मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च-अप्रैल, 2020 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 20 मार्च, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
सेंधवा
अंतर्गत
संचालित सिंचाई
योजनाएं
[जल संसाधन]
1. ( *क्र. 788 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बड़वानी के विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत कितनी–कितनी सिंचाई योजनाएँ संचालित हैं तथा उनके द्वारा कितने-कितने हेक्टेयर में सिंचाई की जा रही है? योजनावार सिंचित रकबे की जानकारी से अवगत करावें एवं कितनी योजनाएँ निर्माणाधीन एवं कितनी योजनाएँ स्वीकृत हैं तथा कितनी योजनाएं स्वीकृति हेतु लंबित हैं? योजनाओं की नामवार जानकारी से अवगत करावेंl (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र सेंधवा का कृषि क्षेत्र हेतु कितना रकबा है? उसके विरुद्ध सिंचाई योजनाओं से कितना रकबा सिंचित किया जा रहा है? उसके प्रतिशत से अवगत करावेंl (ग) प्रश्नांक (ख) के अनुसार दर्शित सिंचित रकबे को और अधिक बढ़ाने हेतु क्या विभाग द्वारा कोई योजना प्रस्तावित की जा रही है? (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी बड़ी नदियाँ एवं कितने बड़े नाले निकल रहे हैं? उन पर विभाग द्वारा सिंचाई योजनाएँ क्यों प्रस्तावित नहीं की जा रही हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। कोई परियोजना स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। (ख) विकासखण्ड सेंधवा का निराबोया क्षेत्र 53,943 हेक्टर है। जल संसाधन विभाग द्वारा इस वर्ष 13094 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई की गई, जिसका प्रतिशत 24.27 है। (ग) वर्तमान में कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत डेब नदी, गोई नदी, अनेर नदी, कनेर नदी, इन्द्रावती नदी एवं टोरी नाला के अतिरिक्त अनेक नाले बहना प्रतिवेदित है। चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नागदा में जल एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम
[पर्यावरण]
2. ( *क्र. 1930 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1337, दिनांक 10.01.2020 द्वारा नागदा एवं उसके आसपास हो रहे जल एवं वायु प्रदूषण को लेकर जानकारी प्रमुख सचिव से चाही गई थी? प्रश्न दिनांक तक उत्तर नहीं दिये जाने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के बिन्दु क्रमांक 01 से 06 तक की जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जायेगी? (ग) प्रदूषण के उत्तरदायी औद्योगिक इकाइयों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। पत्र में चाही गई जानकारी अत्यंत विस्तृत स्वरूप की होने के कारण क्षेत्रीय कार्यालय, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उज्जैन से एकत्रित कराई गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नागदा स्थित औद्योगिक इकाइयों मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. (स्टेपल फाईबर डिवीजन), मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. (केमिकल डिवीजन) एवं मेसर्स लेक्सेस इंडिया प्रा.लि. के विरूद्ध न्यायालयीन वाद दायर किये गये हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही
[ऊर्जा]
3. ( *क्र. 1489 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के ट्रांसफार्मर कब-कब जले/खराब हुये तथा इनमें से किस-किस ट्रांसफार्मर को कब-कब बदला गया? स्थानवार, दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मरों को बदला जाना शेष है? शेष रहने का क्या कारण है? स्थानवार जानकारी देवें। (ग) ट्रांसफार्मर बदलने की क्या प्रक्रिया है? क्या इनके परिवहन का व्यय हितग्राहियों से लिया जाता है? 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर बदलने में कितनी राशि, किस मद से किस-किस एजेंसी/व्यक्ति को भुगतान की गई है? माहवार, मदवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक जले/खराब हुए 635 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 632 वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत कुल 3 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जला/खराब होने की दशा में उस ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरान्त इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है। उक्तानुसार पात्र होने पर शहरी क्षेत्रों में अधिकतम 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे मौसम में 3 दिन तथा वर्षा ऋतु में माह जुलाई से सितम्बर तक की अवधि में 7 दिन में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने के निर्देश हैं। वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने की दशा में उसको स्थापित स्थान से ले जाना और नवीन वितरण ट्रांसफार्मर के लाने की जवाबदारी विद्युत वितरण कंपनियों की है। विद्युत वितरण कंपनियों में इस कार्य हेतु वाहन उपलब्ध रहता है, जिसके माध्यम से उक्त कार्य सम्पादित कराया जाता है। विशेष परिस्थितियों में जब विद्युत वितरण कंपनी का वाहन उपलब्ध नहीं होता है, ऐसी दशा में फेल ट्रांसफार्मर के परिवहन हेतु संबंधित उपभोक्ता/ग्रामवासी द्वारा वाहन उपलब्ध कराने पर, उसे परिवहन कार्य हेतु परिवहन व्यय का भुगतान एम.पी. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के परिपत्र क्रमांक 158, दिनांक 05.03.2018 जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है, के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा उत्तरांश (क) में उल्लेखित ट्रांसफार्मरों को बदले जाने का कार्य कंपनी के स्वयं के संसाधनों से किया गया है, अतः किसी एजेन्सी/व्यक्ति को भुगतान नहीं किया गया है।
किसानों के खेतों में विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 118 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा किसानों को विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्य से उनके खेतों में विद्युत ट्रांसफार्मर रखने हेतु योजनायें संचालित हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, क्या इन योजनाओं में सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं में कितना-कितना अनुदान प्रदान किया जा रहा है? (ग) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन किसानों के खेतों में कौन-कौन सी योजनाओं से विद्युत ट्रांसफार्मर रखे गये हैं? योजनावार, ग्रामवार लाभान्वित कृषक के नाम एवं प्रदान की गई अनुदान की राशि सहित जानकारी प्रदान करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वर्तमान में शासन द्वारा किसानों को वितरण ट्रांसफार्मर रखकर पम्प कनेक्शन प्रदान करने की कोई योजना संचालित नहीं हैं। राज्य शासन द्वारा वितरण ट्रांसफार्मर रखकर पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु पूर्व प्रचलित ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' की अवधि योजना लागू करते समय दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि के पूर्ण होने पर उक्त योजना बन्द हुई है एवं इस योजना के बन्द होने के उपरान्त राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय के अनुसार प्रदेश में नवीन ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' आरंभ की गई है, जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में प्रचलित ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' के अंतर्गत कृषक द्वारा 7.5 अश्व शक्ति तक के पम्प कनेक्शन हेतु अंश राशि जमा करने पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार शेष राशि राज्यांश एवं केन्द्रांश से अनुदान के रूप में प्रदान करने का प्रावधान है। (ग) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से दिनांक 29.02.2020 तक मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजनान्तर्गत 176 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं, जिनसे लाभान्वित कृषकों को प्रदान की गई छूट की राशि सहित नामवार/ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
बाघिन नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1699 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में ग्राम खोरा एवं भदईया के ग्रामवासियों की समस्याओं से अवगत कराते हुए बाघिन नदी पर पुल निर्माण किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग म.प्र. भोपाल को भेजे गये पत्र क्रमांक 06 पन्ना, दिनांक 07.01.2020 पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु मण्डल ग्वालियर द्वारा मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण परिक्षेत्र भोपाल को प्रशासकीय स्वीकृति हेतु भेजे गये पत्र क्रमांक 1268/कार्य/23/2015 ग्वालियर, दिनांक 14.10.2019 के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त नदी पर पुल निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ग) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने से विभाग की किसी भी योजना में स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है, अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत करन्ट से हुई मृत्यु की क्षतिपूर्ति राशि का प्रदाय
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 1336 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत करेंट से मृत्यु एवं घायल जन की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत किये जाने के शासन ने क्या-क्या नियम बनाए हैं? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएँ कि टीकमगढ़ जिले में विद्युत करेंट लगने से जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां कब-कब किस-किस की मृत्यु हुई है? नाम, पिता/पति, जाति, पता सहित बताएँ। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएँ कि प्रश्न दिनांक तक विद्युत एवं राजस्व विभाग द्वारा इसमें से किस-किस को कब-कब कितनी-कितनी राशि की सहायता दी जा चुकी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएँ कि जिनकी मृत्यु हुई थी, उनके उत्तराधिकारी को सहायता राशि स्वीकृत हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब से किस कार्यालय में फाईल लंबित रखी है। ऐसे केसों का निराकरण कर दिया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) राजस्व विभाग, म.प्र. शासन द्वारा जारी राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-6, क्रमांक-4 (आर.बी.सी. 6-4) की कंडिका-2, 5 (1) एवं 6 (1) जो कि क्रमश: दुर्घटना में पशु हानि होने पर, व्यक्ति के मृत होने पर एवं शारीरिक अंग हानि होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि के भुगतान के संबंध में है, में निर्धारित किए गए प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत दुर्घटना में पीड़ित परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। तद्नुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आर्थिक अनुदान सहायता राशि दिये जाने से संबंधित बनाए गए नियमों/जारी किये गये निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 68 घातक विद्युत दुर्घटनायें घटित हुईं हैं, जिनकी प्रश्नावधि चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन विद्युत दुर्घटनाओं में मृतक के परिवार के सदस्य/निकटतम वारिस को प्रदान की गई आर्थिक अनुदान सहायता की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन विद्युत दुर्घटनाओं में लागू नियमों के अनुसार प्रकरण पात्र/पूर्ण पाये जाने पर संबंधित को अनुदान राशि प्रदान कर दी गई है। अत: अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
सारणी महाविद्यालय के प्राचार्य पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
7. ( *क्र. 1694 ) श्री सुनील सराफ : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 4212, दिनांक 25.07.2019 के (क) उत्तर में बताया गया है कि विभाग के पत्र क्रमांक 1374/2126/2017/38-1, दिनांक 19.07.2017 द्वारा प्राचार्य को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है? प्रश्न दिनांक तक किये गये समस्त पत्र व्यवहार की जानकारी देवें। (ख) क्या कारण है कि 2.5 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस जांच प्रतिवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ग) जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही न करने, संबंधित व्यक्ति को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें की शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) जांच प्रतिवेदन के अनुसार प्राचार्य पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संबंधित को पत्र क्र. 1374/2126/2017/38-1, दिनांक 19.07.2017 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। प्राप्त जवाब संतोषप्रद नहीं होने से संबंधित के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही अंतर्गत आरोप पत्र जारी किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभागीय जांच की कार्यवाही अंतर्गत नियमानुसार उचित कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
8. ( *क्र. 1765 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मनावर विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय की मंजूरी देने के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र सं. 649/एम.पी.-एम.एल.ए./2019, दिनांक 19 सितंबर, 2019 एवं माननीय उच्च शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग पत्र सं. 653/एम.पी.-एम.एल.ए./2019, दिनांक 19 सितंबर, 2019 को लिखा गया? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त पत्र के प्रस्तावित बिंदुओं के अनुसार मनावर विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय की मंजूरी के लिए उच्च शिक्षा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ग) प्रदेश में राज्य शासन द्वारा महाविद्यालय की मंजूरी के लिए क्या मानक एवं नियम, निर्देश, शर्त स्थापित किए गए हैं? यदि कोई मानक, नियम, शर्त स्थापित नहीं किए गए तो कारण बताएं। प्रदेश के अन्य शासकीय महाविद्यालयों को किन मानक, नियम, शर्त के अधीन स्थापित किया गया है? (घ) आदिवासी अंचल–धार, झाबुआ, बड़वानी, अलीराजपुर, खरगोन एवं खण्डवा जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में ग्रेजुएट एवं पोस्ट-ग्रेजुएट प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले कितने आवेदक प्रवेश से वंचित रह गए? तहसीलवार, श्रेणीवार पृथक-पृथक सूची उपलब्ध कराएं।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। महाविद्यालय की मंजूरी के लिये नियम, निर्देश स्थापित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 1434 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अति. परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. ग्वालियर द्वारा दिनांक 27.01.2020 पत्र क्रमांक एफ-4/2019/परफारमेंस गारन्टी/सा./ए.पी.डी./पी.आई.यू./314 में एन.के. बाथम (तात्कालीन संभागीय परियोजना यंत्री, लो.नि.वि., पी.आई.यू., टीकमगढ़) द्वारा नियम विरूद्ध परफारमेंस गारन्टी की राशि समय से पूर्व जारी करने का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या मंत्री जी सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 (2) का उल्लंघन कर रहे अधिकारी पर जांच कार्यवाही पूर्ण होने तक टीकमगढ़ जिले से अन्यत्र संलग्न करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उक्त अधिकारी द्वारा लोक निर्माण विभाग (भ/स), टीकमगढ़ के कार्यपालन यंत्री के पदभार के पश्चात् किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितनी विभागीय सामग्री क्रय की गई? (निविदा आमंत्रण से भुगतान तक की समस्त कार्यवाही की प्रतियाँ वांछनीय) (घ) विगत तीन वर्षों में लोक निर्माण विभाग (भ/स) एवं पी.आई.यू. मध्यप्रदेश में सागर संभाग अन्तर्गत ऐसे कितने प्रकरण आये हैं, जिनमें परफारमेंस गारन्टी अवधि समाप्त होने के पूर्व ठेकेदार के पक्ष में राशि जारी कर दी गई है? (ड.) उक्त अधिकारी द्वारा संभागीय परियोजना यंत्री लो.नि.वि. पी.आई.यू. टीकमगढ़ एवं कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. टीकमगढ़ के पद पर रहते हुऐ समयावधि से पूर्व कितने कार्यों की परफारमेंस गारन्टी जारी कर दी गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, इस संबंध में श्री बाथम का स्पष्टीकरण चाहा गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) स्पष्टीकरण का उत्तर अभी प्राप्त नहीं हुआ है एवं अन्य कार्य की परफारमेंस गारंटी भी तत्कालीन संभागीय परियोजना यंत्री द्वारा परफारमेंस गारंटी की अवधि खत्म होने के पहले ही जारी की गई, जिसकी जांच प्रक्रियाधीन है, अतः वर्तमान में कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. मध्यप्रदेश सागर संभाग के अंतर्गत टीकमगढ़ जिले में 04 नग प्रकरण पाये गये हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
त्योंथर उद्वहन सिंचाई परियोजना अंतर्गत माइनरों का निर्माण
[जल संसाधन]
10. ( *क्र. 1496 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्योंथर उद्वहन सिंचाई परियोजना में कुल कितने माइनर (वितरिकायें) स्वीकृत हैं? उनके नाम तथा प्रत्येक के कमांड एरिया में आने वाले ग्रामों के नाम सहित लाभान्वित कृषि भू-भाग की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (ख) में वर्णित माइनर (वितरिकाओं) में से किन-किन का कार्य पूर्ण है? कितनों का कार्य अपूर्ण है तथा कितनी वितरिकाओं का कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है? (ग) उपरोक्त अपूर्ण माइनर (वितरिकाओं) का कार्य अब तक पूर्ण न होने का क्या कारण है? उपरोक्त कार्य कब तक पूर्ण किए जायेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) त्योंथर उदवहन सिंचाई योजना के अंतर्गत फेस-I एवं फेस-II में स्वीकृत माईनरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) फेस-I के अंतर्गत स्वीकृत माईनर नहरों के कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित हैं। फेस-II अंतर्गत माईनर क्रमांक-9 का विस्तार कार्य प्रारंभ है। माईनर क्रमांक-12 के विस्तार एवं माईनर क्रमांक-13 के कार्य भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत प्रारंभ किया जाना संभव होगा। (ग) फेस-II अंतर्गत अपूर्ण माईनरों का कार्य भू-अर्जन एवं खेतों में फसल खड़ी होने के कारण पूर्ण नहीं होना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शहडोल व रीवा में कार्यों को री-शेड्यूल किये जाने की जांच
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 201 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं रीवा राजस्व संभाग में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता किस-किस स्थान पर पदस्थ हैं? दिनांक 01.04.2018 से प्रश्नतिथि तक किस-किस स्थान पर पदस्थ हैं? दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मुख्य अभियंता कार्यालय के द्वारा, अपने अधीनस्थ किस नाम एवं स्थान वाले कार्यपालन यंत्रियों (बी. एण्ड आर.) के किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत एन.आई.टी की दर से दस प्रतिशत से ज्यादा की राशि को एक्सटेंड (री-शेड्यूल) किया गया? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुख्य अभियंता कार्यालयों की अनुमति के बगैर किस-किस अधीक्षण यंत्रियों एवं कार्यपालन यंत्रियों के द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किन-किन बी. एण्ड आर. के कार्यों को स्वीकृत एन.आई.टी. की दर से दस प्रतिशत से ज्यादा कितने दर पर री-शेड्यूल (कार्य का एक्सटेंशन) किया गया? माहवार/वर्षवार/कार्यवार/कितने प्रतिशत कार्य बढ़ाया गया वार/स्थलवार/स्वीकृत एन.आई.टी. की दर वार जानकारी दें? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (ग) क्या स्वीकृत एन.आई.टी. की दर से 10 प्रतिशत से ज्यादा की दर री-शेड्यूल (कार्य का एक्सटेंशन) की जा सकती है? अगर हाँ तो नियमों की एक प्रति देते हुए बतायें कि किस सक्षम कार्यालयों की अनुमति के बाद? (घ) राज्य शासन किस-किस मुख्य अभियंता/अधीक्षण/कार्यपालन यंत्रियों को प्रश्नांश (क) (ख) में की गई अनियमितताओं पर कब तक निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) शहडोल व रीवा राजस्व संभाग में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता रीवा में पदस्थ हैं। दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक रीवा परिक्षेत्र कार्यालय में ही पदस्थ हैं। दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक अधीनस्थ कार्यपालन यंत्रियों को स्वीकृत एन.आई.टी. की 10 प्रतिशत से ज्यादा राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं '1' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ, नियमों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वर्तमान में प्रकरण परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत गुण दोषों के आधार पर नियमानुसार निर्णय लिया जा सकेगा।
शास. महाविद्यालय चंदला में स्वीकृत/भरे/रिक्त पदों की संख्या
[उच्च शिक्षा]
12. ( *क्र. 1604 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के शासकीय महाविद्यालय चंदला में श्ौक्षणिक एवं अशैक्षणिक के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे हैं तथा कितने रिक्त हैं? भरे गये पदों की भर्ती का प्रकार एवं दिनांक सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त महाविद्यालय के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? हाँ या नहीं। यदि नहीं, तो उक्त कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त महाविद्यालय में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? संकाय एवं विषयवार सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या उक्त महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को शासन की हितग्राही योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो लाभांवित विद्यार्थियों की सत्र 2019-20 की नाम एवं राशिवार सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था हेतु क्या कक्ष, फर्नीचर तथा पुस्तकालय में पुस्तकें पर्याप्त हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जिला छतरपुर के शासकीय महाविद्यालय चंदला में शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत कुल स्वीकृत पद 09, कार्यरत 03 तथा 06 पद रिक्त हैं एवं अशैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत कुल स्वीकृत पद 10 कार्यरत 01 तथा 09 पद रिक्त हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) कला संकाय-प्रथम वर्ष 322, द्वितीय वर्ष 240 तथा तृतीय वर्ष 222, कुल 784 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। लाभान्वित विद्यार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। पर्याप्त है।
केवटन नदी पर केशरी बैराज का निर्माण
[जल संसाधन]
13. ( *क्र. 1050 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के विकासखण्ड बासौदा में राज्य शासन द्वारा केवटन नदी पर केशरी बैराज स्वीकृत है? यदि हाँ, तो इस बैराज के निर्माण के लिए कितनी राशि स्वीकृत है तथा इससे किन-किन ग्रामों की कितनी हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी? इस बैराज की लंबाई भी बतावें। (ख) क्या उक्त बैराज निर्माण के टेंडर हुए हैं? यदि हाँ, तो कितनी बार? क्या टेंडर होकर बार-बार निरस्त हो रहे हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें? (ग) क्या उक्त बैराज के टेंडर बावत् प्रश्नकर्ता ने ई.एन.सी. जल संसाधन विभाग म.प्र. भोपाल को पत्र क्र. 216, दिनांक 06.06.2019 एवं मान. जल संसाधन मंत्री को पत्र क्र. 17, दिनांक 14.01.2020 के माध्यम से आग्रह किया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। केशरी बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.07.2018 को रू. 1172.07 लाख की 981 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई। परियोजना से डिडोली, खरपरी, आकाडोडा एवं कथरी ग्राम लाभांवित होना प्रावधानित है। बैराज की लंबाई 181.20 मीटर है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन कार्य की निविदा आमंत्रण सूचना एक बार जारी कर निरस्त की गई। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। दिनांक 06.07.2019 को केशरी बैराज के निर्माण हेतु राशि रू. 1095.00 लाख की निविदा पोर्टल पर प्रसारित कर निरस्त की गई।
त्योंथर तहसील में लोनी बांध का निर्माण
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 594 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के त्योंथर तहसील अंतर्गत प्रस्तावित जल बहाव बाणसागर योजना नहर को लोनी बांध तक जोड़े जाने एवं लोनी बांध का गहरीकरण व जीर्णोद्धार का कार्य शासन द्वारा स्वीकृत किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या लोनी बांध के गहरीकरण व जीर्णोद्धार कार्य कराये जाने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या मुख्य नहर को भुआरा इंदौर होते हुए चन्द्रपुर पनासी तक बढ़ाये जाने व मुख्य नहर से माइनर व सब माइनर नहर निकाले जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? क्या दो वर्ष पूर्व ठेकेदार को राशि का भुगतान किया गया था? यदि हाँ, तो कब-कब और कितना? सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या ठेकेदार द्वारा राशि आहरित किये जाने के बाद भी नहरों का निर्माण कार्य नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो संबंधित दोषियों पर कब-कब और क्या कार्यवाही की गई? सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) लोनी बांध के जीर्णोद्धार के कार्य का प्रस्ताव परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात् कार्य प्रारंभ कराया जाना संभव होगा। ठेकेदार को अभी तक कोई भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) नहरों का निर्माण कार्य कराए बिना किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
छात्रों को स्मार्ट फोन का वितरण
[उच्च शिक्षा]
15. ( *क्र. 622 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले सत्र में प्रश्नकर्ता के प्रश्न के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बावजूद कॉलेज छात्रों को अब तक उच्च गुणवत्ता वाले स्मार्ट फोन का वितरण क्यों नहीं हुआ? छात्रों को फोन कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे? (ख) क्या पिछले वर्षों में सरकार द्वारा वितरित स्मार्ट फोन की गुणवत्ता की जांच करा ली गई है? यदि हाँ, तो जांच की क्या रिपोर्ट आई है और उस पर सरकार ने क्या कार्यवाही की है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) सत्र जुलाई 2019 में प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के प्रश्न क्र. 2804 के संदर्भ में स्मार्ट फोन की गुणवत्ता की जांच कराये जाने के संबंध में ''आपकी भावनाओं के अनुरूप होगा, जांच होगी'' का आश्वासन दिया गया था। जांच प्रतिवेदन वर्तमान में परीक्षणाधीन है, वर्तमान में स्मार्ट फोन वितरण के संबंध में समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण
[उच्च शिक्षा]
16. ( *क्र. 705 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार में कई वर्षों से सेवा दे रहे अतिथि विद्वान सरकार की नियमितीकरण वादाखिलाफी के कारण राजधानी भोपाल में कई महीनों से धरना दे रहे थे? (ख) क्या प्रदेश सरकार द्वारा फालन आउट कर लगभग 2700 से अधिक अतिथि विद्वानों को नियमितीकरण के बजाए बेरोजगार कर दिया है? (ग) क्या उमरिया में पदस्थ अतिथि विद्वान स्व. संजय कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? (घ) सरकार अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की कार्यवाही कब तक पूर्ण करेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) अतिथि विद्वान अपनी विभिन्न मांगों के साथ धरना दे रहे हैं, परंतु नियमितीकरण वादाखिलाफी का प्रश्न वर्तमान में उपस्थित नहीं होता। (ख) विदित नियमानुसार नियमित पदस्थापना के उपरांत उक्त पद पर कार्यरत अतिथि विद्वान को फालन आउट किया गया है तथा फालन आउट अतिथि विद्वान को अन्य महाविद्यालय में रिक्त पद पर आमंत्रित करने की कार्यवाही सतत् है। अतः बेरोजगार किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रचलित नियमों एवं न्यायालयीन निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण एवं अभिमत के लिये प्रकरण कर्मचारी आयोग को प्रेषित किया गया है।
क्षिप्रा नदी को प्रदूषणमुक्त किया जाना
[जल संसाधन]
17. ( *क्र. 1012 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कान्ह का गंदा पानी राघौपिपलिया स्टॉप डेम से ओवरफ्लो होकर त्रिवेणी घाट से नरसिंह घाट, रामघाट, मंगलनाथ घाट, भैरवगढ़ पल से आगे तक प्रदूषित काला पानी फैलने का समाचार प्रकाशित हुआ था? इस मामले में कितने आई.ए.एस. अधिकारियों पर F.I.R. दर्ज हुई? (ख) किन-किन अफसरों के कार्यकाल में कान्ह डायवर्सन का कार्य किया गया और किस लापरवाही और उदासीनता के कारण आई.ए.एस. अफसरों पर F.I.R. हुई? (ग) क्या प्रश्न क्रमांक 1600, दिनांक 20.12.2019 में प्राप्त उत्तर के दृष्टिगत क्षिप्रा नदी के पानी के प्रदूषण में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है? क्या क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सिंहस्थ 2016 को ध्यान में रखकर कोई प्रयास करने के लिए योजनाएँ नहीं चलाई गयी? यदि चलाई गयी तो प्रश्न दिनांक तक 5 वर्ष पूरे होने के बाद भी क्षिप्रा नदी प्रदूषण मुक्त क्यों नहीं हो रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऑफलाईन/ऑनलाईन टेण्डर जारी करने की गाईड लाईन
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 1377 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑफलाईन और ऑनलाईन टेण्डर जारी करने की क्या गाईड लाईन है? क्या 2 लाख रूपये से अधिक राशि वाले कार्यों की ऑफलाईन निविदा जारी की जा सकती है? यदि हाँ, तो बतावें। (ख) क्या किसी विशेष ठेकेदार या स्वयं को लाभ दिये जाने की मंशा से कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग टीकमगढ़ संभाग टीकमगढ़ द्वारा संक्षिप्त निविदा आमंत्रण सूचना क्रमांक 12/2019-20/टे.लि. टीकमगढ़ दिनांक 01.02.2020 निविदा कार्य की लागत एक करोड़ बत्तीस लाख रूपये ऑफलाईन निविदा निकाली गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निविदा निर्धारित गाईड लाईन के अंतर्गत है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निविदा यदि निर्धारित गाईड लाईन के अंतर्गत नहीं है, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है तथा उत्तरदायी अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। म.प्र. शासन लो.नि.वि. मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 602/706/19/यो, दिनांक 13.02.2020 से अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार है। ए.डी.बी. वित्त पोषित परियोजना एम.पी.डी.आर. II एस.पी. में ए.डी.बी. द्वारा ऑफलाईन निविदा आमंत्रण प्रक्रिया को अनुमोदित किया गया था। अत: ए.डी.बी. वित्त पोषित परियोजना एम.पी.डी.आर.II एस.पी. के अंतर्गत पैकेजों की निविदाएं ऑफलाईन आमंत्रित की जा रही हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों से राशि की वसूली
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 314 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 565, दिनांक 20.12.2019 के उत्तर में संलग्न प्रपत्रों में दी गई जानकारी में संभाग के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण बावत् वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक के दौरान कब-कब कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई, वर्षवार, मार्गवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण बावत् कार्यादेश संभाग के अंतर्गत किन-किन संविदाकारों एवं ठेकेदारों को अनुबंध की किन शर्तों पर दिये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में संलग्न प्रपत्रों में जिन मार्गों के निर्माण बावत् प्राक्कलन तैयार कर वरिष्ठ कार्यालयों को भेजे जाने की जानकारी दी गई है, उनमें से कितने कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत उपरांत कार्यादेश कब, किन संविदाकारों को किन शर्तों पर कितने अवधि पर कार्य पूर्ण करने हेतु दिये गये? साथ ही संलग्न प्रपत्र अनुसार जिन संविदाकारों द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं किये उन किन संविदाकारों के ऊपर कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई? प्रपत्रों में दी गई जानकारी अनुसार किन जिलों की कितनी रोडों/मार्गों की शिकायतें लंबित हैं, उन पर जांच उपरांत कार्यवाही की स्थिति क्या है? जांच की प्रति देते हुये बतावें। अगर जांच पूरी नहीं हुई तो उन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) अनुसार कार्यों की गुणवत्ता की जांच न करने, अनुबंध अनुसार कार्य न होने, मार्गों के क्षतिग्रस्त होने, मौके पर कार्य न कर फर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि आहरित करने एवं करवाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ','ब' एवं 'स' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (घ) कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लैक्सेस इण्डस्ट्री प्रायवेट लिमिटेड में उत्पादन विस्तार
[पर्यावरण]
20. ( *क्र. 1034 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित लैंक्सेस इण्ड.प्रा.लि. द्वारा उत्पादन विस्तार हेतु कोई प्रस्ताव पर्यावरण विभाग की मंजूरी हेतु दिया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान उत्पादन क्षमता से कितने प्रतिशत क्षमता का विस्तार प्रस्तावित है? (ख) उपरोक्त विस्तार से होने वाले जल प्रदूषण हेतु वर्तमान ई.टी.पी. की क्षमता को कितने प्रतिशत बढ़ाया जाना प्रस्तावित है? (ग) विस्तार से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु क्या उपाय किए जाने प्रस्तावित हैं? (घ) विस्तार से होने वाले खतरनाक अपशिष्ट की मात्रा में कितना-कितना विस्तार होगा तथा उसके निस्तारण की क्या व्यवस्था होगी? (ड.) विस्तार के कारण कितने स्थानीय नागरिकों को रोजगार मिलने की संभावना है? क्या यह संख्या वर्तमान में नियोजित संख्या के अनुसार किए जा रहे विस्तार समान अनुपात में है? यदि नहीं, तो शासन स्तर पर इस हेतु उद्योगों से कोई आश्वासन दिया गया है या लिए जाने का कोई प्रस्ताव है? (च) लैंक्सेस इण्ड. लिमि. में अत्यंत खतरनाक श्रेणी के रसायनों का निर्माण होता है और क्षमता विस्तार से नागदा एवं आस-पास के क्षेत्र में खतरा बढ़ने की संभावना के मद्देनजर विस्तार में क्या सावधानी रखने का प्रस्ताव है? (छ) विस्तारीकरण के कारण लगने वाली अतिरिक्त जल की मात्रा का प्रबंध किस प्रकार से किया जाना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) से (छ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अटेर विधान सभा क्षेत्र में ग्राम/मजरे टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 1856 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण हेतु राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, पं. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, फीडर विभक्तीकरण योजना, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत भिण्ड जिले की अटेर विधान सभा क्षेत्र में सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? ग्राम/मजरे-टोले एवं उनमें कनेक्शनों की संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या अटेर विधान सभा क्षेत्र में सभी ग्राम/मजरों-टोलों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो इतनी योजनायें होने के उपरांत भी कितने ग्राम एवं उनके मजरे-टोले विद्युतविहीन हैं? संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने मजरे टोले हैं, जिनमें विद्युत लाईन बिछी है, लेकिन घरों में मीटर नहीं लगे हैं? ऐसे कितने मजरे टोले हैं, जिनमें विद्युत लाईन बिछी है, मीटर भी लगे हैं, लेकिन महीनों से विद्युत कनेक्शन नहीं किये हैं, फिर भी हर माह विद्युत के बिल भेजे जा रहे हैं? (तीनों केटेगिरी की ग्राम एवं मजरे-टोलेवार संख्यात्मक जानकारी दें) (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त कारणों के लिये उपरोक्त योजनाओं में ठेकेदारों के द्वारा उपभोक्ताओं से अनैतिक मांग करना है या विभागीय उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री के द्वारा सही रूप से मॉनिटरिंग न करना है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, भिण्ड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण हेतु 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, फीडर विभक्तीकरण योजना एवं प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अंतर्गत प्रावधानित कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उक्त योजनाओं में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युतीकृत/सघन विद्युतीकृत किए गए ग्रामों/मजरों/टोलों की सूची एवं उनमें प्रदाय किये गये विद्युत कनेक्शनों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स', 'द' एवं 'ई' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अटेर विधानसभा क्षेत्र में सभी चिन्हित राजस्व ग्रामों/मजरों/टोलों का विद्युतीकरण विभिन्न योजनाओं में पूर्ण किया जा चुका है, किन्तु 27 नई बसाहटें खेतों में या आबादी से दूर स्थित होने के कारण विद्युतविहीन हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न योजनाओं में सम्मिलित समस्त ग्रामों/मजरों/टोलों में दिये गये विद्युत कनेक्शनों पर मीटर लगाये गये हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर मीटर खराब होने/जलने/उपभोक्ता द्वारा निकाल लिये जाने के कारण निरीक्षण के दौरान मीटर स्थापित नहीं पाये जाने पर उन्हें बदलने/स्थापित करने की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया के तहत नियमित रूप से की जा रही है। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य बिन्दुओं संबंधी कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है और न ही इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई, अतः तत्संबंधी जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित बिन्दुओं के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता तथापि तत्संबंध में यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो जाँचोपरान्त नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
कटनी जिलांतर्गत संचालित महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
22. ( *क्र. 1985 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कहां-कहां, कौन-कौन से महाविद्यालय संचालित हैं? इनमें स्वीकृत संकाय व पद संरचना के तहत कौन-कौन से कितने पद भरे/रिक्त हैं? किन-किन महाविद्यालय में नियमित प्राचार्य पदस्थ नहीं हैं? रिक्त पदों की पद पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? महाविद्यालयवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के बैठने के लिए पर्याप्त कमरे, संसाधन, लेब, पुस्तकालय, खेल सामग्री, अन्य बुनियादी सुविधाएं नहीं है एवं क्यों? इस संबंध में शासन की क्या योजना है? (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान समय में किन-किन महाविद्यालयों में कौन-कौन सी कक्षाओं में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? इन महाविद्यालयों के उन्नयन, विस्तारीकरण व नवीन संकाय खोलने तथा बहोरीबंद व स्लीमनाबाद में विज्ञान संकाय खोलने हेतु शासन ने क्या योजना बनाई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या शासन रीठी तहसील निवासियों की वर्षों पुरानी मांग के अनुरूप यहाँ पर शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) कटनी जिला अंतर्गत 10 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। सभी महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्य पदस्थ हैं। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। सीमित संसाधनों के कारण सुविधाएं विकसित करने में कठिनाई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन संकाय खोलने में कठिनाई है। (घ) जी नहीं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन महाविद्यालय खोलने में कठिनाई है।
रीवा सोलर पॉवर प्लांट से उत्पादित बिजली
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
23. ( *क्र. 1692 ) श्री संजय उइके : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा में विश्व का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट स्थापित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इससे उत्पन्न हो रही बिजली राज्य को मिल रही है? (ग) यदि नहीं, तो उत्पादित बिजली का उपभोक्ता कौन है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी नहीं, अपितु रीवा परियोजना विश्व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। (ख) परियोजना से उत्पन्न बिजली राज्य को मिल रही है। (ग) परियोजना से उत्पादित 750 मेगावाट क्षमता बिजली में से 651 मेगावाट बिजली राज्य की विद्युत वितरण कंपनी की ओर से म.प्र. पॉवर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को तथा 99 मेगावाट बिजली दिल्ली मेट्रो कंपनी को विक्रय की जा रही है।
विकासखण्ड जवा अंतर्गत विद्युतीकरण कार्यों को पूर्ण किया जाना
[ऊर्जा]
24. ( *क्र. 832 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि जवा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत घूमन, ग्राम पंचायत जनकहाई के सोनापोखर, ग्राम पंचायत बड़ाछ के झिन्ना एवं ग्राम पंचायत पटेहरा के लोहारन टोला में छूटे हुए स्थानों को चिन्हित कर प्रश्नकर्ता के कार्यालय के पत्र क्रमांक 782, दिनांक 16.07.2018 पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में चिन्हित स्थलों पर कब तक विद्युतीकरण कार्य करा दिया जावेगा? (ग) विद्युतीकरण कार्य में लगातार शिथिलता आने का क्या कारण है? विभाग के द्वारा जवा विकासखण्ड के समस्त ग्रामों का पुनः सर्वे करा कर छूटी हुई बस्तियों एवं टोलों मजरों में विद्युतीकरण कार्य कब तक कराया जा सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 782, दिनांक 16.07.2018 में उल्लेखित ग्राम पंचायत घूमन के कैलाशपुरी नहीं अपितु ग्राम खांधू के बिछिया टोले में विद्युतीकरण का कार्य वन विभाग की अनुमति अपेक्षित होने के कारण अपूर्ण है। उक्त विद्युतीकरण कार्य हेतु 25 के.व्ही.ए. क्षमता के एक वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 1.30 कि.मी. निम्न दाब लाईन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने पर 0.28 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन का कार्य पूर्ण कर उक्त टोले का विद्युतीकरण किया जाना संभव हो सकेगा। ग्राम पंचायत घूमन के वार्ड क्रमांक 06 में निम्नदाब लाईन की केबिल दिनांक 15.07.2019 को जल गई थी, जिसे दिनांक 20.08.2019 को आवश्यक सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू कर दिया गया है। ग्राम पंचायत जनकहाई के सोनापोखर टोला में 0.30 कि.मी. निम्नदाब लाईन विस्तार का कार्य माह मई 2019 में पूर्ण कर 2 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। ग्राम पंचायत बड़ाछ के झिन्ना टोला में 1.0 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन विस्तार, 25 के.व्ही.ए. क्षमता के एक वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 0.30 कि.मी. निम्नदाब लाईन विस्तार का कार्य माह मई 2019 में पूर्ण कर 8 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। ग्राम पंचायत पटेहरा के लोहारन टोला में 1.50 कि.मी. निम्नदाब लाईन का विस्तार कार्य माह मई 2019 में पूर्ण कर 25 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। उक्तानुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नाधीन पत्र पर कार्यवाही कर विद्युतीकरण कार्य करवाये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम पंचायत घूमन के ग्राम खांधू के बिछिया टोले में वन विभाग की अनुमति उपरान्त दिनांक 31.05.2020 तक कार्य पूर्ण किया जाना संभावित है तथा प्रश्नाधीन शेष चिन्हित स्थलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण करा दिया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा इंगित विद्युतीकरण के कार्य तत्परता पूर्वक किये गये/किये जा रहे हैं, अतः प्रश्न नहीं उठता। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्व में लागू योजनाओं के प्रावधानों/दिशा-निर्देशों के अनुरूप विद्युतीकरण के कार्य किये गये हैं तथापि जवा विकासखण्ड की अन्य नवीन निर्मित बसाहटों सहित संज्ञान में आए शेष आबाद क्षेत्रों में विद्युतीकरण का कार्य तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धतानुसार भविष्य में किया जायेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिसंकटमय अपशिष्ट का परिवहन
[पर्यावरण]
25. ( *क्र. 1973 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1631, दिनांक 20 दिसम्बर, 2019 के संदर्भ में बतावें कि बोर्डिया केमिकल्स का परिसंकटमय अपशिष्ट जिन उद्योगों, व्यापारियों तथा केरियर्स ट्रांसपोर्टस ने उठाया (दी गई सूची अनुसार) वह कानूनी रूप से वैध था तथा अनुमति प्राप्त कर उठाया था? यदि नहीं, तो परिसंकटमय अपशिष्ट उठाने वालों पर आपराधिक प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया? (ख) प्रश्नाधीन परिसंकटमय अपशिष्ट से रतलाम शहर के कितने वार्ड, औद्योगिक क्षेत्र तथा कौन-कौन से गांव का भूमिगत जल प्रभावित है? प्रभावित कुल क्षेत्रफल तथा कुल जनसंख्या बतावें तथा जानकारी दें कि 7 गांव तथा 1442 हेक्टेयर जमीन का उल्लेख किस सर्वे पर किया गया वह दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नाधीन अपशिष्ट का सुरक्षित तरीके से भंडारण किया गया है? यदि नहीं, तो उससे बीस वर्षों में मानव स्वास्थ्य, जमीन एवं पर्यावरण पर हुये प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) के प्रश्न अनुसार जिन्होंने अपशिष्ट उठाया उनका पता, उठाये गये अपशिष्ट की मात्रा, दिनांक तथा उपयोग किस उत्पाद में किया गया? आदि संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मेसर्स बोर्डिया केमिकल लि. का परिसंकटमय अपशिष्ट का परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर द्वारा बोर्ड से परिसंकटमय अपशिष्ट (प्रबंधन एवं हथालन) नियम-1989 यथा संशोधित नियम-2003 में परिसंकटमय अपशिष्ट ट्रांसपोर्ट करने हेतु पृथक से प्राधिकार प्राप्त करने का प्रावधान नहीं होने के कारण बोर्ड से प्राधिकार प्राप्त नहीं किया गया था इसलिये परिसंकटमय अपशिष्ट परिवहनकर्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं पर पृथक से न्यायालयीन वाद दायर करने की आवश्यकता नहीं थी। (ख) मेसर्स बोर्डिया केमिकल लि. का कोई परिसंकटमय अपशिष्ट परिसर में विद्यमान नहीं है। प्रश्नाधीन उद्योग के आसपास के गांव के भूमिगत् जल स्त्रोत प्रभावित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन मेसर्स बोर्डिया केमिकल लि. का परिसंकटमय अपशिष्ट दिनांक 22.05.2008 के पूर्व ही स्थल से उठाया जा चुका था, अतः वर्तमान में अपशिष्ट भण्डारित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
ट्रांसफार्मर
क्षमता
वृद्धि के
संबंध में
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 10 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं बरेली संभाग में कितने ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं? मांग अनुसार कितने ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त ट्रासंफार्मर लगाये जाना आवश्यक है तथा कब तक लगाये जायेंगे? (ख) अस्थायी पम्प कनेक्शनों को स्थायी पम्प कनेक्शन में परिवर्तित करने हेतु शासन की क्या-क्या योजनाये हैं तथा किसानों को इस हेतु क्या-क्या करना पड़ता है? रायसेन एवं बरेली संभाग में फरवरी 2020 की स्थिति में कितने अस्थायी पम्प कनेक्शन हैं? इनकों कब तक स्थायी कर दिया जायेगा? (ग) क्या रायसेन एवं बरेली संभाग में 48 फीडरों के विभक्तिकरण कार्य अपूर्ण तथा अप्रांरभ हैं? यदि हाँ, तो क्यों तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा। (घ) रायसेन एवं बरेली संभाग में वोल्टेज समस्या के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) रायसेन वृत्त के अंतर्गत रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग में 24 एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग में 5 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में आवश्यकतानुसार रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग में 12 एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग में 3 इस प्रकार कुल 15 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि तथा रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग में 12 एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग में 2 इस प्रकार कुल 14 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्यों को अनुमोदित किया गया है। वित्तीय उपलब्धतानुसार ऐसे ही अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में प्रश्नाधीन नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना/विद्यमान वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों में कोई भी पावर ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है। (ख) अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने हेतु वितरण कंपनी द्वारा 45 मीटर की दूरी तक के अस्थाई पंप कनेक्शन के आवेदकों से 5 रू. आवेदन शुल्क की राशि प्राप्त कर, स्थाई कनेक्शन प्रदान किये जाते है। कनेक्शन प्रभार/सुरक्षा निधि की राशि रू. 1500/- एवं अनुबंध प्रभार की राशि रू. 500/- उपभोक्ता के प्रथम देयक में जोड़ दी जाती है। इस हेतु कृषकों को ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर निर्धारित आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करना होती है। फरवरी 2020 की स्थिति में संचालन एवं संधारण संभाग रायसेन में 1586 एवं संचालन एवं संधारण संभाग बरेली संभाग में 220 अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन है। उक्तानुसार विद्यमान विद्युत लाईनों से 45 मीटर की परिधि वाले प्रकरणों में कृषकों से आवेदन प्राप्त होने पर तकनीकी साध्यता एवं आवेदक द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने पर स्थाई पंप कनेक्शन प्रदान करने की कार्यवाही की जा सकेगी। जिन अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई करने में लाईन विस्तार आवश्यक है, उनके कार्य कृषक स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (OYT) के अंतर्गत ऑनलाईन पोर्टल पर आवेदन कर, लाईन विस्तार का कार्य नियमानुसार स्वयं संपादित करवा सकते हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन अस्थाई पम्प कनेक्शनों को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों में पूर्व में 48 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ था वर्तमान में इनमें से 1 फीडर का कार्य दिनांक 11.12.2019 को पूर्ण हो चुका है तथा 19 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य प्रगति पर है जिसे शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास है। शेष 28 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों के अंतर्गत वोल्टेज समस्या के निराकरण हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में 11 के.व्ही. केपेसिटर बैंक की स्थापना तथा कैपेसिटर बैंकों की क्षमता वृद्धि के कार्य कराए गए हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन अनुमति एवं विद्युत पोल की समस्या
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 11 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में लोक निर्माण विभाग एवं एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुलों तथा अन्य कार्यों में वन विभाग की अनुमति तथा विद्युत तार एवं पोल हटवाने की समस्या है? (ख) उक्त कार्य स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त समस्याओं के निराकरण हेतु प्रबंध संचालक एम.पी.आर.डी.सी. एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग तथा विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? किन-किन अधिकारियों से कब-कब पत्र व्यवहार किया? (ग) प्रश्नांश (क) की समस्याओं के निराकरण के संबंध में विगत एक वर्ष में रायसेन जिले के किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र कब-कब मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब मिले तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वन विभाग की अनुमति तथा विद्युत तार एवं पोल हटवाने की क्या प्रक्रिया है तथा इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 1 एवं 2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
बीना नदी संयुक्त परियोजना
[जल संसाधन]
3. ( क्र. 44 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की बीना संयुक्त सिंचाई परियोजना में किन-किन कार्यों की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है? उक्त कार्यों की फरवरी 2020 तक में क्या स्थिति है? (ख) उक्त परियोजना का किसानों द्वारा विरोध क्यों किया जा रहा है? किसानों की क्या-क्या मांगें हैं? किसानों की मांगें शासन द्वारा क्यों नहीं मानी जा रही है? इसमें क्या-क्या कठिनाईयां है? (ग) उक्त परियोजना में रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों तथा बेगमगंज शहर की कितनी-कितनी भूमि डूब में आयेगी? किसानों को किस दर से मुआवजा राशि दी जायेगी? (घ) उक्त परियोजना से रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों की कितनी भूमि सिंचित होगी तथा समूह जलप्रदाय योजना के माध्यम से किन-किन ग्रामों में पीने के पानी की व्यवस्था की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) किसानों की कृषि भूमि एवं अन्य परिसंपत्तियों के डूब से प्रभावित होने के कारण। मांगों का सार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। किसानों की मांगें शासन आदेशों एवं प्रचलित नियमानुसार नहीं होने के कारण उनकी मांगें माना जाना संभव नहीं है। (ग) परियोजना अंतर्गत मढि़या बांध से प्रभावित डूब क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण नहीं हो पाने के कारण प्रश्नांश की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। डूब प्रभावित किसानों को ''भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिनियम 2013'' के तहत विभिन्न ग्रामों की नियमानुसार गणित दर से मुआवजा राशि दिया जाना प्रावधानित है। (घ) परियोजना के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन अनुसार रायसेन जिले के किसी भी ग्राम की कोई भी भूमि परियोजना से सिंचित होना प्रस्तावित नहीं है। परियोजना प्रतिवेदन में पेयजल हेतु 43 मि.घ.मी. जल का प्रावधान है। समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से पीने के पानी की व्यवस्था लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी/जल निगम द्वारा की जाने से ग्रामों की जानकारी विभाग द्वारा दी जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत सड़कों एवं पुलों की निविदा आमंत्रण
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 45 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य बजट एवं अनुपूरक बजट में स्वीकृत सड़कों एवं पुलों की निविदा आमंत्रण के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दे तथा किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार है? (ख) रायसेन जिले में वर्ष 2015-16 से दिसम्बर 18 तक स्वीकृत किन-किन सड़कों तथा पुलों के कार्य क्यों अप्रारंभ है सड़कवार कारण बताये क्या यह सत्य है कि अधिकांश कार्य निविदा आमंत्रण न होने के कारण अप्रारंभ है यदि हां, तो क्यों? (ग) रायसेन जिले में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ सड़कें एवं पुल स्वीकृत किये गये उक्त स्वीकृत कार्यों में से किन-किन की निविदा कब-कब आमंत्रित की गई तथा क्यों एवं प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत कार्यों की निविदायें क्यों आमंत्रित नहीं की गई कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत सड़कों की निविदा आमंत्रण के संबंध में मान. मंत्री जी एवं प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए है तथा उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1', अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 3, 4 एवं 5 अनुसार है।
सड़कों को बजट में सम्मिलित कर निर्माण कराया जाना
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 89 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग अंतर्गत आने वाले मार्गों तथा डीघी से खिरवाखुर्द, बकेली से सिघनपुरा, टीकर से खजुरा मार्गों का निर्माण विगत 20-25 वर्षों से नहीं कराया गया है? (ख) क्या कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग अंतर्गत मार्ग इटौरा से घुड़हर, पथरहटा से चहला टोला एवं खिरवा से चहला टोला, बिल्हा नाला (बरही मार्ग) से बुजबुजा, रोहनिया से गोइंदरा होकर नड़ेरी, करौंदिया (नन्हवारा) से गौरहा होकर जिजनौड़ी मार्गों का निर्माण भी प्रश्नांश (क) वर्षों से नहीं कराया गया है? (ग) क्या कैमोर झुकेही रोड एवं विजयराघवगढ़ खरखरी रोड को आपस में जोड़ने का कार्य भी प्रश्नाधीन वर्षों में नहीं कराया गया? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) यदि हाँ, तो किन-किन विभागों के अंतर्गत ये सड़कें आती हैं? प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाली इन सड़कों को निर्माण न किये जाने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) क्या प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग द्वारा इन प्रमुख सड़कों के प्राक्कलन तैयार कराकर वर्ष 2020-21 के बजट में सम्मिलित कर प्रश्नाधीन सड़कों का निर्माण कराया जायेगा? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विभाग के अंतर्गत आने वाले मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। डीघी से खिरवाखुर्द, बकेली से सिघनपुरा, टीकर से खजुरा मार्गों विभाग के अधीन नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधीन है उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के अधीन नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधीन है उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) कैमारे झुकेही मार्ग एवं विजयराघवगढ़ खरखरी मार्ग को आपस में जोड़ने हेतु नन्हवाराकला होकर लम्बाई 4.00 कि.मी. का मार्ग का नवीनीकरण का कार्य वर्ष 2017-18 में कराया गया। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 1 अनुसार है। कोई दोषी नहीं, कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ड.) प्रश्नांश 'क', 'ख' में वर्णित मार्ग नई सड़कें विभाग के अधीन नहीं है, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विभाग के अधीन मार्गों के निर्माण हेतु उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार निर्णय लिया जा सकेगा। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परियट नदी के रपटा पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 130 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20-12-2019 के प्रश्न क्रमांक 18 में प्राप्त उत्तर के अनुसार पनागर बेलखाडू सड़क के साथ परियट नदी पर स्वीकृत पुल का कार्य किस कंसल्टेंट की किस प्रकार की अनुशंसा पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस दिनांक को निष्पादित अनुबंध से विलोपित किया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा किसी तकनीकी विशेषज्ञ से स्थल का परीक्षण कराया है? यदि हाँ, तो किससे, कब कराया गया और क्या पाया गया है? (ग) क्या माननीय मंत्री जी द्वारा प्रश्नांश (ख) के आधार पर अपनी सहमति से विलोपित किया गया है? (घ) क्या वर्षा ऋतु में रपटा जलमग्न होने पर यातायात सुचारू रूप से चल सकता है? यदि नहीं, तो पुल का निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मेसर्स आरव्ही एसोसियेटस आर्किटेक्ट्स इंजीनियर्स एण्ड कंसल्टेंट प्रा.लि. हैदराबाद की अनुशंसा पर मुख्य अभियंता (एन.डी.बी.) एम.पी. आर.डी.सी. भोपाल द्वारा दिनांक 31.12.2018 को विलोपित किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। मान. मंत्रीजी की सहमति आवश्यक नहीं। (घ) जी नहीं। परियोजना के अंतर्गत किये गये प्रावधान एवं तकनीकी कारणों से लागत वृद्धि एवं अनुबंध में वेल अथवा पाइल फाउंडेशन हेतु आवश्यक आइटमों का समावेश न होने, ठेकेदार द्वारा अनुबंधित दरों पर कार्य करने हेतु तैयार न होने के कारण पुल निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है।
मरम्मत कार्य की जाँच
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 140 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत दमोह-हटा-गैसावाद मार्ग लम्बाई 62.66 किमी कब कितनी राशि से किस कार्य एजेंसी के द्वारा निर्मित की गई थी? क्या वर्तमान में मार्ग की स्थिति जर्जर होने के कारण आवागमन योग्य नहीं है, क्या मार्ग की मरम्मत हेतु रूपये 29.04 लाख की राशि मेसर्स कलश इण्टरप्राईजेज भोपाल को दिनांक 05.01.19 को जारी की गयी थी? मरम्मत में व्यय राशि के बिल-व्हाऊचरों का विवरण व मूल्यांकनकर्ता अधिकारी के नाम सहित जानकारी बतायें। (ख) क्या कार्य एजेंसी के द्वारा उक्त लागत से जो मरम्मत कार्य कराया जाना था वह नहीं कराया गया है, जिसकी शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर दमोह को की गई थी? यदि हाँ, तो उच्च स्तरीय जाँच कराकर संबंधित कार्य एजेंसी पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र हटा जिला दमोह में कुछ मार्ग विहीन ग्रामों जैसे- रनेह -कौशलपुर मार्ग, मांदो-चंदेना, खमरियाकलांर-भटदेवा मार्ग, शिवपुर-पुरानाखेडा मार्ग ऐसे 28 मार्ग का कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं मार्ग आवागमन योग्य है, मार्ग के मरम्मत हेतु रू. 29.04 लाख की स्वीकृति दी गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, मरम्मत कार्य कराया गया, कलेक्टर को की गई शिकायत इस कार्यालय के संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 28 मार्गों में से सीमित वित्तीय संसाधन होने से स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। अत: कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलाशयों/स्टापडेम का निर्माण
[जल संसाधन]
8. ( क्र. 141 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त कितने जलाशय/स्टापडेम हैं जिनका कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? नामवार, पतावार, राशिवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) विगत 1 या 2 वर्ष बीत जाने के उपरांत हटा विधान सभा क्षेत्र के स्टापडेम व जलाशयों का कार्य क्यों प्रारंभ नहीं किया गया? हटा विधानसभा क्षेत्र के जलाशयों की जो नहरें क्षतिग्रस्त हैं, किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है? उनकी मरम्मत कब तक करायी जावेंगी? हटा नगर के पास शक्ति सागर जलाशय जो कि वर्ष 2008 में स्वीकृत किया गया था एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई थी, उसका कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विगत 02 वर्षों में हटा विधानसभा क्षेत्र में कोई भी स्टापडेम/जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई, अतः कार्य प्रांरभ किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। हटा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत निर्मित जलाशयों की क्षतिग्रस्त नहरों का सुधार/मरम्मत कार्यजल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से कराते हुए कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ। कृषकों द्वारा मा. न्यायालय में याचिका लगाये जाने तथा डूब क्षेत्र निर्धारित मापदंड 20 प्रतिशत से अधिक होने (कमांड क्षेत्र का 37.75 प्रतिशत) एवं परियोजना की वर्तमान लागत रू.08.00 लाख प्रति हेक्टर होने से परियोजना तकनीकी मापदंड पर असाध्य है। अत: कार्य प्रांरभ कराया जाना संभव नहीं है।
निर्मित पुल के एप्रोच का कार्य पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 166 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में देहरदा-ईसागढ़ मार्ग पर ग्राम पचावली में सिंध नदी के ऊपर मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है अथवा नहीं? क्या उक्त पुल के एप्रोच का कार्य भी पूर्ण हो चुका है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों व किस कारण से कार्य पूर्ण नहीं हो सका? निविदा शर्तों के अनुसार उक्त मार्ग तथा पुल का निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने हेतु क्या अवधि निर्धारित की गई थी तथा निर्माण कार्य किस दिनांक को प्रारंभ किया गया था? ठेकेदार द्वारा पुल के एप्रोच निर्माण में की जा रही लापरवाही हेतु विभाग कब तक ठोस कार्यवाही करेगा? उक्त सड़क सहित सम्पूर्ण निर्माण कार्य की लागत राशि का भी उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या देहरदा-ईसागढ़ मार्ग पर बना यह पुल शिवपुरी-अशोकनगर जिलों के यात्री परिवहन को जोड़ता है? क्या बारिश के दिनों में सिंध नदी में अत्यधिक पानी होने पर वर्तमान में चालू पुराने पुल के ऊपर पानी आ जाने से उक्त मार्ग अवरूद्ध हो जाता है जिसके फलस्वरूप शिवपुरी-अशोकनगर जिलों का सम्पर्क टूट जाता है? यदि हाँ, तो ऐसे महत्वपूर्ण पुल का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा तथा पुल यात्रियों के आवागमन हेतु प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। एप्रोच निर्माण हेतु (लंबाई 900 मी) भू-अर्जन किया गया था। अर्जित भूमि पर लगभग 150 मीटर लंबाई में कुछ व्यक्तियों के मकान बने हुये है। यह कब्जा हटाया जाना शेष है। इसके साथ ही शेष उपलब्ध (750 मीटर) भूमि पर एप्रोच निर्माण में कंसेशनायर द्वारा विलंब किया जा रहा है। इस कारण एप्रोच का निर्माण नहीं हो सका है। निविदा शर्तों के अनुसार उक्त मार्ग एवं पुल निर्माण की अवधि दिनांक 18.10.2013 निर्धारित थी। भू-अर्जन में विलंब के कारण कंसेशनायर को दिनांक 31.03.2019 तक समयवृद्धि प्रदान की गई थी। सड़क निर्माण का कार्य दिनांक 19.11.2011 से प्रारंभ किया गया था। मुख्यालय कार्यालय म.प्र. सड़क विकास निगम भोपाल में इस संबंध में आयोजित विशेष बैठक दिनांक 03.03.2020 में कंसेशनायर को एप्रोच का कार्य उपलब्ध भूमि पर शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिये गये हैं निर्माण कार्य की लागत राशि रूपये 50.57 करोड़ है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। एप्रोच का कार्य शीघ्र प्रांरभ करने हेतु कंसेशनायर को निर्देशित किया गया हैं। एप्रोच का कार्य पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। एप्रोच के निर्माण पश्चात पुल आवागमन हेतु प्रारंभ किया जावेगा।
शासकीय आई.टी.आई. भवन का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 169 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ आई.टी.आई भवन पी.आई.यू. के सुपर विजन में निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी का नाम बताते हुऐ शासन को सौंपने का दिनांक बताए? (ख) यदि हाँ, तो आई.टी.आई. भवन का पीरियोडिकल मेंन्टेनेंस किसके द्वारा किया जाना था? मेंन्टेनेंस करने वाली संस्था तथा सुपरविजन करने वाले अधिकारी का पद नाम तथा किये गये कार्य की जानकारी दिनांक सहित दें। (ग) क्या राजगढ़ आई.टी.आई. भवन वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के मापदण्ड़ों अनुरूप समस्त अर्हताएं पूर्ण करता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। मेसर्स शशीन कंस्ट्रक्शन, अहमदाबाद (गुजरात) द्वारा निर्माण कार्य किया गया। उक्त कार्य दिनांक 30.04.2015 तक पूर्ण कर सम्बंधित विभाग को दिनांक 14.10.2015 को सौंपा गया। (ख) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) भवन कार्य लोक निर्माण विभाग में प्रचलित स्पेसिफिकेशन अनुसार ही पूर्ण कराया गया था।
लंबित सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 174 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ अन्तर्गत जल परियोजनाओं की साध्यता हेतु जल संसाधन विभाग राजगढ़ द्वारा ऑनलाईन प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है तथा क्या प्रश्नकर्ता ने भी पत्र क्र. 2261 दिनांक 09.12.2019 को माननीय मंत्री महोदय जल संसाधन को पत्र प्रेषित किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जल संसाधन विभाग राजगढ़ द्वारा प्रेषित ऑनलाईन प्रस्ताव तथा प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र के आधार पर शासन राजगढ़ विधान सभा की 14 सिंचाई परियोजनाओं की साध्यता की स्वीकृति कर सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण करने संबंधी आवश्यक आदेश कर देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विभाग में लघु सिंचाई परियोजनाओं की फिजीबिलिटी रिपोर्ट विभागीय वेब साइट में अपलोड करने की व्यवस्था है। जी हाँ। (ख) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत साध्यता प्राप्त लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष परियोजनाओं की साध्यता स्वीकृति का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
जे.सी.बी का करोड़ों रूपये का किराये का भु्गतान
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 202 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग रीवा के अंतर्गत आने वाले किन-किन अधीक्षण यंत्री कार्यालयों एवं कार्यपालन यंत्रियों (बी एण्ड आर) तथा कार्यपालन यंत्री (पी.आई.यू) के द्वारा दिनांक 01.04.2018 से प्रश्नतिथि के दौरान जे.सी.बी. मशीन/ट्रेक्टर-ट्रालियों/चार-छ:-आठ-दस पहिया वाहनों/अन्य किराये पर ली गई मशीन/वाहनों का कितना-कितना भुगतान किस-किस नाम/फार्म/अन्य को किया गया? भुगतान की गई राशि की/मशीन या वाहन वार/फार्मवार/नामवार/माहवार/वर्षवार/किरायावार की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं कार्यपालन यंत्रियों के कार्यालयों के द्वारा किस-किस स्थान पर, कब से कब तक, क्या-क्या कार्य करने के लिये राशि व्यय की गई? किराये पर ली गई मशीनरी/वाहनों के लिए कब-कब निविदायें किन-किन अखबारों में प्रकाशित कराई गई? विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार कार्यपालन यंत्रियों (बी.एण्ड आर) एवं (पी.आई.यू.) ने किस-किस नाम/फार्म/अन्य को किराये की मशीनरी/वाहनों के लिए वर्क आर्डर जारी किये? सभी वर्ग आर्डरों का विवरण देवें। (घ) क्या प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रश्नांश (क) एवं (ख) में हुये भुगतान को वैध मानते है कि अवैध?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा परियोजना क्रियान्वयन इकाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
अवैध कालोनियों में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 225 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत विभाग द्वारा वर्ष 2019 में ग्वालियर के स्थानीय समाचार पत्रों में 109 अवैध कालोनियों की जानकारी का विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया था? (ख) क्या अवैध कालोनियों में विद्युत आपूर्ति/व्यवस्था हेतु प्रकाशित विज्ञापन में लेख किया गया था कि सांसद, विधायक निधि से, राज्य मद व केन्द्र की लोक कल्याणकारी मद से यह व्यवस्था की जा सकती है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र की गुलाबपुरी, सांईनगर, शीतलापुरम आदि की विद्युत व्यवस्था हेतु अपनी निधि से कराये जाने हेतु विद्युत विभाग को प्रस्ताव भेजे थे? यदि हाँ, तो कब-कब और किस-किस दिनांक को? उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, जनहित याचिका क्रमांक 11977/2019 - महेन्द्र सिंह भदौरिया विरुद्ध म.प्र. शासन व अन्य में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा पारित आदेश दिनांक 30.09.2019 के परिपालन में ग्वालियर शहर की 109 नहीं अपितु 106 अवैध कॉलोनियों में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के विनियम (पुनरीक्षण प्रथम) 2009 (आर.जी. 31 (I) ) एवं विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अनुक्रम में समाचार पत्रों में अवैध कॉलोनियों की जानकारी का विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया था। (ख) जी हाँ, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के विनियम (पुनरीक्षण प्रथम) 2009 (आर.जी 31 (1) ) की कंडिका 4.5.1 एवं 4.5.2 के प्रावधान अनुसार माननीय सांसद/विधायक निधि अथवा भारत सरकार/म.प्र. शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं के मद में आवंटित राशि से अवैध कॉलोनियों में सुरक्षात्मक विद्युतीकरण हेतु अधोसंरचना निर्मित करने बाबत् लेख उक्त प्रकाशित विज्ञापन में किया गया था। (ग) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्र हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित प्रश्नाधीन प्रस्तावों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामों में रायरू डिस्टलरी के प्रदूषण से उत्पन्न स्थिति
[पर्यावरण]
14. ( क्र. 227 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्वालियर ग्राम पंचायत मिलावली क्षेत्रान्तर्गत रायरू डिस्टलरी स्थापित होने के कारण वहां से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों से क्षेत्र में वायु, मुद्रा व जल पूरी तरह प्रदू्षित हो चुका है? (ख) क्या जिला ग्वालियर अंतर्गत संचालित रायरू डिस्टलरी के कारण क्षेत्रीय किसानों की उपजाऊ भूमि बंजर होने के साथ-साथ आस-पास क्षेत्रीय निवासी बीमार हो रहे हैं व पालतू मवेशियों/पशु व पक्षियों द्वारा दूषित पानी पीने के कारण मौत के मुंह में जा रहे हैं विगत कुछ समय में ही राष्ट्रीय पक्षी मोरों की मौत रायरू डिस्टलरी के प्रदूषित पानी पीने के कारण हुई है? (ग) रायरू डिस्टलरी के प्रदूषण के कारण आस-पास के किसान अपनी खेती सस्ते दामों में बेचने को मजबूर हो रहे हैं उस जमीन को रायरू डिस्टलरी फैक्ट्री के मालिक द्वारा बहुत ही सस्ते दामों में खरीदा जाने के कारण क्षेत्रीय निवासियों के पलायन की स्थिति निर्मित हो रही है? क्या क्षेत्रीय निवासियों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु सरकार द्वारा फैक्ट्री बंद करने हेतु कोई कार्यवाही की गई? अथवा नहीं? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी को उक्त संबंध में दिनांक 11.11.2019 को पत्र लिखा गया था? पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्गों के निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 242 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 603 दिनांक 20.12.2019 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया है कि गुणवत्ता की जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है तो क्या जाँच की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो इसके विलम्ब के लिये उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) दोनों निर्माणाधीन सड़कों में प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है? प्रश्न दिनांक तक ठेकेदार को कुल कितना भुगतान किया गया? (ग) दोनों निर्माणाधीन सड़कों में कार्यरत श्रमिकों की सूची, उनके पी.एफ. व ई.एस.आई. कटौत्रे की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) निर्माणाधीन मार्गों में कार्यरत श्रमिकों के सूची उनके पी.एफ. एवं ई.एस.आई. कटौत्रों की जानकारी का संधारण विभाग के द्वारा नहीं किया जाता है। अनुबंधित एजेन्सी से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय झारड़ा के भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन
[उच्च शिक्षा]
16. ( क्र. 243 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 611 दिनांक 20.12.2019 के उत्तर में बताया गया है कि अपर कलेक्टर न्यायालय उज्जैन ने पत्र क्रमांक टी.एल./1071/रीडर/अपर कलेक्टर/19, दिनांक 01.11.2019 द्वारा एस.डी.एम. महिदपुर एवं प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय झारड़ा को महाविद्यालय के लिये भूमि आवंटन की प्रक्रिया तत्काल करने हेतु पत्र लिखकर कार्यवाही की है? तो क्या भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? (ख) यदि हां, तो जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो भूमि आवंटन की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) इसके विलम्ब के लिये दोषी उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। (ख) महाविद्यालय भवन हेतु चिन्हांकित भूमि के आवंटन की कार्यवाही हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मुख्य अभियंता जबलपुर के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की जाँच
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 270 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एम.पाण्डे दमोह नाका द्वारा मुख्य अभियंता जबलपुर द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से संबंधित 6 पृष्ठ की शिकायत की गई है जो कि कम्पनी कार्यालय में दिनांक 25/1/2020 में पावती पुस्तिका में दर्ज है। हाँ/नहीं, हाँ तो उक्त शिकायत का बिन्दुवार प्रतिवेदन दें? (ख) इनके विरूद्ध जो पुरानी जाँच 3 सदस्यीय समिति द्वारा किया जाना बताया गया था उस जाँच का प्रतिवेदन दें तथा अभी तक जाँच नहीं होनें का कारण स्पष्ट करें। उत्तरदायी के विरूद्ध अभी तक दण्डात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या माननीय विधायक डिंडौरी द्वारा मण्डला एवं डिंडौरी जिले की सौभाग्य योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी एवं उक्त शिकायत पर मुख्य अभियंता जबलपुर एवं मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन/प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। क्या इसी प्रकार अधीक्षण यंत्री कटनी ने अपने अधीनस्थ द्वारा एक परिसर में दो उच्च दाब कनेक्शन देकर उपभोक्ता को लाभ पहुंचाने एवं कम्पनी को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से कनेक्शन देने के उद्देश्य से मुख्य अभियंता को शिकायत की गई थी इस शिकायत में मुख्य अभियंता द्वारा क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो इनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित अहस्ताक्षरित शिकायत प्राप्त हुई है। उक्त शिकायत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 240 दिनांक 30.01.2020 द्वारा जाँच समिति को जाँच हेतु सौंपी गयी। जाँच समिति द्वारा पत्र क्रमांक मु.म.प्र./ग्रा.परि./जाँच/254 दिनांक 29.02.2020 से जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जाँच समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन में लिखा गया कि, शिकायतकर्ता श्री सीएम पाण्डे, दमोह नाका, जबलपुर के शिकायत पर हस्ताक्षर नहीं हैं एवं पत्र व्यवहार का पूर्ण पता भी नहीं है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के परिपत्र क्रमांक प्र.सं./पूर्व क्षेत्र/मुमप्र (मा.संसा. एवं प्रशा.) VIP- 321-2014/7861 दिनांक 15.12.2014 तथा सामान्य प्रशासन विभाग, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल के पत्र क्र. एफ.11-40/2014/01/09 दिनांक 20.11.2014 में दिये गये निर्देशानुसार गुमनाम, अहस्ताक्षरित, बिना पता लिखी शिकायतों पर कार्यवाही न करते हुये नस्तीबद्ध किया जाना है। अत: समिति द्वारा उक्त निर्देशों के तारतम्य में शिकायत जाँच योग्य नहीं पाई गई। (ख) समस्त विद्युत अधिमणी एवं कर्मचारी जबलपुर की ओर से अध्यक्ष एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को संबोधित शिकायत जो कि श्री रामकुमार राठौर, 34, नयागांव रामपुर जबलपुर द्वारा प्रेषित की गई है, में श्री प्रकाश दुबे मुख्य अभियंता (ज.क्षे.) जबलपुर के विरूद्ध कार्यों में अनियमितता, अवैध वसूली, सरकारी संसाधनों का दुरूपयोग एवं अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रताड़ित करने संबंधी शिकायत दिनांक 21.06.2019 को प्राप्त हुई थी। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के आदेश क्र. 5366-67 दिनांक 10.07.2019 द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन कर जाँच सौंपी गई। जाँच उपरांत उक्त जाँच समिति के पत्र क्र. मुमहा (आरपी)/जाँच समिति/253 दिनांक 29.02.2020 द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्तानुसार जाँच पूर्ण हो चुकी है, अत: जाँच नहीं किये जाने जैसी स्थिति नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) जी नहीं तथापि मंडला एवं डिंडौरी जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत किये गये विद्युतीकरण कार्यों में अनियमितताओं संबंधी प्राप्त शिकायतों की जाँच, जाँच समिति गठित कर कराई गयी है एवं प्राप्त अंतरिम प्रतिवेदन के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की गयी है। अधीक्षण यंत्री कटनी द्वारा कार्यपालन अभियंता कटनी श्री नीरज कुचया द्वारा एक परिसर में दो उच्च दाब कनेक्शन देकर उपभोक्ता को लाभ पहुँचाने एवं कंपनी को क्षति पहुँचाने संबंधी अनियमितता हेतु अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव मुख्य अभियंता जबलपुर को भेजा गया था। मुख्य अभियंता जबलपुर द्वारा श्री नीरज कुचया के विरूद्ध आरोप पत्र, पत्र क्रमांक 1571 दिनांक 02.03.2020 द्वारा जारी किया गया है।
श्रमिकों की जानकारी
[श्रम]
18. ( क्र. 315 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 564 दिनांक 20.12.2019 के प्रश्नांश (घ) में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार जिन मृतक श्रमिकों के नाम दिये गये है उनमें से अधिकाश: प्रकरणों का लंबित होना बताया गया है, इन लंबित प्रकरणों की वर्तमान में क्या स्थिति है? इनमें से कितने का निराकरण कर श्रमिकों को लाभांवित किया गया? साथ ही उल्लेखित अधिनियमों का पालन कर क्षतिपूर्ति की राशि नियमानुसार न देकर कम देना बताया गया है? क्या इन पर पुन: विचार कर क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में अधिकांश श्रमिकों को अर्धकुशल एवं ठेकेदारी प्रथा पर कार्य करने की जानकारी प्रश्न क्र. 564 दिनांक 20.12.2019 के संलग्न परिशिष्टों में दी गई है, इन श्रमिकों को नियमितीकरण एवं कुशल श्रमिक व उच्च कुशल श्रमिक बनाया जाने बाबत्। विधि प्रक्रिया अपनाकर इनको लाभांवित कर क्या उच्च वेतनमान निर्धारित करेंगे तो कब तक? साथ ही इन श्रमिकों के नियमितीकरण बाबत् क्या कार्यवाही करेंगे एवं कब तक संलग्न परिशिष्ट के कर्मचारियों का नियमितीकरण कर नियमित वेतन एवं अन्य सुविधायें दिलायेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में उल्लेखित तथ्यों एवं नियमों एवं अधिनियमों का पालन न करने श्रमिकों को नियमितीकरण न करने, ठेके पर श्रमिकों को शोषण करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? इन पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं श्रमिकों के हित में अधिनियमों का पालन कर शोषण बन्द कराने बाबत् क्या विधि प्रक्रिया व आदेश निर्देश जारी करेगे? अगर नहीं तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) प्रश्नांक क्रमांक 564 दिनांक 20/12/2019 के प्रश्नांक (घ) में संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित लंबित प्रकरण दुर्घटना के फलस्वरूप कारखाना अधिनियम, 1948 एवं सहपठित नियमों में पाये गये उल्लंघनों के संबंध में कारखाना अभियोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में दायर किये गये है जो वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। क्षतिपूर्ति संबंधी प्रकरण माननीय क्षतिपूर्ति आयुक्त, न्ययालय अथवा केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा निराकृत किये जाते है एवं तद्नुसार क्षतिपूर्ति की राशि का निर्धारण कर भुगतान किया जाता है। अत: राज्य के श्रम विभाग के क्षेत्राधिकार में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ठेका श्रमिकों के नियमितिकरण का श्रम कानूनों में प्रावधान नहीं है। अर्द्धकुशल श्रमिकों को कुशल एवं उच्च कुशल श्रमिक बनाये जाने के संबंध में श्रमिक की कुशलता अनुसार श्रेणीकरण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उपर्युक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्रमिकों के हित में अधिनियमों का पालन करने में वैधानिक कार्यवाही की जाती है। इस संबंध में सुस्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किये गये है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर्थिक अनियमितता के दोषी कार्यपालन यंत्री से शासन द्वारा वसूली
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 332 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-17-47/2015/स्था./19 भोपाल दिनांक 25.05.2017 से नाबार्ड योजना के अंतर्गत डिंडोरी बायपास मार्ग के निर्माण में हुई अनियमित्ताओं की जाँच हेतु आयुक्त विभागीय जाँच को नियुक्त किया गया था? अगर नहीं तो किस प्रकरण में उक्त आदेश जारी किया गया था? पूर्ण विवरण जारी आदेशों की एक प्रति सहित दें? (ख) क्या डिंडोरी बायपास निर्माण में स्वीकृत एन.आई.टी शेड्यूल के अनुसार मिट्टी का कार्य स्वीकृत मात्रा 7508.26 घन मीटर थी? क्या तात्कालीन कार्यपालन यंत्री डिंडोरी ने 85430.03 घन मीटर का कार्य जो स्वीकृत मात्रा से 77921.77 घन मीटर अधिक सक्षम अधिकारी से स्वीकृति के बगैर कराया? तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एवं उसके अधीनस्थों के द्वारा जो आदेश या अनुशंसा उक्त अधिक कराये गये कार्य के लिये जारी किये उनकी एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित बिना सक्षम कार्यालय की लिखित अनुमति के विपरीत कराये गये कार्य से राज्य शासन को 35,92,259.00 रूपयों की राशि का अनाधिकृत व्यय हुआ? अगर हाँ तो राज्य शासन ने प्रश्नतिथि तक उक्त 35,92,259.00 रूपयों की राशि तत्कालीन कार्यपालन यंत्री डिंडोरी एवं उनके अधीनस्थों से क्यों वसूल नहीं की है? कब तक वसूल की जायेगी? (घ) प्रश्नतिथि तक उक्त कार्यपालन यंत्री की विभागीय जाँच क्यों पूरी नहीं की गई है? कैसे/किन नियमों से उसे पुन: कार्यपालन यंत्री बी एण्ड आर सतना पदस्थ किया है? शासन तत्काल अमानत में खयानत का प्रकरण आई.पी.सी की धारा 420 के तहत सक्षम थाना में दर्ज करवायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। आदेश दिनांक 25.05.2017 को नहीं वरन दिनांक 23.05.2017 द्वारा नियुक्त किया गया है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। विभागीय जाँच आयुक्त द्वारा जाँच दिनांक 15.10.2018 को पूरी कर जाँच प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत किया गया। शासन के आदेश क्रमांक एफ 1-24/2019/स्था/19 भोपाल दिनांक 05.07.2019 द्वारा प्रशासनिक आवश्यकतानुसार पदस्थ किया गया है। प्रकरण में शासकीय राशि रूपये 35,92,259/- की हानि प्रमाणित न पाये जाने से आई.पी.सी की धारा 420 के अंतर्गत कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
नियमों के विपरीत स्वीकृत दर से ज्यादा राशि का कार्य
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 333 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नतिथि तक कार्यपालन यंत्री बी.एण्ड आर. संभाग सतना/रीवा/सीधी एवं सिंगरौली के कार्यालयों के द्वारा किस-किस स्थान की, कितनी राशि की स्वीकृत एन.आई.टी. में दस प्रतिशत से ज्यादा राशि का कार्य किन-किन दिनांकों को किस-किस कार्यालयों के द्वारा जारी आदेशों के तहत कब-कब कराया? संभागवार/कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार स्वीकृत एन.आई.टी. की दर से दस प्रतिशत की राशि का कार्य अधिक कराये जाने पर किस किस पदनाम कार्यालयों से लिखित में अनुमति ली जाना नियमानुसार है? किस-किस स्थान के, कितनी-कितनी राशि (प्रतिशतवार दें) के किन-किन कार्यों की अनुमति किन-किन पदनामों के कार्यालयों से क्या कारण बताते हुये ली गई एवं नहीं ली गई? संभागवार/कार्यवार/स्थानवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) सतना-सेमरिया मार्ग की कुल लागत एन.आई.टी. के समय कुल कितनी थी? कार्य की राशि के अलावा प्रश्नतिथि तक कितने प्रतिशत एवं कुल कितनी राशि का कार्य बढ़ाया गया? प्रश्नतिथि तक कुल कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार को हो चुका है? (घ) कब तक राज्य शासन नियमों के विपरीत कार्य करने वाले कार्यपालन यंत्री बी एण्ड आर सतना एवं अन्य जिलों को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित कर ओवर पेमेंट नियम विरूद्ध करने पर राशि की वसूली के आदेश जारी करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न तिथि तक कार्यपालन यंत्री बी. एण्ड आर. संभाग सतना/रीवा/सीधी एवं सिंगरौली के कार्यालयों के द्वारा 10 प्रतिशत अधिक का कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) सतना सेमरिया मार्ग की कुल लागत एन.आई.टी. के समय अनुमानित लागत राशि रू.433.96 लाख थी, कार्य की राशि के अलावा लगभग 17.92 प्रतिशत राशि रू. 77.78 लाख का कार्य बढ़ाया गया एवं संविदाकार को प्रश्न तिथि तक रू. 214.80 का लाख का भुगतान किया गया है। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरान्त गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा।
पुल/पुलियाओं का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 400 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लुकवासा से गणेशखेड़ा की ओर मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग के निर्माण हेतु कुल कितनी लंबाई व लागत राशि निर्धारित की गई है? मार्ग के किन-किन स्थानों पर कुल कितने पुल/पुलिया आदि का निर्माण निविदा शर्तों के अनुसार किया जाना है? उक्त मार्ग पर निर्माण कार्य पूर्ण होने की अवधि क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त निर्माणाधीन सड़क मार्ग पर ग्राम लुकवासा से गणेशखेड़ा के बीच निविदा अनुसार स्वीकृत पुल/पुलिया आदि का निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाने की मांग की गई थी? क्या उक्त मांग के उपरांत इस हेतु कोई कार्यवाही की गई तथा कार्य प्रारंभ हो चुका है? (ग) यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों व कार्य प्रारंभ करने में क्या परेशानी आ रही है? कब तक उक्त मार्ग पर पुल/पुलिया आदि का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पुल-पुलिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। चार स्थानों पर पुल/पुलिया का कार्य प्रारंभ किया जाना है। (ग) चार स्थानों पर कार्य प्रारंभ होना है। कोई परेशानी नहीं आ रही है। कार्य की प्रगति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार कार्य शीघ्र प्रारंभ किये जाना है। निश्चित दिनांक बताना संभव नहीं है।
जनभागीदारी अध्यक्ष पर दर्ज प्रकरण
[उच्च शिक्षा]
22. ( क्र. 425 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, म.प्र.शासन द्वारा अपने पत्र क्र. एफ.23-9/2017/38-2 दिनांक 22.10.2019 से कतिपय गणमान्य नागरिकों को महाविद्यालयों को जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद पर मनोनित करते हुए कलेक्टर, होशंगाबाद से पुलिस सत्यापन कराने एवं प्रतिवेदन तत्काल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था? (ख) पुलिस सत्यापन हेतु कलेक्टर द्वारा किन-किन तारीखों में किस-किस अधिकारी को लिखा गया? प्रत्येक की जानकारी देते हुए बतावें कि क्या सभी गणमान्य नागरिकों का पुलिस सत्यापन हो चुका है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है? (ग) यदि नहीं, तो बिना पुलिस सत्यापन के जनभागीदारी अध्यक्ष की हैसियत से कार्य करना नियमानुकूल है? (घ) पुलिस सत्यापन में कौन से तथ्य प्रकाश में आये? (ड.) क्या इटारसी के जनभागीदारी अध्यक्ष राजकुमार उपाध्याय पर वर्ष 2001 में इटारसी थाने में धारा 307, 353,332,336, 323, 452 सहित अनेक धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध है? (च) क्या शासन इटारसी के जनभागीदारी अध्यक्ष को पद पर बनाये रखेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नेक मूल्यांकन में महाविद्यालयों के ग्रेड में गिरावट
[उच्च शिक्षा]
23. ( क्र. 426 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने शासकीय/अशासकीय स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालय है। जिलावार संख्या बतायें। (ख) वर्ष 2019 एवं 2020 में प्रदेश के कितने शासकीय महाविद्यालयों का 'नेक' टीम द्वारा मूल्यांकन किया गया। (ग) 'नेक' द्वारा किये गये मूल्यांकन में कितने महाविद्यालयों की ग्रेडिंग में कमी आई एवं कितने महाविद्यालयों की ग्रेडिंग में बढ़ोतरी हुई। जिलावार जानकारी देते हुए होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र के महाविद्यालयों की नाम सहित जानकारी दें? (घ) प्रदेश के महाविद्यालयों में 'नेक' मूल्यांकन में ग्रेडिंग में कमी के क्या कारण है? होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में संचालित महाविद्यालयों की ग्रेडिंग में कमियों को दूर करने हेतु शासन क्या उपाय करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में कुल 413 शासकीय स्नातक एवं 104 स्नातकोत्तर महाविद्यालय तथा 816 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) वर्ष 2019 एवं वर्ष 2020 में प्रदेश में कुल 86 शासकीय महाविद्यालयों का नैक टीम द्वारा मूल्यांकन किया गया। (ग) कुल 11 महाविद्यालयों में ग्रेडिंग में कमी आई है और 01 महाविद्यालय में ग्रेडिंग में बढ़ोत्तरी हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) ग्रेडिंग में आई कमी का एक प्रमुख कारण नैक बैंगलौर द्वारा नैक के पूर्व मापदण्डों को उन्नत किया जाना है। होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में संचालित महाविद्यालयों की ग्रेडिंग में कमियों को दूर करने के संबंध में किये जा रहे उपायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
ट्रांसफार्मरों एवं मीटरों की जानकारी
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 465 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में फीडर सेपरेशन के तहत एम.डी.पी. इन्फ्रा.लि. कम्पनी द्वारा किन-किन फीडरों पर कार्य किया गया है? कम्पनी के निविदा में कौन-कौन से कार्य सम्मिलित थे? (ख) कम्पनी के द्वारा फीडरवार कितने ट्रांसफर्मर एवं फीडरवार कितने मीटर लगाए हैं? ''एल.टी'' डिस्ट्रीब्यूशन बाक्स की संख्यात्मक जानकारी देंवे। उक्त कम्पनी द्वारा जो भी ट्रासफार्मर लगाए है वहां किसके द्वारा चेक किए गए है? (ग) क्या विभाग द्वारा या कम्पनी द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन में पाये गये विवरण की संख्यात्मक जानकारी देवें एवं सम्पूर्ण जिले में उक्त कार्य हेतु कितनी राशि खर्च की गई एवं कितना शेष भुगतान है का विवरण बताएँ?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत मेसर्स एम.डी.पी.इन्फ्रा. लिमिटेड कंपनी द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' दर्शाए अनुसार 11 के.व्ही. के कुल 48 फीडरों पर कार्य किया गया है। उक्त ठेकेदार कंपनी को निविदा अनुसार जारी कार्यादेश में सम्मिलित कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) भिण्ड जिले में प्रश्नाधीन कार्य के अंतर्गत मेसर्स एम.डी.पी. इन्फ्रा. लिमिटेड कंपनी द्वारा लगाये गये फीडरवार ट्रांसफार्मरों एवं मीटरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त ठेकेदार कंपनी को जारी कार्यादेश में एल.टी. डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स लगाने का प्रावधान नहीं था। ठेकेदार कंपनी द्वारा लगाए गए ट्रांसफार्मर, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म मेसर्स एस.जी.एस. इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड एवं म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित नोडल अधिकारी (उपमहाप्रबंधक-संचालन-संधारण) द्वारा चेक किये गये हैं। (ग) जी हाँ। भिण्ड जिले हेतु फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत दिनांक 31.03.2019 तक क्रियान्वित किये जा रहे कार्यों का शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म मेसर्स एस.जी.एस. इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया। उक्त प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म के कॉन्ट्रेक्ट की अवधि समाप्त होने के पश्चात् उक्त योजनान्तर्गत ठेकेदार कंपनी द्वारा किये गये कार्यों का शत्-प्रतिशत भौतिक सत्यापन विभागीय तौर पर म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी (उपमहाप्रबंधक-संचालन-संधारण) द्वारा कराया गया। सम्पूर्ण भिण्ड जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत् मेसर्स एम.डी.पी. इन्फ्रा. लिमिटेड कंपनी द्वारा कराये गये कार्यों के भौतिक सत्यापन में पाये गये विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। सम्पूर्ण भिण्ड जिले में उक्त योजना के तहत् मेसर्स एम.डी.पी. इन्फ्रा. लिमिटेड कंपनी द्वारा किये गये कार्यों में कुल रूपये 61.28 करोड़ की राशि व्यय हुई है, जिसमें से राशि रू. 0.65 करोड़ का भुगतान शेष है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 466 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा भिण्ड से पोरसा मार्ग का जो निर्माण कराया जा रहा है? क्या वह कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा में हो रहा है यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त कार्य एस.जी.आई. फर्म द्वारा किया जा रहा है? (ख) क्या उक्त अनुबंध में मार्ग का रिन्यूवल व रफनेस की रीडिंग चेक करने का प्रावधान है यदि है तो कब रिन्यूवल किया गया? रफनेस की रीडिंग कब-कब चैक की गई एवं क्या रीडिंग आई? (ग) मार्ग सोन्ड कितनी चौड़ाई के किस मटेरियल से बनाए गए उनको कब-कब चैक किया गया एवं क्या परिणाम आए? (घ) मार्ग के निर्माण में किस-किस खनिज का उपयोग किया जा रहा है किस खदान से निकाला जा रहा है क्या उसके टेस्ट किए गए? टेस्ट करने पर क्या परिणाम प्राप्त हुए? मार्ग के निर्माण में किस-किस मशीन व प्लांट का उपयोग किया जाता है एवं कहां स्थापित किया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 06.06.2020 है एवं कार्य समय-सीमा के अंतर्गत प्रगति पर है। यह कार्य टी.आर.जी. कन्स्ट्रक्शन कंपनी, जम्मू द्वारा किया जा रहा हैं। (ख) जी नहीं, इस परियोजना में रिन्यूवल का कोई प्रावधान नहीं है, किन्तु कार्य पूर्ण होने के उपरान्त ऊपरी सतह की गुणवत्ता की जाँच व्हील वम्प इन्ट्रीग्रेटर से करवाये जाने का प्रावधान है वर्तमान सतह का रिन्यूवल नहीं किया गया है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत उपरी सतह की रफनेस चेक व्हील वम्प इन्ट्रीग्रेटर से की जावेगी। अतः रीडिंग अभी बताना संभव नहीं है। (ग) मार्ग के दोनों ओर 2.00-2.00 मीटर के मिट्टी के शोल्डर का कार्य प्रगति पर है, जिसकी ऊपरी सतह पर 15 सेन्टीमीटर मोटाई के ग्रेन्यूवल मटेरियल से शोल्डर बनाये जायेंगे। मिट्टी के शोल्डर का कार्य पूर्ण होने पर टेस्ट करवाये जायेंगे। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मार्ग के निर्माण में मिट्टी, गिट्टी एवं रेत खनिज का उपयोग किया जा रहा है, खदान संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त खनिज नियमानुसार टेस्ट किए जा रहे है, जो कि निर्धारित मापदण्डानुसार हैं। मार्ग के निर्माण में उपयोग की जा रही मशीनरी एवं प्लान्ट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सीमेन्ट फैक्ट्री को नगर निगम सीमा से हटाये जाना
[पर्यावरण]
26. ( क्र. 482 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम सतना के वार्ड क्रमांक 11-12 में लगभग 500 एकड़ जमीन में बिड़ला कार्पोरेशन सीमेन्ट फैक्ट्री संचालित है, नगर निगम सीमा से लगे भाग में फैली फैक्ट्री की खदानों से उत्पन्न प्रदूषण, भारी वाहनों के आवागमन, असुरक्षा से क्या शहरी जनजीवन प्रभावित है? (ख) क्या नैना (सगमनिया) स्कूल, अस्पताल से 20 फिट पर संचालित फैक्ट्री के गहरे खदानों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं जिससे आमजनता, मवेशियों को खतरा उत्पन्न हो गया है साथ ही प्रदूषण से आमजनता प्रभावित है क्या मौके का निरीक्षण किया गया है यदि हाँ, तो निरीक्षणकर्ता का नाम पदनाम एवं रिपोर्ट देवें? सामुदायिक भवन, इंदिरा आवास के तहत निर्मित भवन भूखंड आराजी 243,233/2 पर लीज किस नियम के तहत दी गई है? (ग) क्या आम जनता के हितार्थ शहर के प्रदूषण, यातायात व्यवस्था को सुधारने हेतु स्टोनक्रेशरों, लकड़ी के टाल, आरामशीन, डेयरी, ट्रासपोर्ट आदि उद्योगों को शहर से बाहर किया गया है एवं किया जा रहा है उसके बावजूद उक्त सीमेंट फैक्ट्री नगर निगम सीमा में किस प्रकार अभी तक संचालित है? (घ) शहरवासियों के बेहतर जनजीवन, सुरक्षा, प्रदूषण की दृष्टि से उक्त सीमेंट फैक्ट्री को कब तक शहर से बाहर शिफ्ट कर दिया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। फैक्ट्री की खदानें नगर नगर सीमा से 3-4 किलोमीटर दूरी पर है। खदान संचालन से उत्पन्न धूल कणों के प्रदूषण की रोकथाम हेतु जल छिड़काव एवं प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित हैं, खदानों से फैक्ट्री तक लाईम स्टोन परिवहन हेतु कन्वेयर बेल्ट स्थापित है तथा वायु गुणवत्ता मानकों के अनुरूप है। (ख) मेसर्स बिरला सीमेंट फैक्ट्री के सगमनियाँ खदान नैना (सगमनिया) स्कूल से लगभग 50 फीट की दूरी पर स्थित है एवं खदानों में सुरक्षा व्यवस्था हेतु सुरक्षा गार्ड की निगरानी के साथ मिट्टी के 10-12 फिट ऊँचे बण्ड बनाये गये हैं। समीप में कोई अस्पताल नहीं है। क्षेत्र आमजन एवं मवेशियों के आवागमन के लिये प्रतिबंधित है एवं वायर फेंसिंग भी की जा रही है। मौके का निरीक्षण दिनांक 03/03/2020 को क्षेत्रीय कार्यालय, सतना के श्री सुधांशु तिवारी, सहायक यंत्री एवं डॉ. राहुल द्विवेदी, वैज्ञानिक द्वारा किया गया, रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम नैना (सगमनिया) के आराजी क्रमांक 243, 233/2 को रीवा दरबार आदेश एवं खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 16 के तहत स्वीकृति प्रदान की गई है। (ग) सतना विकास योजना,2021 अनुसार शहर के सौन्दर्यीकरण एवं व्यवस्था सुधारने हेतु सतना नगर क्षेत्रान्तर्गत संचालित स्टोन क्रेशरों को सेमरिया मार्ग पर निवेश क्षेत्र के बाहर स्थानांतरित किया जाना प्रस्तावित है। लकड़ी के टाल एवं आरा मशीन सेमरिया मार्ग पर बदखर में इस हेतु 13.0 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित है। डेयरी उद्योगों के स्थानांतरण हेतु ग्राम बेलहटा एवं अन्य कृषि उपयोग क्षेत्रान्तर्गत प्रस्तावित है। ट्रांसपोर्ट नगर (यातायात नगर) की स्थापना रीवा रोड पर की जा चुकी है। पन्ना नाके के आगे एक अतिरिक्त यातायात नगर 30 हेक्टर क्षेत्र में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 668 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत किन-किन विकासखण्डों में किस-किस प्रकार के कितनी-कितनी लागत के कितने कार्य स्वीकृत हुए? उनमें से कितने प्रारंभ, पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं? स्थलवार, कार्यवार, ब्लॉकवार जानकारी दें। (ख) उक्त स्वीकृत उल्लेखित कार्यों में से अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों के लंबित रहने के क्या कारण रहे? (ग) विगत कई वर्षों पूर्व स्वीकृत एवं प्रारंभ किये गये कार्यों की गति इतनी धीमी एवं लापरवाही पूर्ण किन कारणों से रही? शासन/विभाग ने क्या-क्या त्वरित कार्यवाही की? उन परिणामों से किन कार्यों में तेजी आई? स्पष्ट करें। (घ) बताएं कि उपरोक्त उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु कार्य एजेंसियों का समयावधि में कार्यों को पूर्ण करना स्पष्ट है तो इस हेतु क्या प्रयास किया गया? जावरा रेल्वे फाटक फ्लाई ओवर ब्रिज, सुखेडा-पचेवा-कललिया फंटा-रिगंनोद, पॉलिटेक्निक कॉलेज रोड रोजाना-अरनियायी मंडी रोड इत्यादि अपूर्ण कार्य कब पूर्ण होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
सुदृढ़ीकरण एवं संधारण हेतु विभाग की योजना
[जल संसाधन]
28. ( क्र. 669 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 के वर्षाकाल में अत्यधिक वर्षा होने से अनेक स्थानों पर अतिवृष्टि एवं अत्यधिक जल भराव के साथ ही बाढ़ सी स्थितियां निर्मित हुई, जिससे आमजन, पशुधन, खाद्यान्न की क्षति के साथ ही अनेक विभागीय तालाब, नहरें, डेम इत्यादि भी क्षतिग्रस्त हुए? (ख) यदि हाँ, तो जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संपूर्ण क्षेत्र के किन-किन स्थानों को अत्यधिक क्षतिग्रस्त पाया गया? इस हेतु विभाग द्वारा किस प्रकार की योजना बताई जाकर प्रश्न दिनांक तक सुदृढ़ीकरण, संधारण हेतु क्या-क्या किया गया? (ग) संपूर्ण क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए अथवा संवेदनशील माने गये डेम, तालाब इत्यादि की प्रस्तावित योजना के अलावा उनके सुदृढ़ीकरण हेतु वर्षभर में तत्परता से क्या-क्या किया गया? (घ) उल्लेखित वर्ष में समस्त प्रकार के कार्यों को किये जाने हेतु कितनी बजट राशि स्वीकृत होकर किन-किन स्थानों पर किस कार्य एजेंसी के माध्यम से क्या-क्या कार्य पूर्ण हुए? उन पर कितना व्यय हुआ? शेष अपूर्ण कार्य कब पूर्ण होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र जावरा अंतर्गत क्षतिग्रस्त परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण विभाग की क्षतिग्रस्त संरचनाओं के सुधार कार्य के लिए नेशनल डिजास्टर रेंसपोंस फण्ड (NDRF) से सहायता प्राप्त करने हेतु रू.6733.13 लाख का प्रस्ताव दिनांक 16.09.2019 द्वारा राहत आयुक्त, मध्यप्रदेश शासन भोपाल को प्रेषित किया गया है। आवंटन अप्राप्त। (घ) आवंटन प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
लालपानी जलाशय के गुणवत्ताहीन कार्य
[जल संसाधन]
29. ( क्र. 783 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के उपसंभाग तेंदूखेड़ा में वर्ष 2012 में लालपानी जलाशय का निर्माण हुआ था परन्तु निर्माण एजेंसी द्वारा गुणवत्ता पूर्ण कार्य न किये जाने से जलाशय में सीपेज बना हुआ है जलाशय निर्माण के 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है। (ख) विभाग द्वारा मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को आर.आर.आर योजना के तहत सुधार कार्य के लिए प्राक्कलन भेजा गया था जिसे यह बताकर वापस कर दिया गया कि तालाब निर्माण के अभी 10 वर्ष पूर्ण नहीं हुए है इसलिए सुधार कार्य नहीं कराया जा सकता। (ग) अगर जलाशय निर्माण के समय सीपेज था व गुणवत्ताहीन कार्य किया गया था तो 8 वर्षों में निर्माण एजेंसी एवं सम्बंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी है एवं सम्बंधित निर्माण एजेंसी द्वारा जलाशय का सुधार कार्य क्यों नहीं कराया गया तथा जलाशय का सुधार कार्य कब तक कराया जावेगा बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, अपितु विगत 03 वर्षों से तालाब से सीपेज परिलक्षित होना प्रतिवेदित है। जलाशय से की गई सिंचाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन जलाशय से प्रारंभिक वर्षों में रूपांकित सिंचाई क्षमता से अधिक रकवे में कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है, अत: अधिकारियों पर कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। लालपानी जलाशय के सुधार कार्य विशेष मरम्मत अंतर्गत किए जाने हेतु प्रस्ताव मैदानी कार्यालयों में तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अधिकारियों के भ्रष्टाचार
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 795 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में पदस्थ अधिकारी श्री राजीव सक्सेना मुख्य वित्त अधिकारी एवं दीपक सूद उप महाप्रबंधक भोपाल के भ्रष्टाचार के संबंध में मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग का पत्र क्रमांक 2280/1989/2019/ई-4 भोपाल दिनांक 28.09.2019 तथा मंत्री ऊर्जा विभाग का पत्र क्रमांक 2718/मंत्री-ऊर्जा दिनांक 26.10.2019 को प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र वि.वि.क्रं. लिमिटेड भोपाल को जाँच हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ख) क्या उक्त अधिकारियों का स्थानांतरण अन्यत्र कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर लोकायुक्त, ई.ओ.डब्लू. से जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) क्या उक्त अधिकारियों द्वारा वर्ष 2018-19 में पर्याप्त बजट न होने के बाद भी अन्य मद से नियम विरूद्ध तरीके से चहेते ठेकेदारों को बिलों का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत्? यदि नियम विरूद्ध तरीकों से बिलों का भुगतान किया गया है तो क्या उसकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित संदर्भों के माध्यम से शिकायत प्राप्त होने पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 02.11.19 से डॉ. राजीव सक्सेना, तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी एवं वर्तमान में नियंत्रक (वित्त), प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल से शिकायत पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं पर स्पष्ट टीप/अभिमत चाहा गया था। तत्संबंध में उनका प्रति उत्तर दिनांक 13.11.19 को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त हो गया है, जो कि विचाराधीन है। चूंकि श्री दीपक सूद, संयुक्त निदेशक (वित्त) डॉ. राजीव सक्सेना के अधीनस्थ कार्यरत थे, अतः उनके विरुद्ध प्राप्त शिकायत में उल्लेखित बिन्दुओं पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 10.12.19 द्वारा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी को जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। जाँच अधिकारी द्वारा पत्र दिनांक 03.01.2020 के माध्यम से प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसके अनुसार प्रथम दृष्टया अनियमितताएं पाये जाने पर प्रकरण में विस्तृत जाँच हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश दिनांक 12.02.2020 द्वारा तीन वरिष्ठ अधिकारियों की जाँच समिति का गठन किया गया है। समिति का जाँच प्रतिवेदन अभी अप्राप्त है एवं जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त जाँच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने एवं डॉ. राजीव सक्सेना, तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी से प्राप्त प्रति उत्तर पर विचारोपरांत, पाये गये तथ्यों के आधार पर दोनों अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायत पर निर्णय लिया जाकर समुचित कार्यवाही की जावेगी। (ख) राज्य शासन के आदेश क्रमांक 2303/2253/2019/ई/चार, दिनांक 28.09.2019 से डॉ राजीव सक्सेना, मुख्य वित्तीय अधिकारी, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल का स्थानान्तरण वित्त नियंत्रक, प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल के पद पर किया जा चुका है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्र. 10299-300 दिनांक 31.10.2019 से श्री दीपक सूद, संयुक्त निदेशक (वित्त) कार्यालय प्रबंध संचालक (म.क्षे.) भोपाल का स्थानान्तरण कार्यालय मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.) भोपाल के अंतर्गत किया गया था तथा इसके उपरांत पुनः म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्र. 16734-35 दिनांक 22.02.2020 से श्री दीपक सूद, संयुक्त निदेशक (वित्त) को कार्यालय प्रबंध संचालक (म.क्षे.) भोपाल के अंतर्गत पदस्थ किया गया है। प्रश्नाधीन उक्त दोनों अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों के संबंध में उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। चूँकि प्राप्त शिकायत पर वितरण कंपनी स्तर पर जाँच की जा रही है, अतः वर्तमान में लोकायुक्त या ई.ओ.डब्ल्यू. से जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। (ग) वर्ष 2018-19 में बजट प्रावधानों के अनुसार ही भुगतान किया गया है। अनुमोदित बजट के विलंब से आहरण के दौरान कंपनी के आंतरिक वित्तीय संसाधनों से भुगतान किया जाता है, जिस हेतु मुख्य वित्तीय अधिकारी को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के डेलिगेशन ऑफ पावर के पार्ट ''ब'' सेक्शन 8 ''फाइनेंस एण्ड ऑडिट'' के सरल क्रमांक 4 से शक्तियाँ प्रदत्त हैं। उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' में उल्लेखानुसार शिकायत के सभी बिन्दुओं पर जाँचोपरांत प्राप्त तथ्यों के आधार पर प्रश्नाधीन प्रकरण में समुचित कार्यवाही की जावेगी।
कबूलपुर परियोजना का निर्माण
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 809 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले की कबूलपुर परियोजना हेतु वर्ष 2019-20 के प्रथम अनुपूरक बजट में रु.100 का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो कबूलपुर परियोजना में बजट आवंटन के विरुद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या क्या कार्य करवाए गए हैं? कार्य वार जानकारी देवें। (ख) क्या कबूलपुर परियोजना की साध्यता शासन से प्राप्त हो चुकी है एवं उक्त परियोजना निर्माण से कितने हेक्टेयर में सिंचाई रकबा हेतु कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई है? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) उक्त परियोजना से राजगढ़ जिले एवं शाजापुर जिले के कौन-कौन से ग्रामों की कितनी कितनी भूमि का रकबा डूब में आ रहा है? ग्रामवार भूमि का रकबा से अवगत कराएं तथा उक्त परियोजना से जिला राजगढ़ एवं जिला शाजापुर के कौन-कौन से ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि सिंचित की जाएगी? ग्रामवार प्रस्तावित सिचिंत रकबे से अवगत कराएं। (घ) क्या कबूलपुर परियोजना निर्माण हेतु कितनी राशि की निविदा आमंत्रित की गई है? यदि हां, तो किस दिनांक को निविदा खोली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। परियोजना की निविदा आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। कार्य अप्रारंभ होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) जी नहीं। मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के लिए साध्यता आवश्यक नहीं है। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.03.2020 को रूपये 129.53 करोड़ की 4090 हेक्टर सैंच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) परियोजना में जिलेवार डूब प्रभावित ग्रामों एवं रकबा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। परियोजना से जिलेवार लाभान्वित होने वाले ग्रामों एवं प्रस्तावित सिंचित क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) रु.8368.58 लाख। दिनांक 17 मार्च 2020 निर्धारित है।
अधूरी परियोजनाओं के सम्बन्ध में
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 827 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत ऐसी कौन सी विभागीय परियोजना, कार्य हैं जिनका निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरा या बंद है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त कार्य किन कारणों से बंद या अधूरे हैं? विभाग ने इन्हें प्रारम्भ करवाने हेतु क्या-क्या प्रयास किये? कब तक और कैसे परियोजना पूर्ण होगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत तेन्दुआ नाला तालाब का कार्य अधूरा होकर वर्तमान में बंद होना प्रतिवेदित है। (ख) तेन्दुआ नाला तालाब का कार्य वन भूमि प्रभावित होने के कारण बंद है। विभाग द्वारा वन प्रकरण तैयार कर वन विभाग को प्रेषित किया गया है, जिसकी स्वीकृति अपेक्षित है। प्रथम स्तरीय स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत कार्य प्रांरभ कराया जाना संभव होगा। अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हाईटेंशन विद्युत लाईन के सम्बन्ध में
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 830 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर शहर आबादी वाले क्षेत्रों से मकानों एवं दुकानों के ऊपर से हाईटेंशन विद्युत लाईन निकलती है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है, तो आमजनों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए इन लाईन को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत छतरपुर जिले के शहरी क्षेत्रों में पूर्व से विद्यमान 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों के नीचे/निकट कालान्तर में भवनों एवं दुकानों का निर्माण किया गया है। (ख) उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये है, जिनके अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय विनियम के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है।
महाविद्यालय भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
34. ( क्र. 850 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में संचालित लामता महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु क्या राशि उपलब्ध करा दी गई है तथा जमीन आवंटित करा दी गई है? यदि हां, तो सम्पूर्ण जानकारी भूमि के खसरा नक्शा सहित देवें। (ख) क्या परसवाड़ा महाविद्यालय में एम.एस.सी. खोलने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लेख किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई कब तक एम.एस.सी. की क्लास खोलने के आदेश जारी करेगें? (ग) क्या परसवाड़ा महाविद्यालय में महात्मा गांधी जी की मूर्ति का अनावरण किया गया? यदि हाँ, तो क्षेत्रीय विधायक को क्यों आंमत्रित नहीं किया गया? क्या प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं किया? यदि किया तो उल्लंघन करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा से शासकीय अरण्य भारती महाविद्यालय, बैहर 30 कि.मी. की दूरी पर है, जहाँ एम.एस-सी. की कक्षायें संचालित हैं, जिसमें विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा में एम.एस-सी. की कक्षायें प्रारंभ करने में कठिनाई है। (ग) जी हाँ। यद्यपि महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. 79/शाखा-2/38/2020, दिनांक 10.01.2020 के बिन्दु क्र. 04 में दिये गये निर्देशानुसार गांधी स्तंभ का उद्घाटन 30.01.2020 को प्रतीकात्मक रूप से किया जाकर इस अवसर पर जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों सहित गांधीवादी विचारकों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया तथापि सामान्य प्रशासन विभाग के स्थायी निर्देशों के अनुसार माननीय विधायक महोदय को आमंत्रित नहीं करने के संबंध में प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
कृषि कार्य हेतु संचालित स्थायी कनेक्शनों पर भार वृद्धि
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 874 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत कृषि कार्य हेतु संचालित स्थायी कनेक्शनों पर भार वृद्धि की गयी हैं? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों से कितने स्थायी कनेक्शन धारियों के कनेक्शनों पर भार वृद्धि की गयी? (ख) भार वृद्धि किये जाने के संबंध में शासन के क्या नियम निर्देश हैं? (ग) क्या स्थायी कनेक्शनों पर भार वृद्धि होने के कारण कई ट्रांसफार्मर ओवरलोड की श्रेणी में आ गये हैं? यदि हाँ, तो ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की सूची स्थान सहित उपलब्ध करायी जावे। (घ) भार वृद्धि होने के कारण ओवरलोड हुये ट्रांसफार्मर कब तक अंडरलोड कर दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत कृषकों के स्थायी पम्प कनेक्शनों के भार में वृद्धि उपभोक्ता द्वारा स्वेच्छानुसार घोषणापत्र दिये जाने पर अथवा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार मौके पर विद्युत पम्प का संयोजित भार चैक कर तैयार किये गये पंचनामा/स्थल निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर की गई है। उक्तानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में दिनांक 29.02.2020 तक 17217 स्थाई पम्प कनेक्शनों के भार में वृद्धि की गई है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार उपभोक्ता द्वारा स्वेच्छानुसार घोषणा पत्र दिये जाने अथवा विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका-6.35 से 6.39 जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, के प्रावधानों के अनुरूप उपभोक्ता के विद्युत कनेक्शन के संयोजित भार में वृद्धि की जाती है। उक्त नियमों के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा स्थाई पम्प कनेक्शनों के संयोजित भार की जाँच किये जाने के संबंध में जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में चैक किये गये स्थाई कृषि पम्प कनेक्शनों का संयोजित भार, स्वीकृत भार से अधिक पाए जाने के कारण की गई भार वृद्धि के तारतम्य में 32 वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड की श्रेणी में आ गये हैं, जिनका स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन अतिभारित ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में वित्तीय उपलब्धतानुसार किया जाना संभव हो सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि कनेक्शनों पर की गयी भार वृद्धि
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 875 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत आने वाले कृषकों के कृषि कार्य के स्थायी कनेक्शनों की भार में वृद्धि पंचनामा के आधार पर की गयी हैं? (ख) क्या पंचनामा मौका स्थल पर तैयार न किये जाकर अन्य जगह तैयार किये गये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं? क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, है तो स्थायी कनेक्शनों में की गयी भार वृद्धि के कितने पंचनामें मौका स्थल पर बनाये गये की 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक की संख्यात्मक जानकारी देंवे? (घ) क्या पंचनामा के आधार पर स्थायी कनेक्शनों में भार वृद्धि किया जाना नियम संगत हैं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत कृषकों के स्थायी पम्प कनेक्शनों के भार में वृद्धि उपभोक्ता द्वारा स्वेच्छानुसार घोषणा पत्र दिये जाने पर अथवा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार मौके पर विद्युत पम्प का संयोजित भार चैक कर तैयार किये गये पंचनामा/स्थल निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर की गई है। (ख) जी नहीं, पंचनामा मौका स्थल पर ही तैयार किये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में स्थायी पम्प कनेक्शनों का स्थल निरीक्षण कर पाए गए संयोजित भार के अनुसार मौका पंचनामा बनाकर 12976 पंप कनेक्शनों एवं उपभोक्ताओं द्वारा दिये गये स्वघोषणा पत्र के आधार पर 4241 पंप कनेक्शनों के भार में वृद्धि की गई है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा स्थाई पंप कनेक्शनों का निर्धारित प्रक्रिया अनुसार स्थल निरीक्षण कर मौका पंचनामा/स्थल निरीक्षण रिपोर्ट बनाकर पाये गये संयोजित भार अनुसार एवं स्थायी पंप कनेक्शन उपभोक्ताओं द्वारा दिये गये स्वघोषणा पत्र के आधार पर भार वृद्धि करना नियम संगत है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
असीर से धूलकोट एवं बसाद फाटे से नेपानगर रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 887 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बसाड फाटा खण्डवा रोड से नेपानगर तक तथा असीर खण्डवा रोड से धुलकोट मार्ग निर्माण की सीमा निश्चित की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या यह दोनों मार्ग निर्माण समय-सीमा में पूर्ण होने की स्थिति में है? यदि नहीं, तो क्या निर्माण ठेकेदारों पर विभाग द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) उपरोक्त दोनों मार्ग के निर्माण में क्या वित्तीय कठिनाई उत्पन्न हुयी है? यदि हाँ, तो क्या इस वित्तीय वर्ष में मार्ग निर्माण हेतु बजट प्रावधान किया जाएगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। अनुबंध में निहित प्रावधानों के तहत कार्यों की समानुपातिक प्रगति नहीं होने के कारण ठेकेदार के चलित देयकों से क्षतिपूर्ति राशि रोकी गई है। (ख) आंशिक रूप से वित्तीय कठिनाई हुई, कार्यों के लिए पृथक से बजट आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। संयुक्त रूप से आवंटन उपलब्ध कराया जायेगा।
बुरहानपुर एवं नेपानगर में ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 888 ) श्रीमती
सुमित्रा
देवी कास्डेकर
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
नेपानगर व
बुरहानपुर
में
निर्माणाधीन
रेल्वे ओवर
ब्रिज के
निर्माण की समय-सीमा
निश्चित की
गयी थी? यदि
हाँ, तो
क्या दोनों
ब्रिज समय-सीमा
में पूर्ण न
होने के क्या-क्या
कारण हैं? ठेकेदारों
को कार्य
पूर्ण न करने
की स्थिति में
विभाग द्वारा
ठेकेदारों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गयी? (ख) क्या
उपरोक्त
ब्रिज
निर्माण में
विभागीय वित्तीय
राशि का अभाव
है? यदि
हाँ, तो
क्या विभाग
इस वित्तीय
वर्ष में
ब्रिज निर्माण
हेतु बजट
प्रावधान
करेगा? यदि
नहीं, तो
कारण स्पष्ट
करें।
(ग) क्या
विभाग दोनों
ब्रिज के पुन:
निर्माण
समाप्ति की
समय-सीमा
निश्चित
करेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
सज्जन सिंह
वर्मा ) : (क)
जी
हाँ। नेपानगर
आर.ओ.बी. में
रेल्वे हिस्से
का कार्य
पूर्ण न होना
तथा
बुरहानपुर
आर.ओ.बी. में
ठेकेदार
द्वारा धीमी
गति से कार्य
करना, न्यायालयीन
प्रकरण होना, रेल्वे
द्वारा कार्य
प्रारंभ न
करने के कारण
कार्य में
विलंब हुआ है।
नेपानगर
आर.ओ.बी. में
ठेकेदार
द्वारा
समानुपातिक
प्रगति दी है
अत: उसके
विरूद्ध
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
बुरहानपुर
आर.ओ.बी. में
धीमी गति से
कार्य करने के
कारण ठेकेदार
के चलित
देयकों से
अनुबंधानुसार
राशि रोकी गई
है एवं
ठेकेदार का
पंजीयन दिनांक
11.03.2019 को
दो वर्ष के
लिये निलंबित
किया गया है। (ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्नांश
का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
(ग) (1) नेपानगर
में रेल्वे
ओव्हर ब्रिज
का कार्य माह
जून 2020 तक
पूर्ण करने का
लक्ष्य है। (2) बुरहानपुर
निर्माणाधीन
रेल्वे ओव्हर
ब्रिज लोक
निर्माण
विभाग ब्रिज
के आंशिक भाग
का भू-अर्जन
प्रकरण
माननीय न्यायालय
में
विचाराधीन
होने से एवं
रेल्वे
विभाग का
कार्य लंबित
होने से
निश्चित समय-सीमा
निर्धारित
करना संभव
नहीं हो पा
रहा है।
अविवादित लोक
निर्माण
विभाग के हिस्से
का कार्य माह
जून 2020 तक
पूर्ण किये
जाने का लक्ष्य
है।
विद्युत विहीन क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 934 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितने गांव विद्युत विहीन हैं? नाम प्रदाय करें। (ख) क्या प्रदेश के विद्युत विहीन गांव में सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत व्यवस्था Decentral ize Distributions Generation (DDG) योजना अंतर्गत म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा चिन्हित ग्रामों में की जाती है? यदि हाँ, तो बिजावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों को उक्त योजना से चिन्हित किया गया है या चिन्हित किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सन् 2011 की जनगणना अनुसार विधानसभा क्षेत्र बिजावर सहित जिला छतरपुर के कुल 1085 ग्रामों में से 7 वीरान ग्रामों को छोड़कर शेष सभी 1078 आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ, प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा चिन्हित विद्युत विहीन मजरों/टोलों/बसाहटों में सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत व्यवस्था Decentral ized Distributed & Generation (DDG) योजना के अंतर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र.शासन द्वारा की जाती है वर्तमान में बिजावर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी मजरा/टोला/बसाहट उक्त योजना में चिन्हित नहीं किया गया है।
सड़कों के पैच वर्क
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 947 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत कितनी सड़कें डामरीकृत हैं तथा कितनी सडकों का डामरीकरण करना शेष है तथा कितनी और किन-किन डामरीकृत सड़कों में पैच वर्क कराना आवश्यक है? कब तक उपरोक्त पैच वर्क सड़कों पर कराये जावेंगे अगर नहीं तो क्यों? (ख) लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से गाँव हैं जो अभी तक सड़क विहीन हैं तथा अभी तक मुख्य मार्ग से नहीं जुड़े हैं? ऐसे गांवों को चिन्हित कर सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ कब तक सड़क विहीन गाँवों को मुख्य मार्ग से जोड़ा जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें। (ग) रैगाँव विधानसभा क्षेत्र अंर्तगत लोक निर्माण विभाग की कितनी और कहाँ-कहाँ की सड़कें हैं जिनमें अतिक्रमण कर या सड़क क्षेत्र में कचरा डालकर जैसे सितपुरा में या अन्य प्रकार से रोड को अवरोधित कर दिया गया या रोड को संकीर्ण कर दिया गया गया है? इन रोडों को स्वच्छ बनाने तथा अतिक्रमण हटाने की क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की सड़कों के किनारे ग्रामों के नाम की पटि्टकायें एवं कि.मी. के पत्थर लगे हुये हैं? अगर नहीं तो कब तक लगवाये जावेंगे? सड़कों के दोनों ओर सफाई कब तक कराई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) सड़क विहीन ग्रामों की जानकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण पी.आई.यू. 01 सतना से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश सम्बंधी विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' के कॉलम 6 एवं 7 में दर्शायें अनुसार है। कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' के कॉलम 7 में दर्शायें अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' के कॉलम-8 में दर्शायें अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। समय-समय में आवश्यकता अनुसार सड़क की पटरी की सफाई विभागीय संसाधनों पर सतत् की जाती है।
टोल नाके से अवैध वसूली
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 976 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय-जिला परिवहन अधिकारी कटनी का कार्यालय किस स्थान पर स्थापित एवं संचालित हैं और क्या कटनी नगर एवं अन्य स्थानों से आर.टी.ओ. कार्यालय जाने वाले नागरिकों को 04 चका एवं अन्य बड़े वाहनों का टोल टैक्स देना होता हैं, यदि हाँ, तो किस नियम और आदेश से आर.टी.ओ. कटनी के कार्यालय जाने वाले वाहनों से टोल टैक्स लिया जा रहा हैं। (ख) कटनी-दमोह मार्ग पर टोल टैक्स नाका कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं और कटनी की ओर निर्मित टोल टैक्स नाका कार्यालय-जिला परिवहन अधिकारी कटनी से कितनी दूरी पर स्थित हैं तथा टोल टैक्स नाका किस सक्षम अधिकारी के किस आदेश से यहाँ स्थापित किए गये थे? (ग) क्या आर.टी.ओ. कार्यालय जाने वाले वाहनों से टोल टैक्स लिए जाने की कई शिकायतें शासन/प्रशासन को पूर्व में प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो इस विषय पर प्राप्त शिकायतों का क्या निराकरण किया गया एवं क्या कार्यवाही की गयी हैं? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या आर.टी.ओ. कार्यालय जाने वाले वाहनों से अनुचित तरीके से टोल टैक्स वसूलने का संज्ञान लेते हुये, टोल टैक्स नाके को आर.टी.ओ. कार्यालय से आगे स्थापित कर संचालित किए जाने अथवा आर.टी.ओ. जाने वाले वाहनों से टोल टैक्स न लिए जाने के समुचित आदेश किये जायेंगे? यदि हाँ, तो क्या आदेश कब तक किये जायेंगे बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) कार्यालय जिला परिवहन अधिकारी, कटनी कार्यालय दमोह-कटनी मार्ग पर स्थित टोल नाके कि.मी. 177/10 कटनी जिले के ग्राम मझगवां से लगभग 200 मीटर से दूर स्थित है। जी हाँ। कन्सेशन अनुबंध के प्रावधान के अनुसार टोल ना