मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023 सत्र
सोमवार, दिनांक 20 मार्च, 2023
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
स्टाफ
नर्स की
नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
1. ( *क्र. 1522 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम द्वारा स्टाफ नर्स पद की परीक्षा वर्ष 2021-22 में आयोजित कर चयनित आवेदकों को पदस्थापना सूचना भेजी गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में पदस्थ आवेदकों को ज्वाईन क्यों नहीं कराया गया? कब तक ज्वाईन कराया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ग) क्या चयनित स्टाफ नर्स को उपस्थित न कराकर उक्त महाविद्यालय के डीन स्टाफ द्वारा संविदा स्टाफ नर्स की नियुक्ति हेतु विज्ञापन निकाले गये थे? यदि हाँ, तो विज्ञापन की प्रति उपलब्ध करावें। साथ ही बताएं उक्त भर्ती किसके आदेश से हो रही है? आदेश की प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में चयनित स्टाफ नर्स को उपस्थित कराते हुये अब तक उपस्थित नहीं कराने की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) संस्था द्वारा स्टाफ नर्स के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रस्ताव दिनांक 20.03.2021 एवं पत्र दिनांक 18.04.2021 को म.प्र. प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजे गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा ''के समूह-5'' के अंतर्गत स्टाफ नर्स एवं अन्य सह चिकित्सकीय संवर्ग संयुक्त भर्ती परीक्षा 2020 के माध्यम से विज्ञप्ति के तहत दिनांक 28.12.2020 से 13.01.2021 के ऑनलाईन के माध्यम से परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसका परीक्षा परिणाम दिनांक 12 मई, 2021 को पी.ई.बी. अधिकारिक वेबसाईट पर जारी किया गया, जिसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के पोस्ट कोड क्रमांक 1 एवं 124 के तहत स्टाफ नर्स के परीक्षा परिणाम प्रश्न पत्र 'ज्ञ' का परीक्षा परिणाम तैयार नहीं किये जाने के कारण परीक्षा परिणाम में सम्मिलित नहीं किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। कोविड महामारी में स्टाफ नर्स की आवश्यकता को देखते हुए सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में उक्त स्टाफ नर्स के पदों को एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से पूर्ति हेतु कार्यवाही की गई। नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा स्टाफ नर्स के रिक्त पदों को संभागायुक्त, जबलपुर संभाग, जबलपुर से अनुमति प्राप्त कर एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से विज्ञप्ति जारी कर जून 2021 में रिक्त पदों की पूर्ति की जा चुकी है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार रिक्त पदों में शासन नीति अनुसार 20 प्रतिशत पदों को संविदा से भरने हेतु निर्धारित कर संस्था स्तर पर विज्ञापन जारी किया जा कर पद पूर्ति जनवरी 2021 में की गई थी। कार्यालयीन पत्र दिनांक 25.5.2021 के माध्यम से परीक्षा नियंत्रक प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को सूचित किया था कि कोविड महामारी की घातक स्थिति में स्टाफ नर्स की आवश्यकता को देखते हुए संस्था द्वारा स्टाफ नर्स एवं फार्मासिस्ट-02 के पदों को एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से भरे जा रहे हैं एवं इन पदों को प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से न भरा जाये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। (ग) संस्था शासन आदेशानुसार रिक्ति में से संविदा हेतु 20 प्रतिशत पदों को आरक्षित कर संविदा से भरने हेतु विज्ञापन जारी कर पद पूर्ति किया गया। (घ) इस कार्यालय के पत्र कार्यालयीन पत्र क्रमांक स्था/अराज/2021/4758 जबलपुर, दिनांक 25.05.2021 के माध्यम से व्यापम को पद न भरने हेतु लिखा गया था एवं जून 2021 में रिक्त पदों को एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से भरे जा चुके हैं। अत: व्यापम द्वारा चयनित स्टाफ नर्स को उपस्थित कराया जाना संभव नहीं है।
प्रबंध संचालक के पद एवं कार्यों की जांच
[पशुपालन एवं डेयरी]
2. ( *क्र. 1114 ) श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के वर्तमान में पदस्थ प्रबंध संचालक मूलतः किस विभाग के अधिकारी हैं? उनका मूल पद क्या है? वे मूल विभाग से पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम में कब से प्रतिनियुक्ति पर हैं? (ख) शासन द्वारा किसी व्यक्ति को अधिकतम कितने वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति दी जा सकती है? नियमावली सहित बताएं। (ग) उक्त विभाग में प्रबंध संचालक पद की स्वीकृति कब प्रदान की गई एवं क्या केबिनेट से उक्त पद की मंजूरी ली गई है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें? यदि नहीं, तो उक्त पदस्थापना कैसे की गई? (घ) पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक हेतु क्या-क्या सेवा शर्तें हैं? वर्तमान में पदस्थ प्रबंध संचालक के विरुद्ध 5 वर्षों में कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुईं? कितनों की जांचें की गई एवं किन-किन अधिकारियों के द्वारा जांच की गई? समस्त शिकायतों एवं जांच के निष्कर्ष का विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) पशुपालन एवं डेयरी विभाग के आदेश दिनांक 23 अगस्त, 2012 के द्वारा डॉ. एच.बी.एस. भदौरिया, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष पशु उत्पादन एवं प्रबंध आर.ए.के. कृषि महाविद्यालय सीहोर, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर लेकर प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के पद पर पदस्थ किया गया है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29 फरवरी, 2008 के अनुसार लोक सेवक की सेवाएं कम से कम दो वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पर ली जानी चाहिए। कंडिका 2 के प्रावधान अनुसार ''प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाने हेतु जिस विभाग में अधिकारी/कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर है, जिस विभाग से सेवाएं ली गई हैं, उन दोनों विभागों की सहमति होने पर विभाग स्तर पर निर्णय लिया जाने का प्रावधान है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 30 अक्टूबर, 1982 में प्रकाशित मध्यप्रदेश प्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम अधिनियम 1982 (क्र. 37 सन् 1982) सहपठित (संशोधित) अधिनियम 1984 की धारा 10 अंतर्गत है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं 'ब' अनुसार है।
संविदा कर्मचारियों का ई.पी.एफ. कटौत्रा
[पशुपालन एवं डेयरी]
3. ( *क्र. 3109 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का ई.पी.एफ. का कटौत्रा किया जाकर जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कितनी राशि पी.एफ. कार्यालय में जमा की गई है? तिथिवार विवरण दिया जाये। (ख) क्या विभाग के कर्मचारियों से सम्बन्धित कर्मचारियों के ई.पी.एफ. का कटौत्रा करने एवं उसको जमा करने बावत कोई अभ्यावेदन विभाग में प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो उसका विवरण दिया जाये। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभाग ने ई.पी.एफ. कटौत्रा करके नियमों का उल्लंघन किया है? यदि हाँ, तो उसके किये कौन दोषी है? नाम एवं पद बताते हुये की गई कार्यवाही का विवरण दिया जाये।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) निगम के संविदा कर्मचारियों के ई.पी.एफ. का कटौत्रा का प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
4. ( *क्र. 1852 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक दमोह जिले में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई तथा किन-किन कार्यों में कितनी राशि व्यय हुई? विधानसभावार वित्तीय वर्षवार पूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद से कृषकों के खेतों में विद्युतीकरण हेतु दिए गए प्रस्तावों पर क्या कार्रवाई की गई है, उक्त प्रस्तावों पर स्वीकृति न मिलने के क्या कारण हैं? राशि कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 29 जुलाई, 2022 को प्रश्न क्रमांक 1361 के भाग (ख) में यह पूछा गया था कि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युतीकरण के कितने प्रस्ताव विभाग द्वारा उच्च स्तर पर भेजे गए हैं? प्रस्ताव अनुसार कितनी बस्तियों में विद्युतीकरण का कार्य लंबित है? क्या ग्राम इमलीडोल के कछरा बस्ती में विद्युतीकरण कार्य प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक विद्युतीकरण कार्य किया जायेगा, जिसके उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है, उत्तर प्राप्त हुआ था? प्रश्न दिनांक तक उत्तर अप्राप्त है, प्रश्न का उत्तर कब तक प्राप्त होगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले को प्राप्त आवंटन की सीमा में कार्य स्वीकृत किये जाने से प्रश्नकर्ता द्वारा कृषकों के खेतों में विद्युतीकरण कार्यों में प्राप्त प्रस्ताव को स्वीकृत नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। दिनांक 29 जुलाई, 2022 का प्रश्न क्रमांक 1361 अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से पूछा गया था, संबंधित विभाग द्वारा उत्तर तैयार कर प्रेषित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
छात्रवृत्ति वितरण में की गई अनियमितताएं
[जनजातीय कार्य]
5. ( *क्र. 3220 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अंतर्गत संचालित संस्थाओं के ऑडिट के संबंध में महालेखाकार ग्वालियर से ऑडिट कराये जाने के क्या प्रावधान हैं? विस्तृत विवरण देवें। प्रदेश में ऐसे कितने जिले हैं, जिनके द्वारा अनुसूचित जाति जनजातीय कार्य विभाग में वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक महालेखाकार ग्वालियर द्वारा ऑडिट नहीं कराई गई है? जिलेवार बतावें। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में राशि संबंधी अनियमितता की गई? छात्र, छात्रा, संस्था, जिला अनुसार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा कराए गए ऑडिट में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में अनियमितता संबंधी गड़बड़ियां पाई गईं हैं? विस्तृत विवरण देवें। संस्थावार/जिलावार जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार अधिकांश जिलों में करोड़ों की अनियमितता, गबन फर्जी खाता, फर्जी छात्र प्रश्न दिनांक तक पाए गए हैं? जिलेवार/खातावार/छात्र-छात्रावार/संस्थावार विस्तृत विवरण देवें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 995, दिनांक 01.12.2022 के माध्यम से विभाग में हुई अनियमितताओं के संबंध में लेख किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उपरोक्त के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत विवरण देवें? यदि नहीं, तो विभाग इस संबंध में कब तक कोई कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में NRI कोटे में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
6. ( *क्र. 3210 ) श्री महेश परमार : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 में NRI कोटे से प्रवेशित 114 छात्रों में से 107 छात्रों के प्रवेश अमान्य किये गए थे? यदि हाँ, तो उक्त मामले से संबंधित सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएं एवं 107 छात्रों को अवैध रूप से प्रवेश देने वाली संस्थाओं के नाम, पते की सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या अपात्र 107 छात्रों को प्रवेश देने वाली संस्थाओं के विरुद्ध संचालनालय द्वारा कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में wp/14826/2017 में पारित आदेश के अंतर्गत क्या विनियामक समिति को जांच कर अंतिम आदेश जारी करने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो मान. न्यायालय के निर्देश पर उक्त समिति द्वारा की गई जांच का प्रतिवेदन व अंतिम आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) उक्त प्रकरण में स्थगन आदेश को खाली कराने के लिए विभाग ने क्या क्या कार्यवाहियां की हैं? उनकी प्रतियाँ देवें। NRI कोटे से फर्जीवाड़े को रोकने के लिए विभाग द्वारा प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में कब कब जांच की गयी? क्या कमियां पायी गयी? जांच के मापदंड, नियम उपनियम की प्रतियां देते हुए जांच प्रतिवेदन सहित प्रस्तुत करें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। कार्यालय द्वारा की गई जांच का जांच प्रतिवेदन एवं एन.आर.आई. कोटा में प्रवेशित अभ्यर्थियों के प्रवेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) एन.आर.आई. कोटा में प्रवेशित अभ्यर्थियों के प्रवेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने के संबंध में जारी पत्र क्रमांक 3307/4/प्रवेश/संचिशि/17 दिनांक 28.11.2017 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर डब्ल्यू.पी. 14826/2017 में पारित आदेश दिनांक 18.05.2018 में दिये गये निर्देशानुसार वर्ष 2017 में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में एन.आर.आई. कोटे में प्रवेशित 107 अभ्यर्थियों की जांच प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन एवं अंतिम आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। 1. प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति सचिवालय का आदेश क्रमांक 09, दिनांक 02.01.2019 में 96 वैद्य छात्रों से संबंधित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। 2. प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति सचिवालय का आदेश क्रमांक 288, दिनांक 06.03.2019 जो 02 वैध छात्रों से संबंधित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। 3. माननीय अपीलीय प्राधिकारी का अपीलीय आदेश क्रमांक 20 से 28 तक दिनांक 12.03.2019 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है, जो 07 वैध छात्रों से संबंधित है। इस प्रकार वैध छात्रों की संख्या 105 होती है। (घ) माननीय न्यायालय में दायर डब्ल्यू.पी.14826/2017, दिनांक 18.05.2018 को डिस्पोज्ड की जा चुकी है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
पांढुर्ना ब्लॉक को जनजातीय कार्य विभाग के तहत किये जाना
[जनजातीय कार्य]
7. ( *क्र. 2423 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्ना ब्लॉक को जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत करने की क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है? (ख) इस संबंध में हुई समस्त बैठकों की पूर्ण जानकारी देवें। इस विषय में हुये समस्त पत्राचारों की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ग) कब तक प्रश्नांश (क) अनुसार पांढुर्ना ब्लॉक को जनजातीय कार्य विभाग के तहत कर दिया जायेगा? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना 20 फरवरी 2003 अनुसार घोषित अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत छिन्दवाड़ा जिले का पांढुर्ना ब्लॉक नहीं आने एवं अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत जनजाति विकासखण्ड अनुसूचित करने की अधिकारिता भारत सरकार की होने से पांढुर्ना ब्लॉक को जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत करने की कार्यवाही नहीं की गई। (ख) से (घ) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अन्य पिछडा वर्ग के अंतर्गत सम्मिलित जाति कुर्मी/कुरमी तथा कुडमी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
8. ( *क्र. 2451 ) श्री संजय शाह (मकड़ाई) : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत सम्मिलित जाति कुर्मी/कुरमी तथा कुड़मी एक ही जातियां हैं, जिनकी सामाजिक स्थिति, रीति रिवाज, रहन सहन, बोलचाल समान है? (ख) क्या कुर्मी/कुरमी शब्द के अपभ्रंश रूपी शब्द कुड़मी तथा कुर्मी दोनों ही शब्द मूल रूप से एक ही हैं एवं राजस्व विभाग में कई जिलों में कुड़मी दर्ज हो जाने से एक ही जाति-समाज के लोग कहीं कुर्मी/कुरमी व कहीं कुड़मी जाति के सदस्य के रूप में जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे हैं? (ग) क्या उक्त विषय के संबंध में बुन्देलखंडीय कुर्मी/कुरमी क्षत्रीय गौर समाज संगठन जिला हरदा के द्वारा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को दिनांक 11 मई, 2016 को कुड़मी जाति सूची क्रमांक 76 को विलोपित कर राज्य शासन की सूची के क्रमांक 39 में सम्मिलित करने की मांग करते हुए ज्ञापन पत्र दिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के संबंध में की गई समस्त कार्यवाही से अवगत कराएं। (घ) क्या शासन कुर्मी/कुरमी समाज में सम्मिलित उपजातियों को आ रही परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में दर्ज जाति कुर्मी/कुरमी तथा कुड़मी में आवश्यक विलोपन व सम्मिलन की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। म.प्र. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा उक्त पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) किसी भी जाति को पिछड़ा वर्ग की सूची में जोड़ने अथवा विलोपित करने की कार्यवाही के निर्धारित मापदण्ड हैं। पूर्ण जानकारी प्राप्त कर जाति के पिछड़ेपन का निर्धारण करने हेतु म.प्र. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग विचार करता है।
टीकमगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
9. ( *क्र. 3402 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां के कौन-कौन से मेडिकल कॉलेज कितने-कितने सीटर कब से संचालित हैं? उनके नाम बताते हुए यह भी बताएं कि उसमें कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी एवं अन्य कौन-कौन, कब से पदस्थ हैं? प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों की वर्तमान की अद्यतन स्थिति की जानकारी से अवगत कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक वर्तमान में जो मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, वह क्या-क्या पात्रता की श्रेणी में आते हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर कृपया सम्पूर्ण जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि वर्तमान में टीकमगढ़ जिले की वर्षों की मांग को स्वीकारते हुए शासन कब तक मेडिकल कॉलेज खोल देगा? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश में संचालित मेडिकल कॉलेजों एवं सीटों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। चिकित्सा महाविद्यालयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) आगामी चरणों में शासन द्वारा समय-समय पर लिए गये नीतिगत निर्णय अनुसार विभाग द्वारा कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी विकास हेतु आवंटित राशि
[जनजातीय कार्य]
10. ( *क्र. 1922 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक आदिवासी विकास के लिए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से खरगोन जिले को कितनी राशि आवंटित हुई है, उसमें से महेश्वर विधानसभा क्षेत्र को कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) उक्त राशि किन-किन मदों-योजनाओं के लिए आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो उसमें से कितनी खर्च हुई है तथा कितनी राशि शेष है? वर्षवार, योजनावार पृथक-पृथक ब्यौरा देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो'अनुसार है।
खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज भूमि
[जनजातीय कार्य]
11. ( *क्र. 3231 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत मण्डला जिले के कितने राजस्व ग्रामों की खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज भूमियों के कितने दावे मान्य एवं अमान्य किए गए? (ख) मण्डला जिले में मान्य किए गए दावों से संबंधित प्रविष्टि प्रश्नांकित दिनांक तक भी पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? मान्य दावों के प्रकरण जिला राजस्व अभिलेखागार या तहसील राजस्व अभिलेखागार में जमा नहीं करवाए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? पृथक-पृथक बतावें। (ग) मण्डला जिले में पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी तथा पटवारी मानचित्र में दर्ज करने प्रकरण राजस्व अभिलेखागार में जमा करवाए जाने के आदेश निर्देश अभिसूचना प्रश्नांकित दिनांक तक भी जारी नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) मण्डला जिले में पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में प्रविष्टि दर्ज कर प्रकरण राजस्व अभिलेखागार में जमा करवाए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार मण्डला जिले के राजस्व ग्रामों में 1974 दावे मान्य एवं 1337 दावे अमान्य किये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग जिला मण्डला के पत्र क्रमांक 10534, दिनांक 05.11.2020 के द्वारा जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को वन अधिकार पत्र राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग जिला मण्डला के पत्र क्रमांक 10534, दिनांक 05.11.2020 के द्वारा जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को वन अधिकार पत्र राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग'अनुसार।
धार्मिक स्थलों में घटित चोरी की घटनाएं
[गृह]
12. ( *क्र. 2432 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से आज दिनांक तक रीवा एवं शहडोल संभाग में कितने धार्मिक स्थलों में चोरी की घटनाएं घटित हुईं? (ख) कितने स्थलों पर जघन्य अपराध जैसे मारपीट, हत्याएं हुईं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
संस्था सदस्यों को भूखण्ड का आधिपत्य नहीं दिया जाना
[सहकारिता]
13. ( *क्र. 3366 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय हिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर 185, टेलीफोन नगर इन्दौर द्वारा (सियागंज गुमास्ता नगर) आवासीय भूखण्ड क्रमांक 185 आकार 30 X 50 वर्गफीट 1500 श्री राजेन्द्र कुमार व्यास पुत्र श्री बृजकिशोर व्यास निवासी सी 3-4 रूप रचना-अपार्टमेंट गोयल नगर इन्दौर को दिनांक 29 मई, 1998 को ड्रॉ पद्धति से आवंटित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त भू-खण्ड का पंजीयन विक्रेता संस्था जय हिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. द्वारा क्रेता श्री राजेन्द्र कुमार व्यास पुत्र श्री बृजकिशोर व्यास को राशि रूपये 18000/- में विक्रय कर दिनांक 04.01.1999 को क्रेता के पक्ष में रजिस्ट्री कराई गई थी? (ग) क्या जयहिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था इन्दौर द्वारा दिनांक 08.10.1998 को क्रेता श्री राजेन्द्र कुमार व्यास पुत्र श्री बृजकिशोर व्यास से व्यवस्था शुल्क एवं विकास व्यय के रूप में राशि रूपये 22650 रूपये रसीद क्रमांक 1571 से प्राप्त किए गए थे? (घ) यदि हाँ, तो क्रेता का भू-खण्ड का पूरा मूल्य अदा करने के उपरांत क्रेता के पक्ष में विक्रय पत्र निष्पादित होने एवं विक्रेता संस्था द्वारा व्यवस्था शुल्क एवं विकास व्यय की राशि लिए जाने के बाद भी संस्था के सदस्य एवं क्रेता श्री राजेन्द्र कुमार व्यास पुत्र श्री बृजकिशोर व्यास को अभी तक भू-खण्ड का आधिपत्य नहीं दिये जाने के क्या कारण हैं? (ड.) क्या उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जांच कराई जाकर गृह निर्माण सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी एवं क्रेता पक्ष को भू-खण्ड का आधिपत्य दिलाया जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जय हिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर में वर्तमान में प्रशासक नियुक्त है। उपायुक्त सहकारिता, जिला-इन्दौर की जानकारी अनुसार संस्था की सियागंज गुमास्ता नगर कॉलोनी में आवासीय भूखण्ड क्रमांक 185 आकार 30 X 50 कुल 1500 वर्गफीट का आवंटन श्री राजेन्द्र कुमार व्यास पुत्र श्री बृजकिशोर व्यास को ड्रॉ पद्धति से करने संबंधी आवंटन पत्र तत्कालीन संचालक मण्डल से बहिर्गामी कमेटी को प्रदत्त अभिलेखों में उपलब्ध नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, रजिस्ट्री की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ग) प्रशासक को प्राप्त अभिलेखों में बहिर्गामी संचालक मण्डल को तत्कालीन संचालक मण्डल से प्राप्त अभिलेखों में संस्था द्वारा दिनांक 08.10.1998 को जारी रसीद क्रमांक 1571 की प्रति उपलब्ध नहीं होने से श्री राजेन्द्र कुमार व्यास पुत्र श्री बृजकिशोर व्यास से व्यवस्था शुल्क एवं विकास व्यय के रुप में राशि रुपये 22,650/- प्राप्त करने संबंधी जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) जयहिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर की स्वामित्व एवं आधिपत्य की ग्राम देवगुराडिया स्थित भूमि पर भवन निर्माण की अनुमति संबंधी प्रकरण में कलेक्टर जिला इंदौर के पत्र क्रमांक/46/अकरी-2/2016, दिनांक 27.04.2016 के द्वारा संस्था को समस्त विकास कार्य पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये गये थे, पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है, जिसके अनुपालन में संस्था की आमसभा दिनांक 04.09.2016 में कॉलोनी के विकास हेतु संचालक मण्डल को टेण्डर/कोटेशन हेतु अधिकृत किया गया, आमसभा का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। संचालक मण्डल द्वारा डेव्हलपमेंट एजेन्सी को अधिकृत किया गया। संस्था द्वारा सदस्यों से कॉलोनी के पुनर्विकास राशि की मॉंग की गई। श्री राजेन्द्र कुमार व्यास पुत्र श्री बृजकिशोर व्यास के द्वारा पुनर्विकास राशि जमा नहीं करने के कारण संस्था द्वारा म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 64 के अंतर्गत उनके विरुद्व न्यायालय उप रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं, जिला इंदौर के समक्ष विवाद प्रकरण क्रमांक/ई/डी.आर.डी./आई.एन.डी./64/2019/895 प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 12.03.2021 को आदेश जारी कर श्री राजेन्द्र कुमार व्यास पुत्र श्री बृजकिशोर व्यास को कुल राशि रुपये 6,51,360.00 की डिक्री एवं उस पर दिनांक 01.04.2016 से भुगतान तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर सहित राशि एकमुश्त भुगतान आदेश दिनांक से तीन माह में करने के आदेश दिये गये, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। न्यायालयीन आदेश उपरांत भी श्री बृजकिशोर व्यास द्वारा संस्था को वांछित राशि का भुगतान नहीं किया गया है। उक्त डिक्री की बजावरी हेतु संस्था द्वारा माननीय सिविल न्यायालय इंदौर के समक्ष बजावरी प्रकरण दिनांक 07.05.2022 को प्रस्तुत किया गया है, प्रस्तुत प्रकरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 05 अनुसार है, इस कारण संस्था द्वारा भूखण्ड आधिपत्य नहीं दिया गया है। (ड.) उत्तरांश (घ) में उल्लेख अनुसार म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 64 के अंतर्गत सक्षम न्यायालय के द्वारा आदेश जारी होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में बढ़ते सायबर अपराध
[गृह]
14. ( *क्र. 3300 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिक्षेत्रीय सायबर थानों पर 'बेसिक फोरेंसिक लैब' एवं सायबर मुख्यालय पर 'एडवांस्ड डिजिटल सायबर फोरेंसिक लैब' की स्थापना की जा रही है? क्या सायबर मुख्यालय भोपाल पर तकनीकी रूप से जटिल विवेचनाओं में सहयोग हेतु 'सायबर एक्सपर्ट' की नियुक्ति की जा रही है? यदि हाँ, तो 'सायबर एक्सपर्ट' किस योग्यता के रहेंगे? क्या पूर्ण रूप से जानकार IT एक्सपर्ट इंजीनियरों की नवीन नियुक्ति की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 44, दिनांक 29 जुलाई के उत्तर में बताया गया की प्रतिवर्ष सायबर अपराध/ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में औसतन 33 % की वृद्धि हो रही है, विभाग द्वारा लगातार प्रयास के बावजूद सायबर अपराध में अपेक्षा से अधिक वृद्धि का मुख्य कारण क्या है? (ग) दिनांक 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिवर्ष ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सायबर अपराध के कुल कितने प्रकरण, कितनी राशि के सामने आये? कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? वर्ष अनुसार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) परिक्षेत्रीय स्तर पर सायबर फोरेंसिक यूनिट एवं सायबर मुख्यालय पर डिजिटल सायबर फोरेंसिक लैब की स्थापना की गई है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) आम जनता द्वारा आम जीवन में बढ़ते सायबर तकनीकी का उपयोग, अपराधियों द्वारा सायबर तकनीकी का दुरुपयोग एवं आम जनता में सायबर अपराधों के प्रति जागरुकता का अभाव सायबर अपराधों को बढ़ने के मुख्य कारण है, सायबर अपराध की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल विधिसम्मत कार्यवाही की जाती है। सायबर अपराधों की रोकथाम एवं बचाव हेतु प्रदेश की जनता हेतु लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, विगत वर्षों में लगभग 1071994 लोगों को जागरूक किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विद्यालय में अनियमितता करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
15. ( *क्र. 3381 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासकीय ज्ञानोदय विद्यालय महाराजपुर मुरैना को पत्र क्रमांक 153, दिनांक 30.5.2022 को अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में शासकीय अवकाश एवं कोविड-19 आपदा के दौरान छात्रावास बन्द होकर कोविड-19 सेंटर के रूप में उपयोग हेतु संचालित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त अवधि के दौरान शिष्यवृत्ति की राशि का आहरण किया गया था? किन्तु व्यय से ज्यादा राशि आहरण की गई थी? वर्ष 2021-22 में विद्यालय/छात्रावास 190 कार्य दिवस की राशि रूपये 2064128/- आहरण किया जाना था, जबकि 243 कार्य दिवस की राशि 2541718/- आहरण की गई? जो कि व्यय से ज्यादा 53 कार्य दिवस का आहरण किया गया, जिसमें आपके खाते में स्टेटमेंट एवं केशबुक की राशि में भिन्नता पाई गई? (ख) क्या दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो कब तक कर दी जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। उक्त अवधि में शिष्यवृत्ति की राशि का आहरण किया गया है। वर्ष 2021-22 में विद्यालय उपस्थित पत्रक अनुसार 190 कार्य दिवस एवं छात्रावास पंजी अनुसार 243 कार्य दिवस में भिन्नता शासकीय अवकाश एवं स्थानीय अवकाश होने से रही है, उक्त अवकाश अवधि में विद्यार्थी छात्रावास में नियमित रूप से रहते हैं। इस कारण छात्रावास 243 दिन कार्य दिवस की राशि 25,41,718/- आहरण की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस पिटाई से ट्यूशन शिक्षक की हुई मौत की जांच
[गृह]
16. ( *क्र. 3399 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक बैतूल जिले के किन-किन थानों एवं गंज चौकी में चोरी के कितने-कितने प्रकरण एवं शिकायतें आईं एवं पुलिस द्वारा चोरी के इन प्रकरणों में किन-किन लोगों को पूछताछ के लिये बुलाया गया एवं किन-किन लोगों पर चोरी के प्रकरण दर्ज किये गये? साथ ही विनोबा वार्ड निवासी लल्लू माथनकर जो कि ट्यूशन शिक्षक थे, उनके साथ ही दो अन्य युवकों को भी पुलिस चोरी के मामले में पूछताछ करने के लिये किस आधार पर ले गई थी? (ख) ट्यूशन शिक्षक श्री लल्लू माथनकर एवं दो अन्य युवकों को 24 घंटे के अन्दर प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश क्यों नहीं किया गया एवं एक सप्ताह तक अवैध रूप से गंज चौकी पर बंधक बनाकर मारपीट कर टॉर्चर क्यों किया गया? किसके निर्देश पर टॉर्चर किया और किन-किन पुलिस वालों ने बेरहमी से पिटाई की? श्री लल्लू माथनकर की मौत के लिये कौन-कौन दोषी है? क्या श्री लल्लू माथनकर की मौत की न्यायिक जांच कराई जा रही है या करवाई जावेगी? पुलिस पर ही मारपीट के कारण मौत होने के आरोप लग रहे हैं? ऐसे में क्या निष्पक्ष जांच की जाना संभव है? शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या तथ्य उजागर हुये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या श्री लल्लू माथनकर को बर्बरतापूर्वक मारने वाले दोषी पुलिस वालों पर हत्या के प्रकरण दर्ज कर मृतक के परिवार को उचित आर्थिक सहायता कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 31 जनवरी, 2023 से 16.02.2023 तक चाही गई थानावार चोरी के प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। ट्यूशन शिक्षक श्री लल्लू माथनकर एवं उनके साथ अन्य किसी भी युवकों को पूछताछ हेतु चोरी के मामले में पुलिस द्वारा थाने में नहीं लाया गया था। (ख) जी नहीं। ट्यूशन शिक्षक श्री लल्लू माथनकर एवं उनके साथ अन्य किसी भी युवकों को पुलिस के द्वारा चोरी के किसी मामले में पूछताछ हेतु गंज चौकी अथवा थाने में नहीं लाया गया था। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। मृतक की शार्ट पी.एम. रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अभी तक की जांच में मृतक की मृत्यु स्वाभाविक रूप से अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग पन्ना में की गई भर्तियां
[पशुपालन एवं डेयरी]
17. ( *क्र. 2794 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021 एवं 2022 में पशुपालन एवं डेयरी विभाग पन्ना में सफाई कर्मियों की भर्तियां की गई हैं? यदि हाँ, तो किन नियमों का पालन किया गया है, जैसे प्रेस विज्ञप्ति, वरिष्ठ अधिकारी से अनुमोदन, रोस्टर अनुसार भर्ती। यदि हाँ, तो सभी की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नियमों का पालन नहीं किया गया तो क्यों? क्या संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) पशुपालन विभाग पन्ना में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार स्वीकृत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवकों को स्वीकृत समयमान वेतनमान आदेश उन आदेशों की सेवा पुस्तिका में प्रविष्टि व कोषालय पेंशन कार्यालय से अनुमोदित उपरांत आवश्यक कार्यवाही तथा अन्य शासकीय सेवकों की सेवा पुस्तिकाओं में आवश्यक प्रविष्टियां नहीं की जा रही। अपने दायित्वों में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या पशुपालन विभाग पन्ना में डॉ. विमल कुमार तिवारी, उप संचालक अतिरिक्त प्रभार द्वारा डॉ. डी.पी. तिवारी को दिनांक 07.09.2022 को प्रभार सौंपने उपरान्त 08.09.2022 को एक कर्मचारी को निलंबित तथा एक कर्मचारी को शाखा से पृथक करने का आदेश जारी किया गया? यदि हाँ, तो शासन के किन नियमों के तहत प्रभार सौंपने उपरान्त उसी पद मुद्रा का उपयोग किया गया तथा ऐसे अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कार्यालय पशुपालन एवं डेयरी पन्ना में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं में समयमान वेतनमान स्वीकृत आदेशों एवं अन्य प्रविष्टियां इंद्राज हैं। संयुक्त संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन सागर संभाग का अनुमोदन शेष है। केवल श्री संजय शर्मा, सहायक वर्ग-3 को स्वीकृत प्रथम समयमान वेतनमान दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण प्रविष्टि सेवा पुस्तिका में नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। डॉ. डी.पी. तिवारी, उप संचालक, पशुपालन एवं डेयरी द्वारा दिनांक 08.09.2022 को दोपहर पश्चात उप संचालक, पशुपालन एवं डेयरी जिला पन्ना कार्यभार ग्रहण किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल कॉलेज की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( *क्र. 3358 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता का तारांकित प्रश्न क्रमांक 1498, दिनांक 20.08.2022 के प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के संबंध में विभाग से जो जानकारी चाही गई थी, क्या 13 मेडिकल कॉलेजों की एक समान जानकारी प्राप्त कर विभागीय मंत्री द्वारा उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो विभाग ने मेडिकल कॉलेजों को किस प्रारूप में जानकारी उपलब्ध कराने को लेकर निर्देशित किया? किस स्तर के अधिकारी ने प्राप्त जानकारी का एक समान होने के परीक्षण उपरांत विभागीय मंत्री से अनुमोदन कर सदन में दी गई है? यदि हाँ, तो जानकारी सहित विभागीय अधिकारी नाम, पदनाम सहित संपूर्ण उत्तर की एकल नस्ती की प्रति सहित बतायें। यदि नहीं, तो विभागीय मंत्री से गलत अनुमोदन लेकर गलत जानकारी के लिये कोई कार्यवाही की जायेगी? प्रदेश के किन-किन डेन्टल/मेडिकल कॉलेज से संबंधित चिकित्सालयों में टूथपेस्ट गमपेन्ट/जेल (मसूड़ों के लिये) प्रदान किये जाते हैं? उनकी जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) मध्यप्रदेश में कितने नये मेडिकल कॉलेज एन.एम.सी. के नियमों के अन्तर्गत प्रस्तावित हैं? मान. मुख्यमंत्री जी ने 20 मार्च से प्रश्न दिनांक तक कितने जिलों में नवीन मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है? इनमें से कितने कॉलेज का निर्माण का कार्य, स्टाफ की भर्ती, मेडिकल उपकरणों के क्रय-विक्रय नियमों के अन्तर्गत खरीदी तथा आऊटसोर्स के माध्यम से कार्यरत निजी एजेन्सी जिनके अन्तर्गत मेडिकल कॉलेज के अन्य कार्य कराये जा रहे हैं, उनके एम.ओ.यू. की प्रति एवं संबंधित कॉलेजों के संबंध में जारी निविदा/विज्ञप्ति/विज्ञापन सहित गौशवारा बनाकर दस्तावेजों सहित बतायें। (ग) उपरोक्त जानकारी में एन.एम.सी., यू.जी.सी., भारत सरकार परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग एवं राज्य सरकार के किन नियमों का पालन किया गया है? कितनी बार संबंधित एजेन्सी द्वारा इसका भौतिक सत्यापन कराया गया है? एन.एम.सी. एवं राज्य सरकार के इससे संबंधित नियम क्या हैं, नियम सहित बतायें। इनके द्वारा किये गये इन्सपेक्शन/आब्जेक्शन/संशोधन आदि सहित संपूर्ण रिपोर्ट प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री की घोषणा क्रमांक बी 1207 के अनुक्रम में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) की जानकारी संबंधित अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा सत्यापित कर उपलब्ध करायी गई। प्रश्न क्रमांक 1498 भाग (ग) के संबंध में चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर एवं सागर की पूरक जानकारी भारत सरकार के उपक्रम HITES द्वारा उपकरणों के संधारण हेतु किये जा रहे कार्य के पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी अनुसार उपलब्ध करायी गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में टूथपेस्ट गमपेन्ट/जेल (मसूड़ों के लिए) बाह्य रोगियों को प्रदाय किये जाते हैं। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश में नवीन मेडिकल कॉलेज क्रमश: उज्जैन, बुदनी, दमोह, छतरपुर, सिवनी, मंदसौर, नीमच, मण्डला, राजगढ़, श्योपुर एवं सिंगरौली में प्रस्तावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने 20 मार्च से प्रश्न दिनांक तक नवीन मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। निर्माण कार्य की निविदा/MOU के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। इन चिकित्सा महाविद्यालयों में उपकरण क्रय एवं स्टाफ की भर्ती का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। (ग) नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना NMC एवं राज्य सरकार के नियम अनुसार की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है।
निर्माण कार्य पूर्ण न करने पर कार्यवाही
[गृह]
19. ( *क्र. 3139 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह विभाग द्वारा भवन के निर्माण बावत स्वीकृति प्रदान की गई है, तो कौन-कौन से भवन कितनी-कितनी लागत से शहडोल व रीवा जिले में बनाये गये, का विवरण वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक में इनके कार्यादेश कब-कब, किन-किन संविदाकारों से किन-किन शर्तों में दिये गये? कार्य समय पर पूर्ण किये गये अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इस पर क्या कार्यवाही किन-किन पर प्रस्तावित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यादेश जिन संविदाकारों/कंपनी को दिये गये उनके द्वारा समय पर कार्य पूर्ण न करने पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, कब-कब कार्यावधि बढ़ाई गई तो क्यों, कार्यों की भौतिक स्थिति कार्यवार प्रश्नांश (क) के जिलों की बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में उपयोग की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता की जांच एवं कार्यों का भौतिक सत्यापन कब-कब किन-किन जिम्मेदारों द्वारा किया गया? दिनांक माह व वर्षवार जानकारी प्रतिवेदन की प्रति के साथ बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों को प्रश्नांश (ख) के संविदाकारों द्वारा समय पर पूरा नहीं किया गया, कार्य अपूर्ण है एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार घटिया सामग्री का उपयोग कर निर्माण कराये जा रहे हैं, इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, पुलिस मुख्यालय द्वारा 2018 उपरांत शहडोल एवं रीवा जिले में निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई हैं, शहडोल व रीवा जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कराये गये कार्यों के कार्योदेश, संविदाकारों को निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग के वर्क मैनूअल की शर्तों पर दिये गये हैं। शहडोल में 1 कार्य एवं रीवा में 3 कार्य समय से पूर्ण हुये हैं। शहडोल में 5 कार्य रीवा में 22 कार्य समय से पूर्ण नहीं हुए। जो कार्य समय पर पूर्ण नहीं हुए उनके समयवृद्धि प्रकरण का निराकरण गुण दोष के आधार पर किया गया एवं अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्वीकृत कार्यों में उपयोग की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता की जांच अधिकृत एन.ए.बी.एल. एजेंसी एवं निर्माण स्थल पर स्थित लेब से कराई गई है एवं कार्यों का भौतिक सत्यापन संबंधित यांत्रिक स्टाफ द्वारा समय-समय पर किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वीकृत कार्यों को जिन संविदाकारों द्वारा कार्य समय पर पूर्ण नहीं किये गये हैं। वे कार्य अतिरिक्त समय में पूर्ण हुए हैं, उन पर विधिवत अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है एवं कतिपय कार्यों में विलम्ब के यथोचित कारण होने से निराकरण हो गया है एवं शेष अपूर्ण कार्यों के पूर्ण होने पर गुणदोष के आधार पर समयवृद्धि बावत् निर्णय लिया जावेगा। प्रश्नांश (ग) अनुसार निर्मित/निर्माणाधीन कार्यों में मानक अनुरूप गुणवत्ता पूर्ण सामग्री का उपयोग किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रोगी कल्याण निधि से व्यय राशि की जांच
[पशुपालन एवं डेयरी]
20. ( *क्र. 3308 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुओं के संक्रमण एवं संसर्गजन्य रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जिला राजगढ़ अंतर्गत क्या कार्य किए गए हैं तथा रोगी कल्याण निधि से उक्त रोगों की रोकथाम हेतु कितनी-कितनी राशि की कौन कौन सी दवाइयां क्रय की गई हैं? वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ख) जिला राजगढ़ अंतर्गत लम्पी वायरस एवं अन्य संक्रमण रोगों से कितने पशुओं की मृत्यु हुई? विकासखंडवार मृत एवं संक्रमित पशुओं की जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार संक्रमण रोगों की रोकथाम हेतु रोगी कल्याण निधि से कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी टीका द्रव्य एवं दवाई क्रय की गई? अवगत करावें। क्या संक्रमण रोगों के अतिरिक्त भी रोगी कल्याण समिति से टीका द्रव्य एवं अन्य शिविरों के माध्यम से राशि व्यय की गई? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) जिला राजगढ़ अंतर्गत राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम अंतर्गत नि:शुल्क कृत्रिम गर्भाधान एवं नस्ल सुधार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं? उसके उपरान्त भी जिला राजगढ़ अंतर्गत नस्ल सुधार कार्यक्रम एवं पशु बांझता शिविर कार्यक्रम के नाम से लाखों रुपये रोगी कल्याण निधि से खर्च कर खानापूर्ति की गई? यदि हाँ, तो रोगी कल्याण निधि से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? व्यय की गई राशि की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिले में लंपी रोग, मुहपका, खुरपका रोग, ब्रूसेलोसिस, गलघोंटू, एक टंगिया रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु टीकाकरण किया गया। उक्त रोगों की रोकथाम हेतु जिला पशु कल्याण निधि से दवाई क्रय नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लंपी रोग के टीकाकरण हेतु जिला पशु कल्याण समिति से रूपये 3.78 लाख (तीन लाख अठहत्तर हजार) का गोट पॉक्स टीकाद्रव्य क्रय किया गया। अन्य किसी संक्रामक रोग की रोकथाम हेतु टीकाद्रव्य अथवा दवाई जिला पशु कल्याण समिति की राशि से क्रय नहीं की गई। जी हाँ, पशु बाँझ निवारण शिविर हेतु रूपये 18.00 लाख (अठारह लाख) की औषधि जिला पशु कल्याण निधि से क्रय की गई। (घ) जी हाँ। राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के लिए जिला पशु कल्याण निधि से राशि व्यय नहीं की गई। पशु बाँझ निवारण शिविर राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं होकर एक पृथक कार्यक्रम है, 180 पशु बाँझ निवारण शिविरों हेतु 18.00 लाख (अठारह लाख) की औषधि जिला पशु कल्याण निधि से क्रय की गई। जिला पशु कल्याण निधि से व्यय की गई राशि की जॉच संयुक्त संचालक पशु सेवाएं भोपाल संभाग द्वारा की गई है। कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी उपयोजना
[जनजातीय कार्य]
21. ( *क्र. 3206 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 में आदिवासी उपयोजना के तहत जनजातीय कार्य विभाग को केंद्रीय मद से, राज्य शासन के मद से कितनी-कितनी राशि आवंटित हुई? उक्त राशि का कितना-कितना आवंटन किन-किन विभागों में किया गया? ब्यौरा सहित बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) की राशि को विभागवार किन-किन योजनाओं के तहत कितनी-कितनी राशि इन्दौर संभाग अन्तर्गत ट्राइबल ब्लॉकों में खर्च की गई? खर्च की गई राशि का विभागवार, विकासखंडवार पृथक-पृथक ब्यौरा देवें। (ग) केंद्र और राज्य शासन के किन नियमों-अधिनियमों, कानूनों के तहत बजट की कुल राशि की कितनी राशि आवंटन करने खर्च करने का प्रावधान आदिवासी उपयोजना में है? क्या उक्त राशि को खर्च करने के लिए कोई जिम्मेदार नोडल एजेंसी है? जो उक्त राशि को खर्च करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार करती हो, उसकी विगत पांच वर्षों के प्रोजेक्ट का ब्यौरा देवें, यदि एजेंसी नहीं तो कारण बताएं। यदि बिना प्रोजेक्ट बनाए राशि खर्च की गई है, तो उसके लिए जवाबदेह विभाग प्रमुखों पर कब तक क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) आदिवासी उपयोजना की राशि से विगत पांच वर्षों में लक्षित विकास कार्य एवं खर्च राशि से वांछित परिणाम का ब्यौरा देवें। (ड.) आदिवासी उपयोजना की राशि जनसंख्या के प्रतिशत के अनुपात में आवंटन करने, खर्च करने तथा राशि के अन्यत्र खर्च को रोकने के संबंध में क्या दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं? यदि नहीं, किए गए हैं तो क्यों।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा विकासखंडों को राशि आवंटित नहीं की जाती है, अपितु राशि का प्रदाय बी.सी.ओ. वार एवं आहरण संवितरण अधिकारी वार (डी.डी.ओ.) किया जाता है। (ग) केंद्र शासन से जारी राशि के निर्मुक्ति आदेश में आवंटन खर्च करने से संबंधित निर्देश दिए जाते हैं। राज्य शासन की राशि का उपयोग वित्त विभाग द्वारा जारी वित्तीय संहिता एवं योजना नियमों का पालन करते हुए किया जाता है। इसके अतिरिक्त वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश के अनुरूप आहरण संवितरण अधिकारी, संबंधित विभागाध्यक्ष एवं जिला स्तर के डी.डी.ओ. द्वारा राशि व्यय की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है। (ड.) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विमुक्त, घुमन्तु एवं अति घुमन्तु जातियों के कल्याण की योजनाएं
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
22. ( *क्र. 3401 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विमुक्त, घुमन्तु और अति घुमन्तु जाति को लेकर यह विभाग बनाया है तथा उसमें SC-ST एवं OBC की जो जातियां हैं, इन वर्गों के जाति प्रमाण-पत्र हैं और उन्हें आय संबंधी लाभ दिया जाता है? यदि हाँ, तो विमुक्त, घुमन्तु अति घुमन्तु जाति को भी किन-किन योजनाओं के लाभ दिये जायेंगे, क्या अलग से आरक्षण दिया जायेगा? (ख) क्या इन जातियों को अति पिछड़ा मानकर अलग से विभाग बनाया है? इनकी स्थिति अत्यंत दयनीय है, इन्हें अनुसूचित जनजाति में जोड़कर जनजाति का दर्जा दिया जायेगा? इनको राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने के लिये अलग से आरक्षण देकर इनके कल्याण के लिए अभियान चलाया जायेगा? (ग) वर्तमान में सरकार द्वारा इनके कल्याण के लिए क्या-क्या योजनायें प्रदेश में चलायी जा रहीं हैं? इन योजनाओं से किस-किस को कितना लाभान्वित किया गया है? जानकारी सूचीवार दें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ योजना के नियमों अनुसार लाभ दिया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदायों की वे जातियां जो अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग में भी सम्मिलित हैं, उन्हें शासन के नियमानुसार आरक्षण का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति को विनिर्दिष्ट करने का विषय भारत सरकार का है। विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदायों की वे जातियां जो अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग में भी सम्मिलित है, उन्हें शासन के नियमानुसार आरक्षण का प्रावधान है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्राचार्य हाईस्कूल के पद पर पदोन्नति
[जनजातीय कार्य]
23. ( *क्र. 2007 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्री डी.डी. महता, तत्कालीन प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शहपुरा, जिला-डिण्डौरी द्वारा प्राचार्य हाईस्कूल से प्राचार्य उ.मा.वि. के पद पर वरिष्ठता दिये जाने के संबंध में अभ्यावेदन दिनांक 29.4.2011, 06.02.2012, 24.4.2013, 27.8.2015, 03.8.2018, 24.12.2019, 16.03.2020 को दिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) वर्ष 1998 में व्याख्याता से प्राचार्य हाईस्कूल के पद पर पदोन्नति समिति की बैठक शासन स्तर पर आयोजित की गई थी। इनसे कनिष्ठ व्याख्याता श्री डी.डी. बंसोड़ को प्राचार्य हाईस्कूल के पद पर पदोन्नत किया गया? श्री डी.डी. महता को पदोन्नति से वंचित किया गया? स्पष्ट कारण बतायें। (ग) क्या आयुक्त आदिवासी विकास म.प्र. भोपाल के ज्ञापन क्रमांक/शि.स्था.-1/447/2012/5098 भोपाल, दिनांक 03.3.2012 द्वारा श्री डी.डी. महता का अभ्यावेदन शासन के निर्णय हेतु भेजा गया था, शासन द्वारा इस पर क्या निर्णय लिया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। श्री डी.डी. महता के पदोन्नति अभ्यावेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। पदोन्नति से वंचित नहीं किया है, बल्कि पदोन्नति हेतु निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं करने से तत्समय पदोन्नत नहीं हुए है। (ग) जी हाँ। पदोन्नति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
चोरी, डकैती, लूटपाट की घटनाओं पर कार्यवाही
[गृह]
24. ( *क्र. 2919 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के विधान सभा पिछोर में विगत तीन वर्षों में चोरी, डकैती, लूटपाट, राहजनी, धोखाधड़ी और बलात्कार की कितनी-कितनी घटनाएं हुईं? (ख) उपरोक्त में से किन-किन घटनाओं/शिकायतों में प्रकरण दर्ज किए जाकर जांच की गई? (ग) कितने प्रकरणों में दोषियों को पकड़ा जाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया तथा कितने प्रकरणों में न्यायालय से सजा हुई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
कोरोना काल में सामग्री वितरण
[गृह]
25. ( *क्र. 862 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 तथा 2021 के कोरोना काल में किस-किस दिनांक से किस-किस दिनांक तक कर्फ्यू रहा? किस दिनांक से किस दिनांक तक कठोर पाबंदिया रहीं तथा बतावें कि क्या कर्फ्यू तथा पाबंदी के दिनों में कोई व्यक्ति बिना अनुमति के वाहन लेकर पूरे दिन तक घूम सकता था? भोजन वितरण के लिए भोजन सामग्री का निर्माण बिना अनुमति और जांच कराए बिना कर सकता था? (ख) कोरोना काल में कर्फ्यू तथा कठोर पाबंदी के दिनों में प्रत्येक जिले में 2.5 लाख 3.0 लाख घरों में जाकर जिले में 40 से अधिक वाहन द्वारा राशन सामग्री कलेक्टर की अनुमति के बिना, ठेकेदार द्वारा कैसे वितरित की गई? यदि अनुमति दी गई है तो प्रत्येक जिले अनुसार उसकी प्रतियां देवें और यदि नहीं, दी गई है तो जिम्मेदारों पर कठोर कार्यवाही करेंगे? (ग) पोषण आहार तथा मध्यान्ह भोजन वितरण करने वाले ठेकेदारों ने, समिति ने, किस-किस जिले में भोजन बनाने, वितरित करने हेतु वाहन तथा कर्मचारी की अनुमति प्राप्त की? अनुमति की प्रतिया देवें। (घ) क्या पोषण आहार तथा मध्यान्ह भोजन वितरित करने वाले ठेकेदार, समिति ने किसी भी जिले में कोई अनुमति नहीं ली? यदि हाँ, तो बिना अनुमति कार्य करने पर उन पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किया जाएगा या नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
संजय
गांधी मेडिकल
कॉलेज में
अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
1. ( क्र. 235 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने दिनांक 20 दिसम्बर, 2022 को रीवा स्थित संजय गांधी मेडिकल कॉलेज में चार मरीजों की मौत तथा अनियमितताओं के विषय में ध्यानाकर्षण पर सदन में चर्चा हुई थी? यदि हाँ, तो उल्लेखित विषय अनुसार तथा शासन के वक्तव्य उपरांत सदन में चर्चा में प्रस्तुत तथ्यों पर कार्यवाही किये जाने के संबंध में आश्वासन/सुझाव प्राप्त हुए थे? (ख) यदि हाँ, तो सदन की कार्यवाही विवरण अनुसार क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ग) क्या उक्त विषय पर माननीय मंत्री जी ने स्वयं गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए प्राप्त सुझाव पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध अस्पताल से सम्बंधित शिकायतों के जांच हेतु दिनांक 07.02.2023 को उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है। जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी हाँ।
विभागीय योजनाओं अंतर्गत किये गये कार्य
[पशुपालन एवं डेयरी]
2. ( क्र. 670 ) श्री संजय शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? इनके लिये क्या मापदण्ड एवं नियम हैं? (ख) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से वर्तमान तक विभाग द्वारा लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, पता एवं स्वीकृत राशि की जानकारी प्रदान करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
3. ( क्र. 807 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के मुख्य कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो जाने पर राशि स्वीकृत की जाती है यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों का रायसेन जिले में पालन क्यों नहीं हो रहा है? (ख) राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अंतर्गत राशि स्वीकृत करने के संबंध में शासन के क्या क्या निर्देश हैं तथा मुख्य कमाऊ सदस्य का निर्धारण करने का अधिकार किसको है? (ग) 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले में गरीबी रेखा की सूची में जीवन यापन करने वाले परिवारों के 18 से 60 वर्ष की आयु के किन-किन व्यक्तियों की कब-कब मृत्यु हुई? (घ) प्रश्नांश (ग) में से किन-किन व्यक्तियों को परिवार सहायता की राशि क्यों नहीं दी गई? प्रकरणवार कारण बतायें तथा फरवरी 2023 की स्थिति में किन-किन के प्रकरण राशि भुगतान हेतु किस-किस अधिकारी के पास कब से लंबित हैं तथा उनको कब तक राशि का भुगतान होगा? शासन के निर्देशों के अनुरूप कितने दिन के भीतर राशि का भुगतान होना चाहिए? उक्त निर्देशों का पालन क्यों नहीं हो रहा है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रायसेन जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के (18 से 60 वर्ष आयु) मुखिया अथवा मुख्य कमाऊ सदस्य की मृत्यु होने पर राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना में लाभ प्रदान किये जाने का प्रावधान है। उक्त निर्देशों का रायसेन में पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है। (ख) मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग, मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्रमांक/541/26-2/2013 दिनांक 25.4.2013 के प्रारूप-1 भाग-एक अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच/पंच/ग्राम पंचायत सचिव एवं नगरीय क्षेत्र में वार्ड प्रभारी/मेम्बर या अधिकृत अधिकारी द्वारा परिवार की आय व परिवार के मुख्य कमाऊ सदस्य की जांच किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) रायसेन जिले में प्रश्नांकित अवधि में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के 18 से 60 वर्ष आयु के कमाऊ सदस्य जिनकी मृत्यु हो चुकी है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) में संलग्न सूची अनुसार सभी परिवार के कमाऊ सदस्यों की मृत्यु होने के उपरांत परिवारों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजनांतर्गत लाभ दिया जा चुका है। उप संचालक कार्यालय में भुगतान हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि के पट्टों का हस्तांरतण
[जनजातीय कार्य]
4. ( क्र. 808 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वनभूमि के पट्टा प्राप्त अनुसूचित जनजाति वर्ग के किन-किन पट्टाधारियों की मृत्यु उपरांत उनके पट्टा हस्तांतरण के प्रकरण किस-किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं तथा कब तक पट्टा हस्तांतरण होगा? (ख) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वनभूमि के पट्टा प्राप्त अनुसूचित जनजाति वर्ग के पट्टाधारियों की मृत्यु उपरांत उनके पट्टा हस्तांतरण के संबंघ में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं तथा किस-किस अधिकारी की क्या-क्या भूमिका है? (ग) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वन भूमि के पट्टा प्राप्त अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों द्वारा पट्टा प्राप्त भूमि पर नलकूप खनन, मनरेगा अंतर्गत खेत तालाब तथा कूप निर्माण पर वन विभाग किस नियम के अंतर्गत अनुमति लेने को कहता है? नियम की प्रति उपलब्ध करायें? (घ) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सामुदायिक दावा किन-किन कार्यों के लिए किया जा सकता है? फरवरी, 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में सामुदायिक दावा के किन-किन के प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। ग्रामसभा से प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरांत कार्यवाही संभव होगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) सामान्य वन मण्डल रायसेन एवं ओबेदुल्लागंज के अंतर्गत वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वन अधिकार प्राप्त अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों द्वारा वन अधिकार में प्राप्त भूमि पर नलकूप खनन, मनरेगा अंतर्गत खेत तालाब तथा कूप निर्माण पर वन मण्डल से किसी भी प्रकार की अनुमति लेने को नहीं कहा गया है। वन अधिकार पत्र धारकों को वन विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। (घ) पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) में उल्लेखित प्रयोजनों हेतु सामुदायिक दावा किया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
कपास निर्मित गठान एवं अनाज चोरी के दर्ज प्रकरण
[गृह]
5. ( क्र. 1063 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 1 वर्ष में क्या मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय सहित ग्रामीण मार्गों पर कपास, कपास से निर्मित गठान या अनाज (गेहूँ, सोयाबीन आदि) से भरे हुए ट्रकों की आगजनी के केस दर्ज हुए है? यदि हाँ, तो CCTNS में दर्ज सभी प्रकरणों की थानावार, चौकीवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विगत 1 वर्ष में क्या मध्यप्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाईवे पर कपास से निर्मित गठान, अनाज (गेहूँ, सोयाबीन आदि) के चोरी होने के प्रकरण दर्ज किए गए हैं? यदि हाँ, तो थानावार चौकीवार प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) विगत 1 वर्ष में कपास की गठानों या अनाज से भरे वाहनों में आग लगने की घटना के अंतर्गत क्या अपराध षड़यंत्र, संगठित अपराध में पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी है? थानावार, चौकीवार जानकारी प्रदाय करें। (घ) विगत 1 वर्ष में अपराध के तहत ट्रकों में आग लगने के प्रकरणों को रोकने के लिए क्या कोई एसआईटी या विशेष जांच दल नियुक्त किये गये है? यदि हाँ, तो कार्यवाही से अवगत करायें। यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में समाहित है। (घ) जी नहीं। प्रभावी विवेचना कर आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है।
एक ही परिवार के सदस्यों को भूखण्ड का आवंटन
[सहकारिता]
6. ( क्र. 1140 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाकाली गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल में एक ही परिवार के सदस्यों को सदस्य बनाकर भूखण्ड आवंटित किया गया एवं उन्हीं सदस्यों को अन्य सहकारी संस्थाओं में भी सदस्य बनाकर भूखण्ड आवंटित किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या यह सहकारिता नियमों के विपरीत हैं यदि हाँ, तो इनकी रजिस्ट्री कब तक शून्य कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रशासक के दायित्व, कार्य बतायें। आर.एस. उपाध्याय, अशोक शर्मा, ज्ञानचन्द्र पाण्डेय भोपाल पदस्थी के दौरान किन-किन संस्थाओं में प्रशासक रहे? क्या इनके द्वारा संस्थाओं से प्रभार लिये गये? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? प्रभार प्राप्त करने हेतु की गई समस्त कार्यवाही संबंधी पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। इनके द्वारा संस्था के बैंक खातों पर रोक लगाई गई थी? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त बिंदु के प्रकाश में प्रशासकों द्वार निर्वाचन हेतु प्रस्तुत सदस्यता सूची के सत्यापन का आधार क्या था? क्या उसका पालन किया गया हैं यदि हाँ, तो महाकाली, गौरव आदि की सदस्यता सूची का सत्यापन संबंधी समस्त दस्तावेज सदस्यता फार्म, शपथ-पत्र राशि एवं सदस्य बनाने के संबंध में संचालक मण्डल के बैठक का निर्णय, सम्मिलित संचालकगणों के नाम, क्या यह सहकारिता विभाग से निर्वाचित हैं यदि नहीं, तो इस संबंध में दोषी कौन हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में गौरव गृह निर्माण में प्रशासक आर.एस. उपाध्यय थे? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इनकों संस्था या पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कितने पत्र जारी किये गये? उन पत्रों पर इनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्या प्रशासक को निलंबित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल के द्वारा जांच आदेशित की गई है, जांच आदेश की प्रति पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, शेष जांच निष्कर्षाधीन। (घ) जी हाँ। श्री आर.एस. उपाध्याय को जारी पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार एवं श्री उपाध्याय के द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाला
[सहकारिता]
7. ( क्र. 1145 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी-शिवपुरी को-ऑपरेटिव बैंक में कितने करोड़ का घोटाला हुआ? जिम्मेदार अधिकारी कौन-कौन हैं? उनसे उक्त राशि की वसूली की जावेगी,? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? घोटालों की अवधि में ऑडिट नोट पारित करने वाले अधिकारी कौन-कौन थे? उनका दायित्व क्या था? दायित्व का निर्वहन न करने वाले अधिकारी के ऊपर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बैंक प्रशासक को कृषि साख सहकारी संस्था के कर्मचारी को बैंक में सीधे नियुक्ति देने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियम बतायें? यदि नहीं, तो संजय दलेला संयुक्त आयुक्त ग्वालियर संभाग द्वारा इस तरह की नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो इनके ऊपर कार्यवाही की जा रही है? इससे संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों को उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में संजय दलेला, संयुक्त पंजीयक भोपाल द्वारा गौरव समिति में गंभीर अनियमितता पर 05 संचालकों का बोर्ड बहाल किया, जबकि बहाली के पूर्व अवैध रूप से दो भूखण्ड विक्रय हुए। इसी प्रकार छत्रसाल रखरखाव समिति जिसमें गौरव के बराबर अनियमितता न होने पर भी बोर्ड बहाल नहीं किया गया? यदि हाँ, तो समान प्रकृति के प्रकरणों में एक ही अधिकारी द्वारा दो अलग-अलग निर्णय पारित करना न्याय सिद्धांतों के विपरीत है? यदि हाँ, तो इनके ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में एक ही दिन में समान विषय पर बैठक समाप्ति के पश्चात पुनश्च बैठक लेने का अधिकार है? यदि हाँ, तो कौन सी बैठक मान्य की जावेगी? नियम बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., गुना की शाखा चन्देरी में राशि रू. 5.38 करोड़ एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., शिवपुरी की शाखा कोलारस में राशि रू. 80.56 करोड़ के घोटाले में जिम्मेदार अधिकरियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गबन की राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। विभाग द्वारा अंकेक्षण प्रतिवेदन पारित नहीं किये जाते है, अपितु निर्गमित किये जाते है। उल्लेखित प्रकरणों में अंकेक्षण प्रतिवेदन में तत्समय अंकेक्षकों द्वारा आपत्तियां दर्ज नहीं की गई थी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित बैंकों में बैंक प्रशासक द्वारा नियुक्ति नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थायें, भोपाल संभाग, भोपाल के प्रकरण क्र. ई/जेआरडी/डीबीपी/78/2020/00280 में दिनांक 01.10.2021 को म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 78 (1) के अंतर्गत गौरव गृह निर्माण सहकारी समिति के संबंध में आदेश पारित किया गया है। न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थायें, भोपाल संभाग, भोपाल के प्रकरण क्र. जेआर/बीपीएल/78/2020-21/0021 में दिनांक 06.04.2022 को म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 78 अंतर्गत छत्रसाल नगर फेस 3 वेलफेयर एवं रखरखाव सहकारी समिति मर्या., भोपाल के संबंध में आदेश पारित किया गया है। म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 के अंतर्गत न्यायालयीन प्रक्रिया में पारित आदेशों के संबंध में अपील का प्रावधान होने से अनुतोष प्राप्त किया जा सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) उत्तरांश (ग) में प्रदत्त उत्तर से प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित विषयवस्तु असंबंधित है।
अत्याचार अधिनियम अंतर्गत दर्ज प्रकरण
[गृह]
8. ( क्र. 1343 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम-1989 के अंतर्गत कितने प्रकरण दर्ज किये गये? (ख) उपरोक्त में से किन-किन मामलों में जांच की गई है? (ग) कितने मामलों में दोषियों को पकड़ा जाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया? (घ) कितने मामलों में दोषियों को न्यायालय से सजा हुई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्राप्त शिकायतों पर जांच एवं कार्यवाही
[सहकारिता]
9. ( क्र. 1403 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ खेल परिसर भोपाल के विरूद्ध लगातार आयुक्त/पंजीयक म.प्र. शासन सहकारिता विभाग भोपाल को प्राप्त पत्रों, शिकायतों एवं शपथ पत्रों की प्रश्नांकित दिनांक तक भी जांच कर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत नहीं किया गया? (ख) म.प्र. शासन राज्य मंत्रालय भोपाल ने आदेश क्रमांक एफ.26/8/97/10-3 दिनांक 15 मई 1998 में ग्रामीण विकास मद की राशि के संबंध में क्या-क्या प्रावधान किया? शुद्ध लाभ की राशि के संबंध में किस-किस दिनांक के आदेश से क्या-क्या परिवर्तन किया गया? (ग) राज्य शासन के किस-किस आदेश, अधिसूचना तथा संघ की उप विधि के किस-किस प्रावधान के तहत मध्यप्रदेश लघु वनोपज व्यापार सहकारी संघ भोपाल ग्रामीण विकास मद की राशि को किन-किन कार्यों, किन-किन खरीदियों पर खर्च कर सकता हैं? (घ) 15 मई 1998 के आदेश एवं उसके बाद ग्रामीण विकास मद की राशि से संबंधित जारी संशोधित आदेश के बाद भी किस-किस वर्ष की ग्रामीण विकास मद की कितनी-कितनी राशि प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को आवंटित नहीं की गई? वर्षवार बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल के विरूद्ध आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. भोपाल को प्राप्त पत्रों, शिकायतों एवं शपथ पत्रों पर संज्ञान लिया जाकर संबंधितों से प्रतिवेदन प्राप्त कर यथोचित कार्रवाई की जाकर संबंधितों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाता है। (ख) वन विभाग के आदेश क्र./एफ-26/8/97/10-3, दिनांक 15 मई 1998 में ग्रामीण विकास मद की राशि के संबंध में किये गये प्रावधान एवं शुद्ध लाभ की राशि के संबंध में वन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों एवं किये गये परिवर्तनों के संबंध में आदेशों की प्रतियां पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल द्वारा दी गई जानकारी अनुसार म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ की उपविधि क्रमांक 3 (27) एवं 3 (54) में उल्लेखित प्रावधान और उत्तरांश 'ख' में अंकित वन विभाग के आदेशों में दर्शित ग्रामों एवं लघु वनोपज समितियों की अधोसंरचना एवं मूलभूत सुविधाओं के विकास में ग्रामीण विकास मद की राशि व्यय की जाती है। (घ) म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल द्वारा दी गई जानकारी अनुसार, ग्रामीण विकास मद के अन्तर्गत वर्तमान में रूपये 155.04 करोड़ राशि उपलब्ध है, इस राशि की जानकारी प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों हेतु वर्षवार संकलित नहीं की जाती है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय सहायक संचालक को जिला संयोजक का प्रभार
[जनजातीय कार्य]
10. ( क्र. 1472 ) श्री राकेश मावई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना के निकटतम जिला ग्वालियर में सहायक आयुक्त (प्रथम श्रेणी) तथा श्योपुर में सहायक आयुक्त (प्रथम श्रेणी) का प्रभार सहायक संचालक (द्वितीय श्रेणी) को दिया गया है? यदि हाँ, तो जिला मुरैना जिला संयोजक का प्रभार विभागीय सहायक संचालक (द्वितीय श्रेणी) को क्यों नहीं दिया गया तथा डिप्टी कलेक्टर श्रीमती वंदना जैन को प्रभार क्यों दिया गया? विभागीय सहायक संचालक को प्रभार न देने का कारण क्या है? (ख) विभागीय अधिकारी न होने से जिले में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन तथा सी.एम. हेल्पलाईन पर लंबित शिकायतों का समाधान उचित तरीके से समय पर नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो जिला संयोजक का प्रभार विभागीय सहायक संचालक को कब तक दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) श्रीमती उषा पाठक सहायक अनुसंधान अधिकारी जन जातीय कार्य चंबल संभाग (मूल प्रति जिला संयोजक द्वितीय श्रेणी) को संभागीय उपायुक्त प्रथम श्रेणी जनजाति एवं अनु.जाति विकास चंबल एवं ग्वालियर दोनों जिलों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो मुरैना जिला संयोजक (द्वितीय श्रेणी) का प्रभार समकक्ष विभागीय सहायक संचालक (द्वितीय श्रेणी) को क्यों नहीं दिया गया? (घ) वर्ष 2018-19 में ग्वालियर सहायक आयुक्त जनजाति तथा अनु.जाति विकास के पद पर प्रभारी के रूप में रहने के दौरान छात्रवृत्ति एवं विभागीय योजनाओं में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के कारण पुलिस थाना ग्वालियर में एफ.आई.आर दर्ज कराई गई तथा प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है? यदि हाँ, तो फिर दोनों संभागीय आयुक्तों का प्रभार तथ्यों को छिपाकर कैसे कराया गया? कारण सहित विवरण देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। मुरैना जिले में विभाग के अधिकारियों की कमी होने के कारण श्रीमती वंदना जैन डिप्टी कलेक्टर को जिला संयोजक मुरैना का प्रभार कलेक्टर मुरैना के आदेश क्र./आ.जा.क./स्था./2022/4093 दि. 27.12.2022 द्वारा स्थानीय व्यवस्था के तहत सौंपा गया। विभागीय सहायक संचालक का पद जिला कार्यालय में स्वीकृत न होने के कारण। (ख) विभागीय कार्य सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है। कार्यालय जिला संयोजक जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास मुरैना में सहायक संचालक का पद स्वीकृत न होने के कारण प्रभार नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मुरैना जिले में सहायक संचालक का पद स्वीकृत नहीं होने से जिला संयोजक मुरैना का प्रभार दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी हाँ। दोनों संभाग अंतर्गत वरिष्ठ विभागीय अधिकारी पदस्थ न होने से वरिष्ठतम प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती उषा पाठक को प्रभार सौंपा गया है।
नियम विपरीत रोस्टर बनाने वालों पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
11. ( क्र. 1654 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1528 बैठक दिनांक 23.12.2022 में नियम विपरीत रोस्टर बनाने वाले तत्कालीन रोस्टर प्रभारी पर प्रश्न-दिनांक तक भी अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं करने का विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक कार्यवाही की जाएगी, समय-सीमा सहित बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में तत्कालीन रोस्टर प्रभारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में प्रश्न-दिनांक तक विभाग के किस-किस अधिकारी ने कब-कब क्या-क्या जांच कर क्या प्रतिवेदन दिया, उक्त प्रतिवेदनों पर किस किस सक्षम अधिकारी ने क्या निर्देश दिया, किस-किस ने अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की? प्रतिसहित बताएं? यदि नहीं, की तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) लगातार नियम विरुद्ध कार्य करने वाले तत्कालीन रोस्टर प्रभारी को क्या विभाग संरक्षण दे रहा है? यदि नहीं, तो उस रोस्टर प्रभारी पर किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की गई? क्या माननीय मंत्री महोदय अनुशासनात्मक कार्यवाही का निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक के परिपालन में तत्कालीन रोस्टर प्रभारी अधिकारी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था, जिसके परिपालन में रोस्टर प्रभारी अधिकारी द्वारा प्रस्तुत किए गए अभ्यावेदन का परीक्षण करने पर आदर्श शैक्षणिक सेवा नियम, 2018 के नियम के अनुसार कारण बताओ सूचना पत्र कार्योत्तर स्वीकृति हेतु संभागायुक्त, भोपाल संभाग, भोपाल एवं अध्यक्ष कार्यकारिणी स्वशासी समिति को भेजा गया था। कार्यकारिणी की बैठक में अनुमोदन प्राप्त होने पर विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार। प्रश्नांश के उत्तर में जांच एवं जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष उत्तर उत्तरांश ''क'' में उल्लेखानुसार है।
ग्राम सिंगारपुर में हुई घटना में कार्यवाही
[गृह]
12. ( क्र. 1655 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मण्डला के ग्राम सिंगारपुर में दिनांक 16.01.2023 की रात्रि में आपराधिक तत्वों द्वारा कु. प्रियंका झारिया के घर में दरवाजा तोड़कर जबरन घुसकर उसकी व उसके परिजनों के साथ गंभीर मारपीट कर तोड़फोड़ एवं लूट की गई थी? यदि हाँ, तो घटना की रात में उक्त पीड़ितों द्वारा डायल 100 व पुलिस को कितने बजे सूचना दी गई, सूचना के कितनी देर बाद पुलिस घटना स्थल पहुँची और एफ.आई.आर. कब दर्ज की गई, पुलिस पहुंचने के बाद क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिंदुवार जानकारी दें। (ख) क्या यह सही है कि अपराध कारित करने वालों में कुछ लोगों के एक संगठन विशेष से होने के दवाब में पुलिस द्वारा तात्कालिक कार्यवाही नहीं करने के साथ मामले में सामान्य धाराएं लगाकर कार्यवाही की जा रही थी? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो मामले में किस-किस दिनांक को कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई? विवेचना रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या आरोपियों द्वारा पीड़िता के ऊपर पेट्रोल डालकर उसे जलाने का प्रयास किया गया था? यदि हाँ, तो पुलिस ने क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्या जिला चिकित्सालय मण्डला में भर्ती रहने के दौरान पीड़िता कु. प्रियंका झारिया व उनके परिजनों द्वारा बार-बार बताएं जाने के बाद भी पुलिस द्वारा पीड़िता के पेट्रोल से सने कपड़ों एवं सर के उखाड़े गए बालों की जांच क्यों नहीं की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार।
प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
13. ( क्र. 1736 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग एवं मध्यप्रदेश बजट-पुस्तिका के भाग 9 के प्रावधानों में विभाग को कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 तक विभाग द्वारा विदिशा जिले को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? योजनावार आवंटित की गई राशि में से कितनी राशि व्यय की गई एवं कितनी राशि समर्पण की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। (ख) आयुक्त जनजातीय कार्य से संचालित योजनाओं के परिप्रेक्ष्य में एवं संचालनालय स्तर से संचालित योजनाओं के परिप्रेक्ष्य में विदिशा जिले को प्रश्नांकित अवधि में आवंटित राशि,व्ययित जानकारी एवं समर्पित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ वर्ग की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
14. ( क्र. 1737 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विमुक्त घुमक्कड़, अर्धघुमक्कड़ वर्ग में किन-किन जाति को शामिल किया गया हैं? जिला विदिशा अंतर्गत विकासखण्ड नटेरन एवं विकासखण्ड विदिशा में किन-किन ग्रामों में विमुक्त घुमक्कड़, अर्ध घुमक्कड़ के कितने-कितने परिवार, किन-किन ग्रामों में निवास कर रहे हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) विदिशा जिले में उक्त जाति के कल्याण, विकास के लिय कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं एवं उनके कल्याण हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई हैं? (ग) वर्ष 2019 से 31 जनवरी 2023 तक जिले को प्राप्त बजट एवं व्यय की गई राशि का ग्रामवार/मदवार ब्यौरा उपलब्ध करावें। विकासखण्ड विदिशा एवं नटेरन में विगत 2 वर्षों में उक्त वर्ग के कितने जाति प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ग) के क्रम में क्या ऐसे ग्रामों में उक्त राशि स्वीकृत की गई हैं, जहां उक्त वर्ग के परिवार निवास ही नहीं करते हैं? यदि हाँ, तो क्यों एवं राशि जारी करने हेतु दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ वर्ग में शामिल जातियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। बेस लाइन सर्वे के अभाव में विकासखण्डवार, ग्रामवार परिवारों की सूची उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। सामान्य जानकारी के आधार पर उक्त विकासखण्डों में निवासरत जाति की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। उनके कल्याण हेतु स्वीकृत राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। विकासखण्ड नटेरन में विगत 2 वर्षों में उक्त वर्ग के 04 जाति प्रमाण पत्र जारी किये गये है व विदिशा विकासखण्ड अंतर्गत आवेदन प्राप्त न होने से जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
15. ( क्र. 1853 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में कृत्रिम अंग उपकरण शिविरों एवं मोटराइज्ड ट्राई साईकिल शिविरों का आयोजन किया गया है? यदि हाँ, तो कहां-कहां और कब? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? शिविर के लाभार्थियों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को दिए गए प्रस्तावों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) विधानसभा क्षेत्र जबेरा में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा 'विधवा पेंशन और सामाजिक सुरक्षा के कितने हितग्राही प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित हो रहे हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जबेरा विधानसभा क्षेत्र में निशक्त, उच्च शिक्षा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री कल्याणी सहायता एवं मुख्यमंत्री अविवाहित पेंशन योजना के कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं, कितने स्वीकृत हुए हैं एवं कितने शेष हैं? सूची उपलब्ध कराएं।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कृत्रिम अंग उपकरण वितरण शिविरों का आयोजन नहीं किया गया है, परन्तु जिला स्तरीय 02 परीक्षण शिविरों का आयोजन दमोह मुख्यालय पर दिनांक 27.11.2020 एवं 08.07.2021 को किया गया था, जिसमें विधानसभा जबेरा क्षेत्र के दिव्यांगजन भी सम्मिलित हुये थे। जिला स्तरीय उपकरण वितरण शिविर में चिन्हांकित पात्र दिव्यांगजनों के लिये दिनांक 06.07.2021, 07.07.2021, 17.09.2021 एवं 17.09.2022 को भारत सरकार द्वारा संचालित एडिप योजनांतर्गत वितरण शिविर आयोजित किये गये। शिविर में लाभार्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार।
महिला अपराधों में कार्यवाही
[गृह]
16. ( क्र. 1917 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अबोध, नाबालिग, बच्चियों, युवतियों, छात्राओं व महिलाओं का अपहरण, अपहरण व हत्या, हत्या दुष्कृत्य, सामूहिक दुष्कृत्य, दुष्कृत्य व हत्या, आत्महत्या, शादी का झासा देकर यौन शोषण, ब्लैक मेलिंग, लव जिहाद मानव तस्करी, गुमशुदा (लापता) होने से सम्बंधित पंजीकृत कितने-कितने मामलों में कितने-कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, कितने आरोपियों को जेल भेजा हैं तथा कितने आरोपी फरार (लापता) हैं? बतलावें। जबलपुर संभाग अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित पंजीकृत कितने-कितने मामलों में चालान प्रस्तुत किया गया? कितने मामले विवेचना में हैं? कितने मामलों में सजा सुनाई गई? मा.द.स.की धारा 302, 354, 376 व पाक्सो एक्ट के तहत पंजीकृत कितने मामलों में कितने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई हैं? (ग) प्रश्नांकित अपहरण मानव तस्करी व गुमशुदा लापता कितनी-कितनी नाबालिग बच्चियों, युवतियों, छात्राओं को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराया हैं तथा कितनी का पता लगाकर उन्हें सकुशल घर पहुंचाया है? कितनी लापता हैं? नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) की रिपोर्ट 2021 के अनुसार, दुष्कृत्य व यौन उत्पीड़न के मामलों में देश में प्रदेश किस स्थान पर हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) की रिपोर्ट के अनुसार दुष्कृत्य व यौन उत्पीड़न के मामलों में देश में प्रदेश किस स्थान पर है, के लिये (एन.सी.आर.बी.) द्वारा प्रदेश के अपराधों में स्थानों से संबंधित जानकारी पृथक से प्रकाशित नहीं की जाती है। एस.सी.आर.बी. से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
सामुदायिक भवन का निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
17. ( क्र. 1918 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, भोपाल का पत्र क्र. एफ 12-06/2018/ 4-25/भोपाल दिनांक 27/02/2020 द्वारा बाई का बगीचा जबलपुर में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य हेतु राशि 433.00 लाख की दी गई प्रशासकीय स्वीकृति के संदर्भ में कार्य एजेंसी लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर को कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की है तथा कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? (ख) संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर द्वारा आयुक्त अनुसूचित जाति कल्याण विभाग भोपाल से कब-कब, कितनी-कितनी राशि की मांग की गई है तथा कब-कब, कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? (ग) क्या वर्ष 2018-19 में सामुदायिक भवन निर्माण हेतु राशि 200.00 लाख की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो इसके लिये लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर को कार्य एजेंसी कब बनाया गया? इसकी निर्माणाधीन अवधि क्या है? कार्यादेश कब दिया गया? वर्तमान में निर्माण कार्य की क्या स्थिति है? इस पर कुल कितनी राशि व्यय हुई हैं? (घ) क्या राशि आवंटन के अभाव में निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा हैं? यदि हाँ, तो शासन शेष राशि कब तक आवंटित कर निर्माण कार्य को पूर्ण कराना सुनिश्चित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नाधीन सामुदायिक भवन बाई का बगीचा जबलपुर के लिए आवंटन परियोजना संचालक पी.आई.यू, पी.डब्ल्यू.डी. के बीसीओ में जारी किये जाने से, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर से प्राप्त मांग पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवंटन परियोजना संचालक पी.आई.यू, पी.डब्ल्यू.डी. के बीसीओ में जारी किये जाने से, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। कलेक्टर, जबलपुर ने उनके आदेश क्रमांक/2609/ज.जा.क.वि./2019 जबलपुर दिनांक 17.01.2019 से प्रश्नाधीन भवन के लिए परियोजना यंत्री पी.आई.यू लोक निर्माण विभाग को कार्य एजेंसी बनाया गया है। निर्माण अवधि 08 माह है। ठेकेदार को कार्य आदेश दिनांक 01.07.2019 को दिया गया है। कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। कार्य पर कुल राशि रू. 311.11 लाख व्यय की गई है। (घ) प्रतिवर्ष आवंटन दिया जा रहा है। निर्माण एजेंसी की मांग अनुसार शेष आवंटन दिया जाकर भवन पूर्ण कराया जायेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।
बागरी समाज को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
18. ( क्र. 1935 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संविधान के अनुच्छेद 341 एवं म.प्र. राज्यपत्र के अनुसार बागरी समाज को समूचे म.प्र. में अनुसूचित जाति में माना गया है तथा इस आधार पर पूर्व में जबलपुर संभाग में जाति प्रमाण पत्र बनाये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ, तो क्या इसके तहत जबलपुर संभाग के किन-किन जिलों में बागरी जाति को अनुसूचित मानकर जाति प्रमाण पत्र बनाये जा रहे हैं, तथा किन-किन जिलों में किसके आदेश पर इस जाति को किन कारणों से अनुसूचित नहीं मानकर जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे हैं? यह भी बतायें कि शासन द्वारा क्या अनुच्छेद 341 में अपने विवेक से संशोधन का निर्णय लिया जा सकता है? (ग) क्या ग्राम बेला तहसील सिहोरा जिला जबलपुर के निवासी दिनेश कुमार बागरी का जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने के सबंध में पंजीयन क्रमांक RS/451/0121/345/2021 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सिहोरा द्वारा दिनांक 28-10-2021 को निरस्त कर अपने आदेश में राज्य सरकार से दिशा निर्देश मांगे गये थे? शासन से प्राप्त दिशा निर्देश बतायें, तथा पूर्व में बनाये गये जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर उनके पुत्रों के जाति प्रमाण कब तक बना दिये जायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा अधिसूचना अनुसार बागरी, बागड़ी जाति की (ठाकुर उप जातियों को छोड़कर) संपूर्ण म.प्र. में अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित है। (ख) उत्तरांश (क) परिप्रेक्ष्य में जी हाँ। जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग से वांछित दिशा-निर्देश/मार्गदर्शन अप्राप्त है। सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा-निर्देश/मार्गदर्शन अनुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कांग्रेस सरकार के समय खोली गई गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
19. ( क्र. 2073 ) श्री तरबर सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कमलनाथ जी की कांग्रेस सरकार ने निराश्रित गौवंश सुरक्षा व देखभाल के लिए सागर जिले के अंतर्गत मनरेगा योजना से कितनी गौशालाओं का निर्माण करवाया था? सूची सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गौशालाओं के लिए कांग्रेस की सरकार ने प्रत्येक गौशाला के लिए कितना आवंटन निर्धारित किया था तथा वर्तमान में प्रत्येक गौशाला के लिए कितना आवंटन निर्धारित है? पृथक-पृथक जानकारी सूची सहित प्रदान करें। (ग) मध्यप्रदेश में कमलनाथ जी की कांग्रेस सरकार में गौशालाओं के लिए कितना अनुदान प्रदान किया जाता था और वर्तमान सरकार द्वारा कितना अनुदान प्रदान किया जा रहा है? तुलनात्मक जानकारी सूची सहित प्रदान करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
कन्या शिक्षा परिसर हेतु भवन निर्माण
[जनजातीय कार्य]
20. ( क्र. 2083 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
छिंदवाड़ा
जिले के
विधानसभा
क्षेत्र परासिया
में आदिम जाति
कल्याण विभाग
के द्वारा
कन्या शिक्षा
परिसर की
स्थापना (संचालन)
की प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की गई है? स्वीकृति
पत्र की
छायाप्रति
सहित अवगत
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) जारी की गई
स्वीकृति के
अनुसार
संस्था का संचालन
किस स्थान पर, कब से
प्रारम्भ
किया गया है? (ग) क्या
शासन द्वारा
कन्या शिक्षा
परिसर
परासिया के
संचालन हेतु
भवन निर्माण
कार्य की
प्रशासकीय
एवं वित्तीय
स्वीकृति
जारी कर
निर्माण
एजेंसी
नियुक्त कर दी
गई है? अवगत
करायें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के अनुसार
यदि नहीं, तो शासन
द्वारा कन्या
शिक्षा परिसर
परासिया के
लिये भवन
निर्माण कार्य
की स्वीकृति
हेतु विभागीय
प्रक्रियाओं एवं
अन्य
कार्यवाही को
कब तक पूर्ण
कराते हुये
भवन निर्माण
कार्य हेतु
प्रशासकीय
एवं वित्तीय
स्वीकृति
जारी कर
निर्माण
एजेंसी नियुक्त
कर दी जायेगी? अवगत
करायें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( सुश्री मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) जी
हाँ। स्वीकृति
आदेश की
छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है (ख) कन्या
शिक्षा परिसर
परासिया का
संचालन
दिसंबर 2021 से
आदिवासी बालक
आश्रम
खिरसाडोह
परासिया में
किया गया है। (ग) जी नहीं।
प्रश्नांश
का शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) भवन
निर्माण की स्वीकृति, आवंटन की
उपलब्धता
अनुसार विभाग
द्वारा की
जाएगी, समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
प्रश्नांश
का शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
21. ( क्र. 2100 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में निवासरत दिव्यांगजनों की सहायतार्थ व मदद हेतु सहायक उपकरण प्रदान करने की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है या नहीं? (ख) यदि उपकरणों की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है तो विगत तीन वर्षों में इन उपकरणों के चयन हेतु कितने परीक्षक शिविर लगाये गये हैं एवं पात्र दिव्यांगजनों को कितने उपकरण दिये गये हैं एवं आपात स्थिति हेतु कितने उपकरण जिले में उपलब्ध हैं? (ग) दमोह जिले के कितने दिव्यांगों को मोटरराइज्ड ट्राइसाइकिल या हाथ रिक्शा पिछले 10 वर्षों में शासन द्वारा प्रदान किये गये है व इन रिक्शों को कितने समय में बदले जाने की योजना है? (घ) दमोह जिले के दिव्यांगों को प्रदाय किये गये हाथ रिक्शा के स्थान पर ई-रिक्शा में परिवर्तन करने की क्या योजना है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला दमोह में निवासरत दिव्यांगजनों की सहायतार्थ व मदद् हेतु सहायक उपकरण प्रदान करने की व्यवस्था है। (ख) जिला दमोह में विगत तीन वर्षों में दो परीक्षण शिविरों का आयोजन किया गया है एवं पात्र दिव्यांगजनों को भारत सरकार के उपक्रम (ऐलिम्को) द्वारा 788 उपकरण प्रदाय किये गये। आपात स्थिति हेतु जिला दमोह में वर्तमान में 12 व्हीकलचेयर एवं 05 जोड़ी बैसाखी उपलब्ध है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। भारत सरकार द्वारा संचालित एडिप योजना की गाइड-लाइन अनुसार मोटरराइज्ड ट्राईसाइकिल प्रति पांच वर्ष में एक बार तथा ट्राईसाइकिल प्रति तीन वर्ष में एक बार प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (घ) दिव्यांगनों को प्रदाय की जाने वाली ट्राईसाइकिल को ई-रिक्शा में परिवर्तन किये जाने के संबध में विभाग स्तर पर कोई योजना नहीं है।
भोपाल शहर में रिक्त शासकीय आवासों की जानकारी
[गृह]
22. ( क्र. 2115 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर में शासकीय आवास आई टाईप, एच टाईप, जी टाईप, ई टाईप कुल कितने आवास है? इसमें से कौन-कौन से श्रेणी के कितने आवास कब से रिक्त हैं? क्यों रिक्त हैं? आवास आवंटन हेतु दिये गये आवेदकों को रिक्त आवास कब तक आवंटित किए जायेंगे? शासकीय आवास के लिए कितने शासकीय कर्मचारियों के किस-किस श्रेणी के कितने आवासों के लिए आवेदन प्राप्त हुये हैं? (ख) शासकीय आवास आवंटन के लिए होने वाली बैठक कब से आयोजित नहीं की गई है? क्यों नहीं की गई हैं? जानकारी दें। कब तक आयोजित होगी? वर्तमान रिक्त शासकीय आवास आवंटन के लिए क्या प्रक्रिया चल रही है? (ग) रिक्त शासकीय आवास कर्मचारियों को आवंटित होने से विभाग को कितना राजस्व प्राप्त होता? रिक्त शासकीय आवास कर्मचारियों को आवंटन होने से सरकार का कितना गृह भाड़ा भत्ते की बचत होती हैं? शासकीय राजस्व का नुकसान होने के लिए कौन जिम्मेदार है? सरकार को हो रहे राजस्व के नुकसान को बचाने के लिए कब तक रिक्त शासकीय आवास कर्मचारियों को आवंटित किए जायेंगे? (घ) क्या विगत दो वर्षों में पारी बाहर शासकीय आवास आवंटन किए गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन को किस प्रकार से आवंटित किए गये हैं? जिनको पारी बाहर आवास आवंटित हुये हैं वो कहां पदस्थ हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आरक्षित वर्ग के लोगों के साथ उत्पीड़न की घटना
[गृह]
23. ( क्र. 2249 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र के जिले सीधी एवं सिंगरौली में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ मारपीट करने डराने धमकाने तथा उनका उत्पीड़न करने की कितनी-कितनी घटनाएं हुई और उन पर कितने प्रकरण दर्ज हुए है? (ख) उपरोक्त में से कितनी शिकायतों में मामला दर्ज किया जाकर जांच की गई है? (ग) कितने मामलों में दोषियों को पकड़ा जाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया? (घ) कितने मामलों में दोषियों को न्यायालय से सजा हुई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अ एवं ब अनुसार।
मध्यप्रदेश की जिला जेलों में कैंटीन व्यवस्था
[जेल]
24. ( क्र. 2365 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की जिला जेलों में कैंटीन कार्यरत हैं अथवा नहीं? क्या सरकार द्वारा जिला जेलों में कैंटीन प्रारंभ किए जाने के प्रयास प्रारंभ किए गए थे? (ख) क्या इंदौर जिले में केन्द्रीय जेल में कैंटीन प्रारंभ हैं, किंतु जिला जेल के बंदियों को कैंटीन की सुविधा प्राप्त नहीं हो रही हैं? जिला जेल इंदौर में कैंटीन सुविधा कब तक प्रारंभ कर दी जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जी हाँ, प्रदेश की जिला जेलों में भी कैंटीन प्रारंभ किए जाने संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) जी हॉं, केन्द्रीय जेल इन्दौर में कैंटीन प्रारंभ है। जिला जेल इन्दौर के बंदियों को कैंटीन की सुविधा प्राप्त नहीं है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान में प्राप्त आवेदन
[पशुपालन एवं डेयरी]
25. ( क्र. 2388 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र खरगापुर में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के दौरान कितने आवेदन बकरी पालन के लिए प्राप्त हुये? (ख) प्रश्नांश (क) के कितने आवेदन पत्र में विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान कर बैंकों को भेजे जा चुके हैं एवं कितने स्वीकृति के लिए लंबित हैं? हितग्राहीवार लंबित मामलों का कारण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में बताये गये कितनों हितग्राहियों के आवेदन पत्र बैंकों द्वारा स्वीकृत कर दिये गये हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) में पात्र हितग्राहियों के जितने आवेदन पत्र बैंकों में स्वीकृति के लिए लंबित हैं, उनकी स्वीकृति कब तक हो जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) कुल 418 आवेदन। (ख) प्राप्त 418 आवेदन विभाग द्वारा स्वीकृत किये जाकर विभिन्न बैंकों को भेजे गये है। लंबित आवेदन निरंक है। (ग) बैंकों से प्रश्नांश अवधि तक 11 आवेदकों को स्वीकृति प्राप्त हो गई है। (घ) 407 आवेदन बैंक स्तर पर लंबित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना में स्वीकृत कार्य
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 2500 ) श्री वालसिंह मैड़ा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग झाबुआ में वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्रदाय किया गया? किन-किन विकासखण्डवार में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत से स्वीकृत होकर किन-किन निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्य किए गये? (ख) इस अवधि के स्वीकृत कार्यों की किस-किस जनप्रतिनिधि के क्षेत्र में किन-किन की अनुशंसाओं पर स्वीकृत किया गया है? क्या क्षेत्र के चुने हुये जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर स्वीकृत हुये? (ग) उपरोक्त अवधि में स्वीकृत कार्य पूर्ण हुए अथवा नहीं? (घ) पूर्ण हुए कार्यों का उपयोगिता प्रमाण-पत्र विभाग को प्राप्त हो चुके है या नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जिला झाबुआ को वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 232.90 लाख वर्ष 2021-22 में राशि रूपये 279.48 लाख तथा वर्ष 2022-23 में राशि रूपये 279.48 लाख का अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद अंतर्गत आवंटन प्राप्त हुआ। विकास खण्डवार एवं कार्य की स्वीकृत लागत एवं एजेन्सी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ''जी हाँ''। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
छात्रावास में सामग्री पूर्ति हेतु आवंटन
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 2501 ) श्री वालसिंह मैड़ा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक झाबुआ जिले में छात्रावास/आश्रमों के लिए सामग्री पूर्ति मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ हैं? किन-किन मदों में कितना-कितना मदवार बतावें? (ख) वर्षवार प्राप्त आवंटन से किन-किन छात्रावास/आश्रमों में क्या-क्या सामग्री किस प्रक्रिया से कहां-कहां से क्रय की गई हैं? (ग) उक्त अवधि में क्रय की सामग्री किन-किन संस्थाओं को कब-कब कितनी मांग में प्रदाय की गई? यदि प्रदाय की गई हैं तो जिला कार्यालय व छात्रावास/आश्रमों के स्टॉक रजिस्टर की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या उक्त वर्षों में क्रय सामग्री के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी की जांच या शिकायत प्राप्त हुई है तो विवरण देवें। अधिकारी/कर्मचारी के नाम देवें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में झाबुआ जिले में छात्रावास एवं आश्रम शालाओं को सामग्री पूर्ति हेतु राशि सीधे संस्थाओं के खाते में प्रदाय की गयी है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार आवंटन फर्नीचर उपकरण एवं खेल सामग्री हेतु प्रदाय किया गया है। सामग्री का क्रय संस्थाओं के द्वारा स्थानीय स्तर पर किया जाता है। (ग) सामग्री संस्थाओं द्वारा स्वयं क्रय की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
विभागीय योजनाओं का संचालन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
28. ( क्र. 2604 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अशोकनगर जिले में उक्त योजनाओं से पृथक-पृथक कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? निकायवार,योजनावार लाभांवितों की संख्यात्मक सूची उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' पर है। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में जिला अशोकनगर में लाभान्वित किये गये हितग्राहियों की निकायवार योजनावार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट -''ब'' पर है।
वन अधिकार पत्र का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
29. ( क्र. 2667 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जिला खरगोन के वन ग्रामों में काबिज आदिवासी कृषकों को शासन द्वारा वन अधिकार पत्र (पट्टा) दिये जा रहे है? (ख) क्या जिला खरगोन के वन ग्रामों में काबिज कृषकों को वन अधिकार पत्र मिल जाने से कृषकों को इससे बहुत लाभ हो रहा है, अब अपनी जमीन के मालिक बनकर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं? (ग) क्या जिला खरगोन में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अभी भी अनेक पात्र काबिज कृषकों को वन अधिकार पत्र (पट्टा) नहीं मिले हैं। जिसके लिए पात्र कृषकों ने ऑन-लाईन एवं आफॅ-लाईन आवेदन पत्र संबंधित जनपद पंचायत एवं वनरेंज में जमा कर रखे हैं। वन अधिकार अधिनियम के तहत वन अधिकार पत्र दिये जाने की समय-सीमा भी निर्धारित है। (घ) यदि हाँ, तो वन रेंज सिरवेल बिस्टान, बरूउ, खरगोन, तितरान्या, चिरिया जिला खरगोन में कितने पात्र कृषकों को वन अधिकार पत्र दिये जाना बाकी हैं, जिनके द्वारा ऑनलाईन/ऑफलाईन आवेदन पत्र जमा कर रखे है। इन पात्र कृषकों को कब तक वन अधिकार पत्र दे दिये जावेंगे? क्या सम्पूर्ण जांच उपरांत पुन: फार्म जमा करना होगा? यदि हाँ, तो कारण क्या है? नहीं तो कब तक वन अधिकार पत्र दे दिये जावेंगे? लंबित प्रकरणों की वन रेंज वार अलग-अलग संख्या बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 4 (1) के प्रावधान अनुसार वन अधिकार वंशागत होगा किन्तु संक्रमणीय या अंतरणीय नहीं होगा। वन अधिकार पत्र मिल जाने से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। (ग) खरगोन जिले में 18106 वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। जनपद पंचायत एवं वन रेंजवार प्राप्त एवं निराकृत दावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। वन अधिकार के दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। आवेदक को पुन: आवेदन जमा करने की आवश्यकता नहीं है। वन अधिकार के दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अपराध क्र. 191/2022 के संबंध में
[गृह]
30. ( क्र. 2691 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना कचनार के अपराध क्रमांक 191/2022 में क्या प्राथमिकी दर्ज होने से पूर्व फरियादी का मेडिकल हो चुका था अथवा नहीं? यदि मेडिकल हो गया था तो क्या मेडिकल में चोट प्राण घातक थी? अगर थी तो प्राथमिकी धारा 307 की दर्ज क्यों नहीं की गई? फरियादी और फरियादी के साक्षियों ने पुलिस विवेचना के कथनों में घटना की पुष्टि की है या नहीं? (ख) थाना कचनार के अपराध क्रमांक 191/2022 की विवेचना में आरोपियों और उनके परिजनों के कथन किस नियम से लिए गये? क्या थाना कचनार के समस्त अपराधों में आरोपियों और उनके परिजनों के विवेचना में कथन लेख किए जाते है? उन अपराध की सूची उपलब्ध करायें। (ग) थाना कचनार के अपराध क्रमांक 191/2022 के फरियादी को हरिजन एक्ट की राहत राशि दिलाई गई या नहीं? अगर नहीं दिलाई गई तो किस नियम से राहत राशि नहीं दिलाई जा रही है? विवेचक ने राहत राशि का प्रकरण बनाने के क्या प्रयास किए गये? (घ) थाना कचनार के अपराध क्रमांक 191/2022 के आरोपी फरार हैं तो उनकी गिरफ्तारी के अब तक क्या प्रयास किए गए? आरोपियों को कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह सही है कि जिला अशोकनगर थाना कचनार के अपराध क्रमांक 191/2022 में प्राथमिकी दर्ज होने से पूर्व फरियादी का मेडिकल हो चुका था। यह सही है कि जिला चिकित्सालय अशोकनगर से प्राप्त मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा चोट प्राण घातक होना लेख की थी। क्योंकि प्राथमिकी धारा देहाती नालसी के आधार पर दर्ज की गई थी जो कि मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त होने के पूर्व लिखी गई थी। इसलिए तत्समय प्राथमिकी में 307 की धारा दर्ज नहीं है। यह सही है कि फरियादी और फरियादी के साक्षियों ने पुलिस विवेचना के कथनों में घटना की पुष्टि की है। (ख) आरोपीगण द्वारा गाँव के जनसमुदाय को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायती आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था कि आरोपी गिर्राज यादव द्वारा अप.क्र. 108/20 धारा 302, 307, 147, 148, 149, 436, 294 भादवि एवं 3 (2), (व्ही), 3 (1), (आई.व्ही), 3 (1) (घ) एससी/एसटी एक्ट के पूर्व प्रकरण में राजीनामा करने के उद्देश्य से मृतक खुमान आदिवासी के पुत्र बाबू आदिवासी को फंसाने के लिए थाना कचनार में उक्त झूठा अपराध पंजीबद्व कराया हैं। उक्त तथ्य की पुष्टि करने हेतु कथन लिए गये थे। प्रकरण अभी विवेचनाधीन है। थाना कचनार के समस्त अपराधों में आरोपियों और उनके परिजनों के कथन नहीं लिए जाते है। (ग) फरियादी द्वारा जाति प्रमाण पत्र, आधार लिंक बैंक खाता, समग्र आईडी एवं आधार कार्ड प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिसके कारण फरियादी का एमपी टास्क पोर्टल पर पंजीयन नहीं हो सका है इसलिए फरियादी को प्रारंभिक राहत राशि प्राप्त नहीं हो सकी। प्रकरण अभी विवेचनाधीन है। (घ) आरोपी के विरुद्ध अभी अपराध सिद्ध नहीं हुआ है, अपराध सिद्ध होने पर शीघ्र गिरफ्तारी की जावेगी।
उप संचालक के पदों पर नियुक्ति
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
31. ( क्र. 2700 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा 2018 से प्रश्न दिनांक तक दिव्यांगजनों को कितनी सामग्री का वितरण किया गया? वर्षवार बताएँ? (ख) क्या विभाग द्वारा कार्यालय प्रमुख ''उपसंचालक'' का पद समाप्त कर दिया गया है? प्रदेश में कितने जिलों में उपसंचालक पदस्थ हैं एवं कितने जिलों में अऩ्य विभाग के अधिकारियों को प्रभार दिया गया है? (ग) जिलें में दिव्यांगजनों के लिये विगत 3 वर्षों में कितने शिविरों का आयोजन किया गया? (घ) क्या अऩ्य विभागीय अधिकारियों के पास अतिरिक्त प्रभार होने से विभागीय कार्यों में अपेक्षानुसार प्रगति नहीं दिख रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन उपसंचालक पदों की नियुक्ति की कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार। (ख) विभाग द्वारा उप संचालक का पद समाप्त नहीं किया गया है। 08 जिलों में विभागीय अधिकारी उप संचालक के पद पर पदस्थ होकर कार्य सम्पादित कर रहे है एवं 44 जिलों में अन्य विभाग के अधिकारियों को जिला स्तर से प्रभार दिया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार। (घ) जिला स्तर पर अन्य विभाग के अधिकारियों को इस विभाग का अतिरिक्त प्रभार प्रदाय कर सुचारू रूप से कार्य सम्पादित किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अ.जा. एवं अ.ज.जा. किसानों के खेतों में विद्युतीकरण
[जनजातीय कार्य]
32. ( क्र. 2701 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अ.जा. एवं अ.ज.जा. किसानों के खेतों में विद्युतीकरण कार्य हेतु वर्ष 2018 से 2022-23 तक खण्डवा जिलें को कितनी-कितनी राशि जारी की गई? वर्षवार जानकारी देवें? (ख) वर्ष 2018 से 2022 तक कुल कितने अ.जा. एवं अ.ज.जा. किसानों के प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं? विधानसभावार स्वीकृत, पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी देवें? (ग) क्या विगत 2 वर्षों से इस कार्य हेतु शासन द्वारा कोई बजट आवंटन जारी नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या विभाग द्वारा अ.जा. एवं अ.ज.जा. के किसानों के खेतों में विद्युतीकरण हेतु नियमित राशि जारी की जाएंगी? (ड.) क्या 2018 से स्वीकृत एवं पूर्ण, अपूर्ण कार्यों की प्रगति की समीक्षा विद्युत विभाग के साथ की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्राप्त आवंटन की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति किसानों के प्रकरण स्वीकृत किये जाने के सम्बन्ध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। विधान सभावार स्वीकृत, पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) ''जी-नहीं'', अनुसूचित जाति विकास द्वारा संचालित विद्युतीकरण योजना को बस्ती विकास योजना में समाहित किया गया है एवं अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना में विद्युतीकरण के कार्य किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार राशि आवंटित की जाती है। (ड.) ''जी-हाँ''। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बालाघाट जिले में नक्सल उन्मूलन
[गृह]
33. ( क्र. 2722 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के संज्ञान में यह बात है कि छत्तीसगढ़ राज्य में भारी संख्या में पुलिस बल के दबाव के कारण नक्सली बालाघाट को सुरक्षित जोन मानकर बालाघाट में तथा प्रदेश में अन्य जिलों में अपना तेजी से विस्तार कर रहे हैं? क्या बालाघाट पुलिस द्वारा अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गयी है? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) क्या शासन बालाघाट को चार अतिरिक्त बटालियन देने पर विचार करेगा? नेशनल पार्क कान्हा में बढ़ती नक्सल गतिविधियों को देखते हुए क्या शासन वहां मोबाईल टावर स्थापित करेगा? क्या मोबाईल टावर स्थापित करने में वन विभाग की आपत्ति एक बडा कारण है तो क्या गृह विभाग मंत्री तथा शासन स्तर पर वन विभाग से समन्वय बनाकर मोबाईल टावर स्थापित करेगा? (ग) बालाघाट जिले में विशेष सहयोगी दस्ता भर्ती 2022 के कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? 80 पदों की भर्ती हेतु शासन क्या प्रक्रिया अपनाएगा? प्रक्रिया बताते हुए यह भी बतायें कि क्या जिले में शासन ज्यादा पदों का सृजन करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। बालाघाट पुलिस द्वारा नये सुरक्षा कैम्प खोलने के उद्देश्य से 02 अतिरिक्त केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की बटालियन की मांग की गई है। (ख) केन्द्रीय सुरक्ष बलों की 04 अतिरिक्त बटालियनों का प्रस्ताव भारत सरकार गृह मंत्रालय में विचाराधीन है। जी हाँ। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 10 मोबाईल टावरों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। जी हाँ। (ग) बालाघाट जिले में विशेष सहयोगी दस्ता भर्ती हेतु वर्ष 2022 के लिए कुल 14694 आवेदन प्राप्त हुए हैं। 80 पदों की भर्ती हेतु प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं।
मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
34. ( क्र. 2723 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री म.प्र.शासन शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा बालाघाट में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने की घोषणा शासन के संज्ञान में है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन बालाघाट में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने जा रहा है? क्या बालाघाट में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? यह भी बतायें मेडिकल कॉलेज हेतु राज्य अंश के 40 प्रतिशत की राशि में से कितनी राशि मुख्य बजट 2023 में दी जा रही है? (ग) क्या शासन यह देखते हुए कि बालाघाट नक्सल प्रभावित जिला है माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं में बालाघाट को प्रथम प्राथमिकता देगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा के अनुक्रम में भारत सरकार को केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत बालाघाट में चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव प्रेषित किया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
पुलिस
अधीक्षक को
प्रेषित पत्र
पर कार्यवाही
[गृह]
35. ( क्र. 2746 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के तिलवारा थाना भवन निर्माण का प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें। तिलवारा थाना भवन निर्माण कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा है? जबकि भवन निर्माण हेतु उपयुक्त शासकीय भूमि ग्राम जोतपुर में उपलब्ध है। (ख) जिला जबलपुर के बेलखेड़ा थाना, शहपुरा थाना एवं भेड़ाघाट थाने को मिलाकर भेड़ाघाट में नवीन एस.डी.ओ.पी. कार्यालय खोले जाने का प्रस्ताव विभाग में लंबित है? उक्त प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति क्या है? नवीन एस.डी.ओ.पी. कार्यालय भेड़ाघाट में कब तक खोला जावेगा? (ग) कार्यालय कलेक्टर (शिकायत शाखा) जबलपुर के पत्र क्रमांक 6251/6252 दिनांक 10.10.22 द्वारा पुलिस अधीक्षक जबलपुर को प्रेषित पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जिला जबलपुर के तिलवारा थाना सहित कुल 254 पुलिस थाना भवनों एवं 199 पुलिस चौकियों के भवन निर्माण हेतु तैयार एकजाई प्रस्ताव की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। निर्धारित मापदण्ड अनुरूप नहीं होने से भेड़ाघाट में एस.डी.ओ.पी. कार्यालय खोलने का प्रस्ताव नस्तीबद्ध किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पुलिस अधीक्षक, जबलपुर के जांच प्रतिवेदन क्र-पुअ/जबल./शिका./एम/53/2022, दिनांक 14.02.2023 के माध्यम से संबंधित को अवगत कराया जा चुका है।
छात्रावास का निर्माण कार्य एवं संचालन
[जनजातीय कार्य]
36. ( क्र. 2747 ) श्री संजय यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला जबलपुर के कोहला एवं चरगवाहार में विभाग द्वारा छात्रावास भवन निर्माण कराया गया है? क्या उक्त दोनों छात्रावासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? उक्त दोनों छात्रावासों में पेयजल एवं विद्युत की व्यवस्था उपलब्ध है? (ख) छात्रों के हित में उक्त दोनों छात्रावासों का संचालन क्यों नहीं कराया जा रहा है? उक्त छात्रावासों हेतु विभाग द्वारा पदस्थ अधीक्षक एवं अन्य स्टॉफ की जानकारी प्रदाय की जाए।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का उत्पीड़न
[गृह]
37. ( क्र. 2757 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र-13 गोहद, जिला भिण्ड में एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम 1989 के अंतर्गत कितने प्रकरण दर्ज किए गए हैं? (ख) उपरोक्त में से किन-किन मामलों में जांच की गई है? (ग) कितने मामलों में दोषियों को पकड़ा जाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया? (घ) कितने मामलों में दोषियों को न्यायालय से सजा हुई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
आरक्षित वर्गों में शामिल जाति की सूची
[जनजातीय कार्य]
38. ( क्र. 2768 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विषयांकित सूची में अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आने वाली जाति गोंडगोवारी दर्शायी गयी है? क्या विभाग ने एक पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया था कि गोंडगोवारी में गोंड तथा गोवारी के बीच अल्पविराम था अर्थात गोंड तथा गोवारी अलग-अलग जातियां हैं? क्या प्रदेश में गोंडगोवारी नाम की कोई जाति पायी जाती है? यदि हाँ, तो ये जाति किन-किन जिलों में निवास करती है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विभाग के संशोधन पत्र अनुसार अनुसूचित जनजाति वर्ग में गोवारी जाति सम्मिलित है तथा अल्प विराम के बाद गोंड जाति दो बार आ गयी है तो क्या शासन अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित जातियों की लिस्ट में से दो बार उल्लेखित गोंड जाति को एक बार ही लिखकर सूची को संशोधित करेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित संशोधन पश्चात गोवारी जाति का नाम अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग दोनों ही में शामिल हो गया है, जिससे जिलों में गोवारी जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग का लाभ देने में असमंजस की स्थिति है? क्या शासन गोवारी जाति का नाम विषायांकित सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग से विलुप्त करेगा, ताकि गोवरी जाति को अनुसूचित जनजाति का लाभ देने में असमंजस की स्थिति समाप्त की जा सके?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत आपूर्ति हेतु स्वीकृत राशि
[जनजातीय कार्य]
39. ( क्र. 2772 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा सौसर के आदिवासी ग्राम कोडासावली में चार वर्ष पूर्व बिजली पोल हेतु आदिवासी किसानों के लिये 10 लाख रू. स्वीकृत किये गये थें? (ख) यदि हाँ, तो अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा आज तक विद्युत मंडल को राशि प्रदान नहीं की गई क्यों? जिससे आदिवासी किसानों को सिंचाई में भारी कठिनाई उठानी पड़ रही है। (ग) कब तक कार्य प्रारंभ किया जायेगा तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) ''जी-नहीं''। विधानसभा सौसर के आदिवासी ग्राम कोंडासावली में तीन वर्ष पूर्व विजली पोल हेतु आदिवासी किसानों के लिये 10 लाख की स्वीकृति जारी नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
बकाया राशि का भुगतान
[सहकारिता]
40. ( क्र. 2828 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना मण्डल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित कैलारस मुरैना कितने समय से बन्द है? क्या शासन द्वारा इसके बिक्री की विज्ञप्ति जारी की गई थी? क्या कारखाने को चलाने हेतु किसान संगठनों ने शासन को प्रस्ताव भेजा है? माह फरवरी 2023 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) वर्तमान में उक्त कारखाने पर किसानों का गन्ने एवं कर्मचारियों का वेतन बकाया की राशि तथा अन्य देनदारियों की राशि कितनी है? किसानों की संख्या, कर्मचारियों की संख्या सहित पूर्ण राशि की जानकारी दी जावें। (ग) शासन किसानों की गन्ने की बकाया राशि एवं कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान कब तक करायेगा? कारखाने का लम्बे समय से बन्द होने का कारण क्या रहा है? पूर्व जनप्रतिनिधियों द्वारा कारखाने को चलाने हेतु जनता को आश्वासन दिया था फिर क्यों नहीं प्रारंभ किया गया? पूर्ण जानकारी दी जावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) कारखाना वर्ष 2008-09 एवं 2009-10 में बंद रहा, वर्ष 2010-11 में नवनिर्वाचित संचालक मण्डल द्वारा चलाने का निर्णय लिया गया लेकिन उत्पादन नगण्य रहा, इसके बाद से कारखाना निरंतर बंद है। जी हाँ, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा दिनांक 22.12.2021 को कारखाने की प्लांट एवं मशीनरी के विक्रय हेतु विज्ञप्ति जारी की गई। जी हाँ, माह फरवरी 2023 की स्थिति में कारखाना परिसमापनाधीन है। (ख) वर्तमान में किसानों का गन्ना मूल्य राशि रूपये 80,62,626.00, कर्मचारियों का वेतन राशि रूपये 5,01,86,998.00, कर्मचारियों की अन्य देनदारियां राशि रूपये 8,25,08,523.00 एवं अन्य विविध देनदारियां राशि रूपये 33,55,46,282.00 है। किसानों की संख्या 3675 एवं कर्मचारियों की संख्या 783 कुल भुगतान योग्य राशि रूपये 47,63,04,429.00। (ग) कारखाना परिसमापनाधीन है, राशि उपलब्ध होने पर नियमानुसार भुगतान कराया जा सकेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। पर्याप्त गन्ने का अभाव एवं वित्त व्यवस्था न होने के कारण। पर्याप्त गन्ने का अभाव एवं वित्त व्यवस्था न होने के कारण।
जयारोग्य अस्पताल में स्टॉफ की नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
41. ( क्र. 2829 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के अधिकांश एक हजार बिस्तर वाली बिल्डिंग में स्थानान्तरित हो चुके हैं कौन से विभाग अभी तक पूर्ण, आधे परिवर्तित हुऐ हैं पूर्ण जानकारी दी जावें। (ख) क्या एक हजार बिस्तर वाली बिल्डिंग में पैरामेडिकल स्टॉफ, सफाई कर्मचारी, सुरक्षा कर्मियों की भारी कमी होने के कारण मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधायें मिलने में परेशानी आ रही है? उक्त व्यवस्था किस प्रकार से सुधारी जावेगी जानकारी दी जावें। (ग) क्या अस्पताल प्रबन्धक द्वारा शासन से सफाई, सुरक्षा, पैरामेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति हेतु शासन से प्रस्ताव भेजा गया कितने कर्मचारी, किन-किन विभागों का प्रस्ताव राज्य शासन को प्राप्त हुआ? उसकी अनुमति कब तक प्रदान की जावेगी? ताकि चिकित्सा व्यवस्था में अति शीघ्र सुधार हो सके?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर के 1000 बिस्तर अस्पताल में जनरल मेडिसिन, ई.एन.टी. जनरल सर्जरी, निश्चेतना, अस्थि रोग, रेडियोलॉजी, चर्मरोग, मानसिक रोग विभाग, दंत रोग विभाग, टी.बी. चेस्ट, मेडिसिन आई.सी.यू विभाग एवं नेत्ररोग विभाग पूर्ण रूप से स्थानांतरित हो चुके है। पी.एस.एम पैथालॉजी, बायोकेमिस्ट्री एवं स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग आंशिक रूप से स्थानांतरित किये गये है। उपरोक्त सभी विभागों के रोगियों हेतु बाह्य रोगी विभाग भी 1000 बिस्तर अस्पताल में संचालित किया जा रहा है। (ख) नवीन 1000 बिस्तर अस्पताल में जयारोग्य चिकित्सालय समूह के उपलब्ध अमले से कार्य कराया जा रहा है। नवीन 100 बिस्तर हेतु पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई, सुरक्षा कर्मचारी एवं आउटसोर्स से अतिरिक्त कर्मचारियों को रखे जाने हेतु पद स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
संदेहास्पद मृत्यु की जांच
[गृह]
42. ( क्र. 2834 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रामविलास आत्मज सुन्दरलाल तिवारी की दिनांक 11.06.2013 को इटारसी के निकट हुई संदेहास्पद मृत्यु के संबंध में उनके भांजे श्री सुनील तिवारी द्वारा पुलिस मुख्यालय को की गयी दिनांक 27.07.2021 को प्राप्त हुई थी। (ख) क्या उक्त घटना की जांच सी.आई.डी. द्वारा की जा रही है। (ग) क्या उक्त जांच पूरी हो गयी है? (घ) यदि नहीं, तो जांच कब तक पूरी होने की संभावना है? (ड.) क्या जांच अधिकारी द्वारा उक्त प्रकरण की जांच में विलंब किया जा रहा है ताकि इसका अपराधियों को लाभ मिल सके।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ (ग) जी नहीं। (घ) प्रकरण में पंजीबद्ध मर्ग की जांच जारी है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ड.) जांच अधिकारी द्वारा प्रकरण की जांच में विलंब नहीं किया जा रहा है। अतः अपराधियों को लाभ मिलने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
थानों एवं चौकियों का उन्नयन
[गृह]
43. ( क्र. 2846 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी चौकियां ऐसी हैं जिन्हें मापदंडों के आधार पर थानों में उन्नयन किया जाना है? इस संबंध में प्रश्नकर्ता एवं विभाग द्वारा कार्यवाही किए जाने हेतु प्रस्ताव एवं पत्र व्यवहार किए गए हैं और उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त चौकियों के उन्नयन की स्वीकृति के संबंध में संबंधित अधिकारियों द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? उनके पद नाम सहित जानकारी दें नहीं तो क्यों कारण से जानकारी दें? (ग) प्रश्न दिनांक तक वस्तु स्थिति की जानकारी एवं निर्धारित मापदंड अनुसार बताएं कि उक्त में से कितनी चौकियों का थाने में उन्नयन की स्वीकृति की जाना थी और क्यों नहीं की गई तत्संबंध में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कर जानकारी दें? (घ) क्या खरगोन जिले में थाना एवं चौकियों में कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए पर्याप्त आवास उपलब्ध हैं? हाँ तो थाना एवं चौकीवार जानकारी दें नहीं तो क्यों? (ड.) विधानसभा क्षेत्र कसरावद की चौकियों में चौकी प्रभारी हेतु चार पहिया वाहन उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो क्या वाहन न होने से कार्य प्रभावित हो रहा है? हाँ तो वाहन कब तक उपलब्ध करवाये जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एक भी नहीं। पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर से दिनांक 12.10.2015 को पुलिस चौकी खलटाका का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जो परीक्षण में मापदण्ड़ों के अनुरूप नहीं पाया गया। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में 315 आवास गृह उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजनांतर्गत पंचम चरण में 204 आवासों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी है जिसमें से वर्तमान में 68 आवासों का निर्माण हो चुका है एवं शेष 136 आवास गृहों का निर्माण बजट की उपलब्धता के आधार पर किया जायेगा। (ड.) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में दो पुलिस चौकी में से एक चौकी खलटाका में चौकी प्रभारी हेतु मासिक किराया दर पर अधिग्रहित वाहन उपलब्ध है। दूसरी चौकी खामखेड़ा में दो पहिया वाहन उपलब्ध है। चार पहिया वाहन प्रत्येक चौकी में उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है।
गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
44. ( क्र. 2847 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में नवीन पशु औषधालय एवं चिकित्सालय खोलने के प्रस्ताव प्राप्त है? हाँ तो कब से स्थानवार जानकारी दें और इनकी कब तक स्वीकृति आदेश जारी किए जाएंगे? (ख) उक्त क्षेत्र अंतर्गत कितनी गौशालाएं संचालित हैं? इनमें कितनी गायों का पालन किया जा रहा है और कितनी-कितनी राशि किस-किस प्रकार प्रदान की जा रही है? प्रतिदिन गायों के लिए प्रति गाय कितनी राशि प्रदाय की जा रही है? क्या इस राशि को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव है? यदि नहीं, तो क्या इस राशि से गायों को पर्याप्त आहार मिल रहा है? (ग) वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितने किसानों एवं बेरोजगार युवाओं द्वारा डेयरी उद्योग एवं पशुपालन हेतु विभाग को कब कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए और उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई? ग्राम एवं स्थानवार जानकारी दें? (घ) उपरोक्त में से कितने आवेदन पशुपालन विभाग द्वारा ऋण के लिए राष्ट्रीयकृत, सहकारी अथवा निजी बैंकों को अग्रेषित किये हैं? कितने स्वीकृत हुए? कितने अस्वीकृत किये गये? अस्वीकृत के क्या कारण है? आवेदनवार जानकारी दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। योजना क्रमांक 9588 -''अधोसंरचना विकास'' जिसके अंतर्गत नवीन पशु औषधालयों की स्थापना तथा पशु औषधालयों के पशु चिकित्सालयों में उन्नयन किया जाता है, योजना अनुमोदन की कार्यवाही प्रचलित है। वित्तीय उपलब्धता के आधार पर स्वीकृति आदेश जारी किए जाते है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र कसरावद में अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 03 गौशालाएं संचालित हैं, जिनमें 586 गौवंश तथा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 02 गौशालाएं संचालित हैं, जिनमें 137 गौवंश का पालन किया जा रहा है। प्रति गाय प्रति दिन 20/- चारा-भूसा दाना हेतु प्रावधान है। राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। गौशाला प्रबंधकों से आहार की कमी वेशी हेतु जनभागीदारी से संसाधन जुटाने हेतु, प्रेरित किया जाता है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
गौशाला व उनकी क्षमता का निर्धारण
[पशुपालन एवं डेयरी]
45. ( क्र. 2849 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत 5 वर्षों में कुल कितनी गौशालाओं का निर्माण किया गया? (ख) उक्त निर्मित गौशालाओं में पशुओं की नियमानुसार कितनी क्षमता निर्धारित है तथा प्रत्येक पशु को कितने किलोग्राम चारे का प्रबंधन किस रूप में किया जाता है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत कुल 09 गौशालाओं का निर्माण किया गया। (ख) प्रत्येक गौशाला की क्षमता, 100 गौवंश की है। मुख्यमंत्री गौसेवा योजना में चारे भूसे हेतु प्रतिगौवंश प्रतिदिवस रू. 20/- में शासकीय अनुदान के अतिरिक्त 5 एकड़ का चारागाह निर्मित किए जाने का प्रावधान है। गौशाला का प्रबंधन, समिति द्वारा स्थानीय उपलब्धता के आधार पर गौवंश को चारा, भूसा व दाना उपलब्ध कराया जाता है।
स्कूल शिक्षा विभाग में दो वेतन वृद्धि दिये जाने का आदेश
[जनजातीय कार्य]
46. ( क्र. 2877 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ 18-45/2002/वि.प्र./20, दिनांक 26.07.2003 के संबंध में वर्ष 1994-95 में नियुक्त शिक्षक जिन्होंने स्वयं के व्यय पर डी.एड., बी.एड. किया है इन्हें दो वेतन वृद्धि दिये जाने का प्रावधान है किंतु जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत शिक्षकों को इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा है? (ख) शासन के द्वारा जारी आदेश सिर्फ क्या स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थ शिक्षकों के लिए है क्या? अगर है तो शासन की नीति का उल्लेख कर स्पष्ट बतावें? । (ग) शासन निर्देशानुसार वर्ष 1998-99 में डी.एड., बी.एड. परीक्षा उत्तीर्ण किया गया है किंतु जारी आदेश के परिणाम मार्च में न आकर जून-जुलाई में आते हैं, क्या शासन का परीक्षा परिणाम समय पर न आने से आज दिनांक तक लाभ नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) की स्थिति स्पष्ट कर वंचितों को लाभ दिया जाएगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशों को जनजातीय कार्य विभाग में लागू किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत शिक्षकों को विभागीय आदेश क्रमांक एफ-4-101/1998/1-25 दिनांक 9 जनवरी 2012 के द्वारा दिनांक 16.06.1993 के पूर्व नियुक्त समस्त शिक्षकों को स्वयं के व्यय पर सेवा में रहते हुए दिनांक 01.03.1999 तक बी.एड./बी.टी.आई की योग्यता धारण की हो, को दो अग्रिम वेतनवृद्धि दिये जाने का प्रावधान किया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेश समस्त विभागों हेतु लागू होते है। स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग पृथक-पृथक विभाग है, इन विभागों में शिक्षकों की सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम पृथक होने के कारण विभागीय आदेश लागू होते है। (ग) जी हाँ। विभागीय आदेश क्रमांक एफ-4-101/1998/1-25 दिनांक 9 जनवरी 2012 के द्वारा दिनांक 01.3.1999 के पूर्व बी.एड/बी.टी.आई. योग्यता अर्जित करने की तिथि निर्धारित होने के फलस्वरूप उक्त तिथि के पश्चात् लाभ दिया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस थाना/चौकी की स्थापना
[गृह]
47. ( क्र. 2926 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्र की भौगालिक दृष्टि, असुरक्षित कस्बों एवं अन्य पुलिस थानों की अधिक दूरी को ध्यान में रखते हुये विभाग द्वारा पुलिस थाना/चौकी की स्थापना किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विस्तृत नियम, निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड भीमपुर में पुलिस थाना न होने एवं भैंसदेही विकासखण्ड के ग्राम जनोना बेरियर पर पुलिस चौकी नहीं होने के कारण क्षेत्र के आम जन को परेशानी व असुविधा के साथ भय का सामना करना पड़ रहा है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विकासखण्ड भीमपुर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र भीमपुर पुलिस थाना स्थापना हेतु निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति कर रहा है एवं भैंसदेही विकासखण्ड के जनोना बैरियर पर पुलिस चौकी अति आवश्यक है, तो आज दिनांक तक भीमपुर में पुलिस थाना की स्थापना विकासखण्ड भैंसदेही के जनोना बैरियर पर पुलिस चौकी की स्थापना क्यों नहीं की गई है? यदि की जावेगी तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) यह कहना सही नहीं है कि आमजन को परेशानी व असुविधा के साथ भय का सामना करना पड़ रहा है। भीमपुर में वर्तमान में पुलिस चौकी स्थापित है। क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकास कार्यों की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
48. ( क्र. 2974 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 5 वर्षों में कटनी जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बस्तियों के विकास के लिए कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? ग्रामवार, कार्यवार जानकारी देवें एवं कितने किसानों के यहां विद्युतीकरण कार्य कराया गया? वर्षवार, ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह सही है कि विगत 3 वर्षों से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों के यहां सिंचाई हेतु विद्युतीकरण कार्य में कोई भी राशि स्वीकृत नहीं की गयी? जबकि विद्युतीकरण कार्य हो जाता तो संबंधितों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता? उक्त योजना में पुनः आवंटन देकर कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत प्रस्ताव प्राप्त न होने से कार्य स्वीकृत नहीं हुए है। विद्युतीकरण का कार्य अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना में समाहित कर दिया है। इस योजना अंतर्गत जिले को प्राप्त आवंटन से जिला स्तरीय समिति, प्राथमिकता तय कर निर्णय लेने हेतु सक्षम है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत सिंचाई हेतु विद्युतीकरण कार्य में कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई। जी हाँ। कटनी जिला अंतर्गत विगत तीन वर्षों में अनुसूचित जनजाति के किसानों के यहां सिंचाई हेतु विद्युत लाईन के प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए है। जी हाँ, पम्प ऊर्जीकरण के प्रस्ताव प्राप्त होने पर जिले को योजनांतर्गत प्राप्त आवंटन की सीमा में नियमानुसार कार्य स्वीकृत किए जाते है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दिव्यांगजनों को मिलने वाले लाभ
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
49. ( क्र. 2990 ) श्री संजय शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2018 से वर्तमान तक कितने शिविरों का आयोजन किया गया? इनमें कितने हितग्राहियों को कौन-कौन से उपकरणों से लाभांवित किया गया? वर्षवार,शिविरवार, स्थान सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) दिव्यांगजनों को प्रदान किये जाने वाले उपकरणों/सामग्री की खरीदी किसके द्वारा की जाती है? खरीदी के क्या नियम हैं? उपकरणों/सामग्री की खरीदी जिलास्तर पर क्यों नहीं की जाती? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, वर्ष 2020 से मध्यप्रदेश में किसके द्वारा, कहाँ से, किस दर पर एवं कितने की खरीदी की गई? वर्षवार, उपकरण/सामग्रीवार जानकारी प्रदान करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) दिव्यांगजनों को प्रदाय की जाने वाले कृत्रिम अंग सहायक उपकरण/सामग्री की खरीदी जिले स्तर से ही की जाती है। जिलों द्वारा सामग्री भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ऐलिम्को) अथवा भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुये ई-जेम पोर्टल से क्रय की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार।
उज्जैन जिले के छात्रावासों में क्रय सामग्री
[अनुसूचित जाति कल्याण]
50. ( क्र. 2993 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में कहाँ-कहाँ पर बालक-बालिकाओं के लिए जूनियर, सीनियर, महाविद्यालयीन एवं उत्कृष्ट आवासीय छात्रावास संचालित हो रहे हैं? इनके अतिरिक्त और कौन से छात्रावास संचालित हैं? किस छात्रावास को किसमें समाहित किया गया है? इनमें कितनी-कितनी छात्र-छा़त्राओं की संख्या निर्धारित है? इन्हें क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं? इनमें कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी पदस्थ हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या सामग्री क्रय की गई? इसके क्या नियम निर्देश हैं? इनकी प्रति उपलब्ध करावें। सामग्री क्रय करने के लिए कौन-कौन से नियम निर्देशों का पालन किया गया है? सामग्री किसके द्वारा क्रय की गई? सामग्री क्रय करने में अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई है तो उसकी जांच किसके द्वारा कराई गई व इसका क्या निष्कर्ष निकला? सम्पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश ''क'' व ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि सामग्री क्रय समिति का गठन किया गया है तो उसमें अध्यक्ष सहित समिति में कौन-कौन है? सूची देवें। तथा विगत 4 वर्षों में क्रय समिति की बैठक कब-कब आयोजित की गई? बैठकों के कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) उज्जैन जिले अंतर्गत 74 छात्रावास संचालित है, छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उक्त सूची के अतिरिक्त अन्य कोई छात्रावास संचालित नहीं है। सीनियर बालक छात्रावास नजरपुर (सीट संख्या 30) को विकासखण्ड सीनियर उत्कृष्ट बालक छात्रावास घटिया (सीट संख्या 50) में संचालित किया जा रहा है। उक्त छात्रावास में छात्रों की निर्धारित संख्या कुल 80 है। छात्रावासवार स्वीकृत सीट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। छात्रावासों में विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवास (पलंग, गादी, चादर, तकिया, कम्बल आदि सामग्री), पुस्तकालयय, छात्रावास में विद्यार्थियों को नि:शुल्क भोजन एवं आवास (पलंग, गादी, तकिया, कवर आदि सामग्री) पुस्तकालयय, प्रसाधन किट एवं उत्कृष्ट छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग एवं स्टेशनरी की राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। छात्रावासों में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। सामग्री क्रय के निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ