा है? (ख) जिले के राजनगर, लवकुशनगर विकासखण्ड में आने वाले समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों का सत्यापन उपरान्त राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु ई राशन कार्ड पात्रता पर्ची सभी परिवारों को अब तक जारी क्यों नहीं की गई? (ग) क्या ग्रामीण अंचल के कई परिवारों के लोग भटक रहे हैं और उनको राशन प्राप्त नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो कौन जिम्मेदार है? (घ) उक्त अधिनियम का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) छतरपुर जिले के विकासखण्ड राजनगर एवं लवकुशनगर के 22 जून, 2016 तक पात्र परिवारों के रूप में सत्यापित एवं उचित मूल्य दुकान से मैप किये गये समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। छतरपुर जिले में माह जून, 2016 की स्थिति में 79 प्रतिशत जनसंख्या को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लाभांवित किया जा रहा था। उसके उपरांत जिले द्वारा 19,526 नवीन परिवारों को उचित मूल्य दुकान से पात्र परिवार के रूप में मैप किया गया। इन परिवारों का परीक्षण उपरांत पात्रता पर्ची जारी की जाएगी। (ग) छतरपुर जिले के विकासखण्ड राजनगर एवं लवकुशनगर के पात्रता पर्चीधारी वास्तविक परिवारों को उचित मूल्य दुकानों से नियमित राशन का वितरण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राशन प्राप्त न होने का प्रकरण प्रकाश में आने पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) किसी अधिकारी द्वारा अधिनियम का उल्लंघन नहीं किए जाने से कोई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
72. ( क्र. 1396 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 14.03.2016 में मुद्रित परि.अता.प्रश्न संख्या 59 (क्रमांक 4907) के उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश दिनांक तक कितने किसानों की पहचान की जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई? जिनको पूर्व से किसी भी योजना के तहत् खाद्यान्न नहीं मिल रहा है, का विवरण देते हुए बतावें कि खाद्य पर्चियां सूखा प्रभावित किसानों को जारी किये जाने की क्या समय-सीमा निर्धारित थी? खाद्य पर्चियां जारी न होने से किसान खाद्यान्न से वंचित रहे इसके लिए कौन जवाबदार होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कलेक्टर रीवा को पत्र क्रमांक/510/गुढ़-75/2016 दिनांक 12.05.2016 के माध्यम से जानकारी भी चाही गई थी, जो अप्राप्त है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार अगर सूखा प्रभावित किसानों को समय पर खाद्य पर्चियां जारी नहीं की गई, किसान खाद्यान्न से वंचित रहे, चाही गई जानकारी समय पर उपलब्ध नहीं करायी गई तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? कार्यवाही के स्वरूप बतावें। साथ ही इसकी समय-सीमा भी बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 14.03.2016 में मुद्रित परि.अतारांकित प्रश्न संख्या 59 (क्रमांक 4907) के उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश दिनांक तक 21,433 किसानों की पहचान की जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। संबंधित तहसीलदारों द्वारा सूखा प्रभावित किसानों की सूची मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के माध्यम से संबंधित पंचायत सचिवों को उपलब्ध कराई गई। पंचायत सचिवों को प्रभावित किसानों का सत्यापन समग्र पोर्टल पर करने हेतु जनवरी 2016 तक की समय-सीमा दी गई थी। किन्तु इस अवधि में ग्राम पंचायत सचिवों एवं रोजगार सहायक अचानक हड़ताल पर चले जाने के कारण सूखा प्रभावित किसानों का सत्यापन का कार्य प्रभावित रहा। तत्पश्चात् सचिवों द्वारा सत्यापित परिवारों की पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी की गई, जिसका वितरण कार्य प्रचलित है। इन परिवारों को माह जुलाई, 2016 से खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा, इसके लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में पत्र क्रमांक 510/गुढ़-75/2016 दिनांक 12.05.2016 के माध्यम से माननीय सदस्य द्वारा कलेक्टर, रीवा से चाही गई जानकारी, कार्यालयीन पत्र क्रमांक 817 दिनांक 02.07.2016 से उपलब्ध कराई गई है। (ग) सूखा प्रभावित किसानों को पात्रता पर्ची जारी होने में विलम्ब का कारण प्रश्नांश 'क' के उत्तर में उल्लेखित है। संबंधित कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों द्वारा विलम्ब से जानकारी प्रस्तुत करने के कारण माननीय सदस्य को जानकारी समय-सीमा में उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है, जिसके लिए संबंधित कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को भविष्य के लिए सचेत किया गया है।
जनभागीदारी योजनान्तर्गत नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
73. ( क्र. 1406 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामों में पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा जनभागीदारी योजनान्तर्गत आदिवासी ग्रामों में कुल योजना लागत के 1 प्रतिशत तथा सामान्य बाहुल्य क्षेत्रों में 3 प्रतिशत जनभागीदारी कर उन ग्रामों में शेष राशि शासन द्वारा स्वीकृत कर पेय-जल की योजना स्वीकृत की जाती है? (ख) हाँ, तो योजना प्रारंभ से भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र में कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा जनभागीदारी राशि जमा कर योजना बनाने हेतु प्रस्ताव किया गया है तथा ग्रामीणों द्वारा यह जनभागीदारी राशि कब जमा की गई है? दिनांक सहित ग्रामों के नाम तथा जमा राशि का विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश ''ख'' अंतर्गत जनभागीदारी राशि जमा करने वाले प्रस्तावित ग्रामों में से कितने ग्रामों में योजना की स्वीकृति प्रदाय की गई है तथा नहीं की गई तो क्या कारण है? (घ) क्या प्रस्तावित जनभागीदारी राशि जमा करने वाले ग्रामों में शत्-प्रतिशत स्वीकृति प्राप्त होगी? हाँ तो उसकी समयावधि क्या होगी? नहीं तो क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, दिनांक 29.6.15 के पूर्व अंशदान जमा नवीन नल-जल योजनाओं की स्वीकृति के लिये। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। 29.6.2015 के पूर्व नल-जल योजना स्वीकृति हेतु जमा अंशदान वाली एक नल-जल योजना की परीक्षण उपरांत स्वीकृति जारी की जायेगी।
खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराई जाना
74. ( क्र. 1407 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधान सभा अंतर्गत कितने आदिवासी परिवारों को आज दिनांक तक खाद्यान्न पर्ची की उपलब्धता नहीं हो पाई है तथा इतना विलंब का क्या कारण है? (ख) क्या यह भी वह हितग्राही जिसे खाद्यान्न पर्ची प्राप्त है जब वह सार्वजनिक उचित मूल्य की दुकान पर जाता है तो वह मशीन से सार्वजनिक उचित दुकानों पर खाद्यान्न हेतु प्राप्त होने वाली पर्ची नहीं मिल पाती है? जिससे खाद्यान्न पर्ची होने के उपरांत उसे बिना खाद्यान्न प्राप्त किये, खाली हाथ लौटना पड़ता है? हाँ तो इसका क्या कारण है तथा ऐसे हितग्राहियों को तत्कालीन व्यवस्था कर खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु शासन से कोई व्यवस्था की जायेगी? हाँ तो उसकी समयावधि क्या होगी? (ग) क्या जिन परिवारों को खाद्यान्न पर्ची विलंब से प्राप्त होती है? उसे पूर्व का खाद्यान्न प्राप्त होगा? हाँ तो किस समयावधि तक का तथा इस संबंध में कोई शासन का आदेश हो तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (घ) वर्तमान में कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें आज दिनांक तक खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध नहीं हो सकी तथा तकनीकी कारणों से पर्ची जनरेट नहीं हो पा रही है? इन्हें कब तक पर्ची उपलब्ध हो पायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 30,985 परिवारों को अनुसूचित जनजाति श्रेणी अंतर्गत सत्यापित किया जाकर पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) उपलब्ध कराई गई है, इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के परिवारों को अन्य पात्रता श्रेणियों में भी सत्यापित किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। अनुसूचित जनजाति के आवेदन करने वाले सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची उपलब्ध कराया जाना शेष नहीं है। स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र में माह फरवरी, 2016 से पात्र परिवारों को पाइंट ऑफ सेल मशीन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण प्रारंभ किया गया है। कुछ पात्र परिवार तकनीकी कारणों से अनमेप/असत्यापित हो जाने के कारण कट गये थे, जिन्हें पुन: मेप/सत्यापन किया जाकर पी.ओ.एस. मशीन से राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की नवीन वितरण व्यवस्था के प्रारम्भ में छोटी-मोटी कमी प्रदर्शित होने पर त्वरित गति से सुधार किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। हितग्राही को पात्रता पर्ची जारी करने के उपरांत ही उसको राशन सामग्री की पात्रता है, इस कारण विगत माहों का राशन उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आवेदन करने वाले पात्र परिवार के रूप में सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है, जिन्हें राशन का वितरण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिक्यूरिटी लायसेंस लिया जाना
75. ( क्र. 1412 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय स्पेशल डी.जी.पी. राज्य औद्योगिक सुरक्षा, पुलिस मुख्यालय भोपाल में सिक्युरिटी का लायसेंस जब एन.पी.एस फेसीलिटीज सिक्यूरिटी ने दाखिल किया तो उस समय प्रस्तुत पेनकार्ड, सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन, पी.एफ रजिस्ट्रेशन, ई.एस.आई.सी. रजिस्ट्रेशन के कागजातों में मात्र एन.पी.एस. फेसीलिटीज दर्ज था? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कंपनी ने दस्तावेजी हेरफेर कर एन.पी.एस. फेसीलिटीज को एन.पी.एस फेसीलिटीज सिक्यूरिटी में बदल दिया? लायसेंस लेने के समय का पता बदलकर जिला इंदौर का कर दिया गया? क्या इसकी जानकारी/अनुमति स्पेशल डी.जी.पी कार्यालय से ली/दी गई? (ग) क्या लायसेंस क्रमांक 720 को 24.06.2014 को जारी किया गया था? क्या उक्त नाम के लायसेंस धारी ने 03.12.2014 को कंपनी का नाम एन.पी.एस फैसलिटीज प्रा.लि. कर दिया? क्या स्पेशल डी.जी.पी. कार्यालय से अनुमति ली गई? अगर नहीं ली गई तो क्या कार्यवाही उक्त कंपनी के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक की गई है? बिन्दुवार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी ने जब प्रायवेट लि. में अपने आपको बदला तो उसके किस-किस डायरेक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया? अवैध रूप से नाम बदलकर, फर्जी दस्तावेज लगाकर यह कंपनी किस-किस स्थान पर कितने कर्मचारी तैनात कर कार्य कर रही है? कब तक इसका लायसेंस स्पेशल डी.जी.पी. कार्यालय द्वारा निरस्त किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। यह कहना सही है कि सर्वप्रथम आवेदक ने जब आवेदन पत्र प्रस्तुत किया तो उस समय प्रस्तुत दस्तावेजों जैसे सर्विस टैक्स, रजिस्ट्रेशन, ई.एस.आई.सी. रजिस्ट्रेशन के कागजातों में मात्र एन.पी.एस. फेसीलिटीज ही दर्ज था, किन्तु गुमाश्ता में एन.पी.एस. फेसीलिटीज सिक्युरिटी शब्द का समावेश था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि वर्णित कम्पनी ने दस्तावेजी हेरफेर कर एन.पी.एस. फेसलिटीज को एन.पी.एस. फेसिलिटीज सिक्युरिटी में बदला गया। आवेदक ने इस कार्यालय के पत्र क्र.निसुए/एफ-720/2013/18-ए/ (991) दिनांक 16.01.2014 के पालन में अपने संस्थान के नाम के साथ ‘‘सुरक्षा’’ (सिक्युरिटी) शब्द का समावेश किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। यह कहना सही नहीं है कि लायसेंस देने के समय उसका पता बदलकर जिला इंदौर कर दिया गया। प्रदाय लायसेंस में पता निम्नानुसार है- N.P.S. FACILITIES SECURITY with office at C/O DEVESH SINGH CHANDEL, NEAR LIC OFFICE KRISHNA NAGAR, SATNA (M.P.) (ग) जी हाँ। यह कहना सही है कि इस कार्यालय द्वारा लायसेंस क्रमांक 720 दिनांक 24.06.2014 को जारी किया गया है, जिसकी वैधता 23.06.2019 तक है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। जी नहीं - कार्यालयीन अभिलेख अनुसार नाम नहीं बदला गया है। (घ) (क) यह कहना सही नहीं है कि उल्लेखित कंपनी ने प्रायवेट लिमिटेड में अपने आप को बदला अतः उसके डायरेक्टरों का पुलिस वेरिफिकेशन का प्रश्न ही नहीं उठता है। यह कहना गलत है कि उपरोक्त एजेंसी अवैध रूप से फर्जी दस्तावेज लगाकर कार्य कर रही है। कंपनी द्वारा त्रैमासिक फार्म 10 की जानकारी में कार्यरत गार्ड की सूची दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। अतः दस्तावेज साक्ष्य के आधार पर लायसेंस निरस्त किये जाने का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालित परियोजनाएं
76. ( क्र. 1427 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत कितनी परियोजनाएं एवं कितने सेक्टर संचालित हैं? जिसमें परियोजना अधिकारी एवं कितने सेक्टर सुपरवाइजर के पद स्वीकृत हैं जिसमें कितने भरे हुए हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र गाडारवारा में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र तथा कितने मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? क्या कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर सुपरवाइजर एवं सहायिकाओं के रिक्त पद की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत 02 एकीकृत बाल विकास परियोजनायें तथा 11 सेक्टर स्वीकृत हैं। इन परियोजनाओं में परियोजना अधिकारी एवं सुपरवाईजर के स्वीकृत भरे एवं रिक्त पद की जानकारी निम्नानुसार है :-
परियोजना का नाम |
पदनाम |
स्वीकृत पद |
भरे पद |
रिक्त पद |
चीचली |
परियोजना अधिकारी |
01 |
00 |
01 |
सेक्टर सुपरवाईजर |
05 |
05 |
00 |
|
सांईखेड़ा |
परियोजना अधिकारी |
01 |
00 |
01 |
सेक्टर सुपरवाईजर |
06 |
05 |
01 |
(ख) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कुल 270 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 16 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें 269 कार्यकर्ता एवं 267 सहायिकाएं तथा 16 मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं पदस्थ हैं तथा 01 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 03 आंगनवाड़ी सहायिका के पद रिक्त हैं। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। पदों की रिक्ति होना तथा उनकी पूर्ति करना निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अत: निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में संचालित नल-जल योजनाएं
77. ( क्र. 1428 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं, जिसमें कितनी योजनाएं टंकियों द्वारा संचालित हैं तथा कितनी टंकी रहित है? (ख) क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हैं तथा किस कारण से बंद हैं? बंद योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जाएगा? (ग) क्या बंद योजनाओं में विद्युत कनेक्शन न होने के कारण काम बंद है? इसके लिए कौन दोषी है? इसकी जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कर बंद योजनाओं को शीघ्र चालू किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 97 योजनाएं संचालित हैं जिनमें से 60 योजनाएं टंकीयुक्त एवं 37 योजनाएं टंकी रहित हैं। (ख) 8 योजनाएं बंद हैं, जिनमें से 5 योजनाएं पाईप लाईन क्षतिग्रस्त होने से एवं 3 योजनाएं ट्रांसफार्मर की खराबी से बंद हैं। इन योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है अतः निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ग) जी नहीं। कोई दोषी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु औषधालय की मांग
78. ( क्र. 1436 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बामखल एवं बिटनेरा (भीकनगांव) में पशु औषधालय की मांग की जाती रही है इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने-कितने पत्र प्राप्त हुए और उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई दिनांकवार बतावें? (ख) क्या पशु औषधालय घेगांवा (खरगोन) के कार्य क्षेत्र में मात्र एक ही ग्राम घेगांवा ही है जबकि ग्राम बामखल में पशु पालकों की संख्या अधिक है तो क्या उक्त पशु औषधालय को घेगांवा से ग्राम बामखल में स्थानांतरित किया जायेगा हाँ तो कब नहीं तो क्यों कारण सहित जानकारी दें? (ग) उक्त पशु औषधालय से वर्तमान में कितने पशुपालकों को लाभांवित किया जा रहा है और कैसे और ग्राम बामखल में उक्त पशु औषधालय स्थानांतरित होने के उपरांत कितने पशुपालकों को लाभांवित किया जा सकता है सर्वे कर रिपोर्ट सहित जानकारी दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बामखल हेतु आवेदन अप्राप्त है। ग्राम बिटनेरा में नवीन पशु औषधालय खोलने के लिए माँग पत्र माननीय श्री सचिन यादव जी (प्रश्नकर्ता) के पत्र क्रमांक 05/kgn/pa/12.4.15 के द्वारा कार्यालय उप संचालक प.चि.से. खरगोन को प्राप्त हुआ है। ग्राम बिटनेरा में नवीन पशु औषधालय स्वीकृत किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्र, घेगावां के अन्तर्गत कुल 6 ग्राम पान्यादड, सांईंखेडी, डेहरी, भमोरी बुर्ग., घमास्या आते हैं, जिनमें कृ.ग. तथा अन्य पशु चिकित्सा सुविधाएं संस्था के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। उक्त 6 ग्रामों के पशुधन की विभिन्न चिकित्सा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उक्त कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्र घेगावां जरूरी होने के कारण इसे बामखल स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में कृ.ग. उपकेन्द्र घेगांवा द्वारा कुल 2772 पशु पालकों को लाभान्वित किया जा रहा है। कृ.ग. उपकेन्द्र घेगांवा द्वारा अधीनस्थ ग्रामों के पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान, उपचार, औषधि वितरण, बधियाकरण, शल्य क्रिया, टीकाकरण आदि पशु चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही है। कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्र घेगावां को ग्राम बामखल स्थानांतरित किया जाना विचाराधीन नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पात्र परिवारों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण
79. ( क्र. 1437 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 जिला खरगोन की तहसील कसरावद, भीकनगांव अंतर्गत कुल कितने परिवार खाद्यान्न प्राप्त करने की पात्रता में आते? क्या पात्रतानुसार सभी परिवारों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कितने परिवार अभी तक खाद्यान्न पर्ची प्राप्त करने से वंचित हैं? तहसीलवार संख्या सहित जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तहसीलों के सैकड़ों अनुसूचित जाति पंजीकृत सुरक्षा श्रमिक एवं अन्य हजारों पात्र परिवार अभी भी खाद्यान्न पर्ची से वंचित रहने के कारण पी.डी.एस. के तहत प्राप्त होने वाले खाद्यान्न एवं केरोसिन से वंचित हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? विलंब के लिये दोषियों का उत्तरदायित्वों का निर्धारण कर शत्-प्रतिशत पात्र परिवारों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण कब तक कर दिया जायेगा? (ग) क्या खाद्यान्न पर्ची के लिये पात्र परिवारों को अभी तक पर्ची नहीं मिलने से खाद्यान्न से वंचित परिवारों को पूर्व के माहों का खाद्यान्न दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? खाद्यान्न पर्ची के पात्र परिवारों को पर्ची वितरण हेतु समय-समय पर प्रश्नकर्ता द्वारा जिला स्तर पर कलेक्टर व संबंधित अधिकारियों को कितने-कितने पत्र प्राप्त हुए और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत जिला खरगोन की तहसील कसरावद, भीकनगांव अंतर्गत 74,754 सत्यापित परिवारों को खाद्यान्न प्राप्त करने की पात्रता है। जी हाँ। आवेदन करने वाले सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु निर्धारित जनसंख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक पात्र परिवारों का सत्यापन होने तथा उनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन की आवश्यकता होने के कारण माह अप्रैल से जून, 2016 तक की अवधि में सत्यापित परिवारों में से बोगस एवं दोहरे परिवारों का विलोपन की कार्यवाही किए जाने के कारण उक्त अवधि में सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, जिनकी पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी की जाकर माह जुलाई, 2016 से राशन का वितरण किया जाएगा, इसके लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) हितग्राही को पात्रता पर्ची जारी करने के उपरांत ही उनको राशन सामग्री की पात्रता है, इस कारण विगत माहों का राशन उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। माननीय सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 22.06.2016 को प्राप्त हुआ, पत्र में उल्लेख अनुसार ग्राम साला-22 एवं रोडिया-28 में नवीन अनुसूचित जाति/जनजाति के सत्यापित परिवारों की पात्रता पर्ची जारी कर वितरित की जा चुकी है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन
80. ( क्र. 1452 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 10 जनवरी 2016 को धार प्रवास के दौरान ग्राम तिरला विकासखण्ड, तिरला जिला धार में पेय-जल योजना की घोषणा की गई है? (ख) क्या तिरला ग्रामीण पेय-जल योजना हेतु शासकीय नीति एवं नियमानुसार 3 प्रतिशत की जनसहयोग की राशि ग्रामीणों द्वारा एकत्रित कर विभाग को उपलब्ध करवा दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या तिरला ग्रामीण पेय-जल योजना की डी.पी.आर. तैयार होकर स्वीकृति हेतु प्रकरण शासन को प्रेषित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो उस पर से विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (घ) तिरला ग्रामीण पेय-जल योजना की स्वीकृति तथा कार्य प्रारंभ की संभावित समयावधि से अवगत करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) तिरला समूह जलप्रदाय योजना की डी.पी.आर. लागत रूपये 412.00 लाख की तैयार की गई है, जिसका तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है। (घ) योजना की स्वीकृति एवं कार्य आरंभ की निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
कृषकों द्वारा की गई आत्महत्याएं
81. ( क्र. 1462 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग अंतर्गत शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया जिलों में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसानों ने आत्महत्या की हैं? (ख) प्रशासन ने पीडि़त किसान के परिवार को कितनी राहत राशि प्रदान की है? (ग) क्या उपरोक्त अवधि एवं उपरोक्त जिलों के किसानों द्वारा की गई आत्महत्या के लिये किसी अधिकारी या किसी अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ है? यदि हाँ, तो उसका विवरण दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) शहडोल संभाग अंतर्गत शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया जिले में जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक 73 किसानों ने आत्महत्या की। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आत्महत्या करने पर किसी प्रकार की सहायता का प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं
आदिवासियों पर बनाये गये शराब प्रकरण
82. ( क्र. 1463 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग अंतर्गत शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया जिलों में गत तीन वर्षों में किस-किस थाने के अंतर्गत कितने आदिवासियों पर कितनी शराब के प्रकरण बनाये गये? उनमें कितने आदिवासियों को थाने से जमानत दी गई तथा कितने आदिवासियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश से जेल भेजा गया? (ख) क्या शासन द्वारा आदिवासियों को शराब के संबंध में कोई छूट दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसके उपरांत भी आदिवासियों पर शराब के प्रकरण बनाये जाने का क्या कारण रहा है? (ग) आदिवासियों पर शराब के प्रकरण बनाने और उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत करने के पूर्व क्या कलेक्टर से अनुमति प्राप्त किये जाने संबंधी शासन के कोई दिशा निर्देश है? यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों में कलेक्टर से अनुमति ली गई? (घ) न्यायालय में आदिवासियों के विरूद्ध प्रस्तुत प्रकरण वापस लिये जाने के संबंध में भी शासन ने कोई आदेश दिये हैं? यदि हाँ, तो उस आदेश के तहत कितने प्रकरण वापस हुये? यदि वापस नहीं हुये तो कारण बतायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थानावार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ ’ब’ एवं ’स’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। आदिवासियों पर शराब के प्रकरण विनिर्मित करने के बजाय परिवहन करने एवं अवैध रूप से बिक्री करने के कारण बनाये जाते हैं। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी हाँ। शेष जानकारी संकलित की जा रही है।
थाना मंगलवारा का निर्माण कार्य
83. ( क्र. 1466 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना मंगलवारा भोपाल के भवन निर्माण हेतु नगर निगम भोपाल से भवन अनुज्ञा प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो क्या थाना मंगलवारा भोपाल के भवन निर्माण में खसरा नम्बर 1236 की 1746 वर्गफीट भूमि पर निर्माण किसके आदेश से कराया जा रहा है? थाना मंगलवारा भोपाल की नजूल एन.ओ.सी. प्रकरण में खसरा नम्बर 1236 की 1746 वर्गफीट की नजूल एन.ओ.सी. निरस्त होने के बावजूद भी निर्माण कार्य किसके आदेश से किया जा रहा है? (ख) अगर ऐसा है तो बगैर नगर निगम की भवन अनुज्ञा के थाने का भवन निर्माण कराया जा रहा है और निरस्त हुई नजूल एन.ओ.सी. के बावजूद भी किन अधिकारियों के आदेश से निर्माण कार्य जारी रखा गया है? क्या उन अधिकारियों के विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि नजूल एन.ओ.सी. व नगर निगम भवन अनुज्ञा व अन्य सक्षम स्वीकृतियां प्राप्त नहीं की थी तो किस आधार पर थाना मंगलवारा बनाने की निविदा आमंत्रित की गई और सक्षम स्वीकृति न होते हुए भी निविदा स्वीकार कर किस आधार पर कार्यादेश जारी किए गए? क्या इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों एवं पुलिस कार्पोरेशन के जिम्मेदारों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या इस सब प्रश्नों में अगर तथ्यात्मक सिद्ध होता है कि सक्षम स्वीकृतियां प्राप्त नहीं की गई है तो कानून के रक्षकों के द्वारा कानून का उल्लंघन करना पाया जाता है तो कानून का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) निर्माण प्रारम्भ करने के पूर्व दिनांक 21.03.2016 का नजूल अधिकारी शहर वृत्त भोपाल से अनापत्ति प्राप्त की गई है तथा दिनांक 26 मार्च 2016 को नगर निगम भोपाल को भवन अनुज्ञा हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। एक माह की अवधि व्यतीत हो जाने पर धारा 293 (1) (IV) (a) तथा 295 (3) के अनुसार निर्माण प्रारम्भ किया गया। अनुज्ञा आवेदन की छायाप्रति तथा धारा 293 का उद्धरण पुस्तकालय में रखे गए परिशिष्ट अनुसार है। नजूल विभाग द्वारा दिनांक 6.06.2016 का अनुमति निरस्त करने के बाद वर्तमान में निर्माण कार्य रोक दिया गया है। (ख) उत्तरांश ’क’ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नशे की लत से खुदकुशी
84. ( क्र. 1467 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्या भोपाल पुलिस की रिपोर्ट में भोपाल के अधिकांश युवा/युवती/महिलाएं नशे की चपेट में आने से खुदकुशी जैसे मामले अधिक मात्रा में घटित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो जो नाबालिग बच्चे नशे की लत के आदि होते जा रहे हैं, उनकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल जिला पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार किस-किस वर्ष में किस-किस थानांतर्गत युवा/युवती/ महिलाओं ने किन-किन कारणों से आत्महत्या की और नाबालिग बच्चों को नशे की लत से निजात दिलाने एवं उस पर नियंत्रण की क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क)-(ख) के परिप्रेक्ष्य में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर एवं नशे की लत पर अंकुश लगाने हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भोपाल जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक आत्महत्या करने वाले कुल 679 युवा/युवती/महिलाओं में से 43 द्वारा नशे के कारण आत्महत्या की गई है। नशे की लत की रोकथाम के लिये पुलिस द्वारा नगर सुरक्षा समिति/ग्राम सुरक्षा समिति/शांति समिति के माध्यम से मोहल्ले व ग्रामों में जनसंवाद आयोजित कर नशे से होने वाले दुष्परिणामों से बचने की समझाईश दी जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) सामाजिक न्याय विभाग द्वारा समाज में नशा सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति, खासकर युवा वर्ग एवं नाबालिग बच्चों को नशे की लत से दूर करने के लिए प्रचार-प्रसार के माध्यम से नशा के दुष्परिणामों को बताया जाकर, नशामुक्ति के लिए वातावरण तैयार किया जा रहा है। इस हेतु कलापथक दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कलामण्डलियों, स्वैच्छिक संस्थाओं, विद्यालयों, महाविद्यलयों के माध्यम से जन जागृति के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा स्वैच्छिक संस्थाओं को नशामुक्ति सह पुनर्वास केन्द्र की स्थापना/संचालन के लिए 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा इंदौर, ग्वालियर, नीमच, उज्जैन, सीहोर, रीवा, भोपाल, श्योपुर, राजगढ़, सीधी, बालाघाट, गुना, पन्ना, जबलपुर, विदिशा एवं खण्डवा में नशामुक्ति सह पुनर्वास केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। भोपाल जिला अंतर्गत छात्र/छात्राओं/युवा/युवतियों/नाबालिगों को नशे की लत से मुक्त कराने हेतु समय-समय पर नगर सुरक्षा समिति/ग्राम रक्षा समिति के माध्यम से नशा नहीं करने के संबंध में मोहल्ला एवं ग्रामों में जन संवाद आयोजित कर नशे से होने वाले दुष्परिणामों से बचने की समझाईश दी जाती है। सार्वजनिक स्थलों जैसे रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड एवं प्रमुख चौराहों पर यातायात पुलिस द्वारा लाउड स्पीकर के माध्यम से व इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले द्वारा तथा स्कूल कालेजों में पुलिस द्वारा समय-समय पर नशामुक्ति बाबत् कार्यशाला आयोजित की जाकर पम्पलेट वितरित किये जाते है। नशा करने वाले छात्र/छात्राओं/युवा/ युवतियों/नाबालिगों को नशे से मुक्त कराने हेतु एन.जी.ओ. के माध्यम से काउंसलिंग कराकर नशामुक्ति केन्द्र में भेजकर सामाजिक पुर्नवास की कार्यवाही कराई जाती है। नशे पर अंकुश हेतु 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक आबकारी एक्ट के तहत 4048 प्रकरण एवं एन.डी.पी.एस. एक्ट के 89 प्रकरण बनाये गये।
प्रशिक्षण के लिए आवंटित राशि
85. ( क्र. 1477 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को प्रत्या-स्मरण प्रशिक्षण 02 वर्ष के अंतराल में प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो छिंदवाड़ा जिले के प्रत्या-स्मरण प्रशिक्षण केन्द्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को यह प्रशिक्षण 04 से 05 वर्ष की अवधि में प्रदान किया जा रहा है, यदि हाँ, तो क्या इसके लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदार है? यदि हाँ, तो उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) विभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के प्रत्या-स्मरण प्रशिक्षण के लिए किन-किन मदों से कितनी राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है? क्या प्रत्या-स्मरण प्रशिक्षण हेतु राशि विभाग द्वारा प्रशिक्षण के पूर्व आती है या प्रशिक्षण के पश्चात् आती है? (ग) छिंदवाड़ा जिले के प्रत्या-स्मरण प्रशिक्षण केन्द्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं से ट्रेनिंग के दौरान मेस अग्रिम हेतु 1000 रू. से 3000 रू. तक की राशि जमा कराई जाती है? क्या अग्रिम राशि जमा कराया जाना नियम में है? क्या मेस अग्रिम की राशि को पुन: आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के खातों में जमा कर दिया जाता है। अगर वापिस कर दिया जाता है तो वर्ष 2010 से वर्ष 2016 तक की जानकारी बिन्दु क्र. 01 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका का नाम व पता, 02. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के बैंक एकाउंट में डाली गई राशि का चैक क्रमांक व बैंक से प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करायें। अगर मेस अग्रिम की राशि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के खाते में नहीं डाली गई है तो कब डाल दी जायेगी? समय-सीमा बतायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को मूलभूत प्रशिक्षण प्राप्त करने के दो वर्ष अंर्तराल में प्रत्या-स्मरण प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है। प्रत्या-स्मरण प्रशिक्षण से पूर्व मूलभूत प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है। मूलभूत प्रशिक्षण प्राप्ति के दो वर्ष अंतराल में प्रत्या-स्मरण प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रदेश में मात्र 26 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण केन्द्र भारत सरकार से स्वीकृत होकर संचालित है। अत: मूलभूत प्रशिक्षण अप्राप्त कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की संख्या बहुत अधिक होने के कारण प्रत्या-स्मरण प्रशिक्षण देने में 2 वर्ष से अधिक का समय लग रहा है। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण केन्द्रों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार से 60:40 अनुपात में मांग संख्या 55-2235-02-102-0658-42-0701-V-007 में बजट प्राप्त होता है। अशासकीय प्रशिक्षण संस्थाओं को वित्तीय वर्ष में दो किश्तों में अनुदान दिया जाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु भारत सरकार के निर्धारित मापदण्ड निम्नानुसार है :- (राशि प्रति बैच अनुसार) कार्यकर्ता -मूलभूत-2,40,250/-, कार्यकर्ता प्रत्या-स्मरण-68,000/- सहायिका-मूलभूत-90,000/-, सहायिका प्रत्या-स्मरण-66,500/- (ग) प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं से प्रशिक्षण के दौरान मेस अग्रिम प्राप्त करने का कोई नियम अथवा निर्देश नहीं है। छिंदवाडा प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा मेस अग्रिम जमा करने की कार्यवाही की विस्तृत जाँच जबलपुर संयुक्त संचालक से कराई जा रही है।
पुलिस चौकी रावनवाड़ा का उन्नयन
86. ( क्र. 1478 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस चौकी रावनवाड़ा को थाने में उन्नयन किए जाने का प्रस्ताव पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा एकल नस्ती क्र. पु.मु./18/यो (3) /04/2016 दिनांक 23.03.2016 के माध्यम से स्वीकृति हेतु राज्य शासन को भेजा जा चुका है? जिस पर राज्य शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस चौकी रावनवाड़ा को थाने में उन्नयन किए जाने का प्रस्ताव इस वर्ष के बजट में प्रस्तावित किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक प्रस्तावित किया जायेगा? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस चौकी रावनवाड़ा को थाने में उन्नयन किए जाने के संबंध में पिछले विधान सभा सत्र के प्रश्न काल के दौरान मंत्री जी द्वारा अवगत कराया गया था कि पुलिस चौकी रावनवाड़ा को थाने में उन्नयन किए जाने के संबंध शीघ्र ही कार्यवाही की जायेगी? इस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) जी नहीं, पुलिस बल के 6250 नए पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव विचाराधीन है। पदों की स्वीकृति के पश्चात् ही बजट में प्रावधान किया जावेगा। (ग) उत्तरांश ‘क‘ एवं ‘ख‘ अनुसार।
दर्ज प्रकरण पर कार्यवाही
87. ( क्र. 1483 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना महिदपुर जिला उज्जैन में दि. 03.06.16 को दर्ज प्रकरण क्र. 194/2016, 195/2016, 196/2016, 198/2016 में कुल कितने आरोपी हैं? इनमें किन-किन धाराओं में किन-किनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज हुए? (ख) इनमें आरोपी कितने गिरफ्तार हुए? कितने फरार हैं एवं कितने अज्ञात हैं? पूरी सूची देवें? (ग) फरार आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक होगी एवं अज्ञात आरोपियों की पहचान कब तक होगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) फरार आरोपीगणों की गिरफ्तारी के संबंध में विधि अनुसार विवेचना की जा रही है। प्रकरणों की विवेचना में साक्ष्य के आधार पर अज्ञात आरोपियों में से 7 का पता कर गिरफ्तार किया गया है। विवेचना की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
महिदपुर की जल निगम योजना
88. ( क्र. 1484 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में जल निगम के अंतर्गत कितनी राशि की योजनाएं स्वीकृत हैं? योजना नाम, स्वीकृत दिनांक, कार्यपूर्णता दिनांक, लागत सहित बतावें? (ख) कार्यों की गुणवत्ता की जाँच किस स्तर के अधिकारी से करवाई जा रही है? (ग) क्या निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कार्य हो रहा है? यदि नहीं, तो संबंधित ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में जल निगम के अंतर्गत रूपये 1252.37 लाख की लागत से अरनिया बहादुर समूह जलप्रदाय योजना की दिनांक 05.07.2013 को प्रशासकीय स्वीकृति दी गयी है। योजना के कार्य प्रगति पर होने से पूर्णता दिनांक नहीं बतायी जा सकती है। (ख) कार्यों की गुणवत्ता की जाँच सुपर विजन एवं क्वालिटी कंट्रोल कंसल्टेंट फर्म मेसर्स आर.व्ही. एसोसिएट्स, हैदराबाद के माध्यम से उप महाप्रबंधक एवं उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा की जाती है। (ग) जी हाँ, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
बोर खनन की सामग्री का अभाव
89. ( क्र. 1487 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले में बोर खनन के उपरांत राइजिंग पंप, हैण्डपंप, मोटर पंप इत्यादि सामग्री क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? विगत 2 वर्षों में ये सामग्री उपलब्ध कराई गई हो तो उसकी सूची सामग्री नाम, ग्राम नाम सहित विधान सभा क्षेत्रवार देवें? (ख) बोर खनन के कितने समय पश्चात् आवश्यक सामग्री लगाकर प्रारंभ होना चाहिए? इसके नियम की छायाप्रति भी देवें? (ग) विगत 2 वर्षों के बोर खनन की सूची बड़वानी जिले में विधान सभावार वर्तमान जल उपलब्धता/अनुपलब्धता सहित देवें? (घ) क्या उपरोक्त साधनों के लिए विभाग को बजट आवंटित नहीं किया जा रहा? प्रश्नांश (क) अनुसार सामग्री की अनुपलब्धता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर सामग्री उपलब्ध कराएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) बड़वानी जिले को राइजर पाईप, हैण्डपंप, मोटरपंप इत्यादि सामग्री उपलब्ध करवाई गई है। विगत 02 वर्षों में उपलब्ध करवाई गई सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बोर खनन उपरांत पर्याप्त जल आवक क्षमता प्राप्त होने पर अनुबंध की शर्त अनुसार अधिकतम 10 दिवस में आवश्यतानुसार हैंडपंप/मोटर पंप स्थापना का कार्य किया जाता है, इसका कोई नियम नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) विभाग को आवश्यकतानुसार बजट आवंटित हो रहा है। उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाएं
90. ( क्र. 1488 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम-भामी, नरावला, ठान, जाहुर एवं बड़वानी जिले के अन्य ग्रामों में लाखों रू ग्राम पंचायतों की नल-जल योजनाओं में व्यय किए जाने के उपरांत भी पेय-जल प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध नहीं पा रहा है, ऐसा क्यों? इसका कारण स्पष्ट करें? (ख) जिन तकनीकी कमियों के कारण ग्रामवासियों को पेय-जल उपलब्ध नहीं हो रहा है इनके कारणों को जानने के लिए भोपाल की उच्च स्तरीय टीम बनाकर कब तक जाँच करवाई जावेगी, जिससे भविष्य में ऐसी कमियों की पुनरावृत्ति न हो एवं शासकीय धन के अपव्यय से बचा जा सके? इसकी समय-सीमा बतावें? (ग) यदि जाँच नहीं करवाई जावेगी तो इसका कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्न (क) में वर्णित ग्रामों एवं राजपुर विकासखण्ड के अन्य ग्रामों में ये नल-जल योजनाएं कब तक सुचारू होगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्राम भामी की नल-जल योजना जो कि विवाद के कारण बंद थी, विवाद निराकरण हो जाने के उपरांत वर्तमान में चालू है। ग्राम नरावला की पेय-जल योजना ग्राम पंचायत द्वारा नहीं चलाये जाने से बंद है। ग्राम ठान की पेय-जल योजना के अंतर्गत स्त्रोत आर.सी.सी. कूप निर्माणाधीन है जिसके पूर्ण होने पर पेय-जल प्रदाय किया जायेगा। ग्राम जाहुर के जरखड़िया, काकड़ एवं अखड़िया फलिया की जलप्रदाय योजना चालू है। बड़वानी जिले में कुल 308 नल-जल योजनायें है जिसमें से 303 योजनायें चालू एवं 05 योजनायें बंद है। स्त्रोत समाप्त हो जाने से 04 बंद नल-जल योजनाओं के स्त्रोत का निर्माण विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। अन्य कारण से बंद 01 नल-जल योजना को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का है। (ख) तकनीकी कमियों के कारण कोई योजना बंद नहीं है। अतः जाँच करवाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) के अनुसार। निश्चित समय-सीमा नहीं बतायी जा सकती।
आंगनवाड़ी सहायिका को मानदेय का निर्धारण
91. ( क्र. 1516 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत मजदूरी की दर प्रति दिवस कितनी निर्धारित की गई है? (ख) म.प्र. में कुल कितनी आंगनवाड़ी सहायिका कार्यरत हैं? प्रत्येक आंगनवाड़ी सहायिका को माहवार कितना वेतन दिया जाता है? जो वेतन दिया जाता है, वह प्रति दिवस के अनुसार कितना बनता है? (ग) क्या शासन द्वारा निर्धारित मजदूरी दर एवं आंगनवाड़ी में कार्य करने वाली सहायिकाओं को दिये जा रहे प्रति दिवस वेतन में असमानता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या शासन सहायिकाओं को भी मजदूरी की दर के समान वेतन देने हेतु प्रस्ताव पारित करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अन्तर्गत 01-04-2016 से अकुशल श्रमिकों के लिए दैनिक न्यूनतम मजदूरी दर प्रतिदिन रूपये 167/- निर्धारित की गई है। (ख) प्रदेश में 05 जुलाई 2016 की स्थिति में आंगनवाड़ी सहायिका कुल 79109 कार्यरत है। भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी सहायिका का पद मानसेवी रखा गया है। इनके मानदेय का निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर से अतिरिक्त मानदेय राशि का भुगतान किया जाता है, जिसका विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. विवरण
भारत सरकार
देय राज्य सरकार
द्वारा देय कुल
प्राप्त होने
मानदेय
दर अतिरिक्त
मानदेय वाली
राशि
1.
आंगनवाड़ी रूपये
1500/- रूपये
1000/- रूपये
2500/-
सहायिका प्रतिमाह
प्रतिमाह प्रतिमाह
आंगनवाड़ी सहायिका को मासिक आधार पर मानदेय दिया जाता है, प्रतिदिन के मान से भुगतान नहीं किया जाता है। अतः शेष का प्रश्न नहीं। (ग) उत्तर ‘‘ख’’ के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। (घ) जी नहीं।
जेल में बंद कैदियों की संख्या एवं मृत कैदियों की संख्या
92. ( क्र. 1519 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश की जेलों में बंद सजा काट रहे कैदी एवं विचाराधीन कैदियों की संख्या 01 जून 2016 को पुरूष एवं महिला केटेगिरी में सामान्य वर्ग, आरक्षित वर्ग, अल्पसंख्यक के अनुसार बतावें। (ख) प्रदेश की जेलों की स्थिति सुधारने हेतु पिछले पाँच वर्षों में शासन स्तर पर क्या प्रयास किये गये। (ग) क्या जेलों में बंद कैदी तथा विचाराधीन कैदियों को एक ही बैरक में या अलग-अलग बैरक में रखा जाता है उन्हें अलग-अलग बैरक में क्यों नहीं रखा जाता? (घ) पिछले पाँच वर्षों में जेल में कितने कैदियों की मृत्यु हुई उसके कारण क्या थे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश की जेलों की स्थिति सुधारने हेतु पिछले पाँच वर्षों में प्रदेश में 03 नई जेलें प्रारम्भ की गई, 105 बैरिक बनाये गये, मुलाकात व्यवस्था सुरक्षित एवं आधुनिक बनाई गई एवं जेलों में सेनीटेशन व भवन संबंधी व्यापक सुधार कार्य कराये गए। जेलों की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिये जेलों पर सी.सी.टी.व्ही./बैगेज स्कैनर की स्थापना करायी गई एवं हेड मेटल डिटेक्टर उपलब्ध कराये गए। संवेदनशील बंदियों की ऑन-लाईन पेशी की व्यवस्था हेतु वीडियो कान्फ्रेंसिंग की स्थापना करायी गई। इसके अतिरिक्त बंदियों के लिये कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु जिला जेल बैतूल एवं धार में आई.टी.आई. की स्थापना की गई है, जहाँ विभिन्न ट्रेडों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। केन्द्रीय जेल भोपाल/उज्जैन पर भी इसी वर्ष आई.टी.आई. प्रारम्भ की जा रही है जहाँ विभिन्न ट्रेडों का प्रशिक्षण बंदियों को दिया जावेगा। बीमार बंदियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो इस हेतु जेलों के लिए एम्बुलेंस क्रय कर उपलब्ध करायी गई है। (ग) जेलों में दंडित तथा विचाराधीन बंदियों को अलग-अलग बैरिक में रखा जाता है, किन्तु विचाराधीन बंदियों की बैरिक की सुरक्षा, अनुशासन एवं रात्रि पहरे हेतु कुछ दंडित बंदियों (सी.ओ./सी.एन.डब्ल्यू.) को विचाराधीन बंदियों के साथ तथा विशेष परिस्थितियों में माननीय न्यायालयों के आदेश अथवा सुरक्षा की दृष्टि से कुछ विचाराधीन बंदियों को दंडित बंदियों के साथ रखा जाता है। (घ) पिछले पाँच वर्षों (01 जनवरी, 2011 से 30 जून, 2016 तक) में प्रदेश की जेलों के कुल 635 बंदियों की मृत्यु हुई है। इन बंदियों में से 612 बंदियों की मृत्यु स्वाभाविक रूप से विभिन्न बीमारियों जैसे टी.बी., हार्ट अटैक, मलेरिया, डायरिया, कैंसर आदि के कारण, 12 बंदियों द्वारा फाँसी लगाकर आत्महत्या करने, 01 बंदी की पेशी के दौरान पुलिस अभिरक्षा में बाहरी व्यक्ति द्वारा गोली मारने, 01 बंदी की एम.वाय. अस्पताल, इन्दौर में भर्ती रहने के दौरान बाहरी व्यक्ति द्वारा गोली मारने, 01 बंदी की जेल में अन्य बंदी द्वारा गोली मारने, 01 बंदी की बाहर कमान में गाये चराने के दौरान डंपर की टक्कर से, 01 बंदी की स्वयं के गले में नुकीली वस्तु से चोट पहुँचाने, 01 बंदी की जेल बैरिक में करंट लगने से, 01 बंदी की जेल के अंदर बिजली के खम्भे से कूदने के कारण, 01 बंदी की जेल के अन्य मानसिक रोगी बंदी द्वारा सिर में लोहे की बाल्टी मारने के कारण, 01 महिला बंदी की जेल प्रविष्ट होते ही जहरीला पदार्थ खाने, 01 बंदी की जेल में विद्युत वायरिंग को उखाड़कर तारों को पकड़ लेने से करंट लगने के कारण तथा 01 बंदी की जेल गौ-शाला में सांड द्वारा हमला करने से मृत्यु हुई है।
पुलिस विभाग के अधिकारियों पर चल रहे मुकदमें
93. ( क्र. 1520 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में पुलिस विभाग में किस-किस कैडर के कितने अधिकारियों के पद स्वीकृत हैं और उसके ऐवज में कितने कार्यरत् हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यरत् अधिकारियों में कितने अधिकारी विगत तीन वर्ष में प्रश्न दिनांक तक अपने सेवाकाल में नौकरी से सस्पेंड हुये या लाईन अटैच किये गये उनकी कैडर अनुसार नाम सहित सूची देवें तथा बतावें कि वह कितनी-कितनी बार सस्पेंड हुये। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों में कितनों पर पुलिस थानों में प्रकरण दर्ज हुआ, लोकायुक्त अथवा ई.ओ.डब्ल्यू. में प्रकरण दर्ज हुआ उनका नाम, प्रकरण पर अंतिम न्यायालयीन निर्णय सहित सूची प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों पर किस केडर के कितने अधिकारियों पर विभागीय जाँच लंबित है जिन अधिकारियों पर जाँच 3 साल से ज्यादा समय से लंबित है उनकी सूची प्रदान करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे क्रमश: परिशिष्ट के प्रपत्र-स-1 एवं स-2 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। तीन वर्ष से अधिक से लंबित विभागीय जाँच प्रकरणों की जानकारी निरंक।
खाद्यान्न कूपन में गड़बड़ी
94. ( क्र. 1523 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में सागर जिले में खाद्यान्न कूपन तैयार करने, उनके वितरण व उनके माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराये जाने में गड़बडि़यों के क्या-क्या मामले विभाग के संज्ञान में विभिन्न माध्यमों से आये हैं? इन पर सुधारात्मक की गई कार्यवाही बतावें। (ख) क्या खाद्यान्न कूपन में गड़बड़ी, उनके वितरण, उनको डिलीट कर दिया जाना समय पर उपलब्ध न कराया जाना, थम्ब इंप्रेशन में गड़बड़ी जैसी अनेक समस्यायें उत्पन्न हुई? इनको लेकर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) वर्तमान में कितने पात्र परिवारों को कूपन उपलब्ध नहीं कराये जा सके हैं और क्यों? रोजगार की तलाश में पलायन कर गये परिवार के मुखिया की अनुपस्थिति में परिवार को खाद्यान्न न दिये जाने के मामले में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक ऐसे परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सागर जिले में विगत एक वर्ष में खाद्यान्न पात्रता पर्ची तैयार करने एवं उनको वितरण करने के संबंध में कुल 357 तथा खाद्यान्न वितरण न होने संबंधी 14 शिकायतें जिला स्तर पर प्राप्त हुई हैं। प्राप्त शिकायतों का विवरण एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सागर जिले में पात्र परिवारों को पी.ओ.एस. मशीन से उनके समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर राशन वितरण किए जाने की व्यवस्था लागू होने के कारण आधार आधारित (थम्ब इंप्रेशन) वितरण के संबंधी समस्या आने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्रता पर्ची के जारी करने एवं वितरण के संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार है। (ग) सागर जिले में कुल 4,60,327 परिवारों का सत्यापन किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। आवेदन करने वाले सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं पात्रता पर्ची जारी किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। परिवार के मुखिया के अतिरिक्त अन्य सदस्य भी उचित मूल्य दुकान से राशन सामग्री क्रय कर सकता है। साथ ही, यदि कोई परिवार किसी माह के दौरान उस माह की पात्रतानुसार राशन सामग्री क्रय नहीं कर पाता है तो ऐसी शेष सामग्री अगले माह में प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
पेय-जल संकट के समाधान हेतु समुचित कार्यवाही
95. ( क्र. 1524 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सितम्बर 2015 में सागर जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था? यदि हाँ, तो तदोपरांत ग्रीष्मकाल में पेय-जल संकट के समाधान के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या योजनायें बनाई गई थीं? विभाग द्वारा उक्त जिले में पेय-जल समस्या के निराकरण हेतु क्या-क्या कार्य किये? कार्यवार विवरण दें? (ख) सागर जिले में बुन्देलखण्ड पैकेज से निर्मित कुल कितनी नल-जल योजनाओं से ग्रामीणों को मार्च-अप्रैल-मई 2016 में पेय-जल उपलब्ध कराया गया? उक्त अवधि में कितनी योजनायें किस-किस कारण से बंद रही और क्यों? कारण बतावें? (ग) जिले में हैण्डपंप संधारण का कार्यादेश किसे और कब जारी किया गया? मई 2016 में ग्रीष्मकाल बीत जाने के बाद विलम्ब से हैण्डपंप संधारित कराने के लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) जिले में पेय-जल संकट का समुचित समाधान न कर पाने, विलंब से कार्य कराने, घटिया निर्माण कराने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? यदि नहीं, तो समय रहते योजनाओं का क्रियान्वयन क्यों नहीं किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सागर जिले में बुंदेलखंड पैकेज से निर्मित 225 नल-जल योजनाओं से ग्रामीणों को मार्च, अप्रैल एवं मई 2016 में पेय-जल उपलब्ध कराया गया। 103 योजनाएं बंद रहीं कारणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हैण्डपंप संधारण कार्य हेतु कोई कार्यादेश किसी भी ठेकेदार को जारी नहीं किया गया। विभागीय अमले के माध्यम से हैण्डपंपों का संधारण सतत् सुधार प्रक्रिया के तहत् कराया गया है संधारण कार्य में कोई विलंब नहीं हुआ। (घ) जिले में पेय-जल संकट का समुचित समाधान किया गया है, समय पर कार्य करवाये गये हैं, गुणवत्तायुक्त निर्माण करवाया गया है। अतः कोई भी उत्तरदायी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
सूखा प्रभावित किसानों की खाद्यान्न पर्चियां
96. ( क्र. 1543 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में सूखा प्रभावित किसानों को खाद्यान्न देने हेतु कितने परिवारों की संख्या दर्ज की गई? उनमें से कितने परिवारों की पर्चियां 31 मार्च, 2016 तक जनरेट हो चुकी है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जनरेट पर्चियों में से किसानों के नाम समग्र आई.डी. से हटा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने किसानों के? कारण सहित बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किसानों में से छोटे किसानों की पर्चियां जो जनरेट नहीं हो पायी हैं, कब तक जनरेट हो जावेगी तथा जिनकी पर्चियां जनरेट होकर समग्र पोर्टल से नाम हट गये हैं, उन्हें पुन: कब तक जोड़ दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) शाजापुर जिले में दिनांक 31 मार्च, 2016 की स्थिति में 50 प्रतिशत से अधिक सूखे के कारण प्रभावित किसानों की कुल संख्या 41,305 जिनमें से 32,987 परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई थीं। वर्तमान में 50 प्रतिशत से अधिक सूखे के कारण प्रभावित किसानों की संख्या 63,006 है, जिनके सत्यापन उपरांत 40,900 किसानों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है, शेष परिवार अन्य श्रेणियों में सत्यापित होने के कारण पूर्व से ही पात्रता पर्चीधारी हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। आवेदन करने वाले समग्र पोर्टल पर नवीन सत्यापित समस्त पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची माह जून, 2016 में जारी की जा चुकी है, जिन्हें माह जुलाई, 2016 से राशन सामग्री का वितरण किया जाएगा।
नल-जल योजना में लापरवाही
97. ( क्र. 1544 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले के विकासखण्ड शुजालपुर के ग्राम चाकरोद की जलप्रदाय योजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो ग्राम के नागरिकों के जन सहयोग से कितनी राशि कब जमा करवायी गई तथा तकनीकी स्वीकृति कब प्रदान की गई थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में विभाग द्वारा प्राक्कलन में टंकी, पाईप आदि के जो प्रावधान किये गये थे उनका प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने वाले अधिकारी ने परीक्षण किया था? क्या प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने वाले अधिकारी को राज्य की पाईप नीति ज्ञात नहीं थी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना की निविदायें आमंत्रित क्यों की गई जब योजना में राईजिंग मेन यू.पी.व्ही.सी. पाईप का प्रावधान किया गया था? (घ) अधिकारियों की लापरवाही के कारण योजना में जो विलम्ब हो रहा है, उसके लिए जिम्मेदार कौन है? क्या ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। रूपये 144420/- (रूपये एक लाख चौवालीस हजार चार सौ बीस) की राशि दिनांक 1.10.14 को जमा कराई गई। योजना की तकनीकी स्वीकृति दिनांक 26.12.14 को प्रदान की गई। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ग) स्वीकृत योजना के प्रावधानों के अनुसार कार्यों के निर्माण हेतु। (घ) योजना को राज्य पाईप नीति के अनुसार पुनरीक्षित कर लिया गया है तथा निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। अतः विलंब अधिकारियों की लापरवाही से नहीं हुआ है तथा इस हेतु कोई जिम्मेदार नहीं होने से उनके विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता की जाँच एवं कार्यवाही
98. ( क्र. 1548 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 7-19/2014/29-1 भोपाल दिनांक 29 मई, 2015 के आदेश की कण्डिका 7 (3) कण्डिका 8 (1) कण्डिका 8 (4) का उल्लंघन कर भिण्ड जिले में उचित मूल्य की दुकानों के स्थान का चयन जिला पंचायत भिण्ड से न कराना, ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता भण्डारों को दुकानें आवंटित करना, संस्था के कार्य क्षेत्र से बाहर दुकानें आवंटित करने के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) भिण्ड जिले में ग्रामीण क्षेत्र में कौन-कौन से उपभोक्ता भण्डारों को कहाँ-कहाँ और कब से उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई उचित मूल्य की ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें चलाने वाले उपभोक्ता भण्डारों ने कब-कब म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ की सदस्यता प्राप्त की। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा 25 मार्च 2015 को प्रकाशित म.प्र. राजपत्र की कण्डिका 8 के बिन्दु क्रमांक 9 का उल्लंघन कर नगरीय क्षेत्र में किन-किन संस्थाओं को कहाँ-कहाँ एक से अधिक दुकानें आवंटित की गई? (ग) आजी माँ प्राथमिक उपभोक्ता भण्डार अमायन, ग्रामीण महिला अल्प बचत कल्याण सहकारी समिति मर्यादित रौन, माँ पीताम्बरा उपभोक्ता भण्डार रायपुरा नं. 1 की सदस्य संख्या, अंशपूजी एवं भिण्ड जिले में कहाँ-कहाँ उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही हैं। संचालित करने वाले की योग्यता क्या है? विभाग के निर्देशों के विपरीत दुकानें आवंटित करने वालों के विरूद्ध जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भिण्ड जिले में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत अभी तक किसी भी उचित मूल्य दुकान का आवंटन नहीं किया गया है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन 11 अप्रैल, 2016 को अधिसूचित किया गया है। शासन ने 20 मई, 2016 को पुन: नवीन प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में पूर्व में विहित प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए उचित मूल्य दुकानों के आवंटन की कार्यवाही 31 जुलाई, 2016 तक सम्पन्न करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किया है। भिण्ड जिले में उचित मूल्य दुकानों का स्थान जिला पंचायत द्वारा तय करने हेतु प्रस्ताव 23 सितम्बर, 2015 को जिला पंचायत को भेजा गया था। अभी तक अनुमोदन अप्राप्त है। चूंकि जिले में नियंत्रण आदेश के प्रावधानों के तहत अभी तक उचित मूल्य दुकानों का आवंटन नहीं किया गया है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित राजपत्र के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हुआ है, क्योंकि प्रश्नांकित दुकान नवीन नियंत्रण आदेश, 2015 के अधिसूचित होने के पूर्व की है। भिण्ड जिले में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानों के अनुरूप उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। (ग) आजी माँ प्राथमिक उपभोक्ता भण्डार, अमायन एवं माँ पीताम्बरा उपभोक्ता भण्डार, रायपुरा नंबर 1 नाम से संस्थाएं पंजीकृत नहीं हैं। ग्रामीण महिला अल्प बचत कल्याण सहकारी समिति मर्यादित, रौन की सदस्य संख्या 25 व अंशपूंजी रूपये 2500 है। इस संस्था द्वारा रौन तहसील में उचित मूल्य दुकान नौधा, रेंवजा एवं वसंतपुरा (अटैच) का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में उचित मूल्य दुकान संचालित करने वाले कर्मचारियों की योग्यता कक्षा 12वीं से स्नातक स्तर की है। भिण्ड जिले में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत जारी विभागीय निर्देशों के विपरीत किसी भी उचित मूल्य दुकान को आवंटित करने का मामला अभी तक प्रकाश में नहीं आया है। अत: अभी जाँच कराकर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकी की स्थापना
99. ( क्र. 1556 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्तमान में कितनी पुलिस चौकी एवं थाना संचालित है एवं इन (थाना/चौकी) में कितने कर्मचारी कार्यरत है? विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या जिला सिवनी में और भी पुलिस चौकी खोली जानी है? यदि हाँ, तो किस-किस जगह पर? (ग) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पंडिया-छपारा क्षेत्र में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने हेतु विभाग के पास प्रस्ताव लंबित हैं? यदि हाँ, तो कब तक इस क्षेत्र में पुलिस चौकी खोली जानी है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से प्रस्ताव अमान्य किया गया।
खाद्य दुकानों/संस्थाओं का निरीक्षण
100. ( क्र. 1563 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले के खाद्य अधिकारियों को खाद्य दुकानें/संस्थान आदि प्रत्येक माह निरीक्षण करने के क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं? (ख) क्या छतरपुर जिले के अधिकारियों ने पिछले एक वर्ष में उपरोक्तानुसार लक्ष्यों की पूर्ति की है? यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रति प्रदाय की जाए। (ग) खाद्य अधिकारियों को प्रत्येक माह कितने भ्रमण किये जाने का प्रावधान है? क्या छतरपुर जिले के सभी अधिकारियों ने पिछले एक वर्ष में अपने लक्ष्यों की पूर्ति की है? यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या भ्रमण के दिन व रात्रि विश्राम के लक्ष्य निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो क्या छतरपुर जिले के खाद्य अधिकारियों ने लक्ष्य पूर्ति के अनुसार दिन व रात्रि भ्रमण किया? यदि हाँ, तो ग्रामों की दिनांकवार सूची उपलब्ध करायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार कलेक्टर द्वारा तैयार किये गए निरीक्षण रोस्टर अनुसार विगत एक वर्ष के लक्ष्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) खाद्य अधिकारियों को भ्रमण हेतु निर्धारित दिवस की संख्या का प्रावधान नहीं है। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की भर्ती
101. ( क्र. 1564 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति के क्या नियम व योग्यता है? क्या आवेदक को उसी ग्राम का होना आवश्यक है जिस ग्राम में आंगनवाड़ी केन्द्र खोला गया है? (ख) जाति प्रमाण-पत्र बी.पी.एल. एवं निवास प्रमाण-पत्र की जाँच को इन नियुक्तियों में क्या प्रक्रिया हैं? (ग) यदि दो ग्रामों की मतदाता सूची में किसी आवेदक का नाम दर्ज है तो उसके आवेदन पर क्या कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है। क्या ऐसी कोई शिकायत प्राप्त हुई? प्रति प्रदाय करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के नियुक्ति निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। जी हाँ। (ख) जिला स्तरीय अपीलीय समिति द्वारा प्राप्त दाव आपत्ति के प्रकरणों में समिति के निर्णयानुसार विकास खंड स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदार से जाति प्रमाण, बी.पी.एल. एवं निवास प्रमाण-पत्र की जाँच कराई जाती है। (ग) यदि किसी आवेदक का दो ग्रामों की मतदाता सूची में नाम दर्ज है तो जिला स्तरीय समिति के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाती है। जिला भिण्ड, अशोक नगर, दतिया, दमोह तथा बड़वानी में 1-1, रतलाम तथा सतना जिले में 02-2 तथा सीधी एवं छतरपुर जिले में 03-03 शिकायतें प्राप्त हुई है। प्राप्त शिकायतों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
दुकान
व लीड संस्थाओं
के विरूद्ध
कार्यवाही
1. ( क्र. 13 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि दिनांक 4 मार्च 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 28 (क्रमांक 1733) के संदर्भ में शिकायतों का विवरण देते हुए जाँच में हुई प्रगति से अवगत कराएं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नलकूप खनन एवं नलजल योजना की स्वीकृति
2. ( क्र. 40 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने स्कीम बोर, साधारण बोर विभागीय मशीनों द्वारा एवं ठेका पद्धति से किये गये? किन-किन ग्रामों में कितना-कितना खनन कार्य किया गया? ग्रामवार, बोरवार, गहराईवार तथा प्लास्टिक केसिंग/आयरन पाइप लंबाई सहित अलग-अलग संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) खनन किये गये बोर में कितने प्लेटफार्म का कार्य किया जा चुका है तथा कितने शेष है? कितने खनन में जल स्त्रोत उपलब्ध हुआ है तथा कितने में नहीं? (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्रामों में नलजल योजना स्वीकृत हैं? कितने ग्रामों में संचालित हैं तथा कितने ग्रामों में नलजल योजना बंद है तथा नलजल योजना के बंद होने के क्या कारण हैं? बंद नलजल योजना को कब तक चालू कर लिया जावेगा? (घ) विभाग द्वारा नवीन नलजल योजना स्वीकृति हेतु एक एवं तीन प्रतिशत योजनांतर्गत कितने ग्रामों में कितनी-कितनी राशि एकत्रित की गई व किन-किन ग्रामों की डी.पी.आर. तैयार कर योजना स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करवाए गए तथा कितने ग्रामों में स्वीकृति प्रस्तावित है? नलजल योजना की स्वीकृति लंबित होने के क्या कारण हैं? जिन ग्रामों में जनभागीदारी की राशि जमा है, उन ग्रामों में स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? नहीं, तो कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 40 नलजल योजनाएं स्वीकृत हैं जिनमें से 35 योजनाएं पूर्ण हैं एवं 5 योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। पूर्ण योजनाओं में से 30 योजनाएं चालू हैं, 3 योजनाएं मोटर पंप खराबी से, 1 योजना लाइन क्षतिग्रस्त होने से एवं 1 योजना पंचायत द्वारा नहीं चलाये जाने से बंद हैं। इन बंद योजनाओं को चालू कराने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है, अतः सुधार की निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्र
3. ( क्र. 41 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं? कितने आंगनवाड़ी केंद्र भवन विहीन हैं एवं कितने आंगनवाड़ी भवन के लिये भवन की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? कितने भवन के कार्य प्रारंभ हैं एवं कितने आंगनवाड़ी भवन जीर्ण-शीर्ण हैं एवं कितने आंगनवाड़ी केंद्र अन्य भवनों में संचालित हो रहे हैं? (ख) भवनहीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों के लिये शासन की क्या योजना है? इस हेतु शासन कब तक आवंटन स्वीकृत करेगा? (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद रिक्त हैं? रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 303 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 30 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार कुल 333 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से 75 आंगनवाड़ी विभागीय भवन में, 168 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 90 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। इनमें से विगत 03 वर्षों में आई.सी.डी.एस. मिशन अन्तर्गत कुल 99 आंगनवाड़ी स्वीकृत किये गये है। जिसमें से 94 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य प्रांरभ हो चुका है। 06 आंगनवाड़ी भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। (ख) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई/ गैर आई.पी.पी.ई विकासखण्ड में) एवं शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिये जाने की योजना है। विभागीय भवनों के अनुरक्षण व मरम्मत कार्य के लिये उपलब्ध आवंटन में से जीर्ण-शीर्ण आंगनवाड़ी भवनों के अनुरक्षण एवं मरम्मत के लिये राशि आवंटन की उपलब्धता अनुरूप समय-समय पर जिलों को उपलब्ध कराई जाती है। अनुरक्षण एवं मरम्मत कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है अतः निश्चित समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 03 एवं आंगनवाड़ी सहायिका के 11 पद रिक्त है। उक्त पदों में से कार्यकर्ता के 02 एवं सहायिकाओं के 09 पद माह जून 2016 में रिक्त होने से आगामी 02 माह में पद पूर्ति हो सकेगी। शेष 01 कार्यकर्ता एवं 02 सहायिकाओं के रिक्त पदों की अंतिम सूची जारी होनी है आगामी 15 दिवस में नियुक्ति हो जावेगी।
विधि प्रयोगशाला में नमूनों की जाँच
4. ( क्र. 68 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में कितनी विधि विज्ञान प्रयोग शाला कहाँ-कहाँ पर संचालित है एवं आगामी वर्षों में कहाँ-कहाँ पर नवीन विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना करना प्रस्तावित है? (ख) क्या प्रदेश में वर्तमान में संचालित विधि विज्ञान प्रयोगशाला में एफ.एस.एल. जाँच में विलम्ब होने एवं जाँच में विलम्ब से नमूने खराब होने एव प्रयोगशाला में पर्याप्त और सही उपकरणों की कमी की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त शिकायतों का निस्तारण करने हेतु क्या क्या प्रयास किये हैं? (ग) क्या मंदसौर में भी नवीन विधि प्रयोगशाला प्रारम्भ होना प्रस्तावित है यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, सागर, क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, भोपाल, इन्दौर एवं ग्वालियर में स्थापित हैं। तथा जबलपुर में क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना हेतु पदों की स्वीकृति एवं भवन निर्माण हेतु भूति आरक्षित की जा चुकी है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
ग्वालियर दुग्ध संघ द्वारा अनियमितायें किये जाने
5. ( क्र. 141 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर दुग्ध संघ द्वारा सौर ऊर्जा प्लांट लगाने में कितनी-कितनी राशि किन-किन स्थानों पर व्यय की गई वर्ष 2014 से 2016 वर्तमान की जानकारी उपलब्ध करायेंगे? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ख) क्या 28 अगस्त, 2015 को ग्वालियर दुग्ध संघ द्वारा शहर में दुध प्रदाय किया गया था जो फट गया था और लगभग 16 लाख रूपये की शासन को क्षति हुई थी? उक्त क्षति का जिम्मेदार अधिकारी कौन है? जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या उक्त दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बताये? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) टीकमगढ़ जिले के जतारा में संचालित चिलिंग प्लांट हेतु कितनी राशि शासन द्वारा आवंटित की गई थी तथा क्या-क्या निर्माण कार्य किया गया तथा किस योजना के तहत कार्य हुआ संपूर्ण जानकारी से अवगत करायेंगे यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ द्वारा वर्ष 2014 से 2016 तक कोई भी राशि व्यय नहीं की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, दुग्ध संघ ग्वालियर द्वारा दिनांक 28.08.2015 को प्रदायित दूध प्रशीतन संयंत्र में तकनीकी खराबी के कारण फट गया था जिससे संघ को रूपये 837429/- का नुकसान हुआ। उक्त क्षति हेतु दुग्ध संघ के जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए आरोप पत्रादि जारी किये गये हैं। दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध सेवा नियमों के अंतर्गत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। विभागीय जाँच कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त ही कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) बुंदेलखंड विशेष पैकेज अंतर्गत टीकमगढ़ जिले के जतारा में संचालित चिलिंग प्लांट हेतु योजना में प्रावधान अनुसार प्राप्त राशि एवं व्यय का विवरण निम्नानुसार हैः
(रूपये
लाख में)
बीएमसी
क्षमता आवंटित
राशि
व्यय
राशि
बीएमसी
3000
क्षमता 12.50
14.615
बीएमसी
5000
क्षमता 25.00
23.750
एसिड
टेंक स्थापना 2.00
01.657
योग 39.50
40.022
दुग्ध
संघ द्वारा
जतारा
शीतकेन्द्र
में कोई निर्माण
कार्य नहीं
किया गया है।
देशी सब्जी/मसाला फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन
6. ( क्र. 157 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देशी सब्जी/मसाला फसलों के उत्पादन को महत्व देने के उद्देश्य से वर्ष 2011-12 से मिनिकट प्रदर्शन योजना चालू की गयी थी, जिसमें सभी वर्गों के छोटे लघु एवं सीमांत तथा गरीब वर्ग के हितग्राहियों को लाभांवित किया जाता रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त योजना वर्तमान में चालू है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 के लिये बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया है? यदि नहीं, किया तो कब तक कर लिया जावेगा तथा वर्ष 2016-17 के लिये क्या लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) की योजना को निरंतर चालू रखने के लिये प्रदेश के किन-किन विधान सभा के सदस्यों ने 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक अनुशंसा की है? उन अनुशंसाओं पर शासन ने क्या निर्णय लिया है? यदि नहीं, लिया तो कब तक लिया जाकर निष्क्रिय पड़ी योजना चालू कर सभी वर्ग के हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया जायेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) योजना सभी किसानों के लिये थी, जिसमें लघु सीमान्त, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, अल्प संख्यक समुदाय एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता का प्रावधान था। (ख) जी नहीं। योजना अब लागू नहीं रखने का निर्णय होने से बजट प्रावधान एवं लक्ष्य निर्धारण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजना को निरंतर चालू रखने के लिये निम्नलिखित माननीय विधान सभा सदस्यों ने लेख किया हैः- 1. श्री प्रेम सिंह-61 चित्रकूट 2. श्री फुन्देलाल मार्को-88 पुष्पराजगढ़ 3. श्री यादवेन्द्र सिंह-64 नागौर 4. श्री कुंवर सौरभ सिंह-94 बहोरीबन्द 5. श्री संदीप जायसवाल-93 मुड़वारा विभाग ने प्रदेश में किसानों कि आय दुगनी करने हेतु एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है, जिसमें उत्पादकता बढ़ाने और फसल तुड़ाई उपरांत प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना है। संसाधनों की सीमित उपलब्धता को ध्यान में रखते हुऐ विभाग ने मिनीकिट प्रदर्शन योजना को बंद कर उन संसाधनों को विभाग की ही अन्य गतिविधियों में उपयोग करने का निर्णय लिया है।
मछुआ कल्याण के कार्यों का मूल्यांकन
7. ( क्र. 158 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को किस-किस कार्य हेतु ऋण स्वीकृत किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्यों में कितने अपूर्ण हैं, कितने पूर्ण हो गये हैं? कार्य क्यों पूर्ण नहीं हैं? उसके क्या कारण हैं? (ग) क्या श्रीमती हेम निशा सिंह पति श्री संदीप सिंह ग्राम बरछेका पोस्ट कांटी तहसील बड़वारा जिला कटनी के स्वीकृत कार्यों का मूल्यांकन मत्स्योद्योग विभाग कटनी के द्वारा क्यों नहीं किया गया, इसके क्या कारण है? मूल्यांकन कब तक करा लिया जायेगा? साथ ही जो अन्य मूल्यांकन के प्रकरण लंबित हैं? उनका मूल्यांकन भी कब तक करा लिया जायेगा, निश्चित समयावधि बतायें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) कटनी जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पौण्ड कल्चर, तालाब निर्माण एवं राष्टी्य कृषि विकास योजना अन्तर्गत 41 प्रकरणों में 294 हितग्राहियों को राशि रूपये 68.936 लाख ऋण स्वीकृत कराया गया है। विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 01 कार्य अपूर्ण एवं 40 पूर्ण हो गये है। हितग्राही द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने से कार्य अपूर्ण है। (ग) प्रश्नाधीन हितग्राही द्वारा किये गये कार्यों का मूल्यांकन करा लिया गया है। शेष कार्य पूर्ण करने पर मूल्याकंन करा लिया जायेगा। अन्य प्रकरण मूल्याकंन हेतु लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशुपालन विभाग द्वारा हितग्राहियों को लाभ
8. ( क्र. 240 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में पशुपालन विभाग द्वारा मंदसौर जिले सहित सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? (ख) पुशपालन को आधुनिकता के लिए पशुपालन विभाग द्वारा कौन-कौन सी नई प्रभावी योजनाएं बनाई गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में पशुपालन को उन्नत एवं प्रभावी बनाने हेतु विभाग द्वारा हितग्राही को कोई प्रशिक्षण दिया गया है तो सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में प्रशिक्षित युवकों के नाम एवं ग्राम सहित जानकारी देवें? (घ) पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के पालन हेतु उत्कृष्ट किसानों के उत्साहवर्धन हेतु कोई योजना बनाई हो तो बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विगत दो वर्षों में पशुपालन विभाग द्वारा मंदसौर जिले में वर्ष 2014-15 में 344 एवं 2015-16 में 450 हितग्राहियों एवं सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में 96 एवं 2015-16 में 121 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। (ख) पशुपालन को आधुनिकता के लिए हितग्राहीमूलक योजना में आचार्य विद्या सागर गौसंवर्धन योजना तथा जिला पशु चिकित्सालयों को पॉलीक्लिनिक के रूप में आधुनिक करने की योजना बनायी गयी है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के पालन हेतु उत्कृष्ट किसानों के उत्साहवर्धन हेतु गोपाल पुरस्कार योजना एवं वत्सपालन प्रोत्साहन योजना संचालित है।
आगंनवाड़ी भवनों की जानकारी
9. ( क्र. 241 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में कितने आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुए है? (ख) वर्तमान में कौन-कौन से ग्राम आगंनवाड़ी भवनविहीन है? (ग) आई.पी.पी.आई. मनरेगा योजना के तहत आज दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी भवन एवं अन्य राशियों से कितने आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया जा रहा है? (घ) शेष वंचित ग्रामों में कब तक आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण हो सकेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में कुल 26 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुए है। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विकासखण्ड गरोठ 71 एवं विकासखण्ड सीतामऊ में 303 ग्राम इस प्रकार कुल 374 ग्रामों में आंगनवाड़ी भवन विहीन है। (ग) जिले के आई.पी.पी.ई. विकासखंड सीतामऊ में मनरेगा योजना के अभिसरण से वर्तमान में 100 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है। इसके अतिरिक्त सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के गरोठ विकासखंड में परफॉरमेंस ग्रांट से 03 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया जा रहा है। (घ) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./ गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंड में) एवं शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिये जाने की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
खाद्य पर्चियां जारी न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
10. ( क्र. 266 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 14 मार्च, 2016 में मुद्रित अतारांकित प्रश्न संख्या 77 (क्रमांक 4918) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या शेष बची 405 परिवारों की पात्रता पर्चियां जारी की गई एवं माह जून 2014 में छूटे हुए कितने ऐसे परिवार हैं, जिनकी आज तक खाद्य पात्रता पर्चियां जारी नहीं की गई? क्या जिला प्रशासन द्वारा इस हेतु सर्वे का कार्य कराया गया? अगर कराया गया हो तो प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों का सर्वे कराकर खाद्य पर्चियां खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी नहीं की गई हो तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? क्या दोषियों की पहचान कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करेगें? हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। समग्र पोर्टल पर सत्यापित समस्त पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की चुकी है। माह जून, 2014 में अनुसूचित जाति/ जनजाति के जिन परिवारों के घोषणा-पत्र भरवाए गए थे, उनके सत्यापन उपरांत पात्र पाए गए सभी परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। माह जून, 2014 में 'खाद्य सुरक्षा पर्व' के नाम से एक विशेष अभियान चलाया गया जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति के ऐसे परिवार जिनको प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित नहीं किया गया था, उनके घर-घर जाकर घोषणा-पत्र भरवाए गए, जिसके आधार पर इन परिवारों को प्राथमिकता परिवार में सत्यापित किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है, इस कारण इन परिवारों को सम्मिलित करने हेतु पुन: सर्वे कराए जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। (ख) पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। पात्र परिवार की श्रेणी के अंतर्गत सम्मिलित परिवारों में से यदि कोई परिवार सत्यापन से शेष रहा है तो उसके द्वारा स्थानीय निकाय में आवेदन देने पर उसका सत्यापन किया जाकर उसकी पात्रता पर्ची जारी किए जाने का प्रावधान है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोहरी में प्रस्तावित जल आवर्धन योजना
11. ( क्र. 276 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पोहरी विधान सभा क्षेत्र के पोहरी में पेयजल हेतु कूनो नदी से जल आर्वधन योजना लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग में प्रचालित है? (ख) क्या पोहरी में प्रस्तावित जल आर्वधन योजना को राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रदाय की जा चुकी है? यदि हाँ, तो उक्त योजना की वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। विस्तृत सर्वेक्षण करवाने पर समूह नलजल योजना हेतु प्रस्तावित स्त्रोत अपर्याप्त पाये जाने के कारण स्वीकृति नहीं दी जा सकी है।
वर्ष 1984 के सिख दंगा पीड़ितों को मुआवजा राशि
12. ( क्र. 283 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी द्वारा वर्ष 1984 के सिख दंगा पीडि़तों के लिए मुआवजा राशि प्रदाय किए जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव म.प्र.शासन गृह विभाग (सी-अनुभाग) मंत्रालय भोपाल को भेजा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन गृह विभाग (सी-अनुभाग) मंत्रालय भोपाल द्वारा वर्ष 2015-16 में वर्ष 1984 के सिख दंगा पीड़ितों को मुआवजा राशि प्रदाय किए जाने हेतु दंगा पीड़ितों की सूची वित्त विभाग को आवंटन उपलब्ध कराने हेतु भेजी गयी है? यदि हाँ, तो सूची में किस-किस पीड़ित को कितनी-कितनी राशि प्रदान करने हेतु आवंटन मांगा गया है? सूची व राशि नामवार, उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 1984 के दंगा पीड़ितों को कलेक्टर शिवपुरी की समिति की अनुशंसा अनुसार मुआवजा प्रदान करने हेतु आवंटन कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। बल्कि 01 दंगा पीड़ित व्यक्ति श्री चरणजीत सिंह पुत्र श्री हरपाल सिंह सिक्ख निवासी मसाले वाली गली शिवपुरी हेतु रूपये- 7,80 लाख (सात लाख अस्सी हजार मात्र) दिए जाने का प्रस्ताव योजना की समय-सीमा के पश्चात् प्राप्त होने से प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रस्ताव प्रकियाधीन है अत: समय-सीमा बताया संभव नहीं है।
प्रदेश में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति
13. ( क्र. 300 ) श्री रामसिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त केन्द्र जिलेवार कब तक कितने-कितने खोले जाना प्रस्तावित है? उक्त नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को खोलने हेतु शासन द्वारा जनवरी, 2015 से जून, 2016 तक क्या-क्या कार्यवाही की गई। (ख) क्या वित्त विभाग के अड़ियल रवैये के कारण उक्त नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने में विलम्ब हो रहा है? यदि नहीं, तो प्रस्तावित नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति हेतु फाइल विभाग द्वारा वित्त विभाग को वर्णित अवधि में कब-कब प्रेषित की गई एवं वित्त विभाग द्वारा क्या-क्या निर्णय/टिप्पणी की गई? (ग) क्या माननीय मंत्री महोदया द्वारा शिवपुरी जिले के बदरवास नगर के वार्ड क्रमांक 14 में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का विधान सभा प्रश्न में आश्वासन दिया है? यदि हाँ, तो उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र कब तक स्वीकृत कर दिया जाएगा? निश्चित समयावधि बताएं? उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु अक्टूबर, 2014 से जून, 2016 तक क्या-क्या कार्यवाही पत्राचार किए गए? संलग्न कर जानकारी दें? (घ) शिवपुरी जिले में जून, 2016 की स्थिति में कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ पर खोला जाना प्रस्तावित है? उक्त प्रस्तावित नवीन केन्द्र खोलने की स्वीकृति कब तक प्रदान की दी जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में 4305 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है। जिलेवार कितने आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना है, इस बाबत् कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। विधान सभा फरवरी-मार्च 2015 में विधान सभा प्रश्न तारांकित प्रश्न क्र. 914 पर आश्वासन क्र. 66 निर्मित हुआ है, जिसमें शिवपुरी जिले के बदरवास विधान सभा क्षेत्र के बदरवास नगर के वार्ड क्र. 14 में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का आश्वासन माननीय मंत्री जी द्वारा दिया गया है। उक्त वार्ड में आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव जिले से भी प्राप्त हुआ है उक्त वार्ड में केन्द्र खोले जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा अवधि दिया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (घ) शिवपुरी जिले में जून 2016 की स्थिति में खोले जाने वाले प्रस्तावित नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
बंद जल प्रदाय योजनाएं
14. ( क्र. 301 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले के विकासखण्ड कोलारस एवं बदरवास में नलजल प्रदाय योजनाएं कहाँ-कहाँ पर स्वीकृत/स्थापित है? इनमें से कौन-कौन सी नलजल प्रदाय योजनाएं जून, 2016 की स्थिति में क्यों बंद है? बंद जल प्रदाय योजनाएं कब तक चालू कर दी जाएगी? (ख) विकासखण्ड कोलारस एवं बदरवास में अप्रैल, 2015 से जून, 2016 तक नवीन नलकूप किस-किस योजना/मद में खनन कराए गए? उक्त अवधि में कितने नलकूपों में सबमर्सिवल पम्पसेट डाले गए? (ग) क्या जिस फर्म से सबमर्सिवल पम्पसेट अप्रैल, 2015 से जून, 2016 की अवधि में क्रय किए गए हैं? उसी फर्म को पम्पसेट भरने/सुधारने का ठेका दिया गया है? यदि हाँ, तो क्रय और सुधार का कार्य एक ही फर्म को क्यों दिया गया? (घ) विकासखण्ड कोलारस एवं बदरवास के लिये अप्रैल, 2015 से जून, 2016 की स्थिति में कितने-कितने हैण्डपम्प पाइप एवं अन्य सामग्री प्रदाय की गई? उक्त पाइप एवं सामग्री कितनी-कितनी लगाई गई तथा कितने पुराने पाइप खराब एवं जलविहीन हैण्डपम्पों से निकालकर अन्य हैण्डपम्पों में डाले गए?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत खनन कराये गये। 59 नलकूपों में सबमर्सिबिल पंप डाले गये। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 92 पुराने पाइप जलविहीन हैण्डपंपों में से निकालकर अन्य हैण्डपंपों में डाले गये।
आंगनवाड़ी केन्द्र
15. ( क्र. 353 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में कुल कितनी परियोजनायें हैं तथा उनमें कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में किन-किन स्थानों पर आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं तथा उनमें कौन-कौन कार्यकर्ता एवं सहायिका कार्यरत हैं? नाम व नियुक्ति दिनांक सहित जानकारी देवें। ऐसी कितनी आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जो भवन विहिन हैं सूची उपलब्ध करावें। (घ) उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में कौन-कौन से साझा चूल्हा, स्व-सहायता समूह एवं समिति कार्यरत है? उनका नाम व पंजीयन सहित पूर्ण जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिला एवं बाल विकास द्वारा प्रदेश में निम्नानुसार योजनाओं का संचालन किया जा रहा है:- (अ) संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा संचालित योजनाये:-1. आई.सी.डी.एस.योजना, 2. पूरक पोषण आहार सांझा चूल्हा कार्यक्रम, 3. किशोरी बालिका योजना 4 .राजीव गाँधी किशोरी शक्ति योजना ‘सबला‘ 5. इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहायता योजना 6. मंगल दिवस (ब) संचालनालय महिला सशक्तिकरण द्वारा संचालित योजनाये:- 7 लाड़ली लक्ष्मी योजना, 8. स्वागतम लक्ष्मी योजना 9. लाडो अभियान 10. शौर्या योजना 11. जाबाली योजना 12 उषा किरण 13. समेकित बाल सरंक्षण योजना 14. मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना 15. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ अन्तर्गत कुल 03 बाल विकास परियोजनायें संचालित है। विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित परियोजनाओं में स्वीकृत रिक्त पदो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। कार्यरत अधिकारियों /कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। महिला सशक्तिकरण राजगढ़ अन्तर्गत स्वीकृत/रिक्त तथा कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘तीन‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘चार‘ अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘पाँच‘ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘छः‘ अनुसार है।
पशुपालन विभाग की संचालित योजनाएं
16. ( क्र. 354 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? (ख) राजगढ़ जिले में पशुपालन विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर पशु चिकित्सालय संचालित हैं? उनसें कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कृषकों को कौन-कौन से पशु एवं अन्य उपयोगी सामग्री वितरित की गई है? (घ) उक्त पशु एवं सामग्री कहाँ-कहाँ से किस दर पर किस प्रक्रिया का पालन कर क्रय की गई है वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से पशु एवं अन्य उपयोगी सामग्री क्रय की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) पशुपालन विभाग द्वारा कुल 28 योजनायें संचालित है। संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले में संचालित पशु चिकित्सालय के स्थानों, उनमें स्वीकृत तथा रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (ग) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कृषकों की सूची एवं प्रदाय किये गये पशु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार है। अन्य उपयोगी सामग्री वितरण का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) पशुओं का क्रय अनुमोदित इकाई लागत अनुसार मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम, ’शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्रों से एवं स्थानीय बाजार से हितग्राही की पंसद अनुसार क्रय किये जाते हैं। वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक वितरित पशु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों को पौधे वितरण
17. ( क्र. 355 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रदेश में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? (ख) राजगढ़ जिले में उद्यानिकी विभाग में कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करावें? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में कृषकों को कोई पौधे वितरित किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को कौन-कौन से पौधे वितरित किये गये हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया सतत होने के कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) कृषकों को पौधे वितरित नहीं किये गये है। कृषकों द्वारा स्वयं पंजीकृत रोपणियों से पौधे क्रय किये गये है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किचन गार्डन बनाये जाना
18. ( क्र. 412 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किचन गार्डन बनाये जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति देवें? (ख) विदिशा जिले में किस परियोजना अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में किचन गार्डन बनाये गये है? उक्त गार्डनों पर सब्जियों/अनाज एवं फलदार पौधे लगाये गये है या नहीं? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किचन गार्डन बनाये गये है सूची उपलब्ध करावें? उक्त के अतिरिक्त पर्याप्त स्थान की उपलब्धता वाले किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किचन गार्डन लगाये जाना प्रस्तावित हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विदिशा जिले में एकीकृत बाल विकास परियोजना विदिशा शहरी, विदिशा ग्रामीण, बासौदा- 1, बासौदा- 2, नटेरन, सिरोंज, लटेरी, कुरवाई, ग्यारसपुर, में किचन गार्डन बनाये गए है। जी हाँ। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) उत्तर (घ) के संबंध में लागू नहीं।
महिलाओं पर अत्याचार के पंजीबद्ध प्रकरण
19. ( क्र. 413 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़खानी, दहेज प्रताड़ना, हत्या आदि के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए है वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जिलेवार प्रकरणों की स्थिति सहित अवगत करावे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कि इन प्रकरणों में कितनी घटनाएं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के साथ घटित हुई हैं जिलेवार अवगत करावे? (ग) प्रश्न (क) के अनुक्रम में क्या अ.जा. एवं अ.ज.जा. की पीड़ित महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाती है? यदि हाँ, तो अवगत करावे कि इन वर्गों की कितनी-कितनी महिलाओं को वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी आर्थिक राशि दी गई है, जिलेवार, वर्षवार राशिवार अवगत करावे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ ’ब’ ’स’ एवं ’द’ अनुसार।
राशन वितरण के लिए मशीनों की स्थापना
20. ( क्र. 438 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शासन की दुकानों में हितग्राहियों को राशन वितरण के लिये मशीने लगाई गई है यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में कुल कितनी मशीने लगाई गई हैं? (ख) उक्त मशीने शासन द्वारा क्रय की गई है या आउट सोर्स से की गई है? (ग) यदि उक्त मशीने आउट सोर्स की गई हैं तो प्रतिवर्ष एक मशीन पर कितना व्यय किया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। प्रदेश की सभी 22,401 उचित मूल्य दुकानों पर प्वाइंट ऑफ सेल मशीन लगाई गई है। (ख) जी नहीं। उचित मूल्य दुकानों पर प्वाइंट ऑफ सेल मशीन किराए पर लगाई गई हैं। (ग) प्रदेश के चार संभागों (इंदौर, उज्जैन, रीवा एवं शहडोल) के जिलों की उचित मूल्य दुकानों पर मशीनों के किराए पर राशि रू. 1254 सेवा कर सहित प्रतिमाह, प्रति मशीन, प्रति दुकान के मान से राशि रू. 15,048 वार्षिक एवं छ: संभागों (भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, ग्वालियर एवं चम्बल) के जिलों की उचित मूल्य दुकानों पर राशि रू. 1191.30 सेवा कर सहित प्रतिमाह, प्रति मशीन, प्रति दुकान के मान से राशि रू. 14,295.60 वार्षिक किराया देय होगा।
नि:शुल्क अनाज का वितरण
21. ( क्र. 441 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने यह घोषणा की थी कि अक्टूबर से दिसम्बर तक उन सभी किसानों को जिन्हें पिछली प्राकृतिक आपदा के समय मुआवजा मिला है, उन्हें बी.पी.एल. कार्डधारियों की तरह फ्री (नि:शुल्क) अनाज दिया जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो पन्ना जिले की तहसील रैपुरा, शाहनगर, सिमरिया एवं पवई में किसानों को लाभ क्यों नहीं दिया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा वर्ष 2015 में सूखा प्रभावित किसानों की फसल को 50 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है, उन्हें प्राथमिक परिवार के रूप में सम्मिलित किया जाकर रू. 1.00 प्रति किलोग्राम की दर से खाद्यान्न 31 अक्टूबर, 2016 तक उपलब्ध कराए जाने की घोषणा की गई थी। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार पात्र किसानों को योजनान्तर्गत पात्रतानुसार रियायती दर पर खाद्य सामग्री लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही है।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जाँच
22. ( क्र. 459 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधान सभा क्षेत्र 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक बीज वितरण, खाद वितरण, फलदार-फूलदार पौध रोपण संबंधित योजनाओं में क्या-क्या सामग्री वितरित की गई है? (ख) उज्जैन जिले में उपरोक्त अवधि में कितने उद्यान विकसित किये गये हैं तथा उनके विकास एवं विस्तार के लिये कितना बजट उपलब्ध कराया गया? उद्यानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है, उनके निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) एक शिकायत प्राप्त हुई। शिकायत जाँच उपरान्त तत्कालीन उप संचालक उद्यान को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की गई है।
मांग संख्या 41 में बजट प्रदाय
23. ( क्र. 498 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के निकाय हेतु मांग संख्या 41 में विभाग को राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किन-किन जिलों को आवंटित की गयी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित अवधि में आवंटित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग की संचालित योजनाओं में बैंक गारंटी
24. ( क्र. 528 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की कौन-कौन योजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संचालित योजनाओं के अंतर्गत राजगढ़ जिले में कुशल एवं अकुशल बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने हेतु कौन-कौन सी योजनाओं का किस-किस विभाग द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है तथा ऐसी योजनाओं के हितग्राहियों की पात्रता एवं वित्तीय संसाधन के बारे में शासन की क्या नीति है? (ग) क्या शासन द्वारा छोटे-छोटे उद्यमियों को बिना निजी बैंक गारंटी के मध्यप्रदेश शासन की गारंटी पर ऋण उपलब्ध कराने की नीति तय है? यदि हाँ, तो क्या ऐसी योजनाओं में पात्र हितग्राहियों को वास्तव में बैंक सहयोग कर रहे हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन ने इस और गंभीरता से ध्यान दिया है? यदि नहीं, तो इस संबंध में बैंकिंग प्रणाली को लेकर कोई ठोस नीति बनाई जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विभाग की संचालित योजनायें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार। (ख) राजगढ़ जिले में कुशल एवं अकुशल बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने हेतु योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा जारी निर्देश/नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार। (ग) जी हाँ। संचालित योजनाओं में से मुख्यमंत्री एवं रोजगार योजना में शासन गारंटी पर बैकों से ऋण उपलब्ध कराये जाने हेतु बैकों द्वारा लक्ष्यपूर्ति में सहयोग कर रहे है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मछुआ समितियों से लाभांवित हितग्राही
25. ( क्र. 529 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा मछुआ समितियों के गठन की पात्रता एवं प्रक्रिया क्या है? (ख) राजगढ़ जिले के अंतर्गत मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग के अंतर्गत मछुआ समितियों की वर्तमान संख्या कितनी है? विकासखण्डवार बतावें? (ग) क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत मछुआ समितियों के गठन में शासन द्वारा निर्धारित पात्रता एवं प्रक्रिया का अक्षरश: पालन किया गया है? यदि हाँ, तो जिले में मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास हेतु लिये गये निर्णय व उससे किन-किन हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ एक जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रदान किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मछुआ समितियों के गठन पात्रता एवं प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में मछुआ समितियों की संख्या 88 है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। हितग्राहियों को 1 जनवरी, 2016 से अद्यतन प्रदाय सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
निगरानी समितियों का गठन
26. ( क्र. 593 ) श्रीमती ममता मीना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अवर सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्र. भोपाल दिनांक 24-2-2014 की कंडिका क्र. (06) के अनुसार शहरी क्षेत्रों में आई.सी.डी.एस. मिशन की निगरानी समिति गठित किये जाने के निर्देशों का गुना जिले में पालन किया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक निगरानी समितियों का गठन किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रानुसार गुना जिले में यदि निगरानी समितियों का गठन किया गया हो तो समितियों द्वारा क्या-क्या कार्य संपादित किया गया है? (ग) क्या गुना जिले में निगरानी समितियों द्वारा शासन निर्देशानुसार कार्य नहीं किया जा रहा हो तो समितियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ गुना जिले में आई.सी.डी.एस. गुना शहर आरोन/राघोगढ़/चाचौड़ा के शहरी क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में आई.सी.डी.एस. निगरानी समिति गठित है। (ख) आई.सी.डी.एस. निगरानी समिति द्वारा बैठकों के माध्यम से शासन निर्देशानुसार पोषण आहार वितरण एवं आई.सी.डी.एस. की विभिन्न योजनाओं की समय-समय पर समीक्षा की जाती है। (ग) निगरानी समितियों द्वारा शासन निर्देशानुसार कार्य किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होगा।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवनों में सुविधाओं का अभाव
27. ( क्र. 594 ) श्रीमती ममता मीना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले में वर्तमान में शासन की विभिन्न योजनाओं की राशि से कितने आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण अप्रारंभ एवं अपूर्ण है? निर्धारित अवधि व्यतीत हो जाने के उपरांत भी आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण अपूर्ण होने के कारण बतायें? (ख) गुना जिले के संचालित आंगनवाड़ी भवनों में से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं? उन्हें कब तक शासकीय भवनों में शिफ्ट किया जावेगा? (ग) गुना जिले में क्या सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल हेतु हैण्डपंप एवं शौचालय उपलब्ध हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो आंगनवाड़ी केन्द्रों में सुविधाविहीन भवनों में पेयजल शौचालय संबंधी सुविधायें कब तक उपलब्ध कराई जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गुना जिले में वर्तमान में बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत स्वीकृत 48 आंगनवाड़ी भवनों का कार्य जिला पंचायत के माध्यम से कराया जा रहा है, जो कि प्रगतिरत है। इन भवनों के निर्माण में विलम्ब के मुख्य कारण क्रमश: निर्माण स्थल हेतु चयन में विलम्ब, चयनित स्थल पर विवाद एवं निर्माण कार्य समय पर पूर्ण न होना है। इसके अतिरिक्त जिले में वर्ष 2016-17 में आई.पी.पी.ई. योजनान्तर्गत मनरेगा योजना के अभिसरण से 72 नये आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य स्वीकृत हुये है। जिनकी प्रशासकीय एवं तकनीकि स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही जिला स्तर से प्रचलित है। (ख) गुना जिले में कुल संचालित 1518 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 386 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। शहरी क्षेत्र/ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भवनों की अनुपलब्धता होने से आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में शिफ्ट नहीं किये जा सके। निश्चित समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) गुना जिले में 1518 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 1517 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की व्यवस्था है। आंगनवाड़ी केन्द्र सेमरी में हैण्ड पंप उत्खनन की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार 1365 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। शेष 153 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से शौचालय की उपलब्धता हेतु प्रयास किये जा रहे है। समय बताना संभव नहीं है।
नवीन नलजल योजनाओं की स्वीकृति
28. ( क्र. 619 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम जैदा, हलगावड़ा बुजुर्ग, पांडोली, नागदा में तीन प्रतिशत एवं सेमल्दा हवेली में एक प्रतिशत जनसहयोग पर आधारित नवीन नलजल योजना के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु ई.ई. पी.एच.ई. श्योपुर द्वारा शासन को भेजे थे व कब? उक्त योजना/ग्रामवार कितनी कितनी राशि नियमानुसार ग्रामीणों से जमा कराई व नवीन योजनाओं की स्वीकृति कब प्रतिबंधित की? (ख) क्या उक्त योजना को प्रतिबंधित करने के पूर्व ही शासन को ई.ई. द्वारा उक्त प्रस्ताव भेज दिये थे? योजना/ग्रामवार ग्रामीणों ने नियमानुसार राशि भी जमा करा दी थी, इसके बावजूद उक्त योजना पर प्रतिबंध लगाने के पूर्व ही उक्त प्रस्तावों को स्वीकृत न करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उक्त योजना को प्रतिबंधित करने के कारण ग्रामीणों की योजना/ग्रामवार जमा राशि का न तो सदुपयोग हो पा रहा है और न ही उक्त योजना स्वीकृत हो पा रही है, जिससे ग्रामीणों में असंतोष है। (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन जनहित के मद्देनजर उक्त पांचों प्रस्तावित योजनाओं को अविलंब स्वीकृति प्रदान करेगा। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दिनांक 29.6.15 से नवीन योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध है। (ख) ग्राम कलगावड़ा बुजुर्ग विकासखण्ड श्योपुर एवं ग्राम सेमलदा विकासखण्ड कराहल की योजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त हो गये थे, जिनकी संभाव्यता का परीक्षण कर स्वीकृति जारी की जायेगी। शेष 2 योजनाओं के प्रस्ताव प्रतिबंध लगने के बाद प्राप्त होने से स्वीकृति की कार्यवाही नहीं की जा सकती है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) के अनुसार।
कार्यकर्ता पद पर अनियमित नियुक्ति की जाँच
29. ( क्र. 620 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम सिरसोद केन्द्र पर कार्यरत कार्यकर्ता श्रीमती सुलोचना मीणा की नियुक्ति संबंधित दस्तावेज फर्जी होने संबंधी शिकायत कलेक्टर श्योपुर के कार्यालय में जनसुनवाई दिनांक 29.12.2015 को ग्राम सिरसोद के ग्रामीणों की ओर से प्राप्त हुई जिसकी जाँच प्रचलन में है, यह जानकारी प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 99 (क्रमांक 7319) दिनांक 28.03.2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में स्वीकारा है तो 6 माह व्यतीत हो जाने उपरांत भी प्रचलित जाँच कार्य को लंबित क्यों रखा जा रहा है? जाँच किसके द्वारा की जा रही है, उनका नाम, पदनाम बातवें। (ख) क्या जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा उक्त कार्यकर्ता को बचाने की कोशिश की जा रही है। (ग) यदि नहीं, तो उक्त मामले की जाँच कब तक पूर्ण होगी समय-सीमा बतावें। जाँच उपरांत दोषी पाये जाने की स्थिति में श्रीमती सुलोचना मीणा की नियुक्ति निरस्त करके इनके स्थान पर वरीयता सूची में पात्र महिला कार्यकर्ता की नियुक्ति प्राथमिकता क्रम से शासन करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। श्रीमती सुलोचना मीणा अंकसूची की जाँच हेतु बाल विकास परियोजना अधिकारी श्योपुर ग्रामीण-1 के द्वारा पत्र क्र. 575 दिनांक 06.04.2016 खंड शिक्षा अधिकारी श्योपुर को एवं पत्र क्र. 687 दिनांक 21.04.2016 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी श्योपुर को लिखा गया है तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी श्योपुर ग्रामीण-1 के पत्र क्र. 282 दिनांक 05.07.2016 द्वारा अंकसूची की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है जो कि अप्राप्त है। (ख) जी नहीं। (ग) जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
खाद्य भण्डारण क्षमता में वृद्धि
30. ( क्र. 712 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 1 जुलाई, 2014 को बिन्दु क्रमांक 100 में अपव्यय नियंत्रण एवं बचत परोक्ष रूप से उत्पादन वृद्धि है? विगत तीन वर्षों में धान एवं गेहूँ के उपार्जन में कीर्तिमान स्थापित किया है? उपार्जित अनाज को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रदेश में अतिरिक्त भण्डारण क्षमता सृजित की गई है, का वर्णन है? (ख) यदि उपरोक्त (क) सच है तो इस हेतु मध्यप्रदेश में अतिरिक्त भण्डारण क्षमता को बढ़ावा देने हेतु शासन की क्या नीति है? (ग) प्रश्नांश (ख) में परिप्रेक्ष्य में जिला मुरैना को अतिरिक्त भण्डारण क्षमता हेतु कितनी राशि दी गई व इसका कहाँ-कहाँ निर्माण किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रदेश में समर्थन मूल्य पर उपार्जित अनाज के सुरक्षित भंडारण के लिए अतिरिक्त भण्डारण क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक पॉलिसी, 2012, भारतीय खाद्य निगम की 10/9 वर्षीय पी.ई.जी. गारंटी योजना, ग्रामीण अधोसंरचना विकास फण्ड, बुन्देलखण्ड पैकेज योजना एवं पी.पी.पी. मोड पर स्टील सायलो निर्माण कराने की योजनाएं क्रियान्वित की गई है। इनमें बुन्देलखण्ड पैकेज योजना को पी.ई.जी. योजना में शासकीय गोदामों को छोड़कर शेष सभी में शासन की यह नीति रही है कि इस क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाय। (ग) मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा वर्ष 2013-14 में ग्रामीण अधोसंरचना विकास फण्ड से मुरैना जिले के ग्राम जिगनी, सेण्ट्रल स्कूल के पास 3600 मे.टन क्षमता का गोदाम निर्माण कराया गया जिसके लिए राशि रू. 126.42 लाख की स्वीकृति दी गई थी।
महिलाओं हेतु संचालित योजनाएं
31. ( क्र. 713 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन महिला बाल विकास के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु क्या-क्या योजनाएं संचालित होकर उनके क्रियान्वयन हेतु क्या नीति प्रचलन में है? (ख) जनपद पंचायत मुरैना व अम्बाह में संचालित आई.सी.डी.एस. द्वारा विगत तीन वर्षों में महिलाओं को प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया? हितग्राही का नाम, योजना विवरण, देयक राशि आदि सहित जानकारी दी जावे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिला सशक्तिकरण अंतर्गत जिला मुरैना में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना संचालित है। योजना के अंतर्गत शासन निर्देशानुसार प्रति त्रैमास में समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी करवाकर पात्र महिलाओं से आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। योजना के तहत पात्र महिलाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश (क) परिप्रेक्ष्य में आई.सी.डी.एस. द्वारा महिलाओं के लिए योजना संचालित नहीं की जाती है, शेष का प्रश्न नहीं।
फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स
32. ( क्र. 745 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत दस वर्षों में प्रदेश के तेजी से हुए विकास व अधिक खाद्यान्न व उद्यानिकी उत्पाद की तुलना में प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की कमी है? यदि हाँ, तो सरकार ने इस कमी को पूरा करने हेतु विगत तीन वर्षों में क्या-क्या कार्य योजनाएं बनाई? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) वर्ष 2014 से अब तक कितने फूड प्रोसेसिंग उद्योग किन-किन जिलों में प्रस्तावित, स्वीकृत अथवा स्थापित किये वर्षवार ब्यौरा क्या है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। राज्य में खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, 2012 लागू की गई, जिसके समाप्त होने पर मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति, 2014 के क्रम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिये विशिष्ट वित्तीय सहायताएं उपलब्ध कराने हेतु निर्णय लिया गया। (ख) राज्य शासन द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित नहीं किये जाते हैं बल्कि निजी निवेशकों द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत करने पर उन्हें इकाई स्थापित करने हेतु प्रोत्साहन/अनुदान दिया जाता है। अत: शासन द्वारा स्थापित इकाईयों की जानकारी निरंक है।
मछुआरों हेतु कल्याणकारी योजनाएँ
33. ( क्र. 746 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार द्वारा मछुआरों के कल्याण एवं उनकी सुरक्षा व पारिवारिक सहायता हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) उज्जैन संभाग में जिलेवार उक्त योजनाओं से लाभान्वितों का वर्ष 2013 से अब तक का तहसीलवार ब्यौरा क्या है? (ग) उपरोक्त अवधि में कितने मछुआरों को संभाग में आर्थिक सहायता प्रदान की गई? जिलेवार ब्यौरा दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विभाग द्वारा मछुआरों के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन उज्जैन संभाग में वर्ष 2013 से अद्यतन योजना से लाभांवितों की तहसील जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में 53238 मछुआरों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पशु चिकित्सा के संबंध में
34. ( क्र. 769 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले में विभाग द्वारा अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो अस्पताल और स्टाफ का ब्यौरा दें? क्या पशु अस्पतालों में स्वीकृत पदों के विरूद्ध स्टाफ की कमी है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ख) क्या विभाग द्वारा पशु स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार शिविरों का आयोजन किया जाता है? यदि हाँ, तो सीहोर जिले में विगत 2 वर्षों के दौरान लगाए शिविरों का विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शिविरों के लिए आवंटित बजट व खर्च का मदवार ब्यौरा दें? शिविरों उपचारीकृत किए गए पशुओं की संख्या का शिविरवार ब्यौरा दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। सीहोर जिले में कुल 15 पशु चिकित्सालय संचालित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार। (ख) जी हाँ। सीहोर जिले में विगत 2 वर्षों के दौरान 683 शिविरों का आयोजन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’स’’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ एवं ’’ स’’ अनुसार।
पुलिस अभिरक्षा से फरार व्यक्तियों की संख्या
35. ( क्र. 770 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अभिरक्षा से विगत 5 वर्षों के दौरान व्यक्तियों के फरार होने की घटनांए घटित हुई हैं? यदि हाँ, तो घटनावार ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 5 वर्षों के दौरान हुई घटनाओं की जाँच के उपरांत घटनाओं के कारणों में लापरवाही स्टाफ पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार फरार हुए व्यक्तियों में से कितनों को पुन: अभिरक्षा में लिया गया? कितने अभी भी फरार हैं? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार घटनाओं को रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या रणनीति बनाई गई है और क्या-क्या सुधार हुए?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। घटनावार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) फरार हुए अभियुक्तों में से 362 अभियुक्तों को पुनः गिरफ्तार किया जा चुका है। 08 अभियुक्तों की मृत्यु हो चुकी है। 63 अभियुक्त अभी फरार हैं। (घ) पुलिस अभिरक्षा से अभियुक्तों के फरार होने की घटना को रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को समय-समय पर आवश्यक निर्देश जारी किये जाते हैं। अभियुक्तों को लाने ले जाने के लिए वाहनों का उपयोग कर समुचित पुलिस बल, उपलब्ध आवश्यक संसाधनों के साथ सुरक्षा में लगाया जाता है। कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाती है। जिससे पुलिस अभिरक्षा से अभियुक्तों के फरार होने की घटनाओं में सुधार हुआ है।
मंधान डेम की स्वीकृति
36. ( क्र. 792 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र के मंधान डेम की स्वीकृति के उपरांत ठेकेदार द्वारा जो कार्य प्रारंभ किया गया था, उसमें मंत्री महोदय द्वारा यह जानकारी प्रदान की गई थी कि मंधान डेम का कार्य वर्ष 2017 तक पूर्ण कर दिया जावेगा? क्या मंधान डेम की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस डेम का निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो पायेगा? (ख) क्या वर्तमान में मंधान डेम के निर्माण कार्यों में जो ठेकेदार द्वारा सामग्री उपयोग की जा रही है, वह पूर्णत: गुणवत्ताहीन है और निर्माण कार्य भी ठेकेदार द्वारा बहुत धीमी गति से किया जा रहा है, जिसकी उच्च स्तरीय जाँच कराया जाना अति आवश्यक है, यदि हाँ, तो क्या मंत्री महोदय द्वारा इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवाई जायेगी? जाँच करने की समय-सीमा बतायें? (ग) अगर मंधान डेम का निर्माण कार्य ठेकेदार एवं विभाग द्वारा समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया जाता है तो ठेकेदार एवं विभागीय अधिकारियों के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनायें
37. ( क्र. 809 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या-9 (क्र. 265) दिनांक 26.02.16 के उत्तर में दिनांक 01 फरवरी, 2015 से दिनांक 31 जनवरी, 2016 तक प्रदेश में कुल 4744 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनायें घटित होने जिसमें 2192 अवयस्क एवं 2552 अवयस्क महिलाएं तथा 308 महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार को घटनाएं जिसमें 122 अव्यस्क महिलाएं थी की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 01 फरवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रदेश में कुल कितनी महिलाओं के साथ बलात्कार/सामूहिक बलात्कार की घटनाएं घटित हुई? अ.जा., अ.ज.जा., पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग एवं वयस्क/अवयस्क महिलाओं सहित जिलेवार जानकारी दें? इनमें से कितनी महिलाओं की हत्या हुई एवं कितनों ने आत्महत्या की? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य कितने प्रकरणों में आरोपियों को हिरासत में लिया गया है? कितने आरोपी फरार हैं? जिलेवार जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार।
प्रदेश में साम्प्रदायिक सदभाव बिगड़ने की घटनायें
38. ( क्र. 810 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने/साम्प्रदायिक दंगे/फसाद होने की घटनाएं कब-कब, कहाँ-कहाँ, घटित हुई? इन घटनाओं में कितने-कितने व्यक्ति घायल हुए तथा कितने-कितने व्यक्ति मृत हुए? घायल एवं मृत व्यक्तियों के परिवारजनों को सरकार द्वारा क्या-क्या सहायता उपलब्ध कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार घटित घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपी कौन-कौन थे तथा इनका संबंध किस संस्था/संगठन से था तथा इनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है? कितने गिरफ्तारी हेतु शेष हैं? (ग) प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रखने के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या प्रयास किए गए है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक (30.06.2016) तक प्रदेश में एक भी साम्प्रदायिक दंगे/फसाद होने की घटना घटित नहीं हुई है। 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव/घटनाओं की कुल 66 घटनाएँ घटित हुई है। उक्त घटनाओं में 198 व्यक्ति घायल हुए है एवं 03 व्यक्तियो की मृत्यु हुई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त घायलो में से 46 घायलो को राशि रू. 5,62,000/- (पाँच लाख बासठ हजार) एवं 02 मृत व्यक्ति को 8,00,000/- (आठ लाख) शेष घायलों एवं 01 मृतक के संबंध में संबंधित जिला कलेक्टर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण कर कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार घटित घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आरोपियों का संबंध किस संस्था/संगठन से है यह पुलिस विवेचना का विषय नहीं होने से जानकारी उपलब्ध नहीं है। विवेचना के दौरान कुल 1591 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया एवं 331 की गिरफ्तारी शेष है। (ग) प्रदेश में साम्प्रदायिक घटनाओं की रोकथाम के लिये समय-समय पर पुलिस मुख्यालय द्वारा अलर्ट/एडवाईजरी जारी की जाती है। साम्प्रदायिक क्षेत्रो में गणमान्य नागरिको को शामिल कर शांति समितियों का गठन किया जाता है। मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा साम्प्रदायिक घटनाओं की रोकथाम के संबंध में जारी पुस्तिका समस्त पुलिस अधीक्षकों को पुलिस मुख्यालय द्वारा भेजी गई है जिसके अंतर्गत कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। साम्प्रदायिक घटनाओं पर नियंत्रण हेतु पुलिस मुख्यालय से वर्ष 2014 में मार्गदर्शिका जारी की गई है। जिला स्तर पर दंगा प्रतिरोधक योजना तैयार की गई है।
प्रदेश निजी सुरक्षा एजेंसी संचालन की अनुमति
39. ( क्र. 837 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में निजी सुरक्षा एजेंसी संचालन हेतु अनुमति प्रदान करने के शासन के क्या नियम एवं दिशा-निर्देश है? (ख) वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन के द्वारा कब-कब निजी सुरक्षा एजेंसी संचालन हेतु अनुमति प्रदान करने का आवेदन सक्षम अधिकारियों के समक्ष पेश किया गया, बतलावें सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आवेदनकर्ताओं में से किन-किन का आवेदन किस दिनांक को स्वीकृत हुआ एवं कौन-कौन से आवेदन किन कारणों से अभी तक लंबित है सूची देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित आवेदनों के लंबित रहने के क्या कारण है एवं निजी सुरक्षा एजेंसी संचालन हेतु प्राप्त इन आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश में निजी सुरक्षा एजेंसी संचालन हेतु अनुमति प्रदान करने के शासन के नियम एवं दिशा-निर्देश निजी सुरक्षा अभिकरण अधिनियम-2005 एवं मध्यप्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) नियम 2012 में निहित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार। (ख) वित्त वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक कुल 237 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार। (ग) आलोच्य अवधि में कुल 69 आवेदन स्वीकृत हुए, 168 आवेदन पत्र जानकारी के अभाव में लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ग) लंबित रहने का मुख्य कारण-1. आवेदक द्वारा दी गई गलत/अपूर्ण जानकारी। 2. जिलों से चरित्र सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने में विलम्ब होना। 3. आवेदक से चाही गई अतिरिक्त जानकारी/पूरक जानकारी का प्राप्त न होना अथवा विलम्ब से प्राप्त होना। आलोच्य अवधि में प्राप्त आवेदनों का निराकरण निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) अधिनियम 2005 एवं मध्यप्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) नियम 2012 में निहित प्रावधानों के तहत जानकारी प्राप्त होने के पश्चात ही किया जावेगा।
आपूर्ति निगम गोदाम में गेहूँ का गबन
40. ( क्र. 839 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिले में स्थित आपूर्ति निगम के भण्डार गृहों से राशन दुकानों तक गेहूँ के परिवहन का ठेका किस-किस ठेकेदार को किन नियम एवं शर्तों के अधीन दिया गया? (ख) प्रश्नांकित अवधि में कितने गेहूँ का स्टॉक गोदाम से जारी किया गया ओर कहाँ-कहाँ भेजा गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तिथियों में जबलपुर जिले में स्थित आपूर्ति निगम के भण्डार गृहों से कितनी-कितनी मात्रा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरण हेतु गेहूँ परिवहन किया गया? (घ) भण्डार गृह से राशन दुकान तक परिवहन हेतु कितना गेहूँ निकाला गया एवं कितना गेहूँ राशन दुकान तक वितरण हेतु पहुंचा एवं कितनी मात्रा गेहूँ की बीच में ही गायब किया गया? उपरोक्त कृत्य के दोषी कौन-कौन हैं शासन उन पर कब तक क्या कार्यवाही करेगा तथा परिवहन ठेकेदार द्वारा गबन किये गये गेहूँ को किस प्रकार से कब तक वसूला जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में 96,397.198 मे.टन गेहूँ का स्कंध गोदामों से जारी किया गया। उक्त गेहूँ का स्टॉक जिन स्थानों (उचित मूल्य दुकानों) के लिए जारी किया गया, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में 96,397.198 मे.टन गेहूँ का स्कंध भण्डारगृहों से राशन की दुकानों तक पहुंचाने हेतु जारी किया गया, जबकि 96331.321 मे.टन गेहूँ वितरण हेतु दुकानों में पहुंचा। 65.877 मे.टन गेहूँ उचित मूल्य दुकानों तक न पहुंचाकर गायब किया गया। उक्त कृत्य के लिए दोषी परिवहनकर्ता को मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा ब्लेक लिस्टेड किया गया एवं जबलपुर जिले के सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त परिवहनकर्ता के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। गेहूँ को गायब करने में सहभागी उचित मूल्य दुकानदारों के विरूद्ध भी एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन, जबलपुर के शहपुरा के गोदाम प्रभारी श्री चन्द्रभान कोरी (भृत्य) के विरूद्ध भी एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु थाना प्रभारी को लिखा गया है। जबलपुर के तत्कालीन जिला प्रबंधक श्री जी.एम. नेमा एवं श्री जे.पी. मिश्रा, गोदाम प्रभारी को दिनांक 13.06.2016 को मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड, मुख्यालय, भोपाल द्वारा निलंबित किया गया है। परिवहन ठेकेदार द्वारा किये गये गबन की नियमानुसार वसूली की जाएगी
पोषण आहार की खरीदी
41. ( क्र. 896 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग में वित्तीय वर्ष 2013-14, 14-15 एवं 15-16 में विभाग को कुल कितना पोषण आहार प्राप्त हुआ है? (ख) पोषण आहार विभाग द्वारा कहाँ से तथा किस फर्म से खरीदा गया है? (ग) विभाग द्वारा खरीदा गया पोषण आहार कितनी आंगनवाड़ियों को कितना प्रदाय किया गया है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में एम.पी.एग्रो द्वारा 7222.00 मैट्रिक टन पोषण आहार प्राप्त हुआ। (ख) पूरक पोषण आहार एम.पी.एग्रो इण्डस्ट्रीज कार्पोरेशन भोपाल द्वारा प्रदाय किया जाता है। (ग) पूरक पोषण आहार का प्रदाय शहडोल जिले की 1519 आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदाय किया जाता है। वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में एम.पी.एग्रो द्वारा प्रदायित टेकहोम राशन के रूप में कुल 7222.00 मै.टन पोषण आहार आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदाय किया गया। इसके अतिरिक्त जिले के 1519 आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्व-सहायता समूहों द्वारा गरम ताजा भोजन/नाश्ता तैयार कर प्रदाय किया जाता है।
जेल में निरूद्ध कैदी
42. ( क्र. 897 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले में सजायाफ्ता या विचाराधीन कैदियों को निरूद्ध करने के लिये जेल बनाये गये हैं? (ख) यदि तो उक्त जिले में किस-किस स्थान में जेल बनाया गया है? प्रत्येक जेल की क्षमता क्या है और प्रश्नोत्तर दिनांक को प्रत्येक जेल में कितने कैदी निरूद्ध है? (ग) उक्त विभाग में कैदियों के सुधार हेतु कौन-कौन से रचनात्मक कार्य संचालित हैं तथा प्रत्येक जेलों में विगत 03 वर्षों में कितनी राशि प्राप्त हुई और प्राप्त राशि का व्यय किन-किन कार्यों के लिये किया गया? व्यय राशि भुगतान प्राप्तकर्तावार जानकारी उपलब्ध करायी जावें तथा राशि का व्यय किस मापदण्ड के आधार पर किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला जेल शहडोल, उप जेल बुढ़ार एवं ब्योहारी। जिला जेल शहडोल में 220 बंदियों, उप जेल बुढ़ार में 50 एवं उप जेल ब्योहारी में 50 बंदियों को रखने की क्षमता हैं। बुढार में नवीन जेल भवन का निर्माण प्रगति पर है। दिनांक 05.07.2016 को जिला जेल शहडोल में 543 कैदी, उप जेल बुढ़ार में 49 कैदी एवं उप जेल ब्योहारी में 93 कैदी निरूद्ध हैं। (ग) जिला जेल शहडोल, उप जेल बुढ़ार एवं ब्योहारी में प्रतिदिन योगा, पी. टी., ध्यान आदि रचनात्मक कार्यक्रम चलाए जाते हैं। ज्ञानवर्धन एवं मनोरंजन हेतु टेलीविजन के कार्यक्रम दिखाए जाने के साथ-साथ समाचार पत्र, धार्मिक एवं नैतिक पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएं बंदियों को पढ़ने हेतु उपलब्ध कराई जाती हैं। विगत 03 वर्षों में पुस्तकें एवं पत्रिकाओं पर जेलों में व्यय की गई राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार हैं :-
क्र. |
वर्ष |
जिला जेल शहडोल |
उप जेल बुढ़ार |
उप जेल ब्योहारी |
|||
प्राप्त आवंटन |
व्यय राशि |
प्राप्त आवंटन |
व्यय राशि |
प्राप्त आवंटन |
व्यय राशि |
||
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
1 |
2013-14 |
7934/- |
7819/- |
1000/- |
750/- |
3272/- |
3272/- |
2 |
2014-15 |
5120/- |
5120/- |
2000/- |
2000/- |
1700/- |
1305/- |
3 |
2015-16 |
6200/- |
5916/- |
1200/- |
1100/- |
2200/- |
2185/- |
उपरोक्तानुसार व्यय की गई राशि उपलब्ध कराए गए आवंटन के आधार पर व्यय की जाती है।
पशुओं के उपचार हेतु दवाइयों का क्रय
43. ( क्र. 936 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर में उप संचालक, पशु चिकित्सा द्वारा पशुओं के उपचार हेतु दवाइयों का क्रय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक में कितनी-कितनी, किस एजेंसी के द्वारा दवाओं का क्रय किया गया तथा इस मद में उक्त वर्षों में वर्षवार कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ? (ख) जिला छतरपुर के अंतर्गत पशु चिकित्सक द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित वर्षों के दौरान कहाँ-कहाँ पर भ्रमण कार्यक्रम किये गये हैं और उनके द्वारा कितने व्यय के बिल प्रस्तुत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित वर्षों में क्रय दवाइयों को स्टाक रजिस्टर में दर्ज कर कितनों को कितनी-कितनी दवाईयां वितरित की गई तथा कितना व्यय किया गया? (घ) जिले के तहसील नौगांव, लवकुश नगर, चन्दला, गौरिहार एवं राजनगर क्षेत्रों किस-किस ग्राम में कैम्प आयोजित कर पशुओं का इलाज किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ड्रिप इरिगेशन के प्रकरणों में अनियमितता
44. ( क्र. 946 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत उद्यान विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 15-16 एवं वर्ष 2016-17 में ड्रिप इरिगेशन के कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित स्वीकृत प्रकरण के कितने कार्य पूर्ण हुये? पूर्ण कार्यों का स्थल निरीक्षण किन किन अधिकारियों द्वारा किया गया वर्षवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित प्रकरणों में किस-किस कम्पनी/पंजीकृत फर्म द्वारा मटेरियल सप्लाई किया गया तथा स्थल पर ड्रिप फिटिंग कार्य किसके द्वारा किया गया बतायें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में कुल 14 प्रकरण एवं वर्ष 2015-16 में कुल 18 प्रकरण स्वीकृत किये गये। वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कोई प्रकरण स्वीकृत नहीं हुआ है। (ख) वर्ष 2014-15 में 14 कार्य पूर्ण हुये जिनका स्थल निरीक्षण श्री आर.आर. बिण्डवार, उद्यान विकास अधिकारी एवं श्री टी.एल.पूर्वी, उद्यान विकास अधिकारी द्वारा किया गया। वर्ष 2015-16 में 18 कार्य पूर्ण हुये जिनका स्थल निरीक्षण श्री आर.आर. बिण्डवार उद्यान विकास अधिकारी द्वारा किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में निम्नानुसार पंजीकृत कम्पनियों द्वारा मटेरियल सप्लाई तथा ड्रीप फिटिंग का कार्य किया गया:- 1. मेसर्स नेटाफिम इरीगेशन इंडिया प्रायवेट लिमिटेड 2. मेसर्स जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड 3. मेसर्स रूंगटा इरीगेशन लिमिटेड 4. मेसर्स प्रीमियर इरीगेशन एड्रीटेक प्रायवेट लिमिटेड 5. मेसर्स एलीगेंट पॉलीमर्स 6. मेसर्स नर्मदा पाईप्स।
थाना होशंगाबाद, इटारसी एवं सोहागपुर में पंजीकृत प्रकरण
45. ( क्र. 947 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के पुलिस थाना होशंगाबाद इटारसी एवं सोहागपुर में 01 जनवरी, 2016 से 30 अप्रैल, 2016 तक कितने प्रकरण दर्ज किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में विवेचना पूर्ण होकर कोर्ट में चालान प्रस्तुत कर दिया गया हैं? (ग) किन प्रकरणों में अभी तक न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया हैं, थाना अनुसार जानकारी देवें? (घ) ऐसे प्रकरणों में चालान कब तक प्रस्तुत कर दिया जावेगा, चालान प्रस्तुती में विलम्ब के क्या कारण हैं बतायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला होशंगाबाद के थाना होशंगाबाद, देहात होशंगाबाद इटारसी एवं सोहागपुर में दिनांक 01 जनवरी, 2016 से दिनांक 30 अप्रैल, 2016 तक भा.द.वि. के कुल 845 अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कुल 845 प्रकरणों में से कुल 640 प्रकरणों की विवेचना पूर्ण कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये गये हैं। (ग) थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) थानों पर लंबित प्रकरणों में अनुसंधान जारी है। प्रकरण विशेष की परिस्थिति अनुसार कुछ प्रकरणों में साक्ष्य संकलन में समय लग सकता है, अतः विवेचना पूर्ण करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बड़वारा में हैण्डपम्प खनन
46. ( क्र. 962 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने वर्ष 2015-16 व 2016-17 की अवधि में अपने पत्रों के द्वारा किन्हीं दिनांकों को किन्हीं ग्रामों व बस्तियों में हैण्डपम्प खनन के प्रस्ताव कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड कटनी को प्रस्तुत किये हैं और दूरभाष पर चर्चायें की हैं? (ख) कटनी जिला में हैण्डपम्प ट्यूबवेल खनन किस प्रकार की कितनी विभागीय मशीनें हैं और उनके खनन का दायित्व किस वि.स.क्षे. के किन विकासखण्डों का है? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में विभागीय कार्यपालन यंत्री द्वारा किन वि.स.क्षे. की किन विकासखण्डों के ग्रामों में कितने बोरों का खनन किया गया हैं? (घ) क्या कारण है कि विभागीय कार्यपालन यंत्री ने अन्य क्षेत्रों की तुलना में वि.स.क्षे. बड़वारा और विशेषतया वि.खं. ढीमरखेड़ा के ग्रामों में बोर खनन में पक्षपातपूर्ण कृत्य किया है और क्या उन पर कोई कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) 3 प्रकार की विभागीय मशीनें हैं। 1. एलएमपी-1 नग, 2. कॉम्बिनेशन रिग-1 नग एवं 3. केएलआर-1 नग। उनके खनन का दायित्व चारों विधान सभा क्षेत्र के सभी 6 विकासखण्डों का है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (घ) किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं किया गया है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हत्या, लूट, डकैती, चोरी की घटनाएं
47. ( क्र. 1019 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड में 1-7-15 से 30-6-16 तक कहाँ-कहाँ पर हत्या हुई? कौन विवेचना कर रहा है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत डकैती कहाँ पर हुई? कौन सी पकड़ी गई? कौन विवेचना कर रहा है? अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) भिण्ड जिले में थाना परिसर व जेल परिसर में कहाँ पर हत्या हुई? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत वर्णित अपराधों के रोकथाम के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं? अपराध नियंत्रण के लिए शासन स्तर पर क्या प्रयास होंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जिला भिण्ड के किसी भी थाना परिसर में एवं भिण्ड जेल परिसर में उक्त अवधि में हत्या की कोई घटना घटित नहीं हुई है। (घ) अपराधों की रोकथाम के लिए पूर्व अपराधियों की सघन चेकिंग करायी जा रही है। सजायाब अपराधियो की समय-समय पर चेकिंग, रात्रि गश्त, रोड़ पेट्रोलिंग, वाहन चेकिंग, सक्रिय अपराधयों के विरूद्ध आवश्यकता अनुसार प्रतिबंधात्मक कार्यवाही आदि से अपराध नियंत्रण के प्रयास किये जा रहे हैं।
पुलिस आवासों की व्यवस्था
48. ( क्र. 1050 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने कर्मचारियों हेतु आवास स्वीकृत किए गए हैं? इनमें से कितनो का निर्माण पूर्ण किया जा चुका हैं कितने निर्माणाधीन हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विभाग में कितने पद सृजित हैं इनमे से कितने भरे हैं एवं कितने रिक्त हैं? थानावार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार कार्यरत कर्मचारियों में से कितनों को आवास उपलब्ध हैं एवं कितने किराये पर रह रहे हैं? (घ) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत क्या पुलिस कर्मचारियों को शत्-प्रतिशत् आवास उपलब्ध कराने हेतु कोई कार्ययोजना हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से शासकीय आवास उपलब्धता हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कुल 60 आवास गृह स्वीकृत किये गये है एवं सभी का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वर्तमान में कोई आवास गृह निर्माणाधीन नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (घ) जी हाँ। ’मुख्यमंत्री आवास योजना’ अंतर्गत हुडकों से ऋण लेकर आगामी पाँच वर्षों में 25000 आवासों का निर्माण करने के संबंध में प्रस्तावित विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर) पर परियोजना परीक्षण समिति की बैठक दिनांक 27.02.2016 को सम्पन्न हो चुकी है। प्रस्तावित परियोजना प्रतिवेदन में जिला आगर के लिए 108 पुलिस आवास-गृह पाँचवे चरण में बनाये जाने प्रस्तावित है। परियोजना शासन स्तर पर विचाराधीन है।
न्यायालय भवनों का निर्माण
49. ( क्र. 1051 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में म.प्र. में कितने नए सत्र/जिला न्यायालय प्रारम्भ किए गए हैं? कृपया सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित न्यायालयों में से कौन-कौन से न्यायालयों हेतु भवन निर्मित किए जा चुके हैं एवं कितने शेष हैं? कृपया सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नलखेड़ा में न्यायालय कब से प्रारम्भ किया गया है? न्यायालय के भवन निर्माण हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? (घ) प्रश्नांश अनुसार नलखेड़ा में न्यायालय भवन कब तक निर्मित होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जानकारी का प्रदाय
50. ( क्र. 1068 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक संचालक मत्स्योद्योग रीवा को 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक संचालित समस्त योजनाओं में राज्य योजना मंडल द्वारा स्वीकृत योजना कार्यक्रम की राशि एवं अन्य विभिन्न मदों से प्राप्त राशि से कितने विभिन्न कार्यों की स्वीकृत प्रदान की गई है, स्वीकृत कार्यों का विवरण वर्षवार, कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, कार्य की स्थिति, कार्य की एजेन्सी, निविदा की तिथि, राशि की उपयोगिता, अद्यतन भौतिक स्थिति योजनावार, विधान सभावार, विकासखण्डवार, ग्रामवार, पृथक-पृथक विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्य का मूल्यांकन किस उपयंत्री द्वारा किया गया, नाम तथा विभाग बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में हितग्राही मूलक योजनाओं से संबंधित कार्य का नाम, हितग्राही की संख्या, पूर्ण पता, उपलब्ध राशि, लाभान्वित राशि की जानकारी विधान सभाक्षेत्रवार उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नाधीन वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों से प्राप्त राशि से कराये गये निर्माण कार्यों का विवरण विधान सभावार, विकासखंडवार एवं ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों का मूल्याकंन श्री आर.एस. भाटी सहायक यंत्री श्री व्ही.सी. श्रीवास्तव, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रीवा एवं श्री सुनील मिश्रा तथा श्री पी.एल. गर्ग उपयंत्री मत्स्य विभाग द्वारा कराया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार हितग्राही मूलक योजनाओं से संबंधित कार्य नहीं कराये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जानकारी का प्रदाय
51. ( क्र. 1069 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले के मऊगंज विधान सभा क्षेत्र-71 के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मैकेनिकल शाखा रीवा द्वारा व्यापक पैमाने पर कलेक्टर रीवा संबंधित मंत्री, प्रमुख सचिव के नाम पर दलालों के माध्यम से नलकूप खनन का कार्य व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिये बाउन्ड्री के अन्दर किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा 8 जून 2016 को प्रिन्ट मीडिया के माध्यम से उक्त आशय के आरोप लगाये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो जानकारी देते हुये यह बताया था कि चरैया, टटिहरा, भदौहा (जट्ठा) मुदरिया पहाडूराम ग्रामों में बाउन्ड्री के अन्दर बोर किये गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई कार्यवाही से अवगत करावें? नहीं की गई तो क्यों कारण स्पष्ट करें? कार्यवाही की जायेगी तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक किसके द्वारा समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) इस संबंध में विभाग के पास कोई सूचना नहीं है। (ख) जी नहीं, प्रश्नान्तर्गत उल्लेखित ग्रामों में सार्वजनिक स्थानों पर ही नलकूप खनन किये गये हैं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
न्यायालयों की स्थापना संबंधी सिफारिश
52. ( क्र. 1081 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधि आयोग/परिषद् दवारा न्यायालयों की स्थापना के सम्बन्ध में अपनी सिफारिशें विधि एवं विधायी कार्य विभाग भोपाल को कर रखी है? यदि हाँ, तो क्या विभाग ने उक्त सिफारिशों के अनुरूप प्रदेश में न्यायालय स्थापना के सम्बन्ध में कोई माप दंड/गाइडलाईन तय की है? उक्त मापदण्डों के अनुसार किस-किस प्रकार के कितने न्यायालय स्थापित होने चाहिए थे, कितने न्यायालय वर्तमान में स्थापित है? विधि आयोग की सिफारिश के अनुसार अपेक्षित एवं प्रदेश में विभाग दवारा स्थापित न्यायालयों का विवरण, विधि आयोग की सिफारिशों एवं सरकार द्वारा तयशुदा मापदंडों की प्रति सहित जिलेवार विवरण देवें? (ख) क्या न्यायालय प्रकरणों में विभाग द्वारा समय पर जबाव दावा प्रस्तुत नहीं करने के कारण मह्त्वपूर्ण प्रकरणों में प्रतिवादियों की जीत हुई है यदि हाँ, तो क्या सरकार द्वारा ऐसे प्रकरणों की जाँच कराई गई है या कराई जा रही है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या यह सही है कि निस्तारीकरण के लिए सरकार दवारा भारी राशी दी जाती है? यदि हाँ, तो सरकार ने न्यायिक प्रकरणों के निरीक्षण की क्या व्यवस्था सुनिश्चित की है? क्या विभाग 3 वर्षों में जबाव दावा नहीं पेश करने के कारण हारे हुए प्रकरणों की जाँच कराएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही हे।
मुरैना जिले में शस्त्र लाइसेन्स बनाये जाना
53. ( क्र. 1090 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015 से जून 2016 तक कितने नवीन शस्त्र लाइसेंस बनाये गये हैं तहसीलवार संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या जिले में नवीन शस्त्र लाइसेंस बनाने पर रोक लगा दी गई है क्यों? क्या प्रदेश के अन्य जिलों भी यह रोक प्रभावी है यदि नहीं, तो मुरैना में ही क्यों है? (ग) जिले में वर्ष जून 2016 तक नवीन शस्त्र लाइसेंस बनवाने हेतु कितने आवेदन लम्बित हैं उनकी संख्या तहसीलवार दी जावे। (घ) क्या शासन उक्त लम्बित आवेदनों का निराकरण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015 से जून, 2016 तक कुल 92 शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। तहसीलवार, वर्षवार, पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) जिला कार्यालय में वर्ष जून 2016 तक नवीन शस्त्र लायसेंस बनवाने हेतु कुल 69 आवेदन लंबित है। तहसीलवार संख्या संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी हाँ, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुरैना जेल में विचाराधीन कैदी की मृत्यु
54. ( क्र. 1091 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुरैना जेल में विचाराधीन कैदी बन्टी उर्फ नरेन्द सिंह की मृत्यु मार्च 2016 में हुई थी कितने अन्य कैदियों की मृत्यु 1.1.14 से जून 2016 तक हुई है? (ख) विचाराधीन कैदी नरेन्द सिंह की मृत्यु के क्या कारण रहे क्या उक्त कैदी पूर्व से रोग ग्रस्त था यदि हाँ, तो किस चिकित्सक से इलाज कराया था? (ग) उक्त कैदी के इलाज के दौरान किस-किस बीमारी के टेस्ट कराये, लीवर, हार्ट, किडनी, ब्लड प्रेसर आदि के टेस्ट कहाँ कराये गये एवं चिकित्सकों द्वारा गंभीर बीमारी होना पाया गया था तो उसे अन्यत्र चिकित्सा हेतु क्यों नहीं भेजा पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, जिला जेल मुरैना के विचाराधीन कैदी बंटी उर्फ नरेन्द्र पुत्र कप्तान सिंह की मृत्यु दिनांक 28/03/2016 को उपचार के दौरान जिला चिकित्सालय, मुरैना में हुई थी। अन्य 03 कैदियों की मृत्यु दिनांक 01/01/2014 से जून, 2016 तक उपचार के दौरान जिला चिकित्सालय, मुरैना में हुई है। (ख) पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार विचाराधीन कैदी बंटी उर्फ नरेन्द्र पुत्र कप्तान सिंह की मृत्यु हृदय एवं श्वसन तंत्र के फेल होने के कारण हुई है। उक्त कैदी पूर्व से रोग ग्रस्त नहीं था। (ग) जिला चिकित्सालय, मुरैना के आई.सी.यू. में इलाज के दौरान बंदी का ई.सी.जी. कराया गया, जिसमें उसे हार्ट अटैक होना पाया गया। बंदी के उपचार बाबत् जिला चिकित्सालय, मुरैना के उपचार के पर्चे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विभाग द्वारा क्रय सामग्री
55. ( क्र. 1159 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विभिन्न नलजल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत क्रय की गई सामग्री की संख्या एवं लागत राशि की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायी जाएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्रय की गई सामग्री का जिले में कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया योजनावार जानकारी उपलब्ध कराएं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
प्रदेश के अन्दर घटित घटनाएँ
56. ( क्र. 1172 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के अंदर जनवरी, 2015 से अब तक कितनी आपराधिक घटनाएं घटित हुई, जिलेवार, अपराधवार संख्यात्मक जानकारी दी जावे? (ख) क्या पुलिस विभाग अपराधिक घटनाओं पर रोक नहीं लगा पा रहा है, पुलिस की निष्क्रियता के कारण पूरे प्रदेश में आये दिन हत्या, लूट, बलात्कार, नकबजनी, अपहरण एवं फिरौती की घटनाएं घटित हो रही है? (ग) सतना जिले के विभिन्न थानांतर्गत इन वर्षों में घटित घटनाओं की जानकारी अपराधवार देवें एवं कितने प्रकरणों पर अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही कर गिरफ्तार किया गया, कितने प्रकरणों पर कार्यवाही, किन कारणों से नहीं हुई है, विवरण सहित देवें? (घ) क्या प्रदेश में महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं घटित हुई है? यदि हाँ, तो ऐसी पीड़ित महिलाओं की संख्या बताएं तथा यह भी बताएं कि कितने अपराधियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। पुलिस की सक्रियता के कारण लूट, बलात्कार, नकबजनी, अपहरण एवं फिरोती की घटनाओं में गत वर्ष की तुलना में कमी परिलक्षित हुई है। केवल हत्या की घटनाओं में आंशिक वृद्धि हुई है। तुलनात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) थानावार अपराधवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ एवं ’द’ अनुसार है। (घ) जी नहीं, वर्ष 2015 में दुष्कर्म की कुल 5060 घटनाएं हुई थी जबकि प्रश्नांकित अवधि तक वर्ष 2016 में कुल 2298 घटनाएं घटित हुई हैं जिनमें 7374 महिलाएं पीड़ित रही हैं। उक्त घटनाओं के संबंध में 9041 आरोपीगणों को गिरफ्तार कर 8589 आरोपीगणों के विरूद्ध अभियोग पत्र संबंधित न्यायालयों में प्रस्तुत किये गये हैं, जिनमें से 107 प्रकरणों के कुल 128 आरोपीगणों को न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया है एवं 7,694 आरोपीगणों के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है।
नामजद हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार
57. ( क्र. 1173 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के थाना निवाड़ी अंतर्गत ग्राम देवेन्द्रपुरा निवासी रामसहाय तनय देशराज कुशवाहा द्वारा अपने पुत्र प्रताप कुशवाहा के पुत्र की हत्या की रिपोर्ट दिनांक 15.02.2015 को थाना दिगौड़ा में दर्ज कराई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता द्वारा अपराधियों के नाम एवं पता सहित रिपोर्ट लिखाते हुए हत्या किये जाने की सूचना दिये जाने के बाद भी पुलिस द्वारा नामजद आरोपियों को गिरफ्तार न करने का क्या कारण है? (ग) क्या नामजद आरोपियों द्वारा जुएं का फड़ चलाया जाता है एवं प्रताप कुशवाहा को रकम उधार देकर आये दिन उधार रकम मांगने के नाम पर एक्सीडेंट कर दुर्घटना साबित कर देने की धमकी दी जाती थी? यदि हाँ, तो इन अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या इन्हीं आरोपीगणों द्वारा शिकायतकर्ता के घर में दिनांक 16.09.2014 को रात्रि 09.00 बजे ईशू तनय कपूरे यादव निवासी मुड़ारा एवं 2 अन्य परिचित सहित 3 अपरिचित लोग घुसकर धमकाया गया था कि तुम्हारा पुत्र प्रताप कुशवाहा जब मिलेगा तो उसे खत्म कर एक्सीडेन्ट दिखा देंगे? क्या यह यही अपराधीगण शिकायतकर्ता के नाम की मोटर साईकिल बजाज प्लेटिना एम.पी. 36/एमडी-2258 प्रताप से छुड़ा ली गई है जो कीरत यादव के कब्जे में है? यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। दिनांक 13.02.2015 को सूचनाकर्ता चौकीदार मातादीन पिता ताई खंगार निवासी रामनगर द्वारा थाना दिगौड़ा पर मृतक प्रताप पिता रामसहाय कुशवाह की मृत्यु के संबंध में रिपोर्ट पर मर्ग क्रमांक 4/15, धारा 174 जा.फौ. का कायम कर जाँच की गई। जाँच पर अज्ञात वाहन के चालक द्वारा एक्सीडेंट करना पाये जाने पर थाना दिगौड़ा में अपराध क्रमांक 28/2015 धारा 279, 304 (ए) भादवि का पंजीबद्ध किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार मृतक प्रताप के पिता रामसहाय कुशवाह द्वारा दिनांक 18.02.2015 को थाना दिगौड़ा एवं 23.03.2015 को पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ को शिकायत पत्र दिये थे जिसकी जाँच थाना प्रभारी दिगोड़ा एवं एस.डी.ओ.पी. निवाड़ी द्वारा की गई जो जाँच पर असत्य पाई गई। (ग) जी नहीं, इस संबंध में कोई शिकायत अथवा जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। (घ) जी नहीं, प्रश्नांश में दर्शाये बिन्दुओं के संबंध में थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं है।
धार जिले में स्वयंसेवी संस्थाऍ संचालित
58. ( क्र. 1190 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में विगत तीन वर्षों में किन-किन अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा कौन-कौन से कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन संस्थाओं को किन-किन योजनांतर्गत किन-किन कार्यक्रमों, कार्यों हेतु शासन व जिला स्तर पर अनुदान की कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं इन्हें कब-कब कितनी-कितनी राशि दी गई? किन-किन कार्यक्रमों आदि पर कितनी राशि व्यय हुई? इसकी जाँच कब व किसने की, बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन संस्थाओं द्वारा किन-किन योजनांतर्गत संचालित किन-किन कार्यक्रमों में कितनी महिलाएं/बालिकाएं, बच्चे लाभांवित हुए एवं कितनी राशि व्यय हुई? इसका सत्यापन जाँच कब व किसने की? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित संस्थाओं द्वारा संचालित फर्जी कार्यक्रमों व अनुदान राशि का स्वयं के हित में उपयोग करने की जाँच कराकर उन पर कार्यवाही करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) धार जिले में विगत 3 वर्षों में जिला रेडक्रास सोसायटी धार के द्वारा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 अंतर्गत आश्रयगृह का संचालन एवं स्व. छितु किराडे़ स्मृति, आदिवासी बहुउद्देशीय विकास संस्था, निसरपुर तह. कुक्षी जिला धार द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2000 के अंतर्गत बालगृह का संचालन 1 अप्रैल 2014 से किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’ एवं ‘’ब’ अनुसार है। (ग) लाभान्वित हितग्राही एवं व्यय की गई राशि निम्नानुसार है।
क्र. |
वर्ष |
रेडक्रास सोसायटी धार |
छितु किराडे़ स्मृति, निरसपुर कुक्षी |
||
व्यय राशि |
लाभान्वित |
व्यय राशि |
लाभान्वित |
||
1 |
2013&14 |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
2 |
2014&15 |
200000 |
08 |
निरंक |
09 |
3 |
2015&16 |
129000 |
02 |
1017439 |
08 |
उपरोक्त का सत्यापन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार किया गया। (घ) संस्थाओं द्वारा शासन के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार योजनाओं के अनुरूप कार्यक्रमों का संचालन किया जा कर राशि व्यय की जा रही है। अतः जाँच कराने का प्रश्न ही नहीं होता।
पेयजल योजनाएं
59. ( क्र. 1231 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील में छोटी-बड़ी एवं अन्य प्रकार की कुल कितनी नलजल, पेयजल योजनाएं संचालित होकर कितनी कार्यरत एवं कितनी बंद पड़ी है? (ख) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं एवं स्थानीय माध्यमों (ग्राम पंचायत) द्वारा निर्मित पेयजल, नलजल योजनाएं कहीं विद्युत कनेक्शन कहीं जलस्त्रोत एवं कहीं मरम्मत जैसे सामान्य कार्यों की वजह से बंद है? (ग) यदि हाँ, तो क्या अनेक योजनाएं विगत कई वर्षों पूर्ण स्वीकृत होकर अब तक उनका कार्य अपूर्ण है? ऐसी कितनी योजनाएं किन-किन स्थानों की हैं एवं कब पूरी की जाएगी? (घ) साथ ही मंत्री परिषद् द्वारा दिनांक 08.06.2016 को स्वीकृत समूह जल प्रदाय योजना का कार्य क्षेत्र के सम्मिलित ग्रामों में कब प्रारंभ किया जाकर किन-किन ग्रामों में किस-किस प्रकार का क्या-क्या कार्य किया जाकर उस पर कितना व्यय होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 122 नलजल योजनाएं संचालित हैं जिनमे से 120 कार्यरत एवं 2 योजनाएं बंद हैं। (ख) 2 नलजल योजनाएं पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से बंद हैं। (ग) जावरा विधान सभा क्षेत्र में विगत कई वर्षों से स्वीकृत होकर एक भी अपूर्ण योजना नहीं है। (घ) दिनांक 8.6.16 को मंत्रि-परिषद से प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त योजना का जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन होने पर कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। योजना में धार एवं रतलाम जिले के 872 ग्रामों में उच्चस्तरीय टंकी व पाइप लाइनों के माध्यम से घरेलू कनेक्शन द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। योजना की अनुमानित लागत रूपये 1481.79 करोड़ है। सम्मिलित ग्राम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है।
विभागीय योजनाएं के क्रियान्वयन व बजट
60. ( क्र. 1232 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु उपरोक्त वर्षों में कितना बजट प्राप्त होकर कितना व्यय हुआ, क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) साथ ही उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण हेतु उपरोक्त वर्षों में किन-किन स्थानों को चिन्हित कर क्या-क्या उल्लेखनीय कार्य किये गये? (ग) रतलाम जिले में कितनी नर्सरी एवं विभागीय केन्द्र होकर उनके माध्यम से उनके क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामों, स्थानों हेतु किन-किन योजनाओं का क्रियान्वयन किस प्रकार हुआ? क्या-क्या किया गया, कितना व्यय हुआ? (घ) साथ ही उपरोक्त वर्षों में जिला अंतर्गत पौधों, बीज, कृषि उपकरण, खाद, कृषक गोष्ठी, कृषक भ्रमण यात्राओं इत्यादि जैसे क्या-क्या उल्लेखनीय कार्य होकर नर्सरियों एवं केन्द्रों के माध्यम से संबंधित क्षेत्रों में क्या-क्या किया, कितना व्यय हुआ? भौतिक सत्यापन सहित अवगत कराएं।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने हेतु स्थल चयन निजी निवेशक द्वारा किया जाता है। वर्तमान में निवेशक का कोई प्रस्ताव विभाग के पास विचाराधीन नहीं है। (ग) रतलाम जिले में उद्यानिकी विभाग के 6 विकासखण्ड कार्यालय तथा 6 नर्सरियां स्थापित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
कटनी नगर की यातायात व्यवस्था
61. ( क्र. 1261 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले के मुख्यालय कटनी नगर में यातायात विभाग द्वारा वाहन पार्किंग के संबंध में, क्या कोई कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें? (ख) क्या कटनी में अंदरूनी बाजार क्षेत्र में यातायात व्यवस्था हेतु पुलिस कर्मियों की तैनाती नहीं की जाती? यदि हाँ, तो क्यों, कारण बतायें, यदि नहीं, तो बाजार क्षेत्र में कहाँ-कहाँ यातायात कर्मियों की तैनाती की जाती है, स्थानवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) नगर के किन-किन चौराहों एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर यातायात सिग्नल वर्तमान में स्थापित है? क्या अन्य स्थानों पर यातायात सिग्नल स्थापित किये जाने के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की स्वीकृति एवं कार्य कब कराये जायेंगे? (घ) क्या नगर के मिशन चौक, सुभाष चौक, गोल बाजार, स्टेशन रोड दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, गर्ग चौराहा आदि क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न रहता है? यदि हाँ, तो सुचारू यातायात के लिये क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड) क्या कटनी नगर में पार्किग स्थलों का चयन, इनका उपयोग और बाजार क्षेत्र में यातायात कर्मियों की तैनाती की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। नगर निगम के सहयोग से कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कटनी नगर में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने हेतु जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक दिनांक 12.04.2016 को कर, कार्ययोजना तैयार की गई है। कार्ययोजना का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कटनी में अंदरूनी बाजार क्षेत्र में यातायात व्यवस्था हेतु पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाती है। जी नहीं। बाजार क्षेत्र के मिशन चौक, सुभाष चौक, गोल बाजार, स्टेशन रोड, चांडक चौक, घंटाघर, गर्ग चौराहा, बरही नाका, दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, जवाहर चौक एवं थाना तिराहा में यातायात पुलिस कर्मी की तैनाती की जाती है (ग) नगर के मिशन चौक, माधवनगर गेट चौराहों पर यातायात सिग्नल वर्तमान में स्थित है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए निम्नलिखित स्थानों पर यातायात के कर्मचारियों की समय 06 से 13.00 बजे, 13.00 बजे से 18.00 बजे एवं 18.00 बजे से 22.00 बजे, की 03 शिफ्टों में ड्यूटी लगाई जाती है-मिशन चौक- 1 अधिकारी, 1 प्रधान आरक्षक, 1 आरक्षक। सुभाष चौक से गोल बाजार तक- 1 प्रधान आरक्षक, 1 आरक्षक। दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर- 1 आरक्षक। गर्ग चैराहा- 1 आरक्षक (ड.) यह एक सत् त प्रक्रिया है। आवश्यकता एवं उपलब्धतानुसार यातायात बल की तैनाती की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विभागीय अनुदान योजनाओं की जानकारी
62. ( क्र. 1262 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा माइक्रोएरीगेशन योजना एवं खाद्य प्रसंस्करण हेतु कटनी जिले में ड्रिप स्प्रिंगलर स्थापित करने एवं खादय प्रसंस्करण कार्य हेतु अनुदान, सामग्री प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को लाभांवित किया एवं कुल कितना व्यय किया गया? (ख) मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र के किस ग्राम के कौन-कौन कृषकों को इन योजनाओं से लाभांवित किया गया? प्रदाय सामग्री, अनुदान सामग्री, अनुदान राशि सहित सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत कृषकों को उपलब्ध करायी गई सामग्री गुणवत्तायुक्त शासन मापदण्डो के अनुरूप थी, इसका सत्यापन कब-कब, किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा किया गया? सामग्री किन प्रतिष्ठानों से क्रय की गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 252 हितग्राहियों को लाभांवित किया जाकर राशि रूपये 37.32 लाख व्यय किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ), (ब), (स), (द) अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (अ), (ब), (स) अनुसार है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग
63. ( क्र. 1267 ) श्री दिनेश राय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने कुटीर एवं ग्रामोद्योग संचालित हैं उनका नाम, स्थान, संख्या बतावें? (ख) इन कुटीर और ग्रामोद्योग से कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया? (ग) क्या सरकार द्वारा इस वर्ष कोई नये कुटीर एवं ग्रामोद्योग प्रारंभ करने की कोई योजना है यदि हाँ, तो कब तक उघोग खोले जायेंगे और किस-किस कार्य के लिए? (घ) अगर वर्तमान की स्थिति में उद्योग कम हैं तो शासन क्या शीघ्र ही कुटीर एवं ग्रामोद्योग प्रारंभ करने की पहल करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में 225 उद्योग संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 754 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। (ग) जी हाँ। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत सिवनी जिले में लगाये जाने वाले कुटीर एवं ग्रामोद्योग 2016-17 में खोलने का लक्ष्य निर्धारित रखा है। विभागीय चयनित उद्योग रहेंगे। (घ) शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी का समय
64. ( क्र. 1268 ) श्री दिनेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग में समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों का ड्यूटी का समय क्या है? वो दिन में कितने घंटे ड्यूटी करते है? पद के आधार पर जानकारी देवें? (ख) समय से अधिक आठ घंटे से ज्यादा से ड्यूटी कराना या सेवा लेना क्या उचित है और उचित नहीं है तो अधिकारी एवं कर्मचारियों से अधिक समय तक ड्यूटी क्यों ली जा रही है? क्या सरकार ओवर टाईम का भुगतान करती है? (ग) क्या सरकार ऐसा कोई प्रावधान करने जा रही है कि पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को ओवर टाईम काम न करना पड़े? अधिकारी एवं कर्मचारियों की रिक्त पदों की भर्ती कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस एक्ट 1861 की धारा-22 एवं मध्यप्रदेश पुलिस रेग्यूलेशन की कंडिका-64 (1) के अनुसार पुलिस शासकीय सेवक सदैव कर्तव्यारूढ़ माना जाता है तथापि पुलिस थाने एवं अन्य सुरक्षा ड्यूटियों में तैनात पुलिस सेवकों की बारी-बारी से ड्यूटी पर लगाया जाता है ताकि उन्हे ड्यूटी के बाद विश्राम मिल सके। (ख) सामान्यत: पुलिस शासकीय सेवकों से अतिरिक्त ड्यूटी नहीं कराई जाती है किसी आकस्मिकता पर पुलिस शासकीय सेवक कर्तव्य पर बने रहते हैं अत: निरीक्षक से आरक्षक तक के पुलिस शासकीय सेवकों के प्रतिवर्ष एक माह का अतिरिक्त वेतन भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु भर्ती चयन प्रक्रिया के माध्यम से एक सतत प्रक्रिया है, इस संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी
65. ( क्र. 1270 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 03.02.2013 एवं 29.04.2016 की जिला योजना समिति खरगोन की बैठक हेतु समिति में दिये गये आंकड़े, पत्र, विवरण आदि को किस अधिकारी द्वारा चेक किया जाता है। उक्त दोनो बैठकों के आंकड़े, पत्र, विवरण किस अधिकारी द्वारा कब चेक एवं हस्ताक्षरित किये गये। (ख) उक्त दोनों बैठकों में नलकूप, नलजल प्रदाय योजनाएं, स्थलजल प्रदाय योजनाओं के आंकड़े दोनों बैठकों में प्रस्तुत विभागीय विवरण, कार्यवाही विवरण एवं पालन प्रतिवेदन के आंकड़ों से कितने भिन्न हैं। कारण सहित बतायें। (ग) दिनांक 03 फरवरी 2016 के बैठक की कार्यवाही विवरण में उल्लेखित असुधार योग्य एवं अन्य कारण से बंद नलकूपों को 29 अप्रैल 2016 की बैठक में प्रस्तुत विवरण में क्यों नहीं दिखाया गया? (घ) दिनांक 03 फरवरी 2016 की बैठक को कार्यवाही विवरण में उल्लेखित 5 ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना एवं 12 ग्रामीण स्पॉट सोर्स या मुख्यमंत्री पेयजल योजनाओं को 29 अप्रैल 2016 की बैठक में प्रस्तुत विवरण में कार्यरत दिखाया गया। उक्त बंद पेयजल योजनाओं को किस प्रकार कार्यशील बनाया गया, योजनावार स्थान सहित बतायें। दोनों योजनाओं में स्त्रोत सूखे होने के बाद भी विभाग द्वारा किस प्रकार कार्यशील बनाया गया।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दिनांक 3.2.2013 को जिला योजना समिति खरगोन की बैठक नहीं हुई। दिनांक 29.4.2016 को आयोजित बैठक में दिये गये ऑकड़े, पत्र विवरण आदि कार्यपालन यंत्री द्वारा चेक एवं हस्ताक्षरित किये गये हैं। (ख) दिनांक 3.2.13 को जिला योजना समिति की बैठक आयोजित नहीं होने से दोनों बैठकों में ऑकड़ों में भिन्नता का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) असुधार योग्य बंद हैण्डपंपों को माह मार्च 2016 में विशेष अभियान चलाकर निकाल देने के कारण दिनांक 29.4.16 की बैठक में उनका विवरण नहीं दर्शाया गया है। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आवदेन पर की गई कार्यवाही
66. ( क्र. 1271 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के सनावद थाने में दिनांक 1 जून 2015 को अपराध क्रमांक 207/15 पंजीबद्ध आवेदन एवं संलग्न दस्तावेजो तथा इस आवदेन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ख) उक्त प्रकरण में थाने से छोड़े गये वाहनों को किन व्यक्तियों को सौंपा गया? (ग) क्या उक्त प्रकरण में जब्त सामान एवं वाहन थाने में ही रखे गये थे, यदि कुछ सामान अन्य जगह पर रखा गया था तो कारण सहित बतायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना सनावद जिला खरगोन पर दिनांक 01 जून 2015 को अप.क्र. 207/15, धारा 24 विधिक माप अधिनियम, 2009, धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 तथा धारा 120-बी भादवि का चार आरोपीगणों क्रमशः 1- बल्लभ पिता नवनीत सर्राफ, 2- सुरजीत कौर पति ज्ञानेन्द्र सिंह, 3- राजेन्द्र पिता कृष्णलाल महाजन एवं 4- रमण लाल पिता कृष्णलाल के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया। उक्त प्रकरण में संबंधित आरोपीगणों के विरूद्ध अभियोग पत्र क्रमांक 551, दिनांक 31.12.2015 तैयार किया गया है। (ख) उक्त प्रकरण में थाना सनावद पर दिनांक 29.05.2015 को खाद्य विभाग द्वारा जब्त अमानक डीजल के संबंध में कार्यवाही की गई थी जिसमें कुल 06 टैंकर सम्मिलित थे। खाद्य विभाग बड़वाह द्वारा इनमें से 05 टैंकरों का जब्ती पंचनामा तैयार किया गया था। दि.29.05.2015 को 01 टैंकर क्रमांक एम.पी.09 के 3401 को खाद्य विभाग बड़वाह द्वारा जब्त कर अस्थाई सुपुर्दनामे पर एवं 01 अन्य टैंकर जो बिना नम्बर का था और टैंकर का ढांचा मात्र था तथा जिसमें इंजन भी नहीं था, उसे भी सहायक अपूर्ति अधिकारी, जिला खरगोन द्वारा मेसर्स जी.एस.बल्क करियर्स पेट्रोल पम्प के प्रबंधक को अभिरक्षा में सौंपा गया था। खाद्य विभाग के अधिकारी द्वारा 04 टैंकरों को दिनांक 29.05.2015 को थाना सनावद में सुरक्षार्थ रखवाया गया था। उक्त प्रकरण की विवेचना के दौरान जब्तशुदा टैंकरों को न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम श्रेणी, सनावद, जिला खरगोन के आदेश के पालन में संबंधितों को सुपुर्दगी में दिया गया है। न्यायालय के आदेशानुसार टैंकर क्रमांक एम.पी.09 के 3401 श्री कृष्णलाल पिता श्री कन्हैयालाल निवासी सनावद को टैंकर क्रमांक एम.पी.09 जी.ई. 5796, श्री विवेक पिता श्री पवन निवासी सनावद को टैंकर क्रमांक एम.पी.10जी 0884 श्री रमन पिता श्री कृष्ण लाल निवासी सनावद को टैंकर क्रमांक एम.पी.09 केबी 6917 श्री सुरेश पिता श्री गौरीशंकर निवासी महेश्वर को तथा टैंकर क्रमांक एम.पी.09 केए 9684 श्री कृष्ण कुमार पिता श्री कन्हैयालाल महाजन निवासी खरगोन को सुपुर्दगी पर दिये गये थे। (ग) प्रकरण में जब्त 04 टैंकरों को ही थाना सनावद में रखा गया था जबकि 02 टैंकरों एवं अन्य जब्तशुदा सामग्री जैसे विद्युत मोटर आदि को दिनांक 29.05.2015 को सहायक अपूर्ति अधिकारी, खाद्य विभाग, बड़वाह, जिला खरगोन के द्वारा मेसर्स जी.एस.बल्क कैरियर्स पेट्रोल पम्प के प्रबंधक को अभिरक्षा में सौंपा गया था।
सिंहस्थ 2016 हेतु विभाग द्वारा किए गए कार्य
67. ( क्र. 1297 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किस-किस मद में किन-किन कार्यों हेतु, कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? उक्त कार्य किस दिनांक तक पूर्ण होना थे? इनमें से कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण हुये एवं कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण नहीं हो पाये कारण सहित पृथक-पृथक कार्य की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार नियत समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने के लिए दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी कार्य नियत समयावधि में पूर्ण किये गये हैं। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी विकास विभाग द्वारा यंत्रीकरण को बढ़ावा
68. ( क्र. 1303 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी विकास हेतु यंत्रीकरण को बढ़ावा देने तथा कृषक प्रशिक्षण का भ्रमण कार्यक्रम के संबंध में वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में कितना अनुदान प्राप्त हुआ तथा उस अनुदान से कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है विधान सभा वार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या विभाग के संबंधित अधिकारियों द्वारा उक्त योजनाओं का ठीक से प्रसार-प्रचार नहीं करने के कारण शासन से प्राप्त अनुदान की राशि हितग्राहियों तक नहीं पहुंच पा रही है तथा अनुदान की राशि लेप्स हो रही है? यदि हाँ, तो लेप्स होने वाली राशि की जानकारी प्रदान करते हुये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी प्रदान करें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब के अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पात्रता पर्ची जारी की जाना
69. ( क्र. 1321 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जन जाति एवं जन जाति के हितग्राहियों की पात्रता पर्ची सभी की क्या जारी कर दी गई है यदि नहीं, की गई तो कब तक जारी कर दी जाएगी अब तक न जारी करने के लिये कौन दोषी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन हितग्राहियों की जिन ग्राम पंचायतों के हितग्राहियों की पात्रता पर्ची होने के बाद भी उनको दो से चार माह का खाद्यान्न से वंचित रखा जाता है शासकीय उचित मूल्य के सेल्स मैनों एवं स्व-सहायता समूहों द्वारा पर्ची होने के बाद भी खाद्यान्न नहीं दिया और यह कहा जाता है कि खाद्यान्न ही नहीं आया है तो कहाँ से दिया जायेगा जबकि वास्तविकता यह है कि खुले बाजार में गरीबों के अनाज का विक्रय कर भ्रष्टाचार किया जाता है और प्रत्येक माह का खाद्यान्न का वितरण नहीं होता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन नागौद विधान सभा क्षेत्र के लिये विशेष जाँच दल गठित कराकर खाद्यान्न वितरण में हो रही अनियमिताओं की जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बताएं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्र के पात्रता श्रेणी के अंतर्गत आने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदन करने वाले समस्त सत्यापित पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पात्रता पर्चीधारी एवं वास्तविक परिवारों को नियमित रूप से खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। खाद्यान्न से वंचित होने, सेल्समैन द्वारा खाद्यान्न नहीं दिये जाने एवं गरीबों के अनाज का विक्रय कर भ्रष्टाचार करने संबंधी प्रकरण प्रकाश में आने पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर परिप्रेक्ष्य में विशेष जाँच दल गठित कर जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है।
हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी
70. ( क्र. 1322 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विनोद पाल चन्द्रकुइया की हत्या दिनांक 23.05.16 को की गई जिसका अपराध क्र. 211/15 इसी तरह अनूप उर्फ मंकू चौधरी पोड़ी की हत्या दिनांक 26.05.16 को की गई जिसका अपराध क्र. 226/15 भा.द.वि.स. की धारा 302 के तहत पंजीबद्ध किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या हत्या के आरोपियों को न पकड़ा जाना यह साबित करता है की हत्या के आरोपियों से थाना प्रभारी की सांठ-गांठ है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा हत्या के आरोपियों को पकड़ने हेतु सी.आई.डी. से जाँच कराई जायेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं अभी तक आरोपियों को पकड़ने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। उक्त प्रकरणों में आरोपीगण अज्ञात हैं, अतः विशेष अनुसंधान दल द्वारा अपराधों की विवेचना की जा रही है। (ग) उपरोक्त दोनों घटनाएं अंधी हत्या की है, जिनमें आरोपी अज्ञात है। अपराध पंजीयन दिनांक से अब तक मृतकों के परिवारजनों से जानकारी प्राप्त कर अज्ञात अपराधियों का पता लगाने का हर संभव प्रयास अनुसंधान के दौरान किया जा रहा है। कोई महत्वपूर्ण सूत्र या साक्ष्य घटना के अज्ञात आरोपियों के संबंध में नहीं प्राप्त हो रहे हैं। परिवारजनों द्वारा बताये गये संदेहियों से भी पूछताछ लगातार की गई है, किंतु घटनाओं में महत्वपूर्ण साक्ष्य घटना घटित करने संबंधी नहीं प्राप्त हुई है। विशेष अनुसंधान दल द्वारा अनुसंधान जारी है। ऐसी स्थिति में सी.आई.डी. जाँच कराये जाने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं है।
हितग्राहियों के लंबित प्रकरणों का निराकरण
71. ( क्र. 1392 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है इनके संचालन हेतु वर्ष 13-14 से प्रश्न दिनांक तक जिले को कितनी राशि प्राप्त हुई? राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई योजना, कार्यवार विवरण दें? (ख) हितग्राहियों के अब तक कितने आवेदन पत्र लंबित है विवरण दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) हितग्राहियों के कोई आवेदन लंबित नहीं है।
जाँच में दोषी पाये गये प्रकरणों में कार्यवाही
72. ( क्र. 1393 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में 2015-16 में विभाग द्वारा ऐसी कितनी दुकानों की जाँच की जिसमें उनके खिलाफ गंभीर अनियमितताएं पाई गई लेकिन अब तक कार्यवाही न होने के क्या कारण रहे? (ख) क्या 15-16 में जाँच कर प्रकरण प्रचलन में बताया गये और सांठ-गांठ करके अधिकारियों ने दबा दिया? (ग) क्या ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रीवा में पेयजल समस्या का निराकरण
73. ( क्र. 1405 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिला को पूर्ण रूप से वर्ष 2015 में सूखाग्रस्त घोषित किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो रीवा जिले को पेयजल हेतु राज्य शासन से वर्ष 2015-16 में कितना आवंटन कब-कब किस-किस मद में व्यय करने हेतु प्रदान की गई? क्या नवीन हैण्डपंप खनन एवं बंद पड़ी नलजल योजनाओं के संचालन हेतु संधारण हेतु पृथक से राशि प्रदान की गई? अगर की गई तो कितनी-कितनी एवं कब-कब? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश ''ख'' के तारतम्य में हैण्डपंपों के संधारण एवं रख-रखाव, राइजर पाईपों की खरीदी कब-कब, कितनी-कितनी लागत से की गई? क्या सूखे हैण्डपंप का सर्वे का कार्य कराकर उनके स्थान पर नवीन हैण्डपंप खनन की योजना तैयार की गई? पूर्व में कितने ऐसे हैण्डपंप हैं जिनका पानी प्रदूषित एवं पीने योग्य नहीं है, का सर्वे कार्य कराया गया हो तो प्रति देवें, प्रति देते हुए बतावें कि इनके स्थान पर नवीन हैण्डपंप खनन की कार्ययोजना शासन द्वारा तैयार की गई है? अगर की गई है तो बतावें? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में अगर राशि राज्य शासन द्वारा पेयजल समस्या के निदान बावत् प्रदान की गई तो उसका कहाँ-कहाँ, किस-किस मद में उपयोग कर राशि व्यय की गई? अगर आवंटन प्राप्त होने के बाद राशि पेयजल समस्या के निराकरण में खर्च नहीं की गई तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ। रीवा जिला पेयजल गुणवत्ता से प्रभावित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। राशि आवश्यकतानुसार पेयजल समस्या के निदान हेतु व्यय की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
परियोजना कार्यालय के अंतर्गत व्यय राशि
74. ( क्र. 1408 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत भीकनगांव एवं झिरन्या विकासखण्डों में फ्लेक्सिफण्ड अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कहाँ-कहाँ व्यय किया गया है? बिल एव व्हाउचरवार खर्च के विवरण प्रदायकर्ता के नाम सहित व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) भीकनगांव एवं झिरन्या परियोजना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका प्रोत्साहन राशि का व्यय वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक कहाँ-कहाँ एवं किसको-किसको दिया गया है? बिल एवं व्हाउचरवार व्यय का विवरण सहित प्रदायकर्ता के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) भीकनगांव एवं झिरन्या परियोजना के केन्द्र हेतु आकस्मिक व्यय मद में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक कहाँ-कहाँ व्यय किया गया है? बिल एवं व्हाउचरवार खर्च का विवरण सहित व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) भीकनगांव विधान सभा अंतर्गत भीकनगांव एवं झिरन्या परियोजना कार्यालय में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 तक किये गये संपूर्ण ऑडिटों की ऑडिट रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत भीकनगांव एवं झिरन्या विकासखण्ड में फलेक्सीफण्ड अंतर्गत वर्षवार व्यय विवरण इस प्रकार है :-
क्रमांक |
विकासखण्ड |
वर्ष |
व्यय राशि |
1. |
भीकनगांव |
2013-2014 |
54460 |
2. |
भीकनगांव |
2014-2015 |
79494 |
3. |
भीकनगांव |
2015-2016 |
130500 |
|
योग |
|
264454 |
|
|
|
|
1. |
झिरन्या |
2013-2014 |
153730 |
2. |
झिरन्या |
2014-2015 |
378630 |
3. |
झिरन्या |
2015-2016 |
321000 |
|
योग |
|
853360 |
भीकनगांव में परियोजना अधिकारी द्वारा 2013-14 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 2014-15 एवं 2015-16 में ग्राम तदर्थ समितियों के खातो में जमा किये गये है। झिरन्या में परियोजना अधिकारी द्वारा 2013-14 से 2015-16 में ग्राम तदर्थ समितियों के खातों में जमा किये गये व्यय बिलवार खर्च विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) भीकनगांव एवं झिरन्या परियोजना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/ सहायिका प्रोत्साहन राशि का भुगतान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को ई-पेमेन्ट से भुगतान किया गया। वर्ष वार व्यय विवरण इस प्रकार है :-
क्रमांक |
विकासखण्ड |
वर्ष |
व्यय राशि |
1. |
भीकनगांव |
2013-2014 |
8923562 |
2. |
भीकनगांव |
2014-2015 |
9624497 |
3. |
भीकनगांव |
2015-2016 |
9553805 |
|
योग |
|
28101864 |
1. |
झिरन्या |
2013-2014 |
7127806 |
2. |
झिरन्या |
2014-2015 |
10162774 |
3. |
झिरन्या |
2015-2016 |
10864629 |
|
|
योग |
28155209 |
भीकनगांव में परियोजना अधिकारी द्वारा वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में नवम्बर 14 तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को एवं वर्ष 2014-15 में दिसम्बर,14 से 2015-16 में मार्च 16 तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/ सहायिका को परियोजना अधिकारी द्वारा एमआयएस में उपस्थिति सत्यापन के आधार पर जनरेट सूची अनुसार जिला कार्यालय से भुगतान किया गया। व्यय बिलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) भीकनागंव झिरन्या परियोजना में आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु आकस्मिक व्यय का वर्षवार व्यय विवरण इस प्रकार है :-
क्रमांक |
परियोजना |
वर्ष |
व्यय राशि |
1. |
भीकनगांव |
2013-2014 |
142025 |
2. |
भीकनगांव |
2014-2015 |
232108 |
3. |
भीकनगांव |
2015-2016 |
171750 |
|
|
योग |
545883 |
1. |
झिरन्या |
2013-2014 |
265645 |
2. |
झिरन्या |
2014-2015 |
276570 |
3. |
झिरन्या |
2015-2016 |
388750 |
|
|
योग |
1030965 |
आकस्मिक व्यय राशि ग्राम तदर्थ समितियों को भुगतान की गयी होकर व्यय समितियों द्वारा आंगनवाडि़यों में होने वाले आकस्मिक खर्चो पर व्यय किया जाकर व्यय के विल व्हाउचर समिति स्तर पर संधारित किये जाते है। व्यय विलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) भीकनगांव विधान सभा अंतर्गत भीकनगांव एवं झिरन्या परियोजना में आडिटों की आडिट रिपोर्ट का विवरण इस प्रकार है :-
क्रमांक |
परियोजना |
वर्ष |
विवरण |
1. |
भीकनगांव |
2013-2014 |
जून 2015 एजीएमपी दल द्वारा आडिट किया गया। जिसकी रिपोर्ट विवरण पुस्तकालय में रखे के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। |
2. |
भीकनगांव |
2014-2015 |
|
3. |
भीकनगांव |
2015-2016 |
|
|
|
|
|
1. |
झिरन्या |
2013-2014 |
परियोजना झिरन्या में प्रश्नांश अवधि में आडिट नहीं हुआ है। अत: रिपोर्ट विवरण निरंक है। |
2. |
झिरन्या |
2014-2015 |
|
3. |
झिरन्या |
2015-2016 |
|
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हैण्डपंप खनन कार्यों की स्वीकृति में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा
75. ( क्र. 1409 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में कितने ट्यूबवेल बोर/हैण्डपंप खनन की स्वीकृति प्रदान की गई हैतथा यह कौन-कौन से स्थान पर खनन करने हेतु तथा कौन-कौन से मद से स्वीकृति प्रदाय की गई है तथा ट्यूबवेल बोर/हैण्डपंप खनन की गहराई कितनी होगी? कृपया विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) हैण्डपंप/ट्यूबवेल बोर खनन का स्थान तथा ग्रामों के चयन में क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? इसमें जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव प्राप्त करने का कोई प्रावधान है? है तो वह क्या है? नहीं है तो इसका स्थल/ग्रामों के चयन की शासकीय नियमावली उपलब्ध करावें? (ग) क्या क्षेत्र में हैण्डपंप/ट्यूबवेल बोर की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत क्षेत्र के विधायक को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति की प्रतिलिपि उपलब्ध कराना चाहिए? हाँ तो क्या विगत 3 वर्षों में भीकनगांव विधायक को प्रशासकीय स्वीकृति की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई गई है? नहीं तो क्या कारण है? (घ) क्या इस प्रकार जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकती है? भीकनगांव विधान सभा में वर्ष 2016-17 में सिंगल फेस मोटर कितनी संख्या में विभाग को प्राप्त हुई है? उसकी इकाई लागत क्या है तथा मोटर पंप के साथ प्राक्कलन अनुसार क्या-क्या अतिरिक्त सामग्री उपलब्ध कराई गई है। तथा इन प्राप्त मोटरों में से कितनी संख्या में और कौन-कौन से ग्रामों में प्रदाय की गई है तथा वर्तमान में स्टाक में कितनी मोटरें उपलब्ध हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। नलकूपों की गहराई भूजलविद् द्वारा किये जाने वाले सर्वेक्षण उपरांत की जाने वाली अनुशंसा के अनुसार होती है। (ख) आंशिक पूर्ण बसाहटों में नलकूप खनन का कार्य करवाया जाता है। आंशिक पूर्ण बसाहटों की सूची जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करवाकर उनसे प्राथमिकता ज्ञात कर नलकूप खनन करवाने के निर्देश हैं। इस बाबत् कोई नियमावली नहीं है। (ग) इस बाबत् कोई निर्देश नहीं है। (घ) किसी भी अधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधियो की उपेक्षा नहीं की गई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2016-17 में भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र में 25 सिंगलफेस सबमर्सिबल पंप प्राप्त एवं स्थापित किये गये हैं। इनकी औसत लागत रू. 62000.00 है। सिंगलफेस सबमर्सिबिल पंप के साथ पैनल बोर्ड, उपयुक्त क्षमता की केबल, 40 मि.मी. व्यास के एच.डी.पी.ई. पाइप एवं 14 मि.मी. नायलोन रोप उपलब्ध कराये जाते हैं। ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्तमान में स्टॉक में सिंगलफेस सबमर्सिबिल मोटर/पंप उपलब्ध नहीं हैं।
दर्ज आपराधिक प्रकरण की जानकारी
76. ( क्र. 1415 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंगा गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित सतना जिला के किन-किन के विरूद्ध थाना सिटी कोतवाली या अन्य थाना क्षेत्रों में कोई प्रकरण 01.01.2014 से प्रश्नतिथि तक पंजीबद्ध किया गया है? अगर हाँ, तो प्रथम सूचना रिपोर्ट की एक प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार दर्ज आपराधिक प्रकरण में किस-किस नाम के आरोपी हैं? उन पर किन-किन धाराओं के तहत प्रकरण कायम किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार क्या उक्त आरोपियों को गिरफ्तारी हो चुकी है? अगर हाँ, तो किस-किस की? अगर नहीं तो कौन-कौन कब से फरार चल रहे हैं? (घ) उक्त प्रकरण का चालान क्या समय-सीमा में न्यायालय में प्रस्तुत हुआ? क्या फरारी में आरापियों का चालान प्रस्तुत हुआ? समय-सीमा में चालान प्रस्तुत न होने एवं फरारी में चालान पेश होने के लिये कौन-कौन दोषी है? शासन उन पर कब व क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गंगा गृह निर्माण समिति मर्यादित सतना के सदस्यों के विरूद्ध जिला सतना के किसी भी थाने पर कोई अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। उक्त संस्था के विरूद्ध थाना कोतवाली सतना पर आवेदक रामनरेश तनय रामसुहावल पाण्डे निवासी कुडिया, थाना सिविल लाईन सतना, हाल चांदमारी रोड, धवारी गली नं. 1 शिवनगर वार्ड 32 थाना सिटी कोतवाली की शिकायत प्राप्त हुई है जो विचाराधीन है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ’ख’ अनुसार।
विचाराधीन कैदियों की संदिग्ध मौत
77. ( क्र. 1417 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश की केन्द्रीय जेलों में 01.01.2009 से 31.12.2011 के दौरान किन-किन कैदियों की मृत्यु हुई? जेलवार, कैदी के नामवार, उसकी उम्रवार, कारणवार दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार कैदियों की हुई मृत्यु में से किस केन्द्रीय जेल के किस-किस नाम के कैदी/विचाराधीन कैदी का बिसरा सागर या अन्य लैब भेजा गया? बिसरा की क्या रिपोर्ट आई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार जिन-जिन कैदियों की मृत्यु की बिसरा रिपोर्ट संदिग्ध या जहर से हुई उसकी जाँच क्या डी.जी. जेल द्वारा कराई गई? अगर हाँ, तो कब-कब? जाँच रिपोर्टो एवं निष्कर्षों का विवरण उपलब्ध करायें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-6 एवं 7 अनुसार है। (ग) दो प्रकरणों (सरल क्रमांक-77 एवं 133) में मृतक बंदी की बिसरा रिपोर्ट अनुसार रासायनिक विष पाया गया। सरल क्रमांक-77 केन्द्रीय जेल भोपाल के दंडित बंदी जगदीश पुत्र रामभगत की दिनांक 01/11/2011 को हुई मृत्यु प्रकरण की न्यायिक जाँच रिपोर्ट दिनांक 04/03/2015 के अनुसार बंदी की मृत्यु विष के कारण अस्वाभाविक रूप से हुई है जिसके लिए जेल प्रशासन तथा मृतक बंदी की सुरक्षा में लगे हुए जेल के अधिकारी एवं कर्मचारी के द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में उपेक्षा एवं लापरवाही की गई है। न्यायिक जाँच के निष्कर्ष के आधार पर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के दोष का पता लगाकर उनके विरूद्ध उचित कार्यवाही करने हेतु जेल अधीक्षक, भोपाल को लिखा गया है। सरल क्रमांक-133 केन्द्रीय जेल सतना के विचाराधीन बंदी शैलेन्द्र सिंह पुत्र स्व. श्री शंखधर सिंह की दिनांक 23/04/2010 को हुई मृत्यु प्रकरण की न्यायिक जाँच रिपोर्ट दिनांक 12/07/2012 के अनुसार बंदी की मृत्यु कीटनाशक खाने से होना, उसे विलम्ब से जिला अस्पताल भेजा जाना तथा बंदी के पास कीटनाशक पहुँचने से जेल प्रशासन की लापरवाही प्रतीत होना दर्शाया गया है। न्यायिक जाँच के आधार पर केन्द्रीय जेल सतना के अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही उपरांत तत्कालीन जेल अधीक्षक, श्री संजय पाण्डेय को जेल मुख्यालय के आदेश दिनांक 04/06/2014 द्वारा भविष्य के लिए चेतावनी तथा सहायक जेल अधीक्षक, श्री मनोज कुमार चौरसिया को जेल मुख्यालय के आदेश दिनांक 04/06/2014 को एक वर्ष की वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का दण्ड दिया गया।
पोषण आहार हेतु आवंटित राशि
78. ( क्र. 1426 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में कुपोषण की रोकथाम हेतु संचालित किन-किन योजनांतर्गत पोषण आहार, पूरक पोषण आहार हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? पोषण आहार, पूरक पोषण आहार के क्रय परिवहन व भंडारण पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में पोषण आहार का क्रय करने हेतु कब क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई? कौन-कौन सा पोषण आहार, पूरक आहार किस दर पर कब-कब कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का क्रय किया गया? किन-किन फर्मों/ प्रदायकर्ता एजेन्सी व स्वसहायता समूहों को कौन-कौन सा पोषण आहार क्रय करने हेतु आदेश कब-कब दिया गया? किस-किस ने निर्धारित समयावधि में कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा पोषण आहार का कितनी-कितनी मात्रा में प्रदाय नहीं किया है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में परियोजनावार संचालित कितनी-कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को कौन-कौन सा पोषण आहार/पूरक पोषण आहार कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का प्रदाय किया गया है? इसके परिवहन पर कितनी राशि व्यय हुई? कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा पोषण आहार का वितरण नहीं किया गया तथा कितना खराब व नष्ट हुआ है एवं क्यों? इसकी जाँच कब-कब किसने की है और कब किस पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर जिले में कुपोषण की रोकथाम हेतु पूरक पोषण आहार हेतु वर्षवार आवंटित राशि, परिवहन एवं भंडारण पर व्यय की गई राशि, का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में संलग्न स्व-सहायता समूहों का कलेक्टर द्वारा चयन किया जाकर आंगनवाड़ी केन्द्रों में निर्धारित मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार प्रदाय करने हेतु समूहों को निर्देशित किया जाता है। पूरक पोषण आहार का मीनू पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब’’ अनुसार है। स्व-सहायता समूहों द्वारा जितनी मात्रा में पोषण आहार प्रदाय किया गया है, उतनी ही मात्रा के पोषण आहार का भुगतान समूहों को किया गया है। (ग) जिले अंतर्गत संचालित परियोजनाओं में कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को कौन-कौन सा पोषण आहार कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में कितनी राशि का प्रदाय किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स‘‘ अनुसार है। कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा पोषण आहार का वितरण नहीं किया गया तथा कितना खराब व नष्ट हुआ है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘द‘‘ अनुसार है। इसकी जाँच कलेक्टर जबलपुर द्वारा कराई गई जाँच पर दोषी पाए जाने पर परियोजना अधिकारी बरगी एवं गोदाम प्रभारी पर्यवेक्षकों को निलंबित किया गया।
उप जेल बनाने की योजना
79. ( क्र. 1429 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गाडरवारा तहसील मुख्यालय में सत्र न्यायालय तथा पाँच और न्यायालयीन कार्यालय स्थापित हैं, किन्तु यहां पर उप जेल नहीं होने से कैदियों को दूरदराज की जेलों में रखा जाता है? (ख) क्या गाडरवारा मुख्यालय में उप जेल बनाने हेतु शासन की कोई योजना प्रस्तावित एवं विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्या शासन उप जेल खोले जाने की दिशा में पहल करेगा? कब तक उप जेल स्थापित कर दी जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, गाडरवारा तहसील के बंदियों को केन्द्रीय जेल नरसिंहपुर में रखा जाता है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
80. ( क्र. 1430 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवाडा विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? (ख) कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हैं, कितने केन्द्र अन्य सरकारी भवनों में संचालित हैं कितने केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं? (ग) कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं एवं इन भवन विहीन केन्द्रों में भवन बनाने की विभाग की क्या योजना है? कब तक इन भवन विहीन केन्द्रों को भवन उपलब्ध करा दिये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गाडरवाडा विधान सभा क्षेत्र में कुल 270 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 16 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (ख) गाडरवाडा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 270 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 62 आंगनवाड़ी भवन विभागीय भवनों में, 145 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 63 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। (ग) गाडरवाडा विधान सभा क्षेत्र में 208 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 16 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन (अन्य शासकीय व किराये के भवनों में संचालित) है। जिनमें से वित्तीय वर्ष 2015-16 में 19 भवन स्वीकृत हुए है। भवन विहीन 189 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु वर्ष 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण से (गैर आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड अंतर्गत) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना विचाराधीन है। मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है।
पशु चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
81. ( क्र. 1440 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में राजपत्रित पशु चिकित्सकों के कितने पद रिक्त हैं उक्त पदों पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त पदों की पूर्ति किये जाने के लिये शासन स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई और वर्तमान में उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ग) प्रदेश में सहायक पशु चिकित्सकों के कितने पद रिक्त हैं। पद पूर्ति हेतु म.प्र. व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? नहीं तो क्यों कारण दें? (घ) प्रदेश के पशु चिकित्सा संस्थाओं में चतुर्थ श्रेणी के कितने पद कहाँ-कहाँ रिक्त हैं एवं उन पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रदेश में राजपत्रित पशु चिकित्सकों के 680 पद रिक्त है। उक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन प्रसारित किया गया है। (ख) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 16.07.2013 द्वारा 291 पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ का चयन किया गया। एवं लोक सेवा आयोग द्वारा पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 492 रिक्त पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 18.05.2016 द्वारा ज्ञापन प्रसारित किया गया। (ग) प्रदेश में सहायक पशु चिकित्सक का कोई भी पद स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी के 233 पद रिक्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
समयमान वेतनमान का प्रदाय
82. ( क्र. 1441 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने राजपत्रित पशु चिकित्सकों को वर्ष 2009 के पश्चात् समयमान वेतनमान का लाभ 8 वर्ष 16 वर्ष एवं 24 वर्ष की सेवा के बाद भी नहीं दिया गया है? हाँ तो बतायें नहीं तो क्यों कारण दें? (ख) क्या प्रदेश के सहायक पशु चिकित्सकों को 12 एव 24 वर्ष की सेवा के पश्चात् भी समयमान वेतन का लाभ नहीं मिल रहा है हाँ तो बतायें नहीं तो क्यों कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित अधिकारियों, कर्मचारियों को उक्त समयमान वेतनमान का लाभ समय पर नहीं दिये जाने में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी ? क्या संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों को होने वाली क्षति का ब्याज भी इनसे वसूला जायेगा नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कब तक समयमान वेतनमान के लाभ से लाभांवित किया जायेगा समय-सीमा बतायें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) 8 वर्ष की सेवा उपरान्त 113 पशु चिकित्सकों को एवं 16 वर्ष की सेवा उपरान्त 263 पशु चिकित्सकों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाना शेष है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) 12 वर्ष एवं 24 वर्ष की सेवा के उपरान्त देय वेतनमान का लाभ समस्त पात्र पशु चिकित्सकों को दिया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समयमान वेतनमान दिये जाने की कार्यवाही एक निरन्तर प्रक्रिया है। शेष पशु चिकित्सकों को समयमान वेतन दिये जाने की कार्यवाही निरन्तर प्रचलन में है। समय-समय पर पात्र अधिकारियों को समयमान वेतनमान दिये जाने के आदेश प्रसारित किये जाते रहे है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पशु चिकित्सालयों की स्वीकृति
83. ( क्र. 1444 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बडनगर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने पशु चिकित्सालय विधान सभा क्षेत्र में है. वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने पशु चिकित्सालय की स्वीकृति हुई वर्तमान में स्वीकृत चिकित्सालय के कितने कार्य पूर्ण व कितने अपूर्ण हैं आज दिनांक तक किस स्थिति में है। (ख) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर अंतर्गत कुल कितने पशु चिकित्सक व कौन-कौन से कर्मचारी कहाँ-कहाँ पर पदस्थ हैं। कुल कितने पद की स्वीकृति है, स्वीकृत पदों के विरुद्ध कौन कौन से पद रिक्त हैं रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) बडनगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 05 पशु चिकित्सालय है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ अनुसार। वर्ष 2014-15 में विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में कुल 01 पशु औषधालय भाटपचलाना का पशु चिकित्सालय में उन्नयन किये जाने की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई एवं वर्ष 2015-16 में कोई पशु चिकित्सालय की स्वीकृति नहीं हुई है। स्वीकृत पशु चिकित्सालय का कार्य पूर्ण है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ एवं ’’स’’ अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया हैं। वर्तमान में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर कार्यवाही की जा रही हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना द्वारा लाभांवित हितग्राही
84. ( क्र. 1465 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना किस दिनांक को प्रारंभ की गई? इस योजना के नियम क्या है? इस योजना के तहत कितनी राशि के कितने वर्षों के बाण्ड/राष्ट्रीय बचत पत्र संबंधित हितग्राहियों को दिये जाने का प्रावधान है? (ख) इस योजना के तहत जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल संभाग के शहडोल उमरिया एवं अनूपपुर जिले में कितनी लाड़ली लक्ष्मी का पंजीयन किया जाकर कितनी राशि के बाण्ड/राष्ट्रीय बचत पत्र दिये गये, कितने पंजीकृत हितग्राहियों को बाण्ड या बचत पत्र अभी तक क्यों उपलब्ध नहीं कराये गये तथा कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे? (ग) क्या हितग्राहियों को दिये गये बाण्ड या राष्ट्रीय बचत पत्र वापस लिये जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है? यदि हाँ, तो किन कारण से, कारण बतायें तथा इसके बदले में उन्हें किस प्रारूप में कौन सा दस्तावेज सौंपा गया है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग में लाड़ली लक्ष्मी योजना दिनांक 01 अप्रैल 2007 से प्रारंभ की गयी है। योजना के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। योजना प्रावधान अनुसार प्रति वर्ष रूपये 6000/- प्रति हितग्राही के मान से राशि 5 वर्ष तक लाड़ली लक्ष्मी योजना निधि में जमा करते हुए हितग्राही को प्रमाण-पत्र दिया जा रहा है। (ख) इस योजना के तहत जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में क्रमश: 10043, 5244, 5790 लाड़लियों का पंजीयन कर क्रमश: राशि रूपये 118.50 करोड़, 61.88 करोड़, 68.32 करोड़, के एन.एस.सी./लाड़ली प्रमाण पत्र दिये गये। समस्त पात्र पंजीकृत हितग्राहियों को राष्ट्रीय बचत पत्र/लाड़ली प्रमाण पत्र प्रदान किये गये है। (ग) जी हाँ। हितग्राहियों को समय पर व सरलतापूर्वक योजना का पूर्ण लाभ प्राप्त हो, इसको दृष्टिगत रखते हुए मंत्री परिषद के द्वारा दिनांक 16/12/2014 (आइटम क्रमांक 9) को लिये गये निर्णय अनुसार ‘’ लाड़ली लक्ष्मी निधि’’ का गठन किया गया है। अब बचतपत्र के स्थान पर राशि लाड़ली लक्ष्मी योजना निधि में जमा करते हुए हितग्राही को ‘’ लाड़ली लक्ष्मी प्रमाण पत्र’’ दिया जा रहा है। प्रमाण पत्र प्रारूप पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
भोपाल सहित प्रदेश में अपराधों में वृद्धि होना
85. ( क्र. 1468 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में जुआ, सट्टा, हत्या, आत्म हत्या, नाबालिग बच्चियों एवं महिलाओं से बलात्कार व सामूहिक बलात्कार, चोरी, डकैती, लूट, बलवा, गोली चालान अवैध हथियार बनाना आदि के अपराधों में वृद्धि हुई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल के किस-किस थाने में कुल कितनी-कितनी घटनाएं घटित हुए पुलिस के समस्त अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होने के बावजूद प्रदेश में उपरोक्त प्रकार के अपराधों में वृद्धि होने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के 3-3 वर्ष से अधिक समय से भोपाल में ही कभी इस थाने में तो कभी उस थाने में पदस्थ रहने के कारण अपराधियों से सीधे तौर पर सांठ-गांठ होने के कारण अपराधों में वृद्धि हो रही है वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल में कहाँ-कहाँ किन-किनके संरक्षण में जुआ-सट्टा हो रहा है तथा किन-किनके जुआ-सट्टा घरों के विरूद्ध कब-कब वैधानिक कार्यवाही की गई वर्षवार, थानेवार बतावें? (घ) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अपराधों पर नियंत्रण नहीं करने, लापरवाही करने एवं समय पर ड्यूटी न करने को लेकर किन-किन पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबित किया वर्षवार बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भोपाल जिले में आलोच्य अवधि में जुआ, सट्टा, हत्या, आत्महत्या, नाबालिग बच्चियों से बलात्कार एवं डकैती में आंशिक कमी हुई है। सामूहिक बलात्कार, चोरी, लूट, बलवा, महिलाओं से बलात्कार, गोली चालन में आंशिक वृद्धि हुई है। (ख) भोपाल जिले के वर्ष 2014 से वर्तमान 2016 तक के थानावार अपराधों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। प्रश्नांश (क) अनुसार अपराधों के प्रभावी नियंत्रण रोकथाम हेतु डायल 100 सभी थाना में संचालित की गई है तथा सुदृढ़ बीट प्रणाली लागू कर अपराधियों की धर-पकड़ एवं अपराधों पर पर्याप्त नियंत्रण किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कहीं पर किसी के भी संरक्षण में जुआ, सट्टा नहीं हो रहा है तथा जिला भोपाल में घरों में जुआ, सट्टा संचालित नहीं है, जुआ, सट्टा होने की जब-जब पुलिस को सूचना प्राप्त होती है तब-तब वैधानिक कार्यवाही की गई है। वर्ष 2010 से अभी तक वर्षवार, थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) अपराधों पर नियंत्रण नहीं करने, लापरवाही करने एवं समय पर ड्यूटी न करने को लेकर त्रूटिकर्ता अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। इस संबंध में निलंबित किये गये अधिकारी/कर्मचारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जाना
86. ( क्र. 1469 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 04 फरवरी 2016 को माननीय प्रथम श्रेणी न्यायाधीश महोदय सांवेर जिला इंदौर के द्वारा हरे रामा हरे कृष्णा शिक्षण समिति के विरूद्ध थाना शिप्रा को एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने के निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो किस अपराध/धारा के तहत किन-किन के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने के निर्देश दिये थे, बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में माननीय न्यायालय के निर्देश के परिपालन में क्या एफ.आई.आर. दर्ज हो चुकी है, यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है तथा इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। धारा 420, 467, 468, 471 एवं 120बी भादवि की एफ.आई.आर. 1- हरेरामा हरेकृष्णा समिति के सदस्य, 2- शिखा हार्डिया पति विवेक हार्डिया, 3- श्री विवेक पिता श्याम हार्डिया, 4- वैभव पिता श्याम हार्डिया, 5- श्रीमती जया पति वैभव हार्डिया, 6- श्रीमती कमला पति मंगेश 7- श्री मोहित मौर्य पिता श्री ईश्वर लाल मौर्य सभी निवासी 6/1, नौलखा इंदौर, 8- श्री जवाहर पिता शंकर लाल चौधरी निवासी कौशल्या पुरा, चितावत इंदौर के विरूद्ध पंजीबद्ध किये जाने के निर्देश दिये थे। (ख) जी नहीं। दिनांक 04.02.2016 के माननीय जे.एम.एफ.सी. सांवेर के आदेश के विरूद्ध पुनरीक्षण याचिका मान. उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर में दायर की गई। उक्त याचिका पर मान. उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर द्वारा दिनांक 28.06.2016 को एम.सी.आर.सी. क्रमांक 1554/2016 में निर्णय पारित कर एफ.आई.आर. दर्ज करने के आदेश को निरस्त कर दिया। अतः एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हत्यारों की गिरफ्तारी
87. ( क्र. 1479 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया थाना अंतर्गत ग्राम दीघावानी में इन्द्रपाल विरागी की हत्या दिनांक 30 मई 2014 को हुई थी, इस संबंध में पुलिस विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या इन्द्रपाल विरागी के हत्यारों को गिरफ्तार किया जा चुका है या नहीं? अगर नहीं किया गया है तो क्या कारण है? इन हत्यारों को कब तक गिरफ्तार कर लिया जायेगा? (ग) क्या इन्द्रपाल विरागी की हत्या की उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी? अगर हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं, दिनांक 30.05.2014 को सूचनाकर्ता संतोष कुमार बैरागी पिता इन्द्रपाल बैरागी उम्र 34 वर्ष निवासी पवन कॉलोनी दीघावानी द्वारा थाना परासिया में अपने पिता इन्द्रपाल बैरागी की लाश बंजारी के पास जंगल में मिलने की सूचना थाना परासिया जिला छिन्दवाड़ा में दर्ज कराई। जिस पर मर्ग क्रमांक 52/14 धारा 174 जा.फौ. कायम कर जाँच की गई। पी.एम. रिपोर्ट क्योरी रिपोर्ट एवं एफ.एस.एल. सागर की रिपोर्ट के आधार पर मृतक की मृत्यु हृदयघात से होना पाया गया। शिकायतकर्ता द्वारा अपने पिता की मृत्यु पर शंका होने की शिकायत की गई थी जिसकी जाँच एस.डी.ओ.पी. परासिया द्वारा की गई। शिकायतकर्ता द्वारा बताये सभी संदेहियों से विस्तृत पूछताछ कर कथन लिये गये। मृतक की हत्या कारित करने के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिले। संपूर्ण मर्ग जाँच पर मृतक की हत्या के संबंध में कोई शंका एवं साक्ष्य उपलब्ध न होने से मर्ग डायरी एस.डी.एम. परासिया के आदेश से नस्तीबद्ध की गई। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपजेल का निर्माण
88. ( क्र. 1480 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र में उपजेल स्वीकृत था? यदि हाँ, तो क्या परासिया विधान क्षेत्र में उपजेल का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है? उपजेल का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र में उपजेल के निर्माण कार्य को कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? क्या उपजेल निर्माण कार्य का प्रस्ताव इस वर्ष के बजट में प्रस्तावित किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक प्रस्तावित किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। निर्माण कार्य का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिदपुर में पात्रता पर्ची वितरण
89. ( क्र. 1486 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में पात्रता पर्ची वितरण का कितना कार्य शेष है? ग्रामवार, शहरी क्षेत्र में वर्षवार बतावें। (ख) यह कार्य कब तक पूर्ण होगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में आवेदन करने वाले सत्यापित पात्र परिवारों में से किसी को भी वर्तमान में पात्रता पर्ची वितरण कार्य शेष नहीं है। मार्च 2016 के बाद सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची गत मासांत में जारी कर दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
90. ( क्र. 1489 ) श्री बाला बच्चन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि. तारांकित प्रश्न संख्या 53 (क्र. 1100) दिनांक 26.02.2016 में लाड़लियों की संख्या 17.26.516 एवं बचत पत्र राशि 3142.97 करोड़ रू. बताई गई तथा अतारांकित प्रश्न संख्या-134 (क्र. 6133) दिनांक 14.03.2016 में लाड़लियों की संख्या 21,73,785 एवं बचत पत्र राशि 3118.96 करोड़ रू. बताई गई। वास्तविक आंकड़े क्या हैं बतावें? (ख) दोनों प्रश्नों में 15 दिन के अंतर में आंकड़ों में ये अंतर क्यों? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। इन पर कार्यवाही कब तक होगी? (ग) लाड़लियों की संख्या एवं बचत पत्र राशि की दिनांक 30.05.2016 तक की जानकारी की प्रमाणित प्रति देवें? (घ) इसी दिनांक 26.02.2016 को लाड़लियों की संख्या प्रश्न क्र. 1224 अतारांकित में 21,555,97 बताई गई है क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आंकड़े संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) आंकड़ो में अंतर का कारण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 30/05/2016 तक 2262010 लाड़लियों को पंजीकृत कर कुल राशि 4637.57 करोड़ रूपये व्यय की गयी। जिसमें से 3142.97 करोड़ की राशि 2013-14 तक राष्ट्रीय बचत पत्र क्रय हेतु योजना में व्यय किये गए संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) योजना अंतर्गत ऑन लाइन आवेदन प्राप्त होने के कारण लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी प्रति दिवस क्रमिक रूप से परिवर्तित होती है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है।
बैतूल जिले की प्रस्तावित नलजल योजनाएं
91. ( क्र. 1491 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में बोरीकरण ताप्ती नदी आधारित 38 ग्रामों की समूह नलजल परियोजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो योजना कब तक स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) योजना परीक्षणाधीन है। अतः निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।
पशु चिकित्सालय
92. ( क्र. 1512 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बिजावर में कितने पशु चिकित्सालय कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं। इन स्थानों पर कौन-कौन सी सुविधा/चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है? इन चिकित्सालयों में कितने गांव के पशुधन को उपचार उपलब्ध कराया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इन चिकित्सालयों में कितने पद स्वीकृत हैं कितने भरे हैं? पदस्थ कर्मचारियों के नाम एवं पदनाम उपलब्ध करावें? क्या कोई कर्मचारी पदस्थ स्थान पर सेवाएं न देकर अन्यत्र कहीं और सेवा प्रदाय कर रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? कहाँ एवं किसके आदेश से प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनु्क्रम में कौन-कौन से चिकित्सालय ऐसे हैं जो स्वयं के भवन में संचालित नहीं हैं? इनके भवन निर्माण हेतु क्या-क्या विभागीय कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। इन संस्थाओं में उपचार, औषधि वितरण, शल्य क्रिया, वधियाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ तथा ’’द’’ अनुसार। जी हाँ। अन्यत्र संस्थाओं में पद रिक्त होने के कारण सेवाएँ प्रदान कर रहे है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। स्थानीय प्रभार देने की व्यवस्था उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएँ छतरपुर के आदेश द्वारा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’इ’’ अनुसार। (ग) सभी पशु चिकित्सालय स्वयं के भवन में संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है।
खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना
93. ( क्र. 1513 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं छतरपुर जिले में संचालित हैं? योजनावार विस्तृत जानकारी प्रदाय करें। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनान्तर्गत कितनी राशि किस कार्य हेतु कब-कब छतरपुर जिले में आवंटित की गई? (ग) छतरपुर जिले में किस खाद्य पदार्थ के प्रसंस्करण की इकाई किस स्थान पर लगाने की प्रबल संभावना है और क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की संभावना के संबंध में कोई अध्ययन नहीं कराया गया है। खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की संभावना किसी भी खाद्य उत्पाद के सफल व्यवसायिक गतिविधि पर निर्भर करता है, जिसके संबंध में कार्यवाही निजी निवेशक द्वारा की जाती है।
पुलिस अभिरक्षा में दण्ड के प्रावधान
94. ( क्र. 1517 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस अभिरक्षा में लिये जाने के उपरांत आरोपी को क्या-क्या दण्ड दिये जाने के प्रावधान हैं? (ख) क्या इसमें आरोपी के कपड़े उतार कर बैठाने या खड़ा रखने के भी नियम हैं? यदि हाँ, तो नियम की कापी उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस अभिरक्षा में लिये जाने के उपरांत आरोपी को दण्ड दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) अभिरक्षा में आरोपी के कपड़े उतारकर बैठाने या खड़ा रखने का कोई नियम नहीं है।
अनुदान योजना का लाभ
95. ( क्र. 1518 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01-01-2014 से 30-05-2016 तक धार जिले में विधान सभा क्षेत्रवार कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं में अनुदान स्वीकृत किया गया है। (ख) कितने हितग्राहियों को अनुदान की किश्ते शेष हैं? (ग) उपरोक्त शेष अनुदान कब तक दे दिया जाएगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 802 हितग्राहियों को अनुदान दिया जाना शेष है। (ग) वित्तीय वर्ष 2016-17 में सत्यापन होने पर अनुदान भुगतान किया जायेगा।
सिंहस्थ में सुरक्षा में लगाए गऐ कैमरे
96. ( क्र. 1522 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ हेतु स्थायी एवं अस्थायी कार्य हेतु विभाग को कितना बजट आवंटित हुआ कितना उपयोग हुआ एवं कितना बचा मदवार, रूपयेवार जानकारी देवें। (ख) गृह विभाग ने सिंहस्थ को सूक्ष्मता से मॉनीटर करने हेतु कितने कैमरे कहाँ-कहाँ लगाये थे लिस्ट उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अन्तर्गत कैमरे खरीदी के टेण्डर की विज्ञाप्ति टेन्डर की शर्तों के अनुसार मांगे गये दस्तावेज की छायाप्रति में भाग लेने वाली संस्थाओं के नाम भी बतावें। (घ) कुल कितने रूपयों के कैमरे लगाये गये की राशि एवं वर्तमान में शासन उन कैमरों एवं सर्वर का क्या उपयोग करने जा रही है भी बतायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) निविदा में प्रतिभागी फर्मों के नाम - M/s-L&T Ltd., M/s-aurionpro solution Ltd., M/s-Ricoh india Ltd., M/s-Honeywell Automation, M/s-Mahendra Defence. (घ) उक्त योजनान्तर्गत कुल राशि रू. 21,64,86,014/- से कम्पलीट सीसीटीवी सर्विलान्स सिस्टम की स्थापना उज्जैन शहर में विभिन्न 134 स्थानों पर करायी गई है। समस्त उपकरणों, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, भवन आदि का उपयोग कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण हेतु निगरानी एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु किया जा रहा है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा प्रदत्त सेवाओं में प्राप्त शिकायतें
97. ( क्र. 1525 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवरी विधान सभा क्षेत्र में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्रों व मिनी केन्द्रों द्वारा वर्तमान में किन-किन सेवाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है व किन-किन कार्यक्रमों के माध्यम से हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है? (ख) उक्त के संबंध में गत एक वर्ष में क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनके निराकरण की स्थिति बतावें। (ग) देवरी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित नहीं हैं? इनके भवन निर्माण की क्या योजना है? (घ) उक्त क्षेत्र में कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) देवरी विधान सभा क्षेत्र में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्रों व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा एकीकृत बाल विकास सेवा अंतर्गत निम्न सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। 1. पूरक पोषण आहार 2. स्वास्थ्य जाँच 3. संदंर्भ सेवाएं 4. टीकाकरण 5. पोषण एवं स्वास्थ्य जाँच 6. स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, एकीकृत बाल विकास सेवा, मंगल दिवस कार्यक्रम, इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना, राजीव गांधी किशोर बालिका सशक्तिकरण योजना, अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, स्नेह सरोकार कार्यक्रम द्वारा हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा हैं। (ख) कुल 93 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से 76 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका हैं एवं 17 शिकायतों के निराकरणों की प्रक्रिया गतिशील हैं। प्राप्त निराकृत एवं लंबित शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) देवरी विधान सभा अंतर्गत कुल 422 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है इनमें से 156 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित नहीं है (किराये के भवनों में संचालित), 172 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में तथा 94 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित है। वर्तमान में देवरी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 127 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माणाधीन है। शेष भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई विकास खण्ड में ) एवं शहरी क्षेत्रों में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिये जाने की योजना है। (घ) क्षेत्र के रिक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/ सहायिकाओं के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी कर नियमानुसार पद पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।
एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट के संबंध में की गई कार्यवाही
98. ( क्र. 1526 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 में म.प्र. राज्य अधिवक्ता परिषद् जबलपुर द्वारा एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट का मसौदा तैयार कर मा. मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या मा. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा अधिवक्ता महापंचायत के दौरान एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाने एवं 60 वर्ष से अधिक आयु के अधिवक्ताओं को पेंशन देने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो इन मामलों में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) वर्णित बिंदुओं पर कोई सकारात्मक कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की है? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्यवाही किस-किस स्तर से की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। उक्त संबंध में विधि विभाग के संज्ञान में ऐसी कोई जानकारी नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मैहर क्षेत्र में फूड पार्क की स्थापना
99. ( क्र. 1528 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मैहर विधान सभा क्षेत्र के इरमा क्षेत्र (कटनी रोड) में बड़ी मात्रा में क्षेत्रीय कृषकों द्वारा विभिन्न सब्जियों का उत्पादन किया जाता है? उक्त क्षेत्र के सब्जी उत्पादक किसानों को विभाग द्वारा किस प्रकार किन योजनाओं के माध्यम से लाभांवित किया जा रहा है? (ख) क्या इस क्षेत्र में टमाटर आदि सब्जियों की बड़ी मात्रा में उत्पादन को देखते हुए यहां फूड पार्क या खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किये जाने की संभावना है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्या कोई योजना बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) इस क्षेत्र के सब्जी उत्पादक किसानों के हित में विभाग कौन-कौन सी योजनायें प्रचलित है? गत एक वर्ष में इन योजनाओं से लाभांवित हितग्राहियों का संख्यात्मक विवरण दें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। राज्य की सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना के अंतर्गत उन्नत/संकर सब्जी उत्पादन के लिये बीज वाली फसलों हेतु आदान सामग्री का 50 प्रतिशत अधिकतम रूपये 12500/- तथा कंदवाली व्यवसायिक फसल जैसे- आलू, अरबी फसल उत्पादन हेतु अधिकतम रूपये 25000/- प्रति हेक्टेयर की दर से न्यूनतम 0.10 हेक्टेयर तथा अधिकतम 2.00 हेक्टेयर तक का अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 0.2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए ग्रीष्म कालीन तरबूज, खरबूज एवं कद्दू वर्गीय शंकर सब्जी उत्पादन पर इकाई लागत रूपये 10500/- पर 35 प्रतिशत अनुदान राशि रूपये 3500/- दिये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश के प्रथम भाग के संबंध में संभावनाओं का अध्ययन नहीं कराया गया है, प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु विभाग द्वारा उद्योग संवर्धन नीति, 2014 के क्रम में निजी निवेशकों को विशिष्ट वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। वर्ष 2015-16 में योजनावार लाभान्वित हितग्राही संख्या निम्नानुसार हैः-
1. सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना - 38 कृषक
2. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना - 69 कृषक
मैहर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
100. ( क्र. 1529 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित है? शासन के मापदण्डानुसार कहाँ-कहाँ आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है? उक्त केन्द्र कब तक आरंभ किये जायेंगे? (ख) उक्त क्षेत्र में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से कितने शासकीय भवनों में एवं कितने व कौन-कौन से, किराये के भवनों में संचालित है? कितने व कौन-कौन से भवन निर्माणाधीन है? शेष भवन कब तक स्वीकृत कर निर्मित कराये जावेंगे? (ग) क्या मैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत उक्त केन्द्रों में प्रदत्त सेवाओं से हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है? केन्द्रों के संबंध में सेवाओं व कार्यक्रमों के आयोजन के संबंध में कोई शिकायते प्राप्त हुई है? क्या केन्द्रों का नियमानुसार निरीक्षण किया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्षेत्र के किन-किन केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के पद रिक्त है? इनकी पदपूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 416 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 28 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 14 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 02 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की कार्यवाही प्रचलन में समय सीमा दिया जाना संभव नही है। (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 275 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में एवं 169 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘तीन‘ एवं ‘चार‘ अनुसार है। स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों में से सेमरा, खेरवाकला एंव कुसेड़ी निर्माणधीन है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण शेष भवनों के निर्माण की स्वीकृति हेतु समय सीमा दिया जाना संभव नही है। (ग) जी हाँ। केन्द्रों के संबंध में सेवाओं व कार्यक्रमों के आयोजन के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है। जी हाँ। (घ) मैहर विधानसभा अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 05 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के 03 पद निम्नानुसार स्थानो पर रिक्त है:-
क्र. |
केन्द्र का नाम जहां आ.वा. कार्यकर्ता का पद रिक्त है। |
केन्द्र का नाम जहां आ.वा. सहायिका का पद रिक्त है । |
रिमार्क |
1. |
तिलौरा |
घुनवारा |
अंतिम सूची जारी की जा चुकी है । |
2. |
लुढौती |
टिसकिलीखुर्द |
|
3. |
घतूरा |
देवरी |
|
4. |
कुसेडी |
|
|
5. |
बदेरा |
|
|
उपरोक्तानुसार रिक्त आंगनवाडी केन्द्रों पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।
फ्लोराइड मद में राशि की स्वीकृति
101. ( क्र. 1535 ) श्री
उमंग सिंघार :
क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग जिला
धार को
फ्लोराईड मद में
कितनी राशि
वर्षवार
प्राप्त हुई।
(ख) धार जिले
के अंतर्गत
गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, सरदारपुर, बदनावर
एवं धार
उप-संभागों को
वर्षवार
कितनी-कितनी
राशि दी गई है।
(ग) प्रश्नांकित
(ख) अनुसार
उप-संभागों
द्वारा
प्राप्त
राशि को
किन-किन
ग्रामों एवं
कार्यों में
वर्षवार खर्च
किया गया है।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
सुश्री कुसुम
सिंह महदेले ) : (क) वर्ष
2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में
क्रमशः रूपये 1140.75, 910.25 एवं 160.00 लाख की
राशि आवंटित
की गई। (ख) राशि
उपसंभागवार
आवंटित नहीं
की जाती है। (ग)
उत्तरांश-‘ख‘ के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
पुलिस वाहन डायल 100 की जानकारी
102. ( क्र. 1537 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस वाहन डायल 100 वाहनों की खरीदी प्रदेश सरकार द्वारा की गई है, अगर की गई है तो वाहनों की संख्या एवं खरीदी लागत का उल्लेख करें। डायल 100 वाहन में टाटा सफारी स्ट्राम का चयन किस आधार पर किया गया। अन्य वाहनों के कोटेशन निविदा कब आमंत्रित की गई एवं निविदा की क्या शर्तें थी? (ख) अगर सरकार द्वारा नहीं खरीदी गई है तो किस कंपनी द्वारा वाहन उपलब्ध कराकर अनुबंध किया गया है। कंपनी का नाम एवं पते की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांकित वाहन में प्रतिदिन डीजल, वाहन चालक एवं अन्य खर्च कितनी राशि व्यय की गई है एवं अभी तक दैनिक खर्च कितना-कितना दिया गया। योजना में प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक बतायें एवं प्रतिगाड़ी (वाहन) पर कितनी राशि व्यय की जाना प्रस्तावित है योजना में प्रतिवर्ष कितने बजट का प्रावधान है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) डायल-100 योजना हेतु वाहन क्रय नहीं किये गये है। वाहन का चयन खुली निविदा के आधार पर किया गया है। सफल निविदा दाता का चयन न्यूनतम मूल्य (एल-1) आधार पर किया गया है। दिनांक 18 सितम्बर, 2014 को निविदा आमंत्रित की गई। निविदा शर्तों का उल्लेख निविदा दस्तावेज में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुबंधकर्ता कम्पनी निम्नानुसार है-मेसर्स-व्ही.बी.जी, इंडिया लिमिटेड, व्ही.बी.जी. हाउस, प्रीमियर प्लाजा, पुणे-मुम्बई रोड़, चिंचवाड, पुणे-411019 द्वारा वाहन उपलब्ध कराये गये हैं। (ग) वाहन का मासिक किराया रू. 68500 तथा डीजल वास्तविक खपत के आधार पर देय होता है। अन्य कोई व्यय नहीं किया जाता। योजना पर वर्ष 2014-15 में रू. 39.52 करोड़ बजट दिया गया था जिसमें से रू. 5.4668 करोड़ खर्च हुआ। वर्ष 2015-16 में रू. 125.4787 करोड़ बजट दिया गया था जिसमें से रू. 51.5057 करोड़ खर्च हुआ। वर्ष 2016-17 में अभी तक रू. 74.5752 करोड़ आवंटन हुआ है जिसमें से रू. 42.7632 करोड़ व्यय हो चुका है।
पेय जल समस्या का निराकरण
103. ( क्र. 1542 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग की योजनाएं तथा उत्तरदायित्व क्या-क्या हैं? इसे क्रियान्वयन करने के लिये पिछले 3 वित्तीय वर्षों में बालाघाट जिले को कितना-कितना फण्ड किस-किस कार्य हेतु दिया गया तथा वह कब-कब कहाँ व्यय किया गया। (ख) लामता विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा उक्त अवधि में क्या-क्या कार्य कितनी राशि से कहाँ-कहाँ किये गये? क्या उनका भौतिक सत्यापन किया गया। (ग) क्षेत्र में पेय जल की समस्या के निराकरण के लिये क्या-क्या कार्य कब-कब किये गये तथा कितनी राशि व्यय की गई? तिथिवार कार्य का नाम, मात्रा, व्यय राशि, ठेकेदार का नाम बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) म.प्र. में लामता विधान सभा क्षेत्र नाम से कोई भी विधान सभा क्षेत्र नहीं है। अतः जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी नहीं दी जा सकती।
व्यापम द्वारा भर्ती में अनियमितता
104. ( क्र. 1549 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग की व्यापम द्वारा वर्ष 2011, 2012 तथा 2013 में सूबेदार, थानेदार, प्लाटून कमाण्डर की परीक्षा के सफल अभ्यार्थियों की प्रथम बार प्राप्त सूची की प्रति देवें तथा बताएं कि इस सूची में बाद में परिवर्तन किया गया था? यदि हाँ, तो नई सूची की प्रति दें? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में रिक्त पद की संख्या क्या थी, केटेगरी अनुसार बताएं तथा इन रिक्त पदों के विरूद्ध केटेगरी अनुसार भर्ती किए गए अभ्यर्थी के नाम, पिता का नाम, केटेगरी, व्यापम परीक्षा के प्राप्तांक तथा प्रावीण्य सूची में स्थान सहित सूची प्रदान करें? (ग) क्या वर्ष 2011 की परीक्षा में न्यायालयीन आदेश से सूची का पुन: परीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो उसके अंतिम निष्कर्ष से अवगत कराएं तथा बताएं कि क्या वर्ष 2012 में घोषित पद से अधिक पद भरे गए तो उसकी जानकारी दें? (घ) क्या वर्ष 2013 की परीक्षा में सूची में परीक्षण कर परिवर्तन करने हेतु लिखा गया? यदि हाँ, तो कारण बताएं? (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परीक्षाओं में भारी अनियमितता पाए जाने पर इसकी जाँच हेतु पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्ष 2011, 2012 एवं 2013 के चयनित अभ्यार्थियों की प्रथम बार की चयन सूचियां क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार। वर्ष 2011 की चयन परीक्षा का परिणाम तथा पदों के आवंटन की सूची जारी होने के पश्चात रिट याचिका क्र.. 3134/12 तथा 3135/12 में मान. उच्च न्यायालय इंदौर की एकल पीठ तथा रिट अपील क्र. 1109/13 एवं 1110/13 में युगलपीठ द्वारा पारित निर्णय के पालन में वर्ष 2011 में चयनित हुये उम्मीदवारों में से 47 उम्मीदवारों का पद परिवर्तन किया गया। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क-1 अनुसार। वर्ष 2012 की चयन परीक्षा का परिणाम दिनांक 2.1.2013 को घोषित किये जाने के उपरांत पाया गया कि व्यापम के सॉफ्टवेयर में तकनीकी त्रुटि होने के कारण आरक्षित श्रेणी के 31 उम्मीदवारों को उनकी मूल श्रेणी में स्थान प्राप्त हुआ था, 31 उम्मीदवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- क-2 अनुसार है। व्यापम के साफ्टवेयर की तकनीकी त्रुटि सुधारने के उपरांत 25.3.2013 को घोषित किये गये परिणाम में आरक्षित श्रेणी के 25 उम्मीदवारों को अनारक्षित श्रेणी में स्थान प्राप्त हुआ। पूर्व में चयनित 18 उम्मीदवारों का पद उन्नयन उनकी निम्न प्राथमिकता वाले पद पर हुआ, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क-3 अनुसार। पुनरीक्षित परिणाम में 19 नवीन उम्मीदवारों का चयन हुआ उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क-4 अनुसार। सूबेदार/उपनिरीक्षक संवर्ग/प्लाटून कमांडर चयन परीक्षा 2013 के भरती नियम की कंडिका 1.12 के संबंध में त्रुटि प्रकाश में आई जिसे सुधार करते हुये चयन सूचियां नियम 1.12 के अनुसार संशोधित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क-5’ अनुसार। (ख) रिक्त पदों की वर्ष 2011, 2012 एवं 2013 की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ख-1, ख-2 एवं ख-3 अनुसार। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में चयनित उम्मीदवारों के नाम पिता का नाम केटेगरी एवं व्यापम परीक्षा के प्राप्तांक प्रावीण्य सूची में प्राप्त स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब एवं स अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क-1 अनुसार। वर्ष 2012 की चयन परीक्षा के अंतिम परिणाम में हुई त्रुटि सुधार के कारण 19 अतिरिक्त पदों पर चयन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क-4 अनुसार। (घ) जी हाँ। सूबेदार/उपनिरीक्षक संवर्ग/प्लाटून कमांडर चयन परीक्षा 2013 के भरती नियम की कंडिका 1.12 के अनुसार समान अंक प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों की सह वरिष्ठता प्रथमतः लिखित परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर निर्धारित की जावेगी। लिखित परीक्षा में भी अंक समान होने की दशा में अधिक आयु वाला अभ्यार्थी वरीयता में नीचे रहेगा। किन्तु व्यापम द्वारा अंतिम प्रावीण्य सूची में समान अंक प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों की पारस्परिक वरीयता का निर्धारण सीधे आयु के आधार पर कर दिया गया था जो नियमों के अनुसार पूर्णतः सही नहीं था। चयन परीक्षा का परिणाम व्यापम द्वारा घोषित करने के पश्चात उक्त त्रुटि प्रकाश में आई जिसे सुधार करते हुये चयन सूचियां नियम 1.12 के अनुसार संशोधित की गई। (ड.) किसी अधिकारी/कर्मचारी की दुर्भावना नहीं पाई गई अतः आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड जिले में कनिष्ठों को परियोजना अधिकारी बनाया जाना
105. ( क्र. 1550 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में पदस्थ महिला बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी जिले में कब-कब से पदस्थ है? नाम, पता सहित बतायें तथा किन-किन विकासखण्डों में वरिष्ठ परियोजना अधिकारी के उपलब्ध रहते हुये कनिष्ठों को पदस्थ किया गया है? (ख) भिण्ड जिले में 10 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रोग्राम मंगल दिवस, चाईल्ड फ्रेन्डली योजना में किस-किस योजना में कितना व्यय किया गया? 09 जून 2016 को भिण्ड शहरी एवं ग्रामीण स्नेह शिविर संयुक्त रूप से आयोजित करने में कितने व्यक्ति शामिल हुये और कितना व्यय हुआ? प्रत्येक व्यय की गई राशि का विवरण दें? भिण्ड जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिक के चयन की कहाँ-कहाँ की कब-कब से शिकायतें विचाराधीन है? उन शिकायतों का निराकरण समय-सीमा में न किये जाने का क्या कारण है? (ग) एकीकृत बाल विकास परियोजना गोहद जिला भिण्ड की ग्राम पंचायत खनेता में आंगनवाड़ी सहायिका श्रीमती शशि पत्नी श्री जन्डेल सिंह के अधिक अंक होने के बाद भी चयन न करने की जाँच कराई जावेगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘ए’ पर है। किसी भी विकासखण्ड में वरिष्ठ परियोजना अधिकारी के उपलब्ध रहते हुए, कनिष्ठ को पदस्थ नहीं किया गया हैं। (ख) भिण्ड जिले में 10 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक मंगल दिवस योजना के तहत राशि रूपये 15,17,200/- व्यय तथा चाईल्ड फ्रेंडली योजना के तहत कोई राशि व्यय नहीं की गई हैं। 09 जून 2016 को भिण्ड शहरी एवं ग्रामीण स्नेह शिविर संयुक्त रूप से आयोजित नहीं किए गए हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भिण्ड जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के चयन संबंधी शिकायत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-’’बी’’ पर है। (ग) एकीकृत बाल विकास परियोजना गोहद जिला भिण्ड की ग्राम पंचायत खनेता में आंगनवाड़ी सहायिका श्रीमती शशि पत्नी श्री जन्डेल सिंह को अनंतिम सूची में 53.75 अंक प्रदान किए गए थे। द्वितीय वरियता प्राप्त आवेदिका निर्मला पत्नी सुरेन्द्र सिंह द्वारा जिला स्तरीय दावे-आपत्ति निराकरण समिति में आपत्ति दर्ज कराई गई थी कि उनके द्वारा प्रस्तुत बी.पी.एल. की जाँच कराई जाकर 10 अंक प्रदाय किए जावें। जिला स्तरीय आपत्ति निराकरण समिति द्वारा आपत्ति मान्य की जाकर बी.पी.एल. राशन कार्ड की जाँच कराये जाने तक नियुक्ति आदेश न दिये जाने का निर्णय लिया गया था। तहसीलदार गोहद से जाँच कराये जाने पर निर्मला पत्नी सुरेन्द्र पुत्र अशर्फीलाल का नाम बी.पी.एल. कार्ड में सम्मिलित होने का सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसके आधार पर निर्मला को बी.पी.एल. राशन कार्ड के 10 अंक प्रदाय करने पर कुल 60 अंक प्राप्त हुए जिससे यह प्रथम वरियता स्थान पर होने से कार्यालय परियोजना अधिकारी गोहद के आदेश क्रं. 202-206 दिनांक 16.2.2016 द्वारा ग्राम पंचायत खनेता के ग्राम मोतीसिंह का पुरा में सहायिका पद पर नियुक्ति की गई हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपंपों का सुधार एवं खनन
106. ( क्र. 1557 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी 116 के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में हैण्डपंप खनन कार्य किया गया है? जिनमें से कितने हैण्डपंप संचालित हैं एवं कितने हैण्डपंप बंद पड़े हैं? (ख) प्रारंभ से बंद पड़े हैण्डपंपों के सुधार कार्य हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गई? (ग) बंद पड़े हैण्डपंपों में कब तक सुधार कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रारंभ से बंद पड़े हैण्डपंपों के सुधार कार्य हेतु वर्ष 2015-16 की अवधि में राशि आवंटित नहीं की गई है। (ग) वर्षा उपरांत जल स्तर बढ़ने से 3 हैण्डपम्प स्वत: चालू हो जायेंगे।
पेयजल टंकियों का निर्माण
107. ( क्र. 1558 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक लागत 5 लाख रूपये या उससे अधिक की कितनी टंकियां निर्माण हेतु स्वीकृत की गई है? इनके स्थान का नाम, लागत, कार्य प्रारंभ से कार्यपूर्णता सहित विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इनमें से कितनी टंकियों का निर्माण पूर्ण हो चुका है, कितनी टंकियों से पेयजल सप्लाई की जा रही है उनकी सूची एवं जिन टंकियों से पेयजल प्रदान नहीं किया जा रहा है उसकी सूची भी उपलब्ध करायें। (ग) अपूर्ण टंकियों का निर्माण क्यों रूका हुआ है, कारण बतायें एवं इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है।
पशुपालन विभाग में औषधियों के क्रय एवं वितरण
108. ( क्र. 1565 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग में समस्त औषधि का क्रय संधारण एवं वितरण के कार्य हेतु जिला कार्यालय स्तर पर तकनीकी अथवा गैर तकनीकी कर्मचारी से उक्त कार्य संपादित कराने हेतु क्या नीति है? (ख) क्या अधिकांश जिला कार्यालयों में तकनीकी अमला पदस्थ होने के बावजूद उक्त कार्य गैर तकनीकी कर्मचारियों से संपादित कराया जा रहा है। नाम व पदनाम की सूची सहित आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) गैर तकनीकी कर्मचारियों से औषधियों के क्रय एवं वितरण का कार्य कराने से विगत दो वर्षों में कितने पशुधन की हानि हुई है एवं इसके लिए कौन जिम्मेवार है? (घ) जिलेवार पूर्ण जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं मात्र जिला पन्ना में गैर तकनीकी कर्मचारी द्वारा कार्य सम्पन्न कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसी भी प्रकार की पशुधन हानि नहीं हुई है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश भाग (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।