मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च 2017 सत्र


सोमवार, दिनांक 20 मार्च 2017


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर

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पंचायत समन्‍वयक के ऊपर प्राणघातक हमले की जाँच

[गृह]

1. ( *क्र. 6425 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दतिया जिले के थाना धीरपुरा अंतर्गत आने वाले सेमई तिराहे पर दिनांक 12.12.2016 को पंचायत समन्‍वयक प्रभुदयाल इक्‍का पर गोली चलाकर प्राण घातक हमला हुआ? यदि हाँ, तो कितने बजे। (ख) उक्‍त प्रकरण में श्री मुकेश शर्मा, सरपंच जैनिया को किस आधार पर आरोपी बनाया गया? क्‍या धीरपुरा थाना प्रभारी ने दलगत राजनीति में पड़कर पैसों का लेनदेन कर मुकेश शर्मा को फोन कर थाने बुलाया और फर्जी गवाह बनाकर उसी के ग्राम का गोविंद जाटव तथा ऐसा व्‍यक्ति सेमई निवासी जिससे गोविंद व मुकेश का कोई परिचय नहीं था, को भी आरोपी बनाया गया तथा उन्‍हें जेल भेजा गया। (ग) एक प्रतिष्ठित पद अधिकारी (सरपंच) को आरोपी बनाने के पूर्व क्‍या पुलिस द्वारा घटना के समय की आरोपियों की मोबाईल लोकेशन ट्रेक की गई? क्‍या इन आरोपियों में रानू दांगी सेमई से बात होना पाया गया? यदि नहीं, तो क्‍या अब इसका डिटेल निकलवाकर देखी जा सकती है? (घ) क्‍या पुलिस अधीक्षक दतिया के आदेश पर प्रकरण में जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से किस अधिकारी द्वारा? जाँच अधिकारी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलबध करावें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 12.12.2016 के शाम 06:30 बजे की घटना है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश () में वर्णित घटना के संबंध में जिला दतिया के थाना धीरपुरा में अपराध क्रमांक 125/16 धारा 307, 34 भादवि पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में आये साक्ष्य अनुसार मुकेश शर्मा, गोविन्द जाटव, रानू दांगी को आरोपी बनाकर दिनांक 19.12.2016 को गिरफ्तार किया गया, जो दिनांक 26.12.2016 से जमानत पर हैं। (ग) प्रकरण विवेचनाधीन है, अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। मुकेश शर्मा द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र की जाँच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सेवड़ा को दी गई थी। आवेदन पत्र की जाँच पूर्ण की गई। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है।

 

भोपाल में अवैध नामांतरण पर कार्यवाही

[राजस्व]

2. ( *क्र. 5996 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 2076, दिनांक 29.07.2016 के (ग) उत्‍तर अनुसार रोक के बावजूद 5 ग्रामों में नामांतरण की कार्यवाही कैसे हो गई? (ख) इन अधिकारियों पर अब तक की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति बतावें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? (ग) विधि विरूद्ध नामांतरण को ठीक करने के लिए पुनर्विलोकन की अनुमति क्‍या प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो इसकी छायाप्रति देवें? यदि नहीं, तो कारण बतावें। प्र.क्र. 2076, दि. 29.07.2016 के (घ) उत्‍तर अनुसार बतावें? (घ) यदि (घ) उत्‍तर (उपरोक्‍तानुसार) में यह माना गया है कि नामांतरण नियम विरूद्ध है तो फिर इसे निरस्‍त क्‍यों नहीं किया गया? इसे कब तक निरस्‍त कर दिया जाएगा? निरस्‍त न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्‍त फसलों का मुआवज़ा

[राजस्व]

3. ( *क्र. 4588 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील करैरा एवं नरवर जिला शिवपुरी में माह जनवरी 2017 में किन-किन ग्रामों में ओलावृष्टि होकर क्षति के आंकलन हेतु सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण के दौरान अधिकारी/कर्मचारियों के नाम व विभाग बताते हुए कहाँ-कहाँ कितने कृषकों की ओलावृष्टि से फसल की क्षति हुई? क्षति का आंकलन (प्रतिशत में) बतायें। (ख) क्‍या दैवीय प्रकोप से क्षति के आंकलन की प्रतिशत नुकसान की जानकारी संबंधित कृषक एवं सार्वजनिक स्‍थानों पर चस्‍पा भी करने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में सभी कृषक एवं सार्वजनिक स्‍थल पर क्षति की प्रति चस्‍पा व कृषकगणों को दी गई थी।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील करैरा में ओलावृष्टि से ग्रामों में हुई क्षति एवं क्षति के प्रतिशत के संबंध में जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार है एवं ओलावृष्टि से हुई क्षति में सर्वेक्षण में संलग्‍न अधिकारी/कर्मचारियों से संबंधित जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार है। तहसील नरवर के ग्राम अंदोरा के 28 एवं रायपहाड़ी के 41 कृषकों की 10 प्रतिशत तक फसल ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। तहसील नरवर के ग्राम अंदौरा एवं रायपहाड़ी में माह जनवरी 2017 में ओलावृष्टि से हुई क्षति के सर्वेक्षण से संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र "ग" अनुसार है। (ख) आर.बी.सी. 6-4 में प्राकृतिक आपदा से क्षति होने पर अनुदान सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के अनुसार प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - ''एक''

उचित मूल्‍य की दुकानों का निर्माण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

4. ( *क्र. 1669 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सतना अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में उचित मूल्‍य की दुकानों के निर्माण को पूर्ण कराया जा चुका है? ग्राम पंचायतवार पूर्णता दिनांक के साथ विवरण दें (ख) किन-किन ग्राम पंचायतों में स्‍वयं की उचित मूल्‍य की दुकानों में खाद्यान्‍न वितरण किया जा रहा है तथा किन-किन ग्राम पंचायतों में दुकान का निर्माण पूर्ण होने के बाद भी बंद पड़ी हैं?                 (ग) किन-किन ग्राम पंचायतों में शासनादेश के बाद भी उचित मूल्‍य की दुकान ग्राम पंचायत मुख्‍यालय में नहीं खोली गयी है? इसके लिए दोषी कौन है? (घ) दोषी अधिकारी को दण्डित करते हुए कब तक उचित मूल्‍य की दुकान ग्राम पंचायत मुख्‍यालय में खोलना सुनिश्चित कर दिया जायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत कुंआ एवं नीमीवृत्‍त की शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों में स्‍वयं के भवन में खाद्यान्‍न वितरण किया जा रहा है। ग्राम पंचायत मांद की दुकान का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित भवन समिति को हस्‍तांतरित नहीं किया गया है। हस्‍तान्‍तरण की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) विधानसभा सतना के प्रत्‍येक ग्राम पंचायत अंतर्गत शासकीय उचित मूल्‍य दुकान स्‍थापित हैं। मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के 7 (2) के अंतर्गत प्रत्‍येक ग्राम पंचायत के अंतर्गत न्‍यूनतम 1 उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है। नियंत्रण आदेश के प्रावधान अनुसार उचित मूल्‍य दुकान के स्‍थान का निर्धारण जिला पंचायत द्वारा किया जाना है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''दो''

चारागाह की भूमि का आवासीय उपयोग

[राजस्व]

5. ( *क्र. 5128 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या शासन को ज्ञात है कि कुरवाई विधान सभा क्षेत्र में ग्राम महलुआ चौराहा की भूमि सर्वे नंबर 363/2 रकबा 1.275 मद चारागाह में थी। उसे वर्ष 2011 में रकबा 0.405 आवासीय भूमि क्‍यों बदला गया था? इसमें किन-किन लोगों को आवासीय पट्टे दिये गये? इनका नाम विवरण सहित बतावें। इस भूमि पर किन लोगों ने दुकानें, शोरूम बनाये हैं? (ख) क्‍या शासकीय भूमि के पट्टेधारियों द्वारा भूमि का विक्रय किया गया है जबकि नियमानुसार पट्टे वाली भूमि का विक्रय नहीं किया जा स‍कता है? जो इस तरह की भूमि खरीद कर व्‍यवसाय, धंधा कर रहे हैं, शासन उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेगा? क्‍या उक्‍त भूमि का पट्टा निरस्‍त कर भूमि शासन द्वारा वापिस की जावेगी? (ग) इस मुख्‍य स्‍थान और बेशकीमती जमीन को गौचर के स्‍थान पर आवासीय घोषित क्‍यों किया गया? क्‍या यह व्‍यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिये किया गया था?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पूर्व जिला प्रबंधक कटनी के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

6. ( *क्र. 6106 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या नागरिक आपूर्ति निगम कटनी एवं रीवा में पदस्‍थ जिला प्रबंधक श्री शम्‍भू प्रसाद गुप्‍ता द्वारा अपने विभाग की महिला कर्मचारी श्रीमती रश्‍मि‍ जायसवाल के साथ किये गये अभद्र व्‍यवहार की घटना पश्‍चात् दिनांक 11-09-2015 को इनके विरूद्ध कोतवाली कटनी में अपराधिक प्रकरण क्र. 861/15 पंजीबद्ध किया गया है, तत्‍पश्‍चात् उक्‍त अधिकारी द्वारा न्‍यायालय में चालान प्रस्‍तुत पश्‍चात् जमानत करा ली गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त प्रकरण में प्रमुख सचिव, खाद्य एवं उपभोक्‍ता संरक्षण द्वारा पत्र क्र. आर./4129/2775/2015, दिनांक 13-10-2015 से विभाग के प्रबंध संचालक को विभागीय अनियमितता एवं भ्रष्‍टाचार की जाँच तथा अनुशासनात्‍मक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था? (ग) प्रश्‍नांश () के संदर्भ में यह बतायें की उपरोक्‍त प्रकरण में कार्यवाही न करते हुए प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल द्वारा श्री गुप्‍ता को संभागीय मुख्‍यालय रीवा में दण्‍ड के बजाय पुरस्‍कृत कर पदस्‍थापना दी गई है? पदस्‍थापना आदेश की प्रति देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) एवं (ग) के संदर्भ में उक्‍त प्रकरण में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है। ऐसे भ्रष्‍ट अधिकारी के विरूद्ध कौन-सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेंगे तथा ऐसे अधिकारी को संरक्षण देने वाला कौन अधिकारी है? दोनों के विरूद्ध कौन-सी कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कार्पोरेशन में आउटर्सोसिंग से पूर्व में पदस्‍थ श्रीमती रश्मि जायसवाल द्वारा श्री एस.पी. गुप्‍ता के विरूद्ध थाना कोतवाली जिला कटनी में शिकायत करने पर थाना कोतवाली जिला कटनी द्वारा प्रथम सूचना प्रतिवेदन क्रमांक 861/2015 दिनांक 11.09.2015 पंजीबद्ध की गई है। श्री गुप्‍ता द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर से दिनांक 14.10.2015 को अग्रिम जमानत प्राप्‍त की गई है। (ख) प्रबंध संचालक को विभाग द्वारा पत्र क्रमांक आर. 4129/2775/2015/29-2 दिनांक 13.10.2015 से कटनी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में उपार्जित धान का भंडारण, भंडारण नीति के विपरीत कराये जाने के संबंध में प्राप्‍त शिकायत का जाँच प्रतिवेदन प्रेषित करते हुए जिला प्रबंधक मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन कटनी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित प्रमुख सचिव के पत्र दिनांक 13.10.2015 के परिपालन में प्रबंध संचालक द्वारा कार्यवाही करते हुए श्री एस.पी. गुप्‍ता, तत्‍कालीन जिला प्रबंधक कटनी को कार्पोरेशन के ज्ञाप क्रमांक/स्‍था./2016/2026 दिनांक 23.02.2016 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया,         श्री गुप्‍ता द्वारा प्रस्‍तुत प्रति उत्‍तर दिनांक 09.03.2016 समाधान कारक नहीं पाये जाने पर कार्पोरेशन के आदेश क्रमांक/स्‍था./2016/124 भोपाल दिनांक 25.04.2016 द्वारा श्री गुप्‍ता के विरूद्ध एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित कर दंडात्‍मक कार्यवाही की गई। श्री गुप्‍ता को कार्पोरेशन के आदेश क्रमांक/स्‍था./2016/2244, दिनांक 22.03.2016 के द्वारा जिला कार्यालय कटनी से मुख्‍यालय भोपाल पदस्‍थ किया गया, इसके बाद मुख्‍यालय भोपाल से जिला कार्यालय बैतूल पदस्‍थ किया गया। आदेश क्रमांक स्‍थापना/2016/540, दिनांक 10.06.2016 से श्री गुप्‍ता को बैतूल से जबलपुर पदस्‍थ करने का आदेश जारी किया गया। जिसे आदेश क्रमांक स्‍थापना/2016/636 दिनांक 25.06.2016 से निरस्‍त किया गया। पश्‍चात् में आदेश क्रमांक/स्‍था./टी-2/2016/2064 दिनांक 18.11.2016 के द्वारा श्री गुप्‍ता को जिला कार्यालय बैतूल से जिला कार्यालय रीवा पदस्‍थ किया गया है। उक्‍त सभी स्‍थानांतरण प्रशासनिक तौर पर किये गये हैं। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) प्रकरण न्‍यायालयीन है। प्रश्‍नांश () एवं () के परिप्रेक्ष्‍य में नियमानुसार विभागीय दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

तहसील चीनोर में नामांतरण प्रकरणों की प्रविष्‍टि‍

[राजस्व]

7. ( *क्र. 6353 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व अनुविभाग भितरवार जिला ग्‍वालियर द्वारा प्रकरण क्रमांक 17/14-15/अपील आदेश दिनांक 21/7/2016 को मिश्रोबाई वेबा छत्रपाल कुशवाह वगैराह निवासी ग्राम चीनोर तहसील चीनोर को वसीयत के आधार पर नामान्‍तरण किये जाने का आदेश पारित किया था? क्‍या आदेश का पालन तत्‍कालीन तहसीलदार ने अमल किया था? यदि हाँ, तो किस तारीख में स्‍पष्‍ट करें? क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक कम्‍प्‍यूटर पर अमल किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या वर्तमान तहसीलदार द्वारा कम्‍प्‍यूटर पर अमल न करने के पीछे कोई भ्रष्‍टाचार की मंशा है? यदि नहीं, तो फिर अभी तक अमल न करने का क्‍या कारण है? स्‍पष्‍ट करें (ख) क्‍या (क) प्रकरण में अभी तक अमल न कराने में वर्तमान तहसीलदार दोषी है? यदि हाँ, तो क्‍या दोषी के प्रति कोई दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?                         (ग) तहसील चीनोर में नामान्‍तरण तथा बंटवारे से सम्‍बंधित प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रकरण किस कारण से लंबित हैं, इन लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर नामान्‍तरण एवं बंटवारा करा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। उक्‍त आदेश का तत्‍कालीन तहसीलदार द्वारा अमल नहीं किया गया, क्‍योंकि अनुविभागीय अधिकारी भितरवार द्वारा प्रकरण क्रमांक          17/14-15/अपील में पारित आदेश दिनांक 21.07.2016 की प्रति के साथ तहसील चीनोर की नामांतरण पंजी वापिस की जाना थी, किन्‍तु इसी नामांतरण पंजी की आवश्‍यकता अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी न्‍यायालय में प्रचलित एक अन्‍य प्रकरण क्रमांक 10/15-16/अपील में होने के कारण यह पंजी प्रवाचक द्वारा इस प्रकरण में संलग्‍न कर दी गई, इस कारण प्रकरण क्रमांक                17/14-15/अपील आदेश दिनांक 21.07.2016 का कम्‍प्‍यूटर में अमल होने में विलंब हुआ। भष्‍टाचार की कोई मंशा नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) तहसील न्‍यायालय चीनोर में वर्तमान में नामांतरण के 23 एवं बंटवारा के 07 प्रकरण विवादित होने के कारण लंबित हैं, जिनमें जाँच एवं युक्तियुक्‍त सुनवाई उपरांत विधि अनुकूल निराकरण किया जायेगा।

''द्वार प्रदाय योजना'' अंतर्गत खाद्यान्‍न वितरण  

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

8. ( *क्र. 3491 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) गरीबों का सस्‍ता खाद्यान्न राशन की दुकान तक पहुंचाने के वाहनों में जी.पी.एस. सिस्‍टम लगाने का आदेश शासन एवं जिला प्रशासन को कब जारी किया गया था? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें क्‍या विधानसभा चुनाव के समय इन वाहनों से जी.पी.एस. सिस्‍टम निकाल दिये गये जो दुबारा वाहनों में नहीं लगाये गये? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में नागरिक आपूर्ति निगम ''द्वार प्रदाय योजना'' में खाद्यान्न दुकान तक पहुँचा रहा है? यदि हाँ, तो यह नियम कब से प्रारंभ किया गया? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें क्‍या लीड समितियों के परिवहन के दौरान इन्‍हीं परिवहनकर्ताओं के वाहन पर जी.पी.एस. सिस्‍टम लगे थे? यदि हाँ, तो ''द्वार प्रदाय योजना'' के प्रारंभ पर जी.पी.एस. क्‍यों नहीं लगे? कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में ''द्वार प्रदाय योजना'' प्रारंभ होने के बाद 8 महीने में खाद्यान्न चोरी के दो बड़े मामले हुये, जिसमें नागरिक आपूर्ति निगम से निकला राशन मई में लालगांव सेवा सहकारी समिति की दुकान में गेहूँ नहीं पहुंच कर वापस वेयर हाउस में पहुंच कर खरीदी के गेहूँ में बदलकर जमा हो रहा था? जिसे खाद्य विभाग ने पकड़ा था? अक्‍टूबर में खाद्यान्न रायपुर कर्चुलियान एवं गंगेव के लिये निकला जो सीधे मिर्जापुर जा रहा था, जिसे पुलिस ने हनुमना बार्डर में पकड़ा था? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के प्रकाश में क्‍या पुलिस द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज की गयी है एवं प्रश्‍न दिनांक तक (दोनों प्रकरण) में की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्‍ध करावें? प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में जी.पी.एस. सिस्‍टम नहीं लगवाने के लिये कौन से कर्मचारी अधिकारी जिम्‍मेदार हैं? जिम्‍मेदार के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई? अगर नहीं हुई तो प्रकरण की जाँच का आदेश देकर जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत खाद्यान्न परिवहन के लिये वाहनों में जी.पी.एस. सिस्टम लगाने हेतु म.प्र. शासन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग के आदेश क्र. 997 दिनांक 04.02.2012 एवं कार्यालय जिला कलेक्‍टर (खाद्य) जिला रीवा के आदेश क्र. 317 दिनांक 23.02.2012 द्वारा जारी किया गया था। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिला रीवा में विधानसभा चुनाव के समय लीड संस्था द्वारा परिवहन कार्य में लगे वाहनों से चुनाव कार्य में उपयोग हेतु जी.पी.एस. सिस्टम निकाले गये थे, जो दुबारा वाहनों में नहीं लगाये गये। (ख) जी हाँ, शासन निर्देश               क्र. एफ-7-17/2014/29-1 दिनांक 02.07.2014 के अनुपालन में जिला रीवा में मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा माह सितम्बर 2014 से ''द्वार प्रदाय योजना'' के अंतर्गत खाद्यान्न उचित मूल्‍य दुकानों तक पहुंचाया जा रहा है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हाँ, पूर्व में लीड समितियों के परिवहन के दौरान वर्तमान में संचालित ''द्वार प्रदाय योजना'' के परिवहनकर्ताओं के कुछ वाहन परिवहन कार्य में लगे थे, जिनमें जी.पी.एस. सिस्टम लगे थे। विभागीय समीक्षा बैठक दिनांक 23.05.2014 में लिये गये निर्णय अनुसार परिवहन हेतु उपयोग में लाये गये वाहनो में जी.पी.एस. सिस्टम लगाने का विचार प्रासंगिक नहीं होने के कारण वाहनो में जी.पी.एस. सिस्टम लगाने हेतु निर्देश ''द्वार प्रदाय योजना'' के अंतर्गत जारी नहीं किये गये। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, प्रश्नांश () के परिप्रेक्ष्‍य में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्रश्न दिनांक तक लालगाँव सेवा सहकारी समिति की उचित मूल्‍य दुकान को भेजा गया गेहूँ, जो लालगाँव खरीदी केन्द्र के माध्यम से चोरहटा एग्रोटेक गोदाम में जमा कराया जा रहा था, के प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत हेतु प्रस्तुत याचिका में माननीय न्यायालय द्वारा विवेचक को मय-केस डायरी तलब की जाकर आरोपियों को अग्रिम अन्तरिम जमानत दी गई थी। तत्‍पश्‍चात् पुलिस द्वारा मय-केस डायरी माननीय न्यायालय में विवेचना हेतु प्रस्तुत किये गये थे, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आरोपियों की अग्रिम जमानत खारिज कर गिरफ्तारी के आदेश जारी किये गये हैं। उक्‍त में वर्तमान में पुलिस द्वारा फरार आरोपी की तलाश एवं प्रकरण की विवेचना की जा रही है। हनुमना थाने में दर्ज प्राथमिकी में 17 आरोपी में से 11 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, शेष में पुलिस द्वारा विवेचना की जा रही है। उपरोक्‍त दोनों प्रकरणों में मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा संबंधित परिवहनकर्ताओं को काली सूचीबद्ध किया गया। उत्‍तरांश (ख) के उत्‍तर के आधार पर शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल योजनान्‍तर्गत छात्रवृत्ति वितरण

[श्रम]

9. ( *क्र. 2542 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल योजनान्‍तर्गत श्रम विभाग द्वारा छात्रवृत्ति प्रदत्‍त की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से किस-किस को कितनी-कितनी राशि, कब-कब प्रदान की गई? कटनी जिले का विकासखण्‍डवार वर्षवार विवरण दें (ख) क्‍या छात्रवृत्ति की राशि बैंक खातों के माध्‍यम से या चेक के माध्‍यम से प्रदाय किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो किन-किन छात्रों को नगद भुगतान किया गया? कटनी जिले का विकासखण्‍डवार वर्षवार विवरण दें (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्‍या छात्रवृत्ति वितरण में विलम्‍ब हुआ? शासन द्वारा प्राप्‍त छात्रवृत्ति की राशि से कितना-कितना ब्‍याज अर्जित किया गया? वर्षवार अवितरित शेष राशि को ब्‍याज सहित वापस न करने के लिये कौन उत्‍तरदायी है? इनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री/पत्नी को शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना, मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरूस्कार योजना में लाभ प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नांकित अवधि में कटनी जिले में शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना के अंतर्गत वितरित हितलाभ राशि की विकासखण्डवार एवं वर्षवार विवरण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना, मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरूस्कार योजना की राशि बैंक खातों के माध्यम से प्रदाय किए जाने के निर्देश हैं। शेष प्रश्नांश की जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। म.प्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों की कुल लागत का 1 प्रतिशत की दर से उपकर जमा कराया जाता है। इस प्रकार जमा उपकर राशि से पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाती हैं। अतः प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तीन''

सोनकच्‍छ विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित पशुपालन केन्‍द्र

[पशुपालन]

10. ( *क्र. 4067 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सोनकच्‍छ विधान सभा क्षेत्र में मान्‍यता प्राप्‍त गोसेवा/पशुपालन केन्‍द्र हैं। यदि हैं तो कहाँ-कहाँ पर तथा इसका संचालन कौन करता है। (ख) क्‍या इन केन्‍द्रों को शासन द्वारा कोई राशि अथवा अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो वर्षवार कितनी राशि अथवा अनुदान दिया जाता है तथा उसकी प्रक्रिया क्‍या है? (ग) क्‍या सोनकच्‍छ विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा उत्‍तम गोवंश/भैंस आदि किसानों को उचित दामों पर दी जाती है? यदि हाँ, तो उसकी क्‍या प्रक्रिया है? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं।

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) जी हाँ। विभागीय योजनाएं ''नन्दीशाला योजना'' में गौवंशीय सांड तथा ''सम्मुनत पशु प्रजनन योजना'' में मुर्रा सांड, मध्यप्रदेश पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के माध्यम से प्रदाय किये जाते हैं। ग्रामसभा में हितग्राही का नाम, अनुमोदित होने पर वह नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था में आवेदन कर सकता है। आवेदक के पात्र होने पर प्रकरण स्वीकृत कर लाभ दिया जाता है।

परिशिष्ट - ''चार''

बीना में अनुविभागीय कार्यालय/स्‍टॉफ की पदस्‍थापना

[राजस्व]

11. ( *क्र. 5264 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बीना को अनुविभागीय का दर्जा प्रदान कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या अनुविभागीय कार्यालय एवं स्‍टॉफ की पदस्‍थापना कर दी गयी है? यदि हाँ, तो कार्यालयों में पदस्‍थ अधिकारियों के नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) यदि नहीं, तो कब तक अनुविभागीय अधिकारियों की पदस्‍थापना कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। श्रीमती रजनी सिंह (आई.ए.एस.) अनुविभागीय अधिकारी बीना में पदस्थ हैं। तहसील कार्यालय बीना में पदस्थ स्टाफ से कार्य लिया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

जिला अनूपपुर में स्‍टॉपडेम का कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

12. ( *क्र. 1704 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर के जनपद जैतहरी राजेन्‍द्रग्राम अनूपपुर कोतमा में विभिन्‍न कार्यादेशों, अनुबंधों के क्रमांक 52, 53, 69, 70, 71, 87, 118, 119, 120, 104/2007-08 तथा 144, 139, 150, 178, 206, 207/2008-09 एवं 268, 17/2011-12 के साथ ही 22, 23, 31, 49, 63/2013-14 के तहत पंप हाउस स्थित रूम पाइप लाईन डगवेल निर्माण स्‍टॉपडेम का कार्य कुल कितने लागत से तैयार हुए हैं? वर्षवार, संबंधित ठेकेदार का नाम सहित जानकारी देवें (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्यों की शिकायत जैसे माप पुस्तिका में मनमानी तरीके से माप चढ़ाने, गुणवत्‍ता वि‍हीन कार्य करने, कार्य की पी.ए.सी. से दुगुना तिगुना भुगतान प्राप्‍त करने की शिकायत विभाग को की गयी है? यदि हाँ, तो अभी तक क्‍या कार्यवाही हुई? (ग) मुख्‍यमंत्री कार्यालय के पत्र क्र. 2898/सी.एम./एम.एल.ए. 087/2014 भोपाल दि. 21/11/2014 एवं विकास आयुक्‍त कार्यालय म.प्र. भोपाल के पत्र           क्र. 10360/261/22 वी.-13/ग्रा.या. सेवा/14 भोपाल दि. 08.12.2014 तथा म.प्र. राज्‍य रोजगार गांरटी परिषद भोपाल के पत्र क्र. 8886/एन.आर. 3/मनरेगा/2014 भोपाल दिनांक 05/12/2014 के अनुपालन में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही न करने का कारण क्‍या है? क्‍या विभाग उच्‍च स्‍तरीय भौतिक सत्‍यापन करायेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2011-12 की अनुबंध पंजी में अनुबंध क्रमांक 268 दर्ज नहीं है। (ख) जी हाँ। 03 सदस्यीय जाँच दल से भौतिक सत्यापन कराया गया। जाँच दल से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रथमदृष्टया श्री आर.वाय. तिवारी, श्री यू.एस. नामदेव, श्री हीरासिंह धुर्वे तत्कालीन कार्यपालन यंत्री खण्‍ड अनूपपुर, श्री के.के. गुप्ता प्रभारी सहायक यंत्री, श्री आर.पी. अहिरवार, श्री एस.पी. द्विवेदी उपयंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्‍ड अनूपपुर उत्तरदायी पाये गए हैं। संबंधितों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। (ग) उत्तरांश () अनुसार भौतिक सत्यापन कराया गया है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

राजस्‍व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के अधिकार

[राजस्व]

13. ( *क्र. 3152 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में राजस्‍व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के अधिकार प्रदान किये गये हैं और क्‍यों? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत किस-किस जिले में किन-किन राजस्‍व निरीक्षक को अधिकार प्रदान किये गये हैं? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में पदस्‍थ राजस्‍व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के उन्‍हीं तहसील के अधिकार दिये गये हैं, जहाँ पर वे पटवारी व राजस्‍व निरीक्षक के पद पर वर्षों तक पदस्‍थ रहे हैं और क्‍या यह नियमानुसार सही है? (ग) क्‍या राज्‍य शासन इन राजस्‍व निरीक्षकों को अन्‍यत्र जिलों में स्‍थानान्‍तरित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में 547 राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के अधिकार प्रदान किये गये हैं। प्रदेश में नायब तहसीलदारों के अत्यधिक पद रिक्त होने एवं राजस्व कार्य प्रभावित न हो इस कारण राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार की शक्तियां प्रदान की गईं। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 24 की उपधारा (1) के तहत शक्तियां प्रदान की गईं। जिलों में राजस्व निरीक्षकों को प्रदान किये गये अधिकारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार की शक्तियों पर सशक्त कर उसी जिले में पदस्थ करने के विरूद्ध कोई नियम नहीं है। (ग) जी नहीं। स्थानान्तरण पर प्रतिबंध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[श्रम]

14. ( *क्र. 3562 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला अन्तर्गत श्रम विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? योजनावार पूर्ण विवरण देवें। (ख) हरदा जिले में विगत पाँच वर्षों में संचालित योजनाओं पर कितना व्यय हुआ व कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (ग) विगत पाँच वर्षों में श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा बाल श्रम व बाल शोषण रोकने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई व कितनी व कौन-कौन सी जगहों पर जाँच व आकस्मिक निरीक्षण किस अधिकारी के द्वारा किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार की गई कार्यवाही में कौन-कौन दोषी पाये गये व उन पर क्या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत हरदा जिले में वर्तमान में संचालित विभिन्न 22 योजनाओं का योजनावार पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत हरदा जिले में विगत पाँच वर्षों में योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों एवं वितरित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) बाल श्रम व बाल शोषण रोकने हेतु श्रम निरीक्षक एवं टास्‍क फोर्स समिति द्वारा अधिनियम 1986 के अंतर्गत निरीक्षण किये जाते हैं, गत पाँच वर्षों में बाल श्रम अधिनियम 1986 के अंतर्गत अनुभाग हरदा, टिमरनी एवं खिरकिया क्षेत्र में श्री जी.के. श्रीवास्‍तव व श्री एस.के. लोध तथा          श्री आर.बी. पटेल श्रम निरीक्षकों द्वारा कुल 314 निरीक्षण किये गये हैं। (घ) निरीक्षण के दौरान किसी भी संस्‍थान में बाल श्रमिक नियोजित नहीं पाये गये हैं। अभिलेखों के संधारण में अनियमितता पाये जाने पर 86 दोषी संस्‍थानों/नियोजकों के विरूद्ध न्‍यायालय में अभियोजन दायर किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, जिसमें न्‍यायालय द्वारा 52 प्रकरणों में 1,10,500/- रूपये का अर्थदण्‍ड अधिरोपित किया गया है।

मछुआ समितियों को मुआवजा वितरण

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

15. ( *क्र. 1742 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या टीकमगढ़ जिले सहित खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में विगत वर्षों में भारी सूखा पड़ने के कारण तालाबों में पानी सूख गया था और मछली पालन करने वाली मछुआ समितियों द्वारा लागत लगाकर कई तालाबों में मछली का बीज (यानि बच्‍चा) डाला गया था, जिसके कारण उन समितियों की पूंजी नष्‍ट हो गई? (ख) क्‍या उन समितियों पर कर्ज भी है और तालाबों की लीज़ चुकाने में वे असमर्थ हैं? क्‍या मछुआ समितियों को शासन स्‍तर पर सूखा राहत राशि दिये जाने की ऐसी कोई योजना थी या है? यदि हाँ, तो उक्‍त समितियों को कब तक सूखा राहत राशि प्रदाय कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें (ग) क्‍या खरगापुर विधानसभा सहित टीकमगढ़ जिले के अलावा प्रदेश में किसी भी मछुआ समिति को सूखा राहत राशि नहीं दी गई?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। समितियों की पूंजी नष्‍ट होने की जानकारी नहीं है। (ख) समितियों पर कर्ज की स्थिति नहीं है। प्राकृतिक आपदा से जिस वर्ष तालाब/जलाशय में मत्‍स्‍य बीज संचयन न होने एवं मत्‍स्‍य बीज तथा संबंधित मत्‍स्‍य की क्षति होती है, तो उस वर्ष की पट्टा राशि हितग्राही को देय नहीं होगी तथा राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र की धारा 6 (4) के प्रावधान अनुसार नैसर्गिक आपदा से मछली फार्म क्षतिग्रस्‍त होने पर मरम्‍मत के लिये रूपये 6000/- प्रति हेक्‍टेयर एव मछली पालने वालों को मछली बीज नष्‍ट होने पर रूपये 4000/- प्रति हेक्‍टेयर सहायता अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। प्राप्‍त आवेदनों पर पात्र पायी गयी समितियों/समूहों को राहत सहायता प्रदाय कर दी गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ।

दतिया जिले में शस्त्र लायसेंस के लंबित प्रकरण

[गृह]

16. ( *क्र. 5016 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) दतिया जिले में दिनांक 01-01-2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने शस्त्र लायसेंस वर्षवार बनाये गये हैं? (ख) दतिया जिले हेतु कितने शस्त्र लायसेंस का वार्षिक कोटा नियत है और उसमें                   किस-किस वर्ग के लिए आरक्षण है या नहीं। (ग) दतिया जिले में वर्तमान में कितने शस्त्र लायसेंस आवेदन किन कारणों से लंबित हैं। (घ) दतिया जिले में वर्तमान में कितने फौती लायसेंस एवं कितने वृद्धों के वारिसान के लायसेंस किस कारण लंबित हैं एवं कितने निलंबित लायसेंस हैं और कितने बहाल किये गये हैं।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दतिया जिले में दिनांक 01.01.2013 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार निम्नानुसार शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये - वर्ष 2013 में 106, वर्ष 2014 में 18, वर्ष 2015 में 63, वर्ष 2016 में 26, वर्ष 2017 में 05, इस प्रकार प्रश्न दिनांक तक कुल 218 लायसेंस जारी किये गये। (ख) जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 795 आवेदन पत्र थाना/अनुभाग स्तर पर जाँच में होने के कारण लंबित हैं। (घ) फौती के 89 प्रकरण एवं वृद्धावस्था के 63 प्रकरण लायसेंस विधिवत जाँच हेतु विचाराधीन हैं। 2- लायसेंसधारियों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध होने से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार 88 लायसेंसधारियों के लायसेंस निलंबित किये गये तथा निलंबित लायसेंसों में से 34 लायसेंसियों के लायसेंस बहाल किये गये।

सिवनी जिलान्‍तर्गत खाद्यान्‍न से वंचित हितग्राही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

17. ( *क्र. 6111 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिलान्‍तर्गत खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कितने प्रकार के कूपन की पात्रता है और कितनों को मिल रही है? (ख) सिवनी जिले में कितने अनुसूचित जाति/जनजाति हितग्राही कूपन प्राप्‍त कर रहे हैं और कितनों की मेपिंग शेष है और कितनों को खाद्यान्‍न नहीं मिल रहा है?                  (ग) पात्र हितग्राही जो खाद्यान्‍न से वंचित हैं, उन्‍हें कब तक लाभान्वित किया जावेगा? (घ) क्‍या विभाग द्वारा सिवनी जिले में विगत सितम्‍बर-अक्‍टूबर 2016 माह से मेपिंग का कार्य न किये जाने के कारण हजारों की संख्‍या में पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्‍न पर्ची अप्राप्‍त होने के कारण खाद्यान्‍न नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 25 पात्र परिवार श्रेणियों के परिवारों को सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची प्राप्‍त करने की पात्रता है। सिवनी जिले में पात्रता पर्चीधारी परिवारों श्रेणी एवं संख्‍या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति की श्रेणी अंतर्गत 54,266 परिवारों को सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। इन परिवारों में अनुसूचित जाति/जनजाति के वह परिवार सम्मिलित नहीं हैं, जिनको अन्‍य पात्र परिवार श्रेणी के अंतर्गत सत्‍यापित किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों की मेपिंग की जाना शेष नहीं है। अनुसूचित जाति/जनजाति के पात्रता पर्चीधारी समस्‍त 54,266 परिवारों को खाद्यान्‍न का वितरण किया जा रहा है। (ग) सिवनी जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के समस्‍त सत्‍यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर खाद्यान्‍न का लाभ दिया जा रहा है। पात्र परिवारों का सत्‍यापन एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) प्रदेश को भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्‍न की आवश्‍यकता होने के कारण माह अगस्‍त, 2016 के पश्‍चात् सत्‍यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्‍लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है, उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्‍यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छ:''

खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत राशन वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

18. ( *क्र. 144 ) श्री लखन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) पथरिया विधानसभा क्षेत्र की किस ग्राम पंचायत के कितने परिवारों को राशन दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्‍त हो रहा है? प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करावें। (ख) उक्‍त क्षेत्रान्‍तर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड, प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किए गये हैं एवं कितने शेष हैं?                              (ग) पथरि‍या विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है? वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित हैं और इनके कूपन कब तक बनेंगे? (घ) उक्‍त क्षेत्र में खाद्यान्‍न सुरक्षा मिशन अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग में कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है व कितने शेष हैं? शेष को कब तक लाभान्वित किया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पथरिया विधानसभा क्षेत्र में ग्रामवार लाभ प्राप्‍त करने वाले पात्र परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पथरिया विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्तमान में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में 73,023 पात्र परिवारों को प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा पात्रता पर्ची जारी की गई है। माह अगस्‍त, 2016 के पश्‍चात् सत्‍यापित 619 नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। (ग) समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर प्रदेश के सभी निवासियों का सर्वेक्षण उपरांत डाटाबेस तैयार किया गया है, जिसमें पथरिया विधानसभा क्षेत्र के 93,901 परिवारों का डाटाबेस उपलब्‍ध है, इनमें से 619 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है एवं 20,259 परिवार राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के अंतर्गत न आने के कारण पात्रता पर्ची हेतु पात्र नहीं है। प्रदेश को भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्‍न की आवश्‍यकता होने के कारण दमोह जिले में माह अगस्‍त, 2016 के पश्‍चात् सत्‍यापित नवीन 619 परिवारों को वर्तमान में सम्मिलित परिवारों के            डी-डुप्‍लीकेशन की कार्यवाही पूर्ण होने एवं अपात्र परिवारों को हटाए जाने पर निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। (घ) पथरिया विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी (आयकर दाता एवं प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारियों के परिवार छोड़कर) अंतर्गत 26,351 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर लाभान्वित किया जा रहा है, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के 83 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी किया जाना शेष है। शेष प्रश्‍न का उत्‍तर प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सात''

कृषकों/मजदूरों द्वारा की गई आत्‍महत्‍याएं  

[गृह]

19. ( *क्र. 6535 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) इन्‍दौर संभाग में विगत 02 वर्ष में कितने किसानों द्वारा आत्‍महत्‍या की गई? साथ ही कृषक मजदूरों की संख्‍या भी जिलेवार, माहवार, वर्षवार देवें। (ख) कितने प्रकरणों में किसानों/कृषक मजदूरों में कर्ज व बिजली बिल बकाया होने संबंधी सुसाइड नोट लिखा एवं उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) यदि नहीं, तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गृह विभाग द्वारा किसानों एवं कृषक मजदूरों द्वारा आत्महत्या के आंकड़ें विशिष्ट रूप से संकलित नहीं किये जाते। अप्राकृतिक मृत्युओं की जाँच में इंदौर संभाग में विगत 02 वर्ष में 266 ऐसे व्यक्तियों द्वारा आत्महत्या की गई है, जिनका व्यवसाय कृषि है, जिसमें से 04 व्यक्तियों द्वारा कर्ज के कारण आत्महत्या किया जाना पाया गया है। कृषक मजदूरों की संख्या जिलेवार, माहवार वर्षवार संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 02 प्रकरणों में कृषक/कृषक मजदूर द्वारा कर्ज बकाया होने के संबंध में सुसाइड नोट लिखा गया है, 01 प्रकरण में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर जिला बड़वानी थाना राजपुर में अप.क्र. 600/16 धारा 306 भादवि, 3/4 ऋणियों का संरक्षण अधिनियम पंजीबद्ध हुआ। विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। बिजली बिल बकाया होने के संबंध में सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुए हैं। (ग) प्रकरणों की विवेचना में उपलब्ध साक्ष्य अनुसार, विधि अनुरूप कार्यवाही की गई है। अतः कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - ''आठ''

डबरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत गुमशुदगी के दर्ज प्रकरण

[गृह]

20. ( *क्र. 5705 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) डबरा विधान सभा क्षेत्र के थानों के अन्‍तर्गत पिछले तीन वर्षों 01 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी महिलाओं एवं बे‍टियों की गुमशुदगी दर्ज की गई तथा इनमें से पुलिस द्वारा कार्यवाही कर कितनी महिलाओं एवं बेटियों को बरामद किया गया तथा कितनी महिलायें एवं बेटियां ऐसी हैं जिनका पुलिस आज दिनांक तक पता नहीं लगा सकी है? इसके लिये कौन दोषी हैं? क्‍या दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?             (ख) डबरा विधान सभा क्षेत्र के थानों के अन्‍तर्गत कितने प्रकरण उपरोक्‍त अवधि में महिलाओं एवं बेटियों पर हुये अत्‍याचार/लूट/अपहरण्‍ा के दर्ज किये गये? उनमें से कितने प्रकरणों में अपराधियों को माननीय न्‍यायालय द्वारा सजा दी गई तथा कितने प्रकरण न्‍यायालय में विचाराधीन हैं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में 132 महिलाओं एवं 54 बेटियों कुल गुमशुदगी 186 प्रकरण दर्ज किये गये तथा पुलिस द्वारा 90 महिलाओं एवं 39 बेटियों कुल-129 को बरामद किया गया। 42 महिलाएं तथा 15 बेटियां कुल-57 अदमदस्तयाब हैं, जिनके पतासाजी के हर संभव प्रयास जारी हैं। किसी भी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा लापरवाही नहीं पाये जाने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में महिलाओं एवं बेटियों पर अत्याचार/लूट/अपहरण के कुल 404 प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिनमें से 02 प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा अपराधियों को सजा दी गई तथा 361 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं।

श्‍योपुर जिले में अधिकार अभिलेख बनाए जाना

[राजस्व]

21. ( *क्र. 6170 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) कलेक्‍टर श्‍योपुर के आदेश क्रमांक 139 दिनांक 05.12.2012 द्वारा श्‍योपुर जिले के किन-किन गांव, मजरे, टोलों को राजस्‍व ग्राम के रूप में गठित किया था, की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) उक्‍त आदेश के जारी दिनांक से वर्तमान तक उक्‍त गठित राजस्‍व ग्रामों के अधिकार अभिलेख बनाने के कार्य में विलंब का कारण व कब तक बनाए जावेंगे? इस संबंध में वर्तमान तक क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां पूर्ण/अपूर्ण रह गई हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) क्‍या उक्‍त कार्य में लगे संबंधित अमले की उदासीनता के कारण उक्‍त गठित राजस्‍व ग्राम के निवासियों को शासन की समस्‍त कल्‍याणकारी योजनाओं का प्रत्‍यक्ष लाभ वर्तमान तक नहीं मिल पा रहा है, वे मूल ग्राम पर आश्रित बने हुए हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या शासन अधिकार अभिलेख बनाने के कार्य में हो रहे विलंब के कारणों की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा अब एक निश्चित समय-सीमा में उक्‍त ग्रामों के अधिकार अभिलेख बनवाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार।             (ख) उक्त आदेश के जारी दिनांक से वर्तमान तक गठित राजस्व ग्रामों के अधिकार अभिलेख के कार्य आउटसोर्स से सेवानिवृत्‍त अधिकारी एवं कर्मचारियों (सेवा निवृत्त नायब तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, राजस्व निरीक्षक, पटवारी) द्वारा कराया जा रहा है, जिनमें श्योपुर जिले के स्थानीय सेवानिवृत अधिकारी व कर्मचारी न होने से जिला भिण्ड मुरैना के सेवानिवृत्‍त अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कार्य किया जा रहा है। उक्त प्रक्रिया चरणबद्ध होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। गठित राजस्व ग्राम के निवासियों को शासन की समस्त कल्याणकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ वर्तमान तक मिल रहा है। ये मूल ग्राम पर आश्रित नहीं हैं। (घ) जी नहीं। अधिकार अभिलेख बनाये जाने का कार्य सेवानिवृत अधिकारी एवं कर्मचारियों जो श्योपुर जिले के निवासी न होकर अन्य जिले भिण्ड, मुरैना के निवासी हैं, के द्वारा किया जा रहा है। अधिकार अभिलेख बनाये जाने की चरणबद्ध प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''नौ''

मछुआ कल्याण हेतु संचालित योजनाएं

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

22. ( *क्र. 5077 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्‍स्‍य विभाग अंतर्गत सिवनी जिले में मछुआरों के कल्‍याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं। वर्ष 2014 से वर्तमान तक कितनी मछुआ सहकारी समितियां पंजीकृत की गयी हैं। इन वर्षों में लाभान्वित होने वाली समितियों की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) सिवनी जिले में वर्ष 2014 से वर्तमान तक शिक्षण प्रशिक्षण योजना, फिशरमेन क्रेडिट कार्ड योजना, मत्‍स्‍य आहार प्रबंध योजना के तहत क्‍या-क्‍या कार्य किए गए। इन योजनाएं में वर्षवार प्राप्‍त आवंटन, लाभांवित होने वाले हितग्राहियों की वर्षवार जानकारी देवें। (ग) सिवनी जिले में आई.ए.पी. योजना के तहत वर्ष 2014 से वर्तमान तक विभाग को कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ। प्राप्‍त आवंटन के व्‍यय, लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों की संख्‍या तथा राशि व्‍यय उपरांत प्रगति की जानकारी प्रदान करें।                     (घ) सिवनी जिले में आजीविका सहयोग योजना, नाव जाल अनुदान योजना, जनश्री योजना, गंभीर बीमारी के निदान हेतु अनुदान योजना के तहत वर्ष 2014 से वर्तमान तक कितना आवंटन शासन से प्राप्‍त हुआ। उपरोक्‍त योजना के तहत लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों का विवरण प्रदान करें।

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। वर्ष 2014 से वर्तमान तक पंजीकृत एवं लाभान्वित होने वाली समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।            (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत स्‍वीकृत थाने/चौकी

[गृह]

23. ( *क्र. 6496 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) वर्तमान में राजगढ़ जिले में कहाँ-कहाँ पर पुलिस थाने एवं चौकी संचालित हैं? (ख) उक्‍त पुलिस थानों एवं चौकी में किस-किस वर्ग के कितने पद स्‍वीकृत हैं? कितने कार्यरत तथा कितने रिक्‍त हैं? (ग) उक्‍त कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों के नाम, पदनाम तथा कब से कार्यरत हैं? थानेवार सूची दें (घ) उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति शासन द्वारा कब तक की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) पुलिस विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं सीधी भर्ती से की जाती है, जो निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

अल्‍ट्राटेक सीमेंट प्‍लांट द्वारा धार जिले में भूमि अधिग्रहण

[राजस्व]

24. ( *क्र. 4097 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) धार जिले में प्रस्‍तावित अल्‍ट्राटेक सीमेंट प्‍लांट के लिये कौन-कौन से ग्रामों में सरकारी भूमि शासन के द्वारा दी गई? उक्‍त प्‍लांट के लिये कितनी भूमि आदिवासी एवं गैर आदिवासी की खरीदी एवं लीज़ पर ली गई? सभी भूमि का खाता, खसरा नंबर हल्‍के सहित उपलब्‍ध करावें (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार जिन आदिवासी, गैर आदिवासी एवं सरकारी भूमि अल्‍ट्राटेक सीमेंट प्‍लांट के लिये ली गई है, क्‍या उक्‍त भूमि के लिये पंचायत द्वारा प्रस्‍ताव ठहराव किये गये? (ग) क्‍या अल्‍ट्राटेक सीमेंट द्वारा जो भूमि का अधिग्रहण किया गया? आदिवासी या गैर आदिवासी की जो भूमि ली गई है, भूमि स्‍वामी के प्रत्‍येक परिवार के सदस्‍य को रोजगार दिया गया? ऐसे कितने भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों के कितने सदस्‍यों को रोजगार दिया गया? जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्‍या उक्‍त परियोजना के लिये भू-अर्जन की तथा खनन की अनुमति ग्रामसभा से ली गई?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खाद्यान्न पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

25. ( *क्र. 6401 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र की किस पंचायत के कितने परिवारों को वर्तमान में राशन दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्‍त हो रहा है? प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करावें? (ख) उक्‍त क्षेत्रान्‍तर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधि‍कृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं? (ग) उक्‍त क्षेत्रांतर्गत कितने परिवारों को समग्र समाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है? वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित हैं और इनके कूपन कब तक बनेंगे? (घ) क्‍या उक्‍त क्षेत्र में खाद्यान्‍न सुरक्षा मिशन पर्व के अंतर्गत अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लोगों व अन्‍य व्‍यक्तियों का दिनांक 23 अगस्‍त 2016 से खाद्यान्न कूपन पर्ची बंद करा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण बताएं तथा कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष हैं? शेष परिवारों को कब तक लाभान्वित किया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र की 112 ग्राम पंचायतों के 75,322 पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जा रहा है। पंचायतवार पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चितरंगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 75,322 वैध पात्रता पर्चीधारी परिवार हैं। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत पात्र परिवार श्रेणी अंतर्गत सम्मिलित परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा समग्र पोर्टल पर सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। योजना का लाभ लेने हेतु पृथक से राशनकार्ड जारी करने की आवश्‍यकता नहीं है। (ग) समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर प्रदेश के सभी निवासियों का सर्वेक्षण उपरांत डाटाबेस तैयार किया गया है, चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के 93,289 परिवारों का पोर्टल पर डाटाबेस उपलब्‍ध है, इनमें से 75,322 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है एवं 2,393 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। शेष परिवार राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के अंतर्गत न होने अथवा उन्‍हें स्‍थानीय निकाय द्वारा पात्रता श्रेणी के अंतर्गत सत्‍यापित न किए जाने के कारण पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। (घ) खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत जिन अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों द्वारा प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित होने हेतु घोषणा-पत्र दिया गया है, उनमें से पात्र पाए गए सभी परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्‍न की आवश्‍यकता होने के कारण माह अगस्‍त, 2016 के पश्‍चात् सत्‍यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी अंतर्गत चितरंगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 44,431 परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जा रहा है जिसमें इस श्रेणी के अन्‍य पात्रता श्रेणी अंतर्गत सत्‍यापित होकर पात्रता पर्चीधारी परिवार सम्मिलित नहीं हैं। अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्‍य पात्र परिवार श्रेणी के 2,393 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्‍लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्‍यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी।

 

 

 







 


भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में

परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


बंदोबस्त के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

1. ( क्र. 101 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत बंदोबस्त के कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं अभिलेखों में आवश्यक इंद्राज कर दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक बंदोबस्त कार्यों के दौरान कृषकों से प्राप्त शिकायतें सक्षम अधिकारी द्वारा निराकृत की गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त एवं निराकृत प्रकरणों की दिनांकवार सूची देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त एवं निराकृत प्रकरणों की दिनांकवार सूची संबंधित न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार तथा न्यायालय तहसीलदार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।

ग्रामों में खेल भूमि आरक्षित करना

[राजस्व]

2. ( क्र. 102 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेलों को प्रोत्साहित करने के लिये ग्रामों में खेल मैदान होना जरूरी हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या पनागर एवं बरेला के अंतर्गत ग्रामों में खेल भूमि आरक्षित की गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो किन ग्रामों में कितनी-कितनी भूमि आरक्षित हैं? (घ) क्या बरेला में खेल मैदान हेतु भूमि उपलब्ध हैं परंतु स्टेडियम निर्माण न होने से भूमि पर अतिक्रमण हो रहा हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। आरक्षित भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी हाँ। उपलब्‍ध भूमि अतिक्रमण से मुक्‍त है।

परिशिष्ट - ''एक''

राजस्व विभाग अंतर्गत पदों की पूर्ति

[राजस्व]

3. ( क्र. 129 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में राजस्व विभाग अंतर्गत कितने अधिकारी, कर्मचारी, चपरासी कार्यरत हैं, राजस्व विभाग में शासन के नियमानुसार कितने पद स्वीकृत हैं। नियमानुसार कितने पद भरे हुए हैं एवं कितने रिक्त हैं? श्रेणीवार जानकारी दी जावें। (ख) जिले में राजस्व विभाग में प्रश्नांश (क) अनुसार श्रेणीवार किन किन कार्यालयों में श्रेणीवार पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) क्या शासन इन पदों को विभागीय पदोन्नति से भरेगा? यदि हाँ, तो विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक कब हुई एवं डी.पी.सी. की बैठक अनुसार कब पदोन्नत किया जावेगा? यदि बैठक नहीं हुई तो क्या कारण रहे हैं? नियमनुसार बैठक कितने समय में होना चाहिए? न होने के क्या कारण रहे हैं? डी.पी.सी. की बैठक 3 वर्षों में कब कब हुई, जानकारी दी जावे। (घ) शासन डी.पी.सी. समय पर न करने पर क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब? कब तक पदोन्नति से पद भरे जावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खरगोन जिले में राजस्व विभाग अंतर्गत कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी व भृत्य के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की श्रेणीवार जानकारी निम्नानुसार हैः-

श्रेणी

स्वीकृत

भरे

रिक्त

द्वितीय श्रेणी

12

07

05

तृतीय श्रेणी (कार्यपालिक सहित)

177

126

51

चतुर्थ श्रेणी

126

74

52

योग

315

207

108

(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख के पद पदोन्नति के हैं। प्रकरण न्यायालय में प्रचलित है। नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मांग पत्र मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इन्दौर को भेजा गया है। सहायक ग्रेड-3 एवं चतुर्थ श्रेणी के सीधी भरती के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 24.03.2016 से व्यापम को मांग पत्र भेजा गया है।              (ग) जी नहीं। न्यायालय में प्रकरण होने से विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी। नियमानुसार वर्ष में दो बार बैठक आयोजित किये जाने का प्रावधान है। विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक दिनांक 01.01.2014 एवं दिनांक 01.01.2015 की स्थिति में दिनांक 06.01.2016 को आयोजित की गई थी। (घ) उत्तरांश "ख" अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''दो''

आई.टी.आई. महाविद्यालय की स्‍वीकृति

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

4. ( क्र. 303 ) श्री जतन उईके : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 128 में ग्राम पंचायत नांदनवाड़ी उप तहसील मुख्‍यालय है? काफी बड़ा ग्रामीण क्षेत्र होने के साथ-साथ आस-पास क्षेत्र भी लगा हुआ वृहद पैमाने पर है तथा इस क्षेत्र के छात्र-छात्राएं बाहर जाकर तकनीकी शिक्षा का अध्‍ययन करते हैं? (ख) क्‍या उप तहसील नांदनवाड़ी एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं नांदनवाड़ी में आई.टी.आई. महाविद्यालय न होने के कारण परेशानी उठाते हैं? क्‍या शासन द्वारा नांदनवाड़ी में आई.टी.आई. महाविद्यालय खोला जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या शासन तकनीकी शिक्षा को बढ़ाने हेतु छात्रों की सुविधा को ध्‍यान में रखते हुए नांदनवाड़ी में I.T.I. महाविद्यालय खोले जाने की स्‍वीकृति प्रदान करेंगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। छिंदवाडा जिले में 07 शासकीय आई.टी.आई. तथा 34 प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित है। पांढुर्णा में 01 शासकीय तथा 04 प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित है। इन संस्‍थाओं में पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र के युवा प्रशिक्षण प्राप्‍त कर सकते है। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार। विभाग की नीति प्रत्‍यके विकासखण्‍ड में न्‍यूनतम 01 आई.टी.आई. खोलने की है। पांढुर्णा विकासखण्‍ड में 01 शासकीय आई.टी.आई. संचालित है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पिपलरांवा को टप्‍पा तहसील दर्जा

[राजस्व]

5. ( क्र. 901 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा आम नागरिकों की राजस्‍व व अन्‍य तहसील संबंधी समस्‍या के निराकरण हेतु प्रदेश के ग्रामों व नगरों में टप्‍पा तहसील का दर्जा दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस आधार पर? (ख) क्‍या शासन द्वारा सोनकच्‍छ तहसील से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सन् 2002 से नगर पंचायत का दर्जा प्राप्‍त नगर पिपलरांवा को तहसील, उपतहसील या टप्‍पा आदि दर्जा देने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है या नहीं यदि हाँ, तो क्‍या? नहीं तो क्‍यों नहीं? (ग) क्‍या शासन पिपलरांवा क्षेत्र में लगभग 20-25 ग्रामों के सैकड़ों-हजारों क्षेत्रवासियों की समस्‍या के निराकरण हेतु पिपलरांवा को टप्‍पा तहसील का दर्जा देने हेतु कोई कार्यवाही करेगा या नहीं? यदि नहीं, तो इन हजारों ग्रामीणों को हो रही परेशानियों का जिम्‍मेदार कौन होगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, पीपलरांवा को टप्‍पा तहसील का दर्जा देने की कार्यवाही प्रचलित हैं। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 1 में तहसील के सृजन अथवा पुनर्गठन की शक्ति राज्‍य शासन को प्राप्‍त है। तहसील स्‍तर से नीचे स्‍तर पर उप तहसील (टप्‍पा) के रूप में कोई संस्‍था पृथक से परिभाषित नहीं है। उप तहसील को स्‍वीकृत करने हेतु पृथक से कोई अमला स्‍वीकृत नहीं किया जाता है। परन्‍तु भवन, कम्‍प्‍यूटर, फर्नीचर आदि लोक सेवा गांरटी को दृष्टिगत रखते हुये प्रदान किया जाना आवश्‍यक होता है। उक्‍त संसाधनों की व्‍यवस्‍था के लिये बजट प्रावधान नहीं होता है तथा क्षेत्रीय स्‍तर पर ही संसाधनों की व्‍यवस्‍था की जाती है। अत: स्‍टाफ एवं अन्‍य संसाधनों की व्‍यवस्‍था की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) मध्‍य प्रदेश शासन राजस्‍व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ         1-3/2015/सात/शा-6 भोपाल दिनांक 16.01.2015 में दिये गये निर्देशानुसार जन साधारण की मांग एवं राजस्‍व प्रशासन की सुदृढ़ता सुनिश्चित करने के लिये उपलब्‍ध स्‍टाफ एवं संसाधन का उपयोग कर उप तहसील (टप्‍पा) कार्यालय खोले जाने का निर्णय कलेक्‍टर स्‍तर पर लिया जा सकता है। फिलहाल राजस्‍व अधिकारियों एवं स्‍टाफ की कमी को मद्देनजर उप तहसील (टप्‍पा) कार्यालय नहीं खोला गया है।

नवीन हैण्‍डपंपों का खनन और संधारण

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

6. ( क्र. 1256 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकीय विभाग भिण्‍ड के द्वारा जिला भिण्‍ड में कहाँ पर किसकी अनुशंसा पर किस आदेश से नवीन हैण्‍डपंप खनन किया गया? 2015-16 की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्षों के अंतर्गत लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकीय विभाग भिण्‍ड द्वारा कहाँ पर हैण्‍डपंप के प्‍लेट फार्म का‍ निर्माण करवाया गया है? कितना बजट प्राप्‍त हुआ कितना व्‍यय किया गया?                  (ग) क्‍या 20152016 में भिण्‍ड विधानसभा में प्रश्‍नकर्ता की अनुशंसा पर हैण्‍डपंप खनन नहीं किया गया? ऐसा क्‍यों? इसके लिए कौन उत्‍तरदायी हैं?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाता है। ऐसे ग्रामों की सूची पर संबंधित मान. विधायकगणों द्वारा अनुशंसित ग्रामों को प्राथमिकता दी जाकर कार्य कराया जाता है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।  (ग) जी हाँ। उत्तरांश-अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तीन''

बंद नल-जल योजना को प्रारंभ किया जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

7. ( क्र. 1257 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्‍ड में कितनी नल-जल योजनाएं बंद हैं इसके प्रारंभ करने के लिए क्‍या प्रयास किए जा रहे हैं वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना बजट प्राप्‍त हुआ? (ख) भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक का कौन सी नल-जल योजनाएं प्रारंभ हैं? (ग) वर्ष 20162017 में कहाँ पर भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नवीन नल-जल योजना स्‍वीकृत कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है? किस स्‍तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण अवलोकन किया गया है? (घ) भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक को बंद नल-जल योजना के क्‍या कारण हैं? चालू करने के लिए शासन स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही प्रचलित है? कब तक कौन सी योजना प्रारंभ हो जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 149 योजनाएं। नल से जल, आज और कलअभियान के अंतर्गत बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने के प्रयास किये जा रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कुल 39 नल-जल योजनायें क्रियान्वित हैं। चालू योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कोई नहीं, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।

दस्‍यु उन्‍मूलन

[गृह]

8. ( क्र. 1351 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में दस्‍यु समस्‍या पूर्णत: समाप्‍त हो गई है? यदि हाँ, तो किस वर्ष में समाप्‍त हुई एवं दस्‍यु उन्‍मूलन के लिए विगत 05 वर्षों में कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) वर्तमान में प्रदेश में कितने दस्‍यु गिरोह सक्रिय हैं और पर कितनी-कितनी राशि का ईनाम घोषित हैं? (ग) विगत तीन वर्षों में दस्‍यु उन्‍मूलन के तहत ग्‍वालियर एवं चम्‍बल जोन के किन-किन जिलों में कितने-कितने प्रकरण दस्‍यु अधिनियम के दर्ज किए गए? जिलेवार बताएं पुलिस की डकैतों के साथ कब-कब कहाँ-कहाँ पर मुठभेड़ हुई उनमें से कौन-कौन से डकैत मारे गए एवं कितने अधिकारी-कर्मचारी मारे गए? (घ) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में डकैतों के साथ पुलिस मुठभेड़ की जाँच उपरांत कौन-कौन सी मुठभेड़ फर्जी पाई गई? फर्जी मुठभेड़ के लिए जिम्‍मेदार किन-किन पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को क्‍या-क्‍या दण्‍ड दिया गया?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में दस्यु समस्या पूर्णतः समाप्त नहीं हुई है, क्योकि क्षेत्रीय बदमाश जिन पर ईनाम घोषित है फरार होकर कभी-कभी गैंग बना लेते है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।           (ख) वर्तमान में प्रदेश में कोई भी ''सूचीबद्ध डकैत गिरोह'' सक्रिय नहीं है। कुछ असूचीबद्ध डकैत सक्रिय है, जिसकी जानकारी ईनाम सहित पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) 02 निम्न विचाराधीन प्रकरणों को छोड़कर कोई भी मुठभेड़ फर्जी नहीं पाई गई। थाना भौंती जिला शिवपुरी के अपराध क्रमांक 42/2016 धारा 307, 34, भा.द.वि. 25, 27 आर्म्स एक्ट 11/13 एम.पी.डी.पी.के. एक्ट (मृतक चंदन गडरिया) का प्रकरण अ.अ.वि. के अन्तर्गत विवेचनाधीन है। थाना सेवड़ा जिला दतिया के अपराध क्रमांक 139/14 धारा 307, 34 एवं भा.द.वि. 25, 27 आर्म्स एक्ट 11/13 एम.पी.डी.पी.के. एक्ट (मृतक बालक दास ढीमर एवं दिनेश जाटव) का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।

कांजी हाउस एवं गौ शाला केन्‍द्र

[पशुपालन]

9. ( क्र. 1543 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) म.प्र. में क्या सभी कांजी हाउस बंद हो चुके हैं? यदि हाँ, तो किस कारण से उन्हें बंद किया गया है? (ख) खेतों में फसलों का नुकसान करने वाले आवारा पशुओं की वर्तमान में क्या व्यवस्था की गई है? (ग) सागर जिलान्‍तर्गत वर्तमान में कितनी गौशालायें तथा गौसंवर्धन केन्द्र संचालित हैं तथा उन्हें प्रति पशु के हिसाब से कितना अनुदान दिया जा रहा है? (घ) सागर जिले में संचालित गौशाला/ गौसंवर्धन केन्द्र संचालन हेतु चरनोई की कितनी भूमि आवंटित की गई है? गौशाला के विकास हेतु शासन द्वारा क्या योजना बनाई गई है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में कांजी हाउस स्थानीय निकायों द्वारा संचालित होते हैं। शेष प्रश्न ही उपस्थि‍त नहीं होता। (ख) प्राय: पशु पालकों द्वारा स्वयं के पालित पशु जिनमें अधि‍कांश गौवंश है, अनुत्पादक हो जाने पर घर पर बांधा नहीं जाता है बल्कि‍ छोड़ दिया जाता है और यही गौवंश विचरण करते हैं। वास्तव में ये पशु आवारा नहीं हैं। यह समस्या पशु पालकों की जागृति से संबंधि‍त है। यदि पशु पालकों को समझाईश दी जाकर उन्हें जागरूक किया जावे कि वे अपने पशुओं को बांध कर रखें तो इस समस्या का समाधान संभव है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) सागर जिले में संचालित गौशालाओं को चरनोई की कोई भूमि आवंटित नहीं की गई है। शासन द्वारा गौशालाएं नहीं खोली जाती हैं। गौशालाएं अशासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा स्थापित की जाकर संचालित की जाती हैं। ऐसी स्थापित गौशालाएं जो म.प्र.गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत होती हैं, उनके विस्तार हेतु निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप, उपलब्धता के आधार पर भूमि एवं उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु आर्थि‍क सहायता एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।

परिशिष्ट - ''चार''

नवीन शासकीय उचित मूल्य की दुकान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

10. ( क्र. 1587 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम एवं शहरी क्षेत्रों के प्रत्येक वार्ड में उचित मुल्य की दुकान खोलने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक यह योजना लागू हो जावेगी? (ख) यदि ऐसी कोई योजना नहीं है तो कब तक बना ली जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।             (ख) वर्तमान में नगरीय निकायों में कुल पात्र परिवारों की संख्‍या में 800 से भाग देने पर प्राप्‍त संख्‍या अनुसार अधिकतम उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में 1 दुकान खोलने का प्रावधान सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में किया किया गया है। जिन पंचायतों में पात्र परिवारों की संख्‍या 800 से अधिक है, उन पंचायतों में अतिरिक्‍त उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है। प्रत्‍येक उचित मूल्‍य दुकान के संचालन हेतु आर्थिक सक्षमता को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्‍नांकित योजना का कोई औचित्‍य नहीं है।

पुलिस आरक्षकों की स्‍थानान्‍तरण नीति

[गृह]

11. ( क्र. 1722 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रदेश में पुलिस आरक्षकों की स्‍थानान्‍तरण नीति वर्ष 2008 में क्‍या थी एवं वर्तमान में क्‍या है? (ख) क्‍या शासन प्रदेश के उन पुलिस आरक्षकों के संबंध में विचार करेगा, जिन्‍हें अत्‍यंत पारिवारिक कठिनाई या अन्‍य कठिनाई हो जिस कारण से वह अपने गृह जिला या गृह जिले के आस-पास के जिलों में स्‍थानांतरण चाहते हो?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस आरक्षकों हेतु स्थानांतरण नीति वर्ष 2008 में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2007-08 के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही थी एवं वर्तमान में भी वर्ष 2015 में जारी सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण नीति के अनुरूप ही है। (ख) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष  2015-16 की कण्डिका 8.16 में यह लेख है कि किन्ही भी कार्यपालिक कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके गृह जिले स्थानांतरण के द्वारा अथवा पदोन्नति की स्थिति में सामान्यतः पदस्थ न किया जाये, किन्तु अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाओं के प्रकरणों में उनके गृह जिले में स्थानांतरण किया जा सकेगा। गृह जिले के आस-पास के जिलों में स्थानांतरण हेतु विचार पूर्व से ही किया जा रहा है।

पाला एवं ओलावृष्टि से हुये नुकसान का मुआवजा

[राजस्व]

12. ( क्र. 1725 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर संभाग में 15 दिसम्‍बर 2016 के बाद कौन-कौन से जिलों के कितने गांवों में पाला एवं ओलावृष्टि से कौन-कौन सी एवं कितनी मात्रा में फसलों को नुकसान हुआ? (ख) ग्‍वालियर संभाग में जनवरी 2017 के प्रथम सप्‍ताह ओले गिरने से किस-किस जिले में कितने गाँवों में फसलों को हानि हुई? तथा इस संबंध में शासन मुआवजा देने के लिये क्‍या कार्यवाही कर रहा है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्‍वालियर संभाग के जिले ग्‍वालियर, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया एवं गुना में पाला व ओलावृष्टि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है(ख) ग्‍वालियर जिले में 26 जनवरी, 2017 को हुई ओलावृष्टि से 30 ग्रामों की फसलों को हानि हुई जिसमें मुआवजा राशि रू.7,39,58,000/- स्‍वीकृत की जा चुकी है।

परिवहन आरक्षक भर्ती में गलत पतों पर कार्यवाही

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

13. ( क्र. 1730 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या व्‍यापम प्रकरण की जाँच में परिवहन आरक्षक भर्ती में 50 लोगों के पते गलत पायें गये? गलत पतों का विवरण देते हुये बतायें कि सही पते मालूम कर उनको दंडित करने की क्‍या कार्यवाही की गई?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : प्रश्‍न में परीक्षा के वर्ष का उल्‍लेख नहीं है। पी.ई.बी. का कार्य केवल लिखित परीक्षा का आयोजन तथा प्रवीण्‍य सूची/परिणाम घोषित करना है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिंघाड़ा बोर्ड का गठन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

14. ( क्र. 1868 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र दिनांक 4-12-2016 मुख्यमंत्री को प्रस्तुत कर सिंघाड़ा उत्पादन से जुड़ी किन्हीं समस्याओं के विषय में लेख किया है? (ख) दिनांक 28-8-2008 को जबलपुर के किसी स्थान में आयोजित राज्य-स्तरीय मछुआ पंचायत में मुख्यमंत्री द्वारा की गई सिंघाड़ा बोर्ड के गठन की घोषणा पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा सिंघाड़ा कृषि‍ पर प्राकृतिक आपदा से राहत प्रदान करने, उन्नत गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराने, जल-भूमि हेल्थ कार्ड बनाने, उन्नत तकनीक से उत्पादन बढ़ाने एवं क्रय-विक्रय में दलालों के शोषण से मुक्ति प्रदान करने हेतु कोई योजनायें क्रियान्वित की गई हैं? (घ) राज्य में सिंघाड़ा उत्पादन किन जाति-वर्ग के लोग करते हैं और उनके आर्थिक व सामाजिक कल्याण हेतु क्या प्रश्नांश (क) घोषणा अनुसार प्रश्नांश (ग) बिन्दुओं का समावेश करते हुये क्या राज्य सिंघाड़ा बोर्ड का गठन आवश्यक है और कब तक गठन कर दिया जावेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र कार्यालय को प्राप्‍त नहीं है। (ख) दिनांक 28-08-2008 को जबलपुर में राज्‍य स्‍तरीय मछुआ पंचायत आयोजित नहीं किये जाने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) राज्‍य में सिंघाड़ा उत्‍पादन का कार्य पट्टा धारक मछुआरों द्वारा किया जाता है। प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के अनुक्रम में मछुआ कल्‍याण बोर्ड गठित है, जिसके उद्देश्‍यों में उक्‍त बिन्‍दु को समाहित किया गया है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते।

मजदूरों का पंजीयन

[श्रम]

15. ( क्र. 1957 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं सहनिर्माण कर्मकार मंडल द्वारा उज्‍जैन संभाग में २०१५-२०१६ में कितने निर्माण मजदूरों का पंजीयन किया गया? जिलेवार विवरण दें. साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्माण मजदूरों को कर्मचारी भविष्‍य निधि योजना से जोड़ा गया? यदि हाँ, तो पंजीयन व योजना से जोड़ने की संख्‍या में अंतर क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) मजदूरों के हित में कौन-कौन सी योजनाएं प्रचलित हैं? (क) अवधि में कितने श्रमिकों व उनके आश्रितों को योजना का लाभ दिया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल के अंतर्गत उज्जैन संभाग में वर्ष 2015-16 में कुल 55762 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है जिसकी जिलेवार जानकारी निम्नानुसार हैः-

क्रं             जिला                         पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या
1
                     उज्जैन                                                                1898
2
                     मंदसौर                                                                          8671
3
                      देवास                                                                            2158
4
                     रतलाम                                                             32918
5
                     शाजापुर                                                                        1970
6
                     नीमच                                                                           5492
7
                     आगरमालवा                                                                  2655
                                                                                    योग    55762

कर्मचारी भविष्य निधि संबंधी कार्य कर्मचारी भविष्य निधि प्रकीर्ण एवं उपबंध अधिनियम 1952 के अंतर्गत किया जाता है। उक्‍त अधिनियम का प्रवर्तन भविष्य निधि संगठन केन्‍द्र संगठन द्वारा किया जाता है और भविष्य निधि संगठन केन्‍द्र सरकार के अधीन कार्यरत होने से यह विषय राज्‍य सरकार का नहीं है, जिससे भविष्य निधि से संबधित जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु वर्तमान में संचालित 22 योजनाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में उज्जैन संभाग के जिलों में कुल 134152 पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को मंडल द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है। जिसकी जिलेवार जानकारी निम्नानुसार हैः-


क्रं       जिला                             हितग्राही संख्या
1          उज्जैन                            14451
2
         मंदसौर                         48002
3
         देवास                                        15188
4
         रतलाम                         10635
5
         शाजापुर                                    4412
6
         नीमच                                       40073
7
         आगरमालवा                              1391
                                    योग    134152

परिशिष्ट - ''पाँच''

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[गृह]

16. ( क्र. 2017 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पुलिस विभाग में यातायात, महिला, सायबर, क्राइम, एस.टी.एफ. एवं अन्‍य प्रकार के कितने-कितने पुलिस थाने हैं? थानों के प्रकार सहित जिलेवार संख्‍या बतायी जाए? (ख) भोपाल संभाग में           किस-किस संवर्ग का कितना-कितना पुलिस बल स्‍वीकृत है? जिलेवार संवर्ग सहित संख्‍या बताई जाए? (ग) वर्तमान में भोपाल संभाग में किस-किस संवर्ग के कितने-कितने पद रिक्‍त हैं? संवर्गवार संख्‍या बताई जाए? (घ) विभाग द्वारा रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है? रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '' अनुसार। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं सीधी भर्ती से की जाती है, जो निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

नायब तहसीलदार रायपुर कर्चु. के आदेश का क्रियान्‍वयन

[राजस्व]

17. ( क्र. 2020 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या नायब तहसीलदार रायपुर कर्चुलियान द्वारा उनके यहां प्रचलित प्रकरण क्रमांक 03/ A,        B - 2014-15 में 17.6.16 को ग्राम देवरा फरेदा पटवारी हल्‍का मनिकवार तहसील रायपुर कर्चु. जिला रीवा की भूमि खसरा नं. 596/1 में रास्‍ता दर्ज किये जाने का आदेश किया गया तथा नक्‍शा में भी रास्‍ता दर्ज किये जाने का आदेश किया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या खसरे एवं नक्‍शे में उक्‍त आदेश के अनुरूप सुधार किया गया और खसरे में प्रवृष्टि दर्ज की गयी? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बताएं? कब तक रिकार्ड में दर्ज करा दिया जायेगा और आदेश का क्रियान्‍वयन नहीं करने वालों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

कोटवारों को देय सुविधाएं

[राजस्व]

18. ( क्र. 2109 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) रतलाम जिले में ग्रामीण कोटवारों की कुल संख्‍या का जिलेवार ब्‍यौरा क्‍या है? (ख) क्‍या कोटवारों को देय भिन्‍न-भिन्‍न प्रकार के मानदेय, जमीन, पट्टे वितरण आदि में असमानता है? यदि हाँ, तो किस कारण? इसका मापदण्‍ड क्‍या है? (ग) क्‍या सरकार कोटवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना/मुख्‍यमंत्री आवास योजना के मकान देने पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रतलाम जिले में 670 कोटवार कार्यरत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। मापदण्‍ड निम्‍नानुसार है:- भूमिहीन कोटवार को 2000/-,           03 एकड़ भूमि होने पर 1000/-, 7.50 एकड़ भूमि होने पर 600/-, 10 एकड़ भूमि होने पर 400/-          (ग) जी नहीं।

परिशिष्ट - ''छ:''

सूखा प्रभावितों को मुआवजा भुगतान

[राजस्व]

19. ( क्र. 2156 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या वर्ष 2014-2015 में सरदारपुर तहसील को सूखा ग्रस्‍त घोषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इसका मुआवजा सभी प्रभावित किसानों को दिया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक पूरा मुआवजा दे दिया जायेगा? (ग) गरीब आदिवासियों को समय पर मुआवजा नहीं दिए जाने के लिए कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या शासन इनके विरूद्ध कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश "क" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

बिल्डर्स द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण

[राजस्व]

20. ( क्र. 2245 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा परि.अतारांकित प्रश्न संख्‍या 95 (क्र. 1165), दिनांक 29/07/2016 के भाग (ग) एवं (घ) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या स्थगन आदेश की अवधि समाप्त हो गई है? अगर हाँ, तो राजस्व विभाग द्वारा वर्तमान समय तक संबंधित बिल्डर्स द्वारा मौजा इटौरा की आराजी न.61.59 रकवा 0.234 हेक्टेयर म.प्र. शासन की आराजी में किये गए अवैध कब्जा से बेदखली की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी की मिलीभगत के कारण अतिक्रामक से साठगांठ कर अतिक्रमण की कार्यवाही करने से बच रहे हैं? (ग) क्या अतिक्रमण हटाने में लापरवाही करने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। किन्‍तु माननीय राजस्‍व मण्‍डल ग्‍वालियर के प्रकरण क्रमांक 1451-दो/2016 में पारित आदेश दिनांक 29.9.2016 द्वारा तहसीलदार रघुराजनगर के बेदखली आदेश दिनांक 20.11.2012 को निरस्‍त किये जाने के कारण, प्रश्‍नाधीन आराजी पर किये गये अवैध कब्‍जा से बेदखली की कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ख) जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

फौती नामान्‍तरण प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

21. ( क्र. 2315 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) विधानसभा अता. प्रश्‍न संख्‍या 38 (क्र. 1389) दि. 29/7/2016 के उत्‍तर में स्‍वीकार किया गया कि 89 विवादित फौती नामान्‍तरण के प्रकरण लंबित है? (ख) लंबित प्रकरणों के संबंध में पक्षकारों से किन-किन तिथियों में कौन-कौन से साक्ष्‍य पत्र द्वारा मांगे गये आदेश क्र. सहित बतायें?          (ग) शासन गाइड लाइन के अनुसार कितनी समय-सीमा में निराकरण करने के आदेश है? नियम दें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में प्रश्नाधीन फौती नामांतरण का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन प्रकरणों में सुनवाई के दौरान आदेश पत्रिका पर साक्ष्य हेतु तिथियां नियत की गई। पृथक से कोई पत्र जारी नहीं किया गया। प्रकरणवार साक्ष्य हेतु नियत तिथियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ग) नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार।

उचित मूल्‍य दुकानों, राशन कार्डों एवं खाद्यान्‍न सामग्री

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

22. ( क्र. 2359 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों एवं अन्‍य श्रेणियों के अंतर्गत भी आने वाले परिवारों को केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित योजनाओं के माध्‍यम से सस्‍ता खाद्यान्‍न एवं अन्‍य सुविधाएं केन्‍द्र/राज्‍य प्र‍वर्तित योजनाओं द्वारा प्रदान की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में उपरोक्‍तानुसार कितने राशन कार्डधारी होकर उन्‍हें कितना-कितना खाद्यान्‍न किस-किस प्रकार का कितनी उचित मूल्‍यों की दुकानों एवं क्‍या अन्‍य व्‍यवस्‍थाओं के माध्‍यम से भी प्रदान किया जा रहा है? दोनों प्रकार की संख्‍या एवं मात्राएं बताएं? (ग) क्‍या समय-समय पर किये गये सर्वे के दौरान कई नाम काट दिये जाते है एवं कई नाम बढ़ जाते है ऐसी दशा में खाद्यान्‍न सामग्री के वितरण की क्‍या स्थिति रहती है? क्‍या खाद्यान्‍न बच जाता है या कम पड़ जाता है वस्‍तुस्थिति बताएं।          (घ) साथ ही अवगत कराएं कि क्‍या रतलाम जिले में बनाए गये राशन कार्डों के मान से नियमानुसार पर्याप्‍त मात्रा में परिवारों को खाद्यान्‍न प्राप्‍त हो रहा है तथा क्‍या सभी परिवारों को, जिन्‍हें चिन्हित किया गया है? खाद्यान्‍न पर्चियां प्राप्‍त होकर, खाद्यान्‍न मिल रहा है अथवा शेष रहे है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 21,301 अन्‍त्‍योदय परिवारों एवं 2,30,601 प्राथमिकता परिवारों कुल 2,51,902 पात्र परिवारों को 411 उचित मूल्‍य दुकानों के माध्‍यम से लाभान्वित किया जा रहा है। अन्‍य किसी माध्‍यम से राशन सामग्री का प्रदाय नहीं किया जा रहा है। पात्र परिवारों को प्राप्‍त होने वाली मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सत्‍यापित पात्र परिवारों की सूची में अपात्र के नाम हटाने व पात्र के जोड़ने के उपरांत जो स्थिति रहती है उसी अनुसार ऑनलाईन आवंटन राज्‍य स्‍तर से जारी किया जाता है। ऐसी स्थिति में आवंटन कम होने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। किसी पात्र परिवार द्वारा विशिष्‍ट माह में सामग्री प्राप्‍त न करने पर आगामी माह में प्राप्‍त करने का प्रावधान है। जिन हितग्राहियों द्वारा राशन सामग्री क्रय नहीं किया जाता है उनका स्‍टॉक उचित मूल्‍य दुकान में सुरक्षित रहता है, जिसका आगामी माहों में समायोजन किया जाता है। विगत एक वर्ष में रतलाम जिले में 1295.58 मे.टन गेहूँ एवं 3947.77 मे.टन चावल की बचत हुई है, जिसका समायोजन किया गया है। (घ) सभी पात्र परिवारों को पात्रता अनुसार राशन सामग्री का प्रदाय किया जा रहा है। भारत सरकार से राज्‍य को प्राप्‍त 2,89,336 मे.टन प्रतिमाह की आवंटन सीमा से अधिक मात्रा में खाद्यान्‍न की आवश्‍यकता होने के कारण अगस्‍त, 2016 के पश्‍चात् चिन्‍हांकित परिवारों को राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत शामिल नहीं किये जाने के कारण उन्‍हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''सात''

पंजीबद्ध अपराध के आरोपियों की कार्यवाही

[गृह]

23. ( क्र. 2398 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) बालाघाट जिले के बैहर थाना अंतर्गत में दिनांक २६.०९.२०१६ को पंजीबद्ध अपराध          क्र. २०२/१६ में कितने आरोपियों पर एवं किन-किन धाराओं के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है एवं कितने पुलिसकर्मियों पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है? आरोपियों के नाम एवं तत्‍कालीन पदस्‍थापना का विवरण देवें। (ख) आरोपियों पर अपराध पंजीबद्ध होने के उपरांत कितने पुलिसकर्मी शासन/पुलिस विभाग के द्वारा निलंबित हुये? निलं‍बित अवधि के दौरान उनको किस मुख्‍यालय में भेजा गया? (ग) आरोपी पुलिसकर्मी वर्तमान में कहाँ हैं? कितने पुलिसकर्मी वर्तमान में न्‍यायि‍क अभि‍रक्षा में हैं एवं कितने फरार हैं? (घ) फरारीकाल के दौरान कितने पुलिसकर्मियों को वेतन दिया जा रहा है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बालाघाट जिले के थाना बैहर में दिनांक 26.09.2016 को 10 नामजद आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 202/16 धारा 294, 323, 506, 452, 392, 307 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। उक्त आरोपियों में 04 नामजद पुलिसकर्मी हैं आरोपी पुलिस कर्मियों के नाम एवं तत्कालीन पदस्थापना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।          (ख) आरोपियों पर अपराध पंजीबद्ध होने के उपरांत 04 पुलिसकर्मी शासन/पुलिस विभाग द्वारा निलंबित किये गये। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आरोपी निलंबित अति. पुलिस अधीक्षक बैहर श्री राजेश शर्मा को पुलिस मुख्यालय भोपाल में संबद्ध किया गया है तथा आरोपी निलंबित निरीक्षक जियाउल हक थाना बैहर निलंबित उप निरीक्षक अनिल अजमेरिया थाना बैहर एवं निलंबित सहायक उप निरीक्षक सुरेश विजयवार थाना बैहर को जिला रक्षित केन्द्र बालाघाट संबद्ध किया था। परंतु उपरोक्त पुलिस कर्मियों द्वारा आदिनांक तक अपनी पदस्थापना पर आमद नहीं दी है। कोई भी पुलिसकर्मी अपराध क्रमांक 202/16 में न्यायिक अभिरक्षा में नहीं है। वर्तमान में प्रकरण की विवेचनाधीन है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट में उल्लेखित निलंबित 04 पुलिस कर्मियों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''आठ''

नवीन बोर खनन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

24. ( क्र. 2417 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कितने नवीन बोर खनन कराये गये? विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार, सफल/असफल की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में यदि कोई नवीन बोर असफल होता है, तो क्या उसके स्थान पर दूसरा बोर खनन किया जाता है? यदि हाँ, तो दूसरे नवीन बोर खनन कहाँ-कहाँ किये गये हैं? (ग) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 से कितनी नवीन नल-जल योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं एवं उनके विरुद्ध कितनी पूर्ण की गयी हैं? शेष योजनाएं कब तक पूर्ण कर दी जावेगी? विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार, जानकारी से अवगत करावें। (घ) ग्राम ब्यावरामांडू में निर्मित नल-जल योजना आज दिनांक तक बन्द है? उसके बन्द होने के क्या कारण हैं एवं उसको चालू करने के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? उक्त नल-जल योजना को कब तक चालू कर ग्रामवासियों को लाभांवित किया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) आंशिक पूर्ण बसाहटों एवं नल-जल योजनाओं के स्रोत हेतु नलकूप असफल होने पर दूसरा नलकूप खनन किया जाता है। वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक नलकूप आंशिक पूर्ण बसाहटों एवं नलजल योजनाओं के स्रोत निर्माण हेतु खनन किये गये हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ, पाइप लाइन क्षतिग्रस्त। म.प्र. जल निगम द्वारा प्रस्तावित समूह जलप्रदाय योजना में सम्मिलित होने के कारण पृथक से चालू करने हेतु योजना नहीं बनाई गई। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।

परिशिष्ट - ''नौ''

पुलिस थाना भवन एवं स्‍टॉफ क्‍वार्टस का निर्माण

[गृह]

25. ( क्र. 2503 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) ग्‍वालियर जिले के पुलिस थाना बेहट का निर्माण कब हुआ है तथा उसमें स्‍टॉफ के लिये कितने आवासों का निर्माण किया गया था? (ख) कितनी बार थाना भवन एवं आवासों के मरम्‍मत का कार्य विगत तीन वर्षों में कराया गया वर्तमान में आवासीय क्‍वॉटर क्‍या रहने लायक है? क्‍या लोक निर्माण विभाग के टेक्‍नीकल अधिकारी से इस संबंध में रिपोर्ट ली गई? (ग) क्‍या वर्तमान में उक्‍त आवासों की स्थिति अत्‍यंत जीर्ण-शीर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो क्‍या इनकी मरम्‍मत शीघ्र करवाई जावेगी? अथवा नये आवासों का निर्माण किया जायेगा? (घ) क्‍या ऐसे आवासों के स्‍थान पर थाने का नया भवन एवं स्‍टॉफ क्‍वॉटर नये बनाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस थाना बेहट का निर्माण दिनांक 03/03/1960 में हुआ है। 12 आवास-गृहों का निर्माण किया गया जो निम्नानुसार है- जी-टाईप 01, एच-टाईप 01, आई-टाईप 10 (ख) थाना भवन एवं आवासों के मरम्मत का कार्य विगत 3 वर्षों से नहीं कराया गया है। भवन लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका में दर्ज है। आवास-गृह रहने लायक है। इस कारण लोक निर्माण विभाग से टेक्निकल रिपोर्ट नहीं ली गई हैं। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

थानों पंजीकृत अपराध

[गृह]

26. ( क्र. 2601 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तीन थानों, गोटेगांव, ठेमी एवं मुंगवानी अंतर्गत वर्ष २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में कितने अपराध पंजीकृत हुये? इन पर क्या कार्यवाही की गई, पंजीकृत अपराधों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) विभाग द्वारा नशा मुक्ति अभियान को लेकर कब-कब कहाँ-कहाँ शिविर का आयोजन किया गया? प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इन शिविरों का क्या परिणाम निकला? विभाग द्वारा कितनी राशि वर्षवार इन शिविरों में खर्च की गई?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तीनों थानों गोटेगांव, ठेमी व मुंगवानी अंतर्गत वर्ष 2015-162016-17 में पंजीबद्ध अपराधों, की गई कार्यवाही व वर्तमान स्थिति का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) विभाग द्वारा नशा मुक्ति अभियान को लेकर आयोजित शिविरों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। इन शिविरों से जिले में नशे के विरुद्ध एक प्रभावी वातावरण तैयार हुआ है तथा नशे की प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश भी लगा है। विभाग द्वारा कोई राशि इन शिविरों पर खर्च नहीं की गई है।

परिशिष्ट - ''दस''

पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाएं

[पशुपालन]

27. ( क्र. 2602 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत पशुपालन विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन योजनाओं से वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (ग) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र में कितने पशु चिकित्सालय संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। इन पशु चिकित्सालयों में उनके स्टॉफ की सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में यदि पशु चिकित्सा विभाग द्वारा शिविरों का आयोजन किया गया है तो यह शिविर कब-कब, कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारीयों द्वारा जारी अस्‍थाई परमिट

[परिवहन]

28. ( क्र. 2696 ) श्री कैलाश चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) उज्‍जैन संभाग के अन्‍तर्गत आने वाले विभिन्‍न क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों द्वारा वर्ष         2015-16 एवं 2016-17 में कुल कितने अस्‍थाई परमिट जारी किए गए हैं। इनमें से कितने परमिट ऐसे हैं, जो स्‍थाई परमिट की समय सीमा से 10 से 15 मिनट पूर्व जारी किए गए हैं। क्‍या स्‍थाई परमिट के समय के तुरन्‍त पूर्व परिवहन अधिकारियों को अस्‍थाई परमिट जारी नहीं किए जाने चाहिए? (ख) उक्‍त निर्देशो के बावजूद जिन क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों द्वारा उच्‍च न्‍यायालय के निर्देशों का पालन न करते हुए स्‍थाई परमिटो के पूर्व अस्‍थाई परमिट जारी किए गए है, उनके विरुद्ध विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत आने वाले उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर जिलों में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कुल 10877 अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये गये हैं। कार्यालयवार जारी अस्थाई परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन द्वारा उक्त अवधि में जारी स्थाई परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। जहां तक स्थाई परमिटों के 10 से 15 मिनिट पूर्व अस्थाई परमिट जारी किये जाने का प्रश्‍न है, यात्री बसों के अस्थाई परमिट संबंधित मार्ग पर यातायात की आवश्‍यकता के अनुरूप मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा-87 के प्रावधानों के अनुरूप जारी किये जाते हैं एवं आवश्‍यकता होने पर समान समय-चक्र पर भी परमिट जारी किये जा सकते हैं। परमिट स्वीकृत करना एक अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है। नियमानुसार आवेदन प्रस्तुत करने पर गुण दोष के आधार पर परमिट स्वीकृत किये जाते हैं।           (ख) प्रश्‍नांश के उत्तर में उल्लेखानुसार ही अस्थाई परमिट स्वीकृत किये गये हैं। मोटरयान अधिनियम 1988 के अंतर्गत स्थाई एवं अस्थाई परमिटों के आवेदन पत्रों का निराकरण करने की प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक श्रेणी की होने से अधिनियम की धारा 68 से 74 तक विहित प्रावधानों के अनुरूप ही परमिट स्वीकृत किये जाते हैं। यदि कोई वाहन स्वामी परमिटों के आंवटित समय-चक्रों अथवा अन्य किसी कारण से असंतुष्ट है तो राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण/मा. उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण/अपील कर सकते हैं, परिवहन अधिकारियों द्वारा परमिट हेतु प्राप्‍त आवेदनों पर गुणदोष के आधार पर विचार करते हुए अर्द्धन्‍यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत, माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा मिथिलेश गर्ग विरूद्ध यूनियन ऑफ इण्डिया एवं अन्‍य के प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 22-11-1991 के अनुक्रम में जारी निर्देशों का पालन करते हुये अस्‍थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये गये है। अत: परिवहन अधिकारियां के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

राजस्व भूमि पर से अतिक्रमण हटाने व पट्टे निरस्त करना

[राजस्व]

29. ( क्र. 2936 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नवीन जतारा बाइपास तहसील पलेरा के दिनऊ मँदिर क़े पास राजस्व भूमि पर पट्टे दिये गये हैं, अगर हाँ तो कितने लोगों को नामवार बतायें। (ख) क्या उत्तर प्रदेश के वांछित अपराधियों को भी पट्टा दिया गया है? अगर हाँ तो ऐसे लोगों के पट्टे कब तक निरस्त किये जायेंगे और अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सोलर पंप को पुनः संचालित किया जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

30. ( क्र. 2993 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम पंचायत अतरैला में पेयजल व्यवस्था हेतु सोलर पंप एवं टंकी निर्मित है? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त सोलर पंप से पानी प्रदाय न होने के क्या कारण हैं? (ख) उक्त सोलर पंप एवं टंकी को पुनः आमजन हेतु जल प्रदाय किये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जावेगी? कब तक उक्त पंप से जल सप्लाई प्रारंभ हो सकेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश-के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.ओ.पी.) डभौरा की लंबित विभागीय जाँच

[गृह]

31. ( क्र. 2997 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.ओ.पी.) डभौरा के विरुद्ध विभागीय स्तर पर भ्रष्टाचार संबंधी जाँच संस्थित की गई थी? क्या इनके विरुद्ध पुलिस अधीक्षक कार्यालय रीवा द्वारा भेजा गया जाँच प्रतिवेदन भोपाल मुख्यालय को प्राप्त हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त जाँच प्रतिवेदन किस दिनांक को प्राप्त हुआ है? (ख) उक्त प्रकरण के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही किये जाने में विलम्ब का क्या कारण है? क्या अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.ओ.पी.) की सेवानिवृत्ति अवधि समीप होने के कारण विभाग द्वारा जानबूझ कर कार्यवाही में विलंब किया जा रहा है? उक्त प्रकरण में विभाग द्वारा कब तक उचित कार्यवाही की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस अधीक्षक, रीवा से एस.डी.ओ.पी. डभौरा श्री संतोष कुमार द्विवेदी के विरूद्ध दिनांक 08.11.2016 को प्राप्‍त प्रतिवेदन पर प्राथमिक जाँच करने के निर्देश पुलिस अधीक्षक, रीवा को दिये गये है। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

लहार जिला भिण्‍ड में स्‍थायी परिवहन कार्यालय खोला जाना

[परिवहन]

32. ( क्र. 3035 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्‍न संख्‍या 100 (क्रमांक 1089), दिनांक 07 दिसम्‍बर, 2016 के प्रश्‍नांश (क) में भिण्‍ड जिले के लहार नगर में परिवहन विभाग का केम्‍प 10.03.2016 को प्रारंभ किये जाने की जानकारी दी गई है तो 25.11.2016 से प्रश्‍न दिनांक तक और किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा ड्रायविंग लाइसेंस आदि कार्यों हेतु कितने-कितने आवेदन प्राप्‍त किए एवं उनमें से कितने आवेदनों पर ड्रायविंग लाइसेंस जारी किए गए? (ख) क्‍या दिनांक 03 मार्च, 2016 को विधानसभा में विभागीय मांग संख्‍या क्रमांक 36 में चर्चा के दौरान माननीय मंत्री जी ने लहार में परिवहन कार्यालय नियमितीकरण करने और स्‍थायी रूप से व्‍यवस्‍था कर देने की बात कही थी? यदि हाँ, तो लहार में परिवहन कार्यालय के स्‍थायीकरण करने की दिशा में विभाग द्वारा अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या उक्‍त संदर्भित प्रश्‍नांश (घ) के उत्‍तर में विभाग में अधिकारियों की कमी के चलते क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय भिण्‍ड तथा परिवहन चैक पोस्‍ट का प्रभार दोनों दायित्‍व एक ही अधिकारी पर होने संबंधी जानकारी दी गई है? (घ) यदि हाँ, तो विभागीय अधिकारियों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए क्‍या भिण्‍ड जिले में एक सहायक परिवहन अधिकारी का पद सृजित किए जाने की शासन की कोई योजना है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 25.11.16 से प्रश्‍न दिनांक तक कैम्प प्रभारी हितेन्द्र बहादुर सिंह, सहायक वर्ग-3 के द्वारा डी.एल. आदि कार्य हेतु 20 डी.एल. लाइसेंस आवेदन प्राप्त किए है सभी डी.एल. लाइसेंस को जारी कर निराकरण किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 17 मार्च 2016 को परिवहन विभाग की मांग संख्या 36 पर चर्चा हुई थी। दिनांक 14.12.2015 को परिवहन विभाग के विधेयक पर चर्चा के दौरान यह आश्‍वासन दिया गया था कि आर.टी.ओ. भिण्ड को निर्देशित किया जायेगा कि सप्ताह में एक दिन लहार कार्यालय में बैठगें और जो भी कार्य वहाँ पर हो करें। तदुपरान्त तहसील लहार में परिवहन विभाग का अस्थायी कैम्प माह के प्रत्येक गुरूवार को लगाये जाने की कार्यवाही शुरू की गई। उसी के अनुक्रम में विभागीय मांगों की चर्चा के दौरान दिनांक 17 मार्च 2016 को माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा उल्लेख किया गया था कि नियमित रूप से एक लिपिक लहार कार्यालय में बैठने लग जाये, ऐसी व्यवस्था कर दी जाये। जिसके उत्तर में परिवहन कार्यालय की स्थाई रूप से व्यवस्था के बारे में पृथक से कोई उल्लेख नहीं किया गया था। वर्तमान में भी कैम्प कार्यालय संचालित होकर लाइसेंस आदि बनाने का कार्य किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) परिवहन विभाग का प्रस्तावित नया सेटअप जिसमें भिण्ड जिले के पद भी शामिल है, शासन स्तर पर विचाराधीन है।

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की परियोजना अंतर्गत ऋण की स्‍वीकृति

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

33. ( क्र. 3188 ) श्री रमेश पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) इन्‍दौर संभाग ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग के कार्य क्षेत्र के अतंर्गत आने वाली जिन सात ग्रामोद्योग/परियोजना जिनमें (1) खनिज आधारित उद्योग (2) वन आधारित उद्योग (3) कृषि और खाद्य आधारित उद्योग (4) बहुलक और रसायन आधारित उद्योग (5) इंजीनियरिंग एवं गैर परम्‍परागत ऊर्जा (6) वस्‍त्र उद्योग (खादी को छोड़कर) (7) सेवा उद्योग शामिल है, में विभागवार कितने हितग्राहियों को दिनांक 01.01.2014 से 31.01.2017 तक चयनित कर ऋण स्‍वीकृति प्रदान की उपरोक्‍तानुसार सात समूहों की जानकारी पृथक-पृथक जिलावार वर्षवार दें? (ख) क्‍या कारण है कि विभाग द्वारा चयनित हितग्राहियों को ऋण देने में बैंकों द्वारा अधिक समय लगाया जाता है या उन्‍हें अस्‍वीकृत कर दिया जाता है? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ऐसे स्‍वीकृत प्रकरणों की संख्‍या कितनी है जिन्‍हें बैंकों द्वारा अस्‍वीकृत कर दिया गया? जिलावार वर्षवार प्रकरण संख्‍या बतावें।          (घ) शासन प्रश्‍नांश (ग) अनुसार बैंकों से अस्‍वीकृति होने पर हितग्राहियों के लिए क्‍या वैकल्पिक व्‍यवस्‍था करवाता है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विभाग से संबंधित नहीं है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।              (घ) प्रश्नांश (ग) अस्वीकृत प्रकरणों को पुन: स्वीकृत कराने की वैकल्पिक व्यवस्था का प्रावधान नहीं है किन्तु पात्रता अनुसार अन्य योजना में लाभ दिया जा सकता है।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

जवाहरलाल नेहरू ट्रेनिंग पुलिस अकादमी सागर के भवन का मरम्‍मत कार्य

[गृह]

34. ( क्र. 3298 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जवाहरलाल नेहरू ट्रेनिंग पुलिस अकादमी सागर के भवन मरम्‍मत कार्य एवं रख-रखाव हेतु विगत पाँच वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई वर्षवार बताएं एवं इस राशि से किए गये, निर्माण कार्य का ब्‍यौरा दें। (ख) उक्‍त प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या भवन के मरम्‍मत कार्य एवं निर्माण से संबंधित कोई प्रस्‍ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो अभी तक उस पर क्‍या कार्यवाही हुई है? (ग) क्‍या शासन जीर्णशीर्ण भवन के मरम्‍मत एवं             रख-रखाव हेतु कोई कार्य योजना तैयार करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार(ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मरम्मत/रख-रखाव का कार्य आवश्यकतानुसार पी.सी.एण्ड.आर. (पेटी कंस्ट्रक्शन एण्ड रिपेयर) तथा एम.ओ.डब्ल्यू (माइनर ओरिजिनल वर्क) के तहत उपलब्ध राशि से कराया जाना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 190 110 में किये गए नामांतरण

[राजस्व]

35. ( क्र. 3325 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या धारा 190,110 के तहत किये गए नामांतरण की कार्यवाही अपराधिक कृत्य है? यदि हाँ, तो वर्तमान स्थिति में किन-किन राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध लोकायुक्त पुलिस द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाकर अभियोजन की कार्यवाही की जा रही है। (ख) क्‍या हाल ही में उज्जैन संभाग में एक राजस्व अधिकारी के विरुद्ध धारा 190 110 के तहत किये गए नामान्तरण को अपराधिक मानते हुए लोकायुक्त पुलिस उज्जैन द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया है तथा विभाग द्वारा अभियोजित स्वीकृति भी जारी की गई है? (ग) विभाग द्वारा अभियोजित स्वीकृति किन नियमो के तहत एवं किस आधार पर जारी की गई तथा नियम विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति जारी करने हेतु कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है तथा शासन उनके विरुद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान गरीबी रेखा में नाम जोड़े जाना

[राजस्व]

36. ( क्र. 3347 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की गुढ़ विधान सभा क्षेत्रांतर्गत आने वाली तहसीलों में ग्राम पंचायतों द्वारा ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान गरीबी रेखा में नाम जोड़ने बाबत् प्राप्‍त आवेदन पत्रों को जमा कर पावती प्राप्‍त की थी? प्राप्‍त आवेदन पत्रों का परीक्षण उपरान्‍त कितने आवेदन पत्रों पर संबंधित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों द्वारा आदेश जारी कर गरीबी रेखा की सूची के नाम जोड़ने का निर्देश संबंधित मुख्‍य कार्यपालन अधिकारियों को किस-किस दिनांक एवं क्रमांक से दिये, बतावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के निराकृत आवेदन पत्रों के जारी आदेश/निर्देश उपरांत कितने हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची में जोड़े गए? उनमें से कितने हितग्राहियों को खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराया जा रहा है एवं कितने शेष है और क्‍यों? (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) के आवेदन पत्रों को संबंधित तहसीलदारों द्वारा समय पर निराकृत नहीं किया गया एवं पात्र हितग्राही गरीबी रेखा से वंचित है तो इसके लिए दोषियों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर संबंधितों द्वारा नाम जोड़ने का आदेश जारी नहीं किया गया तो इस पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर आदेश जारी करने के बाद भी जनपद के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा नाम सूची में नहीं जोड़े गए, पात्र हितग्राही खाद्यान्‍न सहित अन्‍य सुविधा से वंचित हैं तो इसके लिए दोषियों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। गुढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली तहसीलों में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत गरीबी रेखा में नाम जोड़ने बाबत् जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान में 574 एवं जनपद पंचायत रीवा में 730 आवेदन पत्र बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़ने हेतु प्राप्त हुए थे। तहसील स्तर से जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के 62 हितग्राही बी.पी.एल. के पात्र थे जिनका नाम बी.पी.एल. सूची में जोड़ा गया है। रीवा के प्राप्त 730 आवेदन पत्रों में तहसील गुढ़/रायपुर कर्चुलियान/हुजुर के पत्र क्र. 213 दिनांक 25.06.16 द्वारा 2 परिवार एवं पत्र क्र. 254 दिनांक 26.06.16 द्वारा 9 कुल 11 परिवार बी.पी.एल. सूची के पात्र पाए गए है।          (ख) जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के 62 परिवारों के नाम बी.पी.एल. में जोड़े गए हैं 48 परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है, 14 व्यक्तियों की पर्ची भोपाल स्तर से जनरेट नहीं होने के कारण खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है। रीवा के 11 हितग्राहियों को खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

रोड निर्माता कम्पनी द्वारा की गई शिकायत पर कार्यवाही

[गृह]

37. ( क्र. 3413 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा से गुजरी तक स्वीकृत सीमेंटेड रोड के सब कान्ट्रेक्टर मेसर्स पी.डी. अग्रवाल एण्ड कं. के खिलाफ शिकायतकर्ता श्री संजीव निवासी बदलापुर (ठाणे) महाराष्ट्र द्वारा उक्त रोड पर एग्रीमेंट आधार पर उनकी किराये से लगाई गई मशीनरी (डम्फर, पोकलेन,रोलर आदि) का कंपनी द्वारा दो माह तक उपयोग करने के बाद भाड़ा मांगने पर उन्हे मारपीट कर भगाने तथा मशीनरी हथियाने की दृष्टि से रोलर अपने कब्जे में रखने के संबंध में की गई शिकायत पर पुलिस अधीक्षक धार द्वारा उक्त आवेदन जाँच उपरांत आगामी आवश्‍यक कार्यवाही करने के लिये पुलिस थाना नालछा को भेजा गया था, जिस पर पुलिस थाना नालछा द्वारा पी.डी.अग्रवाल एण्ड कं. के कब्जे से रोलर लेकर शिकायतकर्ता को सुपुर्द किया गया है। (ख) यदि हाँ, तो रोलर जबरन अपने कब्जे में रखने वाली कं. के संचालक के विरूद्ध कोई प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया, इसका कारण बतावें तथा कब तक प्रकरण दर्ज कर आगामी कानूनी कार्यवाही की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। इस संबंध में थाना नालछा में उल्लेखित आवेदन पत्र की जाँच में पाया गया कि आवेदक संजीव द्वारा रोड निर्माण कार्य के दौरान बिना सूचना दिये रोलर छोड़कर चला गया था। उसे अनावेदक पी.डी.अग्रवाल एवं कंपनी द्वारा ड्रायवर के माध्यम से सुरक्षा की दृष्टि से ग्राम देवला प्लांट में रखा गया था एवं इसकी सूचना थाना नालछा में दी गई थी। उक्त रोलर दिनांक 24.10.2016 को आवेदक संजीव को थाना नालछा बुलाकर सुपुर्दगी पर दिया गया था। जाँच पर मामला पैसों के आपसी लेनदेन का होकर संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

नल-जल योजनाओं में निर्धारित लक्ष्‍य की प्राप्ति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

38. ( क्र. 3425 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सागर जिले के लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों से नलकूप खनन एवं नल जल योजनाओं के क्रियान्‍वयन में निर्धारित लक्ष्‍य की प्राप्ति नहीं की जा रही है? क्‍या वर्षवार निर्धारित लक्ष्‍य की पूर्ति उसी वित्‍तीय वर्ष में नहीं होती है? आज की स्थिति में भी विगत 3 वर्षों के निर्धारित लक्ष्‍य प्राप्‍त नहीं किये जा सके हैं? (ख) क्‍या वास्‍तव में विभागीय अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के मध्‍य कार्य का सही तरीके से सामंजस्‍य पूर्ण कार्य का विभाजन न करने से नलकूप खनन वाली मशीनें मुख्‍यालय पर बिना काम के ही खड़ी रहती हैं? (ग) यदि नहीं, तो विगत 3 वर्ष में नलकूप खनन एवं नल-जल योजना के वर्षवार निर्धारित लक्ष्‍य एवं लक्ष्‍य के अनुसार कार्य पूर्ण करने के दिनांक सहित लक्ष्‍य प्राप्ति का प्रगति का प्रतिवेदन एवं शासन द्वारा प्रदत्‍त राशि की उपयोगिता की जानकारी देवें? (घ) शेष लंबित कार्यों को कब तक पूरा कर लक्ष्‍य प्राप्‍त कर लिया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वित्तीय वर्षवार कार्यों के लक्ष्य उसी वित्तीय वर्ष में पूर्ति हेतु निर्धारित किए जाते हैं। किसी वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य मात्र उसी वित्तीय वर्ष प्रभावशील रहते हैं, यदि किसी वर्ष के लक्ष्य पूर्ण नहीं होते हैं तो लक्ष्यपूर्ती में रही कमी हेतु पश्चातवर्ती वर्ष में कार्य करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2017-18 तक संभावित। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।

अतिवृष्टि के नुकसान का मुआवजा

[राजस्व]

39. ( क्र. 3426 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर जिले में वर्ष 2016 में अतिवृष्टि के कारण खेती, मकान एवं कुंओं के धसकने की अत्‍याधिक घटनायें हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍नांश (क) अनुसार सर्वे उपरांत फसल क्षति होने, मकान के गिरने एवं कुएं के धसकने या गिरने के पटवारी, हल्‍कावार कितने-कितने प्रकरण सामने आये? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त प्रकरणों में से‍ कितने-कितने प्रकरण पटवारी हल्‍कावार निराकृत कर दिये गये है और कितने प्रकरण निराकरण हेतु लंबित हैं? (घ) क्‍या लंबित प्रकरणों का निराकरण न होने से कलेक्‍टर जनसुनवाई में ये प्रकरण बार-बार सामने आते हैं? कब तक लंबित प्रकरणों का‍ निराकरण करा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश "क" अनुसार सर्वे उपरांत फसल क्षति नहीं पाई गई है। मकान क्षति के कुल 832 प्रकरण तथा कुंओं के धसकने या गिरने के 40 प्रकरण पाये गये। (ग) उत्‍तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त समस्‍त प्रकरणों को निराकृत कर दिया गया है। निराकरण हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) उत्‍तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में अपात्र हितग्राहियों द्वारा योजना का अनुचित लाभ

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

40. ( क्र. 3586 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के शासकीय सेवकों एवं आयकर दाताओं के लिये भी लागू है? (ख) यदि नहीं, तो क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई योजना का शासकीय सेवकों एवं आयकर दाताओं द्वारा अनुचित लाभ लिये जाने संबंधी कोई शिकायत वर्ष 2016-17 में नीमच जिले से संबंधित शासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें।         (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त शिकायत की जाँच के संदर्भ में दोषी पाये गये अपात्र हितग्राहियों के विरुद्ध शासन कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय सीमा बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश में निवासरत समस्‍त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के परिवारों को (प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी एवं आयकरदाता को छोड़कर) प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित किया गया है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में नीमच जिले में शासकीय सेवकों एवं आयकर दाताओं द्वारा मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा योजना का अनुचित लाभ लेने के संबंध में कुल 9 शिकायतें प्राप्‍त हुई, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा योजना का अनुचित लाभ लेने वाले डॉ. देवेश सागर को पात्रता श्रेणी से विलोपित कर माह अक्‍टूबर, 2016 से राशन प्रदाय बंद कर दिया गया है एवं उनके द्वारा प्राप्‍त सामग्री की राशि वसूली हेतु कार्यवाही कलेक्‍टर न्‍यायालय में प्रचलित है। डॉ. देवेश सागर के विरूद्ध कार्यवाही हेतु उच्‍च शिक्षा विभाग को कलेक्‍टर, नीमच द्वारा प्रस्‍ताव भेजा गया है। प्रकरण में उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा कार्यवाही की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना सम्‍भव नहीं है।

सर्वे क्रमांक 1035/1 1035/2 को अतिक्रमण मुक्त करवाना

[राजस्व]

41. ( क्र. 3659 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के सुवासरा नगर में सर्वे क्रमांक 1035/11035/2 की भूमि पर कितने व्यक्तियों को रजिस्ट्री करवाकर भूमि स्वामित्व का अधिकार प्राप्त है, या अन्य सर्वे क्रमांक की रजिस्ट्री करवाकर उपरोक्त सर्वे क्रमांक पर कब्जा किया गया है? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त सर्वे क्रमांक पर किन-किन व्यक्तियों द्वारा वर्तमान में रजिस्ट्री होने का दावा बताकर कब्जा किया गया है? नाम तथा कब्जे के क्षेत्रफल की जानकारी देवें। (ग) रजिस्ट्रीकर्ताओं द्वारा उपरोक्त सर्वे क्रमांक में रजिस्ट्री में जितना क्षेत्रफल दर्शाया गया है, रजिस्ट्रीकर्ताओं के द्वारा या अन्य व्यक्तियों के द्वारा उतने ही क्षेत्रफल पर कब्जा किया गया है या अधिक क्षेत्रफल पर कब्जा किया गया है? यदि अधिक क्षेत्रफल पर कब्जा‍ किया गया है, तो कितने अधिक क्षेत्रफल पर कब्जा किया गया है तथा शासन द्वारा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें। (घ) यदि कार्यवाही की गई है, तो दिनांक 10 नवम्बर 2016 के बाद अतिक्रमण धारियों को नोटिस जारी कर खाना पूर्ति की गई या 10 नवम्बर 2016 से पहले कोई कार्यवाही की गई है, जानकारी देवें तथा क्या इस अतिक्रमण को वहां से हटा दिया गया है या आज भी अतिक्रमण यथावत है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय धार द्वारा पंजीकृत वाहन

[परिवहन]

42. ( क्र. 3672 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विगत 03 वर्षों के दोरान क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय धार द्वारा कितने नये वाहनों, दो पहिया, चार पहिया व अन्य व्यवसायिक वाहनों का पंजीयन प्रतिवर्ष किया गया है वर्षवार पंजीकृत वाहनों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वाहनों में से धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के कितने वाहन पंजीकृत हुए हैं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला परिवहन कार्यालय धार में विगत 03 वर्षों के दौरान पंजीकृत नये दो पहिया/चार पहिया/अन्य व्यवसायिक वाहनों की जानकारी निम्नानुसार हैः-

वर्ष

दो पहिया

चार पहिया

अन्‍य व्‍यवसायिक वाहन

2014

29386

4532

303

2015

18838

3134

115

2016

20569

2732

65

योग

68793

10398

483

(ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पंजीकृत दो पहिया, चार पहिया, अन्य व्यवसायिक वाहनों की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार हैः- 

वर्ष

दो पहिया

चार पहिया

अन्‍य व्‍यवसायिक वाहन

2014

2340

146

69

2015

1812

87

 51

2016

2354

137

 73

योग

6506

370

193

भू-राजस्‍व की राशि का भुगतान

[राजस्व]

43. ( क्र. 3724 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर तहसील अन्तर्गत भू-राजस्व (भूमि परिवर्तन) की राशि संबंधित ग्राम पंचायत में एवं जिलाधीश कार्यालय में स्थित तहसील स्तर के भू-राजस्व कार्यालय में जमा की जाती है? यदि हाँ, तो क्या संबंधित भू स्वामी द्वारा पंचायत व तहसील कार्यालयों में से किसी भी एक कार्यालय में भू-राजस्व की राशि जमा कराई जा सकती हैं? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) अनुसार भू-राजस्व (भूमि परिवर्तन) की राशि संबंधित भू-स्वामी द्वारा किसी वर्ष ग्राम पंचायत में व किसी वर्ष तहसील कार्यालय में जमा की गई है? यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में उसे ग्राम पंचायत या तहसील कार्यालय द्वारा भू-राजस्व की राशि जमा नहीं बताई जा कर जमा करने के नोटिस ग्राम पंचायत या तहसील कार्यालय से जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस को इस तरह के नोटिस जारी किये गये हैं, सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जारी नोटिस क्या सही हैं? यदि नहीं, तो ऐसे गलत नोटिस करने हेतु कौन जिम्मेदार है व विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील इन्‍दौर के अंतर्गत भू-राजस्‍व (भूमि परिवर्तन) की राशि तहसील स्‍तर से जिलाधीश कार्यालय भू-परिवर्तन में जमा की जाती है। (ख) भू-राजस्‍व (भूमि परिवर्तन) की राशि संबंधित भूमि स्‍वामी द्वारा जिस गांव का परिवर्तित भू-राजस्‍व है, उसी तहसील अनुसार जमा किया जाता है। इन्‍दौर तहसील का संपूर्ण अभिलेख कम्‍प्‍यूटर में दर्ज होकर, उसी बकाया के मान से सूचना-पत्र जारी किया जाता है। ग्राम पंचायत से पृथक से नोटिस जारी नहीं किये जाते है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राजस्व नक्शा (दक्ष) ऑनलाईन अपडेट करना

[राजस्व]

44. ( क्र. 3743 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्या जिला राजगढ़ के विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के भूमि नक्शा (दक्ष) अपडेट करने का म.प्र. शासन द्वारा आदेश जारी किया गया था? यदि हाँ तो, आदेश की प्रति प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में किन-किन हल्का पटवारियों द्वारा नक्शा (दक्ष) ऑनलाईन अपडेट किया गया? प्रश्न दिनांक तक किन-किन हल्का पटवारियों के द्वारा नक्शा (दक्ष) ऑनलाईन अपडेट नहीं किया गया? कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार नक्शा (दक्ष) अपडेट करने के शासन आदेश होने के पश्चात् भी प्रश्न दिनांक तक नक्शा (दक्ष) ऑनलाईन अपडेट नहीं किया गया है तो क्या विभाग शासन आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय सीमा से अवगत करावें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार। तकनीकी कारणों से अपडेशन नहीं हो सका है। (ग) नक्शा अपडेशन एक सतत् प्रक्रिया है, अतः शासन आदेश की कोई अवहेलना नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

खसरों को कम्‍प्‍यूटराईज्‍ड किये जाना

[राजस्व]

45. ( क्र. 3858 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) पन्‍ना जिले की पवई, शाहनगर, रैपुरा, सिमरिया में खसरा/खतौनी हेतु कम्‍प्‍यूटर इत्‍यादि सामग्री खरीदते हुये डॉटा एन्‍ट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की जा चुकी है या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों तथा बिना ऑपरेटर के यह कार्य कैसे संभव हो सकेगा? (ख) क्‍या वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के खसरों को कम्‍प्‍यूटराईज्‍ड किया गया है एवं कितने हितग्राहियों के आवेदन लंबित हैं। इसके लिये कौन-कौन से अधिकारी जिम्‍मेदार हैं? (ग) वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने हितग्राही द्वारा खसरा तथा नकल हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुये हैं। हितग्राहियों के आवेदनों के निराकरण की समय सीमा क्‍या है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पन्ना जिले की तहसील पवई, शाहनगर, रैपुरा, सिमरिया में खसरा/खतौनी के कम्प्यूटरीकरण हेतु कम्प्यूटर आदि सामग्री उपलब्ध है। तहसील पवई एवं शाहनगर में जूनियर डाटा एन्‍ट्री ऑपरेटर कार्यरत है तथा तहसील रैपुरा एवं सिमरिया में जूनियर डाटा एन्‍ट्री ऑपरेटर न होने से भू-अभिलेख कम्प्यूटरीकरण का कार्य पटवारियों एवं लिपिकवर्गीय कर्मचारियों द्वारा सम्पन्न किया जा रहा है। (ख) वर्ष 2013 से पूर्व ही जिले में खसरों का कम्प्यूटराईजेशन पूर्ण हो चुका था। कम्प्यूटरीकरण हेतु किसी भी हितग्राही का आवेदन पत्र लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक तहसील पवई शाहनगर, रैपुरा एवं सिमरिया में 35696 आवेदन पत्र नकल हेतु प्राप्त हुये। चालू खसरा/खतौनी की प्रतिलिपियों के प्रदाय की समय-सीमा 05 कार्य दिवस निर्धारित है।

निवास विधानसभा क्षेत्र में पेयजल संकट ग्रस्‍त ग्रामों में पेयजल सुविधा उपलब्‍ध कराना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

46. ( क्र. 3884 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मण्‍डला जिले के निवास विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत पेयजल समस्‍या मूलक ग्राम ददरगांव, मुरलापानी, सुखराम, चंदेहरा, पडरीतलाई, डुंगरिया, बीजेगांव, डोभा वनग्राम, साल्‍हेपानी, विकासखण्‍ड नारायणगंज के कोहरी, घाटमगांव, सुखरी, चोंरादादर, बस्‍तरा, तोंरदरा, पाडरपानी, विकासखण्‍ड बीजाडांडी के ग्राम चरगांव माल पोनिया, टिकरिया, लालपुर, खम्‍हरिया, पिंडरई, बम्‍होरी, कुकरा,बेहैर,रमतिला, पाठा, दगला, जमुनिया, विकासखण्‍ड मण्‍डला के कुडोपानी, बेरपानी, लावर, कटंगी, विकासखण्‍ड मोहगांव के चुभावल, उमरडीह, सुअरझर, खीसी, उक्‍त ग्रामों के पानी की समस्‍या हे‍तु निरंतर मांग की जाती रही है? (ख) क्‍या उक्‍त ग्रामों में पेयजल समस्‍या के समाधान का प्रयास विभाग करेगा और कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश-में उल्लेखित सभी ग्राम पूर्ण श्रेणी के हैं। यदि इन ग्रामों में पेयजल समस्या उत्पन्न होती है तो उसका निराकरण किया जायेगा।

निजी फाइनेंस कंपनियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरण पर कार्यवाही

[गृह]

47. ( क्र. 3997 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) सागर जिले में मार्च 2016 से माह जनवरी 2017 तक कितनी निजी फाइनेंस कंपनियों के विरूद्ध ग्राहकों/अन्‍य के द्वारा धोखाधड़ी/मानसिक प्रताड़ना/गुंडागर्दी/मानहानि या अन्‍य अपराधिक प्रकरण की रिपोर्ट दर्ज की गई है? (ख) वर्तमान में ऐसी कितनी निजी फाइनेंस कंपनियां सागर जिले के विभिन्‍न थानों में संचालित की जा रही है, जिनकी अधिकृत जानकारी थानों को सूचना के तहत दी गई है? (ग) कितनी निजी फाइनेंस कंपनियों के विरूद्ध विभाग द्वारा प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी/न्‍यायालय में कार्यवाही की गई है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर जिले में प्रश्नांकित अवधि में 02 निजी फाइनेंस कम्पनियों के विरूद्ध धोखाधड़ी संबंधी आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा 3 (1) के अंतर्गत थानों को सूचना देने का विधिक प्रावधान नहीं है। (ग) 02 प्रकरण 02 फाइनेंस कम्पनियों के विरूद्ध दर्ज किये गये हैं एवं प्रत्येक प्रकरण में एक-एक आरोपी की गिरफ्तारी की गई है। 01 प्रकरण में 01 आरोपी के विरूद्ध अभियोग सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाकर धारा 173 (8) द.प्र.सं. के तहत विवेचना जारी है तथा दूसरा प्रकरण भी विवेचनाधीन है।

मशीनें उपकरण एवं दवा खरीदी

[पशुपालन]

48. ( क्र. 4049 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) पशुपालन एवं पशु चिकित्‍सा विभाग बालाघाट के अंतर्गत प्रदेश शासन एवं केन्‍द्र शासन की कौन-कौन सी योजनाएँ संचालित हो रही हैं वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक संचालित योजनाओं में राज्‍य एवं केन्‍द्र शासन से कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में कितने हितग्राहियों को जारी की गई? (ख) प्रश्‍नांकित (क) में आवंटित राशि से कौन-कौन सी मशीनें उपकरण व दवाइयों की खरीदी की गई? फर्म का नाम सहित राशि का उल्‍लेख करें? क्रय की गई दवाइयों का उपयोग पशु चिकित्‍सा के लिए कितनी दवाइयाँ उपयोग में लायी गई एवं कितनी राशि की दवाइयाँ अनुपयोगी व बेकार हो गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में क्रय की गई मशीनों का वर्तमान में क्‍या उपयोग हो रहा है? किस-किस स्‍थान पर मशीनों को स्‍थापित किया गया है? कितनी मशीनें वर्तमान में अनुपयोगी हैं? क्‍या अनुपयोगी मशीनों की विभाग को आवश्‍यकता ही नहीं थी, किन्‍तु क्रय की गई? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। क्रय की गई समस्त दवाइयाँ पशु चिकित्सा कार्य हेतु उपयोग में लाई जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता।          (ग) जिला बालाघाट को प्रदाय आवंटित राशि‍ में से किसी भी प्रकार की मशीन का क्रय नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता।

शहर क्षेत्र में रेंगते हुए ट्राफिक में हेलमेट की अनिवार्यता

[गृह]

49. ( क्र. 4059 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) इन्दौर शहर में प्रमुख मार्गों पर टू व्हीलर की स्पीड लिमिट कितनी है व शहरी क्षेत्रों में प्रमुख मार्गों पर स्पीड लिमिटेशन के लिए यातायात विभाग द्वारा क्या‍-क्या दिशा-निर्देश दिये गये है?           (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर शहर अंतर्गत शहरी क्षेत्र में वाहनों की अधिकतम एवं न्यूनतम स्पीड कितनी रहती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या इन्दौर शहर व प्रमुख मार्गों पर 30 कि.मी., 40 कि.मी. से कम की स्पीड से टू व्हीलर चलते है? यदि हाँ, तो इन्दौर शहर में रेंगते हुए ट्राफिक में भी हेलमेट की अनिवार्यता क्यों की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में शहर के प्रमुख मार्गों पर 01 वर्ष में पुलिस विभाग द्वारा कितने चालान बनाये गये हैं व चालानों की वसूली/चालानी कार्यवाही किस माध्यम से की गई है? क्या सम्पूर्ण चालानी कार्यवाही को केशलेस किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) गति सीमा 30 एवं 40 किमी निर्धारित की गई है। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। गति सीमा के बोर्ड लगाये गये हैं, प्रमुख चौराहों पर वीडियो स्क्रीन में स्पीड लिमिट का वीडियो दिखाया जा रहा है। जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। (ख) अधिकतम 40 किमी एवं न्यूनतम 20 किमी स्पीड रहती है। (ग) जी हाँ। मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 129 में हेल्मेट अनिवार्य है। यह चालकों की स्वयं की सुरक्षा के लिये है। इस बाबत् कार्यवाही के निर्देश माननीय उच्च न्यायालय के भी हैं। (घ) 72,619 चालान बनाये गये हैं। नकद एवं कोर्ट चालान के माध्यम से की गयी है। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

परिशिष्ट - ''बारह''

धार जिले में अल्‍ट्राटेक सीमेन्‍ट हेतु भूमि अधिग्रहण

[राजस्व]

50. ( क्र. 4098 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) धार जिले में अल्‍ट्राटेक सीमेंन्‍ट के लिये भूमि का अधिग्रहण किस भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत् किया गया? (ख) आदिवासी एवं गैर आदिवासियों की भूमि खरीदी या लीज पर ली गई भूमि कितनी अधिग्रहित की गई और कितना मुआवजा दिया गया? प्रति हेक्‍टेयर किस रेट से खरीदी गई तथा लीज पर ली गई, गांववार राशि की जानकारी दें? (ग) क्‍या नवीन भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार अधिग्रहित आदिवासियों एवं गैर आदिवासियों की भूमि का मुआवजा भूमि के बाजार मूल्‍य से 4 (चार) गुना अधिक मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है? ऐसे कितने आदिवासी व गैर आदिवासी किसानों को भूमि के बाजार मूल्‍य से 4 (चार) गुना अधिक मुआवजा दिया? किसानों की सूची नाम, गांव एवं राशिवार ब्‍यौरा दें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन आदेश का पालन प्रतिवेदन

[गृह]

51. ( क्र. 4206 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) माननीय न्यायालय द्वारा किसी प्रकरण में दिए स्थगन आदेश का पालन प्रतिवेदन सुनिश्चित करवाना क्या पुलिस का दायित्व है? (ख) क्या माननीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी नौगाँव जिला छतरपुर ने आदेश क्र प्रकरण क्रमांक 45/बी-121 /2012-13 दिनांक 10.06.2013 द्वारा श्रीमती नीलिमा रिछारिया पत्नी वीरेन्द रिछारिया निवासी लुगासी को स्थगन आदेश दिया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में थाना प्रभारी नौगाँव को अनावेदक को स्थगन आदेश की एक प्रति पालनार्थ निर्वाह कराकर पालन सुनिश्चित कराने तथा वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन नियत दिनांक 14.-06-2013 के पूर्व प्रस्तुत कराने के निर्देश क्या माननीय न्यायालय द्वारा दिया गया था? (घ) प्रश्नांश के अनुक्रम में 03 साल बाद पुनः माननीय न्यायालय द्वारा पत्र क्र प्रक्र/45/बी-121 नौगाँव 25.11.2016 द्वारा थाना प्रभारी नौगाँव को पालन प्रतिवेदन भेजने हेतु लेख किया था? यही हाँ तो पुलिस ने 03 साल तक न्यायालय के आदेश का पालन क्यों नहीं किया? क्या यह न्यायालय के आदेश की अवहेलना की श्रेणी में नहीं आता? पुलिस द्वारा स्थगन आदेश का पालन सुनिश्चित नहीं कराने पर आवेदक क्या करें? (ङ) क्या आवेदक द्वारा चौकी लुगासी एवं थाना नौगाँव जिला छतरपुर में अनावेदक द्वारा गाली गलौच करने एवं जान से मारने की धमकी देने की शिकायतें की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, किंतु उक्त स्थगन आदेश थाना नौगांव में प्राप्त नहीं होने से नियत दिनांक के पूर्व पालन प्रतिवेदन नहीं भेजा जा सका था। (घ) जी हाँ। उत्तरांश '' अनुसार। माननीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी, नौगांव, जिला छतरपुर के पत्र दिनांक 25.11.2016 के माध्यम से दिनांक 10.06.2013 का स्थगन आदेश प्राप्त होने पर स्थगन आदेश संबंधित पर तामील कराया जाकर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी नौगांव को सूचित किया गया है। वर्तमान में स्थगन आदेश का पालन सुनिश्चित कराया गया है। (ड.) जी हाँ। शिकायत पत्र की जाँच पर दोनों पक्षों के बीच में जमीन संबंधी विवाद एवं मनमुटाव होने से शांति व्यवस्था कायम करने हेतु इस्तगाशा क्र. 176/16, धारा 107, 116 (3) द.प्र. सं. का कायम कर सक्षम न्यायालय में पेश किया गया है।

पुलिस वाहनों की प्रदूषण जाँच

[गृह]

52. ( क्र. 4230 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या पुलिस विभाग के पास उपलब्‍ध शासकीय एवं किराये पर लिये गये वाहनों की प्रदूषण जाँच समय-समय पर करवाई जाती है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में कितने वाहनों की जाँच कराई गई? (ख) यदि नहीं, कराई जाती तो आम जनता को वाहन प्रदूषण जाँच प्रमाणीकरण हेतु क्‍यों परेशान किया जा रहा है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। 1471 शासकीय वाहन एवं 225 किराए के वाहन की प्रदूषण जाँच कराई गई है। (ख) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

बंद नल-जल योजनाओं को प्रारंभ करना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

53. ( क्र. 4231 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्‍जैन जिले अंतर्गत तराना विकासखण्‍ड में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना के माध्‍यम से पेयजल आपूर्ति की जाती है? (ख) किन ग्रामों में योजना सतत् चल रही है? कितने बंद है? बन्‍द होने के क्‍या कारण हैं? (ग) विभाग द्वारा बन्‍द नलजल योजनाओं को पुन: प्रारम्‍भ करने हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) उक्‍त नल-जल योजनाएं कब तक सुधार कर प्रारम्‍भ करा दी जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नल से जल आज और कल'' अभियान के अन्तर्गत लघुसुधार के कारण बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु धनराशि संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करवा दी है तथा कार्यवाही ग्राम पंचायतें कर रही हैं। रूपये 2.00 लाख से अधिक लागत की बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने के कार्यों की स्वीकृति दी जाकर निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। आगामी ग्रीष्मकाल के दौरान अधिक से अधिक बंद नल-जल योजनाओं को चालू किया जा सकेगा। (घ) विभाग योजनाएँ शीघ्र सुधार करने का प्रयास कर रहा है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।

परिशिष्ट - ''तेरह''

सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

54. ( क्र. 4283 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) उज्जैन जिले में 2015-16 एवं 2016-17 में सीमांकन के कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं इनमें से कितनों का निराकरण आज दिनांक तक नहीं किया गया है तथा कितनों का निराकरण किया गया? निराकरण नहीं होने वाले प्रकरणों में ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें अधिकारीयों द्वारा नक्शे की त्रुटि राजस्व दस्तावेज के मिलान ना होने की आपत्ति के कारण सीमांकन नहीं किया गया है?                    (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम है जिनकी भूमि के नक्शे उपलब्ध नहीं है? इन ग्रामों को नक्शे और अनुपलब्ध दस्तावेज कब तक उपलब्ध करा दिये जावेगे? बड़नगर राजस्व क्षेत्र में 3 वर्ष में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनके सीमांकन के आदेश होने के बाद भी सीमांकन नहीं किये गये हैं तथा ऐसे कौन कौन से अधिकारी है जिन्होने आदेश का पालन नहीं किया है? ऐसे अधिकारी के नाम बतावें। (ग) वर्तमान में ग्रामों के सीमांकन करने का तरीका क्या है? क्या आज भी सीमांकन का कार्य पुराने मापदण्डों पर किया जा रहा है या अन्य कोई नवीन पद्धति द्वारा किया जाता है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बायपास हेतु अधिग्रहीत भूमि की अनियमितता की जाँच

[राजस्व]

55. ( क्र. 4297 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या कटनी की तहसील बड़वारा के ग्राम उमरिया में वर्ष 2016-17 में निर्मित बायपास हेतु अधिनियम के अधीन भूमि का अधिग्रहण किया गया है और किसी सक्षम प्राधिकारी से वर्ष 2016 में मुआवजा वितरित किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अधिसूचना में ख.नं. 151, 152 तथा 151/1, 2, 3 के कृषकों की भूमि सम्मिलित न होने पर भी उन्हें कोई मुआवजा प्रदान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) बायपास के मानचित्र में किनके किन रकबों के किन खसरों की कितनी भूमि रेखांकित है और उसका निर्माण कितने रकबे में हुआ है तथा विसंगतियों पर राजस्व और निर्माण एजेन्सी के कौन अधिकारी दोषी पाये गये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) (ग) विसंगतियों के कारण कृषकों के पूर्व के वर्षों में हुए सीमांकन प्रभावित हो रहे हैं? (ड.) क्या‍ प्रश्नांश (क) (ख) (ग) का परीक्षण किन्हीं से कराया जाकर अनुचित रूप से अधिग्रहीत भूमि के कृषकों को अतिरिक्त‍ मुआवजा प्रदान किया जावेगा और पूर्व के सीमांकन व कब्जों को यथावत रखा जावेगा तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राजस्व निरीक्षकों से नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्‍नति

[राजस्व]

56. ( क्र. 4301 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या शासन द्वारा राजस्व निरीक्षकों से नायब तहसीलदार के पद पर राजस्‍व निरीक्षकों को पदोन्नत किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या प्रदेश में राजस्व निरीक्षकों से अपने दायित्वों के साथ-साथ नायब तहसीलदारों का भी कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या यह उचित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में राजस्व निरीक्षकों से नायब तहसीलदार का कार्य कब तक लिया जायेगा? राजस्व निरीक्षको से पदोन्नत हुये ए.एस.एल.आर. से क्या-क्या‍ कार्य कराया जाता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या ए.एस.एल.आर. को एम.पी.एल.आर.सी. की धारा 24 अन्तर्गत नायब तहसीलदार की शक्तियां देने का अधिकार है? यदि हाँ, तो राजस्व निरीक्षकों को सशक्‍त अधिकार देने के पूर्व राजस्‍व विभाग अन्‍तर्गत ए.एस.एल.आर. के अधिकार प्रदाय क्‍यों नहीं किये गये?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। समय-समय पर पदोन्नत किये जाते है।             (ख) जी हाँ। यह उचित है। क्योंकि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 24 (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के रूप में कार्य संपादन करने के लिये तहसीलदार की शक्तियां प्रदान की गई है। (ग) जब तक सीधी भर्ती/पदोन्नति/सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से नायब तहसीलदार के पूर्ण पदों की पूर्ति नहीं हो जाती है, तब तक राजस्व निरीक्षकों से नायब तहसीलदार के रूप में कार्य लिया जा सकेगा। सहायक अधीक्षक,           भू-अभिलेख से भू-अभिलेख नियमावली में दिये गये समस्त कार्य। (घ) जी हाँ। प्रदेश में नायब तहसीलदारों के रिक्त पदों की संख्या अधिक होने के कारण राजस्व निरीक्षकों को शक्तियां प्रदान की गई। सहायक अधीक्षक, भू-अभिलेख के पदों की संख्या अधिक न होने के कारण तथा आयुक्त भू-अभिलेख का कार्य प्रभावित न हो इस कारण सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को शक्तियां प्रदान नहीं की गई।

ट्राफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों के ई-चालान बनाए जाना

[गृह]

57. ( क्र. 4351 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या इन्दौर शहरी क्षेत्र में सी.सी. टी.वी. कैमरों के माध्यम से चौराहों पर ट्राफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों के ई-चालान बनाये जाते हैं? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में कितने ई-चालान बनाये गये व उनमें से कितनों ने चालान की राशि जमा कराई वर्षवार संख्या व प्राप्त चालान की राशि बतावें? (ख) क्या मोटर व्हीकल एक्ट के गजट नोटिफिकेशन के तहत प्रश्नांश (क) अनुसार बनाये ई-चालान व उनसे प्राप्त राशि नियम विरूध्द है? यदि हाँ, तो किस आदेश व नियम के तहत ई-चालन बना कर उन पर राशि वसुल की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि ई-चालन बनाये जाना मोटर व्हीकल एक्ट के गजट नोटिफिकेशन के विपरीत है तो क्या विभाग ई-चालान बनाना बन्द करेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। ई-नोटिस बनाये जाते है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जी नहीं, उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 परिशिष्ट - ''चौदह''

अतिवृ‍ष्टि से प्रभावित किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान

[राजस्व]

58. ( क्र. 4405 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के सबलगढ़ विधान सभा अंतर्गत 2016 में अतिवृष्टि के कारण खरीफ के मौसम में किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों की कितने हेक्‍टेयर फसल नष्‍ट हुई या उत्‍पादन प्रभावित रहा? ग्रामवार, कृषकों की संख्‍यात्‍मक जानकारी बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कितने कृषकों की फसल बीमा की प्रीमियम राशि सहकारी/राष्‍ट्रीयकृत बैंकों द्वारा ली गई है? ग्रामवार, कृषकों की संख्‍यात्‍मक जानकारी बतावें। कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा दी गई है? ग्रामवार, कृषकों की संख्‍यात्‍मक जानकारी बतावें? (ग) क्‍या कई कृषकों की प्रीमियम की राशि बैंकों द्वारा काट लेने के बावजूद भी फसल नष्‍ट हुए किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ आज दिनांक तक नहीं मिला है? यदि नहीं, मिला है तो कब तक फसल बीमा की राशि इन किसानों को प्राप्‍त हो जाएगी? (घ) अतिवृष्टि के कारण कृषकों को फसल बीमा की राशि प्राप्‍त होने से दोषी अधिकारी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की जावेगी और कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मुरैना जिले के सबलगढ़ विधान सभा अंतर्गत किसी भी ग्राम में वर्ष 2016 में अतिवृष्टि के कारण खरीफ के मौसम कृषकों की फसल नष्‍ट नहीं हुई और न ही उत्‍पादन प्रभावित हुआ है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बीमित इकाई पटवारी हल्‍का है। योजनांतर्गत खरीफ 2016 मौसम हेतु सबलगढ़ विधानसभा अंतर्गत बीमा आवरण की पटवारी हल्‍कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खरीफ 2016 में अतिवृष्टि से फसल नष्‍ट न होने से राजस्‍व विभाग द्वारा राहत राशि प्रदान नहीं की गई है। (ग) बीमा कम्‍पनी में क्षतिपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश "ग" के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

तहसील डबरा ग्राम रामगढ़ के सर्वे नम्‍बरों का बंटवारा

[राजस्व]

59. ( क्र. 4481 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तहसील डबरा जिला ग्‍वालियर के ग्राम रामगढ़ के सर्वे क्र. 107 मिन 43,127 मिन रकवा 0.455 हेक्‍टेयर प्रकरण क्र. 33/13-14/ 27 में किनके द्वारा आवेदन किया गया था तथा क्‍या सीमांकन की कार्यवाही हो गई है? (ख) यदि नहीं, तो इस प्रकार बंटवारा-सीमांकन न कराने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? क्‍या दोषियों की जाँच कराकर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही कराई जावेगी यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील डबरा जिला ग्‍वालियर के ग्राम रामगढ़ के सर्वे क्रमांक 107 मिन 43,127 मिन रकबा 0.455 हे. प्रकरण क्रमांक 33/13-14/27 में बंटवारा किये जाने हेतु श्री निर्मल सिंह पुत्र ज्ञान सिंह जाति सिख एवं गोविन्‍द लाल पुत्र कर्मचंद निवासीगण गुरूनानक नगर बहोडापुरा ग्‍वालियर द्वारा आवेदन किया गया था। आवेदक द्वारा बंटवारा का आवेदन प्रस्‍तुत किया गया था सीमांकन का आवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया गया। (ख) बंटवारा प्रकरण क्रमांक 33/13-14/अ-27 में आदेश दिनांक 27.01.2017 से निराकरण किया जा चुका है। सीमांकन का आवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होने के कारण किसी भी कर्मचारी के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही किये जाने की स्थिति निर्मित नहीं होती।

फ्री होल्‍ड भूमि

[राजस्व]

60. ( क्र. 4562 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नजूल टी.टी. नगर भोपाल स्थित कॉलोनी शक्ति नगर, भरत नगर, पंचशील नगर, वैशाली नगर, सुरूचि नगर, अरेरा कॉलोनी, ई-1 से ई-7 तक की भूमि का उपयोग दिनांक 11.07.14 से 31.03.15 तक कृषि भूमि है या आवासीय भूमि है, जानकारी दें। क्‍या म.प्र. बाजार मूल्‍य मार्गदर्शक सिद्धांत वर्ष 2014-15 की कण्डिका 4.1 अनुसार जब कृषि भूमि का क्षेत्रफल 1000 वर्गमीटर अथवा इससे कम हो तब भूमि की गणना आवासीय भूखण्‍ड की दर से की जावेगी? (ख) क्‍या फ्री-होल्‍ड अधिकार का प्रदान किया जाना नियम 2010 के नियम 2 अनुसार ये नियम उन भूमियों को जिनका कि  भू- उपयोग पूर्णतया आवासीय या वाणिज्यिक पर लागू होते है क्‍या कृषि भूमि को फ्री-होल्‍ड किया जा सकता है। (ग) नजूल अधिकारी टी.टी. नगर राजधानी परियोजना अन्‍तर्गत दिनांक 11.07.14 से दिनांक 31.03.15 तक कुल कितने प्रकरण फ्री-होल्‍ड करने हेतु दर्ज किये गये? उक्‍त प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में आवासीय उपयोग भूमि को कृषि भूमि मानते हुये गणना की गई है, कालोनीवार बतावें। (घ) क्‍या प्रकरण क्र. 137/बी-121/फ्री-होल्‍ड/13-14 में गणना दिनांक 06.08.14 को पुरानी दर राजपत्र दिनांक 29.12.06 अनुसार कृषि भूमि मानते हुए की गई है, जबकि उक्‍त भूमि अरेरा कॉलोनी की आवासीय भूमि है एवं गणना नई दर राजपत्र दिनांक 11.07.14 अनुसार की जानी थी लेकिन गलत गणना के कारण शासन को लाखों की आर्थिक क्षति कर वित्‍तीय अनियमितता की गई?          (ड.) क्‍या प्रकरण क्र. 62/बी-121/फ्री-होल्‍ड/14-15, प्रकरण क्र. 13/बी/121/फ्री-होल्‍ड/14-15 में आवासीय भूमि जिसका आवासीय प्रयोजन ऑफिस ऑफ द चीफ टाउन प्‍लानर द्वारा क्र. बी/135/आर दिनांक 16.12.1969 में ही आवासीय स्‍वीकृत किया गया है, को वर्ष 2014-15 में कृषि भूमि मानते हुए गणना कर शासन को लाखों की आर्थिक क्षति पहुँचाकर वित्‍तीय अनियमितता की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

व्‍यावसायिक परीक्षा मण्‍डल नाम परिवर्तन

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

61. ( क्र. 4565 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्‍यवसायिक परीक्षा मंडल (व्‍यापम) का नाम बदल कर किस दिनांक से प्रोफेशनल एक्‍जामिनेशन बोर्ड किसके आदेश से किया गया तथा नाम परिवर्तन का प्रस्‍ताव विधानसभा में क्‍यों नहीं रखा गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बतावे कि व्‍यापम का नाम बदलने की आवश्‍यकता क्‍यों हुई, 4 अक्षर के नाम के स्‍थान पर 16 अक्षर का नाम रखने से स्‍टेशनरी आदि में मुद्रण तथा अन्‍य प्रकार की अधिक लागत से होने वाली राजस्‍व हानि का आंकलन किया गया या नहीं यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) अगस्‍त 2013 से जनवरी 2017 तक व्‍यापम द्वारा आयोजित पुलिस विभाग एवं वन विभाग की चयन/भर्ती परीक्षा की निम्‍न जानकारियां देवें परीक्षा का नाम, परीक्षा की दिनांक, फीस, कुल आवेदन, कुल फीस प्रतियां, परीक्षा परिणाम घोषित दिनांक भर्ती परीक्षा में कुल पद तथा चयनित कुल पद वर्ग अनुसार। (घ) व्‍यापम की वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक प्राप्तियों तथा खर्च की विस्‍तृत जानकारी दें तथा बतावें की जून 2017 तक मंडल के पास कितनी राशि फिक्‍सड, डिपाजिट, करंट एकाउंट, नगदी, आदि के रूप में किस-किस बैंक में जमा है?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) बोर्ड के अधिनियम 2007 के अनुसार ही मध्‍यप्रदेश प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड के नाम का उपयोग किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है।

प्रदेश में अशासकीय सहकारी समिति/गृह निर्माण सहकारी समिति

[राजस्व]

62. ( क्र. 4636 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में अशासकीय सहकारी समिति/गृह निर्माण सहकारी समिति तथा सामाजिक संस्‍थाओं को शासकीय भूमि प्रदाय किये जाने पर शासन द्वारा रोक लगी है? यदि हाँ, तो कब से एवं किन कारणों से। (ख) क्‍या इस संबंध में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा कोई दिशा निर्देश प्रदान किये गये हैं यदि हाँ, तो क्‍या? पूर्ण विवरण दें। (ग) उक्‍त निर्देशों के तारतम्‍य में क्‍या कार्यवाही हुई है? क्‍या इस संबंध में शासन द्वारा किसी समिति का गठन भी किया गया है, यदि हाँ, तो उक्‍त समिति के कौन-कौन सदस्‍य हैं, समिति की बैठकें कब हुई है। क्‍या समिति ने प्रतिवेदन शासन को प्रस्‍तुत कर दिया है, यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो समिति का प्रतिवदेन कब तक आना अपेक्षित है एवं अंतिम निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। प्रदेश में अशासकीय सहकारी समिति/गृह निर्माण सहकारी समिति को शासकीय भूमि आवंटित करने हेतु नीति बनायी जा रही है। सामाजिक संस्‍थाओं को भूमि आवंटन के संबंध में राजस्‍व विभाग के निर्देश दिनांक ३०.०८.२०१३ अनुसार भूमि आवंटन की कार्यवाही के प्रावधान है। मान. सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने प्रकरण क्रमांक सिविल अपील २९६५/२०११ (एसएलपी (सी) नं. २५५०९ ऑफ २००९ से उद्भूत अखिल भारतीय उपभोक्‍ता काँग्रेस विरूद्ध म.प्र.शासन में पारित आदेश दिनांक ०६.०४.२०११ अनुसार भूमि आवंटन हेतु पारदर्शी नीति बनायी जानी है जिसमें सभी को भागीदार का अवसर प्राप्‍त हो। (ग) मान. सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आदेश के पालन में भूमि बंटन के संबंध में स्‍पष्‍ट नीति बनाये जाने हेतु मंत्रि-मंडलीय उप समिति का गठन सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक २६.०४.२०११ से किया गया है, जिसका स्‍वरूप निम्‍नानुसार है:-


मा. मंत्रीजी, वित्‍त, वाणिज्यिकर, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग- अध्‍यक्ष मा. मंत्रीजी, जल संसाधन विभाग- सदस्‍य मा. मंत्रीजी, राजस्‍व, पुनर्वास विभाग- सदस्‍य मा. मंत्रीजी, लोक निर्माण विभाग- सदस्‍य। समिति की बैठकें दिनांक २८.०१.२०१५, ०३.०३.२०१५, ०७.०७.२०१५, १३.१०.२०१५ एवं १२.०९.२०१६ को सम्‍पन्‍न हुई। समिति द्वारा दिनांक १७.०२.२०१६ को अपना प्रतिवेदन दिया था, जो मंत्रि-परि‍षद् ने दिनांक १५.०३.२०१६ को आस्‍थगित रखा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय भूमियों पर अवैध कब्‍जा एवं उत्‍खनन

[राजस्व]

63. ( क्र. 4770 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) सतना जिले की तहसील रामपुर बाघेलान के ग्राम हिनौती की शासकीय आराजी क्रमांक 247 में स्थित शासकीय स्‍कूल एवं आबादी व ग्राम पंचायत की भूमि पर सैकड़ों ट्रक मिट्टी का अवैध ढेर किसके द्वारा लगाकर कब्‍जा कर लिया गया है? (ख) क्‍या ग्राम हिनौती के आराजी क्रमांक 152/153/138/128/245/246/247 में अवैध रूप से हैवी ब्‍लास्टिंग करने पर बस्‍ती में रहने वाले गरीब मजदूर अनु. जाति एवं आदिवासियों के मकान गिर रहे है क्‍या कार्यवाही राज्‍य/जिला प्रशासन के द्वारा प्रश्‍नतिथि तक की गई? बिन्‍दुवार विवरण दें? (ग) ग्राम हिनौती के खसरा पंचशाला के आराजी क्रमांकों 107/108/111/112/114/115/116/117/751/752/919/762/755 में सागौन, आम, नीम, महुआ, शीशम के कितनी कितनी संख्‍या में वृक्ष दर्ज है? आराजी क्रमांकवार/वृक्षों की संस्‍थावार विवरण दें? (घ) ग्राम हिनौती की आराजी क्रमांक 104 एव 679 वन भूमि के रूप में खसरा पंचशाला में दर्ज है? अगर हाँ, तो क्‍या उक्‍त भूमि पर अवैध उत्‍खन्‍न किसके द्वारा चल रहा है? ग्राम हिनौती से बदरखा जाने वाले मार्ग जो कि आम रास्‍ता है, को किसके द्वारा बंद कर दिया गया है? राज्‍य शासन/जिला प्रशासन उक्‍त रास्‍ते को कब तक खुलवायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नल-जल योजना के अंतर्गत पानी की टंकी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

64. ( क्र. 4788 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) होशंगाबाद जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर विकासखंड बाबई के ग्राम आरी में नल-नल योजना कब स्‍वीकृत हुई है कार्य प्रारंभ की दिनांक बतायें? (ख) क्‍या उक्‍त नलजल योजना का कार्य जनभागीदारी मद से किया गया है परन्‍तु अभी तक न तो योजना चालू की गई है और न विभाग द्वारा इस पर कोई कार्यवाही की है? विवरण उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में नल-जल योजना के निर्माण अपूर्ण होने एवं मौके से सामान चोरी होने के संबंध में क्षेत्रीय विधायक द्वारा जिला योजना समिति की बैठक में भी अवगत कराया परंतु उक्‍त योजना का कार्य किस कारण से पूर्ण नहीं किया जा रहा है? इसके लिये कौन अधिकारी एवं एवं ठेकेदार जिम्‍मेदार है उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दिनांक 13.09.2013 को। दिनांक 22.08.2014 को। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्री सुभाष गायकवाड़, ठेकेदार की लापरवाही के कारण। श्री सुभाष गायकवाड़, ठेकेदार जिम्मेदार है, उसका अनुबंध निरस्त किया जाकर नियमानुसार अपूर्ण कार्य को ठेकेदार की जोखिम एवं लागत के आधार पर कार्य पूर्ण करवाया जायेगा।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

पचमढ़ी नेशनल पार्क क्षेत्र के 11 ग्रामों को राजस्‍व ग्राम घोषित किया जाना

[राजस्व]

65. ( क्र. 4816 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पचमढ़ी नेशनल पार्क क्षेत्र के 11 ग्रामों को माननीय उच्च न्यायालय/उच्चतम न्यायालय द्वारा हटाये जाकर (delete) राजस्व ग्राम घोषित किये गये हैं यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में शासन द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया गया हैं यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्‍यों? (ख) क्या म.प्र. शासन द्वारा इस संबंध में कोई नियम/पॉलिसी बनायी गयी हैं यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कारण बतायें तथा कब तक व्यवस्था प्रदान की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

प्रतिवेदन पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

66. ( क्र. 4844 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या कार्यालय कमिश्‍नर राजस्‍व सागर संभाग सागर म.प्र. के पत्र क्रमांक 308/तीन/विभा/अपील/2012 सागर दिनांक 13.04.2012 को आयुक्‍त खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण संचालनालय भोपाल म.प्र. को कार्यवाही पत्र भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो आयुक्‍त खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण संचालनालय भोपाल म.प्र. द्वारा उक्‍त कार्यवाही प्रतिवेदन पर क्‍या कार्यवाही की गई थी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतायें? क्‍या शासन विधि सम्‍मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्‍त प्रतिवेदन को दिनांक 12.10.2012 को श्री एस.एन. शुक्‍ला, तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी, राजनगर के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करने हेतु सामान्‍य प्रशासन विभाग को पत्र क्रमांक 7276/खाद्य/2012 दिनांक 12.10.2012 द्वारा प्रेषित किया गया। पुन: संचालनालय के पत्र क्रमांक 537/खाद्य/2014 दिनांक 01.05.2014 द्वारा आयुक्‍त सागर को समस्‍त अभिलेख आयुक्‍त रीवा संभाग को उपलब्‍ध कराने हेतु लिखा गया, ताकि श्री एस.एन. शुक्‍ला, डिप्‍टी कलेक्‍टर के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही पूरी की जा सके परन्‍तु आयुक्‍त सागर संभाग के द्वारा श्री शुक्‍ला के विरूद्ध संबंधित अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां एवं आरोप पत्र आदि प्रमुख सचिव कार्मिक को पत्र क्रमांक 309/तीन/विभा0जां0/2014 दिनांक 26.03.2014 द्वारा एवं पुन: संशोधित आरोप पत्र आदि अपर सचिव कार्मिक मध्‍यप्रदेश शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग को पत्र क्रमांक 346/तीन/विभा0जां0/2014 दिनांक 09.04.2014 द्वारा भेजे गये हैं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अधिकारिता विहीन आदेश विषयक

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

67. ( क्र. 4845 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या सार्वजनिक विवरण प्रणाली आदेश की उपबंध (दो) खण्‍ड 4 (1) में उचित मूल्‍य दुकान की संख्‍या तथा उनका स्‍थान संबंधित जिलों के कलेक्‍टर को विनिश्‍चि‍त करने का अधिकार प्रावधानित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्‍यों कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी बिजावर के आदेश कं /241/पीडीएस /2012 दिनांक 20/04/2012 को नगर पंचायत घुवारा में पूर्व से संचालित दो शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों के अतिरिक्‍त तीसरी शासकीय उचित मूल्‍य दुकान बजरंग प्राथमिक उपभोक्‍ता सहकारी भंडार मर्या घुवारा को आवंटित किये जाने के आदेश जारी किये गये थे, यदि हाँ, तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार क्‍या उक्‍त आदेश को कलेक्‍टर द्वारा शून्‍य किये जाने के आदेश जारी किये थे? यदि हाँ, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार उक्‍त अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो क्‍या शासन विधि सम्‍मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2009 के उपबंध (दो) की कंडिका (1) में उचित मूल्‍य दुकान की संख्‍या तथा उनका स्‍थान नियत करने का अधिकार जिला कलेक्‍टर को प्रावधानित थे। (ख) जी हाँ, अनुविभागीय अधिकारी बिजावर द्वारा नगर पंचायत घुवारा में तीसरी उचित मूल्‍य दुकान बजरंग प्राथमिक उपभोक्‍ता सहकारी भंडार मर्या घुवारा को आवंटित की गई थी, क्‍योंकि नगर पंचायत घुवारा की जनसंख्‍या 13308 थी एवं 5000 की जनसंख्‍या पर 1 दुकान खोलने का तत्‍समय प्रावधान था। (ग) जी हाँ। दुकान आवंटन के पूर्व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित अनुसार प्रक्रिया का पालन करने हेतु कलेक्‍टर (सक्षम अधिकारी) के समक्ष प्रकरण नहीं भेजा गया। (घ) प्रकरण की जाँच कराकर दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारी पर सक्षम कार्यवाही

[राजस्व]

68. ( क्र. 4882 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) अनूपपुर जिला अतंर्गत जिला मुख्‍यालय स्थित नगर पालिका अनूपपुर के पटवारी हल्‍का अनूपपुर में खसरा नंबर 1082/1 के शासकीय भूमि से अतिक्रमण व अवैध कब्‍जा से मुक्‍त की जानकारी विधानसभा प्रश्‍न अतारांकित 164 (क्र. 6498) दिनांक 17.03.2016 में दी गई है? तो अवैध कब्‍जा व अतिक्रमणकारी का नाम, पति का नाम, शासकीय कर्मचारी होने पर अतिक्रमणकारी का नाम, पद व विभाग की जानकारी देते हुए बताएं कि प्रमाणित अतिक्रमण प्रकरण व अर्थदण्‍ड के दोषीजनों पर कलेक्‍टर या सक्षम अधिकारी कब तक अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्‍नांश (क) में अतिक्रमण से मुक्‍त भूमि के भौतिक सत्‍यापन दिनांक अतिक्रमण हटाने वाले अधिकारी का नाम व पद सहित जानकारी देते 30 जनवरी 2017 की स्थिति में भूमि की अद्यतन जानकारी से अवगत कराएं? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के अतिक्रमण प्रकरण में असत्‍य जानकारी देने तथा दोषी शासकीय सेवकों पर कार्यवाही हेतु विन्‍ध्‍य विकास प्राधिकरण रीवा, के पूर्व उपाध्‍यक्ष ने कलेक्‍टर अनूपपुर, राजस्‍व मंत्री, सचिव व प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त भोपाल को वर्ष 2016 में शिकायत की है यदि हाँ, तो शिकायत का विवरण उपलब्‍ध कराते हुए स्‍पष्‍ट करें कि शिकायत के प्रमाणित तथ्‍यों पर कब तक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। अतिक्रमणकर्ता क्रमांक-1 श्रीमती बेलावती पति श्री रमेश सिंह एवं क्रमांक-2 श्रीमती बिन्‍दा मार्को पति श्री शिवराम सिंह मार्को है, उक्‍त अतिक्रमणकर्ता क्रमांक-1 शासकीय उ.मा.वि.खाडा में अध्‍यापक है। श्रीमती बेलावती अध्‍यापिका द्वारा किया गया अतिक्रमण म.प्र.सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के प्रतिकूल होने से उनके विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही प्रचलित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में अंकित अतिक्रमण हटाने वाले अधिकारी/कर्मचारी श्री बजरंग सिंह राजस्‍व निरीक्षक अनूपपुर एवं श्री गजराजसिंह पटवारी अनूपपुर है। पूर्व में किया गया अतिक्रमण हटाने का दिनांक 29.5.2016 है, दिनांक 02 मार्च, 2017 को उक्‍त खसरा नं. का भौतिक सत्‍यापन कर अतिक्रमण राजस्‍व निरीक्षक एवं पटवारी द्वारा हटा दिया गया है। (ग) जी हाँ। शिकायत के प्रमाणित तथ्‍य के आधार पर उत्‍तरांश (ख) अनुसार अतिक्रमण हटाया जा चुका है।

भू-अर्जन से प्रभावित लोगों का पुनर्वास एवं रोजगार

[राजस्व]

69. ( क्र. 4883 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत हिन्‍दुस्‍तान एम.बी. पावर जैतहरी के लिए 15 जनवरी 2017 तक          भू-अर्जन से अर्जित भूमि का खसरा नंबर, रकबा व मुआवजा भुगतान राशि का पूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) से प्रभावित व अर्जित भूमि स्‍वामी व उसके परिजन को प्रदत्‍त रोजगार की स्‍पष्‍ट जानकारी जिसमें खातेदार (कृषक) का नाम, अर्जित भूमि, रोजगार व पद के नाम की जानकारी देवें? (ग) क्‍या शासन की नीति व इकरारनामा अनुसार रोजगार व पुनर्वास नीति का अक्षरश: पालन किया गया है? यदि हाँ, तो 15 जनवरी 2017 की स्थिति में कलेक्‍टर के प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें? (घ) क्‍या कम्‍पनी ने शिक्षा व स्‍वास्‍थ्‍य सेवा में कोई कार्य किया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ड.) कम्‍पनी ने भू-अर्जन से प्रभावित कितने कृषकों को अभी तक रोजगार उपलब्‍ध नहीं कराया है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

गलत मुआवजा निर्धारण करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

70. ( क्र. 4893 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न संख्‍या 20 (क्रमांक 7767) दिनांक 31/03/2016 के भाग (क) के उत्‍तर में बताया गया है कि श्री फरहतउल्‍ला खान एवं श्री दारासिंह ठाकरे, दोनों अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व चौरई को राष्‍ट्रीय राजमार्ग में अधिग्रहित भूमियों का त्रुटिपूर्ण मुआवजा निर्धारण का दोषी पाये जाने पर क्रमश: सामान्‍य प्रशासन विभाग एवं आयुक्‍त जबलपुर संभाग के स्‍तर पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही प्रचलन में है? तो उक्‍त दोनों अधिकारियों के द्वारा किस भूमि का किस प्रकार का त्रुटिपूर्ण मुआवजा निर्धारण किया जाकर कितनी राशि किसे अधिक भुगतान की गयी है और यह अधिक भुगतान राशि किससे किस प्रकार से वसूल कर शासन के खजाने में जमा की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में उक्‍त दोनों अधिकारियों को त्रुटिपूर्ण मुआवजा निर्धारण कर भुगतान करने का दोषी शासन ने मान लिया है तो कब तक उन्‍हें बचाव का समय दिया जावेगा? लगभग 3 वर्ष की अवधि व्‍यतीत होने के पश्‍चात् भी संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन लोग जिम्‍मेदार है? (ग) क्‍या शासन दोषियों को बचाने का प्रयास कर रहा है? यदि नहीं, तो कब तक दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर राशि वसूलने व शासन के खजाने में जमा कराने की कार्यवाही की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। दोनों प्रकरणों में अंतिम निर्णय हो जाने के बाद तदनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) निर्धारित प्रक्रियानुसार दोनों अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित है। उत्‍तरांश (क) अनुसार सामान्‍य प्रशासन विभाग के अंतिम निर्णय पश्‍चात् दोषियों को दंडित किया जा सकेगा। प्रक्रियान्‍तर्गत हुए विलंब के लिये कोई जिम्‍मेदार नहीं है।          (ग) जी नहीं। शेष उत्‍तरांश '' अनुसार।

गेहूं आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

71. ( क्र. 4912 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) धार, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर जिलों के विभाग के छात्रावासों में दि. 01.04.15 से 31.01.17 तक आवंटित गेहूं एवं चावल की जानकारी छात्रावासवार गेहूं-चावल मात्रावार, माहवार जिलावार देवें? (ख) क्‍या कारण है कि गेहूं आवंटन कम या बंद कर दिया गया है? क्‍या केन्‍द्र सरकार से इस मद में गेहूं आवंटन में कमी या बंदी की गई है? यदि हाँ, तो इसके आदेश की प्रति देवें। (ग) इस कमी को दूर करने के लिए विभाग द्वारा केन्‍द्र सरकार को किए समस्‍त पत्र व्‍यवहार का विवरण देवें। (घ) विभाग की वर्ष 2015-16 की कितनी राशि सिंहस्‍थ व अन्‍य विभागों/योजनाओं/कार्यक्रमों हेतु समर्पित की गई वर्ष 2016-17 की 31-01-17 तक समर्पित राशि की जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं, केन्‍द्र सरकार द्वारा 2016-17 की दूसरी छमाही के लिए गेहूं एवं चावल के स्‍थान पर केवल चावल का आवंटन जारी किया गया था, जिसे प्रदेश के जिलों को पुनर्रावंटन किया गया। भारत सरकार के उक्‍त आवंटन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पुन: राज्‍य शासन के अनुरोध पर SC/ST/OBC छात्रावासों के‍ लिए पूर्ववत गेहूं एवं चावल का आवंटन जारी किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।           (घ) वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में सिंहस्‍थ मद में राशि प्राप्‍त नहीं हुई थी। अन्‍य मदों में प्राप्‍त राशि, किये गए व्‍यय एवं समर्पण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

बीमा अस्‍पतालों द्वारा क्रय की गयी सामग्री में अनियमितता

[श्रम]

72. ( क्र. 4952 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ता. प्र. क्र. 4 (क्र. 5166) दिनांक 30/03/2016 के संदर्भ में श्रम विभाग के पत्र क्रमांक एफ          25-07/2016/बी-16 भोपाल दिनांक 02 जून 2016 में उल्‍लेख है कि सामग्री मध्‍यप्रदेश भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 के परिशिष्‍ट (अ) की आरक्षित सूची के तहत म.प्र. लघु उद्योग निगम मर्यादित से क्रय की गई है लेकिन भंडार क्रय नियम 6 के परिशिष्‍ट (अ) की आरक्षित सूची में खरीदी गई सामग्री उल्‍लेखित नहीं है, तो फिर उक्‍त सामग्री म.प्र. लघु उद्योग निगम मर्यादित से क्‍यों क्रय की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत अनारक्षित सामग्री को यदि नियमों के नियम- 8 में उल्‍लेखित नियम 9, 10, 11 में निहित प्रावधानों के अनुसार सीधे क्रय किये जाने का नियम है व उक्‍त सामग्री की दरें डी.जी.एस.एन.डी. और म.प्र. लघु उद्योग निगम में उपलब्‍ध होने की दशा में कार्यकर्ता द्वारा उक्‍त संस्‍थाओं से क्रय की जा सकेगी, लेकिन म.प्र. लघु उद्योग निगम मर्यादित से जो सामग्री खरीदी गयी है वह सामग्री भंडार क्रय नियम 6 के परिशिष्‍ट (अ) में उल्‍लेखित नहीं है तो फिर क्‍यों म.प्र. लघु उद्योग निगम मर्यादित से खरीदी गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत क्‍या तत्‍कालीन संचालक, उपसंचालक और प्रमुख सचिव ने खरीदी में व्‍यापक स्‍तर पर अनियमितताएं की हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त मामले की फिर से उच्‍च स्‍तरीय निष्‍पक्ष जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? नियम बतायें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 4 (क्रमांक 5166) दिनांक           30-3-2016 के संदर्भ में श्रम विभाग के पत्र क्रमांक एस.25-07/2016/बी-16 भोपाल दिनांक 2-6-2016 में यह उल्लेख नहीं है कि सामग्री म.प्र. भण्डार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2006 के परिशिष्ट-अ की आरक्षित सूची के तहत म.प्र. लघु उद्योग निगम मर्यादित से क्रय की गयी। वस्तुतः उपरोक्त पत्र दिनांक 2-6-2016 में निम्नानुसार उल्लेख किया गया है - वस्तुस्थिति यह है कि मध्यप्रदेश में पूर्व प्रचलित मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन संबंधी समस्त आदेश - निर्देशों को निष्प्रभावी करते हुए मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन 2015 वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार विभाग द्वारा लागू किये गये हैं। इन नियमों के नियम-8 में यह उल्लेखित है कि सामग्री का क्रय 9,10,11 में निहित प्रावधानों के अनुसार क्रयकर्ता द्वारा सीधे किया जा सकेगा व उक्त सामग्री की दर डी.जी.एस.एन.डी. से व मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम से उपलब्ध होने की दशा में क्रयकर्ता द्वारा इन संस्थाओं से सामग्री क्रय की जा सकेगी। कर्मचारी राज्य बीमा सेवा द्वारा जो सामग्री प्रश्‍न के संदर्भ में उल्लेखित है, क्रय की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। यह सामग्री लघु उद्योग निगम के द्वारा निर्धारित दरों पर क्रय की गई है। यह दर लघु उद्योग निगम द्वारा पूर्णतः पारदर्शी तरीके से एवं विश्‍वस्तरीय निविदायें बुलाकर तय की गई है ऐसी स्थिति में लघु उद्योग निगम को क्रय आदेश जारी किये गये।              उपरोक्त से स्पष्ट है कि पत्र दिनांक 2-6-2016 में उल्लेखित परिशिष्‍ट- से आशय पत्र के साथ संलग्न परिशिष्‍ट- से है जिसमें क्रय की गयी सामग्री का विवरण दिया गया है न कि भण्डार क्रय नियम के नियम 6 के परिशिष्‍ट- की आरक्षित सूची से। पत्र में ही स्पष्ट किया गया है कि भण्डार क्रय नियम 8 के अनुसार क्रय की कार्यवाही की गयी है। भण्डार क्रय नियम 8 निम्नानुसार है - 8 अनारक्षित सामग्री का क्रय/उर्पाजन - अनारक्षित सामग्री का क्रय नियम 9, 10 एवं 11 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार क्रयकर्ता द्वारा सीधे किया जा सकेगा। उक्त सामग्री की दरें डी.जी.एस.एण्ड डी. और/या म.प्र. लघु उद्योग निगम में उपलब्ध होने की दशा में क्रयकर्ता द्वारा इन संस्थाओं से भी सामग्री क्रय की जा सकेगी। चाहे गये स्पोसिफिकेशन्स उपलब्ध न होने पर भण्डार क्रय नियम के प्रावधान के तहत क्रय किया जा सकेगा। इसी संबंध में म.प्र.शासन, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग विभाग के पत्र क्रमांक एफ 6-11/2016/अ-73 दिनांक 1-7-2016 द्वारा भी नियम 8 के अन्तर्गत किये जाने वाले क्रय हेतु लघु उद्योग निगम मर्यादित के पत्र क्रमांक लउनि/विप/पीएस-13/2015-16/63 दिनांक 2-9-2015 का संदर्भ देते हुए समस्त विभागों में लगने वाली अनारक्षित उत्पादों की सूची मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम को प्रेषित किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये हैं। पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।            (ख) भण्डार क्रय नियमों के नियम 8 में अनारक्षित सामग्री के प्रावधान उल्लेखित है जिनका नियम 6 के परिशिष्ट - से कोई संबंध नहीं है, जैसा कि ऊपर प्रश्‍नांश के उत्तर में स्पष्ट किया जा चुका है भण्डार क्रय नियम - 8 के अनुसार अनारक्षित सामग्री का क्रय भी म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से किया जा सकता है। (ग) प्रश्‍नांश और के उत्तर से स्पष्ट है कि संचालक/ उपसंचालक एवं तत्कालीन प्रमुख सचिव द्वारा खरीदी में कोई अनियमितता नहीं की गयी, अतः उक्त मामले की पुनः उच्चस्तरीय निष्पक्ष जाँच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही कराने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

बेरोजगारी एवं गरीबी से मौतों की संख्‍या

[गृह]

73. ( क्र. 4969 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या गृह विभाग एवं पुलिस पिछले दस वर्षों से गरीबी एवं बेरोजगारी के कारण हुई, आत्महत्या एवं मौतों की जानकारी संकलित कर रहा है। (ख) यदि हाँ, तो किस प्रारूप में कौन-कौन सी जानकारी एकत्रित की जाकर भोपाल में किसके द्वारा जानकारियों का संकलन किस उद्देश्य से किया जा रहा है (ग) विधान सभा क्षेत्र बासौदा की जानकारी के अनुसार गत 03 वर्षों में कितनी आत्महत्या एवं कितनी मौते दर्ज की गयी वर्षवार ग्रामवार पृथक से जानकारी दें। (घ) बेरोजगारी एवं गरीबी से की गयी आत्महत्या एवं मौतों की संग्रहित जानकारी गृह विभाग अपने किस प्रकाशन में प्रकाशित करता है यदि नहीं, करता तो कारण बतावें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।           (ग) निरंक। (घ) गरीबी एवं बेरोजगारी से की गई आत्महत्या की जानकारी एन.सी.आर.बी. नई दिल्ली द्वारा ''एक्सीडेंटल डेथ एण्ड सुसाईड इन इण्डिया'' व एस.सी.आर.बी. द्वारा ''क्राईम इन एम.पी.'' में प्रकाशित की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सिलिकोसिस से प्रभावित के लिए न्यायालीन आदेश

[श्रम]

74. ( क्र. 4970 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय सर्वोच्च अदालत के द्वारा किस दिनांक को सिलिकोसिस से प्रभावितों के सम्बन्ध में दिए गये आदेशों के तहत राज्य के किस किस जिले में वर्तमान में क्या कार्यवाही की की जा रही है। (ख) प्रश्नांकित दिनांक तक की गयी जाँच के अनुसार सिलिकोसिस से प्रभावित कितने परिवार एवं कितने व्यक्तियों को चिन्हांकित किया गया है वर्ष 2006-07 से प्रश्नांकित दिनांक तक सिलिकोसिस से कितने लोगों की मृत्यु होना पाया गया है जिलेवार बतावें। (ग) माननीय सर्वोच्‍च अदालत ने सिलिकोसिस से प्रभावित एवं उनके परिवार के इलाज़, राहत एवं मुआवजा और पुनर्वास के सम्बन्ध में क्या-क्या आदेश जारी किया है प्रति सहित बतावें। (घ) किस जिले में सिलिकोसिस की जाँच से संबंधित तकनीकी व्यवस्था उपलब्ध है किस जिले में सिलिकोसिस से प्रभावितों की नियमित जाँच की व्‍यवस्‍था की गई है।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा WP (Civil) 110/2006 में दिनांक 04.05.2016, दिनांक 30.06.2016 एवं दिनांक 23.08.2016 को सिलिकोसिस प्रभावितों के संबंध में आदेश जारी किये हैं। अलीराजपुर जिले में 153 मृत श्रमिकों के आश्रितों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार कलेक्टर अलीराजपुर द्वारा गुजरात सरकार से प्राप्त राशि रूपये 3 लाख के मान से भुगतान कर दिया गया है। जिला झाबुआ के 85 मृतक श्रमिकों में से 82 मृत श्रमिकों के आश्रितों को कलेक्टर झाबुआ द्वारा भुगतान कर दिया गया है। दो मृतक श्रमिकों के आश्रित नहीं है तथा एक श्रमिक जीवित पाया गया है। इस प्रकार 85 मृतक श्रमिकों की सूची में से तीन श्रमिकों की शेष मुआवजा राशि कलेक्टर झाबुआ के शासकीय खाते में जमा है। कलेक्टर जिला धार द्वारा धार जिले में सिलिकोसिस से मृत 64 श्रमिकों के प्रकरण, दिनांक 21.10.2016 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार, मुआवजे की राशि प्रदान करने हेतु गुजरात राज्य सरकार को प्रेषित किये है। जिला झाबुआ, अलीराजपुर एवं धार में चिन्हांकित प्रभावितों को शासन द्वारा कपिल धारा, मेढ बंधान, इंदिरा आवास, सामाजिक सुरक्षा आदि योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है तथा नियमित अंतराल पर कैंप लगाकर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) कलेक्टर अलीराजपुर, झाबुआ एवं धार से प्राप्त जानकारी अनुसार सिलिकोसिस से जिला झाबुआ में 111 मृत तथा 129 प्रभावित, जिला अलीराजपुर में 164 मृत तथा 208 प्रभावित एवं जिला धार में 79 मृत तथा 217 प्रभावित को चिन्हित किया गया है। यह कार्य वर्तमान में भी जारी है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिला झाबुआ, अलीराजपुर, धार तथा पन्ना में सिलिकोसिस की जाँच से संबंधित तकनीकी व्यवस्था, जैसे डिजीटल एक्स-रे, खकार की जाँच आदि कि तकनीकी व्यवस्था उपलब्ध है तथा इन सभी जिलों में सिलिकोसिस से प्रभावितों की नियमित जाँच की व्यवस्था की गई है।

विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु

[गृह]

75. ( क्र. 4989 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में अवैध नशीले पदार्थ यथा - स्मोक, शराब, अफिम आदि परिवहन या बिक्री की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? कृपया थानेवार विवरण देवें? इन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों के अतिरिक्त आबकारी विभाग के माध्यम से या स्वतः संज्ञान से परिलक्षित हुए प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई या की जा रही हैं? क्या स्वप्रेरणा से क्षेत्र में घातक नशीले पदार्थ के प्रचलन पर रोक हेतु प्रभावी रणनीति तय कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। पुलिस द्वारा स्‍वत: संज्ञान लेकर उक्‍त अवधि में कुल 336 प्रकरण पंजीबद्ध किए गये हैं जिसमें से 335 प्रकरणों में अभियोजन पत्र संबंधित आरोपीगणों के विरूद्ध न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किए गये हैं एक प्रकरण विवेचनाधीन है। थानावार प्रकरणों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अवैध नशीले पदार्थ व शराब की बिक्री के संबंध में आबकारी विभाग के माध्‍यम से कोई सूचना प्राप्‍त नहीं हुई है। पुलिस द्वारा सूचना मिलने पर स्‍वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही की गई है। प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। जिला आगर मालवा में नशीले मादक पदाथों के प्रचलन पर रोक लगाने हेतु शिविर का आयोजन कर जनसंवाद के माध्‍यम से लोगों में नशे के विरूद्ध जागरूकता के लिए प्रयास किए जा रहे है। उक्‍त जन संवाद में नशीले पदार्थों की गतिविधियां परिलक्षित होने पर पुलिस को सूचना देने हेतु प्रेरित किया जा रहा है तथा सूचना मिलने पर तत्‍काल आरोपीगणों को गिरफ्तार कर विधि सम्‍मत कार्यवाही की जा रही है। उक्‍त संबंध में सूचना संकलन कर कार्यवाही की जा रही है व संदिग्‍धों के विरूद्ध समय-समय पर प्रतिबंधात्‍मक कार्यवाही भी की जा रही है।

परिशिष्ट - ''सोलह''

उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से खाद्यान्न वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

76. ( क्र. 4990 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से खाद्यान्न वितरण हेतु क्या व्यवस्थायें तकनीकी रूप से की गई हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुल कितने पात्र परिवारों के आधार कार्ड पी.ओ.एस. मशीन से लिंक किए गए हैं एवं कितने परिवारों के आधार कार्ड लिंक होना शेष हैं? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1683 दिनांक 07.12.2016 के उत्तरांश '''' अनुसार नगरीय क्षेत्र के 831 परिवारों के आधार नंबर अनुपलब्ध होने से पी.ओ.एस. मशीन में प्रदर्शित नहीं करना एवं 257 संपन्न किसानों को अस्थाई रूप से अनमेप करना बताया गया था? इनमें से कितने परिवारों ने खाद्यान्न उपलब्धता हेतु शिकायत दर्ज की हैं या मांग की हैं? (घ) क्या जनहित में पात्र परिवारों को मापदण्ड अनुसार राशन वितरण हेतु तकनीकी रूप से कार्यवाही की जाकर वितरण सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक विवरण देवें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्‍यप्रदेश स्‍टेट इलेक्‍ट्रॉनिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा सेवाप्रदाता के माध्यम से सभी शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई गई हैं। पी.ओ.एस. मशीन के रखरखाव का दायित्‍व संबंधित सेवाप्रदाता का है, इस हेतु उनके द्वारा प्रत्‍येक जिले में तकनीकी अमला नियुक्‍त किया गया है। पात्र परिवारों का डाटाबेस एवं राशन वितरण संबंधी साफ्टवेयर निर्माण संबंधी कार्यवाही एन.आई.सी. द्वारा की गई है। (ख) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के 38,074 पात्र परिवारों के कम से कम एक सदस्‍य के आधार नंबर की प्रविष्टि की जा चुकी है, शेष 11,453 परिवारों के डाटाबेस में आधार नंबर की प्रविष्टि शेष है। इसके अतिरिक्‍त माह फरवरी, 2017 में पी.ओ.एस. मशीन के माध्‍यम से 44,398 पात्र परिवार सदस्‍यों के डाटाबेस में आधार नंबर की सीडिंग कराई गई है। पी.ओ.एस. मशीन से प्रविष्‍ट आधार नंबर को पात्र परिवार के डाटाबेस में सम्मिलित करने की कार्यवाही प्रचलित है, उसके उपरांत ही शेष आधारविहीन परिवारों की जानकारी बताई जा सकेगी (ग) जी हाँ। प्रश्‍न क्र. 1683 उत्तरांश '''' अनुसार आधार नंबर उपलब्‍ध न कराने एवं आर्थिक रूप से सम्‍पन्‍न किसानों के कुल 1088 परिवारों में से सीएम हेल्‍पलाईन में 10 एवं जिला कार्यालय की जनसुनवाई में 4, कुल 14 शिकायतें खाद्यान्‍न उपलब्‍धता/मांग संबंधी प्राप्‍त हुई हैं। (घ) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सत्‍यापन उपरांत वैध पात्रताधारी परिवारों को राशन प्रदाय सुनिश्चित करने हेतु प्रत्‍येक उचित मूल्‍य दुकान पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई गई है। परिवारों की पहचान सुनिश्चित करने एवं दोहरे एवं बोगस परिवारों को पृथक करने हेतु उनके डाटाबेस में आधार नंबर की सीडिंग की जा रही है। प्रदेश के 16 नगर निगम क्षेत्रों में पात्र परिवारों को बायोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन का वितरण प्रारम्‍भ किया गया है, जिसे चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के अन्‍य क्षेत्रों में भी लागू किया जाना प्रस्‍तावित है। उचित मूल्‍य दुकानों पर प्रदाय राशन सामग्री की सूचना निगरानी समिति के सदस्‍यों को मोबाइल पर एस.एम.एस. के माध्‍यम से दी जा रही है। साथ ही जिन पात्र परिवारों के डाटाबेस में मोबाइल नंबर दर्ज हैं, उनके द्वारा राशन सामग्री प्राप्‍त करने पर प्राप्‍त राशन सामग्री की सूचना एस.एम.एस. के माध्‍यम से दी जा रही है। पात्र परिवारों एवं पात्रता की जानकारी आमजन के लिए विभागीय पोर्टल पर उपलब्‍ध कराई गई है।

अधिग्रहित भूमि का मुआवजा भुगतान

[राजस्व]

77. ( क्र. 5062 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या रीवा सिंगरौली फोरलेन मार्ग का निर्माण किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत देवसर विकासखंड में 30 मीटर मार्ग चौड़ीकरण क्षेत्र में आने वाले बहेरा, नौढिया, आबाद, नौढिया वीरान, ईटार आदि ग्राम के किसानों से अर्जित/अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा वितरण क्‍यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) कब तक मुआवजा वितरण किया जाकर विलंबकर्ताओं के विरूद्ध उचित कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्‍या फुटपाथ पर व्‍यवसाय करने वालों को भी मुआवजा भुगतान किया जाना था? यदि हाँ, तो सर्वे होने व सूची बनने के बाद भी कोई वैकल्पिक व्‍यवस्‍था नहीं की गई है? कब तक मुआवजा भुगतान व वैकल्पिक व्‍यवस्‍था की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नाधीन ग्रामों के किसानों की भूमियों का अर्जन ही नहीं किया गया है अत: मुआवजा वितरण का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।            (घ) उत्‍तरांश ख अनुसार भू-अर्जन नहीं किया जाने के कारण किसी को भी मुआवजा देने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

अनुसूचित जाति/जन‍जाति के लोगों को राशन वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

78. ( क्र. 5099 ) श्री महेन्‍द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को गरीबी रेखा सूची में नाम न होने के बाद भी राशन देने का प्रावधान है? (ख) क्‍या विधान सभा गुन्‍नौर अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को खाद्यान्‍न पर्जी जारी नहीं है? यदि खाद्यान पर्जी जारी नहीं की गई है तो इसका क्‍या कारण है? इसके लिये कौन दोषी हैं? क्‍या जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या उक्‍त हितग्राही, जिनको खाद्यान पर्चियां जारी नहीं की गई हैं उन्‍हें जब से खाद्यान्‍न नहीं मिला है तब से खाद्यान्‍न दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश में निवासरत समस्‍त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के परिवारों को (प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी एवं आयकरदाता को छोड़कर) प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित किया गया है। जिनके सत्‍यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर राशन सामग्री प्रदाय किया जा रहा है। (ख) गुन्‍नौर विधानसभा क्षेत्र में 5878 अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार श्रेणी अंतर्गत पात्रता पर्ची जारी की गई है जिसमें इस श्रेणी के ऐसे परिवार जिनको अन्‍य पात्र परिवार श्रेणी के अंतर्गत पात्रता पर्ची जारी की गई है वह परिवार सम्मिलित नहीं है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्‍न की आवश्‍यकता होने के कारण गुन्‍नौर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत माह अगस्‍त, 2016 के पश्‍चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के सत्‍यापित 180 नवीन परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्‍लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्‍यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। इस प्रकार नवीन सत्‍यापित परिवारों की पात्रता पर्ची जारी न करने में किसी का दोष न होने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने के उपरांत ही राशन सामग्री का आवंटन एवं वितरण करने का प्रावधान होने के कारण पात्रता पर्ची के अभाव में राशन सामग्री का वितरण नहीं किया जा सकेगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चारागाह भूमि को खनिज में बदलने की जाँच

[राजस्व]

79. ( क्र. 5129 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या कुरवाई विधान सभा क्षेत्र के तहसील पठारी ग्राम धामोनीपुरा के भूमि सर्वे नंबर 289 रकबा 2.028 और सर्वे नंबर 290 रकबा 4.077 हेक्‍टर वर्ष 2015 तक के राजस्‍व अभिलेख में चारागाह (गौचर) मद में दर्ज थी। (ख) क्‍या उपरोक्‍त भूमि कुल रकबा 7.005 हेक्‍टेयर में से वर्ष 2016 में कलेक्‍टर, विदिशा द्वारा प्रकरण क्रमांक 14/अ-59/15-16 में आदेश द्वारा कुल रकबा 7.005 हेक्‍टेयर से अंश भूमि रकबा 0.972 हेक्‍टेयर खदान गिट्टी क्रेसर के लिये आरक्षित कर दी गई? यदि हाँ, तो क्‍या दोषी पर कार्यवाही की जावेगी। जबकि माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के मार्ग दर्शन अनुसार चारागाही सुरक्षित जमीन को किसी व्‍यक्ति के लिए आवंटित नहीं किया जा सकता है?           (ग) क्‍या ऐसा नियम है कि बगैर तहसीलदार और अनुविभागीय अधिकारी की जानकारी और अनुशंसा के चारागाह (गौचर) भूमि खदान के रूप में बदल सकती है? यदि नहीं, तो क्‍या उपरोक्‍त भूमि आवंटन निरस्‍त की जाकर वापिस चारागाह मद में शामिल की जावेगी? (घ) क्‍या चारागाह भूमि को खनिज के रूप में बदलने का अधिकार कलेक्‍टर को है? क्‍या इसमें ऊपर शासन को जानकारी देना आवश्‍यक नहीं है? क्‍या आवंटनकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी और यह व्‍यक्तिगत आवंटन निरस्‍त किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। किन्‍तु भूमि का आवंटन नहीं किया गया है (ग) जी नहीं। शासन को जानकारी भेजने का प्रावधान नहीं है। भूमि आवंटन नहीं किया जाने से शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 के तहत नोईयत परिवर्तन के अधिकार कलेक्‍टर को है। प्रश्‍नाधीन भूमि का आवंटन नहीं किया गया है अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

किसानों की मालिकाना हक की भूमि-अभिलेखों में शासकीय दर्ज होना

[राजस्व]

80. ( क्र. 5143 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले के विधान सभा क्षेत्र पिछोर की तहसील पिछोर एवं खनियाधाना के ग्रामों के किसानों के स्‍वामित्‍व की भूमि अभिलेखों में शासकीय दर्ज हो गई है जिससे पिछोर एवं खनियाधाना तहसीलदार को क्षेत्र के किसानों द्वारा दावे प्रस्‍तुत किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त दोनों तहसीलों में कितने दावे आपत्तियां किसानों द्वारा प्रस्‍तुत की गई हैं? ग्रामवार संख्‍या बतावें? उक्‍त दावों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ग) उपरोक्‍त त्रुटि हेतु कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या शासन उपरोक्‍त त्रुटि का तत्‍काल सुधार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसील पिछोर में प्रश्‍नांश '''' के अनुक्रम में प्राप्‍त दावे आपत्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिसके निराकारण हेतु म.प्र.   भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 115,116 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।              (ग) उपरोक्‍त त्रुटि भू-अभिलेख कम्‍प्‍यूटरीकरण के दौरान हुई है जिसके संबंध में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 115,116 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

आयोजनों में जन प्रतिनिधियों का न बुलाया जाना

[गृह]

81. ( क्र. 5169 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या गृह विभाग के कार्यक्रमों में जन प्रतिनिधियों को बुलाने पर रोक है? यदि हाँ, तो आदेश बताएं? (ख) सीधी जिले में शासकीय तौर पर विगत दो वर्षों में आयोजित होने वाले गृह विभाग के कार्यक्रमों की जानकारी दें? कब-कब किस उद्देश्‍य से कार्यक्रम आयोजित हुए। (ग) इन कार्यक्रमों में मुख्‍य अतिथि एवं अध्‍यक्षता किन्‍हें सौंपी गई? (घ) क्‍या विभाग इस संबंध में और स्‍पष्‍ट आदेश जारी करेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) सीधी जिले में शासकीय तौर पर विगत दो वर्षों में औपचारिक शासकीय कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए है। जिला स्‍तर पर सामु‍दायिक पुलिसिंग के अंतर्गत मोहल्‍ला बैठक, थाना एवं ग्रामीण अंचलों में जनसंवाद, शांतिसमिति की बैठक एवं शैक्षणिक प्रशिक्षणों का आयोजन समय-समय पर किया गया है। (ग) काई औपचारिक कार्यक्रम नहीं होने से जानकारी निरंक है। (घ) जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रमों में बुलाने के संबंध में सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 06 अगस्‍त 2012 को निर्देश जारी किये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं।

परिशिष्ट - ''अठारह''

राजस्‍व ग्रामों को अभ्‍यारण क्षेत्र से डिलिट करना

[राजस्व]

82. ( क्र. 5172 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्देश पर पचमढ़ी अभयारण एवं नेशनल पार्क से कौन-कौन से राजस्‍व ग्रामों को डिलीट किया गया है? नाम सहित विस्‍तृत जानकारी देवें? (ख) क्‍या इन ग्रामों के निवासियों को अपनी सम्‍पत्ति के क्रय विक्रय एवं निर्माण कार्यों की अनुमति देने बाबत् नियमावली बनाने हेतु सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने निर्देश दिया था? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या जिलाध्‍यक्ष (राजस्‍व) होशंगाबाद द्वारा इस संबंध में नियमावली बनाने हेतु शासन से आग्रह किया है? यदि हाँ, तो नियमावली कब तक बनेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 11 ग्रामों को (Buffer Zone) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में तथा 28 ग्रामों को इनक्लोजर के रूप में रखा गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 12 अनुसार। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ग) जी हाँ। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नवीन नलकूप खनन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

83. ( क्र. 5190 ) श्री गोवर्धन उपाध्‍याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत विगत 3 वर्षों में कितनी राशि खर्च कर कुल कितने नवीन नलकूप खनन किये गये? उसमें से कितने सफल रहे एवं कितने असफल रहे? स्‍वीकृत होने के बाद अभी तक किन-किन स्‍थानों पर नलकूप खनन किया जाना शेष है? (ख) अभी तक खनन किये गये नलकूप में से कितने चालू हैं और कितने बंद पड़े हैं? बंद नलकूपों को कब तक चालू कर दिया जावेगा? बंद रहने का क्‍या कारण है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अभी तक कितने हैण्‍डपम्‍पों के पास प्‍लेटफार्म बनवाएं गये? कितने बनाना शेष हैं? शेष रहे नलकूपों के पास प्‍लेटफार्म बनवाने का कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में रूपये 298.42 लाख की लागत से कुल 332 नलकूपों का खनन किया गया है जिसमें से 301 सफल एवं 31 असफल रहे। प्रश्नांकित अवधि में स्वीकृत किसी भी नलकूप का खनन शेष नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि के सभी 301 सफल नलकूपों पर हैण्डपंप स्थापित एवं चालू हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सभी 301 सफल नलकूपों पर। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्‍वीकृति

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

84. ( क्र. 5191 ) श्री गोवर्धन उपाध्‍याय : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज नगर में पॉलिटेक्निक कॉलेज निर्माण हेतु स्‍वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किस वर्ष स्‍वीकृ‍त हुई? कितनी राशि की स्‍वीकृति प्रदान की गई है? कार्य की स्थिति क्‍या है? कार्य पूर्ण किये जाने की समयावधि क्‍या थी? क्‍या निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में ही पूर्ण किया गया है? यदि नहीं, तो उसके लिए जिम्‍मेदार कौन है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण किस एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2012 में रूपये 787.00 लाख की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। कार्य पूर्ण हो चुका है। कार्य पूर्ण करने की अवधि एक वर्ष थी। जी नहीं। प्रक्रियात्‍मक कारणों से विलम्‍ब हुआ। जिसके लिए किसी को जिम्‍मेदार नहीं कहाँ जा सकता।          (ख) मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना मण्‍डल द्वारा किया गया।

दुग्‍ध सहकारी समितियों का क्रियान्‍वयन

[पशुपालन]

85. ( क्र. 5207 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितनी दुग्‍ध सहकारी समितियां संचालित हैं? सूचीवार जानकारी से अवगत करावें। इन गठित समितियों में से कितनी समितियों को शासन द्वारा योजनाओं का लाभ दिया गया? (ख) वर्तमान में ऐसी कितनी समितियां कार्यरत हैं, जो कि क्रियाशील हैं एवं ऐसी कितनी समिति हैं, जो निष्क्रिय हैं? सूचीबद्ध जानकारी अवगत करावें।

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) कुल 161 दुग्ध सहकारी समितियाँ संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। परन्तु टीकमगढ़ जिले में 204 दुग्ध सहकारी समितियाँ गठित है, इन 204 गठित दुग्ध समितियों में से 168 दुग्ध समितियों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया गया है। (ख) 161 दुग्ध समितियाँ क्रियाशील एवं 43 दुग्ध सहकारी समितियाँ अकार्यशील। सूचीबद्ध जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एवं अनुसार है।

खाद्यान्‍न स्‍टॉक पंजी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

86. ( क्र. 5221 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम पंचायत मॉद की उचित मूल्‍य की दुकान के लिये एक ही हितग्राही की 02 पर्चियाँ जारी हो रही है? (ख) एक पर्ची पर ही सेल्‍समैन द्वारा खाद्यान्‍न दिया जा रहा है और दूसरी पर्ची के खाद्यान्‍न का उठाव नहीं होता है तो क्‍या सेल्‍समैन द्वारा शेष बचे खाद्यान को स्‍टॉक पंजी में अंकित किया जाता है? (ग) प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में स्‍टॉक पंजी अनुसार कितना अवितरित खाद्यान उचित मूल्‍य की दुकान में मौजूद है? क्‍या इसकी जाँच कराई जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रे‍क्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) अवितरित खाद्यान्‍न की जाँच क्षेत्रीय कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी से 1 मार्च 2017 को कराई गई है। जाँच दिनांक की स्थिति में स्‍टॉक पंजी अनुसार अवितरित गेहूं की मात्रा 2.59 क्विंटल एवं चावल की मात्रा 2.65 क्विंटल है।

गुना एवं राजगढ़ जिलों में धान एवं मक्‍का की खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

87. ( क्र. 5258 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) विगत खरीब के सीजन में शासन द्वारा गुना एवं राजगढ़ जिले में कितने किसानों से धान और मक्‍के की कितनी खरीदी की गई? (ख) उक्‍त जिलों में किसानों को अपनी उपज बेचने के कितने दिनों बाद राशि खाते में प्राप्‍त हुई? (ग) राशि कितने दिन में किसानों को मिलनी थी, कितने दिनों में मिल सकी? जिलावार जानकारी बतायें। समय पर भुगतान यदि नहीं, हुआ तो दोषी कौन है? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) गुना एवं राजगढ़ जिले में धान एवं मक्‍का का उपार्जन निरंक रहा है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नल-जल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

88. ( क्र. 5324 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पथरिया में कितनी नल-जल योजनाएं (सभी मदों की) हैं इनमें से कितनी नल-जल योजनाएँ चालू हैं व कितनी बंद हैं। बंद होने का कारण बतावें?           (ख) क्‍या वर्ष 2014-152015-16 में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू कराने हेतु राशि उपलब्‍ध करायी गई? यदि हाँ, तो कितनी व कहाँ-कहाँ व उस राशि से कितनी नल-जल योजनाओं का सुधार हुआ व क्‍या-क्‍या कार्य कराया गया? (ग) क्‍या कार्य कराये जाने के बाद उक्‍त नल-जल योजनाएं चालू हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी चालू है ग्राम पंचायत/ग्रामवार बतावें। क्‍या अभी जो नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हैं उनको चालू कराने हेतु आगामी ग्रीष्‍मकाल को देखते हुए कार्य कराये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 87 योजनाएं संचालित हैं। 57 चालू, 30 बंद हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, केवल स्त्रोत अनुपयोगी होने से बंद नलजल योजनाओं में नवीन स्त्रोत निर्माण हेतु, स्त्रोत के अलावा अन्य कारणों से बंद पड़ी हस्तांतरित योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। विभाग ने जिन बंद योजनाओं में स्त्रोत विकसित करने का कार्य किया है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष बंद योजनाओं को नल से जल, आज और कल' कार्यक्रम के अंतर्गत आगामी ग्रीष्मकाल तक अधिक से अधिक बंद योजनाओं को चालू करने का प्रयास है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।

प्रशासनिक स्‍थानांतरण

[राजस्व]

89. ( क्र. 5408 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में सागर जिलें में राजस्‍व विभाग में संवर्गवार कितनेकितने शासकीय सेवकों के स्‍वैच्छिक आधार पर, प्रशासनिक आधार पर एवं आपसी तौर पर स्‍थानांतरण आदेश जारी किये गये? (ख) क्‍या स्‍थानांतरण प्रक्रिया में नीति के अनुसार पद रिक्‍तिता का ध्‍यान नहीं रखे जाने से अनेक विधानसभा क्षेत्रों से स्‍थानांतरित किये गये शासकीय सेवकों के बदले में उतने ही शासकीय सेवक उस विधानसभा क्षेत्र में स्‍थानांतरित नहीं किये गये हैं, जितने कि हटाये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो इस प्रकार के विसंगतिपूर्ण आदेश जारी करने से विभाग में किये गये पटवारियों के स्‍थानांतरण से सुरखी विधानसभा क्षेत्र में रिक्‍त पदों की संख्‍या बढ़ गयी है और पटवारियों के हल्‍के खाली पड़े हुये है? जिससे ग्रामीणों को कार्य कराने में भारी परेशानी उठाना पड़ रही है? (घ) स्‍थानांतरण नीति के अनुसार स्‍थानांतरण न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2016 में सागर जिला अंतर्गत राजस्व विभाग में शासकीय सेवकों के निम्नानुसार स्थानान्तरण आदेश जारी किये गये है

पद

स्वैच्छिक

प्रशासनिक

आपसी

सहायक ग्रेड-3

04

25

00

राजस्व निरीक्षक

00

02

00

पटवारी

00

101

00

(ख) जी नहीं। वर्ष 2016-17 की स्थानान्तरण नीति के तहत प्रभारी मंत्री महोदय के अनुमोदन उपरान्त स्थानान्तरण प्रशासनिक रूप से रिक्तियों के अनुसार किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

नाबालिक लड़की का अपहरण

[गृह]

90. ( क्र. 5416 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या जिला रीवा थाना सिरमौर के अपराध क्रमांक 99/16 में एक नाबालिक लड़की के अपहरण का प्रकरण पंजीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो सूचनाकर्ता द्वारा की गई लिखित आवेदन में अपहर्तागण कौन-कौन है तथा क्‍या अपहर्तागणों को अपराध क्रमांक 99/16 में अभियुक्‍त क्‍या बनाया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बतायें? (ग) पंजीकृत अपराध क्रमांक 99/16 में अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? अपहृता नाबालिक लड़की को कब तक मुक्‍त करा लेगें? (घ) अपहरण होने के दिनांक से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक अपहृता नाबालिक लड़की को मुक्‍त न करा पाने में दोषी कौन-कौन हैं एवं उनके खिलाफ कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जिला रीवा थाना सिरमौर के अपराध क्रमांक 99/16 धारा-363 भा.द.वि. के तहत नाबालिग लड़की के अपहरण का प्रकरण पंजीबद्ध है। (ख) जी हाँ। दिनांक 25.09.2016 को आकाश कुमार पाठक पिता कृष्ण गोपाल पाठक निवासी ग्राम भनीगंवा सतपेड़ि‍या थाना जवा जिला रीवा के द्वारा लिखित आवेदन में अपहृता को गांव के ही सुजीत पिता धर्मराज आदिवासी व उसके चाचा कामराज पिता देवराज आदिवासी द्वारा सिरमौर बस स्टैंड से अपनी मोटरसाइकल पर बैठाकर दिनांक 13.09.2016 को लापता कर दिये जाने की शिकायत पर अपराध क्रमांक 99/2016 में उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को संदेही बनाया गया है। अपहृता दस्तयाब होने पर उसके कथन के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ग) थाना सिरमौर जिला रीवा के अपराध क्रमांक 99/16 धारा-363 भा.द.वि. में कायमी दिनांक से ही अपहृता की तलाश की जा रही है जिसमें अनुसंधान के दौरान घटनास्थल का निरीक्षण किया गया एवं साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये है तथा दिनांक 25.09.2016 से 25.02.2017 के दौरान सतना, पडरी मरैला, चचाई, गोदा, मैहर, चुरहट, सीधी, जबलपुर, सिंगरौली, चोरहटा एवं रीवा में अपहृता एवं संदेही सुजीत आदिवासी की तलाश की गई। संदेही कामराज आदिवासी (चाचा) से विस्तृत पूछताछ की गई। अपहृता के तलाशने का हरसंभव प्रयास किए जा रहे है। (घ) कायमी दिनांक से ही अपहृता एवं संदेही की तलाश के लगातार हरसभंव प्रयास किये जा रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।

खरीफ फसल वर्ष 2017 की खरीदी विषयक

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

91. ( क्र. 5421 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीफ फसले वर्ष 2016-17 में कितनी कृषकों द्वारा जींसों को खरीदने हेतु शासन ने निर्णय लिया था व उनकी क्‍या-क्‍या खरीदी दरें निर्धारित थी व क्‍या-क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित किये गये की जानकारी प्रति सहित दी जावे व खरीदी प्रारंभ हेतु क्‍या-क्‍या तारीखें निर्धारित थी? (ख) क्‍या निर्धारित खरीदी दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक किसी भी फसल की खरीदी नहीं की गई व कृषकों को निर्धारित रेट से अपनी फसलों को मजबूर होकर आधी कीमत में बेचना पड़ा? फसलों की समय पर खरीदी न करने हेतु कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी जिम्‍मेदार है, उनके नाम पद बताते हुए क्‍या उनसे किसानों के नुकसान की भरपाई की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरीफ विपणन मौसम 2016-17 में समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न (धान एवं मोटा अनाज) विक्रय हेतु 3,88,648 किसानों द्वारा ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत पंजीयन कराया गया था। राज्‍य सरकार प्रदेश के पंजीकृत समस्‍त किसानों से एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता का खाद्यान्‍न उपार्जन करने की नीति निर्धारित है। खाद्यान्‍न उपार्जन हेतु धान कॉमन-रू. 1470, धान ग्रेड-ए-रू. 1510, ज्‍वार (हाईब्रिड) रू. 1625, ज्‍वार (मालदंडी) रू. 1650, बाजरा-रू.1330 एवं मक्‍का-रू.1365 प्रति क्विंटल की दर निर्धारित है। उपार्जन के निर्धारित मापदण्‍ड एवं नीति की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। मोटा अनाज की दिनांक 02 नवम्‍बर, 2016 एवं धान दिनांक 15 नवम्‍बर, 2016 से खरीदी प्रारम्‍भ कर दी गई थी। (ख) जी नहीं। उपार्जन केन्‍द्र पर विक्रय हेतु लाने वाले सभी कृषकों के एफ.ए.क्‍यू. किस्‍म के खाद्यान्‍न की समर्थन मूल्‍य पर खरीदी की गई है। कृषकों को अपनी उपज आधी कीमत में बेचने का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में प्रदेश के 2,87,761 किसानों से 19,61,333 मे.टन धान का एवं 28,238 किसानों से 2,35,236 मे.टन मक्का तथा 939 किसानों से 4303 मे.टन ज्‍वार का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया है। इस प्रकार किसानों से एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता की धान एवं मोटे अनाज का उपार्जन किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

माननीय विधायकों के निजी वाहनों हेतु प्रतीक चिन्‍ह आवंटित करना

[परिवहन]

92. ( क्र. 5423 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पूर्व में माननीय विधायकों को अपने वाहनों में प्रयोग हेतु उनकी पहचान के लिये म.प्र. शासन द्वारा प्रतीक चिन्‍ह आवंटित किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या वर्तमान में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है? इसके क्‍या कारण है? (ख) क्‍या वर्तमान में कई शासकीय वाहनों पर भी प्रतीक चिन्‍ह उनकी पहचान हेतु आवंटित किये गये हैं, जो माननीय विधायकों की पद व सम्‍मान की दृष्टि से उनका स्‍तर बहुत कम है? यदि हाँ, तो माननीय विधायकों के पद गरिमा को देखते हुए उन्‍हे भी वाहनों हेतु प्रतीक चिन्‍ह का आवंटन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग द्वारा पूर्व में माननीय विधायकों को अपने वाहनों पर प्रतीक चिन्ह आवंटित करने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया। कोई आदेश जारी न होने के कारण प्रतिबंध का प्रश्न नहीं उठता है। (ख) शासकीय वाहनों पर परिवहन विभाग द्वारा कोई प्रतीक चिन्ह आवंटित नहीं किये गये है। केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 108 के प्रावधानों के अनुरूप इस बावत् माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुक्रम में संलग्न राजपत्र के अनुसार पात्र व्यक्तियों/अधिकारियों को वाहनों के अग्रशीर्ष भाग पर लाल,पीली, नीली बत्ती लगाने की अधिसूचना जारी की गई है। राजपत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में इस बावत प्रकरण विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

नगरपालिका गोटेगांव अंतर्गत पुनर्वास

[राजस्व]

93. ( क्र. 5474 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) नगर पालिका गोटेगांव जिला नरसिंहपुर में वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६, २०१६-१७ में पुनर्वास हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुये सूची उपलब्‍ध करावें। उक्‍त प्राप्‍त आवेदनों पर क्‍या क्‍या कार्यवाही की गई। (ख) क्‍या पुनर्वास किये गये हितग्राहियों को मूलभूत सुविधायें प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कौन कौन सी सुविधायें प्रदान की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2013-2014, 2014-2015, 2015-2016,  2016-2017 में निकाय में पुनर्वास हेतु कोई आवेदन प्राप्‍त नहीं हुए है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नलजल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

94. ( क्र. 5526 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला खंडवा में मांधाता विधानसभा क्षेत्र के किन- किन ग्रामों में वर्ष 2008-09 से मुख्यमंत्री नलजल योजना और अन्य नलजल योजना स्वीकृत हैं? उनमें से कितनी विधिवत चालू हैं? (ख) क्या मांधाता विधानसभा क्षेत्र के किन किन ग्रामों में नलजल योजना से व्यवस्थित पेयजल वितरण हो रहा है? किन-किन ग्रामों में वर्ष 2015-16 से जनवरी 2017 तक नलजल योजनाओं की पानी की टंकी व पाइप लाईन का काम अधूरा है? उसका क्या कारण है? निर्माण एजेंसी/ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) मांधाता विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 से अभी तक नलजल योजना कितनी ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) कुल 12 नलजल योजनाएं।

ठेकेदार एवं श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीयन

[श्रम]

95. ( क्र. 5527 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला खंडवा अंतर्गत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की मुख्य कंपनी व सबलेट कंपनियों का श्रम विभाग से पंजीयन कराया है? यदि हाँ, तो सूची दें? कौन-कौन सी कंपनी/ठेकेदार बिना पंजीयन के कार्यरत हैं? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की है? (ख) क्‍या सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना द्वारा सेक्युरिटी गार्ड, साफ-सफाई कर्मी एवं अन्य श्रमिकों के लिए टेंडर बुलाये गए हैं? उसमें प्रत्येक एजेंसी को कितने श्रमिक रखने का प्रावधान है? टेंडर लेने वाले ठेकेदारों/एजेंसी एवं उनके द्वारा रखे गए श्रमिकों की संख्‍या बताएं। (ग) परियोजना में स्किल्ड, अनस्किल्ड और     सेमी-स्किल्ड के श्रमिकों को पारिश्रमिक के तौर पर कितनी राशि देने का प्रावधान है? यह राशि श्रमिक के खाते में दी जाती हैं या नगद? श्रमिकों की पी.एफ. राशि कितनी काटी गई है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित संस्थानों द्वारा जिनमें 20 या अधिक ठेका श्रमिक कार्यरत है, संविदा श्रम (विनियमन एवं समाप्ति) अधिनियम, 1970 के प्रावधानानुसार अनुज्ञप्ति प्राप्त की गयी है। वांछित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ए एवं ''बी'' अनुसार है। मेसर्स एस.एस.ग्रुप, सीहोर एवं मे. डी. एन. इन्टरप्राईजेस, विरसिंगपुर द्वारा नियमानुसार अनुज्ञप्ति प्राप्त नहीं की गई है। उक्त संस्थानों को अनुज्ञप्ति प्राप्त करने हेतु दिनांक 02.03.2017 को श्रम कार्यालय, खंडवा द्वारा सूचना पत्र जारी किये गये हैं, जिसके अनुक्रम में प्रमुख नियोजक सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना द्वारा भी संबंधित ठेकेदारों को अनुज्ञप्ति प्राप्त कर प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। (ख) जी हाँ। एजेंसीवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-सी अनुसार है। (ग) न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत अधिसूचित नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों के लिए दिनांक 01.10.2016 से निम्नानुसार न्यूनतम वेतन निर्धारित हैः-

क्रं.                श्रेणी                        मा.वे.द.         दै.वे.द.
01                    अकुशल             6950 रू.           267 रू.
02
                    अर्द्धकुशल                      7807 रू.           300 रू.
03
                    कुशल                            9185 रू.           353 रू.
04
                    अतिकुशल                      10485 रू.         403 रू.

वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 के प्रावधानानुसार श्रमिक को वेतन नगद अथवा बैंक खाते या चैक के माध्यम से दिया जा सकता है। पी.एफ. राशि संबंधी जानकारी राज्य के श्रम विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।

परिशिष्ट - ''बीस''

कृषक नुकसानी के प्राप्‍त प्रकरण

[राजस्व]

96. ( क्र. 5544 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) वर्ष 2016-17 में मनासा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्‍न गाँव के कृषकों के हल्‍का पटवारी द्वारा कृषकों की नुकसानी के बारे में आर.बी.सी. के प्रावधानों के तहत् कितने प्रकरण राजस्‍व अधिकारियों को प्राप्‍त हुए हैं? (ख) उक्‍त प्रकरणों में कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? (ग) कितने प्रकरणों में अभी तक निराकरण नहीं हुआ है? इन प्रकरणों के निराकरण न किए जाने के क्‍या कारण हैं व इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मनासा के 66 प्रकरण प्राप्‍त हुए हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरणों में कुल 444 कृषकों को 18,44,000/- (अठारह लाख चवालिस हजार मात्र) राशि का भुगतान किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र मनासा में कोई प्रकरण निराकरण हेतु शेष नहीं है।

चयनित पटवारियों की पदस्थापना

[राजस्व]

97. ( क्र. 5546 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्‍या 159 (क्रमांक 3600), दिनांक 29 जुलाई 2016 में दी गई जानकारी अनुसार पटवारी चयन परीक्षा 2005-06 से चयनित पटवारियों की पदस्थापना के सम्बन्ध में आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त, म.प्र. से प्राप्त निर्देश के पालन में कलेक्टर श्योपुर द्वारा संपूर्ण प्रकरण का परीक्षण कर कार्यवाही हेतु गठित समिति द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की है? क्या समिति द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया है? यदि हाँ, तो समिति द्वारा क्या-क्या अनुशंसायें की हैं? (ख) क्या कलेक्टर श्योपुर द्वारा पत्र क्रमांक 2743/भू-अभि./स्था./प.च.प.05-06/2015 श्योपुर दिनांक 17-11-2015 से सी.एल.आर. एवं पत्र पृष्ठा. क्रमांक 2744/भू-अभि./स्था./प.च.प.05-06/2015 श्योपुर दिनांक 17-11-2015 से प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन राजस्व विभाग एवं मुख्य राजस्व आयुक्त भोपाल को पत्र लिखकर श्योपुर में पटवारियों की पदस्थापना हेतु 60 पदों की स्वीकृति चाही थी? यदि हाँ, तो क्या श्योपुर हेतु पद स्वीकृत कर दिए गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों एवं प्रश्नांश (क) अनुसार चयनित पटवारियों की पदस्थापना किस प्रकार की जावेगी? (ग) प्रदेश के जिलों में वर्तमान में पटवारियों के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने रिक्त हैं? जिलेवार जानकारी दें। रिक्त पदों को भरे जाने की शासन की क्या योजना है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भू-राजस्व संहिता (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश के बाद भूमियों का विक्रय

[राजस्व]

98. ( क्र. 5547 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्या दिनांक 21 अगस्त, 2015 को भू-राजस्व संहिता (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश जारी कर धारा 165 की उपधारा 7 (ख) के स्थान पर प्रतिस्थापित उपधारा 7 (ख) के अंतर्गत भूदान भूमि व शासकीय पट्टे की भूमि के हस्तांतरण हेतु भूमि के मूल्य का 10 प्रतिशत राशि जमा कराकर भूमि के हस्तांतरण की व्यवस्था की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त व्यवस्था के अंतर्गत कितनी भूमियों का अन्तरण (विक्रय) किया गया? ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, मुरैना सहित जिलेवार स्थिति बतावें व विक्रय करने व क्रय करने वाले के नाम, पते एवं भूमि के रकबे सहित बतावें

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विस्‍थापितों का पुनर्वास

[राजस्व]

99. ( क्र. 5567 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) भू-अर्जन में विस्‍थापित व्‍यक्तियों को पुनर्वास के संबंध में राहत देने के लिये क्‍या-क्‍या सुविधायें उपलब्‍ध करायी गयी हैं? (ख) क्‍या विस्‍थापित व्‍यक्तियों को आवास योजना के अन्‍तर्गत कृषि योग्‍य भूमि के पट्टे दिये जाने के भी प्रावधान है? (ग) क्‍या ऐसे विस्‍थापितों के परिवार को शासकीय सेवा में नौकरी दिये जाने का प्रावधान भी है या नहीं? (घ) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले में एन.टी.पी.सी., रेलवे तथा सिंचाई एवं निर्माण हेतु अधिग्रहित भूमि धारकों के कई परिवारों को अभी तक शासकीय सेवा में क्‍यों नहीं लिया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उज्जवला योजना में वंचित उपभोक्ताओं को लाभांवित करना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

100. ( क्र. 5611 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) उज्जवला योजना के नियम एवं शर्तों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजनान्तर्गत प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया है, हितग्राहियों की संख्‍या एवं ग्राम की जानकारी देवें। (ग) जिन हितग्राहियों के नाम ऑन-लाईन सूची में दर्शाए गए हैं किन्तु उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला है, उन हितग्राहियों को कब तक योजना का लाभ प्रदान किया जावेगा? (घ) हितग्राहियों की जो सूची विभाग की ओर से      ऑन-लाईन की गई है उसमें वंचित हितग्राहियों का नाम कब तक ऑन-लाईन सूची में जोड़ दिया जाएगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सुवासर विधानसभा क्षेत्र के 9057 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के तहत गैस कनेक्‍शन प्रदाय कर योजना का लाभ दिया गया है। ग्रामवार लाभान्वित हितग्राहियों की संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, ऐसे परिवारों द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत करने पर पात्र पाये जाने के उपरांत योजना का लाभ दिया जाएगा। भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना का लाभ योजना प्रारंभ से 03 वर्ष की समय-सीमा में दिया जाना है। (घ) सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षण में सम्मिलित परिवारों में से प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना में चिन्‍हांकित परिवारों में सम्मिलित होने से छूटे हुए परिवारों को सम्मिलित करने का विषय भारत सरकार से संबंधित है।

थानों में जप्त अफीम

[गृह]

101. ( क्र. 5639 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 के पश्चात् रतलाम, मंदसौर नीमच जिलों के किस-किस थानों में,         कितनी-कितनी अफीम, कब-कब, किस-किस स्थान पर पकड़ी गयी? पकड़े गये व्यक्ति के नाम सहित जानकारी देवें (ख) उक्त जिलों में कौन-कौन से थानों में कितनी-कितनी जप्त शुदा अफीम कब से कितनी मात्रा में पड़ी है? क्या गत १ जनवरी 2010 के पश्चात् जप्त शुदा अफीम को नष्ट करने या नीलामी करने की कोई प्रक्रिया की गई है? यदि हाँ, तो कैसे जानकारी देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) सन्दर्भित अफीम की उक्त अवधि में नीलामी की गई तो किन-किन व्यक्तियों या समूह ने भाग लेकर अफीम खरीदी, उनके नाम पते सहित जानकारी देवें? यदि विभाग द्वारा अफीम की नीलामी या नष्ट करने की कोई कार्यवाही नहीं की गई तो जप्त शुदा अफीम को कब तक थानों में रखा जाएगा? इस संदर्भ में क्या नीति तैयार की जा रही है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जप्‍त शुदा अफीम की नीलामी किये जाने हेतु कोई प्रावधान नहीं है। भारत सरकार नारकोटिक्‍स कंट्रोल ब्‍यूरो नई दिल्‍ली द्वारा जारी स्‍टेण्डिंग ऑर्डर क्रमांक 1/89 दिनांक 13 जून, 1989 के संदर्भ में ड्रग नष्‍टीकरण समिति का गठन किया गया है। जप्‍त अफीम के निराकरण हेतु ड्रग विनिष्‍टीकरण समिति के समक्ष नियमानुसार प्रस्‍तुत कर निराकृत की जावेगी।

लीज निरस्‍ती

[राजस्व]

102. ( क्र. 5649 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम अलापुर तह. जौरा की भूमि सर्वे क्रं. ११३७ लीज की सामान्‍य शर्तों का उल्‍लंघन कर निजी उपयोग में ली जा रही है, न तो कक्षाएं लगती हैं न ही कभी छात्र विद्या अध्‍ययन हेतु आते हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त भूमि की लीज उद्देश्‍यहीन होकर, लीज को निरस्‍त किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) विधानसभा प्रश्‍न क्रं. २३३८ दिनांक १०-०३-२०१६ के उत्‍तरांश में यह अवगत कराया गया कि उक्‍त भूमि पर विद्यालय चल रहा है? यदि हाँ, तो विभाग के कौन-कौन अधिकारियों द्वारा विगत ०२ वर्षों में कब-कब उक्‍त विद्यालय का निरीक्षण किया गया है? अधिकारियों का नाम एवं उनके अभिमत सहित अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त विद्यालय में कभी भी कक्षाएं नहीं लगती हैं न ही शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति रहती है लेकिन            भू-माफियाओं, शिक्षा माफिया एवं अधिकारियों की मिली भगत के चलते महज कागजों में ही संचालित है? यदि हाँ, तो क्‍यों? यदि नहीं, तो क्‍या वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा विद्यालय की जाँच कराई जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र.शासन, राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ        6-92/7/सा-1बी/92, दिनांक 18.11.92 द्वारा अलापुर की भूमि सर्वे क्रमांक 1137 रकबा 4 बीघा में से 2 बीघा अर्थात 45000 वर्गफीट भूमि आदर्श संस्कृत मा.वि. जौरा को भवन निर्माण हेतु स्थाई पट्टे पर स्वीकृति प्रदान की गई। संस्था द्वारा समय-सीमा में भवन निर्माण किया गया। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को निरीक्षण के दौरान 34 बच्चों को शिक्षक अध्यापन कराते हुये पाये गये। आवंटित भूमि पर संस्कृत विद्यालय संचालित हैं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। विगत दो वर्ष में शिक्षा विभाग के अधिकारियों जैसे प्राचार्य, शासकीय उ.मा.वि.जौरा, खण्ड स्त्रोत समन्वयक एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी जौरा द्वारा निरीक्षण कर विद्यालय संचालन एवं मान्यता की अनुशंसा की गई। अभी हाल ही में दिनांक 04.03.2017 को विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को निरीक्षण के दौरान 34 बच्चों को शिक्षक अध्यापन कराते हुए पाये गये। (ग) जी नहीं। वर्तमान में उक्त भूमि आदर्श संस्कृत मा.वि.एम.एस. रोड, जौरा के आधिपत्य में है तथा विद्यालय संचालित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।

भूमि-स्‍वामी द्वारा पक्‍का निर्माण कार्य

[राजस्व]

103. ( क्र. 5651 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कस्‍बा जौरा के सर्वे क्रं. ५३१ शासकीय भूमि होकर उस पर भू-माफियाओं द्वारा अतिक्रमण कर पक्‍का निर्माण कर लिया है? यदि हाँ, तो पक्‍का निर्माण करते वक्‍त अतिक्रमणकारियों को क्‍यों नहीं रोका गया? यदि नहीं, तो उक्‍त भूमि की वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ख) तहसील जौरा के प्रकरण क्रं. ५९/१२-१३/अ-६ में पारित आदेश दिनांक २५-०९-२०१३ द्वारा उक्‍त भूमि को शासकीय घोषित किया गया लेकिन इसके उपरांत अतिक्रमणकारियों ने अपील अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में दाखिल कर खुली भूमि पर सरेआम पक्‍का निर्माण कर लिया है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व द्वारा अंतिम निर्णय लिया जा चुका है एवं विभाग द्वारा उक्‍त न्‍यायालय में अपना पक्ष किस प्रकार रखा गया है अवगत कराया जाकर क्‍या अतिक्रमण हटाया जा सकेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कस्‍बा जौरा स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 531 के अंश भाग पर भूमि-स्‍वामी द्वारा पक्‍का निर्माण किया गया है, जो भी अतिक्रमण है वह तहसीलदार न्‍यायालय जौरा के प्र.क्र. 12/12-13/अ-6 में संलग्‍न प्रकरण क्रमांक 59/12-13/अ-6 में पारित आदेश दिनांक 26.09.2015 से उक्‍त भमि को शासकीय घोषित होने से पूर्व का है, वर्तमान में कोई नवीन अतिक्रमण नहीं किया गया है। (ख) तहसीलदार न्‍यायालय जौरा के प्र.क्र. 12/12-13/अ-6 में संलग्‍न प्रकरण क्रमांक 59/12-13/अ-6 में पारित आदेश दिनांक 26.09.2015 से उक्‍त भूमि को शासकीय घोषित किया जा चुका है। जिसके विरूद्ध संबंधित द्वारा अपील न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी जौरा में की गयी थी। न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी जौरा के प्र.क्र. 6/15-16/ अपील में पारित आदेश दिनांक 08.07.2016 में अपील अस्‍वीकार की गई। तत्‍पश्‍चात संबंधित द्वारा अनुविभागीय अधिकारी के निर्णय के विरूद्ध अपील न्‍यायालय अपर आयुक्‍त चंबल संभाग मुरैना में की गई। न्‍यायालय अपर आयुक्‍त चंबल संभाग मुरैना के प्र.क्र. 330/2015-16/अपील पर पंजीबद्ध होकर दिनांक 21.07.2016 से स्‍थगन होकर प्रकरण न्‍यायालय अपर आयुक्‍त चंबल संभाग में प्रचलित है। शासकीय घोषित होने के बाद कोई निर्माण नहीं किया गया है। जो भी निर्माण है वह पूर्व का ही है। (ग) न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी जौरा द्वारा अपने प्रकरण क्रमांक 06/15-16/अपील में पारित आदेश दिनांक 08.07.2016 से अंतिम निर्णय पारित किया जा चुका है। उक्‍त आदेश के विरूद्ध अपील न्‍यायालय अपर आयुक्‍त चंबल संभाग मुरैना में प्रकरण विचाराधीन है। प्रकरण में न्‍यायालय अपर आयुक्‍त चंबल संभाग मुरैना द्वारा निर्णय उपरांत तद्नुसार कार्यवाही की जावेगी।

जेल प्रशासन के नियम/निर्देशों का पालन

[जेल]

104. ( क्र. 5670 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला जेल, सर्किल जेल तथा सेन्‍ट्रल जेल के विजिट अथवा निरीक्षण के संबंध में शासन के क्‍या नियम/निर्देश हैं? कौन-कौन से जनप्रतिनिधियों द्वारा इनका विजिट अथवा निरीक्षण किया जा सकता है? नियम/निर्देश की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें (ख) क्‍या तहसील स्‍तर पर चुने गये विधायक कंडिका (क) में वर्णित जेलों का विजिट अथवा निरीक्षण कर सकते हैं? यदि नहीं, तो क्‍या इस संबंध में कोई पृथक से आदेश जारी करेंगे ताकि जनप्रतिनिधि इनका विजिट या औचक निरीक्षण कर सकें? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या दतिया सर्किल जेल में समय-समय पर औचक निरीक्षण न होने से यहां के बंदियों को रहने, खाने की गंभीर समस्‍याएं हैं? यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जावेगी और यदि समस्‍याएं हैं, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? उनके खिलाफ कब और क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के सरल क्रमांक-4 एवं 6 अनुसार। (ग) जी नहीं। दतिया सर्किल जेल में समय-समय पर निरीक्षण किये गए हैं। जाँच/कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

रेत खदानों पर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही

[गृह]

105. ( क्र. 5706 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) डबरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी रेत खदानें हैं? उनमें से कितनी संचालित हैं और कितनी बंद हैं? इनमें से कौन-कौन सी रेत खदान किस-किस थाने के अन्‍तर्गत आती हैं? इन खदानों पर लगातार हो रहे अवैध उत्‍खनन को रोकने के लिये पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? क्‍या पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही से अवैध उत्‍खनन रूका है? यदि नहीं, तो क्‍यों? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है और उन दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ख) डबरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक ०१ जनवरी २०१५ से उपरोक्‍त स‍भी रेत खदानों से चल रहे कितने अवैध वाहनों पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई तथा कितने वाहनों को जुर्माना/चालान कर छोड़ा गया तथा कितने वाहनों को राजसात करने की कार्यवाही की गई? वाहनों पर की गई कार्यवाही से कितना राजस्‍व शासन को प्राप्‍त्‍ा हुआ?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

सूखा राहत कार्य

[राजस्व]

106. ( क्र. 5739 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विगत वर्ष अवर्षा के कारण अनूपपुर जिले और उसके अंतर्गत आने वाली तहसीलों को सूखाग्रस्‍त घोषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त जिले में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार उपलब्‍ध कराने व पेयजल की व्‍यवस्‍था कराते हुये कितनी राशि उक्‍त जिले को प्रदाय की गई व कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई तथा इसमें से पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) क्‍या सूखे के बावजूद जिले में सूखा राहत कार्य प्रारंभ नहीं होने से लाखों युवा रोजगार की तलाश में जिले व प्रदेश से पलायन कर गये हैं? यदि नहीं, तो शासन द्वारा उक्‍त जिले में सूखा राहत कार्यों के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि के तहत कार्य स्‍वीकृत कर लोगों को रोजगार प्रदाय किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। विगत वर्ष अवर्षा के कारण अनूपपुर जिले की तहसील अनूपपुर/जैतहरी/कोतमा एवं पुष्‍पराजगढ़ को सूखा ग्रस्‍त घोषित किया गया था। सूखा ग्रस्‍त क्षेत्र में रोजगार उपलब्‍ध कराने के लिए पृथक से राशि का आवंटन नहीं किया गया था। सूखाग्रस्‍त क्षेत्र घोषित होने के कारण ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजनान्‍तर्गत शासन स्‍तर से 100 के स्‍थान पर 150 मानव दिवस सृजन के तहत रोजगार मूलक कार्य 21097 खोले गये, जिनमें सृजित मानव दिवस 34.18 लाख में राशि रू.5365.92 लाख व्‍यय की गई थी। ग्रामीण क्षेत्रों को पेयजल परिवहन उपलब्‍ध कराये जाने हेतु जिले को रू.1,60,00,000/- का आवंटन प्रदाय किया गया था, उक्‍त आवंटन में से रूपये 1,07,98,016/- पेयजल परिवहन हेतु व्‍यय किया गया। पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पेयजल परिवहन हेतु राशि रूपये 37,21,786/- व्‍यय किये गये। (ख) जी नहीं। उत्‍तरांश (क) अनुसार रोजगार उपलब्‍ध कराने से जिले में पलायन की स्थिति निर्मित नहीं हुई। विस्‍तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'', '' एवं '' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''बाईस''

नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

107. ( क्र. 5744 ) सुश्री मीना सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) जिला उमरि‍या अंतर्गत मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण, बंटवारे एवं सीमांकन के कितने आवेदन प्राप्‍त हुये एवं प्रकरणों का निराकरण      किन-किन के द्वारा किया गया? तहसीलदार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नामांतरण/बंटवारा/सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण शासन द्वारा निर्धारित अवधि में नहीं किया गया? यदि हाँ, तो निर्धारित अवधि में कितने प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया? (ग) प्रश्‍नांकित वर्णित अवधि में प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में निराकरण हेतु लंबित थे? इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (घ) उक्‍त अवधि में ही राजस्‍व निरीक्षक मंडल ताला, के ग्राम ताला, नरवार, सरमानिया, परासी, धमोखर, मरदरी, गढपुरी, बरबसपुर, खैरा, रोहनिया, बड़वारा, गूरूवाही, कुचवाही, रन्‍छा खलखनिया, बगैहा, माला, जमुनारा, कथली, पतौर, पठारी में भूमि के क्रय-विक्रय, नामांतरण, दान-पत्र, पॉवर आफ एटार्नी एवं भूमि के अधिग्रहण से संबंधित विवरण उपलब्‍ध करायें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पुलिस निरीक्षकों के रिक्त पद

[गृह]

108. ( क्र. 5772 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों में कितने-कितने थानों में कितने-कितने थाना प्रभारी, निरीक्षक, उपनिरीक्षक, सिपाही के पद कब से रिक्त हैं? थानावार जानकारी देते हुए बतायें की इनकी पूर्ति कब तक कर दी जाएगी? (ख) उक्त जिलों में पुलिस लाईन में कितने निरीक्षक, उपनिरीक्षक, सिपाही कितने समय से निलंबन, लाईन अटैच की अवधि बिता रहे हैं? निलंबन, लाईन अटैच अवधि के दौरान कौन-कौन से कार्य इन कर्मचारियों से पुलिस लाईन में कराये जाते हैं? (ग) क्या नीति गत 2 वर्षों में उक्त जिलो के विभिन्न थानों में भारी संख्या में पद रिक्त हैं जबकि विभाग की कोई ठोस नीति नहीं होने के कारण पुलिस लाईन में लाईन अटैच, निलंबित कर्मचारी वर्षों से वेतन लेन के बावजूद कोई कार्य नहीं कर रहे हैं? ऐसे में शासन कोई नीति बनाने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या 1 जनवरी 2014 के पश्चात् विभाग द्वारा एसा कोई आदेश दिया है कि निलंबित एवं लाईन अटैच कर्मचारियों को थानों में या चौकी पर पदस्थ नहीं किया जाये? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि देवें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ' अनुसार। पुलिस विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं सीधी भर्ती से की जाती है, जो निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ' अनुसार(ग) गत 2 वर्षों में रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ' अनुसार। निलंबित अधिकारी/कर्मचारियों से ड्यूटी लिये जाने का प्रावधान नहीं है। लाईन अटैच अधिकारी/कर्मचारियों से कानून व्यवस्था ड्यूटी डाक ड्यूटी मुल्जिम पेशी एवं अन्य शासकीय कार्य कराया जाता है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) लाईन अटैच कर्मचारियों के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा दिनांक 15.10.2014 को पत्र जारी किया गया है। निलंबित अधिकारी/कर्मचारियों से ड्यूटी लिये जाने का प्रावधान नहीं है।

सरकारी उचित मूल्‍य की दुकानों का संचालन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

109. ( क्र. 5804 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) वि.ख. आरोन जिला गुना में कुल कितनी उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं एवं कितनी उचित मूल्‍य की दुकानों का संचालन स्‍थाई गाँवों समितियों के द्वारा किया जा रहा है व कितनी दुकानें अन्‍य संस्‍थाओं से अटैच हैं? (ख) वि.ख. आरोन जिला गुना में संचालित उचित मूल्‍यों की दुकानों का जिन संस्‍थाओं द्वारा संचालन किया जा रहा है उन संस्‍थाओं के संबंध में विगत एक वर्ष में क्‍या-क्‍या शिकायत प्राप्‍त हुई हैं? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) गुना जिले के विकासखण्‍ड आरोन में कुल 25 उचित मूल्‍य दुकानें संचालित हैं। किसी भी दुकान का संचालन स्‍थाई गाँव समितियों द्वारा नहीं किया जा रहा है। एक उचित मूल्‍य की दुकान खिरियादांगी सेवा सहकारी संस्‍था पनवाड़ीहाट में अटैच है। मार्केटिंग सोसायटी आरोन द्वारा संचालित वार्ड क्रमांक 7,8,9 आरोन की दुकान महिला उपभोक्‍ता भंडार आरोन वार्ड 3,4 में संलग्‍न की गई थी किन्‍तु माननीय उच्‍च न्‍यायालय का स्‍थगन होने से दुकान मार्केटिंग सोसायटी आरोन द्वारा ही संचालित है। (ख) गुना जिले के विकासखण्‍ड आरोन की 6 सहकारी संस्‍थाओं के विरूद्ध शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। शिकायतों का स्‍वरूप एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तेईस''

स्‍थाई पट्टों पर लीज नवीनीकरण के लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

110. ( क्र. 5806 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) जबलपुर में लीज नवीनीकरण हेतु कितनी नजूल की भूमियों के प्रकरण स्‍थानीय जिला प्रशासन के पास लंबित हैं? जानकारी नजूल भूमियों के स्‍थानवार लंबित होने के कारण सहित बतायी जावे? (ख) क्‍या म.प्र. वि.मं. कर्मचारी गृह निर्माण सह. समिति मर्या. (सहकार नगर) जबलपुर का ग्राम रामपुर नं.ब. 1 प.ह.नं. 28/32 तहसील व जिला जबलपुर स्थित शासकीय नजूल भूमि खसरा नं. 20, 20/1 रकबा क्रमश: 0.316 हे. एवं 1.403 हे. शासन द्वारा स्‍थाई पट्टे पर 30 वर्षों के लिये लीज स्‍वीकृति की गई थी एवं इस लीज की अवधि 23.06.098 को समाप्‍त हो गई थी, जिसके नवीनीकरण की कार्यवाही प्रकरण विगत 3 जुलाई 06 से तहसीलदार नजूल जबलपुर के यहां लंबित है? (ग) यदि वर्णित (ख) सत्‍य है, तो नवीनीकरण को लंबित रखने का क्‍या कारण है व इसका जिम्‍मेदार कौन है? (घ) कब तक वर्णित (ख) का लीज नवीनीकरण जिला प्रशासन द्वारा कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पूर्व धार महारानी की सम्पत्ति का व्यवसायीकरण

[राजस्व]

111. ( क्र. 5867 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा फरवरी-अप्रैल 2016 के विधानसभा सत्र में परि.अता. प्रश्न संख्‍या 119 (क्रमांक 4643) पूर्व धार महारानी की सम्पत्ती के व्यवसायीकरण के संबंध में पूछा गया था, जिसके जवाब में जानकारी एकत्रित की जा रही है, उत्तर दिया गया था, तो क्या वर्तमान में उक्त जानकारी संकलित हो चुकी है? यदि नहीं, तो लगभग एक वर्ष की समयावधि में भी जानकारी संकलित नहीं होने के क्या कारण हैं तथा यह जानकारी किस स्तर पर लंबित है? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में, धार के पूर्व राजघराने की सम्पत्ति के प्रकरण में राज्य शासन की ओर से प्रतिवाद के नाते जो उत्तर प्रस्तुत करना है वह प्रस्तुत कर दिया गया है? यदि नहीं, तो विभाग के पास यह कितने दिनों से लंबित पड़ा है तथा लंबित रहने का क्या कारण है? (ग) उक्त सम्पत्ति का दुरूपयोग एवं अफरा-तफरी रोकने के लिये राजस्व विभाग द्वारा उपरोक्त संदर्भित उत्तर विधि विभाग से अनुमोदित करवाकर माननीय उच्च न्यायालय में कब तक प्रस्तुत किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

श्रमिकों की असामयिक मृत्यु पर क्षतिपूर्ति

[श्रम]

112. ( क्र. 5874 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नागदा शहर में संचालित ग्रेसिम, केमिकल डिवीजन एवं लैन्सेंस उद्योगों में कार्यरत कितने श्रमिकों की विगत पाँच वर्षों में असामयिक मृत्यु हुई थी, मृत्यु के क्या कारण थे? इन्हें रोकने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये? असामयिक मृत्यु होने की दशा में इन उद्योगों द्वारा कितनी-कितनी क्षति पूर्ति राशि दी जाने का प्रावधान है? (ख) क्या म.प्र. के अन्य उद्योगों में श्रमिकों की असामयिक मृत्यु होने पर नागदा स्थित उद्योगों से भी अधिक क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाता है? (ग) इन स्थानीय उद्योगों के द्वारा भी अन्य उद्योगों की भॉति क्षतिपूर्ति राशि कब तक बढ़ा दी जावेगी? क्या इसके लिये विभाग कोर्इ योजना बनायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) नागदा शहर में संचालित ग्रेसिम, केमिकल डिवीजन में विगत पाँच वर्षों में वर्ष 2016 में कारखाना अधिनियम 1948 के अतंर्गत कुल 01 प्राणांतक दुर्घटना घटित हुई जिसकी विस्तृत जानकारी एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। लैन्सेंस इंडिया प्रा.लि. बिरलाग्राम नागदा के कारखाने में विगत पाँच वर्षों में कारखाना अधिनियम 1948 के अतंर्गत कोई प्राणांतक दुर्घटना घटित नहीं हुई है। दुर्घटना की पुनरावृत्ति रोकने हेतु बेटरी बेकअप रुम में स्मोक डिटेक्टर, फायर अलार्म तथा टेम्प्रेचर सेंसर लगाने हेतु प्रबंधन को निर्देशित किया था जो उनके द्वारा लगवाये जा रहे है। अपग्रेडेशन का कार्य जारी है। वर्तमान में दुर्घटना के बाद से बेटरी बेकअप सिस्टम को उत्पादन प्रक्रिया से नहीं जोड़ा है। रूम में प्रक्रिया बंद है। कर्मचारी बीमा राज्य योजना के तहत आने वाले श्रमिकों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को कर्मचारी राज्य बीमा योजना के नियमों के तहत मासिक पेंशन एवं अन्य     हित-लाभ दिये जाने का प्रावधान है तथा जो श्रमिक कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत नहीं आते हैं, उनके आश्रितों को कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 के प्रावधानों के अन्तर्गत गणना अनुसार मुआवजा राशि प्रबंधन द्वारा श्रम न्यायालय के माध्यम से प्रदान की जाती है।         (ख) कारखाना अधिनियम 1948 के अतंर्गत होने वाली दुर्घटनाओं की स्थिती में कर्मचारी राज्य बीमा योजना द्वारा हित लाभ दिया जाता है। इस योजना में बीमित न होने की स्थिति में कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 के अतंर्गत क्षतिपूर्ति राशि, कारखाना प्रबंधन द्वारा माननीय श्रम न्यायालय के माध्यम से प्रदाय की जाती है। (ग) यह जानकारी इस कार्यालय से संबंधित नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

तकनीकी शिक्षा केन्‍द्रों को आवंटित एवं व्‍यय राशि

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

113. ( क्र. 5882 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिला अंतर्गत तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग द्वारा शासकीय एवं अशासकीय तकनीकी शिक्षा केन्द्र संचालित हैं? क्‍या उक्त संस्थाओं के संचालन हेतु शासन द्वारा राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो कितने शासकीय एवं अशासकीय तकनीकी शिक्षा केन्द्र संचालित हैं और उक्त‍ संस्थायों को शासन द्वारा विगत 03 वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई है? आवंटित राशियों का व्यय किस कार्य हेतु किया गया है?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा शासकीय आई.टी.आई., कौशल विकास केन्‍द्र एवं पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के संचालन हेतु राशि का आवंटन किया जाता है। प्रायवेट संस्‍थाओं को बजट देने का प्रावधान नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं ''दो'' अनुसार है।

पात्रता पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

114. ( क्र. 5883 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या शहडोल जिले में उचित मूल्य दुकान से खाद्यान्‍न प्राप्त करने वाले समस्त हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदाय किये जाने के बाद खाद्यान्‍न उपलब्ध कराये जाने का नियम प्रभावशील किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो प्रभावशील तिथि के पूर्व प्रत्येक उचित मूल्य दुकानों में दुकानवार कितने हितग्राहियों को खाद्यान्‍न उपलब्ध कराया जाता था और पात्रता पर्ची प्रभावशील तिथि के बाद कितने हितग्राहियों को प्रश्न दिनांक तक पात्रता पर्ची उपलब्ध करा दी गई है एवं कितने ऐसे हितग्राही शेष हैं जिन्हें पूर्व में खाद्यान्‍न उपलब्ध होता रहा और वर्तमान में पात्रता पर्ची के आभाव में लाभ से वंचित हैं? हितग्राही की संख्‍यावार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराये जाने का प्रावधान है।             (ख) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 को प्रदेश में मार्च, 2014 से लागू किया गया है इसके पूर्व ए.पी.एल. योजना के 108157, बी.पी.एल. योजना एवं अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के 133701 परिवारों को खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराया जा रहा था। दुकानवार परिवारों की संख्‍या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अधिनियम के अंतर्गत वर्तमान में 2,13,424 परिवारों को पात्रता पर्ची उपलब्‍ध कराई गई है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत जनगणना वर्ष 2011 में प्रदेश की जनसंख्‍या में से 75 प्रतिशत को ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जाना है। इस प्रकार प्रदेश की 25 प्रतिशत आर्थिक रूप से सक्षम आबादी को अधिनियम के अंतर्गत पात्र परिवारों के रूप में सम्मिलित नहीं किये जाने से इस आबादी को रियायती दर खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराये जाने का प्रावधान नहीं है। अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना एवं बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों के अतिरिक्‍त ए.पी.एल. श्रेणी के लगभग 40 लाख परिवारों जिन्‍हें पूर्व में गेहूँ रूपये 9 व चावल रूपये 11 प्रति किलो की दर से लगभग 5 से 10 किलो प्रति परिवार प्राप्‍त होता था उनको प्राथमिकता परिवार के रूप में सम्मिलित किया जाकर योजना अन्‍तर्गत 5 किलो प्रति सदस्‍य रूपये 1 प्रति किलो की दर से खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराया जा रहा है। वैध पात्रता पर्चीधारी परिवार राशन सामग्री से वंचित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पशु चिकित्सकों की परिवीक्षा अवधि

[पशुपालन]

115. ( क्र. 5927 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2011 में लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित पशु चिकित्सकों की परिवीक्षा समाप्त करने हेतु विभागीय परीक्षा आयोजित की गई थी। (ख) यदि हाँ, तो उक्त परीक्षा में कितनी पशु चिकित्सक उत्तीर्ण हुए हैं। उत्तीर्ण पशु चिकित्सकों के नाम देवें। (ग) क्‍या विभागीय परीक्षा में उत्तीर्ण पशु चिकित्सकों की परिवीक्षा अवधि समाप्त कर दी गई है। यदि हाँ, तो कितनों की? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) पात्र पशु चिकित्सकों की परिवीक्षा अवधि कब तक समाप्त की जावेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता। (ग) प्रश्न ही उपस्थि‍त नहीं होता। (घ) निरन्तर प्रक्रिया है, समय-सीमा बताना संभव नहीं।

क्षेत्र में पेयजल की पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

116. ( क्र. 5936 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में भू-जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है?              (ख) विधानसभा क्षेत्र में सुवासरा खनित ट्यूबवैल, हैण्डपम्पों एवं नल-जल योजना की संख्या तथा चालू या बन्द हैण्डपम्पों एवं नल-जल योजनाओं का ब्यौरा क्या है। ग्रामवार जानकारी देवें           (ग) फरवरी 2017 से ही जिन ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है वहां पेयजल समस्या के निवारण हेतु नवीन हैण्डपम्‍प पाईप, विद्युत मोटर, दूर से पानी लाने हेतु पी.व्ही.सी. पाईप लाईन लगाने की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है या नहीं? यदि हाँ, तो कब से प्रारंभ की गई है? (घ) भू-जल स्तर में गिरावट होने पर पेयजल व्यवस्था हेतु शासन द्वारा क्या-क्या योजनायें संचालित की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में पेयजल संकट नहीं है, यद्यपि विभाग द्वारा आगामी ग्रीष्मकाल हेतु पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपम्प स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपम्पों में राईजर पाईप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने के कार्य सम्मिलित हैं। (घ) भू-जल स्तर के स्थायित्व के लिये भू-जल संवर्धन संरचनाओं के अंतर्गत रिचार्ज पिट, रिचार्ज शॉफ्ट एवं डाइक आदि का निर्माण किया जाता है।

श्रमिक कार्ड पंजीयन

[श्रम]

117. ( क्र. 5937 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) विभाग द्वारा किन-किन कार्यों में कार्य करने वाले व्यक्तियों को श्रमिक माना जाता है? परिभाषित कर जानकारी देवें। (ख) शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु श्रमिकों का पंजीयन होना अनिवार्य है या नहीं। यदि हाँ, तो पंजीयन प्रक्रिया एवं पंजीयन किन-किन स्थानों पर हो सकता है? (ग) पंजीकृत पंजीयन की वैधता कितनी अवधि की होती है? (घ) श्रमिकों को शासन द्वारा मिलने वाली सुविधा एवं लाभ की जानकारी तथा प्रक्रिया बतावें

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत म.प्र. राजपत्र में प्रकाशित निर्माण श्रमिकों के कार्यों को परिभाषित करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत संचालित विभिन्न 22 जनकल्याणकारी योजनाओं में लाभ प्राप्त करने हेतु निर्माण श्रमिक को पंजीकृत होना अनिवार्य है। निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु भवन एवं संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा-12 के अंतर्गत पंजीयन के लिए निर्माण श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए तथा पिछले 12 माहो में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य करना अनिवार्य है। प्रथम बार 5 वर्ष के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑन-लाईन आवेदन करने पर 5 रूपये नगद भुगतान कर पंजीयन किया जा सकेगा एवं निरंतरण हेतु 10 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम/मुख्य नगरपालिका अधिकारी/नगर परिषद् के समक्ष निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करने पर पोर्टल के माध्यम से पंजीयन किया जाता है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीयन की वैधता 5 वर्ष की अवधि के लिए होती है। (घ) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु विभिन्न 22 जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है। इसकी प्रक्रिया संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

चरनोई भूमि को आबादी क्षेत्र घोषित करना

[राजस्व]

118. ( क्र. 5940 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र में चरनोई भूमि को आबादी क्षेत्र में परिवर्तित करने हेतु विगत 5 वर्षों में विभाग को कितने ग्राम पंचायत के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं? (ख) इनमें से प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रस्‍ताव पर भूमि परिवर्तित के आदेश जारी किये गये हैं? कितने लंबित हैं?       (ग) लंबित प्रस्‍ताव पर क्‍या कार्यवाही प्रचलित है तथा कब तक भूमि परिवर्तित के आदेश जारी किये जाएंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुल 9 प्रस्‍ताव। (ख) 01 प्रस्‍ताव पर जिला स्‍तर से आदेश जारी तथा 01 प्रस्‍ताव लंबित हैं। (ग) लंबित 07 प्रस्‍तावों पर प्रारंभिक कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।

दुर्घटनाग्रस्‍त वाहनों की नीलामी

[गृह]

119. ( क्र. 5941 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के विभिन्‍न थाना क्षेत्र परिसरों में विगत 3 वर्षों में चोरी दुर्घटनाग्रस्‍त व अन्‍य कारणों से जप्‍त वाहनों की संख्‍या बतावें? (ख) क्‍या जिले के विभिन्‍न थाना क्षेत्र अंतर्गत जप्‍त वाहनों कि निश्चित अवधि में प्रकरणों के निराकरण होने पर नीलामी कि जाती है? (ग) यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में कब-कब नियमानुसार इन वाहनों कि नीलामी कि गई है व शेष वाहनों की संस्‍था व वाहन का प्रकार बताकर कब तक नीलामी हेतु पुलिस प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है एवं कब तक पूर्ण कर नीलामी की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) देवास जिले में विभिन्न थाना क्षेत्र परिसरों में विगत 03 वर्ष में चोरी, दुर्घटनाग्रस्त व अन्य कारणों से जब्त वाहनों की कुल संख्या 220 है। (ख) जी नहीं। विभिन्न प्रकरणों में जब्त वाहनों का दण्ड प्रक्रिया संहिता में विहित प्रावधानों एवं माननीय न्यायालय के आदेशों के अंतर्गत निराकरण किया जाता है। (ग) जिला देवास में विगत 03 वर्षों में प्रक्रिया अनुसार नीलाम किये गये जब्त वाहनों की वर्षवार संख्या एवं शेष वाहनों के संबंध में की जाने वाली कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। उत्तरांश (ख) अनुसार शेष वाहनों की नीलामी के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

डेम में किये जा रहे निर्माण कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

120. ( क्र. 5963 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जो मंधान डेम का निर्माण कार्य किया जा रहा है। उक्‍त डेम का निर्माण कार्य कितना पूर्ण हो चुका है और कितना निर्माण कार्य शेष है? डेम की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) मंधान डेम में पूर्ण किये गये कार्यों के लिए शासन द्वारा क्रियान्‍वयन एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान अभी तक किया जा चुका है और कितनी राशि का भुगतान किया जाना बा‍की है? क्‍या मंधान डेम का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कर दिया जायेगा और कब तक उपरोक्‍त डेम से पानी सप्‍लाई का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) क्‍या मंधान डेम में (रिवाईस) अतिरिक्‍त कार्य हेतु जैसे - भवन निर्माण, प्रयोगशाला निर्माण, पाईप-लाईन विस्‍तारीकरण, रिसोर्ट, ओव्‍हर हैड टैंक आदि निर्माण कार्यों के लिए विभाग द्वारा प्रस्‍ताव बनाकर स्‍वीकृति हेतु शासन को भेजे हैं? अगर हाँ, तो शासन द्वारा उक्‍त प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (घ) मंधान डेम में निर्माण कार्यों के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री जी को पत्र के माध्‍यम से अवगत कराने पर माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा आश्‍वस्‍त किया गया था कि उक्‍त डेम की जाँच हेतु जाँच टीम पहुँचाई जायेगी और चल रहे निर्माण कार्यों की जाँच कर अवगत कराया जायेगा तो अभी तक क्‍या-क्‍या जाँच की गई है? विवरण देवें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। 45 प्रतिशत पूर्ण, 55 प्रतिशत शेष/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार(ख) कुल रूपये 14,50,00,000.00 मात्र का भुगतान किया गया, अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता तक रूपये 17,94,00,000.00 का भुगतान और किया जावेगा। निर्धारित पूर्णता दिनांक 31.12.2017 तक कार्य पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है। बांध पूर्ण होने के पश्चात्, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी हाँ, रिसोर्ट के अतिरिक्त अन्य कार्यों के। प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (घ) डेम का निर्माण कार्य नियमानुसार पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है। समय-समय पर निर्माण सामग्री तथा कार्य की जाँच विभाग एवं अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई है। प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार

मजरों-टोलों को राजस्‍व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

121. ( क्र. 6025 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) खरगोन जिले की तहसीलों के अतंर्गत किस-किस पंचायत के अधीन कितने मजरे-टोले हैं? ऐसे मजरे टोलों के नाम, ग्राम में उपलब्‍ध भूमि जनसंख्‍या सहित तत्‍संबंधी ब्‍यौरा क्‍या है? (ख) मजरों-टोलों को राजस्‍व ग्राम घोषित करना माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा में सम्मिलित है या नहीं? यदि हाँ, तो आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त म.प्र. के पत्र क्रमांक 26/भू.प्र 11/म.ओ.13 ग्‍वालियर दिनांक 03.01.2015 के द्वारा समस्‍त कलेक्‍टर को प्रेषित पत्र में दिए गए निर्देश क्‍या हैं? छायाप्रति दें तथा पत्र के परिपालन में किस-किस मजरों-टोलों को राजस्‍व ग्राम घोषित किया जा चुका है? कितने शेष हैं और क्‍यों? शेष रहे मजरों-टोलों को कब तक राजस्‍व ग्राम घोषित किया जायेगा?      (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांकित दिनांक तक की स्थिति में तत्‍संबंधी ब्‍यौरा विधानसभा क्षेत्रवार दें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खरगोन जिला अन्तर्गत मजरे टोलों की तहसीलवार जानकारी पृथक से जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार(ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. का पत्र दिनांक 03.01.2015 का न होकर पत्र क्रमांक 26/11 भू.प्र./म.टो.13/ग्वालियर दिनांक 03.01.2014 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। जिले में कुल चिन्हांकित 10 मूल ग्रामों के 14 मजरों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने से कोई ग्राम शेष नहीं होने से शेष जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार

पुलिस व्‍यवस्‍था हेतु थानों में पर्याप्‍त अमले की पूर्ति

[गृह]

122. ( क्र. 6026 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत थानों व पुलिस चौकियों पर जनसंख्‍या व क्षेत्र के मान से क्‍या पुलिस बल पर्याप्‍त मात्रा में पदस्‍थ है? हाँ, तो बतायें। नहीं तो तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ऐसी कितनी पुलियां/चौकियां हैं, जिन्‍हें थानों में परिवर्तन किया जाना अति-आवश्‍यक है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार थाना बनाने के संबंध में कितने प्रस्‍ताव पुलिस मुख्‍यालय को भेजे गये?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पुलिस थाने/चौकियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में थाना चौकियों पर बल की कमी है जिसकी पूर्ति स्थानांतरण, पदोन्नति व प्रशिक्षण से वापसी के पश्चात् की जावेगी। यह सतत् प्रक्रिया है। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्र की खलटाका पुलिस चौकी का थाने में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया।             (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 परिशिष्ट - ''छब्बीस''

नर्मदा नदी के तटों एवं जल पर हो रहा प्रदूषण

[पर्यावरण]

123. ( क्र. 6058 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा नदी के तटों एवं जल पर हो रहे प्रदूषण के संबंध में मध्‍यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड द्वारा     कब-कब क्‍या जाँच की तथा जाँच के निष्‍कर्ष क्‍या थे? नर्मदा नदी पर बढ़ रहे प्रदूषण की रोकथाम हेतु शासन स्‍तर पर क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) क्‍या नर्मदा नदी के तटों पर बसी आबादी बस्तियों तथा तट के घाटों पर पॉलीथीन के उपयोग पर कोई पाबंदी नहीं है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन स्‍तर से क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) क्‍या जबलपुर और भेड़ाघाट के मध्‍य दो दर्जन से अधिक नाले नर्मदा नदी पर मिलते हैं तथा तट पर बसे लोगों के घरों से निकलने वाला सीवेज का पानी भी सीधे नदी में मिल रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन स्‍तर पर इसकी जाँच कर इसे रोकने का प्रयास किया जायेगा? (घ) क्‍या शासन द्वारा नर्मदा नदी के किनारे बसे शहरों मेरिज गार्डनों, वाहन सर्विस स्‍टेशनों शासकीय/अशासकीय अस्‍पतालों, डेयरी में ट्रीटमेंट प्‍लांट लगाने की अनिवार्यता है? यदि नहीं, तो ऐसे प्रदूषण को रोकने हेतु क्‍या कार्ययोजना है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नर्मदा नदी की जल गुणवत्ता जाँच तथा परिणाम संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार ''सर्वोच्च श्रेणी'' की है। नगर निगम जबलपुर द्वारा नर्मदा नदी के ग्वारीघाट में नर्मदा नदी के किनारे वाले नाले के जल के उपचार हेतु पूर्व से ही 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट एवं री-साईक्लिंग प्लांट स्थापित है। वर्तमान में 04 लाख लीटर प्रतिदिन के नये प्लांट स्थापित कर कुल क्षमता 5.50 लाख लीटर प्रतिदिन की गई है। नगर निगम जबलपुर द्वारा जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत मल-जल निकासी परियोजना फेस-1 एवं फेस-2 क्रमशः राशि रूपये 78.01 करोड़ एवं राशि रूपये 70.81 करोड़ कुल लागत राशि रूपये 148.82 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। वर्तमान में फेस-1 का शेष कार्य मेसर्स आनंद एडं एसोसियेट्स नई दिल्ली के द्वारा तथा फेस-2 का कार्य मेसर्स सिम्पलेक्स मेनहार्ट जे.बी. द्वारा किया जा रहा है। भेड़ाघाट बस्ती से निकलने वाले सीवेज को नर्मदा नदी में मिलने से रोकने हेतु नाले पर डायवर्सन प्लांट लगाया गया है, जिससे मोटर द्वारा सीवेज का पानी अन्यंत्र भेजा जा रहा है। मंडला में तीन नालों को एक साथ मिलाकर गंदे पानी का ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है। (ख) प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के प्रावधान अनुसार 50 माईक्रोन से कम मोटाई की पॉलीथीन कैरी बैग के क्रय-विक्रय एवं उपयोग प्रतिबंधित है। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नगरीय निकायों के सहयोग से नर्मदा नदी के घाटों पर पॉलीथीन कैरी बैग के उपयोग से पर्यावरण को क्षति संबंधी सूचना बोर्ड, वॉलराईटिंग व धार्मिक मेलों, अन्य पर्वो के दौरान पेम्पलेट, पोस्टर, बैनर तथा प्रदर्शनी, पर्यावरण रैली, सेमीनार वर्कशॉप आयोजित किये जाते हैं। दैनिक समाचार पत्रों एवं दूरदर्शन के माध्यम से भी अपील कर जन-जागरूकता के कार्य किये गये हैं। (ग) जी हाँ, तथापि नगर निगम जबलपुर द्वारा नर्मदा नदी के ग्वारीघाट में नर्मदा नदी के किनारे वाले नाले के जल के उपचार हेतु पूर्व में 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट एवं री-साईक्लिंग प्लांट स्थापित है। वर्तमान में 04 लाख लीटर प्रतिदिन के नये प्लांट स्थापित कर कुल क्षमता 5.50 लाख लीटर प्रतिदिन की गई है। नगर निगम जबलपुर द्वारा जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत मल-जल निकासी परियोजना फेस-1 एवं फेस-2 क्रमशः राशि रूपये 78.01 करोड़ एवं राशि रूपये 70.81 करोड़ कुल लागत राशि रूपये 148.82 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। वर्तमान में फेस-1 का शेष कार्य मेसर्स आनंद एडं एसोसियेट्स नई दिल्ली के द्वारा तथा फेस-2 का कार्य मेसर्स सिम्पलेक्स मेनहार्ट जे.बी. द्वारा किया जा रहा है। भेड़ाघाट बस्ती से निकलने वाले सीवेज को नर्मदा नदी में मिलने से रोकने हेतु नाले पर डायवर्सन प्लांट लगाया गया है, जिससे मोटर द्वारा सीवेज का पानी अन्यंत्र भेजा जा रहा है। (घ) जी हाँ। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

छूटे हुए ग्रामों को राजस्‍व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

124. ( क्र. 6062 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या शिवपुरी जिले के कोलारस परगना के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जो राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं हैं? इसकी जनसंख्‍या कितनी है तथा वर्तमान में किस ग्राम एवं ग्राम पंचायत के अंतर्गत उक्‍त ग्राम आते हैं? क्‍या उक्‍त ग्राम शासकीय योजनाओं से वंचित हैं? (ख) क्‍या बदरवास त‍हसील के मेघोनाबडा पंचायत का ग्राम दादूखेड़ी राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं है? यदि हाँ, तो उक्‍त ग्राम की जनसंख्‍या कितनी है? और व‍ह राजस्‍व ग्राम घोषित क्‍यों नहीं है? इसे राजस्‍व ग्राम कब तक घोषित किया जावेगा? मेघोनाबडा से ग्राम दादूखेड़ी की दूरी कितनी है? (ग) क्‍या ग्राम दादूखेड़ी में शासकीय प्राथमिक विद्यालय हैं एवं आंगनवाड़ी है, तो फिर उस ग्राम को शासकीय अभिलेखों में राजस्‍व ग्राम क्‍यों घोषित नहीं किया गया? (घ) कोलारस एवं बदरवास तहसील के अंतर्गत कौन-कौन से मजरा है? उक्‍त मजरा किन-किन ग्रामों के अंतर्गत आते हैं? उक्‍त मजरों की जनसंख्‍या कितनी है? इन मजरों को राजस्‍व ग्राम कब तक घोषित किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शिवपुरी जिले की तहसील कोलारस एवं बदरवास के सभी ग्राम राजस्व ग्राम घोषित हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। मजरा दादूखेड़ी की जनसंख्या 500 एवं मूल ग्राम मेघोनाबडा से दूरी 1.80 कि.मी. है। दादूखेड़ी मजरा को राजस्व ग्राम बनाने हेतु नियत मापदण्डों के अनुरूप न होने के कारण राजस्व ग्राम बनाने हेतु कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। दादूखेड़ी ग्राम मेघोनाबडा तहसील बदरवास का मजरा है, उक्त मजरा राजस्व ग्राम बनाने हेतु नियत मापदण्डों के अनुरूप न होने के कारण राजस्व ग्राम बनाने हेतु कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) कोलारस एवं बदरवास तहसील के अंतर्गत आने वाले मजरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। सूची में वर्णित मजरे नियत मापदण्डों के अनुरूप न होने के कारण उन्हें राजस्व ग्राम बनाने के संबंध में कार्यवाही नहीं की गई है।

योजनावार निर्माण श्रमिकों का पंजीयन

[श्रम]

125. ( क्र. 6063 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या शिवपुरी जिले में जनवरी-2017 की स्थित में श्रमिक पंजीकृत हैं? यदि हाँ, तो कितने श्रमिक किन योजनाओं के तहत पंजीकृत है? (ख) पंजीकृत श्रमि‍कों को शासन द्वारा कौन-कौन सी क्‍याक्‍या सुविधायें उपलब्‍ध कराई जाती है? (ग) शिवपुरी जिले में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक पंजीकृत‍ कितने श्रमिकों को किन-किन योजनाओं में कितनीकितनी धनराशि वर्षवार उपलब्‍ध कराई गई है? (घ) शिवपुरी जिले में जनवरी-2017 की स्थिति में ऐसे कितने श्रमिक हैं, जो पंजीबद्ध नहीं हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत शिवपुरी जिले में योजनावार निर्माण श्रमिकों का पंजीकृत नहीं किया जाता है, अपितु भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 12 के अंतर्गत निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाले निर्माण श्रमिकों द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष आवेदन करने पर पंजीयन किया जाता है, जिले में माह जनवरी 2017 की स्थिति में कुल 37482 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को वर्तमान में संचालित विभिन्न 22 कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सहायता राशि वितरित किए जाने का प्रावधान है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत शिवपुरी जिले में प्रश्नांकित अवधि में वर्षवार योजनावार वितरित हितलाभ की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जिले में ऐसे श्रमिक जो पंजीबद्ध नहीं हैं कि जानकारी संधारित नहीं की जाती है। यदि निर्माण श्रमिक द्वारा आवेदन किया जाता है तो अधिनियम अनुसार पदाभिहित अधिकारियों द्वारा पंजीयन संबंधी कार्यवाही की जाती है। पंजीयन हेतु श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए तथा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य करना अनिवार्य हैं। प्रथम बार 5 वर्ष के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑन-लाईन आवेदन करने पर 5 रूपये नगद भुगतान कर पंजीयन किया जा सकेगा एवं निरंतरण हेतु 10 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया हैं।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

वाहनों से टैक्‍स वसूली

[परिवहन]

126. ( क्र. 6107 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) अतारांकित प्रश्‍न क्र. 255 दिनांक 07-12-2016 के द्वारा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय रीवा से बकाया टैक्‍स वसूली की चाही गई जानकारी में रूपये 331878835/- बकाया की जानकारी दी गई है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में इतनी ज्‍यादा बड़ी राशि के वसूली न करने के लिए कौन कर्मचारी/अधिकारी जिम्‍मेदार हैं। शासन के खजाने में इतनी बड़ी राशि का कितना ब्‍याज बनता है? ब्‍याज सहित बकाया राशि की वसूली कब तक करके खजाने में जमा करा दी जावेगी? राशि जमा न करने के लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कौन-सी दण्‍डात्‍मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित बकाया राशि रूपये 33,18,78,835/- में से 28 फरवरी 2017 तक रूपये 16,89,01,776/- की बकाया वसूली की जा चुकी है। प्रश्‍नांश (क) में वर्णित किसी एक निश्चित महीने अथवा वर्ष की नहीं होकर, कार्यालय प्रारंभ होने से अक्टूबर 2016 तक की अवधि का है। बकाया कर वसूली हेतु फरवरी 2017 तक परिवहन कार्यालय रीवा से 3,140 नोटिस संबंधित वाहन स्वामियों को भेजे गये हैं। वाहन स्वामियों द्वारा कर जमा न किये जाने से बकाया बनना तथा विभाग द्वारा इनसे कर वसूल किया जाना सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। राशि जमा करने का उत्‍तरदायित्‍व वाहन स्‍वामी का होता है। इस हेतु कोई एक विशेष अधिकारी या कर्मचारी जिम्मेदार न होने से कोई दण्डात्मक कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। वर्तमान में बकाया कर पर 4 प्रतिशत प्रति माह की दर से शास्ति अधिरोपण के प्रावधान है और शास्ति के अलावा ब्‍याज देय नहीं होती है।

भूमि के उपयोग की जानकारी

[राजस्व]

127. ( क्र. 6127 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिलान्‍तर्गत फॉरेस्‍टर प्‍ले ग्राउन्‍ड स्थित हॉकी, क्रिकेट, चौपाटी स्‍थल एवं पुराना राज्‍य परिवहन कार्यालय तथा उससे लगा हुआ स्‍टोर एवं कबाड़ का स्‍थल का स्‍वामित्‍व किसका है एवं स्‍वामित्‍वधारी विभाग द्वारा उक्‍त स्‍थल किस-किस विभाग को किस उपयोग/रख-रखाव हेतु दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के उक्‍त स्‍थलों का किस-किस विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या उपयोग किया जा रहा है एवं किसकी अनु‍मति से? (ग) प्रश्नांश (क) के अन्‍तर्गत उल्लेखित हॉकी एवं क्रिकेट मैदान को पिछले अनेक सालों से खेल गतिविधियों के लिए खिलाडि़यों द्वारा लगातार इस्‍तेमाल किए जाने को ध्‍यान में रखते हुए क्‍या इन स्‍थलों को खेल गतिविधियों हेतु आरक्षित किया जाने के आदेश प्रदान किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बतायें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

128. ( क्र. 6128 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुडवारा विधान सभा के किस ग्राम में नल-जल योजना संचालित हैं एवं किस ग्राम में नहीं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अन्‍तर्गत जिन ग्रामों में नल-जल योजना संचालित हैं उनमें से किस ग्राम की योजना वर्तमान में चालू स्थिति में है और किस ग्राम की किन कारणों से चालू नहीं हैं और कब तक चालू कर दी जावेगी? अवधि बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के अन्‍तर्गत जिन ग्रामों में नल-जल योजना नहीं है, क्‍या विभाग द्वारा वहां योजना हेतु कोई प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बताये एवं इन ग्रामों में कब तक नल-जल योजना स्‍वीकृत कर प्रारंभ कर दी जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जून 2017 तक अधिक से अधिक बंद नल-जल योजनाओं को नल से जल, आज और कलकार्यक्रम के अंतर्गत विभाग चालू करवाने हेतु प्रयासरत् है। (ग) जी नहीं, भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के द्वारा नवीन योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध प्रावधानित होने के कारण, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

हत्याकांण्ड प्रकरण में कार्यवाही

[गृह]

129. ( क्र. 6129 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्या ग्राम सुमावली तहसील जौरा जिला मुरैना के धीरजसिंह जादौन की गत वर्ष नृशंस हत्या कर दी गई थी और नामजद आरोपी को पुलिस द्वारा प्रश्न दिनांक तक गिरफ्तार नहीं किया है? मृतक के घर में कोई कमाने वाला सदस्य नहीं हैं और अभी तक शासन से कोई आर्थिक सहायता आदि प्राप्त नहीं हुई है? (ख) क्या जिस आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है वह मृतक धीरजसिंह के परिवार को आये दिन धमकाता रहता है और पुलिस द्वारा न तो आरोपी को गिरफ्तार किया जा रहा है और न ही मृतक के परिवार को सुरक्षा दी जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो आरोपी को कब तक गिरफ्तार किया जावेगा और मृतक के परिवार को सुरक्षा/सहायता कब तक दी जावेगी? गिरफ्तारी से बचाने वालो के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में वर्णित घटना के संबंध में दिनांक 03.11.2016 को जिला मुरैना के थाना सुमावली में अपराध क्रमांक 121/16 धारा 302, 201, 34, भा.द.वि. का नामजद 07 आरोपियों के विरुद्ध पंजीबद्ध किया गया था। नामजद आरोपियों में से 06 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है एवं एक आरोपी मोनू शर्मा वर्तमान में फरार है। फरार आरोपी की गिरफ्तारी हेतु रुपये 5000/- का ईनाम घोषित किया गया है एवं चल-अचल सम्पत्ति की जानकारी एकत्रित की जा रही है। पीडि़त पक्ष से आवेदन प्राप्त होने पर ''मध्यप्रदेश अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना 2015 के तहत द.प्र.स. की धारा 357 (क) की उपधारा 2 तथा 3 के अधीन प्रकरण में मृतक के परिवार को नियमानुसार प्रतिकर राशि का भुगतान किये जाने पर विचार किया जावेगा। (ख) प्रश्नांश के संबंध में मृतक के पिता गजराज सिंह द्वारा राजीनामा न करने पर धमकी देने के आशय का एक आवेदन पत्र दिनांक 23.12.2016 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय मुरैना में दिया गया था जिसकी जाँच थाना प्रभारी से कराये जाने पर तथ्यों की पुष्टि नहीं पाई गई है। फरार आरोपी की गिरफ्तार हेतु प्रयास किये गये हैं। मृतक का परिवार थाना सुमावली से करीब 300-400 मीटर दूरी पर रहता है, समय-समय पर गश्त कर सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।               (ग) समय-सीमा बताना संभव नहीं है। गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास जारी है। सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

पेयजल उपलब्‍धता हेतु नवीन हैण्‍डपंप

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

130. ( क्र. 6143 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या दिनांक 07.12.2016 के प्रश्‍न क्रमांक 1292 के प्रश्‍नांश (क) से (ग) के उत्‍तर में जी नहीं? शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता? उत्‍तर में दिया गया है, तो बताएं कि क्‍या कटनी जिले को सूखा घोषित किया जाकर सूखा की मुआवजा/राहत राशि का वितरण फसल क्षति से प्रभावित कृषकों को शासन द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो कटनी में तहसीलवार सूखे में कितना मुआवजा का वितरण हुआ? तहसीलवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या कलेक्‍टर कटनी के पत्र क्रमांक 5657/राहत शाखा/2016 दिनांक 23.12.2016 के माध्‍यम से उपलब्‍ध कराई गई सूखा मुआवजा वितरण की राशि रूपये 37 करोड़ 06 लाख 37 हजार की जानकारी असत्‍य और भ्रम पूर्ण है? यदि नहीं, तो प्रश्‍न क्रमांक 1292 में दिए गए उत्‍तर का आधार क्‍या है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तीस''

माननीय सर्वोच्‍चय न्‍यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही

[गृह]

131. ( क्र. 6144 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा मुख्‍यालय म.प्र. के ज्ञापन क्रमांक 1-16/868/गो.शा./1 कोर्ट शेष/2016 भोपाल दिनांक 14.12.2016 जो अति. मुख्‍य सचिव गृह विभाग भोपाल को पत्र लिखकर याचिका (सी) 133 /2016 सिविल अपील क्रमांक 2768/2015 में पारित निर्णय के संबंध में स्‍पष्‍ट टीप भिजवाने हेतु लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्‍या स्‍पष्‍ट टीप भेजी गई? उसकी एक प्रति उपलब्‍ध करावें। साथ ही उक्‍त टीप पर क्‍या कार्यवाही की गई? बिन्‍दुवार विवरण दें (ग) प्रश्नांश (क) के उल्‍लेखित पत्र के बिन्‍दु क्रमांक स्‍वयं यह स्‍वीकार किया है कि होमगार्ड को 17055 रूपये देय बनता है जबकि उन्‍हें 12040/- का भुगतान किया जा रहा है? उक्‍त विसंगति को दूर कर होमगार्ड के एरियर्स सहित अंतर की राशि कब तक भुगतान कर दी जावेगी? साथ ही बताएं कि होमगार्ड को स्‍वयं सेवी क्‍यों कहा जाता है? कर्मचारी क्‍यों नहीं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उक्त टीप पर की गई कार्यवाही का विवरण प्रश्नांश (ग) में वर्णित है। (ग) मध्य प्रदेश शासन गृह विभाग के आदेश क्रमांक एफ-2 (अ) /02/2017/बी-4/दो, दिनांक 01.03.2017 द्वारा होमगार्ड सैनिकों के वेतनमान+भोजन राशि+धुलाई भत्ता रूपये 12040/- से बढ़ाकर रूपये 17055/- की स्वीकृति प्रदान की गई है। शासनादेश दिनांक 01.03.2017 जारी होने की दिनांक से प्रभावशील होने से एरियर्स की पात्रता नहीं बनती है। होमगार्ड के गठन का उद्देश्य स्वैच्छिक नागरिक संगठन के माध्यम से स्थानीय सुरक्षा हेतु पुलिस बल के सहायक के रूप में स्थानीय प्रशासन को सहयोग प्रदान करना हैं। इस तरह होमगार्ड एक स्वयं-सेवी बल है, जिन्हें वेतन की पात्रता नहीं है तथा सेवाओं के एवज में इन्हें मानदेय का भुगतान किया जाता है, जिसकी दर प्रदेश शासन द्वारा       समय-समय पर निर्धारित की जाती है। संगठन का स्वरूप स्वयं-सेवी होने से होमगार्ड राज्य सरकार के कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते है।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

बी.आर.जी.एफ. योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

132. ( क्र. 6171 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या श्‍योपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम गलमान्‍या, खिरखिरी, तलावदा, पाण्‍डौली में पेयजल समस्‍या के निदान हेतु बी.आर.जी.एफ. योजना से नवीन नल-जल योजना स्‍वीकृत कर ई.ई. पी.एच.ई. श्‍योपुर को स्‍वीकृत राशि की 50 प्रतिशत राशि जनपद पंचायत श्‍योपुर द्वारा प्रदाय कर दी है? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त योजनाओं के निर्माण हेतु क्‍या निविदा आंमत्रित कर ली गई है? यदि हाँ, तो निविदा स्‍वीकृ‍त करने उपरांत समस्‍त वैधानिक कार्यवाहियां पूर्ण कर कब तक उक्‍त योजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा? (ग) ई.ई. पी.एच.ई. श्‍योपुर द्वारा वर्ष 2016-17 में किन-किन नवीन नल-जल योजनाओं के प्रस्‍ताव तैयार कर शासन को स्‍वीकृति हेतु भेजे अथवा शासन ने मंगवाए? क्‍या इनमें ग्राम दलारना, इछनाखेड़ली, निमौदापीर, आमल्‍दा, पटपड़ा, ददुनी, रूंडी, राजौरा, कीरोकीसाँढ, बनवाड़ा, खौजीपुरा में नवीन नल-जल योजनाओं के प्रस्‍ताव भी शामिल है? (घ) यदि नहीं, तो क्‍या विभाग उक्‍त ग्रामों में पेयजल समस्‍या के निदान हेतु उक्‍त योजनाओं के प्रस्‍ताव शीघ्र तैयार कर शासन को स्‍वीकृति हेतु भेजेगा अथवा शासन इनके प्रस्‍ताव मंगवाकर इन्‍हें यथाशीघ्र स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति के पश्चात् निविदाऐं आमंत्रित कर स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य प्रारंभ किए जा सकेंगे, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा वर्तमान में नवीन नल-जल योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध प्रावधानित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।

अपहरण प्रकरण में कार्यवाही

[गृह]

133. ( क्र. 6188 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या श्री आकाश कुमार पाठक आत्‍मज कृष्‍ण गोपाल पाठक ग्राम भनिगवां सतपेड़िया थाना जवा जिला रीवा (म.प्र.) ने कार्यालय पुलिस अधीक्षक रीवा में क्र. 514/16 दिनांक 15-11-2016 को अपराध क्रमांक 99/16 दिनांक 25-9-2016 थाना सिरमौर जिला रीवा के द्वारा अपनी बहन नाबालिग लड़की कु. सिवानी पाठक के अपहरण के संबंध में कार्यवाही के लिये आवेदन दिया था, जिसमें अपनी बहन कु. सिवानी पाठक उम्र 15 वर्ष की अपने ही गाँव के सुजीत आदिवासी पिता श्री धर्मराज आदिवासी तथा सुजीत के चाचा कामराज आदिवासी पिता देवराज आदिवासी (शासकीय शिक्षक) द्वारा सिरमौर बस स्‍टैण्‍ड से अपनी मोटर साइकल में बैठा कर दिनांक 13-9-2016 को नाबालिग लड़की कु. सिवानी पाठक का अपहरण करने संबंधी शिकायत पुलिस अधीक्षक रीवा कार्यालय में दिनांक 15-11-2016 को की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. दिनांक से आज दिनांक तक श्री आकाश कुमार पाठक के आवेदन/एफ.आई.आर. पर क्‍या कार्यवाही हुई? नाबालिग लड़‍की कु. सिवानी पाठक को अपराधियों के चुंगल से छुड़ाये जाने के लिये पुलिस प्रशासन द्वारा कब-कब एवं क्‍या प्रयास किये गये? संपूर्ण विवरण दें। (ग) पुलिस प्रशासन द्वारा नाबालिग लड़की कु. सिवनी पाठक को खोजने के लिये पुलिस दल कब-कब और कहाँ-कहाँ गया? संपूर्ण विवरण दें क्‍या आकाश कुमार पाठक के द्वारा दिये गये आवेदन के हर पहलू की जाँच की गई यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि जाँच की गई तो जाँच के संपूर्ण विवरण दें? उपरोक्‍त प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही कब तक की जायेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। आकाश कुमार पाठक ग्राम भनिगवां सतपेड़िया थाना जवा जिला रीवा (म.प्र.) द्वारा दिनांक 15.11.2016 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय रीवा में अपनी नाबालिग बहन को ग्राम जवा के सुजीत आदिवासी एवं उसके चाचा कामराज आदिवासी द्वारा सिरमौर बस स्टैण्‍ड से मोटर साइकल में बैठाकर दिनांक 13.09.2016 को ले जाने की लिखित शिकायत की थी जो पुलिस अधीक्षक कार्यालय रीवा में शिकायत क्रमांक 514/2016 दिनांक 15.11.2016 को दर्ज है। (ख) जी हाँ। आकाश कुमार पाठक के आवेदन/प्रथम सूचना दिनांक से प्रकरण अपराध क्रमांक 99/2016 धारा-363 भा.द.वि. दिनांक 25.09.2016 को पंजीबद्ध कर विवेचना की जाकर अपहृता एवं अपहरणकर्ताओं की तलाश पतारसी की कार्यवाही की गई है। नाबालिग अपहृता को आरोपियों के चुंगल से छुड़ाने के लिये प्रकरण के विवेचक एवं थाना स्टॉफ द्वारा विभिन्न दिनांकों में अपहृता एवं अपहरणकर्ताओं के मिलने के संभावित स्थानों में दिनांक 25.09.2016, 26.09.2016, 08.10.2016, 10.10.2016, 19.10.2016, 25.10.2016, 20.12.2016, 27.12.2016, 13.01.2017, 31.01.2017, 09.11.2016 में सिरमौर एवं आस-पास के स्थानों पर, दिनांक 28.10.2016 एवं 03.12.2016 को सतना में, दिनांक 23.11.2016 को ग्राम पडरी, मरैला, चचाई, गोदहा में, दिनांक 03.12.2016 को मैहर में, दिनांक 05.12.2016 को चुरहट एवं सीधी में, दिनांक 08.02.2017 को जबलपुर में, दिनांक 09.02.2017 को सिंगरौली एवं सीधी में तथा दिनांक 25.07.2017 को चोरहटा एवं रीवा में तलाश पतारसी की गई। (ग) पुलिस प्रशासन द्वारा अपहृता के खोजने के हर संभव प्रयास दिनांकवार एवं स्थानों का ब्यौरा प्रश्नांश (ख) उत्तर के अनुसार है। आकाश पाठक द्वारा दिये गये आवेदन के हर पहलू की जाँच कर ली गई है, कोई लापरवाही नहीं पाई गई।

थानों एवं स्‍वीकृत बल की स्थिति

[गृह]

134. ( क्र. 6194 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) नरसिंहपुर जिले में कुल कितने थाने है तथा इन थानों में कितना बल स्वीकृत हैं? कितने कार्यरत हैं? कितने पद रिक्त हैं? पदवार, थानावार, पृथक-पृथक बताएं? (ख) नरसिंहपुर जिले में डायल 100 योजना में किस-किस थानों में कितना बल तैनात किया गया है? (ग) पुलिस बल की कमी को दूर किए बिना डायल 100 में भी पुलिस बल क्यों तैनात किया गया है? इससे अपराध नियंत्रण में और भी कठिनाई नहीं होगी डायल 100 से जिले में अभी तक इस योजना से क्या लाभ हुआ है? (घ) नरसिंहपुर जिले में डायल 100 द्वारा कितने अपराध विगत 1 वर्ष में पकड़े गये है? थानावार विवरण देवें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ग) यह योजना अपराध नियंत्रण एवं आम नागरिकों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये अपराध नियंत्रण हेतु पुलिस बल तैनात करना आवश्यक था। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार

शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

135. ( क्र. 6195 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकाने हैं एवं इनके कार्य क्षेत्रांतर्गत कितने ग्राम प्रत्येक सोसायटी के अंतर्गत आते हैं? (ख) शासन के नियमों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी आबादी पर दुकान संचालित किए जाने के शासन के निर्देश हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या वर्तमान में नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों की संख्या पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्यों? दुकानों की संख्या को बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो स्पष्‍ट करें और नहीं तो कारण बताएं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 73 उचित मूल्‍य दुकानें संचालित हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।         (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्‍येक पंचायत में 1 दुकान खोलने का प्रावधान मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में किया किया गया है। जिन पंचायतों में पात्र परिवारों की संख्‍या 800 से अधिक है, उन पंचायतों में अतिरिक्‍त उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है परन्‍तु अतिरिक्‍त दुकान खालने पर पात्र परिवारों का विभाजन इस प्रकार होगा कि अतिरिक्‍त दुकानों में पात्र परिवारों की संख्‍या यथासंभव 400 से कम न हो। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र में 32 पंचायतों में उचित मूल्‍य दुकान आवंटन की कार्यवाही किया जाना है परन्‍तु माननीय उच्‍च न्‍यायालय में मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की विभिन्‍न कंडिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा याचिकाकर्ताओं (उचित मूल्‍य दुकानों) के विरूद्ध उत्‍पीड़क कार्यवाही न करने संबंधी अंतरिम आदेश देने के कारण प्रत्‍येक पंचायत में उक्‍त प्रावधानानुसार उचित मूल्‍य दुकान आवंटन की कार्यवाही नहीं हो सकी है।

पी.ओ.एस. मशीनों की उपलब्‍धता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

136. ( क्र. 6210 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या सरकार द्वारा प्रदेश में संचालित उचित मूल्‍य की दुकानों को पी.ओ.एस. मशीनें उपलब्‍ध कराई जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्‍या इन मशीनों को क्रय किया जा रहा है अथवा किराये पर ली जा रही हैं? (ख) उक्‍त मशीनों को किन-किन कंपनियों से क्रय किया जा रहा है या किराये पर लिया जा रहा है? यदि क्रय की जा रही है तो किस दर पर? यदि किराये पर ली जा रही है, तो उसकी मासिक या वार्षिक दर क्‍या है? (ग) प्रदेश में कितनी सरकारी उचित मूल्‍य की दुकानों पर पी.ओ.एस मशीनें लगाने का कार्य पूर्ण हो गया है तथा कितनी दुकानें अभी शेष हैं? इस कार्य पर अभी तक कितनी राशि व्‍यय की जा चुकी है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। प्रदेश की सभी 22403 उचित मूल्‍य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाकर राशन सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। मध्‍यप्रदेश राज्‍य इलेक्‍ट्रॉनिक डवलपमेंट कार्पोरेशन के अनुबंधित सेवा प्रदाता द्वारा पी.ओ.एस. मशीन किराए पर लगाई गई है। (ख) पी.ओ.एस. मशीन मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल टेक्‍नॉलाजीस प्रायवेट लिमिटेड एवं मेसर्स लिंकवेल टेली सिस्‍टम्‍स प्रायवेट लिमिटेड द्वारा मासिक किराये के आधार पर लगाई गई है। मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल टेक्‍नॉलाजीस प्रायवेट लिमिटेड की मशीनों का रूपये 1191.30 एवं मेसर्स लिंकवेल टेली सिस्‍टम्‍स प्रायवेट लिमिटेड की मशीनों का रूपये 1245.00 प्रतिमाह प्रति मशीन किराया निर्धारित है। (ग) प्रदेश की सभी 22403 उचित मूल्‍य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई जा चुकी हैं। पी.ओ.एस. मशीन के किराये पर सितम्‍बर 2016 तक की राशि रू. 16,94,06,604 का भुगतान किया गया है।

सौर ऊर्जा प्‍लांट द्वारा संचालित नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

137. ( क्र. 6222 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्‍डला जिले में वर्ष 2012 से 2015 के मध्‍य सौर ऊर्जा प्‍लांट से कितनी     नल-जल योजना लगायी गई थीं? कार्यवार लागत राशि सहित जानकारी दें (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सौर ऊर्जा प्‍लांट द्वारा संचालित नल-जल योजना आज दिनांक की स्थिति में कितने जगह चालू हैं व कितने जगह बंद हैं? पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) क्‍या सौर ऊर्जा प्‍लांट द्वारा संचालित नल-जल योजना अनेकों जगह लगाने के साथ ही बंद पड़े हैं? क्‍या इनकी जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 250 योजनाएं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। सोलर प्लेट चोरी हो जाने, पंप एवं स्टार्टर खराब तथा स्रोत सूखने से बंद हैं, जिसमें जाँच की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

धान भण्‍डारण एवं मिलिंग की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

138. ( क्र. 6232 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) बालाघाट जिले में नागरिक आपूर्ति तथा विपणन संघ द्वारा निजी फर्मों से वर्ष 2017 भण्‍डारण हेतु कुल कितने गोदाम किराये पर लिये गये तथा इन्‍हें किराये पर लेने की क्‍या प्रक्रिया अपनाई गई? (ख) बालाघाट जिले में वर्ष 2017 में कितने स्‍थानों में कितना-कितना धान खुले में भण्‍डारण किया गया है तथा यह भण्‍डारण क्‍यों किया गया है? (ग) क्‍या खुले में किये गये भण्‍डारण की धान को मिलिंग हेतु न भिजवाकर गोदामों में रखे धान को मिलिंग हेतु भेजा जा रहा है, यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों? (घ) बालाघाट जिले में वर्ष 2013 से अब तक खुले धान रखा होने से शासन को कब-कब, कितना-कितना नुकसान हुआ?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान के भंडारण हेतु कुल 52 निजी गोदाम मध्‍यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा किराए पर लिए गए। विपणन संघ द्वारा उपार्जित धान भण्‍डारण हेतु निजी गोदाम किराये से नहीं लिये गये है। खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान के भण्‍डारण हेतु निजी एवं संस्‍था के गोदामों से ऑन-लाईन प्राप्‍त गोदामों के प्रस्‍तावों के निरीक्षण उपरांत उपयुक्‍त पाए गए गोदामों की जिला कलेक्‍टर कार्यालय स्‍तर पर (0 से 20 कि.मी. एवं 20 कि.मी. से अधिक दूरी के गोदामों की) लॉटरी निकाली जाकर गोदामों के प्राथमिकता क्रम निर्धारित किए गए हैं। (ख) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित 2049776.20 क्विंटल धान कैप में भण्‍डारित किया गया है। कैपवार धान भण्‍डारण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में 3586233.32 क्विंटल धान का उपार्जन किया गया है। उपार्जित धान की तुलना में वैज्ञानिक भण्‍डारण हेतु उपयुक्‍त गोदाम उपलब्‍ध न होने के कारण कैप में धान का भण्‍डारण कराया गया है। (ग) बालाघाट जिले में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान के भण्‍डारण के पश्‍चात् कस्‍टम मिलर्स से प्राप्‍त होने वाले चावल के वैज्ञानिक भण्‍डारण हेतु उपयुक्‍त रिक्‍त गोदाम उपलब्‍ध न होने के कारण मिलर्स से किये गये अनुबंध मात्रा का 50 प्रतिशत कैप एवं 50 प्रतिशत गोदामों से धान का परिदान किया जा रहा है ताकि गोदाम में चावल भण्‍डारण हेतु रिक्‍त क्षमता उपलब्‍ध हो सके। चावल जमा करने हेतु गोदाम में आवश्‍यकतानुसार रिक्‍त स्‍थान उपलब्‍ध होने के पश्‍चात् धान का परिदान प्राथमिकता के आधार पर कैप से किया जाएगा। (घ) बालाघाट जिले में वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक कैप में भण्‍डारित धान के परिदान के पश्‍चात् आई कमी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

जनहित योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

139. ( क्र. 6233 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग बालाघाट जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी नल-जल योजनायें प्रस्‍तावित एवं लंबित हैं? हैण्‍डपम्‍प संधारण हेतु ठेका पद्धति से कार्य कराये जाने हेतु बालाघाट जिलें में क्‍या प्रस्‍तावित योजनाऐं हैं? (ख) क्‍या इंजीनियर स्‍तर पर निविदाओं को आमंत्रित करने का शासन द्वारा निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? जबकि मुख्‍यमंत्री द्वारा घोषणा की गई है कि छोटी निविदाओं का निर्धारण जिला स्‍तर पर होगा।        (ग) बालाघाट जिले में लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग में वर्ष 2015 से अब तक आवंटन के अभाव में किस-किस निविदाकार का भुगतान रोका गया है तथा कब तक यह भुगतान कर दिया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। निविदा आमंत्रण एवं स्वीकृति की प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु मंथन 2014 की अनुशंसा के परिपालन में केन्द्रीयकृत निविदा आमंत्रण एवं निराकरण की व्यवस्था लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 02 स्तर पर क्रमशः प्रमुख अभियंता एवं मुख्य अभियंता स्तर पर आमंत्रित करने हेतु लागू की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आवंटन की उपलब्धतानुसार, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।

प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत गैस चूल्‍हा वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

140. ( क्र. 6239 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के क्‍या नियम एवं प्रावधान हैं? योजना में कौन-कौन पात्रता रखता है? योजना से संबंधित नियमावली एवं प्रावधान की एक प्रति उपलब्‍ध कराई जावे? (ख) छतरपुर जिले में तहसील गौरिहार, लवकुशनगर, नौगाँव में कौन-कौन सी एवं कहाँ-कहाँ गैस कं‍पनियां संचालित की जा रही हैं एवं इसके प्रोपराईटर का नाम, पता एवं मोबाईल नं. सहित विस्‍तृत जानकारी दी जावे? (ग) छतरपुर जिले में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के तहत गैस एजेंसियों को कितने-कितने आवेदन प्राप्‍त हुये कितने-कितने स्‍वीकृत किये गये? कितने वितरण किये गये? कितने वितरण किये जाना शेष है एवं कितने आवेदन किन कारणों से अस्‍वीकृत किये गये? (घ) जिले के अंतर्गत उल्‍लेखित तहसीलों में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के तहत गैस चूल्‍हा वितरण का स्‍वीकृत लक्ष्‍य, वितरण, लंबित एवं अस्‍वीकृत किये गये? आवेदनों की तथा उसकी पूर्ति की जानकारी उपलब्‍ध कराई जावें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, उन्‍हें प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्‍शन प्रदाय करने का प्रावधान है। योजनांतर्गत लाभांवित होने वाले परिवारों की श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर एवं नियमावली एवं प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।          (ग) छतरपुर जिले में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्‍शन हेतु प्राप्‍त आवेदन 64,698, स्‍वीकृत आवेदन 60,969, कनेक्‍शन वितरण 56,496 वितरण से शेष 4,473 एवं 3,729 आवेदन अस्‍वीकृत किये गये हैं। सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 की सूची में हितग्राहियों का नाम न होने, हितग्राही के पास पूर्व से गैस कनेक्‍शन होने, एक से अधिक बार आवेदन करने, आदि कारणों से आवेदन निरस्‍त हुए हैं। (घ) छतरपुर जिले की तहसील गौरिहार, लवकुशनगर, नौगाँव में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के तहत गैस चूल्‍हा वितरण का कोई लक्ष्‍य निर्धारित नहीं किया गया है। तहसीलवार प्राप्‍त आवेदन, स्‍वीकृत आवेदन, वितरण गैस कनेक्‍शन, लंबित आवेदन एवं अस्‍वीकृत आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। पात्र हितग्राहियों को योजना प्रारंभ से तीन वर्ष की अवधि में गैस कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराया जाना प्रावधानित है।

डिग्रियों/उपाधियों का वितरण

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

141. ( क्र. 6248 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय भोपाल के कुल सचिव पद पर अवैध रूप से तकनीकी शिक्षा के विशेषज्ञ की अपेक्षा गणित विषय के प्रोफेसर को पदस्‍थ किया गया है? क्‍या कुल सचिव को उनके मूल विभाग में दिनांक 17 जनवरी 2017 को स्‍थानांतरित करने के आदेश जारी हुए हैं? यदि हाँ, तो उन्‍हें किन-किन उपलब्धियों व कारणों से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कार्यमुक्‍त क्‍यों नहीं किया गया? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्‍या तथा कब कार्यवाही की जावेगी तथा कुल सचिव को कब तक कार्यमुक्‍त किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या छात्रों की उपाधि/डि‍ग्री के वितरण कार्य कंटेनर, लिफाफे की उपलब्‍धता हेतु प्रिटिंग कार्य भ्रष्‍टाचार कारित करने के उद्देश्‍य से कुल सचिव द्वारा समितियां बनाई गई हैं? यदि नहीं, तो प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कुल कितने छात्रों की कितनी डिग्रियां/उपाधियां विश्‍वविद्यालय प्रशासन के पास कब-कब से तैयार रखी है, जो वितरित नहीं हो सकी हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में हजारों छात्रों को समय पर डिग्रियां/उपाधियां उपलब्‍ध नहीं कराने तथा भ्रष्‍टाचार के चलते छात्रों के भविष्‍य से खिलवाड़ करने के लिए कुल सचिव सहित और कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। कार्यमुक्‍त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ख) जी नहीं। समितियों का गठन माननीय कुलपति महोदय के अनुमोदन से किया गया हैं। उपाधियों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जाँच करवाकर जाँच के निष्‍कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।

वक्फिया संपत्ति पर निजी मकान बनाया जाना

[राजस्व]

142. ( क्र. 6249 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) सीहोर जिलान्‍तर्गत तहसील हुजूर/भोपाल में कितने व कौन-कौन से तथा कहाँ-कहाँ,                कितनी-‍कितनी भूमि पर स्थित कब्रिस्तान संचालित हैं? किस कब्रिस्तान की कितनी-कितनी भूमि पर कुल कितने-कितने लोगों ने किसकी अनुमति से मकान निर्मित कर लिए हैं? यदि हाँ, तो अतिक्रमण की कार्यवाही कब-कब की गई और यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित कब्रिस्तान का नाम सहित वार्डवार बतावें (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि खसरा नंबर 1237 भूमि पर अन्‍य भू-स्‍वामियों के नाम नामान्‍तरित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कब-कब, किन-किनके नाम नामांतरित हुए? सूची सहित बतावें (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या यह भी सही है कि खसरा नंबर 1237 छावनी विलायतीयान मंगलवारा वक्फिया संपत्ति दर्ज होकर वक्‍फ/कब्रिस्तान एवं मस्जिद के उपयोग में है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त खसरा नंबर की भूमि पर अवैध रूप से उक्‍त वक्‍फ संपत्ति पर मकानात निर्मित हैं? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों के कितनी-कितनी भूमि पर किस-किस की अनुमति से मकानात निर्मित हुए हैं? सूची उपलब्‍ध करावें

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कर्मकार शुल्‍क एवं श्रमिक कल्‍याण की जानकारी

[श्रम]

143. ( क्र. 6254 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में वसूले गये कर्मकार शुल्‍क की जानकारी तथा श्रमिकों के कल्‍याण में खर्च की गयी राशि की जानकारी वर्षवार दें शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य तथा विवाह में श्रमिकों पर खर्च की गयी राशि की जानकारी वर्षवार अलग-अलग दें (ख) प्रदेश में श्रमिक कार्डों की संख्‍यात्‍मक जानकारी विगत पाँच वर्षों की वर्षवार जिले अनुसार दें (ग) लांजी विधानसभा क्षेत्र में श्रमिक कार्डों की संख्‍यात्‍मक जानकारी विगत पाँच वर्षों की उपलब्‍ध कराएं तथा क्षेत्र में श्रमिक कल्याण में खर्च की गयी राशि की विगत पाँच वर्षों की जानकारी दें

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में विगत 5 वर्षों में प्राप्त उपकर की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों को मंडल द्वारा संचालित विभिन्न 22 जनकल्याणकारी योजनाओं में प्रदाय किये गये हितलाभ की विगत 5 वर्षों की जानकारी निम्नानुसार हैः-

क्रं                   वर्ष             वितरित हितलाभ की राशि
1                      2012-13                       1156411736
2
                     2013-14                       1050484048
3
                     2014-15                        585941785
4
                     2015-16                       1012368919
5
                     2016-17                        989489096

(ख) प्रदेश में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की विगत पाँच वर्षों की वर्षवार एवं जिलेवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत लांजी विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत निर्माण श्रमिक कार्डों की विगत पाँच वर्षों की संख्यात्मक तथा वितरित हितलाभ राशि की जानकारी निम्नानुसार हैः-

क्रमांक      वर्ष           पंजीकृत निर्माण श्रमिक कार्डों की संख्या             वितरित हितलाभ राशि
   1                   2012-13                                       242                                                    14,70,000
   2
                  2013-14                                       148                                                    58,17,000
   3
                  2014-15                                       278                                                    20,32,950
   4
                  2015-16                                         12                                                    22,54,400
   5
                  2016-17                                         91                                                    675,000

खाद्य सुरक्षा कानून का लाभ

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

144. ( क्र. 6255 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खाद्य सुरक्षा कानून में ग्राम की 75% आबादी को लाभ देने का लक्ष्‍य पार हो जाने के कारण अगस्‍त 2016 से पात्रता पर्ची नहीं निकल रही है, जिसके कारण पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न लेने में असुविधा हो रही है? (ख) ए.पी.एल. परिवारों में विभिन्‍न श्रेणियों जिन्‍हें खाद्य सुरक्षा कानून का लाभ मिलता है, उसे तय करना केन्‍द्र, शासन के अधिकार क्षेत्र में है या राज्‍य शासन के? (ग) क्‍या खाद्य सुरक्षा कानून के तहत ए.पी.एल. में श्रेणियों की बढ़ती संख्‍या पात्रता पर्ची न निकलने का बड़ा कारण है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत जनगणना 2011 की जनसंख्‍या के आधार पर प्रदेश की 75 प्रतिशत आबादी को पात्र परिवार जनसंख्‍या के रूप में सम्मिलित करने की सीमा निर्धारित की गई है एवं इस जनसंख्‍या हेतु भारत सरकार द्वारा 2.89 लाख मे.टन खाद्यान्‍न प्रतिमाह की सीमा निर्धारित की गई है। प्राप्‍त खाद्यान्‍न आवंटन से 530.14 लाख जनसंख्‍या को ही लाभांवित किया जा सकता है। वर्तमान में 536.55 लाख जनसंख्‍या को पात्रता पर्ची जारी की जाकर राशन वितरण किया जा रहा है। अतिरिक्‍त खाद्यान्‍न की पूर्ति उचित मूल्‍य दुकान से वितरण पश्‍चात् शेष मात्रा से की जा रही है। इस कारण माह अगस्‍त, 2016 के पश्‍चात् सत्‍यापित नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है।     (ख) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों की दो श्रेणियों अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के परिवार एवं प्राथमिकता परिवार है। प्राथमिकता परिवार श्रेणी में कौन-कौन से परिवार सम्मिलित किये जाएंगे, इसका निर्धारण राज्‍य सरकार द्वारा किए जाने का प्रावधान है। राज्‍य सरकार द्वारा बी.पी.एल. श्रेणी के अतिरिक्‍त 23 अन्‍य श्रेणी के परिवारों को प्राथमिकता परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।       (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में ए.पी.एल. नामक कोई श्रेणी नहीं है। प्राथमिकता परिवार की श्रेणी के हितग्राहियों में नवीन चिन्‍हांकित परिवार को पात्रता पर्ची न मिल पाने के कारण उक्‍त प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार है।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

निजी भूमियों का सीमांकन कर मुआवजा भुगतान

[राजस्व]

145. ( क्र. 6260 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने सामरबोह-जमुनिया-लोहारबतरी-नवलगाँव सड़क निर्माण में प्रभावित निजी भूमियों का सीमांकन कर मुआवजा भुगतान करने के संबंध में पत्र क्रमांक 47 दिनांक 08/01/2016 कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण छिन्‍दवाड़ा को एवं पत्र क्रमांक 666, दिनांक 19/05/2016 कलेक्‍टर छिन्‍दवाड़ा, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण छिन्‍दवाड़ा एवं तहसीलदार विछुआ को प्रेषित किया था? (ख) यदि हाँ, तो इन पत्रों पर किन-किन स्‍तर से क्‍या सार्थक कार्यवाही की गयी? क्‍या सड़क निर्माण में प्रभावित निजी भूमियों का मुआवजा प्रकरण तैयार कर लिया गया है और यदि नहीं, तो प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर एक लम्‍बी अवधि तक कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन लोग जिम्‍मेदार हैं? उनके विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है? (ग) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न संख्‍या 14 (क्रमांक 2556) दिनांक 29/02/2016 के उत्‍तर में बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा तहसीलदार विछुआ को उक्‍त निर्मित सड़क का सीमांकन करने और मुआयना प्रकरण तैयार करने हेतु लेख किया गया है? तो क्‍या सड़क का सीमांकन किया गया? हाँ, तो कब? सीमांकन प्रतिवेदन, पंचनामा के विवरण सहित सड़क निर्माण में प्रभावित निजी भूमियों का खसरा नं. रकबा व उनके स्‍वामियों का नाम, पता सहित ग्रामवार जानकारी दें? (घ) यदि सीमांकन नहीं हुआ है, तो क्‍यों? जिम्‍मेदारी नियत करते हुए यह बतावें कि कब तक सीमांकन कर प्रभावित निजी भूमियों का मुआवजा संबंधितों को भुगतान कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नाधीन सड़क का सीमांकन कराया गया। सड़क निर्माण की अपेक्षित स्‍वीकृति प्राप्‍त होने पर ही, नियमानुसार भू-अर्जन से प्रभावित होने वाले निजी भूमियों का मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा सकेगा। नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियांतर्गत होने से शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। सड़क का सीमांकन कार्य दिनांक 5.3.2017 एवं दिनांक 7.3.2017 को पूर्ण हुआ। डामरीकृत सड़क का निर्माण पूर्व से बने प्रचलित रास्‍ते पर किया गया है, सड़क निर्माण में मौके पर निजी भूमि स्‍वामियों की भूमियां प्रभावित नहीं हो रही है। अत: शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

आदिवासी हितग्राहियों का शोषण

[गृह]

146. ( क्र. 6261 ) पं. रमेश दुबे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्‍न संख्‍या 27 (क्रमांक 571) दिनांक 20 जुलाई 2016 के उत्‍तर में बताया गया है कि जिला हथकरघा कार्यालय सौंसर जिला-छिन्‍दवाड़ा के सहायक संचालक श्री अजय पवार के आवेदन पत्र पर प्रकरण पंजीबद्ध कर एन.जी.ओ. अध्‍यक्ष शिव पवार को गिरफ्तार कर न्‍यायालय में पेश किया गया अन्‍य आरोपी जुबैर कुरैशी, घनश्‍याम साहू तथा एन.जी.ओ. के अन्‍य सदस्‍यों की भूमिका के संबंध में विवेचना जारी है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में श्री पवार के कारण ही उक्‍त कार्य एन.जी.ओ. को प्रदाय किया जाना हितग्राहियों का शोषण होने की जानकारी सहायक संचालक को होने के पश्चात् भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराना, प्रश्‍नकर्ता के बार-बार पत्राचार करने के पश्चात् भी आरोपियों के विरूद्ध थाना सौंसर में सहायक संचालक के द्वारा आवेदन किये जाना, क्‍या श्री पवार के इस संदिग्‍ध भूमिका की जाँच पुलिस ने की? नहीं की तो क्‍यों? (ग) क्‍या पुलिस उक्‍त के अलावा इन तथ्‍यों की जाँच कर कि, सहायक संचालक अजय पवार के साथ एन.जी.ओ. के मुखिया एवं अन्‍य सदस्‍यों के साथ क्‍या रिश्‍ता था? छिन्‍दवाड़ा में अनेकों एन.जी.ओ. होने के पश्चात् भी अपने निज जिले बैतूल व नजदीकी रिश्‍तेदारों को उक्‍त कार्य क्‍यों दिया गया? सहायक संचालक अजय पवार को भी सह आरोपी बनायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) अभी तक उक्‍त प्रकरण में     किन-किन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्‍यायालय में पेश किया गया है? कौन-कौन गिरफ्तार होना शेष है? कारण सहित प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। थाना सौंसर में जिला हथकरघा कार्यालय सौंसर जिला छिन्दवाड़ा सहायक संचालक, श्री अजय पवार के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र की जाँच की जाकर तथ्य सही पाये जाने पर दिनांक 11.07.2015 को थाना सौंसर में अपराध क्रमांक 134/2015 धारा 406, 420, 34 भा.द.वि. एवं धारा 13-सी, भष्ट्राचार निवारण अधिनियम का समावेश भी प्रकरण में किया गया। उक्त प्रकरण में चित्रांचल बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था के अध्यक्ष शिव पवार को दिनांक 07.02.2016 को गिरफ्तार कर न्यायालय प्रस्तुत किया गया था तथा अन्य आरोपी घनश्याम साहू को दिनांक 29.07.2016 को गिरफ्तार कर न्यायालय प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में आरोपी जुबैर कुरैशी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। एन.जी.ओ. के अन्य सदस्यों की भूमिका के संबंध में अनुसंधान जारी है। (ख) सहायक संचालक हथकरघा कार्यालय सौंसर श्री अजय पवार के द्वारा चित्रांचल बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था (एन.जी.ओ.) को आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्र सहायता मद के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के द्वारा चयनित आदिवासी बी.पी.एल. धारक हितग्राहियों को एन.जी.ओ. द्वारा शासन के निर्देशानुसार टूलकिट प्रदाय किये जाने थे जो उक्त एन.जी.ओ. के अध्यक्ष शिव पवार द्वारा अनुदान सामग्री वितरण नहीं कर धोखाधड़ी एवं शासकीय धनराशि का गबन कर कदाचरण पूर्ण कृत्य किया गया। उक्त तथ्य की जानकारी होने पर दिनांक 21.11.2014 को थाना सौंसर में सहायक संचालक हथकरघा श्री अजय पवार द्वारा शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया जिसकी जाँच के पश्चात् दिनांक 11.07.2015 को चित्रांचल बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था के अध्यक्ष शिव पवार, कर्मचारी घनश्याम साहू तथा जुबैर कुरैशी के विरुद्ध प्रश्नांश (क) के अनुसार अपराध पंजीबद्ध किया गया है। उक्त प्रकरण में सहायक संचालक श्री अजय पवार के सेवानिवृत्‍त होने के कारण उनके विरुद्ध संस्थित विभागीय जाँच के निष्कर्ष एवं निष्पत्ति के अनुसार मध्यप्रदेश पेंशन नियम-1976 के अन्तर्गत कार्यवाही हेतु हथकरघा संचालनालय द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग को पत्र दिनांक 01.03.2017 द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। (ग) जी हाँ। सहायक संचालक हथकरघा कार्यालय सौंसर श्री अजय पवार एवं चित्रांचल बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था (एन.जी.ओ.) के अध्यक्ष शिव पवार उर्फ शिवदयाल बुआड़े एवं अन्य सदस्यों के साथ रिश्ते होने के संबंध में तथा हितग्राहियों को टूलकिट वितरण का कार्य उपरोक्त एन.जी.ओ. को दिये जाने संबंधी तथ्यों की विवेचना की जा रही है। अभी तक की विवेचना में शिवप्रसाद उर्फ शिवदयाल बुवाड़े एवं अन्य एन.जी.ओ. सदस्यों के श्री अजय पवार के साथ रिश्ते होने की कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुई है, प्रकरण के आगामी अनुसंधान में श्री अजय पवार की संलिप्तता पाये जाने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उपरोक्त वर्णित प्रकरण में आरोपी शिव पवार उर्फ शिवदयाल बुवाड़े को दिनांक 07.02.2016 को तथा एन.जी.ओ. के कर्मचारी आरोपी घनश्याम साहू को दिनांक 29.07.2016 को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया है। प्रकरण में आरोपी जुबैर कुरैशी की गिरफ्तारी होना शेष है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। प्रकरण में उपरोक्त दोनों गिरफ्तारशुदा आरोपियों के विरुद्ध क्रमशः चालान क्रमांक 67/16 दिनांक 05.05.2016 एवं 67-ए/16 दिनांक 25.10.2016 को न्यायालय प्रस्तुत किये गये हैं। अपराध में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता के संबंध में विवेचना जारी है।

दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[गृह]

147. ( क्र. 6265 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) रीवा एवं सतना जिले में वर्ष 2015 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में चोरी, लूट, चैन स्‍नेचिंग, हत्‍या, बलात्‍कार एवं एक्‍सीडेंट के कितने अपराध थानों में पंजीबद्ध किये गए, की जानकारी थानेवार एवं वर्षवार देवें? इनमें से कितने प्रकरणों में अपराधी पकड़े गए और किनमें नहीं तो क्‍यों? इनमें से कितने प्रकरणों में खात्‍मा एवं खारिजी की कार्यवाही की गई? कितने प्रकरण न्‍यायालय में पेश किये जा चुके हैं तथा कितने शेष हैं? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खात्‍मा एवं खारिजी की कार्यवाही जिन प्रकरणों में की गई उनके क्‍या कारण थे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार हुए अपराधों के अलावा आई.एस.आई. के लिए जासूसी करने वाले गिरोह प्रदेश सहित सतना जिले में सक्रिय थे, जिसका सरगना सतना का था? गिरोह का सक्रिय होकर काम करने का कारण क्‍या पुलिस विभाग की सक्रियता में कमी थी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के बढ़ते अपराधों को रोकने में सरकार एवं पुलिस बल असफल हो रहा है तो इसके लिए कौन-कौन जबावदार है? जबावदारों के ऊपर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों? अपराधों को रोकने बाबत् विभाग एवं सरकार द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? अगर अपराध में कमी कार्यवाहियों के उपरांत भी नहीं हो रही तो इसके लिए कौन-कौन जबावदार है? उस पर दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खात्मा की कार्यवाही साक्ष्य अभाव के कारण की गई है एवं खारिजी की कार्यवाही झूठी रिपोर्ट पाये जाने से की गई है। (ग) प्रश्न देश की आंतरिक सुरक्षा से संबंधित होकर संवेदनशील विषय पर है। अतः सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्र हित में जानकारी दी जाना उपयुक्त नहीं है। (घ) जी नहीं। वर्ष 2015 में सतना जिले में 6828 अपराध घटित हुये थे वहीं वर्ष 2016 में 5459 अपराध घटित हुये हैं। इसी प्रकार रीवा जिले में वर्ष 2015 में 2360 अपराध घटित हुये थे वहीं वर्ष 2016 में 2315 अपराध घटित हुये हैं। तुलनात्मक आंकड़ो से स्पष्ट है कि पुलिस द्वारा प्रभावी कार्यवाही कर अपराधों पर अंकुश लगाने में सफलता पाई गई है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता।

सुरक्षा एवं श्रमिक सेवा प्रदाता एजेंसियां

[श्रम]

148. ( क्र. 6277 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या सीहोर जिले में निजी सुरक्षा एजेंसी संचालित हैं और श्रम कार्यालय में पंजीकृत हैं? यदि हाँ, तो कितनी सुरक्षा एजेंसियां पंजीकृत हैं और उनमें कितने कर्मचारी कार्यरत हैं। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार सुरक्षा एजेंसियों में कार्यरत कर्मचारियों को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्‍यूनतम वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें? (ग) क्‍या श्रम कार्यालय सीहोर में श्रमिक सेवा प्रदाता एजेंसियों का पंजीयन है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान किन-किन एजेंसियों का पंजीयन किया गया और उनमें कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं? (घ) क्‍या श्रम पदाधिकारी द्वारा सुरक्षा एजेंसी एवं श्रमिक सेवा प्रदाता एजेंसी के कार्यालयों का निरीक्षण कर प्रतिवेदन पत्र तैयार किया है यदि हाँ, तो विगत 02 वर्ष का ब्‍यौरा दें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत निर्धारित न्यूनतम वेतन निम्नानुसार हैः-

  श्रेणी             दैनिक वेतन (रू.)                मासिक वेतन (रू.)
अकुशल                                     267                                          6950
अर्द्धकुशल                                  300                                          7807
कुशल                                        353                                          9185
उच्च कुशल                                  403                                          10485

(ग) जी नहीं। (घ) गत दो वर्षों में सुरक्षा एजेंसियों एवं श्रमिक प्रदाता एजेंसियों का निरीक्षण श्रम कार्यालय, सीहोर द्वारा नहीं किया गया है। क्यों कि श्रमिक प्रदाता एजेंसियां जिले में पंजीकृत नहीं हैं एवं सुरक्षा एजेंसियों के संबंध में श्रम कानूनों के अंतर्गत कोई शिकायत इस अवधि में श्रम कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी वि.वि. में उपाधि वितरण

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

149. ( क्र. 6278 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय में विगत 01 वर्ष से लगभग 65 हजार अधिक उपाधि पत्र बनकर तैयार रखे हैं और उन्‍हें भेजने हेतु कंटेनर ही उपलब्‍ध नहीं है, जिससे विद्यार्थियों को उपाधियां नहीं भेजी जा सकी हैं। कंटेनर प्रिंट नहीं कराए जाने के क्‍या कारण हैं? (ख) क्‍या कुल सचिव ने इसके लिए मात्र समितियां बनाकर प्रकरण को लंबित रखा इस कंटेनर/ लिफाफे प्रिंट नहीं हो सके? (ग) क्‍या अनुचित आपत्तियां लगाकर एक वर्ष तक लंबित रखे जाने से छात्र-छात्राओं को डिग्री नहीं मिलने से उन्‍हें नौकरी प्राप्‍त नहीं हो सकी? (घ) क्‍या उपाधि वितरण में अपने कर्तव्‍य के प्रति लापरवाही करने वालों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें? यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक कार्यवाही की जाएगी। (ड.) क्‍या कुल सचिव को उनके मूल विभाग में स्‍थानांतरित कर दिया है? यदि हाँ, तो उन्‍हें प्रश्‍न दिनांक तक कार्यमुक्‍त क्‍यों नहीं किया गया है। अब कब तक उन्‍हें कार्यमुक्‍त कर दिया जाएगा।

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। लगभग 23000 उपाधियाँ बनकर तैयार थीं। कन्‍टेनर हेतु निविदाओं की कार्यवाही पूर्ण नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को नहीं भेजी जा सकीं। (ख) जी नहीं। समितियों का गठन माननीय कुलपति महोदय के अनुमोदन से किया गया है। प्रकरण को लंबित रखे जाने की जाँच करवाकर नियामानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। उपाधियाँ निरन्‍तर प्रेषित की जा रही हैं। ऐसे छात्र जिनके द्वारा उच्‍च अध्‍ययन एवं नौकरी इत्‍यादि हेतु आवेदन किया जाता है, उन्‍हें प्राथमिकता के आधार पर उपाधि तत्‍काल प्रदान की जाती हैं। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में जाँच के निष्‍कर्ष के आधार पर अविलम्‍ब कार्यवाही की जायेगी। (ड.) जी हाँ। कार्यमुक्‍त की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

प्रयोजनों हेतु शासकीय भूमियों का आवंटन

[राजस्व]

150. ( क्र. 6281 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में नर्मदा नदी के उत्‍तरी एवं दक्षिणी दोनों तटों के एक कि.मी. तक कितनी एवं कौन-कौन सी शासकीय भूमियां है? मौजा, प.ह.नं. रकबा सहित जानकारी दें। उपरोक्‍त भूमियों में से वर्ष 2016-17 तक कितनी एवं कौन-कौन सी शासकीय भूमियों किन-किन प्रयोजनों हेतु किन-किन को कब आवंटित की गयी? (ख) कितनी भूमियां एवं कौन-कौन सी अभी भी शासन के अधिपत्‍य में है? नं. रकबा सहित जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उत्‍तरी एवं दक्षिणी तट से एक कि.मी. की सीमा तक की शासकीय भूमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार वर्ष 2016-17 तक विभिन्‍न प्रयोजनों हेतु आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार

पेयजल व्‍यवस्‍था की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

151. ( क्र. 6290 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 3 वर्षों में डिण्‍डौरी जिले में कितनी नल-जल योजना किस मद से कब, कितनी राशि की स्‍वीकृत हुई? नल-जल योजना का कार्य विभागीय या ठेकेदारी से हुआ, अगर ठेकेदारी से हुआ तो ठेकेदार का नाम क्‍या है? कार्य कब प्रारंभ हुआ? कितनी राशि व्‍यय हुई?          (ख) वर्तमान में कौन-कौन से नल-जल योजना संचालित है? इनकी संचालन कौन कर रहा है?       कौन-कौन सी नल योजना बंद है? कब से बंद हैं? उन्‍हें चालू करने के लिए क्‍या-क्‍या प्रयास किये? कब तक बंद योजना चालू होंगी? (ग) डिण्‍डौरी जिले में कुल कितने हैण्डपम्प हैं? उसमें चालू कितने हैं एवं बंद कितने हैं?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कुल 7412 हैण्डपम्प, 7108 चालू एवं 304 हैण्डपम्प बंद हैं।

सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्तियों की जानकारी

[गृह]

152. ( क्र. 6302 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले वर्षों में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक दुर्घटनाओं में कितनी व्यक्तियों की मृत्यु हुई तथा कितने लोग घायल हुए? (ख) दुर्घटना में मृत हुए लोगों के परिजनों को कितनी-कितनी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई? वर्षवार जानकारी प्रदान करें      (ग) क्या दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो कितने लोगों को कितनी आर्थिक सहायता प्रदान की गई है? जानकारी वर्षवार प्रदान करें

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

आरोपियों की गिरफ्तारी

[गृह]

153. ( क्र. 6305 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) शाजापुर जिले के कालापीपल थाना अंतर्गत सितम्बर 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण विभिन्न धाराओं में दर्ज हुए तथा उन प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित थाने के अंतर्गत क्या फिरोती मांगने एवं आगजनी करने वालों के विरूद्ध प्रतीक गर्ग पिता ओम प्रकाश गर्ग का आवेदन प्राप्त हुआ, यदि हाँ, तो किस दिनांक को? क्या आवेदक को जिस मोबाईल नंबर से व्हाट्सएप पर फिरोती की मांग करने एवं धमकी देने का मेसेज मिला था, क्या उस मोबाईल को जब्त किया गया? यदि हाँ, तो मोबाईल धारक का मोबाईल नम्बर एवं ई.एम.आई. नंबर बतायें। क्या आरोपी को बचाने के लिए उक्त मोबाईल जब्त नहीं कर दूसरा मोबाईल जब्त किया गया? क्या प्रकरण में जो धाराएं लगाई गई हैं, व‍ह पर्याप्त हैं? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित थाने के अंतर्गत क्या तहसीलदार कालापीपल/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कालापीपल द्वारा फर्जी हस्ताक्षर से बी.पी.एल. राशनकार्ड बनाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रकरण भेजा गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को प्राप्त हुआ? प्रकरण पंजीबद्ध कब हुआ? उसमें किन-किन व्यक्तिओं की गिरफ्तारी कब-कब की गई?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) शाजापुर जिले के कालापीपल थाना अंतर्गत सितम्बर 2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल 145 प्रकरण विभिन्न धाराओं में दर्ज हुए हैं, इनमें से 139 प्रकरणों में चालानी कार्यवाही, 01 प्रकरण में खारजी, शेष 05 प्रकरण विवेचनाधीन हैं। (ख) जी हाँ। आवेदक श्री प्रतीक गर्ग पुत्र श्री ओम प्रकाश गर्ग का आवेदन दिनांक 06.12.2016 को प्राप्त हुआ था, जो जांचाधीन था। दिनांक 14.12.16 को अपराध क्र. 379/16 धारा 506, 507, 285, 34 भा.द.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना की गई, विवेचना पूर्ण कर चालान दिनांक 20.02.2017 को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। आवेदक को व्हाट्सएप पर धमकी देने वाले आरोपी नितिन द्वारा उपयोग किया गया मोबाइल नष्ट कर देने से धारा 201 भा.द.वि. बढ़ाई गई है। सह आरोपी मनोज का मोबाइल जब्त किया गया है। प्रकरण में उपलब्ध साक्ष्य अनुसार विधिसम्मत् कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। तहसीलदार कालापीपल द्वारा फर्जी हस्ताक्षर से बी.पी.एल. राशनकार्ड बनाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रकरण दिनांक 10.11.2016 को प्राप्त हुआ था, जाँच उपरांत दिनांक 23.02.2017 को अपराध क्रमांक 41/17 धारा 420, 467, 468, 471 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है। अभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। प्रकरण विवेचनाधीन है।

नल-जल योजनाओं में भुगतान की स्थिति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

154. ( क्र. 6306 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले के शुजालपुर उपखण्ड में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न नल-जल योजनाओं में नलकूप खनन, पाईप लाईन, कुंआ निर्माण, सम्पवेल पम्प हाउस, स्टॉप डेम, चेक डेम के निर्माण कर योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं? यदि हाँ, तो सूची दें? ।                  (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजनाओं के निर्माण कार्यों का कितना-कितना भुगतान किया गया? कार्यवार बतायें। क्या जो योजनाऐं पूर्ण नहीं हुई हैं, उनका भी संबंधित ठेकेदार को भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजनाओं के निर्माण कार्यों के पूर्ण होने के बाद भी संबंधित ठेकेदारों का भुगतान नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित भुगतान के लिए जवाबदारी किसकी है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संबंधित फर्मों द्वारा अनुंबंध की शर्तों की पूर्ति न करने एवं आवंटन के अभाव में भुगतान शेष है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

परिवहन नीति का संचालन

[परिवहन]

155. ( क्र. 6312 ) श्रीमती ममता मीना, श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में केन्द्र एवं राज्य शासन की घोषित परिवहन नीति लागू है? क्या इस नीति के तहत जो राजस्व अर्जित हुआ है वह पूर्व नीति के अनुसार इस वर्ष और गत पाँच वर्षों की तुलना में कम क्यों वसूल हुआ? (ख) क्या नवीन नीति अनुसार जिला परिवहन अधिकारी, गुना द्वारा बिना टैक्स के अवैध परिवहन कराया जा रहा है या कार्यालय में आमजन को घोषित नीति से पालन कर क्रियान्वयन नहीं कराया गया इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या परिवहन विभाग का गुना जिला जिसके नियंत्रण में है? वह आमजन को सुविधायें सुलभ कराने हेतु कर्तव्यनिष्ठ नहीं है। ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं जिसमें पूर्व नीति की अपेक्षा कम राजस्व मिल रहा है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों के अनुसार परिवहन विभाग गुना के ऐसे कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं जिनके कारण कम राजस्व मिला और आमजन की सुविधायें कम कर दी हैं? उन पर क्या विभाग कार्यवाही करेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। विगत पाँच वर्ष की राजस्‍व आय निम्‍नानुसार है:-

(राशि रूपये में)

क्र

वित्‍तीय वर्ष

 अर्जित राजस्‍व

1

2012-13

 16,22,68,051

2

2013-14

 16,92,52,531

3

2014-15

 17,56,46,811

4

2015-16

 16,73,14,832

5

2016-17 वर्तमान तक

 16,69,67,438

(ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                   (ग) जी नहीं। परिवहन कार्यालय गुना में शासन द्वारा पदस्थ प्रभारी अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा शासकीय कार्य का नियमानुसार संपादन किया जा रहा है। ऐसे कोई कार्य नहीं है, जिनसे पूर्व नीति की अपेक्षा कम राजस्व मिल रहा है, नियंत्रण अधिकारी के निर्देशन में कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। (घ) गत वर्ष की तुलना में माह फरवरी तक इस वर्ष के राजस्व में 8.91% वृद्धि हुयी है। आमजन की सुविधाओं का पूर्ण ध्यान रखा जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों में पक्षपात और लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

156. ( क्र. 6313 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिल के समस्त राजस्व न्यायालयों, तहसील, एस.डी.ओ. एवं कलेक्टर न्यायालयों में ऐसे कितने प्रकरण गत 5 वर्षों से लंबित हैं और गत 3 वर्षों से कितने प्रकरण लंबित हैं, जिनका निराकरण पक्षपात के चलते पेंडिंग किया है? (ख) क्या राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों के निराकरण हेतु कार्य निर्देश लागू नहीं है? (ग) क्या राजस्व न्यायालयों में पदस्थ पीठासीन की गुना जिले में कमी है? क्या विभाग उनकी आपूर्ति‍ कब तक करेगा तथा राजस्व प्रकरण का निराकरण समय-सीमा में कराने की कोई नीति है? यदि हाँ, तो कब तक लागू होगी? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की जानकारी देकर यह बताएं कि पेंडिंग प्रकरणों और उनका समय-सीमा में निराकरण न करने के लिए कौन उत्तरदायी है और कब तक निराकृत करायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गुना जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों, तहसील, एस.डी.ओ. एवं अपर कलेक्टर, कलेक्टर न्यायालयों में गत 5 वर्षों की अवधि के कुल 14 प्रकरण लंबित है जिसमें से 06 प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा स्थगन दिये जाने से लंबित है एवं गत 3 वर्षों की अवधि के कुल 35 प्रकरण लंबित है, जिनमें विधि अनुरूप कार्यवाही प्रचलित है। कोई भी प्रकरण पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के चलते पेंडिंग नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(घ) विधि प्रक्रिया अनुसार प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

तहसील का दर्जा प्रदान किया जाना

[राजस्व]

157. ( क्र. 6328 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता की याचिका क्रमांक 1995 के परिप्रेक्ष्‍य में कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक/296/17/भू.अ./वि.स./16 राजगढ़ दिनांक 18.02.2016 से राजगढ़ जिले की तहसील ब्‍यावरा के टप्‍पा सुठालिया को तहसील का दर्जा दिये जाने हेतु पूर्ण प्रस्‍ताव, नक्‍शा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व/तहसीलदार ब्‍यावरा के अभिमत के साथ सहमत होते हुये अनुशंसा सहित आगामी कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव मध्‍यप्रदेश शासन, राजस्‍व विभाग भोपाल को प्रेषित किया गया था एवं दिनांक 31 जनवरी 2017 को ब्‍यावरा नगर में आयोजित एन.एच.ए.आई. के फोर-लेन भूमि पूजन कार्यक्रम एवं जिला स्‍तरीय अंत्‍योदय मेले में माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा टप्‍पा सुठालिया को तहसील बनाये जाने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या शासन उपरोक्‍तानुसार कलेक्‍टर राजगढ़ के प्रस्‍ताव एवं माननीय मुख्‍यमंत्री जी घोषणानुरूप टप्‍पा सुठालिया को तहसील घोषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा की जानकारी विभाग को अप्राप्‍त है। कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ख) कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नामांतरण बंटवारे के लंबित प्रकरण एवं आर.बी.सी. 6-4 के लंबित आवेदन

[राजस्व]

158. ( क्र. 6329 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा के अंतर्गत एक जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक अविवादित नामांतरण, बंटवारे, सीमांकन, के कितने आवेदन प्राप्‍त हुये एवं प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन किन कारणों से प्रश्‍न दिनांक तक लंबित हैं तथा इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में आर.बी.सी. 6 (4) के अंतर्गत कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? प्राकृतिक प्रकोप से हुई मानव क्षति, पशुधन क्षति एवं मकान, कूप आदि संबंधी कितने प्रकरण किन कारणों से प्रश्नांश (क) अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का निराकरण कर संबंधितों को कब तक लाभ प्रदान किया जावेगा? (ग) उपरोक्‍तानुसार लंबित प्रकरणों व आवेदनों का निराकरण करने हेतु क्‍या कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो समय-सीमा में निराकरण न किये जाने पर प्रश्‍न दिनांक तक संबंधितों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्‍यावरा के अन्तर्गत 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक अविवादित नामांतरण के 983, बंटवारे के 329 तथा सीमांकन के 169 आवेदन प्राप्त हुये थे। प्राप्त आवेदनों में से सीमांकन के 03 आवेदन नवीन होने के कारण लंबित है। जिसमें सीमांकन तिथी नियत है। अन्य कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि के आर.बी.सी. 6-4 के अन्तर्गत राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा तहसील ब्यावरा एवं नरसिंहगढ़ में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।            (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में सीमांकन प्रकरण समय-सीमा 01 माह निर्धारित है।             समय-सीमा से बाहर कोई आवेदन लंबित नहीं होने से कार्यवाही करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।

जे.सी.बी. मशीन की चोरी

[गृह]

159. ( क्र. 6354 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) ग्‍वालियर जिले के मोहना थाना से करीब 500 मी. की दूरी से दिनांक 13-14 फरवरी 2017 को जे.सी.बी. मशीन रामचरण पुत्र आशाराम धाकड़ की चोरी की रिपोर्ट हुई थी। यदि हाँ, तो चोरी दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक पुलिस द्वारा क्‍या चोरी हुई मशीन की चोरों का पता चला है? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या इतनी बडी जे.सी.बी.. मशीन की चोरी का पता न लगा पाना पुलिस की लापरवाही या ना‍कामयाबी नहीं है? यदि है, तो क्‍या ऐसे थाना प्रभारी मोहना के प्रति कोई दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) पुलिस थाना मोहना के द्वारा मोहना थाना क्षेत्र में अपराधियों असामाजिक तत्‍वों तथा अवैध पत्‍थरफर्शी तथा रेत उत्‍खननकर्ताओं से तथा ढाबा मालिकों से अवैध डीजलपैट्रोल या अन्‍य अवैध कार्यों की वसूली करने का ही कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों? यदि नहीं, तो क्‍या उक्‍त थाना क्षेत्र में    खुलेआम उक्‍त कारोबारियों से अवैध वसूली की वसूली की वरिष्‍ठ पुलिस अधि‍कारियों से प्रश्‍नकर्ता विधाय‍क की उपस्थिति में जाँच कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों और अवैध वसूली के लिये थाना प्रभारी मोहना को प्रोत्‍साहित किया जावेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। फरियादी राम भरत धाकड़ पुत्र आशाराम धाकड़ द्वारा उसकी जे.सी.बी. चोरी जाने की रिपोर्ट थाना मोहना में करने पर अपराध क्र. 17/17 धारा 379 भा.द.वि. अज्ञात आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। जी नहीं, प्रकरण अभी भी विवेचनाधीन है। पुलिस द्वारा पतारसी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। थाना मोहना क्षेत्र में वर्ष 2016 में 04 एवं वर्ष 2017 में 01 अवैध पैट्रोल/डीजल बेचने वाले व्यक्तियों पर धारा 3/7 ई.सी. एक्ट के तहत एवं ढाबों पर अवैध शराब बैचने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध वर्ष 2016 में धारा 34, 42 आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है। वर्तमान में थाना मोहना क्षेत्र में प्रश्नांश में उल्लेखित अवैध कार्यों के किये जाने संबंधी कोई शिकायत थाना प्रभारी मोहना के विरूद्ध प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।

प्रकरण की सी.आई.डी. जाँच

[गृह]

160. ( क्र. 6387 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रश्‍नोत्‍तरी दिनांक 7 दिसम्‍बर, 2016 में मुद्रित प्रश्‍न संख्‍या 31 (क्रमांक 277) के प्रश्नांश (क) का उत्‍तर दोनों प्रकरणों में अभियुक्‍त के नाम की सदस्‍यता के संबंध में जाँच की जा रही है (ख) का उत्‍तर जी हाँ, (ग) का उत्‍तर अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक स्‍तर के अधिकारी द्वारा जाँच की जा रही है? अत: सी.आई.डी. जाँच कराने का औचित्‍य नहीं है, दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो जाँच अभी तक क्‍या पूर्ण कर ली गई? यदि नहीं, तो अब तक जाँच पूर्ण क्‍यों नहीं की गई? जाँच समय से पूर्ण न करने के लिए दोषी जाँच अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि जाँच पूर्ण हो गई, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करावें तथा जाँच प्रतिवेदन अनुसार क्‍या कार्यवाही की गई?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन अनुसार संपूर्ण जाँच में आरोपी कल्ली उर्फ कल्लू उर्फ रमेश पुत्र जगदीश गुर्जर निवासी सांतऊ थाना आंतरी, जिला ग्वालियर का दिनांक 04.08.2010 को थाना सुरवाया जिला शिवपुरी में दर्ज अपराध क्रमांक 45/10 धारा 307, 302, 147, 148, 149 भा.द.वि. 11/13 एम.पी.डी.पी.के. एक्ट एवं 25, 27 आर्म्‍स एक्ट की घटना में संलिप्त होना नहीं पाया गया। पुलिस द्वारा दिनांक 23.11.2016 को धारा 173 (8) जा.फौ. के तहत आवेदन पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिसे न्यायालय द्वारा अपने अभिलेख में लिया गया है एवं उक्त आरोपी दिनांक 20.12.2016 से न्यायालयीन जमानत पर है।

विक्रय की राशि एवं कमीशन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

161. ( क्र. 6388 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों एवं उपभोक्‍ता भण्‍डार को द्वार प्रदाय योजना के अंतर्गत वितरित किए जाने वाले खाद्यान्‍न, नमक, शक्‍कर के विक्रय की राशि एक माह के अंदर नागरिक आपूर्ति निगम को दिए जाने के निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि केन्‍द्रीय सहकारी बैंकों को प्रत्‍येक जिले के नागरिक आपूर्ति निगम को कमीशन काटकर दिया जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) की जिलेवार बकाया राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा और अब तक क्‍यों नहीं किया गया? (घ) नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा धान एवं गेहूँ समर्थन मूल्‍य पर समितियों के माध्‍यम से क्रय करने पर प्रति क्विंटल कमीशन की क्‍या दरें निर्धारित हैं? क्‍या निर्धारित दर पर सतना जिले की समितियों का कमीशन भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

तहसील कार्यालय स्‍थानांतरण में गलत जानकारी पर कार्यवाही

[राजस्व]

162. ( क्र. 6392 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या रीवा जिले के मऊगंज तहसील कार्यालय का स्‍थानान्‍तरण नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 15 के निर्जन स्‍थान जहां पर कोई भी कार्यालय संचालित नहीं है एवं पुराने भवन तथा व्‍यवहार न्‍यायालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर एवं बस स्‍टैण्‍ड से 5 कि.मी. दूर कर दिया गया है? यदि हाँ, तो स्‍थानांतरण पर क्‍या लगातार अधिवक्‍ता संघ द्वारा तहसील कार्यालय के बहिष्‍कार के       साथ-साथ कुछ दिनों के लिये व्‍यवहार न्‍यायालय भी बहिष्‍कार से प्रभावित रहे जिसका प्रतिदिन ज्ञापन प्रशासन को शासन के नाम दिया जाता था? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता को अधिवक्‍ता संघ द्वारा दिये गये ज्ञापन को प्रश्‍नकर्ता पत्र क्रमांक 512 दिनांक 05.08.2016 के साथ प्रमुख सचिव राजस्‍व को दिया था? यदि हाँ, तो क्‍या प्रमुख सचिव द्वारा पृष्‍ठांकित पत्र क्रमांक आर-741 दिनांक 13.09.2016 द्वारा तहसील कार्यालय को यथावत रखने का आदेश दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्‍या दो अधिवक्‍ता दिनांक 01.12.2016 से अमरण अंशन पर बैठ गये थे? जो दिनांक 07.12.2016 तक अनवरत् चलता रहा? इस नये कार्यालय भवन का लोकार्पण किसके द्वारा कब, किस दिनांक को किया गया? यदि नहीं, कराया गया तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 08 दिसम्‍बर 2016 को नियम 138 (1) के अधीन तहसील को पूर्व स्‍थान पर संचालित कराने हेतु दी गई सूचना में नई तहसील वार्ड क्रमांक 14 में स्थित बताते हुए वही आई.टी.आई. उपजेल, मॉडल स्‍कूल, स्थित है की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो श्री अनिल तिवारी अधिवक्‍ता मऊगंज द्वारा सूचना के अधिकार में तहसील कार्यालय मऊगंज द्वारा प्राप्‍त जानकारी में बताया गया कि भूमि का चयन रायसुमारी या लेखीय सहमति का कोई भी पत्र नहीं है एवं आई.टी.आई. मॉडल स्‍कूल के आपस की दूरी त्रिज्‍या में लगभग 1 किलोमीटर एवं पुरानी तहसील के पास व्‍यवहार न्‍यायालय, अपर कलेक्‍टर न्‍यायालय, लोकसेवा गारंटी केन्‍द्र, उप पंजीयक कार्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय, सायबर रिकार्ड रूम संचालित है एवं पी.डब्‍ल्‍यू.डी. द्वारा प्राप्‍त जानकारी में नवीन तहसील भवन एवं अन्‍य भवन पृथक-पृथक मार्ग पर स्थि‍त है जिनकी दूरी लगभग 5.5 किलो मीटर है? (घ) ध्‍यानाकर्षण में दिये गये जबाव एवं सूचना के अधिकार में प्राप्‍त जवाब में भिन्‍नता का क्‍या कारण है? क्‍या नवीन तहसील कार्यालय के कमरे 15x18 फिट में न्‍यायालय संचालित होने के लिये पर्याप्‍त जगह माना गया है? बतावें। (ड.) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक क्‍यू दिनांक 09.12.2016 को माननीय राजस्‍व मंत्री को गलत जानकारी दिये जाने की जाँच हेतु पत्र दिया गया था? यदि हाँ, तो उस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें।  

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील मऊगंज का नवनिर्मित भवन भांटी तिराहा से 04 कि.मी., बस स्‍टैण्‍ड से 4.5 कि.मी. एवं व्यवहार न्‍यायालय से 03 कि.मी. की दूरी पर संचालित है। दिनांक 17.06.2016 से अधिवक्‍तागण द्वारा राजस्‍व न्‍यायालय का असहयोग किया गया था। जी हाँ। राजस्‍व विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 740 दिनांक 13.09.2016 द्वारा आवश्‍यक कार्यवाही करने का लेख किया गया था जिसके परिप्रेक्ष्‍य में कलेक्‍टर, रीवा के पत्र क्रमांक 1336 दिनांक 04.11.2016 के अनुसार प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही को विधि संगत एवं औचित्‍यपूर्ण प्रतिवेदित किया गया था। (ख) जी हाँ। अधिवक्‍ता द्वारा किया गया अनशन दिनांक 07.12.2016 को समाप्‍त कर लिया गया था। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधिगण से नवीन तहसील भवन के लोकार्पण हेतु समय न मिलने पर एवं पुराने जर्जर, संकीर्ण भवन में कार्यालय एवं न्‍यायालय कार्य के सम्‍पादन में असुविधा होने से तत्‍का‍लिक व्‍यवस्‍था स्‍वरूप तहसील कार्यालय की सामग्री को नवीन भवन में व्‍यवस्थित कर लिया गया। (ग) जी हाँ। नवीन तहसील भवन घोघम सड़क मार्ग पर मांच स्‍थान पर स्थित है। नवीन तहसील भवन के समीप स्‍नातक कन्‍या छात्रावास, विद्युत उप केन्‍द्र, उप जेल, आई.टी.आई. एवं आदर्श विद्यालय मऊगंज से घोघम मार्ग पर नवीन तहसील भवन से 01 कि.मी. त्रिज्‍या के भीतर संचालित है। नवीन तहसील भवन के लिये पक्‍की सड़क मार्ग, पक्षकार एवं अधिवक्‍तागण के बैठने के लिये शेड निर्मित है। विद्युत, कनेक्टिविटी, पेयजल एवं प्रसाधन कक्ष निर्मित है। जन सामान्‍य, अधिवक्‍तागण, पक्षकारगण हेतु सभी मौलिक सुविधायें उपलब्‍ध हैं। (घ) नवीन तहसील भवन का निर्माण शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप किया गया है एवं उक्‍त सभी तथ्‍य वास्तविक है। (ड.) जी हाँ। कलेक्‍टर, रीवा द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि मूलभूत सुविधायें नवीन तहसील भवन में उपलब्‍ध हैं, अत: नवीन तहसील भवन पुरानी जीर्ण-शीर्ण तहसील भवन में अंतरित किये जाने का कोई औचित्‍य प्रतीत नहीं होता है।

केन्द्रीय राजपत्र (विलंब फीस) की गलत व्‍याख्‍या

[परिवहन]

163. ( क्र. 6404 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश के सभी परिवहन कार्यालय में केंद्रीय राजपत्र दिनांक 29 दिसम्‍बर 2016 के अधीन फीसों व शास्ति (विलम्‍ब फीस) में की गई वृद्धि की गलत व्‍याख्‍या कर लोगों से अधिक राशि वसूल की गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि अधिक वसूल की गई? (ख) यदि प्रश्‍न की कंडिका (क) का हाँ, तो जिन लोगों से अधिक राशि ली गई उन व्‍यक्तियों को कब तक? राशि कैसे लौटाई जावेगी? यदि राशि नहीं लौटाई जावेगी तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) यह कहना सही नहीं है कि प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 29.12.2016 के अधीन फीसों व शास्ति (विलंब फीस) में की गई वृद्धि की गलत व्याख्या कर लोगों से अधिक राशि वसूल की गई है। अपितु वस्तुस्थिति यह है कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 29.12.2016 में विलंब शुल्क के बारे में नयी दरें अधिसूचना प्रभावी होने पर पूर्व की विलंब अवधि के लिये लागू नहीं होगी के बाबत् स्थिति स्पष्ट न होने के कारण विलम्‍ब शुल्क के संबंध में संशोधित दर से की गणना संपूर्ण विलम्‍ब काल के लिये परिगणित कर ली गई। इस संबंध में केन्‍द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पत्र दिनांक 02.02.2017 द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया कि विलंब शुल्क की गणना अधिसूचना प्रकाशन की दिनांक से ही की जाना है न कि भूतलक्षी प्रभाव से। तदुपरांत विलंब फीस हेतु नयी दरें दिनांक 29 दिसंबर 2016 से परिगणित की जा रही है। वसूली की कुल राशि रूपये 1,89,77,497/- है। तद्नुरूप वर्णित परस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये जिन लोगों के प्रकरणों में अधिक राशि जमा हुई है, उनके आवेदन प्राप्त होने पर उक्त राशि का समायोजन/वापसी की कार्यवाही नियमानुसार की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

जिला कलेक्‍टरों द्वारा बसों का अधिग्रहण

[परिवहन]

164. ( क्र. 6410 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) मध्‍यप्रदेश मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत जिला कलेक्‍टरों द्वारा कौन-कौन सी परिस्थितियों में बसों का अधिग्रहण करने का अधिकार है? नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या जिला कलेक्‍टर द्वारा चुनाव तथा प्राकृतिक आपदा के अलावा सरकारी व राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों में जनता को लाने व ले जाने अथवा भीड़ जुटाने के लिए बसों का अधिग्रहण करने का अधिकार है? (ग) विगत 05 वर्षों में राजगढ़ जिले में किस-किस कार्यक्रमों के लिए कलेक्‍टर द्वारा               कितनी-कितनी बसों का अधिग्रहण किया गया व अधिग्रहण बस मालिकों को कितना-कितना भुगतान किस मद से किया गया वर्षवार जानकारी दें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्‍यप्रदेश मोटरयान अधिनियम नाम से कोई अधिनियम नहीं है। मोटरयानों से संबंधित विषयों हेतु मोटरयान अधिनियम 1988 प्रभावशील है। मोटरयान अधिनियम 1988 में जिला कलेक्‍टरों द्वारा बसों के अधिग्रहण करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपिस्‍थत नहीं होता है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

फोर-लेन स्थित ढ़ाबों पर संदिग्‍ध गतिविधियां

[गृह]

165. ( क्र. 6430 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या रतलाम जिला अंतर्गत सातऊण्‍डा फंटे से लेकर माननखेड़ा (तहसील पिपलौदा) फोर-लेन रोड पर विगत वर्षों में फोर-लेन के दोनों साईड सड़क से लगे अनेक ढाबे, रेस्‍टोरेंट, भोजनालय इत्‍यादि लगातार खुलते जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रारंभ से लेकर अब तक सड़क के दोनों ओर उपरोक्‍त उल्‍लेखित एवं अन्‍य प्रकार के किस-किस तरह के क्रय-विक्रय किये जाने वाले कुल संख्‍या में कितने स्‍थानों पर क्‍या-क्‍या संचालित हो रहा है? (ग) वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त फोर-लेन मार्ग स्थित स्‍थानों से अवैध शराब, डोडा चूरा, अफीम, अफीम की गोलियां तथा अवैध हथियार एवं देह व्‍यापार इत्‍यादि प्रकार के कितने प्रकरण पंजीबद्ध होकर क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुईं? (घ) उपरोक्‍त संदिग्‍ध फोर-लेन स्थित स्‍थानों पर विभाग द्वारा किस-किस दिनांक को आकस्मिक जाँच की जाकर क्‍या-क्‍या कार्यवाही, कब-कब हुई? क्‍या निरंतर निगरानी भी रखी जाती है, तो किस प्रकार?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिला अन्तर्गत प्रारंभ से लेकर अब तक सड़क के दोनों और ढाबे, रेस्टोरेंट, भोजनालय एवं अन्य प्रकार के क्रय-विक्रय किये जाने वाले कुल 30 स्थानों पर संचालित हो रहे हैं। (ग) वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उक्त           फोर-लेन मार्ग स्थित स्थानों में अवैध शराब, डोडा चूरा, अफीम की गोलियां तथा अवैध हथियार एवं देह व्यापार इत्यादि प्रकार के 16 प्रकरण पंजीबद्ध होकर नियमानुसार कार्यवाही की गई है।                 (घ) उपरोक्त संदिग्ध फोर-लेन स्थित 13 स्थानों पर पुलिस विभाग एवं खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा आकस्मिक जाँच की गई है एवं 05 संस्थानों से गुणवत्ता की जाँच के नमूने लेकर जाँच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, ईदगाह भोपाल भेजे गये हैं तथा 02 संस्थानों के चालान ए.डी.एम. न्यायालय में विचाराधीन है। जी हाँ निरंतर निगरानी भी रखी जाती है।

विभागीय कार्यों के बजट एवं व्‍यय की जानकारी

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

166. ( क्र. 6431 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शा.गो.तो. पॉलीटेक्निक कॉलेज जावरा में केन्‍द्र राज्‍य प्रवर्तित योजनाओं के साथ ही विभागीय कार्ययोजनाओं के बजट से भवन, सड़क, इलेक्ट्रिफिकेशन मशीन-औजारों की मरम्‍मत, फर्नीचर, स्‍टेशनरी, होस्‍टल निर्माण मरम्‍मत इत्‍यादि के अतिरिक्‍त क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? (ख) वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति में उपरोक्‍तानुसार उल्‍लेखित कार्यों के साथ ही किये गये अन्‍य कार्यों को किये जाने हेतु कुल कितना बजट प्राप्‍त हुआ? (ग) उपरोक्‍त वर्षों में योजना अंतर्गत एवं विभागीय तौर पर किस-किस प्रकार के क्‍या-क्‍या कार्य हुए? क्‍या विभिन्‍न प्रकार की सामग्री उपकरण इत्‍यादि क्रय की गई तो किन नियमों के अंतर्गत कब-कब? (घ) क्‍या पॉलीटेक्निक कॉलेज में जनभागीदारी समिति, ऑटोनोमस बॉडी अथवा कोई सक्षम समिति कार्यशील स्थिति में है? यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) (ख) (ग) में उल्‍लेखित कार्यों की स्‍वीकृति, निरीक्षण वस्‍तुस्थिति से भौतिक सत्‍यापन सहित अवगत कराएं।

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) उल्‍लेखित कार्यों के अतिरिक्‍त कम्‍प्‍यूटर लैब नेटवर्किंग हेतु लीज लाईन, स्टॉफ ट्रेनिंग, विशेष कोचिंग कक्षाओं का आयोजन विक्रमादित्‍य छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत सामान्‍य वर्ग के विद्यार्थियों का शिक्षण शुल्‍क वापसी, सेमीनार का आयोजन विद्यार्थियों के खेलकूद गतिविधियों, वार्षिक उत्‍सव समारोह का आयोजन आदि कार्य किये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार। जी हाँ, भण्‍डार क्रय नियमों के अनुसार। क्रय प्रक्रिया बजट/स्‍वीकृति प्राप्‍त होते ही प्रारंभ की गई। (घ) जी हाँ। विभागीय बजट से किये गये कार्यों की स्‍वीकृति सक्षम स्‍तर से एवं स्‍वशासी मद से किये गये कायों की स्‍वीकृति बी.ओ.जी. से प्राप्‍त की जाती है। निरीक्षण/भौतिक सत्‍यापन किया जाता है।

व्‍यापम परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

167. ( क्र. 6434 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्‍यापम (पी.ई.बी.) द्वारा चयनित परीक्षाओं में ओ.एम.आर. शीट मेनुपुलेशन (छेड़छाड़) व नकल के माध्‍यम से चयनित कितने अभ्‍यार्थी की अभ्‍यर्थता निरस्‍त की गई? आज दिनांक तक वर्षवार व अलग-अलग परीक्षावार टेबल रूप में जानकारी देंवे। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार चयनित कितने एम.बी.बी.एस. छात्रों के प्रवेश निरस्‍त किये गये एवं कितने संबंधित छात्रों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई? उनका अपराध क्रमांक सहित विवरण देवें। साथ ही अन्‍य परीक्षाओं जिनसे सीधे रोजगार प्राप्‍त होते हैं, में किन-किन अभ्‍यार्थियों की अभ्‍यर्थता निरस्‍त की गयी? उनकी लिस्‍ट नाम, पते व किस पद पर वे कार्यरत थे व कहाँ कार्यरत थे? टेबल में जानकारी देंवे।              (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ओ.एम.आर. मेनुपुलेशन (छेड़छाड़) व नकल के माध्‍यम से च‍यनित विद्यार्थियों एवं अभ्‍यार्थियों जिन्‍हें हाईकोर्ट से राहत मिली के विरोध में सुप्रीमकोर्ट में दायर एस.एल.पी. का विवरण देते हुए बतायें कि सरकार ने किन-किन परीक्षाओं अभ्‍यार्थियों/विद्यार्थियों के संदर्भ में ये लगाई है। (घ) प्री.पी.जी. 2012 में फर्जीवाड़े से चयनित छात्रों को कॉलेज से निकालने के आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें व संबंधित केस का हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में क्‍या वर्तमान स्थिति भी बतायें। सुप्रीम कोर्ट से कितने छात्र/छात्राओं की डिग्री निरस्‍त कर दी गई है एवं उनमें से कितने छात्र/छात्राओं की डिग्री पूर्ण हो चुकी थी और कितनों की अभी चल रहीं थी? उनका नाम, माता, पिता का नाम, पता पूर्ण जानकारी देवें।

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

168. ( क्र. 6437 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग भोपाल द्वारा सत्र 2014-15 से 2016-17 तक इंदौर एवं उज्‍जैन संभाग के किन-किन ग्रामीण क्षेत्रों में आवर्धन नल-जल प्रदाय योजना के तहत प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई है? वर्षानुसार जानकारी देवें (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में स्‍वीकृत योजना के अनुसार किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा कितनी-कितनी राशि जनसहयोग के रूप में शासन के खाते में जमा की गई है एवं यह राशि कब से जमा है? वर्षानुसार जानकारी देवें।                 (ग) प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार कुल स्‍वीकृत योजनाओं में से कितनी योजनायें कहाँ-कहाँ प्रारंभ होकर पूर्ण हो चुकी हैं, कितनी योजनाओं पर कार्य प्रारंभ होकर वर्तमान में भी जारी हैं? ये योजनाएं कहाँ-कहाँ चल रही हैं? ऐसी कितनी योजनायें हैं जिन पर कार्य प्रारंभ होकर बंद हो चुका है? कार्य बंद किये जाने का कारण स्‍पष्‍ट करें तथा ऐसी कितनी योजनाएं है जिन पर कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है? कार्य प्रारंभ नहीं होने का कारण स्‍पष्‍ट करें। (घ) क्‍या राउ विधानसभा की ग्राम पंचायत उमरीखेड़ा में उपरोक्‍त योजना के अंतर्गत प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की जाकर जन सहयोग राशि शासन के खाते में जमा की जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्‍या वित्‍तीय कमी बताते हुये उपरोक्‍त ग्राम पंचायत में योजना को मूर्तरूप नहीं दिया जा रहा हैं? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) हाँ, तो विभाग के आदेश क्रमांक 7995/2016 दिनांक 14/10/2016 अनुसार सांसद आदर्श ग्रामों एवं मुख्‍यमंत्री घोषणा के ग्रामों में उपरोक्‍त योजना के तहत प्रशासकीय स्‍वीकृति क्‍यों प्रदान की जाकर कार्य प्रारंभ किये गये हैं?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (घ) जी नहीं, प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी गई है, मात्र जन सहयोग राशि जमा की गई है। जी हाँ। (ड.) पत्र क्रमांक 7995/दिनांक 14.10.2016 के अनुरूप ग्राम उमरीखेड़ा में स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''छत्‍ती''

आरोपी अधिकारी को वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा संरक्षण दिया जाना

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

169. ( क्र. 6467 ) श्री हर्ष यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) वर्ष 2015 में तत्‍कालीन सहायक संचालक रेशम जिला मण्‍डला के घर एवं कार्यालय में लोकायुक्‍त के द्वारा छापे की कार्यवाही की गई थी। यदि हाँ, तो क्‍या लोकायुक्‍त संगठन द्वारा उक्‍त के विरूद्ध विभिन्‍न आरोपों की जाँच उपरांत शासन से अभियोजन की स्‍वीकृति चाही गई है। यदि हाँ, तो अब तक अभियोजन की स्‍वीकृति न दिये जाने के क्‍या कारण है? किन वरिष्‍ठ अधिकारियों के द्वारा उक्‍त आरोपी अधिकारी को संरक्षण दिया जा रहा है? (ख) क्‍या शासन के ऐसे नियम हैं कि जिन अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्‍त द्वारा जाँच की जा रही हो उनकी मैदानी पदस्‍थापना न की जावे। यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त आरोपी सहायक संचालक को जबलपुर में पदस्‍थापना के साथ-साथ सहायक संचालक रेशम पचमढ़ी की मैदानी पदस्‍थापना क्‍यों दी गई है? (ग) कब तक आरोपी अधिकारी को मैदानी पदस्‍थापना से मुक्‍त किया जावेगा। नहीं तो क्‍यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। अभियोजन स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग परिपत्र क्रमांक एफ 11-19/2011/1-10 दिनांक 23/2/2012 के परिपालन में श्री ए.के. पटेल, सहायक संचालक रेशम का मण्डला से अन्यत्र स्थानांतरण किया गया है। मैदानी पदस्थापना नहीं किये जाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के उक्त परिपत्र में कोई उल्लेख नहीं है। अत:शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

चकबंदी योजनान्तर्गत प्लाटों का निर्माण

[राजस्व]

170. ( क्र. 6487 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की जौरा तहसील के ग्राम रूध का पुरा पंचायत बुरावली विकासखण्‍ड जौरा में वर्ष 1980 से 1985 तक जिन किसानों की चकबंदी कर प्‍लाट बनाये गये थे? क्‍या उक्‍त चकबंदी करने के बाद फरवरी 2017 तक किसानों की राजस्‍व पुस्‍तकों में प्‍लाट बनाये गये सर्वे नम्‍बर रकबा दर्ज नहीं किये गये हैं? क्‍यों, कारण सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्‍या उक्‍त चकबंदी के तहत जिन-जिन किसानों को कब्‍जा दिलाया गया था वे किसान खेती तो प्‍लाटों के हिसाब से कर रहे हैं लेकिन उक्‍त प्‍लाटों पर उनका राजस्‍व खसरे में स्‍वामित्‍व नहीं चढ़ाया है, इसे कब तक परिवर्तित करा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील जौरा के ग्राम बुरावली में वर्ष 1980-85 में चकबंदी योजनान्तर्गत अलग-अलग प्लाटों का निर्माण किया जाकर कृषकों को आवंटित किये गये थे। ग्राम बुरावली (मजरा रूधकापुरा) में तत्समय कुछ किसानों द्वारा उक्त योजनान्तर्गत आवंटित प्लाटों पर कब्जा प्राप्त किया गया था, जबकि अधिकांश कृषकों द्वारा आवंटित प्लाट पर कब्जा प्राप्त न कर पूर्व बन्दोबस्त आधारित सर्वे नम्बरों पर कृषि कार्य करते रहे। म.प्र.भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 38 एवं 210 के तहत चकबंदी योजना में कृषकों की परस्पर सहमति अनिवार्य है। कृषकों की पारस्पिरिक असहमति के कारण चकबंदी योजनान्तर्गत ग्राम बुरावली के चकबंदी अभिलेख को तत्समय में अमल में नहीं लाया गया एवं पूर्व बन्दोबस्त पर आधारित सर्वे नम्बर वर्तमान में प्रचलित है। (ख) वर्तमान में बुरावली में प्रचलित राजस्व अभिलेख चकबंदी योजना से पूर्व बन्दोबस्त रिकार्ड के रूप में ही संधारित है। क्योंकि चकबन्दी योजना को अमल में नहीं लाया गया तथा चकबन्दी योजना में निर्मित प्लाटों को राजस्व खसरे में परिवर्तित किये जाने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।

अनुसंधान अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

[गृह]

171. ( क्र. 6525 ) डॉ. मोहन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) चिमनगंज मंडी पुलिस थाना उज्‍जैन द्वारा अपराध क्रमांक 1065/12 में चालान किस दिनांक को प्रस्‍तुत किया गया तथा उक्‍त अपराध में फरियादिया तस्‍नीन तथा साक्षी असगर हुसैन द्वारा किस दिनांक को शपथ-पत्र प्रस्‍तुत किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार फरियादिया एवं साक्षी द्वारा चालन प्रस्‍तुत करने के पूर्व शपथ-पत्र प्रस्‍तुत करने के उपरांत भी दोषी व्‍यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करते हुये निर्दोष के विरूद्ध कार्यवाही करने पर अनुसंधानकर्ता अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) अनुसंधानकर्ता अधिकारी के विरूद्ध परिवर्तित अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 69 (क्रमांक 1266) में दिनांक 26/02/2016 को प्रदत्‍त जानकारी के प्रकाश में दिनांक 10/02/2016 को प्रारम्भिक जाँच हेतु दिये गये, आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्‍ध करावें तथा पत्र दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक जाँच में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? जाँच पूर्ण हुई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्‍ध करावें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस थाना चिमनगंज मंडी उज्जैन द्वारा अपराध क्रमांक 1065/12 में दिनांक 28.01.2013 को चालान प्रस्तुत किया गया था। उक्त अपराध में फरियादिया तस्नीन, साक्षी आशिक हुसैन एवं साक्षी मुस्तफा अली द्वारा दिनांक 17.12.2012 को संयुक्त शपथ-पत्र प्रस्तुत किया गया था। (ख) प्रकरण में आई साक्ष्य अनुसार विधि अनुरुप कार्यवाही की गई है। अनुसंधान अधिकारी द्वारा उपरोक्त शपथ-पत्र का उल्लेख एवं तस्दीक प्रकरण की विवेचना में नहीं करने पर नगर पुलिस अधीक्षक जीवाजी गंज उज्जैन से जाँच करवाई गई एवं पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा रुपये 500/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। उक्त प्रकरण के संबंध में न्यायालय द्वितीय अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, उज्जैन (म.प्र.) द्वारा अनावेदकगण यशपाल सिंह डोडिया एवं अविनाश जैन के विरुद्ध 93,100/- रुपये की क्षतिपूर्ति अदा करने का अवार्ड पारित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) प्रांरभिक जाँच के आदेश की प्रमाणित प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रारंभिक जाँच पूर्ण हुई है, जिसका प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

बंधक प्रविष्ठि विषयक

[राजस्व]

172. ( क्र. 6526 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) बैंकों से प्राप्‍त प्रारूप 5 बंधक विलेख की प्रविष्टि पटवारी अभिलेख एवं कम्‍प्‍यूटर अभिलेख में अद्यतन किये जाने के क्‍या नियम है? बंधक विलेख प्राप्‍त होने के पश्चात् नियमानुसार कितनी समयावधि में उक्‍त प्रविष्टि अद्यतन की जाना चाहिए? नियमों की प्रति उपलब्‍ध कराते हुए समयावधि बतावें (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उज्‍जैन संभाग में कितनी तहसीलों में नियमानुसार समयावधि में उक्‍त अद्यतन प्रविष्टि कर दी गई है? क्‍या पटवारी एवं कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर द्वारा बंधक प्रविष्टि करने के एवज में अवैधानिक राशि की मांग की जाती है? राशि नहीं देने के कारण अद्यतन प्रविष्टि नहीं की जाती है? यदि अद्यतन प्रविष्टि नहीं की गई है तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जल प्रदाय योजना की स्‍वीकृति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

173. ( क्र. 6541 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कार्यपालन यंत्री लो.स्‍वा.या. गुणवत्‍ता नियंत्रण खंड सरपारपुर जिला-धार के पत्र क्रमांक 18/तक/लो.स्‍वा.या.गु.लि./खंड/2016 दिनांक 04/01/2017 पर प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाही की वर्णन देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार धार जिले के डही विकासखण्‍ड के अतिरिक्‍त 5 ग्राम कलमी, बाबली बु., बाबली खुर्द, मालपुरा एवं पोंडरवामनी को जोड़कर जल प्रदाय योजना कब तक स्‍वीकृत कर दी जायेगी? (ग) उपरोक्‍त स्‍वीकृति में विलंब क्‍यों हो रहा है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) योजना का मंडल एवं परिक्षेत्र स्तर पर परीक्षण किया गया, योजना में आवश्यक संशोधनों हेतु कार्यपालन यंत्री, लो.स्वा.यां.खंड सरदारपुर को निर्देशित किया गया है। (ख) निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। (ग) नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है, कोई विलंब नहीं हो रहा है।

पुलिस कर्मियों को आवास सुविधा

[गृह]

174. ( क्र. 6542 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या म.प्र. पुलिस कर्मचारियों को नि:शुल्‍क आवास सुविधा हेतु हुड़को से वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में नए आवासीय भवनों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो जिलावार भवनों की लागत, स्‍थान नाम सहित वर्षवार देवें (ख) पुलिस विभाग में आवास आवंटन के नियमों की छायाप्रति देवें। क्‍या कारण है कि झाबुआ जिले में उक्‍त नियमों को दर किनार कर आदेश क्रमांक पुअझा/एसी-1/652/2017 दिनांक 02.02.17 को नियम विरूद्ध तरीके से आवास आवंटित कर दिए गए है? (ग) उपरोक्‍त अवैध आवंटन कब तक निरस्‍त कर दिया जावेगा? (घ) उपरोक्‍त अवैध आदेश जारी करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। जी नहीं। मात्र वरिष्ठता सूची में त्रुटि के कारण पुनर्वालोकन पर आदेश निरस्त किया गया। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

रिकार्ड शाखा से नकल प्रतिलिपि न देना

[राजस्व]

175. ( क्र. 6545 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तहसील नरवर जिला शिवपुरी में नामांतरण क्रमांक 3/94-95/6 के आदेश दिनांक 26.12.94 की प्रतिलिपि प्राप्‍त हेतु संबंधित द्वारा तहसीलदार नरवर को आवेदन दिये जाने पर व तहसीलदार नरवर द्वारा दिनांक 23.03.95 से रिकार्ड शाखा शिवपुरी में भेज दिया गया है? (ख) क्‍या प्रकरण के संबंध में आवेदक द्वारा रिकार्ड शाखा शिवपुरी से आदेश की प्रति की मांग हेतु कई बार आवेदन देने के उपरांत भी जानकारी अप्राप्‍त रहने पर जन-सुनवाई केन्‍द्र एवं मुख्‍यमंत्री हेल्‍पलाईन में दिनांक 07.07.16 को शिकायत क्रमांक 2308152 मो. नं. 8103384696 से भी शिकायत की गई? (ग) यदि हाँ, तो मुख्‍यमंत्री हेल्‍पलाईन व अन्‍य माध्‍यमों से आदेश की नकल की प्रति न देने के क्‍या कारण हैं व इस हेतु कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है एवं उपरोक्‍त प्रकरण के आदेश की प्रति कब तक संबंधित को उपलब्‍ध करा दी जावेगी? (घ) क्‍या यह सही है कि कार्यालय तहसीलदार परगना नरवर द्वारा 23.03.95 नामांतरण के रिकार्ड को अभिलेख में जमा कराने हेतु भेजा गया था यदि हाँ, तो फिर नामांतरण आदेश की प्रतिलिपि न होने के संबंध में यह टीप किस आधार पर दी गई कि रिकार्ड उपलब्‍ध नहीं है? इस प्रकार के महत्‍वपूर्ण अभिलेख सुरक्षित रखने के क्‍या नियम/मापदंड हैं एवं इसकी पूर्ति न करने के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जन-सुनवाई एवं सी.एम. हेल्‍पलाईन में भी उक्‍त आवेदक द्वारा नकल की मांग की जाने पर प्रकरण का शोध कराया गया किन्‍तु प्रकरण रिकार्ड रूम में नहीं मिला इसके संबंध में आवेदक को अवगत कराया गया था।            (ग) रिकार्ड शाखा शिवपुरी में आवेदन प्राप्‍त होने पर प्रकरण क्रमांक 03/94-95/अ-6 का शोध किया गया, परन्‍तु शोध उपरांत भी प्रकरण प्राप्‍त न होने के कारण संबंधित को नकल उपलब्‍ध नहीं कराई जा सकी। (घ) जी हाँ, तहसीलदार नरवर द्वारा दिनांक 23.03.1995 से प्रकरण अभिलेख में जमा कराने हेतु भेजा गया था, परन्‍तु प्रकरण क्रमांक 03/94-95/अ-6 शोध के उपरांत भी उपलब्‍ध न होने के कारण संबंधित आवेदक को उपलब्‍ध नहीं कराया जा सका। महत्‍वपूर्ण अभिलेख सु‍रक्षित रखने के संबंध में रिकार्ड सुरक्षित रखने की जिम्‍मेदारी रिकार्ड कीपर की होती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। वांछित रिकार्ड 22 वर्ष पूर्व जिला रिकार्ड रूम में तत्‍समय के रिकार्ड कीपर श्री रामदयाल चिडार के द्वारा जमा किया गया था, जो उक्‍त कर्मचारी की सेवानिवृति पश्चात् मृत्‍यु हो चुकी है। आवेदक को रिकार्ड उपलब्‍ध नहीं होने के संबंध में अवगत करा दिया गया है।

आवेदनों का निराकरण

[राजस्व]

176. ( क्र. 6546 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्‍व विभाग द्वारा सीमांकन, बटंवारा एवं नामान्‍तरण के निराकरण हेतु क्‍या नियम निर्देश प्रचलन में है? प्रति दी जावें (ख) तहसील करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में जनवरी 2015 से जनवरी 2017 त‍क कितने प्रकरण सीमांकन, बंटवारा एवं नामान्‍तरण के आवेदकों द्वारा प्रस्‍तुत किये गये? (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) में प्रस्‍तुत आवेदनों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा के अन्‍दर हो चुका है? यदि नहीं, तो क्‍यों? निराकरण हेतु शेष आवेदन कितने हैं व शेष आवेदनों का कब तक निराकरण कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र.भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 129 के तहत सीमांकन, धारा 109,110 के तहत नामांतरण एवं धारा 178 के तहत बंटवारा प्रकरणों के निराकरण हेतु नियम प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) तहसील करैरा एवं नरवर जिला शिवपुरी में जनवरी 2015 से जनवरी 2017 तक सीमांकन, नामांतरण एवं बंटवारा के निम्‍नानुसार आवेदन प्रस्‍तुत किए गए :-

तहसील

सीमांकन

नामांतरण

बंटवारा

करैरा

1495

1150

602

नरवर

1104

363

356

योग

2599

1513

958

 (ग) प्रश्‍नांश (ख) में प्रस्‍तुत आवेदनों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में किया गया है। शेष आवेदन निम्‍नानुसार है :-

तहसील

सीमांकन

नामांतरण

बंटवारा

करैरा

4

137

84

नरवर

42

65

63

योग

46

202

147

 
उक्‍त शेष आवेदन (सीमांकन-फसल कटने, नामांतरण, बंटवारा-विवादित होने, साक्ष्‍य न होने, पक्षकारों के उपस्थिति न होने) अत्‍यधिक विवादित होने के करण निराकरण विधि प्रक्रिया पूर्ण होने पर किया जावेगा। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

 

 




 


भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


तकनीकी महाविद्यालयों में हिन्‍दी पाठ्यक्रम लागू करना

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

1. ( क्र. 260 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंजीनियरिंग एवं पोलीटेक्निक महाविद्यालयों तथा आई.टी.आई. का पाठयक्रम वर्तमान समय में किस भाषा में है? (ख) क्‍या सरकार इसमें हिन्‍दी भाषा में पाठ्यक्रम तैयार करने की योजना बना रही है? यदि हाँ, तो किस प्रकार? (ग) क्‍या हिन्‍दी पाठ्यक्रम लागू होने के बाद अन्‍य भाषा पाठ्यक्रम में अध्‍ययनरत छात्रों को कठिनाई नहीं होगी? सरकार उनके लिए क्‍या नियम बनाएगी?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) इंजीनियरिंग एवं पोलीटेक्निक महाविद्यालयों एवं आई.टी.आई. के लिये पाठ्यक्रम अंग्रेजी भाषा में है तथा स्‍थानीय स्‍तर पर प्रशिक्षकों द्वारा आई.टी.आई. का पाठ्यक्रम हिन्‍दी में रूपांतरित कर लिया जाता है। (ख) इंजीनियरिंग एवं पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में हिन्‍दी पाठ्यक्रम तैयार करने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। आई.टी.आई. में हिन्‍दी भाषा में पठन-पाठन सामग्री उपलब्‍ध है। (ग) उत्‍तरांश-'''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नलजल योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

2. ( क्र. 319 ) श्री जतन उईके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र की नलजल योजनाओं की सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें?        (ख) जिन ग्राम पंचायतों में जल स्‍त्रोत सूख गये हैं, उसका संचालन कैसा होगा? (ग) इसके लिए नवीन योजनाएं कब तक स्‍वीकृत की जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सफल स्त्रोत विकसित कर। (ग) ''नल से जल आज और कल'' अभियान के अन्तर्गत लघुसुधार के कारण बंद नलजल योजनाओं को चालू करने हेतु धनराशि संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करवा दी है तथा कार्यवाही ग्राम पंचायतें कर रही हैं। रूपये 2.00 लाख से अधिक सुधार लागत वाली बंद नलजल योजनाओं को चालू करने के कार्यों की स्वीकृति देकर निविदाएं आमंत्रित की गई हैं तथा जून 2017 तक अधिक से अधिक बंद नलजल योजनाओं को चालू करने की कार्यवाही की जा रही है।

ग्राम पंचायतों में पेयजल उपलब्‍धता

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

3. ( क्र. 320 ) श्री जतन उईके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या छिन्‍दवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में कम वर्षा होने के कारण ग्राम पंचायतों में पेयजल की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो चुकी है एवं वहाँ पर स्‍थापित हैंडपंप एवं अन्‍य स्‍त्रोत सूख गये हैं? ग्रामवार विवरण देवें। (ख) क्‍या जिले की पांढुर्णा विधान सभा पेयजल संकटग्रस्‍त है? उक्‍त विधान सभा में पेयजल संकट को दूर करने के लिए कोई कार्य योजना शासन द्वारा पृथक से तैयार कराकर पेयजल संकट को दूर करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताएं।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, जी नहीं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र सहित छिंदवाड़ा जिले के लिये आगामी ग्रीष्मकाल (माह अप्रैल से जून 2017 तक) में संभावित पेयजल संकट की स्थिति में पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना, स्थापित हैण्डपम्पों में राईजर पाईप बढ़ाने एवं सिंगल फेस मोटर पंप डालने इत्यादि की कार्य योजना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

निजी यात्री बसों में यात्रियों को बीमा का लाभ

[परिवहन]

4. ( क्र. 336 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा मध्य प्रदेश राज्य परिवहन को बंद कर वाहनों का संचालन निजी हाथों में दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन शर्तों के साथ निजी हाथों में परिवहन का कार्य दिया गया है? (ख) क्या परिवहन की बसों में यात्रियों को बीमें की सुविधा थी? यदि हाँ, तो क्या निजी परिवहन में भी यह सुविधा लागू की गई है? यदि हाँ, तो पिछले एक वर्ष में इंदौर संभाग में यात्री दुर्घटना में मृत यात्रियों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो क्या शासन यात्री बस दुर्घटना में मरने वाले यात्रियों के लिए दुर्घटना बीमा की योजना लागू कर रही है। (ग) निजी यात्री बसों में शासन द्वारा यात्रियों की सुविधा एवं बढ़ती यात्री दुर्घटनाओं, यात्रियों से मनमाना यात्री बस किराया, दो सीटों के मध्य उचित अंतर आदि को देखते हुए क्या बीमा, ई-टिकिट, निर्धारित सीटों के मध्य अंतर के संबध में कोई पॉलिसी बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? दो सीटों के में बैठने हेतु कितना अंतर होना चाहिए, नियम का उल्लेख करें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही हैं कि मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम के परिसमापन का निर्णय फरवरी 2005 में लिया गया था। तदुपरान्त सितम्बर 2009 से मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित यात्री बसों का संचालन पूर्णतः बंद कर दिया गया है। यात्री परिवहन एवं जन सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए, निजी परिचालकों की वाहनों को प्रक्रम वाहन सेवा अनुज्ञापत्र मोटरयान नियम 1988 की धारा 72 (2) में विहित शर्तों के अधीन जारी किये जाते है। (ख) जी हाँ। निजी परिवहन यानों के लिए भी मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 146 के अनुसार पर व्यक्ति (Third Party) जोखिम बीमा पॉलिसी लिया जाना प्रावधानित है जिसके तहत बीमा आवश्‍यक है। पृथक से कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। परिवहन विभाग द्वारा दुर्घटना में मृत यात्रियों के परिजनों को बीमा राशि नहीं दी जाती है। पर व्यक्ति जोखिम बीमा का प्रावधान विद्यमान होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) पृथक से ऐसी कोई पॉलिसी वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। सड़क दुर्घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुये सड़क सुरक्षा नीति लागू की गई है। साथ ही यात्रियों से ली जाने वाली किराये की दरें निर्धारित है। निजी यात्रा बसों में यात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से मोटरयान अधिनियम 1988 एवं इसके अधीन निर्मित नियमों में व्यापक प्रावधान पूर्व से ही प्रावधानित है। दो सीटों के मध्य अंतर रखने का प्रावधान मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 158 में है जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''एक''

मण्‍डला जिले के यातायात व्‍यवस्‍था

[गृह]

5. ( क्र. 386 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) यातायात विभाग जिला मण्‍डला में कितना स्‍टॉफ स्‍वीकृत एवं पदस्‍थ है? कौन-कौन से कितने पद कब से रिक्‍त हैं एवं क्‍यों? कौन-कौन कब से किस पद पर पदस्‍थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में मण्‍डला शहर एवं जिले की यातायात व्‍यवस्‍था को सुदृढ़ बनाने हेतु किस-किस मद में                    कितनी-कितनी राशि एवं कौन-कौन से उपकरण आदि आवंटित किये हैं एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्‍यय हुई हैं वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में दोपहिया, चारपहिया व भारी वाहनों के चालान से तथा चलाये गये सड़क सुरक्षा अभियान के तहत वाहनों के चालान में प्रश्नांश (ख) अवधि में कितनी आय हुई तथा यातायात व्‍यवस्‍था को सुधारनें व सड़क सुरक्षा व्‍यवस्‍था पर कितनी राशि व्‍यय हुई? (घ) प्रश्नांश (क) में मण्‍डला शहर एवं जिले में कितनी सड़क वाहन दुर्घटनायें हुईं? इसमें कितने व्‍यक्तियों की मृत्‍यु हुई तथा कितने घायल हुए वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी देवें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार

धान एवं गेहूँ खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

6. ( क्र. 387 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में धान और गेहूँ खरीदी केन्‍द्रों द्वारा वर्ष 2013-14 से 2015-16 के मध्‍य में कितनी खरीदी की गई? केन्‍द्रवार बतायें। (ख) खरीदी केन्‍द्रों द्वारा उक्‍त अवधि में कहाँ-कहाँ    किस-किस वेयरहाउस में धान एवं गेहूं जमा किया गया? केन्‍द्रवार मात्रा एवं परिवहन में आये खर्च की राशि बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) में धान एवं गेहूँ का परिवहन किन-किन वाहनों से खरीदी केन्‍द्र से वेयरहाऊसों में पहुँचाया गया? उनकी दूरी कितनी-कितनी थी? केन्‍द्रवार बतायें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मण्‍डला जिले में वर्ष 2013-14 में धान 669058.49 क्विंटल एवं गेहूं 330639.39 क्विंटल; वर्ष 2014-15 में धान 773666.42 क्विंटल एवं गेहूं 304109.65 क्विंटल तथा 2015-16 में धान 945556.16 क्विंटल एवं गेहूं 406900.17 क्विंटल समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित किया गया। उपार्जन केन्‍द्रवार खरीदी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के          प्रपत्र- अनुसार है। (ख) मण्‍डला जिले में वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक धान के उपार्जन केन्‍द्र से वेयरहाउस में केन्‍द्रवार जमा धान की मात्रा, उपार्जन केन्‍द्र से वेयरहाउस की दूरी, परिवहन व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अनुसार है। गेहूं के उपार्जन केन्‍द्र से वेयरहाउस में केन्‍द्रवार जमा गे‍हूं की मात्रा, उपार्जन केन्‍द्र से वेयरहाउस की दूरी, परिवहन व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) मण्‍डला जिले में वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की अवधि में उपार्जित धान एवं गेहूं को गोदाम तक परिवहन कार्य में उपयोग किया गया वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। धान उपार्जन केन्‍द्रों से वेयरहाउस की दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार एवं गेहूं उपार्जन केन्‍द्रों से वेयरहाउस की दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

मत्‍स्‍य सहकारी समितिया

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

7. ( क्र. 1470 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) दमोह जिले में ऐसी कितनी मत्‍स्‍य सहकारी समितियां हैं, जो गणपूर्ति न होने पर भी कार्य कर रही हैं? (ख) दमोह जिले में किन-किन मत्‍स्‍य सहाकारी समितियों एवं तालाबों को विगत 03 वर्ष में कितना-कितना अनुदान दिया गया है? (ग) क्‍या जिले में मत्‍स्‍य विभाग द्वारा सुखान की मछली पकड़ने के आदेश दिये गये हैं? यदि नहीं, तो जो समितियां सुखान कर नियम विरूद्ध कार्य कर रही हैं, उन समितियों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की जाकर उनको भंग किया है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार(ग) जी नहीं। जिले में समितियों द्वारा सुखान कार्य करने की जानकारी कार्यालय को नहीं है। प्रकरण पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट - ''दो''

कर्मचारि‍यों के रिक्‍त पदों की पूर्ति

[पशुपालन]

8. ( क्र. 1580 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कितने पशु पालन केन्द्र स्थापित हैं? इन पशु पालन केन्द्रों पर कितने कर्मचारि‍यों के पद स्वीकृत हैं? इनमें से वर्तमान में कितने पद रिक्त पड़े हैं? (ख) इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) विभाग में पशुपालन केन्द्र नाम से कोई संस्था स्थापित नहीं है, अपितु विधानसभा क्षेत्र खाचरौद में 05 पशु चिकित्सालय, 04 पशु औषधालय तथा 11 मुख्य ग्राम इकाइयों के माध्यम से पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) पदस्थापना एक निरंतर प्रक्रिया है अत: समय सीमा बताया जाना संभव नहीं।

परिशिष्ट - ''तीन''

शासकीय महाविद्यालय पाटन हेतु दी गई भूमि

[राजस्व]

9. ( क्र. 1648 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) ग्राम पाटन तहसील पाटन जिला जबलपुर पटवारी हल्‍का नं. 24 स्थित खसरा नं. 809/1 दिनांक 06.08.1999 के पूर्व राजस्‍व अभिलेख में किस मद के तहत किसके नाम दर्ज थी? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित भूमि वित्‍त वर्ष 1999 में कलेक्‍टर जबलपुर के आदेश दिनांक 06.08.1999 के तहत नये शासकीय महाविद्यालय की स्‍थापना हेतु प्रदान की गई थी? (ग) शासकीय महाविद्यालय पाटन का निर्माण कहाँ पर किस खसरा नं. के कितने रकबे पर किया गया है?             (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित शासकीय भूमि की वर्तमान समय में अद्यतन स्थिति क्‍या है? क्‍या यह सही है कि उक्‍त भूमि को वर्ष 2009 को तहसीलदार पाटन द्वारा 30,000/- रू. में कृषि कार्य हेतु नीलाम किया गया था? महाविद्यालय की स्‍थापना अन्‍यत्र हो जाने से क्‍या शासन उक्‍त शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त कराकर सन् 1999 के पूर्व की तरह ग्राम कोटवारी की सेवाएं देने वालों के नाम करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील पाटन पटवारी हल्का नं. 24 खसरा नं. 809/1 दिनांक 06.08.1999 के पूर्व राजस्व अभिलेख में सेवा भूमि मद में दर्ज थी। (ख) जी हाँ।               (ग) तहसील पाटन ग्राम पाटन हल्का नं. 24 खसरा नं. 90/5 रकबा 0.809, खसरा नं. 91/3 रकबा 0.809 पर किया गया। (घ) प्रश्नांश '''' में उल्लेखित शासकीय भूमि खसरा नं. 809/1 रकबा 1.149 हेक्टेयर पर शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था पाटन निर्मित है। जी हाँ, शासकीय महाविद्यालय पाटन की सामान्य परिषद् प्रस्ताव क्र. 13 दिनांक 29.04.2006 के अनुसार शासकीय महाविद्यालय की जमीन नीलामी हेतु तहसीलदार को लिखा गया एवं जिसकी नीलामी तहसीलदार पाटन के समक्ष 06.06.2009 को रूपये 30,000/- में की गई थी। महाविद्यालय की स्थाना अन्यत्र हो जाने के पश्चात् उपरोक्त भूमि पर न्यायालय अपर कलेक्टर (ग्रामीण) के राजस्व प्रकरण क्र. 72/अ-19/2011-12 में पारित आदेश दिनांक 08.01.2014 के अनुसार खसरा नं. 809/1 रकबा 1.149 हेक्टेयर एवं खसरा नं. 809/3 रकबा 0.064 हेक्टेयर कुल रकबा 1.20 हेक्टेयर भूमि म.प्र.शासन, संचालक प्रशिक्षण म.प्र. को आवंटित की गई जिस पर वर्तमान में शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था पाटन निर्मित होकर बाउन्ड्रीवॉल बनाकर काबिज है। वर्णित भूमि रिक्त एवं अतिक्रमित न होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।

फोर लेन निर्माण अधिग्रहित भूमि का मुआवजा

[राजस्व]

10. ( क्र. 1709 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या देवास से भोपाल फोर लेन लाईन निर्माण के समय सोनकच्‍छ नगर व ग्राम सावेर में जिन-जिन लोगों के प्‍लाट/भूमि अधिग्रहण की गई थी उन सभी को मुआवजा प्रदान किया गया था? क्‍या ऐसा मामला भी सामने आया था की किसी को मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन को मुआवजा नहीं मिल पाया था? नाम सहित जानकारी स्‍पष्‍ट करें। (ख) जिन लोगों के प्‍लाट/भूमि बिना किसी सूचना पत्र अथवा बिना किसी सहमति से भूमि अधिग्रहण कर रोड  निर्माण कराया गया है और उन्‍हें आज तक मुआवजा वितरण नहीं किया गया, क्‍या उन्‍हें अब मुआवजा वितरण किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस प्रक्रिया के तहत किया जा सकता है।          (ग) क्‍या सोनकच्‍छ तहसील के ग्राम सावेर में सर्वे न. 293 (139.40 वर्ग मीटर) का प्‍लाट भी अधिग्रहण किया गया था? यदि हाँ, जो उसका मुआवजा किसे दिया गया है? उसका नाम, मुआवजा राशि व राशि वितरण का चेक क्रं. सहित सम्‍पूर्ण जानकारी स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। समस्‍त पात्र लोगों को मुआवजा प्रदान किया गया था। जी नहीं मुआवजा वितरण से वंचित होने का कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है।       (ख) उत्‍तरांश-क के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। अधिग्रहित भूमि के          पृथक-पृथक खाताधारक का नाम, मुआवजा राशि, वितरित चैक क्रमांक, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार

परिशिष्ट - ''चार''

सोनकच्‍छ सीमा में भूमि परिवर्तन

[राजस्व]

11. ( क्र. 1710 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सोनकच्‍छ नगर की कई जगहों पर जैसे मण्‍डी के पीछे व प्रगति नगर आदि कई जगहों पर भूमि परिवर्तन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) उक्‍त जगहों पर आम जनता द्वारा प्‍लाट के रूप में 600 से 1500 स्‍क्‍वायर फिट भूमि क्रय की थी, जिस पर वे अपना घर बनाना चाहते थे परन्‍तु भूमि परिवर्तन पर रोक लगाने से उनके सपने अधूरे रह गये? क्‍या ऐसे लोगों जिन्‍हें उक्‍त 1500 स्क्‍वायर फिट तक भूमि पर मकान बनाने के लिए भूमि खरीदी थी उनके लिए भूमि परिवर्तन हेतु कोई प्रावधान है? यदि है तो क्‍या? (ग) कब तक भूमि परिवर्तन का कार्य शुरू किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सोनकच्छ (राजस्व) अनुभाग अंतर्गत सोनकच्छ नगर में स्थित समस्त निजी स्वत्व की कृषि भूमियों पर भूमि परिवर्तन के लिये प्राप्त आवेदन पत्रों पर म.प्र.भू.रा. संहिता 1959 की धारा 172 के अंतर्गत बनाये गये समस्त प्रावधानों एवं शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के पालन में पूर्ति होने पर नियमानुसार भूमि परिवर्तन की कार्यवाही की जाती है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक।

शासन के आवासों पर पूर्व विधायक एवं सांसदों का अवैध कब्‍जा

[गृह]

12. ( क्र. 1754 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के कई पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद जिनका कार्यकाल समाप्‍त होने के बावजूद उनके द्वारा शासकीय आवास वर्षों बाद भी रिक्‍त नहीं किया गया है तथा अवैध रूप से अपने आधिपत्‍य में रखे हुए हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2010 से प्रश्‍नांश दिनांक तक किस-किस जिले में         किस-किस पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद के आधिपत्‍य में है, जिलेवार राजनैतिक दल का नाम तथा जनप्रति‍निधियों के नाम सहित यह अवगत करावें कि आवास रिक्‍त कराने हेतु विभाग द्वारा उक्‍त जनप्रतिनिधियों को कब-कब नोटिस जारी किए गए और कब तक खाली कराया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन द्वारा पूर्व विधायक एवं सांसदों से किराया वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो कब-कब से कितनी-कितनी राशि वसूली तथा किन-किनके द्वारा किराये की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है और अभी तक कुल कितनी राशि बकाया हो चुकी है, जिलेवार नामवार व किस राजनैतिक दल से संबंधित है, बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही के कारण किराये की राशि वसूल नहीं की गई तथा आवास रिक्‍त नहीं कराया गया वर्षवार, नाम व पद सहित बतावें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जाँच प्रतिवेदनों पर कार्यवाही

[राजस्व]

13. ( क्र. 1832 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिला कलेक्टर कार्यालय में विगत 4 वर्षों में कितने जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुए? इसमें से कितने प्रतिवेदन आयुक्त कार्यालय को प्रेषित किये गये, कितने जिला कार्यालय में निर्णय हुए, कितने निर्णय हेतु लंबित हैं? प्राप्त जाँच प्रतिवेदन की दिनांक वरिष्ठ कार्यालय प्रेषण दिनांक, निर्णय दिनांक सहित विभागवार, प्रकरणवार सूची देवें। (ख) खरगोन जिला कलेक्टर कार्यालय को विगत 4 वर्षों में आयुक्त या लोकायुक्त कार्यालयों से जाँच के बाद आरोपित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु किस दिनांक को आदेश प्राप्त हुए? प्रकरणवार, विभागवार सूची देवें। इसमें से कितने प्रकरणों में कब-कब क्या कार्यवाही की गई, कितने प्रकरण किन कारणों से कब से लंबित है, प्रकरणवार सूची देवें। (ग) खरगोन जिला कार्यालय से जाँच हेतु निर्देशित दिनांक के बाद एक साल से अधिक समयावधि में भी जाँच प्रतिवेदन जिला कार्यालय में प्राप्त नहीं होने वाले प्रकरणों की नाम, पद, विभाग सहित सूची देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मैरेज गार्डनों पर कि गई कार्यवाही

[पर्यावरण]

14. ( क्र. 1836 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत खरगोन जिले के कितने उद्योगों/संस्थाओं को विगत 5 वर्षों में नोटिस दिये गये या कार्यवाही की गई? नोटिस/कार्यवाही उपरांत संस्थाओं/उद्योगों द्वारा प्रदत्त जवाब की संक्षिप्त सूची उद्योग/संस्था के नाम, विषय सहित देवे। कितने नोटिस के जवाब 6 माह से अधिक अवधि से लंबित हैं, प्रकरणवार सूची देवें।             (ख) खरगोन जिले की नगर परिषद, मेरेज गार्डनों पर विगत 4 वर्षों में कि गई कार्यवाही की जानकारी देवें, इस संबंध में हुए पत्राचार की प्रति देवें। (ग) खरगोन जिले में विगत 2 वर्ष में कितने उद्योगों को जल सम्मति पत्र जारी किया गया? नाम व पता सहित सूची देवें। (घ) विगत 3 वर्ष में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इंदौर कार्यालय में मोबाईल टॉवर संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा इनमें से कितनी शिकायतों पर जाँच प्रकरण बनाये गये? प्रकरणवार सूची देवें।

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में 08 नोटिस दिये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है नोटिस के प्राप्त जबाब जो 06 माह से अधिक अवधि से लंबित है, की संख्या निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) विगत 03 वर्ष में क्षेत्रीय कार्यालय, इंदौर में मोबाईल टावर संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

सिंघाड़ा बोर्ड का गठन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

15. ( क्र. 1870 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 4-12-2016 को मुख्यमंत्री को माझी समुदाय के सिंघाड़ा उत्पादकों की समस्याओं के निदान हेतु कोई लेख किया है? (ख) क्या मुख्यीमंत्री ने दिनांक                22-8-2008 को प्रश्नांश (क) समस्या के निदान हेतु संस्था़ के गठन की कोई घोषणा की है?                   (ग) क्या विभाग ने प्रश्नांश (क) जाति एवं समस्याओं का माध्य्म से कोई अध्ययन कर उनके निदान की कोई योजनाएं बनायी हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) का गठन कर उनकी समस्याओं का निदान कर सर्वांगीण कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया जावेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र कार्यालय को प्राप्‍त नहीं हुए। (ख) जी नहीं। (ग) मछुआ कल्‍याण बोर्ड के उद्देश्‍यों में उक्‍त बिन्‍दु का समावेश किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के अनुक्रम में बोर्ड की अनुशंसा पर कार्य किया जावेगा।

श्रम विभाग से संबंधित निगम एवं मण्‍डल

[श्रम]

16. ( क्र. 1956 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रदेश में श्रम विभाग से संबंधित कितने एवं कौन-कौन से निगम एवं मंडल हैं? (ख) प्रश्नांश (क) निगम-मंडलों का गठन कब हुआ? यदि नहीं, हुआ, तो किस कारण? जानकारी दें. रिक्‍त निगम- मंडलों का गठन कब तक कर लिया जायगा? (ग) सभी निगम मंडलों का विगत तीन वर्षों का बजट प्रावधान क्‍या था एवं उक्‍त अवधि में बजट के विरूद्ध व्‍यय का ब्‍यौरा दें .

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत निम्ननवत 04 मंडल कार्यरत है।

(1) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, भोपाल

(2) म.प्र. श्रम कल्याण मंडल, भोपाल

(3) म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल, मंदसौर

(4) म.प्र. शहरी/ग्रामीण असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल, भोपाल

(ख) (1) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, भोपाल-प्रश्नांश-'''' के अंतर्गत भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार तथा (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा 18 सहपठित म.प्र. नियम 2002 के नियम 251 के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा स्वीकृत अधिसूचना दिनांक 10.04.2003 द्वारा म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, का गठन किया गया है। वर्तमान में म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक/एफ 11-29/2013/1/9 भोपाल दिनांक 23.12.2013 के माध्यम से पूर्व गठित मंडल को भंग किया गया है। वर्तमान में मंडल के पुनर्गठन की कार्यवाही शासन स्तर पर अपेक्षित है। (2) म.प्र. श्रम कल्याण मंडल, भोपाल-म.प्र. श्रम कल्याण मंडल का गठन 14 नवंबर 1987 को हुआ जिसका पिछली बार मंडल का पुनर्गठन राज्य शासन द्वारा अधिसूचना क्रमांक एफ 14-1-2013-ए-सोलह, दिनांक 26 फरवरी 2013 को किया गया था, जो दिनांक 23.12.2013 तक अस्तित्‍व में रहा इसके पश्चात् मंडल का पुनर्गठन शासन द्वारा नहीं किया गया है। (3) म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल, मंदसौर - म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण निधि मंडल, मंदसौर का पुनर्गठन दिनांक 04.07.2012 को किया गया सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11-29/2013/1/9 दिनांक 3.01.2014 द्वारा मंडल में किये गये मनोनयन समाप्त किये गये। तत्पश्चात मंडल का पुनर्गठन नहीं किया गया। मंडल के पुनर्गठन की कार्यवाही शासन स्तर से अपेक्षित है। (4) म.प्र. शहरी/ग्रामीण असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल, भोपाल - मंडल का गठन वर्ष 2008 में हुआ था जो वर्ष 2011 में 3 वर्ष की अवधि होने से समाप्त हो गया है। मंडल का पुनर्गठन की कार्यवाही शासन स्तर पर लंबित है।
(ग) (1) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, भोपाल-म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का विगत तीन वर्षों का बजट एवं उक्त अवधि में बजट के विरुद्ध व्यय का ब्यौरा संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।       (2) म.प्र. श्रम कल्याण मंडल, भोपाल-श्रम विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल संचालित है, विगत तीन वर्षों के बजट एवं उसके विरुद्ध व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (3) म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण निधि मंडल, मंदसौर-म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण निधि मंडल, का गत तीन वर्षों का बजट प्रावधान तथा आय एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (4) म.प्र. शहरी/ग्रामीण असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल, भोपाल - म.प्र. शहरी/ग्रामीण असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल, भोपाल का विगत तीन वर्षों का बजट प्रावधान एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

भवनों के अतिक्रमण के संबंध में कार्यवाही

[राजस्व]

17. ( क्र. 2349 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विगत 5 वर्षों में छतरपुर जिले में शासकीय भवनों के अतिक्रमण की शिकायतें जिला प्रशासन तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व कार्यालय में प्राप्‍त हुई? (ख) क्‍या ऐसे भवन जो सामाजिक कार्यों हेतु तैयार किये गये थे उन पर लोगों ने कब्‍जा किया है? (ग) यदि हाँ, तो जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

 राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विगत 05 वर्षों में एक शिकायत शासकीय भवनों के अतिक्रमण के संबंध में जिला प्रशासन को प्राप्‍त हुई थी। उक्‍त शिकायत पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय मध्‍यप्रदेश, जबलपुर द्वारा डब्‍लू.पी.नंबर-1566/2016 में पारित निर्णय दिनांक 27.01.2016 के तहत नगर छतरपुर में शासकीय भवनों के चिन्‍हांकित 89 प्रकरणों में मध्‍यप्रदेश लोक परिसर (बे-दखली) अधिनियम 1973 के तहत प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) छतरपुर के न्‍यायालय में दर्ज किये गये है। जिनमें से 35 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रकरणों का निराकरण न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत गुण-दोषों के आधार पर किया जा रहा है। एक शिकायत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) राजनगर के कार्यालय में प्राप्‍त हुई है, जिस पर विद्याधर कालोनी खजुराहो में स्थित शासकीय भवनों में अनाधिकृत रूप से निवास कर रहे दो प्राइवेट व्‍यक्तियों के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश लोक परिसर अधिनियम 1974 की धारा 4 (1) के तहत आदेश पारित कर बेदखली की कार्यवाही की गई है। (ख) सामाजिक कार्यों हेतु तैयार किये हुये भवनों में अतिक्रमण के संबंध में कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कौशल विकास केन्द्र

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

18. ( क्र. 2422 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत कितने कौशल विकास केन्द्र, कहाँ-कहाँ संचालित हैं? इनके संचालन के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इनमें किस प्रकार के कौन-कौन से प्रशिक्षण प्रदान किये जाते हैं एवं किस-किस कार्य के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षणार्थियों की              कितनी-कितनी संख्या निर्धारित है? (ग) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक किस-किस विषय में कितने-कितने प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जिला राजगढ़ के अंतर्गत 02 शासकीय कौशल विकास केन्‍द्र राजगढ़ एवं सारंगपुर संचालित है। संचा‍लन के नियम जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) दिनांक 09 जनवरी 2017 के पूर्व निम्‍न व्‍यवसायों में प्रशिक्षण प्रदाय किया गया एवं प्रशिक्षणार्थियों की संख्‍या निम्‍नानुसार निर्धारित थी:-

क्रं.

कौशल विकास केन्‍द्र

संचालित प्रशिक्षण का नाम

प्रति बैच प्रशिक्षणार्थियों की निर्धारित संख्‍या

1.

राजगढ़

इलेक्ट्रिशियन डोमेस्टिक

20

इलेक्ट्रिशियन कमर्शियल

20

इलेक्ट्रिशियन इण्‍डस्ट्रियल

20

इलेक्ट्रिशियन वाइंडर

20

वेल्‍डर (आर्क)

20

2.

सारंगपुर

इलेक्ट्रिशियन डोमेस्टिक

20

इलेक्ट्रिशियन कमर्शियल

20

इलेक्ट्रिशियन वाइंडर

20

अकाउंट असिसटेंट यूजिंग टैली

20

कम्‍प्‍यूटर हार्डवेयर असिस्‍टेंट

20

आई.टी. एसेशियल हार्डवेयर टेक्निशियन

20

दिनांक 09 जनवरी 2017 के पश्‍चात् शासकीय कौशल विकास केन्‍द्रों में मुख्‍यमंत्री कौशल संवर्धन योजना अंतर्गत प्रशिक्षण के मॉड्यूल स्‍थान की उपलब्‍धता अनुसार प्रारंभ किये जायेंगे।                 (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

 

स्वरोजगार योजनाओं का क्रियान्वयन

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

19. ( क्र. 2423 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा स्वरोजगार हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जाती हैं? इसके नियम एवं योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में राजगढ़ जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक स्वरोजगार हेतु कितना भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य प्राप्त हुआ? लक्ष्य के विरुद्ध कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये, कितने स्वीकृत किये गये, कितने अस्वीकृत किये गये, कितने लंबित हैं? कितने स्वीकृति के पश्चात् वितरण कर दिये गये, संख्यात्मक जानकारी वर्षवार उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या विभाग हस्तकरघा बुनकरों के लिए भी स्वरोजगार योजना संचालित करता है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष में 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने हितग्राहीयों को स्व-रोजगार योजनान्तर्गत लाभान्वित किया गया?               (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र के बुनकरों के आर्थिक विकास हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक इसका क्रियान्वयन किया जावेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।

आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाना

[राजस्व]

20. ( क्र. 2480 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत ग्राम रामस्थान में अमीरे कोल पिता मैनेजर कोल निवासी सिन्धी कैम्प सतना के नाम कुल आराजी 11.508 हेक्टेयर क्रय की गई है जिसमे आराजी क्र.1237 में 06 एकड़ में लीज स्वीकृत है? (ख) क्या अमीरे कोल पिता मैनेजर कोल के नाम आराजी क्र.1237/3/0.405हेक्टेयर लगातार 1237/10/0.405हेक्टेयर एवं 999/3/क/2/0.405 हेक्टेयर, 1000/1/च/1/0.906हेक्टेयर, 1196/1/क/01.100हेक्टेयर, से 1196/2/ख/2/1.214 हेक्टेयर, 1217/ 4/0.405हेक्टेयर, 1240/3/क/1/0.810हेक्टेयर, 1244/1/क/1/0.805हेक्टेयर, 1240/1/क/2/0.712हेक्टेयर, 1247/(1/ग/0.607हेक्टेयर तथा 1247/1/घ/0.809हेक्टेयर, फर्जी आदिवासियों के फोटो लगाकर क्रय की गई है? (ग) क्या उक्त आराजियातों का भौतिक सत्यापन राजस्व एवं खनिज विभाग द्वारा किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त आराजियों को अनाधिकृत मालिक श्रावण कुमार पाठक एवं राममनोहर सिंह मैहर ए.आर.टी. कम्पनी के मुखिया के कब्जे में है तथा इन्ही दोनों व्यक्तियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कराकर रजिस्ट्रियां कराई हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या राजस्व एवं खनिज विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जाएगी तथा दोषियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

मेहगांव खण्‍ड मेहगांव में नवीन उपखण्‍ड कार्यालय की स्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

21. ( क्र. 2633 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के जिला भिण्‍ड में कितने उपखण्‍ड कार्यालय कहाँ-कहाँ स्‍थापित है? कृपया विकासखण्‍डवार जानकारी देवें? (ख) क्‍या शासन विकासखण्‍ड मेहगांव में नवीन उपखण्‍ड कार्यालय की स्‍थापना करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिला भिण्ड में 3 उपखण्ड कार्यालय क्रमशः भिण्ड गोहद एवं लहार में स्थापित है। उपखण्ड भिण्ड में विकासखण्ड भिण्ड एवं अटेर, उपखंड गोहद में विकासखण्ड गोहद एवं मेहगांव तथा उपखण्ड लहार में विकासखण्ड लहार एवं रोन का कार्यक्षेत्र है। (ख) जी हाँ, निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती है।

मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना से पेयजल

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

22. ( क्र. 2698 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत विगत दो वर्षों में मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना के अन्‍तर्गत कितने गॉवों में योजना बनाए जाने हेतु आवश्‍यक धनराशि जमा कर प्रस्‍ताव विभाग को भेजे गए हैं? ग्रामवार एवं पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) उक्‍त योजनाओं में से कितनी योजनाएं स्‍वीकृत हो चुकी हैं, कितनी पूर्ण हो चुकी हैं एवं कितनी स्‍वीकृत की जाना शेष हैं?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मुख्यमंत्री पेयजल योजना कार्यक्रम प्रभावशील नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश-के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम

[राजस्व]

23. ( क्र. 2700 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) नीमच जिले में मुख्‍यमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय नागरिकों को गत वर्ष आयोजित ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम में आवास हेतु कितने आवासीय पट्टे प्रदान किए गए हैं। विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) उक्‍त आवासीय पट्टाधारियों में से मकान बनाने हेतु विभिन्‍न बैंकों से कितनों को ॠण प्रदान किया जा चुका है व कितने मकान पूर्ण बनाए जा चुके हैं। (ग) इन आवासहीनों को बैंक से ॠण न दिए जाने की स्थिति में जिला कलेक्‍टर, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले में माह अप्रैल एवं मई २०१६ में ग्रामोदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्‍तर्गत आवासीय पट्टे जारी किये गये जिनका विधानसभावार विवरण निम्‍नवत् है :-

क्रमांक

विधानसभा क्षेत्र

जारी आवासीय पट्टे

०१

नीमच

१६४

०२

जावद

१३८

०३

मनासा

२३३०

कुल

 

२६३२

 
(
ख) जिले में कुल- २६३२ पट्टाधिकारि‍यों में से जिलों को आवंटित लक्ष्‍य- ८०० हितग्राहियों को बैंको द्वारा ऋण प्रदाय किया गया है। जिसमें से कुल- १४० आवास पूर्ण बनाये जा चुके है। (ग) जिलों को आवंटित लक्ष्‍य की शत-प्रतिशत पूर्णता होने से शेष जानकारी निरंक है।

अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं पट्टे संबंधी जानकारी

[राजस्व]

24. ( क्र. 2851 ) श्री सुरेन्‍द्रनाथ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या कार्यालय कलेक्‍टर (नजूल शाखा) जिला भोपाल के प्र.क्र.-173/नजूल/बी.121/98-99 दिनांक 11.03.99 को अनापत्ति पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो जारी करने का आधार और प्रकरण की वर्तमान स्थिति बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शहर भोपाल के प.ह.नं.-41 के ख.क्र.-1065 में से किस-किस को और कब-कब पट्टा जारी किये गये और इनके लीज रेंट जमा है या शेष है? सूचीवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत प्र.क्र.-921/बी.121/83-84 दि. 27.07.85 की भी एन.ओ.सी. जारी की गई है? यदि हाँ, तो जारी करने का आधार और प्रकरण की वर्तमान स्थिति बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत शहर भोपाल प.ह.नं.-41, ख.क्र.-1065 में किसान विपणन सहकारी संस्‍था को कितने वर्गफीट का भूखण्‍ड कब और संपूर्ण भूखण्‍ड की लीज रेंट जमा है तो कब तक की वर्तमान स्थिति बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पुलिस थानों में पदस्थ स्‍टॉफ

[गृह]

25. ( क्र. 2856 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा में कितने पुलिस थाने तथा पुलिस चौकियां हैं नामवार जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रत्येक पुलिस थाना तथा पुलिस चौकियों में कितना-कितना स्टॉफ विभाग की नीति के अनुसार होना चाहिए तथा वर्तमान में स्वीकृत स्‍टॉफ के विरूद्ध कितना स्‍टॉफ वर्तमान में कार्यरत है? पदवार जानकारी से अवगत करावें। (ग) यदि स्वीकृत अमला से कम स्‍टॉफ प्रत्येक पुलिस थाना तथा पुलिस चौकियों में है तो कब तक विभाग द्वारा पूर्ति की जावेगी। (घ) प्रत्येक पुलिस थाना तथा पुलिस चौकी में क्या महिला पुलिस का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो किन-किन थाना एवं चौकियों में पदस्थापना है और किन में महिला स्‍टॉफ नहीं है और कब तक पूर्ति कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कुल 6 थानें एवं 6 चौकियाँ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ग) पुलिस विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं सीधी भर्ती से की जाती है, जो निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। प्रत्येक थानों में कम से कम एक महिला पुलिसकर्मी की तैनाती के प्रावधान है। पुलिस चौकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत ही होती है। अतः पृथक से पुलिस चौकियों पर महिला पुलिसकर्मी पदस्थ नहीं की गयी है। जिले के प्रत्येक थाने में महिला पुलिसकर्मी पदस्थ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 परिशिष्ट - ''छ:''

मछुआ क्रेडिटकार्ड धारकों को ऋण प्रदान करना

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

26. ( क्र. 2906 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या मा. मुख्यमंत्री की घोषणानुसार जबलपुर और कटनी जिलों में किन जाति-वर्ग के लोगों के मछुआ क्रेडिट कार्ड बनाये गये हैं और उन्हें किस सीमा तक ऋण प्रदान किया जाता है? (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 4-9-2016 द्वारा मा.मुख्यमंत्री, कलेक्टर जबलपुर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जबलपुर को कतिपय ग्रामों के मछुओं के मछुआ क्रेडिट कार्ड से संबंधित समस्याओं के विषय में कोई लेख किया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के मछुआ क्रेडिट कार्ड धारकों के कार्ड कब बनाये गये हैं और उन्हें प्रथम बार कब कहाँ से कितना ऋण प्रदान कराया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के किन लोगों को जिन्होंने समयावधि में ऋणों का भुगतान कर दिया है, उन्हें कितनी बार और कब कितना ऋण प्रदान किया गया है? (ड.) क्या विभाग प्रश्नांश (क) से (ग) में उदासीनता एवं अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की जाँच कर कोई कार्यवाही करेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्‍नाधीन जबलपुर एवं कटनी जिलो में सभी जाति वर्ग के मछुआरों के मछुआ क्रेडिट कार्ड बनाये गये है। ग्रामीण तालाबों में मत्‍स्‍य पालन हेतु रूपये 18300/- प्रति हेक्‍टेयर, सिंचाई जलाशयों में मत्‍स्‍य पालन हेतु रूपये 2000/- प्रति हेक्‍टेयर एवं मौसमी तालाबों में स्‍पान संवर्धन कर मत्‍स्‍य बीज उत्‍पादन (0.25 हेक्‍टेयर) हेतु रूपये 23000/- तक ऋण उपलब्‍ध कराये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ड.) उदासीनता एवं अनियमित्‍ता नहीं होने से किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की जाँच कर कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सात''

नारददेव मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

27. ( क्र. 3039 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्‍न संख्‍या-101 (क्रमांक 1090) दिनांक 07 दिसम्‍बर 2016 के प्रश्नांश (क) से (घ) तक जानकारी एकत्रित की जा रही है उत्‍तर दिया गया है? यदि जानकारी एकत्रित कर ली गई है? बताएं। (ख) क्‍या नारददेव मंदिर की भिण्‍ड जिले की लहार तहसील के अन्‍तर्गत ग्राम मड़ौरी एवं केशवगढ़ गोहद तहसील के ग्राम इटायदा एवं दतिया जिले के ग्राम बिजौरा, गुमानपुरा एवं कुंअरपुरा में स्थित कृषि भूमि पर से अतिक्रमण हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी के द्वारा कब-कब अतिक्रमण हटाया गया एवं क्‍या अतिक्रमण हटाने के बाद मंदिर के पुजारी/ट्रस्‍ट को मौके पर कब्‍जा दिया गया एवं अतिक्रमणकारियों से कितनी-कितनी राशि वसूल की गई? (ग) क्‍या उक्‍त मंदिर की दतिया जिले के ग्राम गुमानपुरा में स्थित भूमि पर वर्तमान में अतिक्रमणकारियों द्वारा पुन: कब्‍जा कर लिया गया है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण कब तक हटा दिया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नियम विरूद्ध शा. आवास एवं वाहन प्रदाय पर कार्यवाही

[राजस्व]

28. ( क्र. 3151 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           श्री दिनेश सोनी, तहसीलदार देवास जिले में कब से पदस्‍थ हैं इनके विरूद्ध क्‍या विभागीय जाँच चल रही है और क्‍या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्री दिनेश सोनी, तहसीलदार देवास जिले में दिनांक 01/01/2016 से पदस्थ है। जी हाँ। प्रशासकीय निर्णय लेते हुये दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने हेतु प्रकरण मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की सहमति हेतु भेजा गया है।

खाद्यान्‍न परिवहन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

29. ( क्र. 3157 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में झाबुआ जिले में नागरिक आपूर्ति निगम अंतर्गत खाद्यान्‍न परिवहन का कार्य किसे दिया गया? (ख) उक्‍त ठेके हेतु कितनी निविदाएं आमंत्रित की गई हैं? इनमें क्‍या-क्‍या दरें प्राप्‍त हुई हैं तथा किस दर पर नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा ठेका दिया गया वर्षवार अवगत करावें? (ग) क्‍या जिले में खाद्यान्‍न परिवहन में कोई अनियमितता हुई है? क्‍या इस संबंध में कोई शिकायत विभाग को प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक खाद्यान्‍न के परिवहन हेतु एच.एल.आर.टी., एल.आर.टी. एवं द्वार प्रदाय योजनांतर्गत नियुक्‍त परिवहनकर्ताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में खाद्यान्‍न के परिवहन हेतु एच.एल.आर.टी. एवं एल.आर.टी. हेतु आमंत्रित निविदाएं एवं उनमें प्राप्‍त दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2016-17 में विगत वर्ष की ही परिवहन दर लागू है। खाद्यान्‍न के परिवहन हेतु स्‍वीकृत दरों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। द्वार प्रदाय योजनांतर्गत वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में आमंत्रित निविदाएं एवं प्राप्‍त दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। वर्ष 2015-16 में 2 वर्ष के लिए निविदा आमंत्रित किये जाने के कारण वर्ष 2016-17 में पृथक से निविदा आमंत्रित नहीं की गई। द्वार प्रदाय योजनांतर्गत परिवहन हेतु स्‍वीकृत दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति आयोग द्वारा झाबुआ जिले में खाद्यान्‍न परिवहन के संबंध में प्रकाशित समाचार पर जाँच रिपोर्ट चाही गई थी, कलेक्‍टर, झाबुआ द्वारा आयोग को जाँच उपरांत प्रतिवेदन भेजा गया जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है।

जिला आपूर्ति अधिकारी एवं खाद्य निरीक्षक द्वारा निरीक्षण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

30. ( क्र. 3158 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आपूर्ति अधिकारी एवं खाद्य निरीक्षक को प्रत्‍येक माह में कितनी शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों एवं कितने अनुज्ञप्तिधारियों का निरीक्षण करना निर्धारित है? (ख) झाबुआ जिले में आपूर्ति अधिकारी एवं खाद्य निरीक्षक द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी शा.उ.मू. की दुकानों का निरीक्षण किया गया तथा जाँच में क्‍या पाया गया? तिथि एवं दुकानवार जाँच का ब्‍यौरा देवें। (ग) क्‍या जाँच में कोई अनियमितता पाई गई? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) आपूर्ति अधिकारी एवं खाद्य निरीक्षण द्वारा निर्धारित निरीक्षण नहीं किये तो उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के अंतर्गत जिले की समस्‍त उचित मूल्‍य दुकानों का तीन माह में एक बार तथा थोक डीलर का प्रत्‍येक माह में एक बार निरीक्षण किये जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एण्‍ड-टू-एण्‍ड कम्‍प्‍यूटराईजेशन, ई-उपार्जन, प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना आदि शासन की महत्‍वपूर्ण समय-सीमा के कार्यों के कारण निर्धारित लक्ष्‍य अनुसार निरीक्षण नहीं किए जा सके।

जबलपुर के नालों में जलशोधक संयंत्रों की स्थापना

[पर्यावरण]

31. ( क्र. 3264 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) जबलपुर शहर की बस्तियों का प्रदूषि‍त जल किन बड़े नालों के द्वारा किन नदियों में मिलता है और किन नालों का जल परीक्षण में किस ग्रेड का पाया गया है? (ख) परियट और गौर नदियों का किन दिनांक को परीक्षित, किस ग्रेड का पानी हिरन और नर्मदा नदी में मिलता है और जिससे नदियों का जल किस ग्रेड का बन चुका है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रदू‍षि‍त जल से हिरन एवं नर्मदा नदियों का जल किन स्थानों में किस ग्रेड का और कहाँ-कहाँ पूर्णतया प्रदूषणमुक्त और पेय योग्य पाया गया है? (घ) विभाग द्वारा किन-किन नालों और नदियों में किन स्थानों में जलशोधक संयंत्र स्थापित किये जाने हेतु किसी संस्था को निर्देशित किया गया है और कब तक स्‍थापित कर दिया जावेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जबलपुर शहर की बस्तियों का प्रदूषित जल खंदारी एवं ओमती नालों के द्वारा क्रमशः नर्मदा एवं परियट नदी में मिलता है। नालों के जल की गुणवत्ता निर्धारित नहीं की गई है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है (घ) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जलशोधक संयंत्र स्थापित करने हेतु निर्देशित नहीं किया जाता है, अपितु दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित करने हेतु नगर निगम, जबलपुर को निर्देशित किया गया है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''आठ''

ओव्हरहेड टेंकों का निर्माण व बोरों का खनन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

32. ( क्र. 3266 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा बड़वारा की किन जनपद पंचायत के किन-किन ग्रामों में किन प्रकार की नलजल योजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के किन ग्रामों में ओव्हरहेड टेंकों का निर्माण कर दिया गया है और कहाँ स्वीकृत किये गये हैं तथा उनके निर्माण की स्थिति क्या है?              (ग) प्रश्नांश (क) के किन ओव्हरहेड टेंकों का निर्माण दोषपूर्ण पाया गया है और उनमें लीकेज की शिकायत पायी गई है तथा सुधार कर उन्हें उपयोगी बना दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) में से किन-किन के ट्यूबवैल खनन कर जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है? (ड.) प्रश्नांश (ख) खनन जो नहीं किये गये, कब तक कर दिये जायेंगे?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विधानसभा बड़वारा में कुल 89 नलजल योजनाएं संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) उत्तरांश-के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बाणसागर के विस्थापितों को सुविधायें उपलब्‍ध कराना

[राजस्व]

33. ( क्र. 3267 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या बाणसागर परियोजना की डूब में आये ग्रामों के ग्रामीणों का वि.स.क्षेत्र बड़वारा की जनपद पंचायतों के ग्रामों में पुनर्वास किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के पुनर्वास के किन ग्रामों में किनकी कितनी आवास योग्य व कृषि योग्य भूमि आवंटित की है और रोजगार के अवसर प्रदान किये गये हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) आवास क्षेत्रों में किन विभागों के द्वारा किन प्रकार की मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करायी गई हैं? विवरण देवें। (घ) क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रश्नांश (ग) का परीक्षण कर प्रयत्नपूर्वक कमियों की पूर्ति कराई है? विवरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खसरा रिकार्ड में सुधार

[राजस्व]

34. ( क्र. 3381 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा कमिश्‍नर, संभाग रीवा को पत्र 498 दिनांक 12/10/2016 एवं स्‍मरण पत्र क्रमांक 793 दिनांक 13/01/2017 द्वारा रीवा जिले के हुजूर तहसील अन्‍तर्गत ग्राम गोविन्‍दगढ़ का नियम विरूद्ध नामांतरण की जाँच कराये जाने हेतु पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो जाँच किस अधिकारी द्वारा की गयी व जाँच में क्‍या निर्णय किया गया? (ख) क्‍या भूमि 50 x70 = 3500 वर्ग फिट में लगभग 0.032 हेक्‍टेयर होता है? यदि हाँ, तो जिला रीवा अंतर्गत तहसील हुजूर के ग्राम गोविन्‍दगढ़-173 की विक्री की गयी भूमि भू-खण्‍ड 50 x70 =3500 वर्गफिट खसरा भूमि नंबर 995/1 में 0.024 एवं 996/1/2 में 0.026 कुल योग रकबा 0.050 हेक्‍टेयर किस गणितीय नियम से विभक्‍त किया गया है? फार्मूला बतावें। (ग) क्‍या यह भी सही है कि दिनांक 29/07/2011 की रजिस्‍ट्री का नामान्‍तरण रजिस्‍ट्री से पूर्व दिनांक 09/01/2011 को किया गया है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी? क्‍योंकि उक्‍त कूटरचित रिकार्डों के सुधार हेतु हितग्राही विगत 5 वर्ष से प्रयासरत हैं? दस्‍तावेज सुधार में और कितने वर्ष लगेंगे? (घ) क्‍या राजस्‍व विभाग की विभागीय गलतियों के सुधार हेतु आवेदन दिनांक से निराकरण हेतु कोई समय-सीमा तय करने का नियम बनाये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुआवजे के लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

35. ( क्र. 3439 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 7 अक्‍टूबर 2010 को तहसीलदार सागर को ग्राम सेमरा गोपालमन में खजुरिया जलाशय के निर्माण में ओवरफ्लो के भू-अर्जन के मुआवजे के लंबित प्रकरण के निराकरण के संबंध में एक पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो तहसीलदार सागर के द्वारा प्रकरण में क्‍या कार्यवाही की गयी है? क्‍या पटवारी हल्‍का नं. 142 में अर्जित भूमि के भू-स्‍वामि‍यों को उनके रकवे के मुआवजे का भुगतान कर दिया गया है अथवा नहीं? (ग) यदि नहीं, तो संबंधित               भू-स्‍वामियों को मुआवजा राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसीलदार सागर द्वारा मौके का परीक्षण कराकर प्रश्‍नाधीन संबंधित खसरा नं. का बटांकन प्रस्‍ताव स्‍वीकृत कर अनुविभागीय अधिकारी सागर के माध्‍यम से कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग क्रमांक-1 सागर के उक्‍त भूमि के अर्जन का प्रस्‍ताव प्रेषित किया। जल संसाधन विभाग द्वारा प्रश्‍नाधीन भूमि के भू-अर्जन नहीं करने से मुआवजा राशि भुगतान का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

सहायता राशि का भुगतान

[राजस्व]

36. ( क्र. 3440 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत 1 अप्रैल 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने व्‍यक्तियों की अप्राकृतिक रूप से मौतें हुई हैं? विधानसभा क्षेत्रवार, ग्रामवार संख्‍यात्‍मक जानकारी दी जावें? (ख) प्रश्‍नांश कंडिका (क) अनुसार सागर जिले में अप्राकृतिक रूप से हुई मौतों पर कितने मृतक के पीडि़त परिवारों को शासन की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि के भुगतान हो गया है और कितने मृतकों के आश्रितों/परिवार को अब तक सहायता राशि का भुगतान नहीं किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश कंडिका (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में बतावें कि आप्राकृतिक रूप से मृत हुये लोगों के लंबित मामलों में आश्रितों/परिवार को कब तक सहायता राशि का भु्गतान करा दिया जावेगा? विलम्‍ब के कारण सहित पूरी जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अधिकारियों के विरूद्ध शिकायतों की जाँच

[गृह]

37. ( क्र. 3452 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सूर्या रोशनी कंपनी लिमिटेड मालनपुर जिला भिण्‍ड के अधिकारियों द्वारा शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना के संबंध में संगीता तोमर, कु. कीर्ति तोमर ने थाना मालनपुर, पुलिस अधीक्षक भिण्‍ड, आई.जी. चंबल, डी.जी.पी., भोपाल को मई, जून 2016 से 30 नवम्‍बर 2016 तक कब-कब शिकायतें की तथा माह जुलाई 2016 में ऋचा चाहर ने पुलिस अधीक्षक ग्‍वालियर को शिकायतें की थी?           (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा माह नवम्‍बर 2016 में माननीय मुख्‍यमंत्री, माननीय गृह मंत्री, मुख्‍य सचिव, महानिदेशक पुलिस भोपाल को सूर्या रोशनी लिमिटेड मालनपुर, जिला भिण्‍ड के प्रबंधन द्वारा महिलाओं से अभद्रता करने तथा पीडि़ता संगीता तोमर को प्रताडि़त करने की शिकायत, शपथ पत्र, सी.डी. आदि दस्‍तावेज सहित की थी? (ग) क्‍या संगीता तोमर निवासी ग्‍वालियर ने सूर्या रोशनी लिमि. कंपनी मालनपुर जिला भिण्‍ड के अधिकारियों द्वारा महिलाओं को प्रताडि़त किए जाने के संबंध में सी.एम. हेल्‍प लाईन में शिकायत की थी जो कि सी.एम. हेल्‍प लाईन पोर्टल पर क्र. 2316353 से दिनांक 09.07.2016 को दर्ज है? (घ) यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायतों की जाँच किस-किस अधिकारी से कराई गई एवं दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। थाना मालनपुर जिला भिण्ड स्थित सूर्या रोशनी कम्पनी लिमिटेड के विरुद्ध मई-जून 2016 से 30 नवम्बर 2016 तक की अवधि में आवेदिका संगीता तोमर द्वारा पुलिस अधीक्षक भिण्ड के समक्ष दिनांक 15.07.2016 को आवेदन दिया गया था। आवेदिका कीर्ति तोमर द्वारा दिनांक 30.07.2016, दिनांक 30.08.2016 एवं दिनांक 31.08.2016 को पुलिस अधीक्षक भिण्ड को आवेदन दिये गये थे। पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन के समक्ष आवेदिका संगीता तोमर द्वारा दिनांक 20.07.2016 को शिकायती आवेदन दिया गया था। श्रीमान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) भोपाल के समक्ष आवेदिका कीर्ति तोमर द्वारा दिनांक 02.08.2016 को आवेदन दिया गया था तथा पुलिस अधीक्षक ग्वालियर के समक्ष कुमारी ऋचा चाहर द्वारा माह जुलाई 2016 में आवेदन दिया गया था। (ख) जी हाँ। उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता द्वारा माह नवम्बर 2016 में माननीय मुख्यमंत्री, माननीय गृहमंत्री, महानिदेशक पुलिस भोपाल को सूर्या रोशनी लिमिटेड मालनपुर जिला भिण्ड के प्रबंधन द्वारा महिलाओं से अभद्रता करने तथा पीडि़ता संगीता तोमर को प्रताडि़त करने की शिकायत, शपथ-पत्र, सी.डी. आदि दस्तावेज सहित की गई थी। किन्तु मुख्य सचिव को दिया गया आवेदन पुलिस अधीक्षक भिण्ड के अनुसार उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) जी हाँ। संगीता तोमर निवासी ग्वालियर के द्वारा सूर्या रोशनी लिमिटेड कम्पनी मालनपुर जिला भिण्ड के अधिकारियों द्वारा महिलाओं को प्रताडि़त किये जाने के संबंध में सी.एम. हेल्प लाइन पर शिकायत की गई थी जो सी.एम. हेल्प लाइन पोर्टल पर क्रमांक 231653 से दिनांक 09.07.2016 को दर्ज है। (घ) आवेदिका संगीता तोमर द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन में क्र. 2316353 से दिनांक 09.07.2016 पर दर्ज शिकायत की जाँच लेवल-1 अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) गोहद के द्वारा कराई गई थी। अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) गोहद की जाँच उपरांत लेवल-2 पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा शिकायत का निराकरण किया गया जिस पर कोई दोषी नहीं पाया जाने के कारण फरियादी के संतुष्ट होने पर जाँच पोर्टल पर भेजी गई जो दिनांक 01.08.2016 को पोर्टल पर शिकायत को बंद कर दिया गया।

उम्‍मीदवारों को प्रशिक्षण दिये जाना

[राजस्व]

38. ( क्र. 3459 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. ऑनलाईन पटवारी परीक्षा 2012 में चयन सूची में चयनित सभी रिक्‍त पदों की पूति कर उम्‍मीदवारों को प्रशिक्षण देने हेतु कलेक्‍टर भोपाल से प्राप्‍त अद्यतन अनुशंसित प्रशिक्षणार्थी को प्रशिक्षण देने हेतु आयुक्‍त भू-अभिलेख ग्‍वालियर द्वारा निराकृत किया गया है क्‍या कोई प्रकरण आयुक्‍त भू-अभिलेख कार्यालय में लंबित है? (ख) तीन वर्ष की समय-सीमा में भोपाल जिले के चयनित सूची से चयनित उम्‍मीदवारों के प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर उनके स्‍थान पर अगले क्रम के चयनित उम्‍मीदवारों को प्रशिक्षण में शामिल क्‍यों नहीं किया गया? क्‍या उन्‍हें शासन प्रशिक्षण देने के आदेश जारी करेगा? (ग) रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु चयनित उम्‍मीदवारों को प्रशिक्षण में शामिल करने हेतु राजस्‍व विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 883 दिनांक 14.07.2015 एवं मुख्‍य सचिव के पत्र क्रमांक सीएसओ 93751901/2015 दिनांक 03.07.2015 द्वारा निर्देशित करने पर भी प्रशिक्षण में अगले क्रम के चयनित उम्‍मीदवारों को शामिल क्‍यों नहीं किया गया? (घ) क्‍या शासन कलेक्‍टर भोपाल द्वारा प्रेषित रिक्‍त पदों पर अगले क्रम के चयनित उम्‍मीदवारों को चालू प्रशिक्षण में सम्‍मलित करने हेतु आयुक्‍त भू-अभिलेख ग्‍वालियर को जिस प्रकार आयुक्‍त द्वारा उनके आदेश क्रमांक 310/10/परीक्षा/प्रशिक्षण दिनांक 09.10.2015 द्वारा अन्‍य जिलों से चयनित वर्ष 2012 उम्‍मीदवारों को अनुमति दी गई है इसी क्रम में कलेक्‍टर भोपाल से अनुशंसित पात्र उम्‍मीदवारों को प्रशिक्षण की अनुमति देने हेतु शासन आवश्‍यक निर्देश देगा? (ड.) इस विलंब के लिये पात्र उम्‍मीदवारों का क्‍या दोष है क्‍या शासन की त्रुटि का परिणाम चयनित उम्‍मीदवारों को भुगतान पड़ रहा है क्‍या शासन वर्तमान प्रशिक्षण में शामिल करने हेतु आवश्‍यक आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) पात्रता नहीं होने से प्रशिक्षण में शामिल नहीं किया गया। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) पटवारी चयन परीक्षा 2012 की चयन सूची की वैधता अवधि 03 वर्ष, दिनांक 30/04/2015 को समाप्‍त होने से प्रशिक्षण के अगले क्रम में चयनित उम्‍मीदवार को शामिल नहीं किया गया। (घ) जी नहीं। (ड.) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में विलंब की स्थिति निर्मित नहीं होती है, जी नहीं, शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

परिवहनकर्ताओं को जानबूझकर क्षति पहुंचाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

39. ( क्र. 3475 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में वर्ष 2016 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा परिवहन ठेकेदारों हेतु टेण्‍डर प्रक्रिया कितनी बार अपनाई गई? औचित्‍य सहित बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्‍या फर्स्‍ट स्‍लेब, सेकण्‍ड स्‍लेब के उक्‍त अवधि में परिवहन हेतु टेंडर हुए जिनमें कई जगह दरें स्‍वीकृत नहीं हुई इसके लिए कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्‍या परिवहनकर्ताओं को जानबूझकर क्षति पहुंचाई गई एवं बाद में दरें बढ़ाई गई तो क्‍यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत ऐसे कौन से कारण हैं कि खाद्य आपूर्ति निगम ने वर्ष 2016 में गेहूँ परिवहन हेतु पूर्व से टेण्‍डर प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया एवं समय-समय पर संशोधन होते रहे जिसके कारण परिवहनकर्ताओं को क्षति पहुंचाई गई एवं गेहूँ परिवहन में अनियमितताएं होती रहीं? क्‍या शासन ने इस अनियमितता के लिए किसी को दोषी माना है? यदि हाँ, तो संबंधित के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2016 में होशंगाबाद जिले में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित खाद्यान्‍न के परिवहन कार्य हेतु विभिन्‍न सेक्‍टर्स की निविदाएं कुल 03 बार आमंत्रित की गई। जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। निविदाओं में प्राप्‍त दरें अत्‍यधिक होने के कारण एक से अधिक बार निविदाएं आमंत्रित की गई। (ख) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित खाद्यान्‍न के परिवहन कार्य हेतु निविदाएं सेक्‍टरवाईस बुलाई जाती है। स्‍लेब वाईस नहीं। उक्‍त अवधि में जो निविदाएं बुलाई गई है उनमें दरें स्‍वीकृत न होने के कारण प्राप्‍त दरों का असामान्‍य होना था जिस कारण से निविदाएं पुन: द्वितीय एवं तृतीय बार आमंत्रित की गई इसके लिए कोई दोषी नहीं है।              (ग) खाद्यान्‍न के परिवहन कार्य हेतु विहित प्रक्रिया अनुसार निविदाएं आमंत्रित की गई जिसमें किसी परिवहनकर्ताओं को को क्षति नहीं पहुंचाई गई। मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा परिवहन निविदाएं ई-निविदाएं के माध्‍यम से पूरी पारदर्शिता के आधार पर आमंत्रित की जाती है। जिसमें प्रदेश के समस्‍त निविदाकारों को निविदा में भाग लेने की स्‍वतंत्रता होती है। ऑनलाईन प्राप्‍त निविदाओं में जो न्‍यूनतम दरें प्राप्‍त होती है। उनकी निविदा स्‍वीकृति नियमानुसार निविदा दस्‍तावेज़ में दिये गये प्रावधानों के अंतर्गत न्‍यूनतम प्राप्‍त दरों के आधार पर दी जाती है। अत: बाद में दरों को बढ़ाया नहीं जा सकता है। (घ) मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा परिवहन निविदा दस्‍तावेज़ों में संशोधन एवं सुधार की एक प्रक्रिया निर्धारित है। जिसमें परिवहनकर्ता को क्षति पहुंचाने का कोई उद्देश्‍य नहीं था। निविदा दस्‍तावेज़ों में संशोधन का गेहूं परिवहन में अनियमितता से सीधा कोई संबंध नहीं है। निविदा दस्‍तावेज़ों में विहित प्रक्रिया से संशोधन किये जाने से किसे के दोषी होने एवं कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''नौ''

भोपाल शहर में खतरनाक धूल कणों का स्‍तर ज्‍यादा होना

[पर्यावरण]

40. ( क्र. 3476 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल शहर में हवा में खतरनाक धूल कणों का स्‍तर मानक स्‍तर से कई गुना बढ़ गया है इसका कारण क्‍या है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत भोपाल शहर के भोपाल टाकीज चौराहा, अल्‍पना टाकीज चौराहा गोविन्‍दपुरा, भवानी चौक, रोशनपुरा, पी.एच.क्‍यू., हबीबगंज थाना चेतक ब्रिज, प्रभात पेट्रोल पंप आदि स्‍थानों पर वायु प्रदूषण बढ़ा है? यदि हाँ, तो किस दर से एवं किस कारण से? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत विभिन्‍न वायु प्रदूषण मानकों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संपूर्ण भोपाल शहर का वैज्ञानिक एवं तकनीकी दृष्टि से किसी योजना के तहत विस्तृत अध्ययन नहीं किया गया है तथापि 06 बिंदु हमीदिया रोड, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र, पर्यावरण परिसर अरेरा कॉलोनी, कोलार थाना कोलार रोड, हेमू कॉलोनी बैरागढ़ तथा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के पास होशंगाबाद रोड में धूल के कणों (पी.एम. 10 एवं पी.एन. 2.5) का मापन किया जा रहा है। जनवरी से दिसम्बर, 2016 के परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन के औसत परिणाम घटते हुए क्रम में पाये गये है। जिसका प्रमुख कारण भोपाल शहर में सड़कों की मरम्मत एवं नवीनीकरण का कार्य किया जाना है। यातायात पुलिस भोपाल द्वारा शहर में वाहनों के दबाब को कम करने के उद्देश्‍य से विभिन्न स्थानों पर यातायात डायवर्ट किया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वायु गुणवत्ता परिणाम संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खतरनाक धूल कणों का स्तर सामान्यतः निर्धारित मानकों के आस-पास पाया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''दस''

आहरण से रोक हटाकर शीघ्र कार्यवाही

[राजस्व]

41. ( क्र. 3490 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या रीवा जिले में पिछले वर्ष 2016 में बाढ़ की प्राकृतिक आपदा आई थी? यदि हाँ, तो मध्‍यप्रदेश शासन के वित्‍त विभाग द्वारा प्राकृतिक आपदा प्रबंधन हेतु 1 करोड़ 70 लाख रूपये प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो इस राशि से नाव, सहित आपदा संबंधित सामग्री क्रय किया जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्‍या जिला प्रशासन प्रश्‍न दिनांक तक यह तय नहीं कर पाया कि क्‍या और कौन सी सामग्री क्रय की जाना है? क्रय की जाने वाली सामग्री की गुणवत्‍ता की जाँच 5 सदस्‍यीय टीम द्वारा किया जाना है? क्‍या निविदा खुली तौर पर किया जाना है?          (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्‍या आपदा प्रबंधन की उपरोक्‍त राशि का आहरण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक प्रदेश का वित्‍त विभाग आहरण की अनुमति नहीं प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो यह राशि कोषालय में डम्‍प है? क्‍या वित्‍त विभाग खर्च बन्‍दी पर बिना अनुमति आहरण नहीं जैसी रोक लगाकर राशि को लैप्‍स कराना चाहता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों? यदि नहीं, तो वित्‍त विभाग अनुमति की शर्त हटाकर बैंक में राशि जमा करवायेगा? जिससे राशि लैप्‍स न हो तथा डम्‍प पैसे से ब्‍याज भी मिल सकें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

केन्‍द्र/राज्‍य सरकार की योजनाओं की जानकारी

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

42. ( क्र. 3534 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) बालाघाट जिले में केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार की योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई एवं कितना-कितना व्‍यय किया गया? योजना व मॉग संख्‍यावार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) विभाग द्धारा संचालित योजनाओं में कितने एवं कहाँ-कहाँ के आदिवासी, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं का क्‍या लाभ दिया गया। किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।

कृषि उपज मण्डी समितियों के भूमि आवंटन के लंबित प्रस्ताव

[राजस्व]

43. ( क्र. 3592 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में संचालित कृषि उपज मण्डी समितियों द्वारा मण्डी के विस्तार हेतु    किन-किन जिलों से शासकीय भूमि के आवंटन के संबंध में प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं?                     (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त प्रस्तावों में से किन-किन कृषि उपज मण्डी समितियों को भूमि आवंटित की जा चुकी है तथा किन-किन कृषि उपज मण्डी समितियों के भूमि आवंटन प्रस्ताव शासन के पास लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में भूमि आवंटन हेतु लंबित मामलों में शासन कब तक भूमि आंवटित करायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

गेहूं व चना की समर्थन मूल्‍य पर खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

44. ( क्र. 3605 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिलों में गत वर्ष गेहूं, चना समर्थन मूल्‍य पर खरीदी के कितने केन्‍द्र थे? विकासखण्‍डवार बताये। (ख) वर्ष 2016-17 में कितने गेहूं, चना समर्थन मूल्‍य पर खरीदी केन्‍द्र खोले जायेंगे? क्‍या गत वर्ष की तुलना में इनकी संख्‍या बढ़ाई जावेगी? सागर में वर्ष 2016-17 (वर्तमान में) कब से खुलेंगे? अरहर समर्थन मूल्‍य पर खरीदी केन्‍द्र कहाँ-कहाँ है? (ग) किसान से एक एकड़ या एक हेक्‍टेयर भूमि पर कितने क्विंटल गेहूं एवं चना लिया जावेगा? (घ) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय ने जनवरी 2017 में घोषणा की है कि किसान का एक-एक दाना गेहूं समर्थन मूल्‍य पर लिया जावेगा? यदि हाँ, तो क्‍या किसान की पूरी उपज समर्थन मूल्‍य पर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

 खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सागर जिले में रबी विपणन मौसम 2016-17 में 123 उपार्जन केन्‍द्रों पर गेहूं उपार्जन किया गया था। चना खरीदी हेतु जिले में कोई केन्‍द्र स्‍थापित नहीं किया गया था। विकासखण्‍डवार उपार्जन केन्‍द्रों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रबी विपणन मौसम 2017-18 में गेहूं उपार्जन हेतु 122 एवं अरहर उपार्जन हेतु 02 केन्‍द्र का निर्धारण किया गया है। जिले में चना उपार्जन हेतु कोई उपार्जन केन्‍द्र स्‍थापित नहीं किया गया है। जिला स्‍तरीय समिति से गेहूं के नवीन उपार्जन केन्‍द्र खोले जाने का प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर परीक्षण उपरांत पात्र पाये जाने पर नवीन केन्‍द्र खोलने की स्‍वीकृति दी जावेगी। समर्थन मूल्‍य पर गेहूं खरीदी दिनांक 27 मार्च, 2017 से प्रारम्‍भ की जाएगी। अरहर उपार्जन हेतु सागर एवं गढ़ाकोटा मंडी में उपार्जन केन्‍द्र खोले जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) सागर जिले में किसानों द्वारा बोए गए गेहूं के रकबे के अनुसार सिंचित भूमि पर 35 क्विंटल एवं असिंचित भूमि पर 22 क्विंटल प्रति हेक्‍टेयर के मान से गेहूं का उपार्जन किया जाएगा। प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में चना के संबंध में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) संधारित अभिलेख अनुसार प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित माह जनवरी 2017 की घोषणा दर्ज होना नहीं पाई गई। ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत प्रदेश के पंजीकृत किसानों द्वारा गेहूं की बुवाई के सत्‍यापित भूमि के रकबे के अनुसार एवं निर्धारित एफ.ए.क्‍यू. मापदण्‍डों के अनुसार समर्थन मूल्‍य पर गेहूं का उपार्जन किया जाएगा।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

भू-जल सर्वेक्षण के कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

45. ( क्र. 3682 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में भू-जल संरक्षण के कार्यों हेतु कुल कितना बजट आवंटित हुआ हैं वर्षवार विवरण देवें? आवंटित बजट के विरूद्ध कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में भू-जल संरक्षण हेतु कौन-कौन से कार्य किए गए हैं एवं इनमें कितनी राशि व्यय हुई हैं? कार्यवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में कराये गये कार्यों से कितने कुओं का जलस्तर बढ़ा है? कार्यवार विवरण देवें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2013-14 में निरंक, 2014-15 में रूपये 35.00 लाख एवं वर्ष 2015-16 में 41.30 लाख आवंटित हुये हैं। आवंटित बजट के विरूद्ध रिचार्जपिट एवं रिचार्ज शॉफ्ट का निर्माण करवाया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

पंजीकृत वाहनों से प्राप्त राजस्व

[परिवहन]

46. ( क्र. 3707 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय धार द्वारा विगत 05 वर्षों के दौरान पंजीकृत वाहनों से प्रतिवर्ष रोड टैक्स, बीमा आदि अन्य करों के रूप में कुल कितना राजस्व प्रतिवर्ष प्राप्त हो रहा है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्राप्त राजस्व में से धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के पंजीकृत वाहनों से कितने राजस्व की आय हो रही है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) परिवहन विभाग द्वारा रोड टैक्स व बीमा की राशि नहीं ली जाती है विभाग में मोटरयान कर के रूप में राशि ली जाती है, धार जिले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय धार द्वारा विगत 05 वर्षों के दौरान पंजीकृत वाहनों से निम्नानुसार मोटरयान कर की राशि प्राप्त हुई है :-

जनवरी से दिसम्बर 2012 - 17, 46,52,069, जनवरी से दिसम्बर 2013 - 19, 48,82,736, जनवरी से दिसम्बर 2014 - 23,18,68,352 जनवरी से दिसम्बर 2015 - 28,80,34,030, जनवरी से दिसम्बर                    2016 - 31,28,38,638 (ख) विधानसभावार पंजीकृत वाहनों में मात्र जीवन काल के कर की राशि का सारणीकरण संभव है। किन्तु विधानसभा क्षेत्र के पंजीकृत वाहन जो कि मासिक कर, त्रैमासिक कर अदा करते है। उनका कर वाहन स्वामी जहाँ से परमिट लेते है वहाँ जमा करते है। अतएव विधानसभा क्षेत्रवार पंजीकृत वाहनों से कितने राजस्व की आय प्राप्त हो रही है, इसका संधारण जिला परिवहन कार्यालयों में नहीं किया जाता है। राजस्व की जानकारी जिलेवार संधारित की जाती है। अतएव शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पारसडोह आधारित सामूहिक नलजल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

47. ( क्र. 3716 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जल निगम भोपाल में बैतूल जिले की पारसडोह आधारित सामूहिक नलजल योजना प्रस्‍तावित है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इस योजना का डी.पी.आर. तैयार हो चुका है? योजना की लागत सहित जानकारी दें? (ग) प्रस्‍तावित योजना में कितने ग्रामों को शामिल किया गया है? विकासखंडवार ग्रामों के नाम बताएं? (घ) योजना कब तक स्‍वीकृत होकर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जल निगम इस योजना की डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही कर रहा है। (ख) जी नहीं। डी.पी.आर. बनाने हेतु सर्वेक्षण कार्य प्रगतिरत है। योजना की लागत डी.पी.आर. बनने के उपरांत निश्चित हो सकेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) निश्चित समय अवधि नहीं बताई जा सकती है।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

48. ( क्र. 3738 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सतना जिले के तहसील रामपुर बघेलान के पटवारी हल्का नं. 24 सगौनी-करही के वार्ड क्र.01 हनुमानगंज में शासकीय भूमि में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का भवन एवं पम्प हाउस बना था? यदि बना था तो किस नम्बर पर, क्या उक्त भूमि का सीमांकन कराया जावेगा? यदि कराया जावेगा तो कब तक? (ख) क्या कुछ लोगों द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का भवन गिरा दिया गया है तथा उस पर अवैध कब्जा कर लिया गया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उन लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) क्या हनुमानगंज के वार्ड क्र.01 में प्राथमिक शाला भवन एवं पुराना ग्राम सेवक क्‍वार्टर (पुराना ब्लाक) बना था? क्या उस पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है? यदि कर लिया गया है तो उसे कब तक हटा लिया जावेगा?  (घ) क्या हनुमानगंज की सभी शासकीय भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा पटवारी हल्का नं. 30 में निर्मित आई टाइप क्वार्टर एवं पम्प हाउस दि. 12.11.1991 को नगर परिषद रामपुर बघेलान को हस्तांतरित किया जा चुका है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।        (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''बारह''

उज्‍जवला योजना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

49. ( क्र. 3769 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. में शासन द्वारा उज्‍जवला योजना प्रारंभ की है? यदि हाँ, तो क‍ब से? विधानसभा क्षेत्र बमोरी के कितने हितग्राहियों को अब तक इस योजना का लाभ दिया जा चुका है? (ख) क्‍या उक्‍त योजना का लाभ सन् 2011 की जनगणना अनुसार दिया जा रहा है? क्‍या इस योजना में विधानसभा बमोरी के सभी ग्रामों का सर्वेक्षण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विधानसभा बमोरी में कई ग्राम व मजरे टोले छूटे हैं, क्‍या उन्‍हें भी वर्ष 2011 की जनगणना में जोड़ा जावेगा? क्‍या शासन द्वारा इस प्रकार के कोई नि‍र्देश जारी किये गये है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उज्‍जवला योजना में छूटे ग्राम मजरे टोलों के हितग्राहियों का नाम जोड़कर उन्‍हें भी लाभ दिया जायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना भारत सरकार द्वारा लागू की गई है। प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों को माह जून, 2016 से गैस कनेक्‍शन का वितरण प्रारम्‍भ किया गया है। विधानसभा क्षेत्र बमोरी में 13,216 हितग्राहियों को गैस कनेक्‍शन वितरित किए गए हैं। (ख) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवारों के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, उन्‍हें प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्‍शन प्रदाय करने का प्रावधान है। वर्ष 2011 में बमोरी विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में सर्वेक्षण का कार्य किया गया था। (ग) बमोरी विधानसभा क्षेत्र के सर्वेक्षित परिवारों में से निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में जिन ग्रामों के हितग्राही का नाम सम्मिलित नहीं है, उनकी सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षण में सम्मिलित परिवारों में से प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना में चिन्‍हांकित परिवारों में सम्मिलित होने से छूटे हुए परिवारों को सम्मिलित करने का विषय भारत सरकार से संबंधित है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर के अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तेरह''

हितग्राहियों के आधार कार्ड खाद्य विभाग में लिंक करने की अनिवार्यता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

50. ( क्र. 3776 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जिन हितग्राहियों के आधार नम्‍बर समग्र पोर्टल में खाद्य विभाग में दर्ज नहीं हैं उन्‍हें राशन नहीं दिया जायेगा? (ख) क्‍या गुना जिले में केवल एक लाख चौदह हजार परिवार के लोगों के आधार कार्ड लिंक हैं साठ हजार परिवार अभी लिंक नहीं हुये है? क्‍या कारण है? क्‍या वे लोग राशन से वंचित नहीं रह जायेंगे? (ग) क्‍या शासन ऐसे परिवार जो आधार कार्ड से लिंक नहीं हुये है। उन्‍हें भी खाद्यन्‍न उपलब्‍ध करायेगा जब तक की उनके आधार कार्ड लिंक नहीं हो जाते? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से दोहरे/अपात्र परिवारों की पहचान सुनिश्चित कर लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से पृथक करने हेतु हितग्राहियों से आधार नंबर की जानकारी प्राप्‍त कर डाटाबेस में प्रविष्टि कराई जा रही है। नगरीय क्षेत्र के सभी परिवारों के एक सदस्‍य की आधार सीडिंग हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र में आधार सीडिंग के अभाव में पात्र परिवारों को राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है। (ख) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत गुना जिले में 1,80,654 परिवारों को सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई इनमें से 1,62,493 पात्र परिवारों के कम से कम एक सदस्‍य के डाटाबेस में आधार नंबर की सीडिंग की जा चुकी है। शेष 18,161 परिवारों के डाटाबेस में उचित मूल्‍य दुकान स्‍तर से आधार नंबर की प्रविष्टि का कार्य किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र के सभी पात्र परिवारों के डाटाबेस में कम से कम एक सदस्‍य की आधार सीडिंग की जा चुकी है। (ग) जी हाँ। ग्रामीण क्षेत्र में जिन वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों के डाटाबेस में आधार नंबर की प्रविष्टि नहीं हुई उन्‍हें खाद्यान्‍न का वितरण किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मत्‍स्‍य पालन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

51. ( क्र. 3777 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में मत्‍स्‍य पालन के लिये कितने तालाब हैं? कौन-कौन से जनपद तथा जिला पंचायत द्वारा कितने दिनों के लिये किन-किन समितियों को लीज पर दिये गये हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) ऐसे कितने तालाब हैं जिनकी अवधि समाप्‍त होने पर भी उन तालाबों पर समितियां कार्य कर रही हैं? ऐसा क्‍यों? क्‍या विभाग द्वारा उन्‍हें पुन: लीज पर दिया गया है? नहीं तो क्‍यों?            (ग) मत्‍स्‍य विभाग गुना द्वारा विगत 3 वर्षों में कितना-कितना बीज किन-किन तालाबों में डाला गया, किस-किस जाति का, लागत राशि एवं संख्‍या सहित सूची उपलब्‍ध करायें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 497 तालाब। तालाब जनपद तथा जिला पंचायत अधिकार क्षेत्र में नहीं होने से आवंटित किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कोई तालाब नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा तालाबों में मत्‍स्‍य बीज डालने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

विभागीय परीक्षा के माध्‍यम से त‍हसीलदारों के रिक्‍त पदों की पूर्ति

[राजस्व]

52. ( क्र. 3802 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) म.प्र. में कुल कितने तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों के पद रिक्‍त हैं? जिलेवार बतावें। क्‍या संपूर्ण म.प्र. में अत्‍यधिक संख्‍या में तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों के पद रिक्‍त होने से जिलों में कार्यरत राजस्‍व निरीक्षकों व सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को तहसीलदार व नायब तहसीलदार के रूप में कार्य लिया जा रहा है? जिलेवार संख्‍या बतावें। (ख) क्‍या नायब तहसीलदारों के पद पूर्ति हेतु राजस्‍व विभाग में कार्यरत लिपिकों को विभागीय परीक्षा आयोजित कर नायब तहसीलदार बनाने की कार्यवाही की जा रही है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) सही है तो शासन कब तक विभागीय परीक्षा आयोजित करवा कर पद पूर्ति कर देगा जिससे शासन को स्‍थाई नायब तहसीलदार उपलब्‍ध हो सके व आमजन के कार्य सुचारू रूप से हो सके? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) व (ग) हाँ तो कुल कितने पद लिपिक वर्ग से नायब तहसीलदार पद हेतु उपलब्‍ध हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[राजस्व]

53. ( क्र. 3806 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) अशोकनगर जिले में नायब तहसीलदार, तहसीलदार, डिप्‍टी कलेक्‍टर, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के कितने पद स्‍वीकृत हैं? (ख) क्‍या स्‍वीकृ‍त पद अनुसार उक्‍त अधिकारियों की पदस्‍थापना जिले में की गई है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार उक्‍त अधिकारियों के पद रिक्‍त हैं तो उनकी पूर्ति हेतु कार्यवाही की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अशोकनगर जिले में नायब तहसीलदार के 8 पद, तहसीलदार के 9 पद, डिप्टी कलेक्टर के 4 पद, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के 3 पद स्वीकृत हैं। (ख) जी नहीं। (ग) स्वीकृत पदों के विरूद्ध संपूर्ण प्रदेश में नायब तहसीलदार/तहसीलदारों की अत्यधिक कमी होने से रिक्त पदों की पूर्ति की जाने में कठिनाई है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत जारी किये गये बसों के परमिट

[परिवहन]

54. ( क्र. 3870 ) श्री मुकेश नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बसों एवं अन्‍य यात्री वाहनों को परमिट जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो अद्यतन स्थिति में किस-किस मार्ग पर किस-किस को स्‍थाई एवं अस्‍थाई परमिट जारी किये गये हैं? (ग) क्‍या उक्‍त स्‍थाई एवं अस्‍थाई परमिटों के माध्‍यम से ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों के परिवहन की व्‍यवस्‍था संतोषजनक होकर पर्याप्‍त है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त क्षेत्रों के अन्‍तर्गत वर्तमान में किस-किस प्रकार के कितने वाहन चलायमान होकर कार्यरत हैं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश क्षेत्रांतर्गत विभिन्न मार्गों पर जारी स्थाई परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तथा अस्थायी परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) ग्रामीण क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था संतोषजनक न होने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आये है। (घ) प्रश्नांश के उत्तर अनुसार।

मत्‍स्‍य विक्रय हेतु हाट बाजारों में मत्‍स्‍य शेडो का निर्माण

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

55. ( क्र. 3902 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा मछुआ समाज के लोगों को मत्‍स्‍य व्‍यापार करने हेतु साप्‍ताहिक हाट बाजारों में ग्राम पंचायतों के द्वारा कोई व्‍यापार हेतु मत्‍स्‍य विक्रय करने हेतु योजना प्रस्‍तावित है? (ख) क्‍या शासन द्वारा मछुआ समाज को मत्‍स्‍य विक्रय करने हेतु ग्राम पंचायत क्षेत्रों में मत्‍स्‍य शेडो का निर्माण हो रहा है? (ग) यदि हाँ, तो शाजापुर जिले की कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में मत्‍स्‍य विक्रय हेतु शेडो का निर्माण किया जा रहा है? (घ) क्‍या शाजापुर विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों में साप्‍ताहिक हाट बाजारों में मछुआ समाज के लोगों के लिए मत्‍स्‍य शेडो के निर्माण को कोई योजना प्रस्‍तावित है? समयावधि बतलावें।

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जिले में ग्राम पंचायत में मत्‍स्‍य विक्रय हेतु मत्‍स्‍य शेडों का निर्माण नहीं किया गया है, अपितु नगर पालिका शुजालपुर, नगर पंचायत मक्‍सी द्वारा निर्माण कर लिया गया है एवं नगर पंचायत अकोदिया में मत्‍स्‍य विक्रय हेतु मत्‍स्‍य शेडो का निर्माण निर्माणाधीन है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

महिलाओं से जुडे मामलों में इन्दौर पुलिस प्रशासन द्वारा दर्ज प्रकरण

[गृह]

56. ( क्र. 3910 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या इन्दौर शहर में महिलाओं से जुडे मामलों में इन्दौर पुलिस प्रशासन द्वारा 'वी केयर फार यू' के तहत प्रकरण दर्ज किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं व उनमें से कितने प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है? विधानसभावार संख्या स्पष्ट करें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार

परिशिष्ट - ''चौदह''

फैक्ट्रियों के जहरीले पानी/गैस से फसलों को नुकसान

[पर्यावरण]

57. ( क्र. 3970 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत फैक्ट्रियों के जहरीले पानी/गैस से किसानों की फसलों के नुकसान की शिकायतें प्राप्‍त हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो केमिकल फर्टिलाईजर फैक्ट्रियों के जहरीले पानी/गैस से हो रहे नुकसान होने से जिला प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इन्‍दौर जिले में कहाँ-कहाँ पर जहरीले पानी/गैस के रिसाव की शिकायतें प्राप्‍त हुई?           (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जहरीले गैस रिसाव/दूषित पानी को रोकने के लिए प्रदूषण विभाग/ जिला प्रशासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) तत्समय स्थल जाँच कराई गई थी। (ग) सांवेर विधानसभा क्षेतांतर्गत स्थित केमिल फर्टीलाईजर उद्योग मेसर्स रामा फास्फेट लि. राजादा जिला इंदौर उद्योग से अमलीय जल के निस्सारण की शिकायत बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय, इंदौर में प्राप्त हुई थी। (घ) उत्तरांश '''' में उल्लेखित शिकायत बोर्ड द्वारा कराई जाँच में सत्य नहीं पाई गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

यात्री बस की सत्यापन रिपोर्ट

[परिवहन]

58. ( क्र. 3977 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) वर्ष 2012 से 2015 तक क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, इन्दौर संभाग, इन्दौर द्वारा यात्री वाहनों के अनुज्ञापत्र की सामान्य/अतिरिक्त शर्त क्रमांक 510 के पालन नहीं करने वाले वाहनों में अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, खरगोन कार्यालय में कितने फिटनेस प्रमाण पत्र बनाये गये, माहवार संख्या बतायें। उक्त शर्त का पालन करने वाले वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्रों की संख्या माहवार बतायें। (ख) कार्यालय अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, खरगोन द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक कितनी यात्री बसों की सत्यापन रिपोर्ट प्रमाण पत्र स्थाई/अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये जाने हेतु प्रदान की गई। इस अवधि में सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम व पद भी बतायें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार इंदौर संभाग इंदौर द्वारा यात्री वाहनों के अनुज्ञा पत्र की सामान्य/अतिरिक्त शर्त क्रमांक 05 व शर्त क्रमांक 10 निम्नानुसार है:- शर्त क्रमांक 05 :- प्राधिकार द्वारा अनुमोदित यात्री किराया ही लिया जावेगा। प्रत्येक यात्री को टिकिट दिये जावेंगे एवं यात्री किराया व समय सारणी, बस स्टेण्ड, विराम स्थल मंजिली गाड़ी पर प्रदर्शित की जावेगी। शर्त क्रमांक 10 :- परमिट से संबंधित यान पर संचालक का नाम और पता, खिड़की की रेखा के नीचे ऊंचे स्थान पर जितना व्यवहारिक हो बड़े अक्षरों में लिखे जायेंगे। उपलब्ध अभिलेखानुसार उपर्युक्त शर्तों के पालन नहीं करने वाले यात्री वाहनों के वर्ष 2012 से 2015 की अवधि तक कार्यालय अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन, खरगोन द्वारा जारी किये गये फिटनेस की संख्या निरंकहै। वर्ष 2012 से वर्ष 2015 की अवधि में उपर्युक्त शर्त क्रमांक 05 एवं शर्त क्रमांक 10 का पालन करने वाली यात्री वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र की संख्या की माहवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यालय अति. क्षेत्रीय परिवहन परीक्षण द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक अवधि में यात्री बसे जिनकी सत्यापन रिपोर्ट प्रमाण-पत्र स्थाई/अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये जाने हेतु प्रदान की गई, उनकी संख्या 23 है। उक्त अवधि में जारी किये गये सत्यापन रिपोर्ट के सत्यापनकर्ता अधिकारी की जानकारी निम्नानुसार है :-

क्र

अवधि

सत्‍यापनकर्ता अधिकारी 
 
का नाम

अधिकारी का
 
पद

 1

 2013

 1- श्री हेमन्‍त मुदगल

आर.टी.ओ.

 2

 2014

 1- श्री हेमन्‍त मुदगल
 2-
श्री सुनील गोड

आर.टी.ओ.
 
.आर.टी.ओ.

 3

 2015
 

 1- श्री निर्मल कुमरावत
 2-
श्री सुनील गोड

ए.आर.टी.ओ.
 
ए.आर.टी.ओ.

 4

 2016
 

 1- श्री सुनील गोड
 2-
श्री जगदीश बिल्‍लोरे

ए.आर.टी.ओ.
 
ए.आर.टी.ओ.


परिशिष्ट - ''पंद्रह''

नवीन/नवीनीकरण स्टेज कैरेज परमिट

[परिवहन]

59. ( क्र. 3978 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) वर्ष 2012 से 2014 तक कार्यालय सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार इन्दौर को नवीन या नवीनीकरण स्टेज कैरेज परमिट हेतु कितने प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए? माहवार संख्या बतायें। वर्तमान में इनमें से कितने प्रार्थना पत्र किन कारणों से लंबित हैं। (ख) वर्ष 2012 से 2014 तक कार्यालय सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार इन्दौर द्वारा नवीन स्टेज कैरेज परमिट स्वीकृत किये गये? माहवार संख्या बतायें। यह परमिट किन-किन बैठकों में स्वीकृत हुए, बैठक दिनांकवार संख्या बतायें। (ग) वर्ष 2012 से 2014 तक कार्यालय सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार इन्दौर द्वारा अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, खरगोन तथा संबंधित थाना प्रभारियों को परमिट क्रमांक सहित स्‍वीकृत समय चक्र पत्र सूचनार्थ एवं आवश्‍यक कार्यवाही हेतु भेजे गये, माहवार संख्‍या बतायें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में कुल प्राप्त आवेदन की संख्या 1004 थी, जिनमें नवीन परमिट स्वीकृति हेतु 647 आवेदन प्राप्त हुए एवं स्थाई परमिट नवीनीकरण हेतु 357 आवेदन प्राप्त हुए। माहवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। समस्त आवेदन निराकृत किये गये। कोई प्रार्थना पत्र लंबित नहीं है। (ख) वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में कुल स्वीकृत नवीन स्थाई परमिट की संख्या 405 है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में खरगोन जिले से संबंधित 56 स्थाई परमिट जारी किये गये। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सोलह''

कर बकाया नहीं प्रमाण पत्र

[परिवहन]

60. ( क्र. 3979 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) वर्ष 2010 से 2013 तक जिला खरगोन में परिवहन विभागीय कार्यालय द्वारा विभिन्न आवेदकों को भेजे जाने वाले वाहनों के पंजीयन प्रमाण पत्र एवं वाहन चालक लाइसेंस प्रपत्र में से कितनी डाक विभिन्न कारणों से वापस कार्यालय को प्राप्त हुई वर्षवार संख्या बतायें। (ख) कार्यालय अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, खरगोन द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक कितने कर बकाया नहीं प्रमाण पत्र आवेदक की मांग पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इन्दौर में प्रस्तुत करने हेतु दिये गये?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कार्यालय अति. क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी खरगोन द्वारा आवेदकों को भेजे जाने वाले वाहनों के पंजीयन प्रमाण-पत्र एवं वाहन चालक लाइसेंस प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों को डाक से भेजे जाने उपरान्त वितरण न होने की स्थिति में कार्यालय में पुनः लोटकर आने के बाद आवक-जावक शाखा में रखा जाता है, जिसका कोई पृथक से रिकार्ड तैयार नहीं किया जाता है। इस संदर्भ में मुख्य पोस्ट मास्टर खरगोन द्वारा भी अवगत कराया गया है कि उनके विभागीय सर्वर में भी डाकों के आवेदकों को प्राप्ति एवं अप्राप्ति का रिकार्ड प्रति 18 महिनों में सर्वर से मिटा दिया जाता है, अतः उक्त अवधि का रिकार्ड भी पोस्ट ऑफिस द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है। मुख्य पोस्ट ऑफिस द्वारा भेजे गये पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रश्‍नानुसार वर्ष 2010 से वर्ष 2013 तक की अवधि के इस प्रकार के दस्तावेज जो विभिन्न कारणों से वापस कार्यालय को प्राप्त हुए है उनको संबंधित आवेदकों द्वारा कार्यालय में प्रत्यक्ष रुप से वैध पहचान पत्र प्रस्तुत किये जाने उपरांत प्रदान कर दिये गये है। अतः इस संबंध में चाही गई जानकारी निरंक है। (ख) कार्यालय अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, खरगोन द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक 141 कर बकाया नहीं प्रमाण-पत्र आवेदक की मांग पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इन्दौर में प्रस्तुत करने हेतु दिये गये।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

बंदूक/शस्‍त्र लाइसेंस की प्रक्रिया

[गृह]

61. ( क्र. 4000 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या बंदूक/शस्‍त्र लाइसेंस देने की प्रक्रिया में कोई बदलाव/परिवर्तन राज्‍य शासन द्वारा विगत माह में किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) क्‍या बंदूक/शस्‍त्र लाइसेंस आवेदन पत्र प्रस्‍तुत करने के समय/आवेदन पत्र के साथ मान्‍यता प्राप्‍त शूटिंग संस्‍थान से बंदूक/शस्‍त्र लाइसेंस की ट्रेनिंग/प्रशिक्षण उपरान्‍त प्रमाण-पत्र एवं मेडीकल सर्टिफिकेट के साथ आवेदन पत्र मान्‍य किया जावेगा। जमा किया जावेगा? (ग) क्‍या बंदूक/शस्‍त्र लाइसेंस ट्रेनिंग प्रशिक्षण की अवधि एवं मान्‍यता प्राप्‍त शूटिंग संस्‍थाओं की जानकारी शासन द्वारा तय की गई है? (घ) यदि आवेदक द्वारा बंदूक/शस्‍त्र लाइसेंस हेतु ट्रेनिंग/प्रश्क्षिण प्रमाण पत्र एवं मेडीकल सर्टिफिकेट के साथ आवेदन पत्र जमा करता है तो आवेदक को कितनी समय सीमा में शस्‍त्र लाइसेंस जारी किया जावेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा जारी नवीन आयुध नियम/अधिनियम के संबंध में अधिसूचना दिनांक 15 जुलाई, 2016, जिसमें अग्नि आयुध के सुरक्षित भण्डारण के लिए नियम 10 (4) वचनबंध का मानक प्ररूप घ-2 एवं चिकित्सा प्रमाण पत्र के लिए नियम 11 के उप नियम (4) के खण्ड (छः) का मानक प्ररूप घ-3 के रूप में दिया गया है। प्रशिक्षण के संबंध में नियम 10 के उप नियम (3) के अनुसार प्रभावी तारीख और अवधि इस संबंध में किसी साधारण या विशेष आदेश द्वारा अधिसूचित किये जाने का लेख है। (उक्त नियम/अधिनियम भारत सरकार की वेबसाईट www.mha.nic.in/sites /upload_files/mha/ files/ArmsRuleNotification2016.pdf पर उपलब्ध है)। (ग) जी नहीं। (घ) भारत सरकार द्वारा जारी आयुध अधिनियम/नियम के अंतर्गत शस्त्र लाइसेंस जारी किये जाते हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

राजस्‍व कर्मचारियों को मंत्रालय कर्मचारियों के समान वेतनमान देना

[राजस्व]

62. ( क्र. 4033 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में राजस्‍व कर्मचारियों/लिपिकों को मंत्रालयीन कर्मचारियों के समान वेतनमान एवं भत्‍ते दिये जाने का प्रकरण माननीय न्‍यायालय में विचाराधीन है? (ख) क्‍या विकास की त्रिस्‍तरीय व्‍यवस्‍था के तहत जिला कलेक्‍टर पदेन उपसचिव एवं उनका कार्यालय जिला सचिवालय के रूप में कार्य करता है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या कलेक्‍टर कार्यालय एवं राजस्‍व विभाग के अंतर्गत पदस्‍थ समस्‍त लिपिक कर्मचारी बतौर सचिवालयीन कर्मचारी शासन के मैदानी कर्मचारी के रूप में कार्य करते हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या जिलों में पदस्‍थ राजस्‍व लिपिकों को मंत्रालयीन कर्मचारियों के समान वेतनमान एवं भत्‍ते दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? क्‍या शासन राजस्‍व लिपिकों की इस वित्‍तीय मांग पर कोई निर्णय लेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पुलिस थानों में दर्ज प्रकरणों पर की गई कार्यवाही

[गृह]

63. ( क्र. 4050 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) बालाघाट जिले में विगत दो वर्षों में हत्‍या, डकैती, लूट एवं चोरी के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं? इनमें से कितने प्रकरणों में पुलिस बल को क्‍या-क्‍या सफलता मिली है? (ख) प्रश्नांश (क) के अपराधों में किन-किन थानों में गिरावट आई है तथा किन-किन थानों में तुलनात्‍मक वृद्धि हुई है? जिले के जिन प्रथम पाँच थानों में गिरावट आई है वहां के पुलिस बल स्‍टॉफ को प्रोत्‍साहित करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये हैं एवं ऐसे पाँच थानों में जहां अपराधों में वृद्धि हुई है वहां पर जिला प्रशासन द्वारा क्‍या-क्‍या कदम उठाये जा रहे हैं? (ग) जिले में डायल 100 सेवायें कब से और कितने थानों में प्रारंभ की गई है तथा प्रारंभ दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक थानावार कितने प्रकरणों में कॉल प्राप्‍त हुये हैं? थानावार जानकारी दी जावें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बालाघाट जिले में विगत दो वर्षों में हत्या, डकैती, लूट एवं चोरी के घटित प्रकरण व पुलिस को गिरफ्तारी एवं बरामदगी में मिली सफलता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' पर है। (ख) प्रश्नांश '' के अपराधों में आयी गिरावट तथा तुलनात्मक वृद्धि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' पर है। संबंधित पुलिस बल को नियमानुसार ईनाम देकर प्रोत्साहित किया जाता है तथा आंशिक वृद्धि के संबंध में रोकथाम हेतु समय-समय पर आवश्यक निर्देश दिये जाकर रोकथाम के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) जिला बालाघाट में 100 डॉयल सेवा दिनांक 22.01.2016 से एक साथ सभी 21 थानो में 10 एफ.आर.व्ही. वाहनों के साथ प्रारम्भ हुई है। दिनांक 22.01.2016 से 15.02.2017 तक कुल 21,944 फोन कॉल प्राप्त हुये हैं, जिनकी थानावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' पर है।

परिशिष्ट - ''अठारह''

केरोसीन फुटकर बिक्री में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

64. ( क्र. 4091 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 4984 दिनांक 28/07/2014 के प्रश्नांश (घ) के उत्‍तर में अनियमितता करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्यवाही किए जाने का उत्‍तर दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ख) क्‍या खाद्य कार्यालय कटनी में केरोसिन फुटकर बिक्री दर में अनयिमितताओं के दिनांक 11/07/2012, 19/07/2012 एवं 04/09/2012 को प्रति‍वेदन दिये गये थे यदि हाँ, तो इन प्रतिवेदनों पर कब क्‍या कार्यवाही की गई प्रतिवेदनवार बतलावें और क्‍या विभागीय प्रतिवेदनों के बाद भी क्‍या मार्च 2014 तक ये अनियमिततायें जारी रही? संबंधितों पर अब तक भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही ना किये जाने का कारण भी बतलावें? (ग) क्‍या कटनी जिले में लिंक समिति से राशन दुकानों तक फुटकर बिक्री की दर से, थोक डीलरों को भाड़े का भुगतान कर, लघुत्‍तम सड़क मार्ग से न्‍यूनतम दूरी एवं न्‍यूनतम भाड़े के प्रावधानों का उल्‍लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितना अवैध लाभ थोक डीलरों को दिया गया? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) से (ग) संबंधी जाँच संचालनालय स्‍तर से की गई है यदि हाँ, तो विवरण उपलब्‍ध करावें एवं इसमें लिंक समिति से राशन दुकान तक भाड़े की जाँच नहीं की गई क्‍या शासन इन बिन्‍दुओं पर भी जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रश्‍न के उत्‍तर में अनियमितता करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने का उल्‍ले‍ख किया गया था। नियमानुसार विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, उल्‍लेखित प्रतिवेदन दिनांक 11/07/2012, 19/07/2012 एवं 04/09/2012 के आधार पर तत्‍कालीन जिला आपूर्ति अधिकारी, कटनी द्वारा केरो‍सीन फुटकर बिक्री दरों का निर्धारण आदेश क्रमांक 1067 दिनांक 01.09.2012 एवं आदेश क्रमांक 717 दिनांक 03.06.2013 द्वारा किया गया है। सहायक संचालक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग, भोपाल द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदन दिनांक 19.12.2013 के परिप्रेक्ष्‍य में जिला आपूर्ति अधिकारी, कटनी द्वारा पुन: आदेश क्रमांक 1684 दिनांक 24.03.2014 द्वारा केरोसीन फुटकर बिक्री दरों का निर्धारण किया गया है। विभागीय प्रतिवेदनों के आधार पर केरोसीन फुटकर बिक्री दरों का नियमानुसार निर्धारण किये जाने के उपरांत अनियमिततायें जारी नहीं रही। संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हाँ, कटनी जिले में थोक डीलरों को परिवहन व्‍यय के भुगतान में न्‍यूनतम दूरी एवं न्‍यूनतम व्‍यय के प्रावधानों का उल्‍लंघन किया गया। थोक डीलरों को कुल राशि रूपये 30,81,300/- का अवैध लाभ पहुंचाया गया था, जो कि संबंधित थोक डीलरों से वसूल कर लिया गया है। (घ) जी हाँ, संचालनालय स्‍तर से जाँच कराई गई, जिसमें जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन दिनांक 19.12.2013 को प्रस्‍तुत किया गया। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शिकायत में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं के आधार पर थोक केरोसीन डीलर द्वारा लिंक समिति तक प्रदाय केरोसीन के तथ्‍यों की जाँच कराकर अंतर की राशि वसूल की गई है। तथ्‍यों का परिक्षण किया जा रहा है।

किसानों को फसल हानि का मुआवजा

[राजस्व]

65. ( क्र. 4137 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में शक्‍कर एवं दुधी नदी में बरसात में कटाव के कारण किसानों की जमीन में रेत एवं पत्‍थर जमा हो जाते हैं जिससे किसान फसल लेने से वंचित हो जाता है, ऐसी स्थिति में क्‍या किसानों को फसल हानि का मुआवजा दिया जाता है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या किसानों को मुआवजा देने के लिए शासन कोई नियम बनाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि हाँ, तो कब तक? किसानों की मांग अनुसार मुआवजा देने हेतु क्‍या प्रक्रिया अपनाई जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 का परिशिष्‍ट-1 (एक) फसल हानि के लिए आर्थिक सहायता के बिन्‍दु क्रमांक 12-क के अनुसार भूस्‍खलन, हिमस्‍खलन अथवा नदियों द्वारा रास्‍ता बदलने पर किसी सीमान्‍त या लघु कृषक की भूमि के नष्‍ट होने पर ऐसे प्रभावित कृषकों को सहायता राशि प्रदाय करने के प्रावधान है एवं बिन्‍दु क्रमांक 12 में लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए बाढ़ की स्थिति में कृषि योग्‍य भूमि वाले खेतों में रेत/ पत्थर (3 इन्‍च से अधिक) आ जाने पर सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है। (ख) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

पशु चिकित्‍सालय भवन उपलब्‍ध निर्माण

[पशुपालन]

66. ( क्र. 4138 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा में पशुपालन विभाग द्वारा कितने पशु चिकित्‍सालय संचालित हैं जिसमें कितनों में भवन हैं एवं कितने भवनविहीन हैं? भवनविहीन पशु चिकित्‍सालयों को कब तक भवन उपलब्‍ध करा दिये जायेंगे? (ख) क्‍या विकासखण्‍ड सांईखेड़ा ग्राम आड़ेगांव कला, देतपोंद, बम्‍होरी कला, पचामा तथा विकासखण्‍ड चीचली ग्राम इमलिया, रायपुर में नवीन पशु चिकित्‍सा केन्‍द्र खोलने की विभाग की कोई योजना है? नहीं तो क्‍यों? यदि है तो कब तक खोले जाएंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा में पशुपालन विभाग द्वारा 04 पशु चिकित्सालय क्रमश: गाडरवारा, चीचली, सांईखेड़ा एवं सालेचौका है जो कि शासकीय भवन में संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ख) जी नहीं। विकासखण्ड सांईखेड़ा के ग्राम बम्होरी कला में पशु औषधालय संचालित है तथा अन्य ग्राम नवीन पशु औषधालय के स्थापना के मापदण्डों की पूर्ति नहीं करते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

ट्रॉफिक सुधार हेतु खरीदे गये उपकरण

[गृह]

67. ( क्र. 4183 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) इन्दौर शहर ट्रॉफिक पुलिस द्वारा पिछले 05 वर्षों में ट्रॉफिक सुधार हेतु क्या-क्या उपकरणों/ संसाधन की खरीदी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुलिस ट्रॉफिक विभाग द्वारा किन-किन नियमों, शर्तों के तहत उपकरणों/संसाधन पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्रय किये गये संसाधनों का संपरीक्षा कब-कब कराया गया व संसाधनों का कहाँ-कहाँ    क्या-क्या उपयोग किया गया? क्या कई उपकरणों/संसाधन का उपयोग नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या पुलिस विभाग द्वारा ट्रॉफिक मैनेजमेंट के लिए ट्रॉफिक मैनेजमेंट सेंटर निर्मित किया था? यदि हाँ, तो ट्रॉफिक मैनेजमेंट सेंटर पर क्या-क्या कार्य कराया जाता है व कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पिछले 03 वर्षों से पदस्थ है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार(ख) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियमानुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार।                 (ग) प्रत्येक वर्ष नियमानुसार संपरीक्षा करवायी गयी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में थाना यातायात इंदौर परिसर में अस्थायी तौर पर यातायात प्रबंधन केन्द्र में कार्य किया जा रहा है। यातायात प्रबंधन केन्द्र में कैमरों के माध्यम से वीडियो एनेलेटिक सिस्टम से रजिस्ट्रेशन नम्बर रिकॉगनाईज कर रेड लाईट वायलेशन करने वाले वाहन चालकों को ई-नोटिस जारी किये जाते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार

सूखाग्रस्‍त जिलों में खाद्यान्‍य पर्चियों का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

68. ( क्र. 4190 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूखाग्रस्‍त घोषित जिलों में तहसील में शासन की घोषणा अनुसार विदिशा, रायसेन, सीहोर, रतलाम एवं अशोकनगर जिलों में कितने किसानों को पिछले 2 वर्षों में खाद्यान्‍न पर्चियाँ दी गईं? (ख) खाद्य पर्ची नहीं मिलने की कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस जिले में प्राप्‍त हुई? इसमें से कितनों का निराकरण कर पर्चियाँ दे दी गई व कितनी शेष हैं व क्‍यों? अशोकनगर एवं रतलाम जिले का सम्‍पूर्ण विवरण दें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरीफ विपणन मौसम 2015 में अल्‍प वर्षा के कारण सूखे से 50 प्रतिशत या उससे अधिक फसल क्षति वाले किसानों को राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित किया जाकर इन परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत माह दिसम्‍बर, 2015 से दिसम्‍बर, 2016 तक राशन सामग्री का प्रदाय किया गया है। सूखा प्रभावित श्रेणी अंतर्गत जिला विदिशा-34467, रायसेन-25976, सीहोर-5897, रतलाम-8890 एवं अशोकनगर-निरंक (सूखा प्रभावित जिला न होने के कारण) किसानों को पात्रता पर्ची जारी की गई थी, इनमें वह सूखा प्रभावित परिवार सम्मिलित नहीं हैं, जो पूर्व से अन्‍य पात्र परिवार श्रेणी अंतर्गत सत्‍यापित होकर पात्रता पर्ची पर राशन प्राप्‍त कर रहे थे।                (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित जिलों में से जिला रतलाम एवं अशोकनगर में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। जिला रायसेन, सीहोर, विदिशा में प्राप्‍त शिकायतें एवं निराकरण की स्थिति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

पेयजल योजना में व्‍यय राशि

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

69. ( क्र. 4221 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले अंतर्गत 2015 से जनवरी 2017 तक प्रत्‍येक योजनावार खर्च का विवरण देवें वर्तमान में कितनी पेयजल योजनाएं सामान्‍य नलजल, मुख्‍यमंत्री पेयजल, सौर ऊर्जा आधारित संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) बंद नलजल योजनाओं को कब तक चालू करा दिया जावेगा? बंद योजनाओं के सबंध में दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है कितनी योजनाओं में ओवर हेड टेंक के बावजूद उनमें स्‍पॉट सोर्स से पेयजल सप्‍लाई का कार्य ही प्रारंभ नहीं हुआ है? (ग) जिले में कितने हैण्‍डपंप हैं उनमें से कितने चालू हैं व कितने बंद हैं? बंद हैण्‍डपपों की कारण सहित जानकारी दे एवं उन्‍हें कब तक चालू करा दिया जावेगा? (घ) सिहावल क्षेत्र के अंतर्गत कार्य योजना अनुसार आदिवासी विकास मद, सांसद निधि, विधायक निधि से वर्ष 2015 से जनवरी 2017 तक के प्रस्‍तावित स्‍वीकृत हैण्‍डपंपों का उत्‍खनन किन-किन कारणों से लंबित है, साथ ही कब तक डाटा अनुसार बोर मशीन उपलब्‍ध कर उत्‍खनन कराया जावेगा? हैण्‍डपंप उत्‍खनन नहीं होने का स्‍पष्‍ट कारण सहित विवरण दें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। हस्तांतरित योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सीधी जिले में कुल 19,531 हैण्डपंप, 19,326 चालू, 205 बंद तथा सिंगरौली जिले में कुल 10,470 हैण्डपंप, 10,382 चालू, 88 बंद विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।

तालाबों में मत्स्‍य पालन की स्‍वीकृति

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

70. ( क्र. 4300 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) मत्स्‍य पालन विभाग द्वारा वर्तमान में इन्‍दौर संभाग अंतर्गत किन-किन तालाबों में मत्स्‍य पालन की स्‍वीकृति दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मतस्‍य पालन के लिए तालाबों को देने हेतु किन-किन शर्तों की पूर्ति की जाना आवश्‍यक है? कितने तालाबों को मत्स्‍य पालन हेतु निविदा/अनुबंध पर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) कें संदर्भ में तालाबों को 05 वर्षों में किन-किन तालाबों को मत्स्‍य पालन हेतु दिया गया है? तालाबों से कितनी-कितनी आय विभाग को हुई है?        (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने तालाबों पर मत्स्‍य पालन नहीं किया जा रहा है व क्‍या कारण है? तालाबों को गहरीकरण करने हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किये जा रहे हैं व किये जायेंगे?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : कुल 2375 तालाबों में दी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) तालाबों को मत्‍स्‍य पालन हेतु पट्टे पर दिये जाने के संबंध में मत्‍स्‍य नीति निर्देश 2008 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 2375 तालाबों को पट्टा धारक एवं संबंधित पंचायतों के मध्‍य अनुबंध संपादित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) विगत 5 वर्षों में कुल 473 तालाबों को मत्‍स्‍य पालन हेतु पट्टे पर दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। तालाबों से विभाग को आय प्राप्‍त नहीं होती है। पट्टा राशि के रूप में संबंधित पंचायत को आय प्राप्‍त होती है। (घ) प्रश्‍नांश '' के संदर्भ में समस्‍त तालाब मत्‍स्‍य पालन अन्‍तर्गत है। तालाबों में गहरीकरण का कार्य विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। शेष उपस्थित नहीं होता है।

मजरों को राजस्‍व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

71. ( क्र. 4412 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले के घाटीगांव तहसील अंतर्गत कितने व कौन-कौन मजरे हैं? इन मजरों में ऐसे कितने व कौन-कौन से मजरे हैं, जो राजस्‍व ग्राम की परिधि में आते हैं? उन मजरों को राजस्‍व ग्राम घोषित किये जाने के संबंध में शासन की क्‍या मंशा है? कब तक राजस्‍व ग्राम घोषित किये जावेंगे? (ख) मजरों की जानकारी एवं जनसंख्‍या की जानकारी पंचायतवार स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्‍वालियर जिले में अपहरण, हत्‍यायें, बलात्‍कार के प्रकरण

[गृह]

72. ( क्र. 4490 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) 01 जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक ग्‍वालियर जिले में कितने अपहरण, हत्‍यायें, बलात्‍कार किस-किस थाने अंतर्गत कितने व्‍यक्तियों की हुई है? (ख) ग्‍वालियर जिले के अन्‍तर्गत 1 जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक अनु.जाति, अनु.जनजाति के कितने व्‍यक्तियों पर किए गए अपराध दर्ज हुए हैं? अपराधियों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 01 जनवरी 2016 से 15.02.2017 तक ग्वालियर जिले में अनु.जाति, अनु.जनजाति के व्यक्तियों की रिपोर्ट पर कुल 290 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। जिसमें वर्तमान तक कुल 273 आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही 204 प्रकरणों में चालान, 02 प्रकरण में खात्मा, 01 प्रकरण में खारजी की गई है तथा 83 प्रकरण विवेचनाधीन है।

परिशिष्ट - ''बीस''

निर्धारित दर से कम दर पर मजदूरी का भुगतान

[श्रम]

73. ( क्र. 4552 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या मेसर्स पी.डी. अग्रवाल, इन्फ्रास्ट्रक्चर्स कम्पनी प्रा.लि. द्वारा नागदा से गुजरी तक 250 करोड़ रूपये की लागत से बनाये जा रहे सी.सी. रोड निर्माण का कार्य एक वर्ष से अधिक समय से किया जा रहा है? दिन-रात चल रहे रोड निर्माण में कार्यरत सभी मजदूरों से प्रतिदिन 12 से 14 घन्टे तक कार्य करवाया जा रहा है तथा उन्हें विभाग द्वारा निर्धारित दर से भी कम दैनिक मजदूरी का भुगतान कर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है? (ख) क्या विभागीय अधिकारी/ कर्मचारियों द्वारा निरीक्षण कर कार्यरत मजदूरों के हो रहे आर्थिक शोषण को रोकने के कोई प्रयास किये गये हैं? यदि हाँ तो किए गए प्रयासों का विवरण उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कब तक विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों से निरीक्षण करवाकर तत्संबंधी कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। मेसर्स पी.डी. अग्रवाल इन्फ्रास्ट्रक्चर्स कम्पनी प्रा.लि. द्वारा प्रश्‍नांकित निर्माण कार्य नहीं कराया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय आराजी न.396 में अतिक्रमणकर्ता द्वारा मकान निर्माण कराए जाना

[राजस्व]

74. ( क्र. 4683 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर अंतर्गत नगर निगम क्षेत्र मौजा सतना सर्किल सतना प्रथम (स्थित जयस्तंभ चौक कम्युनिटीहाल की पीछे गली में) की शासकीय आराजी न.396 रकवा 1.09 एकड़ के जुज भाग 60x60=3600 वर्ग फिट बेशकीमती जमीन पर संतोष कुमार अग्रवाल स्टाम्प वेंडर जिला न्यायालय परिसर सिविल लाइन सतना द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है? (ख) क्या उक्त शासकीय आराजी में अतिक्रमणकर्ता द्वारा मकान निर्माण कार्य प्रारंभ करते समय शिकायतकर्ता हरीशंकर अग्रवाल हाल निवासी डालीबाबा चौक सतना की शिकायत के आधार पर तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्र.8472 दिनांक 11-12-2002 के अनुसार शहर के अन्दर की बेशकीमती आराजी से विधिवत अतिक्रमण हटाए जाने का आदेश पारित किया गया था? (ग) क्या पारित आदेश का पालन न तो अतिक्रामक और न ही नजूल विभाग के अधिकारीयों/कर्मचारियों द्वारा किया गया जिस कारण लगभग 15 वर्षों से अतिक्रामक द्वारा शासकीय आराजी में अपना कब्जा कर रखा है? (घ) क्या शासकीय आराजियों से अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में अप्रैल 2016 में राज्य शासन के निर्देश पर एवं स्थानीय विधायक की उपस्थिति में अभियान चलाया गया था तथा तत्कालीन एस.डी.एम. की अध्यक्षता में जाँच दल गठित किया गया था जिसमें सदस्य तत्कालीन तहसीलदार एवं समन्वयक, अधीक्षक भू-अभिलेख को भी शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 01/04/2016 को शिकायती पत्र प्रस्तुत करने पर भी आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक अतिक्रमण हटाया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय भूमि 2 प्रतिशत कम होने पर लोकोपयोगी प्रयोजन कार्य स्‍वीकृत न होना

[राजस्व]

75. ( क्र. 4686 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायलय के निर्णयानुसार लोकोपयोगी प्रयोजन के निर्माण कार्य हेतु शासकीय भूमि के 2 प्रतिशत से कम भूमि शेष होने पर उसे लोकोपयोगी प्रयोजन जैसे कॉलेज, स्‍कूल जैसे शैक्षिक प्रयोजन हेतु भी आवंटित नहीं की जा सकती है? (ख) क्‍या उक्‍त कारण से कई लोकोपयोगी प्रयोजन के निर्माण कार्य बाधित हो रहे हैं और उनके लिए भूमि आवंटन नहीं हो पा रही है? ( (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कॉलेज, स्‍कूल भवनों जैसे अति महत्‍वपूर्ण शिक्षा संस्‍थाओं के लिए भूमि का आवंटन इससे प्रभावित हो रहा है? (घ) क्‍या ऐसे प्रकरणों में अति महत्‍पूर्ण शिक्षा संस्‍थानों के भूमि आवंटन में कोई रियायत दी जा सकती है? यदि नहीं, तो क्‍या भूमि अधिग्रहण के माध्‍यम से उक्‍त उद्देश्‍यों की पूर्ति नहीं की जा सकती है? यदि हाँ, तो क्‍या कोई कार्य योजना बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो समय सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

गौ शालाओं एवं डेरियों से जल प्रदूषण

[पशुपालन]

76. ( क्र. 4744 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य की पशुधन संवर्धन नीति बनाई गयी है? यदि हाँ, तो उसके अंतर्गत प्रदेश में कितनी गौ शालाएं और कितनी डेरियाँ संचालित हैं? (ख) क्या इन डेरियों से जल प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) राज्य की पशुधन संवर्धन नीति नहीं है अपितु पशु प्रजनन नीति एवं पशुधन विकास नीति प्रचलन में है। प्रदेश में मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड प्रभावशील है, जिसके अंतर्गत 595 क्रियाशील पंजीकृत गौशालाएं हैं। प्रदेश में पशु पालकों द्वारा डेयरी चलाई जाती हैं, जिनकी जानकारी संधारित नहीं की जाती हैं। (ख) विभाग में इस संबंध में कोई प्रमाणि‍क जानकारी उपलब्ध नहीं है परन्तु जल स्त्रोत में डेयरी का अवशि‍ष्ट मिलने से जल प्रदूषण की संभावना रहती है।

पुलिस द्वारा पक्षपात किया जाना

[गृह]

77. ( क्र. 4760 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रकरण क्रमांक 0208/2016 दिनांक 09.08.2016 थाना अमझेर जिला धार में पुलिस द्वारा उक्‍त प्रकरण में क्‍या कार्यवाही की गई किस-किस अभियुक्‍त को गिरफ्तार किया गया और किस-किस अभियुक्‍त को जमानत मिल गई है नाम सहित बताएं? अगर उक्‍त प्रकरण में गिरफ्तारी नहीं हुई है तो कारण बताएं? (ख) क्‍या उक्‍त प्रकरण में फरियादी द्वारा एफ.आई.आर. में जो कथन दिए गए उसके अनुसार पुलिस द्वारा आयुध अधिनियम और आई.पी.सी. की धारा 34 से 38 तक 120बी तथा 506 पार्ट 2 लगाई जानी चाहिए थी लेकिन क्‍या कारण है कि केस में कम धाराएं लगाकर केस को कमजोर बनाया गया इसके लिए कौन जवाबदार है? (ग) उक्‍त प्रकरण में पुलिस द्वारा हथियार की जब्‍ती की गई तो जब्‍ती पत्रक उपलबध कराएं? (घ) उक्‍त प्रकरण में जो आरोपी बनाये गए क्‍या उन अभियुक्‍तों का कोई पूर्व में अपराधिक रिकार्ड दर्ज है तो प्रकरण क्रमांक एवं धाराओं सहित नाम सूची सहित उपलब्‍ध कराएं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित प्रकरण में जिला धार के थाना अमझेर के अप.क्र. 208/16, धारा 147, 148, 149, 427, 506 भा.द.वि. में कुल 35 आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। आरोपियों की सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। अभी तक 33 आरोपियों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपराधिक अपील क्रमांक 1277/2014 के दिशा निर्देशानुसार धारा 41 (क) द.प्र.स. के प्रावधानुसार प्रक्रिया का पालन किया गया है। प्रकरण में 02 आरोपी रतन भील, प्रकाश भील निवासी ग्राम पिपलिया के फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपिस्थत नहीं। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश में वर्णित अपराध में किसी हथियार का उपयोग नहीं हुआ है। (घ) प्रश्नांश में वर्णित अपराध में सम्मिलित 05 आरोपियों का अपराधिक रिकार्ड पाया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

विभाग द्वारा मोटर स्‍वामियों के अवैध वसूली

[परिवहन]

78. ( क्र. 4771 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या केन्‍द्रीय सड़क परिवहन एवं राज्‍यमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना क्रमांक 894 दिनांक 29.12.2016 पश्‍चातवर्ती प्रभाव वाली थी? (ख) यदि नहीं, तो क्‍या म.प्र. शासन के परिवहन विभाग द्वारा वाहनस्‍वामियों से 29.12.16 के पूर्व की बकाया फीस/पेनाल्‍टी को नवीन अधिसूचना अनुसार वसूल किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो परिवहन विभाग द्वारा 29.12.16 के बाद पश्‍चातवर्ती प्रभाव से कितनी फीस/शास्‍ती के रूप मोटर स्‍वामियों से कितनी वसूल की गई? (घ) क्‍या परिवहन विभाग का ऐसे मोटर स्‍वामियों से अवैध रूप से वसूल की गई फीस/शास्‍ति‍ की राशि को उनके अन्‍य मदों में ली जाने वाली राशि में समाहित करने का प्रस्‍ताव है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अधिसूचना क्रमांक 894 दिनांक 29.12.2016 प्रकाशन की तारीख अर्थात् दिनांक 29.12.2016 से प्रभावशील हुई है। प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 29.12.2016 में विलंब शुल्क के बारे में नयी दरें अधिसूचना प्रभावी होने पर पूर्व की विलं‍ब अवधि के लिये लागू नहीं होगी के बावत् स्थिति स्पष्ट न होने के कारण विलंब शुल्क के संबंध में संशोधित दर से गणना संपूर्ण विलं‍ब काल के लिये परिगणित कर ली गई। इस संबंध में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पत्र दिनांक 02.02.2017 द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया कि विलंब शुल्क की गणना अधिसूचना प्रकाशन की दिनांक से ही की जाना है न कि भूतलक्षी प्रभाव से। तदुपरान्त विलंब फीस हेतु नयी दरें दिनांक 29 दिसंबर 2016 से परिगणित की जा रही है। वसूली की कुल राशि रूपये 1,89,77,497/- है। जी हाँ, जिन लोगों के प्रकरणों में अधिक राशि जमा हुई है, उनके आवेदन प्राप्त होने पर अधिक जमा राशि का समायोजन/वापसी की कार्यवाही नियमानुसार की जा सकेगी।

अवैध जारी लाइसेंसों पर कार्यवाही न होना

[गृह]

79. ( क्र. 4785 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले में कलेक्‍ट्रेट की शस्‍त्र शाखा द्वारा शस्‍त्र लाइसेंसों में किये गये फर्जीवाड़े की जाँच प्रश्‍न तिथि तक पूर्ण कर ली गई है? अगर हाँ, तो जाँच रिपोर्ट एवं निष्‍कर्षों का विवरण उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या शस्‍त्र लाइसेंसों की जाँच में जाँच टीम ने पाया कि नियम विरूद्ध शस्‍त्र लाइसेंसों की समयवृद्धि की गयी? विधि विपरीत तरीके से कारतूसों की संख्‍या में वृद्धि कर दी गयी? अतिरिक्‍त शस्‍त्र की नियम विरूद्ध लाइसेंस में दे दिये गये थे? दूसरे प्रांतों के लाइसेंसों को बिना वैधानिक एन.ओ.सी. के जिला सतना में दर्ज किया गया? 250 से ज्‍यादा लाइसेंस नियम विरूद्ध पाये गये? प्रकरणवार/नामवार/पतेवार सूची उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या यह सत्‍य है कि राज्‍य शासन उक्‍त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये आरोपियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध एफ.आई.आर. संबंधित थाना क्षेत्रों में दर्ज करवायेगा? अगर हाँ, तो कब तक? समय सीमा दें। अगर नहीं तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जाँच प्रक्रियाधीन है। (ख) जाँच प्रक्रियाधीन होने से जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ग) जाँच में आये तथ्यानुसार कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शिकायत पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

80. ( क्र. 4848 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या वर्ष 2014 में अध्‍यक्ष/प्रबंधक, प्राथमिक उपभोक्‍ता भंडार मर्या. बड़ामलहरा जिला छतरपुर ने अध्‍यक्ष/प्रबंधक, बृजेन्‍द्र विपणन सहकारी समिति मार्या. बड़ामलहरा के कार्यकलापों के विरूद्ध बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के स्‍वयं के द्वारा अक्‍टूबर एवं नवम्‍बर 2012 की खाद्यान्‍न उठाकर कालाबाजारी किए जाने की शिकायत की थी? यदि हाँ, तो शिकायत की जाँच किसी सक्षम अधिकारी से करायी जाकर जाँच प्रतिवेदन लिया गया है? विवरण उपलब्‍ध कराएं। (ख) क्‍या उक्‍त जाँच प्रतिवेदन में उक्‍त शिकायत में उल्‍लेखित तथ्‍य सही पाये जाने पर उक्‍त समिति के कृत्‍य दण्‍डनीय अपराध की श्रेणी में पाये जाने के कारण कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) बिजावर द्वारा उक्‍त समिति को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या उक्‍त अधिकारी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त समिति के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उक्‍त समिति का पंजीयन निरस्‍त करते हुये दुकान आवंटन आदेश निरस्‍त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो तत्‍संबंधी प्रकरण का क्रमांक, पारित आदेशों का क्रमांक/दिनांक बतावें। यदि नहीं, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है, दोषी अधिकारी का नाम/पदनाम का लेख करें।  (घ) क्‍या शासन, दण्‍डनीय अपराध में संलिप्‍त पाई गई उक्‍त समिति के विरूद्ध पंजीयन/दुकान आवंटन ओदश तत्‍काल निरस्‍त कर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेगा तथा उक्‍त दोषी अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करेगा? हॉ तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) अध्‍यक्ष/प्रबंधक, प्राथमिक उपभोक्‍ता भण्‍डार मर्या. बड़ामलहरा द्वारा प्रश्‍नांकित माहों की शिकायत वर्ष 2014 में न की जाकर वर्ष 2012 में की गई थी। जी हाँ, जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, उक्‍त में कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 22.10.2012 को जारी किया गया। (ग) जी नहीं, न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) बिजावर द्वारा मामला क्रमांक 91/डी-121/2012-13 के अंतर्गत उल्‍लेखित समिति के विरूद्ध दर्ज प्रकरण में आदेश दिनांक 09.05.2013 पारित किया गया है। प्रकरण में सक्षम अधिकारी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही करते हुए गुण/दोष के आधार पर आदेश पारित किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (घ) प्रकरण में सक्षम अधिकारी द्वारा उत्‍तरांश '' अनुसार कार्यवाही की गई है। आदेश से व्‍यथित व्‍यक्ति को सक्षम अधिकारी को अपील करने का विधिक वि‍कल्‍प उपलब्‍ध है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''बाईस''

भूमि के पट्टे आवंटन संबंधी

[राजस्व]

81. ( क्र. 4849 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या प्रदेश में राजस्‍व वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक कृषि भूमि के पट्टे तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा आवंटित किये जाने का प्रावधान लागू है? (ख) क्‍या उक्‍त अवधि में छतरपुर जिले की घुवारा क्षेत्र के अंतर्गत पीठासीन अधिकारी (तहसीदार, नायब, तहसीलदार) द्वारा कृषि भूमि के पट्टे आवंटित किये गये है? यदि हाँ, तो आवंटित पट्टेधारियों के नाम व पट्टों की सत्‍य प्रतिलिपियाँ प्रस्‍तुत करते हुए पट्टे आवंटित करने वाले पीठासीन अधिकारी का नाम उल्‍लेख कर स्‍पष्‍ट करें कि उक्‍त पट्टे शासन प्रावधानों के अनुकूल हैं या प्रतिकूल? (ग) क्‍या उक्‍त पट्टों को निरस्‍त करने हेतु शिकायतकर्ताओं की शिकायतों पर विचार करते हुये प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त पट्टे निरस्‍त कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या उक्‍त पीठासीन अधिकारी को अन्‍य तहसील में पदस्‍थीकाल में अनियमित कार्य में संलिप्‍त पाये जाने के कारण निलंबित कर विभागीय जाँच संस्‍थापित की गई थी? यदि हाँ, तो विभागीय जाँच की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें।           (ड.) क्‍या शासन, शासन के प्रावधानों के प्रतिकूल कार्य करने के आदि तथा अनियमित कार्यों में जानबूझकर संलिप्‍त रहने वास्‍ते उक्‍त पीठासीन अधिकारी की सेवायें समाप्‍त करने पर विचार करेगा तथा उक्‍त अवैध पट्टों को तत्‍काल प्रभाव से निरस्‍त करने के आदेश/निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (घ) एवं (ड.) उपरोक्‍तानुसार।

अतिक्रमण मुक्‍त भूमि का सत्‍यापन

[राजस्व]

82. ( क्र. 4886 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या विधानसभा परिवर्तित अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 164 (क्रमांक 6498), दिनांक 17 मार्च 2016 के अनूपपुर पटवारी हल्‍का के खसरा नंबर 1082/1 रकबा 0.081 हेक्‍टेयर के अतिक्रमणकारी का नाम, पति का नाम शासकीय सेवक का पद सहित जानकारी देते हुए बताएं कि शासकीय सेवक द्वारा अतिक्रमण करने पर म.प्र. सेवा आचरण संहिता के तहत कार्यवाही का क्‍या प्रावधान है? उक्‍त प्रमाणित आरोपियों पर विशेष कर राजस्‍व विभाग के पटवारी द्वारा शिक्षिका पत्‍नी के द्वारा अतिक्रमण पर कलेक्‍टर व पुलिस आरक्षक के प्रकरण में पुलिस अधीक्षक द्वारा क्‍या अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या अतिक्रमण हटाने की औपचारिकता कागजों पर की गई है? यदि नहीं, तो मुख्‍य मार्ग स्थिति बहुमूल्‍य भूमि से अति‍क्रमण हटाने का दिनांक, अतिक्रमण हटाने गए अधिकारी कर्मचारी का नाम, पद की जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित शासकीय भूमि पर श्रीमती बिन्दा मार्को पति श्री शिवराम सिंह मार्को तथा श्रीमती बेलावती पति श्री रमेश सिंह द्वारा अतिक्रमण किया गया था। श्रीमती बेलावती, अध्यापक, शा.उ.मा.वि. खांड़ा में पदस्थ है, जिनके द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया जाना म.प्र.सिविल सेवा आचरण नियम के प्रतिकूल होने से उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। पटवारी और आरक्षक के विरूद्ध अतिक्रमण प्रकरण में आदेश पारित नहीं होने के कारण उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। अतिक्रमण दिनांक 29.05.2016 को श्री बजरंग सिंह, राजस्व निरीक्षक एवं श्री गजराज सिंह, पटवारी, अनूपपुर द्वारा हटाया गया। श्रीमती बेलावती पति श्री रमेश सिंह का प्रथम बार अतिक्रमण हटाने संबंधी प्रतिवेदन श्री गजराज सिंह,पटवारी अनूपपुर द्वारा प्रस्तुत किया गया है जिसमें तिथि अंकित नहीं है। पुनः अतिक्रमण दिनांक 02.03.2017 को श्री बजरंग सिंह, राजस्व निरीक्षक एवं श्री गजराज सिंह, पटवारी, अनूपपुर द्वारा हटाया गया।

अनु.जनजाति के भूमि की जाँच व कार्यवाही

[राजस्व]

83. ( क्र. 4887 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत तहसील जैतहरी के पटवारी हल्‍का जैतहरी की भूमि खसरा नम्‍बर 2365 एवं 2367 तथा खसरा नंबर 336 राजस्‍व अभिलेख में वर्ष 1958-59 में किस भूमि स्‍वामी के नाम दर्ज है तथा वह किस वर्ग व जाति का है? (ख) प्रश्नांश (क) की भूमि वर्तमान में किस-किस भूमि स्‍वामी के नाम दर्ज है वह किस वर्ग व जाति के पूर्ण विवरण देवें? (ग) क्‍या अधिसूचित क्षेत्र अनुपपुर में अनुसूचित जनजाति की भूमि गैर अनुसूचित जनजाति यानि सामान्‍य वर्ग को क्रय करने का अधिकार है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) की अवैध हस्‍तांतरण/नामान्‍तरण पर समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित कर भूमि स्‍वामी आदिवासी वर्ग को वापस दिलाने या म.प्र. शासन दर्ज की जाएगी? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) से (ग) के अवैध नामान्‍तरण तथा आदिवासी वर्ग के हित में शासन समय-सीमा में कार्यवाही करेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील जैतहरी अंतर्गत स्थित भूमि खसरा नम्‍बर 2365 एवं 2367 रकवा क्रमश: 1.05 एवं 0.71 एकड भूमि वर्ष 1958-59 की खतौनी के अनुसार लगरा तनय बिहारी गोड सा. लहरपुर के नाम तथा भूमि ख.नं. 336 रकवा 0.14 ए. भूमि बैठोली तनय टेंडकू कौम बैगा सा. देह के नाम दर्ज अभिलेख है। (ख) तहसील जैतहरी अंतर्गत प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित भूमियों के बटांक हो चुके है तथा वर्तमान में उक्‍त भूमि ख.नं. 336/1 /क रकवा 0.016 हे. भूमि भोला पिता शंकरलाल सोनी सा. जैतहरी, खसरा नम्‍बर 336/1/ख रकवा 0.020 हे. भूमि म.प्र.शासन रास्‍ता, खसरा नम्‍बर 336/2 रकवा 0.020 हे. भूमि अवधेश पिता मूलचन्‍द अग्रवाल के नाम दर्ज अभिलेख है आराजी खसरा नम्‍बर 2365 रकवा 0.425 हे. भूमि भूपेन्‍द्र सिंह पिता सुरेश सिंह जाति क्षत्रिय दर्ज अभिलेख है, खसरा नम्‍बर 2367/1 रकवा 0.058 हे. भूमि भूपेन्‍द्र सिंह पिता सुरेश सिंह जाति क्षत्रिय एवं खसरा नम्‍बर 2367/2 रकवा 0.129 हे. भूमि शासकीय म.प्र.शासन पी. डब्‍यू. डी. सड़क दर्ज अभिलेख है। वर्तमान में दर्ज सभी भू-स्‍वामी सामान्‍य वर्ग व पिछड़ा वर्ग के है। अभिलेख अ‍नुसार उनकी जा‍ति क्रमश: सोनी, अग्रवाल व क्षत्रिय है। (ग) जी नहीं। उक्‍त खसरा नम्‍बर 2365,2367 एवं 336 के सम्‍बन्‍ध में अनुविभागीय अधिकारी (रा) जैतहरी के न्‍यायालय में धारा - 170 ख के अन्‍तर्गत प्रकरण क्रमांक - 01/ अ/ -23/ 16-17 विचाराधीन है। (घ) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर अनुसार कार्यवाही विचाराधीन है।

जेवियर इंस्‍टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एक्‍शन एंड स्‍टडीज की जानकारी

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

84. ( क्र. 4934 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जेवियर इंस्‍टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एक्‍शन एंड स्‍टडीज जबलपुर को मान्‍यता कब एवं कहाँ से प्राप्‍त हुई? क्‍या संस्‍थान दिये गये मापदंडों के अनुरूप कार्य कर रहा है? सभी नियमों एवं मापदंडों एवं आदेशों की छायाप्रति देवें। (ख) उपरोक्‍त संस्‍थान को विगत तीन वर्षों में कितना अनुदान प्राप्‍त हुआ वर्षवार बतायें। अनुदान किस-किस कार्य में संस्‍थान द्वारा व्‍यय किया गया? (ग) उपरोक्‍त संस्‍थान में कार्यरत शैक्षणिक स्‍टॉफ एवं अन्‍य कर्मचारियों की जानकारी उनकी शैक्षणिक योग्‍यता के साथ दें। विगत तीन वर्षों के पी.एफ. कटौत्रा की जानकारी कर्मचारी के पी.एफ. नम्‍बर, पी.एफ. कटौत्रा राशि, कर्मचारी अंशदान, नियोक्‍ता अंशदान एवं पी.एफ. जमा राशि सहित देवें। (घ) पी.एफ. राशि जमा नहीं की गई है क्‍या? यदि हाँ, तो कब तक जमा करा दी जायेगी?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नलजल योजना के संबंध में

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

85. ( क्र. 4942 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र की किन-किन ग्राम पंचायतों/ग्रामों में वर्तमान में नलजल योजना संचालित है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावे। (ख) किन-किन ग्राम/ग्राम पंचायत की नलजल योजना वर्तमान में कब से बंद है एवं बंद नलजल योजना को पुन: कब तक चालू किया जावेगा? नलजल योजना बंद होने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) क्या घट्टिया विधानसभा क्षेत्र की अधिकांश नलजल योजना जिला अधिकारियों की उदासीनता के कारण बंद है? क्या शासन स्तर पर इसकी कोई मॉनिटरिंग की जाती है? यदि हाँ, तो किस प्रकार जानकारी उप्लब्ध करावे।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में कुल 58 नलजल योजनाएं संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।       (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। जिलास्तर पर पदस्थ विभागीय मैदानी अमले के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर संकलित की जाती है।

2 लाख रूपये तक के कराये गये कार्यों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

86. ( क्र. 4955 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्‍ड जिले में वित्‍तीय वर्ष 01 अप्रैल 2014 से प्रश्‍न तिथि तक 2 लाख रू. से कम राशि के क्‍या-क्‍या कार्य किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्‍त समयानुसार मेन्‍टेनेन्‍स पर कितनी राशि व्‍यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित सभी कार्यों का गुणवत्‍ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 181 कार्य। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।          (घ) निर्धारित मापदण्ड के अनुसार किये गये कार्यों का मापांकन माप-पुस्तिका में संबंधित उपयंत्री के द्वारा दर्ज किया जाता है एवं उसका सत्यापन संबंधित सहायक यंत्री तथा 10 प्रतिशत सत्यापन कार्यपालन यंत्री के द्वारा किया जाता है। पृथक से उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

स्वीकृत एवं बंद पड़ी नलजल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

87. ( क्र. 4961 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र हरदा अंतर्गत वर्ष 2014-15, 15-16 एवं 16-17 में प्रश्न दिनांक तक कितने व किस-किस ग्राम में नलजल योजना की स्वीकृत की गई है एवं           कहाँ-कहाँ स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में से कितनी नलजल योजना सुचारू रूप से संचालित हो रही है कितनी नलजल योजनाएं बन्द है एवं बन्द होने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बन्द अथवा अपूर्ण पड़ी नलजल योजना के लिये कौन जबाबदार है व जबाबदार पर क्या कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार बन्द पड़ी नलजल योजना को कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसी भी ग्राम में नलजल योजना स्वीकृति हेतु प्रस्तावित नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एक योजना पूर्ण व चालू है एवं 4 योजनाओं में कार्य प्रगति पर है, नलजल योजना स्वीकृति के पश्चात् पर्याप्त क्षमता का स्रोत विकसित किया जाता है तथा तदुपरांत शेष कार्य कराये जाते हैं, पर्याप्त क्षमता के स्रोत विकसित नहीं हो पाने से अपूर्ण नलजल योजना के लिये कोई अधिकारी जवाबदार नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश-के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तेईस''

प्रमुख सचिव राजस्व भोपाल एवं कलेक्टर बैतूल को प्रेषित पत्र

[राजस्व]

88. ( क्र. 4971 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 14 दिसम्बर 2016 को पत्र क्रमांक 7026 पत्र क्रमांक 7028 पत्र क्रमांक 7027 एवं पत्र क्रमांक 7029 प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग को किस-किस विषय पर लिखा उन पर किस दिनांक को प्रमुख सचिव ने क्या आदेश किसे दिए। (ख) भूअर्जन अधिनियम 1894 की धारा ii के तहत पारित अवार्ड आदेश के सम्बन्ध में सिविल रिविजन की शासन ने क्या प्रक्रिया निर्धारित की है, माननीय उच्च न्यालय एवं माननीय उच्चतम न्यायलय ने क्या प्रक्रिया आदेशित की है।            (ग) माननीय न्यायलय द्वारा सिविल रिविजन के प्रकरणों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना ही प्रकरणों को निरस्त किये जाने या नस्तीबद्ध किये जाने पर राज्य शासन ने किसके समक्ष अपील प्रस्तुत किये जाने का क्या प्रावधान किया है, इस सम्बन्ध में किस दिनांक की आदेश निर्देश जारी किये है। (घ) बैतूल जिले में भैंसदेही तहसील की पूर्णा परियोजना के प्रभावितों के सिविल रिवीजन के प्रकरणों में प्रस्तुत न्यायिक में द्वष्टाता बताई गयी प्रक्रिया का पालन किये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

घोड़ाडोंगरी ब्लाक में कृषि कार्य के पट्टे का वितरण

[राजस्व]

89. ( क्र. 4972 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लाक में सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को आवंटित भूमि का अप्रैल 2016 में गैर आदिवासियों को कृषि कार्य के लिए वितरण कर दिया लेकिन काबिज आदिवासियों को कृषि कार्य के लिए पट्टे पर भूमि का प्रश्नांकित दिनांक तक वितरण नहीं किया। (ख) ब्लाक में सामूहिक कृषि सहकारी समिति को निस्तार पत्रक में किस मद में किस खसरा क्रमांक का कितना रकबा आवंटित किया गया था, उस पर काबिज आदिवासियों को अप्रैल 2016 में कृषि कार्य के पट्टे राजस्व विभाग द्वारा वितरित नहीं किये जाने का क्या कारण रहा है। (ग) ग्राम सिवनपाट ग्राम कटगी ग्राम सालीबाडा के निस्तार पत्रक बड़े झाड़ के जगल मद में दर्ज किस खसरा क्रमांक के कितने रकवे पर कीने पट्टे 10 अप्रैल 2016 को किसके द्वारा वितरित किये गये, पट्टाधारियों के नाम एवं रकबा सहित बतावे। (घ) निस्तार पत्रक में बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज भूमि को कृषि कार्य के लिए पट्टे पर वितरण किए जाने का प्रावधान भूराजस्व संहिता 1959 की किस धारा में दिया गया है।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कर्मचारियों के मानदेय के संबंध में

[पशुपालन]

90. ( क्र. 4991 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत विभाग द्वारा विभागीय कार्यों के लिये कितने से कर्मचारी या मजदूर ठेका पद्धति पर या आउटसोर्सिंग से रखे गये हैं? कृपया ठेकेदार/फर्मवार रखे गये कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश '''' में उल्लेखित कर्मचारियों/मजदूरों को कितना मानदेय प्रदाय किया जा रहा हैं? क्या विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार से अनुबंध किया गया हैं? (ग) उक्तानुसार कर्मचारियों को कार्य पर रखे जाने की दिनांक से वर्तमान तक कब-कब मानदेय वृद्धि की गई? संबंधित ठेकेदार द्वारा अनुबंध शर्तों का पालन किया जा रहा हैं या नहीं इसकी मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था हैं? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत उक्तानुसार कर्मचारियों/मजदूरों को ठेकेदार द्वारा प्रश्नांश '''' में उल्लेखित अनुसार भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 39 मजदूर। संलग्‍न परिशि‍ष्ट अनुसार(ख) संलग्‍न परिशि‍ष्ट अनुसार। जी हाँ। (ग) मजदूरी की कलेक्टर दर बढ़ने के फलस्वरूप नवीन ठेका अनुसार जुलाई 2016 में वृद्धि की गई। जी हाँ। विभागीय अधि‍कारी/कर्मचारी द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के संबंध में

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

91. ( क्र. 4992 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने शासकीय एवं कितने अशासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हैं एवं इनमें कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? संस्थानवार विवरण देवें? (ख) नवीन अशासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान प्रारंभ करने हेतु/मान्यता प्रदान करने हेतु क्या दिशा निर्देश एवं मापदण्ड तय हैं? (ग) आगर जिला अंतर्गत विगत 02 वर्षों में कितने नवीन अशासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान प्रारंभ किये जाने हेतु या मान्यता के लिये आवेदन प्राप्त हुये हैं इसके विरूद्ध किन-किन को मान्यता दी जाकर संस्थान प्रारंभ किये गये हैं? क्या प्रश्नांश '''' में उल्लेखित मापदण्डों का परीक्षण किया गया? यदि हाँ तो तद्संबंधी किए गए निरीक्षणों में निरीक्षण प्रतिवेदन एवं आवेदनों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावे? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का निरीक्षण कब-कब किन-किन जवाबदार अधिकारियों द्वारा किया गया? विगत 02 वर्षों में किए गए निरीक्षण एवं कार्यवाही का विवरण देवे?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) राष्‍ट्रीय व्‍यावसायिक प्रशिक्षण परिषद् की मान्‍यता महानिदेशालय, प्रशिक्षण, नई दिल्‍ली द्वारा दी जाती है, जिसके लिये आवेदन ऑनलाईन अपलोड किये जाते है तथा निरीक्षण की कार्यवाही क्‍वालिटी काउंसिलिंग ऑफ इंडिया के माध्‍यम से की जाती है। राष्‍ट्रीय व्‍यावसायिक प्रशिक्षण परिषद् के अन्‍तर्गत सत्र अगस्‍त 2015 में 02 प्रायवेट आई.टी.आई. क्रमश: रेवा प्रायवेट आई.टी.आई., सोयतकला, जिला आगर-मालवा, महाराणा प्रायवेट विवेकानंद नगर, पाल रोड जिला आगर-मालवा की स्‍वीकृति जारी की गई है। इनके निरीक्षण प्रतिवेदन महानिदेशालय प्रशिक्षण, नई दिल्‍ली द्वारा संधारित किये जाते है। राज्‍य व्‍यावसायिक प्रशिक्षण परिषद् की मान्‍यता के लिये संबंधित आई.टी.आई. द्वारा कौशल विकास संचालनालय को आवेदन प्रस्‍तुत किया जाता है। सत्र अगस्‍त 2015 में 01 प्रायवेट आई.टी.आई. शुभम श्री बालाजी प्रायवेट आई.टी.आई. मोडी तहसील सुसनेर को तथा सत्र अगस्‍त 2016 में 01 प्रायवेट आई.टी.आई. आदर्श प्रायवेट आई.टी.आई., सुसनेर की स्‍वीकृति जारी की गई है। समिति द्वारा किये गये निरीक्षण की सत्‍यापित रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) किये गये निरीक्षणों का विवरण निम्‍नानुसार है:-

क्रं.

निरीक्षण किये गये संस्‍था का नाम

निरीक्षण दिनांक

निरीक्षणकर्ता अधिकारी का नाम

1.

रेवा प्रायवेट आई.टी.आई. सोयतकलॉ

06.08.2016

श्री जी.एस. डाबर, अनुविभागीय अधिकारी, सुसनेर
 
श्री के.के. कनोजिया, उपप्राचार्य, आई.टी.आई., सुसनेर
 
श्री एच.एस. बौडाना, प्रशिक्षण अधिकारी
 
श्री रामलखन शर्मा, प्रशिक्षण अधिकारी
 

 
रेवा प्रायवेट आई.टी.आई. सोयतकलॉ का निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। निरीक्षण प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्‍य में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।

दतिया जिले के थानों में दर्ज प्रकरण एवं कार्यवाही बावत्

[गृह]

92. ( क्र. 5002 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) दतिया जिले के थानों में दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण दर्ज हुये उनमें से कितने प्रकरणों के चालान न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके और कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किये जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में किन-किन अभियुक्तों पर ईनाम घोषित हुई और उनमें कौन-कौन अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया गया है कारण सहित बताएं? (ग) क्या निचरौली सरपंच हत्याकांड एवं बडोनी के वरार समाज के किशोर के हत्यारे एक समुदाय विशेष के होने के कारण मुख्य आरोपियों को प्रश्न दिनांक तक गिरफ्तार नहीं किया गया है? यदि हाँ तो उन पर कितनी ईनाम राशि घोषित हुई है और कब तक गिरफ्तार किया जावेगा? क्‍या यह सही है कि निचरोली एवं बडोनी हत्याकांड के मुख्य आरोपीयों द्वारा गवाहों को डरा धमकाकर बयान पलटवाये जा रहे है और पुलिस पीडि़त परिवार/गवाहों को सुरक्षा नहीं दे पा रही है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दतिया जिले के थानों में दिनांक 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 7708 प्रकरण दर्ज हुऐ उनमें से 6988 प्रकरणों के चालान न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके है। और 267 प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किये जाना है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। आरोपी (1) मोहन पिता रामसेवक यादव,     (2) करतारसिंह पिता रामसेवक यादव, (3) अब्बास पिता नसीम खॉ (4) मुसलिम पिता छोटे खॉ निवासीगण निचरौली घटना दिनांक से फरार है, जिनकी गिरफ्तारी बावत् पृथक-पृथक रुपये 5000-5000/- का ईनाम घोषित किया गया है। गिरफ्तारी के हरसंभव प्रयास जारी है। थाना बडौनी में मृतक संतोष पिता कमलेश वंशकार की हत्या के संबंध में दर्ज अपराध क्रमांक 65/16 धारा 302, 34 भा.द.वि. एवं 3 (1) , , 3 (2) 5 एस.सी.एस.टी. एक्ट के प्रकरण में आरोपी (1) गुलाम खॉ, (2) जाविद खॉ को गिरफ्तार कर चालान पेश किया गया जो मान. न्यायालय में विचाराधीन है। जी नहीं, पीडि़त परिवार पुलिस के सम्पर्क में है, उन्हें आवश्यकतानुसार सुरक्षा प्रदाय की जा रही है।

भूमि विनिमय प्रकरण बावत्

[राजस्व]

93. ( क्र. 5004 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भूमि विनिमय के अधिकार कलेक्टर/कमिश्नर को है? क्या नायब तहसीलदार को इसके अधिकार नहीं हैं? (ख) क्या तहसील भाण्डेर में प्र.क्र. 9 अ-6/13-14 भूमि विनिमय प्रकरण में नायब तहसीलदार भाण्डेर ने दिनांक 22-12-2016 को भूमि विनिमय आदेश पारित किया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई या की जा रही है? क्या संबंधित नायब तहसीलदार के उनके कार्यकाल के संपूर्ण प्रकरणों की जाँच कराई जाएगी उनके संपूर्ण अधिकार वापिस लेकर कब तक जाँच कराकर सदन को अवगत कराया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नलजल योजना का संचालन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

94. ( क्र. 5100 ) श्री महेन्‍द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा गुन्‍नौर अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में नलजल योजना स्‍वीकृत है? स्‍वीकृत नलजल योजनाओं में से कितनी संचालित हैं एवं कितनी बंद हैं? (ख) क्‍या जिन ग्राम पंचायतों में नलजल योजनाएं संचालित हैं वे सुचारू रूप से चल रही हैं? (ग) क्‍या जिन ग्राम पंचायतों में नलजल योजना संचालित हैं वह काफी समय से बंद पड़ी हैं? उक्‍त नलजल योजनाओं में विगत एक वर्ष में कोई सुधार कार्य करवाए गए हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार नलजल योजना को सुचारू रूप संचालित रखने की जिम्‍मेदारी किसकी है? नलजल योजनाओं का सुचारू से संचालन न करने वाले शासकीय सेवकों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 133 योजनाएं स्वीकृत हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्रामवार नलजल योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा कोई सुधार कार्य नहीं करवाया गया है। (घ) संबंधित ग्राम पंचायत की। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन

[राजस्व]

95. ( क्र. 5112 ) श्री महेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन आवेदन प्रस्‍तुत करने के बाद कितनी समय सीमा में प्रकरण का निराकरण करने का प्रावधान है? प्रावधान की प्रति उपलब्‍ध करावें? क्‍या सभी प्रकरण आर.सी.एम.एस. पोर्टल में दर्ज कर दिये गये है? (ख) जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक पन्‍ना जिले में नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के कितने प्रकरण लंबित हैं? (ग) शेष लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अविवादित नामांतरण 30 दिवस, बंटवारा 90 दिवस सीमांकन 30 दिवस में निराकरण का प्रावधान है शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार सभी प्रकरण आर.सी.एम.एस.पोर्टल में दर्ज किए जाने के पश्‍चात ही निराकृत किए जाते है। (ख) जनवरी 2015 से मासांत फरवरी 2017 तक दर्ज प्रकरणो में से लंबित प्रकरणों की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

विवरण

विवादित

अविवादित

योग

नामांतरण

274

05

279

बंटवारा

562

00

562

सीमांकन

41

-

41

 
 (ग) सभी लंबित प्रकरण निर्धारित समय सीमा के अंदर अंतिम विनिश्चय हेतु प्रक्रियाधीन है।

नलकूप खनन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

96. ( क्र. 5131 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुरबाई विधान क्षेत्र में कितने नलकूप जनवरी 15 से अभी तक खोदे गये हैं? उनमें कितने क्रियाशील हैं, कितने निष्क्रिय हैं और कितनों का पानी पीने योग्‍य नहीं हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा कितने नल कूपों को निष्क्रिय घोषित किया जा चुका है और कितने को वर्ष 2015-16 में सफाई करके उपयोगी बनाया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या विभाग को जानकारी है कि शासन ने नलकूप खुदाई हेतु जनसंख्‍या के मान से सीमा निर्धारित की है लेकिन उसके बाद भी मृतप्राय नलकूपों को घोषित क्‍यों नहीं किया गया जिससे उस गांव में नये नलकूप खुदवाये जा सकें? जनवरी 14 से अभी तक कितने नलकूपों की खुदाई के प्रस्‍ताव आ चुके हैं(घ) क्‍या विभाग इस बारे में जल्‍दी निष्क्रिय नलकूपों को छांटकर समाप्‍त घोषित करेगा ताकि ग्रामीणों की सुविधा हेतु वहां नये नलकूप खुदवाये जा सकें? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 87 नलकूप। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) 58 नलकूप। एक भी नहीं। आवश्यकता न होने के कारण सफाई का कार्य नहीं कराया गया। (ग) जी हाँ। असुधार योग्य हैण्डपंपों को गणना में न लेते हुये ही पेयजल व्यवस्था का ऑकलन किया जाता है। 256 प्रस्ताव। (घ) उत्तरांश '''' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नलजल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

97. ( क्र. 5167 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आष्‍टा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासन स्‍तर पर कितनी नलजल योजनाएं स्‍वीकृति हेतु लंबित हैं? (ख) अभी तक स्‍वीकृति क्‍यों लंबित है तथा इनके लिये कौन जिम्‍मेदार है? (ग) कब तक लंबित योजनाओं की स्‍वीकृति जारी कर दी जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एक भी नहीं है। (ख) एवं                     (ग) उत्तरांश-के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

दुष्‍कर्म के अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही

[गृह]

98. ( क्र. 5226 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या कोलगंवा थाना अंतर्गत ग्राम मझगवां में 25 वर्षीया उमा त्रिपाठी की हत्‍या का मामला पंजीबद्ध किया गया है? (ख) क्‍या लड़की के गायब होने के दिनांक 31 दिसम्‍बर 2016 से अब तक पुलिस को 1 अपराधी द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर हत्‍यारों को पकड़ने के लिए अब तक क्‍या कार्यवाही की गयी? क्‍या अन्‍य अपराधियों को बचाया जा रहा है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो लड़की के साथ दुष्‍कर्म के बाद हत्‍या के मामले में किन-किन अपराधियों द्वारा घटना कारित की गयी है? उनका विवरण दें। (घ) कब तक पुलिस इस मामले में अन्‍य आरोपियों को गिरफ्तार करेगी? इस प्रकरण में अब तक की गयी कार्यवाही का पूर्ण विवरण दें। मृतिका के परिजन को कब तक न्‍याय दिलाया जायेगा? क्‍या इस मामले में सी.आई.डी. जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। थाना कोलगंवा में दिनांक 01.02.2017 को अप.क्र. 132/17 धारा 302, 201, 375 (ग), 376 (क), 376 (1) भा.द.वि. का पंजीबद्ध किया गया है।           (ख) से (घ) प्रश्नांश '' के उत्तर में वर्णित अपराध की विवेचना में आयी साक्ष्य अनुसार आरोपी रामकुशल उर्फ कुशलिया पिता कन्हैया लाल डोहर निवासी भरजुना को दिनांक 01.02.2017 को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में अन्य आरोपी की संलिप्तता अब तक की गई विवेचना में साक्ष्य नहीं पायी गई है। प्रकरण अभी विवेचना में है, साक्ष्य अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। प्रकरण जिला पुलिस सतना द्वारा विवेचनाधीन है। पृथक से सी.आई.डी. जाँच की आवश्यकता नहीं है।

भूमाफियों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

99. ( क्र. 5229 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या ग्राम कृपालपुर पटवारी हल्‍का कृपालपुर नं. 82 तहसील रघुराजनगर में वर्ष 1980-81 की स्थिति में आराजी नं. 6914, 69/5, 69/10, 6919, 6916 की भूमियां मध्‍यप्रदेश शासन की है(ख) क्‍या वर्ष 2015-16 की स्थिति में उक्‍त आराजियों पर भूमाफिया न सिर्फ काबिज है, उनके द्वारा फार्म हाउस बनाकर कब्‍जा कर लिया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो उक्‍त आराजियों पर कौन-कौन अतिक्रमणकर्ता काबिज हैं तथा उक्‍त भूमियों को कब तक अतिक्रमणकर्ताओं से मुक्‍त करा लिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम कृपालपुर पटवारी हल्‍का कृपालपुर तहसील रघुराजनगर में वर्ष 1980-81 की स्थिति में प्रश्‍नांश (क) अंकित आराजी नं. 69/5 तथा 69/10 बटांक अभिलेख में दर्ज नहीं है। आराजी नं. 6914, 6919 एवं 6916 ग्राम कृपालपुर में नहीं है। (ख) वर्ष 2015-16 की स्थिति में आराजी नं. 69/5 तथा 69/10 भूमि स्‍वामी काबिज है अवैध कब्‍जा नहीं है। (ग) उपरोक्‍त (ख) के आधार पर उक्‍त आराजीयों में अतिक्रमणकर्ता काबिज नहीं है। जिससे भूमियों को अतिक्रमण से मुक्‍त कराए जाने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।



नल जल योजना की स्‍वीकृति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

100. ( क्र. 5266 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में विगत 3 वर्षों में कितनी नलजल एवं नल उत्‍खन्‍न (हैण्‍डपंप) योजनायें स्‍वीकृत की गयी हैं एवं विधानसभा क्षेत्र बीना के लिये कितनी आवंटित की गयी है विगत वर्षों से जर्जर हालत में संचालित नलजल योजनाओं के नवीनीकरण हेतु क्‍या प्रावधान है?            (ख) ग्राम-खिमलासा एवं मंडीबामोरा की जर्जर हालत में संचालित नलजल योजना के नवीनीकरण या नवीन नलजल योजना स्‍वीकृत करने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी है?           (ग) विधानसभा क्षेत्र बीना में बंद पड़ी नलजल योजनाओं के प्रांरभ कराने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 06 नलजल योजनाएं एवं 906 हैण्डपंप योजनाएं। बीना विधान सभा क्षेत्र हेतु 105 हैण्डपंप योजनाएं। आवर्धन नलजल योजना बनाने का प्रावधान है। (ख) विभाग द्वारा संबंधित ग्राम पंचायतों को संकल्प/प्रस्ताव/योजना लागत का 3 प्रतिशत जनभागीदारी अंशदान की राशि जमा करने के लिये सहमति दिये जाने हेतु दिनांक 7.12.16 को पत्र लिखा गया है, सहमति प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) ''नल से जल आज और कल'' अभियान के अन्तर्गत लघुसुधार के कारण बंद नलजल योजनाओं को चालू करने हेतु धनराशि संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करवा दी है तथा कार्यवाही ग्राम पंचायतें कर रही हैं। रूपये 2.00 लाख से अधिक लागत की बंद नलजल योजनाओं को चालू करने के कार्यों की स्वीकृति दी जाकर विभाग अंतर्गत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

तदर्थ कर्मचारियों की निर्धारित प्रपत्र में मांगी गई जानकारी पर कार्यवाही

[पशुपालन]

101. ( क्र. 5331 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संचानालय के पत्र क्रमांक 10601/स्‍था-व/2013-14/भोपाल, दिनांक 07/10/2014 के द्वारा निर्धारित प्रपत्र में तदर्थ आधार पर नियुक्‍त प्रगति सहायक/संगणक की वरिष्‍ठता के संबंध में जानकारी समस्‍त संयुक्‍त संचालक/उपसंचालक से मांगी गई थी? (ख) किस संस्‍था/जिले से जानकारी प्राप्‍त नहीं हुई उन संस्‍था/जिलों के नाम बताएं एवं उनके विरूद्ध अब तक क्‍या कार्यवाही की गई?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) सभी जिलों से जानकारी प्राप्त हो गई है। शेष प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता।

जबलपुर जिले में पदस्‍थ 3 वर्षों से अधिक पुलिस अमले का स्‍थानान्‍तरण

[गृह]

102. ( क्र. 5346 ) श्री अंचल सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) जबलपुर जिले में पुलिस विभाग के अंतर्गत ऐसे कितने नगर पुलिस अधीक्षक/ नगर निरीक्षक/ उप निरीक्षक/ सहायक उप निरीक्षक/प्रधान आरक्षक एवं आरक्षक है, जो विगत 3 वर्षों से अधिक समय से एक ही स्‍थान अथवा जिले में पदस्‍थ है। सूची देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या ऐसे अनेकों अधिकारी/कर्मचारी जबलपुर जिले में पदस्‍थ हैं जो वर्षों से थाना बदल-बदल कर लगातार जबलपुर जिले में पदस्‍थ है? क्‍यों? यह भी बताया जावें कि क्‍या इनको जबलपुर जिले में ही पदस्‍थ रखने का कोई नियम है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अधिकारियों/कर्मचारियों को क्‍या शासन अन्‍यत्र जिले में पदस्‍थ कर शासन द्वारा बनाये गये नियमों का पालन करेगा यदि हाँ, तो कब तक?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नगर पुलिस अधीक्षक/उप पुलिस अधीक्षक-05, निरीक्षक-17, उप निरीक्षक-89, सहायक उप निरीक्षक-216, प्रधान आरक्षक-545 एवं आरक्षक-1437 सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार पदस्‍थ है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) के परिशिष्‍ट में उल्‍लेखित प्रधान आरक्षक एवं आरक्षक जिला स्‍तरीय संवर्ग के होने के कारण जिले में ही पदस्‍थ रह सकते है। अन्‍य संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को शासन की स्‍थानान्‍तरण नीति के नियमानुसार पदस्‍थ किया गया है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मुख्‍य अभियंता अ‍धीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री सहायक यंत्री के अतिरिक्‍त प्रभार

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

103. ( क्र. 5350 ) श्री अंचल सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत कुल कितने मुख्‍य अभियंता/ अधीक्षक यंत्री/कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री के पद स्‍वीकृत हैं स्‍वीकृत पद के विरूद्ध कितने कार्यरत हैं एवं कितने पद रिक्‍त हैं एवं कितने अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री एक से अधिक प्रभार में है? (ख) क्‍या मुख्‍य अभियंता लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकीय विभाग परिक्षेत्र जबलपुर के प्रभार में वर्तमान में मुख्‍य अभियंता के समकक्ष अधिकारी को पदस्‍थ किया गया है अथवा किसी अन्‍य अधिकारी को अति‍रिक्‍त प्रभार सौंप कर कार्य कराया जा रहा है? (ग) क्‍या जबलपुर परिक्षेत्र में पदस्‍थ मुख्‍य अभियंता वर्तमान में अधीक्षण यंत्री के पद पर जिला रीवा में पदस्‍थ है? यदि हाँ, तो क्‍या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग में वर्तमान में नियमित मुख्‍य अभियंता उपलब्‍ध नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍यों? यदि नहीं, तो अधीक्षण यंत्री को मुख्‍य अभियंता का प्रभार सौपने का औचित्‍य क्‍या है? (घ) क्‍या जबलपुर परिक्षेत्र में पदस्‍थ मुख्‍य अभियंता के विरूद्ध लोकायुक्‍त एवं विभागीय जाँच लंबित है? यदि हाँ, तो क्‍या जिनके विरूद्ध लोकायुक्‍त एवं विभागीय जाँच चल रही हो उनको ही उनके प्रभार क्षेत्र का मुख्‍य अभियंता का प्रभार सौप कर जाँच को प्रभावित करने की खुली छूट नहीं दी है? क्‍या शासन लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत प्रभारी अधिकारियों को अलग कर नियमित अधिकारियों को पदस्‍थ कर शासन की योजनाओं को दिशा प्रदान करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रमुख अभियंता एवं समकक्ष के 2 पद, मुख्य अभियंता के 6 पद अधीक्षण यंत्री के 29 पद, कार्यपालन यंत्री के 85 पद एवं सहायक यंत्री के 303 पद स्वीकृत हैं। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार।                 (ख) अधीक्षण यंत्री मण्डल रीवा को मुख्य अभियंता, जबलपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। (ग) जी हाँ, विभाग में मुख्य अभियंता स्तर के 04 पद रिक्त होने से। (घ) जी हाँ। जी नहीं। मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी उपलब्ध होने पर पदस्थ किया जा सकेगा। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

कमिश्‍नर कार्यालय में जाँच प्रतिवेदनों की भरमार

[राजस्व]

104. ( क्र. 5363 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) सागर कमिश्‍नर कार्यालय में अपने अंतर्गत आने वाले जिला कलेक्‍टर कार्यालयों से प्राप्‍त कितने जाँच प्रकरण विगत 5 वर्षों में प्राप्‍त हुए कितने प्रकरण कितने समय से निर्णय हेतु किस स्‍तर पर लंबित है? कारण सहित प्रकरणवार नाम, दिनांकवार सूची देवें? (ख) जिला कार्यालयों से प्राप्‍त जाँच प्रकरणों पर निर्णय की समय-सीमा क्‍या है? जाँच प्रकरणों में आरोपी अधिकारियों के पत्रों के जवाब देने में अधिक विलंब पर शासन की क्‍या नीति है? जवाब की समय-सीमा क्‍या है?     6 माह से अधिक समय से लंबित जवाब देने वाले अधिकारियों की सूची नाम पद सहित देवें?           (ग) विगत 5 वर्षों में कितने विभागीय जाँच प्रकरणों पर सागर कमिश्‍नर कार्यालय द्वारा अधीनस्‍‍थ जिला कार्यालयों को कितनी अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है? नामवार कार्यवाही सहित सूची देवें? (घ) विगत 5 वर्षों में लोकायुक्‍त द्वारा कितने अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु सागर कमिश्‍नर कार्यालय को निर्देशित या सूचित किया गया है? नामवार, पद सहित सूची देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिला कलेक्टर कार्यालय से विगत 05 वर्षों में कुल 23 राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के प्रतिवेदन कमिश्नर कार्यालय सागर में प्राप्त हुए है जिनमें से शासन स्तर पर 06 तथा जिला स्तर पर 04 एवं कमिश्नर कार्यालय सागर में 01 प्रकरण लंबित है। प्रकरणवार नाम एवं दिनांकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत 05 वर्षों में कमिश्नर कार्यालय सागर द्वारा कुल 12 विभागीय जाँच के प्रकरणों का निराकरण किया गया है। नामवार कार्यवाही सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ग" अनुसार(घ) विगत 05 वर्षों में लोकायुक्त विभाग से प्राप्त निर्देश एवं सूचना के आधार पर 02 राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है तथा 01 प्रकरण में नस्ती यू.ओ.नं. 18 दिनांक 22.02.2017 को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग का अभिमत प्राप्त करने हेतु भेजी गई है। अभिमत प्राप्त होने पर तदनुसार कार्यवाही की जावेगी।

धारा 165 (6) के तहत पट्टे वाली जमीन के विक्रय की अनुमति

[राजस्व]

105. ( क्र. 5462 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्या आदिवासियों को शासन द्वारा कृषि हेतु पट्टे पर दी गई जमीन का विक्रय गैर आदिवासी को किया जा सकता है? यदि नहीं, तो बताएं कि धार जिले में पिछले 05-07 वर्षों में धारा 165 (6) के तहत ऐसे कितने पट्टे वाली जमीन के विक्रय की अनुमति दी गई? (ख) धारा 165 (6) में बेची गई आदिवासी जमीन के डायवर्सन तथा पुनः विक्रय हेतु क्या नियम हैं तथा इन नियमों का पालन न होने पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है? (ग) क्या धार जिले में विगत 05 वर्षों में धारा 165 (6) में बेची गयी सारी जमीन पर प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित नियमों का पालन हुआ है? यदि नहीं, तो उन जमीनों की सूची तथा की गई कार्यवाही की जानकारी प्रस्तुत करें। (घ) क्या धार जिले में पिछले 05 वर्षों के दौरान धारा 165 (6) में आदिवासीयों की हजारों बीघा जमीन के विक्रय की जाँच हेतु किसी उच्च अधिकारी की नियुक्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पायली जल प्रदाय योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

106. ( क्र. 5471 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में पायली जल प्रदाय योजना की स्‍वीकृति प्रदान की गई हैं यदि हाँ, तो उक्‍त योजना में विधानसभा के कौन-कौन से ग्राम शामिल किये गये हैं सूची प्रदान करें। यह योजना कब क्रियान्‍वित किया जाना प्रस्‍तावित है अवगत करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिन ग्रामों में पायली जल प्रदाय योजना स्‍वीकृत की गई है उनमें से कितने ग्रामों में इसका निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं कितने ग्रामों में निमार्ण शेष है। सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) जिन ग्रामों में निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया अथवा कार्य अपूर्ण हैं, उक्‍त अप्रारंभ या अपूर्णता के लिए कौन जिम्‍मेदार है जिम्‍मेदार अधिकारी के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश '''' के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय भूमि

[राजस्व]

107. ( क्र. 5485 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) विधानसभा क्षेत्र आगर में कितनी शासकीय भूमि उपलब्ध है वर्ष 2014 की स्थति में कितनी थी व प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शेष बची है? शासकीय भूमि का रकबा खसरा नं. सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार शासकीय भूमि किन-किन को किस कार्य हेतु आवंटित की गई है? यदि शासकीय भूमि पर अवैध कब्ज़ा किया गया है तो किनके द्वारा किया गया है? अवैध कब्ज़ा वाली जमीन पर शासन क्या कारवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मजरा-टोला को ग्राम ईकाई बनाना

[राजस्व]

108. ( क्र. 5489 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने मजरा-टोला कहाँ एवं कब से संचालित किये जा रहे हैं? (ख) क्या विभाग ने गत वर्षों में ग्रामीण मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम बनाने के लिये कोई मापदण्ड निर्धारित कर जिला कलेक्टरों को सर्वेक्षण किया जाना निर्देशित किया गया है? (ग) जिला उज्जैन की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र की किन ग्राम पंचायतों के किन ग्राम के मजरों-टोलों को चिन्हित किया गया है? उनकी जनसंख्या, अ.जा., अ.ज.जा., परिवार संख्या, कृषक इकाई संख्या, ग्राम से दूरी और रकबा कितना पाया गया? (घ) जिन मजरा-टोलों की संख्या 200 से अधिक है, लेकिन खेतिहर व दैनिक मजदूर होने के कारण कृषक इकाई संख्या और रकबा कम होने पर क्या उन्हें ग्राम इकाई माना जावेगा? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या-क्या योजनायें तैयार की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में निम्न मजरा टोला है- 1. पारदीखेडा 2. छापरीखेडा 3. तेलीखेडा 4. साकलीखेडा 5. बंजाराडेरा 6. देरीखेडा                7. बजरंगढ 8. नयागावं 9. देवीपुरा 10. पुरीखेडा 11. बलाईखेडा 12. नयाखेडा 13. बच्चूखेडा मजरा टोला है। उपरोक्त का निर्माण मूल बन्दोबस्त के बाद हुआ है। (ख) जी हाँ। (ग) उज्जैन जिले की घटिया विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत किसी भी पंचायत के किसी भी राजस्व ग्राम के किसी भी मजरा टोला को राजस्व ग्राम बनाने हेतु निर्धारित प्रावधान एवं मापदण्ड की परि‍धि में नहीं आने से चिन्हित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

रायसेन जिले में संचालित गौशालाएं

[पशुपालन]

109. ( क्र. 5504 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा गौवंश संरक्षण के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? योजनावार जानकारी दी जावे। गौशाला खोले जाने हेतु क्‍या-क्‍या नियम प्रचलन में हैं? (ख) रायसेन जिले में प्रश्‍न दिनांक में कितनी गौ शालायें संचालित हैं? उनमें उपलब्‍ध पशुओं की संख्‍या एवं निर्मित सुविधाओं का विवरण गौशालावार दिया जावे। (ग) विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में कितनी नवीन गौशालायें कहाँ-कहाँ पर खोले जाने के प्रयास शासन द्वारा किये जा रहे हैं?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रदेश में गौवंश संरक्षण हेतु गोपाल पुरूस्कार योजना एवं वत्सपालन प्रोत्साहन योजना संचालित है। गौशालाऐं अशासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा खोली जाती है। म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा पूर्व से संचालित गौशाला का ही पंजीयन किया जाता है। गौशाला खोलने हेतु संस्था द्वारा जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति के माध्यम से निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होता है। आवेदन के साथ म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भेपाल के नाम से रूपये 50/- का बैंक ड्राफ्ट एवं गौशाला में कम से कम 50 गौवंश होना आवश्यक है। गौशाला के पास पशु संख्या अनुसार पर्याप्त भूमि, भवन तथा पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध होना चाहिए। गौशाला के भूमि संबंधि‍त दस्तावेज संलग्न कर आवेदन किया जाता है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन द्वारा गौशालाऐं नहीं खोली जाती हैं। शेष का प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छब्बीस''

लीज की भूमि के पट्टों का प्रदाय

[राजस्व]

110. ( क्र. 5505 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्‍टर कार्यालय रायसेन द्वारा वर्ष 2013 से 2017 तक विभिन्‍न मदों में कितनी भूमि की लीज़ या पट्टे जारी किये गये हैं? (ख) क्‍या लीज़ प्रदाय करते समय सभी विभागों से अनापत्ति प्राप्‍त कर ली गई थी? (ग) क्‍या किसी को आवासीय उद्देश्‍य के लिये भी लीज़ पर पट्टा प्रदाय किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो किन्‍हें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खाद्यान्न की गुणवत्ता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

111. ( क्र. 5549 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरण किये जाने वाले खाद्यान्न की गुणवत्ता के सैम्‍पल लिए जाते हैं? यदि हाँ, तो अप्रैल 2016 से सितम्बर 2016 तक की अवधि में लिए गए सैम्पलों में से कितने सेम्पल गुणवत्ताविहीन पाए गए? (ख) क्या उपरोक्त लिए गए सैम्पलों के नतीजे भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजानिक वितरण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016 में जारी रिपोर्ट में प्रदेश के 1300 से अधिक सैम्पल मिलावटी तथा मिस ब्रांडेड पाए गये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? केंद्र सरकार की उक्त रिपोर्ट के अनुसार घटिया खाद्यान्न वितरण में प्रदेश का कौन सा स्थान है?         (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार मिलावटी तथा मिस ब्रांडेड पाए गये खाद्यान्‍न की कुल मात्रा एवं अनुमानित मूल्य कितना है? उक्त घटिया खाद्यान्न किस उपयोग में लाया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कंट्रोल की दुकानों में मृतकों के नाम से राशन प्रदाय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

112. ( क्र. 5638 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की सभी राशन की दुकानों पर राशन वितरण PDS सिस्टम से हो रहा है? यदि हाँ, तो मृतकों का नाम PDS सिस्टम से हटाने के क्या नियम हैं? उज्जैन सभाग में 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न पंचायतों एवं नगरीय निकायों में मृत्यु उपरांत व्‍यक्तियों के नाम राशन PDS सिस्टम से हटा लिये जाने की जाँच कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने कहाँ-कहाँ की? (ख) प्रश्नांश (क) सन्दर्भ में क्या राशन PDS सिस्टम से बांटने के बाद कई जिलों में मृतकों का नाम नहीं हटाकर ग्राम पंचायत सचिव एव राशन दुकान कर्मचारी की सांठ-गांठ से मृतकों के राशन में भारी मात्रा में काला बाजारी की जा रही है? यदि हाँ, तो उज्‍जैन संभाग में ऐसी कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ दर्ज की गई, विभाग द्वारा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) उज्जैन संभाग में राशन दुकानों पर PDS सिस्टम लागू होने के बाद, किस-किस तरह की, कलाबाजारी के कितने प्रकरण सामने आये? PDS सिस्टम लागू होने के बाद इन राशन दुकानों पर आनुपातिक रूप से खाद्यान्‍न वितरण में कितना अंतर अर्थात कितने खाद्यान्‍न की बचत हो रही है? यदि कोई अंतर नहीं तो PDS सिस्टम के लाभ से अवगत करायें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। प्रदेश की सभी उचित मूल्‍य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाकर उसके माध्‍यम से पात्र परिवारों को राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। मृतक पात्र परिवार सदस्‍यों की जाँच पृथक से नहीं कराई गई है। किसी परिवार के सदस्‍य की मृत्‍यु होने पर आवेदन प्राप्‍त होने अथवा संज्ञान में आने पर स्‍थानीय निकाय द्वारा समग्र पोर्टल पर मृत सदस्‍य का पंजीयन किया जाता है। उसके उपरांत पात्र परिवार के डाटाबेस से मृत सदस्‍य का नाम हटाये जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं, ऐसा मामला प्रकाश में नहीं आया है। उज्‍जैन संभाग में जनवरी, 2016 से कुल 18,177 मृतक पात्र परिवार सदस्‍यों के नाम सार्वजनिक वितरण प्रणाली से हटाए गए हैं। उज्‍जैन संभाग में मृतक सदस्‍यों के नाम से आवंटित राशन सामग्री के कालाबाजारी के संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उज्जैन संभाग में पी.ओ.एस. मशीन से राशन सामग्री वितरण व्‍यवस्‍था लागू होने के बाद राशन सामग्री की कालाबाजारी के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। पात्र परिवारों को उचित मूल्‍य दुकान से खाद्यान्‍न वितरण के पश्‍चात् बचत मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राशन सामग्री की बचत मात्रा को आगामी माह के आवंटन में समायोजन किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

शासन को प्रदाय सामग्री का भुगतान

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

113. ( क्र. 5654 ) श्री कैलाश चावला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 31 दिसम्‍बर 2016 तक मध्‍यप्रदेश खादी बोर्ड, मध्‍यप्रदेश हस्‍तकरधा विकास निगम एवं मध्‍यप्रदेश हाथ करधा बुनकर द्वारा शासन के विभिन्‍न विभागों को समय-समय पर प्रदाय की गई सामग्री पर कितनी राशि का भुगतान शेष है? विभागवार वर्षवार, राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करावे। (ख) उक्‍त राशि वसूल किए जाने हेतु उपरोक्‍त उल्‍लेखित संस्‍थाओं के प्रबंध संचालकों द्वारा की गई कार्यवाही के विवरण की छाया प्रति उपलब्‍ध करावें। उक्‍त राशि प्राप्‍त न होने से संस्‍था को कितना आर्थिक नुकसान हुआ है एवं इस नुकसान का जिम्‍मेदार कौन है? क्‍या जिम्‍मेदार व्‍यक्ति पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शासकीय विभागों से वस्त्र प्रदाय एवं विभागों से भुगतान प्राप्ति की एक सतत प्रक्रिया है जिसमें संस्था के आर्थिक नुकसान/जिम्मेदारी नियत करने की स्थिति परि‍लक्षित नहीं होती। वसूली के लिए सतत कार्यवाही प्रचलन में है। उपरोक्त स्थिति को देखते हुए वर्तमान में वस्त्र प्रदाय नियमों में 85 प्रतिशत अग्रिम की अनिवार्यता का प्रावधान किया गया है।

दखल रहित न्‍यायालय द्वारा आदेशित भूमि

[राजस्व]

114. ( क्र. 5660 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या बैतूल जिले के पटवारी मानचित्र, निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज सर्वोच्‍च अदालत द्वारा सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में परिभाषित एवं आदेशित भूमियों को नांरगी भूमि सर्वे नांरगी वनखण्‍ड में शामिल कर लिया है? (ख) यदि हाँ, तो सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में 12-12-1996 आई.ए.क्रमांक 791-792 में दिनांक 01-8-2003 एवं माननीय उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर ने सिविल याचिका क्रमांक 1413/2002 में दिनांक 8 सितम्‍बर 2006 को किन-किन मदों में दर्ज जमीन के संबंध में जो आदेश दिए हैं इन आदेशों में किन भूमियों को नांरगी भूमि सर्वे एवं नांरगी वनखण्‍डों में शामिल करने की अनुमति वन विभाग को दी गई है? (ग) निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनो़ को नांरगी भूमि सर्वे एवं नांरगी वनखण्‍ड में शामिल किए जाने पर राजस्‍व विभाग ने किस-किस के विरूद्ध किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की तो उसका कारण बताये? (घ) बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनों को नांरगी भूमि सर्वे एवं नांरगी वनखण्‍ड में शामिल करने पर वन विभाग के विरूद्ध राजस्‍व विभाग क्‍या कार्यवाही कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मछुआ कल्‍याण बोर्ड का गठन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

115. ( क्र. 5695 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रत्‍येक जिले में मछुआ कल्‍याण बोर्ड गठन किए जाने हेतु राज्‍य शासन ने कोई आदेश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या बैतूल जिले में मछुआ कल्‍याण बोर्ड का गठन हुआ है? यदि हाँ, तो कब, बोर्ड में कौन-कौन सदस्‍य हैं? (ग) वर्ष २०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में प्रश्‍न दिनांक तक मछुआ कल्‍याण बोर्ड की कब-कब बैठकें आयोजित हुईं? इनमें प्राप्‍त कितने-कितने आवेदनों का निराकरण हुआ तथा कितने आवेदनों का निराकरण किन कारणों से नहीं हो सका? (घ) यदि बैतूल जिले में मछुआ कल्‍याण बोर्ड का गठन नहीं हुआ है तो क्‍यों? कब तक गठन कर लिया जावेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता (घ) जिले में मछुआ कल्‍याण बोर्ड के गठन का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मछुआ कल्‍याण के कार्यों का मूल्‍यांकन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

116. ( क्र. 5697 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बैतूल जिले के अंतर्गत मछुआ कल्‍याण तथा मत्‍स्‍य विभाग अंतर्गत वर्ष २०१४-२०१५ से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार किस-किस योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को ऋण स्‍वीकृत किया गया है? विकासखंडवार जानकारी दें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

सागर नगर के मुख्‍य बस स्‍टैण्‍ड का जीर्णोद्धार

[परिवहन]

117. ( क्र. 5717 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) प्रश्‍नकर्ता के परिवर्तित अताराकिंत प्रश्‍न संख्‍या 42 (क्र. 913), दिनांक 22.07.2016 के उत्‍तर में बताया गया था कि, सागर नगर के मुख्‍य बस स्‍टैण्‍ड का जीर्णोद्धार नवीनीकरण दिनांक 27.02.2016 से प्रारंभ होकर शीघ्र पूर्ण किया जायेगा तो इस कार्य के पूर्ण होने की अवधि क्‍या थी? क्‍या प्रस्‍तावित सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो उपरोक्‍त कार्यों की क्‍या प्रगति है एवं कार्य पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा बताएँ। (ग) मुख्‍य बस स्‍टैण्‍ड सागर के रखरखाव की जिम्‍मेदारी किस विभाग की है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर नगर के मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार नवीनीकरण का निर्माण कार्य दिनांक 22.02.2016 को प्रारंभ किया गया था। उक्त कार्य को अनुबंधानुसार पूर्ण करने की अवधि 10 माह थी। प्रस्तावित कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (ख) वर्तमान में सी.सी. फुटपाथ (pavement) का कार्य प्रगति पर है। माह अक्टूबर 2017 तक कार्य पूर्ण कराना लक्षित है। (ग) मुख्य बस स्टैण्ड का रख-रखाव बस स्टैण्ड निगरानी समिति द्वारा किया जाता है, जिसके अध्यक्ष कलेक्टर हैं एवं इसमें पुलिस, नगर निगम एवं परिवहन विभाग के अधिकारी सम्मिलित हैं।

इंदिरा गांधी शास. इंजी कॉलेज सागर को विभिन्‍न मदों में आवंटित राशि

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

118. ( क्र. 5718 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास. इंदिरा गांधी इंजी, कॉलेज सागर में शासन द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई? कार्यवार प्राप्‍त राशि व्‍यय सहित बतायें? क्‍या कराये गये कार्यों का माप पुस्तिका में इन्‍द्राज कर, सक्षम अधिकारी द्वारा भौतिक सत्‍यापन किया गया है? यदि हाँ, तो पद नाम सहित बतायें? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन द्वारा कॉलेज को आवंटित राशि निश्चित समय-सीमा में पूर्ण व्‍यय न होने के कारण लेप्‍स हुई है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है तथा उस पर क्‍या कार्यवाही की गयी?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

ई-गर्वनेंस अवार्ड

[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]

119. ( क्र. 5731 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मेप-आईटी के माध्‍यम से प्रतिवर्ष विभिन्‍न वर्गों में ई-गवर्नेंस अवार्ड दिए जाते हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 में किन-किन संस्‍थाओं/व्‍यक्तियों का चयन किया गया है? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) वर्ष 2014-15 के घोषित अवार्ड को कब तक दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

मजरे एवं टोलों तथा वन ग्राम को राजस्‍व ग्राम घोषित करने के संबंध में

[राजस्व]

120. ( क्र. 5740 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन के मजरे एवं टोलों तथा वन ग्राम को राजस्‍व ग्राम घोषित करने के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं। निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा में ऐसे कितने मजरे व टोले हैं जिनको राजस्‍व ग्राम बनाया जा सकता है एवं उक्‍त जिले में कितने वन ग्राम हैं। वन ग्राम तथा मजरा एवं टोलो को राजस्‍व ग्राम क्‍यों नहीं बनाया गया है। (ग) उक्‍त मजरा-टोला तथा वन ग्रामों को कब तक राजस्‍व ग्राम बना दिया जायेगा। वन ग्रामों को राजस्‍व ग्राम घोषित करने में यदि कोई असुविधा हो तो उसका विवरण दें तथा उक्‍त कारणों का निराकरण करने हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार(ख) अनूपपुर जिला अन्तर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में ग्राम खाटी से मजरा ददराटोला एवं ग्राम सरईपतेरा से मजरा भैंसानटोला शासन द्वारा नियत मापदण्ड अनुसार पाये गये है, जिन्हें राजस्व ग्राम बनाया जा चुका है, शेष छोटे-छोटे मजरा टोला शासन के नियत मापदण्ड की परिधि में नहीं आने से राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया जा सकता है। अनूपपुर जिला अन्तर्गत वन ग्राम नहीं है।             (ग) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तीस''

पशुपालन विभाग में प्रशिक्षण

[पशुपालन]

121. ( क्र. 5741 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में विगत तीन वर्षों में पशुपालन विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब, कहाँ-कहाँ पर आयोजित कराये गये? (ख) उक्‍त प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कितने हितग्राहियों को पिछले तीन वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक प्रशिक्षण दिया गया? (ग) इनमें से कितने हितग्राही सामान्‍य वर्ग से व कितने आरक्षित वर्ग के ला‍भान्वित हुये हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में इनमें से कितने हितग्राहियों को प्रशिक्षण उपरांत ऋण आदि व रोजगारोन्‍मुखी कार्यक्रम के माध्‍यम से क्‍या सहयोग प्रदान किया गया?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।      (ख) विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक 72 हितग्राहियों (गौसेवकों) को। (ग) सामान्य वर्ग से 39 एवं आरक्षि‍त वर्ग से 33 हितग्राहियों (गौसेवकों) को लाभान्वि‍त किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में 29 मैत्रीयों को प्रशि‍क्षण उपरांत कृत्रिम गर्भाधान किट प्रदाय की जा कर कृत्रिम गर्भाधान एवं अन्य विभागीय कार्य करने पर प्रथम वर्ष में राशि‍ रू. 1500 प्रति माह, द्वितीय वर्ष में राशि‍ रू. 1200 प्रति माह एवं तृतीय वर्ष में राशि‍ रू. 800 प्रति माह इस प्रकार कुल राशि‍ रू. 42000 टेपरिंग ग्रान्ड के रूप में दी जा रही है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा किये गये कृत्रिम गर्भाधान कार्य के फलस्वरूप वत्सोत्पादन पर प्रति वत्स राशि‍ रू. 100 प्रोत्साहन राशि‍ के रूप में दी जा रही है। गौसेवक योजना अन्तर्गत प्रशि‍क्षि‍त 43 गौसेवकों को किट प्रदाय की गयी है ताकि वे पशुपालकों के पशुओं को प्राथमिक उपचार तथा अन्य पशु चिकित्सा सेवायें देकर सेवा शुल्क प्राप्त कर सकें एवं स्वरोजगार स्थापित कर सकें।

प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

122. ( क्र. 5745 ) सुश्री मीना सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के नियम एवं प्रावधान क्‍या हैं? योजना में कौन-कौन पात्रता रखता है? योजना संबंधी नियमावली एवं प्रावधान की प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) उमरिया जिले में विधानसभा क्षेत्रवार कौन-कौन सी एवं कहाँ-कहाँ पर गैस कंपनियां संचालित की जा रही हैं एवं इसके प्रोपराइटर के नाम, मोबाईल नंबर सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ग) उमरिया जिले में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के तहत गैस एजेंसियों को कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये हैं? कितने स्‍वीकृत हुये, कितने वितरित किये गये, कितने वितरित किये जाना शेष हैं? क्‍या कुछ आवेदन निरस्‍त भी किये गये हैं? यदि हाँ, तो उनका स्‍पष्‍ट कारण दर्शाये? (घ) मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के तहत गैस चूल्‍हा वितरण का लक्ष्‍य, स्‍वीकृ‍त-वितरण, लंबित एवं अस्‍वीकृत किये गये आवेदन की संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, उन्‍हें प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्‍शन प्रदाय करने का प्रावधान है। योजनांतर्गत लाभांवित होने वाले परिवारों की श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं नियमावली एवं प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) उमरिया जिले में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजनांतर्गत 22,308 आवेदन प्राप्‍त हुए जिसमें से 15,796 आवेदन स्‍वीकृत; 15,287 गैस कनेक्‍शन वितरित; 509 गैस कनेक्‍शन वितरण हेतु शेष एवं 6,512 आवेदन निरस्‍त किए गए हैं। सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 की सूची में हितग्राहियों का नाम न होने, हितग्राही के पास पूर्व से गैस कनेक्‍शन होने, एक से अधिक बार आवेदन करने, परिवार में वयस्‍क महिला सदस्‍य का नाम न होने या नाम का मिलान न होने आदि कारणों से आवेदन निरस्‍त हुए हैं। (घ) उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के तहत गैस चूल्‍हा वितरण का कोई लक्ष्‍य निर्धारित नहीं किया गया है। मानपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 7,228 आवेदन स्‍वीकृत, 6,883 गैस कनेक्‍शन वितरित, 345 गैस कनेक्‍शन वितरण हेतु शेष एवं 3,611 आवेदन अस्‍वीकृत किए गए हैं।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्राप्‍त लाभ

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

123. ( क्र. 5746 ) सुश्री मीना सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) जिला उ‍मरिया अंतर्गत मानुपर विधानसभा क्षेत्र की किस पंचायत के कितने परिवारों को राशन की दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्‍त हो रहा है? प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करायें? (ख) उक्‍त क्षेत्र के अंतर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं और कितने शेष हैं? शेष परिवारों को कब तक उक्‍त पर्चियों का वितरण कर दिया जायेगा? (ग) उक्‍त क्षेत्रान्‍तर्गत कितने परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित हैं और इनके कूपन कब तक बनेंगे? (घ) उक्‍त क्षेत्र में खाद्यान सुरक्षा मिशन पर्व अंतर्गत अनुसूचति जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष है? शेष को कब तक लाभान्वित कर दिया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।  (ख) उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र के 74,402 परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। अधिनियम के तहत पात्र परिवार श्रेणी अंतर्गत सम्मिलित परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा समग्र पोर्टल पर सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। योजना का लाभ लेने हेतु पृथक से राशनकार्ड जारी करने की आवश्‍यकता नहीं है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्‍न की आवश्‍यकता होने के कारण मानपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत माह अगस्‍त, 2016 के पश्‍चात् सत्‍यापित 600 नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्‍लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्‍न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्‍यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। (ग) मानपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर 75,002 परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवार के रूप में सत्‍यापन किया गया, जिसमें से 74,402 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। 600 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। शेष प्रश्‍न का उत्‍तर प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार है। (घ) खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत मानपुर विधानसभा क्षेत्र के 46,255 परिवारों को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के परिवारों को घोषणा पत्र के आधार पर प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी कर लाभ दिया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत घोषणा पत्र प्रस्‍तुत करने वाले वैद्य परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्‍यापन एक सतत् प्रक्रिया है।

तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास की संस्‍थाएं

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

124. ( क्र. 5764 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा अंतर्गत तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की कितनी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाए संचालित हैं? उनका नाम एवं स्थान सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन संस्थाओं में कितने विद्यार्थी किस-किस ट्रेड में अध्यनरत हैं? अध्ययनरत विद्यार्थियों को संस्था द्वारा क्या-क्या शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में सैलाना नगर में संचालित मिनी आई.टी.आई. में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या अनुसार प्रेक्टिकल हेतु पर्याप्त शिक्षण सामग्री उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्यों? सामग्री क्रय करने का अधिकार किसे है तथा कब तक सामग्री क्रय कर ली जावेगी?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) कौशल विकास संचालनालय के तहत् रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा के अंतर्गत 02 शासकीय आई.टी.आई. क्रमश: सैलाना व बाजना संचालित है तथा 01 कौशल विकास केन्‍द्र बाजना स्थित हैं। सैलाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं हैं। (ख) आई.टी.आई. में अध्‍ययनरत् प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। कौशल विकास केन्‍द्र बाजना में वर्तमान में कोई प्रशिक्षणार्थी अध्‍ययनरत् नहीं हैं। आई.टी.आई. में प्रशिक्षण संपादित करने के लिये कच्‍चामाल उपलब्‍ध कराया जाता हैं। (ग) आई.टी.आई. सैलाना में संचालित 04 व्‍यवसायों क्रमश: कम्‍प्‍यूटर आपरेटर एण्‍ड प्रोग्रामिंग असिस्‍टेंट, इलेक्‍ट्रीशियन, फिटर तथा वेल्‍डर में से तीन व्‍यवसायों में पर्याप्‍त सामग्री की उपलब्‍धता है केवल फिटर व्‍यवसाय में सामग्री की कमी हैं। वित्‍तीय शक्ति पुस्तिका के अनुसार सामग्री क्रय करने के अधिकार प्राचार्य/क्षेत्रीय संयुक्‍त संचालक तथा संचालक को हैं। आपेक्षित सामग्री क्रय हेतु निविदा की जा रही हैं।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

महिला उत्पीड़न के मामले

[गृह]

125. ( क्र. 5765 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा के सभी थानों में जुलाई 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने लूट, डकैती, चोरी, जुआ सट्टा, मारपीट हत्या, बलात्कार व महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए हैं? थानेवार संख्‍यात्‍मक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों की विवेचना पूर्ण हो चुकी है और कितने मुल्जिम गिरफ्तार हुए है? कितने मामले न्यायालय में प्रस्तुत हुए हैं, कितने मामलों की विवेचना जारी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में पीड़ितों की एफ.आई.आर. दर्ज करने में संबंधित थानों में देरी की जाती है? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार की शिकायते विगत एक वर्ष में पुलिस अधीक्षक रतलाम को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किस किस थाने की हैं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार(ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

खंडवा- आई.टी.आई./पोलिटेक्निक में संचालित पाठ्यक्रम

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

126. ( क्र. 5783 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिला मुख्‍यालय पर शासकीय पोलिटेक्निक एवं आई.टी.आई. में कौन-कौन से पाठयक्रम संचालित हैं? क्‍या ये वर्तमान समय के अनुसार पर्याप्‍त हैं? (ख) क्‍या वर्तमान समय में बढ़ रहीं बेरोजगारी एवं सम-सामयिक जरूरतों के मान से इनमें नवीन शार्ट टर्म पाठयक्रम संचालित हैं? (ग) यदि नहीं, तो वर्तमान आवश्‍यकतानुसार ग्राफिक्‍स डिजाईन, विडियोग्राफी, एनिमेशन, वीडियों गेम, ड्रेस डिजाईनर इत्‍यादि जैसे व्‍यावसायिक पाठ्यक्रम क्‍या इन संस्‍थानों में आगामी सत्र से आरंभ किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या आई.टी.आई. में सोलर, रोबोटिक, इंजिनियरिंग एवं  लघु-कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने वाले इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स पार्ट्स के निर्माण जैसे नवीन विषय भी आरंभ किये जायेगे ताकि प्रदेश में बेरोजगारी दूर करने के साथ ही स्‍वदेशी वस्‍तुओं के उत्‍पाद को बढ़ावा मिल सकें?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) शासकीय पोलीटेकनिक महाविद्यालय, खण्‍डवा में क्रमश: नियमित पाठ्यक्रम सिविल, मैकेनिकल, इलेक्‍ट्रीकल, आर.ए.सी., इलेक्‍ट्रानिक्‍स एण्‍ड टेली-कम्‍यूनिकेशन, कम्‍प्‍यूटर साईंस एण्‍ड इंजीनियरिंग तथा मार्डन ऑफिस मैनेजमेंट एवं 03 अंशकालीन पाठ्यक्रम यथा सिविल, मैकेनिकल, इलेक्‍ट्रीकल संचालित है। आई.टी.आई. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान समय के अनुसार पर्याप्‍त पाठ्यक्रम संचालित है। (ख) जी नहीं।          (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

खंडवा जिले में कौशल विकास कार्यक्रम का क्रियान्‍वयन

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

127. ( क्र. 5787 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में कौशल विकास योजनान्‍तर्गत वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक कौन-कौन सी संस्‍थाएं/एनजीओं कार्यरत हैं? इनके द्वारा प्रतिवर्ष कितने युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया? (ख) उक्‍त कार्य संस्‍थाओं को किस दर पर दिया गया? अब तक इन संस्‍थानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया है वर्षवार जानकारी दी जाए। इन संस्‍थाओं के पंजीयन की शर्ते एवं समय-सीमा क्‍या है? (ग) इस योजनान्‍तर्गत प्रशिक्षित युवाओं में से कितने युवा रोजगार प्राप्‍त कर आत्‍मनिर्भर बने है? योजनान्‍तर्गत दिये गये प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग किस अधिकारी एवं विभाग द्वारा की गई? क्‍या ये संस्‍थान नियमानुकूल संचालित हो रहे हैं? (घ) मॉनीटरिंग करने वाले विभाग एवं अधिकारी का नाम एवं पदनाम सहित जानकारी दी जाए?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थाओं एवं शासकीय कौशल विकास केन्‍द्रों को शासन द्वारा बजट प्रदान किया गया। नि‍जी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थाओं को शासन द्वारा किसी राशि का भुगतान नहीं किया गया। एन.जी.ओ. के भुगतान की दर निम्‍नानुसार है:-  1. दिनांक 01.04.2014 से पाठ्यक्रम अनुसार रूपये 22.50 अथवा रूपये 27.50 प्रति घंटा प्रति प्रशिक्षार्थी। 2. दिनांक 01.04.2015 से पाठ्यक्रम अनुसार रूपये 25 अथवा रूपये 30 प्रति घंटा प्रति प्रशिक्षार्थी। 3. दिनांक 01.04.2016 से पाठ्यक्रम अनुसार रूपये 27.50 अथवा रूपये 32.50 प्रति घंटा प्रति प्रशिक्षार्थी। भुगतान की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वर्तमान में केन्‍द्र शासन की स्किल डेवलपमेंट इनीशियेटिव स्‍कीम के तहत बजट प्राप्‍त न होने पर संस्‍थाओं (एन.जी.ओ.) का पंजीयन नहीं किया जा रहा है। पंजीयन की शर्ते एवं समय-सीमा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) एव (घ) रोजगार संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थाओं में दिये गये प्रशिक्षण की मॉनीटरिंग तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अंतर्गत क्षेत्र के संयुक्‍त संचालक, कौशल विकास द्वारा एवं शासकीय कौशल विकास केन्‍द्रों में दिये गये प्रशिक्षण की मॉनीटरिंग जिले की शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थाओं के प्राचार्यों द्वारा की जाती है तथा केन्‍द्र शासन की स्किल डेवलपमेंट इनीशियेटिव स्‍कीम के नियमों के पालन का अनुश्रवण एवं मूल्‍यांकन सॉफ्टवेयर आधरित प्रक्रिया के तहत एन.जी.ओ. द्वारा संचालित केन्‍द्र वर्तमान में केन्‍द्र शासन द्वारा स्किल डेवलपमेंट इनीशियेटिव स्‍कीम में बजट आवंटित न किये जाने के कारण संचालित नहीं है।

ऐरा प्रथा की रोकथाम

[पशुपालन]

128. ( क्र. 5797 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिरमौर में व्याप्त ऐरा प्रथा के कारण किसानों की फसलें चौपट हो रही हैं। क्या ऐरा प्रथा पर अंकुश लगाने विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी?                (ख) आवारा पशुओं को सुरक्षित रखे जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कांजी हाँउस या गौ अभ्यारण्य का निर्माण कराये जाने संबंधी कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्या ऐसी कोई कार्यवाही विभाग द्वारा की जावेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्राय: पशु पालकों द्वारा स्वयं के पालित पशु जिनमें अधि‍कांश गौवंश है, अनुत्पादक हो जाने पर घर पर बांधा नहीं जाता है बल्कि‍ छोड़ दिया जाता है और यही गौवंश विचरण करते हैं। वास्तव में ये पशु आवारा नहीं है। य‍ह समस्या पशु पालकों की जागृति से संबंधि‍त है। यदि पशु पालकों को समझाईश दी जाकर उन्हें जागरूक किया जावे कि वे अपने पशुओं को बांध कर रखें तो इस समस्या का समाधान संभव है। शासन द्वारा भी अपने स्तर से इस प्रथा को रोकने संबंधी कार्यवाही की गई है, जिसमें प्रमुख रूप से कमिश्नर, संभाग रीवा के द्वारा ऐरा प्रथा को समाप्त करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे तदोपरान्त कलेक्टर, जिला रीवा द्वारा मुख्य कार्यपालन अधि‍कारी, जनपद पंचायतों को निर्देश दिये गये थे कि ग्राम पंचायत क्षेत्रों में कांजी हाँउस खोल कर ऐरा प्रथा को समाप्त किया जाये। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थि‍त नहीं होता।

कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र का निर्माण

[पशुपालन]

129. ( क्र. 5801 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.आर.जी.एफ. योजना अन्तर्गत विकासखण्ड जवा में कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र निर्माण हेतु कितनी राशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई थी? (ख) उक्त राशि के द्वारा क्या निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया था अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कार्य अधूरा होने का क्या कारण है? (ग) क्‍या कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में आवंटित राशि के दुरुपयोग की संभावना है? क्या उक्त आवंटित राशि के निर्माण कार्य का मूल्यांकन कराया जावेगा? क्या दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही संस्थित की जावेगी? (घ) उक्त निर्माण कार्य कब तक विभाग द्वारा पूर्ण कराया जा सकेगा?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) रूपये 1.00 लाख। (ख) जी नहीं। उक्त कार्य तात्कालिक सरपंच द्वारा नहीं कराया गया। (ग) जनपद कार्यालय जावा से पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधि‍नियम की धारा 92 के तहत पत्र क्रमांक 1345 दिनांक 14.02.2017 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जवा को तात्कालिक सरपंच श्रीमती छोटी देवी एवं सचिव श्रीमती प्रतिमा उर्मिलाया के विरूद्ध राशि रूपये 61291 की वसूली की कार्यवाही हेतु प्रकरण भेजा गया है।           (घ) वर्तमान सरपंच एवं तात्कालिक सचिव द्वारा लेख किया गया है कि निर्माण कार्य किया जाएगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं।

आदिवासी की भूमि का गैर आदिवासी को विक्रय

[राजस्व]

130. ( क्र. 5858 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या सिवनी जिले में आदिवासी की भूमि गैर आदिवासी को विक्रय हेतु अनुमति प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2011-12 से प्रश्‍न दिनांक तक किस गाँव के कितने आदिवासियों की कितनी भूमि, कितने रकबा की कब, किस, किन गैर आदिवासियों एवं कहाँ-कहाँ के निवासियों को विक्रय करने की अनुमति प्रदान की गई? (ग) आदिवासी की भूमि गैर आदिवासी को विक्रय हेतु नियम/विधि/निर्देश/आदेश क्‍या हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मकान गिराये जाने के कार्यवाही

[राजस्व]

131. ( क्र. 5884 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत मौजा ब्यौहारी, स्थिति आराजी खसरा क्रमांक १८६/२, रकबा १० एकड़, का भूमि स्वामी जेठुआ पिता भरोसा कोल था। जिसके अंश भाग में वह सपरिवार मकान बनाकर निवासरत था तथा शेष भूमि में कृषि कार्य कर काबिज था। उक्त भूमि का जुज भाग ०.४८६ हेक्टेयर वन विभाग वन परिक्षेत्राधिकारी भू संरक्षण परिक्षेत्र ब्यौहारी के स्वामित्व में दर्ज कर दिया गया। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो उक्त आराजी वन विभाग के नाम किस आधार पर दर्ज कर दी गई। (ग) क्या तहसीलदार ब्यौहारी द्वारा दिनांक ०२-१२-२०१६ को उक्त प्रश्नांकित मकान को गिरा दिया गया है। यदि हाँ, तो उक्त मकान जिसमें वर्ष १९६२ से भूमि स्वामी का परिवार निवासरत था क्यो गिरा दिया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। (ख) उक्‍त आराजी का अंश भाग 0.486 हे.जरिए रा.प्र.क्र.62/अ-6/1987-88, दिनांक 20.12.1988 द्वारा वन विभाग परिक्षेत्राधिकारी भू संरक्षण परिक्षेत्र ब्‍यौहारी के नाम नामांतरित किया गया था। (ग) जी नहीं। तहसीलदार तहसील ब्‍यौहारी द्वारा उक्‍त आराजी नं.186 के किसी भी बटे नं. पर कोई भी मकान नहीं गिराया गया है।

पशुओं के उपचार हेतु क्रय की गई दवाइयां

[पशुपालन]

132. ( क्र. 5885 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या‍ शहडोल जिले में विभाग द्वारा पशुओं के उपचार हेतु दवाईयां क्रय की जाकर पशुओं का उपचार किया जाता है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से कितनी राशि किनके द्वारा व्‍यय की गई और किस एजेंसी को किस प्रक्रिया के तहत दवाई सप्लाई के आदेश दिये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक पशु चिकित्सालयों के चिकित्सकों द्वारा विगत 02 वर्षों में पशुओं के उपचार हेतु किस-किस स्थान पर कैम्प लगाकर पशुओं का उपचार किया गया। उक्त कार्य में किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि व्य‍य की गई?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। संचालनालय पशुपालन द्वारा राज्य स्तरीय संस्थाओं हेतु जारी की गई दर सूची को मार्गदर्शी के रूप में लेते हुए उक्त सूची का अनुमोदन जिला पंचायत की कृषि‍ स्थाई समिति से प्राप्त कर क्रय की कार्यवाही की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार

श्रमिकों सत्यापित करने का अधिकार

[श्रम]

133. ( क्र. 5938 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) श्रमिक को श्रमिक होने का प्रमाण (सत्यापन) करने का अधिकार किन-किन को है?           (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में श्रमिकों श्रमिक होने का प्रमाण एवं सत्यापन किन-किन व्यक्तियों द्वारा ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में किया जाता है? (ग) श्रमिकों को श्रमिक पंजीयन कार्ड को सत्यापित करने का शासन द्वारा कोई शुल्क लिया जाता है यदि हाँ, तो कितना जानकारी देवें?  (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में श्रमिकों पंचायतों एवं नगरीय क्षेत्र में सत्यापित करने वाले का नाम बतावें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों द्वारा स्वयं के स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र के आधार पर निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किये जाने का प्रावधान है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में म.प्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में निर्माण श्रमिकों द्वारा स्वयं के स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र दिए जाने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। म.प्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु प्रथम बार 5 वर्ष के लिए पोर्टल के माध्यम से आनलाईन आवेदन करने पर 5 रूपये नगद भुगतान कर पंजीयन किया जाता है एवं निरंतरण हेतु 10 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया हैं। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में निर्माण श्रमिकों द्वारा निर्माण श्रमिक होने का स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र प्रस्तुत करने पर ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम/मुख्यनगर पालिका अधिकारी/ नगर पालिका/नगरपरिषद के द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाती है।

घरेलू सिलेण्‍डरों पर राज्‍य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सब्सिडी की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

134. ( क्र. 5964 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य सरकार द्वारा प्रति घरेलू सिलेण्‍डर पर उपभोक्‍ताओं को कितनी सब्सिडी प्रदान की जा रही है? कम्‍पनीवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। क्‍या सब्सिडी की राशि शासन के नियमानुसार संबंधित एजेंसी के द्वारा उपभोक्‍ताओं बैंक एकाउण्‍ट में समय-सीमा में प्रदान की जा रही है? अगर प्रदान नहीं की जा रही है, तो इसका क्‍या कारण है? (ख) घरेलू सिलेण्‍डर के निर्धारित मूल्‍य पर राज्‍य सरकार के द्वारा कितना टैक्‍स लिया जा रहा है? (ग) छिन्‍दवाड़ा जिले के अंतर्गत एजेंसीवार गैस एजेन्सियों का आवंटन किस आधार पर एवं किन प्रक्रियाओं के तहत किया गया है? गैस कम्‍पनियों के द्वारा निविदा की प्रक्रिया कैसे सम्‍पन्‍न की गई? (घ) उज्‍जवला योजनान्‍तर्गत एस.ई.सी.सी. डाटा का सर्वे कब और किनके द्वारा कराया गया था?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा अलग-अलग मार्केटिंग क्षेत्र में अलग-अलग अनुदान राशि देय होती है। नियमानुसार अनुदान की राशि उपभोक्‍ताओं के बैंक खाते में समय-सीमा में पहुंचाई जा रही है। किसी कारणवश जिन उपभोक्‍ताओं के आधार नंबर उनके बैंक खाते एवं एल.पी.जी. कनेक्‍शन से लिंक न होने अथवा बैंक खाता बंद होने की स्थिति में उपभोक्‍ताओं सब्सिडी की राशि भुगतान में समस्‍या आती है। (ख) घरेलू एल.पी.जी. सिलेण्‍डर की रिफिल पर राज्‍य सरकार द्वारा रू. 5 प्रतिशत वैट एवं 2 प्रतिशत प्रवेश कर लिया जा रहा है।     (ग) घरेलू एल.पी.जी. डिस्‍ट्रीब्‍यूटर का चयन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार समस्‍त प्रक्रिया पूर्ण कर किया जाता है। वर्तमान में घरेलू एल.पी.जी. डिस्‍ट्रीब्‍यूटर का चयन विज्ञापन के माध्‍यम से प्राप्‍त आवेदनों में से पात्र पाए गए आवेदनों के भीतर लकी ड्रॉ के माध्‍यम से किया जाता है। (घ) सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में दर्ज परिवारों का सर्वेक्षण वर्ष 2011 में भारत सरकार द्वारा कराया गया है।

पशुपालन की योजनाओं के अतंर्गत लाभान्वित करने

[पशुपालन]

135. ( क्र. 6039 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) जनवरी 2014 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक जिला खरगोन को किस-किस योजनान्‍तर्गत प्रतिवर्ष कुल कितनी राशि का आवंटन पशुपालन विभाग द्वारा किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित राशि में से कसरावद विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र ग्राम पंचायतों के स्‍तर पर किस-किस योजना के अतंर्गत कितने व्‍यक्तियों को किस-किस प्रकार लाभान्वित किया गया? (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत डेयरी उद्योग स्‍थापित एवं डेयरी फार्म खोलने के लिए अनुसूचित जाति व अन्‍य वर्ग को कितना-कितना अनुदान उक्‍त अवधि में दिया गया? प्रश्‍नांकित दिनांक तक प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन लंबित है और क्‍यों? लंबित आवेदनों पर कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार(ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत डेयरी उद्योग स्थापित करने हेतु विभाग की योजना संचालित नहीं है। डेयरी फार्म खोलने हेतु वर्ष 2016-2017 में विभाग द्वारा आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजनांतर्गत 3 डेयरी इकाईयों हेतु कुल अनुदान राशि रूपये 4.50 लाख स्वीकृत की गई। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

विदिशा नगर में बड़ रही चोरियों एवं लूटपाट

[गृह]

136. ( क्र. 6050 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अतंर्गत नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही चोरियों एवं लूटपात को रोकने के लिये क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में विगत एक वर्ष में चोरी लूटमार करने वाले कितने अपराधियों को पकड़ा गया? शेष अपराधियों को पकड़ने की क्‍या योजना बनाई गई?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला एवं नगर विदिशा में हो रही चोरी एवं लूटपाट की घटनाओं को रोकने हेतु समस्त थाना प्रभारी एवं राजपत्रित अधिकारी (पुलिस) को सघन चेकिंग, प्रभावी रात्रि गश्त, संपत्ति संबंधी अपराधों के आदतन आरोपियों पर सतत निगाह रखने व प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये गये है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में चोरी के 234 एवं लूट के 63 आरोपीगणों को गिरफ्तार किया गया है। शेष अपराधियों की पतारसी हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे है।

फीस वापस लेने एवं नवीन शस्‍त्र लायसेंस हेतु जारी गाईड लाईन

[गृह]

137. ( क्र. 6076 ) श्री रामसिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मध्‍यप्रदेश में दिसम्‍बर 2015 में बंदूक एवं रिवाल्‍वर पिस्‍टल के लायसेंस रिन्‍यूवल की फीस क्‍या थी एवं दिसम्‍बर 2016 में उक्‍त फीस कितनी थी? क्‍या शासन द्वारा शस्‍त्र लायसेंस रिन्‍यूवल में वर्ष 2016 में वृद्धि की गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त वृद्धि किस-किस शस्‍त्र पर कितनी-कितनी और किन कारणों से की गई है? (ख) शस्‍त्र लायसेंस रिन्‍यूवल की राशि अचानक एवं अत्‍याधिक क्‍यों बढ़ाई गई है? क्‍या शासन रिन्‍यूवल राशि से धन इकठ्ठा कर रहा है? यदि नहीं, तो टॉपीदार बंदूक के 30 रूपये से बढ़ाकर 2500 रूपय, 12 बोर बंदूक के 60 रूपये से एवं 315 बोर अथवा अवर्जित बोर के 90 रूपये से बढ़ाकर 2500 रूपये तथा पिस्‍टल रिवाल्‍वर के 150 रूपये से बढ़ाकर 3500 रूपये किन कारणों से किए गए? (ग) क्‍या राज्‍य शासन द्वारा नवीन बंदूक लायसेंस देने की प्रक्रिया में बदलाव किया है? यदि हाँ, तो जारी आदेश की छायाप्रति दें तथा मुख्‍य-मुख्‍य नए बदलाव क्‍या किए गए हैं? कौन-कौन से मुख्‍य नियम लागू किए गए हैं? क्‍या लागू नियमों/शर्तों की पूर्ति उपरांत आवेदक का शस्‍त्र लायसेंस आवेदन निरस्‍त तो नहीं होगा? (घ) क्‍या नवीन बदूंक/शस्‍त्र लायसेंस के नए नियम के तहत आवेदक को आवेदन के साथ चिकित्‍सा प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत करना होगा? मानसिक और शारीरिक जाँच भी करानी होगी तथा आवेदक को मान्‍यता प्राप्‍त शूटिंग संस्‍थान से ट्रेनिंग सर्टीफिकेट प्रस्‍तुत करना होगा? यदि हाँ, तो क्‍या उपरोक्‍त औपचारिकताओं की पूर्ति उपरांत लायसेंस जारी करने की गांरटी होगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिसम्बर, 2015 में देसी टोपीदार बन्दूक की 30 रूपये, 12 बोर की 60 रूपये, 315 बोर रायफल/अवर्जित बोर रायफल की 90 रूपये एवं रिवाल्वर/पिस्टल की 150 रूपये रिन्यूअल फीस थी। आयुध नियम 2016 अनुसार दिसम्बर, 2016 में प्रत्येक शस्त्र पर रिन्यूअल फीस 500/- रूपये प्रतिवर्ष के मान से थी। (ख) भारत सरकार के शस्त्र अधिनियम 2016 की कंडिका 27 के अनुसूची IV अनुसार एवं म.प्र. शासन, विधि और विधायी कार्य विभाग की अधिसूचना दिनांक 14.01.2016 द्वारा भारतीय स्टाम्प (म.प्र. संशोधन) अधिनियम 2015 के अंतर्गत स्टाम्प अनुसूची 1 (क) में अनुच्छेद 41 (क) अंतः स्थापित करते हुए शस्त्र अथवा गोला बारूद से संबंधित अनुज्ञप्ति एवं अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण के स्टाम्प शुल्क की दरें निर्धारित की गई हैं। भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत प्रावधानित अनुसूची 1-क में संशोधन दरें निर्धारित की गई हैं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। आयुध नियम 2016 के तहत आवेदन के साथ चिकित्सा प्रमाण-पत्र वचनबद्ध आदि औपचारिकताओं की पूर्ति करना तथा प्रशिक्षण के संबंध में नियम 10 के उप नियम (3) के अनुसार प्रभावी तारीख और अवधि इस संबंध में किसी साधारण या विशेष आदेश द्वारा अधिसूचित किये जाने का लेख है। अनुज्ञापन प्राधिकारी ऐसी जाँच के पश्चात यदि कोई हो, जैसी वह उचित समझे और उप धारा (2) के अधीन प्राप्त रिपोर्ट पर गुण-दोष के आधार पर प्रकरण पर विचार करने के पश्चात्, इस अध्याय के अन्य उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए लिखित आदेश द्वारा अनुज्ञप्ति अनुदत्त करेगा या उसे अनुदत्त करने से इन्कार करेगा।

शिवपुरी जिले में श्रम निरीक्षकों द्वारा किए गए निरीक्षण

[श्रम]

138. ( क्र. 6077 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या शिवपुरी जिले में श्रम निरीक्षकों द्वारा निरीक्षण किया गया है यदि हाँ, तो वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 में कहाँ-कहाँ पर कब-कब निरीक्षण किया तथा निरीक्षण उपरांत क्‍या-क्‍या कार्यवाही  किन-किन के विरूद्ध कब-कब किस के द्वारा की गई? (ख) शिवपुरी जिले में वर्तमान में कौन-कौन श्रम निरीक्षक पदस्‍थ है? इन श्रम निरीक्षकों द्वारा वर्ष 2016 में कौन-कौन से प्रतिष्‍ठान का निरीक्षण किया? निरीक्षण उपरांत क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध कब-कब की गई?           (ग) क्‍या शिवपुरी में पदस्‍थ श्रम निरीक्षकों द्वारा शिवपुरी जिले में अनावश्‍यक रूप से किसी को परेशान किए जाने की शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो क्‍या-क्‍या शिकायतें प्राप्‍त हुई? उक्‍त शिकातयों का विवरण देते हुए बताएं कि उक्‍त शिकातयों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ वांछित जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।
(ख) शिवपुरी जिले में कोई श्रम निरीक्षक पदस्‍थ नहीं है। एकमात्र श्रम उप निरीक्षक श्री अनिल कुमार बंसल, पदस्‍थ है। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

सीमांकन/बंटवारा/नामांतरण के लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

139. ( क्र. 6101 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) म.प्र. शासन के नियमान्‍तर्गत सीमांकन, बंटवारा व नामांतरण आवेदन प्रस्‍तुत करने के उपरांत कितनी समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्‍ध करावे? (ख) जनवरी २०१३ से प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी-खैरलांजी में कितने प्रकरण, नामांतरण, सीमांकन एवं बंटवारा के लंबित है? लंबित आवेदन कब किस दिनांक को प्रस्‍तुत किये गये थे? (ग) प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित है तथा शेष लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी खैरलांजी में नामांतरण के कुल 34 प्रकरण, सीमांकन के 24 प्रकरण एवं बंटवारा के 28 प्रकरण लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ग) प्रश्नांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रकरणों का निराकरण यथा शीघ्र कर दिया जावेगा।

पटवारी हल्‍का डभौरा के आराजी क्र.-1156/1157 पर कब्‍जा दिलाने

[राजस्व]

140. ( क्र. 6108 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले के पटवारी हल्‍का डभौरा के आराजी क्र.-1156 रकबा 0.76 एकड़ एवं आराजी क्र.-1156 रकबा 0.91 एकड़ में वर्तमान समय में श्री रामलाल पिता छोटवा चौधरी अनुसूचित जाति के व्‍यक्ति का कब्‍जा है तथा उक्‍त भूमि पर न्‍यायालय अपर आयुक्‍त रीवा के क्र.-559/अपील/1999-2000 में प्रकरण प्रचलित है। (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त भूमि पर शासन द्वारा प्रकरण निराकरण न होने के पूर्व स्‍कूल भवन का निर्माण व अन्‍य शासकीय प्रयोजन निर्माण हेतु आदेश दिये गये हैं, यदि हाँ, तो क्‍या ऐसे कोई शासनादेश है। तो आदेशों एवं निर्देशों की प्रति देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के भूमिहीन व्‍यक्तियों द्वारा शासकीय भूमि में काबिज होने पर उक्‍त भूमि के आवंटन/पट्टा दिये जाने का क्‍या प्रावधान है तथा काबिज व्‍यक्ति श्री रामलाल को राजस्‍व विभाग द्वारा कब-कब किनके द्वारा सम्‍मन, नोटिस एवं जुर्माना हेतु पत्राचार किया गया। (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) (ख) एवं (ग) के संदर्भ में उक्‍त भूमि को अधिकार भूमिहीन अनुसूचित जाति का लाभ देते हुए प्रदान कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

तहसील गुढ़, मौजा हर्दुआ आराजी क्र.-300, 301, 302 में पट्टा दिलाने

[राजस्व]

141. ( क्र. 6109 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के गुढ़ मौजा हदुआ ज. क्र. 635 के आराजी क्र.-300, 301, 302 में कितने लोगों का कब्‍जा है काबिज लोगों का नाम जातिवार, कब्‍जा क्षेत्रफलवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त भूमि में कितने वर्षों से खसरे में कब्‍जाधारियों के नाम दर्ज पाये जा रहे हैं।          (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में काबिज लोग क्‍या अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्‍य वर्ग के हैं। यदि हाँ, तो काबिज लोगों में शासन द्वारा कौन-सी अनुशासनात्‍मक/दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की गई है।  (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में काबिज व दण्डित व्‍यक्तियों को कब्‍जा के आधार पर कब तक पट्टा प्रदान कर दिया जावेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

किसानों की क्षतिपूर्ति का भुगतान

[राजस्व]

142. ( क्र. 6113 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 में सूखे से प्रभावित कितने किसानों के सूखा राहत राशि के प्रकरण तैयार किये गये थे एवं कितनी राशि का मुआवजा वितरण किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितने किसानों को सूखा राहत राशि के मुआवजा का भुगतान बैंक के द्वारा किया गया है एवं कितने किसानों को भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? राहत राशि का जिन किसानों को अभी तक बैंक के माध्‍यम से भुगतान नहीं किया गया है उन्‍हे कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? (ग) सिवनी जिले अंतर्गत समस्‍त तहसीलों के किसानों को वर्ष 2016-17 में अतिवृष्टि से प्रभावित कितने घर कितने कूप एवं कितनी फसल की नुकसानी का प्रकरण स्‍वीकृत किया गया है? तहसीलवार प्रकरणों की संख्‍या एवं स्‍वीकृत राशि बतायें? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में अतिवृष्टि से किसानों के घर कूप एवं फसलों के नुकसानी का राहत राशि/मुआवजा कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 246 प्रकरण तैयार कर 13367 प्रभावित कृषकों को राशि रू.6,66,54,215/- (रू छ: करोड छियासठ लाख चौवन हजार दो सौ पन्‍द्रह मात्र) राहत राशि का वितरण किया जा चुका है। (ख) समस्‍त प्रभावित कृषकों को बैंक के माध्‍यम से भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उदभूत नहीं होता। (ग) सिवनी जिले में वर्ष 2016-17 की अतिवृष्टि से क्षति की प्रभावितों की तहसीलवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है (घ) जिले में अतिवृष्टि से प्रभावितों के घर, कूप एवं फसलों की क्षति की राहत राशि वितरण हेतु शेष नहीं है।

परिशिष्ट - ''छत्‍ती''

विभाग द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम

[पशुपालन]

143. ( क्र. 6114 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में पशुपालन विभाग द्वारा 01 जनवरी 2013 के उपरांत कौन-कौन से कार्यक्रम जनता के बीच किस-किस दिनांक को किन-किन स्‍थानों पर आयोजित कराये गये? विकासखण्‍डवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्यक्रमों के लिये विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में व्‍यय की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्यक्रमों में किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया, कार्यक्रमवार आमंत्रण संबंधी साक्ष्‍य का विवरण उपलब्‍ध कराया जावें? (घ) क्‍या सिवनी जिले में पशुपालन विभाग द्वारा फर्जी दस्‍तावेज बनाकर कार्यक्रमों के नाम पर शासन की लाखों रूपये के व्‍यय दर्शाकर भ्रष्‍टाचार कर शासन के खजाने को लूटा जा रहा है यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन अधिकारी दोषी है उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो कार्यक्रमों के नाम पर व्‍यय राशि की जाँच प्रदेश स्‍तरीय टीम बनाकर प्रश्‍नकर्ता के समक्ष कराई जावेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) गोपाल पुरस्कार योजना के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित कराए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार(घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

राजस्‍व विभाग के संबंध में

[राजस्व]

144. ( क्र. 6121 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में नकल खसरा रिकार्ड दुरूस्त किया जा चुका है? यदि नहीं, तो यह कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गोटेगांव में रिकार्ड दुरूस्त किये जाने हेतु पर्याप्त अमला है? यदि नहीं, तो यहां कम्प्यूटर रूम एवं कार्य करने हेतु पर्याप्‍त अमला लाने हेतु शासन की कोई मंशा है यदि हाँ, तो गोटेगांव में कब तक पर्याप्‍त अमला उपलब्‍ध करा दिया जावेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राजस्‍व विभाग में कार्यरत खण्‍ड लेखकों का नियमितीकरण

[राजस्व]

145. ( क्र. 6153 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) कटनी जिले के कितने खंड लेखकों द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2008 एवं लोक सभा निर्वाचन 2009, 2013, 2014 में अस्‍थाई सहायक ग्रेड-।।। के पद पर कार्य किया गया है? तहसीलवार वर्षवार विवरण दें? उनमें से कितनों को सहायक ग्रेड-।।। के पद पर नियमित किया गया? यदि नहीं, तो कारण सहित विवरण दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार कितनों को अन्‍य जिलों जैसे पन्‍ना, टीकमगढ़, अनूपपुर, सागर, मुरैना, दतिया, छिन्‍दवाड़ा, रायसेन, सीहोर, सतना, दमोह की तरह कटनी जिले में सहायक ग्रेड-।।। के पद पर नियमित किया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? नियमितीकरण न किये जाने के लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार जब अन्‍य जिलों में नियमितीकरण की कार्यवाही की जा चुकी है तो कटनी जिला क्‍यों वंचित है? (घ) कटनी जिले में कितने खण्‍ड लेखकों को माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेशानुसार सहायक ग्रेड-।।। के पद पर नियमित किया गया यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कटनी जिले में विधानसभा निर्वाचन 2008 में 8 खण्डलेखकों को अस्थाई नियुक्ति प्रदान की गई एवं वर्ष 2013, 2014 हेतु किसी भी खण्डलेखक की निर्वाचन कार्य के लिए अस्थाई सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति नहीं की गई है। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। म.प्र. शासन विधि एवं विधायी (निर्वाचन) कार्य विभाग भोपाल के द्वारा निश्चित समय अवधि तक के लिए ही अस्थाई पदों की स्वीकृति प्रदान की गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) माननीय उच्च न्यायालय (DB) में पारित आदेश के परिपालन में 01 खण्डलेखक के नियमितीकरण से संबंधित छानबीन समिति का गठन कर कार्यवाही की जा रही है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में संबंधित याचिकाकर्ताओ को समक्ष में सुना जाकर सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति की पात्रता न होने से अमान्य किया गया है।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

कटनी में संचालित फर्मों के संबंध में

[गृह]

146. ( क्र. 6154 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) कटनी जिले में आनंद मिरल्‍स, नीर निधि एवं स्‍नोहिल प्राइवेट लि. कंपनी के संचालक      कौन-कौन है? (ख) क्‍या एस.के. मिनरल्‍स का आदान-प्रदान आनन्‍द मिरल्‍स, नीर निधि एवं स्‍नोहिल प्राइवेट लि. कंपनी से कभी वित्‍तीय लेने-देन हुआ है? क्‍या इनमें से किसी कंपनी का पैसा मिडिल ईस्‍ट या अन्‍य बाहरी देशों में गया है? इन फर्मों के संबंध में कब-कब पुलिस विभाग में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई? दर्ज रिपोर्ट पर विभाग द्वारा कब-कब, क्‍या कार्यवाही की गई?         (ग) कटनी जिले में हवाला काण्‍ड में पकड़ी गई 200 फर्मों में से प्रश्‍नांकित फर्मों द्वारा किसी से वित्‍तीय लेने-देन कब-कब, कितना-कितना हुआ है? तिथिवार विगत 04 वर्ष की जानकारी दें? उक्‍त संबंध में पुलिस अपनी जाँच कब तक कर लेगी?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में पूछी गई जानकारी भारत सरकार के अधीन विभाग से होने के कारण उत्तर दिया जाना सम्भव नहीं है। (ख) थाना कोतवाली कटनी के अपराध क्रमांक 738/16 धारा 420, 467, 468, 471,120 बी, 423, 424 ताहि0 का प्रकरण एस.के. मिनरल्स नामक फर्म के विरुद्ध पंजीबद्ध है। प्रकरण विवेचना में है, अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) थाना कोतवाली कटनी के अपराध क्रमांक 738/16 धारा 420, 467, 468, 471,120 बी, 423, 424 ताहि. प्रकरण विवेचना में है, अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

गुमशुदाओं की तलाश

[गृह]

147. ( क्र. 6172 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) श्‍योपुर जिले में दिनांक 01.02.2016 से वर्तमान तक समस्‍त थाना क्षेत्रों में कितने पुरूष, महिलाएं, बच्‍चे, बच्‍चि‍यों के गुम होने तथा अपहरण के मामले दर्ज हुए, थानावार दर्ज प्रकरणों की संख्‍या बतावें। (ख) उक्‍त में से वर्तमान तक कितने गुमशुदाओं तथा अपृहत पुरूष महिलाए बच्‍चे, बच्चियों को तलाश लिया गया है कितनों को नहीं व क्‍यों इस हेतु संबंधित थानों की पुलिस द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नकर्ता के अता.प्र.सं. 80 क्रमांक 1532 दिनांक 26.02.2016 के उत्‍तर में बताया था कि दिनांक 01.01.2014 से 31.03.2016 तक दर्ज उक्‍त प्रकरणों में से गुमशुदा 9 पुरूष, 15 महिला, एक बालक तथा तीन बालिकाओं की दस्‍तयाबी होना शेष हैं इसमें विलंब का कारण बतावें? (घ) उक्‍त सहित प्रश्‍नांश (क) में वर्णित गुमशुदा व अपृहता को कब तक तलाश कर इनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया जावेगा, यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दस्तयाबी हेतु संबंधित थानों की पुलिस द्वारा संभावित स्थानों पर तलाश, गजट प्रकाशन, रिश्तेदारों से पूछताछ, सार्वजनिक स्थानों पर पेम्पलेट आदि लगाकर एवं तकनीकि साक्ष्य के आधार पर पतारसी के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) एवं (घ) जी नहीं। वर्णित प्रश्न के उत्तर में अवधि दिनांक 01.01.2014 से 31.01.2016 थी। प्रश्नांश में उल्लेखित गुमशुदाओं में से 03 महिलाओं 01 बालक एवं 03 बालिकाओं को दस्तयाब कर लिया गया है। शेष की पतारसी के प्रयासों की जानकारी प्रश्नांश '' के उत्तर में समाहित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

पशु चिकित्‍सालय में रिक्‍त पद

[पशुपालन]

148. ( क्र. 6173 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्तमान में कितने व कौन-कौन से पशु चिकित्‍सालय कहाँ-कहाँ संचालित हैं शासन निर्देशानुसार इनमें कौन-कौन से पद स्‍वीकृत/भरे/ कब से व किन कारणों से रिक्‍त पड़े हैं एवं कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्‍ध/अनुपलब्‍ध है? (ख) उक्‍त रिक्‍त पदों को न भरे जाने के क्‍या कारण हैं इस हेतु क्‍या कार्यवाही की गई, कब तक भरे जावेंगे? (ग) वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक उप संचालक पशु चिकित्‍सा सेवा श्‍योपुर द्वारा क्षेत्रान्‍तर्गत कौन-कौन से नवीन पशु चिकित्‍सालय खोलने के प्रस्‍ताव शासन को भेजे, में से कौन-कौन से प्रस्‍ताव स्‍वीकृत किए कौन-कौन से नहीं व क्‍यों, कब तक स्‍वीकृत किये जावेंगे? (घ) क्‍या श्‍योपुर क्षेत्र कृषि व पशु बाहुल्‍य क्षेत्र हैं उक्‍त चिकित्‍सालयों में रिक्‍त पदों को भरने में विलंब के कारण क्षेत्र के पशुपालकों को पशुओं का उपचार कराने में कठिनाईयां आती हैं इनकी कठिनाईयों के निवारण हेतु क्‍या शासन उक्‍त रिक्‍त पदों को शीघ्र भरेगा व कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार। उक्त पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सा संबंधी सुविधाएं उपलब्ध है विकासखण्ड तथा उससे नीचे स्तर के पशु चिकित्सालयों में सोनोग्राफी/एक्सरे की सुविधा उपलब्ध नहीं है। (ख) पद स्थापना निरंतर प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) कोई प्रस्ताव प्रेषि‍त नहीं। शेष प्रश्न उपस्थि‍त नहीं। (घ) पद स्थापना निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति की कालोनी अमलताश फेस-II का निर्माण

[राजस्व]

149. ( क्र. 6190 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या दानिश गृह निर्माण सहकारी संस्‍था ने खसरा क्रमांक 90-91/2/3/1/4 की भूमि जरिये पंजीयत विक्रय पत्र क्रमांक 66/76 दिनांक 10.5/1985 भूमि स्‍वामी गोविन्‍द राम एवं राम प्रसाद वगैरह से क्रय की है तथा खसरा क्रमांक 70/2 की शासकीय नाला की 0.37 एकड़ भूमि शासन से विनिमय (अदला-बदली) में प्राप्‍त की है? (ख) क्‍या ग्राम चूना भट्टी भोपाल के भू-अभिलेख के नक्‍शा में खसरा क्रमांक 70/2 रकबा 0.37 की भूमि की चतुर्थ सीमा में, उत्‍तर दिशा में दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति अमलताश फेस-II की खसरा क्रमांक 115/69/2/1 की दक्षिण में खसरा क्रमांक 90-91/2/3/1/4 तथा पश्चिम में शासकीय नाला खसरा क्रमांक 70/1 की भूमि स्थित है?  (ग) क्‍या शासकीय नाला खसरा क्रमांक 70 में से खसरा क्रमांक 70/2 की 0.37 एकड भूमि का विनिमय होकर इसे दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति के स्‍वत्‍व में आ जाने से इस खसरा क्रमांक 70/2 के स्‍थान पर शासकीय नाला का अस्तित्‍व एवं प्रवाह समाप्‍त हो गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नरसिंहपुर में बकरी पालन केन्‍द्र संचालित

[पशुपालन]

150. ( क्र. 6196 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग द्वारा ग्राम उमारिया तह. करेली जिला नरसिंहपुर में क्या बकरी पालन केन्द्र संचालित किया जा रहा है यदि हाँ, तो क्या उस केन्द्र पर डॉक्टर एवं अन्यं अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना की गई है? (ख) उक्त केन्द्र में कितने बकरे एवं बकरी पाली गयी है? (ग) उक्त केन्द्र में वर्ष 2016-17 में कितने हितग्राहियों को कौन-कौन से लाभों से लाभान्वित किया गया है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। अपितु राष्ट्रीय कृषि‍ विकास योजना अंतर्गत ग्राम उमरिया तह. करेली जिला नरसिंहपुर में बकरी प्रजनन प्रक्षेत्र स्वीकृत किया गया है जिसका निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रक्षेत्र संचालन की कार्यवाही शेष है। शेष प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता।

कारागृह एवं कैदियों का जानकारी विषयक

[जेल]

151. ( क्र. 6235 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में कुल कितने कारागृह है तथा उनकी क्‍या क्षमता है तथा वर्तमान में क्षमता से अधिक कितने कैदी रखे गये हैं? (ख) बालाघाट जिले में कारागृह हेतु भवन, बाउण्‍ड्रीवाल तथा आधुनिकीकरण हेतु कौन-कौन से कार्य प्रस्‍तावित तथा लंबित हैं, विस्‍तृत कार्य योजना से अवगत करावें? (ग) बालाघाट जिले में कारावास अधीन कैदियों को दिया जाने वाले भोजन संबंधित सामग्रियों की निविदा की क्‍या प्रक्रिया है तथा जिले में वर्ष 2013 में प्रश्‍न दिनांक तक सभी कारागृहों में किये जाने वाले व्‍यय का लेखा जोखा क्‍या हैं?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) निम्‍नानुसार :-

क्र.

जेल का नाम

बंदी क्षमता

बंदी संख्‍या (दि. 01/03/2017 की स्थिति में)

क्षमता से अधिक बंदी संख्‍या

1

जिला जेल बालाघाट

170

275

105

2

उप जेल वारासिवनी

50

82

32

3

उप जेल बैहर

50

64

14


(
ख) जिला जेल बालाघाट में गार्डरूम का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, संत्री गुमटी का निर्माण, सेल का नवीनीकरण तथा आधुनिकीकरण अंतर्गत वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, व्‍ही.एम.एस. (विजिटर मैनेजमेंट सिस्‍टम) कक्ष से संबंधित निर्माण के कार्य प्रगति पर हैं। जिला जेल बालाघाट में प्रतीक्षालय एवं उप जेल वारासिवनी में बाउण्‍ड्रीवाल का प्रस्‍ताव है। (ग) कैदियों की भोजन व्‍यवस्‍था में लगने वाली भोजन संबंधित सामग्री का क्रय ''भण्‍डार क्रय नियम'' एवं मध्‍यप्रदेश जेल पूर्ति नियम, 1968 के अनुसार वार्षिक निविदायें ई-टेंडर के माध्‍यम से आमंत्रित की जाकर स्‍वीकृत निविदा मूल्‍य आधार पर किया जाता है। वर्ष, 2013-14 से 2016-17 वर्तमान तक किये गए व्‍यय का लेखा-जोखा संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चालीस''

नवीन मार्गों पर परमिट का प्रदाय

[परिवहन]

152. ( क्र. 6237 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा यात्री बसों के परिचालन हेतु नवीन मार्ग तय करने की क्‍या प्रक्रिया है मार्गों का सूचीकरण कैसे किया जाता है? (ख) देवास जिले में वर्ष 2015-2016 एवं 2016-17 में कितने नये मार्गों को परमिट जारी करने हेतु चिन्हित किया गया एवं तदुपरान्‍त परमिट जारी किये गये?           (ग) क्‍या नवनिर्मित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों पर भविष्‍य में बसों को परिचालन हेतु परमिट दिये जायेंगे? (घ) यदि हाँ, ऐसे चयनित मार्गों की जानकारी प्रदान करें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा यात्री बसों के परिचालन हेतु नवीन मार्ग तय करने के पूर्व मार्गों का सूत्रीकरण किया जाता है। मार्गों का सूत्रीकरण मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 68 (3) (ग क) एवं मोटरयान नियम 1994 के नियम 71 के प्रावधानानुसार राज्य परिवहन प्राधिकार या उनके द्वारा प्रत्यायोजित अधिकारों के तहत प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किया जाता है। (ख) जिलान्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कुल 6 नवीन मार्ग चिन्हित किये गये है। चिन्हित करने के उपरान्त एक मार्ग पर अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किया गया है। (ग) एवं (घ) नवनिर्मित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों पर माँग अनुसार मार्गों का सूत्रीकरण कर परमिट दिया जा सकता है। वर्तमान में किसी अनुज्ञा की माँग नहीं की गई है और न ही मार्गों का चयन किया गया है।

बढ़ते हुए अपराधों पर अंकुश नहीं लगाया जाना

[गृह]

153. ( क्र. 6250 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या पुलिस मुख्‍यालय से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार क्‍या भोपाल संभाग के नाबालिग एवं बालिग लड़कियों के अपहरण, गायब होने तथा बलात्‍कार व सामूहिक बलात्‍कार हत्‍या, हत्‍या के प्रयास, लूट, डकैती, बलवा, चोरी, गोली चालान, की घटनाएं घटित हुई हैं? यदि हाँ, संभाग के किस-किस जिले में कुल कितनी-कितनी घटनाएं घटित हुई वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में जिलेवार वर्षवार अपराध की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में भोपाल में कितनी लड़कियों के साथ घटनाएं घटित की गई तथा किन-किनके विरूद्ध, किन-किन धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किए गए अपराधों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार

कुल सचिव की लापरवाही के कारण 2 लाख छात्रों का भविष्‍य अंधकारमय होना

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

154. ( क्र. 6251 ) श्री आरिफ अकील, श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजीव गांधी प्रोद्यौगिकी विश्‍वविद्यालय द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 के उत्‍तीर्ण छात्रों कि मार्कशीट/माईग्रेशन/प्रोविजनल डिग्री माह फरवरी 2016 में अनुमोदित होने के उपरांत भी छात्रों को उपलब्‍ध नहीं कराई गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या कुल सचिव द्वारा प्रिटिंग कार्य के आदेश जारी नहीं किए जाने जैसी लापरवाही के कारण लगभग 2 लाख छात्रों को शासकीय नौकरी व उच्‍च अध्‍ययन से वंचित रहना पड़ा? (ग) यदि नहीं, तो क्‍या शासन उक्‍त गंभीर लापरवाही की जाँच कराकर दोषी कुल सचिव सहित संलिप्‍तों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ।         समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

पानी से भरे गढ़ढों में डूबने से होने वाले मौत  

[गृह]

155. ( क्र. 6256 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में बालाघाट जिले में बारिश में ऐसे गढ्ढे जो तालाब नहीं है, में डूबने से होने वाली मौतों के संबंध में प्राप्‍त रिर्पोट के आधार पर वर्षवार पुलिस थानों अनुसार जानकारी संख्‍यात्‍मक उपलब्‍ध करवाएं? (ख) उक्‍त मौतों में पंद्रह साल से कम उम्र के मृतकों की जानकारी अलग से उपलब्‍ध कराएं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार

परिशिष्ट - ''इकतालीस''

विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत पशु औषधालयों में रिक्‍त पद

[पशुपालन]

156. ( क्र. 6257 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी में कहाँ-कहाँ पशु औषधालय हैं? (ख) उक्‍त औषधालयों में स्‍वीकृत पदों की जानकारी वर्तमान में कार्यरत स्‍टॉफ तथा रिक्‍त पदों के संबंध में जानकारी दें?  (ग) रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) पदस्थापना एक निरंतर प्रक्रिया है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

परिशिष्ट - ''बयालीस''

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

157. ( क्र. 6275 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में राजस्‍व विभाग द्वारा कितने आवासीय भू-खण्‍ड/पट्टों का वितरण वर्ष 2013 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में किन-किन तहसीलों के द्वारा कितने-कितने लोगों को किया गया वर्षवार तहसीलवार जानकारी देवें? इनमें से कितने अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं कितने सामान्‍य वर्ग के हैं? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में आवंटित आवासीय भू-खण्‍ड/पट्टे के अनुसार राजस्‍व अभिलेखों में नाम दर्ज करने की कार्यवाही की गई? निजी आराजियों में अगर            भू-खण्‍ड/आवासीय प्‍लॉट आवंटित किये गए तो क्‍या भूमि स्‍वामियों को सुना गया, अगर नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में शासन के जारी आदेशों एवं निर्देशों की प्रति देते हुए बतावें कि इस हेतु शासन द्वारा क्‍या समय-सीमा निर्धारित की गई, अगर समय पर कार्यवाही संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा नहीं की गई, तो क्‍यों? इस पर संबंधितों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के आवासीय भू-खण्‍ड/पट्टों का राजस्‍व अभिलेखों में नाम दर्ज कर संबंधित हितग्रहियों को उसकी प्रति उपलब्‍ध नहीं करायी गई तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे? साथ ही आवंटित आवासीय भू-खण्‍ड एवं पट्टों के अनुसार राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज करने की कार्यवाही कब तक करावेंगे, अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

158. ( क्र. 6276 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से रीवा जिले के तहसीलों में नामांतरण, बंटवारा एवं खसरा सुधार बावत तहसीलवार कितने प्रकरण लंबित हैं? इसके लिए किनको दोषी मानकर कार्यवाही संबंधितों के विरूद्ध किस तरह की करेंगे, अगर नहीं तो क्‍यों? (ख) क्‍या षष्‍टम जिला न्‍यायधीश फास्‍ट ट्रैक कोर्ट रीवा के नियमित अपील क्रमांक 12-अ/06 के आदेश/निर्णय दिनांक 13/07/2006 रामस्‍वरूप पिता रामानुज निवासी ग्राम दुआरी, तहसील गुढ़ के द्वारा आराजी खसरा क्रमांक 2097 रकबा 05.60 एकड़ के नामांतरण प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्‍या है? अदम पैरवी में अगर प्रकरण खारिज किया गया तो कब और किस दिनांक को? (ग) क्‍या पक्षकारों को बार-बार पेशी हेतु बुलाया जाता है, लेकिन फाइल उपलब्‍ध नहीं करायी जा रही क्‍यों? जबकि प्रकरण की अपील की म्‍याद भी समाप्‍त हो चुकी है, क्‍या वरिष्‍ठ न्‍यायालय के आदेश का पालन न करने के दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वाहन पंजीयन शुल्‍क एवं करारोपण

[परिवहन]

159. ( क्र. 6280 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश में वाहन पंजीयन शुल्‍क की वृद्धि की गई है यदि हाँ, तो व्‍यवसायिक एवं निजी वाहनों के पंजीयन शुल्‍क में विगत 03 वर्षों में कितनी बार एवं कितनी-कितनी राशि की वृद्धि की गई। (ख) क्‍या शासन द्वारा निजी एवं व्‍यवसायिक वाहनों से पंजीयन शुल्‍क व रोड टैक्‍स के अलावा भी किसी प्रकार का कर या उपकर वसूला जा रहा है यदि हाँ, तो कब से और किस-किस प्रकार के वाहनों से किस दर से वसूली की जा रही है। (ग) क्‍या शासन द्वारा चालक लायसेंस शुल्‍क में भी वृद्धि की है यदि हाँ, तो पूर्व में निर्धारित शुल्‍क से कितने प्रतिशत् राशि की वृद्धि की गई है। क्‍या महिलाओं को किसी प्रकार की रियायत दी जाएगी यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें।

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पंजीयन शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 29.12.2016 से फीस वृद्धि की गई है। राजपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। हरि‍त कर एवं अंतरण कर। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 10.01.2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है, जिसमे दरे उल्लेखित है। (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा चालक लायसेंस शुल्क में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मध्यप्रदेश राजपत्र की अधिसूचना दिनांक 28.12.2015 द्वारा प्रदेश में महिलाओं के शिक्षार्थी एवं चालक लायसेंसों के लिये कोई फीस न लिये जाने का प्रावधान किया गया है। तदनुरूप राज्‍य में महिलाओं के शिक्षार्थी एवं चालक लायसेंस नि:शुल्क जारी किये जा रहे है।

ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में उचित मुल्य की दुकानों का संचालन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

160. ( क्र. 6300 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी सोसायटि‍यां कार्यरत हैं तथा इन सोसायटि‍यों के अंतर्गत कितनी शासकीय उचित मुल्य की दुकानें हैं? (ख) शासन के नियमों के अनुसार कितनी आबादी पर एक दुकान संचालित किये जाने के निर्देश हैं? (ग) वर्तमान में आबादी के मान से पूरे विधानसभा क्षेत्र में कितनी दुकानों की आवश्यकता है तथा वर्तमान में कितनी दुकानें संचालित हो रही हैं दुकानों की कमी के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 40 कृषि साख सहकारी समितियां एवं 9 सहकारी उपभोक्‍ता भण्‍डार कार्यरत हैं, जिनके द्वारा क्रमश: 87 एवं 9 उचित मूल्‍य दुकानों का संचा‍लन किया जा रहा है। (ख) नगरीय निकायों में कुल पात्र परिवारों की संख्‍या में 800 से भाग देने पर प्राप्‍त संख्‍या अनुसार अधिकतम उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्‍येक पंचायत में 1 दुकान खोलने का प्रावधान सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में किया किया गया है। जिन पंचायतों में पात्र परिवारों की संख्‍या 800 से अधिक है, उन पंचायतों में भी अतिरिक्‍त उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है। (ग) प्रश्‍नांकित विधानसभा के नगरीय क्षेत्र में कुल 3785 पात्र परिवार हैं, जिनके लिए नियमानुसार 5 दुकानों की आवश्‍यकता है जबकि वर्तमान में 10 उचित मूल्‍य दुकानें नगरीय क्षेत्र में संचालित हैं। विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र की 86 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्‍य दुकानें कार्यरत हैं शेष 21 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्‍य दुकान खोलने की प्रारंभिक प्रक्रिया सक्षम अधिकारी द्वारा पूर्ण कर ली गई है परन्‍तु माननीय उच्‍च न्‍यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की विभिन्‍न कंडिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा याचिकाकर्ताओं (उचित मूल्‍य दुकानों) के विरूद्ध उत्‍पीड़क कार्यवाही न करने संबंधी अंतरिम आदेश देने के कारण प्रत्‍येक पंचायत में उक्‍त प्रावधानानुसार उचित मूल्‍य दुकान आवंटन की कार्यवाही नहीं हो सकी है।

विभाग द्वारा संचालित योजनाएं

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

161. ( क्र. 6301 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कौन-कौन सी हितग्राही योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में उज्जैन जिले के कितने लोगो को विभाग की कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार संख्‍यात्‍मक बतावें?                    (ग) पिछले 3 वर्षों में बड़नगर विधानसभा में कितने हितग्राहि‍यों को क्या-क्या लाभ प्रदान किया गया?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।

प्रधान आरक्षक/आरक्षक को प्रदाय भत्ते

[गृह]

162. ( क्र. 6303 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में प्रधान आरक्षक/आरक्षक वर्ग के कर्मचारियों को वेतन के साथ वाहन भत्ता वर्दी धुलाई भत्ता, पोष्टिक आहार भत्ता एवं स्पेशल पुलिस भत्ता दिया जाता है? यदि हाँ, तो इन भत्तों की दर किस वर्ष में स्वीकृत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों को भुगतान किये जाने वाले भत्तों की दरों में कब-कब वृद्धि की गई है? क्या वर्तमान महंगाई के समय में इन भत्तो की समीक्षा कर इनमे वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों को कितनी वर्दी भत्ता दिया जाता है? यदि वर्ष में एक वर्दी भत्ता दिया जाता है तो इसका क्या औचित्य है? क्या शासन वर्ष में दो वर्दी भत्ता राशि स्वीकृत करने पर विचार करेगा?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वाहन भत्ता नहीं दिया जाता। शेष अन्य भत्ते वेतन के साथ दिये जाते है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ग) वर्दी की जीवन अवधि एक वर्ष होने के कारण प्रतिवर्ष वर्दी भत्ता दिया जाता है। विभागीय आदेश क्रमांक एफ.3-89/2012/बी-3/दो दिनांक 07/01/2014 के पालन में जिला पुलिस बल में पदस्थ आरक्षक/प्रधान आरक्षक को वर्दी सहित 22 किट सामग्री रू. 7,200/- एवं विसबल इकाईयों में पदस्थ आरक्षक/प्रधान आरक्षक को वर्दी सहित 29 किट सामग्री हेतु रू. 8,600/- वर्दी भत्ता दिया जा रहा है। जी नहीं।

परिशिष्ट - ''तैंतालीस''

कर्मचारियों का चयन

[श्रम]

163. ( क्र. 6304 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में उज्जैन संभाग के जिलों में कार्यरत कर्मचारी मंडल के अधिनस्थ कर्मचारी है? यदि नहीं, तो किस के अधीनस्थ है और कब से पदस्थ है वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंडल द्वारा कर्मचारियों का मानदेय दिया जाता है या किसी और माध्यम से दिया जाता है? क्या अभी भी मानदेय उसी माध्यम से दिया जाता है जैसा नियुक्ति के समय दिया गया था? यदि नहीं, तो परिवर्तन का कारण बताये?        (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों की नियुक्ति किस के द्वारा की गई तथा इनकी नियुक्ति में कोई परिवर्तन किया गया है? यदि हाँ, तो किस आदेश के तहत? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंडल द्वारा पूर्व में इन कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए कोई प्रस्ताव या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कब? प्रस्ताव/कार्यवाही का विवरण देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से उपलब्ध कराए गए कर्मचारी है, जो उज्जैन संभाग के जिलों में पदस्थ सहायक श्रमायुक्त श्रम पदाधिकारियों के नियंत्रण में कार्य करते है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा उक्त कर्मचारियों को मानदेय नहीं दिया जाता है। उक्त कर्मचारियों को आउटसोर्स एजेंसी द्वारा वेतन का भुगतान किया जाता है। मण्डल द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों की नियुक्ति कभी नहीं की गई है। अतः परिवर्तन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों की नियुक्ति मण्डल द्वारा नहीं की गई है। अतः नियुक्ति में कोई परिवर्तन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''चौवालीस''

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में रिक्त पदों के संबंध में

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

164. ( क्र. 6309 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01/02/2017 की स्थिति में स्थल सहायक (टाइमकीपर) के पदों की पूरे प्रदेश में स्वीकृत पद संख्या, भरे पदों की संख्या एवं रिक्त पद संख्या कितनी-कितनी है? (ख) क्या रिक्त पदों की जानकारी पी.ई.बी. (व्यापम) को मांगने पर भी वर्ष 2016 में नहीं भेजी गई। यदि हाँ, तो कब तक जानकारी भेजी जाकर पद भरे जायेंगे? (ग) क्या शासन द्वारा स्थल सहायकों की योग्यता हायर सेकेण्ड्री मेथमेटिक्स (गणित) से निर्धारित है। (घ) यदि पी.ई.बी. (व्यापम) को रिक्त पदों की जानकारी भेजना चाहते है तो विभाग अपने स्तर पर कब तक पद भर लेगा? क्या यह सही है कि स्थल सहायकों की कमी से काफी काम प्रभावित हो रहा है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कार्यभारित स्थल सहायक (टाइमकीपर) के 348 पद स्वीकृत, 261 पद भरे एवं 87 पद रिक्त हैं। (ख) जी हाँ। शीघ्र जानकारी भेजी जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) पी.ई.बी. द्वारा रिक्त पदों को भरने हेतु चयन सूची तैयार की जावेगी। उपलब्ध कर्मचारियों से कार्य कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

क्षेत्रीय मांग अनुसार पेयजल व्यवस्था

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

165. ( क्र. 6319 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग में स्वीकृत बजट अनुसार गत तीन वर्षों में पेयजल की व्यवस्था एवं निर्माण तथा नलकूपो का खनन किया है? (ख) क्या विभाग में पदस्थ अधिकारियों द्वारा घोषित योजनाओं में पक्षपातपूर्ण कार्य, समय पर कार्य न करके, स्थान परिवर्तन करके पेयजल स्त्रोतों तथा टैंक निर्माण तथा नलजल योजनाओं के समस्त कार्यों में पक्षपात करके कोई अनियमितता की है, तो विवरण दें। (ग) गत तीन वर्षों में ब्लॉकवार बतायें कि किस क्षेत्र में अधिक एवं किस क्षेत्र में कम पेयजल आपूर्ति‍ हेतु नवीन हैण्डपम्प खनन तथा विदयुत पम्प आदि सामग्री का पक्षपात पूर्ण संचालन किस नियम से परिवर्तन किया है कौन जिम्मेदार है, कौन से ठेकेदार कालातीत हुए है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों एवं इनसे संबंधित कार्यों का समाधान करने वाले कौन से अधिकारी उत्तरदायी थे जिन्होंने ब्लॉकवार आवंटन अनुसार कार्य ना करके पक्षपात पूर्ण कार्य किये है उनका विवरण देवें? क्या विभाग उन पर कार्यवाही करेगा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश-, ख एवं गके परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

पंचायतवार शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों की स्‍थापना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

166. ( क्र. 6330 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 7312 दिनांक 28 मार्च 2016 के तारतम्‍य में प्रदेश में पंचायतवार शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानें खोले जाने के संबंध में मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन प्रक्रियाधीन बताया गया था तो अद्यतन स्थिति क्‍या है?           (ख) क्‍या शासन उपरोक्‍तानुसार पंचायतवार शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों की स्‍थापना का कार्य शीघ्र करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन कर दिनांक 11.04.2016 मध्‍यप्रदेश राजपत्र में अधिसूचित किया जा चुका है। संशोधन उपरांत पुन: माननीय उच्‍च न्‍यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की विभिन्‍न कंडिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा याचिकाकर्ताओं (उचित मूल्‍य दुकानों) के विरूद्ध उत्‍पीड़क कार्यवाही न करने संबंधी अंतरिम आदेश देने के कारण प्रत्‍येक पंचायत में उक्‍त प्रावधानानुसार उचित मूल्‍य दुकान आवंटन की कार्यवाही नहीं हो सकी है। (ख) प्रकरण के निराकरण उपरांत दुकान आवंटन की कार्यवाही के संबंध में माननीय न्‍यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्‍य में आगामी कार्यवाही की जायेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

ई-बस्‍ता योजना का क्रियान्‍वयन

[राजस्व]

167. ( क्र. 6331 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजस्‍व विभाग, मध्‍यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा राजस्‍व संबंधी खसरे खतौनी नक्‍शा आदि कार्यों को ऑनलाईन कर पटवारियों को हाईटेक करने के दृष्टिगत ई-बस्‍ता योजना के तहत लेपटॉप वितरण किया जाना था? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक समस्‍त पटवारियों को लेपटॉप वितरित कर दिये गये हैं? (ख) क्‍या शासन उपरोक्‍तानुसार पटवारियों को लेपटॉप वितरण कर राजस्‍व कार्यों में किसानों को आ रही कठिनाईयों को दूर करने हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। टेवलेट/लेपटाप कृषि विभाग से देने की योजना है। (ख) समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

पुलिस थाना ऑतरी के अपराध क्रमांक 52/16 की जाँच के संबंध में

[गृह]

168. ( क्र. 6355 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) ग्‍वालियर जिले के पुलिस थाना ऑतरी के अपराध क्रमांक 52/16 एवं 53/16 की जाँच के संबंध में पुलिस अधीक्षक के पत्र पुअ/ग्‍वा/रीडर/1शिका/488/16 दिनांक 31/5/2016 एवं पुअ/ग्‍वा/रीडर/1/शिका/499/16 दिनांक 31.05.2016 एवं पुअ/ग्‍वा/रीडर1/शिका/499/16 दिनांक 23.06.2016 से दिये गये जाँच के आदेश में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस घाटीगांव द्वारा जाँच की गई? यदि हाँ, तो उक्‍त जाँच का विवरण उपलब्‍ध करावें? प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त जाँच पत्रों पर  क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या अनुविभागीय अधिकारी पुलिस घाटीगांव द्वारा उक्‍त पत्रों के क्रम में जाँच कर प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक ग्‍वालियर को भेज दिया गया है यदि हाँ, तो किस दिनांक को? क्‍या इस जाँच रिपोर्ट में तत्‍कालीन थाना प्रभारी श्री राजौरिया दोषी पाये गये? यदि हाँ, तो क्‍या दोषी थाना प्रभारी के विरूद्ध कोई दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) किसी भी व्‍यक्ति को जिला बदल करने के शासन के क्‍या नियम हैं नियम की छायाप्रति उपलब्‍ध करायें? ग्‍वालियर जिले में 01 जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने लोगों पर जिला बदल की कार्यवाही हेतु किन-किन थानों द्वारा अनुशंसा की गई है? ऐसे कितने अपराधी हैं जो जिला बदल की श्रेणी में शासन के नियमानुसार आते हैं उनके नाम, पते तथा किस-किस थाने से संबंध है उनको जिला बदल की कार्यवाही से क्‍यों बचाया गया है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। ग्वालियर जिले के पुलिस थाना ऑतरी के अपराध क्रमांक 52/16 एवं 53/16 की जाँच के संबंध में पुलिस अधीक्षक के पत्र पु00/ग्वा/रीडर/शिका /488/16 दिनांक 31.05.2016 एवं पु00/ग्वा/रीडर/शिका/499/16 दिनांक 23.06.2016 से दिये गये जाँच के आदेश में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस घाटीगांव द्वारा जाँच की गई। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अपना जाँच प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को दिनांक 04.12.16 को भेजा गया। जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस घाटीगांव की जाँच रिपोर्ट में थाना ऑतरी के तत्कालीन थाना प्रभारी श्री जे.के. राजौरिया के विरुद्ध प्रथम दृष्यता त्रुटिपूर्ण कार्यवाही की पुष्टि होना पाई गई। अतः विभागीय कार्यवाही हेतु प्राथमिक जाँच आदेशित की गई है। प्राथमिक जाँच में पाये जाने वाले तथ्यों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है एवं प्राथमिक जाँच आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। किसी भी व्यक्ति को जिला बदर करने के लिये उस व्यक्ति के क्रिया-कलापों एवं भय से जन जीवन एवं लोक व्यवस्था भंग होने की युक्तियुक्त रुप से साक्ष्य के आधार पर पुष्टि होना आवश्यक है। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिला ग्वालियर में दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 67 व्यक्तियों के विरुद्ध जिला बदर की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। जी नहीं। सूची में दर्शित किसी भी व्यक्ति को जिला बदर की कार्यवाही से नहीं बचाया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

पटवारियो को अतिरिक्‍त प्रभार

[राजस्व]

169. ( क्र. 6356 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले अन्‍तर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने पटवारी हल्‍के हैं? इन पर कितने पटवारी पदस्‍थ हैं तथा कितने पटवारी हल्‍के रिक्‍त है? इन रिक्‍त हल्‍के पर कौन-कौन कार्य कर रहा है? हल्‍का नं. तथा प्रभारी पटवारी का नाम बतावे किस दिनांक से किस हल्का पर प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं? क्‍या अतिरिक्‍त हल्‍कों के लिये प्रभारी पटवारी को अतिरिक्‍त मानदेय दिया जाता है? यदि हाँ, तो किस अनुसार? यदि नहीं, तो क्‍यों? इन रिक्‍त हल्‍को को क्‍यों नहीं भरा गया? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें? तथा इनको अब कब तक भर दिया जावेगा? (ख) क्‍या दिनांक 01.12.2016 को प्रदेश के सभी पटवारियों द्वारा माननीय मुख्‍य मंत्री महोदय को (द्वारा कलेक्‍टर) ज्ञापन दिया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र की प्रति उपलब्‍ध करावें? क्‍या उक्‍त बिन्‍दुओं पर प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो बिन्‍दुवाईज रिपोर्ट स्‍पष्‍ट करें? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें तथा अब कब तक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सिंगरौली जिले नलकूप खनन के संबंध में

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

170. ( क्र. 6390 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंगरौली जिले के पी.एच.ई. विभाग के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक नल-जल कूप योजनाओं हेतु निविदा दर क्‍या थी? विवरण दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के ठेकों में से किसी अपात्र को ठेका दिया गया है? यदि हाँ, तो किसकों? क्‍या ठेकेदारों की मशीनों का सत्‍यापनों किया गया था तो किसके द्वारा और कब किया गया? सत्‍यापन प्रमाण-पत्र की प्रति दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के ठेकों में कितने साधारण कितने ग्रेवल पैक थे क्‍या यह सही है कि उक्‍त कार्यों में परियोजना परीक्षण समिति राशि से दो गुना राशि का भुगतान बिना सक्षम स्‍वीकृत के किया गया है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध किये गये भुगतान की वसूली कब और किससे की जावेगी? (घ) क्‍या नल कूप खनन की एम.बी. का संधारण किसी अपात्र कर्मचारी हैण्‍डपंप टेक्‍नीशियन से कराया गया है?           (ड.) प्रश्‍नांश (ग) (घ) यदि हाँ, तो उक्‍त अनियमितताओं के लिए कार्यपालन एवं अधीक्षण यंत्री को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जी नहीं। मण्डल स्तर पर गठित कमेटी के द्वारा दिनांक 26.4.2016जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। (ड.) उत्तरांश- एवं के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

खसरे में प्रविष्‍ट दर्ज कराये जाने बाबत् आदेश दिनांक 23-2-16 एवं दि. 2-3-2016

[राजस्व]

171. ( क्र. 6396 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) रीवा जिले के तहसील मऊगंज के तहसीलदार द्वारा भूमियों का नामांतरण आदेश दिनांक        5-9-2014 प्रकरण क्र. 85/ए-6/2013-14 में पारित किया गया था? यदि हाँ, तो भूमि का विवरण देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व मऊगंज द्वारा प्रकरण क्र.           139/अ-6/1011 दिनांक 16-10-2012 द्वारा प्रश्‍नांश (क) को आदेश द्वारा निरस्‍त किया गया है?                  (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में पारित आदेश को अपर आयुक्‍त रीवा संभाग रीवा द्वारा प्रकरण क्र. 128/अ./2012-13 पारित आदेश दिनांक 1-2-16 द्वारा प्रश्‍नांश (ख) के आदेश को निरस्‍त किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश के पालन हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व मऊगंज द्वारा अपने न्‍यायालय के प्रकरण क्र. 139/अ-6/2010-11 पारित आदेश दिनांक 16-10-12 निरस्‍त किया गया है? इससे अधीनस्‍थ न्‍यायालय के द्वारा अपीलीय भूमियों का पारित किया गया नामान्‍तरण आदेश दिनांक  5-9-14 युक्‍त संगत न होने से स्थिर रखा जाना उचित नहीं है? जो निरस्‍त किया जाता है? यदि हाँ, तो यह आदेश अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व मऊगंज द्वारा प्रकरण क्र. 76/ए-6/2014-15 दिनांक 23-2-2016 द्वारा आदेश पारित किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में तहसीलदार तहसील मऊगंज जिला रीवा द्वारा प्रकरण क्र. 447 ए-74/2015-16 दिनांक 29-2-2016 द्वारा पारित आदेश दिनांक 5-9-2014 के पूर्व की स्थिति कायम किये जाने का आदेश दिया गया है यदि हाँ, तो हल्‍का पटवारी रिकार्ड दुरूस्‍त करें वाद कार्यवाही प्रकरण समाप्‍त होकर प्रकरण दाखिल हो? यदि हाँ, तो तत्‍कालीन हल्‍का पटवारी द्वारा दिनांक 2-3-2016 द्वारा आर्डरशीट में इस्‍तला दर्ज दिया की टीप दिया गया है? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) पटवारी की टीप का क्‍या परीक्षण किया गया कि खसरे में प्रविष्‍ट की गई है यदि हाँ, तो खसरे की वर्तमान स्थिति का प्रमाणित खसरे का विवरण उपलब्‍ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ग्राम ढाढनी 419 की भूमि खसरा नं. 179/2 एवं 336 है। (ख) यह सही नहीं है कि प्रश्‍नांश '''' में वर्णित प्रकरण क्रमांक 85/अ-6/2013-14 में पारित आदेश दिनांक 05.09.2014 को न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी के प्रकरण क्रमांक  139/अ-6/2010-11 में पारित आदेश दिनांक 16.12.2012 को निरस्‍त किया गया है। सही यह है कि तहसीलदार तहसील मऊगंज के न्‍यायालयीन प्रकरण क्रमांक 18/अ-6/2010-11 में पारित आदेश दिनांक 10.12.2010 को निरस्‍त किया गया था। (ग) जी हाँ। अपर आयुक्‍त रीवा के अपील प्रकरण क्र.128/अ-6/2012-13 में पारित आदेश दिनांक 01.02.16 में प्रश्‍नांश (ख) वर्णित अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व मऊगंज के प्रकरण क्रमां 139/अ-6/10-11 में पारित आदेश दिनांक 16.10.2012 को निरस्‍त किया गया था। एवं दिनांक 05.09.2014 में पारित आदेश प्रकरण क्र. 85/ए-6/2013-14 में है जो अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व मऊगंज के अपील प्रकरण क्र. 76/अ-6/14-15 में पारित आदेश दिनांक द्वारा निरस्‍त किया गया है। (घ) जी हाँ। तहसीलदार तहसील मऊगंज के प्रकरण 447 अ-74/2015-16 दिनांक 29.2.2016 द्वारा पारित आदेश दिनांक 29.02.2016 द्वारा दिनांक 05.09.2014 के पूर्व की स्थिति कायम किये जाने का आदेश पारित किया गया था। तत्‍कालीन हल्‍का पटवारी द्वारा दिनांक 02.03.2016 को आर्डरशीट में इस्‍तला दर्ज टीप अंकित की गयी थी। तहसीलदार मऊगंज द्वारा अपने आदेश दिनांक 29.02.2016 में पारित आदेश को दिनांक 11.03.2016 द्वारा निरस्‍त किया गया था। (ड.) तहसीलदार मऊगंज के आदेश दिनांक 11.03.2016 को पटवारी द्वारा अभिलेख में संशोधन नहीं किया गया है। वर्तमान अभिलेख अनुसार भूमि खसरा नं. 179/2 रकबा 0.335 हे. मुनीन्‍द्र पिता रामानुज पाण्‍डेय व खसरा नं. 336 रकबा 0.364 हे. भागीरथ पिता रामसुन्‍दर पाण्‍डेय के नाम भमि स्‍वामी स्‍वत्‍व पर अंकित है।

शहीद की पत्‍नी को अनुकंपा एवं अन्‍य स्‍वत्‍व दिलाने बाबत्

[गृह]

172. ( क्र. 6397 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न संख्‍या 85 (क्रमांक 880) के दि. 7 दिसम्‍बर, 2016 प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर में वित्‍तीय सहायता के प्रकरण को अमान्‍य किये जाने का कारण स्‍पष्‍ट करें? क्‍या इस प्रकरण पर पुनर्विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित प्रश्‍न के प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) में एक सैनिक को अनुकंपा नियुक्ति एवं आर्थिक सहायता दी गई जबकि दूसरे सैनिक का प्रकरण विचारोपरांत अमान्‍य किया गया? इसका कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में शहीद की पत्‍नी को मुख्‍यमंत्री श्रद्धा निधि शहर में रहने के लिए मकान, कृषि योग्‍य भूमि, बच्‍चों को पढ़ने के लिए स्‍कालरशिप, वृद्ध माता-पिता सहायता राशि एवं चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो ऐसा     भेद-भाव क्‍यों? क्‍या मुख्‍यमंत्री स्‍वेच्‍छा अनुदान से आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रकरण परीक्षणाधीन है? यदि हाँ, तो इसे कब तक पूर्ण किया जावेगा? (घ) क्‍या कलेक्‍टर जिला रीवा के कार्यालय में शहीदों की सूची में दिनांक 01.09.2015 तक शहीद सैनिक श्री उमेश प्रसाद शुक्‍ला का नाम दर्ज नहीं था? यदि हाँ, तो पत्र क्रमांक कार्यालय कलेक्‍टर जिला रीवा के पृष्‍ठांकित पत्र क्रमांक 838 दिनांक 01.09.2015 द्वारा शहीद सैनिक श्री उमेश कुमार शुक्‍ला निवासी ग्राम व पोस्‍ट केवटी तहसील सिरमौर जिला रीवा का नाम शहीद सैनिकों की सूची में दर्ज कर राष्‍ट्रीय पर्व में आमंत्रित किये जाने का आदेश दिया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2006 से आदेश दिनांक तक नाम क्‍यों नहीं जोड़ा गया? इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? जिम्‍मेदार को चिन्हित कर उसके खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

निर्वाचन विधायक के पत्रों के उत्‍तर देने संबंधी

[परिवहन]

173. ( क्र. 6418 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या निर्वाचित विधायकों के पत्रों के उत्‍तर देने के सामान्‍य प्रशासन विभाग के नियम जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ पर भी लागू होता है? (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ को लिखे गये पत्र दिनांक 14/02/2017 पत्र क्रमांक 1732/एम.एल.ए./17 एवं दिनांक 15/02/2017 पत्र क्रमांक 148/एम.एल.ए./17 का उत्‍तर क्‍या जिला परिवहरन अधिकारी राजगढ़ ने? प्रश्‍नकर्ता विधायक को दिया गया? यदि हाँ, तो जिला परिवहन अधिकारी द्वारा दिये गये उत्‍तर की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) यदि नहीं, तो क्‍या जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ ने शासकीय नियमों का उल्‍लंघन किया है तथा यह निर्वाचित विधायक की अवमानना एवं विशेष अधिकार का हनन है? यदि हाँ, तो शासन इस पर दोषी पर क्‍या कब तक करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उत्तर की प्रति संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।

परिशिष्ट - ''पैंतालीस''

गांधी विहार कालोनी के प्‍लांटों की नीलामी

[राजस्व]

174. ( क्र. 6419 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या राजगढ़ जिले के नगर राजगढ़ में खुजनेर रोड स्थित गांधी विहार कालोनी के नीलामी प्‍लाट नं. 1, 2, 10 एवं 40 में कलेक्‍टर राजगढ़ द्वारा आयुक्‍त भोपाल को एवं आयुक्‍त भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव राजस्‍व को पत्र लिखे? यदि हाँ, तो पत्रों का विवरण उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍न की कंडिका (क) हुये पत्राचार के संबंध में क्‍या प्रमुख सचिव राजस्‍व द्वारा कलेक्‍टर राजगढ़, आयुक्‍त भोपाल को पत्राचार किया गया? यदि हाँ, तो समस्‍त पत्राचारों का विवरण उपलब्‍ध करावें?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार(ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार

वाहन चालक परिचालक कल्‍याण योजनाएं

[परिवहन]

175. ( क्र. 6432 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या प्रदेश भर में केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित योजनाओं के साथ ही विभागीय स्‍तर पर वाहन चालकों एवं परिचालकों के कल्‍याण एवं संरक्षण किये जाने हेतु अनेक योजनाओं का क्रियान्‍वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में किस-किस प्रकार की कौन-कौन सी योजनाओं एवं विभागीय नियमों, व्‍यवस्‍थाओं के माध्‍यम से क्‍या-क्‍या किया जाता है? (ग) शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य बीमा एवं सामाजिक सुरक्षा इत्‍यादि के अतिरिक्‍त योजनाओं/ नियमों के अंतर्गत आने वाले पात्र           चालकों-परिचालकों हितग्राहियों हेतु और क्‍या-क्‍या किया जाता है? (घ) रतलाम जिला अंतर्गत विगत एक वर्ष में उपरोक्‍तानुसार हितग्राहियों के कुल कितने पंजीयन होकर उन्‍हें क्‍या-क्‍या लाभ दिया गया? कितने हितग्राहियों के पंजीयन होना बाकी हैं?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में मोटरयान चालक-परिचालक कल्याण योजना शासन के पत्र क्र. एफ-22-13/2014/आठ दिनांक 14 अगस्त 2015 से प्रसारित निर्देशों के पालन में प्रभावी है। (ख) एवं (ग) उक्त योजना के तहत समग्र में पंजीयन उपरांत चालकों/परिचालकों को संलग्‍न परिशिष्ट पर योजना अनुसार विभिन्न लाभ प्रदाय किये जाते है। फरवरी 2017 तक समग्र में 43326 चालको/परिचालकों का पंजीयन किया जाकर पात्रतानुसार विभिन्न लाभ दिये गये है। (घ) रतलाम जिले के अन्तर्गत फरवरी 2017 तक 849 चालकों/परिचालकों का समग्र में पंजीयन किया गया है जिनमें से 169 हितग्राही विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित हुये हैं। आवेदक द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर नियमानुसार पंजीयन किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।

परिशिष्ट - ''छियालीस''

यात्री परिवहन बसों के परमिट एवं मार्गों के संबंध में

[परिवहन]

176. ( क्र. 6433 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन मार्गों पर किस-किस समय कितने-कितने समय के अंतराल से यात्री परिवहन की छोटी बड़ी बसों, जीप, मैजिक इत्‍यादि प्रकार के फोर व्‍हीलर को परिवहन हेतु कुल कितने स्‍थाई एवं अस्‍थाई परमिट जारी किये गये है? (ख) वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍तानुसार स्‍थाई, अस्‍थाई कुल कितने परमिट किन-किन मार्गों हेतु जारी करते हुए निर्धारित मार्गों पर निरंतर बसें चलायमान हैं, इस हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां की गई? (ग) क्‍या बसों को स्‍थाई-अस्‍थाई परमिट जारी किये जाने में नियमानुसार गाड़ियों के आने एवं जाने के समय को निश्चित कर अगला परमिट समय का अंतराल रख दिया जाता है तो जिले में जारी किये गये परमिटों की स्थिति बताएं? (घ) उपरोक्‍त वर्षों के साथ ही पाँच वर्षों से अधिक के बकायादार कुल कितने होकर उन पर शासन का कितना बकाया वसूल किया जाना कितना बाकी है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) संभागीय उप परिवहन आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा रतलाम जिले के अंतर्गत छोटी-बड़ी बसों के समय अंतराल सहित 149 स्थाई परमिट जारी किये गये है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ' अनुसार है। मैजिक वाहनों के 256 स्था‍ई परमिट जारी किये गये है जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ' अनुसार है। रतलाम जिला परिवहन अधिकारी द्वारा जिले के विभिन्न मार्गों पर निम्नानुसार अस्थाई परमिट जारी किये गये है :-

बस
 577

मैजिक
 348

जीप
 62

योग
 987

(ख) प्रश्नाधीन अवधि से संबधित जानकारी उत्तरांश ' अनुसार है। जिला परिवहन अधिकारी रतलाम द्वारा जिलें में विभिन्न मार्गों पर जारी अस्थाई परमिट अनुसार वर्तमान में 32 यात्री बसें निरंतर चलायमान है। (ग) यात्री बसों के स्थाई/अस्थाई परमिट संबंधित मार्ग पर यातायात की आवश्यकता के अनुरूप समय का अंतराल रखते हुये अथवा आवश्यकता होने पर समान समयचक्र पर भी जारी किये जाते है। तद्नुरूप रतलाम जिलें में भी परमिट जारी किये गये है। (घ) जिला परिवहन कार्यालय रतलाम में पाँच वर्ष से अधिक के 5,635 वाहनों पर राशि रूपये 7,55,36,661/- का कर बकाया था। 1939 वाहनों से राशि रूपये 2,60,80,088/- के कर की वसूली की जा चुकी है। शेष 3696 वाहनों पर राशि रूपये 4,94,56,573/- का कर बकाया है।

 

बिल्‍डरों/संचालकों के विरूद्ध न्‍यायालय के दर्ज प्रकरण

[पर्यावरण]

177. ( क्र. 6440 ) श्री जितू पटवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) बिल्‍डरों के द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों, आवासीय परिसरो एवं बेचिंग मशीनो (प्‍लांटो), नर्सिग होम, अस्‍पताल, स्‍टोन क्रशरो, 100 बेड से ज्‍यादा क्षमता के अस्‍पताल, 3 स्‍टार व 5 स्‍टार होटलें के संबंध में किन-किन कानून नियम के अनुसार मध्‍यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड से आवश्‍यक अनुमति, सहमति या सम्‍मति लिया जाना आवश्‍यक है? ऐसा नहीं किये जाने वालों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2014 से आज दिनांक तक मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इंदौर क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले किन-किन जिले में कितने बिल्‍डरों/संचालकों को प्रावधानों के तहत सहमति कितनी अवधि के लिए प्रदान की गई एवं कितने आवेदन प्रश्‍न (ख) की अवधि में आज तक लंबित/विचाराधीन है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितने बिल्‍डरों/संचालकों को विगत 3 वर्ष में प्रदूषण बोर्ड द्वारा कब-कब कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये व कितनों के खिलाफ माननीय न्‍यायालय में प्रकरण प्रस्‍तुत किये तथा कितनों के विरूद्ध किन-किन कारणों से न्‍यायालय में प्रकरण दर्ज नहीं किए जा सके?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित संस्थानों/कार्यों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण नियंत्रण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा लागू निम्नलिखित अधिनियम/नियम के अंतर्गत मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्मति/प्राधिकार प्राप्त करना आवश्यक हैः-

1. जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974

2. वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981

3. परिसंकटमय और अन्य अपशिष्ठ (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 के तहत् प्राधिकार

4. जैव-चिकित्सा अपशिष्ठ प्रबंधन नियम 2016 के तहत् प्राधिकार

उपरोक्त नियमों के अंतर्गत सम्मति/प्राधिकार प्राप्त नहीं करने वाले उद्योगों/संस्थानों के विरूद्ध जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 33‘' एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 31‘', 37 एवं 39 तथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा-15 के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि वर्ष 2014 से मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय, इंदौर के अंतर्गत इंदौर जिले में 117 बिल्डरों/संचालकों को अधिनियमों के अंतर्गत स्थापना सम्मति 05 वर्ष हेतु, उत्पादन सम्मति 01 वर्ष अथवा आवेदन अनुसार प्रदान की गई है एवं 05 आवेदन लम्बित है। (ग) विगत 03 वर्षों में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय, इंदौर के अंतर्गत 22 बिल्डरों/संचालकों को बोर्ड की बगैर सम्मति के निर्माण कार्य करने, घरेलू दूषित जल उपचार व्यवस्था नहीं करने एवं प्रावधानों का उल्लंघन बोर्ड के संज्ञान में आने पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए है व 11 के विरूद्ध मान्नीय न्यायालय में वाद दायर किये गये। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

श्रमिकों को स्‍थाई संबंधी

[श्रम]

178. ( क्र. 6441 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) मध्‍यप्रदेश औद्योगिक अधिनियम (स्‍थाई आदेश) 1961 की धारा 21 व संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 की धारा 10 के तहत ठेका श्रमिकों को स्‍थाई करने के लिये क्‍या-क्‍या प्रावधान हैं? (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश औद्योगिक अधिनियम (स्‍थाई आदेश) 19861 की धारा 21 व संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 की धारा 10 के तहत कोई भी ठेका श्रमिक किसी औद्योगिक इकाई के विभाग में 03 माह व उससे अधिक लगातार कार्य कर रहा है तो उसे स्‍थाई कर्मचारी घोषित किया जाता है, यदि हाँ, तो ग्रेसिम उद्योग एस.एफ.डी. ग्रेसिम केमिकल उद्योग, लॅन्‍क्‍सेस उद्योग एवं आर्सिल उद्योग में कई वर्षों से एक ही विभाग में कार्यरत ठेका श्रमिकों को स्‍थाई करने हेतु शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) ग्रेसिम उद्योग एस.एफ.डी. ग्रेसिस केमिकल उद्योग, लॅक्‍सेस उद्योग एवं आर्सिल उद्योग प्रबंधन द्वारा उद्योगों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को स्‍थाई करने हेतु कार्यवाही की जा रही है, यदि हाँ, तो विवरण देवे यदि नहीं, तो शासन द्वारा श्रमिक हितों के लिए बनाए गए मध्‍यप्रदेश औद्योगिक अधिनियम (स्‍थाई आदेश) 1961 की धारा 21 व संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 की धारा 10 के उल्‍लंघन पर उद्योग प्रबंधन के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्‍या नागदा नगर स्थित ग्रेसिम उद्योग एस.एफ.डी. ग्रेसिम केमिकल उद्योग, लॅन्‍क्‍सेस उद्योग एवं आर्सिल उद्योग में ठेका प्रथा के तहत ठेका श्रमिकों से स्‍थाई श्रमिकों का कार्य करवाया जा रहा है यदि हाँ, तो ठेका श्रमिकों को समान कार्य का समान वेतन मिल रहा है, यदि नहीं, तो दोषी प्रबंधन के विरूद्ध की जा रही कार्यवाही का सम्‍पूर्ण विवरण देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेश) अधिनियम 1961 की धारा-21 व संविदा श्रम अधिनियम, 1970 की धारा 10 में ठेका श्रमिकों को स्थाई करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं हैं? (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश '''' '''' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्रेसिम उद्योग लि. (एस.एफ.डी) नागदा में कतिपय प्रकरणों में ठेका श्रमिकों से स्थायी श्रमिकों के समान कार्य करवाने व उनके समान वेतन नहीं दिये जाने की स्थिति पायी गई। इस संबंध में प्रबंधन के विरूद्ध अभियोजन प्रकरण न्यायालय में दायर किये गए जिनकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। शेष में उक्त स्थिति नहीं पायी गयी है।

परिशिष्ट - ''सैंतालीस''

सागर जिले में मत्‍स्‍य बीज उत्‍पादन केन्‍द्रों की जानकारी

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

179. ( क्र. 6468 ) श्री हर्ष यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) सागर जिले में कितने मत्‍स्‍य बीज उत्‍पादन केन्‍द्र हैं व इन केन्‍द्रों पर केन्‍द्र बार        कितना-कितना मत्‍स्‍य बीज उत्‍पादन होता है। मत्‍स्‍य पालन एवं बीज उत्‍पादन का कार्य किन-किन तालाबों में किया जा रहा है। तालाबवार जानकारी दें। (ख) शासन द्वारा मत्‍स्‍य पालन एवं बीज उत्‍पादन को प्रोत्‍साहन देने हेतु सागर जिले में क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये हैं। यदि हाँ, तो क्‍या-क्‍या। यदि नहीं, तो क्‍यों। (ग) सागर जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने ठेकेदारों/समूहों को तालाब में मछली पकड़ने का ठेका दिया गया है। शासन को इससे कितना राजस्‍व वर्षवार प्राप्‍त हुआ है। तालाबवार जानकारी दें। (घ) क्‍या विभाग के पास देवरी विधानसभा क्षेत्र में तालाबों में मत्‍स्‍य बीज उत्‍पादन केन्‍द्र खोलने हेतु कोई योजना है। यदि हाँ, तो क्‍या है और कब तक उक्‍त उत्‍पादन केन्‍द्र आरंभ किये जावेंगे।

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) तीन मत्‍स्‍य बीज उत्‍पादन केन्‍द्र। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार(ख) मत्‍स्‍य पालन एवं बीज उत्‍पादन को प्रोत्‍साहन देने हेतु जिले में विभागीय योजनाये संचालित है। (ग) विभाग द्वारा तालाबों को मछली पकड़ने हेतु ठेके पर दिये जाने का प्रावधान नहीं है शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

सागर जिले में राजस्‍व विभाग में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[राजस्व]

180. ( क्र. 6470 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) सागर जिले में तहसीलवार तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व राजस्‍व निरीक्षकों के       कितने-कितने पद स्‍वीकृत हैं। रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं। कब तक रिक्‍त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी। (ख) भू-अभिलेख नियमावली भाग-2 में निहित प्रावधानानुसार राजस्‍व निरीक्षकों के मूल कर्तव्‍य क्‍या हैं। क्‍या उनके द्वारा पदीय कर्तव्‍यों का पालन किया जा रहा है। सागर जिले में कुल कितने राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल हैं व ऐसे कितने राजस्‍व निरीक्षक मंडल हैं जिनका प्रभार मुख्‍यालय पटवारी के पास है, क्‍या इनके द्वारा नक्‍शा-बटान के कार्य किये जा रहे हैं। (ग) भू-अभिलेख नियमावली भाग-2 में निहित प्रावधानानुसार पटवारियों के मूल कर्तव्‍य क्‍या हैं। क्‍या उनके द्वारा पदीय कर्तव्‍यों का पालन किया जा रहा है। सागर जिलांतर्गत ऐसे कितने पटवारी हैं जो अपने मूल कर्तव्‍यों से पृथक जैसे निर्वाचन, कम्‍प्‍यूटर कार्य, आदि में संलग्‍न किये गये है। तहसील कार्यालयों व जिला कार्यालय में कितने पटवारी संलग्‍न हैं। यह संलग्‍नीकरण शासन के किन नियमों के तहत किया गया है। (घ) माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा कोटवार पंचायत में की गई घोषणाओं में से किन-किन में कितने प्रतिशत अमल किया जा चुका है। क्‍या कोटवारों को घोषणानुसार सुविधायें दी जा रही हैं।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर जिले में तहसीलवार तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व राजस्व निरीक्षकों के पद संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार स्वीकृत हैं। नायब तहसीलदार के पदों की पूर्ति हेतु मांग-पत्र मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा गया है।       समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) राजस्व निरीक्षकों के मूल कर्तव्य भू-अभिलेख नियमावली भाग-2 में वर्णित हैं। जी हाँ। सागर जिले में कुल 23 राजस्व निरीक्षक मंडल है। 5 राजस्व निरीक्षक मंडल का प्रभार मुख्यालय पटवारियों के पास है। जी हाँ। (ग) पटवारियों के मूल कर्तव्य भू-अभिलेख नियमावली भाग-1 में वर्णित है। जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) माननीय मुख्य मंत्रीजी द्वारा की गई घोषणाओं के परिपालन में विभागीय आदेश दिनांक 13.09.2012 द्वारा समस्त कलेक्टरों को निर्देश जारी किये गये है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार

परिशिष्ट - ''अड़तालीस''

अवैधानिक संशोधन संबंधी

[राजस्व]

181. ( क्र. 6475 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या न्‍यायालय कलेक्‍टर जिला टीकमगढ़ के आदेश प्रकरण क्रमांक 52/बी-121/2013-2014 दिनांक 5.4.2016 के पृष्‍ठ क्रमांक 2 पर यह स्‍वीकार किया गया है कि वर्ष 1969-70 से 1972-73, अभिलेखों में खसरा नबंर 457 रकबा 2.016 है के कालम 2 में आबादी दर्ज है और वर्ष 1973-74, 1977-78 रकबा 2.016 है कालम नंबर 2 में आबादी दर्ज है। (ख) क्‍या वर्ष 1983-84 से वर्ष         1987-88 में भी खसरा क्रमांक 457 के कालम नंबर 2 में भी आबादी दर्ज है। (ग) क्‍या वर्ष         1988-89 से वर्ष 1992-1993 के अभिलेखों में कालम नंबर 12 में कोई आदेश अंकित नहीं है न ही संदर्भ है कि तथाकथित संशोधन किस प्राधिकारी के आदेश से कौन से दस्‍तावेज के आधार पर किस तिथि को किया गया है। (घ) क्‍या उपरोक्‍तानुसार ऐसी कोई प्रविष्टि जिसका कोई संदर्भ/आदेश का लिखित अथवा दस्‍तावेजी प्रमाण न हो, उसे वैधानिक रूप से सही नहीं माना जा सकता। यदि सही नहीं है तो अधिनियम का संदर्भ एवं उसकी प्रति बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। यह सही है कि न्‍यायालीन प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 05.04.2016 में कॉलम 12 में सक्षम अधिकारी के आदेश का उल्‍लेख दर्ज नहीं होने का तथ्‍य उक्‍त आदेश में प्रकट किया गया है। (घ) आदेश में माननीय उच्‍च न्‍यायालय में दायर याचिका क्रमांक 19231/2012 के अनुक्रम में जाँच पश्‍चात् व मौके की स्थिति अनुसार आदेश पारित किया जाकर प्रश्‍नाधीन भूमि खसरा नम्‍बर 457 स्थित नगर व तहसील ओरछा जिला टीकमगढ़ की भूमि पर पूर्व से दर्ज प्रविष्टि '' मंदिर प्रांगण'' को साक्ष्‍य के अभाव में विश्व धरोहर के रूप में विख्‍यात मंदिर श्री रामराजा ओरछा की भूमि पर यथावत मंदिर प्रांगण दर्ज किये जाने की प्रविष्टि को सही मानते हुए तत्‍कालीन कलेक्‍टर टीकमगढ़ द्वारा न्‍यायालीन प्रक्रिया अपनाते हुए आदेश पारित किया गया है जो सक्षम आदेश की श्रेणी में आता है।

सतना जिले में रिक्‍त पदो की पूर्ति

[राजस्व]

182. ( क्र. 6476 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में तहसीलवार तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व राजस्‍व निरीक्षकों के कितने कितने पद स्‍वीकृत हैं? रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं? कब तक रिक्‍त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी? (ख) भू-अभिलेख नियमावली भाग-2 में निहित प्रावधानानुसार राजस्‍व निरीक्षकों व पटवारियों के मूल कर्तव्‍य क्‍या हैं? क्‍या उनके द्वारा पदीय कर्तव्‍यों का पालन किया जा रहा है? सतना जिले में कुल कितने राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल है व ऐसे कितने पटवारी हैं जो अपने मूल कर्तव्‍यों से पृथक जैसे निर्वाचन, कम्‍प्‍यूटर कार्य, आदि में संलग्‍न किये गये हैं? तहसील कार्यालयों व जिला कार्यालय में कितने पटवारी संलग्‍न हैं? यह संलग्‍नीकरण शासन के किन नियमों के तहत किया गया है? (ग) मैहर तहसील के बदेरा, नादन व अमदरा में घोषणानुसार उप तहसील कार्यालयों की स्‍थापना हेतु अधिसूचना जारी न हो पाने के क्‍या कारण है? कब तक तत्‍संबंधी अधिसूचना जारी की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिला अंतर्गत तहसीलदार के 12 पद, नायब तहसीलदार के 28 पद एवं राजस्व निरीक्षक के 50 पद स्वीकृत हैं। पूरे प्रदेश में कमी के कारण तहसीलदारों के पदों की पूर्ति की जाने में कठिनाई है। नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) भू-अभिलेख नियमावली के भाग-1 एवं 2 में पटवारियों/राजस्व निरीक्षक के कर्तव्य परिभाषित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। जी हाँ। सतना जिले में कुल 41 राजस्व निरीक्षक मंडल हैं, ऐसा कोई पटवारी नहीं है जो कर्तव्यों से पृथक किसी अन्य कार्य में संलग्न किया गया हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।        (ग) जिला सतना की उप तहसील बदेरा, नादन व अमदारा को टप्पा उप तहसील घोषित किये जाने के संबंध में कलेक्टर सतना द्वारा दिनांक 28.08.2015 को आदेश जारी किये गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शमशान/कब्रिस्‍तान के संबंध में

[राजस्व]

183. ( क्र. 6481 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम खेलागांव तहसील नलखेड़ा, जिला आगर के अतंर्गत राजस्‍व अभिलेख में बन्‍दोबस्‍त के समय किस वर्ष से शमशान, कब्रिस्‍तान हेतु भूमि दर्ज की गई थी? क्‍या वर्तमान में उक्‍त स्‍थान का उपयोग आवंटन अनुसार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से नहीं तो क्‍यों नहीं? (ख) क्‍या शासन द्वारा वर्ष 2015-16 में शमशान के निर्माण हेतु राशि रूपये 9.45 लाख की स्‍वीकृति दी गई थी? क्‍या राशि का उपयोग आज दिनांक तक न करते हुए निर्माण कार्य पूर्ण न करने का क्‍या कारण है? (ग) क्‍या प्रशासन से बार-बार ग्रामीणों द्वारा विभिन्‍न अवसरों पर इस संबंध में निवेदन करने पर भी कार्य पूर्ण नहीं किया जा रहा है, क्‍या यह प्रशासन की उदासीनता को दर्शित नहीं करता है? यह कार्य समय-सीमा में पूर्ण करवाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ग्राम खेलागांव शमशान एवं कब्रिस्‍तान भूमि को वर्ष 1999-2000 में दर्ज की गई थी, दर्ज भूमि उपयोग आवंटन अनुसार नहीं किया जा रहा है। रूढिगत विगत कई वर्षों से दाह संस्‍कार नाले के पास किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। ग्रामीणों द्वारा निर्माण कार्य में विवाद किया गया था। इस कारण से एजेन्‍सी द्वारा कार्य रोक दिया था। (ग) ग्रामीणों द्वारा विवाद करने के कारण कार्य रोक दिया था। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है।

अनाधिकृत रूप से फीस वसूली

[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]

184. ( क्र. 6484 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय भोपाल से संबंध सागर इन्‍स्‍टीट्यूट आफ रिसर्च, टेक्‍नालाजी एण्‍ड साइंस भोपाल में श्री विक्रय सिंह इनरोल मेन्‍ट नं. 0186 सीई 111119 छात्र अध्‍ययनरत था और छात्र अब तक प्रथम वर्ष उर्त्‍तीण नहीं हुआ हैं? (ख) क्‍या छात्र श्री विक्रय सिंह आत्‍मज श्री श्रीनिवास सिंह से द्वितीय वर्ष की शुल्‍क 37525/- रसीद क्रमांक 10919 दिनांक 03.06.2012, एक्‍सीस बैंक के डी.डी. से रूपये 29500/- तथा तृतीय वर्ष की शुल्‍क रूपये 39000/- रसीद क्रमांक 16377 दिनांक 25.5.2013 को कालेज प्रबंधन द्वारा जमा कराई गई है? (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) का उत्‍तर हाँ में है तो छात्र के प्रथम उत्‍तीर्ण नहीं होने की दशा में द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की शुल्‍क जमा कराने का औचित्‍य बतायें? क्‍या द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की शुल्‍क छात्र से अनुचित तरीके से एवं नियम विरूद्ध कालेज द्वारा जमा कराई गई है? (घ) क्‍या अनुचित तरीके/नियम विरूद्ध जमा कराई गई शुल्‍क एवं छात्र के मूल प्रमाण-पत्र वापस करायेगें। यदि हाँ, तो कब तक? 10 वी एवं 12 वी के मूल दस्‍तावेज प्रवेश दिनांक से आज दिनांक तक संस्‍था द्वारा छात्र को वापस न किये जाने के क्‍या कारण थे?

राज्‍यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) उत्‍तरांश '''' के अनुक्रम में प्रथम वर्ष उत्‍तीर्ण होने से द्वितीय वर्ष की फीस जमा कराना औचित्‍यपूर्ण था, किन्‍तु तृतीय वर्ष का शुल्‍क जमा कराने का कोई औचित्‍य परिलक्षित नहीं हैं। (घ) जाँच कराकर नियामानुसार कार्यवाही की जायेगी।

मुरैना जिले में पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान में असावधानी

[पशुपालन]

185. ( क्र. 6492 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015-2016 में कितनी भैसों, गायों के कृत्रिम गर्भाधान कराये गये तहसीलवार वर्षवार, संख्‍या सहित जानकारी दी जावें? (ख) उक्‍त समय अवधि में कराये गये कृत्रिम गर्भाधान के कितने प्रतिशत सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त हुये बच्‍चों के प्रमाणीकरण कराये गये कितने जानवरों के पुन: गर्भाधान कराये गये? (ग) क्‍या भैसों, गायों में जो सीमन इन्‍जेक्‍ट कराया गया वह रख-रखाव के अभाव में इसकी गुणवत्‍ता, मानक स्‍तर की नहीं होने से कई भैसों, गायों को पुन: गर्भाधान कराया गया? तथ्‍यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) जिला मुरैना में उक्त समयावधि‍ में 32.39 प्रतिशत सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं, कृत्रिम गर्भाधान से उत्पन्न वत्सों का प्रमाणीकरण कराया गया है, 696 पशुओं में पुन: गर्भाधान कराया गया है।          (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उन्चास''

सुमावली विधानसभा के मजदूरों के श्रम कार्ड बनाना

[श्रम]

186. ( क्र. 6494 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना में वर्ष 2015-16 में कितने मजदूरों के श्रम कार्ड बनाये गये है संख्‍या पंचायतों के नाम सहित दी जावें? (ख) उक्‍त विधानसभा में मजदूरी दुर्घटनाओं में कितने मजदूरों को आर्थिक सहायता दी गई? (ग) उक्‍त अवधि में श्रम कार्ड बनाने के लिए कितने केम्‍प लगाये, उनके प्रचार-प्रसार पर कितना खर्च किया स्‍थान, तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (घ) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 में कितनी श्रमकार्डधारी गर्भवती महिलाओं को कितनी आर्थिक सहायता दी गई जानकारी दी जावें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना में वर्ष 2015-16 में कुल 274 पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। पंचायतवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना में किसी भी पंजीबद्ध निर्माण श्रमिक से चिकित्सा सहायता/दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सहायता योजनांतर्गत आवेदन प्राप्त न होने के कारण हितलाभ प्रदाय नहीं किया गया है। (ग) वर्ष 2015-16 में श्रम कार्ड बनाये जाने हेतु कुल 19 कैम्प ग्राम पचांयतों एव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों लगाये गये। इन कैम्पों के आयोजन एव  प्रचार-प्रसार में कोई व्यय नहीं किया गया है। लगाये गये पंजीयन कैम्पों की पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की प्रसूति सहायता योजनांतर्गत कुल 05 पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों को रू. 21315/- की सहायता राशि वितरित कर लाभान्वित किया गया है।

हल्‍का नं. 39 के खसरा नं. 76/2 रकबा 1.04 एकड़ पर कब्‍जा

[राजस्व]

187. ( क्र. 6495 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की गोहरगंज तहसील हल्‍का नं. 39 के ग्राम गुराड़ी खसरा नं. 76/2 रकबा 1.04 एकड़ का किस व्‍यक्ति को पट्टा दिया गया था? प्रश्‍न दिनांक को उक्‍त रकबे पर किस व्‍यक्ति का कब्‍जा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत क्‍या पट्टेधारी ने कब्‍जा दिलाने के लिए दिनांक 06.12.2016 को जन सुनवाई में कलेक्‍टर को तथा 15.01.2017 को जन शिकायत निवारण विभाग वल्‍लभ भवन में शिकायत क्रमांक 10108100 के माध्‍यम से निवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गयी जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत क्‍या उक्‍त भूमि पर एक प्रभावशाली व्‍यक्ति का कब्‍जा है इसलिए कलेक्‍टर रायसेन उक्‍त पट्टेधारी को कब्‍जा नहीं दिला पा रहे है?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्री दयाराम पिता खुशीलाल को। प्रश्‍न दिनांक को पट्टेदार दयाराम पिता खुशीलाल का कब्‍जा है। (ख) जी हाँ। शिकायत संज्ञान में आने पर दिनांक 20.1.2017 को भूमि को सीमांकन कर चिन्हित किया गया। पट्टेदार को मौके पर ले जाकर कब्‍जा दिया गया। (ग) जी नहीं। पट्टेदार को भूमि पर कब्‍जा दिलाया जा चुका है।

राजगढ़ जिले में संचालित गौशालाएं

[पशुपालन]

188. ( क्र. 6497 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले में गौशाला संचालित है? यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ पर और कब से? (ख) उक्‍त गौशालाओं में वर्तमान में कितनी-कितनी गायें है? गौशाला का नाम सहित संख्‍या बतावें? (ग) क्‍या शासन द्वारा उक्‍त गौशालाओं को स्‍थापना हेतु भूमि अथवा अन्‍य सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती है? यदि हाँ, तो बतावें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार।            (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ग) शासन द्वारा गौशालाऐं नहीं खोली जाती हैं। गौशालाऐं अशासकीय एवं स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा स्थापित की जाकर संचालित की जाती हैं। ऐसी स्थापित गौशालाऐं जो म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत होती हैं, उनके विस्तार हेतु निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप, उपलब्धता के आधार पर भूमि एवं उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु आर्थि‍क सहायता एवं अन्य सुविधाऐं उपलब्ध कराई जाती है।

परिशिष्ट - ''पचास''

राजगढ़ जिला परिवहन कार्यालय में स्‍टाफ की पूर्ति

[परिवहन]

189. ( क्र. 6498 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या राजगढ़ जिला मुख्‍यालय पर परिवहन विभाग का कार्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) उक्‍त कार्यालय क्‍या स्‍वयं के शासकीय भवन में संचालित है? यदि नहीं, तो क्‍या विभाग का स्‍वयं का भवन अभी निर्मित नहीं हुआ है? (ग) क्‍या परिवहन विभाग का स्‍वयं का भवन बन चुका है परन्‍तु उसमें नहीं लग रहा है? बतायें (घ) क्‍या उक्‍त भवन रेलवे की जमीन में जा रहा है बतावें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01/07/1999 से संचालित है। (ख) एवं (ग) वर्तमान में जिला परिवहन कार्यालय राजगढ़ स्वयं के शासकीय भवन में संचालित नहीं है। जिला परिवहन कार्यालय राजगढ़ के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण है। निर्माण एजेन्सी द्वारा आधिपत्य प्रदाय किये जाने पर कार्यालय स्वयं के भवन में प्रारंभ किया जा सकेगा। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अन्‍य विभाग में कार्य करने वाले कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

190. ( क्र. 6529 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्‍जैन जिले में लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग के कितने अधिकारी एवं कर्मचारी कब से नगर पालिका व नगर निगम एवं नगर पंचायत में कार्य कर रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) की जानकारी अनुसार विभाग के कर्मचारियों द्वारा नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में किस नियम के तहत कार्य किया जा रहा है? कार्य करने पर वेतन का भुगतान किसके द्वारा किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) की जानकारी अनुसार नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में कार्य करने के बावजूद भी वेतन का भुगतान विभाग द्वारा किये जाने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? विभाग के समस्‍त कर्मचारियों पुन: विभाग में कार्य किये जाने हेतु कब तक बुलवा लिया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) उज्जैन जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 813 अधिकारी/कर्मचारी नगर निगम मे तथा 47 अधिकारी/कर्मचारी नगर पालिकाओं में कार्य कर रहे हैं। नगर पंचायतों में कोई कर्मचारी कार्यरत नहीं हैं। (ख) मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पत्र क्रमांक 4882/34-2/95 भोपाल, दिनांक 26.07.1995 के आदेशानुसार राज्य शासन के निर्णय के परिपालन में विभाग का अमला कार्यरत है। उक्त अमले के वेतन एवं अन्य देयकों का भुगतान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है।     (ग) विभागीय अमला शासन के निर्णयानुसार कार्यरत है। अतः विभाग के कोई अधिकारी दोषी नहीं है। कार्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए विभागीय अमले को वापस बुलाया जायेगा, निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।

अनापत्ति प्रमाण-पत्र विषयक

[पर्यावरण]

191. ( क्र. 6532 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) 01 जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक क्षेत्रीय कार्यालय मध्‍यप्रदेश निवारण मण्‍डल उज्‍जैन में पर्यावरण संबंधित सक्षम अ‍नुमति प्राप्‍त किये जाने के संबंध में नगर निगम उज्‍जैन एवं उज्‍जैन जिले की नगर पालिका एवं नगर पंचायतों द्वारा कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? (ख) प्राप्‍त आवेदनों में से विभाग द्वारा कितनी अनापत्ति जारी की गई?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एक आवेदन जल अधिनियम, 1974 के तहत सम्मति नवीनीकरण हेतु नगर पालिका परिषद नागदा से प्राप्त हुआ है। (ख) जल एवं वायु अधिनियम में अनापत्ति जारी करने का प्रावधान नहीं है तथापि नगर पालिका परिषद नागदा से प्राप्त आवेदन में सशर्त सम्मति नवीनीकरण जारी किया गया है।

राजस्‍व मंडल ग्‍वालियर के निर्णयों के संबंध में

[राजस्व]

192. ( क्र. 6536 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) राजस्‍व मंडल ग्‍वालियर ने विगत 01 वर्ष में कितने प्रकरणों में निर्णय दिया?                    (ख) उपरोक्‍तनुसार कितने प्रकरणों में संबंधित जिला कलेक्‍टर के फैसले को पलट कर फैसला दिया गया प्रकरणवार जानकारी देंवे? (ग) उक्‍त आदेश (ख) अनुसार के फलस्‍वरूप कितने लोगों की कितनी भूमि उनके पक्ष में मुक्‍त की गई? (क) व (ख) अनुसार प्रकरण निर्णयकर्ता अधिकारी के नाम, पदनाम सहित देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जिन प्रकरणों में कलेक्‍टर का फैसला बदला गया उनके कारण बतावें कि ऐसा क्‍यों किया गया? यदि नियम के तहत किया गया तो नियम की छायाप्रति देवें। यदि नियम विरूद्ध किया गया तो संबंधित दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल 5879 प्रकरण में निर्णय लिया गया। (ख) एवं (ग) राजस्‍व मण्‍डल द्वारा चाही गई जानकारी पृथक से संकलित नहीं की जाती है, राजस्‍व मण्‍डल के समस्‍त आदेश विभाग की बेवसाईट www.boardfrevenue पर अपलोड किये गये है। राजस्‍व मण्‍डल की इस बेवसाईट में प्रत्‍येक आदेश का विस्‍तृत विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्‍ध है, जिसका अवलोकन किसी भी व्‍यक्ति द्वारा कभी भी किया जा सकता है। (घ) राजस्‍व मण्‍डल द्वारा पारित आदेश संबंधित अधिनियमों एवं मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधानों के तहत पारित किया जाता है। राजस्‍व मण्‍डल ग्‍वालियर स्‍वयं स्‍वतंत्र न्‍यायालय है।

वाहन पंजीकरण संबंधी

[परिवहन]

193. ( क्र. 6537 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) सीहोर, भोपाल, होशंगाबाद, रायसेन जिलों में कितने डंपर, पोकलोन, जे.सी.बी. ट्रेक्‍टर दिनांक 01/01/2014 से 31/01/2017 तक कहाँ-कहाँ पंजीकृत किए गए। वाहन स्‍वामी का नाम, वाहन नंबर, वाहन प्रकार सहित जिलावार देवें। वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्‍त में से कौन-कौन से वाहन कहाँ से फायनेंस हुए? वाहन स्‍वामी नाम, वाहन नंबर, फायनेंस राशि, वाहन प्रकार, फाइनेंस कंपनी सहित देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार दिनांक 01/06/2014 से 31/01/2017 तक कितने वाहनों के पंजीयन का नवीनीकरण किया गया?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के संबंध में

[गृह]

194. ( क्र. 6543 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में चोरी महिला अत्‍याचार, गुमशुदगी, हत्‍या, आत्‍महत्‍या के कितने प्रकरण दर्ज हुए वर्षवार पृथक-पृथक देवे? (ख) उपरोक्‍त प्रकरणों की अद्यतन स्थिति बतावें? किसानों की आत्‍महत्‍या की संख्‍यात्‍मक जानकारी भी उपरोक्‍त अवधि में कारण सहित देवें? (ग) यह भी बतावें कि गुमशुदगी एवं आत्‍महत्‍या के प्रकरणों में कितने प्रकरणों में खात्‍मा लग चुका है?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में चोरी, महिला अत्याचार, हत्या, आत्महत्या तथा गुमशुदगी के वर्षवार दर्ज प्रकरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ख) उपरोक्त प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' में समाहित है। किसानों की आत्महत्या से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार(ग) गुमशुदगी एवं आत्महत्या में खात्मा की जानकारी निरंक है। नस्तीबद्ध एवं जांचाधीन प्रकरणों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' में समाहित है।

परिशिष्ट - ''इक्यावन''

थानों में दर्ज प्रकरण

[गृह]

195. ( क्र. 6544 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रदेश की राजधानी भोपाल जिले में एक जनवरी 2014 से 31 दिसम्‍बर 2016 के दौरान हत्‍या/हत्‍या के प्रयास/लूट/बलात्‍कार/अपहरण/अडी बाजी/जुऑ/ सट्टा/चेन स्‍केचिंग/अजा/अजजा अधिनियम के तहत कितने-कितने अपराध पंजीबद्ध हुये/माहवार/वर्षवार/ देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समयानुसार उक्‍त पंजीबद्ध अपराधों में से किन-किन थाना क्षेत्रों में कितने अपराध प्रश्‍नतिथि तक लंबित है? (ग) थाना निशातपुरा/बजरिया/अशोका गार्डन/ऐशबाग/गोविन्‍दपुरा में 01.01.14 से 31.12.2016 के दौरान किस-किस पर जिलाबदर की कार्यवाही की गई किस-किस को निगरानी बदमाशों की सूची में रखा गया? थानावार सूची देवें?

गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।

अनुसूचित जनजाति/जाति की मछुआ सहकारी समितियों से संबंधित

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

196. ( क्र. 6551 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति/जाति की मछुआ सरकारी समितियों को अनुदान व ऋण देने के क्‍या प्रावधान हैं? इस हेतु क्‍या नियम निर्मित हैं? जानकारी दी जावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में जनपद पंचायत करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में कितनी समितियों का गठन किया गया? की जानकारी संस्‍था का नाम, पता, सदस्‍य संख्‍या, पंजीयन क्रमांक सहित दी जावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में गठित समितियों को कितना-कितना ऋण व अनुदान दिया गया है की जानकारी भी बिन्‍दु (ख) के अनुसार दी जावें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) पाँच मछुआ सहकारी समितियों का। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) एक समिति को रूपये 14985/- का अनुदान दिया गया है, ऋण प्रदान नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

तहसील करैरा एवं नरवर जिला शिवपुरी में उचित मूल्‍य की दुकानें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

197. ( क्र. 6552 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्‍यों की दुकानों के माध्‍यम से वितरण सामग्री के प्रदाय हेतु क्‍या नियम प्रक्रिया एवं मापदण्‍ड प्रचलन में हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में तहसील करैरा एवं नरवर में कितनी उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं? क्‍या सामग्री वितरण हेतु कोई दिनांक समय निर्धारित है? यदि हाँ, तो अवगत करावें? (ग) क्‍या अधिकांश उचित मूल्‍य दुकाने निर्धारित समय पर न खोलते हुए अधिकांशत: बंद रहती है व उपभोक्‍ताओं को परेशानी होती हैं? यदि हाँ, तो क्‍या शासन प्रशासन दुकानों के बाहर वितरण हेतु दिनांक समय व क्षेत्र का वितरण हेतु विवरण प्रस्‍तुत कर चस्‍पा करेंगे जिससे उपभोक्‍ताओं को परेशान न होना पड़े?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उचित मूल्‍य दुकानों के माध्‍यम से राशन सामग्री के प्रदाय हेतु प्रावधान मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत किये गए हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। वितरण मापदण्‍ड के संबंध में मार्च माह में अन्‍त्‍योदय एवं प्राथमिकता परिवारों को वितरित की जाने वाली सामग्री की मात्रा एवं कीमत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) तहसील करैरा में 84 एवं तहसील नरवर में 73 उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। जी हाँ। उचित मूल्‍य की दुकानें रविवार एवं सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर प्रतिदिन न्‍यूनतम 6 घंटे खोलने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं, परन्‍तु निरीक्षण के दौरान दुकान बंद पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध उचित कार्यवाही की जाती है। उपभोक्ता परेशान न हों इस हेतु दुकान के बाहर दुकान खुलने का समय एवं वितरण क्षेत्र का विवरण संबंधी बोर्ड लगाये गये हैं।

पंप अटेडेंट के स्‍वत्‍वों के भुगतान बावत

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

198. ( क्र. 6556 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-16-6/2015/1/34 भोपाल दिनांक 18.10.2016 जिसमें माननीय न्‍यायालय हाईकोर्ट ग्‍वालियर पत्र क्रमांक प्र.अ./विधि/1597/लोक.स्‍वा.या.वि. 2016 भोपाल दिनांक 23.11.2016 ईएनसी भोपाल, एस.ई. कार्यालय मण्‍डल ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 5196/विधि/अ.य./लोक स्‍वा.या.वि/ मण्‍डल ग्‍वालियर 2016 दिनांक 30.12.2016 एवं ई.ई. पी.एच.ई.डी. संभाग शिवपुरी के पत्र क्रमांक 4616/स्‍था/का.य./लो.स्‍वा.या.वि./खण्‍ड/शिवपुरी दिनांक 17.11.2016 के द्वारा श्री अशोक शर्मा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को स्‍थायी वर्गीकृत किये जाने के संबंध में दिनांक 27.04.1989 से नियमित स्‍थापना के पंप अटेंडेंट का न्‍यूनतम वेतनमान स्‍वीकृत किये जाने एवं अंतर की राशि का भुगतान किये जाने की स्‍वीकृति की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो 18.10.16 से प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक क्‍या कार्यवाही हुई? (ग) क्‍या उपरोक्‍त पंप अटेंडेंट कर्मचारी को प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक कोई भी भुगतान नहीं हुआ है यदि हाँ, तो क्‍यों व इस हेतु किस कार्यालय के कौन-कौन जिम्‍मेदार है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) श्री अशोक शर्मा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को स्थायी वर्गीकृत किये जाने के संबंध में दिनांक 27.04.1989 से नियमित स्थापना के पंप अटेंडेंट का न्यूनतम वेतनमान स्वीकृत किये जाने एवं अंतर की राशि का भुगतान किये जाने की स्वीकृति संबंधी आदेश मुख्य अभियंता, ग्वालियर के आदेश क्रमांक 62/स्थापना, दिनांक 25.02.2017 द्वारा जारी किया जा चुका है। (ख) भुगतान संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।           (ग) उत्तरांश '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

निर्माण श्रमिकों के लिये कल्‍याणकारी योजनाएं

[श्रम]

199. ( क्र. 6566 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिये क्‍या-क्‍या योजना दिये जाने के प्रावधान व उनके क्रियान्‍वयन हेतु क्‍या मार्गदर्शिका निर्मित है, की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) उपरोक्‍त (क) में उल्‍लेखित योजनाओं में विकासखण्‍ड अम्‍बाह व मुरैना में विगत तीन वर्षों में किन-किन योजनाओं की सहायता दी जाकर कितने लाभार्थियों को लाभ दिया गया जनवरी 2014 से जनवरी 2017 तक की जानकारी दी जावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) (ख) में चाही गई जानकारी में क्‍या अ.जा., अजजा. व ओ.बी.सी. वर्ग के लाभार्थियों को कोई विशेष राहत देने के प्रावधान है तो उसकी भी जानकारी प्रति सहित दी जावें?

खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु वर्तमान में 22 योजनाएं संचालित की जा रही है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं उनके प्रावधान/क्रियान्वयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विकासखण्ड अम्बाह व मुरैना में विगत तीन वर्षों में जनवरी, 2014 से जनवरी, 2017 तक शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि योजना, हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी के स्वयं के विवाह हेतु सहायता, प्रसूति सहायता योजना, मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि सहायता एवं अनुगृह भुगतान योजना, दो पहिया वाहन क्रय हेतु अनुदान योजना, सायकल अनुदान योजना अंतर्गत कुल 4150 पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को हितलाभ प्रदान किया गया है। (ग) जी नहीं। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल के अंतर्गत संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को किसी वर्ग विशेष हेतु संचालित नहीं किया जाता अपितु मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष आवेदन करने पर योजनाओं में लाभांवित किये जाने का प्रावधान है।

कृषि उपज अधारित ग्रामीण उद्योगो की स्‍थापना को प्रोत्‍साहान देने

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

200. ( क्र. 6567 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के द्वारा कृषि उपज आधारित ग्रामीण उद्योगो की स्‍थापना को प्रोत्‍साहन देने हेतु की गतिविधियां संचालित है व उनको मूर्तरूप देने हेतु क्‍या नियम निर्देश बनाये गये है की प्रति भी उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में संदर्भ में विगत तीन वर्षों में मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा बजट में कितना प्रावधान किया गया वर्षवार जिलावार बताएं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में आवंटित बजट में से जिला मुरैना को कितनी राशि प्राप्‍त हुई की जानकारी वर्षवार दी जावें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में प्राप्‍त राशि में से जिला मुरैना के विकासखण्‍ड जनपद पंचायत अथवा विधान सभा क्षेत्रवार किये गये कार्य की जानकारी भी कार्य विवरण देयक राशि दिनांक स्‍थान का नाम मांग संख्‍या लेखा शीर्ष आदि सहित दी जावें?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कृषि उपज आधारित ग्रामीण उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना संचालित है। योजना के नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।

 

 

 


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